diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40602.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d17b06bfc1d40727177be0ff43d2210876945a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40602.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। UIDAI आधार के साथ कई सेवाएं देता है, इनमें से एक ऐसी सुविधा भी है जिससे यह पता चलता है कि - आपका आधार असली है या नकली। UIDAI द्वारा जारी 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या देश के निवासियों की ओर से उनके बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा के आधार पर प्राप्त की जा सकती है। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ये सुविधा है, आप जांच सकते हैं कि आपका आधार कार्ड नंबर वास्तविक है या नहीं। निवासी अक्सर अपने श्रमिकों की पहचान सत्यापित करने के लिए इस सेवा का उपयोग करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40606.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adbc5c2e877ae326cbf65cedee1c4681ac3434ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की नौवीं किस्त खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लाभार्थी किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर की। इस किस्त के तहत लाभार्थी किसानों के अकाउंट में दो-दो हजार रुपये जुड़ जाएंगे। हालांकि, पीएम द्वारा डिजिटल तरीके से पैसे ट्रांसफर करने से लेकर किसानों तक पैसे पहुंचने में वक्त लगता है। अगर आपके अकाउंट में पीएम किसान योजना की नौवीं किस्त अब तक नहीं आई है तो आपको सबसे पहले स्टेटस चेक करना चाहिए। इससे आपको इस बात का अंदाजा लग जाता है कि आने वाले कुछ दिनों में आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40611.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b744e8a6afc70d1057359afd998072badbf77065 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने पिछले निर्देश के अनुसार EPFO आधार को मान्य करने पर मजबूती से विचार कर रहा था। इस प्रक्रिया के तहत जब तक कि सभी जानकारियां जैसे कि नाम, लिंग, जन्म की तारीख जैसे विवरण उपलब्ध नहीं हो जाते वह मासिक EPF अनुदान को स्वीकृति नहीं दे सकता है। अपने इस कदम के जरिए EPFO कई लाख कर्मचारियों खास तौर पर कम वेतन वाले कर्मचारियों के बेमेल रिकार्ड की समस्या को रोकना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4062.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3789a85d86f2a5e7a9948375a0a3e1c99f1c3b58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैप्शन में लिखा.. प्यार...।अर्जुन रामपाल ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए ये तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में अर्जुन और गैब्रिएला एक साथ बैठे हैं। ये सेल्फी है जो अर्जुन रामपाल ने क्लिक की है। दोनों कैमरा की तरफ देखकर मुस्कुरा रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए अर्जुन रामपाल ने कैप्शन में लिखा, 'प्यार', इसके साथ ही उन्होंने हार्ट शेप ईमोजी भी बनाई है। अर्जुन रामपाल के फैंस उनकी इस तस्वीर को बेहद पसंद कर रहे हैं। हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जो इस तस्वीर पर सवाल खड़े रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40623.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb2e303771e743da260000bd03b2f35fa3ef2b7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑनलाइन माध्यम और मोबाइल ऐप के जरिए ऋण देने वाले प्लेटफार्म के अलावा डिजिटल ऋण का अध्ययन करने के लिए RBI ने जनवरी में कार्य समूह का गठन किया था। इस कार्यकारी समिति का अध्यक्ष RBI के कार्यकारी निदेशक जयंत कुमार दास को बनाया गया है। इनके अलावा समति में RBI पर्यवेक्षण विभाग के मुख्य महाप्रबंधक अजय कुमार चौधरी, RBI भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग के मुख्य महाप्रबंधक पी. वासुदेवन और अन्य सदस्य भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40624.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b09b9cd106e5bb8dd7aa89b520e11ccbdfc8e1b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं दुनिया की अग्रणी और प्रमुख लर्निंग प्लेटफॉर्म बायजू ने अपने फ्लैगशिप लर्निंग ऐप के तहत 100 मिलियन छात्रों का रजिस्ट्रेशन किया था। साथ ही इसने पिछले महीने सिंगापुर की कंपनी ग्रेट लर्निंग का भी अधिग्रण किया था। इस साझेदारी से बायजू 1 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता के साथ व्यवसायिक और उच्च शिक्षा में प्रवेश किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40627.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea26e71725e92e74c2c942eddbe9332630f69817 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +31 जुलाई 2021 को PFRDA के द्वारा उम्र सीमा के अनुसार अटल पेंशन योजना में निवेश करने वाले लोगों का आंकड़ा जारी किया गया है। जिसके अनुसार इस योजना में अभी तक सबसे अधिक संख्या में युवाओं ने निवेश किया है। जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक निवेश 21 से 25 आयु वर्ग के लोगों ने किया है, जो कि कुल संख्या का 27 फीसदी यानी लगभग 90 लाख है। वहीं 26 से 30 आयु वर्ग वालों की संख्या लगभग 80 लाख यानि की कुल संख्या का 25 फीसदी है। इस स्कीम में 31 से 35 आयु वर्ग में निवेश करने वालों की संख्या 63 लाख के साथ लगभग 19 प्रतिशत की है, तो वहीं 18 से 20 आयुवर्ग की संख्या लगभग 51 लाख के साथ 16 फीसदी है। 35 से अधिक आयु वर्ग वालों ने इसमें सबसे कम निवेश किया है। यह संख्या कुल निवेशकों की 11 प्रतिशत यानी लगभग 36 लाख है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40629.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..688a07dacc8c18cffe9b6e2ee9d514506c0c20f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था दोबारा से पटरी पर लौटती हुई दिखाई दे रही है। हालांकि लॉकडाउन के कारण पिछला कुछ वक्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कुछ कठिन जरूर था। पर उस दौर में भी अर्थव्यवस्था ने अच्छा प्रदर्शन किया था, शेयर बाजार की स्थिति भी अच्छी रही थी। जैसे जैसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार सामान्य होने की दिशा में लौट रहा है वैसे वैसे भारतीय अर्थव्यवस्था भी दोबारा से रफ्तार पकड़ रही है। इसी बीच एक और अच्छी खबर यह मिली है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 9 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4063.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e7a260522a2328ca3de214b845ae0b98811d96a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा दोनों ही मालदीव में छुट्टियां मना रहे हैं। हालांकि दोनों अपनी अलग-अलग तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, पर फैंस तो फैंस हैं उन्हें ये सब समझ आ ही जाता है। वैसे खुले आम अपनी मोहब्बत को कुबूल करने वाले अर्जुन और मलाइका को भला क्या जरूरत पड़ी अपने हॉलीडे को छुपाने की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40631.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4d065f1cb1f1e0b00080a17926d397e8385de41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40631.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Indian Railways ने 5 अगस्‍त 2021 को 14 ट्रेनों को Partially Cancel कर दिया है और 22 ट्रेनों का सोर्स स्‍टेशन बदल दिया है। इनमें Partially cancel में 01029 CSMT-KOP SPL, 02205 MS-RMM SF SPL, 04699 PTK-JDNX EXPSPL, 05225 PRNA-SHC-DEMU PASS. SPL, 05225 PRNA-SHC-DEMU PASS. SPL शामिल हैं। वहीं जिन ट्रेनों का सोर्स स्‍टेशन बदला गया है, उनमें 01039 MAHARASHTRA EXP, 01412 MAHALAXMI SPL, 02261 KOAA HDB SF SPECIAL, 04602 JDNX-PTK PASSNGER, 05230 SHC-BAKT DEMU PASS. SPL, 05230 SHC-BAKT DEMU PASS. SPL, 07416 KOP-TPTY HARIPRIYA EXP, 08427 ANGL- PURI EXP SPECIAL, 09607 KOAA MDJN EXP शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40637.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..271b16033789d4aa318a054e05957ebf69a08d03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40637.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के आईपीओ मार्केट में बहार है। एक के बाद कई कंपनियां लगातार अपना पब्लिक ऑफर ला रही हैं। नई स्टार्टअप कंपनियां भी इसमें पीछे नहीं हैं। फूड डिलिवरी प्लटेफॉर्म Zomato के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Policybazaar और Paisabazaar का परिचालन करने वाली PB Fintech ने भी 6,017.50 करोड़ रुपये के आईपीओ (IPO) के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के समक्ष शुरुआती दस्तावेज दाखिल किया है। रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) के मुताबिक इस पब्लिक ऑफर के तहत कंपनी 3,750 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। वहीं, ऑफर फॉर सेल के जरिए 2,267.50 करोड़ रुपये के शेयर जारी किए जाएंगे। + +OFS के तहत SVF Python II (Cayman) 1,875 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री करेगाी। Yashish Dahiya 250 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री करेंगे। कुछ अन्य शेयरहोल्डर्स भी OFS के जरिए अपनी हिस्सेदारी घटाएंगे। कंपनी आईपीओ से पहले इक्विटी शेयरों के प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए 750 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40639.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ab053557a6a7b474662cbd0d43a916e6b83c19f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40639.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जानिए एक्सपर्ट्स की राय।LKP Securities में प्रमुख (शोध) एस रंगनाथन ने कहा, ''बहुत अधिक विविधता और लो बेस इफेक्ट की वजह से सेक्टर के ग्रोथ को काफी अधिक मजबूती मिली।''।उल्लेखनीय है कि 23 जुलाई को Midcap Index अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर 23,207.51 अंक पर पहुंच गया था। वहीं, 30 जुलाई को Smallcap Index अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 26,895.93 अंक पर पहुंच गया। BSE Sensex 16 जुलाई को 53,290.81 अंक के स्तर पर पहुंच गया था। + +जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, ''बाजार का प्रदर्शन शानदार रहा है। वास्तव में, Broader Market ने प्रमुख इंडिक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। यह प्रदर्शन वास्तव में काफी बढ़िया रहा है और निवेशकों को काफी शानदार मुनाफा हासिल हुआ है।''।विश्लेषकों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ने से भी बाजार को मजबूती मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40641.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df56d84e70de13c9a6dbeba67b7d58652aeb6158 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राजीव कुमार। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जिस डिजिटल करेंसी की तैयारी चल रही है, उसकी शुरुआत छोटे मूल्य के लेनदेन से होगी। सूत्रों के मुताबिक शुरुआत से ही छोटे-बड़े सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल करेंसी की इजाजत देने पर Economy में रुपये के स्टॉक में बढ़ोतरी की आशंका रहेगी। शुरुआत में इस डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल की कोई अनिवार्यता नहीं होगी। डिजिटल करेंसी लांच होने से बाद ग्राहक बैंक में जमा अपनी रकम को डिजिटल वालेट में रख सकेंगे। हाल ही में RBI के डिप्टी गवर्नर ने अपनी डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40643.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..252ac63c9d11a52b32f72c44eac1e9d6cc769e4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40643.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Indian Railways ने 31 जुलाई 2021 को करीब 50 ट्रेनों का रूट बदला है या फिर उन्‍हें Partially Cancel कर दिया है। इनमें 01029 CSMT-KOP SPL, 01411 MAHALAXMI SPL, 02228 PRR HWH SPECIAL, 04699 PTK-JDNX EXPSPL, 01030 KOYNA EXPRESS, 02206 RMM-MS SF SPL, 02260 HWH-CSMT SPECIAL, 04700 BJPL-PTK EXPSPL, 06850 RMM-TPJ SPL और 06850 RMM-TPJ SPL शामिल हैं। + +उन्होंने कहा कि गुड्स शेड निर्देशिका में बाईं तरफ अलग-अलग शीर्षकों के तहत पूर्व-मध्य रेल के पांचों मंडलों के माल गोदामों को सूचीबद्घ किया गया है। चयनित माल गोदाम से संबंधित विवरण के लिए सूचीबद्ध माल गोदाम के नाम पर क्लिक करना होगा, जो दिखाए गए मानचित्र पर भी दिखने लगेगा। माल गोदाम की जानकारी प्रदर्शित मानचित्र में दिखाए गए माल गोदाम के मार्कर पर क्लिक करने पर भी उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40647.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70e6e37ef8687c954751a88be999d44a470eeb6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के समय में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो म्युचुअल फंड में निवेश की बजाय गारंटीड रिटर्न वाले फंड्स में निवेश को तरजीह देते हैं। इसके अलावा इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करने वाले भी अपने पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन के लिए ऐसी योजनाओं में निवेश करते हैं, जिसमें रिटर्न की गारंटी होती है। गारंटीड रिटर्न वाली योजनाओं में लघु बचत योजनाएं काफी पॉपुलर हैं। इन योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) प्रमुख रूप से शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40653.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5ae039e6b3b9f8ea1151f0bd589d615b4324886 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40653.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देश में आर्थिक उदारीकरण के 30 साल के पूरे होने के मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने एक लेख में कहा है कि साहसी आर्थिक सुधारों की वजह से 1991 में जो हमारा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 266 अरब डॉलर था, आज यह दस गुना बढ़ चुका है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे बड़ी भारतीय कंपनी के प्रमुख अंबानी ने शायद ही कभी इस तरह के लेख लिखे हैं। + +अंबानी ने ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपे लेख में कहा है, ‘‘भारत 1991 में कमी वाली अर्थव्यवस्था था, जो 2021 में आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया। अब भारत को खुद को 2051 तक टिकाऊ स्तर पर आधिक्य और सभी के लिए समान समृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में बदलना है।’’।अंबानी ने लिखा है कि भारत ने 1991 में अर्थव्यवस्था की दिशा और निर्धारण दोनों को बदलने की दूरदृष्टि और साहस दिखाया। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने निजी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रभावशाली ऊंचाई पर रखा। इससे पिछले चार दशकों में यह स्थान सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र को हासिल था। इससे लाइसेंस-कोटा राज समाप्त हुआ, व्यापार और औद्योगिक नीतियां उदार हुईं तथा तथा पूंजी बाजार और वित्तीय क्षेत्र ‘मुक्त’ हो सका।’’।अंबानी ने कहा कि इन सुधारों से भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सका। इस दौरान आबादी हालांकि 88 करोड़ से 138 करोड़ हो गई, लेकिन गरीबी की दर आधी रह गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40655.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63c65bc079e35c70039aa53cb60ed23f7758b775 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। PAN Card आईडी कार्ड के रूप में इस्तेमाल तो होता ही है, साथ साथ वित्तीय लेनदेन के कार्यों में इसकी प्रमुखता से जरूरत होता है। अगर आप संगठित क्षेत्र में काम करते हैं, तो सैलरी के लिए पैन कार्ड का होना जरूरी है। पैन कार्ड में परमानेंट अकाउंट नंबर होता है, इस नंबर में काफी जानकारियां होती हैं जो इनकम टैक्स विभाग के लिए जरूरी है। यह 10 डिजिट का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इनका मतलब क्या होता है? ये नंबर आपकी पूरी जन्म कुंडली तक बता सकते हैं, हम अपनी खबर में इसी बात का जिक्र करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40656.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45cbb54e6ca13f38c8adfe3dd620a758e08e6f78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आपका Voter Id कार्ड खो गया है तो आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं। Voter Id का इस्तेमाल वोट देने के अलावा, Photo Identity Card के तौर पर भी किया जाता है। यह अहम दस्तावेजों में से एक है। डाक्यूमेंट्स के तौर पर ये आपकी मदद सरकारी और गैर-सरकारी काम को निपटाने में करता है। आप 'डिजिलॉकर' में रखकर इसकी सुरक्षा बढ़ा सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि घर बैठे अपने वोटर आईडी कार्ड को कैसे करें डाउलोड। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40657.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1a04b1527a20e83d92868d600bb7a19a596c254 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Cancel ट्रेन। Indian railways समय-समय पर पटरियों और दूसरे मरम्‍मती कामों के कारण कई बार ट्रैफिक ब्लॉक करता है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बेहतर होती है। इसके लिए कुछ ट्रेनों को कैंसिल या उनका रूट बदलना पड़ता है। कभी कभार मरम्‍मती काम के कारण Train Time भी बदला जाता है। इन Train के बारे में रेलवे अपनी ट्रेन इनक्‍वायरी की वेबसाइट पर Cancel Train List भी जारी करता है। इससे यात्रियों को काफी सहूलियत होती है। वे समय रहते अपनी यात्रा में रद्दोबदल कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40660.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..359b963a07bad1f2fe1d2121adaa099ba047c7e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40660.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के कानूनी स्थिति के मूल्यांकन के तहत BPCL को अधिग्रहण करने वाली कंपनी को 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को लेकर पेट्रोनेट एलएनजी और आईजीएल के अल्पांश शेयरधारकों के लिये खुली पेशकश करनी होगी। दीपम सरकार की BPCL में पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40661.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b90b0bf1b625a69381af51cc17c5a9d943d100b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40661.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार अगस्त से नवंबर के बीच पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की नौवीं किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर करेगी। लेकिन देश में अब भी लाखों ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्हें अब तक इस स्कीम के तहत आठवीं किस्त नहीं मिल पाई है। PM Kisan की वेबसाइट के मुताबिक 19 जुलाई, 2021 तक 10.47 करोड़ (10,47,52,108) FTO जेनरेट हो चुके हैं। इनमें से 10,35,78,917 किसानों के अकाउंट में आठवीं किस्त के 2,000 रुपये पहुंच गए हैं। वहीं, 484039 किसानों के बैंक अकाउंट में आठवीं किस्त क्रेडिट हुई है या नहीं, इसका स्टेटस पेंडिंग दिखा रहा है। दूसरी ओर, 6,89,152 लोगों को सरकार द्वारा किया गया पेमेंट फेल हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40662.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c2626b5a951da76c86083a78b73181c4c481dc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Telangana में जमीन के रेट 22 जुलाई से बढ़ रहे हैं। तेलंगाना सरकार ने सात साल बाद जमीन, फ्लैट और अन्य संपत्ति के बाजार मूल्य और स्टांप शुल्क दरों में संशोधन करने की घोषणा की है। कृषि भूमि के लिए सर्वाधिक न्यूनतम मूल्य 75,000 रुपये प्रति एकड़ तय किया गया है। इससे पहले 2013 में (अविभाजित आंध्र प्रदेश में) दिशानिर्देश बाजार मूल्य में संशोधन किया गया था। इसे पंजीकरण के लिए बुनियादी कीमत के रूप में भी जाना जाता है। तेलंगाना (2014 में) के गठन के बाद से दरों में समीक्षा नहीं की गयी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40665.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27c8d27d0cf115b4af41b213b44745992e0e32d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अक्सर राज्यों या देशों के बीच यात्रा करते वक्त हम अपने सभी व्यक्तिगत दस्तावेजों को खो जाने के डर से साथ लेकर नहीं चलते। ऐसे समय में डिजिलॉकर में सभी दस्तावेजों को रखा जा सकता है। डिजिलॉकर आपके ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पॉलिसी दस्तावेजों आदि को स्टोर कर सकता है। एक बार जब आप डिजिलॉकर खाते से साइन अप कर लेते हैं, तो आपके दस्तावेज सुरक्षित होते हैं और आपके आधार नंबर जैसे क्लाउड स्टोरेज स्पेस में आसानी से अपलोड हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40671.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd7c82db4954e89e1f385d745251576635ec200a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के ऐसे नागरिक जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं किया है, वे भी UIDAI की वेबसाइट पर लॉग इन करके अपना आधार कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। आमतौर पर ऐसा समझा जाता है कि बिना मोबाइल नंबर के आधार कार्ड डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। जिन लोगों के मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं है, उनके लिए प्रक्रिया और आसान हो गई है। आधार सेवाएं उन लोगों के लिए भी उपलब्ध हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। ऑफलाइन सेवा केवल रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से SMS भेजकर उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40681.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9be983b9bb59c0abd3e72ea6e4366940b5b16778 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आप अपने आधार कार्ड के डिटेल को आसानी से ऑनलाइन बदल सकते हैं या अपडेट कर सकते हैं। ये बदलाव नाम, पता, जन्म तिथि, लिंग और भाषा में किए जा सकते हैं। अक्सर, आधार कार्ड लेते वक्त खुद को रजिस्टर करने के दौरान कुछ गलतियां हो जाती हैं। कभी-कभी, जो ऑपरेटर रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं, वे वर्तनी, फोन नंबर आदि में गलतियां कर जाते हैं, जिससे आगे चलकर परेशानी होती है। ये परेशानी तब और बढ़ जाती है जब बैंक खाता खोलना हो या किसी सरकारी या निजी क्षेत्र की सेवा का लाभ उठाना हो जिसके लिए पहचान प्रमाण के रूप में आधार मांगा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40697.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff50d42a9e775b13889ee3879bf4fcefb58a514c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Jobs बढ़ेंगी। योजना का मकसद कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम करके रोजगार को बढ़ावा देना है। योजना में भारत सरकार नयी भर्तियों के मामलों में दो साल तक भविष्य निधि कोष में कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा किये जाने वाले कुल 24 प्रतिशत योगदान का भुगतान अपनी तरफ से करेगी। यह सुविधा उन कर्मचारियों के मामले में दी जा रही है जिनका वेतन 15 हजार रुपये मासिक तक है और जिन कंपनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या 1 हजार तक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4070.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02ea9403bc8f06be6047447a6b9751027ff96525 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की शादी को तीन साल पूरे हो गये। दोनों ने शादी की तीसरी सालगिरह का जश्न लंदन में मनाया और सोशल मीडिया में जश्न की कुछ तस्वीरें और वीडियो साझा किये। तमाम दोस्त और फैंस सेलेब्रिटी कपल को बधाई दे रहे हैं। वहीं, कुछ फैंस ने इनकी रिलेशनशिप को लेकर दिलचस्प कमेंट किये हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40701.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18cbef75c648e2e4a5489bc05e71069ceed1d79e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40701.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निर्यातकों को माल लदान से पहले और बाद की अवधि के लिए दिए जाने वाले निर्यात कर्ज पर ब्याज सब्सिडी (interest subsidy scheme) की अवधि 3 महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दी है। बैंक के इस फैसले से निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी। इस योजना को अप्रैल में 30 जून 2021 तक के लिए बढ़ाया गया था। + +उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का आभार जताया। उन्होंने उनसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के लिए ब्याज सहायता योजना का विस्तार करने की अपील भी की। फियो अध्यक्ष ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयां अब भी मुनासिc दर पर कारोबार के लिए कर्ज के अभाव का सामना कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40703.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a5eed57ef0fc04a002312155372789db0f89c6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। LPG सिलेंडर ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है। Indian oil ने दिल्‍ली में बिना Subsidy वाले 14.2 Kg LPG Cylinder के रेट 1 जुलाई 2021 से बढ़ा दिए हैं। कंपनी ने एक सिलेंडर की कीमत में 25.50 रुपए की बढ़ोतरी की है। इससे 809 रुपए में मिलने वाला सिलेंडर अब 834.50 रुपए में मिलेगा। इसके साथ ही 19 Kilo के कमर्शियल सिलेंडर के रेट भी 1 जुलाई 2021 से बदल गए हैं। इसके रेट में 76.50 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। अब यह 1550 रुपए में मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40704.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24d34df4c58874f519f487505f82040c6ac0bed2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्किन इन द गेम से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें किसी कंपनी को चलाने वाले उच्च पदों पर बैठे लोग अपने धन को कंपनी के शेयरों में निवेश करते हैं। इससे दूसरे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। वर्तमान में नई कोष पेशकश में जुटाई गई रकम का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो, वह योजनायें लाने वाली एमएमसी को निवेश करने की आवश्यकता होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40707.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e88b40762591ec783fbc9afdb8e48ff2c3a64c4c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनके मूल्यांकन से पता चला कि 30 FPO का औसत कारोबार दो साल में 44 लाख रुपये से बढ़कर 118 लाख रुपये प्रति साल हो गया। प्रायोगिक परियोजना का उद्देश्य इन राज्यों में विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे FPO को एकत्रित और सक्रिय करना है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और वे अपनी कृषि आधारित आजीविका को स्थायी रूप से मजबूत कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4071.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09f726661f1e44e91d5f9510b6c40ffb91e59d6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4071.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Vaani Kapoor bold photos: चंडीगढ़ करे आशिकी फिल्म की एक्ट्रेस वाणी कपूर ने सोशल मीडिया पर अपने हालिया फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की हैl इसमें उन्हें गोल्डन कलर की स्किन टच थाई हाई स्लिट गाउन पहने देखा जा सकता हैl इसमें वह काफी खूबसूरत लग रही हैl उन्होंने कुल 4 तस्वीरें शेयर की हैl पहली तस्वीर में वह अपनी टोंड फिगर दिखाती नजर आ रही हैl।फोटो में काफी रोमांटिक नजर आ रही हैं वाणी कपूर।वाणी कपूर ने फोटो में हल्का मेकअप कर रखा हैl उन्होंने लिपस्टिक लगा रखी हैl उन्होंने इयररिंग्स पहन रखी हैl उनके बाल खुले हुए हैं और वह गंभीर रूप से कैमरे की ओर देख रही हैl वहीं दूसरी फोटो में वह कमर पर हाथ रखकर खड़ी हैl इसमें उनकी खूबसूरत गाउन भी नजर आ रही हैl वह हाई हिल पहने काफी खूबसूरत लग रही हैl अगली फोटो में वाणी कपूर कही और देख रही हैl इस फोटो में वह काफी रोमांटिक नजर आ रही हैl वाणी कपूर ने एक और फोटो शेयर की हैl इसमें उन्हें साइड स्टाइल में पोज देते हुए देखा जा सकता हैl इसपर प्रज्ञा कपूर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, 'हॉटनेस परसोनिफाइडl'।वाणी कपूर जल्द फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में आएंगी नजर।वाणी कपूर फिल्म एक्ट्रेस हैl उन्होंने कई फिल्मों में अहम भूमिका निभाई हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैंl वह ऋतिक रोशन के साथ फिल्म वॉर में नजर आई थीl वह जल्द आयुष्मान खुराना के साथ फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में नजर आएंगीl इस फिल्म के ट्रेलर को काफी पसंद किया गया हैl यह फिल्म 10 दिसंबर को रिलीज होने वाली हैl फिल्म में वाणी कपूर एक जुंबा टीचर की भूमिका निभा रही हैंl इस फिल्म को प्रमोट करने के लिए वह अलग-अलग शो में जा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40716.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f11df95f185469e787618784f6d8200f6e27376 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से वसूली शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी जब्त संपत्ति का एक हिस्सा सरकारी बैंकों (Public sector banks) और केंद्र को ट्रांसफर कर दिया है। ईडी के मुताबिक इन लोगों की 18,170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी जिसमें से 9,371.17 करोड़ रुपये के एसेट्स बैंकों और केंद्र सरकार को ट्रांसफर कर दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40719.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d38e8c3285c700ee3a0c438fb2822d08396a232 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुशल कामगार की जरूरत। US चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और सीईओ सुजैन क्लार्क ने कहा, ‘‘हम एक महान अमेरिकी पुनरुत्थान की दहलीज पर खड़े हैं और ऐसे में कुशल कामगारों की कमी देश भर में उद्यमियों की राह रोक रही है।’’।बच्‍चों को न गिनें। चैंबर ने रोजगार आधारित Immigrant visa को सालाना 1.40 लाख से 2.80 लाख करने की मांग की है। चैंबर्स ने सालाना ग्रीन कार्ड कोटा से Employee के पति/पत्नी और अवयस्क बच्चों को नहीं गिनने का अनुरोध किया है। इससे आसानी से Employment बेस्ड इमिग्रेंट वर्कर्स को हर साल दोगुना किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40720.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a6d9170467be8856621c645f5170db30bdf6dd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +BSE में 1.8 गुना की बढ़ोतरी।यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व में रिजर्व बैंक की शेयर बाजारों में जोरदार तेजी की वजह से वित्तीय स्थिरता के जोखिम का अंदेशा जता चुका है। नोट में कहा गया है कि बीते साल बीएसई में 1.8 गुना की बढ़ोतरी हुई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। इस दौरान रूस के बेंचमार्क में 1.64 गुना, ब्राजील में 1.60 गुना और चीन में 1.59 गुना की बढ़ोतरी हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40723.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7243e9697133f981a6e2bf8dd55d7827ff0cb66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसके लिए है फायदेमंद। 22,810 करोड़ रुपये के खर्च की इस योजना के तहत 1 अक्टूबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक नियुक्त होने वाले कर्मचारी आएंगे। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ABRY की समयसीमा को 30 जून, 2021 से बढ़ाकर मार्च, 2022 तक करने के लिए कैबिनेट प्रस्ताव को जारी करने की प्रक्रिया में है। सूत्रों ने कहा कि अभी तक इस योजना से 21 लाख नए नियुक्त कर्मचारियों को फायदा हुआ है। यह सरकार के 58.5 लाख के अनुमान से काफी कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40727.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61ff401055fb1366c907de35a932128954e1d5ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंडिया पेस्टिसाइड्स ने शुक्रवार को बयान में कहा कि एंकर निवेशक 22 जून को शेयरों के लिए बोलियां लगा सकेंगे। इंडिया पेस्टिसाइड्स के 800 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे। वहीं प्रवर्तक आनंद स्वरूप अग्रवाल 281.4 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश करेंगे। अन्य शेयरधारक 418.6 करोड़ रुपये के शेयरों की पेशकश करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40730.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ae850ca14b0aef01da8bd511f8b393ebea01c56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि आप हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हॉलमार्किंग असली है। जौहरी ने जो निशान लगाए होंगे, उससे सावधान रहें। इसे डब्बा हॉलमार्किंग के नाम से भी जाना जाता है। कुछ तरीके हैं जिनसे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप जो आभूषण खरीद रहे हैं उस पर हॉलमार्क का चिन्ह वास्तविक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40731.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a48efb196f7c662152c9e6adf5c32e66a7e616d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40731.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्थायी खाता संख्या (PAN) एक जरूरी वित्तीय दस्तावेज है जो आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने, बैंक खाता खोलने, क्रेडिट या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करने, बड़ी राशि के वित्तीय लेनदेन आदि के लिए काम आता है। कई बार लोग अपना पैन कार्ड खो देते हैं। या उसे डैमेज कर देते हैं। ऐसे स्थिति आ जाये तो भी आयकर विभाग की वेबसाइट के जरिये ई-पैन कार्ड डाउनलोड किया जा सकता है। + +पैन कार्ड डाउनलोड की तुरंत सुविधा केवल उन्हें ही मिल सकती है जो निम्नलिखित शर्तें पूरी करते हों।यदि आधार पैन लिंक पूरा नहीं हुआ है, तो आप नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल से ई-पैन डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। नए आयकर पोर्टल से तुरंत ई-पैन डाउनलोड करने के लिए आपको पहले पोर्टल पर लॉग इन करना होगा और फिर सबसे बाईं ओर नीचे 'हमारी सेवाएं' पर क्लिक करना होगा। फिर आपको 'Instant E PAN' पर क्लिक करना होगा और बिना पैन कार्ड नंबर के ई-पैन डाउनलोड करने के लिए कुछ स्टेप फॉलो करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4074.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a44de8f0eb23c9457bdd71195051b8239c663ee4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4074.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Palak Tiwari Bijlee Bijlee challenge video: पलक तिवारी ने हाल ही में हार्डी संधू के साथ रिलीज हुए गाने 'बिजली-बिजली' पर एक रील वीडियो बनाकर शेयर किया हैl इसमें उन्हें इमोजी के अलग-अलग अंदाज में पोज करते देखा जा सकता हैl उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया हैl इसे अब तक 60 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया हैl पलक तिवारी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, 'बिजली-बिजली चैलेंज को ट्राई कीजिए और हमें टैग कीजिएl' इसके साथ उन्होंने इसे कई लोगों को टैग भी किया हैl।पलक तिवारी का बिजली-बिजली चैलेंज।पलक तिवारी का वीडियो वायरल हो गया हैl पलक तिवारी फिल्म एक्ट्रेस हैl वह कई म्यूजिक वीडियो में भी नजर आ चुकी हैl उन्होंने कई शो में भी काम किया हैl पलक तिवारी के वीडियो पर फैन ने लिखा है, 'आपकी बहुत अच्छी लुक है और आपकी आंखें और स्माइल बहुत प्यारी हैl' वहीं एक अन्य ने कहा, 'गॉर्जियसl' वहीं एक अन्य ने 'क्यूट सिंड्रेला' लिखा हैl एक फैन ने 'वाओ' लिखा हैl वहीं एक फैन ने 'बिजली-बिजली' लिखा हैl एक फैन ने 'ब्यूटीफुल मैम' लिखा हैl वहीं एक फैन ने बिलीयन डॉलर स्माइल ऑन फेस लिखा हैl एक फैन में 'पलक पनीर' लिखा हैl।पलक तिवारी श्वेता तिवारी की बेटी है।पलक तिवारी श्वेता तिवारी की बेटी हैl वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जाता हैl वह अपनी जिम या डांस वीडियो शेयर करती हैl फैंस इसे लेकर काफी उत्साहित रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40741.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffd9f9be985bbd487d4f876ec6e916e93b9a7097 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Profitmart securities के रिसर्च हेड अविनाश गोरश्‍कर के मुताबिक Titan का 30 फीसद बिजनेस ज्‍वेलरी बेचने से जुड़ा है। Covid mahamari के कारण लगे Lockdown से इसका बिजनेस इस बार थोड़ा डाउन रहा है। ज्‍यादातर स्‍टोर बंद रखने पड़े थे। इससे Q1 में रिजल्‍ट कमजोर आने की आशंका है। लेकिन जिस तरह से बाजार दोबारा खुल रहे हैं, उससे बिक्री में दोबारा उछाल आ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40743.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c644ae79ee21b12e7cc611de5a215e257e2f725 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40743.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +GST Council ने 28 मई को बैठक में पीपीई किट, मास्क और वैक्सीन सहित कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर कर राहत देने के लिए मंत्रियों के एक समूह (Group of Ministers) के गठन का फैसला किया गया था। जीओएम ने 7 जून को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को होने वाली बैठक में जीओएम (GOM) की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। माना जा रहा है कि कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों (Finance Ministers) ने कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर दर में कटौती की वकालत की है। + +यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Suresh Khanna) ने कहा था कि राज्य सरकार मरीजों की सुविधा के लिए कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर करों में कटौती के पक्ष में है। हालांकि, वह वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों के संबंध में जीएसटी परिषद के निर्णय को स्वीकार करेगी। खन्ना ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार मरीजों की सुविधा के लिए कर दरों में कटौती के पक्ष में है।’।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40745.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e11d1bacebf59c7567f94d247c438a3029f1dab1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40745.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या हुआ कारोबार का।Alibaba का Valuation अक्‍टूबर 2020 में 857 अरब डॉलर था जो अब घटकर 588 अरब डॉलर पर आ गया है। वहीं Ant group का अगर बीते साल IPO आता तो यह दुनिया का सबसे बड़ा ऑफर हो सकता था। लेकिन ऐन मौके पर यह कैंसिल हो गया और उसके साथ ही Jack Ma की गर्दिश के दिन चालू हो गए। IPO के साथ Ant group का Valuation 470 अरब डॉलर का होता। लेकिन अब group महज 108 अरब डॉलर का रह गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40752.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a97c428275f5ea836bb41380a737452394dcb97c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के तहत प्रत्येक सिलेंडर पर सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ता बैंक के खाते में जमा की जाती है। ऐसे में अगर आप आधार को एलपीजी कनेक्शन से जोड़ना चाहते हैं तो यह संभव है। क्योंकि एलपीजी सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आधार को एलपीजी कनेक्शन से जोड़ना जरूरी है। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे दोनों को जोड़ा जा सकता है। कोई भी इसे वेबसाइट, डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से कॉल करके, IVRS द्वारा या यहां तक कि SMS भेजकर भी यह संभव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40757.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..043a22345e0052b22d783e21daa45c351c492a6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40757.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + Bank Grahak के लिए अच्‍छी खबर है। देश के सबसे बड़े State Bank of India ने अपनी टाइमिंग यानि बैंक बंद होने का समय बदल दिया है। अब SBI की सभी ब्रांच सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक काम करेंगी। बता दें कि कोरोना (Coronavirus) संक्रमण का असर बैंकों के कामकाज पर भी पड़ा है। इसलिए बैंकों की संस्था State Level Bankers' Committee ने सर्कुलर जारी कर कामकाज के घंटे कम करने और स्टाफ में कटौती का निर्देश दिया था। + +बैंकों में हो रहे सिर्फ ये काम।Now, as per SLBC instructions, our branch is functioning to render customer services from 10 a.m. to 4.00 p.m. w.e.f. 01.06.2021।1. चेक से जुड़े काम।2. कैश (नकद) जमा करना और निकालना।3. गवर्नमेंट चालान।4. डिमांड ड्राफ्ट (DD), आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (एनईएफटी) से जुड़े काम।SBI फोन बैंक सर्विस। कोरोना काल में SBI फोन बैंकिंग की भी सुविधा दे रहा है। इसके लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद आपको पासवर्ड बनाना पड़ेगा। फिर ग्राहक सपर्क केंद्र से फोन पर सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40760.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bdfe5aaec45d956cb3cef1c1b4b42280319bc4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40760.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे करें आवेदन?। राशन कार्ड के लिए आवेदन करने के वास्ते अलग-अलग वेबसाइट और लिंक हैं। उस राज्य की वेबसाइट पर जाएं जहां आप निवास करते हैं और राशन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। उस पोर्टल पर लॉगिन करें, जिस पर आपको आवेदन करना है। एप्लिकेशन फॉर्म पर क्लिक कर सभी व्यक्तिगत जानकारी भरें। डिटेल भरने के बाद अब सभी दस्तावेजों को अपलोड करें और "ऑनलाइन आवेदन करें" बटन पर क्लिक करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40761.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1327231d1b6376a1f3947382caa199211ee906c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आकस्मिक मृत्यु भारत में मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। पीड़ित परिवार को आर्थिक रूप से मदद के लिए भारत सरकार प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) नामक एक सामाजिक सुरक्षा योजना देती है। यह मूल रूप से एक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना है जो दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता से सुरक्षा देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40763.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3631ed6ef42073bb5aa3e4a7e6c9c9903318d6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40763.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Covid की सेकंड वेव का असर Credit Card industry पर पड़ सकता है। Axis Securities की रिपोर्ट की मानें तो इससे Credit Card Expenses घट सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक Citi Bank के Credit Card बिजनेस छोड़ने से अब तक भरपाई नहीं हो पाई है। कॉरपोरेट Loan सेक्‍टर भी अभी नहीं तेज हो पाया है। SBI Cards, ICICI Bank जैसे फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन के लिए Credit Card बिजनेस बड़ा वेंचर है। इससे उनकी ग्रोथ सीधे तौर पर जुड़ी है। उनका प्रदर्शन भी शानदार रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4077.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc100b25f27406d7bdf9e90a963e85f0e516fc3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'बॉब बिस्वास' का प्रमोशन कर रहे अभिषेक बच्चन ने बॉलीवुड लाइफ से बातचीत में कहा, ‘इसे किसी भी तरह से एक्सेप्ट नहीं किया जा सकता। ये कुछ ऐसा है जिसे मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा। मैं एक पब्लिक फिगर हूं मानता हूं, लेकिन मेरी बेटी का इससे कोई लेनादेन नहीं। अगर आपके पास कुछ भी कहने को है तो आओ और मेरे सामने कहो’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40778.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40778.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23e1a4b8b469f9f016981845f26c2981f3d137b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40778.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैंक ने ग्राहकों से सुरक्षित रहने के लिए पासवर्ड/ओटीपी/सीवीवी/कार्ड नंबर आदि जैसे पर्सनल डिटेल साझा नहीं करने के लिए कहा है। SBI बैंक ने एक ट्वीट के जरिये कहा कि बैंक कभी भी फोन, SMS या मेल पर इस तरह के डिटेल को नहीं पूछता है। उसने कहा कि हाल में ऐसी रिपोर्ट आई है कि साइबर अपराधियों द्वारा सोशल इंजीनियरिंग धोखाधड़ी करने के प्रयास में ग्राहकों के खातों में ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉजिट तैयार किए जाने की सूचना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40825.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17d2da1be7849c38f1becb8711b51edb3168cad6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40825.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारतीय रिजर्व बैंक ने फिर एक नई चेतावनी जारी की है। RBI ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये बताया है कि ग्राहक अपना पिन, OTP और बैंक खाते से जुड़े किसी भी जानकारी को शेयर न करें। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि अगर किसी ग्राहक का कार्ड चोरी हो जाता है या खो जाता है तो तुरंत कार्ड को ब्लॉक करा दें। इसके अलावा ग्राहक किसी भी तरह के KYC डिटेल से जुड़ी जानकारी मांगने पर भी अलर्ट रहें और ऐसी कोई भी जानकारी किसी से भी शेयर न करें।  ।.@RBI Kehta Hai..।A little caution takes care of a lot of trouble. ।Never respond to requests to share PIN, OTP or bank account details. ।Block your card if stolen, lost or compromised.#rbikehtahai #StaySafe#BeAware #BeSecurehttps://t.co/mKPAIp5rA3" rel="nofollow pic.twitter.com/V3PRYl5351।पिछले दिनों RBI ने बैंक के नाम से आने वाले फ्रॉड फोन कॉल को लेकर चेतावनी जारी की थी। केन्द्रीय बैंक ने कहा था कि मान लें कि बैंक से आने वाले फोन कॉल की संख्या 1600-123-1234 है। तब ये जालसाज़ 600-123-1234 की तरह ही इसके लिए एक नंबर लेते हैं और इसे ट्रूकॉलर या अन्य सेवा देने वाले एप पर बैंक के टोल फ्री नंबर के रूप में रजिस्टर्ड करते हैं। इससे लोग यह पता नहीं लगा पाते कि यह कॉल बैंक/वित्तीय संस्थान की ओर से है या कोई फ्रॉड करने वाला फोन कर करा है। + +RBI ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि कोई भी वित्तीय संस्थान या उनके प्रतिनिधि ईमेल, एसएमएस या व्हाट्सएप संदेश नहीं भेजते हैं या व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड या ओटीपी पूछने के लिए फोन पर कॉल नहीं करते हैं। इस तरह के ईमेल, एसएमएस, व्हाट्सएप संदेश या फोन कॉल का कभी जवाब न दें। ग्राहकों को कभी भी कार्ड के 'सत्यापन' के लिए एसएमएस के माध्यम से प्राप्त लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। ग्राहकों को हमेशा अपनी आधिकारिक वेबसाइट से बैंक के संपर्क डिटेल तक पहुंचना चाहिए और समस्याओं के मामले में उनसे संपर्क करने के लिए सुरक्षित साधनों का उपयोग करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40904.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ab2e1a1ef0bb6d1919046d89f37f5e27fb3601d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40904.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +SBI ने ट्वीट में कहा, 'आपके डेबिट कार्ड को ब्लॉक करना और एक बार फिर जमा करना आसान हो गया है। बस आप अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से हमारे टोल-फ्री नंबर डायल करें, कार्ड को पुनः पाने के लिए रिक्वेस्ट डालें। टोल फ्री नंबर: 1800 112 211 या 180025 3800 3800।'।इसके अलावा ग्राहक हेल्पलाइन नंबर 1800 425 3800 पर कॉल करने के अलावा आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए डेबिट कार्ड के फिर से जारी करने का अनुरोध कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40906.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1394fc08832720b9319012d17b75b7a028317df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40906.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शहरी आबादी के बीच क्रेडिट कार्ड तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इन दिनों बहुत से लोग क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली सुविधा की वजह से इसका उपयोग करना पसंद करते हैं। क्रेडिट कार्ड आपात स्थिति के दौरान तत्काल पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए बेहतर माध्यम है। हालांकि, इन कार्डों से जुड़े कुछ शुल्क हैं जो बहुत अधिक हैं। इसलिए, क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इन शुल्क के बारे में जानकारी होनी चाहिए। + +1. वित्त शुल्क: क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता वित्त शुल्क वसूलते हैं जो मूल रूप से क्रेडिट कार्ड ब्याज दर है। ये शुल्क कर्जदाता से कर्जदाता के लिए भिन्न होते हैं। हर क्रेडिट कार्ड में प्रीसेट फाइनेंस चार्ज होता है और यह सभी ग्राहकों के लिए समान होता है। साथ ही, क्रेडिट कार्ड पर ब्याज तभी लिया जाता है, जब आपने बकाया राशि का पूरा भुगतान नहीं किया हो। + +2. वार्षिक रखरखाव शुल्क: हम में से अधिकांश लोगों को बैंकों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों से क्रेडिट कार्ड के लिए कॉल आया होगा। कॉल करने वाला कहता है कि आपको क्रेडिट कार्ड मुफ्त में दिया जा रहा है। वास्तव में इसका मतलब यह है कि बैंक पहले साल के लिए ज्वाइनिंग शुल्क और वार्षिक शुल्क माफ कर रहा है। वार्षिक शुल्क एक वर्ष में एक बार लिया जाता है और राशि कार्ड से कार्ड में भिन्न होती है। ।3. कैश एडवांस/निकासी शुल्क: क्रेडिट कार्ड एक यूजर को एटीएम मशीन से नकदी निकालने की अनुमति देता है, लेकिन इस पर ब्याज ज्यादा लगता है। क्रेडिट कार्ड से नकदी निकालने पर उस समय से ब्याज लगता है, जब लेन-देन की राशि 2.5 फीसद होती है। क्रेडिट कार्ड पर वित्त शुल्क आपके कार्ड के आधार पर 49.36% प्रति वर्ष तक हो सकता है। इसका मतलब है कि आपके क्रेडिट कार्ड से नकदी निकालने पर आपको खर्च करना होगा और आपकी जेब पर यह भारी पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4091.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c8b944957f82990aa957aeca9b61f5e151d945d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी बीच बुधवार को फिल्म निर्माता अयान मुखर्जी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के सेट की कुछ अनदेखी तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें आलिया और रणबीर क्वालिट टाइम स्पेंड करते देख रहे हैं। पहली तस्वीर में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और अयान मुखर्जी नजर आ रहे हैं। तीन आपस में चर्चा कर रहे हैं। दूसरी फोटो में फिल्म निर्देशक और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म के किरदार में बातचीत कर रहे हैं। तीसरे फोटो में अयान और साउथ के सुपरस्टार नागार्जुन देख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40940.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63ef5ec67538c9d95ed76fe3e8b25a12faa4fe1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40940.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिमोट स्क्रीनिंग मिरर टूल: कोरोना के खतरे को देखते हुए ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फॉर्म होम करवा रही हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग रिमोट स्क्रीन मिररिंग टूल डाउनलोड कर रहे हैं जो स्मार्ट फोन जैसे बड़े डिस्प्ले के लिए आपके फोन या लैपटॉप को वाईफ़ाई के माध्यम से जोड़ सकता है। आपको ध्यान रखना होगा कि आप Google Play या ऐप्पल ऐप स्टोर से कुछ भी डाउनलोड करते समय सतर्क रहें क्योंकि मौजूद सभी डिजिटल पेमेंट ऐप प्रामाणिक नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40944.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d7b1e37e311a30da2413f36036af2d31e9fac1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40944.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कैट ने बीती 9 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजा था। इस पत्र में कैट ने करेंसी नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हैं या नहीं, यह स्पष्ट करने का आग्रह किया था। वित्त मंत्रालय ने इस सवाल को आरबीआई को भेजा था, जिसके जवाब में आरबीआई ने शनिवार को एक मेल के माध्यम से यह संकेत दिया कि करेंसी नोटों से वायरस फैल सकता है। + +यह भी पढ़ें (Gold Price: सोना अपने पिछले उच्च स्तर से 5,445 रुपये टूटा, चांदी में आ चुकी है 17,111 रुपये की गिरावट, जानिए भाव)।आरबीआई ने कैट को भेजे अपने जवाब में कहा, 'कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लोग अपने घरों से ही सुविधापूर्वक मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकते है और करेंसी का उपयोग करने अथवा एटीएम से नकदी निकालने से बच सकते हैं!'।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, 'करेंसी नोटों द्वारा किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस के बहुत तेजी से फैलने की संभावना रहती है। इसे देखते हुए कैट बीते एक साल से सरकार के मंत्रियों व अन्य प्राधिकरणों से इसका स्पष्टीकरण लेने  के लिए प्रयास में था। पिछले साल से कई बार इस मुद्दे को उठाने के बाद ये पहला मौका है, जब केंद्रीय बैंक ने इसका संज्ञान लेते हुए जवाब तो दिया है, पर मूल प्रश्न से कन्नी काट गया। हालांकि, आरबीआई ने इससे इनकार भी नहीं किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि करेंसी नोट के माध्यम से वायरस और बैक्टीरिया फैलता है और इसलिए ही आरबीआई ने करेंसी भुगतान से बचने के लिए डिजिटल भुगतान के अधिकतम उपयोग की सलाह दी है।'।यह भी पढ़ें (Share Market Investment Tips: इन शेयरों में किया गया निवेश कर देगा आपको मालामाल, जानिए क्या हो रणनीति)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40947.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..984f2d61af8daa60e760f2706344a0c7e3057f0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40947.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कार्ड उपयोगकर्ता अब अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, ऑनलाइन लेनदेन के साथ-साथ संपर्क रहित कार्ड लेनदेन के लिए प्राथमिकताएं (ऑप्ट-इन या सेवाओं से ऑप्ट-आउट, खर्च की सीमाएं आदि) दर्ज कर सकेंगे। इसलिए, बैंकों द्वारा जारी किए गए डेबिट और क्रेडिट कार्ड केवल एटीएम और बिक्री बिंदु (पीओएस) टर्मिनलों पर घरेलू लेनदेन के लिए सक्षम होंगे। बैंक मौजूदा कार्ड को निष्क्रिय कर सकते हैं और जोखिम की धारणा के आधार पर उन्हें फिर से जारी कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40948.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b7814b6c971f6be013cabfd6668f1cebfa37758 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40948.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भले ही देशभर में अब आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से खुलने के करीब हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा कहीं से भी कम होता नहीं दिख रहा है। इसलिए हर व्यक्ति को संक्रमण के जोखिम से बचने की कोशिश करते रहना चाहिए। इसके लिए हमें घर से ही कार्यों को निपटाने का प्रयत्न करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ही बाहर जाना चाहिए। आम लोगों की जिंदगी में बैंकों का भी काफी अधिक महत्व है। लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि हम अपने बैंकिंग कार्य निपटाने बैंक शाखा पर चले जाते हैं और वहां पता चलता है कि उस दिन बैंकों की छुट्टी है। कोरोना महामारी जैसे संकट के समय में ऐसी असुविधाओ से बचने के लिए हमें यह पता होना चाहिए कि बैंकों की छुट्टी कब-कब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40960.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95ef5b61650bfe2f4ca5c0778e7bd5dfa3136799 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर से काम करते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखके आप कम मेहनत में ज्यादा काम कर सकते हैं।1. कम्युनिकेशन: घर से काम करते वक्त कम्युनिकेशन जरूरी है, इसे बनाकर रखें। प्रबंधक, टीम लीडर और सहयोगियों के साथ समन्वय करना महत्वपूर्ण है। JioMeet, Microsoft Teams, Google Duo, Zoom इत्यादि कर्मचारियों के लिए बेहतर समन्वय का एक तरीका बन गए हैं। काम पर नए विकास के बारे में बातचीत करना और चर्चा करना बुद्धिमानी है। ।2. वर्क प्रोग्रेस पर नजर: जब आप घर से काम कर रहे होते हैं, तो वहां कई तरह की बाधा आ सकती है। घर से काम करने के कारण कभी-कभी कई कारणों से लोग कुछ खास कामों में लग जाते हैं, यह आपके पूरी पेशेवर छवि को खराब कर सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सही दिशा में काम कर रहे हैं, अपने वर्क प्रोग्रेस पर नजर रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40976.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3052afd4f98bb26c59d1df6274b4123950db9d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीति आयोग की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स रिपोर्ट में एक्सपोर्ट के महत्व और इकोनॉमी को नया आकार देने में उसके योगदान के बारे में बताया गया है। साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर एक्सपोर्ट की प्रतिस्पर्द्धा का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सपोर्ट के मामले में भारत को वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और फिलीपींस जैसे मुल्कों से टक्कर मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_40983.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_40983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71c9868cf6ef1db76298a18817d47897551d7404 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_40983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1. फ्रीलांस: घर से पैसा कमाने का सबसे आसान तरीका फ्रीलांसर के रूप में अन्य लोगों के लिए कार्य करना है। ऑनलाइन अनगिनत वेबसाइटें हैं जो लोगों को उनके कौशल और अनुभव के अनुसार फ्रीलांस काम करने का मौका देती हैं। आप ऐसी वेबसाइटों को चुन सकते हैं, जो फ्रीलांसर को मौका देती हैं। आपको पेमेंट अकाउंट सेट करना होगा और प्रासंगिक कौशल, अनुभव और अन्य डिटेल के साथ एक प्रोफ़ाइल बनाना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4100.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cb763b4d5f737627b93fa8544f8018b70fd0528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4100.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार, अटैक के निर्माता फिल्म के अंतिम भाग के वक्त के साथ पूरा करना चाहते हैं, जिसके लिए वो रात दिन काम कर रहे हैं। वही रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लक्ष्य राज आनंद दिसंबर के दूसरे हफ्ते में केरल के कोच्चि में जॉन और जैकलीन का रोमांटिक नंबर सॉन्ग की शूटिंग के लिए जा सकते हैं। ये तीन दिन का शेड्यूल होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41020.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a04471d26bbcfbf35f12626e70f926d4d4ccc0f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41020.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने खाताधारकों को फिशिंग हमलों के प्रति आगाह किया है। कोरोनावायरस महामारी के बाद घर में रहकर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है। एसबीआई के 7 करोड़ 50 लाख ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं, जबकि 1 करोड़ 70 लाख के करीब मोबाइल बैंकिंग सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। ।SBI ने अपने ग्राहकों को अपना खाता सुरक्षित करने के उपाय सुझाए हैं। एसबीआई ने ट्वीट में कहा, 'फिशर्स से सावधान रहें! इंटरनेट पर आपको मिलने वाले सभी संचार से सावधान रहें। सुरक्षित रहने के लिए इन सरल सुरक्षा उपायों का पालन करें।'।फिशिंग क्या है?।फिशिंग के जरिये एक व्यक्ति को नकली ईमेल, वेबसाइट का उपयोग करके फंसाया जाता है और उसे लॉगिन और अन्य डिटेल जैसे पता, संपर्क नंबर और जन्म तिथि जैसी संवेदनशील जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाता है। जब वह किसी ईमेल या वेब लिंक पर क्लिक करता है, तो वह असली की तरह लगता है पर वह नकली वेबसाइट पर ले जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41024.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..414fa925763436b372774ec1ab00bdfbe7e9704f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बकाया का भुगतान समय पर हो।व्यक्ति को अपने बकाया का भुगतान समय पर करना चाहिए। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर के लिए यह बहुत आवश्यक है। इसलिए ग्राहक को अपने क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स और अपनी मासिक ईएमआई (EMI) का पेमेंट हमेशा समय पर करना चाहिए। इससे क्रेडिट स्कोर हमेशा अच्छा बना रहेगा। आप अपने क्रेडिट कार्ड के भुगतान और ईएमआई के भुगतान को ऑटो मोड में भी डाल सकते हैं, इससे बिना किसी मानवीय भूल के आप अपने बकाया का भुगतान समय पर करते रहेंगे। ।मेंटेन हो क्रेडिट लाइन।व्यक्ति की क्रेडिट लाइन जितनी ज्यादा पुरानी होगी, क्रेडिट स्कोर उतना ही बेहतर होगा। यदि कोई ग्राहक लंबे वक्त से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है या कई साल पुराना होम लोन है, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर के लिए अच्छा साबित होगा। अगर आप समय पर पेमेंट कर देते हैं, तो आपको एक लंबी क्रेडिट लाइन रखनी चाहिए। अपने पुराने क्रेडिट कार्ड को जहां तक हो सके बंद ना करें। इसे बंद करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर थोड़ा फर्क पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4106.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62f5c036d0b1429130e711109b9b84c8e013a0b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित ने अक्टूबर में अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ब्रीद- इन टू द शैडोज के दूसरे सीजन की घोषणा की थी, जिसमें उनके साथ अभिषेक बच्चन लीड रोल में हैं। सीरीज की शूटिंग शुरू हो चुकी है। अप्रैल में जब पैनडेमिक की दूसरी लहर अपना खतरनाक रूप दिखा रही थी, तब अमित साध ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। अमित ने फैसला किया था कि जब दुनिया महामारी से जूझ रही है तो वो अपनी तस्वीरें या वीडियो साझा नहीं करेंगे। ।बता दें, हाल ही काजोल की बहन तनीषा मुखर्जी ने भी कोविड-19 पॉजिटिव होने की खबर सोशल मीडिया के जरिए साझा की थी। इससे पहले कमल हासन कोरोना पॉजिटिव हुए थे। वेटरन एक्टर ने बताया था कि अमेरिका से लौटने के बाद उन्हें हल्की सी खांसी हुई थी। जांच करवाने पर पता चला कि वो कोविड-19 संक्रमित हो गये हैं। अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान कई बॉलीवुड सेलेब्स कोविड की चपेट में आये थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41061.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e8969658337d6362eda37742eedc031e5f46190 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: इन 4 तरह के लोगों को नहीं करना चाहिए Credit Card का इस्तेमाल, जानिए वजह।4. स्थायी निर्देश: अधिकांश कर्जदाताओं के पास क्रेडिट कार्ड भुगतान पर ऑटोमेटिक पेमेंनट की सुविधा है। आप भुगतान के लिए स्थायी निर्देश सेट कर सकते हैं ताकि नियत तारीख को याद करने में देरी से बच सकें। आप हर महीने एक विशिष्ट तारीख के लिए, अपने क्रेडिट कार्ड के लिए स्थायी अनुदेश विकल्प सेट कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41064.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b24d4f8f4ad427c403332667d39a889e9650275 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41064.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कस्टमर केयर सेव: क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से पहले बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की ग्राहक सेवा के बारे में पूछताछ करना सही रहता है। क्योंकि आज-कल क्रेडिट कार्ड को लेकर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए बेहतर कस्टमर सर्विस होना जरूरी है। भविष्य में, अगर आपको क्रेडिट कार्ड से संबंधित कोई समस्या होती है और कस्टमर सर्विस अच्छी नहीं है तो फिर आपको परेशानी हो सकती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41068.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4750bad3a8880c29d1e23855b3f532a289e4298a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देखें एलआईसी के एमडी की दैनिक जागरण के सीनियर एडिटर, Pratyush Ranjan के साथ बातचीत का वीडियो।A post shared by Dainik Jagran (@dainikjagrannews) on Jun 9, 2020 at 4:15am PDT।यह भी पढ़ें: Gold Futures Price सोने की कीमतों में गिरावट, चांदी भी फिसली, जानिए क्या चल रहा है भाव।आनंद ने कहा, 'देश की इस बड़ी आबादी को बीमा मुहैया कराने के लिए बड़ी संख्या में मार्केटिंग चैनल्स और मार्केटिंग के लोगों की आवश्यकता है। आज हमारे पास 11 लाख से अधिक एजेंट्स हैं और करीब 9 लाख से अधिक एजेंट्स निजी कंपनियों में हैं। कई बैंक्स, कॉरपोरेट एजेंसीज और एनजीओ आज इंश्योरेंस का काम कर रहे हैं। ब्रोकर्स इंश्योरेंस बेचने का काम कर रहे हैं। सीधे ऑनलाइन भी मार्केटिंग हो रही है। लेकिन इस सब के बावजूद हर साल इंश्योर्ड होने वाले लोगों की संख्या में कोई बड़ी बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है।'।उन्होंने आगे कहा, 'आज भी हमारी 90 फीसद पॉलिसीज एजेंट्स के माध्यम से होती है। अगर हम यह देखें कि मार्केट कितना बड़ा है, और कितने लोगों को बीमा की आवश्यकता है, तो पूरे हिंदुस्तान के लोगों को बीमित करने के लिए कम से कम 50 लाख एजेंट्स की और जरूरत पड़ेगी। अर्थात इंश्योरेंस सेक्टर 50 लाख और लोगों को रोजगार देने की क्षमता रखता है।'।यह भी पढ़ें:  Parle-G ने लॉकडाउन के दौरान बनाया रिकॉर्ड, करीब 40 साल में पहली बार बिक्री में आई ऐसी ग्रोथ।आनंद ने कहा, 'हम कई वर्षों में भी जीवन बीमा के लिए लोगों को इतना जागरुक नहीं कर पाए, जितना कोरोना महामारी ने कर दिया है। यह इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एक बड़ा मौका है। अगर अधिक से अधिक लोग जीवन बीमा मार्केटिंग को अपना व्यवसाय बनाएंगे, तो उन्हें एक सुरक्षित रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही एक प्रोफेशनल करियर बनाने का भी मौका मिलेगा।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4107.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21d0e50bb65397322d9cb4fc391c51ef453c1168 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, कुछ यूजर्स ने उनकी खिंचाई भी की। एक यूजर ने प्रियंका को सलाह देते हुए लिखा कि वो रणवीर सिंह से दूर रहें। दरअसल, रणवीर सिंह बॉलीवुड में अपने अजीबोगरीब फैशन सेंस के लिए जाने जाते हैं। सार्वजनिक जगहों पर भी रणवीर अलग ढंग के कपड़े पहनने से हिचकते नहीं हैं। ।वैसे, प्रियंका और रणवीर दोनों ही इस वक्त अपनी आने वाली फिल्मों के लिए चर्चा में हैं। प्रियंका जहां हॉलीवुड फिल्म मैट्रिक्स रिसरेक्शंस में नजर आएंगी। रणवीर की फिल्म 83 रिलीज होने वाली है। दोनों ही फिल्मों की रिलीज डेट भी आसपास ही हैं। मैट्रिक्स रिसरेक्शंस जहां 22 दिसम्बर को सिनेमाघरों में पहुंचेगी। वहीं, 83 क्रिसमस पर 24 दिसम्बर को रिलीज होगी। ।प्रियंका चोपड़ा हाल ही में नेटफ्लिक्स के शो जोनस ब्रदर्स फैमिली रोस्ट में नजर आयी थीं, जिसमें जोनस भाइयों निक, जो और केविन की कुछ जाने-माने कॉमेडियंस खिंचाई की थी। इस शो में प्रियंका अपनी दोनों जेठानियों सोफिया टर्नर और डैनियल के साथ मौजूद रहीं और उन्होंने भी निक की खूब खिंचाई की थी। प्रियंका इससे पहले नेटफ्लिक्स पर आयी फिल्म द व्हाइट टाइगर में नजर आयी थीं, जिसे उन्होंने को-प्रोड्यूस भी किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41072.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d220ca820572e0d20a61d614c66f1cbd1d6a03e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: वेतन से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, तो ये चार बातें आपके काम की हैं।Cash Advance Fee: ग्राहकों को उनके क्रेडिट कार्ड में भी एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा दी जाती है। हालांकि बैंक इस पर भी शुल्क वसूलते हैं जो कि निकाली जाने वाली राशि के 2.5 फीसद तक हो सकता है। ।Late Payment Charge: क्रेडिट कार्ड के मासिक बिल में टोटल अमाउंट का जिक्र होता है, कई बार लोग मिनिमम अमाउंट का भुगतान करते हैं। अधिकांश लोग मिनिमम अमाउंट का भुगतान करते हैं, यह आपको कर्ज के दलदल में फंसा सकता है। बैंक इस पर इंटरेस्ट चार्ज वसूलते हैं। ।यह भी पढ़ें: UPI इस्तेमाल करने वाले लोगों को इन 4 तरीके से ठग रहे हैं जालसाज, जानिए बचाव के तरीके।Overdraft Charge : जब कार्ड होल्डर अपने कार्ड की लिमिट से ज्यादा का कर्ज ले लेता है तो ओवरड्राफ्ट चार्ज क्रेडिट कार्ड पर लागू होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41077.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..badad1feac9dca1b9f3d890e33d775aea1a17fce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: मंदी के दौर में इस स्कीम से दोगुना होगा आपका पैसा, जानिए कैसे करती है काम।जून के महीने में इस बार कोई बड़ा त्योहार नहीं है, इसलिए वीकेंड्स के अलावा जून महीने में सभी दिन बैंक खुले रहेंगे। इसके अलावा जून महीने में स्टॉक मार्केट की भी अलग से कोई छुट्टी नहीं है। हालांकि, कुछ राज्यों में क्षेत्रीय छुट्टियां पड़ने के कारण जून महीने में बैंकों की कुछ छुट्टियां रहेंगी। जून महीने में गुरु हरगोविंद जी की जयंती, राजा संक्रांति, रथ यात्रा, सगा देवा और रेमना नी जैसे स्थानीय त्योहार पड़ने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41081.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c11d4225ec27ac59548a3f81c572e9f1916e525 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहुत जरूरी न हो तो खरीदारी न करें।जैसे ही लॉकडाउन में थोड़ी ढील दी जाती है दुकानें फिर से खुल जाती हैं और ई-कॉमर्स पोर्टल्स गैर-जरूरी सामान देने लगते हैं। इसलिए अगर आप खरीदारी का मन बना रहे हैं तो सोच समझकर खरीदारी करें। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रेडिट कार्ड होने का मतलब यह नहीं कि आप अपने बजट से ज्यादा खरीद लें। ।कार्ड का खो जाना।हालांकि, लॉकडाउन में आप घर हैं तो कार्ड खोने की संभावना बहुत कम है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगा। ऐसे में आपको नया कार्ड मिलने में भी समय लग सकता है। अधिकांश बैंक क्रेडिट कार्ड खोने पर कोई शुल्क नहीं लेते, आप कार्ड खोने की सूचना तुरंत दें। कोरोना महामारी के समय धोखाधड़ी की संभावना काफी बढ़ गई है, जालसाज मैलवेयर और फ़िशिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41086.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9c0c599233e937b63aaaabf07d6180beff28d2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्याज में छूट से देनदारों के बचेंगे 1500 करोड़ रुपये।सरकार द्वारा गुरुवार को शिशु मुद्रा लोन पर ब्याज में दो फीसद की छूट की घोषणा की गई है। अर्थात अब यह रकम सरकार द्वारा दी जाएगी।  इस समय शिशु मुद्रा लोन पर करीब 10 से 11 फीसद की दर से ब्याज बैंकों द्वारा लिया जा रहा है।  सरकार द्वारा यह छूट 12 महीने के लिए दी जाएगी। सरकार के अनुसार, इस राहत का लाभ करीब तीन करोड़ लोगों को मिलेगा। ब्याज में दो फीसद की छूट से लोन लेने वालों के 1500 करोड़ रुपये बचेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41103.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cda040cac492a4637b3b23a7ed776baaf9c02b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Credit Card इस्तेमाल करने वाले ग्राहक अक्सर सिबिल स्कोर को लेकर चर्चा करते होंगे। क्रेडिट कार्ड या बैंक से लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर बहुत जरूरी होता है। सिबिल स्कोर के जरिये यह तय होता है कि लोन मिलेगा या नहीं, और अगर मिलेगा तो कितना मिलेगा। कई दफा लोग सिबिल स्कोर और सिबिल रिपोर्ट को लेकर यह समझ नहीं पाते कि यह क्या है। आज हम इस खबर में आपको सिबिल स्कोर और सिबिल रिपोर्ट के बारे में बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41116.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02fff9902a4b88c36e0d8a1d9e88f133caba55ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है सिबिल स्कोर।सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर भी कहते हैं। यह तीन अंको से तय होता है। इससे यह पता चलता है कि आपने जो लोन लिया है उसका भुगतान समय से हुआ है या नहीं, इसके अलावा आपने पूरे ब्याज का भुगतान किया है या नहीं। इन सबकी जानकारी सिबिल स्कोर में होती है। सिबिल स्कोर 300 से लेकर 900 तक हो सकता है। क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसे उतना ही बेहतर माना जाता है। एक डिफॉल्ट करने पर भी क्रेडिट स्कोर कमजोर हो सकता है। आम तौर पर 700 से 900 के बीच को बेहतर सिबिल स्कोर माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41122.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c00d48fad7ba5b6dda2a0e01562810f662a61c10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बजट बनाएं।फाइनेंशियल प्‍लानिंग में सबसे महत्वपूर्ण यह देखना होता है कि कहां से कितने पैसे आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं। सोलंकी कहते हैं कि कमाई शुरू करने के साथ ही बजट बनाकर चलना चाहिए। इसमें आपके सभी खर्च लिखे जाने चाहिए और यह भी प्रावधान हो कि किसी अप्रत्याशित खर्च के दौरान उसकी पूर्ति अपने नकदी प्रवाह में से कैसे करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41123.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61b323f8f08234c3d46e740d5988b95d78fb2eea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैकेज का नाम।VACATION SPECIAL - DARJEELING & GANGTOK SZBD381A।कौन सी जगह की यात्रा है शामिल।Puri - Gangtok - Tsongo Lake - Darjeeling - Tiger Hill - Kolkata।ट्रेवलिंग मोड।भारत दर्शन ट्रेन।किस स्टेशन से कितने बजे खुलेगी ट्रेन।Tirunelveli: 00:05 hrs।यात्रा की तारीख।18.04.20 से 29.04.2020।पैकेज कॉस्ट।20,145।बोर्डिंग पॉइंट:।तिरुनेलवेली, कोविलपट्टी, विरुदुनगर जंक्शन, मदुरै, डिंडीगुल, करूर, इरोड, सेलम, जोलारपेट्टई, काटपाडी, पेरम्बूर, नेल्लोर, विजयवाड़ा।डिबोर्डिंग पॉइंट: - विजयवाड़ा, नेल्लोर, पेरंबूर, काटपाडी, जोर्पेटाई, सलेम, इरोड, करूर, डिंडीगुल, मदुरै, विरुदुनगर जंक्शन, कोविलपट्टी, तिरुनेलवेली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41124.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b1f60e23d010b82e4381db75abdaeb7bcfd1a28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैकेज टैरिफ (3AC)।एक व्यक्ति के लिए- 30465।दो व्यक्तियों के लिए- 25425।स्टैण्डर्ड (SL)।एक व्यक्ति के लिए- 27365।दो व्यक्तियों के लिए- 22320।Departure by Train No.12723, Telangana Express to New Delhi at 06:50hrs. Full day and night journey.।यात्रा की आगामी तिथि: 25-FEB-20।ट्रेन नंबर-12723, तेलंगाना एक्सप्रेस।यात्रा कार्यक्रम: सिकंदराबाद - नई दिल्ली - मसूरी - कॉर्बेट - नैनीताल - रानीखेत - नई दिल्ली - सिकंदराबाद।पैकेज में क्या है शामिल।ट्रेन से 3A/SL यात्रा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41125.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2797380a0f79521c55a55e23645578f59cd13cc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैकेज का नाम।नई दिल्ली - अमृतसर टूर।ये जगह यात्रा में है शामिल।वाघा बोर्डर, जलियावाला बाग, स्वर्ण मंदिर।स्टेशन का नाम, ट्रेन खुलने का समय।NDLS/ 07:20 HRS।क्लास।चेयर कार।यात्रा का दिन।शुक्रवार, शनिवार।खाने में क्या है शामिल।APAI और एक बार दिन का खाना।होटल का नाम।Hotel Country Inn & Suites by Radisson or similar।कितना लगेगा किराया।एक व्यक्ति- 8420 रुपये।दो व्यक्ति- 6240।तीन व्यक्ति- 5780।पैकेज में क्या है शामिल, पहला दिन।नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सुबह 06:45 बजे ट्रेन नंबर नं 12029 स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में सवार हो जाएं। ट्रेन सुबह 07: 20 बजे खुल जाएगी। ट्रेन में आपको नाश्ता मिलेगा। अमृतसर स्टेशन पर पहुंचने के बाद होटल के लिए सहायत लेना होगा। फिर वातानुकूलित कमरों में चेक इन करें। दोपहर का भोजन करें, इसके बाद वाघा बॉर्डर के दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए जाएं। शाम को होटल में वापसी। रात का खाना और रात का रुकना। दूसरे दिन भी आपके पैकेज में कई सुविधाएं शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4113.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71d79127b11857884579f59943a62417422352b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सारा अपनी कार में बैठने ही वाली थीं वो रुक गईं और उस पैपराजी के बारे में पूछने लगीं जिसे उनके बॉडीगार्ड ने धक्का मारा था। पैपराज़ी का नाम पता चलने के बाद सारा ने कहा कि वो उसने माफी मांगी और वॉर्न किया कि वो ऐसे किसी को धक्का न दें। इतना ही नहीं सारा ने ख़ुद भी पैपराज़ी से माफी मांगी और फिर वो अपनी कार में बैठ गईं। सारा की ये दरियादिली उनके फैंस को काफी पसंद आ रही और लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41145.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccc3b9f943362a16e11bdbbf409dc27178592319 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नियम और शर्तें।कब तक है ऑफर।यह ऑफर 23 दिसंबर 2019 सुबह 06:00 बजे से 26 दिसंबर 2019 को रात 11:59 बजे तक है। यह ऑफर 15 जनवरी 2020 से लेकर 15 अप्रैल 2020 तक की उड़ानों के लिए मान्य है। इस स्कीम में जीरो कन्वीनियंस फीस है। अगर आप इंडिगो की वेबसाइट और इंडिगो की मोबाइल ऐप के जरिए टिकट बुक करते हैं तो आपको कन्वीनियंस चार्जेस नहीं देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41153.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd2ac08cd0024e7146d412af8ef8fd30977df95c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खबर लिखे जाते समय बीएसई का सेंसेक्‍स 177.28 की तेजी के साथ 41,066.51 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, एनएसई का निफ्टी 41.20 की बढ़त के साथ 12,114.95 के स्‍तर पर था। सेंसेक्‍स में शामिल 30 कंपनियों में से 23 बढ़त के साथ कारोबार करते नजर आए वहीं, निफ्टी50 में शामिल 50 कंपनियों में से 37 हरे निशान में और 13 लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे थे। ।शुरुआती कारोबार में जिन शेयरों में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई उनमें यस बैंक (2.43 फीसद), टाटा स्‍टील (1.45 फीसद), ओएनजीसी (1.22 फीसद), आईसीआईसीआई बैंक (1.15 फीसद) और हिंडाल्‍को (1.13 फीसद) शामिल रहे। ।वहीं, ZEEL के अलावा जिन शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई उनमें INFRATEL (5.48 फीसद), भारती एयरटेल (2.67 फीसद), ग्रासिम (1.33 फीसद) और नेस्‍ले इंडिया (1.07 फीसद) शामिल हैं। सेक्‍टोरल सूचकांकों की बात करें तो निफ्टी मीडिया को छोड़कर बाकी सभी सेक्‍टोरल इंडेक्‍स हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। ।एचडीएफसी सिक्‍योरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेल्‍ली के अनुसार, एचडीएफसी सिक्‍योरिटीज ने दिसंबर 2018 में निफ्टी का लक्ष्‍य 12400 तय किया था और अब यह करीब है। भारतीय बाजार को लेकर विदेशी संस्‍थागत निवेशक उत्‍साहित हैं और उन्‍होंने 25 नवंबर तक 18,200 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41156.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..915f4cd1f81aabd33de89287d17e781860bbf1ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरा दिन: यात्री 5:45 बजे जम्मू रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगे और फिर ग्रुप साइज के आधार पर गैर-एसी वाहन द्वारा जम्मू रेलवे स्टेशन से कटरा तक पिकअप वाहन से जाएंगे। यात्री सरस्वती धाम में ठहरकर यात्रा पर्ची लेंगे। फिर जाकर वे होटल में चेक-इन करेंगे। नाश्ता करने के बाद उन्हें बाणगंगा तक ड्रॉप की सुविधा मिलेगी। इसके बाद मंदिर में दर्शन कर देर शाम होटल में लौट जाएंगे, फिर रात का खाना और रात में ठहरने की सुविधा रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41160.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74d817aa93835943d0cd9e5a0bee7495fb0bb3fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41160.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोई भी व्यक्ति सिर्फ 20 रुपये के भुगतान पर इंडिया पोस्ट में बचत खाता खोल सकता है। साथ में उसे एटीएम की सुविधा भी मिलेगी। इस बचत खाते के साथ आपको खाते में मंथली बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है, इस खाते में मुफ्त तिमाही खाता डिटेल, एसएमएस के माध्यम से मिनी स्टेटमेंट, क्यूआर कार्ड के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं, आईएमपीएस के माध्यम से तुरंत पैसे भेजने की सुविधा भी मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41176.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7dfe4d7c352b09dff4f9245b65ba1725e9f20de1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41176.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। भारतीय शेयर बाजार सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई का सेंसेक्‍स 136.93 अंकों की बढ़त के साथ 40,301.96 के स्‍तर पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी भी 0.46 फीसद या 54.60 अंक चढ़कर 11,945.20 पर बंद हुआ। सबसे ज्‍यादा तेजी मेटल कंपनियों के शेयरों में दर्ज की गई। दूसरी तरफ, ऑटो कंपनियों के ज्‍यादातर शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। ।निफ्टी50 में शामिल 27 कंपनियां बढ़त के साथ बंद हुईं जबकि 23 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। जिन शेयरों में सबसे अधिक तेज दर्ज की गई उनमें भारती इन्‍फ्राटेल (6.20 फीसद), जेएसडब्‍ल्‍यू स्‍टील (5.01 फीसद), बजाज फिनसर्व (4.30 फीसद), कोल इंडिया (3.79 फीसद) और इन्‍फोसिस शामिल हैं। ।निफ्टी50 में शामिल जिन कंपनियों में सबसे ज्‍यादा गिरावट दर्ज की गई उनमें ZEEL (4.75 फीसद), इंडियन ऑयल (2.87 फीसद), मारुति (2.48 फीसद), हीरो मोटोकॉर्प (2.44 फीसद) और इंडसइंड बैंक (2.03 फीसद) शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41187.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21e25ed32d2b8e1c3950066d6fcf6600bb4654ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कटौती की है। पेट्रोल की कीमतें 5 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमतें 6 पैसे प्रति लीटर सस्‍ती हुई हैं। हरियाणा और महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनावों की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में ज्‍यादा कुछ नहीं किया था। हालांकि, क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों में हाल में गिरावट आई है। ।मंगलवार को दिल्‍ली में एक लीटर की कीमत 73.22 रुपये है जबकि डीजल 66.11 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं, दिल्‍ली से सटे गुरुग्राम में आपको एक लीटर पेट्रोल के लिए 73.05 रुपये देना होगा जबकि डीजल के लिए 65.36 रुपये देने होंगे। नोएडा में पेट्रोल 74.85 रुपये प्रति लीटर और डीजल 66.37 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। ।मुंबई में पेट्रोल की कीमत 78.83 रुपये प्रति लीटर है और डीजल 69.29 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। कोलकाता में पेट्रोल 75.87 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है और डीजल की कीमत 68.47 रुपये प्रति लीटर है। उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल 74.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 66.24 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। ।अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में अप्रैल के उच्‍च स्‍तर के बाद से 22 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, पिछले महीने सऊदी अरब के तेल के ठिकाने पर ड्रोन हमले के बावजूद WTI में 20 फीसद की गिरावट आई है। ।ऑयल मार्केटिंग कंपनियां तेल की वैश्विक कीमतों के आधार पर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें तय करती हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि चुनाव के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए पेट्रोल और डीजल सस्‍ते हो सकते हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4120.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed193c0825f9d5c982216aa7d2dd4a5253c1a05c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिलीज हुआ दूसरा ट्रेलर।ट्रेलर में हाई ऑक्टेन एक्शन सीन्स और एक प्यारी प्रेम कहानी को भी करीब से दिखाया गया है, जो दर्शको के दिल जो छू गया। अहान की डेब्यू परफॉर्मेंस काफी इंटरेस्टिंग लग रही है, साथ फैंस उनके एक्सप्रेशन के कायल हो रहे हैं। इसके चलते फिल्म की रिलीज़ से पहले ही उनकी भूमिका ने उनकी फैन फॉलोइंग में इजाफा कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41200.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1f59fa01714a16660fd13a91f8e0261e8e9c355 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दास ने कहा कि इकोनॉमी को गति देने के लिए सरकार ने भी हाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस समय इकोनॉमी को गति देने के लिए हर तरह से प्रयास किए जाने की जरूरत है। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट को लेकर अपना मत जाहिर करते हुए कहा था कि बीते कुछ समय में मंहगाई भी निर्धारित लक्ष्य के भीतर ही रही है, इसलिए मैं रेपो रेट घटाने के विचार पर सहमत हूं। इसके बाद एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट को 0.25 परसेंट कम करने को लेकर सहमति जताई। ।गौरतलब है कि पिछले कुछ समय के दौरान दास ने कई मौकों पर कहा है कि आगामी बैठक में भी आरबीआइ नीतिगत ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4123.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adf61c616cc91bc4e09c4d6f238060738f03dccf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शा हाऊस में हो रही शादी।शो में बा और बापूजी की शादी के 50 साल पूरे हो गए हैं, जिसकी खुशी में शा हाऊस में इनकी फिर से शादी कराई जाएगी। पूरा परिवार इस शादी के फंक्शन की तैयारियों में बिजी है। पिछले दिनों सेट से कुछ तस्वीरें वायरल हुई जो बापूजी और बा के संगीत फंक्शन की थीं। वहीं अनुपमा का किरदार निभाने वाली रुपाली गंगुली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो शेयर की है। इस फोटो में उनका बिल्कुल अलग अंदाज देखने को मिल रहे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41235.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fbf43319facf78b2d111dc93492184b69249984 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रीवा से शुरू होगी यात्रा।यात्रा रीवा (मध्य प्रदेश) से शुरू होगी। यात्रा के तहत इंदौर (ओंकारेश्वर), उज्जैन (महाकालेश्वर), अहमदाबाद, द्वारका, पोरबंदर, सोमनाथ और वड़ोदरा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) आएंगे। पैकेज के लिए किराया स्लीपर क्लास के लिए 8,505 रुपये प्रति व्यक्ति और 3AC लिए 10,395 रुपये प्रति व्यक्ति होगा। पैकेज में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर भी होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41243.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08db9a549fc1983551ded449cb8314dfd7a3372d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपने भविष्य एवं खासकर वृद्धावस्था को लेकर चिंतित करते हैं। केंद्र सरकार ने असंगठित (अनऑर्गनाइज्ड) सेक्टर में काम करने वालों को सोशल सिक्योरिटी देने के लिए 2015 में अटल पेंशन योजना (APY) की शुरुआत की थी। इस योजना में निवेश करना ऐसे लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, जिनके पास रिटायरमेंट के बाद कोई वित्तीय आधार नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41248.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfba0d877261f51222aa444a83338d8a6deb3cad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। शेयर बाजार में चल रही उठा-पटक के बीच निवेशकों की दिलचस्‍पी म्‍युचुअल फंडों में बढ़ी है। जुलाई की तुलना में अगस्‍त में म्‍युचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (AUM) में 4 फीसद की बढ़ोतरी हुई और यह 25.47 लाख करोड़ रुपये हो गई। सबसे ज्‍यादा निवेश इक्विटी और लिक्विड फंडों में किया गया। ।एसोसिएशन ऑफ म्‍युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, जुलाई के अंत में 44 कंपनियों वाले म्‍युचुअल फंड उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति 24.53 लाख करोड़ रुपये थी। जहां जुलाई में 87,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था जबकि अगस्‍त में कुल मिलाकर 1.02 लाख करोड़ रुपये का निवेश म्‍युचुअल फंडों में हुआ। इनमें से 79,000 करोड़ का निवेश अगस्‍त में लिक्विड फंडों में किया गया। ।फंड मैनेजर्स के अनुसार, खुदरा निवेशकों की प्रतिभागिता के कारण इक्विटी और लिक्विड फंडों में निवेश का प्रवाह बढ़ा है। ओपन एंडेड इक्विटी योजनाओं में अगस्‍त के दौरान 9,152 करोड़ रुपये का निवेश किया है हालांकि, क्‍लोज्‍ड एंडेड इक्विटी योजनाओं से 62 करोड़ रुपये की निकासी की गई। इस प्रकार इक्विटी में कुल निवेश अगस्‍त में 9,090 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में इन योजनाओं में 8,092 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया था। ।डेट योजनाओं की बात करें तो लिक्विड फंडों में अगस्‍त के दौरान 79,428 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जबकि जुलाई के दौरान इनमें 45,441 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। इसके अलावा, गोल्‍ड एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों (Gold ETF) में 145 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जो जुलाई में 17.66 करोड़ रुपये था। ।AMFI के सीईओ एनएस वेंकटेश ने कहा, 'खुदरा निवेशकों की दिलचस्‍पी इक्विटी म्‍युचुअल फंडों में लगातार बनी हुई है, भले ही बाजार और अर्थव्‍यवस्‍था के हालात अनिश्चित रहे हैं।' ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4125.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fbc8982713f3871b34d85c58644af424857c88d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या बिजी हैं किंग खान?।खबर है कि शाह रुख खान को न्यौता नहीं भेजा गया है। इसके पीछे क्या कारण है ये तो कौशल परिवार या कटरीना ही बता सकते हैं, पर बॉलीवुड के किंग खान इस ग्रेंड वेडिंग का हिस्सा नहीं होंगे। बता दें कि शाह रुख अपनी फिल्म पठान की शूटिंग को लेकर व्यस्त हैं। क्योंकि पिछले दिनों बेटे आर्यन खान के जेल में रहने के कारण फिल्म की मेंकिग में काफी डीले हो चुका है।  ।45 होटल किए बुक।बता दें कि कटरीना और विक्की की शादी के फंक्शन 7 दिसंबर से शुरू हो जाएंगे। इसके लिए राजस्थान के 45 बड़े होटलों को बुक कर दिया गया है। ईटाइम्स का कहना है कि रणथंभौर के किसी भी होटल को अगर आप कॉल करके 7 दिसंबर को बुक करने की बात करेंगे तो जवाब आएगा कि यहां सभी होटल बुक हैं कोई बड़ी शादी होने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_413.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a95349dde244e5cbebf27540d184631f312b5b3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl OM The Battle Within teaser: आदित्य रॉय कपूर की आगामी फिल्म ओम: द बैटल विथ इन का टीजर जारी कर दिया गया हैl आदित्य रॉय कपूर ने इसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, जिसे 4 घंटे में तीन लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैंl वहीं इस पर 1400 से ज्यादा कमेंट किए जा चुके हैंl वीडियो शेयर करते हुए आदित्य रॉय कपूर ने लिखा है, 'एक लड़ाई को जीतने के लिए उसे कई बार लड़ना पड़ता हैl' इसके अलावा उन्होंने लिखा है, 'ओम का टीजर आ गया हैl ओम फिल्म 1 जुलाई 2022 को रिलीज होगीl'।आदित्य रॉय कपूर ने टीजर को कई लोगों को टैग भी किया है।कई लोगों ने टीजर पर दिल और आग की इमोजी शेयर की हैl वहीं एक ने लिखा है, 'एक नया सुपरस्टार आ रहा हैl' वहीं एक अन्य ने लिखा, 'मैं चीख रही हूं, चिल्ला रही हूं क्योंकि नई फिल्म आ रही हैl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'आपने टीजर में बहुत अच्छा काम किया हैl' एक अन्य ने लिखा है, 'कोई हैंडसम और सो हॉट एक बार में कैसे हो सकता हैl' वहीं कई लोगों ने टीजर पर 'हे भगवान' भी लिखा हैl।फिल्म जी स्टूडियो और अहमद खान ने मिलकर बनाई है।यह फिल्म जी स्टूडियो और अहमद खान ने मिलकर बनाई हैl वहीं फिल्म का निर्देशन कपिल वर्मा ने किया हैl आदित्य रॉय कपूर फिल्म अभिनेता हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl।आदित्य रॉय कपूर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं।आदित्य रॉय कपूर सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं, जिसे लेकर उनके फैंस भी काफी उत्साहित रहते हैंl इसके पहले उन्होंने फिल्म का पोस्टर जारी किया थाl इसमें आदित्य राय कपूर को एक मशीन गन चलाते हुए देखा जा सकता हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41300.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73f406333cbe02ee2a96890652e8227f4fa7f69b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्टेप 4- यहां पर आप प्रति-दिन कितनी लेनदेन कर सकते हैं इसके बारे में जानकारी मिलेगी। नेट बैंकिंग यूजर एक ट्रांजेक्शन में 500 रुपये से 10,000 रुपये तक निकाल सकते हैं। एक दिन में योनो वेबसाइट के जरिए एसबीआई एटीएम से आप अधिकतम 20,000 रुपये निकाल सकते हैं। आप बिना डेबिट कार्ड या बिना योनो ऐप वाले स्मार्टफोन से यह ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। सभी जानकारी प्राप्त करने के बाद 'Request YONO Cash' पर क्लिक कीजिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41309.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fac04c2965de9a3a8328583f54ed4c2d992d6321 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय रेलवे के नए नियम के अनुसार इमरजेंसी की स्थिति में अब आप प्लेटफॉर्म टिकट से भी यात्रा कर सकते हैं। प्लेटफॉर्म टिकट से यात्रा करने के लिए आपको गार्ड के अनुमति पत्र की भी आवश्यकता होगी। यदि आपके पास इसका समय नहीं है, तो आप सीधे ट्रेन में चढ़कर वहां नियमानुसार जरूरी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। रेलवे द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार, अनुमति सर्टिफिकेट ऑन ड्यूटी गार्ड, कंडक्टर या दूसरी श्रेणियों का स्टॉफ दे सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41310.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2f5146900b61dc4795510f4e11ff7f90cd83a93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आयकर विभाग ने ऑनलाइन ई-फाइलिंग पोर्टल incometaxindiaefiling.gov.in के जरिये व्यक्तियों को अपना मूल्यांकन वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर या आयकर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा दी है। मंगलवार को सीबीडीटी ने आयकर भरनी की 31 जुलाई, 2019 की निर्धारित समय सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया है। ITR फाइल करने के बाद यूजर्स को यह सत्यापित करना पड़ता है कि उनका आईटीआर दाखिल हो गया है। incometaxindiaefiling.gov.in पर दी गई जानकारी के अनुसार, आधार ओटीपी के माध्यम से आयकर रिटर्न ई-सत्यापन किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41311.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..397f0334b913d0e793b23c5d4d232750bcff920d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। PACL के निवेशक काफी समय से अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। उनके लिए 31 जुलाई का दिन रिफंड क्‍लेम करने का आखिरी दिन है। अगर वे आज रिफंड के लिए क्‍लेम नहीं करते हैं तो फिर क्‍लेम नहीं कर सकेंगे। Sebi ने अभी तक तारीख बढ़ाने का कोई ऐलान नहीं किया है। इससे पहले PACL निवेशकों के लिए रिफंड की तारीख 30 अप्रैल से बढ़ाकर 31 जुलाई की गई थी। सेबी ने पहले भी कहा था कि निवेशक रिफंड के लिए आखिरी तरीख तक का इंतजार न करें। क्‍योंकि, आखिरी तारीख को वेबसाइट पर लोड बढ़ सकता है और इसके क्रैश करने की संभावना बढ़ जाती है। ।Sebi ने इस साल फरवरी में PACL के तकरीबन 6 करोड़ निवेशकों के लगभग 49,000 करोड़ रुपये लौटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। अगर आप भी PACL के निवेशक हैं और अभी तक अपने रिफंड के लिए क्‍लेम नहीं कर पाए हैं तो आपके पास बस आज भर का समय शेष है। ऑनलाइन अपने पैसों का रिफंड क्‍लेम करने के लिए आप http://sebipaclrefund.co.in/ वेबसाइट पर जा सकते हैं। यहां आपको पूरी जानकारी भी मिलेगी। ।आप आपने पैसों का रिफंड कैसे क्‍लेम करें, इसके लिए सेबी ने बाकायदा एक वीडियो भी तैयार किया है। यह वीडियो आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। सेबी ने PACL के निवेशकों को सख्‍त हिदायत भी थी कि वे अपने ओरिजिनल दस्‍तावेज किसी को भी न दें। पैसों का रिफंड क्‍लेम करने के लिए सिर्फ ऑनलाइन ही अप्‍लाई करें। ।रिफंड के लिए ये दस्तावेज करने होंगे अपलोड।1. पैन कार्ड की कॉपी।2. हाल में खिंचवाई हुई पासपोर्ट साइज फोटो।3. कैंसिल चेक की स्‍कैन्‍ड कॉपी।4. बैंकर का प्रमाणपत्र।5. PACL के सर्टिफिकेट की कॉपी।6. PACL की रसीदें (यदि हों तो)। डॉक्‍यूमेंट्स सिर्फ पीडीएफ, जेपीजी या जेपीईजी फॉर्मेट में अपलोड करलने होंगे। ये डॉक्यूमेंट्स ब्लैक एंड व्हाइट होने चाहिए और इनका रेजोल्‍यूशन 200 होना चाहिए। मान लीजिए कि आपके पास अगर कोई दस्तावेज नहीं है तो भी जितनी ज्‍यादा जानकारी उपलब्ध हो, उसे डालकर लॉग-आउट कर सकते हैं. बाद में लॉग-इन करके दावे संबंधी आवेदन को पूरा कर सकते हैं। सफलतापूर्वक क्लेम अपलोड होने पर एक एक्नॉलेजमेंट रसीद नंबर आएगा। इसका मतलब है कि आपका आवेदन हो गया है। आज का ये मौका न चूकें और अपना क्‍लेम सेबी की विशेष वेबसाइट पर कर डालें। ।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41316.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f102bd7cd30a2b1dc985d501e6a691c8ac284ff5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP)।इसके जरिए कोई भी निवेशक एक फिक्स्ड अमाउंट को महीने के एक खास तारीख को म्युचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित राशि का निवेश किया जाता है। एसआईपी के माध्यम से निवेश करने का लाभ यह है कि किसी के पास बाजार के लिए समय नहीं है। एसआईपी के माध्यम से निवेश करते समय कई फायदे हैं। हालांकि, शुरुआत में जब लोगों को निवेश करना होता है तो उनमें जबरदस्त उत्साह होता है, लेकिन वे नियमित निवेश करने में असफल रहते हैं। वैसे महीने में एक निश्चित राशि को निवेश करने को लेकर बाद में इसमें नियमितता आती है। SIP हमेशा लंबी अवधि के लिए किया जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41318.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b333b738b3df783b77ea8bd2fd95a62765dee811 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। लेह-लद्दाख उत्तर भारत में स्थित ऐसी प्राकृतिक खूबसूरत जगह है, जहां का नजारा देखने लायक है। भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग साइट इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) मुंबई से लेह लद्दाक के लिए शानदार टूर पैकेज ऑफर कर रही है। इस टूर पैकेज में लेह, नुब्रा घाटी, पंगोंग आदि की सैर शामिल है। टूर के दौरान होटल के साथ-साथ कैंप में रुकने का भी मौका मिलेगा जो काफी एडवेंचर से भरा होगा। आप भी अगर इन गर्मियों की छुट्टियों में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इस टूर को बुक कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41323.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6a4c13021dede6425620d25c1a6202b7586317f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41323.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। शुरुआत से ही आज भारतीय शेयर बाजार में तेजी दिख रही थी। बीएसई का सेंसेक्‍स मंगलवार को 234.33 अंकों की तेजी के साथ 39,131.04 के स्‍तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी 72.70 अंकों की तेजी के साथ 11,661.05 पर बंद हुआ। सेक्‍टोरल सूचकांकों की बात करें तो IT को छोड़कर बाकी सभी सेक्‍टर आज हरे निशान में बंद हुए। BSE पर 1,149 शेयर जहां बढ़त के साथ बंद हुए वहीं 1,285 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी मिड कैप इंडेक्‍स 0.7 फीसद की तेजी के साथ बंद हुआ वहीं निफ्टी स्‍मॉल कैप सपाट स्‍तर पर बंद हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41343.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c292992d81d497f8e1a42e12d606e44a0b764a4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41343.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिजनेस डेस्‍क (नई दिल्‍ली)। जुलाई के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार अच्‍छी बढ़त के साथ बंद हुए। एनएसई का निफ्टी जहां 11850 के स्‍तर से ऊपर बंद हुआ वहीं बीएसई का निफ्टी भी 291.66 अंकों की उछाल के साथ 39,686.50 के स्‍तर पर बंद हुआ। निफ्टी 76.70 अंकों की उछाल के साथ 11865.60 पर बंद हुआ। ।एनएसई के गेनर्स एंड लूजर्स: आज जो शेयर सबसे ज्‍यादा बढ़त के साथ बंद हुए उनमें ZEEL (8.37 फीसद), डॉ. रेड्डीज लैब (4.06 फीसद), बजाज ऑटो (3.11 फीसद), टाटा मोटर्स (3.11 फीसद) और एचडीएफसी (2.65 फीसद) की बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं, बीपीसीएल (4.10 फीसद), ONGC (3.87 फीसद), IOC (2.44 फीसद), कोल इंडिया (1.79 फीसद) और एचसीएल टेक्‍नोलॉजीज 1.46 फीसद की गिरावट के साथ बंद हुए। ।सेक्‍टोरल इंडेक्‍स का हाल: सेक्‍टोरल सूचकांकों की बात करें तो निफ्टी आईटी और निफ्टी मेटल को छोड़कर बाकी सभी इंडेक्‍स हरे निशान में बंद हुए। सबसे अधिक तेजी निफ्टी मीडिया और निफ्टी रियल्‍टी में दर्ज की गई। निफ्टी ऑटो भी 1.28 फीसद की तेजी के साथ बंद हुआ। ।एनएसई पर कुल 904 शेयर तेजी के साथ बंद हुए वहीं 872 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। 327 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4136.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c89f8435ca00388c57429a10a30cfde02c3ac398 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देशभक्ति से लबरेज है ये फिल्म।हिंदी सिनेमा में क्लासिक फिल्मों में शुमार ‘हकीकत’ में युद्ध का यर्थाथवादी चित्रण किया गया था। जिसमें युद्ध के मैदान में डटे सैनिकों के दृष्टिकोण को दर्शाया गया था। इस फिल्म को मुख्य रूप से लद्दाख में शूट किया गया था। इस फिल्म का बजट उस समय तकरीबन 30 लाख रुपए था। फिल्म की सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म ने दुनियाभर में करीब ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी। चीन के सिपाहियों के हाथों हार के दो साल बाद रिलीज हुई इस फिल्म ने देश के विश्वास को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई, जो युद्ध के झटके से जूझ रहा था। इस फिल्म ने लोगों में देशभक्ति की भावना का भी संचार किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41361.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5bc1845b1bc87014314b1340e152ac2135ff7f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41361.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वित्त मंत्री शेट्टी ने वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर) 1948-49 का भी बजट पेश किया। यह बजट भी घाटे वाला था। शेट्टी ने 26.85 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश किया जो कि पूरे वित्त वर्ष के लिए था। इस बजट में कुल आय 230.52 करोड़ रुपए और कुल व्यय 257.37 करोड़ रुपए बताया गया।  ।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41363.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35dd3b2fc8b133b498cab9b3e9a63bb8d3ba84e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍यों आई बाजार में गिरावट?।विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर वैश्विक धारणाओं, सिस्‍टम में तरलता की चिंताओं और पूर्ण बजट पेश होने से पहले कारोबारी और निवेश शेयर बाजार में सतर्कता बरत रहे हैं। खास तौर से गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों में तरलता की कमी और बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स के डिफॉल्‍ट होने से बाजार पर नकारात्‍मक असर पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41364.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b03e5f8fb4396b41f825d68c563772836cbd855 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ईपीएफ मेंबर को 12 डिजिट का नंबर दिया जाता है, जिसे UAN कहते हैं। UAN को EPFO जारी करता है। ईपीएफओ नौकरी बदलने पर ईपीएफ अकाउंट को ऑटोमैटिक ट्रांसफर करने देता है। नौकरी छोड़ने के बाद ईपीएफ खाता निष्क्रिय हो जाता है। इस परिदृश्य में, ब्याज जो हर साल आपके पुराने ईपीएफ में जमा होता है। यदि आप खाते से कोई पैसा नहीं निकालते हैं तो भी खाता कर योग्य हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41365.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79451a23afe9dce4a50d429d8814eb68c79d56d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप कहीं से कुछ खरीदारी करते हैं और आपके पास कॉन्टेक्टलेस कार्ड है तो आप बिना पिन के भी पेमेंट कर सकते हैं। लेकिन इसके जरिए आप 2000 रुपये तक का पेमेंट कर सकते हैं। इसके लिए आपको PoS मशीन में कार्ड डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। फर्ज कीजिये अगर आप किसी दुकान पर कुछ खरदीने गए हैं और खरीदारी के बाद पेमेंट के समय आप पिन भूल जाते हैं तो ऐसे वक्त में आपको इस सुविधा का लाभ मिल जाएगा। इस ट्रांजेक्शन को कॉन्टेक्टलेस पेमेंट कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41379.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ed69b2a4d789a0bda9534408d11b21e676b71e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (बिजनेस डेस्‍क)। सोमवार के कारोबारी सत्र में रिकॉर्ड हाई बनाने के बाद एनएसई और बीएसई के बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए। मुनाफावसूली के कारण सेंसेक्‍स 184.08 अंकों की गिरावट के साथ 40,083.54 और निफ्टी 66.90 अंकों की गिरावट के साथ 12,021.65 के स्‍तर पर बंद हुआ। लगभग 1109 शेयर तेजी के साथ बंद हुए, 1,428 शेयरों में गिरावट रही और 175 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे। ।निफ्टी के गेनर्स और लूजर्स: निफ्टी में शामिल कंपनियों में यस बैंक (2.64 फीसद), भारती इन्‍फ्राटेल (2.29 फीसद), एनटीपीसी (1.50 फीसद), एक्सिस बैंक (1.40 फीसद) और आयशर मोटर्स (1.17) फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए। वहीं, ZEEL (3.74 फीसद), हीरो मोटोकॉर्प (2.83 फीसद), एशियन पेंट्स (2.46 फीसद), डॉ. रेड्डी (2.43 फीसद) और एचसीएल टेक्‍नोलॉजीज (2.26 फीसद) की गिरावट के साथ बंद हुए। ।सेक्‍टोरल सूचकांकों का हाल: सेक्‍टोरल सूचकांकों में सबसे अधिक गिरावट आईटी और फार्मा में दर्ज की गई। ऑटो, एनर्जी और एफएमसीजी सेक्‍टर में भी गिरावट दर्ज की गई। वहीं, मेटल और इन्‍फ्रा सेक्‍टर में खरीदारी की वजह से तेजी देखी गई। ।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41389.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21a54dcbfa31aeff7d973113820c87433141e7d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (पीटीआई)। सोने के भाव में लगातार दूसरे दिन तेजी देखी गई है। अखिल भारतीय सराफा एसोसिएशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को सोने (Gold) की कीमत 150 रुपये बढ़कर 33,020 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। एसोसिएशन के अनुसार, विदेशों में ज्वैलर्स की ताजा खरीदारी के कारण सोने के भाव में यह तेजी आई है। वहीं चांदी (Silver) 225 रुपये की मंदी के साथ 37,325 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। सराफा व्यापारियों के अनुसार, औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की कम लिवाली के कारण चांदी के भाव में यह कमी आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41423.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42f28c5c9b392aab615431753c2c32b36ea9c8c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41423.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्‍क)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने सूचीबद्धता से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने पर जेट एयरवेज और आईएलएंडएफएस (IL&FS) समूह की दो कंपनियों समेत 250 कंपनियों पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 31 मार्च 2019 को समाप्त तिमाही के लिए लगाया गया है। एनएसई ने बुधवार को यह जानकारी दी। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, कंपनियों पर नियमों का अनुपालन नहीं करने पर कुल 8.84 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना लगाया गया। एक्सचेंज ने कहा कि उसका यह कदम बाजार नियामक सेबी के परिपत्र के मुताबिक है, जिसमें लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस डिसक्‍लोजर रिक्‍वायरमेंट (LODR) विनियमों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने के लिए एक स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर रखी गई है। ।कंपनियों पर 1,000 रुपये से लेकर 4.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन समेत 31 कंपनियों पर 4.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। निदेशक मंडल की संरचना से जुड़े एलओडीआर विनियमन के नियम 17 का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 4.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41427.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b344fab52c6fd118fa066a6dbbb085ed0aac6cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (बिजनेस डेस्‍क)। आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज (Jet Airways) में उच्‍च स्‍तर के अधिकारियों के इस्‍तीफे का सिलसिला जारी है। जेट एयरवेज ने आज जानकारी दी कि 'व्‍यक्तिगत कारणों' से चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर विनय दुबे ने तत्‍काल प्रभाव से इस्‍तीफा दे दिया है। स्‍टॉक एक्‍सचेंजों को भेजी सूचना में जेट एयरवेज ने कहा है, 'हम आपको सूचित करना चाहत हैं कंपनी के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर विनय दुबे ने व्‍यक्तिगत कारणों से कंपनी से तत्‍काल प्रभाव से 14 मई 2019 को इस्‍तीफा दे दिया है।' ।इससे पहले जेट एयरवेज के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और डिप्‍टी चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर अमित अग्रवाल ने सोमवार को इस्‍तीफा दिया था। एयरलाइन ने कहा था कि अग्रवाल ने भी व्‍यक्तिगत कारणों से इस्‍तीफा दिया है। ।विनय दुबे ने अगस्‍त 2017 में जेट एयरवेज ज्‍वाइन किया था। इससे पहले वह डेल्‍टा एयरलाइन इंक, सब्रे इंक और अमेरिकन एयरलाइंस में विभिन्‍न पदों पर रह चुके हैं। जेट एयरवेज से पहले वह डेल्‍टा एयरलाइंस के एशिया पैसिफिक क्षेत्र के वाइस प्रसिडेंट थे।  ।आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से ठप पड़ा है। हाल के महीने में इस एयरलाइंस के कई शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों और बोर्ड मेंबर्स ने इस्‍तीफा दिया है। ।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41433.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b34b7872fdd60a80b864a4232898e413df86e805 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चेक आधार स्टेट्स: आपने आधार के लिए आवेदन किया हुआ है और अब तक आपको यह प्राप्त नहीं हुआ है तो आप ऑनलाइन इसका स्टेटस चेक कर सकते हैं। UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर 'माई आधार' टैब से 'अपडेट योर आधार' का चयन करें। आधार जेनरेट हुआ है या नहीं इसके लिए एनरोलमेंट आईडी और सिक्योरिटी कोड दर्ज करें और स्टेट्स चेक करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41456.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4ed0996326ebc4ee2d42b04aa13781d5424b5c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डेट म्युचुअल फंड: डेट म्युचुअल फंड में हुए प्रॉफिट पर टैक्स बचत क्लेम कर सकते हैं। टैक्स एक्सपर्ट और इन्वेस्टमेंट एडवाइजर बलवंत जैन ने बताया कि डेट म्युचुअल फंड पर टैक्स होल्डिंग पीरियड के आधार पर लगाया जाता है। यह दो तरह का होता है...।मान लीजिए आपने कोई चीज 200 रुपये में खरीदी और उसकी मार्केट कॉस्ट कुछ वर्षों में 400 रुपये हो गई। अगर आप उसे 600 रुपये में बेचते हैं तो आपका टैक्सेबल प्रॉफिट 200 रुपये ही माना जाएगा। ऐसे में आपके पास दो विकल्प होंगे बिना इंडेक्सेशन के 10 फीसद और इंडेक्सेशन के बाद 20 फीसद का टैक्स भरने का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41485.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd98be1652ebfa4f6354c828e94c83372311f0e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा और यह भी कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 139 एए के तहत पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) को आधार से लिंक करना अनिवार्य है। अब उपभोक्ताओं को आयकर दाखिल करने के लिए आधार को पैन के साथ लिंक अनिवार्य है। अब न सिर्फ किसी व्यक्ति के लिए आयकर दाखिल करने के लिए पैन लिंक करना अनिवार्य होगा बल्कि पैन कार्ड बनाने के लिए भी उसके पास आधार कार्ड होना भी जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41500.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a62d3ace4188ab180463c49646280cae4a5a7c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि आप अगर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं करा पाते हैं और अपना आधार खो देते हैं, तो उस सूरत में भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूआईडीएआई लोगों को यह अनुमति देता है कि वो अपने आधार कार्ड को ऑनलाइन रीप्रिंट करा सकते हैं। ऐसा करने के लिए ग्राहकों को अपना करेंट मोबाइल नंबर देना होगा जिसमें वन टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41529.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..504697ccd65e18b4640a394e222b62341b233adc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंडिया पोस्ट अपनी डाक सेवा के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट के अंतर्गत तमाम बैंकिंग एवं रेमिटेंस सर्विस उपलब्ध करवाता है। पोस्ट ऑफिस की ओर से उपलब्ध करवाई जाने वाली 9 छोटी बचत योजनाओं में से पोस्ट ऑफिस के रेगुलर सेविंग अकाउंट में जमा पर 4 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है। यह जानकारी इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट indiapost.gov.in पर उपलब्ध है। वहीं इस खाते में जमा पर मिलने वाला 10,000 रुपये तक का सालाना ब्याज भी टैक्स फ्री होता है। एक पोस्ट ऑफिस में सिर्फ एक ही सेविंग अकाउंट खोला जा सकता है। हालांकि इस खाते को एक डाकघर से दूसरे डाकघर में ट्रांसफर करवाया जा सकता है। यह जानकारी भी इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इंडिया पोस्ट देशभर में 1.5 लाख डाकघरों (पोस्ट ऑफिसेज) का संचालन करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41535.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..907c57ab48c2b3d17821de847a9d3e8262e12b52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आपके सभी वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए केवल बचत ही जरूरी नहीं है बल्कि आपको निवेश भी करना होगा। ज्यादातर लोग अपने पैसे बचाने के लिए निवेश करने का विरोध करते हैं क्योंकि निवेश बाजार के जोखिम के अधीन है। हालांकि इसके बावजूद निवेश से आपको अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। निवेश के वक़्त किन जरूरी बबातों का ध्यान रखना ज़रूरी है इस खबर में जानिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41537.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0cf44751c9677162b4acea928999888a9290d0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कुछ खरीदना हो या कोई टिकट बुक करना हो, लोग अक्सर क्रेडिट कार्ड का ही इस्तेमाल करते हैं। क्रेडिट कार्ड एक वक्त तक तो काफी फायदेमंद दिखता है। लेकिन जैसे ही इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होने लगता है और बिल बढ़कर आने लगता है, लोगों को क्रेडिट कार्ड को लेकर टेंशन होने लगती है। हालांकि इसके इस्तेमाल के दौरान यूजर्स को कई सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। आप क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से जुड़ी इन आदतों पर गौर करिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41539.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e741f111977407ed3ff53915da19508ee371d941 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष के दौरान टैक्स बचाने के लिए अगर आपने अब तक किसी भी विकल्प में निवेश नहीं कर रखा है तो हम आपको अपनी इस खबर के माध्यम से ऐसे निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं जहां आप 1,50,000 रुपये तक की टैक्स बचत कर सकते हैं। आपको ये छूट आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलती है। हम अपनी इस खबर में अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के बारे में जानकारी दे रहे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41541.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68dd2c19c3c2084a598eb31707d5bb5dbf32496e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरीपेशा लोग आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह कटौती, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) के व्यक्तियों या सदस्यों के लिए भी उपलब्ध है। इसमें जीवन बीमा पॉलिसियों में निवेश, भविष्य निधि में किया गया योगदान और ईएलएसएस या इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम के अंतर्गत किए गए निवेश पर टैक्स बचाया जा सकता है। ।80सी के अंतर्गत कैसे मिलती है छूट?।बच्चों के फीस में छूट: आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है। इस रकम को 1.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री निवेश राशि में शामिल किया जा सकता है। ट्यूशन फीस को सालाना कमाई से घटा दिया जाता है, इससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है। इसके लिए शिक्षा संस्थान का पूर्णकालिक संस्थान होना जरूरी है। इसमें प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं भी शामिल हैं। यह संस्थान निजी, सरकारी या सरकारी मदद से चलने वाला हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41547.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e815930aa3be095ae473a2eefbd6131a31451d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कमाई के लिए सही निवेश।ज्यादा से ज्यादा कमाई के विकल्प तलाशें। लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं कि आप गलत रास्ता अख्तियार करें। कमाई के जो भी सही रास्ते हैं उनका चुनाव करें। याद रखें रोज एक टोकरी मिट्टी डालेंगे तो एक दिन आपको उसका एक बड़ा अंबार नजर आएगा। अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो आप अपनी पूरी ताकत वही लगाएं जहां पैसे कमाने के मौके अधिक हों। साथ ही आप बचत के साथ निवेश की भी आदत डालें। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41548.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3ba3c568d03feb6e82c37d66ffad68681783da9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 सितंबर को लॉन्च किया था। यह एयरटेल और पेटीएम के बाद तीसरी इकाई है जिसने देश में पेमेंट बैंक सर्विस की शुरुआत की है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) के पास देशभर में 650 शाखाएं और करीब 3,250 एसेस प्वाइंट हैं। ये तीन तरह के सेविंग अकाउंट को खोलने की सुविधा देता है, जिन्हें लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर ही पेश किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41557.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fc0390c66f7520810647b23596604b3a12f6a76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41557.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पैन कार्ड आयकर विभाग के साथ-साथ आपके लिए भी काफी अहम दस्तावेज है। यह आपके पहचान पत्र के साथ-साथ अधिकांश वित्तीय कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपने हाल ही में अपना पैन कार्ड बनवाया है और उसमें दी गई कोई जानकारी गलत हो गई है तो उसमें आसानी से सुधार किया जा सकता है। जानिए पैन कार्ड में हुई गलती को कैसे सुधारें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4156.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe98826f30b23aed4d36473528fda781193183bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिता सलीम खान ने कही ये बात।सलमान ने आगे कहा,'फिल्म देखने के बाद वह मेरे पास आए और आयुष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह भी फिल्म में बहुत अच्छा है। किसी प्रोजेक्ट की शुरुआत में वह भी सोचते हैं कि क्या बना रहा है, किसके लिए बना रहा है, क्यों बना रहा है? लेकिन फाइनल प्रोडक्ट के बारे में मुझे या फिल्म के निर्देशक को ही पता होता है। आप जो भी काम कर रहे हो सबसे पहले आपके परिवार और माता-पिता को उस पर गर्व होना चाहिए कि क्या फिल्म बनाई है मेरे बेटे ने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41565.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe334f7c1100417bce994b4b3abf633157b2e6c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। पश्चिमी दिल्ली की रहने वाली प्रिया सिंह बीते 4 साल से एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रही हैं। बीते साल ही कंपनी में उनका इंक्रीमेंट हुआ और उनकी सैलरी टैक्सेबल ब्रैकेट में आ गई। फरवरी महीने में ही उन्हें अपना टैक्स बचाने के लिए निवेश से जुड़े डॉक्यूमेंट्स जमा कराने हैं। लेकिन उनके सामने मुश्किल यह है कि उन्होंने टैक्स बचाने के लिहाज से कहीं पर भी निवेश नहीं किया, फिर भी वो हर हाल में अपना टैक्स बचाना चाहती है। आमतौर पर करदाता यही जानते हैं कि आप सिर्फ खर्च पर ही टैक्स की बचत कर सकते हैं जबकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है। हम अपनी इस खबर में साक्षी पांड्या जैसे हजारों लोगों को वो समाधान बता रहे हैं जिससे बिना निवेश के भी टैक्स की बचत क्लेम की जा सकती है। इस विषय पर हमने टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता से विस्तार से बात की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41583.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fab78d03dd2a59bd1c49f50e2c60e835d25bd5b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) सुरक्षित एवं बेहतर रिटर्न की तलाश में रहने वाले लोगों के लिए दो बेहतर विकल्प हैं। एफडी में आपको साधारण बचत खाता या चालू खाता की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है। वहीं रेकरिंग डिपॉजिट यानी आवर्ती जमा खाता में आप थोड़ा-थोड़ा करके हर महीने निवेश कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41589.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61978918cd05434f1cdd044c296675583729f5f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41589.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या एनएससी इंडिया पोस्ट की ओर से पेश की जाने वाली नौ छोटी बचत योजनाओं में से एक है, जिसका संचालन आर्थिक मामलों का विभाग करता है। सरकार तिमाही आधार पर छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में संशोधन करती रहती है। 31 मार्च को खत्म होने वाली तिमाही के लिए पोस्ट ऑफिस की एनएससी पर 8 फीसद का ब्याज दिया जा रहा है। यह जानकारी इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट indiapost.gov.in में दर्ज है। इस स्कीम पर मिलने वाली ब्याज दर की गणना सालाना आधार पर की जाती है लेकिन इसका भुगतान मैच्योरिटी पर होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41593.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d80251a9a363a5990c8ac006684d459fdc9ee215 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41593.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +DISHA चैटबोट।रेल यात्रियों के सवालों का जवाब देने के लिए IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर एक आर्टिफीसियल इंटीलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट (DISHA- डिजिटल इंटरैक्शन टू सीक हेल्प एनीटाइम) पेश किया गया है। इस सिस्टम के साथ रेल यात्रा से संबंधित कोई भी प्रश्न जैसे कि टिकट रद्द करने, टिकट बुकिंग, खानपान आदि से संबंधित सवालों का जवाब दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4161.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13b7837a53d88087ef6f40cf97a7c326877c15b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4161.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कबीर बेदी के अलावा फिल्म में अहम किरदार में हैं ज़ाकिर हुसैन, जावेद जाफरी जिनके वृजेश हिरजी,कनन अरुणांचल, अमित बहल, इश्तेयाक खान, सुशील पांडे, रवि झंकल, जय उपाध्याय, दीपक काज़ीर, समीक्षा भटनागर, चिराग वोरा, राजेश खट्टर और सताब्दी रॉय। जो वेस्ट बंगाल में 3 बार मेंबर ऑफ पार्लियामेंट रह चुकी सुपरस्टार और इस फिल्म से बॉलीवुड में अपना हाथ आजमाने जा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41612.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b3d7302c4a2426c200bf301962c49bcf7e05058 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41612.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन वजहों से बंद हो सकता है आपका खाता।एक नाम से दो अकाउंट खुलवाने पर।एक नाम से सिर्फ एक ही पीपीएफ अकाउंट खुलवाया जा सकता है। साथ ही पोस्ट ऑफिस या बैंक में से एक जगह यह अकाउंट खोला जा सकता है। अगर कोई अपने नाम पर दो पीपीएफ अकाउंट खुलवा लेता है तो इनमें से एक अनियमित घोषित कर दिया जाएगा। साथ ही दोनों अकाउंट के मिलान तक कोई ब्याज नहीं मिलेगा। पीपीएफ में ज्वाइंट अकाउंक का प्रावधान नहीं है। अगर कोई ज्वाइंट अकाउंट खोलता है तो इसे अनियमित घोषित किया जा सकता है। वहीं, समय से पहले खाता बंद करना सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही संभव है। आपना खाता 15 वर्षों से पहले बंद करवाने के लिए आपको कम से कम पांच साल पूरे करने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41615.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7a3be320de0885665516cf7e9820ff6d41b7216 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्ष 2019 में कैसा रहेगा बाजार?।डॉ. रवि सिंह ने बताया, "वर्ष 2019 के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल जरूर रहेगा, लेकिन इस वर्ष निवेशकों को काफी अच्छे मौके मिलेंगे, जिसकी कुछ प्रमुख वजहें भी हैं। इसी वर्ष देश में आम चुनाव होने हैं। अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में इजाफे के बाद अब आगे इसके बढ़ने की संभावना कम है लिहाजा बाजार में लिक्विडिटी रहेगी जो कि एक अच्छी बात है। अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार वर्ष 2019 में ठंडा पड़ सकता है। बैंकों के ब्याज दरों की बात करें तो बजट में लोकलुभावन योजनाओं की संभावना से इसके नरम रहने की संभावना है जिससे लोन सस्ता होकर आम लोगों को फायदा होगा साथ ही बैंकिंग सेक्टर को भी।"।किन सेक्टर्स में निवेश करना इस वर्ष रहेगा फायदेमंद?।डॉ. रवि सिंह ने बताया कि इस वर्ष पांच सेक्टर्स के बढ़िया प्रदर्शन करने की उम्मीद है, जो कि सीधे तौर पर निवेशकों को ही फायदा दिलाएंगे। इनमें बैंकिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, आईटी सेक्टर, ऑटो सेक्टर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स। + +डॉ रवि सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार बैंकों के पुनर्पूंजीकरण पर जोर दे रही है जिससे लोन ग्रोथ में सुधार दिख सकता है। यह बैंकों को उनके एनपीए के मुद्दों को सुलझाने के साथ ही सकारात्मक आर्थिक विकास को फिर से तेज करने में मदद कर सकता है। म्युचुअल फंड के अधिकतम निवेश में बैंकिंग सेक्टर भी शामिल है। अगर व्यवहारिक तौर पर देखें तो बैंकिंग सेक्टर में सुधार के बिना भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव संभव नहीं है। अधिकांश सरकारी बैंकों के एनपीए उच्चतम स्तर पर हैं। ऐसे काफी सारे बैंक हैं जिनकी नेट वर्थ उनके नेट एनपीए से अधिक है। अगली 3-4 तिमाहियों में इनमें रिकवरी दिख सकती है, यह जब होगा तब सरकारी बैंक अच्छी स्थिति में होंगे और उनमें एक नई रैली दिख सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41623.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a687e8eeaba8da43a8957e73799a89109ba56258 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है रिवर्स मोर्गेज स्कीम?।रिवर्स मोर्गेज स्कीम को खास तौर पर 60 वर्ष या इससे अधिक की उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो कि अपने घर को बेचे बिना जीवनभर एक नियमित आय चाहते हैं। रिवर्स मोर्गेज होम लोन के उलट एक स्थिति होती है। होम लोन में आपको घर खरीदने की सूरत में हर महीने किश्त जमा करनी होती है जबकि रिवर्स मोर्गेज में घर के मालिक को अपने घर को किश्तों में बेचने का विकल्प मिलता है। इस स्कीम के अंतर्गत हाउस ओनर अपनी मृत्यु के बाद ऋणदाता को अपना घर बेचने पर सहमति जताकर नियमित अंतराल पर धन प्राप्त कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41632.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5f5907c6e70b3fd5cae5f32371b61a814607eba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41632.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि इसके लिए ग्राहकों को कोई पासबुक नहीं मिलेगा। ग्राहकों को ई-मेल के जरिए ऑडियो विजुअल के माध्यम से स्टेटमेंट भेजा जाएगा। एसबीआई डिजिटल बचत खाता में आप अधिकतम 1 लाख रुपये बैलेंस रख सकते हैं। इसके अलावा इस अकाउंट पर चेक बुक के लिए भी अप्लाई किया जा सकता है। इसके लिए रेगुलर चेक बुक जितना ही चार्ज देना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41641.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aece2498d553ebce9a93a928ebea2aeca3fe2b29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और एप डेवलपर्स: पिछले एक दशक में टेक्नोलॉजी का तेजी से विस्तार हुआ है। स्मार्टफोन बेहद आम हो जाने के बाद सॉफ्टवेयर और एप डेवलपर्स की मांग भी बढ़ी है। जावा, सी ++ और अन्य कोडिंग भाषाओं में ट्रेंड लोगों के लिए नए साल में अच्छे नौकरी के अवसर हैं। माइक्रोसॉफ्ट इस वर्ष आईआईटी ग्रेजुएट को 1 करोड़ रुपये से अधिक वेतन का पैकेज दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41643.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5dea9ce39821fdcb4d85432fd8c25f3a9d22aab5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बदलवा लें अपना पुराना एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड: आपको अपने पुराने डेबिट (एटीएम) और क्रेडिट कार्ड को बदलवाना होगा। अगर आपके पास पुराना मैग्नेटिक स्ट्रिप वाला एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड है तो इसे हर हाल में बदलवाकर ईएमवी चिप वाला कार्ड ले लें। ऐसा नहीं करने पर 1 जनवरी से ये पुराने कार्ड काम करना बंद कर देंगे। इसलिए इस काम में देरी न करें और इसे साल खत्म होने से पहले ही बदलवा लें। अगर आपको मालूम करना है कि आपका कार्ड मैगस्ट्रिप कार्ड है या नहीं तो इसके लिए आप अपने कार्ड पर बाईं ओर गौर करें, अगर वहां कोई चिप नहीं लगी है तो वह मैगस्ट्रिप कार्ड है। वहीं अगर आपके कार्ड के ऊपर बाईं ओर कोई चिप लगी है तो यह कार्ड EMV चिप डेबिट कार्ड है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41652.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63e2577de4a6bd4fc5220947476c5b2b0e996843 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास एक पर्मानेंट जॉब होने के बाद भी वह ज्यादा कमाई के लिए पार्ट टाइम जॉब करते हैं। हालांकि एक स्टूडेंट के लिए पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब करना काफी मुश्किल काम होता है। अगर आप भी पार्ट टाइम जॉब करना चाहते हैं तो इस खबर में हम आपको कुछ पार्ट टाइम जॉब के विकल्प के बारे में बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4167.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53a76adfd1bdfd22486b5dd0212bc932a76421af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Chitrangda Singh Bold photos: फिल्म बॉब बिश्वास में अहम भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह ने सोशल मीडिया पर अपनी हालिया फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की है जो कि तेजी से वायरल हो रही हैl चित्रांगदा सिंह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है। वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जाता हैl अब चित्रांगदा ने हाल ही में साड़ी के साथ डीप नेक ब्लाउज पहने तस्वीरें शेयर की है जोकि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl।तस्वीरों में चित्रांगदा सिंह को वाइट कलर की साड़ी और रेड कलर की डीप नेक ब्लाउज पहने देखा जा सकता हैl वह बोल्ड अंदाज में पोज दे रही हैl चित्रांगदा सिंह के बाल खुले हुए हैं और उन्होंने कानों में इअरिंग पहन रखे हैं जो कि काफी खूबसूरत लग रहे हैंl साड़ी और ब्लाउज में चित्रांगदा सिंह काफी खूबसूरत लग रही हैl फैंस चित्रांगदा सिंह की फोटो पर जमकर लाइक और कमेंट कर रहे हैंl वहीं कुछ फैंस फोटो पर दिल की इमोजी और आग की इमोजी शेयर कर रहे हैl।चित्रांगदा सिंह जल्द फिल्म बॉब बिश्वास में नजर आएंगीl इस फिल्म में उनके अलावा अभिषेक बच्चन की अहम भूमिका हैl यह फिल्म कहानी का अगला भाग हैl वह इस फिल्म को लेकर काफी उत्साहित हैंl इस फिल्म में वह काफी अच्छी भूमिका निभा रही हैं। अभिषेक बच्चन फिल्म अभिनेता हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl वह फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के बेटे हैंl अभिषेक बच्चन बॉब बिस्वास में मुख्य भूमिका में हैंl हाल ही में अमिताभ बच्चन ने भी इस फिल्म के ट्रेलर की जमकर सराहना की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41691.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce878ab49ebbe529399a4d9b136d99ed8f5d99f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप बैंकों से जुड़े कामकाज करते हैं तो चेक के बारे में आप जानते ही होंगे। कम ही लोग यह जानते हैं कि बैंकिंग में कैंसल चेक भी होता है। दरअसल, कई बार चेक पर दो लाइन खींचकर उसके बीच में कैंसल लिख देते हैं तो उस चेक के कैंसल चेक माना जाता है। ऐसा करने पर चेक के दुरुपयोग की आशंका खत्म हो जाती है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि कैंसल चेक किसी काम का नहीं रहता। इस चेक को दूसरे कई कामों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41692.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a4486216b5911ecc7ea1dbf425d234cd5aaea15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए सरकार ने एक वेबसाइट लॉन्च की है जिससे बिजनेस लोन के लिए एक घंटे में मंजूरी मिल जाएगी। वेबसाइट से 1 करोड़ रुपये तक के बिजनेस लोन सिर्फ 59 मिनट में मिल जाएंगे। लोन पर ब्याज दर 8 फीसद की दर से शुरू हो रही है। मंजूरी के बाद करीब एक हफ्ते में लोन का वितरण हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41695.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cec5929e49d88e2bcb4d440dc8d99713f18449b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41695.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के सभी बड़े बैंक तय सीमा तक फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं। बैंक ग्राहक एटीएम से एक महीने में निश्चित सीमा तक फ्री ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इस सीमा से ज्यादा ट्रांजेक्शंस पर बैंक फीस वसूलते हैं। हर बैंक की यह फीस अलग-अलग होती है। इसके अलावा यह फीस एटीएम के प्रकार और एटीएम की लोकेशन पर भी निर्भर करती है। आज हम आपके लिए कुछ बैंकों की ट्रांजेक्शन फीस की जानकारी लेकर आए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41717.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2361fc6ef8e66995aff1d33e346c88e2f179d26d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41717.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कुछ लोग एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट रखते हैं। कई बार नौकरी बदलने, दूसरे शहर में शिफ्ट होने या बिजनेस जैसी जरूरतों के लिए भी एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट खुलवा लिए जाते हैं। वहीं कुछ लोग एक बार कोई ऑफर देखकर सेविंग अकाउंट खोल लेते हैं, लेकिन बाद में उसे इस्तेमाल नहीं कर पाते। यह बात कम लोग जानते हैं कि एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट होने के कई नुकसान हैं। आइए जानते हैं कि उन नुकसानों के बारे में-।मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर पेनल्टी।अगर आपके पास एक से ज्यादा सेविंग अकाउंट हैं तो इनमें मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है। कई बैंकों के मिनिमम बैलेंस हजारों में होता है। ऐसे में अगर आप अपने किसी भी एक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाते हैं तो आपको पेनल्टी देनी पड़ती है। पेनल्टी ना चुकाने पर यह धीरे-धीरे बड़ा अमाउंट बन जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41723.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d58763fc0886a13e681b54ccf040b83f298f6306 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41723.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ज्वाइंट होम लोन पर टैक्स संबंधी लाभ।नियमानुसार होम लोन लेने वाला व्यक्ति सेक्शन 80C के तहत मूलधन के भुगतान पर सालाना 1.5 लाख रुपये तक और सेक्शन 24 के तहत ब्याज की रकम पर 2 लाख रुपये तक की छूट का दावा कर सकता है। वहीं अगर आपने ज्वाइंट होम लोन लिया है तो सभी आवेदक टैक्स में छूट के लिए अलग-अलग छूट का दावा कर सकते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो अगर दो आवेदक छूट के लिए अलग-अलग दावा करते हैं तो यह छूट सेक्शन 80C के तहत 3 लाख रुपये तक और सेक्शन 24B के तहत 4 लाख रुपये तक हो सकती है। जिस साल होम लोन से आपके घर बनने का काम पूरा हुआ, आप उस वित्त वर्ष की शुरूआत से टैक्स लाभ का दावा कर सकते हैं। + +टैक्स छूट का दावा करने के लिए रखें इन बातों का ध्यान।टैक्स लाभ का दावा करने के लिए आपको सिर्फ सह-आवेदक नहीं नहीं बल्कि प्रॉपर्टी का मालिक होना भी जरूरी है। इसलिए प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट्स में आवेदक का नाम और उनकी हिस्सेदारी लिखी होनी चाहिए। लोन लेकर खरीदी गयी प्रॉपर्टी के सह-मालिक के रूप में आपको टैक्स छूट का दावा करना होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41732.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e54ebafbbe91ef6917f013bfac9cab1b9600148 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभी तक भूटान जाने वाले लोगों को सरकार द्वारा जारी किए डॉक्युमेंट्स के आधार पर आईडेंटिफिकेशन स्लिप जारी की जाती थी। अब इस स्लिप की जगह आगंतुकों को एंट्री परमिट दिया जाएगा। यह ध्यान देने वाली बात है कि इस परमिट के जरिए आगंतुक केवल पारो और थिंपू की यात्रा कर सकते हैं। अगर आप इन दोनों जगहों के अलावा भूटान की बाकी जगहों पर जाना चाहते हैं तो आपको स्पेशल एरिया परमिट की जरूरत पड़ेगी। यह डॉक्युमेंट्स की जांच-पड़ताल के बाद थिंपू स्थित इमिग्रेशन ऑफिस द्वारा जारी किया जाता है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41737.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91dce9fe118943e02f439fd879eb5f3ec70c18ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बदल सकता है अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी।बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों के अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी बदल सकता है। इसके अलावा अगर इन तीनों में अगर किसी दो बैंकों में आपका अकाउंट है तो आपको दोनों अकाउंट नंबर के लिए एक नई कस्टमर आईडी दी जाएगी। हालांकि, एसबीआई में दूसरे बैंकों के मर्जर के समय अकाउंट नंबर नहीं बदले गए थे, लेकिन होम ब्रांच और ब्रांच कोड बदल गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41742.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd739295e8b73b7127f12330b1085631fdaabdf6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। शेयर खरीदते वक्त निवेशकों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसमें निवेश करने से पहले कई जोखिमों को कवर कर लेना चाहिए। कई बार जोखिम उम्मीद से कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए कुछ अनचाहा होने पर उससे निपटने की तैयारी रखनी चाहिए। निवेशकों के पास रोजमर्रा खर्चा चलाने के लिए पर्याप्त इनकम होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि इसके लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41743.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16af192e7ab6c6cc45e8f81a137c17cd6f85b802 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ग्राहक हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। एसबीआई अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म YONO (योनो) से शॉपिंग करने पर एक्स्ट्रा डिस्काउंट और कैशबैक दे रहा है। इसके लिए बैंक ने टाटा क्लिक, अमेजन, जबॉन्ग, कल्यान, पीसीजे जैसी 85 ई-कॉमर्स कंपनियों से करार किया है। एसबीआई ने कहा कि वह डिजिटल शॉपिंग फेस्टिवल पेश करने वाला पहला बैंक है। यह डिजिटल शॉपिंग फेस्टिवल 16 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान बैंक ग्राहकों को फाइनेंसिंग का भी ऑफर देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41744.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21172cd360c9988b23f570f3a5a99e251d0350f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या होता है एसजीबी ।एसजीबी में निवेशकों को गोल्ड में पैसा लगाने का मौका मिलता है लेकिन उन्हें इसके लिए उन्हें फिजिकल फॉर्म में गोल्ड रखने की जरूरत नहीं होती। स्कीम में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है, जिसकी कीमत इस बुलियन के बाजार मूल्य से जुड़ी होती है। बॉन्ड के मैच्योर होने पर इसे नकदी में भुनाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41748.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c561e047557399d9f041ac6cbe62e65a308096bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने चालू खाते के घाटे को नियंत्रित रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। गैर जरूरी आयात कम करने के लिए कई वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया है। कुछ अन्य चीजों पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है। इन सब के साथ एक वर्ग ऐसा भी है, जो देश के बाहर रहकर इस समस्या के समाधान में मदद कर रहा है। यह वर्ग है विदेशों में बसे करीब दो करोड़ प्रवासी भारतीयों का, जो हर साल अरबों डॉलर रेमिटेंस के रूप में स्वदेश भेज रहा है। रेमिटेंस क्या है? अर्थव्यवस्था के लिए इसका क्या महत्व है? जागरण पाठशाला के इस अंक में यही समझने का प्रयास करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4175.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4175.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f3aa2416f5587e744a36988cd70d66ecce137dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4175.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +17 साल बाद अभिनय में वापसी करने के निर्णय के पीछे क्या वजह रही?।मैं निर्देशन कर रही थी, लेकिन फिल्म ‘सनम रे’ के बाद मैंने तय किया कि ब्रेक लेकर अब एक्टिंग करनी है। तीन साल इंतजार करने के बाद साल 2019 में मुझे यह फिल्म मिली। जब मिलाप जावेरी ने मुझे इस किरदार के लिए अप्रोच किया था, तब मैंने उनसे यही कहा था कि मेरे किरदार में कोई बात होनी चाहिए। सिर्फ फिल्म करनी है, इसलिए किसी किरदार के लिए हां नहीं करना है। मिलाप ने कहा कि मैंने आपके लिए बहुत सशक्त रोल लिखा है। जब मैंने खुद को स्क्रीन पर देखा तो लगा कि शायद ही मैं खुद को इस किरदार में सोच पाती। मैं अपने किरदार विद्या से बहुत अलग हूं। विद्या राजनेता है, बहुत सशक्त है, मैं इमोशनल लड़की हूं। मैं उसकी खूबियां खुद में लाना चाहती हूं। + +आप अक्सर कहती हैं कि आपने करियर में बहुत रिस्क लिए हैं। उनके बारे में बता सकती हैं?।मैं दिल्ली से हूं। जब मुंबई आई थी, तब सिर्फ 17 साल की थी। मैं सोचकर नहीं आई थी कि एक्टर या निर्देशक बनना है। मैं क्रिएटिव हूं तो मेरे अंदर यह भाव था कि कुछ रचनात्मक काम करना है। पहली फिल्म में एक्टिंग करने के बाद लगा कि बहुत कुछ सीखना है। इस वजह से मैंने निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी सीखी। करियर में इसी को रिस्क लेना कहते हैं। ‘यारियां’ और ‘सनम रे’ का निर्देशन करने के बाद मैंने अभिनय में वापसी का फैसला किया। यह अच्छा समय है, क्योंकि बेहतरीन कहानियां लिखी जा रही हैं। अपनी कला को दिखाने का मौका जब तक नहीं मिलता, मैं असंतुष्ट रहती हूं। इसी वजह से मैंने काम की तलाश की, म्यूजिक वीडियोज में काम किया, उनका निर्देशन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41754.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2e0d44073f5e79d72b661f9c8bc00799fb43c40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समय पर करते रहें भुगतान।क्रेडिट कार्ड बैलेंस पर रोज के हिसाब से ब्याज लगता है। इलके अलावा बकाया बैलेंस जितना ज्यादा होगा या जितने लंबे समय तक अकाउंट में रहेगा, आपको उतना ही ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा। इसलिए अपने बैलेंस का पेमेंट करने के लिए ज्यादा समय ना लें। अगर आप समय पर यह भुगतान कर देंगे तो आपको कम ब्याज देना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41757.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd41b42b8a69c60c2cc6872eafddffcf5ef2ee9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41757.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चेक बाउंस होने पर जुर्माने के साथ-साथ सजा का भी प्रावधान है। इसलिए अगर आप चेक से भुगतान करते हैं तो खास सावधानी बरतनी चाहिए। हमेशा उतनी ही रकम का चेक काटें, जितना आपके खाते में बैलेंस हो। अगर आप बैलेंस से ज्यादा रकम का चेक काटते हैं तो चेक बाउंस हो जाएगा। अगर ऐसा होता है तो बैंक इसके लिए जुर्माना वसूल करते हैं। आइये जानते हैं कि कौन सा बैंक चेक बाउंस होने पर कितना जुर्माना वसूल करता है। ।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)।अपर्याप्त राशि की वजह से चेक बाउंस होने पर एसबीआई 500 रुपये प्लस जीएसटी वसूल करता है। अगर किसी तकनीकी खामी की वजह से चेक रिटर्न हुआ तो बैंक 150 रुपये प्लस जीएसटी का चार्ज लेता है। अगर इस पूरी प्रक्रिया में ग्राहक की गलती नहीं है तो बैंक कोई चार्ज वसूल नहीं करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41762.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f02f6e86584715d3b365cac007010e004c96f17c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप म्युचुअल फंड भुनाना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया बहुत आसान है। म्युचुअल फंड से अपना निवेश निकालने के लिए फंड हाउस में आवेदन देना होता है। अगर आप ऑफलाइन यह पैसा निकालना चाहते हैं तो आपको जरूरी ट्रांजेक्शन स्लिप भरनी होगी। यह स्लिप फंड हाउस की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41771.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0842eda3d93767f70a585e47e8975d9d362f0d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरी से अलग अगर आप भी कुछ नया करने की सोच रहे हैं तो प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। पीएमआरपीवाई देश की युवा शिक्षित आबादी के हिसाब से बनाया गया है जो बेरोजगार हैं। दरअसल, पीएमआरपीवाई के तहत आपको अपने कामगार के EPF और ESI की रकम सरकार से मदद के रूप में मिल सकती है। EPF और EPS का नियोक्ता का योगदान (12%) तीन साल तक सरकार देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41779.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f7c62f62c03cd06b1cf4356b4b7c514d32c4e16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41779.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुल कितने खर्च आएंगे इसका अनुमान लगाएं। पहले यह तय कर लें कि वहां भेजने का कुल खर्च कितना आएगा। इसके बाद पूरे पाठ्यक्रम का खर्च जिसमें ट्यूशन शुल्क, रहने के लिए खर्च, यात्रा खर्च अन्य विविध शुल्क पर विचार करें। इससे अनुमानित राशि की जानकारी मिलेगी। जब तक आपका बच्चा पढ़ने के लिए विदेश भेजने योग्य हो जाएगा तब तक आप इस राशि को इकठ्ठा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41788.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52023629733b5ea0e591f07d68cc212780f560a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में आरबीआई ने कटे-फटे नोटों को बदलवाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (नोट रिफंड) नियम, 2009 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नया प्रावधान 6 सिंतबर से ही अमल में आ चुका है। नियमों के मुताबिक, नोट की स्थिति के आधार पर लोग देशभर में आरबीआई कार्यालयों और नामित बैंक शाखाओं में विकृत या दोषपूर्ण नोट को बदलवा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4179.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a650aae0b7927b303382dbaac6642593e52f7dd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में इन दिनों अपने नए गाने 'कुसु कुसु' को लेकर चर्चा बटोर रहीं एक्ट्रेस नोरा फतेही अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं। नोरा फतेही अपने लुक्स की वजह से सोशल मीडिया यूजर्स की पसंदीदा हैं। ऐसे में एक्ट्रेस जब भी अपनी तस्वीरें शेयर करती हैं तो लोग उन पर खूब सारा प्यार बरसते हैं। अब हाल ही में नोरा फतेही ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी कुछ बेहद खूबसूरत तस्वीरें शेयर की हैं। जिन्हें देख उनके फैंस भी उनकी खूबसूरती के दीवाने हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41797.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c30f3962221a057e6fd0a014de17ae8527a7662 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उल्लेखनीय है कि साल 2018 की शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक ने कहा था कि बैंक चाहता है कि कई कंपनियों के साथ मिलकर को-ब्रांडेड कार्ड लॉन्च की जाए। इस पर देश के सबसे बड़े ऋणदाता एसबीआई कार्ड के एमडी एवं सीईओ हरदयाल प्रसाद ने कहा कि पिछले कुछ सालों से स्वास्थ्य सेवाओं पर सालाना खर्च 30 फीसद की दर से बढ़ रहा है। देश में इस समय सबसे ज्यादा युवा हैं। ऐसे में उम्र बढ़ने के साथ लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च और बढ़ जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41801.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b284b49fac9ce0bd1d065a77140b988643feb88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41801.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाभार्थियों की सूची में नाम ऐसे जानें: आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (एबी-एनएचपीएम) को लागू करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी (एनएचए) ने एक वेबसाइट तथा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिसके जरिए यह पता किया जा सकता है कि लाभार्थियों की अंतिम सूची में किसी व्यक्ति नाम है या नहीं। इसके लिए कोई व्यक्ति आयुष्मान भारत की वेबसाइट mera.pmjay.gov.in पर अपना नाम चेक कर सकता है या फिर हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल भी कर सकता है। लाभार्थी को अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा, जिस पर ओटीपी के जरिए सत्यापन होगा और उसके बाद बिना किसी दस्तावेज के केवाईसी (अपने कस्टर को जानिए) की ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। ।कौन उठा सकता है लाभ?।वे सभी लोग जिनकी भी पहचान गरीब और वंचितों के तौर पर हुई है वो इसके तहत आएंगे। 10.74 करोड़ परिवारों को इसका फायदा मिलेगा। ।कैसे करे क्लेम?।लाभार्थी पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल से कैशलेस इलाज का क्लेम कर सकते हैं। इस योजना के तहत तय कसौटी वाले प्राइवेट अस्पताल ऑनलाइन पैनल में रखे जाएंगे। साथ ही लाभार्थी देश के किसी भी अस्पताल में जा सकेगा। इसके लिए नीति आयोग कैशलेस या पेपरलेस ट्रीटमेंट के लिए आईटी फ्रेमवर्क विकसित करेगा।  ।केंद्र और राज्य सरकार ऐसे करेगी अमल? ।आयुष्मान भारत को राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन मिशन एजेंसी देखेगी, जबकि राज्य स्तर पर स्टेट हेल्थ एजेंसी इसकी निगरानी करेगी। ।राशि का बंटवारा: केंद्र SHA को एस्क्रो अकाउंट से सीधे पैसे भेजेगा। इसकी लागत को केंद्र और राज्य सरकारें आपस में बांट लेंगी। इसके लिए राज्यों को अपना शेयर उपलब्ध कराना जरूरी होगा। इस योजना की मौजूदा अनुमानित लागत 12 हजार करोड़ रुपये है। इस योजना में सरकार की तरफ से तय पैकेज रेट पर इलाज मिलेगा। फ्रॉड को रोकने के लिए आईटी प्लैटफॉर्म नजर रखेगा। इसका रेट राज्य, संघ शासित प्रदेश एक दायरे में बदल सकेंगे। आयुष्मान भारत योजना में 50 करोड़ लोग शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41807.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b0d66f3c329d0f0a92bbdc7dad5f84114bfa430 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41807.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। क्या केंद्र एवं राज्य सरकार के मंत्री और उनके अधिकारी यह बात नहीं जानते कि ईंधन की कीमतें सरकारों को बड़ा आर्थिक नुकसान दे सकती हैं? बेशक जानते भी हों, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संकेतों और देश की वर्तमान स्थितियों के आगे सरकारें बेबस हैं। ऐसे में देश के आम आदमी को राहत न दे पाने को लाचार सरकारें अगर वाकई में इस दिशा में कुछ करना चाहती है तो उन्हें बड़े नीतिगत फैसले लेने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41812.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c19bf7a40cd98d3509cadcaa185c1009b202e1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अधिकांश भारतीय नागरिकों को करेंसी एक्सचेंज के बारे में बहुत कम जानकारी होती है, लेकिन जब कोई व्यक्ति काम या शिक्षा के लिए विदेश जा रहा हो तब यह एक जरूरत बन जाती है। वैसे तो पहली बार करेंसी एक्सचेंज सुनने में थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन थोड़े रिसर्च के बाद आप इसे आसानी से समझ सकते हैं। हम इस खबर में कुछ ऐसी जरूरी बातें बता रहे हैं जिसे आपको करेंसी एक्सचेंज के वक्त ध्यान रखना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41815.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..094de482cbbec62ba5befc3ed21d611a569f9568 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41815.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रबंधन खर्च: एक बार बजट निर्धारित होने के बाद आपके लिए खर्चों का प्रबंधन करना थोड़ा आसान हो जाएगा। आपको अपनी 'जरूरतों' और 'इच्छाओं' को समझना होगा। यह हमेशा याद रखें कि इंसान अपनी इच्छाओं के बिना जीवित रह सकता है, लेकिन अपनी जरूरतों के बिना नहीं। आप चाहें तो लग्जरी खर्चों पर लगाम लगाकर पैसा बचा सकते हैं। खर्च का पैसा एक अलग खाते में रखें और बचत वाला पैसा एक अलग खाते में जमा करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41817.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff11f5ce6f56079059d7fbf1d4187fdb173ebea4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए एडवांस टैक्स की दूसरी किश्त जमा करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। ऐसे में आपके पास सिर्फ दो दिन का ही समय बचा है आज और कल। आयकर विभाग इस संबंध में करदाताओं को लगातार याद दिला रहा है कि वो समय पर इसका भुगतान कर दें। समय पर इसका भुगतान न करने की सूरत में आपको ब्याज का भी भुगतान करना पड़ सकता है। करदाता इसका भुगतान ऑनलाइन माध्यम से भी कर सकते हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि एडवांस टैक्स का भुगतान सितंबर, दिसंबर और मार्च में किश्तों के आधार पर जमा किया जाता है। ।क्यों भरा जाता है एडवांस टैक्स?।एक वित्त वर्ष के दौरान अगर आपकी टैक्स देनदारी 10,000 रुपए से ज्यादा की बैठ रही है तो आपको एडवांस टैक्स देना होगा। अगर आप इसका भुगतान नहीं करते हैं तो आपको आयकर की धारा 234B और 234C के तहत ब्याज का भी भुगतान करना होगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप एडवांस टैक्स का भुगतान कर दें। वहीं सीनियर सिटीजन होने की सूरत में (अगर वह कोई बिजनेस नहीं कर रहा है तो) उसे एडवांस टैक्स का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41830.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..855f263e5673225f069263b8c03702a80bbef671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कई बार लोग अपनी नौकरी छोड़ कुछ नया शुरू करना चाहते हैं। नौकरी छोड़ने के पीछे की वजह कुछ भी हो सकती है, मसलन नौकरी में असंतोष, ग्रोथ नहीं मिलना या बेहतर संभावनाओं की तलाश। कारण जो भी हो, नौकरी छोड़ने की प्लानिंग पहले ही कर लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो हो सकता है कि आगे चलकर आपको वित्तीय संकट से जूझना पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41833.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22afc599cc1445db3f42dfb84a42dfbc72956407 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मलेशिया।यह देश अपने फिरोज़ा पानी, समुद्र तट, सुखद वातावरण के लिए जाना जाता है। मलेशिया घूमने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया में एक प्रमुख पर्यटक केंद्र है। यदि आप समूह में हैं तो 13,000 रुपये में ठहर सकते हैं। यहां कुआलालंपुर, मिरी, कंगार, सरवाक, लैबआन, पेंगकोर, रेडांग द्वीप, कपास द्वीप, अबांग द्वीप आदि जैसी जगह घूमी जा सकती हैं। कोच्चि से कुआलालंपुर तक फ्लाइट के लिए 7,102 रुपये खर्च करने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41838.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b21554e64ac61f0e48a294e1a6dc8a40f5be1981 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वित्तीय लाभ: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नकद वापसी और छूट जैसे ऑफर दिए जा रहे हैं। आपको जैसी जरूरत हो उस हिसाब से आप पेमेंट का विकल्प भी चुन सकते हैं। कार्ड से पेमेंट करने पर पेट्रोल खरीदने पर छूट, रेल टिकट पर छूट, बीमा खरीदने जैसे कई छूट मिलते हैं। ई-वालेट कंपनियां कैशबैक ऑफर, रिवार्ड पॉइंट्स भी देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41839.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4de6058c6a497f2c5839ff0090b61e02f2bb2ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। करोड़ों यात्रियों को हर रोज सफर करवाने वाली इंडियन रेलवे ऐसी काफी सारी सुविधाएं स्टेशनों और ट्रेन के भीतर उपलब्ध करवाती है जिसके बारे में बेहद कम लोगों को ही जानकारी होती है। रेलवे अपने यात्रियों के सफर को खुशनुमा बनाने के लिए स्टेशनों पर तमाम सुविधाएं देती है। अगर आप रेलवे की इन खास सुविधाओं के बारे में नहीं जानते हैं तो यह खबर बेशक आपके काम की है। हम आपको बताएंगे कि रेलवे कौन कौन सी खास सुविधाएं देती है साथ ही आप इनका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41851.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6c9a8366ed9a7c590760a056cac4ed9439bcf19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) की ओर से कन्फर्म तत्काल टिकट/डुप्लीकेट तत्काल टिकट के कैंसिल किए जाने की सूरत में रिफंड का फायदा उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। हालांकि सिर्फ कुछ ही सूरतों में रिफंड की सुविधा मिलती है। यह जानकारी इंडियन रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41862.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c6aaf101c1bf47c755f350f6f065e642585159e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरीपेशा लोगों के पास (सरकारी और प्राइवेट नौकरी) अक्सर बैंकों की ओर से क्रेडिट कार्ड लेने के ऑफर्स आते रहते हैं। कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले आकर्षक ऑफर्स के कारण अक्सर लोग काफी सारे क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं और उनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। ऐसे में लोग इन कार्ड का इस्तेमाल तो आसानी से कर लेते हैं लेकिन बिल के भुगतान में देरी हो जाती है जिससे उनका सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है। बैंक से लोन लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं क्या है क्रेडिट स्कोर..।क्या होता है क्रेडिट स्कोर?। क्रेडिट स्कोर से पता चलता है कि आपने पहले कितना लोन ले रखा है और उसका भुगतान समय पर किया है या नहीं। बैंक कोई भी कर्ज देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर चेक करते हैं। आपको क्रेडिट कार्ड देने के पहले भी सिबिल स्कोर चेक किया जाता है। अगर आपने नियमित कर्ज चुकाया है तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है। जितना अच्छा क्रेडिट स्कोर होता है, उतनी ही आसानी से कर्ज मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41867.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8067bb24652ca3be83fe8e7d691c70943281a662 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41867.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानिए बड़ी बातें:।कौन उठा सकता है लाभ?। वे सभी लोग जिनकी भी पहचान गरीब और वंचितों के तौर पर हुई है वो इसके तहत आएंगे। 10.74 करोड़ परिवारों को इसका फायदा मिलेगा। ।कैसे करे क्लेम?। लाभार्थी पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल से कैशलेस इलाज का क्लेम कर सकते हैं। इस योजना के तहत तय कसौटी वाले प्राइवेट अस्पताल ऑनलाइन पैनल में रखे जाएंगे। साथ ही लाभार्थी देश के किसी भी अस्पताल में जा सकेगा। इसके लिए नीति आयोग कैशलेस या पेपरलेस ट्रीटमेंट के लिए आईटी फ्रेमवर्क विकसित करेगा।  ।केंद्र और राज्य सरकार ऐसे करेगी अमल? । आयुष्मान भारत को राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन मिशन एजेंसी देखेगी, जबकि राज्य स्तर पर स्टेट हेल्थ एजेंसी इसकी निगरानी करेगी। ।राशि का बंटवारा: केंद्र SHA को एस्क्रो अकाउंट से सीधे पैसे भेजेगा। इसकी लागत को केंद्र और राज्य सरकारें आपस में बांट लेंगी। इसके लिए राज्यों को अपना शेयर उपलब्ध कराना जरूरी होगा। इस योजना की मौजूदा अनुमानित लागत 12 हजार करोड़ रुपये है। इस योजना में सरकार की तरफ से तय पैकेज रेट पर इलाज मिलेगा। फ्रॉड को रोकने के लिए आईटी प्लैटफॉर्म नजर रखेगा। इसका रेट राज्य, संघ शासित प्रदेश एक दायरे में बदल सकेंगे। आयुष्मान भारत योजना में 50 करोड़ लोग शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41874.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d161545e6fe29cc2f9fb96afcf7f01a2df04b536 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क) जेट एयरवेज अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए टिकट पर सेल ऑफर लेकर आया है। इसके तहत एम्स्टर्डम, पेरिस, लंदन, मैनचेस्टर, टोरंटो और दुबई की यात्रा की जा सकती है। एयरलाइन की वेबसाइट jetairways.com के मुताबिक सेल ऑफर प्रीमियर और इकोनॉमी क्लास बुकिंग पर उपलब्ध है। इस ऑफर का लाभ लेने के लिए कस्टमर्स को 25 अगस्त, 2018 से पहले बुकिंग करानी होगी। वहीं 16 सितंबर, 2018 के बाद यात्रा की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक, मैनचेस्टर की यात्रा 5 नवंबर, 2018 को या उसके बाद की जा सकती है। ।जेट एयरवेज के अनुसार, यह ऑफर केवल सिलेक्टेड बुकिंग क्लास पर मिलेगा। साथ ही चाइल्ड डिस्काउंट, तारीख में बदलाव, फ्लाइट में बदलाव, रिफंड, वीकेंड सरचार्ज, ब्लैकआउट पीरियड या यात्रा प्रतिबंध का उल्लेख किराया नियमों में लागू होगा। जेट एयरवेज एक अन्य ऑफर में 'सीट सिलेक्ट' ऑफर भी लेकर आया है, जिसके तहत कस्टमर अपनी पसंदीदा सीट का चयन बस 200 रुपये में कर सकते हैं। यह ऑफर 31 अगस्त तक मान्य है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41881.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fecd28185034f82d40d2af5a463a9804d38444f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2016-17 (आकलन वर्ष 2018-19) के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2018 निर्धारित है। पहले यह 31 जुलाई 2018 निर्धारित थी लेकिन इसमें एक महीने का विस्तार दे दिया गया। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान आपको हर तरह से प्राप्त होने वाली आय का खुलासा करना होता है। ऐसा न करने की सूरत में आप मुश्किल में आ सकते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको 5 ऐसे स्रोतों से होने वाली आय के बारे में बता रहे हैं जिनका उल्लेख आपक अपने आईटीआर में हर हाल में करना चाहिए। जानिए इनके बारे में...।ब्याज आय: सेविंग, रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट पर होने वाली ब्याज आय कर योग्य होती है। आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत "अन्य स्रोतों से आय" के रूप में इन्हें कर योग्य माना जाता है। इनका खुलासा रिटर्न में करना होता है। वहीं अगर बैंक की ओर से इस तरह की आय पर टीडीएस कटौती की गई है तो आपको फॉर्म 16A के अंतर्गत इस टीडीएस की डिटेल देनी होगी। सिर्फ सेविंग अकाउंट पर 10,000 रुपये तक की छूट मिलती है, बाकियों के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41906.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81b4bcdbcc27edbc9b1969d352c0c4577b3bf6e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे हुई नोटों की शुरुआत: नोट के शुरू होने का इतिहास जितना पुराना है इसकी कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। हुआ यूं कि दौर था पहले विश्वयुद्ध का और देश में हुकूमत चल रही थी अंग्रेजों की। उस दौरान एक रुपये का सिक्का चला करता था जो चांदी का हुआ करता था, लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई थी। इसके बाद ब्रिटिश हुकूमत ने साल 1917 में एक रुपये का नोट जारी किया। इस नोट पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी हुई थी। आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक एक रुपए के नोट की छपाई को 1926 में पहली बार बंद किया गया, क्योंकि इसकी लागत ज्यादा थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41912.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e15b307d06a8620b2a7783aa5bc37ae05461e00d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूजर आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर अपना अकाउंट लाग-इन कर बोर्डिंग स्टेशन का नाम बदल सकते हैं। इंडियन रेलवे उस सूरत में बोर्डिंग स्टेशन के नाम में बदलाव की अनुमति नहीं देती है जब टिकट ऑफलाइन मोड में बुक किया गया हो। जिस भी यात्री ने आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक कराया हो वो ट्रेन के डिपार्चर से 24 घंटे पहले तक बोर्डिंग स्टेशन के नाम में बदलाव कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4193.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f8f97e0022b88eb99fd0a3a4265be0f1471cf3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के एक्शन हंक जॉन अब्राहम की फिल्म सत्यमेव जयते 2 गुरुवार को सिनेमाघरों में पहुंच चुकी है। मिलाप जवेरी के निर्देशन में बनी फिल्म में दिव्या खोसला कुमार फीमेल लीड में हैं। इस फिल्म के जरिए दिव्या ने लगभग 17 साल बाद बाद एक्टिंग में वापसी की है। मगर, क्या आपको पता है कि दिव्या ने बॉलीवुड में अपनी पारी अक्षय कुमार के साथ शुरू की थी और फिल्म थी अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41936.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dafa129ac1868d5fba06674bd31f68fea0d6bf71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41936.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। केंद्र सरकार उधार लेने के लिए बांड और ट्रेजरी बिल (टी-बिल) जैसी गवर्नमेंट सिक्युरिटीज जारी करती है। बांड एक वर्ष या इससे अधिक अवधि के लिए धनराशि उधार लेने के मकसद से जारी किए जाते हैं, जबकि टी-बिल एक साल से कम अवधि के लिए जारी किए जाते हैं। लेकिन सरकार को जब महज कुछ हफ्ते या एक-दो महीने जैसी छोटी अवधि के लिए धनराशि उधार लेने की जरूरत पड़ती है तो वह ‘कैश मैनेजमेंट बिल’ का सहारा लेती है। + +2010 में हुई थी सीएमबी की शुरुआत: ।भारत में ‘कैश मैनेजमेंट बिल’ के जरिए थोड़े समय के लिए धनराशि उधार लेने की शुरुआत 2010 में हुई थी। सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) से विचार विमर्श कर यह नया इंस्ट्रूमेंट शुरू किया था। अमेरिका में भी यूएस ट्रेजरी थोड़े समय के लिए धनराशि उधार लेने को कैश मैनेजमेंट बिल जारी करता है। + +सिर्फ 91 दिन से कम अवधि के लिए ही जारी होता है।असल में ‘कैश मैनेजमेंट बिल’ बिल्कुल टी-बिल की तरह ही होते हैं। फर्क बस इतना है कि ये सिर्फ 91 दिन से कम की अवधि के लिए ही जारी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए चालू वित्त वर्ष में सरकार ने चार जून को 21 दिन की परिपक्वता अवधि का कैश मैनेजमेंट बिल जारी कर 20,000 करोड़ रुपये उधार लिए। इसी तरह सरकार ने 11 जून को 70 दिन, 25 जून को 45 दिन और 10 जुलाई को फिर 70 दिन की अवधि के सीएमबी जारी किए। माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों में जीएसटी संग्रह और अग्रिम कर भुगतान अपेक्षानुरूप न रहने तथा अधिक राशि के रिफंड जारी करने के चलते नकद उपलब्धता में अंतर की स्थिति बनी थी, जिसे दूर करने के लिए सीएमबी जारी किए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41937.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..abc9f1bc7bb364a14d87f927984a86427c5f934b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है नियम का फायदा?।कभी-कभी ऐसा भी होता है जब आपके पास रेलवे की कन्फर्म टिकट होती है, लेकिन किसी कारणवश आपको यात्रा कैंसिल करनी पड़ जाती है, ऐसे में अगर आप अपनी जगह किसी और को भेजना चाहें वो वह (आपकी टिकट) टिकट उसके नाम ट्रांसफर की जा सकती है। हालांकि आपको यह काम यात्रा के 48 घंटे पहले करना होगा। यानी अगर आप चाहें तो आप अपने पारिवारिक सदस्य को अपनी टिकट ट्रांसफर कर उसे यात्रा पर भेज सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41942.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbbec30839f0db6826b86b4dbc135fd8876f8920 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41942.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फार्म-16: अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आईटीआर के दौरान फार्म-16 होना बहुत जरूरी है। यह आपको आपके इम्प्लॉयर की तरफ से मिलता है। इसमें कर्मचारी की सैलरी, एचआरए, मेडिकल रिंबर्समेंट और सेक्शन 80 सी के तहत किए गए निवेश की पूरी जानकारी रहती है। इस फार्म में किसी वित्तीय वर्ष में आपको दी गई पूरी सैलरी और टीडीएस की जानकारी होती है। + +सेक्शन 80D से 80U के तहत कटौती: सेक्शन 80सी के तहत टैक्स सेविंग निवेश और खर्च के अलावा, ऐसे कुछ खर्चे होते हैं जिनपर आयकर एक्ट के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है। जैसे कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान भुगतान किये गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर एक साल में 25000 रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41952.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5432a6e635e0bac76a0e6ecd70eb3868e830d3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने एक लाइव स्ट्रीमिंग मैकेनिज्म डेवलप किया है जो कि यात्रियों को अनुमति देगा कि वो देख सकें कि जो खाना उन्हें यात्रा के दौरान परोसा जाता है वो कैसे बनता है। रेलवे में जो खाना यात्रियों को दिया जाता है वो नेशनल ट्रांसपोर्टर के विभिन्न बेस किचन में तैयार और पैक्ड किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41957.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32f88154e1a1b0d435387be13d553f1b78fcba5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आपने बीते साल आईटीआर फॉर्म भरा था तो इस बार आपको फॉर्म में कुछ बदलाव दिखाई पड़ेंगे। बीते वर्ष में आईटीआर फाइलिंग के दौरान आपसे एक विशेष जानकारी मांगी गई थी, लेकिन इस बार आपको यह जानकारी नहीं देनी होगी। हम अपनी इस खबर में आपको बता रहे हैं कि इस बार आपको कौन सी जानकारी अपने आईटीआर में नहीं देनी होगी। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41960.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..daf0350d297051aa792a9c7f31a12cdd6777ae97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। अगर आप हाल फिलहाल में बैंक से लोन लेने का विचार बना रहे हैं तो बीते कुछ वर्षों के दौरान दाखिल किया गया आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) आईटीआर आपके काम आ सकता है। वहीं आईटीआर भरना पासपोर्ट बनवाने के दौरान भी आपकी मदद कर सकता है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। अगर आप इस तारीख तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं को आपको दो बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हमने इस बारे में टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता से बात की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41975.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2b41dd5ff204350987e514795610a1fc199f312 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किन सूरतों में आ सकता है नोटिस:।इस तरह का नोटिस आने की तीन सूरतें होती हैं.....।जानिए किस तरह के नोटिस का क्या मतलब होता है...।सेक्शन 143 (1): आयकर की इस धारा के अंर्तगत भेजे गए नोटिस का मतलब Intimation Notice होता है। यह नोटिस बताता है कि आपकी ओर से फाइल किए गए रिटर्न में क्या गलतियां हैं। इसलिए बेहतर रहेगा कि आप अपने ऊपर बनने वाली कुल टैक्स देनदारी का भुगतान कर दें। ऐसा करने से यह नोटिस अपने आप खारिज हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41980.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52053dfba5535ab93a24494f9642c039a6d3824a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41980.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फेसबुक डेटा ब्रीच मामले के बाद यूजर्स अपने आधार डेटा के गलत इस्तेमाल को लेकर सजग हो गए हैं। मार्केट रिसर्च एंड एनालिसिस कंपनी विलोसिटी एमआर की ओर से की गई नेशनल स्टडी में पता चला है कि 10 में 8 लोग अपने आधार डेटा सिक्योरिटी को लेकर चिंतित हैं और उन्हें लगता है कि सरकार को ऑनलाइन डेटा प्रोटेक्शन में हस्तक्षेप करना चाहिए। ऐसे में वो सभी लोग जो अपना यूनिक बायोमैट्रिक नंबर साझा नहीं करना चाहते, वे आधार वर्चुअल आईडी (वीआईडी) का इस्तेमाल कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41987.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc9f13ca4a1c6c725839b7a00a163931d50608b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोटे तौर पर समझें तो प्रत्येक देश में यह देखा जाता है कि वहां नया कारोबार शुरू करने में कितने दिन लग रहे हैं, कंस्ट्रक्शन परमिट लेने में कितना समय लग रहा है और बिजली कनेक्शन पाने में कितने दिन लग रहे हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग तैयार करने वाली टीम सरकारी अधिकारियों, कारोबारियों, शिक्षाविदों, चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म से फीडबैक लेकर यह डाटा जुटाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_41992.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_41992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5ca36bfc3630ac3a2ab206d98c3acb68b17e2b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_41992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्नाटका बैंक ने बढ़ाई MCLR: कर्नाटका बैंक ने भी अपनी एमसीएलआर को संशोधित कर दिया है और नई दर 1 अप्रैल 2018 से प्रभावी है। एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर बढ़कर 8.80 फीसद हो गई है जो कि पहले 8.75 फीसद हुआ करती थी, वहीं छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 8.45 फीसद हो गई है जो कि पहले 8.35 फीसद थी। वहीं एक महीने की एमसीएलआर 8.30 फीसद से बढ़ाकर 8.40 फीसद कर दी गई है और ओवरनाइट एमसीएलआर 8.25 फीसद से बढ़कर 8.35 फीसद हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42019.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..577b468a0c18c54ed9423b029261b5d555b712d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खुदरा महंगाई। खुदरा महंगाई दर का आकलन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) के आधार पर किया जाता है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के लिए इसका आकलन अलग-अलग होता है। परिवार जिन वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करते हैं, उन्हें सीपीआइ बास्केट में शामिल किया जाता है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के लिए 448 और शहरी क्षेत्रों के लिए 460 वस्तुएं व सेवाएं शामिल हैं। इसमें खाद्य वस्तुओं व शिक्षा, स्वास्थ्य और मकान के किराए जैसी सेवाओं पर खर्च भी शामिल है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय हर महीने की 12 तारीख को पिछले महीने के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी करता है। इसका इस्तेमाल रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तय करने के लिए करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42033.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56109192c78d1fa2bff1a86d649bcb4486c2bfc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन: चीन में किसी भी व्यक्ति पर लगने वाला टैक्स उसकी आय की श्रेणी के आधार पर तय किया जाता है। चीन के आईआईटी कानून ने निजी आय को 11 श्रेणियों में विभाजित किया हुआ है। इनमें इंप्लॉयमेंट इनकम, रॉयल्टी इनकम, रेंटल इनकम आदि शामिल हैं। किसी भी व्यक्ति पर लगाया जाने वाला पर्सनल इनकम टैक्स रेट 45 फीसद है। विभिन्न आय के स्त्रोत जैसे श्रम, पेंशन, ब्याज और लाभांश पर लगने वाला टैक्स वर्ष 2003 से वर्ष 2016 तक 45 फीसद था। चीन को नवंबर 2017 में पर्सनल इनकम टैक्स से 84.6 बिलियन युआन का राजस्व प्राप्त हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42037.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2141554b5f700788db63e924755d1744a29acd4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लेकिन आपमें से शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि आखिर जनता की लिए बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की जाती है उसके लिए आखिर पैसा कहां से आता है और सरकार पैसा खर्च कहां करती है? दैनिक जागरण की बिजनेस टीम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको यह बताने की कोशिश करेगी कि आखिर सरकार के पास पैसा कहां से आता है और किन मदों में वह इसे खर्च करती है?।इन जगहों से सरकार के पास आता है पैसा:।उदाहरण से समझिए। अगर सरकार के पास 1 रुपए की कमाई होती है तो यह पैसा निम्नलिखित मदों से आता है-।यानी सरकार अगर 1 रुपए (100 पैसे) की कमाई करती है तो.... ।किन-किन मदों में पैसा खर्च करती है सरकार?।सरकार को अगर एक रुपए की कमाई होती है तो वो इसे इन मदों में खर्च करती है....।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42039.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5541075ebe77f2bdebaad0ad7cdb8cbf71c5fcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42039.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किस वर्ष के बजट में लगा सबसे ज्यादा कर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे मोरार जी देसाई के नाम बजट के संबंध में तीन रिकॉर्ड दर्ज हैं। पहला सबसे ज्यादा बजट (10) पेश करने का, दूसरा दो बार अपने जन्मदिन पर बजट पेश करने का और तीसरा बजट में सबसे ज्यादा कर दर प्रस्तावित करने का। 1962-63 को पेश किए गए बजट में सबसे ज्यादा कर दर प्रस्तावित की गई। इसमें आय और सुपर टैक्स की संशोधित दर संरचना में सर्वोच्च स्लैब की दर 72.5 फीसद प्रस्तावित की गई थी। इसमें कोई सरचार्ज शामिल नहीं किया गया था, हालांकि इस बजट में 5,000 से कम कमाई करने वालों के लिए तय टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42041.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3f2738e7452b44ce4705fafafaf94e746087de4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कौन-कौन से अधिकारी होते हैं कैद: बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान कैद होने वाले अधिकारियों में वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ, विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स को नॉर्थ ब्लॉक में कैद मिलती है। ये लोग इस दौरान अपने परिवार से भी बात नहीं कर पाते हैं। अगर परिजनों को अपने पारिवारिक सदस्य को कोई बहुत जरूरी सूचना भी देनी होती है तो वो दिए गए एक नंबर पर सिर्फ संदेश भर भेज पाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42042.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42042.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59313182567159dc6ad34b1aa74ef697d3a01e20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42042.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबसे ज्यादा बजट पेश करने वालों में कौन कौन शामिल: अगर सदन में सबसे ज्यादा बार देश का आम बजट पेश करने की बात की जाए तो इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई सबसे आगे हैं। उन्होंने करीब 10 बार सदन में आम बजट पेश किया है। उनके बाद नंबर आता है कांग्रेस के बड़े नेता पी चिदंबरम का जो कि उनसे थोड़ा ही पीछे हैं उन्हें 9 बार बजट पेश करने का मौका मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42050.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f7fb97927b1e6e73fefe8395457fc1b6af5aaf4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बजट में कुल 11 दस्तावेज शामिल होते हैं:।1. वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement)।2. डिमांड ऑन ग्रांट (Demand for Grants)।3. एप्रोप्रिएशन बिल (Appropriation Bill)।4. फाइनेंस बिल (Finance Bill)।5. वित्त विधेयक में प्रावधान की व्याख्या का ज्ञापन (Memorandum Explaining the Provisions in the Finance Bill)।6. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रासंगिक एवं व्यापक आर्थिक।ढ़ांचा (Macro-economic framework for the relevant financial year)।7. वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय रणनीति का ब्यौरा (Fiscal Policy Strategy Statement for the financial year)।8. मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति का वक्तव्य (Medium Term Fiscal Policy Statement)।9. एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-1 (Expenditure Budget Volume -1)।10. एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-2 (Expenditure Budget Volume -2)।11. रिसीप्ट्स बजट (Receipts Budget)।जानिए इन सभी के बारे में:।वार्षिक वित्तीय विवरण: संसद के दोनों सदनों के समक्ष भारत सरकार एक वित्त वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करती है, जिसे वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है। संविधान के अनुच्छेद 112 में इसका उल्लेख है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42059.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37b230504f42b5899b44cf78b840ac20b41e189f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42059.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आए उतार चढ़ाव।सन 2000 ओल्ड मंक दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम रही लेकिन इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कपिल मोहन को कुछ झटके भी लगे। इस साल कंपनी और परिवार को तब तगड़ा झटका लगा जब वीआर मोहन के बेटे और कपिल मोहन के भतीजे ने परिवार से अलग होते हुए कंपनी की लखनऊ स्थित फेसिलिटी पॉन्टी चड्ढा को बेच दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42080.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d416bee241f7be4b7fe74d3fccd14dccc428e45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत 22 में कौन कौन कंपनियां शामिल: भारत-22 ईटीएफ में सीपीएसई, पीएसयू बैंक और एसयूयूटीआई की कंपनियां शामिल होंगी। अगर सीपीईसी की बात करें तो इसमें कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, आईओसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पीएफसी, कोल इंडिया, ओएनजीसी, गेल, एनर्जी इंडिया लिमिटेड, रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड शामिल हैं। वहीं भारत-22 ईटीएफ में 6 सेक्टर भी शामिल होंगे। ये आधारभूत सामग्री, ऊर्जा, वित्त, एफएमसीजी, औद्योगिक और उपभोक्ता सेवा से जुड़ी कंपनियां हैं। भारत-22 ईटीएफ में सेक्टोरल शेयर लिमिट 20 फीसदी तय की गई है, जबकि ईटीएफ में कंपनी विनिवेश पर लिमिट 15 फीसदी तय की गई है। इसमें तीन बैंक एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42086.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6aaa13d1d99ecce083347f1637652ae2c7ff8590 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42086.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर आप नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह सही समय है। इस समय ब्याज दरें कम हैं और साथ ही डेवेलपर्स के पास बड़ी संख्या में रेडी टू मूव इंवेंट्री है। डेवेलपर्स इस इंवेंट्री को कम करने के लिए डिस्काउंट की भी पेशकश कर रहे हैं। इसके अलावा नये प्रोजेक्ट्स को जारी के बजाय वे निर्माणधीन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में जुटे हैं। डेवलपर्स इस निर्माण कार्य को रियल्टी सेक्टर कानून रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के तहत कर रहे हैं। ऐसे में खरीदार उन प्रोजेक्ट्स को खरीद सकते हैं जो अगले तीन से छह महीनों में पूरे होने वाले हैं। + +रेरा की सील पर दें ध्यान-देश के रियल्टी एस्टेट कानून रेरा के लागू होने के बाद अधिकांश निर्माणधीन प्रोजेक्ट्स को रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि डेवलपर ने रेरा के अनुरूप सभी नियमों का पालन किया है। इसके साथ ही डेवेलपर की वेबसाइट पर आपको सैंक्शन्ड (अनुमोदित) बिल्डिंग प्लान, बिल्डिंग में बनने वाली मंजिलों की जानकारी, टावर आदि की जानकारी भी मिल जाएगी। वेबसाइट पर यूनिट, टावर और फ्लोर की संख्या को भी देखें जिसे संबंधित अधिकारी की ओर से अनुमोदित कराया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42088.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d6bfae1811a000e43549ef8a4fa4d2d66e996a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42088.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीडियो में देखें कि कैसे पहचाने कितने कैरेट सोने से बने हैं आपके गहने।खुद पहचाने कितना शुद्ध है आपका सोना ।जान लें कि 24 कैरेट गोल्ड की नहीं बनती ज्वैलरी।सबसे पहली बात यह कि असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते, क्योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आम तौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है। हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं। सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता। मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 पर 750 लिखा होता है। इससे शुद्धता में शक नहीं रहता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42092.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..682823b522fa75dbc6b02ca6ffd57cb53dfff075 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। आधार कार्ड के बाद अब 10 डिजिट वाला आपका पैन कार्ड, जो कि आयकर विभाग में आपकी नुमाइंदगी तय करता है भी काफी जरूरी हो गया है। आपको चाहे पासपोर्ट बनवाना हो या फिर बैंक में अकाउंट खुलवाना, आईटीआर फाइलिंग करनी हो या फिर नकदी में कोई बड़ा लेनदेन इन सभी कामों के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता किसी से छिपी नहीं हैं। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आप पैन कार्ड के बिना किन 11 कामों को पूरा नहीं कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42095.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0803baa55f437d8ec27d7f60b0ebe1be8bfecdd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42095.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन संस्थानों पर लागू होता है नियम -सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ग्रेच्युटी भुगतान कानून (1972) उन संस्थानों पर लागू होता है, जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। इसका मुख्य मकसद कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद आर्थिक सुरक्षा देना है। कई बार कर्मचारी सेवानिवृति की निर्धारित उम्र सीमा के पहले भी विकलांगता या अन्य किसी वजह से सेवानिवृत्त हो जाते हैं। ऐसे में ग्रेच्युटी आय की मुख्य जरिया बन सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42103.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e74eb48fbbfe2804326f119d5d73aa95712ea775 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। बाजार नियामक सेबी ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए सोमवार को 331 कंपनियों की सूची जारी कर दी है। इनमें लिस्टेड कंपनियां भी हैं। काले धन पर रोकथाम लगाने के उदेश्य से सेबी ने कहा है कि इन कंपनियों में इस महीने ट्रेडिंग नहीं की जाएगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने हाल ही में जानकारी दी है कि इनमें से सिर्फ 48 कंपनियां ही लिस्टेड हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42106.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..613627a7e8148b32a0f4936769731faae619232e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। करेंसी, नोट और सिक्के किसी देश की इकोनॉमी की बुनियाद होते हैं। हर देश के पास इससे जुड़ी अपनी विरासत और एक अलग इतिहास होता है। ऐसे में करेंसी से जुड़ा फैसला लेना किसी देश की सरकार के लिए सबसे मुश्किल फैसला होता है। आजादी के बाद से लेकर नोटबंदी तक इंडियन करेंसी के कई रूप हम सभी ने देखे हैं। इंडियन करेंसी से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प फीचर भी हैं जिन्हें बेहद कम लोग जानते हैं। हम अपनी खबर में इंडियन रुपए की ऐसी ही कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4211.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c11dea18f6c8ddd56acde4c75690b684b54cc22a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब हाल ही में एक्ट्रेस ने फिर से अपनी कुछ सिज़लिंग फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं, जिनमें एक्ट्रेस ओपन जैकेट के साथ इनरवियर फ्लॉन्ट करती दिख रही हैं। इन फोटोज़ में नुसरत का परफेक्ट भी साफ नज़र आ रहा है कि एक्ट्रेस ने ख़ुद को फिर से कितना फिट कर लिया है। फोटोज़ में दिख रहा है कि नुसरत ने ब्लैक कलर की स्पोर्ट्स जैकेट पहनी हुई है जिसके साथ उन्होंने ब्लैक स्पोर्ट्स ब्रा और ट्रैक पैंट्स पहनी हुई है। इन फोटोज़ में एक्ट्रेस नो मेकअप लुक में दिख रही हैं और काफी प्यारी लग रही हैं। नुसरत के फैंस को भी उनकी ये फोटोज़ काफी पसंद आ रही हैं आप भी देखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42111.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20500f4c70191ea1c38425e337d92f8746ff5ff6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे समय में एक सम्मानजनक रिटर्न दिलाएगी जब रेट की दरें वैश्विक स्तर पर गिर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस पर सालाना 8 फीसद का एश्योर्ड रिटर्न दिया जाएगा। पीएमवीवीवाई की फॉर्मल लॉन्चिंग के दौरान जेटली ने कहा, “एक महत्वपूर्ण संतुलन है जिसे हमें बनाए रखना होगा। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां अर्थव्यवस्था की दक्षता के लिए, हमारे बैंक और अन्य संस्थानों से सस्ती दर पर उधार देने की उम्मीद की जाती है, ऐसे में अगर उधार दरें नीचे जाती हैं तो जाहिर सी बात है कि उधार भी प्रभावित होगा, जिसे कि एक कुशल अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक और अपरिहार्य माना जाता है।” ।यह पेंशन स्कीम खास तौर पर 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है। लाइफ इन्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) से यह पेंशन प्लान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को 4 मई 2017 को लॉन्च किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42115.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cea134759614b9aa565513893793f311a1258196 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आम लोगों को  होगा फायदा:।मुंद्रा ने कहा था कि खाता पोर्टेबिलिटी की अनुमति देने से प्रतियोगिता को एक नया आयाम मिलेगा। अगर आम लोगों को बैंक खाता संख्या पोर्टिबिलिटी की सुविधा देंगे तो उन बैंकों में अपने खाते को आसानी से ट्रांसफर करवा पाएंगे जो उन्हें बेहतर सेवाओं की पेशकश करेंगे। दुखी बैंकिंग ग्राहकों के लिए, यह एक राहतभरी खबर हो सकती है, क्योंकि हर बार जब भी वो बैंक स्विच करना चाहेंगे तो उन्हें एक नया बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42137.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3c3cac96c2d182e1802b67cc09674af4c3783fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओबीओआर से भारत को क्या है आपत्ति?चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना को लेकर भारत के विरोध की प्रमुख वजह चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) है, जो कि ओबीओआर (OBOR) का एक हिस्सा है। चीन ने इस गलियारे के लिए भारत से इजाजत नहीं ली, जो उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है। इसके अलावा भारत को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के नाम पर भी आपत्ति है। बताया जाता है कि भारत के एतराज के बाद चीन इसका नाम बदलने को राजी हो गया था, लेकिन बाद में मुकर गया। चीन को भारत के सहयोग की दरकार इसलिए भी है क्योंकि अमेरिका समेत कई दिग्गज देश चीनी मंसूबों को शक की नजर से देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42152.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da393311f57af8e7bc4f6bbb30e9fe8de8332284 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42152.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोने की कीमतें तय करने वाली प्रशासनिक इकाई:।यह बात काफी सारे लोग जानते हैं कि मांग और आपूर्ति सोने की कीमतें तय करने का एक अहम कारक होता है। यानी जब मांग तेज होती है और आपूर्ति कम होती है तब इसके दाम उछल जाते हैं। हालांकि इसके अलावा भी सोने की कीमतें तय करने के लिए एक संचालन और प्रशासनिक इकाई होती है जो कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42154.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b75bbf2525e5fa0a1821d10e875b1d16b5c5af19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हॉलमार्किंग के नीचे लिखी होती है सोने की शुद्धता:गहनों में हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी के निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी बना होता है। ज्वैलरी में एक अंक लिखा होता है जिसके तहत असली सोने की पहचान की जाती है।शुद्धता के हिसाब से आभूषणों में ये अंक अंकित होते हैं:।• 24 कैरेट: 99.9• 23 कैरेट: 95.8• 22 कैरेट: 91.6• 21 कैरेट: 87.5• 18 कैरेट: 75.0• 17 कैरेट: 70.8• 14 कैरेट: 58.5• 9 कैरेट: 37.5।उदाहरण से समझिए कि अगर ज्वैलर ने आपको बताया है कि उसने जो अंगूठी बनाई है वो 22 कैरेट की है, तो उसपर 916 अंक जरूर लिखा होगा। यह अंक मैग्निफाइंग ग्लास से देखा जा सकता है। यह अंक पुष्ट करता है कि आपकी अंगूठी 22 कैरेट की ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42171.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..309afc86cc70c6933c17e51a7e1e9210a47fc692 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42171.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +5. अगर आप किसी को भेंट स्वरूप नकद रुपए देते हैं तो भी यह करमुक्त होता है। लेकिन इसमें भी एक सीमा है। मान लीजिए कि अगर आप किसी गैर परिचित व्यक्ति को 50,000 रुपए तक का गिफ्ट देते हैं तो यह आयकर की धारा 56(2)(7) के अंतर्गत करमुक्त होता है, लेकिन इससे ऊपर की आय पर आपको कर देना होगा, लेकिन अगर गिफ्ट प्राप्त करने वाला व्यक्ति आपका परिचित है तो इसमे कोई भी सीमा नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42172.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a05181c333153e746b47b7ed6451403a8d55f501 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या कहा अंकित गुप्ता ने: अंकित गुप्ता ने बताया कि आईटीआर फाइलिंग के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य करने से सरकार के साथ साथ आम आदमी को भी फायदा होगा, क्योंकि आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया से आधार को जोड़ने से अब प्रोसेसिंग में काफी तेजी आएगी। ऐसा करने से आपका रिफंड एक माह के भीतर भी आ सकता है। आम तौर पर रिफंड आने में (पैन कार्ड के इस्तेमाल से) दो से तीन महीने या फिर उससे ज्यादा का वक्त भी लग जाया करता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42183.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fea5e5311fcceb58449c47aefe6fd07ff1178fe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिटकॉइन के मुद्दे को संसद में उठाने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया का कहना है कि यह एक वैश्विक पोंजी स्कीम है। सरकार और आरबीआइ को इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना में हजारों करोड़ रुपये लगे हैं। इसलिए लोगों को इसके प्रति सावधान करना चाहिए।सोमैया का कहना है कि समिति आने वाले समय में बिटकॉइन के मुद्दे पर व्यापक पड़ताल कर सकती है। समिति के सदस्यों ने इस मुद्दे पर आरबीआइ के अधिकारियों से भी सवाल किया है। इस बीच वित्त मंत्रलय के अधिकारियों का कहना है कि लोगों को इसमें निवेश करने से बचना चाहिए। यह योजना पूरी तरह गैर कानूनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42191.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1332afc8ec3327d2113b0af798bd92e358a21b93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42191.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली: आयकर अधिनियम में प्रावधानों के अनुसार, मान्यता प्राप्त पीएफ/सेवानिवृत्ति निधि (superannuation fund) से एनपीएस में हस्तांतरित की गई राशि को वर्तमान वर्ष की आय के रूप में नहीं माना जाएगा और इसलिए यह कर योग्य नहीं है। क्या आप अपने कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) या सेवानिवृत्ति निधि (superannuation fund) में पड़े पैसे को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में ट्रांसफर करवाना चाहते हैं? ।अगर ऐसा है तो पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने इस तरह के स्थानांतरण को प्रभावी करने के लिए व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं। अगर आप इस प्रकार, पीएफ या सेवानिवृत्ति निधि को एनपीएस में स्थानांतरित करना चाहते हैं तो आपको क्या करना होगा हम अपनी खबर में आपको यही बताने की कोशिश करेंगे। ।जानिए इसके लिए आपको क्या करना होगा........।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42204.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42204.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b3fe2191b0f3b511b68c834cc15adc9b4844ec3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42204.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर कैद क्यों? दरअसल, बजट तैयार करने वाले अधिकारियों को इस तरह की कैद देने के पीछे की वजह गोपनीयता है। बजट टीम के सभी सदस्यों पर पैनी नजर रखी जाती है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की एक टीम हर किसी की गतिविधि और उनके फोन कॉल्स पर बराबर नजर रखती है। यह टीम संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में काम करती है। सबसे ज्यादा निगरानी स्टेनोग्राफरों की होती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कम्प्यूटर नैशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (nic) के सर्वर से दूर होते हैं। जहां ये सारे लोग होते हैं वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है ताकि कॉल्स को ब्लॉक किया जा सके और किसी भी जानकारी को लीक न होने दिया जाए। ।इस जगह छपता है बजट: वित्त मंत्री का बजट भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है। इसलिए इसे बजट की घोषणा के दो दिन पहले ही प्रिंटर्स को थमाया जाता है। आपको बता दें कि पहले बजट के पेपर्स राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रिंट होते थे, लेकिन साल 1950 के बजट के लीक हो जाने के बाद बजट मिंटो रोड के एक प्रेस में छपने लगा। साल 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में छप रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42213.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3811cedbdb8d8f195719a088687771439256002 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जानिए कौन कौन से चार्जेस लगते हैं:। बैंकों की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले कुछ कार्ड (क्रेडिट) आजीवन फ्री होते हैं। मसलन, उनकी कोई भी सालाना फीस नहीं होती है। ऐसे कार्ड्स फ्री जरूर लगते हैं, लेकिन असल में उनके यूसेज चार्जेस चार्जेबल कार्ड्स से भी ज्यादा होते हैं। कार्ड की सालाना मेंटेनैस फीस 300 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक हो सकती है। वहीं कुछ कार्ड्स पहले वर्ष के लिए 10,000 रुपए तक चार्ज करते हैं और फिर अगले साल से चार्जेस कम कर देते हैं। हां अगर कार्ड तय सीमा से अधिक इस्तेमाल हो जाए तो कई कार्ड कंपनियां इन चार्जेस को खत्म कर देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4222.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c48f31634d3c327fa5dab8e8945567cc2910172c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4222.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेलर में शाहिद कपूर एक पिता और पति के किरदार में नजर आ रहे हैं। एक पिता जो अपने बेटे की नजरों में अपने आपको साबित करना चाहता है। तो वहीं दूसरी तरफ बेटे को तोहफा देने के लिए पत्नी से 500 रुपये मांगता है। लेकिन पत्नी से पैसे ना मिलने पर वो निराश हो जाता है। बेटे के सामने खुद को साबित करने और उसके लिए जर्सी खरीदने के लिए एक बार फिर से क्रिकेट के मैदान में उतरता है जिसे उसने परिवार के लिए सालों पहले ही छोड़ दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42221.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b55a5ea94d08d4b0f0c19f2f63327a3ce59da34e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वोडोफोन एम पैसा आउटलेट्स से निकालें नकदी:।वोडाफोन इंडिया भी अपने एम पैसा उपभोक्ताओं के लिए अपने डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर 1,20,000 से अधिक वोडोफोन एम पैसा आउटलेट्स से नकद राशि निकालने की नई सुविधा दे रही है। यह सुविधा नकदी की उपलब्धता पर आधारित है। आपको बता दें कि वोडाफोन के 84 लाख से अधिक एम पैसा ग्राहक हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42230.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1cbefa2a06ee532fe89ef43a098cc519d53521a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे चुनें बेहतर टर्म इंश्योरेंस प्लान।योग्य कवरेज।आईसीआईसीआई प्रू, एचडीएफसी और एगॉन लाइफ द्वारा पेश किए गए ऑनलाइन टर्म प्लान गंभीर बीमारियों से सुरक्षा देते हैं। महिला सीआई राइडर एक महिला-विशिष्ट प्लान है जो महिलाओं-विशिष्ट अंगों के कैंसर, गर्भावस्था की जटिलताओं और जन्मजात दोषों वाले बच्चे के जन्म को कवर करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42241.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ce35d8c2ddb88b641c9e262c209783c725f3fe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42241.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15,342 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। डिपोजिटरी आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने 1 फरवरी से 18 फरवरी के बीच 15,342 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर और 3,629 करोड़ रुपये मूल्य के बांड बेचे। जबकि इस दौरान उन्होंने 115 करोड़ रुपये का निवेश किया कुमार ने कहा कि बीमा कंपनियों के मुनाफे की तुलना किसी विनिर्माण फर्म के साथ नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों व्यवसायों की प्रकृति एकदम अलग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42246.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9081ea4570335c3d15c467d6bf350b10a333580f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42246.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दक्षिण क्षेत्र एआईआईईए के महासचिव जी आनंद ने बताया कि चार सरकारी स्वामित्व वाली सामान्य बीमा कंपनियों - नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के लगभग 40,000 या लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी मुख्य रूप से वेतन संशोधन के लिए हड़ताल कर रहे हैं। यह संशोधन 2017 में किया जाना था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42248.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f45be69e984cf8c59054c2387e0424a5f20582c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए Waiting period की यह शर्त सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसियों पर लागू होगी। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए प्रतीक्षा अवधि के मायने यह हैं कि बीमा कंपनियां संक्रमण के बाद बढ़ी ऊंची मृत्‍यु दर को लेकर सतर्क हो गई हैं। बीते दो साल में क्‍लेम की संख्‍या में जबर्दस्‍त बढ़ोतरी हुई है। बीमा कंपनियों को क्‍लेम सेटेलमेंट में काफी खर्च करना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42261.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c55c02c63a9732da74a0fd887d6a1fc3b3d1d24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +5; तुरंत अपनी पॉलिसी लेने के लिए पेमेंट करें पर क्लिक करें।बता दें कि फोनपे का जुलाई-सितंबर, 2021 की तिमाही में उसके मंच पर लेन-देन का कुल भुगतान मूल्य (टीपीवी) 23.3 प्रतिशत बढ़कर 9,21,674 करोड़ रुपये हो गया था। जबकि लेन-देन की संख्या 33.6 प्रतिशत बढ़कर 526.5 करोड़ हो गई थी। साथ ही, यूपीआई और मर्चेंट भुगतान के साथ धन हस्तांतरण ने 200 करोड़ लेनदेन का एक नया मुकाम हासिल किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42271.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06111ae180a25aa99e5090058d1b191b340f9ced --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कार में लगने वाला सामान कहां से लग रहा है: अगर कार में लगने वाला सामान जैसे कि टेप या फिर कुछ लगता है तो उसे कार खरीदते वक्त एजेंसी से ही लगवा लें। इससे फायदा यह होगा की कुछ सामान को इंश्योरेंस में कवर कर लिया जाएगा। अक्सर देखा जाता है कि लोग कार को ज्यागा साज-सजवाट के लिए बाहर से माेडिफाइ करवा लेते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इंश्योरेंस कंपनियां भी अपना प्रीमियम बढ़ा देती हैं। इसलिए फिजूल खर्ची से बचने के लिए ऑफ्टर मार्केट कार में काम न कराएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42276.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ba6ed230d0fbe73ccf27ec3dc28487ce6402a62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42276.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभी किन देशों ने लगाया है प्रतिबंध। जिन देशों ने प्रतिबंध लगाया है, उनमें बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, कनाडा, इथियोपिया, फ्रांस, जर्मनी, इराक, ईरान, जापान, कुवैत, नीदरलैंड, ओमान, कतर, थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार, सिंगापुर, इंडोनेशिया, श्रीलंका, यूक्रेन, UAE,उज्बेकिस्तान और अमेरिका शामिल हैं। हालांकि, बहुत से देशों ने भारत के नागरिकों के लिए अपने देश के द्वार खोल दिए हैं। इसमें दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया, मोजाम्बिक, रूस, वेनेजुएला, आइसलैंड, माली, कोस्टा रिका, मिस्र, हंगरी, किर्गिस्तान आदि देश शामिल हैं। यहां भारतीय नागरिकों को क्वारंटाइन से गुजरने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा कुछ देशों ने टेस्टिंग और क्वारंटाइन के साथ भारत के नागरिकों को अपने देश में आने की इजाजत दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42280.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd2e4953f0551f6029c500a46aeb559aed8a2d88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि सरकार LIC का IPO लाने जा रही है। इसके लिए मोदी सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के प्रबंधन के लिए गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज इंडिया सहित 10 मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42315.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bec6410450a61785108459660a1c14b1be8ac9be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42315.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Mobile App के जरिये लोन लेने से फर्जीवाड़े की आशंका ज्यादा, इन बातों का रखें ख्याल।साधारण बीमा कंपनियों के मसले पर इरडा ने अलग से एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि सभी दावों का तुरंत सर्वेक्षण करके और दावा भुगतान जल्द से जल्द वितरित किया जाए। किसी भी मामले में निपटान निर्धारित समय सीमा के भीतर हो जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42317.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..533c2c3e7c83fbbb46281ad9c623772f9b64472f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42317.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Bank में खाता नहीं है तो तत्‍काल खुलवा लीजिए। क्‍योंकि बैंक बीमा कंपनियों के साथ मिलकर खाताधारकों को एक ऐसी शील्‍ड मुहैया करा रहे हैं, जो Covid 19 Mahamari में फाइनेंशियल मदद दे सकती है। जी हां, आपको Covid 19 महामारी के दौरान 2 लाख रुपए का Bima cover मिल सकता है। दरअसल, Modi Government ने सस्ते प्रीमियम वाली जीवन बीमा स्कीम प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana, PMJJBY) चला रखी है। PMJJBY में 55 साल तक लाइफ कवर मिल रहा है। आप इस बीमा का फायदा तभी ले सकते हैं जब बैंक में saving account हो। + +कैसे खुलेगा बीमा खाता।Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana हर भारतीय के लिए है। इसमें 18 से 50 साल तक के वयस्‍क शामिल हो सकते हैं। Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana दूसरे लाइफ इंश्योरेंस की तरह ही है। इसमें रजिस्‍ट्रेशन के लिए बैंक और Life insurance कंपनियों के बीच टाई अप है। अगर बैंक खाता नहीं है तो उसे खुलवा लें। पुराने ग्राहक बैंक से कहकर इस बीमा को ले सकते हैं। इसमें खाते से 330 रुपए कटेंगे, जो इसका सालाना प्रीमियम है। + +योजना में खास-खास।कैसे होगा क्‍लेम।Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana में बीमाधारक के साथ अनहोनी होने पर नॉमिनी क्लेम फॉर्म मृत्यु प्रमाण-पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) के साथ भरकर उस बैंक से क्‍लेम ले सकता है, जहां बैंक खाता है। इस पर नॉमिनी को जरूरी कार्रवाई के बाद खाते में 2 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42319.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc1d8ffe0bc0d463098dc7683a61609914d17f7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42319.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसे मिलेगा Bima Cover।Policy Sim Card होल्‍डर के नाम पर जारी होगी। Airtel thanks App पर आपको नाम, पता और नॉमिनी डिटेल देनी होगी। पॉलिसीधारक की उम्र 18 से 54 साल के बीच होनी चाहिए। इसमें कोई भी मेडिकल टेस्‍ट जरूरी नहीं है। Airtel thanks App पर ब्‍योरा भरने के बाद Bima Policy की कॉपी डाक से घर पर आएगी। इस काम में दुकानदार की मदद भी ले सकते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42332.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1328f6fb689885fc8aac2fe95d438cd0e6d66fa9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संशोधित नियमों के तहत अब पॉलिसीधारक लोकपाल को अपनी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सक्षम हो जाएंगे और शिकायत प्रबंधन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा ताकि पॉलिसीधारक अपनी शिकायतों की स्थिति का ऑनलाइन पता लगा सके। इसके अलावा, लोकपाल सुनवाई के लिए वीडियो-कांफ्रें¨सग का भी उपयोग कर सकते हैं। लोकपाल चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए कई संशोधन किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42347.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee07658bc42094557e927f4a389cd1c6399041a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपकी पॉलिसी समाप्त होने से पहले आपको रिन्यू करना होगा ताकि इसके क्लेम या फायदों में कोई दिक्कत ना आए। अगर आप देय तिथि से पहले या रियायत अवधि में अपनी पॉलिसी को रिन्यू नहीं कराते हैं, तो आपकी पॉलिसी समाप्त हो जाएगी। फिर आपको नये सिरे से अपनी पॉलिसी को रिन्यू कराना होगा। इसमें आप कम प्रीमियम और प्रतीक्षा अवधि के फायदों से वंचित रह जाएंगे। इस दौरान यदि आपके स्वास्थ्य की स्थिति में बदलाव आया है तो उसका भी अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा। पॉलिसी को रिन्यू करने से आपको मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में खुद को सुरक्षित करने में मदद मिलती है। इसलिए विशेषज्ञ यह सुझाते हैं कि कभी भी रिन्यू की अनदेखी न करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42350.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebd4b4c8c5056b0cc6911beeb5488790cc870787 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी सुरक्षा को करें पुख्ता।WHO की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस से प्रभावित कुछ प्रतिशत मरीजों में वायरस के लक्षण दिखाई नहीं दिये। ये मरीज हमारे आस-पास भी हो सकते हैं, इसलिए जो लोग यह सोच रहे हैं कि वो सुरक्षित हैं, तकनीकी रूप से वे सुरक्षित नहीं है। इसलिए यदि आप घर में हैं या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर रहे हैं, अपनी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर खरीदें। ।कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान।आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान में भी बदल सकते हैं। इसमें बाकी सभी बीमारियों के साथ कोरोना को भी शामिल किया जा सकता है। अगर आपको लगता है कि आपने अपने या अपने परिवार के लिए जो कोरोना कवच पॉलिसी ली हुई है वो पर्याप्त नहीं है और इसमें दूसरी बीमारियों को भी शामिल करवाना चाहते हैं, तो आप कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान ले सकते हैं। इसमें आप कैंसर, हृदय रोग जैसी बड़ी बीमारियों का भी इलाज करा पाएंगे। ।कहां से लें हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान।महामारी कब तक रहेगी और कितने लोगों को प्रभावित करेगी इसका अनुमान वैज्ञानिक और डॉक्टर लगा रहे हैं। लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि हम सतर्क रहें। Covid-19 ने हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को बढ़ा दिया है। कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण हेल्थ जुड़ी पॉलिसी की ग्रोथ में इजाफा हुआ है। बीमारियां बढ़ रही हैं और अस्‍पतालों में इलाज का खर्च भी बढ़ रहा है। ऐसे में हम अगर भविष्य को लेकर सतर्क रहेंगे तो हम बहुत हद तक अपने मेडिकल खर्चों को नियंत्रण में रख सकते हैं। बस जरूरत है एक सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की। इस मामले में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने अपने भरोसे को कायम रखा है। यहां आपको हर तरह के हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिल जाएंगे। आप अपनी सुविधा अनुसार हेल्थ इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं। ।रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के जरिए आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर कई तरह के फायदे मिल जाएंगे। इसका रिलायंस हेल्थ इन्फिनिटी प्लान (Reliance Health Infinity Plan) लेते हैं तो कई फायदों और 30% तक की छूट* के साथ आपको और आपके परिवार को कंप्लीट कवर मिलेगा। इसमें Covid-19 का उपचार भी शामिल है। इसमें आपको हॉस्पिटलाइजेशन कवर, डे केयर ट्रीटमेंट कवर, AYUSH ट्रीटमेंट, प्री-पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च की सुविधा और 3 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक सम इंश्‍योर्ड की वाइड रेंज जैसे फायदे मिलेंगे। इसके अलावा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस का हेल्थ गेन ईएमआई इंश्योरेंस प्लान (Health Gain EMI Insurance) भी है जो एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान है। इसमें बीमारी और चोटों के लिए हॉस्पिटलाइजेशन के अलावा COVID-19 के लिए हॉस्पिटलाइजेशन कवर भी शामिल है। यह प्लान प्रीमियम के लिए EMI की सुविधा भी देता है।   ।बीमारियों से दूर रहने के लिए खुद को सेहतमंद रखना बहुत ही जरूरी है, लेकिन अच्‍छी सेहत का होना इस बात का प्रूफ नहीं है कि भविष्‍य में अचानक कोई बीमारी नहीं हो सकती। छोटी हो या बड़ी कोई सी बीमारी कभी भी और किसी को भी अपने लपेटे में ले सकती है। इस तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए सतर्क रहना और एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बहुत ही जरूरी है, खासकर तब जब आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42370.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71595dd09de3541992612516a0bf2b386ff5a734 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की प्रबंधक समिति ने केंद्रीय मंत्रालयों की मौजूदा स्वास्थ्य योजनाओं को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ एकीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया है। गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने हाल ही में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के उद्देश्य से बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक के दौरान चर्चा का मुख्य मुद्दा आयुष्मान भारत योजना पर कोरोना वायरस का प्रभाव था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42376.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecf1dfe4b850353b521dcd899838e6fee1b8d0b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42376.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Whatsapp के जरिये घर बैठे निपटा सकते हैं बैंकिंग के ये काम, जानिए मिलती हैं कौन-सी सुविधायें और क्या है चार्ज।क्लेम फॉर्म भरें: दूसरा स्टेप क्लेम फॉर्म भरना है। आपको अपने बीमाकर्ता के ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल करने और दावा फ़ॉर्म जमा करना चाहिए। फॉर्म में भरी जाने वाली जानकारी में कार डिटेल, पॉलिसी नंबर साथ ही घटना का समय तारीख और डिटेल शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42384.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a435b4c0c368366aaed69f7caa62a923111f9655 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: UPI इस्तेमाल करने वाले लोगों को इन 4 तरीके से ठग रहे हैं जालसाज, जानिए बचाव के तरीके। टाइमलाइन और रिन्यूअल डेट पर ध्यान दें।स्वास्थ्य योजना खरीदते समय आप किसी दावे का सामना नहीं कर सकते हैं, जब कोई आपातकालीन जरूरत पड़ती है तो आपको संबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए एक बेहतर योजना की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, आपको निरंतर कवरेज सुनिश्चित करने और नो-क्लेम बोनस, प्रतीक्षा अवधि की निरंतरता और पॉलिसी में लाभ जैसे लाभों को प्राप्त करने के लिए हर साल अपनी स्कीम को रिन्यूअल करना चाहिए। अधिकांश बीमा कंपनियां पॉलिसी को नया करने के लिए 30 दिनों की अनुग्रह अवधि देती हैं। ।मेडिकल टेस्ट से बचने की कोशिश न करें।स्वास्थ्य बीमा कंपनियां खरीदार की मौजूदा चिकित्सा स्थिति का पता करने के लिए प्रस्तावित बीमाधारक से मेडिकल टेस्ट से गुजरने के लिए कह सकती हैं। कुछ प्रस्तावक मेडिकल टेस्ट को स्पष्ट करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि टेस्ट चिकित्सा स्थिति को बदल सकते हैं जिसके कारण बीमा कंपनी प्रीमियम राशि बढ़ा सकती है या बीमा प्रस्ताव को अस्वीकार कर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42425.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2e38dba4bdb923a7db49cb66516377c9ebbc0f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सही बीमा योजना में निवेश करें। स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के खिलाफ अगर कोई सबसे बड़ा हथियार है, तो वह हैं विभिन्न स्वास्थ्य बीमा योजनाएं। आप विशेष स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि का निर्धारण करने के लिए ऑनलाइन स्वास्थ्य बीमा कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं। सेवानिवृत्त लोग विभिन्न प्रकार के बीमा कवर का लाभ उठा सकते हैं जैसे व्यक्तिगत बीमा, फैमिली फ्लोटर आदि। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42447.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9492646f2a7d363e0adc7c1df4a189f1f51e6d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। टर्म इंश्योरेंस एक खास बीमा उत्पाद होता है जो किसी विशेष अवधि के लिए भुगतान की निश्चित दर पर बीमा कवरेज प्रदान करता है। फाइनेंशियस प्लानर सलाह देते हैं कि लोगों को नौकरी की शुरुआत करने के साथ ही इसे ले लेना चाहिए, ताकि किसी आपदा की सूरत में उनके परिवार वालों को आर्थिक सहायता मिल सके। हालांकि टर्म इंश्योरेंस लेने वाले को व्यक्ति को जीवित रहते हुए खुद इसका कोई भी फायदा नहीं मिलता है। शायद यही वजह है कि टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम काफी कम होता है। कोई भी न्यूनतम प्रीमियम के साथ हाई कवर वाली पॉलिसी ले सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42449.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23a02a8d022a3d4b27c5305d5dd6df82042aaa86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पालतू जानवर आपके परिवार के सदस्य की तरह होते हैं और आपके परिवार के बाकी सदस्यों की तरह, उनकी भी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें होती हैं। क्या आपको पता है कि भारत में कुछ बीमा कंपनियों ने पालतू बीमा पॉलिसियों की शुरुआत की है। जहां आपके पालतू जानवरों का बीमा होता है। हम इस खबर में आपको पेट इंश्योरेंस के बारे में बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42465.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..392a1bb5ff30261943d1ab181fd5dc296fb62988 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या होगा कवर?।स्कीम को साइबर हमले के कारण संबंधित खर्चों को कवर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसे, वित्तीय घाटा, साइबर हमलों के कारण पॉलिसीधारक को ऑनलाइन नुकसान गए धन की रिकवरी पॉलिसी में कवर की जाती है। एक्सपर्ट का मानना है कि इस प्रकार की नीतियां निश्चित रूप से बहुत मदद करेंगी, क्योंकि भारत तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है और नेट बैंकिंग और कई अन्य ऑनलाइन लेनदेन प्रणालियों का उपयोग भी बहुत बढ़ गया है। इसमें साइबर हमले के संबंध में सलाहकार शुल्क, अदालती खर्च और कानूनी शुल्क का भी ध्यान रखा जाता है। फिशिंग, ईमेल स्पूफिंग, सोशल मीडिया पर पहचान की चोरी से होने वाली क्षति, साइबर स्टॉकिंग (किसी को बार-बार ई-मेल भेजकर धमकाना), मैलवेयर अटैक के कारण नुकसान। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42481.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1562985ba6832e86665c33ce967e69829cec9985 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फेस्टिव सीजन में अगर आप गाड़ी या बाइक लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको इसके लिए थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। दरअसल, कोर्ट के आदेश के बाद सितंबर से मोटर बीमा प्रीमियम महंगा हो गया है। कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक, अब थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य हो गया है। सितंबर से दोपहिया वाहनों की खरीद पर कुल कीमत का लगभग 10 फीसद इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में देना होगा। वहीं कार पर बीमा प्रीमियम दोगुना हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42491.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42491.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64bc757a25f257ef210815d618dfcb50b5204e00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42491.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा या चिकित्सा बीमा कवर हर व्यक्ति के जीवन में आवश्यक है। भारत में जहां ईलाज का खर्च महंगा है वहां स्वास्थ्य बीमा लेना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत राहत वाली बात है। वित्तीय सलाहकार अक्सर लोगों को जीवन के शुरुआती उम्र में स्वास्थ्य बीमा खरीदने की राय देते हैं। इसलिए अगर आप 30 की उम्र से पहले स्वास्थ्य बीमा ले रहे हैं तो यह आपके लिए अच्छी बात होगी। हम यहां बता रहे हैं कि क्यों आपको 30 की उम्र से पहले स्वास्थ्य बीमा ले लेना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42543.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c86228b1b56c21566840bd940fdfcfe4bfd8aff5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, प्रेट्र। किसी लोन के साथ दी जाने वाली बीमा पॉलिसी को बंद करने से पहले बैंकों की ओर से संबंधित ग्राहक को इसकी व्यक्तिगत सूचना देना जरूरी है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने अपने ताजा आदेश में यह बात कही है। एनसीडीआरसी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के खिलाफ एक उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए निचली फोरम के आदेश को बरकरार रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42553.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53c5f6aa3b843cfdce3c924720cd9f01ae12f601 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद अब कई राज्यों ने खुद की बीमा कंपनी बनाने का फैसला किया है। इसकी जानकारी केंद्र सरकार के पास भेज दी है। कृषि मंत्रालय को यकीन है कि कई राज्य इस दिशा में कदम आगे बढ़ा सकते हैं। हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने बीमा कंपनी बनाने की अपनी इच्छा से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42562.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7d504f00f6ac9831dfbdcaf7b7298b169c5d22d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली: आजकल के समय में फोन खोना यूं तो सामान्य सी बात होती है, लेकिन यह कभी-कभी मुश्किलें भी खड़ी कर देता है जो हमें पीड़ा देतीं हैं। उस स्थिति की कल्पना भर कीजिए कि आपका कोई महंगा मोबाइल फोन खो जाए, जिसकी आप ईएमआई भर रहे हो। जरा सोचिए आपको उस फोन की ईएमआई भरनी होगी जो अब आपके पास है भी नहीं। यह एक ऐसी विचित्र सी स्थिति होती है जिसे आप चाहकर भी नहीं बदल पाते हैं। लेकिन ऐसी परिस्थितियों में मोबाइल इंश्योरेंस एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है जिसके बारे में सिर्फ चुनिंदा लोग ही जानते हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको मोबाइल इंश्योरेंस के बारे में हर छोटी-बड़ी बात बताने की कोशिश करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42639.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..999660cc985e4a09c99d205f05ffd9b2b093c31e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + क्या बैंकश्योरेंस के जरिये हेल्थ इंश्योरेंस जैसे स्पेशलाइज उत्पाद बेचना सही होगा? -इसके लिए खास तैयारी की है। पहली बात, शिवालिक कोऑपरेटिव बैंक की जो शाखाएं ये उत्पाद बेचेंगी और बैंक के जो कर्मचारी यह काम करेंगे, उन्हें हम प्रशिक्षित करेंगे। दूसरी बात, हमारे अधिकारी भी शाखाओं में उपलब्ध रहेंगे, ताकि अगर ग्राहकों को जरूरत हो तो उनसे बात की जा सके। हम इस पर पूरा ध्यान दे रहे हैं कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को लेकर ग्राहक की कोई भी शंका बिना समाधान के न रह सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42663.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdfc406444dd3832cd7b48557a7dea194948daec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अपना पैसा डॉट कॉम के सीएफओ बलवंत जैन कहते हैं कि यदि व्यक्ति विशुद्ध टर्म इंश्योरेंस की खरीद ऑनलाइन करता है तो वह उसे और भी सस्ता पड़ेगा। जिन्हें बीमा अपनी जरूरतों की अच्छी समझ नहीं है, वे एजेंट के जरिये ही जीवन बीमा पॉलिसी लें। । बीमा नियामक इरडा की कड़ी नजर के बावजूद बीमा क्षेत्र में मिससेलिंग (गलत सूचना देकर बीमा उत्पाद बेचना) की घटनाओं पर काबू नहीं पाया जा सका है। यदि अप्रैल, 2012 से फरवरी, 2013 के बीच जीवन बीमा क्षेत्र के प्रीमियम संग्रह पर नजर डालें तो इसमें साल-दर-साल के आधार पर तकरीबन छह फीसद की गिरावट आई है। इसका प्रमुख कारण एजेंटों द्वारा बीमा उत्पादों की मिससेलिंग है। । चूंकि हर इंसान की उम्र, परिस्थितियां, जरूरतें एक दूसरे से अलग होती हैं, ऐसे में कितनी राशि का जीवन बीमा लिया जाए, इसका मोटा तरीका यह है कि व्यक्ति को कुल सालाना आय के कम से कम 10 से 12 गुने तक का जीवन बीमा जरूर लेना चाहिए। एक और तरीका है सालाना आय और सालाना खर्च को जोड़ उसके कम से कम सात गुने तक की राशि का बीमा लिया जाना चाहिए। । टर्म इंश्योरेंस योजनाएं: । बीमा योजना बीमा कंपनी सालाना प्रीमियम। ई-प्रोटेक्ट भारती एक्सा लाइफ 4,494 रुपये। आइ-टर्म एगॉन रेलिगेयर लाइफ 4,551 रुपये। आइ-लाइफ अवीवा लाइफ 4,585 रुपये। क्लिक टू प्रोटेक्ट एचडीएफसी लाइफ 6,124 रुपये। (तीस साल के पुरुष के लिए) (बीमा राशि- 50 लाख रुपये, बीमा अवधि- 25 साल)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42664.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..894973a082a5344ad4f77bae5006c46e7796b728 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42664.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। होम लेने वालों को कई बार बैंक अधिकारी यह कह कर लोन देने से मना कर देते हैं कि अमुक एरिया उनकी निगेटिव लिस्ट में है। आपको बता दें कि बैंकिंग जगत में निगेटिव एरिया जैसा कोई टर्म होता ही नहीं। हां, कुछ निजी बैंकों की वेबसाइट पर आपको ऐसे शब्द जरूर मिल जाएंगे। जानकार मानते हैं कि बैंकों ने अपनी सहूलियत और अपने अनुभव के आधार पर निगेटिव प्रोफाइल और निगेटिव एरिया जैसे शब्द अपने बिजिनेस मॉडल में शामिल किए हैं। । कुछ बैंक वकील, पत्रकार, पुलिस वगैरह को लोन देने से कतराते हैं और कुछ बड़े निजी और विदेशी बैंक छोटे इलाकों को अपने लिए निगेटिव मानकर चलते हैं। ऐसे में एक बात तय है कि-निगेटिव एरिया-या- निगेटिव प्रोफेशन- जैसे शब्द बैंकों ने अपने बिजनेस प्रोफाइल के लिए बनाए हैं। अगर कोई बैंक आपसे केवल इस आधार पर आपको लोन नहीं देता कि एरिया निगेटिव जोन में है, तो उसके दो मतलब हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42675.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2adbca9968cd953f6be10efbe77bc85a94574a48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कमीशन में कटौती, ग्राहकों को फायदा। जहां तक एजेंटों के कमीशन का सवाल है, इसे पॉलिसी की अवधि पर आधारित कर दिया गया है। सिंगल प्रीमियम वाली पॉलिसी बेचने पर एजेंट को सिर्फ दो फीसद कमीशन मिलेगा। अगर वह पांच साल की प्रीमियम अवधि वाली पॉलिसी बेचता है तो उसे पहले साल में अधिकतम 15 फीसद कमीशन हासिल होगा। दूसरी ओर अगर वह 12 साल या उससे अधिक प्रीमियम अवधि वाली पॉलिसी बेचता है तो पहले साल में उसे अधिकतम 35 फीसद कमीशन मिल सकेगा। इन सबके बीच देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने एक अक्टूबर से अपने पारंपरिक बीमा उत्पादों के प्रीमियम पर अपने ग्राहकों से सेवा कर वसूलने की तैयारी कर ली है। । नई पॉलिसी नए फायदे । -ग्राहकों को मिलेगा अधिक कवर। -सरेंडर वैल्यू की रकम होगी ज्यादा। -बीमा प्रीमियम हो सकता है महंगा। -एजेंट का कमीशन हो जाएगा कम। -पुरानी पॉलिसी के ग्राहक रहेंगे बेअसर। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42681.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b856e040215de2482721dc58c5721c771fca25c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जीवन बीमा के नए उत्पाद। जनवरी 2014 से बीमा क्षेत्र में नए नियम-कायदे लागू हो रहे हैं। लेकिन जीवन बीमा का उद्देश्य वही है। नए दिशानिर्देश भी जीवन बीमा के दीर्घकालिक उद्देश्यों की ही पूर्ति करते हैं। बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के इन दिशानिर्देशों के तहत जीवन बीमा उत्पादों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है : परंपरागत जीवन बीमा योजनाएं, परिवर्तनीय जीवन बीमा योजनाएं (वैरिएबल इंश्योरेंस प्लान या वीआइपी) व यूनिट-संबद्ध बीमा योजनाएं (यूलिप)। इनसे आवश्यकता आधारित बीमा उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा तथा अधिक जीवन बीमा सुरक्षा प्राप्त होगी। इसके अलावा बेहतर सरेंडर वैल्यू प्राप्त होगी तथा डिक्लोजर में सुधार होगा। साथ ही, ग्राहकों को सरल और ग्राहक-अनुकूल बीमा योजनाएं प्राप्त होंगी। नए परंपरागत बीमा उत्पादों में ग्राहकों को मृत्यु की स्थिति में ज्यादा कवर हासिल होगा। नियमित प्रीमियम वाली पॉलिसियों में 45 वर्ष से कम उम्र वाले ग्राहकों को वार्षिक प्रीमियम के दस गुने के बराबर, जबकि इससे अधिक उम्र वालों को सात गुना कवर प्राप्त होगा। परंपरागत योजनाओं में न्यूनतम मृत्यु लाभ बीमित राशि के बराबर होगा। साथ ही कुछ अन्य लाभ भी प्राप्त हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42728.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b92100db4bbaa88311c481e26b2276c9acd137b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + -आपकी कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन चैनल किस तरह काम करता है? ऑनलाइन बिक्री पर आपका कितना फोकस है?। हमारे डिस्ट्रीब्यूशन चैनल में एजेंट, सेल्स मैनेजर, ब्रोकर, कॉरपोरेट एजेंट और वेब व टेलीसेल्स शामिल हैं। ऑनलाइन बिक्री के जरिये भी बड़ी मात्रा में प्रीमियम इकट्ठा करते हैं। इसलिए इस चैनल का इस्तेमाल आगे और आक्रामक तरीके से करना चाहेंगे। इसके लिए ऑनलाइन बिक्री की प्रक्रिया को सरल बनाने, भुगतान की आसान सुविधा व पोर्टल पर अधिक उत्पाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42741.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..344ed0ec95eca2956946c4c9bc994ff923a64630 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मंदी के दौर में लंबा इंतजार न कर सकने के कारण कई लोगों को यूलिप के लाभ नहीं प्राप्त हो सके। इससे उनके दिमाग में यूलिप की गलत छवि बन गई है। मगर जबसे केंद्र में टिकाऊ सरकार आई है, तबसे न केवल शेयर बाजार की हालत सुधरी है, बल्कि निवेशकों ने भी यूलिप में भी नए सिरे से दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी है। चूंकि यूलिप को लोग शेयर बाजार में निवेश के लिए सुरक्षित उत्पादों के तौर पर देखते हैं। लिहाजा यूलिप में निवेश से पहले इनसे जुड़ी कुछ अहम बातों को समझ लेना जरूरी है। यद्यपि नए नियामक दिशानिर्देशों की वजह से इनके शुल्क काफी हद तक उचित व किफायती हो गए हैं, मगर फिर भी अपनी जरूरत और बचत की हैसियत के मुताबिक सही उत्पाद का चुनाव करने के लिए सावधानी जरूरी है। । यूलिप में क्यों निवेश करना चाहिए:। यूलिप के रिटर्न शेयर बाजार के प्रदर्शन और उसके नफा-नुकसान से सीधे जुड़े होते हैं। लिहाजा पॉलिसीधारक पर उनका सीधा असर पड़ता है। इसलिए यूलिप में निवेश से पहले अच्छी तरह विचार कर लेना चाहिए कि मैं कितना जोखिम उठा सकता हूं, मेरी मौजूदा आमदनी क्या है, मुझ पर कितने लोगों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है और मैं किस प्रकार की जीवनशैली का आदी हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42768.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40d47038951ab41ff4bceb5b0f2d2aefec777544 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-नई सरकार का बीमा क्षेत्र पर क्या असर पड़ता देख रहे हैं?। बीमा क्षेत्र अर्थव्यवस्था का आइना होता है। वैसे, सीधे तौर पर सरकार की नीतियां बीमा क्षेत्र पर तत्काल असर नहीं डालेंगी, लेकिन एक स्थायी सरकार बनने से इस क्षेत्र पर सकारात्मक असर जरूर पड़ेगा। केंद्र में मजबूत सरकार बनने की संभावना से पूरी इकोनॉमी को फायदा होने की बात हो रही है। हम बदलाव महसूस भी कर सकते हैं। अब अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इन सबसे बीमा क्षेत्र को अपने आप ही फायदा होगा। साथ ही, हम बीमा क्षेत्र को लेकर नई सरकार की नीतियों का भी इंतजार कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42792.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6ad7ca313fe9f758b31be706616636af0bbd158 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑनलाइन बीमा का अवीवा लाइफ के कारोबार में कितना योगदान है?। भारत के ऑनलाइन जीवन बीमा उद्योग में अवीवा लाइफ इंश्योरेंस की जगह अब बेहतर हो गई है। पिछले तीन साल में हमने न सिर्फ अपने ऑनलाइन उत्पादों के पोर्टफोलियो का विस्तार किया है बल्कि उसे ग्राहकों के लिहाज से सरल और उपयोगी भी बनाया है। आज हमारे पास 70 हजार ऑनलाइन ग्राहक हैं। इनकी वजह से हम इस बिजनेस में अगुआ कहलाते हैं। इस क्षेत्र में हमारा ध्यान तीन स्तरों पर है। सरल और अपनी श्रेणी में श्रेष्ठ ऑनलाइन बीमा उत्पाद तैयार करना, बिना किसी दिक्कत के ग्राहकों को ऑनलाइन सेवा प्रदान करना और उत्पाद खरीदने से पहले व बाद में बेहतर सेवा उपलब्ध कराना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42801.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..287570c44f541867521d40f5c913b28e710a4783 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42801.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने कहा कि ऑटोमोटिव इकोसिस्टम विकसित हो गया है फिर भी ग्राहकों के अनुभव को बदलकर ग्राहकों के लिए मूल्य अनलॉक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। शुरुआत करने के लिए एचडीएफसी बैंक इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत ग्राहकों (20 लाख तक के ऋण के लिए) की परिकल्पना करता है। यह सुविधा वर्तमान में चार पहिया वाहनों के लिए दी जा रही है और इसे धीरे-धीरे दोपहिया ऋण के लिए शुरू किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42802.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8310a021eca24e341ee7d74b82b087fd48584969 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरबीआइ के फैसले की समीक्षा करते हुए यस बैंक और एसबीआइ बैंक ने अपनी इकोरैप रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर, 2022 तक रेपो रेट में 0.75 फीसद की और वृद्धि हो सकती है। बुधवार की वृद्धि को शामिल किया जाए तो इस तरह से कुल 1.15 फीसद की बढ़ोतरी की तस्वीर बन रही है। यस बैंक ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष भी रेपो रेट में 0.50 फीसद की वृद्धि की संभावना है। महंगाई के तेवर देख कर यह उम्मीद लगाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42806.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..079378f3e00704e17db2d55cca53f5e5780e6e8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर आप होम लोन लेकर घर खरीदते हैं या उसका निर्माण करवाते हैं तो इसके ब्‍याज के भुगतान पर आपको आयकर में कटौती का लाभ मिलता है। अगर आपने घर के निर्माण के लिए होम लोन लिया है तो जिस वित्‍त वर्ष में आपने लोन लिया है उसके पांच साल के भीतर निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए। होम लोन की ईएमआई में दो कंपोनेंट होते हैं- मूलधन और ब्‍याज। जिस घर में आप रह रहे हैं उसके होम लोन के ब्‍याज के भुगतान पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत अधिकतम 2 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ मिलता है। वहीं, अगर आपने अपनी प्रॉपर्टी किराए पर दी हुई है तो ब्‍याज के भुगतान पर कटौती की कोर्ठ अधिकतम सीमा नहीं है। हालांकि, आप हाउस प्रॉपर्टी से घाटे के मद में अधिकतमक 2 लाख रुपये तक का ही दावा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4281.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..801b5a174116b55fccda6155e9e40913d4f0e5d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Aditi Rao Hydari Bold pics: अदिति राव हैदरी ने अपने हालिया फोटोशूट की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl इन तस्वीरों में अदिति राव हैदरी को घाघरा, चोली और ओढ़नी पहने हुए देखा जा सकता हैl उन्होंने गले में एक सुंदर हीरे का हार भी पहन रखा हैl उन्होंने लाल कलर की लिपस्टिक लगा रखी हैl उन्होंने हल्का मेकअप कर रखा हैl उनके बाल बंधे हुए हैं और उन्होंने बिंदी लगा रखी हैl।अदिति राव हैदरी काफी खूबसूरत लग रही हैl तस्वीरें देख फैंस इसपर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैंl एक फोटो पर फिल्म अभिनेत्री दीया मिर्जा ने 'बहुत खूबसूरत' लिखा हैl अदिति राव ने इसके पहले भी अपनी कई तस्वीरें शेयर की थीl इसमें उन्हें भारतीय परिधान पहने हुए देखा जा सकता हैl अदिति राव हैदरी फिल्म एक्ट्रेस हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीर और वीडियो शेयर करती है जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl।अदिति राव हैदरी कई कलाकारों के साथ काम कर चुकी हैl इनमें जॉन अब्राहम, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण जैसे कलाकार शामिल है। अदिति राव हैदरी के पिता का नाम एहसान हैदरी हैl अदिति राव हैदरी डांसर और सिंगर भी हैंl उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्मों में काम किया हैl वह तमिल फिल्म श्रीनगरम से डेब्यू कर चुकी हैl यह फिल्म 2007 में आई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42813.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7a372750a7b85c24a4eb6126efdbd9f27253610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Repo rate को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। केंद्रीय बैंक के एमपीसी ने केंद्रीय बजट के कुछ ही दिनों बाद फरवरी में अपनी पिछली बैठक में नीतिगत दर (Repo rate) को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया था। पैनल ने 5 से 1 के बहुमत से निर्णय लिया था कि जब तक ग्रोथ तेज करने और इसे बरकरार रखने के लिए जरूरी हो, तब तक समायोजन का रुख जारी रखें और अर्थव्यवस्था पर COVID-19 के प्रभाव को कम करने के उपाय करते रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42816.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1fa51635fd37f889a58eefc4f3e32957efc69fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमिताभ तिवारी ने बताया कि लोन की राशि शिक्षण संस्‍थान की ग्रेडिंग पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर IIM या IIT जैसे संस्‍थानों की ग्रेडिंग हाई होती है तो लोन की राशि भी अधिक होती है। इसकी एक वजह यह भी है कि ऐसे संस्‍थानों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को आसानी से अच्‍छी नौकरी मिल जाती है और कर्जदाताओं को लोन रीपेमेंट के मामले में ज्‍यादा जोखिम नजर नहीं आता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42817.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2232871fd036b82a850c537cace362a26389f76d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42817.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1 अप्रैल को यहां खुलेंगे बैंक। अप्रैल 2022 में आरबीआई द्वारा जारी हॉलिडे सूची के अनुसार, वीकेंड के अलावा बैंक कुल नौ दिनों के लिए बंद रहेंगे। महीने का पहला दिन - 1 अप्रैल - बैंक खातों के वार्षिक बंद होने के कारण बैंक अवकाश है, जो वीकेंड के साथ आ रहा है। चूंकि 1 अप्रैल शुक्रवार को पड़ेगा इसलिए लंबे वीकेंड के कारण बैंक शाखाएं कुल तीन दिनों के लिए बंद रह सकती हैं। Aizawl, चंडीगढ़, शिलांग और शिमला को छोड़कर 1 अप्रैल को अन्य शहरों में बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। + +14 से फिर लंबी छुट्टी। झारखंड की राजधानी रांची में चार अप्रैल को सरहुल (Sarhul) पर बैंक बंद रहेंगे। बाबू जगजीवन राम के जन्मदिन के कारण अगले दिन हैदराबाद में बैंकों में अवकाश रहेगा। इसके बाद बैंकरों को 14 और 15 तारीख को दो छुट्टियों के साथ फिर लंबे वीकंड हॉलिडे का मौका मिलेगा। 14 अप्रैल को बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती/महावीर जयंती/बैसाखी/वैसाखी/तमिल नव वर्ष दिवस/चिराओबा/बीजू महोत्सव/बोहाग बिहू के रूप में मनाया जाएगा। वहीं 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे/बंगाली नव वर्ष दिवस (Nababarsha) के कारण अवकाश रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42821.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32233149065eab25620e20074df879a4a758be99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42821.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिप्‍टोकरंसी पर उन्‍होंने कहा कि मौजूदा पेपर करंसी ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम के तहत लीगल टेंडर है और इसे आरबीआई अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के अनुसार आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है। RBI कोई क्रिप्टोकरंसी जारी नहीं करता है। पेपर करंसी के डिजिटल संस्करण को सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) कहते हैं। ।उन्‍होंने संसद को बताया कि RBI अभी CBDC की शुरुआत के लिए एक स्‍ट्रैटेजिक प्‍लान पर काम कर रहा है। और इसके इस्‍तेमाल के मामलों की जांच कर रहा है, जिसे बहुत कम या बिना किसी रुकावट के लागू किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि सीबीडीसी के आने से नकदी पर निर्भरता घटेगी, लेनदेन पर लागत में भी कमी आने जैसे फायदे होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42822.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7589d54b84fd622b632b155aaaf3f9197eae4999 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +SBI Tax-Saving FD ऑनलाइन कैसे खोलें?।अन्य जरूरी बातें।SBI की वेबसाइट के अनुसार, मियादी जमा की तारीख से 5 वर्षों की लॉक इन अवधि समाप्त होने से पहले मियादी जमा का नकदीकरण नहीं किया जा सकता। खाताधारक की मृत्यु हो जाने पर नामिती / कानूनी वारिस, जमा राशि को परिपक्वता समय से पूर्व या बाद में, किसी भी समय आहरित कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42825.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01fbf939a598bba252e781d6b42ca6421706cf25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसमें कहा गया है कि 2-3 साल के बीच की एफडी पर 5.20 फीसदी और 3-5 साल के लिए 5.45 फीसदी की ब्याज दर पहले के 5.25 फीसदी की दर से ली जाएगी। इसमें कहा गया है कि 5-10 साल के सावधि जमा स्लैब के लिए अधिकतम 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी 5.5 प्रतिशत की गई है। वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen) सभी वर्गों में 50 आधार अंक ज्‍यादा पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42837.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba038b849d4b765bb4a266945fd320fbe1f4363a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले आरबीआई ने जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष योजना, 2014 के कुछ मानदंडों के उल्लंघन पर वराछा सहकारी बैंक लिमिटेड, सूरत पर एक लाख रुपये का जुर्माना और मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर केवाईसी मानदंडों से संबंधित कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। वहीं वसई जनता सहकारी बैंक, पालघर पर भी दो लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42845.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9c5b7919f31d27f1bba7c04b7c75e9f0042e28c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42845.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खुदरा मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने बढ़कर दिसंबर 2021 के दौरान 5.6 प्रतिशत रही, लेकिन आम धारणा की अपेक्षा से कम थी। खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर 2021 में 1.9 प्रतिशत से बढ़कर 4 प्रतिशत हो गई। प्रमुख क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में हालांकि बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन दिसंबर 2021 में यह थोड़ी नरम होकर छह प्रतिशत हो गई। + +रिपोर्ट में कहा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और औद्योगिक विकास दर के अस्थिर होने के बावजूद बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए आरबीआई निकट भविष्य में 2022 में नीति दर को 100 बीपीएस तक बढ़ाना शुरू कर सकता है। इसमें कहा गया है कि 100 देशों में से लगभग 40 प्रतिशत ने पहले ही नीतिगत दरों में औसतन 150 बीपीएस की वृद्धि की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42846.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..414c78983bc2e9c097570183110b39d30c82bd1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42846.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक कर कोरोनावायरस के ओमिक्रोन स्वरूप के संभावित आर्थिक व्यवधानों से निपटने के लिए बैंकों की तैयारी का जायजा लिया। वित्त मंत्रालय के मुताबिक बैंकों के चैयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के साथ हुई इस ऑनलाइन बैठक में सीतारमण ने कृषि, खुदरा और एमएसएमई के साथ ही कोविड के चलते व्यवधान का सामना करने वाले क्षेत्रों को समर्थन बढ़ाने को कहा। + +उन्होंने यह भी कहा कि खुदरा क्षेत्रों में वृद्धि, व्यापक आर्थिक संभावनाओं में सुधार और कर्ज लेने वालों की वित्तीय सेहत में सुधार के कारण कर्ज मांग में तेजी आने की उम्मीद है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अक्टूबर 2021 में शुरू किए गए ऋण वितरण कार्यक्रम के तहत कुल 61,268 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4285.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6eabfd3d1a2a26162acf06d294a8eeb1b2ef0123 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4285.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिनेत्री ने पोस्ट में लिखा, 'मैं आपके लिए वैसे ही दुआ करती हूं जैसे मैं अपने लिए करती हूं। ऐसा मैं इसलिए करती हूं क्योंकि जो भी मुझे अपने लिए चाहिए वह मुझे आपके लिए भी चाहिए। आप मुझे खुदा के करीब लेकर जाते हैं। शादी की पहली सालगिरह खूब मुबारक हो. अनस सैय्यद मैं इस तस्वीर बैकग्राउंड के रियल होने का अब और इंतजार नहीं कर सकती, इंशा अल्लाह।'।शौहर अनस सैय्यद के साथ सना खान की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। अभिनेत्री के फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनकी तस्वीरों को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपको बता दें कि सना खान 'जय हो', 'वजह तुम हो' और 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' जैसी फिल्मों में काम किया था। फिल्मों में वह अपने बोल्ड अंदाज के लिए जानी जाती थीं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42856.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc6b857a1c7edb30bc258bde54ae65d54fed8562 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का रास्ता आसान करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इसी के चलते संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण में सरकार को आसानी होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में 2021-22 का बजट पेश करते हुए विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों (पीएसबी) के निजीकरण की घोषणा की थी। चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4286.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08cf1cb06447a9be422aec0886a7c9ca2b79a077 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिग बॉस ने खुलासा किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत तक, मीडिया बॉटम 6 कंटेस्टेंट्स के नामों के खुलासे करेगी। घरवालों को बताया गया कि, 'ये आपसे सिर्फ सवाल जवाब ही नहीं पूछेंगे, बल्कि उसके बाद एक महत्वपूर्ण न्यूज देने की जिम्मेदारी भी निभाएंगे। और वो न्यूज होगी इनके द्वारा आपमें से चुने गए बॉटम 6 कंटेस्टेंट्स के नामों की घोषणा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42873.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dd0467a16409ff2d567e4c501d3b792dc9ebd80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिर्फ 10000 रुपये निकाल पाएंगे बैंक ग्राहक।RBI ने कहा कि साथ ही Nagar Urban Cooperative Bank के किसी तरह का निवेश करने, किसी तरह की देनदारी लेने, भुगतान और संपत्तियों के ट्रान्सफर या बिक्री पर भी रोक रहेगी। रिजर्व बैंक ने कहा कि Nagar Urban Cooperative Bank के ग्राहक अपने बचत बैंक या चालू खातों से 10,000 रुपये से अधिक की रकम नहीं निकाल सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4291.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8691530cd44899085ddc0338521feaf691c70a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4291.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस कंगना रनोट अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। वो अक्सर देश के समसमायिक मुद्दों पर अपनी राय भी व्यक्त करती रहती हैं। साथ ही अभिनेत्री अपनी आगामी फिल्मों से जुड़े अपडेट भी शेयर करती रहती हैं। अब उन्होंने अपनी फिल्म ‘टीकू वेड्स शेरु’ के सेट से एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वो खुद को नया कोच बता रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42913.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2d24811ddb0695552ac982974a0a03f4e626cfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह बैंक भी दे रहे हैं सस्ता होम लोन।ICICI Bank के अलावा, State Bank Of India(SBI), HDFC Bank, Bank of Baroda, DCB BanK, Canara Bank और Canara Bank भी अपने ग्राहकों सस्ते ब्याज दर पर होम लोन दे रहे हैं। इन बैंकों के साथ कोटक महिंद्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक जैसे बैंक भी बेहद कम ब्याज पर होम लोन की पेशकश कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42915.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8008546829272098fb138dbea42e5fb107ad34f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हर किसी का सपना होता है कि उसके पास अपना घर हो। अगर आप भी अपने सपनों का घर खरीदने के लिए, होम लोन लेने का मन बना रहे हैं तो, यह आपके लिए सबसे अच्छे मौकों में से एक साबित हो सकता है। त्योहारी सीजन के चलते देश के कई सारे बड़े और प्रमुख बैंकों ने होम लोन पर लगने वाले ब्याज की दरों में कटौती की है। State Bank Of India(SBI), ICICI Bank, Bank of Baroda जैसे कुछ प्रमुख बैंक सस्ते ब्याज दर पर अपने ग्राहकों को हम लोन दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42921.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51a22f87240d2c9bd04a1c5ee5dbf066cce8097e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। अगर आप भी अपने सपनों का घर खरीदने के लिए होम लोन लेने की तैयारी में हैं, तो यह आपके लिए सबसे अच्छा मौका साबित हो सकता है। त्योहारी सीजन के दौरान देश के कई प्रमुख बैंकों ने होम लोन की ब्याज की दरों में कटौती की है। इसी दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख बैंक, Bank of Baroda ने 7 अक्टूबर, 2021 को अपने होम लोन की दरों में 0.25 फीसद की कटौती की थी और इसे 6.75 फीसद से 6.50 फीसद तक करने की घोषणा की थी। त्योहारी सीजन के चलते, देश के कई सारे प्रमुख बैंकों ने होम लोन पर ब्याज की दरों में कटौती की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42929.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42929.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b91689d0839378f66903fe51e49b0a055d903a16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42929.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Covid 19 Mahamari के कारण नकदी की समस्या (Cash Crisis) से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (SME) की मदद के लिये 4.5 लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ECLGS) के तहत कर्ज लेने की गुंजाइश को बढ़ा दिया है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि योजना की अवधि और छह महीने यानी 31 मार्च, 2022 तक के लिये बढ़ा दी गई है। + +ईसीएलजीएस का लाभ उठा चुके मौजूदा कर्जदार इन सीमाओं के भीतर अतिरिक्त कर्ज ले सकते हैं। उनकी कर्ज लेने की पात्रता बढ़ गयी है क्योंकि समयसीमा को 29 फरवरी, 2020 से बदलकर 31 मार्च, 2021 कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस संशोधन से कोविड-2019 की दूसरी लहर से प्रभावित कंपनियों को बिना किसी जमानत के अतिरिक्त नकदी मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। इसके अलावा, यह व्यस्त/त्योहारों के मौसम में सभी ईसीएलजीएस कर्जदारों (जिसमें मुख्य रूप से एमएसएमई इकाइयां शामिल हैं) को जरूरी सहायता प्रदान कर सकेगा।’’।योजना पिछले साल मई में शुरू की गई थी। इसके तहत 1.15 करोड़ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) और कंपनियों को सहायता उपलब्ध करायी गयी है। इसके तहत कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं को देखते हुए पात्र कर्जदाताओं को अपनी परिचालन से जुड़ी देनदारी और कारोबार फिर से शुरू करने के लिये मदद दी गयी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42930.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50a2b7adfbedda4dabb4afbea4a668f590cb32b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि Bank ने बीते दिनों Paytm के साथ मिलकर Cobranded Credit Card लॉन्‍च किया था। इसके तहत कई फीचर ग्राहकों को उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं। एचडीएफसी बैंक में टेक्नोलॉजी से जुड़ी खामियों के चलते रिजर्व बैंक ने दिसंबर, 2020 में ऋणदाता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके द्वारा नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42939.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1438cfffd37acf1a4b9568e36111d3a4d1455b71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42939.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीओबी ने ब्याज दर में 0.25 फीसद की कमी की।बैंक आफ बड़ौदा ने खुदरा कर्ज लेने वालों के लिए ब्याज में छूट देने समेत अन्य त्योहारी पेशकश की हैं। बैंक ने बड़ौदा होम लोन और बड़ौदा कार लोन की मौजूदा दर में 0.25 फीसद की कमी की है। बैंक के होम लोन की ब्याज दर 6.75 फीसद और आटो लोन की सात फीसद से शुरू होती है। इसके अलावा बैंक ने होम लोन प्रोसेसिंग फीस में भी छूट की घोषणा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42940.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24fee92fec3ae0db6c4db8d726d376da661ea6d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42940.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीएनबी ने एक बयान में कहा कि त्योहारों के मौसम के दौरान पंजाब नेशनल बैंक द्वारा शुरू किए गए कई ऑफर के तहत पीएनबी ने 50 लाख रुपये से अधिक के Home Loan पर ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। पीएनबी ने घोषणा की है कि अब कितनी भी रकम का होम लोन 6.60 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने कहा कि ब्याज दर आवेदक के क्रेडिट स्कोर से जुड़ी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42947.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65f12fde200dcb7cc36ad54e8f4af2b240deaa67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42947.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डिजिटल बैंकिंग के बढ़ने के साथ-साथ धोखाधड़ी के केस भी तेजी से बढ़े हैं। इस बीच अनधिकृत और धोखाधड़ी लोन देने वाले ऐप्स में वृद्धि हुई है। हालांकि, डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन लोन के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन जब आप आवेदन करें तो अपनी व्यक्तिगत जानकारी/दस्तावेजों को ऑनलाइन शेयर करते समय बेहद सतर्क रहें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4295.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1429297685879f6302aba2fcf6f9162190a2bba9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता वरुण धवन अपनी एक्टिविटी को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं। वो अक्सर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर फिल्मों से जुड़े अपडेट भी फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं। अब उन्होंने अपने अपने ट्विटर हैंडल पर आगामी फिल्म जुग जुग जियो से जुडा अपडेट शेयर किया है। साथ ही उन्होंने बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता अमरिश पुरी की तस्वीर भी शेयर की है, जिसपर लिखा 'जुग जुग जियो बेटा'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42950.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4be23ea601d89ff50b79248a8dbc967817cde161 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42950.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +PNB करेगा ब्‍याज में कटौती। देश के बड़े सरकारी बैंकों में से एक Punjab National Bank सेविंग अकाउंट में डिपॉजिट पर ब्याज दर में कटौती कर रहा है। यह कटौती 1 सितंबर 2021 से लागू होगी। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक बैंक की नई ब्याज दर 2.90 फीसदी सालाना हो जाएगी। नई ब्याज दर PNB के मौजूदा और नए बचत खातों पर लगेगी। मौजूदा ग्राहकों को PNB बचत खाते पर 3 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42951.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f5bab33f406c255f7472d744cd82c5f959ba56e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने हिमाचल के सोलन स्थित भगत शहरी सहकारी बैंक पर एनपीए वर्गीकरण से संबंधित मानदंडों सहित कुछ नियमों का उल्लंघन करने पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। आरबीआई ने एक अन्य बयान में कहा था कि उसने केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने पर नई दिल्ली स्थित दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42957.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..952253348d0a8947f26c3357474240988a238f2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42957.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कई बार एक लोन लेने के बाद भी वित्तीय जरूरतें पैदा नहीं होतीं, फिर दूसरा लोन लेना पड़ता है। पहले से चल रहे लोन पर लोन लेने को टॉप अप लोन कहते हैं। कर्जदाता ऐसे ग्राहक को बेहतर ब्याज शर्तों के साथ लोन देते हैं जिनकी क्रेडिट हिस्‍ट्री अच्छी होती है। यह सोना और अचल संपत्ति जैसी परिसंपत्तियों को बेचने या गिरवी रखने से बेहतर विकल्प है। + +इस तरह के लोन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उधारकर्ता को अतिरिक्त कागजी कार्रवाई या दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता नहीं होती है और बैंक के पास पहले से ही ग्राहक का केवाईसी विवरण होता है। ज्यादातर सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक होम लोन पर टॉप-अप की सुविधा देते हैं। टॉप-अप लोन के लिए आवेदन करना बेहद आसान है। टॉप अप लोन के लिए ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है। इस तरह के लोन पर प्रोसेसिंग फीस काफी कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42969.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a4a89ca6c0eb6616375e7a9082abe6d73768b5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, पीटीआइ। अगर आप Payment Bank के जरिए राइट इश्‍यू में पैसा लगाना चाहते हैं तो अब ऐसा हो पाएगा। क्‍योंकि पूंजी बाजार नियामक Sebi ने भुगतान बैंकों को निवेश बैंकर (Investment Banker) के रूप में काम करने की इजाजत दे दी। इस पहल का मकसद भुगतान के सभी जरियों का उपयोग कर निवेशकों के लिए सार्वजनिक और राइट्स इश्यू (Public and Rights Issue) में भागीदारी को आसान बनाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42972.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f44bf4c92fcd047fab206a08102af90a404bfdd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42972.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, आइएएनएस। क्‍या आपको पता है कि सरकारी बैंकों में कितनी रकम जमा है, जिसे कोई क्‍लेम करने वाला नहीं है। रकम का आंकड़ा पढ़कर हैरान रह जाएंगे। सरकारी बैंकों के पास 16,596.90 करोड़ रुपये की बिना दावा वाली जमा रकम है, संसद को इसकी जानकारी दी गई। दावा न की गई जमाराशि वे जमाराशियां हैं, जहां कम से कम 10 साल के लिए आय या मैच्‍योरिटी रकम का दावा नहीं किया गया है। + +जमा रकम का दावा नहीं।कराड ने कहा, जमाकर्ताओं द्वारा बैंकों से अपनी जमा रकम का दावा नहीं किए जाने के कारण वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में लावारिस जमा में 5,977 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने बैंकों को बिना दावा जमा या निष्क्रिय खातों के खाताधारकों के ठिकाने का पता लगाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_42977.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_42977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f61a8e6a74f2a3d6aaba0e5936353dc586400545 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_42977.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जमीन के लिए भी मिल सकता है लोन।जैन ने बताया कि कई मामलों में जमीन की लागत कंस्ट्रक्शन पर आने वाली लागत से ज्यादा होती है। ऐसी स्थिति में लेंडर जमीन के लिए भी लोन दे सकता है बशर्ते कि आप एक रीजनेबल टाइम में कंस्ट्रक्शन शुरू करने के लिए तैयार हों। ।वहीं, अगर आपने जमीन पहले से खरीदकर रखी है तो उसके लिए दी गई रकम को भी बैंक मार्जिन मनी मानता है। लेकिन बैंक किसी भी परिस्थिति में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट से ज्यादा फंडिंग नहीं करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_430.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78ff810d78aaa97e01e95e65728f5b97ea887039 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'केजीएफ 2' ने रिलीज के 14वें दिन यानी दूसरे बुधवार को हिंदी संस्करण ने शानदार कलेक्शन करते हुए बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पांच हिन्दी फिल्मों की सूची से सलमान खान की फिल्म 'टाइगर जिंदा' को बाहर कर दिया। बता दें कि यश स्टारर फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ हिन्दी ने कमाई के मामले में रणबीर कपूर की फिल्म 'संजू' और आमिर खान की ही एक और फिल्म ‘पीके’ को तो कब का पीछे छोड़ दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43011.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0af3b7dcc809b5cb4270c06e727c1dff799d3097 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43011.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जालसाज मैसेज के जरिये पर्सनल लोन लेने वालों के नंबर पर मैसेज भेजते हैं और लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं। कर्जदाता ऑनलाइन यूजर्स को कई तरह से ठगने अ प्रयास करते हैं, वे यूजर को कई संदिग्ध साइटों पर भेजते हैं। ।मसलन, ठगी करने के लिए सिटीबैंक साइट को sitibank.com के रूप में दिखाया जा सकता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह पूरी तरह से फर्जी साइट है। आप URL की जांच करके भी फर्जीवाड़े से बच सकते हैं। बिना किसी दस्तावेज़ के आप किसी भी तथाकथित पर्सनल लोन लेने से बचें और किसी को लोन के एवज में एडवांस पैसे न दें। सभी लाइसेंस प्राप्त कर्जदाता केवाईसी करते हैं और वे आपसे दस्तावेज भी मांगेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43043.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..806c20c86dbda3172ec9d44a3df09eb77073efcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43043.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Car खरीदने के नहीं हैं पैसे तो लीज पर लें, ये कंपनियां दे रहीं आकर्षक ऑफर।आरबीआइ ने यह स्पष्ट किया था कि सिर्फ उन्हें ही यह सुविधा दी जाएगी जिनकी आमदनी कोविड-19 की वजह से प्रभावित हो। आरबीआइ गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को फिर मीडिया के समक्ष यह कहा भी कि, ''किसकी मासिक किस्त माफ करनी है और किसकी नहीं, इसका फैसला बैंकों को खुद करना है।'' अभी तक सिर्फ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बोर्ड ने ही इस बारे में फैसला किया है। देश के दो सबसे बडे बैंक एसबीआइ व पीएनबी की तरफ से अगले हफ्ते फैसला होने की संभावना है। सबसे ज्यादा खुदरा लोन देने वाले निजी क्षेत्र के बैंकों की तरफ से अभी कोई संकेत नहीं मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43044.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8689769980ff1a09d734f831d4627d1afe720d7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43044.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Digital Gold अब सिर्फ पांच रुपये में खरीदें सोना, Amazon Pay ने लॉन्च की सुविधा, जानिए क्या हैं फायदे।एसबीआई से मुद्रा लोन के लिए ग्राहकों को https://www.sbiloansin59minutes.com पर जाना होगा। यहां जरूरी जानकारियां दर्ज करने पर सिर्फ 59 मिनट में लोन सैंक्शन हो जाएगा। मुद्रा लोन लेने के लिए बैंक स्टेटमेंट, फोटो, पहचान पत्र, निवास प्रमाण, बिक्री दस्तावेज, प्राइस कोटेशन्स बिजनस आईडी, जीएसटी आइडेंटिफिकेशन नंबर, इनकम टैक्स रिटर्न आदि की जानकारी देनी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43051.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43051.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e58667fbb17e099d86665a8d8043e3bd0118bdbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43051.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओवरड्राफ्ट सुविधा।होम लोन पर ब्याज दर कम करने के लिए होम लोन अकाउंट के साथ होम लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा का भी विकल्प है। इस सुविधा के जरिये आप अपनी ईएमआई (EMI) के अलावा भी अपने होम लोन अकाउंट में अतिरिक्त पैसे जमा करवा सकते हैं। खाते में जब अतिरिक्त पैसा होगा तब ब्याज के पैसे और लोन की टेन्योर कम हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43055.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c91f07fa78c502353fa1aaa415a057feda47085f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। घर खरीदने या बनवाने की तमन्ना सबकी होती है, हर कोई चाहता है कि उसका अपना घर हो। लेकिन घर खरीदने के लिए कई बार पूरे पैसे नहीं होते जिससे होम लोन की ओर शिफ्ट होना पड़ता है। होम लोन का एक फायदा ये भी है कि इससे टैक्स बचाने में मदद मिलती है। हालांकि, कई दफा होम लोन लेने के बाद इसके ईएमआई को चुकाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मुश्किल हालात तब आते हैं जब जब आपकी नियमित आय नहीं होती या आपकी आय किसी वजह से बंद हो जाती है। ।होम लोन ईएमआई बोझ को कम करने के लिए कई ऑप्शनल ट्रिक का इस्तेमाल किया जा सकता है। होम लोन के मूलधन के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत लाभ मिलता है। वहीं, ब्‍याज के भुगतान पर आपको धारा 24बी का लाभ मिलता है। अगर आपके ऊपर होम लोन पेमेंट का बोझ है तो कुछ ऐसे उपाय जानिए जिनसे आप होम लोन EMI बोझ कम कर सकते हैं। ।यह भी पढ़ें: Loan Against Car: अपनी कार के बदले ले आसानी से ले सकते हैं लोन, जानिए किन दस्‍तावेजों की होती है जरूरत और क्‍या है प्रक्रिया।EMI में बढ़ोतरी।वेतन पाने वाले कर्मचारियों को साल में एक बार सैलरी इन्क्रीमेंट होता है। इसलिए जब सैलरी बढ़े तब EMI राशि को बढ़ाएं। अगर आप हर साल अपनी ईएमआई राशि बढ़ाते हैं तो लोन पीरियड में कमी आएगी, जिससे आपको कुल बकाया लोन राशि चुकाने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43061.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab9d07d2e71cd6b7b0ef5d6794d624b9038abd9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भुगतान की अच्छी हिस्ट्री हो।अगर आप कम ब्याज दर वाला पर्सनल लोन चाहते हैं, तो आपकी भुगतान हिस्ट्री अच्छी होनी चाहिए। ग्राहक को अपने क्रेडिट कार्ड्स के बिल का पूरा भुगतान करने की कोशिश करनी चाहिए और हर महीने अपना कर्ज चुका देना चाहिए। अगर ग्राहक के पास पहले से कोई दूसरा कर्ज है, तो उसकी ईएमआई (EMI) नियमित रुप से समय पर जमा करानी चाहिए। ऐसा होने पर ग्राहक को कम ब्याज दर वाला पर्सनल लोन पाने में आसानी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43068.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81b5fc341afc2258063fa7293f3128f94641c9e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +4. भुगतान में सुविधाः ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से बकाया राशि को चुका सकते हैं। ।5. पहले भुगतान पर कोई शुल्क नहींः अगर आप तय समय से पहले राशि को चुकाना चाहते हैं तो इसके लिए आपसे किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। ।इस तरह उठा सकते हैं इस योजना का लाभ।1. अपने इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट में लॉग-इन करिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43074.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fe1dac13310aff1fe6b04ecd1350e8ff771dc36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43074.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लॉकडाउन के चलते जहां कई लोग अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं, तो बहुतों के वेतन में कटौती की गई है। छोटे-मोटे सभी कारोबारियों की आय को भी भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में कई लोगों के सामने नकदी का संकट खड़ा हो गया है। अब लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद अपने कारोबार को फिर से पटरी पर लाने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग पर्सनल लोन के लिए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को आज हम एक भिन्न प्रकार के पर्सनल लोन से रूबरू करवाएंगे, जो मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। इसका नाम है कोविड-19 पर्सनल लोन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43081.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ac1d3a286d5928608d82a50c1102caa814dd4d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये हैं विभिन्न बैंकों की जमा पर ब्याज दरें।इस समय एसबीआई सेविंग अकाउंट पर 2.75 फीसद और इलाहबाद बैंक 3.50 फीसद ब्याज दर दे रहा है। वहीं, बैंक ऑफ इंडिया अपने बचत खाताधारकों को 3.25 से 3.50 फीसद तक ब्याज दर प्रदान कर रहा है। इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा 3 से 3.25 फीसद, एक्सिस बैंक 3.50 से 4 फीसद, आईडीबीआई बैंक 3.50 से 4 फीसद, आईसीआईसीआई बैंक 3.25 से 3.75 फीसद, एचडीएफसी बैंक 3.25 से 3.75 फीसद, पंजाब नेशनल बैंक 3.25 से 3.80 फीसद, बंधन बैंक 4 से 7.15 फीसद और यस बैंक अपने खाताधारकों को बचत खाते पर 5 से 6.25 फीसद तक ब्याज दर प्रदान कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_431.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73c64aed3c3bb7a0a12cc336031c22ccb865b36c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि कंगना रनोट के लॉक अप में पूनम पांडे अपने खेल और रणनीति के अलावा बोल्डनेस की वजह से भी सुर्खियों में हैं। बीते दिनों उन्होंने दर्शकों और फैंस से लिए बीच शो में अपना टॉप उतार दिया था। ऐसे में पूनम पांडे ने ज्यादा वोट हासिल करने के लिए किया था। टॉपलेस होते हुए उनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43136.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef9d2e708be34da06f0f9424e9cbacb7c00d394c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बचत खाते पर अधिक ब्याज दर पाने के लिए ग्राहकों के पास पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में कई विकल्प हैं। साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक पेमेंट्स बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक जैसी नई कैटेगरी भी लाया है, जिसमें से भी ग्राहक अपना बैंक चुन सकते हैं। उच्च ब्याज दर प्रदान करने वाले बैंक के चयन से म्युचुअल फंडों में एसआईपी से निवेश करने वाले ग्राहकों को भी फायदा होगा। इससे उन्हें अपना रिटर्न बढ़ाने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43137.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60998c3c00fe1006e45b9230463342d6d62079e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। त्‍योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही लोन नई खरीदारी करने की शुरुआत करते हैं। चाहे घर हो या कार, यही सीजन है जब लोग अपनी खरीदारी की योजना को अमली जामा पहनाते हैं। कार की खरीदारी के लिए कार लोन लेना एक आम बात है। इससे कार खरीदना आसान हो जाता है। इसकी अवधि आम तौर पर 3.5 साल होती है। हालांकि, कुछ बैंक कार लोन चुकाने के लिए 7 साल तक का वक्‍त देते हैं। अगर आप भी इस त्‍योहारी सीजन में कार लोन खरीदने की सोच रहे हैं तो आज हम बताएंगे कि किन बैंकों का कार लोन सबसे सस्‍ता है। इससे पहले कुछ जरूरी बातों की चर्चा भी कर लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43140.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f7356a2a8e10b71ad91f78764a84bfcf2cfcaad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43140.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपने SBI (UK) लिमिटेड के ग्राहकों के लिए डिजिटल बैंकिंग ऐप योनो की लांचिंग की है। यह लांचिंग एसबीआई चेयरमेन रजनीश कुमार द्वारा यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल (UKIBC) के समन्वय से आयोजित एक कार्यक्रम में की गई है। एसबीआई के योनो ऐप के इस वैश्विक संस्करण का लाभ ब्रिटेन में एसबीआई के ग्राहकों को मिलेगा। बता दें कि योनो से आशय 'यू ओनली नीड वन' से है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43160.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..067167d410344cbf4c19e6816fd5933f84db266b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43160.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती किये जाने के बाद स्टैट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने बैंचमार्क लेंडिंग रेट में पांच आधार अंकों की कटौती की है। एसबीआई की घटी हुई दरें कल बुधवार (10 जुलाई) से प्रभावी भी हो गई हैंं। एसबीआई ने इस तरह साल में तीसरी बार दरों में कटौती की है। आइए कुछ बिंदुओं से समझते हैं कि ब्याज दर में इस कटौती का फायदा किस तरह से मिलने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43166.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e228539c49a6996395a85adb64f9c55285c2728b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (बिजनेस डेस्‍क)। अगर कोई बैंक लोन की जबरन रिकवरी के लिए बाउंसर्स या पहलवानों का इस्‍तेमाल करता है तो यह पूरी तरह गलत है। सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्‍न के जवाब में वित्‍त राज्‍य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी बैंक को लोन की जबरदस्‍ती वसूली के लिए बाउंसर्स नियुक्‍त करने का अधिकार नहीं है। ठाकुर ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से स्‍पष्‍ट निर्देश है कि उचित पुलिस वेरिफिकेशन और अन्‍य जरूरी औपचारिकताओं को पूरी करने के बाद ही रिकवरी एजेंटों की नियुक्ति की जा सकती है। ।ठाकुर ने कहा कि RBI ने 'ऋणदाताओं के लिए निष्पक्ष व्यवहार कोड पर दिशानिर्देश' जारी किया हुआ है जिन्‍हें बैंकों को मानना जरूरी है। उनके बोर्ड द्वारा इन्हें मंजूर किया गया है। ।उन्होंने कहा कि यह सर्कुलर कर्जदाताओं को लोन की रिकवरी के दौरान किसी तरह का शोषण करने से रोकता है, जैसे बेवक्त कर्जदारों को परेशान करना या लोन रिकवर करने के लिए ताकत का इस्तेमाल करना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43173.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8a9ded21f65d9b725e457a2dca1e9fd3b55b636 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43173.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कंपनी डिपॉजिट: कंपनी डिपॉजिट एनबीएफसी और मैन्युफैक्चरिंग फर्मों की तरफ से जारी किए जाते हैं। इस तरह के डिपॉजिट जारी करने का उद्देश्य कंपनी फंड जुटाने के लिए करती है। पिछले कुछ समय में कई लोगों ने इस तरीके का इस्तेमाल किया है। कंपनी डिपॉजिट एक प्रकार का अनसेफ लोन है जो डिफॉल्ट की स्थिति में निवेशक को कुछ भी गारंटी नहीं देते हैं। ऐसे जोखिम की वजह से ही कंपनी डिपॉजिट में बैंक एफडी के मुकाबले अधिक ब्याज दर मिलती है। उच्च ब्याज दर को देखते हुए कई निवेशकों को यह निवेश पसंद आता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43174.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97935ecc0e79f6d964ac2a3d14d5569105456ff8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अकाउंट को डी-लिंक करें: सेविंग अकाउंट को बंद करने से पहले आपके लिए यह देखना जरूरी है कि उस अकाउंट से कोई इंवेस्टमेंट या ट्रेडिंग अकाउंट तो लिंक नहीं है। आमतौर पर बैंक अकाउंट से इंवेस्टमेंट, लोन, ट्रेडिंग, क्रेडिट कार्ड पेमेंट और इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट लिंक होती है, इसलिए बैंक अकाउंट बंद करवाने से पहले इन सभी को दूसरे अकाउंट से लिंक करवा देना चाहिए। अकाउंट बंद करते वक्त आपको डी-लिंकिंग अकाउंट फॉर्म भरना पड़ सकता है। अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरें जो कि बैंक की ब्रांच में उपलब्ध होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43186.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bffc46ff91d6365c4f721e1568c0ce526bdf901c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43186.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को सेविंग प्लस अकाउंट की भी पेशकश करता है। यह एक सेविंग बैंक अकाउंट है जो मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम (MODS) से जुड़ा हुआ है। इसमें सेविंग बैंक अकाउंट से सीमा से अधिक सरप्लस फंड 1,000 रुपये के गुणकों में खोले गए सावधि जमाओं में ऑटोमैटिकली ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसी के साथ मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट पर लोन भी लिया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43192.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4684076031e61e5ad3e789c37c5ff563a4e0efd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश के जाने-माने 10 बैंक और उनके पर्सनल लोन की ब्याज दरें।बैंक ब्याज                            दर% में।इलाहाबाद बैंक                     8.65-13.15।पंजाब नेशनल बैंक               9.45-15।आईडीबीआई बैंक                10.15-12.90।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया           11-17.05।एचडीएफसी बैंक                  11.25-17.99।आईसीआईसीआई बैंक          11.25-17.99।सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया          11.35।इंडसइंड बैंक                        11.25-30.50।इंडियन बैंक                         10.65-11.25।यस बैंक                              10.99-17.5।टेक्‍नोलॉजी के इस दौर में बैंकिंग सर्विसेज भी हाइटेक हो गई हैं और अब घर बैठे पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया जा सकता है। भारत में बहुत से बैंक इंस्टेंट पर्सनल लोन की सर्विस देते हैं, जिसका लाभ घर बैठे इंटरनेट बैंकिंग से लिया जा सकता है। वहीं, कई बैंकों की ब्रांच में जाकर इस सर्विस का लाभ उठाया जाता है। पर्सनल लोन का इस्तेमाल ग्राहक अपनी निजी जरूरतों के लिए कर सकते हैं। इस लोन पर ब्याज दर अन्य किसी भी लोन के मुकाबले अधिक होती हैं, लेकिन फिर भी यह लोन सबसे अधिक लिया जाता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43195.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24466187a01f6daf39a92b8df17052962b4cfda3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक कई तरह के लोन के साथ लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP) की भी पेशकश करता है। जो लोग लोन लेने के लिए अपनी प्रॉपर्टी बेचने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह लोन फायदेमंद साबित हो सकता है। एसबीआई से लोन अगेंस्‍ट प्रॉपर्टी लेकर आपको प्रॉपर्टी बेचने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि वह काम उस प्रॉपर्टी को गिरवी रखने से ही हो जाएगा। एसबीआई से लोन अगेंस्‍ट प्रॉपर्टी के लिए रेजीडेंशियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43202.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b12eab04db9390f2bf51c37e01e677cdabdf3fe5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जब बैंक में अकाउंट खुलवाया जाता है तो उस बैंक की तरफ से बैंकिंग किट में एक चेक बुक मिलती है। अगर आप पुरानी चेक बुक को इस्तेमाल कर चुके हैं तो आप नई चेक बुक के लिए बैंक से अनुरोध कर सकते हैं। अगर आप बिना बैंक ब्रांच में जाए चेक बुक ऑर्डर करना चहाते हैं तो हम आपको इसका तरीका बता रहे हैं। देश के बहुत से प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंक बिना ब्रांच में जाए चेक बुक ऑर्डर करने की अनुमित देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43210.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee19e72ea1cf094f4919fbce930ea711672695e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43210.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं दूसरी सुविधा का नाम ‘इंस्टा टू-व्हीलर लोन’ है। इसमें बैंक के 12 मिलियन से अधिक पूर्व-स्वीकृत ग्राहकों को 3 साल की अवधि पर 2 लाख रुपए तक के लोन पर तुरंत और डिजिटल तरीके से अंतिम स्वीकृति पत्र मिलेगा। इन दोनों ही सुविधाओं में ग्राहकों को वाहन की ऑन-रोड कीमत के बराबर यानी 100 फीसद लोन हासिल हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43216.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..260718e97cde5bf5b523e82d70b48885390df2ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप पैसा ट्रांसफर करने के लिए नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो आपको NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के बारे में पता ही होगा, लेकिन क्या आपको इन दोनों मनी ट्रांसफर सर्विस, उनके शुल्क और उनके बीच अंतर के बारे में पता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इसकी जानकारी देंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा ग्राहकों को दी है, लेकिन इन दोनों के संचालन में काफी अंतर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43217.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6c5c5af3c1db38fb1f7c960fc8aea096b71952a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +होम लोन ट्रांसफर होने पर नया बैंक या फाइनेंस कंपनी पिछले बैंक या फाइनेंस कंपनी को बाकि बची हुई लोन राशि का भुगतान करता है। अगर होम लोन के शुरुआती 4-5 सालों में हैं तो होम लोन को ट्रांसफर करवाना अच्छा विकल्प है, क्योंकि शुरुआत में ब्याज दर अधिक होती है। वहीं बीच में या आखिर के सालों में होम होम लोन ट्रांसफर करना आपके लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है, क्योंकि शुरुआत में अधिक ब्याज वाली ईएमआई आप बैंक को दे चुके हैं। होम लोन इसलिए ट्रांसफर किया जाता है, जिससे ब्याज कम होकर आपकी ईएमआई कम हो जाए और ये सिर्फ शुरुआत के सालों में ही मुमकिन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43220.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b809a3f7ea579ee4781ec3a904bd695027573367 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) कई प्रकार की बैंकिंग सर्विस जैसे सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड आदि की पेशकश करता है। अगर आप अपने बच्चे के लिए सेविंग अकाउंट खुलवाने के बारे में प्लान कर रहे हैं तो एसबीआई बच्चों के लिए दो प्रकार के सेविंग अकाउंट पहला कदम और पहली उड़ान की पेशकश करता है। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, पहला कदम अकाउंट 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के लिए खुलवाया जा सकता है वहीं, पहली उड़ान अकाउंट 10 वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिग बच्चे के लिए खुलवाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43224.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eedacb6f79a52bcc55a1c1f37d41923af04fa8b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय स्टेट बैंक के देश में 43 हजार से अधिक एटीएम हैं, जो कि देश में सभी बैंकों में सबसे बड़ा नेटवर्क है। एसबीआई अपने ग्राहकों को होम लोन, कार लोन, एफडी, सेविंग बैंक अकाउंट, करंट अकाउंट और आवर्ती जमा अकाउंट जैसी कई तरह की बैंकिंग सर्विस ऑफर करता है। एसबीआई की वेबसाइट sbi.co.in के अनुसार, एसबीआई के एटीएम कम डेबिट कार्ड को इसके ग्रुप के किसी भी एटीएम में इस्तेमाल किया जा सकता है। एसबीआई ग्रुप में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर के एटीएम शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43226.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..baf895f3de31d3cd6960ae093040a167aeeb38a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43226.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आज के समय में क्रेडिट और डेबिट कार्ड का महत्व काफी बढ़ गया है, खासकर के शहरी इलाकों में। अधिकांश लोग अब ज्यादा नकदी की बजाए अपने वॉलेट में क्रेडिट और डेबिट कार्ड लेकर चलना पसंद करते हैं। खासकर के शहरी आबादी में इनका चलन तेज हुआ है और लोग पीओएस मशीनों से ही अपने कार्ड को स्वाइप कराकर भुगतान करना पसंद करने लगे हैं। + +वहीं जबसे क्रेडिट कार्ड कंपनियां और बैंक इन पर तमाम ऑफर्स और कैशबैक की पेशकश करने लगीं हैं तब से इस चलन में और तेजी आई है। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि जितनी तेजी से क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ा है इनसे जुड़ी फ्रॉड की भी तमाम घटनाएं सामने आने लगी हैं। फ्रॉड करने वाले आपके कार्ड की स्किमिंग के जरिए क्लोनिंग कर लेते हैं और फिर आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को बैंक से साफ कर देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43233.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02191b1c2c883a5fbb04c08dc683654bebd9b312 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43233.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अवधि                               सामान्य नागरिकों के लिए      वरिष्ठ नागरिकों के लिए।                                                ब्याज दर                              ब्याज दर।7-14 दिन                                3.5%                                    4.00%।15-29 दिन                              4.25%                                  4.75%।30-45दिन                               5.75%                                  6.25%।46-60दिन                                6.25%                                 6.75%।61-90दिन                                6.25%                                 6.75%।91दिन-6माह                            6.25%                                  6.75%।6माह1दिन-6माह3दिन               6.75%                                  7.25%।6माह4दिन                                6.75%                                  7.25%।6माह5दिन-9माह                       6.75%                                  7.25%।9माह1दिन-9माह3दिन                7.10%                                 7.60%।9माह4दिन                                7.10%                                  7.60%।9माह5दिन-9माह15दिन              7.10%                                  7.60%।9माह16दिन                              7.10%                                  7.60%।9माह17दिन-1साल                     7.10%                                  7.60%।1साल                                        7.30%                                 7.80%।1साल1दिन-1साल3दिन                7.30%                                 7.80%।1साल4दिन                                 7.30%                                 7.80%।1साल5दिन-1साल15दिन              7.30%                                 7.80%।1साल16दिन                               7.30%                                  7.80%।1साल17दिन-2साल                      7.30%                                 7.80%।2साल1दिन- 2साल15 दिन             7.40%                                 7.90%।2साल16दिन                                7.40%                                 7.90%।2साल17दिन-3साल                       7.40%                                 7.90%।3साल1दिन-5 साल                        7.25%                                 7.75%।5साल1दिन-8 साल                        6.50%                                 7.00%।8साल1दिन-10साल                       6.50%                                 7.00%।3. आईसीआईसीआई बैंक में एफडी पर ये ब्याज दरें 7 मार्च, 2019 से लागू हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43250.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a0f7ed6f00a9e777fbad484bf50708ba6eb1a8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43250.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सार्वजनिक क्षेत्र का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को देशभर में 50,000 ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) का इस्तेमाल करने की सुविधा देता है। यह ग्राहकों को एसबीआई एटीएम से मुफ्त निकासी की सुविधा देता है। इसमें एसबीआई के सहयोगी बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर के एटीएम भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43253.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b47e807a2d61a2f0f0bf320318c04b4851ed80c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43253.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्जदाता बदल सकते हैं: आप चाहें तो नए कर्जदाता का चुनाव कर सकते हैं या पुराने कर्ज को नए कर्जदाता के पास ट्रांसफर करा सकते हैं। एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर आपको लगता है कि आपका लोन सेफ नहीं है तो आप इसे वैसे कर्जदाता के पास ट्रांसफर करा सकते हैं जिसके पास आपका लोन सेफ हो। आपका बैलेंस नए कर्जदाता के पास ट्रांसफर करने से पहले नया कर्जदाता आपके भुगतान का पुराना रिकॉर्ड देखना चाहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43255.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5cceab75579242774a18492eb28ab7af85f6413f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43255.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) अपने पर्सनल बैंकिंग सेग्मेंट के अंतर्गत तमाम तरह की सेवाएं मुहैया करवाता है। डिपॉजिट स्कीम से लेकर एटीएम सर्विस और नेट बैंकिंग फैसिलिटी से लेकर मनी ट्रांसफर सर्विस तक बैंक ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से कई तरह के विकल्प उपलब्ध करवाता है। हालांकि बैंक अपनी इन सेवाओं के एवज में अपने ग्राहकों से कुछ शुल्क भी वसूलता है। बैंक ने सेविंग अकाउंट पर मिनिमम एवरेज बैलेंस को मैंटेन करने को भी अनिवार्य कर दिया है। जिसमें एक न्यूनतम राशि मैटेन करके रखनी होती है। अगर ग्राहक ऐसा करने में असफल रहते हैं जो उन्हें पेनाल्टी चुकानी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43256.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5e2f6f7e82550140b631a4dd2102fee6519ec6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिक्स्ड डिपॉजिट आमतौर पर एक ऐसे बेहतर निवेश विकल्प के रूप में जाना जाता है जिसका चुनाव टैक्स बचाने के उद्देश्य के लिए किया जाता है। टैक्स बचाने के अन्य निवेश विकल्पों में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि अकाउंट और नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस)। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43259.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e4ff44939ae54f3d0bfc807e38da335f49e1960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पब्लिक प्रोविडेंट फंड को सामान्य तौर पर पीपीएफ स्कीम भी कहा जाता है, जो कि लंबी अवधि का निवेश विकल्प है। इस योजना की शुरुआत नेशनल सेविंग ऑर्गेनाइजेशन (एनएसओ) की ओर से छोटी बचत और निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए की गई थी। पीपीएफ जमा पर बेहतर रिटर्न देने के साथ ही आयकर की धारा 80C के अंतर्गत आयकर लाभ भी देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43260.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf99ac5cf339cdc420394c04ce98fe6b3f845d2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43260.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कई बार हमारे पास अपने सभी दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी नहीं होती है। ऐसे में हम क्रेडिट कार्ड या लोन का सहारा लेते हैं। क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना आसान है, लेकिन आमतौर पर अपने डेली खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान पर हम कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। + +क्रेडिट कार्ड बिल का न्यूनतम भुगतान करना: क्रेडिट कार्ड बिल का न्यूनतम भुगतान करना यह बताता है कि आप कर्ज के जाल में हैं। आमतौर न्यूनतम राशि वह राशि है जिसे आप क्रेडिट कार्ड के भुगतान के बाद चुकाते हैं, हालांकि, यह पूरी राशि नहीं होती बल्कि आपके टोटल बिल में से कुछ राशि बिल के रूप में आपको चुकाना होता है और बाकी बचे रकम पर आपको भुगतान के साथ ब्याज भी देना होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43267.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05b0978aa9185ddd155e694d7246cf8cdb6e7923 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43267.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश में जितनी तेजी से कार्ड (डेबिट एवं क्रेडिट) यूजर्स की संख्या में इजाफा हो रहा है उतनी ही तेजी से इससे जुड़े फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह के कई मामले संज्ञान में आए हैं जिसमें कोई व्यक्ति बैंक एग्जीक्यूटिव बनकर कार्ड यूजर को फ्रॉड का शिकार बनाता है। ऐसे लोग कार्ड यूजर्स की डिटेल हासिल कर उसे चपत लगाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43270.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2ca9979fdcc1c9a9b34342916da00771092a351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आपने इस महीने हाल फिलहाल में एटीएम से पैसे निकाले हैं तो एक बात जरूर गौर की होगी। अब एटीएम मशीन आपको कार्ड को तुरंत निकालने की अनुमति नहीं देती है। अब कार्ड को मशीन में डालने के बाद इसे तुरंत नहीं निकाला जा सकता। जबकि इसके पहले एटीएम कियोस्क (एटीएम मशीन) में एक बार कार्ड एंटर करने के बाद आपको अपना एटीएम कार्ड निकालने की अनुमति मिलती थी। क्योंकि इसके पहले तक एटीएम मशीनें मैग्नेटिक स्ट्राइप बेस्ड एटीएम एवं डेबिट कार्ड को एक बार मशीन में एंटर करवाने के बाद उसे निकाल लेने की सुविधा के अनुकूल थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4328.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbe4c77c12935ab50c4583de19482dacc675b2da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सुपरस्टार सलमान खान ने अब तक शादी तो नहीं की पर उनकी मोहब्बत के किस्से बॉलीवुड में हमेशा से आम रहे है। सलमान के पास गर्लफ्रेंड्स की एक पूरी लिस्ट रही है। इसमें से एक थीं सोमी अली, सलमान खान और सोमी अली के रिलेशनशिप के बारे में हर कोई जानता है। सोमी अली पहले इंटरव्यू में बता चुकी हैं कि वह सलमान की फिल्म देखकर भारत आ गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43282.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e6699c2a871c2856f16bafed3c6f94ae5b8d492 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43282.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ने कामकाजी महिलाओं के लिए एक खास तरह का सेविंग अकाउंट लॉन्च किया है। बैंक ने इसका नाम एडवांटेज ओरा सेविंग अकाउंट रखा है। इसमें 5 तरह के खाते खोले जा सकते हैं। जिनमें रेगुलर, सिल्वर, गोल्ड, मैग्नम और टाइटेनियम शामिल हैं। ये सभी खाते खाताधारक को विभिन्न लाभ देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43287.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd2b0a6826a88f28a6a796a4e4868ed9c59ab021 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +SBI स्मॉल अकाउंट: एसबीआई ऐसे कस्टमर्स को स्मॉल अकाउंट खोलने की सुविधा देता है जिनके पास केवाईसी (नो योर कस्टमर) के दस्तावेज नहीं होते हैं। एसबीआई का स्मॉल अकाउंट 18 वर्ष के ऊपर का कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। हालांकि इसके संचालन से संबंधित काफी प्रतिबंध लागू होते हैं। इसको रेगुलर सेविंग अकाउंट में भी बदलवाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको केवाईसी दस्तावेज देने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43300.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afb72768bf9d21124dd3bf0a981b92e62f7ec3d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पर्सनल बैंकिंग सेग्मेंट में अपने ग्राहकों को तमाम तरह की सेवाएं प्रदान करता है। ये सभी सेवाएं ग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए तैयार की गईं हैं और बैंक की हर शाखा पर उपलब्ध हैं। यह जानकारी एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट (sbi.co.in) पर उपलब्ध है। इंटरनेट बैंकिंग फैसिलिटी से लेकर 24 घंटे एटीएम सेवा सुविधा, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से लेकर नेशनल पेंशन सिस्टम तक, सेफ डिपॉजिट लॉकर से लेकर फॉरेन इनवार्ड रेमिटेंस सर्विस तक तमाम तरह की सेवाएं एसबीआई उपलब्ध करवाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43304.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94a5f16db313dab883d50b33718227d3f4fc7650 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। किसी भी प्रकार का लोन लेने के लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना होता है। कई बार यह प्रक्रिया काफी लंबी खिंच जाती है। इस प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर आपकी लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि लोन के लिए आवेदन करने से पहले जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। आइए जानते हैं कि लोन के लिए आवेदन करने से पहले किन बातों पर गौर करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43307.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31b4cf9f7a21917438edbbfab934fe82fe1b6372 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43307.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्वाइंट प्रोपर्टी के फायदे-।स्टैंप ड्यूटी में छूट: हर राज्य में स्टैंप ड्यूटी अलग-अलग होती है। साथ ही पुरुषों और महिलाओं के लिए भी यह अलग होती है। उदाहरण के लिए दिल्ली में पुरुषों के लिए स्टैंप ड्यूटी 6 फीसद और महिलाओं के लिए 4 फीसद हैं। वहीं अगर कोई महिला और पुरुष ज्वाइंट प्रोपर्टी के लिए आवेदन करते हैं तो 5 फीसद स्टैंप ड्यूटी ली जाती है। इसलिए शादीशुदा कपल को ज्वाइंट होम लोन के लिए अप्लाई करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43318.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..482b6b4f78e5b8ff167e738c9afe9e8caf0e4003 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहुत ज्यादा लोन ना लें।इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप जरूरत से ज्यादा उधार ना लें। कई बार लोन पर कई आकर्षक ऑफर पेश किए जाते हैं। इनके लालच में ना आएं। जरूरत के मुताबिक ही लोन लें और इस बात का ध्यान रखें कि आप यह लोन समय पर चुकता कर पाएंगे। लोन एप्लिकेशन जमा करने से पहले इस बारे में ध्यान से जांच-परख कर लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43319.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a601425af438cb6bfb8ba3f35dabfadb1f44cc70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43319.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। हमारे देश में हायर एजुकेशन काफी महंगी है। वहीं अगर आप विदेशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं तो भी यह काफी महंगा पड़ा जाता है। इसलिए बहुत सारे लोग हायर एजुकेशन के लिए लोन लेते हैं। देश में हायर एजुकेशन के लिए बैंक 10 लाख रुपये और विदेशों में जाकर पढ़ने के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन देते हैं। बैंक आसानी से एजुकेशन लोन दे देते हैं, हालांकि इस दौरान हमें सावधान रहना चाहिए। आइए जानते हैं कि यह लोन लेने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43322.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09dc17c7a93b4e3fc1dc10072d5d75c3e75eb03e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आज के समय में क्रेडिट कार्ड डिजिटल पेमेंट के साथ-साथ इमरजेंसी में लोगों की जरुरत बन चुका है। लेकिन, एक सवाल हमेशा से लोगों के जहन में रहता है कि आखिर एक व्यक्ति के पास कितने क्रेडिट कार्ड होने चाहिए। इसमें फाइनेंशियल प्लानर की दो राय है, कुछ कहते हैं कि एक क्रेडिट कार्ड काफी है, जबकि कुछ का कहना है कि दो या तीन क्रेडिट कार्ड हो तब भी कोई समस्या वाली बात नहीं है। लेकिन, उसका इस्तेमाल सही ढंग से होना चाहिए। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड हो तो आप कैसे सही ढंग से यूज कर अपने खर्चों को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43325.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11a491d8af532f52a466f8c82649bd7ef498a8d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) खाते में मिनियम बैलेंस की आवश्यकता नहीं होती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) जैसे प्रमुख बैंक जीरो बैलेंस खाता खोलने की सुविधा देते हैं। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक से भी यह सुविधा मिलती है। जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट में ग्राहकों को डेबिट और एटीएम कार्ड के साथ इंटरनेट बैंकिंग की भी सुविधा मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43327.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d01d71333ea92ecc0b3ca9dc47217b7ec27b9123 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कई बार लोगों को अचानक से बड़ी रकम की जरूरत पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में इंस्टैंट पर्सनल लोन यानी तुरंत मिलने वाला लोन हमारी जरूरत को पूरी कर सकता है। देश में कई बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन इंस्टैंट लोन की सुविधा देते हैं। इन जगहों से कुछ घंटों में आपको लोन मिल जाएगा। आइए जानते हैं कि कौन से बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन ऐसी सुविधाएं दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43339.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4384eff1149008bb2eb3b62220ca3d4a7607333 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43339.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर क्या है स्वीप इन फैसिलिटी?।जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बैंक के सेविंग अकाउंट में जमा की एक निश्चित सीमा तय होती है। हालांकि कई बार खाताधारक अपने खाते में जमा की अधिकतम सीमा तय कर सकते हैं। इससे ऊपरी सीमा पर इस खाते में जमा को बैंक स्वीकार नहीं करते हैं। इसी को देखते हुए बैंक आपके खाते के सरप्लस अमाउंट को फिक्स्ड डिपॉजिट में कन्वर्ट करने की सुविधा देते हैं। इसे ही स्वीप इन फैसिलिटी कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43340.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1565155ac5865abcf7578ea8f55a5e2674baec31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43340.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हाल के कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है। जहां एक ओर क्रेडिट कार्ड पैसों की आपकी तात्कालिक जरूरत को पूरा करने का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर इनकी उपलब्धता भी बैंकों ने काफी आसान कर दी है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल शॉपिंग के लिए और अपने खर्चों का भुगतान करने के लिए किया जाता है। हालांकि यह आपके लाइफस्टाइल के अनुरुप होना चाहिए। + +मिनिमम बैलेंस: जब आपके क्रेडिट कार्ड का बिल जेनरेट होता है, तो उसमें लास्ट पेमेंट डेट के साथ मिनिमम बैलेंस का भी जिक्र होता है। अगर आप तय तारीख में पूरी रकम जमा नहीं भी कर पाते तो कोशिश करें कि मिनिमम बैलेंस का भुगतान कर दिया जाए। ऐसा न करने पर बैंक की ओर से आप पर पेनाल्टी लगाया जाएगा। हालांकि मिनिमम बैलेंस का भुगतान करने पर भी बैंक की तरफ से बाकी रकम में ब्याज जोड़कर वसूला जाता है, इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि पूरे बिल का भुगतान करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43341.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5c19e93cf5691c7100a7459db360bf4bebf5982 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43341.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ईएमआई से ज्यादा करें भुगतान: अगर आप हर महीने अपने होम लोन की ईएमआई के अलावा और ज्यादा भुगतान कर सकते हैं तो इससे आप अपने होम लोन की राशि को जल्द चुका सकते हैं। इससे एक उदाहरण के तौर पर समझिए। यदि आप हर महीने 2,500 रुपये अतिरिक्त भुगतान करते हैं, तो मूल कार्यकाल से चार साल पहले आपके होम लोन का भुगतान 16 वर्षों में पूरा हो जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43350.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e719314db356a051bce72b1c2aa3e57b9a8ace54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Anyone can open an account with SBI, irrespective of their background or economic standing! Avail a host of benefits, including a free RuPay Debit Card, by opening a Basic Savings Basic Deposit account. To know more, visit: https://t.co/T0Da6iCWZ8 pic.twitter.com/DVPOkal5H7।कौन सी सर्विसेज मिलेंगी फ्री-।जानिए अन्य जरूरी बातें-। बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट एकाउंट (बीएसबीडीए) सामान्य बचत खाते से अलग होता है। इसमें मिनिमम बैलेंस की जरूरत नहीं होती है। आमतौर पर कई बैंकों में यह अनिवार्य होता है और इसके कम होने पर पेनल्टी भी लगाई जाती है। जबकि बीएसबीडीए में इस तरह की कोई अनिवार्यता नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43351.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43351.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b956e2e7e5b549a9e53387710f63c87d0c8f2f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43351.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एचडीएफसी बैंक: एचडीएफसी बैंक फिलहाल ऑनलाइन एनईएफटी और आरटीजीएस लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं लेता है। वहीं बैंक शाखा के माध्यम से किए लेनदेन पर 10,000 रुपये पर 2.50 रुपया प्रति लेनदेन, 10,000 से 1 लाख तक प्रति लेनदेन 5 रुपये, 1 लाख से 2 लाख रुपये प्रति लेनदेन पर 15 रुपये और 2 लाख से ज्यादा पर 25 रुपये चार्ज वसूलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43359.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8479ed71f022c0713f42fa910b6640003a20ee88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43359.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर किसी के सिस्टम से नेटबैंकिंग करने से बचें: आमतौर पर लोग नेटबैंकिंग के दौरान सूझबूझ नहीं दिखाते हैं और किसी के भी सिस्टम से अपने नेट बैंकिंग को लॉग इन कर लेते हैं। ऐसा करना आपके लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। आपको हमेशा अपने ही घर के सिस्टम से नेटबैंकिंग करनी चाहिए। ऑफिस या सायबर कैफे के सिस्टेम से नेट बैंकिंग करने से आपको बचना चाहिए। हैकर्स यूआरएल लिंक के माध्यम से अकाउंट हैक कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43364.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab5798c7f47869607a54bb7f44eaa12ace64a8bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इसको पूरा करने के लिए लोग अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लगा देते हैं। वहीं कुछ लोग इसके लिए लोग होम लोन की मदद लेते हैं। इसके लिए बाजार में तमाम स्कीम उपलब्ध हैं। ग्राहकों को लोन लेने से लेने से पहले स्कीम को लेकर पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। इससे वह अपने लिए सही लोन का चुनाव कर कम ईएमआई दे सकेंगे। जानिए होम लोन लेने के दौरान आपको किन किन बातों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43366.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..564443d90b5788c4dc52fe36956dc2914374726e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजिनेस डेस्क)। मास्टर कार्ड और वीजा कार्ड के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए वर्ष 2012 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने रुपे कार्ड (RuPay) लॉन्च किया था। यह कार्ड भी वीजा और मास्टर कार्ड की तरह ही काम करता है। रुपे कार्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड का भारतीय संस्करण है। ।रुपे कार्ड के फायदे?।15 तरह के रुपे कार्ड:।रुपे पीएमजेडीवाई कार्ड: इस कार्ड के जरिए भारतीय नागरिक प्रधान मंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत सस्ती बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43386.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43386.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7458e47147bd7fe27d350ab5bb5d94e7ec10960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43386.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के दिग्गज बैंक हर महीने सीमित संख्या में एटीएम ट्रांजैक्शन के लिए कोई चार्ज नहीं वसूलते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से लेकर आइसीआइसीआइ बैंक और एचडीएफसी बैंक तक ने ग्राहकों के लिए ट्रांजैक्शन को लेकर नियम और शर्तें तय कर रखी हैं। हालांकि तय संख्या के बाद ट्रांजैक्शन करने पर लगने वाले चार्ज बैंक, ग्राहक के खाते या एटीएम की लोकेशन पर निर्भर करते हैं। + +जानिए क्या हैं तय सीमा के बाद एटीएम ट्रांजैक्शन चार्जेस।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया-।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्रुप एटीएम से ग्राहकों से असीमित मुफ्त ट्रांजैक्शन की सुविधा देता है। यह सुविधा उन ग्राहकों के लिए है जो मंथनी एवरेज बैलेंस 25000 रुपये तक का रखते हैं। यह जानकारी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार है। 25000 रुपये से कम की स्थिति में एसबीआई 13 ट्रांजैक्शन मुफ्त देता है। यह बात बैंक और एटीएम की लोकेशन पर निर्भर करती है। तय सीमा से अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर लगने वाले चार्ज में पांच रुपये से 20 रुपये तक जीएसटी भी लिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4339.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..030bff1ce6958774aaf2d138481d23d33487dd45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4339.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता कार्तिक आर्यन इन दिनों अपनी फिल्म धमाका को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनके साथ अभिनेत्री मृणाल ठाकुर और अमृता सुभाष सहित कई कलाकार मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की पूरी स्टार कास्ट इन दिनों धमाका के प्रमोशन में जुटी हुई है। जल्द ही कार्तिक आर्यन, मृणाल ठाकुर और अमृता सुभाष कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो में भी नजर आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_434.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..948dc9101adb4ae472237fe2a3403404de6eba5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Raveena Tandon Bold Photos: रवीना टंडन ने इंस्टाग्राम पर अपनी हालिया बोल्ड तस्वीरें शेयर की हैl इसमें उन्हें घर से बाहर निकलने से पहले खुद की मिरर सेल्फी लेते हुए देखा जा सकता हैl उन्होंने कुल नौ तस्वीरें शेयर की हैl एक तस्वीर में उन्होंने ब्लैक कलर का क्रॉप शर्ट और फटी हुई जींस पहन रखी हैl तस्वीरें शेयर करते हुए रवीना टंडन ने लिखा है, 'यह भी सभी चेक हैं, जिन्हें मैं घर से बाहर निकलने से पहले करती हूंl मेरी चेक-आउट सेल्फीl'।रवीना टंडन ने बोल्ड तस्वीरें 2 दिन पहले शेयर की है।रवीना टंडन ने तस्वीरें 2 दिन पहले शेयर की हैl उनकी तस्वीरों को 2 दिनों में 97000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैंl वहीं इसपर 775 से ज्यादा कमेंट किए जा चुके हैंl कई लोगों ने इसपर दिल और आग की इमोजी भी शेयर की हैl एक फैन ने लिखा है, 'यू आर वेरी वेरी हॉटl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'वंडरफुल क्वीनl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, हॉट रवीना टंडनl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'गॉर्जियस लेडीl' एक ने लिखा है, 'सो ब्यूटीफुल लुकl' एक ने ऑसम लिखा हैl वहीं एक अन्य ने माइंड ब्लोइंग रवीना जी लिखा हैl।रवीना टंडन हाल ही में केजीएफ चैप्टर 2 में नजर आई है।रवीना टंडन हाल ही में केजीएफ चैप्टर 2 में नजर आई हैl इस फिल्म में उनके अलावा यश की अहम भूमिका हैl वहीं फिल्म में संजय दत्त भी अहम भूमिका निभा रहे हैंl रवीना टंडन की केजीएफ चैप्टर 2 वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस पर 900 करोड़ से अधिक का व्यापार कर चुकी हैl वहीं जल्द इस फिल्म का तीसरा भाग भी बनना शुरू होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43400.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17c5a115d2aeea7617d91cf2867f269ef3ff0537 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड दिखने में भले ही एक जैसे हो, लेकिन दोनों में काफी फर्क है। डेबिट कार्ड से जहां हम बैंक में जमा अपनी धन राशि निकाल सकते हैं वहीं क्रेडिट कार्ड से हम कंपनी से उधार ले रहे होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्रेडिट कार्ड क्यों डेबिट कार्ड से बेहतर होते हैं और क्रेडिट कार्ड से क्या-क्या फायदे मिलते हैं-।क्रेडिट कार्ड पर मिलते हैं डिस्काउंट, कैशबैक - क्रेडिट कार्ड कंपनियां ग्राहकों को अपनी तरफ लाने के लिए कई तरह के ऑफर्स देती हैं। इसलिए वो ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर कई तरह के डिस्काउंट और कैशबैक ऑप्शन देती हैं। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर रिवॉर्ड पॉइंट्स भी दिए जाते हैं, जबकि डेबिट कार्ड पर मुश्किल से ही ऐसे कोई ऑफर्स दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43401.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1502bd94a37c9a4a071243901e9041b83728a097 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप अपने बैंक खाते में मिनिमम एवरेज बैलेंस रखने को लेकर परेशान रहते हैं, तो हमारी यह खबर आपके काम की है। दरअसल देश के अधिकांश बैंक आपको इस समस्या का समाधान देते हैं। यह समाधान है बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडी)। देश के तमाम प्रमुख बैंक इसका विकल्प देते हैं। इन खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है। इतना ही नहीं अगर आप इन खातों में एक भी पैसा नहीं रखते हैं तो आपको कोई पेनाल्टी भी नहीं देनी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43407.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..573b91c8d49f4f4d579731902128088af9c8ac4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43407.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर शॉपिंग करते समय आपने नो कॉस्ट ईएमआई शब्द जरूर पढ़ा होगा। क्या आप असल में इसका मतलब जानते हैं? इसके साथ कंपनियां डिस्काउंट और आकर्षक ऑफर भी देती है। क्या इस तरह खरीदना समझदारी का फैसला है? जानिए नो कॉस्ट ईएमआई से जुड़ी अहम बात।क्या होता है नो कॉस्ट ईएमआई-।वर्ष 2013 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को रिटेल प्रोडक्ट्स पर जीरो फीसद ईएमआई स्कीम पेश करने से बैन कर दिया था। इसलिए बैंकों ने इसका विकल्प निकाला है। सुनने में नो कॉस्ट ईएमआई का मतलब ऐसा जान पड़ता है कि आपको लोन पर कोई ब्याज नहीं देना। लेकिन असल में आपका बैंक दिये गये डिस्काउंट को ब्याज के रूप में वापस ले लेता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43415.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec1c5c56e5584d4ccbb2d00d839f536dc57d153d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देखें वीडियो-।क्रेडिट कार्ड का संतुलित इस्तेमाल  करने की आदत डालें: अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो कोशिश करें कि आप उसका संतुलित इस्तेमाल करें। हर खर्चे के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आपको बचना चाहिए। हर खर्चे के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने की आदत आपके खर्चों को बजट से बाहर ले जाती है, या यूं कहें कि आप पर कर्ज का बोझ और बढ़ता चला जाता है। लिमिट से ज्यादा खर्च करने पर आपका क्रेडिट स्कोर भी घट जाता है। आदर्श रूप से आपको अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 20 फीसद से 30 फीसद से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप क्रेडिट कार्ड बैलेंस को पूरा चुकता कर लें। ऐसा न करने की स्थिति में यह पूरी राशि अगली स्टेटमेंट में जुड़ जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43419.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbfda8f5f08554d8b37ac8974079091228370e2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43419.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैंक ऑफ बड़ौदा: बैंक ऑफ बड़ौदा को सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक माना जाता है। इसमें भी 7 दिन से 10 साल तक की एफडी की सुविधा दी जाती है। इस पर बैंक की ओर से 4.25 फीसद से 6.60 फीसद का ब्याज दिया जाता है। ऐसे में अगर इस पर रूल ऑफ 72 को लागू किया जाए तो (72/6.60=10.90) करीब 11 साल में आपका पैसा डबल हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43431.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27dff3e9e519d6736dffdaee1b00a2523ebec163 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इंडिया पोस्ट (भारतीय डाकघर) के पेमेंट बैंक ने अपनी सेवाएं 1 अप्रैल 2018 से ही देना शुरू कर दिया है। बड़े नेटवर्क के साथ यह देश का सबसे बड़ा पेमेंट बैंक होगा। देश में डेढ़ लाख से अधिक डाकघर हैं और ये सभी पेमेंट बैंक शाखा के रूप में काम करेंगे। गौरतलब है कि साल 2015 में आरबीआई ने इंडिया पोस्ट को पेमेंट बैंक के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43436.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4760ca0f6dd7ff80a19420a910e63e66351997c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले इसे जनवरी में ही शुरू किया जाना था। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 के आम बजट में चुनावी बॉण्ड की स्कीम लाने की घोषणा की थी। इसके मुताबिक केवल वही पंजीकृत राजनीतिक दल इन बॉण्डों के जरिए चंदा ले पाएंगे जिन्हें पिछले लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव में एक फीसद से अधिक मत प्राप्त होंगे। राजनीतिक पार्टियां इन बॉण्डों को केवल अधिकृत बैंक खातों के जरिए ही भुना पाएंगी। लोग राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए इन्हें व्यक्तिगत अथवा समूह के तौर पर भी खरीद सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4345.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c17e646e167e3447943543332fe0e111a6e41941 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजकुमार राव और पत्रलेखा ने 15 नवंबर की दोपहर को धूमधाम से शादी की। इसके बाद शाम को भव्य रिसेप्शन पार्टी भी रखी। उनकी रिसेप्शन पार्टी में फिल्मी सितारों के अलावा देश की कई बड़ी हस्तियों ने भी शिरकत की। राजकुमार राव और पत्रलेखा की रिसेप्शन पार्टी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे थे। शनिवार 13 नवंबर को राजकुमार राव और पत्रलेखा ने सगाई की। इसके बाद 14 नवंबर को मेंहदी और संगीत समारोह हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43469.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d772ae19ac75e3aa06d607b657e32bebd85f745f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +With exciting offers on our #HomeLoan & #VehicleLoan , celebrate more & pay less to realise your dreams. Valid upto 31st Dec, 2017. pic.twitter.com/ZAnQNKSFDh।आमतौर पर पीएनबी तीन करोड़ तक के लोन पर कुल लोन की कीमत पर आधे फीसद की प्रोसेसिंग फीस लेता है। हालांकि अधिकतम प्रोसेसिंग फीस 20 हजार रुपये तक की होती है। यदि लोन की राशि तीन करोड़ रुपये से ज्यादा होगी तो बैंक की प्रोसेंसिंग फीस 50 हजार रुपये होगी। आपको बता दें कि अब तक बैंक डॉक्यूमेंटेशन चार्जेस के रूप में ग्राहकों से 1350 रुपये वसूलता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43473.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27abc37910cdda20bc0e58d8203e6ecf3bd93e66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43473.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लिंक न कराने पर किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना-समय रहते बैंक खाते को आधार से लिंक न कराने में बैंक आपका खाता ब्लॉक कर सकता है। इसके बाद आप खाते से किसी भी तरह का लेनदेन नहीं कर पाएंगे। आप बैंक में पैसे निकालने के लिए चेक डालेंगे तो आपका चेक क्लियर नहीं किया जाएगा। वहीं, एटीएम से भी कैश नहीं निकाल पाएंगे। साथ ही कार्ड स्वाइप के जरिए या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी नहीं कर सकेंगे। ऐसे में आपको वित्तीय लेनदेन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4349.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c681b0ca7ebbbc32160e3b29fc3e1a8836ae44cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। मशहूर बॉलीवुड अभिनेता और स्टैंडअप कॉमेडियन वीर दास अमेरिका में भारत विरोधी बात कहने की वजह से मुश्किलों में आ गए हैं। हाल ही में उन्होंने अपने एक कॉमेडी शो में भारत की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विवादित बयान दिया था। साथ ही अभिनेता पर देश की प्रतिष्ठा का मजाक बनाने का भी आरोप है। जिसके बाद देश की कई बड़ी हस्तियां वीर दास के आलोचना कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43493.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43493.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee7b67c1d890fc106adddd4a87325bb725aa7d9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43493.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर बैठे ऐसे चेक करें अपना सिबिल स्कोर:आप ऑनलाइन फॉर्म और शुल्क भरकर घर बैठे अपना सिबिल स्कोर जान सकते हैं। क्रेडिट स्कोर जानने के लिए आप सिबिल की वेबसाइट www.cibil.com/online/credit-score-check पर जाइए, वहां जाकर आपको एक जानकारी फॉर्म भरना होगा। फॉर्म भरने के बाद शुल्क के रुप में 470 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके बाद ऑथेन्टिकेशन के लिए आपसे पांच सवाल पूछे जाएंगे जिनके जवाब आपको देने होंगे। ध्यान रहे आपको अपनी ऑथेन्टिकेशन को वैध ठहराने के लिए कम से कम तीन सवालों के सही जवाब देने होंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप अपना क्रेडिट स्कोर देख सकते हैं। इतना ही नहीं ई-मेल के जरिए भी आपका स्कोर कार्ड आपके पास सिबिल की ओर से भेजा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43522.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec7bad30307aa9cf1c56c02592492a4039ac765e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उदाहरण से समझें: ।पीएम मोदी की इस घोषणा का सीधा मतलब यह हुआ कि अगर आपके 9 लाख के होम लोन पर बैंक 10 फीसदी का ब्याज मांगता है तो अब उसके लिए सिर्फ आपको 6 फीसदी की दर से ही ब्याज देना होगा। वहीं दूसरी तरफ 12 लाख तक के कर्ज पर तीन फीसदी की छूट मिलेगी। यानी इस हिसाब से आपको सिर्फ 7 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43524.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d0893ec0c515bde36341a949632ba7ddbbcb0bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी जैसे ज्यादातर बैंक पहले ही जमा की दरें घटा चुके हैं। जबकि कर्ज दरों को घटाने में बैंकों ने उतनी रुचि नहीं दिखाई है। विमुद्रीकरण के बाद अब सभी बैंक कर्ज दरें घटा सकते हैं। जबकि जिन बैंकों ने पहले कर्ज दरों में कमी की है, उनकी ओर से दरों में और कमी लाए जाने की संभावना है। लेकिन यह काम तुरंत होने वाला नहीं है। बैंकिंग उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो नोट बदलने की प्रक्रिया में जितना समय लगेगा उतना ही समय ब्याज दरें घटने में लग सकता है। यानी ब्याज दरों से राहत मिलने में चार-छह महीने लग सकते हैं। वैसे यह बहुत कुछ दिसंबर के पहले सप्ताह में आने वाली रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक समीक्षा पर निर्भर करेगा। इसी समीक्षा से यह तय होगा कि ब्याज दरें कितनी घटती हैं। चूंकि नोट बदली के बाद बैंकों में पुराने नोट बड़े पैमाने पर जमा हो रहे हैं और अब तक चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा नकदी जमा हो चुकी है, लिहाजा बैंकों के पास लोन देने के लिए काफी पैसा होगा। इसी के साथ होम लोन पर ईएमआइ की दरें घटने की उम्मीद है। इसके अलावा होम लोन के औसत आकार पर भी नोटबंदी का असर पड़ेगा। उनका आकार घट सकता है। यानी लोग पहले जितना लोन लेते थे, अब उतना नहीं लेंगे। ऐसा प्रॉपर्टी खरीद में नकदी का अनुपात कम होने के कारण होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43526.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5bd71ec427d82826877ff640e5b8575896e07de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या होता है फ्लोटिंग होम लोन प्लान:।फ्लोटिंग होम लोन प्लान में ब्याज बैंक के बेस रेट से लिंक्ड होता है। इस कारण बेस रेट में बदलाव होने से ब्याज दर घट या बढ़ जाती है। फ्लोटिंग होम लोन प्लान में रेट ऑफ इंटरेस्ट फिक्स्ड होम प्लान की तुलना में कम होता है। इस वजह से आपकी ईएमआई फिक्ड्ान रेट प्लान के मुकाबले कम होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43549.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96499fe9b71a96151a36d7c08cc3412a5411193a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + चतुराई से बनाएं रणनीति यदि आप कभी कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस जाएं तो अपने लोन व बिलों के भुगतान की रणनीति बेहद चतुराई से बनाएं। अपने सभी बकाया कर्जों की एक सूची बनाएं। फिर यह तय करें कि आप सबसे पहले कौन सा कर्ज खत्म करना चाहते हैं। सभी लोन को इसी तरह प्राथमिकता के आधार पर बांटें। आपकी रणनीति यह होनी चाहिए कि सबसे महंगे कर्ज का भुगतान सबसे पहले हो। जैसे क्रेडिट कार्ड के भुगतान। क्योंकि इन पर आमतौर पर सालाना 40 फीसद तक ब्याज देना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43551.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05c714ccdf93b2e6ed7b4cf7c127b0536b3a466d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + व्यक्तिगत संपर्क के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया जाएगा। ग्राहकों की पहचान व धोखाधड़ी से बचने के लिए चेहरा पहचानने वाली फेस डिटेक्शन तकनीकी का इस्तेमाल होगा। ग्राहकों की पसंद व पृष्ठभूमि समझने के लिए उनके सोशल नेटवर्क का सहारा लिया जाएगा। उसी के अनुसार उन्हें उत्पाद, सेवाएं, सुविधाएं व रियायतें ऑफर की जाएंगी। इस डिजिटल युग में जो बैंक टेक्नोलॉजी के उपयोग में जितना आगे होगा, उसका कारोबार भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43569.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed83dadadc0cc092b4ac24d33967bd23c497ffc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाविद्यालयों में दाखिले का दौर शुरू हो चुका है। मैनेजमेंट, मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का सत्र भी आरंभ होने वाला है। छात्र-छात्राओं के साथ-साथ उनके अभिभावक भी दाखिले की प्रक्रिया में पूरे जी-जान से जुटे हुए हैं। लेकिन साल दर साल बढ़ती प्रोफेशनल कोर्स की फीस की वजह से कई ऐसे मेधावी और योग्य विद्यार्थी हैं, जो चाह कर भी अपनी पढ़ाई की गाड़ी को पैसे के अभाव में आगे नहीं ले जा पाते। शिक्षण सस्थानों की ऊंची फीस उनके आड़े आ जाती है। एजुकेशन लोन ऐसे विद्यार्थियों के लिए एक वरदान जैसा है। उन्हें अपनी उच्च शिक्षा के लिए इसका सहारा जरूर लेना चाहिए। यह न केवल उच्च शिक्षा के खर्चो को पूरा करने में मदद करता है, बल्कि धारा 80ई के तहत इसके ब्याज भुगतान पर आयकर की छूट भी मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43574.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10241120d4d499516fe24683171f55c8ba8a6001 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43574.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरबीआइ की ओर से जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, गिरवी रखे गए सोने के आभूषणों की कुल कीमत के 60 फीसद से अधिक कर्ज नहीं दिया जा सकता। इसका मतलब यह हुआ कि 100 रुपये कीमत के सोने के आभूषण गिरवी रखने पर कर्जदाता अधिकतम 60 रुपये तक का ही कर्ज दे सकते हैं। साथ ही, नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सोने के आभूषण गिरवी रखते समय एनबीएफसी द्वारा ग्राहक को लिखित में उसके आभूषणों की शुद्धता और वजन की जानकारी दी जानी चाहिए। कहा गया है कि 20 ग्राम से अधिक सोना गिरवी रखने वाले लोगों को उस सोने के स्वामित्व से संबंधित कागजात प्रस्तुत करने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43588.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39d8edd0c3fe0fe21fcaab19773e5efe372b59e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ठीक से समझें लोन की शर्ते। हालांकि संभावित कार लोन ग्राहकों के लिए राहत की बात यह है कि बाकी बैंकों ने अभी इस तरह के कदम नहीं उठाए हैं। अन्य बैंकों के कार लोन की बात करें तो इसके लिए आवेदन करने वाले वेतनभोगी व्यक्ति की न्यूनतम आमदनी मोटे तौर पर 2.50 लाख रुपये सालाना होनी चाहिए। आवेदन के समय आवेदक की उम्र 25 साल से ऊपर होनी चाहिए। लोन की परिपक्वता के समय 58 साल तक होनी चाहिए। इसके अलावा उसने आवेदन से पहले कम से कम दो साल की नौकरी कर ली हो और मौजूदा संस्था में एक साल से कार्यरत हो। । बैंक किसी कार के एक्स-शोरूम प्राइस की 85-90 फीसद तक राशि फाइनेंस करते हैं। नया कार लोन लेने के लिए न्यूनतम लोन राशि है एक लाख रुपये। अधिकतम लोन राशि कार के मूल्य, मॉडल और ग्राहक के प्रोफाइल आदि पर निर्भर होती है। जहां तक इसके लिए जरूरी दस्तावेजों का सवाल है, आमदनी के प्रमाण के तौर पर वेतनभोगी व्यक्ति को सब से हाल की सैलरी स्लिप और फार्म 16 या पिछले दो सालों का आयकर रिटर्न देना होता है। । मंदी का उठाएं फायदा। बिक्री में कमी की मार झेल रही कार कंपनियां अब कई आकर्षक ऑफर के साथ बाजार में आ रही हैं। करीब-करीब सभी कंपनियों ने अपनी कीमतें स्थिर रखी हैं। उन पर प्रतिस्पर्धा का भारी दबाव है। ऐसे में आपको कार खरीदने के लिए बेहतर विकल्प मिल रहे हैं। इससे पहले कि दूसरे बैंक भी एसबीआइ की राह पर चल निकलें, कार खरीदने के फैसले को ज्यादा देर तक न टालें। मंदी के माहौल में बैंक लोन देने से पहले आपसे कुछ ज्यादा सवाल कर सकता है। इन सबके बीच विडंबना ही सही, लेकिन ये सच भी है कि विभिन्न बैंक लक्जरी कारों के ग्राहकों को अपने बेस रेट से भी कम ब्याज दर पर कार लोन दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4359.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef7970fbdaca3818983809847376cfa8bc18c4e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4359.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री मौनी रॉय फिल्मों के अलावा अपनी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। वह अपने फैंस के लिए हमेशा अपनी खास तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। मौनी रॉय अपनी बोल्ड तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए जानी जाती हैं। एक बार फिर से टीवी की नागिन अपनी बोल्ड तस्वीरें को लेकर चर्चा में आ गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43591.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ab63202b8aec7dc27bbe77a85a368382b198672 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43591.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इन जरूरी बातों पर दें ध्यान -यह सुनिश्चित करें कि अगर आप कोई किस्त अदा कर रहे हैं तो वह तय तारीख पर ही जा रही हो। -अगर आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो इसका बैलेंस न्यूनतम रखें। कार्ड पर कोई लिमिट है तो सुनिश्चित करें कि कार्ड का इस्तेमाल कम से कम हो। -जब आपको अधिक क्रेडिट की जरूरत हो तो बहुत सारी कंपनियों में लोन के लिए आवेदन करने से पहले दो बार सोच लें। अपने आवेदन के लिए बेहतरीन एक या दो संस्थानों को ही चुनें। बहुत सारी कंपनियों से पूछताछ की स्थिति आपकी क्रेडिट रिपोर्ट खराब कर सकती है। -अगर आप किसी लोन में सह-आवेदक या गारंटर हैं, तब भी यह सुनिश्चित करें कि लोन की किस्त समय पर अदा की जा रही हो। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे और प्राथमिक कर्जदार समय पर लोन नहीं चुका रहा होगा तो आपके क्रेडिट स्टेटस पर भी नकारात्मक असर होगा। -निश्चित अंतराल में क्रेडिट ब्यूरो से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट लेकर उसका मूल्यांकन करें। इन सारे उपायों से धीरे धीरे आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ेगा। अगर आप समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर जांचते रहेंगे तो कर्ज लेते वक्त आप कई परेशानियों से बच जाएंगे। -अपना क्रेडिट स्कोर 750 से अधिक रखें। अगर किसी कारणवश आपका क्रेडिट स्कोर इससे कम है तो ऊपर बताए गए टिप्स अपनाकर इसमें तेजी से सुधार लाएं। एक निश्चित समयावधि का क्रेडिट स्कोर अपने रिकॉर्ड में रखें। जिस बैंक या वित्तीय संस्था से आप कर्ज लेना चाहते हैं, अगर आप उसे अपना क्रेडिट स्कोर दिखाएंगे कि यह 650 से बढ़कर कैसे एक साल में 750 से ऊपर निकल गया तो वह इसे सकारात्मक तौर पर लेगा। बृजेश परनामी सीईओ, डेस्टिमनी एडवाइजर्स। संबंधित अन्य सामग्री पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43628.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc932881c13e8360b02c6005bda85377bd0008dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आपका बैंक इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए क्या कर रहा है?। एचडीएफसी सहित कई बैंकों ने तमाम ग्राहकों के खातों की निगरानी की एक प्रक्रिया विकसित की है। इसके तहत खातों की सतत निगरानी की जाती है। जैसे ही असमान्य तरीके का लेनदेन होता है, उसकी पहचान कर ली जाती है। साथ ही, किसी भी खाते से लेनदेन के लिए हम दोहरी सुरक्षा व्यवस्था इस्तेमाल करते हैं। इससे भी गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है। हमने ग्राहकों को फिशिंग के बारे में सजग करने का अभियान भी शुरू किया है। समय-समय पर उन्हें इस तरह की गतिविधियों को लेकर आगाह किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4363.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d16121fc2e9c25cbb4fec2eabd38ef8b34b362d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टॉम हॉलैंड और जेंडाया स्टारर में डॉक्टर स्ट्रेंज के रूप में बेनेडिक्ट कंबरबैच, नेड लीड्स के रूप में जैकब बैटलन और आंटी के रूप में मारिया टोमेई भी दिखाई देंग्। बता दें कि स्पाइडर मैन- नो वे होम इस साल क्रिसमस के मौके पर 17 दिसंबर को सिनेमाघरों में अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी। इस फिल्म टॉम हॉलैंड के साथ जेंडया, बेनेडिक्ट कंबरबैक, जॉन फैवर्यू, जैकब बैटलन और मैरिया टोमी भी मुख्य किरदार में नजर आने वाले हैं। इस धमाकेदार एक्शन फिल्म को जॉन वॉट्स ने डायरेक्टर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43633.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8750e984157ec5b65e84400b8b978f48d093c875 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश में मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल निरंतर बढ़ रहा है। देश में करीब 90 करोड़ लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से करीब 8.6 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल सक्रिय तौर पर करते हैं। कभी भी, कहीं भी इस्तेमाल के लिए तैयार मोबाइल बैंकिंग से बैंकों से जुड़ी सुविधाएं सुविधाजनक और समय बचाने वाली हैं। । उदाहरण के लिए मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर आप अपने बैंक बैलेंस के बारे में जानकारी ले सकते हैं। आप अपने बिलों का भुगतान इसके जरिये कर सकते हैं। इसके जरिये फंड ट्रांसफर भी किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43636.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5a9a987448d02f40afda05cf44b9d18c2c7eab0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43636.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कितनी आय वाले व्यक्ति को आपकी कंपनी लोन देती है? । हम अधिकतम 20 हजार रुपये प्रति महीने की आय वाले व्यक्ति को होम लोन देते हैं। लोन की सीमा 12 लाख रुपये तय की हुई है। इस वर्ष हमने औसतन हर ग्राहक को 6.5 लाख रुपये का होम लोन दिया है। कर्ज देने की प्रक्रिया हमारी काफी आसान है। ब्याज की दर 11 फीसद है। इस वर्ग को कोई बैंक या वित्तीय संस्थान घर के लिए कर्ज नहीं देता है, इसलिए यहां मांग काफी ज्यादा है। देश में कम आय वर्ग के बीच अगले कुछ वर्षो में 1,20,000 करोड़ रुपये होम लोन की मांग होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43644.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43644.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37d6b6e896b92cbda881107e81fe5b6e7d2e5cba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43644.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाजार अपने 7 महीने के औसत को वापस हासिल कर लेगा और अगले हफ्ते ही 17100 से ऊपर का ट्रेंड बना लेगा। लेकिन आप आने वाले महीनों में फेड द्वारा बताई गई दरों में और बढ़ोतरी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आरबीआई ने मई -20 में 40 बीपीएस की कटौती की और मई -22 में 40 बीपीएस बढ़ा दिया। लेकिन मेरे शब्दों पर ध्यान दें, अमेरिकी अर्थव्यवस्था अनुमान से अधिक तेजी से सुस्‍त हो रही है और 50 बीपीएस की एक और बढ़ोतरी के साथ मुद्रास्फीति निश्चित रूप से 3 से 4% के बीच ठहर जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43664.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8f6c011db45f28dcc4e996b8cc6d960729e8b23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43664.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्या आप कुछ हार्ड फैक्‍ट जानते हैं, FPI ने 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो अब 52 लाख करोड़ रुपये (690 अरब डॉलर) हो गया है? इन निवेशों की गणना 2003 से 2021 तक की गई थी और यह बताता है कि यह 18 साल में CAGR ~ 36% पर ~ 650% बढ़ा है, जो कि निफ्टी CAGR भी नहीं है। खैर, यह डेटा केवल कैश मार्केट के लिए है न कि डेरिवेटिव और ऑप्शंस के लिए। ।DIPS पर खरीदें, जिस तरह से BULL नई ऊंचाई पर अधिक आक्रामक हो जाते हैं, वैसे ही गिरावट में भी तेजी रहती है और जब तक क्रेडिट रहता है, वे तेजी बनाए रखते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि हर कोई उलटफेर को पकड़ सकता है। 1 लाख में से कोई एक तेज टर्नर हो सकता है और व्यापार को उलटने में सक्षम हो सकता है। मेरा अनुभव कहता है कि 95% लोग अपने स्टॉप लॉस को ट्रिगर भी नहीं कर सकते। + +रिवर्सल का मंचन स्टाइल में किया गया और निफ्टी चढ़ने लगा। यह Dalal Street के लिए एक DEAD CAT BOUNCE था। मेरे ख्याल से, हर बुल मार्केट की शुरुआत एक डेड कैट बाउंस से होती है। लेकिन ये वाकई खतरनाक है। यह न केवल फायदे को छीन लेता है, बल्कि बड़े पैमाने पर गिरावट का सफाया कर देता है। जैसा कि बताया गया है, Bearish Market नीचे से ही आक्रामक होती है और DEAD CAT BOUNCE का आत्मविश्वास उन्हें हर बढ़ोतरी पर छोटा बना देता है। यह रैली पर बिकता है। ठीक ऐसा ही इस बार भी हुआ है। ।हमने 15700 पर स्पष्ट रूप से बताया कि पीई (फॉरवर्ड) 15.5 पर आ गया था और इसमें और गिरावट की कोई गुंजाइश नहीं थी। यह हुआ भी। आगे क्या? क्या हम 15000 या 14000 पर वापस जा रहे हैं? मेरा जवाब नहीं है। मैंने ठीक 20 दिन पहले उल्लेख किया था कि अगले 70 दिनों में हम 18800 देखेंगे। हमने केवल 20 दिनों में 50% किया है और अगले 50 दिनों में बुल्स रॉक करेंगे और निफ्टी 18800 और 19000 की यात्रा करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43682.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba163f903bba815418750b69153d4081f1137250 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43682.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, सुनील अलवरेस। हाल के दिनों में, इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर (जिसे ‘ईसाइन’ के रूप में भी जाना जाता है) की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई है, क्योंकि इसका उपयोग पूंजी बाजार में ऑनलाइन खाता खोलने और अन्य दिन-प्रतिदिन के लेनदेन में किया जाने लगा है। किसी व्यक्ति का ई-साइन उनकी पहचान से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हो सकता है और ई-साइन प्रणाली हमारे जीवन में जो सहजता और सुरक्षा लाई है, उससे कोई इनकार नहीं कर सकता। हाल ही में हुए संपूर्ण डिजिटल बदलाव ने पूरे इकोसिस्टम में ई-साइन के उपयोग को और आसान बना दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43683.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba9c8950932ccca9196e1c65d23b5f8e97a37d35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43683.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इक्विटी निवेश को स्थापित करें।हम 5-7 साल की समय सीमा में भारतीय इक्विटी को लेकर सकारात्मक बने हुए हैं। यह दृष्टिकोण अगले कुछ वर्षों में एक मजबूत आय वृद्धि के माहौल के लिए हमारी अपेक्षाओं से प्रेरित है। केंद्रीय बजट ने विकास को सबसे आगे रखा है और यह उपरोक्त दृष्टिकोण को और अधिक विश्वास दिलाता है। वित्त वर्ष 23 के लिए निर्धारित उच्च पूंजीगत व्यय की वजह से गुणक प्रभाव (कई क्षेत्रों पर पड़ने वाला प्रभाव) आने वाले वर्षों में आय वृद्धि का समर्थन कर सकते हैं, जो इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43690.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15a55b8b823a225ab9967431103547f4fd331060 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह आपको अपने पैसे को अपने लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के हिसाब से विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट में इंवेस्ट करना चाहिए। इसके साथ-ही-साथ महंगाई को मात देने वाले इक्विटी जैसे एसेट क्लास में निवेश करना समान रूप से अनिवार्य है। इक्विटी जैसे एसेट्स लंबे समय में महंगाई को मात देने वाले रिटर्न देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43693.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d14d14b20905d2396b22d8a8b379b0d908586f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43693.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, हर्ष जैन। सही निवेश का चयन और मनचाहा रिटर्न देने वाली किसी निवेश योजना को तैयार करना कठिन काम हो सकता है। कुछ सामान्य नियम हैं जिनका इस्तेमाल निवेश में किया जाता है। ये सामान्य नियम काफी मदद कर सकते हैं, लेकिन ये नियम किसी उत्पाद में निवेश करने या नहीं करने के प्राथमिक आधार नहीं होने चाहिए। इसमें छिपी हुई बात ब्याज दर है। कोई भी निवेश उत्पाद आपको आने वाले वर्षों में ब्याज दर की शत-प्रतिशत गारंटी नहीं दे पाएगा। फिर भी, ये सामान्य नियम सूचनात्मक दिशानिर्देशों के रूप में काम कर सकते हैं। निवेश के लिए कुछ सामान्य नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें। + +इसलिए,।चौगुना होने में लगने वाला समय = 144/वापसी की दर।यदि आप प्रति वर्ष 10% की प्रत्याशित दर के साथ 1,00,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो।चौगुना होने में लगने वाला समय = 144/10 =14.4 वर्ष।इसलिए, आप उम्मीद कर सकते हैं कि आपका निवेश 14.4 वर्षों में तीन गुना हो जाएगा। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह नियम उन निवेशों के मामले में लागू होता है जो चक्रवृद्धि ब्याज की पेशकश करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_437.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36a597613cdf119ef07e508b574c1955fd8af35f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Ajay Devgn Kiccha Sudeep on national language: अजय देवगन और किच्चा सुदीप ने राष्ट्रभाषा पर अपना मत रखा हैl इसके पहले अजय देवगन किच्चा सुदीप से नाराज हो गए थेl अब किच्चा सुदीप ने अजय देवगन की बात पर प्रतिक्रिया दी हैl दरअसल किच्चा सुदीप ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं रहीl।अजय देवगन ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर किच्चा सुदीप को लिखा, 'मेरे भाई  आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फ़िल्मों को हिंदी में डब करके क्यूँ रिलीज़ करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।'।इसपर प्रतिक्रिया देते हुए किच्चा सुदीप ने लिखा है, 'हेलो अजय देवगन सर, जिस कांटेक्स्ट में मैंने अपनी बात कही है, मुझे लगता है वह आप तक वैसे नहीं पहुंची हैl मैं अपनी बात तब बताऊंगा, जब मैं आपसे व्यक्तिगत तौर पर मिलूंगाl यह किसी को दुख पहुंचाने, उकसाने या कोई बहस शुरू करने के लिए नहीं हैl मैं ऐसा क्यों करूंगाl'।Hello @ajaydevgn sir.. the context to why i said tat line is entirely different to the way I guess it has reached you. Probably wil emphasis on why the statement was made when I see you in person. It wasn't to hurt,Provoke or to start any debate. Why would I sir 😁 https://t.co/w1jIugFid6।इसके बाद के ट्वीट में किच्चा सुदीप ने लिखा है, 'और अजय सर आपने जो हिंदी में टेक्स्ट किया हैl वह मुझे समझ आया क्योंकि हम हिंदी का सम्मान करते हैं, प्यार करते हैं और हमने हिंदी सीखी हैंl मैं कोई आपका अपमान नहीं करना चाहता लेकिन अगर मैंने मेरा जवाब कन्नड़ भाषा में लिखा होता तो? हम भारत से है ना सरl' इसपर अजय देवगन ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'किच्चा सुदीप आप मेरे दोस्त हो, गलतफहमी को सही करने के लिए धन्यवादl मैं हमेशा मानता हूं कि फिल्म इंडस्ट्री एक हैl हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैंl मैं सभी से निवेदन करता हूं कि वह भी हमारी भाषा का भी सम्मान करेंl मुझे लगता है, मुझ तक सही अनुवाद नहीं पहुंचा हैl'।And sir @ajaydevgn ,,।I did understand the txt you sent in hindi. Tats only coz we all have respected,loved and learnt hindi.।No offense sir,,,but was wondering what'd the situation be if my response was typed in kannada.!!।Don't we too belong to India sir.।इसपर किच्चा सुदीप ने कहा है, 'ट्रांसलेशन और इंटरप्रिटेशन पर्सपेक्टिव होते हैंl इसलिए बिना जाने मैं किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देताl मैं आपको ब्लेम नहीं करता हूं सरl मुझे ज्यादा खुशी होती अगर आप मुझे क्रिएटिव रीजन को लेकर ट्वीट करतेl लव एंड रिगार्ड्स।'।Translation & interpretations are perspectives sir. Tats the reason not reacting wothout knowing the complete matter,,,matters.:)।I don't blame you @ajaydevgn sir. Perhaps it would have been a happy moment if i had received a tweet from u for a creative reason.।Luv&Regards❤️ https://t.co/lRWfTYfFQi।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43700.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..300dc98795281a7bcf883642eff6bedfe2f4f705 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट लाभ या पेंशन योजनाएं धारा 80C के तहत कर लाभ के लिए योग्य हैं। हालांकि, प्रत्येक म्युचुअल फंड पेंशन योजना को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा अधिसूचित किए जाने की जरूरत है, ताकि एक लंबी नौकरशाही प्रक्रिया से जुड़े मामले-दर-मामला आधार पर कर लाभ के लिए पात्र हो सकें। जहां तक ​​कर पात्रता की बात है, सभी सेबी रजिस्टर्ड म्युचुअल फंडों को रिटायरमेंट या पेंशन योजना शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए, अर्थात् 'म्यूचुअल फंड लिंक्ड रिटायरमेंट योजना' (एमएफएलआरपी), जो कर लाभ का पात्र होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43706.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..922ff6e61a3b840730786f121a589a797b416f90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43706.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पिछले एक साल से अधिक समय के दौरान कोविड-19 महामारी का देश के संपूर्ण एमएसएमई क्षेत्र पर बहुत गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। महामारी के कारण सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन ने विनिर्माण उद्योग और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को प्रभावित किया, कई श्रमिकों के पास कोई काम नहीं बचा और आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई। इस क्षेत्र को वित्तीय तरलता, ऋण चुनौती, मजदूरी / वेतन और वैधानिक बकाया जैसे निश्चित खर्चों को पूरा करने आदि से संबंधित चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। आवश्यक वस्तुओं के कारोबार में काम करने वाले उद्यम अपने उत्पादों की मांग के मामले में बेहतर थे, लेकिन सामग्री और लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण अपने निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला संचालन को व्यवस्थित करने में अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एमएसएमई को भी विभिन्न अनुपालन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और अपनी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा किया। + +इसके अलावा कच्चे माल की कीमतों में वर्ष 2021 के दौरान काफी वृद्धि हुई जिसके कारण उत्पादन की लागत बढ़ी। इससे एमएसएमई के नकदी प्रवाह पर और प्रभाव पड़ा। वर्ष में MSMEs के लिए मुख्य चुनौतियां विनिर्माण उत्पादन, अपने कर्मचारियों की प्रतिधारण, वैधानिक देय रकम का भुगतान, लेनदारों और बैंकों के बकाए का भुगतान करना रही हैं। कार्यशील पूंजी की कमी, निरंतर ब्याज का बोझ, लंबित बिलों की वसूली की अनिश्चितता और पिछले बकाया एमएसएमई को चिंतित करने वाले अन्य कारक थे। कुछ उद्यमों ने गैर-आवश्यक वस्तुओं से ध्यान हटाकर आवश्यक वस्तुओं जैसे हैंड सैनेटाइज़र और टॉयलेटरीज़, पीपीई किट, पुन: प्रयोज्य मास्क आदि के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया और कठिन समय में जीवित रहने में सक्षम थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43709.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9f05b56014ed7b72717b3e6e09cf77af3bad9a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले साल की कठिन परिस्थितियों से उबरकर जब उद्योग जगत ने राहत की सांस लेना शुरू किया था, उसी समय कई कच्चे माल की कीमतों ने आसमान छू लिया। यह घर खरीदारों को डिस्काउंट और विशेष ऑफ़र देने की हमारी क्षमता को सीमित कर देगा, जो वर्तमान बाजार स्थिति की आवश्यकता है। पिछले साल लॉकडाउन हटने के बाद डेवलपर्स के प्रोमोशनल ऑफरिंग ने देखी गई रिकवरी में योगदान दिया। हालांकि, इस साल इसी तरह के ऑफर को होल्ड पर रखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43717.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cb0574614ef5cae2648b99b75e32ea3a22b3679 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43717.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उम्र। यह मानदंड ऋणदाता को यह सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया है कि आपके पास पर्याप्त संख्या में काम करने की आयु बची हुई है। ज्यादातर मामलों में, ऋणदाता 21 से 55 वर्ष के आयु वर्ग के आवेदकों को पसंद करते हैं। इसलिए, वेतनभोगी आवेदकों को 23-58 वर्ष की सीमा में होना चाहिए और स्व-नियोजित गैर-पेशेवरों को आसान स्वीकृति के लिए ऋण के लिए आवेदन करते समय 28-65 वर्ष की सीमा में होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43721.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6079e6e72997e2444dbbbd2c9a43116e54cad3f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, राहुल जैन। नया साल परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाने का मुफीद समय होता है। वर्ष 2021 मिले-जुले इमोशन वाला साल रहा। इस साल कोरोनोवायरस के खिलाफ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में से एक की शुरुआत हुई जबकि दूसरी तरफ शेयर बाजारों ने नई ऊंचाइयों को छुआ। हालांकि, बीच में एक ऐसा वक्त में भी आया था जब कोविड-19 की दूसरी लहर से अफरातफरी वाली स्थिति पैदा हो गई थी और लोगों का जीवन पटरी से उतर गया था। अब चीजें धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं और अर्थव्यवस्था खुल रही है। ऐसे में यह नए साल की सकारात्मक शुरुआत का समय है। आप ऐसे खास मौके पर अपने प्रिय लोगों को ये खास तोहफे दे सकते हैं जो उनके जीवन में वैल्यू ऐड करेगा, उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएगा और उनके वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में उनकी मदद करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4373.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..303cac5a5f3e87415e3d7082ac5cedf53080ba45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वह सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय भी रखती रहती हैं। कंगना रनोट ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक के बाद एक तीन पोस्ट लिखे है। एक पोस्ट में उन्होंने सालों पुराने अंग्रेजी अखबार की खबर को शेयर किया है। इस खबर के साथ कंगना रनोट ने कैप्शन में लिखा, 'या तो आप गांधी के फैन हो सकते हैं या नेताजी के समर्थक। आप दोनों नहीं हो सकते। चुनें और फैसला करें।'।इसके बाद कंगना रनोट ने दो लंबे-चौड़े पोस्ट लिखे हैं, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। अभिनेत्री ने अपने पहले पोस्ट में लिखा, 'स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनमें अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से लड़ने की न तो हिम्मत थी न ही खून में उबाल था। यह सत्ता के भूखे और चालाक लोग थे। यह वही थे जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई आपके एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके आगे दूसरा गाल कर दो और इस तरह तुमको आजादी मिल जाएगी। इस तरह से आजादी नहीं सिर्फ भीख मिलती है। अपने हीरो समझदारी से चुनें।'।कंगना रनोट ने अपने दूसरे पोस्ट में महात्मा गांधी के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए आगे लिखा है कि गांधी ने भगत सिंह को फांसी दिलवाई। अभिनेत्री ने लिखा, 'गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी का समर्थन नहीं किया था। कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए। इसलिए आपको चुनना है कि आप किसके समर्थन में हैं, क्योंकि उन सबको अपनी यादों में एक साथ रख लेना और हर साल उनकी जयंती पर याद कर लेना ही काफी नहीं है।'।कंगना रनोट ने अपने पोस्ट के आखिरा में लिखा, 'सच कहें तो यह केवल मूर्खता नहीं बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना और सतही है। लोगों को अपना इतिहास और अपने हीरो पता होने चाहिए।' इससे पहले कंगना रनोट ने मीडिया के एक कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी, देश को असली आजादी तो साल 2014 में मिली है। उनके इस बयान के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43739.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..666c58173b25b15ce48cf820031e5ffb6e282aa7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैकल्पिक रूप से, मुझे लगता है कि मैं भारत, भारतीय जनता, मर्चेंट बैंकरों और सभी हितधारकों की शक्तियों को कम करके आंक रहा हूं। अगर iRCTC 350 पी ई पर ट्रेड कर सकता है और NYKAA 840 पीई पर आईपीओ ला सकता है तो निफ्टी वैल्यूएशन 140000 (200 पीई) होना चाहिए, न कि 18000 क्योंकि बड़े पैमाने पर पी ई विस्तार है। इन 2 मुद्दों से मुझे लगता है कि देश के वकील इस तर्क को अदालतों में ले जा सकते हैं कि पेनी स्टॉक के सभी मामले फर्जी हैं क्योंकि 840 पीई अच्छी तरह से स्वीकृत मानदंड हैं और सभी कानूनी अधिकारियों द्वारा अनुमोदित हैं। इसलिए अदालतों को 100-200 पी ई के वैल्यूएशन या पेनी स्टॉक को स्वीकार करना चाहिए जिसे वे अब तक खारिज कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43748.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e06d531871182bd2fa5e6dbd559b5e62a10d69a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निवेशक सिर्फ कंपनी के भविष्य के बारे में सोचता है। वह यह देखता है कि उसका फायदा कंपनी की आगामी नीतियों और शेयर भाव पर निर्भर करेगा। अगर कोई कंपनी बीते वर्षो में अपना मुनाफा बढ़ा रही है तो अधिक संभावना है कि वह भविष्य में भी ऐसा करेगी। अगर मैंनेजमेंट ने बीते समय में कंपनी को अच्छी तरह से चलाया है तो संभावना यही है कि वह आगे भी उसे ऐसे ही चलाता रहेगा। लेकिन इक्विटी रिसर्च के बारे में हम शायद ही इस तरह से सोचते हैं, क्योंकि यह भविष्यवाणी करने का तरीका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43762.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..817b30eb3e02aa1f593d3026f9646a2dddb992c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साथ ही वैश्विक बाजारों में उभरती तकनीकों और रोबोटिक, कृत्रिम मेधा, इलेक्ट्रिक वाहन, साइबर सुरक्षा, औद्योगिक ऑटोमेशन, क्लाउट कंप्यूटिंग, सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, फिन-टेक आदि जैसी बढ़ते विषयों तक निवेशकों की पहुंच हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि ये विषय आने वाले वक्त में हमारे भविष्य को आकार देंगे और इसलिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण से वैश्विक निवेशकों के पोर्टफोलियों में ये जगह बना रहे हैं। भारत के शेयर बाजार इस समय ज्यादातर पुरानी अर्थव्यवस्था के विषयों के लिए जगह मुहैया करा रहे हैं, ऐसे में निवेशक को निवेश योग्य वैश्विक दुनिय़ा पर नजर रखने की जरूरत है, जिससे इन व्यापक धारणाओं में हिस्सा लिया जा सके। उन क्षेत्रों में धन लगाया जा सके, जिनसे हमारे जीने और काम करने के तरीके में बदलाव की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43767.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d99779fc44dbf1acee2c9bdaf8b45a1a60b90031 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43767.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में कम उम्र में और स्वस्थ रहते हुए इंश्योरेंस खरीदना आपके हित में होता है। ना सिर्फ आपको कम प्रीमियम का लाभ मिलता है, बल्कि आपका प्रपोजल फॉर्म भी तेजी से प्रोसेस हो जाता है। आप जिम्मेदारी बढ़ने के साथ बाद में सम एश्योर्ड को बढ़वा सकते हैं। ऐसे में 20-25 वर्ष की उम्र में लाइफ इंश्योरेंस खरीदना काफी बुद्धिमत्ता वाला फैसला होता है, क्योंकि उस समय प्रीमियम काफी कम होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43770.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43770.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f166f9e618ac6fe6e1ea3415192e3f4f5e9e4730 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43770.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खुदरा निवेशकों ने हाल के आईपीओ में भाग लेने के लिए गहरी दिलचस्पी दिखाई है और यदि आप भी आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं, तो ऐसा करने से पहले आपको इन पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए:।1.आईपीओ में निवेश से पहले उचित परिश्रम करें, जानकारी जुटाएं: स्टॉक एक्सचेंज नियमों के तहत, सभी सूचीबद्ध कंपनियों को सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय और कॉर्पोरेट प्रशासन से संबंधित जानकारी का खुलासा करने की आवश्यकता होती है जो उनके स्टॉक की कीमतों को प्रभावित कर सकती है।हालांकि, ये नियम उन कंपनियों पर लागू नहीं होते हैं जिनका सार्वजनिक रूप से कारोबार नहीं होता है।यही कारण है कि निवेशकों/व्यापारियों को अपने सावधानीपूर्वक संचालन करने की आवश्यकता है। कंपनी के वित्त, ट्रैक रिकॉर्ड, प्रमोटरों आदि के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करें। यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) में उपलब्ध है जो आईपीओ में निवेश करते समय एक उपयोगी पुस्तिका के रूप में आती है।कोई भी सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर आरएचपी देख सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43775.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b63da174225a8c2f9e8afebcbb28effd7e5571c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उदाहरण के लिए, यदि आप एक करोड़ रुपये जमा करना चाहते हैं और 30 वर्ष की उम्र पर निवेश करना शुरू करते हैं, तो 10% का वार्षिक रिटर्न मान लेने पर आपको 4400 रुपये से थोड़े अधिक के मासिक एसआईपी की आवश्यकता होगी। अब, यदि आप इसमें 10 साल की देरी करते हैं, तो यही राशि बढ़कर 13,000 रुपये से अधिक हो जाती है। जल्दी की गयी शुरुआत आपको आपका लक्ष्य पाने के लिए बेहद आवश्यक लाभ प्रदान करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43783.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96103cc1ca2c186cac30d0039b001fe4240229e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43783.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आर्थिक मोर्चे की हकीकत और इक्विटी मार्केट में अपेक्षाकृत अच्छे समय के बीच का विरोधाभास निवेशकों के लिए चिंता का सबब बन रहा है। सवाल यह है कि क्या व्यक्तिगत निवेशक को इन हालातों से डर कर भाग जाना चाहिए और तब वापस आना चाहिए जब हालात सामान्य हो चुके हों? या कि उन्हें हिम्मत दिखानी चाहिए और हर दिन के हालात का सामना करना चाहिए? इसका जवाब इस सवाल में है कि क्या आपने यह अनुमान लगाकर मास्क पहनने का प्रयास किया कि किसे कोरोना है और किसे नहीं? और क्या आप मास्क पहनने का फैसला इसी आधार पर करते हैं कि जिसके बारे में आपको लगता है कि उसे कोरोना है, उसके सामने मास्क पहन लें और बाकी लोगों के सामने नहीं पहनें? मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा नहीं होगा। स्टाक मार्केट को लेकर भी यही सिद्धांत काम करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43791.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddd7b440dccd48d0632a24aea23a9db6368d9faf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43791.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, राहुल जैन। अब सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIPs) म्युचुअल फंड्स में निवेश का सबसे स्वाभाविक माध्यम बन गया है। SIP का बढ़ता वॉल्यूम इसकी बढ़ती लोकप्रियता को दिखाता है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा के मुताबिक भारत में 4.02 करोड़ एसआईपी अकाउंट्स हैं, जिनके जरिए निवेशक विभिन्न म्युचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करते हैं। ऐसा आम तौर पर देखा जाता है कि निवेशक SIP की सही रकम तय करते समय ऊहापोह में रहते हैं। सबके लिए एक जैसा अप्रोच मुनासिब साबित नहीं हो सकता है। SIP की सही रकम तय करते समय इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए फैसला किया जा सकता है। + +आइए इन पहलुओं पर डालते हैं एक नजरः।लक्ष्य का पूरा विश्लेषण।अधिकतर निवेशक अपने लक्ष्यों का पूरी तरह विश्लेषण किए बगैर SIP में निवेश शुरू कर देते हैं। इससे आम तौर पर लोग जरूरी फंड तैयार करने से चूक जाते हैं। लक्ष्य पर आधारित निवेश के अप्रोच से ना सिर्फ निवेश के लिए जरूरी रकम तय करने में मदद मिलती है बल्कि जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। + +लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी रकम की करें गणना।SIP के सबसे प्रमुख लक्ष्यों में से एक संपत्ति का सृजन और निर्धारित फंड तैयार करना है। इसलिए हर लक्ष्य के लिए जरूरी रुपये-पैसे की गणना आवश्यक हो जाता है। बच्चों की उच्च शिक्षा एवं आपके रिटायरमेंट के लिए आपको महंगाई दर को भी ध्यान में रखता है क्योंकि इससे समय के साथ आपके धन के मूल्य में कमी आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43810.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a34b522471302c103df5b11581518717fa956a2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43810.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वास्तव में सही एसेट एलोकेशन न केवल आपको ओवरबोर्ड से रोकेगा, बल्कि बाजार में गिरावट की स्थिति में लाभ को कम होने से भी रोकेगा। इसे मार्च 2020 के उदाहरण से समझते हैं, जब बाजार में जब करेक्शन देखने को मिल रहा था। साथ ही इक्विटी फंड में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखने को मिल रही थी। ऐसे अनिश्चितता वाले काल में जिन लोगों के पोर्टफोलियो में सोना और डेट भी थे, उनमें लचीलता देखने को मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43816.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d23018e987bb6b904478809c7716050ed709ec13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अप्रैल/मई 2020 में भी इसी तंत्र का इस्तेमाल किया गया था, जब सरकार ने पेट्रोल की कीमतों को ऊंचा रखा था। उस समय भी, हमने विस्तार से बताया था कि मार्केट ने इसे क्यों स्वीकार किया और अपनी ऊपर की यात्रा शुरू करने का फैसला किया। राजनीतिक रूप से यह गलत हो सकता है, लेकिन आर्थिक रूप से यह सही है, क्योंकि गरीब लोग कारों का उपयोग नहीं करते हैं। जो लोग 10, 20, 50 और 100 लाख रुपये की कार खरीदते हैं, वे पेट्रोल के लिए 10, 20 या 30 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त भुगतान कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43840.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..516c9908c8fb724d5d4b3a52a2ccb8475ca34a04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर आप लक्जरी याट खरीद रहे हैं तो आपको लक्जरी पर फोकस करना चाहिए। निश्चित तौर पर आपको उस खासियत के आधार पर चुनना चाहिए जो कि आपके लिए सबसे ज्यादा मायने रखती है। तो जब आपने स्थिरता के लिए एक निर्धारित रकम डेट फंड में निवेश करने का फैसला कर लिया है तो आप फंड का चुनाव स्थिरता पर करें, न कि इस पर कि उसका रिटर्न कितना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43855.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be42802380bafd5544cbf0d73ddef29ac8ff136e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाजारों के ध्रुवीकरण में हम देख रहे हैं कि मिडकैप के कुछ स्टॉक और क्षेत्र बहुत ज्यादा मुनाफा दे रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे भी स्टॉक और सेक्टर हैं, जिनका बाजार में प्रदर्शन बेहतर नहीं है। कुछ चुनिंदा मिड कैप कंपनियों ने 2018 के मध्य से 2020 के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन किया है, वहीं बहुसंख्य मिड कैप कंपनियों ने निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक पर बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है और वे आकर्षक मूल्यांकन पर उपलब्ध हैं। यह विचलन हमें शेयर चुनने का बेहतर मौका दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43883.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..564d656c30cbd33c69d28ad73f20455442a8c336 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43883.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। बाजार एक बार फिर नई उंचाई पर या उसके करीब है। लेकिन जो इक्विटी निवेशक स्टॉक्स अच्छी कीमत में खरीदना चाहते हैं उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। अप्रत्याशित तौर पर पिछले वर्ष के आखिरी दौर में कई बार ऐसा हुआ है जब बाजार नई ऊंचाई पर पहुंचा है। तो क्या तेजी के ऐसे दौर में निवेश नहीं करना चाहिए?।पिछले वर्ष नौ नवंबर के बाद से सेंसेक्स 34 कारोबारी दिनों में 19 बार नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर गया है। इस तरह से आधे से अधिक दिन ऐसे रहे हैं जब बाजार ने नए शीर्ष स्तर को छुआ है। अगर आप सेंसेक्स का पूरा इतिहास देखें तो यह कोई असामान्य बात नहीं है। इससे पहले 52 बार ऐसा हुआ है जब 34 कारोबारी दिनों में 19 बार सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है। हालांकि, पहले ऐसा तब हुआ है, जब बाजार ने तीन बार जोरदार तेजी का दौर देखा था। यह दौर वर्ष 1981,1992 और 2006 में आया था। मई, 2006 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। + +निवेशकों का यह डर एक हद तक वाजिब है। बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर या इसके करीब होने के साथ समस्या यह है कि निवेशक इसका यह मतलब लगा लेते हैं कि अभी निवेश नहीं करना चाहिए। आखिरकार सभी तरह के निवेश का मुख्य लक्ष्य कम कीमत में खरीदना और ऊंची कीमत में बेचना है। ऐसे में उस समय स्टॉक्स को क्यों खरीदा जाए जब कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43889.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a5f1f5cb183354d3952c4a9660195582c9e79e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43889.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रॉबिन हुड निवेशकों ने पिछले 7 महीनों में पहला रफ मौसम देखा। पूरे बोर्ड में बिकवाली की कॉल शुरू हो गई और सभी विश्लेषक 12800, 12500 और 11880 का लक्ष्य दिखाने लगे। यह सीएनआई ही था, जिसने सटीक विश्लेषण किया और 13600 के लक्ष्य के साथ 13240 पर खरीदारी के लिए कहा। हमने एक्सपायरी के लिए अपना लक्ष्य 13720 तक बढ़ाया और निफ्टी एक्सपायरी 13760 पर था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43890.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b88c2d7ea6ec13249f896261b611d9b008fc56ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। निफ्टी ने 13,800 अंक और सेंसेक्स ने 47,000 अंक का नया उच्च स्तर हासिल कर लिया है और इसके बाद भी इन दोनों एक्सचेंजों के नीचे आने के कोई संकेत नहीं हैं। अभी भी CLSA ने शॉर्ट रन में 14200 और लॉन्ग रन में 18800 का टार्गेट रखा है। इससे पहले गोल्डमैन सॉक्स ने 14000 अंक का टार्गेट रखा था। हालांकि, सीएनआई रिसर्च पूर्वानुमान के मामले में इन सब से बहुत आगे है। इसने साल 2019 में ही साल 2020 के लिए 14,000 का लक्ष्य रख दिया था और जब निफ्टी 7500 तक चला गया, उसके बाद भी हमारा आत्मविश्वास हिला नहीं था। हमने अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43898.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..401109f69ba68d1f05a79d657dfeebeae2a936a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कोरोना संकट का सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है और इकोनॉमी समेत कई दूसरी चीजें पटरी पर आती दिख रही हैं। इस संकट के चलते जो वित्तीय दुश्वारियों से गुजर रहे हैं वे बदली परिस्थितियों से बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं होंगे। लेकिन जो निवेशक हैं और शेयर बाजारों में सुधार से अति उत्साहित होते दिख रहे हैं, उन्हें भी सावधान रहने की जरूरत है। अप्रत्याशित की उम्मीद जितनी अधिक होगी, उससे निपटने की तैयारी उतनी ज्यादा होगी और नुकसान उसी हिसाब से कम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43928.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79beb4f75fd69e180451c7f8c18dda0eb5719f66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43928.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें (Gold Price: पिछले महीने से 4,130 रुपये सस्ता हुआ सोना, चांदी में आई 10,379 रुपये की गिरावट, जानिए भाव)।ऑटो और ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां कई कारणों से लाइमलाइट में आ रही हैं। हम 5000 के स्तर से MARUTI की सिफारिश कर रहे थे और सुझाव दिया था कि यह बहुत जल्द 8000 को पार कर जाएगा। टाटा मोटर्स (TATA MOTORS) का भी यही हाल था। हमारे दृढ़ विश्वास के कारणों में एक जनवरी-फरवरी 2020 में डीलरों के साथ वितरण का बड़ा समायोजन था। साथ ही अच्छा मानसून, ग्रामीण आय, त्योहारी सीजन, जीएसटी में संभावित कटौती और INCOME TAX ACT के तहत मूल्यह्रास लाभ भी हमारे दृढ़ विश्वास के कारणों में शामिल थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_43938.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_43938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bfcee5c7d67903219761c2d28739473a9855206 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_43938.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए यह एक भरोसेमंद टूल है जो उन्हें स्टॉक के मौजूदा ट्रैजेक्टरी का अंदाज लगाने में मदद करता है। चूंकि, यह अपेक्षाकृत सीमित समयसीमा में शेयरों को खरीदने, बेचने या रखने के लिए एक रिस्की तरीका हो सकता है, पैटर्न और ट्रेंड्स का अध्ययन करने के लिए किसी विधि या कुछ टूल्स पर निर्भरता जोखिम को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है। इसके अलावा ट्रेडर्स इसका इस्तेमाल अनिश्चित निवेशकों को बाहर निकालने के लिए एक टूल के रूप में करते हैं। यह प्रॉमिसिंग स्टॉक्स पहचानने और सुविधाजनक निर्णय लेने का लाभ प्रदान करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d6834081b08c2929f55106c1c2ca33bb416dc44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं ‘भूल भुलैया 2’ का निर्देशन अनीस बज्मी ने किया है। फिल्म में कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इनके अलावा तब्बू, अमर उपाध्याय, संजय मिश्रा, मिलिंद गुनाजी, कर्मवीर चौधरी और राजपाल यादव भी अहम भूमिका में हैं। फिल्म इस साल 22 मई को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। पहले यह फिल्म 31 जुलाई, 2020 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण रिलीज में इतनी देरी हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44008.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf1cec76d4a7b33632ddee7a83a4ded3dfcb1615 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, पुष्‍पेंद्र पाल सिंह। वर्ष 2016-17 में केंद्र की मोदी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के रूप में एक बड़ी पहल की थी। इस योजना में प्रतिकूल मौसम के कारण बोआई बाधित होने या सूखे, बाढ़, तूफान या ओलावृष्टि जैसी किसी प्राकृतिक आपदा से फसल को हुए नुकसान की आर्थिक भरपाई करने का प्रावधान है। भारत में कुल 14 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि में से लगभग 55 प्रतिशत रकबा असिंचित है। हर साल औसतन 1.25 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें किसी न किसी प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ जाती हैं। इस कारण करोड़ों किसानों की आय और आजीविका प्रभावित होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44024.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73b4740106da3b9330d4c7060b1193b639a93a8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भूले हुए निवेश या दूसरे तरह के असेट को वापस पाने के लिए यह तरीका निश्चित रूप से बहुत सुविधाजनक है। आगे जैसे-जैसे इसको लेकर जागरूकता आएगी, इस तरह की समस्या कम होती जाएगी। जिन मामलों में शेयर डीमैट अकाउंट में होते हैं उनमें लाभांश सीधे निवेशक के खाते में पहुंच जाता है। इस तरह के मामलों में जैसे-जैसे आइईपीएफए को लेकर जागरूकता फैलेगी, पुराने फंड की पहचान आसान होती जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44027.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8afd384589aeb1f39e92658e372365a7508b0465 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए आम चुनाव के पहले सरकार ने गल्ले की खरीद की कीमत बढ़ाने, किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष सम्मान निधि देने और कर्ज की सुविधा बढ़ाने के जो वादे किए थे वे किसानों की माली हालत को सुधारने में कुछ योगदान करेंगे, किंतु ये पर्याप्त नहीं हैं। खुदरा व्यापार जो शहरों में आमदनी का सबसे बड़ा स्नोत है, उस पर भी सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44037.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a582c958229567186f1b7a9b533301bcc69e5cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[मोतीलाल ओसवाल]। बजट में यह अपेक्षा की गई थी कि विकास समावेशी विकास के सिद्धांत पर आधारित होगा और अपने पिछले कार्यकाल में सरकार द्वारा निर्धारित मध्यम और दीर्घकालिक उद्देश्यों को पूरा करेगा। बजट इन उम्मीदों को पूरा करता है। जहां तक मैं समझ पा रहा हूं, बजट में कृषि, एमएसएमई, एनबीएफसी, बुनियादी ढांचे और सस्ते आवास को प्राथमिकता दी गई है। व्यावसायिक भरोसे को पुनर्जीवित करने, निजी कैपेक्स रिकवरी, विनिर्माण पर कम ध्यान दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44040.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a60b01282dfda1e4cd22a1e4ddb4993575052272 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशेषज्ञ टिप्पणी, [राधिका पांडे] मोदी सरकार का पहला आम बजट ऐसे समय में पेश किया गया है, जब अर्थव्यवस्था विपरीत परिस्थितियों से गुजर रही है। सरकार पर यह लगातार दबाव बना हुआ था कि वह सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए खर्च को बढ़ावा देने के उपाय करे। ऐसी स्थिति में सरकार के सामने अर्थव्यवस्था के विकास को रफ्तार देने के लिए राजकोषीय कंसोलिडेशन के रोडमैप से हटते हुए बड़े पैमाने पर व्यय को अपनाने या राजकोषीय कंसोलिडेशन के रोडमैप पर बने रहने के विकल्प में से किसी एक का चुनाव करनेकी मुश्किल चुनौती थी। राजकोषीय रोड मैप से बड़े पैमाने पर विचलन से उधारी बढ़ जाती है, ब्याज दरों में वृद्धि होती है और मुद्रास्फीति होती है। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में अपने राजकोषीय कंसोलिडेशन रोडमैप को बनाए रखने के विकल्प का चुना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44069.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1def62c572f95db855d120884c470c48cf522a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब हम शेयर निवेश के बारे में समाचारों पर नजर डालते हैं तो हमें अहसास होता है कि उथल-पुथल निवेशकों के लिए सबसे खराब होती है। जैसे, पिछले कुछ महीनों से शेयर बाजार में काफी उथल-पुथल रही है। बिजनेस टीवी चैनल्स के एंकरों के चेहरे लटके हुए होते हैं। समाचार लिखने वाले हमेशा यह मानते हैं कि शेयर बाजार काफी गिर चुके हैं और अगले कुछ दिनों तक गिरावट रह सकती है लेकिन इसके बाद सुधार होने लगेगा। तमाम निवेशक जिनकी सफलता या विफलता अगले दिन बाजार की दिशा की भविष्यवाणी पर निर्भर रहती है, उन्हें भी इसमें नुकसान उठाना पड़ जाता है। लेकिन क्या कोई निवेश रणनीति ऐसी है जो आम बचतकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो और जिसके जरिये शेयर बाजार में फायदा उठाया जा सके। उथल-पुथल के दौर में भी यह रणनीति फायदा देने वाली साबित हो। क्या कोई एंटीफ्रेजाइल (नाजुक के विपरीत यानी सुदृढ़) निवेश रणनीति है जिसका हम और आप इस्तेमाल कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44099.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..996e021686beedab59b6d32172d77448d23372bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (मोतीलाल ओसवाल)। जब भारतीय शेयर बाजारों की बात आती है, तो किसी को यह कहने के लिए माफ किया जा सकता है कि बाजार में तेजी स्थायी और गिरावट अस्थायी हैं!।अगर, हम माइक्रो संकेतों को देखते हैं तो कच्चे तेल उबाल पर है और रुपया कमजोर हो रहा है। इसके बावजूद हमारे बाजार सूचकांक उस अनुपात में नहीं गिर रहे हैं। बैंकिंग और फार्मा सेक्टरों के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद कॉर्पोरेट कमाई मजबूत हो रही है और वित्त वर्ष 19 और वित्त वर्ष 20 में 18-20% बढ़ने का अनुमान है। साल भर में कई राज्यों के चुनाव के साथ 2019 में आम चुनाव भी हैं। इसके चलते बाजार को अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता था, लेकिन अगले 12 महीनों में कोई भी 10-11 फीसद रिटर्न की उम्मीद कर सकता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44107.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79e73c3f185dea9cf2b3ffc445ca424328027ed3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ इसी तरह की स्थिति उन निवेशकों के साथ भी हो जाती है, जो शुरुआत तो ठीकठाक पैसे से करते हैं, लेकिन बाद में उसे बढ़ाते नहीं। जैसे किसी व्यक्ति ने 2004 में 10,000 रुपये की मासिक एसआइपी से शुरुआत की और आज तक उतना ही निवेश कर रहा है। 2004 में वह राशि उसके वेतन के 20 फीसद के बराबर थी, लेकिन आज की तारीख में यह उसके वेतन के महज सात फीसद के बराबर है। अगर उस व्यक्ति ने लगातार 10,000 रुपये का ही एसआइपी रखा, तो 15 साल में उसका रिटर्न 57 लाख हो चुका होगा। वहीं उसने सालाना केवल पांच फीसद की वृद्धि की होती, तो यह रिटर्न 71 लाख होता। ज्यादातर लोगों के वेतन में इतनी बढ़ोतरी होती है कि एसआइपी में पांच फीसद की वृद्धि से उनके बजट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन जब उस निवेश को भुनाने और पैसे के इस्तेमाल का वक्त आएगा, उस समय इस पांच फीसद की बढ़ोतरी से भी रिटर्न में बड़ा असर दिखेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44112.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..102a64801326df771832205095b4e30a410c4b88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब मैंने वह लेख लिखा था, उस वक्त मैं इसकी आलोचना में मिलने वाली ढेरों प्रतिक्रियाओं से चौंक गया था। मैंने और भी बहुत से विषयों पर स्पष्टता से लिखा है, लेकिन इस तरह की आलोचना का सामना मुझे कभी नहीं करना पड़ा था। कई लोगों ने मुझ पर इस बात के लिए भी निशाना साधा था कि मैंने बिटकॉइन को बुलबुला क्यों कहा। फिलहाल आज मैं सिर्फ अपने उस पुराने लेख के बारे में जानकारी साझा करने के लिए नहीं लिख रहा हूं। मैं इस घटना को समझने का प्रयास कर रहा हूं। बहुत से बिटकॉइन निवेशक, जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से भी जानता हूं, इसमें दिलोजान से पैसा लगा रहे हैं। इसमें निवेश करने वालों को बिटकॉइन पर अथाह भरोसा है। यह इस तरह से है, जैसे वह किसी नए धर्म से जुड़ गए हों। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44117.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8af379f8dbb67f26f9463499f7b26c559375110 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि इस स्थिति में ऊंची ब्याज दर के लिए दुआ करने का कोई मतलब नहीं है। ऊंची ब्याज दरों के प्रति हमारी आसक्ति इसलिए है, क्योंकि हमने महंगाई की ऊंची दरों को नजरअंदाज करना सीख लिया है। हम भूल जाते हैं कि महंगाई अपने आप में ऊंची ब्याज दरों की जुड़वां बहन जैसी है। मुझे कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन उपरोक्त मैसेज भेजने वाले बुजुर्ग वित्तीय रूप से असफल हैं। पिछले पांच साल उन्हें ब्याज से आय के रूप में 35,352 रुपये प्रतिमाह मिल रहे थे और वह उसे खर्च कर रहे थे। असल में वह अपनी ही पूंजी खा रहे थे। उस पैसे में से उनकी आय बमुश्किल 7,000 से 10,000 रुपये ही थी। बाकी जो था, वह महंगाई की वजह से रुपये की कीमत में गिरावट का नतीजा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44144.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75c0007d7448702154a2b351fcfddf9ab049cc73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल: ट्रांसपोर्टर की ओर से माल की बुकिंग करते समय पांच प्रतिशत जीएसटी इन दो स्थितियों में से कब लगाया जाएगा- यदि माल भेजने और पाने वाला दोनों ही पंजीकृत हों या यदि माल भेजने वाला पंजीकृत हो और माल पाने वाला अपंजीकृत हो? (हर्ष गुलाटी)।जवाब: जीएसटी परिवहन सेवा पर देय है चाहे प्रेषक व प्राप्तकर्ता पंजीकृत हैं अथवा नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44159.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..203651d0102b93ea6f0107d43eae3348daa35491 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44159.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल: मैं इलेक्ट्रिक पंप और केबल के बिजनेस में हूं। मान लीजिए कि जून, 2017 में मैंने ग्राहक को माल बेचा और उस पर वैट जमा करके रिटर्न फाइल कर दिया। यदि मेरा ग्राहक जुलाई में, जब वैट जगह जीएसटी लागू होगा, बेचा हुआ माल वापस करता है तो ऐसे में मैंने जो वैट जमा कराया है, उसका क्या होगा? ।जवाब: यदि आपने वैट एक्ट के तहत यानी 30 जून जक माल बेचा और वह जीएसटी एक्ट लागू होने के बाद वापस आता है तो उसका ट्रीटमेंट ऐसे होगा:।यदि ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड है तो वह आपको माल वापस करने पर इसे सप्लाई मानते हुए बिल जारी करेगा और टैक्स चुकाएगा। इस टैक्स की इनपुट क्रेडिट आपको मिल जाएगी। यदि ग्राहक जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड नहीं है तो फिर वापस किए गए माल यानी सेल्स रिटर्न पर पूर्व में जमा कराए गए टैक्स का रिफंड क्लेम करना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44224.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b756b554793b125eee3e34299b7cee98fb99a72f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ब्रीद (Breathe) ओटीटी स्पेस की लोकप्रिय वेब सीरीज में शामिल है। इस सीरीज के दो सीजन आ चुके हैं और फैंस को अब तीसरे सीजन का इंतजार है। पहले सीजन में जहां आर माधवन और अमित साध ने लीड रोल्स निभाये थे, वहीं दूसरे सीजन ब्रीद- इन टू द शैडो (Breathe- In To The Shadows) में अभिषेक बच्चन और अमित साध मुख्य भूमिकाओं में नजर आए। तीसरे सीजन में एक बार फिर ये जोड़ी नजर आने वाली है। ।सीरीज में अमित साध पुलिस ऑफिसर कबीर सावंत का किरदार निभाते हैं। अमित फिलहाल तीसरे सीजन की शूटिंग मुंबई में कर रहे हैं और इस सीजन के लिए उन्होंने अपनी फिजीक पर काफी मेहनत की है। अमित की एक तस्वीर फिल्म के सेट से लीक हुई है, जिसमें उनका लुक नजर आ रहा है। ब्राउन शर्ट और ब्लू जींस में अमित काफी रफ-टफ नजर आ रहे हैं। ।ब्रीद- इन टू द शैडोज के अगले सीजन की घोषणा पिछले साल अक्टूबर में की गयी थी। अमित ने जो फोटो शेयर किया था, उसमें अभिषेक बच्चन, नित्या मेनन और नवीन कस्तूरिया के साथ सीरीज से जुड़ी टीम नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44236.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b146c901d1d92dfddad35f32c45ce9a029307dd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर्षवर्धन कपूर के वर्क फ्रंट की बात करें तो उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 2015 में आई फिल्म 'मिर्जया' से की थी। जिसका निर्देशन राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने किया था। इसके बाद वह 'भावेश जोशी सुपरहीरो' और 'ऐके वर्सेज ऐके' जैसी कुछ फिल्मों में नजर आए थे। अब वह फिल्म 'थार' में एंग्री यंग मैन के किरदार में नजर आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44241.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80628c7f940a6eec651affbfce590985bd06690a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44241.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इस हफ्ते सिनेमाघरों में केजीएफ चैप्टर 2 रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को लेकर काफी हाइप है। वहीं, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी इस हफ्ते बेहतरीन फिल्में और सीरीज आ रही हैं। इनमें एक्शन, कॉमेडी, रोमांस और ड्रामा की भरपूर डोज दी जाएगी। दक्षिण भारतीय भाषाओं की धमक इस हफ्ते ओटीटी पर भी महसूस होगी। चलिए, आपको विस्तार से बताते हैं कि कहां क्या आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4425.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a44f40fbc9ffc5b980fb217f84a760bacab3ff4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शांताराम फिल्म रिलीज करवाना चाहते थे। वो इसके माध्यम से सामाजिक कुरीति के खिलाफ देश में माहौल बनाना चाहते थे, मगर खुद को सेंसर बोर्ड के बताए कट्स के लिए तैयार नहीं कर पा रहे थे। उनकी दुविधा यह भी थी कि बाल गंधर्व ने अपना कर्ज उतारने के लिए उनकी फिल्म में काम करना स्वीकार किया था। अगर फिल्म रिलीज नहीं होती है तो बाल गंधर्व के कर्ज का क्या होगा। इसी ऊहापोह में उन्होंने एक दिन फिल्म में बदलाव करने का निर्णय लिया। फिल्म का नाम बदलकर धर्मात्मा कर दिया और सेंसर बोर्ड के सुझाए बदलाव को भी मान लिया। उन्होंने सेंसर की एक बात नहीं मानी और वो दृश्य फिल्म में रखने पर अड़ गए जिसमें संत एकनाथ को एक अछूत के घर खाना खाते दिखाया गया था। सेंसर बोर्ड ने फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दे दी और 1935 के आखिरी महीनों में इसका प्रदर्शन हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44264.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4671c1853d38ee07a7adb5a06214fa6ac442ed47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44264.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सिनेमाघरों में फिल्मों की रिलीज का सिलसिला चल पड़ा है और इस महीने रिलीज हो रही फिल्मों को दर्शकों का भरपूर साथ भी मिल रहा है। द कश्मीर फाइल्स, बच्चन पांडेय के बाद इस हफ्ते राजामौली की आरआरआर सिनेमाघरों में आ रही है। वहीं, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी फिल्मों और वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग निरंतर जारी है। होली वीकेंड में धड़ाधड़ कई वेब सीरीज आने के बाद यह हफ्ता थोड़ा ठंडा रहेगा। इस हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज पर एक नजर-।20 मार्च को टीवी प्रीमियर के बाद 21 मार्च को रणवीर सिंह की फिल्म 83 नेटफ्लिक्स और डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम की जा चुकी है। दोनों प्लेटफॉर्म्स पर फिल्म हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में उपलब्ध है। कबीर खान निर्देशित फिल्म 24 दिसम्बर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से अधिक कलेक्शन किया था। 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम की विश्व कप जीत पर आधारित फिल्म में रणवीर जहां कप्तान कपिल देव के किरदार में हैं, वहीं दीपिका पादुकोण उनकी पत्नी रोमी देव के रोल में नजर आयीं। ।23 मार्च को एमएक्स प्लेयर पर वेब सीरीज रूहानियत आ रही है। यह रोमांटिक ड्रामा सीरीज है, जिसमें अर्जुन बिजलानी,अमन वर्मा, कनिका मान, स्मिता बंसल मुख्य किरदारों में नजर आएंगे। सीरीज का निर्देशन ग्लेन बरेटो और अंकुश मोहला ने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44280.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b703270c844f8b8a1e3ff6a86e4020adcc55e131 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेजन एडवरटाइजिंग के हेड गिरीश प्रभु ने कहा- "हम ऐसी कहानियां सुनाने में विश्वास करते हैं, जो बड़े पैमाने पर दर्शकों को पसंद आती हैं और जहान एक ऐसी पेशकश है, जो दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ेगी। हम भारत भर में अपने दर्शकों के लिए अनबॉक्स फिल्म्स के सहयोग से इस शॉर्ट फिल्म को अमेजन मिनी-टीवी के शॉपिंग ऐप पर मुफ्त में पेश करने के लिए उत्साहित हैं।”।संजय शर्मा, प्रोड्यूसर, अनबॉक्स फिल्म्स ने कहा- “जहान हमारे सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक है। यह शॉर्ट फिल्म बहुत ही मासूमियत भरी एक रोमांचक प्रेम कहानी है, जो निश्चित रूप से दर्शकों का मनोरंजन करेगी। अमेजन मिनी-टीवी पर जहान का प्रीमियर यह सुनिश्चित करेगा कि यह फिल्म अमेजन शॉपिंग ऐप की व्यापक पहुंच को देखते हुए देश के हर कोने तक पहुंचेगी।”।इस शॉर्ट-फिल्म को एक मजबूत स्टोरीलाइन और जबरदस्त ऑन-स्क्रीन अभिनय ने राष्ट्रीय स्तर पर और अंतर्राष्ट्रीय सर्किट में कई पुरस्कार दिलवाये हैं। शॉर्ट-फिल्म को हॉलीवुड गोल्ड अवार्ड्स, द गैंगटोक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और द वर्ल्ड फिल्म कार्निवल में सर्वश्रेष्ठ निर्माता का पुरस्कार मिला है और इसके साथ-साथ बेंगलुरु इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में Women’s Cinema Collection-Director का पुरस्कार भी मिला है। शॉर्ट फिल्म द स्टैंडअलोन फिल्म फेस्ट एंड अवार्ड, द न्यूयॉर्क फ्लैश फिल्म फेस्टिवल और सेशंस बाई लिफ्ट-ऑफ ग्लोबल नेटवर्क में आधिकारिक तौर पर एंट्री ले चुकी है। 'जहान' का एक्सक्लूसिव प्रीमियर अमेजन शॉपिंग ऐप के अमेजन मिनी-टीवी पर गुरुवार यानी 17 मार्च को होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44299.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff4c2b2f49df447c80181363c075c4720df023ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44299.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अमीष त्रिपाठी की उपन्यास सीरीज शिव ट्रिलॉजी के तहत तीन उपन्यास रिलीज किये गये थे- इम्मॉर्टल्स ऑफ मेलुहा, द सीक्रेट ऑफ द नागाज और द ओथ ऑफ वायुपुत्राज। तीनों किताबें क्रमश: 2010, 2011 और 2013 में आयी थीं और काफी सफल रही थीं। इस ट्रिलॉजी की कहानी मेलुहा नाम के एक सम्पन्न राज्य में स्थापित है और भगवान राम के वक्त से कई सदी पहले के कालखंड में कही गयी है। इस एलान पर खुशी जताते हुए लिखा- ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शिव ट्रिलॉजी को लाने के लिए शेखर कपूर, रॉय प्राइस और सुपर्ण से बेहतर टीम नहीं हो सकती। ।शिवा गण ट्राइब का मुखिया है। इस ट्रिलॉजी में भगवान शिव और सती की कहानी को बेहद रोमांचक और विश्वसनीय ढंग से कवर किया गया है। इस प्रोजेक्ट से द फैमिली मैन 2 के राइटर सुपर्ण एस वर्मा भी जुड़े हैं, जो शो रनर और निर्देशन की जिम्मेदारी संभालेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44300.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96b6fc686c0fb8a397a9955c3dc558bebbfe5de5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर में दोनों भाइयों का इस पूरी गंभीर स्थिति से बचना मुश्किल हो जाता है। अब देखने वाली बात यह है कि ये भाई कितनी दूर तक झूठ को संभाल पाते हैं और इसके परिणाम कितने गंभीर होते हैं। सतीश कौशिक, श्रुति सेठ, टीना देसाई, जितेंद्र जोशी, माया अलग, मुग्धा गोडसे और यूरी सूरी सहायक किरदारों में दिखाई देंगे। इसे बीबीसी के सहयोग से अप्लॉज एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित की किया गया है। सीरीज 18 मार्च को जी5 पर स्ट्रीम होने वाली है।  ।मोहम्मद जीशान अय्यूब ओटीटी की दुनिया में काफी सक्रिय हैं और इससे पहले प्राइम वीडियो की सीरीज तांडव में नजर आये थे, जिसमें उन्होंने एक छात्र नेता का किरदार निभाया था। जी5 की रंगबाज में भी जीशान ने एक खास किरदार निभाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44304.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cee2e2f1c87d129fc1d473c62c964ecbcd43aa7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मसाबा मसाबा सीजन 2।बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता की बेटी और फैशन डिजाइनर मसाबा गुप्ता की फिक्शनल बायोपिक सीरीज मसाबा-मसाबा का दूसरा सीजन भी जल्द आने वाला है। दूसरे सीजन से मसाबा और नीना गुप्ता के लुक्स को प्लेटफॉर्म ने शेयर करके जानकारी दी। इसका निर्देशन सोनम नायर ने किया है। ।माई। इस शो में साक्षी तंवर, वामिका गब्बी और राइमा सेन मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसकी कहानी एक मां के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44313.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ae641a91654cfca584fe851cc8e987d5ab44856 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44313.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बात का खुलासा करणवीर वोहरा ने लॉक अप में मेंटल हेल्थ टास्क के दौरान बात करते हुए किया। दरअसल शो में निशा रावल अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में बात करते हुए पति करण मेहरा के साथ हुए विवाद के बारे में बताती हैं। उनकी इस बाद को सुनने के बाद करणवीर वोहरा बाथरूम से जाकर जोर-जोर से रोने लगते हैं। फिर वह निशा रावल के पास आते हैं उन्हें लगे लगाते हुए अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में बताते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44340.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f02e6058f9ad9bdc9eab2923c678548e74b13b5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कगंना रनोट के लॉक अप की शुरुआत पर उनका हौंसला बढ़ाने शो में रवीना टंडन भी नजर आईं। इस दौरान रवीना की तारीफ करते हुए कंगना ने कहा, 'आपके टिप टिप बरसा पानी का कोई कितना भी रीमिक्स कर ले, आपके सामने पानी कम चाय है।' दरअसल, हाल ही में रोहित शेट्टी की सूर्यवंशी में कटरीना कैफ रवीना के टिप-टिप बरसा पानी के रीमिक्स पर झूमकर नाचती दिखाई दी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44347.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c3efff4d4c6cc48f809bbaccd8e04c545d159cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चर्नोबिल न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के रिएक्टर नम्बर 4 में 26 अप्रैल 1986 को एक बड़ा हादसा हुआ था, जिससे निकले रेडिएशन का असर कई किलोमीटर तक हुआ था। एक दशक तक इसका असर बना रहा और कैंसर जैसी घातक बीमारियों की चपेट में बड़ी तादाद में लोग आये। भारतीय सिनेमा में तो डिजास्टर फिल्में बनाने का चलन अधिक नहीं रहा है, लेकिन पश्चिमी सिनेमा में तमाम फिल्में बनी हैं, जिनमें ऐसी त्रासदियों की विभीषिका को दिखाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44369.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa68a571130137b581b219827ec92f92fd274be2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिथुन कहते हैं, ‘शो की कहानी ने मुझे आकर्षित किया। इसमें मेरा किरदार आम एसीपी का नहीं है। वह अपना फूड चैनल चलाता है, खाने की बातें करता है, कुकिंग करता है। बड़ा ही अप्रत्याशित किरदार है। मामले की जांच करते हुए अचानक खाने की ओर मुड़ जाता है और फिर मुद्दे पर लौट आता है। फिर निशाना सीधे लक्ष्य पर लगाता है।’।मिथुन की पिछली कुछ फिल्में संजीदा विषयों पर आधारित रही हैं। इस पर वह कहते हैं, ‘अब मुझे इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता कि कमर्शियली फिल्म कैसा प्रदर्शन करेगी। मुझे सिर्फ मेरे रोल और प्रशंसकों की पसंद से फर्क पड़ता है। हां, पहले ध्यान जरूर रखता था कि मेरे गाने, मेरा डांस, मेरे फाइट और एक्शन सीक्वेंस अच्छे होने चाहिए। डायलॉग पर ताली पड़नी चाहिए, बाक्स आफिस पर पैसे गिरने चाहिए। अब सिर्फ काम से संतुष्टि पर ध्यान देता हूं।’।आज के दौर में जहां इंटरनेट मीडिया प्रशंसकों से जुड़े रहने का बड़ा माध्यम है, मिथुन उससे दूर हैं। वह कहते हैं, ‘इंटरनेट मीडिया पर हर चीज उंगलियों के इशारे पर उपलब्ध है, लेकिन अब इस पर 70 प्रतिशत चीजें नेगेटिव होने लगी हैं। मैं इन सब चीजों में नहीं पड़ना चाहता हूं।’।मौजूदा दौर में स्टार सिस्टम में बदलाव पर मिथुन कहते हैं, ‘स्टार्स हमेशा रहेंगे, न्यूकमर्स को भी मेहनत के साथ कदम बढ़ाने पड़ेंगे। हमारे वक्त में भी ऐसा ही था, लेकिन मेरे साथ जिन न्यूकमर्स ने काम किया, मैं सभी के लिए रास्ते बनाता था। वैसा करना मेरे लिए बड़ी बात थी।’।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44380.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9fdd4047e6d1d75c045916b1509f6826d2e254e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44380.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परिवार से क्या सलाह मिली?।मैं बहुत इमोशनल हूं। यह इंडस्ट्री और काम आसान नहीं है। जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, जिनका मजबूती से सामना करना पड़ता है। जब मैंने एक्टिंग की इच्छा जताई तो भैया और मम्मी के साथ पापा को भी थोड़ी हिचक थी। सभी ने पहले तो मुझे समझाया, पर जब अभिनय के लिए मेरी आंखों में जुनून देखा तो मान गए। उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला है तो आपको अपना शत प्रतिशत देना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44383.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d0f06f25317de964ca1cf226045f9ae6077e287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेलर की शुरुआत प्ले स्कूल से होती है, जहां यामी का किरदार नैना जायसवाल टीचर है। नैना कोलाबा पुलिस को फोन करके बताती है कि उसने 16 बच्चों को किडनैप कर लिया है। एसीपी कैथरीन अल्वरेज के किरदार में नेहा धूपिया अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचती हैं, लेकिन नैना कहती है कि जावेद खान से बात करनी है। सीनियर अफसर जावेद खान के किरदार में अतुल कुलकर्णी हैं। नैना उनसे कहती है कि उसे पांच करोड़ चाहिए। जावेद नैना की बात मान लेता है, मगर बात इतनी सी नहीं है। नैना बच्चों को नहीं छोड़ती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44394.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66b187ea9a93f4eb48df38bba3024702bf5236ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44394.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कंगना अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं और अक्सर मुद्दों पर खुलकर बोलती रही हैं। सोशल मीडिया में भी उनकी यही छवि निकलकर आती है। ऐसे में लॉक अप शो में कंगना के जरिए हर रोज नये हंगामों के कयास लगाये जा रहे हैं। कयास यह भी है कि कंगना इस शो में बॉलीवुड सेलेब्रिटीज के साथ अपनी समीकरणों पर भी कुछ खुलासे कर सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44401.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c46e3378ca5868d6fb6a053cc9413f5e25b67b92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रक्तांचल 2 के सभी एपिसोड्स 11 फरवरी को एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम कर दिये जाएंगे। मेकर्स ने गणतंत्र दिवस पर एक टीजर के साथ दूसरे सीजन की घोषणा की थी। रक्तांचल अस्सी के दौर में स्थापित वेब सीरीज है और इस कालखंड में पूर्वांचल में हुई कुछ सच्ची घटनाओं को दिखाती है। रक्तांचल 2 का ट्रेलर देखें-।रक्तांचल के पहले सीजन में नौ एपिसोड्स थे और यह 2020 में आया था। सीरीज में निकितिन धीर और क्रांति प्रकाश झा के साथ सौंदर्या शर्मा, आशीष विद्यार्थी, दयाशंकर पांडेय, चितरंजन त्रिपाठी और रोंजिनी चक्रवर्ती अहम किरदारों में नजर आये थे। मुख्य स्टार कास्ट के अलावा कुछ कलाकार दूसरे सीजन में भी अपना सफर जारी रखेंगे। ।हाल ही में एमएक्स प्लेयर ने अपनी हिट सीरीज भौकाल का दूसरा सीजन भौकाल 2 रिलीज किया था, जिसने 100 मिलियन व्यूज का रिकॉर्ड कायम किया है। इसकी कहानी पुलिस अधिकारी नवनीत सिकेरा के जीवन की घटनाओं से प्रेरित है। भौकाल सीरीज में मोहित रैना पुलिस अधिकारी के किरदार में नजर आते हैं। सिद्धांत कपूर और प्रदीप नागर शातिर अपराधियों के रोल में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44403.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e3bbbadb8fe44483836392b75859878c786f0a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44403.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकास स्वरूप के उपन्यास ‘सिक्स सस्पेक्ट्स’ पर आधारित इस वेब शो में आपका किरदार उपन्यास में नहीं है तो इसे निभाना ज्यादा आसान था?।तिमांग्शु ने बताया था कि यह किरदार उपन्यास में नहीं है, लेकिन कहानी को लेकर आगे जाता है। इसके दो सीजन होंगे क्योंकि इसमें एक मर्डर और छह संदिग्ध हैं। बहुत सारे किरदार और कहानियां है जो समानांतर चलेंगी। मेरा किरदार केस को अलग दिशा में ले जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44463.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80b99772175975dd4d6875e07aeb1049d096f18b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनीष गुप्ता के साथ पहली बार काम किया है। दूसरे निर्देशकों से उन्हें क्या अलग करता है?।मनीष गुप्ता एक परफेक्शनिस्ट डायरेक्टर हैं। उन्हें साफ पता रहता है कि उन्हें क्या चाहिए। एक एक्टर के लिए यह अच्छी बात है। सबसे कन्फ्यूजिंग वो होता है, जब एक डायरेक्टर नहीं जानता कि वो क्या चाहता है। या फिर जानता भी है, मगर बहुत सारे ऑप्शंस चाहता है। यह उसी का दूसरा पहलू हो गया कि आपको आइडिया नहीं है कि आप फाइनली क्या करना चाहते हैं। मनीष अपने काम को लेकर एकदम स्पष्ट रहते हैं तो यह एक्टर्स के लिए काम आसान हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44483.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d6cd243fd5ab46b87a8bbdd853100bd0db5088e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44483.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले के कलाकारों को यह मौका नहीं मिलता था, क्योंकि उन्हें बहुत जल्द एक छवि में बांध दिया जाता था। मैं यह चाहता हूं कि मेकर्स इस बात को जानें कि मैं हर तरह के किरदार करने में सक्षम हूं। आज मैं निगेटिव, कामिक, गंभीर, अपनी उम्र से कम या बड़े हर तरीके का किरदार निभा सकता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे दूसरे पहलू भी मेकर्स सामने लेकर आएं। यही वजह है कि मैंने वेब सीरीज दिल बेकरार में निगेटिव किरदार किया। कलाकार में नवरस होते हैं। वह आप निकालकर दर्शकों के सामने रख सकते हैं, लेकिन मौका मिलना चाहिए। अब जो रिस्क अलग किरदार निभाने में हैं, वे पहले के मुकाबले कम हैैं। पहले रिस्क ज्यादा था। फिल्म दाग द फायर में भी मैंने निगेटिव किरदार निभाया था जो आगे चलकर पश्चाताप करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44518.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fda9672f6968e38be8db776a21e4e93223b264f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अमेजन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज द फैमिली मैन 2 में मनोज बाजपेयी के किरदार श्रीकांत तिवारी की बेटी धृति तिवारी का रोल निभाने वाली युवा एक्ट्रेस अश्लेषा ठाकुर अब अमेजन मिनी-टीवी की शॉर्ट फिल्म गुप्त ज्ञान में नजर आएंगी। किशोरवय की समस्याओं की दिखाती इस फिल्म में विशेष बंसल अश्लेषा के साथ लीड रोल में हैं। फिल्म अमेजन मिनी-टीवी पर मुफ्त देखी जा सकती है। निर्देशन साकिब पंडोर ने किया है, जबकि निर्माण गुनीत मोंगा की सिखया एंटरटेनमेंट ने किया है। ।अमेजन मिनी-टीवी पर फिल्म कल यानी 18 नवम्बर को रिलीज हो रही है। फिल्म का ट्रेलर बुधवार को रिलीज कर दिया गया। फिल्म युवा प्रेम के बारे में एक सार्थक विषय की खोज करती है, जिसमें आज कल की युवा पीढ़ी के भ्रमित और भावनात्मक दौर से गुजरने की कहानी दिखायी गयी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44537.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a66f26b34fd613fc8619031da386e8ba127c1c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीरीज ठाकुर परिवार के दिन-प्रतिदिन के जीवन में वैचारिक संघर्ष से लेकर टेलीग्राम, टेलीफोन और गोल्ड-स्पॉट के समय से लेकर आरडी बर्मन, नाजिया हसन और हम लोग की धुनों तक को समेटे हुए है, जो दर्शक को उस दौर में ले जाएगा। दिल बेकरार अनुजा चौहान लिखित बेस्टसेलर उपन्यास दोज प्राइसी ठाकुर गर्ल्स (Those Pricey Thakur Girls) पर आधारित यह शो दर्शकों के लिए एक मनोरंजक पारिवारिक ड्रामा पेश करता है। अनुजा की किताब द जोया फैक्टर पर अभिषेक शर्मा इसी नाम से फिल्म बना चुके हैं, जिसमें दुल्कर सलमान और सोनम कपूर ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। ।वेब सीरीज का निर्देशन हबीब फैजल ने किया है। शो के बारे में बात करते हुए हबीब ने कहा, “हमने दिल बेकरार की एक सीरीज के रूप में कल्पना की थी, जो 2021 के दर्शकों को 1980 के दशक तक ले जाती है l यह कहानी 1980 के दशक के आकर्षण और सादगी की याद तो दिलाती ही है, साथ-साथ वर्तमान समय में खुद को एक समाज के रूप में बेहतर ढंग से समझने के लिए भी प्रेरित करती है l" शो में राज बब्बर, पूनम ढिल्लों और पद्मिनी कोल्हापुरे के अलावा अक्षय, ओबेरॉय और सहर बाम्बा मुख्य भूमिकाओं में हैं। बता दें, इसी उपन्यास पर आधारित टीवी शो दिल्ली वाली ठाकुर गर्ल्स एंड टीवी पर 2015 में प्रसारित हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4456.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca35e97d325860994aa88b3c762168a9d6c14482 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Swara Bhasker Trolled: स्वरा भास्कर फिल्म अभिनेत्री हैl वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है जो की बड़ी तेजी से वायरल होती हैl अब स्वरा भास्कर में अपनी खुद की एक तस्वीर शेयर की थीl इसमें उन्हें साड़ी पहने देखा जा सकता हैl।तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, 'एक साड़ी, एक पार्क, एक बॉक्स और एक बुक आपको शांति दिला सकती हैl इस सब में छोटी-छोटी खुशियां मिलती हैl हालांकि इस फोटो के लिए स्वरा भास्कर को काफी ट्रोल किया गया हैl एक यूजर ने लिखा है, 'मेरी नौकरानी साड़ी में आपसे बहुत अच्छी लगती हैl आपसे बहुत ही ज्यादा सुशील भी हैl'।I’m sure your your household help is beautiful.।I hope you respect her labour and her dignity & don’t act like a creep with her. 🙏🏽 https://t.co/nf8egoWkJl।इसपर स्वरा भास्कर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, 'मैं मानती हूं कि आपकी नौकरानी बहुत खूबसूरत हैl मैं आशा करती हूं आप उसके काम का सम्मान करते होंगे और उसके साथ बदतमीजी से व्यवहार नहीं करते होंगेl' यह पहली बार नहीं है जब स्वरा भास्कर ट्रोलिंग का शिकार हुई हैl दरअसल वह अक्सर कई प्रकार के इशू पर अपनी बात रखती हैl उनपर इस दौरान भेदभाव करने का आरोप लगता है और वह ट्रोल होती हैl स्वरा भास्कर फिल्म अभिनेत्री हैl उन्होंने चुनिंदा फिल्मों में काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44571.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33b59db7aaba4480a16083076a6f9268b1184e02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44571.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Himmat Singh is back! And this time we're going back in time with him. Stay tuned for #HotstarSpecials #SpecialOps1.5 @kaykaymenon02 @AftabShivdasani @AadilKhanitis @pathakvinay @gautamikapoor1 @parmeetsethi pic.twitter.com/09XbQVTJxT।इस स्पेशल सीज़न में आफ़ताब शिवदासानी, आदिल ख़ान के साथ ऐश्वर्य सुश्मिता, मारिया रयाबोशप्का, गौतमी कपूर, विनय पाठक, परमीत सेठी, केपी मुखर्जी अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे। ऑल-न्यू यूनिवर्स, स्पेशल ऑप्स 1.5 के बारे में डायरेक्टर नीरज पांडे ने कहा, ‘‘हमने सदैव से स्पेशल ऑप्स की कल्पना अनेक परतों की फ्रेंचाइजी के रूप में की है, जो अलग-अलग किरदारों, स्केल और फॉर्मेट की अभिनवता के साथ चलेगी।''।प्रोड्यूसर शीतल भाटिया ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान स्पेशल ऑप्स 1.5 के स्केल एवं हाई-प्रोडक्शन एस्थेटिक्स को बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण था। हमें उम्मीद है कि यह शो देखने में दर्शकों को उतना ही मजा आएगा, जितना मजा हमें इसे बनाने में आया।’’।इस स्पेशल सीरीज़ की घोषणा के वक़्त नीरज ने बताया था कि सीरीज़ की शुरुआत हिम्मत सिंह को मिले नये केस से होगी, मगर इसमें मोड़ पार्लियामेंट अटैक वाली घटना से आएगा। यह कहानी लगभग एक घंटे के तीन एपिसोड्स में दिखायी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4458.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38b31afe6a76d1426c219e93659281c1e4c2413a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्मिता श्रीवास्तव, मंबई ब्यूरो। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की महिला ब्रिगेड रानी लक्ष्मी बाई रेजिमेंट की कैप्टन डा. लक्ष्मी सहगल ने देशसेवा के लिए सर्वस्व समर्पित कर दिया। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के मौके पर उनकी स्मृतियों को सहेजने के साथ उनके आदर्र्शों को जीवन में उतारने का संकल्प जरूरी है। डा. लक्ष्मी सहगल के जीवन से परिचित कराने के लिए उनके नाती व फिल्मकार शाद अली फिल्म बनाने की तैयारी में हैं... युद्ध के मैदान में महिलाओं की तैनाती को लेकर भले ही आज भी संशय की स्थिति हो, लेकिन उनकी ताकत को आजाद हिंद फौज (आईएनए) के अगुवा नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बहुत पहले पहचान लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4461.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8ad46a3b1f0911168644f33c65cdfbd71e76a10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4461.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपेश पांडेय, मुंबई। कोरोना की वजह से बीते डेढ़ साल तक फिल्म निर्माण की रफ्तार धीमी रही, पर कई सकारात्मक बदलाव भी आए। फिल्म निर्माण अब ज्यादा सुनियोजित प्रक्रिया हो गई है। शूटिंग में जहां पहले कई महीने लगते थे, वहीं अब शूटिंग चंद दिनों में पूरी हो रही है। मनोज बाजपेयी और नीना गुप्ता अभिनीत फिल्म ‘डायल 100’ की शूटिंग सिर्फ 16 दिन में पूरी हो गई। निर्देशक राम माधवानी ने कार्तिक आर्यन के साथ फिल्म ‘धमाका’ की शूटिंग महज 10 दिन में खत्म की। तेजी से फिल्मों की शूटिंग करने की प्रक्रिया में निर्माता-निर्देशकों व कलाकारों को किन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है व इसके फायदे क्या हैं? इन पहलुओं की पड़ताल कर रहे हैं दीपेश पांडेय...।हिंदी सिनेमा की कालजयी फिल्मों में ‘मुगल-ए-आजम’ का नाम शुमार होता है। दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत इस फिल्म को बनाने में करीब 16 साल का समय लगा था। यह उस दौर की सबसे महंगी फिल्म थी, जिसकी लागत तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये बताई जाती है जो कि उस समय के हिसाब से बहुत ज्यादा थी। इस फिल्म के एक गीत ‘प्यार किया तो डरना क्या...’ को फिल्माने में 10 लाख रुपये खर्च किए गए थे। उस दौर में इतनी रकम में एक पूरी फिल्म बनकर तैयार हो जाती थी। पिछले कुछ सालों की बात करें तो एसएस राजामौली के निर्देशन में दो हिस्सों में बनी फिल्म ‘बाहुबली’ को बनाने में पांच साल का वक्त लगा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44625.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62f9dbe86226081535d860489defd8f3c270c08f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ज़ी5 ओरिजिनल 'ब्रेक पॉइंट' का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर कर दिया गया है। ब्रेक पॉइंट सात एपिसोड्स की डॉक्यू-ड्रामा वेब सीरीज़ है, जिसमें टेनिस लीजेंड लिएंडर पेस और महेश भूपति की दोस्ती और निजी रिश्तों पर रोशनी डाली गयी है। ।'ब्रेक पॉइंट' का निर्माण-निर्देशन अश्विनी अय्यर तिवारी और नितेश तिवारी ने किया है। यह पहली बार है, जब टेनिस के ये दिग्गज अपनी संबंधों में आयी कटुता पर स्पष्ट और ईमानदार बातचीत करते दिखेंगे। ट्रेलर में टेनिस आइकन सानिया मिर्जा, बॉब ब्रायन, माइक ब्रायन समेत अन्य परिवार और दोस्तों को भी दिखाया गया है और ली-हेश की प्रतिष्ठित साझेदारी इसका हाइलाइट है। इस जोड़ी ने भारतीय टेनिस को वर्ल्ड मैप पर रखा और 1990 के दशक के अंत में उन्हें सबसे खतरनाक युगल जोड़ी करार कर दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4464.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e4029016f8ea73f3eec23a81b68e9a100345e3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे बी इस समय विक्की कौशल की शादी की खबरें काफी चर्चा में है। जिसके चलते बियर ग्रिल्स ने खुद विक्की कौशल से उनके शादी के प्लान के बारे में पूछा। इस पर विक्की ने बताया कि वो शादी करना चाहते हैं। विक्की ने बताया कि उन्हें अपनी होने वाली जीवन संगिनी में क्या क्या क्वालिटीज चाहिए। विक्की ने बताया कि, 'दोनों के बीच आपसी समझ होनी चाहिए। दोनों एक-दूसरे की अच्छाइयों और बुराइयों को अपनाने वाले हों और एक-दूसरे को बेहतर बनाने वाले भी।'।बता दें कि बीते कई दिनों से विक्की कौशल और कटरीना कैफ की शादी की खबरें काफी चर्चा में हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मिुताबिक विक्की कौशल और कटरीना कैफ का दीपावली के दिन रोका हो चुका है। दोनों की रोका सेरेमनी निर्देशक कबीर खान के घर पर हुई है। वहीं खबरों के मुताबिक दोनों दिसंबर में शादी के बंधन में बंधेंगे। हालांकि कटरीना और विक्की की ओर से इन खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44642.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c62cd007f8cda792a68b177b849d67304be45ccf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने कहा, 'खा जाती मैं इसको'। इस पर प्रतीक कहते हैं कि इसका क्या मतलब होता है। उनके इस सवाल पर नेहा भसीन कहती हैं कि अगर ऐसा होता तो वह प्रतीक को डेट करतीं। इसके बाद निशांत भट्ट नेहा वाला सवाल प्रतीक सहजपाल से भी पूछते हैं। इस सवाल का जवाब देने में प्रतीक सहजपाल कुछ भी कहने से डरते हैं। वह इस बात से सहमत नहीं थे और बाद में रात को नेहा को इस सवाल पर सफाई देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44670.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50656a822f1b6af5bc64731b170b1cb0832e8204 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ओटीटी प्लेटफॉर्म वूट सिलेक्ट के रियलिटी शो बिग बॉस में हर दिन नए खेल और रणनीतियां देखने को मिलती हैं। वहीं शो के होस्ट निर्माता-निर्देशक करण जौहर हर वीकेंड पर संडे का वार में नजर आते हैं, इस एपिसोड में करण जौहर बिग बॉस ओटीटी के सभी कंटेस्टेंट्स के साथ मस्ती करते हैं और उनकी जमकर क्लास भी लगाते हैं। वहीं संडे का वार में टीवी और बॉलीवुड की कई हस्तियां भी हिस्सा लेने आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44671.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88112487b50eb6904361ec3643c98b0b69468bf4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वूट ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें शमिता नेहा भसीन से अपने दिल की बात शेयर कर रहीं हैं। शुरुआत में नेहा पूछती हैं कि क्या वह राकेश को पसंद करती हैं? तो शमिता ने कहा, ‘ये तो है कि हम एक-दूसरे को पसंद करते हैं। वह प्यारा है, लेकिन वह कभी-कभी काफी कन्फ्यूज लगता है जो बहुत डिस्टर्बिंग है मेरे लिए क्योंकि मैं कन्फ्यूज नहीं हूं। जब मैं कोई फैसला लेती हूं तो उस पर खड़ी रहती हूं।’।बता दें कि शमिता राकेश को पहले ही बता चुकीं हैं वह उन्हें पसंद करती हैं जब इस हफ्ते दोनों की लड़ाई हुई थी। शो में राकेश ने शमिता को कह दिया था कि वो मेशा दूसरों की चीजों को अपना कहती हैं। राकेश ने ये भी कहा कि शमिता उन्हें कंट्रोल करती हैं और बार-बार ये जताती हैं कि राकेश को बचाने के लिए उन्होंने अपनी मां का लेटर फाड दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44687.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad6c2897d63a2f0546037f0fe22d83c8501e701a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44687.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निया की एंट्री से पहले वूट के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक प्रोमो जारी किया गया है जिसमें एक्ट्रेस इस बात की तरफ इशारा कर रही हैं कि वो घर में तूफान ला देंगी। घर में जाने से पहले निया को कुछ दिन के लिए एक होटल में क्वारंटाइ किया गया था। वीडियो में निया होटल के रूम में ही दिखाई दे रही हैं। एक्ट्रेस कहती हैं, ‘हैलो दोस्तों मैं हूं निया शर्मा और आजकल मेरी पसंदीदा हॉबी है 24 घंटे बिग बॉस ओटीटी देखना। लेकिन अब गेम खेलने का समय आ गया है। घर में तूफान लाने का समय आ गया, मैं आ रही हूं बिग बॉस घर में तबाही मचाने’। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44695.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..042f2843e824e0b4214c521096cab9edcd7ca35f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44695.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं निया शर्मा के बिग बॉस ओटीटी में शामिल होने पर उनके फैंस और शो के दर्शकों ने खुशी जाहिर की है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने निया शर्मा के लिए खास पोस्ट लिखकर अपनी खुशी जाहिर की है। इतना ही अभिनेत्री के फैंस यह तक भी कर रहे हैं कि वह बिग बॉस ओटीटी में नेहा भसीन पर भारी पड़ने वाली हैं। नेहा शर्मा इन दिनों शो में अपने खेल और रणनीति को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44697.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fba440a314c3eb5e007fb8b9bffede2ee4ef1491 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल सोमवार को बिग बॉस ओटीटी के घर में नॉमिनेशन टास्क हुआ। इस दौरान बिग बॉस ने सभी कंटेस्टेंट्स को बजर टास्क दिया। इस टास्क में एक कंटेस्टेंट्स शो में मौजूद अन्य कंटेस्टेंट्स के साथ उसका कनेक्शन खत्म करवाकर खुद के साथ नया कनेक्शन बनाने के लिए राजी करना था। जो कंटेस्टेंस्ट अपना नया कनेक्शन बना लेता है तो वह इस हफ्ते नॉमिनेशन से बच जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44721.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f354f73ee52cc32692c1a1a8197cd161051443b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फ़िल्म का निर्देशन सौरभ त्यागी ने किया है, जबकि इसका निर्माण पेन स्टूडियो के लिए धवल गड़ा और अक्षय गड़ा ने किया है। जस्सी गिल का यह बॉलीवुड डेब्यू है। फ़िल्म में दिवंगत अभिनेत्री सुरेखा सुरेखी भी नज़र आएंगी, जिनकी यह आख़िरी फ़िल्म है। इनके अलावा फ़िल्म में विजय राज, बिजेंद्र कला, अतुल श्रीवास्तव प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म का प्रीमियर 10 सितंबर को ज़ी5 पर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44729.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d02a050e0167d792a845b425fad8f7bc144f4199 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राकेश बापट के वर्कफ्रंट की बात करें तो उन्होंने साल 2001 में आई फिल्म 'तुम बिन' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म के साथ ही इसके गानें भी काफी हिट हुए थे जिन्हें आप भी काफी पंसद किया जाता है। इस मूवी में राकेश का रोल भले ही छोटा था लेकिन उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया था। इसके आलवा राकेश कई फिल्में और टीवी शोज में काम किया है। वहीं 6 साल के लंबे ब्रेक के बाद साल 2012 में राकेश बापट ने फिल्मों वापसी की थी। उस वक्त उन्होंने मधुर भंडारकर की फिल्म 'हिरोइन' में काम किया था। फिल्मों के अलावा राकेश बापट कई डेली सोप और रियलिटी शोज भी नजर आते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4474.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfd3ea94d147359106cdd379d3d8ae362d98ab9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4474.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी अब पूरी तरह से अपनी नॉर्मल लाइफ में वापस आ चुकी हैं। राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद शिल्पा की जिंदगी में जो तूफान आया था वो अब जा चुका है और एक्ट्रेस अब फिर से पूरी तरह एक्टिव हो गई हैं फिर चाहें वो सोशल मीडिया पर हो या सेट पर। शिल्पा आए दिन अपनी फोटोज़ और मज़ेदार वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर कर फैंस को एंटरटेन करती रहती हैं। + +शिल्पा के पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी होते हैं। जैसे अभी एक्ट्रेस का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसमें एक्ट्रेस अपने शेव करवाए हुए बालों के साथ रणवीर सिंह का ‘ततड़ ततड़’ स्टैप करती दिख रही हैं। वीडियो में दिख रहा है कि शिल्पा ने सफेद रंग की शर्ट पहनी हुई और बालों में जूड़ा बना रखा है। नीचे उनके हल्के-हल्के बाल नज़र आ रहे हैं जिन्हें शिल्पा शेव करवा लिया था। वीडियो शेयर करते हुए शिल्पा ने कैप्शन में लिखा है ‘आज मूड डांस करने का हुआ कुछ वक्त बात। इसलिए मैं रणवीर सिंह से प्रभावित हूं’। देखें एक्ट्रेस का वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44745.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..becd1546d8656e52e18c8192d67de551c498b7ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44745.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। अमेजन प्राइम वीडियो अपने दर्शकों के मनोरंजन के लिए एक नया स्टेंडअप कॉमेडियन शो लेकर आ रहा है। जिसमें चार स्टेंडअप कॉमेडियन को एक साथ एक मंच पर लाया जा रहा है। जो मिलकर साथ में आपको जमकर हसाएंगे। इस शो के जरिए आप ऑनलाइन बैठकर स्टेंडअप कॉमेडी देख सकते हैं। इसके लिए अमेजन प्राइम श्रीजा चतुर्वेदी, शंकर चुगानी, राम्या रामाप्रिया, आदर मलिक को एकसाथ लेकर आ रहा है। + +कॉमेडी को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए अमेजन की तरफ से ये एक ट्रीट है। जो उन्हें एक घंटे तक लगातार हंसाती ही रहेगी। सीरीज में चार कॉमेडियंस 15- 15 मिनट के लिए स्क्रीन पर आएंगे औक दर्शकों को हंसाएंगे। अमेजन फनीज के ये स्टेंडअप शॉर्ट्स 26 अगस्त 2021 को भारत सहित 240 से भी ज्यादा देशों में अमेजन प्राइम वीडियो पर लॉन्च होने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44754.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02e92437eeb634bb868a4d1c0b3683f3ac3e6925 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसी फ़िल्मों के आयुष्मान खुराना प्रतिनिधि बन चुके हैं और अब उनके छोटे भाई अपारशक्ति खुराना छोटे शहरों में कॉन्डोम ख़रीदने के टैबू पर आधारित हेलमेट लेकर आये हैं। फ़िल्म इस विषय पर व्यंगात्मक टिप्पणी करती है। फ़िल्म ज़ी5 पर रिलीज़ होगी। ट्रेलर बुधवार को रिलीज़ कर दिया गया। ।फ़िल्म में अपारशक्ति के साथ प्रनूतन बहल लीड रोल में हैं। प्रनूतन की यह दूसरी फ़िल्म है। अपारशक्ति के किरदार का नाम लकी और प्रनूतन के किरदार का नाम रूपाली है। दोनों स्मॉल टाउन में रहने वाले कपल के रोल में हैं। उन्होंने नोटबुक से डेब्यू किया था। फ़िल्म का निर्देशन सतराम रमानी ने किया है, जबकि स्क्रीनप्ले और डायलॉग रोहन शंकर के हैं। फ़िल्म में अभिषेक बनर्जी और आशीष शर्मा भी अहम किरदारों में नज़र आएंगे। ।सोनी पिक्चर्स के साथ फ़िल्म का निर्माण डीनो मोरिया ने किया है। फ़िल्म को लेकर डीनो कहते हैं- “यह एक ऐसी फ़िल्म है, जिसे एक मीठे संदेश और सेंस ऑफ ह्यूमर के साथ बनाया गया है। इसमें प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ निर्देशक सतराम ने एक फ्रेश कहानी को मनोरंजक और संवेदनशीलता के साथ बनाया है। फ़िल्म को लेकर मैं काफ़ी उत्साहित हैं। रोहन शंकर के डायलॉग्स आपको खूब हंसाएंगे।"।बता दें, "हेलमेट" का प्रीमियर 3 सितंबर को ज़ी5 पर होगा। इससे पहले ज़ी5 पर 20 अगस्त को 200 हल्ला हो रिलीज़ हो रही है, जो एक हार्ड हिटिंग फ़िल्म है और सच्ची कहानी पर आधारित है। सार्थक दासगुप्ता निर्देशित फ़िल्म में अमोल पालेकर, बरुण सोबती, रिंकू राजगुरु, साहिल ख़ट्टर और इंद्रनील सेनगुप्ता मुख्य किरदारों में नज़र आएंगे। ज़ी5 पर पिछले दिनों डायल 100 रिलीज़ हुई थी, जिसमें मनोज बाजपेयी, नीना गुप्ता और साक्षी तंवर ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। फ़िल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44755.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb19b0b7aabc96ff6161c692bcd4fa7b37368f42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44755.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस टास्क को न कर पाने के कारण बिग बॉस ने सभी घरवालों को अगले हफ्ते घर से बेघर करने लिए नॉमिनेट कर दिया है। वहीं खबर है इस बार 'संडे का वार' में बॉलीवुड की मशहूर और दिग्गज अभिनेत्री रेखा बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। पीपिंगमून की खबर के मुताबिक, 'बिग बॉस' के मेकर्स एक्ट्रेस रेखा को एक बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। खबरों की मानें तो रेखा शो में 'ट्री ऑफ फॉर्च्यून' नाम के एक नए फीचर के लिए वॉयसओवर कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44756.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e05efe67717333294ae7948047809c0fef572ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Shame on you all for age shaming our girls. How dare you? I have got an instant dislike for these four now and I stand by @ShamitaShetty and anyone that goes through this age slamming. You are lucky I am not inside to break your face housemates. @ColorsTV @BiggBoss @biggbossott_ pic.twitter.com/nd7p1VbULA।Darling #akshara agar @ShamitaShetty ma Ke umar ki hain toh main yeh janna chahti hoon kya tum Ghar pe apne ma se bhi aisi batameezi se baat karti ho?Ab kahan gayi aapko sabhyata? Not cool #ageist @ColorsTV @BiggBoss @biggbossott_ @TheShilpaShetty @karanjohar pic.twitter.com/kuxz6AmVGE।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44786.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8a6b119d9fac0e2d7bc2cd1a2aaf39803db3903 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर 27 अगस्त को आ रही हिस्टोरिकल फिक्शन वेब सीरीज़ द एम्पायर का ट्रेलर पिछले दिनों रिलीज़ किया गया। ट्रेलर आने के बाद अब इसके क्रिएटर निखिल आडवाणी ने खुलासा किया है कि यह ऐतिहासिक वेब सीरीज़ एलेक्स रदरफोर्ड की बेहद चर्चित हिस्टोरिकल फिक्शन बुक सीरीज़ एम्पायर ऑफ़ द मुगल (Empire Of The Moghul) पर आधारित है। छह किताबों की इस सीरीज़ में मुगल वंश की कहानियां लिखी गयी हैैं। ।एम्पायर ऑफ़ द मुगल का लेखन डायना प्रेस्टन और उनके पति माइकल प्रेस्टन ने एलेक्स रदरफोर्ड पेन नेम यानी छद्म नाम से किया है। आईएएनएस से बातचीत में निखिल आडवाणी ने बताया कि द एम्पायर शो मुख्य रूप से भारत के पहले मुगल शासक की कहानी है, जिन्होंने 1526-1530 तक शासन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44798.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee45f83c94e85a7ea3927a872651e68da498906c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिद्धार्थ इस गाने में कैप्टन बत्रा के किरदार में सेना की कड़ी ट्रेनिंग के साथ आतंकवादियों से मोर्चा लेते हुए दिख रहे हैं। गाने के जोशीले बोल मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं। गाने के वीर रस भाव के अनुरूप संगीत विक्रम मोंट्रोस ने तैयार किया है। ।विष्णु वर्धन निर्देशित फ़िल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​और कियारा आडवाणी के साथ शिव पंडित, राज अर्जुन, प्रणय पचौरी, हिमांशु अशोक मल्होत्रा, निकितिन धीर, अनिल चरणजीत, साहिल वैद, शताफ फिगर और पवन चोपड़ा ने अहम किरदार निभाये हैं। फ़िल्म का प्रीमियर 12 अगस्त को अमेज़न प्राइम वीडियो पर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44812.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cac343179569ec026a1b527de9c42e1d7b043461 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांचवां और आख़िरी सीज़न दो भागों में रिलीज़ किया जाएगा। 3 सितम्बर को वॉल्यूम 1 और 3 दिसम्बर को वॉल्यूम 2 आएगा। मनी हाइस्ट के चार सीज़न आ चुके हैं, जिन्हें पार्ट कहा गया है। चौथा सीज़न 2020 में आया था, जिसमें 8 एसिपोड्स थे। चारों सीज़न नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध हैं। नेटफ्लिक्स पर शो स्पेनिश के अलावा अंग्रेज़ी, हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44833.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25392e739e4d6ca1b3f0d7976938d8b1019f2b5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फ़िल्म की कहानी सरोगेसी पर आधारित है, जिसके मुताबिक मिमी बनीं कृति सेनन को एक विदेशी कपल सरोगेसी के ज़रिए उनका बच्चा पैदा करने का ऑफ़र देता है। इस काम के लिए मिलने वाली मोटी रकम के लिए मिमी तैयार हो जाती है। पंकज त्रिपाठी का किरदार इसमें मदद करता है, मगर कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब विदेशी कपल बच्चा लेने से इनकार कर देता है। मिमी सोशल कॉमेडी है। इस फ़िल्म के लिए कृति ने अपना वज़न भी बढ़ाया था। ।दिनेश विजन निर्मित फ़िल्म का निर्देशन लक्ष्मण उटेकर ने किया है। फ़िल्म में कृति और पंकज के अलावा सई तम्हनकर, सुप्रिया पाठक और मनोज पाहवा अहम भूमिकाओं में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44841.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca2eae7dc19dc9c2a015ea616f032e2da0419d80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44841.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोस्टर में ईशा देलोल और उनके साथ एक छोटी सी बच्ची नज़र आ रही है। दोनों ने गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ है और हिजाब बांधा हुआ है। फोटो में दिख रहा है कि ईशा और बच्ची हाथ उठाकर ख़ुदा से दुआ मांग रही हैं। इस पोस्टर के साथ भी ईशा ने ये जानकारी दी है कि फिल्म 26 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म वूट सलेक्ट पर रिलीज़ होगी। पोस्टर शेयर करते हुए ईशा ने लिखा, ‘इसे ज़रूर देखें और अपना प्यार और दुआएं दें’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44849.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cdcbad9c2afc373fa8ca0e9153806d0a6a8f48e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44849.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह फिल्म अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले से प्रेरित है। स्क्रिप्ट के अलावा आपकी अपनी रिसर्च क्या रही?।मुंबई में हुए आतंकी हमले में नरिमन हाउस में एनएसजी टीम का नेतृत्व कर रहे कर्नल संदीप सेन इस फिल्म से बतौर कंसल्टेंट जुड़े हैं। उनसे ही सीखा कि सुरक्षा से जुड़ी हर एजेंसी के पास आने वाले खतरे को लेकर जानकारियां होती हैं। हर सुरक्षा एजेंसी से जुड़े लोगों की ट्रेनिंग भी अलग होती है। सबकी अपनी अहम जिम्मेदारियां होती हैं, जो उन्हें निभानी पड़ती हैं। + +आप पहले भी आर्मी और पुलिस अफसर के रोल निभा चुके हैं, लेकिन अब फिल्में बहुत रियलिस्टिक जोन में बनती हैं। पहले के मुकाबले अब किरदारों की तैयारियों में क्या बदलाव आया है?।आर्मी या पुलिस अफसर की जो ट्रेनिंग होती है, वह सालों तक चलती है। एक कलाकार के लिए यह संभव नहीं है कि वह उस पूरी ट्रेनिंग को कर सके। हम सीन के मुताबिक ट्रेनिंग करते हैं। यही वजह है कि प्रोडक्शन हाउस ने कर्नल संदीप सेन से निवेदन किया था कि वह हमारा मार्गदर्शन करें। हमने उन्हीं के निर्देशों को माना। उन्होंने जो और जैसे कहा, वैसे हमने किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44860.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ea574bde33e447b3756cef5d9dd2598308ed7fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि, अभी किसी कलाकार के चेहरे की झलक नहीं दिखायी गयी है। वॉइसओवर चलता है- पैग़ाम भिजवा दीजिए सबको, हम आ रहे हैं। एक तरह से यह शो के आने का भी पैग़ाम है। फिर एक युद्ध का विहंगम दृश्य आता है। टीज़र के दृश्य कुछ ऐतिहासिक फ़िल्मों की याद दिलाते हैं, जिसमें एक किरदार को फर का कोट पहने हुए दिखाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44872.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a867f871558fd099355cceebc87f6fc2cf0f40ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीडियो में दिखाया गया है कि किशोर को यक़ीन है कि क़त्ल रानी ने ही किया है, मगर कोई सबूत नहीं है। शिवाजी साटम अपने सीआईडी वाले अंदाज़ में कहते हैं- एविडेंस मिटा दिये गये रावत? रानी भाभी विक्टिम है या कलप्रिट? बातचीत में दिनेश पंडित के नॉवल का ज़िक्र भी आता है। रिशु के बेस्ट फ्रेंड अफजर को भी वीडियो में पूछताछ के लिए तलब किया जाता है। यह किरदार फ़िल्म में आशीष वर्मा निभा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44887.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44887.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad68726f0f20613766766c9819884beca0ec652f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44887.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसलिए हटाए गए सीन ।शहाब ने इंटरव्यू में आगे कहा,'सिर्फ वही सीन्स रखे गए जो कि जरूरी और लॉजिकल थे'। जब पूछा गया कि सीन्स में क्या फिजिकल इंटिमिसी थी? इस पर उन्होंने जवाब दिया, हमारे कुछ सजेस्टिव सीन्स थे जिनसे पता लग रहा था कि दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया है। लेकिन क्रिएटर्स को लगा कि इन सीन्स का कोई मतलब नहीं निकल रहा। इसलिए उन्हें एडिट कर दिया गया। कई सीन्स एडिट किए गए हैं, इसमें कुछ नया नहीं है। ।सीन ना हटाते तो हो सकता था बवाल ।वेब सीरीज में समांथा और शहाब दोनों ने एस्क्ट्रीमिस्ट (उग्रवादी) का रोल निभाया है। दोनों भारत पर अटैक करने की कोशिश में होते हैं। समांथा श्रीलंकन तमिलियन राजी बनी हैं। शहाब ने कश्मीरी का रोल निभाया है। सीरीज में भी ये दिखाया गया कि राजी (समांथा अक्किनेनी) साजिद (शहाब अली) को पसंद करने लगी थी। हालांकि दोनों के बीच किसी भी तरह के प्रेम संबंध नहीं दिखाए गए। पर जब अंत में राजी को साजिद के मौत की खबर मिलती है तो वो आपा खो देती है। बता दें कि सामंथा के किरदार को लेकर पहले ही साउथ के दर्शक भड़के हुए थे ऐसे में मेकर्स को ये डर भी हो सकता है कि अगर राजी और साजिद का कोई लव मेकिंग सीन दिखाएं  तो फिर से कोई बवाल ना हो जाए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44897.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fed71a04483124cc520f5da7b89aeba8ce45c7dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44897.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विद्या कहती हैं कि चलन ऐसा है कि इस तरह के जॉब्स में औरतें बहुत कम रही हैं। ऐसी जॉब्स में ख़तरा तो है ही, शारीरिक रूप से भी बहुत स्ट्रॉन्ग होना पड़ता है, लेकिन मैंने पाया कि बहुत सारी फीमेल ऑफ़िसर्स हैं और जंगल में पोस्टिंग लेती हैं, जो बहुत मुश्किल पोस्टिंग होती हैं और कभी नक्सल एरिया में भी उनकी पोस्टिंग हो जाती है, लेकिन वो हर प्रॉब्लम को बहुत अच्छे से हैंडिल कर लेती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44901.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17c9751df7c382b04db0cfea9aad282919bcbf6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अजय देवगन, शाहिद कपूर के बाद अक्षय कुमार के ओटीटी डेब्यू की ख़ूब चर्चा है। हालांकि, अक्षय इस साल भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपनी पारी शुरू नहीं कर पाएंगे। सीरीज़ के निर्माताओं के मुताबिक़, अक्षय की डेब्यू सीरीज़ पर काम इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में ही शुरू हो पाएगा। ।बता दें, द एंड एक्शन वेब सीरीज़ है। अमेज़न प्राइम वीडियो ने इसका एलान 2019 में किया था, मगर कोरोना वायरस पैनडेमिक की वजह से इसका प्रोडक्शन रुक गया था। बुधवार को शेरनी के एक इवेंट में प्रोड्यूसर विक्रम मल्होत्रा ने जानकारी दी। विक्रम के प्रोडक्शन हाउस एबंडेंशिया एंटरटेनमेंट ने शेरनी को को-प्रोड्यूस किया है। बैनर इस वक़्त द एंड हश हश समेत कई वेब सीरीज़ पर काम कर रहा है। इससे पहले उन्होंने ब्रीद के दोनों सीज़न प्रोड्यूस किये थे। वहीं, भूमि पेडनेकर की फ़िल्म दुर्गामती को-प्रोड्यूस की थी। ।विक्रम ने कहा कि हमारे जैसे क्रिएटर्स ऐसे प्लेटफॉर्म की तलाश में रहते हैं, जो हमारी सेंसिबिलिटीज़ समझें। प्राइम हमारे लिए ऐसा ही है। हश हश का अभी प्रोडक्शन चल रहा है। पैनडेमिक की वजह से रुकना पड़ा। द एंड इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में प्रडोक्शन में जाएगा। द एंड भविष्य में सेट एक्शन-थ्रिलर है। हश हश थ्रिलर ड्रामा है, जिसकी सारी प्रमुख कास्ट फीमेल है। जूही चावला, सोहा अली ख़ान, शहाना गोस्वामी, कृतिका कामरा, करिश्मा तन्ना और आएशा झुलका इसमें नज़र आएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44915.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c451a8d68a79e102cb1390e61916ae6dbb0f627 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आख़िर वो क्या सच है, जिसे गुरसेवक ने अपनी बेटी और ज़माने छिपा रखा है और अभी भी उसे उजागर नहीं करना चाहता। इन सवालों के जवाब सीरीज़ रिलीज़ होने के बाद ही मिलेंगे, जो डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर 24 जून को रिलीज़ हो रही है। इस सीरीज़ की कहानी मौजूदा दौर से अस्सी के दशक में ट्रैवल करेगी। सीरीज़ में अंशुमान पुष्कर, वमिका गब्बी, टीकम जोशी और सहीदुर रहमान प्रमुख किरदारों में नज़र आएंगे। सीरीज़ का निर्देशन रंजन चंदेल ने किया है, जबकि शैलेंद झा शो रनर हैं। निर्माण जार पिक्चर्स ने किया है। ।Kabhi kabhi ek sach ke peeche kayi jhooth chhupe hote hain. Watch all episodes of #HotstarSpecials #Grahan streaming from June 24. pic.twitter.com/AYonmDMmt7।ग्रहण की टीम की ओर से जारी स्टेटमेंट में पवन मल्होत्रा ने कहा- ग्रहण एक मासूम प्रेम कहानी, एक झिझोड़ने वाली मिस्ट्री और कई भावनाओं का जाल है, मगर इसकी गहराई में यह सच की खोज है। मैंने अपने करियर में कई टीवी शोज़ और फ़िल्में की हैं, लेकिन इस सीरीज़ के बेहतरीन कथानक के कारण यह मेरे लिए बहुत स्पेशल है। सवाल यह है कि मेरा किरदार गुरसेवक किस रहस्य को ज़माने से छिपाये हुए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44920.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b03c7490bdff96e717a77e78def0d2d70bc22446 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। मनोज बाजपेयी इन दिनों अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ वेब सीरीज़ द फैमिली मैन सीज़न 2 को लेकर चर्चा में हैं। इस सीरीज़ की शानदार सफलता को मनोज बाजपेयी अपने अभिनय करियर का एक अहम पड़ाव मानते हैं। द फैमिली मैन 2 के बाद मनोज अब नेटफ्लिक्स कि एंथोलॉजी सीरीज़ रे में एक बिल्कुल अलग किरदार में नज़र आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44973.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..214ab08e7b13a7c3ffd5b2b8014a9b9f05dba90b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन।  ‘द फैमिल मैन 2’ के खिलाफ अब देश में माहौल गर्म होने लगा है। मनोज बाजपेयी की इस वेब सीरीज को बैन करना के लिए अब राज्यसभा सांसद वाइको भी सामने आएं हैं। वाइको ने सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने सीरीज को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और इसे बैन करने की भी मांग की है। इससे पहले सीरीज के विरोध में सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा निकाल रहे थे और मांग कर रहे थे कि इसे बैन करो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44983.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a252fd6a9e4938293fad45078d457ba826553f3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Hey @rajndk @Suparn @sumank @BajpayeeManoj @sharibhashmi and the entire team. This is so damn f!@k**g good.।The Family Man Season 2 on @PrimeVideoIN - Official Trailer 4K | Raj & DK | Manoj Bajpaye... https://t.co/rvSUNRqBTA" rel="nofollow via @YouTube।Whatttte trailer!! Just outstanding 👏👏👏 June 4th feels sooo far away now ... and @Samanthaprabhu2 you rockstar ! More power to you !! @BajpayeeManoj sir aap toh matlab cha gaye!! Can’t wait to witness you as Srikanth yet again!! @krishdk 👏👏👏 https://t.co/34ULzR4lDO" rel="nofollow।द फैमिली मैन 2 में मनोज बाजपेयी के साथ शारिब हाशमी, प्रियामणि, श्रेया धन्वंतरि, सनी हिंदूजा, शाहब अली, वेदांत सिन्हा और महक ठाकुर प्रमुख किरदारों में हैं। मनोज सीरीज़ में श्रीकांत तिवारी नाम का किरदार निभाते हैं, जो एक गुप्तचर संस्था T.A.S.C में सीनियर एनालिस्ट है। पहले सीज़न की कहानी मुंबई, दिल्ली और कश्मीर में दिखायी गयी थी, वहीं दूसरा सीज़न प्रमुख रूप से चेन्नई में सेट किया गया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_44984.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_44984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e74e930d1f7d18cefa945d2393b391df9d5c92d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_44984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अन्य मेम्बर के हवाले से कहा गया था कि फ़िल्म बैन करने का अधिकार सिर्फ़ सरकार के पास है। सीबीएफसी बैन नहीं कर सकता। सैम टेलर-जॉनसन के निर्देशन में बनी फ़िल्म में डकोटा जॉनसन और जैमी डॉरनन ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। फ़िल्म को नेटफ्लिक्स पर 16 मई को 18 प्लस केटेगरी में रिलीज़ किया गया है। ।इनके अलावा 'द वुमन इन द विंडो' भारत में तीसरे स्थान पर चल रही है। यह नेटफ्लिक्स ओरिजिनल हॉरर-थ्रिलर फ़िल्म है। चौथे स्थान पर फ्रेंड्स, पांचवें स्थान पर आरआईपीडी और छठे स्थान पर मनी हाइस्ट है। आठवें स्थान पर वेब सीरीज़ सेक्सीफाई और दसवें स्थान पर द इंटरप्रेटर फ़िल्म चल रही है। ।टॉप 10 में हैं ये भारतीय फ़िल्में और वेब सीरीज़।गुरुवार को पहले स्थान पर अर्जुन कपूर और रकुल प्रीत की फ़िल्म सरदार का ग्रैंडसन आ गयी, जो 18 मई को रिलीज़ हुई है। एक और भारतीय फ़िल्म 'सिनेमाबंदी' सातवें स्थान पर चल रही है। यह इंडी फ़िल्म है, जिसे द फैमिली मैन सीरीज़ के निर्देशक राज एंड डीके के प्रोडक्शन हाउस ने सपोर्ट किया है। फ़िल्ममेकिंग को समर्पित कुछ नौसिखियों की कहानी है सिनेमाबंदी। फ़िल्म को सोशल मीडिया में भी ख़ूब तारीफ़ें मिल रही हैं। ।#CinemaBandi is such a heartwarming, honest film. The innocence of the films actors makes it even more beautiful ! Gave me Goosebumps ! Plz do watch this gem @rajndk @krishdk ❤️👏👏।#CinemaBandi on @NetflixIndia dekh lo mitron ❤️ very sweeet and feel good movie ❤️ Maza hi aa gaya @rajndk ❤️❤️👏🏻👏🏻 #PraveenKandregula 👏🏻 https://t.co/tml6fQA6ka" rel="nofollow।नौवें स्थान पर भारतीय वेब सीरीज़ अलमा मैटर्स चल रही है, जो आईआईटी खड़गपुर में स्थापित वेब सीरीज़ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45004.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8e4a8a20ab7db8f8c586dc2fc36179aee25c71e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45004.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आख़िरकार वो वक़्त आ ही गया, जब सलमान ख़ान की फ़िल्म राधे-योर मोस्ट वॉन्टेड भाई दर्शकों के बीच पहुंचने वाली है। हालांकि, देश में इस फ़िल्म को दर्शक सिनेमाघरों में नहीं देख पाएंगे, क्योंकि कोरोना वायरस पैनडेमिक के चलते राधे सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं की जा रही है, मगर जहां फ़िल्म थिएटर्स में रिलीज़ नहीं होगी, वहां इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर देखा जा सकता है। आपकी सुविधा के लिए हम बता रहे हैं कि फ़िल्म कहां, कितने बजे और कैसे देख सकते हैं। ।Zee5 ऐप पर दी गयी जानकारी के अनुसार, राधे- योर मोस्ट वॉन्टेड भाई 13 मई को दोपहर 12 बजे स्ट्रीम कर दी जाएगी, मगर फ़िल्म देखने के लिए यूज़र को Zeeplex विकल्प पर जाना होगा, जहां फ़िल्म स्क्रीनिंग के लिए उपलब्ध रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45026.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b769c109305085c652e17c75dd9857f1d9150e43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में राम प्रसाद की तेरहवीं नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर दी गयी, जो पहली जनवरी को सिनेमाघरों में आयी थी। मैडम चीफ मिनिस्टर 22 जनवरी को सिनेमाघर में आयी थी, जो अब नेटफ्लिक्स पर आ चुकी है। 19 फवरी को रिलीज़ हुई ट्यूज़डेज़ एंड फ्राइडेज़ नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो चुकी है और इंडिया में टॉप 10 फ़िल्मों में शामिल है। ।जाह्नवी कपूर, राजकुमार राव औप वरुण शर्मा की रूही भी नेटफ्लिक्स पर आ चुकी है। यह फ़िल्म 11 मार्च को थिएटर्स में आयी थी। परिणीति चोपड़ा की साइना पिछले हफ़्ते अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम कर दी गयी। बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की यह बायोपिक 26 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4504.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62e097054a3d689242f5af5750e93b5c9490a686 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4504.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों के वो नम्बर वन एक्टर बन गये थे। 2014 में गोविंदा शाद अली निर्देशित किल दिल में नेगेटिव रोल में नजर आये थे। इस फिल्म में रणवीर सिंह और अली जफर के साथ परिणीति चोपड़ा मुख्य भूमिकाओं में थे। इसके बाद उनकी स्क्रीन प्रेजेंस काफी कम हो गयी थी। गोविंदा ने अक्षय कुमार की फिल्म हॉलीडे में स्पेशल एपीयरेंस किया था। इससे पहले भागमभाग में दोनों ने साथ काम किया था। पार्टनर में कटरीना कैफ गोविंदा के अपोजिट थीं। वहीं, रवीना टंडन के साथ गोविंदा ने कई फिल्में की हैं। टिप टिप बरसा पानी मोहरा फिल्म का गाना है, जो अक्षय और रवीना पर फिल्माया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45040.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e591ae8855cf3d12ef18346f3750e5af72dd6383 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +This is for everyone who has been asking me why we are releasing two same gender love stories in a span of two months. To them, I would like to say that we do millions of opposite  love stories & no one asks that.।(1/6) pic.twitter.com/MNc9uC55PT।एकता ने आगे लिखा- सभी तरह की प्रेम कहानियां और भिन्न कहानियां ही हम ऑल्ट बालाजी के ज़रिए पेश करते हैं। द मैरीड वुमन को ख़ूब पसंद किया गया और सराहा गया। उम्मीद है कि हिज़ स्टोरी शो भी लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाएगा। आस्था और पीपलिका को आपने जितना प्यार दिया, उतना ही कुणाल और प्रीत को मिलेगा। एकता लिखती हैं कि इस दुनिया में, जहां सेक्सुएलिटी और जेंडर को लेकर हंगामा मचा रहता है, आइए एक-एक करे इन प्रेम कहानियों को सामान्य करते चलें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45086.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7163808268ba23e023e648ad4bf6480e6ad39db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल : साल 2015 के बाद से आपकी कोई फिल्म नहीं आई, इसका क्या वजह रही?।जवाब : मेरा पेंटिंग का काम प्रोफेशनल स्तर पर है जो पहले नहीं था। कई अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग गैलरी ने मुझे साइन किया है। कैमरे के सामने परफॉर्म करना और कैनवस पर अपनी कला उतारना दोनों अलग-अलग चीजें हैं। मेरे लिए दोनों दिशाओं में एक साथ काम करना मुश्किल था। इसलिए प्रोजेक्ट्स के बीच इतना अंतराल दिख रहा है। 2015 के बाद मैंने 3 देव और फिरकी जैसी कुछ फिल्में भी की, लेकिन 3 देव रिलीज नहीं हुई और फिरकी में भी निर्माताओं के बीच कुछ मामला अटका है। ।सवाल : आगे की क्या योजनाएं हैं, क्या आगे भी पेंटिंग ही प्राथमिकता रहेगी?।जवाब : नहीं, अब मैं जीवन के ऐसे मोड़ पर हूं, जहां दोनों चीजें एक साथ कर सकता हूं। मैंने एहसास किया कि अगर दिन के चौबीसों घंटों को अपने पूरी क्षमता के अनुसार प्रयोग करें तो हमारे पास बहुत वक्त होता है। अब मैंने अपने जीवन में काफी बदलाव लाया है, जैसे अब मैं सिर्फ चार घंटे सोता हूं और सुबह पांच बजे उठकर अपनी व्यायाम, पेंटिंग और प्रार्थना सारे काम कर लेता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45110.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f099dbf755429d1bf54a94b4137479ca30ddca50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45110.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +We have decided to have 3 tier mechanism for OTT platforms; ।▪️OTT and Digital news media have to disclosed their details ।▪️Grievance redressal system for Digital and OTT platforms।▪️Self regulatory body headed by retired SC or HC judge।Union Minister @PrakashJavdekar pic.twitter.com/6QdCK44yxA।ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए तीन स्तरीय नियमन प्रक्रिया।प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को तीन स्तर की नियमन प्रक्रिया तय करनी होगी- पहले स्तर पर प्लेटफॉर्म को सेल्फ रेग्युलेट करना होगा। दूसरे स्तर पर प्लेटफॉर्म की सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी कंटेंट का नियमन करेगी। तीसरे स्तर पर ओवर साइट मैकेनिज़्म होगा। ।1. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए रजिस्ट्रेशन ज़रूरी नहीं है, लेकिन अपनी अपनी सारी जानकारी सार्वजनिक करनी होंगी। ।2. ग्रीवांस एड्रेसल सिस्टम- ओटीटी और डिजिटल पोर्टल्स को शिकायतों को सुनने और उनके तत्काल निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी। सेल्फ रेग्यूलराज़ेशन करना होगा। शिकायतों के लिए एक बॉडी बनानी होगी, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर जज करेंगे। इन प्लेटफॉर्म्स को टीवी की तरह एक प्रक्रिया बनानी होगी, जिससे टीवी की तरह माफ़ी मांगने की व्यवस्था हो। वैसा ही ओटीटी पर होना चाहिए। ।3. कंटेंट का सेल्फ़ क्लासिफिकेशन- कंटेंट का उम्र के हिसाब से पांच केटेगरी में सेल्फ़ क्लासिफिकेशन करना होगा- U (यूनिवर्सल), U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+ और A (वयस्क)। वर्गीकृत कंटेंट के लिए प्लेटफॉर्म्स को पैरेंटल लॉक की व्यवस्था करनी होगी। एडल्ट केटेगरी के लिए उम्र के सत्यापन की व्यवस्था भी करनी होगी। जो एथिक्स कोड सेंसर बोर्ड का है, वो यहां भी पालन करना होगा। ओटीटी कंटेंट और प्लेटफॉर्म्स पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नज़र रखेगा। ।ओटीटी कंटेंट को लेकर लगातार हो रहे विवाद।देश में पिछले कुछ वक़्त से ओटीटी कंटेंट लगातार विवादों में घिरते रहे हैं। अमेज़न प्राइम की वेब सीरीज़ तांडव पर आपत्तिजनक कंटेंट दिखाये जाने के आरापों को लेकर ख़ूब हंगामा हुआ। पुलिस शिकायतें दर्ज़ हुईं और मामला कोर्ट तक पहुंचा। मिर्ज़ापुर वेब सीरीज़ को लेकर भी शिकायतें हुई हैं। नेटफ्लिक्स पर आयी अनिल कपूर और अनुराग कश्यप की फ़िल्म एके वर्सेज़ एके भी विवादों में फंसी थी। इसमें भारतीय वायु सेना की वर्दी ग़लत ढंग से पहनने पर एयरफोर्स ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद अनिल कपूर ने माफ़ी मांगते हुए एक वीडियो जारी किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45111.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d400976bedeb3168c51cf3a8186016b38434f7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आम तौर पर अभिनेत्रियां किसिंग सीन के लिए सहज नहीं होतीं। साहिर कहते हैं- "हमने उनके साथ (ऋद्धि और मोनिका) वर्कशॉप की थी और फिर हमने कुछ विशेष दृश्यों के बारे में उनके साथ एक बहुत ही सीधे तरीक़े से खुलकर बातचीत की थी। हम उनके लिए इन दृश्यों को सहज बनाना चाहते थे और उनसे हमें ऐसी चीजें सुझाने के लिए कहा, जिनसे उन्हें कंफर्टेबल महसूस हो।''।साहिर आगे बताते हैं कि दोनों अभिनेत्रियों ने हमसे कहा कि वे एक छोटी यूनिट के साथ एक शांत और बंद सेट पर यह करना चाहेंगी। हमने इसके रचनात्मक पहलू के बारे में बातचीत की थी और दोनों में से किसी को भी कोई हिचकिचाहट नहीं थी। वे समझ गयीं कि वे कुछ भूमिकाएं निभा रही हैं और मानसिक रूप से उसी के लिए तैयार थीं। बल्कि, उन्होंने हम सभी के लिए इस शूट को बेहद कंफर्टेबल बना दिया था। वे प्रतिभाशाली और प्रोफेशनल कलाकार हैं। उन दोनों ने इस दृश्य में बहुत सारी बारीकियां जोड़ दी हैं।''।मंजू कपूर की किताब पर आधारित 'द मैरिड वुमन' एक अरबन रिलेशनशिप ड्रामा है, जो महिलाओं और समाज में उन पर लगाई गई बंदिशों के साये में खुद को खोजने के बारे में बात करती है। वेब सीरीज़ में इमाद शाह, दिव्या सेठ शाह, नादिरा बब्बर और सुहास आहूजा जैसे कलाकार अहम किरदारों में दिखेंगे। सीरीज़ का निर्माण एकता कपूर ने किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45149.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aab1cba3afd63091cfe12d987d7ba528f23b2a1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साल के दूसरे महीने में अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कई दिलचस्प वेब सीरीज़ और फ़िल्में रिलीज़ होने वाली हैं। इनमें रोमांस, एक्शन, सस्पेंस, थ्रिलर और देशभक्ति जैसे तमाम रंग देखने को मिलेंगे। यहां पेश है फरवरी में रिलीज़ होने वाली प्रमुख वेब सीरीज़ और फ़िल्मों की लिस्ट-।4 फरवरी को ज़ी5 पर ओरिजिनल फ़िल्म लाहौर कॉन्फिडेंशियल रिलीज़ होगी, जो एक स्पाई लव स्टोरी है। इस फ़िल्म में ऋचा चड्ढा, करिश्मा तन्ना और अरुणोदय सिंह मुख्य किरदारों में हैं। लाहौर कॉन्फिडेंशियल की कहानी दो मुल्कों के स्पाई एजेंटों के प्रेम और फ़र्ज़ पर कुर्बान होने की कहानी है। ।5 फरवरी को ऑल्ट बालाजी और ज़ी5 पर एलएसडी- लव स्कैंडल एंड डॉक्टर्स वेब सीरीज़ आएगी ओटीटी की दुनिया में यह पहला मेडिकल थ्रिलर बताया जा रहा है। इसकी कहानी डॉक्टर्स और उनके इर्द-गिर्द होने वाली रोमांचक घटनाओं पर आधारित होगी। एलएसडी में राहुल देव डॉ. राणा नाम का रोल निभा रहे हैं, जो एक भला और संवेदनशील शख़्स है और जिसकी सबसे फ़िक्र उसकी अपनी विरासत है। सिद्धार्थ मेनन विक के किरदार में हैं। इनके अलावा पुनीत जे पाठक, आयुष श्रीवास्तव, अष्मिता जग्गी, ईशान खन्ना, सृष्टि रिंदानी, तान्या सचदेव और पुलकित मकोल नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45161.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9542b38c48a6f9f21cb06cbcba87c6fd6648a92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45161.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1964 में 1962 के युद्ध पर आयी थी हक़ीक़त।बता दें, भारत-चीन के बीच हुई 1962 की लड़ाई पर 1964 में हक़ीक़त फ़िल्म आयी थी, जिसमें अभय के अंकल वेटरन एक्टर धर्मेंद्र ने लीड रोल निभाया था। इस फ़िल्म का निर्माण और निर्देशन चेतन आनंद ने किया था। फ़िल्म में बलराज साहनी, प्रिया राजवंश, संजय ख़ान और विजय आनंद जैसे कलाकारों ने अहम रोल निभाये थे। वेटरन एक्टर संजय ख़ान का यह डेब्यू था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45188.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce724c222577c481e5479dcb3da068209bb6ff57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुनील ग्रोवर ने कहा कि, ‘मैं 'तांडव’ में साड़ी पहनकर लोगों को हंसाता हुआ नज़र नहीं आऊंगा। जब मैंने पहली बार इस शो के बारे में सुना तो मुझे ऐसा लगा कि यह प्राचीनकाल की कोई राजनीतिक कहानी होगी, जिसमें कोई अंतर या नयापन नहीं होगा। लेकिन जब पहली बार मैंने स्क्रिप्टल पढ़ी मैं गलत साबित हुआ। ‘तांडव’ की कहानी मुझे बहुत पसंद आई और मैं इस स्क्रिप्ट को पूरा पढ़ने से खुद को रोक नहीं पाया। इस शो के मल्टीर-लेयर वाले किरदारों ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया।’।उन्होंने आगे बताया, ‘कहीं ना कहीं मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं एक कभी ना खत्म होने वाले चक्र में फंस गया हूं, जहां मुझे अपनी थोड़ी बहुत क्षमता को ही दिखाने का मौका मिल रहा था। मुझे ऐसे किरदार बहुत ही कम मिल रहे थे, जो कि मजेदार और कॉमिक नहीं थे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अली अब्बास जफर मुझे इस तरह के गंभीर और दमदार किरदार के लिए चुनेंगे। मुझे यह जानकर बहुत हैरानी हुई, जब मुझे अली ने कहा कि मैं गुरपाल के किरदार के लिए पहली पसंद था। उन्हें मुझ पर पूरा यकीन था कि मैं इस किरदार को अच्छीि तरह निभा पाऊंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4521.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..436c4969e2779cd76309eba43e975b6b72119a60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनका परिवार हमेशा चर्चा में बना रहता है। अमिताभ की बेटी श्वेता बच्चन नंदा ने बॉलीवुड में डेब्यू नहीं किया। लेकिन उनका परिवार भी हमेशा चर्चा में बना रहता है। श्वेता बच्चन की बेटी नव्या नवेली नंदा भी हमेशा लाइम लाइट बटोरती हैं। अब हाल ही में नव्या ने अपनी नानी जया बच्चन के ऊपर प्यार लुटाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45284.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..accdece5da434a5530fe20d85a5f6401c062614f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45284.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस सीरीज़ में शरद केलकर (जतिन मल्होत्रा), परमब्रत चट्टोपाध्याय (पंकज मिश्रा), सब्यासाची चक्रवर्ती (बैरी सिंह ढिल्लों), आमिर अली (एडी) से लेकर फैसल मलिक (भोले), निखिल बामरी (जावेद), शहीब (रमिज़) लीड एक्टर की भूमिका में नज़र आएंगे। जतिन मल्होत्रा की भूमिका निभा रहे शरद केलकर कहते हैं, ‘पहली नज़र में, जतिन आदर्श व्यक्ति की तरह नज़र आता है, उन्होंने आज जो सफलता पाई है, उसे पाने के लिए जतिन ने कड़ी मेहनत की है। हालांकि, जैसे कहानी आगे बढ़ती है, दर्शकों को यह देखने मिलेगा कि उसका एक डार्क साइड है जिसे वह अपने परिवार से दूर रखता है। मैं सभी को यह दिखाने के लिए उत्साहित हूं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45309.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b38c6d3b5bfbcf66a31417fa3b49161fdb9a0bd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दैनिक जागरण ने एक्ट्रेसेज़ राउंड टेबल विषय पर 5 ऐसी अदाकाराओं से बात की, जो इस चुनौती को पूरी शिद्दत से स्वीकार कर रही हैं और हिंदी सिनेमा की एक्ट्रेस को उस घिसे-पिटे खांचे से बाहर खींच रही हैं। हिंदी सिनेमा में नायिका के इस उदय पर जागरण न्यू मीडिया की हेल्थ एंड लाइफ़स्टाइल हेड मेघा ममगई ने रसिका दुग्गल, शहाना गोस्वामी, अक्षा पर्दसानी, अदिति पोहनकर और तान्या मानिकताला से विस्तृत बात-चीत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45310.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fd57e11952475feb1a76efa5cebef1795ca06bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by amazon prime video IN (@primevideoin) on Oct 25, 2020 at 1:30am PDT।अब मिर्ज़ापुर 2 में बाबार किरदार ने उन्हें एक और पहचान दी है। हो सकता है कि आने वाले दौर में वह किसी बड़े किरदार में नज़र आए हैं। फैंस को भी उनसे यही उम्मीद होगी। हालांकि, वह मिर्ज़ापुर 3 में नहीं दिखेंगे, क्योंकि मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) उन्हें आखिरी एपिसोड मार देते हैं।  फैंस को इस बात का भी इंतज़ार है कि मिर्ज़ापुर 3 में कहानी किस करवट मोड़ लेती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45325.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a70978d6b0d5d2de338c1dc63a3b45ee1d73877a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Kaleen bhaiya ne #MirzapurWatchParty ka reminder set karliya hai, aap bhi aa jana. October 22, 11:30pm. #MirzapurOnPrime pic.twitter.com/tFMxWasUPG।इससे पहले बुधवार को प्राइम ने ट्विटर के ज़रिए सभी फैंस को इनवाइट किया था, जिसमें लिखा था- मिर्ज़ापुर वॉच पार्टी के लिए इसे इनवाइट मान लीजिए। इस बार साथ में भौकाल करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45327.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb876392bc22d5ced467402b1cb6892cc07be79b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1. सेक्रेड गेम्स (Sacred Games)- नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सैफ अली ख़ान और कुब्रा सैत स्टारर सेक्रेड गेम्स के पहले सीज़न ओटीटी के दुनिया में तहलका मचा दिया था। पहले सीज़न की जमकर तारीफ भी हुई। आईएमडीबी पर इसका 8.9-8.3 की रेटिंग दी गई। इसके दो साल बाद दूसरा सीज़न आया। इस सीज़न में पंकज त्रिपाठी की एंट्री हुई। हालांकि, उसे उस हिसाब से लोगों ने पसंद नहीं किया। इसे आईएमडीबी पर 8.3-8.7 की रेटिंग दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45344.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e078dba2af19583a4c4697ad0610cf12f9003ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45344.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रियंका सिंह, जेएनएन। श्वेता प्रसाद बासु का कोरोना काल में भी फिल्में और वेब सीरीज की रिलीज का क्रम जारी रहा। हाल ही में वो नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘सीरियस मेन’ में नज़र आईं। अब फिल्म ‘कॉमेडी कपल’ उनका 5वां प्रोजेक्ट है। यह 21 अक्टूबर को जी5 पर रिलीज होगी। इसमें श्वेता स्टैंडअप कॉमेडियन की भूमिका में हैं। इससे पहले श्वेता ‘शुक्राणु’ तथा ‘हॉस्टेजेस 2’ व ‘हाई’ वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं। पढ़ें उनसे हुई बातचीत के अंश..।सवाल : डिजिटल पर काम करना इस वक्त सबसे ज्यादा फायदेमंद लग रहा है?।जवाब : यह प्लेटफार्म काम करने का मौका दे रहा है। अलग-अलग कहानियां और किरदार आ रहे हैं। फिल्मों का वह फॉर्मूला यहां नहीं चलता है कि किरदारों को हीरो, हीरोइन, हीरो के दोस्त और हीरोइन की बहन, चार गानों में सीमित कर दिया जाए। वास्तविक इंसानों की कहानियां बताई जा रही हैं। वैसे भी मैं टाइपकास्ट नहीं होना चाहती। + +सवाल : स्टैंडअप कॉमेडी में ज्यादातर पुरुषों का वर्चस्व है। इसके पीछे क्या वजह लगती हैं?।जवाब : लोगों का एक नजरिया बन गया है कि महिलाएं गाड़ी ठीक से नहीं चला सकती हैं, किसी कंपनी की सीईओ नहीं बन सकती हैं, स्टैंडअप कॉमेडी नहीं कर सकती हैं। किसी की प्रतिभा को जेंडर में बांधना गलत है। भारत में कई महिला स्टैंडअप कॉमेडियन हैं, जिनका काम पसंद किया जा रहा है। इस फिल्म में दोनों कलाकारों को बराबर का दिखाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4535.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb102418f6f3acd4566b8002a70332756671cb8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री अवॉर्ड का वितरण हो चुका है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी विजेता को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। जिसमें बॉलीवुड की कई हस्तियों को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया है। पद्म श्री अवॉर्ड सम्मानित फिल्म निर्माता करण जौहर ने पोस्ट शेयर कर बताया है कि उनके जुड़वा बच्चे यश और रूही ने अवॉर्ड पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कई सवाल पूछें हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45353.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2a5569513f2458b0aa962814ce08e008c219404 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Mirzapur 2: अमेज़न प्राइम वीडियो की अपकमिंग वेब सीरीज़ मिर्ज़ापुर का जबरदस्त बज बनता दिख रहा है। रिलीज़ से पहले अपने फैंस को आकर्षित करने के लिए लगातार टीज़र और पोस्टर रिलीज़ किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही वेब सीरीज़ का ट्रेलर भी रिलीज़ किया गया है। अब ये सभी वीडियो यूट्यूब इंडिया में धमाक कर रहे हैं। आइए जानते हैं...।टॉप-10 ट्रेडिंग में दो वीडियो शामिल।यूट्यूब पर इस वक्त टॉप ट्रेडिंग वीडियो की बात करें, तो टॉप पर मनकीरत का गाना भाबी चल रहा है। इसे दो दिन के अंदर करीब 7.5 मिलियन व्यूज़ मिल चुके हैं। वहीं, टॉप-10 में मिर्ज़ापुर 2 के दो वीडियो शामिल हैं। इसमें 6वें नंबर पर हर्षिता शेखर गौर स्टारर टीज़र है। जिसमें वह बदले की बात कर रही हैं। इसके अलावा 9वें नंबर पर मिर्ज़ापुर 2 का ट्रेलर मौजूद है। जिसे 6 दिन पहले रिलीज़ किया गया था और अब तक 22 मिलियन व्यूज़ मिल चुके हैं। वहीं, अगर टॉप -10 की बात करें, तो इसमें 'बदामी रंग', पंजाबन और तेरी आखों में गाना शामिल है। साथ ही साथ डीनो जेम्स का रैप, लक्ष्मी बम का ट्रेलर, रामविलास पासवान से जुड़ी एक ख़बर और अजय चौहान का एक वीडियो शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4537.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf77927f72289ea0ba0bbae26a925ee0928fff03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब खबरें आ रही हैं कि कटरीना और विक्की कौशल इस साल दिसंबर में शादी के बंधन में बंध सकते हैं। बॉलीवुड लाइफ डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार ‘एक्टर विक्की और कटरीना इस साल दिसंबर में राजस्थान की पिंक सिटी स्थित सिक्स सेंस फोर्ट बड़वारा में शाही शादी करने का फैसला किया है।’।रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ‘विक्की ने अपनी शादी के लिए पहले अगले साल 2022 मई में करने का फैसला किया था। क्योंकि इस वक्त वो अपनी फिल्मों की शूटिंग से फ्री हो जाते और कटरीना भी अपनी फिल्म टाइगर 3 की शूटिंग को भी खत्म कर लेती। लेकिन कटरीना ने दिंसबर में अपनी शादी करने की इच्छा जताई है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि अभिनेत्री ने अपनी शादी के सभी प्लान तैयार कर लिए हैं, जो मई के महीने में राजस्थान में नहीं हो सकते। क्योंकि मई में गर्मी बहुत होती है।’।हाल ही में ईटाइम्स में लगी रिपोर्ट के अनुसार विक्की कौशल और कटरीना कैफ का रोका दिवाली पर फिल्म निर्माता कबीर खान के घर पर आयोजित एक पार्टी के दौरान हो चुका है। जिसमें केवल करीबी दोस्त और परिवार के सदस्यों ने भाग लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45420.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eb43e2f176425e29106c6b304ca96a2bf7debd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अक्षय ने रिलीज़ डेट की घोषणा करते हुए ट्विटर पर इसकी एक झलक भी साझा की है, जिसमें उनका लक्ष्मण से लक्ष्मी बनने का ट्रांसफॉर्मेशन दिखाया गया है। इसके साथ अक्षय ने लिखा- ''इस दिवाली आपके घरों में लक्ष्मी के साथ एक धमाकेदार बम भी आएगा। आ रही है लक्ष्मी बम 9 नवम्बर को, सिर्फ़ डिज़्मी प्लस हॉटस्टार वीआईपी पर। एक दीवाना कर देने वाले सफ़र के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि यह दिवाली लक्ष्मी बम वाली।''।Iss Diwali aapke gharon mein “laxmmi” ke saath ek dhamakedar “bomb” bhi aayega. Aa rahi hai #LaxmmiBomb 9th November ko, only on @DisneyPlusHSVIP!।Get ready for a mad ride kyunki #YehDiwaliLaxmmiBombWaali 💥 #DisneyPlusHotstarMultiplex @advani_kiara @offl_Lawrence pic.twitter.com/VQgRGR0sNg। लक्ष्मी बम की रिलीज़ डेट साफ़ ना होने की वजह से ऐसी अफ़वाहें भी आयीं कि सिनेमाघर खुलने के बाद इसे बड़े पर्दे पर रिलीज़ किया जा सकता है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि लक्ष्मी बम 9 सितम्बर को अक्षय कुमार के जन्मदिन पर रिलीज़ होगी। तारीख़ वही है, मगर महीना बदल गया है। इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर भी इसके रिलीज़ होने की चर्चा ख़बरों में रही थी। ।अगर कोरोना वायरस की वजह से सिनेमाघर बंद नहीं होते तो फ़िल्म इस साल ईद पर रिलीज़ हो गयी होती और सलमान ख़ान की राधे से टक्कर लेती। लक्ष्मी बम कथित तौर पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली सबसे महंगी फ़िल्म है। रिपोर्ट्स आयी थीं कि फ़िल्म की डिज़्नी के साथ 125 करोड़ में डील हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45422.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd23b43f1fdaecae63d7b64eb5416bec21efef48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सुमित व्यास इस वक्त लगातार एक के बाद एक वेब सीरीज़ लेकर आ रहे हैं। टीवीएफ की वेब सीरीज़ परमानेंट रूममेंट्स से चर्चा में सुमित व्यास अब वॉर सीरीज़ में नज़र आने वाले हैं। चाइना से सीमा संकट के बीच यह ख़बर आई है कि सुमित व्यास का अगला प्रोजेक्ट इंडो-चाइना वॉर पर बेस्ड है। इस वेब सीरीज़ को फेमस निर्देशक महेश मांजरेकर बना रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45427.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..416d897b3ebe22dfd36e12bb59688a9aa925e062 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राम सिंह चार्ली एक बेहद लोकप्रिय नाटक पर आधारित है। इसकी कहानी एक ऐसे शख़्स के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने सर्कस को फिर से ज़िंदा करने के लिए जी-जान एक कर देता है। लीजेंडरी फ़िल्ममेकर और एक्टर चार्ली चैपलिन से प्रेरित यह राम सिंह हर मुश्किल परिस्थिति में भी मुस्कुराना का हुनर रखता है। फ़िल्म एक ऐसे कलाकार के जज़्बे को सामने लाती है, जो बिज़नेस के लिए अपनी कला से समझौता नहीं करता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4544.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87a819d38c649f125c5b4c2918a8fb09612991ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम ने कई फिल्मों में काम किया है। यामी ने टेलीविजन से अपना सफर शुरू किया था। जिसके बाद उन्होंने फिल्मी पारी का आगाज भी शानदार तरीके से किया। यामी गौतम ने वैसे तो कई बेहतरीन फिल्मों में अब तक काम किया है। लेकिन एक्ट्रेस दो साल पहले आई फिल्म 'बाला' को अपने करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण फिल्म मानती है। फिल्म 'बाला' के दो साल पूरे करने पर यामी गौतम ने एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने इस फिल्म से जुड़े अपने इमोशंस को बयां किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45447.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d03710f2d3fa1f6ac7f77af71a43c9753cf6f8a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। Forbidden Love: ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के आने के बाद काफी बदलाव देखा गया है। फ़िल्मी दुनिया के कंटेंट कई किस्म के प्रयोग देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही साथ लोगों को यह प्रयोग पसंद आ रहा है। ऐसा ही एक प्रयोग एंथोलॉजी फ़िल्में। हालांकि, यह ओटीटी के पहले अस्तित्व में हैं। लेकिन नेटफ्लिक्स की 'लस्ट स्टोरीज़' के बाद लगातार एंथोलॉजी देखने को मिल रही है। ऐसी ही एक फ़िल्म ज़ी-5 पर भी आने वाली है। इस एंथोलॉजी फ़िल्म का नाम है - फॉरबिडेन लव। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45466.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdb29911e649d862e60a47115edae67d46c2e0e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपके पति ने इस शो को शूट करने में आपकी काफी मदद की थी। क्या आपने भी उनके काम में किसी तरह की मदद की थी?।अब उनके सामने मेरे नखरे नहीं चलते हैं। मैं अब शिकायत नहीं करती हूं। इस शो के निर्देशक और कैमरामैन मुझसे ज्यादा चीता के काम से खुश थे। पहले हम फोन पर शूट कर रहे थे। फिर उन्होंने घर पर डीएसएलआर कैमरा भेज दिया था। मैं चीता के संगीत की फैन हूं। हमेशा अपनी प्रतिक्रिया देती हूं। जो उन्होंने किया है, मैं उसका 20 प्रतिशत भी नहीं कर पाई हूं, लेकिन अपनी बातों और कहानियों से उनका मनोरंजन करने की कोशिश करती हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45476.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..752f7723f4c840904b40ec22029a615849f09e7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल ने फिल्म 'क्लास ऑफ 83' से जबरदस्त वापसी की है। लंबे वक्त से पर्दे से दूर रहे एक्टर की इस फिल्म को काफी सराहना मिल रही है। एक हफ्ते पहले ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लॉन्च के बाद से ही, यह फिल्म भारत में #1 स्थान पर ट्रेंड कर रही है। फिल्म का भारत में नंबर एक पर ट्रेंड करना बता रहा है कि फिल्म को काफी पसंद किया जा रहा है। रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की फिल्म के रिव्यू भी फिल्म के पक्ष में ही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4548.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f4990772af54e4a683e165e1d42055b24898244 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना और लॉकडाउन के प्रकोप के बाद सिनेमाघरों में एक बार फिर से दर्शकों की बहार देखने को मिल रही है। वहीं कई फिल्मी सितारों ने अपनी फिल्मों को रिलीज करना भी शुरू कर दिया है। साथ ही कई सितारों की फिल्मों ने अच्छी-खासी कमाई करना भी शुरू कर दिया है। उनमें से एक साउथ सिनेमा के मशहूर और दिग्गज अभिनेता रजनीकांत की फिल्म 'अन्नाथे' (Annaatthe) भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4549.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7f11340c04fbc615c1dffb994f7c981026a119b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रवीना टंडन का टिप-टिप बरसा पानी इस दौरान के सबसे सेंशुअस सॉन्ग में से एक है जिसे लोग आज भी नहीं भूले हैं। अब रवीना के बाद कटरीना ने अपनी हॉटनेस से लोगों को दिलों पर छाप छोड़ दी है। इस गाने में कटरीना साड़ी में काफी हॉट लगी हैं और फैंस उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। इसी बीच कटरीना ने गाने की मेकिंग का एक छोटा सा वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है जिसमें वो बारिश में अकेले डांस करती दिख रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45512.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4ea95ae9f3fc7f8cf3aac1209b5bd343aeff328 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। Weekend On OTT: ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पिछले कुछ समय में उभरकर सामने आए हैं। एक के बाद एक कई बड़े बॉलीवुड एक्टर्स भी इस और रुख़ कर रहे हैं। अब बारी है बॉबी देओल की। बॉबी देओल ने नेटफ्लिक्स ओरिजिनल फ़िल्म 'क्लास ऑफ़ 83' के जरिए ओटीटी की दुनिया में कदम रख रहे हैं। शाहरुख़ ख़ान के प्रोडक्शन हाउस के तले बनी इस फ़िल्म की रिलीज़ इतनी आसान नहीं होने वाली है। इसे एक फ़िल्म और दो वेब सीरीज़ से लोहा लेना होगा। इस वीक में दर्शकों को बड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। आइए जानते हैं...।क्लास ऑफ़ 83 (Class of 83) - बॉबी देओल स्टारर फ़िल्म 21 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो रही है। कहानी हुसैन जैद्दी की किताब पर आधारित है। हुसैन की ही किताब पर ब्लैक फ्राइडे जैसी जबरदस्त फ़िल्में बन चुकी हैं। इस बार वह 1983 के मुंबई की कहानी लेकर आए हैं। विजय सिंह नाम का एक ऑफ़िसर मुंबई को गुंडों से मुक्त कराने के लिए एक टीम बनता है। इसमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर लेवल के पुलिस वाले शामिल हैं। फिर शुरू होता है एंनकाउंटर। इसके आगे कहानी के लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी। इसे अतुल सबरवाल ने निर्देशित किया है। ।मी रक्सम (Mee Raqsam)- मी रक्सम नाम की एक फ़िल्म ज़ी-5 पर 21 अगस्त को रिलीज़ हो रही है। मी रक्सम की असल यूएसपी नसीरुद्दीन शाह हैं। फ़िल्म में उनके किरदार को लेकर पहले से चर्चा हो रही है। इस फ़िल्म को शबाना आज़मी प्रस्तुत कर रही हैं। यह कैफी आज़मी को श्रद्धांजलि है। एक लड़की के डांस और सपने के इर्द-गिर्द बुनी गई फ़िल्म दर्शकों को आकर्षित कर सकती है। ।इसे भी पढ़िए- क्रिमिनल बोर्ड पर क्रांतिकारी खुदीराम बोस की फोटो लगाने से भड़के लोग, बवाल के बाद एडिट हुआ एपिसोड।फ्लेश (Flesh)- स्वरा भास्कर स्टारर वेब सीरीज़ फ्लेश इस हफ्ते ही रिलीज़ हो रही है। इरोज़ नाउ की ओरिजिनल वेब सीरीज़ में स्वरा पुलिस वाले किरदार निभा रही हैं। कहानी ह्यूमन ट्रैफकिंग के इर्द-गिर्द बुनी गई हैं। अक्षय ओबेरॉय विलेन का किरदार निभा रहे हैं। इस सीरीज़ की यूएसपी है स्वरा का बोल्ड पुलिस ऑफ़िसर का किरदार। ।भंवर (Bhavar)- करणबीर बोहरा भी एक वेब सीरीज़ लेकर हाज़िर है। यह सीरीज़ 18 अगस्त को ही ज़ी-5 पर स्ट्रीम हो जाएगी। इसमें टाइम मशीन और भूत-भविष्य जैसी चीज़ें देखने को मिलेंगी। यह ज़ी के क्लब पर उपलब्ध है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45581.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67bc74a3dd1d9bcbfb1bcf6cf18254666ebf50f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। Vikas Dubey Web Series: वेब सीरीज़ की दुनिया में शुरू से क्राइम और थ्रिलर का कब्जा रहा है। गैंगस्टर के असली जीवन पर नारकोज़ जैसी फेमस वेब सीरीज़ बन चुकी है। ऐसे में हाल ही में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के ऊपर 'हनक' नाम की वेब सीरीज़ बन रही है, जिसे इस साल के अंत में रिलीज़ किया जाना है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब किसी भारतीय गैंगस्टर के ऊपर वेब सीरीज़ बन रही हो। इससे पहले श्रीप्रकाश शुक्ला समेत कई गैंगस्टर की कहानी को वेब सीरीज़ की दुनिया में उतारा जा चुका है। आइए जानते हैं...।श्रीप्रकाश शुक्ला- कभी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक अपने आंतक से ख़ौफ मचाने वाले गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला पर फ़िल्म और वेब सीरीज़ दोनों बन चुकी है। ज़ी-5 की वेब सीरीज़ रंगबाज़ की कहानी श्रीप्रकाश शुक्ला से ही प्रेरित है। वेब सीरीज़ में श्री प्रकाश का किरदार शाकिब सलीम ने निभाया है। वहीं, हिंदी सिनेमा में शहर नाम की फ़िल्म बनी है, जिसमें अरशद वारसी पुलिस वाले के किरदार में हैं। इसमें भी श्रीप्रकाश शुक्ला की कहानी दिखाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45585.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efded94415a5eeafbe62289842d38582a7c77fef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसे भी पढ़िए- Vikas Dubey Web Series: विकास दुबे से पहले श्रीप्रकाश शुक्ला समेत इन गैंगस्टर पर भी बन चुकी है वेब सीरीज़, जानिए पूरी डिटेल।गौरतलब है कि मनी हाइस्ट की शुरुआत स्पेन की टीवी चैनल पर हुई थी। लेकिन शो अंत में पूरी तरीके से फ्लॉप हो गया था। इसके बाद इसे नेटफ्लिक्स ने खरीदकर इंग्लिश में डब करके पूरे दुनिया के सामने लेकर आया। इसके बाद इस वेब सीरीज़ को खू़ब चर्चा मिली। पहले दो सीज़न में बैंक से नोटो की चोरी दिखाई गई थी। इस रिस्पॉन्स के बाद नेटफ्लिक्स ने इस सीरीज़ को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45590.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49d06563c3a8e1d6e4e3d0509c06944668decacb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45590.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेनएनन। फेमस सिंगर बी प्राक की आवाज़ में रिलीज़ हुआ 'दिल तोड़ के' लोगों को काफी पसंद आ रहा है। दिल को छू लेने वाला म्यूजिक, बी प्राक की आवाज़ और अच्छे लिरिक्स के साथ गाना दुनियाभर में रिकॉर्ड तोड़ रहा है। ये गाना लोगों को कितना पसंद आ रहा है इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके रिलीज के महज 4 दिनों में ही इसे 25 मिलियन बार देखा जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45629.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6df4d7ffc1fbd1b1919846f7ea358a36a5db104 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +7. अग्नि बैंड ने 'रूप तेरा मस्ताना' और 'हम किसी से कम नहीं' गीतों को प्रस्तुत किया है, जो अपने आप में सदाबहार गाने है। अग्नि के वर्जन के बारे में आपका क्या कहना है?  ।उन्होंने इसे अग्नि शैली में किया है, संपूर्ण प्रस्तुतीकरण उन्होंने अग्नि शैली में किया है और मोहन इतने सुंदर गायक हैं। मुझे दोनों से और दोनों के काम से प्यार है और उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। सभी को पसंद आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45650.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48ee53866c119125a5bfeb969b191c4478fddb37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Through the light or the shadows, we will make sure you come back Siya.#BreatheIntoTheShadows।Trailer out, 1st July @PrimeVideoIN @BreatheAmazon pic.twitter.com/iTwvDfNmjm। वेब सीरीज़ 10 जुलाई को रिलीज़ हो रही है। वेब सीरीज़ का नाम ब्रीद सीज़न 2 ना होके, Breathe Into the Shadows रखा गया है। ब्रीद शीर्षक से अमेज़न प्राइम पर 2018 में एक सीरीज़ आ चुकी है, जो काफ़ी सफल रही थी। इनसाइड एज के बाद अमेज़न की यह दूसरी वेब सीरीज़ थी। आर माधवन और अमित साध ने इस क्राइम ड्रामा थ्रिलर में मुख्य किरदार निभाये थे। इसके दूसरे सीज़न की चर्चा काफ़ी वक़्त से चल रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45659.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..207bf3c6f5b3bda0a9e804c7201d8f1fab5022c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल- बॉक्स ऑफिस से इतर वेब पर किसी शो या फिल्म के हिट होने का कोई आंकड़ा नहीं मिल पाता है। ऐसे में वहां सवाल खड़े हो जाते हैं...।जवाब- मुझे आंकड़ों का खेल बहुत अजीब लगता है। फिल्म एक कला है, न की व्यापार। वेब के आंकड़े बाहर नहीं आते हैं, लेकिन ओटीटी का बिजनेस काफी बड़ा होता।है। वैसे भी आंकड़ों की बातें करना निर्माताओं का काम है, कलाकारों का नहीं।  कलाकारों का काम है सिर्फ अच्छा अभिनय करना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45672.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db210175568ccbf1d191a21c4c6b42aa8eff88b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45672.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले कुछ दिनों में कई फ़िल्मों के ओटोटी पर आने का एलान हुआ है। सबसे ताज़ा है गुंजन सक्सेना, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी। विद्या बालन की शकुंतला देवी अमेज़न प्राइम पर आ रही है। हालांकि इसकी रिलीज़ डेट का अभी खुलासा नहीं किया गया है। ।इसके अलावा अक्षय कुमार की फ़िल्म लक्ष्मी बम को लेकर भी ऐसी ख़बरें आ चुकी हैं कि यह ओटीटी पर जा सकती है। लक्ष्मी बम ईद पर रिलीज़ होने वाली थी। इस साल अब तक जिन फ़िल्मों की रिलीज़ कोरोना वायरस पैनडेमिक की वजह से डांवाडोल हुई है, उनमें अक्षय की सूर्यवंशी और लक्ष्मी बम, सलमान की राधे, रणवीर सिंह की 83, वरुण धवन की कुली नम्बर वन, अमिताभ बच्चन की गुलाबो सिताबो और विद्या बालन की शकुंतला देवी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45685.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53cc0b9f9d39973e499ce2bed7a0944b6fdbc3a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, (रजत सिंह)। अमेज़न प्राइम वीडियो पर अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना स्टारर फ़िल्म 'गुलाबो-सिताबो' 12 जून को रिलीज़ होने वाली है। शूजित सरकार की इस फ़िल्म को थिएटर्स रिलीज़ के लिए बनाया गया था। हालांकि, अब जब कि सिनेमाघर बंद हैं, तो यह ऑनलाइन ही रिलीज़ हो रही है। लखनऊ में बेस्ड फ़िल्म कहानी एक मकान मालिक और किरायेदार की है। फ़िल्म में कॉमेडी का तड़का लगाने के लिए विजय राज और बृजेंद्र काला जैसे मझे हुए कलाकार भी मौजूद हैं। ऐसे में दैनिक जागरण डॉट काम ने बृजेंद्र काला से बात की। उन्होंने फ़िल्में सेट की पीछे का रोचक किस्सा बताया। ।जब अमिताभ ने करवाया रिटेक।शूटिंग के दौरान का किस्सा सुनाते हुए बृजेंद्र काला ने बताया, 'मेरा जो किरदार है, वह एक वकील है। फ़िल्म वह अमिताभ बच्चन (मिर्जा शेख) का वकील बनता है। यह फनी किरदार है, लेकिन दिखता बहुत गंभीर है। और बच्चन के साथ काम का अपना ही मज़ा है। मैं उनके साथ काम कर चुका हूं। ऐसे में कम्फर्ट जोन बन जाता है। मैं बच्चन के साथ जब काम कर रहा था, चार-पांच टेक के बाद जब सीन ओके हो गया। डारेक्टर ने अगले सीन के लिए बोला। तभी अमिताभ ने पीछे से कहा- 'अरे साहब सुनिए जरा, एक मिनट। आपका एक अंदाज है, एक तरीका है। एक टेक उसमें भी हो जाए।' उस वक्त मैं सातवें आसमान पर था कि उन्हें मेरी अदायगी के बारे में पता है। मैं कुछ समय के भूल भी गया कि मैं कैसे काम करता हूं। हालांकि, फिर मैंने उसी तरीके से काम करके बताया।'।इसे भी पढ़िएः बिना पैसे खर्च किए यहां देख सकते हैं टॉप वेब सीरीज और फिल्में, जानें पूरी डिटेल।ओटीटी पर रिलीज़ का फैसला बिल्कुल सही।गुलाबो सिताबो की ओटीटी रिलीज़ पर बृजेंद्र ने कहा-'जिस तरह से हालात चल रहे हैं, उसे देखते हुए सबसे उचित फैसला है। हम इसका इंतज़ार करें कि इसे सिनेमाहाल में रिलीज़ करेंगे। इसके लिए हमें कितना इंतज़ार करना पड़ेगा? इस हालात में सबसे आखिरी में सिनेमाहाल खुलेंगे। जब खुलेंगे भी, तो उसमें होगा कि एक सीट छोड़कर बैठो। ऐसे में आपको हाउसफुल तो मिलेगा नहीं। लोगों उस समय भी सोचेंगे- एक हफ्ता जाने दो यार, दो हफ्ते रुक जाओ। ऐसे में अगर आपकी फ़िल्म रिलीज़ हो गई तो उसका नुकसान कौन झेलेगा। अगर हम फ़िल्मों को लटका कर रखेंगे, तो लंबा हो जाएगा। क्योंकि कई फ़िल्में इंतज़ार में बैठी हैं। ऐसे में जो लोग घरों में बैठे हैं, उन्होंने नई-नई चीज़े देखने को मिलेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4569.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fef8239db9e715e12872cd09679867e92c2c7da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पति के लिए कही ये बात...।सोनम और आनंद ने इस दिवाली के मौके पर व्हाइट ट्रेडिशनल आउटफिट्स कैरी किया था। और इस ट्विनिंग में ये कपल बेहद शानदार दिखाई दे रहा था। तस्वीरें पोस्ट करते हुए सोनम ने इंस्टाग्राम पर लिखा,'मेरी पूरी दुनिया और वह सब कुछ जो सबसे ज्यादा मायने रखता है। आई लव यू @anandahuja #everydayphenomenal #diwali।आनंद अहूजा ने भी किया कमेंट।आनंद ने तुरंत कमेंट किया,'सो क्यूट मेरी जान! ... मैंने तुमसे कहा था, हालांकि उस पहली तस्वीर में मेरी एक आंख बंद है। मेरी एक आंख दूसरी आंख से ज्यादा तेजी से झपकाती है।' बता दें कि एक तस्वीर में सोनम पति की गोद में भी बैठी नजर आईं थीं। सोमन का दिवाली पर ये रोमांटिक अंदाज फैंस को काफी पसंद आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45698.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71c2322f59450ff82afc629d359c825422149d39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। गुलाबो-सिताबो की रिलीज़ से पहले उसके गाने बज़ बना रहे हैं। पहले गाने 'जूतम फेंक' के बाद अब 'मदारी का बंदर' रिलीज़ हुआ है। दोनों ही गाने की दो ख़ास बाते हैं। एक तो ये लीक से हटकर हैं। वहीं, दोनों में आयुष्मान खुराना और अमिताभ बच्चन की अलग किस्स की जोड़ी देखने को मिल रही है। वहीं, इस नए गाने में भी दोनों एक दूसरे लड़ते नज़र आए हैं। ।इस गाने में अमिताभ बच्चन, जोकि मिर्ज़ा का किरदार निभा रहे हैं, काफी परेशान दिख रहे हैं। उनके सामने अपनी पुश्तैनी बिल्डिंग बचाने की समस्या दिख रही है। गाने में अमिताभ ऑफ़िस के चक्कर लगाते नज़र आ रहे हैं। वहीं, आयुष्मान खुराना यानी बंकी बिल्कुल इसके उलट काम कर रहा है। वह तमाशबीन बनकर मजे ले रहा है। गाने में विजय राज और बृजेंद्र काला भी नज़र आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45734.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd7a4d529a6816130aa9a36be8d38540d2786570 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सा को पूर्वांचल कहते हैं। गोरखपुर से लेकर बिहार सीमा तक यह क्षेत्र है। इसकी अपनी कई ख़ासियत है, लेकिन कुछ बुराई भी है। इस आंचल में कई बड़े क्रिमनल पैदा हुए हैं। क्राइम की कहानियों ने ख़ूब सुर्खियां भी बटोरी हैं। इस पर समय-समय पर वेब सीरीज़ बनती रही। पहले 'मिर्जापुर' आई और बाद में 'रंगबाज'। अब आ रही है 'रक्तांचल'। एमएक्स प्लेयर की इस वेब सीरीज़ में एक बार भी पूर्वांचल के क्राइम की कहानी सुनाई जाएगी। ।एमएक्स प्लेयर ने इस वेब सीरीज़ का टीज़र लॉन्च किया है। टीज़र में एक मोनोलॉग है। 'दो बाहुबलियों के युद्ध ने किया पूर्वांचल को छलनी। बनाया इसे 'रक्तांचल'। इस वेब सीरीज़ के टीज़र में हल्की-सी मिर्जापुर की झलक दिखाई दे रही है। एमएक्स प्लेयर ने इसकी रिलीज़ डेट के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। हालांकि, इस बात का जिक्र है कि जल्द ही ट्रेलर रिलीज़ होने वाला है। ।वेब सीरीज़ में 1980 में पूर्वांचल में फले-फूले क्राइम के बारे में दिखाया गया है। वहीं, यह कहानी भी दिखाई गई है कि क्राइम और राजनीति के बीच में क्या संबंध हैं। वेब सीरीज़ में रांची डाइरीज़ फेम एक्ट्रेस सौंदर्या शर्मा नज़र आने वाली है। ख़ास बात है कि वेब सीरीज़ की कहानी सत्य घटना पर आधारित है। अब देखना है कि ट्रेलर कब जारी किया जाता है?।इसे भी पढ़ें- Faizal Siddiqui Acid Attack Video: फैज़ल के वीडियो पर भड़कीं सोना, सलमान खान को भी लपेटा।आपको बता दें कि इससे पहले ज़ी-5 की वेब सीरीज़ 'रंगबाज' में भी सत्य घटना पर आधारित कहानी दिखाई गई थी। इसमें पूर्वांचल से निकले और पूरे उत्तर प्रदेश में फेमस हुए क्रिमनल श्रीप्रकाश शुक्ला की कहानी दिखाई गई थी। श्रीप्रकाश पर मुख्यमंत्री के हत्या के साजिश का आरोप था। वहीं, अमेज़न प्राइम वीडियो के मिर्ज़ापुर में एक काल्पनिक कहानी दिखाई गई है। हालांकि, इस कहानी के जरिए क्राइम पूर्वांचल में कैसे काम करता है, इसे डीकोड करने का काम किया गया है। अब देखना है 'रंक्ताचंल' में किसकी कहानी दिखाई जाती है?।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45765.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df38743520bad4dc8e635188ed312abc5982dad0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45765.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने ट्विटर पर सीज़न का एलान सीज़न 3 के फ़र्स्ट लुक से किया, जिसमें चारों मुख्य किरदार ट्रेडिश्नल परिधानों में सजे-धजे नज़र आ रहे हैं। इस पर लिखा है- सीज़न 3 की तरफ़ जाते हुए। इसके साथ सवाल पूछा गया कि 4 शॉट्स को 3 से गुणा करने पर क्या आता है? इसके जवाब में लिखा गया है- फोम मोर शॉट्स प्लीज़ का ब्रैंड न्यू सीज़न। ।question: what's 4 shots multiplied by 3?।answer: a brand new season of @4moreshotspls💃 pic.twitter.com/HAkD9VBRhX।बता दें कि फोर मोर शॉट्स चार दोस्तों की कहानी है, जो अपनी ज़िंदगी को बिंदास ढंग से जीते हुए नई-नई चुनौतियों का सामना करती हैं। दोस्तों के किरदार बाणी जे, कीर्ति कुल्हरी, शायोनी गुप्ता और मानवी गगरू ने निभाये हैं। इनके अलावा प्रतीक बब्बर, मिलिंद सोमन, सिमोन सिंह, नील भूपालम और लीज़ा रे के किरदार भी बीच-बीच में आते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45766.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6766548df7d6d5c68e57258eaa32d1ec5977981c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by KARTIK AARYAN (@kartikaaryan) on May 7, 2020 at 10:48pm PDT।कार्तिक आगे लिखते हैं- ''फिर आपको एक इम्तियाज अली की फ़िल्म मिलती है। जिस क्षण वह कहानी सुनाते है, आप एक सपने में खिंचे चले जाते हैं। मुझे यह भी याद नहीं है कि वे सेट पर कैमरा कब देखते है, मैं हमेशा कट के बाद जहां भी देखता था, हमेशा वे खड़े हुए दिखाई देते थे। वह कभी मॉनिटर पर नहीं होते थे, वे हमेशा मेरी तरफ होते थे। मुझे डर था एक फ़िल्म में दो अलग किरदार करने हैं, लेकिन यह आसानी से हुआ। वीर और रघु के बीच बेहतर बदलाव हुआ। एक अभिनेता के लिए, उस मिरर के सामने होने से बेहतर कोई माहौल नहीं है। इम्तियाज अली आपको वही ले जाते हैं। इम्तियाज अली निर्देशक नहीं हैं, जादूगर हैं!''।कार्तिक आर्यन की 'दोस्ताना 2' और 'भूलभुलैया 2' फिल्में प्रदर्शित होने वाली हैं। निर्देशक ओम राउत की बिग बजट एक्शन ड्रामा फ़िल्म में कार्तिक एक्शन करते हुए नज़र आएंगे। लॉकडाउन के चलते कार्तिक घर मे रहते हुए भी काफी व्यस्त हैं। कोविड 19 के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्तिक ने "कोकी पूछेगा" सीरीज यूट्यूब पर बनाई है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45817.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39a00e5cd951370aab6b287e0c6ea466cab4a00c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन की मियाद 3 मई तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में फ़िल्मों की शूटिंग भी बंद है। लेकिन दर्शकों के एंटरटेनमेंट का डोज़ ना रुकने पाए, इसके लिए ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स लगातार नए कंटेंट और फ़िल्मों के साथ हाज़िर हैं। लॉकडाउन के दौरान घर में बोर हो रहे दर्शकों के लिए खुशख़बरी है। आयुष्मान खुराना की साल 2020 में रिलीज़ हुई एक मात्र फ़िल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' भी ऑनलाइन स्ट्रीम कर दी गई है। ।अमेजन पर आयुष्मान की धमाकेदार फ़िल्म।लगातार अलग किस्म की फ़िल्में बनाने वाले आयुष्मान खुराना इस साल गे लाइफ पर फ़िल्म लेकर आए। 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में आयुष्मान के साथ जितेंद्र कुमार नज़र आए। इसके अलावा फ़िल्म में नीना गुप्ता और गजराज राव जैसे एक्टर भी शामिल हैं। इस फ़िल्म को अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम किया गया है। इस बात की जानकारी अमेज़न ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट से दी। ट्रेन वाले आईकॉनिक सीन को शेयर करते हुए लिखा, 'आप इस ट्रेन को नहीं छोड़ना चाहते। शुभ मंगल ज्यादा सावधान अमेज़न प्राइम वीडियो पर।' ।you don't wanna miss this train 👀🏃 #SmzsOnPrime: https://t.co/4CZ30NI9eI" rel="nofollow@ayushmannk @Farjigulzar pic.twitter.com/aoifJDBngB।विक्की कौशल भी 'भूत' आ रही।शुभ मंगल ज्यादा सावधान के बाद विक्की कौशल की लेटेस्ट फ़िल्म 'भूत' भी अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ होने वाली है। यह फ़िल्म 22 अप्रैल को स्ट्रीम होगी। अमेज़न ने इसके बारे में बताते हुए लिखा, 'आप इसके लिए लिए तैयार है? 22 अप्रैल को भूत अमेज़न प्राइम पर। भूत के अलावा दर्शकों को हॉलीवुड की हिट फ़िल्म 'जोकर' का भी इंतज़ार है। इस फ़िल्म को 20 अप्रैल को स्ट्रीम किया जाएगा। कुल मिलाकर लॉकडाउन 2.0 में दर्शकों को काफी कुछ देखने को मिलने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4583.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02a3b4d7c48c1a396b2a32eff3f5e803b3fca127 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनी टीवी चैनल ने द कपिल शर्मा शो से जुड़ा एक वीडियो प्रोमो अपनी आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। इस वीडियो प्रोमो में अक्षय कुमार और कटरीना कैफ कपिल शर्मा के साथ काफी हंसी-मजाक करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो प्रोमो में अक्षय कुमार और कटरीना कैफ एक के बाद एक एंट्री लेते हैं। वहीं कटरीना कैफ जब एंट्री लेती हैं तो वह कपिल शर्मा शो में मौजूद सभी लोगों को हेल्लो कहती हैं, लेकिन अक्षय कुमार से कुछ नहीं कहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45849.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20151e8ef5b63bcf98217885b9c1f1b41fdaf662 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेज़न की ओर से लगातार सीजन -2 को लेकर वीडियो और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, इससे दर्शकों में उत्सुकता ज्यादा बढ़ती जा रही है। आधिकारिक डेट का ऐलान होना बाकी है, लेकिन माना जा रहा है कि नवंबर-दिसंबर में मिर्ज़ापुर का दूसरा सीजन देखने को मिल सकता है। हालांकि, इसमें बदलाव भी हो सकता है। दर्शक भी सीजन 2 में में गुड्डू पंडित का फिर नया भौकाल देखना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45852.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45852.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9a2622ac730cbb44ce80d29d688dd6e86594bb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45852.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए भारत में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। ऐसे में बॉलीवुड सेलेब्स से लेकर क्रिकेटर तक आइसोलेशन में हैं। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में ये सेलेब्स भी घर बैठे फ़िल्में और वेब सीरीज़ देखे रहे हैं। इस बीच एक सीरीज़ उभरकर सामने आई हैं, जो हर जगह धूम मचा रही है। क्या क्रिकेटर, क्या बॉलीवुड एक्टर सब इसकी तारीफ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45875.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d04d8b81a9a012090654fa711eaad27d833f57b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (रजत सिंह)। Special Ops Review: हॉटस्टार की नई वेब सीरीज़ 'स्पेशल ऑप्स' 17 मार्च को रिलीज़ हो गई। इस वेब सीरीज़ के जरिए 'स्पेशल 26', 'बेबी' और 'ए वेडनेसडे' जैसी फ़िल्में बना चुके निर्देशक नीरज पांडेय ने अपना डिजिटल डेब्यू किया है। केके मेनन वेब सीरीज़ में मुख्य भूमिका हैं। साल 2020 में अब तक आई वेब सीरीज़ में से यह पहली स्पाई थ्रिलर है। नेटफ्लिक्स की 'ताजमहल 1989' के बाद यह दूसरी वेब सीरीज़ है, जो कंटेंट के मामले में काफी सही लग रही है। नीरज पांडेय एक बार फिर अपना असर छोड़ने में कामयाब रहे हैं। ।कहानी।वेब सीरीज़ की कहानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के ऑफ़िसर हिम्मत सिंह के इर्द-गिर्द बुनी गई है। हिम्मत सिंह के ऊपर  बिना किसी स्त्रोत के ज्यादा खर्च करने का आरोप है। इसके लिए वह एक कमेटी की सामना कर रहा है। वह 2001 में हुए संसद पर हमले और मुंबई ब्लास्ट जैसे मामलों की जांच भी कर रहा है। उसे इकलाख ख़ान नाम के एक आंतकवादी की तलाश है, जो कि इन हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड है। साल 2001 में वह हिम्मत सिंह के हाथ आने से बच गया था, तब से वह इसकी तलाश में हैं। मीडिल ईस्ट में हिम्मत के लिए रॉ एजेंट काम करते हैं। उसे इकलाख़ ख़ान के ठिकाने के बारे में टिप मिली है। अब वह उसे पकड़ पाता है या नहीं इसके लिए आपको वेब सीरीज़ देखनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45890.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c40b3ca2d9fa5ae5adde1802570f3f6393c746d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। तेलुगु फ़िल्म अर्जुन रेड्डी की ऑफ़िशियल रीमेक कबीर सिंह के बाद एक और रीमेक आने की तैयार थी। तमिल फ़िल्म में ध्रुव विक्रम लीड रोल में हैं। हालांकि, इसे सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं किया जाएगा।  वर्मा नाम की इस फ़िल्म को अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ की जाएगी। इसको फ़िल्म के निर्माता मुकेश मेहताका बयान सामने आय है। इस फ़िल्म ने निर्देशित किया है। ।फिल्म कम्पैनियन को दिए एक इंटरव्यू में मेहता ने कहा कि वह इस बात का फैसला करने के लिए पोल भी चला सकते हैं कि 'वर्मा' को किस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ करें। उन्होंने कहा है कि वो अर्जुन रेड्डी के तमिल रीमेक बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि  अर्जुन रेड्डी के तमिल संस्करण को विजय देवाकोंडा के साथ फिर से बनाना चाहिए। हालांकि, गौरतलब है कि एक 'अदित्य वर्मा' नाम की फ़िल्म बनाई जा रही है। इसमें भी ध्रुव लीड रोल में हैं। इसे संदीप वांगा के सहयोगी Gireesaaya ने निर्देशित किया है। ।फिल्म कम्पैनियन  को दिए गए इंटरव्यू में मुकेश मेहता ने कहा,  'हम अर्जुन रेड्डी की रीमेक चाहते थे, लेकिन वर्मा ऐसा नहीं था। मूल फ़िल्म तीन घंटे से अधिक लंबा था, वहीं हमरी दो घंटे के आसपास थे। वर्मा में अर्जुन की दादी का पात्र पूरी तरह से गायब है।  फिर से, अगर हम फिल्म को रिलीज़ करते हैं और दर्शक इसे पसंद करते हैं, तो मुझे अपनी गलती माननी पड़ेगी।'।बता दें कि इससे पहले वह पिछले साल ही 'वर्मा' को दोबार शूट करने की घोषणा की गई। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पिछले साल बयान जारी करते हुए कहा गया था कि मेकर्स फ़िल्म के अंतिम संस्सकरण से खुश नहीं थे।  रचनात्मक अंतर के कारण, इस संस्करण को जारी नहीं करने का निर्णय लिया। इसके बाद घोषणा की गई कि हम नए सिरे से शुरुआत करेंगे, और ध्रुव के साथ अर्जुन रेड्डी के एक नए तमिल संस्करण की शूटिंग करेंगे।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45896.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d141b940158d1956cf90efdd1cdb7c246c2cd070 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45896.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। वीकेंड का मतलब लोगों के लिए अक्सर एंटरटेनमेंट होता है। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग तरीके होते हैं वीकेंड को मनोरंजन बनाने के लिये। लेकिन अगर आपका मूड घर पर रहते हुए कुछ अच्छी सीरीज़ और फ़िल्म देखने का है, तो हम आपके लिए लिस्ट लेकर आए हैं। कुछ नई फ़िल्में हैं, तो कुछ पुरानी। लेकिन ऐसी फ़िल्में या सीरीज़ हैं, जो हाल ही पर स्ट्रीम प्लेटफॉर्म्स पर आई हैं। आइए जानते हैं...।1. असुर- फ़िल्मों के बाद एक्टर अरशद वारसी ने डिजिटल वर्ल्ड का रुख किया है। उनकी वेब सीरीज़ असुर रिलीज़ हो गई है। इस वूट के प्रीमियर अड्डा वूट सेलेक्ट पर स्ट्रीम किया गया है। ऐसे में आप  अरशद का डिजिटल डेब्यू भी देख सकते हैं। ।2. गिल्टी- नेटफ्लिक्स पर कियारा आडवाणी वापसी कर रही हैं। 'लस्ट स्टोरीज़' के बाद वह अब 'गिल्टी' में नज़र आएंगी। यह फ़िल्म को 6 मार्च रिलीज़ की जाएगी। अगर आप को थ्रिलर पसंद है, तो आप इसे देख सकते हैं। ।3. धीट पतंगे- हॉटस्टार पर 'कनपुरिए' के बाद एक और मूवी रिलीज़ हो गई है। इस बार कहानी चार दोस्तों की है, जिन्हें क्रिकेट से मोहब्बत है। कहानी 1983 विश्वकप से लेकर 2011 विश्वकप तक ही है। क्रिकेट शौकीन के लिए यह भी एक ऑप्शन है। ।4. देवी- काजोल हाल ही में 'तानाजी द अनसंग वारियर' में नज़र आईं थी। इसके बाद वह अब शार्ट मूवी 'देवी' में नज़र आ रही हैं। ऐसे में अगर आप काजोल के फैन हैं और छोटे पैकेट में बड़ा धमाका चाहते हैं, तो आपको यूट्यूब पर देवी मिल जाएगी। ।5. अमित टंडन कॉमेडी- स्टैडअप कॉमेडी पसंद करने वालों के लिए नेटफ्लिक्स लेकर आया है अमित टंडन कॉमेडी। हाल ही स्ट्रीम किए गए इस स्टैंडअप शो को लोग जमकर देख रहे हैं। यह फिलहाल नेटफ्लिक्स के टॉप-10 में शामिल है। ।6. फ्रैंड्स- फ्रैंड्स के फैन दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं। भारत में यह सीरीज़ लगातार स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म बदलकर स्ट्रीम होती रही है। इसने एक बार फिर वापसी की है। अब यह शो नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है। फैंड्स और कॉमेडी देखने वालों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4597.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b94f9ca5791c53db759546d4c7af04caa6bd1c73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl TipTip Barsa Pani Song Reaction: अक्षय कुमार और कटरीना कैफ की फिल्म सूर्यवंशी रिलीज हो गई हैl इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार ओपनिंग मिली हैl अब फिल्म का नया गाना 'टिप टिप बरसा पानी' रिलीज किया गया हैl इसमें कटरीना कैफ और अक्षय कुमार फिल्म 'मोहरा' के सुपरहिट गाने को रिक्रिएट करने का प्रयास कर रहे हैंl हालांकि लोगों को गाने पर कटरीना कैफ का डांस ज्यादा पसंद नहीं आ रहा हैl लोग इसकी तुलना रवीना टंडन के डांस कर रहे हैं और उन्हें कटरीना कैफ का डांस ज्यादा पसंद नहीं आ रहा हैl हालांकि कई लोगों ने कटरीना कैफ का बचाव भी किया है और वह तुलना नहीं करने की बात कह रहे हैं और कटरीना कैफ को सराह भी रहे हैंl।इस बीच गाने में कटरीना कैफ और अक्षय कुमार को बारिश में डांस करते हुए देखा जा सकता हैl ओरिजिनल गाने को अलका याग्निक और उदित नारायण ने गाया था और ओरिजिनल म्यूजिक विजू शाह ने दिया थाl वहीं हालिया गाने को तनिष्क बागची ने रीक्रिएट किया हैl।फिल्म सूर्यवंशी में अक्षय कुमार के अलावा अजय देवगन और रणवीर सिंह की भी अहम भूमिका हैl एक फैन ने कटरीना कैफ के गाने पर लिखा है, 'टिप टिप बरसा पानी गर्ल रवीना टंडन से कटरीना कैफ स्पर्धा नहीं कर सकतीl कटरीना कैफ इस गाने के लिए कुछ ज्यादा ही खूबसूरत हैl वहीं रवीना टंडन एक अलग प्रकार की खूबसूरती रखती हैंl कटरीना कैफ को अगली बार प्रयास करना चाहिएl आप हमारी 90 की गर्ल से मैच नहीं कर सकतीl'।#Katrina is simply no match to the original #TipTipBarsaPani girl #raveenatandon. For one she is way too skinny to look hot & #Raveena #sexappeal was in a different orbit altogether. Try harder next time #KatrinaKaif, you can't match our #90s #pinup girls.#TipTipBarsaPaani pic.twitter.com/kojkanx1Nq।वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'जो लोग टिप टिप बरसा पानी को पसंद कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहता हूं कि कटरीना कैफ का समय समाप्त हो गया हैl' वही अदिति रावल ने लिखा है, 'टिप टिप बरसा पानी मां रवीना टंडन जी जमे हैl यह वर्जन मुझे यह पसंद नहीं आया।'।#TipTipBarsaPaani maa Raveena Tandon j jaame!! I didn’t enjoy this version 😕।फिल्म सूर्यवंशी का निर्देशन रोहित शेट्टी ने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45971.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7aaba36832948526b4032bc142bc41d11c842c70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45971.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। Code M Trailer: ऑल्ट बालाजी की नई वेब सीरीज़ 'कोड एम' का ट्रेलर रिलीज़ कर दिया गया है। इसे देखकर उम्मीद लग रही है कि ओटीटी के लिए एक और अच्छा कंटेंट आने वाला है। आर्मी, क्राइम, एनकाउंटर, पाकिस्तान और जांच के बीच घूमती इस वेब सीरीज़ में जेनिफर विंगेट ऑर्मी लॉयर की भूमिका में नजर आ रही हैं। ट्रेलर में उनके किरदार से परिचय भी करया गया है। वह मेजर मोनिका मेहरा का किरदार निभा रही हैं। ।जेनिफर के अलावा वेब सीरीज़ में रजत कपूर और तनुज विरवानी अहम भूमिका में हैं। तनुज इससे पहले इनसाइड एज़ के दोनों ही सीज़न में नजर आ चुके हैं। ट्रेलर में तीनों एक्टर्स को काफी स्पेस दिया गया है। ट्रेलर की शुरुआत जेनिफर के धमाकेदार सीन से होता है। इसमें वह एक पब में युवक के हाथ से बंदूक छीनती नजर आ रही हैं। मेजर मोनिका को उनके बॉस (रजत कपूर) एक केस सॉल्व करने को देते हैं। इस केस से उनके होने वाले दामाद का कनेक्शन है। ।सच्ची घटना से प्रेरित वेब सीरीज़ 'कोड एम' में आर्मी के ऊपर फर्जी एनकाउंटर आरोप लगा है। मेजर मोनिका को इसी केस को सुलाझा रही हैं। ट्रेलर में जेनिफर एक्शन करती नजर आईं। यह ट्रेलर है, पूरी वेब सीरीज़ आने के बाद पता चलेगा कि जेनिफर का एक्शन दर्शकों को कितना पसंद आता है। वहीं, ट्रेलर में कई शानदार डायलॉग्स भी सुनने को मिलते हैं। जैसे- 'हर कहानी के तीन पहलू होते हैं, तुम्हारा... एक उनका...और तीसरा सच'।ऑल्ट बालाजी की यह वेब सीरीज़ 15 जनवरी को स्ट्रीम की जाएगी। इस सीरीज़ की टक्कर नेटफ्लिक्स की 'जामताड़ा: सबका नंबर आएगा' से है। नेटफ्लिक्स सीरीज़ 10 जनवरी को रिलीज़ होगी। इसमें पुलिस और क्राइम की कहानी दिखाई जाएगी। अब देखना है कि इस टक्कर में कौन-सी सीरीज़ ज्यादा बज़ क्रिएट करती है? ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45980.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8a950f2edb38eb7dc6a7e717e34efa335ef2af6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45980.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। सेक्रेड गेम्स में सरताज़ सिंह का किरदार निभाने वाले सैफ़ अली ख़ान एक नई वेब सीरीज़ का हिस्सा बनने वाले हैं। इसके लिए उन्होंने घोषणा भी कर दी है। वह तांडव का नाम की वेब सीरीज़ में नजर आएंगे। इस सीरीज़ को गौरव सोलंकी लिख रहे हैं। गौरव इससे पहले आर्टिकल 15 लिख चुके हैं। आयुष्मान खुराना स्टारर आर्टिकल 15 ने ख़ूब सुर्खियां भी बटोरीं। सीरीज़ के लेखक गौरव ने बताया कि वेब सीरीज़ भारत की राजनीति से प्रभावित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45990.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..114c7d82ab88be1754d0235054ebba6a128f2fe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45990.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे दिमाग में आया आइडिया? ।रीड ने साल 1995 में नेटफ्लिक्स की शुरुआत की थी और अब नेटफ्लिक्स के पूरी दुनिया में 139 मिलियन मेंबर हो चुके हैं। सीएनबीसी एक रिपोर्ट के अनुसार, रीड को नेटफ्लिक्स का आइडिया तब जब वो एक बार मूवी देखने में लेट हो गए थे और उन्हें इस वजह से 40 डॉलर का नुकसान हो गया था, जिसके बाद उन्हें इसका आइडिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45992.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8fffb778d1af6f1f3371944e0d4768eaee28000 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45992.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Most Awaited Web Seris: साल अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। इस साल कई अच्छी वेब सीरीज़ आईं। कुछ ने खूब बज़ क्रिएट भी किया। ऐसे में कुछ ऐसी भी वेब सीरीज़ आईं, जो दर्शकों के दिल में बैचनी पैदा कर गईं। कुछ ऐसी भी वेब सीरीज़ हैं, जिसका इंतज़ार इस साल ख़त्म नहीं हुआ। हो सकता है कि यह वेब सीरीज़ साल 2020 में रिलीज़ हो जाए। आईए जानते हैं, ऐसी ही तीन वेब सीरीज़ों के बारे में...।1. मिर्ज़ापुर सीज़न 2: यह ऐसी वेब सीरीज़ है, जिसको लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं। साल 2018 में आई इस वेब सीरीज़ ने अपनी एक अलग फैंन फॉलोइंग पैदा की। इसके किरदार खू़ब फैमस हुए। इस बीच इस साल इस सीरीज़ के दूसरे सीज़न की घोषणा हुई। अमेज़न प्राइम ने इसका टीज़र भी रिलीज़ किया। ऐसे में उम्मीद है कि साल 2020 में एक बार फिर मुन्ना त्रिपाठी का जलावा देखने को मिलेगा। + +2.ब्रीद सीज़न 2: आर माधवन और अमित साध की थ्रिलर वेब सीरीज़ ब्रीद को लेकर भी फैंस का यह सवाल है कि दूसरा सीज़न कब आएगा। इस साल अमेज़न एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें सीरीज़ का झलक नजर आई थी। हालांकि, इसका भी दूसरा सीज़न इस साल नहीं आया। अब इसको लेकर कोई ऑफ़िशियल घोषणा भी नहीं हुई। इस सीरीज़ के फैंस एक बार फिर निराश हाथ लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_45993.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_45993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5eeeb6aa2588fc56975eb94b5d8af39b2469455 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_45993.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। The Forgotten Army: डायरेक्टर कबीर ख़ान की आने वाली वेब सीरीज़ 'फॉरगॉटेन आर्मी' का पहला टीज़र जारी कर दिया गया है। यह एक वॉर प्रोमो है, जिसमें तिरंगा के साथ कई सैनिक नजर आ रहे हैं। युद्ध का पूरा महौल नजर आ रहा है। 'एक था टाइगर' जैसी वॉर मूवी बना चुके कबीर ख़ान ओटीटी की दुनिया में वॉर सीरीज़ के जरिए ही एंट्री ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46007.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a4def0d9dd9d98a18f0ed933646bb4c9688db2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इनसाइड एज 2 ।साल 2017 में क्रिकेट को लेकर आई वेब सीरीज़ 'इनसाइड एज' काफी चर्चा में रही थी। इसकी सफ़लता को देखते हुए मेकर्स अब दूसरा सीज़न लेकर आ रहे हैं। इस नए सीज़न में रिचा चड्ढा, विवेक ओबरॉय और अगंद बेदी जैसी कलाकार नजर आएंगे। वहीं, इस वेब सीरीज़ को फरहान अख्त़र ने प्रोड्यूस किया है। यह वेब सीरीज़ छह दिसंबर को अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46013.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..498e19304be07568aa1faaaa55e08dbd482c1ea1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। War Available On: रितिक रोशन और टाइगर श्रॉफ स्टारर फ़िल्म 'वॉर' अब मोबाइल पर आ गई है। इस साल बॉक्स ऑफ़िस पर नेट कलेक्शन के मामले में सबसे बड़ी फ़िल्म साबित हुई 'वॉर' अब अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो गई है। ऐसे में जो दर्शक इस फ़िल्म को थिएटर्स में देखने से चूक गए हैं, वे अब इस फ़िल्म को अपने मोबाइल पर देख सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46015.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15924897cd64f8e8e37ccb45dc11737b5de11e76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Giving the start of next year a 20/20. https://t.co/9bngMIj8cQ" rel="nofollow। इस शो के पहले सीज़न की पॉप्यूलैरिटी का पता आप ऐसे लगा सकता है, कि इस साल 2019 में आए नेटफ्लिक्स के आकड़ों में यह टॉप-5 में रहा। शो को कुल 40 मिलियन लोगों ने देखा है। पहला सीज़न भी 11 जनवरी को ही स्ट्रीम किया गया था। वहीं, अब एक साल के बाद जनवरी में दूसरा सीज़न भी स्ट्रीम किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46026.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46f9eadb74638fbea8c9b6d49236594f9c7b6ee3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले वेब सीरीज़ का एक टीज़र भी आ चुका है। जिसमें कहानी के बारे में कुछ बताया गया है। इस टीज़र को दर्शकों द्वारा पसंद भी किया जा रहा है। अरुणोदय के लिए 'अपहरण' के बाद यह एक और बड़ी वेब सीरीज़ है। 'अपहरण' में कमजोर काम के बाद, वह इस वेब सीरीज़ के जरिए वापसी करने के उम्मीद करेंगे। वहीं, शिव पंडित का किरदार भी लोगों को काफी पसंद आ रहा है। अब रिलीज़ के बाद पता चलेगा कि वेब सीरीज़ लोगों को कैसी लगती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46027.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8daee3023e1924c61d8672e138497301dc2b9e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Congratulations Mayur More for winning the ‘Most popular actor in a web series’ - Kota Factory 🥳✨at IWM Buzz Digital Awards. #KotaFactory pic.twitter.com/i5lg5NHiaO।Congratulations Raghav Subbu for winning ‘Best Direction in a web series’ - Kota Factory 🎉✨at IWM Buzz Digital Awards. #KotaFactory pic.twitter.com/DU4iVxjZNW। 'कोटा फैक्ट्री' के पहले सीज़न के हिट होने के बाद अब इसके दूसरे सीज़न की चर्चा की जा रही है। कोटा फैक्ट्री के हिस्से एक और अवॉर्ड आया। इस वेब सीरीज़ के डायरेक्टर राधव सुब्बू को 'बेस्ट डायरेक्टर इन वेब सीरीज़' का अवॉर्ड मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4604.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f750013cb64f4c5659b6faaf240f91f9c738e0f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ अपनी आगामी फिल्म के शेड्यूल की शूटिंग के सिलेसिले में यूके गए हुए हैं। अब उन्होंने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो से कर जानकारी दी है कि उन्होंने फिल्म गणपत पार्ट 1 के पहले शेड्यूल की शूटिंग शुरू कर दी है। इस वीडियो में अभिनेता टाइगर श्रॉफ धमाकेदार एक्शन मोड में दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46040.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d133781e09f019c4ad2b0368fd15872b53dbcf6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन।  विक्की कौशल के भाई सनी कौशल की फ़िल्म 'भंगड़ा पा ले' अब बड़े पर्दे पर रिलीज़ नहीं होगी। लीडिंग रोल में सनी की यह डेब्यू फ़िल्म अब नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी। फ़िल्म में 'मिर्ज़ापुर' फेम श्रिया पिलगांवकर फीमेल लीड रोल में हैं। रॉनी स्क्रूवाला की इस फ़िल्म को पहले थिएटर्स में रिलीज़ किया जाना था। पहले रिलीज़ डेट एक नवंबर थी, जिसे बढ़ाकर आठ नवंबर कर दिया गया। इसके बाद इसे 15 नवंबर किया गया। फिलहाल यह फ़िल्म अब 14 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46050.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ff620a69687122e25cdec1a4756106637930295 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +We need it to be Friday RIGHT NOW! @iamsrk @Letterman https://t.co/kF9SqXMuUw" rel="nofollow।The most fun I’ve had being interviewed. Thank u so much @Letterman for being so gracious and all happiness. U r a gentleman sir ! Also @netflix & @NetflixIndia for having me over at NY. https://t.co/3OK6B3plm3" rel="nofollow।बता दें कि लेटरमैन अपने शो की शूटिंग के लिए खुद भारत भी आए थे। नेटफ्लिक्स ने उस समय की वीडियो क्लिप फैंस के साथ शेयर की थीं। वहीं, शो पर शाहरुख़ जिस अंदाज में दिख रहे हैं, वह फैंस को काफी खुश करने वाला है। इस शो के जरिए पहली बार होगा जब शाहरुख़ नेटफ्लिक्स के किसी शो में नज़र आएंगे। हालांकि, शाहरुख़ फिलहाल नेटफ्लिक्स के कई प्रोजक्ट्स को प्रोड्यूस करने में बिजी हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46056.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41007a831ab526a90c91650544a4d9578b05ee2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46056.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + ट्रेलर को देखकर कहानी के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। एक्शन देखकर 'धूम' सीरीज़ की पहली फ़िल्म की याद आती है, बस इस ट्रेलर में बाइक की जगह कारों ने ले ली हैं। यह फिल्म 'फास्ट एंड फ्यूरियस' से प्रभावित नज़र आ रही है। ट्रेलर देखकर एक ही सवाल दिमाग में आता है कि दिल्ली के ट्रैफिक में कारें कैसे भागेंगी। इस फ़िल्म को करण जौहर ने प्रोड्यूस किया हैं। ट्रेलर को करण ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर भी किया है। + +A post shared by Karan Johar (@karanjohar) on Oct 18, 2019 at 2:23am PDT।वहीं, इसे तरुण मनसुखानी ने डायरेक्ट किया है। इस फ़िल्म में सुशांत और जैकलीन के अलावा सपना पब्बी और विक्रमजीत विर्क भी अहम भूमिका में हैं। इसे पहले जून 2019 में थिएटर्स में रिलीज़ किया जाना था, लेकिन फिलहाल अब यह नेटफ्लिक्स पर आएगी। इमरान हाशमी स्टारर 'बार्ड ऑफ़ ब्लड' के बाद नेटफ्लिक्स पर यह बड़ा प्रोजेक्ट है। अब देखना होगा कि दर्शक कैसा रिस्पॉन्स देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4607.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d15c6d6dc5a54e19e4b621a18dbb916690d1f301 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपावली के मौके पर फिल्म 'आरआरआर' के मेकर्स ने अपने दर्शकों को एक खास तोहफा दिया है। मेकर्स ने घोषणा कर दी है कि फिल्म का दूसरा गाना जल्द ही रिलीज होगा। इसी के साथ मेकर्स ने बताया है कि ये दूसरा गाना एक अपबीट डांस नंबर होगा। जो 10 नंबर को रिलीज होगा। ये गाना रामचरण और जूनियर एनटीआर के ऊपर फिल्माया गया है। गाने की रिलीज का एलान करते हुए एक पोस्टर भी रिलीज किया गया है। जिसे देखकर की लगता है कि गाना भी बेहद एक्साइटिंग होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46087.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4abfb9f071d02935aba2ab0e83c3bf59bb5181d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले सेक्रेड गेम्स-1 के रिलीज़ के बाद भी द स्क्रीन पत्ती ने स्पूफ वीडियो बनाया था। इस स्पूफ वीडियो को टिंडर्स गेम्स का नाम दिया गया था। इस वीडियो को काफी दर्शक मिले थे। इसे दो पार्ट में रिलीज़ किया गया था। दोनों पार्ट को मिलाकर अब तक लगभग 10 मिलियन व्यूज़ मिल चुके हैं। ऐसे में हॉस्टल गेम्स से द स्क्रीन पत्ती को  काफी उम्मीदें होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46093.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5541dcb6812490d48678ef0d831419378781a69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46093.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। New Web Series: वेब सीरीज़ फैंन्स के लिए नया कंटेंट आ चुका है। जी 5 ओरिजन का द वर्डिक्ट: नानावटी वर्सेस स्टेट रिलीज़ हो चुकी है। मानल कौल स्टारर यह सीरीज़ 30 सितंबर, 2019 को जी 5 और ऑल्ट बालाजी पर एक साथ रिलीज़ की गई है। यह एक सच्ची घटना पर आधारित वेब सीरीज़ है। जो मशहूर केस नानावटी वर्सेस स्टेट ऑफ़ महाराष्ट्र के ऊपर बनाई गई है। ।यह नेवल ऑफ़िसर केएम नानावटी के असल ज़िदंगी पर बेस्ड है। नानावटी ने अपनी पत्नी एस नानवटी के आशिक प्रेम अहूजा की हत्या कर दी थी।  उसने अहूजा को तीन गोली मारी थी, इसके बाद धारा 302 के तहत नानावटी पर केस दर्ज होता है। इसकी सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट में ज्यूरी द्वारा किया जाता है। सरकार ने बाद में ज्यूरी को हटा देती है। आखिरी में केएम नानावटी को मुंबई की तत्तकालीन गवर्नर पंडित विजयालक्ष्मी द्वारा माफी मिल जाती है। ।पूरी वेब सीरीज़ इस कोर्ट ट्रायल और फैसले पर बनी है। इससे पहले साल 2016 में आई अक्षय कुमार की फ़िल्म रूस्तम भी इसी घटना पर आधारित थी। इस फ़िल्म के अक्षय कुमार को बेस्ट एक्टर नेशनल अवॉर्ड मिला था। हालांकि, अब इस घटना को वेब सीरीज़ के रूप में पिरोया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46094.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99cb508ced0cc2b4032b8a82f300bf6f1088297b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bard Of Blood: नेटफ्लिक्स की इमरान हाशमी स्टारर नई वेब सीरीज़ 'बार्ड ऑफ़ ब्लड' की शुरुआत देखने के लिए अब किसी भी प्रकार के सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं है। नेटफ्लिक्स इस सीरीज़ का पहला एपिसोड फ्री में दिखा रहा है। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ कुछ ही समय के लिए दी जा रही है। इससे पहले अपने ओरिजनल कंटेट को प्रमोज करने के लिए यूट्यूब भी ऐसी ही स्ट्रेटजी अपना चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46102.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..938cefc53896759c65bc4a12d99bdfd8f300af18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। नेटफ्लिक्स और शाह रुख़ ख़ान लगातार साथ काम कर रहे हैं। नेटफ्लिक्स पर आने वाली 'बार्ड ऑफ़ ब्लड' को प्रोड्यूस करने के बाद अब शाह रुख़ ख़ान खुद भी नेटफ्लिक्स पर नज़र आने वाले हैं। नेटफ्लिक्स पर आने वाले  David Letterman's Talk Show का अक्टूबर में शाह रुख़ ख़ान स्पेशल एपिसोड आने वाला है। इस शो का नाम है 'My Next Guest with David Letterman and Shah Rukh Khan'। इसमें शाह रुख़ ख़ान से बातचीत की जाएगी। इस वेब सीरीज़ को 11 अक्टूबर को नेटफ्लिक्स पर दिखाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46104.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b667ccc8fde088ef417a4e0ec8d3bae25886f07a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46104.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेजन प्राइम वीडियो ने 25 सितंबर को अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्‍ट शेयर किया है। इस पोस्‍ट में द फैमिली मैन वेब सीरीज के किरदार अरविंद और सुचित्रा को पोस्‍टर पर दिखाया गया है। वेब सीरीज में इस सीन की लोकेशन लोनावला बताई गई है, जहां अरविंद और सुचित्रा ऑफिस के काम से पहुंचते हैं और एक साथ होटल के एक कमरे में रुकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46105.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26c3b6b55763ee563f2c5ed070e6c0efef4cb382 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्यूज एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ डिजिटल वर्ल्ड में काम करने की इच्छा जता चुके हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, 'मैं डिजिटल प्लेटफॉर्म में काम करने को बेताब हूं। आजकल भारत और दूसरे देशों में अच्छी वेब सीरीज़ बन रही हैं। मुझे अच्छा लगेगा कि कोई अगर ऐसी सीरीज़ में काम करने के लिए मुझसे संपर्क करे।'।इसी रिपोर्ट में अमेज़ॉन प्राइम क्रिएटिव हेड विजय सुब्रमण्यम ने कहा कि वे अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के लिए काफी उत्साहित हैं। बस उन्हें एक ऐसी स्टोरी का इंतज़ार हैं, जो ना सिर्फ उन पर (अमिताभ) फिट बैठे, बल्कि पसंद भी आए। ऐसे में लगता है कि जल्द अमिताभ का डिजिटल डेब्यू हो सकता है। वैसे भी फैंस और दर्शक इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46107.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..839fc459c0e5914e8a871144a476757e7681f551 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Top Five Foreign TV Series: साल 2012 के बाद से टीवीएफ ने वेब सीरीज़ की दुनिया को बदल कर रख दिया। एक ओर यूट्यूब पर लोग 'परमानेंट रूममेट' जैसी वेब सीरीज़ देख रहे थे, तो दूसरी ओर कॉलेज़ के हॉस्टल्स में एक नए किस्म के दर्शक पैदा हो रहे थे। इन्होंने विश्व भर में बनी क्लासिक टीवी सीरीज़ को देखना शुरू किया। क्या नया और क्या पुराना, कई सीरीज़ देखे जाने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46110.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddc8752f2f20d2f989579471a0b898c50e1f8b5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46110.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। The Bard OF Blood: 'द स्पाई' के बाद अब नेटफ्लिक्स, जासूसों की दुनिया पर आधारित दूसरी वेब सीरीज़ 'बार्ड ऑफ ब्लड'  लेकर आ रहा है। इसे शुक्रवार यानी 27 सितंबर को रिलीज़ किया जाएगा। यह एक बिंज-वॉच (जिसके सारे एपिसोड एक साथ देखे जाते हैं) सीरीज़ है। इस सीरीज़ के जरिए इमरान हाशमी अपना डिजिटल डेब्यू कर रहे हैं।  शाह रुख़ ख़ान के प्रोडक्शन हाउस के तले बनी इस वेब सीरीज़ को रिभु दासगुप्ता ने डायरेक्ट किया है। ट्रेलर देखकर कुछ ऐसे प्वाइंट नज़र आते हैं, जो इसे देखने के लिए उत्साहित करते हैं...।1. इमरान की डिजिटल डेब्यू- फ़िल्मों की दुनिया में शानदार काम कर रहे इमरान हाशमी इस वेब सीरीज़ से अपना डिजिटल डेब्यू कर रहे हैं। 'बादशाहो' के बाद इमरान को स्क्रीन पर एक्शन करते हुए देखना एक अच्छा अनुभव हो सकता है। वहीं, जासूस की भूमिका में वह पहली बार नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46115.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..000e9fe1e5719d4718706c6b70bea4c09cd04229 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंगिरा धर।अली फ़ज़ल और अंगिरा धर को लेकर वाई फ़िल्म ने साल 2015 में एक वेब सीरीज़ बनाई। इस वेब सीरीज़ का नाम था बैंग बाजा बारात। इस सीरीज़ से अंगिरा धर को उनेक काम के लिए नोटिस किया गया। इसके बाद वह नेटफ्लिक्स 'लव पर स्क्वायर फुट' में भी नज़र आई। ख़बर है, अब वह विद्युत जाम्वाल के साथ कमांडो 3 में नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46123.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28b6f415b52df6d4420dc048827edc503495ca7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले कुछ सालों से वेब सीरीज़ का ज़बरदस्त क्रेज बढ़ रहा है। सेक्रेड गेम्स जैसी वेब सीरीज़ों ने अपने झंड़े गाड़ दिये हैं। ऐसे में फैंस को अब आने वाली कुछ नई सीरीज़ का इंतज़ार है। हाल ही में सेक्रेड गेम्स का दूसरा सीज़न आया, इसके बाद से ही लोगों को अमेजॉन प्राइम की फ्लैगशिप सीरीज़ मिर्ज़ापुर के दूसरे सीज़न का बेसब्री से इंतज़ार है। इसके अलावा कई नई वेब सीरीज़ आ रही हैं। हम आपको इस स्टोरी में ऐसी ही पांच वेब सीरीज़ के बार में बता रहे हैं, जो आने वाली हैं...। 1. मिर्ज़ापुर सीज़न -2इस सीरीज़ के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन यह अमेजॉन प्राइम की फ्लैगशिप सीरीज़ है। ऐसे में इसके दूसरे सीज़न के आने की उम्मीद की जा रही है। इस साल मार्च में मुन्ना भइया (देवेंदु) ने कालीन भइया (पंकज त्रिपाठी) ने एक साथ फोटो शेयर की थी, तब भी कहा गया था कि सीरीज़ जल्द ही आने वाली है। फिलहाल, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल के अंत तक मिर्ज़ापुर और जौनपुर के बीच गोलियां चल सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46124.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a77e4c51d732ba8dff96d4d8bf26d9c4be8ddd4c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में मोबाइल ने जैसे-जैसे पांव पसारना शुरू किया, वैसे-वैसे उस पर मिलने वाले कंटेंट में बढ़ोत्तरी होती जा रही है। मोबाइल कंटेंट के जरिए ही नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम, हॉटस्टार और ऑल्ट बालाजी ने एक बड़ा बिजनेस बना लिया है। इनके जरिए अब धीरे-धीरे कई बड़े प्रोडक्शन हाउस भी मनोरंजन के इस नये माध्यम पर हाथ आजमा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46130.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4877325d6d1a42f5bf39abbe2521e3fa21f24170 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वेब शो का नाम बारिश।चैनल : आल्ट बालाजी।कलाकार : आशा नेगी, शर्मन जोशी।निर्देशक : नंदिता मेहरा ।रेटिंग : 3. स्टार्स।अनुप्रिया वर्मा l  लाइफ इन अ मेट्रो वाले शरमन जोशी याद हैं. अनुराग बासु की फिल्म कई सालों पहली आई थी. तीन बेहद खूबसूरत कहानियाँ दिखाई गई थी. बारिश के मौसम को महत्वपूर्ण किरदार के रूप में लिया गया था. बारिश के मौसम के मूड के अनुसार ही संगीत भी दिया था प्रीतम ने. शरमन जोशी और कंगना रनौत के बीच बेहतरीन प्रेम कहानी थी और बारिश का खूबसूरत बैक ड्राप. शरमन जोशी की वहीं मासूमियत और बारिश की फुहार लेकर एक बार फिर से लेकर एकता कपूर आई हैं. नए वेब शो बारिश में.।बारिश एक प्रेम कहानी है, जिसमें बारिश की खूबसूरती ही कहानी की आत्मा है. मुंबई में अभी बारिशों के साजिश होने में वक़्त है. लेकिन एकता अपने इस नए शो से उन प्रेमी युवाओं के मन की लालसा को बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं, जिनके लिए प्यार को महसूस करने का मौसम है बारिश का महिना. एकता उस मोहब्बत को  कुछ महीने पहले ही लेकर आ रही हैं. शरमन जोशी और आशा नेगी एकता के इस शो में एक खूबसूरत प्रेमी युवा के रूप में नजर आये हैं. ऐसे दौर में जहाँ टिंडर और फेसबुक पर शुरू होने वाली प्रेम कहानियां पॉपकॉर्न और पिज्जा पर खतम हो जाती है. एकता के इस शो में निर्देशिका नंदिता मेहरा चाय के कप की चुस्कियां वापस लेकर आई हैं, जहाँ आज भी डेट की कहानी पिज्जे से नहीं पकौड़े और वडा पाव पर आकर थमती हो.।हाँ, यह सच है कि कुछ दृश्य में इस प्रेम कहानी में बेवजह की स्टिरयो टाइप घटनाएं दिखाई गई हैं. लेकिन फिर भी उन दर्शकों को यह कहानी आकर्षित करेगी, जो अब भी प्यार में ठहराव को पसंद करते हैं. शो की कहानी गौरवी और अनुज की प्रेम कहानी है. गौरवी एक सामान्य से मीडिल परिवार का हिस्सा है . अनुज डायमंड बिजनेस परिवार से सम्बन्ध रखता है. लेकिन वह लोगों के सामने आकर बात करने में कतराता है. भाई ऋषि और श्रिया है जो सीधे साधे भाई की अच्छाई और मासूमियत का फायदा उठाते हैं. शो के शुरूआती एपिसोड देखें तो आपको कुछ-कुछ एकता कपूर के ही शो बड़े अच्छे लगते हैं से मेल खाती कहानी लगेगी.।शुरूआती प्लाट कुछ ऐसे हैं. लेकिन आगे अनुज और गौरवी की कहानी रोचक होती जाती है. दोनों एक जैसे हैं. दोनों को दुनयावी बातों से मतलब नहीं हैं. दोनों एक जैसे होते हुए भी कैसे एक दूसरे के करीब आते हैं. कहानी उसी के इर्द-गिर्द घूमती है. शो की खासियत है कि शो में दोनों कलाकारों की सादगी आपको आखिर एपिसोड तक बांधे रखती है. कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट है. दोनों की प्रेम कहानी पूरी होने के बाद भी अधूरी रहती है. कैसे. यह आपको शो देखने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन बारिश को संदर्भ में रखते हुए यह एक सादगी और सरल लव स्टोरी है.।आशा नेगी ने लंबा ब्रेक लिया है. और अब जब वह लौटी हैं टी उनकी फ्रेशनेस नजर आ रही हैं. ऐसे पारंपरिक किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है. शरमन की प्रतिभा यहाँ बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने बहुत ही सहजता से अपना किरदार निभाया है और उन्हें और भी वेब शोज लगातार करते रहने चाहिए. एकता कपूर लगातार अपने वेब शो में अनोखी प्रेम कहानियों को जगह दे रही हैं, जो आम होते हुए भी खास होते हैं. प्रेम कहानियों को लेकर उनका यह अप्रोच प्रभावित कर रहा है.. इन दिनों जब प्यार का मैगी रूप यानी फटाफट प्यार और फटाफट ब्रेक अप वाला दौर हावी है. एकता की ऐसी प्रेम कहानियां यह उम्मीद जगाती हैं कि ऐसी प्रेम कहानी और ऐसे किरदार जिन्दा हैं . ऐसे किरदारों के साथ प्यार और कई जन्म तक साथ निभाने वाली किस्से कहानियों पर अब भी विश्वास बढ़ता है. शो का टाइटिल ट्रैक भी शो के स्वभाव के मुताबिक सुहावना है.।यह भी पढ़ें: Web Review Four more shots please: महिलाओं की आजादी के नाम पर पुराना कॉकटेल।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46157.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb7f75b8b485828573f856976104a772e60ee826 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रूद्र की निजी जिंदगी बिखर चुकी है। अपराधियों को पकड़ने में डूबे रूद्र से पत्नी शाइला दुर्रानी दूर जा चुकी है। उसका राजीव दत्तानी के साथ प्रेम-प्रसंग है। हालांकि, शाइला के दिल से रूद्र नहीं निकला है। वहीं रूद्र भी शाइला को बेइंतहा प्यार करता है और उसे वापस लाने की कोशिशों में जुटा है। रूद्र की इस उलझन का आलिया बीच-बाच में अपने आनंद के लिए दोहन करते नजर आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4617.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b38d2c529fac67c40f6fa6d8d34b390e667c7db6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Katrina Kaif Vicky Kaushal Affairs: कटरीना कैफ ने निर्माता आरती शेट्टी की दिवाली पार्टी में भाग लिया हैl इस मौके पर उनके ब्वॉयफ्रेंड विकी कौशल भी नजर आए हैl दोनों को तस्वीरें वायरल हुई हैl हालांकि दोनों के पार्टी से अलग-अलग निकलने पर फैंस में मायूसी छाई हुई हैl इस बीच दोनों की शादी को लेकर भी खबरें आ रही हैl कहा जा रहा है कि दोनों दिसंबर में शादी कर सकते हैंl।दीपावली के अवसर पर विकी कौशल और कटरीना कैफ ने निर्माता आरती शेट्टी के घर दीपावली पार्टी अटेंड की हैl कटरीना कैफ ने पिंक साड़ी पहन रखी हैl वहीं विकी कौशल ने डार्क ब्लू कुर्ता पहन रखा हैl दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैंl कटरीना कैफ ने इंस्टाग्राम पर इसके पहले दीपावली की शुभकामनाएं दी थीl उन्होंने अपनी मां सुजैन और बहन इजाबेल के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, 'हमारे परिवार की ओर से आपको दीपावली की शुभकामनाएंl' वहीं विकी कौशल ने अपनी तस्वीर शेयर कर प्रशंसकों को दीपावली की शुभकामनाएं दी थीl।खबरों की मानें तो कटरीना कैफ और विकी कौशल इस वर्ष के दिसंबर महीने में शादी करने वाले हैंl हालांकि दोनों ने इस प्रकार की खबरों का खंडन किया हैl कटरीना ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'यह प्रश्न पिछले 15 वर्षों से पूछा जा रहा हैl' यह भी कहा जाता था कि विकी कौशल और कटरीना कैफ ने रोका कर लिया हैl इसपर प्रतिक्रिया देते हुए विकी कौशल ने कहा, 'अगर मैं सच कहूं तो मेरे पास वह कहने के लिए कुछ नहीं हैl मैं फिल्म की शूटिंग कर रहा थाl मुझे पता ही ना कि ऐसा कैसे हुआl 9:00 बजे सुबह यह खबरें आनी शुरू हुई और 4:30 बजे मीडिया ने इन खबरों का खंडन कर दियाl मुझे कुछ करना ही नहीं पड़ाl मैं अपना काम करता रहाl'।कटरीना कैफ इन दिनों फिल्म सूर्यवंशी का प्रमोशन कर रही हैl इस फिल्म का निर्देशन रोहित शेट्टी ने किया हैl यह फिल्म 5 नवंबर को रिलीज होने वाली हैl इस फिल्म में अक्षय कुमार अहम भूमिका में हैंl फिल्म में अजय देवगन और रणवीर सिंह भी हैंl कटरीना कैफ सलमान खान के साथ टाइगर 3 में भी नजर आने वाली हैl वहीं विकी कौशल की हाल ही में फिल्म सरदार उधम रिलीज हुई हैl इसे काफी पसंद किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46170.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fb09241b15e0afbaec3b26b5dab407ef101372f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रियंका सिंह,मुंबई ब्यूरो। मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की 27वीं फिल्म स्पाइडर-मैन : नो वे होम थिएटर में  रिलीज हो गई है। यह फिल्म स्पाइडर-मैन : होमकमिंग और स्पाइडर-मैन : फार फ्रॉम होम सीरीज की तीसरी फिल्म है। फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पर पिछली फिल्म स्पाइडर-मैन : फार फ्रॉम होम खत्म हुई थी। पिछली फिल्म में मिस्टेरियो (जेक जियनल) ने एक वीडियो रिकॉर्ड करके बताया था कि पीटर पार्कर (टॉम हॉलैंड) ही असली स्पाइडर-मैन है। अब पूरे शहर को पीटर की सच्चाई पता है। लोग पीटर को कातिल समझ रहे हैं। पीटर, उसकी गर्लफ्रेंड मिशेल जोनस उर्फ एमजे (जेनडेया) और दोस्त नेड (जेकब बैटालॉन) को किसी भी कॉलेज में इस वजह से एडमिशन नहीं मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46181.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be58f0942d820f83fd8f123da0c1b4bdf462053a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46181.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनिया को थैनोस से बचाने के बाद एवेंजर्स कल्ट फिगर बन चुके हैं और उनसे जुड़ी चीजों को हासिल करना अमीरों का शौक। एक बड़ी पार्टी की आड़ में सीक्रेट ऑक्शन के जरिए रसूखदार और अमीर लोगों के बीच एवेंजर्स की चीजों की नीलामी की जा रही है। इस नीलामी में केट बिशप संयोगवश छिपकर पहुंच जाती है और नीलामी के दौरान हमला करके सूट लूटने आये लोगों से लड़कर उनकी योजना को विफल कर देती है। इस क्रम में केट को कुछ लोगों से सरेआम लड़ना पड़ता है, जो कैमरे में कैद हो जाता है और टीवी चैनलों पर उसकी फुटेज सर्कुलेट होने लगती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46183.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ee3d144a1c4fa3074a680c6f2768aa1d3592521 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। बांद्रा सी-लिंक को एक मजदूर से आतंकवादी बने शख्स ने बम से उड़ा दिया है। ब्रिज गिरने वाला है और कई लोगों की जान जोखिम में है। आतंकी अवॉर्ड विजेता पूर्व प्राइम टाइम न्यूज एंकर के जरिए अतीत में मजदूरों के साथ हुई एक ज्यादती के लिए सरकार के मंत्री से ऑन-एयर माफी की मांग कर रहा है। माफी के बिना वो ब्रिज पर रेस्क्यू ऑपरेशन भी नहीं करने दे रहा है। ।न्यूज रूम में पुलिस अधिकारी आतंकी की लोकेशन पता करने के लिए न्यूज एंकर से उसे उलझाने के लिए कहता है, मगर शो की रेटिंग के लिए चैनल हेड कहती है कि आतंकी से मना कर दो मंत्री जी माफी मांगने स्टूडियो में नहीं आएंगे। इतना ही नहीं, इस बेहद संवेदनशील और नाजुक स्थिति में चैनल हेड अपने मोबाइल फोन पर बार-बार रेटिंग देख रही है... अभी 50 हुई... अभी 70 हुई। ।अब इस दृश्य पर ताली बजाए जाए या जज्बाती हुआ जाए। यह आप तय कीजिए, मगर निर्देशक राम माधवानी की धमाका ऐसे कई अविश्वसनीय दृश्यों से भरी पड़ी है, जो एक संजीदा और संवेनदशील विषय पर बनी फिल्म की धज्जियां उड़ा देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_462.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f931914fe6f63c4b8a0566d5117691ccebce1c43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'झलक दिखला जा' का पिछला सीजन 2016 में आया था। शो के इस सीजन में करण जौहर, फराह खान, गणेश हेगड़े और जैकलिन फर्नांडिज बतौर जज नजर आए थे। वहीं मनीष पॉल ने इस सीजन को होस्ट किया था। खबर के मुताबिक, शो के इस सीजन की शानदार वापसी होगी। निर्माताओं ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान, काजोल और फराह खान से जज के रूप में कार्यभार संभालने के लिए संपर्क किया है। शो की कास्टिंग अभी चल रही है और शो इस साल जुलाई में फ्लोर पर आ जाएगा। "।शाहरूख खान अगर इस शो में नजर आते हैं तो यह सालों बाद उनकी टीवी पर वापसी होगी। यहां तक कि शाहरुख ने अपने करियर की शुरूआत भी टीवी से ही की थी। सुपरस्टार के बनने के बाद शाहरूख खान 'कौन बनेगा करोड़रति' और 'पांचवी पास' जैसे शोज को होस्ट करते हुए नजर आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46202.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..500824219d26534a6f0be5fdd6d86e07718b6fc9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। नेटफ्लिक्स और जियो सिनेमा पर मिमी की डिलीवरी भले ही चार दिन पहले हो गयी हो, मगर पंकज त्रिपाठी और कृति सेनन की फ़िल्म मनोरंजन की डिलीवरी करने के मामले में मिमी बिल्कुल प्री-मैच्योर नहीं है। निर्माता दिनेश विजन ने छोटे शहरों की कहानियां कहने के क्रम में इस बार एक बड़ा ही संवेदनशील और थोड़ा-सा पेचीदा मुद्दा उठाया- सरोगेसी यानी किराये की कोख का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46218.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9637ca051c62b5c0125da1ff83c03c6e41ed1a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अश्विनी कलसेकर, अतुल कुलकर्णी जैसे मंझे हुए कलाकार भी कमजोर कहानी के आगे मजबूर लगते हैं। आमिर खान के गाने के अलावा दर्शकों को बांधे रखने के लिए फिल्म में कुछ खास नहीं है।  ।मुख्य कलाकार :  कुणाल कपूर, अमायरा दस्तूर, अतुल कुलकर्णी, विद्या मालवडे, अश्विनी कलसेकर, करीम हाजी लेखक, निर्देशक : अमीन हाजी।अवधि – दो घंटे 21 मिनट।स्‍टार – 1.5।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46231.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..442bc49506387c74c3f611b7211a71d8bab75875 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नासिर रिफ्यूजी कैंप के बच्चों को लेकर एक क्रिकेट टीम बनाता है। वो इन बच्चों को काबुल क्रिकेट क्लब से प्रशिक्षित करवाना चाहता है, मगर क्रिकेट क्लब का कोच शहरयार ख़ान (गैवी चहल) इसके लिए राज़ी नहीं होता। उसका मानना है कि रिफ्यूजी कैंप के बच्चे भरोसे के लायक़ नहीं हैं, वो कभी भी आंतक की ओर मुड़ सकते हैं। बच्चों की काबिलियत साबित करने के लिए नासिर तैश में आकर शहरयाहर को अंडर 16 टीम से मैच की चुनौती देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46251.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df69a2800b3df2b00d0a21535b6349a717f89d41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +.कीज़ी बासु के किरदार में संजना का चयन बिल्कुल सटिक लगता है। उनके चेहरे की मासूमियत आपको प्रभावित करती है। हालांकि, इमोशन कई बार या कहें कुछ सीन्स में उनका साथ छोड़ देती है। ।.कहानी काफी स्वीट है, लेकिन आपको एक पक्ष गायब-सा दिखता है। कीज़ी बासु का पूरा पक्ष देखने को मिलता है, लेकिन मैनी का बैकग्राउंड मिसिंग लगता है। कई बार आपको उसकी लाइफ़ में भी घुसने का दिल करता है। गौरतलब है कि फ़िल्म नॉवेल द फॉल्ट इन ऑवर स्टार पर आधारित है। ।.कास्टिंग के मामले में मुकेश छाबरा अपनी पूरी छाप छोड़ते हैं। लेकिन बतौर निर्देशक वह उस स्तर पर नहीं पहुंच पाते हैं। हालांकि, उन्होंने अपनी फ़िल्म में पूरा इमोशन डालने की कोशिश की है। जिन्हें कभी पहला प्यार हुआ है, वो इसे महसूस भी करेंगे। ।अंत में।अलविदा सुंशात सिंह राजपूत। 'जन्म कब लेना और मरना कब है ये हम डिसाइड नहीं कर सकते, लेकिन कैसे जीना है वो हम कर सकते हैं।' ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46270.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fc217c78c194b2785f7717e2c6b74bc5dfbc408 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बीच एक इंटरनेशनल कॉम्पटीशन का अनाउंसमेंट होता है। दोनों ही ग्रुप उसकी तैयारी में जुट जाते हैं। मगर इनायत को अन्ना की वह बात पता पड़ती है और जिंदगी बदल जाती है और मकसद भी। अन्ना अपने रेस्टोरेंट का बचा हुआ खाना अवैध रूप से आए अप्रवासियों को मुफ्त में खिलाता है। उसका सपना है कि इन सभी लोगों को अपने देश वापस भेजा जाए, मगर इसके लिए चाहिए बहुत पैसा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46273.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6191a0907670c07631968c6c97ca8aa3b5a2fb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक रिलीज हो गई है और फिल्म सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। फिल्म रिलीज से पहले फिल्म को लेकर काफी बवाल हो रहा है, जिसमें कई लोग फिल्म का बहिष्कार करने की अपील कर रहे थे। दरअसल, एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की जेएनयू विजिट के बाद छपाक भी खबरों में आ गई थीं। हालांकि, अब फिल्म देखकर लौट रहे लोग फिल्म की तारीफ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46278.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc65754d39ced4c9531d5ca14bf869696f9cc7b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुलबुल पांडेय के सौतेले भाई के मक्खी यानि मक्खन पांडेय के किरदार में अरबाज ख़ान फिट नज़र आते हैं। अरबाज़ इस फ़िल्म के निर्माता भी हैं। इस बार उनके किरदार में कुछ नए आयाम जुड़े हैं, जो अरबाज़ की अभिनय क्षमता को उभारकर लाते हैं। साउथ के सुपरस्टार सुदीप खलनायक के तौर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं। हालांकि उनसे हिंदी डबिंग करवाते समय थोड़ी और एहतियात बरती जाती तो किरदार के लिए और भी अच्छा होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46280.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7dbfa47fcbcd3aa5d3e7feb2219ef123cc118f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। संजय दत्त, अर्जुन कपूर और कृति सेनन की फिल्म पानीपत आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस फ़िल्म की कहानी पानीपत की तीसरी लड़ाई पर आधारित है, जो 14 जनवरी 1761 को मराठाओं और अफ़गानिस्तान के सुल्तान अहमद शाह अब्दाली के बीच पानीपत में हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46282.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b6098d18b246a84403ef37cf0923f9a924cd143 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46282.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सदाशिव राव भाऊ जोकि पेशवा के सेनापति रहे उन्हें उत्तर से बगावत की खबर मिलती है और जब इसे दबाने उनके विश्वसनीय शिंदे जाते हैं तो उनकी हत्या कर दी जाती है ऐसे में पेशवा तय करते हैं कि सदाशिवराव भाऊ अपनी सेना लेकर जाए और इस बगावत को खत्म करें। एक षड्यंत्र है जिसे दिल्ली में रचा गया है क्योंकि सदाशिवराव भाऊ का सामना होने जा रहा है कंधार के जालिम राजा अहमद शाह अब्दाली से जिसे एक षड्यंत्र के तहत दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए बुलाया गया है को बचाने के लिए सदाशिवराव भाऊ को। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46324.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ff9c96cc43680ad5cb56b5aa6ada5a0690d6994 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज खाडिलकर, मुंबई। प्यार उम्र देखकर नहीं होता लेकिन हमउम्र होते हुए भी आपसी तालमेल और सोच में फर्क आ जाये तो रिश्ते में दरार आना तय है। कुछ ऐसी ही कहानी लेकर रिलीज़ हुई है फिल्म दे दे प्यार दे De De Pyaar De । कॉमेडी पंचेज़ से भरपूर, दिल छू लेने वाला इमोशन और वही पुरानी बात भी - प्यार किया तो डरना क्या। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46328.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91fe479cd35cd3dc1fe3a0976bc1f50497dcaf91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Kalank Movie Review बहुत दिनों से करण जौहर की फ़िल्म कलंक को लेकर काफी शोर था। फैंस इस फ़िल्म का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन, आलिया भट्ट, वरुण धवन, माधुरी दीक्षित, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा जैसे भारी भरकम स्टारकास्ट के बावजूद यह फ़िल्म बेअसर रही। जैसा कि आप जानते हैं यह एक पीरियड फ़िल्म है। आज़ादी के समय देश के विभाजन के आस-पास की कहानी है। हीरामंडी, लाहौर की। यह करण जौहर के पिता का सपना था कि इस पर फ़िल्म बने और फ़िल्म बनी लेकिन, इस फ़िल्म में सारा जोर सिर्फ इसकी भव्यता पर ही है। ।कहानी कुछ ऐसी है कि हुस्नाबाद के चौधरी साहब के यहां सत्या (सोनाक्षी सिन्हा) को मालूम होता है कि अब वो ज्यादा दिनों तक ज़िन्दा नहीं रहेगी तो यहां से वो अपने पति देव चौधरी (आदित्य रॉय कपूर) के लिए एक नयी दुल्हन की तलाश शुरू करती है। वो चाहती है कि उसके बाद कोई उसके पति का उसी की तरह ही ध्यान रखे और इस तरह कहानी में आलिया भट्ट की इंट्री होती है और फिर यहां से कहानी आगे बढ़ती है!।इस फ़िल्म में एक गीत है 'ये कलंक नहीं इश्क है पिया...!' तो आपको बता दूं कि फ़िल्म में मुझे कहीं भी इश्क नज़र नहीं आया। हालांकि, डायरेक्टर अभिषेक बर्मन ने बहुत कोशिश की इश्क दिखाने की लेकिन, फ़िल्म से इश्क की आत्मा गायब ही रही। एकाध दृश्यों को छोड़ दें तो यह फ़िल्म कहीं भी आपको नहीं छू पाती। 2 घंटे 48 मिनट लंबी इस फ़िल्म में आपको कहीं पर भी इश्क महसूस नहीं होगा। तो ऐसे में आप कह सकते हैं कि ये इश्क नहीं कलंक है पिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46329.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e07b7fe0f5ab5b43963ac7915c6e5aeaba07dad0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46329.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +निर्माता/निर्देशक/पटकथा: विवेक अग्निहोत्री।हमारी फिल्म इंडस्ट्री राजनीतिक मुद्दों पर फिल्में बनाने से हमेशा से ही कतराती रही है। आजादी के बाद कुछ गिनी चुनी फ़िल्में ही हैं जो राजनीतिक मुद्दों पर बनाई गई है! जो बनाई गई हैं उसमें एजेंडा फिल्में ज्यादा रहीं और निष्पक्ष राजनीतिक फिल्मों का अभाव रहा है! लेकिन, अब इस परंपरा को बदलने की कोशिश में आई है डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म – द ताशकंद फाइल्स। + +डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इस जटिल विषय पर फिल्म बनाने के लिए कमेटी को डिवाइस बनाकर आम आदमी के लिए समझने के लिए एक बेहतरीन काम किया है। रागिनी के पॉइंट ऑफ व्यू से विवेक का मानना है कि शास्त्री जी की मृत्यु जहर देकर ही की गई थी और इसके लिए उन्होंने अलग-अलग सबूत पेश किए जो दुनिया भर की किताबों में दर्ज है। ऐतिहासिक किताबों के अलग-अलग एंगल लेकर विवेक साबित जरूर करते हैं कि शास्त्री जी की मृत्यु के बाद उनका पोस्टमार्टम ना किया जाना और उनके शरीर का काला पड़ जाना, कहीं न कहीं एक रहस्य जरूर पैदा करता है और इसके पीछे स्टेट की स्पॉन्सरशिप रही ये शंका भी वो जताते हैं! मगर साथ ही साथ वह अपनी जिम्मेदारियों से डिस्क्लेमर देकर बच जाते हैं कि यह सिर्फ रचनात्मक कार्य है। ऐसे में इस रचनात्मक कार्य पर कितना विश्वास किया जाए, यह कहना मुश्किल है?।अभिनय की अगर बात करें तो श्वेता बसु प्रसाद अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराती हैं। इसके अलावा पल्लवी जोशी, नसीरुद्दीन शाह, पंकज त्रिपाठी, वीएम बडौद, मंदिरा बेदी और राजेश शर्मा जैसे कलाकार फिल्म का सशक्त आधार रहे। त्रिपाठी के किरदार में मिथुन चक्रवर्ती पूरी तरह छाए रहे। कुल मिलाकर अगर आपको राजनीतिक फिल्मों में दिलचस्पी है और अगर भारत के दूसरे प्रधानमंत्री शास्त्री जी की मौत से जुड़ी तमाम सारी थ्योरीज़ से आप वाकिफ होना चाहते हैं तो आप यह फिल्म देखने जा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46330.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6847639229e47858470278442ae50537ff1cbb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46330.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + -पराग छापेकर।फिल्म- अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है (Albert Pinto Ko Gussa Kyoon Aata Hai)।स्टारकास्ट: नंदिता दास, सौरभ शुक्ला, मानव कॉल आदि।निर्देशक: सौमित्र रानाडे।‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’ यह नाम सुनते ही सबसे पहले हमें याद आते हैं नसरुद्दीन शाह! निर्देशक शहीद मिर्जा की 1980 में बनी यह फिल्म आम आदमी का सिस्टम के प्रति प्रति गुस्सा सामने लाने की कहानी है। इस बेहतरीन फिल्म के नाम से ही अब साल 2019 में आई है निर्देशक सौमित्र रानाडे की यह फिल्म! अब जब उन्होंने इस फिल्म का नाम वही रखा है तो ज़ाहिर है कुछ सोच-समझ कर ही रखा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46332.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f520b074f1c9d95d5686f341e9d5993281c1d44a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुप्रिया वर्मा।फिल्म : जंगली।कलाकार : विद्युत जामवाल, पूजा सामंत, मकरंद देशपांडे।निर्देशक :चक रसैल।निर्माता : जंगली पिक्चर्स।रेटिंग : 2 स्टार।हिंदी सिनेमा में निःसंदेह जानवरों से जुड़े विषय को लेकर कम ही फिल्में बनी हैं. और जानवरों से जुड़ी संवेदनाओं को लेकर भी कम ही कहानी बुनी गयी है. वर्ष 1971 में राजेश खन्ना की फिल्म आयी थी. हाथी मेरे साथी, जो कि उस दौर में स्लिपर हिट साबित हुई थी. इसके बाद तेरी मेहरबानियां और कुछ साल पहले अक्षय कुमार की फिल्म एंटरटेनमेंट भी आयी थी. जंगली पिक्चर्स की जंगली उस लिहाज में अगली कड़ी है.।फिल्म की कहानी हाथी के संरक्षक करने वाले ओडिशा के चंद्रिका सेंच्युरी के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां नायर जंगल को ही अपना घर समझते हैं और वह हाथियों की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. उनका बेटा राज है, जो कि वेटरनरी डॉक्टर है और वह अपने पिता से नाराज होकर कई साल पहले जंगल छोड़ कर मुंबई चला गया है. लेकिन किसी कारण से जब उसकी वापसी होती है तो वह फिर जंगल का होकर ही रह जाता है. चूंकि परिस्थितियां वैसी बनती चली जाती है. हर कहानी की तरह यहां महिला पात्र राज के पिता के साथ मिल कर हाथियों के संररक्षण में मदद करती है और उसे राज से प्यार होता है.।यह भी पढ़ें: Notebook Movie Review: दिल छू लेने वाला है इस नोटबुक का संदेश, मिले इतने स्टार्स।इस क्रम में एक किरदार एक वीडियो जर्नलिस्ट का है, जो कि नायर पर फिल्म बनाना चाहती है. वह भी राज से जुड़ जाती है. ऐसे में ऐसी परिस्थितियां जंगल में ही व्यतीत होती हैं कि राज चाहकर भी वापस नहीं जा पाता. उसके साथ एक के बाद एक त्रासदी होती जाती है. न वह सिर्फ अपने बाबा को बल्कि अपने प्रिय हाथियों को भी खोता जाता है. हाथियों के झूंड का जो सरदार हाथी है, वह फिल्म के नायक का बचपन का दोस्त है. हाथियों के दांत के लालच में उसकी स्मगलिंग के एक शिकारी उनका शिकार करता है और फिर नायक उन सबसे बदला लेता है. एक कहावत है जो हम अमूमन खूब इस्तेमाल करते हैं. हाथियों पर ही आधारित है कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और होते हैं और खाने के कुछ और होते हैं. मसलन आपको जो दिखाया जा रहा है, दरअसल वह होता नहीं है.तो इस फिल्म के साथ भी निर्देशक कुछ वैसे ही हाथी के दांत दिखा रहे हैं और छल रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर और फिल्म के प्रोमोशन में जिस तरह फिल्म के नायक विद्युत् जामवाल का अनोखा अंदाज दिखाया गया था, पूरी उम्मीद थी कि फिल्म निश्चित तौर पर एक अच्छी कहानी कहेगी. लेकिन फिल्म में वहीं पुराना ड्रामा परोसा गया है. शिकारी आता है, शिकार करता है. स्मगलिंग करता है और फिर हीरो उन सबका बदला लेता है. इस क्रम में जितने भी किरदार जुड़ते जाते हैं, सभी पूरी तरह अति अभिनय से ही ग्रसित नजर आये. फिल्म में जिस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न की गयी हैं. वह बेहद फिल्मी है.।अगर विद्युत के कंधे पर पूरी जिम्मेदारी दी गयी तो इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए था कि फिल्म को पूर्ण रूप से एक्शन पर केंद्रित किया जाये, चूंकि विद्युत ने इसमें ही महारथ हासिल कर रखी है. लेकिन फिल्म में बेवजह का इमोशनल ड्रामा और साथ में विद्युत के एक् शन का मिश्रण ऊबाऊ है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि विद्युत की चपलता नजर आती है. लेकिन विद्युत को हमने उनकी पहले की फिल्मों में भी ऐसा ही एक्शन करते देखा है. फिल्म में जानवरों के साथ अच्छे बर्ताव के एक मैसेज के अलावा फिल्म में ऐसी कोई नयी बात नहीं हैं. फिल्म में दिखाई गये लोकेशन भी बनावटी ही नजर आते हैं.।जंगली फिल्म का जंगल काफी फिल्मी नजर आया और साथ ही मॉर्डन भी नजर आया. यह भी आश्चर्यजनक बात है कि जंगल के निर्देशक के जेहन में यह बात कहां से आयी कि जंगल के किरदारों को उन्होंने इतने मॉर्डन अंदाज में दिखाया है, जहां नायिका हर दिन न सिर्फ मॉर्डन कपड़ें बदलती है, बल्कि खूब सारा साज-श्रृंगार भी करती है. इस फिल्म में लंबे समय के बाद मकरंद देशपांडे की उपस्थिति अच्छी लगी. लेकिन उन्हें न तो अधिक संवाद न ही अधिक दृश्य दिये गये थे. पूजा सामंत और आशा भट्ट ने सामान्य अभिनय ही किया है.।विद्युत जामवाल को अब भी और मंझने की जरूरत है. हां, उनका एक्शन प्रभावित करता है. फिल्म बेवजह लंबी हो गयी है.उम्मीद थी कि यह फिल्म बच्चों को प्रभावित कर सकती है. लेकिन उसकी गुंजाईश नजर नहीं आ रही है।यह भी पढ़ें:TV TRP: Kapil Sharma Show के भाग्य खुले, किया ये कमाल, ये शो बना नंबर वन।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46334.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46334.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1dcf5beca46037278f114d7933dcf011a0469ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46334.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म - केसरी । स्टार कास्ट - अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा, मीर सरवर, वंश भारद्वाज । निर्देशक - अनुराग सिंह । निर्माता - धर्मा प्रोडक्शन, केप ऑफ़ गोट फिल्मस, अजूरे एंटरटेनमेंट।पिछले कुछ समय से देश भक्ति की फिल्मों की लगभग परंपरा सी बन गई है उसी कड़ी को निर्देशक अनुराग सिंह की फिल्म केसरी आगे बढ़ा रही है। यह कहानी है अंग्रेजी हुकूमत के समय की है। इसे बैटल ऑफ़ सारागढ़ी के नाम से जाना जाता है, जो 12 सितम्बर 1897 को अंग्रेजों और अफ़गान ओराक्ज़ई जनजातियों के बीच लड़ा गया था। यह अब के पाकिस्तान में स्थित उत्तर-पश्चिम फ्रण्टियर प्रान्त (खैबर-पखतुन्खवा) में हुआ। तब सिख ब्रिटिश फ़ौज में 36 सिख रेजिमेंट की चौथी बटालियन थी जिसमें 21 सिख थे, जिन पर 10000 अफ़्ग़ानों ने हमला किया था । सिखों का नेतृत्व कर रहे हवालदार ईशर सिंह ने मरते दम तक लड़ने का फैसला किया । इसे सैन्य इतिहास में इतिहास के सबसे महान अन्त वाले युद्धों में से एक माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46335.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90b580086fffafa76981480cd88403479d5e414a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46335.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुप्रिया वर्मा।फिल्म : मर्द को दर्द नहीं होता।स्टारकास्ट : राधिका मदान, अभिमन्यु दसानी, गुलशन देविहा, महेश मांजरेकर।निर्देशक और लेखक : वासन बाला।निर्माता : आरएसवीपी।रेटिंग : 3.5 स्टार।ओरिजनल, एक्शन, ड्रामा, कॉमेडी, एंटरटेनर. पांच शब्दों में कहें तो डायरेक्टर वासन बाला की डेब्यू फिल्म मर्द को दर्द नहीं होता इन पांच श्रेणियों को ही परिभाषित करता है. सबसे पहले रॉनी स्क्रूवाला बधाई के पात्र हैं कि उनके होम प्रोडक्शन से लगातार ऐसी एक्सपेरिमेंटल फिल्में दर्शकों के सामने आ रही हैं. एक्सपेरिमेंटल सिनेमा का मतलब है कि वे फिल्में बहुत ज्ञानवर्धक और सामाजिक मुद्दों से ही लबरेज होती हैं. उन्हें मर्द को दर्द नहीं होता को लेकर अपनी गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए. चूंकि यकीनन वासन ने अपनी पहली ही फिल्म में कई प्रयोग किये हैं, लेकिन यह फिल्म न तो ऊबाऊ है और न ही कोई ज्ञान बघारने की कोशिश करती है.।वासन बाला की मर्द को दर्द नहीं होता, एक ऐसा ही ओरिजनल प्रयोग है, जहां कहानी, पृष्ठभूमि, फिल्म के कलाकारों और फिल्म के ट्रीटमेंट के साथ पूरी ईमानदारी बरती गयी है. इस फिल्म से वासन बाला के साथ फिल्म के नायक अभिमन्यु दसानी की भी बॉलीवुड एंट्री हो रही है. जबकि फिल्म की अभिनेत्री राधिका एक फिल्म पुरानी हीरोइन हैं. शायद यह वजह भी है कि फिल्म में वह ऊर्जा और नयापन नजर आया है, जो कि फिल्म को और अधिक दिलचस्प बना रहा है. वासन ने फिल्म की कहानी वाचन का तरीका नैरेटिव रखा है, जहां सूर्या (अभिमन्यु) पूरी कहानी अपने नजरिये से प्रस्तुत करते हैं.।कहानी सूर्या, सूप्री, सूर्या के नाना और उनके कर्राटे मास्टर की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है. सूर्या को दर्द नहीं होता और अपनी बीमारी को ही वह किस दिलचस्प अंदाज में अपनी ताकत बनाता है और कहानी में किस तरह दिलचस्प मोड़ आते हैं. यह इस फिल्म की खूबी है. फिल्म में एक् शन कॉमेडी लव स्टोरी भी है. इन सबके बीच सूर्या का ब्रूस ली प्रेम और फिर कर्राटे मास्टर बनने का सपना, कहानी में दिलचस्प मोड़ लाते हैं. वासन का मुख्य किरदार सूर्या कांजिनेटियल इनसेंसिटिवीटी टू पेन नामक बीमारी से ग्रसित है, जिसमें उसे कितनी भी चोट लगने के बावजूद दर्द नहीं होता है. फिल्म के शुरुआती कुछ दृश्यों में जिस तरह मुख्य किरदार के साथ एक के बाद एक ट्रेजेडी होती है.।यह भी पढ़ें: Box Office : इस होली पर अक्षय कुमार की केसरी, पहले दिन इतने करोड़ का अनुमान ।आप यह कयास लगा सकते हैं कि फिल्म में आगे चल कर निर्देशक मुख्य किरदार के साथ दर्शक की सहानुभूति लूटने की कोशिश करने वाला है. लेकिन कुछ दृश्यों के बाद ही निर्देशक अपना वीजन स्पष्ट कर देता है कि वह सहानुभूति के लिए फिल्म नहीं बना रहे हैं. वासन और मुकेश छाबड़ा की टीम की तारीफ इस लिहाज से भी होनी चाहिए कि मुख्य किरदारों के साथ-साथ जिन कैरेक्टर किरदारों का चयन उन्होंने किया है. वह सटीक है. राधिका और अभिमन्यु के अलावा महेश मांजरेकर और गुलशन देविया के दमदार किरदार को फिल्म में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इन सभी किरदारों ने मुख्य किरदार और कहानी को खूबसूरती से सपोर्ट किया है. वासन ने एक साथ कई कहानियों और किरदारों को खूबसूरती से न सिर्फ पिरोया है, बल्कि कहानी को दर्शकों के सामने रियलिस्टिक अप्रोच के साथ प्रस्तुत किया है.।वासन ने अनुराग कश्यप के साथ कई फिल्मों में अस्टिट किया है. लेकिन यह उनकी काबिलियत है कि इस फिल्म में कहीं भी अनुराग की मेकिंग की छवि नजर नहीं आती है. भले ही फिल्म के रियलिस्टिक लोकेशन आपको अनुराग की फिल्मों की याद दिला सकते हैं. लेकिन वासन ने बखूबी से फिल्म के ट्रीटमेंट में अपनी एक अलग छवि प्रस्तुत की है. फिल्म देखते हुए जितने ट्वीस्ट और टर्न आते हैं और जैसी अनोखी ट्रीटमेंट दी गयी है, आपको अपने बचपन के उन कॉमिक्स की याद आयेगी, जिसमें भरपूर एक्शन होता था और थ्रीलर भी, जिसमें हीरो का सेंस ऑफ हयूमर भी कमाल का होता था. अमूमन किसी बीमारी पर बनी बॉलीवुड फिल्मों में बेवजह ड्रामा क्रियेट करने की कोशिश में कई बार निर्देशक मुख्य किरदार को बेवजह असहाय और लाचार दिखाने की कोशिशें करते हैं. वासन ने ऐसा नहीं किया है. अमूमन बॉलीवुड पर यह आरोप लगते रहते हैं कि वो एक यूनिक कांसेप्ट और वास्तविक कहानियों के साथ नहीं आते और हॉलीवुड के एक्शन दृश्यों की नकल करने के लिए आतुर रहते हैं.।मर्द को दर्द नहीं होता, उन सभी के लिए एक सटीक जवाब है, जहां आप वाकई में फिल्म के नायक-नायिका को एक्शन करते देख रहे हैं. आपको जानकर ताज्जुब होगा, मगर यह फिल्म अभिमन्यु के लिए इसलिए भी देखी जानी चाहिए, क्योंकि अभिमन्यु ने बिना किसी बॉडी डबल के फिल्म के सारे स्टंट खुद किये हैं. इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है और उनकी वह मेहनत परदे पर साफ नजर आती है. वासन ने यह सोच कर कि फिल्म के हीरो की यह पहली फिल्म है, उसे कोई ग्रैंड लांचिंग देने के लिए अभिनेत्री के साथ अन्याय नहीं किया है. राधिका मदान के हिस्से में भी बराबरी के दृश्य हैं और स्टंट हैं. पटाखा की बजाय अगर वह इस फिल्म से अपना डेब्यू करतीं तो निश्चित तौर पर उन्हें लेडी एक्शन हीरोइन का खिताब मिल जाता. उन्होंने काफी वास्तविकता से फिल्म में अपने हिस्से के एक्शन दृश्य किये हैं.।फिल्म की कहानी गुलशन देविहा बगैर अधूरी है, जिन्होंने दोहरी भूमिका निभाई है. एक जो कि कराटे मास्टर हैं, लेकिन दिब्यांग है. वहीं दूसरा क्रीमनल है. दोनों के बीच जो परिस्थितियां उत्पन्न होती है, वह आपको पूरी तरह से मनोरंजन देती है. वही महेश मांजरेकर ने भी अपने संवादों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है.।और अंत में बताते चलें कि अभिमन्यु, मैंने प्यार किया फेम भाग्यश्री के बेटे हैं. मगर फिल्म में उनके हुनर को देखने के बाद उन्हें इस बायोडाटा की जरूरत नहीं होगी. निस्संदेह अन्य स्टार किड की तरह वह इस फिल्म में आपको डांस नंबर या बॉडी दिखाते, लव सॉंग गाते नजर नहीं आयेंगे, बल्कि अभिनय को लेकर उनकी संजीदगी आपको साफ नजर आयेगी. अभिमन्यु इस लिहाज से भी बधाई के पात्र हैं कि स्टार किड होने के बावजूद उन्होंने ऐसी प्रयोगात्मक कहानी से डेब्यू करने का निर्णय लिया. इस फिल्म को पांच में से साढ़े 3 स्टार मिलते हैं l।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46336.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..682738db0ffeaf70d0e9f061791053bd3ee84b78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46336.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में यह आना लाज़मी हो जाता है कि फिल्म बनाने का मकसद कुछ और है? लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्म बनाने का मकसद कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एक नितांत सामाजिक फिल्म बनाने की नीयत से है। फिल्म की कहानी है घाटकोपर की झोपड़ी में रहने वाले एक मां-बेटे की। मां दिनभर कढ़ाई का काम करती है और उसका छोटा बेटा पूरे स्लम में उधम मचाता रहता है। वह पढ़ाई भी करता है और कई धागों से डायरेक्टर ने बस्तियों के संघर्ष को अपनी फिल्म में समेटा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46345.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..069fbfc253eab3367a5eb0ae79542f2ec8b0ffc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर किरदार की बात करें तो इमरान हाशमी का फिल्म में नेगेटिव ग्रे कैरेक्टर है जिसके लिए वह जाने जाते हैं।लेकिन फिल्म में नेगेटिव ग्रे कैरेक्टर क्रिमिनल लेवल पर ज्यादा ग्रे नजर आता है। और इस कारण से दर्शकों की सहानुभूती हासिल करने में कमजोर लगता है। इस किरदार से कनेक्ट भी बीच-बीच में कई बार टूट जाता है। ।परफॉर्मेंस की बात करें तो इमरान हाशमी ने हमेशा की तरह बेहतरीन परफॉर्म किया है। इमरान ने दूसरी बार कॉनमैन (चीट करने वाला व्यक्ति) की भूमिका अदा की है। इससे पहले वे फिल्म राजा नटरवरलाल में इस प्रकार का किरदार निभाते नजर आए थे। फिल्म में श्रेया धनवंतरी ने भी अच्छा परफॉर्म किया है जिनकी यह पहली फिल्म है। ।निर्देशक सौमिक सेन ने फिल्म के विषय एजुकेशन सिस्टम को चीटिंग माफिया से होने वाले नुकसान को दर्शकों के सामने सफल तरीके से रखा है। फिल्म अच्छी है लेकिन दर्शकों के साथ बीच-बीच में कनेक्ट जरूर टूट जाता है लेकिन इमरान हाशमी का अभिनय इसे संभाल लेता है। फिल्म में शानदार डॉयलॉग्स भी है जो दर्शकों को पसंद आएंगे। फिल्म में आठ गाने हैं जिन्हें गुरु रंधावा, सौमिक सेन, अरमान मलिक और तुलसी कुमार ने आवाज दी है। कुल मिलाकर यह एक अच्छी फिल्म है जो एजुकेशन सिस्टम में चीटिंग माफिया की पोल खोलती है।  ।जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से तीन (3) स्टार।अवधि: 2 घंटा 08 मिनट।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46349.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ee6e73062c1cbec232b05c0f039a3b61b234a10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- पराग छापेकर ।- स्टार कास्ट: रणवीर सिंह, सारा अली खान, अजय देवगन, आशुतोष राणा, सिद्धार्थ जाधव ।- डायरेक्टर: रोहित शेट्टी।- निर्माता: करण जौहर और रोहित शेट्टी।कमर्शियल जोन में एंटरटेनर फिल्म बनाना सबसे मुश्किल काम होता है। कमर्शियल फिल्म का फॉर्मूला साफ है, एक नायक होता है जो सुपर हीरो होता है, एक नायिका होती है जो हीरो के साथ गाने गाती है और एक खलनायक होता है जिस पर जीत हासिल करके हीरो हीरो बनता है। लेकिन इस फॉर्मूले पर भी लगातार नयापन देते हुए मनोरंजक फिल्म बनाना एक बहुत मुश्किल काम है जिसमें रोहित शेट्टी को महारत हासिल हो गई है। ।सिंबा की कहानी में भले नयापन ना हो मगर एक अलग ट्रीटमेंट के साथ रोहित शेट्टी ने पूरी तरह मनोरंजक फिल्म बनाई है। फिल्म के एक-एक फ्रेम पर उनकी पकड़ साफ नजर आती है। फिल्म की भव्यता के लिए जाने जाने वाले रोहित शेट्टी ने इस फिल्म को भी भव्यता की चरम पर लाकर खड़ा किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46367.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30ba9985e6fd18424ab15b9f11faf48aa08ff78c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46367.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- पराग छापेकर ।स्टार कास्ट: शाहिद कपूर, श्रद्धा कपूर, दिव्येंदु शर्मा और यामी गौतम।निर्देशक: श्री नारायण सिंह।निर्माता: भूषण कुमार, निशांत पिट्टी व कृष्ण कुमार।कई सारी फिल्में नेक इरादे से बनती हैं और उनमें बात कहने में एक ईमानदारी भी होती है मगर वह असफल इसलिए हो जाती हैं क्योंकि सिर्फ एक मुद्दा दिखाने का ईमानदार जज्बा एक अच्छी फिल्म बना सके यह जरूरी नहीं! ‘बत्ती गुल मीटर चालू’ के साथ कुछ-कुछ ऐसा ही हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46368.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6e7ef5846b6a369babdc88beecf0b76bfb77b33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निर्देशक संजीव डे की फिल्म में तीन दमदार कहानियां हैं, जिसमें नॉर्थ ईस्ट के उग्रवाद में बच्चों के इस्तेमाल से लेकर युवाओं में फैलता ड्रग्स का जहर और गरीबी के अभाव में जानवरों का शिकार करने की मजबूरी जैसे मुद्दों को बहुत ही संजीदगी के साथ संजीव ने सिनेमा में उतारा है। ।अभिनय की बात करें इंद्रनील सेनगुप्ता और शाइनी गोगोई की कहानी आपकी आंखों में आंसू ले आती है। दूसरी कहानी में मंदाकिनी आपका दिल जीत लेती है, वहीं तीसरी कहानी में माधौलाल कीप वाकिंग ''रक्त चरित्र'' जैसी कई फिल्में करने वाले अभिनेता सुब्रत दत्ता के सशक्त अभिनय को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। ।कुल मिलाकर कहा जाए तो गलत नहीं होगा ''3 स्मोकिंग बैरल्स'' एक बहुत ही संजीदा और खूबसूरत फिल्म है।अगर आप वाकई मुद्दे पर आधारित फिल्म देखना चाहते हैं तो इस फिल्म को जरूर देखा जाना चाहिए। ।जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से साढ़े तीन (3.5) स्टार।यह भी पढ़ें: जागरण सिनेमा समिट: सिंबा मेरे जीवन की सबसे अच्छी कहानी है - रोहित शेट्टी।यह भी पढ़ें: फेयरनेस क्रीम के ब्रांड एम्बेसडर बनने पर बोलीं यामी, रंगभेद के सख्त ख़िलाफ़ हूं।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46370.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..843e0a64320cbee743ce47763ca70de4c81bf2f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-पराग छापेकर।स्टार कास्ट: मृणाल ठाकुर, फ्रीडा पिंटो, रिया सिसोदिया, डेमी मूर, राजकुमार राव, मनोज बाजपेयी, ऋचा चड्ढा, अनुपम खेर।निर्देशन: तबरेज नूरानी ।निर्माता: तबरेज नूरानी और डेविड वोमार्क।हिंदी सिनेमा में गरीब और मजबूर लड़कियों के वेश्यावृत्ति के दलदल में फसने और निकलने की छटपटाहट पर आधारित ढेरो फिल्में बन चुकी हैं। 'मंडी', 'बाजार', 'मौसम' जैसी समांतर फिल्में तो बनी ही साथ ही यह मुद्दा 'सड़क', 'लागा चुनरी में दाग', 'बेगम जा' जैसी कमर्शियल फिल्मों में भी बखूबी दर्शाया गया है। देह व्यापार आदि काल से चला आ रहा है और जब तक इंसान है तब तक चलता रहेगा। इसका बदसूरत चेहरा और भी बदसूरत हो जाता है जब मासूम नाबालिग और मजबूर लड़कियों को इस में धकेला जाता है। इसी पर आधारित फिल्म है 'लव सोनिया'। ।छोटे से गांव में रहने वाले किसान शिवा (आदिल हुसैन) बारिश के अभाव में गरीबी से लड़ रहा है। उसके ऊपर गांव के दबंग दादा ठाकुर (अनुपम खेर) का कर्जा चढ़ा हुआ है। ऐसे में शिवा अपनी बड़ी बेटी प्रीति (रिया सिसोदिया) को दादा ठाकुर को सौंप देता है। दादा ठाकुर का कनेक्शन देह व्यापार के नेटवर्क से है। प्रीति को मुंबई भेज दिया जाता है और उसकी तलाश में सोनिया जो उसकी छोटी बहन है निकल पड़ती है। किस तरह से देह व्यापार के दलदल में फंसने के बावजूद भी हिम्मत के साथ सोनिया ना सिर्फ खुद उस दलदल से बाहर निकलती है साथ ही प्रीति को भी ढूंढ निकालती है और अपना जीवन इसी लक्ष्य को समर्पित कर देती है यह फिल्म में दर्शाया गया है। अपनी पहली फिल्म के लिए इस संजीदा विषय को निर्देशक तबरेज नूरानी ने ना सिर्फ चुना बल्कि एक इमानदार तरीके से पूरी संवेदनशीलता के साथ इस विषय को बखूबी पेश भी किया। जिस तरह से मुंबई से लेकर अमेरिका तक देह व्यापार के इस पनपते हुए घिनौने नेटवर्क को तबरेज ने दर्शाया है उसे देखकर किसी भी संवेदनशील इंसान की रूह कांप जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46379.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea8ac453af18dd1e7b8ee3ecc4743970e8827671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-पराग छापेकर ।स्टार कास्ट: जिमी शेरगिल, संजय दत्त, माही गिल, चित्रांगदा सिंह, दीपक तिजोरी, कबीर बेदी, नफीसा अली।निर्देशक: तिग्मांशु धुलिया।निर्माता: जार पिक्चर्स ।साल 2011 और 2013 में आई तिंग्माशु धूलिया की ‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर’ और ‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स’ को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। लेकिन, इस शुक्रवार रिलीज़ हुई ‘साहेब, बीवी और गैंगस्टर 3’ इस कड़ी की तीसरी और आखिरी फ़िल्म हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46385.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..147722edcb4110930b5c04de4f65c69fb723c4b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रोडक्शन डिपार्टमेंट ने फिल्म को भव्यता प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी उम्दा है। एडिटिंग पर थोड़ा सा और काम किया जाता तो बेहतर होता। इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ी काटी जा सकती थी। कॉस्ट्यूम शानदार रहे। फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय हैं। कुल मिलाकर 'वीरे दी वेडिंग' एक साधारण मनोरंजक फिल्म है, जिसे एक बार देखा जा सकता है। भाषा के अश्लील इस्तेमाल के चलते यह पूर्णता वयस्क फिल्म है। इसका ध्यान रखा जाना चाहिए, वरना बच्चों के सवालों के जवाब देते नहीं बनेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46399.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7813af1da3ed97dd2a65d176474c647f790845bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्यों देखें?।उर्वशी रौतेला उर्वशी रौतेला और उर्वशी रौतेला! इस खूबसूरत बला ने पूरी फिल्म को पूरी सफलता और सामर्थ्य के साथ अपने कंधे पर उठा लिया है। इस फिल्म की हीरो यक़ीनन उर्वशी रौतेला ही हैं उन्होंने जिस ईमानदारी से मेहनत की है उसे देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में बॉलीवुड के दूसरे निर्देशक भी उर्वशी पर महिला प्रधान फिल्मों का दांव आसानी से खेल सकते हैं! अपनी मादक अदायें, सशक्त अभिनय और आंखों से कहने वाले संवादों से उर्वशी ने बेहतरीन ढंग से खेला है!।कुल मिलाकर 'हेट स्टोरी4' जिन दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है उस पर वो सौ प्रतिशत खरी उतरती है। मनोरंजन है, सनसनी है, रोमांस है और जमकर किया गया अंगप्रदर्शन भी! जिन दर्शकों के लिए यह फिल्म बनाई गई है उनके लिए यह एक शानदार तोहफा है। पिछली Hate Story से अलग यह काफी बेहतर फिल्म है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46405.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d66cbcd05b27a3f98e6ea80386eb5fc69bf3750 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निर्देशक: संजय लीला भंसाली ।निर्माता : संजय लीला भंसाली ।संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर जितने विवाद अब तक हुए हैं, वो कितने बेमानी थे, ये फिल्म देखने के बाद स्पष्ट हो जाता है। फिल्म में राजपूतों की गरिमा और मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला एक भी दृष्य नहीं है। शायद हंगामा करने वालों ने देखे बिना ही ज़्यादा विरोध करना शुरू कर दिया। फिल्म के अंत में आप राजपूताना गरिमा, वीरता और आन-बान और शान को सलाम करते हुए बाहर निकलते हैं। संजय लीला भंसाली हमेशा से ही लार्जर देन लाइफ सिनेमा बनाते रहे हैं, लेकिन पद्मावत उनके जीवन की सबसे बड़ी फिल्म है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में इतनी भव्य फिल्म अभी तक शायद ही कोई दूसरी बनी हो। शायद पहली बार एेसी फिल्म देखने को मिलेगी। इतनी भव्यता में भी संजय लीला भंसाली हर एक दृश्य की छोटी-छोटी डिटेल पर बारीक़ी से काम करते नज़र आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4643.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd53dac89acdb035a07d82ed6be6ed5f77087698 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के सबसे हॉट कपल्स में से एक आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को लेकर खबर है कि दोनों जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। फैंस को दोनों की शादी का बेसब्री से इंतजार है। वहींइस जोड़े ने अजतक कभी भी एक दूसरे को डेट करने की बात तो पब्लिकली एक्सेप्ट नहीं की है। हालांकि अब दिवाली के मौके पर आलिया ने रणबीर के साथ रोमांटिक फोटो शेयर कर ऐलान कर दिया है कि वो साथ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46446.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95c0c1f08496ad11fa269e8e144ed403cc882846 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍लाइमेक्‍स से ठीक पहले फिल्म लंदन से अमेरिका चली जाती है। वहां अजय देवगन का कैमियो है। उस मोर्चे पर कुछ ज्यादा सिनेमाई आजादी ले ली गई है। पंजाबियों को दिखे-दिखाए ढर्रे पर ही पेश किया गया है। आर्यन ग्रोवर के अवतार में कार्तिक आर्यन जंचे हैं। उन्होंने नायक के द्वंद्व, मुश्किलों, गम व खुशी को अतिरंजित नहीं होने दिया है। अनुशासित कलाकार की तरह उन्होंने भावनाओं को जाहिर किया है। अयाना बनीं कृति खरबंदा खूबसूरत लगी हैं। किरदार के उतार-चढ़ाव के साथ उन्होंने न्याय किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46450.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c232a26d1b62581d8549bc72d50c78b171a3f8f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निर्देशक: बंपी।निर्माता: यशराज फ़िल्म्स।स्टार: *** (तीन स्टार)।मौजूदा दौर की एक कड़वी हकीकत ईएमआई जिंदगी है। यानी लोन की किश्‍तों से गुजरती इंसानों की कश्‍ती। उद्योगपति और किसानों के कर्ज माफ हो जाते हैं, पर मध्‍य वर्ग को यह लग्‍जरी नहीं मिल पाती। नतीजतन वह जीवन के डेढ से दो दशक कर्ज का भुगतान करने में गुजारता है। इसे कहानी के बैकड्रॉप में रखकर इस फिल्म की बुनियाद रखी गई है। चंपक, गेंडा और गुलाब अपनी-अपनी मजबूरियों और जरूरतों का हवाला दे साउथ मुंबई के बैंक ऑफ इंडियंस लूटने पहुंचते हैं। असल में जबकि तीनों नौसिखिए और आला दर्जे के बेवकूफ हैं। वे बैंक बंधकों को भी ढंग से डरा नहीं पाते। चोरी तो दूर की बात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4646.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c1e923ce8a3a0b50aad10d8d243c1211f83fdc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि ये अवॉर्ड फिल्मफेयर शो का है। इस अवॉर्ड शो को करण जौहर होस्ट करते दिख रहे हैं। करण अनाउंस करते हुए कहते हैं, 'यह अवॉर्ड पब्लिक पोल से डिसाइड किया गया है और इसे मैं पिछले तीन साल से जीत रहा हूं।' इसके बाद ये अवॉर्ड को कंगना को मिलता है। वह इस अवॉर्ड ट्रोफी को लेने के लिए स्टेज पर आती हैं। वहीं वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब कंगना अवॉर्ड लेकर जाती हैं तब करण उनसे बात करने के लिए उन्हें आवाज भी देते हें लेकिन कंगना उन्हें इग्नोर करते हुए निकल जाती हैं। इसके बाद करण बोलते हैं, 'थैंक यू कंगना, बधाई हो। मैं यहां हूं... क्या इससे फर्क पड़ता है?' कंगना की तरफ से जब कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता तो वह बोलते हैं, 'लगता तो नहीं है, कोई बात नहीं कंगना वेलडन।' ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46463.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7c10bd1e0c1170a4d26c904056660954c13486b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निर्देशक: श्रीजित मुखर्जी।निर्माता: विशेष फ़िल्म्स।स्टार: *** (तीन स्टार)।फिल्म की शुरुआत 2016 की दिल्ली से होती है और फिल्म की समाप्ति भी उसी दृश्य से होती है। लगभग 70 सालों में बहुत कुछ बदलने के बाद भी कुछ-कुछ जस का तस है। खास कर औरतों की स्थिति... फिल्म में बार-बार बेगम जान औरतों की बात ले आती है। आजादी के बाद भी उनके लिए कुछ नहीं बदलेगा। यही होता भी है। बाल विधवा हुई बेगम जान पहले रंडी बनती है और फिर तवायफ और अंत में पंजाब के एक राजा साहब की शह और सहायता से कोठा खड़ी करती है, जहां देश भर से आई लड़कियों को शरण मिलती है। दो बस्तियों के बीच बसा यह कोठा हमेशा गुलजार रहता है। इस कोठे में बेगम जान की हुकूमत चलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46465.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e6ba68a2867d61c458c67dd737639d5047a5a58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मसलन, लड्डू (विवान शाह) और लाली (अक्षरा हसन) जिस तरीके से अपने ख्‍वाबों को पूरा करना चाहते हैं, वह ‘अंदाज अपना अपना’ में जाहिर हो चुका है। नायक-नायिका एक-दूसरे को अमीर समझ प्रेम की पींगे बढाते हैं। असलियत जबकि कुछ और है। यहां लड्डू व लाली के साथ वही होता है। फिर भी वे आगे बढ़ते हैं। किस्मत साथ देती है बॉस मंदीप सिंह (रवि किशन) के चलते लड्डू अच्छा कमाने लगता है। लाली से सगाई कर लेता है। यहां उनकी जिंदगी अहम मोड़ पर उनका स्वागत कर रही है। लाली प्रेग्‍नेंट हो जाती है, पर करियर में काफी कुछ करने के इरादे से लड्डू फिलवक्त शादी करने से मना करता है। बिन ब्याही मां वाला प्‍लॉट ‘क्या कहना’ में था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46467.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49ba021b47b95aad23e8397e9bf1c5ea4863aa4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निर्देशक: राजेश राम सिंह।निर्माता: ग्रीन एपल मीडिया, फलांश मीडिया, शेमारू एंटरटेनमेंट।स्टार: *** (तीन स्‍टार)।जूली शुक्‍ला उर्फ जूलिएट की इस प्रेम कहानी का हीरो रोमियो नहीं, मिर्जा है। रोमियो-जूलिएट की तरह मिर्जा-साहिबा की प्रेम कहानी भी मशहूर रही है। हाल ही में आई ‘मिर्जिया’ में उस प्रेम कहानी की झलक मिली थी। ‘मिर्जा जूलिएट’ में जूलिएट में थोड़ी सी सा‍हिबा भी है। राजेश राम सिंह निर्देशित ‘मिर्जा जूलिएट’ एक साथ कई कहानियां कहने की कोशिश करती है। जूली शुक्‍ला उत्‍तर प्रदेश के मिर्जापुर में रहती है। दबंग भाइयों धर्मराज, नकुल और सहदेव की इकलौती बहन जूली मस्‍त और बिंदास मिजाज की लड़की है। भाइयों की दबंगई उसमें भी है। वह बेफिक्र झूमती रहती है और खुलेआम पंगे लेती है। लड़की होने का उसे भरपूर एहसास है। खुद के प्रति भाइयों के प्रेम को भी वह समझती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46472.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7313ff517eacf1f73436dc06aabfb8e3fdc1ff50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46472.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +‘ट्रैप्‍ड’ देखते समय पर्दे पर एक टक और अपलक देखने की जरूरत पड़ेगी। आज के चलन के मुताबिक अगर मोबाइल पर पल भर के लिए भी निगाह अटकी तो मुमकिन है कि तेजी से आगे बढ़ रही फिल्‍म का कोई सीन निकल जाए और फिर यह समझ में न आए कि अभी जो हो रहा है, वह कैसे हो रहा है? राजकुमार राव ने शौर्य की उलझन, मुश्किल, बेचारगी और हिम्‍मत को पूरी शिद्दत से पर्दे पर जीवंत किया है। हम शौर्य के व्‍यक्तित्‍व और सोच में आ रहे रूपातंरण से परिचित होते हैं। शौर्य से हमें हमदर्दी होती है और उसकी विवशता पर हंसी भी आती है। चूहे के साथ चल रहा शौर्य का एकालाप मर्मस्‍पर्शी है। दोनों ट्रैप्‍ड हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46479.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4159323a74fdf8c5251ea6a0f05dc9f0aba3be69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नौसेना कार्यालय और उनके कुछ अधिकारियों तक घूम कर कैमरा भारतीय पनडुब्बी एस-21(आईएनएस राजपूत) और पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस गाजी के अंदर आ जाता है। पाकिस्तानी पनडुब्बी के कैप्टर रजाक हैं,जिनके कुशल और आक्रामक नेतृत्व के बारे में भारतीय नौसैनिक अधिकारी जानते हैं। भारतीय पनडुब्बी की कमान रणविजय सिहं को सौंपी गई है। रणविजय की छोटी सी पूर्वकथा है। उनका बेटा 1965 में ऐसे ही एक क्लासीफायड अभियान में सरकारी आदेश के इंतजार में शहीद हो चुका है। रणविजय पर अंकुश रखने के लिए अर्जुन को संयुक्त कमान दी गई है। उनके साथ पनडुब्बी के चालक देवराज हैं। तीनों अपनी युक्ति से गाजी के मंसूबे को नाकाम करने के साथ उसे नष्ट भी करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46486.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3644ed7a2978855ab83f29229560316ac453b236 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46486.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दाउद उसी तरह के गोलमोल जवाब दे रहा है। गिरधारी सेक्युलर की आवाज में आदेश की जगह मिन्नतों के भाव हैं। अर्णब उस बाहिद इलाके से कराची जाता है, जो रेगिस्तानी इलाका है, पर वह शूट जंगलों और पहाड़ों में कर ली गई है। इन वजहों से फिल्म न सटायर बन पाई, थ्रिलर तो दूर की बात है। दिशाविहीन व दोयम दर्जे के लेखन के चलते अर्णब बने सुनील ग्रोवर, गिरधारी के रोल में पंकज त्रिपाठी, रॉय की भूमिका में राजेश शर्मा और दाउद इब्राहिम के किरदार में जाकिर हुसैन जैसे समर्थ कलाकारों ने अपनी प्रतिष्ठा धूमिल ही की है। स्क्रीन पर स्पष्ट नजर आता है कि उन्होंने आधे-अधूरे मन से अदायगी की है। पारूल बनी अंजना सुखानी और गीत-संगीत, सब असरहीन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46501.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..908d90d89adbda0b43bb196f84b1c9053a149b99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-अजय ब्रह्मात्मज।प्रमुख कलाकार- अजय देवगन, एरिका कार और साएशा सहगल। निर्देशक- अजय देवगन संगीत निर्देशक- मिथुन स्टार- 3.5 स्टार।अजय देवगन की ‘शिवाय’ में अनेक खूबियां हैं। हिंदी में ऐसी एक्शन फिल्म नहीं देखी गई है। खासकर बर्फीली वादियों और बर्फ से ढके पहाड़ों का एक्शन रोमांचित करता है। हिंदी फिल्मों में दक्षिण की फिल्मों की नकल में गुरूत्वाकर्षण के विपरीत चल रहे एक्शन के प्रचलन से अलग जाकर अजय देवगन ने इंटरनेशनल स्तर का एक्शन रचा है। वे स्वयं ही ‘शिवाय’ के नायक और निर्देशक हैं। एक्शन दृश्यों में उनकी तल्लीनता दिखती है। पहाड़ पर चढ़ने और फिर हिमस्खलन से बचने के दृश्यों का संयोजन रोमांचक है। एक्शन फिल्मों में अगर पलकें न झपकें और उत्सुकता बनी रहे तो कह सकते हैं कि एक्शन वर्क कर रहा है। ‘शिवाय’ का बड़ा हिस्सा एक्शन से भरा है, जो इमोशन को साथ लेकर चलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46505.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85d146d3790c0576db2db939b80e66bb4a5c3674 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46505.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-अजय बह्मात्मज प्रमुख कलाकार- प्रभुदेवा, सोनू सूद, तमन्ना। निर्देशक- एएल विजय संगीत निर्देशक- साजिद-वाजिद। स्टार- डेढ़ स्टार। फिल्म के लिए एक कहानी लिखी गई। उस कहानी के एक किरदार के लिए सोनू सूद से बात हुई। सोनू सूद को कहानी इतनी पसंद आई कि उन्होंने निर्माता बनने का फैसला कर लिया। उन्होंने फिल्म को अपने हिसाब से संजोया। लेखक और निर्देशक ने भी उनकी सोच का खयाल रखा। प्रभुदेवा हीरो बन गए। साथ में तमन्ना आ गईं। फिल्म तैयार हो गई। ‘तूतक तूतक तूतिया’ कुछ दोस्तों के सामूहिक प्रयास से एक प्रोपोजल को फिल्म में ढालने का नमूना है। दक्षिण के निर्देशक ए एल विजय की पहली हिंदी फिल्म है। । ।तूतक तूतक तूतिया। कृष्णा मुंबई में रहता है। वह तमिल है। उसे तलाश है अंग्रेजी बोलने में माहिर मॉडर्न लड़की की, जिसका ग्रामर ठीक हो। वह 27 लड़कियों को प्रोपोज कर तीस बार रिजेक्ट हो चुका है। संयोग कुछ ऐसा बनता है कि उसे पैतृक गांव जाना पड़ता है। वहां आनन-फानन में उसकी शादी देवी से कर दी जाती है। मुंबई लौटने पर वह देहाती बीवी से दुखी रहता है। एक परालौकिक घटना घटती है। उसमें रुबी की आत्मा प्रवेश कर जाती है। रुबी हिंदी फिल्मों की हीरोइन बनने में असफल रहने पर हताशा में आत्महत्या कर चुकी है। रुबी की आत्मा किसी को तंग नहीं करती। वह हीरोइन बनने की ख्वाहिश देवी के जरिए पूरी करती है। देवी और रुबी दो आत्माएं एक ही शरीर में रहती हैं, इससे उसके पति कृष्णा की मुश्किलें बढ़ती हैं। कुछ मजेदार प्रसंग होते हैं। थोड़ी हंसी आती है। थोड़ा गुस्सा भी आता है कि कहानी और किरदारों पर मेहनत क्यों नहीं की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46509.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbef1ba7de039704dcef3b577a72084ba4a7541f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजय ब्रह्मात्मज। प्रमुख कलाकार- श्रेयस तलपड़े, मंजरी फडनिस निर्देशक- अजित सिन्हा स्टार- एक।अजीत सिन्हा की 'वाह ताज' विशेष आर्थिक क्षेत्र और किसानों की समस्या को लेकर बनाई गई फिल्म है। उन्होंने आगरा के ताजमहल को केंद्र में लेकर कथा बुनी है। उद्योगपति विरानी अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए किसानों को उनकी उपजाऊ ज़मीन से बेदखल कर देता है। गांव के किसानों का नेता तुपकारी विरोध करता है तो वह एक राजनीतिक पार्टी के नेता और गुंडों की मदद से उसकी हत्या करवा देता है। यह बात विदेश में पढाई कर रहे उसके छोटे भाई विवेक को पता चलती है तो वह गांव लौटता है। उसके साथ उसकी गर्लफ्रेंड रिया भी आ जाती है। दोनों मिलकर एक युक्ति सोचते हैं। 'वह ताज' इसी युक्ति की फिल्म है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46510.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..258482d36e7d5b666e8d157c7c95e38c733ff6c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-अजय ब्रह्मात्मज। प्रमुख स्टार- राधिका आप्टे, सुरविन चावला और तनिष्ठा चटर्जी। निर्देशक- लीना यादव स्टार- साढ़े तीन स्टार। एक साल से विभिन्न देशों और फिल्म‘ फेस्टिवल में दिखाई जा रही लीना यादव की ‘पार्च्ड’ अब भारत में रिलीज हुई है। ‘शब्द’ और ‘तीन पत्ती’ का निर्देशन कर चुकी लीना यादव की यह तीसरी फिल्मी है। इस फिल्म में बतौर फिल्मकार वह अपने सिग्नेचर के साथ मौजूद हैं। सृजन के हर क्षेत्र में करते रहते हैं। लीना यादव ने तन, मन और धन से अपनी मर्जी की फिल्म निर्देशित की है और यह फिल्म, खूबसूरत होने के साथ यथार्थ के करीब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46511.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b70016f1a9e5f3423c7e7aba6357c41b3d0be34d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ।राज रीबूट। विक्रम भट्ट मल्टीप्लेक्स के अंग्रेजीदां दर्शकों के लिए यह भुतहा फिल्म लेकर आए हैं। क्योंकि देश में सिंगल स्क्रीेन और कस्बों के आम दर्शक तो अंग्रेजी समझते नहीं हैं। इस फिल्म में दक्षिण से आई नई अभिनेत्री कृति खरबंदा है। उन्होंने सौंपा गया काम निभा लिया है। अब मेकअप का वह क्या करतीं? भूत से आवेशित होने के बाद उनके चेहरे को ढंग से कुरूप नहीं किया गया है। कोई खौफ नहीं होता...न तो उनकी आवाज से और न ही अंदाज से। पति और सुहाग के रक्षक के रूप में गौरव अरोड़ा हैं। उन्हें कुछ नाटकीय दृश्य मिले हैं। अपने तई उन्होंने मेहनत भी की है, लेकिन वे प्रभावित नहीं कर पाते। फिल्म के कलाकारों में इमरान हाशमी का आकर्षण है। इस बार वे ग्रे शेड के साथ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46515.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a311acb8078202534621c3df9a8b6559396376d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ।ए फ्लाइंग जट्ट। यह फिल्म कहानी, संरचना और प्रस्तुति के स्तर पर लचर और कमजोर है। फिल्म ने सिख धर्म की आड़ में मनोरंजन परोसने की कोशिश की है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम धर्म के सहारे अंधविश्वास को बढ़ावा तो नहीं दे रहे हैं। फिल्म में सिखों और सिख धर्म से संबंधित किंवंदतियों का खुलासा किया गया है। अचानक ग्राफिक्स के जरिए बताया जाता है कि सिखों के लिए 12 बजने का क्या महत्व है। शोध का विषय हो सकता है कि क्या नादिरशाह के आक्रमण के समय घड़ी आ गई थी? ऐसी और भी भांतियों का फिल्म सहारा लेती है। चूंकि यह फिल्म बाल दर्शकों को ध्यांन में रख कर बनाई गई है, इसलिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए थी। फिल्म में सुपरहीरो की फैंटेसी रचने में लेखक-निर्देशक लंबा वक्त लेते हैं। जो रचा जाता है, वह अनेक फिल्मों के टुकड़ों से जोड़ा गया प्रतीत होता है और फिर जबरन उसे स्वच्छता अभियान से जोड़ कर संदेश दिया जाता है कि ‘सभी चीजों का विकल्प है, लेकिन धरती मां का नहीं।‘। टाइगर श्रॉफ समेत सभी अभिनेता प्रभावहीन हैं। केवल टाइगर श्रॉफ के दोस्त बने अभिनेता और अमृता सिंह ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। टाइगर श्रॉफ नाटकीय दृश्यों में दो-ती एक्सप्रेशन से आगे नहीं बढ़ पाते। उन्हें संवाद अदायगी पर भी ध्यान देने की जरूरत है। डांस और एक्श़न में वे सक्षम हैं। इस फिल्म में भी उन्हें इन प्रतिभाओं के प्रदर्शन के अवसर मिले हैं। केके मेनन बिल्कुंल नहीं जंचे हैं। उनके लुक पर भी काम नहीं किया गया है। जैकलिन फर्नांडिस को केवल मुस्कराने के साथ अपनी मूर्खता जाहिर करनी थी। उसे भी वे ढंग से नहीं निभा पातीं। ‘ए फ्लाइंग जट्ट’ मनोरंजक सोच के साथ बनाई गई कमजोर फिल्मक है। यह अपने उद्देश्यों पर ही खरी नहीं उतरती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46539.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaabf254c4b12099be40adbb6655df9dc212644c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कहानी शादीशुदा युवक उर्विल, अजनबी सेलिना के भावनाओं में बहकर जिस्मानी संबंध बना लेने से शुरू होती है। सेलिना उस संबंध को के चलते अपनी शादीशुदा जिंदगी प्रभावित नहीं होने देती, जहां वह अंबर कपूर के नाम से जानी जाती है। वह उर्विल के संग बिताए पलों के प्रति अनासक्त भाव रखती है। उर्विल ऐसा नहीं कर पाता। वह उन पलों को अपनी दुनिया बना लेता है। वह उस पर सिमरन के साथ अपनी पांच साल पुरानी शादीशुदा जिंदगी व खुद का करियर तक दांव पर लगा देता है। वह अपने जिगरी दोस्त डेविड तक की नसीहतों को नहीं मानता। उर्विल को इस रवैये की कीमत क्या अदा करनी पड़ती है, ‘वन नाइट स्टैंड’ उस बारे में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46541.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45380a9729d9a3afbd44076bd0e86a549cdea944 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित कर्ण। प्रमुख कलाकार-टाइगर श्रॉफ, श्रद्धा कपूर, सुधीर बाबू निर्देशक-सब्बीर खान संगीत निर्देशक-अमाल मलिक, मीट ब्रॉस, अंकित तिवारी स्टार-साढ़े तीन। बदला इंसान का सबसे मीठा भाव होता है। साबिर खान ने इस सोच को केंद्र में रखते हुए ‘बागी’ को एक्शन को समर्पित कर दिया है। खासतौर पर कलरीमपयट्टू को। यह सभी मार्शल आर्ट विधाओं की जननी है। 1542 में जब बौद्ध भारत से चीन गए थे तो वहां के लोगों ने इसे आत्मसात किया था। वहां का शाऊलिन मंदिर इस कला का मक्का माना जाता है। कलरीपयट्टू में शारीरिक ताकत, उसका संतुलन व मानसिक एकाग्रता का बेजोड़ मेल होता है। इसके दक्ष लोग निहत्थे ही दुश्मसन की पूरी फौज तक नेस्ततनाबूत करने की क्षमता रखती है। महज ऊंगलियों की जादूगरी से दिमाग की नसें व शरीर के अलग-अलग हिस्सों की मजबूत हड्डियों को चटकाया जा सकता है। इन्हीं खूबियों की वजह से पूरी फिल्म में यह छाई हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46544.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4177478e4d163cf362d18b770b1a84e10bbeb8a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ।लव गेम्स। बहरहाल, यह फिल्म प्यार व वासना के द्वंद्व को पेश करती है। रमोना रायचंद के शब्दपकोश में प्यार जैसी कोई चीज नहीं है। उसकी प्यार की परिभाषा अलग है। उसे लगता है कि हर रिश्ता महज स्वार्थ की बुनियाद पर ही टिका हुआ है। सैम सक्सेना बड़े बाप की औलाद है, पर मां के गुजर जाने के चलते खासा तन्हा है। अपने खालीपन की खोज में वह अस्त-व्यस्त जीवन जी रहा है। वह कई बार अपनी नसें भी काट चुका है, मगर बच जाता है। वह रमोना के झांसे में भी है। दोनों जिस्मानी संबंध से जिंदगी के मायने तलाश रहे हैं। फंतासी की चाह में दोनों पेज थ्री पार्टी में दूसरी जोडि़यों को अपने फरेब में ला अपनी लिप्सा की भूख मिटाने में लग जाते हैं। उन दोनों के अलावा डॉक्टर अलीशा अस्थाना व वकील गौरव अस्थाना की शादीशुदा जिंदगी में प्रॉब्लम है। अलीशा घरेलू हिंसा की शिकार है। एक पार्टी में सैम, अलीशा से मिलता है। दोनों को प्यार हो जाता है। वह रमोना को नागवार गुजरता है। फिर शुरू होता है प्यार हासिल करने व बदला लेने का सिलसिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46546.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..339666154eb65d94400f95c3617e0f60bc269a17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह अनाथ गब्बर की कहानी है। उसे 'शोले' फिल्म का गब्बर पसंद है, इसलिए उसने अपना नाम गब्बर रख लिया। वह निडर है। 'जो डर गया, समझो मर गया' उसका प्रिय संवाद और जीवन का आदर्श वाक्य है। एक पुलिस अधिकारी उसे पालता और पुलिस में नौकरी दिलवा देता है। ईमानदार, निडर और बहादुर सरदार गब्बर सिंह से अपराधी खौफ खाते हैं। उसका तबादला रतनपुर किया जाता है। वहां का एक ठेकेदार गरीब किसानों की जमीन हड़पने के साथ स्थानीय राजा की बेटी और संपत्ति पर भी नजर गड़ाए हुए है। गब्बर और ठेकेदार के बीच के संघर्ष और गब्बर की प्रेम कहानी की इस फिल्म में भरपूर नाच-गाने और प्रचुर एक्शन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46558.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4868cff85aa30cb34773a3fa05cdacedd353ebe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जॉनसन थॉमस। प्रमुख कलाकार- रेयान रेनॉल्ड्स , मोरेना बैकरिन, टी.जे मिलर, इडी केरिन, जिना केरेनो निर्देशक- टिम मिलर संगीत निर्देशक- जंकी एक्सएल स्टार- 3.5 स्टार। 'डेडपूल' का ह्यूमर, कॉमिक एक्शन कमाल का है। ये एक ऐसी फिल्म है, जिसे आप कभी मिस नहीं करना चाहेंगे। फिल्म की कहानी भूतपूर्व स्पेशल फोर्स ऑपरेटिव वेड विल्सन के इर्द-गिर्द घूमती है। इसका किरदार रेयान रेनॉल्ड्स ने निभाया है जोकि कैंसर से पीड़ित है और अपने लेडी लव से दूर हो चुका है। इस बीच वेनेसा जिसका किरदार निभाया है मोरेना बेक्कारेन ने वो तय करती है कि रेयान को वो एक प्रयोग के साथ छोड़कर चली जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46566.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a78653b76647a17c3f2deb9c94695a70d5552bcd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'एयरलिफ्ट' 1990 में ईराक-कुवैत युद्ध में फंसे 1,70,000 भारतीयों की असुरक्षा और निकासी की सच्ची कहानी है। (संक्षेप में 1990 में अमेरिकी कर्ज में डूबे ईराक के सद्दाम हुसैन चाहते थे कि कुवैत तेल उत्पादन कम करे। उससे तेल की कीमत बढ़ने पर ईराक ज्यादा लाभ कमा सके। ऐसा न होने पर उनकी सेना ने कुवैत पर आक्रमण किया और लूटपाट के साथ जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाया। कुवैत में काम कर रहे 1,70,000 भारतीय अचानक बेघर और बिन पैसे हो गए। ऐसे समय पर कुवैत में बसे कुछ भारतीयों की मदद और तत्कालीन विदेश मंत्री इंद्र कुमार गुजराल की पहल पर एयर इंडिया ने 59 दिनों में 488 उड़ानों के जरिए सभी भारतीयों की निकासी की। यह अपने आप में एक रिकार्ड है, जिसे गिनीज बुक में भी दर्ज किया गया है।)।'एयरलिफ्ट' के नायक रंजीत कटियाल वास्तव में कुवैत में बसे उन अग्रणी भारतीयों के मिश्रित रूप हैं। राजा कृष्ण मेनन ने सच्ची घटनाओं को काल्पनिक रूप देते हुए भी उन्हें वास्तविक तरीके से पेश किया है। चरित्रों के नाम बदले हैं। घटनाएं वैसी ही हैं। दर्शक पहली बार बड़े पर्दे पर इस निकासी की रोमांचक झलक देखेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46567.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d66f4929458aeb2713266081a606e7efdab4cf0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजय ब्रह्मात्मज। प्रमुख कलाकार- जूही चावला, शबाना आजमी, दिव्या दत्ता, जैकी श्रॉफ, जरीना वहाब निर्देशक- जयंत गिलटकर स्टार- ढाई। जयंत गिलटकर की फिल्म 'चॉक एन डस्टर' में शबाना आजमी और जूही चावला हैं। उन दोनों की वजह से फिल्म देखने की इच्छा हो सकती है। फिल्म सरल और भावुक है। नैतिकता का पाठ देने की कोशिश में यह फिल्म अनेक दृश्यों में कमजोर हो जाती है। लेखक-निर्देशक की सीमा रही है कि सीधे तौर पर अपनी बात रखने के लिए रोचक शिल्प नहीं गढ़ा है। इस वजह से 'चॉक एन डस्टर' नेक उद्देश्यों के बावजूद सपाट हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46579.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64a290fd38ff13c26d25f702dcb952fd7471f8a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46579.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रमुख कलाकारः जेनिफर लॉरेन्स, जोश हचरसन, लियाम हेमस्वार्थ, वूडी हार्लेसन, एलिजाबेथ बैंक्स, जूलियाना मूर निर्देशकः फ्रांसिस लॉरेन्स स्टारः 3। 'मॉकिंगजे पार्ट 1' फिल्म दूसरे हिस्से के मुकाबले कुछ कमजोर थी। पहली फिल्म की प्रक्रिया पूरी तरह से अव्यवस्थित थी। मगर हां दूसरे हिस्से में सारी चीजें व्यवस्थित नजर आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46580.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9b12df0aee448d5764a356cca1fb6b7cd384e41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रमुख कलाकारः माइकल बी जॉर्डन, सिल्वेस्टर स्टेलॉन निर्देशकः रेयान कूग्लर स्टारः 3। वार्नर ब्रदर्स जानते हैं कि चालीस साल की उम्र के बाद भी किसी बात को कैसे कैश किया जा सकता है। सिल्वेस्टर स्टेलॉन पिछले कुछ सीक्वल को सफल बनाते आए हैं। इस बार डायरेक्टर नया है। रेयान कूग्लर ने कहानी को स्थापित किया है। नए डायरेक्शन के बाद भी कुछ नई चीजें इसमें देखने को मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46592.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03f921b0e57eea8dced5908593149357b50fed1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46592.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + लेखक-निर्देशक और कलाकरों ने जुमलेबाजी के मजे लिए हैं। अब जैसे आलिया के नाजायज होने का संदर्भ...इस एक शब्द में सभी को जितना मजा आया है, क्या दर्शकों को भी उतना ही मजा आएगा? क्या उन्हें याद आएगा कि कभी आलिया भट्ट के पिता महेश भट्ट ने स्वयं को गर्व के साथ नाजायज घोषित किया था। फिल्मों में जब फिल्मोंं के ही लोग, किस्से और संदर्भ आने लगें तो कल्पनालोक पंक्चर हो जाता है। न तो फंतासी बन पाती है और न रियलिटी का आनंद मिलता है। ‘मेंहदी विद करण’ ऐसा ही क्रिएटेड सीन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_466.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f80594e564bf2765af38d7d64b2225a15eba864 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजी वेबसाइट बॉलीवुड लाइफ की खबर के अनुसार मन्नत की नेम प्लेट को शाह रुख खान की पत्नी गौरी खान की सलाह पर बदला गया है। वेबसाइट को सुपरस्टार के करीबी सूत्रों ने बताया कि शाह रुख खान की नई मन्नत नेम प्लेट उनकी सुपर टैलेंटेड इंटीरियर डिजाइनर पत्नी गौरी खान की देख रेख में डिजाइन की गई है। उन्होंने ही नेम प्लेट में बदलाव की सलाह दी थी और यह काफी पहले से तय किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46607.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ecc68614ed5f23527ec5487f7443fdac6497af7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + फिल्म के पहले फ्रेम से ही बता दिया जाता है कि फिल्म का हीरो सूरज पंचोली अच्छी कद-काठी का मॉडर्न युवक है। वह है तो गुंडा, लेकिन दिल का नेक है। जरूरतमंदों की मदद करता है। बॉडी बनाना उसका शगल और शौक है, जो अच्छा बनने के दौरान पेशा बन जाता है। हिंदी फिल्मों में स्टार बनने के लिए एटीट्यूड चाहिए। अभिनय अभी प्राथमिकता नहीं है। आप पर्दे पर कैसे दिखते हैं? फाइट और डांस में कैसे हैं? आप की जींस की फिटिंग कैसी है? हिंदी फिल्मों के हीरो की यही शर्तें हैं। इस लिहाज से सूरज निराश नहीं करते। उनकी अच्छीे पैकेजिंग की गई है। उनकी बॉडी आज के किसी भी पॉपुलर स्टार से कमतर नहीं है। वे रितिक रोशन और शाहिद कपूर की तरह डांस कर सकते हैं। फाइट सीन में वे लात और मुक्का मारने में जेन्यून लगते हैं। नवोदित स्टार से पहली ही फिल्म में इमोशन, ड्रामा और एक्सप्रेशन की उम्मीद करना थोड़ी ज्यादती होगी। दस-बारह फिल्मों के बाद वह सब आ जाएगा। चल गए तो वैसे भी उन पर कौन गौर करेगा? हिंदी का उच्चारण सही नहीं है तो भी क्या फर्क पड़ता है?। आथिया शेट्टी को भी करीने से पेश किया गया है। बताया गया है कि वह भी आज की हिरोइनों के समान नाच-गा सकती हैं। हीरो की बांहों में उछल-कूद सकती हैं। सीन की जरूरत के मुताबिक एटीट्यूड दिखा सकती हैं। हां, आथिया पर उतनी मेहनत नहीं की गई है और न ध्यान ही रखा गया है। फिर भी पूरी फिल्म दोनों की खूबियों को बताने और कमियों को छिपाने के हिसाब से रची गई है। निखिल ने सौंपी गई जिम्मेदारी निभाई है। कह सकते हैं कि उन्होंने अपना काम ढंग से कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46609.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69bc9ee61d46fc8142e9f4fdb593b787682ee0b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46609.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + फिल्म एक टीवी सीरीज पर बेस्ड है। यह एक एक्शन कॉमेडी स्टाइल की फिल्म है। जर्मनी की पृष्ठभूमि में साठ के दशक का दौर दिखाया गया है। विश्वयुद्ध 2 का समय। सीआईए नेपोलियन (हैनरी काविल) और केजीबी इल्लैया (एर्मी हैमर) को अपनी-अपनी सरकारों ने निर्देश दिए हैं। एक लड़की है ऑटो शॉप में। इसके कनेक्शन नाजीवादियों से हैं। ये लोग एक मिशन पर काम कर रहे हैं। वैज्ञानिक को खोजना और बम चुराने का काम इन्हें मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46647.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75c10efca0b8ecdc6b9ddcb79e4490ed3fe8442e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रमुख कलाकार: मेइ विटमैन, रॉबी एमेल, बैला थॉर्न निर्देशक: ऐरी सैंडल। वहां कई ऐसी बातें हैं जिन्हें देखकर आपको निराशा हो सकती है। कारण कि कई लोगों के लिए ऐसी फिल्मों का अस्तित्व ही नहीं है। फिल्म वास्तविकता से बहुत दूर है। बावजूद इसके कुछ विसंगतियों के माध्यम से लोगों को संदेश देने का प्रयास किया गया है। दूसरा फिल्म में महिला किरदारों को निम्न निगाहों से देखने की बात की गई है जो कि कभी-कभी लगता है कि फिल्मकार दर्शकों को भी गूंगा और बहरा समझ रहे हैं। और तो और हाईस्कूल स्टूडेंट्स का किरदार उन लोगों ने निभाया है जो पहले से ही 30 साल के हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46653.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35535e36aded017aa2918e33fd6d73670742ff38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ।वेलकम 2 कराची। याद करें तो कभी इस फिल्मं में इरफान खान थे। अभी जो भूमिका जैकी भगनानी ने निभाई है, उसी भूमिका को इरफान निभा रहे थे। क्या उन्होंने इसी स्क्रिप्ट के लिए हां की थी या जैकी के आने के बाद स्क्रिप्ट बदली गई और उसका यह हाल हो गया? सोचने की बात है कि हर कलाकार किसी और का विकल्प नहीं हो सकता। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बेपरवाह रवैए की ओर भी यह फिल्म इंगित करती है। कैसे स्वार्थ और लोभ में विचारों की हत्या हो जाती है? कई बार सफल निर्माता की सोच मूल विचार पर थोपी जाती है तो उसका नतीजा ‘वेलकम 2 कराची’ के रूप में सामने आता है। हर फिल्म के निर्माण में पैसा, मेहनत और समय लगता है। ऐसी कोशिशों में सब व्यर्थ हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46655.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db35450345cca44ff8134a0dfd8bc1b35a830cd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डायरेक्टर - जलमारी हेलेंडर कास्ट - सेम्युअल एल जैक्सन, जिम ब्रॉडबेंट, टेड लेविन इस समय सेम्युअल जैक्सन कुछ और भी अच्छा कर सकते हैं। कारण कि अब वो जो करते हैं वो बोरिंग सा लगता है। हालांकि कुछ बातें अच्छी भी होती है। फिर वो अच्छा काम करे या फिर बुरा। वे हमेशा ही सेम्युअल जैक्सन लगते हैं। वे जानते हैं कि दर्शकों को क्या पसंद है। सवाल यह है कि क्या बकवास बातों को वे किस क्रेजीनेस के साथ प्रेजेंट करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46656.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f01ac7963455fdfa8876e0aa6dc28fdc9a722203 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कास्टः जॉर्ज क्लूनी, ह्यू लॉरी, ब्रिट रॉबर्टसन।निर्देशकः ब्रैड बर्ड ।टुमारोलैंड का निर्देशन किया है ब्रेड बर्ड ने। फिल्म को लिखा है लिंडलोफ ने। जब इस बात की घोषणा पहली बार की गई थी तो दर्शकों को बताया गया कि यह फिल्म एक वैज्ञानिक पर आधारित है। इसमें एक लड़की है और एक रोबोट है जो टुमारोलैंड को बचाने के लिए कोशिश में लगे रहते हैं। दो साल बाद जब फिल्म रिलीज हुई तो थोड़ी निराशाजनक रही। कारण कि फिल्म को लेकर उम्मीदें बहुत थी। यह बिलकुल ऐसा था कि मिस्ट्री बॉक्स खुला और उसमें से कुछ भी नहीं निकला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46659.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfd79026f49d0a65585299fc8d035ecbdf518ab2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कॉमेडी, डायरेक्टर - डैन फोगलमैन। कास्ट - एल पचिनो, जेनिफर गार्नर, बॉबी कैन्नावाले, क्रिस्टोफर प्लमर, एनेट्ट बेनिंग। एल पचिनो जिस तरह के एक्टर हैं उससे बिलकुल अलग पसंद वे अपने जीवन में लेते रहे हैं। जब उनसे फिल्म 'गॉडफादर' और 'डॉग डे आफ्टरनून' के बाद उन्होंने तय किया था कि वे छोटे बजट की फिल्में बनाएंगे। उनकी लेटेस्ट फिल्म 'डैनी कोलिंस' में भी ऐसा ही कुछ दिखाई देता है। हालांकि उनकी पिछली फिल्मों की तरह यह फि्ल्म बहुत ही खराब तो नहीं है। यह उससे कहीं बेहतर है। इस साल के अच्छे परफॉर्मेंस में इसे रखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46662.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..245db15d761c77d3df75de27b142f980c503cd51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्टारिंग - रीस विदरस्पून सोफिया वर्गेरा। डायरेक्टर - एनी फ्लेचर। ऐसा देखने में आता है कि हॉलीवुड स्टार ऑफबीट फिल्मों के साथ बेहतरीन काम करते हैं। एक साल अच्छा जाता है। इसके बाद फिर से वे पैसा कमान के लिए कमर्शियल फिल्मों की ओर रूख करते हैं और नतीजा सामने होता है। इस बार रीस विदरस्पून के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है। पिछले साल उन्होंने ऑफबीट फिल्म 'गोन गर्ल' प्रोड्यूस की। फिल्म 'वाइल्ड' के लिए उन्हें ऑस्कर का नॉमिनेशन मिला था। इस बार वे 'हॉट पर्सुइट' में नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46663.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c696a9b5cd6b075a6d2b0056d524cc2874451d22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + यह बच्चों के लिए मजेदार है। वहीं वयस्कों के लिए एक अजीब परलोक की यात्रा के तौर पर दिखता है जो मनोरंजन तो करता ही है। कार्टून्स के जितने भी प्रशंसक हैं वे निश्चित तौर पर पानी के अंदर की यात्रा का लुत्फ उठाएंगे। समुद्र से जमीन पर आने की यात्रा भी कम मजेदार नहीं है। यह भी दर्शकों का खासा मनोरंजन करती दिखाई देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4668.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6adf1988a4a4e982f40bfcc145474573c0dba94b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साउथ के सुपर स्टार महेश बाबू की फिल्म ‘मेजर’ घोषणा के बाद से ही काफी चर्चा में हैं। अब बधुवार को फिल्म की रिलीज डेट का एलान कर किया है। ये फिल्म 11 फरवरी यानी अगले साल 2022 में सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म की रिलीज डेट का एलान फिल्म के प्रोड्यूसर महेशा बाबू ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46693.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e13a769fda7c27ff3e2c98f0ab56d4d624664fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजय ब्रह्मात्मज। प्रमुख कलाकार: रणबीर कपूर, जैकलीन फर्नांडीस, अर्जुन रामपाल, अनुपम खेर और शिबानी डांडेकर। निर्देशक: विक्रमजीत सिंह संगीतकार: अंकित तिवारी, अमाल मलिक और मीत ब्रदर्स। स्टार: 1.5। बहुत कम फिल्में ऐसी होती हैं,जो आरंंभ से अंत तक दर्शकों को बांध ही न पाएं। विक्रमजीत सिंह की 'रॉय' ऐसी ही फिल्म है। साधारण फिल्मों में भी कुछ दृश्य, गीत और सिक्वेंस मिल जाते हैं,जिसे दर्शकों का मन बहल जाता है। 'रॉय' लगातार उलझती और उलझाती जाती है। हालांकि इसमें दो पॉपुलर हीरो हैं। रणबीर कपूर और अर्जुन रामपाल का आकर्षण भी काम नहीं आता। ऊपर से डबल रोल में आई जैक्लीन फर्नांडीस डबल बोर करती हैं। आयशा और टीया में बताने पर ही फर्क मालूम होता है या फिर रणबीर और अर्जुन के साथ होने पर पता चलता है कि वे दो हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बैकड्रॉप पर बनी 'रॉय' इंडस्ट्री की गॉसिप इमेज ही पेश करती है। फिल्म के एक नायक कबीर ग्रेवाल के 22 संबंध रह चुके हैं। उनके बारे में मशहूर है कि वे अपनी प्रेमिकाओं की हमशक्लों को फिल्मों की हीरोइन बनाते हैं। कुछ सुनी-सुनाई बात लग रही है न ?। ।रॉय। बहरहाल, 'रॉय' कबीर और रॉय की कहानी है। रॉय चोर है और कबीर उसकी चोरी से प्रभावित है। वह उस पर दो फिल्में बना चुका है। तीसरी फिल्म की शूटिंग के लिए मलेशिया जाता है। वहीं वह आयशा से टकराता है। आयशा उसकी जिंदगी के साथ फिल्म में भी चली आती है। दूसरी तरफ रॉय भी मलेशिया में है। वह अंतिम चोरी के लिए आया है,जिसके बाद उसे किसी अनजान देश के अनजान शहर में अनजान नाम से जिंदगी जीना है। रॉय और कबीर की इस कहानी में टीया और आयशा की वजह से गड्डमड्ड होती है। जैक्लीन फर्नांडीस दोनों रूपों में एक सी लगती हैं। डबल रोल सभी के वश की बात नहीं होती। खास कर जब हिंदी बोलने और पढऩे नहीं आता हो तो संवाद अदायगी में फर्क कैसे आएगा?। 'रॉय' की सबसे कमजोर कड़ी जैक्लीन फर्नांडीस हैं। उन्होंने नाच-गाने में भरपूर ऊर्जा दिखाई है। अभिनय से अभी वह कोसों दूर हैं। अर्जुन रामपाल और रणबीर कपूर समर्थ अभिनेता हैं। निर्देशक ने इस फिल्म में उनके सामर्थ्य का उपयोग गैरजरूरी समझा है। दोनों ने बेपरवाही के साथ काम किया है। अन्य दिक्कते भी हैं। अर्जुंन रामपाल की दाढ़ी चिपकाई हुई दिखती है। रॉय के रूप में रणबीर कपूर भी खोए-खोए से हैं। उनका चरित्र ही वैसा गढ़ा गया है। दोनों एक समय के बाद नीरस और अप्रभावी हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46695.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51d6f695c731d4db8a59cd76d58864bfe64a2047 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46695.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + किसी भी फिल्म की समीक्षा पढ़ने के लिए क्लिक करें। शिवकर तलपड़े सामान्य शिक्षा में सफल नहीं हो पाता, पर वह दिमाग का तेज और होशियार है। पिता और भाई को उसके फितूर पसंद नहीं आते। वे उसे घर से निकाल देते हैं। उस रात वह दो व्यक्तियों से टकराता है। एक है सितारा, जो पहली मुलाकात के बाद ही उसके दिल में बिंध जाती है और दूसरे सनकी शास्त्री...जिन्हें लगता है कि शिवकर उनके प्रयोगों को आगे ले जा सकता है। प्रेम और प्रयोग के दो छोरों के बीच झूलते शिवकर तलपड़े की प्राथमिकता बदलती रहती है। नतीजतन कहानी रोचक होने के बावजूद प्रभावित नहीं कर पाती। इसकी वजह शिवकर तलपड़े के चरित्र निर्वाह में रह गई कमियां और थोपी गई खूबियां हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46741.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c802f6e05248d6867052c38f2635ead21eb64cd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ।लेकर हम दीवाना दिल। 'लेकर हम दीवाना दिल' आरिफ अली की पहली फिल्म है। आरिफ अली मशहूर निर्देशक इम्तियाज अली के भाई हैं। अभिव्यक्ति के किसी भी कला माध्यम में निकट के मित्रों और संबंधियों का असर होना स्वाभाविक है। 'लेकर हम दीवाना दिल' की संरचना और निर्वाह में इम्तियाज अली का सीधा प्रभाव है। प्रेम और विवाह को लेकर कंफ्यूज नायक-नायिका यहां भी सफर में निकलते हैं। वहां रास्ते में रतलाम पड़ा था। यहां रायपुर शहर आता है। नायक-नायिका की सुहाग रात यहां भी नहीं हो पाती। और भी कई लक्षण इम्तियाज अली की फिल्मों से लिए गए हैं, लेकिन संरचना और निर्वाह में उनकी फिल्मों जैसी कसावट नहीं है। दीनू और करिश्मा के चरित्र चित्रण पर मेहनत नहीं की गई है। दोनों शुरू से अंत तक एक ही अवस्था में रहते हैं। 140 मिनट में उनकी ग्रोथ नहीं होती, जबकि आजकल 140 अक्षरों (ट्विटर) में सब कुछ व्यक्त किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46756.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59c34a99681cdef330c149eb2c0d089cdb5d7b06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई (अजय ब्रह्मात्मज)। । प्रमुख कलाकार: अंशुमन झा, आसिफ बसरा और सुरुचि औलख। । संगीतकार : अग्नि। निर्देशक : जानकी विश्वनाथन । स्टार: ढाई । एक बकरे के बहाने भारतीय समाज की कहानी कहती 'ये है बकरापुर' छोटी और सारगर्भित फिल्म है। कुरैशी परिवार की आखिरी उम्मीद है यह बकरा, जिसे शाहरुख नाम दिया गया है। वह बकरा परिवार के बच्चे जुल्फी का दोस्त है। जब उसे बेचने की बात आती है तो जुल्फी दुखी हो जाता है। ऐसे वक्त में जाफर की एक युक्ति काम आती है। इस से बकरा परिवार में रहने के साथ ही आमदनी का जरिया भी बन जाता है। बकरे से हो रही आमदनी को देख कर गांव के दूसरे समुदाय के लोग भी हक जमाने आ जाते हैं और फिर सामने आता है सामाजिक अंतर्विरोध। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46792.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02169ada8997d55a2a8890d6b234d4901c6ad90b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मुंबई के मिनर्वा थिएटर में यह फिल्म लगातार 240 हफ्तों तक चलती रही थी। आज के युवा दर्शक इसकी कल्पना नहीं कर सकते, क्योंकि अभी की हिट फिल्में भी 240 शो पार करते-करते दम तोड़ देती हैं। तब आंकड़ों में पैसों की नहीं दर्शकों की गिनती होती थी। कह सकते हैं कि 'शोले' हिंदी दर्शकों के बीच सर्वाधिक देखी कई फिल्म है। आज भी कहीं बड़े पर्दे पर यह दिखायी जाए तो दर्शक टूट पड़ते हैं। टीवी प्रसारण में टीआरपी सुनिश्चित रहती है। । कई फिल्में बनने के बाद महत्वपूर्ण और महान हो जाती हैं। 'शोले' की यात्रा थोड़ी भिन्न है। शुरुआत से ही रमेश सिप्पी ने शानदार बड़ी फिल्म की योजना बनाई थी। वे इसमें सफल भी रहे। इसकी भव्यता से एडजस्ट करने में दर्शकों को थोड़ा समय लगा। एक बार यह रिश्ता बन गया तो समय के साथ वह निरंतर मजबूत होता गया। हिंदी फिल्मों के लिए कहा जाता है कि इसमें एक्शन, ड्रामा, लव, दोस्ती, परिवार, इमोशन, नाच-गाना और फाइट सब कुछ रहता है। 'शोले' इन सभी विशेषताओं से सजी मनोरंजन की स्वादिष्ट थाली रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46822.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fc72b0434550914dab4737135daf4a16270c0f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + प्रमुख कलाकार: शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, सत्यराज और कामिनी कौशल। निर्देशक: रोहित शेट्टी। संगीत: विशाल-शेखर। स्टार: 3। रोहित शेट्टी और शाहरुख खान की फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' इस जोनर की अन्य फिल्मों की तरह ही समीक्षा से परे हैं। ऐसी फिल्मों में बताने, समझने और समझाने लायक गुत्थियां नहीं रहतीं। फिल्म सरल होती हैं और देश के आम दर्शकों से सीधा संबंध बनाती हैं। फिल्म अध्येताओं ने अभी ऐसी फिल्मों की लोकप्रियता के कारणों को नहीं खोजा है। 'चेन्नई एक्सप्रेस' आमिर खान की 'गजनी' और रोहित शेट्टी की 'गोलमाल' से हुई धाराओं का संगम है। यह एंटरटेनिंग है। । तस्वीरों में देखें: चेन्नई एक्सप्रेस की स्पेशल स्क्रीनिंग । रोहित शेट्टी की फिल्मों में उदास रंग नहीं होते। लाल, गुलाबी, पीला, हरा अपने चटकीले और चटखीले शेड्स में रहते हैं। कलाकारों के कपड़ों से लेकर पृष्ठभूमि की प्रापर्टी तक में यह कंटीन्यूटी बनी रहती है। सारे झकास रंग होते हैं और बिंदास प्रसंग रहते हैं। 'चेन्नई एक्सप्रेस' में पहली बार शाहरुख खान और रोहित शेट्टी साथ आए हैं। शुक्र है कि रोहित शेट्टी ने उन्हें अजय देवगन जैसे सीक्वेंस नहीं दिए हैं। अजय और रोहित की जोड़ी अपनी मसखरी में भी सौम्य बनी रहती है। यहां कोई बंधन नहीं है। हास्य दृश्यों में शाहरुख खान अपनी सीमाओं की वजह चेहरे को विकृत करते हैं। शाहरुख खान यहां अपने अंदाज और आदतों के साथ मौजूद हैं। अपनी ही फिल्मों के रेफरेंस से वे किरदार में कामेडी के रंग डालते हैं। । चेन्नई एक्सप्रेस के बारे में और जानिए। दर्शकों की सुखद और सुंदर अनुभूति के लिए दीपिका पादुकोण हैं। दक्षिण भारतीय शैली की साड़ियों और श्रृंगार में वह खूबसूरत लगती हैं। दीपिका का आत्मविश्वास बढ़ा है। उनकी लंबाई अब आड़े नहीं आती। कई दृश्यों में तो वह इसका फायदा उठाती हैं। 'चेन्नई एक्सप्रेस' में दीपिका पादुकोण ने संवादों को खास लहजा दिया है। फिल्म में वह कई बार टूटता है। अगर लहजे की एकरूपता बनी रहती तो प्रभाव बढ़ जाता। । रोहित शेट्टी की फिल्मों का धूम-धड़ाका, हंसी-मजाक, एसएमएस लतीफे और अतार्किक सीक्वेंस हैं। मजेदार तथ्य है कि उनकी फिल्मों में इसकी कभी या अधिकता खलती नहीं है। दरअसल, उनकी फिल्में टाइम पास का एक मजेदार पैकेज होती हैं। रोहित शेट्टी ने अपने दर्शकों को पहचान लिया है और वे अपनी शैली को निखारने के साथ मजबूत करते जा रहे हैं। उनके इस्टाइल को समझने और परखने की जरूरत है। । 'चेन्नई एक्सप्रेस' में चालीस प्रतिशत संवाद तमिल में हैं, कुछ दृश्य बगैर संवाद के चलते हैं। भावनात्मक और नाटकीय दृश्यों में कुछ संवादों को समझाया गया है। अपने प्रवाह में बाकी फिल्म समझ में आ जाती है। तमिल रहन-सहन, भाषा और लैंडस्केप भी 'चेन्नई एक्सप्रेस' में है। लेखक-निर्देशक ने सावधानी बरती है कि कहीं से भी आक्रमण या मजाक न हो। नॉर्थ-साउथ डिवाइड को यह फिल्म विचित्र तरीके से कम करती है। रोहित शेट्टी ने अप्रत्यक्ष तरीके से हिंदी दर्शकों को तमिल माहौल से जोड़ा है। । रोहित शेट्टी ने 'चेन्नई एक्सप्रेस' से यह भी साबित कर दिया है कि उनकी ऐसी फिल्मों में भाषा और संवाद की बड़ी भूमिका नहीं होती। एक्शन-रिएक्शन से भरपूर ड्रामा में बेसिक इमोशन रहते हैं, इसलिए बगैर कहे या बताए ही सब कुछ समझ में आता है। हालांकि फिल्म में शाहरुख ने दीपिका को मिस सबटाइटल नाम भी दिया है, लेकिन उनकी उपयोगिता खाने में नमक की तरह है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4684.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fca7b9932dc2903dcb4599083f51849c079b554 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4684.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लेकिन इन सबके बीच शाह रुख खान और उनके फैंस के लिए खास पल रहा जब सलमान खान ने शाहरुख खान को बर्थडे विश किया। वैसे तो सलमान खान सभी सितारों के जन्मदिन पर उन्हें विश करते हैं। लेकिन शाह रुख खान के बर्थडे पर सलमान खान का विश करना उनके फैंस को खासा पसंद आया। सलमान खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए शाह रुख खान के साथ एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें शाह रुख और सलमान एक साथ खड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46856.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e12f4ba4d37a4aac841224777bc191f3d27cab43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + फिल्म में थिएटर बैकग्राउंड से जुड़े अभिनेताओं ने अच्छा अभिनय किया है। जिसमें फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे के विजय वर्मा और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के अमितोष नागपाल प्रमुख हैं। राजपाल का अभिनय अब किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। पंकज त्रिपाठी ने राजनेता के किरदार में अपनी सधी हुई बोली से संवादों में जान फूंक दी हैं। पंकज की प्रतिद्वंद्वी नेता के किरदार में लुशीन दुबे ने अंग्रेजी मिश्रित भोजपुरी बोलकर परेशानी बढ़ाई है, लेकिन पंकज के आगे उनकी भंगिमाओं पर नजर नहीं टिकती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46865.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ff1a5381e0617e4f317e361d9de7e15fd1013ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46865.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + रणदीप हुड्डा के अभिनय में निरंतर निखार आ रहा है। 'मर्डर 3' में अदिति राव हैदरी को अधिक दृश्य और भाव मिले हैं। उन्हें वह उचित तरीके से निभा ले जाती हैं। सारा लारेन सुंदर हैं। उनकी सुंदरता की ही निर्देशक को जरूरत थी। सहयोगी कलाकारों की मौजूदगी सिर्फ दृश्य भरने के लिए थी। उनके चरित्रों पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है। फिर भी संजय मासूम ने उन्हें 'करेक्ट करेक्ट करेक्ट' और 'आपको कष्ट न हो तो' जैस तकियाकलाम देकर पहचान दे दी है। उनके संवाद दृश्यों के प्रभाव और इरादों को गाढ़ा करते हैं। । अवधि - 120। ढाई स्टार । -अजय ब्रह्मात्मज।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46866.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0571743188ae78114971dd774b8f4bbe304e7ab1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई। एक डांसर क्या करता है? वह दर्शकों को अपनी अदाओं से इम्प्रेस करता है या अपनी भंगिमाओं से कुछ एक्सप्रेस करता है। प्रभाव और अभिव्यक्ति के इसी द्वंद्व पर 'एबीसीडी' की मूल कथा है। बचपन के दोस्त जहांगीर और विष्णु कामयाबी और पहचान हासिल करने के बाद डांस से 'इम्प्रेस' और 'एक्सप्रेस' करने के द्वंद्व पर अलग होते हैं। जहांगीर को लगता है कि इम्प्रेस करने के लिए उसे अपनी कंपनी में विदेशी नृत्य निर्देशक की जरूरत है। आहत होकर विष्णु लौट जाने का फैसला करता है, लेकिन कुछ युवक-युवतियों के उत्साह और लगन को एक दिशा देने के लिए वह रुक जाता है। । 'एबीसीडी' एक प्रकार से वंचितों की कहानी है। समाज के मध्यवर्गीय और निचले तबकों के युवा साहसी और क्रिएटिव होते हैं, लेकिन असुविधाओं और दबावों की वजह से वे मनचाहे पेशों को नहीं अपना पाते। विष्णु एक जगह समझाता है कि काम वही करो, जो मन करे। मन का काम न करने से दोहरा नुकसान होता है। 'एबीसीडी' सामूहिकता, टीमवर्क, अनुशासन और जीतने की जिद्द की शिक्षा देती है। डांस ऐसा नशा है कि उसके बाद किसी नशे की जरूरत नहीं रह जाती। विष्णु अपनी टीम को अंतिम जीत तक ले जाता है। इस प्रक्रिया में वह कोमल और मौलिक भावनाओं से मतिभ्रम के शिकार दोस्त जहांगीर का भी दिल जीत लेता है। । रैमो डिसूजा मुख्य रूप से कोरियोग्राफर हैं। उन्होंने डांस और डांसर की पृष्ठभूमि पर रोचक कहानी गढ़ी है। यह फिल्म शुरू से अंत तक डांस और म्यूजिक के आधार पर चलती है। डांस कहानी का हिस्सा है, इसलिए संख्या में अधिक होने पर भी डांस परफामेंस नहीं अखरते। फिल्मों में किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता में दर्शक कमजोर टीम के साथ हो जाते हैं। रैमो डिसूजा अपने विष्णु के नेतृत्व में ऐसे किरदारों के लिए सहानुभूति बटोरने में सफल रहे हैं। । प्रभु देवा और के के मेनन अपनी भूमिकाओं में अच्छे लगते हैं। प्रभु देवा के डांस के प्रशंसक उन्हें एक्टर के तौर पर भी देख कर खुश होंगे। के के मेनन निश्चित ही उम्दा एक्टर हैं। जहांगीर के किरदार को उन्होंने सहज आत्मसात किया है। गणेश आचार्य भी फिल्म में एक किरदार निभाते हैं। वे डांस करते हुए ही अच्छे लगते हैं। संवाद और भाव जाहिर करते समय उनकी सीमाएं नजर आ जाती हैं। डांसरों की टीम ने रैमो डिसूजा का पूरा सहयोग दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46868.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fadf259bbdb3e4521e0296ff7d087fdb11b4918d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46868.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंदन - 1975। मुंबई - 1999। गोवा - 2010। अजय ब्रह्मात्मज। अलग-अलग देशकाल में तीन डेविड हैं। इन तीनों की अलहदा कहानियों को बिजॉय नांबियार ने एक साथ 'डेविड' में परोसा है। फिल्म की इस शैली की जरूरत स्पष्ट नहीं है, फिर भी इसमें एक नयापन है। लगता है नाम में ही कुछ रखा है। लेखक-निर्देशक चाहते तो तीनों डेविड की कहानियों पर तीन फिल्में बना सकते थे, लेकिन शायद उन्हें तीनों किरदारों की जिंदगी में पूरी फिल्म के लायक घटनाक्रम नहीं नजर आए। बहरहाल, बिजॉय एक स्टायलिस्ट फिल्ममेकर के तौर पर उभरे हैं और उनकी यह खूबी 'डेविड' में निखर कर आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46886.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c59d25ce99314c8449da2460b721cc6d46605a1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई [अजय ब्रह्मात्मज]। पैरेलल सिनेमा से उभरे फिल्मकारों में कुछ चूक गए और कुछ छूट गए। अभी तक सक्रिय चंद फिल्मकारों में एक प्रकाश झा हैं। अपनी दूसरी पारी शुरू करते समय 'बंदिश' और 'मृत्युदंड' से उन्हें ऐसे सबक मिले कि उन्होंने राह बदल ली। सामाजिकता, यथार्थ और मुद्दों से उन्होंने मुंह नहीं मोड़ा। उन्होंने शैली और नैरेटिव में बदलाव किया। अपनी कहानी के लिए उन्होंने लोकप्रिय स्टारों को चुना। अजय देवगन के साथ 'गंगाजल' और 'अपहरण' बनाने तक वे गंभीर समीक्षकों के प्रिय बने रहे, क्योंकि अजय देवगन कथित लोकप्रिय स्टार नहीं थे। फिर आई 'राजनीति.' इसमें रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल और कट्रीना कैफ के शामिल होते ही उनके प्रति नजरिया बदला। 'आरक्षण' ने बदले नजरिए को और मजबूत किया। स्वयं प्रकाश झा भी पैरेलल सिनेमा और उसके कथ्य पर बातें करने में अधिक रुचि नहीं लेते। अब आई है 'चक्रव्यूह'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_46893.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_46893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cff3a2e3398b87278768ed776b519a7fbe91de3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_46893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [दुर्गेश]। हर शहर का अपना भूगोल और इतिहास होता है। लेखक-निर्देशक सजय खंडूरी दिल्ली की दोनों ही चीजें सतही और फौरी तरीके से बताते हैं। उन्होंने दिल्ली की दुकान तो दिखाई, लेकिन दिल तक नहीं पहुंच सके। फिल्म में भी जबरदस्ती के और भड़काऊ सवादों की भरमार है। ।केएलपीडी फिल्म की कहानी दिल्ली मेट्रो के एक स्टेशन पर लोकेश दुग्गल विवेक ओबेराय के साथ शुरू होती है। एक लड़की आती है जो उसको एक पत्र देती है और उसे अपने पति तक पहुंचाने की बात कहती है। वह साथ में इस बात की भी तस्दीक करती है कि पत्र को खोला न जाए, लेकिन, लोकेश यानी लकी के अंदर बदमाशी का कीड़ा है। वह पत्र खोल लेता है। फिर उसका बुरा वक्त शुरू हो जाता है। कहानी में थ्रिल बरकरार रखने के लिए कई बेवजह के किरदार और दृश्य जोड़े गए हैं जो अप्रासगिक हैं। मसलन नेहा धूपिया का आना-जाना और मल्लिका शेरावत की छवि नब्बे के दशक की कॉलेज रोमास गर्ल टाइप की बताना। ।विवेक ओबेराय ने जी तोड़ मेहनत की है, पर वह फिल्म में कोई बेहतर प्रभाव नहीं ला सके हैं। सबसे मुश्किल दौर मल्लिका शेरावत के लिए आने वाला है क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि हॉलीवुड से लौटने के बाद हिंदी सिनेमा में किस तरह की फिल्में करनी चाहिए। फिल्म का सबसे मजेदार और महत्वपूर्ण ट्रैक आशुतोष राणा के हिस्से आया हैं। एक गुंडे के किरदार में अर्से बाद भी उनकी स्क्रीन प्रजेंस उतनी ही दमदार है। अंशुमन झा को इस तरह के किरदार करने से बचना चाहिए। ।सतोख सिह का लिखा-गाया और कंपोज किया गया 'गोरी बैठ पजेरो में तेरा एप्पी बड्डे मनाएंगे' थिरकने पर मजबूर करता है। शेष गाने सुनने लायक नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47157.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38325b0df121db14cce310c1127da61057c69ce0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोई शक नहीं कि निर्माता साजिद नाडियाडवाला पैसे खर्च करते हैं। वह अपने शौक और जुनून के लिए किसी हद तक जा सकते हैं। कमबख्त इश्क की शूटिंग हालीवुड के स्टूडियो में करनी हो या फिल्म में हालीवुड के एक्टर रखने हों, वह रत्ती भर भी नहीं हिचकते। अब यह अलग बात है कि उनके लेखक और निर्देशक हिंदी फिल्म के चालू फार्मूले में हालीवुड-बालीवुड की संगति नहीं बिठा पाते। यही वजह है कि फिल्म सारी भव्यता, नवीनता और खर्च के बावजूद चूं-चूं का मुरब्बा साबित होती है। सब्बीर खान के निर्देशन में बनी कमबख्त इश्क ऊंची दुकान, फीका पकवान का ताजा उदाहरण है। । फिल्म में अक्षय कुमार और करीना कपूर की जोड़ी है। दोनों हाट हैं और दोनों के चहेते प्रशंसकों की कमी नहीं है। प्रशंसक सिनेमाघरों में आते हैं और अपने पसंदीदा सितारों को कमजोर और अनगढ़ किरदारों में देख कर निराश लौटते हैं तो अपनी शर्मिदगी में किसी और को फिल्म के बारे में कुछ नहीं बताते। नतीजतन ऐसी फिल्में आरंभिक उत्साह तो जगाती हैं, लेकिन उसे जारी नहीं रख पातीं। । कमबख्त इश्क अक्षय कुमार और करीना कपूर की पुरानी फिल्म टशन से कंपीटिशन करती नजर आती है। निर्माता-निर्देशकों को समझ लेना चाहिए कि दर्शक ऐसी फिल्में स्वीकार नहीं करते। फिल्म की बुनियाद में पुरुष जाति और स्त्री जाति के प्रति परस्पर नफरत और हिकारत है। विराज (अक्षय कुमार) और सिमरिता (करीना कपूर) विपरीत लिंग के प्रति कोई सम्मान नहीं रखते। अपने जीवन के अनुभव और विश्वास से वे एक-दूसरे को हेय दृष्टि से देखते हैं। उनके बीच इतनी नफरत है कि वह धीरे-धीरे मुहब्बत में तब्दील हो जाती है। मुहब्बत का कोई लाजिक नहीं होता। इस फिल्म में स्थितियों, घटनाओं और प्रसंगों के साथ भावनाओं का भी कोई तर्क नहीं है। टुकड़ों में सोची गई यह फिल्म अंतिम प्रभाव में निहायत कमजोर साबित होती है। । अक्षय कुमार को विदूषक की भूमिका में हम कई फिल्मों में देख चुके हैं। निर्देशक उन्हें नई भावस्थिति नहीं देते। चूंकि पापुलर एक्टर को अपने सेफ जोन में खेलना अच्छा लगता है, इसलिए अक्षय कुमार भी नहीं समझ पाते कि उनकी एक जैसी भूमिकाओं और अदाओं से दर्शक ऊबने लगे हैं। करीना कपूर भी कुछ गानों और दृश्यों में सेक्सी दिखने के अलावा कोई प्रभाव नहीं छोड़ पातीें। फिल्म के नायक-नायिका के साथ बाकी किरदार भी आधे-अधूरे तरीके से गढ़े गए हैं। । हिंदी फिल्मों में 25-30 प्रतिशत संवाद अब अंग्रेजी में होने लगे हैं। गालियों और फूहड़ दृश्यों के उपयोग और सृजन में लेखक और निर्देशक अपनी भोंडी कल्पना का उपयोग करने लगे हैं। कमबख्त इश्क उसी की बानगी है। दोहराव और नकल फिल्म के संगीत में भी है। गाने कमबख्त इश्क के चल रहे होते हैं और कानों में किसी और फिल्म का पापुलर गीत सुनाई देता रहता है। संगीतकार अनु मलिक कहां से कहां पहुंच गए हैं? । रेटिंग : *1/2 । -अजय ब्रह्मात्मज ।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47194.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b6290294222df3e64fbef02697cbbea46846d95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(बैडलक गोबिंद, काश ़ ़ ़मेरे होते और द प्रसिडेंट इज कमिंग की संयुक्त समीक्षा) । हिंदी फिल्मों में बुरी फिल्मों की संख्या बढ़ती जा रही है। फिर भी अगर दो-तीन फिल्में एक साथ रिलीज हो रही हों तो उम्मीद रहती है कि कम से कम एक थोड़ी ठीक होगी। इस बार वह उम्मीद भी टूट गई। इस हफ्ते दो हिंदी और एक अंग्रेजी फिल्म रिलीज हुई। तीनों साधारण निकलीं और तीनों ने मनोरंजन का स्वाद खराब किया। तीनों फिल्मों का अलग-अलग एक्सरे उचित नहीं होगा, इसलिए कुछ सामान्य बातें.. । युवा फिल्मकार फिल्म के नैरेटिव पर विशेष ध्यान नहीं देते। सिर्फ एक विचार, व्यक्ति या विषय लेकर किसी तरह फिल्म लिखने की कोशिश में वे विफल होते हैं। बैडलक गोबिंद का आइडिया अच्छा है, लेकिन उस विचार को फिल्म के लेखक और निर्देशक कहानी में नहीं ढाल पाए। काश ़ ़ ़ मेरे होते का आइडिया नकली है। यश चोपड़ा की डर ने प्रेम की एकतरफा दीवानगी का फार्मूला दिया। इस फार्मूले के तहत कई फिल्में बनी हैं। इसमें शाहरुख खान वाली भूमिका सना खान ने की है। द प्रेसिडेंट इज कमिंग अंग्रेजी में बनी है और इसकी पटकथा भी ढीली है। ऐसा लगता है कि लेखक के दिमाग में जब जो बात आ गई, उसे उसने दृश्य में बदल दिया। इधर के लेखक-निर्देशक हिंदी फिल्मों की नैरेटिव परंपरा से कट रहे हैं। इससे दर्शकों को गहरे झटके लगते हैं। एक व्यक्ति (स्टार, नवोदित कलाकार या नायक) को लेकर जब फिल्म बुनी जाती है तो उसका हश्र बैडलक गोविंद (नायक), काश ़ ़ ़ मेरे होते (नवोदित कलाकार) या द प्रेसिडेंट इज कमिंग (स्टार कोंकणा सेना शर्मा) सा ही होता है। कुमार साहिल को लेकर बनाई गई इस फिल्म में निर्देशक की कोशिश थी कि एक स्टार के तौर पर उन्हें स्थापित किया जाए। लेकिन कैमरा उनके कच्चेपन को जाहिर कर देता है। सना खान ने अलबत्ता ध्यान खींच लिया। बैडलक गोबिंद में गोबिंद की बदकिस्मती उभर नहीं पाई। गौरव चोपड़ा भले ही अच्छे वीजे हों, लेकिन अभिनय के लिए उन्हें लंबा अभ्यास करना होगा। द प्रेसिडेंट इज कमिंग में कोंकणा सेन शर्मा पर निर्देशक का काबू ही नहीं रह गया। । कुछ नया करने की कोशिश की तभी सराहना की जा सकती है, जब वह सार्थक दिशा में हो। ऐसी फिल्मों से किसी का फायदा नहीं होता। काश ़ ़ ़मेरे होते में राजेश खन्ना का देख कर फिर से तकलीफ हुई। क्या जरूरत है उन्हें अपने प्रशंसकों को निराश करने की? 2009 के पहले हफ्ते में कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई थी। दूसरे हफ्ते की तीनों फिल्मों ने निराश किया है। प्रथमग्रासे मच्छिकापात (पहले कौर में ही मक्खी गिर जाना) की इस स्थिति में 2009 का पूरा साल जाने कैसा बीतेगा? । रेटिंग : * । -अजय ब्रह्मात्मज ।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47275.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58ccec7a3261540e1e0060726cb76b6fda3e5d1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47275.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केजीएफ 2 ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर रिलीज के 10वें दिन भी अपनी पकड़ बनाए रखी है। जर्सी से मिल रही कड़ी टक्कर के बावजूद कन्नड़ सुपरस्टार की फिल्म तेजी से आगे बढ़ रही है। फिल्म ने रिलीज के 10वें दिन भी शुरुआती आंकड़ों के हिसाब से करीब 18 करोड़ रुपए की कमाई की है। पहले हफ्ते में ही 268.63 करोड़ कमाने वाली फिल्म ने अपनी रिलीज के दूसरे हफ्ते में शुक्रवार को करीब 19 करोड़ का बिजनेस किया। इसके साथ ही केजीएफ 2 हिंदी ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। फिल्म का हिंदी में नेट कलेक्शन अब करीब 305 करोड़ रुपये हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47282.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aca186e910505b1759a444caf0de908fa3d6a078 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47282.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंगलवार का नेट कलेक्शन मिलाकर केजीएफ 2 (हिंदी) का छह दिनों का नेट कलेक्शन 238.70 करोड़ हो चुका है, यानी 250 करोड़ से सिर्फ 11.30 करोड़ दूर। केजीएफ 2 की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए बुधवार को 250 करोड़ का पड़ाव पार होने की पूरी उम्मीद है। अगर, पहले हफ्ते में केजीएफ 2 के कलेक्शंस देखें तो गुरुवार को फिल्म न 53.95 करोड़ की ओपनिंग ली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47311.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ba57aeb30f1342973b8e0de6152b3c3f1910eae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2022 की शुरुआत कोरोना वायरस पैनडेमिक की तीसरी लहर की आशंका के बाद फिल्मों की रिलीज डेट टलने के साथ हुई और जनवरी में बॉक्स ऑफिस पर सन्नाटा छाया रहा। मगर, फरवरी आते-आते ओमिक्रोन के मामले नियंत्रित होने लगे और प्रोटोकॉल्स का पालन करते हुए फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होना शुरू हुईं और इसी के साथ बॉक्स ऑफिस अपनी पुरानी रंगत में लौटने लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47370.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84fd3353e050c615d68dcb6d0a9be861850b14c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47370.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना की मार पर पुष्पा का वार।इस बीच कोरोना वायरस पैनडेमिक की तीसरी लहर की आशंका शुरू हुई और ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव के चलते दिल्ली समेत कुछ राज्यों में सिनेमाघर बंद कर दिये गये। नाइट और वीकेंड कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे। जहां थिएटर्स खुले थे, वहां सीटिंग कैपेसिटी पहले ही 50 फीसदी थी। मगर, पुष्पा फायर बनकर बस फैल रही थी। बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुष्पा ने पहले हफ्ते में लगभग 27 करोड़, दूसरे हफ्ते में 20 करोड़, तीसरे हफ्ते में 24.62 करोड़, चौथे हफ्त में 12.41 करोड़ और पांचवं हफ्ते में 7.20 करोड़ जमा किये थे। + +27 जनवरी को खत्म हुए छठे हफ्ते में पुष्पा ने लगभग 6.23 करोड़ का नेट कलेक्शन किया, जिसके साथ पुष्पा का छह हफ्तों का नेट कलेक्शन 97.75 करोड़ हो चुका था। 28 जनवरी को शुरू हुए सातवें वीकेंड के आखिरी दिन यानी रविवार को फिल्म ने 100 करोड़ का पड़ाव पार कर लिया। हालांकि, अभी ट्रेड की ओर से अंतिम आंकड़े आना बाकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47400.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea0ad75bbf7abaf964162fc5089c6ed07d4e5af8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यानी स्पाइडरमैन नो वे होम अब 200 करोड़ की ओर बढ़ रही है, जिसके लिए उसे 25.08 करोड़ और चाहिए। हालांकि, पिछले शुक्रवार को 83 के आ जाने से मुकाबला अब मुश्किल हो गयी है, क्योंकि पुष्पा द राइज पहले ही अच्छा प्रदर्शन कर रही है और बढ़त बनाये हुए है। ।स्पाइडरमैन नो वे होम 16 दिसम्बर को गुरुवार को रिलीज हुई थी और 32.67 करोड़ की झन्नाटेदार ओपनिंग ली थी। यह साल 2021 की सबसे बड़ी ओपनिंग है। वहीं, भारत में किसी हॉलीवुड फिल्म की दूसरी सबस बड़ी ओपनिंग है। देश में सबसे बड़ी ओपनिंग लेने वाली फिल्म मारवल की एवेंजर्स एंडगेम है। 2019 में आयी इस फिल्म ने 53.10 करोड़ की ओपनिंग ली थी। तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग एवेंजर्स इनफिनिटी वॉर की है, जिसने 31.30 करोड़ पहले दिन जमा किये थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47455.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..914215df06367794569897ccca073ec0375ce840 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओटीटी प्लेटफॉर्म से हो रही क्षतिपूर्ति।कोरोना वायरस पैनडेमिक के चलते सिनेमाघरों को सिर्फ़ 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किये जाने की अनुमति है। ऐसे में बॉक्स ऑफ़िस पर बेहतर कलेक्शन के लिए महाराष्ट्र के सिनेमाघर खुलना बेहद ज़रूरी है, जहां से हिंदी फ़िल्मों को 30-40 फीसदी कलेक्शन मिलता है। पिछले महीनों में चेहरे, बेलबॉटम और थलाइवी जैसी बड़ी और चर्चित फ़िल्में सिनेमाघरों में रिलीज़ की गयीं, मगर इनके कलेक्शंस उत्साहवर्द्धक नहीं रहे थे। गनीमत यह है कि निर्माताओं को टिकट विंडो पर होने वाले घाटे की भरपाई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ हुई डील से हो जाएगी, मगर एग्ज़िबिटर्स के कारोबार के लिए सिनेमाघरों का खुलना ज़रूरी है। ।All eyes now set on Government of #Maharashtra as to when will they allow cinemas to open. Maharastra is the state where 90% of Hindi films are produced. Not allowing cinemas to operate in the state is killing the cinema business.।तीसरी तिमाही में आने वाली फ़िल्में।एक अक्टूबर को भवाई सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है, जिसमें प्रतीक गांधी और ऐंद्रिता रे लीड रोल्स में हैं।दशहरे पर एसएस राजामौली की आरआरआर और अजय देवगन की मैदान रिलीज़ होने वाली थी, मगर यह फ़िल्में अब 2022 में रिलीज़ होंगी। अक्षय कुमार की पृथ्वीराज और शाहिद कपूर की जर्सी को दिवाली पर रिलीज़ करने का एलान किया गया था, मगर यह पुरानी बात है। इन फ़िल्मों की रिलीज़ को लेकर अभी कोई अपडेट नहीं है। अभी तक सिर्फ़ आमिर ख़ान की लाल सिंह चड्ढा की रिलीज़ ही तय है, जो क्रिसमस पर आएगी। इनके अलावा कुछ हॉलीवुड फ़िल्में भी तीसरी तिमाही में सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47467.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6961a839426da78a80191c9b65fc113fae8c862d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविवार को होलिका दहन के दिन गॉडज़िला वर्सेज़ कॉन्ग ने 6.52 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया। सोमवार को होली का त्योहार मनाये जाने की वजह से कलेक्शंस कुछ कम हो गये, फिर भी फ़िल्म ने 3.94 करोड़ जुटा लिये। इसके साथ फ़िल्म का 6 दिनों का सभी भाषाओं का नेट बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन 32.90 करोड़ हो गया। ।#GodzillaVsKong stays strong on the crucial Monday... A healthy trend because Monday was Day 6 in this case, not Day 4... Wed 6.40 cr, Thu 5.40 cr, Fri 4.22 cr, Sat 6.42 cr, Sun 6.52 cr, Mon 3.94 cr [#Holi]. Total: ₹ 32.90 cr NETT. #India biz. All versions. pic.twitter.com/yXtzt3H5i4।गॉडज़िला वर्सेज़ कॉन्ग की कमाई का बड़ा हिस्सा दक्षिण भारत से आ रहा है, जहां फ़िल्म अंग्रेज़ी के साथ तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज़ हुई है। महाराष्ट्र में कोविड-19 केसों की चिंताजनक स्थिति और प्रतिबंधों की वजह से मुंबई टेरीटरी में बिज़नेस बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ है। वहीं, उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भी कविड-19 मामलों की तादाद में इजाफ़ा हो रहा है, जिसका प्रभाव फ़िल्म बिज़नेस पर भी नज़र आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47497.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b10ad594471341fd7f9b22f0134717eeeeec345 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शकीला से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को हॉलीवुड फ़िल्म वंडर वुमन 1984 रिलीज़ हो रही है। इस फ़िल्म में गैल गेडट लीड रोल में हैं। ख़ास बात यह है कि रिचा चड्ढा के बॉयफ्रेंड अली फ़ज़ल गैल गेडट के साथ हॉलीवुड फ़िल्म डेथ ऑन द नील में काम कर रहे हैं। ।बॉलीवुड सितारे भी दर्शकों को सिनेमाघरों में जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ऋतिक रोशन ने वंडर वुमन 1984 देखने का फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर किया, जिसमें वो दोनों बेटों रेहान और रिदान के साथ फ़िल्म का लुत्फ़ उठा रहे हैं। इसके साथ ऋतिक ने लिखा कि बड़े पर्दे पर फ़िल्म देखने के तजुर्बे का कोई मुकाबला नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47501.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dbe9a13ff7f5a1e6e90304eaf401c74287440b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +11 दिसम्बर।दिसम्बर के दूसरे शुक्रवार को चार प्रमुख फ़िल्में सिनेमाघरों में लगेंगी, जिनमें दो बॉलीवुड और दो हॉलीवुड की हैं। सिनेमाहॉल खुलने के बाद रिलीज़ होने वाली दूसरी बॉलीवुड फ़िल्म इंदू की जवानी है। इस रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म में कियारा आडवाणी और आदित्य सील लीड रोल्स में हैं। इंदू की जवानी को अबीर सेनगुप्ता ने निर्देशित किया है। इसकी कहानी ग़ाज़ियाबाद की रहने वाली इंदिरा गुप्ता के इर्द-गिर्द घूमती है, जो डेटिंग ऐप के ज़रिए अपने लिए साथी की तलाश कर रही है। ।बॉक्स ऑफ़िस पर इंदू की जवानी को टक्कर देने के लिए नीना गुप्ता की द लास्ट कलर आ रही है। इस फ़िल्म की ख़ासियत यह है कि यह फ़िल्म जाने-माने शेफ विकास खन्ना का डायरेक्टोरियल डेब्यू है। द लास्ट कलर वृंदावन और वाराणसी में विधवाओं को लेकर सदियों से चले आ रहे सामाजिक वर्जनाओं पर टिप्पणी करती है। ।इन बॉलीवुड फ़िल्मों को हॉलीवुड की दो फ़िल्मों से चुनौती मिलेगी- द पर्सनल हिस्ट्री ऑफ़ डेविड कोपरफील्ड और द सीक्रेट्स वी कीप। द पर्सनल हिस्ट्री ऑफ़ डेविड कोपरफील्ड कॉमेडी ड्रामा फ़िल्म है, जिसका निर्देशन अरमांडो लैनुची ने किया है। फ़िल्म में देव पटेल, एनुरिन बर्नार्ड और पीटर पीटर कैपाल्डी लीड रोल्स में हैं। ब्रिटेन और अमेरिका में फ़िल्म इसी साल रिलीज़ हो चुकी है। ।द सीक्रेट्स वी कीप ड्रामा थ्रिलर फ़िल्म है, जिसे युवल एडलर ने निर्देशित किया है। फ़िल्म में नूमी रापेस और जोइल किनमैन लीड रोल्स में हैं। ।25 दिसम्बर।दक्षिण भारतीय सिनेमा की बेहद चर्चित एडल्ट एक्टर की बायोपिक शकीला क्रिसमस पर रिलीज़ हो रही है। इस फ़िल्म में रिचा चड्ढा टाइटल रोल में दिखेंगी। फ़िल्म का निर्देशन इंद्रजीत लंकेश ने किया है। शकीला नब्बे दौर में दक्षिण भारतीय सिनेमा की बेहद चर्चित एडल्ट एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने कई फ़िल्मों में काम किया था। ।बॉक्स ऑफ़िस पर शकीला को कड़ी टक्कर हॉलीवुड फ़िल्म वंडर वुमन 1984 से मिलेगी, जिसमें गैल गेडट लीड रोल में हैं। यह 2017 में आयी वंडर वुमन का सीक्वल है। इसका निर्देशन पैटी जेनकिंस ने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47502.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52f264b0dfe3ee4548bcf58fd5e5309b5a374386 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47502.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सूरज पे मंगल भारी को अभिषेक शर्मा ने निर्देशित किया है। मनोज बाजपेयी ने फ़िल्म में एक वेडिंग डिटेक्टिव का किरदार निभाया है, जो शादी से पहले लड़का या लड़की की जासूसी करता है। फ़िल्म को सपोर्ट करने के लिए ख़ुद आमिर ख़ान अपनी बेटी इरा ख़ान के साथ सिनेमाघर में फ़िल्म देखने गये। सूरज पे मंगल भारी में फीमेल लीड रोल निभाने वाली फ़ातिमा ने आमिर के साथ दंगल और ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान में काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47508.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4acdf2fb48acf8000064183bb7d39399028eef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2020 की शुरुआत बड़े उत्साह और उमंग के साथ हुई थी, मगर पहली तिमाही ख़त्म होते-होते फ़िल्म इंडस्ट्री की हालत खस्ता हो गयी है। कोरोना वायरस ने बॉक्स ऑफ़िस की कमर तोड़ दी है। अगर सब कुछ ठीकठाक चलता तो पहली तिमाही में बॉक्स ऑफ़िस की तस्वीर ही कुछ और होती। साल 2019 के मुकाबले 2020 की पहली तिमाही में बॉक्स ऑफ़िस पर फ़िल्मों का प्रदर्शन पहले ही निराशाजनक था, रही-सही कमर कोरोना ने तोड़ दी। पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले इस तिमाही में कमाई क़रीब 200 करोड़ रुपये पीछे चली गयी है। ।साल 2020 की पहली तिमाही ख़त्म होने से पहले ही देश में कोरोना वायरस की दस्तक हो गयी थी, जिसका असर दूसरे काम-धंधों की तरह मनोरंजन उद्योग पर भी पड़ा। देशभर के कई राज्यों में 31 मार्च तक सिनेमाघर बंद होने की वजह से मार्च के दूसरे हाफ़ में रिलीज़ होने वाली कई फ़िल्मों की रिलीज़ टाल दी गयी, जिनमें अक्षय कुमार की सूर्यवंशी भी शामिल है, जो पहले 24 मार्च को रिलीज़ होने वाली थी। ।ऐसे में 13 मार्च को रिलीज़ हुई अंग्रेज़ी मीडियम मार्च महीने की आख़िरी बड़ी रिलीज़ मानी जा सकती है। जनवरी से मार्च तक 2 दर्ज़न से अधिक फ़िल्में रिलीज़ हुई हैं, मगर इनमें 13 फ़िल्में उल्लेखनीय रहीं, जिन्होंने बॉक्स ऑफ़िस पर अपना असर छोड़ा। ये फ़िल्में अपनी स्टार और प्रोडक्शन वैल्यू के चलते चर्चा में रहीं। इन 13 फ़िल्मों ने 800 करोड़ से अधिक बॉक्स ऑफ़िस पर कारोबार किया है, जबकि इसी अवधि में 2019 में लगभग इतनी ही फ़िल्मों ने 1000 करोड़ के आसपास जमा किये थे। ।पहली तिमाही की टॉप 10 फ़िल्में देखें तो लिस्ट इस प्रकार बनती है-।(यह आंकड़े ट्रेड सूत्रों से लिये गये हैं। निर्माताओं के आंकड़ों में फ़र्क हो सकता है)।सिनेमाघर बंद होने से सबसे बुरा असर बाग़ी 3, थप्पड़ और अंग्रेज़ी मीडियम पर पड़ा। ।साल 2020 की दूसरी तिमाही शुरू हो चुकी है, मगर राहत की उम्मीद नज़र नहीं आ रही है। लॉकडाउन की वजह से 14 अप्रैल तक पूरा देश एक तरह से बंद है। लॉकडाउन हटने के बाद भी कोरोना वायरस का ख़ौफ़ जारी रहेगा, जिसके चलते लोग सिनेमाघरों में जमा होने से डरेंगे। इसीलिए निर्माताओं ने भी एहतियात बरतते हुए अप्रैल फ़िल्में रिलीज़ ना करने का फ़ैसला किया है। अप्रैल में रणवीर सिंह की 83 जैसी बड़ी फ़िल्म की रिलीज़ टल चुकी है। ज़ाहिर है कि दूसरी तिमाही के पहले महीने में फ़िल्म इंडस्ट्री का काम-काज पूरी तरह ठप रहेगा, यानि अप्रैल से जून की तिमाही में सिर्फ़ दो महीने बचेंगे। उसमें भी कोरोना वायरस पैनडेमिक के आफ्टर इफेक्ट्स की वजह से कारोबार में मंदी रहने की पूरी सम्भावा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47529.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91e4662204370baf65002f7b823f06c3e62c6277 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीसरे हफ़्ते में बाग़ी 3 से टक्कर।शुभ मंगल ज़्यादा सावधान के साथ विक्की कौशल की भूत द हॉन्टेड शिप रिलीज़ हुई थी, मगर यह फ़िल्म दर्शकों को प्रभावित करने में असफल रही। दूसरे हफ़्ते में शुभ मंगल ज़्यादा सावधान के सामने तापसी पन्नू की थप्पड़ आ गयी, मगर यह फ़िल्म भी बहुत बड़ी चुनौती साबित नहीं हुई। अब तीसरे हफ़्ते में फ़िल्म की मुश्किलें बढ़ेंगी, जब 6 मार्च को टाइगर श्रॉफ की बाग़ी 3 रिलीज़ होगी। ।आयुष्मान खुराना की पिछली फ़िल्मों की तरह शुभ मंगल ज़्यादा सावधान उस लिस्ट को लम्बा करती है, जिसमें वो वर्जित समझे जाने वाले विषयों को उठाते हैं। फ़िल्म समलैंगिकता के विषय पर बात करती है, मगर आयुष्मान स्टाइल में। फ़िल्म में आयुष्मान के साथ जीतेंद्र कुमार यानि जीतू पैरेलल लीड रोल में हैं। जीतू को दर्शक वेब सीरीज़ के ज़रिए पहचानते हैं। गजराज राव और नीना गुप्ता ने जीतू के किरदार के माता-पिता के रोल निभाये हैं। फ़िल्म को समीक्षकों ने भी अच्छी रेटिंग दी थी। सभी ने आयुष्मान खुराना के काम की जमकर तारीफ़ की।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47541.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e18ed0e0feb9fa589be565bac8e3b91da28e6f02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तापसी पन्नू पिछले कुछ वक़्त से कमर्शियल के साथ ऐसी फ़िल्मों में भी काम कर रही हैं, जो मनोरंजन के साथ किसी अहम मुद्दे पर बहस छेड़ देती हैं। पिछले साल उनकी सांड की आंख रिलीज़ हुई थी, जिसमें भूमि पेडनेकर पैरेलल लीड रोल में थीं। शूटर दादियों की इस बायोपिक के बहाने महिला सशक्तिकरण को रेखांकित किया गया था। बहरहाल, शादीशुदा जीवन में घरेलू हिंसा के मुद्दे पर बनी थप्पड़ को लेकर चर्चा तो हो रही है, मगर यह चर्चा टिकट बिक्री में तब्दील होती है या नहीं, इसका पता कल चलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47595.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07cbbce833f5c99601693a929152026dd21ce701 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47595.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +#Tanhaji is rock-steady... [Week 4] Fri 2.77 cr, Sat 4.48 cr, Sun 6.28 cr, Mon 2.32 cr. Total: ₹ 253.72 cr. #India biz.।चौथे वीकेंड में कलेक्शन।तानाजी ने चौथे वीकेंड में शुक्रवार को 2.77 करोड़ का कलेक्शन किया था। शनिवार और रविवार को कलेक्शंस में जंप आया। शनिवार को फ़िल्म ने 4.48 करोड़ का कलेक्शन किया, जबकि रविवार को 6.28 करोड़ कमाये थे।महाराष्ट्र में फ़िल्म ने शानदार प्रदर्शन किया है। तानाजी मराठी भाषा में भी रिलीज़ की गयी थी। ।#Tanhaji flies past ₹ 250 cr mark... Continues its stronghold despite competition from multiple films... Remarkable growth on [fourth] Sat and Sun increases its chances of hitting ₹ 275 cr... [Week 4] Fri 2.77 cr, Sat 4.48 cr, Sun 6.28 cr. Total: ₹ 251.40 cr. #India biz.।चौथे हफ़्ते के पहले दिन शुक्रवार को रणवीर सिंह की सिम्बा (240.22 करोड़) और रितिक रोशन की कृष 3 (240.50 करोड़) की कमाई को पीछे छोड़ दिया। शनिवार को विक्की कौशल की उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक के लाइफ़ टाइम कलेक्शन को पीछे छोड़ा। 2019 में रिलीज़ हुई उरी ने 244 करोड़ का कलेक्शन किया था। ।तीसरे हफ़्ते में 40 करोड़ का कलेक्शन।गुरुवार (30 जनवरी) को तानाजी का तीसरा हफ़्ता पूरा हुआ। तीसरे शुक्रवार को 5.38 करोड़, शनिवार को 9.52 करोड़ और रविवार को 12.58 करोड़ जमा किये थे। सोमवार को फ़िल्म ने 4.03 करोड़ का कलेक्शन किया था, जबकि मंगलवार को 3.22 करोड़ और बुधवार को 2.92 करोड़ बटोर लिये थे। फ़िल्म ने गुरुवार को 2.77 करोड़ का कलेक्शन किया। तीसरे हफ़्ते में तानाजी ने 40.42 करोड़ जमा किये। तीसरे हफ़्ते में हफ़्ते में तानाजी ने कई बड़ी फ़िल्मों को पीछे छोड़ा। इनमें शाह रुख़ ख़ान की चेन्नई एक्सप्रेस और सलमान ख़ान की किक शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47627.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a3a2973f5a38a479da0b1ceed6b09adb5caaba8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुवार (23 जनवरी) को तानाजी की रिलीज़ के दो हफ़्ते पूरे हो गये। फ़िल्म ने गुरुवार को 7.02 करोड़ नेट कलेक्शन किया। 200 करोड़ के लिए फ़िल्म को अब 2.55 करोड़ की और दरकार, जो आज यानि शुक्रवार को मिल जाएगा। इसके साथ अजय की 200 करोड़ क्लब में 2 फ़िल्में हो जाएंगे। 2017 में उन्होंने गोलमाल अगेन से इस क्लब में एंट्री ली थी। यह फ़िल्म दिवाली के मौक़े पर रिलीज़ हुई थी, जबकि तानाजी नॉन-हॉलीडे रिलीज़ है। ।दूसरे हफ़्ते में तानाजी की 2000 स्क्रींस ही रह गयीं। दूसरे शुक्रवार को फ़िल्म ने 10.06 करोड़, शनिवार को 16.36 करोड़ और रविवार को 22.12 करोड़ जमा किये थे। दूसरे वीकेंड में तानाजी ने 48.54 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया था। इसके बाद सोमवार को 8.17 करोड़, मंगलवार को 7.72 करोड़ और बुधवार को 7.09 करोड़ बटोरे। दूसरे हफ़्ते में फ़िल्म ने 78.54 करोड़ का कलेक्शन किया। ।#Tanhaji packs a fantastic total in Week 2... Will hit double century on Day 15 [Fri], emerge #AjayDevgn’s highest grosser on Day 16 [Sat]... [Week 2] Fri 10.06 cr, Sat 16.36 cr, Sun 22.12 cr, Mon 8.17 cr, Tue 7.72 cr, Wed 7.09 cr, Thu 7.02 cr. Total: ₹ 197.45 cr. #India biz.।पहले हफ़्ते में तानाजी का सफ़र।10 जनवरी को 3800 से अधिक स्क्रींस पर देशभर में रिलीज़ हुई तानाजी को 15.10 करोड़ की झन्नाटेदार ओपनिंग मिली थी, जो उम्मीद से भी अधिक थी। पहले शनिवार को फ़िल्म ने 20.57 करोड़ बटोरे और रविवार को 26.26 करोड़ का कलेक्शन किया था। वहीं, वर्किंग वीक में फ़िल्म के कलेक्शंस डबल डिजिट में रहे। सोमवार को फ़िल्म ने 13.75 करोड़, मंगलवार को 15.28 करोड़, बुधवार को 16.72 करोड़ और गुरुवार को 11.23 करोड़ जमा किये थे। तानाजी ने पहले हफ़्ते में 118.91 करोड़ का कलेक्शन किया था। ।तीसरे हफ़्ते में बढ़ी चुनौती।तानाजी के लिए तीसरा हफ़्ता चुनौतीभरा होगा, क्योंकि शुक्रवार से इसके सामने दो बड़ी फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। वरुण धवन और श्रद्धा कपूर की स्ट्रीट डांसर 3डी और कंगना रनोट की पंगा, तानाजी की मुश्किलें बढाएंगी। इन दोनों फ़िल्मों की रिलीज़ का असर तानाजी की स्क्रींस की संख्या पर भी पड़ेगा, जिससे कलेक्शन कम होने की पूरी सम्भावना है। स्ट्रीट डांसर देशभर में 2डी और 3डी फॉर्मेट में 3700 स्क्रींस पर रिलीज़ की गयी है, जबकि पंगा को 1450 स्क्रींस मिली हैं। ।ओम राउत निर्देशित तानाजी छत्रपति शिवाजी महाराज के सूबेदार तानाजी मालुसरे की कहानी है, जिसमें अजय ने टाइटल रोल निभाया है। वहीं सैफ़ अली ख़ान उदयभान के किरदार में हैं, जो मुगल सेना का सेनापति था। काजोल ने फ़िल्म मेें तानाजी की पत्नी सावित्रीबाई का किरदार निभाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47638.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cab98ecd435a206ae0fe6bfa4da50294bfc714a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47638.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +#Chhapaak disappoints... Lacklustre trending in Week 1... Partial holidays [Tue and Wed] helped marginally... Will find the going tough in Week 2... Fri 4.77 cr, Sat 6.90 cr, Sun 7.35 cr, Mon 2.35 cr, Tue 2.55 cr, Wed 2.61 cr, Thu 1.85 cr. Total: ₹ 28.38 cr. #India biz.।फिल्म ट्रेड लिखते हैं, छपाक असंतोषजनक, पहले वीकेंड की मंद ट्रेडिंग, अलग तरह का हॉलीडे, मंगलवार और बुधवार ने मार्जिन में मदद की है, दूसरे हफ्ते में फिल्म का कलेक्शन काफी मुश्किल है गुरुवार 1.85 करोड़ रुपये कलेक्शन, टोटल 28.38 करोड़ रुपये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47657.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8154d17e562b039126638d514b1278b606f8e32a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले सोमवार को फ़िल्म ने 13.41 करोड़ और मंगलवार को 16.20 करोड़ बटोर लिये। बुधवार को नये साल की शुरुआत पर गुड न्यूज़ के कलेक्शंस में ज़ोरदार उछाल आया और फ़िल्म ने 22.50 करोड़ जमा कर लिये थे। इसके साथ फ़िल्म ने छठे दिन 100 करोड़ क्लब में एंट्री ले ली। गुरुवार को रिलीज़ के सातवें दिन 10.80 करोड़ का कलेक्शन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47666.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a551584e84c07dabdfd1459ad9935612c47c6dc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47666.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो हफ़्तों में 141 करोड़।अगर दूसरे हफ़्ते में दबंग 3 का सफ़र देखें तो फ़िल्म के कलेक्शंस काफ़ी गिरे। फ़िल्म ने दूसरे हफ़्ते में 20.16 करोड़ के आसपास जमा किये थे। दूसरे शुक्रवार को दबंग 3 ने सिर्फ़ 2.93 करोड़ का कलेक्शन किया था। शनिवार और रविवार को 3.44 करोड़ और 3.90 करोड़ की कमाई हुई थी। दूसरे सोमवार को कलेक्शंस फिर गिरे और 1.94 करोड़ की कमाई हुई थी। नये साल के आख़िरी दिनों में जश्न के माहौल ने दबंग 3 की कमाई में इजाफ़ा किया और मंगलवार को 2.45 करोड़ मिले, जबकि नये साल के पहले दिन फ़िल्म को 3.96 करोड़ जमा कर लिये। गुरुवार को दबंग 3 सिर्फ़ 1.54 करोड़ के आसपास ही जमा कर पायी। दो हफ़्तों बाद दबंग 3 की कमाई 141.74 करोड़ हो गयी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47677.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5408648ec8a2a1e259078bff1d18fb883d229aaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47677.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +100 करोड़ के पार ।फ़िल्म क्रिटिक और ट्रेड विश्लेषक तरण आदर्श के मुताबिक, साल के पहले दिन ही 'गुड न्यूज़' ने जबरदस्त उछाल मारी। फ़िल्म ने बुधवार को 22.50 करोड़ का कलेक्शन है। यह इसके ओपनिंग से भी ज्यादा है। 'गुड न्यूज़' को 17.56 करोड़ की ओपनिंग मिली थी। बुधवार को हुए शानदार बिज़नेस की वजह से कुल टोटल 117.10 करोड़ पहुंच गया। इससे पहले साल 2018 में क्रिसमस के दिन रिलीज़ हुई सिम्बा भी एक जनवरी को 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47679.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2883ba27400b94ea9276f3df21548a941f34cae5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Good Newwz Box Office Collection Day 4: अक्षय कुमार, करीना कपूर, दिलजीत दोसांझ और कियारा आडवाणी स्टारर फ़िल्म 'गुड न्यूज़' के लिए बॉक्स ऑफ़िस पर खुशियां ही खुशियां हैं। फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर धमाल मचाए हुए है। उम्मीद है कि नये साल के शुरुआत होते है यह 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो जाएगी। ऐसा करने के लिए 'गुड न्यूज़' को करीब 22 करोड़ का और कलेक्शन करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47695.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3df9ee70c4e04c53abbcf49102e40b5e1753cb4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47695.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'मर्दानी 2' ने दूसरे सोमवार (23 दिसम्बर) को 1.25 करोड़ का कलेक्शन किया, जिसके बाद 11 दिनों का नेट कलेक्शन 34.95 करोड़ हो गये। 'मर्दानी 2' का यह दूसरा हफ़्ता चल रहा है। दूसरे वीकेंड में फ़िल्म ने शुक्रवार को 1.15 करोड़, शनिवार को 1.95 करोड़ और रविवार को 2.25 करोड़ का कलेक्शन किया था। सोमवार को 'मर्दानी 2' के ट्रेंड को देखते हुए माना जा रहा है कि फ़िल्म इस हफ़्ते में अच्छा प्रदर्शन करेगी। वहीं क्रिसमस की छुट्टी फ़िल्म के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4773.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ef086ece156849e81312cd48283ec229e4e51a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4773.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बात अगर आलिया भट्ट के वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्द ही संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म गंगूबाई काठियावाडी में नजर आने वाली हैं। फिल्म में आलिया मुख्य किरदार प्ले कर रही हैं। इसके अलावा एक्ट्रेस बाहुबली निर्देशक एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर में सीता के मुख्य किरदार में नजर आने वाली हैं। फिल्म में जूनिया एनटीआर, राम चरण, अजय देवगन भी अहम किरदार में दिखाई देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47738.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3aae89f778c7f17c74ce78e8afa2dfe551802e6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47738.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बॉलीवुड हंगामा के अनुसार, मंगलवार को कमांडो 3 के कलेक्शंस 3.02 करोड़ रहे। सोमवार तक फ़िल्म ने 21.75 करोड़ का कलेक्शन कर लिया था, यानि अब पांच दिनों बाद कमांडो 3 के कलेक्शंस 24.77 करोड़ हो चुके हैं, जो फ़िल्म की मजबूत स्थिति की ओर इशारा करता है। 29 नवंबर को रिलीज़ हुई कमांडो 3 ने 4.74 करोड़ की ओपनिंग ली थी। दूसरे दिन शुक्रवार को 5.64 करोड़ और तीसरे दिन यानि रविवार को फ़िल्म ने 7.95 करोड़ जमा किये थे। सोमवार को कमांडो 3 के खाते में 3.42 करोड़ गये। ।कमांडो 3 को आदित्य दत्त ने निर्देशित किया है। फ़िल्म में विद्युत कमांडो के रोल में दिखे हैं। इस साल विद्युत की यह दूसरी रिलीज़ फ़िल्म है। इससे पहले आयी जंगली ने 3.35 करोड़ की ओपनिंग ली थी, जबकि 13.85 करोड़ का कलेक्शन ओपनिंग वीकेंड में किया था। कमांडो फ्रेंचाइजी की शुरुआत 2013 में हुई थी। यह विद्युत का बॉलीवुड में बतौर लीड एक्टर डेब्यू भी था। हालांकि इससे पहले उन्होंने जॉन अब्राहम की फ़िल्म फोर्स में विलेन का किरदार निभाकर बॉलीवुड करियर की शुरुआत कर दी थी। विद्युत ने एक बेहतरीन एक्शन एक्टर के तौर पर अपनी इमेज कायम की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47740.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa81dba42a186575f12378bccb7b50104eb94a33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ओपनिंग वीकेंड के बाद फ़िल्मों के कलेक्शंस आम तौर पर गिरते हैं। पहले सोमवार को कमांडो 3 और होटल मुंबई के कलेक्शंस भी गिरे हैं, मगर यह गिरावट चिंताजनक नहीं है। ।ट्रेड जानकारों के अनुसार, कमांडो 3 ने पहले सोमवार को 3.42 करोड़ का कलेक्शन किया है। ओपनिंग वीकेंड के बाद सोमवार को कमांडो 3 की यह कमाई ठीकठाक मानी जा रही है। ख़ासकर ओपनिंग डे को देखते हुए, जब फ़िल्म ने 4.74 करोड़ की कमाई की थी। शनिवार और रविवार को कमांडो 3 के कलेक्शंस में इजाफ़ा हुआ और क्रमश: 5.64 करोड़ और 7.95 करोड़ जमा किये थे। चार दिनों के बाद कमांडो 3 के कलेक्शंस अब 21 करोड़ को पार कर गये हैं। ।कमांडो 3 को आदित्य दत्त ने निर्देशित किया है। फ़िल्म में विद्युत कमांडो के रोल में दिखे हैं। इस साल विद्युत की यह दूसरी रिलीज़ फ़िल्म है। इससे पहले आयी जंगली ने 3.35 करोड़ की ओपनिंग ली थी, जबकि 13.85 करोड़ का कलेक्शन ओपनिंग वीकेंड में किया था। कमांडो फ्रेंचाइजी की शुरुआत 2013 में हुई थी। यह विद्युत का बॉलीवुड में बतौर लीड एक्टर डेब्यू भी था। हालांकि इससे पहले उन्होंने जॉन अब्राहम की फ़िल्म फोर्स में विलेन का किरदार निभाकर बॉलीवुड करियर की शुरुआत कर दी थी। विद्युत ने एक बेहतरीन एक्शन एक्टर के तौर पर अपनी इमेज कायम की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47789.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c2e7fba402c3ddd3d1e9b744a248f2182d983ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाउसफुल 4 ने 19.08 करोड़ की ओपनिंग ली थी। दूसरे दिन शनिवार को 18.81 करोड़ और रविवार को ख़ास दिवाली के दिन फ़िल्म ने 15.33 करोड़ जुटाए। ओपनिंग वीकेंड में फ़िल्म ने 53.22 करोड़ जमा किये थे। इसके बाद सोमवार को गोवर्धन पूजा की छुट्टी में हाउसफुल 4 ने छप्परफाड़ कमाई की और 34.56 करोड़ का ज़बर्दस्त कलेक्शन किया था। मंगलवार को भैया दूज की छुट्टी में फ़िल्म ने 24.04 करोड़ जमा किये थे। बुधवार और गुरुवार को 16.35 करोड़ और 13.14 करोड़ जमा किये थे। पहले हफ़्ते में हाउसफुल 4 ने 141.31 करोड़ का कलेक्शन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47801.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4238338b75e693e03e3e90178a8179c635fc79e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47801.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2019 की टॉप 10 फ़िल्मों की लिस्ट इस प्रकार है-।हाउसफुल 4 दिवाली के त्योहार से दो दिन पहले धनतेरस पर 25 अक्टूबर को रिलीज़ हुई थी। फ़िल्म ने 19.08 करोड़ की ओपनिंग ली थी। दूसरे दिन शनिवार को 18.81 करोड़ और रविवार को ख़ास दिवाली के दिन फ़िल्म ने 15.33 करोड़ जुटाए। इसके बाद सोमवार को गोवर्धन पूजा की छुट्टी में हाउसफुल 4 ने छप्परफाड़ कमाई की और 34.56 करोड़ का ज़बर्दस्त कलेक्शन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47816.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed3f775bbc19b4c41fc778593207e946b3faf7b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाउसफुल 4 को इस बार दो कालखंडों में सेट किया गया है। कहानी का एक हिस्सा 1419 में है, जबकि दूसरा 2019 में। सभी कलाकार दो कालखंड़ों में अलग-अलग लुक और गेटअप में नज़र आएंगे। अक्षय कुमार का किरदार बाला पहले ही इंटरनेट पर धूम मचा रहा है। बाला- शैतान का साला गीत हिट हो चुका है। अक्षय कुमार, रितेश देशमुख और चंकी पांडेय हाउसफुल फ्रेंचाइजी का शुरू से हिस्सा हैं। चौथे भाग में बॉबी देओल समेत कुछ और कलाकारों की एंट्री हुई है। ।फ्रेंचाइजी में फीमेल लीड हर बार बदल दी जाती हैं और इस बार कृति सनोन, कृति खरबंदा और पूजा हेगड़े फीमेल लीड में हैं। अक्षय कुमार की इस साल तीसरी रिलीज़ है। उनकी दो फ़िल्में केसरी और मिशन मंगल बॉक्स ऑफ़िस पर सफल रही हैं। केसरी 22 मार्च को होली की छुट्टियों में रिलीज़ हुई थी और 150 करोड़ से अधिक जमा किये थे। वहीं, मिशन मंगल 15 अगस्त पर रिलीज़ हुई और इसने 200 करोड़ से अधिक कलेक्शन किया था। अक्षय की यह पहली 200 करोड़ी फ़िल्म बनी। इस फ़िल्म ने 29 करोड़ की शानदार ओपनिंग ली थी, जो अक्षय कुमार के लिए भी एक रिकॉर्ड है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47820.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f7c9f6fe978281e34b654f497c5d6ed6b12591c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47820.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1. गोलमाल 3- 2010।रोहित शेट्टी निर्देशित गोलमाल सीरीज़ की तीसरी फ़िल्म 2010 की दिवाली पर 5 नवंबर को रिलीज़ हुई थी। अजय देवगन, अरशद वारसी और तुषार कपूर की स्थायी कास्ट के साथ बनाई जाने वाली गोलमाल बॉलीवुड की सफल कॉमेडी फ्रेंचाइजी है। इस सीरीज़ की सभी फ़िल्में कामयाब रही हैं। तीसरे भाग में अजय, अरशद और तुषार के साथ श्रेयस तलपड़े, कुणाल खेमू और करीना कपूर ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं। गोलमाल 3 बॉक्स ऑफ़िस हिट घोषित की गयी थी। बॉक्स ऑफ़िस इंडिया के अनुसार फ़िल्म ने 108 करोड़ से अधिक नेट कलेक्शन किया था।  ।2. रा.वन- 2011।अजय देवगन की तरह शाह रुख़ ख़ान भी दिवाली पर अक्सर अपनी फ़िल्में रिलीज़ करते रहे हैं। 2011 में 26 अक्टूबर को शाह रुख़ Ra.One लेकर आये। अनुभव सिन्हा निर्देशित इस साइंस फिक्शन फ़िल्म को तकनीकी स्तर पर काफ़ी सराहा गया। बॉक्स ऑफ़िस पर फ़िल्म को 118 करोड़ से अधिक मिले और सफल रही। 2011 की दिवाली पर यह सोलो रिलीज़ फ़िल्म थी। ।3. जब तक है जान- 2012।2012 में शाह रुख़ ख़ान की फ़िल्म जब तक है जान रिलीज़ हुई। इस फ़िल्म को वेटरन निर्देशक यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था। 13 नवंबर को आयी फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर 120 करोड़ से अधिक बटोरे और सुपरहिट घोषित की गयी। ।4. सन ऑफ़ सरदार- 2012।2012 में अजय देवगन की सन ऑफ़ सरदार भी रिलीज़ हुई। यह फ़िल्म भी कामयाब रही। अश्विनी धीर निर्देशित फ़िल्म ने 105 करोड़ से अधिक कलेक्शन करके हिट का दर्ज़ा पाया। ।5. कृष 3- 2013।2013 में रितिक रोशन की सुपरहीरो फ़िल्म कृष 3 सिनेमाघरों में पहुंची थी। 31 अक्टूबर को रिलीज़ हुई फ़िल्म ने 240 करोड़ से अधिक कलेक्शन किया था और हिट रही थी। राकेश रोशन निर्देशित फ़िल्म में विवेक ओबेरॉय, प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत मुख्य किरदारों में दिखे थे। इसी साल रिलीज़ हुई वॉर से पहले कृष 3 रितिक रोशन की सबसे अधिक कलेक्शन करने वाली फ़िल्म थी। 2013 में कृष 3 दिवाली पर रिलीज़ होने वाली अकेली फ़िल्म थी।  ।6. हैप्पी न्यू ईयर- 2014।2014 की दिवाली पर शाह रुख़ ख़ान एक बार फिर सिनेमाघरों में लौटे। 24 अक्टूबर को फ़राह ख़ान निर्देशित हैप्पी न्यू ईयर रिलीज़ हुई। इस मल्टीस्टारर हाइस्ट फ़िल्म में अभिषेक बच्चन, सोनू सूद, विवान शाह, बमन ईरानी और दीपिका पादुकोण मुख्य किरदारों में नज़र आये। फ़िल्म ने 205 करोड़ का कलेक्शन किया था और फ़ायदे में रही। 2014 की दिवाली पर यह सोलो रिलीज़ फ़िल्म थी। ।7. प्रेम रतन धन पायो- 2015।2015 की दिवाली पर 12 नवंबर को सलमान ख़ान की फ़िल्म प्रेम रतन धन पायो रिलीज़ हुई थी। सलमान काफ़ी अर्से बाद दिवाली पर लौटे थे। सूरज बड़जात्या निर्देशित फ़िल्म अकेले रिलीज़ हुई और शानदार कलेक्शन भी किया। फ़िल्म ने 207 करोड़ से अधिक बटोरे थे। फ़िल्म में सोनम कपूर सलमान की लीडिंग लेडी बनी थीं। ।8. ऐ दिल है मुश्किल- 2016।2016 की दिवाली पर करण जौहर निर्देशित फ़िल्म ऐ दिल है मुश्किल सिनेमाघरों में आयी। रिलीज़ से पहले फ़िल्म रणबीर कपूर और ऐश्वर्या राय बच्चन की हॉट कैमिस्ट्री के लिए ख़ूब चर्चा में रही। अनुष्का शर्मा ने फीमेल लीड रोल निभाया। 28 अक्टूबर को आयी फ़िल्म ने 112 करोड़ से अधिक कलेक्शन किया और कामयाब घोषित की गयी थी। ।9. शिवाय- 2016।2016 की दिवाली पर अजय देवगन ने एक बार फिर वापसी की। इस एडवेंचर-एक्शन फ़िल्म का निर्देशन भी अजय ने ही किया था। फ़िल्म ने 100 करोड़ से अधिक जमा किये और औसत घोषित की गयी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47821.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..374a0bd147e5df1734c8f18bd4f994bcf068b9d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47821.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीसरे हफ़्ते में चल रही फ़िल्म के हिंदी वर्ज़न ने सोमवार को 2.10 करोड़ जमा किये। इससे पहले फ़िल्म ने तीसरे वीकेंड में अच्छा प्रदर्शन किया था। शुक्रवार को 2.80 करोड़, शनिवार को 4.35 करोड़ और रविवार को 5.60 करोड़ बटोर लिये थे। वॉर के सिर्फ़ हिंदी वर्ज़न का 20 दिनों का कलेक्शन अब 290 करोड़ हो चुका है, जबकि तमिल और तेलुगु वॉर की कमाई भी जोड़ दें तो फ़िल्म 304 करोड़ इकट्ठा कर चुकी है। ।वॉर सातवीं सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फ़िल्म बन चुकी है। सबसे अधिक कमाई का रिकॉर्ड तेलुगु फ़िल्म बाहुबली- द कन्क्लूज़न के हिंदी डब वर्ज़न के नाम है, जिसने 511 करोड़ जमा किये थे। अगर इस फ़िल्म को निकाल दें तो वॉर सबसे अधिक कमाई करने वाली छठी फ़िल्म बन चुकी है। वॉर ने 300 करोड़ क्लब में एंट्री लेने के साथ ही सलमान ख़ान की सुल्तान (300.45 करोड़) और रणवीर सिंह की पद्मावत (300.26 करोड़) को पीछे छोड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47837.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f79e329859013e3d4281d3102a9bf94f386ba16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'द स्काई इज़ पिंक' से जहां एक तरफ़ प्रियंका की बड़े पर्दे पर वापसी हो रही है, वहीं ज़ायरा वसीम की यह आख़िरी रिलीज़ फ़िल्म होगी, जिसका एलान उन्होंने कुछ महीने पहले सोशल मीडिया के ज़रिए किया था। धार्मिक कारणों से ज़ायरा ने फ़िल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया है। बहरहाल, 'द स्काई इज़ पिंक' के विषय और प्रियंका की एक्टिंग को लेकर काफ़ी उत्सुकता है। समीक्षकों की ओर से फ़िल्म को सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली है। ।'द स्काई इज़ पिंक' को एक संवेदनशील पारिवारिक फ़िल्म माना जा रहा है। मेट्रोज़ में फ़िल्म दर्शकों को आकर्षित करेगी। ट्रेड जानकारों के अनुमान है कि द स्काई इज़ पिंक 3-6 करोड़ के बीच ओपनिंग ले सकती है। हालांकि बॉक्स ऑफ़िस पर इसे रितिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की 'वॉर' से कड़ी चुनौती मिलने वाली है, जो सिनेमाघरों में शानदार प्रदर्शन कर रही है। फ़िल्म कारोबार पर नज़र रखने वाली सुपर सिनेमा मैगज़ीन के मुताबिक द स्काई इज़ पिंक 3-3.50 करोड़ पहले दिन कमा सकती है। बता दें कि प्रियंका की पिछली फ़िल्म जय गंगाजल ने 5.50 करोड़ की कमाई पहले दिन की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47842.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..600493501210749d4eeb19c4ca1413851e7ca3e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47842.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +200 करोड़ वाली 2019 की चौथी फिल्म।200 करोड़ का कलेक्शन करने वाली वॉर इस साल की चौथी फिल्म है। इससे पहले 2019 में विक्की कौशल की उरी- द सर्जीकल स्ट्राइक, शाहिद कपूर की कबीर सिंह, अक्षय कुमार की मिशन मंगल और सलमान खान की भारत ने 200 करोड़ के क्लब में एंट्री की है। वहीं वॉर ने इस साल 200 करोड़ रुपये सबसे तेजी से भी कमाए हैं। इतनी कमाई के लिए वॉर को केवल सात दिन लगे। जबकि कबीर सिंह को 13 दिन लगे थे। भारत को 14 दिन, उरी को 28 दिन और मिशन मंगल को 29 दिन लगे थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47846.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39059b2e15629f568f14a5694ca9bf41f65c7636 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओवरसीज़ में अब तक सबसे अधिक बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन का रिकॉर्ड सलमान ख़ान की भारत के नाम है, जिसने 75 करोड़ से अधिक जमा किये थे। दूसरे स्थान पर गली बॉय है, जिसने 72 करोड़ से ज़्यादा ओवरसीज़ में कमाये। तीसरे स्थान पर उरी- द सर्जीकल स्ट्राइक है, जिसे 52 करोड़ से अधिक मिले। चौथे स्थान पर कलंक है, जिसने 50.87 करोड़ से अधिक कमाई ओवरसीज़ में की। वहीं, पांचवें स्थान पर मिशन मंगल है, जिसने 50.38 करोड़ विदेशों में कमाये। वॉर जल्द ओवरसीज़ में भारत को पीछे छोड़ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47848.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f471748fda9f7c4225ac7c9d2f6e335161cad41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुर्गापूजा से फिल्म को मिल रहा फायदा।वॉर को दुर्गापूजा का फायदा मिल रहा है। इससे पूर्व के राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और बिहार में फिल्म का कलेक्शन काफी मजबूत है। वहीं गुजरात और सौराष्ट्र में फिल्म की कमाई अभी औसत है। वॉर देशभर में 3800 से ज्यादा स्क्रिन पर एक साथ हिंदी, इंग्लिश और तेलुगु में रिलीज हुई है। पहले दिन की बात करें तो वॉर ने 53.35 करोड़ रुपये की झन्नाटेदार ओपनिंग ली है, जिसमें 51.60 करोड़ रुपये हिंदी बेल्ट से आये हैं, जबकि 1.75 करोड़ रुपये तेलुगु और तमिल से मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4785.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2542115c0d856ad288ce653c3145ca33a5effb36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौत से चंट घंटों पहले का है वीडियो।पुनीत राजकुमार को चाहने वाले फैंस इस सच को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे कि सबका चहेता सितारा अब उनके बीच नहीं रहा। इस दौरान सोशल मीडिया पर पुनीत का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पुनीत राजकुमार सुपरहिट फिल्म 'केजीएफ' फेम अभिनेता यश और शिवराज कुमार के साथ नजर आ रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि दिवंगत पुनीत, यश और शिवराज के साथ स्टेज पर डांस कर रहे हैं। दर्शक भी उन्हें झूमता देख काफी खुश हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47860.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..558a51e6f82f90c3dc5e7a27df182e8e076fa89a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले फिल्म ने पहले वीक में 72.20 करोड़ रुपये का बिजनेस किया और दूसरे हफ्ते में यह कलेक्शन करीब आधा होकर 38.60 करोड़ के पास पहुंच गया। हालांकि उसके बाद सिर्फ दो दिन में ही फिल्म ने 16.20 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। अगर फिल्म के कुल कलेक्शन की बात करें तो फिल्म ने 127 करोड़ रुपये का बिजनेस कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47888.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47153aa338ff6b7dec1191c4115e4bd267950f46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47888.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Saaho Box Office Prediction: साल की बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में से एक साहो सिनेमाघरों में पहुंच गई है।फ़िल्म को लेकर दर्शकों के साथ ट्रेड सर्किल में भी काफ़ी उत्सुकता है। सभी की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि फ़िल्म पहले दिन कितनी कमाई करेगी। यह सवाल भी ज़हन में है, क्या प्रभास अपनी पिछली फ़िल्म बाहुबली 2- द कन्क्लूज़न (Baahubali2- The Conclusion) का ओपनिंग रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे? 'बाहुबली 2' की तरह ही साहो भी तेलुगु के अलावा हिंदी, तमिल और मलयालम में रिलीज़ हुुई है। + +2017 में रिलीज़ हुई 'बाहुबली 2- कन्क्लूज़न' ने 121 करोड़ रुपये की अभूतपूर्व ओपनिंग ली थी, जिसमें से सिर्फ़ हिंदी भाषा के संस्करण ने 41 करोड़ जमा किये थे। यानि लगभग 80 करोड़ रुपये तेलुगु, तमिल और मलयालम से आया। बाहुबली 2 का यह रिकॉर्ड अभी तक कोई फ़िल्म नहीं तोड़ सकी है। एसएस राजामौली निर्देशित बाहुबली 2 में मुख्य भूमिका प्रभास, राणा दग्गुबटी और अनुष्का शेट्टी ने निभायी थीं। अब वही प्रभास साहो के साथ लौट रहे हैं। बाहुबली 2 के बाद प्रभास ने साहो के अलावा कोई फ़िल्म साइन नहीं की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47927.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fbedd465172612a48d75edff6609584f1525d09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47927.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रितिक रोशन और मृणाल ठाकुर दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में कामयाब हो रहे हैं। इनकी फिल्म सुपर 30 का बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। वीक डेज में जरुर संघर्ष की स्थिति है लेकिन वीकेंड पर फिल्म की परफॉर्मेंस अच्छी है। बुधवार को 85 लाख रुपये और कमाई करते हुए फिल्म का आंकड़ा 140.44 करोड़ रुपये के पार हो गया है। ।फिल्म सुपर 30 गणितज्ञ आनंद कुमार की जीवन पर आधारित फिल्म है जिसकी कहानी प्रेरणादायक है। फिल्म ने दर्शकों के लिए दिल में जगह बनाई है और फिल्म के पास अभी कमाई के कई मौकें बाकी हैं। फिल्म ने मंगलवार को रणवीर सिंह और सारा अली खान की गली बॉय को पछाड़ते हुए 2019 में टॉप ग्रॉसर फिल्म की लिस्ट में छठवां स्थान हासिल कर लिया था। अब फिल्म की निगाहें टोटल धमाल पर होंगी क्योंकि इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर यह फिल्म है। अगर बात करें टोटल धमाल के बॉक्स ऑफिल पर लाइफ टाइम कलेक्शन की तो यह आंकड़ा 154.23 करोड़ रुपये था। और सुपर 30 अभी 140 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है। ऐसे में इस वीकेंड उम्मीद है कि फिल्म 150 करोड़ रुपये की कमाई करते हुए आगे निकल जाए। ।Top 10... Highest grossing #Hindi films... 2019 releases...1. #KabirSingh2. #Uri3. #Bharat4. #Kesari5. #TotalDhamaal6. #Super307. #GullyBoy8. #DeDePyaarDe9. #Manikarnika10. #LukaChuppiIndia biz.।यह भी पढ़ें: Kabir Singh Box Office Collection Day 47: Shahid Kapoor की Blockbuster की हो गई इतनी कमाई।#Super30 shows solid trending on weekdays... [Week 4] Fri 96 lacs, Sat 2.10 cr, Sun 3.22 cr, Mon 85 lacs, Tue 81 lacs, Wed 85 lacs. Total: ₹ 140.44 cr. India biz.।आपको बता दें कि फिल्म सुपर 30 ने गली बॉय को पछाड़ दिया है। टोटल धमाल के अलावा सुपर 30 अक्षय कुमार स्टारर केसरी को भी पीछे छोड़ सकती है। क्योंकि केसरी का लाइफटाइम कलेक्शन 154.41 करोड़ रुपये रहा था। और अगर फिल्म टोटल धमाल को पछाड़ देती है तो केसरी को भी कम समय में पीछे कर देगी। क्योंकि टोटल धमाल और केसरी के कलेक्शन में ज्यादा फासला नहीं है।  ।अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4795.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..996f87e5ddf7e1c6d667b55e18dc6742bc657c63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 28 अक्टूबर को जब आर्यन ख़ान को ये बताया गया कि आखिरकार उन्हें बेल मिल गई है तो उनके चेहरे पर सुकून आ गया। आर्यन के चेहरे पर इस बात की खुशी साफ दिखी कि अब वो अपने घर ‘मन्नत’ वापस लौट पाएंगे। न्यूज़ एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक शाम को जब पुलिसकर्मियों नें उन्हें बताया कि उनकी ज़मानत अर्जी मंज़ूर हो गई है तो उनके चेहरे पर खुशी साफ नज़र आई, इतना ही नहीं आर्यन ने पुलिसकर्मियों का शुक्रियाअदा भी किया। आर्यन को शाम करीब 6 बजे जेल स्टाआफ ने बैरक में जाकर यह खबर दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_47983.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_47983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d204df554808bc11c51e74cc3722d32258c404e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_47983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एंडगेम में दिखाया गया था कि एवेंजर्स टाइम मशीन के ज़रिेए अलग-अलग टाइम ज़ोन में जाकर इनफिनिटी स्टोंस इकट्ठा करते हैं और प्रीक्वल इनफिनिटी वॉर में मारे गये सुपरहीरोज़ को ज़िंदा करते हैं।स्पाइडरमैन भी इनमें शामिल था। स्पाइडरमैन फार फ्रॉम होम में पीटर पारकर छुट्टी मनाने गया है, मगर वहां उसके सामने एक नई चुनौती आ जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48008.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83d0c0f9a2480e5ad7275ece5061074b3a251361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Salman Khan और Katrina Kaif स्टारर फिल्म Bharat डबल सेंचुरी मार चुकी है। मतलब फिल्म 200 Crore Club में शामिल हो चुकी है। रिलीज से चार दिनों में फिल्म ने 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था। इसके बाद फिल्म की रफ्तार धीमी पड़ गई थी क्योंकि Icc Cricket world cup में India और Pakistan का मैच था। इस कारण फिल्म की कमाई पर मैच का असर देखने को मिला था। अब फिल्म के सामने चुनौती है आज रिलीज हुई फिल्म Kabir Singh। ।फिल्म भारत 200 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है। फिल्म की कुल कमाई जानकारी के मुताबिक अभी तक 201.86 करोड़ रुपये हो चुकी है। अभी फिल्म के कलेक्शन के नए आंकड़े सामने आना बाकी है। लेकिन अगर बात करें इस सप्ताह की तो आज 21 जून को Shahid Kapoor और Kiara Advani की फिल्म Kabir Singh सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। अब ऐसे में बताया जा रहा है कि सिनेमाघरों में कबीर सिंह के आने से भारत की कमाई पर फिर असर हो सकता है। चूंकि, फिल्म कबीर सिंह के क्रिटिक्स द्वारा रिव्यू भी अच्छे दिए गए हैं और शाहिद कपूर की एक्टिंग को खूब सराहा भी गया है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि भारत किस प्रकार अपनी कमाई का ग्राफ बढ़ाती है। फिल्म तीन टॉप बड़ी ओपनिंग हिंदी फिल्मों की लिस्ट में तीसरे पायदान पर आ गई थी और बाहुबली 2 को पीछे छोड़ दिया था। बाहुलबली 2 ने बॉक्स ऑफिस पर 41 करोड़ की ओपनिंग हासिल की थी। वहीं, भारत में इससे एक करोड़ तीस लाख ज्यादा कमाई कर तीसरा पायदान हासिल कर लिया। ।सलमान खान की भारत 5 जून को रिलीज हुई थी और शानदार कमाई करते हुए फिल्म ने 42.30 करोड़ की ओपनिंग ली थी। भारत के जरिए सलमान खान को करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग मिली थी। फिल्म ने Box Office Collection Day 1 के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और फिल्म ने Baahubali 2 - The Conclusion को भी पीछे छोड़ दिया था। ।यह भी पढ़ें: Bharat Box Office Collection: Salman Khan की छठी पिल्म 200 करोड़ क्लब में शामिल।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48048.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..deeb1474ece5ff75f248494ed7514e91cfa43e0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मार्वल की सबसे लंबी फ़िल्म Avengers End Game।भारत में एवेंजर्स एंड गेम अंग्रेजी के साथ हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में भी रिलीज़ की गयी है। ट्रेड सूत्रों के अनुसार, फ़िल्म को फ़िलहाल 2500 स्क्रींस देशभर में दी गयी हैं, मगर आने वाले समय में यह संख्या बढ़ाई जा सकती है। एवेंजर्स एंड गेम मार्वल की अब तक की सबसे लंबी अवधि की फ़िल्म है। इसकी अवधि 3 घंटा 2 मिनट है। हॉलीवुड फ़िल्में आम तौर पर डेढ़ से पौने दो घंटे लम्बी होती हैं। 2 घंटे की फ़िल्म को भी वहां लंबा माना जाता है। ऐसे में एवेंजर्स एंड गेम की इस अवधि को एक रिकॉर्ड माना जा रहा है। इसके प्रीक्वल एवेंजर्स इनफिनिटी वॉर की अवधि 2 घंटा 40 मिनट थी। ।थैनोस से निर्णायक जंग के लिए इकट्ठा हुए सुपरहीरोज़।एवेंजर्स एंड गेम में 22 से अधिक सुपरहीरोज़ अंतरिक्ष की गहराइयों से आये शक्तिशाली दुश्मन थैनोस के ख़िलाफ़ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। थैनोस के ख़िलाफ़ एवेंजर्स की टीम को इस बार कैप्टन मार्वल और एंटमैन ने ज्वाइन किया है, जो सबसे शक्तिशाली एवेंजर हैं। इसके प्रीक्वल में आपने देखा होगा कि एवेंजर्स की टीम ने गार्जिंयस ऑफ़ गैलेक्सी के साथ मिलकर टाइटन से आये थैनोस को रोकने की कोशिश की थी, जो 6 इनफिनिटी स्टोंस जमा करके ब्रह्मांड को फिर से संतुलित करने की कोशिश में जुटा था। दो इनफिनिटी स्टोंस धरती पर थे। एक डॉक्टर स्ट्रैंजर के पास, जबकि दूसरा विज़न के पास था। एवेंजर्स और थैनोस के बीच भीषण लड़ाई होती है। एवेंजर्स जंग हार जाते हैं। क्लाईमैक्स में दिखाया गया था कि एवेंजर्स एक-एक करके ग़ायब हो रहे हैं, जिसने इसके सीक्वल का इंतज़ार बढ़ा दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48067.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cf76f24bdd705c0e51c3c29aad25d9c5370aedd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48067.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी द ताशकंद फाइल्स ने अपनी रिलीज़ के दूसरे दिन यानि शनिवार को 70 लाख रूपये का कलेक्शन किया। फिल्म को पहले दिन 36 लाख रूपये का कलेक्शन मिला था। दो दिनों में कमाई एक करोड़ 6 लाख रूपये हो गई है। दस करोड़ रूपये से भी कम बजट में बनी इस फिल्म को रविवार को अच्छा करना होगा तभी फिल्म को बूस्ट मिल सकता है। देश भर में 250 स्क्रीन्स में रिलीज़ हुई इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती , श्वेता बसु प्रसाद , पल्लवी जोशी, मंदिरा बेदी और पंकज त्रिपाठी ने काम किया हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48090.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d92faf981916154be36fe741ab3a0bfdb5c2b87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिखों का नेतृत्व कर रहे हवलदार ईशर सिंह ने मरते दम तक लड़ने का फैसला किया । इसे सैन्य इतिहास में इतिहास के सबसे महान एंड बैटल यानि अन्त वाले युद्धों में से एक माना जाता है। जंग के दो दिन बाद दूसरी ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा ने उस जगह पर फिर कब्ज़ा कर लिया था। सिख सैनिक इस युद्ध की याद में 12 सितम्बर को सारगढ़ी दिवस मनाते हैं l।यह भी पढ़ें: Dabangg 3: शूटिंग की अंदर की लेटेस्ट तस्वीरें देखिए, कुछ इस प्रकार की साइकिल की सवारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48134.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..933907cc14dfd21dc2a23c7aa9eaa5a7efaf8076 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आदित्य धर के निर्देशन में बनी विक्की कौशल, यामी गौतम, परेश रावल, कीर्ति कुल्हरी और मोहित रैना स्टारर फिल्म उरी सर्जिकल स्ट्राइक ने अपनी रिलीज़ के 59 वें दिन यानि रविवार को भी 50 लाख रूपये का कलेक्शन किया हैl फिल्म को अब तक 242 करोड़ 27 लाख रूपये का कलेक्शन मिल गया है। फिल्म के अब भी 250 करोड़ तक पहुंचने का चांस है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48143.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a74bc4a8ea21801c1e39b4165266de6420816f84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म में रितेश देशमुख, अरशद वारसी और जावेद जाफ़री भी हैं और साथ में जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, बमन ईरानी और पितोबाश भी l इस बार 50 करोड़ रूपये के लिए सारी भागदौड़ हुई है l सिनेमा के परदे पर अपने अभिनय से दिलों को लूटने वाली बॉलीवुड की दिलकश जोड़ी यानि अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने करीब 17 साल बाद बड़े परदे पर वापसी की है l टोटल धमाल को वाइल्ड एडवेंचर कॉमेडी का नाम दिया गया है, क्योंकि फिल्म में कई सारे जानवर हैं जिन्हें भारत से बाहर जा कर रियल लोकेशंस पर शूट किया गया है l।फिल्म में अजय देवगन की वो भूमिका है जो इससे पहले के भाग में संजय दत्त की रही है। साल 2007 में धमाल बनी थी और बाद में उसका सीक्वल डबल धमाल भी बनाया गया था। इस बार धमाल को टोटल करने में करीब 90 से 100 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं l फिल्म को देश में 3700 और ओवरसीज़ में 786 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया है l।यह भी पढ़ें: सारा अली खान से मिलते ही कार्तिक आर्यन को ये क्या हुआ, वीडियो वायरल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48198.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3f6439eedb2bb200050bf1218e738eddb471e21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48198.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म उरी में विक्की कौशल और यामी गौतम लीड रोल में हैं। साथ ही परेश रावल, कीर्ति कुल्हरी और मोहित रैना का भी अहम् रोल हैl उरी -सर्जिकल स्ट्राइक, कहानी है तब की जब 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के मिलिट्री बेस पर अचानक हमला कर दिया था जिसमें 19 जवान शहीद हो गए।ग्यारह दिनों के भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह कर दिया। सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर कैसे आतंकियों के बेस को तबाह किया था, उरी में यही दिखाया गया l फिल्म करीब 40 करोड़ के बजट में बनी है । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48230.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddc366fc9aa64193028a3cad6adfba68aabb362d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुपर हिट हो चुकी आदित्य धर की उरी- सर्जिकल स्ट्राइक ने अपनी रिलीज़ के छठे दिन यानि इस बुधवार को 7 करोड़ 73 लाख रूपये का कलेक्शन किया है। एक छोटे बजट की फिल्म के लिए हफ्ता पूरा होने से एक दिन पहले किया गया ये कलेक्शन मायने रखता है क्योंकि फिल्म को 8 करोड़ 20 लाख रूपये से ओपनिंग मिली थी। फिल्म की कुल कमाई अब 63 करोड़ 54 लाख रूपये हो गई हैl इस शानदार प्रदर्शन के बाद विक्की कौशल की ये फिल्म पहले हफ़्ते 70 करोड़ के आंकड़े को पार कर जायेगी। वीकेंड तक 100 करोड़ रूपये मिल जाते हैं तो ये साल की पहली और अपने बजट में सबसे तेज़ 100 करोड़ रूपये कमाने वाली हाल के वर्षों में रिलीज़ पहली फिल्म होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48232.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..577bc67d9b53e19fede603308c24d537eef348fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48232.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिंबा, संग्राम भालेराव नाम के एक घूसखोर पुलिसवाले की कहानी है जो शहर के डॉन के साथ मिलकर काम करता है। लेकिन एक दिन जब उसकी मुंहबोली बहन के साथ रेप हो जाता है तो उसका खून खौल उठता है। सिंबा, तेलुगु फिल्म टेम्पर का हिंदी रिमेक है। टेम्पर में जूनियर एनटीआर ने लीड रोल निभाया था। रणवीर सिंह की इस फिल्म को बनाने में करीब 85 करोड़ रूपये की लागत आई है, जिसमें प्रचार का खर्च भी शामिल है। सिंबा की ओपनिंग 4020 स्क्रीन्स में और ओवरसीज़ के 963 स्क्रीन्स में हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48237.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fab428b56062ce37027a8aa42bd1d70febf9439 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिंबा ने 20 करोड़ 72 लाख रूपये से ओपनिंग ली थी और पहले वीकेंड में 75 करोड़ 11 लाख रूपये का बिज़नेस किया। फिर पहले हफ़्ते में 150 करोड़ 81 लाख रूपये और दूसरे वीकेंड में 39 करोड़ 83 लाख रूपये का कलेक्शन किया l वैसे सिंबा को अब उरी सर्जिकल स्ट्राइक से बड़ा ख़तरा है जो बेहतरीन कमाई कर रही है। सिंबा, संग्राम भालेराव नाम के एक घूसखोर पुलिसवाले की कहानी है जो शहर के डॉन के साथ मिलकर काम करता है। लेकिन एक दिन जब उसकी मुंहबोली बहन के साथ रेप हो जाता है तो उसका खून खौल उठता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48243.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75480dace8700dc789a179d20b665a9d0886e873 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैड मैन पिछले साल नौ फरवरी को भारत में रिलीज़ हुई थी और तब घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर भी इस फिल्म ने 10 करोड़ 26 लाख रूपये से ओपनिंग ली थी। चीन में पिछले साल फिल्म रिलीज़ हुई तब पहले दिन 1. 52 मिलियन डॉलर यानि 10 करोड़ 93 लाख रूपये की कमाई हुई । फिल्म को 15 दिन में करीब 70 करोड़ का कलेक्शन मिला l ।यह भी पढ़ें: रितिक रोशन बोले बहुत जल्द समय बदलने वाला है, सुपर 30 अब इस दिन होगी रिलीज।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48249.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..314ecf2f7a973e3547ea5a4351f83217e2f09cfc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब अगर उनके समकालीन एक्टर्स, जिनकी उम्र 30-35 साल के बीच है, टाइगर श्रॉफ, अर्जुन कपूर, वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा की बात करें तो किसी एक्टर की फ़िल्में तीनों क्लबों में नहीं हैं। मसलन टाइगर, अर्जुन, वरुण और सिद्धार्थ की फ़िल्में ₹100 करोड़ क्लब में तो पहुंची हैं, मगर ₹200 और ₹300 करोड़ क्लब उनके लिए अभी भी सपना है। ।अगर सीनियर एक्टर्स की बात करें तो अक्षय कुमार और अजय देवगन की फ़िल्में ₹300 करोड़ क्लब में दाख़िल नहीं हो सकी हैं। रितिक रोशन भी ₹300 करोड़ क्लब तक नहीं पहुंच सके हैं। ₹200 करोड़ क्लब के टॉपर आमिर ख़ान ही हैं, जिनकी 'धूम 3' ने ₹280.25 करोड़ का कलेक्शन किया था। दरअसल, इस क्लब की शुरुआत भी आमिर ने ही अपनी फ़िल्म '3 ईडिट्स' से की थी, जिसने ₹202 करोड़ का कलेक्शन किया था। ।सलमान ख़ान की 2 फ़िल्में 'किक' और 'प्रेम रतन धन पायो' ₹200 करोड़ क्लब में हैं। 'किक' ने ₹233 करोड़, जबकि 'प्रेम रतन धन पायो' ने ₹207.40 करोड़ का कलेक्शन किया था। शाह रुख़ की भी 2 फ़िल्में ₹200 करोड़ क्लब की सदस्य हैं। 'हैप्पी न्यू ईयर' ने ₹205 करोड़ और 'चेन्नई एक्सप्रेस' ने ₹226.70 करोड़ का कलेक्शन किया था। रितिक और अजय देवगन की एक-एक फ़िल्म ₹200 करोड़ क्लब में है। अजय की 2017 में आयी 'गोलमाल अगेन' ने ₹205 करोड़ का कलेक्शन किया था। रितिक की 'कृष3' ₹240.50 करोड़ जमा करके ₹200 करोड़ क्लब में दाख़िल हुई थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48252.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f18f7f3d1c3e8168af02105cf5ef6de3013f467 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48252.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरे वीकेंड में जबरदस्त कमाई करने के बाद वीक डेज़ में छह करोड़ प्लस का ट्रेंड बनाते हुए सिंबा ने धांसू कमाल किया है। संजू और पद्मावत के बाद 2018 में रिलीज़ हुई ये तीसरी फिल्म है जिसने 200 करोड़ या उससे अधिक का कलेक्शन किया है । सिंबा ने 20 करोड़ 72 लाख रूपये से ओपनिंग ली थी और पहले वीकेंड में 75 करोड़ 11 लाख रूपये का बिज़नेस किया। पहले हफ़्ते में 150 करोड़ 81 लाख रूपये और दूसरे वीकेंड में 39 करोड़ 83 लाख रूपये का कलेक्शन किया l।रणवीर सिंह का रिकॉर्ड।सलमान खान के बाद एक ही साल (रिलीज़) में 300 और 200 करोड़ रूपये की कमाई करने वाले रणवीर सिंह दूसरे स्टार हैं। साल 2018 में रिलीज़ पद्मावत ने 302 करोड़ 15 लाख रूपये का कलेक्शन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48257.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..326265422bb1f834e19c138093c3441f98aa2e8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन अब भी हॉलीवुड फिल्मों के लिए दुधारू गाय है लेकिन इंडियन फिल्मस के लिए अभी तक उतना नहीं। चीन में 2017 में हॉलीवुड की 14 फिल्में रिलीज़ हुईं जबकि 2018 में 25 फिल्में इम्पोर्ट हुईं। जापान की फिल्मों में भी बढ़त आई है और पिछले साल 15 फिल्मों ने चीन के बॉक्स ऑफिस पर उपस्थिति दर्ज़ कराई। चीन की ऑन लाइन टिकटिंग वेबसाइट्स और बिज़नेस रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में 2017 में दंगल (189 मिलियन डॉलर) की रिलीज़ के बाद भारतीय फिल्मों (सीक्रेट सुपरस्टार को छोड़ कर ) की कमाई में कोई कमाल नहीं दिखाया। कलेक्शन काफ़ी कम रहे हैं l पिछली दो फिल्मों में 102 नॉट आउट ने 30 मिलियन युआन और ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान ने 41 मिलियन युआन की कमाई की l।इसके मुकाबले पिछले साल चीन के बॉक्स ऑफिस पर एक्वामैन और एवेंजर्स इनिफिनी वॉर सहित पांच सुपरहीरो वाली फिल्में रिलीज़ हुईं और इन सबने मिल कर चीन के बॉक्स ऑफिस से 40 प्रतिशत कलेक्शन अपनी झोली में डाल लिया। चीन का बॉक्स ऑफिस रेवेन्यू अब 8. 87 बिलियन डॉलर हो गया है लेकिन अब भी वो अमेरिकी बॉक्स ऑफिस से पीछे है। दुनिया भर में सबसे अधिक फिल्में चीन में रिलीज़ होती हैं और लगातार नए सिनेमाघर बन रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4829.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..291de39d2dfd3b3858ce06dde2a4a20897a5f3ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन दिनों आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही हैं। इन तीनों की जामनत पर बुधवार को भी सुनवाई हुई थी, जिसे अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया था। ऐसे में अब खबर है कि बुधवार को शाह रुख खान अपने घर में रहने के बजाय मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए थे। ताकि वह अपनी लीगल टीम से ठीक से संपर्क कर सकें। हालांकि शाम होते हुए शाह रुख खान अपने घर मन्नत वापस चले गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48293.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd1af6f701eff7839c3c2b86bef706285a22e17c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फिल्म 2.0 में रजनीकांत अपने साइंटिस्ट और रोबोट के रोल में हैं। अक्षय कुमार को विलेन बनाया गया है। ऐश्वर्या बच्चन की जगह इस बार एमी जैक्सन ने ली है। साथ में सुधांशु पांडे, आदिल हुसैन, कलाभवन शाजॉन और रियाज़ खान का भी रोल है। इस फिल्म को बनाने में 550 करोड़ रूपये का खर्च आया है। ये भारत की सबसे महंगी है। + +ये एक ऐसे नौजवान की कहानी है, जो गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग पर डंडी (पिट्ठू) मजदूर का काम करता है। एक दिन वह डंडी में एक यात्री को लेकर केदारनाथ जा रहा होता है कि इसी बीच आपदा आ जाती है, जिससे पूरा रास्ता टूट-फूट जाता है। बाबा केदार के दर्शनों को आई एक लड़की भी इस सैलाब में फंस जाती है। पहाड़ का यह लड़का जान हथेली पर रख कर उस लड़की को बचाता है और फिर प्यार परवान चढ़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48294.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..048725866330f29eb20af07a8047979ccc53d0fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरे हफ़्ते में मिले 38 करोड़। 7 दिसम्बर को 2.0 की रिलीज़ का दूसरा हफ़्ता शुरू हो गया था। फ़िल्म 2000 स्क्रींस पर चल रही है। दूसरे शुक्रवार को फ़िल्म ने ₹5.85 करोड़ का कलेक्शन किया। वहीं दूसरे शनिवार को 2.0 ने ₹9.15 करोड़ जमा किये। दूसरे रविवार को फ़िल्म के कलेक्शंस में ज़बर्दस्त उछाल देखा गया और इसे ₹12 करोड़ मिले। दूसरे वीकेंड में फ़िल्म ने ₹27 करोड़ जमा किये। वर्किंग वीक शुरू होने के साथ 2.0 के कलेक्शंस में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज़ की गयी। दूसरे सोमवार को फ़िल्म ने ₹3.75 करोड़ जमा किये। मंगलवार 2.95 करोड़, बुधवार को 2.40 और गुरुवार को सिर्फ़ 190 करोड़ ही जमा किये। । 2.0 ने टाइगर श्रॉफ़ की 'बाग़ी2' और सलमान ख़ान की 'रेस3' को पीछे छोड़कर टॉप 5 फ़िल्मों की लिस्ट में तीसरी पॉजिशन ले ली है। हालांकि इससे ऊपर जाना फ़िल्म के हिंदी वर्ज़न के लिए मुश्किल लगता है। । पहले हफ़्ते में 139.75 करोड़। 2.0, 29 नवंबर को गुरुवार को रिलीज़ हुई थी। देश में फ़िल्म को लगभग 4000 स्क्रींस पर रिलीज़ किया गया। फ़िल्म ने ₹20.25 करोड़ की धांसू ओपनिंग ली थी। नॉन हॉलीडे रिलीज़ को देखते हुए यह आंकड़ा बेहतरीन है। दूसरे दिन यानि शुक्रवार को कलेक्शन गिरा और ₹18 करोड़ ही मिल सके, जबकि तीसरे दिन यानि शनिवार को आंकड़ों में क़रीब 23 फीसदी उछाल आया और 2.0 ने ₹25 करोड़ का नेट कलेक्शन किया। वहीं, रविवार को तो कलेक्शंस ने जैसे आसमान छू लिया और 34 करोड़ अपनी झोली में डाले। इस तरह 4 दिन लंबे ओपनिंग वीकेंड में 2.0 का कुल नेट कलेक्शन ₹97.25 करोड़ हो गया। ओपनिंग वीकेंड के बाद भी बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा। पहले सोमवार को फ़िल्म ने ₹13.75 करोड़ का कलेक्शन किया। वहीं मंगलवार को भी ज़्यादा गिरावट नहीं आयी और फ़िल्म ने ₹11.50 करोड़ जमा कर लिये। फ़िल्म ने बुधवार को 9.50 करोड़ जमा किये थे। गुरुवार को 7.75 करोड़ मिले। पहले हफ़्ते (आठ दिन) में फ़िल्म को 139.75 करोड़ मिले। ।अक्षय कुमार की सबसे तेज़ 100 करोड़ी फ़िल्म।2.0 अक्षय कुमार के करियर की अब तक की सबसे बड़ी सफलता बन चुकी है और उनकी सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्म बन चुकी है। अब तक 'टॉयलेट- एक प्रेम कथा' अक्षय की सबसे अधिक कलेक्शन करने वाली थी, जिसने 134.25 करोड़ का कलेक्शन किया था। 100 करोड़ में पहुंचने वाली 2.0 अक्षय कुमार की दसवीं फ़िल्म है। साथ ही 100 करोड़ की कमाई करने वाली अक्षय की सबसे तेज़ फ़िल्म भी है। अक्षय की फ़िल्मों को 100 करोड़ तक पहुंचने में लगे दिन इस प्रकार हैं- ।अन्य भाषाओं में 2.0 के कीर्तिमान।2.0 मूल रूप से तमिल सिनेमा की फ़िल्म है, जिसका निर्माण हिंदी और तेलुगु में भी किया गया है। लिहाज़ा सभी भाषाओं को मिलाकर फ़िल्म अच्छा प्रदर्शन कर रही है। केरल में फ़िल्म ने 17 दिनों में 21.50 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन कर लिया है और इस राज्य में सबसे बड़ी तमिल फ़िल्म बन गयी है। इससे पहले यह रिकॉर्ड मर्सल के नाम था, जिसने 20 करोड़ का लाइफ़ टाइम कलेक्शन किया था। ।2.0 ने चेन्नई में सबसे बड़ी फ़िल्म का ख़िताब पा लिया है। 10 दिसम्बर को फ़िल्म ने ₹19.03 करोड़ जमा करके 'बाहुबली2' का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जिसने चेन्नई में 18.85 करोड़ का कलेक्शन किया था। 14 दिनों में फ़िल्म ने यहां 20.11 करोड़ का कलेक्शन कर लिया और 20 करोड़ के नये क्लब की शुरुआत हुई। 18 दिनों में फ़िल्म 22.37 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन करके नंबर वन बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48314.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86f273a3f5603acfcb4b4ac6de1ff3b911dc6f53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ल्डवाइड 500 करोड़ पार।फ़िल्म ट्रेड से जुड़े सूत्रों के अनुसार, लगभग 500 करोड़ के बजट में बनी 2.0 दुनियाभर में ₹520 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन कर चुकी है, जिसमें से ₹392 करोड़ सिर्फ़ भारत में कमाये हैं, जबकि ₹128 करोड़ ओवरसीज़ से आये हैं। फ़िल्म ने लगभग ₹370 करोड़ की रिकवरी रिलीज़ से पहले ही विभिन्न राइट्स के माध्यम से कर ली है। कुछ प्रमुख देशों में 2.0 के पहले हफ़्ते (29 नवंबर-5 दिसम्बर) के ग्रॉस कलेक्शंस इस प्रकार रहे- ।A box office PHENOMENA!!!! 500 crores worldwide!!!!! We at @DharmaMovies are so proud to be associated with the HINDI version of this movie marvel!!!! @shankarshanmugh #RAJNISIR @akshaykumar @LycaProductions pic.twitter.com/JNJaeCaR1X।शंकर के निर्देशन में बनी 2.0 साइंस फ़िक्शन फ़िल्म है, जिसमें अक्षय कुमार ने पक्षीराजन नाम के ऐसे पक्षी विशेषज्ञ का रोल निभाया है, जो मोबाइल फोन और टॉवरों से निकलने वाले विकिरण की वजह से पक्षियों पर मंडरा रहे ख़तरे से चिंतित है। एक हादसे में उसमें सुपर पॉवर्स आ जाती हैं और वो मोबाइल फोन के ख़िलाफ़ जंग छेड़ देता है। इस जंग में उसे रोकने के लिए लौटता है सुपर रोबोट चिट्टी। फ़िल्म में रजनीकांत डबल रोल में हैं। कम्प्यूटर जीनियस डॉ. वशीगरन के अलावा उन्होंने चिट्टी का भी किरदार निभाया है। वहीं एमी जैक्सन फ़िल्म में मानवीय रोबोट के रोल में हैं। फ़िल्म को क्रिटिक्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48322.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0d997846e9a496d3374f60f1c1cc7a580380426 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेड सर्किल के मुताबिक फिल्म को पहले दिन 115 करोड़ रूपये का वर्ल्डवाइड ग्रॉस कलेक्शन मिला था। इसमें इंडिया से 85 करोड़ और ओवरसीज़ से 30 करोड़ मिले। फिल्म 2. 0 के तमिल वर्जन ने दो दिन में चेन्नई बॉक्स ऑफिस पर पांच करोड़ का कलेक्शन किया है। फिल्म को तमिलनाडु बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन 22 करोड़ रुपए मिले थे और दूसरे दिन 16 करोड़ का कलेक्शन मिला है। तेलुगु वर्जन की कमाई दो दिन में 29 करोड़ रूपये हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48324.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bc074327c892257ad75aa594a93a83f816d8e39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोबोट की इस कहानी में अबकि आने वाले दिनों में मोबाइल फोन से होने वाले ख़तरे को बताया गया है। अक्षय कुमार का ‘मोबाइल रखने वाला हर आदमी हत्यारा है’ वाला डायलॉग अपने आप में ये बताने को काफ़ी है। बहरहाल दो घंटा और 28 मिनट की रनिंग टाइम के साथ सेंसर की तरफ़ से पास की गई इस फिल्म में कुछ वर्बल म्यूट्स और रिप्लेसमेंट के अलावा कुछ बदलाव नहीं हैं। ये पहले भाग से 33 मिनट कम अवधि की फिल्म है। फिल्म 2.0 को हिंदी, तमिल और तेलुगु में एक साथ दुनिया के करीब 43 देशों में रिलीज़ की गई है। इसके अलावा फिल्म दस भाषाओं में अलग से डब भी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4833.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b4ce3d9b9df0a6a1197b486b1f49fd9ac04616b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुल्हन बनीं नजर आईं शहनाज।वायरल हो रहे इस वीडियो में शहनाज दुल्हन बनी नजर आ रहीं हैं। उनके चेहरे पर मुस्कुराहट है, जिसे देखकर फैंस काफी खुश हो रहे हैं। शहनाज ने वीडियो में लाल जोड़ा पहना है। हालांकि बता दें कि ये वीडियो पुराना है। ये वीडियो शहनाज गिल के किसी फोटोशूट का है। पर फैंस शायद शहनाज को ऐसा देखना चाहते थे जिसके कारण अब ये जमकर वायरल हो रहा है। ।वायरल हो रहा है ये वीडियो।शहनाज गिल को इस तरह स्माइल करता देख फैंस काफी खुश हैं। शहनाज के इस लुक की भी खूब तारीफें हो रही हैं। सिद्धार्थ की मौत के बाद बुरी तरह से टूट चुकीं शहनाज को देख मानों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई हो। इस दौरान शहनाज ने बाहरी दुनिया से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया था। सोशल मीडिया पर भी वो अब एक्टिव नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4835.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a27977e286dd3c1b070997a95bfb11eab31ebe6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4835.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साथ में करतीं हैं वर्कआउट।बता दें कि कुछ दिनों पहले ही श्वेता बेटी पलक और बेटे रेयांश के साथ गोवा में छुट्टियां बिताती नजर आईं थीं। इस दौरान उनकी तस्वीरें और वीडिया सामने आए। सोशल मीडिया पर लोगों ने कर दिया कि कौन बेटी है और कौन मां पता नहीं चल रहा। श्वेता तस्वीरों में बेटी से भी ज्यादा फिट नजर आतीं हैं। वैसे तो मां-बेटी की ये जोड़ी साथ में ही वर्कआउठ करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48386.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48386.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88a0c7bd061e9d285709c384fe4f806ee53f6a71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48386.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आयुष्मान खुराना की पिछली फिल्म शुभ मंगल सावधान ने पहले दिन दो करोड़ 71 लाख रूपये का कलेक्शन किया था ।बरेली की बर्फी को दो करोड़ 42 लाख रूपये की ओपनिंग मिली थी ।सान्या मल्होत्रा की ये तीसरी फिल्म है। उनकी पिछली फिल्म पटाखा ने पहले दिन सिर्फ 80 लाख रूपये का कलेक्शन किया था।यह भी पढ़ें: Box Office: नमस्ते इंग्लैंड और बधाई हो हुई रिलीज़, पहले दिन कितनी होगी कमाई।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48407.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..943136828eb885959dfe64c9855a0f98e47a34a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48407.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म को सलमान खान ने प्रोड्यूस किया है और उन्होंने किसी विरोध से बचने के लिए फिल्म का नाम बदल दिया। सलमान खान कोई विवाद इसलिए भी मोल लेना नहीं चाहते थे क्योंकि ये उनके बहनोई आयुष शर्मा का डेब्यू है।फिल्म एक रोमांटिक लव स्टोरी है, जिसमें गुजरात के कई सारे सांस्कृतिक रंग हैं। परदेस से आई लड़की से गुजरात के लड़के के प्यार की इस कहानी में वरीना हुसैन ने लीड रोल निभाया है। वरीना अफगानिस्तान की हैं और ये उनकी पहली फिल्म है। करीब 20 करोड़ रूपये में बनी इस फिल्म को देश भर में 1000 से 1200 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया है । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48416.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2c1ca306b09a87b5c73fd08bc569bf083b2e06f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48416.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वरुण की पिछली फिल्म अक्टूबर को पहले वीकेंड में 20 करोड़ 25 लाख रूपये का कलेक्शन मिला था ।अनुष्का शर्मा की पिछली फिल्म परी ने पहले तीन दिन में 15 करोड़ 34 लाख रूपये कमाए थे।ये वरुण धवन के करियर में पहले वीकेंड में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों की लिस्ट में छठे नंबर पर है। इससे पहले दिलवाले ने पहले वीकेंड में 65.09 करोड़, जुड़वा 2 ने 59.25 करोड़, एबीसीडी 2 ने 46.35 करोड़, बद्रीनाथ की दुल्हनिया ने 43.05 करोड़ और ढिशुम ने 37.32 करोड़ रूपये का कलेक्शन किया था।  ।वरुण धवन और अनुष्का शर्मा स्टारर सुई धागा का पूरा नाम सुई धागा मेड इन इंडिया रखा गया है। देश में हस्तशिल्प और बुनकरी की खस्ता होती हालत और स्वदेशी की अवधारण को एक कहानी के जरिये सामने लाया गया है । सुई धागा पति-पत्नी की कहानी है, जो खुदके बिजनेस की शुरुआत करते हैं। मौजी छोटी-मोटी नौकरी करता है और कई बार अपने मालिक से अपमानित होता है। वहीं, ममता हाउसवाइफ है। ममता पति के अपमान से काफी परेशान हो जाती है और उसे नौकरी छोड़कर खुद का काम करने की राय देती है। मौजी नौकरी छोड़ देता है और सिलाई का बिजनेस शुरू करता है जिसमें ममता भी उसकी मदद करती है। धीरे-धीरे यह बिजनेस बढ़ता है और सफल होने लगता है। इस फिल्म पर सभी तरह के खर्च मिला कर 25 से 30 करोड़ रूपये की लागत आई है। फिल्म को भारत में 2500 स्क्रीन्स सहित दुनिया भर में 3200 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया हैl।उधर सुई धागा के साथ ही रिलीज़ हुई विशाल भारद्वाज की फिल्म पटाखा ने पहले वीकेंड में चार करोड़ पांच लाख रूपये का कलेक्शन किया है। फिल्म को सिर्फ़ 90 लाख रूपये से ओपनिंग मिली थी। पटाखा, कहानी दो बहनों की है और किस्से उनके झगड़ों के। दंगल गर्ल सान्या मल्होत्रा और टीवी स्टार राधिका मदान फिल्म में लीड रोल में हैं। फिल्म में सुनील ग्रोवर का भी अहम् रोल है।ये फिल्म छुटकी और बड़की नाम की दो बहनों की कहानी है। कहानी के बैकड्राप राजस्थान का है। इस फिल्म को 875 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया । इस फिल्म का बजट 18 से 20 करोड़ रूपये के बीच है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48438.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e24df9ed34377108ba9fdc29ab336faad411178 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई। तीसरे सप्ताह में फिल्म स्त्री की कमाई का ग्राफ अब नीचे जा रहा है लेकिन बॉक्स अॉफिस पर सॉलिड पकड़ बनाकर रखी है। फिल्म स्त्री ने तीसरे सप्ताह के सोमवार मतलब 18वें दिन 1.87 करोड़ रुपए रहा। इस प्रकार कुल कमाई 108.05 करोड़ हो गई है। ।राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की जोड़ी ने हॉरर कॉमेडी जॉनर की फिल्म के माध्यम से बॉक्स अॉफिस पर धूम मचाई है। इस फिल्म ने हाल ही में 100 करोड़ का पड़ाव पार किया और अब सोमवार तक कुल कमाई 108.05 करोड़ हो गई है। इस फिल्म ने तीसरे सप्ताह के सोमवार के दिन 1.87 करोड़ अपनी झोली में डाले। तीसरे सप्तान में कलेक्शन कम रहा है लेकिन फिल्म ने बाकी फिल्मों के मुकाबले अपनी सॉलिड पकड़ बना कर रखी है। फिल्म ने तीसरे सप्तान में शुक्रवार को 2.14 करोड़, शनिवार को 3.76 करोड़ और रविवार को 4.75 करोड़ का व्यापार किया था। सोमवार वैसे भी वर्किंग डे रहता है इस कारण कलेक्शन में गिरावट आती है। एेसी ही स्त्री के कलेक्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48440.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9b2ba5350248c25f478a8fd9d398f7299e36cdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48440.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बॉक्स ऑफिस पर आई तबरेज नूरानी के निर्देशन में बनी लव सोनिया लड़कियों की तस्करी कर उन्हें देह व्यापार के दलदल में झोंकने के रैकेट के ख़िलाफ़ एक जंग है। फिल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में काफ़ी सराहना मिली है। फिल्म में मृणाल ठाकुर ने सोनिया नाम की लड़की की भूमिका निभाई है। फिल्म ने दो दिनों में कोई कुछ ख़ास नहीं किया है। जैकी भगनानी और कृतिका कमरा की फिल्म मित्रों को भी एक करोड़ के आसपास के कलेक्शन ही मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48447.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0f43d950e78c8b0202e526ac832902ba688554e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +100 करोड़ की ओर आगे बढ़ती हुए राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म स्त्री ने दूसरे हफ्ते मंगलवार तक कुल 3.22 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। फिल्म ने अपनी लागत को बहुत पहले ही कमाई के माध्यम से पूरा हासिल कर लिया और दूसरे हफ्ते भी फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में कामयाब हो रही है। हॉलीवुड फिल्म द नन का थोड़ा असर जरूर आया है लेकिन बॉलीवुड फिल्मों का स्त्री पर असर नहीं दिखा। अब फिल्म की कुल कमाई 88.82 करोड़ रूपए हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48451.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30bbd61c748a3df55abe206a77c41678c21477c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +100 करोड़ की ओर रफ्तार पकड़ चुकी फिल्म स्त्री ने दूसरे हफ्ते में सोमवार को महज 3.31 करोड़ की कमाई की और अब कुल कमाई 85.60 करोड़ रुपए हो गई है। पहले सप्ताह में कुल 60.39 करोड़ की कमाई करने वाली फिल्म स्त्री अब 100 करोड़ की तरफ बढ़ रही है लेकिन सोमवार के आंकड़ों से यह बात साफ हो गई है कि अभी 100 करोड़ क्लब में शामिल होने में फिल्म को समय लगेगा। रविवार को कुल कमाई 82.29 करोड़ थी जो अब बढ़कर 85.60 करोड़ रुपए हो गई है। सोमवार से पहले की बात करें तो स्त्री को रोकना इतना आसान नहीं था क्योंकि दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में और उन्हें एंटरटेन करने में राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर कामयाब रहे हैं। लेकिन सोमवार को बंद के असर ने स्त्री के अभी तक के कलेक्शन में सबसे कम आंकड़ा हासिल किया। ।यह भी पढ़ें: अब खुद को तुर्रम खान समझने लगेंगे राजकुमार राव, बात ही कुछ ऐसी है।यह भी पढ़ें: Box Office: हॉलीवुड की इस फिल्म ने तीन दिन में डरा कर कमा लिए इतने करोड़।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48460.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2eadf2216f71af5a5ce10aca038002a0d22d27cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्त्री ने कर दी देओल्स की हालत पतली।'यमला पगला दीवाना फिर से' को समीक्षकों का साथ भी नहीं मिला है। इसके साथ रिलीज़ हुई 'स्त्री' बॉक्स ऑफ़िस पर ज़बर्दस्त प्रदर्शन कर रही है और 7 दिनों में ₹60 करोड़ के आस-पास जमा कर चुकी है। ज़्यादातर ने फ़िल्म को अच्छी रेटिंग नहीं दी है। अगर देओल परिवार की बात करें तो एक साथ उनकी यह चौथी फ़िल्म है। 2007 में धर्मेंद्र पहली बार अपने दोनों बेटों सनी और बॉबी के साथ पर्दे पर आये थे। अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी फ़िल्म का शीर्षक अपने था, जो बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाब रही थी। इसके बाद इस कॉमेडी फ्रेंचाइजी में देओल्स साथ आये हैं। हालांकि सनी और बॉबी पिछले साल आयी पोस्टर बॉयज़ में साथ आ चुके हैं, जिससे एक्टर श्रेयस तलपड़े ने निर्देशकीय पारी शुरू की थी। इस फ़िल्म ने ₹7.25 करोड़ का ओपनिंग वीकेंड कर लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48462.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba62cfe4fc698f0664c06c76f8b696b1dc5280f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले वीकेंड में सुल्तान सिर्फ 3.02 मिलियन डॉलर यानि 21 करोड़ 37 लाख रूपये जोड़ पाई थी। चीन में 11000 स्क्रीन्स में रिलीज़ हुई सुल्तान ने जिस तरह से कलेक्शन किया है उससे ये साफ़ हो गया था कि इस बार चीन के लोगों ने सलमान खान को इस अवतार में पसंद नहीं किया। इस वीकेंड में भी सुल्तान से बड़े प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा रही है यानि 50 करोड़ का आंकड़ा अब भी कोसो दूर है। सलमान की चीन में रिलीज़ हुई पिछली फिल्म बजरंगी भाईजान ने तीन दिन में ही 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था। चीन के बॉक्स ऑफिस पर आमिर खान की पीके, दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार जमकर कमाई की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48465.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6dde94843685b699816ea16ba7a50acd0a09588a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिलीज़ से पहले वसूली क़ीमत।इस मंझले बजट की फ़िल्म को बनाने में तक़रीबन ₹20 करोड़ निर्माताओं ने ख़र्च किये हैं, जिसमें प्रोडक्शन और प्रचार की लागत शामिल है। निर्माण और प्रचार पर ख़र्च की गयी रक़म निर्माताओं ने म्यूज़िक, सेटेलाइट और दूसरे अधिकार बेचकर वसूल कर ली है। टिकट विंडो से अब जो भी आमदनी होगी वो निर्माताओं के अलावा बाक़ी स्टेक होल्डर्स (वितरक व एग्ज़िबिटर) लिए मुनाफ़ा होगा। 'स्त्री' में राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी, अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बैनर्जी मुख्य भूमिकाओं में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48476.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12d1f5ce120c37a640eb38f8279bff3dc91cce84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिनेमाघरोंं में दर्शकों के पास अभी कई फिल्मों अॉप्शंस हैं लेकिन स्त्री को माउथ पब्लिसिटी का ज्यादा फायदा मिल रहा है। स्त्री शुरुआत से अच्छा कर रही है और चौथे दिन सोमवार को भी अच्छी कमाई की। सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर ज्यादातर जगहों पर छुट्टी थी जिसके कारण लोग स्त्री देखने पहुंचे। चार दिन के कलेक्शन को जोड़ा जाए तो फिल्म अभी तक कुल 41.97 की कमाई कर चुकी है। मतलब अब फिल्म सुपरहिट केटेगरी में पहुंच चुकी है। स्त्री ने बॉक्स ऑफ़िस पर अपनी रिलीज़ के पहले तीन दिनों में 31 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर लिया था। चौथे दिन को मिलाकर अब यह आंकड़ा 41 करोड़ को पार कर गया है। पिछले शुक्रवार को देओल्स की फिल्म यमला पगला दीवाना फिर से के सामने राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म स्त्री रिलीज़ हुई थी। अमर कौशिक के निर्देशन में बनी इस हॉरर कॉमेडी ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर अपने पहले वीकेंड में 31 करोड़ 26 लाख रूपये का कलेक्शन किया था। फिल्म को इस रविवार को 13 करोड़ 57 लाख रूपये का कलेक्शन मिला। स्त्री को ट्रेड सर्किल में शुरू से कम अनुमान लगाया गया था और माना जा रहा था कि पांच करोड़ की ओपनिंग के साथ 30 करोड़ का वीकेंड होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिल्म के दर्शकों ने पसंद किया और खासकर उत्तर भारत से अच्छे कलेक्शन मिले हैं। फिल्म सिंगल स्क्रीन के साथ मल्टीप्लेक्स में भी कमाल कर गई है। स्त्री ने छह करोड़ 82 लाख रूपये से ओपनिंग ली थी। ।यह भी पढ़ें: Video: मौजी बनना नहीं था आसान, वरुण से पूछिए कितनी परेशानियों का किया सामना।इस फिल्म में राजकुमार राव दर्जी के किरदार में हैं। फिल्म में उनकी गर्लफ्रेंड श्रद्धा कपूर हैं लेकिन बाद में यह पता चलता है कि वो भूत हैं। ये फिल्म कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की कुछ घटनाओं पर आधारित है। साल 1990 में कर्नाटक में नाले बा यानि ओ स्त्री कल आना का प्रचलन बढ़ गया था। उस दौरान ये कहा जाता था कि एक औरत (भूतनी) रोज इलाके में आ कर आपका दरवाजा खटखटाती है और अगर अपने दरवाजा खोला तो आपकी मौत हो जायेगी। इसलिए लोग अपने घर की दीवारों पर नाले बा यानि 'स्त्री कल आना' लिख दिया करते थे और मानते थे कि इसी कारण उनकी जान बच जाती है ।फिल्म के इस कहानी को चंदेरी में दिखाया गया है। फिल्म स्त्री में राजकुमार, श्रद्धा कपूर के साथ पंकज त्रिपाठी, अपारशक्ति खुराना और विजय राज की भी अहम भूमिका है। फिल्म का बजट 25 करोड़ रूपये के आसपास है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48480.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6d5fed55e2ca365ebea06eb9121266ceb1ffe2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोनों फ़िल्मों ने 31 अगस्त को ₹35 लाख का कलेक्शन किया, जिसके बाद 'गोल्ड' ₹104.35 करोड़ पर पहुंच गयी है, वहीं 'सत्यमेव जयते' ₹89.40 करोड़ अपने खाते में जमा कर चुकी है। शनिवार और रविवार को दोनों फ़िल्मों के आंकड़ों में ज़्यादा उछाल आने की संभावना नहीं है, क्योंकि दर्शकों के पास देखने के लिए अब काफ़ी च्वाइसेज हैं। 31 अगस्त को रिलीज़ हुईं 'स्त्री' और 'यमला पगला दीवाना फिर से' के साथ पिछले हफ़्ते आयी 'हैप्पी भाग जाएगी' भी रेस में बनी हुई है, जो रिलीज़ के 8 दिनों में ₹18.36 करोड़ का कलेक्शन कर चुकी है। बहरहाल, 'गोल्ड' ₹100 करोड़ का अहम पड़ाव पहले ही पार कर चुकी है, वहीं जॉन की 'सत्यमेव जयते' भी इस वीकेंड में 90 करोड़ का अहम पड़ाव ज़रूर पूरा कर लेगी। ।ऐसे बीते 'गोल्ड' के 17 दिन ।15 अगस्त को रिलीज़ हुई गोल्ड ने पहले दिन ₹25.25 करोड़ का शानदार आंकड़ा हासिल किया। हालांकि दूसरा दिन (16 अगस्त) मंदी में बीता और फ़िल्म की कमाई गिरकर ₹8 करोड़ पर आ गयी, मगर तीसरे दिन (17 अगस्त) यानि शुक्रवार को गोल्ड ने फिर उछाल मारी और ₹10.50 करोड़ के आस-पास कलेक्शन कर लिया। चौथे दिन (18 अगस्त) गोल्ड ने ₹12.50 करोड़ जमा किये, जबकि पांचवे दिन (19 अगस्त) को ₹15.55 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया। इसके ही फ़िल्म का 5 दिनों का कलेक्शन ₹71.30 करोड़ हो गया। इसके बाद फ़िल्म की रफ़्तार कम हो गयी और पहले हफ़्ते (15-21 अगस्त) में गोल्ड का कलेक्शन ₹79.90 करोड़ हुआ। दूसरे हफ़्ते (22-28 अगस्त) में गोल्ड ने ₹21.85 करोड़ जमा किये थे। ।रीमा कागती निर्देशित 'गोल्ड' में अक्षय कुमार हॉकी टीम के मैनेजर के रोल में हैं, जो ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने का सपना पाले हुए है और इसे पूरा करने के लिए पूरी जान लड़ा देता है। गोल्ड में टीवी सुपरस्टार मौनी रॉय ने अक्षय की पत्नी का किरदार निभाया है, जिनकी यह डेब्यू फ़िल्म है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48503.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e39b0cc002a93d39b1360d30a97b0968d7a3e7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48503.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +The last act of #gold made me sit up and cheer and applaud the cinematic victory of the film!!! What an exhilarating experience it was! Kudos to the entire cast and crew of this uplifting film!!!!! @akshaykumar @kagtireema @excelmovies @ritesh_sid @FarOutAkhtar।The performances of #gold are on point!!! @akshaykumar has a solid sincerity that makes his TAPAN an applause worthy character ! Kudos to the ensemble for their brilliance! Kunal! Vineet! Amit! Sunny! Mouni! All super! 💪💖👊🏼।वहीं, सत्यमेव जयते के लिए करण लिखते हैं- सत्यमेव जयते को तूफ़ानी शुरुआत के लिए ढेर सारी बधाइयां। बॉक्स ऑफ़िस पर कितना गरिमामयी दिन है। ।Huge congratulations to the team of #SatyamevaJayate for a thunderous start! Such a glorious day at the BO! @monishaadvani @madhubhojwani @nikkhiladvani @TSeries @zmilap and the FORCEFUL @TheJohnAbraham 💪💪💪💪💪।सोनाक्षी सिन्हा भी ऐसी कलाकार हैं जो अक्षय और जॉन के साथ काम कर चुकी हैं। सोनाक्षी ने जॉन के साथ फ़ोर्स 2 में काम किया था। उनके साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए सोना लिखती हैं- जॉन के फ़ोर्स ने हैप्पी को रोक लिया। जॉनी बॉय तुमसे अचानक मिलकर अच्छा लगा और इस शानदार शुरुआत के लिए सत्यमेव जयते की पूरी टीम के लिए बधाई। बता दें कि सोनाक्षी की फ़िल्म हैप्पी फिर भाग जाएगी भी रिलीज़ के लिए तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48525.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8be3d9d11aefa529278f0ce289ad054e812580ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये अक्षय कुमार के फिल्मी करियर की भी सबसे बड़ी ओपनिंग रही है। इससे पहले-।सिंह इज़ ब्लिंग (गांधी जयंती) - 20.67 करोड़ रूपये । ब्रदर्स - 15.20 करोड़ । हाउसफुल 3 - 15.20 करोड़ । राऊडी राठौर - 15.10 करोड़ । रुस्तम-  14.11 करोड़ । हाउसफुल 2 - 13.70 करोड़ । जॉली एलएलबी 2 - 13.20 करोड़ । टॉयलेट एक प्रेम कथा- 13.10 करोड़ । गब्बर इज़ बैक - 13.05 करोड़।साल 1948 में लंदन में ओलम्पिक गेम्स हुए थे और 12 अगस्त को भारत के एक स्वतंत्र देश के तौर पर हॉकी में पहले गोल्ड मेडल जीतने की 70वीं वर्षगांठ रही। फिल्म गोल्ड की कहानी उसी कालखंड 1936 से 1948 के बीच की है। गोल्ड में अक्षय कुमार भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर तपन दास की भूमिका में हैं और छोटे पर्दे की नागिन मौनी रॉय उनकी पत्नी के रूप में। फिल्म में अंगद बेदी, कुणाल कपूर, विनीत कुमार सिंह और अमित साध भी अहम् रोल में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48532.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a1ebf53e2f3ea70f553ad9a4a8ee224d6e37e40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48532.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी मुल्क़ ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर एक हफ़्ते में 12 करोड़ 50 लाख रूपये का कलेक्शन किया है। फिल्म को गुरुवार को 64 लाख रूपये का कलेक्शन किया। इस फिल्म ने पहले दिन एक करोड़ 68 लाख रूपये का कलेक्शन किया था और पहले वीकेंड में फिल्म ने छह करोड़ 90 लाख रूपये का कलेक्शन किया। ऋषि कपूर और तापसी पन्नू स्टारर ये फिल्म लोगों को फिल्म की कहानी की वजह से भी पसंद आई है, जिसमें ये दिखाया गया है कि कैसे अपने ही मुल्क में रहने वाले व्यक्ति को इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48540.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8c19aa7a8c8cb894b48661e7af0cf50c975a168 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48540.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिस्टोफर मैकक्वैरी के निर्देशन में बनी और टॉम क्रूज़ स्टारर मिशन इम्पॉसिबल की छठवीं कड़ी ने भारत अपनी रिलीज़ के नौवें दिन यानि दूसरे शनिवार को करीब पांच करोड़ रूपये का कलेक्शन किया। फिल्म को दूसरे शुक्रवार को तीन करोड़ रूपये की कमाई हुई थी। फिल्म के आईमैक्स और 4डी फॉर्मेट में दिखाए जाने के कारण टिकट की कीमत बढ़ी है जो फिल्म के कलेक्शन को और मजबूत कर रही है। फिल्म को अब तक करीब 62 करोड़ 75 लाख रूपये का कलेक्शन मिला है। जबरदस्त एक्शन वाली इस फिल्म को 10 करोड़ से ओपनिंग मिली थी और पहले वीकेंड में फिल्म ने 37 करोड़ रूपये की कमाई कर ली थी। अब तक के कलेक्शन के हिसाब से मिशन इम्पॉसिबल फॉलआउट ने कैप्टन अमेरिका- सिविल वार के 60 करोड़ रूपये और थॉर- रग्नारोक के 58 करोड़ 73 लाख रूपये के लाइफ़टाइम कलेक्शन को पार कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48549.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65d9c0b71fcfdc81af01bbd91bf09fcb7db50cfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'धड़क' से ट्रेड विश्लेषकों को काफ़ी उम्मीदें थीं और ओपनिंग वीकेंड में फ़िल्म उस पर खरी भी उतरी है। फ़िल्म ने ओपनिंग वीकेंड में ₹33.67 करोड़ का शानदार कलेक्शन किया है। 'धड़क' इस कलेक्शन के साथ साल 2018 के ''Top 10 Opening Weekend Collections'' की लिस्ट में एंटर हो गयी है। इसके साथ जॉन अब्राहम की फ़िल्म 'परमाणु द स्टोरी ऑफ़ पोखरण' लिस्ट से बाहर हो गयी है, जिसने ₹20.78 करोड़ का कलेक्शन ओपनिंग वीकेंड में किया था। 'धड़क' की रिलीज़ के बाद इस साल के टॉप 10 ओपनिंग वीकेंड कलेक्शंस की लिस्ट इस प्रकार है-।10. दसवें स्थान पर इस साल की सरप्राइज़ हिट 'सोनू के टीटू की स्वीटी' है। इस फ़िल्म को लव रंजन ने डायरेक्ट किया है, जो इससे पहले प्यार का पंचनामा सीरीज़ बनाते रहे हैं। लव की इसी विश्वसनीयता ने सोनू के टीटू की स्वीटी को शानदार ओपनिंग वीकेंड दिया। फ़िल्म ने ₹26.57 करोड़ पहले तीन दिन में जमा किये। ₹100 करोड़ से ज़्यादा जमा करके फ़िल्म सुपरहिट घोषित की गयी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48553.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af8986a34faa41aa119a00dfe1eaa862c7fcdaf4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करण जौहर के प्रोडक्शन में बनी और शशांक खेतान निर्देशित फिल्म धड़क ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर एक हफ़्ते में 51 करोड़ 56 लाख रूपये का कलेक्शन कर लिया है। इस फिल्म को गुरूवार को तीन करोड़ 55 लाख रूपये का कलेक्शन मिला। आठ करोड़ 71 लाख रूपये से ओपनिंग लेने वाली इस फिल्म ने माउथ पब्लिसिटी के जरिये अच्छा कलेक्शन कमाया है। धड़क ने पहले वीकेंड में 33 करोड़ 67 लाख रूपये का कलेक्शन किया था। इसी के साथ इस फिल्म ने एक नया रिकॉर्ड भी बना दिया है। धड़क एक हफ़्ते में डेब्यू करने वाले कुछ सितारों की फिल्मों में सबसे आगे है। ये फिल्में इस प्रकार हैं- ।रणवीर सिंह और अनुष्का शर्मा की बैंड बाजा बारात ने एक हफ़्ते में 8.28 करोड़ की कमाई की । हर्षवर्धन राणे और मावरा हॉकेन की सनम तेरी कसम ने 8.50 करोड़ रूपये । आयुष्मान खुराना और यामी गौतम की विक्की डोनर ने 15 करोड़ रूपये । रणबीर कपूर और सोनम कपूर की सावरिया ने 17.50 करोड़ ।इमरान खान और जेनिलिया डीसूजा की जाने तू या जाने ना ने 21.01 करोड़ । अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की इश्क़जादे ने 25.70 करोड़ ।सूरज पंचोली और अतिया शेट्टी की हीरो ने 30.87 करोड़ ।टाइगर श्रॉफ और कृति सनोन की हीरोपंती ने 35.91 करोड़ । वरुण धवन, आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा की स्टूडेंट ऑफ द ईयर ने 48 करोड़ की कमाई की।धड़क को अब आगे चुनौती होगी क्योंकि आज शुक्रवार से संजय दत्त की साहब बीवी और गैंग्स्टर 3 और मिशन इम्पॉसिबल की नई सीरीज़ रिलीज़ हुई है। करीब 30 करोड़ में बनी और दुनिया भर में 2700 से अधिक स्क्रीन्स में रिलीज़ हुई धड़क पहले वीकेंड के कलेक्शन के आधार पर इस साल तीन दिन में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में धड़क आठवें स्थान पहुंची है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48565.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..777b27ad3b6c0ca48e1f4c6a17cc77c753d6b820 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजू, एक मसाला फिल्म इसलिए भी बन पाई क्योंकि संजय दत्त की लाइफ़ में ऐसा बहुत कुछ हुआ जो फिल्मी स्क्रीनप्ले जैसा ही था। फिल्म ने रणबीर कपूर को सबसे ज़्यादा फ़ायदा पहुंचाया है। वो पहली बार 300 करोड़ क्लब में आये हैं । वैसे फिल्म में उनका साथ देने में परेश रावल, मनीषा कोइराला, विक्की कौशल, अनुष्का शर्मा, सोनम कपूर, दीया मिर्ज़ा और करिश्मा तन्ना ने भी कोई कमी नहीं रखी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_486.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1dc23b0fe96af0c6941698c60d9e928fd9ebd0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_486.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सारा अली खान की आने वाली फिल्में।वहीं, बात अगर सारा अली खान के वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्द ही आदित्य धर के निर्देशन में बनने वाली फिल्म द इम्मोर्टल अश्वत्थामा में अभिनेता विक्की कौशल के साथ नजर आने वाली हैं। ये फिल्म महाभारत के योद्धा अश्वत्थामा पर आधरित होगी। इस फिल्म का निर्माण रॉनी स्क्रूवाला कर रहे हैं। इस फिल्म के जरिए दोनों एक दूसरे के साथ पहली बार स्क्रीन स्पेस साझा करने वाले हैं। इसके अलावा वो लक्ष्मण उकेटा की अनटाइल्टड फिल्म में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में उनके साथ विक्की कौशल मुख्य किरदार निभाते हुए दिखाई देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48605.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50859da91e7b74e38ff4072d82961809787d84be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा चीन के ऑफ़िस पर पहले तीन दिन में ही फॉरेन फिल्मस की कैटेगरी में में पहला स्थान बना लिया था और तब ये माना जा रहा था कि चीन की जनता को भारतीय फिल्म का ये कॉन्सेप्ट पसंद आया है लेकिन 11 हजार 500 स्क्रीन्स में रिलीज़ हुई टॉयलेट हीरो के प्रति धीरे धीरे चीनियों ने बेरुखी दिखाई और इस कारण ये फिल्म 100 करोड़ तक पहुँचने में स्ट्रगल कर रही है l पिछले साल अगस्त में आई श्री नारायण सिंह निर्देशित टॉयलेट एक प्रेम कथा एक ऐसे आदमी की कहानी थी जिसकी बीवी शादी के बाद इसलिए घर छोड़ कर भाग जाती है क्योंकि उसके ससुराल में टॉयलेट नहीं होता। बाद में पिता और समाज के ख़िलाफ़ जा कर पति घर में टॉयलेट बनवाता है। 11 अगस्त 2017 को रिलीज़ हुई टॉयलेट एक प्रेम कथा ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर 13 करोड़ 10 लाख रूपये से ओपनिंग ली थी और 134 करोड़ 22 लाख रूपये से कुल कलेक्शन किया । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48612.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94042755e753ab9d09056609ecf5fc854b0b7b19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48612.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्री नारायण सिंह के निर्देशन में बनी टॉयलेट एक प्रेम कथा,जो कि चीन में टॉयलेट हीरो के नाम से रिलीज़ हुई है, उसे वहां छठे दिन यानि बुधवार को 1.01 मिलियन डॉलर यानि 6 करोड़ 82 लाख रूपये का कलेक्शन मिला। फिल्म ने अब तक चीन में 12.55 मिलियन डॉलर यानि 84 करोड़ 80 लाख रूपये का कलेक्शन किया है। ये माना जा रहा है कि इस वीकेंड तक फिल्म का कलेक्शन 100 करोड़ पार कर जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48623.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5573e9138870c6a1867c397bad802043e87db040 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन में फिल्म का नाम - 'टॉयलेट हीरो' रखा गया है l चीन  में फिल्म को 11 हजार 500 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया जा रहा है l फिल्म के चीन में 58 हजार शो तो होने की उम्मीद है l ये अपने आप ये एक रिकॉर्ड है l अब तक हिंदी मीडियम और बजरंगी भाईजान को भी इतनी स्क्रीन्स नहीं मिली थी l पिछले साल अगस्त में आई श्री नारायण सिंह निर्देशित टॉयलेट एक प्रेम कथा एक ऐसे आदमी की कहानी थी जिसकी बीवी शादी के बाद इसलिए घर छोड़ कर भाग जाती है क्योंकि उसके घर में टॉयलेट नहीं होता। बाद में पिता और समाज के ख़िलाफ़ जा कर वो आदमी घर में टॉयलेट बनवाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48654.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4aafae547a0b088537e29e297eaef95c18d6b528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एवेंजर्स इनफिनिटी वॉर ने 31 करोड़ 30 लाख से ओपनिंग ली थी। रॉबर्ट डाउनी जूनियर, क्रिस हेम्सवर्थ, मार्क रुफालो, बेनेडिक्ट कम्बरबैच, सबस्टियन स्टान, क्रिस इवांस,स्कारलेट जोहेनसन और चैडविक बोसमैन जैसे बड़े सितारों से सजी ये फिल्म करीब 300 मिलियन डॉलर में बनाई गई और इसे भारत में 2000 से अधिक स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48685.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39aa184fb904bdb8d2a8fb88fef1a26387f227f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काल्पनिक दुनिया के 19 सुपरहीरोज़ को लेकर एंथनी रूसो के निर्देशन में बनी इस फिल्म में रॉबर्ट डाउनी जूनियर, क्रिस हेम्सवर्थ, क्रिस इवांस,स्कारलेट जोहेनसन और चैडविक बोसमैन जैसे बड़े सितारे हैं। वर्ल्ड के ट्रेड एनालिस्टों का मानना है कि इस फिल्म को 190 मिलियन डॉलर से लेकर 235 मिलियन डॉलर की ओपनिंग लग सकती है। हालांकि ये स्टार वार्स – द फ़ोर्स अवेकंस के 248 मिलियन डॉलर ओपनिंग से कम है लेकिन एवेंजर्स को दुनिया में कमाई का बड़ा सरप्राइज़ माना जाता है। ये फिल्म दुनिया भर में सबसे अधिक चर्चा करने वाली फिल्मों की सूची में कैप्टन अमेरिका –सिविल वॉर एक बाद दूसरे नंबर पर है। फिल्म को प्री-टिकट सेल से 50 मिलियन डॉलर की कमाई पहले ही हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48696.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b0b6654e7a4639424f098fb57ae2d7c120c3318 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48696.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्टूडेंट ऑफ द ईयर से शुरू हुआ वरुण धवन का सफ़र बदलापुर से होता हुआ अक्टूबर (ऑक्टोबर ) तक आ चुका है। पिता डेविड जैसी डांसिंग-कॉमेडी और करण जौहर के रोमांस में अपने को साबित कर चुके वरुण को अब शूजित सरकार जैसा निर्देशन मिला है, जिनकी विक्की डोनर से पीकू तक की फिल्मों ने अपना अलग अलग रंग दिखाया है। शूजित के निर्देशन में बनी अक्टूबर आज यानि 13 अप्रैल को रिलीज़ होगी। फिल्म एक रोमांटिक ड्रामा है लेकिन वैसा नहीं जैसा आम मसाला फिल्मों में होता है। नेशनल अवॉर्ड विनर जूही चतुर्वेदी की लिखी इस कहानी में इंटेंस ड्रामा और कूट कूट कर इमोशन हैं, ऐसा ट्रेलर से दिख गया है। हम ये इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शूजित ने वरुण सहित अपनी पूरी टीम को इस फिल्म की कहानी को किसी को न बताने की हिदायत दी है यानि फिल्म में कुछ ट्विस्ट एंड टर्न हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48703.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95ee687998b27b1ec19f20d0e81a6272df6f9665 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजकुमार गुप्ता के निर्देशन में बनी फिल्म रेड ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस इस शुक्रवार को 43 लाख रूपये का कलेक्शन किया और अब कुल कमाई 100 करोड़ 14 लाख रूपये हो गई है। 10 करोड़ चार लाख रूपये से ओपनिंग लेने वाली अजय देवगन-इलियाना डिक्रूज़ स्टारर ये फिल्म 1981 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में अजय इनकम टैक्स ऑफिसर बने हैं, जो भ्रष्ट तरीके से कमाए हुए पैसे को बरामद करने से नहीं हिचकते। पद्मावत चौथे दिन ही 100 करोड़ का कलेक्शन पार कर गई थी। बाग़ी 2 को छठे दिन 100 करोड़ क्लब में शामिल होने का गौरव हासिल हुआ। सोनू के टीटू की स्वीटी ने 25 वें दिन 100 करोड़ क्लब में एंट्री ली थी। रेड को साढ़े तीन हजार से अधिक स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया। दूसरे वीकेंड में 16 करोड़ 48 लाख रूपये का कलेक्शन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48733.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48733.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c251c573457b44a7e73025159b8f3873d0c0f1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48733.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'नो वन किल्ड जेसिका' और 'आमिर' जैसी फिल्म बनाने वाले निर्देशक राजकुमार गुप्ता की रेड (Raid) ने दूसरे दिन 38. 04 प्रतिशत का उछाल लेते हुए 13 करोड़ 86 लाख रूपये का कलेक्शन किया है। करीब 40 करोड़ रूपये में बनी अजय देवगन-इलियाना डिक्रूज़ स्टारर इस फिल्म ने 10 करोड़ चार लाख रूपये से ओपनिंग ली थी और अब नेट इंडिया कलेक्शन 23 करोड़ 90 लाख रूपये हो गया है। माना जा रहा है कि तगड़ी माउथ पब्लिसिटी के कारण फिल्म को ये उछाल मिला है और रविवार को भी रेड को और बूस्ट मिलेगा क्योंकि रविवार की छुट्टी के साथ हिंदू कैलेण्डर के नव वर्ष का भी मौका है। फिल्म रेड, 1981 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में अजय इनकम टैक्स ऑफिसर बने हैं और उनकी भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम है। फिल्म में इलियाना डिक्रूज़, अजय की पत्नी के किरदार में हैं और फिल्म सौरभ शुक्ला, अमित सयाल और पुष्पा जोशी का बड़ा रोल है। रेड को दुनिया भर में 3500 से अधिक स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया है । फिल्म को पहले दिन उम्मीद के मुताबिक ही कलेक्शन मिले हैं। देखना होगा कि फिल्म वीकेंड में कैसा करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48795.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acefcd54483ed2faba31ae0dee1db021fa9227e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस फिल्म को अब चीन का बाहुबली भी कहा जा सकता है क्योंकि एस एस राजमौली की बाहुबली 2 को इंडियन बॉक्स ऑफ़िस पर 510 करोड़ 99 लाख रूपये का लाइफ़ टाइम कलेक्शन मिल चुका है और ये फिल्म भारत की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन चुकी है। आमिर खान प्रोडक्शन में बनी ज़ायरा वसीम स्टारर फिल्म सीक्रेट सुपरस्टार ने चीन के बॉक्स ऑफ़िस पर रिलीज़ के 14वें दिन 2.82 मिलियन डॉलर यानि करीब साढ़े 18 करोड़ रूपये का कलेक्शन किया और इसी के साथ चीन में इस भारतीय फिल्म ने 500 करोड़ रूपये के जादूई आंकड़े को छू लिया है। सीक्रेट सुपरस्टार का चीन के बॉक्स ऑफ़िस पर अब कुल कलेक्शन 79.42 मिलियन डॉलर यानि 509 करोड़ रूपये हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4880.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..878b879d362469ec8120333baaeea64d5c9cc6d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Presenting Ishana's enchanting Lady Love @TaraSutaria as Ramisa in #SajidNadiadwala's #Tadap ✨#AhanShetty @milanluthria @rajatsaroraa @ipritamofficial @foxstarhindi @WardaNadiadwala #FoxStarStudios @TSeries pic.twitter.com/jmSW8bpvKL।इन टीजर वीडियो को नाडियाडवाला ग्रैंडसन ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। इस टीजर वीडियो को तारा सुतारिया और अहान शेट्टी ने अपने आधिकारिक इंस्टग्राम पर भी शेयर किया है। फॉक्स स्टार स्टूडियोज द्वारा प्रस्तुत और साजिद नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन की फिल्म तड़प का निर्माण साजिद नाडियाडवाला कर रहे हैं। फिल्म को मिलन लुथरिया के निर्देशन में बनाया गया है। ये फिल्म इस साल 3 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48815.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23ee63e284b3c50369611777a5a783e5748af14d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48815.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अली अब्बास ज़फर के निर्देशन में बनी सलमान खान और कटरीना कैफ़ स्टारर एक्शन फिल्म टाइगर ज़िंदा है ने पांचवे हफ़्ते में प्रवेश करने के साथ शनिवार को एक करोड़ 20 लाख रूपये और रविवार को एक करोड़ 84 लाख रूपये का कलेक्शन किया है। फिल्म का नेट इंडिया कलेक्शन अब 333 करोड़ 58 लाख रूपये हो गया है। इस हफ़्ते भी टाइगर ज़िंदा है को पूरा पूरा चांस है कि वो अपनी कमाई को 350 करोड़ के करीब ले जाए क्योंकि 25 जनवरी को पद्मावत रिलीज़ हो रही है, जिस कारण टाइगर ज़िंदा है कि बॉक्स ऑफ़िस पर लाइफ़ टाइम क्लोजिंग होगी। + +उधर पद्मावत आने की आहट से पहले पिछले शुक्रवार को रिलीज़ हुई छोटे बजट की फिल्मों ने कोई कमाल नहीं दिखाया है। पिछले शुक्रवार को के के मेनन और मंदिरा बेदी स्टारर वोदका डायरीज़ ने पहले वीकेंड में करीब एक करोड़ रूपये का बिज़नेस किया है। अरबाज़ खान स्टारर निर्दोष तीन दिनों में बेहद कमजोर रही और इसका तीन दिनों का कलेक्शन 50 लाख के आसपास ही रहा जबकि संजय सूरी और नोरा फतेही की माय बर्थडे सॉंग पूरी तरह फिसड्डी रही। दो हफ़्ते पहले आई फिल्मों में भी सैफ़ अली खान की कालाकांडी बुरी तरह पिट गई जबकि विनीत कुमार सिंह की मुक्काबाज़ ने आठ करोड़ प्लस का कलेक्शन किया। हां, ज़रीन खान स्टारर 1921 ने कुछ अच्छा प्रदर्शन करते हुए करीब 13 करोड़ रूपये का कलेक्शन जुटा लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48825.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ae2d277f874813e924bd68100eaa69896bd80ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विक्रम भट्ट निर्देशित हॉरर फिल्म ' 1921' को घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर एक करोड़ 56 लाख रूपये की ओपनिंग लगी है। ज़रीन खान और करण कुंद्रा स्टारर ये फिल्म विक्रम की 1920 सीरीज़ की अगली कड़ी है। करीब 20 करोड़ रूपये में बनी इस फिल्म का प्रेडिक्शन भी दो करोड़ की रेंज में किया गया था और 1921 इस शुक्रवार को रिलीज़ हुई बाकी दोनों फिल्मों से कलेक्शन वाइज़ बेहतर साबित हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4884.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..873a5aa63086b9884e12ac3904961918a375b916 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह फिल्म सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो रही है। ऐसे में फीचर फिल्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए बनी फिल्म के बीच क्या शूटिंग को लेकर कोई अंतर होता है, इस सवाल पर विवेक जवाब देते हुए कहते हैं कि मुझे कुछ भी अलग नहीं लगा। अगर यह फिल्म थिएटर में भी रिलीज होती तो मैं इसे ऐसे ही बनाता। यह फिल्म पांच नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4889.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9982abe5889dbf0b1355c4ce81e9f9aec3e1f615 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4889.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से कई पुरस्कार भी हासिल किए हैं। एक बार रवीना टंडन ने अभिनेता रणवीर सिंह को अपनी फिल्म के सेट से बाहर भगा दिया था। यह किस्सा उस समय का है जब अभिनेता छोटे थे। दरअसल जुहू में रवीना टंडन और अभिनेता अक्षय कुमार ही सुपरहिट फिल्म मोहरा की शूटिंग चल रही थी। इस फिल्म की शूटिंग को देखने के लिए रणवीर सिंह अपने भाई के साथ सेट पर पहुंचे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48895.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2330a849857455538b5544d71f2881e9ee66205 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48895.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें:अक्षय कुमार ने हटाया सस्पेंस से पर्दा, बताया कब आएगी 2. 0 और पैडमैन ।करीब करीब सिंगल।इरफ़ान खान अपने फन में माहिर हैं। जो करते हैं ठोंक बजा कर करते हैं और तबियत से वो सब हासिल भी करते हैं जो उनके अभिनय की भूख को शांत करने लायक होता है। हिंदी मीडियम जैसी समझदार फिल्म के बाद अब ले कर आ रहे हैं 'करीब करीब सिंगल' . तनूजा चंद्रा निर्देशित ये फिल्म दो ऐसे लोगों की कहानी है, जिनकी जिनका जीने का अपना अलग तरीका है और अपने मिज़ाज भी। जया और योगी एक एक डेटिंग साइट के जरिये मिलते हैं और ट्रिप पर निकल जाते हैं। इस दौरान उनके बीच क्या क्या होता है। मामला सिंगल से डबल होने का है या सिंगल ही रहने के ये तो 10 नवंबर से ही पता चलेगा। फिल्म में इरफ़ान के साथ हिंदी में पहली बार काम करने उतरीं साउथ की एक्ट्रेस पार्वती थिरुवोथु हैं। साथ में नेहा धूपिया और ईशा शेरवानी भी हैं। खेत, खलिहान और पहाड़ों में की लोकेशन आपको इस फिल्म देखने मिलेगी क्योंकि फिल्म को एक ट्रैवलॉग की तरह रखा गया है। पंद्रह से 18 करोड़ रूपये में बनी करीब करीब सिंगल एक हजार से ज़्यादा स्क्रीन्स में रिलीज़ हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48907.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0156a70471bf3d4285681cd5f10465a27c38cac6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बी आर चोपड़ा के ग्रैंडसन अभय चोपड़ा निर्देशित इस फिल्म की अवधि करीब एक घंटा 45 मिनिट है। करीब 30 करोड़ रूपये में बनी इस फिल्म को 1800 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया जा रहा है। सेंसर ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट के साथ पास किया है।ट्रेड सर्किल के मुताबिक इस फिल्म को चार से छह करोड़ रूपये की ओपनिंग लग सकती है और उसके बाद का फ़ैसला माउथ पब्लिसिटी के जरिये ही होगा। इत्तेफ़ाक -It Happened One Night, साल 1969 में आई यश चोपड़ा की इत्तेफ़ाक का मॉर्डर्न संस्करण है। पुरानी इत्तेफ़ाक में राजेश खन्ना और नंदा का बेहतरीन अभिनय देखने मिला था। इस फिल्म को यश चोपड़ा ने निर्देशित किया था और उनके बड़े भाई बी आर चोपड़ा ने प्रोड्यूस। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48911.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d44f391b5ba15789c33ede721c97f510191a24d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48911.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिवाली के मौके पर रिलीज़ हुई अजय देवगन एंड गैंग की हिट फ्रेंचाइजी की चौथी कड़ी यानि गोलमाल अगेन ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर रिलीज़ के दूसरे रविवार को 13 करोड़ 58 लाख रूपये का कलेक्शन किया है। दूसरा वीकेंड पूरा होने से पहले ही डेढ़ सौ करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली गोलमाल अगेन का नेट इंडिया कलेक्शन अब 167 करोड़ 52 लाख रूपये हो गया है। ट्रेड एक्सपर्ट के मुताबिक 10 दिनों में औसत साढ़े 16 करोड़ रूपये प्रतिदिन का कलेक्शन करने वाली गोलमाल की इस चौथी कड़ी को दूसरे सप्ताह के सामान्य दिनों में रोज़ तीन से चार करोड़ की कमाई हो सकती है। करीब 100 करोड़ रूपये में बनी गोलमाल अगेन पहले ही साल की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में बाहुबली 2 हिंदी डब के बाद दूसरे नंबर पर है (ओरिजनल हिंदी में पहले नंबर पर) .।यह भी पढ़ें:Box Office: चीन जाने को तैयार सीक्रेट सुपरस्टार की भी हो गई इतनी कमाई ।गोलमाल में इस बार अजय देवगन, अरशद वारसी , तुषार कपूर , श्रेयस तलपड़े , कुणाल खेमू , जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, मुकेश तिवारी और अश्विनी कालसेकर के अलावा तब्बू , परिणीति चोपड़ा, प्रकाश राज और नील नितिन मुकेश ने भी काम किया । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48921.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85b2110d1bb7b33ea609d022f2e860ef16c84b9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोपाल , माधव , लकी और लक्ष्मण के किरदार पिछले 11 साल से दर्शकों के मनोरंजन के लिए गोलमाल करते रहते हैं। ये चौथी बार था जब रोहित शेट्टी ने गोलमाल अगेन के जरिये एक नई कहानी के साथ दर्शकों को दिवाली का तोहफ़ा दिया और दर्शकों ने भी पहले ही दिन रिटर्न गिफ़्ट भी दे दिया। गोलमाल अगेन ने घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर पहले दिन 30 करोड़ 14 लाख रूपये की कमाई की है। फिल्म को लेकर 20 से 25 करोड़ रूपये तक की ओपनिंग का अनुमान लगाया गया था लेकिन करीब 80 -90 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ गोलमाल मालामाल हो गई। करीब 100 करोड़ की लागत में बनी और वर्ल्ड वाइड 4200 से अधिक स्क्रीन्स में रिलीज़ हुई गोलमाल अगेन इस साल की सबसे बड़ी ओपनिंग वाली ओरिजनल हिंदी फिल्म बन गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी साल रिलीज़ हुई बाहुबली - द कन्क्लूजन के हिंदी डब वर्ज़न ने पहले दिन 41 करोड़ रूपये की कमाई की थी। बॉलीवुड की फिल्मों में गोलमाल अगेन ने सलमान खान की ट्यूबलाइट की ओपनिंग 21 करोड़ करोड़ 15 लाख रूपये , शाहरुख़ खान की रईस के 20 करोड़ 42 लाख , वरुण धवन की जुड़वा 2 के 16 करोड़ 10 लाख रूपये और शाहरुख़ खान-अनुष्का शर्मा की जब हैरी मेट सेजल के 15 करोड़ 25 लाख रूपये के कलेक्शन को पीछे छोड़ दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_48930.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_48930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43d0ff23fb27ed9583c29bf27df248f88311d8c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_48930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें:Box Office: इस जुड़वा ने तो कमाल कर दिया, दूसरे वीकेंड में भी इतनी बम्पर कमाई ।सैफ अली खान की फिल्म शेफ़ के बुरी तरह पिटने के बाद और इस हफ़्ते किसी बड़ी फिल्म के न होने के कारण वरुण धवन के पास अब दिवाली तक का मौका है। माना जा रहा है कि फिल्म 140 से ज़्यादा के लाइफ़ टाइम कलेक्शन तक पहुंच सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49001.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75b88164116a7fc3e4ba14f3ea67e50ebae54746 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें:बॉक्स ऑफिस पर बरेली की बर्फी का वीकेंड हुआ मीठा ।आयुष्मान की पिछली फिल्म मेरी प्यारी बिंदु के पहले हफ़्ते का कलेक्शन नौ करोड़ 20 लाख रूपये और राजकुमार राव की पिछली फिल्म बहन होगी तेरी का एक करोड़ 97 लाख रूपये था जबकि कृति सनोन की आख़िरी फिल्म राब्ता ने फर्स्ट वीक में 23 करोड़ 51 लाख रूपये का कलेक्शन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49045.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10ac86841e8ce43f22c36a7e0e504d6cba1fce40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: A Gentleman में सिद्धार्थ मल्होत्रा की कुकिंग और जैकलीन के साथ हॉट केमिस्ट्री।अश्विनी धीर निर्देशित 'गेस्ट इन लंदन' लगभग 800 स्क्रींस पर रिलीज़ की गयी है। ये फ़िल्म भी पहले दिन 1.25 करोड़ ही बॉक्स ऑफ़िस पर जमा कर सकी। फ़िल्म में परेश रावल, तन्वी अाज़मी, कार्तिक आर्यन और कृति खरबंदा ने लीड रोल्स निभाये हैं। ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, 25 करोड़ की लागत से बनी फ़िल्म का पहले दिन का कलेक्शन डिज़ास्टर माना जा रहा है, जो फ़िल्म के भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49047.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8945383521ffb3fc8f3c9c5f41119c47a7ae2ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंग्लिश विंग्लिश (2012) के बाद बॉलीवुड में रोल चुनने में वक्त ले रही श्रीदेवी का इस अवतार में परदे पर आना दर्शकों में थोड़ी उत्सुकता का बना गया है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को बिना किसी कांटछांट के यू/ ए सर्टिफिकेट दे कर पास कर दिया है। फिल्म की अवधि करीब दो घंटे 25 मिनिट होगी। इस बीच ट्रेड सर्किल में भी इस फिल्म को लेकर ख़ासी उत्सुकता है और माना जा रहा है कि मॉम तीन करोड़ के आसपास की ओपनिंग लेगी और माउथ पब्लिसिटी के जरिये वीकेंड में अच्छा बिज़नेस कर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49062.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c16c9c375aa0c8008a9101a86274e6731c445e10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले मॉम के साथ श्रद्धा कपूर की हसीना-द क्वीन ऑफ़ मुंबई ( अब 18 अगस्त) और सैफ अली खान की शेफ (अब 6 अक्टूबर ) रिलीज़ होने वाली थीं लेकिन दोनों फिल्मों की तारीख़ अब बदल चुकी है।पहले तीनों ही 14 जुलाई को रिलीज़ होने वाली थीं। ।इस बीच तिग्मांशु धुलिया की राग देश 28 जुलाई को रिलीज़ होगी। इस फिल्म में कुणाल कपूर , मोहित मरवाहा और अमित साध हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49069.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..635215e102c9e9021228d373a8b3bc772dbba0d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आमिर खान की नितेश तिवारी डायरेक्टेड दंगल ने हॉलीवुड और चीन की फिल्मों को भी बॉक्स ऑफिस के अखाड़े में चित कर दिया है। पांचवा वीकेंड ख़त्म होने के बाद दंगल ने अपना अभियान जारी रखते हुए रिलीज़ के पांचवे मंगलवार को 1.17 मिलियन डॉलर की कमाई की। चीन में अब फिल्म की कुल कमाई 171. 67 मिलियन डॉलर यानि 1106 करोड़ 25 लाख रूपये हो गई है। यानि ताइवान से हुए 38 करोड़ 50 लाख रूपये और इंडिया सहित वर्ल्ड वाइड कलेक्शन 744 करोड़ 50 लाख को जोड़ कर अब तक दंगल ने कुल 1889 करोड़ रूपये का कलेक्शन कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49076.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d305c1e481a2b9cf42376ccee6bef62f1f354e5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें:बेटी श्रद्धा के दम पर ऐसे चल रहा है शक्ति कपूर का love u family प्रमोशन ।उधर, अर्जुन और श्रद्धा कपूर की फिल्म ' हाफ गर्लफ्रेंड' का दूसरे वीकेंड पर बहुत बुरा हाल रहा है। फिल्म ने पहले वीकेंड में 32 करोड़ चार लाख रूपये का बिजनस किया था और दूसरे वीकेंड पर फिल्म छह करोड़ 12 लाख रूपये ही कमा सकी। फिल्म का कुल नेट इंडिया कलेक्शन अब 55 करोड़ 31 लाख है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49094.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6434d49f957d545c2624be791f92d46816e495fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। 'शिवाय' का दूसरा वीकेंड बॉक्स ऑफिस पर शानदार रहा है। बीते तीन दिन में इस फिल्म ने करीब 16 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है। शुक्रवार को 4.61 करोड़ रुपए का कलेक्शन रहा, वहीं शनिवार को 5.40 करोड़ रुपए मिले। जबकि रविवार को यह आंकड़ा करीब छह करोड़ रुपए रहा। इस तरह इसे कुल मिलाकर अभी तक 87 करोड़ रुपए का नफा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4910.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..864a9ccfec87efb0314bc3482066ec6576d7d584 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4910.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आलिया  ने सोनी राज़दान के बर्थडे के मौके पर उनकी एक पुरानी फोटो शेयर कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। इस थ्रोबैक फोटो वो काफी यंग दिख रही हैं। फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर मां को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कैप्शन लिखा, ‘जन्मदिन मुबारक हो मां। आप मेरे जीवन के लिए मेरी प्रेरणा और ताकत हैं। मैं आपको दुनिया के हर पल खुशी और शांति की प्रार्थना करती हूं। लव यू लिटिल मामा बर्डी।’।आलिया की इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर उनके फैंस खूब पसंद कर रहे हैं। पोस्ट को अब तक इंस्टाग्राम पर 4 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बात अगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्दी ही संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में वो लीड किरदार निभा रही हैं। ये फिल्म मशहूर लेखक हुसैन जैदी की बुक माफिया क्वीन के नाम पर आधारित है। उनकी ये फिल्म अगले साल 2022 में रिलीज होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49107.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b55c4d8a574c1dc4820a30a3b7db7c09ab037656 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। बीते शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म 'अकीरा' में सोनाक्षी सिन्हा काफी सशक्त किरदार में नजर आईं, मगर कमाई के मामले में बॉक्स ऑफिस पर इसकी शुरुआत धीमी रही। जहां कोई भी फिल्म पहले दिन औसतन आठ-नौ करोड़ रुपए की कमाई कर जाती है, वहीं 'अकीरा' मात्र पांच करोड़ रुपए से ही शुरुआत कर पाई। शनिवार को भी लगभग वही स्थिति रही, मगर रविवार को कमाई में उछाल देखने को मिली। इस वजह से 'अकीरा' की पहले वीकेंड की कुल कमाई 16.65 करोड़ रुपए हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4912.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..286c3f42a85595b5ab5cefe52b85fa53ede36b1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Actor Ananya Panday is not appearing before NCB today in the ongoing drugs case. She has requested NCB for a further date due to personal commitments. NCB has accepted her request; to issue her fresh summons for another date: NCB Sources।(file photo) pic.twitter.com/dZjUAPpV8A।शुक्रवार को अनन्या पांडे से एनसीबी ने करीब चार घंटे पूछताछ की थी। इससे पहले उनसे गुरूवार को दो घंटे पूछताछ की गई थी। अनन्या पांडे को एनसीबी ने तब समन भेजा बॉलीवुड अभिनेता शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान की व्हाट्सएप चैट में अनन्या पांडे के नाम का खुलासा हुआ। आर्यन खान को एनसीबी ने मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज शिप में छापेमारी के दौरान 3 अक्टूबर को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49133.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..916a8011f38de5e32bde5cb24f6c92ce50cd3363 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49133.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुनील शेट्टी की बेटी के साथ अफेयर पर अर्जुन कपूर का ये है कहना ।जबकि ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर बताया कि 'की एंड का' ने शनिवार को 8.41 करोड़ रुपए और रविवार को 9.52 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया और इस तरह इस फिल्म ने तीन दिन में ही 25 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। यानि पहले वीकेंड की कुल कमाई 25.23 करोड़ रुपए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49149.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b90ba26f48eeacc8516709218f52c0a15128f51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अनुपम-किरण के बेटे ने सोनम के 'बहन' से की सगाई, ये रही तस्वीर । इससे पहले 2012 में आई 'हाउसफुल', 'राउडी राठौड़' के बाद 2014 में रिलीज 'हॉलीडे' ने यह कारनामा कर दिखाया था।अब जल्द ही 22 जनवरी को रिलीज हुई 'एयरलिफ्ट' भी इस लिस्ट में शुमार हो जाएगी। हालांकि इस शुक्रवार को रिलीज हुई राजकुमार हिरानी की फिल्म 'साला खड़ूस' से इसकी कमाई पर जरूर असर पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49255.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10d2940521386893556e8a1a17ebc4cd714a148f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49255.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + फिल्म रिव्यू: मिस्टर एक्स (1.5 स्टार)। शुक्रवार को रिलीज के दिन फिल्म ने 4.50 करोड़ रुपये बटोरे थे। दो दिन में फिल्म ने 8.89 करोड़ का बिजनेस कर दिखाया है। व्यापार विश्लेषक तरण आदर्श ने ट्विटर पर फिल्म के कलेक्शन की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'मिस्टर एक्स ने शुक्रवार को 4.50 करोड़, शनिवार को 4.39 करोड़ कमाए। भारत में कुल बिजनेस 8.89 करोड़।'। बाप रे! 25 करोड़ रुपए में बिके इस फिल्म के सैटेलाइट राइट्स। विक्रम भट्ट के निर्देशन में बनी 'मिस्टर एक्स' में इमरान के ऑपोजिट अमायरा दस्तूर हैं। फिल्म एक ऐसे ऑफिसर की कहानी है जिसके पास अदृश्य होने की ताकत है और इस ताकत के दम पर वो समाज की बुराईयों से लड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49387.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02e7684cce35ffa9cae4f989522282f131493e3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + पढ़ें : शांति संदेश पहुंचाएगी फिल्म वार छोड़ न यार। चर्चा है कि इस फिल्म के पीछे पाक आर्मी का पैसा लगा है। हालांकि निर्देशक बिलाल लशारी ने इस बात से पूरी तरह से इंकार किया है। फिल्म की कहानी पाकिस्तान के सबसे बड़े जिंदा बम धमाके के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में इस धमाके के पीछे एक भारतीय लेडी एजेंट का हाथ दिखाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49437.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcd5435c1b90342ba0954c950dc7c2f05dcfe090 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इन दिनों सफल फिल्मों के कलेक्शन का यही पैटर्न है। पहले दिन के कलेक्शन का डेढ़ गुना कलेक्शन रविवार को हो जाना चाहिए। इस लिहाज से जिला गाजियाबाद शुक्रवार की संतोषजनक कलेक्शन के बावजूद अगले दिनों में नहीं बढ़ सकी। शुक्रवार को साढ़े तीन करोड़ का कलेक्शन शनिवार को घटा और फिर रविवार को साढ़े तीन करोड़ पर ही अटक गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_4944.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_4944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..853a5cb83d3c173fa26eac0c1ffc5e8c951a0daa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_4944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने भारत और पाकिस्तान के मैच को मजाक बताया है। केआरके बॉलीवुड के उन सितारों में से एक हैं जो सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी से बोलते रहते हैं। वह बयानों को लेकर बहुत बार आलोचना का भी शिकार हो चुके हैं। भारत और पाकिस्तान के मैच से पहले केआरके ने कहा कि यह मैच एक मजाक है क्योंकि पूरी दुनिया जानती है कि भारत जीतेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49494.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5778b584b05104181a13375fb98906f27cb2954 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ईद के मौके पर रिलीज हुई बॉडीगार्ड ने अपेक्षा के अनुसार बिजनेस किया। सलमान खान ने इस बार ईद पर कामयाबी की हैट ट्रिक लगा  ली। पिछले सप्ताह बुधवार को ही 3000  प्रिंट के साथ बॉडीगार्ड दुनिया भर के सिनेमाघरों में लगी।  पहले दिन 20  करोड़ से अधिक का कलेक्शन  कर इसने संकेत दे दिया था कि 5  दिनों के लंबे वीक एंड  में यह फिल्म कलेक्शन  का रिकार्ड स्थापित करेगी। 5  दिनों में 88  करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी फिल्म आसानी से 100  क रोड़ से अधिक कमाई करने वाली फिल्मों की लीग में आ जाएगी। पिछले हफ्ते रिलीज हुई बाकी दो फिल्मों बोल और दैट गर्ल इन यलो बूट्स  को उल्लेखनीय दर्शक नहीं मिल पाए। दोनों फिल्में कायदे से पूरे भारत में रिलीज नहीं हो सकीं। दोनों ही फिल्में बॉडीगार्ड की लोकप्रियता की बलि चढ़ गई, जबकि दोनों फिल्मों की विषय वस्तु हार्ड हिटिंग  थी। । -अजय ब्रह्मात्मज ।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49495.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4e1505e9665896e0efdd08fa17602208b4c47f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Sofia Ansari Instagram Suspended: सोफिया अंसारी इंटरनेट पर काफी लोकप्रिय थीl उनके इंस्टाग्राम पर 98 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थेl हालांकि अब उनका आधिकारिक अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया हैl सोफिया अंसारी इंस्टाग्राम पर काफी फेमस थीl वह अक्सर बोल्ड और हॉट कंटेंट बनाती थीl माना जा रहा है कि इसी के चलते उनका अकाउंट सस्पेंड किया गया हैl हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई हैl इसके चलते फैंस अभी भी सोच रहे हैं कि उनका अकाउंट सस्पेंड क्यों किया गया हैl।सोफिया अंसारी अपनी बोल्ड इमेज के लिए जानी जाती हैं।सोफिया अंसारी अपनी बोल्ड इमेज के लिए जानी जाती हैंl वह इंस्टाग्राम पर अक्सर हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो शेयर करती थीl जानकारों का मानना है कि उनके बोल्ड वीडियो के कारण इंस्टाग्राम के कम्युनिटी की गाइडलाइंस का उल्लंघन हुआ हैl इसके चलते उनका अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया हैl।सोफिया अंसारी का अकाउंट सस्पेंड होने के बाद इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़ आ गई है।सोफिया अंसारी का अकाउंट सस्पेंड होने के बाद इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़ आ गई हैl कई लोगों ने इस निर्णय को दुख भरा बताया हैl वहीं कई लोग इसपर मजेदार कांटेक्ट बना रहे हैंl गौरतलब है कि सोफिया अंसारी का ट्विटर अकाउंट चल रहा हैl।#SofiaAnsari pic.twitter.com/H0mOW9h6k3।सोफिया अंसारी की तरह उर्फी जावेद भी हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है।सोफिया अंसारी की तरह उर्फी जावेद भी अक्सर अपनी हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर करती है, जिन्हें लेकर उन्हें काफी ट्रोल भी किया जाता हैl वह बिग बॉस ओटीटी में भी नजर आ चुकी हैl उर्फी जावेद पर ट्रोलिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और वह लगातार अपनी हॉट और बोल्ड वीडियो शेयर करती रहती हैl यह भी कहा जा रहा है कि सोफिया अंसारी ने अब अपना दूसरा अकाउंट बना लिया है और वह उसका प्रचार कर रही हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49500.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d22f5ce67498ecaa1d0e29a02d09446bbe0e596e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन फोटोज को शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने काफी दिलचस्प कैप्शन भी दिया है, जिसमें सुरभि ने बताया है कि उन्होंने और अर्जुन बिजलानी ने ज्यादा खाना खा लिया है। पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा, 'दुल्हा-दुल्हन जिन्होंने अपनी ही शादी में हद से ज्यादा खाना खा लिया ! आगे क्या हुआ, जानने के लिए स्वाइप करें। इसके लिए इंतजार नहीं कर सकती क्योकि यह बहुत खास होने होने वाला है।'।सुरभि चंदना और अर्जुन बिजलानी की इन तस्वीरों को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह उनके किसी नए शो की है। जिसे लेकर अभी तक कोई जानकारी मीडिया में नहीं दी गई है। इस पोस्ट के साथ सुरभि ने इतना तो बता दिया है कि अपने इस अपकमिंग शो में वह अर्जुन बिजलानी की पत्नी के रूप में नजर आने वाली हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49502.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29b1e8b05eab2df63e698fe7942a25fefe56788d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49502.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कपिल शर्मा शनिवार को स्वयंवर अटेंड करने के लिए मुंबई से जोधपुर के लिए रवाना हुए। वहीं अपने प्राइवेट प्लेन में बैठने से पहले कपिल ने फोटो क्लिक कराई है जिसकी तस्वीर उन्होंने ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। इस तस्वीर में कपिल मीका की शादी में शामिल होने को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं। इस दौरान कपिल ब्लू प्रिंटेड शर्ट और व्हाइट पैंट में बेहद हैंडसम लग रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49530.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e024fac7ea0195675a17e081bf41050edae90d8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करणवीर बताते हैं कि उनकी टीजे से पहली मुलाकात ही बेहद रोमांटिक थी। वह एक कॉमन फ्रेंड के साथ टीजे से बांद्रा के माउंट मेरी चर्च में मिले थे और तब उनके दोस्त को किसी काम से तुरंत निकलना पड़ा। ऐसे में उस दोस्त ने करणवीर से टीजे को उसके घर ड्राप करने के लिए कहा था, लेकिन दोस्त तो चला गया और वह टीजे से घंटो चर्च में ही बातचीत करते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49569.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8437da2572289a0b30a938b0eb4e9b94b42547b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49569.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पलक ने कहा-लोग कभी खुश नहीं होंगे।सोशल मीडिया सेंसेशन पलक तिवारी ने हाल ही में बॉलीवुड बबल से खास बातचीत करते हुए यूजर्स द्वारा उन्हें स्किनी बुलाने और ट्रोल करने पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पलक तिवारी ने कहा, 'मुझे इतना ज्यादा इन सब चीजो से फर्क नहीं पड़ता, जितना की लोग सोचते हैं कि मुझे पड़ता होगा। क्योंकि मैंने ये महसूस किया है कि ये लोग कभी खुश नहीं होंगे। उन्होंने अपनी ही एक सोच बना ली है। वह कहते हैं कि यह स्टार बहुत ज्यादा ड्रेसअप है, क्या कर रहा है, कहा जा रहा है? ये सोचते हैं। फिर मैंने सोचा, चलो मैं सिंपल तरह से बाहर जाती हूं, तब भी वह कहते हैं कि वह ऐसी दिख रही है, उसे कौन काम देगा? ऐसी तो मेरी दोस्त दिखती है'। + +अपने रैंप वॉक को लेकर हाल ही में हुई थी ट्रोल।पलक तिवारी ने अपने पहले म्यूजिक वीडियो 'बिजली' से ही लोगों के दिलों पर कहर ढा दिया था। स्क्रीन पर उनकी प्रेजेंस को लोगों ने खूब पसंद किया था। हाल ही में पलक तिवारी ने रैंप वॉक पर अपना डेब्यू किया और वह फैशन वीक में डिजाइनर ईशा अमीन के कलेक्शन को शोकेस करते हुए दिखाई दीं। जिसके लिए कई लोगों ने तो उनके रैंप वॉक की खूब तारीफ की, लेकिन कुछ लोगों ने उनकी वॉक को बहुत ही खराब बताते हुए ट्रोल किया। पलक तिवारी के जल्द ही विवेक ओबेरॉय और अरबाज खान के साथ बिग स्क्रीन पर अपना डेब्यू करने वाली हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49570.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b3ad9d952596f4d6b34eeda8a5e93086ef245ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अवनीत कौर ने बतौर चाइल्ड की थी करियर की शुरुआत।अवनीत कौर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड की थी। उन्होंने साल 2010 में डांस रिएलिटी शो 'डांस इंडिया डांस' लिटिल मास्टर्स से शुरुआत की थी, इसके बाद अवनीत डांस के सुपरस्टार में नजर आई थीं। अवनीत कौर ने साल 2011 में फिक्शन शो 'मेरी मां' में बतौर चाइल्ड अपनी शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने एक मुट्ठी आसमान, हमारी सिस्टर दीदी, चंद्रनंदिनी जैसे शोज में काम किया। इस शो के बाद उन्होंने साल 2018 से 2020 तक अलादीन-नाम तो सुना होगा में काम किया। इस शो में अवनीत कौर को बहुत पसंद किया गया। टीवी के साथ-साथ अवनीत कौर कई हिंदी फिल्मों का हिस्सा भी रह चुकी हैं। अब जल्द ही वह कंगना रनोट के प्रोडक्शन में बन रही फिल्म 'टीकू वेड्स शेरू' में नजर आएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49580.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59df02bffa2c282ec7b302d6ba379e39f796ccb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49580.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंगलवार का एपिसोड स्ट्रीम होने से पहले ऑल्ट बालाजी ने शो का एक प्रोमो जारी किया है। जिसमें जेलर करण कुंद्रा ने 'लॉक अप' के पहले सीजन के पहले फाइनलिस्ट के नाम का खुलासा कर दिया है और इस वीडियो के कैप्शन में फर्स्ट फाइनलिस्ट के आगे शिवम शर्मा का नाम लिखा है। इस घोषणा के बाद वीडियो में शिवम की 'लॉक अप' की पूरी जर्नी भी दिखाई गई। जिसमें वह सारा खान के साथ रोमांटिक होते, तो कभी हंसी मजाक करते नजर आए। इसके साथ ही वह कभी होस्ट कंगना रनोट से तरीफ, तो कभी डांट खाते भी दिखे। + +तीन हफ्ते पहले शुरू हुआ कंगना रनोट का शो 'लॉक अप' अपने आखिरी पड़ाव में पहुंच चुका है। आने वाले 7 मई को शो का फिनाले होने वाला है और इसके साथ ही शो को अपना विनर भी मिल जाएगा। शिवम शर्मा के फाइनलिस्ट बनने के साथ ही अब शो में अंजलि अरोड़ा, सायशा शिंदे, मुनव्वर फारूकी, प्रिंस नरूला, आजमा फलाह और पायल रोहतगी बचे हुए हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49592.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..290c59814bfb764cc82eaa90e8dee081246afd14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49592.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जल्द ही बॉलीवुड में रखेंगी कदम।पलक तिवारी सोशल मीडिया सेंसेशन हैं, फिल्मों में आने से पहले ही उनकी एक अच्छी-खासी प्रशंसकों की लिस्ट है। उनके सोशल मीडिया पर 1 मिलियन से अधिक फ़ॉलोवर्स हैं। पलक जल्द ही विवेक ओबेरॉय और अरबाज खान स्टारर फिल्म 'रोजी: द सैफ्रॉन चैप्टर' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली हैं। इसके अलावा पलक हाल ही में आदित्य सील और आदित्य नारायण के साथ गाने 'मांगता है क्या' में भी नजर आ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49607.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40bcbb417ed20fcd2a5fb31ecc75e79f3bfbe0ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आप दोनों ने फिल्मों में साथ में काम किया है। आप पहले ही सुपरस्टार बन चुकीं थीं। ऐसे में पति को काम करने के लिए कैसे मनाया था?।भाग्यश्री- दरअसल फिल्म मैंने प्यार किया के बाद लोगों ने पूछना शुरू किया कि मैं एक्टिंग क्यों नहीं कर रही हूं। मैंने कहा मैं शादीशुदा हूं, फिल्मों में इंटिमेट सींस होते हैं, जो मैं नहीं कर सकती हूं। फिर मुझसे एक पत्रकार ने पूछा कि अगर फिल्म में हिमालय होते तो? मैंने कहा कि फिर तो मैं काम कर लेती। यह बात सब जगह छप गई। फिर मेरे पास निर्माता आने लगे, क्योंकि उस वक्त हर कोई मुझे अपनी फिल्म में लेना चाहता था। उन्होंने कहा कि आप फिल्म करिए, पति को भी साथ में लेते हैं। मेरे लिए सोने पे सुहागा वाला बात थी। हमें उस वक्त सेट पर भी साथ रहने का मौका मिल रहा था। हमने बहुत ज्यादा दिमाग नहीं लगाया कि साथ काम करना चाहिए या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49621.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..290dabff52622b35a32a9cb137d85a14b65af7a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनिल कपूर ने कहा घर में नाना हूं।सोनी टीवी द्वारा 'द कपिल शर्मा शो' के इस नए प्रोमो में अनिल कपूर फिल्म की पूरी स्टारकास्ट के साथ पहुंचे। इस दौरान अनिल कपूर का हमेशा की तरह झक्कास अंदाज देखने को मिला। अनिल कपूर सफेद रंग की जींस और जैकेट में काफी हैंडसम लग रहे हैं। उनके मंच पर आते ही कपिल शर्मा ने उनसे सवाल पूछते हुए कहा, 'सर हमने खबर सुनी की आप नाना बनने वाले है, जब आपको ये खबर मिली तो आपने अपने आपको थोडा बहुत बड़ा महसूस किया, या 5 साल और छोटे हो गए। जिसका मजेदार अंदाज में जवाब देते हुए अनिल कपूर ने कहा, 'जैसे तू बाहर कुंवारा और घर में शादीशुदा है, ऐसे ही मैं भी घर में नाना हूं, लेकिन बाहर.. अनिल कपूर की बात को बीच में काटते हुए कपिल ने कहा, 'आप झक्कास हो'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49626.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d632b64e1a48b84fa8db8a4d3587d102743f32aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पायल रोहतगी अभिनेत्री कंगना रनोट के शो में अपने खेल और रणनीति से काफी चर्चा में रहती हैं। शो के अंदर वह बहुत बार सुर्खियां भी बटोर चुकी हैं। पायल रोहतगी लॉक अप में अब तक अपने बारे में कई खुलासे कर चुकी हैं। अब उन्होंने बड़ा ही हैरान कर देने वाला खुलासा किया है, जिसको जानने के बाद पायल रोहतगी के फैंस भी हैरान हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49630.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a98034aa06d8b4ef5351bddd9fac1a875b27650 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49630.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तारक मेहता के मेकर्स की इस माफी वाली पोस्ट पर लोगों ने जमकर कमेंट किया। ज्यादातर का मानना है कि शो अब हंसाने की बजाए बोर करने लगा है। किसी ने लिखा, 'हम इस इंतजार में रोज शो को देखते है कि काश पहले जैसे हंस सकें, पर अफसोस अब आपके सीरियल में सिर्फ ज्ञान होता है, कॉमेडी नहीं'। तो किसी ने लिखा, 'शो की कंटेंट क्वालिटी लगातार गिर रही है। एक ही टॉपिक को बेवजह कई दिनों तक खींचा जाता है। हम तो अब बस आपके पुराने एपिसोड ही देखते हैं। साथ ही कुछ लोगों ने स्क्रिप्ट राइटर बदलने की मांग की। ।बता दें कि इससे पहले दिलीप जोश भी शो की घटती पॉपुलैरिटी की बात को एक्सेप्ट कर चुके हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि हर एपिसोड उतना ही मजेदार नहीं बन सकता। हालांकि शो में दायबेन का किरदार निभा रही दिशा वकानी के शो छोड़ने से भी काफी फर्क पड़ा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49659.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ee9240d86aa44d31049cab08e235e67eb4772dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, भारती और हर्ष अपने शो में आने वाले हर गेस्ट के साथ खूब मस्ती मजाक करते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। 'द खतरा खतरा शो' के सेट पर दोनों ने शहनाज गिल के साथ मिलकर सबको एंटरटेन किया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में हर्ष मस्ती के मूड में नजर आ रहे हैं और धीरे से शहनाज को कंधे से धक्का मारते हैं और पूछते हैं, 'कॉफी पीने चलें।' हर्ष के इस अंदाज से शहनाज का मुंह बन जाता है और वह अजीब महसूस करने लगती हैं। इसके साथ ही बैकग्राउंड में 'दिल बेचारा' सॉन्ग प्ले होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49684.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94411ffe4fd7d00d7df0a5728200d8a653dd068c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49684.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Avneet Kaur hot photos: अलादीन नाम तो सुना होगा में यासमीन की भूमिका निभाने वाली अवनीत कौर ने अपनी हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की हैl इसमें उन्हें ग्रीन कलर की वन पीस थाई हाई ड्रेस पहने देखा जा सकता हैl इसके अलावा उन्होंने कई ज्वेलरी भी पहन रखी हैl उन्होंने मेकअप कर रखा हैl उन्होंने लिपस्टिक लगा रखी हैl उनके बाल खुले हुए हैंl तस्वीरें शेयर करते हुए अवनीत कौर ने लिखा है, 'हे व्हाट्सअपl' इसके अलावा उन्होंने दिल और आग की इमोजी भी शेयर की हैl।अवनीत कौर तस्वीरों में काफी खूबसूरत लग रही है।तस्वीरों में अवनीत कौर काफी खूबसूरत लग रही हैl अवनीत कौर ने तस्वीरें खबर लिखे जाने तक 48 मिनट पहले शेयर की है, जिसे 48 मिनट में सवा लाख के करीब लाइक्स मिल चुके हैंl वहीं इसपर अट्ठारह सौ के करीब कमेंट किए जा चुके हैंl कई लोगों ने इसपर दिल और आग की इमोजी भी शेयर की हैl वहीं कई लोगों ने लुकिंग स्टनिंग, ब्यूटीफुल और ऑसम जैसे कमेंट किए हैl अवनीत कौर टीवी एक्ट्रेस हैl वह कई टेलीविजन शो में नजर आ चुकी हैl उनकी भूमिकाएं काफी पसंद की गई हैl।अवनीत कौर ने अपनी हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की है।हाल ही में अवनीत कौर ने अपनी हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की थीl इसमें उन्हें ब्लैक कलर का क्रॉप टॉप और ब्लू कलर की डेनिम पहने बोल्ड अंदाज में फोटोशूट कराते देखा जा सकता हैl उन्होंने कुल चार तस्वीरें शेयर की थीl पहली तस्वीर में वह आगे की और झुकी हुई नजर आ रही है और वो कैमरे की और देख रही हैl वहीं दूसरी फोटो में वह अलग अंदाज में बोल्ड पोज दे रही हैंl।अवनीत कौर की सोशल मीडिया पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है।अवनीत कौर की सोशल मीडिया पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग हैl इंस्टाग्राम पर उनके 30 मिलीयन फॉलोअर्स हैंl इसके चलते उनकी पोस्ट बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49687.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..322e486774dcc119845dbb67ba27c6a5956b3207 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49687.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेत्री कंगना रनोट के विवादित रियलिटी शो लॉक अप में कंटेस्टेंट्स अपनी निजी जिंदगी के सीक्रेट खोलते हैं। बहुत बार यह सीक्रेट काफी हैरान कर देने वाले होते हैं। बीते दिनों लॉक अप की एक्स कंटेस्टेंट मंदाना करीमी ने अपने बारे में चौंकाने वाले खुलासा किया किया। उन्होंने बताया था कि वह बॉलीवुड के एक डायरेक्टर के साथ रिलेशनशिप में थीं और उससे वह प्रेग्नेंट भी हो गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49688.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa7400f80367a42f166cd279343693b252c08c89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करणवीर बोहरा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'इस शो से बाहर होकर काफी खुश हूं। यह देखकर कि शो कहां जा रहा है, महिलाओं पर हिंसा और अपमानजनक गाली-गलौज की भाषा मैंने इतना बुरा किया या कह सकते हैं कि मैं इतना बुरा हूं कि खुद को माफ नहीं कर पाता... लेकिन लॉक अप का शुक्रिया मुझे संवारने और एक बेहतर इंसान बनाने के लिए।'।सोशल मीडिया पर करणवीर बोहरा का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेता के फैंस उनकी ट्वीट को पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले महीने कंगना रनोट ने करणवीर बोहरा को लॉक अप से बाहर कर दिया था। उनके साथ सायशा शिंदे भी शो से बाहर हो गई थीं। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने शो में दोबारा एंट्री की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49694.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..becc44c7b36103f127ee9cc863f8e8ee4f9d9664 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन l रश्मि देसाई छोटे पर्दे का एक बड़ा नाम हैं और टेलीविजन की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेसेस में से एक हैं। रश्मि देसाई सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और वह जब भी कुछ पोस्ट करती हैं तो फैन्स उनकी तस्वीरों और वीडियो पर जमकर प्यार लुटाते हैं। हाल ही में रश्मि देसाई ने अपने वेकेशन की एक दिलकश वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की, जिसे देखने के बाद फैंस बिग बॉस एक्स कंटेस्टेंट की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49704.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..027980654cae003977cbaf46a8ddb6f3761eb841 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि मुनव्वर फारुकी जब पायल रोहतगी और पूनम पांड को रोकते हैं तभी अंजलि बीच में आ जाती हैं। ऐसे में अंजलि को लड़ाई से बचाया के लिए वह जल्दबाजी में अंजाने में बिना सोचे ही अंजलि के फ्रंट पर हाथ रख देते हैं। बस इस वीडियो क्लिप को देखने के बाद सोशल मीडिया पर फैंस उन्हें भला बुरा सुना रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49727.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9522f235d6a7c0b1cc2f129047a0d4af2858f9f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअलस, शनिवार के एपिसोड में अंजलि से कुछ शब्दों को सुनकर उन कैदियों का नाम लेने के लिए कहा गया, जो उनके दिमाग में आते हैं। इस पर एहसान फरामोश सुनकर अंजलि ने मुनव्वर फारुकी का नाम लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने सायशा शिंदे को 'डबल ढोलकी' बताया। अंजलि इतने पर ही नहीं रुकी उन्होंने पायल रोहतगी को बदतमीज और शिवम शर्मा को छपरी तक बता डाला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49739.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..566170edee89a04330716983846be998a8613505 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Hina Khan Bold Photos: हिना खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की हैl इसमें उन्होंने स्टाइलिश डिजाइनर वेयर पहन रखा है जो कि स्किन टाइट है और इसमें हिना खान का स्लिम फिगर नजर आ रहा हैl हिना खान ने एंब्रॉयडरी की हुई ड्रेस पहन रखी हैl इसके अलावा उन्होंने हाई हील्स पहन रखी हैl।हिना खान घुटनों के बल बैठकर बोल्ड पोज दे रही है।हिना खान पहली तस्वीर में वह घुटनों के बल बैठकर कमर पर हाथ रखकर बोल्ड पोज दे रही हैl इसमें उनका स्लिम और टोंड फिगर भी नजर आ रहा हैl उनके बाल खुले हुए हैंl अगली फोटो में हिना खान अलग अंदाज में बैठकर पोज दे रही है और वह कैमरे की ओर देख रही हैl उनके बाल खुले हुए हैंl इसमें वह काफी ग्लैमरस लग रही हैl इसकी बाद की फोटो में हिना खान और भी खूबसूरत लग रही हैl।हिना खान की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर वायरल हो गई है।हिना खान ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है, 'मैं अपनी चाल खुद तय करती हूंl' इसके अलावा उन्होंने कई लोगों को टैग भी किया हैl हिना खान की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर वायरल हो गई हैl एक दिन में इसे 323000 से ज्यादा लाइक्स मिले हैंl वहीं इसपर 2300 से ज्यादा कमेंट किए जा चुके हैंl हिना खान ने और भी कई तस्वीरें शेयर की हैl।हिना खान के इंस्टाग्राम पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स है।हिना खान के इंस्टाग्राम पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैl हिना खान अक्सर अपने फैंस से बातचीत करती हैंl इसके चलते उनके फैंस भी काफी उत्साहित रहते हैंl हिना खान इन दिनों रॉकी जायसवाल को डेट कर रही हैंl दोनों ने अपने रिश्ते को सार्वजनिक कर दिया हैl रॉकी जायसवाल और हिना खान जल्द शादी करने वाले हैंl दोनों को कई अवसर पर साथ देखा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49758.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfc10432ce6b236f0f19dd08751ef596d51a7e3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KBC 14 Registrations Question 4: टीवी का फेमस सवाल-जवाब शो यानी 'कौन बनेगा करोड़पति' का सीजन 14 इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। केबीसी ने अबतक न जानें कितने लोगों के न सिर्फ सपनों को पूरा किया है बल्कि उन्हें मालामाल भी बनाया है। महानायक अमिताभ बच्चन होस्टेड शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। इसी के साथ ही बिग बी ने अपना चौथा सवाल भी पूछ लिया है। केबीसी का ये चौथा सवाल 'स्वतंत्रता आंदोलन' से जुड़ा हुआ है। वहीं आगर आप भी बिग बी के सामने हॉट सीट पर बैठकर अपनी किस्मत बदलना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन में पूछे गए इस चौथे सवाल का सही उत्तर दें। साथ ही जानें अप्लाई करने का तरीका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49761.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bcb5f296307aba00da1662e0ac23114b40badb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस दिन शादी के बंधन में बंधेंगे मिलिंद गाबा-प्रिया बेनीवाल।मिलिंद गाबा और प्रिया बेनीवाल 16 अप्रैल 2022 को शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। दोनों की शादी से पहले दोनों का बहुत ही धूमधाम से प्री-वेडिंग फंक्शन होने वाला है, जहां सगाई के बाद अब 14 अप्रैल को दोनों ही हल्दी और मेहंदी की रस्म होगी। मिलिंद गाबा और प्रिया बेनीवाल की शादी की सभी रस्में पंजाबी रीति-रिवाजों के साथ होने वाली है। रिपोर्ट्स की मानें तो इन दोनों की शादी दिल्ली एनसीआर में ही होने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49763.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02b8ecf22a4dd2c48f7e27cdf344ec23a993409e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49763.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पायल रोहतगी से लड़ाई के बाद शिवम शर्मा ने की ऐसी हरकत।ऑल्ट बालाजी ने हाल ही में शिवम शर्मा का एक वीडियो अपने इन्स्टाग्राम पर पोस्ट किया। इस वीडियो में पायल रोहतगी से लड़ाई के बाद शिवम शर्मा चार्जशीट पर लगी तस्वीर पर टिश्यू पेपर लगाते हुए नजर आ रहे हैं। शिवम ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वह पॉटी करके गन्दा टिश्यू पेपर पायल की तस्वीर पर लगाएंगे। शिवम अन्दर जाते हैं और गन्दा टिश्यू पेपर लाकर चार्जशीट पर लगी पायल की तस्वीर पर लगा देते हैं। जहां एक तरफ कुछ घरवाले शिवम की इस हरकत को एन्जॉय करते दिखाई दिए और हंसते नजर आए, तो वहीं मंदाना ने उन्हें चार्जशीट पर गंदा टिश्यू पेपर लगाने के लिए मना किया। शिवम की ये हरकत कुछ लोगों को बिलकुल भी पसंद नहीं आई और उन्हें ट्रोल किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49811.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1279310aee807c6701ca83a4e089a7c1f7dc58d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रेग्नेंसी में किया लगातार काम।भारती सिंह ने बीते साल अपनी प्रेग्नेंसी की खबर अपने फैन्स के साथ एक मजेदार वीडियो शेयर करके की थी। भारती सिंह अपनी प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों तक काम कर रही थीं। हालांकि बेबी के जन्म से दो दिन पहले ही भारती ने अपनी शूटिंग से छुट्टी ली थी। खतरा-खतरा के साथ-साथ भारती सिंह कलर्स के शो 'हुनरबाज-देश की शान' को पति हर्ष लिम्बाचिया के साथ मिलकर होस्ट कर रही थीं। हालांकि अब भारती को हुनरबाज में टीवी की नागिन सुरभि चंदना ने रिप्लेस किया है। भारती के मां बनने के बाद सोशल मीडिया पर लगातार फैन्स और सितारे उन्हें बधाई दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49836.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..773641de92126c60e6be24ea5068e57733c027b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'लॉक अप' में आजमा फलाह से बात करते हुए मंदाना ने कहा, '27 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई। हमने ढाई साल तक एक-दूसरे को डेट किया। इसके बाद सगाई हुई और हम सात महीने तक साथ रहे और शादी कर ली। हम काफी लंबे समय से अलग ही रह रहे थे। तलाक तो अभी हुआ है 2021 में। हम अलग थे और इन चार सालों में वह उन सभी लोगों के साथ सोया जिनको मैं जानती थी।'।मंदाना की बात सुन आजमा शॉक्ड हो जाती हैं और पूछती है कि क्या 'इनमें दोस्त भी थे?' इस पर मंदाना कहती हैं कि 'मेरे पास दोस्त नहीं हैं।' आजमा फिर पूछती हैं कि उनके पति ने पहले तलाक की बात क्यों नहीं की? इस पर मंदाना करीमी कहती हैं कि यह उनके सीक्रेट का हिस्सा है क्योंकि कोई भी इस बारे में नहीं जानता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49847.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f400188ae696a877ae180ee82604df32351de98a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49847.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिनेत्री के अनुसार इस हफ्ते पायल रोहतगी को सबसे कम वोट मिला। जबकि निशा रावल सबसे कम वोट पाने वालों में दूसरे नंबर पर रहीं। वहीं कंगना रनोट की यह सभी बातें सुनने के बाद पायल रोहतगी कैमरे के सामने अपने मंगेतर को संदेश देते हुए कहती हैं, संग्राम सिंह मैं एक हफ्ते से वोटिंग के लिए बोल रही हूं, पर तेरे से एक वोटिंग नहीं हो पा रही है। मुझे पता है कि तुम्हारे पास वास्तविक फॉलोअर्स हैं। और, पूनम को अधिकतम वोट कैसे मिले? यह नैरेटिव चाहते हैं यह इनको पसंद है नैरेटिव की।'।आपको बता दें कि बीते दिनों लॉक अप में पूनम पांडे ने अपने फैंस को खास संदेश दिया था। उन्होंने कैमरे के सामने अपने फैंस को संदेश देते हुए कहा था कि अगर वह इस हफ्ते उन्हें शो से बाहर होने के लिए बचा लेते हैं तो वह शो में सबके सामने टॉपलेस होंगी। मुनव्वर, अंजलि, आजमा, अली मर्चेंट और विनीत कक्कड़ के साथ बैठी पूनम ने फैंस से कहा, 'हैलो, जो भी सुन रहा है चार्जशीट से मुझे बचा लो, मैं भगवान की कसम खाती हूं कि तुम लोगों को एक मस्त सरप्राइज दूंगी। उन्होंने आगे कि कैमरे के सामने दूंगी और पूनम पांडे स्टाइल में दूंगी। तुम लोग मुझे वोट देकर बचाओ और फिर देखो इस जेल में क्या होता है।'।यह सुनकर उसके सभी कंटेस्टेंट हैरान रह गए। हालांकि, मजेदार मूड में आजमा और मुनव्वर ने उसे दर्शकों को यह बताने के लिए कहा कि वह उनके लिए क्या योजना बना रही हैं। उन्होंने मजाक में कहा कि आपको उन्हें ट्रेलर दिखाना चाहिए। विनीत कक्कड़ ने कहा कि वह सिर्फ झांसा दे रही हैं और कुछ नहीं करेंगी, पूनम ने वादा किया कि वह जो वादा करतीं हैं वह करेंगी। काफी फोर्स करने के बाद पूनम ने स्वीकार किया कि अगर उसके फैंस उन्हें नॉमिनेशन से बचाते हैं, तो वो अपनी टी-शर्ट उतार देंगी। यह सुनकर वहां बैठे सभी लोग चुप हो गए और पूनम जोर-जोर से हंसने लगीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49874.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..274e812a8f9d15cf6fec313f76d6a71cad8af861 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस ओटीटी फेम दिव्या अग्रवाल ने चार साल तक वरुण सूद को डेट करने के बाद उनसे अचानक ही ब्रेकअप कर लिया। रोडीज फेम वरुण सूद से अलग होने की जानकारी खुद दिव्या अग्रवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने फैन्स को दी थी। इन दोनों के ब्रेकअप की खबर सुनकर फैंस का दिल बुरी तरह से टूट गया था। हर कोई बस यही जानना चाह रहा था कि आखिर दोनों के ब्रेकअप की वजह क्या है। कुछ दिनों पहले ही दिव्या होने के बाद वरुण सूद आज यानी कि 1 अप्रैल को अपना जन्मदिन मना रहे हैं और उनके जन्मदिन के मौके पर उनकी एक्स गर्लफ्रेंड दिव्या अग्रवाल ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49895.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a9239cd3720cf17af389f803117ce6e6421a9eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49895.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उर्फी जावेद ने खुलासा किया है कि एक बार वह बिजली के करंट की चपेट में आ गई थीं। इस दौरान उनकी मां ने मौके पर पहुंचकर उनकी जान बचा ली थी। हालांकि करंट की वजह से उर्फी जावेद के हाथ पर आज तक निशान है। इस बात का खुलासा अभिनेत्री ने सोशल मीडिया के जरिए किया है। उर्फी जावेद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस से जुड़े रहने के लिए तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49968.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7b27b5c5810c20d7d0c41a51fb6fea40ee8fde8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उमर रियाज ने रश्मि देसाई को पहनाई वरमाला।उमर रियाज ने रश्मि देसाई के गले में जैसे ही वरमाला डाली फैंस का दिल खुशी से झूम उठा। लेकिन अगर आप ये सोच रहे हैं कि दोनों ने शादी की है, तो ऐसा नहीं है। दोनों बिग बॉस के बाद हर्ष लिंबाचिया और भारती सिंह के शो 'खतरा-खतरा' में साथ नजर आए। दोनों को साथ में देखकर फैंस की खुशी का ठिकाना ना रहा। दोनों ने साथ में एक टास्क किया जिसकी एक झलक कलर्स ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है। इस वीडियो में पहले उमर रियाज रश्मि देसाई के गले में वरमाला डालने के लिए मशक्कत करते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों के बीच की केमिस्ट्री को देखकर दर्शक भी हंसते-हंसते लोटपोट हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_49993.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_49993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e50cd6387c7c59d64f2393f6411f1054092af2c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_49993.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कुछ समय पहले ही शादी के बंधन में बंधी एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे ने पति विक्की जैन के साथ शुक्रवार को अपनी पहली होली सेलिब्रेट की। जिसके लिए उन्होंने एक ग्रैंड होली पार्टी का मुंबई में आयोजन किया। अंकिता की इस पार्टी में टीवी इंडस्ट्री के लगभग सभी जाने-माने चेहरे पहुंचे और रंगों के इस त्योहार पर धूम मचाते नजर आए। जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही हैं और खूब देखी जा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50024.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a543b1868909a2d37a5f98e7497c097c00619d2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी नई तस्वीर शेयर की। इस तस्वीर में उनका हॉट और बोल्ड अंदाज देखने को मिल रहा है। मौनी रॉय सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस से जुड़े रहने के लिए अपनी खास तस्वीरें और वीडियो भी शेयर करती रहती हैं। मौनी रॉय ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50036.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b27f8218fa096da0e83909ac18aaa3e7ab715b87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतीक सहजपाल जबसे बिग बॉस 15 में आए हैं तब से उनकी प्रशंसकों की लिस्ट में काफी इजाफा हुआ है। अग्रेसिव व्यवहार के साथ शो में शुरुआत करने वाले प्रतीक ने अंत तक लोगों का दिल जीत लिया। बिग बॉस 15 में अपने सफर में उन्हें जितना साथ फैंस का मिला उतना ही प्यार टेलीविजन और बॉलीवुड सितारों से भी मिला। इन्हीं में से एक नाम है निक्की तम्बोली का, जो बिग बॉस 15 की शुरुआत से ही प्रतीक सहजपाल का सिर्फ समर्थन करती ही नहीं नजर आईं बल्कि खुलकर उन्होंने प्रतीक के लिए अपने आकर्षण के बारे में भी बताया। अब निक्की तम्बोली ने प्रतीक सहजपाल से शादी की इच्छा जाहिर की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50075.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..328e2fbc465e02dc129092976859eb593658e41b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऋत्विक धनजानी ने इस शो से की थी अपनी शुरुआत।ऋत्विक धनजानी के करियर की बात करें तो उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2010 में सीरियल बंदिनी से की थी। इस शो के बाद उन्होंने बैरी पिया, तेरे लिए और प्यार की ये एक कहानी जैसे शोज में काम किया। इन शोज के बाद साल 2011 में उन्हें पवित्र रिश्ता ऑफर हुआ। इस शो में उनकी मुलाकात आशा नेगी से हुई। लेकिन कुछ समय पहले ही दोनों का ब्रेकअप हो गया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5011.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4d97e5c2ac0f4535c1c41c6856467168df9b56e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5011.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के बादशाह शाह रुख खान ने अपना डेब्यू टेलीविजन से किया था। शाह रुख खान ने फौजी से अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद वो दूरदर्शन के ही 'सर्कस' धारावाहिक में नजर आए। इस दौरान शाह रुख के साथ इंडस्ट्री से जुड़ी कई और हस्तियों ने भी काम किया है। इन्हीं में से एक हैं अभिनेता मकरंद देशपांडे। मकरंद और शाह रुख ने सर्कस के बाद भी कई फिल्मों में साथ में काम किया है। हाल ही में मकरंद देशपांडे ने शाह रुख खान के साथ अपनी एक थ्रोबैक तस्वीर शेयर की है जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50112.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..386caee69a9530a9a81b59b71175d3fab54cd674 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऋत्विक धंजानी-आशा नेगी।सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे की तरह ही आशा नेगी और ऋत्विक धनजानी की मुलाकात भी पवित्र रिश्ता के सेट पर हुई थी और वही से दोनों के प्यार की शुरुआत हुई। लेकिन साल 2011 में शुरू हुआ उनका रिश्ता साल 2020 में खत्म हो गया। हालांकि इन दोनों के अलग होने के काफी समय बाद फैंस को दोनों के ब्रेकअप की भनक लगी। दोनों अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी प्यार भरी तस्वीरों से फैंस का दिल जीत लेते थे, लेकिन ये जब अलग हुए तो इस खबर ने फैंस को काफी दुखी कर दिया और फैंस उनसे बार-बार एक साथ आने की गुजारिश करने लगें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50113.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be7060f6c99643515edc3262cca695bc84fc30be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धूमधाम से इस दिन करेंगे शादी।हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों की शादी दिल्ली एनसीआर में होने वाली है। रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों के प्री-वेडिंग फंक्शन के लिए अलग-अलग जगह पर वेन्यू बुक किए गए है। इन दोनों की सगन सेरेमनी 11 अप्रैल को होगी और उसके बाद दोनों की 13 अप्रैल को धूमधाम से कॉकटेल पार्टी होने वाली है। इसके बाद प्रिया बेनीवाल की मेहंदी की रस्म 15 अप्रैल को होगी और अगले दिन दोनों की पंजाबी और जट रीति-रिवाजों के साथ शादी होगी। रिपोर्ट्स की मानें तो इन दोनों की शादी में कई पंजाबी सिंगर्स सामने आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5012.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..479a835bb588643b5b207853c761133939f35ede --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अजीज और मशहूर कलाकार कादर खान का कद हिंदी सिनेमा में काफी बड़ा है। उन्होंने शानदार अभिनय के अलावा फिल्मों के लिए सदाबहार डायलॉग्स भी लिखे हैं। कादर खान ने फिल्मों में अपने अलग-अलग किरदारों से भी बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी। कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1937 में काबुल अफगानिस्तान में हुआ था। वह अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। कादर खान से पहले उनके सभी भाई-बहनों की मौत 8 साल की उम्र के आस-पास हो जाती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50122.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..455c549cf1a2d1ec55d3937ed7278d46cd3b9c80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। विद्युत जामवाल पर्दे पर अपने एक्शन से सबको चौंका देते हैं। रियल लाइफ में भी एक्टर इतने ही फिट और एडवेंचर पसंद हैं। अब जल्द ही विद्युत 16 वॉर‍ियर्स के साथ इंड‍ियाज अल्टीमेट वॉर‍ियर शो लेकर आ रहे हैं। इस शो का प्रोमो वीड‍ियो सामने आ चुका है, जिसमें विद्युत समेत अन्य जांबाजों का स्टंट सांस रोक देने वाला है। कुछ सीन्स में तो उनके साथ सुपरस्टार अक्षय कुमार भी नजर आ रहे हैं। शो के एप‍िसोड का प्रोमो सामने आया है जिसमें अक्षय भी स्टंट करते और वॉर‍ियर्स को टास्क देते नजर आ रहे हैं। विद्युत ने ये प्रोमो अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50140.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d4c730ebaaa234aa944f5e16f721862f6ff6a43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50140.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंगूरी भाबी के पति और मनमोहन तिवारी का किरदार निभाने वाले रोहिताश्व गौर ने कहा, 'मैं खुद को बहुत लकी मानता हूं और शुक्रगुजार हूं, क्योंक सात साल का ये सफर टीम के बिना मुमकिन नहीं हो पाता। वारी के रूप में मेरा सफर कमाल का रहा है। इस किरदार ने मुझे घर-घर में पहचान दिलाई है। यह किरदार इतना पसंद किया गया कि कई बार लोग मुझे रोहिताश्व की जगह तिवारी जी कह देते हैं। कई बार लोग हंसी- मजाक से मुझसे ये भी कहते हैं कि आपकी कच्छे-बनियान की दुकान कैसी चल रही है। सिर्फ तिवारी ने नहीं बल्कि शो के हर किरदार ने लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाई है। इस खास मौके पर मैं उम्मीद करता हूं कि यह सालों-साल इसी तरह चलता रहे और हर किसी के लिये खुशियां बिखेरता रहे'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5017.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d22721303f02cdf48669ac63fb8e21918c731fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इन दिनों हर किसी के दिलो दिमाग पर कोरियन क्राइम शो स्क्विड गेम चढ़ा हुआ हैं। 17 सितंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई ये कोरियन क्राइम शो एक गेमचेंजर साबित हो रही हैं। ये शो महज ​कुछ ही दिनों में इतना पॉपुलर हो गया है कि हर कोई इस पर बने गेम को भी काफी एंजॉय कर रहा है। स्टार्स भी सोशल मीडिया पर स्क्विड गेम के वीडियोज पोस्ट कर रहे हैं। अब ऐसे में हरियाणवी क्विन सपना चौधरी पीछे कैसे रहतीं। सपना ने स्क्विड गेम को खेलते हुए एक मजेदार वीडियो पोस्ट किया है। अब देखना ये है कि सपना इस गेम को जीतती हैं या फिर हार जाती हैं। यहां देखें वीडियो...।सपना चौधरी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्क्विड गेम का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि ये स्क्विड गेम सपना अकेले ही खेल रही हैं। वह स्क्विड गेम वाली डॉल की नजरों से बचती बचती धीरे धीरे ग्रीन लाइन को पार करती हैं। देखने में मजा तब आता है जब सपना उस डॉल को कहाती हैं, 'नमस्ते दीदी...'। उस डॉल की सेंसर नजरों से बचते हुए आखिर सपना ये ग्रीन लाइन को पार कर लेती हैं और ये गेम जीत जाती हैं। वो जैसे ही गेम जीतती हैं पैसों की बरसात होने लगती है ये देखकर वह खुशी से झूम उठती हैं। इस वीडियो को अबतक हजारों बार देखा जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50177.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1423ca944cc0fec1d86257846aca32212231b588 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50177.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फैंस को पसंद आया अनुपमा-अनुज का तालमेल।अनुपमा और अनुज का तालमेल उनके फैंस को काफी पसंद आ रहा है और वह जमकर इस रील्स पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। लेकिन फैंस से पहले अनेरी वजानी ने इस रील पर कमेंट करते हुए लिखा, 'गौरव, क्या तुम मेरी हंसी सुन सकते हो, मैं शर्त लगा रही हूं तुम्हें सुनाई दे रहा है। मेरे दिन को अच्छा बनाने के लिए तुम दोनों का शुक्रिया'। इसके अलावा एक फैन ने लिखा, 'जब बीटीएस देखा तो वेट नहीं हुआ,अच्छा हुआ रील आ गई'। तो वही अन्य यूजर ने लिखा, 'रानी और राजा साथ हैं'। कुछ ही समय पहले डाले गए इस वीडियो को फैंस का भरपूर प्यार मिल रहा है। + +टेलीविजन का नंबर 1 शो है अनुपमा।राजन शाही का शो अनुपमा लंबे समय से टेलीविजन पर राज कर रहा है। यह शो दर्शकों को बहुत ही पसंद है और टीआरपी लिस्ट में भी यह शो हमेशा सबसे ऊपर अपनी जगह कायम करके रखता है। शो में वनराज से अलग होने के बाद अब कहानी अनुज और अनुपमा के इर्द-गिर्द घूम रही है। रुपाली गांगुली को अनुपमा के रूप में खूब प्यार मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50188.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..169e2ff8d1d041dc5a5f52b185cd5816775e6285 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Sasural Simar Ka Fame Dipika Kakar Pregnant : बिग बॉस 12 की विनर और 'ससुराल सिमर का' फेम दीपिका कक्कड़ की प्रेग्नेंसी की खबर पिछले काफी दिनों से सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी रहीं हैं। फैंस इस गुडन्यूज का काफी समय से इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में ये उन्हें खुश करने वाली खबर है। जब से शोएब और दापिका की शादी हुई है, लोग उनके घर में किलकाली गुंजने की आस लगाए हुए हैं। प्रेग्नेंसी की न्यूज पर अब एक्ट्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50203.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef3fa692d3fb61e38e9f430444d2ef1840b49cb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कलर्स पर इस दिन प्रसारित होता है शो।हुनरबाज: देश की शान हर शनिवार और रविवार को रात 9 बजे कलर्स पर प्रसारित होता है। इस शो को कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिंबाचिया होस्ट कर रहे हैं, तो वही करण जौहर परिणीति चोपड़ा और दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती जजेज की कुर्सी संभाल रहे हैं। शो में अक्सर भारती सिंह तीनों जजेज के साथ मस्ती करती हुई दिखाई देती हैं। ऑडिशन राउंड खत्म होने के बाद इस हफ्ते हुनरबाज का ग्रैंड प्रीमियर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50213.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..683fb6c0b3a2edefee8f85dd6d02e1485e81149e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 14 की विजेता रुबीना दिलैक ने अपने सीजन में फैंस का दिल बखूबी जीता। कई सालों से टेलीविजन इंडस्ट्री का हिस्सा रहीं रुबीना दिलैक की फैन-फॉलोइंग में बिग बॉस 14 के बाद काफी बढ़त हुई। रुबीना दिलैक सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं, वह जब भी कुछ डालती है तो उनके फैंस उनपर जमकर प्यार बरसाते हैं। रुबीना दिलैक ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट अपनी एक वीडियो पोस्ट की। उनके वीडियो को देखने के बाद उनके फैंस ने जमकर अभिनेत्री के लुक की तारीफ की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50239.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea39af69eabc4bed31313b1ebe8f85e2b66efd55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोशल मीडिया पर पूजा बनर्जी का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेत्री के फैंस उनके पोस्ट को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपको बता दें कि पूजा बनर्जी ने कुमकुम भाग्य अपनी प्रेग्नेंसी के चलते छोड़ा है। वह जल्द पहली बार मां बनने वाली हैं। ऐसे में अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्होंने टीवी के इस चर्चित शो को अलिवदा कह दिया है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50240.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c098450098ce8d35ff241991a38f20e1eb1e2f2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एकता कपूर हर साल अपने सुपरनैचुरल शो नागिन के साथ अपने दर्शकों के लिए कुछ नया लाने की कोशिश करती हैं। उनका शो नागिन 6 का कलर्स पर आगाज हो चुका है। शो के दो एपिसोड्स को अब तक दर्शकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। इस बार शो का कांसेप्ट देश में बढ़ रही महामारी से जोड़ा गया है। जहां अब तक सिर्फ महक चहल का ही नागिन रूप दर्शकों को देखने को मिल रहा है। हालांकि फैंस तेजस्वी को नागिन के रूप में देखने के लिए बहुत ही बेताब हैं और अब मेकर्स ने शो में बिग बॉस विजेता तेजस्वी प्रकाश के नागिन रूप पर से पर्दा उठा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5025.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bb8cf3fd6d7a235866eb592d38f7e66144f3728 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आर्यन ख़ान ड्रग्स मामले की छानबीन के बीच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम आज अनन्या पांडे के घर पहुंची। अनन्या को एनसीबी ने समन भी भेजकर आज ही पूछताछ के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि अनन्या से आर्यन ख़ान ड्रग्स केस को लेकर ही पूछताछ की जा सकती है। हालांकि इस बारे में एनसीबी के अधिकारियों की तरफ से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन हाल ही में एनसीबी को आर्यन की ड्रग्स चैट में एक डेब्यू एक्ट्रेस का नाम मिला है और इसी बीच अनन्या के घर एनसीबी के ऑफिसर्स का पहुंचना इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि शायद अनन्या ही वो एक्ट्रेस हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50257.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db4e6e760e962e016dff129cc1bdd184a18e69b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट जल्द ही रियलिटी शो 'लॉक अप' में नजर आने वाली हैं। वह इस शो को होस्ट करती दिखेंगी। शो के टीजर में कंगना के धाकड़ अंदाज ने लोगों के बीच पहले ही हलचल पैदा कर दी है और वह बसब्री से शो के ऑन एयर होने का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच एक-एक कर शो के प्रतियोगीयों के नाम सामने आने लगे हैं और इसी कड़ी में शो ने अपने अंदाज में अब तीसरे कंटेस्टेंट का भी खुलासा कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50268.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7aebd0e7f62919d0934741554d4d55fd13dcfbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50268.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हर चीज की एक कीमत होती है, यहां कर की पॉपुलैरिटी की भी । रियलिटी शो 'बिग बॉस' में भाग लेना और उसमें लंबे समय तक टिके रहना कोई आसान काम नहीं है। यह शो आप पर भारी पड़ सकता है और शमिता शेट्टी इसका ताजा उदाहरण हैं। हाल ही में एक बातचीत के दौरान, एक्ट्रेस ने बताया कि उनका जीवन पहले जैसा नहीं है, और वह अभी भी पहले जैसे होने की कोशिश कर रही है। + +बता दें कि शमिता 'बिग बॉस 3' का हिस्सा रह चुकी हैं, तब शिल्पा शेट्टी की शादी के चलते उन्हें शो बीच में छोड़कर जाना पड़ा। अब वो बिग बॉस ओटीटी की कंटेस्टेंट थीं इसके साथ ही बिग बॉस 15 में भी टॉप 5 तक पहुंचीं थीं। शो में उनकी रोमांटिक स्टोरी राकेश बापट के साथ शुरू हुई, जिसे ये कपल आगे बढ़ा रहा है। शादी के सवाल पर शमिता का कहना है कि वो काफी लंबे समय तक सिंगल रहीं हैं, ऐसे में वो अभी राकेश को और समझता चाहतीं हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50274.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4341aa2c3f5a8315bc0454f2909131c9245cd72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कपिल फिल्म में फूड डिलीवरी राइडर का रोल निभा रहे हैं, जबकि शहाना गोस्वामी उनकी पत्नी के रोल में हैं। फिल्म की शूटिंग फरवरी के अंत में भुवनेश्वर में शुरू की जायेगी। फिल्म को लेकर कपिल शर्मा कहते हैं, "मैं इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत एक्साइटेड हूं, इसलिए नहीं कि मैं एक फिल्म कर रहा हूं, बल्कि इसलिए कि मैं नंदिता दास की फिल्म कर रहा हूं, जिन्हें मैंने एक एक्टर और डायरेक्टर दोनों के रूप में देखा है। उनके पास चीजों को देखने का एक बहुत ही अलग और गहरा नज़रिया है। इसलिए एक एक्टर के रूप में मेरा काम सिर्फ वही करना है, जो वो मुझसे कहती हैं। उनका काम मेरे काम से बहुत अलग है और मुझे खुशी है कि दर्शकों को मेरी एक नयी साइड देखने को मिलेगी।”।वैसे, कपिल शर्मा और नंदिता की जुगलबंदी वाकई देखने वाली होगी, क्योंकि दोनों ही सिनेमा की अलग धारा के कलाकार रहे हैं। जहां कपिल की ऑनस्क्रीन इमेज एक कॉमेडियन की है, वहीं नंदिता  बता दें, नंदिता की फिल्मोग्राफी गंभीर और कंटेंट प्रधान फिल्मों से भरी पड़ी है। बतौर निर्देशक नंदिता की डेब्यू फिल्म फिराक है। 2018 में आयी उनकी फिल्म मंटो सआदत हसन मंटो की बायोपिक थी, जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने लीड रोल निभाया था, जबकि शहाना गोस्वामी ।✅ 🍽️ Your Order is Placed 📦 🛵।Applause Entertainment & Nandita Das Initiatives are thrilled to present the most exciting collaboration of the year. Need your blessings 🙏#ShahanaGoswami @sunil_chainani @RanjibMazumder @prasoon_garg @devnidhib @SamirPatil pic.twitter.com/V6NwW3UOCv।इस फिल्म और कपिल को चुनने को लेकर नंदिता दास कहती हैं, ''फिल्म में वही दिखाने की कोशिश की गई है कि आम लोगों की नजरों में क्या छिपा है और इसके लिए बहुत ही जबरदस्त कास्ट और क्रू एक साथ आए हैं। एक दिन मेरी स्क्रीन पर कपिल शर्मा अचानक से उभरकर सामने आ गये। मैंने उनका शो नहीं देखा है, लेकिन मैं उन्हें पूरी तरह से 'आम आदमी' को रीप्रेजेंट करते हुए देख सकती थी, भले ही वो इनमें से एक नहीं हैं। मुझे यकीन है कि वो अपनी स्वाभाविक बेबाकी से खुद के साथ बाकी सभी को भी हैरान कर देंगे।"।फिराक में नंदिता के साथ काम कर चुकीं शाहाना गोस्वामी कहती हैं- "फिराक के बाद मैं फिर से नंदिता के साथ काम करने के लिए बेहद उत्साहित हूं और कपिल के साथ काम करने के लिए भी एक्साइटेड हूं, क्योंकि मुझे पता है कि वो इस कैरेक्टर में एक सहजता लाएंगे।" प्रोड्यूसर समीर नायर का कहना हैं, “फिल्म 'साधारण' लोगों के जीवन को दर्शाती है, जो वास्तव में इस देश को और हमारी अर्थव्यवस्था को चलाते हैं। जब हम अपने नायक को एक इंडिफरेंट डिजिटल क्रम में संघर्ष करते हुए देखते हैं, तो  वो मैन वर्सेज मशीन होता है, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण के साथ।"।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50304.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a362ebbcbfea61c089fc930ae7ec47293a490a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी का पाप्यूलर कमेडी शो 'द कपिल शर्मा शो' अपने कॉन्टेंट से लोगों को खूब एंटरटेन करता है। शो में हर हफ्ते कई बड़े सेलिब्रिटीज शिरकत करते हैं और अपनी प्रेजेंस से चार चांद लगाते हैं। इसी कड़ी में इस बार शो की गेस्ट धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित होंगी। सोनी टीवी ने शो के अपकमिंग एपिसोड का प्रोमो शेयर किया है। जिसमें कपिल शर्मा, माधुरी से उनके पति डॉ श्रीराम नेने को लेकर कुछ मजेदार सवाल पूछते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50312.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6b1e6f83c54fb50b5c5888ec1f0de56743b15b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +16 जुलाई 2021 को हुई थी शादी।राहुल वैद्य और दिशा परमार की शादी 16 जुलाई 2021 को हुई थी। उन दोनों की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। दोनों की शादी में अली गोनी से लेकर जैस्मीन भसीन, पवित्र पुनिया, एजाज खान, अर्जुन बिजलानी, मीका सिंह सहित कई टेलीविजन और बॉलीवुड के सितारे शामिल हुए थे। इन दोनों के प्रोजेक्ट्स की बात करें तो दिशा परमार एकता कपूर के शो 'बड़े अच्छे लगते हैं' के सीजन 2 में नजर आ रही हैं। इस शो में उनकी और नकुल मेहता की जोड़ी एक लम्बे समय के बाद दिख रही है। तो वहीं राहुल वैद्य भी एक के बाद एक सिंगल रिलीज कर रहे हैं, जो उनके फैंस को खूब पसंद आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50321.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8589c170feb46b9d35f138a0f9a7a5492c924d27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Urfi Javed Bold video: उर्फी जावेद ने इंस्टाग्राम पर एक बोल्ड वीडियो शेयर किया हैl इसमें उन्होंने घोषणा की है कि उनका आगामी म्यूजिक वीडियो क्रेजी रिलीज हो गया हैl इसमें उर्फी जावेद काफी बोल्ड नजर आ रही हैंl उन्होंने डीप नेक वन पीस ड्रेस पहन रखी है और वह हाथ में गिलास और बोतल लेकर पार्टी करती हुई नजर आ रही हैl वह एक पब में डांस कर रही हैंl।उर्फी जावेद का बोल्ड वीडियो वायरल हो गया है।उर्फी जावेद ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, 'मेरा गाना सिनम नाम के साथ आ गया हैl' इसके साथ उन्होंने इसे और भी कई लोगों को टैग किया हैl उर्फी जावेद का यह वीडियो इन्स्टाग्राम पर वायरल हो गया हैl इससे 20 मिनट में 11000 से ज्यादा व्यूज मिले हैंl वहीं कई लोगों ने इसपर दिल और आग की इमोजी भी शेयर की है। उर्फी जावेद के वीडियो पर 82 कमेंट भी आ चुके हैंl एक फैन ने लिखा है, 'वाहl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'ब्यूटीफुलl' वहीं एक अन्य ने 'हॉट' लिखा हैl वहीं एक अन्य ने 'सुपर्ब' लिखा हैl ।उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी में नजर आ चुकी है।उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी में नजर आ चुकी हैl वह काफी लोकप्रिय एक्ट्रेस हैl उन्होंने कई शो में काम किया हैl वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं, जिन्हें फैंस काफी पसंद करते हैंl वह अक्सर अपने फैंस से बातचीत भी करती हैl।उर्फी जावेद को उनकी ड्रेसिंग सेंस को लेकर ट्रोल भी किया जाता है।उर्फी जावेद को उनकी ड्रेसिंग सेंस को लेकर ट्रोल भी किया जाता हैl हालांकि इसका उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और वह बोल्डनेस का जवाब और बोल्ड होकर देती हैंl उर्फी जावेद ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वह मुस्लिम लड़कों से शादी नहीं करेंगीl इसके पीछे उन्होंने कारण दिया कि मुस्लिम लड़के अभद्र होते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50336.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f1e39c3d3eb2d4bcaec0373f88acc019a278215 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50336.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें ​कि हाल ही में शमा सिकंदर ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक बेहर हॉट लेटेस्ट तस्वीर शेयर की थी। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि शमा समंदर किनारे एक पत्थर पर बैठी कातिलाना पोज देती दिखी थीं। इस दौरान उन्होंने डार्क मरूर कलर का डीप नेका शॉर्ट वनपीस ड्रेस पहना था। इस ड्रेस शमा बला की हॉट दिख रही हैं। वहीं ड्रेस में उनका क्लीवेज साफ नजर आ रहा था। एक्ट्रेस की इस तस्वीर में उनका कातिलाना अंदाज लगातार फैंस को दीवाना बना रहा है। हमेशा की तरह ही शमा की इस तस्वीर को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं इस पर कमेंट कर उनकी तारीफ करते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50348.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc80fc273a76a6f8961547b22144858ad472bd3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शेयर की मॉर्निंग सेल्फी।मुनमुन दत्ता ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं। इनमें वो बेहद खूबसूरत नजर आ रहीं हैं। मुनमुन दत्ता विंडो के पास खड़ी होकर पोज दे रहीं हैं। उन्होंने योल और व्हाइट कलर की स्ट्राइप्ड ड्रेस पहनी हुई है। मेकअप बिल्कुल न्यूड है। पोस्ट के साथ एक्ट्रेस ने कैप्शन में लिखा, 'वैन द सन हिट यू जस्ट राइट'। फैंस इस तस्वीर पर प्यार लुटा रहे हैं, कोई हार्ट इमोजी पोस्ट कर रहा है तो कोई फायर। ।विवादों में आया नाम।दरअसल, बबीता जी का किरदार करने वाले अभिनेत्री मुनमुन दत्ता इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रही हैं। उन पर दलित सुमदाय के लोगों पर जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप है। जिसके चलते मुनमुन दत्ता के खिलाफ हरियाणा के हांसी में मामला दर्ज है। इस केस को लेकर हाल ही में ऐसी अफवाह उड़ी कि मुनमुन दत्ता को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50371.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4c772735fe2f6b872877e66d6e09d8cb767a6f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन l  भारती सिंह आज कॉमेडी की दुनिया का एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने कभी बच्ची बनकर तो कभी बुआ बनकर अलग-अलग अंदाज में अपने फैंस का मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब किसी मंच पर भारती सिंह को अपने संघर्ष की कहानी याद आई हो और उनकी आंखें नम हो गई हों। हाल ही में हमेशा सबको हंसाने वाली भारती एक डांस ग्रुप की परफॉर्मेंस देखने के बाद काफी भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू नहीं थमे। जजेज भी इन दोनों की कहानी को देखकर काफी भावुक हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50379.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8be3ad3f16a8db380b0a6fb49a97782ff7165eab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50379.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सुरभि चंदना छोटे पर्दे के मशहूर अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह अपने टीवी शोज के अलावा सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर खूब चर्चा में रहती हैं। सुरभि चंदना अक्सर फैंस से जुड़े रहने के लिए सोशल मीडिया पर अपनी खास तस्वीरें और वीडियो शेयर करते रहती हैं। बहुत बार तस्वीरों और वीडियो में उनका बोल्ड अंदाज भी देखने को मिलता रहता है। + +सुरभि चंदना ने अपने कैप्शन में लिखा, 'तू मर्ज है दवा भी।' दीपिका पादुकोण और शकुन बत्रा का टैग करते हुए लिखा, 'एक लंबे समय के बाद एक फिल्म का मुझे बहुत इंतजार है।' सोशल मीडिया पर सुरभि चंदना का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेत्री के फैंस उनके वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50381.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e032767279994a6f969c86418b19b58fd11e8b77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। उर्फी जावेद टीवी की बेहद बोल्ड एक्ट्रेस में से हैं। वह आए दिन अपने हॉट और बोल्ड अंदाज से सुर्खियां बटोरती रहती हैं। उर्फी जावेद अपने बोल्ड कपड़ों को लेकर हर दिन चर्चा में बनी रहती हैं। अब एक बार फिर से उन्होंने बोल्डनेस की हदें पार कर दी है। जिसको जानने के बाद उनके फैंस भी हैरान हो सकते हैं। उन्होंने बिना ब्लाउज के साड़ी पहनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50398.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc31c625cee19b8c68b2193b6f97d6ac51b98d6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Puja Banerjee Bold Photo In Bikini : 'देवों के देव महादेव' शो में 'पार्वती' का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस पूजा बनर्जी इन​ दिनों काफी सुर्खियों में बनीं हुई हैं। शो में भले ही पूजा काफी सिंपल रोल प्ले करती हो लेकिन रियल लाइफ में वह काफी बोल्ड हैं। पूजा अक्सर अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें और वीडियोज शेयर कर फैंस को हैरान करती हैं। हाल ही में पूजा ने अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया है जिसकी कई तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई हैं। वहीं अब उनके बर्थडे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में बना हुआ है। इस वीडियो में उनका बोल्ड अवतार देख फैंस हैरान हैं। यहां देखें वीडियो...।'पार्वती' उर्फ पूजा बनर्जी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपना एक वीडियो शेयर किया है जो उनके बर्थडे व्लॉग की एक छोटी सी झलक है। इसे शेयर करते हुए पूजा ने बताया ​है कि जल्द ही उनका ये व्लॉग आने वाला है। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि पूजा ने अपना जन्मदिर बेहद ही शानदार तरीके से मनाया है। पूजा के कई दोस्त उनके बर्थडे सेलिब्रेशन में शामिल रहे। इस दौरान पूजा ड्रिंक करती और हॉट ड्रेस पहन डांस करती नजर आ रही हैं। वहीं कई जगहों पर पूजा अपने पति एक्टर कुनाल वर्मा के साथ भी नजर आ रही हैं। इस वीडियो को जहां कई फैंस काफी पसंद कर रहे हैं वहीं कईयों को उनका ये अवतार पसंद नहीं आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50448.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc7edb97be6e20ea07d87a0c1984b42a039dc1d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Hina Khan Bold photos: हिना खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl हिना खान ने कुल 5 तस्वीरें शेयर की हैl इसके साथ उन्होंने सूरजमुखी के फूल की इमोजी शेयर की हैl हिना खान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैl इसे 24 घंटे में तीन लाख 90 हजार के करीब लाइक्स मिले हैंl वहीं इसपर 2300 से ज्यादा कमेंट किए गए हैंl।हिना खान ने हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की है।हिना खान पहली तस्वीर में पीले कलर की डीप नेक ओपन बटन शर्ट पहनकर पोज करती हुई नजर आ रही हैंl उन्होंने थाई हाई शॉर्ट्स पहन रखी हैl उनके बाल खुले हुए हैं और वह कैमरे की ओर देखकर मुस्कुरा रही हैl वहीं दूसरी फोटो में वह खड़े होकर बोल्ड पोज दे रही हैंl दूसरी फोटो में वह सीढ़ियों पर बैठकर बोल्ड पोज दे रही हैl चौथी फोटो में वह दीवार के पास खड़ी हो कर पोज दे रही हैंl पांचवी फोटो में वह सूर्य की ओर देख रखी है और सूर्य की रोशनी उनके चेहरे पर पड़ रही हैl उन्होंने मेकअप कर रखा है और लिपस्टिक लगा रखी हैl इस फोटो में बहुत खूबसूरत लग रही हैl।हिना खान की बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।हिना खान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैl इसपर फैंस भी कमेंट कर रहे हैl एक ने लिखा है, 'मुस्कुराते रहिएl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'पीला रंग मुझे पसंद हैl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'आप बहुत खूबसूरत और ब्यूटीफुल हैl' वहीं एक अन्य लिखा है, 'बहुत खूबसूरतl' वहीं एक ने लिखा है, 'आप बहुत खूबसूरत लग रही हैंl'।हिना खान इन दिनों रॉकी जयसवाल को डेट कर रही हैं।हिना खान इन दिनों रॉकी जयसवाल को डेट कर रही हैंl उन्होंने अपने रिश्ते को सार्वजनिक कर दिया हैl दोनों कई मौके पर साथ देखे जाते हैंl दोनों जल्द शादी करने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50459.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19bc86eeb338ea6144f66165905514f925b35d4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन।Taarak mehta ka ooltah chashmah fame babita ji Munmun Dutta Viral Video: तारक मेहता का उल्टा चश्मा के सारे किरदार ही लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। लेकिन जब बात बबीता जी की आती है तो जेठालाल के साथ-साथ लोगों के दिल भी धड़कने लगता है। बबीता जी यानि मुनमुन दत्ता की फैन फॉलोइंग काफी जबरदस्त है। जिसके चलते सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर होते ही वायरल हो जाते हैं। फैंस मुनमुन की एक झलक को बेताब रहते हैं, जिसे भापते हुए एक्ट्रेस ने हाल ही में अपना एक डांस वीडियो शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50460.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3ce3f5b6aeb35ae91e10d067e213c537acb5b16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूजा बनर्जी की तस्वीरों पर कमेंक करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'शरम त्याग दी, इसको 'पार्वती' मां के रोल से हटाओ।' तो वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'मन खराब हो रहा है मेरा, हटाओ कोई इस पिक्चर को मेरे सामने से।' तो वहीं कुछ को पूजा की ये तस्वीरें काफी पसंद आ रही है। इस पर एक और यूजर ने लिखा, 'उफ्फ ये लड़की मार ही डालेगी, तुम मेरी परी हो।' इस तरह के कई और कमेंट्स एक्ट्रेस की इन तस्वीरों पर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50462.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..910b72a64ef54b8496d90efe5160b01a0e06076e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि आकांक्षा मुंबई की रहने वाली हैं। साल 2015 में उन्होंने टीवी सीरियल ‘स्वरागिनी’ से डेब्यू किया था। इस सीरियल में उन्होंने ‘परिणिता आदर्श माहेश्वरी’ का किरदार निभाया था। इसके बाद वो एक और सीरियल ‘भाग्यलक्ष्मी’ में भी नज़र आईं। साल 2016 में गौरव और आकांक्षा ने शादी कर ली। आकांक्षा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन अपनी हॉट एंड बोल्ड फोटोज़ इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। हालांकि अकांक्षा के फोलोअर्स अभी उतने ज्यादा नहीं हैं, एक्ट्रेस को सिर्फ 174k लोग फॉलो करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5047.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..314fcde73420db41009b9357d6cfd9bd3d5022ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले साल जब सरकार की तरफ से टिक-टॉक बैन किया गया तो करोड़ों को लोगों को झटका लगा था। टिक टॉक एक ऐसा ऐप था जिस पर ना सिर्फ आम लोग, बल्कि बड़े से बड़े सेल्ब्स भी काफी एक्टिव थे और अपने एंटरटेनिंग वीडियो शेयर करते रहते थे। ऐसे में जब टिक-टॉक बैन हुआ तो स्टार्स के लिए भी ये काफी शॉकिंग था। इन स्टार्स में फिल्म अभिनता रितेश देशमुख भी शामिल हैं। रितेश और जिनिलिया टिक-टॉक पर काफी एक्टिव थे और अपने मज़ेदार वीडियो से फैंस को एंटरनेट करते रहते थे। टिक-टॉक बंद होने के बाद अब वो इंस्टाग्राम रील्स के जरिए फैंस को मनोरंजन करते रहते हैं, लेकिन हाल ही रितेश ने ‘टिक-टॉक’ पर अपना बयान दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50471.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38a9100579b8624614978d9e5b387d7789c3ea7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50471.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उर्फी जावेद ने हाल ही में अपने परिवार के साथ तस्वीरें शेयर की थी। इसके साथ उन्होंने लिखा था, 'लोग मुझसे पूछते हैं कि मेरे परिवार में कौन-कौन है तो उनकी तस्वीरें यह रही।' तस्वीरों में उर्फी जावेद के अलावा उनकी तीन बहनें मां और भाई भी साथ नजर आ रहे हैं। उर्फी जावेद को एक ही भाई है और उनके भाई का नाम समीर जावेद है। वहीं उर्फी जावेद की मां भी काफी ग्लैमरस है। उर्फी जावेद हाल ही में एक पंजाबी म्यूजिक वीडियो में नजर आई है। उनके वीडियो को काफी पसंद किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50479.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..255383c7f08a5bc62766cf4491dc337c1af55eaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कॉमोडिन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया की खुशी का ठिकाना नहीं है, दोनों जल्द ही अपने पहले बच्चे को इस दुनिया में लाने वाले हैं। भारती सिंह को इन दिनों सातवें आसमान पर हैं और खुल कर अपनी गुडन्यूज के बारे में बातें करतीं हैं। हाल ही में भारती ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर दो वीडियोज शेयर किए। इसके साथ ही उन्होंने हुनरबाज के सेट पर हुए एक हादसे का भी जिक्र किया। वीडियो में, हर्ष अपनी पत्नी भारती को काम करते समय सावधान न बरतने के चलते डांटते नजर आ रहें हैं। उनका कहना है कि वो केयरफुल नहीं थीं इस लिए शूट के समय सेट पर गिरने वालीं थीं। यहां देखें वीडियो...।इस घटना से हर्ष खासे डर गए थे। तो वहीं वीडियो में भारती अपने पति हर्ष पर प्यार लुटाती नजर आ रहीं हैं। दूसरे वीडियो में, दोनों ने अपने फनी एक्ट से सभी को हंसाया। इस वीडियो में भारती पूरी तरह से हर्ष पर चिल्ला रहीं हैं कि तुम मुझे डांट कैसे सकते हो, और उन्हें माफी मांगने के लिए कह रहीं हैं। इसके साथ ही हर्ष ने प्यार से भारती को एक किस दिया। इन दोनों का ये क्यूट सा वीडियो फैंस को काफी पसंद आ रहा है।  ।अप्रैल में बनेंगे माता-पिता।कलर्स टीवी के शो हुनरबाज में भारती अपने पति हर्ष के साथ इस रियलिटी शो को होस्ट करती नजर आ रहीं हैं। प्रेग्नेंट होने के बावजूद लीक से हटकर भारती ने अपना वैसे से चालू रखा हुआ है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान भी काम करने वाली महिलाओं की अवधारणा को सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं और कहा है कि हर कोई उनका ख्याल रख रहा है।पिछले दिनों भराती और हर्ष को बिग बॉस 15 में भी देखा गया। इस दौरान इस कपल ने बाकी कंटेस्टेंट्स के साथ जमकर मस्ती की। करण, तेजस्वी और शमिता का जमकर मजाक उड़ाया। भारती ने सलमान खान को भी नहीं छोड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50483.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2304a58f78fdde9485b384d3905c884cfd4f7c73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50483.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड और छोटे पर्दे की ड्रामा क्वीन राखी सावंत को कौन नहीं जानता, वो अक्सर अपनी ड्रेस और अजीबो-गरीब हरकतों से लोगों का ध्यान खींच लेती हैं। इस पर चार चांद लगाने आ गईं, कृष्णा अभिषेक की पत्नी कश्मीरा शाह। मौका था बिग बॉस 15 खत्म करके आईं शमिता शेट्टी के बर्थडे का। इस पार्टी में राखी सावंत और कश्मीरा शाह दोनों शामिल हुईं और पैपराजी को अपनी अदाएं भी दिखाईं। दोनों ने काफी टाइट टॉप पहन रखे थे और इसे पेयर करते हुए जैकेट के साथ कवर किया था। पर अचानक ही मीडियो को पोज देते हुए दोनों अपनी जैकेट उतारने लगीं। इंडस्ट्री में काफी टाइम से काम कर रहीं इन दोनों ही एक्ट्रेसेस को लोगों ने जमकर ट्रोल भी किया। यहां देखें वीडियो...।हुईं ट्रोल।सोशल मीडिया पर शेयर इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि राखी ने डेनिम शॉर्ट्स के साथ क्रॉप टॉप पहना हुआ था। तो वहीं कश्मीरा ने भी क्रॉप टॉप के साथ व्हाइट स्कर्ट पहना हुआ था। दोनों ने अपने लुक को जैकेट संग कंप्लीट किया। और जैसे ही पैपराजी को पोज देने की बात आई दोनों ने अपना जैकेट उतार दिया। सोशल मीडिया यूजर इनकी ये हरकत देख खासे नाराज हैं। एक ने कहा कि, 'अब उम्र हो गई है, ये सब करना बंद कर दो'। एक यूजर ने लिखा कश्मीरा से अच्छा तो कृष्णा अपने शो में लड़की बनकर लगता है। तो वहीं एक अन्य ने लिखा, इस उम्र में जवानी चढ़ रही है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50487.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50487.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..354952fd975da76756f3d4eba19483b9c601cf64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50487.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Neha Pendse Bold photos: फिल्म एक्ट्रेस नेहा पेंडसे ने इंस्टाग्राम पर अपनी हालिया फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की हैl इसमें वह बोल्ड पोज देती नजर आ रही हैl पहली तस्वीर में नेहा पेंडसे के बाल खुले हुए हैंl उन्होंने मेकअप कर रखा हैl उन्होंने लिपस्टिक लगा रखी है और वह शर्ट खोलकर पोज देती नजर आ रही हैंl उन्होंने बिकिनी ब्रालेट पहन रखी हैl इसके अलावा उन्होंने ग्रीन कलर की पेंट पहन रखी हैl वहीं अगली फोटो में नेहा पेंडसे अलग अंदाज में पोज देती नजर आ रही हैंl इसमें उनका टोंड फिगर भी नजर आ रहा हैl।नेहा पेंडसे ने बोल्ड तस्वीरें शेयर की है।नेहा पेंडसे ने बोल्ड तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है, 'एक बार तूफान खत्म हो जाएगा तो आप पहले की तरह नहीं रहेंगेl तूफान की यही खासियत हैl' खबर है कि नेहा पेंडसे भाभी जी घर पर हैं शो छोड़ने वाली हैl इस शो में वह अनिता भाभी की भूमिका निभाती हैl उन्होंने हाल ही में इस शो में काम करना शुरू किया थाl हालांकि अब खबर आ रही है कि वह इस शो को अलविदा कहने वाली हैl।नेहा पेंडसे का तस्वीरों में टोंड फिगर भी नजर आ रहा हैl।नेहा पेंडसे की बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैl इसे 2 घंटे में 30 हजार के करीब लाइक्स मिल चुके हैंl वहीं इसपर 234 कमेंट किए जा चुके हैंl एक फैन ने लिखा है, 'वाहl' एक फैन ने लिखा है, 'बहुत शानदारl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'एक नंबरl' वहीं एक फैन ने लिखा है, 'आप बहुत खूबसूरत लग रही हैंl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'आप बहुत खूबसूरत हैl' वहीं एक ने लिखा है, 'इतनी बोल्ड पिक ना डालो, मर जाएंगे आपके आशिकl'।नेहा पेंडसे की बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।नेहा पेंडसे ने कई शो में काम किया हैl वह अक्सर अपनी हॉट और बोल्ड तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50512.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e64c9908455ec34205299f872a60135875f3f2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वीडियो को देखने के बाद फैंस हमेशा की तरह ही उनके कपड़ों को देखकर हैरान हैं। जहां कई यूजर्स को उर्फी का ये लुक काफी पसंद आ रहा है तो कई उन्हें फिर से ट्रोल करते नजर आ रहे हैं। इस पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'कोई बताएगा ये ड्रेस अपनी जगह पर कैसे टिकी हुई है...'। वहीं एक ने लिखा, 'मैडम आपने तो मिया खलीफा का रिकॉर्ड तोड़ दिया वाह क्या शाइनी हैं।' इस वीडियो को कुछ ही घंटों में काफी बार देखा जा चुका है। वहीं इस पर लगातार कमेंट्स आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50514.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3de033d03eda36cdeb8ed456cfaa79bc694224d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50514.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Rashami Desai (@imrashamidesai)।फैंस दोनों को साथ में देखकर हुए खुश।इन दोनों को साथ में देखकर फैंस काफी खुश हो रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'वैसे उमरश भी चलता हैं। दूसरे यूजर ने लिखा, हमें उमरश की साथ में सोलो पिक्चर चाहिए'। अन्य यूजर ने लिखा, 'हमें उमरश साथ में बहुत अच्छे लगते हैं। फैंस दोनों की इस तस्वीर पर जमकर प्यार बरसा रहे हैं। बिग बॉस के घर के अंदर भी दोनों एक-दूसरे का साथ देते नजर आए थे। रश्मि देसाई ने हमेशा उमर को ही अपनी प्राथमिकता दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50515.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..555dfe46373daae7c6aad01b3d1fcda7cc1c7f91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब देवोलीना भट्टाचार्जी ने अपना ऑपरेशन करवा लिया है और धीरे-धीरे सही हो रही हैं। इस बात की जानकारी टीवी की इस बहू ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है। देवोलीना भट्टाचार्जी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपना एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में अस्पताल के बेड पर और फिर बोकर का सहारा लेकर चलती दिखाई दे रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50519.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00ea7f791f8482e328bfb9054b95c9e93c633981 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते दिनों बिग बॉस 15 के घर में तेजस्वी प्रकाश और करण कुंद्रा के परिवार वाले भी आए थे। परिवार ने भी इन दोनों के रिश्ते को अपनी रजामंदी दे दी थी। अब करण कुंद्रा के पिता एसपी कुंद्रा ने बताया है कि वह कब तेजस्वी प्रकाश और करण कुंद्रा की शादी करने वाले हैं। बिग बॉस 15 का ग्रैंड फिनाले खत्म होने के बाद एसपी कुंद्रा मीडिया से मुखातिब हुए है। इस दौरान उन्होंने बेटे करण के खेल को लेकर ढेर सारी बातें कीं और उनकी शादी को लेकर भी बड़ी बात की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50535.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56895ad8dbd5d783a4d086a66525fae8bf92a552 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +LoL!!! The silence in the studio at the announcement said it all . #bb15 there is only one deserving winner , n the world saw him shine . #PratikSehajpaI you won hearts . Every single guest who went in , you were their fave , the public loves you . Keep your head held high .।टीवी एक्ट्रेस काम्या पंजाबी ने भी प्रतीक के लिए ट्वीट कर लिखा कि हमारे लिए तो तुम ही विनर हो। मुझे तुम्हारा गेम और पैशन बहुत पसंद आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50538.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4c8c9794b03d83fe132cb04418e6667849e6f1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाथ जोड़कर मौनी ने किया अभिनंदन।मौनी रॉय इस दौरान काफी खुश नजर आईं और उन्होंने सूरज नंबियार के साथ जमकर पैपराजी के लिए पोज किए। इतना ही नहीं मौनी रॉय ने हाथ जोड़कर मीडिया का अभिनदंन भी किया। मौनी रॉय ने कहा, 'आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद इतना ज्यादा प्यार देने के लिए'। मौनी अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए कितना खुश हैं ये खुशी उनके चेहरे से साफ झलक रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50539.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acb7540b5d608cebb9ad23f1301df626c9dd08a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 की ट्रॉफी किसके हाथों में जाएगी ये जानने के लिए हर कोई उत्सुक है। इस ग्रैंड फिनाले में शामिल होने के लिए कई सितारे पहुंचें हैं।हर कोई बस यही प्रेयर कर रहा है कि उनका पसंदीदा कंटेस्टेंट ही ये शो जीते। बिग बॉस में निशांत भट्ट के निकलने के बाद अब शो में सिर्फ चार कंटेस्टेंट बचे थे। जिसमें शामिल हैं तेजस्वी प्रकाश, करण कुंद्रा, प्रतीक सहजपाल और शमिता शेट्टी। लेकिन अब बिग बॉस को उनके टॉप 3 फाइनलिस्ट मिल गए हैं और विनिंग के इतने करीब आकर एक सदस्य का सफर अब खत्म हो चुका है। कौन है जिसके हाथ से ट्रॉफी निकली और कौन हैं जिन्होंने टॉप 3 में अपनी जगह पक्की की चलिए आपको बताते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50544.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2675b6b849eb59e7bf9a0dee1cc8d155b3e8d813 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Urfi Javed Bold video: उर्फी जावेद ने इंस्टाग्राम पर एक बोल्ड वीडियो शेयर किया हैl इसमें उन्हें नॉर्मल ड्रेस से सीधे येलो कलर की बोल्ड ड्रेस पहने ट्रांसफॉर्म होते देखा जा सकता हैl उनकी ड्रेस थाई हाई शार्ट हैl उन्होंने इसे ब्रालेस होकर पहना हैl उन्होंने गले में एक नेकलेस भी पहन रखा हैl उन्होंने लिपस्टिक लगा रखा हैl उन्होंने अपने बाल बांध रखे हैं और वह बहुत खूबसूरत लग रही हैंl।उर्फी जावेद का बोल्ड वीडियो वायरल हो गया है।उर्फी जावेद का यह बोल्ड वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया हैl इसे 3 घंटे में 21000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैंl वहीं कई लोग इस पर जमकर कमेंट भी कर रहे हैंl कई लोगों ने दिल और आग की इमोजी शेयर की हैl एक फैन ने लिखा है, 'हायl' वहीं एक फैन ने लिखा है, 'फैबुलसl' एक फैन ने लिखा है, 'आपका स्टाइल ऑसम हैl एक फैन ने लिखा है, 'आप बहुत खूबसूरत लड़की हैं, हम आपसे प्यार करते हैंl'।A post shared by Urrfii (@urf7i)।उर्फी जावेद को ट्रोलर्स ने बोल्डनेस के लिए ट्रोल भी किया है।उर्फी जावेद को ट्रोलर्स ने ट्रोल भी किया हैl एक ट्रोलर ने लिखा है, 'काफिरl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'सभी तुम्हारे क्रिपी स्टैंडर्ड के साथ थोड़ी रहेंगेl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, ' बिग बॉस वालों ने नहीं बुलाया तुझे, स्वाद आएगा हमें तोl'।उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी में नजर आ चुकी हैं।उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी में नजर आ चुकी हैंl वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं, जिन्हें फैंस काफी पसंद किया जाता हैंl हालांकि उर्फी जावेद को उनकी बोल्डनेस के लिए ट्रोल भी किया जाता हैl इसका उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और वह ट्रोलिंग का जवाब और बोल्डनेस के साथ देती हैं। वह जल्द कई म्यूजिक वीडियो में भी नजर आने वाली हैl।A post shared by Urrfii (@urf7i)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50547.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..275b9a8c236786a3ff94e20fd19b63e692aebdb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी नई तस्वीरों को निया शर्मा ने खुद सोशल मीडिया पर शेयर किया है। निया शर्मा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह अक्सर अपने फैंस के लिए खास तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। निया शर्मा ने अब अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने नए फोटोशूट की तस्वीरों को शेयर किया है। इन तस्वीरों में उनका हॉट और बोल्ड अंदाज देखने को मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50551.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3aa791b425f3162f75d8c8ab9bac14c834982107 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Divyanka Tripathi on casting couch: कास्टिंग काउच बॉलीवुड की वो स्याह हकीकत है जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता। समय समय पर कितने ही एक्ट्रेसेस सामने आकर अपने साथ हुई घटना के बयां कर चुके हैं। अब इसपर दिव्यांका त्रिपाठी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया कि कैसे कुछ लोगों ने उनका फायदा उठाने की कोशिश की। तब उन्हें इंडस्ट्री के बारे में उतना पता नहीं था। यही नहीं उनके करियर को बर्बाद करने की धमकी भी दी गई लेकिन उन्हें जल्दी ही पता चल गया कि यह सब बकवास है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50562.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16d415d7a900d7e5c47223da013c57d637343fc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन।बिग बॉस 15 का ग्रैंड फिनाले बस अब कुछ ही देर में शुरू होने वाला है। ऐसे में हर कोई अपने पसंदीदा कंटेस्टेंट को बिग बॉस की ट्रॉफी जीतते हुए देखना चाहता है। इस बार का ग्रैंड फिनाले और भी शानदार होने वाला है, क्योंकि मंच पर सिर्फ इस सीजन के नहीं बल्कि पुराने कई सीजंस के विनर नजर आने वाले हैं। इस बार सलमान खान का वार नहीं बल्कि ग्रैंड फिनाले में परिवार का वार होगा, लेकिन इसी के साथ शो में पुराने कंटेस्टेंट अपनी यादों को ताजा करते हुए शानदार परफॉर्मेंस से ऑडियंस का दिल जीतते हुए नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50571.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf9690aa87523789ffc6a7f9b26ad72cbca2e0fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50571.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सर पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार।तारक मेहता की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस में से एक मुनमुन दत्ता ने अपनी एक बेहद ही हसीन तस्वीर शेयर की है। वहीं बबीता जी की अग्रिम जमानत की याचिका हिसार की SC-ST एक्ट (SC-ST Act) के तहत स्थापित विशेष अदालत के जज अजय तेवतिया ने खारिज कर दी है, जिससे बबीता जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। पर इन सबसे बेखबर एक्ट्रेस अपने मॉर्मिंग पोज शेयर कर रहीं हैं। ।यहां देखें तस्वीर..।शेयर की तस्वीरें।शेयर की तस्वीर के साथ मुनमुन ने कैप्शन में सिर्फ हैलो लिखा और वेव करता हुआ ईमोजी पोस्ट किया। इन तस्वीरों में मुनमुन एक राउंड झूले पर बैठी हैं। फ्लोरल प्रिंट का वनपीस ड्रेस पहने वो बला की खूबसूरत लग रहीं हैं। पीच लिपस्टिक और सटल मेकअप में मुनमुन कहर ढा रहीं हैं। फैंस उनकी इस तस्वीर पर जमकर प्यार लुटा रहे हैं। कोई फायर इमोजी पोस्ट कर रहा है तो कई उन्हें सबसे ब्यूटिफुल बता रहा है।  ।खारिज हुई अग्रिम जमानत याचिका।दरअसल, मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी ने अपने यूट्यूब चैनल पर पिछले साल 9 मई को एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में अनुसूचित जाति समाज के बारे में एक अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसे संज्ञान में लेते हुए दलित अधिकार कार्यकर्ता व वकील रजत कल्सन ने थाना शहर हांसी में 13 मई को एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत एक मुकदमा दर्ज कराया था। मुनमुन दत्ता और बबीता जी के विरुद्ध हरियाणा के हांसी के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50579.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ab067099eedf930cfc1fe1cc21527346dc1f167 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50579.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शहनाज गिल ने दिया भावुक करने वाला परफॉर्मेंस।कुछ दिनों पहले ही मेकर्स ने शहनाज गिल के फैंस और दर्शकों को बताया था कि वह बिग बॉस 15 के फिनाले में नजर आने वाली हैं। हाल ही में मेकर्स ने शहनाज गिल का एक नया वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, जिसमें शहनाज गिल सिद्धार्थ शुक्ला के साथ अपनी बिताई हुई यादों को ताजा करते हुए भावुक परफॉर्मेंस देती हुई नजर आईं। इस वीडियो को शुरुआत एक डायरी से होती है, जिसमें सिद्धार्थ शुक्ला का नाम लिखा है। उसके बाद शहनाज गिल ने अपने आने 'मेरे दिल को पता है' पर परफॉर्मेंस दिया। + +फैंस भी सिद्धार्थ शुक्ला को याद करके हुए भावुक।शहनाज गिल के इस परफॉरमेंस को देखने के बाद फैंस भी सोशल मीडिया पर काफी भावुक हो गए। कलर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'शहनाज बनाने आ रही हैं ग्रैंड फिनाले और भी स्पेशल अपनी परफॉर्मेंस से सिद्धार्थ शुक्ला को ट्रिब्यूट देने। एक यूजर ने शहनाज गिल के इस परफॉरमेंस पर कमेंट करते हुए लिखा, 'जब मैंने सना को सुना तो मेरे गूज बम्प्स आ गए'। दूसरे यूजर ने लिखा, 'शहनाज गिल के इस परफॉर्मेंस ने सभी यादों को ताजा कर दिया। अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'शहनाज आप सिद्धार्थ की दिल हो, आपको ढ़ेर सारा प्यार मेरी जान'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5058.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a25512c5ace791dfa19c2dbb83c176a020d05b2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान जब से ड्रग्स केस में गिरफ्तार हुए हैं, तब से फिल्मी सितारे उनको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बहुत से सितारों ने आर्यन खान और शाह रुख खान के लिए सहानुभूति जताई है। अब आर्यन खान ड्रग्स केस पर बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और आर्यन खान के लिए दुख जताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50580.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b92312e5f36d71d94019c94cc4a0c3e0f92f08a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शादी की तस्वीरें खूब हुई वायरल।सूरज नांबियार और मौनी रॉय की प्री-वेडिंग पिक्चर्स की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। इन दोनों की शादी बंगाली और हिन्दू रीति-रिवाजो से हुई। व्हाइट साड़ी, रेड़ बॉर्डर और खूबसूरत ज्वेलरी में मौनी रॉय बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। बता दें कि मौनी रॉय और सूरज नांबियार की पहली मुलाकात दुबई में हुई थी, जिसके बाद इन दोनों ने एक-दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया और एक लम्बे समय बाद आखिरकार शादी के बंधन में बंध गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50583.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9d0cbf8f45eb0eab3cee75aba98b11d3efc0987 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंकिता ने किया सुशांत सिंह को याद।पवित्र रिश्ता के नए सीजन में अंकिता लोखंडे ने भी सुशांत सिंह राजपूत को याद किया। अंकिता लोखंडे ने इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में सुशांत सिंह राजपूत को अपना 'पहला मानव' बताया। अंकिता लोखंडे ने कहा, 'सुशांत हमेशा मेरे लिए पहला मानव रहेगा। दर्शकों को हमारी केमिस्ट्री बहुत पसंद थी। शायद इसलिए ही वह हमें दोबारा एक साथ देखने को मिस कर रहे हैं। मैं शो के पुराने दर्शकों से सिर्फ यही कहना चाहती हूं कि सुशांत ही मानव है। वह उनका हमारे लिए प्यार है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50603.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36878a9613b72d14f18602434669a7baf00202a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50603.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एकता कपूर का सुपर नैचुरल शो नागिन ऑडियंस के बीच काफी फेमस हैं। अब तक हमें मौनी रॉय से लेकर सुरभि ज्योति, सुरभि चंदना और निया शर्मा और अनीता हसनंदानी सहित कई अभिनेत्रियां नागिन के रूप में नजर आ चुकी हैं। एकता कपूर के पॉपुलर शो के अब तक पांच सीजन आ चुके हैं और सभी सीजंस को ऑडियंस द्वारा खूब पसंद किया गया है। पांच सफल सीजन के बाद अब निर्माता एकता कपूर अपने लोकप्रिय शो नागिन 6 के नए सीजंस के साथ जल्द लौट रही हैं। हालांकि एकता कपूर की नई नागिन कौन होंगी अब तक पर सस्पेंस बना हुआ था, लेकिन अब इससे पर्दा उठ चुका है। + +पहली बार परदे पर दिखेंगी साथ।सूत्रों की माने तो रुबीना दिलैक की बिग बॉस 14 के बाद से बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए एकता कपूर ने उन्हें नागिन के सीजन 6 में कास्ट करने का मन बनाया था। हालांकि वहीं दूसरी तरफ बिग बॉस 15 में नजर आ रहीं तेजस्वी प्रकाश को बिग बॉस 15 में देखने के बाद ही एकता कपूर ने उन्हें अपने सबसे लोकप्रिय शो नागिन 6 के लिए अप्रोच किया था और दोनों ही अब पहली बार इस शो में स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50605.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..651f8a2c95b1662d7cff8f4679c7ab285d85b80f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 के फिनाले में बस अब कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में घर में बचे कन्टेस्टेंटेंस अपने फैंस का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इस शनिवार और रविवार दो दिन बिग बॉस का ग्रैंड फिनाले चलेगा, जिसके बाद शो के मेकर्स को उनका विजेता मिल जाएगा। बिग बॉस 15 के ग्रैंड फिनाले में दीपिका पादुकोण से लेकर शहनाज गिल सहित कई सितारे नजर आने वाले हैं। बिग बॉस के मेकर्स अपने फिनाले को ग्रैंड बनाने और साथ ही यादगार बनाने की हर कोशिश कर रहे हैं। इस बार बिग बॉस के मंच पर कई पुरानी यादों को ताजा किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50624.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55ba459c54599c73ed745508e8b8a112b550f3d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि लखनऊ की रहने वालीं उर्फी जावेद ने साल 2016 में सोनी टीवी के शो 'बड़े भैया की दुल्‍हनिया' में अवनि पंत के किरदार से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। वहीं इसके बाद साल 2016-17 में उर्फी ने स्टार प्लस के शो चंद्र नंदनी में छाया का किरदार निभाया। वहीं मेरी दुर्गा में आरती के किरदार से भी उर्फी ने दर्शकों का दिल जीता। उर्फी की लिस्ट में 'सात फेरों की हेरा फेरी', 'बेपनाह', 'जीजी मां', 'डायन', 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' और 'कसौटी जिंदगी' की शुमार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50625.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b1e24707e427e937dd965eacdea26dd573b9ea8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुमकुम भाग्य के बाद नहीं मिला कोई बड़ा काम।नैना सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में खुलकर अपने दिल की बात रखी। नैना ने कहा, 'मैं अपनी बात कहने या फिर कुछ करने से बिलकुल भी घबराती नहीं हूं। मुझे इस बारे में कई बार लोगों ने कहा है कि मुझे अपना मुंह बंद रखना चाहिए और थोड़ा डिप्लोमेटिक होना चाहिए, लेकिन मुझे वह नहीं आता'। कुमकुम भाग्य छोड़ने के बाद से ही नैना सिंह और मेकर्स के बीच कुछ मनमुटाव हो गया था, जिसके बाद नैना सिंह ने मेकर्स को लेकर कई दावे किए हैं। नैना सिंह का कहना है कि जब वह शो छोड़ रही थीं तो मेकर्स ने उनसे ये कहा था कि वह इस बात को सुनिश्चित करेंगे की उन्हें कहीं काम न मिले। नैना ने अपने इंटरव्यू में ये भी बताया कि इस शो को छोड़ने के बाद उनके पास तीन वेब सीरीज आईं, लेकिन तीनों ही उनके हाथों से चली गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50629.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1cc503426574f0dbd7bd203beb69072dbdcaa95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50629.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन।  बिग बॉस 15 अपने फिनाले वीक में पहुंच चुका है। शमिता शेट्टी और तेजस्वी प्रकाश दोनों ही इस सीजन के सबसे चर्चित कंटेस्टेंट्स रहे हैं। दोनों के बीच शुरुआत से ही काफी झगड़ा देखने को मिला। हाल ही में बिग बॉस ने घरवालों को लास्ट फिनाले टास्क दिया, जिसको जज करने के लिए खुद ऑडियंस घर में आई और अपने पसंदीदा कंटेस्टेंट्स के लिए वोट किया। बिग बॉस के अंतिम हफ्ते में भी तेजस्वी प्रकाश और शमिता शेट्टी के बीच बड़ा झगड़ा देखने को मिला। जहां लड़ाई में तेजस्वी ने शमिता को आंटी कहा, जोकि शमिता को बिलकुल पसंद नहीं आया। + +करण कुंद्रा की वजह से हुआ था झगड़ा।दरअसल बिग बॉस ने घरवालों को एक टास्क दिया था, जिसमें तेजस्वी प्रकाश और शमिता शेट्टी ने सबसे पहले स्टाफ की भूमिका निभाई थी और अन्य सितारे गेस्ट थे। करण कुंद्रा को तेजस्वी ने मसाज दी, जो करण को पसंद नहीं आई। जिसके बाद शमिता करण कुंद्रा को मसाज देने आईं और उनकी बैक पर बैठकर मसाज देने लगीं, जो तेजस्वी को बिलकुल पसंद नहीं आया। तेजस्वी ने शमिता शेट्टी को ताना देते हुए कहा, 'ये करण कुंद्रा है, न की राकेश बापट। आपने इससे पहले कभी किसी टास्क को इतना सीरियस नहीं लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50631.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..424bc9b3bc629cd446ee066c4e032b69ac33b612 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50631.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तस्वीरों को शेयर करते हुए सुरभि ज्योति ने कैप्शन में लिखा है- 'चलो विटेंज लुक ट्राई करते हैं।' सोशल मीडिया पर जहां कई यूजर्स सुरभि के इस लुक को काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं कई उन्हें इस जालीदार ड्रेस को लेकर ट्रोल करते नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'एक दम फायर।' तो वहीं एक लिखता है, 'इंस्टा पर आग लगा दी।' इस तरह के कई कमेंट्स लगातार सुरभि की इन फोटोज पर आ रहे हैं। अबतक एक्ट्रेस के इस फोटोशूट को लाखों फैंस देख चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50641.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..711f0aba52b06c57bc8feba6e3a99e19eed16a1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंस्टाग्राम पर दी फैंस को अपनी हेल्थ अपडेट।सिद्धार्थ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक रील पोस्ट की। इस रील में सिद्धार्थ से कैमरा दूर है, लेकिन वह उसे पास लाए और थम्ब्स अप करके स्माइल देकर अपने चाहने वालों को अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। सिद्धार्थ ने अपनी रील को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, 'मैं आपका अपना सिद्धार्थ आपके लिए अस्पताल से जानकारी लेकर आया हूं, मैं इस वक्त आराम कर रहा हूं और पहले से बहुत बेहतर हूं। तो क्या हुआ अगर मेरी प्लेटलेट्स लेवल कम हो रही हैं, आपकी शुभकामनाएं मुझे हिम्मत देती हैं। मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा। आपकी शुभकामनाओं और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50654.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52af0aa59a32147ba4fed7de9496999e3f41b30f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने किरदार के लिए अक्षित ने देखी सीरीज।पाखी का लव इंट्रेस्ट निभा रहे अभिनेता अक्षित सुखिजा शो में ईशान की भूमिका में दिखेंगे, जो पेशे से डॉक्टर हैं। अपने किरदार के लिए अक्षित ने बताया कि उन्होंने कितनी रिसर्च की। अक्षित ने कहा, 'अपने किरदार को निभाने के लिए मैंने गूगल पर ऑन्कोलॉजिस्ट(Oncologist) के बारे में थोड़ा पढ़ा। जैसे उनकी राइटिंग को समझना मुश्किल होता है और भी कई चीजें थीं जो मुझे सीखने को मिली और किरदार निभाने में मदद हुई, लेकिन इसी के साथ मैंने डॉक्टर्स पर आधारित कोरियन सीरीज भी देखी, जिसने मुझे मेरे किरदार को समझने में काफी मदद की'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50659.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed5d0ba8c926e7d480fe17bacf77170d5e06d2f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों ने पूछे सवाल।अब इतनी हॉट तस्वीर हो और लोग सोशल मीडिया पर कमेंट ना करें, ऐसा कैसे हो सकता है। किसी ने लिखा ये 'क्या रूप है माता' तो एक यूजर का कहना है कि आपको अपने असली रूप में आना चाहिए माता पार्वती वाले। गोवा की इन तस्वीरों पर पूजा को फैंस का काफी प्यार मिल रहा है।  ।फिल्मों में भी कर चुकी हैं काम ।देवों के देव महादेव से फेमस हुईं पूजा बैनर्जी ने 'कहानी हमारी महाभारत की', 'कहानी घर घर की', 'करम अपना-अपना', 'सपना बाबुल का..बिदाई', 'तुझ संग प्रीत लगाई सजना', 'किस देस में निकला होगा चांद', 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' और 'कस्तूरी' जैसे सीरियल्स में भी काम किया है। इसके साथ ही वो 'राजधानी एक्सप्रेस', 'रमैया वस्तावैया' और 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' जैसी फिल्मों में भी नजर आईं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50670.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..205a4ca82e22c114ee0967e2b2903969fc514676 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये सदस्य हुआ शो से बाहर।वेबसाइट द खबरी के मुताबिक इस बार देवोलीना को घर से बेघर किया जाएगा। तमाम कोशिशों के बावजूद देवो को टूकट टू फिनाले नहीं मिल पाया। और तो और उनकी अच्छी दोस्त रश्मि से भी जमकर लड़ाई हुए ऐसे में फिनाले के इतने करीब आकर शो से बाहर हो जाना देवो के साथ-साथ उनके फैंस का भी दिल तोड़ देगा। तो देवो के साथ घर से बाहर जाएंगे राजीव अदातिया, जो कि एक हफ्ते के लिए ही घर के अंदर आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50689.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..675f2c3d732103bd23e74a340642602644d7bcad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में मोनालिसा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी एक थ्रोबैक तस्वीर शेयर की थी। इस तस्वीर में उनका हॉट और बोल्ड अंदाज देखने को मिला था। मोनालिसा की यह तस्वीर किसी समुद्र किनारे की हैं। तस्वीर में उन्होंने प्रिंटेड ब्रालेट पहनी हुई है। इसके साथ मोनालिसा ने मैचिंग मीनी स्कर्ट भी डाली है। साथ ही उन्होंने हैट भी पहनी हुई है। जो उनके हॉट और बोल्ड अंदाज को बढ़ा रहा है। तस्वीर में मोनालिसा समुद्र किनारे रेत में लिपटी दिख रही हैं। इस तस्वीर में उनका बोल्ड अंदाज देखते ही बन रहा है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए 'नजर' एक्ट्रेस ने कैप्शन में लिखा, 'सूरज, समुद्र, रेत और मैं।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50702.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77b8d81601c710d8b6f6ec823e7d83fff6d72009 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौनी रॉय।मौनी रॉय ने नागिन के दो सीजन किए और दोनों ही सीजन सफल रहें। वैसे तो मौनी रॉय टेलीविजन में काफी सालों से हैं और कई बड़े शोज का हिस्सा भी रही हैं। लेकिन एकता कपूर के शो नागिन 1 में शिवन्या और नागिन 2 में शिवानी बनकर उन्होंने अपने प्रशंसकों का खूब दिल जीता। नागिन के लिए मौनी रॉय ने एक अच्छी खासी फीस ली थी। इसके अलावा परदे पर उनकी परफॉर्मेंस के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50720.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39c258b48d7acfee3ad1e1dcc2d01b5ac42a2038 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में बिग बॉस 15 के घर में फैमिली एपिसोड चला। इस एपिसोड में सभी कंटेस्टेंट्स के परिवार वालों ने वीडियो कॉल के जरिए उनसे मुलाकात की। अभिजीत बिचुकले ने भी वीडियो कॉल के जरिए अपनी पत्नी, बेटी और मां से मुलाकात की। इस दौरान उनकी पत्नी ने देवोलीना भट्टाचार्जी से मिलने की इच्छा जाहिर की। साथ ही कहा कि अभिजीत बिचुकले बहुत अच्छे इंसान है और वह किसी के साथ भी बुरा बर्ताव नहीं करते हैं। हालांकि देवोलीना भट्टाचार्जी उनके परिवार से नहीं मिलती हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50722.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa79164a37485152d6a59afba41ad69b217ff51d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि नागिन छोटे पर्दे के सबसे लोकप्रिय धारावाहिकों में शामिल है। इसके पांच सीजन आ चुके हैं और हर सीजन को दर्शकों ने खूब पसंद किया है। नागिन की कहानी और किरदार भले ही आलोचनाओं के शिकार रहे हों, मगर इससे इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। नागिन की निर्माता एकता कपूर हैं। टीजर से पता चलता है कि नागिन 6 की कहानी पैनडेमिक के दौर में सेट की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50757.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f57af402e0c59ecb061aa1071a905e1e51ebbe86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50757.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रूपाली गांगुली इन दिनों छोटे पर्दे की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह अपने शो 'अनुपमा' को लेकर आए दिन चर्चा में बनी रहती हैं। इस सीरियल में रूपाली गांगुली की एक्टिंग को दर्शक खूब पसंद भी करते हैं। अब वह खास वजह से चर्चा में हैं। रूपाली गांगुली का एक वीडियो सामने आया है कि जिसमें वह मीडिया का कैमरा देख अपना मुंह छिपाती हुई नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50759.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8af0087ae4473243d4c557ef7d26fbec02900e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50759.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Urfi Javed Bold Bikini photos: उर्फी जावेद ने इंस्टाग्राम पर अपनी हालिया फोटो शेयर की हैl इसमें उन्हें बिकिनी पहन स्विमिंग पूल में स्विम करते हुए देखा जा सकता हैl खास बात यह है कि यह स्विमिंग रात में की जा रही हैl तस्वीरों में उर्फी जावेद पानी में अपने बालों को पीछे कर रही हैंl इसके साथ उन्होंने जलपरी की इमोजी शेयर की हैl।उर्फी जावेद ने बोल्ड बिकिनी पहन स्विमिंग पूल में दिया हैं पोज।उर्फी जावेद ने तस्वीरों को बिना किसी कमेंट के पोस्ट किया हैl उर्फी जावेद की फोटो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गई हैl इसे काफी लोग पसंद कर रहे हैंl इसके पहले उर्फी जावेद ने एक फोटो शेयर की थी, इसमें उन्हें तैयार होकर देखा जा सकता हैl उन्होंने यह फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था, '10 डिग्री सेल्सियसl' तस्वीरों में उर्फी जावेद का अंदाज देखा जा सकता हैl उन्होंने थाई हाई ड्रेस पहन रखा हैl इसके अलावा उर्फी जावेद ने मेकअप कर रखा हैl उन्होंने यह इअरिंग्स पहन रखी है और वह काफी खूबसूरत लग रही हैंl।उर्फी जावेद उटपटांग ड्रेसिंग सेंस को लेकर खबरों में रहती हैं।उर्फी जावेद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जाता हैl उर्फी जावेद अपनी उटपटांग ड्रेसिंग सेंस को लेकर भी काफी खबरों में रहती हैंl इसके चलते उन्हें काफी ट्रोल भी किया जाता हैl हालांकि उनपर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ताl।उर्फी जावेद मुस्लिम लड़कों से शादी नहीं करना चाहती।उर्फी जावेद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह मुस्लिम लड़कों से शादी नहीं करना चाहतीl इसके पीछे उन्होंने कारण दिया था कि मुस्लिम लड़के बदतमीज और अभद्र होते हैंl उन्हें इसे लेकर भी ट्रोल किया गया थाl हालांकि उर्फी जावेद पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी में नजर आई थीl हालांकि वह पहले सप्ताह में बाहर हो गई थीl ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50774.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be17af4378fef0023269ffcf68bcd4b2c74c96aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूजा बनर्जी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की है। जिसमें वो बाथ टब में बैठी नजर आ रहीं हैं। बाथ टब में सोप के झाग में डूबी पूजा काफी मनमोहक लुक्स दे रहीं हैं। टब में गुलाब की पंखुड़ियां पड़ीं हुईं हैं साथ ही शैम्पेन का भरा हुआ ग्लास भी रखा है। अपने इस बोल्ड फोटोशूट के कैफ्शन में पूजा ने लिखा, Lazy Noons'। ।यहां देखें तस्वीर...।वैसे पूजा की सिजलिंग तस्वीरों से उनका इंस्टाग्राम अकाउंट भरा हुआ है। पूजा के बोल्ड और स्टनिंग अंदाज को टॉक ऑफ द टाउन बनने में जरा भी देर नहीं लगती है। एक्ट्रेस अपनी खूबसूरत फोटोज को शेयर कर फैंस को इंप्रेस करती रहती हैं।  ।हाल ही में पूजा बनर्जी ने एक्टर कुणाल वर्मा संग गोवा के एग्जॉट‍िक लोकेशन में दोबारा शादी रचाई। पिछले साल के आखिर में ये शादी मीडिया की सुर्खियां बनीं। एक कारण ये भी था कि उनकी शादी की रश्मों में इस कपल का एक साल का बेटा भी शामिल हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50779.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5838b6e9e4c72b10a7d0d722d4e225fb43cb72c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50779.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंगूरी भाबी बनकर घर-घर में छाई थीं शिल्पा।शिल्पा शिंदे एक लम्बे समय से टेलीविजन जगत का हिस्सा हैं। उन्होंने साल 2001 में सीरियल 'कभी आए न जुदाई' से टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा और उसके बाद 'आंधी', 'भाभी' और 'हातिम' जैसे कई शोज में काम किया। शिल्पा शिंदे ने साल 2015 में शुरू हुए शो 'भाबी जी घर पर हैं' में अपने अंगूरी भाबी के किरदार से हर किसी का दिल जीता। हालांकि साल 2016 में हुए उनके विवाद के बाद उन्होंने इस शो को छोड़ दिया। इसी शो से उनके और विकास गुप्ता के बीच शुरू हुआ झगड़ा बिग बॉस 11 में भी दर्शकों को खूब देखने मिला'। शिल्पा शिंदे अभिनय के साथ-साथ पॉलिटिक्स में भी अपने कदम जमा चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50784.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..237c90349fbf64fed0da231173328dac8ebd1817 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50784.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मिथुन ने हर्ष से पूछा आपका हुनर क्या है।कलर्स ने प्रोमो के फ्लैशबैक का एक वीडियो दिखाया, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती हर्ष लिंबाचिया से ये पूछते हुए नजर आए कि आपका हुनर क्या है? जिसका जवाब हर्ष की जगह भारती ने दिया। भारती ने अपना मजाकिया अंदाज में दुःख बताते हुए कहा, 'चार साल हो गए शादी को अभी तक अपना हुनर नहीं दिखा पाया'। हर्ष ने मिथुन दा को जवाब देते हुए कहा कि वो बात मुझे चुभी और मुझे बहुत गुस्सा आया दादा। इसी बीच भारती सेट पर आईं और दोनों ने हमेशा से अपनी कॉमेडी से न सिर्फ जजेज को बल्कि हर किसी को गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया। + +मिथुन चक्रवर्ती ने दी मुबारकबाद।हर्ष लिंबाचिया ने करण जौहर के साथ भी मस्ती करते हुए कहा कि जब आप हमारे बच्चे को देखने आएंगे तो आप एक कॉन्ट्रैक्ट लेकर आना, क्योंकि हमारे बच्चे को इंडस्ट्री में आप ही लॉन्च करेंगे। मिथुन चक्रवर्ती ने ये खबर सुनकर भारती और हर्ष को मुबारकबाद तो दी ही, लेकिन इसी के साथ मिथुन दा मंच पर हर्ष की खिंचाई करते हुए नजर आए। कलर्स के नए शो हुनरबाज की बात करें तो यह शो 22 जनवरी से ऑन-एयर हो रहा है, जिसको करण जौहर, परिणीति चोपड़ा और मिथुन चक्रवर्ती जज कर रहे हैं तो वहीं हर्ष लिंबाचिया और भारती सिंह इस शो को होस्ट करते हुए नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50795.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b32d99f224da6c3e4426878df1f528333f6a0900 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्यों सोशल मीडिया हुई थीं ट्रोल।दरअसल, दिव्यांका त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने जिम की एक तस्वीर शेयर की। इस तस्वीर में दिव्यांका जिम में पोज करती हुईं नजर आ रही हैं। दिव्यांका ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, 'भारतीय मच्छरों की वजह से सुबह-सुबह जल्दी उठ गई। उम्मीद करती हूं कि आपकी रात अच्छी बीती हो'। जहां उनके कई फैंस को उनका ये अंदाज पसंद आया तो वहीं एक यूजर ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की कोशिश की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_508.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88f605b975334371b9195c675cd16e57fb514a27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वीडियो को शेयर करते हुए अर्जुन ने लिखा, “ये आदमी पुरुष ही नहीं महापुरुष है (यह आदमी असाधारण है) आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं, लेकिन वरुण कुछ समय से इंडस्ट्री में भविष्य बताने वाले के रूप में साइड-हस्टलिंग कर रहे हैं। तो, आज उनके जन्मदिन पर, उनके परिवर्तनशील अहंकार को प्रकट करना मेरे लिए खुशी की बात है, गुरुजी वरुण। आप वह ज्योतिषी है जिसकी मुझे अपनी जिंदगी में जरूरत है। गुरुजी आपने मुझे 2015 में एक लेडी किलर होने की भविष्यवाणी की थी !!! अब, हर कोई आपके कौशल को देख सकता है और आपको श्रेय दे सकता है, ठीक वैसे ही जैसे आप हर समय हर किसी से उम्मीद करते हैं। हैप्पी बर्थडे वरुण धवन उर्फ गुरुजी, थ्रोबैक, गुरुजी का बर्थडे है।”।A post shared by Arjun Kapoor (@arjunkapoor)।अर्जुन, वरूण को भविष्यवाणी करने वाला इसलिए बता रहे हैं क्योकि 2015 में बनाए गए इस वीडियो में वरूण, अर्जुन को लेडी किलर बता रहे हैं और इस वक्त अर्जुन अपनी फिल्म 'लेडीकिलर' की शूटिंग कर रहे हैं। इस फिल्म में उनके साथ भूमि पेडनेकर है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50820.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aef83458619afbc74c3b4dc74a17a9d0dcd319a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50820.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 में करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश काफी समय से अपने रिश्ते को लेकर चर्चा में हैं। दोनों को जहां बहुत बार एक-दूसरे से झगड़ते हुए देखा जाता है वहीं कई बार यह दोनों एक-दूसरे से प्यार जाहिर करने की वजह से चर्चा में रहते हैं। अब तेजस्वी प्रकाश ने करण कुंद्रा से सलमान खान के शो में खुलकर अपने प्यार का इजहार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50826.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f74e9d1a1f3270316e1bb2e6387a2af9d2329cf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करण के लिए लिखा खास मैसेज।इन तस्वीरों के साथ शिवांगी जोशी ने कैप्शन में लिखा, 'हेलो गाइज, कृप्या करण कुंद्रा को अपना समर्थन दें और उन पर अपना ढ़ेर सारा प्यार बरसाएं। वो एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं जिन्हें मैं जानती हूं और वह इस साल बिग बॉस में सबसे मजबूत कंटेस्टेंट्स में से एक हैं। वह बहुत ही प्यारे हैं और जीतना डिजर्व करते हैं'। शिवांगी जोशी ने इसी के साथ लिखा, 'करण कुंद्रा आप शो जीतिये और ट्रॉफी घर लेकर आइए। शिवांगी जोशी की इस तस्वीर पर लगातार फैंस कमेंट कर रहे हैं और करण कुंद्रा को अपना समर्थन दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50827.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1eb2a1b51493a1a0f784f55f502d8261488b6b66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50827.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। निया शर्मा टेलीविजन का जाना-माना नाम हैं। सीरियल एक हजारों में मेरी बहना में मानवी बनकर निया ने अपने पहले ही शो से हर किसी का दिल जीत लिया था। निया अपने अभिनय के साथ-साथ अपनी बोल्ड लुक और स्लिम फिगर को लेकर भी अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं। सोशल मीडिया पर अक्सर उनके कर्वी फिगर को लेकर चर्चा होती हैं। लेकिन हाल ही में निया शर्मा ने अपना दर्द बताया कि इस तरह की बॉडी कैरी करना उनके लिए बिलकुल भी आसान नहीं है। अपने फिगर को मेंटेन करने के लिए उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। निया ने बताया इसके लिए कई बार वो भूखी भी रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50851.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55f529b5d43a2bce5b8a37aefd5a2b8568d3af53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना पूरे देश में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। शनिवार को 1 लाख 59 हजार से ज्यादा संक्रिमित सामने आए हैं। तेज रफ्तार से बढ़ रही ये महामारी बॉलीवुड, टॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को भी अपने गिरफ्त में ले रही है। कई जाने माने कलाकारों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब सीरियल 'रामायण' के लक्ष्मण यानि सुनील लहरी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्होंने फैंस को बताया कि वो भी अपने बर्थडे के दिन ही कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50865.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a9639cb39a9c9d116b4c315552bdb208851ba65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50865.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीछे से खुली टॉप पहन नजर आईं उर्फी।बिग बॉस की इस एक्स कंटेस्टेंट ने अपने इंस्टाग्राम पर कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें वो पीछे से पूरी तरह खुले हुए बोल्ड टॉप में नजर आ रही हैं। इस टॉप में उर्फी की पीठ पूरी तरह से खुली दिख रही है। पोस्ट के साथ उर्फी ने कैप्शन में अपने एक्स बॉयफ्रेंड से जुड़ा एक राज भी बताया। एक्ट्रेस ने लिखा, '16 मिस्ड कॉल्स.. एक समय था जब मैंने अपने एक्स को 26 मिस कॉल किया था.. क्योंकि वो मेरा फोन नहीं उठा रहा था। यहां देखें वीडियो....।फिर हुईं ट्रोल।दरअसल, उर्फी जावेद ने इस स्टाइलिश ड्रेस के नीचे इनरवियर नहीं पहना था। उनकी इस पूरी तरह से खुली हुई ड्रेस को देखकर लोग उनसे तरह तरह के सवाल कर रहे हैं। कोई पूछ रहा कि ऐसे कपड़े पहनने की जरूरत क्या है? तो किसी को उर्फी की ड्रेस देख घर के पर्दों की याद आ गई। एक यूजर ने लिखा, घर के पर्दे पहनकर आ गई क्या? वहीं कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने उर्फी को लेकर भद्दे कमेंट्स भी पास किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50875.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f899fb3fefbe2543ffa35ac10346a2eaec6293a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, करण कुंद्रा हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं कि उमर और रश्मि के बाद अब तेजस्वी प्रकाश भी फिनाले रेस में शामिल हो जाएं और वो अभिजीत बिचुकले से लेकर उमर रियाज तक को मनाते हुए नजर आए। हालांकि, अभिजीत ने जहां अपना ही गेम खेला तो वहीं उमर रियाज ने भी करण कुंद्रा से साफ तौर पर ये कह दिया कि वो अब तेजस्वी प्रकाश का समर्थन करेंगे या नहीं, इसको लेकर वो कुंद्रा को अपना वर्ड नहीं दे सकते। वो जो गेम में सही होगा, जिसका प्रदर्शन अच्छा होगा, उसे ही फिनाले रेस में लेकर जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50880.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9bb65838297f02d31f4fd8d3946dca1cd390f62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे के चर्चित सीरियल 'इमली' की अभिनेत्री सुंबुल तौकीर खान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह अपने फैंस जुड़े रहने के लिए अक्सर खास तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। इतना ही नहीं सुंबुल तौकीर खान के कई मजेदार वीडियो को फैंस खूब पसंद भी करते हैं। इन दिनों उनका एक वीडियो और वायरल हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50890.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6f2427b44289a737a9b974cd5dd317ea6c7b2ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: टीवी पर अपने वाला अबतक का सबसे हिट और पुराना कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' आज भी दर्शकों के फेवरेट शोज की लिस्ट में शामिल है। ये शो टीआरपी लिस्ट में भी हमेशा ही नंबर वन रहा है। इस शो का हर कलाकार जबरदस्त फैन फॉलोइंग रखता है। वहीं फैंस भी शो के कलाकारों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए बेकरार रहते हैं। वहीं अगर आप भी हैं 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के जबरा फैन है तो हम आपको जो तस्वीर दिखाने जा रहे हैं उसे देखकर पहचाहिए आखिर कौन है ये एक्टर? यकीन मानिए इन्हें पहचानना आपके लिए आसान नहीं होगा। यहां देखें तस्वीर...।'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के एक एक्टर की एक पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में उन्हें पहचान पाना आपके लिए काफी मुश्किल होगा। चहिए अगर आप इन्हें पहचान गए हैं तो ठीक वरना हम बता दें कि तस्वीर में दिखने वाला एक्टर कोई और नहीं बल्कि 'तारक मेहता' यानी शैलेश लोढ़ा हैं। दरअसल, ये तस्वीर काफी पुरानी है और इसमें एक्टर काफी यंग और पतले-दुबले नजर आ रहे हैं। उनकी ये फोटो टीएमकेओसी से जुड़ने से पहले की है। बता दें कि इस फोटो को खुद शैलेश लोढ़ा ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से साझा किया था। फोटो में आप देख सकते हैं कि वह हाथ में एक छड़ी पकड़े दिखाई दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50900.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2da368c6c311a2ecfed2a6d3355f002b586dba2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50900.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Rani Chatterjee Bold Photos: भोजपुरी फिल्मों में धूम मचाने वाली अभिनेत्री रानी चटर्जी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl अब रानी चटर्जी ने सोशल मीडिया पर अपने हालिया बोल्ड तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl इसे अब तक 9800 से ज्यादा लाइक्स मिले हैंl वहीं इसपर कई लोगों ने कमेंट किए हैl।रानी चटर्जी ने बोल्ड तस्वीरें की है शेयर।रानी चटर्जी ने फोटोशूट की कुल 5 तस्वीरें शेयर की हैl इनमें उन्हें अलग-अलग अंदाज में पोज करते हुए देखा जा सकता हैl रानी चटर्जी ने ब्लू कलर की ब्रालेट और चोली पहन रखी हैl वहीं उन्होंने चूड़ियां भी पहन रखी है और माथे पर मांग टीका लगा रखा हैl उन्होंने लिपस्टिक लगा रखी है और मेकअप कर रखा हैl तस्वीरों में रानी चटर्जी बहुत खूबसूरत लग रही हैl।रानी चटर्जी भोजपुरी फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं।रानी चटर्जी ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है, 'आ रही है बहुत जल्द दंगल टीवी पर, तैयार हो जाइएl' इसके बाद रानी चटर्जी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैl रानी चटर्जी भोजपुरी फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री हैंl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैंl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50911.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb6976d1d84ce5a0f746c89f61b5970052e75476 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50911.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तस्वीर में दृष्टि धामी अपनी ही वेब सीरीज देखती हुई नजर आ रही हैं। इस तस्वीर में एक टेबल पर फूलों का गुलदस्ता, ऑक्सीजन लेवल मापने के लिए ऑक्सीमीटर, टैबलेट, विक्स की डिब्बी, चॉकलेट और कुछ पेपर्स रखे हुए हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दृष्टि धामी ने खास पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने खुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50920.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e58074465041c0175b01fb84f40204034d5d2dce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायरल हुआ वीडियो।वीडियो शेयर करते हुए रुपाली ने कैप्शन में लिखा- ‘यह साल हमें आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ दे। आइए 2022 में अपने साथ अच्छाई और दया को आगे बढ़ाएं। हमारे स्वास्थ्य, खुशी और सफलता के रास्ते भगवान का आशीर्वाद बना रहे। जय माता दी। जय महाकाल।'।अनुज कपाड़िया ने किया ये कमेंट।इस वीडियो पर रुपाली के फैंस काफी रिएक्शन दे रहे हैं। उनकी दोस्त और एक्ट्रेस डलनाज ईरानी और जैसवीर कौर ने कमेंट में उन्हें शुभकामनाएं दीं। तो वहीं शो में उनके को-एक्टर गौरव खन्ना ने लिखा- 'जय माता दी, मैं भी दर्शन करने जाना चाहता हूं। अगली बार मैं भी साथ आऊंगा।'।हो चुका है हादसा।बता दें कि वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में कुछ श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवां दी थी। नए साल की पूर्व संध्या पर हुआ ये हादसा इनता दर्दनाक था कि चश्मदीदों की रूह कांप जाती है आपबीती बताने में। वहीं यहां यात्रियों का तांत रुकने का नाम नहीं ले रहा। रुपाली गांगुली जैने कितने ही है जो अपने नए साल की शुरुआत देवी के दर्शनों के साथ करना चाहते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_50921.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_50921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f0fee9e2e986355469d5ccca5750c96c0b54efb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_50921.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फैंस दे रहे रिएक्शन।बता दें कि इस वीडियो पर फैंस जमकर रिएक्शन दे रहे हैं, आखिरकार उन्होंने अपनी फेवरेट जोड़ी को काफी समय बाद एक साथ देखा है। वैसे दिलीप जोशी ने हाल ही में अपनी बेटी नियति जोशी की शादी एक एनआरआई से करवाई है। इस दौरान उन्होंने तारक मेहता की पूरी टीम को इंवाइट किया था। पर दिशा वकानी यहां भी मौजूद नहीं थी। + +प्रेग्नेंट हैं दिशा वकानी।पिछले दिनों दिशा को लेकर सोशल मीडिया पर कुथ तस्वीरें वायरल हुई। फैन पेज पर वायरल इन तस्वीरों में दिशा प्रेग्नेंट नजर आ रहीं थीं। इसी से कयास लगने शुरू हो गए कि आखिर क्यों दिशा तारक मेहता में अपनी वापसी पर चुप्पी नहीं तोड़ रहीं और क्यों वो दिलीप जोशी की बेटी की शादी में नजर नहीं आईं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5098.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..090a29d38a305b7a665a0cd1a78052f046a9de88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौनी इस फोटो में जिस मुद्रा में बैठी हैं, उसकी वजह से कॉलर बोन और घुटने की हड्डी नज़र आ रही हैं। इन तस्वीरों पर कई सेलेब्रिटीज़ ने कमेंट किये हैं और मौनी की शानदार फिगर की तारीफ़ की है, मगर एक फैन ने उनकी फिटनेस पर तंज कसते हुए कमेंट किया कि खाना-पीना करो यार। दूसरे ने लिखा- ज़रूरत है थोड़ा और भोजन की। एक अन्य फैन ने लिखा कि क्या करोगी इतना पैसा बचाकर, कुछ खा भी लिया करो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51006.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cccbf8cf37e7bb1db6a27493bb03a787fb52d58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51006.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिरोज खान ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके इसकी जानकारी दी। वीडियो में फिरोज कहते हैं- आज बड़े भारी मन से कहना चाहूंगा और सूचित करना चाहूंगा कि एक बंदा जो कि इम्पोस्टर है। ई फिरोज खान के नाम से एकाउंट चलाता है और मेरी तस्वीरों का इस्तेमाल करके हमारे महान कलाकारों के बारे में गलत बातें लिखता है। यह मैं नहीं लिख सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51016.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ca18bb64b3d2fc4778728a90b4b5ea3a8730cfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल इन दिनों बिग बॉस 15 के दूसरे फाइनलिस्ट के लिए टास्क चल हो रहा है। जिसका संचालन राखी सावंत कर रही हैं। टास्क का संचालन करते हुए उनका झगड़ा कई कंटेस्टेंट्स के साथ देखने को मिल रहा है। जिसके चलते बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स राखी सावंत को ट्रोल कर रहे हैं। साथ ही उनपर जमकर गुस्सा भी निकाल रहे हैं। बहुत से दर्शकों का मानना है कि राखी सावंत फिनाले में जाने के लायक नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51022.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dead58201243f79322ffb84e16368d901ef9b199 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51022.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + वहीं उनके फैस से साफ झलक रहा है​ कि वह धवल को अपनी लाइफ में पाकर काफी खुश हैं। वहीं इस दौरान सायली ने लाइट पिंक कलर का मिरर वाला लहंगा पहना हुआ है। वहीं उनका सिंपल मेकअप उन्हें और भी खूबसूरत बना रहा है। इस मौके पर धवल ने डार्क कलर की शेरवानी पहनी हुई है जिसमें वह बेदही हैंडसम नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं इस पर कमेंट कर लगातार फैंस सायली और धवल को बधाई देते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51024.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e64db2028baa3a4aa0592d02706e61a1d334d3d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में टीना दत्ता का ऊप्स मोमेंट कैप्चर कैमरे में कैद हो गया था। दरअसल, हाल में टीना ने अपनी एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। इस तस्वीर में वह ग्रीन कलर की कलरफुल ब्रालेट पहने कर अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा रखा था। वहीं उनकी ब्रालेट इतनी शॉर्ट है कि जब उन्होंने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाए हैं तो उनका ऊप्स मोमेंट कैप्चर हो गया था। वहीं, एक्ट्रेस की हॉटनेस यही नहीं थमी थी। इस ब्रालेट के साथ एक्ट्रेस ने ब्लैक कलर की जींस पहनी हुई है, जिसके बटन उन्होंने खोल रखे थे जिसकी वजह से उनका अंडरगारमेंट्स साफ नज़र आ रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51031.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..191deaf62746c64510d8ba903e54155cf39835d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51031.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब इस पूरे किस विवाद पर देवोलीना भट्टाचार्जी की मां का भी रिएक्शन आ गया है। उन्होंने बेटे देवोलीना से किस मांगने पर अभिजीत बिचुकले को फटकार लगाई है। साथ ही उन्हें घटिया भी बताया है। अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार देवोलीना भट्टाचार्जी की मां ने कहा, 'यह घटिया है ! मुझे उस समय काफी गुस्सा आया जब मैंने यह सब देखा। पहली बार जब मैंने देखा मुझे लगा अभिजीत बिचुकले देवोलीना को छोटी बहन के तौर पर बोला है, इसलिए उन्होंने पहली बार ऐसा कह दिया, लेकिन उसने फिर से कहा और फिर कहता रहा।'।देवोलीना भट्टाचार्जी की मां ने आगे कहा, 'जब सलमान खान और अन्य कंटेस्टेंट्स ने कहा कि देवोलीना को जल्द इस पर रिएक्ट करना चाहिए, मैं उस चीज को समझ सकती हूं, लेकिन मुझे लगता है कि देवोलीना ने सोचा होगा कि वह मजाक में किस मांगने की बात कर रहा है इसलिए उसने नजरअंदाज कर दिया, लेकिन बाद में उनसे मजबूती के साथ रिएक्शन दिया। मैं अभिजीत बिचुकले को तब से ही पसंद नहीं करती हूं जब से उन्होंने शो में एंट्री ली है।'।इसके अलावा देवोलीना भट्टाचार्जी की मां ने उनकी बेटी और रश्मि देसाई के बीच चल रहे विवाद पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने रश्मि देसाई को मतलबी बताया है। आपको बता दें कि पिछला हफ्ता बिग बॉस 15 काफी धमाकेदार रहा। घर में कई झगड़े देखने को मिले। टिकट टू फिनाले टास्क के दौरान देवोलीना भट्टाचार्जी और अभिजीत बिचुकले के बीच भी विवाद हुआ था। अभिजीत ने देवोलीना से किस मांगा था, जिसके बाद देवो भड़क गईं। और ऐसा अभिजीत ने कई बार किया। जिसके बाद घर में शुरू हुआ बहस और झगड़े का सिलसिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51035.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf4353c16ffaf72242792d60a1de8acf09ed0caa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काव्या-वनराज के बीच भी बढ़ीं दूरियां।वहीं दूसरी तरह काव्या मालविका की एंट्री से बुरी तरह से भड़की हुई है। उसके और वनराज के बीच पहले ही सब कुछ ठीक नहीं और अब तो मालविका वनराज को राज कह कर बुलाने लगी है। ये काव्या को बिल्कुल रास नहीं आ रहा। वो अनुपमा को भी ताने देने की कोशिश करती है पर अनुपमा अपने जवाब से उसका मुंह बंद कर देती। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले एपिसोड में और क्या-क्या हंगामा होने वाला है। मालविका की एंट्री से सीरियल की कहानी में कोई बड़ा ट्विस्ट जल्द ही आने वाला है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5104.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ca96b6739d128b3fc928f44f28edde96e7631f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5104.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ज़ाहिर है राज के जाने का ग़म तो मंदिरा कभी नहीं भुला पाएंगी, लेकिन एक्ट्रेस अब अपनी पुरानी जिंदगी में वापस लौट आई हैं बीते दिनों एक्ट्रेस ने एक पोस्ट शेयर किया था जिसके साथ उन्होंने लिखा था ‘Back to work’। इतना ही नहीं एक्ट्रेस अब अपनी फिटनेस का भी ध्यान रखने लगी हैं और सोशल मीडिया पर अच्छी खासी एक्टिव हो गई हैं। लेकिन एक्ट्रेस ने ख़ुद को इतनी जल्दी कैसे संभाल लिया? इस सवाल का जवाब हैं एक्ट्रेस के बच्चे। मंदिरा का कहना है कि उनके बच्चे उनकी ताकत हैं, उनके जीने की वजह हैं। + +हाल ही में पीटीआई से बातचीत में मंदिरा ने बताया, ‘काम करते रहने, कोशिश करने और बेहतर करने के पीछे मोटिवेशन हैं मेरे बच्चे। मेरे बच्चे मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। जो भी करती हूं, मैं उनके लिए करती हूं मेरे आगे बढ़ने के पीछे, जिंदा रहने के पीछे और बेहतर से बेहतर करने के पीछे वही वजह हैं। वही वजह हैं जो मुझमें इतनी हिम्मत और ताकत है कि मैं कमा सकूं। मुझे उनके लिए अच्छा पैरेंट बनना है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51045.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b7a4d7ef7e61c04ed66d49e73837d30e8756c9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह बिल्कुल साफ था कि इस मुद्दे को वीकेंड का वार में उठाया जाएगा और ऐसा ही हुआ। शनिवार के एपिसोड में सलमान खान ने सभी को एक वीडियो फुटेज दिखाई। सलमान खान ने बाद में अभिजीत बिचुकले से कहा कि वह गलत थे। लेकिन गलती सिर्फ उनकी ही नहीं थी। उन्होंने देवोलीना से पूछा कि जब उन्होंने पहली बार उन्हें किस करने के लिए कहा था तो उन्होंने किस पर कोई मुद्दा नहीं उठाया। सलमान ने कहा कि टास्क रद्द होने के बाद ही उन्होंने राखी के साथ इस मुद्दे को क्यों उठाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51061.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21f3758fd871601f092307dbbf25a4d4d0d449ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 जैसे जैसे अपने अंजाम की तरफ बढ़ रहा है वैसे वैसे कई शॉकिंग ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं। खबर आ रही है कि इस हफ्ते एक एलिमिनेशन हो गया है जोकि काफी हैरान करने वाला है। शो में वैसे रोज नया धमासान मचा रहता है पर इस कंटेस्टेंट के बाहर जाने से समिकरण बहुत तेजी से बदलने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51113.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c52cdcb8e7ec9b661028a38951a287fdedd5d894 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसलिए लिया तलाक।स्निग्धा ने आगे कहा, मैं बेडरूम में थी और उसका परिवार हॉल में बैठा था लेकिन कोई भी मेरे बचाव में नहीं आया। वह बीच में ब्रेक लेता और थोड़ी देर बाद मुझे मारने के लिए वापस आ जाता। यह लगभग चार घंटे तक जारी रहा, जब तक कि मैं गंभीर रूप से घायल नहीं हो गई। जब उसे खून बहता हुआ देखा तब वो डर गया और मुझे हॉस्पिटल लेकर गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51116.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87c13a1ae96e5fc9b4be48254dde7bd9867385a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस 15' को लेकर दर्शकों में काफी क्रेज बना हुआ है। वहीं शो में जब से राखी सावंत और उनके पति की रितेश की एंट्री हुई है इसमे रोज ही कोई न कोई नया ड्रामा देखने को मिल रहा है। राखी ने साल 2018 में रितेश से शादी की थी। लेकिन राखी कभी भी अपने पति को कैमरे के सामने लेकर नहीं आईं। लेकिन जब से रितश की एंट्री 'बिग बॉस 15' में हुई है दर्शकों को रोज एक नया मसाला देखने को मिल रहा है। शो में लगातार राखी और रितेश का एक दूसरे के साथ रूठना-मनाना और झगड़ा-प्यार देखने को मिल रहा है। इसी बीच रितेश ने सबके बीच 'बिग बॉस' के शुक्रवार प्रसारित एपिसोड में कैमरे के सामने राखी को लिप लॉक किस किया। इस दौरान की तस्वीरें सोशल मीडियो पर तेजी से वायरल हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51122.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9a59d0dc73f19974b7be22711f9ccf8799e957b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 अपना आधा सफर पूरा कर चुका है और अब कंटेस्टेंट्ट के बीच टिकट टू फिनाले की झंग छिड़ी हुई है। बिग बॉस में इस वक्त टिकट-टू-फिनाले टास्क चल रहा है जिस पाने के लिए नॉन वीआईपी कंटेस्टेंट्स पूरी दमखम से लगे हुए हैं। वहीं इस टास्क में तड़का लगा रहे हैं वीआईपी कंटेस्टेंट्स। ज़ाहिर है हर कोई यहां फिनाले की टिकट पाने के लिए अपनी जान लगा रहा है, लेकिन इसी बीच राजीव और शमिता शेट्टी के बीच ज़ोरदार झगड़ा हो गया है जिसका छोटा सा प्रोमो कलर्स ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51126.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee25f7b5285efcf58e84626646b4bf7e81d34fdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51126.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केबीसी के मंच पर बयां किया किस्सा।अमिताभ बच्चन के अभिनय और पर्सनालिटी का हर कोई कायल है। उनके व्यक्तित्व की लोग मिसाल देते हैं पर हमेशा ऐसा नहीं था। केबीसी के सेट पर बिग भी ने अपने लंबाई को लेकर एक मजेदार किस्सा शेयर किया। हुआ ये कि गेम के दौरान जयेश ने अमिताभ बच्चन को बताया कि जब वो लोग सज-धज के बाहर निकलते थे तो लोग कहते थे कि क्या अमिताभ बच्चन बनकर निकल रहे हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51128.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9369ce6f4891e86c1923304bc8b6c596ea553ada --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आईं शो छोड़ने की खबर!।कोईमोई की खबरों की माने तो तारक मेहता में टप्पू का किरदार निभाने वाले राज अनादकत ने इस सिटकॉम को छोड़ने का मन बना लिया है। साल 2017 में भव्या गांधी ने टप्पू का किरदार और आगे निभाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद शो में राज की एंट्री हुई। उनके फैंस इस खबर को सुनकर जरूर बहुत दुखी होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5114.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd6b61ba331591b2c9340df377da2238dd31b41b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5114.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत कपूर भले ही फिल्मी लाइम लाइट से काफी दूर हो लेकिन सोशल मीडिया पर जबरदस्त एक्टिव रहती हैं। वो अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी फोटोज वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। इसी बीच उनकी एक वीडियो इंस्टाग्राम पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें वो समुंद्र किनारे योग करती दिख रही हैं। वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर कर मीरा ने एक लंबा-चौड़ा नोट भी शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51146.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51146.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adfe8582838c41a3b24588a84060680bab680610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51146.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में संजीदा शेख ने अपने इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो पोस्ट किया था। संजीदा के इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि उन्होंने रेड कलर की लॉन्ग स्कर्ट पहनी हुई है। इस ड्रेस के साथ संजीदा ने बेहद ही हॉट सी मैचिंग ब्रालेट कैरी की है। वहीं बैक से उनकी ब्रालेट काफी शॉर्ट है। इस दौरान संजीदा के बाल पूरे ओपन हैं। वहीं सबसे ज्यादा इस वीडियो में लोगों का ध्यान अपनी ओर यहां का व्यू खींच रहा है। संजीदा पहाड़ों के बीच बनें एक घर की बालकरी में खड़ी नजर आ रही हैं। उनके आसपास नजारा वाकई आपका दिल मोह लेने वाला है। इस वीडियो को हमेशा की तरह ही फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। इस वीडियो को अबतक हजारों लोग देख चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51155.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d47b04ef943d94f9f407b1217c8b3373dd6cc93d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुंदर लाल की सगी बहन हैं दिशा।दिशा वकानी के बारे में एक दिलचस्प बात जो कम ही लोगों को पता होगी वो ये कि उनके भाई मयूर वकानी भी तारक मेहता में ही अभिनय करते हैं। दरअसल, शो में जेठालाल के साले और दयाबेन के भाई का किरदार निभाने वाले सुंदरलाल असल में दिशा वकानी के सगे भाई मयूर वकानी हैं। शो में तो सुंदर अक्सर ही अपने जीजा जेठालाल के नाक में दम करते नजर आते हैं। ।जेठालाल के न्यौते को किया मना।हाल ही में खबर आई कि जेठालाल यानि दिलीप जोशी के बेटी की शादी इसी महीने होने वाली है। मुंबई के ताज होटल में से की जानी वाली इस शादी के लिए पूरी तारक मेहता की टीम को बुलावा भेजा गया है। जिसमें दिशा वकानी का भी नाम शामिल है। पर खबर है कि दिशा इस शादी में शामिल नहीं होंगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51192.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96f9a8653669caa89fc0939a2b670fbd2270e8a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शो के बीते एपिसोड में दिखाया गया था कि वनराज शाह किसी से फोन पर एक कोरियर की बात कर रहा था। फोन पर बात करते हुए वनराज कहता है कि वो कोरियर केवल उसी के हाथ में दिया जाए। वहीं अब आगामी एपिसोड में दिखाया जाने वाला है कि उस कोरियर में तलाक के कागजात होने वाले हैं। जो वनराज काव्या के हाथ में सौंपेगा। बा- बापूजी की शादी होने के बाद वनराज, काव्या के हाथ में तलाक के कागजात देता है। इसके बाद वनराज कहता है 'बा और बापूजी की दूसरी शादी हो गई, अब मेरे दूसरे तलाक का वक्त आ गया है।'।वनराज की ये बात सुनकर शाह परिवार हैरान हो जाता है। तो वहीं काव्या के पैरो- तले जमीन खिसक जाएगी। हालांकि ये तलाक होगा या नहीं इस बारे में तो पता नहीं है। लेकिन हो सकता है कि वनराज ऐसा काव्या को सबक सिखाने के लिए कर रहा हो। अब ये तो आगामी एपिसोड्स को देखकर ही पता चल पाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ अनुज और अनुपमा की नजदीकियां भी बढ़ रही हैं। ऐसे में अब कहानी लगता है एक दिलचस्प मोड़ लेने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51194.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3593b7702d5f66af76f06dedf62bce2af28db1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उर्फी जावेद को ट्रोल करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'अरे बहन थोड़ा सा भी इधर उधर हिल गया तो क्या करोगी, उप्स मूमेंट डाल देगें लोग।' वहीं दूसरे यूजर ने कहा, 'ये कुछ ज्याद ही हो गया है।' वहीं एक लिखता है, 'अल्हा करे तेज हवा चले और फिर...'। इस वीडियो पर इस तरह के कई कमेंट्स कर फैंस उर्फी को ट्रोल कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51199.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc9b0b45d16126280b4164067215ac3bb9cc8000 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + वीडियो में आप देख सकते हैं कि शमिता और देवोलीना के बीच झगड़ा होता है इस बीच शमिता कुछ ऐसा कह देती हैं जिससे देवो का पारा हाई हो जाता है और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगती हैं। लड़ते-लड़ते शमिता की तबीयत खराब हो जाती है और वो करण का हाथ पर ही बेहोश हो जाती हैं। शमिता को इस हालत में देख करण तुरंत उन्हें गोद में उठाते हैं और मेडिकल रूम की तरफ लेकर भागती हैं। हालांकि आगे क्या हुआ ये आज दिखाय जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51207.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0628fd4fc7dd929c717e4463563f601e1f000a3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्राइम पेट्रोल में किया है काम।शो में काम करने के बारे में बात करते हुए स्वाति ने कहा, 'मैंने शो में नंदिता पाटकर के लिए बॉडी डबल का काम किया। मैं इंडस्ट्री में कई सालों से हूं। नंदिता पाटकर किसी कारण से सेट पर लेट हो गई थीं, इसलिए मुझे उनकी भूमिका निभानी पड़ी क्योंकि एक शॉट में केवल उनके बैकसाइड की जरूरत थी।'।काम के बदले दिया से शर्मनाक ऑफर।घटना के बारे में बताते हुए स्वाति ने कहा, 'स्वप्निल लोखंडे (बंटी) ने मुझसे मेरा नंबर मांगा। बाद में उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं पुणे में काम करने को लेकर फ्लेक्सिबल हूं या नहीं। मैंने कहा हां, मैं फ्लेक्सिबल हूं और कहीं भी काम कर सकती हूं। फिर उन्होंने मुझसे पूछा, मैं इसके बदवे में उन्हें क्या दे सकती हूं। मैंने उनसे कहा कि मैं काम के बदले में उन्हें कमीशन दूंगी। लेकिन उन्होंने कहा कि वह कुछ और चाहते हैं। उन्होंने साफ कहा कि वो मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहते हैं। इसके बदले में मुझे और काम दिलाने का वादा भी किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51212.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e2a3ea326567a637e67f6b43caf971ac7c06aa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नजर आने वाली मुनमुन दत्ता उर्फ 'बबीता जी' ने सोशल मीडिया पर अपनी जिम सेल्फी शेयर की हैl उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि वह 4 महीने तक जिम नहीं कर पाई थीl हालांकि अब वह लगातार कर रही हैंl तारक मेहता का उल्टा चश्मा में मुनमुन दत्ता बबीता जी की भूमिका निभाती हैl यह काफी पसंदीदा शो हैl अब मुनमुन दत्ता ने अपनी सोशल मीडिया पर फोटो शेयर की हैl उन्होंने यह भी बताया कि लगातार जिम करने के कारण अब उन्हें अनुमानित रिजल्ट भी मिल रहे हैंl।मुनमुन दत्ता अपनी बॉडी फ्लॉन्ट करती आ रही हैं नजर।मुनमुन दत्ता ने पिंक कलर की गंजी और ब्लैक लेगिंग्स पहन रखी हैl इसके अलावा उन्होंने अपने बाल बांध रखे हैंl मुनमुन अपनी बॉडी फ्लॉन्ट करती नजर आ रही हैंl उन्होंने एक मिरर सेल्फी ली हैl।मुनमुन दत्ता ने कहा, 'अच्छी बॉडी पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूंl'।मुनमुन ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, 'इंकारनेशन 30 प्रोग्राम के साथ जुड़ी हूं और इसे लेकर काफी उत्साहित हूंl एक खास प्रकार का डायट कर रही हूं और जिम में एक्सरसाइज कर रही हूंl मेरे बॉडी में कई बदलाव हो रहे हैंl सबसे अच्छी बात यह रही कि 4 महीने बाद कसरत कर रही हूंl अब मुझे नियमित तौर पर जिम में पसीना बहाने की आदत हो गई हैl इसे एंजॉय कर रही हूंl मैं वापस आ गई हूंl जब भी समय मिलता है, मैं कसरत करती हूंl अच्छी बॉडी पाने के लिए अभी कड़ी मेहनत कर रही हूंl मैं इस जर्नी को एंजॉय करने वाली हूंl'।मुनमुन दत्ता की फोटो पर कई लोगों ने दी हैं प्रतिक्रिया।मुनमुन दत्ता की फोटो पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी हैंl एक सोशल मीडिया यूजर में लिखा है, 'पहले हो या बाद में लेकिन मैं जेठा की तरह हर बार आपसे प्यार करता हूंl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'वाओ मैमl'मुनमुन दत्ता अपने सह-कलाकार राज अनादकट के साथ अफेयर खबर को लेकर चर्चा में हैl वह तारक मेहता का उल्टा चश्मा में टप्पू की भूमिका निभाते हैं लेकिन दोनों ने अपने रिश्तो का खंडन किया हैl दोनों के बीच 9 वर्षों का अंतर हैl फैंस दोनों के अफेयर की बात सुनकर काफी उत्साहित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51229.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b64400406b346297cf5f6ff5eecb7369145aadb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब घर से बाहर आकर जय ने इन सारी आलोचनाओं का जवाब दिया है और अपने गेम के बारे में खुलकर बात की है। ईटाइम्स से बात करते हुए जय ने कहा, ‘शुरुआत के दो हफ्तों गेम मेरे इर्द-गिर्द घूम रहा था। मुझे बोला भी किया गया था कि मैं विनर बन सकता हूं। मैं जब घर में गया था तो ये सोचकर गया था कि घर में सबसे एंटरटेनिंग बनूंगा। उसके बाद मैं अकेला हो गया और मुझसे कहा गया कि मैं कुछ नहीं कर रहा। जब मैं कर रहा था तब भी और नहीं कर रहा था तब भी। पर सभी कुछ नहीं कर रहे थे, तो सबको बोलो ना। मैं कन्फ्यूज़ हो गया और पूछना चाहता था कि बता दो क्या करना है। इस सीज़न में विजेता के पैरामीटर्स पिछले सीज़न से बहुत अलग हैं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51235.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61318cfbe2b73592004ec19c1d6bcb98e4fd211e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेहंदी सेरेमनी की इन तस्वीरों में ऐश्वर्या शर्मा के साथ उनका परिवार और दोस्त भी नजर आ रहे हैं। ऐस्वर्या की बहनें और उनके माता- पिता के अलावा उनकी बेस्ट फ्रेंड आशना भी इस मेहंदी सेरेमनी का हिस्सा रहीं। ऐश्वर्या शर्मा की इन तस्वीरों को देख उनके फैंस और दोस्त अभिनेत्री की जमकर सराहना कर रहे हैं। साथ ही साथ उन्हें शादी की बधाई भी दे रहे हैं। बता दें कि नील और ऐश्वर्या की शादी मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हो रही है। उज्जैन ऐश्वर्या का होम टाउन है जहां ये दोनों परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में सात फेरे लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51237.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3077332d37eb84918851fb61e7de77e61f0c657b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुष्का सेन ने अपने मालदीव्स वेकेशंस की तस्वीरें आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए शेयर की हैं। इन तस्वीरों में अनुष्का बेहद हॉट नजर आ रही हैं। अनुष्का सेन ने तस्वीरों में बैकलेस मोनोकिनी हुई है। जिसमें अनुष्का बेहद हॉट दिख रही हैं। अनुष्का सेन ने सफेद रंग की लाल धारीदार मोनोकिनी पहनी है। जिसमें पीछे उनकी पीठ पर केवल एक डोरी बंधी हुई है। अनुष्का ये अंदाज उनके फैंस को खूब पंसद आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51249.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61bd6592def655fbe3a3fc93bf0d53d4d5bc9d2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 में राखी सावंत की एंट्री वाइल्डकार्ड के रूप में हुई और एंटरटेनमेंट क्वीन ने अपने रहस्यमय पति रितेश को अपने साथ लाकर सभी को चौंका दिया। इस तरह दर्शकों को भी राखी के पति को देखने का मौका मिल गया, जिसका सिर्फ वो इतने दिनों से नाम ही सुन रहे थे। ये सब देख कर शो होस्ट सलमान खान भी हैरान हैं। उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने राखी से रितेश को लेकर सवाल पूछा ही लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51261.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..076dc1e1d33d070b69bfbf6881469edac863fc3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Sanjeeda Shaikh Bold video: संजीदा शेख ने सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है जोकि काफी बोल्ड और हॉट होती हैl हालांकि अब उन्होंने सलवार सूट और ओढ़नी लेकर फोटो शूट किया हैl इसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैl।संजीदा शेख को तस्वीरों में दो अलग-अलग अंदाज में पोज करते हुए देखा जा सकता हैl उन्होंने वाइट कलर की ड्रेस पहन रखी है और ओढ़नी ले रखी है, उन्हें कैमरे की ओर देखकर पोज करते हुए देखा जाता हैl इस वीडियो को 5 घंटे में अब तक 70 हजार के करीब व्यूज मिल चुके हैl वहीं फैंस इसपर जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैंl एक फैन ने लिखा है, 'संजीदा द बार्बी डॉलl' वहीं एक फैन ने लिखा है, 'आप बहुत क्यूट लग रही हैंl' वहीं एक अन्य फैन ने लिखा है, 'आई लव यू सो मच संजीदा क्वीनl' एक फैन ने लिखा है, 'संजीदा जी आप सलवार सूट में कितनी प्यारी लग रही हैl'।संजीदा शेख कई टीवी शो और फिल्मों में काम कर चुकी हैंl उनकी भूमिकाएं काफी पसंद की गई है।  वहीं संजीदा शेख ने हाल ही में एक बार फिर हॉट और बोल्ड फोटो शेयर की हैl टीवी एक्ट्रेस संजीदा शेख ने अपनी एक्टिंग से सभी को चौंका दिया हैl अब वह अपने बोल्ड लुक को लेकर काफी चर्चा में रहती हैl संजीदा शेख की हॉट और बोल्ड तस्वीरें और वीडियो फैंस काफी पसंद करते हैंl दरअसल संजीदा बेटी या बहू के रूप में टीवी में नजर आई हैl हालांकि अब वह बोल्ड लुक में नजर आती हैl इसके चलते उनके फैंस काफी उत्साहित रहते हैंl ।संजीदा शेख के फैंस उनके पोस्ट को लेकर एक्साइटेड रहते हैंl अब संजीदा शेख ने अपनी हालिया फोटो से लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैl इसमें वह काफी बोल्ड नजर आ रही हैl दरअसल तस्वीरों में संजीदा शेख ने ब्रालेट पहन रखी है और वह पोज दे रही हैl ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51267.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9686f87328952083acbb0b38a19f2a6b4a8699b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51267.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब बिग बॉस के घर में दाखिल होने से पहले रश्मि ने एक वीडियो जारी करके अपने फैंस से खास अपील की और उनसे माफी भी मांगी। रश्मि ने वीडियो में कहा कि उनके फैंस के जहन में कई तरह के सवाल उमड़ रहे होंगे। वो शो में क्यों जा रही हैं। कुछ लोग कह रहे होंगे कि यह अच्छा फैसला है। रश्मि वीडियो में कहती हैं कि यह उनके लिए आसान फैसला नहीं था। फैंस से अपील करते हुए कहती हैं कि 13वें सीजन में दर्शकों ने खूब प्यार दिया था। हो सके तो इस बार भी दीजिए। अगर कुछ गलत कर दूं तो माफ कर दीजिएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51268.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a3211895606d9623cf0d9d0d890d49a7dc052cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करोड़पति के सीजन 11 में कई लोग को करोड़पति बने का मौका मिला। इस सीजन में पहले करोड़पति रहे बिहार के सनोज राज। सनोज ने बेहतरीन खेल दिखाया और 1 करोड़ रुपये जीते। वहीं सीजन की दूसरी करोड़पति रहीं महाराष्ट्र की बबीता ताड़े, जिन्होंने एक करोड़ रुपए की बड़ी रकम जीती। वहीं तीसरे नंबर पर फिर बिहार के गौतम कुमार झा रहे। आपको जानकर हैरानी होगी कि चौथे करोड़पति भी बिहार से रहे। बिहार के अजीत कुमार ने इतना बढ़िया गेम खेला कि अमिताभ बच्चन ने भी इनकी प्रशंसा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51282.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..765bdbdd21137411226641dea3ed62d1a1686526 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51282.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फैंस को भाती है ये जोड़ी।दरअसल, गौरव जिसे किस कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि उनकी पत्नी आकांक्षा चमोला हैं। हाल ही में गौरव और अकांक्षा ने अपने रिश्ते के 5 साल पूरे किए, इसी मौके पर ये खास रोमांटिक तस्वीर शेयर की गई। वैसे आकांक्षा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं, फॉलोवर्स उनकी बोल्ड तस्वीरों को पसंद करते हैं। वो स्वरागिनी' में परिणीता का रोल निभा चुकी हैं। साथ ही आकांक्षा का हॉट लुक काफी वायरल होता है। गौरव और आकांक्षा की लवबर्ड्स केमिस्ट्री भी यूजर्स को काफी भाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51304.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f862af18dc1cc42a87b8d2e01fc1fd6c10fdca0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Sanjeeda Shaikh Bold Video: टीवी की जानी मानी एक्ट्रेस संजीदा शेख हमेशा ही अपनी बोल्डनेस की वजह से चर्चा में रहती हैं। संजीदा छोटे पर्दे की ग्लैमरेस एक्ट्रेसेस में शुमार हैं। संजीदा आए दिन अपनी बोल्ड और हॉट तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। वहीं फैंस को भी संजीदा के लेटेस्ट अपडेट्स का बेसब्री से इंतजार रहता है। एक्टिंग के साथ संजीदा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। इसी बीच संजीदा ने अपनी बेदह ही हॉट वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो को देखकर फैंस क्रेजी हो रहे हैं। यहां देखें संजीदा का लेटेस्ट वीडियो...।संजीदा शेख ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपना एक लेटेस्ट वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि वह फ्रंट ओपन ड्रेस में काफी बोल्ड नजर आ रही हैं। इस दौरान संजीदा ने ऑरेंज कलर की ड्रेस पहनी है। वहीं वह अपने बालों को पीछे करते हुए दिख रही हैं। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर आग लगा रहा है। इस वीडियो में संजीदा मेकअप रुम में दिखाई दे रही हैं। वहीं अबतक इसे तीन लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। वहीं इस पर कमेंट कर लगातार फैंस संजीदा की तारीफ करते दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5132.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c039f22afc01cbf9eb3cd739cee3dcdf5a0833a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5132.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटो में शाहिद कपूर ब्लू कलर की शर्ट और ब्लैक पैंट में नजर आ रहे हैं। तो वहीं एक्टर वत्सल ऑल ब्लैक अंदाज में दिख रहे हैं। इस अनदेखी फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर कर वत्सल सेठ ने शाहिद को टैग करते हुए कैप्शन लिखा, बीते दिनों का धमाका... शाहिद क्य तुमको ये याद है। अभिनेता की इस थ्रोबैक फोटो में उनके फैंस को खूब पसंद आ रही हैं। साथ ही वो कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और फोटो में दिख रहे शक्ख के बारे में पूछ रहे हैं। वहीं एक फैन ने फोटो पर कमेंट कर अभिनेता से कहा कि तुम इतने पुराने हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51322.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e1444d65682b6520bf1e6f54036029a45434b49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 15 के घर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। इस दौरान मीडिया कर्मियों ने घरवालों को जमकर ग्रिल किया। एक पत्रकार ने तेजस्वी प्रकाश से शमिता शेट्टी को 'डॉमिनेटिंग' और 'बॉसी' कहने के बारे में पूछा। शमिता तब तालियां बजाती नजर आईं जब पत्रकार ने तेजस्वी से पूछा कि आप पूरा दिन करण कुंद्रा के आसपास रहतीं हैं तब ये बॉसी नहीं होता?।विशाल की लगी क्लास।पत्रकारों ने विशाल कोटियन को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने विशाल को राकेश बापट को लेकर किए गए कमेंट याद दिलाए। बता दें कि राकेश शो में वाइल्ड कार्ड के तौर पर एंटर हुए थे पर खराब तबियत के चलते 15 दिन में ही शो से बाहर हो गए। विशाल हर वक्त शमिता  को बहन,बहन कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51367.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a8c63a946d2e11f24a1ced2d2626be3435953c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51367.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंकिता की बेचलरेट पार्टी के फोटोज़ और वीडियोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनमें एक्ट्रेस अपने दोस्तों के साथ जीभरकर मस्ती करती दिख रही हैं। पार्टी में अंकिता ने पर्पल कलर की फ्रॉक पहनी हुई है जिसमें वो काफी क्यूट लग रही हैं। किसी वीडियो में अंकिता अपनी खास दोस्त रश्मि देसाई के साथ स्टेज पर परफॉर्म करती दिख रही हैं तो वहीं किसी वीडियो में एक्ट्रेस केक काटती नज़र आ रही हैं। देखें तस्वीरें और वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51372.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42fe8bb39a54596b3cbe155eba73a80ac66d5d30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डोनल के अलावा कुछ और लोगों के भी वाइल्ड कार्ड में आने की चर्चा शुरू हो गई है। बिग बॉस के बारे में सबसे सटीक जानकारी देने वाले फैन पेज द खबरी की खबर के मुताबिक शो में एक्स कंटेस्टेंट अकासा, बिग बॉस ओटीटी कंटेस्टेंट अक्षरा और जीशान को भी बिग बॉस 15 के लिए अप्रोच किया गया है, हालांकि इनके नाम अभी कन्फर्म नहीं हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51385.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3a096ded4562eba4ea20c9cc805ae27a31c8e46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Just to clear the air Karan is very vocal about his relationships and she is just a really good friend. It’s technically no one’s business but to bring someone else’s name in the picture is wrong. Please be kind.।अगले ट्वीट में रोहिणी ने लिखा, ‘ट्रेंड्स पर फोकस करे बेवकूफी वाली अफवाहों पर नहीं BB15 SHER KARAN'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51392.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f22dbdf98d9c745201cfc597263e671afba4a8fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रश्मि देसाई उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जो बिग बॉस 15 को लेकर लगातार प्रतिक्रिया देती रहती हैं। वह सोशल मीडिया के जरिए इस शो को लेकर अपनी राय भी देती रहती हैं। रश्मि देसाई सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस के लिए खास तस्वीरें और वीडियो भी शेयर करती रहती हैं। रश्मि देसाई ने अपनी राय देते हुए बिग बॉस 15 के विजेता की घोषणा की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51423.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fc368700ee0af5c4fdf55e7e7d367f644e18642 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51423.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बोल्ड लुक में आईं नजर ।संजीदा शेख ने दरअसल टॉवल में फोटोशूट कराया है। टॉवल में उनका ये बोल्ड फोटोशूट लोगों को काफी पसंद आ रहा है। सफेद टॉवल और खुले हुए बालों के साथ वो किलर लुक दे रहीं हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इस वीडियो को शेयर किया है। वीडियो में उन्होंने एक साथ कई तस्वीरों को क्लब किया है। + +वीडियो में दिखा नो मेकअप लुक।वीडियो में संजीदा शेख खुद को एक टावल से ढकती हुई नजर आ रही हैं। संजीदा अपने हाथ से टावल पकड़े हुई दिखाई दे रही है। वहीं, अगर संजीदा के निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने एक्टर आमिर अली से शादी रचाई थी। दोनों हालांकि अब अलग हो चुके हैं। आमिर और संजीदा सेरोगेसी के जरिए एक बेटी के माता-पिता बने थे। उनकी बेटी का नाम आयरा है, दोनों अक्सर आयरा की भी तस्वीरें शेयर करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51441.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..541876e6dc02a31a300772e331d17a015dd0e029 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं एक यूजर ने उनकी तारीफर करते हुए लिखा, 'हाय हॉटी...।' वहीं एक यूजर तो रश्मि से एक्ट्रेस काम्य पंजाबी की शिकायत तक करने लगा। वह कमेंट सेक्शन में लिखता है, 'आप काम्या पंजाबी को कॉल करके पूछो क्या प्रॉबलम है उनको तेजा यानी तेजस्विनी से। उनकी तो शादी हो गई है। फिर क्यों करण कुंद्रा के पीछे हैं। इनती इनसिक्योर हैं वो जब भी ट्वीट करती हैं।' वहीं एक ने कमेंट ने में लिखा, 'जान लोगी क्या...' ।रश्मि देसाई के वर्कफ्रेंट की बात करें तो उन्होंने सबसे पहले टीवी सीरियल 'रावण' में मंदोदरी का किरदार निभाया था। लेकिन उन्हें सही मायने में पहचान मिली साल 2009 में शुरू हुए टीवी शो 'उतरन' से मिली थी। इसके बाद उन्होंने कई टीवी सीयिरल और भोजपुरी फिल्मों में काम किया। वहीं सोशल मीडिया पर भी वह लगातार एक्टिव हैं। वह अपने फैंस से जुड़े रहने का एक भी मौका हाथ से जानें नहीं देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51447.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15060514b68355ff1c3b6019430ba63717558bda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसा इसलिए, क्योंकि वीडियो टीवी के सबसे विवादित शोज में से एक बिग बॉस के पहले सीजन का है। अगर आप रूपाली के करियर की पृष्ठभूमि से परिचित नहीं हैं तो आपको जानकर ताज्जुब होगा कि एक्ट्रेस ने बिग बॉस के पहले सीजन में भाग लिया था। इस सीजन में राखी सावंत, अमित साध, राहुल रॉय, रवि किशन, दीपक तिजोरी, आर्य बब्बर, कश्मीरा शाह, दीपक पाराशर, बाब सहगल, सलिल अंकोला जैसे चर्चित सेलेब्रिटीज शामिल हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51454.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ccb9f96135b6fd160c0d61511dfd7fa5340f647 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। श्वेता तिवारी टीवी की उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जो अपने ग्लमैरस अंदाज के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं। उनकी बेटी पलक तिवारी भी खूबसूरती में अपनी मां से कम नहीं हैं और भी सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी बोल्ड और ग्लैमरस तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। अब पलक तिवारी और श्वेता तिवारी अपने एक खास वीडियो की वजह से चर्चा में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51457.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a3f8802d5abd94d74d238135abe5a88364d31a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में 'बापू जी' यानी 'चंपकलाल' का रोल अमित भट्ट ने निभाया है। अमित ने तारक मेहता के अलावा कई और शोज में भी काम किया है। वहीं उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करे तो उनकी रियल लाइफ पार्टनर का नाम क्रुति भट्ट है। अमित अक्सर अपनी पत्नी के साथ खूबसूरत और रोमांटिक तस्वीरें सोशल मीडिया पर फैंस के बीच शेयर करते रहते हैं। इस प्यारे से कपल की तस्वीरें उनके फैंस भी काफी पसंद करते हैं। वहीं अमित और क्रुति दो बेटे के माता-पिता हैं जो काफी क्यूट हैं। अमित का एक बेटा तारक मेहता शो में एक्टिंग भी कर चुके हैं। वो कुछ एपिसोड में टप्पू का दोस्त बनकर दिखाई दिया था। उनके दोनों बेटों का नाम देव और दीप है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51464.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e20e40c24ad2a8f7372a43f922678941d939481 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की जानीमानी निर्देशक और निर्माता एकता कपूर का मोस्ट पॉपुलर सीरियल ‘नागिन’ एक बार फिर शुरू होना वाला है। एकता कपूर ने हाल ही में ‘बिग बॉस 15’ के मंच से ये ऐलान कर दिया कि ‘नागिन 6’ जल्द छोटे पर्दे पर दस्तक देने जा रहा है। अब फैंस को नागिन के लिए बस ढाई महीने का इंतजार और करना होगा। एकता ने बताया कि ‘नागिन 6’ अगले साल 30 जनवरी से ऑनएयर हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51465.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4378dc4d5d3e0dec9df5bb0cf42e7f85d989436 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गीता सिंह गौड़ एक हाउस वाइफ हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन के शो में पहुंचकर 1 करोड़ रुपये जीते हैं। इस बात की जानकारी सोनी टीवी चैनल ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। सोनी टीवी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर केबीसी 13 से जुड़ा एक वीडियो प्रोमो जारी किया है। इस वीडियो प्रोमो में गीता सिंह गौड़ अपने संघर्ष के बारे में बताती हुई दिखाई दे रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51470.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5a1ae3a48e1aaddaf7153e86725d02bd5a64d79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51470.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। तारक मेहता का उल्टा चश्मा टीवी पर अपने 3000 हजार एपिसोड पूरे कर चुका है। पिछले 13 सालों से चल रहे इस पॉपुलर सिटकॉम में जाने कितने किरदार अब तक बदले जा चुके हैं। एक ऐसा ही किरदार है तारक मेहता की पत्नी अंजलि तारक मेहता। शो में अंजलि के रूप में नजर आने वाली सुनैना फौजदार ने सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड तस्वीर शेयर की है जो काफी तेजी से वायरल हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51474.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bd50262da40e005f6da6094aec4a99555671d48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51474.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आसिम रियाज के साथ शादी करने को लेकर हिमांशी खुराना ने कहा, 'शो से बाहर आने के बाद हम दोनों में ही काफी बदलाव आया है। निजी और प्रोफेशन लाइफ में हम काफी समझदार हुए हैं। आसिम को बहुत अच्छे ट्रैक्स मिले हैं जो दर्शकों को काफी पसंद आए। मैं उस पर गर्व महसूस करती हूं। उसके अंदर बहुत एनर्जी है और वह हमेशा कुछ नया करना चाहता है मुझे उसकी यह बात बहुत अच्छी लगती है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5148.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e9657613a0104a71a46c5c4098fc9647b0e8cd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबा अली खान ने सोशल मीडिया पर मां अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और पिता मैसूर अली खान को याद दिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शर्मिला टैगोर और मैसूर अली खान की एक थ्रोबैक तस्वीर शेयर की है। यह तस्वीर उनकी सगाई के समय की है। इस तस्वीर में शर्मिला टैगोर और मैसूर अली खान का रॉयल अंदाज देखते ही बन रहा है। शर्मिला टैगर तस्वीर में दुल्हन की तरह सजी दिखाई दे रही हैं। वहीं मैसूर अली खान भी काफी स्मार्ट नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51503.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e39ed80529e48c72923ab6a48945459aa3e8c3d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51503.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में निया शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी बेहद ही बोल्ड तस्वीरें पोस्ट की थी। इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि निया ने व्हाइट कलर का बेहद ही हॉट सा शॉर्ट टॉप पहना हुआ है। इस तस्वीर में गोवा वेकेशन एंजॉय करती दिख रही हैं। वहीं इन तस्वीरों में उन्होंने अपने आस पास के खूबसूरत नजारे को भी फैंस को दिखाया है। अबतक इन तस्वीरों को अबतक दो लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। वहीं फैंस इस पर लगातार कमेंट्स करते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51523.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c3430b3be3643e79ad42d7907863d745ccb2f84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुपमा के दर्शक इस दृश्य में अंतर्निहित सामाजिक संदेश की खूब तारीफ कर रहे हैं। बुरके में महिला को दिखाकर यह साफ कर दिया गया कि बच्चा मुस्लिम है और वो भगवान कृष्ण की वेशभूषा में है। शो की मौजूदा कहानी का यह छोटा-सा दृश्य फैंस को खूब पसंद आ रहा है और वो शो के मेकर्स की इसके लिए तारीफ कर रहे हैं। ।एक भावुक फैन ने लिखा कि यह हिस्सा बेहद प्यारा था। एक अन्य फैन ने लिखा कि कान्हा जी आप हमेशा मुश्किलों से बाहर निकाल लेते हो। कुछ फैंस को अनुपमा के स्वाभिमान की लड़ाई में अनुज कपाड़िया की चुप्पी और खामोश सपोर्ट भी पसंद आ रहा है। फैंस को यह ट्विस्ट इसलिए भी पसंद आ रहा है, क्योंकि यह सास-बहू के ड्रामे से अलग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51532.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5979c13dd2f787d47473f0f118a0083cdfe03254 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51532.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये कंटेस्टेंट हुई बाहर।इस हफ्ते तीन कंटेस्टेंट नॉमिनेट हुए थे। जिसमें अकासा सिंह, सिंबा नागपाल और विशाल कोटियन का नाम शामिल था। इनमें से सबसे कम वोट मिलने के कारण अकासा घर से बेघर हो गईं। सलमान ने कंटेस्टेंट के लिए कुछ प्लान भी बनाए थे। उन्होंने अफसाना, विशाल, तेजस्वी और निशांत से घर के अन्य सदस्यों से गाना गाने के लिए कहा। इसके बाद होस्ट सलमान ने रैपर बादशाह का स्टेज पर स्वागत किया, जहां उन्होंने 'जग घुमेया' का हुक स्टेप किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51540.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1829e5b6942f13517ee8c93aeb4b873862d3a436 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51540.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'पवित्र रिश्ता 2' से छोटे पर्दे पर वापसी करने वाली अंकिता लोखंडे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज में कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किया। इन तस्वीरों और वीडियोज में वो अपने दोस्तों और बॉयफ्रेंड विक्की जैन के साथ मस्ती करती नजर आईं। दोनों ने साथ में जमकर डांस किया। वहीं अंकिता और विक्की डांस करते करते इतने खो गए कि दोनों से कुछ ऐसा हो गया जो अब फैंस का ध्यान खींच रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51541.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7acfb03439000ebdbc9548ff81f78e75db5e52b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोशल मीडिया पर मोनालिसा की यह तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। अभिनेत्री के फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनकी तस्वीरों को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ की कमेंट कर मोनालिसा की तस्वीरों को जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। इससे पहले मोनालिसा इंस्टाग्राम अकउंट पर अपना एक हॉट वीडियो पोस्ट करने की वजह से चर्चा में थीं। इस वीडियो में उन्होंने अपने बोल्ड अंदाज से फैंस के होश उड़ा दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51542.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5610fe99401c463e64fedbd20125a9208d3e4d6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे का रियलिटी शो बिग बॉस 15 आए दिन चर्चा में रहता है। शनिवार और रविवार को इस शो का वीकेंड का वार एपिसोड होता है, जिसे मशहूर अभिनेता सलमान खान होस्ट करते हैं। इस बार शनिवार को वीकेंड का वार एपिसोड में सलमान खान काफी गुस्से में नजर आए। उन्होंने बिग बॉस 15 के कई कंटेस्टेंट्स की जमकर क्लास भी लगाई है। इनमें अभिनेत्री तेजस्वी प्रकाश का भी नाम शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51559.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8db4b63db53f6743d44feb478572398f15fb532f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मदालसा इन दिनों शो में अनुपमा की सौतन का किरदार निभा रही हैं। मदालसा टीवी इंडस्ट्री की एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिनकी खूबसूरती के चर्चे किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से कम नहीं है। मदालसा की खूबसूरती ने फैंस को दीवाना बना दिया है। यही वजह है कि जब भी वे अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं वो देखते ही देखते वायरल हो जाती हैं। उनकी हर तस्वीर पर फैंस जमकर रिएक्शन देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51562.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89fb1024451af115ab307dd51d0430c813ce4e47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वनरान ने अनुपमा के चरित्र पर और उंगली उठाई और ऐसे में अनुपमा के सामने कोई विकल्प नहीं बचेगा और वो घर छोड़ने पर मजबूर हो गई है। वो सबके सामने अनुपमा के दामन पर दाग लगाते हुए कहेगा कि अनुज कपाड़िया के साथ अनुपमा ने एक कमरे में रात गुजारी है। अनुपमा को गुस्सा आ जाएगा और वो कहेगी कि अग्निपरीक्षा राम को दी गई थी, रावण को नहीं। अनुपमा अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए नया सफर तय करने के लिए निकल पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51564.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d235098d694f196c08d654543388b6d3e0659ad9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उर्फी जावेद ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपनी एक बेहद ही हॉट तस्वीरें पोस्ट की है। इस तस्वीर में वह ब्लैक कलर की बेहद ही हॉट ड्रेस में हाई थाई स्टाइल ड्रेस में कहर ढाह रही हैं। उनकी इस ड्रेस का गला आगे से काफी डीप है। इस ड्रेस के साथ उन्होंने मैचिंग फुटवियर कैरी किया है। वहीं उनका पोज देने का अंदाज काफी कातिलाना है। यकीनन उर्फी की इस तस्वीर को फैंस हमेशा की तरह ही बेदह पसंद कर रहे होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51587.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbd799d6d167880c694584aa5c077c277bce126a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजीव के इस रिएक्शन के पीछे एक और वजह भी मानी जा रही है। खबरें हैं राजीव और ईशान पहले रिलेशनशिप में रह चुके हैं, खबरों के मुताबिक ईशान बायसेक्शुल हैं। हालांकि शो में अब तक न तो इसका जिक्र ईशान की तरफ से हुआ है और ना ही राजीव की तरफ से। लेकिन जब से राजीव घर में आए हैं वो जिस तरह ईशान और मायशा के अफेयर से चिढ़ रहे हैं ये बात ना तो ईशान को हज़म हो रही है और ना ही दर्शकों को। बीते एपिसोड में ईशान को राजीव से ये कहते हुए भी देखा गया था कि ‘आप जिस तरह की बातें कर रहे हो उससे मेरा मज़ाक बन रहा है, लोग मुझे गलत समझ रहे हैं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51592.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e1a7bf86fb42101ed45a51408161de9deb7709a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51592.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी एक्टर करण कुंद्रा इस वक्त ‘बिग बॉस 15’ के सबसे चर्चित और मज़बूत प्लेयर में से एक हैं। करण को न सिर्फ दर्शक बल्कि घर में आने वाले मेहमान और घर के सदस्य भी काफी पसंद कर रहे हैं। करण को फराह ख़ान ने नंबर 1 कंटेस्टेंट बताया था इसके अलावा घरवाले भी उन्हें घर का सबसे सच्चे इंसान का खिताब दे चुके हैं। + +इन सबके अलावा करण इन दिनों तेजस्वी से दोस्ती को लेकर भी काफी खबरों में हैं। करण और तेजस्वी के बीच एक अलग तरह का बॉन्ड देखा जा रहा है जो दोस्ती से कुछ ज्यादा ही नज़र आ रहा है। बीते दिनों तो दोनों शादी और बच्चों को लेकर भी बातचीत करते नज़र आए। इसी दौरान करण ने तेजस्वी के सामने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड अनुषा का भी जिक्र किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51613.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f302076ef21d8619991a8f4fbbd8599ae0aecadd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51613.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस ओटीटी से सुर्खियां बटोरने वाली उर्फी जावेद अक्सर लाइम लाइट में बनी रहती हैं। उर्फी जावेद अपने ड्रेसिंग सेंस की वजह से चर्चा का विषय बनी रहती हैं। लेकिन अपनी ड्रेसेज की वजह से चर्चा पाने वाली उर्फी जावेद को अब उनके डिजाइयर ने ही धोखा दे दिया है। जिसकी वजह से उर्फी को खुद ही अब अपने लिए ड्रेस बनानी पड़ रही है। जिसके बारे में उर्फी ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी है। + +बता दें कि उर्फी जावेद बिग बॉस ओटीटी की कंटेस्टेंट रह चुकी हैं। शो में उर्फी केवल एक हफ्ता ही बिता पाई थीं। जिसके बाद उर्फी अपने ड्रेसिंग स्टाइल को लेकर चर्चा में बनी रहती हैं। उर्फी ने बिग बॉस ओटीटी में भी अपनी क्रिएटिविटी दिखाई थी। उन्होंने पॉलीथिन से ड्रेस बनाकर पहनी थी। उनकी इस क्रिएटिविटी को लोगों ने खूब पसंद भी किया था। जिसके बाद अब लोगों की निगाहे उर्फी जावेद की फिल्म फेयर की ड्रेस पर है जिसे वो खुद डिजाइन कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51622.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbb8d7cc7f8977f6dc7b5809031ce897068f4e6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब आर्यन को ट्रोल करते हैं तो मैं कौन हूं।उर्फी जावेद ने आगे कहा कि मैं बोलने से पहले सोचती नहीं हूं। कई लोगों के लिए यह बुरी चीज हो सकती है, लेकिन मेरे लिए नहीं, क्योंकि मैं ऐसी ही हूं। ऐसे ही मैं कुछ भी पहनने से पहले सोचती नहीं हूं। वैसे मुझे ट्रोल्स के लिए बुरा लगता है कि उन बेचारों की जिंदगी कुछ अच्छा नहीं चल रहा कि करने को कुछ नहीं तो उल्टा सीधा बोलने लगते हैं। मैं केवल एक ही चीज जानती हूं कि लोग शाह रुख खान के बेटे को ट्रोल कर सकते हैं तो मैं कौन हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51649.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b04f75936de673a8ba9689df7334e21e9664d1ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51649.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Sahil ne hotseat par aakar AB sir se kiye aise sawaal, jinhe sunkar lot-pot ho gaye saare darshak! Miss mat kijiyega iss funny moment ko #KaunBanegaCrorepati mein, aaj raat 9 baje, sirf Sony par.#SawaalJoBhiHoJawaabAapHiHo @SrBachchan pic.twitter.com/muNHyqFgLX।साहिल ने अमिताभ बच्चन से कहा कि आप तो तापसी पन्नू के साथ काम कर चुके हैं आप उनको अच्छे से जानते हैं। साहिल बिग बी से पूछते हैं कि आपको तो उनके बारे में अंदर की बात पता होगी, 'सर उन्हें खाने में वैसे क्या पसंद है?’ इस सवाल के जवाब में अमिताभ कहते हैं, ‘ये नहीं पता कि उन्हें क्या पसंद है लेकिन ये जरूर पता है कि उन्हें खाना बेहद पसंद है।’ अमिताभ के इस जवाब पर साहिल एक बार फिर पूछते हैं, ‘किस टाइप का?’ जिस पर अमिताभ कहते हैं, ‘ऐ भाई साहब हॉट सीट ई नहीं ऊ है।’।साहिल इसके बाद भी नहीं रुकते हैं। वह एक और सवाल अमिताभ से पूछते हैं, ‘पिंक में आपने तापसी मैम को बचाया है तो बदला में फंसा क्यों दिया?’ इसके जवाब में अमिताभ कहते हैं, ‘अद्भुत हैं भाई साहब आप!’। जब आपको उन्हें फंसाना ही था तो बचाया ही क्यों?। ये सुनते ही बिग बी कहते हैं हां भाई यानी हम ही गुनहगार हैं। वहां बैठा हर कोई बिग बी की बात सुनकर हंसाने लगता है। वहीं तापसी पन्नू ने इस प्रोमो को देखने के बाद साहिल के लिए लिखा है, ‘साहिल मुझे छोले भटूरे सबसे ज्यादा पसंद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5165.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5165.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19f2e99abc117e4a84e202220b1b607cf96fcf7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5165.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताहिरा कश्यप सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वो अक्सर अपनी कई तस्वीरें फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। अब हाल ही में ताहिरा कश्यप ने अपने वेकेशंस से तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में ताहिरा कश्यप का बोल्ड अंदाज नजर आ रहा है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए ताहिरा कश्यप ने अपनी बॉडी को लेकर पॉजिटिव पोस्ट लिखा है। जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51657.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cadfb270c18c5f7024442ca841210551a29e7c70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl द कपिल शर्मा शो में कपिल शर्मा ने सोनाक्षी सिन्हा द्वारा दीपिका पादुकोण की सराहना किए जाने पर अपने मन की बात कही हैl सोनाक्षी सिन्हा द कपिल शर्मा शो में इस सप्ताह नजर आने वाली हैl शो से जुड़ा नया प्रोमो जारी कर दिया गया हैl इसमें कपिल शर्मा दीपिका पादुकोण को कहे गए 'परफेक्ट' कमेंट से पीछे हटते नजर आएंगेl इसके पीछे उन्होंने रणवीर सिंह से उनकी शादी कारण बताया हैl कपिल शर्मा दीपिका पादुकोण को लेकर अपने क्रश के बारे में बात करते रहे हैंl।कपिल शर्मा सोनाक्षी सिन्हा से दीपिका पादुकोण के परफेक्ट कमेंट पर बात करते हैंl इसपर वह अपनी बात कहते है, 'मुझे छोड़कर उसने रणवीर से शादी की, काहे की परफेक्टl' इसपर सोनाक्षी सिन्हा कपिल शर्मा को टेबल पर रखा केला देती हैंl अर्चना पूरन सिंह इसे 'ए कंसोलेशन' प्राइज बताती हैl इसपर कपिल शर्मा कहते है, 'हमारी किस्मत में यही लिखा हैl'।इसके पहले सोनाक्षी सिन्हा जब शो में आती है, तब वह कपिल शर्मा को भैया कहकर पुकारती हैl इसपर सभी लोग हंसने लगते हैंl दरअसल द कपिल शर्मा शो में कपिल शर्मा अक्सर फ्लर्ट करते नजर आते हैंl कपिल शर्मा कहते है, 'अब तो मेरे दोनों बच्चे भी पूछते हैं, सोनाक्षी बुआ कब आ रही हैl'।इसके बाद शो में सिंगर सोनू निगम भी नजर आते हैंl सोनू निगम ने अपनी पहली फिल्म जानी दुश्मन एक अनोखी कहानी के बारे में भी बात की हैl उन्होंने कहा, 'मेरा पहला एक्सपीरियंस इतना अच्छा रहा है जानी दुश्मन फिल्म करके, मैंने बोला उसके बाद नमस्ते कर लेते हैंl' इसके पहले द कपिल शर्मा शो में तापसी पन्नू, सुप्रिया पाठक और अभिषेक बनर्जी के साथ रश्मि राकेट प्रमोट करते नजर आई थी। द कपिल शर्मा शो काफी पसंद किया जाता हैl इस शो को कपिल शर्मा होस्ट करते हैl वहीं शो में अर्चना पूरण सिंह बतौर जज नजर आती हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51668.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..827b92177c4f71daff170b8524415ac909eacdb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Man this is gonna be the best.. Am watching them in repeat.. Isiliye post karne mein time lagraha hai hayyeee yaar... Kisi ki nazar na lage.. Please God #TejRan pic.twitter.com/EQ47RKkymo।सोशल मीडिया पर इन दोनों को यह प्यारभरा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश के फैंस वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपको बता दें कि हाल ही में प्रसारित हुए एपिसोड में तेजस्वी प्रकाश और करण कुंद्रा जंगल एरिया में बैठे होते हैं। इस दौरान अभिनेता उनसे अपनी दिल की बात करते हुए कहते हैं, 'मैं कुछ दिनों से तुमसे कुछ दूरी महसूस कर रहा हूं। तुमसे साथ बातचीत करना, तुमसे संपर्क करना या तुमसे बात करना थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है। यह कई बार दर्दनाक होता है।'।I can’t even right now uff #TejRan pic.twitter.com/G2m0RO9lPB।करण कुंद्रा ने आगे कहा, 'हमने कभी साथ में बात नहीं की। मुझे लगता है कि यह पहली बार है जब हमारे फुटेज एक साथ आएंगे। मैंने सोचा था कि जब तुमने कहा था कि हमारे वाइब्स मेल खाते हैं और हम एक साथ बात करते हैं, तो यह अच्छा होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।' करण कुंद्रा से इस बात की भी स्वीकार किया है कि वह बाकि किसी के सामने नहीं कह सकते जो तेजस्वी के बारे में महसूस करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51669.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..faa27dacd790eabb3eb621eed0f2be104ae3f9dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले रुपाली गांगुली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिथुन चक्रवर्ती संग कई तस्वीरें शेयर कर पुरानी यादें ताजा की थीं। उन्होंने अपनी पोस्ट में इस बात का भी खुलासा किया था कि बतौर एक्ट्रेस उन्होंने अपनी पहली फिल्म मिथुन के साथ की थी। इस फिल्म का नाम 'अंगारा' था। इस फिल्म को किसी और ने नहीं बल्कि खुद रुपाली गांगुली के पिता अनिल गांगुली ने डायरेक्ट किया था। उन्होंने इस पोस्ट में ये भी बताया कि मैंने कभी कैमरा फेस नहीं किया। वहीं सेट पर मिथुन और पापा से मुझे बहुत डांट पड़ती थी। साथ ही रुपाली ने ये भी लिख कि ऐसे ​इसलिए क्योंकि जब मैं एक्टिंग को सीरियली नहीं लेती थी तब मिथुन उन्हें कई बार डांट चुके हैं। फिल्म 1996 में आई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5168.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5e449b4aa610b92286ad1097e4a96962b8d4ea3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl विकी कौशल की गर्लफ्रेंड कटरीना कैफ ने सरदार उधम फिल्म की समीक्षा की हैl उन्होंने इस फिल्म को 'दिल तोड़ने वाला' बताया हैl कटरीना कैफ हाल ही में विकी कौशल की फिल्म सरदार उधम की स्पेशल स्क्रीनिंग पर नजर आई थीl अब कटरीना कैफ ने इंस्टाग्राम पर फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए अपनी बात कही हैl।कटरीना कैफ ने लिखा है, 'सुजीत सरकार के अच्छे विचार हैl बहुत ही अच्छी फिल्म, बहुत ही अच्छी कहानी हैl विकी कौशल बहुत अच्छे कलाकार हैl वह ईमानदार हैl यह कहानी दिल तोड़ने वाली हैl' इसके साथ उन्होंने टूटे दिल और जुड़े हाथ की इमोजी मोदी शेयर की हैl कटरीना कैफ को फिल्म की स्क्रीनिंग पर देखा गया थाl इस अवसर पर उन्होंने स्कर्ट और टॉप पहन रखा थाl।वहीं फिल्म की स्क्रीनिंग पर सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी भी नजर आए थेl सरदार उधम को सकारात्मक रिव्यू मिल रहे हैंl यह फिल्म 16 अक्टूबर को अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई हैl सुजीत सरकार सरदार उधम को 20 वर्ष से बनाना चाहते थे, जब वह जलियांवाला बाग नरसंहार स्थल पर गए थेl तब से वह इस फिल्म को बनाना चाहते थेl पहले इस फिल्म को इरफान खान करने वाले थेl हालांकि उनके निधन के बाद यह भूमिका विकी कौशल को मिलीl विकी कौशल और कटरीना कैफ का अफेयर लंबे समय से चल रहा हैl दोनों के अफेयर की पुष्टि सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर ने की हैl हालांकि इन दोनों ने अपनी ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की हैl इसके बावजूद दोनों कई अवसर पर साथ देखे जाते हैंl दोनों की तस्वीरें और वीडियो बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51688.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b757b23c741aab2f87849358efcc77506c9c5e65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेजस्वी और जय के बीच हुआ झगड़ा : कलर्स ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें कैप्टंसी टास्क की वजह से जय और तेजस्वी के बीच जोरदार झगड़ा होता दिख रहा है। वहीं शो की बात करें तो बिग बॉस 15 में अभी सिर्फ एक ही एलिमिनेशन हुआ है, और वो हैं साहिल श्रॉफ। इस वीकेंड घर से कोई भी सदस्य बेघर नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_517.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7834f2c2d70d564e3e2ed6e9835ca099ad45ee2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_517.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री जाह्नवी कपूर हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्माता बोनी कपूर और सुपरस्टार अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी हैं। जाह्नवी कपूर ने साल 2018 में फिल्म धड़क से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद वह कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं। अब जाह्नवी कपूर ने अपने नाम को लेकर बात की है। साथ ही बताया है कि उनके माता-पिता ने यह नाम क्यों रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51712.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be20b5a1289e0c71aace91c12cfb5421a8561489 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51712.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। टेलीविजन धारावाहिक 'उतरन' से घर- घर में 'इच्छा' के नाम से अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री टीना दत्ता इन दिनों अपने लुक्स से सभी को इम्प्रेस कर रही हैं। टीना दत्ता सोशल मीडिया पर फैंस को बताती रहती हैं कि वो ना केवल एक सीधी- साधी संस्कारी लड़की हैं बल्कि समय आने पर ग्लैमरस और स्टाइलिश भी बन सकती हैं। अब हाल ही में टीना दत्ता के विजयादशमी लुक पर फैंस फिदा हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51729.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fb746dce5ab17923f382cb9ad762e2aaf73d618 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनी टीवी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर अपकमिंग एपिसोड के कुछ प्रोमो शेयर किए हैं जिनमें अमिताभ, हेमा मालिनी और रमेश सिप्पी मज़ेदार बातें करते नज़र आ रहे हैं। वहीं एक प्रोमो में रमेश सिप्पी ये बताते दिख रहे हैं कि उन्होंने ‘शोले’ के लिए अमिताभ को ही क्यों कास्ट किया? वहीं वीडियो में अमिताब, जया बच्चन के एक सीन को लेकर एक मज़ेदार खुलासा करते भी बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51753.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f216aab2273f102c38ef22c0e63489bab3d04c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51753.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जय भानुशाली ने भी मायशा अय्यर और ईशान सहगल के रिश्ते पर सवाल किया। साथ ही कहा कि उन्हें और बाकि कंटेस्टेंट्स को लगता था कि शो के अंतर इतना रोमांस दो-ढाई महीने बाद जाकर देखने को मिलता है। प्रसारित हुए एपिसोड में जय भानुशाली मायशा अय्यर और ईशान सहगल से कहते हैं, 'तुम लोगों ने हमें मार दिया है। तुम दोनों ने अपने रोमांस से हमें परेशान कर दिया है। हम लोगों को लगा यह सब ढाई महीने में होगा, लेकिन यह लोग तो ढाई दिन में शुरू हो गए।'।जय भानुशाली के अलावा बिग बॉस 15 के अन्य कंटेस्टेंट्स भी मायशा अय्यर और ईशान सहगल के रिश्ते को लेकर मजे ले रहे हैं। वहीं अमर रियाज ईशान सहगल से कहते हैं कि मायशा अय्यर गेम के लिए उनका इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि ईशान सहगल उनकी इस बात को मानने के लिए राजी नहीं होते हैं। आपको बता दें कि मायशा अय्यर और ईशान सहगल को हाल ही में खुलेआम कैमरे की परवाह किए बिना ही एक-दूसर के काफी नजदीक देखा गया था। + +इतना ही नहीं दोनों खुल्लम खुल्ला एक-दूसरे के साथ लिप लॉक और रोमांस करते नजर आ रहे थे। वहीं वह कंबल के अंदर एक दूसरे के साथ रोमांस कर रहे हैं तो कभी कैमरे के सामने लिप लॉक कर रहे हैं। मायशा और ईशान अब घर में ज्यादातर वक्त साथ ही बिताते हैं। इस वजह घरवाले उनकी काफी खिंचाई भी करते हैं। वैसे यह पहली बार नहीं है जब दोनों को करीब देखा गया हो इससे पहले भी दोनों का किस करते हुए वीडियो सामने आया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51768.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22b490e7f6530c3dd32999ae0ca77b3975c7b96c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जीशान खान ने पोस्ट में आगे लिखा, 'ऐसा वर्णन केवल परियों की कहानियों में ही मिलता है और हां मुझे मालूम है कि ऐसे लोग हैं जो अपने ऊपर संदेह करते हैं। वह एहसास करते हैं कि इस तरह का प्यार सच्चा नहीं हो सकता है। दरअसल लोग आमतौर पर उस पर भरोसा नहीं करते हैं, जो उन्हें लगता है कि उनके पास नहीं हो सकता है। मेरी इच्छा है कि हर शख्स मेरे प्यार को महसूस करे, क्योंकि बहुत कुछ ही मैजिकल होना, परी कथा से कम नहीं है। तुम मेरी गर्ल हो और मैं पूरी दुनिया को बताना चाहता हूं कि तुम मेरी गर्ल हो, हर शख्स को बताना चाहता हूं कि तुम मेरी गर्ल हो। आई लव यू बेबी बन्स!' ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51771.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..debae74c45733d306a021bdbb354c0475b407d9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51771.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी अभिनेत्री श्वेता तिवारी अपनी निजी जिंदगी को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली अभिनेत्रियों में से हैं। श्वेता तिवारी अक्सर अपने फैंस के लिए खास और ग्लैमरस तस्वीरें और वीडियो भी शेयर करती रहती हैं। वह अपने बच्चों के साथ मस्ती करते हुए भी तस्वीरें और वीडियो भी शेयर करती रहती हैं। अब वह अपने खास वीडियो की वजह से चर्चा में हैं। + +श्वेता तिवारी ने हाल ही में अपना 41वां जन्मदिन मनाया है। इस मौके पर वह अपने बेटी पलक तिवारी और बेटे रेयांश के साथ गोवा पहुंचीं। इस समय श्वेता तिवारी गोवा में हैं। वह यहां से अपनी खास तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार शेयर कर रही हैं। श्वेता तिवारी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर बेटी पलक के साथ अपना खास और ग्लैमरस वीडियो शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51772.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdde6a74c76f0679e36d03a908e4bd429d5c4195 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता रवि दुबे और अभिनेत्री निया शर्मा छोटे पर्दे के उन कलाकारों में से एक हैं, जिनकी जोड़ी को पर्दे पर काफी पसंद किया गया है। इन दोनों ने शो जमाई राजा में साथ काम किया था। शो के अंदर इन दोनों की केमिस्ट्री देखते ही बनती थी। जमाई राजा को करते हुए रवि दुबे और निया शर्मा काफी अच्छे दोस्त बन गए थे, लेकिन एक समय ऐसा जब दोनों की दोस्ती में दरार आ गई और झगड़ा हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51783.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..891b582eb9ac8fc783250abd451cbfd58d4988b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51783.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मलाइका अरोड़ा की शादी सलमान खान के भाई अरबाज खान से हुई थीl हालांकि उन्होंने अरबाज खान से तलाक ले लिया है और अब उनका अफेयर अर्जुन कपूर से चल रहा हैl दोनों को लेकर खबरें है कि दोनों जल्द शादी कर सकते हैl हालांकि दोनों ने अभी तक शादी की डेट की पुष्टि नहीं की हैl अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा अक्सर एक-दूसरे के साथ नजर आते हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51809.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc2b8ae13a94bf6060dafcc8b2ed6a14ced2b69d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटो को शेयर करते हुए राखी सावंत ने कैप्शन में लिखा, 'ये कौन है?' बता दें कि एक्ट्रेस की इस तस्वीर पर न सिर्फ फैंस बल्कि स्टार्स भी कमेंट कर रहे हैं। राखी की तस्वीर पर जस्लीम मथारू ने कमेंट करते हुए लिखा, 'बूढ़ी होने पर भी तुम कभी ऐसी नहीं लगोगी। तुम सेक्सी ही लगोगी।' वहीं एक एक यूजर ने उन्हें ट्रोल करते हुए लिखा, 'राखी या तुम्हारा फ्यूचर है।' इस तस्वीर को अबतक हजारों लोग देख चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51810.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e860cdb54bb2f606de1ab67fd6165a8fdd0f0f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51810.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता अमिताभ बच्चन के क्विज शो केबीसी 13 (कौन बनेगा करोड़पति 13) में आम से लेकर खास लोग नजर आते हैं। इस शो में बहुत से लोग अपने ज्ञान के दम पर लाखों रुपये जीतते हैं। वहीं केबीसी 13 के कंटेस्टेंटे्स शो में पहुंचकर अमिताभ बच्चन को अपनी जिंदगी से जुड़ी खास बातें और संघर्ष के बारे में भी बताते हैं। हाल ही में केबीसी 13 में पुणे की रहने वाली मनोविज्ञान सहायक प्रोफेसर, रश्मि कदम पहुंचीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51820.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb4a9058100c02b30cdd2badfede6120b4998031 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51820.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl कौन बनेगा करोड़पति 13 में इस सप्ताह रितेश देशमुख और जेनेलिया देशमुख आनेवाले हैl इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने पत्नियों की तेज याददाश्त का मजाक उड़ाया है। इसपर जेनेलिया डिसूजा ने काफी मजेदार रिएक्शन दिया हैl यह एपिसोड शुक्रवार को प्रीमियर होगाl शो का एक प्रोमो ऑनलाइन जारी किया गया है। वीडियो में अमिताभ रितेश और जेनेलिया से शो की तैयारियों के बारे में पूछते है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51839.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac07f9800fb540e2b22e7a8565db5ab5e8ebe746 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में नट्टू काका का रोल निभाकर दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले ​वेटरन एक्टर घनश्याम नायक का हाल ही में निधन हुआ है। महीनों कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझने के बाद घनश्याम नायक ने 3 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। एक्टर के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। हर किसी को उनके जाने का बेदह गम हैं। एक्टर के निधन के बाद फैंस और उनकी पूरी स्टार कास्ट उनके साथ बिताए खास पलों की तस्वीरें पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजली दे रहा है। इसी बीच अब शो टप्पू ने नट्टू काका के साथ अपनी आखिरी मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की है जो तेजी से वायरल हो रही हैं। यहां देखें तस्वीरें...।'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में जेठालाल और दयाबेन के बेटे का किरदार निभाने वाल टप्पू यानी राज अनादकत ने अपने इंस्टाग्राम पर नट्टू काका से आखिरी मुलाकात की तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में राज और घनश्याम नायक एक साथ मेकअप रूम में साथ खड़े होकर सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं। दोनों की ये मुस्कुमराते हुए की सेल्फी वाकई में हर किसी का दिल जीत रही हैं। फोटो में नट्टू काका ब्लैक कलर के कुर्ते में दिख रहे हैं तो वहीं टप्पू ब्लू टीशर्ट में काफी हैंडसम दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51853.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b33120fa850a0037abe53c985e57ea23f2921223 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सुपर डांसर चैप्टर 4 के एपिसोड में तब्बू और शिल्पा शेट्टी साथ नजर आई हैl दोनों ने मंच पर धमाकेदार परफॉर्मेंस दिया है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा हैl दरअसल सुपर डांसर चैप्टर 4 का फिनाले वीक शुरू हो गया हैl यह 5 एपिसोड का होगाl इसमें हर टॉप फाइव कंटेस्टेंट ट्रॉफी के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करेगाl सुपर डांसर चैप्टर 4 का सेमीफाइनल स्टेज पर पहुंच गया हैl इसमें 5 प्रतियोगी शामिल हैl इनके नाम फ्लोरिना गोगोई, पृथ्वीराज कोंगरी, संचित चनन, ईशा मिश्रा और निरजा तिवारी शामिल हैl सभी एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं ताकि वह यह शो जीत सकेl इसे 'नाचपन का महा महोत्सव' नाम दिया गया हैl।आज के एपिसोड में शिल्पा शेट्टी के साथ तब्बू शानदार डांस करती हैंl आज के एपिसोड में शिल्पा शेट्टी के साथ तब्बू नजर आती है जो कि स्टेज पर धमाकेदार परफॉर्मेंस करती हैl शो के निर्माताओं ने नया प्रोमो जारी किया हैl इसमें 'रुक-रुक-रुक' गाने पर दोनों का डांस करते हुए देखा जा सकता हैl शिल्पा शेट्टी ने पीले रंग की साड़ी पहन रखी हैl वहीं तब्बू ने चमकदार साड़ी पहन रखी हैl चैनल ने वीडियो शेयर कर लिखा, 'सुपर डांसर के सुपर 5 एपिसोड को सुपर डुपर हिट बनाने आ रही है तब्बूl'।शिल्पा शेट्टी ने इसके पहले एक वीडियो शेयर किया थाl इसमें वह तब्बू के साथ नजर आ रही थीl वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, 'रुक-रुक-रुक' जल्द कुछ कुक होने वाला हैl मैं आपको शो पर पाकर बहुत खुश हूंl' तब्बू इस मौके पर होली होली गाने पर भी डांस करेंगीl।पिछली रात शो के टॉप 5 प्रतियोगियों की घोषणा कर दी गई हैl सुपर डांसर चैप्टर फोर के विनर की घोषणा 52 घंटे की वोटिंग के आधार पर होगाl सुपर डांसर चैप्टर 4 एक लोकप्रिय शो हैl इस शो को काफी पसंद किया जाता हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51855.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02837642d7b3e2c5c5a03799d7aded11508d35cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस 15 का आगाज हो गया है। इस बार शो के अंदर टीवी के अन्य सितारों के अलावा बिग बॉस ओटीटी के तीन कंटेस्टेंट्स ने भी एंट्री ली है। यह कंटेस्टेट्स शमिता शेट्टी, प्रतीक सहजपाल और निशांत भट्ट हैं। रविवार को बिग बॉस 15 के ग्रैंड प्रीमियर पर इन तीनों ने सलमान खान के साथ स्टेज शेयर किया। इस दौरान शमिता शेट्टी और निशांत भट्ट के भी नोंक-झोंक देखने को मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51857.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75da54f73f643d7bec6e7bdbb218db990f44cc79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सलमान खान के शो का हिस्सा बनने से पहले डॉनल बिष्ट ने अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई खुलासे किए। उन्होंने कास्टिंग काउच से जुड़ा अपना एक अनुभव शेयर किया। डॉनल बिष्ट ने खुलासा किया कि एक निर्देशक ने फिल्म में काम करने के लिए उन्हें अपने साथ सोने को कहा था। अभिनेत्री ने कहा, 'यह मेरे करियर के शुरुआती दिनों की बात थी। सब जानते हैं कि शुरुआती दिनों में यह कैसे होता है जब आप कुछ नहीं होते हैं और लोग आपको अप्रोच करते रहते हैं। तब तक मैंने ठीक से इंडस्ट्री में कदम भी नहीं रखा था।'।हालांकि डॉनल बिष्ट का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में इंडस्ट्री में बहुत कुछ बदल गया है, उन्होंने कहा, 'अब लोग कभी भी मुझे उस तरह से अप्रोच नहीं करते क्योंकि वह देख सकते थे कि मैं एक मजबूत लड़की हूं। मैंने कभी उस तरह की जगह नहीं दी। लेकिन कुछ लोग बुरे होते हैं, उनका आप कुछ नहीं कर सकते हैं? आपको अपने मूल्यों के बारे में जानना होगा और कुछ भी गलत नहीं होगा। मेरे साथ हुई बस यही एक घटना थी लेकिन इसे 'हे भगवान, सब लोग डॉनल बिष्ट के पास ऐसे पहुंचे' के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।'।इसके अलावा डॉनल बिष्ट ने अपने बारे में और भी कई खुलासे किए हैं। बात करें बिग बॉस 15 की तो उन्होंने सलमान खान से शो में आसिम रियाज के भाई उमर रियाज और अभिनेता ईशान सहगल के साथ एंट्री ली। शो में बिग बॉस 13 के रनरअप रहे आसिम रियाज के भाई उमर रियाज पहुंचे। अपने भाई उमर रियाज को चियरअप करने के लिए स्टेज पर आसिम रियाज खुद भी आए और उन्होंने सलमान खान के साथ मिलकर जमकर एंटरटेन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51862.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc35b3d03c95594c426a4cc9ad21523270659d6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शो के ग्रैंड प्रीमियर की शुरुआत हो चुकी है। सलमान खान ने अपने जाने- माने धमाकेदार अंदाज में शो की शुरुआत की। अभिनेता ने शो की थीम 'जंगल में होगा दंगल' की थीम को ध्यान में रखते हुए बीवी नंबर के गाने 'जंगल है आधी रात है' पर अपना पावरपैक परफॉर्मेंस दिया। इसके बाद उन्होंने 'एक था टाइगर' के गाने 'स्वैग से करेंगे सबका स्वागत' पर भी परफॉर्म किया। इस धमाकेदार परफॉर्मेंस के साथ सलमान ने जिस तरह से शो का आगाज किया उसे देख शो को देखने की दिलचस्पी और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51871.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13e02305f25edf5b6211c463dba914bb6ed7c33d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निया शर्मा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक बेहद ही बोल्ड तस्वीर पोस्ट की है। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि निया सिर्फ एक पिंक कलर की टॉवेल में नजर आ रही हैं। इस फोटो में वह बिना मेकअप भी फैंस के होश उड़ाती नजर आ रही हैं। एक्ट्रसे की इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि उनकी अदाएं देखने लायक हैं। वहीं निया ने अपने बालों को उपर कर के बन बनया हुआ है। इस लुक में वह काफी हॉट दिख रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5188.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b98af6ccb9d8aa30f14d3964e9aeca6082900286 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। देशभर में आज (शुक्रवार) दशहरे (विजयादशमी) का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के इस पर्व पर तमाम लोगों ने शुभकामनाएं भी दीं। बॉलीवुड की तरफ से भी कई स्तियों ने दर्शहरे की शुभकामनाएं अपने फैंस को दीं। इसी बीच बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली कंगना रनोट ने भी अपने फैंस को सोशल मीडिया के जरिए दशहरे पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। कंगना ने अपनी आगामी फिल्म 'सीता' की पूरी टीम की तरफ से शुभकामनाएं दी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51902.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f657f9bca68993074d733b0f1cd696ae022708e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी की अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। श्वेता की तबीयत की खबर जैसे ही वायरल हुई उनके पति अभिनव कोहली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिया। एक्ट्रेस की सेहत पर चिंता जताने वाले अभिनव ने लगे हाथ उन्हें ताना भी मार दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51914.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56d72f01432af53657ebd037400ace9f966261e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें ​कि सरबजीत सिंह पेशे से एक टीचर हैं। फिलहाल वह कश्मीर में पोस्टेड हैं। केबीसी में सरबजीत अपने पिता और पत्नी के साथ आए थे। शो के दौरान उन्होंने बताया कि जिस स्कूल में वह पढ़ाते हैं वो एलओसी के पास स्थित है। वहीं कभी-कभी उनके बच्चों को पढ़ाते समय एलओसी पर फायरिंग की आवाज सुनाई देती हैं। यही नहीं कभी-कभी उनके स्कूल में ही बंकर बनाया जाता हैं। जिसकी वजह से 10-15 दिनों तक ​स्कूल बंद करना पड़ता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51919.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..038101a6291b88e899a823dea403d9367bbe8741 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंकिता लोखंडे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वो अक्सर अपनी कई तस्वीरें और वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। अब हाल ही में अंकिता ने अपने 'अर्चना' के किरदार के लिए एक इमोशनल पोस्ट लिखा है। इस किरदार के साथ ही अंकिता ने अपने करियर की शुरुआत की थी। वहीं अब उन्होंने एक पोस्ट कर अपने इस करिदार का अपने जीवन में महत्व बताया है। अंकिता ने बताया है कि ये किरदार उनके जीवन में कितना स्पेशल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51920.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b87c01b63b4002978610f01231de20187feabe40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51920.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत से हर कोई सदमे में है। सिद्धार्थ के फैन से लेकर उनके दोस्त और साथ में काम करन वाले स्टार्स तक, अब तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। सिड को गुज़रे हुए भले ही एक महीना होने वाले हो, लेकिन सेलेब्स अब तक उनसे जुड़ी यादों को शेयर कर रहे हैं और उनकी मौत पर दुख ज़ाहिर कर रहे हैं। + +इसी बीच हाल ही में बिग बॉस 13 में सिद्धार्थ के साथ नज़र आ चुकीं टीवी एक्ट्रेस आरती सिंह ने अपनी और सिड को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। आरती ने बताया कि वो दो साल से सिद्धार्थ के कॉन्टेक्ट में नहीं थी और इसकी वजह थीं सिड की रूमर्ड गर्लफ्रेंड शहनाज़ कौर गिल। हालांकि आरती को इस बात का अफसोस है कि उन्होंने सिद्धार्थ से बात करना छोड़ दी थी। + +ईटाइम्स से बात करते हुए आरती ने बताया, ‘मैं करीब दो साल से सिद्धार्थ के टच में नहीं थी। आखिरी बार हमने फरवरी 2019 में बात की थी, उसके बाद हमारी बात ही नहीं हुई। सिद्धार्थ और मेरी दोस्ती को लेकर जो बातें कहीं जा रही थीं मैं कहीं न कहीं उन बातों से प्रभावित हो रही थी। मुझपर आरोप लगाए गए कि मैं सिद्धार्थ और शहनाज़ की दोस्ती के बीच में आ रही हूं, और इस बात ने मुझे बहुत अफेक्ट किया। इसके बाद मैंने फैसला कर लिया कि इनसे दूरी बना लूंगी। क्योंकि मैं इनकी दोस्ती के बीच में नहीं आना चाहती थी। मैं वो नहीं हूं जो किसी की भी जिंदगी का तनाव बन जाए।'।आगे आरती ने कहा 'अब मुझे अफसोस है कि मैने उससे दो साल से बात नहीं की थी। हालांकि मैंने कई मौकों पर उसे कॉल करने के बारे में सोचा, पर नहीं किया मुझे लगा वो खुश है, उसे अपनी जिंदगी जीने दो। लेकिन किसी को भी नहीं पता था कि ऐसा हो जाएगा। ये बहुत दुखद और तोड़ देने वाला है। मेरा दिल शहनाज़ के लिए बहुत भारी रहता है, इस हादसे ने मुझे सिखाया कि हमेशा अपने दिल की सुननी चाहिए। सामने वाले का रिएक्शन मत सोचो, मुझे शायद ये सुकून रहता कि मैंने कोशिश तो की’। आपको बात दें कि 2 सिंतबर को हार्ट अटैक की वजह से सिद्धार्थ का निधन हो गया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51926.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62cca83c8e98c124e8ea2547721816dce4890ff0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिना कहती हैं- मैं कश्मीरी हूं और धारा प्रवाह कश्मीरी बोल सकती हूं, लेकिन मुझे कास्ट नहीं किया गया, क्योंकि मेरा रंग डस्की था और मैं बहुत गोरी नहीं हूं। मुझे वाकई बुरा लगा था। जब आप भाषा इतनी अच्छी तरह बोलते हो तो किरदार के साथ कमाल कर सकते हो। हिना ने कहा कि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोशिश करती रहीं। ।हिना ने 2007 से 2016 तक यह रिश्ता क्या कहलाता है में काम किया था। इस शो में अक्षरा सिंघानिया के किरदार में उन्हें ज़बरदस्त लोकप्रियता मिली थी। कसौटी ज़िंदगी शो में हिना ने कोमोलिका का रोल निभाया था। यह किरदार भी काफ़ी चर्चित रहा। 2020 में हिना नागिन 5 में नज़र आयी थीं। बिग बॉस 14 में भी हिना ख़ान सिद्धार्थ शुक्ला के साथ सीनियर के रूप में दिखायी दी थीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_51933.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_51933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2c2d47226d5f0bc8797f33aad2e0b3bf4b8ceb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_51933.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नंदनी की होंगी प्राइवेट तस्वीरें लीक।दूसरी तरफ शाह हाउस में भी खलबली मची हुई है। जैसा कि आपने पहले भी देखा है कि रोहन हार मानने को तैयार नहीं है, वो कैसे भी नंदिनी को वापस पाना चाहता है। समर और नंदिनी को अलग करने के लिए वो हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। रोहन, अपनी और नंदिनी की आपत्तिजनक तस्वीरें समर को भेजेगा। समर इन तस्वीरों को देखने के बाद रोहन पर गुस्सा होगा, कहेगा कि वो उसकी प्राइवेट लाइफ खराब कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52004.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa7c327e95e7ec455a4effac2188aa4194e0d8a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52004.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शमिता शेट्टी हाल ही में ‘बिग बॉस ओटीटी’ से घर वापस लौटी हैं। शमिता पिछले 6 हफ्तों से ‘बिग बॉस’ के घर में बंद थीं, लेकिन अब शो खत्म हो चुका है और शमिता घर वापस आ गई हैं। घर वापस आकर शिल्पा ने अपनी बहन का बड़े प्यार से स्वागत किया है। शिल्पा ने अपने इंस्टाग्राम पर शमिता के साथ कुछ फोटोज शेयर की हैं जिनमें दोनों बहनें काफी खुश नज़र आ रही हैं। दोनों एक दूसरे को बड़े प्यार से गले लगा रखा है और एक दूसरे को किस कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52005.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9858ff05b1130d029d1cb94dea24beec98893163 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, इस हफ्ते ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ में गोविंदा और चंकी पांडे बतौर गेस्ट नज़र आने वाले हैं। उससे पहले सोनी ने इंस्टा पर कुछ प्रोमो शेयर किए हैं जिसमें से एक प्रोमो में शिल्पा शो छोड़ने की बात कह रही हैं। वीडियो में सभी बच्चे पावरफुल परफॉर्मेंस देते नज़र आ रहे हैं। इसी बीच कोरियोग्राफर पंकज और कंटेस्टेंट परी गोविंदा के गाने ‘क्या चलती है हाय रब्बा’ पर मस्त डांस करते दिख रहे हैं। उनका डांस देखकर चंकी पांडे हैरान रह जाते हैं और कहते हैं, ‘ओहहह बाप रे’ इसके बाद शिल्पा कहती हैं ‘मैं ये शो छोड़कर जा रही हूं औकात ही नहीं है हमारी इन्हें जज करने की’। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52007.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a59479f2fa7eb746b09f879746e2fb8b4ca0f2ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52007.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चारु असोपा ने अपने मैटरनिटी फोटोशूट के दो वीडियो शेयर किए हैं। पहले वीडियो में चारु पहले सफेद रंग की गाउन पहनी रहती हैं। इसके साथ उन्होंने टियारा भी लगाया हुआ है। इसके बाद उन्होंने एक अन्य वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में चारु पहले काले रंग के गाउन में नजर आती हैं। इसके बाद चारु को नीले रंग का रफल्ड गाउन पहनी हैं। इसके बाद चारु बेज कलर का गाउन पहनती हैं। इन सभी फोटोशूट्स में अभिनेत्री बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं। + +चारु का ये मैटरनिटी फोटोशूट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को चारु के फैंस और उनके दोस्त खासा पसंद भी कर रहे हैं। बता दें कि चारु असोपा, सुष्मिता सेन के भाई राजीव सेन की पत्नी हैं। राजीव और चारु ने साल 2019 में एक दूसरे के साथ शादी की थी। दोनों की शादी गोवा से हुई थी जिसके बाद से ही दोनों काफी चर्चा में रहे हैं। बीच में कुछ दिन पहले इन दोनों के अलग होने की खबरें भी सामने आई थीं। हालांकि राजीव और चारु असोपा ने इन्हें बेबुनियाद बताया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52010.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1225be6cc91e4b0e898a21bae3ea31f54a1c6647 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने कहा है कि सिद्धार्थ शुक्ला उनके खास दोस्तों में से एक थे और अभिनेत्री ने उनके निधन की वजह से अपनी रोका सेरेमनी को काफी साधारण तरीके से मनाया। आस्था चौधरी जल्द ही में टीवी अभिनेता आदित्य बनर्जी से शादी करने वाली हैं। उन्होंने बीती 10 तारीख को अपने होमटाउन इलाहाबाद में आदित्य के साथ रोका किया है। आस्था चौधरी ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट बॉम्बे टाइम्स से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सिद्धार्थ शुक्ला के साथ अपनी बॉन्डिंग और अपने रोके को लेकर ढेर सारी बातें कीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52019.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e407e7895efddedb8d69d2f6f59a380f2d5a670f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2016 में यश ने बंगाली फ़िल्म गैंगस्टर के साथ बंगाली सिनेमा में डेब्यू किया और फिर वहीं के होकर रह गये। यश की आख़िरी रिलीज़ फ़िल्म एसओएस कोलकाता है, जिसमें नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती ने फीमेल लीड रोल निभाये। इस साल बंगाल चुनाव से पहले यश ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी। उन्होंने चांदीतला विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गये। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद यश और नुसरत की नज़दीकियों की ख़बरें आयी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52024.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..112e8425011da5187cab90d92f31cf83296fc147 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राखी को इस खबर से झटका लगा है और उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि मनोज ने ये कदम उठाया है। पैपराज़ी से बात करते हुए राखी ने कहा, ‘मैंने उनके साथ इंटरव्यू किया था, इस घटना से मैं बहुत दुखी हूं’। इसके बाद राखी पूछती हैं उनका और साहिल के बीच क्या झगड़ा हुआ था? पैपराज़ी जवाब देते हैं ‘सप्लीमेंट को लेकर कुछ...’। इसके बाद राखी कहती हैं, ‘आज की पीढ़ी बहुत ड्रग्स वगैरा लेती है ऐसा नहीं लेना चाहिए'। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52045.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1f921b5308fe9a9882302256593d4d5ff61ea0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुलाकात के बाद स्पॉटब्वॉय से बातचीत में अभिनव ने बताया, ‘मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूं कि शहनाज गिल और सिद्धार्थ शुक्ला के परिवार को शक्ति मिले। मैं और रुबीना उनकी मां से मिले और वह धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनकी दर्द को शांत करें’। आपको बता दें कि 2 सितंबर को उस समय आम से लेकर हर खास इंसान तक का दिल टूट गया था जब अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला के निधन की खबर सामने आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52058.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07bf44d1be2a036ac0ac99f5342b93a8ca3ade24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटो शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, ‘इस शो में परफॉर्म करने का मेरा फैसला पूरी तरह सफल रहा। मुझसे नफरत करने वालों को भी शुक्रिया (अगर आपने मन में मेरे खिलाफ कुछ है तो)। जो बेशुमार प्यार आप लोगों ने मुझे दिया, जो सपोर्ट आप लोगों ने मुझे दिया और मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मैं मानती हूं कि मैं कम बोलती हूं लेकिन मेरे शब्द बहुत मायने रखते हैं। लव यू ऑल’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52067.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb20cadbef62c9f9e55056d31bedc4df41bfda65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52067.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी अभिनेत्री अंकिता लोखंडे जल्द अपने शो 'पवित्र रिश्ता' के सीजन 2 में नजर आने वाली हैं। उन्होंने शो के पहले सीजन में भी काम किया था। 'पवित्र रिश्ता' में अंकिता लोखंडे दिवंगत अभिनेता सुशांति सिंह राजपूत के साथ नजर आई थीं। शो में इन दोनों ने मानव और अर्चना का किरदार निभाया था जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था, लेकिन अब 'पवित्र रिश्ता 2' में सुशांत सिंह राजपूत का किरदार अभिनेता शाहीर शेख निभाने वाले हैं। + +आपको बता दें कि 'पवित्र रिश्ता' का पहला सीजन साल 2009 में आया था। इस शो का निर्देशन एकता कपूर ने किया था। 'पवित्र रिश्ता' को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। इस शो में अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत ने छोटे पर्दे पर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इतना ही नहीं 'पवित्र रिश्ता' की शूटिंग के दौरान इन दोनों कलाकार को एक-दूसरे से प्यार भी हो गया था। हालांकि कुछ समय बाद अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत का ब्रेकअप हो गया था।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52069.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63323e685ecd3839e8d3342d25b1f5888ee9c77f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिग बॉस 15 के वीडियो प्रोमो में सलमान खान कहते हैं, 'यहां जगने-जगाने की, चिढ़ने-चिढ़ाने की तो है, लेकिन कहां हैं सुविधाएं सोने की 'विश्वसुंत्री'।' वहीं प्रोमो में अभिनेत्री की रेखा की आवाज आती है और वह कहती हैं, 'हमारे आगोश के साए में नींद कहां आएगी और इस जंगल की सर्द हवा हर वक्त सताएगी।' इस पर सलमान खान कहते हैं, 'सदस्यों की सदस्याएं और उनकी समस्याएं होने वाली हैं भयंकर टाइट। संकट इन जंगल फैलाएगा दंगल पे दंगल।'।सोशल मीडिया पर बिग बॉस 15 से जुड़ा यह वीडियो प्रोमो तेजी से वायरल हो रहा है। सलमान खान के फैंस और शो के दर्शक वीडियो प्रोमो को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बिग बॉस का हर दर्शक जानता है कि हर सीजन में शो की थीम अलग होती है। जारी हुए प्रोमो को देखकर कहा जा सकता है कि इस बार बिग बॉस 15 का थीम जंगल जैसा हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52083.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52083.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1b05a87321bc3f61537153d2b270aee96cd3274 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52083.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl द कपिल शर्मा शो में एक बार फिर कंगना रनोट नजर आई हैl वह अपनी आगामी फिल्म थलाइवी के प्रमोशन में व्यस्त हैl सोशल मीडिया पर शो से जुड़ी एक क्लिप शेयर की गई है, जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl इस अवसर पर कंगना रनोट साउथ इंडियन स्टाइल में साड़ी और मेकअप में नजर आ रही हैंl वहीं, कपिल शर्मा ने ब्लैक कलर की टी-शर्ट पहन रखी हैl।कपिल शर्मा ने इस अवसर पर कंगना रनोट से मजाक में पूछा है कि उनके आने के पहले सेट पर बहुत ज्यादा सिक्युरिटी आकर गई हैl इसका क्या कारण है?' कपिल शर्मा कंगना से कहते हैं, 'हम तो डरे हुए थे कि हमने ऐसा क्या कह दियाl इतनी सारी सिक्युरिटी रखनी हो तो क्या करना पड़ता हैl' इसपर कंगना रनोट ने कहा है, 'आदमी को सिर्फ सच बोलना पड़ता हैl' वहीं, कंगना से कपिल आगे पूछते हैं, 'कैसा लग रहा है, इतने दिन हो गए कोई कन्ट्रोवर्सी नहीं हुई हैl' इसपर दोनों हंसने लगते हैंl।क्लिप के अंत में कृष्णा अभिषेक कपिल शर्मा की कंगना से शिकायत करते हैं, 'इस आदमी ने मेरा पार्लर तोड़ दिया है मैम और जब अपनी चीज टूटती है तो अंदर से क्या फीलिंग होती है, यह तो आपको अच्छे से पता हैl' यह बात सुनकर कंगना एक बार फिर हंसने लगती हैंl कपिल शर्मा और कृष्णा अभिषेक ने कंगना रनोट को लेकर हाल ही में हुए विवादों की ओर इंगित किया हैl हाल ही में कंगना रनोट का जावेद अख्तर से भी विवाद हुआ थाl वहीं, वह मुंबई बीएमसी से भी लोहा ले चुकी हैंl दरअसल उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर अपना मत व्यक्त किया थाl इसके बाद उनका घर भी ध्वस्त कर दिया गया थाl।कंगना रनोट फिल्म अभिनेत्री हैंl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं, जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52087.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e47d0c768e45796a7fab5a1f12fc265a82705da7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लेकिन तुषार भारद्वाज ने उस समय केबीसी 13 ही हॉट सीट को छोड़ने का फैसला किया जब अमिताभ बच्चन ने उनसे 50 लाख रुपये के लिए सवाल किया। तुषार भारद्वाज ने केबीसी में 80 हजार रुपये के सवाल के लिए अपनी दो लाइफ 'ऑडियंस पोल' और 'फ्लिप द क्वेश्चन' का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन के शो में शानदार गेम खेला और 25 लाख रुपये जीतने में कामयाब रहे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52106.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ebc187dee255ebade9504c7de8be8af1b479bdd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस 13' के विनर और टेलीविजन अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला ने 2 सितंबर की सुबह दुनिया को अलविदा कह दिया। सिद्धार्त शुक्ला के निधन के बाद से हर कोई सदमे में हैं। ऐसे में अभिनेता के निधन के करीब चार दिन बाद उनकी मां रीता शुक्ला और बहनों ने मिलकर एक प्रेयर मीट का आयोजन किया। ये प्रेयर मीट ब्रम्ह कुमारी आश्रम के तत्वाधान में रखी गई थी। जिसमें सिद्धार्थ के फैंस, उनके दोस्त और उन्हें चाहने वाला हर शख्स जुड़ सकता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52121.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51a168ae6bf57161c47ddccff75c00f66c88017a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शख्स ने लड़की की फोटो शेयर कर लिखा 'जल्दी ठीक हो जाओ। डॉक्टर ने कहा कि वह पार्श‍ियल कोमा में हैं, एक्सेस स्ट्रेस के कारण उसकी आंखों की पुतल‍ियां और शरीर के अंग काम नहीं कर रहे हैं। सभी फैंस और सपोर्टर्स को शांत रहने की सलाह देता हूं। ज्यादा मत सोच‍िए और अपने दिमाग को दूसरी तरफ लगाइए। मुझे पता है ये आसान नहीं है, पर आपको सिद्धार्थ को जाने देना होगा, दुआएं'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52137.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7351a55de63ab136f158d962f9d5f1635372b5fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिद्धार्थ को अंतिम विदाई देने पहुंचे उनके दोस्तों का कहना है कि शहनाज़ कौर गिल पूरी तरह टूट चुकी हैं और जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें शहनाज़ गिल साफ बेसुध नज़र आ रही हैं। फोटो में शहनाज़ अपने भाई शाहबाज़ के साथ कार बैठी दिख रही हैं।  इस दौरान उन्होंने सफेद और लाल रंग का सूट पहन रखा है। फोटो में शहनाज़ पूरी तरह टूटी हुई दिख रही हैं और उनके भाई शाहबाज़ उन्हें संभालते दिख रहे हैं। देखें तस्वीर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52153.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9adb2c1e6451581ebfe223590cf37e85cd147894 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज ​कौर गिल हाल ही में माधुरी दीक्षित के शो 'डांस दीवाने 3' के सेट पर पहुंचे थे। इस दौरान दोनों ने काफी मस्ती की थी। वही शो के कई वीडियो भी जमकर वायरल हुए थे। सामने आए इस वी​डियो में आप देख सकते हैं कि दोनों की केमिस्ट्री काफी जबरदस्त नजर आ रही थी। हालांकि दोनों ने अपने रिलेशन के बारे में ऑफिशली कुछ नहीं कहा लेकिन सबको लगता है कि उनके बीच कुछ तो है। इस प्रोमो को शेयर करते हुए शहनाज ने कैप्शन में लिखा था, 'क्यों ना सब दीवानों के साथ थोड़ी मैं भी दीवानी हो जाऊं।'।वीडियो में आप दोनों की धमाकेदार एंट्री होती है। इसके बाद 'सिडनाज़' बॉलीवुड सॉन्ग 'एक हो गए हम और तुम' पर परफॉर्म करते दिखते हैं। वहीं जब माधुरी दीक्षित शहनाज से पूछती हैं कि आपके लिए आइडियल कौन हैं? ये सुनते ही शहनाज जोर से पूछती हैं कि लड़का। माधुरी कहती हैं हां। इसके बाद शहनाज, सिद्धार्थ की तरह इशारा करते हुए कहती हैं, 'मुझे ये अच्छा लगता है।' ये सुनते ही सिद्धार्थ थोड़ा शरमा जाते हैं। इस वीडियो को काफी पसंद किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52162.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aea0204a633a0ea8a2e056e9932ba6d61f1eb968 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52162.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बॉलीवुड लाइफ के साथ बातचीत में वैष्णवी ने कहा था कि सिड (सिद्धार्थ शुक्ला) और रश्मि के बीच एक शानदार बांड था। चाहे वह ऑन स्क्रीन हो या ऑफ स्क्रीन दोनों की केमिस्ट्री शानदार थी। रश्मि सिद्धार्थ के लिए सॉफ्ट कार्नर रखती थी। रश्मि को सिद्धार्थ बहुत पसंद था और यह उनके चेहरे पर दिखाई देता था। कई बार लोगों को लगा कि दोनों को एक साथ घर बसा लेना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52182.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85d2def546bc44fac1f4e706bb83519f61584f6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जन्माष्टमी के दिन घर पर बेटे के आने की खुशी सुयश ने भी जाहिर की। सुयश ने बेटे की एक तस्वीर भी शेयर की। इस तस्वीर में सुयश और किश्वर का बेटा पगड़ी पहना हुआ है उसके ऊपर एक बांसुरी भी रखी है। हालांकि बेटे के चेहरे पर सुयश ने इमोजी लगा दी है। इस तस्वीर के साथ कैप्शन में भी सुयश ने बेटे का कन्हैया ही बताया है। इस तस्वीर के साथ उन्होंने उन सभी लोगों का शुक्रिया भी अदा किया जिन्होंने उनके बेटे को आशीर्वाद दिया है। अब सुयश और किश्वर के फैंस को इंतजार है तो केवल इन दोनों के बेटे का चेहरा देखने का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52183.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe1363b9dc1155dd764f3b11ea2a13129884e681 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल शहनाज गिल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। शहनाज अपनी कई तस्वीरें फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। शहनाज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी होती हैं। अब हाल ही में शहनाज ने अपनी कुछ ऐसी ही बेहद स्टनिंग फोटोज शेयर की हैं। इन तस्वीरों में शहनाज का बोल्ड अवतार लोगों का दिल जीत रहा है। शहनाज का ऐसा अंदाज उनके फैंस ने भी पहले कभी नहीं देखा होगा। ये तस्वीरें उनके फैंस के लिए सरप्राइज से कम नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52189.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea778723e26d9af0b430c3b1c5161c5f2946cf6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमानी बुंदेला ने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए इस बारे में बताया है। हिमानी ने कहा कि, 'शो में मैंने जो भी राशि जीती है, मैं उसका खुलासा नहीं कर सकती। पर मैं इंक्लूसिव कोचिंग इंस्टिट्यूट खोलना चाहती हूं। मेरे पास एक इंक्लूसिव स्कूल तो है, लेकिन कोचिंग नहीं हैं। इस कोचिंग में सभी तरह के (दिव्यांग से लेकर सामान्य) बच्चे पढ़ाई करेंगे और कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करेंगे।'।आगे हिमानी बुंदेला ने ये भी कहा कि इन पैसों को वो अपने और अपने पिता के भविष्य के लिए भी संभालकर रखेंगी। हिमानी ने कहा, 'इस पैसे से मैं अपने पिता की मदद करूंगी ताकि वह अपना एक नया बिजनेस खड़ा सकें, जो कोरोना काल में बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।' बता दें कि हिमानी बुंदेला ने कितनी रकम जीती इस बारे में तो उन्होंने नहीं बताया हालांकि शो के प्रोमो को देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो करोड़पति जरूर बन गई हैं अब हिमानी ने एक करोड़ रुये जीते या सात करोड़ इसका खुलासा तो कल के एपिसोड में ही होने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52236.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a24376d9043910fb5fe70c30563ea7b00d9e566 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दमन में कर रहे थे शो की शूटिंग।बता दें, पिछले साल घनश्याम नायक के गले का ऑपरेशन हुआ था, जिसमें 8 ट्यूमर निकली गई थीं। लगातार ट्रीटमेंट के बाद अब उनकी हालत में काफी सुधार है। इस मुश्किल दौर में भी गुजरात के दमन में शो की शूटिंग कर रहे थे। घनश्याम आने वाले एपिसोड्स और मुंबई में होने वाली शूटिंग को लेकर एक्साइटेड हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52242.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ee4fa9e32f17fb622d5c050b7e432d9d6d64725 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52242.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं शहीर शेख के कई फैनपेज पर भी इन दोनों की तस्वीरें शेयर हो रही हैं। इन तस्वीरों में रुचिका कपूर गुलाबी रंग का गाउन पहनी हुई हैं। जिसमें वो बेहद खुश और खूबसूरत नजर आ रही हैं। इस फंक्शन में शहीर और रुचिका के कुछ करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य शामिल हुए थे। इस दौरान रुचिका ने केक भी काटा। वहीं शहीर और रुचिका दोनों बेहद खुश नजर आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52279.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06efccccecfbc37451b1eeb78c340aa5aa618830 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे के कॉमेडी किंग कहे जाने वाले कॉमेडियन कपिल शर्मा दो दिन बाद सोनी चैनल पर वापसी करने जा रहे हैं। 21 अगस्त से ‘द कपिल शर्मा शो’ शो शुरू होने जा रहा है। पहले हफ्ते शो में अक्षय कुमार अपनी फिल्म ‘बेल बॉटम’ और अजय देवगन अपनी फिल्म ‘भुज’ का प्रमोशन करने आएंगे। सोनी ने अपकमिंग एपिसोड के कुछ प्रोमो भी जारी कर दिए हैं जिसमें स्टार्स कपिल के साथ मस्ती करते और उनकी खिंचाई करते दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52321.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b6bfb28d7982b762d604cfc61f09acafd49ac1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निया शर्मा की तस्वीर पर लगातार यूजर कमेंट कर रहे हैं। इस पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'वाहियात'। तो वहीं दूसरे ने लिखा, 'क्या 'कुत्ते ने आपके कपड़े काट दिए?' वहीं तीसरा यूजर लिखता है, 'तुमने तो भिखारियों को भी फेल कर दिया।' एक लिखता है, 'अंदर का टॉप पहनना भूल गईं क्या?' बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब निया अपने ड्रेसिंग सेंस की वजह से ट्रोल्स के निशाने पर आईं हो। इससे पहले भी कई बार उन्हें उनके कपड़ों की वजह से ट्रोल किया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52343.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd45759004cb14af018db1b2b697fe9232e51b44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52343.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केआरके ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, '100 से भी ज्यादा लोग हैं जो बिग बॉस में स्टार बनने के लिए आए थे, लेकिन आज वह गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं। यह शो किसी अनजान के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन जाने-माने चेहरों के लिए करियर बर्बाद करने जैसा है। मैं दो साल से इसको नहीं देख रहा हूं।' सोशल मीडिया पर केआरके का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5235.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffbf43bd6944237236b94436e89b8d416c7a7005 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवरात्रि में दिखा मोनालिसा का ऐसा लुक।अष्टमी के मौके पर मोनालिसा दुल्हन की तरह तैयार हुईं थीं। मेहरून और हरे रंग की साड़ी पहने एक्ट्रेस कयामत ढा रहीं थीं। साड़ी के साथ उन्होंने स्टोन ज्वैलरी पहनी थीं पर सबसे आकर्षक उनका मांग टीका था जो लोगों की दिलों की घड़कन बढ़ा रहा था। फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में मोनालिसा ने लिखा शुभो महाअष्टमी।इंटरव्यू में झलका दर्द।मोनालिसा ने भोजपुरी फिल्मों से लेकर हिन्दी के टीवी सीरियल से भी लोकप्रियता अर्जित की है। हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस का दर्द झलक पड़ा उन्होंने उन्होंने बताया कि कैसे अपने करियर में बहुत से तानों का भी सामना करने को मिला। कैसे लोग उनके अंग्रेजी ना बोल पाने की वजह से उन्हें ट्रोल करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52350.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..451f7b2ff02ac8ac400ea435de3d920444da246e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52350.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी में इस बार कई कंटेस्टेंट्स अपने खेल और रणनीति से दर्शकों के दिलों को जीतने वाले हैं। वहीं कुछ ने तय किया है कि वह अपने हॉट और बोल्ड अंदाज से दर्शकों को दीवाना करने वाले हैं। ऐसा ही कुछ बिग बॉस ओटीटी में टीवी अभिनेत्री उर्फी जावेद अपनी हॉटनेस का जलवा बिखेती हुई दिखाई देने वाली हैं। + +बिग बॉस ओटीटी के कंटेस्टेंट्स को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस शो में नेहा भसीन, रिद्धिमा पंडित, करण नाथ,दिव्या अग्रवाल, राकेश बापट और अक्षरा सिंह सहित कई कंटेस्टेंट नजर आने वाले हैं। इस बार यह शो शुरुआत के 6 हफ्तों के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म वूट सिलेक्ट पर शुरू होगा। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मशहूर फिल्ममेकर करण जौहर होस्ट करेंगे। इसके बाद यह शो टीवी पर प्रसारित होगा, जिसको सलमान खान होस्ट करेंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52364.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2794d9e1d053bfef41f6eea570a015bde9ce4e5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52364.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। तारक मेहता का उल्टा चश्मा पिछले 13 सालों से दर्शकों को गुदगुदा रहा है। इस शो की पूरी टीम सोशल मीडिया खासकर इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि स्क्रीन पर दिखने वाली केमेस्ट्री सोशल मीडिया पर नदारद हैं। हम ऐसा इसलिए कहते हैं कि शो में जेठालाल का किरदार निभा रहे दिलीप जोशी और उनके बापू जी यानि अमित भट्ट इंस्टाग्राम पर एक-दूसरे को फॉलो नहीं करते हैं। + +दिलीप जोशी की 'नो फॉलो' लिस्ट में एक नया नाम सामने आया है वो है ऑनस्क्रीन पिता अमित भट्ट उर्फ ​​चंपकलाल गढ़ा का। जी हां, राज अनादकट के बाद अमित ही हैं जिन्हें उनका ऑन-स्क्रीन बेटा जेठालाल फॉलो नहीं करता है। दिलचस्प बात यह है कि अमित भी दिलीप को फॉलो नहीं करते। यह निश्चित रूप से हमें यह अनुमान लगाने के लिए मजबूर कर रहा है कि क्या दोनों के बीच सब कुछ ठीक है या नहीं। खैर, हम निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते क्योंकि अमित भट्ट तारक मेहता का उल्टा चश्मा से अपने किसी भी को-स्टार को फॉलो नहीं करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52365.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac2f2a62c78b73c957fdd9f1bdd406936afcc61d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड हो या टेलीविजन जगत हो हर एक्टर को कभी ना कभी स्ट्रगल करना ही पड़ता है। ऐसे में एक्टर्स काफी संघर्ष कर एक मुकाम तो हासिल कर लेते हैं लेकिन उनके संघर्ष के दिनों की यादें हमेशा ताजा ही रहती हैं। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं सोनम अरोड़ा। जिन्होंने दिल्ली से मुंबई का सफर तो 10 साल पहले तय किया था। लेकिन उनको थोड़ी- बहुत सफलता अब जाकर हासिल हुई है। बता दें कि सोनम अरोड़ा धारावाहिक 'शक्ति अस्तित्व के एहसास की' में एंजेल (किन्नर) का किरदार निभा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52392.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02ac14b9bfbb9886150fe8722a8b95a52d1f4b94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल अविका गौर इन दिनों 'बालिका वधू 2' के प्रचार- प्रसार में लगी हुई हैं। अविका ने इस धारावाहिक के पहले सीजन में मुख्य किरदार निभाकर इसे एक अलग पहचान दिलाई थी। उस समय अविका की उम्र कम होने की वजह से उनकी जगह पर दिवंगत अभिनेत्री प्रत्युषा बनर्जी को बड़ी आनंदी बनाया गया था। लेकिन अब जब अविका को मौका मिल सकता है तो वो बड़ी आनंदी का किरदार जरूर निभाना पसंद करेंगी। ऐसा खुद अविका का कहना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52401.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a64d48007b32b8bef14b5ea840f7f4c5b546243 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब इस धारावाहिक में एक नया ट्विस्ट आने वाला है। विराट और सई के बीच जल्द ही हनीमून ट्रैक दिखाया जाएगा। इस दौरान धारावाहिक के फैंस को एक सरप्राइज मिलने वाला है। दरअसल खबरों के मुताबिक जल्द ही धारावाहिक में दिग्गज एक्ट्रेस रेखा नजर आने वाली हैं। जो विराट और सई को प्यार का पाठ पढ़ाएंगी और सई को उसके प्यार का एहसास करवाएंगी। आने वाले इस नए ट्रैक का प्रोमो भी शूट कर लिया गया है। जल्द ही इसे रिलीज भी कर दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52432.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f3b3a409089f2dd811bdf85d3407da5f1168133 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजी वेबसाइट जूम डिजिटल की खबर के अनुसार पारस छाबड़ा की मां ने उन्हें खतरों के खिलाड़ी में जाने से मना कर दिया था। अभिनेता ने कहा, 'मुझे खतरों के खिलाड़ी के लिए अप्रोच किया गया था लेकिन उस समय कोरोना वायरस के चलते हालात बदतर थे और यह सुरक्षित नहीं था। कोविड-19 संकट के कारण, मैंने इसे स्वीकार नहीं किया। ऐसे मुश्किल वक्त में मेरे वहां जाने से मेरी मां डरती थीं। उन्होंने मुझे शो का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं दी।'।हालांकि, अभिनेता का कहना है कि वह अगले साल खतरों के खिलाड़ी में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक हैं। वह इसे जीतने के बारे में भी आश्वस्त है। पारस छाबड़ा ने कहा, 'अगर मुझे अगले साल खतरों के खिलाड़ी का ऑफर मिलता है तो मैं इसे करूंगा और मैं निश्चित रूप से शो जीतूंगा भी। मैं एक रियलिटी शो में एक बेंचमार्क सेट करने और दिल जीतने के लिए जाता हूं। मैंने स्प्लिट्सविला और बिग बॉस में भी ऐसा किया है और मैं खतरों के खिलाड़ी में भी ऐसा करेंगे।'।खतरों के खिलाड़ी एक ऐसा शो है जहां कंटेस्टेंट्स हैरतअंगेज स्टंट कर अपने डर पर काबू पाना होता है लेकिन पारस छाबड़ा का कहना है कि वह किसी चीज से नहीं डरते। उन्होंने कहा, 'मैं इस तरह की किसी भी चीज से नहीं डरता। मुझे कोई खास डर नहीं है, लेकिन देखते हैं, जब आप सच में वह स्टंट कर रहे होते हैं तो आपको अलग-अलग डर मिलते हैं।' पता हो कि पारस छाबड़ा बिग बॉस 13 में काफी चर्चित थे। शो में वह बहुत चीजों को लेकर सुर्खियों में थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52454.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da09cc34197658e51b85bfed37cd2a25bb5109b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे का सबसे चर्चित शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' वैसे तो किसी न किसी वजह से खबरों में छाया ही रहता है, लेकिन इस वक्त शो दो वजहों से चर्चा में है। पहली वजह है मुनमुन दत्ता यानी बबीता जी के शो छोड़ने की खबर। दूसरी वजह है दिलीप जोशी यानी जेठालाल और उनके दो को-स्टार्स के बीच मनमुटाव की खबर। शो छोड़ने की खबर को मुनमुन दत्ता  सिरे से नकार चुकी हैं और ये साफ कर चुकी हैं को 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' नहीं छोड़ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52456.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2dd8d9b2a10dd821dc43404063f58fdb117eb76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। टेलीविजन रियलिटी शो 'बिग बॉस 14' से लाइम लाइट हासिल करने वाली निक्की तंबोली इन दिनों एक बार फिर से चर्चा में बनी हुई हैं। निक्की तंबोली बिग बॉस के बाद कलर्स के ही रियलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी 11' में भी नजर आईं। निक्की की फैन फॉलोइंग भी अब बढ़ गई है। ऐसे में उनके फैंस उनकी लव लाइफ के बारे में भी जानना चाहते हैं। अब निक्की तंबोली ने खुद ही अपनी लव लाइफ और पार्टनर के बारे में खुलासा किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52462.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71afec9e3a361b6e5fdf9e47c33da878f194fefa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तारक मेहता का उल्टा चश्मा में दिलीप जोशी उर्फ जेठालाल और बबिता जी की जोड़ी काफी पसंद की जाती हैl दोनों की केमेस्ट्री काफी अच्छी हैl यह शो गोकुलधाम सोसायटी से जुड़े निवासियों की रोजमर्रा की कहानियों पर आधारित हैl शो के सभी वर्गों में चाहनेवाले हैंl तारक मेहता के कई कलाकार काम करते है और सभी की भूमिका काफी पसंद की जाती हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52501.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1802aa87567ff2c36d72e79f749f190654704eef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनूप सोनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के ज़रिये एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है। ये एक IFS (International Forensic Science) का सर्टिफिकेट हैं। इसके साथ अनूप ने कैप्शन में लिखा, 'हाल के लॉकडाउन के दौरान मैंने अपना समय और ऊर्जा कुछ और रचनात्मक काम में लगाने का फैसला किया। हां, यह बेहद चुनौतीपूर्ण था- किसी तरह के अध्ययन में वापस जाना लेकिन निश्चित रूप से, एक ऐसा विकल्प जिस पर मुझे गर्व है।'।Certificate course in "Crime Scene Investigation"।During the recent lockdown I decided to invest my time and energy into something more constructive. Yes it was extremely challenging, going back to 'studies of some sort'😊।But definitely a choice that I am proud of 👍 pic.twitter.com/4QYkrfrs2a।गौरतलब है कि अनूप सोनी टेलीविज़न और बॉलीवुड अभिनेता हैं। उनकी पॉपुलैरिटी क्राइम पेट्रोल की वजह से है बानी थी। इसमे होस्ट के रूप में अनूप को काफी पसंद किया जाता रहा है। इसके अलावा अनूप टेलीविज़न के सबसे चर्चित शो 'बालिका वधू' में भैरव सिंह यानी जग्य के पिता के किरदार में नज़र आए थे। इसके अलावा वो कई फिल्मों में भी अहम भूमिका निभाते हुए नज़र आ चुके हैं। हाल ही में अनूप को वेब सीरीज 'तांडव' में देखा गया था। इस सीरीज में अनूप एक नेता किरदार में थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5251.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78f712d4eac0de1edce2855a8532c3281a6b126f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साउथ के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन और एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना की आगामी फिल्म पुष्पा का दूसरा सॉन्ग श्रीवल्ली बुधवार को रिलीज हो चुका है। इस वीडियो रोमांटिक सॉन्ग में रश्मिका और अल्लू अर्जुन की जबरदस्त केमिस्ट्री दिख रही है। इस सॉन्ग  का अभिनेता अल्लू अर्जुन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। ।4 मिनट के इस श्रीवल्ली सॉन्ग में अभिनेता अल्लू अर्जुन रश्मिका को लुभाते हुए दिख रहे हैं। साथ ही ये सॉन्ग फिल्म में रश्मिका के किरदार का वर्णन है। श्रीवल्ली सॉन्ग को हिन्दी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज किया गया है। गाने को हिन्दी में जावेद अली और तेलुगु को सिड श्रीराम, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में मशहूर म्यूजिक मेस्ट्रो देवी श्री प्रसाद ने शानदार तरीके से कंपोज किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52527.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b015eac8564ed0832a12a721678b8506587a03d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लवी ने बताया कि, 'जब बेबी डिलीवर हुआ तो वीडियो कॉलिंग के जरिए हमने उसे बेबी को दिखाया और बताया कि ये तुम्हारा छोटा भाई है। रॉयस कंफ्यूज दिखा और स्माइल के साथ बेबी को देखता रहा। वो अभी बहुत छोटा है लेकिन उसकी आंखों में छोटे भाई के आने की खुशी साफ झलकती है। वो मेरे बिना मेरे सास ससुर के साथ शांति से रहता है। वो हमारे घर पर आने का इंतजार कर रहा है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52532.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6df2050601da44b8e748a17ed88941fdde817f10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52532.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमेश संग नजर आएंगे दानिश।सिंगर हिमेश रेशमिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कंटेस्टेंट मोहम्मद दानिश संग अपनी एक फोटो शेयर की थी। इस तस्वीर को पोस्ट करने के साथ ही उन्होंने कैप्शन में लिखा था, 'बैक टू बैक ब्लॉकबस्टर्स के लिए आप सभी का शुक्रिया। मेरे अपने हिट सेल्फ कंपोज्ड एल्बम हिमेश के दिल से के दूसरे गाने के लिए एक और बहुत टैलेंटेड सिंगर @mohd.danish.official को लॉन्च करने जा रहा हूं। मेरे हिट सेल्फ कंपोज्ड एल्बम हिमेश के दिल से में दानिश दूसरे नंबर का गाना गाते नजर आएंगे। जल्द ही रिलीज की तारीख की घोषणा की जा जाएगी। आप सभी अपना प्यार बरसाते रहें।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52546.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e3c596c51b95f3c146d0995e7fe3f3546a59657 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl द कपिल शर्मा शो होस्ट करने वाले कपिल शर्मा इन दिनों टीवी से दूर है और वह अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैंl कपिल शर्मा हाल ही में दूसरी बार पिता बने हैंl इसके चलते वह पैटरनिटी ब्रेक पर हैंl हालांकि कपिल सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और अपनी पुरानी तस्वीरें शेयर करते रहते हैंl वह अक्सर अपने कॉलेज के दिनों की तस्वीरें शेयर करते हैं, इसमें उन्हें पहचानना असंभव हैl।कपिल शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है और उन्होंने अपने प्रशंसकों से आवाहन किया है कि वह उन्हें पहचानेl यह फोटो उनके थिएटर के दिनों की हैl फोटो में उन्हें म्यूजिक को एन्जॉय करते हुए देखा जा सकता हैl फोटो शेयर करते हुए कपिल शर्मा ने लिखा है, 'हमारे प्ले की रिहर्सल खत्म करने के बाद टीम के साथ म्यूजिक एन्जॉय करते हुएl फोटो में मुझे ढूंढो और कमेंट में बताएंl'।यह तस्वीर कपिल शर्मा के कॉलेज के दिनों की हैl जहां वह थिएटर किया करते थेl इसमें उनके अलावा और भी कई लोग नजर आ रहे हैंl सभी काफी खुश नजर आ रहे हैंl कपिल शर्मा अपने कॉलेज के दिनों से ही कॉमेडी करते थेl वह एक लोकप्रिय कॉमेडियन हैl हाल ही में उन्होंने खुलासा किया था कि वह सिंगर बनना चाहते थेl हालांकि भाग्य में उनके लिए कुछ और थाl टेलीविजन पर सफल होने के बाद कपिल शर्मा ने 'किस किसको प्यार करूं' और 'फिरंगी' जैसी फिल्मों में भी काम कियाl कपिल शर्मा ने गिन्नी चतरथ से शादी कर ली हैl वह दो बच्चों के पिता भी हैl।कपिल शर्मा ने कई शो में भाग लिया हैl वह एक लोकप्रिय कलाकार हैl वह कई दमदार परफॉरमेंस दे चुके हैl कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर की जोड़ी काफी फेमस थींl हालांकि बाद में दोनों के बीच विवाद हो गया था और दोनों ने अलग होने का निर्णय ले लिया थाl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52597.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c35e57c8447bdf57610b94c2021ffcda588ea5c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिनेता सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस में जल्लाद की भूमिका अदा करने वाले अभिनेता बाबू खान भी काम न होने की वजह से आर्थिक मार झेल रहे हैं। बाबू खान ने बिग बॉस के अलावा सलमान खान के साथ बॉडीगार्ड, वीर और जानेमन सहित कई फिल्मों में काम किया, लेकिन लॉकडाउन के कारण बाबू खान को अब आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। उन्होंने काम की मांग की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52617.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2832b3beff81ca1e6610e39b11d69b4053d1250 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl हाल ही में खबर आई थी कि रोनित रॉय शो अनुपमां में नजर आएंगेl इस शो में रूपाली गांगुली अनुपमा की भूमिका निभाती हैl रोनित रॉय की खबरें सोशल मीडिया पर इतनी वायरल हुई कि लोग अफवाहों को सच मानना शुरू कर दिया लेकिन कई बार अफवाहें सच नहीं होतीl यह मामला भी कुछ ऐसा ही हैl।खबरों के अनुसार रोनित रॉय अनुपमां में नजर नहीं आएंगेl ईटाइम्स को शो से जुड़े हुए एक सूत्र ने बताया, 'ऐसी अफवाह है कि रोनित रॉय जल्द अनुपमां के लिए शूट करना शुरू करेंगेl यह सब अफवाहें हैं ऐसी अफवाहों का कोई अर्थ नहीं हैl'।हाल ही में अनुपमां के कई प्रशंसकों ने रॉनित रॉय के शो में एंट्री की अफवाह पर खुशी जताई थीl रोनित रॉय एकता कपूर के लोकप्रिय शो 'कसौटी जिंदगी की' की में मिस्टर बजाज की भूमिका निभाते हैंl रोनित रॉय अनुपमां के साथ नजर आ सकते थेl हालांकि भारतीय टेलीविजन संभावनाओं से भरा हुआ हैl कोई भी यह नहीं कर सकता कि 2 या 3 महीने बाद क्या होगा लेकिन अभी के लिए रोनित रॉय अनुपमां में नजर नहीं आएंगेl अनुपमां में रूपाली गांगुली, मदालसा शर्मा और सुधांशु पांडे की अहम भूमिका हैl अनुपमां की भूमिका रुपाली गांगुली निभाती हैl सुधांशु पांडे वनराज की भूमिका में नजर आते हैंl वहीं मदालसा शर्मा काव्या की भूमिका निभाती हैl अनुपमां टीवी का जाना माना और लोकप्रिय शो हैl टीआरपी में भी यह शो अक्सर पहले पायदान पर रहता हैl।अनुपमां में हाल ही में समर और नंदिनी की शादी के लिए सभी तैयार हो गए हैl अनुपमां में काव्या और अनुपमां में लड़ाई होती रहती हैl हाल ही में वनराज ने अनुपमां को तलाक देकर काव्या से शादी कर ली हैl काव्या और अनुपमां की नोंक-झोंक काफी पसंद की जाती हैl रुपाली गांगुली सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52637.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f9a623a0677f938efbc1fc1450bca23bb86cd23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाकर लोकप्रिय हुए कलाकार सुनील लहरी इन दिनों सोशल मीडिया में ख़ूब सक्रिय हैं और अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट करते रहते हैं। सुनील की तस्वीरों को ख़ूब पसंद किया जाता है। अब सुनील ने एक ऐसी तस्वीर पोस्ट की है, जिस पर फैन उनकी ख़ूब तारीफ़ कर रहे हैं और मज़ेदार कमेंट कर रहे हैं। ।दरअसल, सुनील ने सोमवार को एक फोटो पोस्ट की, जिसमें वो बाथरूम में हैं और नहाने के फौरन बाद की है। इस तस्वीर के साथ सुनील ने लिखा- एक जल स्नान आपकी सारी थकान दूर करने के लिए पर्याप्त है। हमारे शरीर में त़करीबन 60 फीसदी जल है। जल ही जीवन है। जल बचाएं, जीवन बचाएं। इस फोटो पर एक फैन ने लिखा- हाय सर, क्या बात कही है। बिल्कुल मूर्च्छित ही कर दिया। कई फैंस ने सुनील की बात का समर्थन किया और पानी बचाने की बात कही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52642.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7eb6f800e2939f0c21a286e6ee51d264e70cc877 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आदित्य कहते हैं कि ‘हमारे निर्माता सोनी, फ्रेमेंटल और टीसीटी के साथ पूरी टीम इस सीजन में मिले प्यार और सफलता से बहुत खुश है। यह पूरे दशक में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला रियलिटी शो है। हम इस पर फोकस करना चाहते हैं। हम निगेटिविटी के बारे में नहीं सोचना चाहते।‘। जबरन तारीफ करने की जरूरत नहीं’ ‘।इंडियन आइडल’ तब से विवादों में घिरा जब किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने खुलासा किया कि उन्हें पहले से ही सभी कंटेस्टेंट की तारीफ करने के लिए कहा गया था। आदित्य ने इस पर आगे कहा कि ‘जिन्होंने भी ऐसा कहा है कि 'इंडियन आइडल' के कंटेस्टेंट के बारे में पॉजिटिव बातें करने के लिए बोला गया, वे सभी सहकर्मी और दोस्त हैं। मैं उन्हें भरोसा देता हूं कि जब तक मैं “इंडियन आइडल” होस्ट कर रहा हूं, यहां किसी को भी दिखावे के लिए तारीफ करने की जरूरत नहीं है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52648.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a05d3472011b8e47e099ea98e3646f8d30a1cf5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन आइडल का सीजन 12 हमेशा से विवादों में रहा है। इस लोकप्रिय सिंगिंग रियलिटी शो में इस बार जजों से लेकर प्रतियोगियों तक सब पर सवाल उठ चुके हैं। शो के मेकर्स पर गेस्ट आरोप लगा चुके हैं कि जबरदस्ती कनटेस्टेंट्स की तारीफ कराई जाती है तो कभी शो में दिखाए जाने वाले फेक लव एंगल को लेकर वबाल होता है। अब शो के होस्ट आदित्य नारायण ने शो पर लगे पक्षपात के आरोपों पर अपना पक्ष रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52651.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ca69de55759dbcc5ed9a79e29e31aa7a6e228d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl खतरों के खिलाड़ी 11 का नया प्रोमो जारी किया गया हैl वीडियो में अर्जुन बिजलानी और विशाल आदित्य सिंह को 'पहला नशा' गाने पर डांस करते हुए देखा जा सकता हैl वहीं रोहित शेट्टी सलमान खान को याद कर रहे हैंl खतरों के खिलाड़ी 11 को रोहित शेट्टी होस्ट करते हैंl हालिया प्रोमो में उन्हें सलमान खान की याद आई हैl इस प्रोमो को रविवार को जारी किया गया हैl इसमें रोहित शेट्टी ने यह बात कही हैl।यह सीन प्रतियोगियों के टास्क शुरू करने के पहले का हैl क्लिप में विशाल आदित्य सिंह अर्जुन बिजलानी के साथ डांस करते नजर आ रहे हैंl वहीं राहुल वैद्य गाना गा रहे हैंl उनकी परफॉर्मेंस के बीच रोहित शेट्टी सोने के लिए जगह ढूंढते नजर आते हैंl जमीन पर लेटने के बाद रोहित शेट्टी कहते है, 'सलमान भाई अब मुझे समझ में आया कि बिग बॉस के सेट पर आप क्यों लेट जाते हो?' दरअसल उनका इशारा प्रतियोगियों की बेहूदा हरकतों की ओर होता हैl उनकी इस प्रतिक्रिया से सभी प्रतियोगी हंसने लगते हैl वहीं अर्जुन और विशाल डांस करते रहते हैl।खतरों के खिलाड़ी का नया सीजन साउथ अफ्रीका में शूट किया गया हैl इसमें श्वेता तिवारी, दिव्यंका त्रिपाठी, निक्की तंबोली, आस्था गिल, महक चहल, सना मकबूल और अभिनव शुक्ला जैसे प्रतियोगी भाग ले रहे हैंl वहीं रोहित शेट्टी सातवीं बार इस शो को होस्ट कर रहे हैंl हाल ही में रोहित शेट्टी ने शो से लंबे समय तक जुड़े रहने के लेकर इंस्टाग्राम पर अपनी बात कही थीl उन्होंने कहा था, '7 साल पहले खतरों के खिलाड़ी की यात्रा मैंने इसी लोकेशन पर दक्षिण अफ्रीका में शुरू की थीl मैंने वारेन के साथ काम करना शुरू किया था जो कि सबसे बढ़िया स्टंट पायलट हैl 7 वर्ष में दुनिया बहुत बदल गई हैl हालांकि इस शो की आत्मा अभी भी वही हैl'।खतरों के खिलाड़ी 11 जल्द कलर्स पर आना शुरू होगाl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52665.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4e46deed48c89b0829578f920152bc1508ff2f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah : अपनी दमदार कॉमेडी से 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में दर्शकों का दिल जीतने वाली दयाबेन यानी दिशा वकानी को फैंस काफी पसंद करते हैं। शों में दिशा के बोलने के स्टाइल से लेकर उनके ड्रेसिंग सेंस तक तक दर्शकों के दिल और दिमाग में बस चुका है। यही कारण हैं कि अक्सर लोगों को उनके स्टाइल को कॉपी करते देखा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52707.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e0d218d5b3f08ec348cb66b5b038288389e0b27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अदिति राठौर इस धारावाहिक में 'चार्मी' का किरदार निभाने जा रही हैं। अदिति से पहले ये किरदार कृतिका सिंह निभा रही थीं लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से कृतिका को शो छोड़ना पड़ा। अब कृतिका की जगह अदिति राठौर 'चार्मी' का किरदार निभाएंगी जो कि लीड कैरेक्टर दर्श रावल (विजयेंद्र कुमेरिया) के छोटे भाई शोभित (अभिषेक) की गर्लफ्रेंड हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52715.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4039767d7bdc8c666117a63f286e19cce4853daa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52715.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वीडियो में वह बेली डांस करती हुई नजर आ रही हैं। देवोलीना भट्टाचार्जी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह अपने फैंस के मनोरंजन के लिए अक्सर खास तस्वीरें और वीडियो भी साझा करती रहती हैं। देवोलीना भट्टाचार्जी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में उनका बोल्ड अंदाज देखने को मिल रहा है। साथ ही वीडियो में वह जबरदस्त बेली डांस करती नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52716.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b52e8cd61959b0afaec7f49e992ba5d9fcb3632 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हॉलीवुड फिल्म में आए नजर।'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के 'पोपटलाल' यानी श्याम पाठक एक मंझे हुए एक्टर हैं। वो न सिर्फ इस कॉमडी शो में बल्कि कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का दम दिखा चुके हैं। यही नहीं श्याम पाठक हॉलीवुड मूवीज में काम कर चुके हैं। दरअसल, श्याम पाठक ने 'लस्ट, कॉशन' नाम की चाइनीज फिल्म में काम किया है। ये फिल्म साल 2007 में रिलीज हुई थी। फिल्म में श्याम के रोल की बात करें तो उन्होंने इसमें एक सुनार की भूमिका निभाई थी जो एक जूलरी दुकान में गहने बेचते नजर आए थे। वहीं फिल्म में आप श्याम की फर्राटेदार अंग्रेजी सुनकर दंग रह जाएंगे। उनके रोल को ठीक वैसे ही पसंद किया गया था जैसे 'तारक मेहता...' में किया जा रहा है। श्माम फिल्म 'लस्ट, कॉशन' में सूट-बूट पहने अपने रोल में काफी जच रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52786.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d38f1d3470b2bab49bedbaf8390986646fd01918 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कलर्स के सबसे चर्चित शोज़ में से एक ‘खतरों के खिलाड़ी सीजन 11’ इस वक्त साउथ अफ्रीका के केपटाउन में शूट किया जा रहा है। फिलहाल शो की शूटिंग चल रही है, लेकिन प्रोमो के मुताबिक ‘खतरों के खिलाड़ी 11’ जल्द ही शुरू होने वाला है। कुछ दिन पहले इसका एक प्रोमो रिलीज़ किया गया था जिसमें शो के होस्ट रोहित शेट्टी कार के साथ खतरनाक स्टंट करते दिख रहे थे। वहीं शो को बाकी के प्रोमो में सामने आना शुरू हो गए हैं। कलर्स अब धीरे-धीरे इस सीज़न के प्रोमो जारी कर रहा है जिसमें कंटेस्टेंट खतरों से खेलते नज़र आ रहे हैं। इस बार शो में कई नामी सेलेब्स ने हिस्सा लिया है, यही वजह से ‘खतरों के खिलाड़ी 11’ पिछले लंबे वक्त से चर्चा में बना हुआ है और फैंस इसके टेलीकास्ट होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52824.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fbe8360639d9046557e0ff0f0ef8791f4d6a44f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अक्सर जया बच्चन की बहन के रोल आईं नजर ।साल 1974 में उन्होंने फिल्म 'कोरा कागज' में जया बच्चन की बहन का किरदार निभाया था जिसे खूब पसंद किया गया था। इसके बाद साल 1976 में वो 'चलते चलते' में नजर आईं थीं और इस फिल्म में भी उनके काम को बहुत पसंद किया। हालांकि वो बहुत सी फिल्मों में उन्हें सेकेंड लीड मतलब हीरोइन की बहन का रोल मिला। उस वक्त ये कहा जाता था कि नाजनीन का चेहरा जया से बहुत मिलता है इसलिए उन्हें अक्सर फिल्मों में जया की बहन के किरदार ही मिलते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52826.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c8f156a98c9550c530135e5fc6f7066af7ce3f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल वेद्य (Rahul Vaidya)-15 lakhs।दिव्यांका त्रिपाठी (Divyanka Tripathi Dahiya)- 10 lakh।महक चेहल (Mahekk Chahal)- 1.5 lakh।आस्था गिल (Aastha Gill)- 1.85 lakh।सौरभ जैन (Sourabh Raaj Jain) - 2 lakh ।सना मकबूल (Sana Makbul) - 2.45 lakh।विशाल आदित्य सिंह (Vishal Aditya Singh)- 3.34 lakh ।वरुण सूद (Varun Sood) - 3.83 lakh।श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) - 4 lakh।अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) - 4.25 lakh।निक्की तंबोली (Nikki Tamboli) - 4.43 lakh।अनुष्का सेन (Anushka Sen)- 5 lakh।अर्जुन बिजलानी (Arjun Bijlani)- 7 lakh।वहीं शो के होस्ट रोहित शेट्टी हर एपिसोड के 49 लाख रुपए चार्ज कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52844.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbf64c13a7ee0d2125cd6306ee15845ebbbd69e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन स्टार्स ने किया पर्ल को सपोर्ट...।जिस दिन से पर्ल के ऊपर ये आरोप लगा है उस दिन से कई फेमस स्टार्स लगातार एक्टर का सपोर्ट कर रहे हैं। एकता कपूर से लेकर फिल्म प्रोड्यूसर दिव्या खोसला कुमार, राखी सावंत, अनीता हसनंदानी, करिश्मा तन्ना, अल गोनी तक तमाम सेलेब्स ने पर्ल को निर्दोष बताते हुए उन्हें सपोर्ट किया है। इतना ही नहीं, पीड़िता के परिवार के तरफ से भी ये बयान सामने आ चुका है कि पर्ल निर्दोष हैं उन्हें फंसाया जा रहा है। ।दरअसल, जिस नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने का आरोप पर्ल पर लगा है उस बच्ची के माता-पिता में पिछले कई सालों से बेटी की कस्टडी को लेकर लड़ाई चल रही है। पीड़िता के परिवार और मां की तरफ से हाल ही में ये बयान आया था कि बच्ची के पिता ने पर्ल को झूठे केस में फंसाया है, ताकि वो ये दिखा सकें कि मां बच्ची को सेट पर ले जाती हैं और उसका ठीक से ख्याल नहीं रख सकती और कस्टडी पिता को मिल जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52851.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac6fac0392387d7cfe882f82b7e77c3cde08d340 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काविश का आज जन्मदिन है, और इस पूरे विवाद के बीद करण ने अपने बेटे को जन्मदिन की बधाई दी है। करण ने अपने इंस्टाग्राम पर काविश के लिए एक पोस्ट शेयर किया है और उन्हें ढेर सारा प्यार दिया है। करण ने इंस्टा पर दो फोटो शेयर की हैं जिसमें एक प्यारा सा केक नज़र आ रहा है जिस पर काविश लिखा है। इन फोटोज़ के साथ करण ने कैप्शन में लिखा, ‘हैप्पी बर्थडे मेरे लिटिन मैन काविश। भगवान हमेशा तुमपर कृपा बनाए रखे और तुम्हारी रक्षा करे। मुझे याद है जब तुम मुझसे कह रहे थे कि तुम मुझे बहुत सारा (gazillions ) करते हो और मैं भी तुमसे कह रहा हूं कि मैं तुमसे बहुत सारा..बहुत सारा...बहुत सारा प्यार करता हूं। मैं हमेशा तुम्हारे दिल में रहूंगा, हमेशा तुम्हें प्यार करूंगा। आप सबकी दुआओं के लिए शुक्रिया'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52860.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82fed5db6c63f00b33163b4ab3d0afead00893f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इसके अलावा अगर उनकी फिल्मों की बात करें तो उन्होंने साल 1983 में आई फिल्म 'सुन मेरी लैला' से करियर की शुरुआत की थी। इसके अलावा उन्होंने 'भगवान दादा', 'चीख',  'खुदाई', 'रात के अंधेरे में' जैसी फिल्मों में काम किया। वहीं हिंदी सिनेमा में ही नहीं दीपिका ने बंगाली और तमिल फिल्म में भी अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा। वहीं दीपिका ने बंगाली और तमिल फिल्म में भी काम किया है। हाल ही में दीपिका चिखलिया को आयुष्मान खुराना, यामी गौतम और भूमि पेडनेकर स्टारर 'बाला'  में देखा गया था। इस मूवी में उन्होंने यामी गौतम की मां कि किरदार निभाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52861.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15e980a9edea4d8477d6255bd3f8730cdf2030b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52861.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी की जानी मानी एक्ट्रेस संजीदा शेख इंडस्ट्री की एक फेमस एक्ट्रेस हैं। संजीदा हमेशा से ही अपनी खूबसूरती और हॉटनेस की वजह से सुर्खियां बटोरती रहती हैं। संजीदा एक्टिंग के अलावा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें शेयर कर फैंस के बीच चर्चा में बनीं रहती हैं। हाल ही में जहां संजीदा और उनके पति आमिर अली बेटी के एक क्यूट वीडियो को लेकर चर्चा में आए थे। वहीं अब संजीदा की एक बेहद ही बोल्ड तस्वीर इंटरनेट पर कोहराम मचा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52872.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acede31ab1e3bb907ee73b1c77f9731224c49321 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये था विवाद..। घनश्याम नाम के एक यूज़र ने दिव्यांका के टैग करते हुए ट्वीट किया था, 'क्राइम पेट्रोल के ऐपिसोड में आप दुपट्टा क्यों नहीं पहनती हैं'। इस सवाल के जवाब में एक्ट्रेस ने लिखा, 'ताकी आप जैसे... बिन दुपट्टे की लड़कियों को भी इज्ज़त से देखने की आदत डालें। प्लीज़ खुद की और आसपास के लड़कों की नीयत सुधारें, न की औरत जात के पहनावे का बीड़ा उठाएं। मेरा शरीर, मेरी आबरू, मेरी मर्जी। आपकी शराफत आपकी मर्जी’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52880.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8835b1ef19d37bec35ec1b0acf736a10a93308f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर ऐसा होता है तो ये पहली बार होगा जब शो में एक साथ 5 कंटेस्टेंट एलिमिनेट होंगे। शो के फॉरमेट के हिसाब से हर हफ्ते एक या दो कंटेस्टेंट को ही बाहर किया जाता है। आपको बता दें खतरों के खिलाड़ी 11 में कई नामी चेहरे नज़र आ रहे हैं जिनके नाम हैं राहुल वैद्य, विशाल आदित्य सिंह, सौरभ राज जैन, अभिनव शुक्ला, अर्जुन बिजलानी, वरुण सूद, सना मकबूल, महक चेहल, दिव्यांका त्रिपाठी, निक्की तंबोली, अनुष्का सेन, आस्था गिल। पिछले कई सीज़न की तरह इस साल भी 'खतरों के खिलाड़ी 11' को बॉलीवुड डायरेक्टर रोहित शेट्टी ही होस्ट कर रहे हैं। केपटाउन से स्टार्स लगातार अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर फोटोज़ और वीडियो शेयर कर फैंस को एंटरटेन भी कर रहे हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52881.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6edab4f98e92a6a048a93e85a3cf4326d62542ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन फोटोज़ में विशाल ब्लैक कलर की एक टीशर्ट में नज़र आरहे हैं तो वहीं सना भी ब्लैक कलर की जैकेट और व्हाइट टॉप में दिख रही हैं। विशाल ने सना के साथ चार फोटो शेयर की हैं पहली फोटो में वो सना एक दीवार के सहारे खड़े दिख रही हैं और विशाल उन्हें प्यार से देख रहे हैं। वहीं दूसरी फोटो में विशाल और सना बैठे हुए हैं और एक्ट्रेस पलटकर विशाल की तरफ देख रही हैं। बाकी फोटोज़ में भी दोनों काफी क्लोज़ नज़र आ रहे हैं। फोटोज़ अभिनव शुक्ला ने कमेंट करते हुए लिखा, ‘शक्ल शिकायत की तरह क्यों बना रखी है मेरे भाई’। वहीं निक्की तंबोली ने लिखा, ‘प्यार हवाओं में प्यार बह रहा है’। अर्जुन बिजलानी ने कमेंट करते हुए लिखा है ‘शोना बाबू’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52899.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31ac4d99a638e9bc2b3830295e2640860ca11191 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सौम्या टंडन (अनीता मिश्रा)  ।चलिए अब बात करते हैं ‘भाभी जी घर पर है’ की 'गोरी मेम' यानी अनीता ​भाभी की। असल जिंदगी में अनीता भाभी का नाम सौम्या टंडन है। वह एक टीवी एक्ट्रेस हैं। उनका जन्म 3 नवम्बर, 1984 भोपाल में हुआ था। इन्होने अपने करियर में मॉडलिंग भी की है। यही नहीं सौम्या ‘फेमिना गर्ल’ 2006 थीं। इन्होने इम्तियाज अली की फिल्म 'जब वी मेट' में शाहिद कपूर और करीना के साथ काम किया है। यही नहीं वह कई अन्य टीवी शोज और एड में भी काम कर चुकी हैं। इनके पति का नाम सौरभ देवेन्द्र सिंह है और एक बैंकर हैं। हाल ही में अनिता ने एक बेटे को जन्म दिया है, जिसका नाम ‘मिरान’ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52912.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e524799a6583eda99e797372f0b4cd0d893e97de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तरल जोशी के निधन के बाद उनके साथ ‘एक हजारों में मेरी बहना है’ में नज़र आ चुकीं फेमस टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम पर ‘बड़ी बीजी’ के साथ ढेर सारी अनसीन फोटोज़ शेयर की हैं। इन फोटोज़ में निया के साथ तरल जोशी और बाकी के स्टार्स भी नज़र आ रहे हैं। फोटो शेयर करते हुए लिखा है ‘RIP बड़ी बीजी आपको मिस किया जाएगा। तरल जी आप हमेशा हमारी बड़ी बीजी रहेंगी’। तस्वीरों में अभिनेत्री दिव्यज्योति शर्मा और अंजू महेंद्रू भी नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52960.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..815b615fd2cb00f6c8b9f7a6b67e24318956f287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निशा का आरोप- करण ने की मारपीट।तो वहीं निशा का बयान ठीक इससे उलट है। निशा ने कहा कि वे तलाक के लिए तैयार थीं, मगर फिर भी रिश्ते को बचाने के लिए जब उन्होंने प्रयास किया तो करण इसमें बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखा रहे थे। उनके मुताबिक करण बच्चे की जिम्मेदारी भी नहीं उठाना चाह रहे थे। निशा ने कहा कि उनसे बात करने की जब उन्होंने कोशिश की तो वे हिंसक हो गए और उनके साथ उन्होंने मारपीट भी की। निशा ने इस दौरान मारपीट में लगी चोट की तस्वीरें भी दिखाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52984.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6242ede09797dbd7c6068fa914b30a80fdf9a839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल राम कपूर और साक्षी तंवर स्टारर धारावाहिक 'बड़े अच्छे लगते हैं' 30 मई 2011 को सोनी टीवी पर प्रसारित हुआ था। इस धारावाहिक को दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिला था। अब इस धारावाहिक के 10 साल पूरे होने पर एकता कपूर ने इस शो का शुरुआती प्रोमो शेयर किया है। जिसमें लीड कैरेक्टर्स राम और प्रिया की प्यारी नोकझोंक देखने को मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52985.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee88b27a4a075bbb95e5185dc048ffbddb1fa4de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक का असली नाम अभिषेक शर्मा है। 30 मई को वो अपना 37वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। बॉलीवुड स्टार गोविंदा, कृष्णा के मामा हैं। कृष्णा के कॉमिक टाइमिंग के वजह से उनकी हर तरफ तारीफ होती है। उनकी पत्नी कश्मीरा शाह भी काफी फेमस एक्ट्रेस हैं। तो आज हम बता करते है कृष्णा और कश्मीरा की लव स्टोरी पर….।कश्मीरा को रील और रियल लाइफ में काफी बोल्ड माना जाता है। कश्मीरा ने ये बोल कर सनसनी मचा दी थी कि उन्होंने और कृष्णा ने प्यार में पड़ने से पहले ही वन नाइट स्टैंड किया था। 2012 में सिने ब्लिट्ज मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में कश्मीरा कहती हैं कि 'हमें एक साथ एक फिल्म करनी थी तब तक मुझे उसके (कृष्णा) बारे में पता नहीं था। मैं इतना जानती थी कि मुझे गोविंदा के भतीजे के साथ फिल्म करनी है बस। इसलिए मैंने कभी हाई हील्स नहीं पहनी।'।ऐसे हुआ था ‘वन नाइट स्टैंड था’।दोनों किस तरह करीब आए इस पर कश्मीरा ने कहा कि 'यह हम दोनों के लिए वन नाइट स्टैंड था।' वहीं कृष्णा ने कहा कि 'असल में सबके साथ ऐसा ही होता है बस वो इसे स्वीकार नहीं करते। लेकिन उस रात के बाद, वह मेरी ज्यादा फिक्र करने लगी। वह मेरे लिए खाना लाने लगी।' ।‘वन नाइट स्टैंड था’ के बाद हुआ प्यार।कृष्णा कहते हैं कि 'असल में कैश मुझे अपनी ओर से हिंट दे रही थीं। एक बार कुछ ऐसा हुआ कि हम वैन में बैठे थे और लाइट चली गई। तब मैंने कहा "अब क्या करें?" उसने कहा "चलो कुछ करें?" अब ऐसे हालात में कोई भी ऐसा ही कुछ कहेगा।' ।कृष्णा से 12 साल बड़ी हैं कश्मीरा।बता दें कि कश्मीरा पहले से शादीशुदा थीं हालांकि उनकी शादी में उस वक्त सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। जब कश्मीरा ने पति से अलग होने का फैसला लिया तो कृष्णा काफी खुश हो गए थे। कश्मीरा उम्र में कृष्णा से 12 साल बड़ी हैं लेकिन इसकी उन्होंने परवाह नहीं की। कपल के सरोगोसी दो जुड़वा बेटे हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_52986.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_52986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a564e5566de6d53853e23125a56f2ef8a83f142d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_52986.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा हमेशा ही बोल्ड पर्सनालिटी के लिए जानी जाती हैं। निया सोशल मीडिया पर अपनी बोल्डनेस के चलते काफी सुर्खियां बटोरती हैं। हाल ही में निया अपने नए म्यूजिक अलबम 'तुम बेवफा हो' को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। इस अलबम में निया टीवी के  हैंडसम एक्टर अर्जुन बिजलानी के साथ नजर आ रही हैं। अर्जुन और निया का ये ‘तुम बेवफा हो’ बेहद ही इमोशनल है। दोनों का ये गाना हाल ही में रिलीज हो चुका है। निया सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें शेयर कर इंटनेट पर आग लगाती हैं। इसी बीच अब निया अपनी कुछ बोल्ड तस्वीरों के चलते सुर्खियों में आई हैं। इन तस्वीरों को एक्ट्रेस के फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। यहां देखें तस्वीरें...।निया शर्मा की इन तस्वीरों को फेमस फोटोग्राफर अमित खना ने अपने इंस्टाग्राम आकउंट पर पोस्ट की है। निया की ये तस्वीरें लेटेस्ट नहीं बल्कि थ्रोबैक हैं। इन तस्वीरों में एक्ट्रेस ब्राइडल लुक में गजब की खूबसूरत लगती हैं। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि निया ने इस लहंगे के साथ कोई ज्वैलरी नहीं पहनी हुई है। इसके बावजूद वह बेहद ही हसीन नजर आ रही हैं। एक्ट्रेस की ड्रेस काफी स्टाइलिश और सुंदर है। इन तस्वीरों में निया का पोज देने का ​कातिलाना अंदाज उनके ।फैंस को दीवाना बना रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53015.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..703c90999f918c4089a8245710298bbec1a7f04b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सिंगिंग रिएलिटी शो ‘इंडियन आइडल 12’ इन दिनों लगातार विवादों में घिरा हुआ है। किशोर कुमार के स्पेशल एपिसोड से शुरू हुआ विवाद अभी तक खत्म का नाम नहीं ले रहा है। इस बारे में शो के होस्ट आदित्य नारायण कई बार अपना बयान भी दे चुके हैं, लेकिन बात फिर भी खत्म नहीं हो पा रही है और कंटेस्टेंट की सिंगिंग को लेकर ‘इंडियन आइडल 12’ को लगातार निशाने पर लिया जा रहा है। इस मुद्दे पर आदित्य नारायण ने अब एक बार फिर से सफाई दी है और बताया है कि उस एपिसोड में वो लोग किशोर कुमार के साथ कोई मुकाबला नहीं कर रहे थे, वो लोग उनकी लेगेसी को सेलिब्रेट कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53016.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f840e41a374896e8d43a9a6b8ebc26bbd57d03da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कुछ हफ्तों के ब्रेक के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी डांसिंग रिएलिटी शो ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ में वापस आ गई हैं। सोनी टीवी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपकमिंग एपिसोड के कुछ प्रोमो जारी किए हैं जिसमें वो ढेर सारी मस्ती करती दिख रहे हैं, और उनके साथ नज़र आ रहे हैं बॉलीवुड के मोस्ट सक्सेसफुल एक्टर में से एक सुनील शेट्टी। प्रोमो में सुनील शेट्टी और शिल्पा साथ में एक रोमांटिक डांस करते हुए भी दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53053.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f4abb26f7f2013878ec7e4bfb3ca67ba04bdbe5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल शो के आने वाले एपिसोड में बतौर मुख्य अतिथि अनुराधा पौडवाल, कुमार सानू और रूप कुमार राठौड़ शामिल होने आए हैं। इस एपिसोड से एक छोटा सा प्रोमो वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इस प्रोमो वीडियो में आदित्य नारायण अमित कुमार को तंज कसते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में आदित्य नारायण, कुमार सानू और अन्य मुख्य अतिथियों से सवाल पूछते है। इसी सवाल में आदित्य इशारों ही इशारों में अमित की चुटकी भी ले लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53075.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed919a9d585f553cccdc589f1023c4a7927ca2dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आपको बता दें कि इससे पहले स्पॉटब्वॉय ने खबर दी थी शो से विशाल आदित्य सिंह बाहर हो चुके हैं। विशाल वो पहले कंटेस्टेंट हैं जिनका 'खतरों के खिलाड़ी 11' से पहला एलिमिनशेन हुआ है। खबर के मुताबिक विशाल, निक्की तंबोली और अनुष्का सेन के साथ बॉटम 3 में थे। जिसके बाद वो बाहर हो गए। वहीं अब निक्की के कमेंट से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि निक्की शो से बाहर होने वाली दूसरी कंटेस्टेंट बन गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53141.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67f9860b83ac1d0259a3db0805b81627dce43c8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53141.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब तक कई फिल्मी और टीवी सितारें कोरोना वायरस की मार झेल रहे लोगों की मदद कर चुके हैं। इस बीच छोटे पर्दे के मशहूर अभिनेता और बिग बॉस 13 के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला भी अपने एक फैन की मदद कर काफी सुर्खियों में हैं। दरअसल अस्पातलों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की आए दिन खबरें आती रहती हैं। ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53160.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..726c67ad33c9a40a493c4586c39a93ec7dd93bbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53160.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल : सवाल- किनकी जयंती के सम्मान में 23 जनवरी को भारत सरकार ने ‘पराक्रम’ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है?। A. शहीद भगत सिंह। B. नेता जी सुभाष चंद्र बोस। C. चंद्रशेखर आज़ाद। D. मंगल पांडे।कैसे दे सकते हैं जवाब :।बिग बी ने वीडियो में ये जानकारी दी कि अपना जवाब आप सोनी लिव ऐप के जरिए दे सकते हैं। सोनी लिव ऐप अपने फोन में डाउनलोड कीजिए इसके बाद अपना कॉन्टेक्ट नंबर, उम्र और जेंडर लिखर भेज दीजिए। आप SMS के जरिए भी अपना जवाब दे सकते हैं। जवाब देने के लिए आप अपने मैसेज बॉक्स में KBC (स्पेस) सही जवाब (स्पेस) अपनी उम्र (स्पेस) अपना जेंडर टाइप कीजिए और 509093 पर भेज दीजिए। इस सवाल का सही जवाब आपको आज रात 9 बजे से पहले भेजना होगा। सही जवाब देने वालों में से कम्प्यूटर द्वारा चुने गए लोगों को अगले राउंड के लिए आमंत्रित किया जाएगा। तो इंतजार किस बात का बस अपना फोन उठाइए और करोड़पति के बनने की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाइए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53212.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09f5c1a051f202932703e0cab79e921e6956f4c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अली गोनी ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए ट्वीट कर ये बात बताई है कि उनके परिवार के कुछ सदस्य पिछले 9 दिनों से संक्रमित हैं। अली ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं समझ सकता हूं कि लोग क्या महसूस कर रहे हैं जिनके घर वाले कोरोना पॉजिटिव हैं। (मैं समझता हूं कि यह कैसा लगता है यदि आपके परिवार के सदस्यों ने सकारात्मक परीक्षण किया है)। मेरे परिवार के अधिकांश सदस्य पिछले नौ दिनों से कोरोना पॉजिटिव हैं। मेरी माँ, मेरी बहन, उसके बच्चे फाइटर है। अल्लाह रहम, ध्यान रखना'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53217.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b22380e831fe026c17f57479467a6a8de2c96beb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, शमा सिकंदर ने कहा कि उन्होंने कोई प्लास्टिक सर्जरी नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि पता नहीं लोगों को ऐसा क्यों लग रहा है कि उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी कराई है। हां ये सिर्फ एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। उन्होंने अगे कहा कि लोगों ने उन्हें तब देखा था जब वह बड़ी हो रही थी जिसके बाद हर किसी में शारीरिक रूप से कुछ बदलाव आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53238.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb6e17338787772d7629f0adddb23f2662356868 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53238.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रुबीना दिलैक ने खुद इस बात की जानकारी दी है। रुबीना ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक पोस्ट शेयर की है। जिसके जरिए उन्होंने बताया कि वो कोरोना की चपेट में आ गई हैं। रुबीना ने शेयर की हुई अपनी पोस्ट में लिखा, 'मैं हमेशा पॉजिटिविटी की ओर देखती हूं, अब एक महीने बाद मैं प्लाज्मा डोनेट कर पाऊंगी। कोरोना संक्रमित हो गई हूं, 17 दिनों तक घर पर क्वारंटीन रहूंगी। बीते 5-7 दिन में जो भी मेरे संपर्क में आया है वो अपनी जांच करवा ले।'।रुबीना का ये पोस्ट उनके अंदर की पॉजिटिविटी को बता रहा है। उन्होंने अपनी पोस्ट में उनके लिए दुआ करने को नहीं बल्कि ये कहा कि अगले महीने वो प्लाज्मा डोनेट कर सकती हैं। इससे जाहिर होता है कि रुबीना इस वायरस से डरी हुई नहीं हैं और डटकर इसका सामना कर रही हैं। हालांकि रुबीना के फैंस और दोस्त इस खबर को सुनकर चिंता में आ गए हैं। उनकी पोस्ट पर अली गोनी, निक्की तंबोली, राहुल महाजन, दृष्टि धामी, मनु पंजाबी आदि भी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। + +बात करें रुबीना दिलैक के वर्कफ्रंट की रुबीना ने कई धारावहिकों में काम किया है। उन्हें धारावाहिक 'छोटी बहू' से पहचान मिली थी। इसके बाद कलर्स टीवी के 'शक्ति अस्तित्व के एहसास' की ने उनकी पॉपुलैरिटी और बढ़ा दी। बीते दिनों रुबीना इस सीरियल से चली गई थीं। लेकिन बिग बॉस की ट्रॉफी जीतने के बाद अब एक बार फिर से रुबीना सौम्या के किरदार लौट आई हैं। उन्हें दोबारा दर्शकों का वैसा ही प्यार मिल रहा है। हाल ही में सीरियल में सीजेन खान की भी एंट्री हुई है, जो शो में सौम्या के पति हरमन सिंह की भूमिका निभा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53253.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..082e5eade7786e224f3bffedcdfe57b0a3e75073 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53253.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रुबीना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘कोई मेरा इंस्टाग्राम अकाउंट लॉग इन करने की कोशिश कर रहा है और लोकेशन दिल्ली की है। अपनी जिदंगी जीयो और इस एनर्जी को देश को इस मुश्किल परिस्थिति से निकालने की कोशिश में इस्तेमाल करो’। इस पोस्ट के साथ एक्ट्रेस ने कैप्शन में लिखा, ‘आपके पास व्यर्थ करने के लिए कितना समय है....क्या खराब हाल हैं’। + + फोन नंबर हुआ था लीक :। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले रुबीना दिलैक का फोन नंबर भी लीक कर दिया गया था जिसके बाद उन्हें अलग-अलग जगहों से कॉल्स और मैसेज आने लगे थे। हालांकि ऐसा होते ही रुबीना दिलैक के पति अभिनव शुक्ला तुरंत एक्शन में आ गए थे और उन्होंने अपने एक दोस्त की मदद से उस वेबसाइट को डिसेबल करवा दिया था जहां रुबीना का नंबर डाला गया था। इसके बाद अभिनव ने ऐसा करने वालों को वॉर्निंग भी दी थी कि अगली बार कुछ भी ऐसा हुआ तो सीधे साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाएंगे। अभिनव ने अपने ट्विटर पर इस मामले की जानकारी दी थी। ।अभिनव ने ट्वीट कर बताया था, ‘एक अवैध वेबसाइट जो कई अवैध रूप से कई अभिनेत्रियों फोन नंबर शेयर कर रही थी उसे बंद कर दिया गया है। मेरे इंजीनियर दोस्त का बहुत शुक्रिया। इंजीनियर्स से पंगा मत लेना और हां मेरे साथ बने रहने के लिए आप सबका शुक्रिया’। वर्क फ्रंट की बात करें तो रुबीना का सीरियल 'शक्ति' कलर्स पर फिर से शुरू हो चुका है।  वहीं हाल ही में एक्ट्रेस पारस छाबड़ा के साथ 'गलत' सॉन्ग में नज़र आई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53278.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ad628d366ec223f03d190c48f90bb36fa0d3ad4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस पोस्ट के साथ मोहित ने कैप्शन में लिखा, ‘जब मैं बाहर और अंदर देखता हूं तो मैं सभी के लिए प्रार्थना करता हूं। पापा हमेशा कहते हैं प्रार्थना में जादू होता है। मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि सुरक्षित रहिए और इंसानियत के लिए प्रार्थना करिए। पिछले हफ्ते कोविड 19 टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मैं डॉक्टर्स के हाथों में सेफ हूं। हर दिन मुझे मानवीय भावनाएं दिखाई दे रही हैं। हम इन्हीं लोगों की वजह से सुरक्षित हैं। आखिर में हम सब कम से कम अंदर रह सकते हैं। जल्द ही ठीक होकर आपसे मिलता हूं। लव यू मोहित रैना’। मोहित के पोस्ट पर कमेंट कर उनके फैंस उनके जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। साथ उनकी ये कहकर हिम्मत बढ़ा रहे हैं कि वो जल्दी ठीक हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5329.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2483951abcc573bc95ddc91065ba55b0cdfbe8d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5329.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जान्हवी कूपर ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर क्लॉजप तस्वीर शेयर की हैं। पहली तस्वीर में अभिनेत्री नूड मेकअप के साथ बेहद आकर्षित दिख रही हैं। वहीं इसी तस्वीर को उन्होंने मोनोक्रोम लुक देकर शेयर किया है, जिसमें वो और भी खूबसूरत लग रही हैं। इन तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर कर उन्होंने कैप्शन लिखा, 'क्या मैं 50 के दशक में हमेशा के लिए जीने का बहाना कर सकती हूं?।'।एक्ट्रेस की इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर उनके फैंस खूब पसंद कर रहे हैं। तस्वीरों को अब तक इंस्टाग साढ़े 6 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। साथ ही बॉलीवुड कलाकार कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। मशहूर फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने फोटोज पर कमेंट कर लिखा, 'मैं तुम्हें 40 और 50 के दशक की सुंदर और क्लासिक अभिनेत्रीयों की तरह प्यार करूंगा।'।बात अगर जान्हवी कपूर के वर्कफ्रंट की करें तो वो इस साल बैक टू बैक कई फिल्मों में नजर आने वाली हैं। वो जल्द ही सिद्धार्थ सेनगुप्ता के डायरेक्शन में बनी रही फिल्म 'गुड लक जेरी' में नजर आने वाली हैं। इसके अलावा वो करण जौहर के निर्देशन में बन रही फिल्म 'दोस्ताना 2' में नजर आने वाली हैं। हाल ही में एक्ट्रेस फिल्म 'रूही' में अभिनेता राज कुमार राव और वरुण शर्मा के साथ नजर आईं थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53304.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e47a2a5fe4e8d666c0cccc341f3b7797ed06c02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानकी ने अपने बेटे सूफी के साथ एक प्यारी सी तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर के साथ उन्होंने बेहद ही इमोशनल नोट लिखा है। जिसमें उन्होंने बताया है कि दो महीने के बेटे की सर्जरी करवाना और उसके लिए उसे तैयार करना उनके लिए कितना मुश्किल था। इस सर्जरी के लिए जानकी को अपने बेटे को सात घंटे बिना दूध पिलाए रखना था। ऐसा करना उनके लिए बहुत मुश्किल था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5332.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b82ae7bc780fe49283717e69b0cfea029ee1699 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज बब्बर ने शाह रुख खान के लिए कहा है कि मुश्किलें उनकी आत्मा नहीं रोक सकतीं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'वह यहां आए और चीजों का सामना किया और सफलता हासिल की। मैं शाहरुख खान को लंबे समय से जनता हूं और मुझे पता है कि मुश्किलें उसकी आत्मा को हिला नहीं सकतीं। दुनिया उनके बेटे को मुश्किलों के जरिए सीख दे रही है। मैं जनता हूं कि एक योद्धा का बेटा जरूर पलटकर लड़ाई करेगा। नौजवान को मेरा आशीर्वाद है।'।He came faced & achieved a conquest unparalleled. Hv known @iamsrk for long to know hardships won't deter his soul. As the world teaches his young boy thru wounds, am sure the fighter's son will definitely fight back. Blessings to the young man.।सोशल मीडिया पर शाह रुख खान और उनके बेटे लिए किया राज बब्बर का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। उनके और किंग खान के फैंस ट्वीट को पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राज बब्बर से पहले रविवार को अभिनेता शेखर सुमन ने भी शाह रुख खान और उनके बेटे लिए सोशल मीडिया पर दुख जातया। इनके अलावा कई और सितारों ने भी इस मामले में शाह रुख खान, आर्यन खान और गौरी खान का समर्थन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53343.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea3e37187a1a63dd934061a11318902639e769cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53343.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल हुआ यूं कि हाल ही में हिना को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया। हिना को देखते ही उनकी फोटो क्लिक करने के लिए ढेर सारे फोटोग्राफर्स इक्ट्ठा हो गए जिन्हें देखकर हिना थोड़ी सी घबरा गईं। पहले तो हिना ने इधर-उधर देख, उसके बाद तोज़ी से भागने लगीं, और दौड़कर अपनी कार में बैठ गईं। कोरोना महामारी के बीच जहां लोग एक दूसरे से प्रॉपर दूरी बना रहे हैं ऐसे में पैपराज़ी का हिना को इस तरह घेरना उनके फैंस को बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा है और वो वीडियो पर कमेंट फोटोग्राफर्स की आलोचना कर रहे हैं। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53354.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6862d77b81f3275898c7578ec67063e79ed898f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बात की जानकारी मानव गोहिल ने खुद दी है और बताया है कि वह सभी तरह के जरूरी प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं। साथ ही खुद को उन्होंने घर में क्वारंटीन कर लिया है। खुद के कोरोना संक्रमित होने के जानकारी मानव गोहिल ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक नोट साझा किया है। जिसनें उन्होंने बताया है कि कोरोना से उनकी जंग जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53362.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53362.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2eda714596a7c0dd2a0fa72527fd6c0b266a82ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53362.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांची सिंह ने कहा, 'मुझे इस वायरस के कोई लक्षण नहीं थे। न ही बुखार था, न ज्यादा सर्दी या कुछ और था। हल्की सर्दी थी और वह भी 2-3 दिन में ठीक हो गई थी। मैं तो शूटिंग के लिए निकल रही थी। जब फ्लाइट में जाने से पहले कोविड टेस्ट करवाना जरूरी होता है। मैंने उसके लिए टेस्ट करवाया तो मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मेरे माता-पिता को भी कोरोना वायरस हो गया है। हम सभी आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं, और खुद को पूरी तरह से आइसोलेट कर लिया है।'।कांची सिंह ने बताया है कि लापरवाही के चलते वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं। उन्होंने कहा, 'ठीक होने के बाद मैं काम से ब्रेक नहीं लेने वाली हूं। अब मैं अपना और ध्यान रखूंगी। पहले जब मैं सेट पर होती थी तब मैं मास्क नहीं पहनती थी। अब मैं मास्क पहनना बंद नहीं करूंगी। अब मैं और ध्यान रखूंगी। इस बार पॉजिटिव आने के बाद मुझे अपनी गलती समझ आ गई है।' इसके साथ ही कांची सिंह ने बताया है कि वह और उनका परिवार कोरोना से ठीक होने के लिए काढ़ा पी रही हैं और अच्छा खाना खा रहा है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53371.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db08c27b78ba6e257419f3684539e7fa08d21ca3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दरअसल, दीपिका सिंह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपना एक डांस वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि वह शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' के फेमस सॉन्ग 'बन के तितली' पर डांस करती नजर आ रही हैं। इस दौरान दीपिका ने यलो कलर की बेहद ही शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई है। वहीं वीडियो में डांस करते-करते अचानक दीपिका की ड्रेस हवा के कारण ऊपर हो जाती है और वह उसे तुरंत संभाल लेती हैं। हलांकि जैसे ही उनकी ड्रेस उड़ती है वह उसे संभाल कर हंसने लगती हैं।  ।बता दें कि दीपिका सिंह के इस वीडियो को जहां एक तरफ फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है। यूजर्स ने दीपिका सिंह को काफी ट्रोल करने की कोशिश भी की है। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा है कि डांस तक तो ठीक है लेकिन साथ में ड्रेस भी संभालनी होती है। वहीं अबतक दीपिका के इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5338.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8756f274e00ffd1a4bef32da848a8cb2fdf8450 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साथ ही बॉलीवुड सेलेब्स कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। फोटो पर अभिनेता प्रतिक गांधी ने कमेंट कर लिखा, ये बेस्ट मूड है...। इससे पहले उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वो कृष्ण के स्वरूप में दिख रहे हैं। इस थ्रोबैक फोटो में अभिनेता बेहद मुस्कुराते हुए बेहद क्यूट दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53385.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..331b21794b699f4174db1e87624dd5daa3d5c41c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तीन तस्वीरों में से एक तस्वीर में जेनिफर विंगेट अपना खास टैटू भी दिखाई हुई नजर आ रही हैं। उन्होंने अपनी पीठ पर एक टैटू बनाया है, जिसमें 'हकूना मटाटा' लिखा है। 'हकूना मटाटा' पूर्वी अफ्रीका का एक स्वाहिली भाषा वाक्यांश है, जिसका मतलब 'कोई परेशानी नहीं', या 'कोई चिंता नहीं' और 'इसे आसान बनाएं', होता है। सोशल मीडिया पर जेनिफर विंगेट की यह सभी बोल्ड तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53398.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7029eef8e88d892bb691829853dbc9b1286e02e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में अब अर्शी खान सिंगल हैं और स्वंयवर के जरिए जीवनसाथी की तलाश कर रही हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया है कि उन्हें मशहूर रेसलर ट्रिपल एच या फिर सलमान खान जैसे जीवनसाथी की तलाश है। अर्शी खान ने कहा, 'मैं एक बिजनेसमैन को डेट कर रही थी, बिग बॉस के सीजन में आने से पहले। मुझे लगा कि मैं उन्हें शो में मिस करूंगी, लेकिन मैंने नहीं किया। जब मैं शो से बाहर आई तो हमारा ब्रेकअप हुआ। अभी, मैं सिंगल हूं और ट्रिपल एच या सलमान खान जैसे लड़के को डेट करना चाहती हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53425.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cce195579af6033e50a1f3506213aaa939988e00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तस्वीर के साथ उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'जन्मदिन की बधाई, आपने ही मुझे वह इंसान बनाया जो मैं आज हूं। मैं आपकी प्रेरणा की वजह से ही एक दयालु इंसान बनी हूं। आप ही हो जिसने मुझे यकीन दिलवाया है कि जिंदगी को जीने का एक तरीका प्यार के साथ है। आपने मुझे हर रोज खुद से प्यार करना सिखाया है। मुझे पता है कि मैं आपको बहुत परेशान करती हूं और आप जानते हैं कि मुझे बहुत सी चीजों के लिए खेद है।'।अविका गौर ने आगे लिखा, 'धैर्य के लिए धन्यवाद, मुझे समझने और मुझ पर विश्वास करने और मुझे विकसित होने में मदद करने के लिए धन्यवाद। जिंदगी भर के लिए चीयर्स जो हम एक साथ बिताने जा रहे हैं - एक-दूसरे को प्रेरित करना और एक-दूसरे के साथ सपने पूरे करना, मैं तुम्हें अपने जिंदगी में पाकर धन्य हूं। मैं तुमसे प्यार करती हूं। आज कल और हमेशा।'।सोशल मीडिया पर व्बॉयफ्रेंड के लिए लिखा अविका गौर का यह खास और प्यार भरा पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेत्री के कई फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स ब्वॉयफ्रेंड के साथ उनकी तस्वीर और पोस्ट को पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। आपको बता दें कि अविका गौर छोटे पर्दे के बहुचर्चित सीरियल बालिका वधु से घर-घर में मशहूर हुई थीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53429.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ff68b88ee43885ae754068c487ec7d62698aeba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेहा ने जब से ये शो ज्वाइन किया तब से उन्हें किसी न किसी वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। नेहा ट्रोलर्स को मुंहतोड़ जवाब भी दे चुकी हैं, लेकिन ट्रोलर्स हैं कि एक्ट्रेस की खिंचाई करने के लिए कुछ न कुछ ढूंढ ही लेते हैं। इसी बीच अब एक्ट्रेस ने बोल्ड सीन्स को लेकर एक बयान दिया है। एक्ट्रेस का कहना है कि पहले वो बोल्ड सीन्स नहीं करती थीं, लेकिन अब उन्हें बोल्ड सीन्स करने में कोई परेशानी नहीं है। हां लेकिन सेंशुअस सीन वो अब भी नहीं करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53434.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3bc0dfd3195511059f326ab7f59b1225bbd2efb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दिशा परमार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि दिशा के हाथ पर 'आर' लिखा है। आर का मतलब राहुल। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इस पर कमेंट कर फैंस दोनों की हार्ट इमोजी बना कर शेयर कर रहे हैं। ये पहला मौका नहीं जब दिशा ने राहुल पर अपना प्यारा जाहिर किया इससे पहले भी दोनों की कई रोमांटिक तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53445.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1492e04753cd676bcc19825b5973f7ca8e27ab4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53445.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब अंकिता ने एक बार फिर अपने और सुशांत के रिलेशनशिप को लेकर खुलकर बात की है। एक्ट्रेस ने बॉलीवुड बबल को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने बताया है क्यों उनका और सुशांत का ब्रेकअप हो गया। ब्रेकअप के बाद एक्ट्रेस कितनी मुश्किल दौर से गुज़रीं। इतना ही नहीं एक्ट्रेस ने बताया कि जब वो सुशांत के साथ रिलेशनशिप में थीं तब उन्हें कई बिग बजट फिल्में ऑफर हुई थीं, लेकिन उन्होंने उन फिल्मों को रिजेक्ट कर दिया क्योंकि वो उस वक्त अपने ब्वॉयफ्रेंड सुशांत सिंह राजपूत से शादी करना चाहती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53448.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4585c35b3b95adbf61d8a479ea00a495c0a31aa3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53448.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 14 में देवोलीना भट्टाचार्जी अपने खेल और रणनीति की वजह से काफी सुर्खियों में रही थीं। उनका शो में मौजूद कई कंटेस्टेंट्स के साथ झगड़ा भी देखने को मिला था। बिग बॉस 14 में देवोलीना भट्टाचार्जी का झगड़ा पारस छाबड़ा के साथ भी देखने को मिला था। इतना ही नहीं शो से निकलने के बाद देवोलीना ने सोशल मीडिया पर उनको खरी-खोटी भी सुनाई थी। + +अब पारस छाबड़ा ने देवोलीना भट्टाचार्जी को लेकर कहा है कि वह आस्तीन का सांप है और उनकी पर्सनैलिटी बिल्कुल फेक (फर्जी) है। यह बात पारस छाबड़ा ने एक इंटरव्यू में कही है। पारस छाबड़ा ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने अपने करियर और देवोलीना भट्टाचार्जी को लेकर लंबी बात की। पारस छाबड़ा ने कहा, 'मुझे पता है कि उन्होंने मेरे खिलाफ बातें की हैं। यह तो वही बात हो गई न ऐसे लोगों को आस्तीन का सांप कहते हैं, जो आप को हमेशा डसने के लिए तैयार होते हैं। जब मैंने बिग बॉस 14 के घर में एंट्री की तो वह काफी एक्साइटेड थी। चिल्ला कर कह रही थी, यह मेरा दोस्त आया है और उसे पता है कि मैं कैसा हूं। वह देवोलीना ही है, जिसने दूसरे कंटेस्टेंट्स के दिमाग में मेरे लिए दूसरी छवि बनाई।'।पारस छाबड़ा ने आगे कहा, 'उसने सभी से कहा कि मैं विश्वास करने लायक नहीं हूं। असल में, जब मैं बिग बॉस में जाने वाला था, तब मेरे फैंस ने मुझे मैसेज करके बोला था कि जब हम लोग बिग बॉस 13 में घर के अंदर थे और वह बाहर निकल गई थी। तब भी देवोलीना ने ट्विटर पर मेरे और माहिरा को लेकर घटिया बातें की थीं। मैंने उस वक्त ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उस समय मेरे लिए उसका व्यवहार अच्छा था। मैं परेशान नहीं हुआ क्योंकि लोग कभी-कभी सिर्फ खबरों में रहने और सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसा काम करते हैं, लेकिन जब मैं इस बार अंदर गया और उसकी दो अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखी। '।अभिनेता ने आगे कहा, 'मेरे सामने वह बहुत खुश रहती थी, लेकिन मेरी गैरमौजूदगी में बकवास बात करती थी। इससे पता चलता है कि वह कितनी नकली है और ऐसा करके वह अपना व्यक्तित्व दिखा रही थी। निजी तौर पर, मैं ज्यादा परेशान नहीं हुआ क्योंकि मैं बिग बॉस खेलने के लिए वहां गया था। सीजन 13 ने हमें बहुत प्यार और सराहना दी थी। जब से सीजन 14 शुरू हुआ था लोग मुझे मैसेज कर रहे थे कि क्या मैं अंदर जाऊंगा। वह सब मुझसे पूछ रहे थे और इसलिए मैं अंदर चला गया। मुझे लगता है कि देवोलीना सिर्फ एक जरिया थी। अगर वह नहीं होती तो शायद कोई और कंटेस्टेंट होती। मैं फैंस के लिए अंदर गया। वास्तव में, अगर मैं अंदर नहीं जाता तो भी देवोलीना शो से बेघर हो जाती, क्योंकि उसने मुझे खुद बताया था कि उसका तीन हफ्ते का कॉन्ट्रैक्ट था। क्योंकि मैं अंदर गया था, ताकि वह एक और हफ्ते वहां रह सके।' ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53454.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3264c5a11f9dfba40c4c78bc39c0175bbfbb3f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरव्यू के दौरान निक्की ने अली की जमकर तारीफ की और खुल तौर पर बताया कि अली वैसा ही लड़का है जैसे लड़के उन्हें पसंद है। निक्की ने यह भी कहा कि जैस्ितायन का कोई फैन बेस नहीं है। अब निक्की का अली के लिए ये सॉफ्ट कॉर्नर जैस्मिन और अली के फैंस को बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने निक्की को ट्रोल करना शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53459.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7ea769f312f2dd5f2bba33705a42d826db99dcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फेमस म्यूज़िक कम्पोज़र और जज अनु मलिक एक बार फिर सिंगिंग रिएलिटी शो इंडियन आइडल के मंच पर नज़र सकते हैं। लेकिन इस बार अनु बतौर जज नहीं, बल्कि बतौर गेस्ट एंट्री करेंगे। दरअसल, शो में जल्द ही 90s स्पेशनल एपिसोड शूट किया जाएगा जिसके लिए अनु मलिका को बतौर गेस्ट इंनवाइट किया गया है। खबरों की मानें तो उस एपिसोड में अनु मलिक के साथ फेमस बॉलीवुड सिंगर उदित नारायण और गीतकार समीर भी नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53472.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..580bec9a7c3cd4fda66f6ed0697b31ecc05fe516 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53472.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह टीवी अभिनेत्री एरिया अग्रवाल हैं। एरिया अग्रवाल छोटे पर्दे के चर्चित सीरियल कसौटी जिंदगी के 2 और प्रेम बंधन में नजर आ चुकी हैं। अपने कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी एरिया अग्रवाल ने खुद दी है। उन्होंने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की। इस दौरान एरिया अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उन्होंने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया है और अपना इलाज करवा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53485.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05c2343abcd8fd9539cf7a4ec80ff2b360b7ba91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले दिनों ऐसी रिपोर्ट्स आयी थीं कि अभिनव शुक्ला फियर फैक्टर- ख़तरों के खिलाड़ी में नज़र आ सकते हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बिग बॉस 14 में रूबीना का सफ़र बेहद दिलचस्प रहा था। शो शुरू होने के साथ ही उन्होंने अपने तेवरों से साफ़ कर दिया था कि वो इस सीज़न में लम्बा खेल खेलने वाली हैं। अभिनव के साथ उनके निजी रिश्ते की कड़वाहट भी शो में चर्चा का विषय बनी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53500.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d9fc5929f303d0ee9c44bbf77cd660b31903123 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब राहुल को लगा गलती कर दी..।बातचीत में राहुल ने बताया कि उन्होंने दिशा को नेशनल टेलीवीज़न पर प्रपोज़ तो कर दिया लेकिन बाद में उन्होंने ये सोचकर डर लग रहा था कि कहीं ऐसा कर के उन्होंने कोई गलती तो नहीं कर दी? सिंगर ने कहा, ‘बहुत लंबे वक्त तक दिशा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था। ये सोचकर मुझे डर लग रहा था कि कुछ गड़बड़ हो गई। या तो उसके परिवार को ऐसा करना पसंद नहीं आया या शायद उसे अच्छा नहीं लगा'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53507.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c6a6c52c7eef448ed43401f4d98590204b9dce9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53507.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्क फ्रंट की बात करें को गौहर ख़ान हाल ही में अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई वेब सीरीज़ ‘तांडव’ में नज़र आई थीं। इस फिल्म में सैफ अली ख़ान, डिम्पल कपाडिया लीड रोल में थे। गौहर ने डिम्पल की पीए का रोल ही निभाया था। सीरीज़ में गौहर की एक्टिंग के लिए उन्हें काफी सराहा भी गया था। वहीं पर्सनल लाइफ की बात करें तो एक्ट्रेस इस वक्त अपनी शादीशुदा लाइफ को खुलकर एंजॉय कर रही हैं। गौहर ने 25 दिसंबर 2020 को ही अपने ब्वॉयफ्रेंड ज़ैद दरबार से शादी की है। अपनी लविंग फोटोज़ और डांसिंग वीडियोज़ की वजह से ये कपल काफी चर्चा में रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53511.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5ff1c8f99d3f93af18f17a92044073166d55dd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + एक्ट्रेस हिना खान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। उनका ये वीडियो फोटोशूट के दौरान का है। इस वीडियों में हिना ने दुल्हन के लिबास में नजर आ रही हैं। उन्होंने इस दौरान पिंक कलर का बेहद ही खूबसूरत लहंगा पहना है साथ ही हैवी जूलरी में नजर आ रही हैं। वहीं हिना राजस्थानी लुक में नजर आ रही हैं। उनका ये लुक देख फैंस को ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की 'अक्षरा' की याद आ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53517.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe95139f25cd568883848bfbc5d1976812be1518 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53517.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वीडियो में वह सफेद रंग के प्लाजो और कुर्ता में नजर आ रही हैं। इस वीडियो के साथ उन्होंने ट्रोलर्स को कड़ा संदेश किया है जिसकी काफी चर्चा हो रही है। अंकिता लोखंडे ने वीडियो के पोस्ट में लिखा, 'दुश्मनों की आवाज हमेशा अपने साथ किसी न किसी चीज को लेकर आती है, लेकिन सच्चाई को किसी की जरूरत नहीं होती। वह अपने आप में काफी होती है। यह मेरे सभी फैंस के लिए है, मजे करें।'।सोशल मीडिया पर अंकिता लोखंडे का वीडियो वायरल हो रहा है। कई सोशल मीडिया यूजर्स और अभिनेत्री के फैंस उनके वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को अंकिता लोखंडे ने एक वीडियो शेयर कर उन ट्रोलर्स को भी करारा जवाब दिया था जो दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से जोड़कर उन्हें ट्रोल कर रहे होते हैं। + +अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'मैं दो दिन से बहुत उदास महसूस कर रही थी। इसके पीछे कोई वजह नहीं थी लेकिन बस मैं उदास थी। आज मैं ठीक महसूस कर रही हूं तो सोचा कि थोड़ा प्यार फैलाया जाए आप लोगों से बात की जाए'। अगर मैं आपको अच्छी नहीं लगती तो आपको मुझे अनफॉलो कर देना चाहिए। मैं बहुत दिन से देख रही हूं लोग मुझे गंदी-गंदी गालियां देते हैं। मेरे वीडियोज़ और पोस्ट पर लोग गंदे-गंदे कमेंट करते हैं। ये बहुत-बहुत ज्यादा हर्ट करता है मेरे लिए शायद इतना नहीं, क्योंकि मुझे फर्क नहीं पड़ता। लेकिन मैरे पैरेंट्स को ये बहुत हर्ट करता है। वो ये सब कमेंट बिक्लुक डाइजेस्ट नहीं कर पाते क्योंकि वो इस इंडस्ट्रगी से जुडे हुए नहीं है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53522.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c517b184899ca838d815a8c702a141be883adf6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ की वनर भले ही फेमस टीवी एक्ट्रेस रुबीना दिलैक बनी हों, लेकिन सीज़न में कुछ खिलाड़ी ऐसे थे जो किसी न किसी वजह से चर्चा में रहे। जैसे राखी सावंत मस्ती की वजह से, राहुल रुबीना से दुश्मनी की वजह से, अली जैस्मिन से मोहब्बत की वजह से और निक्की तंबोली अपनी बदतमीज़ी के चलते पूरे सीज़न चर्चा का विषय बनी रहीं। निक्की ने घर में ढेर सारी मस्ती भी की तो वहीं ढेर सारे झगड़े भी किए। निक्की और जान की दोस्ती ने बिग बॉस 14 में सबसे ज्यादा लाइमलाइट लूटी। शो की शरुआत में निक्की और जान की अच्छी दोस्ती थी, लेकिन फिर दोनों के बीच झगड़ा हो गया और निक्की ने जान पर जबरदस्ती उन्हें किस करने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद दोनों के बीच और दूरी आ गई।अब निक्की ने अपने उस आरोप पर सफाई दी है और अपनी और जान की बॉन्डिंग के बारे में खुलकर बात की है। स्पॉटब्वॉय से बातचीत में एक्ट्रेस ने कहा, ‘हम घर के अंदर दोस्त थे और दोस्ती में गले लगाना और किस करना नॉर्मल बात है। इस दौरान एक बार हमारा झगड़ा हो गया था, क्योंकि उसने मुझे नॉमिनेट कर दिया जिस वजह से मैं अपसेट हो गई थी। वो मुझसे ये कहते हुए माफी मां रहा था कि उससे गलती हो गई , लेकिन मैं बहुत गुस्से में थी और उसके माफी स्वीकार करने के लिए राज़ी नहीं थी। तब मैंने उससे कहा था कि जो आप मुझे किस करते हो वो मत करना'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53540.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9308f6e80d0163de1205eeb77678bc5be39c05d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53540.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस' फेम और टीवी की फेमस एक्ट्रेस और डांसर राखी सावंत एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का फेमस चेहरा हैं। हाल ही में राखी 'बिग बॉस 14' में नज़र आई थीं, जहां उन्होंने अपने बेमिसाल एंटरटेनमेंट से सबका दिल जीत लिया। राखी को 'बिग बॉस' की बेस्ट एंटरटेनर का खिताब दिया गया है। शो में रहने के दौरान जहां एक तरफ राखी ने सबको खूब हंसाया तो वहीं ‘बिग बॉस 14’ के दौरान ही लोगों को ये भी पता चला कि एक्ट्रेस पर्सनल लाइफ में कई मुश्किलों से जूझ रही हैं। ।राखी अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को लेकर परेशान तो हैं ही साथ ही उनकी मां कैंसर से जूझ रही हैं। राखी जब बिग बॉस हाउस में थीं उस दौरान उनके भाई राकेश ने बताया था कि उनकी मां आईसीयू में हैं। घर में रहने के दौरान भी राखी की एक बार उनकी मां से वीडियो कॉल पर बात करवाई गई थी तब भी वो हॉस्पिटल में ही नज़र आ रही थीं। + +अब घर वापस आकर एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर मां की एक तस्वीर शेयर की है जिसके साथ उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वो उनकी मां के लिए दुआ करें। राखी ने मां की जो फोटो शेयर की है उसमें वो काफी बीमार दिख रही हैं, और उनके सिर पर बाल भी नज़र नहीं आ रहे हैं। फोटो शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, ‘कृपया मेरी मां के लिए दुआ करें वो कैंसर ट्रीटमेंट से गुज़र रही हैं’। राखी की फोटो पर एक्ट्रेस और बिग बॉस फेम जस्लीन मथारु ने कमेंट किया और उनकी मां के जल्दी ठीक होने की दुआ की है। वहीं बिग बॉस 14 कंटेस्टेंट जान कुमार सानू ने राखी के पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा है कि 'आंटी जल्दी ठीक हो जाएंगी राखी'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53543.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4d43bee0feee84a57b93596f5a9bba8fa066320 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कलर्स चैनल का सबसे चर्चित शो ‘बिग बॉस 14’ खत्म हो चुका है। 3 अक्टूबर को शुरू हुआ और 143 दिन चला ये शो हर सीज़न की तरह सक्सेसफुल रहा। अब ‘बिग बॉस’ के फैंस को इंतज़ार है इसके अगले सीज़न यानी ‘बिग बॉस 15’ का। बिग बॉस 14 के ग्रैंड फिनाले में सलमान ख़ान ने इस बात की पुष्टि कर दी थी कि सीज़न 15 भी आएगा। इतना ही नहीं ‘बिग बॉस 15’ में सेलेब्स नहीं बल्कि कॉमनर्स हिस्सा लेंगे। जी हां, एक बार बिग बॉस के घर में सेलेब्स को नहीं बल्कि कॉमनर्स को जगह दी जाएगी। लेकिन उसके भी कुछ नीयम कायदे होंगे। वो नियम कायदे क्या हैं ये हम आपको बताते हैं, और बताते हैं कि कैसे आप बिग बॉस 15 में ऑडिशन देने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53555.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfbfd8588b203934d1147fbab79b541dd2a1fc32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले कुछ सालों में नेहा ने ख़ुद को कितना ग्रूम किया है ये तो सभी जानते हैं। गानों के अलावा नेहा अपने लुक के लिए भी सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं। सिंगर ने अपने इंस्टग्राम पर जो वीडियो शेयर किया है उसमें वो ब्लैक साड़ी में सैक्सी वॉक करती नज़र आ रही हैं। इस दौरान ने ब्लैक कलर की साड़ी और सैक्सी ब्लाउज़ पहना हुआ है। वीडियो में पहले नेहा बैक से पोज़ देती दिख रही हैं उसके बाद वो पलटकर कैमरे की तरफ देखती हैं और वॉक करना शुरू कर देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53557.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68eebfb89e1a6967b35a4d85235c6aec652e605f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53557.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 14 की विजेता टीवी अभिनेत्री रुबीना दिलैक रही हैं। उनके साथ मुकाबले में राहुल वैद्य, निक्की तंबोली, राखी सावंत और अली गोनी थे। रुबीना दिलैक के साथ पहले रनर अप राहुल वैद्य रहे थे। उन्होंने शो के अंदर अपने शानदार खेल और रणनीति से दर्शकों के दिलों को खूब जीता था। अब शो से निकलने पर राहुल वैद्य ने विजेता न बनने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53558.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28cc60389b3727f7c24cef6166efb82f8e0d18af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपेश पांडेय, मुंबई। पिछले साल अपनी गर्लफ्रेंड श्वेता अग्रवाल से शादी करने के बाद सिंगर और एंकर आदित्य नारायण इन दिनों सिंगिंग रिएलिटी शो इंडियन आइडल 12 की मेजबानी कर रहे हैं। शादी के बाद जीवनशैली में आए बदलाव और म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने बात की:।सवाल : शादी के बाद जिंदगी में किस तरह का बदलाव महसूस कर रहे हैं? । जवाब : मेरा घर अब थोड़ा-थोड़ा पारिवारिक घर की तरह लगने लगा है। अब घर की दीवारें रंगीन हो गई हैं, पहली बार मेरे हॉल में डाइनिंग टेबल आ गया है, मेरे कपड़े व्यवस्थित रहने लगे हैं। शादी के बाद जितना हो सकता है हम अपने देश में ही अलग-अलग जगहों पर घूम रहे हैं। अब श्वेता आधिकारिक तौर पर मेरी पत्नी हैं, तो कहीं जाने के लिए मम्मी-डैडी से कोई अनुमति लेने या बहाना बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। सबसे बड़ी बात यह कि अब हम दोनों अपने रिश्ते के बारे में हर किसी से खुलकर बातें कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53560.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d455fbae1ec252567dd98fd917dc257d77326e13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53560.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दोनों ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसके ज़रिए उन्होंने बेटे का चेहरा दिखाया है। मज़ेदार बात ये है कि जिस तरीके से रोहित और अनीता ने बेटे का फर्स्टलुक सबके साथ शेयर किया है, वो तरीका बड़ा अलग और फनी है। वीडियों में अनीता का बेबी बंप नज़र आ रहा है जिसके ऊपर एक बम पेंट किया हुआ है। रोहित इस बम में आग लगाते हैं, और बम ब्लास्ट होता है जिसके बाद बेटा उन दोनों की गोद में आ जाता है। बेटे की पहली झलक दिखाने का अनीता और रोहित का ये तरीका का काफी अलग है। वीडियो शेयर करने के साथ एक्ट्रेस ने अपने कैप्शन में लिखा, ‘आरव इस दुनिया में आ गया’। देखें वीडियो। + +A post shared by Rohit Reddy (@rohitreddygoa)। आपको बता दें कि अनीता ने अपना प्रेग्नेंसी पीरियड खुलकर एंजॉय किया था। इस दौरान अनीता सोशल मीडिया पर जबरदस्त एक्टिव रहती थीं। अनीता अक्सर ही अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए फोटो और वीडियो शेयर करती रहती हैं। एक्ट्रेस ने प्रेग्नेंसी के लास्ट में पति रोहित के साथ एक बोल्ड फोटोशूट भी करवाया था जिसकी फोटोज़ सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53562.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc1ed093e182e95710b55c497e0b75898cb5b35b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जहां नेरा अपने डांस से जलवा बिखरेंगी, तो वहीं रितेश घर में जाकर कंटेस्टेंट्स के साथ मस्ती करने वाले हैं। वहीं माधुरी दीक्षित टॉप 4 फाइनलिस्ट का एलान करेंगी। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने बिग बॉस 14 में शिरकत की। बिग बॉस के स्टेज पर धर्मेंद्र ने घर में मौजूद और बाहर मौजूद सभी लोगों के साथ ढेर सारी बातें शेयर कीं। धर्मेंद्र यहां अपकमिंग डांस रिएलिटी शो 'डांस दीवाने 3' का प्रमोशन करने पहुंचे थे। आपको बता दें कि बिग बॉस 14 की विजेता रुबीना दिलैक बनी हैं। ।उन्हें मुकाबले में शामिल सभी कंटेस्टेंट्स को हराकर 36 लाख रुपये की रकम और खूबसूरत ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। रुबीना दिलैक ने बिग बॉस 14 के घर में रहते हए काफी सुर्खियां बटोरी थीं। शो जीतने के बाद रुबीना दिलैक तुरंत अपने फैंस के साथ रूबरू हुईं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फैंस के लिए एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में रुबीना दिलैक ने फैंस के सपोर्ट और प्यार के लिए शुक्रिया अदा किया। साथ ही बिग बॉस 14 के होस्ट सलमान खान का भी धन्यवाद किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53564.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6c964ad21b2ae9fcbd7b79bf111e3e65846daad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फेमस टीवी एक्ट्रेस निया शर्मा अपने बोल्ड फोटोज़ और वीडियोज़ की वजह से अक्सर चर्चा में रहती हैं। निया सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपनी एक से बढ़कर एक हॉट फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। हालांकि इस वजह से कई बार एक्ट्रेस ट्रोल भी हो जाती हैं, लेकिन निया इन सबको नज़रअंदाज़ करते हुए मस्ती ज़िंदगी जीती हैं। सोशल मीडिया तो छोड़िए निया जहां भी जाती हैं अपनी हॉटनेस से सारी लाइमलाइट लूट लेती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53565.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..123ad79f0a909625c68ce2a9a6c33272569d7910 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl रियलिटी शो बिग बॉस 14 का खिताब छोटे पर्दे की मशहूर अभिनेत्री रुबीना दिलैक ने जीत लिया है, जबकि सिंगर राहुल वैद्य रनर अप रहे। सलमान ख़ान ने बिग बॉस 14 के भव्य ग्रैंड फिनाले ने विनर की घोषणा की और ट्रॉफी दी। विजेता बनने के साथ ही रुबीना दिलैक ने 36 लाख रुपये और एक ट्रॉफी जीत ली है। हालांकि विजेता की प्राइज मनी 50 लाख रुपये थी, लेकिन उस 50 लाख रुपये में से 14 साल रुपये लेकर राखी सावंत से शो छोड़ने का फैसला किया था। जिसके बाद प्राइज मनी की रकम घटकर 36 लाख रुपये हो गई थी। ।फ़िनाले में तीसरे नंबर पर निक्की तंबोली रहींl चौथे नंबर पर अली गोनी और पांचवें नंबर पर राखी सावंत थींl राखी सावंत ने 14 लाख रुपए लेकर शो छोड़ दिया थाl रुबीना सलमान खान के इस शो से शुरू से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने बिग बॉस 14 के घर में पति टीवी अभिनेता अभिनव शुक्ला के साथ एंट्री ली थी। रुबीना दिलैक बिग बॉस के घर में अपने खेल और रणनीति को लेकर काफी सुर्खियों में रहती हैं। रुबीना बिग बॉस के घर में पहले दिन से थी और लगातार दर्शकों का मनोरंजन कर रही थीl इसके चलते भारी बहुमत से वह बिग बॉस की विजेता बनी हैl ।ये भी पढ़ें  : Bigg Boss 14: किसी ने फटकारा तो किसी ने तोड़ी दोस्ती...फिर भी पूरे सीज़न डटकर खड़ी रहीं रुबीना दिलैक, पढ़ें पूरी जर्नी।दमदार परफॉर्मेंसेज़।शो में कई दमदार परफॉर्मेंस भी देखने को मिली हैl नोरा फतेही ने अपनी फिल्मों के गानों पर जमकर डांस कियाl इस मौके पर उन्होंने सलमान खान के साथ भी ठुमके लगाएl वहीं बिग बॉस के घर में माधुरी दीक्षित आती है और उन्होंने टॉप 5 फाइनलिस्ट की जर्नी के बारे में बतायाl वहीं वह अपने शो डांस दीवाने के बारे में भी बतायाl।रितेश देशमुख ने घर में आकर 14 लाख रुपए लेकर शो छोड़ने का मौका दिया, जिसे राखी सावंत ने हथिया लिया। रितेश देशमुख की एंट्री राखी सावंत के पति रितेश के सस्पेंस को बरकरार रखते हुए होती हैंl इसे देखकर राखी सावंत काफी खुश हो जाती हैl इसके बाद घर में कई मस्ती के पल देखने को मिलते हैंl सलमान खान 'डांस दीवाने' की टीम से भी मिलते हैं और उनके साथ भी डांस करते हैंl।वहीं शो में सलमान खान सोनाली फोगाट के साथ भी ठुमकते हुए नजर आते हैंl धर्मेंद्र शो में नजर आते हैl वह सभी फाइनलिस्ट से बात करते हैl रुबीना की जर्नी काफी यादगार रही हैl उन्होंने पहले दिल से दिन से शो में बने रहने के लिए कड़ा संघर्ष किया हैl रूबीना सलमान खान से भी शो में भिड़ गई थीl दरअसल सलमान खान ने उनके पति अभिनव शुक्ला को रुबीना का सामान बता दिया थाl इसके बाद रूबीना ने बिग बॉस से सलमान खान की ना सिर्फ शिकायत की बल्कि शो छोड़ने की भी धमकी दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5357.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c5c36a29be533dd621445db35bef7ecd1d69290 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5357.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कियारा आडवाणी ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने अपने फिल्मी करियर के अलावा निजी जिंदगी को लेकर ढेर सारी बातें कीं। इस दौरान कियारा आडवाणी से पूछा गया कि सिद्धार्थ मल्होत्रा फिल्म इंडस्ट्री में उनके खास दोस्तों में से एक हैं। ऐसे में फिल्म शेरशाह करते हुए उन्हें कैसे लगा और निजी तौर पर उनकी दोस्ती कैसी है। + +इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने विक्रम बत्रा जबकि कियारा आडवाणी ने उनकी गर्लफ्रेंड डिंपल चीमा का किरदार निभाया। दर्शकों ने फिल्म में इन दोनों की जोड़ी को काफी पसंद किया था। वहीं कियारा आडवाणी के वर्कफ्रंट की बात करें तो अभिनेत्री जल्द ही कार्तिक आर्यन के साथ 'भूल भुलैया 2' और साउथ इंडियन सुपरस्टार राम चरण के साथ 'RC 15' में नजर आने वाली हैं। भूल भूलैया 2 में कियारा के सात कार्तिक के अलावा तब्बू भी नजर आएंगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53576.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4858d2674b053cf7baea27aec5a434f21f9726c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चैनल ने फिनाले टेलीकास्ट करने से पहले आज के कुछ प्रोमो रिलीज़ किए हैं जिसमें सारे कंटेस्टेंट अपनी शानदार परफॉर्मेंस देते नज़र आ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है रुबीना दिलैक और राहुल वैद्य की दुश्मनी फिनाले में भी परफॉर्मेंस के जरिए सामने आ रही है। अली और जैस्मिन एक रोमांटिक सॉन्ग ‘जब तक जहां में तेरा नाम है’ पर डांस करते दिख रहे हैं। जैस्मिन शो से पहले ही बाहर हो चुकी हैं वो सिर्फ अली के साथ परफॉर्म करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53577.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f011a4a87db760f4728b81372993a2b51999112 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53577.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ग्रैंड फिनाले में होने वाले तमाम अपडेट्स के बीच सलमान ख़ान के आउटफिट की फोटो सामने आ गई है, कि आज भाईजान क्या पहनने वाले हैं। सलमान ख़ान के स्टाइलिस्ट Ashley Rebello ने अपने इंस्टाग्राम पर भाईजान के आउटफिट की फोटो शेयर की है जिसमें एक शख्स अपने हाथ में सलमान ख़ान का सूट पकड़े नज़र आ रहे हैं। फोटो में एक क्रीम कलर का सूट नज़र आ रहा है जिसका ब्लैक कलर का बॉर्डर है और स्लीव्स पर ब्लैक कलर के ही बटन्स लगे हैं। देखने में ही ये सूट काफी डैशिंग लग रहा है, तो सोचिए भाईजान तो इस सूट को पहनकर क्या कमाल लगेंगे। आप भी देखें एक झलक। + + Who Will Win Bigg Boss 14 : ।पूरे सीज़न में तमाम उतार चढ़ाव को पार करते हुए जो पांच लोग बिग बॉस 14 के फाइनल में पहुंच हैं वो हैं रुबीना दिलैक, निक्की तंबोली, राखी सावंत, राहुल वैद्य और अली गोनी। पांचो के साफ की बात करें तो रूबीना ने इस शो के पहले ही दिन एंट्री ली थी और वो जनता के बेशुमार प्यार के साथ वो आज बिग बॉस 14 के फाइनल में खड़ी हैं। राखी सावंत बिग बॉस सीज़न 1 में आई थीं इस सीज़न में वो बतौर चैलेंजर बनकर आई थीं और आज फिनाले में खड़ी हैं। अली गोनी, जैस्मिन को सपोर्ट करने आए थे, हालांकि वो एक बार शो से बाहर भी जा चुके हैं। राहुल वैद्य भी बिग बॉस 14 को क्विट कर के वापस गेम में आए। वहीं निक्की भी कम वोटों के चलते शो से बाहर हो गई थीं। फिर वो दोबारा शो में आईं। अब देखना ये है कि इन पांच में से किस के हाथ बिग बॉस 14 की ट्रॉफी लगेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53597.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83f2065412c17670a05825459c89b2d68c5e6128 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53597.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ के फिनाले में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में ‘बिग बॉस’ ने कुछ कंटेस्टेंट की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने का जिम्मा उठाया है। हाल ही में ‘बिग बॉस’ ने हर कंटेस्टेंट के घर से निकलने से पहले उनकी आखिरी ख्वाहिश पूछी थी। उन सारी ख्वाहिशों में से बिग बॉस ने अली गोनी की लास्ट विश पूरी कर दी है। अली ने बिग बॉस के सामने ये विश रखी थी कि वो जाने से पहले अपनी मां और दीदी की बेटी से वीडियो कॉल पर बात करना चाहते हैं। + +अब कलर्स ने आज के एपिसोड का एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है जिसमें अली अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात करते नज़र आ रहे हैं। इस दौरान अली फूट फूटकर रोते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि अली अपनी मां को देखते ही रोने लगते हैं और कहते हैं, ‘या कुछ लोग बहुत अच्छे हैं पर कुछ बहुत अजीब हैं, लेकिन आपकी सिखाई हुई बातें यहां मेरे बहुत काम आईं’। अली की बातें सुनकर उनकी मां भी भावुक हो जाती हैं और कहती हैं कि ‘तू बहुत अच्छा कर रहा है, जैसा तू यहां है वैसा ही तू उस घर में है। तू हमारे लिए विनर हो चुका है’। वीडियो कॉल में अली की मां की गोद में उनकी दीदी की बेटी भी नज़र आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53604.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a943943579f90eb4b0a3714e7e38bdfff5b0d1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। 'द कपिल शर्मा शो' के कॉमेडियन और एक्टर कृष्णा अभिषेक की तरह ही उनकी पत्नी एक्ट्रेस कश्मीरा शाह इंडस्ट्री का एक जाना माना नाम है। कश्मीरा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह आद दिन वह अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर करती रहती हैं। इस बीच क​श्मीरा की एक वीडियो और तस्वीर सोशल मीडिया का चर्चा में बना हुआ है। इन पोस्ट में वह बेहद ही बोल्ड अवतार में नजर आ रही हैं। ।कश्मीरा शाह ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो और फोटो शेयर की है जिसमें वह बेहद ही बोल्ड नजर आ रही हैं। इस वीडियो में वह मोनोकिनी में नजर आ रही हैं। वहीं इन पोस्ट के जरिए वह फैंस को खुद पर विश्वास करने की बात कर रही हैं। लेकिन कश्मीरा ने मोनोकिनी में वीडियो और तस्वीर शेयर करने से पहले पति कृष्णा अभिषेक की इजाजत ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53611.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b97b20941148651da9896a171ac52c3b0fec89a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनाली फोगाट ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने बिग बॉस 14 को लेकर ढेर सारी बातें कीं। सोनाली फोगाट ने अब कहा है कि वह अली गोनी से प्यार नहीं करती हैं और उनके बारे में किसी भी तरह से नहीं सोचती हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे और अली के बीच उम्र का अंतर बिल्कुल वैसा ही है जैसे एजाज खान और पवित्रा पुनिया के बीच, बस यहां मैं बड़ी हूं और वहां एजाज जी। तो उनका रिश्ता प्यारा और मेरा गलता क्या? निक जोनस से शादी करने के लिए प्रियंका चोपड़ा ट्रोल नहीं करते हैं, और न ही सुष्मिता सेन को रोहन शॉल को डेट करने के लिए ट्रोल किया जाता है। इसके अलावा, मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे अली से प्यार है, यह सिर्फ एक मोह था। मैं उनके बारे में भी ऐसा नहीं सोच सकती। मैं एक अभिनेता और एक व्यक्ति के रूप में उन्हें पसंद करती हूं'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53619.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d0623a95a7a7b6943e1d64a05b15454dd879c22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53619.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे के सबसे विवादित और हंगामाखेज़ शोज़ में शामिल बिग बॉस 14 आख़िरकार अपने आख़िरी दौर में पहुंच गया है। आने वाले वीकेंड में शो का पर्दा गिर जाएगा। इससे पहले गुज़रे वीकेंड का वार में सलमान ख़ान ने सीज़ 14 की ट्रॉफी की झलक दिखायी। ।वीकेंड का वॉर में एजाज़ ख़ान की प्रोक्सी के तौर पर खेल रहीं देवोलीना भट्टाचार्जी के जाने के बाद अब शो में पांच खिलाड़ी बचे हैं, जिनमें रूबीना दिलैक, राहुल वैद्य, राखी सावंत, एली गोनी और निक्की तम्बोली शामिल हैं। ट्रॉफी और प्राइज़ मनी के लिए अब इन पांचों के बीच ही जंग होनी है। सोमवार से ग्रैंड फ़िनाले वीक शुरू हो चुका है। इससे पहले वीकेंड का वार में सलमान ने इस बार दी जाने वाली ट्रॉफी की झलक भी पेश की, जिसे देख कंटेस्टेंट्स की आंखों की चमक बढ़ गयी। ।कितनी बची है प्राइज़ मनी ।पिछले सीज़ंस की तरह इस बार भी प्राइज़ मनी 50 लाख रुपये ही है, मगर एक टास्क में 14 लाख रुपये कटने के बाद अब फ़िनाले के लिए 36 लाख रुपये ही विजेता को मिलेंगे। इस टास्क में राखी ने 14 लाख रुपये का इस्तेमाल ख़ुद को फ़िनाले वीक में पहुंचाने के लिए कर लिया था। ।बिना ब्रेक रहा रूबीना दिलैक का सफ़र।बिग बॉस 14 शो 3 अक्टूबर को शुरू हुआ था। शो में रूबीना दिलैक अकेली कंटेस्टेट हैं, जो पहले दिन से जमी हुई हैं। बाक़ी सभी फाइनलिस्ट के सफ़र में ब्रेक आया है। राहुल वैद्य शो छोड़कर चले गये थे। कुछ दिन बाहर रहकर वापस आये। एली गोनी साठवें दिन एविक्ट हो गये थे। उनकी भी वापसी हुई। निक्की तम्बोली 64वें दिन एविक्ट हुई थीं और उन्हें भी दोबारा मौक़ा दिया गया। राखी सावंत 70वें दिन चैलेंजर्स के साथ घर में आयी थीं। हालांकि, अब वो अकेली चैलेंजर बची हैं। ग्रैंड फ़िनाले 21 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। आख़िरी हफ़्ता सभी कंटेस्टेंट्स के लिए बेहद अहम है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53621.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb110c55a7fe55ecee3e2ccf4bfb58dec29e3a99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ में एजाज़ ख़ान की प्रॉक्सी बनकर आईं देवोलीना भट्टाचार्जी इस वीकेंड का वार (14 फरवरी) में शो से बाहर हो गईं हैं। क्योंकि देवोलीना इस घर में एजाज़ की प्रॉक्सी बनकर आई थीं, इसलिए उनके जाने से एजाज़ का सफर भी ‘बिग बॉस’ से खत्म हो गया है। घर से बाहर आकर देवोलीना ने अपने एक सपोर्टर पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। हालांकि देवोलीना ने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन एक्ट्रेस उस सपोर्टर पर जमकर भड़की हैं और उस शख़्स को ‘गिरगिट’ बताया है। वैसे देवो के इस ट्वीट से समझ आ रहा है कि उनका निशाना ‘बिग बॉस 13’ फेम पारस छाबड़ा की तरफ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53635.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8ddbb5ae41fcf9c394751f552936504a61ee804 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि हाल ही में रोहित रेड्डी ने अपने बेटे की पहली झलक भी अपने इंस्टाग्राम पर शेयर कयर की थी। रोहित ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक फोटो शेयर की है जिसमें उनका और बेटे का हाथ नज़र आ रहा है। फोटो में दिख रहा है कि बेटे ने पापा का हाथ बड़े प्यार से पकड़ रखा है। फोटो देखकर पता चल रहा है कि ये हॉस्पिटल की ही है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53637.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fbf5378d324cf4664811d563b48858222da09bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ को अपना पहला फाइनलिस्ट मिल चुका है। निक्की तंबोली इस सीज़न की पहली फाइनलिस्ट बन चुकी हैं। अब फिनाले की जंग रुबीना दिलैक, देवोलीना भट्टाचार्जी, राहुल वैद्य, अली गोनी और राखी सावंत के बीच होनी है। खबरों की मानें तो राखी सावंत ‘बिग बॉस 14’ की दूसरी फाइनलिस्ट बन गई हैं। बिग ब़ॉस के फैन पेज पर शेयर की गई जानकारी के मुताबिक राखी ‘बिग बॉस’ के विनर के विनिंग अमाउंट में से 14 लाख रुपए लेकर फिनाले में पहुंच गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53661.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee1c04b55ecbba89a0ef86ea2f08d853c1388339 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53661.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटोज में दिख रहा है कि हिना ने ग्रीन कलर का सूट पहना हुआ है जिसमें मस्त-मस्त लुक देते हुए अपनी जुल्फें लहराती हुईं दिख रही हैं। किसी फोटो में एक्ट्रेस कैमरे की तरफ देख रही हैं तो किसी में वो अपने बाल संभाल रही हैं। इंटरनेट पर हिना की ये फोटोज़ काफी वायरल हो रही हैं और लोग भी एक्ट्रेस की ये फोटोज़ काफी पसंद कर रहे हैं। आप भी देखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53663.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48cb09652c50d293df4920247dca334f08836847 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिनव और रुबीना के फैंस इस बात पर नराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिग बॉस को इस तरह अभिनव को घर से बेघर नहीं करना चाहिए था, बल्कि वोटिंग के आधार पर ही एलिमिनेशन होना चाहिए था। फैंस अभिनव शुक्ला के नाम का हैशटेग क्रिएट कर के उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। देखें अभिनव के एविक्शन पर फैंस का रिएक्शन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53670.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec509fdf692fbaf331114676d23f90b64f87b225 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस 14 अभिनव शुक्ला, अली गोनी, रुबीना दिलैक, राखी सावंत, राहुल वैद्य, देवोलीना भट्टाचार्जी और निक्की तंबोली जीतने के करीब हैl बिग बॉस से अर्शी खान बाहर हो गई हैl वहीं सलमान खान बिग बॉस को 11वीं बार होस्ट कर रहे हैंl वह इस बार प्रतियोगियों से काफी नाराज हैं और उनका मानना है कि प्रतियोगियों का बर्ताव घर में सही नहीं हैl।सलमान खान कहते है, 'आपके इमोशन, इमोशन उनके इमोशन कंटेंटl' वह वीडियो में चिल्लाते हुए नजर आ रहे हैंl इसके अलावा वह यह भी कहते है कि जो घर में प्रतियोगी कर रहे हैं, वही टीवी पर दिखाया जा रहा हैl पिछले हफ्ते विकास गुप्ता घर से बेघर हुए थेl वहीं इस हफ्ते अर्शी खान घर से बेघर हुई हैl एक बार फिर रूबीना दिलैक और अभिनव शुक्ला के बीच लड़ाई हो जाती हैl।अभिनव शुक्ला रूबीना दिलैक की तुलना जैस्मिन भसीन से करते हैंl इसपर रुबीना दिलैक को गुस्सा आ जाता हैl अभिनव शुक्ला कहते है कि वह उनकी सहायता करना चाहते हैंl हालांकि वह सुनने को तैयार नहीं हैl इस बार का शो इसी लड़ाई पर खत्म हो जाता हैl घर में राखी सावंत और देवोलीना अभिनव शुक्ला को लेकर चर्चा करती हैl राखी सावंत को लगता है कि अभिनव शुक्ला उन्हें बुरा दिखाना चाहते हैंl वहीं रुबीना और अभिनव को लगता है कि वह राखी सावंत के जाल में फंस गएl सलमान खान घोषणा करते है कि अर्शी खान को घर छोड़कर जाना पड़ेगाl।सलमान खान इस बात की भी घोषणा करते है कि सभी घरवाले अगले एपिसोड में नॉमिनेट होंगेl इसके पीछे उन्होंने कारण दिया कि अगला हफ्ता बहुत स्पेशल होने वाला हैl सलमान खान सभी से पूछते है कि शो से कौन बाहर हो सकता हैl इस पर सभी मानते है कि देवोलीना भट्टाचार्जी घर से बेघर हो सकती हैl सलमान खान इसके पहले अभिनव शुक्ला से पूछते है कि उन्होंने राखी सावंत को पहले की क्यों नहीं रोकाl अभिनव शुक्ला कहते है कि वह मानते हैं कि राखी सावंत को पहले रोकना चाहिए थाl वहीं जैस्मिन कहती है कि वह अभिनव की बातों से संतुष्ट नहीं हैl रुबीना इस बात का खुलासा करती है कि उन्हें 7 से 8 वर्ष पहले थेरेपी करानी पड़ी क्योंकि वह बहुत गुस्सैल थीl इसपर सलमान खान कहते है कि उन्हें प्यार करना चाहिएl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53687.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b11a9b90da2bea69f65e2fd74e2cf0795435e46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53687.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, हुआ यूं कि राखी बाथरूम एरिया में खड़े होकर देवोलीन से बात कर रही थीं इस दौरान वो अभिनव को लेकर कुछ बातें बोल रही थीं। बातों –बातों में राखी ने अभिनव को ठरकी कहा और ये बात अभिनव ने सुन ली। जिसके बाद अभिनव उन्हें जमकर डांट लगाई, तभी वहां रुबीन आ गईं और उनसे राखी की बातें बर्दाश्त नहीं हुईं। रुबीना बाथरूम में गईं और उन्होंने बाल्टीभर पानी सीधे राखी के ऊपर डाल दिया। इसे बाद भी रुबीना का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वो काफी देर तक राखी पर चिल्लाती रहीं। रुबाना ने कहा कि अगर ऐसा करने के लिए उन्हें घर से बाहर भी जाना पड़े तो चली जाएंगी। ।जानें क्या बोल रहे फैंस :।Well i would do the same what #Rubina did... #RakhiSawant u need to know when n where to stop! #BB14 @ColorsTV।#RubinaDilaik aj apne jo bhi kiya bilkul shi kiya#RakhiSawant kam se kam ab apni badtameeziyan band kr do🤬👿#RubiNav ap log bhut Accha khel rhe hai#AbhinavShukla ❤️👑🌟🥰🤗💫#AlyGony and #NikkiTomboli thank you #RubiNav ka saath dene kiye#BiggBoss14 #justsaying #staystrong।Be Ready Rubiholics THARKI word ko bhi @BeingSalmanKhan defend Karenge..! Agr tharki is normal than Beep kyu dala tha @BiggBoss ??#RubinaDilaik #BiggBoss14 #BB14।Very bad #RubinaDilaik...kisi ke upar ese paani daalna not good. Atleast not expected from you. ।Ek tank pani daalna chahiye tha. Makhi Sawant usi ke layak hai.#Rubinalstheboss#Rubinadialik#AbhinavShukla #RubiNav #RubiHolics #BB14LiveFeeds।I might have done worst 🙈 #RubinaDilaik we are with you girl ❤️।Well done #RubinaDilaik👏 Rakhi deserves it! #BB14।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53691.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67035152ad1797f770a23667c4eb1de182a9900d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन । रियलिटी शो बिग बॉस 14 के अंदर हर दिन कई घटनाएं देखने को मिलती हैं। शो में बहुत से कंटेस्टेंट्स एक-दूसरे के साथ बुरी तरह से झगड़ा करते हुए भी दिखाई देते है। इस बीच जल्द शो के अंदर फैमिली वीक शुरू होने वाला है। इस वीक में सभी कंटेस्टेंट्स के करीबी उनके कनेक्शन बनकर आएंगे। वहीं ड्रामा क्वीन के नाम से मशहूर राखी सावंत का कनेक्शन कौन बनकर आएगा, इसका भी खुलासा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53701.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76374b9546dfefcc06043802cb9c7ca1631367bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53701.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कलर्स ने अपने इंस्टाग्राम पर आज के एपिसोड का प्रोमो शेयर किया है जिसमें राखी, देवोलीना से बात करती नज़र आ रही हैं। इस दौरान वो देवोलीना से कहती हैं कि उन्होंने सबकी बहुत इज्ज़त कर ली, अब नहीं करेंगी। इसके बाद राखी अभिनव को ठरकी कहकर बुलाती हैं। जिसे सुनकर' अभिनव बुरी तरह भड़क जाते हैं और पलटकर कहते हैं कि ‘यही तेरी सच्चाई है राखी’। ।इसके बाद रुबीना गुस्से में आती हैं, बाथरुम में जाकर बाल्टी भरकर पानी निकालती हैं और पूरा बाल्टीभरा पानी राखी के मुंह पर फेंक देती हैं। रुबीना को ऐसा करने से निक्की रोकती भी हैं, लेकिन रुबीना किसी की बात नहीं सुनती हैं। खबरों की मानें तो रुबीना की इस गलती के लिए बिग बॉस ने उन्हें सज़ा भी दी है और फिनाले तक के लिए नॉमिनेट कर दिया है। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53723.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..099d21ae1ab8ee492b8d2f35d541735bbcfa3757 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl राखी सावंत के भाई ने खुलासा किया है कि उनकी मां का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया हैl राखी सावंत बिग बॉस के घर में लोगों का जमकर मनोरंजन कर रही हैl वहीं हाल ही में उन्होंने अपने परिवार के साथ वीडियो कॉल पर बात की थीl उनकी मां ने खुलासा किया कि वह ठीक नहीं है और अस्पताल में एडमिट हैl।राखी सावंत ने कहा था कि वह अपनी मां के लिए उपवास रखेंगी ताकि वह ठीक हो जाएl इसके चलते सभी भावुक हो गए थेl राखी सावंत के भाई ने मां के स्वास्थ्य के बारे में बताते हुए कहा है कि उनकी तबियत ठीक नहीं हैl ई टाइम्स के अनुसार राखी सावंत के भाई ने खुलासा किया है कि उनकी मां के ब्लैडर में बड़ा ट्यूमर है जो कि कैंसर का कारण बन सकता हैl राखी सावंत की मां को कीमोथेरेपी दी जा रही हैl।राखी सावंत के भाई राकेश ने कहा, 'मां अस्पताल में हैl शनिवार का ऑपरेशन हुआ हैl उनकेब्लैडर में बड़ा ट्यूमर है जो कि कैंसर का कारण बन सकता है और उनका ऑपरेशन नहीं किया जा सकताl सोमवार से कीमोथेरेपी वापिस शुरू करेंगेl मैं प्रार्थना कर रहा हूं कि सब कुछ अच्छे से हो जाए और वह ठीक हो जाएl'।राकेश ने यह भी बताया कि राखी सावंत को मां के स्वास्थ्य के बारे में बता दिया गया हैl हालांकि मां की ख्वाहिश है कि राखी बिग बॉस के घर में रहे क्योंकि वह अच्छा खेल रही हैl राखी सावंत की मां चाहती कि राखी सावंत विनर बने। राखी सावंत फिल्म अभिनेत्री हैl वह कई फिल्मों में स्पेशल नंबर भी कर चुकी हैl राखी सावंत इसके पहले भी बिग बॉस में नजर आ चुकी हैl आजकल अभिनव शुक्ला उनसे नाराज चल रहे हैंl इसके पीछे कारण यह है कि राखी का दावा है कि वह अभिनव को पसंद करती हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53737.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bd8ed04c2df2b4cdd657222fd96c40434950d46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'गुम है किसी के प्यार में' शो मेंआयशा सिंह और सूरज सोनिक अपनी शानदार एक्टिंग के साथ दर्शकों को लुभा रहे हैं। दोनों शो में साई और अनिकेत की भूमिका निभा रहे हैं। इस शो में अनिकेत की एंट्री के साथ एक कपल ड्रामा देखने को मिल रहा हैl शो में विराट चव्हाण (नील भट्ट) अनिकेत की एंट्री से जलन रखते है। अनिकेत की एंट्री से शो में साई और विराट के बीच कई आकर्षक पल भी आए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53787.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9ca82bdffec35e48e390d19a2521c64951b17b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एकता ने इंस्टाग्राम पर जो वीडियो शेयर किया है उसमें सुशांत के कई मूड और लुक नज़र आ रहे हैं। ये लुक सुशांत के पहले सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ के दौरान के हैं जिसे एकता कपूर ने ही प्रोड्यूस किया था। वीडियो शेयर करने के साथ एकता ने कैप्शन में लिखा, ‘सुशी हमेशा के लिए... स्टार की तरह चमको... जहां भी हो प्यार और रौशनी फैलाओ। धरती पर एक अच्छा जन्म’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53792.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b556ef44aa05d995f9a51aee624950a3068ccb2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कपिल शर्मा का शो ‘द कपिल शर्मा शो’ हमेशा किसी न किसी वजह से खबरों में छाया रहता है। ये शो लोगों को जितना हंसाता है उतना ही विवादों रहता है। कभी शो कलाकारों के बीच अनबन की खबरें आ जाती हैं तो कभी अपने कॉन्टेंट को लेकर शो विवाद में फंस जाता है। हाल ही में कपिल शर्मा के सेट से दो लीड एक्टर कृष्णा अभिषेक और कीकू शरदा के झगड़े को लेकर खबरें आ रही थीं जिस पर दोनों स्टार्स ने चुप्पी तोड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53805.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4aff6b4548dba9bf3298b3bf7e4ec19aee5aba66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53805.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ में सोमवार (18 जनवरी) को एक शॉकिंग मोड़ तब आया जब टास्क के दौरान बिग बॉस ने ख़ुद ये अनाउंस कि एजाज़ ख़ान घर छोड़कर जा रहे हैं। बिग बॉस का ये अनाउंसमेंट सुनकर सभी घरवाले हैरान रह गए। तब बिग बॉस ने बताया कि ‘पहले शो का फिनाले 16 जनवरी को होना वाला था इसलिए एजाज़ ने बाहर कुछ कमिटमेंट्स कर रखे थे। अब क्योंकि शो का फिनाले आगे बढ़ गया, लेकिन उन कमिटमेंट्स को पूरा करने के लिए एजाज़ को घर से बाहर जाना पड़ेगा’। ।एजाज़ को जाता देख घरवाले फूट-फूटकर रोए। लेकिन एजाज़ के जाने से उनका गेम यहां खत्म नहीं होगा बिग बॉस ने इस बात की तसल्ली भी सबको दे दी। दरअसल, एजाज़ की जगह ‘बिग बॉस 13’ की कंटेस्टेंट और फेमस टीवी एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी उनकी प्रॉक्सी बनकर आई हैं। यानी अब एजाज़ ख़ान का गेम वो आगे बढ़ाएंगी जब तक एक्टर अपने कमिंटमेंट्स पूरे कर घर में वापस नहीं आ जाते। + +विकास ने फिर ली एंट्री।देवोलीना के साथ ही ‘बिग बॉस’ में एक और शॉकिंग एंट्री हुई है, वो एंट्री है विकास गुप्ता की। हाल ही में दांत के दर्द से बुरी तरह परेशान होकर विकास को घर छोड़कर जाना पड़ा था। सबको लगा था कि विकास अब नहीं आएंगे लेकिन वो फिर से वापस आ गए हैं। इससे पहले विकास को सज़ा के तौर पर घर से निकाला गया था। अर्शी ख़ान से तू-तू मैं-मैं होने के बाद विकास ने अर्शी को स्वीमिंग पूल में धक्का दे दिया था, जो कि बिग बॉस के घर का नियम उल्लंघन था। इस वजह से ख़ुद बिग बॉस ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था। विकास से पहले ‘बिग बॉस 14’ में चैलेंजर बनकर आए मनु पंजाबी भी शो से बाहर जा चुके हैं। उन्हें भी हेल्थ इश्यू की वजह से शो छोड़ना पड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53824.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db71ff1bcd7008a7867cc5113f6645da9c6dbd73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कलर्स ने अपने इंस्टाग्राम पर आज के एपिसोड का एक प्रोमो शेयर किया है जिसमें दिख रहा है कि बिग बॉस घरवालों को पतंगबाज़ी का टास्क देते हैं। लेकिन टास्क के दौरान कंटेस्टेंट आपस में ही भिड़ जाते हैं और टास्क रद्द करवा देते हैं। ये बात बिग बॉस को बिल्कुल पसंद नहीं आती है। बिग बॉस सभी घरवालों को लिविंग एरिया में बुलाते हैं और कहते हैं कि ‘नियम उल्लंघन करना घरवालों के लिए एक उपलब्धि जैसा हो गया है। इसलिए इस खबर में अब से न तो कोई इम्यूनिटी हासिल करने का कार्य दिया जाएगा और न ही कोई कैप्टन बनेगा। इतना ही नहीं घरवालों को अपना राशन भी अब ख़ुद ही कमाना पड़ेगा’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5385.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ee2d60e1c01b949fc237170b9c74a310e6cfb9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुशांत सिंह केस में भी आया था नाम।बता दें कि ये वहीं इम्तियाज खत्री हैं जिनका नाम सुशांत सिंह राजपूत केस में सामने आया था। जांच के दायरे में इम्तियाज भी थे वजह थी 2017 का एक वीडियो जिसे लेकर फैन्स डिमांड कर रहे थे कि इम्तियाज से पूछताछ होनी चाहिए। वहीं सुशांत सिंह की मौत के बात इम्तियाज का गायब होना इस शक को और गहरा रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53854.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5cf1fded4fa042cd13798fbbcd27a6be9905c15f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53854.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं निक्की तंबोली से झगड़ा करना सोनाली फोगाट को भारी पड़ा है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है और उनकी आलोचना भी कर रहे हैं। सोमवार को हुए एपिसोड में सोनाली फोगाट को निक्की तंबोली के बेड पर खाना फेंकते हुए देखा गया है। दरअसल सोनाली फोगाट निक्की से उनके बेड के साइड में रखा खाने का बंद डब्बा उनसे उठाने को कहती हैं, लेकिन निक्की उनका डब्बा देने से मना कर देती हैं। जिसके बाद सोनाली फोगाट गुस्से में पूरा खाना निक्की के बिस्तर पर फेंक देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53860.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f059d298b445b8666042b83d8f0e13f060a1453 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। मशहूर टीवी रियलिटी शो बिग बॉस 14 कंटेस्टेंट जैस्मीन भसीन बिग बॉस 14 के घर के बेघर हो गई हैं। घर से बाहर आते ही जैस्मीन और टीवी अभिनेत्री रश्मि देसाई के बीच ट्विटर पर वॉर छिड़ गई है।बता दें कि शो में पिछले हफ्ते फैमिली वीक चल रहा था। ऐसे में कंटेस्टेंट के घर व करीबी लोग उनसे मिलने शो में मिलने पहुंच रहे थे। इस कड़ी मे रश्मि देसाई विकास गुप्ता से मिलने पहुंची थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53914.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10d7a1c5c3af80b99ebb7c07f8e589f0fac1b43f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by ColorsTV (@colorstv)।आपको बता दें कि इससे पहले राखी का जैस्मिन से ज़ोरदार झगड़ा हुआ था। झगड़े के बाद जैस्मिन ने मज़ाक में राखी को बतख की मुंडी पहना दी थी जिसके बाद राखी ने ये कहते हुए घर में बखेड़ा खड़ा कर दिया था कि मुंडी से उनकी नाक में चोट लग गई। राखी पूरे एपिसोड में रोती रही थीं। जिसके बाद मेडिकल टीम को बुलाया गया। हालांकि चेकअप करने के बाद पता चला कि राखी की नाक पूरी तरह ठीक है। लेकिन जैस्मिन के इस व्यवहार की बिग बॉस ने कड़ी निंदा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53934.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b025ef9fb7a8eca1958dc0363bdae9a34c1dc6b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53934.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +24 दिसंबर के एपिसोड में घरवालों को राखी सावंत का एक अजीबो गरीब रूप देखने के मिला। अच्छा खासा हंसी मज़ाक करने वाली राखी अचानक ख़ुद को बाथरूम में लॉक कर के रोने लगीं। उसके बाद वो शीशे के सामने खड़े होकर ख़ुद से बातें करने लगीं। कंटेस्टेंट्स के पूछने पर राखी ने बताया कि वो जूली हैं, उन्हें यहां किसी ने मारकर दफना दिया था। वो यहां किसा की इंतज़ार कर रही हैं। राखी को इस तरह देखकर कुछ घरवाले डरे सहमे नज़र आए तो वहीं कुछ घरवालों ने इसे राखी का एक और एंटरटेनमेंट कहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53983.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5ff61e3a1a3ce001803ad255dabef7d1d0c6b00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 14 टीआरपी की रेस में लगातार पिछड़ रहा है। ठंडे चल रहे शो में कुछ गर्मी लाने के मक़सद से 5-6 दिसम्बर को फ़िनाले आयोजित किया गया था, जिसमें चार फाइनलिस्ट चुने गये। हालांकि, सीज़न के बीचों-बीच फ़िनाले आयोजित करने का पैंतरा भी कारगर साबित नहीं हुआ और बिग बॉस 14 टॉप 5 शोज़ की लिस्ट में जगह नहीं बना सका। टीआरपी लिस्ट में इस बार भी अनुपमा और कुंडली भाग्य छाये रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_53998.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_53998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bd4498864cc324aa5ab869dff4f436902729be0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_53998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस कश्मीरा शाह हमेशा ही अपनी बोल्ड तस्वीरों की वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं। वहीं ​कश्मीरा के पति यानी एक्टर कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक भी अपनी पत्नी की हॉट तस्वीरें शेयर करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। इसी बीच एक बार फिरे से कृष्णा ने कश्मीरा की एक तस्वीर शेयर की है जो बेहद ही हॉट है। इस तस्वीर में वह बिकिनी पहने पूल में हॉट पोज देती नजर आ रही हैं। एक्ट्रेस की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर आग लगा रही है। इसे फैंस न सिर्फ पसंद कर रहे हैं बल्कि इस पर कमेंट्स कर उनकी जमकर तारीफ भी कर रहे हैंं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54057.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54057.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8df06b5b34bb12e2942fe437570eefa80e1566a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54057.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस 14 वीकेंड का वार में सलमान खान घरवालों को 4 फाइनलिस्ट के बारे में बताते हैंl इसके पहले निक्की तंबोली और राहुल वैद्य घर से बेघर हो जाते हैंl सलमान खान बिग बॉस में घरवालों से इस दौरान लगातार बात भी करते हैंl घरवाले भी बिग बॉस में बिताए गए अपने नौ हफ्ते की जर्नी देखते हैंl वह काफी भावुक भी हो जाते हैl कॉलर ऑफ द वीक द्वारा पूछे जाने पर अभिनव शुक्ला इस बात का खुलासा करते है कि वह और रुबीना दिलैक अब एक साथ ही रहेंगे और उनके बीच अब किसी भी प्रकार का कोई भी मनमुटाव नहीं हैl ।गौरतलब है कि इस बार का बिग बॉस पहले के मुकाबले काफी अलग हैl अब बिग बॉस में 4 फाइनलिस्ट हैl इसमें जैस्मिन भसीन, एजाज खान, रुबीना दिलैक और अभिनव शुक्ला शामिल हैl इसके अलावा बिग बॉस घर के पुराने कंटेस्टेंट चैलेंजर बनकर जाते हैl इनमें विकास गुप्ता, राखी सावंत, कश्मीरा शाह, मनु पंजाबी, राहुल महाजन और अर्शी खान शामिल हैंl ।बिग बॉस सभी को मौका देते है कि वह घर में जाएं और घरवालों को चुनौती देंl सलमान खान विकास गुप्ता को एक टास्क भी देते हैंl इस टास्क में उन्हें 5 चीजों में से तीन चीजें अगले बुधवार तक करनी होती हैl ऐसा करने पर उन्हें एक स्पेशल पावर भी मिलने की बात भी सलमान खान बताते हैl जिसका वह घर में कभी भी उपयोग कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54062.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a29c300b66d0a900781db6d38e09d02a7c6ae3ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्लीए जेएनएन। Kaun Banega Crorepati 12 : सोनी टीवी का फेमस क्विज शो यानी श्कौन बनेगा करोड़पति.12‘ के कल यानी शुक्रवार का कर्मवीर स्पेशल एपिसोड हमेशा ही काफी दिलचस्प रहता है। इस एपिसोड में हर बार कोई न कोई खास गेस्ट केबसी के हॉट सीट पर विराजमान होता है। इस बार के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में पद्मश्री डॉ. रविंद्र कोल्हे और पद्मश्री डॉ. स्मिता कोल्हे को हॉटसीट पर अमिताभ बच्चन के सामने बैठने और खेलने का मौका मिला। इन दोनों बुजुर्ग दंपति के बेहतरीन काम को देखकर खुद शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें सलाम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54079.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c786b94f974dcd071fc28b37a2d38ef8bd91abd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी एक्ट्रेस पवित्रा पूनिया ‘बिग बॉस 14’ से बाहर हो चुकी हैं। फिनाले से ठीक एक हफ्ते पहले पवित्रा ने बिग बॉस हाउस को अलविदा कह दिया। पवित्रा घर में जाते वक्त भी अपने अफेयर्स को लेकर सुर्खियों में आ गई थीं, अब घर से बाहर आते ही वो फिर से अपने रिलेशनशिप को लेकर खबरों में हैं। दरअसल, घर में जाते वक्त पवित्रा के बारे में बताया गया था कि वो तलाकशुदा हैं। लेकिन पवित्रा के बाहर आते ही उनके पति सुमित महेश्वरी सामने आ गए हैं और उन्होंने पवित्रा पर अपनी शादी छुपाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनका और पवित्रा का तलाक नहीं हुआ है, एक्ट्रेस सबसे झूठ बोल रही हैं हम अब भी शादीशुदा हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54094.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6382cba97f1dd4563d14e9e5e5a01d9ef7937a3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी साथ हुए इस शोषण के बारे में बताते हुए एजाज़ फूट-फूटकर रोए। उन्होंने कहा कि ये बात सिर्फ मेरे थैरेपिस्ट और मैं जानते हैं, लेकिन आज ये बात मेरे पापा को भी पता चल जाएगी। इसके लिए एजाज़ ने अपने पिता से माफी भी मांगी। इसके अलावा रूबीना, जैस्मिन, निक्की, अभिनव ने भी अपने बारे में एक-एक राज़ का खुलासा किया। लेकिन सभी घरवालों को एजाज़ ख़ान का राज़ ज्यादा गहरा और तकलीफभरा लगा इसलिए घरवालों की आपसी सहमती से रूबीना का इम्यूनिटी स्टोन एजाज़ ख़ान को दे दिया गया। बाद में एजाज़ ने इसके लिए रूबीना से माफी भी मांगी कि उन्होंने उनका स्टोन छीन लिया। अब ये इम्यूनिटी स्टोन पाकर एजाज़ घर के पहले फाइनलिस्ट बन गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54096.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4795dcbeb459cc2785087bc916e29db38754c56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54096.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक्ट्रेस ने बताया है कि उन्होंने और अभिनव ने बिग बॉस 14 में आने के फैसला क्यों किया, क्योंकि रूबीना और अभिनव शुक्ला तलाक लेने वाले थे। जी हां, आपने एकदम सही पड़ा। इस कपल ने एक दूसरे को नवंबर तक का वक्त दिया था, अगर ये बिग बॉस में नहीं आते तो रूबीना और अभिनव शायद तलाक का केस फाइल कर चुके होते। एक्ट्रेस ने ख़ुद इस चीज़ का खुलासा सबके सामने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54136.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..488cdd44c0bc1ced44c116ef82b9589d9a4a6695 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिंकविला को दिए इंटरव्यू में जान ने कहा, ' हम तीन भाई हैं और मेरी मां रीता भट्टाचार्य ने ही हमें अकेले पाला है। मेरे पिता कभी भी मेरे जीवन का हिस्सा नहीं रहे हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने एक सिंगर के रूप में मेरा कभी भी साथ क्यों नहीं दिया, ये आप उनसे पूछ सकते हैं। इंडस्ट्री में कई ऐसे सेलेब्स हैं, जिन्होंने तलाक लेकर दोबारा शादी कर ली है। वे अपनी पूर्व पत्नी से बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन वो अपनी पहली पत्नी के बच्चों का साथ देने से नहीं कतराते हैं। उन्होंने हमेशा अपने बच्चों की जिम्मेदारी ली है। लेकिन, मेरे मामले में मेरे पिता कुमार सानू ने हमारे साथ संपर्क रखने से इनकार कर दिया।'।साथ ही उन्होंने अपने पिता को लेकर कहा कि मेरे लिए सौभाग्य है कि मैं उनका बेटा हूं, लेकिन उन्होंने सरनेम के अलावा हमें कुछ नहीं दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि मैं उनका बेटा हूं और वो बहुत बड़े सिंगर हैं तो मुझे हर कोई काम देना चाहेगा। लेकिन यह सच नहीं हैं। मैं अभी जो भी हूं वो अपनी मां की वजह से हूं और मेरे पिता ने मेरा बिल्कुल भी साथ नहीं दिया है।' साथ ही उन्होंने कहा कि मैं नेपोटिज़्म का प्रोडक्ट नहीं हूं, क्योंकि मुझे पिता ने कभी सपोर्ट नहीं किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54176.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0134bb88091070c8f93d98d9cd4c00729caa8248 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54176.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ लगभग अपना आधा सफर पूरा कर चुका है, लेकिन इस सीज़न में अभी तक न किसी के बीच मज़बूत दोस्ती दिखी है और न ही दुश्मनी। हालांकि कविता और एजाज़ ज़रूर इस गेम में पूरी तरह एक दूसरे के खिलाफ हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा अब घर में दो नए सदस्यों के बीच खटपट होती नज़र आ रही है, और वो दो नए सदस्य हैं जैस्मिन भसीन और रुबीनी दिलैक। जैस्मिन और रुबीना के बाच शुरुआत से ही अच्छा बॉन्ड देखने को मिला है। दोनों एक दूसरे का हमेशा साथ भी देते हैं और एक दूसर के लिए स्टैंड भी लेते हैं। लेकिन अली के आने के बाद जैस्मिन का बर्ताव रुबीना के लिए कुछ बदला हुआ सा नज़र आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54199.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2da9e410a42a254d620bf27ccee24678225ceff3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके बाद एजाज खान बोलते हैं कि मत बोल मेरेको। इसके बाद एक्ट्रेस चुप नहीं होती और एजाज को कहती हैं कि उन्हें किसी का डर नहीं लगता है और एजाज को अपनी दूसरी फेक साइड दिखानी चाहिए। कविता कहती हैं, 'तेरे से नहीं डरती मैं, पूरा ढोंग इनको दिखा, मुझे मत दिखा। दुआ करती हूं तुम्हें ट्रॉफी मिल जाए वर्ना तुम पागल हो जाओगे।' साथ ही कविता ने एजाज पर कई और आरोप भी लगाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54200.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efa42476e369160f3ba0f33856494f6589383b41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में दिवाली सेलिब्रेशन शुरू हो चुका है। बॉलीवुड फ़िल्म और टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर ने गुरुवार को धनतेरस के मौक़े पर पार्टी का आयोजन किया, जिसमें छोटे पर्दे के कई सितारे रौनक़ बढ़ाने पहुंचे। हालांकि, एकता कपूर ने सोशल मीडिया के ज़रिए साफ़ कर दिया कि यह दिवाली पार्टी नहीं है।  ।एकता कपूर हर साल दिवाली पार्टी में अपने दोस्तों और सहयोगियों का आमंत्रित करती हैं। एकता ने दोस्तों के साथ तस्वीरें शेयर करके लिखा- इस साल कोई दिवाली पार्टा नहीं होगी। लेकि, मनीष मल्होत्रा के ख़ूबसूरत आउटफिट और कुछ दोस्तों के साथ सेलिब्रेट कर लिया। हैप्पी धनतेरस आउटफिट। पार्टी में एकता के साथ मनीष मल्होत्रा, मृणाल ठाकुर समेत छोटे पर्दे के कई कलाकार नज़र आये। मेजबान और मेहमान इस दौरान पारम्परिक परिधानों में सजे काफ़ी ख़ूबसूरत दिख रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54213.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9586012d2fae35aa8b91bf815b4bb3e4d650b396 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में पारस ने बताया कि किस तरह वो अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में होने वाले बॉडी ट्रांस्फॉर्मेशन की वजह से एन्जाइटी में चले गए थे। पारस ने बताया, ‘अपने लास्ट प्रोजेक्ट की वजह से मुझे अपना वज़न बढ़ाना पड़ा। वज़न बढ़ाने के पूरा प्रोसेस काफी मुश्किल था, क्योंकि अपने आप वज़न बढ़ना और जानबूझकर वज़न बढ़ाना ये दो अलग-अलग चीज़ें हैं। इसलिए खुद का वजन बढ़ाने का मुझ पर बहुत बुरा असर हुआ। इन सबके अलावा, लोगों ने मेरे बारे में बुरे कमेंट्स किए, मुझसे नफरत भी की। इन सारी वजहों से मैं शॉक्ड हो गया। जिसका असर मेरी मेंटल हेल्थ पर पड़ा और मैं एन्जाइटी का शिकार हो गया’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54218.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f8a1e9fdb64e475dee826c02e0ebfe834dd2769 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल के इस कदम से बिग बॉस फैन हैरान हो गए। ठीक ऐसी ही प्रतिक्रिया उनकी मां की भी है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से हुई बातचीत में उन्होंने बताया -'मैं उनके लिए खु़श हूं। उसने अचानक से प्रोपज करके मुझे हैरानी में डाल दिया। लेकिन मुझे खु़शी है कि वह लड़की दिशा है। वह हद क्यूट गर्ल है। बाकी मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकती हूं। वह केवल इस बात पर टिप्पणी कर सकता है। जब वह आएगा और हम बैठेंगे और परिवार के रूप में बात करेंगे।'।बात दें, राहुल ने सबके सामने दिशा परमार को प्रपोज किया। शो में दिखाया गया कि राहुल वैद्य घरवालों को बताते है कि उन्हें दिशा परमार नाम की लड़की से प्यार है। और वह उसके जन्मदिन पर उसे अनोखे अंदाज में प्रपोज करते हैं। घरवाले भी उनका साथ देते हैं। राहुल अपनी टी-शर्ट पर दिशा को जन्मदिन की बधाई देते हुए शादी का प्रस्ताव देते हैं। साथ ही वह दिशा से यह भी कहते हैं कि उनका जो भी जवाब है वह उन्हें बताए। अब फैंस को दिशा के जवाब का इंतज़ार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54234.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d621e5cc70e95876339440a8103d7d358ea429a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54234.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, भाबी दी घर पर हैं के रोहिताश्व गौर के लिए दिवाली मिठाईयों वाली होने वाली है। उनका कहना है कि मुझे मिठाइयां सबसे ज्यादा पसंद हैं। और त्यौहारों के दौरान मैं उन पर टूट पड़ता हूं। गुझिया, मठरी, चकली, खोया पेड़ा, खीर और बेसन के लड्डू मेरे फेवरेट हैं। इस साल दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा वर्चुअल विजिट्सऔर सेलिब्रेशंस होंगे। हालांकि, इसे ज्यादा खास बनाने के लिये, हमने छोटे लोकल वेंडर्स को सपोर्ट करने का फैसला किया है। कुल मिलाकर इस बार दिवाली का सेलिब्रेशन काफी ख़ास होने वाला है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54240.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac6f9e5adada513d60d4098149c216d3030daf31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14: ‘बिग बॉस’ के इस सीज़न में राहुल वैद्य एक मज़बूत दावेदार बनकर उबर रहे हैं। दर्शकों के साथ-साथ सलमान ख़ान को भी राहुल काफी पसंद आ रहे हैं, हालांकि बिग बॉस के घरवालों को राहुल समझ नहीं आते, घरवाले हमेशा उनके खिलाफ ही रहते हैं। लेकिन घर में एक एसी सदस्य हैं जिनकी राहुल के साथ अच्छी बताचीत है, और वो सदस्य हैं निक्की तंबोली। राहुल की निक्की से अच्छी बातचीत है दोनों के बीच अच्छी दोस्ती भी देखी जा रही है। हाल ही राहुल और निक्की के बीच एक ऐसी बातचीत देखने को मिलेगी जिसकी वजह से निक्की भावुक हो जाएंगी और राहुल अपनी दोस्त को चुप कराते नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54241.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3d66444b7cbe44d8e10c2f503d338763b052860 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54241.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14 : बिग बॉस के वीकेंड का वार में सलमान ख़ान जब भी आते हैं किसी न किसी कंटेस्टेंट की क्लास लगाकर जाते हैं। ऐसा हर सीज़न के हर हफ्ते में देखने को मिलता कि सलमान ख़ान किसी कंटेस्टेंट की सराहना करते हैं, तो किसी को उसकी गलतियों पर लताड़ लगाते हैं। सलमान ख़ान किसी भी घरवाले को उसकी गलती का एहसास दिलााने से कभी नहीं चूकते हैं। इस वीकेंड का वार (8 नवंबर) में भी सलमान ख़ान ने कई कंटेस्टेंट्स को डांटा, इनमें से एक थीं निक्की तंबोली। + +दरअसल, एक टास्क के दौरान निक्की और राहुल का मुकाबला हुआ था, तब निक्की ने मास्क उठाकर अपनी पैंट में छुपा लिया था जिसके बाद राहुल टास्क हार गए थे। निक्की की इस हरकत का कुछ घरवालों ने विरोध भी किया था। वहीं वीकेंड का वार में ख़ान साहब ने भी निक्की की जमकर क्लास लगा डाली। सलमान ने निक्की की इस हरकत की निंदा करते हुए उनसे पूछा, ‘निक्की आपने मास्क कहां रखा था’ इस पर निक्की ने हिचकिचाते हुए जवाब दिया 'पैंट में'। इस पर सलमान ने कहा, 'आपको बोलते हुए भी शर्मा आ रही है तो आपने ऐसा क्यों किया’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54243.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..119653530e30bd801c5b47ab0e641d6f50f15cb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुक के अलावा अमिताभ ने कुछ और भी ख़ास अपने फैंस के साथ साझा किया है। यह उनकी पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता। दरअसल, उन्होंने इस फोटो के साथ कैप्शन में कविता लिखी है। उन्होंने लिखा- 'अपने युग में सबको अनुपम ज्ञात हुई अपनी हाला, अपने युग में सबको अद्भुत ज्ञात हुआ अपना प्याला,फिर भी वृद्धों से जब पूछा, एक यही उत्तर पाया -अब न रहे वो पीने वाले , अब न रही वो मधुशाला।' ये लाइन हरिवंश राय बच्चन की फेमस किताब मधुशाला से ली गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54261.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91d029a2e2cce2da15066354a589b06d8fe65f49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस’ में खाना बनाने और घर के काम करने को लेकर हर सीज़न में चिक-चिक होती है। इस सीज़न में भी शुरुआत से ही काम करने और खाना बनाने को लेकर झगड़े हुए हैं। आज के एपिसोड में शार्दुल पंडित और नैना सिंह के बीच ज़ोरदार झगड़ा देखने को मिलेगा और नैना खाना बनाने से इनकार कर देंगी। कलर्स ने आज के एपिसोड का वीडियो शेयर किया है जिसमें नैना, शार्दुल और राहुल रेड ज़ोन में नज़र आ रहे हैं और तीनों के बीच खाने को लेकर बहस हो रही है। हालांकि राहुल से नैना ज्यादा नहीं झगड़ रही हैं, लेकिन उनके और शार्दुल के बीच काफी कहासुनी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5427.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9487d97641d0cef16fc31b03cfaf6c09ed31fff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के पावर कपल की लिस्ट में शुमार सामंथा रुथ प्रभु और नागा चैतन्य ने बीते दिनों अलग होने का फैसला कर लिया। सामंथा और नागा चैतन्य के इस फैसले से उनके फैंस का भी दिल टूट गया। सामंथा ने तलाक का फैसला लेने के बाद सोशल मीडिया पर अब पहली पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में उन्होंने पुराने प्यार, पहाड़, सर्द हवा की बात की है। सामंथा का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54271.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ef0bd1992e93b04c86c3bd5affa47763d6ab947 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। Gauahar Khan Gets Engaged to Zaid Darbar : 'बिग बॉस 7'​ विनर गौहर खान ने फैंस को एक बड़ी खुशखबरी दी हैं। गौहर ने अपने 8 साल छोटे  ब्वॉयफ्रेंड जैद दरबार के साथ सगाई कर ली है। सगाई की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आ चुकी हैं। तस्वीरें के सामने आते ही फैंस और स्टार्स उन्हें ढेरों बधाईंया दे रहे हैं। तस्वीरों के साथ ही दोनों की शादी की तारीख भी समाने आ चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54279.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99b5d63cd2246655f0f7a2cc72a69f1f0113a941 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। करवा चौथ का त्योहार भारतीय महिलाओं के लिए बेहद ख़ास होता है। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी इस त्योहार की उमंग देखने को मिलती है। बड़े और छोटे पर्दे के कलाकार इस त्योहार को उत्साह के साथ मनाते रहे हैं। फ़िल्मों और धारावाहिकों में भी करवा चौथ नज़र आता रहा है। ऐसे में टीवी एक्ट्रेसेज़ ने अपने करवा चौथ के दिलचस्प किस्से शेयर किये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54282.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4aa2b7cc49e878df70b309d5c9e743721c64bf34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54282.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। Karwa chauth 2020: आज का दिन हर उस महिला के लिए बेहद खास है जो अपने प्यार की लंबी उम्र की सलामती चाहती है। हर साल करवा चौथ का व्रत बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास कर अपने पति की लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं। आमतौर पर ये व्रत शादीशुदा महिलाएं रखती हैं। लेकिन आज हम आपको उन अभिनेत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कुंवारी होते हुए भी व्रत करती हैं। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में...।A post shared by Ankita Lokhande (@lokhandeankita) on Oct 21, 2020 at 12:21am PDT।अंकिता लोखंडे ।'पवित्र रिश्ता' फेम एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे का नाम इस लिस्ट ​में सबसे पहले आता है। अंकिता कुंवारी होते हुए भी कई सालों से करवा चौथ का व्रत रखती हैं। अंकिता ने एक बार बताया था कि उन्हें इस त्योहार का कॉन्सेप्ट बेहद  पंसद है। इसमें मेहंदी लगाना और ट्रेडिशनल स्टाइल में तैयार होना पसंद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54294.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07d8e08d07d51c78d917d7f4d83ae9f38037ebca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कौन बनेगा करोड़पति एक ऐसा मंच है, जो लोगों का एंटरटेनमेंट करने के साथ ही प्रतिभागियों को अपने टैलेंट के आधार पर पैसे जीतने का अवसर भी देता है। केबीसी में हर क्षेत्र से जुड़े सवाल प्रतिभागियों से पूछे जाते हैं, लेकिन कई बार सवालों की वजह से भी केबीसी लोगों के निशाने पर आ जाता है। हाल ही में 'मनुस्मृति' से जुड़े एक सवाल को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर ना सिर्फ लोग इस सवाल को लेकर विरोध जता रहे हैं, बल्कि अब तो केबीसी मेकर्स के खिलाफ शिकायत भी दर्ज हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54300.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7998b9d308513d969d6826bc88bcd9495a7ac74f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Tanuj Mahashabde (@tan_mahashabde) on Oct 28, 2020 at 11:24am PDT।वहीं, शो में उनकी और बबीता जी की जोड़ी को काफी पसंद किया जाता है। इसमें तनुज एक साउथ इंडियन किरदार निभाते हैं और बबीता जी शो में उनकी पत्नी हैं। बबीता जी यानी मुनमुन दत्ता असल जिंदगी और किरदार में भी काफी ग्लैमरस हैं, जिसकी वजह से भी उन्हें शो में खास पहचान मिला हुई है। तनुज मध्यप्रदेश से हैं और फिर भी शो में साउथ इंडियन टोन में काफी अच्छी हिंदी बोलते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54303.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..526e254387fee29734bfcf7d8523a646c76dec76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54303.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अंकिता लोखंडे टीवी इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस हैं, सोशल मीडिया पर वो काफी एक्टिव रहती हैं। सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद अंकिता काफी खबरों में रही थीं। अंकिता, सुशांत को इंसाफ दिलाने की मुहीम की हिस्सा बनी थीं। एक्ट्रेस ने सुशांत के परिवार का खुलकर सपोर्ट किया था, सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर काफी पोस्ट भी शेयर किए थे और अपने और सुशांत के रेलिशनशिप को लेकर इंटरव्यूज़ में काफी बातें भी बताई थीं। हालांकि सुशांत के केस में अब ये साबित हो चुका है कि उनका मर्डर नहीं हुआ, उन्होंने आत्महत्या ही की थी। ।इन सबके बाद अब अंकिता ने अपने ब्वॉयफ्रेंड विक्की जैन को लेकर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने विक्की से माफी मांगी है। इस पोस्ट में अंकिता ने विक्की के लिए अपने प्यार का इज़हार किया है, लेकिन एक वजह से माफी भी मांगी है। इस पोस्ट में एक्ट्रेस ने अपनी और विक्की के एक फोटो शेयर की है जिसके साथ उन्होंने लिखा है, ‘तुम्हारे लिए अपनी फीलिंग्स को बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। जब भी मैं हमें साथ देखती हूं तो मेरे दिमाग में एक ही चीज़ आती है कि मैं भगवान की शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने तुम्हें मेरी ज़िंदगी में भेजा, एक दोस्त की तरह, एक पार्टनर की तरह.. एक सोल मेट की तरह'। + +'हमेशा मेरा साथ देने के लिए शुक्रिया। शुक्रिया मेरी हर परेशानी को अपना समझने के लिए, जब मुझे तुम्हारी जरूरत पड़ी तो मदद करने के लिए। मेरे सपोर्ट सिस्टम बनने के लिए शुक्रिया। सबसे ज़रूरी... शुक्रिया मुझे और मेरी परिस्थितियों को समझने के लिए। मुझे माफ कर देना की तुम्हें मेरी वजह से बहुत क्रिटिसिज़्म का सामना करना पड़ा, जो तुम बिल्कुल डिजर्व नहीं करते थे। शब्द कम हैं लेकिन हमारी बॉन्डिंग शानदार है। आई लव यू’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54304.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43f9c3670ec26fd27d90c72a1e48e053ec407089 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KBC 2020: कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati) का 12वां सीज़न विवादों में घिरता नज़र आ रहा है। अमिताभ बच्चन होस्टेड इस शो के एक सवाल को लेकर सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक बवाल मच गया है। 'मनु स्मृति' को लेकर पूछे गए इस सवाल पर एक फ़िल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शो पर कम्युनिस्टों का कब्जा हो गया है। ।फ़िल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में केबीसी 12 के एक सवाल का क्लिप है। शुक्रवार रात प्रसारित कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में अमिताभ बच्चन ने मनु स्मृति से जुड़ा सवाल पूछा। जैसा वीडियो में दिखाया गया है, सवाल है- 25 दिसंबर 1927 को डॉ. बी. आर. आंबेडकर और उनके अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाई थीं?। इसके लिए चार विकल्प दिए गए- A) विष्णु पुराण B) भगवत गीता C) ऋग्वेद D) मनु स्मृति। प्रतिभागी मनु स्मृति के विकल्प को चुनता है और वह जवाब सही निकलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54327.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3acfd263b73e2b98c0f0370dcd940d0f104ac38a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एंड टीवी का सबसे चर्चित और पसंदीदा शो 'भाबीजी घर पर हैं' के दो लीड एक्टर मनमोहन तिवारी यानी रोहिताश्व गौड़ और विभूती नारायण मिश्रा यानी आसिफ शेख को अपने हमेशा लड़ते हुए देखा होगा। लेकिन हाल ही में दोनों की ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे, और इस तस्वीर को ख़ुद तिवारी जी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54331.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25b8a8e358b1b090af706ccca5dea49313df80fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54331.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निया ने ट्वीट में बताया कि लोअर परेल के सेनापति बापट मार्ग पर किसी ने उनकी कार में से हैंडबैंग चुरा लिया है। आपकी मदद बहुत मायने रखती है। निया के ट्वीट पर मुंबई पुलिस के ट्विटर हैंडल से जवाब दिया गया कि अपना नम्बर मैसेज कर दें, जल्द उनसे सम्पर्क किया जाएगा। निया ने त्वरित जवाब देने के लिए मुंबई पुलिस का शुक्रिया अदा किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54353.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20fb1ac6e6a883db09a801f36c6410c88874d307 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी जगत का फेमस कार्यक्रम कौन बनेगा करोड़पति कई ऐसे लोगों को लाखों रुपये जीतने का अवसर देता है, जो आर्थिक रुप से कमजोर होते हैं। कार्यक्रम में कई ऐसे लोग भी लाखों या करोड़ों में धनराशित जीत जाते हैं, जो आर्थिक रुप से काफी कमजोर होते हैं। अभी तक कौन बनेगा करोड़पति के स्टेज से कई लोग 1 करोड़ रुपये जीत चुके हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, जो उम्मीदवार यहां एक करोड़ रुपये जीतता है तो उसे असल में पूरे एक करोड़ रुपये नहीं मिलते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54355.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..336fc793ebc2f7a73ca5299a854f6261214034be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल ने क्या कहा?।दरअसल, कलर्स टीवी ने आज यानि 26 अक्टूबर को प्रसारित होने वाले एपिसोड का प्रोमो जारी किया है। इसमें दिखाया गया है कि राहुल वैद्य दूसरे खिलाड़ियों को एलिमिनेट कर रहे हैं। इसमें वह सबसे पहले जान कुमार सानू का नाम लेते हैं। राहुल कहते हैं- 'जिसको मैं नॉमिनेट करना चाहता हूं, वो हैं जान। मुझे नेपोटिज़्म से सख़्त नफरत है।' वहीं, जान कुमार सानू कहते दिख रहे हैं कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी पिता हैं। वहीं, राहुल कहते दिख रहे हैं कि मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि मेरे बाप क्या करते हैं? वीडियो में दिख रहा है कि इस मामले को लेकर जान काफी गुस्से में आ जाते हैं। वह कहते हैं- 'बाप पे मत जा। ना ही तेरी औकात है।'।Kal uthega #BB14 ke ghar mein #Nepotism ka bada mudda! Kaun hai sahi, kaun galat, dekhiye kal raat 10.30 baje only on #BiggBoss14 ! @rahulvaidyarkv @jaan.kumar.sanu @plaympl @daburdantrakshak @tresemmeindia @lotus_herbals Catch it before TV on @vootselect।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 25, 2020 at 11:48am PDT।दिशा परमार ने क्या कहा? ।दिशा परमार ने इस एविक्शन के वीडियो के बाहर आने का बाद ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने सिर्फ गट्स शब्द का इस्तेमाल किया है। वह खुले तौर पर इस मुद्दे को उठाने के लिए उनके साहस की तारीफ कर रहे हैं। ख़ास बात है कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जो सोशल मीडिया पर जोर पकड़ सकता है। ख़ासकर जब ऐसा देखा गया है कि इस वक्त एक हॉट टॉपिक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54372.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09ec11e18bfc7bac8c5de8f96a9c5fb77f50e7d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54372.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +A post shared by Charu Asopa Sen (@asopacharu) on Oct 23, 2020 at 1:41am PDT।राजीव सेन और चारु असोपा इन​ दिनों फेस्टिव सीजन के रंग में रंगे नजर आ रहे है। हाल ही में चारु ने अपने इंस्टाग्राम आकउंट पर अपनी और पति राजीव की कई तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरें को चारु को दुर्गाष्टमी के खास मौके पर शेयर किया है। फोटोज में दोनों ने ट्रेडिशनल वियर में बेहद खूबसूरत नजर आ रहे हैं। वहीं एक तस्वीरें में दोनों गले में माला डाले रोमांटिक होते नजर आ रहे हैं। ।A post shared by Charu Asopa Sen (@asopacharu) on Oct 22, 2020 at 11:30am PDT।इन फोटोज में चारु ने दुर्गाष्टमी के लिए बंगाली ट्रैडिशनल लुक कैरी किया है। तस्वीरों में वह बिल्कुल बंगाली बाला लग रही हैं। उन्होंने रेड एंड व्हाइट बंगाली साड़ी के साथ ट्रेडिशनल ज्वैलरी पहनी है। जो उनके लुक को कंप्लीट कर रही है। मिडिल पार्टेड बन और डार्क लिपशेड चारु के इस पूरे लुक पर जंच रहा है। + +A post shared by Charu Asopa Sen (@asopacharu) on Oct 23, 2020 at 1:02am PDT।वहीं राजीव सेन सफेद रंग के कुर्ता पजामा में बेहद हैंडसम नजर आ रहे हैं। दोनों की तस्वीरें इंरटनेट पर काफी पसंद की जा रही हैं। फैंस दोनों के साथ देखकर काफी खुश हैं। सोशल मीडिया पर फोटोज शेयर करने के साथ ही चारु ने कैप्शन में लिखा, 'हैप्पी दुर्गाष्टमी।' वहीं चारु ने राजीव संग भी कई पोज दिए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी फोटोज को काफी पसंद किया जा रहा है। फैंस एक्ट्रेस के लुक की जमकर तारीफ कर रहे हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54379.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b7392ea17155d25863a8f113ba75b43e5528277 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। 'बिग बॉस 14' को लेकर इस वक्त दर्शकों में काफी क्रेज बना हुआ है। ये शो दिन ब दिन काफी दिलचस्प होता जा रहा है। शों में एक बार फिर से दर्शकों को काफी मसाला देखने को मिल रहा है। जीत की तरफ आगे बढ़ते हुए अब कंटेस्टेंट एक दूसरे पर जमकर वार करते नजर आ रहे हैं। वहीं शो में बतौर कंटेसटेंट पहुंचे सिंगर राहुल वैद्य भी इस वक्त काफी चर्चा में हैं। राहुल शो में पहले हफ्ते गायब दिखें। वहीं दूसरे हफ्ते उन्होंने काफी एंटरटेन किया। वहीं टास्क के दौरान भी राहुल काफी बेहतर खेलते नजर आए। इसी बीच राहुल वैद्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सिंगर सोनू निगम उन्हें जमकर फटकार लगाते नजर आ रहे है। सिंगर राहुल वैद्य ने इंडियन आइडल 2004 में हिस्सा​ लिया था। इसी शो के साथ ही राहुल ने अपने करियर की शुरुआत की थी। इस शो में बतौर जज सोनू निगम, अनु मलिक और फराह खान जज थे। वीडियो में आप सुन सकते हैं कि राहुल 'मैंने जिसे अभी-अभी देखा है...' सॉन्ग गाते दिख रहे हैं। उनका गाना सुनते ही सभी जज खुश होने के बजाए काफी निराश हो जाते हैं। शायद उन्हों राहुल से काफी ज्यादा उम्मीदें थीं। ।यह भी देखें: Bigg Boss 14 Unseen Undekha: Rubina Dilaik ने jasmin से शेयर की अपनी और Abhinav Shukla की Love Story।इसी दौरान सोनू निगम, राहुल से कहते हैं, 'मैं आपसे एक बात कहना चाहता हूं आप हर परफॉर्मेंस के साथ बद से बदतर हो जा रहे हो। जो आपने सबसे पहले गाया था वो आपने बहुत अच्छा गाया था। वहीं अनु मलिक ने भी राहुल की आपकी परफॉर्मेंस देखकर कहा था कि 'तू आ गया रे...' और मैंने कहा था कि जो लास्ट के 3 बचेंगे उसमें आप आएंगे।' ।सोनू ने आगे कहा, 'वहीं जब आपने दूसरी बार गाया तब उसी गाने को थोड़ा खराब गाया। उसके बाद आपने जो गाया वो भी बिल्कुल अच्छा नहीं था, आज तो आपने बहुत ही खराब गाया।' ।वहीं अनु मलिक कहते सुनाई दे रहे हैं, 'आपको अपने ऊपर ओवर कॉन्फिडेंस हो गया है। आखों में, चेहरे में एटिट्यूड में कि कोई और एग्जिस्ट ही नहीं करता। सिर्फ मैं हूं। ये आपकी आवाज में नजर आ रहा है। पहले भूख नजर आ रही थी। अब ऐसा नहीं दिख रहा। इसके बाद राहुल उनसे सॉरी बोलते हैं।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54387.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b08b024a946e2603765b963554eb240604ff653c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ से अब तक 2 कंटेस्टेंट विदा ले चुके हैं। दूसरे हफ्ते घर से बेघर हुईं सारा गुरपाल के बाद कल यानी 21 अक्टूबर को शहज़ाद देओल ने भी बिग बॉस के घर को अलविदा कह दिया। यानी अब मुकबला 9 घरवालों के बीच बचा है। घर में फिलहाल कैप्टेंसी को लेकर जंग छिड़ गई है और इस वजह से दो दोस्तों के बीच दरार पड़ती नज़र आ रही है। वैसे कैप्टेंसी की वजह से दोस्ती में दरार आना बिग बॉस घर में आम बात है। फिलहाल घर में ये दरार निक्की तंबोली और जान कुमार शानू के बीच आती नज़र आ रही है। शुरुआत से ही स्ट्रॉन्ग बॉन्ड शेयर करने वाले निक्की और जान अब अपना- अपना गेम खेलते नज़र आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54394.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0238a84caaefec258eb999e2358a55b17c0d5728 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54394.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि मंगलवार शो में अंकिता प्रतिभागी के तौर पर हॉटसीट पर पहुंचीं। इस दौरान अमिताभ और उनके बीच बाबू पट्टी गांव को लेकर बात हुई। लेकिन इसका जवाब अंकिता को नहीं पता था, इसके लिए उहोंने लाइफलाइन का इस्तेमाल किया। इस लाइफलाइन का नाम 'वीडिया कॉल अ फ्रेंड' था। इस दौरान अंकिता ने अपने मौसा को कॉल लगाने की अपील की। उन्होंने मदद से पहले अमिताभ बच्चन से बात करने की इच्छा जताई। ।अंकिता के मौसा ने कहा कि मैं आपको सलाह देने के लिए नहीं हूं। लेकिन आपसे से एक निवेदन है कि एक बार आप गांव बाबू पट्टी जाएं। वहां के लोग पीड़ा में हैं। इस निवेदन पर तुरंत अमिताभ बच्चन का जवाब आ गया। बिग बी ने कहा कि ये संयोग ही है कि मैं अपने परिवार से इसी पर बात कर रहा था। बाबू पट्टी में जाकर कुछ करना है। वो चाहे बच्चों के लिए स्कूल हो या उसका निर्माण काम करना वगैरह हो। इस बातचीत के दौरान अमिताभ ने अपने गांव के लिए कुछ करने का एलान कर दिया।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54396.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be10e4456acf1118bcca5e2a161c765292fa80b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14: बिग बॉस 14 के घर में इस वक्त रूबिना दिलैक खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। अपने बातों के लेकर लड़ जाने वाली रूबिना को घर से बाहर भी समर्थन मिल रहा है। लास्ट वीक में उन्हें होस्ट सलमान ख़ान से तारीफ और आलोचना दोनों मिली। हालांकि, बात तब चर्चा में आई, जब रूबिना ने 'सामान' वाले कमेंट को लेकर बिग बॉस से सलमान ख़ान की शिकायत की। अब इस मामले में रूबिना को पूर्व प्रतिभागी करणवीर बोहरा से समर्थन मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54401.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae7993cbdf7d7d00e2f41c166b43ab568e4898e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस 13' फेम और टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला ने आखिरकार ये खुलासा कर ही दिया कि उनकी गर्लफ्रेंड है। हालांकि वो लड़की कौन है? क्या करती है? इस बारे में सिड ने कुछ नहीं बताया है, लेकिन ये बात उन्होंने ख़ुद कुबूल की है कि वो किसी को डेट कर रहे हैं यानी उनकी गर्लफ्रेंड है। ये बताते हुए सिड का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जो 'बिग बॉस 14' के घर का ही है। वीडियो में वो गौहर को कह रहे हैं कि उनकी गर्लफ्रेंड उनके घर पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54409.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b76b9286a7b98d20da7df27a918ef89623ef4a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54409.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14: बिग बॉस 14 में अब गेम बदलने वाला है। सलमान ख़ान का एक नया प्रोमो इंटरनेट पर चर्चा बटोर रहा है। जिसमें वह बता रहे हैं कि असली खेल तो अभी से शुरू होगा। सोमवार को प्रसारित होने वाले एपिसोड में दिखाया जाने वाला है कि फ्रेशर्स प्रतिभागियों को कन्फर्म होने का एक और मौका मिलने वाला है। इसके लिए सलमान ख़ान उन्होंने नया टास्क देते नज़र आ रहे हैं। इस खेल में तूफानी सीनियर्स हिना ख़ान, सिद्धार्थ शुक्ला और गौहर ख़ान आमने-सामने आ सकते हैं। + +A post shared by BIGGBOSS 14 JASOOS (@biggboss14jasoos) on Oct 18, 2020 at 10:45pm PDT।वहीं, वीडियो में निक्की तम्बोली का एग्रेसिव लुक देखने को मिला। इसमें वह किसी टास्क में दिख रही हैं। उनके सामने एक पुरूष प्रतिभागी है, जिसका चेहरा नहीं दिख रहा है। वह निक्की से जल्दी स्प्रे करने को कहता है। ऐसे में निक्की कहती हैं तेज स्प्रे। इस पर वह तेजी से मुंह पर स्प्रे कर देती हैं। और निक्की कहती हैं कि आप तुम इसे डिजर्व करते हो। उनके इस एक्शन पर सलमान समेत कई प्रतिभागी शॉक्ड में दिख रहे हैं। हालांकि, बाद में वीडियो को हटा लिया गया है। ।बता दें, इसके अलावा घर में एविक्शन की भी तलवार लटक रही है। पिछले एपिसोड में दिखाया गया है कि तीन प्रतिभागियों को बॉट्म थ्री में जगह मिली है। इसमें अभिनव शुक्ला, शहजाद देओल और जान कुमार सानू शामिल हैं। अब देखना है कि कौन खुद को बिग बॉस के घर में बचा पाता है? ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54413.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0f1c83e1dbec5c1d2bf2d5499968acc520576ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस 14 के अनदेखे वीडियो में पवित्रा पूनिया अभिनव शुक्ला के साथ डेट पर जाने की बात कह रही हैl अभिनव शुक्ला की पत्नी रूबीना दिलैक पवित्रा की इस बात को सुनकर जबरदस्त रिएक्शन देती हैl इसे देखकर आप चौक जाएंगेl बिग बॉस 14 में पवित्रा पूनिया एक दमदार प्रतियोगी के तौर पर उभर रही हैंl वह घर में और शो में बने रहने के लिए बहुत कुछ कर रही हैl पवित्रा घर के अन्य सदस्यों के साथ कंफर्टेबल भी हो रही हैl।अब बिग बॉस के अनदेखे वीडियो में पवित्रा पूनिया को यह कहते हुए सुना जाता है कि वह अभिनव शुक्ला के साथ डेट पर जाना चाहती हैंl एक अनदेखे वीडियो में जैस्मिन भसीन रुबीना दिलैक को कहती है वह अपने पति को लेकर जिम एरिया में चली जाए क्योंकि पवित्रा पूनिया अभिनव शुक्ला के साथ डेट पर जाना चाहती हैंl।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 17, 2020 at 10:43am PDT।जैस्मिन की बातों को सुनकर रुबीना पवित्रा से जाकर कहती है कि उन्हें उनके पति के साथ डेट पर जाना चाहिए क्योंकि वह एक दिलचस्प व्यक्ति हैंl इसके बाद पवित्रा और रुबीना की बातचीत शुरू होती हैl पवित्रा अभिनव शुक्ला के बारे में रूबीना से बात करती हैंl रुबीना को बताती हैं कि अभिनव काफी इंटेलिजेंट है और उन दोनों के बीच एक संतुलित बातचीत हो सकती हैl इसके अलावा पवित्रा रुबीना को बताती है कि अगर अभिनव की शादी नहीं हुई होती तो वह उन्हें शायद डेट भी करतीl।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 17, 2020 at 11:28pm PDT।इस पर रुबीना पवित्रा से कहती है कि अभिनव शुक्ला के साथ वह डेट पर जा सकती है और उन्हें इसे लेकर कोई ऑब्जेक्शन नहीं हैl पवित्रा पूनिया हाल ही में एजाज खान के साथ अपने रिश्ते को लेकर चर्चा में आई थी, हालांकि अब दोनों के बीच खटास आ गई हैl इस बार के बिग बॉस में कुल 14 प्रतियोगी हैl इनमें से सारा गुरपाल एविक्ट हो चुकी हैंl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54414.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a7577a12166acb13a29ae06f0ac9bd4cfaa81a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54414.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Bigg Boss 14 Weeked Ka Vaar Episode Update: वीकेंड का वार में सलमान खान घर वालों से बात करते हैंl इस मौके पर रुबीना दिलैक एक टास्क को समझ नहीं पाती हैl इसके चलते वह बिग बॉस से टास्क करने से मना कर देती है, बाद में इसे लेकर सलमान खान से उनकी बहस भी होती हैl इस पर सलमान खान उन्हें कहते हैं कि वह चाहे तो यह शो छोड़कर जा सकती हैl ।सलमान खान के समझाने पर रुबीना टास्क करती हैंl टास्क  में उनके साथ निक्की तंबोली भी होती हैl टास्क का नाम होता है कि किसके दिमाग में कचरा भरा हैl इसमें सबसे ज्यादा वोट रूबीना दिलैक को मिलते हैंl वहीं रुबीना और एजाज खान के बीच तीखी बहस होती हैl रुबीना एजाज पर दोहरा चरित्र रखने का आरोप लगाती हैl इस पर एजाज अपनी सफाई भी देते हैंl एजाज खान और जैस्मिन भसीन की भी लड़ाई होती हैl।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 18, 2020 at 7:31am PDT।जैस्मिन भसीन एजाज पर शारीरिक तौर पर आक्रामक होने का आरोप लगाती है। वही रूबीना दिलैक और राहुल वैद्य के बीच काफी बहस होती हैl सलमान खान घोषणा करते हैं कि अभिनव शुक्ला, शहजाद देओल और जान कुमार सानू बॉटम थ्री में है और इन तीनों में से कोई एक जल्द घर से बेघर होगा और घर से बेघर करने की प्रक्रिया में घर के प्रतियोगी भाग लेंगेl इस बार के बिग बॉस में सिद्धार्थ शुक्ला, गौहर खान और हिना खान बतौर तूफानी सीनियर्स घर में उपस्थित हैl ।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 18, 2020 at 6:30am PDT।बिग बॉस 14 के घर में दूसरा हफ्ता ट्विस्ट, सरप्राइज और ड्रामा से भरपूर था। सारा गुरपाल का अचानक हुआ निष्कासन एक झटके के रूप में आया है, वही हमें नए सिरे से प्रतियोगियों के मजेदार पक्ष देखने को मिल रहे है, जो पहले हफ्ते के अंत तक तूफानी सीनियर्स सिद्धार्थ शुक्ला, हिना खान और गौहर खान के नाम था। नए प्रतियोगियों ने शो के प्रति अपना समर्पण दिखाया और इस बात को दर्शाया कि उनके पास भी दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए कैलिबर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54436.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e549541d9c007e916fe5a33eab69498cc7f060b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +#WapasAanaPadtaHai ... aur #KBC12 Wapas Aa Gaya ..!!! https://t.co/jO6JeFmXi0" rel="nofollow।तैलंग कैसे जुड़े केबीसी से? ।आरडी तैलंग मूल रूप से मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह मुंबई आएंगे और यही उनकी कर्मभूमि बन जाएगी। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'एक रिश्तेदार को छोड़ने के लिए मैं मुंबई आए थे और ये शहर उन्हें अच्छा लगा। उस वक्त मैंने खुद से एक सवाल किया क्या इस शहर की भीड़ में मेरा कुछ हो सकता है और देखो इस शहर ने मुझे भी सुन लिया।'।T 3663 -।"जब जब सूरज का ताप , ग्रहण हर लेता है।जब जब विनाश भी , भय से मन भर लेता है।युद्ध में तब श्री कृष्ण को भी , रथ चक्र उठाना पड़ता है ..।प्रबल शक्ति से अडिग अटल , प्रतिकार दिखाना पड़ता है ,।वापस आना पड़ता है .. फिर वापस आना पड़ता है "।~ RD।छोटे से अखबार से शुरू किया था काम।आरडी तैलंग ने एक छोटे से अखबार से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपना हाथ आजमाया और फिर एसिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इसे बाद उन्होंने लेखन में अपना हाथ आज़माया और लेखक बनने का फैसला किया।  ।इस शो में मिला बड़ा ब्रेक ।आरडी तैलंग को पहला बड़ा ब्रेक मिला 'मूवर्स और शेकर्स' के साथ। इसी के बाद उन्हें साल 2000 में 'कौन बनेगा करोड़पति' शो के साथ जुड़ने का मौक़ा मिला। आज आरडी तैलंग के केबीसी से जुड़े पूरे बीस साल हो गए हैं। वहीं बिग बी के साथ काम करने का उनका अनुभव काफी शानदार रहा है।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54437.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac13aaf9108b7ea838e5da5c8b5fede3e6d64e87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब पारस ने पवित्रा और एजाज़ के बीच बढ़ती नज़दीकियों को लेकर रिएक्शन दिया है। न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में पारस ने कहा, ‘अगर पारस और पवित्रा के बीच में प्यार जैसा कोई एंगल आता है तो मैं एजाज़ भाई के लिए दुआ करूंगा, क्योंकि अगर वो पवित्रा के साथ रिलेशनशिप में आए तो उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। वो बहुत अच्छ एक्टर हैं, उन्होंने कई अच्छे शो में काम किया है। ऐसे में मुझे लगता है कि उन्हें पवित्रा जैसे लोगों से थोड़ी बनाकर रखनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54438.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8ca57657db0431f895d04caa3e99345f26a763d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14: बिग बॉस के घर में इस बार हिना ख़ान, गौहर ख़ान और सिद्धार्थ शुक्ला को बतौर सीनियर्स एंट्री दी गई है। एक्ट्रेस हिना ख़ान बिग बॉस 11वें सीज़न में रनरअप रही थीं। इस बार वह बतौर सीनियर्स प्रतिभागियों को टास्क दे रही हैं। इस बीच उन्होंने बताया कि एक समय वह इंडियन आइडल का ऑडिशिन देने गई थीं। ख़ास बात है कि उस वक्त उस शो में राहुल वैद्य स्पेशल गेस्ट के रूप में मौजूद थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54448.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffa0d579c8cde055b10f6c216819432ab2232536 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54448.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जैसा पहले जैस्मीन को कमजोर कंटेस्टेंट के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन अब जैस्मीन ने शानदार खेल खेला है। दरअसल, एक टास्क को लेकर दो टीमें बनाई गई थीं। एक टीम ए में पवित्रा पुनिया, एजाज खान, निशांत मलखानी और राहुल वैद्य शामिल थे, जबकि टीम बी में रुबीना दिलैक, अभिनव शुक्ला, जैस्मीन भसीन और शहजाद देओल थे। हालांकि, जैस्मीन से दूसरे कंटेस्टेंट भिड़ जाते हैं, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। इस दौरान जैस्मीन चार लोगों से लड़ाई करती हैं। उस वक्त जैस्मीन उनसे मुकाबला करती हैं और यह कहती हुई नज़र आती हैं कि 'अगर आप खान हैं, तो मैं भी भसीन हूं।' साथ ही एक्ट्रेस कहती हैं कि आप आदमी के नाम पर धब्बा हो। + + View this post on Instagram। Immunity paane ke task mein, hui saari hadein paar! Kya gharwalein hain is dhamake ke liye taiyaar? #BB14 tonight at 10:30 PM. Catch #BiggBoss before TV on @vootselect. #BiggBoss2020 #BiggBoss14 @beingsalmankhan @plaympl @daburdantrakshak @tresemmeindia @lotus_herbals।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 12, 2020 at 10:56pm PDT।साथ ही इस टास्क में जैस्मीन का नया रूप देखने को मिला है। इसके बाद घर के तूफानी सीनियर्स चेतावनी देते हैं कि वो इस तरह से अटैक नहीं कर सकते हैं। इस टास्क के दौरान जैस्मीन काफी स्ट्रॉन्ग होकर खेलती हैं और एक फाइटर के रुप में सामने आती हैं। इससे पहले भी एक्ट्रेस गौहर खान को खुश करके कारपेट लेने में सफल हो जाती है। अब सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है और एक्ट्रेस के फैंस जैस्मीन के इस गेम के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं। साथ ही वीडियो में एक्ट्रेस के फैंस जैस्मीन की तारीफ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54450.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0f228d6250f5e8f7785f323d55c0295c1a6168c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14: बिग बॉस 14 का दूसरा हफ्ता शुरू हो गया है। इस दौरान अब धीरे-धीरे खिलाड़ी खुलकर अपने असली रूप में आ रहे हैं। घर में टास्क की वजह से गर्मी भी बढ़ती दिख रही है। आखिरी एपिसोड में दिखाया गया कि प्रतिभागियों को दो टीम में बांट दिया गया। वहीं, निक्की तम्बोली को संचालक की भूमिका दी गई। इस बीच जान कुमार सानू ने एजाज ख़ान को लेकर कुछ ऐसा कमेंट किया है, जो बॉडी शेमिंग की श्रेणी में आता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54468.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a5efe4ce6749622c5c2bcdefabf6f33527409c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फेमस टीवी एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी मां बनने वाली हैं। एक्ट्रेस ने हाल ही में ख़ुद ये खुशखबरी अपने फैंस को दी है। एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में बताया है। प्रेग्नेंसी की खबर कंफर्म करते हुए एक्ट्रेस ने अपने पति रोहित रेड्डी के साथ एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो ना सिर्फ अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट करती नज़र आ रही हैं, बल्कि उन्होंने अपने पति के साथ अपनी जर्नी को भी दिखाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54475.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..953d2f3a69df0bebaebf9d03ae08b0e38833d610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस 14 में रुबीना दिलैक जैसे अन्य प्रतियोगियों को लगता है कि सीनियर बिना किसी कारण के निक्की तंबोली का पक्ष ले रहे हैं, कई दर्शकों ने भी शो के बारे में भी यही दावा किया है। बिग बॉस 14 की प्रतियोगी निक्की तंबोली रियलिटी शो की पहली कंफर्म कंटेस्टेंट हैंl उन्होंने शनिवार के वीकेंड का वार एपिसोड में 'कन्फर्म' कंटेस्टेंट का दर्जा प्राप्त किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54489.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9001284f67481b1349456cf932ae6a934fbaf122 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54489.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KBC 12 Update: महनायक अमिताभ बच्चन होस्टेड शो 'कौन बनेगा करोड़ पति' का 12वां सीजन इस वक्त चर्चा में हैं। एक बार फिर से लोग अपने सपनों को पूरा करने केबीसी में पहुंच रहे हैं। वहीं शो में अबतक कई लोग लाखों रुपए जीतकर जा चुके हैं। वहीं   गुरुवार को 'कौन बनेगा करोड़पति 12' की शुरुआत पटना, बिहार की सीमा कुमारी के साथ हुई। सीमा कुुमारी ने  फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में सबसे तेज उत्तर देकर हॉट सीट पर उन्होंने अपनी जगह बनाई। सीमा ने अपने खेल की शुरुआत काफी अच्छे से की और 11 प्रश्न तक काफी शानदार तरीके से खेला। लेकिन वह 12वें प्रश्न पर आकर फंस गईं। 12वें प्रश्न  यानी 12 लाख 50 हजार के लिए था। सीमा इस प्रश्न का सही जवाब नहीं पता था, जिसके बाद उन्होंने गेम शो क्विट करने का फैसला लिया। ।12वां प्रश्न इस प्रकार थाः।वाल्मिकी रामायण के मुताबिक, अपहरण के समय सीताजी ने किस रंग का वस्त्र पहना था और हनुमानजी ने भी उन्हें अशोक वाटिका में उसी रंग के वस्त्र पहने हुए देखा था?।A-    लाल।B-    पीला।C-    गुलाबी।D-    नीला।बता दें कि इस प्रश्न का सही जवाब B पीला था। सीमा कुमारी घर 6 लाख 40 हजार लेकर गई हैं। सीमा कुमारी के पास कोई भी लाइफलाइन नहीं बची थी।  ।'कौन बनेगा करोड़पति' के शो के दौरान अमिताभ बच्चन ने सीमा कुमारी से जुड़ा एक वीडियो भी दिखाने के लिए कहा। इस वीडियो में सीमा ने बताया कि उनका नौकरी करने का सपना पूरा करने लिए उनके पति ने अपनी नौकरी छोड़ दी और वह हाउस हस्बैंड बने। पति के बलिदान की बात सुनकर ​अमिताभ ने उनके इस फैसले की सराहना शो में की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54492.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54492.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1567dfe851db9faf191590963055cfb0ae2beebd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54492.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘बिग बॉस 14’ की कंटेस्टेंट रुबीना दिलैक के लिए पहले ही दिन से ही बिग बॉस के घर में रहना एक अलग चुनौती मानी जा रही है। रुबीन के इस सफर की शुरुआत ही मुश्किल से हुई और अब ये मुश्किलें दिन-ब- दिन बढ़ती जा रही हैं। लेकिन रुबीना को शायद मुश्किलों का सामना डटकर करना आता है, तभी आज वो अपनी बात रखने लिए घर के तीन सीनियर्स सिद्धार्थ शुक्ला, गौहर ख़ान और हिना ख़ान से भिड़ जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54508.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd3249dddad2a9d55c38be8b97a80d041f885b47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KBC 12 Update: अमिताभ बच्चन होस्टेड शो कौन बनेगा करोड़ पति का 12वां सीज़न इस वक्त चर्चा में है। लगातार ऐसे लोग शो में शामिल हैं, जो कोरोना काल में काफी प्रभावित हुए हैं। प्रसारित किए लेटेस्ट एपिसोड में दिखाया गया कि राजस्थान से आए एक बढ़ई (कारपेंटर) को मौका दिया गया। बाड़मेर के रधुनाथ राम ने शो से 6.40 लाख रुपये जीतकर वापस लौट गए। उन्होंने 6.40 लाख के लिए जिस सवाल का जवाब दिया, वह हिंदू धर्मग्रंथ रामायण से पूछा गया। क्या आपको इस सवाल जवाब पता है?।दरअसल, रधुनाथ राम ने अपनी कहानी भी अमिताभ बच्चन के साथ शेयर की। उन्होंने बताया कि वह पिछले 19 साल बढ़ई का काम कर रहे हैं। वह कक्षा 9वीं के आगे अपनी पढ़ाई नहीं कर पाए। वह परिवार की आर्थिक स्थिती के चलते आगे की पढ़ाई नहीं की। हालांकि, कम औपचारिक शिक्षा भी उन्हें कौन बनेगा करोड़पति तक पहुंचने और खेलने से नहीं रोक पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54515.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ec8d26616e26d6e069e539f76a511a5b46a2ef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी धारावाहिक इश्क़बाज़ फेम एक्ट्रेस नीति टेलर ने 13 अगस्त को परीक्षित बावा के साथ एक पारिवारिक समारोह में शादी कर ली। परीक्षित आर्मी ऑफ़िसर हैं। नीति ने शादी का वीडियो अब सोशल मीडिया में शेयर किया है, जिसके बाद उनकी शादी का पता चला। कपल को जीवन में नयी पारी शुरू करने के लिए बधाई दी जा रही है। ।शादी से पहले दोनों दो साल तक रिलेशनशिप में रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीति और परीक्षित की इसी तारीख़ पर पिछले साल इंगेजमेंट भी हो गयी थी। शादी का वीडियो शेयर करके नीति ने लिखा- मिस से मिसेज होने की मेरी यात्रा पूरी हुई। अपने सभी शुभचिंतकों को मैं बताना चाहती हूं कि मैंने परीक्षित के साथ 13 अगस्त को शादी कर ली। एक छोटे, शांत और निजी समारोह में हमारी कोविड वेडिंग हुई, जिसमें हमारे माता-पिता शामिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54526.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05d80b9129620c5e9942457788016084135fd77a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14: बिग बॉस 14 की धमाकेदार शुरुआत हो चुकी है। सलमान ख़ान होस्टेड शो में इस बार 11 प्रतिभागी और 3 पूर्व प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। हालांकि, घर में अभी और भी एंट्री देखने को मिल सकती है। इस वक्त सपना भाभी के नाम से फेमस सपना सप्पू को वाइल्ड कार्ड एंट्री मिल सकती हैं। अगर, ऐसा होता है, तो उनकी एंट्री से घर ग्लैमर का जबरदस्त तड़का देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं कौन सपना भाभी...।200 से अधिक फ़िल्में कर चुकी हैं सपना।सपना सप्पू ने अपने करियर की शुरुआत मिथुन चक्रवर्ती की फ़िल्म गुंडा (1998) में किया था। इसके बाद वह कई बी-ग्रेड फ़िल्मों का हिस्सा बनी है। सपना ने अगल-अलग भाषा में करीब 200 भाषाओं में फ़िल्म की है। 20 साल के करियर में सपना ने हिंदी, भोजपुरी, गुजराती भाषा की फ़िल्मों में काम किया है। हालांकि, कुछ समय पहले सपना शादी की और एक्टिंग की दुनिया से दूरी बना ली। वह गुजरात शिफ्ट हो गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5453.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e86355e401fad9d6ab46006c9d9a2dc63a2eba0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इलियाना डिक्रूज़।अपनी परफेक्ट बॉडी के लिए चर्चित इलियाना डिक्रूज़ ने कुछ साल पहले अपनी सेहत से जुड़े एक राज़ से पर्दा उठाया था। इलियाना ने बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर और डिप्रेशन से पीड़ित रही हैं। यह तब की बात है, जब उनका करियर शुरू ही हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इसका खुलासा एक विज्ञापन में किया था। इलियाना ने कहा था- एक वक़्त था, क़रीब 3 साल पहले, मैं एकदम ख़ुश होते-होते पूरी तरह दुखी हो जाया करती थी। पता नहीं क्यों। ।2020 में इलियाना ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी फिजीक को लेकर एक डर का खुलासा किया था। उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा था- मुझे हमेशा यह चिंता रहती थी कि मैं कैसी दिखती हूं। मुझे यह चिंता रहती थी कि मेरे हिप्स बड़े हैं। मेरी जांघें बहुत मोटी हैं। मेरी कमर पतली है। मेरा पेट पतला नहीं है। मेरे स्तन बड़े नहीं हैं। मेरे नितम्ब बड़े हैं। मेरी बाहें काफ़ी ढीली हैं। नाक सीधी नहीं है। होंठ भरे हुए नहीं हैं। मुझे फिक्र रहती थी कि मैं लम्बी नहीं हूं। सुंदर नहीं हूं। स्मार्ट नहीं हूं। मैं परफेक्ट नहीं हूं। मैंने कभी महसूस ही नहीं किया कि मैं कभी सम्पूर्ण होने के लिए नहीं बनी। मैं ख़ूबसूरती के साथ दोषयुक्त होने के लिए बनी हूं। अलग। हर एक ज़ख़्म ने मुझे बनाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54537.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bd80d7358b67f5cabc9aed4ecded162bee9db5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 14 Update: बिग बॉस के घर में सभी प्रतिभागियों की एंट्री हो गई है। इसके साथ ही लोगों के बीच बातचीत और परिचय का भी दौर शुरू हो गया है। रविवार यानि 4 अक्टूबर को ऑन एयर हुए शो में साउथ एक्ट्रेस निक्की तम्बोली ने इस बात का खुलासा किया कि वह राहुल वैद्य को जानती हैं। उन्होंने यह बात सिंगर जान कुमार सानू और निशांत सिंह मलकानी को बताया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54540.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92238d970a820ed70259c0a526f0de3b3d0df0d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54540.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl टेलीविजन अभिनेता अर्जुन बिजलानी की पत्नी नेहा स्वामी कोविड -19 पॉजिटिव पाई गई हैl अर्जुन ने यह खबर ट्विटर पर शेयर की है। उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार अगले दो हफ्तों तक क्वारंटाइन में रहेंगे। टेलीविजन अभिनेता अर्जुन बिजलानी ने अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों को सूचित किया कि उनकी पत्नी नेहा स्वामी का कोविड -19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54547.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f1c55d0fa644a395d1a359d74f0bf536bcd3558 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +4. घर को भी किया गया क्वारंटाइन- बिग बॉस में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को एंट्री से पहले क्वारंटाइन किया गया था। लेकिन उनकी एंट्री से पहले बिग बॉस के घर को क्वारंटाइन किया गया। दरअसल, 12 घंटे पहले इस सेनेटाइज़ किया गया। इसके बाद से इसे अनछुआ रखा गया है। अब शो में यह चुनौती लगातार बरकरार रहेगा।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54553.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31ff502b6bf6746e3ebb960eef5fe2314f8cbe59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनसे मिलेगी टक्कर।बिग बॉस का घर पवित्रा के लिए इतना आसान नहीं होने वाला है। इस घर में हाई वोलटेज़ ड्रामा देखने को मिलता है। वहीं, इस बार जान कुमार, निक्की तम्बोला, अभिनव शर्मा, रुबिका दिलैक, राधे मां और एजाज ख़ान जैसे सेलेब्स का भाग लेने की संभावना है। अब देखना है कि अगर पवित्रा शो में एंट्री लेती हैं, तो कितने दिन तक अपना सफ़र तय कर पाती हैं?  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5457.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..404a57707e6700d542ab53dbe30836b090caaeb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बात अगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो इस साल बैक-टू-बैक कई फिल्मों में नजर आने वाली हैं। तापसी पन्नू भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कैप्टन मिताली राज की बायोपिक शाबाश मिट्ठू में लीड मिताली राज का किरदार निभा रही हैं। इसके अलावा वो लूप लपेटा में भी अहम किरदार प्ले करती दिखेंगी। उन्हें आखिरी बार डिज्नी हॉस्टार पर रिलीज हुई फिल्म हसीन दिलरुबा में देखा गया था। इस क्राइम थ्रिलर फिल्म में उन्होंने विक्रांत मैसी की पत्नी का रोल प्ले किया है लेकिन फिल्म में उनका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होता है और फिल्म की पूरी कहानी उनके अफेयर के इर्द-गिर्द ही घूमती है। इस क्राइम थ्रिलर फिल्म को विनील मैथ्यू ने निर्देशित किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54580.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e970348dfaf28c4a657d23cf36fe2e808847ac3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कौन बनेगा करोड़पति के हर सीजन में कई कंटेस्टेंट्स आते हैं और काफी पैसे जीतकर लौटते हैं। इनमें कई तो 1 करोड़ के सवाल का सही जवाब भी दे देते हैं और करोड़पति बनकर घर लौटते हैं। पिछले सीजन में भी ऐसा ही हुआ और चार कंटेस्टेंट्स ने 1 करोड़ रुपये जीते। क्या आप जानते हैं कि इन चार प्रतिभागियों में सबसे ज्यादा कंटेस्टेंट्स बिहार के रहने वाले हैं। ऐसे में जानते हैं कि किस राज्य के कितने लोग 1 करोड़ के सवाल का सही जवाब दे पाए...।सनोज राज।केबीसी के पिछले सीजन में सबसे पहले करोड़पति बने थे सनोज राज। सनोज राज बिहार के जहानाबाद जिले के निवासी हैं। उन्होंने 15 सवालों के सही जवाब दिए और 7 करोड़ के सवाल में क्विट कर 1 करोड़ जीते। सनोज राज एक सामान्य परिवार से आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54586.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c10dd55c605810414de8c58ccf8b6ccaa5f2c43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Mr Bachchan was overwhelmed when a surprise gift brought back cherished memories. Watch #KBC11 and celebrate our beloved Mr. Bachchan's birthday with us on 11th October at 9 PM. @SrBachchan pic.twitter.com/BqgS8HXyZT। दरअसल, अमिताभ के 75वें जन्मदिन के मौके पर केबीसी में उन्हें एक स्पेशल वीडियो दिखाया गया था। इस वीडियो में उनके जीवन के उन पलों को कैद किया गया था जो उनके लिए बेहद खास थे। ये वीडियो अमिताभ के नैनीताल स्थित कॉलेज शेरवूड का था। इस वीडियो के साथ ही लोगों ने उन्हें उनके जन्मदिन की ढेरों बधाई दी थी। इस देखकर महानायक भावुक हो गए थे और उनकी आंखें धलक उठीं थीं।   ।वहीं साल 2019 में बिग बी अपने पिता हरिवंशराय बच्चन की एक कविता पढ़ते हुए इमोशनल हो गए। इसी सीजन में एक कंटेस्टेंट ने खुद से जुड़ा हुआ एक बेहद इमोशनल कर देने वाल किस्सा सुनाया था जो काफी दर्दभरा था। उसने बताया था कि जब वह छोटा था तब उनके माता-पिता ने बचपन में ही उन्हें अनाथ आश्रम में छोड़ दिया था। जिसके बाद एक परिवार ने उन्हें गोद लिया और बाद में उन्होंने भी उसे छोड़ दिया। ये सुनकर भी बिग बी स्तब्ध रह गए थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54607.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17561019e54c42e546bb0741b661902718a78e71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सनम और एबिगेल से पूछताछ के बाद एनसीबी ने उनके घर छापा मारा था। जिसमें एनसीबी की टीम को स्टार्स के घर से छोटी मात्रा में मारिजुआना ड्रग्स बरामद हुआ है, जिसके बाद एनसीबी ने दोनों के खिलाफ, ड्रग्स कंज्यूम करने का केस दर्ज कर लिया है। हालांकि सनम और एबिगेल पांडे को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, उन्हें फिलहाल फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मुंबई NCB ने NDPS की धारा 20 के तहत ये केस दर्ज किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54608.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba59cb714e7ead7fcff306a5afcc65d93c5bb6a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में नमिश ने कहा था कि उन्होंने 9 सितम्बर को ए मेरे हमसफ़र के लिए शूट किया था। उनके पिता की तबीयत 10 सितम्बर को बिगड़ गयी थी और चिकित्सकों ने उन्हें कोरोना वायरस के लिए टेस्ट करवाने के लिए कहा था। उनका टेस्ट पॉज़िटिव आया। इसके बाद परिवार में सभी लोगों का टेस्ट हुआ। मां, बहन और चेचेरे भाई का टेस्ट भी पॉज़िटिव आया। नमिश अपने भाई के घर सेल्फ़ क्वारंटाइन में थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54627.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de69a3ff6fc80418bb7a02bb4bbd459ced5fbdaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कपिल शर्मा शो में रेणुका शहाणे और आशुतोष के आने के बाद उनकी काफी चर्चा हो रही है। आशुतोष राणा और रेणुका शहाणे ने शो में बताया कि वो कब पहली बार मिले और फिर कैसे दोनों के बीच बातें शुरू होने लगीं। आशुतोष राणा ने बताया कि उनकी लव स्टोरी की शुरुआत हंसल मेहता की फिल्म जयते के प्रीव्यू के दिन से हुआ था। उसी दिन आशुतोष राणा की पहली बार मुलाकात हुई थी और उसी दिन दोनों ने करीब आधे घंटे तक बात की और उनके विचार काफी मिल रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54648.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..723082cc6114abeb20cf52d3018c9a9fbe551b67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by 𝑨𝒋𝒆𝒚 𝑵𝒂𝒈𝒂𝒓 (@carryminati) on Sep 1, 2020 at 7:56pm PDT।बता दें कि कैरी मिनाती के साथ ही जस्मिन भासीन, पवित्र पूनिया, सारा गुरपाल, नैना सिंह, निशांत निलकानी आदि सेलेब्स के नाम भी सामने आ रहे हैं, जो शो का हिस्सा बन सकते हैं। इस बार कोरोना वायरस को ध्यान रखते हुए शो में और शो में एंट्री से पहले कई तरह की व्यवस्था की गई है ताकि वायरस के फैलने का डर कम हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54654.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8a836e7d86c71250e9766964fc8e8da075d425c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कलर्स ने तारीख का ऐलान करते हुए प्रोमो भी जारी किया है, जिसमें सलमान शो के बारे में बता रहे हैं। अभी तक शो की थीम को लेकर कुछ साफ नहीं हुआ है, लेकिन शो को ऐलान करते हुए टैगलाइन में लिखा गया है कि अब 2020 की हर समस्या को चकनाचूर करने का वक्त आ गया है। इससे लगता है कि बिग बॉस का ये सीजन वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54658.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f0bc8752327fdc5006ff4d87eabaeed964713c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54658.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Sucheeta Trivedi (@sucheetat) on Aug 24, 2020 at 9:24am PDT।बदलते दौर के साथ मां का स्वरूप कितना बदला है?।- मां का स्वरूप जैसा वास्तविक जीवन में है, वैसा ही टीवी पर भी है। मां प्यार करती हैं, लेकिन जब सख्त होती हैं तो वह ममता के चश्में निकाल देती हैं। आगे के एपिसोड में मेरे किरदार का वह रूप देखने को मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54673.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e6cd7e471273db0527ad6923d8d815c97847233 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Maniesh Paul (@manieshpaul) on Aug 23, 2020 at 8:52pm PDT। वह मुझे हमेशा कहते हैं कि चाहे जो हो, जीवन में हमेशा सकरात्मक रहना चाहिए। मेरे जेहन में कभी नहीं आता है कि फलां काम करने का मेरा मन नहीं है या मैं अनमना महसूस कर रहा हूं। कॅरियर की बात करें तो इंडस्ट्री में गॉडफादर, गुरु एक ही हैं, वह हैं अमिताभ बच्चन साहब। वह जब मेरे काम की तारीफ करते हैं तो वह मेरे लिए ऑस्कर अवॉर्ड की तरह हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54675.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..833af086ab1191d34073f61099550c0f2597a1e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘भाभी जी घर पर हैं’ शो से सबका दिल जीतने वाली शिल्पा शिंदे एक बार फिर सुर्खियों हैं। इस बार उनके सुर्खियों में रहने की वजह है उनका नया शो ‘गैंग्स ऑफ फिल्मिस्तान’, जिसे अब वो छोड़ चुकी हैं। शिल्पा ने साफ लफ्ज़ों में ये कहकर शो छोड़ा है कि वो सुनील ग्रोवर के साथ काम नहीं करना चाहतीं। साथ ही उन्होंने शो के निर्माताओं के खिलाफ भी अपना गुस्सा ज़ाहिर किया। शिल्पा के बयान के बाद शो की प्रोड्यूसर प्रीति सिमोन ने उन्हें जवाब दिया। अब प्रीति के जवाब पर शिल्पा ने फिर पलटवार किया है और झूठ न फैलाने की सलाह दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54720.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2f0de7f00d04f7c278a431fdf306b28379a6dd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस खबर के बाद से एक्ट्रेस लगातार खबरों में हैं और सोशल मीडिया पर भी लगातार एक्ट्रेस की बात हो रही है। कई यूजर्स ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा में एंट्री को लेकर मीम्स भी शेयर करना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि सुनैना फौजदार कौन हैं और उनका टीवी सीरियल्स में करियर कैसा रहा है। साथ ही आप उनकी लाइफस्टाइल और तस्वीरों से अंदाजा लगाइए कि वो अगर शो में एंट्री करती हैं तो अंजलि मेहता के किरदार में कितना फिट बैठ पाती हैं....।A post shared by Sunayana Fozdar (@sunayanaf) on Aug 20, 2020 at 5:31am PDT।A post shared by Sunayana Fozdar (@sunayanaf) on Aug 14, 2020 at 4:36am PDT।एक्ट्रेस टीवी जगत की जानी मानी एक्ट्रेस में से एक हैं, जिन्होंने एक्टिंग के दम पर काफी सफलता हासिल की है। अगर उनके सीरियल्स की लिस्ट बनाएं तो वो काफी लंबी हैं। एक्ट्रेस कई टीवी शो में नज़र आ चुकी हैं और करीब 12 साल से टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा है। इससे पहले एक्ट्रेस संतान, लेफ्ट राइट लेफ्ट, लागी तुझसे लगन, एक रिश्ता साझेदारी का और बेलन वाली बहू जैसे सीरियल्स में काम कर चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54802.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc59328d436f79579d9855ae7c5e2d23ef22c24d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Monika sushma bhadoriya (@monika_bhadoriya) on Oct 10, 2019 at 6:50pm PDT।A post shared by Monika sushma bhadoriya (@monika_bhadoriya) on Jan 17, 2020 at 8:08pm PST।A post shared by Monika sushma bhadoriya (@monika_bhadoriya) on Jan 31, 2020 at 10:40pm PST।एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और उनके इंस्टाग्राम पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। आप उनकी तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं कि उनका किरदार उनकी रियल लाइफ से कितना अलग है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54825.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9ae26d3933a39372893665cbd129d83b3ff202e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Karishma Tanna (@karishmaktanna) on Jul 19, 2020 at 5:23am PDT।A post shared by Karishma Tanna (@karishmaktanna) on Jul 19, 2020 at 5:21am PDT।उनके फैंस के साथ एक्ट्रेस के साथी एक्टर्स भी इन फोटो पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं और इन्हें पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा एक्ट्रेस अपनी फिटनेस पर खास ध्यान दे रही हैं, जो उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से समझ आ रहा है। एक्ट्रेस ने अपने घर पर वर्कआउट करते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं और एक्ट्रेस जिम बंद होने की स्थिति में साइकिल के जरिए खुद को फिट रख रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54876.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6440ebb18bf2827142dc9cc4aa2fcd6f6049d365 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है ट्रेलर में :।ट्रेलर की शुरुआत मधुपुर के जंगल से जहां सारे दोस्त साथ में पार्टी कर रहे होते हैं। इसके बाद वो लोग ‘माफिया’ नाम का एक गेम खेलते हैं जो एक ऐसा गेम है जो उन्हें दोस्त से दुश्मन बना देता है। धीरे-धीरे सारे दोस्त एक दूसरे के खिलाफ होते जाते हैं। इस गेम को खेलने के दौरान उन लोगों के सामने ऐसी-ऐसी चीज़ें आती हैं जो डराने वाली हैं। जैसे जंगली में मिली लाश। कुल मिलाकर ट्रेलर सस्पेंस से भरा है, वहीं दूसरी तरफ बोल्ड भी है। 1 मिनट 16 सेकेंड में दिखाया सस्पेंस आपको पूरा ट्रेलर देखने पर जरूर मजबूर कर देगा अब सीरीज़ कैसी होगी ये तो रिलीज़ होने के बाद ही पता चलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54906.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d366ee3367ba9bab81cd92c94b41746b1d748ca7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। लंबे वक्त के बाद अब फिल्मों और टीवी सीरियल की शूटिंग फिर से शुरू हो रही हैं। इसी क्रम में एंड टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'संतोषी मां-सुनाएं व्रत कथाएं' और 'एक महानायक डॉ. बी.आर. आंबेडकर' की शूटिंग शुक्रवार से शुरू हो गई है। संतोषी मां शो की शूटिंग नायगांव के सिटी स्टूडियो में शुरू हुई, जबकि पीरियड शो एक महानायक डॉ. बी.आर. आंबेडकर की शूटिंग फिल्म सिटी में शुरू हुई। संतोषी मां बनी ग्रेसी सिंह ने सेट पर पहुंचने की खुशी जाहिर की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54949.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54949.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f69d2306de24c6888357f5ded3d8c1e009c338be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54949.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Shweta Tiwari (@shweta.tiwari) on Jun 13, 2020 at 8:40am PDT।अब श्वेता तिवारी ने अपनी 'पूरी दुनिया' की एक मनमोहक तस्वीर शेयर की है। खास बात यह है कि इसमें से अभिनव कोहली गायब हैंl  श्वेता तिवारी ने अपने इंस्टाग्राम पर पति अभिनव कोहली के साथ चल रहे विवाद के बीच एक मनमोहक पोस्ट शेयर की है। उन्हें अपने बच्चों पलक तिवारी और बेटे रेयांश कोहली के साथ तस्वीर में देखा जा सकता हैंl श्वेता और पलक छोटे रेयांश के साथ बैठकर खेल रहे है। तस्वीर में पलक और श्वेता कैजुअल कपड़ो में हैं, जबकि रेयांश अपने नाइट सूट में मनमोहक लग रहे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54965.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d7bd5500ee513b954dd4e4aeb1e4a666f833c9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54965.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सोशल मीडिया पर प्रियांक शर्मा की GF और टीवी एक्ट्रेस बेनाफ्शा सूनावाला ने एक ग्लैमरस तस्वीर शेयर की थींl इस फोटो को लेकर जब उन्हें ट्रोल किया जाने लगाl तब उन्होंने इस फोटो को डिलीट कर दियाl हालांकि इसके पहले उन्होंने ट्रोलर्स को मुंह तोड़ जवाब भी दिया थाl बेनाफ्शा सूनावाला बिग बॉस में नजर आ चुकी हैl मॉडल और अभिनेता प्रियांक शर्मा की प्रेमिका बेनाफ्शा सूनावाला ने हर बार यह साबित किया है कि वह अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर लोगों की बातों का ध्यान नहीं रखती हैं। वह अपनी तस्वीरें शेयर करती हैं और ट्रोल से भी अच्छी तरह से निपटना जानती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54975.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c651dce4c3d7c1b768b699fa6d2d752a478987d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले कुछ दिनों में नागपुर पुलिस ने फिल्मों के कुछ सीन या डायलॉग आदि में एडिटिंग करके क्रिएटिव तरीके से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। अब पुलिस ने लोगोंं को समझाने के लिए एक नया मीम शेयर किया है। नागपुर पुलिस ने अपने ट्वीटर हैंडल पर सोनी लिव के फेमस शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' का एक मीम शेयर किया है। ये मीम किसी और का नहीं बल्कि लोगों के फेवरेट जेठालाल का है। इस मीम के साथ नागपुर पुलिस ने लिखा, 'चाहें आप गोकुलधाम सोसाइटी जा रहे हों या गदा इलेक्ट्रॉनिक्स, आप जहां भी जाएं मास्क पहनें'। इस मीम में दिलीप जोशी यानी जेठालाल ने मास्क पहना हुआ है और उनकी फोटो के नीचे एक लाइन लिखी है 'आपको मास्क पहनने में क्या तपलीक है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_54979.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_54979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99883d55d62160afa66c3c8bd0c3ac2849a15526 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_54979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजेश ने एक बार फिर एक फेसबुक वीडियो अपलोड किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि मैंने लोगों की मदद की गुहार लगाई और लोगों ने बहुत मदद की है। अब मेरी स्थिति ऐसी हो गई है कि मैं मुंबई छोड़कर वापस पंजाब जा सकता हूं। इसके लिए मैं अपने फेसबुक फ्रेंड्स और जिन्होंने मदद की उनको शुक्रिया कहता हूं। साथ ही साथ मैं  मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को थैंक्स कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी बात लोगों तक पहुंचाई। अब मुझे मदद की जरूरत नहीं है। ऐसे में आप लोगों से गुजारिश है कि मेरे अकाउंट में अब पैसे ना डाले। क्योंकि मुझे अपने परिवार खुद ही संभालना है। ।अपने पंजाब जाने को लेकर राजेश ने हिंदुस्तान टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने बताया,'मैंने अपने बच्चे के स्कूल में लीविंग सर्टिफेक्ट के लिए आवेदन कर दिया है। मैं मुंबई छोड़कर नहीं जाना चाहता था। यह वह जगह है, जहां मैंने पूरी लाइफ काम किया है। इस उम्र में मैं नए स्किल नहीं सीख सकता हूं। मुझे आगे सुधार के आसार नहीं नज़र आ रहे हैं। और मैं 6-7 महीने काम का इंतज़ार नहीं कर सकता हूं। इसलिए मैं अपने घर पंजाब जा रहा हूं, ताकि कुछ छोटा-मोटा शुरू कर सकूं।'।इसे भी पढ़ें- कन्नड़ एक्टर चिरंजीवी के निधन पर शोभा डे ने ट्वीट में की ये बड़ी गलती, बाद में किया डिलीट।सोशल मीडिया पर मदद मांगने की वजह बताते हुए राजेश ने कहा है कि लोग पेमेंट नहीं देते हैं। एक-एक साल हो जाता है और लोग दो दिन का पेमेंट नहीं देते हैं। इस हालत में एक्टर क्या करें। या तो उसका बैकग्राउंड सॉलिड हो या उसे लगातार काम मिले। 30 जुलाई, 2019 के बाद मैंने एक दिन भी काम नहीं किया। वह कहां से पैसा लगाएगा, जिसने 11 महीने से काम नहीं किया।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55010.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..633ca11e92cc830a44d92939929f04d147a116c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहिन ने बताया, ये खबर बिल्कुल सच है कि मैं और मेरा परिवार कोरोना वायरस पॉजिटिव हैं। हमारे परिवार के सात लोग कोरोना वारयस पॉजिटिव हैं और बाकी संस्था के लोग हैं। सभी में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं, हालांकि बहुत ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है। किसी को भी कोरोना वारयस के प्रमुख लक्षण नहीं थे, शायद इसलिए ये ज्यादा फैल गया। क्योंकि हम लोगों में से किसी को पता ही नहीं चला कि ये कब हो गया। घर ही घर में फैल गया। हमने पहले ही खुद को आईसोलेट कर रखा था अब सबका इलाज चल रहा है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55028.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f51d688026a987ad4f9574c89102befd78d302d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55028.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लेकिन, अब अर्चना पूरन सिंह ने इस मजाक पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कपिल शर्मा शो में नहीं, बल्कि मीडिया में अपनी बात रखी है। कई कॉमेडी शो में जज रह चुकीं अर्चना पूरन सिंह हमेशा जोर-जोर से हंसती हुई नजर आती हैं और कपिल शर्मा एंड उनकी टीम मजाक बनाते नज़र आते हैं। अब अर्चना सिंह टेली चक्कर से इंस्टाग्राम लाइव चैट में इस पर अपनी बात रखी और कहा कि यह मेरी जॉब है और मैंने नवजोत सिंह सिद्धू की कुर्सी नहीं ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55031.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c9eaab5941f5a11a7be65e1e355b91aecb3e8b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55031.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Things were too much।So I have given it to cybercrime now।Now everything is in the hands of cybercrime।I believe cybercrime will take action soon#TimeToStopIt pic.twitter.com/Y6vS6ANGxn।मयूर की शिकायत में लिखा है, 'देवोलीना ने पहले मुझे बदनाम करने की कोशिश की और आज उन्हें ट्विटर पर एक तस्वीर पसंद आई, जो मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही थी। वह हमेशा ऐसा करती रही हैं। वह पहले ट्विटर पर मेरी खुद की छवि को खराब करने की कोशिश करती है और बाद में इसका समर्थन करती है।' इसमें कहा गया है, 'मुझे देवोलीना और उनके प्रशंसकों द्वारा कई बार ट्रोल किया गया है। अब मेरा सब्र का बांध टूट रहा हैं, इसलिए मैं साइबर क्राइम में यह बात देना चाहता हूं।'।A post shared by 𝐌𝐚𝐲𝐮𝐫 𝐕𝐞𝐫𝐦𝐚 (@mayurverma) on Apr 18, 2020 at 12:09am PDT।फैंस उनका समर्थन करने के लिए तत्पर थे। हमें इस तरह के कमेंट पढ़ने को मिले, 'मुझे लगता है कि वह सिड के साथ प्यार में है और यह एक तरफा प्यार है..'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55034.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67508b377f3ffd6342701dfb555435a01c527cca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55034.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। दुनियाभर में फैली महामारी कोरोना वयारस अब तक लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख 18 हजार 447 पहुंच गई है। हालांकि 48,533 लोग ठीक हो चुके हैंच, लेकिन अबतक 3583 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी से हर कोई डरा हुआ है। ना जाने कितने लोगों ने अपने अपनों को खो दिया है। फिल्म और टीवी इंडस्ट्री भी इसे अछूता नहीं रहा है। + +हाल ही में रोडीज़ के जज रघु राम ने एक पोस्ट के जरिए बताया कि इस बीमारी की वजह से उन्होंने अपने दोस्त को खो दिया। रघु ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक करने वाला पोस्ट शेयर किया है। रघु अपने दोस्त के साथ एक फोटो शेयर की है जिसके साथ उन्होंने लिखा, ‘कल रात मैंने तुम्हें कोविड 19 की वजह से खो दिया अब्दुल। जो दुख और दर्द मैं इस वक्त महसूस कर रहा हूं वो मैं बयां नहीं कर सकता। तुम मेरी जिंदगी में साल 2009 में राजू ड्राइवर बनकर आए। लेकिन तुम जो थे उसका सच जानकर मैं हैरान रह गया, तुम अब्दुल रऊफ थे। एक ईमानदार, प्यारा और मेहनती दोस्त जिसके कुछ ख्वाब थे। और हिम्मत थी उन ख्वाबों को पूरा करने की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55047.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdfded0ba15ef8918dd956db73f3dba1068b78bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आशीष रॉय ने 17 मई को फेसबुक पर सूचना दी थी कि मैं आईसीयू में हूं और बहुत बीमार हूं। डायलिसिस चल रहा है। अगली पोस्ट में उन्होंने डायलिसिस के लिए पैसे के लिए गुहार लगाई थी। 19 मई को उन्होंने एक बार फिर फेसबुक पर सपाट लिखा- सीधी बात कहते हुए, मेरे डालिसिस के लिए फंड जुटाने की अपील सच्ची है। कृपया मदद कीजिए। ।आशीष रॉय ने टीवी इंडस्ट्री में लम्बा काम किया है। 1997 में ब्योकेश बख्शी से उन्होंने टीवी पर करियर शुरू किया था, जो आज कल दूरदर्शन पर आ रहा है। बनेगी अपनी बात, दम दमा दम, मूवर्स एंड शेकर्स, यस बॉस,  बा बहू और बेबी, ससुराल सिमर का और आरम्भ जैसे शोज़ में काम किया है। कुछ फ़िल्मों में भी आशीष रॉय नज़र आये थे। हॉलीवुड फ़िल्मों के लिए भी उन्होंने डबिंग की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55103.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d063b3f7527ac4edba4c52ebed212e162d5d6e11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'पंजाब की कटरीना कैफ' के नाम से मशहूर शहनाज़ गिल बिग बॉस-13 की ऐसी कंटेस्टेंट हैं, जो शो खत्म होने के कई महीने बाद तक भी खबरों में हैं। शहनाज़ लगातार किसी ना किसी वजह से खबरों में आ ही जाती हैं। शो में धमाल मचाने के बाद शहनाज़ अपने बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट के साथ ही शो के विनर रहे सिद्धार्थ शुक्ला को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं। दोनों को लेकर उनके फैंस हमेशा ट्वीट करते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55121.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b8687c242855ffefb09d2df1fd620ce67da22b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्री कृष्णा का 3 मई से रात 9 बजे प्रसारण किया जाएगा और अगले दिन सुबह 9 बजे इसका रिपीट टेलीकस्ट आएगा। 1993 में रिलीज हुआ ये शो भी रामानंद सागर का ही है और इसमें कृष्ण का किरदार सर्वदमन डी बनर्जी ने निभाया है। वहीं, उत्तर रामायण में कुश का किरदार निभाने वाले स्वप्निल जोशी ने इस शो में युवा कृष्ण का किरदार निभाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55134.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72dbb3875c31c666e644e99102015eca6cc900a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Sunil Lahri (@sunil_lahri) on Apr 17, 2020 at 9:49pm PDT। इसके साथ ही सुनील लहरी ने इसी बातचीत में आगे कहा, 'आज कोई भी एक्टर एक ही शो को करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं कि और अपने लिए एक बेहतर घर बना सकते हैं। लेकिन हमारे वक्त में पूरा का पूरा 'रामायण' शो के करने के बाद भी हम घर बनाने की नहीं सोच सकते थे। आज की तरह पहले लाइफ को सिक्योर रखने जैसी सोच भी नहीं थे। वहीं आज समय नई सोच से आगे बढ़ रहा है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55161.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d13c7bc851dedc6c74ad6978c99c24f8dece6f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55161.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रामानंद सागर की बेहतरीन पेशकश 'रामायण' को आज भी लोग उतना ही प्यार दे रहे हैं जितना 80 के दशक में​ देते थे। लॉकडाउन की वजह से एक बार फिर से दूरदर्शन सहित कई चैनलों पर प्रसारित हो चुके सीरियल को एक बार फिर से शुरू किया गया है। सीरियल के शुरू होने के साथ ही इसके किरदारों पर फिर से चर्चाएं शुरू हो गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55178.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..839115a9ad3a280f5d0714b74b04a815ed57de67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55178.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Lockdown: कोरोना वायरस को लेकर देश में 24 अप्रैल से लॉकडाउन चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल की सुबह इस लॉकडाउन की समय-सीमा बढ़ाकर 3 मई कर दी है। कोरोना की जंग में कारगार हाथियार साबित हो रहे लॉकडाउन में लोगों को रोकने का काम पुलिस कर रही है। पुलिस कभी गाकर,  कभी पोस्टर लगाकर और कभी मीम्स बनाकर भी लोगों को जागरूक कर रही है। ।मीम्स के मामले में मुंबई पुलिस फिलहाल काफी मजेदार काम कर रही है। वह मजेदार फ़िल्मी मीम्स बनाकर लोगों को जागरूक कर रही है। लॉकडाउन के समय में जब दूरदर्शन पर पुराने शोज़ की वापसी हुई है और वे रिकॉर्ड तोड़ टीआरपी इकठ्ठा कर रहे हैं, तब मुंबई पुलिस ने इनका भी मजेदार इस्तेमाल किया है। मुंबई पुलिस ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट से दो पोस्टर शेयर किए हैं। ।पहले पोस्टर में लिखा गया है कि 'देख भाई देख' बाहर 'महाभारत' चल रहा है। 'हम लोग' 'नुक्कड़' पर नहीं जाएंगे, जो 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने' हैं, उनका 'फ्लॉप शो' नहीं बनाएंगे। वहीं, दूसरे पोस्ट में लिखा गया है- 'श्रीमान श्रीमती' आप भी 'करमचंद' या 'ब्योमकेश' मत बनिए। कोरोना से 'फौजी' लड़ रहे हैं। बाहर जाकर 'सर्कस' मत करिएगा। देखने की बात है कि इन दोनों पोस्टर में कुल 11 शोज़ के नाम इस्तेमाल किए गए हैं। यह शोज़ 90 के दशक में टीवी पर खूब फेमस हुए। इन शोज़ को एक बार फिर वापस से दूरदर्शन पर प्रसारित किया जा रहा है। अब भी ये शोज़ अपना वही जादू बिखेर रहे हैं। ।A simple message that’s been just around the ‘Nukkad’ for decades. #NotJustNostalgia #TakingOnCorona pic.twitter.com/QzC1wnPsa2।पहले भी प्रयोग कर चुकी है मुंबई पुलिस।यह पहली बार नहीं है, जब मुंबई पुलिस ने लॉकडाउन के समय में ऐसा किया हो। इससे पहले भी मुंबई पुलिस फ़िल्मी मीम्स और सीरियल्स के क्लिप्स का इस्तेमाल करके लोगों को जागरूक करने की कोशिश करती आ रही है। इससे पहले स्त्री फ़िल्म के डायलॉग 'ओ स्त्री कल आना' को रिक्रिएटक करके 'ओ कोरोना कभी मत आना' का पोस्टर भी बनाया था, जो काफी वायरल भी हुआ।  ।इसे भी पढ़ें- Coronavirus Lockdown में फ़िल्मी हुई मुंबई पुलिस, बना रही है जबरदस्त डायलॉग्स वाले मीम्स।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55182.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9ca4cc461ea1146ef8e5a6a7073d7f76277bc49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Puneet Issar (@impuneetissar) on Mar 27, 2020 at 2:22am PDT। आज भी लोगों 'महाभारत' में दुर्योधन के दमदार किरदार को भूल नहीं पाए हैं। पुनीत इस्सर ने कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया था कि उस रोल में वो ही दर्शकों के दिल में बस गए। उनकी मेहनत उस शो में हर किसी ने महसूस की थी। पुनीत ने एक बार बताया था कि शूटिंग के समय एक महिला ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि वो पांडवों को पांच गांव दे दें। ।वहीं दूसरा किस्सा बताते हुए उन्होंने कहा उन्हें एक बार खाने पर बुलाया गया लेकिन उनहें खाना नहीं परोसा गया। दरअसल, एक बार मारवाड़ी उद्योगपति ने उन्हें, अर्जुन और रूपा गांगुली के संग भोजन पर बुलाया था। लेकिन वहां उन्हें भोजन दिया ही नहीं गया। इस पर जब उन्हें इस व्यवहार के बारे में महिला से पूछा तब उन्होंने गुस्से में कहा तुमने पांडवों के साथ बहुत बुरा किया है। ये सुनते ही पुनीत को इस बात का अहसास हो गया था कि 'महाभारत' के किरदार लोगों के जहन में किस तरह बस चुके हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55207.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fe74f911d4913f21ece0de9b46e4b588c4bafa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने दौर के सबसे महंगे कलाकार।दारा सिंह ने अपना फ़िल्मी करियर 1952 की फ़िल्म संगदिल से शुरू किया था। 1962 की फ़िल्म किंग कॉन्ग में वो पहली बार लीड रोल में नज़र आये। दारा सिंह अपने दौर के चर्चित स्टंट एक्टर थे। दारा सिंह ने मुमताज़ के साथ सबसे अधिक 16 फ़िल्में की थीं। दोनों की जोड़ी काफ़ी लोकप्रिय थी। दारा सिंह अपने केटेगरी में सबसे महंगे कलाकार थे। उस वक़्त वो एक फ़िल्म के लिए लगभग 4 लाख रुपये फीस लिया करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55261.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d7902a6d8b72e0b67f660e77a2978cb6f566f89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by mon (@imouniroy) on Mar 22, 2020 at 5:45am PDT। मौनी के वर्कफ्रंट की बात करें तो फिल्म 'गोल्ड' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद वह राजकुमार राव स्टारर फिल्म 'मेड इन चाइना' में उनकी पत्नी का किरदार निभाते में दिखीं थीं। वहीं अब वह जल्द ही अयान मुखर्जी की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' और 'मोगुल' फिल्म में दिखने वाली हैं। इसके अलावा वह अपने आइटम नंबर से लोगों का खूब दिल जीता चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55264.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5e5afd41067276583d7d7dc5a365f39e4004481 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55264.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 22, 2020 at 11:30pm PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 21, 2020 at 10:54pm PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 21, 2020 at 8:35am PDT।आंचल हाल ही में मुझसे शादी करोगे की विनर बनी हैं। इस शो की विनर बनने से पहले भी आंचल कई शो में नजर आ चुकी हैं। इससे पहले आंचल रोडीज-8 की विनर बनी थीं, जिसके बाद वो खबरों में आईं। इसके अलावा आंचल टीवी जगत का जाना माना चेहरा है, क्योंकि इससे पहले एक्ट्रेस ने कई सीरीयल्स में काम किया। उन्हें रोडीज शो जीतने के बाद कई शो मिले और वो कई टीवी सीरियल्स में नजर आईं। + +A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 14, 2020 at 11:22pm PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 12, 2020 at 8:54pm PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 5, 2020 at 6:53am PST।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 4, 2020 at 10:40pm PST।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Mar 2, 2020 at 10:25pm PST।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Feb 23, 2020 at 9:33pm PST।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Nov 20, 2019 at 10:03pm PST।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Oct 17, 2019 at 11:55pm PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Oct 5, 2019 at 10:36pm PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Oct 1, 2019 at 1:19am PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Jul 11, 2019 at 6:54am PDT।A post shared by Aanchal Khurana (@iaanchalkhurana) on Jan 27, 2019 at 5:15pm PST।उन्हें रोडीज के अलावा उन्हें सपने लड़कपन के, अर्जुन, सावधान इंडिया, आहट और सीआईडी के लिए जाना जाता है। आंचल दिल्ली की रहने वाली हैं और इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव हैं। इंस्टाग्राम पर ही आंचल के हजारों फॉलोअर्स हैं और उनकी फोटो को लोग काफी पसंद करते हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55272.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..607391e9cdd8c01591cda2e6a64a3b962a5457cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55272.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरल का असर पूरे हर तरफ देखने को मिल रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर मनोरंजन जगत पर देखने को मिल रहा है। कई स्टार्स अपनी ​फिल्म की शूटिंग को बीच में छोड़कर लौट आए हैं। तो कई ने फिल्म की रिलीज डेट ही आगे बढ़ा दी है। इसइस वायरस का डर बॉलीवुड से लेकर टीवी तक देखने को मिल रहा है। वहीं अब कपिल शर्मा के शो पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 'द कपिल शर्मा शो' की शूटिंग भी हाल ही में कपिल शर्मा को कैंसिल करनी पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55276.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34d586915269862621b3b55c28b7b8623efa7bf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55276.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Colors TV (@colorstv) on Mar 13, 2020 at 6:07am PDT। 'मुझसे शादी करोगे' का एक वीडियो कलर्स ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में शहनाज, जय भानुशाली से अपनी दिल की बात कहती हैं। शहनाज कहती हैं, 'मैं आपको सीधी बात कहती हूं कि जब मैंने इस शो को साइन किया था तब मैंने इस शो के लिए एक दम से हां कह दिया था। मैंने फन के लिए इस शो को साइन किया था।'।इस पर जय करते हैं, 'क्या फन के लिए साइन किया था।' फिर जय की बात को काटते हुए शहनाज कहती हैं, 'मैंने सोचा था कि शो को शो ही समझूंगी। मुझे लगा था कि शो में कोई आएगा और मुझे पैंपर करेगा तो मुझे अच्छा लगेगा। लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये चीज मुझपर भारी पड़ेगी। मैं किसी को बहुत ज्यादा फील करने लगी हूं। मुझे शायद अब प्यार हो गया है।'।जय कहते हैं आपको किससे प्यार हो गया है तो शहनाज कहती हैं, 'सिद्धार्थ से'। तो जय कहते हैं, सिद्धार्थ ने क्या आपसे कभी एक्सप्रेस किया है तो शहनाज कहती हैं, 'वो नहीं बोलेगा...उसको अगर होगा भी तो वो कभी नहीं बोलेगा। उसको चाहे मैं गधी लग रही हूं, लेकिन मैं उसको बहुत प्यार करती हूं क्या करूं अब।' ये पूरी बात कहते हुए शहनाज राती नजर आई हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55292.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..217f2720f6747da92d9eefd508db19234e3897bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55292.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 13 खत्म हो चुका है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इसके कॉन्टेस्टेंट अब भी बिग-बॉस के घर में बिताए पलों को याद कर रहे हैं। ‘बिग बॉस’ टॉप 5 कंटेस्टेंट आरती सिंह ने इंस्टाग्राम पर ग्रांड फिनाले के दिन का एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो सलमान के साथ डांस जमकर डांस कर रही हैं। आरती ने इस वीडियो को अपना फेवरेट मूमेंट बताया है। इस वीडियो की सबसे मज़ेदार बात ये है कि आरती, सलमान के साथ अपने मामा और सलमान के खास दोस्त गोविंदा के गाने पर डांस कर रही है। दोनों पार्टनर फिल्म के ‘You My Love’ पर खुलकर डांस कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55316.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5eb4e4bc7703e678feebb3b8747a29b034587039 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by ASIM RIAZ FAN ❤️ (@magical_boy_asim_) on Feb 23, 2020 at 2:07am PST।कंटेस्टेंट आसिम रियाज की फैन फॉलोइंग काफी तगड़ी है। दरअसल, आसिम के कुछ फैन्स ने बाइक से एक्टर की गाड़ी का पीछा कर रहे थे। आसिम को जब मामला समझ में आया तो उन्होंने बहुत ही समझदारी से आपनी गाड़ी हाईवे के किनारे रुकवाई और इन लड़कों से बात की। साथ ही आसिम ने लड़कों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं जिसका वीडियो क्लिक करके फैन्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। आसिम और उनके फैंस का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस वीडियो को लाइक करने के साथ ही फैंस उसपर कई तरह के कमेंट्स भी कर रहे हैं। ।इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि आसिम ब्लैक आउटफिट और सनग्लासेज में अपनी गाड़ी में बैठे नजर आ रहे हैं। साथ ही वह फैंस के साथ कूल अंदाज में पोज भी दे रहे हैं। इस दैरान आसिम के फैन्स अपने स्टार के साथ होकर काफी खुश नजर आ रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी फैन से स्टार का इस तरह पीछा नहीं किया हो। इससे पहले शाहरुख खान की गाड़ी का पीछा करने का मामला सामने आया था। वहीं अमिताभ के तो घर में ही दो फैन चोरी से घुस गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55328.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4a2c25d7bbc65eeb660919e14c9ea786e9ff340 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Amruta Khanvilkar (@amrutakhanvilkar) on Jan 23, 2020 at 2:08am PST।A post shared by Amruta Khanvilkar (@amrutakhanvilkar) on Jan 22, 2020 at 8:34pm PST।A post shared by Amruta Khanvilkar (@amrutakhanvilkar) on Jan 21, 2020 at 8:37am PST।अमृता ने अपने करियर की शुरूआत एक मॉडल के रूप में की थी। उन्होंने साल 2006 में अपनी मराठी फिल्म 'गोलमाल' से फ़िल्म जगत में कदम रखा। इस फिल्म में अमृता ने डबल रोल निभाया था। वहीं उनके अभिनय को काफी सराहा गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55336.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d935e5ee3220a2167d513d47652cfaa3f4d029c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55336.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Colors TV (@colorstv) on Feb 19, 2020 at 10:11pm PST।नवदीश को देखकर आई शहनाज़ कौर गिल की याद : ।पारस इस शो में अपने लिए दुल्हनियां ढूंढ रहे हैं। इसी बीच उनसे शादी करने एक ऐसी लड़की आई जिसने फैंस को 'सना' यानी शहनाज की याद दिला दी है। 'मुझसे शादी करोगे' के सेट से पारस और शादी के लिए आई इस कंटेस्टेंट का वीडियो वायरल हो रहा है। दरअसल, शो में पारस से शादी करने एक लड़की आई है जिसका नाम है नवदीश। नवदीश 24 साल की हैं और वह एक दम पंजाबी अंदाज में पारस के पास पहुंचीं। नवदीश ने पटियाला सलवार सूट पहन रखा था। आते ही उन्होंने शो के होस्ट मनीष पॉल को बोलने का मौका ही नहीं दिया। उन्हें देखकर हर किसी को 'सना' की याद आ गई। खुद नवदीश ने भी कहा कि उन्हें शहनाज़ बहुत पसंद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55347.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f39766ac48b01422bf522c4fdef28c6a91aaf3f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 13 का 140 दिन का सफर खत्म हो गया है और सिद्धार्थ शुक्ला शो के विनर रहे हैं। बिग बॉस 13 का सफर होने के साथ ही पारस छाबड़ा और शहनाज गिल अपने अपकमिंग शो 'मुझसे शादी करोगे' के प्रमोशन में जुट गए, जबकि कई फाइनलिस्ट मस्ती मजाक करते हुए नजर आए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें बिग बॉस के फाइनलिस्ट मस्ती करते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55363.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..588872366c1ae2a980a4d22896e1733512cd66ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मीडिया से बात करते हुए सिद्धार्थ ने अपने जर्नी बताई कहा, जब इस शो में आया था तब इसी तमन्ना से आया था कि ये शो जीतूं, यहां हर कंटेस्टेंट इसी इरादे से आया था और मैं भी उनमें से एक ही था। घर में रहने का एक्सपीरियंस बताते हुए सिद्धार्थ ने कहा, 'जब मैं घर के अंदर था तो मैं ये सोचता रहता था कि क्या मैं ठीक लग रहा हूं, क्या ये सब ठीक हो रहा है क्योंकि वहां रहने के दौरान अपने बारे में काफी कुछ कहा जाता है, काफी आरोप लगते रहते हैं। अपने गुस्से में शो स्क्रिप्टेड होने के बारे में सिड ने कहा, 'वो कुछ मौके होते हैं जब आपको गुस्सा आ जाता है आप हर समय एग्रेसिव नहीं होते। अपका रिएक्शन उसी तरह का होता है जैसा आप फेस कर रहे होते हैं। आप पर वहां क्या बीत रही है ये आप जानते होंते हैं। अगर ये स्क्रिप्डेट होता तो रिक्शन ऐसे होते जो लोगों को सिर्फ अच्छे लगते, लेकिन ऐसा नहीं था। वो सब नेचुरल था'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55365.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..257258dbd3d1c5bf526dc7066ddf12c35da946f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Sidharth Shukla (@realsidharthshukla) on Feb 15, 2020 at 1:42pm PST।Bigg Boss Top 5 Contestants Prize।- सबसे पहला स्थान सिद्धार्थ शुक्ला का रहा, जो शो के विनर रहे। उन्हें शो की फीस के साथ ही 50 लाख रुपये विनर प्राइज मिला। इसी के साथ ही विनर सिद्धार्थ का एक स्मार्टफोन भी गिफ्ट किया गया। सिद्धार्थ लंबे समय तक शो में बने रहे, इसलिए उन्हें फीस भी सबसे ज्यादा वक्त की मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55368.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f0e970f337d817407884ccf054439272156adc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। चार महीने 16 दिन चला ‘बिग बॉस 13’ का सफर शनिवार रात खत्म हो गया। सिद्धार्थ शुकला इस शो के विजेता बने और ‘बिग बॉस 13’ की ट्रॉफी अपने घर ले गए। आसिम रियाज़ और शहनाज़ कौर गिल इस शो के रनरअप रहे। शहनाज़ कौर गिल भले ही ‘बिग बॉस 13’ की विनर न बन पाई हों, लेकिन फिर भी वो 'जीत' गईं हैं। पंजाबी की कटरीना के नाम से खुद की पहचान बनाने वाली शहनाज़ ने जब इस शो में कदम रखा था तब उन्हें कोई नहीं जानता था और आज उन्हें पूरा देश पहचानता है। शहनाज़ को न सिर्फ लोग पहचानते हैं, बल्कि उनपर भरपूर प्यार लुटाते हैं। हम आपको बताते हैं वो ऐसी क्या वजह हैं जो शहनाज़ को बिग बॉस 13 में हार के बाद भी ‘विनर’ बनाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55377.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18d806d315b4f4b34ac29a6be2d393090d7e3bda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55377.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले बात करते हैं आसिम रियाज़ की। आसिम की घर में जर्नी बेहद शानदार और दिलचस्प रही है। एक अनजान चॉकलेटी मॉडल के रूप में उन्होंने शो में एंट्री की थी। बिना किसी फैन फॉलोइंग और पहचान वाले आसिम को देखकर उम्मीद नहीं थी कि वो इतना लम्बा सफ़र तय करेंगे और जीत के मजबूत दावेदार बन जाएंगे। मगर, आसिम ने कर दिखाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55383.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11459cc71239bee22e8a0089914aa8a7aa9037bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आखिर वो दिन आ ही गया ​जिसका सभी को बेसब्री से इतजार था। आज 'बिग बॉस 13' का का फिनाले है। सभी की धड़कनें ये सोचकर बढ़ रही है कि आखिर कौन होगा 'बिग बॉस 13' का विनर। अब कुद ही घंटों के बाद सीजन 13 को उसका नया विजता मिलने वाला है। शो की बात करें तो सलमान खान इस शो की जान हैं। वह हमेशा ही शो में कंटेस्टेंट पर भड़कते और उनपर हुक्म चलाते नजर आते हैं। लेकिन शो में एक इंसान ऐसा है जो कंटेस्टेंट के साथ सलमान पर भी हुक्म चलाता है। अब आप समझ ही गए होंगे कि हाम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं शो के बॉस यानी 'बिग बॉस' की। जो स्क्रीन पर तो कभी नजर नहीं आते हैं लेकिन उनकी दमदार आवाज हमेशा ही शो में हमें सुनने को मिलती है। क्या आप जानते हैं कि ये कौन हैं अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं इस दमदार आवाज के पीछे किसकी आवाज है...।ये है असली 'बिग बॉस':।सलमान खान और कंटेस्टेंट पर हुक्म चलाने वाल शख्स यानी 'बिग बॉस' हैं अतुल कपूर। हम इतने सालों सिर्फ अतुल की आवाज ही सुन रहे हैं लेकिन किसी ने उनको देखा नहीं। बता दें कि अतुल की उम्र 50 साल है। वह एक्टर होने के साथ ही एक वॉइस ओवर आर्टिस्ट भी हैं। उन्होंने साल 2002 से अपने बतौर वायस ओवर आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया था। अतुल पहले सीजन से इस शो से जुड़े हुए हैं और 'बिग बॉस' में अतुल के लिए एक अलग कमरा है। वहीं से अतुल घर वालों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं और शो के कई एक्स कंटेस्टेंट अतुल से मिल चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55405.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1696d7797d57367643061e7231ce8527a4c5af06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में उदित नारायण ने बताया, 'आदित्य हमारा इकलौता बेटा है। हम उसकी शादी का इंतजार कर रहे हैं। अगर ये सारी खबरें सच होतीं तो मैं और मेरी पत्नी इस दुनिया के सबसे खुशनसीब माता पिता होते। लेकिन आदित्य ने हमसे ऐसा कुछ शेयर नहीं किया है। मुझे लगता है नेहा और उसकी शादी की खबरें सिर्फ शो (Indian Idol 11) की टीआरपी बढ़ाने के लिए की गई हैं जहां नेहा जज है और मेरा बेटा होस्ट है। काश ये शादी की खबरें सच होतीं। नेहा बहुत अच्छी लड़की है, वो हमें बहुत पसंद है। हमें उसे अपनी बहू के रूप में देखना बहुत पसंद करेंगे'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55413.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33c4142183dd9bca7b6e0b98580d7008376caf4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। मशहूर टीवी एक्ट्रेस और बिग बॉस एक्स कंटेस्टेंट काम्या पंजाबी ने अपने ब्वॉयफ्रेंड शलभ दांग से सगाई कर ली है। काम्या ने अपनी सगाई की जानकारी खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी है। एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर सगाई की कुछ फोटोज़ शेयर की हैं जिनमें शलभ उन्हें पूरे परिवार के सामने गुरुद्वारे में अंगूठी पहनाते नजर आ रहे हैं। काम्या की सगाई की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में शलभ और काम्या काफी खुश नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55476.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f549f02c2763d6bca749d1de7bc5f337158f35f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाहरुख़ ख़ान लंबे समय से बड़े पर्दे पर नज़र नहीं आए हैं। उनकी अपकमिंग फ़िल्म को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच शाहरुख़ ख़ान ने एक बार फिर से फौजी का किरदार निभाने की ख़्वाहिश जताई है। उन्होंने रियलिटी-शो डांस प्लस 5 के स्टेज से यह इच्छा जताई है। इससे पहले 'फौजी' शो से लेकर कई फ़िल्मों में शाहरुख़ ख़ान आर्मी मैन के किरदार में नजर आ चुके हैं। अब वह एक बार फिर फौजी बनने की मन बनाते नजर आ रहे हैं। ।दरअसल, डांस प्लस शो में फौजी कंटेस्टेंट भीम ने डांस फरफॉर्मेंस दी। भीम ने 'एक विलेन' के गाने 'बंजारा' पर डांस किया। इस डांस ने शाहरुख़ ख़ान का दिल जीत लिया। शाहरुख़ भीम के मुरीद हो गए। उन्होंने देश की रक्षा करने के लिए भीम को थैंक्यू बोला। इसके अलावा शाहरुख़ इस बात से भी ख़ुश हुए की भीम अपने सीनियर्स से इजाजत लेकर इस शो में भाग लेने आया है। इसके बाद शाहरुख़ ने ऑन स्क्रीन फौजी बनने की इच्छा जताई। ।आपको बता दें कि शाहरुख़ ख़ान पिछले कुछ समय से फ़िल्मों में नजर नहीं आ रहे हैं। उनकी आखिरी फ़िल्म ज़ीरो आई थी, जो उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इसके बाद से शाहरुख़ ख़ान बतौर प्रोड्यूसर सक्रिय हैं। वह साल 2019 में 'बार्ड ऑफ़ ब्लड' नाम की वेब सीरीज़ में प्रोड्यूस की। वहीं, हाल ही में उन्होंने अभिषेक बच्चन के साथ 'बिग बुल' की भी घोषणा की है। यह फ़िल्म हर्षद मेहता के जीवन से प्रेरित है। ।इन सबके अलावा वह नेटफ्लिक्स के साथ मिलकर भी कुछ प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसमें 'क्लास ऑफ़ 83' समेत कुछ प्रोजक्ट हैं। हालांकि, शाहरुख़ ख़ान इसमें भी नजर नहीं आएंगे। बल्कि वह बतौर प्रोड्यूसर इन प्रोजेक्ट के साथ जुड़े हैं। अब देखना है कि फैंस को शाहरुख़ का फौजी लुक में पर्दे पर कब नजर आता हैं? ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55484.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88323beadba449dc746a38f9c78eeef29105aacb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंडियन आइडल 11 छठे स्थान पर रहा है। पिछले हफ़्ते शो टॉप 10 में भी नहीं था। तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो ने आठवीं से सातवीं पोजिशन पर छलांग लगायी है। छोटी सरदारनी पिछले हफ़्ते 9वें स्थान पर था। इस बार शो को एक पायदान का फ़ायदा हुआ और 8वां स्थान हासिल किया। द कपिल शर्मा को भारी नुक़सान हुआ। शो पहले हफ़्ते में तीसरे पायदान पर था, जबकि दूसरे हफ़्ते में लुढ़कर नौवें स्थान पर चला गया है। यह जादू है जिन्न का दूसरे हफ़्ते में दसवें स्थान पर खिसक गया है, जबकि पहले हफ़्ते में यह छठे स्थान पर था। ।ग्रामीण इलाक़ों की बात करें तो टॉप 5 पोजिशन दंगल चैनल के शोज़ के नाम रहीं। महिमा शनिदेव की पहले, द्वारकाधीश भगवान श्रीकृ्ष्ण दूसरे, बंदिनी तीसरे, बाबा ऐसो वर ढूंढो चौथे और कितनी मोहब्बत है पांचवें स्थान पर आया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55494.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5c60c0287f1d1a02b2e92159c507343eb33714e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि पिछले हफ़्ते फैमिली वीक में सभी कंटेस्टेंट्स के फैमिली फ्रेंड्स ने बिग बॉस के घर में एंट्री ली थी। सिद्धार्थ की मॉम और आसिम के भाई भी गये थे। आसिम के भाई ने सिद्धार्थ को बड़े भाई जैसा बताया था। एक-दूसरे ट्वीट में उमर ने सिद्धार्थ को क्राय बेबी बोला। उमर ने लिखा- अब क्राय बेबी कौन है। बिग बॉस के सामने बोल रहा है कि उसे मारने दें। अगर तुममें दम है तो उसे (आसिम) मारो, बिग बॉस से क्या पूछ रहे हो। सच्चाई यह है कि तुम कायर हो, जो सिर्फ़ चिल्ला सकता है और लोगों का अपमान कर सकता है। हिमालय ने रेत के पहाड़ को गिरा दिया। ।Aaj #sid abused me and asim together! Thank god #mom nai gayi, els this guy would have abused her also, this guy gt no class. Bada bhai bola use maine and he abused me when i had nothing to do with him. Abusing my father is like the eating snacks for him. #CryBabySid।Whose the cry baby now ! Haan? Crying in front of bigboss that let me hit him. Boy if u have the b*** s, then hit him, why ask bigboss? Truth is u are a coward who can only shout and disrespect people. Himalaya nai reet(sand) ka pahad hai jo #Asim ne aaj gira diya. #CryBabySid।इन दोनों के झगड़े को लेकर सोशल मीडिया में फैंस भी एक-दूसरे से भिड़ गये हैं और अपने-अपने पसंदीदा कंटेस्टेंस को सपोर्ट करने के लिए सोशल मीडिया में जुटे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55496.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a97f0c0cec8cbb8ed59c369966d663ddb7fb078e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55496.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +Poke Poke Poke!! Provoke Provoke Provoke!! Loud Loud Loud!! Irritated Irritated Irritated!! He deserves a tight Slap!! Do Char logo ne tareef kya kar diya!! #Asim ko lag raha hai show ye chala raha hai!! BiggBoss:- आपसे किसी ने सलाह माँगी है #StopUsingSidForTRP।आसिम को लेकर भिड़ चुके हैं गौहर खान और मनवीर :।'बिग बॉस 7' की विनर रह चुकीं गौहर खान बिग बॉस को हमेशा से ही फॉलो करने के अलावा शो में चल रहे मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया देती आई हैं। हाल ही में सिद्धार्थ और आसिम के बीच टास्क के दौरान लड़ाई हो गई थी, जिसमें गौहर खान ने अपनी राय रखी। गौहर खान ने ट्विटर पर आसिम का सपोर्ट करते हुए लिखा, वाह लेटर में नहीं लिखा था कि घोड़े से उतर नहीं सकते तो मिड वे बताना पड़ा, ताकि बाद में संचालक पे बिल ना फटे। + +Wow ! Letter mein nahi likha tha ki utar nahi sakte toh mid way batana padha, taaki baad mein sanchalak pe bill phate !।गौहर के ट्वीट को बिग बॉस 8 के विनर मनवीर गुर्जर ने नकार दिया। गौहर के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए मनवीर ने लिखा, 'खिलाफ नहीं हूं, मगर बिग बॉस का एक्स कंटेस्टेंट होने के नाते...उतर ही सकते तो बैठने का टास्क ना होता, बेठ गए तो बेठ गए, उतर गए तो बाहर गए, समझ-समझ का फेर है, लोगों ने घोड़े से ना उतरने के लिए क्या क्या झेला है, ये विशाल स्टाइल दिखाने के चक्कर में गया'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55523.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..280c92a4f6eb6d5324053ac1b0555ae68d9761f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दर्शकों को शहनाज़ का ये बर्ताव बिल्कुल नागवार गुज़र रहा है और वो उन्हें जमकर ट्रोल रहे हैं। कोई शहनाज़ को फेक बता रहा है, तो कोई उन्हें थप्पड़ मारने तक के लिए कह रहा है। अपनी चहेती शहनाज़ से दर्शक इतना नाराज़ है कि वो उन्हें शो में ही नहीं देखना चाहते। लोग कह रहे हैं कि शहनाज़ इस शो में रहना डिजर्व नहीं करतीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55527.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08e28a68e656549dcfb9df031208a477b33cba2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कपिल ने अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर बेटी की फोटो शेयर की है। कॉमेडियन ने अपने ऑफीशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर दो फोटो शेयर की हैं पहली फोटो केवल उनकी बेटी की है और दूसरी फोटो में वो और गिन्नी बेटी को प्यार करते दिख रहे हैं। कपिल ने जो फोटो शेयर की हैं वो उन फोटोज़ से हूबहू मिलती हैं जो पहले से ही वायरल हो रही थीं। बस उन फोटोज़ में कपिल की वाइफ गिन्नी नजर नहीं आ रही थीं, लेकिन कपड़ों से ये साफ पता चल रहा है कि वो कपिल की बेटी की असली फोटोज़ ही थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55537.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00b7b3ffcd766b46bb797fb921f581a5eaf5b782 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 13 की एक्स कंटेस्टेंट और रश्मि देसाई की अच्छी दोस्त देवोलीना भट्टाचार्य उनके और अरहान के रिलेशनशिप से बिल्कुल खुश नहीं हैं। उन्हें लगता है रश्मि को अरहान से ब्रेकअप कर लेना चाहिए। उनके मुताबिक अरहान रश्मि को पागल बना रहा है उनका फायदा उठा रहा है। देवोलीना ने हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की जिसमें उन्होंने घर में रहने का एक्सपीरियंस बताया, साथ ही अपनी दोस्त रश्मि और अरहान के रिश्ते पर भी खुलकर अपने विचार रखे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55550.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fafdadb9bf706ebf768b28e5911c65ec080a9be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस 13' में हाल ही में 'छपाक' के लीड स्टार्स दीपिका पादुकोण और विक्रांत मैसी ने शिरकत की। उनके साथ एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल भी मौजूदी थीं। लक्ष्मी ने घरवालों के साथ 'मुंह दिखाई' भी की। 'मुंह दिखाई' में घरवालों को अपने बारे में कुछ ऐसा बताना था जो उन्होंने जिंदगी में झेला होगा। इस दौरान पारस, शहनाज़, सिद्धार्थ, मधुरिमा, विशाल, आरती और रश्मि ने अपने बारे में बताया। ।पारस ने अपने हक्लेपन को लेकर खुलासा किया तो वहीं मधुरिमा, आरती और विशाल ने उनके साथ हुए मोलेस्टेशन के बारे में खुलकर बात की। इसी दौरान रश्मि ने बताया कि उनकी जिंदगी में एक ऐसा दौर आया था जब उन्होंने परेशान होकर ज़हर खा लिया था। रश्मि ने बताया कि वो बहुत गरीब परिवार से ताल्लुक़ रखती थीं। जब वो पैदा हुईं तो उनके परिवार वाले उन्हें बोझ समझने लगे। रश्मि की मां को लोग ताने मारने लगे कि उन्होंने लड़की पैदा की है। उन सबसे परेशान होकर रश्मि ने ज़हर खा लिया था जिस बारे में उन्होंने खुद ही अपनी मौसी को बताया। इसके बाद रश्मि को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया और उनकी जान बची। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55552.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f0e31c655f2a496882cc42a354679c27470470c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55552.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मां ने बताया, ‘मधुरिमा 6th क्लास में पढ़ती थी उसकी उम्र लगभग 12 साल की होगी। वो और उसका भाई दोनों एक ही ट्यूशन टीचर से पढ़ते थे, ट्यूशन टीचर हमारे घर पर ही पढ़ाने आता था। कुछ दिन बात मधुरिमा अपन कमरे बाहर आ जाती थी और मुझे बोलती थी कि उसका टीजर उसकी बैक और पैरों पर नोंचता है। पहले मुझे लगा की मधुरिमा पढ़ाई से भाग रही है इसलिए ऐसे बहाने कर रही है, लेकिन जैसे ही मुझे ट्यूशन टीचर की असलीयत पता चली मैंने उसे तुरंत निकाल दिया'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55556.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86ba4f2b04d4ebd0f76cacdfe30699e064b1ec93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55556.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगे सलमान सभी घरवालों के सामने सिद्धार्थ शुक्ला को चेतावनी देते हुए कहते हैं, तुम्हें इस लड़की से बच कर रहना चाहिए, क्योंकि ये तुमसे प्यार करती है। आपको बता दें कि अब तक सलमान खान शहनाज़ गिल से केवल हसी मज़ाक करते हुए ही नज़र आए हैं। कई बार तो ऐसा भी देखने को मिला है, जब शहनाज़ की गलती होने के बावजूद सलमान ने उऩ्हें काफी प्यार से समझाया है। ऐसे में सलमान खान का ये भड़का हुआ रूप देखऩा हर किसी के लिए चौंका देने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55573.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..caf6e9a3780d0b19d10108bd327c54f0b54074e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि बीते दिन कलर्स के शो बिग बॉस 13 में सभी घरवालों के बीच कैप्टेंसी हासिल करने की रेस हुई थी। इस रेस में सभी घरवालों को एक दूसरे की तस्वीर का बोर्ड दिया गया था। बिग बॉस द्वारा समय-समय पर बज़र बजाए जाने पर किसी एक घरवाले को कारण बताते हुए उस व्यक्ति का बोर्ड जलाना था, जिसे वो कैप्टेंसी की दावेदारी से बाहर करना चाहते हैं। ।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Jan 8, 2020 at 1:09am PST।टास्क की शुरुआत में सभी घरवालों ने बज़र बजने पर एक दूसरे की तस्वीर वाले बोर्ड तोड़ने शुरू कर दिए। टास्क के आखिर में माहिरा शर्मा, आसिम रियाज़ और पारस छाबड़ा के पास ही बोर्ड बचा हुआ था। आसिम रियाज़, रश्मि को दावेदारी देना चाहते थे, और माहिरा शर्मा पारस को। अगर दोनों कामयाब हो जाते तो कैप्टेंसी का मुकाबला पारस और रश्मि के बीच होता, मगर पारस ने अपनी जिद नहीं छोड़ी। पारस का कहना था कि वो आसिम को दावेदारी देंगे क्योंकि वो लड़की के साथ मुकाबला नहीं करना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55580.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d12f8a2f26301636ec1a0dea61135261b874d5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंस्टाग्राम पर अरहान ने दो तस्वीरें शेयर की हैं। एक तस्वीर में वो रश्मि के साथ किसी मंदिर की सीढ़ियों पर बैठे हुए दिख रहे हैं और पुजारी से जल ले रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों कार के आगे खड़े होकर पोज़ दे रहे हैं। इन तस्वीरों के साथ अरहान ने लिखा है- कष्टों से जूझने के बाद सबसे मजबूत रूह निकलती है। बड़े-बड़े किरदारों को ज़ख़्म लगे होते हैं। रश्मि तुम पर गर्व है। कप के साथ बाहर आना। बता दें कि अरहान ने पहली बार 36वें दिन वाइल्ड कार्ड के ज़रिए शो में एंट्री ली थी, मगर 50वें दिन उन्हें बेघर होना पड़ा था। इस दौरान शो के सबसे मशहूर कंटेस्टेंट सिद्धार्थ शुक्ला से झगड़ों को लेकर अरहान ख़ूब ख़बरों में रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55596.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a22adfcf44cfc436d345672ae5c15a9892bae780 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55596.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि शेफाली बग्गा इससे पहले भी एक बार बेघर हो चुकी हैं। उन्होंने कुछ हफ्तों पहले ही मधुरिमा तुली और तहसीन पूनावाला के साथ दोबार वाइल्ड कार्ड एंट्री ली थी। घर में वापसी करने के बाद शेफाली बग्गा के खेल में कोई नया बदलाव देखने को नहीं मिला था। ।शो के ग्रेंड प्रीमियर में शेफाली बग्गा ने सलमान खान के सामने स्टेज पर ही शहनाज़ गिल से बहस कर ली थी।  जिसे देखकर हर किसी ने शेफाली के रवैये का अंदाजा लगा लिया था। हालांकि इन दिनों शहनाज़ और शेफाली काफी करीबी दोस्त हैं। दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बातें करती नज़र आती रहती हैं। देखना होगा कि अगर वाकई शेफाली घर से बेघर हुईं तो शहनाज़ पर क्या असर पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55603.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72dcb6100c085d4a285d7cbb1d7fcff48f362226 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55603.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Kushal Punjabi Death: टीवी एक्टर कुशल पंजाबी का यूं अचानक अपनी जिंदगी को खत्म कर लेना हर किसी को सकते में डाल गया। हंसते-मुस्कुराते चेहरे के पीछे कितना दर्द छुपा था ये कुशल के फैंस को नहीं पता था। हां लेकिन उनके  खास दोस्त इस दर्द से जरूर वाकिफ थे। कुशल की आत्महत्या के बाद उनके खास दोस्त चेतन हंसराज़ ने उनकी जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताईं। इसी बीच उनकी आत्महत्या से जुड़ी एक और खबर सामने आई है जो काफी चौंकाने वाली है। ।स्पॉटब्वॉय की खबर के मुताबिक, आत्महत्या करने से एक रात पहले कुशल ने अपने पिता के साथ खास वक्त बिताया था। खबर के मुताबिक, कुशल ने पिता के साथ डिनर किया था, ड्रिंक की थी और हॉस्पिटल में एडमिट होने की बात कही थी। चेतन ने स्पॉटब्वॉय को बताया कि, एक रेस के दौरान कुशल का कंधा डिसलोकेट हो गया था जिसके लिए उन्हें एक सर्जरी करवानी थी इसलिए वो हॉस्टिपल में एडमिट होना चाहते थे। लेकिन इससे पहले कि कुशल अपनी सर्जरी करवा पाते उन्होंने अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55620.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55620.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaf75bead7ce01024f4e6c3b8c958d55c8e352cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55620.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 13: विशाल आदित्य सिंह और उनकी एक्स गर्लफ्रेंड बिग बॉस के घर में कभी लड़ते हैं तो कभी रोमांस करते नजर आते हैं। उनकी इस हेट-लव स्टोरी को देखकर बिग बॉस के घर में रह रहे कंटेस्टेंट के साथ दर्शक भी कंफ्यूज हैं कि आखिर उनके बीच चल क्या रहा है। वहीं दर्शकों का एक वर्ग मधुरिमा और विशाल के इस बदलते रिश्ते को घर में रहने की स्ट्रेटजी बता रहा है। तो वहीं कुछ लोग मधुरिमा और विशाल काे फेक भी कह रहे हैं। बिग बॉस का एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें मधुरिमा और विशाल बुरी तरह लड़ते नजर आ रहे हैं। जबकि पिछले कई दिनों से दोनों के बीच काफी अच्छी बांडिंग देखने को मिल रही थी। ।शहनाज पर चिल्लाते हैं पारस और सिद्धार्थ ।नए वीडियो में मधुरिमा तुली और विशाल आदित्य सिंह स्टोर रूम में दिखते हैं। दोनों के बीच एक कप को लेकर बात हो रही होती है। पर जल्द ही यह बात गंदे झगड़े में बदल जाती है। इसके बाद तो विशाल आदित्य सिंह मधुरिमा तुली को घटिया, डफर और बैल तक कह देते हैं। मधुरिमा भी विशाल को जवाब में डफर कहती हैं। विशाल चुप नहीं होते हैं तो फिर मधुरिमा उनकी ओर अपना हाथ तान कर थप्पड़ का इशारा करती हैं। इसके बाद गुस्से में आकर ट्राली पर पैर पटक देते हैं। वहीं दूसरी ओर अगले सीन में पारस छाबड़ा और सिद्धार्थ शुक्ला शहनाज गिल पर चिल्लाते दिखते हैं। वहीं शहनाज चुपचाप दोनों को सुनती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55625.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbeef7e504c93f326313333a4d9c47f823d246bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहनाज के लिए फेवरेज शूज कुर्बान।शहनाज गिल की कैप्टेंसी के लिए पारस ने अपने फेवरेज जूतों पर पेंट डाल कर उन्हें खराब कर दिया था। तब आकांक्षा ने कहा था कि वह पारस छाबड़ा के लिए नए जूते खरीदेंगी। अब आकांक्षा ने अपना वादा पूरा कर दिया है। आकांक्षा पुरी ने जूते का तस्वीर वाले पोस्ट के कैप्शन में लिखा, पारस के उन सभी फैंस के लिए, जिन्हें उनके जूतों को कुर्बान होते देख अच्छा लगा था। जो उन्हें हमेशा सपोर्ट करते थे। हैप्पी न्यू ईयर पारस। उम्मीद है कि येलो की तरह ये रेड जूते भी पसंद आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55630.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fefa868c97d004d3c2067737375ab9e519cfa741 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55630.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस 13' से बाहर हो चुकीं देवोलीना एक बार फिर 'बिग बॉस हाउस' में पहुंचेंगी, लेकिन रहने के लिए नहीं, बल्कि घर से अलविदा लेने के लिए। देवोलीना आज घर में आखिरी बार नज़र आएंगी और घरवालों से फाइनल गुड बाय बोलेंगी। अपकमिंग एपिसोड का प्रोमो सामने आया है जिसमें देवोलीना घर में एंट्री लेते नजर आ रही हैं। वीडियो में दिख रहा है कि वो सिद्धार्थ के साथ वहीं मस्ती कर रही हैं वहीं अपनी दोस्त रश्मि देसाई पर भड़क रही हैं। + +@devoleena ne uthaye apni dost @imrashamidesai par unke aur @arhaankhaan ke relationship ko lekar questions! #SomvaarKaVaar mein aur kya hoga dekhne ke liye tune-in to #BiggBoss13, tonight at 10 PM! Anytime on @voot @Vivo_India @daburamlaindia @bharat.pe @beingsalmankhan #BiggBoss #BB13 #SalmanKhan।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Dec 29, 2019 at 9:46pm PST।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55662.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1246c959cbd9c2a5da39a44cc6b1bcae589b3d4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। कलर्स चैनल के सबसे विवादित शो में से एक बिग बॉस 13 में कंटेस्टेंट्स के बीच झगड़े कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हर हफ्ते इन झगड़ों को सुलझाने के लिए सलमान खान को सभी कंटेस्टेंट्स को जमकर फटकार लगानी पड़ती है। मगर अब रश्मि-सिद्धार्थ के बीच झगड़े ने इतनी हदें पार कर दी है कि सलमान खान ने भी गुस्से में कह दिया कि कोई और होस्ट ढूंढ़ लो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55699.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d50cb941a507b264a9c6735abc518c59cb9bab0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55699.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, सलमान खान अपनी अपकमिंग फिल्म दबंग-3 के प्रमोशन के लिए फिल्म की कास्ट के साथ द कपिल शर्मा शो के सेट पर पहुंचे थे। जहां कृष्णा ने भी अपने एक्ट से सभी को खुब हंसाया और सलमान खान तो हंस-हंसकर लोटपोट हो गए थे। अपने एक्ट के दौरान ही कॉमेडी के साथ साथ कृष्णा अपने मामा पर तंज कंसने में पीछे नहीं रहे और उन्होंने एक मजेदार बात कह दी। + +Loading…।एक्ट के दौरान कृष्णा, दबंग-3 के निर्देशक प्रभु देवा के पास जाते हैं और कहते हैं 'आपके साथ फिल्म में अच्छा नहीं हुआ है। इतनी बड़ी फिल्म है और इतना बड़ा गाना है और इतने अच्छे डांसर होने के बाद भी आपको गाने में इतना सा ही रोल दिया गया है। इसी बीच कपिल ने जवाब दिया- अरे वो फिल्म के डायरेक्टर हैं ना। इस पर कृष्णा पूछते कहते हैं, 'सलमान भी डायरेक्टर हैं? लेकिन उन्होंने तो पूरा रोल दिया है अरबाज को फिल्म में। मैं सच बोलता हूं, भाई-भाई होता है, ये मामा-चाचा सब बातें हैं'।कृष्णा की इस बात से सब हंसने लगते हैं और सलमान भी अपनी हंसी नहीं रोक पाते। बता दें कि इससे पहले गोविंदा की फैमिली भी शो में पहुंची थी और उस वक्त कृष्णा उनके सामने नहीं आए थे। इसपर कृष्णा ने कहा भी था, 'मेरे ना आने की वजह मामा गोविंदा नहीं बल्कि मामी सुनीता थीं। मामी नहीं चाहती थीं कि जब वो लोग आएं तो मैं शो में आऊं'। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55721.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d32cef5dac48235bc383ce0d869c5787d3100dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस 13 में सीज़न 11 के मास्टर माइंड विकास गुप्ता को जिस उद्देश्य से लाया गया है, उसकी तरफ़ उन्होंने चलना शुरू कर दिया है। मंगलवार रात प्रसारित हुए एपिसोड में विकास गुप्ता ने अपनी पहली चाल चली, जिसे देखकर घरवाले हक्के-बक्के रह गये। यह वो चाल थी, जिसके बारे में किसी कंटेस्टेंट ने सोचा भी नहीं था। ।कैप्टेंसी की दावेदारी के लिए बिग बॉस ने घरवालों को टास्क दिया, जिसके तहत हर कंटेस्टेंट के घर से एक चिट्ठी आयी। चिट्ठी आयी है गाना बजते ही सभी कंटेस्टेंट्स को कागजों के ढेर में से एक चिट्ठी छांटनी थी, जो किसी दूसरे कंटेस्टेट के नाम की थी। अगर कंटेस्टेंट उस चिट्ठी को फाड़ देता है तो वो कैप्टेंसी का दावेदार हो जाएगा और अगर वो उस चिट्ठी को संबंधित कंटेस्टेंट को दे देता है तो वो नॉमिनेट हो जाएगा। ।इस टास्क में विकास फाटक यानि हिंदुस्तानी भाऊ के हाथ रश्मि देसाई की चिट्ठी लगी, जिसे उन्होंने दरियादिली दिखाते हुए रश्मि देसाई को लौटा दिया और अपनी कैप्टेंसी की दावेदारी दांव पर लगा दी, मगर इस बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। विकास ने रश्मि देसाई के हाथ से चिट्ठी छीनकर उसे श्रेडिंग मशीन में डालकर नष्ट कर दिया और कैप्टेंसी के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55747.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cf7bbca0c930b08a84223f81839e271a475f555 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by biggboss13 (@biggbosskhabri13) on Dec 6, 2019 at 10:02pm PST।एक एपिसोड में हमने हिमांशी को यह आसिम से कहते हुए देखा कि 'मैं भी तुम्हें प्यार करती हूं' लेकिन ऐसा लगता है अब फैंस इस केमिस्ट्री को मिस करनेवाले हैं क्योंकि हिमांशी को बाहर का दरवाजा दिखा दिया गया है। अब तक शो से दलजीत कौर, कोएना मित्रा, अबू मलिक, सिद्धार्थ डे, शेफाली बग्गा, रश्मि देसाई, देवोलीना भट्टाचार्जी, तहसीन पूनावाला, अरमान खान, खेसारी लाल यादव को कम वोटों के कारण घर वापस भेज दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55765.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08357fe3448ad181ff062efc89ec3681ea1e82e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55765.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस 13 में चल रहे टास्क के दौरान संचालक के तौर पर पारस छाबड़ा अपनी मनमानी करते हैंl वहीं इसे लेकर घर में लोगों के बीच जमकर रोष होता है और इस बात की नाराजगी वे बिग बॉस से भी व्यक्त करते हैंl सिद्धार्थ शुक्ला, आसिम रियाज और विशाल सिंह के साथ उलझते और झगड़ा करते हैंl आसिम और सिद्धार्थ के बीच जबानी जंग अगले दिन भी जारी रहती हैंl।सोशल मीडिया पर दिनभर आसिम रियाज और सिद्धार्थ शुक्ला के बीच हुई लड़ाई को लेकर प्रशंसकों के बीच भी तनातनी बनी रही और वे दोनों का बचाव करते नजर आए थेl वह लड़ाई आज भी देखने को मिल रही थी। हिमांशी आसिम के साथ नजदीकी के कारण सिद्धार्थ शुक्ला पर निशाना साधते हैं। पारस छाबड़ा की मनमानी के कारण घर के लोगों का गुस्सा फूट पड़ता हैl।A post shared by Colors TV (@colorstv) on Dec 5, 2019 at 4:32am PST।हिन्दुस्तानी भाऊ, शेफाली जरीवाला और रश्मि देसाई पारस छाबड़ा के डिसीजन से चिढ़े हुए नजर आते हैंl वहीं माहिरा, सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज इस बात का मजा लेते नजर आते हैं। इस बात को लेकर अरहान खान भी पारस छाबड़ा से उलझते नजर आते हैं। रश्मि देसाई अरहान खान को समझाती हैं कि उन्हें पारस छाबड़ा से नहीं उलझना चाहिए। अरहान खान रश्मि देसाई की बात सुनकर उनपर गर्मा जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55796.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a9b9b5dde8a8e58f813dc4c2849d718b3c4d23d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55796.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Anniversary Bharti Singh- टेलीविज़न इंडस्ट्री की सबसे फैमस कॉमेडियन भारती सिंह की अक्सर अपने मज़ाकिया अंदाज़ से दर्शकों को खूब हंसाती हैं। आज उनकी शादी को पूरे दो साल हो चुके हैं इस खास मौके पर भारती ने अपने पति हर्ष के लिए एक इमोशलन नोट लिखा है। भारती की पोस्ट देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वो अपने पति को कितना प्यार करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55811.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..480d9892274ac22883d14a875f9c1baef66f51f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by ARSHI KHAN BEGUM SAHIBA (@arshikofficial) on Apr 29, 2019 at 12:35am PDT।उन्होंने बिना नाम लिए कहा घर में बंद कुछ एक्स-कंटेस्टेंट ऐसे बर्ताव कर रहे हैंl जैसे वह जब घर में थे तो संत थे। उन्होंने आगे कहा कि जब वह घर में थीं तो उनके मेकअप को लेकर ऐसे विवाद झेल चुकी हैं। हालांकि जब इस बारे में और पुछा गया तो उन्होंने माना कि वह बंदगी कालरा को निशाना बना रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55816.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ec7d9c83006025560838ff21ba827f6d2e8cc8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बारे में बताते हुए रजत वर्मा ने कहा, 'मैंने बेहद का पहला सीजन देखा है और यह शो पसंद आता है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे अपने करियर के ऐसे प्रारंभिक दौर में जेनिफर विंगेट के साथ काम करने का अवसर मिलेगा। वह एक बेहद प्रतिभाशाली कलाकार हैं और उनके साथ काम करना एक सपने के सच होने जैसा है। मैं कभी नहीं भूलूंगा कि जब हम पहली बार एक साथ शूटिंग कर रहे थे तो मैं कितना डरा था।’।A post shared by jennifer winget cllub🔵 (@behad_pyar_ki_dastan) on May 17, 2019 at 8:35pm PDT।इस बारे ने आगे बताते हुए रजत वर्मा ने कहा, ‘पहले शॉट की शूटिंग के दौरान, मैं उनके सामने खड़ा था और वह काफी शांत थी और शॉट से पहले मुझे रिलेक्स कर रही थी। जबकि मैं उनके एक्टिंग का दीवाना रहा हूं तो मुझे बहुत डर लग रहा थाl उनके पास अद्भुत अभिनय क्षमता है और उनके साथ काम करना मेरे लिए एक सीख के समान है।’।A post shared by 👼🏻Jennymyoxygen👼🏻 (@jennimyoxygen) on Nov 28, 2019 at 12:32am PST।पहले सीज़न के बाद जेनिफर ने माया की भूमिका के लिए बहुत तारीफ़ हुई। शो के कारण वह पहली बार एक नकारात्मक भूमिका में नजर आई और यह जल्द ही लोकप्रिय हो गया। अब, शो को रिबूट मिल रहा है। बेहद 2 में जेनिफर माया की भूमिका में ही नजर आएंगीl उनके अलावा शिविन नारंग और आशीष चौधरी भी मुख्य भूमिकाओं में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55846.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7d943323e471479d1551489733ef83438f107f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Colors TV (@colorstv) on Nov 25, 2019 at 1:03am PST।आपको बता दें कि इस शो में आने से पहले सिद्धार्थ और रश्मि एक टीवी सीरियल 'दिल से दिल तक' में काम कर चुके हैं। उस सीरियल में दोनों ने पति-पत्नी का किरदार निभाया था। उस सीरियल में दोनों की ऑनस्क्रीन कैमिस्ट्री काफी अच्छी थी। बिग बॉस के घर में आज दोनों की उसी कैमिस्ट्री को दोहराया जाएगा। अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि सभी घरवाले लिविंग एरिया में इकट्ठे होते हैं उसके बाद उनके सामने टीवी पर सिद्धार्थ और रश्मि के सीरियल की एक क्लिप चलती है। ये देखकर घरवाले काफी खुश हो जाते हैं। इस पर सना कहती हैं कि 'तुम दोनों साथ में कितने अच्छे लगते हो तुम साथ में क्यों नहीं रहते'। इसके बाद सिद्धार्थ और रश्मि बेडरूम से लेकर स्वीमिंग पूल तक रोमांस करते दिखेंगे। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55851.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1620f596f4cb874bebc99810f930a75c2b44df06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। बिग बॉस के घर में सिद्धार्थ शुक्ला और असीम के बीच की लड़ाई टॉक ऑफ द टाउन बनी हुई है। सिद्धार्थ शुक्ला और असीम की लड़ाई के बीच बिग बॉस के घर का खेल अब मजेदार होता जा रहा है। लेकिन, वीकेंड के वॉर में यह लड़ाई सलमान खान दोनों कंटेस्टेंट के लिए मुश्किल बन गया, क्योंकि सलमान खान ने लड़ाई को लेकर सिद्धार्थ और आसिम की क्लास लगा दी है। शनिवार को सलमान ने दोनों की क्लास लगाई और काफी गुस्से में दिखाई दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55873.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a137a621a3fe9e1edc2daadc98d88d97b7444df7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कई सारे टीवी सीरियल का हिस्सा रह चुकीं काम्या पंजाबी इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने बॉयफ्रेंड के साथ शेयर की गई खूबसूरत तस्वीरों के कारण सुर्खियों में बनी हुईं हैं। काम्या के हर फैन का इंतज़ार अब खत्म होने वाला है क्य़ोंकि अब एक्ट्रेस अपने बॉयफ्रेंड शलभ दांग से शादी करने जा रही हैं। काम्या ने अब अपनी वेडिंग डेट की भी अनाउंसमेंट कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55881.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4f3ba2b154dc66a778637ac99940a48e29a9fed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी रियलिटी शो बिग बॉस 13 में शुरुआत से ही दो अलग अलग ग्रुप बने हुए हैं।  जहां एक तरफ एक ग्रुप को पारस छाबड़ा चला रहे हैं वहींं दूसरी ओर सिद्धार्थ शुक्ला भी अपने साथियों के लिए खेलते आए हैं। आसिम रियाज़ से लड़ाई होने के बाद सिद्धार्थ शुक्ला का ग्रुप पूरी तरह से टूट चुका है जिसके बाद अब सिद्धार्थ शुक्ला ने पारस से कन्फ्रंट किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55883.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5a73e19e34079f7dd39e09012dbb48bd31e3676 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 13: लड़ाई-झगड़े, गुस्से और विवादों से भरे रियालिटी शो में कुछ राहत भरी कॉमिक चीजें आने वाली हैं। बिग बॉस ने पिछले एपिसोड में एक नया टॉस्क एनाउंस किया था। इसमें हमने देखा कि हिन्दुस्तानी भाऊ को बिग बॉस के लैंड लार्ड की जिम्मेदारी मिली है। रश्मि देसाई को उनकी पत्नी का रोल प्ले करना है। वहीं शहनाज गिल हिन्दुस्तानी भाऊ और रश्मि देसाई की बेटी बनी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_559.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05aa4fbb1d4a8f46d9377c10f7298f8e07994d70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के कृष ऋतिक रोशन इन दिनों अपनी निजी जिंदगी को लेकर खूब चर्चा में हैं। जबसे उन्हें डिनर डेट पर म्यूजिशियन और अभिनेत्री सबा आजाद के साथ स्पॉट किया गया है, तबसे ही दोनों की डेटिंग की खबरों ने जोर पकड़ा। हाल ही में ऋतिक रोशन एयरपोर्ट पर रूमर्ड गर्लफ्रेंड सबा आजाद का हाथ थामे हुए बाहर आए थे, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। सोशल मीडिया पर भी दोनों अक्सर एक-दूसरे की तारीफ करते हुए नहीं थकते हैं। हाल ही में ऋतिक रोशन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर रूमर्ड गर्लफ्रेंड सबा आजाद की तारीफ करते हुए उन्हें अपनी प्रेरणा बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55941.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29bf2d0f435ea26361933c3204eee398de6c0d22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55941.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन दोनों के बीच रिश्तों की तल्ख़ी किसी ना किसी रूप में नज़र भी आ जाती है। मगर, रविवार को प्रसारित हुए एपिसोड में एक दिलचस्प वाकया हुआ, जिसने सलमान ख़ान को भी निशब्द कर दिया। दरअसल, कंटेस्टेंट्स के बातचीत के दौरान सलमान ने पूछा कि अगर शहनाज़ पंजाब की कटरीना कैफ़ हैं तो फिर हिमांशी खुराना क्या हैं? इस पर हिमांशी ने जो जवाब दिया वो हैरान करने वाला था। हिमांशी बोलीं कि कुछ लोग उन्हें पंजाब की ऐश्वर्या राय कहते हैंं। ।हिमांशी के इस जवाब पर सलमान थोडा़ अचकचा गये। समझ नहीं आया कि क्या बोलें। पहले सिर्फ़ कहा- वाह। इसके बाद सभी घरवाले हंसने लगे। शहनाज़ तो ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगीं। सलमान ने कोई रिएक्शन दिये बिना बात घुमा दी और शहनाज़ और हिमांशी के पैचअप पर चले गये। बाद में सलमान ने कहा कि सिर्फ़ चेहरा मिलने से कोई ऐश्वर्या राय या कटरीना नहीं बन जाता। ।A post shared by Shehnaaz Kaur 🌻 [2K] (@love_shehnaaz) on Nov 10, 2019 at 11:55pm PST।रविवार को घर में एक और वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट विशाल आदित्य सिंह की एंट्री हुई, जो नच बलिये 9 में सेकंड रनर अप रहे थे। सलमान ख़ान इस शो के निर्माता थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_55970.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_55970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db6402f7b9ed7fcfe395eeab6ede515883f8882f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_55970.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में सोशल मीडिया में एक वीडियो तेज़ी से शेयर की जा रही है जिसमें रश्मि देसाई और देवोलीना शो में एंटर करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में देवो ने गुलाबी रंग का ब्लेज़र और पेंट पहनी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ रश्मि देसाई ने भी गुलाबी रंग के कपड़ो में एंट्री ली है। ।A post shared by BIGG BOSS 13 🔵 (@biggboss13news) on Nov 6, 2019 at 10:53am PST। रश्मि देसाई और देवोलीना की एंट्री होते ही जहां उनके साथी ग्रुप वाले खुशी से झूम उठे हैं वही दूसरी और उन्हें देखकर सिद्धार्थ शुक्ला के चेहरे का रंग उड़ गया है। सिद्धार्थ बाद में आसिम रियाज़ से कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अब वो लोग बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग हो गए हैं, और हमारे यहां तो सब इधर उधर हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56021.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..777d0c0ceca179cf2c4f145f957162b0fc99d717 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस 13 में कंटेस्टेंट सिद्धार्थ शुक्ला के बारे में अफवाह है कि उन्होंने द्रष्टि धामी, आरती सिंह और स्मिता बंसल को डेट किया है। अब यह खबर आ रही है कि रश्मि देसाई के अलावा सिद्धार्थ शुक्ला ने कांटा लगा गर्ल शेफाली जरीवाला को भी डेट किया हैl स्पॉटबॉय के अनुसार शेफाली जरीवाला ने काफी समय तक सिद्धार्थ शुक्ला को डेट किया है। शेफाली ने पहले मीत ब्रदर्स के संगीतकार हरमीत गुलज़ार से शादी की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56027.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b2457879adaa8e5ee669afb872e20e69381683f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Bigg Boss 13 Update Day 32: आज के बिग बॉस के एपिसोड में कल हुए टास्क बीबी की होम डिलीवरी का अगला भाग दिखाया जाएगाl कलर्स द्वारा जारी टीजर में देखा जा सकता है कि पारस छाबड़ा अपने आपको सुरक्षित करने के लिए रश्मि देसाई से अपनी नजदीकियां बढ़ा रहे हैंl वहीं रश्मि भी सिद्धार्थ डे के जाने के बाद घर के समीकरण को देखते हुए पारस छाबड़ा से अपनी नजदीकियां बढ़ा रहीं हैं और वह उन्हें सालसा सिखाती नजर आती हैl रश्मि और पारस की नजदीकियां माहिरा शर्मा और शहनाज़ को पसंद नहीं आतीl।वहीं बीबी की होम डिलीवरी टास्क में संचालक होने के चलते रश्मि देसाई ऐन समय पर आरती सिंह की जगह खुद डिलीवरी गर्ल बनने की बात कहकर सभी को चौका देती हैl इसके बाद इसे लेकर आरती सिंह, शहनाज़ गिल और रश्मि देसाई में जमकर बहस होती हैंl इसे लेकर घर में बहुत रणनीति भी बनती नजर आती हैंl शेफाली शहनाज़ और रश्मि को अपना अपना दिमाग लगाकर खेलने की सलाह देती है और इसके माध्यम से वह दोनों गुटों में तनाव निर्माण करने का प्रयत्न करती हैंl बिग बॉस 13 के पहले चरण का फिनाले चल रहा है और इनमें से आधे सदस्य घर से बेघर होने वाले हैंl ।11:40 PM: आरती सिंह देबोलिना को डिलीवरी गर्ल बनाने पर बहस करने लगती हैl देबोलिना डिलीवरी गर्ल बनकर पारस को फ़ूड डिलीवर करती हैl बिग बॉस टास्क पूरा होने और पारस के जीतने की घोषणा करते हैंl पारस माहिरा का चुनाव करते है और बिग बॉस दोनों को आगे के पड़ाव में जाने की घोषणा करते हैंl शहनाज़ सिद्धार्थ शुक्ल को पूछती है कि क्या उनके और रश्मि के बीच कुछ था? और इसे लेकर उनके साथ मस्ती करती हैंl ।11:30 PM: रश्मि देसाई और शेफाली बग्गा इस बात पर विचार करते है कि किसे भेजा जाना चाहिएl पारस चाहते है कि वह देबोलिना को डिलीवरी गर्ल बनाये क्योंकि उन्हें शेफाली पर भरोसा नहीं हैंl खेसारी लाल यादव पारस को ओवरएक्टिंग की दूकान कहते हैl डिलीवरी गर्ल बनने को लेकर शेफाली और देबोलिना में टाई हो जाती है और दोनों आपस में बात करते हैंl इसके बाद रश्मि देसाई इस बात की घोषणा करती है कि डिलीवरी गर्ल देबोलिना होगीl ।11:20 PM: रश्मि देसाई पारस छाबड़ा को फ़ूड डिलीवर करती हैंl आरती सिंह और शहनाज़ टास्क को लेकर बात करते है कि उनके साथ अनफेयर खेला जा रहा हैंl इसके बाद आरती सिंह और शहनाज़ देबोलिना को अपनी ओर मिलाने का प्रयत्न करते हैंl इसके बाद बिग बॉस तहसीन से घर में चल रहे खेल के बारे में पूछते है और तहसीन अपनी राय रखते हैंl इसके बाद बिग बॉस खेसारी लाल यादव से बात करते हैंl एक बार फिर खेल शुरू होता है और तीनों लड़के फ़ूड आर्डर करते है और आरती सिंह को डिलीवरी गर्ल चुना जाता हैंl ।11:10 PM: तहसीन पूनावाला बिग बॉस से कहते है कि उनके आने के बाद घर में समीकरण बदलेंगेl शहनाज़, शेफाली और आरती टास्क की रणनीति पर बात करते हैंl शहनाज़ और माहिरा पारस को लेकर बातें करते हैंl आरती भी माहिरा को कहती है कि पारस उनका घर में बने रहने के लिए उपयोग कर रहा हैंl तीनों लड़के एक बार फिर आर्डर करते है और रश्मि कहती है कि वह खुद डिलीवरी बनती हैंl इसके बाद आरती सिंह और रश्मि देसाई में डिलीवरी गर्ल बनने को लेकर बहस होती हैंl ।11:00 PM: 33 वें दिन की शुरुआत गोविंदा के गाने से होती हैl इसके बाद पारस और शहनाज़ बीबी की होम डिलीवरी टास्क पर रणनीति पर बात करते हैl वहीं रणनीति माहिरा, पारस और शेफाली भी बनाते नजर आते हैंl सिद्धार्थ आरती और शहनाज़ से कहते है कि किसी भी कीमत पर डिलीवरी गर्ल बनेl इसके बाद बिग बॉस तहसीन पूनावाला से घर को लेकर बात करते हैंl एक बार फिर टास्क शुरू होता है और तीनों भी फ्रूट सलाद आर्डर करते हैंl माहिरा को डिलीवरी गर्ल बनाया जाता हैंl माहिरा पारस को डिलीवरी देती हैंl ।10:50 PM: शेफाली किसी को भी डिलीवरी नहीं करती हैंl इसके साथ बिग बॉस 32 वें दिन की बीबी की होम डिलीवरी खत्म होने की घोषणा करते हैंl इसके बाद बिग बॉस शेफाली जरीवाला से पूछते है कि आज के खेल पर उनकी क्या राय है और इसपर शेफाली जरीवाला अपनी बात रखती हैंl माहिरा शर्मा पारस छाबड़ा के सामने भावुक हो जाती हैं और रोने लगती हैंl वह उनपर पलटने का आरोप लगाती हैंl इसके बाद रश्मि महिरा को आगे की रणनीति बताते हुए समझाती हैंl माहिरा कहती है कि पारस आगे जाने के लिए उनकी जगह रश्मि, देबोलिना या शेफाली में से किसी का भी चुनाव कर सकता हैंl शेफाली और देबोलिना भी अपनी अपनी रणनीति पर बात करते हैl पारस शहनाज़ को बताते है कि उन्हें आसिम से दोस्ती करनी चाहिए ताकि वह उनके आगे काम आ सकेंl ।10:40 PM: घर में डिलीवरी गर्ल बनने के लिए सभी लड़कियों में बातचीत होती हैl आरती सिंह कहती है कि उन्हें डिलीवरी गर्ल बनना हैl घर के अन्य सदस्य रणनीति बनाते नजर आते है कि किसे डिलीवरी गर्ल बनाना हैl देबोलिना कहती है कि पहले शेफाली और बाद में माहिरा को भेजोl रश्मि शेफाली के नाम की घोषणा करती हैl आरती सिंह और शहनाज़ इस बात का विरोध करते हैंl ।10:30 PM : एक बार फिर टास्क शुरू होता है होता है और पारस, सिद्धार्थ और आसिम एक बार फिर अपना अपना आर्डर करते हैंl घर के गेम को लेकर माहिरा और पारस में बात होती हैंl ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56060.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89931402a8905a53b4dc47f2d8ea2c85783d6d77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56060.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो बिग बॉस 13 में इस बार कोई भी सदस्य घर के टास्क करने में खरा नहीं उतर पा रहा है। आए दिन घर में बस लड़ाई झगड़े और बहसबाज़ी ही देखने मिल रही है। बीते दिन बिग बॉस के घर एक ऐसा हंगामा हुआ जिससे तीन सदस्य तुरंत घर से बाहर जाने की जिद करने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56063.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4669c695f0da066620f1fff78a7000737d0e9993 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +So true! What a waste this season is... not even a single task is performed well... aggression, abuses, violence bas yahi sab hai... #BB13 @ColorsTV https://t.co/YJC1qi3GC2" rel="nofollow।यह भी पढ़ें: Bigg Boss 13: अब तक सलमान खान से भिड़ चुके हैं बिग बॉस के ये कंटेस्टेंट्स।आपको बता दें कि काम्या पंजाबी बिगबॉस शो को काफी नज़दीकी से फॉलो करती हैं, वो अक्सर शो पर अपनी राय देती हैं। जहां श्रीसंत बिग बॉस 12 का हिस्सा बने और साथ ही बेहतरीन परफॉर्म करते हुए शो के रनरअप भी रहे। वहीं दूसरी तरफ काम्या पंजाबी बिग बॉस 7 का हिस्सा थी, काम्या ने बिग बॉस के घर में पूरे 91वे दिन गुजारे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56067.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39a34bc032d69ed925be8743ad3adb8e5874cc2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56067.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Colors TV (@colorstv) on Oct 24, 2019 at 7:58am PDT।यह भी पढ़ें: Bigg Boss 13: अब तक सलमान खान से भिड़ चुके हैं बिग बॉस के ये कंटेस्टेंट्स।आरती का कहना है कि थोड़े दिनों पहले ही सबने ड्रामा करते हुए कहा था कि सब अपनी अपनी प्लेटें धोकर रखेंगें। लेकिन कोई भी ऐसा नहीं कर रहे हैं। आरती ने कहा कि टास्क में चोटें तो सब को आई हैं, इसका मतलब ये तो नहीं है कि सब अपना काम करना छोड़ दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56081.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..284411e2a2ad55137664da6afd4ac0af74860a6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56081.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर इन दिनों अपनी फिल्म ‘सांड की आंख’ का प्रमोशन कर रही हैं। हाल ही में दोनों अभिनेत्रियां कपिल शर्मा के शो ‘द कपिल शर्मा शो’ में पहुंचेंगी। इस दौरान उनके साथ असली शूटर दादियां यानी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर मे भीं होंगी। अब कोई स्टार कपिल के घर पहुंचे और उसकी खिंचाई न हो ऐसा मुश्किल ही होता है। + +A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial) on Oct 22, 2019 at 6:33am PDT।ये भी पढ़ें : Saand Ki Aankh Movie Review: तापसी पन्नू और भूमि पेडणेकर का 'अचूक' निशाना, मिले इतने स्टार।आपको बता दें कि 'सांड की आंख' 25 अक्टूबर को रिलीज हो रही है। फिल्म में तापसी और भूमि शूटर दादी का किरदार निभा रही हैं। ये फिल्म दो शूटर दादियों चंद्रो दादी और प्रकाशी दादी की असल जिंदगी पर आधारित है जिन्होंने जिन्होंने 60 साल की उम्र में तमाम सारे विरोध और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ना सिर्फ शूटिंग सीखी बल्कि ढेर सारी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56084.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71b6d5b30e9b032c0ae57c2ecccc6e9a3547879b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले तीन हफ्तों की तरह इस हफ्ते भी एक्ट्रेस रश्मि देसाई नॉमिनेट हो चुकी हैं। पिछले हफ्ते भी नॉमिनेट होने पर रश्मि ने अबू मलिक से शिकायत करते हुए कहा था कि मैं सेलिब्रिटी हूं इसलिए लोग मुझे हर बार नॉमिनेट कर देते हैं, और कहते हैं मैं बच जाऊंगी। पिछले हफ्ते रश्मि देसाई अच्छे वोट हासिल करके सेफ हो गई थीं। देखना है इस फिनाले वीक में किसका सफर खत्म होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56101.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..666150c422eb6d0f7fd5533ef043e629d8e15234 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी रियलिटी शो बिग बॉस 13 अपने पहले सीज़न से ही सुर्खियों में आ चुका था। इस शो में हर साल अलग अलग सेलेब्स को एक छत के नीचे रखा जाता है। पिछले 12 सीज़न में अब तक केवल पांच बार ही ऐसा हुआ है जब लड़कों ने ट्रॉफी हासिल की हो। अब जब बिग बॉस 13 में साफ तौर पर लड़कों और लड़कियों के अलग टास्क हो रहे हैं तो ये देखना होगा कि इस बार ट्रॉफी किसके घर जाने वाली है। आईए देखते हैं कौन से लड़के रह चुके हैं विनर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56134.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79339a5f984b531fe77d0b8a49db0fb4844cab0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस 13 में टिकट टू फिनाले रेस अब शुरू हो चुकी है। हाल ही में सभी घरवालों को बिग बॉस टॉय फैक्ट्री टास्क दिया गया है जिसमें जीतने वाली टीम की किसी एक लड़की को फिनाले की टिकट मिल जाएगी। टिकट हासिल करने वाली लड़की सीधे फिनाले में पहुंच जाएंगी। इस टास्क को करने में सभी कंटेस्टेंट अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं, ऐसे में जब कुछ कंटेस्टेंट थक गए तो सिद्धार्थ शुक्ला ने जमकर उनकी हौंसला अफज़ाई की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56143.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52e957744ae6d5a7e64cd40a38d87c6cd7d238d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +10:50 PM- आज नाश्ते में सबको सिर्फ एक पराठा मिला था जिससे आसिम रियाज़ ने रश्मि देसाई को खूब बातें सुनाई हैं। आसिम की बात सुनकर रश्मि देसाई ने खूब आंसू बहाए हैं। बाद में पारस भी रश्मि के सपोर्ट में आ गए हैं। आसिम ने रश्मि से लड़ाई करते हुए बाकी घरवालों से भी काफी बद्तमीज़ी की है।  आसिम रियाज़ की बातें सुनकर रश्मि देसाई पूरी तरह टूट गई हैं। रश्मि देसाई को रोते देख देवोलीना ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56150.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df8432cb0bcd5b6685450351100cbeca6342ec88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके अलावा ‘बिग बॉस’ घरवालों को पैसों से जुड़ा एक टास्क देंगे जिसमें लड़कों को लड़कियों की तिजोरी भरनी होगी, जिस लड़की की तिजोरी में सबसे कम पैसे होंगे वो सीधा एलिमिनेट हो जाएगी। इसी टास्क के दौरान देवोलीना, शेफाली के पैसे लेकर भागेंगी और दोनों की बीच पैसों की लेकर जबरदस्त झगड़ा हो जाएगा। शेफाली देवोलीना से पैसे छीनने की कोशिश करेंगी और देवोलीना पैसे नहीं देंगी। इसी खींचातानी में दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ जाएगी और देवीलीना पीछे से शेफाली के ऊपर अटैक करेंगी। वीडियो में दोनों के बीच जबरदस्त झगड़ा होता दिख रहा है। अब पूरे एपिसोड में क्या होगा ये तो एपिसोड आने के बाद ही पता चलेगा। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56153.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..381cc0e02665e9cd7a3ff3a10973c7842fea92cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, हुआ यूं कि पारस ने शहनाज़ से पूछा कि चश्मा यानी 'Goggle' की स्पैलिंग क्या है इस पर शहनाज स्पैलिंग बती हैं ‘Gogle’ इसके बाद पारस उनका मज़ाक उड़ाते हुए ताली बजाने लगते हैं। इसके बाद डब्बू मलिक शहनाज से ‘Archimedes’ की स्पैलिंग पूछते हैं और शहनाज़ वो भी गलत बताती हैं। इसके बाद सिद्धार्थ और आरती के बीच ‘Hairs’ को लेकर चर्चा होती हैं आरती कहती हैं कि हेयर्स कभी कोई वर्ड ही नहीं होता और सिद्धार्थ उन्हें बताते है कि जब दो अलग अलग लोगों के हेयर्स होते हैं तब हेयर्स बोला जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56158.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5b820dea3b8d7dc14d48eb75bbe5c88b3a592a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56158.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले आपको बता दें कि तीसरे कंटेस्टेंट बिहार के रहने वाले गौतम कुमार हैं, जो इस हफ्ते के पहले और सीजन के तीसरे प्रतिभागी होंगे जो एक करोड़ रुपये जीतेंगे। आईआईटी से पढ़े हुए गौतम भारतीय रेलवे, आद्रा (पश्चिम बंगाल) में सीनियर इंजीनियर के पद पर काम करते हैं। उनके पिता अरविंद कुमार झा सीनियर वकील हैं और और जेएन कॉलेज मधुबनी में मैथिली विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर अरुण कुमार ठाकुर उनके ससुर हैं। अब देखना ये है कि वो 7 करोड़ के सवाल का जवाब दे पाते हैं या नहीं...।बिहार के सनोज राज के लिए क्या था 1 करोड़ का सवाल?।सबसे पहले बिहार जहानाबाद के रहने वाले सनोज राज ने केबीसी में एक करोड़ की धनराशि जीती थी और 7 करोड़ के सवाल का जवाब ना पता होने की वजह से गेम क्विट कर दिया था। उस दौरान उनसे एक करोड़ का सवाल पूछा गया था- भारत के किस मुख्य न्यायाधीश के पिता भारत के एक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे? इसका सही जवाब है- जस्टिस रंजन गोगोई। इस सवाल के जवाब के लिए सनोज ने लाइफ लाइन का इस्तेमाल किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56159.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4374315037d9b954e65d48a85e4ba576c2b521fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56159.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कलर्स टीवी पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो में आए दिन कुछ नया देखने मिल रहा है। पिछले वीकेंड के वार में सलमान खान ने दो घरवालों कोएना मित्रा और दलजीत कौर को बेघर कर दिया है। जहां एक तरफ उनके जाने का गम हैं वहीं दूसरी और ये चिंता भी है कि अब उनका काम कौन करेगा। घर की क्वीन बनी देवोलीना के ऊपर घर में काम करवाने की जिम्मेदारी है मगर कोई उनकी बात मानने को तैयार ही नहीं है। अब देखना होगा कि देवोलीना किस तरह घर का काम करवाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56196.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfa196f8f231ce105fe5f82f393da56690a64ce9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56196.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Bigg Boss 13 Update Day 10: देबोलिना भट्टाचार्य बनी घर की पहली क्वीन!।आपको बताते चलें कि दलजीत ने अपने करियर की शुरुआत बतौर मॉडल की थी जिसके बाद उन्होंने जी टीवी के शो 'मनशा' से अपना एक्टिंग डेब्यू किया था। दलजीत अब तक कई हिंदी टीवी सीरियल्स का हिस्सा रह चुकी हैं। 2009 में एक्टर शालीन भानोट के साथ शादी के समय वो नच बलिए 4 की विजेता बन चुकी हैं। अब 2015 में शालीन भानोट से तलाक के बाद वो अकेले अपने बेटे के साथ रह रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56202.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9fd592851e311f10c316e5bf892fcfc5f7b8249 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Bigg Boss 13: सनी लियोनी से लेकर श्रीसंत तक बिग बॉस के घर में बदल गई इन सेलेब्स की छवि।आपको बता दें कि पिछले दिन टास्क के दौरान पारस ने सबसे पहले चाबी हासिल करके दलजीत तो बाहर निकाला था, जिसके बाद दलजीत ने शहनाज़ गिल के मटके को तोड़ दिया है। शहनाज़ के अलावा देवोलीना ने भी शेफाली के मटके को खत्म कर दिया है। अब दोनों कंटेस्टेंट इस रेस से बाहर हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56212.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..160d30fdba2cd3e8ae1a6cf4a5fb3e3afb6c4801 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Live Update।11:28- असीम रियाज़ और अबू मलिक ने बाद में सोच विचार कर कोएना मित्रा को इस हफ्ते नॉमिनेट कर दिया है। बाद में कोएना ने असीम रियाज़ पर खूब गुस्सा निकाला है।  ।11:25- असीम रियाज़ ने बीबी हॉस्पिटल टास्क पर बात करते हुए कोएना और देवोलीना से खूब बहस की है। नॉमिनेशन पॉवर का इस्तेमाल करते हुए असीम और अबू ने दोनों से खूब तारीफ भी करवाई है। इस दौरान असीम ने अपनी शर्ट भी उतार दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56219.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e4554a20eef9d6f97c01dda627ce60b5f4851b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिद्धार्थ शुक्ला की बारी में उन्हें रश्मि देसाई और आरती सिंह के बीच किसी एक को बचाने का मौका मिलता है। आरती अपना पक्ष रखते हुए कहती हैं कि मुझे इस शो में रुकना है, आप इसमें मेरी मदद कर सकते हैं। दूसरी खिड़की पर खड़ी रश्मि देसाई सिद्धार्थ शुक्ला से कहती नज़र आ रही हैं कि मैं आपको बेहतर तरह से जानती हूं। रश्मि की बात सुनकर सिद्धार्थ शुक्ला कहते हैं कि अगर अब तक वो मुझे नहीं जान पायीं तो आगे क्या जानेंगी। सिद्धार्थ ने ये बात किसके लिए कही और आगे वो क्या फैसला लेगें ये तो शो देखकर ही साफ होने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56226.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41d42cdf427feece55955ae0d06b87f70b9b7bb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56226.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिग बॉस का घर विवादों और हंगामों के लिए जाना जाता है, मगर कुछ कहानियां ऐसी भी बनती हैं, जो मोहब्बत के गुल खिलाती हैं। इस सीज़न में बिग बॉस के घर में पारस छाबड़ा और शहनाज़ कौर गिल की नज़दीकियां अब नोटिस की जाने लगी हैं। शनिवार को प्रसारित हुए एपिसोड में होस्ट सलमान ख़ान ने ख़ुद इसको हाइलाइट किया था और पारस और शहनाज़ की नज़दीकियों पर चुटकी ली थी। मगर, शहनाज़ की प्लानिंग तो कुछ और ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56232.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab9e53ff0ba3b56cf1fff1cd76d047473fcee2a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56232.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Big Boss 13 : कोएना का दर्द, पॉजेसिव बॉयफ्रेंड ने बाथरूम में कर दिया था बंद।शो की बात करें तो इस हफ्ते घर से बेघर होने के लिए रश्मि देसाई, कोएना मित्रा, शेफाली बग्गा, दलजीत कौर का नाम सामने आया है, हालांकि इस हफ्ते शो की वोटिंग लाइन्स बंद रखी गई हैं। अब देखना ये होगा कि सलमान खान इस हफ्ते का क्या रिपोर्ट कार्ड देंगें। सलमान इस धमाकेदार सीज़न में शो के फैंस के लिए क्या नया लेकर आए हैं इस बात का भी खुलासा जल्द हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5624.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ef663f8c26469ee83b908dcc77892fd2d4b40f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनाक्षी सिन्हा ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट पिंकविला से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने करियर के अलावा फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और स्टारकिड्स को लेकर लंबी बात की। सोनाक्षी सिन्हा ने कहा है कि बहुत से स्टारकिड्स ऐसी भी हैं जिन्हें कई फिल्मों से हाथ धोना पड़ा है। यह चीज इंडस्ट्री का एक हिस्सा है। अभिनेत्री ने कहा, 'मेरे हाथों से भी कई प्रोजेक्ट्स निकलने हैं, किसने नहीं किया? इस तरह यह पूरी स्टारकिड बहस बेकार है क्योंकि ऐसा नहीं है कि कोई स्टार किड किसी और की वजह से किसी प्रोजेक्ट से नहीं चूका है। लेकिन कोई भी इसको लेकर रोता नहीं है।'।सोनाक्षी सिन्हा ने आगे कहा, 'कोई बात नहीं, सब के साथ होता है। इससे निपटो, यार। यही जिंदगी है। गिरे हुए दूध के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है। चलो, मेरी बात भूल जाओ। मेरे पिता भी, जो स्टार किड नहीं थे, कई प्रॉजेक्ट्स से हाथ धो बैठे। यह हर कलाकार के साथ होता है और यह काम का हिस्सा है। यह कुछ ऐसा नहीं है जो इतना अनसुना या नया है। जैसा मैंने कहा, यह जॉब का हिस्सा है और आप अपनी जिंदगी के साथ आगे बढ़ते हैं, कड़ी मेहनत करते हैं और इसे जारी रखते हैं।'।बात करें सोनाक्षी सिन्हा के वर्कफ्रंट की तो वह इन बीते दिनों अपनी फिल्म भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया में नजर आई थी। यह फिल्म ओटीटी पर रिलीज हुई है। इस फिल्म में अजय देवगन, संजय दत्त और नोरा फतेही सहित कई कलाकार अहम भूमिका थे। सोनाक्षी सिन्हा जल्द फिल्म ककुड़ा में नजर आएंगी। इस फिल्म में रितेश देशमुख की भी अहम भूमिका होगी। इसके अलावा वह एक हॉरर कॉमेडी में भी नजर आने वाली हैं। इस फिल्म का निर्देशन अविनाश द्विवेदी और चिराग गर्ग करने वाले हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56255.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee1f5ba737eec655ec5cd1eafc1697fa01319fcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56255.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सलमान खान के शो बिग बॉस की शुरुआत अब हो चुकी है। हर साल की तरह इस साल भी विवादों से भरा ये शो किसी ना किसी कारण से चर्चा में बना हुआ है। इस साल शो में केवल सेलेब्रिटी कंटेस्टेंट्स को ही बुलाया गया है। अब अगर इन सेलेब्स के बीच सलमान खान के जीजा आयुष शर्मा भी शो का हिस्सा होते तो शो और मज़ेदार हो सकता था, लेकिन आयुष ने बताया कि क्यों वे बिग बॉस हाउस का हिस्सा नहीं बनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56256.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f27287f1c3e9381b9f727fefb1ba1eab7e7c6a25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ‘नच बलिए 9’ से बाहर आने के बाद से फैज़ल खान और मुस्कान कटारिया का एक दूसरे पर आरोप लगाने का सिलसिला जारी है। ‘नच बलिए’ से बाहर आने के बाद मुस्कान ने फैज़ल पर धोखा देने के आरोप लगाते हुए ब्रेकअप कर लिया। हालांकि फैज़ल ने मुस्कान के आरोपों को झूठा करार दिया। लेकिन अब मुस्कान का एक और नया बयान सामने आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56257.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c8adf81e53a48dd5c4b0a4b95ceccabb291e2bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 13 : 'बिग बॉस' में घर में टास्क जीतने के लिए कंटेस्टेंट किसी भी हद तक चले जाते हैं। हर सीजन में ऐसा देखा गया है कि कंटेस्टेंट टास्क में इतना घुस जाते हैं कि बात हाथापाई तक आ जाती है, या फिर एक दूसरे को जमकर बुरा बोलते हैं। 'बिग बॉस' के इस सीजन यानी 'बिग बॉस 13' में ऐसा कुछ तीसरे ही दिन देखने को मिल गया। बुधवार को बिग बॉस द्वारा दिए गए 'बिग बॉस हॉस्पिटल टास्क’ में आरती सिंह को टॉर्चर करने के लिए शेफाली ने भी अपनी लिमिट क्रॉस कर उन पर पर्सनल अटैक किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56285.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5416f833dcde33ceb7d94646591a587531301b69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56285.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसी होगी कंटेस्टेंट्स के बीच कैमिस्ट्री ।Big Boss Season 13 के कंटेस्टेंट्स सबसे पहले हम जानते हैं इस सीजन के सभी 13 कंटेस्टेंट के बारे में। इन सभी प्रतियोगियों को अलग-अलग फील्ड्स से लिया गया है। पिछले सीजन की तरह ही इस सीजन में भी टीवी के स्टार्स के बीच में कैमिस्ट्री देखी जा सकती है। इस सीजन में टीवी के जाने-माने चेहरे सिद्धार्थ शुक्ला, रश्मि देसाई, देबोलीना भट्टाचार्य के अलावा कई रियलिटी शोज के राइटर सिद्धार्थ डे को प्रतियोगी के तौर पर घर में एंट्री मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56291.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..292228a62ef035a39d4b8fe508147442404c1a7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56291.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार अब टीवी के सबसे विवादित शो बिग बॉस 13 का आगाज हो चुका है। शो की शुरुआत से ही कंटेस्टेंटस के बीच नोंक झोंक शुरू हो चुकी है। शो के प्रीमियर के ही दिन दो कंटेस्टेंट्स सलमान खान के सामने उलझ गए थे। शो का ग्रेंड प्रीमियर में कई सेलेब कंटेस्टेंट ने धमाकेदार परफॉर्मेस के साथ शो में एंट्री ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56297.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a21eeac2e2ed673bc337f5e5029fd4ccdfdb77ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Colors TV (@colorstv) on Sep 28, 2019 at 6:44am PDT।अमिषा पटेल का नाम भी है संभावित लिस्ट में।सलमान खान के साथ लॉन्चिंग के समय मंच पर बॉलीवुड एक्ट्रेस अमीषा पटेल नजर आई थीं। जिसके बाद कहा जा रहा है कि इस बार अमिषा पटेल भी बिग बॉस के टास्क में हिस्सा ले सकती हैं। हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है और देखना है कि आखिर आज रात को सलमान खान, किस-किस स्टार को घर में एंट्री करवाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56303.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4dae981c193539b78a7eeb335e0bcfb0297e385 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56303.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टेलीविज़न के सबसे विवादित शो बिग बॉस के फैंस का इंतज़ार अब बस चंद दिनों में खत्म होने वाला है। 29 सितम्बर से शो को चैनल में ऑनएयर किया जाना है। बिग बॉस के घर में कई सारे उतार चढ़ाव को फेस करने के बाद अब तक कई कंटेस्टेंट ट्रॉफी अपने घर ले जा चुके है। चलिए जानते हैं कि बिग बॉस के विनर इन दिनों क्या कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56307.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03ed66b6b5124e9e211a57c459f1509a3f138c41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56307.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial) on Sep 23, 2019 at 10:30pm PDT।सोनी टीवी द्वारा कर्मवीर स्पेशल एपिसोड का एक प्रोमो वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें अमला बता रही हैं कि बैंगलोर, अहमदाबाद और दिल्ली ये तीनों ऐसे शहर हैं जो ज़ीरो वॉटर लेवल की तरफ बढ़ रहे हैं। आंकड़ो को दर्शाते हुए शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने बताया कि जहां एक तरफ समस्या है वहीं दूसरी और इसका समाधान भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56311.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf325880880626ed155236886d8a0d8bbbf81684 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56311.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी स्क्रीम के सबसे फेमस और चर्चित रियलिटी शो में से एक बिग बॉस का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बिग बॉस का 13वां सीजन 29 सितंबर से शुरू होने वाला है और इस बार भी शो में ग्लैमर का तड़का लगने वाला है। आप भी हर साल बिग बॉस देखते होंगे और बिग बॉस में होने वाले ड्रामा का मजा लेते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं यह शो भी कॉपी है। आज हम आपको बताएंगे कि यह शो किसकी कॉपी है और उस शो में क्या नियम थे और वो कैसे अलग था...।आपको बता दें कि 2006 में शुरू हुआ बिग बॉस, ब्रिटेन के एक शो बिग ब्रदर की कॉपी है। इसमें भी बिग बॉस की तरह एक घर होता है, जिसमें कुछ लोग रहते हैं और कुछ दिन बिताते हैं। बिग ब्रदर में भी बिग बॉस की तरह टास्क होते हैं और अलग-अलग थीम होती है। साथ ही बिग बॉस में जिस तरह बिग बॉस अनाउंसमेंट करते हैं, वैसे ही बिग ब्रदर में भी होता है। + +शो के वीडियो देखने पर पता चलता है कि इसमें अश्लीलता ज्यादा होती है और कपड़ों आदि को लेकर भी कोई रोक टोक नहीं होती है। वीडियो में देखा गया है कि वहां प्रतिभागी कैमरे के सामने कपड़े बदलते नजर आए और एक दूसरे को गालियां देते नजर आएं। वहीं भारत में प्रसारित होने वाले बिग बॉस में ऐसा नहीं होता है, किसी भी प्रतिभागी के बीच अनबन होने पर सिर्फ बातों में ही झगड़ा होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56315.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74b25c8370b527fffc652ba16e68abb295967802 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56315.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें Bigg Boss 13 Contestants:कोइना मित्रा समेत इन 7 सेलेब्रिटीज़ के नामों से उठा पर्दा, शो में लगाएंगे तड़का।आदित्य का कहना है, 'अनु जी सबके पसंदीदा और इज्जतदार म्यूजिशियन्स में से एक हैं। यहां तक की मैं उन्हें बहुत मानता हूं, क्योंकि मैंने उनके लिए अकेले हम अकेले तुम फिल्म में अपनी जिंदगी का पहला गाना गाया था, मैरे अंदर उनके लिए बहुत ज्यादा इज्जत है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56323.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e92e8b3018cabaebd14642a5198e1299a30bdf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56323.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ दिनों पहले शो में चार वाइल्ड कार्ड एंट्री शो में आई थीं। जिसमें दो एक्स कंटेस्टेंट्स विशाल आदित्य- मधुरिमा तुली, उर्वशी ढ़ोलकिया- अनुज सचदेवा और दो नई जोड़ियां पूजा बनर्जी-संदीप सेजवाल और अविनाश सचदेवा- पलक आए थे। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार अब अविनाश और पलक शो से इस हफ्ते एलीमिनेट होने वाले हैं। इस एलीमिनेशन को लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56324.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db2016d46272fda320eadc2c9459d18b7a2f3fe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Bigg Boss 13: बिग बॉस शो के होस्ट और फ़िल्म अभिनेता सलमान ख़ान ने बताया कि उन्हें शो सीखने को मिलता है। बिग बॉस में हर वीकेंड को 'वीकेंड का वार'  होस्ट करने के लिए सलमान आते हैं। इस दौरान वह कई घटनाक्रम पर बात करते हैं। सलमान ने बताया कि इस दौरान वह सीखते हैं कि किसी भी परिस्थिति में कैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने ऐसी भी सीख बारे में भी बताया, जो वह नहीं करना चाहते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5633.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb6227234dc0a8af33a16a685ea098d91f28ff13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किरदार का लुक और शारीरिक बनावट तो ठीक है, मगर उसकी भाषा और हाव-भाव के लिए आपने क्या तैयारी की?।मुझे उन लोगों (मेकर्स) की एक बात बहुत अच्छी लगी। वो लोग एक्टिंग कोच को बुलाते हैं। सारे एक्टर्स की वर्कशॉप होती है। मेरे एक्टिंग कोच लंदन के थे। उनके साथ मैंने बहुत वक़्त बिताया और नज़रजान के लिए एक बॉडी लैंग्वेज क्रिएट की। एक डायलॉग कोच थे सेट पर। उनके साथ तलफ्फुज़ सुधारा। पश्तो बोलने वाला शख़्स अंग्रेज़ी में कैसे बात करेगा, उस पर काफ़ी काम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56337.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a17ce24814e6f8df8b48164cb42995e6c0454a77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: KBC 11 : शो में आईं इस कंटेस्टेंट को पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने किया सैल्यूट, जानिए पूरा मामला।A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial) on Sep 18, 2019 at 8:36am PDT।बबीता हॉट सीट पर बैठे हुए करोड़पति बनने की राह पर हैं, वो खेल में काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। बबीता ने बीते मंगलवार को शो में अमिताभ बच्चन के पांच सवालों के जवाब दिए हैं। बीते दिन समय समाप्ति के कारण वो आज एक करोड़ के सवाल का सामना करेंगी। उनसे पूछे हुए अब तक के सवाल ये हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56356.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa2dc258aab101d76cee6611e7c58a94488db146 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56356.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: राखी सावंत ने बताया, इस रिएलिटी शो में दिखेगी उनके पति रितेश की झलक, देखें वीडियो।A post shared by Arti Singh (@artisingh5) on Jun 24, 2019 at 11:50am PDT।आरती सिंह एक टीवी एक्ट्रेस हैं जिसके चलते वे मायका, उड़ान, देवों के देव महादेव, वारिस, गृहस्थी, ससुराल सिमर का और उतरन जैसे कई फैमस टेलीविज़न शोज का हिस्सा रह चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56387.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3645ea8e7fc6017fa319ec62ccaf90e70537b2fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial) on Sep 4, 2019 at 8:25am PDT।आगे उन्होने कहा कि 'मैं दिलीप जी और वहीदा जी को अपना आदर्श मानता हूं, आज तक वहीदा जी मेरी लिए सबसे खूबसूरत महिला हैं'। आपको बता दें कि ये एपिसोड इस वीकेंड को ऑन एयर किया जाएगा। इस मौके पर जीतेंद्र ने भी आशा जी और वहीदा जी के लिए कई सारी बातें कहीं हैं। शो के कंटेस्टेंट्स ने इस मौके पर वहीदा जी और आशा जी के ब्लॉकबस्टर गानों से मंच पर चार चांद लगा दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56425.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70d7e987a4a150ba75ac89276f3d30f509a4e505 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते दिन कपिल शर्मा, द कपिल शर्मा शो के राइटर वंकुश अरोड़ा की पत्नी के बेबी शॉवर में गए थे, जहां उनके साथ उनकी पत्नी गिन्नी और शो की टीम भी मौजूद थी। इस बेबी शॉवर की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं। इन खूबसूरत तस्वीरों में गिन्नी रॉयल ब्लू कलर की लोंग लूज़ ड्रेस के साथ हाथों मे चूड़ा पहने दिखाई दे रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56448.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49e76ea8c7d472668a092182e968f3362bb43f42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by Hina Khan (@realhinakhan) on Aug 16, 2019 at 6:43am PDT।यह भी पढ़ें: Kapil Sharma के कारण नही, मेरे टैलेंट के वजह से चल रहा है मेरा घर: Krushna Abhishek।हिना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और अक्सर अपनी हर अपडेट अपने फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। हाल ही में हिना खान ने अपनी एक खूबसूरत तस्वीर शेयर की है जिसमें वे आइसक्रीम के मज़े ले रही हैं। इस तस्वीर पर हिना के करीबी दोस्त प्रियांक शर्मा ने मजाकिया कमेंट करते हुए लिखा है 'मोटी कहीं की..' इस कमेंट को पढ़ कर हर कोई हंसी से लोट पोट हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56469.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06205ce985dc60fc82cb5769bc184c73dcccf3a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Hina Khan Gym look: एक्ट्रेस का जिम लुक देखकर पूजा बनर्जी ने की ऐसी अपील।A post shared by Vikaas Kalantri (@vikaaskalantri) on Jul 23, 2019 at 8:24pm PDT।विकास ‘नई पड़ोसन’, ‘प्यार का मारा’ और ‘जिज्ञासा’ जैसी फिल्मों का हिस्सा रह चुकें हैं। वहीं प्रियंका छिब्बर भी टेलीविजन के ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’, ‘पलकों की छांव में ’ और ‘रंग बदलती ओढ़नी’ जैसे सीरियल्स में नज़र आ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56479.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e558fc6fd21262e3d1292a08c0bc44ebe2defd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें :  खत्म हुई ‘Gulabo Sitabo’ की शूटिंग, अब ये है Amitabh Bachchan का अगला प्रोजेक्ट।A post shared by Amitabh Bachchan (@amitabhbachchan) on Feb 8, 2019 at 11:53am PST।बिग बी को हमेशा से ही 120 थ्रेड कॉटन सबसे ज्यादा पसंद है, इसलिए इस साल भी सॉलिड कलर शेड्स वाले सूट इटली से इम्पोर्ट किए गए हैं। प्रिया ने बताया कि अमिताभ को क्लासिक और कंफर्टेबल डिजाइन ही पसंद आते हैं। इस सीज़न के लुक पर बात करते हुए वे कहती हैं कि इस साल भी बिग बी थ्री पीस में नज़र आने वाले हैं लेकिन इस बार टाई के साथ एक्सपेरिमेंट किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56480.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..664bc50366f16cd29211b1e71c3af7924bcc068f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले सेलेब्स डांस रियलीटी शो ‘नच बलिए 9’ में एक धमाकेदार एंट्री होने जा रही हैं। ये जोड़ी कोई और नही बल्कि स्टार प्लस के ही फैमस ड्रामा शो कसौटी जिंदगी की’ के पार्थ और एरिका फर्नांडिस हैं। अफेयर की खबरों को सच करते हुए ये ऑनस्क्रीन कपल अब रियल लाईफ कपल बन चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56481.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51bc6e020e1cd8d149c07efc4d936eac5603f72b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें : Divyanka Tripathi के पति Vivek Dahiya अस्पताल में भर्ती, Nach Baliye 9 लॉन्च एपिसोड नहीं कर पाएंगे होस्ट।इस फोटो में दिव्यांका ने नीले रंग की वन शोल्डर चोकर फॉर्मल जंप सूट पहना हुआ है। इस तस्वीर में वे काफी खूबसूरत नज़र आ रही हैं। आपको बता दें कि दिव्यांका कई दिनों से अपने पति विवेक दाहिया के साथ ट्रेनिंग ले रही थीं जिसके चलते दिव्यांका का य़े बेहतरीन ट्रांसफॉर्मेशन सामने आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56527.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48fb8088482363d92d977cee336814f662303d89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला शो ‘ये उन दिनों की बात है’के फैंस के लिए हाल ही में एक बुरी खबर आई थी कि इस शो की कहानी को अगले महीने बंद किया जा रहा है ये सुनकर फैंस को तेज़ झटका लगा था। आपको जानकर हैरानी होगी की ये खबर सुनकर शो को चालू रखने के लिए फैंस ने एक पिटीशन साइन करना शुरू कर दिया है। इसलिए नाराज़गी से बचने के लिए अब शो के मेकर्स ने एक बड़ा फैसला लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5653.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6621610357d1578ebbc2842ce0f2cdbfc83e73c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। लोगों के चहेते सिद्धार्थ शुक्ला को गुज़रे हुए एक महीने होने वाला है, लेकिन उस दिन के बाद से आजतक किसी ने भी शहनाज़ कौर गिल की एक झलक नहीं देखी है। शहनाज़ को आखिरी बार सिद्धार्थ के अंतिम संस्कार वाले दिन ही देखा गया था उसके बाद एक्ट्रेस न सोशल मीडिया पर नज़र आईं और ना ही पैपराज़ी के कैमरे में कैद हुई हैं। हां, लेकिन इस दौरान एक्ट्रेस के पुराने वीडियोज़ सोशल मीडिया पर ज़रूर वायरल हो रहे हैं जिन्हें देखकर फैंस भावुक हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56532.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..187f801c1ce184edd69746ad83eb1b5dcb970d7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56532.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by mon (@imouniroy) on Jul 15, 2019 at 1:59am PDT।मौनी रॉय को लेकर चर्चा यह भी है कि टीवी के मशहूर धारावाहिक नागिन के चौथे सीज़न में लीड रोल में नज़र आ सकती हैं। नागिन की शुरुआत मौनी के साथ ही हुई थी। उन्होंने अर्जुन बिजलानी और अदा ख़ान के साथ मिलकर लीड रोल निभाया था। यह सीरियल काफ़ी लोकप्रिय हुआ और अब इसका चौथा सीज़न आ रहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56542.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb031c4f3de9e36286cc4d6c346700a7f9093196 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले फेमस शो 'Kasautii Zindagii Kay-2' सीरियल के मुख्य किरदार प्रेरणा की जिंदगी मे आए दिन कुछ न कुछ हलचल मची रहती है। कुछ ही दिनों पहले इस शो में मिस्टर बजाज यानि करन सिंह ग्रोवर (Karan Singh Grover) की एंट्री से कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया है. हालात से हारकर प्रेरणा मिस्टर बजाज से शादी करने के लिए शादी के मण्डप तक जा पहुंची है, जिसे देखकर कुछ फैंस को इस सीरियल की प्रोड्यूसर एकता कपूर से काफी नाराज़गी है। यहां तक कि कुछ लोगों ने एकता को ट्रोल करना भी शुरू कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56555.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b99090e4a564eb03ca7e867fd5f55e2ab4bfa25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Karan V Grover टीवी इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता करण ग्रोवर का 22 जून को जन्मदिन है। लेकिन इस बार उनका बर्थडे प्लान कुछ अलग है क्योंकि वे हमेशा की तरह कुछ अलग करने जा रहे हैं। करण जन्मदिन पर खुद के साथ समय बिताना पसंद करते हैं जिसके बारे में उन्होंने जानकारी दी है। करण ने जन्मदिन के मौके पर पौधारोपण भी किया। ।करण कहते हैं कि 'मेरे जन्मदिन का संकल्प हमेशा से बाहर जाकर नई जगहों को एक्सप्लोर करने का रहा है। इस साल मैं महाराष्ट्र में एक पहाड़ी या किले पर ट्रेकिंग लिए जाऊंगा। अलग तरह से जन्मदिन मनाने की एक बात सबसे अच्छी रहती है कि पुरानी यादें सामने आती हैं और नई यादें बनती जाती हैं।' अपने जन्मदिन से जुड़ी सबसे अच्छी याद के बारे में करण बताते हैं कि 'मेरे जन्मदिन की सबसे अच्छी स्मृति वह है जब मै मॉरीशस में स्काइडाइविंग के लिए गया था। यह दिलचस्प था कि यह एक सोलो ट्रिप थी जिसने इसे और अधिक खास बना दिया था।' ।आपको बता दें कि करण फिलहाल स्टारप्लस के शो कहां हम कहां तुम में डॉ. रोहित सिप्पी की भूमिका को लेकर चर्चा में हैं। इस किरदार के बारे में करण कहते हैं कि मैंने खास तौर पर भाषा को सरल रखने के लिए कई डॉक्टरों और सर्जनों से बात करने की कोशिश की जिससे कोई भी गल्ती न हो। इसके साथ उन्होंने रिसर्च भी की है। आगे करण ने कहा कि मेरा किरदार डॉ. सिप्पी बिल्कुल भी मेरे जैसा नहीं है। उनका जीवन और चीजों के प्रति दृष्टिकोण बिल्कुल अलग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56556.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97c06bde54ec2fd387b59970162f06ee62596691 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56556.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे का सबसे चर्चित और सबसे विवादित शो ‘बिग बॉस’ किसी ना किसी वजह से खबरों में बना रहता है। फिलहाल ‘बिग बॉस’ अपने अपकमिंग सीजन 13 को लेकर सुर्खियों में है। बिग सीजन 13 से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आ रही है। खबरों की मानें तो बिग बॉस सीजन 12 के कंटेस्टेंट रहे भजन सम्राट अनूप जलौटा फिर से बिग बॉस के घर में एंट्री ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56562.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c47eee09b80bcbb1b604ece7651efb0d3cb7b933 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Ekta Kapoor एकता कपूर के प्रसिद्ध टीवी शो Kasautii Zindagii Kay 2 'कसौटी जिंदगी की 2' को लेकर बड़ी खबर आ रही है। इस टीवी शो में एक बड़ा ट्वीस्ट आने वाला है जो कि जुड़ा है अहम किरदार प्रेरणा से। ।जी हां, Kasautii Zindagii Kay 2 कसौटी जिंदगी की 2 की अहम किरदार प्रेरणा बासु (एरिका फर्नांडिस) की मौत हो सकती है और यही ट्वीस्ट जल्द दर्शकों के सामने आने वाला है। दरअसल, इन दिनों चल रहे सीरियल के प्लॉट में अनुराग (पार्थ समथान) और प्रेरणा (एरिका फर्नांडिस) बासु परिवार के सामने कोमोलिका की सच्चाई लाते हैं। मोहिनी (अनुराग की मां) और निवेदिता (अनुराग की बहन) को कोमोलिका की सच्चाई जानकर गहरा सदमा लग जाता है। इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद अनुराग कोमोलिका को घर से बाहर फेंक देता है। ।इससे अनुराग और प्रेरणा की जिंदगी में खुशियां तो आ जाती हैं, लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकती।कोमोलिका इतनी आसानी से हार मानने वालों में से नहीं है इस कारण वह प्रेरणा पर फिर से वार करेगी। आने वाले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि अनुराग प्रेरणा को प्रपोज करने की प्लानिंग करता है और शिप पर डेट प्लान करता है। लेकिन कोमोलिका बदले की भावना के चलते उनकी इस रोमांटिक शाम को बर्बाद करने की कोशिश करेगी। ।यहां पर जब अनुराग और प्रेरणा डेट के लिए जाते हैं तो प्रेरणा को अकेला देख कोमोलिका उस पर हमला करेगी। वह उसे शिप से नीचे धक्का देगी। अनुराग प्रेरणा को बचाने के लिए भागेगा जरूर लेकिन वो अपने प्यार को बचा नहीं पाएगा और प्रेरणा की मौत हो जाएगी। ।बता दें कि शिप से नीचे गिरने के बाद प्रेरणा गायब हो जाएगी और सभी लोग ये मान लेंगे की प्रेरणा की मृत्यु हो गई है। लेकिन एक अच्छी बात यह है कि, दर्शक फिर से प्रेरणा को देख पाएंगे क्योंकि उसकी एंट्री मिस्टर बजाज के साथ होगी। इस बार मिस्टर बजाज का करेक्टर करण सिंह ग्रोवर निभा रहे हैं। हमने आपको बताया भी था कि, जल्द ही आइकॉनिक कैरेक्टर मिस्टर ऋषभ बजाज की एंट्री होने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले एक्टर करण वाही का नाम सामने आ रहा था। लेकिन खबरें आ रही हैं कि इस रोल के लिए करण सिंह ग्रोवर को अप्रोच किया गया है। वो इस रोल को निभाएंगे। इससे पहले कसौटी जिंदगी की में मिस्टर बजाज का रोल रोनित रॉय ने निभाया था। उनका ये रोल आज भी लोगों की दिमाग पर छाया है। रोनित रॉय इस रोल से काफी हिट हुए थे। ।आपको बता दें कि, कुछ दिन पहले भी आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि हिना खान के शो छोड़ने के बाद एरिका फर्नांडिस भी शो को छोड़ देंगी। इसके बीच हाल ही में एरिका ने कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया था जिसमें वे हिना खान के साथ एंजॉय करती नजर आ रही थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56567.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09630cb91d235cb9606769ed0de0f537efd5e03e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बताया जा रहा है कि, करण सिंह ग्रोवर को एकता कपूर ने मिस्टर बजाज के किरदार के लिए अप्रोच किया है।शूटिंग की बात करें तो 17 मई से शुरू हो सकती हैं। अब अगर सब कुछ ठीक रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि करण सिंह ग्रोवर इस कैरेक्टर में कैसे नजर आते हैं। क्योंकि यह कैरेक्टर बहुत प्रसिद्ध रहा है और रोनित रॉय को आज भी इस रोल के लिए याद किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56571.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e3cbd43272cf59dcdc56ea03caa02cc7d014a28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56571.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी सीरियल 'प्यार के पापड़' (Pyaar Ke Papad) में अहम रोल निभाने वाले एक्टर प्रतीश वोरा (Pratish Vora) की बेटी की 7 मई को अचानक खेलते-खेलते मौत हो गई। एक्टर की बेटी की मौत की खबर सुनते ही ना सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरी टीवी इंडस्ट्री शोक में डूब गई। अब एक्टर ने अपनी बेटी की ट्रैजिक डेथ के बारे में बताया है। एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए प्रतीश ने पूरी कहानी बताई है कि कैसे उनकी बेटी इस दुनिया से चली गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56574.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50c3ee517b34edc29e5da0230565362597eb399c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56574.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोमवार को सोशल मीडिया पर रिलीज किए गए इस टीजर में सैफ अली खान (Saif Ali Khan),नवाजउद्दीन सिद्धीकी (Nawazuddin Siddiqui), कल्की कोचलीन (Kalki Koechlin), रणवीर शौरी (Ranvir Shorey) और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) बारी बारी से नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि रणवीर और कल्की दोनों ही सैक्रेड गेम्स सीजन 1 में नजर नहीं आए थे। नए सितारों के इस सीरीज से जुड़ने पर फैंस जबरदस्‍त रिएक्‍शन दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56637.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44567c374645b01baec2224f1e22781128192c4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहित की बदसलूकी से परेशान होकर टीना सेट पर रो भी पड़ी थीं। बताते चलें कि मोहित को शो 'स्प्लिट्सविला' से पहचान मिली थी और इसके बाद वो 'ससुराल गेंदा फूल', 'बड़े अच्छे लगते हैं', 'बेइंतहा', 'जमाई राजा' जैसे कई शोज़ में दिखाई दिए हैं। वैसे, टीना कुछ दिनों पहले भी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी हैं। टीना ने यह बात स्वीकारी थी कि उनका एक्सबॉयफ्रेंड उन्हें बहुत तंग करता था जिसके चलते वो काफी परेशान थी और यही वजह है कि उन्होंने उनके साथ ब्रेकअप कर लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56700.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77344edae1216ab1b0149d6d33fda20af7034759 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेहा कक्कड़ ने सोशल मीडिया में लिखा है ' हां मैं अवसाद से ग्रसित हूं। अभिनंदन आप लोग सफल हुए। दुनिया के सभी नकारात्मक लोगों के कारण या हुआ है। आप लोग मुझे मेरे जीवन का सबसे बुरा दिन देने में सफल हुए।' गौरतलब है कि नेहा और हिमांश कोहली के बीच एक समय अफेयर था लेकिन बाद में दोनों के बीच ब्रेकअप की खबरें आईं। दोनों की जोड़ी को पसंद करने वाले फैन्स के लिए ये बहुत बुरी ख़बर रही । मगर यही सच है। नेहा ने ख़ुद सोशल मीडिया के ज़रिये अपने ब्रेकअप की ख़बर अपने फैन्स को दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56710.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90b46d0bb575cdcbffa59dca7c83cbab30bd5989 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56710.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'ख़तरों के खिलाड़ी 9' अर्जेंटीना में शूट किया गया है। जुलाई से अगस्त के बीच शो की शूटिंग की तस्वीरें विकास गुप्ता ने अपने इंस्टा एकाउंट से शेयर की थीं, जिनमें वो दूसरे कंटेस्टेंट्स के साथ दिख रहे हैं। भारती सिंह, हर्ष लिम्बाचिया, रिद्धिमा पंडित, ज़ैन इमाम, जैसमीन भसीन, शमिता शेट्टी, पुनीत पाठक आदि को इस तस्वीर में देखा जा सकता है। हालांकि श्रीसंत इन तस्वीरों में नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56754.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7971781cd530332a83322f5ef650f8443e7cf9ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बताया जा रहा है कि सुनील ग्रोवर का ये शो ‘कानपुर वाले खुरानाज़’ दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो रहा है। अपनी शादी की पार्टियों से लौट कर रणवीर सिंह तीन दिसंबर से सिंबा का प्रमोशन शुरू कर रहे हैं और उसके बाद ही वो इस शो को शूट करेंगे। इस शो में उनके साथ कुणाल खेमू, सना खान, देवयांश, अली असग़र और उपासना सिंह भी हैं l  ।गौरतलब है कि कपिल शर्मा भी 23 दिसंबर से अपने नए शो को लॉन्च करने वाले हैं। इस बार उनके शो में कई कॉमेडियंस होंगे। खबर है कि इस शो में भारती सिंह, चंदन प्रभाकर, किकू शारदा जैसे कलाकार भी शामिल होंगे। कपिल की दिसंबर में ही उनकी गर्लफ्रेंड गिन्नी चतरथ से शादी है। कपिल के शो को इस बार सलमान खान की कंपनी प्रोड्यूस कर रही है और पिछले दिनों ये ख़बर आई थी कि सलमान ने ही सुनील और कपिल का पैचअप करवा दिया है। सुनील सलमान खान की फिल्म भारत में अहम् रोल में हैं। ये फिल्म अगले साल ईद पर रिलीज़ होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56791.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b9ce099e72a29348ea6993b1598f31761715b13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A post shared by mon (@imouniroy) on Sep 27, 2018 at 9:39am PDT।कौन हैं मौनी।पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में जन्मीं मौनी ने जामिया मिलिया इस्लामिया से मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर एक्टिंग में अपना करियर शुरू किया था और साल 2007 में टीवी शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी में पुलकित सम्राट के अपोज़िट कास्ट की गईं। इसके बाद उन्होंने कस्तूरी, पति पत्नी और वो और दो सहेलियां जैसे सीरियल्स में भी काम किया और उसी दौरान उन्होंने डांस शो ज़रा नच के दिखा में भी हिस्सा लिया. मौनी की पहचान तब बनने लगी जब उन्होंने देवो का देव महादेव सीरियल में सती का रोल किया. इसी सीरियल में महादेव का रोल निभा रहे मोहित रैना से उनके अफेयर की भी ख़बरें रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56829.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6896cad7b7338552fc7b9f1d3405f139d9b686d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल कपिल की ये तस्वीरें रक्षा बन्धन के मौके की हैं। वो अपने घर अमृतसर में थे। परिवार के साथ। पर्व मनाया और इस दौरान तस्वीरें भी खिंची गई। इस दौरान किसी तस्वीर में उनके चेहरे की ख़ुशी तो दिखाई दी लेकिन चेहरा पहले जैसा बिलकुल नहीं रहा। अपने शो और फिल्म के दौरान कपिल ने जिम में पसीना बहा कर अपने को फिट बना लिया था लेकिन अब वो वैसे नहीं दिख रहे। सुनील ग्रोवर विवाद के बाद कपिल शर्मा का शो बंद हो गया था और उसके बाद वो एक और शो फ़ैमिली टाइम विथ कपिल लेकर आये लेकिन कुछ एपिसोड बाद ही वो शो बंद कर दिया गया। कारण कपिल की तबियत का लगातार ख़राब होना। इस कारण बड़े सितारों के साथ कई बार शूटिंग कैंसिल होने की ख़बरें भी आईं। पिछले दिनों कपिल ने अपने फैन्स के भरोसा दिलाया है कि वो जल्द ही वापसी करेंगे l उनकी वापसी एक पंजाबी फिल्म सन ऑफ मंजीत के प्रोड्यूसर के रूप में सामने आई लेकिन वो ख़ुद फिल्म और टीवी शो से दूर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56832.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87ab3ac8a2f93872e3c26ae4ce17244ccce48814 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साल 2013 में एकता कपूर ने इस रोमांटिक ड्रामा की शुरुआत की थी। इशिता के किरदार में दिव्यांका और रमन भल्ला के किरदार में करण पटेल को लिया गया। कहानी एक ऐसी औरत की है जो माँ नहीं बन सकती। करण और इशिता की ज़िंदगी में बाद में रूही आती है और उसी की वजह से दोनों एक रिश्ते में बंधे रहते हैं। सीरियल में समय समय पर ट्विस्ट दिखाए गए और इशि’माँ’ के एक्सीडेंट और मौत की ख़बर ने सोशल मीडिया पर ख़ूब हंगामा भी किया था। हाल ही में ये है मोहब्बतें ने 1500 एपिसोड पूरे किए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56877.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6f62fe2949ce7028d8ab94be68b6099a87d641b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिव्यांका ने इस शो के आने वाले ट्रैक के बारे में एक बड़ी जानकारी दी है। दिव्यांका का कहना है कि वह शो की क्रिएटिव टीम को बधाई देना चाहती हैं और उनकी सराहना करना चाहती हैं कि हर बार वह शो में कुछ नए और शानदार ट्विस्ट लेते ही आते हैं। इस बार भी शो में एक बड़ा ट्विस्ट आने वाला है। शो में एक नयी खलनायिका की एंट्री होने वाली है। जी हां, खुद दिव्यांका ने ये राज खोला है कि इस शो में किसी महिला खलनायिका की एंट्री होने वाली हैं और इस बार दर्शकों को इससे और डर लगने वाला है। शो में कई नए ट्विस्ट आयेंगे। बता दें कि इस शो में शगुन का किरदार निभा चुकी अनिता ने लंबे समय तक नेगेटिव किरदार निभाया है और अब बारी एक नयी खलनायिका की एंट्री की है। हालांकि दिव्यांका या शो की टीम में से किसी ने भी इस किरदार को कौन निभाने जा रहा है, इस राज पर से पर्दा उठाने से मना कर दिया है। लेकिन दिव्यांका ने ये संकेत जरूर दिए हैं कि इस बार अधिक तमाशे होने वाले हैं और इशिता-रमण की जिंदगी में ये महिला काफी परेशानी लाने वाली हैं। ।यह भी पढ़ें: Box Office पर MI 6 धुंआधार, रणबीर की संजू ने तोड़ा सलमान का ये रिकॉर्ड।यह भी पढ़ें: सलमान खान को बेबी सिंह का गाना पसंद हैं, जानिये कौन ये बेबी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56885.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..befa93f23efd6e7432f6bd1d3984e0a042af8ffa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56885.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिव्यांका कहती हैं कि उनका ये सफर आसान नहीं रहा है। दिव्यांका बताती हैं कि हमने इस शो में काफी मेहनत की है, इस शो के दौरान ही मेरे पैरों में चोट भी लगी थी। पैर फ्रैक्चर भी हो गए थे। कई बार अप्स एंड डाउंन आये। लेकिन जब शो ने कामयाबी हासिल कर ली है तो बहुत अच्छा लग रहा है। वह कहती हैं कि उन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की है और काफी वक्त तक इंतजार भी किया है। दिव्यांका कहती हैं कि जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी, उस वक़्त जब वह 'बनूँ मैं तेरी दुल्हन' से अपने करियर की शुरुआत कर रही थी। वह मेरा पहला शो था। शो में मैं विद्या बनी थीं। फिर इसके बाद ऐसा नहीं हुआ था कि मुझे लगातार अच्छे रोल मिलने लगे थे। दिव्यांका कहती हैं कि लोगों को लगता था कि मैं सिर्फ विद्या जैसे किरदार ही कर पाऊंगी। मुझे वैसे ही काम मिलने लगे थे। दिव्यांका कहती हैं कि मैं यह बिल्कुल नहीं कह सकती कि मैं हमेशा से सक्सेसफुल रही हूं।मुझे तो पता भी नहीं था कि मैं सक्सेसफुल हो रही हूं। मैं तो मेहनत कर रही थी। मैंने काफी स्ट्रगल किया। + +पहले शो के बाद इसलिए नहीं मिल रहा था काम।पहले शो के बाद तो कोई काम भी नहीं दे रहा था। सब कहते थे कि विद्या का किरदार इतना फेमस है कि दोबारा आपको किसी और नए किरदार में स्वीकारेगा ही नहीं। मुझे काफी वक़्त तक काम नहीं मिला था। फिर मुझे अपना जोनर चेंज करना पड़ा। मैंने कॉमेडी की। मिसेस एंड मिस्तर शर्मा इलाहाबाद वाले में। लेकिन आप सबको पता है कि लोग कॉमेडी को याद नहीं रखते हैं। जब मैं ये हैं मोहब्बतें करने लगी तो लोगों ने कहा कि काफी सालों बाद आप फिर किसी शो का हिस्सा बनी हैं। फिर मैंने लोगों को बताया कि इस बीच में भी मैंने काम किया है।लेकिन लोग उसे याद नहीं रख पाए। मैंने दो तीन सीरियल किये। कॉमेडी सर्कस किये। दिव्यांका कहती हैं कि लेकिन अगर यह सब मैंने देखा तो यह मेरे लिए काफी इंट्रेस्टिंग जर्नी रही है। अगर वो फेज़ नहीं आया होता तो मैं एक्टर के रूप में ग्रो ही नहीं करती। फिर बैक टू बैक मैं सिर्फ डेली सोप ही करती। मैं बोरिंग हो जाती। मैं बीच- बीच में खुद को रिफ्रेश करती रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56895.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5736d7de8bad395dc8a97981772449959c275ac3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56895.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खबर यह भी है कि इस ज्वेलरी ब्रांड ने उन्हें एक नोटिस भी भेजा और नोटिस के साथ ही उन्होंने 15 दिन की उन्हें मौहलत भी दी है, ताकि वह यह ज्वेलरी लौटा सकें। लेकिन बता दें कि जब हिना से उनके फैन्स ने ट्विटर पर इस खबर की सच्चाई के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने इस बात से पूरी तरह से इनकार करते हुआ लिखा कि मुझे हंसी आ रही है कि क्यों ये लीगल नोटिस अब तक मेरे पास नहीं पहुंच पाया है, जबकि यह नोटिस बाकी सारे मीडिया हाउस तक पहुंच चुका है। उन्होंने तो तंज करते हुए यह भी लिखा है कि मुझे दुःख है कि जो मुझसे नफरत करते है।उनके लिए मुझे दुखी करने का यह ट्रिक काम नहीं आया है। साथ ही उन्होंने भासूदी गाने के और भी हिट करने की बात कही है। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि वाकई में हिना के पास लीगल नोटिस भेजा गया है या नहीं, या फिर हिना ये सब लिख कर अपनी छवि को साफ़ करने की कोशिश कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56916.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2aeee647fd411a9d378daf17c36dcf29458d0e55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सलमान ने शो की लांचिंग के दौरान कहा कि यह शो उनके जीवन का सबसे इमोशनल शो है और वह इससे खुद को हमेशा कनेक्ट रखेंगे। इसकी वजह यह है कि जब 9 साल पहले उन्हें इस शो का आॅफर आया था, तब वह इस बात को लेकर कंफ्यूज थे कि उन्हें टीवी पर काम करना चाहिए कि नहीं। वजह यह भी थी कि उस वक्त उन्हें लेकर काफी नेगेटिविटी थी। उन्होंने इस बारे में सलीम खान ने बात की।सलीम खान ने उन्हें सलाह दी कि टीवी करना चाहिए, टीवी के अॉडियंस अधिक याद रखते और फिर उनकी सलाह पर ही सलमान ने इसे हां कह दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56932.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecf45f9cee7470dcfcb298a6b709d3adb01d75f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56932.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चन ने कुछ दिन पहले ही बताया था कि अभी शो के लिए काम चल रहा है और नए शो को शुरू करने के लिए टीम जोर-शोर से लगी है। शो में इस बार भी कुछ नए फोर्मेंट आयेंगे। कौन बनेगा करोड़पति में लोग न सिर्फ मालामाल होते है बल्कि अपनी संघर्ष की कहानियां सुना कर दूसरों को प्रेरणा दे जाते हैं। अब तक जो करोड़पति बन चुके हैं वो हैं ...।कौन बनेगा करोड़पति को पहले ही सीज़न में 19 अक्टूबर 2000 को हर्षवर्धन नवाथे के रूप में पहला करोड़पति मिला था।विजय राउल और अरुंधति दो मई 2001 को करोड़पति बने।बिहार मोतिहारी के सुशील कुमार ने दो नंवबर 2011 को पांच करोड़ रूपये जीते।संमित कुमार सहाय ने 12 जनवरी 2013 को पांच करोड़ जीते।अचिन और सार्थक नरूला ने नौ अक्टूबर  2014 को सात करोड़ रूपये जीते।साल 2000 में शुरू हुए इस टीवी शो के अब तक के नौ सीज़न में सिर्फ तीसरा सीज़न शाहरुख़ खान ने होस्ट किया था और उसके पहले और बाद के सभी सीज़न बिग बी की खूबूसरत पेशकश में निकल गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56940.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c71c75a4efe56df1c062a95c2d9bcab92be7245 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56940.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जी हां, करण ने कुछ समय पहले ही अपने सोशल अकाउंट पर इस गुड न्यूज़ को अपने फैन्स के साथ शेयर किया है। सभी जानते हैं कि करण और उनकी पत्नी अंकिता रियल लाइफ में पूरे फ़िल्मी है और इसीलिए यह गुड न्यूज़ भी उन्होंने ज़रा फ़िल्मी स्टाइल में साझा की है। दरअसल, करण ने किसी फ़िल्म के पोस्टर की तरह एक तस्वीर शेयर की है जिमसें उन्होंने फ़िल्म का नाम रखा है, 'ये दिवाली होगी बेबी वाली'। इसके साथ करण ने फ़िल्म की रिलीज़ डेट की तरह यह भी बताया है कि डिलीवरी नवम्वर महीने में होगी। आप भी देखिये इस ख़ास पोस्टर को-।यह भी पढ़ें: सलमान खान अगले महीने की इस तारीख़ से टीवी पर दिखायेंगे अपना दम।A lifelong festival begins for @ankzbhargava And Me this November ...! #ConnotWait #Excited #Blessed #MomAndDaddaSoon ....! 🙏🙏 thankyou @shrutitejwaniphotography for the #Dhamakedaar #Photoshoot।A post shared by Karan Patel (@karan9198) on May 16, 2018 at 11:46pm PDT। आपको बता दें कि 3 मई 2015 को करण और अंकिता शादी के बंधन में बंधे थे, इन्होने हाल ही में अपनी शादी की तीसरी सालगिरह मनाई थी। दोनों ही कलाकार हैं मगर, बहुत कम लोग जानते हैं कि इनकी शादी अरेंज मैरिज थी। आपको बता दें कि अंकिता शो 'ये है मोहब्बतें' में करण के ससुरजी का किरदार निभाने वाले अभय भार्गव की बेटी हैं। शो में करण के भाई का किरदार निभा रहे एली गोनी दोनों के बीच मैच-मेकर का काम कर रहे थे। एली ही थे जिन्होंने दोनों परिवार को मिलाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_56985.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_56985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b70d6f34309f69303d278e2884882b6cc13bc33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_56985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी बीच एक नयी खबर यह आयी है कि इस शो में होस्ट के तौर पर जुड़ी ‘ मे आई कम इन मैडम’ की नेहा पेंडसे, दूसरे चैनल के शो पार्टनर्स में एंट्री लेने जा रही हैं, जिसके प्रोमो भी जारी हो चुके हैं। हालांकि इस बात से यह जाहिर नहीं है कि कपिल के शो का आगे वह हिस्सा रहेंगी कि नहीं और क्या कपिल के शो की शूटिंग आगे जारी रहेगी या नहीं। चूंकि कपिल के शो के साथ-साथ भी नेहा दूसरे शो की शूटिंग तो कर ही सकती हैं। बता दें कि कपिल के अब तक केवल तीन एपिसोड प्रसारित हुए हैं, इसके बाद कपिल ने नये एपिसोड के लिए शूटिंग ही नहीं की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक वह चैनल से भी फिलहाल बातचीत नहीं कर रहे हैं। अब ऐसे में देखना यह है कि चैनल इस पर क्या निर्णय हैं. इस बीच कपिल के वरिष्ठ पत्रकार को लेकर किये गए अभद्र ट्विटस पर नेहा ने कहा है कि वे आपत्तिजनक थे मगर उनके पीछे की कहानी के बारे में कोई नहीं जानता और न ही जानना चाहता है। कोई नहीं जानता कि कोई व्यक्ति ऐसा कदम क्यों उठाता है। वही बता दें कि कपिल को उनके सहयोगी साथी और कॉमेडी जगत के कई दिग्गज सपोर्ट कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5700.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b9e297ee10f54bb6ea7c8cb2c29f8c0351c2cea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तस्वीरों में अभिनेत्री पिंक कलर की साड़ी में पोज देती दिख रही हैं। सारा इस प्रिंटेड पिंक कलर की साड़ी में गजब खूबसूरत लग रही हैं। साथ ही उन्होंने गुलाबी और पीले कलर की चूड़ियां भी कैरी की हुई हैं, जो उनके लुक को और भी आकर्षित बना रही हैं। फोटोज को इंस्टाग्राम पर शेयर कर उन्होंने एक खास कैप्शन भी लिखा है। उन्होंने लिखा, ‘क्योंकि साड़ी में महिलाएं हमेशा प्यारी लगती हैं।’।सारा अली खान की इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर उनके फैंस दिल खोलकर लाइक कर रहे हैं। फोटोज को अबतक साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और कमेंट कर उनके लुक की जमकर तारीफ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57024.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3eb96078e00c281b4e8373da7ef9572a1a9ca8f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चित्रांगदा ने कहा है कि अब तक उन्होंने जितना भी शूट किया है, कुछ भी ऐसी आपत्तिजनक शूटिंग नहीं हुई है, जिसकी वजह से बच्चों को परेशानी हो। चित्रांगदा ने यह भी स्वीकारा कि वह खुद बहुत बातूनी नहीं हैं लेकिन इस शो में वह बातें करती नजर आयेंगी। हां पर बेमतलब वह बक-बक करती नजर नहीं आयेंगी। उन्होंने बताया है कि इस शो में मुझे एक एक्टर के रूप में ही जज बनाया गया है। तो मैं उसी अनुसार ही अपनी बात रखूंगी। टेक्नीकल बातों के लिए तो कोरियोग्राफर मर्जी हैं। चित्रांगदा ने यह भी बताया कि वह बिग बॉस सीजन देखना एंजॉय करती हैं लेकिन कभी उन्हें वहां जाने का मौका मिले तो वो नहीं जायेंगी क्योंकि वह बंध कर इतने दिनों तक नहीं रह सकतीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57044.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76a3f852c720da36286e74708dd9798bf8578180 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57044.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: काम करते-करते हो गया प्यार... सीरियल के सेट से शादी के मंडप तक पहुंचीं ये 5 मोहब्बतें।लेकिन करण ने साफ कहा कि उन्होंने यह पूरा विवदित वीडियो देखा नहीं है। इसलिए वह बहुत कुछ कह नहीं सकते। यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों के शो पर जिस तरह से ड्रामा क्रियेट करने के लिए जज से शादी, बच्चों की आपस में शादी या बच्चों से जज को फ्लर्ट करवाया जाता है, यह सही है? इसपर करण कहते हैं कि बच्चे बच्चों की तरह ही अच्छे लगते हैं। बच्चे डेढ़ श्याने बन जाते हैं। करण कहते हैं कि बच्चों का बचपना बरकरार रहना जरूरी है। लेकिन इसमें आॅडियंस भी गलत है और मेकर्स भी गलत है। आॅडियंस टीआरपी देते हैं, अगर पब्लिक देखना बंद कर दें तो लोग नहीं करेंगे ये सब। बच्चों को एक्सप्लोइट करना बंद कर देंगे। करण कहते हैं कि हम लोग तो 18 साल तक भी बच्चे थे। लेकिन रियलिटी शो पर आने वाले बच्चे उनको इतना एक्सपोजर मिलता है और प्लैटफॉर्म ऐसा दे दिया जाये तो वह बड़े हो ही जायेंगे। तो, पेरेंट्स को भी चाहिए कि वह हद से अधिक बच्चों से उनका बचपना न छीनें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57066.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..584e20624512ac38d6e667fa402dc36bde361067 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें:  'हुए हम जिनके लिए बर्बाद...', बॉलीवुड में नाकाम मोहब्बतों के 6 क़िस्से।हाल ही में उन्होंने अपने वैलेंटाइन्स डे प्लान के बारे में बात करते हुए बताया, "मैंने हमेशा से यह सपना देखा है कि एक दिन मेरा प्रिंस चार्मिंग आएगा और बड़े प्यार से मुझे नींद से जगाएगा। लेकिन, मेरी मां ही हर साल मेरा वैलेंटाइन होती हैं और वो इस चीज़ का पूरा ध्यान रखती हैं कि मुझे इस दिन सुन्दर हार्ट बने हुए कॉफ़ी मग्स या हार्ट के शेप के पिलो जैसे गिफ्ट्स मिलें। तो, अगर मुझे मेरा वैलेंटाइन मिलता है तो मैं भी अपनी मां की तरह उसके लिए गिफ्ट्स लुंगी। मुझे आशा है कि मेरा अगला रोमांटिक रिलेशनशिप शादी में बदले।"।बॉलीवुड एक क्यूट कपल्स में से एक जय भानुशाली और माही विज भी इस दिन को सालों से एक साथ मना रहे हैं। इस बारे में बात करते हुए जय ने कहा, "मेरे और माही की तुलना की जाए तो वो मुझसे ज्यादा रोमांटिक हैं। एक बार मैंने उनके लिए गाना गाते हुए एक स्पेशल विडियो रिकॉर्ड किया था और माही ने उसे तकरीबन 100 लोगों के सामने प्ले किया, उस समय मैं अपने गाने को लेकर काफी शर्मसार हुआ। इसके अलावा एक बार मैंने माही के लिए 200 गैस बलून्स लाए थे और हर एक बलून में माही के लिए मैंने स्पेशल मेसेज लिखे थे। मुझे लगता है कि मैंने अब तक सबसे रोमांटिक चीज़ यही की है।"।हाल ही में अभिनेत्री इशिता दत्ता से शादी के बंधन में बंधे वत्सल सेठ ने भी अपने वैलेंटाइन्स डे के प्लानिंग के बार में बात की और कहा, "यह वैलेंटाइन्स डे मेरे लिए काफी स्पेशल है क्योंकि अब मैं सिंगल नहीं हूं। मैं शादीशुदा हूं, इस वजह से मुझपर काफी प्रेशर है। मैंने अब तक कोई प्लान नहीं बनाया है क्योंकि इस दिन मैं अपने शो 'हासिल' की शूटिंग में व्यस्त रहूंगा पर मैंने सोच रहा हूं कि पैक-अप के बाद इशिता और मैं चंदेल लाइट डिनर पर जाएं या फिर घर पर ही एक दुसरे के लिए कुछ स्पेशल डिशेज़ बनाएं।"।शो 'हासिल' की अभिनेत्री निकिता दत्ता ने भी अपने वैलेंटाइन्स डे के स्पेशल डे के बारे में बात की और कहा, "मेरे लिए सबसे यादगार वेलेंटाइन्स डे, मेरे कॉलेज के दौरान का है। मेरे क्रश को साबित करने के लिए मैं एक दोस्त के साथ हॉस्टल की बालकनी से आधी रात को नीचे कूद गई थी! इस साल वेलेंटाइन्स डे मां-पिता के साथ मनेगा। 'हासिल' की शूटिंग के बाद हम साथ में खाना खाएंगे, वे लंबे समय बाद मेरे साथ शहर में होंगे इसलिए मुझे वेलेंटाइन्स डे उनके साथ ही मनाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5708.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..239df97b3ff4c4d9c8fed0bb1a7bbb3246d0cf2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले कुछ दिनों से शिल्पा इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपने विचार लोगों के सामने रख रही हैं, इसी बीच हाल ही में एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक ऐसा पोस्ट शेयर किया है जिस पढ़कर आप थोड़ा सा कन्फ्यूज़ हो जाएंगे। इस पोस्ट में शिल्पा किसी बड़े फैसले का जिक्र कर रही हैं, लेकिन वो फैसला क्या है ये एक्ट्रेस ने अपने पोस्ट में खुलकर नहीं बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57080.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8755d6ed345c30f9383e60c9d27454e782cf2be0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जी हां अजय देवगन, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, अरशद वारसी, तुषार, कुणाल खेमू और श्रेयस तलपडे स्टारर गोलमाल टेलीविजन पर ‘मोस्ट वॉच मूवी ऑफ द वीक’ बन गई है। 26 जनवरी की छुट्टी के दिन इस फिल्म का टीवी पर प्रीमियर हुआ था और फिल्म ने 16. 3 मिलियन इम्प्रेशन हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़े अर्बन और रूलर को मिला कर हैं और इससे चैनल को 19 प्रतिशत का सीधा जम्प मिला है। बाहुबली 2 , जुड़वा 2 और मेरी ताकत मेरा फैसला इसके बाद सबसे अधिक देखी गई फिल्में रही हैं। बता दें कि गोलमाल के इस चौथे भाग ने पिछले साल दिवाली के मौके पर बॉक्स ऑफ़िस पर एंट्री की थी और 205 करोड़ 69 लाख रूपये का लाइफ़ टाइम कलेक्शन किया। रोहित शेट्टी निर्देशित इस फिल्म ने कई रिकॉर्ड बनाये हैं और सलमान खान की फिल्म टाइगर ज़िंदा है के आने से पहले ओरिजनल हिंदी फिल्म के तौर पर 2017 की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी। जाहिर है टीवी पर भी लोगों ने इस फिल्म को बड़े पैमाने पर पसंद किया था तो गोलमाल वाले ख़ुश होंगे ही। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57111.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b266dfbdc5e340f239fff8a2de1685c103c730a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आंचल ने इस सीरिज में दो पात्रों के लिए ऑडिशन दिया था लेकिन प्रोडयूर्स को यह महसूस हुआ कि वह बानो के किरदार में फिट बैठेंगी. इसलिए उन्होंने उन्हें उसी किरदार के लिए चयन किया। आंचल बताती हैं कि एकता कपूर मेरी सबसे बड़ी आलोचक हैं। आंचल कहती हैं कि डिडिटल प्लैटफॉर्म बड़ा है, इसलिए मैं इस शो का हिस्सा बन कर खुश हूं। आंचल शो में मिर्जा बहनों की भूमिका में हैं, जो एक गायक बनने और कश्मीर की घाटी में शांति लाने की इच्छा रखती हैं। शो का निर्देशन केन घोष ने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57120.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c2ada8d4296004fbfdeccd6a71cc991c42ea1d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन सभी ने सोचा भी नहीं होगा कि तीनों नोमिनेशन में आ सकते हैं। पुनीश और आकाश को लेकर ही खबरें थीं कि उन्हें ही नोमिनेशन में शामिल किया जायेगा लेकिन बिग बॉस ने पूरे गेम में उलटफेर कर दिया है । सबसे बड़ी चौंकाने वाली ख़बर यह है कि वोटिंग लाइन को लेकर ट्विस्ट आया है । इस वीक में वोटिंग लाइंस को बंद कर दिया गया है यानि फिलहाल केवल नोमिनेशन ही हुए हैं। ऐसी खबर है कि टिकट टू फिनाले वीक के टास्क के ट्विस्ट के अनुसार इस घर से बेघर होने का कार्य पूरा किया जायेगा । मजेदार बात यह है कि लव त्यागी को काफी वोट्स मिल रहे हैं। लव, इस कारण शिल्पा और हिना को भी सोशल मीडिया पर कड़ी टक्कर दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57121.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9f457cf46adab0c183c8720ff1081355f1381cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ख़बर है कि अनीता हसनंदानी और सुरभि ज्योति छोटे परदे की नई नागिनें होंगी। एकता कपूर ने इनके नाम पर मोहर लगा दी है लेकिन अभी आधिकारिक घोषणा की जानी बाकी है। अभी ये भी जानकारी मिलनी बाकी है कि नागिन 3 में ये दोनों किस तरह के किरदार में आएंगी । इससे पहले नागिन के एक और दो भाग में शिवन्या और शेषा का किरदार बेहद लोकप्रिय हुआ था और ये रोल्स मौनी रॉय और अदा खान ने अदा किये थे। अनीता हसनंदानी को एकता कपूर की सबसे करीबी माना जाता है । अनीता ने एकता के बालाजी बैनर पर कभी सौतन कभी सहेली, क्या दिल में है, क़यामत और कसम से सीरियल भी किये और कृष्णा कॉटेज और रागिनी एमएमएस जैसी फिल्में भी। अनीता इन दिनों एकता कपूर के सीरियल ये है मोहब्बतें में शगुन का रोल कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57123.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e13a06ea80d3fce8f482f8098544270ef71fe994 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Lene Jijaji ki khabar, pahuch jaati hamesha Elaichi chhat par. 9th Jan raat 10 baje se #JijajiChhatPerHain, bhooliyega nahi. @nawab_hiba pic.twitter.com/G7z6X8eUAu।शो में नाई का किरदार निभा रहे अनूप के मुताबिक उनका किरदार काफ़ी बातूनी किस्म का है और लोगों को अपने इशारों पर नचाता है। शो की कहानी हिबा और निखिल के इर्द-गिर्द ही रहेगी ,जिसके तहत जीजा साली की 'छेड़छाड़' पर फोकस होगा। हिबा, हाल ही में भाग बकुला भाग शो में नज़र आई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57151.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35ece6354b9a9774eaf59d24ed2298e93465914f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57151.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जी हां, ख़बर है कि आने वाले एपिसोड में विकास, शिल्पा, लव और अर्शी को रोबोट्स बनने को कहा जायेगा। वही हिना, प्रियांक, हितेन और आकाश को उनके कर्मचारी का रोल निभाना है। पुनीश शर्मा को पागल साइंटिस्ट और संचालक का किरदार निभाना है, जो कि लेबोरेटरी में इमोशन के साथ एक्सपेरिमेंट करेगा। इसमें सारे प्रतिभागियों को एक दूसरे के बारे में अपने इमोशंस को शेयर करने का मौका मिलेगा। इमोशनल टास्क के इस सेगमेंट में हितेन को अर्शी का अवतार धारण करने को कहा जायेगा। जहां उन्हें अर्शी खान के रूप में हूबहू उनकी तरह ही मिमिक करना होगा। ऐसे में शिल्पा, विकास और अर्शी को अगर वह हंसा पाते हैं या नहीं, यह भी उनका टास्क होगा। वही दूसरी तरफ कर्मचारी हिना और प्रियांक तय करते हैं कि वह रोबोट विकास से अपना बदला लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57163.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f686398635035231911ddc8975c3db334bed293 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57163.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल के दिनों में जहीर खान और सागरिका घाटके, इशिता दत्ता और वत्सल शेठ, आशका गोराडिया और भारती सिंह विवाह के बंधन में बंधे हैं। ऐसे में ख़बरें आ रही हैं कि टीवी की सबसे हिट अभिनेत्रियों में से एक मौनी रॉय भी अब जल्द शादी कर सकती हैं। ख़बर है कि आशका ने शादी के दौरान होने वाले के रस्मों के दौरान फूलों का गुलदस्ता कुंवारी लड़की की तरफ फेंका और जो लड़की भी वह गुलदस्ता पकड़ती है, उसकी ही शादी होने वाली होती है। ऐसे में ख़बर है कि ये गुलदस्ता मौनी रॉय ने पकड़ा और तबसे यह खबरें आ रही हैं कि मौनी भी जल्द ही शादी करने जा रही हैं। बता दें कि लंबे समय से देवो के देव महादेव फेम मोहित रैना और मौनी रॉय के बीच के रिश्तों की खबरें सामने आ रही हैं। वैसे उससे पहले वो गौरव चोपड़ा को भी डेट कर चुकी हैं। अब देखना यह है कि मौनी कब तक यह खुशखबरी अपने फैन्स से शेयर करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57189.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1d73dd440a8c4dd34a0f66b862bcdacabd27b6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब ऐसे में जबकि शिल्पा घर में स्ट्रांग प्रतिभागी बन चुकी हैं । सलमान भी उन्हें काफी सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसे में जब प्रियांक ने शिल्पा के बारे में नेगेटिव बातें कहीं तो सलमान भड़क उठे और उन्होंने इस बात के लिए प्रियांक की क्लास लगा दी । शिल्पा के वजन को लेकर बात उठी थी। सलमान ने सबकी क्लास लगायी कि किसी की प्रतिभा का उनका वजन से क्या लेना देना है । वहीं दूसरी तरफ लगातार हिना को लेकर सोशल मीडिया पर भी निगेटिविटी देखने को मिल रही है। लगातार उनकी कमियां निकाली जा रही हैं और दर्शक इस बात को अच्छी तरह समझने लगे हैं कि हिना का जैसा रूप सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में एक अच्छी बहू का होता है, हकीकत में वह वैसी नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57252.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a6692a9da15126a3538076485e7d91a99a3f26d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57252.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। कलर्स के शो 'खतरों के खिलाड़ी' में इस सीज़न के विजेता शांतनु माहेश्वरी रहे हैं। वो इस बात से बहुत ख़ुश हैं कि उन्होंने लोगों के इस भ्रम को तोड़ दिया कि एक डांसर क्या ये शो जीतेगा। शांतनु कहते हैं कि वह बेहद ख़ुश हैं कि उन्हें खतरों के खिलाड़ी जैसे शो में विजेता बनने का मौका मिला है। उनके बारे में अब तक लोग यही सोचा करते थे कि वह डांसर हैं, खतरों के खिलाड़ी में कहां कामयाब हो पायेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57258.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..885eb725fc51041a6b0c9a9f699ee2ce1d1db815 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57258.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ख़बर है कि शो की लोकप्रियता के कारण ही शो के पार्ट 2 की योजना बनाई गई है। इस शो में जहां पहले सीजन में नताशा शर्मा ने अहम् किरदार निभाया था वहीं इस बार ख़बर है कि शो में अविका कौर लीड किरदार निभाएंगी। अविका ने पिछले कुछ समय से डेली सोप्स नहीं किये हैं। वह ससुराल सिमर का में नजर आयी थीं लेकिन अब उनकी चाहत है कि वह किसी ऐसे शो का हिस्सा बनें, जैसा किरदार उन्होंने अबतक नहीं निभाया हो। यही नहीं इस शो के लिए अविका के अलावा अद्विक महाजन, कंवर ढिल्लन और शशांक व्यास जैसे कलाकारों के भी नाम शामिल होने की बात की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57295.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40e6d2c56d2fdc7881e5a5d7fa742caeda3c8d6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: ससुराल सिमर का नहीं होगा बंद, कुछ रंग...को मिला नया समय ।उजैर बताते हैं "जब मैंने भगवान गणेश का अपना बदला हुआ रूप देखा, तो मैं भावुक हो गया और स्क्रीन पर भगवान गणेश के इस दैवीय अवतार को देखते हुए मेरी आंखों से आंसू आ गए थे और मुझे इस बात की बहुत खुशी हुई कि अब आने वाले एपिसोड्स में स्क्रीन पर हाथी के सिर वाले देवता के इस दैवीय रूप में मेरी उपस्थिति होगी।"।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_573.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04f3b77e0a1f0e552caa5d9e735aed779467c25c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन।KL Rahul Athiya Shetty Rent Apartment in Mumbai : बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी की तरह ही उनकी बेटी अथिया शेट्टी भी हमेशा ही चर्चा में रहती हैं। अथिया अबतक कई फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। वहीं अथिया बीते लंबे समय से अपनी लव लाइफ को लेकर भी काफी चर्चा में हैं। उनका नाम काफी वक्त से क्रिकेटर केएल राहुल के साथ जुड़ रहा है। अथिया शेट्टी और केएल राहुल को अक्सर साथ में देखा जाता है। ऐसे में मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि यह दोनों एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। यही नहीं अब केएल राहुल और अथिया की शादी के चर्चे जोर-शोर से बॉलीवुड के गलियारों में हो रहे हैं। वहीं अब शादी की खबरों के बीच लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें तो कपल ने मुंबई में घर किराए पर ले लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57317.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..034fda1c63af2bc29261309694f83533e6cf86ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57317.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। कौन बनेगा करोड़पति के नए सीज़न की शुरुआत होने जा रही है। ख़बर है कि इस बार के सीजन में किसी भी एपिसोड में फिल्मों के प्रोमोशन की बजाय सेलेब्रिटी के रूप में ऐसे रियल चेंज मेकर्स को शामिल किया जायेगा, जिन्होंने अपने प्रयासों से किसी न किसी रूप में कुछ परिवर्तन लाने की कोशिश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5734.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a77b7df48c57b90761500cec744c6126db49f0ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रंजीत ने कहा कि, 'यहां तक कि जब फिल्म का हिस्सा नहीं होता तो हिरोइन कहती कि प्लीज 'इज्जत लूटने' वाले सीन के लिए रंजीत को ही बुलाओ। 'वे मुझे रे* स्पेशलिस्ट कहने लगे। उन दिनों- यह अश्लील नहीं था। हमारे पास एक सेट फॉर्मेट था- हीरो, हीरोइन, कॉमेडियन, विलेन,। मैं हमेशा मजाक करता हूं कि फैशन में बदलाव ने मेरे करियर को खत्म कर दिया। महिलाओं ने इतने छोटे कपड़े पहनना शुरू कर दिया, खींचने के लिए कुछ नहीं बचा था'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57364.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04b4756435c09442d18d8e991d57f900a4586d35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नयी ख़बर यह है कि शो के सेट पर इन दिनों जो भी कलाकार शेष रह गए हैं, उनके बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल ही में शो से भारती सिंह जुड़ी हैं और बताया जा रहा है कि उनके और किकू शारदा के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों के बीच क्रिएटिव डिफरेंस दिख रहे हैं। हालांकि भारती ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ अफवाह मात्र है। ऐसी कोई भी बात नहीं है। हम दोनों के बीच कोई भी परेशानी नहीं है। किकू ने भी इसे सिर्फ अफवाह मात्र ही बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57433.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48e1365e0875c3d8a791b95611f880367a0db4dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। अभी हाल ही में दंगल गर्ल फ़ातिमा सना शेख को काफी ट्रोल किया गया था। चूंकि उन्होंने रमज़ान के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर पर स्विमवियर में एक तस्वीर शेयर की थी। अब एक बार फिर से एक और अभिनेत्री ट्रोल हो रही हैं। इस बार वह अभिनेत्री बॉलीवुड की नहीं, बल्कि छोटे पर्दे से संबंध रखती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57453.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33dc2c0076c74721fdf542080b604d97007e5606 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57453.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिव्यांका ने बताया कि यूं तो उनके फैन्स उनके लिए काफी क्रेजी चीजें करते रहे हैं लेकिन एक फैन ने तो हद ही पार कर दी थी। दिव्यांका खुद बताती हैं कि वह अपने उस फैन को कभी भूल ही नहीं पातीं। वह बताती हैं कि किस तरह एक फैन ने उन्हें बुरी तरह फॉलो करना शुरू कर दिया था। वह साये की तरह दिव्यांका का पीछा करता रहता था। हमेशा परेशान करता रहता था। दिव्यांका को हर दिन नये नये तोहफे भेजता रहता था। न सिर्फ दिव्यांका को बल्कि उनके परिवार वालों को भी। न जाने क्या जताने की कोशिश करता था। यही नहीं वह दिव्यांका को फोन पर कहता कि आज वह इस रंग के ड्रेस में अच्छी लग रही हैं। आज तुमको वहां देखा। दिव्यांका ने उस फैन को अपने सारे सोशल मीडिया साइट्स से ब्लॉक किया और फिर अपना नंबर भी बदल दिया और अपने परिवार वालों को भी ऐसा ही करने को कहा। दिव्यांका ने यह भी बताया कि वह हमेशा डेट पर चलने की बात करता था। कई बार तो उसने दिव्यांका को शादी के कार्ड भी भिजवा दिये थे कि वह उनसे शादी करने की भी बातें करता था। + +यह भी पढ़ें:Exclusive: कौन है वह लकी टीवी सेलिब्रिटी जिसे सलमान कह रहे हैं...मैं हूं हीरो तेरा ।दिव्यांका बताती हैं कि अब वह फैन उन्हें परेशान नहीं कर रहा लेकिन दिव्यांका आज भी वह सारी बातें सोच कर सहम जाती हैं, क्योंकि उन्हें डर लगता था कि कहीं वह कुछ गलत काम न कर बैठे। दिव्यांका बताती हैं कि उस वक्त वह हमेशा अपने आस-पास देखती रहती थीं कि वहां कोई है तो नहीं। फिलहाल दिव्यांका छोटे परदे के डांस शो नच बलिये 8 में अपने पति विवेक के साथ अपने परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीत रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57543.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e282fba384a3c7a2a9bbee26373503703edc64b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस शो के बारे में कीथ ने जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत में बताया कि शो में वह एक राजपूत प्रिंस का किरदार निभा रहे हैं और संजीदा एक अभिनेत्री की भूमिका में हैं। प्रिंस को एक्ट्रेस से प्यार हो जाता है और फिर कहानी आगे बढ़ती है। कीथ आगे कहते हैं कि शो की पूरी शूटिंग राजस्थान के एक पैलेस में इसलिए की गयी है, ताकि कहानी में रियल फील मिले। उन्होंने बताया कि "शो में मेरे लुक को भी पूरी तरह से रॉयल रखने के लिए मुझे नेहरु जैकेट दिया गया था।" खबर थी कि कीथ का किरदार फवाद खान के फिल्म खूबसूरत वाले किरदार से प्रभावित है लेकिन इस बारे में खुद कीथ का कहना है कि फवाद का खुद का ड्रेसिंग सेन्स कमाल का है, तो उन्हें कॉपी करने की तो कोशिश नहीं की है। इस शो की कहानी में रियल इमोशन नजर आयेंगे। इस टीवी शो को फिल्म की तरह शूट किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57601.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddb5e00c85c6dfe993644ab334456ab881656bc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसे भी पढ़ें- OMG: ये है मोहब्बतें की इस अभिनेत्री को कहिये अलविदा, शॉकिंग होगी इनकी एग्जिट।वैसे, हेज़ल और युवराज की तरफ से इस बारे में कोई कन्फर्मेशन नहीं आई है मगर तीन दिन पहले हेज़ल ने अपने इंस्टा अकाउंट पर एक विडियो पोस्ट किया था जहां वो अपने डांसिंग फ्रेंड्स के साथ डांस कर रही हैं। इस विडियो को पोस्ट करते हुए हेज़ल ने लिखा था - How much i love dance. वैसे, युवराज-हेज़ल की जोड़ी को आप भी नाचते-थिरकते देखना चाहतें हैं?।How much i love dance 💃❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤।A post shared by HazelKeechOfficial (@hazelkeechofficial) on Mar 17, 2017 at 2:40pm PDT।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57660.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff5f6a6e0f24cc6281c1756ebcbf88637208707e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57660.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सारेगामापा सीजन 6 में लिटिल चैम्प्स की आवाज का चलेगा जादू ।शो की प्रतिभागी एलवी रेवंथ ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने पंडितजी के सामने लाल इश्क़ गाया तो पंडितजी ने उन्हें कहा कि जीते रहो, बेहतरीन आवाज़ है आपकी। मालविका सुंदर ने बताया कि पंडितजी के साथ-साथ पूरे परिवार वालों ने उन सभी का बहुत ख्याल रखा। पंडितजी ने सभी को अपनी तरफ से शॉल गिफ्ट की। और सभी को अपने रियाज पर फोकस करने को कहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57742.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d3cd897c49e5ae3922da40682c57a2989718ee5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इसे भी पढ़ें- दिल से दिल तक में शोरबोरी की होगी गोदभराई। वो अपना सा में लीड किरदार निभा रहीं रिद्धि डोगरा का कहना है कि जो कुछ भी हुआ है, बुरा हुआ है। रिद्धि बताती हैं कि एक बार जब अमिताभ फिल्म सिटी में भी शूट कर रहे थे, तो उनके साथ भी कुछ ऐसा हुआ था। रिद्धि का मानना है कि किसी के साथ भी ऐसी घटना हो जाती है। यह बहुत डरावनी बात है। उनका मानना है कि इसके लिए कुछ रूल्स और रेग्युलेशन बनने चाहिए। और सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कदम उठानी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57763.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8d718f550058a6130c2d338922fcf07681ea556 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57763.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इसलिए महिष रॉकी को ही निशाना बनाकर काम करना चाहता है। वह चाहता है कि वह शिवांगी से सींग वापस ले ले और खुद को और अधिक शक्तिशाली बना ले। वहीं दूसरी तरफ यामिनी, शेषा और अवंतिका अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती हैं कि से वह नागमणि हासिल कर लें। आने वाले एपिसोड में यह राज़ भी खुलने वाला है कि रॉकी और शिवांगी एक-दूसरे से प्यार करते हैं। लेकिन महिष रॉकी को मारने की प्लानिंग में व्यस्त है। क्योंकि वह इस बात से वाकिफ है कि रॉकी को बचाने के लिए शिवांगी महिष की सारी बात जरूर मान लेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57778.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57778.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e26d31a87081f8e2fbd7d6f3dc84ee5fff16e6ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57778.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + बिग बॉस ने एक नया टास्क इंट्रोडयूस किया है, जिसमें दो टीमें बना दी गयी हैं। टीम मनु में मनवीर, लोपा और ख़ुद मनु होंगे, जबकि टीम रोहन में मोना, बानी और रोहन हैं। टीम मनु को एक बंजी कॉर्ड से बांध दिया गया है और उन्हें एक रेड सर्कल में खड़े रहने को कहा गया है। टीम मनु को बंजी कॉर्ड को खींचते हुए आगे बढ़ना है और कुछ दूर प्लेटफॉर्म पर रखे एक सॉलिड सर्क्यूलर बॉडी को पकड़कर खड़े रहना है। टीम मनु की कोशिश ये होगी कि वे इस बॉडी को पकड़कर खड़े रहें, जबकि टीम रोहन उन्हें इस बॉडी को छोड़ने के लिए मजबूर करेंगे। इसके लिए टीम रोहन को विरोधी टीम के सदस्यों को डिस्टर्ब करना है। उन पर पानी, लकड़ी का बुरादा और तेल डालकर उनकी पकड़ को कमज़ोर करना है। इस टास्क के दौरान दोनों टीमों के बीच तीखी झड़प भी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57832.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e406f26f0e8a9567fb623d636558b4cac7b1edbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सिमरन खुद इस बात से बहुत खुश हैं कि उन्हें नर्गिस द्वारा निभाया गया यादगार किरदार निभाने का मौका मिलने जा रहा है। दरअसल, आगामी एपिसोड में काली की बड़ी बेटी पवित्र बीमार पड़ जाती हैं। ऐसे में काली निर्णय लेती है कि वह हल चलाएगी। काली का यह किरदार मदर इंडिया से प्रभावित होगा। इस बारे में सिमरन कहती हैं कि उन्होंने यह सीन तीन घंटे में शूट कर लिया था। बकौल सिमरन मुझे इस सीन को फिल्माने में काफी तकलीफ हुई। लेकिन मैं खुशनसीब हूं कि मुझे एक आइकोनिक किरदार निभाने का मौका मिल रहा है। इस किरदार के लिए मैंने अपने नाखूनों को छोटा किया है. ताकि मुझे हल पकड़ने में दिक्कत ना हो। साथ ही शूट के दौरान मेरे शोल्डर में काफी दर्द होने लगा था। लेकिन मेरे प्रोडक्शन हाउस ने इसका पूरा ख्याल रखा और मेरे लिए मेडिकेशन और फर्स्ट एड का भी पूरा ख्याल रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57870.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7b9308d4450e8a6c34c58f4e9e812aba9fd53d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57870.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मिसेज कोमल हाथी यानि अम्बिका रंजनकर निजी जीवन में बहुत ही अलग अलग तरह के केक बनाती है। आप उससे केक की रेसिपी उनके फेसबुक मैसेज में सन्देश भेजकर ले सकते हैं। मिसेज कोमल हाथी यानि अम्बिका रंजनकर का कहना है कि "निजी जीवन में मुझे तरह-तरह के खाने और विशेष रूप से केक बनाने का शौक है, जैसे चॉकलेट केक, ब्लैकफॉरेस्ट, स्ट्रॉबेरी, क्रीम, डॉयफ़्रूइट्स वगैरह, वगैरह। क्रिसमस के मौके पर अगर कोई मेरा फैन केक बनाने की रेसेपी मुझसे जानना चाहते हैं तो फेसबुक सोशल मीडिया के जरिये मुझसे जुड़ सकते हैं और वहीं केक बनाने की रेसिपी मुझ से पूछ सकते हैं। । इसे भी पढ़ें: झूठ निकली करीना-तैमूर की वायरल फोटो, पहले भी आ चुकी हैं ऐसी तस्वीरें!। बहरहाल, तारक मेहता की कोमल भाभी ने यह भी बताया कि इस बार वो अपने घर पर ब्लैकफॉरेस्ट केक बनाने वाली हैं, जो उनके बेटे और पति को बेहद पसंद है। वो कहती हैं- आप ब्लैकफॉरेस्ट केक के ऊपर क्रीम और चेरी भी डाल सकते हैं और उसके बगल में छोटा सा क्रिसमस ट्री भी रख सकते हैं। "।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57897.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3105099163044225ccb8e11426693fe7fb25847 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57897.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्विंकल खन्ना ने रणवीर सिंह के अंडरवियर पर कर दिया ये कैसा कमेंट।श्वेता आखिरी बार टीवी शो 'बेगुसराय' में नजर आई थीं। इससे पहले उन्होंने 'नागिन', 'सजन रे झूठ मत बोलो', 'परवरिश' और 'बालवीर' जैसे सीरियल में दिखाई दे चुकी हैं। 'बिगबॉस' की वो विजेता भी रह चुकी हैं। श्वेता को असली पहचान 'कसौटी जिंदगी के' से मिली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_57982.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_57982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07260d7806af0a7140f05e7bdeb971af382c5917 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_57982.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + धारावाहिक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' हमेशा सामाजिक मुद्दों को एक रोचक कहानी में ढालकर अपने दर्शकों को दिखाता रहा है। इन दिनों कई जगह सुनने को मिल रहा है कि 500 और 1000 के नोटों को फेंका जा रहा है या पानी में बहाया जा रहा है। इसी मुद्दे पर यह शो एक रोचक एपिसोड लेकर आ रहा है, जिसमें पैसे की अहमियत को मां लक्ष्मी खुद समझाएंगी। सूत्रों की मानें, तो शो की क्रिएटिव टीम इस एपिसोड को इसलिए बनाना चाहती है ताकि लोगों के बीच नोटबंदी के लिए सकारात्मक सोच डेवलप हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58039.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fe8e9b78e9cec2c6b9715efd7145857c1f057a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58039.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ख़बर यह है कि सब टीवी पर प्रसारित होने वाला शो बालवीर जल्द ही उन्हें बाय-बाय बोलने जा रहा है। शो के मेकर्स ने फिनाले एपिसोड को यादगार बनाने की तैयारी कर ली है। ख़ास बात ये है कि शो के आख़िरी एपिसोड का नंबर 1111 है। अंतिम एपिसोड में कलिश्क तारा इस बात पर मंजूरी दे देते हैं कि प्रचंडिका परीलोक चली जाये और वहां जाकर वह अपनी पॉवर का इस्तेमाल करें, पर रानी परी को इस बात से परेशानी हो सकती है। बालवीर प्रचंडिका को चैलेंज करेगा कि वह उससे पृथ्वी पर आकर लड़ाई लड़ना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58046.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33b323132255a83af82298dc26d3dd6822937351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58046.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सुमित का हॉलीवुड कनेक्शन भी है। यह कम लोगों को जानकारी होगी। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म इंफ़र्नो अगर आपने देखी होगी, तो आपको बता दें कि इस फिल्म के किरदारों की हिंदी डबिंग में सुमित का अहम योगदान रहा है। सुमित बताते हैं कि जब शुरुआती दौर में अभिनय की दुनिया में काम शुरू किया था। उसी वक़्त से उन्होंने अभिनय के साथ वॉइस ओवर आर्टिस्ट के काम को भी तवज्जो दी। वे बताते हैं कि उन्हें अरविंद मेहरा जो कि काफी लोकप्रिय वॉइस आर्टिस्ट हैं उनके साथ काम किया। फिर उन्हें काफी वरिष्ठ वॉइस आर्टिस्ट लीना घोष के साथ भी लम्बे समय तक काम करने का मौका मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58056.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1088d0acedd2ab45ffac5a5e840b23f34be8ca3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + घर के अंदर से आ रही ख़बर के मुताबिक़ लग्ज़री बजट टास्क के बाद सेलेब्रिटीज़ का रुख़ मोनालिसा के लिए बदल गया है। वे मोना से नाराज हो गए हैं। मोना ने कन्वेयर से कपड़े लेने में रूल तोड़ दिया था। इसी बात से सेलेब्रिटी काफी नाराज हो गए हैं। मोना इस बात से बहुत दुखी होकर मनु के पास पहुचती हैं। इस सिचुएशन का फ़ायदा उठाने के लिए मनु मोना को तोड़ने की कोशिश में हैं। वो सलाह देते हैं कि मोना को अपनी टीम बदल लेनी चाहिए। । जिस फ़िल्म को दर्शक भी भूल चुके, उसे शाह रूख़ क्यों कर रहे हैं याद। मनु मोना से पूछते हैं कि उनकी आंखें नम क्यों हैं, तो मोना उसे सच-सच सारी बातें बता देती है। मनु मोना को इशारे में बोलते हैं कि तुम्हें अपना साबुन बदलना चाहिए। दरअसल वो उन्हें टीम बदलने की राय दे रहे हैं। मोना जब मनु के इस इशारे को नहीं समझती हैं तो मनु साफ़ कहते हैं कि उसे अपनी टीम बदल लेनी चाहिये। आज के एपिसोड में दर्शक देखेंगे क्या मोना टीम बदलती है या नहीं?।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58061.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5996469ade6441b92c5fc43f0ac9603264fa7e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इस उत्साह में वह यह तक भूल गयी हैं कि उन्हें आंखों में तकलीफ है। दरअसल, प्रियल को कुछ दिनों पहले आंखों में तकलीफ हो गयी थी। प्रियल बताती हैं कि उनकी आंखों में उन्हें 24 अगस्त से परेशानी हो रही थी। उन्होंने उसी दिन शूटिंग शुरू की थी और 26 अगस्त तक आते-आते उनकी यह परेशानी काफी बढ़ गयी। इसकी वजह से उन्हें शूटिंग करने में काफी परेशानी हो रही है। वजह यह है कि उनके किरदार को कलर्ड आइज़ के साथ काम करना है और उन्हें पूरे दिन लेंस पहनकर रहना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58115.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7b03b32cc5a3dfa95af3019dba7b22b7916eabe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इस बार बिग बॉस के घर में इस बड़े क्रिकेटर की भाभी भी। रोहन ने आगे यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि वो अपना स्ट्रेस लेवल चेक करें। इस शो के माध्यम से वे खुद को जज कर पाएंगे कि वह किस हद तक स्ट्रेस झेल पाते हैं। रोहन ने यह भी बताया कि वह सबसे अधिक मोबाइल फोन को मिस करेंगे। रोहन बताते हैं कि वो निजी ज़िंदगी में भी काफी लग्ज्यूरियस ज़िंदगी जीने में यकीन नहीं रखते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58133.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bafe578db77bcd9c5d6ba061afdfd6c0c2e0bf08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58133.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + शाह रूख़ ख़ान ने रिवील किया 'द रिंग' का फ़र्स्ट लुक । इस बारे में जब कुशाल से पूछा गया कि क्या वह इस मामले में शाह रुख़ को फॉलो करते हैं, तो वह हंसते हुए कहते हैं कि यह हक़ीक़त है कि मेरी दुनिया में भी महिलाओं की अहमियत हमेशा रही है। उन्होंने कहा कि हां, मैं हमेशा ही इन बातों को तवज्जो देता हूं कि जो मेरे इर्द -गिर्द महिलाएं रहें। मैं उनका पूरा ख्याल रखूं। मैं अपने परिवार में भी महिलाओं के साथ पला-बढ़ा हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58154.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6d67386b1b0fa59416fc750cec21492d55664f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अदा का ग्लैमरस और सेक्सी अंदाज़ दर्शकों को इस बार भी नागिन के दूसरे सीजन में देखने को मिलेगा, लेकिन कम लोगों को ही इस बात की जानकारी है कि इस शो में एक अलग अवतार में नजर आने के लिए अभिनेत्रियां भी कितनी मेहनत करती हैं। अदा यह प्रश्न पूछे जाने पर कि क्या 'नागिन' जैसे शोज में किरदार निभाने के लिए अभिनेत्रियों की आंखें भी महत्व रखती हैं। अदा इस सवाल पर फूली नहीं समातीं । अदा इस सवाल को ही कांप्लीमेंट मानती हैं और कहती हैं- ''आई एम ग्लैड। इस तरह के शो में किरदारों को फेशियल के साथ साथ आंखों के भावों का भी खयाल रखना पड़ता है। ना सिर्फ आंखों का मेकअप अलग सा होता है, बल्कि मैं तो आँखों को प्रॉमिनेन्ट दिखाने के लिए लेंस भी पहनती हूं और शो के मेकर्स को यह पसंद भी आती हैं।''। जानिए पाक कलाकारों पर बैन को लेकर क्या है रितेश देशमुख का नजरिया। अपनी को-एक्टर और शो की लीड मौनी रॉय की आंखों को अदा खूबसूरत मानती हैं। उन्होंने कहा कि मौनी की भी आंखें बेहद खूबसूरत हैं और इसलिए वो इस किरदार में बिल्कुल फिट बैठती हैं। अदा आगे यह भी कहती हैं कि उन्हें मौनी से किसी भी तरह की ईर्ष्या नहीं है। वो अपना काम एंजॉय करती हैं और वो यही करने यहां आई हैं। कलर्स पर 'नागिन 2' का प्रसारण 8 अक्टूबर से होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58176.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7110c615da176f3a13ffd83c271a39be75dd8221 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58176.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इंडियन आर्मी से पंगा मत लेना... सर्जिकल स्ट्राइक्स पर बोलो बॉलीवुड। विराफ फिरोज पटेल इन दिनों स्टार प्लस के शो 'नामकरण' में नजर आ रहे हैं। वो इस मुद्दे पर अपनी बात स्पष्ट तरीके से रखते हुए कहते हैं कि मैं यह सोच रहा हूं कि आगे क्या होने वाला है। जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, वह चिंतनीय है। सर्जिकल स्ट्राइक्स एक क्रिटिकल सिचुएशन है और हमें यह तय करना होगा कि हम किसकी साइड में हैं। ये कॉन्फ्लिक्ट सिचुएशन है। अब कोशिश यह होनी चाहिए कि हम हिंदुस्तान, पाकिस्तान या किसी को भी सिर्फ मुल्क ना समझें। हम वहां के आम लोगों के बारे में सोचें और शांति स्थापित करने की कोशिश करें। यही अभी की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58182.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..497b86d820c1cfec259d7d2f06b2a5976d30ca4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जय इस वक्त अपने टीवी शो 'द वॉइस इंडिया किड्स' की शूटिंग कर रहे हैं। पिछले सोमवार को शो की शूटिंग करने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने जय को डेंगू बुखार होने की पुष्टि की, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा। फिलहाल जय ठीक हो चुके हैं, और अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं, लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर अभी घर पर आराम कर रहे हैं। । कुछ इस तरह हंसी-खुशी अंजाम पर पहुंचेगा शो कृष्णादासी। जय अगले सोमवार से काम पर लौटेंगे और अपने रिएलिटी शो की शूटिंग करेंगे। बॉलीवुड में भी डेंगू ने अपना असर दिखाया है। विद्या बालन और जरीन खान इस बुखार की चपेट में आ चुके हैं। वहीं डेंगू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर बीएमसी लगातार सेलिब्रटीज के घरों पर डेंगू मच्छरों की जांच कर रही है। इस मामले में शाहिद कपूर और सुष्मिता सेन समेत कई सेलिब्रटीज को नोटिस भेजे जा चुके हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_582.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1057f270c314e943cc774d1b4359a0872302c148 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_582.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कटरीना कैफ के विक्की कौशल से शादी के बंधन में बंधने के बाद अब हर कोई अभिनेत्री के बिग स्क्रीन पर लौटने की राह देख रहा हैं। कटरीना कैफ हाल ही में पति विक्की कौशल के साथ छुट्टियां मनाकर मुंबई लौटी हैं और मुंबई लौटते ही वह अपनी आगामी फिल्म 'मैरी क्रिसमस' की शूटिंग में व्यस्त हो गई हैं। दरअसल कटरीना कैफ ने विक्की से शादी के बाद श्रीराम राघवन के निर्देशन में बन रही नई फिल्म 'मैरी क्रिसमस की घोषणा की थी। अब फिल्म की शूटिंग सेट से कटरीना की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5821.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2744a0d3b29253f4ff1168b3299f2f21dd4ca92a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5821.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगे एक्टर ने कहा, ‘इतना ही नहीं... वाराणसी में मुझे ज़ायका चखने का भी मौका मिला। मैंने और मेरे ग्रुप ने प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड जॉइंट, विश्वनाथ चाट भंडार में खाया और कुछ स्वादिष्ट पानी पुरी और चाट के साथ खुद को ट्रीट दी जिसे हमने शहर की अनोखी ठंडाई के साथ पूरा किया। कुल मिलाकर, मैं कहूंगा कि यह जीवन में एक अनोखा अनुभव रहा है और मुझे वाराणसी में मज़ा आ रहा है’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58260.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17de1b2a90b2d29a1e24544eace22da615aded68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58260.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रबल प्रताप (प्रवीण सिरोही)।वह खड़क प्रताप का सबसे बड़ा बेटा है। प्रबल की बाॅडी बहुत अच्छी है, लेकिन बचपन में उसके सिर पर लगी चोट के कारण वह हकला कर बात करता है। इतना ही नहीं, वह तभी बात कर सकता है, जबकि सामने वाला व्यक्ति भी हकलाता हो। सबल प्रताप (रक्षित पंत)। वह खड़क प्रताप का दूसरा बेटा है। उसकी बाॅडी पहलवानी के लिए परफेक्ट है, लेकिन वह बुद्धि और नजर से कमजोर है। वह दमदार बाॅडी और कम बुद्धि का दुर्लभ संयोजन है। वह हमेशा एक किताब के साथ नजर आता है। यह उसे उन कामों की याद दिलाता है, जो उसे करने हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58261.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25698b92999f1aebcd5babed6ea5d56cbd7ed303 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + यही वजह है कि वे अपने परिवार के साथ अपना हर मोमेंट, हर ख़ुशी शेयर करते हैं। खासतौर से त्यौहार वो उनके बगैर नहीं मनाते हैं। इन दिनों मुंबई में गणेशोत्सव की धूम है और किरण कुमार की ज़िन्दगी में इस खास महत्व इसलिए है, जिसके तार उनके जन्म से जुड़े हैं। किरण के पिता जीवन कुमार हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर्स में शामिल थे। अपने करियर में जीवन ने खलनायक के कई यादगार किरदार निभाए। जीवन ने किरण को बताया था, कि वो गणेश पूजा का ही प्रसाद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58271.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e2dd319e222414fc7ae4d9799466fdc0de80717 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सलमान के घर गणपति बप्पा के दर्शन के लिए पहुंचे ये सितारे, देखें तस्वीरें ।'द गाॅॅडमदर' में शबाना का किरदार गुजरात स्थित पोरबंदर की एक माफिया क्वीन से प्रेरित था। उन्होंने 'एक मां जो लाखों के लिए बनी अम्मा' के लिए मंगलवार को फिल्मिस्तान स्टुडियोज में शूटिंग शुरू कर दिया। इससे पहले वो एक प्ले के लिए लंदन में मौजूद थीं। उर्वशी ने यह सीरियल कहानी में लीप आने के कारण छोड़ा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58284.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82b00fd257277df29bdd886ad1fb77704e7ac4dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58284.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + खबर है कि इस नए ट्रैक के मुताबिक भारती सिंह शो में अपने बेटे का मैरेज प्रपोजल लेकर मधुमति के सामने जाएंगी। और और फिर कई ट्विस्ट आने वाले हैं। अब यह बात तो जाहिर है कि शो में अगर भारती की एंट्री होगी, तो हंसी-ख़ुशी का माहौल होगा। शो में डॉ. मधुमति का किरदार निभा रहीं देबिना बैनर्जी इस बारे में कहती हैं कि भारती सिंह के साथ काम करने में हमेशा ही मजा आता है। हम हमेशा शूटिंग के दौरान मस्ती करते हैं। खासतौर से जब भारती ने मुझे गोद में उठाया, तो मैं तो बिल्कुल चौंक गयी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58289.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be3faaff3edf07a7893220c2a2f3c5c0b528f85f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58289.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + गुरुवार को इसका ऐलान किया गया। सब टीवी के एचडी चैनल की टैगलाइन हैपीनेस का डेस्टिनेशन रखी गई है, जो ये बताने के लिए काफी है कि चैनल पर शोज दर्शकों का जमकर मनोरंजन करेंगे। जो नए तीन शोज शुरू किए जो रहे हैं, वो कॉमेडी और रोमांटिक जॉनर के हैं। 'इच्छाधारी नागिन' ऐसा शो है, जिसमें नाग-नागिन अपनी इमेज को लेकर चर्चा करेंगे। टीवी के सामने बैठकर इस बात पर अफसोस जाहिर करेंगे कि कैसे उन्हें निगेटिव दिखाया जाता है। फिर ये नागलोक से पृथ्वीलोक पर आकर इमेज मेकओवर की कोशिश करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58333.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3af0a640f94ed83603d7b7fe26a3535d08cdb51c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58333.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'दबंग 3' में सोनाक्षी होंंगी या नहीं, दिया ये जवाब, फैंस हो जाएंगे खुश।आपको बता दें कि 'दीया और बाती' के अलावा रिशिना एक और सीरियल 'नागार्जुन' में भी नजर आ रही हैं। ऐसे में व्यस्त शेड्यूल के बीच रिशिना ने खुद के लिए समय निकाला और छुट्टियों के दौरान उन्होंने काफी क्वालिटी समय बिताया। हालांकि अब वो काम पर लौट आई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58344.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee6c1413310f0a031f9e1d83045d88eadcfde0e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + वह अजड़गंज के लिए कुछ भी कर सकती है। रागिनी की कोशिश यही रहेगी, कि वह चकोर और सूरज के दिल में अपनी जगह बना ले। सूरज बाद में इस बात का खुलसा करेगा, कि यह लड़की रिया सूद है और आठ बार पकड़ी जा चुकी है। चकोर रागिनी को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करेगी कि वह रागिनी की बातों पर पूरी तरह से भरोसा कर रही है। अब रागिनी आगे भी क्या करने वाली है और कौन से चाल चलेगी, इसके लिए आपको आज का एपिसोड देखना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58367.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee597deec4530550b0d1fadbc7ff11a2a9487601 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58367.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'दिलवाले' के बाद काजोल ने साइन की यह फिल्म, 'दबंग 3' को कहा 'ना'।वाई.ए. आर.ओ अमर, प्रेम और शिल्पी से उसे उसका लक्ष्य प्राप्त करने में मदद के लिए कहता है, लेकिन वे सभी दंग रह जाते हैं। उनके रिएक्शंस देखकर वाई.ए. आर.ओ. चुपचाप वहां से चला जाता है। हालांकि जल्द ही बीना और प्रोफेसर अग्रवाल (राकेश बेदी) को उसके नए मिशन का पता चलता है और वे भी हैरत में पड़ जाते हैं। वे उसे फौरन रोकने और उसे समझाने के लिए निकलते हैं, लेकिन उसे खोज नहीं पाते। अग्रवाल जिसने वाई.ए. आर.ओ. में एक ट्रैकिंग डिवाइस लगाई है, उसे समझाने में नाकाम रहती है जिससे वे सभी चिंतित हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58368.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d71fb4f81ef45d41e4ee004a0a286d3705f8a67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अब नई खबर यह आ रही है कि शो में रमन बने तो रहेंगे। साथ ही रमन का एक नया ही अवतार शो में देखने को मिलेगा। खबर है कि शो में इशिता और रमन का मस्त अंदाज़ दिखेगा। जल्द ही ट्रेक में बदलाव आएंगे और रमन इशिता के बीच एक रोमांटिक सीन फिल्माया जायेगा। शो में दोनों के बीच हॉट किसिंग सीन होने जा रहा है। जो कि इससे पहले अब तक इस शो में नहीं दिखाया गया है। लेकिन एकता कपूर इस तरह के सीन फिल्माने में माहिर रही हैं। इससे पहले धारवाहिक बड़े अच्छे लगते हैं में काफी हॉट सीन दिखाए गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58369.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e230c4dfe20a411b447e4967523ff0fe251bd8a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58369.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + यही वजह थी कि खबरें आ रही थी कि शो जल्द ही रैप भी हो सकता है। साथ ही स्टार प्लस पर इसे शाम 5 बजे का स्लॉट मिला था। इस वजह से भी शो को अच्छी टीआरपी नहीं मिल पायी थी। लेकिन शो ने 100 एपिसोड पूरे कर लिए हैं और शो के कलाकार इस बात से बेहद खुश हैं। हाल ही सेट पर उन्होंने शो का जश्न मनाया। शो के लीड कलाकार विक्रम सिंह चौहान और शिवानी सुर्वे इस बात से खुश हैं कि उन्हें एक बड़ी कामयाबी मिली है। + + गुपचुप शादी के बंधन में बंधे सिद्धांत कार्णिक और मेघा गुप्ता। बकौल विक्रम मैं इस बात से टेंशन में था वाकई कि कहीं शो बन्द न हो जाए। शुरूआती दौर में इसे अच्छे अंक नहीं मिले थे। लेकिन बाद में दर्शकों की दिलचस्पी शो में बढ़ी और शो को कामयाबी भी मिली। शिवानी अपनी कामयाबी के लिए दर्शकों की शुक्रगुजार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58395.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88bbd394a89daa454a96e1b14d4ff7b41159bdfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सोनम कपूर ने ब्लैक बिकनी में शेयर की ये तस्वीरें, लग रहीं बेहद हॉट।2000 एपिसोड के पूरे होने के अवसर पर अनुज कपूर, सीनियर ईवीपी व बिजनेस हेड ने कहा, ‘अपने चैनल पर सबसे लंबे समय तक चलने वाले काॅमेडी शो में से एक को प्रसारित कर हमें गर्व का अनुभव हो रहा है। यह हमारे लिए एक शानदार यात्रा रही है। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' ने 2000 एपिसोड पूरे कर लिए हैं और यह हमारे ब्रांड वादे ‘असली मजा सब के साथ आता है’ को पूरी सशक्तता के साथ सिद्ध करते हुए अपनी दिव्य यात्रा पर अग्रसर है। हम निरंतर प्यार एवं समर्थन प्रदान करने के लिए अपने दर्शकों को धन्यवाद देना चाहते हैं।’। अक्षय कुमार की फिल्म 'रुस्तम' की सबसे खास बात जान चौंक जाएंगे।इस शो ने हाल ही में ‘लांगेस्ट रनिंग काॅमेडी शो’ के लिए लिम्का बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स में अपना स्थान बनाया है। नीला टेली फिल्म्स द्वारा निर्मित एवं असित कुमार मोदी द्वारा सृजित 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' साप्ताहिक गुजराती पत्रिका चित्रलेखा के लिए पत्रकार व स्तंभकार तारक मेहता द्वारा लिखित स्तंभ 'दुनिया ने ऊन्धा चश्मा' पर आधारित है। इस शो की हर एक कहानी कुछ सामाजिक संदेशों एवं नैतिक मूल्यों को बेहद सूक्ष्मता से प्रदर्शित करती हैै। इसके एपिसोड दर्शकों को गोकुलधाम सोसाइटी के निवासियों की रोचक जीवन यात्रा की झलक पेश करते हैं, जो उपनगरीय मुंबई पर आधारित है। यह कहानी जेठालाल गडा के जीवन पर केंद्रित है, जो सदैव ही अपने आप को परेशानी में डाल कर फंस जाते हैं, जिससे हास्यपरक स्थितियां उत्पन्न होती हैं। इस शो के कलाकारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के लिए जागरुकता के सृजन एवं प्रचार के लिए भी नामित किया गया है।’।तस्वीरें: सलमान 'ट्यूबलाइट' में करेंगे इस चाइनीज एक्ट्रेस से रोमांस।इस शो के निर्माता, डिजाइनर एवं सृजनकर्ता असित कुमार मोदी ने कहा, 'इस शानदार उपलब्धि को हासिल करने में बेहतरीन समर्थन प्रदान करने के लिए मैं सोनी पिक्चर्स (सोनी सब) एवं अपने कलाकरों व क्रू सदस्यों को धन्यवाद देता हूं, लेकिन इन सब से अधिक मैं अपने दर्शकों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूं, जिनके प्यार एवं प्रेरणा की वर्षा से हम बेहतर कहानियों एवं बेहतर मूल्यों को पेश करने में सक्षम हो सके हैं। मेरे पर यकीन कीजिए, हमारे पास अब भी अनेक अनकही कहानियां एवं अनजान चरित्र हैं, जिन्हें गोकुल धाम सोसाइटी के निवासियों के जीवन में आना अभी बाकी है। हमें अभी भी एक लंबी यात्रा तय करनी है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58397.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5081d2aced5b95ae3e8cea543a87b4c51edd1e41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58397.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + रवि दुबे इस बात से खुश हैं कि उन्हें अपने लुक के साथ काफी एक्सपेरीमेंट करने के मौके मिल रहे हैं। उन्होंने कहा- "मैं इस बात से खुश हूं, कि मुझे एक ही शो में कई तरह के एक्सपेरिमेंट करने के मौके मिल रहे हैं। इस शो के दो सालों के सफर में मैंने अबतक 17 लुक्स ट्राई कर लिए हैं और मैं इस बात से खुश और संतुष्ट हूं। मैं लीप के बाद सिड और रोशनी के बेटे सत्या का किरदार निभाऊंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58399.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb0c97143fefa68fcb4e3850ae3754bee939c638 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सब टीवी के शो 'इच्छाप्यारी नागिन' में वह लीड किरदार निभाते नजर आएंगे। यही नहीं इस शो से प्रियल गौर भी वापसी कर रही हैं। इस शो में वह इच्छाधारी नागिन का किरदार निभाएंगी। यह शो कॉमेडी शो होगा। इस शो का निर्माण सिद्धार्थ मल्होत्रा कर रहे हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा प्रीतिका राव के साथ भी नया शो जल्द ही स्टार प्लस पर लाने जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5848.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97d85c1e2d87ac932d26f8985bf73e926a30ca5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सारा अली ख़ान वैसे तो सोशल मीडिया में काफ़ी सक्रिय हैं और अपनी तस्वीरें पोस्ट करती रहती हैं, मगर बुधवार को उन्होंने जो तस्वीरें पोस्ट की हैं, उनकी काफ़ी तारीफ़ हो रही है। सारा ने इन तस्वीरों के ज़रिेए धार्मिक एकता का शानदार संदेश दिया है। किसी तस्वीर में सारा मंदिर में बैठी हैं तो किसी तस्वीर दरगाह पर सजदा कर रही हैं। सारा की यह तस्वीरें कश्मीर यात्रा की हैं। ।सारा ने इन तस्वीरों के साथ लिखा- अगर फिरदौस बर रू-ए ज़मीं अस्त, हमीं अस्त-ओ हमीं अस्त-ओ हमीं अस्त यानी अगर धरती पर कहीं जन्नत है तो वो यहीं है, यहीं है, यहीं है। इसके साथ सारा ने अंग्रेजी और हिंदी में लिखा- सर्व धर्म समभाव। ।पहली तस्वीर में सारा नमाज़ पढ़ने वाली मुद्रा में बैठी नज़र आ रही हैं। दूसरी तस्वीर में मन्नत का धागा बांध रही हैं। तीसरी तस्वीर में सारा कहीं बैठी हैं और उनके ऊपर मस्जिद शरीफ़ का बोर्ड नज़र आ रहा है। चौथी तस्वीर में सारा एक गुरुद्वारे में हैं। पांचवी तस्वीर मंदिर की है। पांचवी तस्वीर में सारा एक चर्च के गेट पर दिख रही हैं। सारा ने वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वो एक मंदिर प्रांगण में हाथ जोड़े हुए खड़ी हैं। ।इन तस्वीरों को सारा के फॉलोअर्स ख़ूब पसंद कर रहे हैं। उनकी बुआ सबा अली ख़ान ने लिखा- अब्बा के लिए दुआ करना। बता दें, आज सारा के दादा नवाब मंसूर अली ख़ान की पुण्यतिथि है। ।पिछले दिनों गणेश चतुर्थी के मौक़े पर सारा ने तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिनमें वो अपनी मॉम अमृता सिंह के साथ गणपति बप्पा के दरबार में पूजा करते हुए दिख रही थीं। सारा को कई बार अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58525.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61bdf92bcf610a476e3c236b9851130a153701b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहम्मद अजहरुद्दीन की ऑन-स्क्रीन पत्नियों में भी नहीं पट रही!।वैसे कपिल ने यह भी कहा कि वो एक छोटा ब्रेक लेंगे और फिर नए सीजन के साथ वापसी करेंगे। कपिल के मुताबिक, यह हमेशा चलता रहेगा। आपको बता दें कि कपिल के नए शो 'द कपिल शर्मा शो' का प्रसाण सोनी चैनल पर 23 अप्रैल से शुरू हुआ है, जिसमें कपिल के अलावा अली असगर, सुनील ग्रोवर, कीकू शारदा, सुमोना चक्रवर्ती, चंदन प्रभाकर और रोशैल राव हैं। इस शो के पहले मेहमान शाहरुख खान बने थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58527.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a15c2ec51b855272038fa9efad022146e73be671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। टीवी एक्ट्रेस प्रत्यूषा बनर्जी के कथित खुदकुशी केस में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे हो चुके हैं, मगर उनकी मौत के बाद पहली बार ब्वॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह ने खुलकर एक इंटरव्यू में विस्तार से बात की है। 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल ने प्रत्यूषा के साथ तनावपूर्ण संबंध और उनके गर्भवती होने से लेकर खुदकुशी वाले दिन क्या हुआ था, इस बारे में भी विस्तार से जानकारी दी है। राहुल ने यह भी बात कही है कि प्रत्यूषा को शराब की लत थी। उनकी आर्थिकी स्थिति अच्छी नहीं होने की भी बात कही है। खास तौर से खुदकुशी वाले दिन के बारे में आइए जानते हैं राहुल की जुबानी-।घर पर खाना बनाया होता तो नहीं होती ये घटना ।प्रत्यूषा एक अप्रैल को मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत पाई गई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल ने बताया कि प्रत्यूषा ने 31 मार्च की रात को खूब शराब पी थी और एक अप्रैल को भी दिन भर पीती रहीं। राहुल के मुताबिक, रात में उन्होंने और प्रत्यूषा ने एक कॉमन फ्रेंड के साथ मिलकर पार्टी की और ढेर सारी बातें की। इसके बाद एक अप्रैल की सुबह साढ़े आठ बजे हमने बाहर खाने का फैसला किया। राहुल ने कहा, अगर उन्होंने उस दिन घर पर ही खाना बनाया होता तो यह घटना हुई ही नहीं होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58538.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6de1682dd803ea4b71716aa2eabe6f02fe50f3ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'द कपिल शर्मा शो' के पहले एपिसोड की शूटिंग की मजेदार तस्वीरें ।तो सबसे पहले कपिल शर्मा के बारे में बताते हैं। 'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट के मुताबिक, 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में बिट्टू के नाम से मशहूर हुए कपिल इस नए शो में 'कप्पू' के रोल में नजर आएंगे, जो अपने रिश्तेदार के यहां रहता है। पुराने शो में दादी की भूमिका निभाने वाले अली असगर, कप्पू के रिश्तेदार हाेंगे, जो शांतिवन नॉन-कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं। वैसे अली असगर इसमें भी एक लेडी के रोल में ही ऑडियंस का मनोरंजन करेंगे। मगर वो ऐसे लेडी बनेंगे, जिसका दिमाग कुछ कम होता है। हालांकि हंसाने में कोई कमी नहीं करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58626.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4902fdc7caa8a693f4b0f88718414c1f0957841 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + रणवीर पहुंचे सात समंदर पार, वेलेंटाइन-डे पर होंगे दीपिका के साथ। खबर है कि एक्टर गौतम रोडे को टीवी शो 'चक्रवर्ती अशोक सम्राट' में लीड रोल का ऑफर दिया गया है। गौतम को 'महाकुंभ' और 'सरस्वतीचंद्र' के लिए जाने जाते हैं। प्रोडक्शन हाउस का कहना है कि शो में लीप आना हमेशा ही एक रिस्क होता है। ऐसे में जरूरी है कि एक अच्छे कलाकार को कास्ट किया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58653.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d7760bfd10bfbf4b4c0d5d1fb49e7305d5d090b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये है लारा दत्ता की प्यारी बेटी सायरा, रेड फ्रॉक में लग रही बिल्कुल परी ।इस संबंध में जब रेशमी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘सच कहूं तो 17 वर्षों तक इंडस्ट्री में काम करने के बाद किरदार की उम्र अब कोई मायने नहीं रखती। वास्तव में यदि रोल अच्छा हो तो दादी मां की भूमिका निभाने में भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं विभिन्न विधाओं में भेद-भाव नहीं करती।'।रेशमी ने आगे कहा, 'मुझे इस प्रकार के शोज करना पसंद है, क्योंकि इसमें किरदारों पर काफी जोर दिया जाता है और इसके माध्यम से शुद्ध हिन्दी में डायलाॅग बोलने का अवसर मिलता है।‘ बहुत अच्छा कहा रेशमी जी कि जब किरदार दमदार हो तो उसकी उम्र प्राथमिकता नहीं होती। गौरतलब है कि शो 'संकट मोचन महाबली हनुमान', सोमवार से शनिवार रात 8 बजे सोनी एन्टरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58666.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39305f96bb17a149e01e7b54b52566031efd6c65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58666.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + हाथ जोड़ कर किकू ने मांगी माफी। इस पूरे मामले पर किकू शारदा ने हाथ जोड़ कर माफी मांगी है। उन्होंने कहा, 'मेरा मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, इसके लिए मैं माफी मांगता हूं।' वहीं उन्होंने अपने बचाव में ये भी कहा, 'मैं एक कलाकार हूं, मुझे बताया जाता है कि मुझे क्या करना है, मुझे स्क्रीप्ट दी जाती है।' फिर भी किकू ने कहा, 'अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो मैं हाथ जोड़ कर सभी से माफी मांगता हूं।' किकू के मुताबिक, अगर किसी परफॉर्मेस के दौरान कुछ आपत्तिजनक शब्द आते हैं तो चैनल द्वारा संपादित कर दिए जाते हैं। ये भी चैनल की जिम्मेदारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58772.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..681fc5aaa35d9c1fb9ab90e2e8ea61a2f5fb0158 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + देखिए, बेडरूम से गार्डेन तक 'बिग बॉस' के घर की तस्वीरें हुईं लीक।रविवार रात होस्ट सलमान खान ने धमाकेदार तरीके से इस रियलिटी शो का प्रीमियर लॉन्च किया और इसके साथ ही उन 14 सेलेब्रिटी से भी रूबरू कराया, जो अब 'बिग बॉस' के घर में कैद हो चुके हैं। तो चलिए उनसे हम भी आपको रूबरू कराते हैं। सबसे पहले आपको बता दें कि इस बार कई लव कपल्स ने इस शो में एंट्री मारी है। इसके साथ ही एक्स बॉयफ्रेंड और एक्स गर्लफ्रेंड भी देखने को मिलेंगे सबसे पहले इस बार जिसने एंट्री मारी, वो हैं ये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5880.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80287709fcf02c6f65221b8880a57cbbb58bdaf4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक्ट्रेस पायल घोष एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। हाल ही में पायल पर कुछ लोगों ने अटैक किया है जिसके बाद उन्हें चोट भी आई है। ख़ुद पायल ने इस बारे में जानकारी दी है और पूरे हादसे के बारे में बताया है। पायल का एक वीडियो उनके इंस्टाग्राम फैन पर शेयर किया है जिसमें पायल अपने ऊपर हुए अटैक बारे में बता रही हैं। इस हादसे से पायल कितनी डरी हुई हैं ये उनकी आवाज़ से ही पता चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_5888.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_5888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bcfb28086c86b2aa13a68e530007b1e6ee6a43c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_5888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजी वेबसाइट स्पॉटब्वॉय की खबर के अनुसार सोनू सूद ने राजनीति में जाने की खबरों को खारिज किया। साथ ही कहा है कि राजनीति उनके लिए नहीं है। उनका मानना है कि राजनेता बने बिना उनके पास ज्यादा आजादी है। सोनू सूद ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं खुद को राजनीति में देखता हूं। लोग कहते हैं कि यह मुझे और ताकत और शक्ति दे जो मैं काम कर रहा हूं, लेकिन मैं इसको दूसरी तरह से देखता हूं।'।सोनू सूद ने आगे कहा, 'अगर मैं राजनीति में जाता हूं तो मुझे किसी को भी फोन करने से पहले दो-तीन बार सोचना पड़ेगा। मुझे बहुत सावधान रहना होगा कि मैं अपने राजनीतिक दल के दिशानिर्देशों का उल्लंघन न करूं। अभी मैं किसी को भी कॉल कर सकता हूं। मैं राजनीति के बिना किसी भी संस्थान में जा सकता हूं। इसलिए राजनीति मेरे लिए नहीं है।' सोनू सूद से पूछा गया कि अगर उन्हें अगला प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलने क्या तब भी वह राजनीति में नहीं आएंगे?।इस सवाल पर हंसते हुए दिग्गज अभिनेता ने कहा, 'यह कोई दूर की संभावना भी नहीं है। देश चलाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं खुद को इसके लिए नहीं देखता। मैं मुख्य कमांडिंग ऑफिसर की तुलना में अपने देश को बेहतर बनाने की लड़ाई में एक सैनिक बनना पसंद करूंगा।' आपको बता दें कि आयकर विभाग ने सोनू सूद के खिलाफ कर चोरी के आरोप में 15 सितंबर को सर्वे शुरू किया था, जो चार दिनों तक जारी रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58881.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbb81e6977242f093d5812efa8ab7a5fc8faa7be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 'बाहुबली' ने बॉक्स ऑफिस पर कमा लिए 500 करोड़। स्टार प्लस पर शुरू होने जा रहे धारावाहिक 'सुमित संभाल लेगा में' वह नए अंदाज में दिखेंगे। यह पहला मौका होगा जब वह किसी फिक्शन शो में नजर आएंगे। खास बात यह है कि यह एपिसोड स्पोर्ट पर ही आधारित होगा। धारावाहिक में वह खुद के किरदार में दिखेंगे और शो के नायक सुमित से वार्तालाप करते दिखेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58928.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9347fffe90dcec6510c97b216567495d42f9a91d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58928.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + एक सूत्र ने कहा, 'अब्बास-मस्तान की फिल्म के लिए जिम में वर्क आउट करते समय कपिल की स्लिप डिस्क हो गई। वो इलाज के लिए वैंकूवर गए हैं और मुंबई लौटने के बाद करीब एक महीने तक आराम करेंगे। चैनल इस बात पर विचार कर रहा था कि जब तक कॉमेडी नाइट्स के नए कॉन्सेप्ट पर काम किया जा रहा है तब तक बाकी किरदारों को भी ब्रेक दिया जाना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने इसे पुराने किरदारों के साथ ही चलाने का फैसला किया और इसे होस्ट करने के लिए चार बड़े नामों को साइन कर लिया।'। माना जा रहा है कि चैनल के अधिकारी अभी तक ऐसे तरीके ढ़ूंढ रहे हैं जिससे कपिल की गैरमौजूदगी में भी दर्शकों को शो से जोड़ा रखा जा सके। कपिल ने जिस आखिरी एपिसोड की शूटिंग की थी, उस इस हफ्ते ऑन एयर किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58953.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58cf68be0521a5c57939dd52aac476a3c2ae25e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + पीएम मोदी के अभियान की आलोचना कर बुरी फंसीं श्रुति सेठ । आपको बता दें कि शशांक व्यास से पहले भी कई एक्टर्स इस सीरियल को छोड़ चुके हैं। इनमें नेहा मर्दा, प्रत्युषा बनर्जी, स्मिता बंसल, अनूप सोनी, सत्यजीत शर्मा, सिद्धार्थ शुक्ला और सरगुन मेहता शामिल हैं। अब इस लंबी-चौड़ी लिस्ट में शशांक व्यास का नाम भी जुड़ जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_58979.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_58979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a58a63809f324c6f3807f0aa87fa9dad184dbd3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_58979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 'दिमाग को भ्रष्ट कर सकती है सनी लियोन की 'मस्तीजादे''। सब टीवी के आने वाले शो 'कृष्ण कन्हैया' को अनोखे अंदाज में प्रमोट करने के लिए इस 15 फुट लंबी मूर्ति का अनावरण किया गया। ये मूर्ति दुनिया में मक्खन से बनी कृष्ण भगवान की सबसे बड़ी मूर्ति है। । कुछ खास मूर्तिकारों ने 300 घंटों की कड़ी मेहनत के बाद ये मूर्ति तैयार की है। मूर्ति को तैयार करने के लिए इन मूर्तिकारों ने 75 घंटों की ट्रेेनिंग ली और 10-15 डिग्री तापमान में काम किया है। कृष्णा की मूर्ति को एक कांच के बॉक्स में रखा गया है जिसका तापमान 15 डिग्री से कम रखा जा रहा है। । इस मूर्ति को गुरुवार को अंधेरी के इनफिनिटी मॉल में एग्जिबिशन के लिए रखा गया था और ये रविवार 21 जून तक यहीं रहेगी। प्रमोशन खत्म होने के बाद इस मक्खन को शहर के ज्यादातर मंदिरों में बांट दिया जाएगा जहां इसका इस्तेमाल किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59005.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..729c552c56aa9188755e0bb81eed8a811d1f5635 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इसे भी पढ़ें: देखिए, फैंस ने बना डाला शाहरुख और अबराम का डॉल वर्जन। करमरकर ने कहा, 'क्या इससे बेहतर कुछ हो सकता है करने के लिए? मैं घर पर बैठने और लोगों को स्क्रीन पर देखने से ज्यादा अच्छा समझता हूं कि खुद भी स्क्रीन पर नजर आऊं। वैसे भी मेरा रोल पारंपरिक निर्भर और परेशान दादाजी का नहीं है। मेरा किरदार सपने देखने वाला है जो दूसरों को भी अपने सपने पूरे करने की प्रेरणा देता है। यह एक मजेदार किरदार है।'। इसे भी पढ़ें: दीपिका के सपोर्ट में टीवी एक्टर ने कहा - जरूरी है सेक्स करमरकर का नाम ड्रामा जगत में जाना पहचाना है। उन्होंने कई शो डायरेक्ट भी किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59007.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f368413f43fd67e567340b8705cadb96120eaf7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 'किस...' के चक्कर में इस एक्ट्रेस के पैरों में आई मोच!। स्नेहा ने बताया, 'मुझे तीन रूट केनाल कराने पड़े। यह बहुत ही परेशान करने वाली बात है। यह बहुत समय और ऊर्जा लेता है। दर्द तो बहुत ही डरावना है। मैंने अपने आप से वादा किया है कि अब से मैं अपने दांतों की बहुत अच्छे से देखभाल करूंगी। नियमित रूप से ब्रश करूंगी।'। 'सेक्स चुंबक की तरह खींचता है दर्शकों को थिएटर तक'। दरअसल, स्नेहा को चॉकलेट बहुत पसंद है। ऐसे में उन्होंने प्रण लिया है कि अब से वो इससे तौबा कर लेंगी और नियमित रूप से कुल्ला किया करेंगी ताकि केविटीज न हो। स्नेहा अगर पहले ही सतर्क रहतीं और कम चॉकलेट खातीं तो ये नौबत नहीं आती!।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59017.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96a34923e55fc8e5eace7946c66b15197f5d4bda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सुमोना चक्रवर्ती और जेनिफर विंगेट के बीच कोल्ड वॉर!। टीवी सीरियल 'दीया और बाती हम' से सुर्खियों में आए गौतम इस शो में शुरू से ही काफी लोकप्रिय रहे। वैसे गौतम के विजेता घोषित किए जाने से पहले ही सोशल साइट पर उनके जीतने के कयास लगाए लगे थे। जीत के बाद गौतम ने कहा, 'उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि वो जीत गए हैं। ये ऐसा अनुभव है, जिसे पूरी उम्र याद रखूंगा।'। गौरतलब है कि इस विवादास्पद शो के सीजन-8 को एक महीने का विस्तार मिला था। इसके बाद इसके हल्ला बोल की मेजबानी निर्देशक फराह खान ने की। इससे पहले शो सलमान खान होस्ट कर रहे थे। ग्रैंड फिनाले से एक दिन पहले ही डिंपी गांगुली और अली कुली मिर्जा खिताब की दौड़ से बाहर हो गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59045.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b873e71665717ace9b505223952e09d411844cdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन्हीं किरदारों में से एक लोकप्रिय किरदार हैं दया। स्टंट्मैन दया जिनके नाम से मुजरिम अपने इरादे बदल देते थे अब उन्हीं का दिल चुराने के लिए शो में ‘लेडी दया’ की एंट्री हो रही है। इस लेडी दया के अवतार में कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड फिल्म 'चक दे इंडिया' की बलबीर यानी अभिनेत्री तान्या अबरोल नजर आएंगी। इस सीरियल में तान्या जयवंती के नाम का किरदार अदा कर रही हैं जो इंस्पेक्टर दया की तरह दरवाजा तोड़कर मुजरिमों को धूल चटाती नजर आएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59053.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f670c5836360ab7103d1b55fd1916f3ca6b21a73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शो के दौरान डिम्पी महाजन ने सह प्रतियोगी निगार खान को अपने तलाक के बारे में बताया और कहा कि कैसे राहुल महाजन के प्यार में पड़कर उनका दिल टूटा। डिम्पी आगे बात करते हुए कहती हैं कि जब भी मैं अपने जन्मदिन को याद करती हूं तो मुझे बहुत दुख होता है। उन्होंने कई बार अपने जन्मदिन के कुछ सुनहरे पल पूर्व पति राहुल महाजन के साथ बिताए थे। जन्मदिन की यादों पर बात करते हुए डिम्पी निगार को बताती हैं कि इस पर सोचना मेरे लिए एक पीड़ा के समान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59084.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79da0d628069699ec0163e786502f3fdf72e52bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +14 साल से कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे 71 वर्षीय अमिताभ ने अपने आधिकारिक ब्लॉग और ट्विटर हैंडल पर इस संबंध में ट्वीट करते हुए विजेता भाइयों की तस्वीर पोस्ट की। उन्होंने लिखा, Xquot;क्या अद्भुत क्षण है, क्या प्रतिभा और क्या अविश्वसनीय खेल...!Xquot;।बच्चन ने ट्वीट किया, Xquot;केबीसी की खूबसूरती और उत्साह अपने चरम पर है! अद्भुत क्षण।Xquot; शो के निर्माता सिद्धार्थ बसु ने कहा कि जैकपॉट की जीत आनंद का पल था। उन्होंने कहा, Xquot;शो की शुरुआत से हम इस पल का इंतजार कर रहे थे। हमें खुशी है कि अचिन और सार्थक ने अपने ज्ञान और बुद्धि से महाजैकपॉट जीत लिया।Xquot;।विजेता भाइयों को बधाई देते हुए सोनी एंटरटेनमेंट टीवी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट गौरव सेठ ने इस पल को शानदार मौके की संज्ञा दी। दोनों भाइयों का जोड़ी स्पेशल एपिसोड के लिए चयन हुआ था। मई में जोड़ी स्पेशल एपिसोड के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था। Xquot;कौन बनेगा करोड़पतिXquot; शो के कई संस्करणों में जोड़ी स्पेशल एपिसोड का आयोजन पहले भी हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59124.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5172d17f65f5164ec49bd24de5c97f3fca579f19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + टीवी सीरियल में भगवान का रोल निभाने वाले सौरव किसी एक भगवान को नहीं मानते हैं। सौरव ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया, 'मैं मानता हूं कि सबका मालिक एक है। भगवान हर किसी में हर जगह है। भगवान एक होता है। हम बस अपने हिसाब से उसका विभाजन कर देते हैं।'। इस किरदार से सौरव बेहद खुश हैं। बतौर सौरव, 'इस किरदार ने मेरा जीवन बदल दिया है। इस रोल से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है। आजकल मेरा पूरा ध्यान इसी रोल पर है। कई बार तो मैं असल जिंदगी में भी भगवान श्रीकृष्ण की तरह सोचने लगता हूं।' सौरव इस बात से बेहद खुश हैं कि दर्शक उन्हें और इस सीरियल को इतना पसंद करते हैं। । पढ़ें : इस सीरियल ने तोड़े सारे रिकॉर्ड । पढ़ें : बॉलीवुड की खबरें ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59149.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fcd092101e3fa4f56902f24477a5574899a5a89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साउथ अफ्रीका। रियलिटी शो फीयर फैक्टर (खतरों के खिलाड़ी) का अभी आगाज हुआ भी नहीं कि शो में हिस्सा लेने वाले कुछ प्रतियोगियों को चोट लग गई है। । पढ़ें : खतरों से खेलेंगी मुग्धा। मिड डे के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार शो के प्रतियोगी मुग्धा गोडसे और गुरमीत चौधरी घायल हो गए हैं। बताया जाता है कि साउथ अफ्रीका में शो की शूटिंग चल रही है और वहीं स्टंट करते वक्त दोनों घायल हो गए। गुरमीत के नाक और सिर पर चोट आई है, जबकि मुग्धा के चेहरे पर ज्यादा घाव हैं। । पढ़ें : अब गौहर छोड़ देंगी शो। इससे पहले शो के दूसरे प्रतियोगी कुशाल टंडन भी स्टंट्स करते वक्त घायल हो गए थे। शायद वे शो छोड़ चुके हैं। हालांकि उन्होंने कोई स्टंट नहीं किए थे। इस शो को निर्देशक रोहित शेंट्टी होस्ट कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59210.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e2cdcba717fcfa79eb11bf8c12dbce63fd87af4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59210.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + भले ही कुछ दिनों पहले कपिल शर्मा ने ट्वीट करके गुत्थी के शो से अलविदा कहने पर अपनी चुप्पी तोड़ी थी। कपिल ने साफ कहा था कि उनके और गुत्थी के बीच सब कुछ ठीक है, लेकिन अगर गुत्थी को शो में दिक्कतें महसूस हो रहीं हैं तो वे उन्हें जबरदस्ती शो में वापस आने के लिए नहीं कहेंगे,अगर गुत्थी वापस आते हैं तो उनका तहे दिल से स्वागत किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59235.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59f9e816e1749112d9fdd77b3575adc9fac25764 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई। पायल राजपूत साउथ की फिल्मों में काम कर रही हैं। वहां उनकी कुछ फिल्में बनी हैं और एक फिल्म 'इरुवरुअलम' रिलीज होने वाली है। वहां की फिल्मों में उनकी खूब मांग है, तो फिर वे हिंदी धारावाहिक में क्यों दिखने लगीं? पायल राजपूत कहती हैं, 'धारावाहिक 'बहू भी तो बेटी ही है' में मेन लीड रोल इसलिए किया है, क्योंकि मैं हिंदी फिल्मों में आना चाहती हूं। इन दिनों ऐसा देखने को खूब मिल रहा है कि हिंदी धारावाहिकों की हीरोइनें फिल्मों में अच्छा नाम कमा रही हैं। मैं इसी सोच के तहत धारावाहिक की दुनिया में आई हूं। यह मेरा पहला धारावाहिक है।'।पायल राजपूत मूल रूप से दिल्ली के पश्चिम विहार की हैं। उनकी पढ़ाई भी यहीं हुई है। फिर उन्होंने मास कॉम की पढ़ाई की, लेकिन होता वही है जो किस्मत में लिखा होता है। वे आ गई मॉडलिंग की दुनिया में और फिर उन्हें साउथ की फिल्मों में अवसर मिल गया। वे वहां की फिल्मों में बिजी हो गई। अब वे सहारा वन के धारावाहिक 'बहू भी तो बेटी ही है' में सिया की भूमिका निभा रही हैं। इस रोल में ऐसा क्या खास था जिसने पायल को स्वीकारने के लिए मजबूर किया? वे बताती हैं, 'मैं पहले भी बता चुकी हूं कि मेरी इच्छा है हिंदी फिल्मों में काम करने की और इससे अच्छा रास्ता और कोई मुझे समझ में नहीं आ रहा था। इसलिए मैंने ऐसा किया। फिर मैंने देखा कि सिया की भूमिका में वे सारी चीजें हैं जो एक अभिनेत्री को अपनी क्षमता दिखाने के लिए चाहिए होती हैं। मैं सिया का रोल पाकर खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरे काम को लोग पसंद करेंगे।' ।पायल राजपूत अपनी सिया की भूमिका के बारे में और इस धारावाहिक के बारे में बताती हैं, 'दरअसल यह कहानी एक ऐसे सास-बहू की है, जो समय के हिसाब से अपनी-अपनी जगह सही हैं, लेकिन जेनरेशन गैप को समझना और मानना हर कोई नहीं चाहता। ऐसी ही कुछ बातें हैं इस धारावाहिक की कहानी में। सिया की सोच आज की है और उसकी सास की सोच अपने जमाने की है। हालांकि परिवार में नए और पुराने सोच के मायने होते हैं, लेकिन आज के लोग उन बातों को ज्यादा तरजीह नहीं देते। सिया आज की जरूर है लेकिन वह उस जमाने की बातों की भी कद्र करती है। यह बात जब उसकी सास को मालूम होती है, फिर कहीं कोई दिक्कत नहीं आती। कहानी का आधार है गोरखपुर का एक परिवार। वहां की संस्कृति और संस्कार।' ।सिया की भूमिका में अलग क्या है? पायल से इस बारे में बात होती है तो वे कहती हैं, 'मैं अभिनेत्री हूं और एक अभिनेत्री को हर रंग वाली भूमिकाएं चाहिए होती हैं। यह मेरा पहला सीरियल है और सिया यानी रामायण की सीता की भूमिका में कितने रंग हैं, यह सभी जानते हैं। मेरी भूमिका में तमाम रंग हैं और उनको जीने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी। मैं वह सब कर रही हूं और यूनिट के लोग मेरे काम से खुश भी हैं, लेकिन सारी बात आती है दर्शकों की पसंद पर। अगर उन्होंने मुझे पसंद किया, तो समझिए कि नैया पार हो गया।' ।आगे क्या करने का इरादा रखती हैं पायल राजपूत? वे बताती हैं, 'अभी मैंने ऐसा कुछ नहीं सोचा है, लेकिन कुछ काम मेरे पास आ रहे हैं। मैं उन्हें देख रही हूं। फिल्में भी हैं, लेकिन अभी इस बारे में बात फाइनल स्टेज पर जाने के बाद ही कुछ बता सकूंगी। फिलहाल ध्यान इसी धारावाहिक पर है।' ।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59241.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1002caa6c686b86067f9c9d37a771d79f7b44251 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59241.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अगर सोनू निगम पहुंच जाते कपिल के सेट पर तो हो जाता अनर्थ। खबर है कि कपिल शर्मा पर लगभग 60 लाख रुपए का सर्विस टैक्स बकाया है। सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया, 'कपिल ने अपने आयोजकों से तो सर्विस टैक्स की रकम ली हुई है, लेकिन उसे अभी तक जमा नहीं कराया है। इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।'। सन्नी देओल और रामू पर टैक्स विभाग का शिकंजा। बताया जा रहा है कि कपिल शर्मा ने लगभग 60 लाख रुपए सर्विस टैक्स जल्द से जल्द चुकाने का आश्ववासन दिया है। अगर कपिल ने समय पर बकाया सर्विस टैक्स का भुगतान न किया तो उनके बैंक एकाउंट सील किए जा सकते हैं। सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने बॉलीवुड की कई हस्तियों पर अपना शिकंजा कस रखा है। ।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59293.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbcd5bed54a0334a4deb7aa0965f4e5551524fde --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59293.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा में सिर्फ 5 रुपये में जरूरतमंदों को भरपेट भोजन कराने वाले अनूप खन्ना आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अनूप खन्ना ने अपने जन्मदिन पर 21 अगस्त, 2015 को अपनी मां सरोजनी खन्ना और कुछ लोगों के सहयोग से  'दादी की रसोई' की शुरुआत की थी। मां के नाम से ही उन्‍होंने 'दादी की रसोई' का नाम रखा, जो आज देश दुनिया में चर्चित है। शुरुआत में 10 से 12 लोग उनके पास खाना खाने आते थे और अब रोजाना 500 से ज्‍यादा लोग यहां भोजन करते हैं। सितंबर 2019 में अनूप की मां सरोजनी खन्ना का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनकी याद में 'दादी की रसोई' की शुरुआत हुई, जो 7 साल से सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। वह बताते हैं कि अब तो जीवन को लोगों की मदद के लिए समर्पित कर दिया है। ।स्वाभिमान बना रहे इसलिए लेते हैं 5 रुपये।तकरीबन 7 साल से सफलतापूर्वक  'दादी की रसोई' चला रहे अनूप खन्ना कहते हैं कि हमारा इरादा यह था कि जरूरतमंदों को 'दादी की रसोई' के जरिये खाना निश्शुल्क में दिया जाए, लेकिन पांच रुपये लेने के पीछे मकसद ये कि खाने वाले का स्‍वाभिमान बना रहे कि उसने खरीदकर खाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59294.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7906b223d11748fbde893d3f02b8c20c13c57a4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Pooja Singhal झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल रविवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचे। ईडी की टीम ने उनसे देर शाम 5.30 बजे तक पूछताछ की। रवि केजरीवाल कभी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के करीबी हुआ करते थे और पार्टी का पूरा कोष संभालते थे। सूचना है कि ईडी के अधिकारी उनसे झामुमो में आने वाले चंदे के एक-एक पाई का हिसाब ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59309.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f130df4e6944aec5374ec1b86462f77261d3a4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोलन, मनमोहन वशिष्‍ठ। Corona Vaccine Tablet, सबकुछ सही रहा तो कुछ समय में कोरोना वैक्‍सीन की टेबलेट बाजार में आ सकती है। सेंट्रल ड्रग लैब (सीडीएल) कसौली में इसका दूसरे दौर का परीक्षण चल रहा है। हालांकि इसमें अभी कई औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। इसके बाद लोगों को जल्द ही कोरोना वैक्सीन टेबलेट के रूप में भी मिल सकेगी। बेंगलुरु स्थित सिनजिन कंपनी ने इस टेबलेट को अमेरिका से इंपोर्ट लाइसेंस पर लिया है और अब इसको भारत में संयुक्त रूप से तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके सैंपल परीक्षण के लिए सीडीएल कसौली भेजे हैं। फेज दो के परीक्षण के बाद टेबलेट के अन्य परीक्षण होंगे। इसके बाद कंपनी क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के पास लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59319.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ba48b9f46f0b19ac532d296a1f183a4a8e0a144 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59319.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- NATO संगठन का लगातार विस्‍तार हो रहा है। मौजूदा समय में इस संगठन में 30 सदस्य देश हैं। इनमें 28 यूरोपीय और दो उत्तर अमेरिकी देश हैं। इस संगठन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी NATO देशों और उसकी आबादी की रक्षा करना है। NATO के आर्टिकल 5 के मुताबिक, इसके किसी भी सदस्य देश पर हमले को NATO के सभी देशों पर हमला माना जाएगा। + +नाटो ने किया 8,500 सैनिकों को अलर्ट ।रूस यूक्रेन जंग के बाद NATO की पूर्वी सीमाओं को मजबूत करने के लिए अमेरिका ने पोलैंड और रोमानिया में तीन हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए हैं। इसके अलावा 8,500 सैनिकों को अलर्ट पर रखा है। इसके अलावा करीब बीस करोड़ डालर कीमत के हथियार भी नाटो ने यूक्रेन को भेजे हैं, जिनमें जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलें भी शामिल हैं और स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें भी हैं। ब्रिटेन ने यूक्रेन को कम दूरी वाली दो हजार एंटी टैंक मिसाइलें दी हैं। पोलैंड में 350 सैनिक भेजे हैं और इस्टोनिया में अतिरिक्त 900 सैनिक भेजकर अपनी ताकत दोगुना की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59327.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4d35dc518e966acc384f0e7257165bfb4e4e63a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिनलैंड के साथ रूस के दरवाजे पर दोगुनी हो जाएगी नाटो की ताकत। रूस के साथ लंबी भू-सीमा साझा करने वाला फिनलैंड अगर नाटो में शामिल होता है तो रूस के साथ नाटो की सीमा दोगुनी हो जाएगी। यही कारण है कि रूस ने सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि अगर उनका देश युद्ध से पहले नाटो में शामिल हो जाता तो यह युद्ध होता ही नहीं। नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की घोषणा के बाद रूस के साथ उसका तनाव शुरू हुआ था जो आगे चलकर भीषण युद्ध में बदल गया जिसे रूस ने 'सैन्य कार्रवाई' का ही नाम दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59336.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de11271a25326fe41fb81e1aa6f98582a6fe64f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59336.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली, जसवंत ठाकुर। Himachal Pradesh Tourist Places, गर्मियों में घूमने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है। भारत का सबसे खूबसूरत राज्य हिमाचल आपका इंतजार कर रहा है। प्रदेश की खूबसूरती, बर्फ से ढके पहाड़, सुहावना मौसम और आकर्षक जगह से रूबरू होने के लिए हिमाचल का रुख करें। यहां की निर्मल झीलें, ऊंचे पहाड़ प्राचीन मंदिर, प्राचीन बौद्ध मठ पर्यटकों का स्वागत करते हैं। पर्यटक ऊंची-ऊंची घाटियों और पहाड़ियों के साथ हिमाचल की प्राकृतिक खूबसूरती के दीदार कर शांति और सुकून पा सकते हैं। हिमाचल के कुछ एक ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ देखी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59339.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a08c3c99514be68afa22b81c1b9abd400109379d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59339.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। विवाद की शुरुआत के बाद प्रशासनिक कार्रवाई के तहत चार जनवरी वर्ष 1993 के बाद जिलाधिकारी सौरभ चंद्र के निर्देशन में मस्जिद के तीन कमरों में ताले लगाए गए थे। कमरे की दो चाबियां प्रशासन और मुस्लिम पक्ष के पास सुरक्षित थीं। अब मस्जिद के बंद हिस्‍सों का ताला आखिरकार शनिवार को एडवोकेट कमिश्‍नर की कार्रवाई के दौरान खुला तो काफी कुछ अतीत के झरोखों से सुबूतों ने दस्‍तक दी। साक्ष्‍यों की पड़ताल के लिए दोनों पक्षों के 52 सदस्‍य वीडियोग्राफी के लिए पहुंचे और एक एक कर सुबूतों को तलाशने के साथ ही सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक जांच की। ।सुबह छह बजे से ही परिसर और आसपास के क्षेत्र को सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया गया। ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर बने ऊंचे मकानों की छतों पर सुरक्षा बलों की टीम चौकस हो गई ताकि कोई भी एडवोकेट कमिश्‍नर की परिसर में कार्यवाही के दौरान सुरक्षा से खिलवाड़ न कर सके। सभी 52 सदस्‍यों की लिस्‍ट सुरक्षा बलों को सौंप दी गई थी। जांच के बाद ही सभी को परिसर में प्रवेश करने दिया गया। इस दौरान गोपनीयता को बरकरार रखते हुए सभी सदस्‍यों के मोबाइल सहित अन्‍य उपकरणों को गेट पर ही जमा कराया गया तो कुछ लोगों ने विरोध भी किया। लेकिन, सुरक्षा और गोपनीयता का हवाला देते हुए उपकरणों को भीतर नहीं जाने दिया गया। सिर्फ वीडियो रिकार्डिंग का कैमरा और रोशनी के लिए उच्‍च गुणवत्‍ता की टार्च को ही भीतर जाने दिया गया।  ।अदालत के आदेश पर 29 वर्ष चार माह और 10 दिन के बाद ज्ञानवापी परिसर में बंद कमरों और तहखानों को साक्ष्‍य संकलन के लिए वीडियोग्राफी करने के लिए  के तालों को खोला गया तो भीतर सीलन और बदबू भी खूब रही। बाहर निकलकर आए जांच टीम के सदस्‍यों ने जांच के दौरान जो देखा उसे अदालत के निर्देशों के तहत जाहिर तो नहीं किया लेकिन बताया कि -।1- 50 फीसद तक जांच का क्रम शनिवार को पूरा : डीएम वाराणसी।2- तहखानों में भी कई हिस्‍से बने हुए हैं, जिनकी जांच रविवार को भी होगी : हिंदू पक्ष।3- मंदिर होने के साक्ष्यों की पड़ताल की गई : हिंदू पक्ष।4- मुस्लिम पक्ष की ओर से पर्याप्‍त सहयोग मिला ।5- पूरे चार घंटों तक 8-12 बजे तक टीम ने जुटाए साक्ष्‍य।6- मस्जिद परिसर में जांच सार्थक दिशा की ओर ।7- प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद तौहीद ने कहा चाबी हमारे पास थी।8- मस्जिद के भीतर तहखाने की मौजूदगी की पुष्टि।9- परिसर में मंदिर होने के प्रतीकों पर विशेष नजर।10- हिंदू पक्ष जांच और परिणाम को लेकर आशान्वित ।वादी और प्रतिवादी बोले : अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी यानी मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता रईस अहमद ने कहा कि कमीशन की कार्यवाही सौहार्दपूर्ण वातावरण में आंशिक रुप से (लगभग 50 प्रतिशत) संपन्न हुई है। शेष कार्यवाही कल पूरी की जाएगी। सभी का पूरा सहयोग मिला। वहीं वादी पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी व सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि सभी पक्षों का भरपूर सहयोग मिला। किसी पक्ष ने कोई अवरोध उत्पन्न नहीं किया। कार्यवाही सुचारु रूप से संपन्न हो इसके लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा से लेकर मौके पर लाइट, सफाईकर्मियों आदि की उचित व्यवस्था की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59352.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b84830d22c9483514f25377bd0d2616dc3e89497 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59352.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोन नहीं उठाने से परिजनों की बढ़ी चिंता। आशा ने बताया कि उनकी बेटी मधु यहां पर सुबह ही काम करने के लिए आई थी। किसी ने फोन कर इमारत में आग लगने के बारे में बताया। इसके बाद से मधु के मोबाइल पर कई बार फोन किया लेकिन फोन लग ही नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी बहन की बेटी प्रीति व पूनम भी यहां पैकिंग का काम करती थी। उन दोनों का भी पता नहीं लग पा रहा है। इन तीनों के बारे में न तो पुलिसकर्मी बता रहे हैं और न ही फायर कर्मी। पता नहीं क्या होने वाला है। उन्होंने कहा कि यहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग कार्य करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59368.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d470d7c19e27c814e67da7a3a84cd72e0e28d9a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59368.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। दिल्ली मेरे लिए बचपन...जवानी...सुख...दुख...अनुभव सब कुछ है। मेरे बचपन के समय दिल्ली का स्वरूप भी छोटा था, लेकिन जैसे-जैसे इसका स्वरूप बढ़ता गया, इसका मूल भी खोता चला गया। पहले यहां के लोग भी दिलदार हुआ करते थे। मैं स्कूली दिनों में बास्केट बाल का नेशनल प्लेयर था, इसलिए खेल के बहाने खूब घूमने को भी मिलता था। तब साधन और पैसे दोनों कम थे, इसलिए पैदल ही चार-पांच किलोमीटर चल लिया करते थे। उन दिनों की डबल डेकर बस भला किसकी पसंद नहीं होती थी। हमारा घर मोती नगर में था, वहां से इंद्रप्रस्थ डिपो तक 823 नंबर की बस चलती थी, जो कनाट प्लेस से होकर गुजरती थी। उसमें आधी टिकट 30 पैसे और पूरी टिकट 60 पैसे की थी। + +सजाकर चलाते थे फिटफिटया। साढ़े आठ रुपये का महीने का पास बना लेते थे और बस में खूब सैर करते थे। तब एक चार सीटर फिटफिटिया भी चलती थी, जो एनफील्ड बाइक पर होती थी। ज्यादातर फिटफिटिया चलाने वाले लोग गीता कालोनी के होते थे। वह लोग फिटफिटा को बहुत सजाकर रखते थे। उसमें रंग बिरंगे पर्दे , झालर लगे होते थे और टेपरिकार्डर होता था। उस दौर में तांगा और सवारी वाली टैक्सी भी खूब चलती थीं, जो आठ आने सवारी लेते थे। 1990 आते आते यह सब बंद हो गया। यह सब उस दौर की बहुत खुशनुमा यादें हैं। + +नार्थ और साउथ कैंपस में बहुत फासला था।जब हम कालेज के दौर में थे, तब दिल्ली विवि के नार्थ और साउथ कैंपस के बीच बहुत फासला था। साउथ कैंपस के लोग नार्थ कैंपस में आने के लिए तरसते थे। दिल्ली विवि की अच्छी फैकल्टी नार्थ कैंपस में ही थीं, लेकिन 1990 के शुरुआत में कुछ फैकल्टी ने नियमित साउथ कैंपस जाना शुरू दिया क्योंकि तब कुछ नए कोर्स केवल साउथ कैंपस के कालेज को मिले थे। इसलिए छात्र भी कैंपस जाने लगे। कालेज के दिनों में हम सभी राजनीतिक दल के लोग एक साथ बैठा करते थे। तब आज जैसा हाल नहीं था। हमारे मतभेद तो होते थे, लेकिन मन भेद कभी नहीं हुए। कैंपस में एबीवीपी, समाजवादी, एनएसयूआइ के सभी लोग एक दूसरे के नजदीक थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59373.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..892086aab1f497a5cadb536ac19ed5de62bfc3c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोजमैरी स्पाइज्ड ओरेंज स्प्राइट्जर।इस हेल्दी ड्रिंक को तैयार करने के लिए आपको एक चौथाई कप चीनी, रोजमैरी (गुलमेंहदी) की एक बड़ी टहनी, एक चौथाई कप पानी, 180 मिली लीटर संतरे का रस, 60 मिली लीटर सोडा, एक जायफल और जरूरत अनुसार शहद लेना है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक छोटा पैन लें और उसमें एक चम्मच चीनी, रोजमैरी के पत्ते, एक गिलास पानी डालकर हल्की आंच पर पांच मिनट पकाएं। फिर 10 मिनट के लिए ठंडा कर लें। रोजमैरी सीरप तैयार है। 180 मिली लीटर संतरे के रस के साथ रोजमैरी सीरप डाल दें और इसमें बर्फ और पिसा हुआ जायफल मिलाकर शेक कर लें। अब तैयार ड्रिंक को एक गिलास में निकाल लें और ऊपर से सोडा, शहद डाल दें रोजमैरी के पत्तों से गार्निश कर लें। इसे पीने के साथ ही आपकी थकान गायब हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59377.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe92025b62527945fd8692583901d4d70d6d0097 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59377.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। गर्मियों का मौसम आते ही समर वेकेशन पर जाने की प्लानिंग शुरू हो जाती है। किस जगह जाना है, किस जगह नहीं? इसकी एक लंबी लिस्ट तैयार भी हो जाती है। घूमने जाने का एक्साइटमेंट ऐसा रहता है कि कई बार खुशी-खुशी में हम बहुत सारी ऐसी चीजें कर बैठते हैं या बहुत सारी ऐसी चीजें छूट जाती हैं जिनकी जरूरत हमें डेस्टिनेशन पर पहुंचकर महसूस होती है। फिर वहां जाकर या तो महंगे दामों में खरीदना पड़ता है या फिर उस चीज के बिना गुजारा करना पड़ता है। अगर आप भी वेकेशन को बिना किसी प्रॉब्लम के एंजॉय करना चाहते हैं तो ट्रेवल एक्सपर्ट चंचल गुप्ता के बताए टिप्स फॉलो करें। + +3- अकोमोडेशन कैसा हो। वेकेशंस के मोटे खर्चे से बचने के लिए आप रहने की ऐसी जगह का चुनाव करें जो घूमने जाने वाली जगह से दूर ना हो। आजकल ऑनलाइन हर चीज की जानकारी उपलब्ध होती है। कपल्स के लिए अच्छे होटल मिल जाते हैं तो वहीं बुजुर्गों और फैमिली के लिए एक अच्छा अपार्टमेंट भी आप रेंट पर ले सकते हैं। आप चाहें तो उन जगहों पर किसी के घर के मेहमान बन के वहां के लोकल फूड और संस्कृति को भी एंजॉय कर सकते हैं। इसे काउच सर्फिंग कहते हैं। बुकिंग करने से पहले होटल और अपार्टमेंट की रेटिंग देखना ना भूलें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59382.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59382.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..daa0cd945bca78612b26db9dfb5b137e54e8d481 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59382.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों को इसकी ओर आकर्षित करने में उन बैनर-पोस्टरों का भी बड़ा योगदान है जो तंबाकू उत्पादों की बिक्री वाली जगहों पर इसे प्रचारित करने के लिए लगाए जाते हैं। टाफी-चाकलेट जैसे बच्चों की रुचि के उत्पादों के बीच तंबाकू उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके अलावा, कई अध्ययनों से यह पता चला है कि इन आउटलेट्स पर तंबाकू उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले पोस्टरों का आकार काफी बड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59389.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67c6297c1b379480a4b9aacb300ec2316af4d7a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उधर, बीकानेर में राज्य सरकार के अभिलेखागार में ऐसे दस्तावेज भी उपलब्ध हैं, जिनसे प्रमाणित होता है कि जयपुर रियासत के तत्कालीन महाराजा जय सिंह को फरमान जारी कर आमेर, मकराना और राजनगर की खदानों (खान) से संगमरमर भेजने के लिए कहा गया था । नौ सितंबर,1632 में शाहजहां की ओर से जय सिंह को आमेर की नई खान से संगमरमर निकालने के लिए मुलूकशाह को भेजने के लिए कहा गया था। फरमान में पूर्व राजपरिवार को ताजमहल निर्माण के लिए मजदूर और वाहन उपलब्ध करवाने के लिए भी कहा गया था। शाहजहां ने फरमान की अवहेलना नहीं होने के निर्देश भी दिए थे । 21 जून,1637 को लिखे फरमान में शाहजहां ने जय सिंह को निर्देश दिए थे कि आमेर और राजनगर में पत्थर काटने वालों को बिल्कुल ही नहीं रोका जाए। जानकारी के अनुसार, ताजमहल को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राजस्थान सरकर में पुरातत्व विभाग के अधिकारी भी दस्तावेज खंगालने में जुट गए हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59396.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26b32eee3c9094828f8b1f038c19321c12cf3733 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बढ़ती महंगाई से हर कोई इन दिनों परेशान है, लेकिन इसका सबसे अधिक असर निम्न व मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल से लेकर खाद्य तेल के दाम भी आसमान पर चढ़ते जा रहे हैं। इससे लोगों पर महंगाई का भार बढ़ता जा रहा है। खासकर मध्य वर्ग पर ज्यादा महंगाई की मार पड़ रही है। ।मेरे पति निजी कंपनी में नौकरी करते हैं और मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हूं। हम दोनों की मासिक कमाई 35-40 हजार रुपये है। इसके बावजूद घर का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। जहां पहले घर में एक दिन में ढाई लीटर दूध का उपयोग होता था, लेकिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए केवल डेढ़ लीटर दूध लाना पड़ रहा है। -ममता गुप्ता, निवासी, पहाड़गंज।पति का अपना बिजनेस है, लेकिन महंगाई बढ़ने से उनका कारोबार पहले की तरह नहीं रहा। कमाई पहले से काफी घट गई है। इससे परिवार चलाने में मुसीबत बढ़ती जा रही है। -निधि, निवासी, पहाड़गंज।हर चीज के दाम बढ़ गए हैं। दाल से लेकर सब्जी और रसोई गैस के दाम तो हजार के करीब हो गए हैं। जहां पहले घर में अलग-अलग व्यंजन बनाते थे, लेकिन अब सबके लिए एक ही तरह का खाना बन रहा है। -चेतना सोलंकी, इंद्रलोक, निवासी।घर में पति अकेले कमाने वाले हैं। पहले घर का खर्च 15 से 16 हजार रुपये में पूरा हो जाता था, लेकिन बढ़ती महंगाई ने घर का बजट ही बिगाड़ दिया है। अब 20 से 22 हजार रुपये भी घर के खर्च के लिए कम पड़ रहे हैं। अगर इसी तरह महंगाई बढ़ती गई तो आने वाले दिनों में मुझे भी पिता का साथ देने के लिए काम करना होगा। - दीपिका, निवासी, त्रिनगर वेतन उतना ही है, लेकिन चीजों के दाम रुला रहे हैं। जहां पहले परिवार के साथ मनोरंजन के साथ माह में तीन से चार बार लंच व डिनर करने जाते थे, महंगाई के चलते अब मुश्किल से जा पा रहे हैं। -जगदीश तोमर, निवासी, मंदिर मार्ग।महंगाई ने कमर तोड़ दी है। जहां पहले मामूली ढाबे में 40 से 50 रुपये की खाने की थाली मिल जाती थी, आज वही थाली 70 से 80 रुपये की हो गई है। अगर बाहर खाने के बारे में सोचते भी है तो कई बार सोचना पड़ता है। -कंवलजीत, निवासी, गोल मार्केट।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_594.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_594.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1a563c1baa6f516dbe37f182b41d7ef3d5226d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_594.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सारा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर लगातार फैंस के रिएक्शन भी आ रह हैं। इस पर एक यूजर कमेंट करते हुए लिखता है, 'कभी कभी सच में यह सब बर्दाश्त के बाहर ही होता है।' एक दूसरे यूजर का कहना है, 'ये पैप्स कई बार ऐसी चीजें कर देते हैं कि लोग ना चाहकर भी रिएक्शन देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।' वहीं एक ने​ लिखा, 'वो सच में बहुत प्यारी हैं ... उसे धक्का दिया गया लेकिन फिर भी विनम्रता से मना कर दिया।'।वर्क फ्रंट की बात करें तो सारा अली खान को आखिरी दफा आनंद एल राय की फिल्म 'अतरंगी रे' में नजर आईं थीं। वहीं अब वो जल्द ही लक्ष्मण उतेकर की अनटाइटल्ड फिल्म में लीड रोल निभाने वाली हैं। इसमें उनके अपोजिट विकी कौशल होंगे। इसके अलावा सारा को 'नखरेवाली', 'गैसलाइट' और 'द इम्मॉर्टल ऑफ अश्वत्थामा' में देखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59423.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6084147ea89b6912cb282f1f36ac820518405870 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59423.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हाथरस, जागरण संवाददाता। 14 मई को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में वादों के निस्तारण के संबंध में बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस दौरान ज्‍यादा से ज्‍यादा समस्‍याओं का निस्‍तारण किया जाय। इसके लिए प्रचार प्रसार भी किया जाएगा।  ।वेबसाइट के जरिए भी जमा कर सकते हैं चालान।अपर जनपद न्यायाधीश, नोडल अधिकारी जेबा मजीद ने जनपद हाथरस की जनता से अपील करते हुए कहा है कि लघु आपराधिक वादों में चालान की धनराशि ई-पेमेंट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक में चालान के माध्यम से पावर ज्योति खाता संख्या-34893052142 में भी जमा की जा सकती हैं तथा जिसकी रसीद सम्बन्धित न्यायालय से प्राप्त की जा सकती है अथवा यातायात सम्बन्धी चालानों को वेबसाइट द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान कर घर बैठे ही अपने चालान का निस्तारण करा सकते हैं, जिससे वादकारीगण अपने वाद का निस्तारण कराकर लोक अदालत का लाभ उठाएं। + +वैवाहिक विवादों के निपटारे के लिए शिकायत पेटिका लगवायी गयी।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव चेतना सिंह, ने जनपद हाथरस की जनता को जानकारी देते हुए बताया कि प्रीलिटिगेशन पारिवारिक विवाद हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस द्वारा जनपद हाथरस में जगह-जगह पर वैवाहिक विवादों के निपटारे हेतु शिकायत पेटिका लगवाई गयी है। उन्होंने बताया कि यदि आपके वैवाहिक संबंधों में कटुता है अर्थात् कुछ विवाद चल रहा है और भविष्य में मुकदमे बाजी शुरू होने की संभावना है तो आप तुरंत कार्यालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस अथवा तहसील विधिक सेवा समिति में संपर्क करके अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें अथवा अपना प्रार्थना पत्र शिकायत पेटिका में डाल दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59425.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60786d9275c431a2acab642d49c29973fce8fd5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, नेशनल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून के तहत केस दर्ज करने पर रोक लगा दी है। राजद्रोह कानून के दायरे में आने वाले चर्चित मामले कौन-कौन से हैैं? इस आदेश का विचाराधीन मामलों पर क्या असर पड़ेगा? और किन-किन राज्यों में कितने केस दर्ज हैं?  ।पांच साल में 326 मामले दर्ज।केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 और 2019 के बीच राजद्रोह कानून के तहत कुल 326 मामले दर्ज किए गए। इनमें सबसे ज्यादा असम में 54 मामले दर्ज किए गए। अधिकारियों ने बताया कि दर्ज मामलों में से 141 मामलों में आरोप-पत्र दाखिल किए गए, जबकि छह साल की अवधि में केवल छह लोगों को अपराध के लिए दोषी करार दिया गया। असम में, दर्ज किए गए 54 राजद्रोह मामलों में से 26 मामलों में आरोप-पत्र दायर किए गए और 25 मामलों में परीक्षण पूरा हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59428.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bcd6f35304d06858e206eed3d517ea6872b24d45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, मुकेश मेहरा। Himalayan Vulture, प्रकृति को स्वच्छ रखने का दायित्व निभाने वाले गिद्ध पहले भी उड़ते होंगे... पहले भी शक्तिशाली पंखों को फैला कर अधिकतम रफ्तार यानी 48 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से उड़ते होंगे...इस बार नया यह है कि तकनीक की सहायता से दूरी और स्थान दोनों का पता चला है। एक हिमालयी गिद्ध (हिमालयन ग्रिफिन) मध्य प्रदेश से हिमाचल प्रदेश पहुंच गया। यह पन्ना टाइगर रिजर्व से उड़ा था और 1158 किलोमीटर की दूरी तय कर कुल्लू जिले में विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क आया। नेशनल पार्क के अधिकारियों को यह सूचना पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने दी। इस तरह पहली बार हिमालयन गिद्ध की लंबी उड़ान की लोकेशन ट्रैक की गई है। हिमालयी गिद्ध हर वर्ष नवंबर में पन्ना टाइगर रिजर्व की ओर उड़ान भरते हैं। गर्मी आने के बाद मार्च के अंत या अप्रैल में यह हिमालय की ओर आते हैं। इसी अवधि में पन्ना टाइगर रिजर्व में 25 गिद्धों को फरवरी-2022 में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) ट्रैकर लगाए गए थे। इनमें ईजी-8643, आइवी 8665, 8670, 8671, आरएच 8660, एचजी 8673, 8677, 8654, 6987 शामिल हैं। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में एचजी 8654 नंबर का गिद्ध पहुंचा हैं। अन्य गिद्धों की लोकेशन चीन, नेपाल, एवरेस्ट पर्वत के क्षेत्र व पाकिस्तान में पाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59431.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43449d9dfc50008b049c6a75035d1dfb28f0ed26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरु प्रकाश। पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाई जाएगी। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा समान नागरिक संहिता के पक्ष में सकारात्मक संकेत भी व्यक्त किए जा रहे हैं। इसके बाद से देश के राजनीतिक और अकादमिक वर्ग के बीच इस पर चर्चा जोर पकड़ रही है। उत्तराखंड में तो इस दिशा में पहल भी हो चुकी है। वहां यह एक चुनावी मुद्दा भी बना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59436.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..421bead8339c8ad46d96ce0724673e641a02d850 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59436.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली[संजीव गुप्ता]। यमुना के पानी में जिस अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर दिल्ली को बार-बार परेशानी उठानी पड़ती है, उसके लिए राजधानी का सीवरेज ही नहीं, हरियाणा का औद्योगिक कचरा भी एक बड़ी वजह है। हैरत की बात यह कि यह समस्या दूर करने के लिए पांच सालों में कोई खास प्रयास भी नहीं हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा गठित एक अध्ययन समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2016 से 2020 तक राजधानी में यमुना नदी में अमोनिया से पैदा होने वाले नाइट्रोजन की मात्र में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ। 128 पृष्ठों की यह रिपोर्ट सीपीसीबी ने पिछले सप्ताह ही सार्वजनिक की है। + +रिपोर्ट के मुताबिक ओखला (डाउन स्ट्रीम) में पानी की गुणवत्ता सबसे खराब पाई गई है। वर्ष 2019 में यहां पर बीओडी (बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड) का अधिकतम स्तर 114 तक पहुंच गया था जो नदी के किसी भी अन्य स्थल की तुलना में कई गुना ज्यादा है। बीओडी का स्तर जितना ज्यादा होगा, उसे जैविक तौर पर अपघटित करने के लिए उतनी ही ज्यादा आक्सीजन की जरूरत होगी। पानीपत से शुरू हुआ प्रदूषण का स्तर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के इटावा तक यमुना में बना रहता है। इटावा के बाद अन्य नदियों के मिलन से बीओडी का स्तर कम हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59441.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69aef9beb5f59dbfe75ade36081118119e93fc97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, जेएनएन। मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार आइएएस पूजा सिंघल से पांच दिनों तक ईडी पूछताछ करेगी। अदालत ने ईडी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि, ईडी ने पूजा से पूछताछ के लिए अदालत से 12 दिनों की अनुमति मांगी थी, परंतु पांच दिनों की ही स्‍वीकृति मिली। पूजा को रिमांड पर लेने के लिए ईडी की टीम आज (गुरुवार) 10 बजे रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा पहुंचेगी। पांच दिनों तक पूछताछ के बाद पूजा सिंघल को 16 मई को फिर से अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59442.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..712611ce42e62ee07448fbaef4a8feb89f9240a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59442.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, [जागरण स्‍पेशल]। Jharkhand Latest News झारखंड में सियासी संकट की स्थिति है। एक तरफ चुनाव आयोग से खदान लीज मामले में कार्रवाई की चेतावनी के बाद मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन पर अयोग्‍यता का खतरा मंडरा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बीते दिन झारखंड की सीनियर आइएएस अधिकारी और खान एवं उद्योग विभाग की सचिव पूजा सिंघल के देशभर के 25 ठिकानों पर ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद राज्‍य सरकार भारी दबाव में है। सरकार पर भ्रष्‍टाचार के प्रति नरम रुख रखने के आरोप लग रहे हैं। जनता में भी कोई स्‍पष्‍ट संदेश नहीं होने से असमंजस के हालात बने हैं। चौक-चौराहों पर पक्ष-विपक्ष में जितना मुंह उतनी बातें हो रही हैं। + +भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्‍यू में साफ कहा कि झामुमो की सरकार अब चंद दिनों की मेहमान है। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त हैं। उन्‍हें जाना ही होगा। निशिकांत ने झामुमो के अंत की भी भविष्‍यवाणी कर दी। कहा कि  2022 जेएमएम का अंतिम वर्ष साबित होगा। इसके बाद लोग कहेंगे, एक था झामुमो खंड मुक्ति मोर्चा। जेएमएम में टूट का दावा करते हुए कहा कि यह पार्टी कम से कम पांच भाग में बंटेगी। इसके सभी गुट तीर-धनुष चुनाव चिह्न पर दावा करेंगे, और अंत में भारत निर्वाचन आयोग को इसे फ्रीज करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59448.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a138de30419c902a862ea54456a8b68ba74660e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। अपने इतिहास के सबसे असाधारण राजनीतिक संकट का सामना कर रही कांग्रेस उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी के संगठनात्मक सुधारों को एक निश्चित समयसीमा में कार्यान्वित करने का रोडमैप तय करेगी। पार्टी का मानना है कि जब तक कांग्रेस कमजोर रहेगी, तब तक विपक्ष का गठबंधन मजबूत नहीं बनेगा। इसलिए उदयपुर का सबसे स्पष्ट राजनीतिक संदेश यही होगा कि केवल मजबूत कांग्रेस ही ताकतवर विपक्षी विकल्प की गारंटी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59456.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cafffe1dbef80c9aeb4a8c92c2fb4e26471b0f24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शासन स्तर से आदेश मिलने के बाद जिले में अमृत सरोवर पर काम शुरू हो गया है। मनरेगा के माध्यम से इन पर काम हो रहा है। मजदूर मिट्टी खोदाई का काम कर रहे हैं। जिले के कुल 105 गांव में यह अभियान चल रहा है। डीएम के निर्देश पर यह काम चल रहा है। शासन स्तर से इन सभी तालाबों की सूची मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59475.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17492ca00958fa3da2f23aee24c913a324bf5e89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। भीषण गर्मी और लू से बचाव के लिए घरों की बनावट में सुधार की जरूरत है। घरों को इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए और ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे गर्मी का मुकाबला किया जा सके। इस आशय का दावा सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने पिछले सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक शहरों में घरों की बनावट और सघन आबादी के कारण कंक्रीट के जंगल के निर्माण में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इससे शहरों में ऐसी जगहें बढ़ रही हैं जहां अर्बन हीट आईलैंड का प्रभाव दिख रहा है। ।दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई महानगर में किए गए अध्ययन के आधार पर रिपोर्ट का दावा है कि वहां शहरी क्षेत्रों में दिन का तापमान ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में एक से तीन डिग्री तक ज्यादा दर्ज किया गया, जबकि रात में यह अंतर 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता दिखा। सीएसई के मुताबिक घरों की बनावट और उसके निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री में बदलाव करके घरों को लू और गर्मी से मुकाबला करने में सक्षम बनाया जा सकता है। इससे घरों को ठंडा करने में खर्च होने वाली बिजली भी बचेगी। ।नए भवनों में ऊर्जा लाक-इन को रोकने, पुराने भवनों को गर्म करने वाले वातावरण का सामना करने और ऊर्जा की खपत कम करने के लिए रेट्रोफिटिंग का सहारा लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट बताती है कि मौसम अनुकूल किफायती घर बनाने के मामले में अभी भी जागरूकता का अभाव है। ज्यादातर घर ऐसे बनाए जा रहे हैं कि जहां कम जगह में भी अधिकाधिक आबादी को बसाया जा सके। जलवायु परिवर्तन और महामारी के असर को दरकिनार किया जा रहा है। ।सीएसई के मुताबिक घर बनाते समय शहर की भौगोलिक स्थिति और स्थानीय मौसम को ध्यान में रखना भी जरूरी है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि घरों में आइसोलेशन के लिए कमरों और क्रास वेंटिलेशन की जरूरत सबसे अधिक है। कहीं भी घर इसी तरह से बनाए जाएं कि उनमें अधिक एरोसोल न बनने पाए। यह तभी मुमकिन है, जब घर खुला हो, उसमें ताजी हवा अंदर आ सके। यदि घर में ताजी हवा नहीं आ पा रही है तो ऐसे घरों में अच्छे फिल्टर भी लगाने की जरूरत है। इसके लिए अब दिशा-निर्देश बनाने की जरूरत है। मौजूदा दिशा-निर्देश इन जरूरतों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। खराब तरीके से बने घर हवा से फैलने वाली बीमारियां भी बढ़ाते हैं। ।सीएसई के सुझाव ।साइट ले-आउट प्लान : ।साइट को ध्यान में रखते हुए ही बिल्डिंग के ले-आउट प्लान बनने चाहिए। मध्यम ऊंचाई वाली बिल्डिंग इसका बेहतर उदाहरण है। ।बिल्डिंग डिजाइन : ।खिड़कियों को ओपन स्पेस की तरफ बनाना चाहिए। कामन एरिया की तरफ खिड़की बनने से लोग एकांत की तलाश में खिड़कियां बंद रखते हैं। बिल्डिंग को इस तरह डिजाइन किया जाना जाए कि अधिक से अधिक फ्लैट्स को ओपन स्पेस की तरफ खिड़कियां मिलें। खिड़कियों के साइज भी कमरों के साइज के हिसाब से तय करने होंगे, ताकि कमरों के अंदर की हवा ताजी हवा से बदल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59476.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02ceb450ad1ead8f1b0a1f99de38ad3f9a657413 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रधानमंत्री ने जल ही जीवन है के मूल मंत्र को समझा और देश भर के तालाबों को बचाने का आह्वान किया है। पहले लोग पारस्परिक सहयोग से तालाब खोदते थे, लेकिन काफी समय से लोगों ने तालाबों की साफ-सफाई की ओर ध्यान देना बंद कर दिया है, जिस कारण न केवल ये भयंकर रूप से प्रदूषित हो गए, बल्कि इनका पानी पशुओं के पीने अथवा नहाने लायक भी नहीं बचा है। अब जिस तरह से केंद्र में मोदी और हरियाणा में मनोहर लाल की जोड़ी ने तालाबों की हालत में सुधार की बड़ी पहल की है, नि:संदेह निकट भविष्य में उसके अच्छे नतीजे आने वाले हैं। अगर लोग इस अभियान को स्वयं का अभियान बना लें तो शानदार नतीजे आते देर नहीं लगेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59493.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59493.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..406f0cd83da1bce9afe5494f801ed441aa2c5ea5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59493.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, हंसराज सैनी। Pandit Sukh Ram Passed Away, पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का राजनीति सफर चुनौतियों भरा रहा। उनके इस सफर में कई नाजुक दौर भी आए, लेकिन वह पहाड़ की तरह अड़िग खड़े रहे। हर चुनौती का डटकर सामना किया। विकासात्मक सोच के साथ-साथ वह कुशल एवं सख्त प्रशासक के रूप में जाने जाते थे। सदर हलके के तुंगल क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी धनीराम ठाकुर के कहने पर पंडित सुखराम 1962 में राजनीति के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। क्षेत्र की जनता का साथ मिला तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। डा. वाइएस परमार व रामलाल ठाकुर की सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री रहते हुए प्रदेश की जनता के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59497.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe3811bd2aace1184950466b163a93e98fd2c0f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूजा सिंघल से ईडी ने दिनभर की पूछताछ।भ्रष्‍टााचार के संगीन आरोपों में घिरीं झारखंड की खनन और उद्योग सचिव आइएएस पूजा‍ सिंघल से मंगलवार को ईडी ने दिनभर पूछताछ की। समन मिलने के बाद ईडी के रांची कार्यालय में पूजा सिंघल सुबह नाै बजते ही हाजिर हो गई। इस दौरान उन्‍होंने मीडिया के किसी भी सवाल के जवाब नहीं दिए। पूजा यहां अपने पति अभिषेक झा के साथ पहुंची थीं। जानकारी के मुताबिक ईडी ने मनरेगा घोटाले के मामले में उनसे घंटों पूछताछ की। पूजा सिंघल को पति अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार के साथ आमने-सामने बैठाकर सवाल पूछे गए। पूजा ने अपनी ओर से झारखंड सरकार की ओर से दी गई क्‍लीन चिट का हवाला देते हुए खुद को बेकसूर बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59505.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aeb32b376baabd2709381eb6ef1d8e9abb6db85f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59505.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिप डिजाइनिंग के प्रति बढ़ानी होगी जागरूकता : एग्निसिस टेक्नोलाजी के इंजीनियरिंग डायरेक्टर देवेंदर खरी ने बताया कि भारतीय सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को फैबलेस (फैब्रिकेशन लेस) इंडस्ट्री कहा जाता है यानी चिप डिजाइनिंग में हमारे प्रोफेशनल्स का लोहा पूरी दुनिया मानती है। बड़ी-बड़ी वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट में भारतीय पेशेवरों के योगदान को सराहा है। लेकिन जब चिप मैन्युफैक्चरिंग की बात आती है, तो उस पर अभी काफी ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय मैन्युफैक्चरिंग के नाम पर असेंबलिंग अधिक हो रही है। हालांकि, मेड इन इंडिया अभियान और केंद्र सरकार द्वारा भारत को सेमीकंडक्टर हब के रूप में बदलने के प्रयास से भविष्य को लेकर कुछ उम्मीदें जरूर बंधी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59537.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd7d6f396956cf10a67ee38624938e3f8325126b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बौद्ध दर्शन में प्रतीत्य समुत्पाद के सिद्धांत का विशेष महत्त्व है। इसके अनुसार, संसार के सभी पदार्थ या घटनाओं के मूल में कोई न कोई कारण है। जैसे अहंकार का कारण अविद्या है। मनुष्य का वर्तमान जीवन अतीत के कर्मों का फल है, उसी प्रकार वर्तमान जीवन के कर्मों से भविष्य का निर्माण होता है। संसार में कुछ भी अनंत अथवा शाश्वत नहीं है, सब कुछ परिवर्तनशील और क्षणिक है। ।[आध्यात्मिक विषयों के लेखक]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59538.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36bc7c5d0fb29740ab7a411a5a41eb41abc61f89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।पांच साल पहले बदली राह।जींद जिले के गांव ढ़ाबीटेकसिंह में पांच साल पहले इन दोस्तों ने पारंपरिक खेती का मोह छोड़कर अपनी राह बदली थी। इनमें ढ़ाबीटेकसिंह निवासी विनोद, नारायणगढ़ निवासी मिठन लाल सैनी, उझाना निवासी बलिंद्र कुमार, नारायाणनगढ़ निवासी आशोक, ताराचंद व गढ़ी निवासी राजेश शामिल हैं। विनाद और मिठन लाल सैनी ने बताया कि पहले वह सब्जी उगाते थे, लेकिन ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। इसी दौरान एक जानकार ने सुगंधित पौधों की खेती के बारे में बताया तो उन्होंने भी इसी विधा में हाथ आजमाने का मन बनाया और देखते ही देखते यह इन पौधों की खेती भी उन्हें रास आ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59539.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d141138beb7bfd512d15cffb24baf3e4a042285 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अशोक मेहता। जैसे ही नागरिकों के अनुकूल, गरीबों के अनुरूप और जनता की भाषा में न्याय दिलाने के लिए आवाज उठती है, तो इसके विरोध में कई तर्क आने लगते हैं। सबसे बड़ा तर्क होता है कि सर्वोच्च व उच्च न्यायालयों में अन्य प्रदेशों से भी न्यायाधीश आते हैं और उनकी पूरी पढ़ाई व अनुभव अंग्रेजी में ही होता है। इसलिए इनकी भाषा अंग्रेजी ही रहनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59553.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4949cd0fedfd63ad1ea4d29a848e314e3b1a67d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कूटनीतिक लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की फ्रांस, जर्मनी और डेनमार्क की यात्रा काफी अहम है। पीएम मोदी की यूरोपीय देशों की यात्रा ने यह स्‍थापित किया है कि पश्चिमी देशों में भारत की न सिर्फ स्‍वीकार्यता बढ़ी है, बल्कि भारत को एक बड़ी ताकत के रूप में भी देखा जा रहा है। आखिर पीएम मोदी की यूरोपीय देशों की यात्रा के क्‍या बड़े निहितार्थ है? क्‍या इस यात्रा को रूस यूक्रेन जंग से उपजे कूटनीतिक हालात के रूप में देखा जा सकता है? खास बात यह है कि मोदी की पश्चिमी देशों की यात्रा ऐसे समय हो रही है ज‍ब रूस यूक्रेन जंग को लेकर भारत और अमेरिका के बीच दूरी बढ़ी है? क्‍या पीएम मोदी की यात्रा को इस लिहाज से भी देखा जा रहा है?।1- सामरिक मामलों के जानकार प्रो अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि रूस यूक्रेन जंग के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की पश्चिमी देशों की यात्रा के बड़े निहितार्थ हैं। रूस यूक्रेन जंग के दौरान अमेरिका ने लगातार भारत की तटस्‍थता नीति की निंदा की है। इस युद्ध के दौरान भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में कहीं न कहीं एक दूरी बनी है। अमेरिका व उसके समर्थक देश भारत पर लगातार यह दबाव बना रहे हैं कि वह अपनी युद्ध में तटस्‍थता नीति का त्‍याग करे। वह रूस यूक्रेन जंग में भारत के दृष्टिकोण का विरोध कर रहा हैं। हालांकि, भारत का कहना है कि वह युद्ध के खिलाफ है। भारत दोनों देशों के बीच शांति वार्ता का हिमायती है। भारत ने यह भी साफ किया है कि वह जंग के दौरान तटस्‍थता नीति का अनुपालन कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59564.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3d68cfde7d06ceeb88340898a7fa192e23a903d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रैक पर अगला कारिडोर कौन सा होगा, दिल्ली-अलवर या दिल्ली- पानीपत?।- निस्संदेह दिल्ली-अलवर कारिडोर। इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और निर्माण पूर्व गतिविधियों सहित तैयारी भी पूरी कर ली गई है। यूटिलिटी डायवर्जन का काम पूरा होने वाला है। कारिडोर पर सड़क चौड़ीकरण, पाइपलाइनों की शिफ्टिंग और बिजली की हाई टेंशन लाइनों का काम भी चल रहा है। राज्य सरकारों की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। अब केवल केंद्र सरकार की स्वीकृति का इंतजार है। जल्द ही हम लोग इस दिशा में कैबिनेट की मंजूरी के लिए कोशिश करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59576.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fc1972ec80add641fedbf920b86b7e5ecb3c304 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59576.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ईडी ने कहा कि 2005-06 और 2012-13 के बीच पूजा सिंघल ने कुल 13 जीवन बीमा पॉलिसी खरीदीं और 80.81 लाख रुपये प्रीमियम का भुगतान किया। बाद में ये पॉलिसियां समय से पहले बंद कर 84.64 लाख रुपये भंजा लिए गए। एजेंसी ने कहा कि इस राशि में से पूजा सिंघल ने 2015 में सीए सुमन कुमार के खाते में 3.96 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इस फंड से 6.39 लाख रुपये वर्ष 2016 में संतोष क्रशर मेटल के खाते में ट्रांसफर किया गया था। यह फर्म सुमन कुमार का साझेदारी फर्म है। जिसमें सीए के पिता पार्टनर हैं। एजेंसी ने कहा कि 2017 में उसके द्वारा 6.22 लाख रुपये राधेश्याम एक्सप्लोसिव्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को ट्रांसफर किया गया। ईडी ने अदालत को बताया कि तीनों बैंक खाते सीए सुमन कुमार से संबंधित हैं। पूजा सिंघल के व्यक्तिगत खाते से इन खातों में कुल 16.57 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। + +बता दें कि ईडी की जांच मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हो रही है। इसमें जूनियर इंज‍ीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को एजेंसी ने 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने बताया है कि 1 अप्रैल 2008 से 21 मार्च 2011 तक खूंटी जिले में मनरेगा घोटाले में जूनियर इंजीनियर सिन्हा ने पूजा सिंघल को 5 प्रतिशत कमीशन का भुगतान करने की बात स्‍वीकारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59591.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f53ee1687c377ed898aacc70e13db3e189b6d18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59591.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, डिजिटल डेस्क। आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में फंसी आइएएस पूजा सिंघल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उनके दूसरे पति अभिषेक झा का प्लस अस्पताल भी अब सील हो सकता है। यह अस्पताल राजधानी रांची में है। काफी चर्चित अस्पताल माना जाता है। इस अस्पताल का संचालन अभिषेक झा करते हैं। ईडी की टीम ने यहां दो दिनों तक छापेमारी की थी। ऐसी संभावना जताई जा रही कि इस अस्पताल में कालाधन खपाया जाता था। कहा जा रहा कि अस्पताल के निर्माण में कालाधन खपाने संबंधित साक्ष्य ईडी को मिले हैं। हालांकि, ईडी की ओर से अभी तक इसकी घोषणा नहीं की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_596.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6d21207dfef67acc944a1777bf202e5c16fd1f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_596.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सनी लियोनी ने बहुत ही कम वक्त में बॉलीवुड में अपनी एक खास और अलग पहचान बनाई है। बॉलीवुड की फिल्मों में भले ही बेबी डॉल सनी लियोनी ने बतौर अभिनेत्री कम काम किया हो, लेकिन कई फिल्मों में अपने एक आइटम गाने और अपनी अदाओं से उन्होंने लोगों की खूब वाहवाही लूटी। सनी लियोनी को सोशल मीडिया पर भी काफी पसंद किया जाता है, जब भी वह कोई तस्वीर या वीडियो पोस्ट करती हैं तो वह तुरंत ही वायरल हो जाता है। हाल ही में सनी लियोनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें अभिनेत्री नखरे दिखाते हुए नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59633.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b3217dc1171aadc40e85352b7639a7bbe54bc4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रूस-यूक्रेन युद्ध ने भविष्य के युद्धों में आर्थिक हितों पर आघात, बैंकिंग सिस्टम पर प्रतिबंध, सूचना प्रणाली पर साइबर हमलों, अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रभुत्व को युद्ध संचालन नीति के आवश्यक अंगों के रूप में नए सिरे से रेखांकित किया है। जिस प्रकार ड्रोन एवं मिसाइल के द्वारा महत्वपूर्ण संस्थानों तथा धीमी गति से चलने वाले बड़े आकार के टैंक, आर्टिलरी गन, हेलीकाप्टर, युद्धक विमानों, गोला बारूद, हथियारों, रसद आपूर्ति तथा स्वास्थ्य सेवा पर आक्रमण द्वारा उन्हें निष्क्रिय किया गया, वह भी एक गंभीर चिंता का विषय है। अब यह निश्चित है कि भविष्य के युद्ध अतीत में लड़े गए युद्धों के अनुभवों और संरचनाओं के आधार पर नहीं लड़े जा सकते। भविष्य के युद्ध संचालन साइबर खतरों, अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव रहित रोबोटिक प्रणाली और जैविक युद्ध के खिलाफ प्रतिरोध तथा त्वरित कार्रवाई हेतु क्षमता पर आधारित होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59635.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11fe7495ee4a7b632111fb2f3eef0c9a4f44b51c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बात पर दिया कोच पद से इस्तीफा।अंतरराष्ट्रीय स्तर तक किसी खिलाड़ी को न पहुंचाने की ठीस महसूस होने पर उन्होंने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। भदौरिया ने इसके बाद रेलवे इंस्टीट्यूट में सेना भर्ती के लिए युवाओं को फिजिकली फिट रहने की तैयारी देना शुरू किया। इन दिनों प्रतिदिन शाम को बीडी जैन कालेज के मैदान में उनकी क्लास लगती है। इसमें वह युवाओं को सेना की भर्ती व स्पोर्ट्स कोटे में निकलने वाली नौकरियों, ट्रायल के लिए शारीरिक रूप से फिट होने का प्रशिक्षण देते हैं। वर्तमान में भी करीब तीन दर्जन युवा उनसे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59647.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..868021a21be62eb88102ee9ac8e3abdb76fd5371 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनिल तिवारी, सिलीगुड़ी: टी टूरिज्म के लिए विश्व भर में मशहूर बंगाल के दार्जिलिंग जिले के चाय बागान अब सिर्फ दूर से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र नहीं हैं बल्कि अतिथियों को अपने संग रखकर हरी-भरी चाय की खुशबू लेने और हिमालय से जुड़ी पर्वतीय शृंखला देखने का आमंत्रण दे रहे हैं। टी टूरिज्म के इस नए ट्रेंड को बढ़ावा देने में चाय बागान मालिकों के अलावा बड़े-छोटे होटल समूह और स्थानीय लोग भागीदार बने हैं। दरअसल पर्यटकों को टी टूरिज्म का यह नया ट्रेंड इसलिए रास आने लगा है क्योंकि उन्हें अपने बजट के अनुसार बागानों के बीच ताज ग्रुप जैसे बड़े होटल समूह के साथ चाय बागानों और स्थानीय लोगों के होम स्टे उपलब्ध हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59648.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b5494066a79e7e9c1965c39be1d1b889d37c12b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्य बेगम जीनत महल खुद अपने बेटे जवां बख्त के लिए अंग्रेजों से सम्पर्क कर रही थीं, ताकि भविष्य में उसको गद्दी मिल सके। बादशाह जफर का करीबी दोस्त हकीम अहसान उल्लाह खां तो बारूद खाने में विस्फोट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था, जिसमें बहुत लोग मारे गए थे। उसके वहां से निकलते ही विस्फोट हो गया था। वो भी अंग्रेजों से सम्पर्क में था, उसकी सलाह पर ही जफर ने 11 मई को दिल्ली में मेरठ से सिपाहियों के आने पर एक ऊंट सवार आगरा में लेफ्टिनेंट गर्वनर को आगाह करने के लिए रवाना कर दिया था। मिर्जा इलाही बख्श औऱ मौलवी रजब अली का तो सबको पता था कि वो अंग्रेजों के हितों में काम कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59666.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc1df42f6f8360bf9dec68df89827a575f972362 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59666.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मीरा ननद के यहां और सास अपने मायके।धौलपुर के गांव बसई सावंता की रहने वाली मीरा पत्नी संजय जल संकट के चलते आगरा के ब्लाक जगनेर की ग्राम पंचायत चन्दसौरा के नगला पलटू में अपनी रिश्तेदारी में रह रही है। मीरा ने बताया कि पानी का इंतजाम करने में छह से सात घंटे लग जाते हैं। बाकी समय में परिवार की देखभाल करते थे। मीरा ने बताया कि नगला पलटू में ननद सीमा रहती है। पति संजय टाइल्स लगाने का काम करते हैं। परिवार में सात वर्षीय बेटी राधिका व चार वर्ष का बेटा प्रिंस है। वोटर कार्ड वहीं का है। सास फूलवती अपने मायके जगनेर की सीमा पर जिला धौलपुर तहसील सैंपऊ के बड़ा गांव में रह रहीं हैं। + +प्यास बुझाने को गांव लौटी अफसाना।अफसाना बेगम अपने पति कलुआ खान के साथ दौसा (राजस्थान) में रहती थीं। चूड़ी का व्यवसाय करने वाले इस परिवार ने ईदगाह कालोनी के पास, नागौरी मोहल्ला, लालसोट रोड, दौसा में आशियाना बना लिया था। पानी की किल्लत ने जीना मुश्किल कर दिया। पानी के संकट के चलते अब मथुरा के गोवर्धन में आकर रह रही हैं। अफसाना बेगम ने बताया कि दौसा में सात दिन में एक बार पानी आता है। पानी की किल्लत को देखते हुए बच्चों के साथ यहीं रह रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59678.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e02b639370aa83a5712f2bd1faf752f617ebaa8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनसहयोग से संचालित होते पुस्तकालय।सोनू बैंसला ने बताया कि उनके गांव में कई निवासी दिल्ली व उत्तर प्रदेश पुलिस के अलावा सरकारी नौकरी में अच्छे पद पर हैं। ग्राम पाठशाला नाम समूह से सभी नौकरीपेशा लोग जुड़े हुए हैं। विशेष बात यह है कि इस समूह में किसी तरह का पद नहीं है। सोनू के गांव के पुस्तकालय में जब जगह कम पड़ने लगी तो उन्होंने समूह से जुड़े लोगों से सहयोग राशि लेकर आसपास के गांवों में भी पुस्तकालय बनवाए। इसके बाद कारवां बढ़ता चला गया। पिछले दो वर्ष में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान के गांवों में तीन सौ पुस्तकालय बनाए जा चुके हैं। सरकार व राजनीतिक दलों से पुस्तकालयों के लिए सहयोग नहीं लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59693.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5508e4b6b4f35f32bc0354fe16edbd366ede1d51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59693.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देवनागरी में लिखी गई स्क्रिप्ट को पढ़ने से कई एक्टर मना कर देते हैं। कई निर्देशक तो समझ ही नहीं पाते हैं कि हिंदी में क्या लिखा गया है। विंडबना यह है कि हिंदी में बोले गए उन्हीं संवादों से वे करोड़ों दर्शकों के मन में अपनी जगह बनाते हैं, आर्थिक एवं कलात्मक सफलता पाते हैं। यह बिल्कुल उसी तरह का व्यवहार है कि हिंदी बोलकर खाया, कमाया जा सकता है, लेकिन हिंदी को प्रतिष्ठा के साथ अपनाया नहीं जा सकता। पिछले दिनों अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक कार्यक्रम में इसी मुद्दे को लेकर सवाल उठाया था। इस प्रकार उन्होंने बालीवुड की मूल समस्या से लोगों को अवगत कराया है। + +दरअसल बालीवुड की समस्या यह है कि वह अपनी मूल पहचान को भूल गया है। वह हालीवुड को कापी करने के चक्कर में अपनी मौलिकता का नाश कर बैठा है। यही कारण है कि इन दिनों हिंदी में हमें बेहतरीन फिल्में देखने को नहीं मिल पा रही हैं। साथ ही बालीवुड स्वयं को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री कहलाए जाने पर सहज नहीं महसूस कर पा रहा है। हर समाज की अपनी एक भाषा होती है, एक जीवनशैली, संस्कृति और सभ्यता होती है। इसी के ईद-गर्द कहानियां पैदा होती हैं। इन्हीं कहानियों पर फिल्में बनती हैं, लेकिन समस्या तब हो जाती है जब आप अपनी मूल पहचान को स्वीकार नहीं करना चाहते। तब आप दूसरे को अपने से बेहतर मानकर उसकी नकल करने लगते है। बालीवुड की मौजूदा हालत यही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59696.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ee81970dc02296c5069fa64d8da7e62d947c372 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59696.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले कुछ समय से और खासकर यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत के साथ दुनिया भर में जिस तरह महंगाई बढ़ रही है, उसे देखते हुए इसके आसार उभर आए थे कि भारतीय रिजर्व बैंक को समय से पहले हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। आखिरकार ऐसा ही हुआ। जब यह माना जा रहा था कि अगले माह यानी जून में रिजर्व बैंक रेपो रेट में वृद्धि करने को बाध्य हो सकता है, तब उसे एक आकस्मिक बैठक बुलाकर यह फैसला लेना पड़ा। चूंकि रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं, इसलिए अब बैंकों से कर्ज लेना महंगा होगा। इसका असर आम आदमी पर भी पड़ेगा, जो पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59697.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4b2ef883a63eeedf25856b9a0aa2df7fa37b359 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयंतीलाल भंडारी। यूरोपीय देशों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बर्लिन में कहा कि कोविड महामारी के बाद भारत तेज आर्थिक वृद्धि के साथ वैश्विक रिकवरी का महत्वपूर्ण स्तंभ बन रहा है। भारत ने हाल में संयुक्त अरब अमीरात और आस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को मूर्त रूप दिया है। अब भारत ब्रिटेन और उसके अलावा यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए वार्ता में त्वरित प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मतलब है कि वैश्विक व्यापार और कारोबार के लिए भारत के दरवाजे तेजी से खुल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59703.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6841afe0b0019cca20df6b174d44126930589d3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा हमलावर।दरअसल, कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान दो ही राज्य ऐसे बचे हैं, जहां उसकी सरकार है। इसके अलावा झारखंड, तमिलनाडु व महाराष्ट्र में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य की तुलना में राजस्थान एक मात्र बड़ा राज्य बचता है, जहां सरकार की नीतियों के आधार पर वह देश की जनता के सामने जा सकती है। राज्य में हो रही सांप्रदायिक हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा हमलावर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59708.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ee19ed7df83f25ad8b9014a028868d65278ce80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या है एक्‍सपर्ट की राय। 1- वरिष्‍ठ पत्रकार व लेखक अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि भारत में मीडिया अनियंत्रित नहीं है। प्रेस अनियंत्रित नहीं हो इसके लिए भारतीय प्रेस परिषद का गठन किया गया है। हालांकि, परिषद के पास सीमित शक्तियां है। अर्द्ध न्‍यायिक दर्जा प्राप्‍त होने के बावजूद इसके पास सीमित अधिकार है। परिषद कदाचार में लिप्‍त व्‍यक्तियों या इकाइयों की निंदा कर सकती है या चेतावनी दे सकती है। परिषद किसी को दंडित नहीं कर सकती है। प्रिंट मीडिया इसके अभिमत के दायरे के बाहर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59725.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5639903f9748f302d6c583e58b0cc1e5c9646f30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59725.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिजाब मामला महज स्कूलों में पोशाक के नियम का पालन करने का था, लेकिन उसे उलटकर इस रूप में पेश कर दिया गया कि मुस्लिम लड़कियों को साजिश के तहत शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। इस फेक नैरेटिव में असदुद्दीन औवेसी से लेकर मीडिया के एक हिस्से के सुर बिल्कुल एक जैसे रहे-और वह भी तब, जब कनार्टक हाई कोर्ट ने स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी को सही ठहराया। यह फैसला सुनाने वाले तीन जजों में एक मुस्लिम महिला जज भी थीं। जैसे ही यह खबर आई कि जजों को मारने की धमकी दी गई है, वैसे ही नए नैरिटव की तलाश की जाने लगी और वह तब पूरी हो गई कि जब रामनवमी पर देश के कई शहरों और फिर हनुमान जन्मोत्सव पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59736.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52d25b0bc04b22d41eec7b20e3a70827fc898414 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शुरुआती स्तर से ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में सरकार ने अब बालवाटिका से तीसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए नए शैक्षणिक मानक तय किए हैं। बालवाटिका से तीसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाई में निपुण बनाने के लिए फिलहाल जो मानक तय किए गए हैं, उसमें बालवाटिका में पढ़ाई करने वाले बच्चों को अक्षरों को पहचान करना आना चाहिए। साथ ही वे उन्हें ठीक तरह से बोल भी पाएं। उन्हें दो और तीन अक्षरों वाले शब्दों को पढ़ना आना चाहिए। साथ ही दस तक की गिनती आनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59747.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67db62a220cdbc12e5e70c20f7150fedd7c3d38f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, जासं। World Asthma Day 2022 विश्व अस्थमा दिवस पर एशियन मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन और साउथ एशियन मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन सपोर्टेड स्विचऑन फाउंडेशन ने वायु प्रदूषण से अस्थमा को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें हेल्थ और पर्यावरण से जुड़े एक्सपर्ट्स ने अपने आइडिया शेयर किए। स्विचऑन ने बाहरी श्रमिकों पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को लेकर किए गए सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की, रांची और गिरिडीह में 1200 लोगों के कराए गए सर्वे में पाया गया कि व्यवसाय और गरीबी के कारण वायु प्रदूषण ने कैसे लोगों को सांस से जुड़ी समस्याओं से जूझने को मजबूर कर दिया है। इतना ही नहीं लोगों के जनजीवन को भी प्रभावित हो रहा है। बच्चों से लेकर बड़े सभी इससे प्रभावित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59752.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0e26023008ebdc9cca1da2e944296dcea5e4268 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली में आयोजित संयुक्त सम्मेलन की शुरुआत में केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा था, ‘मैं अधिवक्ताओं के संगठनों से अदालतों में न्याय का सहयोग करने वाला अनुकूल माहौल और शालीनता बनाए रखने का अनुरोध करूंगा।’।इधर नाराजगी जताते हुए ममता ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए 15 नामों में से महज एक नाम पर दो महीने बाद केंद्र सरकार ने सहमति दी है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायाधीशों के अनुमोदित पद 72 हैं, लेकिन इस समय 39 न्यायाधीश ही नियुक्त हैं। यानी 33 पद रिक्त हैं। ममता बनर्जी का कहना है कि हाई कोर्ट के अपीलीय पक्ष में 2.15 लाख से अधिक और मूल पक्ष में 18 हजार से अधिक मामले लंबित हैं। दरअसल यही वजह है कि न्याय व्यवस्था को लेकर उनके मन में जो भड़ास है, वह सामने आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59763.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d1f7cb56c621183476ec5ea7c8e22f561db0332 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59763.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नार्वे : दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में नार्वे पहले स्थान पर कायम है। हालांकि, दुनिया में जब भी बात लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आती है तो नार्वे कई वर्षों से सबसे ऊंचे पायदानों पर रहा है। प्रेस की स्‍वतंत्रता के लिए हाल में नार्वे की सरकार ने एक आयोग का गठन किया है। इसका मकसद देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परिस्थितियों की व्यापक समीक्षा करना है। यह आयोग अपने सुझाव व रिपोर्ट सरकार को देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59792.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a90cf7a0f4836f10f9c3e3f3f4e04286469e4bbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59792.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़ में 867 ग्राम पंचायतें।जिले के 12 ब्लाकों में 867 ग्राम पंचायत हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने इन पंचायतों में विकास कार्यों के लिए बजट का खजाना खोल दिया है। ग्राम पंचायतों के साथ ही क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों से भी विकास कार्य कराए जाते हैं, लेकिन अब तक कई ब्लाक व ग्राम पंचाययतों में पंचायती राज विभाग के अफसर -कर्मचारी काम कर रहे थे। इसके चलते गुणवत्ता भी प्रभावित होती थी। अफसर चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाते हैं, लेकिन अब शासन स्तर से गुणवत्ता बनाए रखने को अहम फैसला हुआ है। + +भेजा गया आदेश ।शासन से सभी जिलाधिकारियों और डीपीआरओ को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि पंचायतों में केन्द्रीय और राज्य वित्त आयोग के बजट से निर्माण सामग्री के अलावा ईंधन, स्टेशनरी व अन्य सामग्री तथा सेवाओं की आपूर्ति करवाई जाती है, लेकिन अब इस काम के लिए पंचायतीराज विभाग से जुड़े पदाधिकारियों ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष व सदस्य के नजदीकी रिश्तेदारों को मौका नहीं मिलेगा। इसी तरह जिला पंचायत कर्मी, जिला पंचायतराज अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक, पंचायतीराज विभाग के कर्मचारी व अधिकारी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों या उनके रिश्तेदारों से भी यह काम नहीं करवाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59793.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69df1402fa70cd87a62be978285fc5c8ef470d6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59793.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभी तक की जांच में मुर्तजा के लैपटाप से जाकिर नाइक और आइएस के कट्टरता के वीडियो भी साक्ष्य के तौर पर मिले हैं, जिसे उसकी धार्मिक कट्टरता की पुष्टि के रूप में देखा जा सकता है। इसके साथ ही एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड) यानी आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा आरोपी मुर्तजा के घर पर डाले गए छापे के दौरान जो फोन बरामद किया गया है उसमें कुछ संदिग्ध लोगों के नंबरों के साथ आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट आफइराक एंड सीरिया) के यूरोप और अमेरिका में स्थित विभिन्न आतंकियों के खातों में लाखों रुपये भी भेजे जाने के प्रमाण मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59802.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbbb55fb0c019ab51e002cf144952f6f3c8f3f85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे आया जुगाड़ कार बनाने का विचार। बचपन से ही नवाचार की रुचि रखने वाले शिवपूजन धनाभाव में इंजीनियर बनने का सपना दबाकर बैट गए। इसने पहले रंगाई पुताई का काम सीखा और इसी से गुजारा करने लगा। शौक बढ़ा तो पेंटिंग भी करनी शुरू कर दी। दीवारों पर चित्रकारी व राइटिंग का काम सराहा जा रहा था लेकिन इसमें कमाई न होता देख पांच वर्ष पूर्व उसने वेल्डिंग का काम सीखा और गेट, ग्रिल आदि बनाने लगे। यहीं उसके मन में जुगाड़ कार बनाने का ख्याल आया। ।भाइयों ने दिया खर्च में साथ।इस पर आने वाले खर्च को वहन करने की बारी आई तो उसके भाइयों ने साथ दिया और एक लाख रुपये का इंतजाम हो गया। तीन महीने की कड़ी मेहनत से जुगाड़ृू कार बनकर तैयार हुई। यह पहली बार सड़क पर दौड़ी तो सबने वाह-वाह कर खूब तारीफ की। हौसला बढ़ा तो कार काे और बेहतर मॉडल देने में जुट गया। इसके निर्माण पर सवा लाख रुपये खर्च हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59804.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d051e28f3c2e44b14a93955eb99877771b43778e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59804.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3- उन्‍होंने कहा कि भारत में कुछ मौकों को छोड़कर मीडिया पूरी तरह से आजाद है। खासकर भारतीय संव‍िधान के भाग 18 के अन्‍तर्गत अनुच्‍छेद 352 में युद्ध 352 से अनुच्‍छेद 360 तक आपात उपबंध का प्रावधान है। अनुच्‍छेद 352 में युद्ध, वाह्य आक्रमण एवं सशस्‍त्र विद्रोह के आधार पर राष्‍ट्रपति द्वारा आपात की उद्घोषणा की जाती है। यह आपातकाल की स्थिति है। इस दौरान वाणी एवं अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता, जिसमें प्रेस की स्‍वतंत्रता समाहित है, स्‍थगति रहती है। भारत में 1970 के दशक में इमरजेंसी के दौरान भी भारत में प्रेस की आजादी पर कई प्रतिबंध लगाए गए थे। अगर कुछ अपवादिक स्थितियों को छोड़ दिया जाए तो भारत में प्रेस को पर्याप्‍त आजादी हासिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59805.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac22f74a7952405c1b314fe914a10c720e25e162 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रणय कुमार। किसी भी उदार, जीवंत एवं गतिशील समाज में वांछित एवं युगीन परिवर्तन की प्रक्रिया सतत चलती रहती है। इसमें शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, किंतु दुर्भाग्य से कई दशकों तक देश की सत्ता को नियंत्रित करने वाली शक्तियों ने शिक्षा को वांछित परिवर्तन का वाहक बनाने के बजाय दल एवं विचारधारा विशेष के प्रचार-प्रसार का उपकरण बनाकर रख दिया। शैक्षिक संस्थाओं के शीर्ष पदों पर निष्पक्ष, योग्य एवं अनुभवी विद्वानों-विशेषज्ञों के स्थान पर दल एवं विचारधारा-विशेष के प्रति झुकाव रखने वालों को वरीयता मिलती गई। परिणामस्वरूप संपूर्ण शिक्षा, कला एवं साहित्य जगत ही वैचारिक खेमेबाजी एवं पूर्वाग्रहों का अड्डा बनता चला गया। इस तबके ने शिक्षा सामग्र्री में किसी भी तार्किक परिवर्तन का सदैव विरोध किया है। ताजा हंगामा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा नौवीं से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में आंशिक परिवर्तन पर मचाया जा रहा है। दरअसल बोर्ड ने कक्षा 11वीं और 12वीं के इतिहास एवं राजनीतिशास्त्र के पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध-काल, अफ्रीकी-एशियाई देशों में इस्लामिक साम्राज्य की स्थापना, उदय एवं विस्तार, मुगल दरबार का इतिहास और औद्योगिक क्रांति से जुड़े अध्यायों को हटाने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार कक्षा 10 के पाठ्यक्रम से 'कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव' नामक सामग्री भी हटा ली गई है। अभी तक यह 'खाद्य सुरक्षा' पाठ के अंतर्गत पढ़ाई जा रही थी। इसके साथ ही 'धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति सांप्रदायिकता, पंथनिरपेक्ष राज्य' से फैज अहमद फैज की उर्दू में लिखी दो नज्में भी हटाई गई हैं। 'लोकतंत्र और विविधता' नामक अध्याय भी पाठ्यक्रम से हटा लिया गया है। गणित एवं विज्ञान के पाठ्यक्रम में से भी कुछ अध्याय हटाए गए तो कुछ जोड़े गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59816.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57091fff4696c7c29a1db7ab10fdfdcd534660cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इम्तयाजुद्दीन खां ने कहा अबतक कार्यकाल में दो दर्जन से भी ज्यादा कलेक्टर की सेवा कर चुका हूं लेकिन साहब जैसा पहली बार देखा है। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद भी अपने कर्मी को इतना सम्मान दिया है। यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं जब साहब को घर लेकर जाना चाहा तो वो मेरी ड्राइविंग सीट पर बैठ गए और खुद गाड़ी चलाकर मुझे घर तक छोड़ने आए। उन्होंने मुझे इतना सम्मान दिया, मैं बहुत खुश हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59827.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c43d66dd14f772d1e84f54c8f8b6d8801e60db5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59827.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जस्टिस रमणा ने कहा कि हम सभी संवैधानिक पदाधिकारी हैं और संवैधानिक व्यवस्था का पालन करते हैं। संविधान में राज्य के तीनों अंगों की शक्तियों के बंटवारे का स्पष्ट प्रविधान है। उनके कामकाज, क्षेत्राधिकार और जिम्मेदारियां स्पष्ट हैं। राज्य के तीनों अंग समन्वय के साथ काम करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र की लोकतांत्रिक नींव मजबूत की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59835.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4935604cc01d258929fbaec82d47ef1e99a7dab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59835.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेना ने दिया मुंह तोड़ जवाब : इसके बाद से कश्मीर का इतिहास संघर्षमय रहा है। भारतीय सेना ने आक्रमणकारियों को कश्मीर घाटी से खदेड़ दिया, युद्ध विराम लागू हुआ। विडंबना यह है कि कश्मीर का एक तिहाई भाग पाकिस्तान के कब्जे में चला गया और अब तक उसके कब्जे में है। सुरक्षा परिषद् में दोनों ओर से तर्क-वितर्क होते रहे, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा नियुक्त मध्यस्थ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते रहे, पाकिस्तान युद्ध विराम रेखा का अतिक्रमण करता रहा, सैन्य संगठनों का सदस्य बनकर अपने को शस्त्रों से लैस करता रहा, विभिन्न देशों से सांठ-गांठ करता रहा। अपनी सैन्य शक्ति के घमंड में पांच अगस्त, 1965 को युद्धविराम रेखा को पार करके पाकिस्तानी सैनिक कश्मीर में घुस आए, लेकिन उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा और कश्मीर पर बलपूर्वक अधिकार करने की पाकिस्तानी योजना विफल हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59841.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61fe9a698f590668536d3e8f1e06cd9c6498fdb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59841.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सास और बहू : अक्सर देखने में आता है कि कई बार छोटी-छोटी बातों में सास-बहु में कहा-सुनी होने लगती है या किसी छोटी सी बात पर आपस में बहस होने लगती है। आपस में प्रेम बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि किसी भी बात पर मनमुटाव होने पर दोनों आपसी सामंजस्य से ही उसे हल करने की कोशिश करें। किसी तीसरे को बीच में लाने की कोशिश न करें। यदि कभी आप दोनों को महसूस होता है कि अब आपस में बातचीत नहीं हो सकती है तो ऐसे में किसी ऐसे शख्स को शामिल करें, जो आप दोनों के बीच सेतु बनने का काम करे न कि आप दोनों में दूरी लाने का काम करे। वैसे तो बेहतर रहेगा कि आपस में बैठकर बातचीत के जरिए ही किसी भी मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करें। इससे आप दोनों के बीच प्रेम और विश्वास गहरा होगा साथ ही कोई तीसरा आपके रिश्ते में सेंध लगाने की कोशिश नहीं कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59859.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53224f26cfba9d7e6e4af80e3b1d968119935562 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। स्थिति यह है कि दिल्ली में 10 में से छह केंद्रों का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा। शनिवार को आकाश में बादल छाए रहने की संभावना है। इसके अलावा लू चलने के कारण अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59861.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7e66411fc2fd649c275484c9f00de71243dbe9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59861.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वित्त वर्ष 21-22 में अप्रैल-फरवरी में विभिन्न आयात में होने वाली वृद्धि।वनस्पति तेल ---- 72.19 प्रतिशत।खाद ---- 69 प्रतिशत।पेट्रोलियम पदार्थ ----- 95.72 प्रतिशत।कोयला ----- 86.54 प्रतिशत।(यह बढ़ोतरी वित्त वर्ष 20-21 की समान अवधि के मुकाबले है)।स्रोत: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय।क्या है उपाय।विशेषज्ञों के मुताबिक अपने अतिरिक्त खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को टैक्स दायरे को बढ़ाना होगा या फिर बजटीय प्रविधान के अलावा कर्ज लेना होगा। सरकार का राजस्व नहीं बढ़ने पर राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है या फिर इस पर लगाम के लिए सरकार को खर्च में कटौती करनी पड़ सकती है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59874.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40141fc73bebbc8cb58a5bb18d396cc5abc6ef03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। राजधानी में अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण के खिलाफ मचे हंगामे के बीच मुखर्जी नगर की भाई परमानंद कालोनी को लेकर एक जनहित याचिका पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) की दिल्ली हाई कोर्ट में पेश की गई स्थिति रिपोर्ट हैरान करने वाली है। रिपोर्ट में नगर निगम ने खुद स्वीकार किया है कि पूरी कालोनी अनधिकृत निर्माण से पटी पड़ी है। वहीं, इलाके में विभाग की ओर से किए गए सर्वे के तहत 468 लोगों ने तो घर के सामने सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण कर रैंप, प्लेटफार्म या सीढि़यां बनाई हैं। ।अधिवक्ता तरुण राणा के माध्यम से याचिकाकर्ता देव राज कपूर की याचिका पर एनडीएमसी ने सिविल लाइंस जोन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर संजय शर्मा के माध्यम से स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें एनडीएमसी ने कहा है कि विभाग के पास वर्ष-2012 के उपलब्ध रिकार्ड के तहत कुल 55 संपत्तियों में अवैध निर्माण की कार्रवाई शुरू की गई है, वहीं 700 भवनों में विभिन्न प्रकार से अनधिकृत निर्माण समय-समय पर किया गया है। आवासीय क्षेत्र में भवनों में ग्राउंड फ्लोर पर दुकानों का निर्माण किया गया है, वहीं प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर नगर निगम की अनुमति के बगैर निर्माण किया गया है। इसके अलावा विभाग ने हाई कोर्ट के निर्देश पर 700 भवनों का सर्वे भी किया और अनधिकृत निर्माण से जुड़ी तस्वीरें पेश की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59875.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ecb07d2b3ec3b92d79a8a7a76b974b1d8c24c64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके छोटे भाई विधायक बसंत सोरेन।इस पूरी उठा-पटक के केंद्र में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास हैं। हेमंत सोरेन द्वारा खुद के नाम खनन पट्टा लेने और बसंत सोरेन की एक खनन कंपनी में पार्टनरशिप होने का राज उन्होंने ही खोला है। इससे बौखलाई झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और सरकार में उसकी सहयोगी कांग्रेस उन पर हमलावर है। उनके कार्यकाल के समय के भ्रष्टाचार को सामने लाने की धमकी भी दी जा रही है। उधर, रघुवर दास पलटवार कर रहे हैं। वह कह रहे हैं अगर उन्होंने कोई अनैतिक कृत्य किया है तो सरकार जांच क्यों नहीं करवा रही है? सांच को कोई आंच नहीं। इस बीच उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के खिलाफ भी एक और राज खोला है। उनका दावा है कि कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टाक प्राइवेट लिमिटेड को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित चार औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनका कुल रकबा करीब 12 एकड़ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59891.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..507dcc62163a1a521ab7506b2a2a1b53860281fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतिवर्ष चार लाख से अधिक बिकती है दुर्गा सप्तशती। दुर्गा सप्तशती गीताप्रेस की उन पुस्तकोें में शामिल है, जो सर्वाधिक बिकती हैं। प्रतिवर्ष विभिन्न भाषाओं में इनकी चार लाख से अधिक प्रतियों की बिक्री होती है। पिछले साल 4.67 लाख पुस्तकें बिकी थीं। इनमें सर्वाधिक 4.25 लाख संख्या संस्कृत-हिंदी पुस्तकों की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59897.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6411d43b31052f54359621d89e25aa81522e7472 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59897.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जानिए बिजली कटौती को लेकर क्या है राज्यों का हाल।छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कटौती ज्यादा।राज्य में पिछले करीब एक माह से अघोषित बिजली कटौती बढ़ गई है। ग्रामीण इलाकों में रोजाना दो से ढाई घंटे और शहरी क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में डेढ़ से दो घंटे बिजली काटी जा रही है। रायपुर के औद्योगिक क्षेत्रों उरला, सिलतरा, रावाभांटा आदि में कटौती कुछ ज्यादा है। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग ने कहा है कि यदि यही हाल रहा तो उद्योगों में तालाबंदी की स्थिति पैदा हो सकती है। + +उत्तराखंड में हो रही है दो से ढाई घंटे की बिजली कटौती।उत्तराखंड में बिजली संकट बना हुआ है। गर्मी के कारण बिजली की मांग में भारी वृद्धि हुई है, जबकि उपलब्धता मांग के अनुरूप नहीं है। बाजार से बिजली खरीद के बावजूद बिजली की कमी बनी हुई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों और उद्योगों में दो से ढाई घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कटौती में कमी आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59920.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc6b690478e80e38a805ecfb05c9a911706df188 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मार्जरासन : इसे करने के लिए घुटनों और दोनों हाथों के बल होकर एकदम मेज की स्थिति में आ जाएं। पीठ इस तरह रहे, जैसे मेज का ऊपरी हिस्सा होता है। हथेलियां जमीन में अच्छी तरह चिपकाकर रखें और गर्दन व नजर सामने रखें। अब सांस लेते हुए ठोढ़ी को ऊपर की ओर और सिर को पीछे की ओर ले जाएं। इसके बाद नाभि को जमीन की ओर और कमर के निचले हिस्से को ऊपर की तरफ ले जाएं। अंदर की ओर गहरी सांस लें और फिर इसके विपरीत सांस छोड़ते हुए ठोढ़ी को छाती से लगाएं और पीठ को धनुष आकार में उठाएं। इस स्थिति में सामथ्र्य के हिसाब से बने रहें और फिर मेज वाली स्थिति में आ जाएं। इसका पांच से सात बार अभ्यास करें। धीरे-धीरे सिर दर्द कम होगा और सिर का भारीपन भी जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59922.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66951efa6f0557065d0c645fd365549778f395ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59922.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल के सौंदर्य के आगे ताजनगरी में अन्य स्मारकों की चमक फीकी पड़ रही है। ताजनगरी का पर्यटन और पर्यटक ताजमहल तक सिमटकर रह गए हैं। आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसी विश्व धरोहरें भी पर्यटन मानचित्र पर पिछड़ रही हैं। मार्च, 2022 के अांकड़ों पर नजर डालें तो ताजमहल देखने आए पर्यटकों की संख्या के सापेक्ष करीब 32.37 फीसद पर्यटकों ने आगरा किला निहारा। वहीं, सिकंदरा देखने 4.62 फीसद और फतेहपुर सीकरी में 3.7 फीसद पर्यटक ही पहुंचे। पर्यटन कारोबारी इसकी वजह यहां रात्रि पर्यटन आकर्षण का अभाव और अन्य स्मारकों का उचित प्रचार-प्रसार नहीं किया जाना मानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59924.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f7700397fff378c0357cecba8ae5c6df8d072e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काल करने से पहले इंटरनेट मीडिया से जुटाते हैं पूरी जानकारी।जिन लोगों को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया है उनसे संबंधित तमाम जानकारियां इंटरनेट मीडिया से जुटाई गई थीं। साइट्स पर उनकी ओर से किए गए कमेंट, लाइक्स और मैसेज से पता लगाते हैं कि कौन किसके कितना करीब है। कौन विदेश में रहता है। कौन इस समय कहां है। विजिलेंस मुलाजिम के पिता के विदेश जाने की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59961.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..746b088aa3858ee0a2e72e1cab7c3c5bb6aa4da0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निवेश को लेकर वित्त मंत्री के साथ बातचीत में मुख्य रूप से क्लीन एनर्जी, सेमीकंडक्टर, ग्रीन स्टील, वेस्ट टू एनर्जी एवं कार्बन कैप्चर क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों ने निवेश की दिलचस्पी दिखाई। वित्त मंत्री विश्व बैंक व आइएमएफ की बैठक में हिस्सा लेने अमेरिका गई हुई हैं। इस मौके पर स्टारवुड एनर्जी के सीईओ हिमांशु सक्सेना ने कहा कि हमलोग भारत के अगले चरण के विकास में भागीदारी के लिए तैयार हैं। ब्लूम एनर्जी के सीईओ केआर श्रीधर ने कहा कि अमेरिका अपनी एडवांस तकनीक के साथ भारत में एनर्जी सुरक्षा के लिए काम करने को तैयार है। सेमीकंडक्टर सेक्टर के उद्यमियों ने भी भारत में निवेश व तकनीकी साझेदारी को लेकर दिलचस्पी दिखाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59966.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4403ae11d241b47395f082940a3c443858faa9a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59966.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यही नहीं, इससे पहले कर्ज न चुकाने वाले डिफाल्टर किसानों के गिरफ्तारी के आदेश भी मान सरकार ने विपक्ष और किसान यूनियनों के दबाव में वापस ले लिए। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने इसे कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी आदेश बताया था। ऐसे ही कुछ और मामले हैं जिनमें सरकार बैकफुट पर आ गई। इस इससे अफसरशाही में असमंजस है कि वह फैसले ले या न ले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59975.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58fa613ba29ae16bfe31e7ce63e956de373743d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केजरीवाल ने कहा था-1 अप्रैल के बाद किसान नहीं करेंगे आत्महत्या।गाैरतलब है कि केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दाैरान वादा किया था कि आप सरकार बनने के बाद काेई किसान खुदकुशी नहीं करेगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने हैरानी जाहिर की कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के राज्य में अन्य नेता इस गंभीर विषय पर चुप्पी साधे हुए हैं। पूर्व गृह मंत्री व कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अगर अपने बड़े भाई केजरीवाल से मिल लिए हों तो केंद्र सरकार के पास जाकर गेहूं का झाड़ कम होने का मुद्दा भी उठाएं। गेहूं की पैदावार चार से 8 क्विंटल प्रति एकड़ कम होने से किसान बेहद चिंतित हैं। किसानों को प्रति एकड़ 15,000 से 20 हजार रुपये के नुकसान की आशंका है। जो किसान पहले ही कर्ज के तले दबे हुए हैं वे ज्यादा परेशानी में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59980.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27d2b28d46e1c9caa772907412ce250237b40128 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59980.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डेरे के महंत बाबा दूजपुरी ने बताया कि करीब 500 वर्ष पहले बाबा राजपुरी गांव बाबा लदाना और गांव अटैला के बीच से कहीं जा रहे थे। उस समय आस-पास के कई गांव के भैंस चराने वाले पाली एक स्थान पर हजारों भैंसों को बैठा कर रखते थे। एक दिन उनके पास से बाबा राजपुरी जा रहे थे तो वहां मौजूद भैंस चराने वालों ने कहा कि बाबा यहां से मत जाओ हमारी भैंस बैठी हुई हैं और ये उठ जाएंगी। बाबा राजपुरी ने कहा कि अब ये भैंसें नहीं उठेंगी और इतना कह कर वे वहां से चले गए। + +महंत तोतापुरी की तपोस्थली है डेरा।यह डेरा स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस और उनके गुरु महंत तोतापुरी महाराज की तपो स्थली रहा है। यहां महंत तोतापुरी की समाधि भी है। महंत दूजपुरी ने बताया कि माता हिंगलाज अष्टमी की रात को डेरे में बने मंदिर में आती हैं और वर्षों पुराने जाल के पेड़ पर धागा बांधकर जाती हैं। दशहरा के दिन जाल के पेड़ पर बाबा राजपुरी और माता हिंगलाज की पूजा कर ध्वजा चढ़ाई जाती है। बाबा राजपुरी के देश भर में करीब 365 मठ और डेरे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_59996.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_59996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db8a987fb75cfef11855bbade96322a31878193d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_59996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुरुआती लक्षण होने पर 14 दिन में हो सकेगा उपचार : उनके मुताबिक गठिया के शुरुआती लक्षण पता लगने पर अगर दवा का इस्तेमाल किया जाएगा तो रोग को महज 14 से 20 दिन में ठीक किया जा सकता है। इस दवा को जोड़ों की हड्डियों के बीच मौजूद कार्टिलेज टिश्यू में इंजेक्ट कराया जाएगा। इसके बाद कार्टिलेज फिर से बनने लगेंगे और धीरे-धीरे हड्डियों को घुमाव के लिए जरूरी ऊतकों का स्तर मिल सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60010.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7599384bf10bb5ba3a6eeb0c64f783db7dfd1907 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हेमंत सरकार गिराने या चुनाव कराने के लिए भाजपा सक्रिय नहीं ।पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हटाने के लिए या विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने के लिए सक्रिय नहीं है। भाजपा इन मामलों को नहीं उठा रही है। इस मामले से पार्टी का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि कानून के प्रविधान के तहत मुख्यमंत्री या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी ठेका पट्टा, लीज नहीं ले सकता है। यह भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। भाजपा इस पूरे मामले को लेकर राज्यपाल रेमश बैस से जल्द ही मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60025.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e6ac85f652e47d9d9cc3ca9bca7c28e087e03eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन की गतिविधियों पर भी नजर।सेना, आइटीबीपी व हिमाचल पुलिस ने चीन की गतिविधियों पर भी चौकसी बढ़ा दी है। चीन सीमा के उस पार सड़क, आधारभूत ढांचे का निर्माण पर गतिविधियां बढ़ा रहा है। हिमाचल प्रदेश की चीन के तिब्बत से करीब 240 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा जुड़ी है। किन्नौर और लाहुल स्पीति का काफी बड़ा क्षेत्र चीन से लगता है। दोनों जिलों के 48 गांव इसमें आते हैं। इस संबंध में डीजीपी ने  सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी। चीन की सीमा पार चलाई जा रही गतिविधियों की रिपोर्ट राजभवन को सौंपी थी। इसमें उन्होंने कई सिफारिशेें की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60049.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0e5446e006197cd898aabc912d498e156070641 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बचत का महत्वपूर्ण तरीका।पीएफआरडीए की रिपोर्ट के मुताबिक एपीवाई से इसलिए भी लोग तेजी से जुड़े हैं क्योंकि यह सिर्फ पेंशन स्कीम नहीं है बल्कि बचत का महत्वपूर्ण तरीका है। यह पूरी तरह से जोखिम से मुक्त है क्योंकि सरकार इसकी गारंटी लेती है और पीएफआरडीए इसका नियामक है। तभी मार्च, 2017 में अटल पेंशन योजना से जुड़ने वालों की संख्या सिर्फ 92.9 लाख थी जो इस साल मार्च अंत तक 4.04 करोड़ हो गई। पीएफआरडीए के मुताबिक अटल पेंशन योजना से जुड़ना और निकलना दोनों आसान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60053.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60e97480a02982af2bdcd42930dbc81d085ce3ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 120 किमी दूर स्थित मंजियाली ग्राम पंचायत सड़क से जुड़ी हुई है। यहां साक्षरता दर 95 प्रतिशत है। ग्राम पंचायत के 40 लोग पुलिस, सेना, शिक्षा विभाग व अन्य सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। प्राथमिक और जूनियर विद्यालय ग्रामसभा में ही हैं। खास बात यह कि मंजियाली से किसी भी परिवार ने पलायन नहीं किया। हर परिवार अपने पुश्तैनी व्यवसाय खेती से जुड़ा हुआ है। यही इस ग्राम पंचायत की संपन्नता का आधार है। ग्रामीण टमाटर, मटर, बीन, शिमला मिर्च सहित कई नकदी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। गांव के जगमोहन सिंह रावत, शिवचंद सिंह राणा, गोकुल सिंह राणा व चैतराम सिंह रावत प्रगतिशील किसानों में शामिल हैं। अन्य किसान भी इन ग्रामीणों से प्रेरित हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60065.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43d00ab216f3a03b0e07e0c5c4334d0e1c49e2da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60065.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एएमयू में छात्रों को दी जाती है धार्मिक शिक्षा।एएमयू के धर्मशास्त्र संकाय के सुन्नी थियोलोजी विभाग में छात्रों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है। एमए (मास्टर आफ थियोलाजी) में हिस्ट्री आफ रिलीजन का एक पेपर है। इसमें छात्रों को हिंदू धर्म के अलावा इस्लाम, बौद्ध, ईसाई, यहूदी, सिख, जैन धर्मों के बारे में पढ़ाया जाता है। हिंदू धर्म में छात्रों को अहिंसा, आत्मा, अथर्ववेद, भागवत गीता, महाभारत, रामायण, ऋग्वेद , सामवेद, यजुर्वेद, ब्रह्मा, विष्णु, महेश (त्रिमूर्ति) के अलावा पूजा का महत्व व त्योहारों में होली, दीपावली, दशहरा के बारे में पढ़ाया जाता है। हरिद्वार, प्रयागराज, मथुरा, काशी तीर्थ स्थलों के अलावा गंगा, यमुना, सरयू आदि नदियों के धार्मिक महत्व को भी छात्र समझते हैं। चार आश्रमों में ब्रह्मïचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास का पाठ पढ़ाया जाता है। वर्तमान में 13 विद्यार्थी यह शिक्षा ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60073.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c96b35a66b7555403dc49d3382c9a2886710bf2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60073.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिजिशियन डॉ विश्वदीपक के अनुसार कोरोना को दूर रखने में मास्क सबसे बड़ा हथियार है। लेकिन कई लोग मास्क को गलत तरीके से पहनते हैं, जिससे संक्रमण को न्यौता दे देते हैं। मास्क कोरोना वायरस को रोकने में कितना सक्षम है ये जानना भी बहुत जरूरी है। कई लोग लूज और अनफिट मास्क पहने रहते हैं, इसलिए जरूरी है कि मास्क पूरी तरह फिट हो और अगर कपड़े का मास्क पहन रहे हैं तो डबल मास्क पहनने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60080.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30d85d813b8d80565ba327eed9f24851900a632c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, संस्कृति व भाषा विभागों की कार्य योजना की प्रस्तुति के दौरान आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद शिवाजी के आगरा दौरे पर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। शिवाजी को यहां 99 दिन नजरबंद रहना पड़ा था। इसके बाद वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए बचकर निकल गए थे। हिंदू स्वराज्य की नींव उन्होंने रखी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60082.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ba5a4df03a8a294aea48efa3387fb76bb976acc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60082.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए शुक्रवार का दिन खास बन गया। एक ओर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने चारा घोटाला (Fodder Scam) के डोरांडा कोषागार मामले में जमानत (Bail) दे दी है तो दूसरी ओर नेता बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) की इफ्तार पार्टी में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) शामिल हुए। लालू को जमानत मिलने के साथ आरजेडी की इफ्तार पार्टी की रंगत में निखार आने लगा था। तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को भी न्‍योता दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60090.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4da151d0ec6388a9a66e5b27f5057f3a9a4235c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रमेश कुमार दुबे। एक साल तक चले कृषि कानून विरोधी आंदोलन के चलते भले ही केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े हों, लेकिन अब किसानों को उनकी अहमियत समझ आ रही है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान आज सरकारी खरीद केंद्रों की तुलना में निजी क्षेत्र के कारोबारियों को गेहूं बेचने में प्राथमिकता दे रहे हैं। इन्हीं इलाकों में कृषि कानून विरोधी आंदोलन का ज्यादा जोर था। जहां गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,015 रुपये प्रति क्विंटल है, वहीं व्यापारी प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपये अधिक दाम देकर किसानों के खेत में ही खरीदारी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60097.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70dddbe89ebcad32cb52fb5a84bb567e39c2a690 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये पौधे भी लगाएं।सालभर लगाएं पौधे।हम घर में अगर एयरप्यूरीफायर लगाते हैं तो वह बिजली का उपयोग करते हैं। बिजली का उपयोग होने से भी कार्बनडाईआक्साइड निकलती है। ऐसे में जरूरी है कि एयर प्यूरीफायर लगाने से बचें और वातावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दें। ।वहीं, घर में भी पौधे लगाने चाहिए। इसके लिए ये पौधे लगाते हैं तो इनसे वातावरण तो स्वच्छ होता ही बल्कि घर में मौजूद हानिकारण गैसों को भी यह पौधे सोख लेते हैं। इतना ही नहीं इन पौधों से एकाग्रता बढ़ती है तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60113.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e52a3a64a93365ea77f7c0529f819551bfdd80e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली की जहांगीरपुर में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान पथराव की घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे बने तत्वों की पड़ताल तेज की गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि एटीएस व पुलिस कई जिलों में कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही हैं। जल्द ही अन्य घुसपैठियों को भी बेनकाब किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60130.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96c492940234eab71de918870775863fb983b1a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि जीवन से प्यार है तो धरती की सिसकी भी सुननी होगी और उसकी रक्षा अपने जीवन की रक्षा के लिए करनी होगी। प्रकृति हमारे जीवन की संजीवनी है, भूमि माता है और उसकी रक्षा और देखरेख सभी प्राणियों के लिए लाभकर है। इस दृष्टि से नागरिकों के कर्तव्यों में प्रकृति और धरती के प्रति दायित्वों को विशेष रूप से शामिल करने की जरूरत है। दूसरी ओर प्रकृति के हितों की रक्षा के प्रविधान और मजबूत करने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60133.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..309317a8c60614d8d3d884123bfa58d29112742b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60133.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले से सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती पर राष्ट्र को संबोधित किया। यह संबोधन 400वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम का हिस्सा है। भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी प्रधानमंत्री ने सूर्यास्त के बाद लाल किले से देश को संबोधित किया है। आइये जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की दस बड़ी बातें...।1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले में 400वें प्रकाश पर्व समारोह के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_6014.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_6014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d46d04da6f658a86d5fa6b2d4b55d74367fc737e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_6014.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जारी हुए एक वक्तव्य के अनुसार दोनों जल्द ही शूटिंग के लिए मालदीव में नजर आएंगे। इसके पहले डिस्कवरी पर आने वाले इस शो के निर्माताओं ने अभिनेता अजय देवगन को नए सीजन के आगामी एपिसोड के लिए चुना है। अजय देवगन पहले से ही मालदीव में है। इन टू द वाइल्ड विद बियर ग्रिल्स के पिछले सीजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुपरस्टार रजनीकांत और अक्षय कुमार नजर आए थे। विकी काफी फिटनेस फ्रीक हैं और वह इंस्टाग्राम पर अपने वर्कआउट की पोस्ट शेयर करते रहते हैं। विकी जल्द सरदार उधम सिंह, तख्त और सैम बहादुर में नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60142.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5153014a4678f544f69a64ba7acf84fe827a1fd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60142.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, नवनीत शर्मा। Himachal Pradesh News,  'मेरा भविष्य? वह तो पूरी तरह सुरक्षित है। चार विकल्प हैं मेरे पास। पहला- भारतीय जनता पार्टी में चला जाऊं... दूसरा आम आदमी पार्टी में... तीसरा यह कि चुनाव न लड़ूं और शांति के साथ दाल-रोटी खाता रहूं। चौथा यह कि स्वतंत्र होकर कुछ भी कर लूं। अब आप बताइए कि जिस आदमी के सामने चारों रास्ते खुले हों, उसे और जीने को क्या चाहिए? ऐसा कह, एक लंबी सांस भर कर आलाकमान की स्मृति में छोडऩे वाले यह व्यक्ति हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। उनसे पूछा गया कि जहां आप हैं, वह कोई विकल्प क्यों नहीं है? लेकिन इसका जवाब एक खुश्क मुस्कराहट के भीतर छटपटा कर रह गया। दिल्ली से लेकर कई राज्यों में यही वातावरण है कांग्रेस का। संजीवनी बूटी की अपेक्षा प्रशांत किशोर से की जा रही है। उस पर यह नेता कहते हैं,  'कागज काले करना एक बात है और बूथ तक जाकर कार्यकर्ता में प्राण भरना दूसरी बात। बड़ी बात नहीं यदि पीके औरों को पीछे धकेल आगे बढ़ते हैं तो कई लोग कांग्रेस को छोड़ दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60143.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e986dbfc6809ca8824ff92f930e768bdd9416181 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसएसपी ने दैनिक जागरण से साझा किए अनुभव।21 अप्रैल को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। इस दिन उन्होंने सिविल सेवकों को देश की स्टील फ्रेम कहकर संबोधित किया था। इसके बाद से 21 अप्रैल को राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। एसएसपी ने दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान अपने उन अनुभवों को साझा किया, जिसकी वजह से वह इस सेवा में आए। उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के रहने वाले कलानिधि नैथानी इससे पहले बेंगलुरु में अनुसंधान अभियंता के पद पर थे। एसएसपी कहते हैं कि दफ्तर की गाड़ी में बोरियत महसूस होती थी तो बस में सफर शुरू किया। वहां हर तरह के लोग मिले, जिन्हें देखता था। बात करता था। तभी दिमाग में आया कि लोगों के लिए ही काम करना है। वर्ष 2010 में बतौर आइपीएस चयन हुआ। इसके बाद लखनऊ, गाजियाबाद जैसे बड़े जिलों की जिम्मेदारी संभाली। एसएसपी ने युवाओं से कहा कि इस सेवा में कई आयाम मिलते हैं। समाज के कई वर्गों से लगातार जुड़े रहना एक अलग अनुभव है। लोगों के लिए कार्य करने का अवसर मिलता है, जो खुद में ही कार्य में संतुष्टि है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60144.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f50ed282670b1a00c9da7fae29fe690a4af88760 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जहां बांधा था घोड़ा, वहां आज मौजूद है गुरुद्वारा श्री मोती बाग।पटियाला में स्थित गुरुद्वारा श्री मोती बाग वाले स्थान पर भी गुरु साहिब के चरण पड़े थे। गुरु साहिब सन 1675 में यहां आए थे। इस स्थान एक पेड़ था, जहां गुरु साहिब ने अपने घोड़े को बांधा था। यहां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरुद्वारा साहिब का निर्माण कराया। यहां एक निशान साहिब भी मौजूद है, जो करीब 300 साल पुराना है। यहां भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया गया है। श्री निशान साहिब के पास बैठकर श्रद्धालु पाठ करते हैं। जिस स्थान पर आज गुरुद्वारा बहादुरगढ़ पातशाही नौवीं स्थित है, वहां गुरु साहिब सबसे पहले अपने सेवक सैफुदीन से मिले थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60163.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..176cad7851c9039d4e6cd270141708dd2bda7378 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60163.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिकित्सकों की टीम के अध्ययन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 49 फीसद मरीजों का लिवर अल्कोहल के अधिक सेवन से खराब हुआ, जबकि 26 फीसद मरीजों के लिवर खराब होने का कारण अनियंत्रित वजन या मोटापा था। यह आंकड़ा मोटापे को गंभीरता से न लेने वाले लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। इस अध्ययन में हेपेटाइटिस बी के कारण 12 फीसद और हेपेटाइटिस सी के कारण नौ फीसद लोगों के लिवर खराब होने की बात सामने आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60185.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd376791974a26a46cb69f7815059dfb33405b4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस के राजनीतिक पुनरुत्थान को लेकर प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर सोनिया गांधी की पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया को असंतुष्ट नेता ढकोसला मानते हुए यह भी कह रहे हैं कि इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला। असंतुष्ट खेमा प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल किए जाने के प्रस्ताव के भी खिलाफ है। उसका कहना है कि पार्टी की ध्वस्त हो चुकी जमीन को वापस हासिल करना कोई जादू का खेल नहीं कि एक रणनीतिकार के नुस्खे से अचानक सब कुछ दुरुस्त हो जाए। उनके मुताबिक, कांग्रेस की राजनीतिक वापसी की कुंजी इसके लाखों कार्यकर्ता हैं। मगर दुर्भाग्य है कि जमीन से आ रही आवाजों की अब भी अनदेखी की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60193.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a822d7864784c56eb87d016f3d68f01bf5b8d00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शैक्षिक योग्यता।दिलचस्प यह है कि इंटरनेट मीडिया मैनेजर बनने के लिए किसी विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। फिर भी स्नातक करना अच्छा रहेगा। क्योंकि, कंपनियां अमूमन ग्रेजुएट्स को प्राथमिकता देती हैं। हां, अगर आपके पास मीडिया तथा कम्युनिकेशन, पब्लिक रिलेशन, डिजिटल मार्केटिंग, बिजनेस मैनेजमेंट व मार्केटिंग आदि की डिग्री होगी, तो उससे इस पेशे में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। कई शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे प्रोफेशनल कोर्स आफर किए जा रहे हैं। इसके अलावा, उडेमी, अपग्रेड,सिंपली लर्न जैसे आनलाइन प्लेटफार्म्स से भी कोर्स किए जा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60206.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2e940cbb5e3a53f0627cc958ac7152312c3ab9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खुराक महंगी, दूध का उत्पादन कम।पशुपालकों की माने तो एक भैंस दिन में करीब 15 किलो भूसा खाती है। वहीं खल, चुनी, चापट अलग। भैंस का बच्चा खता है प्रतिदिन करीब पांच किलो भूसा। एक भैंस पर प्रतिदिन करीब 300 से 400 रुपये खर्चा होता है। इस समय खुराक महंगी और दूध का उत्पादन कम हो गया है। कस्बों में दूध का भाव 60 रुपये प्रति लीटर लीटर है। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी दूधिया पशुपालकों से 45-50 रुपये प्रति लीटर दूध ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60211.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc7b6bd2fa9b9c9b47d7bb4df934335091245b69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऊनी वस्त्र तैयार करने वाले संतकबीर नगर में बनने लगा वूलेन और समर होजरी। करीब एक दशक से यहां होजरी का काम हो रहा है। पहले सिर्फ ठंड के मौसम के कपड़े बनते थे, लेकिन इस बीच गर्मी में प्रयोग होने वाले लोवर और टीशर्ट भी तैयार हो रहे हैं। हालांकि गर्मी में प्रयोग होने वाले होजरी कपड़ों का उत्पाद कम है लेकिन उम्मीद है कि कुछ वर्षों में यहां का कारोबार देश के अन्य जगहों को भी टक्ककर देगा। कभी होजरी के कपड़ों के लिए जनपद के बाजार को लुधियाना की तरफ देखना पड़ता था। अब जनपद में भी मुखलिसपुर, मगहर समेत अनेक स्थानों पर होजरी के कपड़ों का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है। बरदहिया बाजार में इसकी झलक दिखाई पड़ रही है। शासन ने होजरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इसे एक जिला एक उत्पाद योजना में भी शामिल किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60212.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f42482916760ba24a5ab95ac369703801f59796 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएस ने फैलाए पांव।बीबीसी की रिपोर्ट में एक महिला का जिक्र है, जो कभी मतांतरण कर इस्लाम अपना चुकी थी और पति के साथ सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आइएस) की आतंकी के तौर पर गोलियां चला रही थी। वह शायद यह घिनौना खेल जारी रखती यदि संघर्ष में पति की मौत के बाद उसका कट्टरपंथ के स्याह पहलुओं से वास्ता न पड़ा होता। एक दिन जार्डन के एक पायलट को जिंदा जलाने के बाद उसे समझ आया कि यह तो उसके मूल धर्म के सिद्धांतों और भावना के खिलाफ है। तब वह वहां से भागकर वापस स्वीडन पहुंची। उसके आइएस आतंकी बनने की कहानी भी बताती है कि कैसे ब्रेनवाश कर तथाकथित इस्लामिक लड़ाके तैयार किए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60234.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1e1598032c035f1e55fd3368dd1273763bc1e5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60234.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्रजबिहारी। आइपीएल लीग नहीं होती तो भारत की तेज गेंदबाजी आक्रमण के सिरमौर जसप्रीत बुमराह की खोज कैसे हुई होती। आइपीएल न होता तो लोगों के बाल काटने वाले सैलून चलाने वाले का बेटा राजस्थान रायल्स के तेज गेंदबाज कुलदीप सेन अपने खेल से परिवार की किस्मत कैसे बदल पाता। ।डीन एल्गर ने केरी पैकर की याद दिला दी। दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट टीम के कप्तान डीन एल्गर चोटी के तेज गेंदबाज कसिगो रबाडा जैसे अपने देश के कई खिलाड़ियों के बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच के बजाय आइपीएल में खेलने से नाराज हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जाएगा। कुछ ऐसा ही वर्ष 1977 में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले देशों के बोर्डो को ऐसी ही चेतावनी देनी पड़ी थी, क्योंकि आस्ट्रेलिया के केरी फ्रांसिस बुलमोर पैकर नाम के एक ‘मीडिया मुगल’ ने इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग, आस्ट्रेलिया के कप्तान इयान चैपल, वेस्ट इंडीज के क्लाइव लायड और पाकिस्तान के इमरान खान सहित चोटी के खिलाड़ियों को मोटी रकम पर साइन किया था और वल्र्ड सीरीज क्रिकेट की घोषणा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60238.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..491d49dbcc3639242d2c74a6c2b7f59e7ed68709 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो उदय नारायण सिंह। बाजार को भाषा की गरिमा या शास्त्रीयता से नहीं, बल्कि भाषा के बोलने वालों से मतलब है। वह उन बोलने वालों को उपभोक्ता मानता है। यही बात अंग्रेजी को मजबूत बनाती है। उसके साथ संभावनाओं के ज्यादा द्वार खुलते हैं। वर्तमान समय का द्वंद्व केंद्रीयता बनाम स्थानीयता का है। इसमें जो शक्तिशाली होगा, वही अपने अस्तित्व की रक्षा कर पाएगा। इसमें अंग्रेजी की ही जीत होती दिखाई देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60243.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a3989af45eb831794e3ec426537678ba26c5f16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनों का छल-कपट।थानेश्वर के वन प्रांतरों में तात्या टोपे और राव साहब पेशवा में मतभेद हो जाने के कारण संबंध विच्छेद हो गए। यहां से राव साहब पेशवा, फिरोजशाह, इमाम अली और अंबापानी सिंरोज (विदिशा) के जंगल में चले गए और तात्या पाड़ौन (गुना) के जंगल में मित्र मान सिंह के पास मदद की उम्मीद से पहुंचे। ‘संघर्षकालीन नेताओं की जीवनियां’ पुस्तक में इस प्रसंग का उल्लेख है- ‘21 जनवरी,1859 को हुए सींकर युद्ध के बाद तात्या के भाग्य का सूर्यास्त हो गया। राव साहब पेशवा और फिरोजशाह उनका साथ छोड़ गए और तात्या चार साथियों को साथ लेकर नरवर राज्य में स्थित पाड़ौन के जंगल में मान सिंह के पास गए। जब फिरंगी सेनानायक तात्या टोपे को मारने अथवा गिरफ्तार करने में सफल न हो सके तो उन्होंने छल-कपट का रास्ता अपनाया। मान सिंह को अंग्रेजों ने उसका राज्य लौटाने का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में ले लिया।’ शिवनारायण द्विवेदी ने ‘1857 के गदर का इतिहास’ में इस घटना के बारे में लिखा है, ‘मान सिंह ने मित्रता से काम नहीं लिया। तात्या को पकड़वाने के लिए वह अंग्रेज सेनापति से सलाह करने लगा।’।पुस्तकों में दर्ज है बयान।मान सिंह ने विश्वासघात कर इस शूरवीर को तीन दिन बाद सात अप्रैल, 1859 की रात पकड़वा दिया। आठ अप्रैल की सुबह सेनापति मीड़ के कैंप में तात्या टोपे को शिवपुरी लाया गया। तात्या टोपे पर राजद्रोह का मुकदमा कायम किया गया। एक फिरंगी अधिकारी के बंगले में फौजी अदालत लगाई गई। जहां सुबह से शाम तक तात्या की पेशी हुई। अदालत के समक्ष तात्या ने 10 अप्रैल,1859 को जो बयान दिया, गवाहों से जो बहस की, वह बहुत ही तर्कसंगत और विद्वतापूर्ण है। तात्या ने बयान में कहा, ‘मुझ पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है, किंतु मैं अंग्रेजों की प्रजा कभी नहीं रहा। मैंने राजद्रोह किया ही नहीं? यहां के राजा पेशवा थे और मैं उनका नौकर। जो कुछ मैंने किया, उनकी आज्ञा से ही किया है, अत: मैं राजद्रोही नहीं राजभक्त हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60244.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e511c9293205137d13db5f177c07f7c6567b4ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- कांटेदार नाशपाती। कांटेदार नाशपाती का जूस हमेशा से ही लिवर के लिए फायदेमंद रहा है। पर इसके लिए आप कांटेदार नाशपाती को ऐसे भी खा सकते हैं। ये लिवर के कई रोगों से बचाने में आपकी मदद कर सकता है। कांटेदार नाशपाती में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और इसके कारण लिवर में होने वाली क्षति से बचाते हैं। इसके अलावा इसका अर्क लिवर एंजाइम्स को तेज करता है और लिवर के काज को तेज करके इसको स्वस्थ बनाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60246.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fe7df7757817bf02a5e79333916228c46a93085 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60246.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे कार्यक्रम निसंदेह जनप्रतिनिधियों और शासन के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाते हैं। अधिकारियों को भय रहता है कि यदि उन्होंने जनसमस्याओं की अनदेखी की तो बात ऊपर तक पहुंच सकती है। यदि जनसमस्याओं की सुनवाई समय रहते हो जाए तो गांवों में फौजदारी के मामले कम हो सकते है। सरकार जिस प्रकार सौ दिन के लिए प्राथमिकताएं तय कर रही है, उसी तर्ज पर मंत्रियों के सौ दिवसीय रिपोर्ट कार्ड को भी जारी किया जाना चाहिए, जिसमें स्पष्ट रहे कि जनता के बीच उन्होंने कितना समय व्यतीत किया। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के कार्य-व्यवहार के लिए जो व्यवस्था तय की है, यदि उसे अमली जामा पहना दिया जाए तो जनता की दिक्कतें दूर होंगी और सरकार की छवि पर भी प्रभाव पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60248.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0243ee93c40575dc95a5140bce78b1423bcea3c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विनोद भारती, अलीगढ़। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन नई लहर की आशंका जताई जाने लगी है। कई राज्यों में नए रोगी निकलने लगे हैं। विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार भी वहीं लोग सर्वाधिक सुरक्षित रहेंगे, जिन्होंने टीकाकरण की दोनों अथवा सतर्कता डोज ले ली है। टीकाकरण शुरू हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। अभी तक सात लाख से अधिक लाभार्थियों ने दूसरी डोज नहीं ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60265.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e796342ae5ff888a90be192311919a11d7071c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शारीरिक रूप से बेशक इंसान कमजोर हो, लेकिन हौसले बुलंद हों तो सफलता निश्चित है। इस बात को बखूबी साबित कर दिखाया है, घोंडा निवासी भक्ति शर्मा ने। भक्ति जन्म से ही ना तो सुन सकती है और ना ही बोल सकती है। साथ ही उनके पैर की मांसपेशियां भी काफी कमजोर है, जिसके कारण वह ठीक से खड़ी तक नहीं हो पाती है। उन्हें इस बात का जरा सा भी मलाल नहीं है, अपनी दिव्यांगता को ताकत बना जिंदगी के मैदान में निशाने दाग पदक जीत रही है। अब तक जहां खेल में प्रदर्शन करने गईं पदक जीतकर ही लौटी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60268.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a349c19df253ea8abb84ba90134bf1a22d3a98ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके 87 साल के ओमप्रकाश चौटाला की सक्रियता में उम्र कोई बाधा नहीं बन रही है। चौटाला न केवल पार्टी के कार्यक्रमों में पूरी तरह से सक्रिय हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में भी निरंतर शामिल हो रहे हैं। पार्टी के किसी भी समर्पित कार्यकर्ता की ओर से आने वाले निमंत्रण को चौटाला नजरअंदाज नहीं करते। चौटाला का यह अंदाज उन्हें कार्यकर्ताओं में अधिक लोकप्रिय बना रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60280.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..375be79c839821a2d8522f41abfed14cc071fc91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गहराई से किया गया शोध, पार्टीशन के विशाल अभिलेखागार से चुनी गई सूचनाएं और यादों के अंतहीन सिलसिले में पिरोई हुई 21 कहानियां गहरे नश्तर सी चुुभती हैं। शरणार्थी बंटवारे के वक्त, सरहद पार अपने घरों से जो वस्तुएं लेकर आए थे, उन्हीं की स्मृति से संजोई इस किताब में पिछली पीढ़ी का संताप, भय, पीड़ा की कथाएं और अपनों से विछोह का दंश- सभी कुछ मिलकर इसे मर्मस्पर्शी बनाते हैं। (यतीन्द्र मिश्र)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60283.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e23cfce8ad2f25623f79a0fa8bc2d92d70c6d1c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, जागरण संवाददाता। अंडर-17 (कैडेट) नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में इसराना के 92 किलोग्राम के पहलवान साहिल जागलान ने चार पहलवानों को हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह प्रतियोगिता 15 से 17 अप्रैल तक झारखंड के रांची में हुई। साहिल ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उनके पिता जसमेर भी कुश्ती करते थे। पिता का सड़क हादसे में देहांत हो गया था। इसके बाद चाचा मीनू ने पूरा सहयोग किया। वह छह साल से कुश्ती का अभ्यास कर रहा है। इस दौरान उन्होंने राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में दो स्वर्ण पदक और नेशनल में एक स्वर्ण व कांस्य पदक जीता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60296.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60296.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d64016b8a5dcd262f1a871c705fa004491e8330e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60296.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह नाड़ी परीक्षण उपकरण तैयार किया है कुशीनगर के बसडीला की रहने वाली इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर काजल श्रीवास्तव ने। चार साल के शोध से बना यह बैंड आयुष चिकित्सकों के साथ किए जा रहे बीटा टेस्ट (रैंडम टेस्ट) में 97 प्रतिशत शुद्धता के साथ काम कर रहा है। इसके क्लीनिकल ट्रायल के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से वार्ता चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60305.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f15fbf694ba31fc027aec138eb265cc5af89055c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशासन बाबू भी कहा जाता है। दरअसल जब वह सत्ता में आए तो प्रदेश की बदहाल व्यवस्था को ठीक करके उन्होंने यह नाम कमाया। लेकिन कसे पेच धीरे-धीरे इस कदर ढीले हो चले कि खुद मुख्यमंत्री ही इसकी चपेट में आ गए। बुधवार को अपने पुराने संसदीय क्षेत्र नालंदा के सिलाव क्षेत्र में वह लोगों से मिल रहे थे कि उनसे पांच फीट की दूरी पर एक युवक ने पटाखा फोड़ दिया। बाद में युवक को जमकर पीटा गया और जेल भेजा गया, यह अलग बात है। असल तो यह है कि 16 दिनों में उनके साथ यह दूसरी बार हुआ। पहले उनके गृह प्रखंड में ही एक युवक पूरी सुरक्षा व्यवस्था भेदकर उन्हें धकिया कर चला गया। मुख्यमंत्री के साथ हुई ये घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं कि जब मुख्यमंत्री के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी की क्या बिसात?।इन घटनाओं के अलावा मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी आने वाली शिकायतों ने नीतीश की आंखें खोली हैं। इसलिए पेच कसने के लिए उन्होंने हर बार से अलग तरीका चुना है। पंचायत स्तर तक सरकारी योजनाओं की जांच के लिए टीम गठित कर औचक जांच करवाना शुरू कर दिया है, जो 13 मानकों पर हो रही हैं। इसमें हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की नाली, पंचायत स्तर के स्कूलों की स्थिति, छात्रवासों की स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति, आंगनबाड़ी केंद्रों, सभी प्रकार की वृद्धावस्था पेंशन, जन वितरण प्रणाली, ग्रामीण सड़कों की स्थिति, भंडारण केंद्र, मनरेगा योजनाएं, पंचायत सरकार भवन एवं भूमि-राजस्व से जुड़े मामलों की स्थिति शामिल है। इस जांच में जिला स्तर से लेकर अनुमंडल स्तर के पदाधिकारी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60316.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54b860aac17ff97c2702b0dd2d74d9dfa63dcfe4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खेल निदेशालय से आ सकती है जांच टीम।जेम पोर्टल पर मेसर्स मुमताज खान एंड कंपनी, पीर बहादुर अतरौली के जरिये पिच रोलर की खरीद की गई। स्टेडियम में जेम पोर्टल से खरीद की प्रक्रिया क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी रानी प्रकाश के निर्देशन व निगरानी में होती है, मगर आइडी डिप्टी स्‍पोर्ट्स आफिसर विजय सिंह की उपयोग होती है। मार्च के मध्य में खरीदे गए पिच रोलर की खरीद होने के बाद भी अधिकारी अनजान रहे। इसका सत्यापन डिप्टी स्‍पोर्ट्स आफिसर ने किया तो पूरे खेल का पर्दाफाश हो गया। खामी मानते हुए क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी ने मुमताज खान एंड कंपनी को मार्च में नोटिस जारी कर तीन दिन में रोलर बदलने को कहा। वैधानिक कार्रवाई करने की बात भी लिखी गई। मगर 15 अप्रैल तक पिच रोलर स्टेडियम में ही खड़ा था। अब इस प्रकरण की शिकायत खेल निदेशक उत्तर प्रदेश से की गई है। खेल निदेशालय से जांच टीम आने की संभावना जताई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_6034.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_6034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a6d664ace8b18df8f86472356813db2efbac82e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_6034.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन वीडियो को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए शेयर करते हुए यामी ने कैप्शन में लिखा, 'मुझे हॉरर फिल्में बेहद पसंद हैं, जिसके कारण भूत पुलिस में मैंने ये किरदार निभाया है। हालांकि ये सबकुछ करना मेरे लिए आसान नहीं था। मुझे तैयार होने में तीन घंटे लग जाते थे और 45 मिनट इस रोल से बाहर निकलने में लगते थे। हर रोज मैं नंगे पैर शूटिंग करती थी, तारों के बीच में। हिमाचल में रातें काफी ठंडी होती है। गर्दन में चोट लगी हुई थी, लेकिन फिर भी मैं खुद चीजें करना चाहती थी और योग प्रैक्टिस ने मुझे ऐसा करने में काफी मदद की है।'।आगे यामी लिखती हैं, 'मैं योग में प्रोफेशनल होना चाहती थी, लेकिन शायद पेंडेमिक को मंजूर नहीं था। मैं सेट पर जितना कर पाती थी, बस उतना ही करती थी। यह कुछ ऐसे चैलेंजेज हैं जो मेरे प्रोफेशन के साथ आते हैं, जिसे मैं बेहद पसंद करती हूं और मैं इन्हें बार-बार अपनाऊंगी। आप सभी का शुक्रिया मुझे इतना सारा प्यार देने के लिए। यह दर्द मेरे लिए काफी अहमियत रखता है और रखेगा।' यामी की इस पोस्ट पर उनके फैंस कमेंट कर उनकी जमकर सराहना कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60356.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cacb7ca95db1dc646286efcf167e1dee19999b89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60356.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली में अब 60 से ज्यादा ऐसी जगहें, जहां गर्मी ज्यादा। दिल्ली में ऐसे कम से कम 60 अर्बन हीट आइलैंड हैं। प्रो. मंजू मोहन ने बताया कि हमने 2009 में एक अध्ययन किया था। उसमें पाया था कि दिल्ली के प्रमुख अर्बन हीट आइलैंड्स में चांदनी चौक, भीकाजी कामा प्लेस और कनाट प्लेस हैं। वहीं, बुद्ध जयंती पार्क व संजय पार्क कोल्ड स्पाट, यानी अपेक्षाकृत ठंडे मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60363.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b46a59887be53a843db7fc63d9d97db766117385 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने यह भी बताया कि हिंदुओं में शादी विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य शुभ मुहूर्त के अनुसार ही किए जाते हैं। गुरु और शुक्र का तारा अस्त होने की स्थिति शुभ कार्य वर्जित होता है। पंचांक के अनुसार, खरमास समापन से लेकर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 अप्रैल (बृहस्पतिवार) की सुबह करीब 8 बजकर 56 मिनट पर हो चुका है। इसके बाद शुभ कार्य किया जा सकता है। ।अप्रैल महीने में हैं कुल 6 शुभ मुहूर्त, बजेगा बैंड बाजा। पंचांग के अनुसार, अप्रैल महीने में शादी-विवाह समेत अन्य शुभ कार्यों के लिए कुल 6 शुभ मुहूर्त हैं। वहीं, आगामी 17 अप्रैल (रविवार) से शादी-विवाह समेत अन्य कार्यों के लिए मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। फिर 19 अप्रैल, 21 अप्रैल, 22 अप्रैल, 23 अप्रैल और महीने के आखिर में 28 अप्रैल को शादी के लिए शुभ मुहूर्त है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60371.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08eb08223683bc989b6e910a0974670ba4e15cd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाथरस, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए आनलाइन निगरानी भी रखी जा रही है। शायद इस बात को जानकर आपको हैरानी होगी कि इन विद्यालयों के अक्षांश और देशांतर के माध्यम से लखनऊ में बैठकर अफसर आनलाइन निगरानी कर रहे हैं। इससे विद्यालय के भवन के साथ उसके रखरखाव, पढ़ाई और स्टाफ व बच्‍चों की जानकारी भी की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60372.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fa76afc4a9d417581362b6996451da1a4aac804 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता वरुण धवन गुरुवार को अचानक कानपुर की गलियों में ब्लू शर्ट में बुलेट दौड़ाते नजर आए तो एक बारगी शहरवासी अचंभित हो गए। पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन फिल्म का सेट और शूटिंग देखकर भीड़ लगनी शुरू हो गई। दरअसल, वरुण धवन अपनी आने वाली फिल्म की शूटिंग करने कानपुर आए, जहां टीम ने सेट लगाया था। शूटिंग का कार्यक्रम इतनी जल्दी तय हुआ कि पहले से किसी को खबर ही नहीं हुई। ।गुरुवार की सुबह आठ बजे दुकानें अभी खुल ही रही थीं कि अचानक एक गली में फिल्म का सेट बनाया जाने लगा। पहले तो लोग कुछ समझ नहीं पाए लेकिन जब बुलेट पर ब्लू शर्ट पहनकर सिने अभिनेता वरुण धवन निकले तो देखने वाले भी अचंभा खा गए। फिल्म की शूटिंग के बारे में पता चला तो दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन पर जानकारी देने लगे। कुछ ही देर में लोगों की भीड़ लग गई, हालांकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले से पुलिस और सुरक्षा कर्मी तैनात थे। ।मशहूर बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन की आने वाली फिल्म बवाल की शूटिंग चल रही है। इसमें लखनऊ के आनंदबाग की संकरी गलियों का दृश्य भी है, जिसकी शूटिंग लखनऊ में होनी थी। लेकिन, लखनऊ प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण आनंबाग की संकरी गलियों की शूटिंग के लिए कानपुर को चुना गया और यहां परमीशन के बाद गुरुवार की सुबह शूटिंग शुरू हुई है। सुबह पहुंची टीम ने सेट तैयार किया और फिर बुलेट पर सवार वरुण धवन नीली शर्ट में निकले। शूटिंग स्थल पर वरुण धवन ने बाइक से फर्राटा भरा और लेनिन पार्क तक बाइक से घूमकर आए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स मुस्तैद रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60373.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fec2b3d8a76cdeaa0f1a909cc577c323ebdf5ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। बिहार के मुजफ्फरपुर सहित 12 जिलों में हर साल कहर ढाने वाले बीमारी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome or AES) या चमकी बुखार (Chamaki Fever) की बीमारी ने गर्मी बढ़ने के साथ दस्‍तक दे दी है। इससे निपटने की तैयारियों में स्वास्थ्य विभाग (Department of Health) जुट गया है। बीमारी के केंद्र मुजफ्फरपुर में तैयारियों को नाकाफी पाकर वहां के सिविल सजर्न डा. वीरेंद्र कुमार को निलंबित भी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि सरकार इस बीमारी से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर क्‍या है यह बीमारी और क्‍या हैं इससे बचाव के उपाय। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60384.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c1ada9bd72b10c3101358fa3e07a48127373549 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उमेश चतुर्वेदी। वर्ष 1937 में तत्कालीन मद्रास प्रांत में हिंदी को लागू करने के विरोध की जो राजनीति शुरू हुई, वह अब तक जारी है। इसी विरोध की आड़ में हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा के तौर पर स्थापित करने के गांधी जी के विचार को तिलांजलि दे दी गई। उसके बाद जब भी हिंदी को अंग्रेजी की जगह देश की संपर्क भाषा बताने की बात होती है, तब विशेषकर दक्षिण भारत के तमिलनाडु से राजनीतिक विरोध शुरू हो जाता है। गत दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजभाषा संसदीय समिति की बैठक में हिंदी को अंग्रेजी की जगह संपर्क भाषा के तौर पर अपनाने की बात क्या कही, एक बार फिर पहले की ही तरह हिंदी का विरोध शुरू हो गया है। हिंदी विरोध की इस राजनीति को मोदी विरोध के हथियार के तौर पर भी स्वीकार कर लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60388.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e38804bc60af0a93fb72bfdc5bc9434b8209472 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज कुछ बुद्धिजीवियों और मीडिया पर सेक्युलरिज्म का ऐसा नशा चढ़ा है कि जो कोई भी हिंदू हितों की बात करता है, उसे लांछित करने की कोशिश की जाती है। सबसे चिंता की बात यह है कि इस प्रवृत्ति से हिंदुओं और मुस्लिमों का आपसी भाईचारा, सामाजिक संबंध और पारस्परिक विमर्श प्रभावित हो रहा है। यह एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या के रूप में उभर रहा है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बहुत देर हो जाएगी। राजनीतिक दलों को इसे समझने की जरूरत है और अपने निहित स्वार्थो के लिए समाज और देश के दूरगामी हितों की बलि नहीं देनी है। कश्मीर की फिजा में कैसे हिंदू-मुस्लिम सौहार्द की किलकारी गूंजे, इस पर राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर सभी को मिलकर काम करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60389.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e91d03aac78476dec92d2fc02954d5ef59cb8cd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. आंबेडकर पहली बार 10 मार्च, 1946 को शहर के एमजी रोड स्थित सुभाष पार्क में आए थे। उन्होंने अपना उद्बोधन अंग्रेजी में दिया था। इससे उनके विचार को बहुसंख्य अनुयायी समझ नहीं पाए थे। बाबा साहब ने अगली बार हिंदी बोलना सीखकर ही आने की बात कही। 18 मार्च, 1956 को बाबा साहब दूसरी और आखिरी बार आगरा किला के समीप रामलीला मैदान में आए थे। उन्होंने समाज में भेदभाव मिटाने के अपने मिशन पर कहा कि मैं इस कारवां को इस मंजिल तक लेकर आया हूं। मैं चाहता हूं कि यह कारवां आगे बढ़ता रहे मेरे अनुयायियों। यदि कारवां को आगे न भी बढ़ा सको तो कम से कम पीछे भी मत जाने देना। आगरा आने के छह माह बाद 14 अक्टूबर, 1956 को उन्होंने नागपुर में बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60390.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60390.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bbf886cc4b9230496a7584a2ba993fe592424ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60390.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Ozone Pollution In Delhi: देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं बल्कि वायु प्रदूषण में अब ओजोन गैस भी बड़ी समस्या बनती जा रही है। साल दर साल इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे अधिक चिंता की बात क्या होगी कि गर्मियों के दौरान यह लगभग हर रोज ही तय मानकों से कहीं ज्यादा रहने लगी है। बावजूद इसके नियंत्रण के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इससे केवल दो करोड़ लोग ही नहीं बल्कि एनसीआर के शहरों के 2 करोड़ लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_6040.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_6040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab2faa44dce936d8558a852f4012eb0759bc6e42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_6040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सारा अली खान ख़ुद भी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी फोटोज़ इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। हाल ही में एक्ट्रेस की कुछ बिकिनी फोटोज़ ने इंटरनेट का पारा चढ़ा रखा है। इन फोटोज़ को सारा ने ख़ुद अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है जिसमें वो बीच किनारे नज़र आ रही हैं। दरअसल, एक्ट्रेस इन दिनों मालदीव्स घूमने गई हुई हैं। यहां से सारा लागातर अपनी फोटोज़ शेयर कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी एक हॉट फोटो शेयर की थी जिसमें उनकी बैक नज़र आ रही थी। वहीं अब एक्ट्रेस ने इंस्टा पर बिकिनी फोटोज़ शेयर की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60405.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68fc4b6c4f5ba9cc525adbd68cd9ed24731dfaca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बिगड़ती कानून व्यवस्था समेत हिंसा व अपराध के मुद्दे पर विपक्षी दलों के निशाने पर रही बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट से एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं। इसी क्रम में हाई कोर्ट ने बंगाल के नदिया जिले के हांसखाली में 14 साल की लड़की से कथित दुष्कर्म व हत्या मामले की जांच भी सीबीआइ को सौंप दी है। अदालत ने मंगलवार देर शाम इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60406.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aadede7f1743080fd68c1ac3921bf2d8d7e1a221 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कहने के लिए दिल्ली में करीब 17 हजार पार्क हैं, लेकिन बेहतर रखरखाव वाले 50 प्रतिशत भी नहीं हैं। कहीं पार्क के गेट टूटे हैं तो कहीं ग्रिल, कहीं उसमें गंदगी की भरमार है तो बेंच और ओपन जिम का बुरा हाल है। जी हां, दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी द्वारा कराए गए सर्वे में पार्को की कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है। ।जानकारी के मुताबिक दिल्ली में मुख्यतया तीनों एजेंसियों- दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) को मिलाकर कुल 16,828 पार्क हैं। इनमें से 9,556 पार्को का सर्वे किया गया तो 5,399, यानी 56.7 प्रतिशत पार्क बदहाल मिले। बाकी पार्को का सर्वे भी चल रहा है जो 31 मई तक पूरा हो जाएगा। ।पार्को की इसी बदहाली को दूर करने और उनके बेहतर रखरखाव का जिम्मा अब दिल्ली सरकार ने उठाया है। 30 जून तक इन पार्को की स्थिति में सुधार के लिए वित्तीय मदद का खाका तैयार होगा। खाका तैयार हो जाने पर एक माह में आर्थिक मदद जारी की जाएगी। आरडब्ल्यूए, एनजीओ या जिस भी एजेंसी को पार्क के रखरखाव का जिम्मा दिया जाएगा, उसे 2.55 लाख की आर्थिक मदद भी मिलेगी। ।नया पार्क विकसित करने की स्थिति में अतिरिक्त एक लाख रुपये देने का भी प्रविधान है। सोसायटी के अधिकारियों ने बताया कि चार माडल पार्क तैयार किए जाएंगे। 31 मई तक पीडब्ल्यूडी को एक हजार पार्को के डिस्प्ले बोर्ड तैयार करने और जल बोर्ड को 31 अगस्त तक पांच सौ पार्को में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने का निर्देश दिया गया है। ।सौ से अधिक वेटलैंड मित्र करेंगे जलाशयों की निगरानी ।दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथारिटी ने सौ से अधिक वेटलैंड मित्र बनाए हैं। यह वेटलैंड मित्र पुनर्विकास के लिए चयनित जलाशयों को अतिक्रमण से बचाने और उन्हें विकसित करने में सहायता करेंगे। इनमें 15-15 वेटलैंड मित्र उत्तर-पश्चिम और दक्षिणी जिले, 13 दक्षिण-पश्चिम, 11 पूर्वी, नौ उत्तर-पूर्वी, सात केंद्रीय, सात नई दिल्ली, छह उत्तरी, तीन पश्चिमी, सात शाहदरा एवं एक दक्षिणी-पश्चिमी जिले में बनाया गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60420.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb194f5c8c7bcfd77887ec5042f9785dff294a34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन प्रजातियों को लगती है ज्यादा गर्मी। जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, पग, चाउ-चाउ,सेंट बर्नार्ड, स्पिट्ज, बुल मेस्टिफ, डाबरमैन, रोटवीलर, बाक्सर।कुत्तों को भी होता है डी-हाइड्रेशन। गर्मियों में सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि कुत्तों को भी डी-हाइड्रेशन होता है।बिल्लियों, बंदरों और गाय आदि जानवरों को भी लू लगती है। जिससे उन्हें बुखार, पेट दर्द, उल्टी-दस्त आदि दिक्कतें होती हैं। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी टिक्स की होती है। इससे टिक फीवर भी हो जाता है, जो जानलेवा साबित होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60436.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a9156d8432b6f09a77e3541c141735a8c430862 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, विनीत मिश्र। राधा-कृष्ण की लीलाओं की तो पूरी दुनिया दीवानी है। अब ये लीलाएं देश-दुनिया में ब्रजवासी पहुंचाएंगे। न केवल कान्हा की लीलाओं का प्रसार होगा बल्कि ब्रज की लोक विधाओं को भी पुनर्जीवन मिलेगा। ये काम होगा वृंदावन में बन रहे गीता शोध संस्था व रासलीला अकादमी में। 35 करोड़ की लागत से बनने वाली अकादमी के जरिए गीता पर शोध और प्रचार का काम अगले माह शुरू हो जाएगा, जबकि रासलीला के प्रशिक्षण का काम भी छह माह में शुरू होगा। ब्रज की रासलीला की दुनिया में अलग पहचान है। न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी रासलीला के आयोजन करने मथुरा-वृंदावन के कलाकार जाते हैं। अब रासलीला के लिए बाकायदा कलाकार प्रशिक्षित किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60450.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52fc86995856e19d61fdad5bf6cdc71e38fa0c96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar Bridge Theft Case:  बिहार में दुनिया का अपनी तरह का अनोखा मामला समाने आया है। रोहतास जिले में 60 फीट लंबे लोहे के पुल की चोरी का मामला (Bihar Bridge Theft Case) जब खुला तो यह भी इस चोरी से कम चौंकाने वाला नहीं निकला। पूरे विश्‍व में बदनाम करने वाली इस घटना का मास्‍टरमाइंड बिहार सरकार का एक सरकारी अधिकारी निकला। सासाराम के सिंचाई विभाग के एक अधिकारी राधेश्याम सिंह ने हीं इसकी पूरी साजिश रची थी। इतना ही नहीं उसने हीं घटना की एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इस घटना ने बिहार की अंतरराष्‍ट्रीय बदनामी कराने वाले चारा घोटाले (Fodder Scam) की याद दिला दी है, जिसमें मवेशियों को स्‍कूटर पर ढ़ाेया गया था। बिहार की परीक्षाओं के नकल के दौर की सात साल पहले की एक तस्‍वीर भी याद आ गई है, जिसने राज्‍य को बहुत बदनाम किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60453.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92fab1de4e6c474085d28f6425a3068aa52786ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बैठक के मायने ।बाइडन सरकार बनने के बाद पहली बार उनकी कैबिनेट के किसी वरिष्ठ सहयोगी ने भारतीय सीमा में चीन के अतिक्रमण का मुद्दा उठाया और चीन की तरफ से बनाई जा रहीं ढांचागत सुविधाओं का जिक्र किया। उसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच अलग द्विपक्षीय वार्ता हुई। इन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच वर्चुअल बैठक हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60459.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c98e6e7caa124fb5a3258a98ed77eb7833f8a071 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शरीफ सरकार की स्थिरता को लेकर भारत को संदेह। इमरान खान की सरकार के साथ भी भारत सरकार ने जानबूझ कर कोई सकारात्मक संदेश नहीं दिया क्योंकि विदेश मंत्रालय का यह आकलन था कि उनकी सरकार के स्थायित्व को लेकर हमेशा से संदेह था। यही वजह है कि फरवरी, 2021 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सीजफायर की सहमति बनने के बाद द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार का कोई माहौल नहीं बना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60461.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13aa7a6ab1568406d9f384f3121347201e091273 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60461.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आइआइटी पटना ने 30 पेटेंट कराए।आइआइटी पटना में पेटेंट की संख्या प्रत्येक साल बढ़ रही है। पेंटेंट की संख्या 2016 में 10 थी, जो 2020 में 26 हो गई। अभी यह संख्या 30 है। डीआरडीओ के लिए आइआइटी पटना ने कम वजन और माइनस 20 डिग्री से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान पर बेहतर काम करने वाला इन्वर्टर तैयार किया। वहीं, एनआइटी पटना ने 15 पेटेंट द्वारा 2021 में 15 पेटेंट फाइल किए गए। + +आईआईटी-आईएसएम में तीन तरह के शोध पर काम ।धनबाद के आइआइटी-आइएसएम में इंडस्टि्रयल, डिपार्टमेंटल और इंडिपेंडेंट शोध पर कार्य होता है। हाल ही में संस्थान ने सड़क सीमा संगठन को ब्लास्टिंग की तकनीक पर प्रशिक्षण दिया। संस्थान हर साल 400 से 500 रिसर्च पेपर प्रकाशित करता है। संस्थान में 30 अंतरराष्ट्रीय शोध प्रोजेक्ट चल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60464.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae86b9670d403ae75231ae5497ed8a3878180982 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर में प्रवेश करते ही दिखाई देती है हरियाली।अध्यापक सोनिया के घर में प्रवेश करते ही हरियााली दिखाई देती है। केवल एक घर के कारण पूरी गली ही गुलजार हो गई है। सोनिया ने कोरोना काल में पैदा हुए अपने जुनून को एक अवसर में तब्दील कर दिया। उसने अपने घर को ही पूरा बाग बना दिया और पर्यावरण को बढ़ावा देने की एक अनूठी मिसाल कायम की। इतना ही नहीं अध्यापिका के इस प्रयास के बाद उनके पड़ोसी सोनिया को प्रेरणा स्त्रोत मानने लगे हैं। अब गली के अन्य लोगों ने अपने घरों में पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं। सोनिया ने कैथल में ही नहीं कई जगह पर पौधे लगाकर पर्यावरण को एक शुद्ध रखने की एक मुहिम शुरू की है। ।अध्यापिका ने लगाए हैं यह पौधे।अध्यापिका सोनिया ने अपने घर में गुड़हल, इलाची ,इंसुलिन, कपूर  तुलसी , अजवाइन, लेमन ग्रास, पेटूनिया, बबीना, सिनेरिया फ्लाइंग, स्नेक प्लांट, लेडी पंप, सिंगोनियम प्लांट, शो गुलाब, कडीपत्ता, पेंसिल पाइन, लंदन पाइन, एरो केरिया फाइकस, रबड़ प्लांट, थूजा कंगी पाम सेलेनियम पर्पल हार्ट, स्वीट पटेटो वाइन बावलिंग जू गोरी चोरी टिकोमा डहेलिया  लालटेन अर्जुनी पर सहित अनेक प्रकार के पौधों व फूलों की वैरायटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60470.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ca77a15b96df258de99bd8591074114372ce663 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60470.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी ने अप्रैल माह बुरा हाल किया हुआ है। आगरा का तापमान 9 अप्रैल को देश मे सर्वाधिक 45 डिग्री रिकार्ड किया गया। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से अप्रैल माह में मई-जून का तापमान दर्ज किया जा रहा है। इस भीषण गर्मी और लू से पक्षी भी परेशान नजर आ रहे हैं। सर्दियों के समाप्त होते ही प्रवासी पक्षियों की वतन वापसी हो जाती है। इसके बाद गर्मी की दस्तक के साथ आवासीय पक्षियों की चहचहाहट शुरू हो जाती है। आगरा में अप्रैल के शुरू के दिनों मे ही इस भीषण गर्मी से परिंदो की जान पर संकट खडा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60472.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32964190bcc6c468cab6e03f5470ca49f7e3fabe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60472.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अशोक लाडी, जालंधर। पाकिस्तान में सत्ता से बेदखल हुए इमरान खान (Imran Khan) का भारत से भी गहरा नाता है।120 फीट रोड पर बाबू जगजीवन राम चौक से बस्ती दानिशमंदा को जाने वाली मुख्य सड़क के किनारे स्थित एक पुरानी हवेली उनका ननिहाल घर है। प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने विशेष तौर पर पाकिस्तान से पांच लोगों की टीम भेजकर अपने ननिहाल की वीडियो तैयार करवाई थी। 1983 में इमरान खान एक बार यहां पर पुरानी यादें ताजा करने भी आए थे। आज पाकिस्तान में इमरान की सरकार गिरने के बाद एक बार फिर से 'अमानत मंजिल' चर्चा में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60476.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed57eefa85a3c44f3ea7a5f3ddc7d2234e8e9bd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें - Imran Khan के परिवार का भारत से पुराना नाता, जालंधर में 'अमानत मंजिल' नाम से प्रसिद्ध है उनका ननिहाल।1932 में लाहौर चला गया था परिवार ।बकौल बुजुर्ग ज्ञान सिंह, मैं नवाज शरीफ से नहीं मिला, परंतु उनके परिवार की गांव के साथ लगाव से अच्छी तरह वाकिफ हूं। 1932 में यह परिवार लाहौर चला गया था। 1947 में देश के बंटवारे के दौरान दोनों देशों के बीच लकीर खींची गई, परंतु शरीफ परिवार पर जब भी कोई संकट आया तो इस गांव के गुरुद्वारा साहिब में परिवार की चढ़दी कला के लिए अरदास की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60482.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5f925b0f41e58dd9fd3b2474d9519c23692a0b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60482.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने 29 वर्ष, छह माह और 18 दिल्ली पर राज किया। एएसआइ ने अनंगपाल से संबंधित प्रमाण जुटाने के लिए 1991-1994 तक संजय वन में खोदाई की थी। उस समय इन राजा से संबंधित किला के पैलेस क्षेत्र और ताल के प्रमाण मिले थे। उस समय ताल को साफ कराया गया था, पैलेस क्षेत्र में मिट्टी हटाई गई थी।एएएसआइ इस निष्कर्ष भी पहुंच गया था कि यही अनंगपाल के किले का पैलेस क्षेत्र है और तालाब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60506.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df5c3735a986e514bb52e415248c42ecfd973943 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जुटाया जा सकेगा ज्यादा डाटा।पुराने कानून में केवल फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट और फोटो लेने का अधिकार था। इसके लिए भी मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होती थी। नए विधेयक से पुलिस अपराधियों की फोटो के अलावा उनकी अंगुलियों की छाप (फिंगरप्रिंट), पैरों-तलवों की छाप (फुटप्रिंट), हथेलियों की छाप, आंखों के आइरिस व रेटिना का बायोमीट्रिक डाटा तथा खून, वीर्य, बाल व लार आदि तमाम प्रकार के जैविक (बायोलाजिकल) नमूने ले सकेगी। हस्ताक्षर, लिखावट या अन्य तरह का डाटा भी लिया जा सकेगा। पूरे डाटा का डिजिटलीकरण करके उसे केंद्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डाटाबेस में जमा किया जाएगा। डाटा 75 साल तक सुरक्षित रखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60512.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afb370d0cc7fc8693a67091685849d3251f4017b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ से 15000 यात्रियों की जाने की उम्मीद : लखनऊ में बाबा अमरनाथ बर्फानी के बड़ी संख्या में भक्त हैं। प्रत्येक वर्ष अमरनाथ में होने वाली यात्रा में बाबा के दर्शन करने जरूर जाते हैं। मगर, पिछले दो साल से कोरोना के चलते बाबा के भक्त दर्शन करने नहीं जा पा रहे थे। इस बार अमरनाथ श्राइन बोर्ड से यात्रा को पहले ही हरी झंडी मिल गई है। अमरनाथ में तैयारी भी तेज हो गई है। अपने यहां 11 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होने से भक्त तैयारी में जुट गए हैं। हर वर्ष करीब 10 हजार भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते थे। इस बार यह संख्या 15000 होने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60529.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2915b459e47cd0657b5ea763cdd67c2cc5e61d1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है उपाय : बेशक सरकार इस बात के लिए पहल कर रही है कि शिक्षण संस्थानों में सीटें बढ़ाई जाएं, पर ऐसा करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए संस्थानों को अपने यहां आवश्यक सुविधाएं भी बढ़ानी होंगी और इसमें समय लग सकता है। इसके लिए निजी शिक्षण संस्थानों को गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सीटें बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। हालांकि ऐसा करते समय यह भी देखना होगा कि संस्थान इसके लिए छात्रों का आर्थिक शोषण न करने लगें। इसके लिए केंद्रीय और राज्य सरकार के संबंधित अधिकरणों के माध्यम से समुचित निगरानी की व्यवस्था भी करनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60545.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eba9b423051a9f2e227c8444a06f507245096726 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एएनआई: देश में रक्षा क्षेत्र की घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक घरेलू पूंजी खरीद और अधिग्रहण बजट का 25 फीसदी हिस्सा घरेलू निजी उद्योग के लिए निर्धारित किया जाएगा। जो की करीब 21,149.47 करोड़ रुपये होगा। सरकार का यह कदम रक्षा उत्पादन क्षेत्र में काम कर रहे निजी उद्योग, एमएसएमई और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के तौर पर देखा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60551.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9a43696c12f793c513b86c4ef7b0b4ed442824f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Delhi Metro News: यह शानदार वीडियो देखने के बाद लाखों मेट्रो यात्री नहीं करेंगे 'हल्लू-बल्लू' वाली गलती।बनने लगी सड़कें।एक्सप्रेस-वे के लिए बाईपास पर लगभग हर चौराहे पर अंडरपास का निर्माण जोरों से चल रहा है। पिलर खड़े हो गए हैं। अगले महीने पिलर के ऊपर गार्डर रखने का काम भी शुरू होने की संभावना है। इस बीच अब निर्माण कंपनी जगह-जगह सड़क बनाने लगी है। किनारे पर नाले का निर्माण भी साथ-साथ चल रहा है। बाईपास पर अतिक्रमण का लगभग सफाया हो गया है। सेक्टर-2 चौराहे के पास कुछ अतिक्रमण हैं जिन्हें जल्द हटाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60556.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0393e9e05f1a95277a01e93f855b954b160c36c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60556.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देवी मंगला गौरी का दर्शन पूजन करने के लिए दोनों ही प्रमुख मंदिरों में आस्‍थावानों का जमावड़ा होता है। देवी मंगलागौरी के दर्शन के लिए आने वालों के लिए एक दिन पूर्व ही मंदिर को भव्‍य रूप से सजाया और संवारा जाता है। वहीं देवी के दर्शन के लिए आने वालों के लिए साफ सफाई और मंदिर की सज्‍जा को आकर्षक बनाया जाता है। वहीं मंदिर में देवी मंगला गौरी के दर्शन के लिए आने वालों के लिए पूर्व में ही चुनरी और पूजन के साथ ही श्रृंगार की सामग्री की दुकानें सज जाती हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60558.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ab95dc930a6ce9d963f129d0731200633de8115 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- टू प्‍लस टू वार्ता ऐसे समय हो रही है, जब भारत रूस यूक्रेन जंग को लेकर कूटनीतिक मोर्चे पर चुनौती बनी हुई है। सुरक्षा परिषद में भारत की गैरमौजूदगी भी अमेरिका को अखरी थी। इतना ही नहीं क्‍वाड देशों के जरिए भी भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। हाल में बाइडन प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों ने भी भारत को सख्‍त चेतावनी दी थी। हालांकि, भारत ने अपने राष्‍ट्रीय हितों का हवाला देते हुए अपनी तटस्‍थता नीति को जायज ठहराया था। अब यह भारत के पास मौका है कि वह रूस यूक्रेन जंग पर अपनी स्थिति को साफ कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60560.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f19224b83e2768e2c71ddf00178f5c5ef137700c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3- उन्‍होंने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान श्रीलंका की सरकारों ने जमकर कर्ज लिए है। हालांकि, इस पैसे का श्रीलंका सरकार ने सही तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय दुरुपयोग किया। वर्ष 2010 के बाद से ही श्रीलंका के ऊपर लगातार विदेशी कर्ज बढ़ता गया। श्रीलंका ने अपने ज्यादातर कर्ज चीन, जापान और भारत जैसे देशों से लिए हैं। 2018 से 2019 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे रानिल विक्रमसिंघे ने हंबनटोटा पोर्ट चीन को 99 साल की लीज पर दे दिया था। ऐसा चीन के लोन के पेमेंट के बदले किया गया था। ऐसी नीतियों ने उसके पतन की शुरुआत की। आर्थिक बदहाली की आंच देश की राजनीतिक व्‍यवस्‍था पर पड़ी। श्रीलंका के स्‍थानीय नागरिक इस आर्थिक बदहाली के लिए सरकार को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60565.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d700203de02c60cc17c7fed68be7922a3b43bae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीता सोरेन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा उन्हें बगावती रुख अख्तियार करने को विवश कर रही है। पति की असमय मौत के बाद वह राजनीति में आई थीं। वर्ष 2019 में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के बाद जब कांग्रेस और राजद के सहयोग से हेमंत सोरेन ने सरकार बनाई तो सीता सोरेन को इच्छा के मुताबिक मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। वह अपनी इस चाहत और नाराजगी दोनों ही परिवार के सर्वेसर्वा गुरु जी के समक्ष कई बार जाहिर कर चुकी हैं। कुछ महीने पहले तक गुरु जी के साथ ही सीता की बड़ी बेटी जय श्री रह रही थीं, लेकिन अब शिबू मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हो गए हैं। इसके बाद से जय श्री अपनी मां के साथ रह रही हैं। सीता सोरेन और उनकी बेटियों को इसकी भी पीड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60575.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b48a4e531010291f3cfc8a7a4d104bd9220f272d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60575.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. सुरजीत सिंह। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का वस्तु निर्यात 400 अरब डालर से अधिक हो जाना किसी उपलब्धि से कम नहीं है। सेवाओं के निर्यात को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो भारत के कुल निर्यात 650 अरब डालर से अधिक हो जाते हैं। इस प्रकार वित्त वर्ष 2019-20 के 292 अरब डालर के निर्यात की तुलना में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निर्यात में इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, रत्न एवं आभूषण, केमिकल, दवा और इलेक्ट्रानिक सामानों के साथ-साथ कृषि उत्पादों-चावल, गेहूं, मसाले, चीनी, फल-सब्जी, कालीन, मांस, डेयरी, समुद्री आदि उत्पादों का महत्वपूर्ण योगदान है। यह एक सकारात्मक बदलाव है, जिसने भारत को निर्यात क्षेत्र में विश्व की अग्रिम पंक्ति के देशों में खड़ा करने का काम किया है। निर्यात बढऩे से देश की विनिमय दर, मुद्रास्फीति, ब्याज दर आदि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रोजगार के अवसरों का सृजन, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन एवं सरकार के राजस्व संग्रह में भी वृद्धि होती है। भारत की जीडीपी में निर्यात की बढ़ती हिस्सेदारी बताती है कि देश आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60581.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb79cbcc76fbde6d4e8d87a8884e5d746213d845 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामगढ़ताल क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन केंद्र बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है। इसे ध्यान में रखकर ही सी-प्लेन, रोप-वे और हैंगिंग रेस्टोरेंट जैसी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की योजना पर्यटन विभाग ने बनाई है। इससे गोरखपुर में पर्यटकों की आवग पढ़ेगा, जिससे यहां निवेष बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे। - रवींद्र कुमार मिश्र, क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी, गोरखपुर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60588.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..723efd7813c3347438403e49090c599ef28de239 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्‍ट्र के गौरव हैं पूर्व मुख्‍यमंत्री कल्‍याण सिंह।उन्होंने बताया कि पेंटिंग में संदीप सिंह के साथ ही उनके दादा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को जरूर लाना था। क्योंकि वह राष्ट्र के गौरव हैं, उनकी बदौलत ही अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया है। श्रीराम मंदिर के लिए उन्होंने सीएम की कुर्सी भी छोड़ दी थी। जिससे अलीगढ़ की एक नई पहचान पूरी दुनिया को हुई थी। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि इसलिए पेंटिंग में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर भी है। संदीप सिंह को यह पेंटिंग हमेशा उनके दादाजी की याद दिलाती रहेगी। उन्हें यह पता चल सकेगा कि किस तरह से उन्होंने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कराया। उन्हीं की बदौलत अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखी गई। जिसका डंका पूरी दुनिया में बजा। अमेरिका, जापान, रूस, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड समेत तमाम देशों में मंदिर के नींव पूजन को देखा गया था और सभी ने जमकर जश्न मनाया था। यह सब पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के त्याग और समर्पण की बदौलत ही हो पाया था। प्रदीप ठाकुर ने प्रभु से कामना की कि संदीप सिंह का भी यश उनके दादाजी की तरह पूरे देश में हो। वह भी अपने कार्यकाल में नया कीर्तिमान स्थापित करें और जनता के दिलों पर राज करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60617.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..712ab18105877316d5cdee25f6b7bd94fe899a46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांव का हर घर व हर परिवार मक्खियों से परेशान है और अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि घरों में विवाह करके बहुएं भी अपने छोटे बच्चों को लेकर अपने मायके की तरफ रुख कर गई हैं, ताकि बच्चों को मक्खियों के कारण होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। अधिकारियों व प्रशासन तक फरियाद करके अब वे लोग थक चुके हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने एलान किया कि वह अगले दिनों में पोल्ट्री फार्म के खिलाफ धरना लगाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60632.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03aa219ada9f49366b8461b4b55edfd0c0b9bc96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60632.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंचकूला, अनुराग अग्रवाल। चंडीगढ़ देश के सबसे सुनियोजित शहरों में शामिल है। शिवालिक पहाड़ों की तलहटी में बसा यह खूबसूरत शहर 115 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। अपनी वास्तुकला, संरचना और डिजाइन की वजह से चंडीगढ़ न केवल देश, बल्कि दुनिया भर के विदेशी पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने की ताकत रखता है। देश में चंडीगढ़ एकमात्र ऐसा शहर है, जो दो राज्यों पंजाब और हरियाणा की राजधानी है। + +आजकल इन दोनों राज्यों के बीच चंडीगढ़ पर पूर्ण कब्जे को लेकर विवाद बना हुआ है। विवाद हालांकि नया नहीं है, पर यह तब अधिक गहरा गया, जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर चंडीगढ़ पर अपना पूरा दावा जता दिया। ऐसे प्रस्ताव पारित कर दावे पंजाब की पिछली सरकारें भी करती रही हैं, पर हरियाणा के लिए भगवंत मान का यह कदम इसलिए अप्रत्याशित था, क्योंकि कुछ दिन पहले ही भगवंत मान हरियाणा राजभवन में होली पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ भाईचारे के रंग खेलकर गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60633.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ceee1d5c0e8a9b6ca9a2c975894684472066c269 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाहुबली के निर्माता चंद्रमौली की फिल्म है आरआरआर।बता दें कि हाल में रिलीज हुई बाहुबली जैसी सुपर-डुपर हिट फिल्म बनाने वाले निर्माता-निर्देशक एसएस राजामौली की नई फिल्म आरआरआर ने मल्टीप्लेक्सेज में तहलका मचा दिया है। तेलगू में आरआरआर का अर्थ रौद्रम, रणम और रुधिरम होता है। यह फिल्म अभी तक दुनिया भर के मल्टीप्लेक्सेज में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुकी है और ऐसा करने वाली केवल पांचवी भारतीय फिल्म है। ।फिल्म में राम चरण के साथ जूनियर एनटीआर।आरआरआर को केवी विजयेंद्र प्रसाद ने लिखा है। यह दो काल्पनिक भारतीय क्रांतिकारियों- अल्लुरी सीताराम राजू (जिसकी भूमिका राम चरण ने निभाई है) और कोमाराम भीम (जूनियर एनटीआर) के जीवन और ब्रिटिश राज के विरुद्ध उनकी लड़ाई की कहानी है। परदे पर इसे लोगों ने खूब पसंद किया है।  ।यह भी पढ़ें - ये है पंजाब का मक्खियों वाला गांव, लोग जालियां लगाकर घरों में कैद, खुले में खाना-पीना व उठना-बैठना मुश्किल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60637.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eae3aeccf038f242e9d6b7e75216664adee1375e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60637.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्ष 2008 में इस स्थापित प्रक्रिया को एक शासनादेश के द्वारा परिवर्तित कर विभागीय मंत्रियों को बाइपास कर दिया गया। हालांकि इसमें भी विभागीय मंत्री से टिप्पणी लिए जाने का प्रविधान रखा गया था, लेकिन यह क्रियान्वित नहीं होता है। विधिवत प्रक्रिया अब भी यही है, लेकिन नौकरशाही के पोषकों ने मंत्रियों को पूरी प्रक्रिया से हटाने के लिए एक अवधारणा गढ़ी। बताया गया कि मंत्रियों के पास समय का अभाव रहता है व मुख्यमंत्री सरकार के मुखिया होते हैं इसलिए फाइल मुख्य सचिव के माध्यम से सीधे मुख्यमंत्री को भेजी जाए। इसके बाद से संबंधित फाइलें सीधे मुख्य सचिव को भेजी जाने लगीं। + +परिणाम यह हुआ कि मंत्री के पास सचिव को जवाबदेह बनाने का एक सशक्त माध्यम लुप्त हो गया। मंत्री हाथ मलते रह गए व सीआर ऊपर ही ऊपर पार होने लगी। इस बार मंत्रियों ने सरकार के शुरुआती दिनों में ही यह विषय मुख्यमंत्री के सामने रख कर उचित कार्य किया है। मंत्रियों की इस पहल का परिणाम क्या होता है, इस पर विषय की गंभीरता को समझने वालों की नजर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_6065.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_6065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35ba63ef96dd1f193ca6e68bb9ae5b8635f9bfaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_6065.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री महिमा चौधरी अपना जन्मदिन 13 सितंबर को मनाती हैं। वह बॉलीवुड के कई कलाकारों मे साथ हिट फिल्में दे चुकी हैं। फिलहाल महिमा चौधरी फिल्मों से दूर हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब उनकी फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा थी। फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले उनका असली नाम रितु चौधरी था। महिमा चौधरी का जन्म साल 1973 में दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60667.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cbe6592f2ea145a501218c41f72ec6efd646d95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की तरह ही देश के 26 राज्यों में मानवाधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 के तहत मानवाधिकार संरक्षण को एसएचआरसी स्थापित किया गया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि बंगाल में यह संस्था सिर्फ नाम के लिए है। तीन साल पहले बंगाल के एसएचआरसी में सदस्यों की संख्या तीन से दो हो गई थी। इतने लंबे समय तक केवल एक अध्यक्ष और एक प्रशासनिक सदस्य था। पिछले वर्ष 20 दिसंबर को अध्यक्ष का भी कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद ऐसा लग रहा है कि अब एसएचआरसी है ही नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60672.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d869f2219321d15f6a2d03e94f026f23bad02ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60672.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। उन्नीस साल की उम्र में शादी और 21 वर्ष में मां बनने के बाद एक गृहिणी की जिंदगी घर के चहारदीवारी तक सिमटकर रह जाती है। मगर, आगरा की रहने वाली शिवांगी पेसवानी के मन में विश्वास और कुछ कर दिखाने का हौसला था। उन्होंने शादी के करीब 15 साल बाद बच्चों के समझदार होने के बाद अपनी पहचान स्थापित की। किटी पार्टी विशेषज्ञ के रूप में ब्लाग लेखन व यूट्यूब चैनल से मुंबई की फिल्म नगरी तक का सफर तय किया। शिवांगी को 45 साल की उम्र में ऋृषि कपूर, परेश रावल और जूही चावला जैसे बालीवुड सितारों के साथ अभिनय करने का मौका मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60701.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ec606053e63cb2569638287eacab5d2ae909181 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60701.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर-घर जाकर सर्वे करेंगे शिक्षक:  इस अभियान के दौरान शिक्षक घर-घर जाकर सर्वे करेंगे और पढ़ाई से छूटे हुए बच्चों के अभिभावकों को बच्चों का स्कूल में नामांकन कराने के लिए प्रेरित करेंगे। इतना ही नहीं हर जिले और विकास खंड स्तर पर जनप्रतिनिधियों को बुलाकर अभियान शुरू कराया गया है। इनसे कम से कम एक-एक स्कूल को गोद लेने का लक्ष्य दिया गया है। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने का भी अभियान प्रारंभ कर दिया है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60708.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..219d6e6fb4fd75c98c1e27f8e0f5560afa466ed2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शीर्ष अदातल ने कहा कि चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की मौत होने पर मुकदमा दर्ज हो सकता है, मुआवजा दिया जा सकता है। यहां तक कि आपराधिक मुकदमा भी हो सकता है। लेकिन, इसके तहत कार्रवाई करने से पहले यह जानना जरूरी होगा कि लापरवाही हुई भी है या नहीं। इसे पता लगाने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा और उसकी रिपेार्ट के आधार पर चिकित्सक के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट आने से पहले तक चिकित्सक को गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता है। देखा यह भी गया है कि मरीज की मौत के बाद गुस्से में अकारण भी हंगामा होता है। अकारण तोड़फोड़ करने वाले तीमारदारों के मामले में भी सख्ती की जरूरत है, ताकि निष्ठा से काम कर रहे डाक्टर अनावश्यक दबाव में न आएं। यह इस पेशे की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। हर इलाज के समय यदि उन्हें डर का सामना करना पड़ेगा, तो निसंदेह वह पूरी तरह फोकस्ड नहीं रह पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60709.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..175120355ee47d6141252f9a59f151e998e99bd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योगेश शर्मा, हाथरस । नर सेवा, नारायण सेवा की कहावत को डा.प्रतिभा भारद्वाज 20 वर्षों से चरितार्थ कर रही हैं। वह गरीबों की सेवा के लिए समर्पित हैं। प्रतिभा मानती हैं कि अगर आप किसी की सहायता निस्वार्थ भाव से करते हो तो वह ईश्वर की सबसे बेहतरीन पूजा है। गरीबों की सेवा करने पर संतुष्टि मिलती है। प्रतिभा हर साल एक गरीब और मेधावी बच्चे की सालाना फीस का खर्च उठाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60718.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60718.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f72b036fa821d9828a7d7f364c70adbfad6d3315 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60718.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिली ट्रेन की जिम्मेदारी।मुरादाबाद में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सितंबर 2021 में इन्हें दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर तैनाती मिलीं। यहां शुरुआत के कुछ दिन तक कार्यालय में काम किया, लेकिन समय के बीतने के साथ ही इन्हें दिल्ली-रोहतक पैसेंजर ट्रेन की कमान मिल गईं। अब यह सहायक लोको पायलट के तौर पर इसका संचालन कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_6072.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_6072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15005d669b3df68187d5c4357175eba1b5ea669a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_6072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सारा अली खान सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। अभिनेत्री अक्सर अपनी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं। सारा की तस्वीरों को उनके फैंस खूब पसंद बी करते हैं। अब हाल ही में सारा ने कुछ ऐसी तस्वीरें शेयर की हैं। जिन्हें देखकर उनके फैंस उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। इन तस्वीरों में सारा अली खान का ग्लैमरस अंदाज सभी को खूब पसंद आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60739.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e681d044944994cd648c406f806f302b2331438 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छह से आठ तक के बच्‍चों के लिए बेहद उपयोगी है एप।गणित और विज्ञान की पढ़ाई को सुगम बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग क्लास साथी एप का प्रयोग करेगा। कक्षा छह से आठ तक के छात्रों के लिए यह एप बेहद उपयोगी है। विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षक भी इस एप से जुड़कर शिक्षा की बेहतरी में अपना योगदान प्रदान करेंगे। कोविड के दृष्टिगत भौतिक रुप से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में विद्यार्थियों को आनलाइन तरीके से शिक्षित किए जाने की दिशा में विशेष पहल की जा रही है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की पहल पर क्लास साथी एप हिंदी माध्यम में भी उपलब्ध है। ऐसे में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को उससे जोड़ते हुए उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा में बनाए रखने की पहल की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_6_60762.txt b/Jagran/Part4/jagran_6_60762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f18a9f13ae572035061b28885ea98b05765b6ec0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_6_60762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय गुप्त। कोरोना संकट से उबर रही विश्व अर्थव्यवस्था यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण फिर से गंभीर संकट से घिर गई है। इस हमले के कारण जहां यूक्रेन से होने वाला निर्यात ठप पड़ गया है, वहीं रूस से होने वाली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश जैसे-जैसे रूस पर प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं, वैसे-वैसे वहां से आयात करने वाले देशों के सामने कठिनाई बढ़ती जा रही है। इसके अलावा एक ओर जहां रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, वहीं सऊदी अरब जैसे देश तेल का उत्पादन बढ़ाने से इन्कार कर रहे हैं। इसी कारण कच्चे तेल के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं। इससे अन्य देशों की तरह भारत भी प्रभावित हो रहा है। बीते दिनों संसद में महंगाई के सवाल पर इसी बात का उल्लेख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bfd861590821eb38fa7d89d0bfc6ab0975903d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60765.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय अग्रवाल, सिवनी: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के सुदूर आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखंड के झुरकी में जल सखी बनकर महिलाओं ने स्वावलंबन की नई इबारत लिखी है। यह इबारत भी उस पुरुष आधिपत्य वाले कार्य में लिखी गई, जिसमें आमतौर पर महिलाएं आगे ही नहीं आती थीं। क्षेत्र के 15 गांवों के लगभग हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम महिलाओं की देखरेख में किया जा रहा है। योजना से समूह की 43 महिलाओं को सीधे तौर पर जोड़ा गया। महिला समूह के काम से मध्य प्रदेश सरकार खासी प्रभावित है। + +नर्मदा नदी के डूब क्षेत्र में बसे घंसौर के 15 गांव में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश जल निगम ने करीब तीन वर्ष पहले झुरकी समूह पेयजल योजना तैयार कराई थी लेकिन जलकर वसूली नहीं होने से बिजली बिल भुगतान सहित अन्य समस्याओं के चलते योजना प्रभावित हो रही थी। इसे देखते हुए आजीविका मिशन से जुड़े समूह की महिलाओं ने आगे आकर जलकर वसूलने की जिम्मेदारी उठाई। जनवरी 2021 से फरवरी 2022 तक 13 माह में महिलाओं ने 11 लाख रुपये से ज्यादा का जलकर पंचायत, जल एवं स्वच्छता समिति के खाते में जमा कराया है। जलकर वसूली से महिलाओं को कमीशन के तौर पर करीब 1.90 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। इससे संगठन व समूह की महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a09406df24a2cd8f2bb16aaac6914ba0f914b47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काठमांडू-रक्सौल रेल परियोजना है गेमचेंजर: हर्ष श्रंगला।शनिवार को पीएम मोदी व पीएम देउबा ने जयनगर व कुर्था पैसेंजर रेल सेवा का उद्घाटन किया जो जयनगर-बार्दीबास परियोजना का ही हिस्सा है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने काठमांडू-रक्सौल रेल परियोजना को गेमचेंजर परियोजना कहा है। सनद रहे कि पिछले हफ्ते जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी काठमांडू पहुंचे थे तब उन्होंने चीन व नेपाल के बीच रेलवे नेटवर्क बिछाने की बात कही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a3167ee8dec6192ba88bf8adea7c1c93efe0563 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोठी खाली करते समय उक्त सामान साथ चला गया या फिर सामान चोरी हो गया इस पर कुछ भी साफ नहीं है। कम मिले सामान में कुर्सियां, सोफा, डाइनिंग चेयर, डाइनिंग टेबल, फ्रिज, पंखे आदि हैं। लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी इंजीनियर व उप मंडल इंजीनियर ने दोनों पूर्व मंत्रियों के घर से मिले कम सामान की जानकारी विधानसभा के सचिव को पत्र लिख कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6deaf7c13ebaf8f8c84e011513667962125a7e0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने भले ही फिल्मों में एंट्री नहीं ली है लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग किसी सुपरस्टार से कम नहीं है। यही कारण है कि उनकी तस्वीरें सामने आते ही वायरल हो जाती हैं। शनिवार को सुहाना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो पोस्ट की जो चर्चा में है। सुहाना अपनी इस नई फोटो में चांद को निहारती नजर आ रहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0912d7a66fef778668f71520a4477ca044efc93e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- प्रो पंत ने कहा कि इमरान खान विपक्ष और देश के आम नागरिकों का ध्‍यान भटकाना चाहते हैं। वह इस फ‍िराक में हैं कि देश में अविश्‍वास प्रस्‍ताव से लोगों का ध्‍यान हटे। इसलिए वह आंतरिक मामले से वैदेशिक मामलों को हथ‍ियार बनाना चाहते हैं। इमरान खान चीन के दबाव में हैं। उन्‍होंने कहा कि यह अचरज की बात नहीं कि वह चीन के उकसावे में आकर अमेरिका पर निशाना साध रहे हो। पाकिस्‍तान में राजनीतिक अस्थिरता को अमेरिका के लिए उत्‍तरदायी बनाने के पीछे चीन की साजिश हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a15d6fad0b395b0261a2c3efac4298c09d464c8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय वर्मा,  फिरोजपुर। आर्थिक मजबूरी से जूझ रही और परिवार व समाज में प्रताड़ित महिलाओं को मुश्किलों से पार पाना असंभव नजर आ रहा था, लेकिन एक प्रयास ने ऐसा रास्ता दिखाया कि महिलाएं अबला से सबला बन गईं। छह साल पहले फिरोजपुर में हरपिंदर कौर के एक प्रयास के बाद ऐसा समूह बना, जहां आज 1600 महिलाएं न सिर्फ अपना व्यवसाय कर रही हैं बल्कि दूसरों का सहारा भी बन रही हैं। सेवा पंजाब संगठन चलाने वाली फिरोजपुर की रहने वाली हरपिंदर कौर ने छह साल पहले जिले के स्लम एरिया में घर में पति के नशे से परेशान, आर्थिक संकट, प्रताड़ना और पति के छोड़ने के बाद असहाय हुईं महिलाओं का दर्द बांटना शुरू किया। ।पति के नशे से परेशान आई आगे।सेवा पंजाब संगठन जिले के उन स्लम इलाकों में काम करता है, जहां हर कोई जाना पसंद नहीं करता, लेकिन इसके विपरीत हरपिंदर कौर ने हार नहीं मानी और समाज में प्रताड़ित हो रही महिलाओं के उत्थान का बीड़ा उठाया। शुरुआती दौर में मुश्किल नजर आईं, लेकिन जब घरों में जुल्म और आर्थिक तंगी का शिकार हो रही महिलाओं को देखा तो हरपिंदर इन महिलाओं को सहारा देने का काम शुरू किया। हर किसी की आर्थिक मदद तो नहीं कर सकती थीं, लेकिन उनको स्वावलंबी बनाने पर जोर दिया। इसके बाद पति के नशे से परेशान, शारीरिक शोषण की शिकार और आर्थिक तंगी से परेशान महिलाएं समूह के साथ जुड़ीं। हरपिंदर ने महिलाओं में जिंदगी जीने का हौंसला बुलंद किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..defb4f22eff06e24b081b06f6a65d39edee8ac0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60779.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत-नेपाल मैत्री ट्रेन सेवा शुरू । भारत-नेपाल मैत्री ट्रेन सेवा शुरू हो गई है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा संयुक्‍त रूप से वर्चुअल तरीके से दिल्‍ली से किया। डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि ट्रेन के परिचालन की तैयारी पहली ही कर ली गई थी। अगले दिन से यात्रियों के लिए परिचालन प्रारंभ हो गया है। + +साल 2014 के बाद अब फिर चलेगी ट्रेन । जयनगर से नेपाल के जनकपुर तक साल 2014 तक नेपाली ट्रेनों का परिचालन हुआ। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में मैत्री योजना के तहत जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 69.5 किलोमीटर की दूरी में नैरो गेज ट्रैक को मीटर गेज में बदलने व नई रेल लाइन बिछाने के लिए 548 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। फिर, साल 2012 में इरकॉन ने जयनगर में इस योजना पर काम शुरू किया। यह परियोजना तीन चरणों में बांटी गई है। इसके तहत जयनगर से कुर्था की 34.5 किलोमीटर रेल सेवा के लिए गत बीते जुलाई 2021 में स्पीड ट्रायल किया गया था। अब इस रेलखंड पर परिचालन शुरू हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1cfeab7f03b192c0c4062dd5200c81daf88dbc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6078.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान के दिग्गज कॉमेडियन उमर शरीफ हालत काफी नाजुक है। पिछले दिनों हार्ट सर्जरी के बाद उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। उमर शरीफ की पत्नी जरीन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मदद की गुजारिश की है। 66 वर्षीय उमर शरीफ फिलहाल कराची के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं जहां उनका इलाज चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a0826f2a2180bf50fcd09a0f0748bc6368339c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर धार्मिक आयोजन में व्रत व उपवास के अलग-अलग नियम हैं, जो हमारी नियमित दिनचर्या और खानपान से कुछ भिन्न होते हैं। आज हम बात कर रहे हैं आगामी दो अप्रैल से शुरू होने वाले नवरात्र पर्व की। जैसा कि नाम से ही विदित हो रहा है कि यह नौ दिन तक चलने वाला व्रत व उपवास का महापर्व है। शीतकालीन नवरात्र हों या फिर ग्रीष्मकालीन, हिंदू धर्म में इनका विशेष महत्व है। इसलिए सनातन संस्कृति से जुड़ा हर व्यक्ति इनमें आस्था रखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7391349cec5a3be199989c99ac8b3d8616222ca8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अलीगढ़, जेएनएन। महंगाई ने एक और झटका दिया है। पेट्रोल, डीजल के बाद अब कामर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। अलीगढ़ में यह सिलेंडर अब 2300 रुपये में मिलेगा। पहले इसके रेट 2048 थे। एक ही बार में 252 रुपये की वृद्धि की गई है। इसका असर होटल, रेस्टोरेंट, मिठाई, नमकीन, हलवाई पर पड़ेगा। वैवाहिक व अन्य आयोजन करने वालों को भी अधिक जेब ढीली करनी होगी। गैस के बढ़े दाम पर प्रस्तुत है मनोज जादौन की रिपोर्ट ...।रूस यूक्रेन युद्ध का असर पूरी तरह से आमजन पर पड़ रहा है। हालात यह हैं कि अलीगढ़ में पेट्रोल डीजल के दाम रोजाना बढ़ रहे हैं। अब पेट्रोल की कीमत 102.62 रुपये तथा डीजल की कीमत 94.14 प्रति लीटर हो गई है। बढ़े हुए दाम सुबह से ही लागू हो गए हैं। सीएनजी के दाम शुक्रवार को बढ़ चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ab5d040ba4b2526cd3b33e0bb5333b88ac7545e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि बारीकी से देखें तो यमुना का शुद्धीकरण, साहिबी नदी का पुनर्जीवन और नजफगढ़ झील का पुनरोद्धार एक दूसरे से जुड़े हैं। इस पूरे कार्य में सबसे बड़ी समस्या यह है कि हरियाणा से जब यमुना नदी दिल्ली में प्रवेश करती है तो वहां से ढेर सारा कूड़ा-कचरा लेकर आती है। दिल्ली महानगर के लिए यह आम बात है। हर साल कम से कम पांच बार अचानक घोषणा होती है कि एक दो दिन घरों में पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी, क्योंकि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है। लगभग हर साल गर्मी आरंभ होते ही हरियाणा और दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में खड़े मिलते हैं, ताकि यमुना से अधिक पानी पा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc98692339e0fe94e9b013d7cb83131e22f8780e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60790.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संघर्ष से सफलता का मंत्र : ब्रह्मचारिणी स्वरूप माता के संघर्ष का प्रतीक है। भोले शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए देवी ने वर्षों कठिन तपस्या की और अंत में मनचाहे वरदान की स्वामिनी बनी। यह संघर्ष आज की नारी में भी नजर आता है। कर्मठ नारी अबला से सबला बनने के लिए हर पल संघर्ष कर रही है। राजस्थान के दौसा के मंडावर गांव की शिवानी साहू इसकी मिसाल हैं। उन्होंने मुश्किल हालात के आगे घुटने टेकने के बजाय इनसे लड़कर आगे बढऩा सही समझा और अंतत: उन्होंने अपने जीवन की एक अहम मंजिल को पा लिया। शिवानी को बचपन में ही हाकी का जुनून चढ़ गया था। अपनी मेहनत और प्रतिभा से आज वह पूरे देश में नाम कमा रही हैं। शिवानी ने अंडर-16 में इंटनेशनल खेला। अंडर-17 की सबजूनियर टीम की कैप्टन रहीं और अब भारतीय टीम में उनका चयन हो चुका है। शिवानी के पिता सीताराम साहू गांव में पकौड़े का ठेला लगाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08e02508c7f34ffd27da3912247b31368764fb61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60791.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली आए रूसी विदेश मंत्री का यह कहना बेहद महत्वपूर्ण है कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकता है। नि:संदेह भारत मध्यस्थ की भूमिका तभी निभा सकता है, जब रूस के साथ यूक्रेन भी इसके लिए सहमत हो। फिलहाल यह कहना कठिन है कि यूक्रेन भारत की मध्यस्थता चाहेगा या नहीं, लेकिन भारतीय नेतृत्व को इसकी संभावनाएं तो टटोलनी ही चाहिए, क्योंकि अभी तक इजरायल, तुर्की आदि ने इस दिशा में जो प्रयास किए हैं, वे नाकाम होते ही दिखे हैं। + +इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि रूस के हमले के तत्काल बाद जब यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री से बात की थी, तब उन्होंने यही आग्रह किया था कि भारत रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर युद्ध को रोके। यदि यूक्रेन भारत की सहायता से रूस से समझौते की इच्छा व्यक्त करे तो फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सक्रियता दिखाने में देर नहीं करनी चाहिए। चूंकि यूक्रेन पर चढ़ाई करने के 37 दिन बाद भी रूसी सेनाएं वांछित लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी हैं, इसलिए शायद रूस भी यह चाहेगा कि वह किसी तरह अपना सम्मान बचाकर जंग से बाहर निकले। नि:संदेह यूक्रेन भी तभी किसी समझौते के लिए तैयार होगा, जब उसके भी सम्मान की रक्षा होगी। + +रूस और यूक्रेन को सुलह की राह पर लाना एक कठिन काम है, लेकिन यदि भारत को मध्यस्थ बनने का अवसर मिले तो उसे हिचकना नहीं चाहिए। इसलिए और भी नहीं, क्योंकि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के रवैये से यदि कुछ स्पष्ट हो रहा है तो यही कि उनकी दिलचस्पी युद्ध रोकने में कम, रूस के खिलाफ माहौल बनाने में अधिक है। अमेरिका रूस को खलनायक साबित करने के साथ ही इस कोशिश में भी जुटा है कि भारत सरीखे जो देश यूक्रेन संकट को लेकर तटस्थ रवैया अपनाए हुए हैं, वे उसके पाले में खड़े हों। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd84df13cc6b1f46730840975089c63b1682f13c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60792.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंबाला, [हरिंद्रपाल]। नवरात्र से पहले ही शताब्दी के यात्रियों को सात्विक भोजन परोसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। भोजन में साबूदाना की खिचड़ी, दही, जीरे वाला आलू सहित फलाहार परोसा जाएगा। शुक्रवार 1 अप्रैल को इसकी शुरुआत कर दी गई है। 10 से अधिक सात्विक भोजन को ट्रेन नंबर 12046 चंडीगढ़-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में लोड किया गया। वहीं शताब्दी में खाना परोसने वाले कर्मचारियों को भी विशेष हिदायत दी गई कि वह सात्विक भोजन के संबंध में यात्रियों से पूछताछ करेंगे और उन्हें तुरंत भोजन उपलब्ध करवाएंगे। + +नवरात्र पर आइआरसीटीसी की विशेष तैयारी।कल यानी 2 अप्रैल से आरंभ हो रहे चैत्र नवरात्र 11 अप्रैल तक चलेंगे। इन 10 दिनों में उपवास रखने वाले यात्रियों को सात्विक भोजन उपलब्ध कराने की तैयारी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन यानी आइआरसीटीसी ने कर ली है।यह भोजन बिना लहसुन और प्याज के होगा। यात्रियों की डिमांड पर यह नवरात्र खाना स्पेशल थाली के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। यह व्यवस्था चैत्र नवरात्र तक ही मिलेगी। थाली में सिर्फ शाकाहारी भोजन ही होगा। वहीं सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..792a38fa0cfe95a2f2e4ce0f913853ba69f029b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60794.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +200 मीटर दौड़ लगाकर सांड ने फिर रोका रास्‍ता।जब ट्रक ड्राइवर ने तेजी से ट्रक को निकालने की कोशिश की। उसी समय सांड ने तेजी से 200 मीटर दौड़ लगाते हुए ट्रक को एक बार फिर से रोक लिया और सिर को नीचे कर ट्रक के आगे खड़ा हो गया। अब चालक भी असमंजस में पड़ गया कि आखिरी सांड मेरा ही रास्ता क्यों रोक रहा है। वही लोग भी तरह तरह की बातें करने लगे कि आखिर सांड यह सब क्यों कर रहा है, जबकि सड़क से अन्य दर्जनों वाहन आसानी से गुजर रहे थे। सांड उन्हें नहीं रोक रहा है। यह प्रश्न हर किसी के मन में बना हुआ था। + +ड्राइवर ने लिया सूझबूझ से काम।जब सांड सड़क से नहीं हट रहा था, तो ट्रक चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए पहले ट्रक को धीमे धीमे आगे बढ़ाया, सांड भी अपने कदम पीछे खींचता गया लेकिन साइड देने को तैयार नहीं था। उसी दौरान चालक ने कुछ दूरी तक ट्रक आगे ले जाकर एकदम से बैक गियर डाला और साइड पकड़ते हुए तेज स्‍पीड में ट्रक आगे निकाला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..773af9baceeabed5d37c75bc36b84f2bd91b4012 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60797.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जाहिर है कि भारतीय सेना से अपनी ऐसी तुलना पाकिस्तानी सेना को नागवार गुजरी। इसके बाद घटनाक्रम तेजी से बदला। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामलों में क्लीन चिट मिल गई। इमरान खान की सरकार का एक और घटक एमक्यूएम पाला बदलकर विपक्ष के साथ हो लिया। यह सब दिखाता है कि पाकिस्तानी तंत्र पर सेना की कितनी मजबूत पकड़ है। शायद अब पाकिस्तानी सेना ने नवाज शरीफ परिवार को कुर्सी पर बैठाने की ठानी है। यह वही नवाज शरीफहैं, जिनका अतीत में फौज से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ अब जनरल बाजवा की तारीफ में यह कह रहे हैं कि जनरल साहब ने उनसे कहा है कि नवाज शरीफ की सरकारों में पाक फौज को बहुत सम्मान और संसाधन मिलते रहे। + +इमरान खान के सेना से खराब हुए रिश्तों की कहानी पाकिस्तानी फौज की आंतरिक राजनीति और उसके विकसित होते वैश्विक नजरिये के बारे में कई महत्वपूर्ण संकेत देती है। सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से इमरान के रिश्ते तब खराब हुए, जब पिछले साल उन्होंने अपने चहेते आइएसआइ प्रमुख फैज हमीद को हटाकर बाजवा की पसंद नदीम अंजुम को नया आइएसआइ मुखिया बनाने में आनाकानी की। कहते हैं कि बाजवा को हमीद का काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद वहां जाना और सार्वजनिक तौर पर दिखना पसंद नहीं आया। विपक्षी दल हमीद को इमरान का आदमी बताते आए थे। उन पर इमरान की सरकार बनवाने से लेकर विपक्षी नेताओं को धमकाने के आरोप थे। ऐसे में जब तालिबान का कब्जा होते ही हमीद काबुल में प्रकट हुए और सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री बनवा दिया तो पाकिस्तान में यह संदेश गया कि मुल्क की अफगानिस्तान नीति इमरान चला रहे हैं और तालिबान को जो सफलता मिली, वह बाजवा के नेतृत्व में नहीं, बल्कि इमरान और हमीद ने दिलवाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52f3cb9538cdcbc3bbbb42f9011be9a812f96485 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60799.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस व जजपा के असंतुष्टों पर आप की निगाह, खुद एक्सरे करेंगे अरविंद केजरीवाल।जालंधर के पुराने लोगों का कहना है कि इमरान के ननिहाल वाले काफी अमीर थे। उन यहां पर काफी जमीन थी।स्वतंत्रता से पहले इमरान खान के ननिहाल की पीले रंग की कोठी में मां शौकत खानूम रहती थी। इस पीली कोठी को अमानत मंजिल के नाम से भी जाना जाता है। ।जालंधर की इस कोठी से इमरान की मां की कई यादें जुड़ी हुई हैं। 1947 में बंटवारे के बाद इमरान खान का परिवार पाकिस्तान चला गया था। इमरान खान का जन्म लाहौर में ही 25 नवंबर 1952 को हुआ। जालंधर के पुराने लोग आज भी इसकी चर्चा करते हैं। ।एक मीडिया साक्षात्कार में इमरान ने कहा था कि उनके नाना के वालिद साहब अहमद शाह खान जालंधर में सेशन जज थे। वर्ष 1983 में जब वह भारत के दौरे पर आए थे तो अपने ननिहाल गए थे। ।यह भी पढ़ें: Haryana Electricity Rate: गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा के सभी जिलों में बढ़ी बिजली की दर, जानें क्या हैं नए रेट।इमरान खान जब पीएम बने थे तो यहां काफी उत्साह था। उन्हें उम्मीद थी कि वह भारत से मधुर संबंध स्थापित करने के लिए अपने यहां से आतंकवाद को बढ़ावा देना खत्म करेंगे, लेकिन वह लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a54df5a687c6b5cbf62e565d579dd013ab719cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_608.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड की बहु प्रतिभाशाली अभिनेत्री निमरत कौर फिल्मों का फिल्मों में छोटा रोल हो या बड़ा, वह अपने किरदार की छाप लोगों के दिलों पर छोड़ ही जाती हैं। निमरत कौर एक लंबे समय के बाद अभिषेक बच्चन और यामी गौतम स्टारर फिल्म 'दसवीं' में अहम भूमिका में नजर आई थीं। उनकी फिल्म को लोगों ने खूब प्यार दिया। इस फिल्म के लिए निमरत ने 15 किलो वजन बढ़ाया था। अब हाल ही में निमरत ने सोशल मीडिया पर फैट टू फिट होने की एक तस्वीर शेयर करके बॉडी शेमिंग करने वालों को जवाब दिया। उनका ट्रांसफॉर्मेशन देखकर सितारों ने भी अभिनेत्री की जमकर तारीफ की। + +निमरत ने कहा लोगों ने खाने को लेकर दी अलग-अलग सलाह।निमरत ने अपने नोट में लिखा, 'हम एक ऐसी उम्र में हैं, जहां लोगों को हमसे बहुत ही उम्मीद है जैसे हमें हर समय कैसा दिखना चाहिए। मैं अपनी जिंदगी का एक ऐसा छोटा सा चैप्टर आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूं, जो मेरे लिए जिंदगी भर एक सीख रहेगा'। निमरत ने अपनी इस पोस्ट में आगे कहा कि वह एक छोटे से बॉडी टाइप के साथ बड़ी हुई और अब उनका बॉडी साइज मीडियम है, लेकिन उन्हें फिल्म दसवीं के लिए अपने बॉडी साइज को अपने आम बॉडी शेप से अधिक बढ़ाना था। शुरुआत में प्रोसेस समझने से पहले उन्हें वजन बढाने की बात सुनकर थोड़ी हिचकिचाहट हुई थी। लोगों ने उन्हें वजन बढ़ाने के लिए अलग-अलग सलाह भी दी, किसी ने उन पर भद्दी टिप्पणी की तो किसी ने खाने को लेकर कहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5be5c5aeb576d412828e7225c8f0a9378ad5bdca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60800.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पूजन विधि।देव मंदिर या घर में जिस स्थान पर मां भगवती दुर्गा की पूजा करनी हो, वहां की मिट्टी अच्छी तरह से धोकर पवित्र कर लें। स्नानादि के बाद मां दुर्गा का चित्र सामने, पूर्व या उत्तर मुख होकर कर आसन पर विराजमान हो जाएं। पूजा की सभी सामग्री तैयार रखें। दाहिने हाथ में पवित्री धारण कर जल, अक्षत, चंदन, सुपारी और पैसा लेकर संकल्प करें। संकल्प करके कलश स्थापना कर षोडशोपचार विधि से पूजन करें। + +पूजा करते समय आराधक रखें दिशा का ध्‍यान।मान्यता है कि मां का क्षेत्र दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिशा है इसलिए ध्यान रहे कि पूजा करते वक्त आराधक का मुख दक्षिण या पूर्व में ही रहे। पूर्व दिशा की ओर मुख करने से शक्ति और समृद्धि, जबकि दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। नवरात्रि पर माता की प्रतिमा या कलश स्थापना इसी दिशा में करनी चाहिए। नवरात्रि प्रतिपदा पर अखंड ज्योति जलाएं। मां दुर्गा को लाल रंग प्रिय है। उन्हें इस रंग के वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं, पुष्प आदि अर्पित करें। पूजन कक्ष के दरवाजे पर हल्दी, सिंदूर या रोली से दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं, इससे नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60802.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b697520be790d5df28f537f1cefbe3a7d6d9e44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60802.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भाजपा राज्यसभा में नंबर वन पार्टी ।केंद्र में पहली मोदी सरकार के वक्त राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 50 के आसपास थी। पहली बार 2017 में भाजपा राज्यसभा में नंबर वन पार्टी बनी थी जब इसने कांग्रेस के 57 के आंकड़े को पार किया था लेकिन राज्यसभा मोदी सरकार के विधेयकों के लिए अवरोध बन कर खड़ी थी जहां विपक्षी दल ताकतवर थे। + +तेजी से बदली स्थितियां ।वर्ष 2019 के बाद स्थितियां तेजी से बदलनी शुरू हुईं। हालांकि तब तक भी भाजपा अपने दम पर अस्सी के आसपास ही पहुंच पाई थी लेकिन राजनीतिक संवाद इतना तेज हुआ था कि अनुच्छेद 370 को रद करने और जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने जैसा विधेयक भी विपक्षी वोट के लगभग दोगुने नंबर से पारित करा लिया गया था। तब पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69c2c95f4c6d287a1cf11aa2e44c56283587152e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60803.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस को राजनीतिक संकट से निकालने के लिए पार्टी कार्यसमिति ने अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठन के हर स्तर पर फौरी बदलाव करने की खुली छूट भले दे रखी हो, मगर हाईकमान को इन राज्यों में बदलाव को अंजाम देने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को चुनाव से ठीक पहले कमान सौंपने के नाकाम प्रयोग के मद्देनजर इन राज्यों के फेरबदल में नेतृत्व कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता। कांग्रेस के लंबे सियासी संघर्ष की राह को देखते हुए स्टारडम वाले बड़े चेहरों की जगह युवा चेहरों को तरजीह दी जा रही है। मणिपुर तथा गोवा कांग्रेस में हुए बदलाव इसी ओर इशारा कर रहे हैं। + +कांग्रेस की करारी चुनावी पराजय के तुरंत बाद सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों-उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के प्रदेश अध्यक्षों का इस्तीफा तत्काल मांग लिया था। लेकिन तीन हफ्ते बाद पिछले दो दिनों में गोवा और मणिपुर के संगठनात्मक बदलाव को ही अमली जामा पहनाया गया है। अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में संगठन के नए ढांचे को स्वरूप देना नेतृत्व के लिए न केवल अहम बल्कि बेहद चुनौतीपूर्ण है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई की कीमत पर नवजोत सिंह सिद्धू पर दांव लगाने को लेकर असंतुष्ट खेमे के नेताओं ने सवाल भी उठाया था। मगर नेतृत्व ने तब इसकी परवाह नहीं की थी। इसी तरह उत्तराखंड में हरीश रावत को चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपने और गणेश गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के फैसले पर भी पार्टी में मशविरा नहीं किए जाने की बात हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई कार्यसमिति की बैठक में उठी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60804.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2e1a82a27ae7332e6dbaf785df05e09b4a101f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60804.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विद्यालय में स्थापित राष्ट्रीय अविष्कार अभियान लैब के प्रभारी व टीजीटी प्राकृतिक विज्ञान परविंदर कुमार ने बताया कि इस से वह छात्रों को पीएच स्तर और पोषक तत्वों का प्रबंधन व पौधों को मिल रहे सटीक पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं। उन्हें हाइड्रोपोनिक खेती करते हुए पानी का पुनर्चक्रण सिखाया जा है। छात्रों को यह भी बताया जा रहा है कि जहां खेती का समर्थन करने के लिए मिट्टी की स्थिति बहुत खराब है और खुले स्थान नहीं है, वहां भी खेती की जा सकती है। इसके साथ ही रासायनिक खरपतवारों या कीट नियंत्रण उत्पादों के उपयोग के बिना खेती की तकनीक सीखने पर जोर देना और जागरूकता पैदा करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a723eb434ead28da17f98cdcf420b948ce811f1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। राग विराग की नगरी काशी वैसे तो विश्‍व विख्‍यात है लेकिन परंपराओं का अनूठापन इस शहर की ओर लेागों को बरबस अपनी ओर खींच ही लेता है। मोक्ष की नगरी काशी में मृत्‍यु भी उत्‍सव है लिहाजा इसे राग विराग की नगरी कहा जाता है। मौत की तकलीफ पर जहां रंगारंग कार्यक्रमों की धूम हो, जहां होली पर चिता भस्‍म का उल्‍लास हो, जहां महाश्‍मशान पर रातें घुघरुओं की छनक से रंगीन हो उठें समझिए वह स्‍थल काशी है। ।बाबा की नगरी काशी राग विराग की नगरी यूं ही नही कही जाती है। एक के बाद एक प्रस्‍तुतियों से काशी का महाश्‍मशान रात भी घुंघरुओं की छनकार से थम जाएगा और रात के एक एक बीतते पहर के साथ महाश्‍मशान पर जीवंतता की रंगत अपने परवान पर नजर आएगी।  महाश्‍मशान मणिकर्णिका साल के तीन मौकों पर अति जीवंत नजर आती है। पहला देव दीपावली, दूसरा चिता भस्‍म की होली और तीसरी नवरात्र की सप्‍तमी पर महाश्‍मशान मणिकर्णिका घाट पर रंगारंग कार्यक्रमों से कहीं भी यह प्रतीत नहीं होता कि महाश्‍मशान पर धधकती चिताओं के बीच कोई भव्‍य आयोजन है। ।काशी में तमाम मान्‍यताओं के बीच यह कथा भी मौजूद है कि एक बार मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल राजा मानसिंह ने काशी में भगवान शिव के मंदिर का जीर्णोद्धार कराया तो एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की। लेकिन, तत्‍कालीन समय में कोई भी कलाकार इस महाश्मशान में आने और अपनी कला के प्रदर्शन के लिए तैयार नहीं हुआ तो मानसिंह निराश हो गए। मानसिंह की निराशा को भांप कर काशी की उस समय की नगरवधुओं ने उनको संदेशा भेज कर इस आयोजन में शिरकत और कार्यक्रम करने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की। इससे वह खुश हुए और आयोजन की स‍हर्ष अनुमति प्रदान कर दी। इस दिन के बाद से ही धीरे-धीरे यह नवरात्र की सप्‍तमी पर हुआ आयोजन उत्‍सवधर्मी काशी की ही एक परंपरा का हिस्सा बन गई। तब से आज तक चैत्र नवरात्रि की सप्‍तमी पर हर साल महाश्मशान मणिकर्णिका पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुो गया जो आज भी जारी है।  ।काशी में इस आयोजन को अब महज सात दिन ही शेष हैं। इस लिहाज से प्रशासन और आयोजक मिलकर घाट पर समतलीकरण के साथ ही अवैध कब्‍जों को भी हटाया जा रहा है। इसके लिए दो दिनों से प्रशासन की टीम भी सक्रिय है। जबकि कोरोना संक्रमण के कारण यह आयोजन पूर्व में दो वर्ष तक प्रतीकात्‍मक तौर पर ही आयोजित हुआ। लेकिन इस साल यह आयोजन सभी के लिए होने की उम्‍मीद है। ऐसे में महाश्‍मशान मणिकर्णिका घाट पर आस्‍था का रंगारंग पर्व नवरात्र के आयोजन में अनोखा रंग घोलता नजर आएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30e8254090b3d93457980a57fa00a2f491e9c025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंचम। नवरात्र के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की की गई पूजा से भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। नवरात्र के पांचवे दिन देवी को लगाएं केले का भोग या फिर इसे प्रसाद के रूप में दान करें। इस दिन बुद्धि में वृद्धि के लिए माता को मंत्रों के साथ छह इलायची भी चढ़ाएं। फल में देवी स्कंदमाता को अंगूर के 5 गुच्छे चढ़ाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60815.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef376521dd4d0c94bb3d418047f82f831ceca19e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60815.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आशीष सिंह]। चांदनी चौक का सुंदरीकरण होने के बाद लाल किला से फतेहपुरी मस्जिद की ओर जाने वाली सड़क भले ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हो, लेकिन यहां रहने वाले छात्रों के लिए मुसीबत बनेगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे छात्रों को दो से तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा। इससे यहां पर रहने वाले अभिभावक काफी चिंतित हैं। वह शाहजहानाबाद री-डेवलपमेंट कारपोरेशन से गुहार लगाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे उनकी समस्या का समाधान हो सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..094c65a3a4db9f8ad029b10632c72d359478c950 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मां शैलपुत्री के जन्म का वृतांत।दक्ष प्रजापति ने अपने यहां महायज्ञ का आयोजन किया। उसमें समस्त देवी-देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने अपने जमाता भगवान शिव को निमंत्रण नहीं भेजा। दक्ष प्रजापति अपने दामाद भगवान शिव को पसंद नहीं करते थे। पिता के यहां यज्ञ की बात सुनकर पुत्री सती वहां चली जाती हैं, भगवान शिव के मना करने के बावजूद। वहां अपने पति शिव का अपमान देखकर सती यज्ञ को नष्ट कर देती हैं और स्वयं को यज्ञ वेदी में भस्म कर लेती हैं। अगले जन्म में सती का जन्म शैलराज हिमालय के घर होता है और सती शैलपुत्री के नाम से विख्यात होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d24ca7a56bb1c641eed223af6f5f1789cfe86db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पिछले कुछ दिनों में कई बड़ी कंपनियों की दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आई है। कम से कम चार घटनाएं हुई हैं जिनमें अचानक आग लग गई, जिससे ऐसे वाहनों से संबंधित सुरक्षा के मुद्दे एकबार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं। बता दें कि इसका मुख्य कारण इन वाहनों में लगी बैटरी है जो उन्हें पावर प्रदान करती है। ये वाहन लिथियम-आयन बैटरी द्वारा संचालित होते हैं, जो सेलफोन आदि में भी उपयोग की जाती है। इन बैटरी को आमतौर पर हल्का माना जाता है जिसके चलते वे आग का खतरा पैदा कर सकते हैं जो की हाल की घटनाओं में भी देखने को मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bf519c8fe7c215fc2ef18cb9286af6c04903c13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +50 नंबर पर हुईं हैं कक्षा एक से पांच तक की परीक्षाएं। वार्षिक परीक्षा में इस बार प्रत्येक प्रश्नपत्र 50 अंक का हुआ है पर मूल्यांकन सौ नंबर के आधार पर करने के निर्देश दिए गए हैं। यानी कहा जाए तो बच्चों ने परीक्षा 50 नंबर की दी पर उन्हें अंक सौ मिलेंगे। जबकि कक्षा एक में सौ नंबर की मौखिक, कक्षा दो व तीन में 50-50 नंबर की मौखिक व लिखित तथा कक्षा तीन से पांच में तीस नंबर की मौखिक व 70 की लिखित परीक्षा हुई है। ऐसे में नंबर भी ऐसे ही दिए जाने चाहिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..426703e474f2a8f847a86ff9e50272a5b7296fa4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले भी सुप्रीम कोर्ट में आए हैं ऐसे मामले।सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील विभा दत्त मखीजा कहती हैं कि ये मामले आइपीसी की धारा 304ए में उपेक्षा से मौत के तहत आते हैं, न कि हत्या की धारा 302 में। वह कहती हैं कि इलाज में लापरवाही के दो तरह के मामले होते हैं। एक आपराधिक जिसमें पुलिस में केस दर्ज होता है और दूसरा दीवानी जिसमें उपभोक्ता अदालत में या सिविल सूट दाखिल कर मुआवजा मांगा जाता है। सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामलों के बारे में कई फैसले दे चुका है। जैकब मैथ्यू मामले में दिया गया फैसला इसमें अहम है। इलाज में लापरवाही पर डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की कानूनी व्यवस्था तय करने वाला अहम फैसला पांच अगस्त, 2005 का जैकब मैथ्यू बनाम पंजाब राज्य का है। इसमें कोर्ट ने इलाज में लापरवाही के आरोपित डाक्टरों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमा रद कर दिया था। साथ ही ऐसे मामलों में केस दर्ज करने को लेकर दिशा निर्देश भी तय किए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df32b59fd4292d3b575e200538535805e019248c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60825.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रूस के मुद्दे पर अमेरिका धीरे-धीरे भारत पर दबाव बढ़ाने लगा है। रूस की तरफ से भारत को सस्ती दर पर कच्चा तेल देने के प्रस्ताव और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के नई दिल्ली पहुंचने के कुछ ही घंटे पहले अमेरिका ने कहा है कि भारत को रूस से ज्यादा ईंधन खरीदने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर भारत ऐसा करता है तो इसका द्विपक्षीय रिश्तों पर भी असर हो सकता है। यह संदेश भारत दौरे पर आए अमेरिका के डिप्टी एनएसए दलीप सह ने भारतीय नेताओं के साथ बातचीत में दिए। + +रूसी विदेश मंत्री लावरोव के दिल्ली पहुंचने से पहले अमेरिका के डिप्टी एनएसए की घेराबंदी। भारत पर अमेरिका की तरफ से किस तरह से दबाव बनाया जा रहा है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि रूसी विदेश मंत्री का भारत दौरा तय होते ही अमेरिका ने अपने डिप्टी एनएसए दलीप सिंह को नई दिल्ली भेज दिया। पिछले दो दिनों में अमेरिका के दो सहयोगी देशों जर्मनी और नीदरलैंड के एनएसए भी भारत आए हैं और उनका एनएसए अजीत डोभाल के साथ ही विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला से भी विमर्श हुआ। इन वार्ताओं में यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे और इसके परिणाम से जुड़े मुद्दों पर खास तौर पर बात हुई। ये देश भारत पर दबाव बना रहे हैं कि वह रूस के साथ दूरी बनाए और उसे कूटनीतिक या आर्थिक मदद न दे। दलीप सिंह अमेरिका की तरफ से रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों को लेकर बेहद अहम भूमिका निभा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71b3f1c021816b46b7eb4df7c70f76b96f6654c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60827.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के बाद अब देश के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू रामलला का दर्शन करने अयोध्या आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आ रहे उप राष्ट्रपति 14 अप्रैल को लखनऊ पहुंचेंगे, जहां से अगले दिन 15 अप्रैल को वह स्पेशल ट्रेन से अयोध्या के लिए रवाना होंगे। रामलला का दर्शन करने के उपरांत वह ट्रेन से ही वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cdeb5da15f30d6b224ccf18ce0fae8b5ad871e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60830.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. अनिल प्रकाश जोशी। आज दुनिया मे ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जिसमे ऊर्जा की सीधी खपत न होती हो। ऊर्जा रहित समाज की कल्पना का मतलब हर तरह की हलचलों का शून्य हो जाना है इसमें कोई भी अतिश्योक्ति नहीं। किसी भी देश की पहचान व प्रगति उसकी जीवनशैली के स्तर से जुड़ी है। दुनिया के बड़े शहर व बाजारों का आधार ऊर्जा ही है। अमेरिका को दुनिया में सबसे ज्यादा विकसित देश मानने के पीछे वहां जुटाई हुई सुविधाएं ही हैं और सुविधाएं बिना ऊर्जा के नहीं जुटाई जा सकतीं। चीन या अन्य कोई देश के बढ़ते बाजार भी ऊर्जा खपत से ही चलते हैं और यही कारण है कि पिछले 200 वर्ष में दुनिया में ऊर्जा खपत बड़ी चर्चाओं का विषय भी रहा है। आज ऊर्जा किसी भी देश की आर्थिकी के विकास का आधार है। वे देश जो अपनी बढ़त नहीं बना पाए उनका सबसे बड़ा कारण उनके पास ऊर्जा या तकनीक विकल्प का ही बड़ा अभाव रहा है। + +आज भारत में ऊर्जा के लिए लगभग 18.5 लाख टन कोयला प्रतिदिन उपयोग में लाया जाता है यही कारण है कि कोयला ही उर्जा का केन्द्र रहा है। बहुत से लोगों को यह पता नहीं होगा लेकिन यह सत्य है कि ब्रिटिशर ने जब देश में राज किया तो उनकी पहली नजर भारत से कोयले का निर्यात करना था। भारत के उत्तरी क्षेत्र में कोयले की बहुतायत रही है उसमें झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश व बंगाल के कुछ हिस्से जहां कोयला पाया जाता है। करोड़ों वर्ष पहले एक बड़े लावे ने इन क्षेत्रों में जितने भी वन थे उनको पाट दिया था और वही बाद में कोयला बना था। कोलोनियल एरा में ब्रिटिशर्स ने एक बड़े व्यापार के रूप में ईस्ट इंडिया कंपनी को खड़ा किया था। ईस्ट इंडिया कंपनी का बड़ा आधार भारत से कोयले का निर्यात करना था। दुनिया मेंं फ्रांस और इंगलैण्ड ये दो देश ऐसे थे जो सबसे ज्यादा कोयले पर आधारित उर्जा को भोगते थें। भारत के पास वर्तमान में ऊर्जा का कोई विकल्प भी नहीं है और इतनी बड़ी जनसंख्या की उर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ती करनी है इसलिए कोयला ही बड़ा आधार है। कोयले की खपत के नियंत्रण की बात अंतराष्ट्रीय स्तर पर बार बार उठी है। ग्लास्गो की बैठक ही सबसे बड़ा उदाहरण है जहां पर भारत वन व पर्यावरण मंत्री की विवशता इस रूप में साफ दिखाई देती थी कि वे कोयले की खपत को लेकर इसलिए समझौता नहीं कर सकते क्योंकि आज भी अपने देश में 70 प्रतिशत उर्जा का आधार कोयला ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81c5d920ec9ca8a5e4e1602a639d5b6bd091485f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दयानिधि। दक्षिण एशियाई मॉनसून, जिसे भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून (आईएसएम) के रूप में भी जाना जाता है। मॉनसून दुनिया की 40 फीसदी आबादी की खाद्य सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक कल्याण के लिए अहम है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से, मॉनसूनी वर्षा में उतार-चढ़ाव को भारतीय उपमहाद्वीप में सभ्यताओं के उत्थान और पतन से जोड़ा गया है। अब शोधकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बढ़ते तापमान से मॉनसून प्रणाली की स्थिरता को खतरा हो सकता है। लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप में लंबे समय के जलवायु आंकड़ों की कमी के कारण सटीक अनुमान लगाना कठिन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a87172b2acf332ae5c7082380f3eba4cb20efcbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60832.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +वाराणसी [प्रमोद यादव]। भारतीय संस्कृति अनुसार नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। इसे सनातन धर्मावलंबी हिंदू नवसंवत्सर रूप में मानते और मनाते हैं। तिथि अनुसार राक्षस नाम नवसंवत्सर 2079 का आरंभ दो अप्रैल को हो रहा है। हालांकि वैशाख कृष्ण त्रयोदशी बृहस्पतिवार (28 अप्रैल) को नल नामक संवत्सर का प्रवेश हो जाएगा, लेकिन वर्ष पर्यंत संकल्पादि में राक्षस नामक संवत्सर का ही विनियोग होगा। खास यह कि नव संवत्सर के राजा शनि और मंत्री देवगुरु बृहस्पति होंगे। + +ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार इस बार के राजा-मंत्री का आपस में समभाव है। सूर्य पुत्र शनि न्याय के देवता और जनतंत्र व नौकरीपेशा वालों से लेकर नौकरशाहों तक के कारक माने जाते है। उनके राजा होने से न्यायालयी कार्यों में तेजी, नौकरशाहों का वर्चस्व, नौकरीपेशा वालों को अधिकाधिक प्रोन्नति के योग बनेंगे। हालांकि शास्त्र अनुसार शनि देव के राजपद पर होने से जनता में असंतोष व कष्ट होता है। वहीं, देवगुरु बृहस्पति को मंत्री पद से धार्मिक कार्य-आयोजन में वृद्धि, मंदिरों का जीर्णोद्धार के साथ आर्थिक स्थिति में सुधार नजर आता है। + +खगोलीय घटनाओं का वर्ष : खगोलीय दृष्टि से भी यह साल खास रहने वाला है। इसमें चार ग्रहण होंगे। इसमें दो सूर्य तो दो चंद्र ग्रहण होंगे। भारत में एक चंद्र व एक सूर्य ग्रहण नवंबर-दिसंबर में दिखेगा। गोचर के प्रमुख ग्रह बृहस्पति व राहु-केतु 12-13 अप्रैल को और शनि 29 अप्रैल को राशि परिवर्तित करेंगे। इससे धनु राशि वालों को साढ़ेसाती और मिथुन कुंभ वालों को अढैया से मुक्ति मिलेगी। + +अप्रत्याशित घटनाओं का साल : वर्ष लग्न की कुंडली मिथुन लग्न व मीन राशि की है। लग्नेश बुध दशम भाव में सूर्य -चंद्र-केतु के साथ मीन राशि में बुध नीच का होकर बैठा है। शनि की तृतीय दृष्टि दशम् भाव पर पडऩे से प्राकृतिक आपदा, भूकंप, सुनामी, दैवीय आपदा, विश्व पटल पर अप्रत्याशित घटनाओं से पश्चिमी देशों में हलचल का माहौल रहेगा। विश्व व्यापार पर भी संकट देखने को मिलेगा। जग लग्न की कुंडली मिथुन लग्न, सिंह राशि की है। लग्नेश बुध, सूर्य-राहु के साथ आय भाव में विराजमान है। इससे पश्चिमी देशों में आपसी वैमनस्यता बढ़ेगी। सोना-चांदी, पेट्रो पदार्थों के भाव में वृद्धि दिखेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60834.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60834.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ebc5005e385ca6d178b7696839c8c2a171d2600 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60834.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। BSEB, Bihar Board 10th/ Matric Result 2022: बिहार बोर्ड ने गुरुवार को मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया। जब भी बिहार बोर्ड के रिजल्‍ट की बात होती है, जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय का नाम चर्चा में जरूर आता है। खासकर मैट्रिक (10वीं) के रिजल्‍ट में इसका जलवा दिखता रहा है। लेकिन इस साल यह सिलसिला टूट गया। टॉपर्स लिस्‍ट पर नजर डालें तो टॉप 10 की लिस्‍ट में इस स्‍कूल को टॉप पांच में जगह नहीं मिली है। खास बात यह भी कि साल 2000 में स्‍थापित यह स्‍कूल मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है। जंगलों व पहाड़ियों के बीच स्थित इस स्‍कूल में गुरुकुल पद्धति से अंग्रेजी माध्‍यम में पढ़ाई होती है। + +इस साल नहीं दिखा स्‍कूल का जलवा । साल 2015 से लगातार टॉपर्स देने के कारण बिहार के इस स्कूल को टॉपर्स की फैक्‍ट्री (Topper's Factory) का नाम दे दिया गया है। लेकिन इस साल मैट्रिक की परीक्षा में टॉप 10 में सिमुलतला स्‍कूल का जलवा कायम नहीं रह सका। टॉप पांच तक स्‍कूल को कोई जगह नहीं मिल सकी। हां, छठी टॉपर प्रिया राय, आठवें टॉपर सत्‍यम सारथी, नौवें टॉपर राजीव कुमार तथा 10वें टॉपर आयुष कुमार व ऋृषि कुमार सिमुलतला स्‍कूल से हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ae07a1783d6946bae5262e581af898b7aaeca54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2011 की जनगणना के अनुसार, एनडीएमसी और दिल्ली छावनी बोर्ड क्षेत्रों को छोड़कर तीनों निगम क्षेत्र की कुल जनसंख्या 1.64 करोड़ है। 2002 के परिसीमन आयोग की मदद करने वाले विशेषज्ञ चतर सिंह के मुताबिक, पुन: एकीकृत निगम में नए बनने वाले प्रत्येक वार्ड की आबादी लगभग 65 हजार 675 होगी। इस संख्या के आधार पर, 250 वार्डो की सीमाएं इस तरह से खींचनी होंगी कि विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी में बदलाव न होने पाए। लिहाजा, 24 विधानसभा क्षेत्रों में निगम के वार्डो की संख्या कम हो जाएगी, जबकि दो निर्वाचन क्षेत्रों में यह संख्या बढ़ जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0b01ca34a0b2240fe7d8133e8760fa05e4c9fa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + चामुंडा नंदीकेश्वर धाम।चामुंडा देवी मंदिर भी हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित है। जिला मुख्यालय धर्मशाला से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर बनेर नदी के किनारे स्थित यह मंदिर 700 साल पुराना है। इस विशाल मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है जो 51 सिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर हिंदू देवी चामुंडा जिनका दूसरा नाम देवी दुर्गा भी है, को समर्पित है। इस मंदिर का वातावरण बड़ा ही शांत है जिस कारण यहां आने वाला व्यक्ति असीम शांति की अनुभूति करता है। माता का नाम चामुंडा पडऩे के पीछे एक कथा प्रचलित है कि मां ने यहां चंड और मुंड नामक दो असुरों का संहार किया था। उन दोनों असुरों को मारने के कारण माता का नाम चामुंडा देवी पड़ गया। यहां साथ ही में एक गुफा के अंदर भगवान शिव भी नंदीकेश्वर के नाम से विराजमान हैं। ऐसे में इस स्थान को चामुंडा नंदीकेशवर धाम भी कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6606307c54aae9c0f3b84bd06e16239b75b31498 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, नीरज व्यास। Nurpur Women Group, महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से एकजुटता दिखाई। यहां महिलाएं एकजुट होकर विभिन्न उत्पाद तैयार कर रही हैं और आजीविका कमा रही हैं। दरअसल बात यहां हो रही है नूरपुर की जहां आम की पैदावार अधिक होती है। यहां पर कई लोग आम पापड़ बनाते हैं लेकिन कृषक महिला समूह ने जब इस दिशा में 2014 में कदम बढ़ाया तो बस आगे ही बढ़ते गए। दस महिलाओं का समूह चल रहा है और देसी हल्दी, आचार, चटनी व देसी घी को बेचकर आजीविका कमा रही हैं। इसके अलावा यह समूह कुछ अन्य उत्पाद भी तैयार कर रहा है। जिसके बदले में अच्छी कमाई इस समूह की हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb79ad3d60cd74ae7a3f9bb9f2072f33dbd4babe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60845.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र। MP Politics चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली कामयाबी से भले ही कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है, लेकिन पार्टी के नीति-नियंताओं के लिए ये परिणाम एक चेतावनी भी हैं। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इसको समझ रही है, इसीलिए अगले चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है। परिणामों से निकले संदेश को एक तरह का सबक मानते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों के साथ तीन दिन पूर्व पचमढ़ी में चिंतन बैठक का आयोजन किया। दो दिन तक चली मैराथन बैठक में कैबिनेट ने राज्य में लागू तमाम कल्याणकारी योजनाओं की उन कमियों को ढूंढ़ने की कोशिश की, जो सरकार से जनता के जुड़ाव में बाधक हैं। छनकर यह तथ्य सामने आया कि 18 महीने बाद अर्थात 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में सिर्फ पुरानी योजनाओं के साथ नहीं जाया जा सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..602f842393799888180ed2ddc9c07af77e38d76d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। कहा जाता है कि बहादुर मरकर भी नहीं मरते, बल्कि वह शहीद होते हैं और फिर अमर हो जाते हैं। ऐसे ही एक बहादुर सतीश सिंह की तारीफ पूरा जमाना कर रहा है, जो बाहरी दिल्ली के बादली स्थित संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में 3 लोगों की जान बचाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में उतरे और फिर अपनी जान गंवा दी। मूलरूप से हरियाणा के पलवल जिले के रहने वाले सतीश ने ऐसे लोगों की जान बचाने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में उतर गए, जिन्हें वह जानते तक नहीं थे। परिवार वालों का कहना है कि सतीश शुरू से ही बहादुर थे और हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे आते थे। परिवार के अहम सदस्य के मुताबिक, कुछ साल पहले सतीश ने दो लड़कों की जान बचाने के लिए बिना कुछ सोचे-समझे झील में छलांग लगा दी। अच्छी बात यह रही कि सतीश ने दोनों लड़कों को डूबने से बचा लिया। ।मदद करने में सतीश को मिलता था आत्मिक सुख। परिवारवालों को कहना है कि लाडो सराय इलाके में सतीश बतौर बाउंसर नौकरी करते थे। परिवार का भरण पोषण भी हो रहा था, लेकिन लाकडाउन ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। आर्थिक स्थिति इस कदर खराब हुई कि कोई चारा ना देख सतीश ने ई-रिक्शा चलाकर परिवार को गुजर बसर करने की ठान ली। परिवार को कहना है कि वह लोगों की मदद कर आत्मिक सुख पाते थे, इसलिए हालात कैसे भी हों वह मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed91fe0ef1b82e121d6704ff08a5c113911c6abd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60849.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पाकिस्तान में तेजी से बदलतीं राजनीतिक परिस्थितियां यही संकेत कर रही हैं कि प्रधानमंत्री इमरान खान को किसी भी समय सत्ता से बाहर होना पड़ सकता है। इसका कारण केवल यह नहीं कि उनके सहयोगी एक-एक कर उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं, बल्कि यह भी है कि उस सेना ने उनकी मदद करने से इन्कार कर दिया, जो उन्हें छल-बल से सत्ता में लाई थी। इमरान खान सत्ता में बने रहें या फिर उससे हाथ धो बैठें, पाकिस्तान जिन कठिन हालात से दो-चार है, उनमें सुधार आने के आसार कम ही हैं। + +इसलिए कम हैं, क्योंकि पाकिस्तान ने एक ओर जहां खुद को चीन के उपनिवेश में तब्दील कर लिया है, वहीं अपनी समस्त समस्याओं के लिए पश्चिम को दोष देने में लगा हुआ है। इसी कारण पश्चिमी देश और यहां तक कि अरब जगत भी उससे दूरी बनाए हुए है। आर्थिक बदहाली से बुरी तरह ग्रस्त होने के बाद भी पाकिस्तान न तो तालिबान की पैरवी करने से बाज आ रहा है और न ही किस्म-किस्म के आतंकी संगठनों को पालने-पोसने से। पाकिस्तान में सत्ता में कोई रहे, उसे अपनी सेना के हिसाब से ही चलना होगा। जो ऐसा नहीं करेगा, उसका वही हश्र होगा, जो आसिफ जरदारी और नवाज शरीफ का हुआ या फिर इमरान खान का होने जा रहा है। + +यह ठीक है कि एक अर्से से सीमा पर संघर्षविराम कायम है, लेकिन पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन न केवल कश्मीर के माहौल को बिगाड़ने की फिराक में हैं, बल्कि अपने हथियारबंद दस्तों की घुसपैठ कराने की भी कोशिश करते रहते हैं। एक ऐसे समय जब कश्मीर के हालात तेजी से सुधर रहे हैं और वहां के लोग पाकिस्तान के शैतानी इरादों को समझने लगे हैं, तब भारत को कहीं अधिक सावधान रहना होगा। इसी के साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पाकिस्तान प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कश्मीर में हस्तक्षेप न करने पाए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..010e4d3447dfd61a732cffbb09c58458862bb712 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस सदस्य का केजरीवाल पर निशाना।रवनीत सिंह ने विधेयक के खिलाफ बोलने के बजाय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलकर कांग्रेस को असहज स्थिति में ला दिया। रवनीत सिंह ने कहा कि विधेयक के विरोध के बजाय दिल्ली सरकार के करतूतों को देखना चाहिए, जिसने दिल्ली के पैसे से पूरे पंजाब में अपना प्रचार किया। उन्होंने अमित शाह से इस मामले की जांच कराने की मांग की। रवनीत ने कहा कि अब केजरीवाल पंजाब के पैसे का इस्तेमाल गुजरात चुनाव में भाजपा के खिलाफ करेंगे। रवनीत ने यह भी साफ किया कि पंजाब में केजरीवाल की जीत की मूल वजह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28ccb0c2b467034a831779860d3df44e6bb3652b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60857.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। गति से प्रगति। विकास के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी का यह स्पष्ट विजन है, मगर गुरुग्राम-रेवाड़ी के रास्ते दिल्ली व अलवर के बीच प्रस्तावित आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कारिडोर के निर्माण की रफ्तार अब कछुआ गति की कहावत सिद्ध कर रही है। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) की प्राथमिकता में शामिल इस कारिडोर को जल्दी पूरा करने के लिए प्रथम चरण में दिल्ली-रेवाड़ी-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़ स्टेशन) तक की योजना बनी, मगर हरियाणा एवं राजस्थान की ठोस पैरवी के अभाव में इस कारिडोर की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लगभग दो वर्ष से केंद्र सरकार के पास अटकी है। + +हरियाणा में बनेंगे दो कारिडोर। दिल्ली-अलवर के अलावा हरियाणा में दूसरा कारिडोर दिल्ली-पानीपत-करनाल है। दिल्ली-अलवर के प्रथम चरण में सराय काले खां, आइएनए, मुनीरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेड़की दौला, मानेसर, पचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआइआर, रेवाड़ी, बावल व एसएनबी स्टेशन शामिल हैं। दिल्ली से एसएनबी तक इसका ट्रैक 70.5 किलोमीटर एलिवेटेड और 36.5 किमी भूमिगत रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5d9c4d410909f7e6e0915709a5cbb4ee576d8d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60858.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। MS Dhoni Income Tax भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर झारखंड के सबसे बड़े व्यक्तिगत करदाता बन गए हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बाद से ही झारखंड में सबसे अधिक व्यक्तिगत कर देने का रिकॉर्ड प्रत्येक वर्ष इन्हीं के नाम रहा है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी उनकी आमदनी करीब 130 करोड़ रुपये होने के का अनुमान है। + +उन्होंने अग्रिम कर के रूप में वर्तमान वित्तीय वर्ष में 38 करोड़ रुपये का कर भुगतान किया है। गत वर्ष की तुलना में अग्रिम कर की यह राशि 8 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले साल वित्तीय वर्ष 2020-21 में उन्होंने 30 करोड़ रुपये के अग्रिम कर का भुगतान किया था। मिली जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी की आय इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) से सबसे अधिक हुई है। कोरोना संक्रमण में कमी के बाद केंद्र सरकार ने आइपीएल को अनुमति दे दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c46dbf29d0886141b4dec763b793d3df65f6c559 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60863.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस ने जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) के खात्मे की बात कही है, वह एक साथ कई मोर्चे खुलने का संकेत देती है। संचालन ठप होने की स्थिति में आइएसएस भारत, चीन समेत अमेरिका आदि किसी भी देश में गिर सकता है। उल्लेखनीय है कि आइएसएस अंतरिक्ष को समझने और वहां से पृथ्वी की विभिन्न गतिविधियों की निगरानी और शोध का ऐसा जरिया उपलब्ध कराता है, जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। + +उनकी ये भूमिकाएं अलग-अलग हैं। जैसे रूस इसे कक्षा में बनाए रखने और इसकी रफ्तार कायम रखने का जिम्मा संभालता है। हाल में रूस ने इस अंतरिक्ष स्टेशन की ऊंचाई में बदलाव किया है। यह ऊंचाई बढ़ाई गई है। अमेरिका भी रूस के बराबर ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका के जिम्मे आइएसएस पर बिजली आपूर्ति कायम रखना और उस पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों की रक्षा जैसी जिम्मेदारियां हैं। भले ही आइएसएस पर अंतरिक्ष यात्रियों की मौजूदगी वर्ष 2000 से है, लेकिन 1990 में इसका निर्माण शुरू होने के वक्त से ही दोनों देश इससे जुड़े हर काम में एक-दूसरे की मदद करते रहे हैं। आइएसएस के रखरखाव में भारी खर्च आता है, जिसमें सबसे ज्यादा पैसा अमेरिका देता है। इस बड़े सरकारी खर्च पर अमेरिका में अक्सर विवाद भी होता रहता है, पर रूस जानता है कि उसके सहयोग के बिना आइएसएस चल नहीं सकता, इसलिए यूक्रेन पर कार्रवाई के कारण अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों की दशा में वह इसका इस्तेमाल एक युद्ध रणनीति के रूप में कर रहा है। रूस ने चेतावनी दी है कि उसके खिलाफ जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनके मद्देनजर आइएसएस के संचालन में बाधा आ सकती है। मुमकिन है कि आइएसएस किसी दुर्घटना का शिकार हो जाए और धरती पर गिर जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bf8348fd814c7f2d2777b5e5a40c2c7ed56c8de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60864.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, जागरण टीम। Indian Railway News: भारतीय रेल की सेवाएं केवल भारत तक ही सीमित नहीं हैं, बल्‍कि हमारे देश की रेल पड़ोसी देशों का भी सफर करती रही है। भारत की ट्रेनें पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और नेपाल तक का सफर भी पूरा करती रही हैं। इस दिशा में रेलवे एक बड़ा कदम उठाने वाला है। जल्‍द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पड़ोसी देश के बीच ट्रेन सेवा को दोबारा शुरू करने वाले हैं। रेलवे ने इसके लिए दो अप्रैल की संभावित तारीख भी बता दी है। खास बात यह भी है कि इस रेल में सफर करने के पासपोर्ट होना भी जरूरी नहीं है, बल्कि वोटर कार्ड जैसे पहचान पत्र पर भी आप यात्रा कर सकते हैं।  ।दो अप्रैल को उद्घाटन की संभावना ।भारतीय रेल पड़ोसी देशों से रिश्‍तों को मजबूत करने और व्‍यापार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाती रही है। पूर्व मध्‍य रेलवे के मुख्‍य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच आमान परिवर्तन के बाद नए रेल ट्रैक पर ट्रेन सेवाएं पुन: शुरू की जाएंगी। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा दो अप्रैल को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस रेलखंड पर ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ कर सकते हैं। बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुर/कुर्था रेल लाइन पर यात्री रेल सेवा का परिचालन फि‍र से शुरू किया जाना है।  ।रखना होगा कोई एक पहचान पत्र ।रेलवे की ओर से बताया गया है कि भारत और नेपाल के बीच निर्माणाधीन जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास रेल परियोजना के प्रथम चरण में जयनगर-जनकपुर/कुर्था रेलखंड जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास (69.08 किमी) रेल परियोजना का एक भाग है। इस रेलखंड पर काम पूरा हो चुका है। रेल सेवा प्रारंभ होने की स्थिति में भारत और नेपाल के बीच ट्रेन से यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा के दौरान निर्धारित निम्नलिखित पहचान पत्रों में से कोई एक फोटो युक्त पहचान पत्र मूल रूप में रखना अनिवार्य होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a581e0db1f073cba8dec45a2aeb65ff45ddaee4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60865.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + 1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि श्रीलंका सरकार ने स्‍वीकार किया है कि उनका देश विदेशी कर्ज में डूबा हुआ है। श्रीलंका ने अपनी अर्थव्‍यवस्‍था को ठीक करने के लिए चीन, जापान और भारत से कर्ज ले रखा है, लेकिन चीन ने कठोर शर्तों पर कर्ज दे रखा है। श्रीलंका को चीन को पांच खरब अमेरिकी डालर का कर्ज पहले ही चुकाना था। इसके बावजूद श्रीलंका को एक अरब अमेरिकी डालर का अतिरिक्‍त कर्ज पिछले वर्ष लेना पड़ा था। चीन ने यह कर्ज अपनी शर्तों के मुताबिक दिया है। श्रीलंका ने चीन से अपनी मुद्रा के एक्‍सचेंज के जरिए 1.5 खरब अमेरिकी डालर हासिल किए हैं। उससे चीन की स्थिति और खराब हो गई है। + + 2- उन्‍होंने कहा कि चीन पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह गरीब देशों पर कर्ज का बोझ डालकर उनको अपने कर्ज जाल में फंसा रहा है। उन्‍होंने कहा कि गरीब मुल्‍कों को कर्ज देने के तौर तरीकों के चलते ड्रैगन की काफी निंदा भी हुई है। चीन पर यह आरोप लगता रहा है कि वह कूटनीतिक दांवपेच की खातिर कर्ज जाल को अपना हथियार बना रहा है। यह भी देखा गया है कि कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में वह उक्‍त देश की संपत्तियों पर कब्‍जा कर लेता है। चीन की इस नीति के समर्थन में श्रीलंका का उदाहरण आम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bcf16282dcbbf867c8916f7a1dc25b7695be4e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अगर अपने पालतू जानवर (कुत्ता और बिल्ली आदि) को अपने साथ रेल यात्रा पर ले जाना चाहते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं। देश के किसी भी कोने में अपने पालतू को साथ लेकर यात्रा कर सकते हैं। पालतू जानवरों की यात्रा के लिए अति आधुनिक नए कोच लिंकहाफ मैन बुश (एलएचबी) से चलने वाली ट्रेनों के ब्रेक वान (गार्ड यान) में भी डाग बाक्स की सुविधा मिलने लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..391476ad82f8e35da62b9299ecb26788df024ddb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60867.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आजमगढ़ [राकेश श्रीवास्‍तव]। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के सांसद पद से इस्तीफा सौंपने के बाद सभी पार्टियों में कई छत्रप सपना संजोने लगे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में सपा के खाते में दसों सीट जाने से स्थानीय नेताओं के मन में उम्मीदें उफान मारने लगीं हैं। वहीं पार्टी में शीर्ष नेतृत्‍व की ओर से शिवपाल यादव को लेकर भी इन दिनों खींचतान चल रही है। ।भारतीय जनता पार्टी के टिकट से बीते संसदीय चुनाव में मजबूती से लड़े भोजपुरी सिने स्टार व गायक दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के वर्षों से नजर नहीं आने से जनता भूलने लगी है। उस समय बसपा-सपा का गठबंधन होने से लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही आमने-सामने की थी। अबकी बदली परिस्थिति में प्रत्याशी आयातित उतारे गए तो भितरघातियों से जूझना पड़ेगा। + +यूं तो आजमगढ़ सपा का गढ़ माना जाता है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में दसों सीट पर चुनाव जीतकर सपा धुरंधरों ने इसे साबित भी कर दिया है। वर्ष 2008 के उपचुनाव में बसपा ने जिले के मूल निवासी और यहां से दूर रहने वाले नेता अकबर अहमद डंपी को उतारा तो चुनाव जीत गए, लेकिन जनता उनका दोबारा चेहरा देख नहीं पाई। + +वर्ष 2014 में चुनाव में सीट हथियाने के लिए सपा सुप्रीमो खुद चुनाव में उतर आए तो जनता ने उनका सम्मान किया। उनके बाद अखिलेश अपने पिता की सीट से लड़े तो चुनाव जीते, लेकिन क्षेत्र से गायब रहने के दाग उन पर लगते रहे। दाग को धाेने की बजाए बीच में सांसदी से इस्तीफा देकर सपा विधायक दल के नेता बन गए। खास बात यह है कि स्थानीय नेताओं का सपना प्रत्येक चुनाव में ऐन वक्त पर ऊपर से प्रत्याशी आ पहुंचने से चकनाचूर हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d87b8241e060d1983bd5eaf17663e50c36a3fa8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ समय पहले घोषणा की गई थी कि अजय देवगन, आलिया भट्ट, रामचरण और जूनियर एनटीआरस्टारर फिल्म 'आरआरआर' 13 अक्टूबर 2021 को रिलीज होने वाली है। लेकिन हाल ही में फिल्म के आधिकारिक सोशल मीडिया पेज से घोषणा की गई है कि ये फिल्म अब अक्टूबर में रिलीज नहीं होगी। फिल्म की रिलीज की की तारीख आगे बढ़ दी गई है। ये फैसला कोविड की वजह से लिया गया है। हालांकि इसकी नईतारीख की घोषणा अब तक नहीं की गई है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही कर दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dbe674c89ba603034a68f97dab6c50c1ddfb116 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद के थाना मझोला क्षेत्र की रहने वाली आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 13 वर्षीय एक छात्रा आफलाइन पढाई के तनाव में घर छोड़ आई। वह 23 मार्च की रात को आगरा में आइएसबीटी पर बस से उतरने के बाद टेंपो में सिकंदरा के लिए सवार हो गई। जिसमें बैठे युवक को उसके हावभाव से शक हो गया। छात्रा से बातचीत के बाद इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति के सदस्य निमेश को दी। उन्होंने छात्रा को सिकंदरा थाने ले जाने की कहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dacee71a646c325a6b3f8a3f15cabc8fc07dea15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आशीष सिंह]। कोरोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा बंद होने से टूर एंड ट्रैवल कारोबार बूरी तरह से प्रभावित हो गया था। किंतु अब संक्रमण न्यूनतम स्तर पर है और अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा रविवार से फिर से शुरू हो गई है। इससे टूर एंड ट्रैवल कारोबार से जुड़े लोगों में खुशी है। उनका कहना है कि इससे कारोबार को गति मिलेगी। यह ऐसा कारोबार है जो काफी देर से खुल रहा है। पाबंदी लगने से इस क्षेत्र से जुड़े लोगों में अधिक असर पड़ा है। अब विदेशी पर्यटक देश में आ सकेंगे। वहीं, टूर एंड ट्रैवल एजेंट विदेश का दौरा कर नए बाजार तलाश सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a73abc4b38db1516ac24580c709dbba1a38713d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60875.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। पहली अप्रैल से कपड़ा दस से पंद्रह फीसद महंगा हो जाएगा। यार्न के दाम में तेजी और कपड़ों में प्रयोग होने वाला रसायन महंगा होने की वजह से कीमतों में इजाफा होने जा रहा है। इससे काटन, लेनिन, पापलीन, लट्ठा, पटरा, लग्जरी क्लोथ समेत सभी तरह के कपड़े में तेजी हो जाएगी। कपड़ा व्यापारी बताते हैं कि मिलों ने कपड़े को तैयार किए जाने वाले प्रोसेस हाउस महंगे होने के कारण बुकिंग महंगी कर दी है। इससे कपड़ों की फिनिशिंग समेत सभी काम महंगे हो जाएंगे। + +यार्न में तेजी के नाम पर बड़े कारोबारी और मिलों की मनमानी : कपड़ा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक मोतियानी कहते हैं कि दरअसल यार्न में तेजी, केमिकल और प्रोसेस हाउस महंगा होने की बात बताकर बड़े कारोबारी और मिलों की मनमानी शुरू हो गई है। तीन से चार माह में बीस फीसद का उछाल काफी होता है। पहले दस प्रतिशत का उछाल आया। चार माह बाद अब फिर से 10 से 12 फीसद बढ़ा दिया गया है। इससे कपड़ा बीस प्रतिशत से अधिक महंगा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd218ecd1261f3b0481a68d275de46a8648d623d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुर्गा देवी कवच पाठ में शक्ति के भिन्न-भिन्न स्वरूप, उनके वाहन और उनके अस्त्र-शस्त्र का अद्भुत वर्णन है। महाशक्ति शंख, चक्र, गदा, शक्ति, हल, मूसल, तोमर, खेटक, परशु, पाश, कुंत, त्रिशूल, धनुष आदि अनेक अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं और उनका उद्देश्य भक्तों और देवताओं की रक्षा करना है। अद्भुत बात यह है कि शक्ति के अस्त्र-शस्त्र में हल और मूसल भी शामिल हैं। सृष्टि, पालन और प्रलय करने वाली महाशक्ति खेतों को अन्न से परिपूर्ण करने के लिए हल भी चलाती हैं और मूसल लेकर धान भी कूटती हैं। यही हमारे ऋषि-चिंतन का शीर्ष है, जो देवी रूप में शक्ति की उपासना तो करता ही है, साथ ही साथ वह ग्राम्य बाला और गृहिणी में भी उसी शक्ति का स्वरूप देखकर उसे भी पूज्य बना देता है। स्त्री-तत्व कर्म अथवा धर्म के किसी भी क्षेत्र के किसी भी रूप में हो, भारतीय मनीषा ने उसे न केवल पूज्य माना है, वरन् समस्त कर्म और स्वावलंबन की प्रेरक शक्ति के रूप में भी स्वीकार किया है। इसीलिए वैदेही ने अपनी स्तुति में कहा ‘भव बिभव कारिनि’ अर्थात संसार का समस्त ऐश्वर्य तुमसे ही आरंभ होता है। साथ ही, कर्म और स्वावलंबन की प्रेरक शक्ति बनकर सृष्टि का पालन करने वाली महाशक्ति को जनक नंदिनी ने स्तुति करते हुए ‘स्वबस बिहारिनि’ भी कहा है तो यह उनमें स्थित परम स्वाधीनता की ही वंदना है। ।वाराणसी के ख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से लग रहा है, जो पूरे नौ दिन चलेगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक की अवधि शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा की साधना-आराधना को समर्पित रहेगा। इसे शास्त्रों में वासंतिक या चैत्र नवरात्र कहा गया है। ज्योतिष के अनुसार, इस बार कलश स्थापन के लिए मात्र 2.30 घंटे ही मिल रहे हैं। प्रात: सूर्योदय के बाद 5.52 बजे से 8.22 बजे तक कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद वैधृति योग लग जा रहा है। इसमें घट स्थापन उचित नहीं है। सप्तमी युक्त अष्टमी महारात्रि में महानिशा पूजन आठ अप्रैल को किया जाएगा। महाअष्टमी व्रत नौ को और रामनवमी व महानवमी व्रत के साथ नवरात्र का होम-हवनादि 10 अप्रैल को किया जाएगा। नौ दिवसीय नवरात्र व्रत का पारण 11 अप्रैल को किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb49053d609148d7e49a703d12b001666718fbe6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। इस वर्ष दो दिन चैत्र अमावस्या तिथि मानी जा रही है। 31 मार्च को श्राद्ध कर्म की अमावस्या और 1 अप्रैल को स्नान और दान की अमावस्या मनाई जाएगी। अमावस्या पर पितरों की विशेष पूजा अर्चना करने का विधान है। कहा जाता है कि इस तिथि पर पितरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद घर पर बना रहता है। 31 मार्च, गुरुवार को श्राद्ध कर्म के लिए अमावस्या सही है और स्नान और दान के लिए शुक्रवार को अमावस्या सही रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..632d395ef492767ccdafdd8f1bffed6057e26d49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले वर्ष मुख्तार अंसारी को जिस बुलेट प्रुफ एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था, उसका रजिस्ट्रेशन श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी के नाम से फर्जी रूप से दर्ज था। जांच पड़ताल में श्याम संजीवनी हास्पिटल की संचालिका डा. अलका राय का नाम प्रकाश में आने पर बाराबंकी में 01 अप्रैल 2021 को ही एआरटीओ द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद बाराबंकी की छह सदस्यीय टीम उनके श्याम संजीवनी अस्पताल पर पहुंची थी। इस दौरान उनका आवास पुलिस छावनी में तब्दील रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ca9cc3740f4823d9c917b329267d268c504fb0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60879.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि, राजस्थान प्रांत के गठन को लेकर ब्रिटिश शासक भी संदेह में थे। इसके बावजूद वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता और उनकी सोच ने राजपूताना से राजस्थान के गठन की राह प्रशस्त की। आजादी की घोषणा के साथ ही राजपूताना के देशी रियासतों के मुखियाओं में स्वतंत्र राज्य में भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़ सी मच गयी थी। उस समय राजस्थान में 19 देशी रियासतें, 3 ठिकाने और अजमेर-मेरवाड़ा के नाम पर एक केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल था। अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत को छोड़कर बाकी देशी रियासतों में देशी राजा-महाराजाओं का ही राज था। सत्ता की होड़ के चलते राजस्थान के गठन की बात बेहद ही दूभर लग रही थी। उनकी मांग थी कि वे सालों से खुद अपने राज्यों का शासन चलाते आ रहे हैं, इसलिए उनकी रियासत को 'स्वतंत्र राज्य' का दर्जा दे दिया जाए। एक दशक की ऊहापोह के बीच 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई। इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी. पी. मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इनकी सूझबूझ से ही राजस्थान के वर्तमान स्वरुप का निर्माण हो सका। इस तरह राजस्थान के एकीकरण में आठ वर्ष सात महीने और चौदह दिन लगे। + +उदयपुर सहित चार रियासतें होते स्वतंत्र राज्य।देश के पहले गृहमंत्री वल्लभभाई और सचिव वीपी मेनन की चतुराई और सूझबूझ से राजस्थान का गठन हो पाया। यदि वह जोर नहीं देते तो राजस्थान के उदयपुर यानी मेवाड़, जोधपुर यानी मारवाड़, बीकानेर यानी बीकाणा और जयपुर यानी ढूंढात प्रांत स्वतंत्र राज्य होते। स्वतंत्र राज्यों के गठन को लेकर जो शर्ते तय की गई थी, उन्हें ये चारों रियासतें पूरा करती थी। जिसमें दस लाख से अधिक आबादी तथा वार्षिक आय एक करोड़ रुपए से अधिक होनी चाहिए थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..683d9c94ca34a7a3c2db7c233855d708aa3b5cf0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60881.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, मुकेश कुशवाह। गायत्री परिवार के संस्‍थापक आचार्य पं. श्रीराम शर्मा की जन्‍मस्‍थली और तपोभूमि आंवलखेड़ा दुनिया भर को गायत्री मंत्र देने के बाद अब देशभर को खट्टी मीठी रसभरी बांट रही है। आलू उत्‍पादन के मामले में एक समय में अग्रणी रहने वाले इस इलाके के किसान आलू को छोड़कर अब रसभरी की पैदावार करने में जुटे हैं। रसभरी का रस इस प्रकार आंवलखेड़ा क्षेत्र में फैल गया है कि किसान गेहूं, आलू, सरसों, जौ और बाजरा जैसी फसलों को छोड़ फल की खेती में जुट गए हैं। ।आगरा जिले ग्राम आंवलखेड़ा से रसभरी की सप्लाई उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में प्रतिदिन की जाती है। बरहन क्षेत्र के आचार्य पंडित श्रीराम शर्मा की जन्मस्थली आंवलखेड़ा में पिछले 30 वर्षों से किसान सैकड़ों बीघा में रसभरी की फसल उगा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में रसभरी के रकबे में और ज्‍यादा इजाफा हुआ है। आसपास के किसान सीजन के हिसाब से उगाई जाने वाली फसलों को छोड़कर रसभरी उगाने लगे हैं। किसान सोनू सिंह के मुताबिक क्षेत्र में आलू की पैदावार अत्यधिक थी लेकिन लगातार हो रहे नुकसान की वजह से किसान रसभरी की फसल की तरफ निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। + +सावन में होती है पौध की रोपाई।रसभरी की फसल उगाने के लिए किसान मई माह में खेत में बीज की बुवाई कर पौधे उगाते हैं। पौध तीन महीने में तैयार हो जाती है। जिसे किसान सावन के महीने में खेतों में रोपाई करते हैं और यह लगभग जनवरी माह में फलदायक हो जाता है। जिससे रसभरी लगातार जनवरी, फरवरी और मार्च महीने में आती रहती है। होली के बाद यह फसल समाप्त हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cf3a96add94ec6f1f815f216ee322d722b12c7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60882.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +‘परीक्षा पे चर्चा’ की विशेषता यह है कि इससे जुड़े प्रतिभागी किसी खास वर्ग, क्षेत्र, उम्र, जाति या धर्म के न होकर भारत के सभी राज्यों से लेकर विदेश तक के जूनियर और सीनियर कक्षाओं के विद्यार्थी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के संवाद की व्यापकता विद्यार्थियों द्वारा पूछे प्रश्नों के उत्तर में अपनी बात को केवल परीक्षा तक ही सीमित न कर उसे जीवन से जोड़ देती है। विद्यार्थी जीवन में आने वाली अनेक समस्याएं प्राय: किसी न किसी रूप में जीवन के दूसरे पड़ाव में भी जरूर आती हैं। प्रेरणा, आत्मविश्वास, एकाग्रता, आशा, उत्साह, समय और तनाव प्रबंधन आदि ऐसे अनेक विषय हैं, जिनका विद्यार्थी से लेकर आम व्यक्ति जीवन भर सामना करता है। + +प्रधानमंत्री इसे अच्छी तरह समझते हैं और यही कारण है कि परीक्षा से संबंधित प्रश्नों के उनके उत्तर में भी जीवन का फलसफा छुपा हुआ होता है। उदाहरण के लिए परीक्षाओं को ही जीवन का आधार मानकर अपने बच्चों पर उम्मीदों का बोझ डाल देने वाले अभिभावकों के प्रश्न पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तर पर गौर किया जाना चाहिए। वह कहते हैं कि परीक्षाओं के महत्व से इन्कार तो नहीं किया जा सकता, पर हमें समझना होगा कि क्या ये परीक्षाएं ही हमारे जीवन की कसौटी हैं? क्या 10वीं एवं 12वीं कक्षा के स्कोरकार्ड ही किसी के जीवन का नियंता हो सकते हैं? अथवा विद्यार्थी बिना स्कोरकार्ड के भी अपना भविष्य बुन सकता है? वह कहते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टीन, न्यूटन से लेकर बिल गेट्स और सचिन तेंदुलकर तक अनेक व्यक्तित्व मिल जाएंगे, जिनके अंक-पत्र भले न चमके हों, पर उन्होंने अपना जीवन चमका कर समाज, राष्ट्र और दुनिया को एक नई दिशा दी है। इस तरह प्रधानमंत्री मोदी जब परीक्षाओं के बाहर भी बहुत बड़ी दुनिया होने की बात करते हैं तो वह केवल विद्यार्थी ही नहीं, बल्कि जन सामान्य को भी अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ।एक अन्य स्तर पर अपेक्षाओं को सकारात्मक रूप से लेने पर बल देते हुए वह कहते हैं कि अपेक्षाओं के कारण हममें कुछ ज्यादा करने की इच्छा जगती है। एक मिसाल देकर वह बताते हैं कि एक मरीज, जिसमें जीने की इच्छा ही न हो, उसे कितना ही बढ़िया अस्पताल और डाक्टर क्यों न मिल जाए, वह ठीक नहीं हो सकता। इसलिए आशा और अपेक्षा उध्र्व गति के लिए अनिवार्य होती हैं। सवा सौ करोड़ देशवासियों की सवा सौ करोड़ आशाएं-आकांक्षाएं भी होनी चाहिए और उस पर काम करना चाहिए, तभी देश आगे बढ़ेगा। ।[शिक्षा राज्य मंत्री, भारत सरकार]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4210b6f9ded6e369d832fa9aef79841a807eca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । 'जल बिन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती', ये चिंता विशेष अवसरों पर सरकारी महकमों में अक्सर जताई जाती है। लेकिन, जीवन रूपी जल को बचाने के लिए महकमे कोई ठोस योजना नहीं बना पा रहे। सरकार भी तब चेतती है, जब दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं। यह स्थिति तब है, जब जनपद के 206 गांवों जल संकट से जूझ रहे हैं। नगर निगम आवश्यकता के अनुसार पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा। हैंडपंप, नलकूप सूख रहे हैं। पहले जहां 100 फीट गहराई पर पानी था, वहां 250 फीट की बोरिंग कराई जाती है। भूगर्भ में हर साल दो से तीन फीट जल स्तर गिर रहा है। ऐसा ही रहा तो भविष्य में ये संकट विकराल रूप धारण कर लेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60885.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51996f84ddb7facccbf78fb0c481e0af9d700d37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60885.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इसे जलवायु परिवर्तन का असर कहें या कुछ और.. पिछले 14 साल में 10 बार भी मार्च में बारिश सामान्य नहीं रही। इस मार्च को मिला कर तीन बार राजधानी दिल्ली सूखी ही रही जबकि सात बार औसत से भी काफी कम बारिश दर्ज की गई। बारिश की यह कमी भी मार्च में गर्मी की चुभन बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है। जानकारी के मुताबिक मार्च माह में औसत बारिश का आंकड़ा 15.9 मिमी है, लेकिन 2009 से लेकर 2022 तक केवल 2014, 2015, 2016 और 2020 ही ऐसे वर्ष रहे हैं जब दिल्ली में अच्छी बारिश हुई। मार्च 2020 में तो राजधानी में अत्यधिक बारिश का आलटाइम रिकार्ड भी बना। बाकी के सालों में स्थिति बहुत ही दयनीय रही है। 2010, 2018 और 2022 में बारिश ने मार्च से बिल्कुल ही मुंह मोड़ लिया। बीच के सालों में भी बारिश के नाम पर बस खानापूर्ति ही हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a0f298f030879ba977515662a02f8d06208ec53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार को ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे यूक्रेन संकट से उपजी परिस्थितियों के प्रभाव को कम किया जा सके। यह ठीक है कि सरकार के पास सीमित विकल्प हैं, लेकिन उसे जो कुछ संभव हो, वह तो करना ही होगा। रिजर्व बैंक को भी यह देखना होगा कि वह अपने स्तर पर क्या कर सकता है? सरकार इसकी अनदेखी नहीं कर सकती कि खाने-पीने की सामग्री के साथ अन्य अनेक वस्तुओं के दाम भी बढ़ रहे हैं और इससे आम लोगों का बजट बिगड़ रहा है। ।फिलहाल यह कहना कठिन है कि कच्चे तेल के दामों में वृद्धि कब तक जारी रहेगी, इसलिए सरकार को वैकल्पिक उपायों की तलाश करनी चाहिए। इस क्रम में उसे यह भी देखना होगा कि आयातित पेट्रोलियम पदार्थो पर निर्भरता कैसे घटाई जाए? उसे अपने ऊर्जा हितों को सुरक्षित करने के जतन भी करने होंगे। इस पर हैरत नहीं कि विपक्षी दल संसद से लेकर सड़क तक महंगाई को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। उन्हें इस मसले को उठाना ही चाहिए, लेकिन केवल सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने से बात बनने वाली नहीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3df2154fdefb0f5e03e5bfbe552a39fb4647a818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60891.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बलबीर पुंज। आखिर देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस की दुर्गति का जिम्मेदार कौन है? कई जानकारों के अलावा अब पार्टी के भीतर भी इसके लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार माना जा रहा है। यह निष्कर्ष सच तो है, किंतु यही पूरी सच्चाई नहीं। क्या इस संदर्भ में केवल गांधी परिवार को ही दोषारोपित करना उचित होगा? पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी हुई हैं। राहुल गांधी परोक्ष रूप से पार्टी के निर्णायक फैसले ले रहे हैं। तमाम कोशिश के बावजूद प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में कांग्र्रेस की स्थिति में कोई सुधार नहीं कर पाईं। वस्तुत: परिवारवाद कांग्रेस की समस्याओं की जड़ है तो उसके बीज भी पार्टी ने ही बोए थे। इसकी शुरुआत जवाहरलाल नेहरू के दौर में हो गई थी। परिणामस्वरूप विगत साढ़े सात दशकों में एकाध अपवाद को छोड़ दिया जाए तो कांग्र्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर गांधी परिवार ही काबिज रहा है। इसमें पिछले ढाई दशकों के दौरान पार्टी की राजनीतिक जमीन खिसकती ही गई। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या नेतृत्व परिवर्तन से ही पार्टी का कायाकल्प संभव है? ।हाल के वर्षों का राजनीतिक रुझान दर्शाता है कि जहां भी कांग्रेस तीसरे स्थान पर पहुंची, वहां वह दोबारा नहीं उभर पाई। दिल्ली इसका सबसे ताजा उदाहरण है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ ही अब दो ऐसे राज्य हैं, जहां कांग्र्रेस की अपने दम पर सरकार बची है। राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या सिमटकर 33 रह गई है। अपने आरंभिक काल में कांग्रेस में विविध विचारधारा वालों के लिए स्थान था। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, महामना मदनमोहन मालवीय, लाला लाजपत राय और गांधीजी, ये सभी भारत की सनातन संस्कृति से प्रेरणा पाते थे। गांधीजी की नृशंस हत्या के बाद जब कांग्रेस पर नेहरू का एकाधिकार हुआ, तो पार्टी के मूल सनातनी और बहुलतावादी चरित्र को धीरे-धीरे हाशिये पर धकेल दिया गया। इसमें रही-सही कसर इंदिरा गांधी ने पूरी कर दी। 1969 में जब कांग्रेस दो फाड़ हुई और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार अल्पमत में आई, तब संसद में उन्हें अपनी सरकार बचाने हेतु 41 सांसदों की आवश्यकता थी। इस कमी को वामपंथियों ने बाहरी समर्थन देकर पूरा किया। इंदिरा ने उन कम्युनिस्टों के सहारे अपनी सरकार बचाई, जिनका अपने उद्भव काल से एकमात्र एजेंडा भारत की सनातन संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली पर प्रहार करना रहा। अपने इसी दर्शन के कारण वामपंथियों ने 1942 के 'भारत छोड़ो आंदोलन' में अंग्र्रेजों के लिए मुखबिरी की। गांधीजी, नेताजी आदि देशभक्तों को अपशब्द कहे। पाकिस्तान के जन्म में मुस्लिम लीग और अंग्रेजों के साथ मिलकर महती भूमिका निभाई। भारतीय स्वतंत्रता को अस्वीकार करके उसे 17 देशों का समूह माना। 1948 में भारतीय सेना के खिलाफ हैदराबाद के जिहादी रजाकरों के साथ, तो 1962 के भारत-चीन युद्ध में वैचारिक समानता के कारण चीन के पक्ष में खड़े रहे। इसके अतिरिक्त, 1967 में लोकतंत्र विरोधी नक्सलवाद को जन्म दिया। + +जब 1971 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया, तब तमाम वामपंथी न केवल कांग्रेस में शामिल हुए, बल्कि उन्हें शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए। इसी दौर में कांग्रेस ने अपनी मूल गांधीवादी विचारधारा को वामपंथियों को 'आउटसोर्स' कर दिया, जो अब भी उससे केंचुली की भांति चिपकी हुई है। कांग्र्रेस का सार्वजनिक-व्यवहार उस घिसे-पिटे वामपंथी व्याकरण से निर्धारित हो रहा है, जिसमें उसका भी कोई दृढ़ विश्वास नहीं है। कांग्रेस ऐसा केवल इसलिए करने को विवश है, क्योंकि विचारधारा के मामले में वह पहले ही शून्य हो चुकी है। मैकाले चश्मा पहनी कांग्रेस जाने-अनजाने में तभी से वामपंथियों के साथ मुस्लिम लीग के अधूरे एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। वह चाहे देश पर आपातकाल थोपना हो या शाहबानो मामले में मुस्लिम समाज में सुधार के प्रयासों को रोकना हो, परमाणु परीक्षण का विरोध करना हो या भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताना हो, उनमें कांग्र्रेस की हिंदू विरोधी और मुस्लिम तुष्टीकरण की मानसिकता प्रत्यक्ष होती है। मानो इतना ही काफी नहीं। 2005-2011 के बीच केवल हिंदुओं को लक्षित करता 'सांप्रदायिक एवं लक्ष्य केंद्रित हिंसा निवारण अधिनियम' लाया गया। जेएनयू परिसर में भारत विरोधी नारों का समर्थन करने से लेकर सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह किया गया। ऐसे अंतहीन उदाहरणों की सूची लंबी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0f8690d2ab122b388d79bb960087ca3692c90ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60892.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज।हाईस्कूल की चित्रकला परीक्षा में तीन मुन्नाभाई पकड़े गए। ऐसे में सवाल उठता है कि चित्रकला में केवल ड्राइंग बनाई जाती है तो इसमें मुन्नाभाई क्यों बैठे? इस पर सचलदल प्रभारी एडीआइओएस मनोरमा ठाकुर ने कहा कि फर्जी छात्र पंजीकृत छात्र की जगह पूरी परीक्षाएं देने की फिराक में थे। पकड़ न होती तो पूरी परीक्षाओं में शामिल होते रहते। तीनों फर्जी छात्रों व इनके नामांकन करने वाले कालेज श्री करन सिंह इंटर कालेज गनेशपुर के प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। साथ ही अब अफसर बीएस इंटर कालेज रायपुर खास के केंद्र व्यवस्थापक सुनहरी लाल को भी पहले दिन से पड़ताल न करने का दोषी मानते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगने का पत्र जारी कर रहे हैं। सुनहरी लाल ने कहा कि फर्जी छात्रों के आधार कार्ड पर जो उम्र लिखी थी वो दस्तावेज से मेल खा रही थी। इसके अलावा उनके पास कोई मानक नहीं है पहचान करने का। सवाल ये भी उठता है कि महिला अधिकारी ने एक ही दिन में देखकर तीन फर्जी छात्रों को पकड़ लिया और केंद्र व्यवस्थापक चार परीक्षाओं में मिलान न कर सके?।उम्र 28 व 35 वर्ष, परीक्षा हाईस्कूल की।बीएस इंटर कालेज रायपुर खास अतरौली पर श्री करन सिंह इंटर कालेज गनेशपुर हरदोई के पंजीकृत छात्र संदीप कुमार की जगह 35 वर्षीय फर्जी छात्र जितेंद्र, छात्र रोहित की जगह 24 वर्षीय फर्जी छात्र आकाश परीक्षा दे रहा था। इसी कालेज का 28 वर्ष का छात्र विपिन कुमार बीएससी करने के बाद हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा था। एडीआइओएस मनोरमा ने कहा कि बीएससी के बाद उम्र कम करने के लिए विद्यार्थी हाइस्कूल की परीक्षा नहीं देगा। ये भी मुन्नाभाई ही प्रतीत हो रहा है। ये तीनों फर्जी छात्र बहोना कोटरा अतरौली निवासी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60894.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60894.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0458daede58b8e2fd64af02a5412a85261471140 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60894.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैटर्न की समझ। किसी भी परीक्षा की तैयारी और उसमें सफलता की पहली सीढ़ी है उसके पैटर्न को समझना। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अब तक आपने पिछले साल के प्रश्नपत्रों को देखते हुए और अन्य सक्षम लोगों से संपर्क करते हुए जेईई मेन की परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझ लिया होगा। यदि अभी भी कोई संदेह है, तो समय बीता नहीं है, किसी सक्षम और जानकार व्यक्ति से इस बारे में खुलकर चर्चा कर लें। यदि कोचिंग ले रहे हैं, तो वहां भी इस बारे में पूछने में हिचकने की जरूरत नहीं है। पैटर्न को समझने के बाद ही पाठ्यक्रम के बारे में सही समझ बनती है और इससे तैयारी आसान हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8377d54f85b9f284a83b70f1495207702286e478 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60896.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिर्फ 13 प्रतिशत अभियुक्त ही गिरफ्तार।इस मामले में न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और अभय एस ओका की पीठ ने गत सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा गत 24 मार्च को दाखिल स्थिति रिपोर्ट देखकर कहा कि एनडीपीएस एक्ट में दर्ज कुल मामलों में सिर्फ 13 प्रतिशत अभियुक्त ही गिरफ्तार हुए हैं। बाकी भागे हुए हैं। यह बहुत गंभीर मामला है। तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। पीठ ने स्टेटस रिपोर्ट देखकर कहा कि 225 से ज्यादा अभियुक्त लंबे समय से फरार हैं। वे भगोड़ा घोषित हो चुके हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e980161600297ac60befed24051abc42d08e53e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60897.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली : उत्तर भारत में मार्च का अंत आते-आते मौसम ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में मैदानी राज्यों के साथ पहाड़ भी तपने लगे हैं। दिल्ली में मार्च में ही मई-जून जैसे हालात बन रहे हैं। तपती धूप और लू से लोगों का बुरा हाल होने लगा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि बुधवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने दो दिन के लिए लू का अलर्ट जारी किया हुआ है। पूरा मार्च महीना सूखा रहा है और अगले एक हफ्ते में भी बारिश के आसार नहीं हैं। + +हिमाचल के चार जिलों में गर्म हवाएं चलने का अलर्ट।हिमाचल के कई क्षेत्रों में मार्च में ही मई जैसी गर्मी दिखने लगी है। मौसम विभाग ने भी मंगलवार को हिमाचल के चार जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सोलन में गर्म हवाएं चलने की चेतावनी जारी की थी। इससे आने वाले दिनों में तापमान में वृद्धि होगी। बारिश न होने के कारण पहले से सूखे की मार झेल रही फसलों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान से चली गर्मी हवाओं, पहाड़ों पर सूर्य की सीधी पड़ती किरणों और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण हिमाचल में इस तरह का मौसम बना है। मंगलवार को शिमला का न्यूनतम तापमान सामान्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया जबकि डलहौजी का सामान्य से 7.9 डिग्री अधिक रहा। वर्ष 2000 से अब तक के आंकड़ों के अनुसार, धर्मशाला में अधिकतम तापमान का रिकार्ड टूट गया है। 12 साल बाद 29 मार्च को सबसे अधिक 33.2 डिग्री तापमान दर्ज किया है। इससे पूर्व 29 मार्च, 2010 को 31.6 डिग्री तापमान रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0aa1aaab941e0350dbb08c85b9bb77d5c79ea2b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +माला दीक्षित, नई दिल्ली। विवाह की आयु तो कानून में तय है लेकिन दो बालिगों के लिव इन में रहने और सहमति से संबंध बनाने पर कानून में किसी तरह की रोक टोक नहीं है। कानून में 18 वर्ष की आयु होने पर व्यक्ति बालिग हो जाता है और उसे अपनी मर्जी से जीवन जीने और साथी चुनने का अधिकार है। समस्या तब उठती है जब 18 से 21 वर्ष के युवक-युवती बालिग होने के आधार पर लिव इन में रहने लगते हैं और माता-पिता या परिजनों के दखल देने पर बालिग होने के आधार पर मर्जी से जीने के अधिकार की दुहाई देते हुए कोर्ट में जाकर सुरक्षा की गुहार लगाते हैं। लिव इन रिलेशन के बारे में कानून की शून्यता के चलते कोर्ट के पास ऐसे बालिगों को सुरक्षा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। इस स्थिति ने लिव इन रिलेशन को कानून में बांधने की एक नई बहस को जन्म दिया है और कोर्ट ने सरकार से इस पर जवाब मांगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0b600d9e1c20f3626d3ad5972068c850872761c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। अभिनेता अभिषेक बच्चन मंगलवार को अपनी फिल्म दसवीं की शूटिंग के लिए आगरा सेंट्रल जेल पहुंचे। अभिनेता को अपने बीच देखकर जेल प्रशासन के अधिकारी और स्टाफ की प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहा। अभिनेता ने पिछले वर्ष फरवरी और मार्च में फिल्म दसवीं की शूटिंग आगरा सेंट्रल जेल में की थी। अभिषेक बच्चन और यामी गौतम की फिल्म दसवीं का ट्रेलर रिलीज होने के बाद धूम मचा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb36604b45e159b31c86b7a4f9345493c99840b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60902.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंजाब व हरियाणा सरकारों को कोर्ट में यह बात इसलिए कहनी पड़ी थी, क्योंकि चंडीगढ़ के एक व्यक्ति फूल कुमार ने उसे अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के समान लाभ नहीं मिलने की स्थिति में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फूल कुमार ने अदालत में कहा था चूंकि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है, इसलिए उसे चंडीगढ़ में उन्हीं सेवा नियमों का लाभ मिलना चाहिए, जो पंजाब के लोगों को मिलता है। + +चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों का लाभ मिलेगा। इस संबंध में 9 जून 1966 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के दस्तावेज भी कोर्ट में पेश किए गए। हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कोर्ट में जवाब दिया था कि चंडीगढ हरियाणा की राजधानी है, लेकिन वह हरियाणा का हिस्सा नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..777d3b177dd98f6d1e189122adc61c140370714a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मार्कफैड जैसे बड़ी सहकारी संस्था से कुश्लदीप ढिल्लों चुनाव से पूर्व ही इस्तीफा चुके हैं, जबकि मिल्कफैड में बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा के भी इस्तीफा देने की चर्चा है। मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक दो दिनों में ही सभी बोर्ड और कार्पाेरेशन पर चेयरमैनों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60904.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5bffac5849d34870c7c6355e584fd0b8d7a5d55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60904.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम सैन्यकर्मियों को ड्रोन जैमर तकनीक का भी प्रशिक्षण देते हैं। समय-समय पर वर्कशाप भी आयोजित की जाती है। ‘इंडियन फ्लाइंग कम्युनिटी’ नाम से एक कम्युनिटी है, जिसमें देश भर से युवा एवं ड्रोन टेक्नोलाजी के विशेषज्ञ जुड़े हैं। हमारी टीम लगातार रिसर्च एवं इनोवेशन कर ड्रोंस विकसित कर रही है। मेरा मानना है कि आने वाला भविष्य इसी का है। ।डीजीसीए से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्र।द बांबे फ्लाइंग क्लब, मुंबई।https://www.thebombayflyingclub.com/।तेलंगाना स्टेट एविएशन एकेडमी, हैदराबाद।http://tsaahyd.in/।फ्लाइटेक एविएशन एकेडमी, सिकंदराबाद।https://flytechaviation.aero/।इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी, अमेठी।https://igrua.gov.in/।अलकेमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, जमशेदपुर।https://www.alchemistaviation.in/।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4175846cc62dd3d9a25d556890f884c799f0d163 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साड़ी पर कलाकृति उकेरने में लग जाते हैं 20 दिन : सिल्क और सूती कपड़ों पर नक्काशी करने वाले गोपाल गिरी बताते हैं कि सीता-राम, राधे-कृष्ण, कोहबर सहित अन्य कई तरह की कलाकृतियां कपड़ों पर उकेरते हैं। इसमें सिल्क की साड़ी, कुर्ता के साथ चादर, दुपट्टा, पाग, आभूषण पर्स और टेबल लैंप सहित अन्य सामान शामिल हैं। जिस पर फैब्रिक रंग से कलाकृतियां बनाई जाती हैं। गोपाल गिरी बताते हैं कि एक साड़ी में पेंटिंग करने में 20 दिन का समय लग जाता है। इस दौरान फ्रेम पर कपड़ों को टाइट कर फैब्रिक रंगों से कलाकृतियां ब्रश द्वारा बनाई जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e48fa273ab26da02211781b9b9ce25a4e81b6fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। लंबे समय से बन रही ब्रह्ममास्‍त्र फ‍िल्‍म की शूटिंग आखिरकार वाराणसी में शूटिंग के साथ ही अब निर्माण के लिए तैयार है। 2019 में भी इस फ‍िल्‍म की शूटिंग वाराणसी में हो चुकी है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि पूरी फ‍िल्‍म वाराणसी और काशी के अलावा गंगा और गंगा घाट के इ‍र्द गिर्द ही शूट होने के बाद काशी फ‍िल्‍म के लिए 'ब्रह्मास्‍त्र' साबित हो सकती है। इस बाबत मंगलवार को फ‍िल्‍म यूनिट की ओर से अधिकृत घोषणा की गई है कि वाराणसी में शूटिंग खत्‍म होने के साथ ही अब यह रिलीज के लिए तैयार है। ।इस बाबत फ‍िल्‍म के सूत्रों ने बताया कि बहुप्रतीक्षित फ‍िल्‍म 'ब्रह्मास्त्र' ने भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी में अपना अंतिम शूटिंग शेड्यूल पूरा कर लिया है। अब नौ सितंबर को सिनेमाघरों में लॉन्च होने के लिए पूरी तरह तैयार है। बीते दिनों ही चार दिनी शिड्यूल में फ‍िल्‍म और इसकी यूनिट से जुड़े लोगों की ओर से जानकारी दी गई है कि अब फ‍िल्‍म की सभी शूटिंग के हिस्‍सों को पूरा किया जा चुका है।  ।अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित, फॉक्स स्टार स्टूडियोज, धर्मा प्रोडक्शंस, प्राइम फोकस और स्टारलाईट पिक्चर्स द्वारा निर्मित, मैग्नम ओपस नौ सितंबर 2022 को देश के अलावा विदेशों में भी रिलीज करने की तैयारी शुरू हो गई है। देश की पांच प्रमुख भारतीय भाषाओं - हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में इसे डब किया जा रहा है। अमिताभ बच्‍चन भी इस फ‍िल्‍म का अहम हिस्‍सा हैं। फ‍िल्‍म कलाकारों में अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, मौनी रॉय और नागार्जुन अक्किनेनी भी शामिल हैं। ।इस बाबत अभिनेत्री आलिया भट्ट ने भी अपने इंस्‍टा एकाउंट पर फ‍िल्‍म के लास्‍ट प्रोमो को साझा किया है। आलिया ने लिखा है कि 'हमने 2018 में शूटिंग शुरू की थी और अब … अंत में .. ब्रह्मास्त्र (भाग एक) का फिल्मांकन समाप्त हो गया है। बहुत दिनों से यही कहना चाह रही थी कि अब फ‍िल्‍म की शूटिंग पूरी हो चुकी है। सिनेमाघरों में मिलते हैं नौ सितंबर 2022 को।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60912.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ab966b129206be754c5570fea8f707288b8137c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। जब ब्रेन (मस्तिष्क) में ट्यूमर विकसित होने लगता है तो शरीर कुछ संकेत देता है। यदि हम इन संकेतों को पहचान लें और समय रहते उपचार शुरू हो जाए तो संभावित खतरों को टाला जा सकता है। अगर लगातार सिरदर्द रहने लगे, सुबह-सुबह इतना तेज सिरदर्द हो कि नींद खुल जाए, जी मिचलाए, अचानक देखने, सुनने व बोलने में परेशानी होने लगे तो इसे सामान्य समस्या मानकर अनदेखी न करें। ये ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में पीड़ित को तत्काल न्यूरोलाजिस्ट को दिखाना चाहिए। यदि जांच में ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि होती है तो उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a179ae65baac7b7977ba15be9b3b674f7c442ee2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बंगाल विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच हुई हिंसक झड़प यही बता रही है कि ममता सरकार बीरभूम की दिल दहलाने वाली घटना पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं थी। यह भी किसी से छिपा नहीं कि वह इस घटना की सीबीआइ जांच भी नहीं चाह रही थी। जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह कहते हुए एक तरह से उसे धमकी ही दी कि अगर जांच सही तरीके से नहीं की गई तो वह सड़कों पर उतरेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..588bf8e5e200bd0bb86ce98a0deea89463782517 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60916.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दूसरी ओर स्टांप एवं पंजीयन मंत्री की दोबारा जिम्मेदारी मिलने पर मंत्री रवींद्र जायसवाल ने खुशी जाहिर की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस भरोसे के साथ मंत्रालय की जिम्मेदारी दोबारा सौंपी है उस पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश होती रहेगी। फिलहाल, मंत्रालय स्तर पर जो भी योजनाएं बनाई जा रही है उसमें जनता हित सर्वोपरि है। सबसे अधिक लाभ उन लोगों को होने जा रहा है जो संपत्ति खरीदते हैं तो उनका 12 साल का रिकार्ड जुटाने में पसीने छूट जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। बस एक क्लिक पर संपत्ति के बाबत 12 साल का पूरा ब्योरा उपलब्ध हो जाएगा। ऐसी ही जन सहूलियत की योजनाओं का 100 दिन का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। + +कहा कि अब अशक्तजनों को संपत्ति पंजीयन के लिए सीढिय़ां नहीं चढऩी होगी। इसके लिए प्रदेश भर के 300 से अधिक निबंधन कार्यालय में ऐसी सुविधा विकसित की गई है। इससे निबंधन का कार्य अशक्त लोग ग्राउंड फ्लोर पर ही करा सकेंगे। सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है। इसके लिए कार्यालय को सीसीटीवी से लैस किया जा रहा है। टोकन प्रणाली से निबंधन के लिए लोगों को कार्यालय में देर तक इंतजार नहीं करना होगा। पूरी व्यवस्था को डिजिटल किया जा रहा है ताकि पारदर्शिता को बढ़ावा मिले। स्वच्छता के मानकों को पूरा करते हुए कार्यालय परिसर में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह सब कार्य मनोरम योजना के तहत पूरा हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49d76506a5dfa46717fabe2ae02a77e0d1ee8908 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60917.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। वर्ष 1998 के पहले ही दिन तृणमूल कांग्रेस का गठन करने वाली ममता बनर्जी वामपंथियों के शासनकाल में हुए नरसंहारों को मुद्दा बना-बनाकर महज 13 वर्षो में ही बंगाल की सत्ता के शिखर पर पहुंच गईं। वर्ष 2011 में सत्ता पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के सामने कई चुनौतियां आईं। वर्ष 2011 में आमरी अस्पताल अग्निकांड (90 से अधिक मौतें), संग्रामपुर जहरीली शराब कांड (170 से अधिक मौतें), वर्ष 2013 में सारधा, रोजवैली चिटफंड घोटाला, वर्ष 2016 में नारद स्टिंग, 2020 में कोयला चोरी व पशु तस्करी प्रकरण जैसी चुनौतियों से लड़ते हुए बीते वर्ष तीसरी बार वह राज्य की सत्ता हासिल करने में सफल रहीं। परंतु पहली बार जिसे हथियार बनाकर सत्ता की सीढ़ी चढ़ी उसी नरसंहार के भंवर में तृणमूल प्रमुख खुद घिर गई हैं। + +पिछले दो दशकों में जितने भी नरसंहार हुए उसमें मरने वाले अधिकांश विरोधी दलों के थे। परंतु पिछले सप्ताह सोमवार की रात बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाना के बोगटूई गांव में जो हुआ है, उसमें मरने और मारने वाले दोनों ही एक ही दल (तृणमूल) से जुड़े हैं। वर्ष 2000 से लेकर अब तक छह नरसंहार हुए हैं, उन सबसे अलग और नृशंस बोगटूई की घटना है, क्योंकि यहां बच्चों और महिलाओं तक को जिंदा जला दिया गया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। ब्लाक स्तर के तृणमूल नेता अनारुल हुसैन को गिरफ्तार करने के लिए तीन दिनों तक पुलिस और विशेष जांच टीम को सीएम के निर्देश का इंतजार करना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0690d3ad8fe3fb8416e67bfff9ac8fd556350a09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60920.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ । इस आधुनिक युग में अल्पज्ञान बहुत घातक साबित हो सकता है। थाना हो या कचहरी, अगर जानकारी का अभाव है तो आप चक्कर ही काटते रह जाएंगे। न्याय तो दूर की बात, उसे पाने की सही राह भी चुन पाना कठिन हो जाएगा। ऐसे में अलीगढ़ पुलिस की ओर से एक नई पहल की जा रही है। इसके तहत जिलेभर के स्कूल व कालेज में शिविर लगाकर बच्चों को अदालत और कानून की जानकारी दी जाएगी। कानूनी दांव-पेंच सीखने के बाद ये बच्चे कैडेट के रूप में काम करेंगे और किसी भी आपात स्थिति से निपटने में अहम भूमिका निभाएंगे। ।हर जिले में स्‍टूडेंट पुलिस कैडेट का गठन।दरअसल, सरकार की ओर से हर जिले में स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) का गठन किया गया था। लेकिन, कोरोना व अन्य व्यस्तताओं के चलते यह पहल सिरे नहीं चढ़ सकी। अब एसएसपी कलानिधि नैथानी के निर्देशन में सीओ द्वितीय मोहसिन खान को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। इन्होंने डीआइओएस व बीएसए के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को फिर से बड़े स्तर पर लांच करने की योजना बनाई है। परीक्षाएं होने के बाद जिलेभर के स्कूल-कालेजों में हर माह शिविर लगाए जाएंगे। इसमें कक्षा आठ व कक्षा नौ के विद्यार्थियों को सरकारी विभागों के कामकाज की जानकारी दी जाएगी। पुलिस कैसे काम करती है, डीएम दफ्तर का कामकाज कैसे होता है, जेल, पुलिस कंट्रोल रूम में कैसे काम होता है... आदि बातें सिखाई जाएंगी। एफआइआर, एनसीआर, जरूरी धाराएं, अग्नि शमन विभाग के कार्यों के बारे में भी बताया जाएगा। इसमें शिक्षा विभाग का भी सहयोग रहेगा। + +इनडोर व आउटडोर भ्रमण भी होगा।बच्चों को स्कूल-कालेज में इनडोर शिविर में ज्ञान देने के साथ आउटडोर भ्रमण भी कराया जाएगा। इसमें पुलिस लाइन, थाना, जेल, पुलिस कंट्रोल रूम, दीवानी न्यायालय, डीएम आफिस आदि सरकारी कार्यालयों में ले जाकर कामकाज दिखाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों को एक बुकलेट भी जाएगी, जिसमें महिला अपराध, यातायात, सीनियर सिटीजन, एनजीओ, पुलिस की वर्किंग जैसे 12 पाठ शामिल किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4291a3094685173134a1970b011d587fdac886da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60922.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेट्रोल के दामों में अंतर।बीते बीस मार्च से लगातार पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़़ रही हैं। अब इनकी कीमतों ने उपभोक्ताओं की जेब जलाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 100.22 रुपये हो गयी, जबकि सोमवार को पेट्रोल की कीमत 99.42 रही। डीजल की कीमत मंगलवार को 91.74 तक जा पहुंची जबकि सोमवार को इसकी कीमत 91.03 रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e99926531a14551c3b8dcd4efae2796a661c0132 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60923.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उल्लेखनीय है कि चार अक्टूबर, 2019 को आर श्रीनिवास कुमार बनाम आर समेधा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विवाह विच्छेद का निर्णय देते हुए कहा कि 'जब वैवाहिक संबंध उस स्थिति तक खराब हो चुके हों कि वे किसी भी स्थिति में सुधारे नहीं जा सकें तो कानून द्वारा इस वास्तविकता पर ध्यान नहीं देना अव्यावहारिक तथा समाज के लिए हानिकारक होगा। ऐसे वैवाहिक संबंध निष्फल होते हैं तथा इनका जारी रहना दोनों पक्षों को मानसिक प्रताडऩा देना है। इन मामलों में किसी वैधानिक प्रविधान की अनुपस्थिति के कारण न्यायालय द्वारा अनुच्छेद-142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करना आवश्यक है।' 21 मार्च, 2006 को नवीन कोहली बनाम नीलू कोहली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारत संघ को हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 में संशोधन करने पर गंभीरता से विचार करने की सिफारिश की थी, ताकि वैवाहिक संबंधों में आई कड़वाहट को विवाह विच्छेद के एक आधार के रूप में सम्मिलित किया जा सके। फलस्वरूप 2009 में भारत के विधि आयोग ने अपनी 217वीं रिपोर्ट में अपरिवर्तनीय संबंध विच्छेद को विवाह विच्छेद का आधार बनाने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम तथा विशेष विवाह अधिनियम में शामिल करने की अनुशंसा की। यह दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि विवाह संबंधों में खेले गए दांवपेच न केवल दंपतियों के लिए व्यक्तिगत क्षति का कारण बन रहे हैं, अपितु अदालतों का एक महत्वपूर्ण समय भी इसमें नष्ट हो रहा है। किसी भी देश के विकास का मापदंड मात्र आर्थिक उन्नति भर नहीं है। अगर समाज विघटित, असंतुष्ट और अप्रसन्न होगा तो यह उन्नति अपना महत्व खो देगी। इसलिए यह सरकार का दायित्व है कि बदलती हुई सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों के अनुकूल कानूनों में भी बदलाव हो। विशेषकर वर्तमान परिस्थितियों में विवाह के परंपरागत रूप में परिवर्तन के चलते वैधानिक परिवर्तन आवश्यक हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70209283f0e6540cc06142e6de69596889c40668 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर व गौरी को देखने की अनुमति म‍िली : चिडिय़ाघर में असम से लाए गए गैंडे हर व गौरी को देखने की अनुमति भी दे दी गई। चिडिय़ाघर में घुसते ही जब दर्शकों को यह पता चला तो उनके उत्साह का ठिकाना नहीं रहा। अन्य बाड़ों से होकर जैसे ही लोग गैंडे के बाड़े के पास पहुंचे और वहां सर्वाधिक वक्त बिताया। स्थापना दिवस के दिन पांच हजार से अधिक दर्शक चिडिय़ाघर के जानवरों को देखकर आनंदित दिखे। स्थापना दिवस के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र से भाजपा विधायक विपिन स‍िंह ने प्राणी उद्यान के पहले स्थापना दिवस की गोरक्षनगरी वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में चिडिय़ाघर को कई तोहफे देने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f1cbcd66a3e1a5f5a739a5d26616b7a05337a2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60925.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहले ग्रामीण अभियंत्रण ब्रजेश पाठक के पास था। अब उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें ऐसे विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह जनसेवा के क्षेत्र में खुद को साबित कर सकें। उन्हें आमजन से जुड़े महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। इनमें चिकित्सा शिक्षा के अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग का दायित्व सौंपा गया है। + +क्षमता, उपयोगिता और अनुभव देखकर जिम्मा।स्वतंत्र देव सिंह : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के पहले तक पिछली सरकार में परिवहन मंत्री का दायित्व संभाल चुके स्वतंत्र देव सिंह को इस बार जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण का जिम्मा सौंपा गया है। वह बुंदेलखंड के ही रहने वाले हैं। यह क्षेत्र जल संकट से जूझता रहा है। वहां सरकार हर घर जल पहुंचाने की योजना चला रही है। क्षेत्र के जानकार स्वतंत्रदेव इस दायित्व को अच्छे से निभा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9493d2168d28daa8acb70e8fae4a2a8ec05f7b5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60926.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सभी राज्यों को दिया था निर्देश।सुप्रीम कोर्ट कोविड में माता-पिता खोने वाले बच्चों के पुनर्वास और शिक्षा आदि पर सुनवाई कर रहा है। इस बारे में कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे ऐसे बच्चों की पहचान कर उनका ब्योरा राष्ट्रीय बाल आयोग के पोर्टल बाल स्वराज पर डालें। इसके अलावा कोर्ट स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुर्नवास के मुद्दे पर भी सुनवाई कर रहा है। + +अगले सोमवार को विचार करेगा कोर्ट।कोर्ट ने कहा कि मामला महत्वपूर्ण है और वह इस पर अगले सोमवार को विचार करेगा। साथ ही कोर्ट को बताया गया कि बाल आयोग की स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुनर्वास की नीति पर छत्तीसगढ़ को छोड़कर किसी भी राज्य ने जवाब नहीं दिया है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7ca86d8a168ee6374c6661582b125dd68113025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60927.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। यूं तो मिशन 2024 को फतह करने के लिए भाजपा की नजर पूरे उत्तर प्रदेश पर है, लेकिन योगी सरकार 2.0 के मंत्रिपरिषद से साफ है कि पार्टी का ज्यादा फोकस पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर ही रहेगा। सपा-रालोद गठबंधन के बावजूद विधानसभा चुनाव में जिस तरह से पार्टी ने पश्चिम में गहरी पैठ बनाते हुए शानदार सफलता हासिल की है, उसे लोकसभा चुनाव में भी बनाए रखने के लिए अबकी पिछली बार से लगभग दोगुना मंत्रियों को योगी की मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। एक तरह से इन 23 मंत्रियों को 2024 की बिसात का प्रमुख मोहरा भी मान सकते हैं। + +दरअसल, 53 सदस्यीय योगी मंत्रिपरिषद के गठन में जातीय समीकरण साधने के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन का भी पूरा ख्याल रखा गया है। चूंकि, अब भाजपा के सामने दो वर्ष बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में फिर केसरिया परचम लहराने का एक बड़ा एजेंडा है, इसलिए उसने अपने-अपने क्षेत्र और जाति पर मजबूत पकड़ रखने वाले पार्टी नेताओं को मंत्रिपरिषद में तव्वजो दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a62ac2e56e4a5064215ce41ef9333828963877cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60930.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हजारीबाग/कोडरमा/लोहरदगा, जेएनएन। Forest Fire Jharkhand झारखंड के जंगलों में लगी आग दिन-‍ब-दिन भीषण होती जा रही है। गर्मी शुरू होते ही राज्‍य के अलग-अलग इलाके में जंगल सुलगने लगे हैं। हजारीबाग, कोडरमा और लोहरदगा में जंगलों में आग लगने से पेड़-पौधों को तो नुकसान हो ही रहा है, वन्यजीवों के लिए यह किसी बड़ी आफत से कम नहीं। 400 हेक्टेयर से अधिक इलाके में यह आग फैली है। वन विभाग के अनुसार जंगल में महुआ चुनने वाले ही आग लगा रहे हैं। विभाग इसे बुझाने की पूरी कोशिश में लगा है। कोडरमा के सतगावां क्षेत्र में कई पहाड़‍ियों में आग लगी हुई है। मोर, तीतर, गौरैया समेत कई प्रजाति के पक्षियां के अलावा खरगोश, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण आदि जानवर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। + +काेडरमा) के सतगावां थाना क्षेत्र के कई पहाड़ी पर फैले जंगल में छह दिन बाद भी आग नहीं बुझी है। जंगली इलाकों में अब भी आग धधक रही है। इससे जीव-जंतु व पेड़ प्रभावित हो रहे हैं। वन कर्मी आग बुझाने में लगे हुए हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है। महावर पहाड़ ,पियरबईया जंगल,माधोपुर, राजावर, कटैया पहाड़ में फैले जंगल में छह दिन से आग फैली हुई है। + +इससे कई जीव-जंतु आग की चपेट में आने से झुलस जाते हैं। छोटे-छोटे पेड़ भी झुलसकर मर जाते हैं। वन कर्मी भी आग बुझाने को लेकर सक्रिय नहीं रहते। इसका खामियाजा प्रकृति को उठाना पड़़ता है। वन विभाग के वन रक्षी अनील दास, पिटू पंडित आदि ने बताया कि आग की रोकथाम के लिए वन विभाग के कर्मचारी लगातार प्रयासरत हैं। जंगली क्षेत्र में कई स्थानों पर आग फैल चुकी है। इस कारण सफलता नहीं मिल पा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d0ab054d1f1b2caa9bd5221e36b9deeff40f238 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60936.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +1984 के नतीजों के बाद बदली धारा : वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने शुरुआत में नरम रुख अपनाया था। हालांकि 1984 के लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में विचारधारा को लेकर मंथन हुआ। 1986 में पार्टी की कमान अपेक्षाकृत सख्त छवि वाले लालकृष्ण आडवाणी के हाथ में आई। यहीं से धीरे-धीरे पार्टी ने खुद को मजबूत करना शुरू किया। + +लोकसभा का सफर।देश की आधी जनसंख्या पर भाजपा सरकारों का शासन : हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पांच में से चार राज्यों में जीत हासिल की है। इन राज्यों में पहले से भाजपा सरकार थी और सभी जगह पार्टी ने अपनी सरकार बचा ली है। इस तरह देश के आधे से ज्यादा राज्यों में भाजपा सरकार है। वैसे 2018 की तुलना में पार्टी की स्थिति थोड़ी कमजोर जरूर हुई है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के हाथ से राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की सत्ता चली गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र की सत्ता से भी पार्टी बाहर हो गई। + +मध्य प्रदेश और कर्नाटक में तो चुनाव बाद के घटनाक्रमों ने कुछ समय बाद पार्टी को फिर सत्ता में ला दिया, लेकिन अन्य तीन राज्य अब भी उसके खाते से बाहर हैं। देखा जाए तो 2018 भाजपा का स्वर्णकाल था। उस समय 21 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में भाजपा या सहयोगियों की सरकार थी। क्षेत्रफल के हिसाब से 76 प्रतिशत पर भाजपा शासन था और 70 प्रतिशत जनसंख्या इन सरकारों के दायरे में आती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3693f6ad878766ed00905fb2333cf00a91990f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6094.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + मुंबई। फिल्म विवाह, फैशन और मुंबई सागा के अभिनेता समीर सोनी ने कुछ दिनों पहले अपनी किताब 'माइ एक्सपेरिमेंट विद साइलेंस' लिखने का एलान किया था। उनकी यह किताब अब तैयार है और जल्द ही पाठकों के लिए उपलब्ध होगी। इस किताब के बारे में समीर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि इस किताब में कई कविताएं और मेरी जिंदगी की कहानियां हैं। + +अपनी किताब के बारे में बात करते हुए समीर सोनी कहते हैं, 'जब मैं जिंदगी के उतार-चढ़ाव से गुजर रहा था तो उस समय काफी कुछ लिख रहा था। उस समय मैंने सीखा कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। मैंने अपने उन्हीं संघर्षों और अनुभवों को इस किताब में लिखा है। यह कोई फिल्मी किताब नहीं है। इसमें आपको कोई फिल्मी कहानी नहीं मिलेगी। उम्मीद है इसे पढऩे के बाद लोगों को पता चलेगा कि अंदरूनी संघर्ष से गुजरने वाले आप अकेले व्यक्ति नहीं हैं, अन्य लोगों की जिंदगी में भी संघर्ष होते हैं।'।आगे समीर कहते हैं, 'मैंने इस किताब में यह बताने की कोशिश की है कि हमारे समाज में इंसान की सफलता को सिर्फ उसकी प्रसिद्धि और पैसे के नजरिए से देखते हैं। अगर हम 40-50 साल पहले की बात करें तो हमारे हीरो महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसे लोग होते थे, लेकिन आज की पीढ़ी स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस जेसे उद्योगपतियों को अपना हीरो मानती है। मेरा मानना है कि पैसे और प्रसिद्धि को संतुष्टि और खुशी में नहीं बदला जा सकता है।'।समीर कहते हैं कि, 'अगर ऐसा होता तो दुनिया का कोई भी करोड़पति व्यक्ति तनाव में न होता, लेकिन आजकल तो कई ऐसे व्यक्तियों के आत्महत्या करने की भी खबरें सामने आ रही हैं। अपनी किताब में मैंने इन्हीं सब चीजों का जिक्र किया है।' समीर आगामी दिनों में फिल्म निकम्मा में शिल्पा शेट्टी के पति के किरदार में नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f94ed1015b60a2c2d37c06a4f8f6af8794c89319 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60941.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2016 से लगातार संचालित हो रहा स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण।भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित स्वच्छ सर्वेक्षण सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता का सर्वेक्षण है। 2016 से लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण संचालित किया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण में अलीगढ़ 10 लाख की आबादी वाले शहरों में प्रतिभाग कर रहा है। नगर आयुक्त ने अधीनस्थों को ग्राउंड लेवल पर सर्वेक्षण के मानक और उद्देश्यों को पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में सफलता का मूलमंत्र शहरवासियों की सकारात्मक सोच और सहयोग है। शहर का हर नागरिक अपने अलीगढ़ को स्वच्छ और सर्वेक्षण में अव्वल बनाना चाहता है तो सकारात्मक उत्तर देने होंगे। सिटीजन फीडबैक शुरू हो गया है। शहरवासी वेबसाइट के अलावा, स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 पोर्टल, माई जीओवी एप, स्वच्छता एप, वोट फार योर सिटी, हेल्पलाइनर नंबर 1969 व फेस टू फेस के माध्यम से भी फीडबैक दे सकते हैं। 15 अप्रैल तक शहर की साफ-सफाई को लेकर अपने सुझाव दे सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..309f565c5be54534c39620f236479956652defc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60942.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज मोदी महिलाओं, किसानों, नौजवानों, छात्रों, मजदूरों, शोषितों और वंचितों आदि वगोर्ं को संबोधित कर रहे हैं, जिनमें सभी जातियां और संप्रदाय समाहित हैं। यही कारण है कि यादव, जाटव, पसमांदा मुस्लिम और मुस्लिम महिलाएं भी भाजपा की ओर आकृष्ट हुए हैं। भाजपा सरकारें जातियों के बजाय विभिन्न वगोर्ं को लक्ष्य करके अपनी नीतियां बना रहीं हैं और उसका धरातल पर अनुपालन सुनिश्चित करा रहीं हैं। इससे पार्टी स्वत: ही समावेशी राजनीति की ओर जा रही है। प्राय: भाजपा पर मुस्लिम समुदाय को अलग रखने पर प्रश्न खड़े किए जाते हैं, पर पार्टी की समावेशी नीतियों के कारण और उसके क्रियान्वयन में टेक्नोलाजी के प्रयोग में मुस्लिमों के साथ भेदभाव संभव नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cdc8387bca418a91765a32a8bd7eacb290e8524 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60945.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रदेश की राजनीति में 37 वर्षो बाद भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का रिकार्ड बनाया तो पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा शपथ लेने का इतिहास योगी आदित्यनाथ ने बनाया। समारोह का मंच सजते ही तमाम प्रकार की अटकलों पर भी विराम लग गया। शपथ लेने वाले जब कुर्सियों पर बैठना शुरू हुए तो सभी हतप्रभ रह गए। यद्यपि केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन डा. दिनेश शर्मा को हटाकर यह कुर्सी पिछली सरकार में विधि मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को सौंपकर भाजपा ने अचरज में अवश्य डाल दिया। + +दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बता दिया है कि अगले पांच वर्षो तक उन्हें किस तरह से काम करना है। समय से कार्यालय पहुंचने की हिदायत देते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा है कि कोई भी पत्रवली लंबित नहीं रहनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ का मानना है कि पहले कार्यकाल में चुनौती कुव्यवस्था से थी। प्रदेश में पिछले पांच वर्षो में सुशासन की स्थापना हुई है। आगामी पांच वर्षो में प्रतिस्पर्धा अपने पहले कार्यकाल के कार्यो से होगी। अब सुशासन को और मजबूत करने के लिए स्वयं से हमारी प्रतिस्पर्धा शुरू होगी। जिलों के नोडल अधिकारी अपने जिले के विकास कार्यो की स्थिति की नियमित समीक्षा करें। प्रभारी मंत्री के साथ प्रत्येक माह जिले का भ्रमण कर योजनाओं का क्रियान्वयन मौके पर परखें और जनता से फीडबैक लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83778331f99105510a66c33f814a91560b864e7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60946.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसा किया ही जाना चाहिए, लेकिन घरेलू बाजार के साथ विश्व बाजार में देसी उत्पादों की मांग अपेक्षा के अनुरूप तब बढ़ेगी, जब उनकी गुणवत्ता बढ़ेगी और वे उत्पादकता के मामले में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में खरे उतरेंगे। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस दिशा में अभी बहुत काम करना शेष है। वास्तव में उन कारणों की तह तक जाने की जरूरत है, जिनके चलते अनेक ऐसे चीनी उत्पादों की भारत में खपत हो रही है, जिन्हें आसानी से देश में बनाने-खपाने के साथ उनका निर्यात भी किया जा सकता है। + +यह सामथ्र्य तभी बढ़ सकती है, जब देसी उत्पादों की गुणवत्ता विश्वस्तरीय बनाने के लिए सरकार के स्तर पर कोई प्रभावी अभियान छिड़े और उसके तहत शोध एवं अनुसंधान को प्राथमिकता दी जाए। इस क्रम में सरकार को रोजगार के अवसर पैदा करने वाले छोटे और मझोले उद्योगों की विशेष रूप से मदद करनी होगी। ऐसा करके ही एक जिला-एक उत्पाद और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं को सफल बनाया जा सकता है। इस तरह की योजनाओं को सफल बनाने के लिए जितना केंद्र सरकार को सक्रिय होना होगा, उतना ही राज्य सरकारों को भी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3152fb200e6c3f5d9992c1d5be6441b320b41750 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60947.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलवामा में बड़ा मकान छोड़ जम्मू में एक कमरे में रहने लगे।रैना बताते हैं कि माता-पिता शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। 16 मई को पिता सिर पर दुपट्टा ओढ़कर मां के साथ जम्मू आए। माता-पिता को देखकर मेरी आंखों से अश्रुधारा बह उठी। पुलवामा में हमारा मकान इतना बड़ा था कि शादी-विवाह की रस्में वहीं हो जाया करती थीं। नियति ने हमें जम्मू में एक कमरे में रहने को विवश कर दिया। 1993 तक हम जम्मू में रहे। जीवन का पहिया चलाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ा। इसके बाद मैं दिल्ली चला गया। चार साल वहां काम किया। 1997 में मैं अमृतसर आ गया। अमृतसर में फार्मा का कारोबार है। बहुत विकट परिस्थितियां देखीं, पर हम कश्मीरी पंडितों ने कभी हार नहीं मानी। आज ईश्वर की कृपा से सब कुछ ठीक है। छोटा भाई अश्विनी राणा गुड़गांव में एक कंपनी में डायरेक्टर के रूप में पदस्थ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2903bd0635456a8cd2b6de42695d4771a9c392e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60948.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +समय से पहले जन्मे शिशुओं (प्रीमेच्योर बेबी) की आंखों के पर्दे (रेटिना) में असमान्य रक्त कोशिकाएं बनने लगती हैं, जिससे उनकी देखने की क्षमता प्रभावित होती है। इस समस्या को रेटिनोपैथी आफ प्रीमेच्योरिटी (आरओपी) कहते हैं। इसके इलाज के लिए जीएसवीएम में सक्षम फाउंडेशन के साथ मिलकर केयर आफ लिटिल लिव्स आरओपी केयर सेंटर की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में पांच और जिलों में भी ऐसा सेंटर खोला जाएगा, जहां नवजात की स्क्रीङ्क्षनग की जाएगी। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान और मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला के साथ सक्षम फाउंडेशन के बीच बातचीत के बाद सहमति भी बन चुकी है।  ।इन्हें होती है आरओपी।समय से पहले जन्मे दो किलो से कम वजन के शिशुओं को सिक एंड न्यू बार्न केयर सेंटर (एसएनसीयू) में वेंटिलेटर और आक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है। कई बार लंबे समय तक एसएनसीयू में भर्ती रहने पर इन शिशुओं की आंखों के पर्दे पर अत्यधिक र1त कोशिकाएं बनने लगती हैं, जिसे रेटिनोपैथी आफ प्रीमेच्योरिटी (आरओपी) कहते हैं। इसलिए एसएनसीयू में भर्ती सभी नवजात की स्क्रीनिंग जरूरी है। + +- शिशु में जन्मजात अंधता रोकने के लिए जीएसवीएम ने सक्षम फाउंडेशन के साथ मिलकर बड़ा प्रयास किया है। सेंटर खोलने के लिए जल्द ही मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस सेंटर के खुलने से हर साल हजारों बच्चों को नेत्र दिव्यांग होने से बचाया जा सकेगा।   -डा. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कालेज।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60949.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60949.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfee8239eaa2d833ce3b89b50ab843aa369f1c98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60949.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने के बाद पर्यटन कारोबार तुरंत रिवाइव नहीं होगा। बहुत सारे एजेंट काम छोड़ चुके हैं। अब उड़ान शुरू होने पर एजेंट बाहर आना-जाना शुरू करेंगे और मार्केटिंग शुरू होगी। फिलहाल वही विदेशी पर्यटक यहां आएंगे, जिन्होंने 2020 में बुकिंग कराने के बाद अपना एडवांस वापस नहीं लिया था। अक्टूबर से स्थिति सामान्य हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..561e9f9e10bb88c9ed3d38fcaac372e70ea979ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली।  दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने शनिवार को विधानसभा में अपना आठवां बजट पेश किया है। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दो साल पहले ग्रीन-बजट पेश किया था, पिछले साल देशभक्ति बजट पेश किया और इस बार रोजगार बजट पेश किया गया है। इस बार पेश किए गए रोजगार बजट के पीछे की क्या है पूरी परिकल्पना, इसे किस तरह लागू किया जाएगा और इसका लाभ लोगों तक कैसे पहुंचेगा? इसे लेकर वीके शुक्ला ने मनीष सिसोदिया से विस्तृत बातचीत की है। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश:।रोजगार बजट की परिकल्पना कैसे तैयार हुई, इसकी आवश्यकता क्यों महसूस की गई?। -पूरे देश में रोजगार की स्थिति अच्छी नहीं है। दिल्ली की भी वही स्थिति है, यहां कामकाजी आबादी में केवल 33 प्रतिशत ही नौकरीपेशा हैं। हम इसे बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक ले जाना चाहते हैं। रोजगार बजट के माध्यम से सरकार का लक्ष्य आर्थिक विकास को फिर से शुरू करना और मजबूत करना है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार दिल्ली में 21वीं सदी के वर्तमान और भविष्य के व्यवसायों को प्रोत्साहित करेगी। दिल्ली की तुलना में लंदन में 90 लाख आबादी में से 51.60 प्रतिशत लोग कार्यरत हैं, न्यूयार्क शहर में 88 लाख निवासियों में से 52.6 प्रतिशत कार्यरत हैं और सिंगापुर में 55 लाख से अधिक लोगों में से 67 प्रतिशत के पास रोजगार है। रोजगार बजट को तैयार करने के लिए मार्केट एसोसिएशन के साथ बैठक करके सुझाव लिए गए हैं। लोगों से आनलाइन सुझाव भी लिए जा रहे हैं। कुल 6500 के करीब सुझाव आए, उनके आधार पर यह रोजगार बजट तैयार किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20686117e06cc7a464f446f5df9d92cba785b2c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैबिनेट मंत्री बने अरविंद कुमार शर्मा भी 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति के स्वामी हैं। इनके अलावा मंत्रिपरिषद में शामिल सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबीरानी मौर्य, धर्मपाल सिंह, अनिल राजभर, कपिल देव अग्रवाल, गुलाब देवी, असीम अरुण, दयाशंकर सिंह, बलदेव ओलख, संजय सिंह गंगवार, सुरेश राही, प्रतिभा शुक्ला, डा.सोमेन्द्र तोमर व रजनी तिवारी भी करोड़पति हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be27d46de83b508fdcf7252c28ff54009efb0ff2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60954.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड जीत के बाद राज्य में दूसरी बार बनी योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को शपथ ले ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में योगी ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी आदित्यनाथ के इस 53 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में भाजपा ने सहयोगी दलों का भी मान रखा है। + +भाजपा संगठन को भी विधानसभा चुनाव में मेहनत से किए गए काम का इनाम दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया तो चुनाव प्रबंधन संभालने वाले प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप को अपने वर्ग में काम करने का उपहार मिला है। दोनों का स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8271616c560244a6347340ab93af1b721eb47bbd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60955.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। यूक्रेन रूस जंग के बीच इजरायल में चार अरब देशों का बड़ा सम्‍मेलन आयोजित किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी शामिल हो रहे हैं। इस बैठक में यूएई, बहरीन मिस्र और मोरक्‍को के विदेश मंत्री हिस्‍सा ले रहे हैं। यह पहली बार हुआ है, जब इजरायल में अरब देशों के विदेश मंत्री पहुंचे हुए हैं। रूस यूक्रेन जंग के बीच यह बैठक अमेरिका के लिए बेहद खास है। इस बैठक में अमेरिका ईरान परमाणु वार्ता के साथ यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा होगी। अमेरिका रूस को अलग-थलग करने के अपने मकसद से वह मध्‍यपूर्वी देशों का समर्थन चाहता है। + +1- प्रो अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि यह पहली बार हुआ है कि इजरायल में इस तरह का सम्‍मेलन आयोजित हो रहा है। अमेरिका का यह प्रयास है कि मध्‍यपूर्व में समान हित वाले अमेरिका के सहयोगी देशों को एक साथ लाया जा सके। उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका के सहयोगी राष्‍ट्रों में थोड़ी खलबली मची थी। उनमें असुरक्षा की भावना थी। यूक्रेन संघर्ष के बाद रूस ने जो आक्रामक रुख अपनाया उससे अमेरिका और नाटो की साख गिरी है। युद्ध के पूर्व नाटो या अमेरिका ने यूक्रेन की सुरक्षा का जो आश्‍वासान दिया था, उसमें कहीं न कहीं गिरावट आई है। इस नजरिए से भी अमेरिका के लिए यह बैठक काफी अहम है। इस बैठक में अमेरिकी रक्षा मंत्री सहयोगी राष्‍ट्रों को उनकी सुरक्षा को लेकर आश्‍वस्‍त कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b74c4a7e9cc2b9b6d634f6ae6811153166abadc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60957.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- एकीकृत नगर निगम को पहले से अधिक वित्तीय अधिकार मिलेंगे। इससे तीन नगर निगमों के कामकाज को लेकर व्यय एवं खर्च की देनदारियां कम होंगी। भाजपा का कहना है कि तीनों निगमों को अब सीधे केंद्र सरकार से फंड मिलेगा और शहर का विकास होगा। इस संशोधन बिल के तहत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है। इससे पारदर्शिता, बेहतर प्रशासन और दिल्ली के लोगों के लिए प्रभावी सेवाओं को लेकर ठोस आपूर्ति ढांचा सुनिश्चित किया जा सकेगा। + + दिल्‍ली सरकार का तर्क ।दिल्ली सरकार इसका लगातार विरोध कर रही है। दिल्ली सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार केवल नगर निगम चुनावों को टालने के लिए इस तरीके के विधेयक लेकर आ रही है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इससे यह साफ है कि हो सकता है कि आने वाले समय में एमसीडी को केंद्र सरकार चलाएगी। मौजूदा समय में जहां तीनों निगमों को मिलाकर कुल 272 वार्ड हैं, उन्हें घटाकर 250 के जाने की बात कही गई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि इसका अर्थ परिसीमन है, यानी कि कोई चुनाव नहीं होंगे और केंद्र सरकार निगम को अपने अधीन ले लेगी। यह संविधान के खिलाफ है और अगर इसको लेकर जरूरत पड़ती है तो दिल्ली सरकार अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b478ca52ee1e174db4a31a19b82e44cceb83a2a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन किया जाएगा कचरा संग्रहण।कचरे का संग्रहण आनलाइन किया जाएगा। लोगों के घरों पर कचरा एकत्रित होने के बाद वह आनलाइन इसकी जानकारी देंगे। कचरे का वजन भी बता सकेंगे और इसमें विकल्प होगा कि किस प्रकार का कचरा है यानी गीला, सूखा, बायोमेडिकल, अथवा कांच, लोहा, पेपर आदि है। स्टार्टअप का कर्मचारी लोगों के घरों से किलो के हिसाब से कचरा एकत्रित कर आनलाइन प्रविष्टि करेगा जिसके बाद वजन व कचरे की श्रेणी के हिसाब से संबंधित विक्रेता को रिवाडई प्वाइंट दिए जाएंगे। इन प्वाइंट को वह कैश करा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20b8713eb31d3d8650bcb870e48f0f33775332dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60963.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। आध्यात्मिक पीठ का दायरा केवल धर्म और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं होता है, इस मिथक को तोड़ने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह है - नाथ पीठ। इस पीठ ने लोककल्याण के लिए सामाजिक चेतना जगाने का जो राजनीतिक आंदोलन आजादी के लड़ाई के दौरान छेड़ा, वह आज भी न केवल जारी है, बल्कि अन्य आध्यात्मिक पीठों के लिए उदाहरण बन गई है। + +इससे पहले वह महंत दिग्विजयनाथ के रहते ही मानीराम विधानसभा क्षेत्र से अपनी प्रत्यक्ष राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित कराते रहे थे। वर्ष 1962 से 1977 के बीच वह पांच बार मानीराम से विधायक रहे। 1970, 1989, 1991 और 1996 में वह गोरखपुर से लोकसभा के लिए भी चुने गए। हालांकि, 1979 से लेकर 1989 तक 10 वर्ष ऐसे भी रहे, जब अवेद्यनाथ ने प्रत्यक्ष राजनीति से अपनी दूरी बना ली थी, लेकिन राम जन्मभूमि आंदोलन के चलते संतों के कहने पर वह एक बार फिर राजनीति में सक्रिय हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..faa841f2e195810177e0e0bd8e6579757ebff6e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60964.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई रोगों से बचाव में भी उपयोगी : आहार विशेषज्ञ डा. अर्चना बताती हैं कि हाइड्रोपोनिक खेती से उत्पादित सब्जियां विटामिन और खनिज तत्व से परिपूर्ण होती हैं। इनका सेवन सलाद, जूस, सैंडविच, बर्गर, विभिन्न खाद्य व्यंजन में किया जा सकता है। इसके पौधे पूर्णत: ऑर्गेनिक होते हैं इसलिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ओबेसिटी, हृदय रोगी जैसे अन्य रोगियों के लिए भी इन सब्जियों का सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक होता है। प्रतिष्ठित होटल रेस्टोरेंट में कान्टिनेंटल, चाइनीज फूड, पास्ता, पिज्जा और भारतीय खाद्य पदार्थों में इन सब्जियों का प्रयोग गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60967.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60967.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea5c62494086a4a5a64ccf6f5ff5a83e86a6493d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60967.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिबर्टी और सत्यम सिनेमाघरों में वर्ष 2005 में हुए दो विस्फोटों के मामले में आरोपित त्रिलोचन सिंह को पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 साल बाद बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने कहा कि त्रिलोचन को केवल इसलिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि सह-अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया था। अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपित प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का सदस्य था। ।अदालत ने सुरेश कुमार बुभारमल कलानी बनाम महाराष्ट्र सरकार के एक मामले में दिए गए निर्णय का हवाला दिया। शीर्ष अदालत ने निर्णय दिया था कि एक आरोपित के कुबूलनामे के आधार पर दूसरे आरोपित पर बिना पर्याप्त साक्ष्य के आरोप तय नहीं किए जा सकते हैं। अदालत ने कहा कि जाहिर है, आरोपित त्रिलोचन सिंह के खिलाफ रिकार्ड में लाए गए साक्ष्य निर्णायक प्रकृति के नहीं हैं। अदालत ने इन टिप्पणियों के साथ त्रिलोचन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अत्याचार अधिनियम की धारा-18 और 20 के साथ शस्त्र अधिनियम की धारा-25 के तहत आरोपों से बरी कर दिया। ।हथियार बरामदगी भी नहीं साबित कर सकी पुलिस ।अदालत ने कहा कि जहां तक त्रिलोचन सिंह से पिस्टल, मैगजीन और 12 कारतूस बरामद होने का आरोप है, तो यह बरामदगी भी संदेह के घेरे में है। अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष ने दावा किया कि आरोपित बलजीत सिंह से मिली जानकारी पर पुलिस त्रिलोचन के हरियाणा के पंचकूला स्थित गांव गई थी। हालांकि, बलजीत ने अपने बयान में दावा किया था कि त्रिलोचन का घर पंजाब के डेरा बस्सी में है, जबकि उसका गांव पंचकूला में है। ।इस संबंध में पुलिस कोई रिकार्ड नहीं पेश कर सकी कि डेरा बस्सी जाने की जहमत उठाए बगैर वह पंचकूला स्थित गांव कैसे पहुंची। इससे साफ होता है कि पुलिस की जांच में कुछ लिंक गायब हैं और अभियोजन पक्ष के बयान में संदेह की गुंजाइश है। ।इन्हें ठहराया जा चुका है दोषी ।इस मामले में अदालत पंजाब के मोहाली स्थित कुर्ली गांव निवासी बलजीत सिंह उर्फ बाहू को 16 सितंबर, 2014, पंजाब के संगरूर स्थित मौर गांव निवासी बिक्कर सिंह उर्फ बंत सिंह को 16 फरवरी, 2012, संगरूर स्थित कशा भूरल गांव निवासी दया सिंह लाहोरिया और संगरूर स्थित चन्नावल गांव निवासी सुखविंदर सिंह उर्फ सुखी को छह जून, 2019 और स्विटजरलैंड के जुचविल निवासी गुरुदेव सिंह उर्फ टोनी को सात मार्च, 2012 को दोषी ठहराया जा चुका है। इनके अलावा पंजाब के मुख्तसर स्थित सोहनेवाला गांव निवासी जसतंत सिंह उर्फ काला, पंजाब के लुधियाना स्थित खानपुर गांव निवासी कुलविंदरजीत सिंह उर्फ हैप्पी और जालंधर के कसुपुर गांव निवासी सुरेंद्र सिंह उर्फ फौजी को 22 फरवरी, 2012 को दोषी ठहराया गया था। ।यह है मामला ।बम विस्फोटों के पीछे मुख्य आरोपित जगतार सिंह हवारा के फोन काल की जांच में कुछ अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर सामने आए थे। ये नंबर जांच में एचएस गिल व दो अन्य लोगों के पाए गए थे। एचएस गिल पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्याकांड का भगोड़ा है। अभियोजन पक्ष कहना था कि बलजीत सिंह ने जसवंत, सुरेंद्र सिंह, बिक्कर सिंह और त्रिलोचन सिंह को संगठन में भर्ती करने के बाद प्रशिक्षित किया था। ये लोग आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि दोषी कुलविंदरजीत सिंह ने तीन पिस्तौल और कुछ गोला-बारूद अन्य सदस्यों को, जबकि कुछ गोला-बारूद त्रिलोचन सिंह को दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eae6cdc11755237bfd46d93e1e15a74a1a7ce23c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60968.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कांग्रेस से दूरी बनाने वालों में नेता-कार्यकर्ता ही नहीं, सदस्य भी हैं! शायद इसीलिए दिल्ली में चल रहा सदस्यता अभियान अभी तक एक चौथाई लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाया है। यह बात अलग है कि सर्वाधिक नए सदस्य बनाने वाले शीर्ष 10 राज्यों की सूची में दिल्ली का नंबर तब भी चौथा है। ।बता दें कि जनवरी में शुरू हुए कांग्रेस के इस सदस्यता अभियान की अंतिम तारीख 31 मार्च है। इस तारीख तक बनने वाले सदस्यों के नाम ही उस मतदाता सूची में शामिल होंगे, जो पार्टी के संगठन चुनाव का हिस्सा बनेंगे। दिल्ली में 31 मार्च तक करीब 10 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन शनिवार तक लगभग 2.14 लाख ही सदस्य बन पाए हैं। + +पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार डिजिटल सदस्यता अभियान चल रहा है। 10 हजार से अधिक पार्टी नेताओं को एनरोलर (सदस्य बनाने वाला) बनाया गया है जो मोबाइल के जरिये सदस्य बनाते हैं। हर नए सदस्य से पांच रुपये सदस्यता शुल्क भी लिया जा रहा है। बताया जाता है कि सभी एनरोलर से उनको दिए लक्ष्य के अनुरूप सदस्यता शुल्क अग्रिम ही ले लिया गया है, जबकि सदस्य उसके अनुरूप बन नहीं पाए। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को ही सभी राज्यों के महासचिव- प्रभारियों की बैठक लेकर सदस्यता अभियान की समीक्षा की। ।बैठक में स्पष्ट कर दिया गया है कि लक्ष्य पूरा हो या नहीं, लेकिन संगठन के चुनाव में 31 मार्च तक सदस्य बनने वाले ही हिस्सा ले सकेंगे। मालूम हो कि सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद पहले ब्लाक, फिर जिला एवं उसके बाद प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होगा। अंत में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। संगठन चुनाव की पूरी प्रक्रिया अगस्त या सितंबर तक खत्म होनी है। ।राज्यसभा सदस्य एवं दिल्ली कांग्रेस प्रभारी।यह सही है कि संगठन चुनाव में 31 मार्च तक सदस्य बनने वाले ही हिस्सा बन सकेंगे। रही बात लक्ष्य की तो इस चुनाव से इतर सदस्य बनाने का अभियान अभी चलता रहेगा। इसलिए पूरा होने अथवा अधूरा रहने जैसी कोई बात नहीं है। दिल्ली की स्थिति फिर भी ठीक है। सर्वाधिक सदस्य बनाने वाले शीर्ष 10 राज्यों में दिल्ली चौथे नंबर पर है। ।-शक्ति सिंह गोहिल, राज्यसभा सदस्य एवं दिल्ली कांग्रेस प्रभारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91042f4bf474507ac83d443f1d4d776a2e00b547 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सैफ के द्वारा तोहफे में दी गई इस फोटो फ्रेम की तस्वीर खुद करिश्मा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए शेयर की है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए करिश्मा ने कैप्शन में लिखा, 'धन्यवाद सैफू इस खूबसूरत मेमोरी के लिए, इसे दीवार पर लगाने के लिए बेताब हूं, लव इट।' करिश्मा की इस पोस्ट पर उनके कई दोस्त और फैंस कमेंट कर इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..135df0a222ed00060ad06fa3f5a9f849881a6818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60970.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। गाजीपुर और सीमापुरी में दो आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) मिलने के मामले में स्पेशल सेल को क्लोज सर्किट टीवी (सीसीटीवी) कैमरे की फुटेज के जरिये मास्क पहने दो आतंकियों की धूंधली तस्वीरें तो मिल गई, लेकिन उसके बाद उनकी पहचान करने के लिए हर संभावित तरीका अपनाने के बावजूद स्पेशल सेल को कामयाबी नहीं मिल पा रही है। + +14 जनवरी की सुबह गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर एक के बाहर काले रंग के बैग में तीन किलो आरडीएक्स मिलने पर तमाम मशक्कत के बाद स्पेशल सेल ने एक माह बाद सीमापुरी स्थित उस जगह को ढूंढ लिया था जहां रहने के दौरान दो आतंकियों ने अपने नापाक मंसूबे को अंजाम देने के लिए फ्लैट किराये पर लिया था। स्पेशल सेल को पूरी उम्मीद थी कि सुराग मिल गया है तो दोनों की पहचान भी हो जाएगी और उन्हें जल्द दबोच भी लिया जाएगा, लेकिन मुश्किल यह है कि दोनों आतंकियों की पहचान ही नहीं हो पा रही है, ताकि जांच आगे बढ़ सके। ढाई महीने से स्पेशल सेल समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की पहचान करने में जुटी हुई हैं। ।मास्क के कारण पहचान कर पाना मुश्किल ।स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 14 जनवरी को गाजीपुर में आरडीएक्स मिलने पर सेल ने मंडी में गहन जांच और पूछताछ के अलावा आइईडी मिलने के दौरान वहां से विभिन्न मोबाइल कंपनियों के डंप डाटा उठाकर उसकी जांच की थी। आइईडी मिलने वाले दिन और उससे कुछ हफ्ता पहले तक मंडी आने-जाने वाले वाहन मालिकों से भी पूछताछ की गई। मंडी के बाहर-भीतर समेत आसपास की सड़कों पर लगे करीब 800 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को एक माह तक खंगाला गया। ।तब जाकर कौशांबी स्थित ईडीएम माल के बाहर लगे कैमरे में काले रंग की एक बाइक की पहचान की गई जिसके पास मास्क लगाए दो युवक संदिग्ध हालत में बैग लेकर खड़े पाए गए थे। मंडी के बाहर बैग रखने के बाद वापस लौटते हुए भी उस बाइक और दोनों संदिग्धों की तस्वीरें कैद मिली थीं। इससे जांच एजेंसी को शक गहरा गया था कि हो सकता है उन दोनों ने ही मंडी के बाहर आईडी बैग रखा हो। उसी सुराग को विकसित करते हुए स्पेशल सेल की टीम सीमापुरी तक पहुंची थी और करीब एक सप्ताह तक सेल की टीम सादे कपड़ों में वहां घर-घर जाकर गोपनीय तरीके से जांच करती रही। 17 फरवरी को जब दोनों संदिग्धों के ठिकाने का पता लगा, तो वहां पहुंचने पर फ्लैट के बाहर ताला लगा था। ताला तोड़कर अंदर प्रवेश करने पर वहां भी एक अन्य बैग में आइईडी मिला था। ।आने-जाने के दौरान लगाए रहते थे मास्क ।फ्लैट के अंदर आइईडी मिलने से सेल को दूसरी बार उम्मीद जगी की मकान मालिक और पड़ोसियों से दोनों की पहचान हो जाएगी, लेकिन मकान मालिक हाशिम, उसकी पत्नी और पड़ोसियों से पूछताछ पर भी दोनों के सही नाम-पते की जानकारी नहीं मिल पाई। जांच से पता चला कि गाजीपुर में आरडीएक्स रखने से पहले जब दोनों ने उसका फ्लैट किराये पर लिया था, तब बगैर उनके बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किए और पुलिस सत्यापन कराए उन्हें फ्लैट दे दिया गया था। ।फ्लैट लेने के बाद दोनों बहुत कम वहां आते-जाते थे। वे आते भी थे तो ऐसे समय में, जब उनपर किसी की नजर नहीं पड़े। वे पड़ोसियों से नहीं मिलते थे और आने-जाने के दौरान मास्क लगाए होते थे। इससे कोई कभी उनका चेहरा ठीक से नहीं देख सका। स्पेशल सेल का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दोनों की मास्क लगाए तस्वीरें इतनी धुंधली हैं कि उससे उनकी पहचान नहीं की जा सकती है। ।मकान मालिक और पड़ोसियों से पूछताछ के आधार पर स्केच तो बनाए गए, लेकिन वे कारगर साबित नहीं हुए हैं। जल्द ही उन स्केच को मीडिया को मुहैया कराया जाएगा। मकान किराया पर लेने के दौरान दोनों ने केवल इतना बताया था कि वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और पढ़ाई करने दिल्ली आए हैं। ।आइईडी रखने के बाद बाइक को छोड़ दिया था लावारिस ।सीमापुरी, सुनार वाली गली के डी-49 में फ्लैट के अंदर आइईडी मिलने पर सेल ने जब सभी गलियों की तलाशी ली तब वह बाइक भी लावारिस खड़ी मिल गई जिसका गाजीपुर में आइईडी रखने में इस्तेमाल किया गया था। उसी को ढूंढते हुए कैमरों की मदद से स्पेशल सेल सीमापुरी तक पहुंची थी। काले रंग की हीरो होंडा स्पलेंडर बाइक (मालिक अजरुद्दीन) शास्त्री पार्क थानाक्षेत्र से 19 नवंबर, 2020 को चुराई गई थी। बाइक को देखने से लग रहा था कि गाजीपुर में आइईडी रखने के बाद उसे सीमापुरी में लावारिस छोड़ दिया था। ।क्या होता है आइईडी ।आइईडी एक तरह का बम ही होता है, लेकिन यह मिलिट्री के बमों से कुछ अलग होता है। चूंकि आइईडी में घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसके ब्लास्ट होते ही मौके पर आमतौर पर आग लग जाती है। इसके ब्लास्ट में धुआं भी बड़ी तेजी से निकलता है। आतंकी आइईडी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान करने के लिए करते हैं। उनकी कोशिश होती है कि इसे भीड़भाड़ वाले इलाके में सड़क किनारे लगाया जाए। ताकि, इस पर किसी का पांव पड़ते या गाड़ी का पहिया चढ़ते ही ब्लास्ट हो जाए। 2016 में पठानकोट एयरबेस में आतंकियों ने आइईडी ब्लास्ट के जरिये ही वारदात को अंजाम दिया था, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग घायल हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6e9dddeb5bb4d168bf0f5028890d0a5e614f134 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60971.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मैराथन को हरी झंडी दिखाते नाना पाटेकर। फोटो- बीएसएफ के ट्विटर अकाउंट से।42 किलोमीटर की यह मैराथन अमृतसर के गोल्डन गेट से शुरू हुई। इसके अलावा पांच किलोमीटर की मैराथन अटारी सीमा से व 21 किलोमीटर की दौड़ खासा स्थित बीएसएफ हेडक्वार्टर से गोल्डन गेट की ओर रवाना हुई। यह तीनों ही मैराथन अटारी बार्डर के स्वर्ण जयंती द्वार पर समाप्त हुई। + +27/03/2022#Amritsar ।Seema Prahari IOCL marathon -2022 (21kms) was flagged off by Sh Pankaj Kumar Singh IPS,DG ,BSF from India Gate #Amritsar at 06:00 AM #JaiHind pic.twitter.com/ZmSGUpTdNO।बालीवुड अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा कि युवाओं के लिए खुद को जानने का यह अच्छा मौका है। नाना पाटेकर गत दिवस ही अमृतसर पहुंच गए थे। उन्होंने अटारी स्थित जाइंट चेक पोस्ट पर जवानों से बात की और उनका मनोबल बढ़ाया। ।26/03/2022#Amritsar।Today,Shri @nanagpatekar Padam Shri visited #BSF Museum & witnessed #RetreatCeremonyParade at #JCPAttari ।He appreciated the high morale n impressive drill displayed by #BSF troops #JaiHind#FirstLineofDefence pic.twitter.com/KAGu7YzZfb।जेसीपी अटारी में नाना पाटेकर को बीएसएफ की कैप पहनाकर सम्मानित किया गया। नाना पाटेकर ने बीएसएफ संग्रहालय में आडियो और वीडियो गतिविधियों को देखा और भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए सबकी सराहना की। नाना पाटेकर ने सीमा नंबर 102 एम का भी दौरा किया। इसके बाद उन्होंने रिट्रीट समारोह भी देखी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..831c689a99834320d2fd3a0833e5509a6fdfafb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60972.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हथियार भी किए गए प्रदर्शित।इसके साथ ही महाराजा रणजीत सिंह और उनकी सेना की ओर से प्रयोग किए जाने वाले चार नाली, दो नाली, और एक नाली बंदूक, जंबूरा गन, सोने के पतरे चढ़े हुए तोड़ेदार बंदूक, इंग्लैड से मंगवाई गई कारबाइन, नेजे, सजावटी ढाल, किरच, खंडे, तेगा, जंजीरी गोले, जंजाल गन, चार-आइना सेट, टोपीदार बंदूक, छड़ीदार बंदूक, तीर-कमान, कुल्हाड़ी आदि को प्रदर्शित किया गया है। + +महाराजा रंजीत सिंह के समर पैलेस में बनाए गए संग्रहालय में शस्त्रो को देखते हुए पर्यटक। ।बच्चों के लिए चार और बाकी सभी के लिए 10 रुपये टिकट।समर पैलेस को पर्यटन विभाग को सौंप दिया गया है। विभाग के अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पैलेस को देखने के लिए 10 रुपये टिकट रखी गई है जबकि बच्चों के लिए केवल चार रुपये टिकट रखी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddcdf3c3eb908b64249aa9138b065b7a01400110 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अप्रैल में हुए थे पंचायत चुनाव।पिछले साल अप्रैल में पंचायत चुनाव हुए थे। मई में परिणाम की घोषणा हुई। कुछ दिनों ही ग्राम प्रधानों ने शपथ लेकर कामकाज शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद ही जिले में डीएम व सीडीओ के निर्देश पर डीपीआरओ धनंजय जायसवाल ने ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अभियान शुरू किया। अफसरों का दावा है कि प्रदेश में सबसे पहले जिले से इस अभियान की शुरुआत हुई। यहां के बाद ही अन्य जिलों में काम शुरू हुआ। अब करीब 10 महीने में जिले में 518 ग्राम पंचायतों में पुस्तकालयों की शुरुआत हो चुकी है। गांव-देहात के हजारों छात्र इनमें अध्यन कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f630b52cb92bfc945ce06612e9faa8bd916d6f84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60974.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जल्द लौटेगा रंगमंच का वही पुराना दौर  ।दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले आत्मा राम सनातन धर्म कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानतोष कुमार झा का कहना है कि कोरोना वायरस ने रंगमंच से जुड़े हर कलाकार के मन को ठेस पहुंचाई, जो जूनून के साथ जुड़ा था। कोरोना के चलते पिछले 2 साल के दौरान कलाकरों को जिस असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ा वह असहनीय है। रंगमंच से जुड़े कलाकार पैसे के अभाव में दर्द से गुजरे। आर्थिक संकट का भी सामना किया। ऑडिटोरियम बंद थे, कलाकारों के पास काम नहीं था। बावजूद इसके आत्मा राम सनातन धर्म कालेज ने अपनी ओर से हर संभव प्रयास किए। विश्व रंगमंच 2022 को ध्यान में रखते हुए ही 24 और 25 मार्च को मंडी हाउस स्थित श्रीराम सेंटर सभागार में 7वें रंगशीर्ष जयदेव नाटय उत्सव का आयोजन किया। इसके तहत जगदीश चंद्र माथुर के सुप्रसिद्ध नाटक "कोणार्क" और जाने माने लेखक अशोक लाल के नाटक 'एक मामूली आदमी' का मंचन किया गया। इसके साथ एआरएसडी कालेज की नाट्य संस्थान 'रंगायन' कोरोना के बीच थमी रंगमंच की गतिविधियों के बीच सन्नाटे को तोड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f9a683fb0fd4209e2ec48a3a21032a403e0daf0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Politics गर्मी चढ़ते ही झारखंड में राजनीतिक तपिश बढ़ी हुई है। सरकार और विपक्ष में तकरार तो पुरानी बात है, अब अपने भी मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे हैं। स्‍थानीय नीति, 1932 खतियान पर झामुमो आक्रामक है, तो कांग्रेस-राजद चुप। आइए जानते हैं झारखंड की सियासी उठापटक और नौकरशाही के बारे में... पढ़ें सत्ता के गलियारे से प्रदीप सिंह के साथ...।दाग अच्छे हैं...।जब एक से बढ़कर एक डिटर्जेंट पाउडर बाजार में मौजूद है तो दाग से क्या डरना, तभी तो हाकिम कीचड़ में डुबकी मारकर भी बोल रहे कि दाग अच्छे हैं। किसी दाग की ऐसी बिसात नहीं जो छवि खराब कर दे हमारी। जो किया, पूरी ईमानदारी से किया। सबका हिसाब-किताब बराबर रखते हैं और उधारी तो किसी का रखते ही नहीं। सूद समेत पूरा का पूरा लौटा देते हैं। अगर सब काम उधारी पर होता रहा तो हो जाएगा बंटाधार। वैसे ही जलने वालों की कमी नहीं जमाने में। डिटर्जेंट पाउडर खरीदने के लिए जेब में माल रहेगा तो दाग पल भर में हो जाएगा छूमंतर। बस इसी बात को गांठ बनाकर फर्राटा भर रहे हुजूर। छींटे का अब कोई डर नहीं। इधर-उधर कहते भी फिर रहे - जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं, वे दूसरे की हवेली में पत्थर नहीं मारा करते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f30c635c820dd2e169e109af7e86e06ab44c1d1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मनोबल कमजोर करने के प्रयास।1857 की क्रांति अपने प्रभाव व क्षेत्र में इतनी विस्तृत और तीव्र थी कि इसने अंग्रेजों को लगभग हतोत्साहित कर दिया था। उनके हृदय से भारत पर चिरकाल तक शासन कर पाने की आकांक्षाएं तिरोहित हो चुकी थीं। परंतु आंतरिक राजनैतिक कारण, अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां जैसे क्रीमिया युद्ध का समाप्त हो जाना आदिक से ब्रिटेन के लिए बड़ी मात्रा में सेना और साजो-सामान भारत भेजना आसान हो गया, जिससे क्रांति का दमन करने में उसे सहायता मिल गई। परंतु ब्रिटिश मानस पर इसके मर्मांतक प्रभाव हुए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के प्रयासों के तहत उन्होंने न केवल प्रशासनिक, राजनैतिक और सैन्य प्रयास किए बल्कि भारतवासियों के मनोबल कमजोर करने के लिए एक मनोवैज्ञानिक उपाय के तौर पर इस क्रांति को कमतर दिखाने की और इस तथ्य को स्थापित करने की लगातार कोशिश की कि इससे ब्रिटिश शासन के स्थायित्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60980.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4495df145b8e7f417c2a960adedd54ce3de0145 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60980.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुस्तक में नेहरू से संबंधित तमाम घटनाओं का उल्लेख है और उसमें स्पष्ट कारण बताए गए हैं कि उनमें आखिर कहां और कैसे गलती रह गई? इस संदर्भ में कई घटनाएं अत्यंत गहन विश्लेषण के साथ प्रस्तुत की गई हैं। जैसे पार्टी में अन्य दिग्गजों की उपेक्षा कर स्वयं अध्यक्ष बनने के लिए आक्रामक अभियान चलाना, कश्मीर को लेकर हीलाहवाली, चीन के मामले में भयंकर हिमालयी भूल, पूर्वोत्तर की उपेक्षा, राज्यों का अस्त-व्यस्त गठन, इतिहास में छेड़छाड़ को दूर न करने के प्रति शिथिलता, समाजवादी आग्रह से अर्थव्यवस्था पर आघात करने से लेकर उस गोवा की विलंबित मुक्ति का भी उल्लेख है, जिसका जिक्र बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने भी किया था। चूंकि इन दिनों 'द कश्मीर फाइल्सÓ को लेकर विमर्श चल रहा है, तो इस संदर्भ में भी कश्मीर समस्या के मूल, उसे समझने और उसके समाधान में नेहरू की नाकामी से जुड़ी शोधपरक सामग्री भी पुस्तक को सामयिकता प्रदान करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9a4c93791e55f9b2104875cceef0e22356124f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60981.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, [अरुण सिंह]। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर आकार ले रहा है। रामजन्म भूमि के उद्धार के लिए समय-समय पर बहुत से लोग ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। उपन्यास 'हसनपुर के राम' का नायक भी रामभक्त है। विषम परिस्थितियों में उसे मतांतरण के लिए विवश होना पड़ता है। इसके बावजूद उसकी और उसके वंशजों की राम-भक्ति बनी रहती है। लेखक डा. परशुराम गुप्त ने हसनपुर के राजवंश के जरिये भारत समेत संपूर्ण एशिया में राम और रामकथा पर प्रकाश डाला है। + +पंथ बदलने पर भी हम अपनी संस्कृति से बंधे रहते हैं। यह भाव इस ऐतिहासिक उपन्यास का प्राण तत्व है। हसनपुर के राजा त्रिलोकचंद पानीपत की पहली लड़ाई में आए तो बादशाह इब्राहीम लोदी की सहायता के लिए थे, लेकिन बाबर की सेना द्वारा बंदी बना लिए गए। त्रिलोकचंद को इस्लाम पंथ स्वीकारना पड़ा। बाबर ने उन्हें तातार खां नाम दिया। उनके पुत्र वाजिद खां और पौत्र हसन अली की शेरशाह सूरी से मित्रता थी। बाद में यह मित्रता विवाह संबंध में बदल गई। शेरशाह ने हसन अली की बड़ी बेटी से विवाह किया था। शेरशाह का शासनकाल हसनपुर का स्वर्णकाल कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर पश्चिम में स्थित आज का हसनपुर गांव 500 वर्ष पहले नरवलगढ़ के नाम से जाना जाता था। हसन अली ने नरवलगढ़ को हसनपुर नाम दिया था। मतांतरण के बाद भी हसनपुर राजवंश अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा रहा। पीढिय़ों बाद भी इस राजवंश से जुड़े लोगों और हसनपुर की रामभक्ति बनी हुई है। आज भी यहां के लोग रामलीला का आयोजन करते हैं और श्रीराम की आरती उतारते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c0cc6e72566d299dd62efda70cfe5ada5bb3f20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60982.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिला कारागार में वर्तमान में करीब चार हजार बंदी व कैदी।जिला कारागार में वर्तमान में करीब चार हजार बंदी व कैदी हैं। जेल प्रशासन की ओर से रोजाना बंदियों की काउंसिलिंग की जाती है, ताकि वे खुश रहकर अपने भविष्य के बारे में सोचें। इसके लिए तमाम गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इसी के साथ बंदियों को साक्षर बनाने का क्रम भी जारी है। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से अलग-अलग 18 कोर्स करने के लिए वर्ष 2021 जून में कुल 798 बंदियों ने आवेदन किया था। कोर्स के हिसाब से बंदियों को किताबें दिलाई गईं। जेल में बने एक अलग हाल में बंदियों ने परीक्षा की तैयारी भी की। बाकायदा तीन से चार घंटे 25 शिक्षकों ने उन्हें दीक्षा दिलाई। अब दो मार्च से बंदियों की परीक्षा चल रही हैं। किसी दिन एक परीक्षा होती है तो किसी दिन दो पालियों में बंदी परीक्षा देते हैं। बीच-बीच में इग्नू के पर्यवेक्षक भी निरीक्षण के लिए आ चुके हैं। इसके अलावा डिप्टी जेलर राजेश राय, आफताब अंसारी निगरानी रखते हैं। डिप्टी जेलर राजेश राय ने बताया कि इग्नू से ही प्रश्नपत्र भेजे गए हैं। उनको तय दिन पर ही बंदियों के बीच बांट दिया जाता है। + +595 बंदियों ने दी सीएफएन की परीक्षा।कुल 798 बंदियों में से 595 ने खान-पान की पढ़ाई में दिलचस्पी दिखाई है। कोर्स का नाम सर्टीफिकेट आफ फूड्स एंड न्यूट्रीशन (सीएफएन) है। छह माह के इस कोर्स में बंदियों को खाद्य व पोषाहार की बारीकियां बताई गई थीं। ये भी सिखाया गया कि सेहत के लिए कौन सी चीज लाभदायक है और कौन सी नुकसानदायक। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..302c92883268f54f8a9893a20d887f37ae572912 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60983.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत की कला और शिल्पकारी की बुनियाद।भारत में स्वाधीनता के बढ़ते आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय दबाव ने यह बात साफ कर दी थी कि विदेशी हुकूमत भारत में ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। इन घटनाक्रमों के बीच वायसराय हाउस यानी राष्ट्रपति भवन के निर्माण का कार्य आरंभ हुआ। 1929 में जब लार्ड इरविन ने इस भवन में पैर रखा तो इस भवन की आकृति बहुत कुछ भारत की कला और शिल्पकारी की बुनियाद पर थी। सांची के स्तूप का गुंबद और चारबाग शैली के बागान एक नई कथा कह रहे थे। दरअसल इस भवन का भारतीयकरण हो चुका था। अंतर सिर्फ यह था कि इसमें रहने वाले अंग्रेज थे। + +माउंटबेटन ने स्वयं जाकर गांधी से की थी बात। गांधी जी की मुलाकात बाद के वायसरायों से भी होती रही थी पर उनका सबसे महत्वपूर्ण संबंध रहा लार्ड माउंटबेटन और लेडी माउंटबेटन से। ऐतिहासिक दस्तावेज माउंटबेटनपेपर्स के हिसाब से माउंटबेटन दंपति और गांधी जी के बीच परस्पर स्नेह साफ दिखता है। दरअसल तीन जून, 1947 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली और माउंटबेटन ने भारत को स्वतंत्र करने की घोषणा की। इसके साथ ही साथ जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बलदेव सिंह और मोहम्मद अली जिन्ना ने रेडियो के जरिए अपना संदेश दिया। सभी ने अपनी-अपनी तरह से इस घोषणा का स्वागत किया पर माउंटबेटन को सबसे बड़ी चिंता थी महात्मा गांधी की प्रतिक्रिया की। गांधी जी अपने मौनवास पर थे। लिहाजा माउंटबेटन ने स्वयं जाकर गांधी जी को पूरी परिस्थिति समझाई। उनके चेहरे पर दर्द व अवसाद की लकीरें साफ थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c663b92f23500f640f679601191512386c4088de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एएनआई: यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद बड़ी तादाद में भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाल कर स्वदेश वापस लाया गया है। देश की सरकार ने आपरेश गंगा के तहत 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्रों की यूक्रेन से सुरक्षित निकासी की है। लेकिन युद्ध के कारण स्वदेश वापस आए दिल्ली के अनुभव भसीन का कोई अपना वहीं छूट गया था। जो की अब सुरक्षित भारत आ चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d336ddafe8cb4199f197cd35de40a995ba88f35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60988.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमारे संविधान निर्माताओं ने समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर लंबी बहस की थी, लेकिन कोई एक राय न बन पाने के कारण इस विषय को नीति निर्देशक तत्वों में इस अपेक्षा के साथ शामिल किया गया कि राज्य यानी भारतीय शासन इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। इस दिशा में आगे बढऩे के बजाय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1955 में हिंदू कोड बिल लेकर आ गए। इसके तहत हिंदुओं, सिखों, बौद्धों के विवाह, उत्तराधिकार संबंधी रीति-रिवाजों को संहिताबद्ध किया गया। हालांकि अनेक हिंदू संगठनों और नेताओं की ओर से यह कहा गया कि इससे संयुक्त हिंदू परिवार टूट जाएंगे और महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देना संभव नहीं, लेकिन नेहरू अपने इरादे से डिगे नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60989.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60989.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f068f446a20d1abbaa43e43a24069507995858b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60989.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लिखी जा रही रोगियों के बारे में जानकारी।जिला अस्पताल में आ रहे रोगियों के बारे में जानकारी रजिस्टर में लिखी जा रही है। इसमें रोगी का पता, शिक्षा आयु, स्वजन से पूछकर उदासी का कारण व मोबाइल नंबर शामिल है। जो रोगी अकेले आ रहा है, उसे दवा देने के बाद अगली बार स्वजन के साथ आने की सलाह दी जा रही है, ताकि उसके बारे में जानकारी ली जा सके। इन सब जानकारियों के आधार पर अध्ययन कर वसंत में बढ़ रहे इस रोग के कारणों की पड़ताल की जाएगी। अध्ययन में रोगी का रहन-सहन, खान-पान, पारिवारिक पृष्ठभूमि, आर्थिक स्रोत व पड़ोस के माहौल को भी शामिल किया जाएगा। + +जिला अस्पताल में प्रतिदिन आए रोगियों की औसत संख्या।2019।फरवरी- 113।मार्च- 85।सितंबर- 116।अक्टूबर- 86।2020।फरवरी- 115।मार्च- 104।सितंबर- 06।अक्टूबर- 46।2021।फरवरी- 62।मार्च- 56।सितंबर- 47।अक्टूबर- 51।2022।फरवरी- 100।मार्च- 115।इस समय उदासी के रोगियों की संख्या बढ़ी है। यह आश्चर्यजनक है। आमतौर पर ऐसे रोगियों की संख्या सितंबर-अक्टूबर में बढ़ती है। फरवरी-मार्च में कम होने लगती है। इस बार उल्टा हो रहा है। इसका कारण जानने के लिए अध्ययन शुरू किया गया है। रोगियों के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है। - डा. अमित कुमार शाही, मानसिक रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85f1a4d8ccbc982474cb36ec04d24cec83624f67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा बॉलीवुड से दूर हैं पर वो सोशल मीडिया पर खासी एक्टिव हैं। नव्या नंदा की फ्रेंडलिस्ट में बॉलीवुड के काफी सिलेब्स हैं जिनमें से श्रीदेवी की छोटी बेटी खुशी कपूर भी एक हैं। हाल ही में नव्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ तस्वीरें शेयर की जिसमें वो काफी मस्ती के मूड में नजर आ रही हैं। इस दौरान उनके साथ खुशी कपूर भी मौजूद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca9b9f23c6124ae7ea83064733ef9706c5afb2b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60990.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। भारत में पांच राज्‍यों के चुनाव के बाद से पेट्रोल डीजल की कीमतों ने भी छलांग लगानी शुरू कर दी है। आलम ये है कि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है। सबसे बड़ी बात कि रुस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से जमाखोरी भी बढ़ रही है। खाद्य तेल की कोई किल्लत नहीं है। बावजूद इसके पिछले 12 दिन में रिफाइंड आयल की कीमत में 20 से 25 रुपये लीटर का इजाफा हुआ है। रविवार को पेट्रोल की कीमत 99.09 रुपये हो गयी, जबकि शनिवार को पेट्रोल की कीमत 98.82 रही।  डीजल की कीमत रविवार को 90.65 तक जा पहुंची जबकि शनिवार को इसकी कीमत 90.10 रही।  ।कच्‍चे तेल की कीमत में भी उछाल।यूक्रेन रूस में युद्ध अभी जारी है। इसका वैश्विक असर भी देखा जा सकता है। ऐसे में अब पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों क्रूड आयल के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी को आर्थिक चोट लग रही है।  ।खाद्य तेल पहले से ही है महंगा।अलीगढ़ में महंगाई को तो पहले तड़का लग चुका है। रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच जमाखोरी की कढ़ाही भी चढ़ गई है। इसमें रिफाइंड आयल खौल रहा है। बाजार में कुछ कारोबारियों की मानें तो उन्हें मांग के हिसाब से रिफाइंड आयल नहीं मिल पा रहा है, वहीं, कुछ कारोबारियों ने साफ किया है कि किसी भी खाद्य तेल की कोई किल्लत नहीं है। बावजूद इसके पिछले दस दिन में रिफाइंड आयल की कीमत में 20 से 25 रुपये लीटर का इजाफा हुआ है। खाने वाले तेल की उपलब्धता के बाद इस तरह रेट बढऩे को लेकर आशंका है कि जमाखोर भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं सब्‍जियों आदि के दामों में अंतर आया है। + +रोज सुबह छह बजे बदलती है कीमत।गौरतलब है कि प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है। + +यहां चेक करें- https://iocl.com/Products/PetrolDieselPrices.aspx।ऐसे जानें आपके शहर में कितना है दाम।पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए भी जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको RSP और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा। इन्हीं मानकों के आधार पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2d9abd628372204b9b709a53ff661862550914c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थ आवर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मशहूर गायिका शुभा मुद्गल कहती है कि हमारे शहरों की हवा खराब हो रही है। पर्यावरण खराब हो रहा है। इसके लिए हम सभी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए पर्यावरण संरक्षण उनकी संस्कृति का हिस्सा है। कई शास्त्रीय और लोकगीतों में पेड़ों, नदियों का जिक्र होता है। कई गीतों में हम पीपल, कदंब के पेड़ों के बारे में बताते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..daa60396ee41e6a8bde0fba4c69ba50115084619 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60995.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फार्मेसी विभाग की अध्यक्ष डा.अंकिता वाल ने बताया कि अमूमन सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या होने पर लोग एलोपैथिक दवाएं लेते हैं। इन दवाओं से आराम भले ही मिल जाए, लेकिन इससे शरीर पर साइड इफेक्ट भी होने का डर रहता है। ज्यादा सेवन से दस्त, पेट व आंत संबंधी बीमारियां, अल्सर या श्वांस संबंधी समस्याएं होने का खतरा रहता है। यही नहीं, लंबे समय तक इस्तेमाल से लिवर और किडनी भी खराब होने का डर रहता है। इसी समस्या को ध्यान में रखकर जड़ी बूटियों से हर्बल पेन किलर बनाई गई है। इसमें गिलोय, अश्वगंधा, नागरमोठा, लटजीरा व विलो की छाल का इस्तेमाल किया गया है। परीक्षण के बाद संस्थान ने इस दवा को पेटेंट कराया है। + +22 खरगोश और 48 चूहों पर परीक्षण।परीक्षण के लिए 22 खरगोश और 48 चूहों में मानव की तरह सिरदर्द के लक्षण पैदा किए गए। उनके शरीर पर आकलन के बाद दवा इंजेक्ट की गई और फिर 15 मिनट बाद उसका परिणाम देखा गया। अंकिता ने बताया कि इस दवा के सकारात्मक परिणाम सामने आए। इसके लिए कमेटी आफ दि परपज आफ कंट्रोल एंड सुपरविजन आफ एक्सपेरीमेंट्स आफ एनिमल से भी इजाजत ली गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..588ecdd0e8e02d88a38c7a4aa55979426a480020 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकपाल की कार्यप्रणाली को लेकर पूर्व में कई बार सवाल उठा चुके खेमका ने हाल ही में एक और ट्वीट करते हुए कहा था कि आश्चर्यजनक रूप से देश का लोकपाल तीन वर्षों में एक भी केस को सिरे चढ़ाने में विफल रहा है। क्या लोकपाल इस खराब प्रदर्शन के लिए जवाबदेह नहीं हैं? सेवानिवृत्ति के बाद की चैन की नौकरी में जनता का करोड़ों रुपये नाले में चला जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_60999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_60999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68e9bdb64f5c2e3902f327e07912a453135d85b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_60999.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरतलब है कि दही के सेवन से कार्टीसोल की मात्रा नियंत्रित रहती है। कारण, दही में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम कार्टीसोल को अधिक मात्रा में बनने से रोकता है। कई प्रकार के विटामिंस और खनिज तत्वों से भरपूर दही शरीर में ब्लड शुगर का स्तर सही रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले कई पोषक तत्व शरीर को तुरंत ऊर्जा देने का काम करते हैं। दही में मिलने वाला प्रोटीन शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है। फास्फोरस से भरपूर दही हमारे दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। इससे मिलने वाले लाभ के कारण ही हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शाकाहारी लोगों को प्रतिदिन दही का सेवन अवश्य करना चाहिए। खासकर महिलाओं को इसके सेवन से बहुत लाभ मिलता है। + +प्याज होंठों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। यह त्वचा को स्वस्थ रखने में काफी कारगर होता है। यह हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है और गठिया की समस्या से भी राहत दिलाता है। जोड़ों में होने वाले दर्द को कम करने में भी यह बहुत कारगर होता है। प्याज में एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंट क्वेरसेटिन पाया जाता है, जो कैंसर के सेल्स की रोकथाम करने में सहायक होता है। प्याज के सेवन से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा में वृद्धि होती है। इससे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है। प्याज में फाइबर भी पाया जाता है, जो शरीर के पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है। हालांकि हेल्थ एक्सपट्र्स का कहना है कि डायबिटीज वाले लोगों को प्याज का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही प्याज का अधिक सेवन आंतों की कार्यप्रणाली में बाधा पहुंचा सकता है और गैस संबंधी समस्या पैदा कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93c3bccd43adf1de6b9139ffe121f4b05a30f68c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_610.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करीना कपूर खान की आने वाली फिल्म।बात अगर करीना कपूर खान के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो अद्वैत चंदन द्वारा निर्देशित फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में आमिर खान और करीना कपूर खान मुख्य किरदार निभा रहे हैं। ये फिल्म में साल 1994 में आई अमेरिकी फिल्म 'फॉरेस्ट गम्प' का रीमेक है। ये फिल्म प्रोटागोनिस्ट्स की यात्रा के अलग-अलग टाइम पीरियड में फैली हुई है। वहीं, फिल्म में उस दौरान हुईं कुछ राजनीतिक घटनाओं को भी दिखाया जाएगा। वायकॉम 18 स्टूडियोज़ द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म को भारत भर में 100 से अधिक स्थानों पर फिल्माया गया है। ये फिल्म अब 11 अगस्त, 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92201e15b73204707d80cb177f93cc042ac2fb77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61000.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- डा. अरोड़ा का कहना है कि भारत में चौथी लहर आने का पूर्वानुमान है। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतर लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। उन्‍होंने कहा कि एक बार वे प्राकृतिक रूप से संक्रमित हो चुके हैं। इसलिए अगर लहर आती भी है तो अस्पताल में भर्ती होने और मौतों के संदर्भ में नतीजे प्रबंध करने योग्य होंगे, बशर्ते वायरस का कोई नया वैरिएंट न आ जाए। उन्‍होंने कहा कि भारत में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या तेजी से घट रही है। मौजूदा स्थिति को देखकर हम निश्चित तौर पर भविष्य में नई लहर आने के बारे में नहीं कह सकते हैं। हालांकि, उन्‍होंने जोर देकर कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। + +3- वायरस सर्वाइव करने की कोशिश करता रहता है। यह हमारे इम्यून सिस्‍टम को एस्केप करने के लिए वह हर बार अपने रूप को बदल लेता है। इसको हम मेडिकल भाषा में वैरिएंट बोलते हैं। अभी क्योंकि तीसरी लहर ढलान में है तो अभी कह सकते हैं कि मामले नियंत्रण में हैं। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के मामले को बढ़ने में समय नहीं लगेगा। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि सावधानी और टीका ही इसका बचाव है। उन्‍होंने कहा कि अगर आपने कोरोना का टीका नहीं लिया है तो इसे वक्‍त रहते जरूर लीजिए। इसके साथ कोरोना प्रोटोकाल का पालन बेहद जरूरी है। ।दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना का कोहराम ।1- गौरतलब है कि यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना की लहर चिंताजनक रफ्तार से ऊपर जा रही है। दक्षिण पूर्व एशिया की बात करें तो चीन में 14 महीने बाद कोरोना ने दो की जान ली है। हांगकांग में स्थिति चिंताजनक है। हांगकांग में कोरोना के मामले दस लाख पार कर गए हैं। वहां यह वायरस अब तक 5,401 जानें ले चुका है। शवों को रेफ्रिजेरेटेड शिपिंग कंटेनरों में रखना पड़ रहा है, क्योंकि ताबूत खत्म हो गए हैं या बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता दक्षिण कोरिया में है, जहां कोरोना के कुल मामले 90 लाख पार कर गए हैं। इनमें से 16 फीसद मामले तीन दिन में आए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bbdb46c2d67802b4e19e588d07ca79848161057 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61001.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विवेक मिश्र। रानी वेलु नचियार का जन्म तीन जनवरी, 1730 को तमिलनाडु के शिवगंगई क्षेत्र के रामनाथपुरम में हुआ था। पिता चेल्लमुत्थू विजयरागुनाथ सेथुपति, रामनाड साम्राच्य के राजा थे। उन्होंने अपनी पुत्री वेलु को राजकुमारों की तरह पाला। यही कारण था कि वेलु को घुड़सवारी, तीरंदाजी एवं अस्त्र-शस्त्र के साथ-साथ लगभग सभी युद्ध कलाओं का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही वेलु को अंग्रेजी, फ्रेंच एवं उर्दू जैसी कई भाषाओं में दक्षता हासिल थी। + +यह युद्ध कलैयार कोली नाम से जाना गया और तमिलनाडु के इतिहास में सबसे विध्वंसक युद्धों में गिना गया। राजा की वीरगति के पश्चात अंग्रेजों ने मानवता की सारी हदें पार कर दीं और भीषण नरसंहार करते हुए बस्तियों को उजाड़कर उनमें आग लगा दी। युद्ध में राजा के बलिदान की खबर सुनते ही रानी वेलु पुत्री वेल्लाची को लेकर किले से बाहर निकल गर्इं। इसके पश्चात आरकोट के नवाब ने किले पर अपना आधिपत्य स्थापित कर उसका नाम हुसैन नगर कर दिया। दूसरी ओर रानी वेलु ने अंग्रेजों और नवाब की सेनाओं को चकमा देकर डिंडिगुल के राजा गोपाल नायक्कर के यहां शरण ली। वहीं रहकर रानी शिवगंगा को पुन: प्राप्त करने की योजना बनाने लगीं। वह राजा नायक्कर की मदद से आसपास के राजाओं और मैसूर के शासक हैदर अली से भी मिलीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3018603895d2a18ae790585110a828ca0345878 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61002.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी ने शनिवार को अपना आठवां बजट पेश किया। बजट में कुछ नई बातों को जिक्र हुआ और कुछ पुरानी योजनाओं को हूबहू जारी रखने का ऐलान किया गया। आम आदमी पार्टी सरकार ने लगातार आउटकम बजट पेश किया। इसके साथ ही इस बार दिल्ली के बजट 75800 करोड़ हो गया है। इनमें रोजगार के कई ऐसे प्रविधान भी किए गए हैं, जिससे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। हम यहां पर बता रहे हैं आपके लिए दिल्ली के बजट में क्या खास है। ।1. 24 घंटे मिलेगा पानी।दिल्ली बजट 2022 में 24 घंटे पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कुछ महीने पहले ही वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने का निर्देश दिया गया है। 20 एकड़ का आफ रिवर मिनी जलाशय बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के भी निर्देश दिए गए हैं। ये फैसला उस बैठक में लिया गया, जो अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों को 24 घंटे साफ पानी मुहैया कराने के मकसद से बुलाई थी। 24 घंटे पानी उपलब्ध करवाने के लिए मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त जल को स्टोर करने और उसे शुद्ध कर लोगों के घर तक पहुंचाने की योजना बनी है। शनिवार को बजट पेश करने के दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के लोगों के पीने के पानी के लिए प्रमुख योजना 24 घन्टे साफ पानी उपलब्ध कराना है। वहीं, मुफ्त पानी की योजना इस साल भी लागू रहेगी। + +4.शिक्षा के लिए 16,278 करोड़ रुपये मिले।दिल्ली सरकार हमेशा से ही शिक्षा और स्वास्थ्य को फोकस करके चल रही है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ सभी जगह होती है। इस बार के बजट में भी शिक्षा क्षेत्र को वरीयता देते हुए 16, 278 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है। ।5. रात दो बजे तक चलेंगे फूड ट्रक।एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों की वजह से देश की राजधानी में पर्यटकों के साथ अन्य लोगों की आवाजाही रहती है। ऐसे में दिल्ली में खानपान और व्यंजनों को बढ़ावा देने की बात बजट में कही गई है। इसके लिए रात 2 बजे तक फ़ूड ट्रक चलाएं जाएंग। इसके लिए दिल्ली सरकार फ़ूड ट्रक पालिसी लाएगी। ये फूड ट्रक रात आठ बजे से दो बजे तक अगल अलग स्थानों पर खड़े होंगे, जिन पर खाने-पीने का अच्छा इंतजाम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..887098367b8ad26a5465e72f486104cd612f1aa4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61006.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभय प्रताप। आगामी यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा आगामी 5 जून को प्रस्तावित है। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण सिर्फ सामान्य अध्ययन में मिले अंकों के आधार पर होना होता है, जबकि सीसैट पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है। ध्यान देने की बात यह भी है कि दोनों पेपर में एक-तिहाई निगेटिव अंक भी लागू है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..864b1e90275411246c151076acedc983b2c9cdb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61008.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमित निधि। जेईई मेन के लिए तिथियों की घोषणा हो चुकी है। परीक्षा की शुरुआत 21 अप्रैल से हो रही है। आगे के बचे हुए समय में यदि तैयारी के लिए कुछ मदद चाहिए, तो आप कुछ एप्स की मदद ले सकते हैं। इससे आपको माक टेस्ट में भी मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं जेईई तैयार के लिए उपयोगी एप्स के बारे में...।आस्क आइआइटीयंस : जेईई मेन परीक्षा तैयारी के लिए यह एप उपयोगी हो सकता है। इसमें आपको सिलेबस के साथ क्वैश्चंस बैंक भी मिल जाएंगे, जिससे तैयारी में मदद मिल सकती है। अच्छी बात यह है कि इस नये एआइ एप पर सवाल पूछने की सुविधा भी है। एक्सपर्ट आपको तुरंत उन सवालों के जवाब देंगे। इसमें जेईई मेन में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण टापिक्स को कवर किया गया है। छात्र यहां पर डेली प्रैक्टिस में भी हिस्सा ले सकते हैं। साथ ही, सवालों को साल्व करने के लिए विजुअलाइजेशन तकनीक के बारे में जान सकते हैं। इस तकनीक की खास बात यह है कि सवालों को जल्द समाधान करने में मदद मिल सकती है। साथ ही, हर टापिक से जुड़े शार्ट वीडियो लेक्चर का फायदा भी उठा सकते हैं। यह एग्जाम की तैयारी के लिहाज से उपयोगी हो सकता है। इस एप को दो आइआइटीयंस आदित्य सिंघल और निशांत सिन्हा ने डेवलप किया है। यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। + +जेईई मेंस ऐंड जेईई एडवांस 2022 एग्जाम प्रिपरेशन : यदि आपको तैयारी के लिए पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नपत्र चाहिए, तो फिर जेईई मेंस ऐंड जेईई एडवांस 2022 एग्जाम प्रिपरेशन एप की मदद ले सकते हैं। इस एप की खासियत है कि यहां पर आल इंडिया रैंक के साथ चैप्टर वाइज एमसीक्यू टेस्ट भी मिल जाएंगे। इसमें विस्तार के साथ जानकारी दी गई है। इससे न सिर्फ चीजों को समझने में आसानी होगी, बल्कि तैयारी में भी मदद मिल सकती है। इसमें तैयारी से जुड़े नोट्स भी मिल जाएंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f206630ed43eba72b944d67166fe0fc78218000d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61009.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अरुण श्रीवास्तव। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) सहित अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने का सपना देशभर के विद्यार्थियों का होता है, पर अंकों के आधार पर दाखिला होने से अब से पहले अधिकतर की अभिलाषा पूरी नहीं हो पाती थी। डीयू की बात करें, तो यहां के सेंट स्टीफेंस, एसआरसीसी, किरोड़ी मल, मिरांडा हाउस, हिंदू कालेज, रामजस आदि जैसे तमाम प्रतिष्ठित कालेजों में एडमिशन का कट-आफ शत-प्रतिशत रहता रहा है। इसका फायदा सीबीएसई बोर्ड से पढ़ने वाले चुनिंदा स्कूलों के विद्यार्थियों को ही मिलता था, जबकि देश के विभिन्न राज्यों के बोर्डों के विद्यार्थियों को कम अंक मिलने का खामियाजा भुगतना पड़ता था। + +दरअसल, पाठ्यक्रम और परीक्षा का तरीका अलग होने के कारण जहां सीबीएसई बोर्ड के छात्रों को शत-प्रतिशत या उसके करीब अंक पाने में आसानी होती रही है, वहीं पद्धति अलग होने और शत-प्रतिशत मार्किंग न हो पाने के कारण राज्य बोर्डों से पास होने बच्चे अपेक्षाकृत अधिक होनहार होने के बावजूद अंकों की दौड़ में पिछड़ जाते थे। कम अंक होने के कारण उन्हें डीयू जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में प्रवेश से वंचित रह जाना पड़ता था। यह विसंगति वर्षों से चली आ रही थी, जिसे दूर करने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। अच्छी बात यह है कि केंद्र सरकार और यूजीसी की पहल से वर्षों की मशक्कत के बाद अब आगामी सत्र से यह विसंगति कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) से दूर होने जा रही है यानी अब बारहवीं के अंकों के आधार पर नहीं, बल्कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही डीयू और देश के 45 अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला मिलेगा। इससे छात्रों को प्रवेश परीक्षा में अपने प्रदर्शन के आधार पर अपनी पसंदीदा यूनिवर्सिटी और कालेज में दाखिला लेने का अवसर मिल सकेगा। हालांकि इस प्रवेश परीक्षा के बाद भी यह जरूरी नहीं कि आपको अपने पसंदीदा संस्थान में ही प्रवेश मिल जाए। ऐसा तभी होगा, जब आप मेरिट में ऊपर होंगे। + +संशय दूर करने की पहल : सीयूईटी की घोषणा होने के साथ ही शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों द्वारा इस प्रवेश परीक्षा और इसके प्रारूप को लेकर सवाल उठाए जाने लगे थे कि पहले इस तरह की कोई परीक्षा न होने के कारण इस बात को लेकर संशय है कि पता नहीं इसका स्तर क्या होगा? किस तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे? हालांकि इस तरह का संशय दिखाना जल्दबाजी ही था, क्योंकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को भी इस तरह के सवाल उठने का अंदाजा था। तभी उसने बिना देर किए इस बारे में काफी हद तक स्पष्ट कर दिया है। भारत सरकार की संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की देखरेख में आयोजित होने वाली इस एक घंटे की अवधि वाली परीक्षा में सभी प्रश्न बारहवीं स्तर के होंगे, जिसमें कुल 75 प्रश्न होंगे। कंप्यूटर आधारित इस परीक्षा का आयोजन पूरे देश में किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस परीक्षा को हिंदी, अंग्रेजी सहित 13 भाषाओं में आयोजित करने की घोषणा से उन बच्चों और अभिभावकों के मन का यह संशय भी दूर हो गया है, जो इसके अंग्रेजी में होने का अनुमान लगाकर डर रहे थे। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि देश भर के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्कोर लिस्ट सीयूईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर ही बनेगी और इसमें बारहवीं के अंकों को कोई वेटेज नहीं दिया जाएगा। हालांकि कोई विश्वविद्यालय चाहे तो वह 12वीं के अंकों को क्वालिफाइंग क्राइटेरिया के रूप में रख सकता है यानी कोई विवि किसी कोर्स के लिए 60 प्रतिशत न्यूनतम क्राइटेरिया रख सकता है। छात्र को विश्वविद्यालय की साइट पर जाकर इस क्राइटेरिया को देखना होगा, ताकि उसके आधार पर वह वहां आवेदन कर सके। यूजीसी या एनटीए द्वारा केंद्रीय स्तर पर किसी तरह की सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग नहीं होगी। प्रत्येक विश्वविद्यालय सीयूईटी के अंकों के आधार पर अपनी प्रवेश प्रक्रिया संचालित करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f862cc9f32f6656b386aafa6a021e64903f8cec2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज जादौन, अलीगढ़ । प्रदेश की सियासत में अलीगढ़ का दबदबा रहा है। अब तक यहां के दो मुख्यमंत्री व 13 मंत्री बने हैं। इनमें छह कैबिनेट व छह राज्यमंत्री रहे हैं। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनने वाले संदीप सिंह जिले के पहलेे विधायक हैं। खैर को दूसरी बार 42 वर्ष बाद मंत्री मिला है। यहां के विधायक अनूप प्रधान को योगी मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91cc869902acd63bdebb87532f3f1bd7d6866dd5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61011.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +रंजना मिश्र। भारत ने इस वित्त वर्ष यानी 2021-22 के दौरान 31 मार्च तक 400 अरब अमेरिकी डालर के मूल्य के माल के निर्यात का लक्ष्य रखा था, जिसे नौ दिन पूर्व ही पूरा कर लिया। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान यह आंकड़ा 292 अरब अमेरिकी डालर का था। जाहिर है कि निर्यात के क्षेत्र में यह भारत की एक बड़ी उपलब्धि है। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में निश्चित ही एक मील का पत्थर साबित होगी। गर्व की बात है कि यह उपलब्धि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन जंग के बीच हासिल हुई है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों, छोटे-बड़े उद्यमियों और निर्यातकों को बधाई दी है। प्रमुख निर्यातक सामानों में पेट्रोलियम, इलेक्ट्रानिक्स, चमड़ा, काफी, प्लास्टिक, मांस, डेयरी, समुद्री और तंबाकू उत्पाद शामिल हैं। + +किसी भी देश का विकास उस देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पर निर्भर करता है। वहीं किसी देश का निर्यात जितना अधिक होता है, उसकी अर्थव्यवस्था का विकास भी उतना ही अधिक होता है। दुनिया के बहुत से देश मजबूत निर्यात के बल पर ही अपने विकास को गति दे पाए हैं। यही सोच भारत के लिए भी सही साबित हो रही है कि अगर हम निर्यात को गति देंगे तो इससे हमारे देश में विभिन्न उद्योग धंधे स्थापित होंगे और विभिन्न वस्तुओं के निर्माण में तेजी आएगी। इससे देश के व्यापार में वृद्धि होगी। देश में रोजगार बढ़ेगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी। अंतत: देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इससे देश आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। इसीलिए निर्यात की जब भी बात की जाती है तो उसके आंकड़ों पर सबकी नजरें रहती हैं। + +लक्ष्य के अनुरूप नीतियां बनाई जा रही हैं तथा योजनाओं को समय पर लागू किया जा रहा है। निर्यातकों को उचित वित्त पोषण, बीमा, ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सभी हितधारकों अर्थात जिला इकाई, राज्य एवं केंद्रीय सरकारों, मंत्रलयों, उद्यमियों, निर्यातक समुदायों तथा विदेश स्थित हमारे मिशनों के बीच प्रभावी तथा कुशल समन्वय पर जोर दिया जा रहा है, जिससे निर्यात लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संबंधित विभागों के बीच सूचनाओं का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05b09a1636a2c362a8c7c6fe3118d8139fec781e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ। योगी सरकार 2.0 की शपथ ग्रहण के साथ ही शहर के लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। शासन स्तर से दीनदयाल अस्पताल को मेडिकल कालेज में तब्दील करने पर काम शुरू हो गया है। क्वार्सी फार्म हाउस की चार हेक्टेयर जमीन पर इसे विकसित किया जाएगा। प्रशासनिक ब्लाक व एकेडमिक ब्लाक का निर्माण इसी जमीन पर ही होगा। अस्पताल दीनदयाल परिसर में ही संचालित रहेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। क्वार्सी फार्म हाउस को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जा रहा है। कोल तहसील की टीम ने इसके लिए जमीन का चिह्नाकन शुरू कर दिया है। जल्द ही इस पर मुहर लग जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe11cfda19a44aba806dbb029e41f60562ae35d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61013.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ये है फिल्म की कहानी।अभिषेक बच्चन मुख्यमंत्री गंगाराम चौधरी के रोल में हैं। जिन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में एसआइटी की जांच पूरी होने तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है। वह जेल में भी इसी रूतबे से रहने का प्रयास करते हैं। अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी का जिम्मा पत्नी को दे जाते हैं। जेल के अंदर उनकी एक अलग जिंदगी शुरू होती है। जब जेल अधिकारी ज्योति (यामी गौतम) से उनका सामना होता है। + +आत्मसम्मान के लिए करते हैं दसवीं।जेल में गंगाराम चौधरी के अक्खड़ रवैये से परेशान होकर अधिकारी ज्योति उन्हें अनपढ़ गंवार कह देती हैं। ये बात गंगाराम चौधरी के आत्मसम्मान को चुभ जाती है।जिसके बाद वह जेल में रहकर ही दसवीं पास करने की ठान लेते हैं। इस दौरान गंगाराम चौधरी को क्या-क्या दिक्कते आती हैं, वह दसवीं पास कर पाते हैं कि नहीं, यही इस फिल्म की कहानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04f507dea487a7296fd615da7b2098957648244a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुकेश सहनी को विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से अलग होने पर अपने कोटे से 11 सीटें देकर भाजपा ने एनडीए में शामिल किया था। मुकेश चुनाव हार गए, लेकिन उनके चार विधायक जीत गए। बहुमत के लिए उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो गई। उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और बाद में भाजपा ने अपने कोटे से उन्हें एमएलसी बना दिया, लेकिन सिर्फ डेढ़ साल के लिए। बोचहां विधानसभा क्षेत्र से जीते उनके विधायक मुसाफिर पासवान के चार माह पूर्व निधन से वह सीट रिक्त हो गई। इसी बीच उत्तर प्रदेश के चुनाव में उनकी पार्टी मैदान में उतर गई। निषाद वोटों की राजनीति करने वाले मुकेश के इस कदम से भाजपा को नुकसान हो रहा था। उन्हें समझाया गया, पर वे नहीं माने। 160 सीटों पर लड़ने की घोषणा की, लेकिन उतारे 53 ही। उनका प्रयास था कि कम से कम दो-तीन प्रतिशत वोट हासिल हो जाएं और कुछ सीटें मिल जाएं तो यूपी में भी उनकी हिस्सेदारी हो जाए। निषाद आरक्षण को लेकर चुनाव में भाजपा के खिलाफ जमकर प्रचार किया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। भाजपा की बंपर जीत ने उनके सारे अरमान ध्वस्त कर दिए। मुश्किल से एक प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं हो सका। वहां हारने के बाद उनकी निगाहें टिक गईं बोचहां पर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60464dc514ace3e60b9cd687704f982a4b988cc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61017.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। पंजाब के युवा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने राज्‍य में खनन माफिया के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। उन्‍होंने खास साक्षात्‍कार में कहा कि पंजाब में या तो मैं मंत्री पद पर रहूंगा या खनन माफिया रहेगा। खनन को लेकर छह माह में मजबूत नीति बनेगी।  ।कहा- तीन महीने का समय देंगे, अगर ठेकेदार या कंपनियां नहीं मानेंगी तो सरकार अपना काम करेगी।बैंस मुख्यमंत्री भगवंत मान की कैबिनेट में सबसे कम उम्र (31 साल) के मंत्री हैं। मान ने बैंस को खनन, पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, जेल, कानून और संसदीय कार्य मामलों का प्रभार सौंपा है। रेत खनन पिछले 10 से 15 साल से पंजाब में बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जिसमें पूर्व मंत्रियों व पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों तक पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में नए खनन मंत्री के सामने क्या चुनौती है और वह उसे कैसे दूर करेंगे, इन मुद्दों को लेकर दैनिक जागरण के पंजाब ब्‍यूरो के विशेष संवाददाता जय सिंह छिब्बर ने उनके साथ बातचीत की। पेश है इसके प्रमुख अंश- ।आपकी पार्टी की बंपर जीत हुई है। क्या लोगों ने अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान पर भरोसा किया या पारंपरिक पार्टियों के खिलाफ वोट किया?।- दोनों बातें हैं। लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया और अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताया। युवाओं का राजनीति से विश्वास उठ गया था। युवा केजरीवाल से राजनीति में बदलाव और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। भगवंत मान और केजरीवाल की जोड़ी सोने पर सुहागा जैसी हो गई है। युवाओं और महिलाओं ने उनके पक्ष में सबसे अधिक मतदान किया है। + +यह भी पढ़ें: Exclusive Interview : कैबिनेट मंत्री धालीवाल ने कहा- सरपंचों की मनमर्जी खत्म करने के लिए खड़ी करेंगे ग्रामसभाएं।लोगों की उम्मीदें ज्यादा हैं। आप के पास ऐसा क्या है जिससे लोगों की समस्याओं का समाधान कर पाएंगे?।- स्थापित पार्टियों के नेता अपने परिवारों को एडजस्ट करने के बारे में ही सोचते रहे, लेकिन आम आदमी पार्टी पंजाब के बारे में सोचती है। मैं सुबह नौ बजे ऑफिस पहुंच जाता हूं। जब मुख्यमंत्री, पूरा विभाग और विधायक पंजाब के बारे में सोचेंगे तो सुधार होगा और पंजाब आगे बढ़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0259aa2995be43523f9ef881bfa099167327643d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. अश्विनी महाजन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत दिनों कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए आत्मनिर्भरता ही सबसे उपयुक्त रणनीति है। कुछ लोगों का मानना है कि यदि यह युद्ध इसी प्रकार से चला और यूक्रेन के मित्र देश जैसे अमेरिका और यूरोपीय देश इसमें कूदे तो यह तीसरे विश्व युद्ध की ओर जा सकता है। इसके अलावा भारत और शेष दुनिया में कुछ अन्य प्रकार की चिंताएं भी व्याप्त हैं। इन्हीं के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता की रणनीति का आह्वान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..302fdb03c41a5b87a4bc90bb3b3def5b9a7352da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़। कोरोना काल में लाकडाउन की चुनौतियों से उबरे ठेल-ढकेल वाले (स्ट्रीट वेंडर्स) प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना में मिले ऋण से भविष्य संवारने के प्रयास में लगे हैं। योजना को स्ट्रीट वेंडर्स तक पहुंचाने में नगर निगम, डूडा व बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान है। पीएम स्वनिधि की रैंकिंग में 10 लाख की आबादी वाले शहरों में अलीगढ़ प्रदेश में पहले व देश में दूसरे स्थान पर है। पहले चरण में 21.58 करोड़ रुपये का ऋण बांटा जा चुका है। दूसरे चरण में ऋण देने की तैयारी है।  ।आठ योजनाओं का भी लाभ।इन लाभार्थियों को आठ अन्य योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। इनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, बीओसीडब्ल्यू का पंजीकरण, वन नेशन वन राशन कार्ड, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..036a4dc475444d96ada21795cf24b68d21e4c12b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा, 'हर सभ्य व्यक्ति, हर लोकतांत्रिक सरकार, दुनिया के हर सभ्य समाज को तालिबानियों को मान्यता देने से इनकार करना चाहिए और अफगानिस्तान में महिलाओं के इस तरह के दमन की निंदा करनी चाहिए या फिर न्याय, मानवता और विवेक जैसे शब्दों को भूल जाना चाहिए।'।Every decent person ,every democratic government every civilised society in the world should refuse to recognise and condemn Talibans for their ruthless repression of Afgan women or let’s forget the words like justice , humanity and conscience.।अपने एक और ट्वीट में जावेद अख्तर ने तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरुल्लाह की तरफ से महिलाओं के ऊपर दिए गए बयान फर आपत्ति जाताई है। उन्होंने ट्वीट किया, 'तालिबान के प्रवक्ता ने दुनिया को बताया है कि महिलाएं मंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि घर पर रहने और बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं। लेकिन दुनिया के तथाकथित सभ्य और लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने को तैयार हैं। कितनी शर्म की बात है।'।The spokesperson of Taliban has told the world that women are not meant to be ministers but to stay at home and bear children but the so called civilised and democratic countries of the world are willing to shake Talibani hand . What a shame .।दरअसल, तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरुल्लाह ने महिलाओं को लेकर काफी आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने ने ये पूछे जाने पर कि तालिबान सरकार में महिलाओं को स्ठान क्यों नहीं दिया गया। के जवाब में कहा कि महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना है, वो मंत्री नहीं बन सकती हैं। ।A Taliban spokesman on @TOLOnews: "A woman can't be a minister, it is like you put something on her neck that she can't carry. It is not necessary for a woman to be in the cabinet, they should give birth & women protesters can't represent all women in AFG."।Video with subtitles👇 pic.twitter.com/CFe4MokOk0।हालांकि जावेद अख्तर के एक बयान को लेकर देश में हंगामा बरपा हुआ है। एडीटीवी के साथ इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने तालिबान की तुलना आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद से कर दी थी। जिसके बाद से जावेद अख्तर  हिन्दू संगठनों के निशाने पर हैं। देश में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7d51ac64f8bbb1e9225bf5eae399fcbad7a276c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61021.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताज महोत्सव में शिल्पग्राम उस कलाकार के नृत्य कौशल का साक्षी बना, जिनका जीवन संघर्ष किसी साधना से कम नहीं है। जिनके जन्म के बाद उन्हें जिंदा दफन कर दिया गया था। मां की ममता ने उनके जीवन की डोर थामे रखी तो सांपों का झूठा दूध पीकर वह बड़ी हुईं। अपने कौशल को दुनिया के सामने लाने को उन्हें पहचान तक छुपानी पड़ी। आज सारी दुनिया कालबेलिया नृत्य के लिए उन्हें जानती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पद्मश्री गुलाबो सपेरा की, जिन्होंने 20 साथी कलाकारों के साथ न भूलने वाली प्रस्तुतियां देकर महोत्सव में रंग जमाया तो शिल्पग्राम थिरक उठा। + +गुलाबो सपेरा ने शुरुआत गणेश वंदना घर में पधारो गजानन म्हारे... से की। इसके बाद स्वागत गान केसरिया बालम पधारो म्हारे देश... पर उन्होंने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी। चरी नृत्य, घूमर नृत्य और बंजारा नृत्य की प्रस्तुतियां हुईं तो दर्शक झूमने लगे। अंत में उन्होंने कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी तो डांस के स्टेप्स देखकर दर्शक चकित नजर आए। निरंतर तालियां गूंजती रहीं। कार्यक्रम समन्वयक दिनेश श्रीवास्तव रहे और संचालन श्रुति सिन्हा ने किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3706d549b763398f7828da95e6e3c73acea6e47e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61022.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कुलदीप बिश्‍नोई पिता भजनलाल के साथ। (फाइल फोटो)।27 मार्च को करनाल रैली से होगी राज्य स्तरीय जन जागरण अभियान की शुरुआत।पूरे हरियाणा के दौरे पर निकलने से पहले कुलदीप बिश्‍नोई ने अपने प्रमुख साथियों की एक समन्वय समिति बनाई है, जो उनके राजनीतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। योगेंद्र नाथ मल्होत्रा इस समन्वय समिति के चेयरमैन हैं। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल और कुलदीप बिश्नोई के पूरे राज्य में समर्थक हैं। + +कांंग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी के साथ हरियाणा कांग्रेस के नेता कुलदीप बिश्‍नोई। (फाइल फोटो) ।कुलदीप बिश्नोई के करीबियों का कहना है कि उन्‍होंने (कुलदीप बिश्‍नेाई ने) प्रदेश में पिता स्व. भजनलाल के सभी साथियों को न केवल मान-सम्मान दिया, बल्कि उन्हें अपने राजनीतिक गुरु के रूप में पेश करते हुए राजनीतिक आशीर्वाद भी मांगा है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जब राहुल गांधी हरियाणा के दौरे पर आए थे, तब उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में निकलने वाली रथयात्रा का यह कहते हुए बायकाट कर दिया था कि उन्हें जाट लीडरशिप स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि वह खुद गैर जाटों की राजनीति करते हैं। उसके बाद से कुलदीप कई बार हुड्डा के कार्यक्रमों में तो शामिल हुए, लेकिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अतिरिक्त किसी को अपना नेता स्वीकार नहीं किया। + +ताकत दिखाने के लिए चुना भाजपा का गढ़।शक्ति प्रदर्शन के लिए जीटी रोड बेल्ट को कुलदीप ने सिर्फ इसलिए चुना, क्योंकि यहां भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। समन्वय समिति के चेयरमैन योगेंद्रनाथ मल्होत्रा के मुताबिक करनाल रैली के बाद कुलदीप अब अपने सभी समर्थकों को साथ लेकर पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान पर निकलने वाले हैं। 27 मार्च को करनाल में शक्ति प्रदर्शन के जरिए कुलदीप हाईकमान व गठबंधन को दिखाना चाहते हैं कि कांग्रेस में वह कद्दावर नेता हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9d8a31d9d134cad1187a5786cad1eed94a458f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61026.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिकता का भाव।बिजली बचाने के लिए यह कदम न सिर्फ बचत का माध्यम बनता है, बल्कि इससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिकता का भाव भी आता है। यह दिखाता है कि मिलकर प्रयास करें, तो अगली पीढ़ी के लिए बेहतर विश्व बनाया जा सकता है। भारत में इस साल अर्थ आवर पहल में दैनिक जागरण समूह भी सहभागी है। कोरोना महामारी से उबरती दुनिया के बीच इस साल अर्थ आवर की थीम 'शेप अवर फ्यूचर' यानी 'अपने भविष्य को संवारें' है। + +विश्व की सबसे बड़ी पर्यावरण मुहिम।इस पहल को लेकर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल और सीईओ रवि सिंह ने बताया कि अर्थ आवर दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण मुहिम में से एक है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे के बीच अर्थ आवर की प्रासंगिकता भी लगातार बढ़ी है। आज यह पहल पूरी दुनिया में जगह बना चुकी है। इसने जलवायु परिवर्तन से जुड़े खतरों के प्रति लोगों को जागरूक किया है। + +15 साल पहले हुई थी शुरुआत।31 मार्च, 2007 को 22 लाख लोगों और 2000 कंपनियों ने आस्ट्रेलिया के सिडनी में बत्तियों को एक घंटे के लिए बंद रखकर इस पहल की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे सबने इसकी महत्ता को समझा और आज 190 से अधिक देश इस अभियान से जुड़ गए हैं। अब ज्यादा से ज्यादा लोग स्वैच्छिक रूप से इसका हिस्सा बन रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c04d5ba3c0f924309cb60a641da79a5fc4176dbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61028.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। यूक्रेन- रूस युद्ध का प्रभाव तेजी के साथ आम उपभोक्‍ताओं पर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम निरंतर बढ़ रहे हैं। घरेलू एलपीजी गैस पर पहले ही 50 रुपये बढ़ चुके हैं। सबसे बड़ी बात कि रुस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से जमाखोरी भी बढ़ रही है। खाद्य तेल की कोई किल्लत नहीं है। बावजूद इसके पिछले 11 दिन में रिफाइंड आयल की कीमत में 20 से 25 रुपये लीटर का इजाफा हुआ है। शनिवार को पेट्रोल की कीमत 98.82 रही जबकि शुक्रवार को इसकी कीमत 97.82 रही। वहीं डीजल की कीमत शनिवार को 90.10 रही जबकि शुक्रवार को इसकी कीमत 89.32 रही।  पेट्रोल-डीजल व एलपीजी पर बढ़े दामों ने सीएनजी के रेट बढ़ने के संकेत दे दिए हैं। ।कच्‍चे तेल की कीमत में भी उछाल।यूक्रेन रूस में युद्ध अभी जारी है। इसका वैश्विक असर भी देखा जा सकता है। ऐसे में अब पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों क्रूड आयल के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी को आर्थिक चोट लगेगी। डीजल के दामों में बढ़ोतरी से महंगाई का भी तड़का लग सकता है। हालांकि बीते 15 दिनों में पेट्रो कीमतों में ज्‍यादा उतार चढ़ाव नहीं आया है। + +खाद्य तेल पहले से ही है महंगा।अलीगढ़ में महंगाई को तो पहले तड़का लग चुका है। रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच जमाखोरी की कढ़ाही भी चढ़ गई है। इसमें रिफाइंड आयल खौल रहा है। बाजार में कुछ कारोबारियों की मानें तो उन्हें मांग के हिसाब से रिफाइंड आयल नहीं मिल पा रहा है, वहीं, कुछ कारोबारियों ने साफ किया है कि किसी भी खाद्य तेल की कोई किल्लत नहीं है। बावजूद इसके पिछले दस दिन में रिफाइंड आयल की कीमत में 20 से 25 रुपये लीटर का इजाफा हुआ है। खाने वाले तेल की उपलब्धता के बाद इस तरह रेट बढऩे को लेकर आशंका है कि जमाखोर भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं सब्‍जियों आदि के दामों में अंतर आया है। + +यहां चेक करें- https://iocl.com/Products/PetrolDieselPrices.aspx।ऐसे जानें आपके शहर में कितना है दाम।पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए भी जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको RSP और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा। इन्हीं मानकों के आधार पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a14f4ee98ac478391f4839517f060f6e497c359 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यही कारण था कि भारतीय सेना को श्रीनगर बचाने के लिए समय मिल गया। इस हिंसा से बचकर जो लोग किसी तरह श्रीनगर पहुंचने में सफल रहे, उन्हें शेख अब्दुल्ला के आदेश पर वहां रहने की इजाजत नहीं दी गई। शेख अब्दुल्ला की दलील थी कि इन लोगों के घाटी में बस जाने से 'कश्मीरियत डायल्यूट हो जाएगी।' लिहाजा अक्टूबर-नवंबर की सर्दी में पैदल ही बनिहाल दर्रा पार कर तमाम शरणार्थी ऊधमपुर और जम्मू जाने को विवश हुए। इनमें से अनेक सर्दी, भूख और थकान से रास्ते में ही प्राण गंवा बैठे। बाद में शेख अब्दुल्ला के आदेश पर इन शरणार्थियों को जम्मू और ऊधमपुर से भी पंजाब की ओर भगाया गया। इस तरह बार-बार उजाड़े गए इन लोगों की कश्मीरी पहचान ही खो गई। किसी जमाने में भारतीय संस्कृति का केंद्र माने जाने वाले कश्मीर में इस तरह के अत्याचारों की कहानी इतनी लंबी है कि अगर किसी फिल्म निर्माता में इच्छा और नैतिक साहस हो तो द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों की एक लंबी शृंखला बन सकती है, जो नाजी अत्याचारों पर बनी 'शिंडलर्स लिस्ट' सरीखी फिल्मों को भी शर्मिंदा कर दे। द कश्मीर फाइल्स तो 1931 से कश्मीर में हिंदुओं, सिखों, बौद्धों आदि पर हुए अत्याचारों का ट्रेलर मात्र भी नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..647041390e976183789e8ebce66b7d51a1c95e95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61032.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें : योगी कैबिनेट में छह मंत्री ऐसे जो दोनों सदनों के सदस्य नहीं, पार्टी के लिए किये कार्यों का मिला तोहफा।यह भी पढ़ें : योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार बने यूपी के सीएम, गोरक्षपीठ के साथ राजनीति में भी संभाली गुरु की विरासत।यह भी पढ़ें : यूपी में पांच वर्ष पूरे कर दोबारा शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61034.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..126c1017e373a366930be77f7ecd4b337be1a105 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61034.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनीतिक दायित्व भी उन्हें गोरक्षपीठ से विरासत में ही मिला। उनके दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने गोरखपुर संसदीय क्षेत्र का एक बार प्रतिनिधित्व किया। उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद और मानीराम विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे। 1996 में गोरखपुर लोकसभा से चुनाव जीतने के बाद ही महंत अवेद्यनाथ ने घोषणा कर दी थी कि उनकी राजनीति का उत्तराधिकार योगी संभालेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..153bd99109639475c73842605cfb89007b7d0ae2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Why Wang visit to India: रूस यूक्रेन संघर्ष के बीच भारतीय विदेश नीति की चुनौतियां भी बढ़ती जा रही है। भारत की तटस्‍थ नीति को लेकर अमेरिका और उसके मित्र राष्‍ट्रों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अमेरिका के सहयोगी देश भारत पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाए हुए हैं। खासकर क्‍वाड देशों ने भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अब चीन के विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा के बाद यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि चीन भारत के साथ संबंधों को सामान्‍य करने का इच्‍छुक है। क्‍या चीनी विदेश मंत्री की यात्रा के तार रूस यूक्रेन जंग से जुड़े हैं। क्‍वाड की बैठक के ठीक बाद चीनी विदेश मंत्री की भारत दौरे के क्‍या मायने हैं? क्‍या क्‍वाड देशों के बाद चीन ने भी भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है? क्‍या चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को इसी कड़ी के रूप में देखा जाना चाहिए?।क्‍वाड के तोड़ में चीनी विदेश मंत्री का भारत दौरा ।प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि निश्चित रूप से यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को घेरने में जुटे अमेरिका व इसके सहयोगी देश भारत पर भी लगातार दबाव बनाने की रणनीति अपनाए हुए हैं। क्‍वाड के दूसरे वर्चुअल शिखर बैठक के दौरान आस्‍ट्रेलिया और जापान ने भारत पर रूस के विरोध में दबाव बनाए हुए हैं। इसी क्रम में चीन ने भी क्‍वाड देशों के दबाव को कम करने के लिए भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। चीन के विदेश मंत्री वांग की नई दिल्‍ली की यात्रा को इसी कड़ी के रूप में जोड़कर देखा जा रहा है। विदेश मामलों के जानकार प्रो पंत ने कहा कि भारत ने रूस यूक्रेन जंग के दौरान अपनी स्‍वतंत्र व तटस्‍थ कूटनीति का पालन किया है। यही कारण रहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत किसी भी वोटिंग में मौजूद नहीं रहा। इतना ही नहीं वह रूस के साथ कच्‍चे तेल की खरीद भी कर रहा है। यह बात शायद क्‍वाड देशों को हजम नहीं हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि इसके बड़े कारण है। भारत अपनी रक्षा जरूरतों का एक बड़ा हिस्‍सा रूस से लेता है। देश में करीब 60 फीसद हथियार रूस के हैं। सैन्‍य क्षेत्र में भारत की रूस के प्रति आत्‍मनिर्भरता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b42a8bd2b02bda36e00a6c05b1bf275407c1abe6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही एक और नेता जसवंत सैनी को भी उनकी कर्मठता व सहारनपुर में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का तोहफा मिला है। उप्र पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद अब जसवंत सैनी को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। ।दानिश मंत्रिपरिषद में नया मुस्लिम चेहरा : इस बार मंत्रिपरिषद में मुस्लिम चेहरे के रूप में दानिश को शामिल किया गया है। वह अकेला मुस्लिम चेहरा हैं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश को राज्यमंत्री बनाया गया है। वह संगठन की निचली पंक्ति से ऊपर उठकर आए हैं। पिछली भाजपा सरकार में मोहसिन रजा अकेला मुस्लिम चेहरा थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d6cf3fedcedbd124edf676b396a105aab417352 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर बैठे जारी रख सकेंगे पढ़ाई ।साथ ही उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर (जीईआर) को बढ़ाने की सरकार की पहल को भी सफलता मिलेगी। पहुंच से दूर होने के चलते अभी तक बड़ी संख्या में छात्र बारहवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे। लेकिन इस यूनिवर्सिटी के जरिये अब कोई भी छात्र घर बैठे ही दाखिला लेकर पढ़ाई जारी रख सकेगा। मौजूदा समय में देश में 18 से 23 वर्ष की आयुवर्ग के करीब 27 फीसद छात्र ही उच्च शिक्षा में दाखिला लेते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a19c3e163bd0bab6a43d2093e5981794efbe3fd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61038.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने के बाद शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 की टीम भी सामने आ गई है। प्रदेशभर से जुटे 70 हजार से अधिक समर्थकों के बीच पीएम मोदी की उपस्थिति में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने योगी और उनके नए मंत्रिमंडल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। योगी के 53 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में स्पष्ट रूप से लोकसभा चुनाव 2024 की मजबूत तैयारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..decc22efbc0428a7f2065c32530fc05578f64b53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61039.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहन शशि पयाल पति के साथ सुबह ही पहुंची मायके।कोठार गांव यम्केश्वर से योगी की बड़ी बहन शशि पयाल अपने पति पूरण सिंह पयाल के साथ सुबह ही मायके आ गई थी। उनकी चचेरी बहन मुन्नी देवी भी यहां पहुंच गई थी। भांजा अनिल रावत और योगी की सबसे बड़ी बहन कोटद्वार निवासी कौशल्या देवी के पति ओम प्रकाश रावत भी दिवस विशेष के गवाह बने। प्रदेश के काबीना मंत्री डा.धन सिंह रावत की पत्नी डा.दीपा रावत, यमकेश्वर के ब्लाक प्रमुख आशा भट्ट भी खुशी मनाने यहां पहुंची। सभी ने योगी की माता सावित्री देवी को गुलाल लगाने के साथ उनका मुंह मीठा किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..466fdcd105c432ecd5fa8e4e9a42fbe73ffac74e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण टीम। जलवायु परिवर्तन से धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बढ़ती गर्मी और अनियमित बारिश के चलते मुश्किलें बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए हमने आज कदम नहीं उठाए तो भविष्य की पीढ़ियों के लिए जीवन कठिन होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए 2007 से अर्थ आवर को मनाने की मुहिम शुरु हुई। आपके प्रिय दैनिक जागरण समूह ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के साथ मिलकर लोगों को जागरुक करने के लिए एक मुहिम शुरु की है। पर्यावरण को बचाने के लिए जरूरी है कि आप भी अपने हिस्से की हिस्सेदारी करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b4711668a5ffdc0c1541402a85810959e7c7471 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। लखनऊ में योगी आदित्यनाथ की सरकार का फिर से गठन हो रहा है, तो आगरा की उम्मीदों को फिर से पंख लगने लगे हैं। जूता उद्योग को जीएसटी घटने तो पेठा उद्योग को सहूलियतें बढ़ने की उम्मीद है। वहीं किसानों को आलू प्रोसेसिंग यूनिट के साथ बैराज की आस है, तो बेसहारा गोवंश की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद भी जग रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43807198439beb8a0fd399d6466ef2a0735fb58a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [आशीष पांडेय]। दक्षिण क्षेत्र में आग लगने पर अब मीरपुर और फजलगंज फायर स्टेशन का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। दमकल की गाडिय़ां भी समय पर पहुंचेंगी। दरअसल, लंबे समय से चली आ रही किदवईनगर फायर स्टेशन की मांग पूरी हो गई है। एक दमकल की गाड़ी और अग्निशमन अधिकारी समेत 18 कर्मियों की तैनाती के साथ इसका संचालन भी शुरू हो गया है। इससे किदवई नगर और जूही थाना क्षेत्र की करीब पांच लाख की आबादी आग से सुरक्षित हो गई है। जल्द ही नए सिरे से परिसीमन करके ओ ब्लाक सब्जी मंडी स्थित इस केंद्र का कार्यक्षेत्र बढ़ाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e52aa315ff649667499a2e3d297b77a33f13658 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। छुट्टियों में अपनी कार से परिवार के साथ लम्बे सफर पर निकल जाना किसे अच्छा नहीं लगता। पर क्या आपको पता है कि आपके इस आनंद के लिए सिर्फ आपको नहीं इस धरती पर रहने वाले कई जीवों को कीमत चुकानी पड़ती है। आपके और आपके बच्चों ने किताबों में इग्लू हाउस और पोलर बियर की बातें पढ़ी होंगी, लेकिन हो सकता है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए ये सब इतिहास की बातें हों। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। + +विशेषज्ञ इसका सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाले धुएं या पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म इंधन को जलाए जाने को मान रहे हैं। धरती का तापमान बढ़ने से माना जा रहा है कि धरती के उत्तरी ध्रुव पर पाए जाने वाले पोलर बियर या ध्रुवी भालू भी डाइनासोर की तरह इतिहास में दर्ज हो जाएंगे। ध्रुवीय भालू का कोई प्राकृतिक शत्रु नहीं होता है। मनुष्य उनका सबसे बड़ा खतरा हैं। उन्हें आईयूसीएन रेड लिस्ट ऑफ़ थ्रेटड स्पीशीज़ में असुरक्षित बताया गया है। प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (IUCN) ने ग्लोबल वार्मिंग को ध्रुवीय भालू के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए इसे ऐसी स्पीसीज के तौर पर सूचीबद्ध किया है जो खतरे में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d84f1c94f1cf5d459217d258942564d8b16dbdbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61054.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण टीम। बायोगैस/ बायो सीएनजी एक अक्षय ऊर्जा उद्योग के रूप में उभर रहा है जो कृषि, औद्योगिक, पशु और नगरपालिका के जैविक कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करता है। देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के अलावा, यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को विनियमित करने, प्रदूषण को कम करने और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने में भी मदद करता है। इंडियन बायोगैस एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डा. ए.के.शुक्ला के अनुसार, भारत में बायोगैस उत्पादन की 1,108 TWh (टेरा वाट-घंटे) की क्षमता है, जिसे संशोधित करके बायो सीएनजी में बदला जा सकता है एवं ग्रीन फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उद्योग श्रम प्रधान है व कुशल और अकुशल दोनों श्रेणियों में रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है। + +इंडियन बायोगैस एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डा. ए.के.शुक्ला कहते हैं कि बायोगैस उद्योग तीन अलग-अलग श्रेणियों में रोजगार पैदा कर सकता है। रोजगार की पहली श्रेणी बायोगैस परियोजनाओं में प्रत्यक्ष रोजगार है, जिसमें फसल उत्पादन, निर्माण, बायोगैस संयंत्रों के संचालन और रखरखाव और परिवहन के लिए आवश्यक सभी जनशक्ति शामिल हैं। दूसरी श्रेणी बायोगैस ईंधन चक्रों में निवेश के कारण अर्थव्यवस्था में उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार है। अप्रत्यक्ष नौकरियां मुख्य रूप से सहायक उद्योगों जैसे उपकरण निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, आदि में हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अलावा, बायोगैस उद्योग में प्रेरित रोजगार पैदा करने की क्षमता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम के अवसरों के माध्यम से राजस्व में वृद्धि के परिणामस्वरूप उत्पादों और सेवाओं की मांग में।वृद्धि हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c630b79b9e8d1a266737404704b426d110c5121 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुबह शाम जाते हैं सैर पर।केंद्र पर रह रहे हाथियों को उनके महावत गर्मियों में अल-सुबह और देर शाम को सैर पर ले जाते हैं। केंद्र के पीछे यमुना नदी में हाथी गोते भी लगाते हैं, खेलते भी हैं। शरीर को ठंडा रखने के लिए हाथी अपने ऊपर सूंड से मिट्टी भी फेंकते हैं। महावत गर्मियों में हाथियों को सुबह-शाम नहलाते भी हैं।एसओएस के उप-निदेशक पशु चिकित्सा सेवा डा. एस. इलियाराजा ने बताया कि गर्मियों में हाथियों को बहुत ज्यादा गर्मी लगती है। स्विमिंग पूल में हर दो दिन में पानी बदला जाता है। हाइड्रोथेरेपी पूल से भी हाथियों को राहत मिलती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b18e73cf5ef2a8c077897bc849fa2e2bc0a4f4c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61058.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अमित प्रसाद ने गोपनीय गवाह के बयान के हवाले से कोर्ट में दावा किया था कि सीलमपुर में हुई बैठक में उमर खालिद ने गुलफिशा से कहा था कि भाषणों से काम नहीं चलेगा, यह सरकार मुसलमानों के खिलाफ है और खून बहाना पड़ेगा। इस सरकार को घुटनों पर लाना होगा। यह भी दावा किया था कि साजिशकर्ता अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। देश की एकता और अखंडता को खत्म करने की मंशा के साथ साजिशकर्ताओं ने योजना बनाई थी। + +अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध केवल बहाना था। असल में उसे तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और अयोध्या के विवादित ढांचे का दर्द था। उन्होंने महाराष्ट्र के अमरावती में एक सभा में उमर खालिद के संबोधन का वीडियो कोर्ट को दिखाया था। + +उमर के वकील ने लगाए थे कई आरोप।अधिवक्ता त्रिदिप पेस ने कहा था कि उनके मुवक्किल को झूठे केस में फंसाया गया है। उसके खिलाफ पुलिस के पास कोई भी ठोस साक्ष्य नहीं है। सीएए के विरोध में प्रदर्शन धर्मनिरपेक्ष था। इसका विरोध कर रहे उमर को निशाना बनाकर पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बुनकर प्राथमिकी दर्ज की। यह दावा भी किया कि अमरावती शहर में हुई सभा में उमर ने अपने भाषण में कहीं भी ¨हसा का आह्वान नहीं किया। वास्तविकता में उमर ने महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का जिक्र करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत एकता का संदेश दिया। उन्होंने मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी को पटकथा का लेखक बताया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fce7c11ad1982f270405f121b0f29ed04bb5f905 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61060.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। यूक्रेन- रूस युद्ध का प्रभाव तेजी के साथ आम उपभोक्‍ताओं पर पढ़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम निरंतर बढ़ रहे हैं। घरेलू एलपीजी गैस पर पहले ही 50 रुपये बढ़ चुके हैं। खास  बात यह है कि रुस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से जमाखोरी भी बढ़ रही है। खाद्य तेल की कोई किल्लत नहीं है। बावजूद इसके पिछले दस दिन में रिफाइंड आयल की कीमत में 20 से 25 रुपये लीटर का इजाफा हुआ है। शुक्रवार सुबह से ही पेट्रोल-डीजल के दामों में 80 पैसा प्रतिलीटर बढ़ोत्तरी हुई है। खास बात यह है के पेट्रोल-डीजल व एलपीजी पर बढ़े दामों ने सीएनजी के रेट बढ़ने के संकेते दे दिए हैं। निरंतर बढ़ रहे दामों से आम आमजन कराह उठा है। ।कच्‍चे तेल की कीमत में भी उछाल।यूक्रेन रूस में युद्ध अभी जारी है। इसका वैश्विक असर भी देखा जा सकता है। ऐसे में अब पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों क्रूड आयल के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से आम आदमी को आर्थिक चोट लगेगी। डीजल के दामों में बढ़ोतरी से महंगाई का भी तड़का लग सकता है। हालांकि बीते 15 दिनों में पेट्रो कीमतों में ज्‍यादा उतार चढ़ाव नहीं आया है। + +खाद्य तेल पहले से ही है महंगा।अलीगढ़ में महंगाई को तो पहले तड़का लग चुका है। रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच जमाखोरी की कढ़ाही भी चढ़ गई है। इसमें रिफाइंड आयल खौल रहा है। बाजार में कुछ कारोबारियों की मानें तो उन्हें मांग के हिसाब से रिफाइंड आयल नहीं मिल पा रहा है, वहीं, कुछ कारोबारियों ने साफ किया है कि किसी भी खाद्य तेल की कोई किल्लत नहीं है। बावजूद इसके पिछले दस दिन में रिफाइंड आयल की कीमत में 20 से 25 रुपये लीटर का इजाफा हुआ है। खाने वाले तेल की उपलब्धता के बाद इस तरह रेट बढऩे को लेकर आशंका है कि जमाखोर भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं सब्‍जियों आदि के दामों में अंतर आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d492b5ca8f2b50951699782d1a2af4d0d64aa41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61064.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमारे शहर स्वस्थ जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं के लिए संघर्षरत हैं। यहां-वहां गंदगी और कचरे का ढेर दिखना आम है। कचरा उठाना, उसे वर्गीकृत कर अलग करना और उसके निस्तारण का स्तर बहुत लचर है। सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम बाबा आदम के जमाने के हैं। खुले नाले निर्ममता से अमूल्य जीवन को लील रहे हैं। अतिक्रमण बेलगाम है। फुटपाथ गायब हो रहे हैं। सड़कें अक्सर दूसरे मानसून का मुंह नहीं देख पातीं। पहले से कायम छुट्टा पशुओं की समस्या पर यदि लगाम नहीं लगाई गई तो यह एक बड़ा खतरा बन जाएगी। पालतू जानवरों के पालकों को न तो नियमों की जानकारी है और न ही उनके अनुपालन के प्रति उनकी कोई दिलचस्पी। गंदगी, थूकना और क्षुद्रता भरा आचरण बदस्तूर कायम हैं। इनसे निपटने के लिए कानून और दंड प्रविधान तो किए गए हैं, लेकिन उन्हें कभी गंभीरता से अमल में नहीं लाया जाता और वे कागजी बनकर रह गए हैं। ऐसी अराजकता के बीच प्रशासनिक तंत्र बेपरवाह और नागरिक कभी असहाय, कभी निराश और दुर्भाग्यवश कई बार उसमें सक्रिय रूप से भागीदार होते हैं। ऐसे में कोई हैरानी नहीं कि हमारे शहर गंदे और प्रदूषित शहरों की श्रेणी में अव्वल आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61067.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d68a2eb2abf1c94ce7df34002d10a03c4260b947 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61067.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍काट मारिसन का आभार करना स्‍वाभाविक प्रतिक्रिया थी। क्‍योंकि आस्‍ट्रेलिया ने नौवीं या दसवीं शताब्‍दी से जुड़ी मूर्तियां या पेटिंग ही नहीं लौटाई, वस्‍तुत: भारत को उसके वे कालखंड लौटाएं हैं, जिनमें एक श्रेष्‍ठ संस्‍कृति की गोद में बैठ कर सुसंस्‍कृत कलाएं सांस लेती थी। हिमाचल इसलिए प्रसन्‍न हुआ क्‍योंकि उसके पास उसके शिव और हिमालय पुत्री पार्वती भी लौटे हैं। शिव वही हैं, जो मणिमहेश की मणि में चमकते हैं, चमत्‍कृत करते हैं। वही महादेव जो देवाधिदेव हैं किंतु इतने भोले हैं कि हिमाचल प्रदेश का गद्दी समुदाय उन्‍हें धूड़ू कहता है तो भी वह मुस्‍करा देते हैं ...भक्‍तों को नचाते और नाचते हैं। धूड़ यानी भस्‍म और धूड़ू यानी भस्‍म वाला योगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8eb174fdd1fc84ae9e0498277da753bc468c7506 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61068.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से मौत पर मुआवजे के लिए फर्जी दावों की शिकायत पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि कोविड से मौत पर स्वजन को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि मानवता के आधार पर और उनकी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए दी जाती है। इसलिए किसी को भी इसके दुरुपयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह अनैतिक भी है। + +चार राज्यों में औचक जांच के आदेश ।कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी को स्वीकार करते हुए मौत के फर्जी दावों का पता लगाने के लिए चार राज्यों-आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र में कुल दावों के पांच फीसदी मामलों की औचक जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय को तीन महीने में जांच पूरी करके रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर कोई मुआवजा दावा फर्जी पाया जाता है तो वह आपदा प्रबंधन कानून की धारा 52 के तहत दंडनीय माना जाएगा। उसके मुताबिक फर्जी दावा करने वाले को दंडित किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कोरोना से मौत पर मुआवजा दावा दाखिल करने की 60 और 90 दिन की समय सीमा भी तय कर दी है। + +फर्जी दावे पर है सजा का प्रावधान।ज्ञात हो कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 52 में जान-बूझकर फर्जी मुआवजा दावा करने के लिए दो साल तक की कैद और जुर्माने की सजा का प्रविधान है। ये आदेश गुरुवार को न्यायमूर्ति एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कोरोना से मौत पर मुआवजे के मामले में केंद्र की अर्जी पर दिए। केंद्र सरकार ने अर्जी में फर्जी दावों की जांच के लिए पांच फीसदी मामलों की औचक जांच की इजाजत मांगी थी। + +कोर्ट ने चार हफ्तों के वक्त को बताया कम।सरकार ने मुआवजा दावा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा भी निर्धारित करने की मांग की थी। केंद्र ने कहा था कि कोरोना से हुई मौतों के मुआवजे के लिए राज्यों को 7,38,610 दावे प्राप्त हो चुके हैं। संक्रमण अब काफी कम है। लगभग ठीक हो चुका है। ऐसे में जिन लोगों को दावे दाखिल करने थे, वे कर चुके होंगे। कोर्ट को मुआवजा दावा दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा तय कर देनी चाहिए। कोर्ट ने समय सीमा निर्धारित करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा बताई गई चार सप्ताह की सीमा बहुत कम है, क्योंकि जिसके घर मौत होती है, उसे दुख से उबरने के लिए कुछ समय चाहिए होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a102331ba480adb8ad7998f18e0e7aa7cdcbfd0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: पांच राज्यों की हार से पार्टी के गहराए संकट के मद्देनजर सक्रिय हुईं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अब संगठन चुनाव और पार्टी की सदस्यता अभियान की समीक्षा करने का फैसला किया है। इसके लिए 26 मार्च को कांग्रेस महासचिवों और सभी राज्यों के प्रभारियों की विशेष बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस का सदस्यता अभियान अपने आखिरी चरण में है और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अप्रैल-मई से पार्टी के संगठनात्मक चुनाव शुरू हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73a40cb25d488354f1ea6f6f0b39cdbb0d1866e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्टर अनिल कपूर की बेटी रिया कपूर इन दिनों अपने पति करण बुलानी के साथ हनीमून पर हैं। मालदीव से रिया ने कुछ बेहद ही रोमांटिक सी फोटो शेयर की है। साथ ही रिया ने लगे हाथ ये भी बता दिया इन प्यारी तस्वीरों को कैप्शन की जरूरत ही नहीं। अपनी इंस्टाग्राम स्टोरिज में रिया ने मालदीव में अपनी छुट्टी के स्निपेट्स पोस्ट किए। इस फोटोज में रिया काफी कूल और खुश नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8ed9ab3e7bb40f67c1fc661d0347b50631e4a4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जाहिर है, लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस को अंतिम नेट प्रैक्टिस करके देश के जनमानस की थाह लेने का मौका मिलेगा। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटें धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से खासी विविधतापूर्ण हैं, लिहाजा दोनों राष्ट्रीय दलों को यहां के नतीजों के आधार पर अपनी रणनीतिक तैयारी में सुधार-संशोधन करने में सुविधा होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4591e0aef0a09ac16eea90d4c1a6da43025308ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61071.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परियोजना स्थापना के समय से ही विवादित रहा है। यही कारण है कि शिलान्यास के 23 वर्षों के बाद भी बिजली उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। परियोजना का शिलान्यास छह मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने किया था। रैयत तीन सूत्री मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलित थे। अभी सात मार्च को परियोजना के रैयतों और सुरक्षा बलों के बीच हुई हिंसक झड़प में 57 वाहनों को फूंक दिया गया था। निर्माण कार्य से जुड़ी एक कंपनी के दफ्तर में भी आग लगा दी गई थी। बहरहाल, तमाम दिक्कतों के बाद परियोजना जमीन पर उतरने को तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0c06f9f31787b1d9abc17c04e51043cfdfdb1d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जौनपुर, जागरण संवाददाता। जिले में गुरुवार की सुबह से शुरू बोर्ड परीक्षा के दौरान सुरक्षा और नकल विहीन परीक्षा के लिए जिला प्रशासन के साथ शैक्षिक अधिकारी लगातार चक्रमण कर व्‍यवस्‍था बनाने में जुटे रहे। वहीं जिले में कुछ जगहों पर छात्रों को परीक्षा देने में समस्‍या होने के बाबत प्रशासनिक अधिकारियों की पहल पर त्‍वरित निर्णय लेते हुए छात्रों को परीक्षा के लिए विशेष व्‍यवस्‍था भी उपलब्‍ध कराई गई। कुछ ऐसा ही मामला मुफ्तीगंज में पेश आया तो अधिकारियों को प्रकरण से अवगत कराया गया और छात्रा को अलग से कार में ही बैठकर परीक्षा देने की अनुमति दी गई। ।जौनपुर जिले में एक्सीडेंट के दौरान घायल हुई छात्रों को चलने और बैठने में दिक्‍कत होने की वजह से उसकी कार में ही बैठकर परीक्षा देने की जानकारी से अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। केराकत में श्री कृष्ण बिहारी इंटर कॉलेज पेसारा मुफ्तीगंज जौनपुर में कार में बैठकर परीक्षा देती छात्रा की जानकारी सामने आई तो पता चला कि हादसा होने की वजह से चलने फ‍िरने में समस्‍या होने की वजह से उसे अलग से कार में ही हाईस्‍कूल की बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति केंद्र व्‍यवस्‍थापक की ओर से जारी की गई है। ।परिजनों के अनुसार दो दिन पूर्व घर से ननिहाल भौसिंहपुर के लिए बाइक से आ रही छात्रा कृति मौर्या, निवासी जमालपुर का धर्मापुर के पास टेम्पो के धक्के से गंभीर रूप घायल‌ हो‌ गयी थी। जिसका इलाज जौनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में कुछ दिनों से चल रहा है। गुरुवार को परीक्षा होने के कारण वह कार से परीक्षा केन्द्र श्री कृष्ण बिहारी इण्टर कालेज पेसारा पहुंची। लेकिन, उसके अभी भी घायलावस्था में‌ होने की वजह से वह कार से उतर नहीं पायी।‌ केन्द्र व्यवस्थापक विनोद राय ने जिला विद्यालय निरीक्षक से वार्ता कर उसे कार में ही परीक्षा देने की‌ इजाजत ली। जिसके बाद वह कार में ही अपनी परीक्षा की कापी लिखी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14f856737d9f069817d99594c5644f42c4b7fe8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61078.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +होना तो यह चाहिए था कि अभी तक इस उद्देश्य को हासिल कर लिया जाता, क्योंकि संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में साफ तौर पर कहा गया है कि राज्य समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यदि ऐसा नहीं हो सका तो कुछ दलों के नकारात्मक रवैये, अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण की राजनीति और इस दुष्प्रचार के कारण कि इससे विभिन्न समुदायों के रीति-रिवाजों में अनावश्यक हस्तक्षेप होगा। + +दुर्भाग्य से यह दुष्प्रचार अभी भी जारी है। यह इसके बाद भी जारी है कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ विभिन्न उच्च न्यायालय समय-समय पर समान नागरिक संहिता की आवश्यकता रेखांकित कर चुके हैं। तथ्य यह भी है कि गोवा में समान नागरिक संहिता पहले से ही लागू है और वहां सभी समुदायों के लोग रहते हैं। आखिर जो व्यवस्था गोवा में बिना किसी बाधा के लागू है, वह शेष देश में क्यों नहीं लागू हो सकती? प्रश्न यह भी है कि जब अन्य कई लोकतांत्रिक देशों में समान नागरिक संहिता लागू है तो भारत में उसका विरोध क्यों होता है?।यह प्रश्न अनुत्तरित है तो इसीलिए कि अभी तक किसी सरकार ने समान नागरिक संहिता का मसौदा तक तैयार करने की जहमत नहीं उठाई। कम से कम अब तो यह काम होना ही चाहिए, ताकि उस पर व्यापक विचार-विमर्श हो सके। यह हास्यास्पद है कि एक ओर संविधान की दुहाई देकर यह कहा जाता है कि कानून की नजर में सब बराबर हैं और दूसरी ओर भिन्न-भिन्न समुदायों के लिए विवाह विच्छेद, गुजारा भत्ता, उत्तराधिकार आदि से संबंधित नियम अलग-अलग बने हुए हैं। समान नागरिक संहिता के अभाव के चलते ही विभिन्न समुदायों के लोगों में आपसी एकता का वह भाव देखने को नहीं मिलता, जो आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है। यह समझने की जरूरत है कि समान नागरिक संहिता का निर्माण देश की जनता को जोड़ने के साथ उनमें यह भाव जगाने का भी काम करेगा कि वे सब एक ही कानून से बंधे हुए हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89da2980cab520a6502b060de2a1a462d59c7231 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले वर्ष से आ रही हैं पद्मश्री लाजवंती।शिल्पग्राम में पंजाब के पटियाला से आईं लाजवंती ने फुलकारी की स्टाल लगाई है। पिछले वर्ष राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उन्हें पदमश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। लाजवंती ने बताया कि वह महोत्सव में वर्ष 1992 से निरंतर आ रही हैं। इसकी वजह यहां खरीदारों का रिस्पोंस मिलना है। वह फुलकारी के सूट, साड़ी व दुपट्टे लेकर आई हैं, जिनकी रेंज 500 रुपये से लेकर छह हजार रुपये तक है। इन्हें वह स्वयं तैयार करने के साथ कारीगरों से तैयार कराती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7192aa13e62438f36e538f781ddc1dd89f881dc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +16 देशों में ही पकड़ी गई दो तिहाई मछली। 2018 के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 16 देशों से 80 फीसदी मछली पकड़ी गई। इनमें से दो तिहाई एशिया से थी। इनमें भारत, चीन, बांग्लादेश, म्यांमार, कंबोडिया और इंडोनेशिया थे। वहीं अफ्रीकी देशों से 25 फीसदी मछली पकड़ी गई। इनमें युगांडा, नाइजीरिया, तंजानिया, मिस्र और मालावी प्रमुख देश थे। इंटरनेशनल फिशरीज इंस्टीट्यूट और एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार 50 फीसद से अधिक ग्लोबल फ्रेशवाटर फिश सात रिवर बेसिन से पकड़ी गई थी। ये मैकांग, नील, यांगेज, इराब्दी, ब्रह्मपुत्र, अमेजन और गंगा का बेसिन था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92f483ee60a8ae8ff7ad6b306674190a8d50956b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61081.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुलायम से दूर होने के साथ गिरने लगा सपा का ग्राफ। वहीं, गुर्जर बिरादरी से नरेंद्र भाटी दूसरे ऐसे नेता है, जिन्हें भाजपा ने विधान परिषद भेजा है। नरेंद्र भाटी कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं। 2018 में उनके द्वारा सपा से दूरी बनाने के बाद से ही पश्चिमी उप्र में सपा के ग्राफ में कमी आयी। हालांकि सपा ने 2014 में गुर्जरों के दूसरे कद्दावर नेता सुरेंद्र नागर को पार्टी में शामिल करा कर स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया। सुरेंद्र नागर को सपा ने राज्यसभा भी भेजा, लेकिन कुछ समय बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव से पहले नरेंद्र भाटी भी सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। गौतमबुद्ध नगर को गुर्जर बहुल माना जाता है। यहां से सांसद डाक्टर महेश शर्मा ब्राह्मण जाति से हैं। उनके अलावा ब्राह्मण जाति से विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा भी हैं। वह मेरठ-सहारनपुर मंडल शिक्षक सीट से विधान परिषद सदस्य हैं। इसी तरह ठाकुर बिरादरी से नोएडा विधायक पंकज सिंह व जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह हैं। + +नरेंद्र भाटी कई राज्यों में दिला सकते हैं भाजपा को लाभ। गुर्जर जाति से अभी अकेले तेजपाल नागर हैं। हालांकि, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर भी गुर्जर हैं, लेकिन जिला स्तर पर तेजपाल नागर अभी अकेले विधायक हैं। अब नरेंद्र भाटी के विधान परिषद सदस्य बनने से जिले की तीनों बड़ी जातियों में संतुलन बन गया है। बताया जाता है कि नरेंद्र भाटी को पहले भाजपा में शामिल कराने और बाद में विधान परिषद निकाय सीट के लिए टिकट दिलवाने में सांसद डाक्टर महेश शर्मा की अहम भूमिका रही। भाजपा को इसका लाभ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश में भी मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b0b9b602ef145b807df9c26aa79b21e2f91dc90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61082.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शरीर को पर्याप्‍त आराम दें छात्र।विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा नजदीक होने पर छात्र खुद के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। उनकी जीवन शैली में इस दौरान काफी बदलाव होते हैं, न तो उनका कोई सोने का समय होता है और न ही खाने पीने का जो पूरी तरह से गलत है। विद्यार्थियों को ऐसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। इससे उनके दिमाग पर भी असर पड़ता है। इस प्रकार की दिक्कतों से बचने के लिए उन्हें शरीर को पर्याप्‍त आराम देने की जरूरत है। + +मानसिक दबाव को लेकर परीक्षा की तैयारी न करें।मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा. मधुर कुमार ने बताया कि छात्रों को किसी भी प्रकार के मानसिक दबाव को लेकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी नहीं करनी चाहिए। बच्‍चों के अभिभावक भी उनका हौसला बढ़ाएं। छात्र परीक्षा के नतीजों को लेकर सकारात्मक सोच रखें। उन्होंने कहा कि पाजीटिव और शांत रहने के लिए योग को अपनाएं। धीमी गति से गहरी सांस लें और एक से दो सेकंड के लिए सांस रोक लें। धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस योग से मानसिक और दिमागी तौर पर शांति मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b709f0b052b5a6badbe16e4dfe4fd30d53798c0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61084.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। मैंने हरगिला को बचाने का कैंपेन शुरु किया, लेकिन कैंपेन को शुरुआती दिनों में लोगों ने खूब ताने मारे, मजाक उड़ाया, कैंपेन को रोकने की कोशिश की लेकिन मैंने हार नहीं मानी और आगे भी नहीं मानूंगी। यह कहना है हरगिला आर्मी और नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित पूर्णिमा देवी बर्मन का। वह कहती है कि यह एक सफलता सिर्फ मेरी नहीं मेरे साथ जुड़ी महिलाओं की भी है जिन्होंने किसी हाल में हौसला नहीं छोड़ा। वह कहती है कि कंजरवेशन के लिए कम्युनिटी को जागरुक करना होगा। कंजरवेशन के लिए जरूरी है कि लोगों को पर्यावरण से जोड़ा जाए। + +मुश्किलें आई, ताने पड़े पर हार न मानी। पक्षियों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए इस तरह काम करना कई लोगों को भद्दा भी लगता है, लेकिन यही मेरा जुनून है और अपने काम से मैं बहुत खुश हूं। मैंने कभी हार नहीं मानी और सतत इस काम में जुटी रही। मैं गांव में थी और एक औरत की गोदभराई हो रही थी। उस औरत को उस दिन बहुत सम्मान मिल रहा था। मुझे लगा कि हरगिला का भी ऐसा ही होना चाहिए। मैंने भी हरगिला का बेबी शॉवर शुरु किया। मैंने इसे सांकेतिक तौर पर करना शुरु कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61085.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61085.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..089be3a201b606c5da1f8675db8329928b9ba0f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61085.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाशिये पर बसे समुदायों में अपनी आकांक्षा की अभिव्यक्ति उनमें बढ़ती आत्मशक्ति का प्रतीक है। इसी के बल पर ये समूह जनतंत्र में अपनी हिस्सेदारी के लिए सत्ता पर दबाव बनाते हैं। वैसे तो यह प्रक्रिया कल्याणकारी एवं विकासपरक राजनीति के ही कारण विभिन्न समाजों में विकसित हुई है, किंतु अब वह अपनी शक्ति के प्रभाव से जनतंत्र के ऊपरी तल पर अवस्थित जनतांत्रिक ढांचों को प्रभावित करने लगी है। समय के साथ जनतांत्रिक आत्मशक्ति निचले तलों पर अवस्थित सामाजिक समूहों में लगातार विकसित होती जा रही है। आकांक्षी समूहों की राजनीतिक चेतना ने अस्मिता की राजनीति के ढांचे को हिला दिया है। इसने जाति एवं अनेक सामाजिक अस्मिताओं को थोड़ी देर के लिए ही सही, पीछे धकेल दिया है। हालांकि जाति अभी भी जनतांत्रिक गोलबंदी की राजनीति के प्रभावी अस्त्र के रूप में कारगर है, किंतु जाति आधारित आकांक्षाओं ने एक वर्ग जैसा स्वरूप भी गढ़ना शुरू किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a171b229d4f0d5061b959441c695f69b43e0d840 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, डा. सूर्यकान्त त्रिपाठी। World TB Day 2022 भारत में टीबी यानी क्षय रोग को नियंत्रित करने के लिए लगभग 60 वर्ष से प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार वल्र्ड टीबी डे की थीम है, ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी सेव लाइव्स’। राबर्ट काक ने 24 मार्च, 1882 को टीबी के जीवाणु की खोज की थी। यह खोज इस बीमारी को समझने और उपचार में मील का पत्थर साबित हुई। इसी खोज की याद में प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाने की शुरुआत की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acb2e56d9c2fc3406663f3549511b30169c71157 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61087.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा बैठक में आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश ने बताया कि सुपरसाइट की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान की है। पंडारा रोड पर सुपरसाइट स्थापित करने की योजना है। दिल्ली में जुलाई के अंत तक सुपरसाइट की स्थापना कर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। + +इसके तहत सुपरसाइट 36 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई जाएगी, जिसकी ऊंचाई तीन मीटर होगी। इसे जमीन से करीब नौ से 14 मीटर ऊपर बनाया जाएगा। इसके साथ ही एक मोबाइल एप भी शुरू हो जाएगा। इसके जरिए अलग-एलग स्थानों पर प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके अलावा विश्लेषण प्रणाली जैसे उपकरणों की खरीद प्रक्रिया के बारे में भी सीएम को अवगत कराया गया। अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए वैश्विक खरीद की प्रगति के बारे में बताया। साथ ही वायु प्रदूषण की प्रति घंटा, दैनिक और साप्ताहिक डाटा प्रदान करने के लिए वायु प्रदूषण पूर्वानुमान प्रणाली के विकास प्रगति की जानकारी दी गई। + +इस परियोजना को दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और पिछले साल अक्टूबर में करार पर हस्ताक्षर किए गए थे।इसके तहत आइआइटी कानपुर, आइआइटी दिल्ली, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और आइआइएसईआर मोहाली की टीम राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को लेकर अध्ययन करेगी।दिल्ली सरकार की दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को आइआइटी कानपुर के साथ अध्ययन को क्रियान्वित करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में अधिकृत किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c46a771f238a027d82109dc67eacdd4bde58006 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61088.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोविड महामारी का असर बहुत व्यापक रहा है। इसका असर टीबी कार्यक्रम पर भी पड़ा। वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में टीबी मामलों की अधिसूचना 25 प्रतिशत घट गई। लेकिन 2021 में यह स्थिति सुधरी और 21 लाख टीबी मामले अधिसूचित किए गए। यह 2020 की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है। यह दिखाता है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 'टीबी मुक्त भारत' बनाने के लिए पूरी संजीदगी से काम कर रही है। + +प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 'सबका साथ, सबका प्रयास' की बात कहते हैं। इसी भावना की वजह से आज जमीनी स्तर पर 'टीबी मुक्त भारत' बनाने का कार्यक्रम जन आंदोलन बन गया है। सरकार के साथ-साथ विभिन्न स्तर के जन-प्रतिनिधियों, समाज और सामाजिक संगठनों की ताकत जुड़ गई है। सभी के साझा प्रयास से सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। जन-प्रतिनिधियों और समाज के प्रभावशाली प्रतिनिधियों के प्रयासों ने कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे कि निक्षय पोषण योजना में टीबी रोगियों को लाभान्वित करने में सहयोग किया। इससे कठिन समय में अधिसूचित रोगियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद की। अप्रैल 2018 से दिसंबर 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार ने निक्षय पोषण योजना के तहत 57 लाख टीबी मरीजों को कुल 1,487 करोड़ रुपये से अधिक की सीधी आर्थिक मदद की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a0cf466ab7bd4517104351ac0fbba8c8aff87da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसलिए जिला प्रशासन ने की यह पहल।जामताड़ा के उपायुक्त फैज अहमद के अनुसार जिला प्रशासन ने बुजुर्गों के अकेलेपन और सामाजिक अलगाव के दौर से गुजरने को काफी गंभीरता से लिया और उनके लिए कुछ अलग करने की पहल हुई है, ताकि बुजुर्ग अपने हम उम्रों के साथ अपने बीते दिनों को पुनः जीवंत कर सकें। अपना मनोरंजन कर सकें। अपने आप को व्यस्त रख सकें एवं तनाव रहित जीवन जिएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..891357736bf97e941e76f8c77a01d545328193e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) की घोषणा के बाद अब उससे जुड़ी तैयारियां भी तेज हो गई हैं। फिलहाल इसके आयोजन की जो योजना बनाई गई है, उसके तहत यह परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी। साथ इसका आयोजन पूरे देश में होगा। अंडर ग्रेजुएट के सामान्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली इस परीक्षा में कुल 75 सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन छात्रों को सिर्फ 60 सवालों के ही जवाब देने होंगे। परीक्षा एक घंटे की होगी और सभी सवाल 12वीं स्टैंडर्ड के होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..086647b1d21595dcdf905d9ec172d30835d72274 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61096.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छह याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित।पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग वाली छह याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित हैं। हाई कोर्ट से उन पर केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी हुआ था और केंद्र ने पिछले साल ही अपना जवाब दाखिल कर दिया था जिसमें इस पर गहनता से अध्ययन की जरूरत बताई थी। साथ ही कहा था कि यह मामला विधायिका के विचार करने का है, इस पर कोर्ट को आदेश नहीं देना चाहिए। साथ ही मामला विधि आयोग को भेजे जाने का भी हवाला दिया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित इन याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की गई है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में पांच स्थानांतरण याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं हालांकि उन पर अभी सुनवाई का नंबर नहीं आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24ac198780db079336951f900ea4cbae2beff322 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61097.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मारीपोल जा रहे राहत कर्मियों को रोका।इस बीच यूक्रेन ने मारीपोल जा रहे राहत कर्मियों के 15 सदस्यीय दल को रोकने और वाहन चालकों को हिरासत में लेने का आरोप रूसी सेना पर लगाया है। ये लोग मारीपोल में भूख-प्यास के शिकार लोगों के लिए खाना, पानी और अन्य जरूरी सामग्री ले जा रहे थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार मारीपोल में करीब एक लाख लोग फंसे हुए हैं। इस तटीय शहर को घेरकर रूसी सेना पिछले 20 दिनों से बमबारी और गोलाबारी कर रही है। इसके चलते शहर की ज्यादातर इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। बावजूद इसके रूसी सेना इस शहर पर अभी तक कब्जा नहीं कर पाई है। + +रूसी सेना ने चेर्नोबिल का खास प्रयोगशाला नष्ट की।रूसी सेना पर चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र की नई प्रयोगशाला को बर्बाद करने का आरोप लगा है। यह प्रयोगशाला संयंत्र के रेडियोएक्टिव कचरे के प्रबंधन के लिए कार्य करती थी। यह प्रयोगशाला यूरोपीय देशों के सहयोग से 2015 में बनाई गई थी और उस समय निर्माण पर 60 लाख यूरो (करीब 50 करोड़ रुपये) की लागत आई थी। 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला शुरू करने के 48 घंटे के भीतर ही रूसी सेना ने चेर्नोबिल संयंत्र पर कब्जा कर लिया था। चेर्नोबिल के साथ ही यूरोप के सबसे बड़े जपोरीजिया के परमाणु संयंत्र पर भी रूसी सेना का कब्जा बरकरार है। ।पोलैंड ने 45 रूसी राजनयिक किए निष्कासित।पूर्व में रूस के मित्र रहे और अब नाटो के सदस्य देश पोलैंड की सरकार ने 45 रूसी राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया है। पोलैंड सरकार ने इन रूसी राजनयिकों पर जासूसी करने का आरोप लगाया है। जबकि रूस ने इस आरोप को आधारहीन बताते हुए पोलैंड को दुष्परिणाम की चेतावनी दी है। विदित हो कि यूक्रेन में युद्ध के चलते पलायन करने वाले लोगों की सर्वाधिक संख्या पोलैंड में पहुंची है। माना जा रहा है कि अभी तक करीब 20 लाख यूक्रेनी महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पोलैंड पहुंच चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdeabb331b430dc5f15982b749de379d6ecf78e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन पोस्ट कोविड में लोगों में अभी भी स्वास्थ्य को लेकर कई परेशानियां दिखाई दे रही हैं। यह परेशानी लाकडाउन के दौरान खराब लाइफस्टाइल के साथ ही इम्युनिटी के कमजोर होने के कारण हो रहा है। आकाश हेल्थकेयर की ओर से किए गए सर्वे में सामने आया है कि युवाओं में टीबी की समस्या पहले के मुकाबले बढ़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7ac45af26fcfda058878adff1e0f776d0a30416 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर जैसा माहौल देने की पहल।स्कूल की प्रधानाचार्या अरुणा आनंद ने बताया कि छात्राओं को घर जैसा माहौल देने के लिए उन्होंने स्कूल में एक ऐसा कक्ष तैयार किया है जहां पर वो फुर्सत के कुछ पल बिता सकेंगी। इस कक्ष में एक साथ चार से पांच बच्चे अलग-अलग रचनात्मक और मनोरंजक गतिविधियां कर सकते हैं। इस कक्ष में तरोताजगी के लिए गमलों में खुशबू वाले पौधे भी लगा कर रखे गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65fbffbd5a6bb0ed434411bf25db740d6408ecee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजमगढ़, जागरण संवाददाता। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा जरूर दिया है लेकिन मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधानसभा में विपक्ष की मजबूती से भूमिका निभाते हुए यूपी की राजनीति में पूरी तरह सक्रियता रहेगी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव कहते थे कि इटावा मेरा दिल है और आजमगढ़ मेरी धड़कन। अब देखना है कि ‘धड़कन’ को बरकार रखने के लिए ‘कुनबा’ का ही कौन सा चेहरा उप चुनाव में सामने आता है। बहरहाल, विधानसभा मेें पार्टी मुखिया का जिले की सभी 10 विधानसभा सीटों के विधायकों का भरपूर साथ रहेगा, जिनके बूते 2024 की जमीन तैयार की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7426a830cc62498a20d083b113f892d52d1994ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजमगढ़, जागरण संवाददाता। लोकसभा सीट आजमगढ़ की छोड़ने के बाद अखिलेश यादव ने पहली बार इस प्रकरण पर अपना मत इंटरनेट मीडिया में सामने रखा है। सोमवार को आजमगढ़ आकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से सभी दसों सीट पर पार्टी और गठबंधन को जीत दिलाने के लिए अखिलेश यादव ने धन्‍यवाद दिया और एमएलसी चुनाव को लेकर रणनीति भी तैयार की। इसके ठीक अगले दिन मंगलवार को लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला के पास जाकर आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्‍तीफा सौंप दिया। ।अखिलेश के अचानक इस कदम से पार्टी ही नहीं प्रदेश भर में सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो उठा। इसके बाद पार्टी की ओर से भी इस फैसले को लेकर अखिलेश के खुद ही सामने आकर स्‍पष्‍टीकरण देने की आस लगी हुई थी। आखिरकार अगले दिन यानी बुधवार को अखिलेश यादव ने ट्वीटर पर इस प्रकरण पर अपना मत रखने के साथ ही आजमगढ़ ही नहीं बल्कि प्रदेश की सियासत को लेकर अपनी रणनीति भी स्‍पष्‍ट की। ।बुधवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि - 'विधानसभा में उप्र के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश’ दिया है। इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूँगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूँगा। महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है।' ।वहीं आजमगढ़ के लिए त्‍याग की जानकारी होने के बाद उनके समर्थकों ने भी पोस्‍ट पर अपनी राय जाहिर की है। जबकि अब आजमगढ़ में उपचुनाव के लिए घंटी कभी भी बजने की संभावनाओं के बीच पार्टी की ओर से उम्‍मीदवार की आस में लोग पार्टी के आदेश की राह देख रहे हैं। जबकि सपा के सहयोगी दल सुभासपा की ओर से इस बाबत विज्ञप्ति जारी कर अखिलेश यादव की पत्‍नी डिंपल यादव को आजमगढ़ से चुनाव मैदान में उतारने की अपील की गई है।  ।यह भी पढ़ें : मुलायम सिंह ने कहा था - 'इटावा मेरा दिल और आजमगढ़ धड़कन', अखिलेश के इस्‍तीफे के बाद आजमगढ़ की 'परिवार' पर टिकी नजर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1bb55b62c983b5995f9196d9bf43c5214f6395b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61104.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्‍या है कानपूर आईआईटी की रिपोर्ट ।पिछले दिनों इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (IIT) कानपुर के एक ताजा अध्ययन में कहा गया था कि संभव है कि कोरोना महामारी की चौथी लहर 22 जून से शुरू होकर अगस्त के मध्य तक रह सकती है। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं का कहना है कि संभव है कि वायरस के नए वैरिएंट का व्यापक असर होगा। उन्‍होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि इसके भी लक्षण हैरान करने वाले हैं। कोरोना के किसी भी वैरिएंट के मामले में आपको पेट से जुड़े लक्षण महसूस हो सकते हैं। लेकिन ओमिक्रोन BA-2 में आपको आंत से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ओमिक्रोन BA-2 से पीड़ित मरीजों को मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, पेट में जलन और सूजन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। + + केंद्र सरकार ने राज्‍यों को दिया सुझाव।चीन समेत एशिया के कई देशों में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले के मुकाबले पांच गुना अधिक रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखने का सुझाव दिया है। इसमें उपचार, टेस्टिंग और वैक्सीनेशन और कोरोना उपयुक्त व्यवहार का पालन शामिल है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि प्रोटोकाल के अनुसार प्रहरी साइटों के माध्यम से पर्याप्त संख्या में सैंपल इंसाकोग नेटवर्क को प्रस्तुत किए जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc6df9da39efd84e6da57b481473989180de8407 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61115.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। खुद को हर मामले में बेहतर कहने वाली दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग यूनिट की कार्यप्रणाली आम लोगों से लेकर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों तक के लिए सिरदर्द बन गई है। यूनिट के वरिष्ठ अधिकारियों की वजह से लोगों के मामले सुलझना तो दूर और उलझते जा रहे हैं। साथ ही देश का नाम रोशन करने की चाहत रखने वाले शूटिंग के खिलाड़ियों के सपने भी अधर में लटकते नजर आ रहे हैं। ।दरअसल शस्त्र लाइसेंस से संबंधित मामलों का निपटारा इस यूनिट के जिम्मे हैं। नए लाइसेंस जारी करना, रिन्यू करना और इसके अलावा गेस्ट हाउस आदि के भी लाइसेंस इसी यूनिट से जारी होते हैं। किंतु बीते एक साल से अधिक समय से यूनिट के कामकाज की रफ्तार बेहद सुस्त पड़ी हुई है। बीते डेढ़ दो साल के आवेदन ठंडे बस्ते में है। इसके पीछे की वजह भी हैरान करने वाली है। ।माना जा रहा है कि यूनिट में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर लंबित आवेदनों का निपटारा नहीं कराना चाहते। उन्हें लगता है कि एक भी आवेदन को स्वीकृत करने में कोई चूक हुई तो उन्हें भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले पर यूनिट के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा से फोन कर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। + +दो साल से लाइसेंस के लिए भटक रहीं खिलाड़ी ।17 वर्षीय अदिति सेजवाल शूटिंग की खिलाड़ी हैं। उन्होंने राज्य स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। उन्हें कई मेडल भी मिल चुके हैं। लेकिन लाइसेंसिंग यूनिट की वजह से शूटिंग के लिए हथियार नहीं ले पा रहीं हैं। नवंबर 2020 में उन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं दिया गया है। ऐसे में वह प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए हथियार किराये पर ले रहीं हैं। उन्होंने बीते दो साल में करीब 1.50 लाख रुपये हथियारों का किराया दिया है। उनका कहना है कि इतने रुपये में नया हथियार खरीद लेतीं। ।वहीं, चांदनी चौक निवासी हरप्रीत सिंह राष्ट्रीय स्तर के शूटिंग के खिलाड़ी हैं। वे अपने खेल को और बेहतर करने के लिए विदेश से बेहतर हथियार मंगाना चाहते हैं, लेकिन लाइसेंसिंग विभाग में दो साल से आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ता अहमद मौज खान ने 13 मार्च 2021 को अपने हथियार के लाइसेंस को रिन्यू कराने का आवेदन दिया था। लेकिन अभी तक उसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ।जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस : ।2020-------4682021-------98-------------।रिन्यू किए गए शस्त्र लाइसेंस ।2020-----------62632021-----------9600-------------।आवेदनों को किया गया रद : ।2020---------832021----------170-----------------------।निश्चित अवधि के लिए दिए गए शस्त्र लाइसेंस :।2020------------3112021------------388।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b88951032c296bcfb9e41abe09f551e152668d67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार शुक्र ग्रह को वैवाहिक सुख, प्रसिद्धि, कला, सौंदर्य और प्रतिभा का प्रतीक माना जाता है। शुक्र के राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। जिन लोगों के जन्म कुंडली में शुक्र मजबूत होता है। उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का गोचर महत्वपूर्ण है। शुक्र के गोचर का विशेष महत्व है। मार्च के अंतिम दिन यानी 31 मार्च 2022, गुरुवार को सुबह 08.54 बजे शुक्र कुंभ राशि में गोचर करेंगे। शुक्र इस राशि में 26 अप्रैल तक रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61118.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61118.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4544e0f502694270c9f17297cf946bbab4ca0eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61118.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर दुनिया के 177 देशों की सहमति के बाद योग को वैश्विक मान्यता मिली थी। सहमति जताने वाले देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की, ईरान, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान समेत 47 इस्लामिक देश भी शामिल थे। हालांकि 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रस्ताव पर सऊदी अरब सहित आठ देशों ने अपनी सहमति नहीं दी थी। ऐसे में सऊदी अरब में अब योग को ‘खेल गतिविधि’ का दर्जा देना, लाइसेंस लेकर इसे सिखाने की अनुमति देना तथा स्कूलों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का निर्णय महत्वपूर्ण व क्रांतिकारी मालूम पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb04a1d1c405dbfd5a638ed8d3e15cb8adb68925 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61125.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. ए. एन. अग्निहोत्री। Shaheed Diwas 2022 उन्नत ललाट, दुबला-पतला शरीर, धैर्यवान, गंभीर व्यक्तित्व, अल्पभाषी परंतु अत्यंत सहृदय और आत्मीयता से परिपूर्ण ऊर्जावान शिवदा अर्थात शिव वर्मा से मेरा प्रथम परिचय वर्ष 1978 में हुआ था। उस समय वह अपने अनुज डा. जनेश्वर वर्मा के कानपुर स्थित घर में भतीजे योगेंद्र वर्मा के साथ शतरंज की बिसात और काफी की चुस्कियों के साथ प्रसन्न मुद्रा में बैठे थे। शिवदा की लेखन व अध्ययन कार्य में गहरी रुचि थी। वह सूटरगंज मोहल्ले के एक मकान में प्रथम तल पर रहते थे, जिसके भूतल पर समाजवादी साहित्य सदन नाम से प्रिंटिंग प्रेस तथा प्रकाशन का कार्य होता था। यहां डा. लक्ष्मी सहगल, दुर्गा भाभी, बाबा पृथ्वी सिंह आजाद, डा. गयाप्रसाद जैसे अनेक क्रांतिकारियों का आना-जाना लगा रहता था। + +जिला हरदोई के ग्राम खोतली निवासी आर्य समाजी कन्हैयालाल वर्मा के मंझले पुत्र शिव वर्मा का जन्म एक मध्यम आयवर्गीय ग्रामीण परिवार में नौ फरवरी, 1904 को हुआ। क्रांतिकारी साथियों के बीच उन्हें शिवदा, शिव, प्रभात नाम से जाना जाता था। वर्ष 1931 के दौरान विद्यार्थी जीवन में ही वे असहयोग आंदोलन में सम्मिलित हो गए थे। हरदोई जिले में मदारी पासी के नेतृत्व में चलाए जा रहे किसान आंदोलन, जिसे एका आंदोलन के नाम से भी जाना गया, में सक्रिय तौर पर भाग लिया। गणेश शंकर विद्यार्थी के समाचार पत्र ‘प्रताप’ का नियमित पठन उन्हें स्वाधीनता संग्राम से जोड़ता चला गया और विद्यार्थी जी की प्रेरणा से वह कानपुर मजदूर सभा से सक्रियता से जुड़ गए। 1926 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की विधिवत सदस्यता ग्रहण की और वायसराय के भारत आगमन पर उसे मारने में जयदेव कपूर, बटुकेश्वर दत्त और राजगुरु का साथ दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e300ebf51bb8d58910ff5038838f02a5988cbe4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61129.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जासं, फिरोजपुर। Shaheed Diwas 2022ः  शहीद-ए-आजम भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियाें के गुप्त ठिकाने को संरक्षित करने की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है। फिरोजपुर के तूड़ी बाजार स्थित यह ऐतिहासिक इमारत 10 अगस्त, 1928 से नौ फरवरी, 1929 तक क्रांतिकारियों का मुख्य ठिकाना रही। यहां से कई क्रांतिकारी गतिविधियां संचालित की जाती थीं। क्रांतिकारी यहां बदले हुए नाम से आया करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3361e3b1cf6b9e5e15bfc66d31ac94754e67c18c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [अनुराग मिश्र]। द कश्मीर फाइल्स में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रो. राधिका मेनन का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर जेनोसाइड म्यूजियम (जातिसंहार संग्रहालय) स्थापना की मांग की है। इसमें ऐसी घटनाओं से जुड़े साक्ष्य संकलित हों, जो हृदयविदारक थे लेकिन उन्हें दबाने और छिपाने का प्रयास किया गया। इन्हें देखकर लोग महसूस कर सकें कि देशवासियों ने अत्याचार सहा पर इंसानियत के खिलाफ हथियार नहीं उठाए। ।कानपुर आगमन के दौरान जागरण संवाददाता से विशेष बातचीत में द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की पत्नी प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी ने कहा कि कश्मीर की त्रासदी को सरकार इसलिए छिपा ले गई, क्योंकि तब संचार साधन बहुत कम थे। दूरदर्शन को दबा लिया गया और नरसंहार का सच दुनिया के सामने नहीं आने दिया। फिल्म बनाने के लिए वर्ष 2018 से शोध चल रहा था। ।ये बहुत कठिन काम था, क्योंकि आतंक के साथ धर्म जुड़ा था और इसमें आतंकियों का असली चेहरा सामने लाना था। इसके लिए टीम ने किताबों, पत्रकारों की लघु फिल्मों का अध्ययन किया। अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, सिंगापुर और थाईलैैंड समेत कई देशों की यात्रा की। करीब सात सौ से ज्यादा परिवारों से बात की गई। उनकी कहानी में जो बात सबमें कामन थी, उसे उठाकर दर्शकों के सामने रखा गया। इसमें अमेरिका में रह रहे विस्थापित डा. सुरेंद्र कौल ने काफी मदद की। उनकी कहानी सुनकर दर्द के साथ बहुत गुस्सा भी आया। ।अगली फाइल्स कौन सी पर बोलीं-जल्द ही।ताशकंद फाइल्स, द कश्मीर फाइल्स के बाद अगली फाइल्स कौन सी के सवाल पर उन्होंने हंसकर कहा कि तीसरी फाइल्स पर रिसर्च चल रहा है। आगे जल्दी कोई नई कहानी समाज के सामने आएगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स के बाद लोगों की अपेक्षाएं काफी बढ़ी हैं। कोई सावरकर तो कोई सुभाषचंद्र बोस पर फिल्म बनाने की मांग कर रहा है। आगे जल्द ही नया विषय लेकर समाज के सामने आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cceed6425e22f7ebdfaa2136f62efe5189264594 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61132.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Weather News, हिमाचल में इस बार मार्च में सूखा और ज्येष्ठ मास जैसी गर्मी है। अंबर खुश्क होने से धरती का पारा चढ़ गया है। मौसम में आए बदलाव ने लोगों के साथ फलों और फसलों को भी प्रभावित किया है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मार्च में 94 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। कई जिलों में न के बराबर हुई है। मार्च में गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है, क्योंकि वर्षा की संभावना बेहद कम है। मौसम विभाग के पास वर्ष 2000 से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में वर्ष 2004 में सामान्य से 99 प्रतिशत कम, 2008 में 96 प्रतिशत कम व मार्च 2022 में 94 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी और तापमान में वृद्धि होगी। इससे प्रदेश के 70 प्रतिशत असिंचित क्षेत्र में सबसे अधिक असर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb93324e910974888c3bb885819951a2a7a39fd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [शैलेश अस्थाना]। 23 मार्च, 1910 को अकबरपुर, जनपद - आंबेडकर नगर (उ.प्र.) में जन्‍मे डा. राम मनोहर लोहिया की मृत्यु 12 अक्टूबर, 1967, नई दिल्ली में हुई थी। राष्ट्रीय राजनीति में गैर कांग्रेसवाद सिद्धांत के निर्माता डा. राममनोहर लोहिया का था बनारस से गहरा नाता था। बीएचयू के सीएचएस से इंटरमीडिएट के बाद यहीं स्वतंत्रता और स्वदेशी आंदोलन के संपर्क में आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6f362dcf7dc6345718f72b1fb1c92f8ea1f7307 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61138.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली कीव जेएनएन। रूस यूक्रेन जंग लंबा चलने के साथ ही भारतीय विदेश नीति की चुनौतियां भी बढ़ती जा रही है। भारत की तटस्‍थ नीति और रूस के प्रति झुकाव को लेकर अमेरिका और उसके मित्र राष्‍ट्रों ने नई दिल्‍ली पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अमेरिका के सहयोगी देश भारत की मौजूदा भाजपा सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाए हुए हैं। खासकर क्‍वाड देशों ने भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यह सब कुछ ऐसे समय हो रहा है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चरम पर पहुंच गया है। हालांकि, चीन के विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा के बाद यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि चीन भारत के साथ संबंधों को सामान्‍य करने का इच्‍छुक है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है क‍ि इस चुनौती से भारत कैसे निपटेगा? क्‍या भारत क्‍वाड देशों के दबाव में आकर अपनी रणनीति में बदलाव करेगा?।1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है निश्चित रूप से यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस को घेरने में जुटे अमेरिका व इसके सहयोगी देश भारत पर भी लगातार दबाव बनाने की रणनीति अपनाए हुए हैं। यही कारण है कि क्‍वाड के दूसरे वर्चुअल शिखर बैठक के दौरान आस्‍ट्रेलिया और जापान ने एक रणनीति के साथ भारत पर रूस के विरोध में दबाव बनाया है। इस बैठक में आस्‍ट्रेलिया के पीएम स्‍काट मारिसन ने यूक्रेन पर हमले के लिए सीधे तौर पर रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन को जिम्‍मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं मारिसन ने इस घटनाक्रम को हिंद प्रशांत महासागर की स्थिति से जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों का नेतृत्‍व करने का भी प्रस्‍ताव रखा है। उन्‍होंने कहा कि इस बात को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जाना चाहिए। + + 2- प्रो पंत ने कहा कि भारत ने रूस यूक्रेन जंग के दौरान अपनी स्‍वतंत्र व तटस्‍थ कूटनीति का पालन किया है। यही कारण रहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत किसी भी वोटिंग में मौजूद नहीं रहा। इतना ही नहीं वह रूस के साथ कच्‍चे तेल की खरीद भी कर रहा है। यह बात शायद क्‍वाड देशों को हजम नहीं हो रही है। उन्‍होंने कहा कि इसके बड़े कारण है। भारत अपनी रक्षा जरूरतों का एक बड़ा हिस्‍सा रूस से लेता है। देश में करीब 60 फीसद हथियार रूस के हैं। सैन्‍य क्षेत्र में भारत की रूस के प्रति आत्‍मनिर्भरता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f01de9a27c68cc6069aa17369a4ba28c8638cbd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61139.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चाणक्‍य ने नंद वंश का नाश कर चंद्रगुप्‍त को बनाया सम्राट। एक दौर था, जब बिहार का अर्थ भारत हुआ करता था। पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) पूरे देश की राजधानी था। प्राचीन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण और शक्तिशाली राजा माने जाने वाले चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य का सूत्रपात बिहार के पाटलिपुत्र की धरती से ही हुआ था। नंद वंश का नाश करने का संकल्प लेकर चंद्रगुप्त को शासन की बागडोर तक पहुंचाने वाले आचार्य चाणक्य की भूमि होने का गौरव भी बिहार को ही है। + +महान सम्राट अशोक की राजधानी रहा पाटलिपुत्र  ।मौर्य साम्राज्‍य के सम्राट अशोक ने में विश्‍व को अहिंसा का संदेश दिया। भारत सहित वर्तमान पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार तक अशोक का साम्राज्‍य फैला था। कहा जाता है यह उस समय से आज तक का सबसे विशाल साम्राज्य था। पाटलिपुत्र उस विशाल साम्राज्‍य की राजधानी था। + +अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले बाबू कुंवर सिंह की धरती। आजादी कर पहली लड़ाई में बिहार के योगदान की चर्चा के दौरान बाबू कुंवर सिंह याद आते हैं। उनकी जन्मभूमि भी बिहार के भोजपुर का जगदीशपुर गांव था। उन्‍होंने 80 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों की फौज के छक्के छुड़ाने वाले कुंवर सिंह ने अंग्रेजों की गोली लगने के बाद खुद ही अपनी तलवार से अपने घायल हाथ को काट डाला था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f84ab7662687e64d330a2f8614f6a5432c3cbdcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61142.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्यों की ओर से मिले अहम सुझावों को किया गया शामिल।इस बीच पर्यटन मंत्रालय ने सभी राज्यों से भी सुझाव मांगे थे। जिनमें राज्यों की ओर से मिले अहम सुझावों को भी शामिल किया गया है। इस बीच पर्यटन क्षेत्र से जुड़े फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (एफएचएंडआरए) ने भी मंत्रालय को अपने कुछ सुझाव दिए है। जिसमें वीजा नियमों में बदलाव, रिटायरमेंट वीजा शुरू करने सहित घरेलू पर्यटन के ढांचे को तेजी से विकसित करने जैसे सुझाव शामिल है। एसोसिएशन ने इसके साथ फूड फेस्टीवल आदि के आयोजन कराने का भी सुझाव दिया है। + +वहीं, सेवा क्षेत्र के जीएसटी ढांचे को तर्कसंगत बनाने के साथ इस क्षेत्र के लिए सब्सिड़ी और प्रोत्साहन राशि जैसे पहलों को शुरू करने का भी सुझाव दिया है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारी के मुताबिक नीति को पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए और उदार बनाया जा रहा है। उन्हें प्रोफेशनल्स तरीक से इस क्षेत्र के तैयार किया जाएगा। इससे लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e393289778f111331c642e4696493dcf2005549e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । स्मार्ट सिटी में शामिल शहर की सड़कें विकसित होने को बेकरार हैं। मगर, अफसरों को इतनी फुर्सत नहीं मिल रही कि एक नजर इस ओर देख भी लें। क्वार्सी और एटा चुंगी चौराहे के चौड़ीकरण के साथ यहां ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव तीन साल पहले बना था। पीडब्ल्यूडी ने काफी मंथन के बाद 112 करोड़ रुपये का प्रारंभिक प्रोजेक्ट तैयार कर लिया। मंजूरी के लिए इसे शासन तक भेजना था। अफसरों से इतना न हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f813fa7b4e33670a74507bff08df1937763d982 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह जानकारी गैर सरकारी एजेंसी आइक्यू एयर की मंगलवार को वैश्विक स्तर पर जारी की गई रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय किए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक के मानकों पर दुनिया के किसी भी देश का कोई भी शहर खरा नहीं उतरा है। मालूम हो कि इस रिपोर्ट में दुनिया के 6,475 शहरों का डेटा शामिल किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0b5a843cd6f2f5f22b0656896418564965798c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61148.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मौसम विज्ञानियों की भूमिका: मौसम विज्ञान के अंतर्गत धरती के वायुमंडल और भौतिक वातावरण में होने वाले परिवर्तनों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। इसके तहत प्रकृति के व्यवहार की व्याख्या करने से लेकर उसमें संभावित परिवर्तनों की भविष्यवाणी की जाती है। इसे एटमास्फेरिक साइंस भी कहते हैं। एक मौसम विज्ञानी तापमान, हवा के दबाव, वर्षा, बादल, आंधी-तूफान आदि स्थितियों और उनमें होने वाले परिवर्तनों के साथ उपग्रहों से मिली तस्वीरों और डाटा के अध्ययन के बाद मौसम की भविष्यवाणी करते हैं। वे मौसम से जुड़े आंकड़े जुटाते हैं और उनका विश्लेषण करते हैं। मौसम विज्ञानी ही समुद्री तूफानों, बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, भूस्खलन आदि की जानकारी देते हैं। ये पृथ्वी के वायुमंडल और भौतिक वातावरण, पृथ्वी पर उनके विकास, प्रभाव एवं परिणामों का अध्ययन करते हैं। + +शैक्षिक योग्यता एवं कौशल: आइआइटी समेत देश के कई कालेजों एवं शिक्षण संस्थानों में मौसम विज्ञान से संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स की फिजिक्स, मैथ्स एवं स्टैटिस्टिक्स विषयों पर पकड़ होनी चाहिए। वे बीएससी या बीटेक (अंडरग्रेजुएट) एवं एमएससी या एमटेक (पोस्टग्रेजुएट) कोर्स कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि आज मौसम विज्ञान की अनेक शाखाएं विकसित हो चुकी हैं। इससे कैंडिडेट अपनी पसंद के अनुसार कोर्स का चयन कर सकते हैं। जैसे वह एग्रीकल्चर मेटियोरोलाजी, सैटेलाइट मेटियोरोलाजी, हाइड्रो मेटियोरोलाजी, एविएशन मेटियोरोलाजी, डाननेमिक मेटियोरोलाजी, अप्लाइड मेटियोरोलाजी में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो आज के समय में मौसम विज्ञानियों के लिए जरूरी हो गया है कि वे जलवायु एवं बदलते मौसम का गहनता से अध्ययन करें और खुद को नवीनतम तकनीक से अपडेट रखने की कोशिश करें। उन्हें अपनी एनालिटिकल स्किल्स, प्रैक्टिकल स्किल्स, कंप्यूटर स्किल्स को मजबूत रखना होगा। + +विस्तार के साथ बढ़ रहे हैं मौके: पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मेटियोरोलाजी के क्लाइमेट साइंटिस्ट के डा. राक्सी मैथ्यू ने बताया कि जलवायु परिवर्तन और बदलते मौसम से आज हर व्यक्ति प्रभावित हो रहा है। यही कारण है कि युवाओं में इनके प्रति दिलचस्पी बढ़ रही है। उच्च शिक्षण संस्थानों एवं रिसर्च एजेंसियों में भी मौसम विज्ञान एवं इससे संबंधित अनेक उच्चस्तरीय कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। अवसरों की बात करें, तो सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र में मौसम विज्ञानियों की मांग बढ़ी है। चाहे इंश्योरेंस कंपनियां हों, आयल कंपनियां, सोलर एवं विंड एनर्जी या कामर्शियल शिपिंग इंडस्ट्री, सभी स्थानों पर विशेषज्ञ मौसम विज्ञानियों की आवश्यकता देखी जा रही है। इनके अलावा, एसएससी के माध्यम से भारतीय मौसम विभाग में साइंटिफिक असिस्टेंट पद पर नियुक्तियां होती हैं। जो नौजवान शिक्षण या रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं, वे मास्टर्स या पीएचडी करके इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..582a4ceb02dfd343b3a01efdc1f36b1e0938ca28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61158.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, रुद्रपुर। उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियां व पहाड़ी जिलों में खेल के संसाधन कम होने के कारण अन्य राज्यों की अपेक्षा युवाओं को अवसर नहीं मिल पाते हैं। इसके लिए मैदानी जिले में सरकार ने प्रदेशभर की युवाओं को प्लेटफार्म मुहैया कराकर उन्हें खेल की दुनिया में हुनर दिखाने का अवसर दे रहा है। या यूं कहें कि ये जिले खेल पौध की नर्सरी हैं। + + - पूजा चौहान, हरिद्वार, वाटर स्पोर्टस में कांस्य पदक विजेता। - शालू धुलीवाल, रुड़की, वाटर स्पोर्टस खिलाड़ी। - अंजली नेगी, चमोली, वालीबाल खिलाड़ी। राष्ट्रीय वालीबाल चैंपियनशिप के लिए रुद्रपुर स्टेडियम को चुना जाना अच्छा फैसला है। देहरादून में स्टेट प्रतियोगिता में कालेज के दिनों में भाग लिया है। उम्मीद है कि वालीबाल की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61161.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d73c704d3a3a078a43382fc6f90db0d36f69907 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61161.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब इस फ‍िल्‍म की चर्चा के बीच वाराणसी में हो रही शूटिंग भी क्रिटिक के निशाने पर आ गई है। इस मामले में ताजा कमेंट कमाल खान ने किया है। एक्‍टर क्रिटिक और एनालिस्‍ट कमाल आर खान यानी केआरके ने इस बार ब्रह्मास्‍त्र पर अपना व्‍यंग्‍य बाण छोड़ा है। एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट कर मंगलवार को केआरके ने फ‍िल्‍म को लेकर अपने विचार जाहिर किए हैं। ।कमाल खान ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से पहले पोस्‍ट में लिखा है कि 'रणबीर कपूर और आलिया फिल्म ब्रह्मास्त्र के आखिरी शूटिंग शेड्यूल के लिए वाराणसी गए हैं। बता दें कि वे इस फिल्म को पिछले नौ साल से बना रहे हैं। यानी इसने फिल्म 'मुगल-ए-आजम' का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..145f466365df4eaa953c030360ae6262f34db0a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61162.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अवधेश माहेश्वरी। श्रीलंकाई राष्ट्रपति के सचिवालय को बुधवार को हजारों की भीड़ ने घेर लिया। पूरी तरह कर्ज में डूबे देश में महंगाई और दैनिक प्रयोग की वस्तुओं की भारी कमी से परेशान लोग राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा चाहते थे। आखिर श्रीलंकाई नेतृत्व से कुछ ही समय में यह विश्वास खत्म कैसे हो गया? कुछ साल पहले तक आर्थिक प्रगति के ठीक रास्ते पर चल रहे श्रीलंका में ऐसी स्थिति कैसे पैदा हो गई? इसके पीछे ड्रैगन की कर्ज नीति का जाल और वुहान वायरस का मुख्य योगदान है। उसने एक फलते-फूलते देश को ऐसा जकड़ा कि अब श्रीलंकाई लोग भूख से तड़प रहे तो, देश ड्रैगन के पंजे से छूटने के लिए फडफ़ड़ा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61165.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61165.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc44173590968d163aeafa973f4eeaf1185a2ade --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61165.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, जागरण संवाददाता। Bihar News: बिहार के पूर्वी चंपारण में बनाए जाने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे रामायण मंदिर (Ramayan Mandir, Bihar) के लिए एक मुस्लिम परिवार ने ढाई करोड़ रुपए से अधिक कीमत की अपनी जमीन दान कर दी है। यह मंदिर पूर्वी चंपारण जिला के कैथवलिया में बनाया जाना है। गांव के जमींदार इश्त्याक अहमद खान ने विराट रामायण मंदिर के लिए पूरी आस्था के साथ जमीन दान में दी है। गुवाहाटी में व्यवसाय कर रहे इश्तयाक अहमद खान और उनके परिजनों ने बीते बुधवार को पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया निबंधन कार्यालय में अपनी 23 कट्ठा (71 डिसमिल) जमीन का दानपत्र विराट रामायण मंदिर को निबंधित करा दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96ddac2b1f393a772691f10593c0107dfe045f08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61166.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, उत्तर प्रदेश [डा. श्रुति मिश्रा]। अपने हर काव्य में वीरता का सजीव चित्रण करने वाले कवि श्याम नारायण पाण्डेय ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी अपने उपाख्यानों से लोगों में अप्रतिम जोश का संचार किया था...।स्वातंत्र्य पूर्व भारत के वीर रस के सुविख्यात कवि श्याम नारायण पाण्डेय  एक अप्रतिम कवि होने के साथ-साथ अपनी परम ओजस्वी वाणी के द्वारा वीर रस के अन्यतम प्रस्तोता भी थे। यह उनकी वाणी का ही प्रभाव था कि उनको सुनने वाला श्रोता, किसी चलचित्र को देखता हुआ सा मंत्रमुग्ध हो जाया करता था- 'वैरी दल को ललकार गिरी, वह नागिन सी फुफकार गिरी। था शोर मौत से बचो-बचो, तलवार गिरी तलवार गिरी।।'।कवि श्यामनारायण पाण्डेय का जन्म सन् 1907 में डुमरांव गांव, मऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। गांव में ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने काशी आ कर संस्कृत का अध्ययन किया और यहीं रहते हुए काशी विद्यापीठ से हिंदी में साहित्याचार्य किया। सन् 1991 में 84 वर्ष की अवस्था में वह कैवल्यधामवासी हुए। + +कहते हैं कि देश के लिए गौरव भावना बीजरूप में बालमन में यदि विकसित की जाती है तो उसका प्रभाव अचूक होता है। यही कारण था कि प्रचंड ओज के कवि श्यामनारायण पाण्डेय जितने लोकप्रिय देश के लिए मर मिटने की भावना से लबरेज आजादी के मस्तानों के बीच में रहे, आगे चलकर वह- उतने ही मान्य उन नन्हें-मुन्हें बच्चों के बीच भी हुए जो अपनी पाठ्य पुस्तकों की 'चेतक और महाराणा प्रताप की सचित्र कविताओं' का पाठ पूरे जोशो-उमंग के साथ  छोटे-छोटे तिरंगों को हाथ में लिए गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के अवसरों पर विशेष रूप से किया करते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bea9bdef167125a15c2936473661f8b2e777577b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा, जागरण संवाददाता। जल ही जीवन है और जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। लगातार गिरते जलस्तर को रोकने में जल संचयन नई उम्मीद बनकर उभरा है। इसमें शहर की 350 सोसायटियां योगदान कर रही हैं, जिसमें लाखों लीटर पानी का संचयन हो रहा है। विश्व जल दिवस का लक्ष्य 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता मुख्य है। शहर में स्थित कुल 400 सोसायटियों से करीब 350 सोसायटियों में वर्षा जल संचयन संयंत्र बने हुए हैं। इसमें पानी को संचित कर रिचार्ज किया जा रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ddf8f060d6b1fbdd8686d74fc9b7428ffaccf7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। जिले में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र वाराणसी यानी एमएलसी चुनाव 2022 के निर्वाचन के लिए नामांकन पत्र दाखिले की प्रक्रिया सोमवार को आखिरकार पूरी होने के बाद उम्‍मीदवारों की स्थिति काफी हद तक साफ हो चुकी है। वहीं आखिरी समय में भाजपा और समाजवादी पार्टी ने भी एमएलसी चुनाव के लिए ताल ठोंक दी है। कपसेठी हाउस के चर्चित बृजेश सिंह और उनकी पत्‍नी अन्‍नपूर्णा सिंह ने भी इस बार अपना नामांकन दाखिल किया है। अब नामांकन पति पत्‍नी में कौन वापस लेगा और कौन चुनाव मैदान में होगा इसकी चर्चा खूब है। ।सपा, बसपा और भाजपा इन तीनों के शासनकाल में हुए चुनावों में लगातार चार बार से यह सीट कपसेठी हाउस यानी कि बृजेश सिंह और उनके परिवार के कब्जे में रही है। इस बार भी बृजेश के साथ उनकी पत्‍नी अन्‍नपूर्णा सिंह भी एमएलसी चुनाव के लिए मैदान में हैं। अब 24 मार्च को नाम वापसी की अंतिम तिथि है। इस लिहाज से नाम वापसी को लेकर बृजेश या अन्‍नपूर्णा दोनों में कौन चुनाव मैदान में रहेगा यह चर्चा का विषय बना हुआ है। अब दो दिनों में यह परिणाम सामने आ जाएगा कि एमएलसी के लिए कौन चुनाव मैदान में होगा।  ।फ‍िलहाल इस सीट पर एमएलसी कपसेठी निवासी और सेंट्रल जेल में बंद बृजेश सिंह हैं। इसके पूर्व उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह भी एमएलसी रह चुकी हैं। बृजेश सिंह के साथ ही उनकी पत्‍नी अन्नपूर्णा सिंह ने भी इस बार नामांकन दाखिल किया है। उसके पूर्व बृजेश सिंह के भाई उदयभान उर्फ चुलबुल सिंह भी दो बार एमएलसी रह चुके हैं। 2016 के चुनाव में बृजेश सिंह के सामने सपा की दमदार प्रत्याशी मीना सिंह के होने के बाद भी बृजेश ने रिकार्ड 3038 वोट प्राप्त कर मीना सिंह को हराया था। वहीं एक दिन पूर्व अखिलेश ने जिला प्रशासन पर प्रदेश सरकार का साथ देने का आरोप लगाते हुए बयान दिया था कि इस बार एमएलसी चुनाव में विरोधी उम्‍मीदवार और प्रशासन दोनों से ही पार्टी को लड़ना होगा। इसके पीछे उन्‍होंने वाराणसी शहर दक्षिणी के चुनाव परिणाम को लेकर प्रशासनिक तौर तरीकों पर भी सवाल खड़ा किया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2352129b49a03c86f6addf3c54f74ec0849b320 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61171.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +भारत और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के बीच आभासी शिखर बैठक में जिस तरह दोनों देशों ने आर्थिक-व्यापारिक मामलों में सहयोग पर जोर दिया, उससे यही पता चलता है कि भारत विश्व मंच पर अपनी महत्ता स्थापित करने और साथ ही अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है। उल्लेखनीय केवल यह नहीं कि भारत आस्ट्रेलिया सरीखे उन देशों के साथ अपने संबंध सुदृढ़ करने में सफल है, जिनका यूक्रेन मामले में अलग रुख है, बल्कि यह भी है कि भारतीय नेतृत्व ऐसे देशों को अपने दृष्टिकोण से परिचित कराने में भी सक्षम है। जैसे आस्ट्रेलिया उन देशों में शामिल है, जो रूस पर प्रतिबंध लगा रहा है, वैसे ही जापान भी। + +पिछले दिनों नई दिल्ली आए जापान के प्रधानमंत्री भी आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की तरह यूक्रेन मामले में भारत के नजरिये से सहमति व्यक्त करते दिखे। ये दोनों देश भारत की भागीदारी वाले उस क्वाड समूह का हिस्सा हैं, जिसका एक सदस्य अमेरिका भी है और यह किसी से छिपा नहीं कि संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान के समय अनुपस्थित रहने के बाद भी वाशिंगटन ने न केवल संयत एवं संतुलित प्रतिक्रिया व्यक्त की, बल्कि भारत पर इसके लिए अनुचित दबाव बनाने से भी बचा कि वह उसके पाले में खड़ा हो। इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि जब जापान और आस्ट्रेलिया समेत अमेरिका के अन्य सहयोगी देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, तब भारत ने उससे कच्चा तेल खरीदने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मामले में भारतीय हितों को सर्वोच्च वरीयता देने और साथ ही स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम रहने के अपने संदेश को बार-बार व्यक्त करते रहते हैं। + +नि:संदेह विश्व मंचों पर इस संदेश को रेखांकित करने में एक बड़ी भूमिका विदेश मंत्री जयशंकर की है। कोरोना और फिर यूक्रेन संकट के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैसी सक्रियता दिखाई, उसकी मिसाल मिलना कठिन है। भारत की यही कूटनीतिक सक्रियता यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों को निकालने में मददगार बनी, लेकिन कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने उसे देखने-समझने से तो इन्कार किया ही, उलटे मोदी सरकार की बेवजह आलोचना भी की। अंधविरोध से उपजी इस आलोचना का कहीं कोई मूल्य-महत्व नहीं था, क्योंकि युद्ध क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालना आसान नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61180.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61180.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e016e2f10bc887a3b347de307b04ed2e567c16d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61180.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जगमोहन सिंह राजपूत। इस देश में चुनाव-चर्चा कभी थमती नहीं है। इसलिए नहीं थमती कि चुनावों का सिलसिला कायम ही रहता है। पांच राज्यों के चुनावों के बाद गुजरात और हिमाचल के चुनावों की चर्चा होने लगी है। हर चुनाव में चुनाव आयोग को अत्यंत सतर्कता के साथ बंदोबस्त करना होता है। हजारों सरकारी कर्मचारियों को अपने नियमित दायित्व से अलग कर इस कार्य में लगाना पड़ता है। आचार संहिता लागू होती है, जिसके कारण सभी नीतिगत निर्णय रुक जाते हैं। अन्य देशों की तरह भारत में बार- बार होने वाले चुनावों से बचने की जरूरत है, लेकिन ऐसा तभी होगा, जब सभी दल देशहित को प्रमुखता देंगे। इस समय इसकी संभावना लगभग न के बराबर है, क्योंकि राजनीतिक दल राष्ट्रहित के बजाय दलगत हित को वरीयता देते हैं। + +स्वतंत्रता के बाद के 10-15 वर्षों में त्याग, निस्वार्थ सेवा और मानवीय मूल्यों और चरित्र को प्रमुखता देने वाला नेतृत्व हर तरफ दिखाई देता था। उस समय के युवा इसे लेकर आश्वस्त थे कि देश में जाति प्रथा समाप्त हो जाएगी। हिंसा, अविश्वास और सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं होगा, लेकिन सब कुछ अपेक्षाओं के विपरीत ही होता गया। जाति और क्षेत्रीयता आधारित राजनीतिक दल सत्ता में आने लगे। गांधीजी और उनके द्वारा जीवनपर्यंत प्रतिपादित सत्य, अहिंसा सेवा जैसे मूल्य और सिद्धांत तिरोहित हो गए। इसके जिम्मेदार वही थे, जो जनता के समक्ष गांधीजी के एकमात्र अनुयायी होने का दावा करते रहे और सत्ता में बने रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10b764b27079743e6122fa9b4b36e9b74ec25603 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी कड़ी में अब डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने सिख नेताओं को एकजुट करने की कोशिश शुरू कर दी है। गत दिवस उन्होंने लुधियाना में सिख नेताओं व बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। उन्होंने दिल्ली के साथ ही पंजाब के सभी शहरों में सम्मेलन करने की घोषणा की है। प्रेस वार्ता में सरना ने कहा कि वर्ष 1920 में स्थापित शिरोमणि अकाली दल को जीवित करना होगा। इसके लिए बादल परिवार को खुद पार्टी को मुक्त कर देना चाहिए। अकाली दल को मजबूत करने की किसी पहल का वह स्वागत करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9c99d0a9a239d7a2b2abe69a9688fa1e841f0be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज जादौन, अलीगढ़ । ताला-हार्डवेयर व पीतल मूर्ति में प्रयोग किए जाने वाले कच्चे माल के दाम लगातार धधक रहे हैं। पिछले 15 दिन में आयरन सरिया, आयरन स्क्रेप, एसएस स्क्रेप, एसएस सरिया सहित अन्य धातुओं पर 15 से 20 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए हैं। मैन्युफेक्चर्स के साथ निर्यातकों के सामने सबसे विकराल समस्या है। विदेशी व्यापारी माल पर पैसा बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं। नए आर्डर भी नहीं मिल रहे हैं। ।कारोबारियों की मुश्‍किलें नहीं हो रहीं कम।ताला-हार्डवेयर व पीतल मूर्ति निर्माताओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोरोना संकट से पस्त कारोबारियों को पिछले नवंबर से कच्चे माल की लगातार बढ़ रही कीमतों ने और पस्त कर दिया है। इसके चलते बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। ताला-हार्डवेयर, आयरन की बिजली फिटिंग के उत्पादनों में प्रयोग होने वाला लोहा, एसएस व आयरन की सरिया, स्क्रेप, एल्युमीनियम सेक्शन, पीतल, तांबा, निकिल व अन्य धातुओं की कीमतें आसमान पर हैं। विभिन्न ताला व हार्डवेयर कंपनियों के सप्लायर व डीलर्स देशी बाजार से आर्डर नहीं ले पा रहे हैं। जिस भाव में वे माल का आर्डर बुक करते हैं, एक सप्ताह में पैसा बढ़ाने की समस्या उनके सामने आती है। पिछले 15 दिन में फिर से इन धातुओं पर 15 से 20 फीसद तक बढोतरी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..283d24ac44ba3279781ac2b4c2a780c391eb5205 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन अधिकारियों के अनुसार इस मामले में जल्द ही दो सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति बनाई जा सकती है। अगर यह विशेषज्ञ समिति इस आशय की रिपोर्ट देती है कि इन जलाशयों को पुनर्जीवित करना संभव नहीं है। तभी इन जलाशयों को सूची से हटाना संभव हो पाएगा वरना नहीं। सभी विभागों को यह निर्देश भी जारी किया गया है कि वे जलाशयों के आसपास कंक्रीट का निर्माण जैसे फुटपाथ वगैरह बनाकर उसका आकार को छोटा या बदलने की कोशिश न करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f96df0e924f383591dc7777daefc0d5939dda853 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61186.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीपी सिंह परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ।पुलिस और कैमरों की ये कैसी निगरानी?।शहर में पुलिस और हाईटैक कैमरों की निगरानी के बाद भी जाम और अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। यातायात व्यवस्था संभालने के लिए 15 सब इंस्पेक्टर, 40 हेड कांस्टेबल, 80 सिपाही और करीब सौ होमगार्ड के जवान लगें। इनसे 20 चौराहे नहीं संभल रहे। जबकि, चौराहों पर हर वक्त सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होती है। क्वार्सी, दुबे पड़ाव, एटा चुंगी, सारसौल, सासनीगेट जैसे प्रमुख चौराहों पर तो एसआइ तैनात रहते हैं। इनके सामने ही वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। चौराहों के आसपास 50 मीटर के दायरे में फड़, ढकेल ने लगने के आदेशों का अनुपालन भी पुलिस नहीं करा पा रही। बूथों ये पुलिस सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित है। ट्रैफिक लाइन बनने के बाद भी ये हाल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d5c8994a7df6d2aa4a73c49a829685071506328 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, बुधवार से भोगल से सरिता विहार जाने वाले कैरिजवे को भी खोल दिया जाएगा क्योंकि इस कैरिजवे पर अभी काफी सामान पड़ा हुआ है जिसे हटाने में एक दिन लगेगा। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी ने बताया कि अब इसमें जो भी काम बचा है उसे 31 मार्च तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद ही इसका विधिवत उद्घाटन किया जाएगा। हालांकि उद्घाटन के लिए अभी दिल्ली सरकार की ओर से कोई तिथि जारी नहीं की गई है। यातायात पुलिस के अनुसार, इस मार्ग से रोजाना करीब तीन लाख वाहन आते-जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a3e0d1fe2729ec11a2a506a3aad9eae5d99b880 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61188.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तोड़ेंगे मैरी काम और ऋताब्रत बनर्जी का रिकार्ड।राघव चड्ढा की उम्र 33 वर्ष बताई जा रही है, जबकि मैरी काम 34 वर्ष की उम्र में राज्यसभा सदस्य मनोनीत हुई थीं। वहीं, एक अन्य ऋताब्रत बनर्जी भी 34 वर्ष की ही उम्र में राज्यसभा भेजे गए थे। ऐसे में 33 वर्ष के साथ राघव चड्ढा सबसे कम उम्र के राज्यसभा सांसद बनेंगे। बड़ी बात यह है कि दोनों का मनोनयन हुआ था, जबकि राघव चड्ढा चुनाव लड़कर राज्यसभा सदस्य बनेंगे। ।पेशे से चार्टर्ड एकाउंट भी हैं राघव ।दिल्ली में 11 नवंबर 1988 को राघव चड्डा की प्रारंभिक और उच्च शिक्षा दिल्ली से हुई है। राघव चड्ढा ने दिल्ली के माडर्न स्कूल से शिक्षा हासिल की, इसी स्कूल से बालीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने भी पढ़ाई की है। इसके अलावा वह दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातक भी हैं। पेशे से चार्टर्ड एकाउंट भी हैं। इसके अलावा, लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स से ईएमबीए सर्टिफिकेशन कोर्स भी किया है। + +अरविंद केजरीवाल के करीबी और भरोसेमंद हैं राघव चड्डा। फिलहाल राजेंद्र नगर सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी माना जाता है। राघव चड्ढा को अरविंद केजरीवाल ने बिना झिझक राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया। वह इकलौते राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, जो नेशनल चैनलों पर आम आदमी पार्टी का जोरदार ढंग से पक्ष रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61190.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61190.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1854b4fa385addbc1c33693a6cf121c0541ce712 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61190.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके साथ ही पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। लिहाजा, माना जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल का गठन इसी रणनीति के साथ होगा कि पिछड़े भाजपा को बढ़ाने में फिर आगे रहें और दलित भी साथ जुड़ा रहे। चूंकि कुल जीते विधायकों में 56 प्रतिशत दलित-पिछड़ा वर्ग से हैं, ऐसे में तय है कि इन दो वर्गों से चुनकर आए विधायकों को मंत्रिमंडल में तरजीह मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fe41cf7705634b0ff9f247d08130c704b1fa68b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61196.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खाद्य सुरक्षा को महफूज करने वाले पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न तो परंपरागत खेती के तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं और न ही आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है। सारा जोर उत्पादकता बढ़ाने पर है। उसके लिए शार्टकट रास्ता अपनाया जा रहा है। भले उससे यहां के प्राकृतिक संसाधनों का बंटाधार हो जाए। यही वजह है कि खेती के लिए जिन तीन प्रमुख तत्वों का जरूरत होती है, उनमें भूमि, जल और हवा अत्यंत आवश्यक है। लेकिन केमिकल फर्टिलाइजर और पेस्टीसाइड के अवैज्ञानिक अंधाधुंध उपयोग से यह एग्री जोन अति प्रदूषित श्रेणी में पहुंच चुका है। + +समय रहते नहीं किए गए बदलाव तो हालात होंगे और चिंताजनक।स्वायल साइंस के वैज्ञानिक डाक्टर सूरजभान का कहना है 'इस जोन की मिट्टी रेत में तब्दील हो रही है। कमोबेश यही हाल देशभर में खेती के तौर तरीके में समय रहते बदलाव नहीं किया गया हालात चिंताजनक हो सकते हैं। कृषि उत्पादकता बुरी तरह प्रभावित होगी। उन्होंने कहा खाद्यान्न उत्पादन की विकास दर में लगातार कोशिशों के बावजूद संतोषजनक गति नहीं मिल पा रही है।'।मिट्टी की बिगड़ती दशा में नहीं हो पा रहा सुधार।इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्स इंस्टीट्यूट के निदेशक डाक्टर अशोक कुमार सिंह ने कहा 'मिट्टी की खराब सेहत की चिंता वाजिब है। नाइट्रोन, फास्फोरस और पोटाश जैसे प्रमुख तत्वों की जरूरतें रासायनिक फर्टिलाइजर से पूरा कर लिया जाता है। उससे अपेक्षित पैदावार तो हो जाती है, पर मिट्टी की बिगड़ती दशा में सुधार नहीं हो पा रहा है। मिट्टी में कुल 14 तरह के सूक्ष्म तत्व होते हैं, जिनके संतुलन से ही मिट्टी को स्वस्थ बनाया जाता है।'।लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है इसका असर।उत्तरी राज्यों में सालभर में कई फसलों की खेती होने लगी है। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से भी दबाव बढ़ा है। परंपरागत फसल चक्र की जगह चावल व गेहूं की खेती पिछले कई दशक से लगातार जारी है। यहां की मिट्टी से सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का खामियाजा यहां से पैदा अनाज में भी दिखने लगा है, जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है। लिहाजा हरितक्रांति के पुरोधा राज्यों को इसका गंभीर खामियाजा भुगतान पड़ रहा है। जरूरत है यहां के आम लोगों के जागरुक होने की, किसानों को अपनी खेती के पैटर्न को बदलने की और शासन-प्रशासन को इस दिशा में वैकल्पिक व्यवस्था देने की, ताकि मिट्टी की बिगड़ती दशा में सुधार हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed571363a00cf37be7cdc1ce9c8234af17133c3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61198.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कल यानी 22 मार्च को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार यह त्योहार होली को 5 दिन बाद मनाया जाता है। यह तिथि देवताओं की होली के नाम से भी प्रचलित है। इस दिन रंगों का उपयोग करना सृष्टि में सकारात्मक ऊर्जा का संवहन करता है। इस त्योहार को प्रेम-सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। इन्हीं उपायों को हम आपको यहां बता रहे हैं। + +धन प्राप्ति के लिए।आर्थिक परेशानी हो दूर करने के लिए आपको अपने घर की उत्तर दिशा में कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को स्थापित करना होगा। इसके बाद एक लोटे में जल लें और उसे उनके समक्ष रख दें। फिर घी का दीपक जलाएं। इसके बाद लक्ष्मी नारायण जी को लाला गुलाब अर्पित करें। एक आसन पर बैठ जाएं और फिर तीन माला ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का जाप करें। फिर गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं। जाप पूरा होने के बाद लोटे के जल को पूरे घर में छिड़कें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..745be2e75c12b6eb0eb2613f027c10c22fe9a235 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बोले जिम्मदार: चंबल सैंक्चुअरी तेंदुओं के लिए मुफीद है। यहां तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। चिकनी टावर में दिखे तेंदुए के शावकों की निगरानी की जा रही है। शावक दिखने वाला जंगल का इलाका मानवरहित रहे, इसके लिए निगरानी की जा रही है। इसके अलावा नीमडाढ़ा सहित अन्य कई स्थानों पर शावक विचरण की सूचना मिल रही है। लोगों को तेंदुओं से सतर्क रहने के लिए विभाग द्वारा जगह-जगह पोस्टर बैनर लगाए जा रहे हैं। दिवाकर श्रीवास्तव, डीएफओ, चंबल सैंक्चुअरी, आगरा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d7d9324a8edc7fabcf596a48042e5d90251890f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फ‍िल्‍म से जुड़े दोनों अभिनेता पूर्व में कोरोना पाजिटिव हो चुके हैं। इस लिहाज से कई मौकों पर फ‍िल्‍म की टीम कोरोना संक्रमण की मार से जूझती रही है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन के अलावा मौनी रॉय, अक्किनेनी नागार्जुन और शाहरुख खान भी एक कैमियो रोल के तौर पर अपनी भूमिका का निर्वहन करते दिखेंगे। ।यह भी पढ़ें : बनारस की तल्‍ख गर्मी का सितम नहीं झेल पाए रणबीर कपूर और आलिया Varanasi news।यह भी पढ़ें : बनारस में रूठ गईं आलिया भट्ट तो रणबीर कपूर गंगा किनारे उनको मनाते नजर आए।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adf3d2cbd66355cb26eec4a2186ab4a376511b54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61201.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता।  फिल्म के जरिए सच्चाई को सामने लाने का प्रयास किया गया है। आतंकवाद एक बड़ा व्यवसाय है। इस फिल्म के माध्यम से आतंकवाद के पीछे होने वाले बड़े काले धंधे का सच सामने लाया गया है। यह बातें 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के निदेशक विवेक अग्निहोत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहीं। वह सोमवार को कानपुर में आर्य नगर निवासी अपने मौसेरे भाई शरद तिवारी से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने पत्नी पल्लवी जोशी संग आए थे। ।विपक्ष द्वारा फिल्म को राजनीतिक स्टंट बताने के सवाल पर उनका कहना था की काले धंधे की सच्चाई उजागर होने के बाद लोग तिलमिला रहे हैं। जो सैनिकों पर बर्बरता करने के झूठे आरोप लगाए जाते थे वह अब साफ हो चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और ओवैसी के बयानों को लेकर गोधरा और लखीमपुर कांड पर फिल्म बनाने के सवाल पर विवेक का कहना था की इस तरह के बयान देने वाले लोग तो राजा हैं और हम रंग उनके बेटे भी बड़े काबिल हैं उनको जरूरत है तो वह इन पर फिल्म बनाएं। ।फिल्म को राजनीतिक रंग देने के सवाल पर उनका कहना था कि सभी की सोच अलग-अलग है अपना अपना नजरिया है फिल्म को कौन किस नजरिए से देखता है या उस पर निर्भर करता है। भाजपाई बड़ी संख्या में शो बुक करके फिल्म को देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा ने इसे बनवाया है के सवाल पर विवेक का कहना था कि यह फिल्म विदेशों में भी चल रही है। अगर वहां के लोगों पर भी प्रधानमंत्री का असर है तो फिर मैं यही कहूंगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान की देन है। आगे आने वाली फिल्म के सवाल पर उनका कहना था कि अभी इस बारे में कुछ सोचा नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61204.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61204.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82fdb6fd1a2f6996db4e161aaa8edfd2670ff486 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61204.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। प्यासे कौवे की कहानी तो हम सबने पढ़ी ही है। घड़े की तली में मौजूद पानी को पीने के लिए उसने किस सूझ-बूझ का परिचय दिया और अपना गला तर करने में सफल हुआ, अब वही कहानी इंसानों के साथ दोहराई जा रही है। जिस तरह से धरती की कोख में सुरक्षित पेयजल का दोहन हो रहा है, उसमें प्रदूषक तत्व मिल रहे हैं, हमारा बेपानीदार भविष्य स्पष्ट दिख रहा है। पेयजल संकट बारहमासी हो चुका है। जहां उपलब्ध है तो दूषित मिल रहा है। इंसानों को होने वाली बीमारियों में बड़ा हिस्सा इसी दूषित जल का है। दुनिया में करीब जितना भी ताजा जल मौजूद है, वह भूजल के रूप में है। इसी से पीने, सिंचाई, साफ-सफाई, कृषि, उद्योग और पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरतें पूरी होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a52acd4b06d66d551ddbb61a37c7f9d3c5cc761 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61205.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रो असित के बिस्वास/ प्रो सेसिला तोरतात्जा। भारत में जल संकट और उसके निदान को गहराई से समझने के लिए वर्तमान की तीन जल संबंधी समस्याओं पर बात करनी होगी। पहली बात, सभी आवश्यकताओं के लिए जल की मांग बढ़ रही है। इसका तात्पर्य है कि इस समय मध्यम स्तर की वर्षा जल संबंधी मांगों की पूर्ति के लिए व्यवस्था नहीं कर पा रही हैं। देश की सभी प्रमुख नदियों का पानी कम वर्षा वाले कालखंड में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमा से अधिक आवंटित किया गया। भारत हाइड्रोलिक संरचनाओं की स्थापना भी नहीं कर सका जिससे अधिक वर्षा वाले वर्षों में कम वर्षा या सूखे वाले वर्षों के लिए जल संचयन किया जाता है। + +तीसरी बात यह है कि जल प्रदूषण भारत में महामारी की तरह हो चुका है और शहरी क्षेत्रों के निकट सभी जलस्नोत प्रदूषित हो चुके हैं। जल प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इसमें दूषित पानी के ट्रीटमेंट की कमी भी शामिल है। भारत के सामने जल संबंधी कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं, लेकिन सही नीतियों व संस्थागत सुधारों से इन समस्याओं से पार पाया जा सकता है। मैं स्थान की कमी के कारण केवल घरेलू जल प्रयोग, समस्याओं और निदान की बात करूंगा। शहरी मामलों के मंत्रालय का आकलन है कि प्रतिदिन प्रत्येक नागरिक की पहुंच 130 लीटर पानी तक होनी चाहिए, लेकिन किसी राजनेता या जल विशेषज्ञ ने एक मूलभूत सवाल का जवाब देना तो दूर, प्रश्न ही नहीं किया कि आखिर 130 लीटर क्यों। स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रतिदिन प्रयोग के जल की मात्रा का निर्धारण तथ्यों के आधार पर होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca0d8e9e98ef92b3902449cff60f628c49c3ad7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो मान सिंह। सतह पर मौजूद और जमीन के अंदर दोनों ही प्रकार के जल संसाधनों को एक मानकर जल संकट का उपचार खोजा जाए तो ज्यादा प्रभावी होगा। ऐसे में हमें उन नदियों के संजाल और अविरलता को वैज्ञानिक दृष्टि से समझना होगा, जो भूगर्भीय संस्तरों (एक्वीफर जियोलाजिकल स्ट्रैटा) से पोषित होती है। उदाहरण के लिए ।सोन और नर्मदा। नदियों के कैचमेंट में विगत 60-70 वर्षों में सतह पर मौजूद जल व भूजल के असंतुलित उपयोग, जल संरक्षण, संभरण एवं संवर्धन के अभाव तथा वानस्पतिक आवरण में कमी के कारण भूजल के स्तर में सतत गिरावट हुई है। लिहाजा वर्षा काल बाद भूजल स्तर नदियों के तल से नीचे चले जाने से बेस फ्लो समाप्त हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6a8b3b99ef7d394bd13bc167499c8e3730cadca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61208.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। रूस और यूक्रेन की लड़ाई को चार सप्‍ताह हो रहे हैं। अब तक इस युद्ध में यूक्रेन को जान और माल की भारी कीमत भी चुकानी पड़ी है। रूस ने उसके कई रणनीतिक ठिकानों पर जबरदस्‍त बमबारी की है। न्‍यूक्लियर प्‍लांट से लेकर अस्‍पताल, एयरपोर्ट, हथियारों के डिपो और केमिकल प्‍लांट भी इस जंग में तबाह हुए हैं। हाल ही में रूस की एयर स्‍ट्राइक के बाद सूमी के एक केमिकल प्‍लांट से अमोनिया गैस रिसाव की खबरों से चिंता बढ़ गई है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक इस रिसाव का असर से पांच  किमी दूर तक देखा जा रहा है। आपको बता दें कि अमोनिया गैस बेहद खतरनाक होती है। इसका रिसाव इंसान की जान तक ले सकता है। + +क्‍या हो सकती है समस्‍या । अमोनिया गैस के रिसाव से आंखों में जलन की समस्‍या होती है। इसके साथ ही यदि ये सांस के साथ शरीर के अंदर चली जाती है तो इंसान के फैफड़ों को खराब कर देती है। इसके अलावा इसका असर शरीर के दूसरे अंगों पर भी पड़ता है। इसके अलावा इस गैस की हवा में मौजूदगी और सांस के साथ अंदर जाने पर खांसी, छाती में तेज दर्द, छाती में जकड़ापन, सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है। ऐसे में यदि रोगी को तुरंत इलाज न दिया जाए तो उसकी सांस न ले पाने की वजह से बेहद दर्दनाक मौत हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc8478342b793b3b97346a2434683218da781d12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61209.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश के तमाम धर्मगुरु समाज को तालाब पुनर्जीवन का संदेश दें तो संभव है कि समाज के द्वारा एक सकारात्मक जलांदोलन खड़ा हो जाए। भारत में भू-जल उपयोग के लिए कठोर कानूनों की आवश्यकता है क्योंकि यहां साफ पीने वाला पानी ही प्रत्येक उपयोग में लाया जाता है। हमें सिंचाई, उद्योग व कुछ घरेलू कार्यों में कस्बों व शहरों से।निकलने वाले सीवेज को शोधित करके इस्तेमाल करना होगा। भू-जल बचाने व संरक्षित करने में उपभोक्तावाद में कमी करनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30d680b53138b3a78df02f557633ac01a3019d4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देवेंद्रराज सुथार।आज जंगलों को अंधाधुंध रूप से काटा जा रहा है। लिहाजा मिट्टी में गर्मी, ओजोन परत की कमी आदि में वृद्धि हुई है। हमारी विकास प्रक्रिया ने हजारों लोगों को पानी, जंगल और भूमि से विस्थापित कर दिया है। ऐसे में जंगल की रक्षा करना न केवल हमारा कर्तव्य होना चाहिए, बल्कि हमारा धर्म भी होना चाहिए। उत्तराखंड में पिछले 12 वर्षों में जंगल में आग लगने की 13 हजार से अधिक घटनाएं सामने आई हैं और इनमें हर साल औसतन 1978 हेक्टेयर वन क्षेत्र में वन संपदा जलकर राख हो रही है। आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार जंगल की आग को बुझाने के लिए केवल समय से बारिश का होना ही एकमात्र कारगर विकल्प है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0c2abb51c74b1b0bbca50a4aacd81feb51fb6c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61214.txt @@ -0,0 +1,12 @@ + डा. संजय वर्मा। कर्नाटक का युवक नवीन शेखरप्पा मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे। रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के दौरान एक दिन जब वह खाने का सामान खरीदने की लाइन में लगे थे, ठीक उसी समय रूसी सेना की गोलाबारी में उनकी मौत हो गई। शोक में गमगीन नवीन के परिवार के लिए हर सांत्वना बेहद छोटी है, लेकिन तमाम सवाल आज उन हजारों युवाओं के सामने हैं जिन्हें भारत सरकार न केवल संकटग्रस्ट यूक्रेन से हाल में लौटा लाई है। बल्कि उससे भी पहले दशकों तक दूसरी कई वजहों से इराक, सऊदी अरब, यमन, लीबिया आदि देशों से लौटते रहे युवाओं के हैं, सुरक्षित वतन वापसी के बाद जिनकी खोज-खबर लिए जाने का कोई इतिहास नहीं मिलता है। अभी की चिंताओं में शामिल यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों की शेष पढ़ाई को किसी तरह पूरी कराने का कोई सरकारी प्रबंध कितना कारगर होगा, यह भविष्य में पता चलेगा, परंतु इससे पहले तो वतन लौटे हजारों लोगों की खैर-खबर का प्राय: कोई लेखा-जोखा तक नहीं मिलता है। + +फांस बेहतर जीवन की चाह की : हम कह सकते हैं कि स्वाधीनता के 75 वर्षों में हमारे देश ने कई बड़ी त्रासदियों का सामना किया है। लेकिन भारत दुनिया का अकेला देश नहीं है, जिसे विकास के क्रम में असंख्य सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया है। पढ़ाई, रोजगार और बेहतर जीवन की चाह में अपनी जमीन से दूर एक अलग देश में अलहदा भाषा-संस्कृति के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश भी कई तकलीफदेह नतीजों के साथ खत्म हुई है। इस सिलसिले का एक पूरा इतिहास है जिसकी ताजा कड़ी युद्धग्रस्त यूक्रेन से लगभग 20 हजार भारतीय मेडिकल छात्रों को 10 मार्च 2022 को समाप्त घोषित किए गए आपरेशन गंगा के माध्यम से स्वदेश लौटा लाने की है। इन हजारों छात्रों ने भारत के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में दाखिला नहीं मिलने की सूरत में ही यूक्रेन, रूस, आस्ट्रेलिया आदि देशों की राह पकड़ी थी। अब तक वे सारी वजहें साफ हो चुकी हैं जिन्हें रहते देश से हजारों युवाओं को तमाम विधाओं में उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए विदेश का रुख करना पड़ता है। + +बेहतर जिंदगी की चाह : पढ़ाई के अलावा बेहतर रहन-सहन वाली जिंदगी की चाह और खासकर रोजगार के लिए हजारों कुशल और अकुशल (स्किल्ड और नान स्किल्ड) लोग भी हर साल कोई न कोई जुगाड़ बिठाकर खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया समेत कई अन्य यूरोपीय देशों की राह पकड़ते रहे हैं। इन्हीं में से कुछ प्रतिशत कामयाब हुए लोगों की कहानी जब हमारे देश में लौटकर आती है, तो उनकी बेहतरीन जिंदगी किसी किंवदंती की तरह हमारा मन मोहने लगती है। + +ऐसे में बहुत से दूसरे लोग भी अपने सपने साकार करने के लिए विदेश कूच का जतन करने लगते हैं। लेकिन पढ़ाई से लेकर रोजगार तक के लिए विदेश जाना एक बात है, वहां कोई समस्या पैदा होने पर उससे जूझना-निपटना दूसरी बात। ऐसे ज्यादातर मामलों में विदेश गए लोगों के लिए किसी भी तरह से वतन-वापसी करना ही सबसे अच्छा विकल्प होता है। खासकर उच्च शिक्षा के वास्ते पढ़ाई या ट्रेनिंग के लिए विदेश गए युवाओं के मामले में। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कोई समस्या पैदा होने पर छात्रों के लिए वहां कोई आधारभूत ढांचा नहीं होता है जो उनके पांव विदेश में टिकाए रख सके। + +बेशक यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के अधर में लटके भविष्य को ऐसी नीतियों से काफी लाभ हो सकता है, लेकिन क्या यही कायदा विदेश में दूसरी पढ़ाई या रोजगार के संबंध में नहीं अपनाया जाना चाहिए। असल में, यूक्रेन का ताजा मसला इन समस्याओं की एक छोटी सी बानगी है। हालिया अतीत में ही कई ऐसे मामले हुए हैं, जहां विदेश में कोई संकट पैदा होने पर सारी सक्रियता भारतीयों को स्वदेश लाने तक सीमित रही है। + +आपात स्थिति में विदेश में अपनी नौकरी, रोजगार, जमापूंजी यानी सब कुछ छोड़कर आनन-फानन स्वदेश लौटे सैकड़ों- हजारों भारतीयों के बारे में ज्यादातर यही जानकारी सार्वजनिक हुई है कि उन्हें भारत सरकार की बेमिसाल कोशिशों के बल पर सुरक्षित निकाल लाया गया। लेकिन भारत लौटने पर उनके पुनर्वास यानी उनकी जिंदगी को सिरे चढ़ाने के बारे में क्या हुआ, ये सूचनाएं तकरीबन नदारद हैं। शायद यही वजह है कि यूक्रेन में फटती मिसाइलों और बमों के बीच भी तमाम भारतीय ऐसे हैं, जो वहां अपना कारोबार या नौकरी छोड़कर वापस भारत नहीं लौटना चाहते। इसके पीछे उनकी यह समझ है कि जिस तंगहाली और बेरोजगारी के आलम में वे वतन छोड़कर पराए देश में जाकर बसे थे, वहां से लौटने पर उन्हें जीवन-यापन का कोई बेहतर तरीका नहीं मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e33146029462bff8a9102dcfc8653c77cd06977 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61216.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कश्मीर में संस्कृति के काव्य शास्त्र का विकास हुआ। कश्मीर एक समय ज्ञान और दर्शन का प्रतिष्ठित केंद्र था। लगभग एक हजार साल पहले कश्मीर का एक नाम ‘शारदा देशम्’ भी था। यहां ज्ञान की देवी सरस्वती की उपासना होती थी। विशाल मंदिर भी था। यह भाग इस समय गुलाम कश्मीर में है। सरस्वती की उपासना में ‘नमस्ते शारदे देवी कश्मीरपुरा वासिनी’ गीत गाया जाता था। शारदा पीठ में भारतीय उपमहाद्वीप में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय था। विशाल पुस्तकालय के लिए इसकी अंतरराष्ट्रीय चर्चा रही है। यहां दूर-दूर से लोग अध्ययन के लिए आते थे। कश्मीर के अनेक राजा भी संस्कृत के विद्वान थे। यहां ज्ञान दर्शन आधारित काव्य का रस सर्वत्र फैला हुआ था। आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य केरल से चलकर यहां पहुंचे थे। उन्होंने दर्शन में अद्वैत वेदांत का विचार दिया था। उन्होंने कश्मीरी ज्ञान-दर्शन को अद्वैत सिद्धांत से जोड़ा। यहीं उनके अनेक दार्शनिक विचारधाराओं पर तर्क हुए। उनमें प्रमुख रूप से भारतीय दर्शन के न्याय, दर्शन, मीमांसा और वैशेषिक दर्शनों पर शास्त्रार्थ चले। + +शंकराचार्य ने चर्चित ‘सौंदर्य लहरी’ नामक पुस्तक लिखी। आनंद वर्धन ने सौंदर्य शास्त्र पर ‘ध्यान लोक’ लिखा। आचार्य क्षेमेंद्र, अभिनव गुप्त के प्रतिष्ठित शिष्य थे। रामायण, महाभारत और गीता पर ग्रंथ लिखे गए। भरतमुनि का नाट्यशास्त्र इसी क्षेत्र में रचा गया। अभिनव गुप्त ने भरत मुनि के नाट्यशास्त्र पर भाष्य लिखा। नाट्यशास्त्र दुनिया में अभिनय कला का प्राचीनतम ग्रंथ है। कश्मीर तब प्राचीन ज्ञान पीठ था। यहां बौद्ध, शैव और वैष्णव विद्वान ज्ञान प्राप्ति के लिए आते थे। देश के कोने-कोने से विख्यात कवि व्याकरणाचार्य भी तर्क शास्त्र और दार्शनिक अध्ययन के लिए यहां जुड़ते थे। ऋषि पिप्पलाद के आश्रम में भारद्वाज के पुत्र सुकेशा, शिविकुमार, सत्यकाम, शौर्यायणि, कौशल क्षेत्र से आश्वलायन, विदर्भ से भार्गव और कबंधि ब्रह्मज्ञान के लिए कश्मीर गए थे। इन विद्वानों ने एक-एक प्रश्न पूछा। पिप्पलाद ने जीवन जगत, अध्यात्म, ब्रह्म और वेदांत आदि से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिए थे। इन्हीं प्रश्नोत्तरों का संकलन प्रश्नोपनिषद है। इसके बावजूद आश्चर्य है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों, कवियों, गणितज्ञों, तर्कशास्त्रियों और दार्शनिकों को आधुनिक भारतीय शिक्षा प्रणाली में सम्मिलित नहीं किया गया। राजनीति संस्कृति और प्राचीन दर्शन को मिथक मानती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a88a343383e961419bee5f5b612117b8312396c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शाहरुख खान ने गणेश विसर्जन के बाद एक तस्वीर शेयर की थी। जिसमें शाहरुख खान माथे पर टीका लगाए हुए नजर आए थे। लेकिन शाहरुख की तस्वीर देख लोगों ने कहा कि उन्होंने फोटोशॉप के जरिए माथे पर टीका लगाया है। ये देख लोगों की नाराजगी शाहरुख खान पर जमकर फूटी। लोगों ने ये तक कह दिया कि शाहरुख खान फेक हैं। वो केवल दिखावे के लिए ही ये सब करते हैं। हालांकि शाहरुख खान ने ट्रोलर्स की इन बातों का कभी कोई जवाब नहीं दिया। ना ही उन्होंने कभी कुछ बुरा कहा ना ही अच्छा। अभिनेता ने इन सभी बातों को हमेशा इग्नोर ही किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1fe740143893077384b3b3bb260ce5d211d1929 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61221.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +माला दीक्षित, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक करीब एक महीने से जेल में हैं। दाऊद इब्राहिम से लिंक के आरोपों में पहले वे ईडी की हिरासत में थे और अब न्यायिक हिरासत में हैं। नवाब मलिक ने जेल में होने के बावजूद ना तो मंत्री पद से इस्तीफा दिया और ना ही मुख्यमंत्री ऊद्धव ठाकरे ने उनसे इस्तीफा मांगा है। सूबे के सत्ताधारी गठबंधन ने घोषणा की है कि वह मलिक से इस्तीफा नहीं मांगेगा क्योंकि उन पर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। दलीलें कुछ भी हों बड़ा सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति जेल जाने के बाद भी मंत्री बना रह सकता है। + +नियम कानूनों की शून्यता का उठा रहे फायदा ।ऐसा क्या है कि नवाब मलिक एक महीने से जेल में होने के बावजूद मंत्री पद पर काबिज हैं और सत्ताधारी दल सीना ठोंक कर उनकी तरफदारी कर रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो इसके पीछे नियम कानूनों की शून्यता है। जेल में बंद दागी मंत्री को पद से हटाने के बारे में कानून मौन है। इस बारे में ना तो कोई कानून है और ना ही कंडक्ट रूल में कुछ कहा गया है। यह ग्रे एरिया है जिसका लाभ नवाब मलिक को मिल रहा है। + +कानून में कोई प्र‍विधान नहीं ।देखा जाए तो एक सरकारी कर्मचारी अगर दो चार दिन जेल में रहता है तो वह निलंबित हो जाता है, लेकिन एक मंत्री करीब एक महीने से जेल में होने के बावजूद पद पर काबिज है। इस अजीब संवैधानिक स्थिति पर लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीपी आचारी कहते हैं कि इस बारे में कोई कानून या नियम नहीं हैं। सरकारी कमर्चारी के बारे में कंडक्ट रूल में है कि जेल जाने पर वह निलंबित रहेगा लेकिन मंत्री के जेल जाने पर उसे पद से इस्तीफा देना होगा या वह पद से हटा दिया जाएगा कानून में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है। + +...या तो कानून बने या फिर अदालत व्यवस्था दे।आचारी का मानना है कि इस संबंध में स्पष्टता आनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट को यह मुद्दा तय करना चाहिए। देखा जाए तो इस स्थिति से निबटने के दो ही तरीके हैं या तो कानून बने या फिर अदालत व्यवस्था दे। कोर्ट किसी मुद्दे को तब तक परिभाषित नहीं करता या व्यवस्था नहीं देता है जब तक उसके सामने कोई मामला नहीं आता है। ऐसे मामलों में कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर व्यवस्था नहीं देता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a2dec3113a3ab45d86947455f0c19e706b6e961 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61224.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। भाव, संवेदना, सत्य व कथ्य की यदि गोरखपुर एक किताब हो तो गीताप्रेस उसका एक खूबसूरत अध्याय है। अब यह पूरी दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम है। सस्ते दर पर लोगों को धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराना और इन पुस्तकों के माध्यम से संस्कार निर्मित करना गीताप्रेस का मुख्य कार्य है। वह सिर्फ अच्छे संस्कारों का प्रचार-प्रसार ही नहीं करता बल्कि वहां काम करने वाले मजदूर से लेकर प्रबंधक तक खुद भी उसे जी रहे हैं। + +1923 में हुई गीता प्रेस की स्‍थापना।लगभग 98 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश का पिछड़ा जनपद गोरखपुर ने गीता के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी उठाई। कोलकाता के सेठ जयदयाल गोयंदका इसके वाहक बने। उन्होंने शुद्धतम गीता के प्रकाशन के लिए 1923 में गोरखपुर में प्रेस की स्थापना की जिसे आज गीताप्रेस के नाम से जाना जाता है। + +ऐसे हुई गीताप्रेस की स्थापना।गोरखपुर में गीताप्रेस की स्थापना की कहानी बड़ी रोचक व प्रेरित करने वाली है। लगभग 1921 में कोलकाता में जयदयाल गोयंदका ने गोविंद भवन ट्रस्ट की स्थापना की थी। इसी ट्रस्ट के तहत वहीं से वह गीता का प्रकाशन कराते थे। शुद्धतम गीता के लिए प्रेस को कई बार संशोधन करना पड़ता था। प्रेस मालिक ने एक दिन कहा कि इतना शुद्ध गीता प्रकाशित करवानी है तो अपना प्रेस लगा लीजिए। गोयंदका ने इसे भगवान का आदेश मानकर इस कार्य के लिए गोरखपुर को चुना। 1923 में उर्दू बाजार में दस रुपये महीने के किराए पर एक कमरा लिया गया और वहीं से शुरू हो गया गीता का प्रकाशन। धीरे-धीरे गीताप्रेस का निर्माण हुआ और इसकी वजह से पूरे विश्व में गोरखपुर को एक अलग पहचान मिली। 29 अप्रैल 1955 को भारत के तत्कालीन व प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने गीता प्रेस भवन के मुख्य द्वार व लीला चित्र मंदिर का उद्घाटन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd14ce50be02dc1af1f3e3a40b94923c66478a0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61226.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली इस्लामाबाद, जेएनएन। Pakistan Crisis:  इमरान खान सरकार अविश्वास प्रस्ताव के पहले ही मुश्किलों में फंसती नजर आ रही है। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के दो दर्जन असंतुष्‍ट सांसद इमरान सरकार के खिलाफ मतदान कर सकते हैं। असंतुष्‍ट सांसदों को सरकार की धमकी के बाद कई सांसद प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्लामाबाद के सिंध हाउस में डेरा डाले हुए हैं। असंतुष्‍ट सांसदों को डर है कि विपक्ष के साथ जाने के कारण सरकारी तंत्र उन्हें निशाना बना सकता है। सिंध हाउस इस्लामाबाद में सिंध सूबे की सरकार का आधिकारिक भवन है। सिंध प्रांत में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार है। ऐसे में सत्तापक्ष के बागी सांसद सिंध हाउस को सुरक्षित जगह मान रहे हैं। क्‍या सच में इमरान सरकार गिर सकती है। क्‍या संसद में इमरान के पास बहुमत नहीं है। क्‍या विपक्ष के पास इतने सांसदों की संख्‍या है कि वह अपने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पास करा लेंगे। + +2- प्रो वी पंत ने कहा कि पाकिस्‍तान में अगर इमरान सरकार के सहयोगी दल सरकार से अलग होते हैं तो देश में आम चुनाव की स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है। पाकिस्‍तान के लिए यह भी ठीक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि देश के  ताजा आर्थिक हालात के मद्देनजर पाकिस्‍तान में आम चुनाव कतई ठीक नहीं है। ऐसे में देखना दिलचस्‍प होगा कि इमरान सरकार के सहयोगी दल क्‍या रुख अपनाते हैं। दूसरे, राजनीतिक अस्थिरता का फायदा सेना भी उठाती है। उनका कहना है कि यह अस्थिरता अगर लंबे समय तक चली तो सेना का दखल बढ़ेगा। अगर यह गतिरोध लंबा चला तो यह भी संभव है कि सत्‍ता पर सेना का कब्‍जा हो जाए। हालांकि, सेना अभी मौन है। राजनीतिक गतिविधियों पर सेना की पैनी नजर है। ।इमरान समर्थकों का सिंध हाउस पर धावा।पीटीआई के के कुछ सदस्यों ने इमरान खान के पक्ष में आवाज बुलंद करते हुए शुक्रवार को इस्‍लामाबाद में सिंध हाउस पर धावा बोल दिया। पीटीआई के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने सिंध हाउस में घुसते हुए हुए असंतुष्ट सांसदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पीटीआई के इन असंतुष्ट सांसदों ने इमरान खान के खिलाफ मतदान करने की धमकी दी है। ऐसे में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) द्वारा संचालित सिंध हाउस सियासी खींचतान का नया केंद्र बन गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a9e48cc3847da080cac159898f92270403d80dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। वातावरण में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण व शहरीकरण से गौरैया के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यावरण व प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में गौरैया अहम भूमिका अदा करती है। गौरैया एक ऐसा पक्षी है जो आबादी वाले क्षेत्रों में पेड़ों पर खुद घोसला तैयार कर प्रजनन करती है लेकिन वर्तमान समय में तेजी से हो रहे शहरीकरण में पेड़ों की कटाई हो रही है। इससे गौरैया खुद घोसला नहीं तैयार कर पाती और उनकी संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है। ।कानपुर प्राणि उद्यान के निदेशक केके सिंह की पहल पर गौरैया के लिए 600 लकड़ी के घोसले बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से गौरैया को प्रजनन मुफीद वातावरण दिया गया है। परिसर में जागरुकता भरे स्लोगन लिखकर रोजाना आने वाले करीब एक हजार दर्शकों को गौरैया संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है। ।प्रकृति संग संतुलन बनाने में अहम भूमिका : कानपुर प्राणि उद्यान के क्यूरेटर सुरेश सिंह राजपूत बताते हैं कि गौरैया ऐसा पक्षी है जो प्रकृति में संतुलन बनाए रखती है। कृषि फसलों में लगने वाले कीड़ों को खाकर नुकसान होने से बचाती है। ।हमारे साथ रहना पसंद करती है गौरैया : इस पक्षी को आवासीय क्षेत्रों में रहना पसंद है। लोगों को गौरैया संरक्षण के लिए जागरूक होना होगा। गौरैया संरक्षण के लिए लोग अपने घरों में एक छोटा सा लकड़ी का घोसला लगाकर उसे सुरक्षित जगह दे सकते हैं। आम जनमानस में यह जागरुकता आने से गौरैया को विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा। ।10 साल से कर रहे गौरैया की सेवा : कौशलपुरी निवासी अधिवक्ता शरद कृष्ण पांडेय बताते हैं कि वो पिछले 10 साल से गौरैया संरक्षण के लिए जागरुकता पर काम कर रहे हैं। घर की छत पर लगे पौधों के बीच गौरैया ने घोसला बनाया हुआ है। इसका पसंदीदा भोजन काकुन की व्यवस्था करते हैं। उन्होंने कहा कि गौरैया सुख शांति का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने घर में गौरैया के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80b3b83fde09ae6ae68b3cab4df07c1ffea34b50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61239.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ब्रजबिहारी। आकार में केरल से आधा इजरायल अगर अपने दुश्मन देशों की नाक में दम किए रहता है तो इसका श्रेय उसकी खुफिया एजेंसी मोसाड को जाता है। वर्ष 1949 में अपनी स्थापना से लेकर आज तक यह खुफिया एजेंसी अपने कारनामों से लगातार अपनी प्रसिद्धि में चार चांद लगा रही है। अपने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए सब कुछ न्योछावर कर देने को तत्पर जासूसों के कारण ही यह एजेंसी दुनिया की सबसे खतरनाक और रहस्यमयी खुफिया संस्था मानी जाती है। इसी अद्वितीय खुफिया एजेंसी के बेमिसाल अभियानों और कीर्तिगान से वंचित उसके योद्धाओं पर आधारित पुस्तक 'मोसाड : द ग्रेटेस्ट मिशंस आफ द इजरायली सीक्रेट सर्विसÓ का हिंदी अनुवाद पाठकों के हाथों में है। + +इस पुस्तक को पढऩे से स्पष्ट हो जाता है कि इजरायल की छिपी हुई शक्ति उतनी ही चकित कर देने वाली है, जितनी उसकी अविवादित बाहरी ताकत है। ईरान, सीरिया, लेबनान, जार्डन, फलस्तीन जैसे दुश्मन मुस्लिम मुल्कों से घिरा छोटा-सा यहूदी देश इजरायल अगर दुनिया के नक्शे पर बना हुआ है तो इसमें मोसाड का अहम योगदान है। यह पुस्तक पाठक को दिलचस्प, विस्मयकारी, प्रत्यक्षदर्शी वृत्तांतों के साथ इस संस्था के पिछले 70 साल के पर्दे के पीछे के अत्यंत खतरनाक और महत्वपूर्ण अभियानों का परिचय कराती है। अगर आप अंतरराष्ट्रीय जासूसी, खुफिया तंत्र और युद्ध के गुप्त अभियानों में रुचि रखते हैं तो इस पुस्तक को पढऩा आपके लिए एक रोमांचकारी अनुभव होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61240.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe80db253cc73b7443e58522eb3255e5537d1c4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाॅकडाउन मे शहरी क्षेत्रों में दिख रही थी गौरैया।विश्वविद्यालय के शोधार्थी शमी सईद ने बताया कि भारत में गौरैया पर किये गए अध्ययनों के अनुसार इसकी जनसंख्या विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रो में 30 से 60 प्रतिशत तक कम हुई है। जैव विविधता के अध्ययन व संरक्षण कार्य से जुड़ी संस्था बीआरडीएस ने आगरा में लाॅकडाउन के पक्षियों पर पड़े प्रभाव का अध्ययन करने पर पाया कि गौरैया शहरों में फिर से दिख रही थी और कई स्थानों पर इनकी जनसंख्या व घौंसलों में वृद्धि दिखाई दी थी। बीआरडीएस सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ केपी सिंह के अनुसार गौरैया साल में दो बार प्रजनन करती है। प्रजनन काल मार्च-अप्रैल एवं सितंबर-अक्टूबर में होता है। मार्च 2020 में लगे लाॅकडाउन से मानव गतिविधियों व हस्तक्षेप के अत्यधिक सीमित हो जाने के सुखद परिणाम गौरैया की जनसंख्या वृद्धि के रूप में सामने आए थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d6a64ef18b3d903be280a91e6b473e703b238bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61243.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यतीन्द्र मिश्र। फागुन में होली का पर्व अभी दो दिन पूर्व संपन्न हुआ है, मगर इस मौसम का रंग तो चैत्र मास तक महसूस किया जाता है। स्वाधीनता की 75वीं सालगिरह के अवसर पर हम सांस्कृतिक रूप से संपन्न कुछ ऐसे संचयनों का भी अवलोकन कर सकते हैं, जिनके कारण भारतीय पर्वों और अनुष्ठानों की व्यापकता का जयघोष होता रहता है। संगीत विद्वान और धुनों की स्वरलिपि तैयार करने में सिद्धहस्त पंडित राधावल्लभ चतुर्वेदी के लोकगीत संग्रहों का मानक ग्रंथ ‘ऊँची अटरिया रंग भरी’संकलन लोकगीतों की विभिन्न विधाओं का ऐसा प्रतिनिधि संकलन भी है, जिसके सहारे हम उत्तर प्रदेश के विभिन्न मांगलिक अवसरों के गीतों का सम्यक विवेचन और संकलन देख सकते हैं, जिनकी स्वरलिपियां भी साथ में दर्ज की गई हैं। + +उदाहरण के लिए संस्कार गीतों में सरिया, टोना, ज्यौनार जैसे गीत अब कम ही गाए जाते हैं या दिनचर्या गीतों में खेत रखवाली के गीत, चकिया, पनघट और सीला बीनने के गीत अब शायद ही कोई जानता हो। ऋतु संबंधी गीतों के लंबे खंड में राछौर, सोहनी, चंद्रावलीर्, ंहडोला अब जल्दी सुनने को नहीं मिलता। गीतों की परिभाषा भी साथ में दी गई है कि ये गीत किन अवसरों पर किस तरह गाए जाते हैं। जैसे, ‘सोहनी’, एक विरह गीत है, जो वर्षाकाल में सावन के महीने में गाया जाता है। जब गांव की लड़कियां बागों में झूला झूलने के लिए इकट्ठा होती थीं, तब सोहनी गाई जाती थी- ‘एक सुधि आइ गैले नैहर की रे/मोरा बिरना गैइल परदेस हो।’ इसी तरह सोहर में मनरजना और सरिया गीतों का उल्लास भी देखने लायक है। संकलन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके सुधी विद्वान ने संकलन करते समय पाठ की शुद्धता, बोलियों की व्यापकता और गाए जाने की विधियों को परिमार्जित ढंग से प्रस्तुत करते हुए पाठ्य सामग्री को प्रामाणिक बनाया है। शायद इसी कारण उत्सव गीतों के कलेवर में रसिया, मेला गीत, लंगुरिया, झूमर, घाटो आदि का चयन आदर्श बन पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09d699fda1939c81cf78e038aac98e6c18b1a6ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी की सरकार की पहली बनी कैबिनेट में सदस्यों को देखकर हर कोई हैरान है। जो लोग अमन अरोड़ा, प्रो. बलजिंदर कौर, सरबजीत कौर माणुके और प्रिंसिपल बुधराम जैसे नेताओं को हर हालत में कैबिनेट में शामिल होने के दावे कर रहे थे, उनको भगवंत मान मंत्रिमंडल की पहली सूची देखकर खासी हैरत हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..726ea619fe6e0253d395464a8bb56171be0d8dd5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61245.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1- मिलिट्री वाच मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक जे-20 और एफ-35 काफी नजदीक आ गए थे। हालांकि, जनरल केनेथ विल्सबैक ने कहा कि यह कहना जल्दीबाजी होगी कि चीन और अमेरिका के लड़ाकू विमान उस समय क्या इरादा रखते थे। उन्होंने कहा कि हमने इसे सिर्फ इस प्रतियोगिता को हवाई श्रेष्ठता के रूप में देखा और परखा है। चीन के लड़ाकू विमान को अवाक्स से जानकारी मिल रही थी, जबकि हमारा लड़ाकू विमान अपने ही रडार से उनको देख रहा था। केनेथ ने कहा कि हम इसे पूर्ण रूप से एक मुठभेड़ नहीं मान सकते। उन्‍होंने कहा कि इसके पीछ तर्क यह है कि इस दौरान किसी भी देश के लड़ाकू विमान ने एक दूसरे को धमकाया नहीं था। अलबत्‍ता दोनों लड़ाकू विमान एक दूसरे के काफी करीब पहुंच गए थे। + +4- इसकी एक बड़ी खासियत इसका दुश्‍मन के राडार में नहीं आना भी है। इसकी वजह है इसका आकार और इसका फाइबर मैट। इसकी वजह से यह राडार पर गायब हो जाता है। इस तकनीक की वजह से यह संकेतों को अवशोषित कर लेता है। इस जेट में मशीनगन के अलावा हवा से हवा और जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी लगी होती हैं। यह विमान 1930 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इस तरह के एक जेट की कीमत करीब 31 करोड़ रुपये है। यह विमान 910 किलो के छह बम ले जाने में सक्षम है जो दुश्‍मन को बर्बाद कर सकते हैं। ।चीन के जे-20 विमान की खूबियां।1- चीन का जे-20 सिंगल सीटर फाइटर जेट हैं। विमान में दो इंजन हैं। चीन के जे-20 का मुख्य काम स्टील्थ फाइटर का है। चीन का दावा है कि उसका विमान रडार को धोखा दे सकता है। जे-20 दोनों विमान अटैक और निगरानी का काम करते हैं, लेकिन रेंज की बात करें तो राफेल की रेंज करीब 3,700 किलोमीटर है, जबकि जे-20 की रेंज लगभग 2700 किमी है यानी लंबी दूरी तक जाने में चीन का विमान रफाल से पीछे है। ।2- इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मनों के रडार जाम कर सकता है। इस विमान में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, कम्युनिकेशन डिस्ट्रप्शन और रडार जाम करने वाले उपकरण लगे हुए हैं। इसके अलावा इसमें हवा से हवा में मार करने वाली कई आधुनिक मिसाइलें भी लगी हैं। यह कई तरह के आधुनिक उपकरणों की एक विस्तृत सीरीज को लेकर उड़ान भर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ca6ef9f09292abbfda5ffe07d1763c166bdc3a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61248.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लंबी खींचतान के बाद अब कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व और फैसले का दौर शुरू हो सकता है। दरअसल, पिछले दो दिनों में दो बार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने नाराज चल रहे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर इसका संकेत दे दिया है। गुरुवार को राहुल गांधी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुलाकात हुई थी, जिसमें केंद्रीय संगठन से लेकर हरियाणा प्रदेश इकाई तक में बदलाव का संकेत दिया गया था। ।योग्यता अहम होगी, चाटुकारिता नहीं।शुक्रवार को असंतुष्ट नेताओं के अगुआ गुलाम नबी आजाद और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात में शेष बदलावों को लेकर चर्चा हुई। खुद आजाद की बातों से इसका संकेत मिलने लगा है कि अध्यक्ष के लिए तो चुनाव होगा ही, लेकिन हर स्तर पर सामूहिक निर्णय से ऐसे लोगों को स्थान दिया जाएगा, जो प्रदर्शन का माद्दा रखते हैं। योग्यता अहम होगी, चाटुकारिता नहीं। नीतिगत फैसलों के लिए संसदीय बोर्ड को फिर से अस्तित्व में लाया जा सकता है। + +संसदीय बोर्ड पर होगी नीतिगत निर्णय लेने की जिम्मेदारी।इस तरह चल रही सुलह की कवायद।अगस्त-सितंबर तक हो जाएगा पार्टी अध्यक्ष का चुनाव।माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव अगस्त-सितंबर तक हो जाएगा। गुलाम नबी आजाद ने केंद्रीय चुनाव समिति में नियुक्ति को भी निर्वाचन से जोड़ने की बात कही है। यानी हर स्तर पर चुनाव के जरिये ऐसे लोगों को लाने की कोशिश होगी, जिन पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को भरोसा है। जो अपनी क्षमता से जमीनी हालात में बदलाव ला सकते हैं और चाटुकारिता को योग्यता नहीं माना जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d78db3409c30995da68c1637af3f7f59d72e7b8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61250.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बतौर पीएम किशिदा की पहली विदेश यात्रा ।भारत और जापान एक दूसरे के साथ रिश्तों को कितना महत्व देते हैं वह इस बात से समझा जा सकता है कि बतौर पीएम किशिदा ने पहली विदेश यात्रा भारत की ही की है। वह पिछले साल अक्टूबर में जापान का पीएम बने थे। उन्होंने कहा भी कि पीएम बनने के साथ ही उन्होंने यह निश्चित किया था कि बतौर पीएम पहली बार भारत ही जाएंगे। वर्ष 2022 में भारत आने वाले वो पहले प्रधानमंत्री हैं। ।दोनों नेताओं के बीच अकेले में भी हुई बातचीत ।दोनों नेताओं के बीच अकेले में भी कुछ घंटे बातचीत हुई है। उसके बाद द्विपक्षीय आधिकारिक दल की वार्ता की अध्यक्षता दोनों प्रधानमंत्रियों ने की। इसके बाद कारोबारी दल के साथ बैठक भी हुई जिसमें दोनों नेता उपस्थित थे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार एक अहम मुद्दा रहा है। ऐसे में जापान की तरफ से अगले पांच वर्षों के दौरान 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा काफी अहम है। वर्ष 2014 में पीएम मोदी की पहली जापान यात्रा के दौरान 3.5 लाख करोड़ येन (2.22 लाख करोड़ रुपये) के निवेश का लक्ष्य रखा गया था जिसे समय से पहले ही हासिल कर लिया गया था। ।पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में जापान की विशेष रुचि ।जापान सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास में खास रुचि दिखा रही है। गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों के विकास, शहरी विकास और साइबर सुरक्षा तीन अन्य क्षेत्र हैं जहां दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं बताई गई हैं। जानकारी के मुताबिक यह तय हुआ है कि भारत जापान से सेब का आयात करेगा और अपने यहां से उसे आम निर्यात करेगा। ।चीन के रवैये पर भी हुई चर्चा ।दोनों नेताओं के बीच चीन के व्यवहार पर भी चर्चा हुई है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि लद्दाख सेक्टर में चीन की घुसपैठ का मामला उठा है। पीएम मोदी ने जापान के पीएम को पूरी स्थिति और भारत के रुख के बारे में बताया है। भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि चीन व भारत की सीमा पर अमन-शांति की स्थापना किए बगैर दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य नहीं बनाया जा सकता। पीएम किशिदा ने भी साउथ चाइना सी और पूर्वी चाइना सी में अपने अनुभवों के बारे में भारतीय पक्ष को बताया है। यूक्रेन के बारे में दोनों देशों का रुख थोड़ा भिन्न इसलिए है कि भारत खुल कर रूस के आक्रामक रवैये का विरोध नहीं कर रहा है। वैसे दोनों देश यह मानते हैं कि इस विवाद का समाधान आपसी बातचीत और कूटनीति के जरिए ही हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61252.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7175bf668a306c30314376ea2001e1e4ef39461 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61252.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पड़ताल में सच आएगा सामने।वन विभाग से वित्त पोषित तीन साल के इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रदेशभर में गहन सर्वे कराया जा रहा है। इससे यह पता चल सकेगा कि कहां इसकी संख्या कम है और कहां ज्यादा। साथ ही कारणों की पड़ताल में यह भी देखा जाएगा कि खेती में रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के उपयोग के कारण गौरैया पर कोई असर तो नहीं पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab8bc398b434b6cd079af5b3b843600c0e9f4ccc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा :।सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्य ने बताया कि इस पहल से कृषि क्षेत्र में स्टार्ट अप को बढ़ावा मिलेगा। 10वीं से 12वीं कक्षा के स्तर पर विद्यार्थियों को कृषि और बागवानी की पढ़ाई के दौरान बारीकियों का पता चल सकेगा। कृषि क्षेत्र में आने वाले नित नए बदलाव के बारे मे अवगत करेंगे। ।नए सत्र से शुरू होगी पढ़ाई : ।सीबीएसई से जारी गाइडलाइंस के अनुसार, कृषि, बागवानी सहित अन्य विषयों की पढ़ाई नए सत्र से शुरू होगी। मल्टी स्किल फाउंडेशन के शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 60 अंक से अधिक पाने वाले शिक्षकों को ही कृषि और बागवानी की पढ़ाई करा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f65ca639f9e047f1a6bf9bc18ea466f08d5ca35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61260.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बासी खाने का महत्व।शीतला अष्टमी के दिन बासी खाना खाया जाता है और शीतला माता को अर्पित किया जाता है। इसलिए इसे बसौड़ा भी कहते हैं, जिस जगह होली की पूजा होती है, उसी जगह बसौड़े की पूजा की जाती है। जो लोग अष्टमी की पूजा करते हैं वो लोग सप्तमी की रात को खाना बनाकर अष्टमी को बासी खाने को प्रसाद के रूप में शीतला माता को अर्पित करते हैं। इस साल शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 8 मिनट से 6 बजकर 41 मिनट तक है। ।जैसा की नाम के अनुसार ही शीतला माता को शीतल चीजें पसंद हैं। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को चेचक, खसरा जैसे रोगों का प्रकोप नहीं रहता। मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत प्रिय होती है। शीतला सप्तमी और अष्टमी को ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86ea6f29625e8c18a997f1e53b5486de02f89d51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहरहाल नवगठित मोर्चा विधानसभा के भीतर जहां मान्यता समेत एक साथ बैठने की अनुमति लेने में जुट गया है, वहीं इसे सत्तारूढ़ झामुमो, कांग्रेस और राजद एवं भाजपा के मुकाबले तीसरे मोर्चे के गठन के तौर पर देखा जा रहा है। मोर्चा गठित करने के तत्काल बाद सरयू राय की नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से एक चरण की मुलाकात हो चुकी है। चर्चा यह भी है कि पंजाब में शानदार जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी झारखंड में विस्तार के लिए एक कद्दावर चेहरे की तलाश में है और उन्हें राय में वह दिख रहा है। हालांकि सरयू राय ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है, लेकिन राजनीति में हर मुलाकात के अपने मायने और मतलब होते ही हैं। जल्द ही यह भी स्पष्ट हो जाएगा। नवगठित झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा अगर चुनावी राजनीति में आगे बढ़ा तो इससे स्थापित दलों को दिक्कतें होना तय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba1a0eb64edc0581b49a735e7a0c2382e89c9d19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत का समाज हजारों पहचान समूहों में बंटा है और ऐतिहासिक-सामाजिक कारणों से आपस में वैमनस्य का भाव रखता है। भारत में प्रचलित चुनाव पद्धति, फस्र्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम, समाज को पहचान-समूहों में तोड़ता है। कभी आरक्षण के नाम पर तो कभी धार्मिक निष्ठा के नाम पर। राजनीतिशास्त्र का यह सिद्धांत कि समय के साथ प्रजातंत्र की जड़ें मजबूत होती हैं, भारत में कारगर नहीं है। 70 साल में जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति और बढ़ी है। हाल के दौर में छोटे-छोटे जाति समूहों के नेता वोटों का सौदा करने लगे और बड़ी पार्टियां उनसे समझौता करके सत्ता में हिस्सा देने लगी हैं। दलितों की स्थिति तो करीब-करीब यथावत रही, लेकिन उसकी अगुआ बसपा पैंतरा बदल कर कभी ब्राrाणों तो कभी मुसलमानों को लुभाने लगी। वह सामाजिक न्याय के मूल उद्देश्य को भूल गई। यही कारण है कि दलितों का इस दल से मोहभंग हो गया और उन्होंने भाजपा को अपना बड़ा शुभचिंतक माना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c6266f277d473a25b5688c5d6112243cb6df2d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61268.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मंडी, हंसराज सैनी। Himachal Pradesh Roads, हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति व केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पर्यटन को नए पंख लगेंगे। ड्रैगन को भी कड़ी चुनौती मिलेगी। चीन व पाकिस्तान सीमा तक सेना की पहुंच आसान होगी। रसद व जवानों को सीमा तक पहुंचाने में रक्षा मंत्रालय को हर साल करोड़ों रुपये खर्च नहीं करने होंगे। अटल टनल रोहतांग के बाद अब मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कीरतपुर से मनाली तक फोरलेन के तहत बन रही 14 यातायात सुरंगें व करीब 100 से अधिक छोटे बड़े पुल यातायात व्यवस्था को और सुगम बनाएंगे। + +मनाली से चंडीगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर कम होने से नौ घंटे का सफर मात्र पांच घंटे में तय होगा। राजमार्ग पर कीरतपुर से मनाली तक दो चरणों में फोरलेन का निर्माण कार्य हो रहा है। प्रथम चरण में कीरतपुर से नागचला तक करीब 84 किलोमीटर फोरलेन बन रहा है। प्रथम चरण में पांच यातायात सुरंग व 22 बड़े पुल बन रहे हैं। इस चरण का काम दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। फोरलेन बनने से लोगों को स्वारघाट की उतराई व चढ़ाई से निजात मिलेगी। स्वारघाट का सफर वाहन चालकों के लिए सबसे चुनौती पूर्ण होता है। + +करीब नौ हजार ट्रक तीन सीमेंट संयंत्रों में तैयार होने वाली सीमेंट की ढुलाई पड़ोसी राज्योंं को करते हैं। ट्रकों की वजह से स्वारघाट की चढ़ाई व उतराई तक वाहन रेंगते नजर आते हैं। लोगों को घंटों जाम का सामना करना पड़ता है। प्रथम चरण में सड़क निर्माण का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कुछ बड़े पुलों व सुरंगों का काम करीब 30 प्रतिशत बाकी है। दूसरे चरण में नागचला से मनाली तक फोरलेन बन रहा है। इस चरण में 11 सुरंगों व 20 से अधिक पुलों का निर्माण कार्य हो रहा है। पंडोह कटोली बाईपास के बीच नौ यातायात सुरंगें व 140 मीटर लंबे पुल बन रहे हैं। सुरंगों व पुलों का करीब 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। जून तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..067794cfb04882be702a7d094caa96dd99bbd0ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61276.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्‍थानीय मुद्दे से दूर रहीं तमाम सरकारें।2002 के बाद झारखंड की सभी सरकारों ने स्‍थानीयता के मुद्दे को छूने से परहेज किया। 2014 में सत्ता संभालने के बाद भाजपा की अगुआई वाली मुख्‍यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ने 2016 में झारखंड अधिवास नीति को फिर से अधिसूचित किया, जिसमें छह तरीकों का उल्लेख किया गया था। जिसमें किसी को झारखंड के अधिवासी के रूप में माना जा सकता है। + +क्या हुआ जब हेमंत सोरेन ने कार्यभार संभाला।दिसंबर 2019 में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा था कि 1932 खतियान को स्‍थानीय नीति का कट-ऑफ वर्ष बनाया जाना चाहिए। इसके बाद स्थानीय नीति तैयार करने के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2434b8e0f6d2238a0bb678ceafca503d01b70a5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फर्रुखाबाद, [अशोक अग्निहोत्री]। होली! सुनते ही चारों ओर रंग और हुड़दंग के साथ मस्ती के ख्याल आने लगते हैं, लेकिन इस गांव की होली पर ऐसा कुछ नहीं होता है। यहां होली के दिन चाहेे बच्चे हों या युवा या फिर बुजुर्ग। रंग और हुड़दंग से दूर रहते हैं। त्योहार के दिन यहां वह खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं, जिनसे सेहत बनती है। शाम को चौपाल लगती हैं, वहां बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया जाता है और प्रधान के साथ गांव के विकास योजनाओं पर चर्चा होती है।   ।यहां बात हो रही है फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद ब्लाक क्षेत्र के गांव गनेशपुर की। इस गांव में करीब 50 वर्ष से परंपरा चली आ रही हैै, जिसमें होली के दिन न तो रंग खेला जाता और न ही कोई शराब पीकर हुड़दंग करता है। होली पर धुरड्डी (पड़वा) को सुबह सात बजे से गांव के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय के परिसर में गांव के युवाओं व बच्चों की ऊंची कूद, लंबी कूद, दौड़, कबड्डी व वालीबाल आदि प्रतियोगिता शुरू हो जाती हैं। गांव के मनोज सिंह, शैलेश सिंह व मदन सिंह टीमें बनाकर खेलकूद कराते हैं। खेलकूद देखने के लिए गांव के बुजुर्ग भी पहुंचते हैं। दोपहर दो बजे के बाद गांव के सभी वर्ग संप्रदाय के युवा, बुजुर्ग और खेलकूद में भाग लेने वाली टीमें गांव के निर्विकार सिंह के चबूतरे पर एकत्र होते हैं। गांव के बुजुर्ग विजेता टीमों को पुरस्कृत करते हैं। इसके बाद प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य आते हैं और बुजुर्गों के साथ गांव के विकास पर चर्चा करते हैं। अधूरे विकास कार्य पूरे करने की रूपरेखा तैयार की जाती है। इसके बाद सभी लोग गांव में गमी वाले घरों में जाते हैं और नए कपड़े पहनकर गमी वाले घरों के लोगों को साथ लेकर होली पर आखत डालने जाते हैं। गांव के हिंदू व मुस्लिम परिवार एक साथ मिलकर होली मनाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1be7a214dc47ae7a4c74ac59f051173f6293cbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केलंग, जागरण संवाद केंद्र। Snow Marathon, शीत मरुस्थल लाहुल-स्पीति जिले में इस साल अच्छा हिमपात हुआ है। ऊंची बर्फीली चोटियां, ग्लेशियर, बर्फीले झरने, आधी जमी चंद्रा नदी और साफ नीला आसमान, कल्पना कीजिये कि इस आश्चर्यजनक स्थान पर दौडऩा कितना रोमांचित करने वाला है। 26 मार्च को देश के पहले स्नो मैराथन के साथ ग्लोबल स्नो और लंबे समय तक चलने वाले स्नो सर्किट के लिए लाहुल-स्पीति पूरी तरह तैयार है। दैनिक जागरण मैराथन में मीडिया प्रायोजक की भूमिका निभा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61279.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbf464e1b1f775204e2d029aeb7a218407c13907 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में बिखरा रंगों का उल्लास रंगभरी एकादशी से शुरू हो जाता है। चारों दिशाएं भोले के रंगों में डूबी नजर आती हैं। गांव गली मोहल्लों से गंगा घाट और महाश्मशान से लेकर बाबा दरबार तक रंगों की आस्था का कोई ओर छोर नजर नहीं आता। शुक्रवार की सुुुबह से रंगों का उल्लास बिखरा तो बाबा की नगरी कुछ इस तरह नजर आई...।काशी में होली : मस्तों की टोलियां सुबह से ही काशी की गलियों और आधुनिक सोसाइटी में धूम मचाती नजर आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..748cbfed0163927923496d7a2b8fd10988615818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गर्मियों में अकेले पानीपत में 30-40 हजार कूलर और दो लाख से अधिक पंखे बिकते हैं। कूलर में कापर के साथ साथ लोहे की चदर लगती है। दोनों में तेजी अधिक आने के कारण कूलर के दाम में 1200 से 1300 रुपये का उछाल आ चुका है। 12-15 प्रतिशत की तेजी पंखों में कापर के दाम बढ़ने के कारण बढ़ चुके हैं। तेजी का असर एसी पर भी पड़ने जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c6b3a6eb394200b603c78d1606d65e90cf51976 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने कहा कि होली खेलते समय यह नहीं पता चलता कि किसने कहां रंग डाल दिया। इससे त्वचा पर गीले व सिंथेटिक रंग व पक्के रंग लग जाएं तो समझो आप को त्वचा रोग इंफेक्शन, एलर्जी व खुश्की जरूर होगी। इतना ही नहीं आजकल हर कोई बालों में हेयर कलर करते है और ऐसे में बालों में होली के अधिक रंग पड़ने से बाल तो खराब होंगे ही, खुश्क भी हो जाएंगें। इसलिए जरूरती है होली खेलने से पहले नारियल तेल व माइस्चराइजर जरूर लगाएं। ।होली के रंगों से आंखों में लालिम व सोजिश आ सकतीः डा.सुखजीवन ककड़।आंख रोग विशेषज्ञ व पूर्व सिविल सर्जन डा.सुखजीवन ककड़ ने कहा कि होली के रंग आंखों में पड़ने से कोरनिया डिसीज होने का खतरा रहता है आंखो में सूख व गीला रंग पड़ने से आंखों में लालिमा रहती है और सोजिश आ जाती है। यदि आंखों में सूख रंग पड़ जाएं तो तुरंत आंखों में पानी के छींटे मारो। इतना ही होली खेलने के दौरान आंखों को बचाने के लिए गोगल्स का उपयोग करें। जरूरत पड़ने पर आंख रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। ।होली खेलने के बाद कैसे त्वचा को सुरक्षित बनाएंः डा.वीनू खन्ना।आयु्र्वेदिक स्वास्थ्य सेंटर जगराओं की प्रमुख डा. वीनू खन्ना ने कहा कि होली खेलने के बाद हरेक व्यक्ति जल्दी से सूखे, गीले व सिंथेटिक रंगों को उतारने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि कुछ रंग तो जल्दी निकल जाते है लेकिन उसका बालाें व त्वचा पर असर छोड़ देता है। ऐसे में जरूरत है होली खेलने के बाद घर बनाए लेप लगा त्वचा को कोमल व सुंदर बनां। ये अपनाएं तरीके।घर पर तैयार लेप करेगा त्वचा की रक्षा ।घर पर ही बनाएं प्राकृतिक रंग।होली के पर्व में पलाश के फूल से बने रंगों से होली खेलने का विधान पुराना है। इस प्राकृतिक रंग के लगाने से किसी प्रकार के स्किन खराब नहीं होती है। पलाश के कुछ फूल कुष्ठ आदि अनेक स्किन रोगों को ठीक करने व मूत्र विकारों में अत्यंत लाभकारी है तथा चंदन, हल्दी से बने लेपों को माथे एवं चेहरे में लगाने की पुरानी परंपरा है। जेा मस्तक को ठंडा रखने व चेहरे में निखार लाने में फायदेमंद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..290d00946e02620d9fae0b817fb1a4f654f72bf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61288.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमीरपुर, [कमलेश गुप्ता। Holi 2022 होली का त्योहार विविध रंगों का उत्सव है। इसके एक अनूठे रंग के बारे में आपको बताते हैं। जिले के सुमेरपुर विकासखंड के कुंडौरा गांव में एक दिन पुरुष जबकि दूसरे दिन महिलाएं होली खेलती हैं। भाईदूज के दिन जब महिलाएं त्योहार मनाती हैं तो इस दिन सभी पुरुष गांव के बाहर चले जाते हैं। इस परंपरा के पीछे मान्यता बताई जाती है कि मंदिर में एक व्यक्ति की हत्या के बाद डरे-सहमे लोगों ने होली मनाना छोड़ दिया। तब सिर्फ महिलाओं ने ही पहल की और इसीलिए महिलाएं अलग होली मनाती हैं। ।गांव निवासी उमादेवी बताती हैं कि होलिकादहन के बाद पुरुष परेवा के दिन होली खेलते हैं। उस दिन महिलाएं घर पर ही रहती हैं। इसके बाद अगले दिन भाईदूज के दिन महिलाएं होली खेलती हैं। एक-दूसरे को गुलाल व रंग लगाकर उल्लास में झूमती हैं। सभी महिलाएं रामजानकी मंदिर में पूजा-पाठ करती हैं और भगवान को गुलाल का तिलक लगाकर होली गीत मठवी भीतर हो रही फाग, वृक्ष तरे धरे मुकुट, खेलें होरी, कै मन उड़त गुलाल, बृज तरे नौ मन केसर, प्रहलाद को लागी हरि रटन गाती हैं। इनके साथ दरियापुर की महिलाएं भी शामिल होती हैं। सभी महिलाएं होली मिलन के लिए गांव भर में जाती हैं। महिलाएं होली गीत गाकर नाचते-झूमते एक-दूसरे से मिलती हैं। ।ये है परंपरा : कुंडौरा गांव के लोग बताते हैं कि यहां करीब 90 वर्ष पहले एक दबंग और आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति मेंबर सिंह था। होली के दिन गांव के राम-जानकी मंदिर में फाग गाई जा रही थी। उसी समय मेंबर ने दुश्मनी के चलते मंदिर में ही रजपाल नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। डरे ग्रामीणों ने होली खेलना छोड़ दिया था। अनहोनी की आशंका से लोग होली पर घरों में ही कैद रहते थे। महिलाओं ने सबको समझाया कि जो बीत गया, सो बीत गया, अब हमें होली मनानी चाहिए लेकिन गांव के पुरुष इसके लिए तैयार नहीं हुए। तब महिलाओं ने निर्भीकता से होली खेली थी। ।कोई पुरुष दिखता तो होती लाठी से पिटाई : गांव के लालता प्रसाद बताते हैं कि महिलाएं पुरुषों की कायरता से नाराज थीं, इसलिए कोई पुरुष होली खेलते मिला तो उसकी लाठी से पिटाई की, आज भी यह परंपरा कायम है। ।एक वजह यह भी : गांव क उर्मिला कहती हैं कि परेवा के दिन पुरुष होली खेलते हैं और रंग खेलने के बाद यमुना स्नान करने चले जाते थे। ऐसे में घर सूना नहीं छोड़ सकते हैं। इसीलिए बुजुर्ग महिलाओं ने ये परंपरा शुरू की होगी। ।महिलाओं को भी खुशी मनाने का हक : गांव के मातादीन कहते हैं कि महिलाओं को भी स्वतंत्र होकर खुशी मनाने का हक। ऐसी परंपरा कहीं और देखने को नहीं मिलेगी। महिलाएं होली खेलती हैं तो पुरुष गांव से बाहर खेतों में चले जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd44599623418e54e41594bac32571c5c6dd1fc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61289.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐतिहासिक रूप से होली के उद्गम स्थल माने वाले बुंदेलखंड की धरा पर होली जलने के साथ पहले दिन धूल-कीचड़ और भाईदूज से रंगों की बौछार होती है। बांदा के जखनी निवासी बुजुर्ग उमाकांत पांडेय के मुताबिक, बुंदेलखंड के झांसी जिले में एरच धाम को होली का उद्गम स्थल माना जाता है। पुराणों में जिक्र मिलता है कि एरच (पूर्व में हिरण्य कश्यप की राजधानी एरिकेच्छ) में ही होलिका ने भक्त प्रहलाद को गोद में बैठाकर जलाने की कोशिश की थी। इसके सरकारी गजेटियर में भी प्रमाण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..604fceda029b39b48a4d48bbd52aa05c585a5547 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6129.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर्स के लिए आजकर पैपराजी नई मुसीबत बनकर आए हैं। कुछा ऐसा ही हुए एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर के साथ जिन्हें हाल ही में एक रेस्टोरेंट के बाहर स्पॉट किया गया, इसका वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर आया यूजर्स श्रद्धा के उपर बुरी तरह से भड़क गए। इसकी वजह थी एक बुजुर्ग शख्स, जिसके प्रति श्रद्धा का रवैया लोगों को पसंद नहीं आया और वो कमेंट कर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। + +वीडियो देख भड़के लोग।इस वीडियो को देखने के बाद कई लोगों ने श्रद्धा कपूर के रिएक्शन पर गुस्सा जाहिर किया है। लोगों का कहना है कि एक्ट्रेस ने मदद मांग रहे बूढ़े शख्स को देखा तक नहीं। लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि एक्ट्रेस को ऐसा करते हुए शर्म आनी चाहिए थी। एक यूजर ने लिखा कि ये लोग करोड़ों कमाते हैं पर किसी जरूरतमंद की मदद नहीं कर सकते है। एक कमेंट ये भी था कि ये सिर्फ कैमरे के सामने दान करते हैं। + +कुछ दिनों पहले की थी ये पोस्ट ।कुछ दिनों पहले ही श्रद्धा कपूर ने अपने पापा शक्ति कपूर के साथ एक प्यारी सी थ्रोबैक सेल्फी पोस्ट की। साथ में, एक प्यारा सा नोट भी लिखा। इस तस्वीर में आप बाप-बेटी की जोड़ी को लिफ्ट में सेल्फी के लिए पोज देते हुए देखा गया।एक्ट्रेस ने फोटो के कैप्शन में लिखा, ‘हैप्पी बर्थडे मेरे प्यारे बापू।’।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4dc91f7becd260bf68ad19a7ca32fea686ed4971 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुलायम आवास पर पहुंचे, शिवपाल पहले से इटावा में ।अपने गांव सैफई की होली में हिस्सा लेने के लिए सपा संस्थापक मुलायम ङ्क्षसह यादव गुरुवार दोपहर सैफई हवाई पट्टी पर उतरकर इटावा स्थित आवास चले गए। मुलायम के इटावा पहुंचने के बाद वहां पर बड़ी संख्या में समर्थक उनके आवास के बाहर जमा हो गए। सैफई हवाई पट्टी पर भी बड़ी संख्या में लोग मुलायम ङ्क्षसह को देखने के लिए पहुंच गए थे। वहां पर भी उन्होंने लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव तीन दिन से इटावा में ही हैं। ।पुरानी तर्ज पर ही तैयारियां।सपा संस्थापक मुलायम सिंह के कई साथी इस दुनिया में नहीं रहे हैं मगर, इसके बाद भी होली की रंगत को कायम रखने के लिए अखिलेश यादव ने निर्देश दिए थे। इसके पालन में पुरानी तर्ज पर ही तैयारियां की गई हैं। यहां पर फूलों की होली के अलावा फाग गायन की तैयारियां हो चुकी हैं। सैफई गांव की प्रसिद्ध होली मुलायम के आवास पर करीब चार दशक से होती आ रही है। इस बार अखिलेश यादव के निर्देशन पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम हो रहा है। आवास पर जगह कम होने के कारण अव्यवस्थाएं फैल जाती थी। अबकी बार महोत्सव पंडाल में फूलों की होली खेली जाएगी। यहां बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता होली मनाने प्रदेश भर से आएंगे। मुलायम सिंह यादव इस बार की होली में पूरे कुनबा के साथ मंच पर नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0aabdd5ecac8c2f1b092fcbd391eceb4a6af7961 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61291.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौलाना मजदुल कुद्दूस खुबैब रूमी, शहर मुफ्ती।इबादत में समय गुजारे, गुनाहों से तौबा और इस्तगफार करिए, नफिल नमाज पढ़ें, अल्लाह और रसूल का जिक्र करे, दरूद शरीफ का विर्द करते रहे। तहज्जुद का एहतमाम जरूरी है। मस्जिद या घर में रह कर इबादत में वक्त गुजारे। 15वींं शाबान को रोजा रखना चाहिए। मोहम्मद साहब शाबान के महीने में कसरत से रोजा रखते थे। कब्रिस्तानों में पुरखों की मगफिरत के लिए फातिहा पढ़ना चाहिए। ।मौलाना रियासत हुसैन, पेश इमाम नामनेर मस्जिद।रोजे का समय (शनिवार)।सहरी------5 बजे।इफ्तार----6.30 बजे।मौलाना अब्दुल वाहिद ने बताया कि शाबान के महीने में रोजा रखना चाहिए। शबेबरात के अगले दिन यानी 15वीं शाबान शनिवार को को रोजा जरूर रखें। अल्लाह के सबसे नजदीक रोजा है। इस महीने के बाद रमजान का आगाज हो जाता है। इसलिए शाबान के रोजे से रमजान के रोजे में आसानी रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e3ea30317de2cf9d580245c036085505cbbbe58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61293.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. सुशील कुमार सिंह। Kashmiri Pandits Genocide किसी दौर विशेष को दस्तावेज के रूप में की गई पेशगी ही इतिहास है। इसी दस्तावेज के माध्यम से घटनाओं को समझना सहज रहा है। ऐसी ही एक ऐतिहासिक घटना 1990 के दौर में कश्मीर से हिंदुओं के पलायन की है, जो इन दिनों एक फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से फिर फलक पर आ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcd8b1c1eb0701d676729111d29d54a52f7f233f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धरहरा गांव में होलिका दहन कर राख से खेलते हैं होली ।होलिका के जलने व हिरणकश्यप के वध के बाद होली की शुरुआत होने की मान्‍यता है। तब से पूर्णिया के धरहरा गांव के लोग होलिका दहन कर राख से होली खेलते हैं। ।उत्‍तर प्रदेश के हरदोई में भी होलिका दहन की मान्‍यता ।उत्तर प्रदेश में जिला हरदोई (Hardoi) से भी हिरण्‍यकश्‍यप का नाता माना जाता है। कहते हैं कि हरदोई हिरण्यकश्‍यप की नगरी थी, जहां वह खुद को भगवान से बड़ा बताने लगा था। इस कारण उसे हरि-द्रोही (भगवान का शत्रु) की संज्ञा दी गई थी। इसीलिए हिरण्यकश्‍यप की राजधानी का नाम हरि द्रोही पड़ा, जो कालक्रम में हरदोई हो गया। मान्यता है कि हरदोई में भक्‍त प्रह्लाद को गोद में लेकर हिरण्यकश्‍यप की बहन होलिका अग्नि कुंड में बैठी थी। नहीं जलने के वरदान के बावजूद होलिका तो भस्म हो गई, जबकि प्रह्लाद बच गया। उसी घटना के बाद लोगों ने खुश होकर पहली होली मनाई थी। कहते हैं कि हरदोई में वह कुंड आज भी मौजूद है, जहां होलिका जली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61296.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61296.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..874c11c77e831aef04e9e0a1a8b218edc6151952 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61296.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शुरू किए गए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम पर संसद की स्थायी समिति ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कहा कि वायु प्रदूषण की यह समस्या जिस तरह से तेजी से विकराल रूप ले रही है उसके मुकाबले मुहिम की गति काफी धीमी है। समिति ने इसके साथ ही वायु प्रदूषण पर निगरानी रखने सहित वायु गुणवत्ता में होने वाले बदलावों को आंकने की पूरी व्यवस्था को भी और पारदर्शी बनाने का सुझाव दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..956a83adcbf5f055aa8e845ffb500e35cd21403e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +होलिका दहन पर ध्यान रखें ये बातें :-।1-मंत्र जाप करते हुए हाेलिका की 11 परिक्रमा जरूरी : भद्रा समाप्ति के बाद ही होलिका दहन होता है। धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र बताते हैं कि होलिका पूजन के स्थान पर धूप, दीप और गोबर का लेप करके चौक बनाना चाहिए। मंत्रोच्चारण के बीच होलिका दहन कर उसमें गेहूं की बाली और गन्ना लेकर ओम होलिकाय नम: का जाप करते हुए 11 परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से हर तरह की परेशानियां, रोग और दोष दूर होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61301.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61301.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea282f32752fc472577de66383ab532bb3d04320 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61301.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज यानी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल आदि ले जाना न भूलें। नंबर पोर्ट कराने के लिए आइडेंटिटी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की जरूरत होगी। यूपीसी कोड जेनरेट करना होगा। आफलाइन स्टोर पर जाने के बाद वहां पर वैकल्पिक मोबाइल नंबर, एड्रेस प्रूफ, यूपीसी कोड और साथ ही ओटीपी मांगा जाएगा। एक बार जब दस्तावेजी औपचारिकताओं को पूरा कर लेते हैं, तो प्रारंभिक रिचार्ज योजना के लिए भुगतान करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61303.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51bb95845aa07561fb27bf34b0516fc2fa994f23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61303.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हुड्डा 2005 से ही यह कहते रहे हैं कि आजाद से उनकी दोस्ती युवक कांग्रेस के जमाने से है। वे आजाद और उनकी बात को पीछे नहीं कर सकते। यही कारण रहा कि हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र के भविष्य की अनदेखी करते हुए अपनी दोस्ती के आगे कांग्रेस संगठन को दरकिनार कर दिया। इसके पीछे यह कारण भी माना जा रहा है कि हुड्डा प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष पद पर कब्जा करना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c097dbc31932b9c99187435d01f8f652e1ec12a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61307.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर भगवंत मान आम आदमी पार्टी के लिए जो एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं, उस पर इस राज्य के साथ-साथ देश की भी निगाह रहेगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनना इसलिए एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है, क्योंकि कांग्रेस, भाजपा और वाम दलों के बाद वह चौथा ऐसा दल है, जो एक के बाद दूसरे राज्य की सत्ता में पहुंचा है। उसकी इस सफलता ने उन तमाम क्षेत्रीय दलों के सामने एक चुनौती पेश कर दी है, जो एक लंबे अर्से से राष्ट्रीय राजनीति पर असर डालने की कोशिश कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6131.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6131.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02d8c9eb53cec82a21e9ee38f91b4009ae1374e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6131.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अनुराग कश्यप बॉलीवुड के उन कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने अभिनय से लेकर निर्देशन, निर्माता और पटकथा लेखक के तौर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। अगर वह नहीं होते तो शायद बॉलीवुड को सत्या, गैंग्स ऑफ वासेपुर, ब्लैक फ्राइडे, उड़ता पंजाब और देव डी जैसी शानदार फिल्में न मिलत पातीं। अनुराग कश्यप का जन्म 10 सितंबर 1974 को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। देहरादून के ग्रीन स्कूल और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में अनुराग की पढ़ाई हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d2975a77d01af23ae04c84f8b00022fd2a70771 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एंटी बायोटिक और धातु प्रतिरोधी बैक्टीरिया के कारण बढ़ती जलजनित बीमारियों की समस्याओं के समाधान के लिए आइआइटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से डा.अर्चना रायचूर और डा. नीरज सिन्हा ने अपशिष्ट जल उपचार में अनुप्रयोगों वाले एक नोवेल नैनो-अधिशोषक का आविष्कार किया। आइआइटी में विकसित नैनो-अधिशोषक में अद्वितीय भौतिक-रासायनिक गुण हैं जो पानी से एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया (एआरबी) को निष्क्रिय और अलग कर सकते हैं। इन नैनो-अधिशोषक में निकट भविष्य में मेंब्रेन फिल्टर के एक घटक के रूप में उपयोग किए जाने की क्षमता है। जैव-उपचार पर क्लीनिकल मूल्यांकन और अनुप्रयोग के लिए परीक्षण किया गया है जो व्यवसायीकरण के लिए तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61315.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff57b8a65bd80116712abee7fee108f5c699c605 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61315.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धर्मशाला, नवनीत शर्मा। Swarn Aayog, पल भर में भीड़-भड़क्के से सहम और थम जाता है शिमला शहर। सड़कों की हद को देवदार और खाइयां स्मरण करवाती हैं कि इससे आगे मत आना। बुधवार को सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर आए कार्यकर्ताओं और पुलिस में हुई झड़प में दोनों ओर के लोग घायल हुए। शहर थमा नहीं, रुक ही गया। परीक्षा देने वाले नन्हे फूल परेशान हुए। मांग यह है कि जिस सामान्य वर्ग आयोग की घोषणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में की गई थी, उसे कानूनी रूप देकर सवर्ण आयोग का नाम दिया जाए। इसके साथ ही एक पद छोड़ कर सभी पद राजनीति से दूर रखे जाएं और आयोग में नियुक्ति केवल सवर्ण समाज से ही की जाए। इन मांगों को लेकर 16 मार्च को शिमला में चक्काजाम करने की घोषणा की गई थी। एएसपी सुशील ठाकुर समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। तोडफ़ोड़ में सरकारी और निजी संपत्ति की हानि हुई है। दोपहर तक एक घोषणा आ गई कि एक राजनीतिक दल बनाया जाएगा, जिसका नाम देवभूमि से जुड़ा होगा। + +कुछ भ्रम शब्दों को लेकर भी है। शब्दों पर यह दायित्व होता है कि वे योजक बनें यानी सबको जोड़ें। अंग्रेजी की जनरल केटेगरी को सामान्य वर्ग या सवर्ण कहना उचित अनुवाद प्रतीत नहीं होता। क्या कोई सामान्य वर्ग के विलोम के रूप में असामान्य वर्ग पर सहमत हो सकता है। मान लेते हैं कि आज तक इस वर्ग ने ऐसा कोई आंदोलन नहीं किया था और अब चेतना आई है। विचारणीय यह है कि स्वयं पर उथला गर्व करने और अपनी प्रतिष्ठा के लिए आयोग का नाम सामान्य वर्ग आयोग से सवर्ण करना, पद आदि  का प्रबंधन करना एक बात है किंतु समाज को जोडऩा दूसरी बात। जिस श्रेणी के हितों की पैरवी का दावा किया जा रहा है, उसकी सुपरिभाषित और स्पष्ट मांगों में आयोग का गठन ही यदि सब कुछ है तो यह इस श्रेणी के साथ भी न्याय नहीं है। आयोग का काम, दायरा और अधिकार क्या होंगे, क्या वह प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए थी। आज तक विभिन्न जातियों, समुदायों और वर्गों के लिए इतने सरकारी बोर्ड और आयोग बने हैं। क्या इनके माध्यम से किसी का कल्याण, उत्थान या हित संवर्धन हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61316.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d6b202cf27973acd52a5c8c15981592f051fd6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61316.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण संवाददाता, वाराणसी : रंग पर्व होली दरवाजे पर आ खड़ा हुआ है। गुरुवार की रात होलिका दहन किया जाएगा और शुक्रवार की सुबह पूरी काशी रंग-गुलाल से सराबोर नजर आएगी। धर्म शास्त्र अनुसार होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा की रात किया जाता है। पूर्णिमा 17 मार्च को दोपहर 1.03 बजे लग रही है जो 18 मार्च को दोपहर 12.52 बजे तक है। ऐसे में 17 मार्च को भद्रा समाप्ति के बाद रात 12.57 बजे के बाद होलिका दहन किया जाएगा। + +हालांकि धर्म शास्त्र अनुसार होलिका दहन के बाद सूर्योदय काल व्यापिनी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में रंगोत्सव मनाया जाना चाहिए। इस बार प्रतिपदा 18 मार्च को दोपहर 12.53 बजे लग रही है जो 19 मार्च को दोपहर तक है। काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग में पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा उदया तिथि में 19 मार्च को ही मिल रही है लेकिन काशी में चौदह योगिनी परिक्रमा यात्रा के मान के तहत 18 मार्च को ही होली मनाई जाएगी। + +लौ से शुभ-अशुभ का आकलन ।काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार होलिका दहन की लौ यदि पूरब दिशा की ओर उठती है तो इससे आने वाले समय में धर्म, अध्यात्म, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में उन्नति के अवसर बढ़ते हैं। पश्चिम में लौ उठे तो पशुधन को लाभ होता है। लौ यदि उत्तर का रुख करे तो देश व समाज में सुख-शांति बनी रहती है। यदि दक्षिण दिशा में होली की लौ हो तो अशांति और क्लेश बढ़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d993684ef72daaafc179c3578f52487cba6c9521 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61317.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। डाक विभाग के डाकिए अब घर-घर जाकर च‍िट्ठी ही नहीं बांटेंगे बल्कि छोटे बच्चों का आधार कार्ड भी बनाएंगे। उन्हें पांच साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आधार कार्ड बनाने के लिए बच्चों के अभिभावकों इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। डाक विभाग ने इस योजना को बाल नामांकन सेवा योजना नाम दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c534e1758efd0c3d2829ffd6ace27ed4e8d8348 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज।इस पार्टी के इतने प्रतिशत विधायकों पर केस।पार्टी :       2022                      2017।आप :        57                          25 ।शिअद :     67                          67 ।भाजपा :     50                          00।कांग्रेस :      17                         11।आय : आप के 63 विधायक करोड़पति, मोहाली के कुलवंत सिंह सबसे अमीर।पांच सबसे अमीर विधायक।मोहाली : आप : कुलवंत सिंह : 238 करोड़।कपूरथला : कांग्रेस : राणा गुरजीत सिंह : 125 करोड़।सुनाम : आप : अमन अरोड़ा : 95 करोड़।सुल्तानपुर लोधी : आजाद : राणा इंदरप्रताप : 69 करोड़।कपूरथला : कांग्रेस : सुखपाल खैहरा : 50 करोड़।आप के पांच विधायक ऐसे जिनकी संपत्ति सबसे कम।फाजिल्का : नरेंद्र सिंह सवना : 18 हजार।संगरूर : नरिंदर कौर भराज : 24 हजार।भदौड़ : लाभ सिंह उगोके : 3.65 लाख।भोआ : लाल चंद : 6.19 लाख।निहाल सिंह वाला : मनजीत बिलासपुर : 6.57 लाख।सबसे यंग विधानसभा।इस बार विधानसभा में पहुंचे आधे से ज्यादा विधायकों की उम्र 50 साल से कम है। महज दो विधायक ही ऐसे हैं जिनकी आयु 70 साल से अधिक है। 24 विधायकों की उम्र 40 साल से कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c63ded745a6a2eaa6ea8ff68928b28c7166a9d86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61320.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गडकरी ने पायलट प्रोजेक्ट को दिखाई हरी झंडी।ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईधन बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इसे रिन्यूएबल एनर्जी की मदद से आसानी से बनाया जा सकता है और इसके लिए देश में बायोमास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। रिन्यूएबल एनर्जी से बनने वाला ग्रीन हाइड्रोजन पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और आने वाले समय में इसमें देश की एनजी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। उनके अनुसार बैटरी को चार्ज करने में लगने वाला अधिक समय और बैटरी के वजन और आकार की वजह से ट्रक और बस जैसी बड़ी गाड़ियों में इसका इस्तेमाल मुश्किल होता है, जबकि इनमें हाइड्रोजन का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। + +ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत को एक डालर तक लाने का प्रयास: पुरी।पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत को एक डालर तक लाने का प्रयास कर रही है। हालांकि यह बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद ही संभव हो सकेगा। देश में ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे पहले सभी रिफाइनरी को ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल सुनिश्चित करने को कहा गया है। अभी रिफाइनरी में ग्रे हाइड्रोजन का इस्तेमाल हो रहा है। गडकरी ने कहा कि एक डालर के स्तर पर हाइड्रोजन की कीमत आने से देश में सस्ती एनर्जी उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d939cfa59bd55dc52c3d439beac0f0a3164cef72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेलेंस्‍की ने अमेरिका से लगाई मदद की गुहार ।यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बुधवार को अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका से तत्काल मदद करने की गुहार लगाई है। उन्होंने पर्ल हार्बर और 26/11 हमलों की याद दिलाते हुए अमेरिकी सांसदों से यूक्रेन के लिए कुछ और अधिक करने की मांग की। कैपिटल कांप्लेक्स (संसद परिसर) में लाइवस्ट्रीम संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका को रूसी सांसदों को प्रतिबंधित करना चाहिए और आयात को रोकना चाहिए। उन्होंने सांसदों से भरे सभागार में अपने देश को युद्ध में हुई तबाही का एक भावनात्मक वीडियो भी दिखाया।उन्होंने कहा कि हमें अभी आपकी जरूरत है। रूसियों पर तेज आर्थिक प्रहार का आग्रह करते हुए, उन्होंने कहा शांति, कमाई से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह समझा जाता है जेलेंस्की के संबोधन के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन कोई महत्वपूर्ण घोषणा कर सकते हैं। वे यूक्रेन को 800 मिलियन डालर (60.9 अरब रुपये) की मदद की घोषणा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16b1b39403e3dfd52e4b3bb0da6197c8eeccb07e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61322.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +झड़प के बाद पहली भारत यात्रा।अगर वांग आते हैं तो जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद उनकी पहली भारत यात्रा होगी। दैनिक जागरण ने विदेश मंत्रालय के साथ ही चीनी दूतावास से आधिकारिक प्रतिक्रिया लेनी चाही तो दोनों पक्षों की तरफ से कहा गया है कि उचित समय पर इसकी घोषणा की जाएगी। + +नेपाल भी जाएंगे वांग यी।यात्रा की तिथि को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि यह वांग की नेपाल यात्रा के दौरान हो सकती है। चीनी विदेश मंत्री 26 मार्च को दो दिन की यात्रा पर काठमांडू पहुंच रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि नेपाल के बाद वह भारत आएं। इस साल की शुरुआत में वो मालदीव और श्रीलंका की यात्रा पर गए थे। इस बार उनके नेपाल के साथ ही बांग्लादेश, पाकिस्तान व भूटान जाने की भी संभावना है। + +अब तक पांच बार भारत आ चुके हैं वांग यी।बता दें कि वांग यी बतौर विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर पांच बार भारत की यात्रा पर आ चुके हैं। संभवत: वो सबसे ज्यादा बार भारत के दौरे पर आने वाले चीनी विदेश मंत्री हैं। अंतिम बार वे दिसंबर 2019 में आए थे। तब वांग यी और भारत के एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता हुई थी। इस व्यवस्था के तहत बातचीत वर्ष 2003 से ही हो रही है और अभी तक 22 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन इससे सीमा विवाद को सुलझाने में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..421f89ee27e4103f67ec5a76234fba2137836d87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजीपुर, नुमान बाबर खान। राग-रंग का पर्व होली गिले-शिकवे भुलाकर गले लगाने का संदेश देता है। यह पर्व पुराने समय से गंगा-जमुनी तहजीब को मजबूती देता रहा है। हिंदुओं के साथ मुस्लिम भी जोर-शोर से होली मनाते थे। इतिहासकारों के अनुसार मुगल शासकों के दौर में होली को ईद-ए-गुलाबी कहा जाता था। तब महलों में फूलों से रंग बनाते और पिचकारियों में गुलाब जल, केवड़े का इत्र डाला जाता था। बेगमें-नवाब और प्रजा साथ मिलकर होली खेलते थे। मुगल राजाओं के हर दौर में होली का जिक्र मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19f9f277b88c3ffdf0b7ab9688aea3c40a6de002 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुनीता नारायण। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी ने करीब चार दशक पहले 1980 के दशक के मध्य में सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से भारत के हरित आवरण (ग्रीन कवर) पर एक रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट में 1972-75 और 1980-82 के बीच वन आवरण (फॉरेस्ट कवर) का तुलनात्मक अध्ययन किया गया था और इसमें पाया गया था कि इस सात वर्षीय अवधि में भारत हर साल 13 लाख हेक्टेयर का वन क्षेत्र खो रहा है। यह अनुमान वन विभाग के वार्षिक अनुमान से अधिक था और इसने देश को चौंकाया भी। इसमें पहली बार आकाश से घटते वन आवरण की स्थिति की तस्वीर पेश की गई। इसने वन संरक्षण की कार्रवाई को बल दिया और वनीकरण की महती भूमिका पर रोशनी डाली। जल्द ही देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) को कहा गया कि वह हर दो साल में भारत की हरित संपदा का मूल्यांकन प्रस्तुत करे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52d2020db1a0d1b5c5c07dd8b49f5fbf8006ec36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61329.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इटावा, जागरण संवाददाता। इस बार सैफई में फूलों की होली का स्थान बदल दिया गया है। मुलायम के गांव सैफई की होली इस बार रणवीर सिंह स्मृति महोत्सव पंडाल में बड़े भव्य तरीके से मनाई जाएगी। इसकी तैयारियां तेजी के साथ चल रही हैं और काफी अर्से के बाद यहां पर पूरा कुनबा एक साथ नजर आयेगा। बताते चलें सैफई गांव की प्रसिद्ध होली नेताजी मुलायम सिंह यादव के आवास पर पिछले लंबे समय से चली आ रही है। बेशक चुनाव नतीजे सपा के पक्ष में नहीं रहे उसके बावजूद भी होली के त्यौहार पर कार्यकर्ताओं को कोई कमी महसूस नही कराने दी जाएगी। हर वर्ष की भांति इस बार भी नेताजी मुलायम सिंह यादव की आवास की होली अबकी बार रणबीर सिंह स्मृति महोत्सव पंडाल में खेली जाएगी। + +व्यवस्थापक विजय शाक्य एवं पूर्व प्रधान संतोष शाक्य का कहना था सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन पर अबकी बार बड़े स्तर पर होली का कार्यक्रम संपन्न होगा। आवास पर जगह कम होने के कारण  एंव अव्यवस्थाएं फैल जाती थी। प्रदेशभर से बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे भीड़ अधिक होने के कारण मुलाकात भी नहीं हो पाती थी। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए अबकी बार महोत्सव पंडाल में फूलों की होली खेली जाएगी। यहां बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता होली मनाने प्रदेश भर से यहां पर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89041338f97b033f69783001a03cf48f3c1b3785 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61330.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण संवाददाता, बरनाला। Bhagwant Mann Oath Ceremony: प्रसिद्ध कामेडियन से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले भगवंत मान 16 नंबर को लक्की मानते हैं। यदि उनके कामेडियन करियर की बात करें तो उसकी शुरुआत भी उन्होंने 16 मई 1992 को अपनी पहली फिल्म रिलीज की थी। अपनी दूसरी कामेडी फिल्म 'कुल्फी गर्मा-गर्म' भी 16 दिसंबर 1992 को रिलीज की थी। जिसने भगवंत सिंह मान को एक प्रसिद्ध कामेडियन बना दिया था। अपने सियासी सफर के दौरान भगवंत मान पहली बार सांसद भी 16 मई 2014 में चुने गए थे। + +कामेडी व फिल्मी सफर से बुलंदियों तक पहुंचे मान।इसके साथ ही अब भगवंत मान ने पंजाब के 26वें मुख्यमंत्री के तौर पर 16वीं विधानसभा में शपथ भी 16 मार्च को ही ली है। सभी को उम्मीद है कि जिस तरह भगवंत मान ने अपने कामेडियन व फिल्मी सफर को बुलंदियों तक पहुंचा लोगों का मनोरंजन किया। उसी तरह अब राजनीति के शिखर पर पहुंच पंजाब का सीएम बनने के बाद लोगों की दुख तकलीफें दूर कर लोगों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आएंगे। शपथ समाराेह के लिए संगरूर और बरनाला जिलाें से हजाराें की तादाद में कार्यकर्त्ता और लाेग पहुंचे थे। + +यह भी पढ़ें-कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का किया समर्थन, बाेले-पंजाब में आतंकवाद के काले दाैर पर बनाई जाए फिल्म।आप ने 92 सीटाें पर की थी जीत दर्ज।पंजाब विधानसभा 2022 के चुनावाें में आम आदमी पार्टी ने रिकार्ड 92 सीटाें पर जीत दर्ज की थी। संगरूर जिले के हल्का धूरी से भगवंत मान ने 50 हजार से ज्यादा वाेटाें से जीत दर्ज की थी। भगवंत मान के सीएम बनने के बाद अब 17 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान सभी विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद 19 मार्च को कैबिनेट मंत्रियों को राजभवन में बनाए गए गुरु नानक आडिटोरियम में शपथ दिलाई जाएगी। इस संबंधी राजभवन को मौखिक तौर पर सूचित कर दिया गया है। हालांकि इसका समय अभी तय नहीं हुआ है। गुरु नानक आडिटोरियम में होने वाला यह पहला समारोह है, जिसका हाल ही में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उद्घाटन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dbc3c31cd3febd1f4d89ab7db9cdb9d0d6b846f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61331.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भगवंत मान का जन्म संगरूर के गांव सतौज में हुआ था। उन्हें पिता स्व. महिंदर सिंह विज्ञान के अध्यापक थे, जबकि माता हरपाल कौर गृहणी हैं। भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को हुआ। उनकी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल में ही हुई। ।भगवंत मान ने आठवीं की पढ़ाई सरकारी स्कूल तोलावाल से की, जबकि नौंवी व दसवीं की पढ़ाई चीमां से की। ग्रेजुएशन उन्होंने शहीद ऊधम सिंह सुनाम से प्राप्त की। यहीं से भगवंत मान की रुचि हास्य-व्यंग्य में पैदा हुई। अपने चुटकुलों से वह लोगों को हंसाने लगे। दो बार उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी में गोल्ड पदक भी हासिल हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72251bc0f4c742b60ffc107019d0ee1eafc319af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61333.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। अभी विधानसभा चुनाव जीता ही है कि भाजपाई रणनीतिकारों के दिमागी घोड़े अगला विजय रथ खींचने के लिए तैयार हो गए। गृहमंत्री अमित शाह को उत्तर प्रदेश का पर्यवेक्षक बनाए जाने के पीछे उद्देश्य ही यह है कि वह योगी आदित्यनाथ के नए मंत्रिमंडल का गठन कराते हुए ऐसी बिसात बिछाएं, जिस पर भाजपा मजबूती से शह-मात का खेल खेल सके। प्रदेश की राजनीति को करीब से देखते हुए पर्याप्त समय गुजार चुके अमित शाह ताजा चुनाव परिणामों से और भी अच्छे से कच्ची-पक्की जमीन का आकलन कर चुके होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbfab619c6a1e503c67068f0e2ae0abab5f1ac92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61338.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने सभी आठ सीटों पर जीत हासिल की है। इस प्रकार सभी मंत्रियों ने अपनी सीटों पर दोबारा विजय श्री हासिल कर अपनी मंत्री पद की दावेदारी पेश की है। वहीं शहर दक्षिणी सीट से मंत्री नीलकंठ की मामूली अंतरों से जीत और सपा की व्‍यापक बढ़त और कैंट से रिकार्ड मतों से सौरभ श्रीवास्‍तव की लगातार दूसरी जीत को देखते हुए शीर्ष नेतृत्‍व की ओर से नए सिरे से पदों और दायित्‍वों में बंटवारे को लेकर मंथन होने की उम्‍मीद भी पार्टी स्‍तर पर चर्चा के केंद्र में है। ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा की प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य बुधवार को नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहां शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक में योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नाम भी तय किए जाने प्रस्तावित हैं। होली के बाद संभवत: 19 मार्च को विधायक दल की बैठक होनी है और 21 मार्च को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह प्रस्तावित है। ।एक ओर यूपी में कई प्रशासनिक अधिकारियों की भी जीत को लेकर चर्चा रही है। ऐसे में उनको भी जहां पदों की जिम्‍मेदारी की सुगबुगाहट है तो वहीं पूर्वांचल से किसी एक को डिप्‍टी सीएम जैसा पद भी दिए जाने की उम्‍मीदें भी पार्टी स्‍तर पर चर्चा में बनी हुई हैं। माना जा रहा है कि सरकार गठन के बाद प्रदेश में नए सिरे से मंत्री पदों को तय किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्वांचल में मंत्रियों की संख्‍या भी आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से बेहतर हो सकती है। जबकि पूर्व में नीलकंठ, अनिल राजभर और रवीन्‍द्र जायसवाल को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। + +लखनऊ की सियासी चर्चाओं में अनिल राजभर और रविन्द्र जायसवाल का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। इनके साथ ही अपना दल और निषाद पार्टी के भी प्रदेश स्‍तर पर दो-दो विधायकों को मंत्री बनाने की चर्चाओं ने सिर उठाया है। इस लिहाज से पार्टी स्‍तर पर सभी सहयोगी दलों को भी साधने की तैयारी है। वाराणसी में भाजपा की ओर से कैंट से जहां सौरभ श्रीवास्‍तव, शहर उत्‍तरी से रवीन्‍द्र जायसवाल, शहर दक्षिणी से नीलकंठ तिवारी, पिंडरा से डा. अवधेश सिंह, शिवपुर से अनिल राजभर (मंत्री), सेवापुरी से नील रतन सिंह पटेल, अजगरा से टी राम, रोहनियां से सुनील पटेल (अद-एस) ने जीत हासिल कर अपनी दावेदारी ठोंकी है। ।यह भी पढ़ें :  वाराणसी में पीएम नरेन्‍द्र मोदी को समर्पित होगा 'नमो घाट', दस्‍तावेजों में दर्ज करने की तैयारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99ef60ec96d8bab34c0c678280209f90804c05da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61342.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. धीरज शर्मा। पांच में से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा तथा पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत हुई है। हालांकि इनमें सर्वाधिक चर्चा उत्तर प्रदेश के चुनाव की थी। आने वाले दिनों में राष्ट्रपति और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, इसलिए इस पर पूरे देश की नजर थी। करीब चार दशकों से जाति-आधारित राजनीति देश के राजनीतिक परिदृश्य के केंद्र में रही है। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने पर देश में जातिगत राजनीति का स्वरूप और भी बदल गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96cea1edfa19cc5a7237a56dd498307fa278b959 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नवांशहर। Village of Bhagat Singh: देश को आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले शहीद भगत सिंह का पुस्‍तैनी गांव खटकड़ कलां पंजाब के नए मुख्‍यमंत्री भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर फिर चर्चाओं में आ गया है। लेकिन, गांव की कई हकीकत चौंका देती है। गांव की आधी आबादी विदेश जाकर बस गई है। गांव की करीब 125 कोठियों के बाहर ताले लगे हुए हैं। इन घरों की जिम्मेदारी भी गांव रहते विदेश गए लोगों के रिश्तेदारों के पास ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a15ce069591f7d5618d0f2b3eb8f3b61a29a5b64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें- फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज पर कुमार विश्वास ने कहा- सच उनके लिए है जिनमें उसे सहने की ताकत है, पढ़िए और क्या कहा?।Koo App।The Kashmir Files: Anupam Kher reacts to Kerala Congress’s statement on exodus of Kashmiri Pandits #KashmirFiles #AnupamKher #KashmiriPandits #IndianNationalCongress Watch Video: https://youtu.be/52DOJasrDwI। View attached media content ।Koo App।Anonymous compliments are the best because you know they aren’t trying to gain anything out of it!! Thank you my anonymous friend for making this. I am delighted to see it!! 🙏😍🙏#TheKashmirFiles। View attached media content ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f2d2d2810aadad8fe54a6ce336967419983c16d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61347.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, विनोद पांडेय। काशी में उत्तरी छोर पर गंगा किनारे स्थित खिड़किया घाट अब नमो घाट के रूप में पहचान पा रहा है। यहां नमस्ते आकार के तीन स्कल्प्चर बनाए गए हैं। इसके अलावा इसी तरह का चौथा स्कल्प्चर भी जल्द ही आकर ले लेगा जो इन तीनों से करीब तीन गुना बड़ा होगा। इसे देखकर लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में नमो घाट के नाम से पुकारने लगे हैं। + +यह भी पढे़ें : Sringeri Math Varanasi : दस हजार स्वरों में गूंजेगी सौंदर्य लहरी, स्तोत्र पाठ में पीएम नरेन्‍द्र मोदी आमंत्रित।अब तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया।खिड़किया घाट पुनरुद्धार कार्य में तीन नमस्ते आकार के स्कल्प्चर बनाए गए हैं, इसे देखकर लोग नमो घाट कहने लगे हैं। हालांकि, इस बाबत अब तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95424be1585f15f6f05209aaacf332c62707aecc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61348.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमन सेमवाल, देहरादून। बीते साल सात फरवरी को चमोली जिले के रैंणी इलाके में आई आपदा के संकेत ढाई घंटे पहले मिल गए थे। आपदा का समय सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर रिकार्ड किया गया, जबकि इससे ढाई घंटे पहले ही रौंथी पर्वत से निकली आपदा की हलचल को वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के सिस्मिक स्टेशन ने रिकार्ड कर लिया था। यह स्टेशन आपदा के केंद्र स्थल से करीब 12 किलोमीटर दूर तपोवन में स्थापित है। हालांकि, सिस्मिक स्टेशन में आनलाइन कनेक्टिविटी न होने के चलते इसकी रियल टाइम जानकारी नहीं मिल पाई। + +55 मीटर प्रति सेकेंड रहा वेग।वाडिया संस्थान के अध्ययन के मुताबिक, करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रौंथी पर्वत से जब हिमखंड टूटा तो नीचे रौंथी गदेरे (ऊंचाई समुद्र तल से 3800 मीटर) तक पहुंचते हुए मलबे का वेग 55 मीटर प्रति सेकेंड था। इसके बाद रैणी गांव के पास ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट (तबाह हो चुका) तक यह वेग 27 मीटर प्रति सेकेंड हो गया। वहीं, तपोवन-विष्णुगाड पावर प्रोजेक्ट तक आपदा जलप्रलय की रफ्तार 13 मीटर प्रति सेकेंड रह गई और पीपलकोटी तक आते-आते रफ्तार नौ मीटर प्रति सेकेंड रह गई। क्योंकि नीचे की घाटी में चौड़े किनारे होने के चलते भी आपदा का वेग कम हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc868ed53fb88b634df342e08399f739be3e9915 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहारी बाबू श्री @ShatruganSinha जी से मेरा यह सवाल है की, वे अपने नए राजनैतिक सहकर्मी के इन वाहियात बयानों पर क्या सफाई देंगे जब वह आसनसोल में चुनावी प्रचार के लिए जायेंगे? pic.twitter.com/5hsng6reTe।बाल ठाकरे पहले दे चुके 'एक बिहारी सौ बीमारी' का नारा ।टीएमसी विधायक का 'एक बिहारी सौ बीमारी' का नारा नया नहीं है। इससे होने वाला विवाद भी पुराना है। करीब डेढ़ दशक पहले मार्च 2008 में महाराष्ट्र में महाराष्ट्र नव निमार्ण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने मराठी और गैर मराठी विवाद को जन्म दिया था। इसके बाद शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे भी मैदान में कूद गए थे। बिहार के लोगों के खिलाफ जहर उगलते हुए अपनी पार्टी के मुख्य पत्र 'सामना' में बाल ठाकरे ने बिहारियों के लिए 'गोबर का कीड़ा' व 'एक बिहारी सौ बीमारी' जैसी संज्ञाओं का इस्तेमाल किया था। उन्‍होंने बिहार को देश का सबसे पिछड़ा राज्य बताते हुए लिखा था कि इसका कारण राज्‍य के नेताओं द्वारा कुछ भी नहीं किया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61351.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61351.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50d9b667a538a35fcf30b848b5f6f40b035e211c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61351.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार पर प्रदेश अध्यक्ष पद से अजय कुमार लल्लू के जिस ठिठके हुए इस्तीफे पर सभी कांग्रेसियों की निगाहें लगी थीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मांगने पर उन्हें वह त्यागपत्र देना पड़ गया। यह बात और है कि लल्लू प्रदेश अध्यक्ष भले थे लेकिन चुनाव कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के चेहरे पर लड़ा गया था। लल्लू के इस्तीफे के साथ कांग्रेस की सभी प्रदेश कमेटियां भंग हो गई हैं। चुनाव हारने वाले सभी जिला व शहर अध्यक्षों से भी इस्तीफा मांगा गया है। + +पार्टी के वफादार सिपाही बनने के चक्कर में कुछ मौकों पर वह प्रतिक्रियावादी ही नहीं, अतिवादी भी दिखे। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने पर लल्लू जिस अंदाज में मुखर हुए, वह उनके तमाम समर्थकों को भी नहीं सुहाया। वस्तुत: कुशीनगर में लल्लू की हार की पटकथा उसी दिन लिख गई थी, जिस दिन उन्होंने आरपीएन सिंह के खिलाफ विष वमन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ed324ef37b7c790e70b4e9e21c86df26ec39d75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61353.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +वहीं, झारखंड कांग्रेस के विधायक डा. इरफान अंसारी ने विवादित बयान दिया है। विधानसभा के बजट सत्र में भाग लेने आए विधायक ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले पर वे कुछ नहीं कहना चाहते, पर लगता है कि भाजपा अब कोर्ट भी चला रही है। वहीं, इस मसले पर झारखंड में आरएसएस के प्रांत कार्यवाह संजय कुमार ने कहा कि विद्यालयों में यूनिफार्म की एकरूपता दिखनी चाहिए। सभी बच्चों को नियम मानना चाहिए। कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। + +एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक माजिद तालिकोटि, मोहम्मद अफजाल व गिरीश जुयाल ने कहा कि स्कूल-कालेज में छात्र यूनिफार्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कोर्ट की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और पीएफआइ के जो लोग हिजाब का राजनीतिकरण कर रहे थे और लोगों के दिमाग में जहर घोल रहे थे उन्हें जवाब मिल गया है। मुस्लिम पर्सनल बोर्ड और तथाकथित उलेमाओं व मौलानाओं को यह समझना चाहिए कि तुष्टिकरण और भेदभाव का समय अब निकल चुका है। + +हाई कोर्ट ने कुरान की आलोक में सही फैसला दिया।एमआरएम महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली और बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक बिलाल उर रहमान ने कहा कि इस्लाम में यह कहीं नहीं कहा गया है कि नकाब या हिजाब लगाएं। दोनों ने यह स्पष्ट किया कि हर स्थान का अपना ड्रेस कोड होता है और उसको मानना उस स्थान से जुड़े सभी लोगों का कर्तव्य होता है। इस्लाम यह कहीं नहीं सिखाता है कि आप अपनी मर्जी से किसी भी स्थान या संस्थान का कानून तोड़ें। वहीं, शिक्षाविद फिरोजबख्त अहमद ने कहा कि हाई कोर्ट ने कुरान की आलोक में सही फैसला दिया है। धर्म और शिक्षा का घालमेल उचित नहीं है। + +हिजाब मामले में कोर्ट का फैसला कुबूल नहीं।फैसले पर इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद और जमीयत उलमा-ए-हिंद ने असहमति जताई है। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि पर्दा इस्लाम का अहम हिस्सा है। यह कर्नाटक हाई कोर्ट का निर्णय स्वीकार नहीं है। मुस्लिम संगठनों को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में पर्दा फर्ज है और कुरान का हुक्म है। वहीं, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इस फैसले को देश और मुसलमानों के लिए नुकसानदायक बताया। कहा कि मुस्लिम महिलाओं की मान्यताओं और अवधारणा में सदियों से पर्दा व शर्म का बड़ा महत्व रहा है। इसे केवल अदालत के फैसले से मिटाया नहीं जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..321e5c44d0032b36b25440e3019612a595dfaf63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61356.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसलिए खास है स्वदेशी मोटर कंट्रोलर।शेष पटेल के मुताबिक चीन के मोटर कंट्रोलर की कीमत बाजार में साढ़े सात सौ रुपये पड़ती है जबकि स्वदेशी कंट्रोलर साढ़े चार सौ रुपये में होगा। कंट्रोलर का काम आटोमेशन फंक्शन का होता है। पहिये की गति को अपने आप नियंत्रित करने से लेकर लाइट और अन्य फंक्शन स्वत: होता है। चीन के मुकाबले स्वदेशी कंट्रोलर में कुछ अन्य खूबी इसको विशेष बनाती है। साइकिल पर ओवरलोडिंग और बैटरी के अधिक गर्म होने की दशा में अपने आप पावर कट हो जाएगा। + +आटोमैटिक टेंपरेचर मशीन भी बना चुके हैं शेष।शेष पटेल कोरोना काल में आटोमैटिक टेंपरेचर मशीन बना चुके हैं। इसका प्रदर्शन लखनऊ में डा. एकेटीयू में हुआ था। इसे बनाने के लिए आइक्रिएट गुजरात अहमदाबाद से प्रोटोटाइप डेवलपमेंट के लिए 50 हजार रुपये की सहयोग राशि दी गई है। कोरोना काल में कुछ मशीनें बिकी भी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd852aa24eeeba714d8d6705f326db5a7a5fb75c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61357.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1. जनरल इंटेलीजेंस ऐंड रीजनिंग : पिछले वर्षों के पेपर पैटर्न को देखें, तो इस सेक्‍शन के तहत वर्बल और नान-वर्बल दोनों तरह के प्रश्‍न आते हैं। खासतौर से एनालागी, सिमिलारिटी, डिफरेंसेज, प्राब्‍लम साल्विंग, एनालिसिस, डिसीजन मेकिंग, रिलेशनशिप कांसेप्‍ट तथा कोडिंग व डी-कोडिंग जैसे चैप्‍टर्स से सबसे अधिक पूछे।जाते हैं। परीक्षा से पहले इन सभी महत्‍वपूर्ण चैप्‍टर्स को एक बार फिर से रिवाइज कर लें। इनसे जुड़े प्रैक्टिस सेट्स भी सप्‍ताह में दो से तीन दिन हल करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..289b98f1a13617e3f9582ace71c7279659af247d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी में परंपराओं की होली के क्रम में मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्‍म की होली खेलने की परंपरा का अपना महत्‍व है। महाश्‍मशान मणिकर्णिका घाट पर आस्‍थावानों ने परंपरा के अनुसार सबसे पहले मसाननाथ की प्रतिमा पर अबीर गुलाल और चिता भस्‍म लगाने के बाद घाट पर पहुंचकर ठंडी हो चुकी चिताओं से राख उठाई और एक दूसरे पर फेंककर परंपराओं के मुताबित चिता भस्‍म की होली खेली। तस्‍वीरों में देखिए महाश्‍मशान मणिकर्णिका घाट की अनोखी चिता भस्‍म की होली....।महाश्‍मशान मणिकर्णिका की चिता भस्‍म होली : बाबा की नगरी काशी में राग विराग का नजारा महाश्‍मशान पर नजर आया जब लोग चिता भस्‍म की होली खेलने पहुंचे। ।महाश्‍मशान मणिकर्णिका की चिता भस्‍म होली : सैकड़ों नहीं हजारों की भीड़ मणिकर्णिका घाट पर उमड़ी और आस्‍था में रचे पगे धुनों की थाप से होलियाना मूड में महाश्‍मशान डूब गया। ।महाश्‍मशान मणिकर्णिका की चिता भस्‍म होली : चिताओं की भस्‍म फ‍िजा में घुली तो पूरा माहौल चिता भस्‍म की रंगत में धुआंं धुआं नजर आने लगा।   ।महाश्‍मशान मणिकर्णिका की चिता भस्‍म होली : बाबा की नगरी काशी में आस्‍था का कोई भी ओर छोर नजर नहीं आया और घर स्‍वर हर हर महादेव के उद्घोष में मिलती गई। ।महाश्‍मशान मणिकर्णिका की चिता भस्‍म होली : बाबा दरबार में आस्‍था की हाजिरी लगाने के बाद महाश्‍मशान पर लोगों के आने का क्रम शुरू हुआ तो दोपहर बाद तक बाबा के भक्‍तों का मणिकर्णिका घाट पर जमावड़ा रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55b770836abd2f2660cc48f29a7172c1ce1f60de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस जलशोधन संयंत्र में शोधित जल से 158 एकड़ में फैले जौनापुर फार्म में सिंचाई की जाएगी। साथ ही संयंत्र द्वारा शोधित जल का उपयोग सुलतानपुर में 180 एकड़ क्षेत्र में भी किया जाएगा। इतना ही नहीं, 350 एकड़ में फैले मांडी फार्म और 120 एकड़ में फैले डेरा फार्म में भी संयंत्र द्वारा शोधित जल का इस्तेमाल किया जाएगा।इ सी क्रम में महरौली में बन रहे जलशोधन संयंत्र से छतरपुर और सतबरी के 1,100 एकड़ फार्म क्षेत्र में सिंचाई का काम हो सकेगा, जिससे शुद्ध जल की बचत होगी। कापसहेड़ा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से बिजवासन में 450 एकड़ फार्म भूमि में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। ।दूसरे, जल शक्ति अभियान के तहत राजधानी के रिज क्षेत्र (वन भूमि) में भी भूजल रिचार्ज करने की योजना है। उपराज्यपाल ने रिज क्षेत्र में जल के रिचार्ज करने की महत्वाकांक्षी योजना का जायजा लिया। उन्होंने टेंडर जारी कर जल रिचार्ज की योजना को जल्द कार्यान्वित करने के लिए कहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत दक्षिणी रिज क्षेत्र के 6,200 हेक्टेयर क्षेत्र में जल रिचार्ज करने की योजना है। इसके लिए घिटोरनी जलशोधन संयंत्र से जल उपलब्ध कराया जाएगा। सेंट्रल रिज के 864 हेक्टेयर क्षेत्र में जल को रिचार्ज किया जाएगा। सुरक्षित वन क्षेत्र के 2,756 क्षेत्र में जल रिचार्ज किया जाएगा, इसके लिए ओखला एसटीपी से जल उपलब्ध कराया जाएगा। ।सिटी फारेस्ट के 266 हेक्टेयर क्षेत्र में भी भूजल को रिचार्ज किया जाएगा। इसके लिए ओखला एसटीपी से जल उपलब्ध कराया जाएगा। गढ़ी मांडू में 170 हेक्टेयर में भूजल रिचार्ज करने की योजना है। इसके लिए यमुना विहार एसटीपी से जल उपलब्ध कराया जाएगा। भूजल रिचार्ज करने और जलशक्ति अभियान के विषय में छात्रों को जानकारी देने के लिए राजधानी के 1,431 स्कूलों में 93,616 छात्रों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में युवाओं को जल की कमी के बारे में जानकारी देने के साथ भूजल रिचार्ज योजना द्वारा इस कमी को दूर करने की पहल से भी अवगत कराया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a1c5e26ff8ba72790f9271461c6b20e50fe7550 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +80 साल पुराने विश्वयुद्ध के “सुने-सुनाए” क़िस्सों पर बनी फ़िल्में कुछ लोगों के लिए “वक़्त के ज़रूरी दस्तावेज़” हैं लेकिन आँखों के आगे घटी एक “नंगी बेबस सच्चाई” पर फ़िल्म से लोग असहज हैं ? जल्दी देखेंगे फ़िल्म क्यूँकि सच उनके लिए हैं जिनमें उसे सहने की ताक़त है@vivekagnihotri 👏 https://t.co/Ea5g6soK7g।इस फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री है। सिनेप्रेमियों ने इस फिल्म को स्वागत किया है। जानकारी के अनुसार पहले दिन ही 3.25 करोड़ रुपये की अच्छी ओपनिंग की थी। उसके बाद दूसरे दिन के कलेक्शन में जबरदस्त उछाल आया है। दूसरे दिन 8.25 करोड़ रुपए की कमाई की है। ।मालूम हो कि कुछ समय पहले ही फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री, उनकी पत्नी और अभिनेत्री पल्लवी जोशी और निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। वैसे इस फिल्म की रिलीज से पहले, निर्माताओं को काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। मगर आखिर में फिल्म रिलीज हो गई और अब उसे अच्छा रिस्पांस मिल रहा है, हर ओर फिल्म पसंद की जा रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d88669d6bc25e4711cca0811d6f5da9fbd481e24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तकनीकी उपकरणों का अभाव ।निरीक्षण में सामने आया कि जिम्मेदार कंपनी पर तकनीकी उपकरणों का भी अभाव है। प्रत्येक कार्य स्थल पर जेसीबी मशीनें, रिंग मशीनें, कांपेक्टर, वाटर टैंक व ज्वाइंटिंग मशीनें होनी चाहिए, लेकिन कंपनी एक ही मशीन से कई-कई स्थलों पर काम कराया जा रहा है। वहीं, कंपनी द्वारा मौके पर स्वीकृत डीपीआर की हार्डकापी, डिजाइन ड्राइंग, क्यूएपी की हार्ड कापी व टेस्टिंग रिपोर्ट भी नहीं रखी है। इससे वास्तविक जांच नहीं हो पाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20905c057349707066a23868d7a6df28823b1d7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जी हां, हम बात करें देहरादून जिला के नकरौंदा गांव स्थित जीरो प्वाइंट क्षेत्र निवासी गीता उपाध्याय के बारे में। गीता गांव में अजय स्वावलंबन केंद्र का संचालन करती हैं। यहां यह सब्जी उत्पादन, पशुपालन और मत्स्यपालन करती हैं। इसके साथ ही मशरूम उत्पादन भी करती हैं। इसमें उनका साथ उनके पति दीपक उपाध्याय देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba6b9e5b0459567a5040200089a35d25a24a9f62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61372.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सोनिया गांधी इस तरह की भावनात्मक पेशकश पहले भी कर चुकी हैं और हर बार नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा है। इस पर हैरानी नहीं कि कार्यसमिति ने न केवल सोनिया के नेतृत्व में फिर से आस्था जताई, बल्कि कुछ नेताओं ने अपनी यह पुरानी मांग भी दोहरा दी कि राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए। वास्तव में परिवार की भी यही इच्छा है और इसी कारण नए अध्यक्ष के चुनाव में देर की जा रही है। इस सबके बीच राहुल पर्दे के पीछे से पार्टी संचालित कर रहे हैं। + +हालांकि उनके फैसले पार्टी का बेड़ा गर्क कर रहे हैं, लेकिन परिवार की अंधभक्ति में लीन अधिकांश कांग्रेस नेता उन्हें भविष्य का नेता और देश का मसीहा साबित करने में लगे हुए हैं। वे यह देखने-समझने को तैयार नहीं कि राहुल की राजनीति का एकमात्र एजेंडा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा पर चोट करना है। इसके लिए वह अपशब्दों का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते। उन्हें ऐसा करते हुए आठ वर्ष हो गए हैं, लेकिन वह यह साधारण सी बात नहीं समझ सके हैं कि अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी नेता को नीचा दिखाने की कोशिश को राजनीति नहीं कहते। + +राहुल गांधी लगातार विफल होने के बाद भी अपनी आत्मघाती नाकाम और नकारात्मक राजनीति पर कायम हैं। वह न तो कोई नया विमर्श गढ़ पा रहे और न ही ऐसा कोई नजरिया पेश कर पा रहे, जिससे जनता उनकी ओर आकर्षित हो। कुछ ऐसा ही हाल प्रियंका गांधी का भी है, जिन्हें ब्रह्मास्त्र बताया गया था। जैसे राहुल वामपंथी सोच से ग्रस्त हो चुके हैं, वैसे ही प्रियंका भी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e881a89bd4bb05a034cf8655d15182f69955f001 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जहां एक ओर भारत सरकार पशुओं की विलुप्त प्रजातियों को बचाने के लिए प्रयासरत है वहीं वन्यजीवों के प्रति अपराध लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि बाघ, हाथी और तेंदुए जैसे जानवर हर साल बड़ी संख्या में मारे जा रहे हैं। हैरत की बात यह भी है कि प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट और वन्यजीवों के पर्यावास से संबद्ध योजनाओं का बजट 16 से 47 प्रतिशत तक कम हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1a3a2beb980e973f9d1975d336b90a57cba7ba0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केसी दरगड़, हाथरस । विधानसभा चुनाव में भाजपा की बहुमत से जीत से पार्टी के युवा से लेकर बुजुर्ग समर्थक गदगद है। इसका असर युवाओं पर खास तौर पर चढ़कर बोल रहा है। भूमाफिया की अवैध संपत्तियों पर योगी सरकार द्वारा चलाए गए बुलडोजर का क्रेज ऐसा छाया हुआ है कि युवक हाथ पर बुलडोजर का टेटू बनवाकर सरकार की सराहना कर रहे हैं।  ।मुख्‍यमंत्री योगी की कई सभाओं में दिखे बुल्‍डोजर।चुनाव से पहले योगी सरकार ने भूमाफिया की अवैध संपत्ति पर कई शहरों में कार्रवाई की थी। कुछ संपत्तियों को खाली करवाकर गरीबों के आवास भी बनवाए जाने की घोषणा की गई। इस कार्रवाई को चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाया गया था। योगी की कई चुनावी रैलियों में बुलडोजर खड़े दिखाई दिए। इतना ही नहीं इन बुलडोजरों पर लोगों को खड़ा कर शहरों में रोड शो भी किए गए। जब चुनाव परिणाम आए तो भाजपा की बहुमत से जीत हुई। इस जीत को भाजपा समर्थक अपने- अपने अंदाज में मना रहे हैं। कोई ढोल नगाड़े के साथ आतिशबाजी कर मिठाई बांट रहा है तो कोई अपने क्षेत्र के प्रत्याशी का स्वागत कर रहा है। इस बीच युवाओं में योगी सरकार पुन: बनने की खुशी अलग दिख रही है। टेटू की दुकान पर पहुंचकर बुलडोजर का टेटू बनवा रहे हैं। हाथरस के जय दीक्षित भी टेटू बनवाकर काफी खुश दिखे। इतना ही नहीं हाथ पर बुलडोजर बाबा भी लिखवाया है। ।दो तरह के होते हैं टेटू।टेटू दो तरह से बनाए जाते हैं। एक टेटू स्थायी होते हैं और दूसरी तरह के अस्थायी होते हैं। इस तरह के टेटू अस्थायी बनवाए जाते हैं। जबकि स्थायी टेटू में लोग अपने इष्टदेव के अलावा विभिन्न तरह के आकर्षक टेटू बनवाते हैं। कलाई से लेकर कोहनी तक और कंधों के अलावा शरीर के विभिन्न हिस्सों में बनवाए जाते हैं। युवाओं के साथ युवतियों में भी टेटू बनवाने का क्रेज दिखाई देता है।टेटू बनाने वाले कारीगर नवनीत शर्मा ने बताया कि भाजपा की जीत से युवा खुश दिखाई दे रहे हैं। इस जीत से खुश होकर वे टेटू बनवा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0731d5723ed9153fb7a474a2ecf73f54fda62934 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में जिस प्रकार से सिद्धू के खिलाफ आवाजें उठी उससे इस बात के संकेत मिलने शुरू हो गए है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी मंगलवार 15 मार्च से कांग्रेस की हार के लिए रिव्यू का सिलसिला शुरू करने जा रहे है। इसके लिए उन्होंने मालवा के प्रत्याशियों की बैठक बुला ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ac7e292f4cca0854e0aeb549f70943a5cdbe0dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61388.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कानपुर, [अभिषेक वर्मा]। यूं तो बुलडोजर से कई काम लिये जाते हैं, इनमें ज्यादातर सरकारी काम शामिल रहते हैं। जैसे डंप से कूड़ा उठाना, नदी, नहर नाले की सफाई या खुदाई करना और हां सही मायने में सरकारी इस्तेमाल अतिक्रमण गिराने में किया जाता है। लेकिन अब, इन कामों की बजाए बुलडोजर का नया अवतार सामने आया है। अब अपने काम से इतर भी बुलडोजर कमाई कर रहा है। अचम्भा न होगा.. आपको क्योंकि बुलडोजर ने अब राजनीति में एंट्री कर ली है। ये बुलडोजर अब सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए खास हो गए हैं और चुनाव के बाद अचानक मांग भी बढ़ गई है। आइए पढ़ते हैं इस बार यूपी में चुनाव से लेकर भाजपा की जीत तक बुलडोजर कैसे खास बना हुआ है..। ।यूपी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक हाथ में बुलडोजर और दूसरे हाथ से विकास का नारा दिया था क्योंकि सरकार में अपराधी माफिया पर शिकंजा कसते हुए अर्जित अवैध संपत्तियाें पर खूब बुलडोजर चलवाए गए थे। कई बार उन्होंने मंच से सरकार आने पर प्रदेश में माफिया की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलते रहने का वादा किया था और बुलडोजर रिपेयरिंग पर भेजने की भी बात कही थी। इंटरनेट मीडिया पर उनके प्रशंसकों ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर बाबा का नाम तक दे दिया था। यूपी में भाजप की बड़ी जीत पर समर्थक और कार्यकता अभी तक विजय का जश्न भी बुलडोजर पर ही मना रहे हैं। रोजाना शहरों और ग्रामीण इलाकों में बुलडोजर जुलूस निकाले जा रहे हैं, जिनके वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं। ।कानपुर में निजी व संस्थागत बुलडोजरों की संख्या : ।कानपुर में निजी रूप से 25 बुलडोजर हैं। वहीं संस्थागत (नगर निगम, केडीए) के पास 20 बुलडोजर हैं। निजी बुलडोजर के मालिक प्रति घंटा के हिसाब से पैसे वसूलते हैं। जिसमे किराया ही हाता है। डीजल का खर्च अलग से लिया जाता है। वहीं, संस्थागत का नियमानुसार सरकारी खर्चे पर काम पर लगाया जाता है। इसमें कूड़ा उठाना, अतिक्रमण गिराना व अन्य निर्माण कार्यों में व सरकारी कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है। ।एक घंटे का एक हज़ार रुपये किराया:।कानपुर की सात सीटों सहित जैसे ही प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत हुई भाजपा समर्थकों और आम जनता ने बुलडोजर को अपने जश्न में शामिल कर लिया। शहर  के कई इलाकों में बुलडोजर पर सावर होते और उसके साथ लोग फ़ोटो खिंचाते देखे गए। सड़कों पर उतरे बुलडोजर किराए पर मंगाए गए। जिसका मालिकों ने एक हजार रुपये तक किराया वसूला। निजी बुलडोजर के मालिक वेद प्रकाश ने बताया इससे पहले लोगों में बुलडोजर के प्रति इतना आकर्षण नहीं देखा। लोग फ़ोटो खिंचा रहे हैं। इसके साथ जीत के जश्न के लिए बुलडोजर को किराए पर भी मंगवाया है। उन्होंने कहा इसतरह से भी बुलडोजर से पैसा कमाया जा सकता है पहली बार देखा है। कानपुर में वार्ड 84 से पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद पति संदीप जायसवाल 'बिल्लू' ने बताया कि जश्न के लिए बुलडोजर बुलाया था हमसे 900 रुपए लिए थे। वहीं, भाजपा के सेक्टर अध्यक्ष रेशू कनौजिया ने बताया कि जश्न के दौरान कई बुलडोजर महज डीजल डलाकर भी मंगाए गए थे। कई जगह व्यवहारिकता के आधार पर बुलडोजर लेकर मालिक और चालक फ्री में भी शामिल होने आए थे। + +विजय जुलूस के साथ जनसभाओं का भी बने हिस्सा:।कानपुर में भाजपा की विजय जुलूसों में तो बुलडोजर हिस्सा बने ही बल्कि चुनाव के दौरान जनसभाओं में भी यह बुलडोजर शामिल किए गए। यह पहली बार था जब महज प्रतीक स्वरूप बुलडोजरों को बुलाया गया एक नहीं बल्कि जनसभा और जुलूसों में कई-कई बुलडोजर को बुलाया जिसकी वजह से बुलडोजर मालिकों को कमाई हुई। बताया गया की एक-एक बुलडोजर से प्रति घंटा के हिसाब से 1-1 हजार रुपये किराया लिया गया। + +जब कानपुर की महापौर बुलडोजर पर हुईं सवार:।कानपुर में सात सीटों पर जैसे ही भाजपा की जीत से पर्दा हटा वैसे ही महापौर प्रमिला पांडेय बुलडोजर पर सवार दिखीं। मतगड़ना स्थल पर ही महापौर अपने समर्थकों के साथ बुलडोजर के आगे हिस्से पर सवार हो गईं और जीत का जश्न मनाया। महापौर ने कहा कि अब गुंडों और माफियाओं पर बुलडोजर फिर से चलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d324e691c7a268fa8e1c8465d61a75d8d95a71d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6139.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेनएनएन। बॉलीवुड एक्टर राणवीर सिंह और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की जोड़ी ​इंडस्ट्री में परफेक्ट कपल की लिस्ट में शामिल हैं। दोनों की जोड़ी को फैंस काफी पसंद करते हैं। वहीं अक्सर दोनों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होती रहती हैं। दोनों एक दूसरे पर प्यार लुटाने का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देते हैं। लंबे वक्त तक एक दूसरे को डेट करने को बाद रणवीर और दीपिका ने शादी का फैसला लिया था। उनकी शादी काफी चर्चा में रही थी। इसी बीच रणवीर और दीपिका की एक थ्रोबैक तस्वीर वायरल हो रही है। + +रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की ये वायरल हो रही तस्वीर 'फाइडिंग फैनी' की सक्सेस पार्टी की है। 'फाइडिंग फैनी' सक्सेस पार्टी की तस्वीरें काफी वायरल हुईं थीं। इस पार्टी में मूवी की पूरी स्टारकास्ट के साथ ही डायरेक्टर होमी अदजानिया और फिल्म के प्रोड्यूसर दिनेश विजन भी मौजूद थे। वहीं सामने आई तस्वीर में दीपिका, रणवीर के अर्जुन कपूर भी नजर आ रहे हैं। वहीं तस्वीर को देखकर फैंस एक बार को हैरान हुए हैं। फोटो में आप देख सकते हैं कि पार्टी के बीच अर्जुन और दीपिका पादुकोण एक दूसरे के गले लगे और अर्जुन ने दीपिका को गाल पर किस कर लिया। ये सब अर्जुन ने रणवीर के सामने किया। उस दौरान रणवीर सिंह के एक्सप्रेशन देखने लायक थे। + +आपको बता दें कि 'फाइडिंग फैनी' मूवी में दीपिका पादुकोण और अर्जुन कपूर लीड रोल में थे। इनके अलावा मूवी में पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह और डिंपल कपाड़िया भी अहम किरदार में थे। वहीं रणवीर सिंह के वर्कफ्रंट की बात करें तो वो कई सारे प्रोजेक्ट में व्यस्त हैं। वो वर्ल्ड कप पर आधारित फिल्म '83' में नजर आने वाले हैं। वहीं फिल्म 'सूर्यवंशी' में भी वो कैमियो करते नजर आएंगे। रणवीर करण जौहर की फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में भी नजर आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61390.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61390.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..675ea73884c9bac5809b2b1da0fc228c5a67880b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61390.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़। मान लीजिये... आपने कोई सामान खरीदा, जिसकी एक साल की गारंटी थी। गारंटी से पहले ही वो सामान खराब हो गया और अब दुकानदार उसे बदलने में आना-कानी कर रहा है। गलती भी नहीं मान रहा है। ऐसे में एक उपभोक्ता होने के नाते आपको अपने अधिकार के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आप उपभोक्ता कमीशन में इसकी शिकायत कर सकते हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट में नए संशोधन के तहत आपको अधिकतम 45 दिन के अंदर न्याय भी मिल जाएगा। + +उपभोक्‍ता आंदोलन की शुरुआत अमेरिका से हुई।दरअसल, उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत पहली बार अमेरिका में हुई थी। 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में उपभोक्ता संरक्षण पर विधेयक पेश किया गया था। तब से 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाने लगा। हालांकि भारत में 1986 में विधेयक पारित हुआ। इसके तहत, अगर आपने कोई सामान खरीदा है और खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं या सामान को इस्तेमाल करने के बाद आपको लग रहा है कि क्वालिटी अथवा दावे में अंतर है। तो आप बेचने वाले की शिकायत कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता दिवाकर अग्रवाल बताते हैं कि वर्ष 2019 में एक्ट में कई संशोधन किए गए हैं। इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि अगर कोई व्यक्ति शिकायत दर्ज करता है तो विपक्षी को 30 दिन का नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद अदालत 15 दिन का समय और देगी। अगर इन 45 दिनों में भी विपक्षी की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जाता तो अदालत उपभोक्ता के साक्ष्यों पर विश्वास करते हुए निर्णत पारित कर सकती है। इसके अलावा कोई भी शिकायत 21 दिन में एडमिट होने का प्रावधान भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d381cc7df0ae79de8ea44014de5784b33a7e872a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61391.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गंगा को स्वच्छ बनाने के अभियान को मिली शुरुआती सफलता के बाद केंद्र ने अब यमुना, नर्मदा, झेलम और महानदी सहित देश की 13 प्रमुख नदियों के संरक्षण का भी फैसला लिया है। इसका जिम्मा फिलहाल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने संभाला है। इसने 24 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर बहने वाली इन नदियों के वानिकी के जरिये संरक्षण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। इस पर आने वाले वर्षों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। + +राज्यों पर होगी जिम्‍मेदारी।इस पूरी योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों पर होगी जबकि केंद्र इस पर निगरानी रखेगा। खास बात यह है कि इस पूरी योजना को भविष्य की चुनौतियों से निपटने सहित काप-26 में जताई गई प्रतिबद्धता को पूरा करने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसके तहत वर्ष 2030 तक भारत ने अपने अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन कम करने सहित 2070 तक कार्बन उत्सर्जन नेट जीरो करने का लक्ष्य रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab8e42ad14fb14504caf9233d8e759b79cb03d40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- रोजगार पैदा करना होगी बड़ी चुनौती: चुनाव के दौरान विपक्ष ने युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए बेरोजगारी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। विपक्ष का दावा था कि उत्‍तर प्रदेश का रोजगार दर पिछले पांच वर्षों में नीचे की ओर गई है। योगी के समक्ष दूसरी पारी में उत्‍तर प्रदेश में रोजगार पैदा करना एक बड़ी चुनौती होगी। सरकारी नौकरी के साथ-साथ कोरोना काल में लोगों के लिए नए मौके और रोजगार के अवसर पैदा करना योगी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकानामी (CMIE) के बेरोजगारी के आंकड़ों का विश्लेषण करने से ऐसा सामने आया कि पांच वर्षों में बेरोजगारों की तादाद में इजाफा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में रहने वाले उन लोगों की तादाद में 14 फीसद का इजाफा हुआ है, जिन्हें रोजगार की चाहत है। विपक्ष का दावा था कि यूपी में रोजगार दर पिछले पांच वर्षों में तेजी से गिरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37e1e3eff22dab4b5cb01180abe5d1d02004c572 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोनों वाहनों के बकायदा स्टांप में नंबर भी अंकित किए गए थे। मतगणना में चुनाव परिणाम सामने आया तो अवधेश सपा सरकार बनने की शर्त हार गया। उसने अपनी बाइक बिलेटा सैनी के नाम कर दी है। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अवधेश को लखनऊ बुलवाया और उसकी आर्थिक मदद के लिए 1.10 लाख रुपये दिए। यह जानकारी खुद अवधेश ने दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें लखनऊ बुलवाया था जहां अखिलेश यादव ने आर्थिक मदद दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10869f26c06e9b67c64cb3cc3f520c6caafce95b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61397.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +युवा आप नेत्री नरिंदर कौर भराज (Narinder Kaur Bharaj) कौन हैं, जिन्होंने संगरूर में कांग्रेस के दिग्गज और करोड़पति प्रत्याशी कांग्रेस के पूर्व मंत्री विजय इंदर सिंगला को 36 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी है। आइए हम आपको मिलवाते हैं आप की उन सभी 11 प्रत्याशियों से, जो इस चुनाव में  दिग्गज विरोधियों को चारों खाने चित्त करके पंजाब विधानसभा में पहुंची हैं।  ।1. जीवन ज्योत कौर - अमृतसर में सिद्धू को दी शिकस्त।जाइंट किलर में पहला नाम अमृतसर की डा. जीवन ज्योत कौर (50) का है। उन्होंने अमृतसर पूर्वी सीट से कांग्रेस के दिग्गज प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया को शिकस्त दी। जीवन ज्योत कौर को अपने समाजसेवी कार्यों के लिए पंजाब की पैड वुमन के रूप में जाना जाता है। अमृतसर पूर्वी में उन्हें 39679, सिद्धू को 32929 औप बिक्रम मजीठिया को 25112 वोट मिले। ।यह भी पढ़ें - पंजाब में आप की लहर में बचाया किला, कांग्रेस के इन 4 दिग्गजों ने लगाई जीत की हैट्रिक।2. संगरूर में चला 27 साल की नरिंदर का जादू।मात्र 27 साल की नरिंदर कौर भराज ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला को चुनाव में करारी शिकस्त दी है। नरिंदर कौर ने वर्ष 2014 में आप ज्वाइन करने के बाद लगातार संगरूर में मेहनत की। साधारण परिवार की नरिंदर कौर ने विजय इंदर सिंगला को लगभग 37 हजार वोटों से हराया। ।3. राजिंदर कौर - लुधियाना दक्षिण से बलविंदर बैंस को हराया।राजिंदर कौर ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और पहली ही बार में बड़ा उलटफेर कर दिया। उन्होंने लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह बैंस के बड़े भाई बलविंदर सिंह बैंस को शिकस्त दी। उन्हें 43697 वोट मिले। ।आप पंजाब विधायक अनमोल गगन मान और सर्वजीत कौर मानूके। नीचे बाएं से दाएं नीना मित्तल, प्रो. बलजीत कौर, इंदरजीत कौर मान। ।4. प्रो. बलजिंदर कौर दूसरी बार विजेता।प्रोफेसर बलजिंदर कौर (37) तलवंडी सबो से लगातार दूसरी बार जीतकर विधानसभा में पहुंची हैं। उन्होंने अकाली दल के प्रत्याशी जीत मोहिंदर सिंह को 15000 से अधिक वोटों से हराया है। प्रो. बलजिंदर कौर को 48358 तो जीत मोहिंदर सिद्धू को 33501 वोट मिले। + +7. इंद्रजीत कौर मान ने दो बार के विधायक को हराया।इंद्रजीत कौर मान (53) ने नकोदर विधानसभा क्षेत्र (जालंधर जिला) में राजनीतिक पंडितों को चौकाते हुए दो बार के अकाली दल विधायक गुर प्रताप सिंह वडाला को 2800 वोटों से धूल चटाई। इंद्रजीत कौर ने 42868 वोट हासिल किए जबकि वडाला केवल 39999 मत ही प्राप्त कर पाए। ।लुधियाना दक्षिण से जीतने वाली आप प्रत्याशी राजिंदर कौर और बलाचौर से विजेता संतोष कुमारी कटारिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dfc2c24290334fafb9e69436d08ac45617b4de5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_614.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। छोटे पर्दे का फेमस धार्मिक शो 'रामयाण' के किरदारों को आज भी दर्शक उतना ही प्यार देते हैं जितना कि शो के शुरुआत में। रामानंद सागर के इस शो में 'लक्ष्मण' का किरदार निभाने वाले एक्टर सुनील लहरी ने पर्दे पर जो छाप छोड़ी है उसे कोई नहीं भूल सकता है। सुनील की एक्टिंग को काफी पसंद किया गया है। 'रामायण' और कई टीवी शोज के अलावा सुनील फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। लॉकडाउन में शरू होने के बाद 'रामयाण' के सारे किरदार फिर से चर्चा में आ गए हैं। वहीं सुनील लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव नजर आ रहे हैं। सुनील 'रामायण' से जुड़ी यादों के साथ अपनी पर्सनल तस्वीरें और दिलचस्प वीडियो भी फैंस के साथ साझा करते रहते हैं। इसी बीच सुनील ने कुछ दुर्लभ तस्वीरे और वीडियो शेयर किया है। यहां देखें पोस्ट...।'लक्ष्मण' उर्फ सुनील लहरी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर लेटेस्ट पोस्ट शेयर किया है जो तेजी से इंटरेनट पर वायरल हो रही हैं। सुनील ने 'रामायण' से जुड़ी वो तस्वीरें और वीडियो शेयर की हैं जिन्हें देखकर आप भी एक बर को भावुक हो जाएंगे। दरअसल, ये तस्वीरें और वीडियो रामायण के कैसेट के विमोचन के समय की हैं। रामायण के कैसेट के विमोचन में स्वर्गीय प्रधान मंत्री श्री राजीव गांधी शामिल हुए थे। वीडियो में आप देख सकते हैं कि काफी भीड़ नजर आ रही है। वहीं राजीव गांधी के साथ रामानंद सागर भी मौजूद हैं। इस दौरान बैकग्राउंड में रामारण का ही गाना बज रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21dcd35708ac1a56fbd4d364fb18ca736464174b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। होली 2022 में कई मायनों में अनोखी नजर आ रही है। एक ओर कोरोना संक्रमण का शोर थम चुका है तो दूसरी ओर काशी में सियासी रंग भी अब घुल चुका है। ऐसे में रंगभरी एकादशी के मौके पर काशी में भोले शंकर को पहला गुलाल लगाने की परंपरा का निर्वहन सोमवार को किया गया। इस दौरान तस्‍वीरों में काशी का होलियाना मिजाज भी खूब झलका...।काशी में रंगभरी एकादशी : पूर्व महंत के आवास से गौरा की पालकी यात्रा बाबा दरबार की ओर निकली तो काशी वासी रंगों से सराबोर नजर आए। ।काशी में रंगभरी एकादशी : शिव और गौरा को अबीर और गुलाल से रंगने के बाद बाबा दरबार में आस्‍था की कतार गुलजार रही। हर हर महादेव का उद्घोष शिव की नगरी में उल्‍लास का पर्याय बना नजर आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35657f80e784f6cc7c3c3097b87ab957b3e59c45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जागरण स्पेशल। यूक्रेन पर रूस ने जैव हथियार यानी बायोलाजिकल वेपन विकसित करने का गंभीर आरोप लगाया है। मामला इतना अहम है कि इस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा भी हुई। आधुनिक होते युद्ध संसार में जैव हथियारों को खासा खतरनाक माना जाता है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्या वाकई यूक्रेन में जैव प्रयोगशालाएं संचालित की जा रही हैं और क्या इसके पीछे अमेरिका का हाथ है:।इस तरह सामने आया दावा।चीन भी कूदा विवाद में।आरोपों से अमेरिका ने किया इन्कार।तटस्थ संस्थाओं का यह है कहना।अहम सवाल: जैव प्रयोगशालाएं हैं या नहीं।ऐसे हुई जैव प्रयोगशालाओं की शुरुआत।बेहद खतरनाक है मामला।[सोर्स-द गार्जियन]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61403.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5a205dd33bb4733ef617f45719fba6742f348ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61403.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Assembly Election Analysis पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा) के चुनाव नतीजे आ चुके हैं। देश की कुल 4120 विधानसभा सीटों में से 690 यानी करीब 17 फीसद के लिए जनता ने अपने मनपसंद की पार्टी और विधायक का नाम तय करके सामने ला दिया है। पांचों राज्यों से आए जनादेश का विश्लेषण जारी है। हर कोई अपने हिसाब से इसके निहितार्थ पेश कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34f78d66e82eaaa89bd4f17e47edd256841eb81d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61406.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। भगवान शिव की नगरी काशी भी गौरा का गौना रंगभरी एकादशी पर होने के साथ उत्‍साह और उल्‍लास से भर जाती है। इसी कड़ी में बाबा की नगरी काशी में शिव के गणों ने विविध भूत प्रेत पिशाच का स्‍वांग धरा और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ चिता भस्‍म की होली खेलने गंगा तट पर पहुंच गए। तस्‍वीरों में देखें बाबा के भक्‍तों का काशी में सड़क से लेकर गंगा घाट तक चिता भस्‍म की अल्‍हड़ और अलमस्‍त होली...।चिता भस्‍म की होली : बाबा की नगरी में मस्‍त मलंग उनके भक्‍तों की टोली बैंड बाजा और बरात लेकर गौरा के गौना के रंगभरी एकादशी के मौके पर चिता भस्‍म की होली खेलने शहर से लेकर गंगा घाटों तक नजर आए। + +चिता भस्‍म की होली : बाबा के भक्‍तों ने विविध स्‍वांग धरा तो महाश्‍मशान पर बाबा मशाननाथ के रूप में मौजूद शिवशंकर के स्‍वरूप मानों काशी में दोबारा जीवंत नजर आने लगे। ।चिता भस्‍म की होली : बाबा के भक्‍तों ने चिताओं की राख पर जब तांडव नृत्‍य शुरू किया तो काशी का रोम रोम शिव शंकर के कंकर-कंकर शंकर का मान उल्‍लास से परिपूर्ण नजर आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..009365c12c66c84cce573fe8c3f72f8d72c4fe4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61408.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, अमित शर्मा। Punjab Election Analysis पंजाब के चुनाव परिणामों से साफ है कि चुनावी रण जब जनता बनाम व्यवस्था की जंग में तबदील हो जाए, तो वही होता है जो इस बार पंजाब में हुआ। अब इसे आंधी कहें या इंकिलाब, सच्चाई यही है कि दशकों से राजनीतिक उदासीनता से जूझते पंजाब के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की यह जीत वास्तव में एक नई उम्मीद की जीत है। यह जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी हैं आम जन की उम्मीदें। + +दिल्ली में सीमित शक्तियों के बावजूद स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह बेहतरीन काम का हवाला देकर ‘आप’ ने दिल्ली माडल को पंजाब में पेश कर विश्वास जीता, उम्मीद की जा रही है कि उसी दिल्ली माडल की तर्ज पर ही अब आने वाले वर्षों में राज्य के विकास का एक नया माडल उभरेगा, पंजाब माडल। यही माडल अन्य राज्यों में पार्टी के प्रसार की संभावना के रास्ते खोल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61409.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7aba233d5397f98a0bf336ad9651036a88278fa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61409.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुशल कोठियाल, देहरादून। प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ी व सफल रही। जीत में सबसे निर्णायक भूमिका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम व काम ने निभाई। मतदाताओं का वोट नरेन्द्र मोदी के विश्वसनीय नेतृत्व और प्रदेश में गतिमान केंद्र सहायतित एक लाख करोड़ की परियोजनाओं के पक्ष में गया। जनता ने डबल इंजन की आवश्यकता को समझा व प्रदेश में भाजपा पर भरोसा जताया। 2017 के चुनाव में जो कांग्रेस केवल 11 विधायकों तक सीमित हो गई थी, इस बार उसे आठ सीटें ज्यादा मिलीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f1f26f37db7d847c2b89292a134781c3fc38424 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भाजपा में एक तरफ जहां चार राज्यों में सरकार गठन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है, वहीं दक्षिण के उसके एक मात्र गढ़ कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार और संगठन को कसने की अनौपचारिक कवायद शुरू हो चुकी है। 30 मार्च तक चलने वाले राज्य विधानसभा सत्र के बाद कभी भी कर्नाटक कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार संभव है। जबकि पांच महीने में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d201f63052bb995e94746c5e46754cf5d1b5761 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61412.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस कार्यसमिति की पांच राज्यों की हार पर हुई मैराथन चर्चा के दौरान लगातार चुनावी पराजयों से पार्टी के सामने पैदा हुई राजनीतिक चुनौती को स्वीकार करते हुए इस संकट से उबरने के लिए उठाई जा रही आवाजों पर अमल करने की बात कही है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कार्यसमिति ने यह स्वीकार किया कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए गंभीर चिंतन का विषय हैं। + +जीवंत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।जारी बयान में कहा गया कि कांग्रेस कार्यसमिति लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने पांच राज्यों के इन चुनावों में पार्टी और उसके उम्मीदवारों के लिए अथक परिश्रम किया। कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और भारत के लोगों को आश्वस्त करती है कि वह विधानसभा चुनावों के इस जनमत को विनम्रता से स्वीकार करते हुए एक सतर्क और जीवंत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b0d5e338c59f8bb088e0f556e2ae25de2892aeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : जानवर बेजुबान नहीं होता। उसकी भाषा हर किसी को समझ नहीं आती। मगर रामनगर के शरीफ का हथिनी आशा संग रिश्ता घर के किसी सदस्य की तरह ही है। यही वजह है कि कार्बेट के महावत के तौर पर रिटायर होने के बाद भी शरीफ से आशा हथिनी को जुदा नहीं किया गया। अफसर भी मानते हैं कि शरीफ के इशारों और आवाज को समझ जिस तरह आशा रेस्क्यू अभियान का अहम हिस्सा बन जाती है। वह कोई दूसरा नहीं कर सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1b876fe04e905f3b79426f3979263738c85aa99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61414.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [आशा मेहता]। काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंस्ट्रीयल रिसर्च (सीएसआइआर), सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआइ) और सेंटर आफ एक्सीलेंस फार फार्म मशीनरी गिल रोड ने 309.83 वर्ग मीटर में सोलर ट्री तैयार किया है। इन संस्थानों का दावा है कि यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा सोलर ट्री है। इससे सालाना करीब 60 हजार यूनिट क्लीन व ग्रीन एनर्जी तैयार की जा सकती है। इसे एक पेड़ की तरह इसलिए डिजाइन किया गया है ताकि इसके प्रत्येक सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) पैनल को सूरज की अधिक से अधिक रोशनी मिल सके। + +यह भी पढ़ें-लुधियाना में पूर्व नौकरानी के मन में आया लालच, डाक्टर के घर से चुराए थे लाखों के गहने; जानें कैसे पकड़ में आई।पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में भी स्थापित है एक सोलर ट्री।पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में स्थित सीएसआइआर-सीएमईआरआइ के परिसर में 67 वर्ग मीटर में 11.5 किलोवाट सोलर ट्री स्थापित है। पहले वह देश का सबसे बड़ा सोलर ट्री था। अब लुधियाना में स्थापित सोलर ट्री दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d2182c36dc524eb3719622a24b96832f49b2fae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61416.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रो संजय कुमार। Assembly Election Analysis 2022 पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों में कई संकेत और संदेश छिपे हैं। इनमें तीन संदेश अहम हैं। पहला यह कि भारतीय राजनीति में गठबंधन बहुत जरूरी है। गठबंधन की मदद से पार्टियों के मतदाताओं को एकजुट करना संभव होता है। लेकिन केवल गठबंधन ही चुनाव जिताने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। दूसरा स्पष्ट संदेश है भाजपा के प्रभुत्व का। 2014 के बाद से भारतीय राजनीति में भाजपा बहुत मजबूत ताकत बनकर सामने आई है। लेकिन क्षेत्रीय दलों ने अपनी प्रासंगिकता पूरी तरह नहीं खोई है। अब भी राजनीति में उनकी भूमिका अहम है। इसी तरह बड़े नामों का धराशाई हो जाना भी इन चुनाव नतीजों का तीसरा बड़ा संदेश है। केवल बड़ा नाम होने से जीत नहीं मिलती है, जनता के साथ जुड़े रहना भी जरूरी है। + +सपा ने रालोद, राजभर की पार्टी और कुछ अन्य छोटे दलों से गठबंधन किया था। इससे मतदाता एकजुट हुए और पार्टी का वोट शेयर बढ़ गया। बावजूद इसके पार्टी चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाई। इसका सीधा कारण रहा भाजपा की रणनीति। भाजपा के पास गठबंधन के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से किए गए कामों का लाभ भी था। योगी सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में बेहतर काम किया, विशेषरूप से कानून एवं व्यवस्था के मोर्चे पर। इन सबसे ऊपर, पार्टी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का श्रेय भी मिला। केवल गठबंधन से कुछ नहीं होता, इसका उदाहरण पंजाब में भाजपा के रूप में ही दिखा। + +पार्टी ने अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन किया था, लेकिन रणनीति पूरी तरह फेल हो गई। गोवा में ममता बनर्जी की टीएमसी ने भी गठबंधन किया था, लेकिन खास प्रदर्शन नहीं रहा। आम आदमी पार्टी का गठबंधन भी गोवा में असर नहीं डाल सका। मणिपुर में भाजपा के गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन इसमें उम्मीदवारों का चेहरा भी अहम रहा। कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। उत्तर प्रदेश में 2014, 2017 और 2019 के चुनाव नतीजे भी दिखा चुके हैं कि केवल कागज पर गठबंधन के गणित से जीत नहीं मिल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f05852c9941d72fa5b962cd9d667b561cb03208 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनंद प्रकाश। पांच राज्यों-उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए घोर निराशाजनक साबित हुए। किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन यह पार्टी सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे दो राज्यों तक सीमित हो जाएगी। एक समय यह पार्टी पूरे भारत में अपनी सरकार बनाती थी, लेकिन आज मुख्य विपक्षी दल बने रहने के लिए भी संघर्ष कर रही है। कांग्रेस की यह स्थिति खुद कांग्रेस की ही देन है। विगत कुछ वर्षों में कांग्रेस एक ऐसे दल के रूप में बदल गई है, जो अपने आप में एक विरोधाभास समेटे हुए है। इसके सारे फैसले नेहरू-गांधी परिवार लेता हुआ नजर आता है। इसका शीर्ष नेतृत्व या कहें हाईकमान राज्यों के नेताओं के पारस्परिक विवादों को सुलझाने में ही लगा रहता है। इसके बाद भी वह बड़े नेताओं के झगड़े सुलझा नहीं पा रहा है। कांग्रेस नेतृत्व की यह स्थिति परवर्ती मुगलों के समान दिखाई देती है। कहने को तो उनके पास पूरा भारत था, लेकिन वास्तव में उनका साम्राज्य सिर्फ पुरानी दिल्ली से पालम तक ही चलता था। पंजाब और उत्तराखंड में इस बार कांग्रेस की जीत की अच्छी संभावनाएं दिख रही थीं। हालांकि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू एवं कैप्टन अमरिंदर सिंह, फिर बाद में चरणजीत सिंह चन्नी और उत्तराखंड में हरीश रावत एवं प्रीतम सिंह के आपसी कलह ने उसे पूरे परिदृश्य से ही बाहर कर दिया। इसी तरह कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं का एक समूह पनप चुका है जिसे संभालना पार्टी के लिए लगातार कठिन होता जा रहा है। दिक्कत की बात यह है कि कांग्रेस नेतृत्व दशकों से इन्हीं नेताओं पर आश्रित रहा है। आज स्थिति यह है कि इन नेताओं के असहयोग के कारण कांग्रेस हर जगह असमर्थ दिखती है। कांग्रेस को चाहिए कि भाजपा की तरह वह नेताओं की नई पौध को लगातार विकसित करता रहे। उन्हें भविष्य के नायक के रूप में तराशती रहे। कांग्रेस को यह भी विचार करना होगा कि अब उसके दल का कौन-सा पुर्जा पूरी तरह से घिस चुका है, कौनसा पहिया टूट चुका है और किसे राजनीतिक समर से बाहर भेजा जाना चाहिए। वर्तमान का नुकसान भविष्य के विनाश से ज्यादा बेहतर होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a07ad341cf1a03d509eba5f52bd1aec0a44a1e63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदीश कुमार, जालंधर। पंजाब के भावी मुख्यमंत्री भगवंत मान 16 मार्च को शपथ लेंगे। इसी के साथ कौन मंत्री बनेगा, इसे लेकर भी चर्चाएं शुरु हो गई हैं। एक बात तय है कि अपने मंत्री चुनने के लिए मुख्यमंत्री मान के पास विकल्पों या नई प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं होगी। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 117 विधानसभा सीटों में से 92 हासिल करके बंपर जीत हासिल की है। बड़ा बात यह है कि नए विधायकों में 15 डाक्टर और छह सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं।  ।पंजाब के इतिहास में यह पहली बार है जब एक साथ इतने डाक्टर विधायक निर्वाचित हुए हैं। सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी से ही 12 डाक्टर निर्वाचित हुए हैं। शिअद, बसपा व कांग्रेस के भी एक-एक डाक्टर को सदन में पहुंचने का मौका मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..111724894a8fc2f5faf5727e794542a77475f186 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61427.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राजनारायण सिंह, अलीगढ़ । संकल्प में शक्ति होती है, शक्ति से सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं। शहर के कुछ पर्यावरण प्रेमियों ने होलिका में गोकाष्ठ (गाय के गोबर से बनी लकड़ी) रखने का संकल्प लिया है। होलिका में पेड़ की लकड़ी हरगिज नहीं रखेंगे। पूरी तरह से गोकाष्ठ होगा। साथ ही उन्होंने सभी को जागरूक करने का भी संकल्प लिया है। जिससे इस बार होलिका में अधिक से अधिक गोकाष्ठ का प्रयोग हो। दैनिक जागरण की इस मुहिम में गोकाष्ठ खरीदकर आप भी उसका हिस्सा बन सकते हैं। + +गोशालाओं में गोकाष्‍ठ का निर्माण।जिले में तमाम गोशालाओं में गोकाष्ठ का निर्माण हो रहा है। ये गोशाला मालिक पर्यावरण से जुड़े हैं, जिन्हें कहीं भी पेड़ कटते हुए दिखाई देता है तो दर्द होता है। वह पेड़ों को बचाने के लिए मुहिम भी चलाते रहे हैं। वरिष्ठ समाजसेवी राकेश ताले वाले बड़ी संख्या में गाय के गोबर से लकड़ी तैयार करा रहे हैं। उनके अकराबाद क्षेत्र के गांव धर्मपुर स्थित गोशाला में बड़ी मात्रा में गोकाष्ठ का निर्माण हो रहा है। इगलास के मोहनपुर और गौंडा के कैमथल में भी गोकाष्ठ का निर्माण कराया जा रहा है। राकेश ताले वाले कहते हैं कि पर्यावरण को बचाने के लिए इससे बड़ी मुहिम कोई और नहीं हो सकती है। यदि सरकार की ओर से प्रदेश भर की होलिका में गोकाष्ठ रखने के निर्देश हो जाएं तो पर्यावरण के लिए मानों वरदान होगा। हजारों पेड़ कटने से बच जाएंगे। इसलिए सभी गोशालाओं में अधिक से अधिक गोकाष्ठ तैयार कराई जा रही है। लगातार दो साल के बाद परिणाम सुखद आने लगे हैं। इस बार अभी तक 15 लोगों ने होलिका में गोकाष्ठ रखने के लिए आर्डर भी दे दिए हैं। गोशालाओं से हम गोकाष्ठ पहुंचाना भी शुरू कर दिया है। + +हजारों पेड़ कटने से बच जाएंगे।वरिष्ठ पर्यावरणप्रेमी सुबोधनंदन शर्मा का कहना है कि लोग होलिका में गोकाष्ठ रखते हैं तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इससे हजारों पेड़ों की बलि चढ़ने से बचेगी। होलिका पर तमाम लोग चोरी-छिपे हरे पेड़ तक काट डालते हैं। इससे पर्यावरण तेजी से असंतुलित हो रहा है। इसलिए सरकार को होलिका में गोकाष्ठ रखने के निर्देश जारी कर देने चाहिए। सुबोधनंदन शर्मा ने कहा कि गोकाष्ठ के प्रयोग से गोशालाएं भी समृद्ध होंगी। होलिका में गोबर की लकड़ी से पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा। होलिका में गोकाष्ठ रखने से हादसा भी नहीं होगा। लकड़ी रखने से तमाम बार लोग घायल हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22e0fedbb9a63431a305c52a8a92aa8a4fafbd40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये दिग्‍गज रहे मौजूद ।प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल उपस्थित थे। बैठक के बारे में सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीसीएस बैठक कर यूक्रेन में चल रहे विवाद के मद्देनजर देश की सुरक्षा तैयारियों और वैश्विक स्तर पर चल रही गतिविधियों की समीक्षा की। ।नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को लाने के निर्देश ।प्रधानमंत्री को देश की सीमाओं पर सुरक्षा तैयारियों के विभिन्न आयामों के बारे में बताया गया। साथ ही नौसेना और वायुसेना के स्तर पर तैयारियों और मौजूदा हालात के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिए शुरू किए गए आपरेशन गंगा के बारे में भी अवगत कराया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने खार्कीव में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने के लिए हरसंभव कोशिश करने का निर्देश दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..963da2518a467b4fd4c5082035f769563c96d88c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मऊ, जागरण संवाददाता। मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने भले ही मऊ सदर सीट जीत ली हो लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद देख लेने की धमकी पर प्रशासन अब उनको बख्शने के मूड में नहीं है। इस मामले में लगातार दो दिन मुकदमा अलग अलग धाराओं में दर्ज करने के बाद हेट स्‍पीच का आरोप अब्‍बास पर तय किया गया है।  ।पहले दिन के एक्शन के बाद पुलिस ने अगले दिन ही एक और मुकदमा दर्ज कर अपनी सख्ती का अहसास करा दिया था। अब सरकार गठन होने के बाद मुख्तार और उनके परिवार के अवैध साम्राज्य पर दोबारा बुलडोजर चलाने की तैयारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23fda9dc62829146d6ac4c827c0492ea9818d8a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61432.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुस्लिम समाज में बढ़ती कट्टरता के खिलाफ देशभर की दरगाहों से सज्जादानशीं बाहर निकलेंगे तथा समाज में जाकर अमन-शांति का पैगाम फैलाएंगे। समाज में धर्म के नाम पर फैले भ्रम को दूर करेंगे। यह अहम और बड़ा फैसला निजामुद्दीन दरगाह इलाके में हुई देशभर के 50 से अधिक प्रमुख दरगाहों के सज्जादानशीं की बड़ी बैठक में लिया गया। यह इस तरह की पहली बैठक है, जिसमें निजामुद्दीन औलिया, अजमेर शरीफ, लखनऊ स्थित शाहमीना दरगाह व हजरत ख्वाजा औरंगाबादी जैसी दरगाहों के प्रमुख शामिल थे। सभी ने एक स्वर में देश समेत विश्व भर में समाज में बढ़ रही कट्टरता वाली विचारधारा पर चिंता जताई और एक साथ सिर जोड़कर इससे समाज को निकालने के रास्तों पर गहन चिंतन-मनन किया। + +इंटरनेट मीडिया पर गलत खबरों की आड़ में युवा हो रहे गुमराह। इस बैठक और लिए गए निर्णयों को इसलिए जरूरी बताया गया क्योंकि, धर्म और धार्मिक ग्रंथों की गलत व्याख्या कर समाज में टकराव को बढ़ाया जा रहा है। इसी तरह इंटरनेट माध्यम से भ्रामक खबरों की आड़ लेकर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। मनमाने फतवों से समाज में जड़ता आ रही है। + +समाज और देश की चिंता। ऐसे में वक्त आ गया है कि जब सज्जादनशीं आध्यात्म के साथ ही साथ समाज और देश की भी चिंता करें। वे इसके लिए दरगाहों से बाहर निकलकर समाज के बीच सूफी विचारधारा को बढ़ाएं। उनके द्वारा समाज के बीच आपसी भाईचारे व प्रेम का पाठ पढ़ाना वक्त की मांग है। तय हुआ कि समाज में इसके लिए गोष्ठियाें व बैठकों के साथ ऐसे साहित्यों का वितरण किया जाएं। इसके लिए इंटरनेट माध्यमों का भी इस्तेमाल हो। इसी तरह इसके लिए देशभर में स्थित सभी दरगाहों को साथ लाने व दरगाहों में ही आध्यात्मिक आधारित सूफी विचारधारा की शिक्षा को आगे बढ़ाने वाले केंद्र खोलने पर भी रायशुमारी बनी। + +महिलाएं आएंगी आगे, ताकि समाज में हो बदलाव। यह बैठक आल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल (एआइएसएससी) के बैनर तले थी, जो तकरीबन चार साल पहले ही अस्तित्व में आया है। विशेष बात कि इसके लिए महिलाओं को आगे लाने पर जोर दिया गया, क्योंकि बच्चों की पहली शिक्षक मां होती हैं। वह बच्चों को सही शिक्षा देने के साथ उनकी गतिविधियों पर नजर रखेंगी तो काफी हद तक समाज में बदलाव लाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ff70340b1bacd2cb0649d0050bff05ea8dc5a23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक ने ही साइकिल की रफ्तार बढ़ाई है और उसे मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ा करने में इस समुदाय का बड़ा योगदान है। 2017 के चुनाव में 24 मुस्लिम विधायक चुने गए थे, जिनमें 17 सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस बार मुस्लिम वोट बैंक ने अपनी भागीदार बढ़ाई है और कुल 34 मुस्लिम विधायक चुने गए हैं, जिनमें 31 सपा के खाते में हैं। साफ है कि सपा के खेमे में इस बिरादरी के 14 विधायकों का इजाफा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5859718de32e0bcce9260f1dfc8f3f3a96429810 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61435.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2017 के मुकाबले 2022 में कांग्रेस को सबसे अधिक 23.69 लाख वोटों का नुकसान हुआ है। इस सबके बावजूद भारतीय जनता पार्टी 1.2 फीसद वोट बढ़ाने में कामयाब तो रही, लेकिन यह स्थिति तब है जब भाजपा 23 के बजाय 73 सीटों पर चुनाव लड़ा। ।चुनाव परिणामों के आंकड़ों को देखें भाजपा को आप की सुनामी में भी सबसे कम वोटों का नुकसान दिखाई दे रहा है। भाजपा भले ही 2 सीटों को जीतने में कामयाब हुई हो, लेकिन अगर 23 उन सीटों की तुलना की जाए जहां पर अकाली दल और भाजपा गठबंधन करके लड़ती थी तो वहां पर भाजपा को मात्र 2.29 लाख वोटों का नुकसान दिखाई दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b96331590aa36b0423ddfa2c40336986f9135746 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी से औरंगाबाद तक बने तीन टोलप्लाज़ा के हेड मनीष कुमार ने बताया कि दो से तीन दिन में यह शुरू कर दिया जाएगा। मनीष कुमार ने बताया कि बालू लदे ट्रैक्टर के कारण सड़कें खराब हो रही हैं। क्योंकि ट्रैक्टर से बालू गिरकर सड़क पर पिघले तारकोल और गिट्टी में मिलकर कमजोर कर देता है जिसके कारण सड़क उखड़ने लगती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b84725983297f77ced2661b115f109820b015ad9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ पहुंच रवि तेजा।रवि तेजा के साथ, उनके ड्राइवर श्रीनिवास को भी ईडी ने समन भेजा था। इस मामले में गुरुवार सुबह 10:30 बजे पूछताछ शुरू हुई। पहले पूछताछ के लिए पहुंचे एक्टर्स अपने साथ बैंक स्टेटमेंट लाए थे जबकि रकुल को फाइलें ले जाते हुए देखा। वहीं राणा दग्गुबाती के पास लैपटॉप था। रवि तेजा यहां अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ पहुंचे थे। रवि को आडी को बताना है कि केल्विन नाम के एक व्यक्ति और विदेशों में अन्य खातों में पैसा कथित रूप से क्यों गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e356b4fabf65c388c1ce8435de668359839ed04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- प्रो पंत का कहना है कि अगर युद्ध लंबा चला तो इसकी आंच यूरोपीय देशों तक पहुंच सकती है। उन्‍होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो युद्ध के नतीजे भयावह हो सकते हैं। पुतिन सोवियत संघ का हिस्‍सा रहे मोल्‍डोवा और जार्जिया तक सेना भेज सकते हैं। दोनों देश अभी नाटो संगठन का हिस्‍सा नहीं हैं। हालांकि, उन्‍होंने जोर देकर कहा कि यह अभी अनुमान है। एक कल्‍पना है, लेकिन जिस तरह से पुतिन युद्ध को आगे खींच रहे हैं उनके इरादे बड़े लग रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि अगर पुतिन को यह लगा कि अपने नेतृत्व को बचाने का ये एकमात्र तरीका है तो वह ऐसा कदम उठा सकते हैं। इसके बावजूद प्रो पंत के अनुसार परमाणु हमले की आशंका बहुत कम है। पुतिन पश्चिमी देशों को यूक्रेन को हथियार देने को उकसावे की कार्रवाई भी मान रहे हैं। वह नाटो के सदस्‍य बाल्टिक देशों में सेना भेजने की धमकी दे सकते हैं। यह बहुत भयानक हो सकता है। इसमें नाटो के साथ जंग का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि नाटो के अनुच्छेद 5 के अनुसार एक नाटो सदस्य पर हमला सभी सदस्यों पर हमला माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2553f0a44640b9120874963de1964833b1f7aeeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61444.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी भगवान शिव की नगरी पुराणों से भी पुरानी मानी जाती है। बाबा की नगरी काशी में बाबा अपने भक्‍तों को होली के हुड़दंग की खुद अनुमति देते हैं। जी हां! बाबा की नगरी काशी में रंगों के त्‍योहार में एक रंग अनोखा चढ़ता है वह है चिताओं की भस्‍म से होली का। बाबा दरबार में इस बार होली का रंग और भी चटख इसलिए भी होना है क्‍योंकि बाबा दरबार को इस बार भक्‍तों के लिए दिव्‍य और भव्‍य बनाने के साथ ही भक्‍तों के लिए खोल दिया गया है। पहली बार मौका ऐसा है कि जब भव्‍य बाबा दरबार में होली की परंपरा के लिए पर्याप्‍त जगह मिल रही है। + +इस पारंपरिक उत्सव को काशी के मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के बीच मनाया जाता है जिसे देखने दुनिया भर से लोग काशी आते हैं। इस अद्भुत, अद्वितीय, अकल्पनीय होली को देखकर, खेलकर दुनिया की अलौकिक शक्तियों के बीच अपने को खड़ा पाते हैं। जीवन के सत्य से परिचित होकर बाबा में अपने को आत्मसात करते हैं। इस आयोजन में बाबा महाश्मशान नाथ और माता मशान काली (शिव शक्ति) का मध्याह्न आरती कर बाबा व माता को चिता भस्म व गुलाल चढाया जाता है। इसके साथ ही घाट पर होली की परंपरा का निर्वहन होता है और पूरा मंदिर प्रांगण और शवदाह स्थल चिताओं की भस्म से भर जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..297378e7ec904df52a78c596062b4399e9be6725 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61445.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, संगरूर। पंजाब के गांव भराज के एक किसान की 27 वर्षीय बेटी नरिंदर कौर भराज ने कांग्रेस के धुरंधर कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला को 36420 मतों के अंतर से करारी शिकस्त देकर हलका संगरूर की पहली महिला विधायक बनने का रिकार्ड कायम किया। 8 वर्ष के राजनीतिक सफर में भराज ने पहली विधानसभा चुनाव दौरान ही राजनीति के धुरंधर नेताओं को चुनावी अखाड़े में धूल चटाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ba7a32fb53c8830fc8d35a34930d8bf044c910b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। तृणमूल कांग्रेस की सांसद और बंगाली अभिनेत्री नुसरत जहां इन दिनों अपने बेटे को लेकर काफी चर्चा में हैं। हाल ही में नुसरत ने एक बेटे को जन्म दिया है जिसके बाद एक्ट्रेस से लगातार ये सवाल किया जा रहा है कि इस बच्चे का पिता कौन है। दरअसल, कुछ वक्त पहले ही निखिल जैन और नुसरत ने इस बात की घोषणा कर दी थी कि वो दोनों अलग हो चुके हैं। निखिल ने तो ये तक कहा था कि वो बहुत महीनों से साथ नहीं रह रहे हैं इसलिए वो नुसरत की प्रेग्नेंसी की बारे में भी कुछ नहीं जानते। अब ऐसे में मां बनने के बाद एक्ट्रेस से लगातार बच्चे के पिता का नाम पूछा जा रहा है, वहीं लोग एक्ट्रेस के बच्चे को देखने के लिए भी काफी बेचैन हैं। ।हाल ही में मां बनने के बाद नुसरत कोलकाता के एक सैलून के लॉन्च इवेंट में शामिल हुईं जहां उन्होंने फिर से कुछ ऐसे ही सवालों का सामना किया। इवेंट में नुसरत से पूछा गया कि आप बच्चे का चेहरा कब दिखाएंगी? इस पर एक्ट्रेस ने जवाब दिया ‘ये सवाल आप बच्चे के पिता से करिए, वो नहीं चाहते कि अभी उनके बेटे को कोई भी देखे’। इसके बाद नुसरत से बच्चे के पिता में बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है ये सवाल गलत है, किसी महिला के चरित्र पर ये एक काले धब्बे जैसा है...उससे पूछना कि बच्चे का पिता कौन है? पिता को पता है कि उसका पिता कौन है। हम दोनों साथ में बहुत अच्छे से माता-पिता होने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मैं और यश साथ में बहुत अच्छा वक्त बिता रहे हैं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f98222b97d133a256e669dd96dd956e1dcc52860 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़कलां में नए मुख्यमंत्री भगवंत मान 16 मार्च को शपथ लेंगे। भगवंत मान के शपथ ग्रहण समारोह से अंतरराष्ट्रीय फलक पर खटकड़कलां का नाम एक बार फिर चमक उठा है। ।नवांशहर के गांव खटकड़ कलां में शपथ ग्रहण समारोह में एक लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत है। 40 एकड़ में पंडाल बनाया जाएगा। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं का अनुमान है कि लोगों की गिनती एक लाख से ज्यादा भी हो सकती है। शपथ ग्रहण समारोह व 13 मार्च को अमृतसर में किए जाने वाले रोड शो पर 2.57 करोड़ रुपये खर्च आएगा। वित्त विभाग ने दोनों समारोहों की तैयारियों के लिए ये राशि जारी कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61452.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61452.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bcdbb2ea8e8c50fe34cd91e3803659a30f77884 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61452.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, फीचर डेस्क। साप्ताहिक ‘प्रताप’ के संपादकीय अग्रलेख (18 मार्च, 1914 ) में गणेश शंकर विद्यार्थी ने होली के माध्यम से जातीय अस्मिता और सांस्कृतिक परंपराओं के सूत्रों को राष्ट्रीय स्वाभिमान और देशोन्नति से संबद्ध किया था। अपने विचारों के कारण यह आज भी प्रासंगिक है ...।जी खोलकर हंसना-बोलना और खुशी मनाना उन्हीं लोगों का काम है जिनके शरीर भले और मन चंगे हों, लेकिन जिनके ऊपर विपत्ति और पतन की घनघोर घटा छाई हो, जिनका घर और बाहर सभी जगह अपमान हो रहा हो और जिनकी दुर्दशा उनके सारे गुणों की जड़ पर कुठार चला रही हो, उनका हंसना-बोलना और खुशी मनाना या तो नीचातिनीच प्रकार की मूर्खता है या फिर पूरा पागलपन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8daf350ca6ed89d6c3ab7c293e033102ffb27ced --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जैसे-तैसे राम भरोसे लाल जी भांग के नशे से रंग में भंग करते हुए बचे तो दद्दा की भी जान में जान वापस आई। उन्होंने तुरंत अपना काउंटर बंद करना चाहा तो ऊपर से सुखोई फाइटर योद्धा ने एक बार फिर से अपनी ‘बंगी बास्केट’ नीचे लटका दी। इस बार वो एकदम खाली थी। तेज आवाज में उसने कहा, ‘अरे, दद्दा राम-राम। जितना कुछ भी बचा हो सब मेरी ‘बंगी बास्केट’ में डाल दीजिए। एयरफोर्स स्टेशन पर मेरे साथी पायलट आपकी मशहूर ठंडाई का इंतजार कर रहे हैं। मेरी और उनकी तरफ से आपको और हमारे समस्त देशवासियों को होली बहुत-बहुत मुबारक हो।’।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91a2abbbb52e466fcdba975c8f56045b415aa5a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61455.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजनीतिक रूप से सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा ने सपा की चुनौती को जिस तरह मात दी, उसका महत्व इसलिए अधिक है, क्योंकि ऐसा माहौल बनाया जा रहा था कि भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा और कथित किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी और हाथरस जैसे कांड उसे बहुत महंगे पड़ेंगे। ऐसा नहीं हुआ। लखीमपुर खीरी समेत 23 जिलों में विरोधी दलों का खाता भी नहीं खुला। उत्तर प्रदेश में भाजपा को कोविड महामारी से उपजी कठिन चुनौतियों के बीच भी जीत इसलिए मिली, क्योंकि जनता ने पिछले पांच साल सुशासन को महसूस किया और विपक्षी दलों के दावों पर भरोसा नहीं किया। कथित किसान आंदोलन के बहाने भाजपा को किसान विरोधी साबित करने की कोशिश जाट बहुल पश्चिमी यूपी में भी नाकाम रही। इस नाकामी की बड़ी वजह यह रही कि आम किसान यह देख रहा था कि भाजपा किसान सम्मान निधि समेत अन्य योजनाओं से उसकी समस्याएं हल करने की हर संभव कोशिश कर रही है। + +सपा ने भाजपा को चुनौती अवश्य दी और अपनी सीटें एवं वोट प्रतिशत भी बढ़ाया, लेकिन वह यादव-मुस्लिम समीकरण बनाकर भी आगे इसलिए नहीं बढ़ सकी, क्योंकि ऐसा कोई खाका पेश करने में नाकाम रही, जिस पर जनता भरोसा कर पाती। मुस्लिमों और यादवों की गोलबंदी सीमित असर तो डाल सकती है, लेकिन वह निर्णायक जनादेश नहीं दिला सकती। सपा को यह भी समझना होगा कि ध्रुवीकरण के जवाब में भी ध्रुवीकरण होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2d4bc694cbe0f7da0b0144ef1c862e4fd317303 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अमृतसर ईस्ट सीट का इतिहास।लाेगाें का जताया आभार।जीत के बाद गदगद जीवन ज्योत कौर का कहना है कि उन्हें पहले ही उम्मीद थी कि हलका पूर्वी के लोग उन्हें जिताएंगे। विधायक नवजोत सिंह सिद्धू हलके के लोगों से मिले तक नहीं और चुनावों के समय में वह लोगों के बीच आकर काम करने लगे। जनता भलीभांति यह जान चुकी थी। अब वह विधानसभा में इलाके की समस्या काे उठाकर उसका प्रमुखता से निवारण करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e1fab3f0869ca50314fd7af786e56328bb07721 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61459.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [अनंत विजय]। हिंदी साहित्य में इन दिनों एक बार फिर से विनोद कुमार शुक्ल की चर्चा हो रही है। चर्चा उनकी किसी कृति को लेकर नहीं बल्कि उनके एक बयान को लेकर हो रही है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल एक वीडियो में वो अपनी पुस्तकों के प्रकाशकों से नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। उनको इस बात का मलाल है कि उनके प्रकाशकों ने उनकी पुस्तकों पर रायल्टी कम दी या रायल्टी देने में गड़बड़ी की। इस वीडियो के पहले फिल्मों से जुड़े मानव कौल ने विनोद कुमार शुक्ल को मिलने वाली रायल्टी के बारे में लिखा था। + +विनोद कुमार शुक्ल की आयु 85 वर्ष से अधिक हो रही है। इस उम्र में उन्होंने रायल्टी का मुद्दा उठाया, अच्छी बात है। उनकी पुस्तकों के प्रकाशकों, राजकमल और वाणी प्रकाशन, ने भी अपना पक्ष सार्वजनिक रूप से सामने रखा। इन दोनों प्रकाशकों के प्रमुखों ने विनोद जी को सम्मानित लेखक बताया और उनको समय पर रायल्टी देने की बात कही। 1990 के बाद के वर्षों में विनोद कुमार शुक्ल को लेकर अशोक वाजपेयी और उनकी मंडली के लोग खूब चर्चा करते थे। 1994 में अशोक वाजपेयी को जब संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहते साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल गया तो उनकी मंडली ने विनोद कुमार शुक्ल के पक्ष में माहौल बनाना आरंभ किया था। + +विनोद कुमार शुक्ल की पुस्तकें इसका अपवाद नहीं हो सकती हैं। किंडल आदि पर तो बिक्री का आंकड़ा पारदर्शी होता है। उसमें तो किसी भी तरह की गड़बड़ी की भी नहीं जा सकती। जितना डाउनलोड होगा उतनी संख्या पता चल जाएगी। हिंदी साहित्य में इन दिनों एक चिंताजनक प्रवृत्ति देखने को मिल रही है, वो ये कि साहित्य से जुड़े कुछ लोग साहित्यिक मसलों का फेसबुक पर फौरी हल चाहते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। जिनको प्रकाशन जगत की बारीकियों का कुछ भी नहीं पता वो भी क्रांति की पताका लेकर फेसबुक पर विनोद कुमार शुक्ल के पक्ष में नारेबाजी कर रहे हैं। जबकि इस पूरे मसले को समग्रता में देखे जाने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89d855f58f6dec81693bb55d7c4166d67aea22b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कला के अध्यापक अमूमन ब्लैकबोर्ड और ड्राइंग पेपर पर छात्रों को पेंटिंग की बारीकियां समझाते हैं, लेकिन आदर्श नगर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय नंबर-2 में फाइन आर्ट के शिक्षक सुनील कुमार के लिए स्कूल ही कैनवास है। उन्होंने दीवारों, गेट, अलमारियों से लेकर गमले तक को रंग में रंग डाला है। विशेष बात है कि ये रंग छात्रों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के साथ उन्हें देशभक्त बनाते हुए भविष्य का रास्ता दिखा रहे हैं। सुनील कुमार अब तक छह स्कूलों में 10 हजार से अधिक पेंटिंग बना चुके हैं। इनमें जहांगीरपुरी, तुगलकाबाद एक्सटेंशन, नंद नगरी, अंबेडकर नगर व लांसर रोड स्थित सरकारी विद्यालय है। ।हर कक्षा के द्वार पर देशभक्तों के चित्र।छात्रों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाने के लिए उन्होंने कक्षा के दरवाजे पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीर बनाई है। साथ ही उनका जीवन परिचय लिखा है, ताकि कक्षा में प्रवेश करने से पहले छात्र उन देशभक्तों के जीवन से सीख ले सकें। इसके साथ ही भारतीय संविधान की उद्देशिका, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, भारत माता की तस्वीर बनाई है। इसके साथ ही दिल्ली दर्शन में यमुना नदी, लाल किला, सिग्नेचर ब्रिज और दिल्ली मेट्रो का चित्रांकन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d677141d621c4b90cb1843f424df9736e434e72b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली/कीव, जेएनएन। Ukraine's first lady citizen Zelenska: रूस यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेनी राष्‍ट्रप‍ति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की की पत्‍नी ओलेन जेलेंस्‍का भी सुर्खियों में रहीं। जंग के दौरान ओलेना जेलेंस्‍का ने कहा कि वह अपना देश छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी। उन्‍होंने अपने दोनों बच्‍चों साशा और सिरिल के साथ यूक्रेन में ही रुकने का फैसला किया है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब रूसी सेना उनके पति यानी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की की तलाश में जुटी है। वह यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रही है। ऐसे में जेलेंस्‍का का यह बयान यूक्रेनियों को एक मजबूत संबंल प्रदान करता है। आइए हम आपको जेलेंस्‍का के कुछ अनछुए पहलूओं के बारे में बताते हैं। आखिर कौन है जेलेंस्‍का? उनका करियर और उनकी किन चीजों में दिलचस्‍पी है?।राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की ने भी देश छोड़ने के प्रस्‍ताव को किया खारिज ।खास बात यह है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद जब यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की को देश छोड़ने का प्रस्‍ताव मिला तो उन्‍होंने इससे इन्‍कार कर दिया। उन्‍होंने कहा कि मुझे हथियारों की जरूरत है न क‍ि परिवहन की। यह बात इसलिए खास है क्‍योंकि अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के पहले ही राष्‍ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे। उस वक्‍त अमेरिका समेत तमाम देशों ने उनके इस कदम की निंदा की थी। ऐसे में जेलेंस्‍की ने दिखाया कि संकट के समय वह अपने देश के नागरिकों के साथ खड़े हैं। इसके बाद ही जेलेंस्‍का का बयान भी सामने आया। यह मामला तब चर्चा में आया जब जेलेंस्‍की ने यह आशंका जाहिर की थी कि अब रूसी सेना का अगला निशाना उनका परिवार होगा। इसके बाद दुनिया और यूक्रेन की निगाहें देश की प्रथम महिला की ओर गई। हालांकि, सुरक्षा कारणों से जेलेंस्‍का ने अपने ठिकाने के बारे में किसी से नहीं बताया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ac5eb87ace290e0ffba35d9b95a20f2b761e658 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61468.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अभियान के लिए टीम : बछेंद्री पाल (67) उत्तरकाशी (उत्तराखंड) : टीम लीडर, वसुमति श्रीनिवासन (68) बेंगलुरु (कर्नाटक), चेतना साहू (55) कोलकाता (बंगाल), सविता धपवाल (53) भिलाई (छत्तीसगढ़), गंगोत्री सोनेजी (63) बड़ौदा (गुजरात), पायो मुर्मू (54) जमशेदपुर (झारखंड), डा. सुषमा बिस्सा (56) बीकानेर (राजस्थान), मेजर कृष्णा दुबे (60) लखनऊ (उत्तर प्रदेश), बिमला देवस्कर (56) नागपुर (महाराष्ट्र), एल.अन्नपूर्णा (53) जमशेदपुर (झारखंड), चौला जागीरदार (64) पालनपुर (गुजरात), शामला पद्मनाभन (65) मैसूर (कर्नाटक)। + +तीन वर्ष पूर्व आया अभियान का विचार : बछेंद्री बताती हैं कि पांच वर्ष का अतिरिक्त कार्यकाल मिलने के बाद 2018-19 में वह टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन से सेवानिवृत्ति की तैयारी में थी। उसी दौरान मन में विचार आया कि वह अभी पूरी तरह से फिट हैं और इस उम्र में भी ट्रैकिंग कर सकती हैं। साथ ही 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को भी ट्रैकिंग के लिए प्रेरित कर सकती हैं। इसके लिए उन्होंने एक योजना तैयार कर उसे टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन से साझा किया। वर्ष 2020 में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को यह प्लान बताया तो वह काफी प्रभावित हुए। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे सहमति दे दी। अभियान 2021 में तय था, लेकिन कोविड के कारण आगे खिसकाना पड़ा। + +सोच को सकारात्मक बनाने का लक्ष्य : बछेंद्री कहती हैं, बीते वर्षों में मैं 50 वर्ष से अधिक उम्र की कई महिलाओं से मिली। अधिकांश में बढ़ती उम्र के साथ अपनी स्वस्थ जीवन शैली के प्रति नकारात्मक सोच दिखाई दी। मैंने इस सोच को बदलने की ठानी, क्योंकि स्वयं को स्वस्थ एवं फिट रखने के लिए उम्र और लिंग कोई बाधा नहीं है। मैंने उन्हें यह बताने की भी कोशिश है कि ढलती उम्र के साथ सशक्तीकरण, नेतृत्व, निर्णय लेने, जीवन शैली और फिटनेस का बड़ा महत्व है। स्वस्थ रहना सिर्फ आप के लिए ही नहीं, आपके परिवार, समाज व राष्ट्र के लिए भी महत्वपूर्ण है। + +ढलती उम्र में बढ़ता हौसला : बछेंद्री कहती हैं कि महिला ट्रांस हिमालय अभियान में हिमालय के पल-पल बदलते मौसम के साथ वहां की कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए उनकी टीम पूरी तरह प्रतिबद्ध है। टीम में शामिल सभी महिलाएं प्रसिद्ध पर्वतारोही रह चुकी हैं। ढलती उम्र में मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और शारीरिक चुनौतियों भी हैं। टीम की साहसी महिलाएं मां, दादी, नानी आदि रिश्तों से भी बंधी हैं। इसलिए पांच माह घर से दूर रहना, ट्रैकिंग में उपलब्ध भोजन खाना, टेंटों और ट्रैक रूट पर पडऩे स्कूल व अन्य भवनों में स्लिपिंग बैग में सोना अपने आप में चुनौती है। लेकिन, उनका अनुभव कहता है कि यह अभियान आशा और उम्मीद जगाते हुए भावनाओं को मजबूत करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..998e87a67c13614235a9add5b758860cbee9360f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 2- प्रो पंत ने कहा कि सरकार और राजनीति में सेना का हस्‍तक्षेप खुद इमरान सरकार के लिए ठीक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान में ऐसे कई मौके आए हैं जब पक्ष और विपक्ष की कलह का सेना ने लाभ उठाया है। ऐसे में इमरान सरकार को सेना को राजनीति से दूर रखना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के राजनीतिक इतिहास से इमरान खान को सबक लेना चाहिए। इसलिए सेना को राजनीति से दूर रखना चाहिए। ।3- उन्‍होंने कहा कि इमरान सरकार को बचाने के लिए गृहमंत्री शेख रशीद के इशारे पर पुलिस ने संसद के अंदर छापे मारी की। इस अभियान के दौरान पुलिस ने अंसारउल इस्‍लाम के दर्जनों कार्यकर्ताओं और चार सांसदों को गिरफ्तार किया है। वहीं कई सांसदों ने संसद में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अपनी गिरफ्तारी दी है। बता दें कि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद जमीयत के सदस्‍यों ने देशभर में जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। पेशावर में तो उन्‍होंने पाकिस्‍तानी सेना के जवानों को घेर लिया और पीछे भागने के लिए मजबूर कर दिया। इससे यह सवाल उठने लगा है कि पाकिस्‍तान में गृहयुद्ध के आसार हैं। ।4- प्रो पंत ने पाकिस्‍तान में अगर जनता सेना के खिलाफ हुई तो स्थिति पर नियंत्रण पाना बेहद मुश्किल होगा। हालांकि, उन्‍होंने पाकिस्‍तान में किसी गृहयुद्ध की आशंका को खारिज किया है, लेकिन सेना के दखल का असर पाकिस्‍तान की राजनीति के लिए शुभ नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयोग से सेना सत्‍ता पर काबिज हो सकती है। ।4- उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तान के 73 वर्षों के इतिहास में आधे से ज्यादा समय तक देश पर शासन करने वाली सेना सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी हावी रही है। इमरान खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और यदि गठबंधन में शामिल कुछ दल उन्हें हटाने का फैसले करते हैं तो उन्हें पीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। पाकिस्तान के संसदीय लोकतंत्र में यह असामान्य बात नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb537fea4069cfa16bc6f9b37914fceb49bdbbc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6147.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और आयुष शर्मा की फिल्म 'अंतिम: द फाइनल ट्रुथ' का पहला गाना 'विघ्नहर्ता' रिलीज हो गया है। फिल्म 'अंतिम' के साथ ही यह गाना भी लगातार भी लंबे समय से सुर्खियों में बना हुआ था। बुधवार को 'विघ्नहर्ता' गाने का टीजर रिलीज हुआ था, जिसको दर्शकों ने खूब पसंद किया था। अब यह पूरा गाना रिलीज हो गया है। + +'विघ्नहर्ता' गाने में अजय गोगावले ने अपनी आवाज दी है। बात करें फिल्म 'अंतिम: द फाइनल ट्रुथ' की तो यह मराठी फिल्म मुल्शी पैटर्न का आधिकारिक रूपांतरण है। इस फिल्म में सलमान खान और आयुष शर्मा के साथ प्रज्ञा जैसल, महिमा मकवाना और जिशु सेनगुप्ता भी नजर आने वाली हैं। फिल्म 'अंतिम' का निर्देशन मशहूर अभिनेता महेश मांजरेकर ने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a7b1e02cd17972a59f602ebf66c92abc21e9d8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61470.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली/माले जेएनएन। Anti-India protests in Maldives: मालदीव में चीन की दिलचस्‍पी से भारत की चिंता बढ़ गई है। भारत के पड़ोसी मुल्‍क मालदीव के साथ हमेशा से मधुर संबंध रहे हैं, लेकिन बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों की नजदीकी चीन को अखरती रही है। चीन की बढ़ती गतिविधियों के चलते रणनीतिक रूप से भारत से मालदीव दूर होता जा रहा है। मालदीव में सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ दुष्‍प्रचार किया जा रहा है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर मालदीव से कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें लोग ‘इंडिया आउट’ की टी-शर्ट पहने भारत सरकार के खिलाफ विरोध जताते नजर आ रहे हैं। हालांकि भारत विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए मालदीव सरकार एक्‍शन में है। आखिर मालदीव में भारत विरोध की बड़ी वजह क्‍या है। मालदीव में भारत विरोधी लहर को चीन किस तरह से हवा दे रहा है। सामरिक रूप से मालदीव भारत के ल‍िए क्‍यों एक उपयोगी पड़ोसी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebc430cf437d06f63f08fc2f76720fdde5bbd39f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61471.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) इस वर्ष बीबीएआइइवी (बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इनोवेशन एंटरप्रेन्योशिप वेंचर डेवलपमेंट) व एमबीएआइइवी (मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इनोवेशन एंटरप्रेन्योशिप वेंचर डेवलपमेंट) का संयुक्त पांच वर्षीय कोर्स शुरू करने जा रहा है। दिल्ली सरकार के बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम के तहत ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने अपने स्टार्टअप पर काम शुरू कर दिया, वे इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। फिलहाल कोर्स में 42 सीट रखी गई है। + +भारती कालेज में एक और भास्कराचार्य कालेज में सात नए कोर्स प्रस्तावित।अच्छी बात यह है कि इस 2022-23 से नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। ऐसे में नई शिक्षा नीति को मद्देनजर रखते हुए इस कोर्स को डिजाइन किया गया है। काेर्स के दौरान यदि विद्यार्थी को लगता है कि उसे पहले अपने स्टार्टअप को स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है तो वह कोर्स को ड्रापआउट कर भविष्य में कभी भी जारी कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61476.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87ef6d796f7e36b9a4c1754f8931410779c14187 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जागरण स्पेशल। यू्क्रेन पर रूसी हमले के बाद जिंदगी नयी करवटें ले रही है। कहीं प्रेम के पुष्प पल्लवित हो रहे हैं तो पलायन ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सबसे गंभीर संकट को पैदा कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कम से कम 22 लाख लोग देश छोड़कर अन्य देशों में शरणार्थी बन गए हैं। यू्क्रेन पर बढ़ते रूसी हमलों के बीच जान बचाने के लिए लोगों का पलायन अब भी जारी है। हवाई हमलों से यूक्रेन के प्रमुख शहर खंडहर में तब्दील हो गए हैं। चौतरफा मानवीय त्रासदी दिख रही है। आवासीय इलाकों में गोलाबारी होने से आम नागरिकों की भी जान जा रही है। तस्वीरों के जरिए हालात पर एक नजर:।दक्षिणपूर्वी पोलैंड के कोरजेवा में पहुंचे शरणार्थी। एएफपी।युद्ध के बीच शादी: नेशनल गार्ड के सदस्य अलेक्जेंडर और ओलेना एक-दूसरे के हो गए। रायटर।मारीपोल शहर में गोलाबारी से बर्बाद सड़क से गुजरता व्यक्ति। एपी।पोलैंड जाने के लिए ट्रेन पकड़ने जाते लोग। रायटर।गोलाबारी के बीच जानवर भी नहीं सुरक्षित। रायटर।सूमी में हवाई हमले से क्षतिग्रस्त घर। रायटर।शरण के लिए इंतजार: मेक्सिको बार्डर पर अपने अमेरिकी मंगेतर के साथ यूक्रे नी महिला। एपी।सुरक्षा: शहर में टैंक पर गश्त लगाते यूक्रेनी सैनिक। एपी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4f7c1e53630bc57c3eb1c4d90ca5139cf5364f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, लुधियाना। Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे स्टूडेंटस की घर वापसी लगातार हो रही है। जिले के रहने वाले ज्यादातर स्टूडेंटस घर लौट चुके हैं। अब कुछ ही स्टूडेंटस यूक्रेन में फंसे हैं। रूस यूक्रेन युद्ध के साए में करीब 15 दिन बिताने के बाद शुक्रवार को ताजपुर रोड के विश्वकर्मा नगर की रहने वाली दो सहेलियां मानसी कुंडल व प्रभनीत कौर भी अपने घर लौट आई। दोनों सूमी सिटी के सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस फोर्थ ईयर की पढ़ाई कर रही थी। वहीं दूसरी तरफ जीके एस्टेट मुंडिया कलां के रहने वाले 19 वर्षीय लक्ष्य गुलाटी भी घर लौटे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a68ebbb1927c580046d134135824a5b328bf4d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह। हैदराबाद स्थित ‘नाऊफ्लोट्स’ एक ऐसा आनलाइन वेंचर है, जो छोटे एवं मझोले उद्यमियों के लिए अंग्रेजी के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में वेबसाइट डेवलप करने में मदद करता है, ताकि कारोबारी अपनी आनलाइन उपस्थिति दर्ज करा सकें। उन्हें पहचान मिल सके। टीसीएस, माइक्रोसाफ्ट जैसी कंपनियों में दो दशक से अधिक का अनुभव रखने वाले कंपनी के सीईओ एवं सह-संस्थापक जसमिंदर सिंह गुलाटी तकनीक के माध्यम से समाज में प्रभावकारी बदलाव लाना चाहते हैं। इसी मकसद से उन्होंने वेंचर शुरू किया। कुछ समय पूर्व ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) ने कंपनी में दो करोड़ डालर का स्टेक लिया है। इससे पहले कंपनी में अलग-अलग निवेशकों द्वारा करीब एक करोड़ 74 लाख डालर का पूंजी निवेश हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2110964d856ed41d1e9e3ccf7304c9047e9d9d3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61483.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकल्प की चुनौती : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से केंद्र सरकार अपने स्तर पर भले ही देशभर में नये मेडिकल कालेज खोलने को लेकर तत्पर है। इस दिशा में कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रयास भी हो रहे हैं, लेकिन इसके लिए बुनियादी संरचना और पर्याप्त संख्या में फैकल्टी की उपलब्धता भी बड़ी चुनौती है। इसमें लंबा समय लग सकता है और यूक्रेन से लौटे युवा शायद ही इतना लंबा इंतजार कर सकें। फिर उपाय क्या है? कुछ लोग सहानुभूति जताते हुए कहते हैं कि इन युवाओं को देशभर के सरकारी/निजी मेडिकल कालेजों में समायोजित करने पर विचार किया जाना चाहिए। पर क्या यह इतना आसान है? कदाचित नहीं। कारण यह है कि वर्तमान में संचालित मेडिकल कालेजों पर पहले से ही अतिरिक्त भार है। ऐसे में अतिरिक्त अवांछित भार उठाना उनके लिए संभव नहीं है। दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह की सुविधा दे देना उन युवाओं के लिए अन्याय होगा, जो नीट जैसी कठिन परीक्षा पास करके इन संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bb0353bc2ec675a26b0460f9f05b8885c75eaeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61484.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में इस बार की सियासत में बहुत कुछ बदलाव आ गया है। गैंगवार से लेकर माफ‍ियाराज और धनबल से लेकर बाहुबल तक का असर फीका होता जा रहा है। पूर्व के जरायम से जुड़ी सियासत की नई पौध अब सियासी मैदान में आ चुके हैं। इस लिहाज से मुख्‍तार अंसारी के कुनबे के लिए 2022 का चुनाव कई बदलावों का संकेत लेकर आया है। एक ओर मुख्‍तार के कुनबे में राहत है तो दूसरी ओर नई पीढ़ी ने अपनी जड़ों को भी जमीन पर जमाना शुरू कर दिया है। मुख्‍तार फैक्‍टर का असर कई सीटों पर हुआ और इसका फायदा सपा और सुभासपा को भी खूब मिला है। बांदा जेल से मुख्‍तार ने बैठकर रणनीति बनाई और मिलने वालों के जरिए रणनीति को जमीन पर उतारा और परिणाम रहा कि मुख्‍तार के परिवार को दो सीटें आसानी से मिल गईं। ।मुख्‍तार अंसारी से बांदा जेल में जाकर सुभासपा नेताओं की चुनाव पूर्व हुई मुलाकात ने पूर्वांचल की सियायत में व्‍यापक गुल खिलाए हैं। मुख्‍तार परिवार की संपत्तियों पर बुलडोजर और माफ‍िया जैसे शब्‍दों के सियासी चलन के बाद भी मुख्‍तार परिवार इस चुनाव में मजबूती से डटा रहा और परिणामों को पूर्वांचल में काफी हद तक प्रभावित भी किया है। समाजवादी पार्टी ने मुख्‍तार अंसारी के बड़े भाई सिगबतुल्‍लाह अंसारी के बेटे सुहेब अंसारी ने पारिवारिक प्रतिद्वंद्वी कृष्‍णानंद राय की पत्‍नी अलका राय को हराया है। जबकि मुख्‍तार के बेटे अब्‍बास अंसारी ने भाजपा के अशोक सिंह और बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर को हराया है। गाजीपुर की मुहम्मदाबाद सीट से सपा के टिकट पर सुहेब अंसारी को 110683 तो भाजपा की अलका राय को 92028 मत मिले। इस प्रकार मुख्‍तार अंसारी के बेटे और भतीजे ने सपा-सुभासपा के सहयोग से आसानी से अपनी सीटें निकाल ली हैं। + +बुलडोजर का असर नहीं : मुख्‍तार अंसारी के परिवार पर इस बार बुलडोजर चलने का कोई असर नहीं हुआ। अलबत्‍ता परिवार ने दो सीटें भी आसानी से निकाल ली हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल में मुस्लिम वोटों में भी सपा सुभासपा ने मुख्‍तार कुनबे के जरिए खूब सेंधमारी की है। गौरतब है कि बसपा की ओर से गाजीपुर की जहूराबाद सीट से शादाब फातिमा जैसा बड़ा चेहरा होने के बाद भी सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने जहूराबाद की सीट आसानी से ही नहीं बल्कि बड़े अंतर से निकाल ली। इस लिहाज से मुख्‍तार फैक्‍टर ने पूर्वांचल में काफी गहरे तक असर किया है और सीटों को प्रभावित किया है। वहीं मुख्‍तार अंसारी के कुनबे से जुड़े दो नई पीढ़ी के युवाओं ने सियासी जड़ों को मजबूत किया है।  ।मुस्लिम बहुल जिलों में भी असर : पूर्वांचल में गाजीपुर, मऊ और आजमगढ़ जिले में सर्वाधिक मुस्लिम वोट हैं। गाजीपुर और आजमगढ़ में सभी 17 सीटें सपा-सुभासपा गठबंधन के हिस्‍से गई हैं। वहीं मऊ में एकमात्र मधुबन की सीट ही भाजपा निकाल पाने में सफल हो सकी है। सपा- सुभासपा के साथ मुख्‍तार अंसारी के परिवार के आने के बाद कई सीटों पर समीकरण बदले और इन सीटों पर सपा और सुभासपा उम्‍मीदवारों ने सीटें निकालीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a4425a3a0ca499b05d3c83136cb82f1a28db201 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61488.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की जन्म व कर्मस्थली अतरौली में विकास कार्य तो खूब हुए, लेकिन कई काम अभी अधूरे हैं। रामघाट कल्याण मार्ग के फोरलेन की योजना अटकी पड़ी है। फोरलेन बनने से क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।  ।कई काम अभी भी अधूरे।इसकी घोषणा हुए कई महीने हो चुके हैं। लेकिन, काम शुरू नहीं हो सका है। इसके अलावा  कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल में नृत्यशाला का निर्माण शुरू कराया गया है, लेकिन पूरा नहीं हो सका। इसे पूरा कराने की मांग भी क्षेत्र के लोग कर रहे हैं। गांव आलमपुर कायस्थान के निकट से बह रही काली नदी पर पुल निर्माण की मांग भी काफी समय से की जा रही है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वीरांगना अवंतीबाई राजकीय महाविद्यालय को पीजी की मान्यता मिल जाए तो बच्चों को दूसरे क्षेत्रों में नहीं जाना पड़ेगा। क्षेत्र में बेरोजगारी मिटाने के लिए फैक्ट्रियों की स्थापना कराई जानी चाहिए। सांकरा से बदायूं तक के पुल का निर्माण भी अभी पूरा नहीं हो सका है। इसके पूरे होने पर आगमन में सुविधा रहेगी। ।इनका कहना है। सांकरा से बदायूं जाने वाला पुल का संचालन हो जाए तो मजदूर वर्ग के लोगों को काफी लाभ होगा। पुल के संचालन से बेरोजगारों को रोजगार के साथ अपने परिवार को चलाने का एक साधन मिलेगा। । राम अवतार कुशवाहा,  सांकरा।पुल का संचालन शुरू होने से श्रद्धालुओं को इधर से उधर जाने के लिए काफी सहूलियत रहेगी। पैसा भी बचेगा और समय भी। पुल का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसे पूरा कराया जाना चाहिए।  ।महंत विशालदास महाराज।...............।अलीगढ़ से रामघाट को जाने वाला मार्ग को फोरलेन कराने के लिए काम शुरू कराया जाएगा। खादर क्षेत्र व अतरौली नगर में जनता की समस्याओं को सुना जाएगा। प्राथमिकता होगी कि किसी को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। ।संदीप सिंह, अतरौली विधायक ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61491.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61491.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40a9358d61a4d726c6b911a7723add11cdcde527 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61491.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस अद्भुत परंपरा को वर्षों से निभाने वाला गांव है कोसीकलां क्षेत्र का फालैन। गांव में होलिका दहन के दिन जलती होली से पंडा गुजरता है। इस लीला को देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। गांव में न तो कोई होटल है और न ही धर्मशाला। ऐसे में मेहमानों(दर्शकों) की खातिरदारी खुद ग्रामीण करते हैं। गांव के प्रधान कैलाश सुपानियां बताते हैं, गांव में करीब दो हजार परिवार हैं। यहां दीपावली और शादी-बरात में घरों की पुताई नहीं होती, बल्कि होली में मेहमानों के स्वागत के लिए घर सजाए जाते हैं। + +अपनापन ऐसा..।फालैन के पास का सुपाना गांव के बुजुर्ग जगदीश शर्मा बताते हैं, मेहमानों के स्वागत को घर में जितनी चारपाई होती हैं सबकी मरम्मत कर ली जाती हैं। को बैठक व चौबारे में चारपाई-कुर्सी डालकर हुक्का, बीड़ी और सिगरेट रख दी जाती हैं। गांव में बने प्रह्लाद मंदिर पर आने वाले मेहमान को भी ग्रामीण आवभगत के लिए ले जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61493.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61493.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0629d008061b2cb1a6eb66e65c65caaa25298a34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61493.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +17वीं विधानसभा में एक हजार से कम मतों के अंतर से जीत हासिल करने वाले जहां आठ विधायक थे वहीं अबकी ऐसे विधायकों संख्या लगभग दो गुनी हो गई है। ज्यादातर सीटों पर भाजपा और सपा गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई में प्रत्याशियों ने लड़ाई तो लाखों वोट तक की लड़ी लेकिन अंतत: मात्र कुछ हजार वोट के अंतर से हार-जीत के निर्णय हुए हैं। मसलन, धामपुर विधानसभा ही ले लीजिए। यहां से सपा प्रत्याशी 81588 वोट हासिल करने के बाद मात्र 203 मतों से हार गए हैं। इस सीट पर 834 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17707054739e1d5aa04c281ed0220766169a12c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61494.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अगले एक साल के अंदर यूं तो हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में ही चुनाव होने हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस समयपूर्व चुनाव कराना चाहती है। ऐसी स्थिति में वहां भी 2024 से पहले ही चुनाव होंगे। रोचक तथ्य है कि इन चार में से तीन राज्यों में भाजपा की ही सरकार है जिसे दोहराने की चुनौती है। + +कर्नाटक में क्षेत्रीय दल जदएस पर है एक ही परिवार का कब्जा।उत्तर प्रदेश हो या पंजाब, परिवारवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत सभी नेता ही हमलावर नहीं थे, बल्कि इसे लेकर जनता का भी रोष दिखा। परिवारवादी पार्टियों का कुनबा ध्वस्त हो गया। पार्टी नेताओं को भरोसा है कि परिवारवाद के खिलाफ यही गुस्सा कर्नाटक में भी काम आएगा जहां जदएस पर परिवार का कब्जा है। पिछले दिनों में जदएस अपने गढ़ में भी कमजोर होता दिख रहा है और भाजपा की कोशिश होगी कि इस गढ़ पर कब्जा किया जाए। + +तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस मानी जाती है पिता, पुत्र और पुत्री की पार्टी।ध्यान रहे कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने सत्ता संभालते ही इसका संकेत भी दे दिया था और चार राज्यों के परिणाम के बाद बाद दैनिक जागरण से बातचीत में भी परिवारवादी पार्टियों पर हमला किया था। तेलंगाना में भी सत्ताधारी टीआरएस जहां पूरी तरह पिता, पुत्र और पुत्री के नाम से जानी जाने लगी है। वहीं, जिस तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव भाजपा पर हमलावर हैं उससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में भाजपा खड़ी हो गई है। यानी टीआरएस का किला दरकना शुरू हुआ तो उसे हासिल करना भाजपा के लिए आसान होगा। इसके लिए परिवारवाद को ही निशाना बनाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9f4bfc8ccafc5340578851323cdcd09d1fd5c04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहुजन समाज पार्टी एक दलित पार्टी के रूप में उभरी थी। इसने उत्तर प्रदेश की गरीब जनता में एक पहचान भी बनाया था, लेकिन सत्ता से लगातार दूर रहने और दलितों के लिए कोई ठोस काम न करने की वजह से जनता ने उनसे दूरी बना ली है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को केवल एक सीट हासिल हुआ, जो यह दिखाता है कि इस पार्टी की कितनी बुरी स्थिति है। वर्तमान में यह पार्टी एक नेता यानी मायावती की पार्टी रह गई है, जिसका कोई भविष्य नहीं है। इस चुनाव में कांग्रेस का हाल तो और भी बुरा हुआ। पार्टी दो राज्यों तक सिमट गई है, जहां इनकी पूर्ण सत्ता है। पांच राज्यों में कांग्रेस पार्टी की बहुत ही निराशाजनक हार हुई है। ऐसा लगा ही नहीं कि यह कोई राष्ट्रीय पार्टी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55f7d24d1ab8f34fb647b9f05c6385ec280dbfb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61497.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar News: पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब के मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी का एक बयान काफी चर्चा में रहा, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि पंजाब में बिहार और यूपी के भैयों को नहीं घुसने देंगे। हालांकि पंजाब के लाेगों ने ही चन्‍नी के बयान का समर्थन नहीं किया और उन्‍हें सत्‍ता से बाहर करते हुए बिहार के लाल को अपना विधायक चुन लिया। आपको यह जानकर ताज्‍जुब हो सकता है कि हालिया विधानसभा चुनावों में केवल पंजाब में ही नहीं, बल्कि उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में भी बिहार के रहने वाले लोग विधायक का चुनाव जीते हैं। + +ये भी पढ़ें, पिता ने दरबान की नौकरी के लिए छोड़ा था बिहार, बेटा पांचवीं बार बना भाजपा का विधायक। गोपालगंज के कुंवर विजय प्रताप पंजाब के विधायक ।गोपालगंज जिले के रहने वाले कुंवर विजय प्रताप पंजाब में अमृतसर उत्‍तरी सीट से आप के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। वे भारतीय पुलिस सेवा में कार्यरत थे। आइजी के पद पर पहुंचने के बाद उन्‍होंने पिछले साल नौकरी से स्‍वैच्छिक सेवानिवृ‍त्ति लेकर राजनीति का रास्‍ता पकड़ा। उन्‍हें पंजाब का गृह मंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही है। सिधवलिया प्रखंड के करसघाट गांव के स्व. रामनाथ कुंवर के ज्येष्ठ पुत्र कुंवर विजय प्रताप ङ्क्षसह ने अपनी पढ़ाई करसघाट में शुरू की। झझवा से मिडिल व शाहपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। उन्होंने पटना साइंस कालेज से इंटर व पटना यूनिवर्सिटी से बीए व एमए किया। पटना में ही रहकर 2001 में यूपीएससी में सफलता की। आइपीएस के रूप में उन्हें पंजाब कैडर मिला। + +ये भी पढ़ें, पटना से 1400 किलोमीटर दूर 'मिनी बिहार', जहां बिहारी ही बनाते हैं सरकार। गोपालगंज के ही अरविंद पांडेय उत्‍तराखंड के विधायक ।गोपालगंज जिले से ही ताल्‍लुक रखने वाले अरविंद पांडेय उत्‍तराखंड में विधायक चुने गए हैं। वे उत्‍तराखंड की दो अलग-अलग सीटों बाजपुर और गदरपुर से लगातार पांचवीं बार विधायक का चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। उनके पिता वीरेंद्र पांडेय गोपालगंज जिले में विजयीपुर प्रखंड के अपने गांव से उत्‍तराखंड की एक सुगर मिल में दरबार की नौकरी करने गए थे। इसके बाद उनका परिवार उत्‍तराखंड में ही बस गया। बाजपुर सीट एससी के लिए आरक्षित होने के बाद उन्‍होंने अपना क्षेत्र बदला था, लेकिन उनकी जीत का सिलसिला लगातार जारी रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2827d6e8db8a296c140e33bc04fcd23b8260d20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह अध्ययन यूनिवर्सिटी आफ वाटरलू के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। इसके अंतर्गत शोधकर्ताओं ने कनाडा और अमेरिका में 2,272 धाराओं के मौसमी प्रवाह के पैटर्न का विश्लेषण किया। अध्ययन में सामने आया कि बांधों, नहरों या शहरीकरण के कारण मानव प्रबंधित धाराओं का प्रवाह, प्राकृतिक प्रबंधित धाराओं का प्रवाह प्राकृतिक जलसंभर की धाराओं के प्रवाह की तुलना में अलग था। दूसरे शब्दों में कहें तो मानवीय गतिविधियों द्वारा जो प्रबंध किए गए हैं, उनकी वजह से धाराओं के प्रवाह में बदलाव आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0ab1671510aa4ff3aa4385998a8bf776e49674d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पठान के बाद बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता शाह रुख खान ने अपनी अगली फिल्म डंकी का ऐलान कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक मजेदार वीडियो शेयर कर अपनी फिल्म के नाम की घोषणा की है। फिल्म डंकी का निर्देशन दिग्गज डायरेक्टर राजकुमार हिरानी कर रहे हैं। फिल्म डंकी में शाह रुख खान के साथ अभिनेत्री तापसी पन्नू भी मुख्य भूमिका में होंगी। + +किंग खान के साथ काम करने के लिए अभिनेत्री को काफी सालों तक इंतजार करना पड़ा। इस बात का खुलासा खुद तापसी पन्नू ने सोशल मीडिया के जरिए किया है। तापसी पन्नू सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस से जुड़े रहने के लिए खास तस्वीरें और वीडियो भी शेयर करती रहती हैं। तापसी पन्नू ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर खास पोस्ट लिखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2671aae9630a04987359788233da22f4387d939 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, रसिक शर्मा। विश्व प्रसिद्ध होली का आयोजन बरसाना की गलियों में द्वापर युगीन परंपरा को जीवंत करता रहा। सुबह से बरसाना में रंगों की बौछार शुरू हो गई। हाथों में पिचकारियां लेकर स्थानीय लोग भक्तों को सराबोर करते रहे। रंग बिरंगा गुलाल भी होली उत्सव की शान बना रहा। शाम की बेला में नंदगांव के हुरियारों पर बरसाना की हुरियारिनों ने जमकर लाठियां बरसाई। लठामार होली में विभिन्न प्रांतों के तमाम लोग उमड़े तो बरसाना की भूमि राधारानी के जयकारों से गूंज उठी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86b3b0d6d5bb938ef536dfbba583b38f29572de4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61501.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में दो भाजपा उम्‍मीदवार वायरल वीडियो को लेकर चर्चा में थे। पहले भाजपा नेता रॉबर्ट्सगंज से विधायक भूपेश चौबे थे तो दूसरी ओर जौनपुर में मछलीशहर से भाजपा के प्रत्‍याशी मेहीलाल थे जो वोटर के घर जाकर चारा काटने का वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आ गए थे। वहीं चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो जहां भूपेश चौबे चुनाव जीत गए वहीं दूसरी ओर मेहीलाल चुनाव जीतने के करीब होने के बाद भी सपा प्रत्‍याशी से करीबी मुकाबले में चुनाव हार गए। ।मंच पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं के सामने कान पकड़कर उठक-बैठक करने और क्षेत्र के एक बुजुर्ग मतदाता के शरीर पर मरहम की मालिश करने वाले भाजपा प्रत्याशी भूपेश चौबे का डंका क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में बजने के बाद से ही वह चर्चा में थे। वहीं सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज सीट से लगातार दूसरी बार उन्होंने जीत दर्ज की है। भूपेश चौबे को इस चुनाव में कुल 84352 मत मिला था, जबकि सपा के उम्मीदवार अविनाश कुशवाहा को 78449 मत प्राप्त हुआ है। + +राबर्ट्सगंज में वायरल वीडियो वाले भाजपा विधायक भूपेश चौबे 2022 के चुनाव में पुनः निर्वाचित हो गए हैं। 2017 में भी वह विधायक चुने गए थे। चुनाव के दौरान वह गलतियों के लिए बूथ सम्मेलन में उठक बैठक और एक वरिष्ठ कार्यकर्ता को जनसंपर्क के दौरान मरहम लगाते समय फोटो वायरल होने पर चर्चा में आये थे। इन्हें चुनाव में 5905 वोट से जीत मिली। इन्हें कुल वोट 84354 मिले, जबकि प्रतिद्वंदी सपा के अविनाश कुशवाहा को 78449 मत मिले हैं। ।वहीं दूसरी ओर मछलीशहर में वोटर के घर जाकर महिला द्वारा चारा काटने वाली मशीन अपने हाथ में लेकर चारा काटने के बाद मेहीलाल लोगों के बीच चर्चा में आ गए। मेहीलाल भाजपा संगठन में मछलीशहर के जिला महामंत्री हैं। मेहीलाल बहुत ही साधारण परिवार से हैं और मछली शहर बाजार में उनकी वाहनों के टायर की दुकान है। उनको सपा की रागिनी ने 90831 मत पाकर हरा दिया। जबकि मेहीलाल को 82944 मत ही प्राप्‍त हो सके। हालांकि, उन्‍होंने सपा प्रत्‍याशी को खूब टक्‍कर दी थी।  ।यह भी पढ़ें : मऊ सदर से जीत के बाद पिता मुख्‍तार अंसारी का आशीर्वाद लेने बांदा जेल जाएंगे अब्बास अंसारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6bc21763d86d84f03cbb55c2b131d3029555160 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61502.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। यूक्रेन रूस हमले के 15 दिन बीत जाने के बाद रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की भी चिंता बढ़ गई है। यही कारण है की रूसी संसद में नया कानून पारित कर सेना में अनिवार्य भर्ती के लिए नियमों को सख्‍त बनाया गया है। पुतिन की चिंता इस बात में देखी जा सकती है कि उन्‍होंने अनिवार्य सेना की भर्ती खोल दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da575541d4cae7190b0128e2485e8c7c36de542a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61506.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +..और भाजपा के पास मोदी थे। यह फिर सिद्ध हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी की रैलियां और रोड शो वोटों का अंबार लगाते हैं। वह जहां जाते, भाजपा का ग्राफ चढ़ जाता। इस बार उन्हें साथ मिला योगी का और तब इस जोड़ी ने उत्तर प्रदेश में 37 वर्षो बाद सरकार दोहराने का इतिहास बना दिया। यूपी जैसे जटिल राज्य में पांच साल सरकार चलाने के बाद इतने भारी बहुमत से लौटने का एक ही अर्थ है कि भाजपा का हाथ जनता की नब्ज पर है और वह अन्य दलों की तरह हवाई राजनीति नहीं कर रही। + +आश्चर्यजनक है कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी की जगह मोदी-योगी की जोड़ी काम कर गई। अनेक सीटों पर हमें ऐसे वोटर मिले जो अपने विधायक या प्रत्याशी को नहीं जानते थे, लेकिन मोदी-योगी के कारण जिन्हें फूल पर मुहर लगानी थी। छुट्टा पशुओं का मुद्दा जब गरम था, तब बहराइच में एक वोटर बड़ी आशा से बोला, ‘मोदी जी ने अगर कहा है कि दस मार्च के बाद कोई हल निकालेंगे तो वह कुछ न कुछ करेंगे जरूर।’ जनता का यह भरोसा ही नेता की असल कमाई है। इसीलिए जब राबर्ट्सगंज में प्रधानमंत्री ने ‘पक्के मकान का पक्का वादा’ किया तो उस आदिवासी बहुल क्षेत्र ने आंख मूंदकर उनकी बात मान ली। बस्ती के किसान बड़ी राहत में थे कि उन्हें, ‘अब पंप की रखवाली के लिए खेतों में रात भर जगना नहीं पड़ता।’।यह चिंतामुक्ति बड़ी बात है। कानून व्यवस्था माफिया का फन कुचलने का ही नाम नहीं होती। गुंडे का दमन आमजन के लिए उत्साहवर्धक होता है, लेकिन कानून के डंडे का असर जब साधारण गृहस्थ अपने पक्ष में महसूस करता है तो उसमें आया कृतज्ञता भाव ही समय आने पर वोटों में बदल जाता है। इस चुनाव में जातीय गठबंधन का बहुत शोर था। जयंत चौधरी, स्वामी प्रसाद मौर्य और ओमप्रकाश राजभर के साथ सपा का मेल इंटरनेट मीडिया और भाजपा विरोधियों को लहालोट किए दे रहा था, लेकिन यह नहीं समझा गया कि ऐसा कोई भी गठबंधन सपा-बसपा गठजोड़ से अधिक प्रभावी नहीं हो सकता। समाजवादी पार्टी की सीटें बढ़ना और भाजपा की सीटें घटने का कोई अर्थ नहीं। दोनों दल 2017 में जहां पहुंच चुके थे, वहां से उन्हें ऊपर नीचे ही होना था। असल बात यह है कि सपा दोबारा हारी और भाजपा दोबारा जीती। इसके आगे बाकी सब अंकगणित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33600757c5d597992441028cb228323ddab1731c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। जब आप कोई सामान खरीदते हैं और उसे कंपनी के दावे के अनुरूप नहीं पाते हैं या फिर उसकी गुणवत्ता खराब है, पर कंपनी उसे वापस लेने से आनाकानी करती है, तो ऐसी स्थिति में अब घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि यदि ग्राहक किसी भी उत्पाद की खरीद पर शोषित या ठगा हुआ महसूस करते हैं, तो वे इसके खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई का भी प्रविधान है। वैसे, कंपनी ग्राहक पर किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकती। जब तक ग्राहक वस्तु को लेकर संतुष्ट न हो जाए, तब तक उसे उस वस्तु को खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61513.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61513.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63ce4b0c5b4ada31d22702cad4b820a04103bc56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61513.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जो चुनाव परिणाम आए हैं, शिअद उसे स्वीकार करता है। जनता की आवाज रब्ब की आवाज की तरह है। वह सिर झुकाकर इस फतवे को स्वीकार करते हैं। पार्टी प्रधान होने के नाते भी वह इस हार की जिम्मेदारी लेते हैं। राज्य के लोगों ने आम आदमी पार्टी को एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। वह भगवंत मान को भी इसके लिए बधाई देते हैं। वह शिअद के तमाम वर्करों का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस जंग में कड़ी लड़ाई लड़ी है। इस लड़ाई में शिअद वर्करों ने दिन रात मेहनत की है। हर वर्कर, नेता और प्रत्याशी ने चुनाव में कड़ी मेहनत की है, लेकिन परिणाम परमात्मा के हाथ में है। फिर भी सोमवार को शिअद की ओर से बैठक की जा रही है। जिसमें नेताओं, तमाम प्रत्याशियों और कोर कमेटी के सदस्यों को बुलाया गया है। जिसमें हार का मंथन किया जाएगा। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने यह बात शुक्रवार को अपने निवास पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कही। चुनाव परिणाम आने के बाद वह पहली बार मीडिया के रूबरू हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..634ebc4f33c46bf6fd48c341921a83df998556aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काशी से पूर्वांचल को संदेश : पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) को केंद्र में रखकर प्रचार के मोर्चे पर डटे। काशी में सबसे पहले संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन किया। इसके बाद दो दिन के प्रवास पर आए। चार मार्च को पहले दिन रोड शो किया तो रात को शहर भ्रमण पर निकले। दूसरे दिन पांच मार्च को सुबह प्रबुद्धजनों से संवाद किया। फिर मिर्जामुराद के खजुरी गांव में जनसभा की। इससे पहले दो दिनी प्रवास में जेपी नड्डा ने अलग-अलग समाज के लोगों से मुलाकात करने के साथ ही प्रबुद्धजनों से संवाद किया। गृहमंत्री अमित शाह भी लगातार चार दिन तक काशी में ही डेरा डाला। ऐसे ही धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति इरानी आदि नेता भी डटे रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77c69a702807f0631bd7657b48554050021d7e8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61517.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं चल सका विपक्ष का कोई दांव : योगी आदित्यनाथ की घेराबंदी के लिए सपा ने भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष स्व. उपेन्द्र दत्त शुक्ल की पत्नी सुभावती शुक्ला पर दांव खेला था जबकि बसपा ने परंपरागत वोटरों को सहेजने और अल्पसंख्यक मतों को एकजुट करने की जिम्मेदारी ख्वाजा शमसुद्दीन को सौंपी थी। कांग्रेस ने चेतना पांडेय को मैदान में उतारकर आधी आबादी को साधने की कोशिश की थी। आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर भी योगी के खिलाफ ताल ठोकने गोरखपुर आए थे, लेकिन भाजपा के इस गढ़ में विपक्ष का कोई भी दांव नहीं चला। मतों की गिनती जब शुरू हुई तो यह तथ्य एक बार फिर साबित हो गया कि गोरखपुर के भगवा गढ़ को भेदना उतना आसान नहीं है, जितना विपक्ष ने सोच रखा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be3ee9f69a878a6e3a606635bbe59c2673c96a72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव परिणाम का पूरा श्रेय भाजपा सांगठनिक कौशल को दे देना या कांग्रेस की रणनीतिक असफलता को जिम्मेदार बता देना, बड़ी राजनीतिक घटना का अति सरल आकलन हो जाएगा। उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने की परंपरा, कांग्रेसी तरकश में पांच साल तीन मुख्यमंत्री का तीर, एंटी इनकंबेंसी, महंगाई, बेरोजगारी, नागरिक समस्याएं और सिटिंग विधायकों के खिलाफ उपजा गुस्सा चुनाव परिणाम में सीमित तौर पर ही दिखाई दिया। चुनाव परिणाम की विवेचना को राजनीतिक दलों तक सीमित रखना, राज्य की जागरूक जनता के साथ अन्याय होगा। राज्यवासियों की राजनीतिक समझ व परिपक्वता को लोकतांत्रिक सलाम तो बनता ही है। सबकी सुनी और करी अपने मन की। पार्टियों के प्रांतीय नेताओं के चाल-चरित्र का आकलन किया, साथ ही केंद्रीय नेतृत्व की गंभीरता और राज्य के प्रति समर्पण को भी कसौटी पर कसा। कांग्रेस के प्रांतीय रणनीतिकारों को शोध करना चाहिए कि कहीं राष्ट्रीय विषयों पर उनके नेतृत्व का कदम यहां की भावना के विपरीत तो नहीं रहा। चुनाव अभियान में मुफ्त बिजली, मुफ्त सिलेंडर, मुफ्त यात्र जैसी लुभावनी घोषणाएं मतदाता को प्रभावित नहीं कर पाईं। सत्ता में आए तो यह करेंगे (घोषणापत्र) पर सीधा यकीन करने के बजाय मतदाता ने शायद यह भी देखा कि आपने किया क्या-क्या है। कागजी वायदों के बजाय जमीन पर दिख रहे काम पर यकीन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7fd1a52e183a9d37e15ac8d32506b90b63e3b40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61520.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वह अपनी रैलियों में जिन पॉलिटिकल कटाक्ष के लिए जाने जाते हैं और भीड़ को जुटाने में सबसे माहिर माने जाते   हैं, उनका वह अंदाज आज से नहीं, बल्कि विद्यार्थी जीवन से ही है। नब्बे के दशक में जब वह सुनाम में कॉलेज गए, तभी से ही स्टेज पर कामेडी करते रहे हैं। यही नहीं, तब की सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल की रैलियों में वह कामेडी करते थे। दरअसल भगवंत मान को वहीं से कामेडी कैसेट निकालने का आईडिया भी आया। अपने कामेडी कैसेट 'कुल्फी गर्मा गर्म', 'मिठियां मिर्चां' आदि से वह लोगों में इतना मशहूर हो गए कि उनको पहले जुगनू और फिर झंडा अमली का नाम मिल गया। ।यहीं से उन्हें सियासी कटाक्ष करने का चस्का लग गया और वह अखबारों के लिए आर्टिकल भी लिखने लगे। 2011 में जब मनप्रीत बादल ने शिरोमणि काली दल से अलग होकर अपनी पंजाब पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) बनाई तो तो भगवंत मान उसमें शामिल हो गए। पहली बार उन्होंने 2012 में लहरागागा से विधानसभा में बीबी राजिंदर कौर भट्ठल के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। + +इसी दौरान पंजाब में आम आदमी पार्टी का उभार हुआ और वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें संगरूर से टिकट दिया और उन्होंने विजय इंद्र सिंगला और सुखदेव सिंह ढींडसा जैसे दिग्गजों को एक लाख से ज्यादा के मतों से हरा दिया।  हालांकि, तब तक पार्टी ने उन पर ज्यादा भरोसा नहीं किया था। ऐसे में उन पर आरोप भी लगते रहे कि वह पार्टी में बड़े नेताओं को आने नहीं दे रहे हैं, लेकिन जब 2017 में आम आदमी पार्टी को अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली तो भगवंत मान भी काफी निराश हो गए। ।इसके कुछ ही समय बाद वह फिर से लोगों के बीच आ गए और उनको पंजाब में आप का प्रधान बनाया गया।  पंजाब में पार्टी की कमान मिलने के बाद उन्होंने पूरे राज्‍य में जाना शुरू किया। 2017 में जहां पार्टी का जनाधार सिर्फ मालवा क्षेत्र में था, भगवंत उसे माझा और दोआबा में भी ले गए। उनकी इसी मेहनत के चलते आज लोगों ने उनके नाम पर मुहर लगाई है और उन्हें ऐसा फतवा दिया है कि आज तक पंजाब के राजनीतिक इतिहास में किसी भी पार्टी को नहीं मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29a32547492cf8fb5f6c25e5dfb93c5f5aa4c2d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61521.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अवधेश कुमार। हमारे समाज में अग्रिम मोर्चे पर खड़े ऐसे लोगों की संख्या काफी है, जो धरातल की वास्तविकता के बजाय अपने सोच के अनुरूप जन मनोविज्ञान की कल्पना कर लेते हैं। उस समूह का मानना था कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में से चार राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, इसलिए पार्टी को यहां प्रदेश के साथ केंद्र सरकार के दोहरे जन विरोधी मनोविज्ञान का सामना करना होगा। इसके साथ उनका विश्लेषण यह भी था कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों ने नीतियों और वक्तव्यों में हिंदुत्व पर जैसी प्रखरता दिखाई उससे अल्पसंख्यकों के साथ पढ़ा-लिखा वर्ग भी नाराज है। इस तरह उसे तीन प्रकार के सत्ता विरोधी रुझान का सामना करना है और उसकी सरकारों का जाना निश्चित है, लेकिन चुनाव परिणामों ने एक बार फिर उन्हें गलत साबित कर दिया है। + +मणिपुर और गोवा के चुनाव परिणामों से भी कुछ मुखर संदेश निकले हैं। मणिपुर का प्रमुख संदेश यही है कि भाजपा वहां स्थापित ताकत बन चुकी है। लगातार तीन बार सत्ता में रहने वाली कांग्रेस की दशा सबके सामने है। गोवा में पिछली बार भाजपा को केवल 14 सीटें मिली थीं। इस बार मनोहर पर्रीकर जैसा नेता न होने के बावजूद लोगों ने अगर उसे अधिक सीटें दी तो जाहिर है न सरकार के विरुद्ध रुझान था और न ही कांग्रेस सहित आम आदमी पार्टी या तृणमूल कांग्रेस को लेकर कोई आकर्षण। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18e2184bf653a6bfc2243faac5f096a2d64c4443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +4- आजमगढ़ में ‘गढ़’ की सभी 10 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सपा ने जीत का रिकार्ड बनाया है। अतरौलिया विधानसभा सीट पर सपा के डा. संग्राम यादव, गाेपालपुर में सपा के नफीस अहमद, सगड़ी में सपा के एचएन पटेल, मुबारकपुर में सपा के अखिलेश यादव, आजमगढ़ सदर सीट पर सपा के दुर्गा प्रसाद यादव, निजामाबाद विधानसभा सीट पर सपा के आलमबदी, फूलपुर-पवई में रमाकांत यादव, दीदारगंज में सपा के कमलाकांत राजभर, लालगंज (सुरक्षित) में सपा के बेचई सरोज, मेंहनगर (सुरक्षित) सीट पर सपा की पूजा सरोज ने जीत हासिल की है। ।5- जौनपुर में जफराबाद 371 पर सुभासपा के जगदीश नारायण राय, मल्हनी 367 में सपा के लकी यादव, मुंगराबादशाहपुर 368 में सपा के पंकज पटेल, मछलीशहर, 369 में सपा की डाक्टर रागिनी सोनकर, बदलापुर, 364 में भाजपा के रमेश चंद्र मिश्रा, जौनपुर 373 में भाजपा के गिरीश चंद्र यादव, मड़ियाहूं 370 में डाक्टर आरके पटेल (भाजपा सहयोगी दल), केराकत 372 में सपा के तूफानी सरोज, शाहगंज 365 में निषाद पार्टी के रमेश सिंह ने जीत हासिल की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..205590479f1418f75d2036ad60f001fb5756f5ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रवि वाट्स, जलालाबाद (फाजिल्का)। पंजाब की सबसे हाट सीट पर इस बार चौकाने वाला फैसला सामने आया है। शुरू से ही इस सीट पर शिअद व आप प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही थी। लेकिन सुखबीर बादल के यहां से दो बार चुनाव लड़ने व एक बार भी ना हारने और शिअद द्वारा घोषित सीएम फेस होने के चलते यहां शिअद की स्थिति मजबूत होने के दावे किए जा रहे थे। लेकिन पंजाब भर में चली आप की आंधी जलालाबाद में भी नहीं थमी और यहां से आप के प्रत्याशी ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को 30 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराते हुए बड़ी जीत दर्ज की। ।आप के जगदीप कंबोज गोल्डी के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो उनके पिता सुरिंद्र कंबोज पहले राजनीति में सक्रिय थे। उन्होंने करीब 20 साल पहले विधानसभा चुनाव जलालाबाद से आजाद रूप में लड़ा। लेकिन वह जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस दौरान करीब 10 साल पहले सुरिंद्र कंबोज के बेटे जगदीप कंबोज ने भी कांग्रेस का साथ अपनाया और कांग्रेस के लिए लंबे समय से सेवाएं दी। वह कांग्रेस जलालाबाद के कई पदों पर भी रहे। लेकिन 2019 के चुनाव में जब सुखबीर सिंह बादल ने यहां से सीट छोड़ी तो जगदीप कंबोज गोल्डी को टिकट देने की मांग उठने लगी। लेकिन कांग्रेस ने रमिंद्र आवला को टिकट थमाई। जिसके बाद जगदीप कंबोज गोल्डी ने कांग्रेस का साथ छोड़ा और आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। तब उपचुनाव के दौरान वह चौथे नंबर पर रहे और उन्हें 5836 वोटें हासिल की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bb587a9feae36a7bc36788f5260bc29f5310f6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61527.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुलमिलाकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अपने गृह जिले भी बुरी तरह हारी हैं। उनकी कुछ इज्जत जेवर सीट पर बची जहां पर बसपा प्रत्याशी रविंद्र ने भाजपा के विजेता ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कुछ टक्कर दी। बावजूद इसके वह यहां पर रविंद्र दूसरे तीसे स्थान पर रहे। कुल मिलाकर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने दूसरे स्थान पर रहने के साथ भाजपा उम्मीदवारों को टक्कर देने का प्रयास किया, लेकिन बसपा पूरी तरह से नदारद रही। यहां तक कि नोएडा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कृपा राम शर्मा जमानत तक नहीं बचा पाए। सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए राहत की बात यह है कि नोएडा, दादरी और जेवर तीनों सीटों पर प्रत्याशियों ने अच्छी टक्कर दी। दादरी और जेवर में तो ठीकठाक मत भी मिले हैं, तो नोएडा में भी सुनील चौधरी ने तीसरा स्थान हासिल की है। + +नोएडा, दादरी और जेवर पर बुरी तरह हारी बसपा, दूसरे स्थान पर सपा-रालोद प्रत्याशी। नोएडा सीट से भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह को 2,44,319 मत मिले। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा रालोद गठबंधन प्रत्याशी सुनील चौधरी को 62,806 मत मिले। दादरी सीट पर भाजपा प्रत्याशी तेजपाल नागर को 2,18,068 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजकुमार भाटी को 79,850 मत मिले। वहीं जेवर से भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र सिंह को 1,17,205 मिले। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रालोद सपा गठबंधन प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना को 60890 मत मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6374f8bc464bc8a70493759b5628b1393a7cca28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61530.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का प्रत्यक्ष असर भले ही चुनावी राज्यों में नजर आ रहा है, मगर अप्रत्यक्ष रूप से उप्र, उत्तराखंड व पंजाब के परिणाम हरियाणा की राजनीति पर भी असर डालेंगे। बुधवार को पचगांव में केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के सामने मिले मनोहर व राव के हाथों का बंधन मजबूत होगा। + +पचगांव में हुआ शिलान्यास समारोह नेशनल हाईवे से जुड़े विकास कार्यों के उद्धघाटन व शिलान्यास से अधिक इस बात के लिए चर्चित है कि वहां मंच से जब राव ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी तपाक से उनका हाथ थाम लिया। इस मिलन को लेकर कहा जा रहा है कि अगर राव ने बुधवार को दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाया होता तो मजा किरकिरा हो गया होता। + +परिणाम के बाद हाथ मिलते तो यही कहा जाता कि भाजपा की बढ़ती ताकत को देखते हुए ही राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया, मगर परिणाम से एक दिन पहले मिले हाथों ने राज को मुट्ठी में बंद रख लिया है। हालांकि आलोचक राव की नरमी को एक्जिट पोल से जोड़कर देख रहे हैं। हरियाणा से सटे उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम से यह तय हो गया है कि अब न केवल भाजपा-जजपा गठबंधन की गांठ मजबूत होगी, बल्कि दूसरे दलों के कुछ नेताओं की ताकत भी निकट भविष्य में भाजपा को मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61531.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61531.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..823e4ce52930ccca878703306d9f90e69f59c8fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61531.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आनलाइन डेस्क, पटियाला। पंजाब में इस बार आम आदमी पार्टी ने सभी दलाें काे करारी शिकस्त दी है। आम आदमी पार्टी की आंधी में सत्ताधारी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। कांग्रेसी दिग्गजों के अलावा पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाला अर्बन सीट से चुनाव हार गए हैं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अजितपाल सिंह काेहली के हाथों कैप्टन को करारी हार का सामना करना पड़ा। आइये जानते हैं आखिर कौन हैं अजित पाल सिंह जिन्होंने कांग्रेस के इस पूर्व दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को शिकस्त दी। ।पार्षद से विधायक तक का राजनीतिक सफर।गौर हो कि अजीत पाल सिंह कोहली 2011 में शिरोमणि अकाली दल की तरफ से पार्षद का चुनाव लड़ने के बाद मेयर बने थे। अजीतपाल सिंह कोहली का परिवार टकसाली अकाली दल के तौर पर शहर में जाना जाता है। उनके दादा सरदारा सिंह कोहली ने कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा के समाने विधानसभा का चुनाव लड़ा है जबकि उनके पिता सुरजीत सिंह कोहली ने भी अकाली दल से विधानसभा का चुनाव लड़कर जीता है और वे पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। + +पिछली बार कैप्टन ने 52 हजार से ज्यादा मताें से की थी जीत दर्ज।पिछली बार अमरिंदर सिंह ने इस सीट से 52407 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। 2017 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के डा. बलबीर सिंह को हराया था लेकिन इस बार उन्हें अजीत पाल सिंह के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी। अमरिंदर सिंह 2002, 2007, 2012 और 2017 में लगातार 4 बार चुनाव जीते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..016ce32714359caa925fb1f694007a9ff3bc3aa4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61533.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [राजीव दीक्षित]। 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा देने वाली कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश की अठारहवीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा और सपा के बीच हुई सीधी लड़ाई में महज मूकदर्शक बनकर रह गई। प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई में विधान सभा चुनाव की समरभूमि में पहली बार जोर आजमाइश पर उतरी कांग्रेस अब तक के सबसे लचर प्रदर्शन की साक्षी बनी। पिछले विधान सभा चुनाव की तुलना में न सिर्फ पार्टी की सीटें घटकर एक-तिहाई से कम रह गईं बल्कि तमाम प्रयोगों के बावजूद जनाधार भी खिसक गया। + +उत्तर प्रदेश में खुद को कांग्रेस के संघर्ष का चेहरा बताने वाले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से न सिर्फ खुद चुनाव हार गए बल्कि तीसरे स्थान पर खिसक गए। कभी पार्टी के गढ़ रहे रायबरेली और अमेठी जिलों में पार्टी खाता खोलने के लिए तरस गई। कांग्रेस विधान मंडल दल नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने रामपुर खास और वीरेंद्र चौधरी ने फरेंदा सीट जीतकर पार्टी की लाज बचाई। + +पिछले 33 वर्षों से प्रदेश में राजनीतिक वनवास भोग रही कांग्रेस ने पार्टी में जान फूंकने के लिए प्रियंका के रूप में अपने सबसे चर्चित चेहरे को प्रदेश में पार्टी की कमान सौंपी थी। चुनावी संभावनाओं को परवान चढ़ाने के लिए प्रियंका ने खूब पसीना बहाया। उन्होंने 167 रैलियों/जनसभाएं व नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया, 42 रोड शो/ घर-घर जनसंपर्क किए और 340 विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल संवाद किया। यह बात और है कि प्रियंका से कांग्रेस ने जिस करिश्मे की आस लगाई थी, वह मतदाताओं को कतई प्रभावित न कर सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90e46705957d8426f5ed86b6017148b66ac60e7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। चुनाव रिजल्ट 2022 पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को शानदार जीत हासिल हुई है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत पर पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ को बधाई देते हुए इसे जनता की जीत बताया है। वहीं, पंजाब में आम आदमी पार्टी की झाड़ू चल गई है। भाजपा और आप कार्यकर्ता जहां जश्न में डूबे हुए हैं तो वहीं, कांग्रेस और सपा के दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। आइए तस्वीरों में देखें देश के पांच राज्यों के चुनाव परिणाम की झलकियां....।पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 4 दशक बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। तीन राज्य उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर में सरकार में होने के बावजूद भाजपा के वोट बैंक में वृद्धि हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले किसी मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का ये पहला उदाहरण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61535.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93023aa8c9525b06e90066e7febcf853618a7875 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबसे अधिक नोटा मत का प्रयोग 2956 रोहनियां विधानसभा में हुआ है। जबकि सबसे कम नोट मत वाराणसी द‍क्षिण में लोगों ने प्रयोग किया। रोहनिया में ही कुल मतों में सबसे अधिक 1.2 फीसद नोटा का प्रयोग किया गया है। जबकि शहर दक्षिण में 0.48 फीसद कुल मतों में सबसे कम नोटा का प्रयोग किया गया है। रोहनियां में सबसे अधिक 11 पोस्‍टल मत नोटा के निकले तो पिंडरा में मात्र एक पोस्‍टल मत नोटा का मिला। वहीं कुल 15487 लोगों ने वाराणसी में नोटा का प्रयोग किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e74fd2712b2e5bce527e63820966c1e3d567e131 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61538.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। पंजाब पर शुरू से पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का जोर रहा। तीन और राज्यों में चुनाव लड़ने के बावजूद पंजाब को उन्होंने सबसे ज्यादा समय दिया। यही नहीं, सरकार के मंत्रियों सहित कई भरोसेमंद नेताओं को उन्होंने पंजाब में लगा रखा था और नतीजा सभी के सामने है। पंजाब ही एकमात्र राज्य था, जहां केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल व बेटी हर्षिता ने भी चुनाव प्रचार किया। यूं तो आम आदमी पार्टी (आप) एक साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ रही थी, लेकिन आप संयोजक केजरीवाल के दिमाग में हर समय पंजाब चल रहा था। चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब को उन्होंने स्वयं संभाला। केजरीवाल चुनाव के दौरान 20 दिन पंजाब में रहे, जबकि आठ दिन गोवा और चार दिन उत्तराखंड में रहे। + +टीम में काम बांट कर किया पूरा फोकस।देश में पांच राज्यों में चुनाव के लिए नामांकन भरे जाने के बाद एक साथ विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू हुआ। आप मणिपुर को छोड़कर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में चुनाव लड़ी। उत्तर प्रदेश में पार्टी प्रभारी संजय सिंह मोर्चा संभाले हुए थे तो गोवा में वहां की प्रभारी आतिशी पूरा समय दे रही थीं। उत्तराखंड में उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री गोपाल राय और राजेंद्र पाल गौतम लगातार दौरे कर रहे थे तो पंजाब पर कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन का भी फोकस रहा। हालांकि, सिसोदिया और राजेंद्र पाल गौतम ने पंजाब और गोवा को भी समय दिया। इस सब के बीच मुख्य भूमिका अरविंद केजरीवाल की ही रही। ।केजरीवाल खुद कर रहे थे रणनीति तैयार। सभी राज्यों के लिए पार्टी की चुनावी रणनीति केजरीवाल ही तय कर रहे थे, लेकिन इस बार पंजाब को लेकर पूरी रणनीति उन्होंने अपने हाथ में ली हुई थी। वह जिस भी राज्य में होते थे, वहां शाम को सभी राज्यों की रिपोर्ट लेते थे और दिशानिर्देश जारी करते थे। इस दौरान भी उनका फोकस पंजाब पर अधिक होता था। एक दिसंबर से लेकर 18 फरवरी तक केजरीवाल ने पूरा ध्यान पंजाब पर लगा दिया था। इससे पहले भी उन्होंने यदि किसी राज्य में कोई चुनावी घोषणा की तो उसकी शुरुआत पंजाब से ही की थी। वह चाहे बिजली मुफ्त देने की घोषणा हो या महिलाओं को एक-एक हजार पेंशन देने की बात हो या अन्य कोई घोषणा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e26cf6bbc82fba924b15d8e761a6f7fb491a777b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। पंजाब पर शुरू से पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का जोर रहा। तीन और राज्यों में चुनाव लड़ने के बावजूद पंजाब को उन्होंने सबसे ज्यादा समय दिया। यही नहीं, सरकार के मंत्रियों सहित कई भरोसेमंद नेताओं को उन्होंने पंजाब में लगा रखा था और नतीजे सभी के सामने हैं। पंजाब ही एकमात्र राज्य था, जहां केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और बेटी हर्षिता ने भी चुनाव प्रचार किया। यूं तो आम आदमी पार्टी (आप) एक साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ रही थी, लेकिन आप संयोजक केजरीवाल के दिमाग में हर समय पंजाब चल रहा था। ।चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब को उन्होंने स्वयं संभाला और चुनाव के दौरान 20 दिन पंजाब में रहे, जबकि आठ दिन गोवा और चार दिन उत्तराखंड में रहे। देश में पांच राज्यों में चुनाव के लिए नामांकन भरे जाने के बाद एक साथ विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू हुआ। आप मणिपुर को छोड़कर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में चुनाव लड़ी। उत्तर प्रदेश में पार्टी प्रभारी संजय सिंह मोर्चा संभाले हुए थे तो गोवा में वहां की प्रभारी आतिशी पूरा समय दे रही थीं। उत्तराखंड में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री गोपाल राय और राजेंद्र पाल गौतम लगातार दौरे कर रहे थे, तो पंजाब पर कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन का भी फोकस रहा। ।हालांकि, सिसोदिया और राजेंद्र पाल गौतम ने पंजाब और गोवा को भी समय दिया। इस सब के बीच मुख्य भूमिका अरविंद केजरीवाल की ही रही। सभी राज्यों के लिए पार्टी की चुनावी रणनीति केजरीवाल ही तय कर रहे थे, लेकिन इस बार पंजाब को लेकर पूरी रणनीति उन्होंने अपने हाथ में ली हुई थी। वह जिस भी राज्य में होते थे, वहां शाम को सभी राज्यों की रिपोर्ट लेते थे और दिशानिर्देश जारी करते थे। इस दौरान भी उनका फोकस पंजाब पर अधिक होता था। एक दिसंबर से लेकर 18 फरवरी तक केजरीवाल ने पूरा ध्यान पंजाब पर लगा दिया था। इससे पहले भी उन्होंने यदि किसी राज्य में कोई चुनावी घोषणा की तो उसकी शुरुआत पंजाब से ही की थी। वह चाहे बिजली मुफ्त देने की घोषणा हो या महिलाओं को एक-एक हजार पेंशन देने की बात हो या अन्य कोई घोषणा। ।केजरीवाल के पंजाब दौरों का आकलन करें तो दिसंबर में वह नौ दिन पंजाब में रहे। दो दिसंबर को उनके नेतृत्व में पठानकोट में तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। उसके बाद सात दिसंबर को होशियारपुर में एससी सम्मान सभा में, 15 दिसंबर को जालंधर, 16 को लांबी, 19 को चंडीगढ़, 24 को गुरुदासपुर, 25 को अमृतसर, 30 को चंडीगढ़ में विजय यात्रा और 31 दिसंबर को पटियाला में शांति मार्च में शामिल हुए। वहीं, जनवरी माह में एक तारीख को अमृतसर, 12-13 और 18 जनवरी को मोहाली, 28 जनवरी को फिल्लौर व 29 जनवरी को जालंधर में थे। इसके साथ ही उन्होंने फरवरी में छह दिन पंजाब को दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61540.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..164ab39885986a4a47037b3470f81675c742d89c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61540.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. चरणजीत।चमकौर साहिब से चरणजीत चन्‍नी को हराने वाले डा.चरणजीत सिंह मोरिंडा में लंबे समय से आइ स्पेशलिस्ट हैं। मुख्यमंत्री चन्नी के लिए श्री चमकौर साहिब सुरक्षित सीट मानी जा रही थी। यहां उन्हें आप के डा. चरणजीत सिंह ने करीब 9000 वोटों से शिकस्त दी है। डा. चरणजीत सिंह इलाके के लोगों से जुड़े हुए हैं। इनकी पत्नी हरजीत कौर भी चंडीगढ़ में सेक्टर-16 में गाइनी स्पेशलिस्ट हैं। डा.चरणजीत ने श्री चमकौर साहिब में दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे थे। पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से हार गए थे। + +लाभ सिंह उगोके।भदौड़ में मुख्‍यमंत्री चन्नी को हराने वाले आप के लाभ सिंह उगोके साधारण मजदूर परिवार से संबंधित हैं। लाभ सिंह, मोबाइल शाप की दुकान में नौकरी करते हैं। उनकी माता एक सरकारी स्कूल में सफाई कर्मचारी हैं और उनके पिता खेतों में मजदूरी करते हैं। लाभ सिंह ने खुद बताया था कि वे मात्र 2 कमरे के एक घर में रहते हैं और वो इस बार अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि गांवों में प्रचार करने के लिए मोटरसाइकिल या सार्वजनिक बस से भदौर गांव में घूमते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..310b3aa002c35db5b102665aecb5d8d7fc25b835 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कांग्रेस की लगातार बिगड़ती साख के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का विकल्प बनने की दौड़ में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से आगे आम आदमी पार्टी (आप) निकल गई है। हालांकि, इस दौड़ में टीएमसी भी ताकत लगा रही है, लेकिन मौजूदा माहौल में पंजाब चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर आप का पलड़ा भारी हो गया है। दरअसल, इन दोनों दलों की नजर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। इसे देखते हुए ये दल अपने गृह राज्यों से अलग दूसरे राज्यों में भी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इन्हें इस बात का अहसास है कि 2024 में देश का मतदाता भाजपा को चुनौती देने के लिए एक राष्ट्रीय विकल्प की तलाश कर रहा होगा। अभी तक कांग्रेस के गिरते जनाधार को लेकर जो कयास लगाए जा रहे थे, वे अब पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भी सही साबित हुए हैं। कांग्रेस के हाथ से पंजाब भी निकल गया है, वहीं उसका चुनावी समर्थन और कम होता जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4fad4dfa166b70f29a456d58492acde89e95e36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61545.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेणु जैन। होली अब करीब है। इस दिन सारे गिले-शिकवे निकालकर दोस्त-दुश्मन गले मिल जाते हैं, जो भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र है। ऐसे ही होली का नाम जबान पर आता है तो पूरे मौसम में जैसे गुलाल फैल जाता है। विभिन्न रंग फैलने लगते हैं और प्रकृति जीवन का एक मीठा संदेश देती है। ऐसा ही एक मीठा व्यंजन, जिसे गुझिया कहा जाता है, जिसे होली के अवसर पर बनाया जाता है। कहते हैं कि गुझिया नहीं खाई तो क्या होली मनाई। अर्द्धचंद्र जैसी दिखने वाली गुझिया जिसे पकवानों की रानी भी कहा जाता है इसीलिए भारत में ठेठ गांवों से लेकर तकरीबन सभी शहरों में गुझिया अपनी मिठास बिखेर रही है। इसीलिए इस मिठाई के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम भी हैं जैसे बिहार में गुझिया को पिड़ुकिया, महाराष्ट्र में करंजी, गुजरात में घुघरा, आंध्रप्रदेश में कज्जिकयालु, छत्तीसगढ़ में कुसली, तमिल में कचरिका और कन्नड़ और तेलुगु में कज्जीकई कहा जाता है। + +पहले सिर्फ खोया और सूजी की गुझिया ही मिलती थी लेकिन अब चाकलेट से लेकर जैम, सारे ड्रायफू्रट्स तक की ढेरों स्वाद वाली गुझिया मिलने लगी है। आहार विशेषज्ञों की मानें तो भारत में त्योहारों के अवसर पर बनाए जाने वाले व्यंजन लजीज स्वाद के साथ कैलोरी वाले भी होते हैं। गुझिया मिलाए जाने वाले सूखे मेवे, नारियल, गुड़ तथा अन्य सामग्री स्वास्थ्य के लिए पोषक होती है। सूखे मेवे में जो वसा, एंटीआक्सीडेंट्स, विटामिन ई, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटेशियम से भरपूर होते हैं। वहीं नारियल के अपने ढेरों फायदे हैं। गुड़ तथा घी भी भरपूर कैलोरी वाले होते हैं। अब तो लो कैलोरी गुझिया तथा शुगर फ्री गुझिया, रोस्टेड गुझियज्ञ भी खासतौर पर बनने लगी हैं। कई दुकानदारां ने तो समोसा, मटर शेप, चंद्रकली, लौंग जैसे आकार भी दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61547.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e7586a2d031737be50856a56682bf59e6facf23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2021 में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री रहते हारीं थी विधानसभा का चुनाव।मार्च 2021 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से चुनाव हार गई थी। हालांकि, उनकी परंपरागत विधानसभा सीट भबनीपुर थी, जहां से उन्होंने 2016 में चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के शुवेंदु अधिकारी को उन्हीं के घर में चुनौती देने के लिए नंदीग्राम से चुनाव लड़ने गईं थीं। जहां उन्हें 1700 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49c703d7898eeb0b1e8b127b258cfefc71e53f6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवनीत शर्मा।Himachal Vidhansabha Session, 'खालटी', 'खलड़ी', 'हे हे हे', 'यह आदमी', 'बकवास'....! ये शब्द इन दिनों हिमाचल प्रदेश विधानसभा के भीतर और बाहर गूंज रहे हैं। जिन शब्दों की आयु और स्वास्थ्य दोनों बाहर यानी लोक के आंगन में सुदीर्घ होते हैं, वही शब्द जब लोकतंत्र के मंदिरों के आसपास आते हैं, संदिग्ध हो जाते हैं। और वही शब्द जब सदन में बोले जाते हैं तो वे असंसदीय श्रेणी में आ जाते हैं। जैसे मध्य प्रदेश में संसदीय और असंसदीय शब्दों में भेद करने वाली एक पथप्रदर्शक पुस्तक प्रकाशित की गई थी कुछ वर्ष पहले। उसमें 'पप्पू' और 'मिस्टर बंटाधार' जैसे शब्द भी असंसदीय घोषित किए गए थे। 38 पन्नों की इस पुस्तिका में 1954 से लेकर 2021 तक के वे शब्द सम्मिलित हैं जिन्हें कार्यवाही से हटा दिया गया था। इसमें 1990 से 2014 के शब्द नहीं हैं। मोटे तौर पर चोर, ढोंगी, भ्रष्ट, तानाशाह, गुंडा और यहां तक कि ससुर शब्द भी हटा दिया गया था। संसद में भी ऐसी एक पुस्तिका कुछ वर्ष पहले तैयार हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f908b21f305464a2de5700c7fca5a8d6d40e43c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61549.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +साइलेंट वोटर्स की पेचीदा खामोशी।साइलेंट वोटर्स की यह खामोशी पूर्वी यूपी में अधिक पेचीदा है। यह इलाता अपनी कठोर जातिगत जटिलताओं के लिए जाना जाता है। साथ ही माना जा रहा है कि आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र से लेकर वाराणसी तक, मतदाता भाजपा सरकार, पीएम नरेंद्र मोदी या सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें उम्मीदवारों के बारे में अपनी आपत्तियां थीं। + +मुस्लिम महिला वोटर।अबकी चुनावों में जहां माना जा रहा था कि सरकार के मुस्लिम विरोध होने का बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा, लेकिन नतीजे उसके विपरीत आए हैं। जिससे माना जा रहा है कि एक बड़ी तादाद में मुस्लिम महिला वोटरों में बीजेपी से समर्थन में वोट डाले हैं। मुस्लिम महिलाओं के हित में बीजेपी द्वारा उठाए गए कदमों में सबसे बड़ा फैसला तीन तलाक कानून को लेकर माना जा रहा है। बीजेपी ने मुस्लिम समाज की इस प्रथा को समाप्त करते हुए, इस पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान किया है। जिसके बाद एक बड़े तबके की मुस्लिम महिलाओं को फायदा हुआ है। + +आंगनवाड़ी लाभार्थी योजना।आंगनबाड़ी लाभार्थी योजना में गर्भवती महिलाओं और छह वर्ष से कम के बच्चों के लिए पका हुआ भोजन और सूखे राशन के तहत पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के माध्यम से ये सुनिश्चित किया जाता है की सभी लाभार्थियों को पौष्टिक आहार के माध्यम से पोषण और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त हो सके। सरकार की इस योजना का लाभ समाज के एक बड़े तबके को मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95adbe9f96f55198b4cbacd573ab7374438b40e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये फिर जिला पंचायत चुनाव की तरह करेंगे बेईमानी।मतगणना शुरू होने के पहले चुनावी नतीजों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बिना नाम लिए भाजपा पर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि जनता इनसे नाराज है और असर कुछ तो दिखाई देगा। राकेश टिकैत ने कहा कि जब चोर बेईमान हो जाते हैं तो लड़ाई हो जाती है। ये चोरी करते हैं, बेईमान भी है और गुंडे भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने यह कहा कि अपनी मर्जी से वोट करो. जनता नाराज है और कह रही है कि ये जीतेंगे नहीं, असर कुछ तो दिखाई देगा। ये जिला पंचायत चुनाव की तरह बेईमानी करेंगे। गिनती शुरू होने से पहले ही कह रहे हैं कि हम ही जीतेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..411d8ef33350fdaa49d812c6b7a43ad06baf7c5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61551.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भाजपा पूर्ण बहुमत से बना रही है सरकार।2022 में बीजेपी एक बार फिर से स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है, लेकिन पिछली बार की 312 सीटों के मुकाबले उसे 50 सीटों से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। सीटों में आई इस कमी के बावजूद बीजेपी को सरकार चलाने में किसी तरह की खींचतान का सामना करना नहीं पड़ेगा, बल्कि पार्टी के लिए अच्छी बात यह है कि राज्य में उसके जनाधार में मजबूती आई है। + +सपा को मिल सकती है 31 फीसद मतों की हिस्सेदारी।403 सीटों में से 401 सीटों पर आए रुझान के आधार पर 2022 में बीजेपी को कुल मत हिस्सेदारी का 42 फीसदी से अधिक हिस्सा मिलता हुआ दिख रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने पिछले प्रदर्शन को सीटों और वोट हिस्सेदारी दोनों के मामले में सुधारा है। पार्टी को 31 फीसदी से अधिक मत मिलता हुआ नजर आ रहा है, जो पिछली बार के 21.82 फीसदी के मुकाबले करीब 10 फीसदी अधिक है। पार्टी पिछले चुनाव में 47 सीटों पर सिमट गई थी, जिसकी संख्या अब बढ़कर 100 से अधिक होती नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..927aebdd09fd27e63da5cf4c9002c8634705f626 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61552.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ला एंड आर्डर के मुद्दे पर फेल हुए अखिलेश।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ला एंड आर्डर (कानून व्यवस्था) के मुद्दे पर पूरी तरह फेल हो गए। जनता भाजपा के शासन में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। इसलिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का ला एंड आर्डर जनता को अभी भी भा रहा है और अखिलेश यादव इस मुद्दे पर पूरी तरह फेल हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd7e857f2a0c9470f64b46f4b6d62ddff08dff0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61553.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कई दिग्गज राजनीतिज्ञों की साख दांव पर लगी है। इनमें मुख्यमंत्री कैंडिडेट से लेकर विपक्ष के कई VVIP चेहरे शामिल है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में मतों की गणना जारी है। आपको बताते हैं कि अब तक किस VVIP ने कितने वोट हासिल किए:।उत्तर प्रदेश के VVIP चेहरे।बात अगर यूपी की हो और गोरखपुर अर्बन सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान नें उतरे सीएम योगी आदित्यनाथ से शुरूआत नहीं करना बेमानी होगी। अपने बेबाक बयानों के लिए पहचान रखने वाले सीएम योगी इलेक्शन कमीशन के मुताबिक दोपहर एक बजे तक हुई मतगणना में 38,633 वोट हासिल करके सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं, सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करहल सीट से खड़े है और 54072 वोट हासिल करके बढ़त बनाए हुए हैं। + +पंजाब के हाई प्रोफाइल कैंडीडेट।पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस के टिकट पर खड़े हैं। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक दोपहर दो बजे तक उन्हें 57003 वोट मिले। वो अपने निकटम प्रतिद्वंदी AAP के टिकट पर खड़े चरणजीत सिंह से करीब 6373 वोटों से पीछे चल रहे हैं। वहीं पंजाब सेलिब्रिटी कैंडिडेट कांग्रेस के टिकट पर खड़े नवजोत सिंह सिद्धू को करारी शिकसत मिली है। उन्हें कुल 29128 वोट मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0e96daa4af68016c5b958cb7ae838a474d966da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61554.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपी में ओवैसी कुछ भी कर पाने में नाकाम।2011 के जनगणना के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ आबाादी में करीब 20 फीसदी यानी चार करोड़ मुसलमान है और ओवैसी ने चुनाव के दौरान लगातार सत्ता में मुस्लिमों की भागीदारी को मुद्दा बनाया। ओवैसी लगातार यूपी में चुनाव प्रचार कर रहे थे और तब कई विश्लेषकों ने यह कहा था कि उनके यूपी में आने से बीजेपी को फायदा होगा और अन्य विपक्षी दलों को नुकसान। हालांकि नतीजे बता रहे हैं कि ओवैसी ऐसा कुछ भी कर पाने में नाकाम रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3df2afc900b29593d5690826bb1cf5126e9931e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [अभिषेक पराशर]। 2022 के यूपी चुनाव के नतीजे राज्य में चार बार मुख्यमंत्री रही मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। 403 सीटों के मुकाबले 388 सीटों पर चुनाव आयोग के रुझानों के मुताबिक बसपा महज 12.9 फीसदी मत हिस्सेदारी हासिल करती नजर आ रही है, जो 2017 में पार्टी को मिली मत हिस्सेदारी 22.23 फीसदी का लगभग आधा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f92c9dac0555d5c2dbdce86402f13fade42fd148 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कालकाजी मंदिर के पुनर्विकास और वहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए कब्जा करने वालों को हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने कई अहम निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को मंदिर परिसर में धर्मशाला, झुग्गी के कब्जेदारों और परिवारों की संख्या की सूची दस मार्च तक तैयार करने का निर्देश दिया।कालकाजी मंदिर के विभिन्न मुद्दों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने डीडीए उपाध्यक्ष, डूसिब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एसडीएमसी आयुक्त और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी को 11 मार्च को एक संयुक्त बैठक करने को कहा है। ।इसके बाद 14 मार्च को रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा कि किस तरह से मंदिर परिसर को पूरी तरह से खाली कराया जा सकता है। रिपोर्ट में यह बताना होगा कि क्या झुग्गी वालों को आश्रय प्रदान किया जा सकता है, ताकि कालकाजी मंदिर परिसर में पुनर्विकास शुरू हो सके। इस मामले में अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी और इसमें डीडीए, डूसिब, एसडीएमसी और डीसीपी को वीडियो कान्फ्रें¨सग के माध्यम से शामिल होना होगा। ।पुनर्विकास पर अगली सुनवाई में होगी चर्चा ।पीठ ने कहा कि अदालत में पेश किए गए पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) पर सभी पक्षों को अगली सुनवाई पर सुना जाएगा। पीपीटी में बताया कि पुनर्विकास योजना के तहत डीडीए और एसडीएमसी की भूमि पर किस तरह से अस्थायी दुकानों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में उक्त जमीन का इस्तेमाल पार्किंग और अन्य कार्यो के लिए किया जा रहा है। निर्माण का खर्च दुकानदार को देना होगा। कब्जा मिलने के बाद दुकानदारों को अदालत की ओर से निर्धारित तहबाजारी देनी होगी। ।प्रशासक तय करेंगे आवंटन के लिए योग्य व्यक्ति ।अदालत ने स्पष्ट किया कि दुकान का आवंटन किसे किया जाएगा इसकी अंतिम सूची प्रशासक तय करेंगे। अस्थायी दुकानों पर दुकानदारों का कोई अधिकार नहीं होगा और वे सिर्फ इसका इस्तेमाल करने के हकदार होंगे। ।कालकाजी मंदिर के खाते में हैं 6.87 करोड़ रुपये ।दिल्ली हाई कोर्ट को यूको बैंक से मिली रिपोर्ट के अनुसार कालकाजी मंदिर फंड में 24 फरवरी 2022 तक कुल छह करोड़ 87 लाख 59 हजार 606 रुपये हैं। इसके अलावा 87 एफडीआर, 135 डीडी भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..038e1d852c7e7483872a6e34d344d6e67693a8e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वी.के. शुक्ला]। पंजाब चुनाव परिणाम को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) पहले से ही आश्वस्त दिख रही थी। पार्टी नेताओं का मानना था कि पंजाब में आप की ही सरकार बनेगी। पार्टी इसका आधार एक्जिट पोल को मानकर चल रही थी। हालांकि, पार्टी नेता सीटों को लेकर कोई बयान तो नहीं दे रहे थे लेकिन इतना जरूर कहते थे कि एक्जिट पोल का आंकड़ा सही साबित होने जा रहा है। पाटी के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि सीटें कितनी जीतेंगे, यह बृहस्पतिवार की दोपहर से पहले पता चल जाएगा, लेकिन हमारा आकलन है कि एक्जिट पोल के आंकड़े सही साबित होंगे और पंजाब में आप की सरकार बनेगी। ।बता दें कि आप ने अन्य मुद्दों को पीछे छोड़कर इस बार का पंजाब विधानसभा चुनाव बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर लड़ा है। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि पंजाब में इन क्षेत्रों की हालात चूंकि ठीक नहीं हैं, ऐसे में आप ने इन मुद्दों को ठीक से समझकर इस पर अपनी बात जनता के दिमाग में डालने के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में खास फोकस किया। वहां भी दिल्ली सरकार के गवर्नेस माडल को लागू करने की बात कही है। ।स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने केवल बात नहीं की है, बल्कि मतदाता के दिमाग में यह डालने की पुरजोर कोशिश की है कि अगर आप सत्ता में आई तो इन क्षेत्रों की हालत सुधारकर ही दम लेंगे। दूसरे दल इसे शायद आप की तरह मुद्दा नहीं बना सके। यही वह कारण हैं जो आप को चुनाव में जीत के प्रति पूर्ण आश्वस्त कर रहा है। ।पार्टी नेताओं को भरोसा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बात पर पंजाब की जनता ने झाड़ू पर मुहर लगाई है। पार्टी प्रवक्ता घनेंद्र भारद्वाज कहते हैं कि पंजाब में चुनाव परिणाम ऐतिहासिक होने जा रहा है। एक्जिट पोल ही नहीं, पार्टी के अपने सर्वे भी भारी बढ़त दिखा रहे हैं। पंजाब में आप पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में सक्षम होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aca73b4b64c96dd6647d919de3e167d8bef83c20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61563.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल नामांकन पत्र भरते समय प्रत्याशी को दस हजार रुपये की धनराशि सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करवानी होती है। जब कोई प्रत्याशी चुनाव में कुल मतों का छठवां हिस्सा प्राप्त करने में विफल हो जाता है तो आयोग यह राशि जब्त कर लेता है अन्यथा उसे वापस कर दी जाती है। इसके अलावा कई अन्य परिस्थितियों में प्रत्याशी को जमानत राशि वापस कर दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ab59733a0d988f378ace07d78f66e2ef034f10a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्म शास्त्रीय मान्यता है कि बाबा का तिलक वसंत पंचमी पर चढ़ाया गया था। महाशिवरात्रि पर विवाह हुआ और फागुन शुक्ल एकादशी पर गौरा का गवना करा कर अपने धाम लाए। काशी में विश्वनाथ मंदिर महंत परिवार इसे परंपरानुसार उत्सव की तरह मनाता है। पूर्व में एक दिवसीय हुआ करता उत्सव अब चार दिन तक विस्तार पा चुका है। इसकी तैयारी टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3a3dac194b5f410de8ddb5431bef1cc5f1ac227 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पवन के समर्थकों को उम्मीद है कि इस बार भाजपा के हक में 2017 जैसी लहर नहीं है और वह कहीं अधिक संगठित अभियान के साथ एक बार पुन: भगवा दुर्ग पर विजय का गौरव प्राप्त करेंगे। हालांकि सपाइयों के जोश के मुकाबले भाजपाई याद दिला रहे हैं कि यह वही अयोध्या हैै, जहां राम मंदिर निर्माण का चिर स्वप्न भाजपा के ही शासनकाल में साकार हो पा रहा है और अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का प्रयास बोनस की तरह है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अयोध्या की अस्मिता प्रभावी होगी या भाजपा को गढ़ में ही हराने का हौसला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93f62862e4af0fc6bee94bbabdb3551893f54e3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मामला मटौंध थानाक्षेत्र के ग्राम बसहरी का है। वहां के दो अलग-अलग पार्टी के समर्थकों की ओर से आपस में बकायदा स्टांप पेपर में लिखा-पढ़ी कर शर्त लगाने का मामला सामने आया है। शर्त के मुताबिक, अगर भाजपा जीती तो सपा समर्थक अपनी बाइक उसे देगा और सपा जीती तो भाजपा समर्थक ने अपनी टेंपो दांव पर लगाई है। सौ रुपये के स्टांप पेपर में छह गवाहों के भी नाम हैं। हालांकि, इसकी सत्यता पुलिस की जांच का विषय है। दैनिक जागरण भी ऐसे किसी शपथ पत्र की पुष्टि नहीं करता है। मटौंध थाना प्रभारी अरविंद सिंह गौर ने बताया, ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पता कराकर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cff96afcb99f64d627170954f826fddf2a0a459c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योजना पर तेजी से काम शुरू।अब देश के कुल 4,378 शहरी निकायों के 2.86 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। इसमें शहरी जल प्रबंधन के तहत होने वाली जलापूर्ति के साथ घरेलू पानी की निकासी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सीवर लाइन बिछाने को भी प्राथमिकता दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61568.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61568.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a32e16c812844f0c3b27e5f8132afdedf38c759 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61568.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में विभाजित कर उत्तरी और दक्षिणी के साथ पूर्वी निगम का गठन हुआ था। शुरू के पांच वर्षों में तो निगम को कोई खास दिक्कत नहीं हुई, लेकिन जैसे ही वर्ष 2017 आया, निगमों में वेतन से लेकर पेंशन तक की दिक्कत शुरू हो गई। इसका एक कारण निगमों के पास राजस्व कम होना और खर्च ज्यादा होना था, क्योंकि तीन निगम होने से निगमों के एक ही मद में कई खर्च बढ़ने लग गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7180c7e822263fc1a883d7a231394660957a2cf7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कंगना ने लगाई थी फटकार ।हाल ही में कंगना रनोट ने एक वीडियो जारी करते हुए सिनेमाघरों के मालिकों से उन्हें ज्यादा विंडो देने की अपील की थी। इसी के साथ एक्ट्रेस ने ये भी बताया था कि उनकी फिल्म को कई बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म के बड़े ऑफर मिल रहे हैं, हालांकि उन्होंने मुनाफे को नजरअंदाज कर सिनेमाघरों का रुख किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0acf615ffe2060d52a593f34efc9cb80c95be02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61571.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शासन के निर्देशों का हो पालन।नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया को शासन के निर्देश पर ऋण वितरण, वेंडर्स को क्यूआर कोड, वेंडर्स को डिजिटल प्रशिक्षण द्वितीय ऋण वितरण के साथ-साथ पीएम समृद्धि योजना के अंतर्गत शहरी पथ विक्रेताओं को डिजिटल ट्रेनिंग वाले विभिन्न बैंकों में पूर्व से स्वीकृत ऋण आवेदन पत्रों के सापेक्ष ऋण वितरण कराया जाना है। योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए शासन के निर्देश पर सोशियो इकानामी प्रोफाइलिंग ऑफ पीएम स्वनिधि बेनिफिट्स एंड देयर फैमिली योजना के अंतर्गत समृद्धि कैंपों का आयोजन नगर निगम डूडा, विभिन्न बैंको व सामाजिक संगठनो की मदद से किया जा रहा है। योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य लंबित ऋण वितरण हेतु सक्रिय वेंडर्स को क्यूआर कोड का प्रशिक्षण देने के लिए सप्ताह में दो दिन विशेष कैंप का आयोजन किया जा रहा है। + +शहर के इन इलाकों में लगेंगे कैंप।बुधवार को जोन एक में नकवी पार्क की बाउंड्रीवाल के सहारे, जोन तीन में खैर रोड बिजली घर, 16 मार्च को जोन एक में जमालपुर रोड पर रेलवे क्रासिंग के पास, जोन चार नुमाइश मैदान जीटी रोड, 23 मार्च को जोन एक मे नगला जमालपुर के सहारे मदर टेरेसा आश्रम के पास, जोन चार में बंसल नर्सिंग होम रघुवीर पुरी, 30 मार्च को जोन एक में शमशाद मार्केट अहमदी स्कूल, जोन चार में एमडीआरएफ नगर निगम सारसौल, छह अप्रैल को जोन एक में क्वार्सी कृषि फार्म की दीवार के सहारे, जोन तीन बैंक शाखा एसबीआई देहलीगेट और 13 अप्रैल को जोन दो आगरा रोड माहेश्वरी अस्पताल के सहारे व जोन एक मे जमालपुर रोड पर आकाशवाणी के पास कैंप का आयोजन किया गया है। अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने बताया इन कैंपों में पीएम किसान निधि योजना अंतर्गत ऋण वितरण आवेदन पत्रों की जांच, लोन वितरण संबंधी जानकारी, डिजिटल लेनदेन क्यूआर कोड के साथ-साथ शासन की जनहित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8e112cbc879cc66b36eb41485556092a38f267b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61572.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया। सभी एक्जिट पोल भाजपा के दोबारा सत्ता में आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। हालांकि इसकी हकीकत 10 मार्च को सामने आ जाएगा। इस चुनाव के दौरान प्रदेश के अवध और पूर्वांचल के कई जिलों में जाने का अवसर मिला। उत्तर प्रदेश में कांशीराम के उदय के बाद संभवत: यह पहला अवसर होगा, जब दलित वर्ग के मतदाता बड़ी संख्या में बसपा को छोड़ किसी अन्य दल की ओर जाते दिखाई दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99e5f589fe7e9fe9352515d3b3798d0937f929a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61578.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक मंगलवार को विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली सेक्रेटेरिएट में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। खबर में कहा गया है कि विपक्षी दलों के कुल 86 सांसदों ने इस अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इस अविश्‍वास प्रस्‍ताव से पाकिस्‍तान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। व‍िपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब पीडीएम अविश्‍वास प्रस्‍ताव की तैयारी में है। प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्‍ता से बेदखल करने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्‍या इमरान सत्‍ता से बेदखल हो सकते हैं? संसद में क्‍या है इमरान खान की पार्टी की स्थिति? क्‍या विपक्ष के पास इतनी संख्‍या है कि वह एकजुट होकर इमरान को हटाने की स्थिति में है? क्‍या होगा इमरान सरकार का भविष्‍य? आइए जानते हैं इन तमाम मसलों पर क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..561aad1921170542dfe94f72f3ab2c1286ed665f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस यूक्रेन युद्ध में बड़ी तदाद में नरसंहार की खबरें चल रही है। इस जंग में बीते 14 दिनों में दोनों पक्ष की ओर से जानमाल की काफी क्षति हुई है। युद्ध में अब तक सैकड़ों सैनिकों की मौत हो चुकी है। इसमें आम नागर‍िक भी मारे जा रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में आक्रामकता बढ़ने के संकेत हैं। अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओक्‍साना मारकारोवा ने रूस पर वैक्‍यूम बमों Vacuum Bomb का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। हालांकि, रूस ने अभी तक इस दावे की पुष्टि नहीं की है। इसके बाद वैक्‍यूम बमों की चर्चा जोरों पर है। आखिर क्‍या है ये वैक्‍यूम बम? कैसे काम करता है ये वैक्‍यूम बम? यह इतना विनाशकारी क्‍यों है? वैक्यूम बमों के इस्तेमाल पर क्‍या है अंतरराष्‍ट्रीय नियम?।1- वैक्‍यूम बम दुनिया का सबसे घातक गैर परमाणु हथियार है। वैक्‍यूम बम गुफाओं और सुरंगों में छिपे लोगों को मारने में काफी कारगर है। युद्ध के दौरान बंद इलाकों में इस बम का असर सबसे अधिक घातक होता है। वर्ष 2003 में अमेरिका ने इस बम का परीक्षण किया था। इसे मदर आफ आल बम नाम दिया गया है। इस बम से 44 टन के पारंपरिक बम जितना बड़ा धमाका हुआ था इसके साथ ही यह दुनिया में सबसे घातक गैर परमाणु हथियार बन गया। अमेरिका के इस परीक्षण के बाद रूस ने भी इसी तरह का परीक्षण किया, जिसे फादर आफ बम कहा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8baff3879c35f3bead444ac6167a4f0370b481c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61589.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। ग्वालटोली निवासी आरव सिंह भी आखिरकार 13 दिन बाद मंगलवार को यूक्रेन से अपने घर लौट आए। वह खार्कीव में 10 दिन तक जंग के बीच सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ फंसे रहे। घर आने के बाद जब आपबीती सुनाई तो लोग सिहर उठे। उन्होंने कहा कि बहन को ट्रेन में चढ़ाने के बाद लगा कि मैंने अपना फर्ज निभा दिया। अगर मैं जीवित नहीं बचा तो बहन परिवार का ख्याल रखेगी। यह सुनते ही लोगों की आंख भर आईं। + +सोमवार से आनलाइन क्लास होने की उम्मीद : यूक्रेन से लौटे छात्र-छात्राओं ने बताया कि 13 तारीख तक कीव की सभी मेडिकल विवि में पढ़ाई बंद है। कुछ विवि ने 13 मार्च से तो कुछ ने 14 मार्च से आनलाइन पढ़ाई की बात कही है। इधर, भारत सरकार से भी मदद की उम्मीद है। अगर बच्चों को देश के ही विवि व कालेजों में सीटें बढ़ाकर समायोजित कर दिया जाए तो काफी आसानी होगी। छात्रों ने बताया कि उनकी कापी किताबें भी हास्टलों व फ्लैटों में छूट गई हैं। विपुल ने बताया कि 25 फरवरी को भी उनकी आनलाइन क्लास थी, लेकिन इसके बाद शिक्षकों ने छुट्टी कर दी। अब 14 फरवरी से दोबारा क्लास शुरू करने की बात कही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61592.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..152c1a3a65e9a5bf1a0ffa8482fd87cd429d063d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61592.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक शिक्षक को किशोरावस्था से ही सिगरेट की लत थी। 28 वर्ष की उम्र में विवाह के बाद उन्होंने खुद को कमजोर पाया। चिकित्सक को दिखाया तो पता चला कि वह नपुंसकता की ओर बढ़ रहे हैं। एक वर्ष तक इलाज कराया और सिगरेट हमेशा के लिए छोड़ दी। इसके बाद उनका जीवन सामान्य हुआ। इसी तरह एक डाक्टर को भी सिगरेट पीने की लत थी। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आने के आद उन्होंने इसे छोड़ दिया। अब उनका स्वास्थ्य सामान्य है। उन्होंने नो स्मोकिंग डे के अवसर पर लोगों से सिगरेट न पीने की अपील की है। + +तलब लगे तो लौंग, इलाइची का करें प्रयोग।पीड़ित शिक्षक व डाक्टर ने बताया कि सिगरेट, तंबाकू या कोई भी नशा छोड़ने के लिए थोड़े से साहस की जरूरत होती है। इसके साथ लौंग, इलाइची अपने पास रखनी चाहिए। जब तलब लगे, उसका इस्तेमाल करना चाहिए। किशोरावस्था में सिगरेट की लत से न केवल फेफड़े क्षतिग्रस्त होते हैं, बल्कि उम्र के साथ यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सिगरेट के कारण सेक्सुअल डिसआर्डर, नपुंसकता और महिलाओं में बांझपन जैसी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04b18486f551cf66c934683e6a0ac344afb25a18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61595.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हेमंत राजू, बरनाला। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह फिर चर्चा में हैं। इस बार उनका अपने विधानसभा क्षेत्र भदौड़ के गांव बल्लों में लोगों को दोनों हाथों से बकरी का दूध दुहना सिखाते नजर आए। चन्नी ने इसका वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। बता दें कि सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बार दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा है। उन्होंने अपनी पुरानी सीट श्री चमकौर साहिब के अलावा भदौड़ से भी भाग्य आजमाया है। ।वह मंगलवार को विधानसभा हलका भदौड़ व तपा के निवासियों का धन्यवाद करने व कांग्रेस पार्टी के नेताओं व वर्करों से बातचीत करने पहुंचे थे। इस दौरान जब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी जब भदौड़ से तपा की तरफ जा रहे थे तो भदौड़ के नजदीक गांव बल्लो के समीप एक रजवाहे पर उन्हें बकरियाें का झुंड दिखाई दिया। उन्हें देखकर सीएम चन्नी वहां रुक गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..004a25cd860d1ae69184ffa900706017b6546176 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61598.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लवीव (यूक्रेन), रायटर: रूसी सेना से घिरे पूर्वी शहर सूमी से निकलने के लिए मिले सुरक्षित गलियारे से बड़ी संख्या में नागरिक निकल आए। इन लोगों को मंगलवार को बस में बैठकर शहर से बाहर निकलते देखा गया। इस सुरक्षित गलियारे के लिए दोनों देशों के अधिकारियों में सहमति बन गई थी। रूस ने राजधानी कीव समेत पांच शहरों के लिए सुरक्षित गलियारे का प्रस्ताव दिया था जिनमें से दो शहरों का प्रस्ताव यूक्रेन ने ठुकरा दिया। मारीपोल में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए भी 30 बसों का काफिला भेजा गया है। इस बीच यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस का आक्रमण धीमा पड़ने और एक और रूसी मेजर जनरल के मारे जाने का दावा किया है। + +सूमी से नागरिकों की निकासी शुरू।यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि हमने सूमी से अपने नागरिकों की निकासी शुरू कर दी है। शहर छोड़ने वालों में विदेशी छात्र भी हैं। सूमी से निकाल कर लोगों को पोल्टावा ले जाया जाएगा वहां से आगे पश्चिम की ओर ले जाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि हम रूस से अपील करते हैं कि वह युद्धविराम के प्रति प्रतिबद्ध रहे और ऐसी कोई गतिविधि न करें जिससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़े या पीड़ितों तक राहत पहुंचाने में व्यवधान आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ee610bcc510106d2a4c5ad829196d8a764c1b2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। जिला प्रशासन द्वारा दो वाहनों से ईवीएम को यूपी कालेज प्रशिक्षण के लिए ले जाने की जानकारी के बाद भी वाराणसी में मतगणना स्‍थल पहड़‍िया में प्रदर्शन के दौरान लोग घायल भी हो गए। दरअसल पहड़‍िया मंडी को मतगणना स्‍थल बनाए जाने के बाद से यहां ईवीएम की निगरानी हो रही थी। मंगलवार की शाम दो वाहनों में ईवीएम को सपाइयों ने ले जाते समय पकड़ा और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जो रात तक पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौती बना रहा। ।सपाइयों ने ईवीएम को दोनों वाहनों से बरामद किया तो प्रदर्शन करने के साथ ही फोटो और वीडियो वायरल कर मामले में विधिक कार्रवाई की मांग की। वहीं वाहन चालकों को बंधक भी बना लिया। ।विवाद की जानकारी होने के बाद मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी आए। डीएम और पुलिस कमिश्‍नर ने कई राउंड सपा, कांग्रेस और सुभासपा नेताओं को समझाने की कोशिश की लेकिन रात नौ बजे तक कई राउंड की वार्ता नाकाम रही। ।डीएम कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्‍नर ए सतीश गणेश ने नेताओं को बैठकर समझाने का प्रयास किया लेकिन बैठक कई बार बेनतीजा होने की वजह से रात तक गफलत बनी रही। ।पहड़‍िया मंडी के सामने विरोध प्रदर्शन की वजह से दूर तक वाहनों की कतार लग गई और घंटों लोग जाम के झाम में फंसकर रास्‍ता साफ होने का इंतजार करते रहे। ।रात नौ बजे तक पहड़‍िया मंडी में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर लाठीचार्ज की अफवाह फैली तो भगदड़ भी मच गई। ।भगदड़ के दौरान कई बाइकें गिर गईं तो उनकी जद में आने की वजह से लोग चोटिल भी हो गए। ।भगदड़ के दौरान कई लोग कंटीली बाड़ की चपेट में आने की वजह से जख्‍मी भी हो गए। ।भगदड़ मची तो कौन किसके ऊपर गिरा पता ही नहीं चला, इस दौरान कई लोग चोटिल हो गए। ।पहड़‍िया मंडी में भगदड़ मचने के बाद काफी देर तक लोग सुरक्षित स्‍थान की ओर भटकते नजर आए तो दूसरी ओर कई वाहन गिरने से भगदड़ के हादसे की कहानी बता रहे थे। ।यह भी पढ़ें : वाराणसी में मतगणना स्‍थल से EVM ले जाते दो वाहन सपाइयों ने पकड़े, अखिलेश यादव बोले - 'चौकन्‍ना रहें'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9657cb689fef52da27ed97ae1223695c2dc70ba5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को दिल्ली महिला आयोग ने इंडिया हैबिटेट सेंटर में महिलाओं के हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 64 लोगों को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने लोगों को सम्मानित किया। इस दौरान दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून माइके, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, विशिष्ट सेवा मंडल और एयर मार्शल के. अनंथरमन भी मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61602.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c4612e56dfe029e8980fef271f417e478ce6d33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61602.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंदन, प्रेट्र: कोरोना महामारी के घटते-बढ़ते प्रकोप के बीच उसके निदान और रोकथाम की कोशिशें भी जारी हैं। इसी क्रम में ब्रिटिश विज्ञानियों ने कुछ ऐसे जेनेटिक फैक्टर (आनुवंशिक कारकों) की पहचान की है, जो कुछ खास लोगों में कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों को अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा गंभीर बनाते हैं। यह निष्कर्ष इस वायरस जनित रोग का बेहतर इलाज विकसित करने में मददगार हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..423c3ac418e8adc00b86f9ebdeaf4f495a044b3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस यूक्रेन जंग का आज 13वां दिन है, लेकिन रूसी सेना यूक्रेनी राष्‍ट्रपति वोल्‍दोमिर जेलेंस्‍की तक पहुंचने में नाकाम रही है। सवाल यह है कि आखिर दुनिया की सर्वश्रेष्‍ठ सेना यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंचने में क्‍यों असफल रही। जेलेंस्‍की रूसी सेना का चकमा देने में क्‍यों सफल रहे है। रूसी सेना के शार्प शूटरों के हाथों वह अब तक नहीं आए हैं। क्‍या है यूक्रेनी सेना का प्‍लान बी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को मारने के लिए रूसियों ने तीन बार प्रयास किए थे। इसमें रूसी खुफिया एजेंसी (एफएसबी) सहित वैगर्नर ग्रुप और चेचन किलर्स शामिल थे। इसके बाद जेलेंस्‍की की सुरक्षा के खास उपबंध किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61605.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c0644b7d9b312b6cc1981693a04a2b7f8d7ddbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1- प्रो हर्ष वी पंत रूस और यूक्रेन जंग में भारत के स्‍टैंड को जायज मानते हैं। उनका कहना है कि अभी तक भारत सरकार रूस और अमेरिका के साथ संबंधों में संतुलन बनाने में सफल रहा है। हालांकि, पंत का कहना है कि भारत के समक्ष दोनों देशों के साथ संतुलन बनाए रखने की चुनौती अभी भी बरकरार है। उनका मानना है कि आने वाले समय में यह चुनौती और बढ़ेगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि भारत किस रणनीति के साथ आगे अपने संबंधों का निर्वाह करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11451e661d01308f3d379e227ee2e2d61cf561d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61608.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, अभिषेक पराशर। 10 मार्च को नतीजे आने से पहले सामने आए अधिकांश एग्जिट पोल उत्तर प्रदेश में बीजेपी की वापसी का इशारा कर रहे हैं। एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के लिए गठबंधन की रणनीति विफल होती दिखाई दे रही है, वहीं बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर से अपने कोर वोट बैंक आधार तक सिमटती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस की बात की जाए तो इस बार भी वह यूपी में अपने 2017 के प्रदर्शन के आस-पास सिमटती नजर आ रही है, जबकि बीजेपी अपने वोट बैंक को मजबूती से अपने साथ बांधे रखने में सफल होती नजर आ रही है। + +2017 का चुनाव समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और समाजवादी पार्टी 47 सीटों के साथ मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों (दोआब, रोहिलखंड और पूर्वांचल) में सिमट कर रह गई थी। इस बार समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को आधार बनाकर देखा जाए तो एक बार फिर से सपा गठबंधन के बावजूद सत्ता में आती नजर नहीं आ रही है। हालांकि, अखिलेश यादव ने सपा गठबंधन के कम से कम 300 सीटें जीतने का दावा किया है। + +एग्जिट पोल्स के मुताबिक भले ही सपा सरकार बनाती हुई नजर नहीं आ रही है लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले इस बारे उसकी सीटों की संख्या में जोरदार इजाफा होता हुए दिख रहा है। अगर एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों से मेल खाते हैं तो सपा 2017 के मुकाबले बेहद मजबूत स्थिति में होगी और बीजेपी अगर सत्ता में वापसी करती है तो यह निष्कर्ष निकाला जाएगा कि बीजेपी ने जिन मुद्दों के आधार पर मतदाताओं से समर्थन मांगा, उन्होंने उस पर विश्वास कर लिया। इस चुनाव में भी पिछली बार की तरह बीजेपी ने धर्म, कानून व्यवस्था और विकास को मुद्दा बनाया और एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक मतदाताओं ने इस मुद्दे पर बीजेपी को समर्थन भी दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c47341eb14f272a8352a243433aaeaa4a10f657 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61609.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [अभिषेक शर्मा]। जिले की आठों विधानसभाओं में मतदान पूरा होने के बाद अब मतगणना का इंतजार शुरू हो गया है। बनारस की अड़‍ियों पर मतदान के बाद अगली सुबह मंगलवार से बूथों पर पर सियासी बतकही और गलचौर का दौर अड़‍ियों की भट्ठियां सुलगते ही शुरू हो गईं। चाय की चुस्की के बीच लोगों ने सीटों पर आगे पीछे होने और अड़ी पर ही सरकारें गठ‍ित कर मंत्रालय भी बांट डाले। पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने पप्‍पू की चाय की अड़ी पर रोड शो के दौरान चाय क्‍या पी ली जिले भर की अड़‍ियों पर चाय के साथ सियासत कुछ अधिक ही घुली नजर आ रही हैं। ।बनारस के एग्जिट पोल में का बा : बनारस की विभिन्‍न विधानसभाओं को जोड़कर मतदाताओं के लगभग तीन फीसद कम निकलने की जानकारी आने के बाद से ही बनारस में इसके निहितार्थ शुरू हो गए। किसी ने परंपरागत सीटों को छोड़कर बाकी की सीटों को लेकर गुणा गणित लगाया तो किसी ने उम्‍मीदों पर बुलडोजर भी चलाने में कोई रहम नहीं किया। किसी ने मुस्लिम वोटरों के रुझान पर चर्चा की तो किसी ने सवर्ण और पिछड़ों के साथ दलित वोटों को लेकर भी सियासी उम्‍मीदों पर जातियों का रुझान भारी बताकर दिनभर सरकार बनाते और गिराते रहे। ।बूथों की चर्चा : बूथों की चर्चा का दौर अगले दिन चौराहों और मुहल्‍लों की जमघट पर खूब नजर आया। चौराहों पर जुटान हुई तो सियासी बतकही और एग्जिट पोल में बनारस की किसी ने आठों सीट दोबारा भाजपा को सौंप दी तो दूसरी ओर किसी ने सपा गठबंधन की साइकिल दौड़ा दी। किसी ने हाथी की चिग्‍घाड़ मचाई तो किसी ने पंजे का जोर बताया। चर्चा उत्‍तरी-दक्षिणी-कैंट-रो‍हनिया से आगे बढ़ी तो पड़ोसी जिलों में भी सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ा। कई गोवा की सियासी सैर बनारसियों ने की और करवाई तो कहीं उत्‍तराखंड की सियासी सर्दी भी महसूस की। बनारस की गलियों से बतकही का दौर खत्‍म हुआ तो आफ‍िसों के खुलने के बाद भी आफ‍िसाना माहौल कम और सियासी न्‍यूजरूम का पैनल डिस्‍कशन होता अधिक नजर आया।  ।10 मार्च की गर्मी की चर्चा : विधानसभा चुनाव की मतगणना पहड़‍िया स्थित लाल बहादुर शास्त्री मंडी में आगामी दस मार्च को सुबह से होनी है। इस कारण सभी 3371 बूथों की ईवीएम मंडी परिसर में बने स्ट्रांग रूम में रखी जा चुकी है गई। यहीं 10 मार्च को मतों की गिनती होगी। ईवीएम को जमा करने के लिए पहुंचे वाहनों की कतार खत्‍म हुई तो कुछ घंटों के बाद शहर जाग उठा। मतगणना स्‍थल की ओर जिसकी भी निगाह गई वहां सुरक्षा कड़ी और चौकस देख कर सियासी परिणाम का इंतजार देख लोगों ने भी इंतजार को महत्‍व दिया। ...तो किसी ने कहा कि 10 मार्च को किसकी गर्मी निकलेगी पता चल ही जाएगा। ।यह भी पढ़ें : UP Election 2022 : वाराणसी में सुबह आठ बजे से 10 मार्च को मतगणना, सबसे पहले 'वाराणसी दक्षिणी' का आएगा परिणाम।यह भी पढ़ें : UP Election 2022 : वाराणसी 60.59 फीसद मतदान के साथ फर्स्‍ट डिवीजन पास, आयोग ने जारी किया संशोधित आंकड़ा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46f5f3545bdced39eb4733b1159e02b18ecfeb54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61611.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। World Women Day 2022: चीन में महिलाओं की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। हाल में कनाडा स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्युरिटी की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन में महिलाओं के प्रति हो रहे शोषण व जुल्‍म के आंकड़े छिपाए जाते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में केंद्रीय सरकार से लेकर स्‍थानीय स्‍तर पर महिलाओं के शोषण के आंकड़ों को दबाया जाता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल में चीन में महिलाओं के ऊपर अत्‍याचार के दो मामले सामने आए हैं। इसमें एक पूर्व टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई के यौन शोषण के मामले को पूरी दुनिया को चौंका कर रख दिया था। एक अन्‍य मामला चीन के ज्‍यांग्‍सु प्रांत का है। यहां एक चीनी महिला को बंधक बनाकर रखा गया था। एक शिव‍िर में उस महिला को जंजीर बांधकर रखा गया। इन दो घटनाओं के जरिए चीन में महिलाओं की स्थिति पर आंकलन किया गया है। + + पेंग शुआई ने लगाया यौन उत्‍पीड़न का मामला ।1- नवंबर, 2021 में 35 साल की पेंग शुआई ने चीन की सोशल साइट वीबो पर चीन के पूर्व उप प्रधानमंत्री जांग गाओली पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके तुरंत बाद पेंग कई हफ्तों के लिए लापता हो गई थीं। पेंग के इस आरोप के बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई थी। पूरी दुनिया में इसकी निंदा हुई थी। पेंग इसके बाद 2022 के बीजिंग विंटर ओलंपिक में ही सामने आई थी। इसके बाद पेंग ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाए। बता दें कि पेंग ने महिला डबल्स में अपने करियर को ऊंचाई दी और दो ग्रैंड स्लैम जीते। वह फरवरी 2014 में पहली बार डबल्स में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनी थी। + +2- इस रिपोर्ट में ज्यांग्सु प्रांत के एक शिविर में गले में चेन से बंधी मिली महिला का जिक्र है। यह महिला वर्षों से यौन शोषण की शिकार हो रही थी। इस दौरान उसने आठ बच्चों को जन्म दिया। ड्रैगन ने इस पीड़‍िता को न्याय दिलाने में कोई दिलचस्‍पी नहीं दिखाई और उल्टा इस मामले को दबाने का प्रयास किया। चीन के सोशल मीडिया पर उससे संबंधित सभी पोस्टों को भी हटवा दिया गया। इसके अलावा चीन में मानव तस्करी के सबसे गंभीर मामले सामने आए हैं। चीन में मानव तस्करी का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 में चीन में लापता लोगों की संख्या 39 लाख थी, जबकि वर्ष 2020 में यह 10 लाख के ऊपर थी। अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक लापता लोगों में अधिकांश महिलाएं हैं। इसमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61612.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b38c022de3c9550dacf3323a7ad912334a21361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61612.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [प्रवीण तिवारी]। रामनगरी में बन रहे राम मंदिर की भव्यता व दिव्यता का बखान देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी हो रहा है। गत दिनों श्रीलंका पहुंचे एक भारतीय प्रतिनिधि मंडल के समक्ष वहां के विशिष्ट लोगों ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तर्ज पर श्रीलंका में सीता मंदिर के निर्माण का संकल्प व्यक्त किया। भारतवासियों से इसके लिए सहयोग भी मांगा गया है। यह सब श्रीलंका की उस अशोक वाटिका परिसर में हुआ, जहां त्रेतायुग में वनवास के दौरान मां सीता ने समय व्यतीत किया था। इस परिसर को भव्यता व दिव्यता प्रदान करने पर चर्चा हुई। श्रीलंका में अशोक वाटिका सीता एलिया के नाम विख्यात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22750e7bcc41396a26e14fa997e069f82941e11e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61613.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लविश कहती हैं कि उनका शुरू से ही खेतीबाड़ी के प्रति रूझान था। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ी और इंडिया आ गई। यहां आई, तो शादी हो गई। शादी के बाद भी खेतीबाड़ी से जुड़ाव कम नहीं हुआ। एक दिन खेतीबाड़ी के अपने शौक के बारे में ससुर विजय अरोड़ा व पति अवि अरोड़ा से बात की। जिस पर उन्होंने तुंरत हामी भर दी। परिवार के पास इस्सेवाल में एक एकड़ जमीन पहले से ही थी। उसी जमीन पर खेती करने की सोची। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..353ca5a0ea0a3a3bc8115b05bec76ed7fea9e31e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61616.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विविध विषयों पर हो रहे तैयार, ब्रांड्स में बढ़ी मांग। जैसे कार्टूनिस्ट अपनी कलम से बड़ी एवं नामी-गिरामी शख्सियतों के क्रियाकलापों व वक्तव्यों को आलोचनात्मक या व्यंग्यात्मक तरीके से अभिव्यक्त करते रहे हैं, कुछ वैसे ही इंटरनेट मीडिया के इस दौर में मीम क्रिएटर्स हास्य से लेकर व्यंग्य एवं अन्य भावनाओं को मीम्स के जरिये प्रस्तुत कर रहे हैं। वे सामाजिक एवं मानसिक समस्याओं पर भी अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। जैसे, प्लेशिफू में कंटेंट डिजाइनर श्रेयसी बोस 2017 से ही फेसबुक पर क्लीनिकली डिप्रेसिव मीम्स नाम से पेज चला रही हैं। बाइपोलर डिसआर्डर, पर्सनैलिटी डिसार्डर एवं पैनिक डिसआर्डर से जूझ रहीं श्रेयसी की मानें, तो मानसिक बीमारियों से ग्रस्त युवा मीम्स के जरिये अपनी भावनाओं का बेहतर इजहार कर पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8fe49d5be8b08062a1848b988789482489762fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोती चंद्र, सारण। समान अवसर हों, समान अधिकार हों। आज पढि़ए वर्दी पहनकर भारतीय महिलाओं द्वारा लिखी जा रहीं साहस, संकल्प और सफलता की प्रेरक कहानियां। बिहार के सारण जिले के एकमा गांव की वर्दी वाली सात बहनें उदाहरण हैं साकार होती उस परिकल्पना का, जहां नारी सशक्तीकरण की सिर्फ बातें नहीं, गांव-गांव साकार होता सच हो। एकमा के राजकुमार सिंह की आजीविका का साधन आटा चक्की है। बहुत सामान्य आर्थिक स्थिति और घर में सात बेटियों के बाद एक बेटा। घर-परिवार का भी जोर कि जल्दी से हाथ पीले कर दो, सात-सात को निभाना है, पर न बेटियां झुकीं और न ही पिता। सब बेटियों ने एक-एक कर वर्दी पहनी और राज्य पुलिस बल व अद्र्ध सैन्य बल में समाज और देश की सेवा कर रही हैं। एक अति सामान्य परिवार की लड़कियों ने स्वयं की जिद को साबित कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61620.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61620.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64a8328f4933871031478341b65eff5d1a046d61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61620.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। 28 सितंबर 1929 को इंदौर में लता मंगेशकर का जन्‍म सिख मोहल्ला में रहने वाले मध्यमवर्गीय पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ। लताजी भाई-बहनों में सबसे बड़ी और सबसे समझदार थीं। लता मंगेशकर के साथ भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले का भी बचपन संघर्ष के साथ बीता। बाद के वर्षों में लता और उनका परिवार मुंबई चला आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00822dd41b0515c986a36201d5ac3a33af6335d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दादरी: ।एग्जिट पोल के मुताबिक, दादरी सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत रहे हैं। यहां से तेजपाल नागर लगातार दूसरी बार जीत हासिल करेंगे। रोचक बात यह है कि यहां समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार भाटी उन्हें टक्कर दे रहे हैं, जबकि मायावती की पार्टी के प्रत्याशी मनवीर भाटी तीसरे नंबर पर जा रहे हैं। वर्ष 2007 में इस सीट पर बसपा के वेदराम भाटी ने जीत हासिल की थी और यूपी में मंत्री बने थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e4cb311e920aa6ff55c3c54035ee93e868421eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61638.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। डाकिया सिर्फ खत पहुंचाने का कार्य नहीं करेंगे बल्कि छोटे बच्चों का आधार कार्ड भी बनाएंगे। डाकियों को आधार कार्ड बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 66 डाकियों को प्रशिक्षित कर आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डाकिया स्मार्टफोन के माध्यम से आधार कार्ड बनाएंगे। इसके लिए उनके फोन में एप भी इंस्टाल किया जा रहा है। पांच साल से छोटे बच्चों का आधार कार्ड का सत्यापन उसकी मां के अंगूठे से किया जाएगा। पांच साल से नीचे के बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए उनके जन्म का प्रमाण पत्र व उनकी मां का आधार नंबर होना जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61639.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c65342728e7aa138fbc541f0c1874d355b9d40e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही आए एक्जिट पोल। सही मायने में इस चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और किसान आंदोलन से लेकर अंदरूनी लड़ाई तक का केंद्र बने पंजाब पर सबकी निगाह है। राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरी बार विपक्षी खेमे में नया प्रयोग हुआ। कोविड से लेकर किसान आंदोलन तक उत्तर प्रदेश को राजनीतिक अखाड़ा भी बनाया गया। हालांकि सात चरणों के बाद जारी हुए एक्जिट पोल की मानें तो विपक्षी दांव नहीं चल पाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5510951397d03a037f96935934c271b8df3cc69a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61640.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुजफ्फरनगर, संजीव तोमर। शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का सब करो जतन। इस नारे से प्रेरणा लेते हुए स्वयं सहायता समूह की सखियों ने अज्ञानता का अंधेरा दूर करने की ठानी है। गांव में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां समूह की महिलाएं अशिक्षित महिलाओं को पढ़ा रही हैं। जिले में 100 से अधिक महिला समूह इसमें महती भूमिका निभा रहे हैं। घर-घर जाकर महिलाओं को शिक्षा का महत्व भी बताया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7aeb891c9842b4d83d58a4fbc9013b9ee7338bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61642.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +'हर बेटी, हर कार्य में सक्षम' का देंगी संदेश। सीमा भवानी के इस अभियान का उद्देश्य देश के कोने-कोने में बेटियों तक यह संदेश पहुंचाना है कि वह हर कार्य में सक्षम हैं। इंस्पेक्टर हिमांशु सिरोही के अनुसार उनकी 36 सदस्यों की टीम में 25 साल की युवा से 40 साल की महिलाएं शामिल हैं। जो 350 सीसी की मोटर साइकिलों पर देश के एक कोने से दूसरे कोने तक का सफर तय करेंगी। इस प्रदर्शन के जरिए यह संदेश बेटियों के साथ ही उनके अभिभावकों तक भी जाएगा कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। इसलिए उन्हें रोकने के बजाय आगे बढऩे को प्रेरित करें। + +इन शहरों से गुजरेगी रैली । सीमा भवानी के शौर्य अभियान को मंगलवार को डीजी बीएसएफ हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। दिल्ली से अमृतसर के वाघा बार्डर होते हुए गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर से यह मोटर साइकिल रैली गुजरात में स्टेच्यू आफ यूनिटी तक पहुंचेगी। यहां से हैदराबाद, बेंगलुरु, कन्या कुमारी तक शौर्य अभियान चेन्नई में पूरा होगा। इस सफर के दौरान सीमा भवानी के प्रदर्शन को दिखाने वाले कुछ आयोजन भी होंगे, जिसमें महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया जाएगा। + + View attached media content ।Koo App।Warning ”watch exit polls at the risks of your own mental and physical health ”।Koo App।To women & girls across the world - claim your space, be proud of your achievements, keep shining. You have the power to do anything you want, do not let anyone tell you otherwise. To everyone else, let’s make this world a better place for all! Happy International Women’s Day!।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2736305b22474f6379c1a4ac2c5eeae755487df1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की चर्चा होती है। इनमें खेकड़ा और बागपत सीएचसी में नियुक्त आरोग्य मित्र प्रियंका भी किसी से पीछे नहीं हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लाभार्थी को दिलाने के लिए बागपत सीएचसी में नियुक्त आरोग्य मित्र प्रियंका प्रथम और खेकड़ा सीएचसी तैनात प्रियंका द्वितीय कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाती हैं। कोई गंभीर मरीज हो तो प्राथमिकता पर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज दिलाने में पूरी मदद करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61647.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bdc8a134bd8a682eca8e11ba54504a90cd7a839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण को कभी भाई के साथ जाने को जिद करने वाली दीप्ति शर्मा आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार हैं। एक थ्रो से शुरुअात करने वाली दीप्ति की गिनती आज दुनिया की शीर्ष आलराउंडर खिलाड़ियों में होती है। वर्ल्ड कप के पहले मैच में हरफनमौला प्रदर्शन कर उन्होंने शहर का मान बढ़ाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d40dbc5849c8a18b8270a64595f576b58002510d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [सीमा झा]। ‘मुश्किलें तो जीवन में आती ही हैं लेकिन जीत उन्हें ही मिलती है जिन्हें मुश्किलों से टकराना आता है। मैं समझती हूं कि मुझे आने वाली पीढ़ियों के लिए नई इबारत लिखती है, बनानी हैं समतल राहें।’ कहती हैं भारतीय फुटबाल टीम की डिफेंडर डालिमा छिब्बर। डालिमा दिल्ली की हैं। उनके मुताबिक, चाहे महिलाओं ने हर क्षेत्र में मुकाम बनाया है लेकिन अब भी उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। दरअसल, अभी समानता के लिए महिलाओं को लंबा सफर तय करना है। यह तभी आसान हो सकता है जब उन्हें खुद पर भरोसा हो और राह में आने वाली मुश्किलों को हराने का हौसला हो। डालिमा कहती हैं, ‘मुझे शुरू से परिवार का सपोर्ट मिला है। मेरे माता पिता ने फुटबाल खेलने और इसे करियर के रूप में अपनाने में मेरा भरपूर सहयोग किया है। दिक्कत बस उस परिवेश की है जहां रहने वाले रिश्तेदारों को लगता है मैंने कुछ गलत चुन लिया है।’गलत यानी वह खेल जो पुरुष खेल सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e675e110206103c382213e6c4e69cf6891f5f2c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61651.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यूक्रेन में फंसी बर्रा सात निवासी व्यवसायी लल्लन कुमार कटियार की बेटी आकांक्षा कटियार भी घर लौटकर आ गई हैं। मां राखी और भाइयों आर्य व आकाश ने उन्हें गले से लगा लिया। आकांक्षा ने बताया कि वह खार्कीव मेडिकल विवि में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। 24 फरवरी की सुबह पांच बजे से वह भी मौत के साये में जीती रहीं। 15 को दूतावास ने एडवाइजरी निकाली, लेकिन विवि ने क्लास जारी रखी। क्लास छोड़ नहीं सकते थे, क्योंकि प्रतिदिन के हिसाब से 10 डालर का फाइन लगता है। इसी वजह से हम भी फंसे रहे। 20 तारीख को दूसरी एडवाइजरी जारी हुई तो हमें दो मार्च का टिकट मिला, लेकिन देर हो चुकी थी। सभी एयरस्पेस बंद हो गए थे। टिकट का पैसा 30 हजार भी अब तक वापस नहीं हुआ। ।28 तारीख तक किसी तरह हास्टल के अंधेरे बंकर में रहे। मोबाइल की रोशनी में खाना बनाते थे। बुआ का लड़का अर्पित भी साथ था। एक मिसाइल तो हमारे हास्टल के बगल में ही गिरी। वहां गए एक भइया की मौत हो गई थी। किसी तरह एक मार्च को बमबारी के बीच निकल पड़े। कोई कैब तो कोई पैदल ही रेलवे स्टेशन गया। इसके बाद ट्रेन से लवीव गए, जहां से 13 घंटे पैदल चलकर बार्डर पहुंचे। पोलैंड में आने के बाद भारतीय एंबेसी ने होटल में ठहराया और चार मार्च को एयरपोर्ट ले गए। वहां से पांच मार्च को दिल्ली आए। आकांक्षा ने बताया कि वह केवल अपने दस्तावेज ला सकीं। लैपटाप भारी था, इसलिए हास्टल में छोड़ आईं। + +फ्लाइट पकडऩे गए लेकिन बंद हो गईं उड़ानें : पनकी पड़ाव निवासी एलआइसी के प्रशासनिक अधिकारी वीरेंद्र कमल के पुत्र राहुल कमल भी रविवार को घर लौट आए। मां मीना कमल, भाई अंकित और बहन शालू ने उन्हें खूब प्यार दुलार दिया। राहुल ने बताया कि वह डेनिप्रो मेडिकल विवि में चौथे वर्ष के छात्र हैं। हमले की आशंका और दूतावास की एडवाइजरी जारी होने पर 22 फरवरी को ही भारत के लिए टिकट करा ली थी। 24 फरवरी को सुबह साढ़े नौ बजे बोरस्पिल एयरपोर्ट से फ्लाइट थी। सुबह साढ़े पांच बजे ही यहां पहुंचे तो देखा कि यात्रियों को एयरपोर्ट से निकाला जा रहा है। बाद में बताया गया कि फ्लाइट कैंसिल हो गई है। टिकट का पैसा भी रिफंड नहीं हुआ। इसके बाद हम वहीं से बस लेकर कीव के पास स्थित आखिरी स्टाप पर उतरे। वहां एक एजेंसी बाब ट्रेड ने शेल्टर दिया। तीन दिन तक वहीं रुके और फिर बस से रोमानिया बार्डर पहुंचे। 10 घंटे इंतजार करने के बाद बार्डर पार किया। चार तारीख को हम रोमानिया से चले और पांच को दिल्ली पहुंचे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61653.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f99d57820a72cc8ae461873a4604f9ba843d50c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कमला बाई किबे का जन्म सन् 1886 में महाराष्ट्र में हुआ था। असहयोग आंदोलन से वह विशेष रुप से जुड़ी हुई थीं। गांधी जी की प्रेरणा से उन्होंने हरिजन उद्धार कार्यक्रम चलाया था। हिंदी से अपने जुड़ाव के लिए हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति इंदौर, मराठी साहित्य परिषद इत्यादि में वह सदस्य के रूप में विशेष सक्रिय थीं। किबे की कहानी कृष्णाबाई ‘चांद’ पत्रिका में सन् 1935 में प्रकाशित हुई थी। हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने हिंदी की अनेक साहित्यिक कृतियों को मराठी में अनुवाद तब किया था जब अनुवाद कार्य का उतना प्रचलन नहीं था। उनकी ‘बालकथा’ नामक पुस्तक बाल साहित्य की अनुपम निधि है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b735568f1c449de8511c63ec87ef2720c233c53c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61654.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, (अभिषेक पराशर)। उत्तराखंड देश के उन कुछ राज्यों में शुमार है, जहां महिलाएं राज्य की अर्थव्यवस्था में मजबूत योगदान देते हुए उसकी नींव को लगातार सींच रही हैं, लेकिन जब बात राजनीतिक भागीदारी की आती है तो इस मोर्चे पर भी महिलाएं पुरुषों से कहीं आगे खड़ी नजर आती हैं। उत्तराखंड देश के उन कुछ गिने-चुने राज्यों में शुमार हैं, जहां हर विधानसभा चुनाव के साथ महिलाओं के लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी लगातार मजबूत होती जा रही है। + +2017 के मुकाबले घटा महिला मतदान प्रतिशत। 2017 के विधानसभा चुनाव के मतदान पैटर्न से तुलना करें तो पिछली बार के 61.11 फीसदी के मुकाबले इस बार पुरुषों की की वोटिंग हिस्सेदारी में मामूली रूप से इजाफा हुआ, लेकिन महिलाओं की वोटिंग हिस्सेदारी पिछले चुनावों के मुकाबले घट गई। 2017 में जहां महिला मतदान प्रतिशत 68.72 फीसदी था, जो 2022 में कम होकर 67.20 फीसदी हो गया। हालांकि चुनाव दर चुनाव महिला मतदाताओं की हिस्सेदारी पुरुष मतदाताओं के उत्साह पर भारी पड़ी हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत पर नजर डालें तो महिला मतदाताओं ने हमेशा राजनीतिक भागीदारी की इस प्रक्रिया में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a781eefe7004b4e4273a94118bfd1f1a45b251ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश से हजारों की संख्या में मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए छात्रों का भविष्य अंधकारमय दिखने लगा है। जब वे जा रहे होंगे तो डाक्टर बनने के सपने की खुशी उनके चेहरे पर दिख रही होगी, लेकिन आज उनकी मायूसी और दर्द की डिग्री का अंदाज लगाना मुश्किल है। जान बचाकर भारत लौट रहे इन छात्रों के भविष्य को संवारने की राह भारत सरकार तलाश रही है, लेकिन इन सबके बीच देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधन को लेकर दो तरीके का विमर्श खड़ा होता दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd6422fd73d664ff8e80beb1b6d2416811876348 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाथरस के 17 ग्रामों से होकर गुजरेगा फोरलेन ।मथुरा-बरेली मार्ग को फोन लेन बनाने के लिए काम तेजी से चल रहा है। हाथरस जिले के 17 ग्रामों का फोरलेन बनाने को अधिगृहण भी हो गया है। प्रभावित 17 ग्रामों में प्रभावित संपतियों का मूल्यांकन करके रिपोर्ट भी एडीएम को भेज दी गई है। इसके अलावा वन विभाग की ओर से भी फोनलेन बनाने में आड़े आ रहे 837 फलदार वृक्षों की सूची भी डीएफओ की ओर से मूल्यांकन करके एडीएम वित्त एवं राजस्व डा.बसंत अग्रवाल को भेज दी है। अभी तक मथुरा-बरेली मार्ग टू लेन है। इस कारण बढ़ते वाहनों के लोड के कारण जाम आदि की समस्या गंभीर हो गई है। ।ये हाथरस के प्रमुख 17 ग्राम ।हाथरस में रायक कमालपुर, धातरा खुर्द, बुध नगला, हेमराजपुर, भोजपुर, ,टुकसान, बिसरात, अहवरनपुर, नगला उम्मेद, मेडूं, वाहनपुर, नगला गोपी, रूहेरी, ङ्क्षकदौली, नगला केसो, देवीनगर आदि हैं। ।नगला उम्मेद पर बनेगा पुल ।एनएचएआइ के परियोजना निदेशक संजय वर्मा के अनुसार किसानों की परिसंपतियों का मूल्यांकन 2.10 करोड़ कर लिया गया है। जल्द शासन से पैसा मिलने के बाद वितरण कर दिया जाएगा। इसके अलावा फलदार वृक्षों का मूल्यांकन 9.67 लाख किया गया है। विभाग के अनुसार जिन किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई है उनकी संख्या करीब तीन हजार है। इसके अलावा फोरलेन बनाने में पड़ोसी जनपद अलीगढ़ के आठ गांव भी प्रभावित हो रहे हैं। आए-दिन होने वाले दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। पहले चरण में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा काम में तेजी लाई गई है। ।जाम से मिलेगी निजात ।मथुरा से बरेली नेशनल हाईवे 530 बी से हाथरस जिले में जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलने की उम्मीद है। एनएचआइ द्वारा आबादी वाले क्षेत्र में बाइपास बनाए जाएंगे। हाथरस जिले में 35 किमी मार्ग की लंबाई होगी। जिसमें करीब 1523 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शिलान्यास भी कर चुके हैं। ।इनका कहना है।हाथरस जिले में आने वाले किसानों के फलदार वृक्षों का कटान होगा। इनके बदले वन विभाग की ओर से फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे। फलदार वृक्षों का सर्वे करके रिपोर्ट एडीएम वित्त एवं राजस्व को भेज दी गई है। ।डा.सीपी सिंह, जिला वन अधिकारी हाथरस। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9be5ab4ecce24a46df8e0840117f10a673a57697 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पहले दिन से ही वहां फंसे भारतीय छात्रों की चर्चा छिड़ी हुई है। इनमें ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने वहां गए हैं। इस संकट ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर वह कौन सा कारण है जो भारत के बच्चों को विदेश जाकर पढ़ने के लिए मजबूर या प्रोत्साहित करता है। इसमें थोड़ा गहराई में जाकर पड़ताल करें तो दो कारण मुख्य रूप से नजर आते हैं, पहला है सस्ती शिक्षा और दूसरा है देश में विकल्पों की कमी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e90e21a2b10d7953ceea83f4e644c30f147aadd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सौरभ कुमार। रूस-यूक्रेन संकट के बाद सबका ध्यान इस ओर गया कि भारत से इतनी बड़ी संख्या में बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाते हैं। इस बात ने चिंता भी बढ़ाई है। भारत में मेडिकल की पढ़ाई में मेरिट को तवज्जो दी जाती है। मेडिकल पढ़ने वालों का सीधा संबंध लोगों के जीवन को बचाने से रहता है। ऐसे में पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही आगे चलकर खतरनाक हो सकती है। इस कारण भारत में नीट पास करने के बाद ही छात्रों का दाखिला लिया जाता है। उसमें भी रैंकिंग को प्रमुखता दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df077d32b1b0f6e364beaf771e2367318b3ae80c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61664.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। दो वर्षों तक कोरोना काल से जूझने के बाद आगरा के घरेलू जूता कारोबार को अब महंगाई और जीएसटी की वृद्धि से जूझना पड़ रहा है। निर्माण सामग्री की लागत बढ़ने और जीएसटी को पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने से जूता महंगा हो गया है। इससे कोरोना की मंदी से उबरने की कोशिशों में जुटा जूता कारोबार उबर नहीं पा रहा है। कारोबारी जीएसटी को पूर्व की भांति पांच फीसद करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afb93a7f8667a9c97f6a269f760027a12df2a1d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आवश्यक केवल यह नहीं कि आयातित पेट्रोलियम पदार्थो पर निर्भरता कम करने के उपाय खोजे जाएं, बल्कि यह भी है कि उसकी खपत कम करने के कदम उठाए जाएं। ऐसे कदम तभी सफल होंगे, जब जनता का सहयोग मिलेगा। आवागमन के लिए सार्वजनिक परिवहन के साधनों का अधिकाधिक उपयोग समय की मांग है। इसकी भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि ट्रैफिक जाम, अतिक्रमण आदि के कारण वाहन या तो धीमी गति से या फिर रुक-रुक कर चलते हैं। इससे ईंधन की बहुत बर्बादी होती है। इसे तुरंत तो नहीं रोका जा सकता, लेकिन ऐसे कदम तो उठाए ही जा सकते हैं, जिससे इस बर्बादी पर यथासंभव रोक लगे। इसके साथ ही ऐसे भी जतन किए जाने चाहिए, जिससे इलेक्टिक वाहनों के चलन को बढ़ावा मिले। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1acaa32e3e6db9cfc6ff984eadb337a045fe1b6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बरसाना में लाड़ली जी के मंदिर पर श्रद्धालु गुलाल के साथ होली खेलते हुए। ।होली के रसिया पर थिरक रहे श्रद्धालु।बरसाना की लठामार होली 11 मार्च की है, लेकिन अबीर- गुलाल व होली के रसिया से बरसाना की गालियां गुलजार नजर आ रही हैं। श्रद्धालु लाड़लीजी मंदिर पर अबीर गुलाल में सराबोर होकर होली का आनंद ले रहे हैं। होली के रसिया पर थिरक रहे हैं। लाड़ली जी का धराधाम बरसाना होली के रंग में रंगा नजर आया। सुदामा चौक से लेकर लाड़लीजी मंदिर तक हर गाली श्रद्धालुओं से गुलजार थी। अबीर गुलाल में सराबोर श्रद्धालु मदमस्त नजर आ रहे थे। लठामार होली 11 मार्च की हो, लेकिन श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो चुका है। सेवायत किशोरी गोस्वामी ने बताया कि लाड़ली के आंगन में वसंत पंचमी से ही होली की धमार शुरू हो चुकी है। राधाकृष्ण की प्रेम के प्रतीक होली के रंग में हर कोई रंगने को आतुर रहता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..848cfbd109f731d40382e2be74549d568f0dd8ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शराब को लेकर दिल्ली तकरार।नई आबकारी नीति को लेकर भाजपा का आंदोलन जारी है। पार्टी पिछले कई माह से इस नीति का विरोध कर रही है। चक्का जाम भी किया गया था। हालांकि, पिछले दिनों पार्टी अन्य मुद्दों को लेकर दिल्ली सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही थी। इससे लगने लगा था कि पार्टी का रुख आबकारी नीति को लेकर कुछ नरम हो गया है, लेकिन अब एक बार फिर से भाजपा नेता और कार्यकर्ता इस मुद्दे को धार देने में जुट गए हैं। इस नीति के खिलाफ पूरी दिल्ली में जनमत संग्रह कराया गया। भाजपा का दस लाख लोगों से संपर्क करने का दावा है। आने वाले दिनों में इसे लेकर धरना प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। इससे स्पष्ट है कि निगम चुनाव में यह महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बनेगा। इसे लेकर पार्टी रणनीति तैयार कर रही है। अब वक्त बताएगा कि इससे भाजपा को राजनीतिक लाभ मिलता है या नुकसान। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..928db99f7973e5bb4eaa8e957beec5761a22fcba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह स्थिति केवल दिल्ली एनसीआर की है या अन्य शहरों में भी यही हाल है?। कहने को तो ग्लोबल वार्मिंग का असर सभी शहरों में देखने को मिल रहा है, लेकिन दिल्ली- एनसीआर की भौगोलिक स्थिति से स्पष्ट है कि यह हीट वेव बेल्ट में स्थित है। यह हीट बेल्ट पाकिस्तान, राजस्थान से होते हुए गुजरात और आंध्र प्रदेश तक जा रही है। इसी कारण यहां इसका असर भी अपेक्षाकृत ज्यादा दिखाई देता है। वैसे देश के अन्य महानगरों में भी रात को बढ़ता तापमान चिंता का विषय है। हीट वेव के साथ एक समस्या यह भी है कि इनमें नमी को सोखने की क्षमता बहुत अधिक और बहुत लंबे समय तक रहती है। ऐसे में जब नमी भरी गर्म हवाएं चलती हैं तो व्यक्ति के लिए उसको सहन करना मुश्किल हो जाता है। 31 डिग्री तक का तापमान इंसान सहन नहीं कर पाता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f292f38b55961c6fc04daa0ac5b989226aa21f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने यूटीपैक (यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) को नया प्रस्ताव मंजूरी के लिए सौंप दिया है। इसके तहत इस कारिडोर को लेकर हाल में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने यूटीपैक को प्रजेंटेशन भी दिया है। अब इसे यूटीपैक के कोर ग्रुप में मंजूरी के लिए लाया जा रहा है। इस कारिडोर के बनने से उत्तरी दिल्ली से आइजीआइ एयरपोर्ट और गुरुग्राम जाना आसान हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbe649be5f4a828464c71444b63089a11d9046b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61674.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [अजय जायसवाल]। पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने वाली महिलाएं अब राजनीति में भी पीछे नहीं रहना चाहती हैं। राजनीति में महिलाओं की बढ़ती सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनावी अखाड़े में उतरने वाली महिलाओं ने पिछले रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पहले जहां दो प्रतिशत महिलाएं भी चुनाव मैदान में नहीं होती थीं, वहीं अबकी रिकार्ड 13 प्रतिशत महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। अब यह तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि कि इनमें से कितनी महिलाओं को मतदाताओं ने अपना विधायक चुना, लेकिन ये महिलाएं इस बार 'मर्दानी' बन चुनावी दंगल में लड़ीं खूब हैं। परिणाम जो भी हो, 'आधी आबादी' की राजनीति में बढ़ती सक्रियता निश्चित तौर पर लोकतंत्र और समाज के लिए शुभ संकेत माने जा रहे हैं। राज्य की 403 विधानसभा सीटों पर विभिन्न दलों की महिला उम्मीदवार और उनके पिछले प्रदर्शन पर पेश है रिपोर्ट-।24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 48 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। हालांकि, राजनीतिक दल 33 प्रतिशत महिलाओं को भी टिकट देने में दरियादिली नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण माना जाता है कि 403 सीटों वाली विधानसभा में कभी भी महिला सदस्यों की संख्या 11 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकी है। 17वीं विधानसभा के पांच वर्ष पहले हुए चुनाव में अधिकतम 42 महिला विधायक चुनी गई थीं। 18वीं विधानसभा के लिए एक बार फिर आम चुनाव हो रहे हैं। + +उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में वोट बटोरने के लिए महिलाओं की अहमियत को समझते हुए अबकी न केवल सभी पार्टियों ने उनके लिए ढेर सारी लुभावनी घोषणाएं की हैं बल्कि पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा महिलाओं पर दांव भी लगाया है। कांग्रेस ने रिकार्ड 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है। भाजपा गठबंधन ने जहां पहले से कम महिलाओं को टिकट नहीं दिया है वहीं सपा-बसपा ने भी पिछली बार से कहीं ज्यादा महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। यह संयोग हो सकता है लेकिन पिछले तीन चुनाव में जिस दल की सर्वाधिक महिला विधायक जीती उसी की सरकार बनी है। मसलन 17वीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा की सर्वाधिक 36 महिला विधायक जीती और उसने ही सरकार बनाई। + +इससे पहले वर्ष 2012 में सरकार बनाने वाली सपा की सबसे ज्यादा 20 महिला विधायक जीती थी जबकि भाजपा की सात, बसपा और कांग्रेस की तीन-तीन और एक-एक अपना दल और निर्दलीय महिला विधायक चुनी गई थी। 15वीं विधानसभा के लिए वर्ष 2007 में हुए चुनाव में कुल जीती 23 महिला विधायकों में बसपा की 10, सपा-भाजपा की पांच-पांच, एक कांग्रेस और दो रालोद की थीं। तब बसपा ने सरकार बनाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d85285bf4d3c354479c78999c3fdfc53f4aa48a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61675.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़। शिक्षक को राष्ट्र निर्माता की संज्ञा दी गई है। मगर शिक्षक बनकर ही नहीं बल्कि जुनून व जज्बे से भी राष्ट्र निर्माता बना जा सकता है। स्वर्ण जयंती नगर निवासी रागिनी शर्मा ने अपने जुनून से यह साबित कर दिखाया है। रागिनी किसी स्कूल या कालेज में शिक्षिका नहीं हैं लेकिन, निर्धन व जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में शिक्षित करने का जुनून उनके दिल में पिछले पांच वर्षों से हिलोरे मार रहा है। उन्होंने बिना किसी शुल्क या स्वार्थ के सिर्फ बच्चों को पढ़ाया ही नहीं है बल्कि कई बच्चों खास तौर से बेटियों को सरकारी व निजी स्कूल-कालेजों में दाखिला भी दिलाया है। ।कोरोना काल में लगा पढ़ाई पर ब्रेक।रागिनी ने बताया कि 2017 में मोहल्ले की ही 14 वर्षीय बिटिया मीनू पढ़ाई से दूर थी। छोटी उम्र में शादी हो जाने व एक साल बाद ही पति के निधन से उसका जीवन बिखर गया था। ऐसे में उन्होंने उस लड़की को पढ़ाया, शिक्षित किया। फिर मीनू के भाई-बहन और उसके मामा-मामी के बच्चे भी पढ़ने आने लगे। धीरे-धीरे यह बात मोहल्ले में सब्जी का ठेला लेकर आने वाले लोगों को भी पता लगी तो वो भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए आग्रह करने लगे। एक मीनू से शुरू हुआ सिलसिला दर्जन भर से ज्यादा बच्चों में तब्दील हो चुका था। अब ये संख्या 60से 70 बच्चों तक पहुंच गई गई है। बताया कि इन बच्चों को ग्रीनपार्क क्षेत्र स्थित कालोनी में बने पार्क में बैठाकर पढ़ाते थे। अभी कोरोना काल में बच्चों को शिक्षित करने पर ब्रेक लग गया था। अब नवरात्रि से फिर इस मुहिम में जुटा जाएगा। नवरात्रि से बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू की जाएगी। + +भट्ठे से 35 बच्चे भी किए चिन्हित।रागिनी ने बताया रामघाट रोड गली नंबर-1 में बने भट्ठे से भी करीब 35 बच्चे जिनमें ज्यादातर बेटियां थीं, को चिन्हित कर पढ़ाना शुरू किया। करीब दो साल बाद हीरालाल बारहसैनी इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य अजय गुप्ता व उनकी पत्नी मीना गुप्ता भी निश्शुल्क रूप से बच्चों को शिक्षित करने में सहयोग कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c82310cfa2c31b443d6ee6e48cee3f352bf2bcaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61677.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यूपी विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में तीन मंडलों (आजमगढ़, वाराणसी व विंध्याचल) के नौ जिलों आजमगढ़ की दस विधानसभा, मऊ की चार विधानसभा, जौनपुर की नौ विधानसभा, गाजीपुर की सात, चंदौली की चार विधानसभा, वाराणसी की आठ, मीरजापुर की पांच, भदोही की तीन विधानसभा व सोनभद्र की चार विधानसभा में मतदान है। इन 54 सीटों में वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने 29, सपा ने 11, बसपा ने छह, अपना दल ने चार, सुभासपा ने तीन और निषाद पार्टी ने एक सीट पर चुनाव जीता था। + +वहीं योगी सरकार के सात मंत्री भी इस चरण में मैदान में हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से फिर किस्मत आजमा रहे हैं। स्टांप एवं निबंधन मंत्री रवींद्र जायसवाल वाराणसी उत्तर विधानसभा सीट से, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट से, आवास एवं शहरी नियोजन मंत्री गिरीश यादव जौनपुर विधानसभा सीट, ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मीरजापुर की मडि़हान विधानसभा सीट, गाजीपुर‍ विधानसभा सीट से सहकारिता राज्यमंत्री संगीता बलवंत, सोनभद्र के ओबरा विधानसभा सीट से संजीव गोंड हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान भाजपा छोड़कर सपा का दामन थामने के बाद मऊ की घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..667fd5a303298a55cac1f2c4cc8e2cff01585071 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, विजय कुमार साहनी के सामने कोई दुविधा नहीं है। कहते हैं, 'हियां बनारस से तो मोदीए की पार्टी जीती। बाहर से आने वालों के मिजाज के बारे में पूछा तो कहा, 'कुछ लोग अखिलेश की सरकार आने की बात करते हैं तो कुछ लोग भाजपा की बात करते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग भाजपा की ही बात करते हैं।' सागर साहनी ने बताया कि कल बाहर से आए कुछ लोगों को नाव में घुमा रहा था तो वे महंगाई की बात कर रहे थे। बात सही भी है। सब कुछ महंगा हो गया है। लेकिन यह भी कह रहे थे कि जीतेंगे तो योगी ही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8b23388678cd2db5d4cf290a5f88b10cb405cc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61679.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । एक ओर स्लाइडर है तो दूसरी तरफ झूला। यहां बच्चे खेल-कूद कर वह अपने भविष्य के सपनों का भी ताना-बाना बुन सकेंगे। इसी सोच से पंचायती राज विभाग से जिले में बच्चा पार्क तैयार करा रहा है। अब तक 234 पंचायतों में स्थापना हो चुकी है। एक बच्चा पार्क पर 50 हजार की धनराशि खर्च हुई है। ऐसे में जिले भर में इस काम पर एक करोड़ से अधिक की धनराशि लगी है। + +बच्चों के लिए यह होंगे इंतजाम।बच्चा पार्क पूरी तरह से बच्चों के लिए मुफीद पार्क होगा। अफसरों के मुताबिक 12 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए स्लाइडर व झूला लगाए गए हैं। थोड़ा बहुत खेल कूद के अन्य इंतजाम भी किए गए हैं। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर बच्चों को पार्क लेकर पहुंचने वाले अभिभावकों के बैठने के लिए भी व्यवस्था की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dd8a947328673cc753107e0abbf6e487e985a4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61681.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नाहन, राजन पुंडीर। Sirmaur Health Supervisor Sheela Devi, भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से करोना कार्यकाल के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले हेल्थ वर्कर्स को अंतरराराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए देश के सभी 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 72 महिला कर्मचारियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। हिमाचल प्रदेश से जिला सिरमौर के पांवटा साहिब उपमंडल के स्वास्थ्य खंड राजपुरा की हेल्थ सुपरवाइजर शीला देवी तथा जिला कांगड़ा के क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला के स्टाफ नर्स इंदु का चयन किया गया है। + +यह पुरस्कार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 में बेस्ट वूमेन वैक्सीनेटर के लिए दिया जा रहा है। मंगलवार को नई दिल्ली के एनएचएम मुख्यालय में राष्ट्रीय समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडवीया तथा केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डाक्‍टर भारती प्रवीण पवर देश भर से के 72 बेस्ट वूमेन वैक्सीनेटर महिलाओं को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगे। + +जिला सिरमौर के पांवटा साहिब उपमंडल के स्वास्थ्य खंड राजपुरा की हेल्थ सुपरवाइजर शीला देवी पिछले 38 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं दे रही हैं। बीते छह वर्षों से वह हेल्थ सुपरवाइजर के पद पर हैं। वर्तमान में शीला देवी पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में हेल्थ सुपरवाइजर कार्यरत हैं। जो एमसीएच पांवटा साहिब में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाती हैं। + +शीला देवी ने 16 जनवरी 2021 से अब तक एक भी दिन छुट्टी नहीं ली तथा उन्होंने 298 दिन तक लगातार कोरोना वैक्सीन की। जिसमें उन्होंने 58,576 लोगों को कोरोना का टीका लगाया। हिमाचल में एक दिन में सर्वाधिक वैक्सीन लगाने का रिकार्ड भी शीला देवी के नाम ही है। शीला देवी ने 1 दिन में सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक 12 घंटे बिना रुके 1000 लोगों को करोना की वैक्सीन लगाई। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें 5 दिसंबर 2021 को एम्स बिलासपुर में राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c68284e8dce662e6d9d4fdd8132639f7620249f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61682.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक साल पहले की है अभियान की शुरुआत।अभियान को शुरू करने वाले पेशे से साफ्टेवयर इंजीनियर हैं। उन्होंने इग्नू से कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातक की बात की है। रावत ने अभियान की शुरुआत एक साल पहले की थी।उन्होंने बताया कि वह महारानी बाग में रहते हैं वहां उनके आस-पास के लोग गिरे हुए पत्तों को जला देते थे, जिससे धुआं भी काफी होता था। इसके बाद उन्होंने इन पत्तों से खाद बनाने का सोचा।वह बताते हैं कि उनकी इस मुहिम से 500 से अधिक युवा जुड़ चुके हैं। लोगों को इस मुहीम से जोड़ने के लिए एप भी बनाया है, जिससे लोग उनसे जुड़ सकते हैं और पत्तों के बदले खाद ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a57e06d9c37d1e64cad3544a757321e4d9321ecd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61683.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कंपनियों कर रही डीजल को स्टाक ।आल इंडस्ट्री एवं ट्रेड फोरम के अध्यक्ष बदीश जिन्दल के मुताबिक दामों की बढ़ोतरी तो क्रूड आयल के दामों को देखते हुए होना स्वभाविक है, लेकिन लंबे समय से अटकी पड़ी बढ़ोतरी के पुराने बकाए रिकवर करने के लिए भारी बढ़ोतरी की आशंका है। ऐसे में कंपनियों की ओर से डीजल को स्टाक किया जा रहा है। इससे इंडस्ट्री में पैनिक स्थिति बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61687.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2437cd8eec55e645f74607ff25c420e2d5f19cd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61687.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण टीम। स्वतंत्रता संग्राम में देश के हर कोने से आजादी को लेकर आवाज उठी। इस संघर्ष में जालंधर का भी बड़ा योगदान रहा है। पुरुष ही नहीं, बल्कि महिला क्रांतिकारियों ने भी देश की आजादी के लिए सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्हीं में एक थीं सुशीला देवी। आर्य शिक्षा मंडल द्वारा संचालित जालंधर के कन्या महाविद्यालय की छात्र सुशीला देवी उस समय दीदी के नाम से प्रसिद्ध थीं। उन्होंने तमाम विरोधों की परवाह किए बगैर स्वतंत्रता संग्राम के नायकों का साथ निभाया। शहीद-ए-आजम भगत सिंह उन्हें अपनी बड़ी बहन मानते थे और दीदी कहकर ही बुलाते थे। + +19 दिसंबर, 1927 को जब काकोरी के क्रांतिकारियों की फांसी की सजा दिए जाने की सूचना मिली तो वह बेहोश हो गईं थी। उस समय वह बीए पहले साल का पेपर दे रही थीं। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें बहुत समझाया और आंदोलन से दूर रहने के लिए कहा। परंतु सुशीला देवी पिता की बात से सहमत नहीं थीं और उन्होंने घर से बगावत कर दी। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और क्रांतिकारियों की मदद में लगी रहीं। जालंधर में ही क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित हो गई थीं सुशीला देवी, वह जालंधर के कन्या महाविद्यालय की छात्र रही थीं। ।चांदनी चौक की गलियों में सुशीला देवी एक प्रसंग बड़ा चर्चित है। काकोरी कांड के मुकदमे के दौरान क्रांतिकारी दल के पास पैसे का घोर अभाव हो गया था। ऐसे में सुशीला दीदी ने अपने विवाह के लिए रखा 10 तोले सोना देकर मुकदमे की पैरवी को आगे बढ़ाया। दिल्ली में वायसराय की गाड़ी उड़ाने में उन्होंने क्रांतिकारी भगवतीचरण को सहयोग दिया। सुशीला दीदी भी पुलिस की निगाह में आ गईं और उनके विरुद्ध दो वारंट जारी हो गए्, लेकिन चतुराई का परिचय देते हुए वह 1932 में दिल्ली में कांग्रेस के प्रतिबंधित अधिवेशन में इंदु के नाम से शामिल हुईं। बाद में उन्होंने दिल्ली में ही अपने सहयोगी श्याम मोहन से विवाह कर लिया, जिसके बाद उनका नाम सुशीला मोहन हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20d8e09a1cd8f56a528308df51dcb652e02b5430 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61689.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +देहरा/ज्‍वालामुखी, सुनील राणा/ प्रवीण शर्मा। Chandan Plants in Himachal, कुदरती तौर से दक्षिण भारत की तर्ज पर चंदन की पैदावार के लिए अनुकूल कांगड़ा जिले के इलाके देहरा, ज्वालामुखी, डाडासीबा, खुंडियां और नगरोटा सूरियां वन रेंजों के हर घर में चंदन लहलहाएगा। वन विभाग देहरा ने इसके लिए न सिर्फ चंदन के 15,000 पौधों की नर्सरी तैयार की है, बल्कि तस्करों से इसकी सुरक्षा के लिए पायलट प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देकर प्रदेश सरकार की अनुमति के लिए भी भेज दिया है। विभाग अपने स्तर पर नर्सरी में तैयार किए गए चंदन के पौधों को लोगों में बांटेगा। विभाग लोगों को अपने स्तर पर इन पौधों की सुरक्षा और ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी करेगा। + +वन विभाग चाहता है कि प्रकृति के इस नायाब तोहफे का लोग अपनी आर्थिकी सुधारने के लिए दोहन करें। लोग अपने घरों में चंदन के पेड़ उगाकर इसका महत्व और तस्करों के हाथों लुट रही इस वन्य संपदा का संरक्षण कर सकें। चंदन की खेती के लिहाज से अनुकूल इस बेल्ट में हालांकि चंदन के हजारों पेड़ सरकारी वनों व लोगों की निजी भूमि में पल रहे हैं। लेकिन विभाग पहली बार चंदन के पौधों को नर्सरी में उगाकर एक बड़े मिशन को  अंजाम देने में जुटा है। इसकी कामयाबी के लिए दक्षिण के वनस्पति विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है। + +माफिया पर लगाम बड़ी चुनौती।यहां चंदन के पेड़ाें को तस्करों से बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। क्षेत्र में चंदन के पेड़ों पर माफिया की नजर 2006 में पड़ी थी। इस साल पहली बार चंदन के पेड़ कटने की शिकायत दर्ज की गई थी। 2006 से 2009  के बीच तीन सालों में वन से चंदन कटने के नौ मामले सामने आए। 2009 से 2021 तक 60 के करीब शिकायतें निजी भूमि से चंदन कटने की हुईं, जिनमें कई मामलों में तस्कर पकड़े भी गए। जबकि कई पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए। ताजा मामलों पर नजर दौड़ाएं तो 2018 से 2021 तक तीन सालों में नौ मामले ज्वालामुखी पुलिस ने चंदन तस्करी के दर्ज किए थे। दर्जनों मामले न्यायालयों में चल रहे हैं। + +क्‍या कहते हैं डीएफओ ।डीएफओ देहरा सन्‍नी वर्मा का कहना है पूरे प्रदेश में इसी क्षेत्र में चंदन उग रहा है। इसे प्रकृति का उपहार ही कह सकते हैं। क्षेत्र में इससे पहले पक्षियों की बीठ से ही अंकुरित हुए चंदन के हजारों पौधे आज पेड़ बन चुके हैं। विभाग ने पहली बार नर्सरी में चंदन उगाया है। इसमें मुश्किलें आई हैं, लेकिन हम सफल हुए हैं। इसकी प्रोटेक्शन तथा अन्य विषयों के लिए पायलट प्रोजेक्ट सरकार के पास भेजा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3af70f890b44c688ff1ed43bbb7085daa269310 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुस्तक में सामयिकता का भी पर्याप्त पुट है। वास्तव में लेखक ने पुस्तक ही 'नए भारत की संकल्पना' के सूत्रधार-पैरोकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समर्पित की है तो उनका भी स्वत:स्फूर्त वृहद आकलन किया गया है। मोदी को संवाद कला का महारथी बताते हुए प्रो. द्विवेदी लिखते हैं कि प्रधानमंत्री की बातों में माटी की महक आती है और उनके 'मन की बात' उचित मार्ग दिखाती है। इतना ही नहीं, अपने ऊपर असंख्य आक्रमणों से विचलित हुए बिना सफलता के सिरमौर बने प्रधानमंत्री मोदी को प्रेरणा की पराकाष्ठा के रूप में प्रतिष्ठित करते हुए प्रो. द्विवेदी लिखते हैं, 'जिंदगी के रास्ते में उनके ऊपर फेंके गए पत्थरों से कैसे उन्होंने सफलता की सीढिय़ों का निर्माण किया, उनका जीवन और उनके भाषण इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। वह एक ओर देश के युवाओं में आस भरते हैं, तो खिलखिलाकर हंसते भी हैं। मुठ्ठी बांधकर आसमान में देश की ताकत का परचम फहराते हैं तो दोनों हाथ उठाकर करोड़ों भारतीयों के आत्मविश्वास को आवाज देते हैं।'।मुख्य रूप से निबंध शैली में लिखी गई पुस्तक की भाषा प्रांजल एवं प्रवाह से परिपूर्ण है। चित्रों, रेखांकनों एवं सामग्री के मुख्य अंशों की विशिष्ट रूप में प्रस्तुति पुस्तक को और आकर्षण प्रदान करती है। अपनी समृद्ध विषयवस्तु से समकालीन भारत के विमर्श को समझाने में यह पुस्तक सार्थक एवं सक्षम बन पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33f9bbbb9522d0368cbe70bb39fa796d302e97b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61696.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +देश की सबसे अधिक आबादी वाले प्रदेश में राजनीतिक विरासत की वंश बेल भी बढ़ती रही है। बाहुबली हों या कद्दावर नेता। उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी अगली पीढ़ी को खड़ा करने की परंपरा रही है। बाहुबल, धनबल और क्षेत्र में अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर पारिवारिक पृष्ठभूमि को और मजबूत करने वाले नामों की कमी नहीं है। 18 वीं विधानसभा में भी कई बड़ों ने अपनी अगली पीढ़ी की सियासी राह आसान करने का दांव चला है। अब युवा पीढ़ी पर पारिवारिक प्रतिष्ठा बचाने का दारोमदार है। + +इनमें सबसे आगे माफिया मुख्तार अंसारी का परिवार है। पूर्वांचल में अपना खास दबदबा रखने वाले इस कुनबे के दो दावेदार इस बार एक-साथ ताल ठोंक चुके हैं। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने खुद पांच बार विधायक रहने के बाद अब मऊ की सदर सीट को अपने बेटे अब्बास अंसारी को सौंपने का तानाबाना बुना है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शूटर अब्बास अंसारी की किस्मत का फैसला सातवें चरण के मतदान में होगा। इसी अंतिम चरण में मुख्तार के बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह के बेट सुहैब अंसारी उर्फ मन्नू के भाग्य का भी निर्णय होगा। गाजीपुर की मुहम्मदाबाद सीट से पहले खुद सिबगतुल्लाह ने सपा से पर्चा दाखिल किया था। बाद में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था और अब उनके बेटे सुहैब अंसारी इस सीट पर पारिवारिक प्रतिष्ठा बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। + +उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में कई कद्दावार नेताओं ने भी अपनी राजनीतिक विरासत को बढ़ाने के लिए अपनों को दंगल में उतारा है। पीलीभीत की बीसलपुर सीट से चार बार भाजपा की जीत का परचम लहरा चुके विधायक रामसरन वर्मा का बेटा विवेक वर्मा इस बार चुनाव मैदान में है। वहीं सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा भी 75 वर्ष की उम्र का आंकड़ा पार करने के बाद अब अपने बेटे गौरव वर्मा के लिए सियासी जमीन तैयार की है। भाजपा का दामन छोड़कर स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ साइकिल पर सवार हो चुके विनय शाक्य की बेटी भी पहली बार चुनाव मैदान में हैं। औरैया की बिधूना सीट से विधायक रहे विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य अब खुद भाजपा की उम्मीदवार हैं। इसी सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के नेता स्वर्गीय धनीराम वर्मा की पुत्रवधु रेखा वर्मा भी पहली बार राजनीति में किस्मत आजमा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..766fe87ef6b4bd5281be33bcf87db57ee573f94a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुशीला देवी का जन्म पांच मार्च, 1905 को पंजाब के दत्तोचूहड़ (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनकी शिक्षा जालंधर के आर्य समाज द्वारा संचालित कालेज कन्या महाविद्यालय से हुई और वह यहां 1921 से लेकर 1927 तक रहीं। उनके पिता डाक्टर कर्मचंद सेना में चिकित्सा अधिकारी थे। उन पर आर्य समाज विचारों का बहुत प्रभाव पड़ा और इसी का असर उनकी बेटी सुशीला देवी पर भी हुआ। बचपन से ही ऐसे विचारों के बीच रहने के कारण वह क्रांतिकारी बन गईं। उन्हें लिखने पढ़ने का भी बहुत शौक था और वह राष्ट्रवाद कविताएं, शेरो शायरी और गीत लिखा करती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb2e6f547ddf91f8403ef3aeaf82eca995dc0089 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61701.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किताबघर : साहित्य और चिंतन के सहकार की मानवीय छवियां।मील के पत्थर।रामवृक्ष बेनीपुरी।रेखाचित्र संस्मरण।पहला संस्करण, 1956।पुनर्प्रकाशित संस्करण, 2017।सस्ता साहित्य मंडल, नई दिल्ली।मूल्य: 50 रुपए।समीक्षा - यतीन्द्र मिश्र।भारतीय हिंदी साहित्य के शलाका पुरुष रामवृक्ष बेनीपुरी का चिंतन व लेखन अद्वितीय माना जाता है। राष्ट्रनिर्माण व समाज संगठन पर आधारित उनकी रचनाओं की आज भी बड़ी प्रासंगिकता है। रामवृक्ष बेनीपुरी ने हिंदी साहित्य जगत को संस्मरणों की भरपूर निधि दी है। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर उनकी हृदयस्पर्शी संस्मरण कृति ‘मील के पत्थर’ पर आज का स्तंभ समर्पित है, जो पहली बार 1956 में प्रकाशित हुआ था। ‘मील के पत्थर’ में बेनीपुरी जी ने अपने जीवन को प्रभावित करने वाले भारतीय तथा वैश्विक नेताओं, प्रभावशाली हस्तियों, महापुरुषों एवं चिंतकों का उन्हीं के जीवनांशों के प्रेरणादायी प्रसंगों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने की कोशिश की है। 2017 में सस्ता साहित्य मंडल ने इस संस्मरण को पुनर्प्रकाशित करर्के ंहदी जगत को अनोखी सौगात दी है। विभिन्न विभूतियों पर लिखे गए 15 छोटे-बड़े संस्मरणों का यह संग्रह विविधता से भरपूर है। इसमें ‘बापू की कुटिया में’ (महात्मा गांधी), ‘प्रेमचंद अमर हो’ (मुंशी प्रेमचंद), ‘बरनार्ड शा: उन्हीं के शब्दों में’ (बरनार्ड शा), ‘हमारे राष्ट्रपति’ (डा. राजेंद्र प्रसाद), ‘यूरोप के कलाकार’ विभिन्न यूरोपीय कलाकार (जैसे लियोनार्दो द विंची, माइकल एेंजेलो, तिशियन, रूबेन, रैंब्रांड, एल ग्रेको, गोया, हागार्थ, ब्लेक आदि), ‘जो शब्दश: आचार्य थे’ (आचार्य नरेंद्र देव), ‘कोई सुखी नहीं!’ (आंद्रे मावरोई), ‘विनोबा के साथ दो दिन’ (संत विनोबा भावे), ‘कथा के लिए जादूगर’ (टाल्सटाय तथा ओल्डमैन गारियो), ‘दीवाली फिर आ गई सजनी’ (जयप्रकाश नारायण), ‘रोटी और शराब’ (हाग्नात्सियो सिंलोने), ‘एक भारतीय आत्मा’ (पं. माखनलाल चतुर्वेदी), ‘भूख और कला’ (वान गौग), ‘एक साहित्यिक संत’ (आचार्य शिवपूजन सहाय), ‘कोई हंसना इनसे सीखे’ (पं. जगन्नाथ चतुर्वेदी) पर आधारित हैं। + +इन रेखाचित्रों और संस्मरणों में बेनीपुरी जी किसी विशेष व्यक्तित्व के साथ रागात्मक संंबंध स्थापित करते हुए उसकी कारयित्री और भावयित्री प्रतिभा को संतुलित दृष्टि से अन्वेषित करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने महानताओं का इन लेखों में वरण करते हुए भी उनके रचनात्मकता की निशानदेही को अपनी अचूक तार्किक दृष्टि से परखने का जतन किया है। ।शायद इसीलिए इतने साल बीत जाने के बाद भी रचनाकार की स्थापनाएं प्रासंगिक, नई और महत्वपूर्ण जान पड़ती हैं। फिर वह बरनार्ड शा पर लिखते समय उन्हीं की आत्मकथा का वाक्यांश प्रयोग करते हुए साधारण में आत्मनिवेदन की प्रक्रिया को समझाते हैं। वे मानते हैं कि बरनार्ड शा ने अपनी भाषा शैली का एक नया युग बनाते हुए रचनाकर्म की लोकप्रियता से खुद को निरपेक्ष रखकर सदा अपने को अलिप्त रखा। महात्मा गांधी पर उनका लेख आत्मीयता और कृतज्ञता से ओत-प्रोत है। वे लिखते हैं- ‘इस सादगी में तुम कितने महान हो, क्या इसका एहसास तुम्हें कभी होता है? अरे, तुम्हें देखकर कितने रत्न-जड़ित स्वर्ण-सिंहासन भी ईष्र्या से जलते होंगे। क्या कभी उन पर एक क्षण को भी उतना बड़ा आदमी बैठा होगा, जितने बड़े आदमी को कितने ही दिनों, महीनों, वर्षों तक तुम्हें अपने ऊपर आसीन करने का गौरव प्राप्त हो सका?’ इसी तरह ‘भूख और कला’, ‘एक साहित्यिक संत’, ‘कोई हंसना इनसे सीखे’ और ‘विनोबा के साथ दो दिन’ जैसे निबंधों में भी उनके लेखन की व्यंजकता, भाषा की वाग्मिता और शब्दों का कौतुक देखने लायक है। इन सुललित रेखाचित्रों, संस्मरणों, निबंधों में ऐसे पर्याप्त क्षण मौजूद हैं, जहां एक पाठक के रूप में आप पाठ्य सामग्री से लगाव बनाते हुए न सिर्फ भावुक होते हैं, बल्कि कई दफा मन श्रद्धा से भीग जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2c0223735aa9f05980819bda4143ac9357db942 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम और सातवें चरण का चुनाव प्रचार अब थम चुका है। पूर्वांचल में बाहुबल की चर्चा होती है तो मऊ सदर सीट से मुख्‍तार अंसारी, भदोही से विजय मिश्र और जौनपुर की मल्‍हनी विधानसभा सीट से धनंजय सिंह का नाम ही मतदाताओं से लेकर सियासी दलों के बीच चर्चा में  रहता है। शनिवार की शाम को चुनाव प्रचार थमने के बाद मतदाताओं के बीच मऊ सदर, भदोही और जौनपुर की मल्‍हनी विधानसभा सीट को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है। हालांकि, इस बार मुख्‍तार अंसारी ने अपने बड़े बेटे अब्‍बास को मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर सपा गठबंधन की ओर से उतारा है। ।पूर्वांचल में अब्‍बास, विजय मिश्र और धनंजय पर कई मुकदमे भी हैं। जबकि एक दिन पूर्व ही चुनाव आयोग ने सुभासपा से उम्‍मीदवार अब्‍बास अंसारी पर कार्रवाई करते हुए उनका चुनाव प्रचार तक प्रतिबंधित विवादित बयान की वजह से कर दिया था। विजय मिश्र प्रमासपा से जहां आगरा जेल से चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं वहीं दूसरी ओर धनंजय सिंह ने भी चुनावी मैदान में जदयू की ओर से ताल ठोंका है। इन उम्‍मीदवारों पर इनके ही क्षेत्र के मतदाताओं की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की नजर लगी हुई है। इस लिहाज से पूर्वांचल में अंतिम सातवें दौर में सात मार्च को होने जा रहे मतदान में इन तीन सीटों को सबसे चर्चित सीटों के रूप में माना जा रहा है। ।जेल से पांचवी बार चुनाव लड़ रहे विजय मिश्र : भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर विजय मिश्र पांचवी बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से ताल ठोंक रहे हैं। वह इन दिनों आगरा जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ 22 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या का प्रयास आदि हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में सपा से टिकट कटने के बाद निषाद पार्टी से लड़े थे। करीब 22 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। इसके पहले वह 2002 से तीन बार सपा से ही विधायक थे। इस बार वह जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जेल से ही उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नामांकन किया है। जेल में रहने के कारण उनकी एमएलसी पत्नी रामलली मिश्र व अधिवक्ता बेटी रीमा पांडेय चुनाव प्रचार कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3544d3274a38d8c011a7242e38f8f0c3f9148383 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61707.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संस, अबोहर। Amazing love story‌ प्यार अंधा हाेता है और कुछ भी कर गुजरने की हद तक चला जाता है..। फेसबुक (Facebook) पर दाेस्ती (Friendship) के बाद प्यार (Love) परवान चढ़ा ताे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की नाबालिग लड़की प्रेमी से शादी करने के लिए पंजाब (punjab) पहुंच गई। दाे साल से ज्यादा के इंतजार के बाद जब लड़की बालिग हुई ताे दाेनाें ने शादी रचा ली। मामला अबोहर के गांव कंधवाला का है। यहां के युवक श्री भगवान की दोस्ती फेसबुक पर उत्तर प्रदेश के महमूदा बाद जिला लखनऊ निवासी सुनीता पाल से हो गई। फेसबुक पर दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। युवक ने लड़की को पंजाब आने को कहा तो वह आई गई। हालांकि तब वह नाबालिग थी जैसे ही लड़की बालिग हुई तो दोनों ने शादी रचा ली। + +लड़की के पिता ने 24 जुलाई 2019 को थाना हसनगंज में दी थी लापता हाेने की रिपाेर्ट।गाैरतलब है कि लड़की के पिता ने 24 जुलाई 2019 को थाना हसनगंज जिला लखनऊ में बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उस समय लड़की नाबालिग थी। वह 2019 को ही यहां आई हुई है, लेकिन उसने इस बाबत अपने परिजनों को बता दिया था। लड़की की अकसर अपने माता-पिता से बात भी होती थी, लेकिन अब जैसे ही उसने बालिग होने पर शादी कर ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b195b2147682f35e85e3b34d964afef3c5ae9e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [नौशाद खान]। यूपी विधानसभा के अंतिम सातवें चरण के चुनाव प्रचार समाप्‍त होने तक वाराणसी में लाल बहादुर शास्‍त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट बाबतपुर ने खूब कमाई भी की है। वाराणसी में नेताओं के विमान हैंडलिंग कर एआईटीसीएल ने इस दौरान लाखों रुपए की कमाई कर डाली। वहीं दूसरी ओर किराए पर विमान और हेलीकाप्टर देने वाली कंपनियों ने भी खूब चांदी काटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a68740fb9ad73e339b01f478fa7bbbdcdfcb7728 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61709.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +200 से अधिक महिलाओं को दिया रोजगार। रोजिना बताती हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी।लेकिन, हार न मानकर उन्होंने इस मुश्किल समय में अपने आपको मजूबत किया। जिसका नतीजा आज सबके सामने है। पह बताती हैं कि दो-चार लोगों से कार्य शुरू किया, वर्ष 2019 में पावहर (प्रोवाइड आपर्च्यूनिटी टू वीमेन, हैंडीकैप फार द एमपावर एंड रिहैबिलाइजेशन) संस्था बनाई। वह अब तक 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे चुकी हैं। दिव्यांगों को भी इससे जोड़ रही हैं। + +कई बार भूखा पेट भी सोना पड़ा। वह खुद गरीब परिवार से आती है। रोजिना बताती हैं कि कई बार ऐसे दिन भी देखे जब घर पर कुछ खाने को नहीं होता था। उनकी मां दूसरों के घरों पर जाकर बर्तन धोती थी। इस मुश्किल समय में उन्होंने परिवार की मदद कर छोटे बच्चों को पढ़ाया और कढ़ाई का कार्य किया, जिससे आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4794b08143f504b314b0a6246a1be8c2c6aec55c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6171.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई सितारों ने सोशल मीडिया पर अरुणा भाटिया को श्रद्धांजलि देते हुए अक्षय कुमार ने लिए दुख जताया है। बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने ट्विटर पर अक्षय कुमार की मां के लिए दुख जताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'डियर अक्की, आपकी मां के निधन पर संवेदना व्यक्त कर रहा हूं। अरूणाजी की आत्मा को शांति मिले। आपको और आपके परिवार के प्रति संवेदना, ओम शांति।'।Dear Akki, Heartfelt condolences on your mother’s passing away. May Arunaji’s soul find eternal peace. Condolences to you & your family. ।Om Shanti🙏🏼 https://t.co/fBEzmsQpnF।My deepest & most sincere condolences! May you navigate this phase and the years ahead with love & strength. 🙏🙏🙏।अभिनेत्री पूजा भट्ट ने अरुणा भाटिया के निधन पर शोक जताते हुए लिखा, 'मेरी गहरी संवेदना!' वहीं अभिनेत्री निम्रत कौर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'आपके गहरे नुकसान के लिए बहुत खेद है। इस गंभीर घड़ी में आपको और पूरे परिवार के लिए गहरी संवेदना और मेरी प्रार्थना है। सतनाम वाहे गुरु।' अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने अक्षय कुमार के लिए दुख जताते हुए लिखा, इस असहनीय नुकसान के लिए आपको और आपके परिवार के प्रति गहरी संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।'।So very sorry for your profound loss. Deepest condolences and my heartfelt prayers to you and the whole family in this grave hour. Satnaam wahe guru 🙏🏼 @akshaykumar https://t.co/B7WOxbI6qb।इनके अलावा और भी कई फिल्मी सितारों ने अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया के निधन पर शोक जताया है। आपको बता दें कि अक्षय कुमार ने अपनी मां के निधन की जानकारी खुद अक्षय ने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट के ज़रिए दी है। अभिनेता की मां पिछले कुछ दिन से बीमार थीं, और आईसीयू में थीं। 7 सितंबर को अक्षय ने अपने इंस्टाग्राम पर मां के लिए एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि अगले कुछ घंटे बहुत नाजुक हैं, और उन्होंने फैंस से दुआओं की अपील की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c42648c13b954846bcb3ab84530a3061f3eb7ccc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61715.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेंसिल्‍वेनिया, एएनआइ। वाट्सएप पर अक्सर ऐसे संदेश आते हैं कि सीमित मात्रा में शराब के सेवन से दिल व किडनी को फायदा होता है, लेकिन एक नए अध्ययन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। 'नेचर कम्युनिकेशंस' में प्रकाशित हालिया अध्ययन में दावा किया गया है कि कम से मध्यम मात्रा में शराब पीने से भी दिमाग को नुकसान पहुंचता है। 36 हजार से अधिक वयस्कों के आंकड़ों का उपयोग करते हुए किए गए हालिया शोध में पता चला है कि प्रति दिन एक या दो पैग शराब पीने से भी व्यक्ति के दिमाग में दो साल के बराबर का परिवर्तन होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88a492939e369c72abeef3482f96ba59a3b3c99e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांधी जी की दांडी यात्रा के समानांतर नमक कानून तोड़ने की अनेक पदयात्राएं कई प्रांतों में आयोजित की गईं और भारतीय जनमानस पूर्ण स्वराज के वृहत्तर लक्ष्य से अनुप्राणित होता चला गया। नमक जिस प्रकार भोजन के पूरे चरित्र को बदल देता है, उसी तरह नमक सत्याग्रह ने स्वतंत्रता आंदोलन के पूरे कलेवर को ही बदल दिया। डोमिनियन स्टेटस की बात ही विस्मृत हो गई। पूर्ण स्वराज के हुंकार, ललकार और चुनौती ने स्वतंत्रता संग्राम की नई दिशा तय कर दी थी। पश्चिम सीमांत प्रांत के कद्दावर सीमांत गांधी अर्थात खान अब्दुल गफ्फार खान साहब ने खुदाई खिदमतगारों के जरिए इस आंदोलन को नए प्रयोगों से लैस कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af1f0d34638349065e81a72e402f247274c043c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61717.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [देवेंद्रराज सुथार]। सशस्त्र क्रांतिकारी बनने से पहले अल्लूरी सीताराम राजू ने असहयोग और सविनय अवज्ञा के गांधीवादी तरीकों का प्रयोग करके 1882 के वन अधिनियम को निरस्त करने का प्रयास किया। उन्होंने आदिवासी आबादी से वन उपयोग के अधिकारों को जब्त करने के विरोध में 1922 में रंपा विद्रोह शुरू किया था। रंपा विद्रोह 1922-24 के बीच हुआ था। अल्लूरी और उनके लोगों ने कई पुलिस स्टेशनों पर हमला किया, कई ब्रिटिश अधिकारियों को मार डाला और लड़ाई के लिए हथियार, गोला-बारूद छीन लिए थे। बाद में यह विद्रोह औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध पूर्ण सशस्त्र संघर्ष में बदल गया। + +1918 में वे एक बार फिर उत्तर भारत के दौरे पर गए। इस बार नासिक, पुणे, मुंबई, बस्तर, मैसूर का दौरा किया। विभिन्न मार्शल आर्ट, आयुर्वेद में अपने कौशल के साथ वे तुनी, नरसीपट्टनम के आस-पास रहने वाले लोगों के लिए प्रेरणा बनते गए। उन्होंने मान्यम क्षेत्र में आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ना शुरू किया और शराबबंदी, जातिवाद के खिलाफ अभियान भी चलाए। औपनिवेशिक शोषण ने आदिवासियों की स्थिति और भी बदतर बना दी थी। आदिवासियों के दुख और शोषण को देखकर उन्होंने आदिवासियों के साथ खड़े होने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने का फैसला किया। बदले में 30-40 आदिवासी गांवों ने उन्हें अपना नेता बना लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e6b5857a7c8aeae7aa781f19fbb3ea9bb7d3522 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उजरोड और टर्नोपिल विवि 13 से शुरू कर रहा आनलाइन कक्षाएं।यूक्रेन से घर लौटे योगेंद्र विहार निवासी अमन कुमार शर्मा ने बताया कि वह उजरोड मेडिकल विवि से एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। उनका विवि उत्तरी क्षेत्र के कीव, खार्कीव आदि शहरों से काफी दूर है। वहां हालात ज्यादा खराब नहीं हैं। शायद इसी वजह से विवि ने सभी छात्र-छात्राओं की कक्षाएं 14 मार्च से आनलाइन मोड में शुरू कराने का मैसेज भेजा है। इसी तरह श्याम नगर पीएसी लाइन निवासी प्रशांत कुमार के पिता नाहर सिंह ने बताया कि बेटा टर्नोपिल विवि से एमबीबीएस सेकेंड इयर का छात्र है। उसके पास 13 मार्च से परीक्षाएं आनलाइन शुरू होने का मैसेज आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ea157c7ebbce8ccc187c96e54b21773e2fe00d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6172.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इन सारी ट्रोलिंग के बीच अब शबाना आज़मी ने ‘जावेद अख्तर की पोती’ वाली खबरों पर चुप्पी तोड़ दी है और ये साफ कर दिया है कि उर्फी का जावेद अख्तर से कोई लेना देना नहीं है। एक न्यूज़ आर्टिकल को रीट्वीट करते हुए शबाना आज़मी ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा, ‘उर्फी जावेद हमारे साथ किसी भी तरह से संबंधित नहीं हैं’। + +शबाना आजमी और जावेदअखतर की पोती उर्फी जावेद जिसका आगे से किसी कमज़र्फ ने शर्ट नोच दिया अब दादा-दादी को भारत में डर लगना तो लाजमी है😂😂 pic.twitter.com/eY4MCl28U9।यह जावेद अख्तर की पोती उर्फी जावेद है मुंबई एयरपोर्ट पर इस का पहनावा देखिए।तालिबानी चाहक लोग बतावे इसको सरिया कानून के अनुसार क्या सजा बनती है pic.twitter.com/t4QRwjWMaI। उर्फी ने ट्रोलर्स को दिया था जवाब : ।टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत में उर्फी ने ट्रोलर्स को जवाब देते हुए कहा था, 'अगर मुझे पब्लिसिटी ही चाहिए होती तो एयरपोर्ट पर मैं बिना कपड़ों के भी तो जा सकती थी। मैं जो कुछ भी हूं, अगर उसकी वजह से पब्लिसटी क्रिएट होती है तो अच्छा है। लोग सिर्फ मेरे बारे में बात क्यों नहीं कर सकते। मुझे ये समझ आ गया है कि मैं चाहे कुछ भी पोस्ट करूं या कहूं लोग कुछ ना कुछ कहेंगे ही। चाहे मैं बिकिनी पहन लूं या फिर सलवार सूट बस ऐसे ही कमेंट सुनने को मिलेंगे।' ।आगे उर्फी ने कहा, 'मैं लखनऊ के एक रुढ़ीवादी परिवार में पली बढ़ी लेकिन हमारे कपड़ों को लेकर कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। आज मैं वो कपड़े पहनना चाहती हूं जो मुझे अच्छे लगते हैं और मुझे फर्क नहीं पड़ता की लोग क्या कहते हैं। मैं बहुत सी जगहों से प्रभावित होती हूं और फिर मैं वैसे ही कपड़े पहनती हूं।'।A post shared by Bollywood Pap (@bollywoodpap)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..886005d376ad326ae0e328e3430afaaa58e64b7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61720.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रूस द्वारा इन 10 दिनों में लगातार यूक्रेन के कई शहरों में बमबारी की गई है। यूक्रेन के अब तक कई शहरों पर रूस का कब्जा भी हो चुका है। हालांकि 24 फरवरी से शुरू हुए इस युद्ध ने कई मोड़ लिए हैं। यूक्रेन भी इस लड़ाई में रूस के सामने हार मानने को तैयार नहीं है। आइये जानते हैं जंग से जुड़ी 10 बड़ी बातें....।1-सीजफायर का ऐलान: रूस-यूक्रेन युद्ध के दसवें दिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सीजफायर का ऐलान किया है। जानकारी के अनुसार रूस अब तब तक हमला नहीं करेगा जब तक वहां फंसे लोगों को निकाल नहीं लिया जाता है। रूस का कहना है कि वो ये सब मानवीय पहल के तहत कर रहा है। सीजफायर के ऐलान से पहले यूक्रेन ने यह दावा किया है कि कीव में रूसी सेना द्वारा आम जनता पर गोलियां बरसाईं गई थी। + +2-परमाणु पावर प्लांट पर कब्जा: रूस ने कल ही यूरोप के सबसे बड़े परमाणु पावर प्लांट पर कब्जा कर लिया है, हालांकि यह दावा यूक्रेन ने किया है जिसे रूस ने नकारा है। रूसी गोलाबारी से इस परमाणु पावर प्लांट में आग भी लग गई थी जिसपर बाद में काबू पा लिया गया था। यूक्रेन के सरकारी परमाणु नियामक ने इसके बाद राहत देते हुए कहा था कि एनरहोदर शहर में स्थित जपोरीझिया प्लांट में विकिरण के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f561bda92b49f3f01eb56bd4b041119689fbde8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बचपन से ही साहित्यिक वातावरण।लखनऊ में चार अक्टूबर 1944 को जन्मीं नमिता सिंह के पिता गिरीश चंद्र पंत बैंकर और कवि थे। दादा सुमिंत्रानंदन पंत सुविख्यात कवि थे। बचपन से साहित्यिक वातावरण मिला तो लेखन शुरू कर दिया। छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी नमिता एमएससी (केमिस्ट्री) के बाद अलीगढ़ आ गईं। 1979 में एएमयू से पीएचडी की। अलीगढ़ के प्रमुख क्षेत्र अवंतिका फेज-एक, रामघाट रोड निवासी वरिष्ठ साहित्यकार व एएमयू में हिंदी विभागाध्यक्ष डा. केपी सिंह से शादी हो के बाद लेखन को और धार मिल गई। सर्वप्रथम 1978 में कहानी संग्रह ‘खुले आकाश के नीचे’ प्रकाशित हुआ। इसके बाद राजा का चौक, नील गाय की आंखें, जंगल गाथा, निकम्मा लड़का, कर्फ्यू तथा अन्य कहानियां, मिशन जंगल और गिनीपिग व उत्सव के रंग कहानी, लिखी। 1996 में उपन्यास ‘अपनी सलीबें’ काफी चर्चित रहा। इसमें उन्होंने दलितों के प्रश्नों को न केवल उठाया, चिंतन भी किया। 2012 में ‘लेडिज क्लब’ उपन्यास भी चर्चित हुआ। इसमें सांप्रदायिक दंगों व अन्य मुद्दों पर विभिन्न समुदाय की महिलाओं के बीच पारस्परिक संवाद के जरिए उनकी मनोव्यथा, अनुभव और विचार सामने लाईं। स्त्री प्रश्न (स्त्री विमर्श), कृति और कृतिकार, हां, मैने कहा, पुस्तकें आईं। कई पुस्तकें संपादित की। कहानी कर्फ्यू पर आधारित टेलीफिल्म दूरदर्शन पर प्रसारित हुई। ‘वर्तमान साहित्य’ पत्रिका का 2004 से 2014 तक संपादन किया। टीकाराम गर्ल्स डिग्री कालेज में विभागाध्यक्ष व कार्यवाहक प्राचार्य रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4a508831b79b3c3461eb00f65d1d24b14051450 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विधानसभा चुनाव के बाद से ही विपक्ष जो बिखरा, वो अभी तक नहीं जुड़ सका है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही राजद और कांग्रेस में दूरी बढ़नी शुरू हो गई थी। तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में यह खटास तब और बढ़ी, जब राजद ने कांग्रेस को कोई सीट नहीं दी। कांग्रेस ने भी दोनों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए। नतीजा सत्ता पक्ष के पाले में गया और जीत का मंसूबा पाले राजद दोनों ही सीटें हार गया। इस विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस कम से कम सात सीटों पर लड़ना चाहती थी। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के परिणाम से आहत तेजस्वी एक भी सीट देने को तैयार नहीं थे। मध्यस्थता के लिए मामला लालू दरबार तक पहुंचा, लेकिन बात नहीं बनी। लालू ने कांग्रेस के बिना राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की कल्पना को नकारा, लेकिन वे तेजस्वी को मना नहीं सके। कांग्रेस के बजाए राजद ने एक सीट भाकपा को दी है और 23 पर राजद के ही उम्मीदवार उतार दिए है। कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा तो जरूर की है, लेकिन अभी तक एक का भी नाम तय नहीं हो सका है। जबकि चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7e9a59285391f8df6336632c6b3fb36b1cb969f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये विचार दैनिक जागरण से बातचीत में सेना प्रमुख रहे जनरल (रिटा.) एनसी विज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सोवियत संघ और भारत की घनिष्ठ मित्रता थी। संकट के समय हमेशा ही सोवियत संघ ने साथ दिया था। विघटन के बाद रूस के साथ संबंध प्रभावित नहीं हुए बल्कि वैसे ही बने हुए हैं। रक्षा क्षेत्र के मामलों में देश 60 फीसद से अधिक रूस के ऊपर निर्भर है। हालांकि अब तेजी से रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर देश बढ़ रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विशेष दिलचस्पी की वजह से दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c990ce7793b795fd3c7bae78281d4be6a7304331 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61727.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमित निधि। अगर आप प्लानिंग के साथ पढ़ाई नहीं करते हैं, तो फिर कई बार मुश्किल में भी पड़ सकते हैं। समय पर सिलेबस को खत्म नहीं कर पाएंगे और तैयारी अधूरी रह जाएगी। समय रहते सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करने के लिए पूरी प्लानिंग कर लेते हैं, तो परीक्षा के दौरान ज्यादा सहज महसूस करेंगे। हां, यदि खुद से प्लान नहीं कर पा रहे हैं, तो इसमें आपको कुछ एप्लिकेशंस से भी अच्छी मदद मिल जाएगी। ।इगेंडा-स्कूल प्लानर ऐंड असिस्टेंट।छात्रों के लिए उपयोगी इस एप में आपको असाइनमेंट, प्रोजेक्ट्स, टेस्ट आदि को शेड्यूल करने की सुविधा मिलती है। इसका यूजर इंटरफेस काफी आसान है। इससे पढ़ाई से जुड़ी चीजों को आसानी से शेड्यूल कर पाएंगे। अच्छी बात यह है कि इसमें एक यूनिक स्टडी ट्रैकर फीचर भी है। यह आपको अपने टास्क को आर्गेनाइज करने की सुविधा देता है। इसमें प्राथमिकता वाली चीजों के लिए कलर कोडिंग का उपयोग भी किया जा सकता है। हालांकि इसमें आपको सेमेस्टर के कोर्स, असाइनमेंट आदि को तिथि के हिसाब से जोड़ना पड़ता है। फिर उस तिथि के हिसाब से चीजों को लेकर रिमाइंड कराता है। यह एप एंड्रायड और आइओएस दोनों ही डिवाइस के लिए उपलब्ध है। + +पावर प्लानर।यह एक साफ इंटरफेस वाला स्टडी शेड्यूल एप है, जो मिडिल स्कूल, हाईस्कूल और यहां तक कि कालेज छात्रों के लिए भी एकदम सही है। यह आपको अपनी सुविधा के हिसाब से स्टडी, असाइनमेंट आदि को शेड्यूल करने की सुविधा देता है। सुविधा के लिए इसे गूगल कैलेंडर के साथ एकीकृत किया गया है। यह शेड्यूल की गई चीजों के हिसाब से रिमाइंड कराता है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर और एपल के एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ab52a5761e5e1cda8996018b3b6c21d93bfc255 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61732.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जासं, लुधियाना। Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी लड़ाई ने लाेगाें काे भारतीय तिरंगे (Indian Tricolor) की ताकत दिखा दी है। कई छात्राें की तिरंगे की वजह से ही जान बची है। यूक्रेन में पढ़ रहे छात्र अपने वतन लौटने को मजबूर हैं। स्वदेश लौटे छात्र शुभम ने बताया कि झंडा न होता तो हम लोग न निकल पाते। शुभम ने बताया की हमें पहले ही निर्देश मिले थे कि तिरंगा साथ नहीं होगा तो किसी भी पल आप पर भी हमला हो सकता है। मैं भी तिरंगा लेकर निकला, इसलिए सुरक्षित वापसी हो सकी। विदेश में भारत के तिरंगे की ताक़त क्या है यह पता लगा। अब छात्र अपने माता पिता के पास पहुंचने शुरू हो गए। + +चंद्र नगर निवासी छात्र शुभम भी यूक्रेन से लुधियाना पहुंचा तो भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रधान पुष्पेंद्र सिंगल व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गुरदीप गोशा कार्यकर्ताओं के साथ शुभम को मिलने पहुंचे। भाजपा जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंगल ने कहा कि भारत सरकार उनके साथ है। भारतीय छात्रों को लाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास जारी है।उन्होंने कहा की बच्चों के माता पिता को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा की भारत सरकार द्वारा जारी किए टोल फ्री नंबर पर काल करके अपनी समस्या रख सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6eb133bbaf8111a09bfa3462d7cbe77f516ea8dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। सात मार्च को सातवें व अंतिम चरण का मतदान होना है। अबकी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ होने से समाजवादी पार्टी को सातवें चरण में पूर्वांचल की विधानसभा सीटों से बड़ी आस है। अंतिम चरण में जिन 54 सीटों पर अब चुनाव होना है उनमें से 11 सीटों पर वर्ष 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को सफलता मिली थी। कांग्रेस के साथ गठबंधन कर समाजवादी पार्टी 44 सीटों पर लड़ी थी। 20 सीटों पर समाजवादी पार्टी दूसरे स्थान पर थी। वर्ष 2012 में सरकार बनाने वाली सपा ने इनमें से 34 सीटें जीती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcfff959ea11dfd81d2fa232a5c1ce3f0b79886f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61735.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नवनीत शर्मा। Himachal Budget 2022, केंद्रीय सहायता और कर्ज पर चलने के लिए जानी जाती हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी की सांस दो वर्ष महामारी की वजह से भी फूली रही है। ऐसे में कैसे बजट की उम्मीद कर रहा था हिमाचल प्रदेश? लगभग ऐसा ही बजट अपेक्षित था... घाटे वाला होते हुए भी हमेशा की तरह करमुक्त और सबको कुछ न कुछ देने वाला... गांव, गरीब और गाय तक जाने वाला... कृषि-बागवानी, वन, ऊर्जा, खेल, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन तक जाने वाला। और क्योंकि यह चुनावी वर्ष है, इसलिए सामाजिक सुरक्षा के खाते में गए आंकड़े राजनीतिक सुरक्षा के साथ भी जोड़े जा सकते हैं। जो हो, बजट उन पक्षों तक अवश्य गया है, जहां से अपेक्षाओं का अंबार रहता है। + +यह बजट जब वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 60 वर्ष कर देता है तो साफ हो जाता है कि सामाजिक सुरक्षा कवच किसके लिए संकल्पित है। स्पर्श को बढ़ाते हुए 60 से 65 वर्ष के बीच पेंशन के लिए आय सीमा समाप्त कर दी गई है। केंद्र की आयुष्मान योजना की तर्ज पर बनी प्रदेश की हिमकेयर योजना की नवीनीकरण अवधि अब तीन वर्ष होगी और गृहिणी और उच्च्वला योजनाओं में एक सिलेंडर और दिया जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति तो नहीं किंतु उनके वेतन में बढ़ोतरी की गई है। गाय को बेसहारा छोडऩे वाले लोगों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जा सकते हैं, ऐसा मुख्यमंत्री ने कहा। शराब की एक बोतल पर अब दो रुपये अधिभार गाय की सेवा में जाएगा। पहले यह एक रुपया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5257ec6bbb324e573be0be80b3d76a031055ebe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 1996 में भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था। वर्ल्ड कप में खेलने आई आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम तब ताजमहल देखने आगरा आई थी। टीम के साथ शेन वार्न भी आए थे। आस्ट्रेलिया की टीम को ताजमहल में देखकर पर्यटक खिलाड़ियों के नजदीक जाने की कोशिश करने लगे थे। भारी भीड़ जुट गई थी। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह स्थिति को संभाला था। तब खुशमिजाज और मस्तमौला अंदाज के लिए जाने वाले शेन वार्न का स्मारक में भी मस्तमौला अंदाज देखने को मिला था। स्मारक में चलते-फिरते ही उन्होंने एक विदेशी महिला पर्यटक से बातचीत करना शुरू कर दी थी। सुरक्षा घेरे की भी उन्होंने परवाह नहीं की थी। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को गाइड स्व. कुलदीप नारायन ने ताजमहल की विजिट कराई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d3bc4ed44b2620a05ae1e5e737dee08afb46621 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61738.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के चार प्रोफेसरों ने देश के टाप 75 वैज्ञानिकों की सूची में स्थान बनाया है। 50 वर्ष से कम उम्र के इन चारों वैज्ञानिकों ने देश के विकास और तकनीकी में क्रांति लाने का काम किया है। शुक्रवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इन टाप वैज्ञानिकों के परिचय पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया। + +निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने चारों वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान के लिए गर्व की बात है कि देश के 75 टाप वैज्ञानिकों में आइआइटी के वैज्ञानिकों ने भी जगह बनाई। चारों वैज्ञानिकों में प्रो. अविनाश अग्रवाल, प्रो. नितिन सक्सेना, प्रो. बुशरा अतीक और प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी शामिल हैं। ।आइआइटी प्रशासन के मुताबिक वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल वर्तमान में ईंधन पर काम कर रहे हैं। उन्हें वर्ष 2016 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला था। उन्होंने इंजन कंबस्टन इनवेस्टिगेशन, कंबस्टन विजुलाइजेशन, बायोडीजल डेवलपमेंट, ईंधन के विकल्प, डायरेक्ट इंजेक्शन सीएनजी आदि पर शोध किया है। वहीं प्रो. बुशरा अतीक बायोलाजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियिंरग विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने कैंसर का शुरुआती स्तर पर पता लगाने के साथ ही उसके निदान के विषय में शोध कर चुकी हैं। वर्ष 2020 में उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला था। उन्होंने जीन और कोशिकाओं की गड़बड़ी का पता लगाया, जो आगे चलकर ट्यूमर व कैंसर का कारण बनते हैं। वर्ष 2018 में उन्हें सीएनआर राव फैकल्टी अवार्ड भी मिला था। ।प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी एयरोसोल व प्रदूषण के ऊपर शोध कर रहे हैं। उन्हें भी वर्ष 2014 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, 2018 में यूपी रत्न और जर्मनी की ओर से इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड सस्टेनेबिलिटी स्टडीज फेलोशिप आदि पुरस्कार मिल चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए शोधकार्य किया और बेहद कम कीमत का सेंसर विकसित किया, जिसके जरिए पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5 और अन्य कारकों की निगरानी रीयल टाइम में की जा सकती है। प्रो. नितिन सक्सेना कंप्यूटर व गणित पर शोध कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2018 में उन्हें भी शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला था। साथ ही यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aecd4ddd41904519f92ba9d3cf1457c77e244f22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राशन होने के बावजूद नहीं दिया जा रहा खाना।यहां पर राशन होने के बावजूद भी उन्हें बीते दो दिनों से उनके एजेंट ने खाना नहीं दिया। भूखे-प्यासे ये बच्चे इंटरनेट मीडिया पर भी मदद की गुहार लगाते रहे। लेकिन फिर भी किसी ने इनकी मदद नहीं की। धीरे-धीरे जब छात्रों की इस समस्या के वीडियो वायरल होने लगे। तब इनको बृहस्पतिवार देर रात दो ब्रेड और शुक्रवार को दिन में एक बार एक कटोरी सूप और चाय मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0b21e5479d47d8762f311b4e3db7d2646a5bc1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61744.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारतीय छात्रों को मोहरा बनाने पर तल्खी।शुक्रवार को यह बात भी साफ हो गई कि रूस और यूक्रेन आपसी दुश्मनी में भारतीय छात्रों को मोहरा बना रहे हैं। भारत ने परोक्ष तौर पर इस पर अपना क्षोभ भी जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि एक दिन पहले हमने रूस और यूक्रेन की तरफ से भारतीय छात्रों को निकालने को लेकर सुरक्षित गलियारा बनाने की बात सुनी थी लेकिन उसके बाद इस बारे में कोई बात नहीं हुई है। हम यह भी सुन रहे हैं कि रूसी पक्ष की तरफ से 130 बसें तैयार की गई हैं लेकिन ये बसें जहां भारतीय छात्र हैं उससे कम से कम 50-60 किलोमीटर दूर हैं। पैदल जाना मुश्किल है और वहां से गुजरने में खतरा है जो हम नहीं चाहते कि भारतीय छात्र वो खतरा उठाएं। बागची ने तल्खी भरे स्वर में कहा कि, बसें तैयार करना काफी आसान है लेकिन अलग-अलग जगहों में शरण लिए छात्रों को वहां ले जाना बहुत ही कठिन है। यह तभी संभव है जब दोनों पक्षों की तरफ से युद्धविराम की घोषणा हो। + +सुमी की स्थिति सबसे चिंताजनक।इन हालात के बीच यूक्रेन के सुमी शहर से जो खबरें आ रही हैं वो कापी ¨चता पैदा करने वाली हैं। सुमी शहर का संपर्क पूरी तरह से दूसरे शहर से टूटा हुआ है। कुछ छात्रों की तरफ से शुक्रवार को दिन भर यह संदेश भेजा गया कि उन्हें किसी भी तरह से वहां से निकाला जाए। यही स्थिति खार्कीव में फंसे छात्रों की भी है। विदेश मंत्रालय का अनुमान है कि सुमी में 900 और खार्कीव में 300 छात्र फंसे हो सकते हैं। भारी हमलों में इन शहरों की बिजली, पानी व दूसरी व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। इन शहरों के निवासी भी पलायन कर गए हैं। खार्कीव से निकल कर पेसोचिन पहुंचे भारतीय छात्रों को निकालने का काम जारी है। बागची ने बताया कि तीन मार्च को देर रात दो बसों से कुछ छात्रों को मालदोवा बार्डर पहुंचाया गया है जबकि चार मार्च को तीन बसें वहां से निकली हैं और देर रात दो और बसों की व्यवस्था कराई जा रही है। खार्कीव में भी तीन सौ छात्र हैं जिनको निकालने में परेशानी हो रही है। हम पेसोचिन में छात्रों के लिए जो करने में सफल रहे हैं वो सुमी में नहीं कर पा रहे।'।विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि सुमी व खार्कीव जैसे शहरों में ना तो ड्राइवर मिल रहे है और ना ही बसें चलाने के लिए जरूरी पेट्रोल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd9903c1ade7672fa63f9e3f5cafb9cfa61ba63e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61746.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर छोटी और कमजोर रही। दूसरी लहर जहां 117 दिनों तक चली थी, वहीं तीसरी लहर महज 42 दिनों में ही सिमट गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एक फीसद से कम संक्रमण दर और 10 हजार से अधिक केस वाला सिर्फ एक राज्य के बचने को तीसरी लहर के अंत रूप में देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92b1cbf046606fa369a0447a145699a1f0372be1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61748.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददता। पीएम नरेन्‍द्र मोदी वाराणसी में शुक्रवार को रोड शो के क्रम में शाम को काशी विश्‍वनाथ कारिडोर पहुंचने के बाद बाबा विश्‍वनाथ का विधि विधान पूर्व पूजन-अर्चन कर चुनावी जीत की कामना की। मंदिर के अर्चकों ने पीएम को पूजन सामग्री देकर पूजा-अर्चना कराए। पूजा के बाद पीएम मोदी ने मंदिर के बाहर आकर कारिडोर परिसर में कुछ देर तक डमरू भी बजाया। पीएम ने हाथ में भारी भरकम डमरू थाम कर बजाना शुरू किया तो हर निगाह पीएम नरेन्‍द्र मोदी की ओर मुड़ गई। हर किसी ने मंत्र मुग्‍ध होकर पीएम के डमरू वादन को गौर से सुना। + +#WATCH | PM Modi tries his hand at 'damru' at Kashi Vishwanath Temple in Varanasi, post his roadshow ahead of the last phase of #UttarPradeshElections2022 pic.twitter.com/N7HaEtlETx।वाराणसी में बाबा विश्‍वनाथ की पूजा के बाद डमरू वादन की प्राचीन परंपरा रही है। इस दौरान डमरू दल ने बाबा दरबार में पीएम के दर्शन पूजन करने के बाद डमरू वादन शुरू किया तो पीएम मोदी खुद ही उनकी ओर खिंचे चले गए। इसके बाद एक डमरू वादक से उन्‍होंने डमरू हाथ में लेकर खुद ही बजाना शुरू कर दिया। इस दौरान जिसने भी देखा वह पीएम के डमरू वादन को देखकर हैरान रह गया। खुद डमरू वादक भी पीएम नरेन्‍द्र मोदी के हाथों में भारी भरकम डमरू बजता देखकर एक बारगी हैरान नजर आए। वहीं डमरू वादक दल का पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने भी अभिवादन किया। ।वाराणसी में बाबा विश्‍वनाथ के किसी भी आयोजन में उनके त्रिशूल में बंधे डमरू को बजाने की परंपरा रही है। वाराणसी में डमरू दल सांस्‍कृतिक दल पर ऐसे आयोजनों में अपनी मेधा का प्रदर्शन करता रहा है। शुक्रवार को इसी परंपरा का निर्वहन डमरू दल बाबा दरबार में कर रहा था कि पीएम नरेन्‍द्र मोदी डमरू दल की ओर सहसा मुढ़ गए और एक वादक से डमरू मांग कर बजाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की। इसके बाद हाथ में डमरू लेकर बाबा दरबार में पीएम ने डम डम डम की ध्‍वनि गुंजायमान कर बाबा को नमन किया। ।यह भी पढ़ें :  LIVE - PM Narendra Modi In Varanasi : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी काशी विश्‍वनाथ मंदिर से बीएचयू रवाना।यह भी पढ़ें : UP Election 2022: जानें पीएम मोदी की वेशभूषा के मायने, कैसे टोपी और गमछे से साधे एक तीर से दो निशाने।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd5570beb721e115dd2d9de4f02de1d07ba48047 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भदोही [राजीव दीक्षित]। भर राजवंश की राजधानी रही भदोही ने लगभग चार सौ वर्ष पहले ईरान से आये कालीन बुनाई के कुछ उस्तादों को आश्रय दिया था। तब से भदोही और कालीन एक-दूसरे के पूरक बन गए। यह बात और है कि कालीन नगरी के रूप में विश्वविख्यात भदोही में इस समय चल रहे शह-मात के चुनावी खेल में उतरे खिलाड़ी अपने विरोधियों को दांव देने के लिए सियासी फंदे बुन रहे हैं। जिले की तीन विधानसभा सीटों पर पिछली बार भदोही व औराई पर भाजपा काबिज हुई जबकि ज्ञानपुर सीट पर निषाद पार्टी जीती थी। इस बार भदोही जिले के चुनावी परिदृश्य पर रिपोर्ट-।भदोही की सर्वाधिक चर्चित ज्ञानपुर सीट पर सबकी निगाहें हैं। यहां से लगातार चार बार जीत का परचम लहरा चुके बाहुबली छवि के विजय मिश्र आगरा जेल में बंद हैं और पांचवीं बार विधानसभा पहुंचने के लिए गोटियां बिछा रहे हैं। तीन बार सपा और पिछली बार निषाद पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतने वाले विजय मिश्र इस बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के प्रत्याशी हैं। उन्हें घेरने के लिए भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने ब्राह्मण प्रत्याशी विपुल दुबे पर दांव लगाया है तो इलाके में बिंद बिरादरी की अच्छी खासी तादाद को देखते हुए सपा ने पूर्व मंत्री रामकिशोर बिंद को मैदान में उतारा है। बसपा ने सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी उपेंद्र सिंह तो कांग्रेस ने सुरेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। विजय मिश्र के जेल में होने के कारण जहां उनके प्रमुख कार्यकर्ता चुनाव प्रचार से हाथ खींचे हुए हैं, वहीं विरोधी मुखर हैं। प्रचार का दायित्व उनकी पत्नी एमएलसी रामलली मिश्रा और बेटी एडवोकेट रीमा पांडेय पर है जो चुनावी सभाओं में मतदाताओं को अपने आंसुओं का वास्ता दे रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50477e2fe34c59f550cb64e28ef9eb3add103c7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61752.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +भदोही में ज्ञानपुर से सपा के राम किशोर, भामापसा के रामधनी प्रत्याशी हैं। मऊ सदर से राम किशोर, मधुबन से रामविलास चौहान व रामप्रवेश, मोहम्मदाबाद गोहना से श्रीराम सोनकर हैं। चंदौली में सकलडीहा से रामधारी यादव, चकिया से कांग्रेस के रामसुमेर राम, रामकिशुन व रामअवध प्रत्याशी हैं। जौनपुर में मडिय़ाहूं से रामधारी, बदलापुर से रामगोविंद सिंह व केराकत से रामबचन भाग्य आजमा रहे हैं। + +कई शंकर भी चुनाव मैदान में : राम के साथ ही भदोही में तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम से रविशंकर, बसपा के हरिशंकर, रसड़ा से बसपा के उमाशंकर, बलिया से भाजपा के दयाशंकर, बांसडीह से दयाशंकर, सोनभद्र के दुद्धी से कृपाशंकर, ओबरा से उमाशंकर चुनाव लड़ रहे हैं। वाराणसी दक्षिणी से भाजपा के डा. नीलकंठ ही चुनाव में हैं। इसी प्रकार सूर्य और उसके पर्यायवाची नाम वाले दर्जनों लोग हैं। श्याम-कृष्ण के साथ दयानिधि, लक्ष्मण, दीनानाथ, रघुनाथ भी हैं। + +राम नाम से बुलाने की परंपरा बरकरार : हिंदू धर्म में राम नाम बहुत ही आदर और सम्मान से लिया जाता है। सरयू नदी के एक किनारे अयोध्या है तो दूसरे किनारे पर गोंडा का नवाबगंज व बस्ती का रामजोत क्षेत्र है। यहां आज भी लोगों के नाम के आगे राम जोड़ कर बुलाया जाता है। जैसे आपका शुद्ध नाम अगर आशीष कुमार है तो बुजुर्ग आपको राम आशीष कहकर बुलाएंगे। उनका मानना है कि इसी बहाने वह राम का नाम लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab38f3ed207d3c340ecf946fe100a4607c39e602 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61753.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, जेएनएन। Himachal Pradesh Budget Highlights, हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल का पांचवां व आखिरी बजट पेश किया। मुख्‍यमंत्री चुनावी वर्ष के बजट में हर वर्ग का ध्‍यान रखने का प्रयास किया। दिल्‍ली के मोहल्‍ला क्‍लीनिक की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में सीएम मोबाइल क्‍लीनिक की शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा बाल पोषण योजना की भी शुरुआत करने की घोषणा की गई। पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़े बजट की घोषणा की गई। रोजगार को लेकर सरकार ने बड़ी राहत दी है। पढ़‍िए जयराम सरकार के बजट की दस बड़ी घोषणाएं...।यह भी पढ़ें: Himachal Pradesh Budget: 30 हजार को रोजगार, कर्मियों व जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ा, यहां पढ़ें बजट पूरा बजट ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32072fc60c1140ce6289a2918f27508bcaf790be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61755.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. गौर हरि सिंहानिया अस्तित्व में लाए।पुस्तकालय प्रभारी नवीन कुमार पाठक ने बताया कि वर्ष 1919 में संस्था पंजीकृत हुई।  24 नवंबर 1939 को डा. गौर हरि ङ्क्षसहानिया ने भवन में पुस्तकालय स्थापित कर उसे अस्तित्व में लाए। यहां पर महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग वाचनालय व शौचालय, पंखा, शुद्ध पेयजल, लाइटिंग सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। पुस्तकालय का सदस्यता शुल्क 100 रुपये प्रतिमाह निर्धारित है। सुबह 10:30 बजे से शाम 5:45 बजे तक के अंतराल में पुस्तकालय सदस्य किताबों का अध्ययन करने के लिए पहुंचते हैं। + +ये किताबें पुस्तकालय में उपलब्ध हैं।उपन्यास खामोश होते सवाल, द्वंद, अनुत्तर योगी, पिशाच कुत्ता, चिता की लपटों से, चंद्रकांता, कालिदास ग्रंथावली, कादंबरी एक सांस्कृतिक अध्ययन, पद्मावत काव्य, मधुमालती भारतीय रंगमंच का विवेचनात्मक इतिहास, हास्य कहानी मौलान की पड़ोसन, अस्थि ङ्क्षपजर, कानपुर का इतिहास सहित कई उपन्यास, दर्शनशास्त्र, कहानी, काव्य, निबंध, समाजशास्त्र सहित नामचीन लेखकों की किताबों का संग्रह पुस्तकालय की अलमारियों में सहेजी गईं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eed3d26ebcc6b8176ca71b55f1b75ca14835443f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक मिश्रा। पानी और कृषि का तालमेल ऐसा है कि थोड़ा भी बिगड़े तो दुनिया की आधी आबादी सीधे प्रभावित हो जाती है। एशिया में भारत और खासतौर से उप-अफ्रीकी देशों में जल और कृषि का तालमेल बिगड़ने से देशों का आर्थिक पहिया डगमगा जाता है और उसका खामियाजा सबसे पहले श्रमिकों को उठाना पड़ता है। इनमें महिलाओं की संख्या भी करीब आधी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61763.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbbc769e1aecfb9e28be8ea07f8a1b8ea9094e74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61763.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जागरण स्पेशल। खेरसोन यानी यूक्रेन के दक्षिण में स्थित पहला बड़ा शहर जिस पर रूस का कब्जा होने की बात सामने आई है। आखिर ऐसा क्या है जो इस शहर पर रूसी सेना के कब्जे को इतना महत्वपूर्ण बनाता है। इसके लिए हमें यूक्रेन और रूस के संदर्भ में खेरसोन के भौगोलिक और सामरिक महत्व को समझना होगा:।नदी के मुहाने पर है खेरसोन।मारिपोल पर भी बनी रणनीति।जल आपूर्ति की खुली राह।केवल 200 किमी दूर है ओडेसा।(इनपुट: अल जजीरा)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41222d5f4e2ffbb7f496219a2e227cec7ab63c4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61764.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण टीम। यूक्रेन संकट के बीच फंसे फर्रुखाबाद, उन्नाव और फतेहपुर के छह छात्र-छात्राओं की आखिरकार सकुशल वतन वापसी हुई। बच्चों को सामने देखकर माता-पिता की आंखें भर आईं। सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। कहा, यह भारत सरकार की शक्ति का ही परिणाम है जो बच्चे सुरक्षित घर लौटे। उन्नाव के लोकनगर क्रासिंग के निकट सत्तीदेवी मंदिर के पास रहने वाला मेडिकल छात्र अंशू शर्मा यूक्रेन से घर पहुंचा तो बताया कि भारत की ताकत का अहसास इसी से लगाया जा सकता है कि भारत का झंडा लेकर बार्डर के लिए आने वाले छात्रों के साथ यूक्रेन और रूस, किसी की सेना नहीं रोक-टोक नहीं कर रही थी। भारतीय ध्वज का दबदबा देख पाकिस्तान और नाइजीरिया के छात्र भी भारतीय ध्वज लेकर बार्डर तक पहुंचे। अंशू ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया स्वयं रोमानिया से अपने साथ प्लेन से मेरे समेत चार सौ छात्र-छात्राओं को अलग-अलग विमान से लेकर भारत आए हैं। रात 1:05 बजे हम लोग दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। यूपी भवन में ठहराया गया। उसके बाद सरकार ने सभी छात्रा-छात्राओं को गाड़ियों से उनके घर रवाना किया। ।उन्नाव के नवाबगंज ब्लाक के कुईथर गांव निवासी छात्र कुलदीप गुरुवार रात अपने घर पहुंच गया। सरकार की ओर से भेजे गए वाहन से घर पहुंचे कुलदीप के आने की राह तक रही मां ने उसे सीने लिपटा लिया तो पिता की आंखें भी खुशी से नम हो गई। सभी प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते थक नहीं रहे थे। कुलदीप के साथ वापस आए बच्चों में लखनऊ के आयुष द्विवेदी, सुलतानपुर के राहुल मिश्रा, बाराबंकी के प्रसून शुक्ला और क्यूरी श्रीवास्तव भी वाहन पर सवार थे। इन्होंने बताया कि हम लोग इंडियन फ्लैग लेकर निकले तो यूक्रेन व रूस के सैनिक भी मदद कर बार्डर के लिए रवाना करते रहे। विदेश में अपने तिरंगे की जो शान देखने को मिली, वो शक्तिशाली भारत की पहचान बता रही थी। सीना गर्व से चौड़ा हो गया। ।यूक्रेन से निकाला गया फर्रुखाबाद जिले के निवासी छात्र अनिकेत वर्मा भी गुरुवार सुबह सकुशल घर पहुंचा। माता-पिता और अन्य स्वजन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भोलेपुर की विश्वकर्मा कालोनी निवासी अनिकेत ने हंगरी से घर पहुंचाने तक की सरकार की व्यवस्था की सराहना की, लेकिन यूक्रेन से हंगरी तक पहुंचने के सफर को बेहद कठिन बताया। दिल्ली एयरपोर्ट से यूपी भवन लाने के बाद उनके सहित चार छात्रों को कार से घर तक भेजा गया। उधर, शहर के ही डा. सुनील शाक्य ने बताया कि उनकी पुत्री ईशा हंगरी से सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर आ गई। दिल्ली में उनके छोटे भाई के घर वह पहुंच गई है। कायमगंज के गांव कुबेरपुर निवासी छात्र अब्दुल गौस खां एक मार्च को यूक्रेन से बस के जरिए पोलैंड पहुंच गया था। वह अपने अन्य साथियों के साथ इंडियन एयर फोर्स के विमान से गाजियाबाद में उतरा, तो वहां सबके चेहरे खुशी से खिल गए। वह टैक्सी से दिल्ली के ओखला में अपनी बड़ी बहन गजल व बहनोई अथर इब्राहिम के घर चला गया। फतेहपुर जिले के अमौली ब्लाक के सैंथी गांव निवासी छात्रा सुप्रिया पटेल भी यूक्रेन से लौट आई है। सुप्रिया ने कहा कि सरकार के प्रयासों की शुक्रगुजार हूं। 28 फरवरी को रोमानिया की दूसरी उड़ान में उसे जगह मिल गई थी। वह पिता नवल किशोर, माता और भाई इंजीनियर आशीष पटेल के संग बर्रा-आठ कानपुर में रह रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74f3038d1035f73a145868bfd98789532a8e0945 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61767.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह महत्वपूर्ण है कि विदेश मंत्रलय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी सांसदों को यूक्रेन मामले में जो जानकारी दी, उस पर उन्होंने संतुष्टि प्रकट की। इन विपक्षी सांसदों ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के सरकार के प्रयासों पर एकजुटता भी दिखाई। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि इस बैठक में गए विपक्षी सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ आए निंदा प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहने के सरकार के फैसले का आम तौर पर समर्थन किया। + +विदेश नीति के मामले में ऐसा ही होना चाहिए, क्योंकि विदेश नीति किसी दल की नहीं, बल्कि देश की होती है। इसी कारण विदेश नीति के मामले में पक्ष-विपक्ष में सहमति की एक समृद्ध परंपरा रही है। इस परंपरा का निर्वाह होता रहे, इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों को ही प्रयास करने चाहिए। इसे रेखांकित करना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि अतीत में कुछ मामलों में इस परंपरा का उल्लंघन होता हुआ दिखा। क्या इसकी अनदेखी की जा सकती है कि लद्दाख में चीनी सेना के साथ झड़प के बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल किस तरह सरकार पर हमलावर हो गए थे? इसे भी विस्मृत नहीं किया जा सकता कि डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी किस तरह भारतीय विदेश मंत्रलय को सूचित किए बगैर चीनी राजदूत से मिलने चले गए थे? इसी तरह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साहसिक फैसले के बाद कुछ विपक्षी नेताओं की ओर से ऐसे बयान दिए गए थे, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान ने अपने पक्ष में किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..283b15cc9977f78674933680ce17ea2bfaf95c6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61768.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। पीएम नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी दो मार्च की शाम से ही सपा गठबंधन के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए पहुंच चुकी हैं। पूर्व में सिर्फ तीन मार्च की जनसभा तक ममता बनर्जी का वाराणसी दौरा सीमित था लेकिन अब ममता बनर्जी शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ रोड शो में भी शामिल हो रही हैं। दरअसल ममता बनर्जी का वाराणसी दौरा यहां के बंगीय समाज के बहुतायत संख्‍या में होने की वजह से है। बिहार और बंगाल से आकर वाराणसी में बसे लोगों के होने के साथ ही बंगीय बुद्धिजीवियों की निर्णायक सियासी भूमिका भी किसी से छिपी नहीं है। + +बंगीय समाज के रिश्‍ते और जड़ें बंगाल से जुड़े होने की वजह से बंगीय समाज के बीच ममता बनर्जी एक बड़ा चेहरा रही हैं। इस लिहाज से ममता बनर्जी का पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने के लिए ही यह अंतिम दौर के मतदान के लिए आना महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। गुरुवार को ममता बनर्जी की सभा में भी बंगीय समाज से पहुंचे लोगों के हाथ में बंंगाली पोस्‍टर बैनर साफ नजर आ रहे थे। इससे स्‍पष्‍ट है कि ममता के वाराणसी आने से बंगीय समाज के बीच अपनत्‍व का संदेश जरूर गया है। वहीं रोड शो के लिए भी ममता का दौरा वाराणसी में एक दिन और बढ़ गया है। जबकि रोड शो भी बंगीय समाज से जुड़े लोगों की बहुलता वाले क्षेत्र में ही आयोजित किया जा रहा है।   ।यह भी पढ़ें : UP Election 2022 : वाराणसी में ममता-अखिलेश की जनसभा में उमड़ी भीड़, देखें कार्यक्रम स्‍थल की तस्‍वीरें।वहीं सियासी दलों की नजर अब विधान सभा के अंतिम चरण के मतदान पर टिकी हुई है। इस क्रम में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा चार मार्च को मऊ, गाजीपुर व चंदौली में जनसभा प्रस्तावित है। वहीं रात आठ बजे से दस बजे तक बनारस में पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी संग रोड शो करेंगे। जिला प्रशासन ने रोड शो करने के लिए दो घंटे की अनुमति सपा को दी है। रोड शो भारत माता मंदिर से सिगरा, रथयात्रा चौराहा, गुरुबाग, लक्सा से होते हुए गिरजाघर पर समाप्त होगा। इस दौरान रास्ते में किसी भी स्थान पर जनसभा करने की अनुमति नहीं होगी। यही नहीं रोड-शो के दौरान कोई भी नेता या कार्यकर्ता को फ्लैक्सी बोर्ड, कटआउट, होर्डिंग बैनर लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी। सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा के अनुसार रोड में सभी प्रमुख स्थानों पर सपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd35e03fae45834c705aac91cc48c6be97c3d6a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61769.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पुतिन का यह दुस्साहस कोई नया नहीं है। इससे पहले 2008 में रूस द्वारा जार्जिया और 2014 में क्रीमिया पर बेशर्मी से कब्जा संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन था। मध्य यूरोप का मानचित्र बदलने की रूसी महत्वाकांक्षा की 21वीं सदी में कोई और मिसाल नहीं मिलती। पूर्ववर्ती सोवियत संघ की साम्राज्यवादी शैली वाले गौरवशाली अस्मिता बोध से कुप्रेरित रूसी हमले में एक संप्रभु राष्ट्र की पहचान समाप्त होने का संकट वास्तव में विधिसम्मत संचालित अंतरराष्ट्रीय ढांचे की परीक्षा लेने वाला है। + +जब दुनिया कोविड महामारी के कोप से बाहर निकलने में जुटी थी, तब रूसी हमले ने वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा दिया। इसने वैश्विक शांति सुनिश्चित करने के दायित्व से बंधी संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं की भूमिका एवं प्रासंगिकता पर भी नए सिरे से प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं। कमजोर बहुसंख्या किस प्रकार वीटो से लैस ताकतवर अल्पसंख्या के समक्ष निष्प्रभावी हो जाती है, इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र में सुधार अपरिहार्य हो गए हैं। आखिर यह कितनी शर्मनाक स्थिति है कि आक्रांता ही अपने विरुद्ध लाए प्रस्ताव पर निर्णय-नियंता बन जाए। यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में आए प्रस्ताव पर यही देखने को मिला। + +आत्मरक्षा की आड़ में यूक्रेन के ‘विसैन्यीकरण’ के लिए रूस ने जो विशेष सैन्य अभियान चलाया है, वह एक तरह से खुद को दिए घाव पर मरहम लगाने जैसा है। यूक्रेन को अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के पाले में जाने से रोकने और पूर्व सोवियत संघ के खोए गौरव को पुन: हासिल करने की चेष्टा में यह रूस का स्वरचित घटनाक्रम है। इससे पहले जार्जिया, क्रीमिया, माल्डोवा और डोनबास में पुतिन के दांव एक सोची-समझी रणनीति के तहत ही लगते हैं। पुतिन चीन के साथ मिलकर रूस के पुराने वर्चस्व को वापस पाने की कोशिश में लगे हैं। यूक्रेन युद्ध का परिणाम ही यह तय करेगा कि पुतिन अपने इन मंसूबों में कितने कामयाब होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61770.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61770.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26a2c44e3c2520ecaae87d3cd9e9c93a79ec9635 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61770.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/ अलवार, राज्य ब्यूरो। पढ़-सुनकर हैरानी भले ही हो, लेकिन सच यही है आंकड़ों में बढ़कर जमीन पर देश का वन क्षेत्र लगतार घट रहा है। आलम यह है कि 34 प्रतिशत वन क्षेत्र गायब हो चुका है, जबकि इसकी किसी को सुध ही नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर 34 प्रतिशत के इस आंकड़े में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा सहित कमोबेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का हिस्सा शामिल है। + +इस प्रेजेंटेशन के मुताबिक भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32.874 करोड़ हेक्टेयर है। इसमें से 23.5 प्रतिशत यानी 7.753 करोड़ हेक्टेयर जमीन को देश का कुल वन क्षेत्र बताया गया है। इसमें भी 4.422 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र आरक्षित वन, 2.122 करोड़ हेक्टेयर संरक्षित वन जबकि 1.207 अवर्गित वन क्षेत्र है। लेकिन आंकड़ों से अलग हकीकत यह है कि 5.166 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर तो वन क्षेत्र है मगर बाकी 2.587 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में कोई वन ही नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ccc27c6a81938d90c41f54419de6eeb6e4f04fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61771.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सरकार कर रही अच्छा काम।निखिल गार्डन, फेज वन निवासी भाव्या चौहान भी पिछले कई दिनों से खारकीव में फंसी थीं। लेकिन अब अपने कालेज के 100 विद्यार्थियों के साथ वह 14 किमी चलकर सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गई हैं। पिता डा. देवेंद्र चौहान ने बताया कि सभी बच्चों खारकीव से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं। यह भारत सरकार की बेहतरीन कूटनीति और राजनीति का ही असर है कि बच्चे इतने मुश्किल हालात से भी सुरक्षित निकलकर आने लगे हैं। सरकार अब भी लगातार कोशिश कर रही हैं, देर लग सकती है, लेकिन उम्मीद है सब सुरक्षित घर लौटेंगे। + +पहुंच रही हैं पोलैंड बार्डर।बसेरा एंक्लेव, दयालबाग निवासी हर्षा भी पिछले कई दिनों से खारकीव में फंसी थी। उन्होंने हास्टल के बाहर ब्लास्ट होते देखे। पिता सभाजीत ने बताया कि बेटी से संपर्क का माध्यम सिर्फ वीडियो कालिंग ही थी, इसलिए वह उससे कनेक्ट रहते थे। बेटी ने साथियों के साथ बंकर में छुपकर अपनी जान बचाई। दोपहर में खाना लेने निकले एक विद्यार्थी पर फायरिंग भी हुई। इससे हम सभी खौफजदा थे। लेकिन बेटी काफी जिद्दोजहद के बाद 25 विद्यार्थियों के ग्रुप के साथ रेलवे स्टेशन से पोलैंड बार्डर तक जाने वाली ट्रेन में सवार हो गए हैं। हालांकि उसमें चढ़ने के लिए उन्हें काफी धक्कामुक्की और परेशानियां झेलनी पड़ी। उन्हें बाहर खींचा भी जा रहा था। पोलैंड बार्डर पहुंचने पर उम्मीद है कि बेटी अब जल्द ही सुरक्षित घर लौट आएगी। + +ट्रेन थी फुल, खड़े होकर किया सफर।चाणक्यपुरी, साकेत कालोनी निवासी तरुण मोटवानी कीव में फंसे थे, लेकिन वह गुरुवार सुबह घर लौट आए। उन्होंने बताया कि उन्हें कीव से लवीव और फिर पोलैंड लाया गया, उस समय बार्डर खाली था, लेकिन अब वहां भीड़ लगी है। उनसे साथ 60 विद्यार्थियों के ग्रुप ने बार्डर पार किया था। वह अपने अनुभव बताते हुए खौफजदा हो जाते हैं, बताते हैं कि युद्ध छिडने के बाद हर जगह अलार्म बज रहे, जिसके बाद सभी बंकर में छिप जाते थे। उनके कैंपस में ही फायरिंग भी हुई थी। शाम होते ही पूरे कैंपस की लाइट बंद कर दी जाती थी। एंबेसी ने एडवाइजरी जारी करने के अलावा कुछ नहीं किया। वह भारी धक्कामुक्की के बीच सुबह 11 बजे ट्रेन में जैसे-तैसे सवार हुए, सिर्फ यूक्रेनियन लोगों को ही चढ़ाया जा रहा था और भारतीय लोगों को पीछे धक्का दिया जा रहा था। इस कारण ट्रेन ठसाठस भरी थी, आठ घंटे तक उन्होंने खड़े होकर सफर किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18fd40fc1635ba2088be5c41834405ca8708e43d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61773.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली / अलवर, राज्य ब्यूरो। सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जुलाई 2022 से देश भर में लगने जा रहे प्रतिबंध की तैयारियों के बीच सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की 'स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट रिपोर्ट 2022' चौंकाने वाले तथ्य सामने रखती है। रिपोर्ट के मुताबिक प्लास्टिक निर्भरता को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाना इतना आसान नहीं होगा। वह भी तब जब इसका कोई व्यावहारिक विकल्प नहीं खोजा सका है। रिपोर्ट में दिए गए रोजाना निकलने वाले प्लास्टिक कचरे के आंकड़े इस पर शहरों की निर्भरता को बखूबी बयां करते हैं। महानगरों की स्थिति तो और भी खराब है। + +पर्यावरण मंत्री के पास भी नहीं विकल्प।मंगलवार को नीमली/अलवर (राजस्थान) स्थित अनिल अग्रवाल पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान मेें सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की 'स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट रिपोर्ट 2022' जारी करने के क्रम में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी सिंगल यूज प्लास्टिक का कोई विकल्प नहीं बता सके। उन्होंने यह तो कहा कि एक जुलाई से देश भर में इस पर प्रतिबंध लग जाएगा लेकिन इसकी निर्भरता कैसे खत्म होगी, इसका उनके पास कोई रोड मैप नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..604cf7a3fa0e3b4da4e00b8ad8001cc4d5ca0eee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टेसू के फूलों से रंग बनाकर होली खेलने की परंपरा तो अपने देश में सदियों पुरानी है लेकिन रंगों से परेशान लोगों के लिए हर्बल गुलाल पिछले कुछ वर्षों में सामने आए हैं। ये दोनों ही होली खेलने वालों पर अपना कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते। टेसू के फूल वैसे से तो पूरे वर्ष बिकते हैं लेकिन होली के मौके पर इसकी बिक्री कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है क्योंकि अब भी बहुत से परिवार टेसू के रंगों से होली खेलना पसंद करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..640ccc0baf2c49eb21fb3fa0ed75e940d24a7607 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूक्रेन से लौटे छात्रों को टीका लगवाने का निर्देश।प्रेट्र के अनुसार भार्गव ने यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों से अपना टीकाकरण पूरा कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूक्रेन से वापस आए छात्रों ने अगर कोरोनारोधी टीका नहीं लगवाया है तो लगवा लें। स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, यूक्रेन से आने वाले लोगों और उनके स्वास्थ्य के संबंध में लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि हम लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। यूक्रेन से छात्र या जो भी वापस आ रहा है उसके लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा दिशा निर्देशों में बदलाव किया गया है ताकि वे समय पर पहुंच सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ba8579690f58e1c530c60f3d4879cd8d797d9a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61783.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं लेना पड़ेगा टिश्यू, सेंसर बताएगा परिणाम।प्रो. जयंत ने बताया कि वर्तमान में ओरल कैंसर की जांच करने के लिए मुंह में विभिन्न स्थानों से टिश्यू लेकर उनकी जांच की जाती है और परिणाम आने में काफी वक्त लगता है। ओरा स्कैन डिवाइस बिना टिश्यू लिए बहुत सूक्ष्म स्तर पर जाकर एआइ की मदद से जांच करती है। यह डिवाइस प्रारंभिक चरण में ही कैंसर का पता लगा सकती है। इससे दवाओं व अन्य उपचार से बीमारी ठीक की जा सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b190dfa928d30fe816a3a340f06fc6dcc047c4eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61784.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दो दिनों से थे भूखे। पिसोचिन के एक मिलिट्री स्कूल में शरण लेकर यूक्रेन से बाहर निकलने का इंतजार कर रहे ये 800 से अधिक भारतीय छात्र बीते दो दिनों से भूखे हैं। इनके लिए खाने का इंतजाम तो नहीं हो पाया है, लेकिन इनकी यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के हास्टल इंचार्ज ने फिलहाल दो बसों का इंतजाम किया है, जिससे 56 छात्रों को लवीव ले जाया जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि शेष छात्रों के लिए भी बसों का इंतजाम किया जा रहा है। + +हर तरफ तबाही का मंजर। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच खार्कीव में हर तरफ तबाही का मंजर है। पिसोचिन समेत खार्कीव शहर में अब भी लगभग दो हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। कुछ छात्र खार्कीव रेलवे स्टेशन के पास मेट्रो स्टेशनों और अंडरग्राउंड कमरों में छिपे हुए हैं। इस बीच, बुधवार रात मेट्रो स्टेशन में छिपे 15 से 20 भारतीय छात्र तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए ट्रेन में सवार होने में सफल हो गए और वे लवीव के लिए रवाना हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5082ba781a4413765a9f1947a0ff02fcf27033ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61785.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बड़ी तादाद में यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति।यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने यूरोपीय संसद में मंगलवार को कहा था, 'पिछले छह दिनों में यूरोप की सुरक्षा व प्रतिरक्षा में इतना इजाफा किया गया है, जितना पिछले दो दशकों में नहीं हुआ।' ब्रसेल्स, यूक्रेन को हथियार और धन देने के प्रयासों का यूरोपीयकरण कर रहा है, ताकि इस क्षेत्र का दबदबा कायम रहे। लेकिन, यूरोपीय हथियार क्या यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में समय पर पहुंच पाएंगे? अभी यह निश्चित नहीं है। ऐसे में ब्रसेल्स द्वारा किया जा रहा यह रणनीतिक प्रयास युद्ध के खतरों को विस्तार दे सकता है। पुतिन की तरफ से भी प्रतिक्रिया की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। वह कई बार कह भी चुके हैं कि नाटो यूक्रेन की मदद के जरिये रूस को खत्म करना चाहता है। परमाणु हथियारों को अलर्ट मोड पर रखने का आदेश देकर वह अमेरिका व यूरोपीय संघ को चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर उन्होंने युद्ध में दखल दिया तो अंजाम घातक होगा। + +युद्ध से सभी देशों को नुकसान।नाटो सचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग भी कह चुके हैं कि रूस की तरफ से छेड़ा गया युद्ध सभी सदस्य देशों को नुकसान पहुंचा रहा है। रक्षा अनुसंधान संस्थान रायल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के उप निदेशक मैल्कम चा‌र्म्स कहते हैं, 'रूस को सबक सिखाने के लिए यूक्रेन का समर्थन करना अच्छा है, लेकिन पुतिन की प्रतिक्रिया भी उम्मीद से परे होगी।'।स्पेन आज भेजेगा ग्रेनेड लांचर व मशीन गन की खेप।रायटर के अनुसार, स्पेन की रक्षा मंत्री मार्गरीटा रोबल्स ने स्थनीय समयानुसार बुधवार की देर रात कहा कि ग्रेनेड लांचर व मशीन गन समेत अन्य हथियारों की खेप शुक्रवार को यूक्रेन के लिए रवाना होगी। स्पेन से दो विमानों के जरिये भेजी जाने वाली इस खेप में 1,370 एंटी टैंक ग्रेनेड लांचर, हल्की मशीन गन तथा सात लाख राउंड राइफल व मशीन गन की गोलियां शामिल हैं। ये विमान यूक्रेन की सीमा से सटे पोलैंड में उतरेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97505c7a8d6332feb78784dfa6421e453a9578cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी नसीब खान में सब्जियों के विक्रेता रतन सोनकर बोले- गिरीश यादव घर में सुत्तल रहिएं तबो जीत जइहें। कैसे? जवाब आया-दूसरे दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी जो खड़े कर दिए हैं। योगी सरकार के आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश यादव बतौर भाजपा प्रत्याशी जौनपुर से दोबारा चुनाव मैदान में हैं। सपा ने यहां से पूर्व विधायक मोहम्मद अरशद खान तो बसपा ने सलीम खान को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक नदीम जावेद को मैदान में उतार कर इस सीट पर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। लेकिन भाजपा यहां से क्यों जीतेगी? 'मोदी-योगी बढ़िया काम करेलन। जब बीमारी ऊपर वाला भेजलस तो मोदी-योगी का करें। गरीबन के गल्ला मिलत हौ, घरो मिलल और शौचालय भी। ऊपर से कमाए खाए बदे दस हजार रुपया लोन मिलल, बिजनेस के लिए। केहु के और का चाही?' एक सांस में रतन कुमार सब बोल गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2920930de392e57f387d0293149e4dff562343c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61790.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अंतिम दो चरणों का मतदान पूर्वांचल की ही कहानी को ईवीएम में कैद करने जा रहा है। प्राकृतिक व सांस्कृतिक रूप से बेहद समृद्ध होने के बावजूद पूर्वांचल गिनती के चंद सालों पहले तक देश ही नहीं, प्रदेश का सबसे पिछड़े इलाके के रूप में होती थी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूर्वांचल पिछड़ेपन की यह बदनामी पांच साल पुरानी बात हो गई है। अब पूर्वांचल की चर्चा एक ओर विकास के तमाम सुनहरे पन्नों पर दर्ज है तो दूसरी ओर जनमानस के अंतर्मन में भी। लेकिन ये कार्य इतना आसान न था। + +पूर्वांचल के भविष्य को सजाने और संवारने का सिलसिला तब शुरू हुआ जब भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को 2014 के लोक सभा चुनाव में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से लड़ाने का फैसला लिया। ये एक राजनीतिक दूरदृष्टि ही नहीं बल्कि विकास को नए तरीके से पारिभाषित करने का संदेश भी था कि आने वाली सरकार का फोकस सर्व-स्पर्शी विकास और सर्व-स्पर्शी कल्याण है। वर्तमान में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 2014 में लोक सभा चुनाव के समय यूपी के प्रभारी के रूप में ही पूर्वांचल की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट निर्णय ले लिया था कि यदि यूपी में भाजपा की सरकार आती है तो पूर्वांचल को भी देश में विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने पूर्वांचल में विकास पर खासा जोर दिया। अब जगत प्रकाश नड्डा भी विकास की उस बयार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अविरल बहाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। + +कभी पूर्वांचल के खाते में न्यून औद्योगिकीकरण का दंश था। यह कलंक भी तेजी से मिटा है। ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना से हर जिले में एक विशिष्ट उत्पाद को उद्योग का दर्जा मिलने लगा है। गोरखपुर का टेराकोटा हो, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी हो या फिर बनारस की खास सिल्क सारी। हुनर के उद्यमिता ब्रांडिंग ग्लोबल हुई है। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा का माहौल बनने और ढांचागत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण से निवेश भी धरातल पर उतर रहा है। मोदी-योगी सरकार में एक ओर द्योगों के लिए माहौल तैयार किया गया तो साथ में कृषि और इससे जुड़े अन्नदाता के हितों का भी ख्याल रखा गया। उदाहरण के लिए किसानी को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर में करीब तीन दशक बाद बना नया खाद कारखाना, पिपराइच व मुंडेरवा में नई चीनी मिलें और पूर्वांचल के नौ जिलों को की खेती को सिंचित करने वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को कोई भी देख सकता है। पांच साल पहले तक इनमें से किसी भी परियोजना के चालू होने की आस जनता के मन में नहीं रह गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ea22aba7be8622816eb105ace79528dc5de911c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वदेशी निर्मित। आग लगने के दौरान इस सूट का इस्तेमाल कर दमकलकर्मी और सैन्यकर्मी प्रभावी ढंग से अपना बचाव कर सकेंगे और आग से निपट सकेंगे। सूट की बाहरी लेयर एंटी स्टैटिक फ्लेम रिटारडेंट मैटेरियल से बनी है जो आसानी से आग नहीं पकड़ता है। वहीं, दूसरी और तीसरी लेयर में इस्तेमाल किया गया फैब्रिक नमी व थर्मल बैरियर का काम करता है। डा. प्रसून ने बताया कि स्वदेशी फायर सेफ्टी सूट तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इस पर एक-डेढ़ साल में काम पूरा हो जाएगा। अभी जो सूट बन रहे हैं उनकी लेयर और लेयर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला फाइबर विदेश से आयात होकर प्रोसेस करके तैयार किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4104437593f9fe41903433be0ed8a10ac2246ccb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल ‘पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना' के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने की घोषणा की थी, लेकिन इस योजना का लाभ केवल वही लोग उठा सकते हैं जिनके पास राशन कार्ड है। अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं और आपके पास राशन कार्ड नहीं है तो पहले अपना राशन कार्ड बनवाएं। राशन कार्ड बनवाने के लिए आपको किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि डिजिटल इंडिया के तहत अब राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू हो गई है। राशन कार्ड दो कैटेगरी में बनाए जाते हैं। गरीबी रेखा से नीचे यापन करने वाले लोगों के लिए बीपीएल राशन कार्ड और गरीबी रेखा से उपर यापन करने वालों के लिए बिना बीपीएल राशन कार्ड होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db61850ed4d7781e8fb7de8a1bd460446af3727b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61795.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कृषि विभाग से बाड़ लगाने संबंधी जानकारी मिलने पर तारा देवी ने लगभग पांच बीघा कृषि भूमि पर मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा संचालित करंटयुक्त बाड़ लगाने के लिए आवेदन किया। इस योजना की सहायता से तारा देवी ने लगभग दो लाख 56 हजार 825 रुपये की लागत से खेतों के चारों ओर 2295 मीटर सौर संचालित करंटयुक्त बाढ़ लगवाई। इस पर उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से कृषि विभाग के माध्यम से 2 लाख 5 हजार 460 रुपये का अनुदान दिया गया। जबकि तारा देवी ने सोलर संचालित बाड़ लगाने के लिए अपनी जेब से मात्र 51 हजार 365 रुपये ही खर्च किए। + +उनका कहना है कि सोलर बाड़ के अनेक फायदे हैं। बाड़ में हल्का सा सौर आधारित करंट होने के कारण कोई भी जानवर इसके नज़दीक नहीं आता और यदि कोई जानवर खेत मेें प्रवेश करने की कोशिश करता भी है। तो बाड़ के संपर्क में आते ही वह तुरंत दूर भाग जाता है। दोबारा नज़दीक आने की कोशिश नहीं करता है। सोलर बाड़ लगाने के बाद उन्हें विशेष रूप से बंदरों से बहुत राहत मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61796.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8ae602a8718bd269f0db105a2edac6789192fc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61796.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। रूस के खिलाफ यूक्रेन को पश्चिमी देशों से अत्याधुनिक हथियार मिलने लगे हैं। बीते दिनों जर्मनी ने अपनी बरसों पुरानी नीति बदलकर यूक्रेन को हथियार देने का ऐतिहासिक फैसला किया। अन्य देश भी आगे आए हैं। यूक्रेनी सेना जिन हथियारों का प्रयोग युद्ध में रूस के खिलाफ कर रही है, उसमें तुर्की में बना ड्रोन खास और चर्चित है। अमेरिकी मिसाइल से भी यूक्रेन रूसी सेना पर हमले कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a77bfaaee7c51e299e88c0e63ba689907eee1940 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, हंसराज सैनी। Russia Ukraine War Latest News, यूक्रेन के खार्कीव शहर में रूस मिसाइल पर मिसाइल गिरा रहा है। चारों तरफ भारी बमबारी हो रही है। मौत सिर पर मंडरा रही है। सात दिन से बंकर में रहने से अब हौसला टूटने लगा है। मंडी जिले के सुंदरनगर के अंकुर चंदेल ने भावुक करने देने वाला वीडियो स्वजन को भेजा है। अंकुर चंदेल ने स्वजन से गुहार लगाई है कि जैसे कैसे भी संभव हो वह यूक्रेन से बस सुरक्षित बाहर निकालें। अंकुर चंदेल खार्कीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है। कुछ माह पहले ही खार्कीव गया था। इस वजह से वहां की भौगोलिक परिस्थिति से इतना ज्यादा परिचित नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55f8c5edad85375f958d28945522275c1ccab14a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61801.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, लुधियाना। यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हालात के बीच खाद्य तेलों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसी बीच वेरका व अमूल ने भी दूध का मूल्य दो रुपये बढ़ा दिया है। मूल्य बढ़ोतरी ने हलवाइयों को चिंता में डाल दिया है। उनका कहना है कि पिछले साल डेयरी संचालकों ने दूध के मूल्य तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ाए थे।अब वेरका व अमूल की ओर से रेट बढ़ाए जाने के बाद डेयरी संचालक भी दूध के रेट बढ़ाएंगे। इसकी सबसे ज्यादा मार पहले ही संकट में चल रहे हलवाई कारोबार पर पड़ेगी। + +कारोबारी बोले, आने वाले दिनों में मिठाई भी हो सकती है महंगी।श्रमण स्वीट्स के बिपिन जैन, सरताज नमकीन के डुंगर सिंह, लायलपुर स्वीट्स के प्रवीण खरबंदा व कपिल खरबंदा, सीता राम नमकीन एंड बेकरी के नरिंदर कुमार, हकीकत स्वीटस से अशोक कुमार, शुद्ध मिष्ठान से हर्ष कुमार, कृष्ण स्वीट्स से कृष्ण देव, नरेश स्वीट्स के नरेश कुमार बुद्धिराजा, बीकानेर स्वीटस के हुकम सिंह राजपुरोहित, ओम बीकानेर स्वीटस के अजरुन सिंह राजपुरोहित, दयाल स्वीट्स के जरनैल सिंह, ढींगरा स्वीट्स दुगरी से जनकराज, बंगाली स्वीट्स अग्र नगर से विक्की नारंग, गोपाल जी फ़ूडस से साहिल कुमार, गोपाल साइट्स मल्हार रोड से मनिंदर सिंह व जीएस खालसा स्वीटस के बलविंदर सिंह ने भी कच्चे माल की बढ़ रही कीमतों को लेकर चिंता जताई है। साथ ही यह साफ किया है कि यदि कच्चा माल इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में मिठाई की कीमतों में भी इजाफा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61802.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83791d3879e40c4fd18583357fa354023c34694d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत का परमाणु प्रतिरोध : इस समूचे परिदृश्य में भारत को लाया जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि सीमाओं की रक्षा और शांति कायम रखने के लिए परमाणु प्रतिरोध क्यों जरूरी है? हमारे देश के संदर्भ में यह प्रसंग इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उसके दो प्रमुख पड़ोसी देश-पाकिस्तान और चीन परमाणु संपन्न मुल्क हैं। चीन न सिर्फ गिनती में हमसे आगे है, बल्कि उसने जिस तरह अपने यूमेन शहर के पास रेगिस्तान में सौ से अधिक (119) मिसाइल साइलोज (मिसाइल रखने के ठिकाने) बनाए हैं, उसने भारत की चिंताएं काफी ज्यादा बढ़ा दी है। दावा है कि चीन इन ठिकानों का इस्तेमाल तरल ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को रखने के लिए कर रहा है। परमाणु हथियारों से लैस ये मिसाइलें लंबी दूरी तक मार कर सकती हैं। जिस देश के पास परमाणु संपन्न बैलिस्टिक मिसाइलें होती हैं, वह उनके बल पर शत्रु पड़ोसियों के हमलावर रुख को शांत करने में कामयाब हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77ab305388d07948edd26fece2882c64fa9b2c0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61803.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विभाग के अनुसार इनमें से कुछ जीव व पक्षी यहीं पाए जाते हैं, जिन्हें पहले बहुत कम देखा गया है। भारतीय वन्य प्राणी सर्वेक्षण विभाग सोलन की टीम ने तीन साल सर्वे किया है। विभाग की सोलन प्रभारी डा. अवतार कौर सिद्धू का कहना है कि लाहुल-स्पीति में किए सर्वे की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। अब विभाग की टीम लद्दाख में सर्वे कर रही है कि यहां कितने वन्य प्राणी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61804.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66950e15813d5076055bacf59f96526ecbcfdf65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61804.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, डा. संदीप शर्मा। पापा, खारकीव पर रूस बड़ा हमला करने वाला है। हमें रात नौ बजे तक खारकीव छोडने की वार्निंग एडवाइजरी जारी हुई है।इसलिए खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के हम सभी 600 भारतीय विद्यार्थी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में भूखे-प्यासे भटक रहे हैं। सुबह रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन भीड़ ने हमें ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया। अब पैदल ही सुरक्षित ठिकाने की तलाश में निकल पड़े हैं। स्थिति यह है कि तीन दिन से हम 10 विद्यार्थी एक पैकेट बिस्कुट को आपस में बांटकर अपनी भूख मिटा रहे हैं। + +तहसीलदार सदर ने लिया हालचाल।बुधवार शाम को तहसीलदार सदर रजनीश कुमार ने अंजली के घर जाकर पीड़ित परिवार से बातचीत कर उन्हें बेटी की सुरक्षित वापसी का भरोसा दिलाया। परिवार का कहना है कि इतने बुरे हालात की जानकारी जब सरकार को पहले से थी, तो उन्होंने इतनी स्ट्रांग वार्निंग पहले क्यों नहीं दी। अब बच्चे फंसे हैं और उन्हें निकालने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे है, ऐसे में उन्हें कैसे बचाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdf0d3c8cc464f67f18cc602b8f34e084a3c5ca2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। मौसमी उतार-चढ़ाव के बीच दिल्ली-एनसीआर में गर्मी में इजाफा होना जारी है और ऐसा लगने लगा है जैसे ठंड सिर्फ सुबह और शाम को मेहमान की तरह है। आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में गर्मी हावी होगी और ठंड यहां से पूरी तरह से नदारद हो जाएगी। मौसम विभाग के मुताबिक, होली यानी 18 मार्च तक गर्मी लोगों को परेशान करना शुरू कर देगी। इस बीच एसी-कूलर चलाने तक की भी नौबत आने के आसार हैं। वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को आंशिक रूप से बादल छाने के साथ बारिश होने के भी आसार हैं। इस दौरान 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61806.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af3d7881d228e8202c247e8d87084c73f5abf646 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनकी सटीक रिपोर्ट देगा रोबोट।-शरीर का तापमान।-हृदय की धड़कन।-रक्तचाप को मापना।-आक्सीजन का स्तर।-रिमोट आधारित यह रोबोट कमांड देते ही मरीज के पास पहुंच जाएगा। मरीज रोबोट के हाथनुमा प्लेटफार्म में अपना हाथ रखेगा और उसकी जांच पूरी हो जाएगी। महज 10 से 15 सेकेंड में पूरी जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी। भविष्य में और जांचों के लिए भी व्यवस्था करेंगे। -डा. निर्विकार शरण कटियार, प्रोफेसर कंप्यूटर साइंस एंड डीन आफ एकेडेमिक्स, प्रभात इंजीनियरिंग कालेज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3eb5876b728593ca53d3fb7d909427b2bf7651b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61808.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण पहले जाड़े में दम घोंटता था, अब वर्ष भर रहता है। राजधानी में यमुना की हालत भी अच्छी नहीं है। इस दिशा में केंद्र सरकार क्या प्रयास कर रही है, यह जानने के लिए संजीव गुप्ता ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से बातचीत की। मालूम हो कि पर्यावरण मंत्री मंगलवार को नीमली/ अलवर (राजस्थान) स्थित अनिल अग्रवाल पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान में सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) द्वारा ‘महामारी और जलवायु परिवर्तन की दोहरी चुनौती’ विषय पर आयोजित चार दिवसीय कांक्लेव में ‘स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट रिपोर्ट 2022’ जारी करने गए थे। + +दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार क्या कर रही है?।-ईस्टर्न और वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दिल्ली में वाहनों का दबाव ही नहीं, प्रदूषण भी घटा है। गैस पाइपलाइन बिछाने का उपाय भी कारगर रहा है। वाहनों के धुएं से निपटने की दिशा में बीएस-6 ईंधन भी खासा मददगार साबित हो रहा है। हालांकि पिछले सालों के मुकाबले इस बार सर्दियों में प्रदूषण कम रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0f6da47073077d9d87071a76e78bca6ef5c5a45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61809.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जानकारी के मुताबिक इससे पहले देश में श्रीनगर में एक मात्र टयूलिप गार्डन था, जिसे देखने के लिए देश भर में लोग जाते हैं। इस गार्डन से तैयार होने वाला टयूलिप पौधा यूरोप में निर्यात किया जाता है। वहीं भारत के टयूलिप के पौधे नीदरलैंड, होलेंड और अफगानिस्तान से आयात किए जाते हैं। मुख्य रूप से भारत के लिए अफगानिस्तान की आयात का मुख्य माध्यम है। अब अफगानिस्तान के हालातों को देखते हुए आयात करना संभव नहीं रहा है। ऐसे में सीएसआइआर आइएचबीटी ने लाहुल-स्पीति और लद्दाख के किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए वहीं टयूलिप के पौधे तैयार किए हैं। पहाड़ी इलाकों में टयूलिप ज्यादा पनपता है। गार्डन में लगाए जाने वाले फूलों से सुंदरता के चार चांद लग जाते हैं। + +फिल्मी दुनिया को आकर्षित करेगा गार्डन।पालमपुर के बाद धर्मशाला में भी शहर से दूर थोड़ी पहाड़ी क्षेत्र में बनाया जा रहा है। टयूलिप गार्डन बनने के बाद स्मार्ट सिटी बन रहा धर्मशाला फिल्म सिटी के रूप में उभरेगा। श्रीनगर टयूलिप गार्डन में कई विज्ञापनों, बालीवुड व हालीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इसके बनने से धर्मशाला में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fa755b33ab6a74a4f19452a8192c99a36f9147d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61810.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। Russia Ukraine War News: रूस यूक्रेन युद्ध का आज सातवां दिन है। भारत के आम नागर‍िक का इस युद्ध से भले ही कोई लेना देना न हो, लेकिन उनकी दिलचस्‍पी इस जंग में बढ़ती जा रही है। कई तरह के सवाल उसके मन में एक साथ कौंध रहे हैं? मसलन क्‍या यह जंग विश्‍व युद्ध में तब्‍दील हो जाएगा? अगर विश्‍व युद्ध हुआ तो अमेरिका की क्‍या भूमिका होगी? महायुद्ध के बाद क्‍या होगा? इस युद्ध में भारत की क्‍या भूमिका होगी? क्‍या भारत और रूस की दोस्‍ती कायम रहेगी? क्‍या भारत हरदम रूस का साथ निभाता रहेगा? विश्‍व युद्ध में चीन और पाक‍िस्‍तान की क्‍या भूमिका होगी? आदि-आदि। आइए जानते हैं इस पर प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रेटजिक स्टडीज प्रोग्राम के निदेशक)  की क्‍या राय है। + +क्‍या रूस यूक्रेन जंग एक विश्‍व युद्ध की ओर बढ़ रहा है, क्‍या महायुद्ध का खतरा दुनिया के समक्ष है?।1- मेरी नजर में विश्‍व युद्ध का खतरा नहीं है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इसमें शामिल रूस एक परमाणु शक्ति संपन्‍न राष्‍ट्र है। उसके पास बड़ी मात्रा में परमाणु मिसाइलें हैं। उधर, यूक्रेन के समर्थन में शामिल अमेरिका और कई पश्चिमी देशों के पास परमाणु बम का जखीरा है। ऐसे में दोनों पक्ष अपनी सीमा रेखा को भलीभांति जानते हैं। इसलिए इसकी आशंका कम ही है कि यह युद्ध किसी महायुद्ध या विश्‍व युद्ध में तब्‍दील होगा। अलबत्‍ता अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर कठोर प्रतिबंध लगा सकते हैं। इसका असर रूस पर भयनाक पड़ेगा। रूस दुनिया के कई मुल्‍कों से अलग-थलग पड़ जाएगा। इसके दूरगामी परिणाम रूस के हितों पर पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61812.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f138fbe2660ef619b17bd09c1a831b0b2a4a952d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली की माह दर माह बदलती फिजा के बीच फरवरी के मौसम ने भी इस बार रंग बदल लिया। माह का अधिकतम तापमान औसत से ज्यादा रहा तो न्यूनतम सामान्य से नीचे दर्ज हुआ। जनवरी के बाद बारिश ने इस माह भी रिकार्ड बनाया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, फरवरी महीने का औसत अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस है, जबकि इस माह यह 0.4 डिग्री कम यानी 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। चार, पांच, छह व 27 तारीख को तापमान काफी कम जबकि आठ, नौ, 15, 16, 18, 22, 23 और 26 तारीख को काफी ज्यादा रहा। 19 तारीख को माह का सर्वाधिक 28.4 डिग्री रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47223e85e7e1325d767184aec6cc0c9873685eb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएफएस चतुर्वेदी ने कहा कि मौसम में आया बदलाव इन प्रजातियों के पुष्पण और फलत चक्र में परिवर्तन का कारण बना है। कहा कि पेड़-पौधों में फूल खिलने व फल लगने का निर्धारित चक्र है। समय से पहले यह प्रक्रिया होने से परागण प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इन चारों प्रजातियों के दृष्टिगत बात करें तो परागण में सहायक कीट-पतंगे आदि सामान्य रूप से मार्च में आते हैं। समय से पहले फूल खिलने से इनका चक्र गड़बड़ाएगा और इसका असर अन्य पेड़-पौधों पर पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fc4f267275a2d50d24767d261fa0fcd19421560 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61814.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बोले- रूस चाहे तो 24 घंटे में घुटने पर आएगा यूक्रेन।अभय सिंह ने कहा कि रूस की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने के लिए यूक्रेन की धरती का दुरुपयोग किया जा रहा है। रूस चाहे तो 24 घंटे में यूक्रेन को घुटने पर ला सकता है, लेकिन रूस की मंशा युद्ध की नहीं है। भारत ने जिस तरह पाकिस्तान में आतंकियों को सबक सीखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया था। यह सैन्य अभियान भी कुछ उसी तरह का है। आखिर रूस की संप्रभुता को प्रभावित करने वाली गतिविधि को नजरअंदाज कैसे किया जा सकता है। रूस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हैं। भारत को लेकर रूस का हमेशा सकारात्मक रुख रहा है। अमेरिका और यूरोप के कुछ देश रूस को कमजोर करना चाहते हैं, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे। मजबूत रूस ही भारत के हित में होगा। + + मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे रूस ।डा. अभय कुमार सिंह 1991 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस गए थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद पटना लौटे और कुछ दिन बाद सदा के लिए रूस लौट गए। पटना साइंस कालेज में उनके सहपाठी रहे नाला रोड के संतोष कुमार ने बताया कि रूस में पढ़ाई के दौरान वह काफी बढिय़ा रसियन सीख गए थे। वहां के लोगों से काफी मेल-जोल बढ़ गया था। इसका लाभ उन्हें वहां मेडिसिन का बिजनेस स्थापित करने में मिला। चंद वर्षों में ही अच्छा बिजनेस होने के बाद परिवार के अन्य सदस्य भी रूस चले गए थे। उनका रूस के कई शहरों में बड़ा बिजनेस है। कई माल है। डा. अभय 2015 में पुतिन की पार्टी जुड़े थे। इसके पहले वह चुनाव लड़ चुके थे। 2018 में वह पश्चिमी रूस के कुसर्स से चुनाव जीतकर प्रांतीय सभा के सदस्य बने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..459f8898ac13507cf1849c1cb4b6c553cbbb0869 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भदोही, जेएनएन। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया। भदोही जिले में बुधवार को चुनावी जनसभा के दौरान अपने तल्ख भाषण में उन्होंने तंज कसे। कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है, यह दलितों पिछडो का आरक्षण खत्म कर रही है, भाजपा को वोट देने वाले दलित-पिछड़े एक बार सोचें। उन्होंने कहा कि गांव को लोग घूम रहे सांड से भाजपा वालों को बांध दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59c96322ce5674fe9ddcd02784cddee08c8adf9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां पर ठहर सकते हैं।खीरगंगा के पास रुकने के लिए यहां छोटे-छोटे टेंट होते हैं। इसके जरिए यहां के लोग अपना रोजगार चलाते हैं। ट्रैकिंग की थकान के बाद ऊपर पहुंचने पर गर्म पानी का कुंड है, जो कड़कड़ाती ठंड में आपको राहत का एहसास दिलाता है। कुंड के पास ही मां पार्वती का मंदिर है और कुछ दूरी पर भगवान कार्तिके की गुफा मिलेगी स्थानीय लोगों की इस जगह पर अटूट आस्था है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c365226d5c0dc6a577c90330f9ffa6ad6f8d6262 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाथरस/सादाबाद, जागरण संवाददाता। यूक्रेन में युद्ध और धमाकों के बीच एक-एक पल दहशत में कट रहा था। इमरजेंसी की घोषणा के बाद से ही हालात बिगडऩे लगे थे। हम लोग भले ही पश्चिमी यूक्रेन के उजहोरोड शहर में थे, लेकिन डर कम नहीं था। हर तरफ भगदड़ का माहौल था। जो मंजर देखा वह डरावना था। घर जिंदा लौट आई हूं, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा। इसके लिए सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद.... यह बताते हुए सादाबाद की शिवानी गुप्ता का गला रुंध गया और आंखें झलक उठीं। सोमवार की देर रात घर पहुंची शिवानी ने मंगलवार को मीडिया के सामने यूक्रेन के हालात बयां किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34ddc6080540cbb7e9d5d3ffa2c329da94edb3e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6183.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संभावना सेठ ने सिद्धार्थ के फ्यूनरल से वापस आने के बाद बकायदा एक व्लॉग बनाया था। जिसे लेकर वो ट्रोलर्स के निसाने पर आ गईं। कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि संभावना ये सबकुछ केवल पब्लिसिटी के लिए कर रही हैं। हालांकि अब संभावना सेठ ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रोलिंग करने वालों को सफाई दी है। उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। संभावना ने अपनी सफाई में कहा कि ये सब उन्होंने सिद्धार्थ के फैंस के लिए किया। उनके फैंस को ये बातें जानने का पूरा अधिकार है। + +संभावना सेठ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए बैक टू बैक ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में संभावना ने लिखा, 'हम सेलेब्रिटीज के तौर पर और फैंस की तरह ही सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार के दौरान परिवार और दोस्तों को लेकर चिंतित थे। उसी तरह सिद्धार्थ शुक्ला के फैंस भी उनके परिवार और दोस्तों की फिक्र करते हुए उनके हालात जानने के लिए टीवी स्क्रीन से चिपके थे। सभी को जानने का हक था कि अंदर क्या चल रहा है।'।We being celebs were concerned as fans too to know about @itsSSR family and friends at his funeral.. Same way @sidharth_shukla fans were also glued with tv sets to know what his family and friends are going through. They have all the right to know what is happening inside.।अपने अगले ट्वीट में संभावना ने लिखा, 'फैंस को सोशल मीडिया के जरिए साधारण तौर पर जानकारी देना कोई क्राइम नहीं है, जब तक आप अंदर की कोई तस्वीरें या वीडियोज लीक नहीं कर रहे हैं। जो मैंने नहीं किया। जो लोग भी ओवर स्मार्ट बन रहे हैं वो भी सोशल मीडिया पर जानकारी पाने के लिए स्क्रोल कर रहे थे।' एक अन्य ट्वीट करते हुए संभावना ने लिखा, 'जो लोग मुझे व्लॉग बनाने के लिए दोषी मान रहे हैं, पहले जलन को साइड में रखकर मेरा पूरा व्लॉग देख लें। मेरा व्लॉग उसी तरह का था जिस तरह से एक्टिंग का डांसिंग का होता है।'।& giving a general insight to his fans through media or social media is not a crime unless you are leaking inside video or pictures. Which i didnt. Those who are becoming over smart with their tweets were also scrolling there social media feeds to know what was happening there.।And those blaming me for making a vlog of it, first of all go and watch my full vlog keeping your jealousy aside. I didnt show even single pic or video from there. Like your daily job is blaming. Mine is vlogging same as acting/dancing.।अब संभावना के इस पोस्ट पर लोगों की मिली- जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोग इसे लेकर संभावना का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं संभावना के खिलाफ बातें कर रहे हैं। बता दें कि संभावना के अलावा इसे लेकर राहुल वैद्य और राहुल महाजन भी ट्रोलिंग का शिकार हुए हैं। राहुल महाजन ने सिद्धार्थ के घर से आने के बाद इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने उनकी मां के साथ हुई बातचीत और शहनाज की हालत के बारे में जानकारी दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a00e8315bbeab4c113ba9fd1ab53c341b57c7ef1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हारकर भी जीतेंगे यूक्रेन के राष्ट्रपति और जीतकर भी हारेगा रूस। गौरतलब है कि कामेडियन रहे वोलिदिमीर जेलिन्सकी रूस के हमले के बाद से इतने मजबूत नजर आए हैं कि दुनियाभर में उनकी दिलेरी, उनकी राष्ट्रभक्ति, उनकी नेतृत्व क्षमता और उनकी कूटनीति की तारीफ हो रही है। वो सड़कों पर सेना की वर्दी में घूमकर अपने सैनिकों का हौसला बढ़ा रहे हैं, वो देश के हर तबके को राष्ट्रभक्ति दिखाने और हथियार उठाने को प्रेरित कर रहे हैं, वो देश छोड़कर भागने की सलाहों को दरकिनार कर जंग की विषम परिस्थिति में देश का नेतृत्व कर रहे हैं और रूसी सेना को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। साथ ही वो जंग के बीच, कभी यूरोपियन यूनियन में यूक्रेन को शामिल करने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो कभी यूरोपियन यूनियन को संबोधित कर रहे हैं। कभी नेटो व गैर नेटो देशों से मदद मांग रहे हैं तो कभी जी-7 की बैठक में शामिल हो रहे हैं। बहुत संभव है कि कुछ दिनों बाद ही रूस अपने पड़ोसी देश यूक्रेन को पराजित कर दे, लेकिन फिलहाल सच्चाई यही है कि यूक्रेन रूस को नाकों चने चबवा रहा है। यही वजह है कि पुतिन दिन बीतने के साथ अस्थिर दिखाई दे रहे हैं और परमाणु हमले तक की धमकी देने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a0979032ec14c76564432dea3f5e25f8d18861e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इटावा, जागरण संवाददाता। एक ओर जहां जनपद में छुट्टा गोवंश लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है वहीं दूसरी ओर इसका पालन पोषण कर शंभूनाथ महाराज इससे लाखों का व्यवसाय कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे लोगों की सेवा भी कर रहे हैं और लोगों को रोग मुक्त कर रहे हैं। उनकी गोशाला में इस समय लगभग 250 गायें हैं। गोसेवा के साथ-साथ जरूरतमंदों की सेवा भी हो जाती है। इस गोशाला को शासन की ओर से 173 गायों के पालन पोषण के लिए लगभग 5190 रुपया प्रतिदिन मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61834.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61834.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95a63e453c99fbff38be778433a5a2d81ca61f95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61834.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ मामलों में प्राकृतिक रूप से भी जंगलों में आग लग जाती है। जानवरों की आवाजाही से ऊंचे पहाड़ों से पत्थर लुढ़कते हैं, जो कई बार टकराहट में चिंगारी छोड़ जाते हैं। यह चिंगारी जब सूखी घास एवं पत्तियों के संपर्क में आती है तो जंगल में आग की घातक कहानी लिख जाती है। जंगलों की आग के लिए काफी हद तक चीड़ के पेड़ भी जिम्मेदार हैं। इनकी सूखी पत्तियां गर्मियों में जंगलों में आग फैलाने में पेट्रोल सरीखा काम करती हैं। साथ ही ये बारिश के पानी को जमीन में रिसने से रोकती हैं। चीड़ के जंगलों में कोई और पौध नहीं पनप सकती है। चीड़ की यह असहिष्णुता एवं विस्तारवादी प्रवृत्ति उत्तराखंड के वनों के लिए बड़ी चुनौती है। चीड़ के जंगलों को सुनियोजित तरीके से उपयोगी पेड़ों के जंगल में परिवर्तित किए जाने की आवश्यकता है, पर हो इसके उलटा रहा है। चीड़ के जंगल लगातार विस्तार पा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में चीड़ दिखाई नहीं देता था, ये आज वहां तक विस्तार पा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2faa8b05c4327f77b5f196d5b8dec3d0517866dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61835.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हर साल 1500 करोड़ के करीब हाेता है एक्सपोर्ट ।उद्योगपतियों ने केंद्र सरकार से इस विपदा की स्थिति में उनकी फंस गई रकम को निकलवाने या इसके आधार पर उन्हें राहत दिए जाने की मांग की है। बात पंजाब से यूक्रेन और रूस को एक्सपोर्ट की करें, तो हर साल 1500 करोड़ के करीब एक्सपोर्ट पंजाब से इन दोनों देशों को जाती है। जबकि इंपोर्ट की बात करें तो आयल से संबंधित कई उत्पाद 14000 करोड के करीब इंपोर्ट किए जाते हैं। इस युद्ध के चलते पंजाब के एक्सपोर्टरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। + +इंडस्ट्री ने सरकार से मदद की लगाई गुहार।ऑल इंडस्ट्री एंड ट्रेड फोरम के अध्यक्ष बदीश जिंदल ने कहा कि सरकार की ओर से दी जाने वाली गारंटी योजना को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में एक्सपोर्टरों के लिए रकम रुक जाने से दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मेक इन इंडिया को उत्साह देने के लिए कंपनियों की ओर से विभिन्न देशों में एक्सपोर्ट की जाती है। अब ऐसी गंभीर स्थिति में सरकार को आगे आकर इंडस्ट्री को मदद देनी चाहिए। लक्की एक्सपोर्टस के एमडी हरसिमरनजीत सिंह लक्की ने कहा कि इस समय भले ही हमें अपनी पेमेंट को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हम इस गंभीर स्थिति में अपने खरीदारों के साथ हैं। इस दौर में केंद्र सरकार को चाहिए कि जिन कंपनियों की पेमेंट्स रुक गई हैं, उनको ब्याज में माफी देकर यहां उनकी पेमेंट्स आने तक लिमिट में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e81d1bdeafd322ae0688ba435d358da6348cb9e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नागरिकों की सुरक्षा भारत सरकार के लिए सर्वोपरि।टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमारा विचार है कि मानवीय सहायता के मूल सिद्धांतों का पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए। तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में फंसे छात्रों सहित हजारों भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती चेकप्वाइंट पर जमीनी हालात बिगड़ने से हमारे निकासी प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यह रेखांकित करते हुए कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भारत सरकार के लिए सर्वोपरि महत्व की है, तिरुमूर्ति ने परिषद को बताया कि भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में विशेष दूत के रूप में तैनात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस कठिन समय में उनके सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। हम पड़ोसियों और विकासशील देशों के उन लोगों की मदद करने के लिए भी तैयार हैं जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं और मदद मांग रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23600a27905debd01f28f8a040beed75fa24bc30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61841.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस और यूक्रेन जंग के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस युद्ध के लिए अमेरिका कितना दोषी है। दरअसल, रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादीमीर पुतिन यह कहते रहे हैं कि अमेरिका ने नब्‍बे के दशक में वादा किया था कि सुदूर पूर्व में नाटो का विस्‍तार नहीं करेगा। पुतिन ने कहा कि लेकिन अमेरिका ने अपने इस वादे को नहीं निभाया। आखिर पुतिन किस वादे की बात कर रहे हैं। क्‍या सच में अमेरिका ने अपने वादे को तोड़ा है। क्‍या है उस वादे का सच। इस पर क्‍या है विशेषज्ञों की राय। + +1- दरअसल, रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन लंबे समय से यह दावा करते आए हैं कि अमेरिका ने नब्‍बे के दशक में वादा किया था कि सुदूर पूर्व में वह नाटो का विस्‍तार नहीं करेगा। उन्‍होंने कहा कि लेकिन अमेरिका ने अपने इस वादे को तोड़ दिया है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने रूस को निराश किया है। हालांकि, सावियत संघ के नेता मिसाइल गोर्बाचेव से इस बारे में क्‍या वादा किया गया था इसे लेकर दोनों पक्षों के मध्‍य मतभेद है। बता दें कि पूर्व सोवियत संघ के कभी सदस्‍य या उसके प्रभाव में रहे कई पूर्वी और मध्‍य यूरोपीय देश आज नाटो का हिस्‍सा बन चुके हैं। इनमें से चार देशों- पोलैंड, लिथुआनिया, लातविया और एस्‍टोनिया की सीमाएं रूस से लगती हैं। रूस यह कहता रहा है कि नाटो के विस्‍तार और उसकी सीमा के पास नाटो की सेनाओं और सैन्‍य उपकरणों के रहने से रूस की सुरक्षा को सीधा खतरा है। + +2- प्रो पंत का कहना है कि पुतिन का तर्क रहा है कि यूक्रेन पूर्ण रूप से कभी एक देश नहीं था। उन्‍होंने सदैव यूक्रेन पर पश्चिमी देशों की कठपुतली बनने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि पुतिन अमेरिका और पश्चिमी देशों से यह सुनिश्चित कराना चाहते थे कि यूक्रेन को कभी नाटो का हिस्‍सा नहीं बनाया जाए। वह इस बात की अमेरिका और पश्चिमी देशों से गारंटी भी चाहते थे। पुतिन ने कई बार कहा है कि यूक्रेन को अपना सैन्‍यीकरण बंद करना चाहिए और उसको वह किसी गुट का हिस्‍सा नहीं बने। हालांकि, यूक्रेन पुतिन की इस मांग का सदैव विरोध करता रहा है। इसके लिए पुतिन अमेरिकी प्रशासन और पश्चिमी देशों को जिम्‍मेदार ठहराते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4108d24272382171ea7f5d0d2a197ace2e59760f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लवीव से भी बसों से रोमानिया बार्डर के लिए निकले छात्र। लवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले भारतीय छात्र अमन गुप्ता ने बताया कि लवीव के हालात अभी ठीक है। लेकिन लंबे समय तक यहां पर रहना भी सुरक्षित नहीं है। उनके मुताबिक उनके साथ 50 से अधिक भारतीय छात्रों ने मंगलवार को लवीव से रोमानिया के लिए बस बुक की। जिसके बाद दोपहर साढ़े तीन बजे वो लवीव से रोमानिया के लिए रवाना हुए। उनके मुताबिक वो दो दिन पहले पोलैंड बार्डर भी गए थे ताकि यहां से निकल कर भारत आ सके। लेकिन पोलैंड बार्डर पर अफरा-तफरी के माहौल के बाद भारतीय छात्रों को बार्डर पार नहीं करने दिया गया। जिसके बाद वो वापस लवीव आ गए थे। मंगलवार को वो अपने दोस्तों के साथ रोमानिया के लिए निकले हैं। अब ये छात्र रोमानिया के रास्ते भारत आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..178dc387604c7849bec6f10bcbbc4da0758b6fa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61847.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। शतरंज को बढ़ावा देने के लिए कानपुर विश्वविद्यालय और आल इंडिया चेस फेडरेशन (एआईसीएफ) ने मिलकर एक नई पहल की है। अब जल्द ही शतरंज को व्यावसायिक शिक्षा का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच जल्द एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। इसके साथ ही विश्विवद्यालय से जुड़े 550 से अधिक कालेजों में शतरंज की प्रतियोगिता भी कराई जाएगी। + +छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. विनय पाठक ने विश्वविद्यालय से जुड़े कालेजों में शतरंज को व्यावसायिक शिक्षा का हिस्सा बनाने के लिए एआईसीएफ (आल इंडिया चेस फेडरेशन) से एमओयू (आपसी समझ पत्र) पर शीघ्र ही हस्ताक्षर करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में खेलों बढ़ावा दिया जाएगा। फेडरेशन के अध्यक्ष डा. संजय कपूर के साथ बनी योजना से जल्द ही 550 कालेजों में शतरंज को पहुंंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शतरंज गंभीर व्यक्तित्व बौद्धिक विकास और अवलोकन शक्ति का सशक्त माध्यम माना जाता है। जो विद्यार्थियों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और फेडरेशन के बीच एमओयू पर शीघ्र ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28bb90d4c7df5cc74a93f823c02a933234122c18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय के अदिति महाविद्यालय में एक विशेष अभियान के तहत पक्षियों के लिए घाेंसला बनाने की शुरूआत की गई है। राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत कालेज में 'बर्ड नेस्ट मेकिंग ड्राइव' चलाया गया है। इसके तहत कालेज की छात्राएं पक्षियों के लिए कालेज परिसर में ही घाेंसला लगाने का कार्य कर रही हैं। अलग अलग पेड़ों पर दर्जनों की संख्या में लगाया गये इन घोंसलों की मदद से पक्षियों को आश्रय देने का प्रयास किया गया है। बढ़ती हुई आबादी के बीच पक्षियों के आश्रय (रहने के स्थानों) पर नकारात्मक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इस अभियान की शुरुआत की गई है। पक्षियों के लिए प्यार से घर बनाने की इस पहल को लेकर छात्राओं में उत्साह है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3558f5ff58ff9444a9422535b9b41a3da973d66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- अति संपन्न लोगों के मामले में प्रमुख भारतीय शहरों की बात करें तो इस पायदान में बेंगलुरु अव्वल है। 226 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले अमीरों की संख्या वाले शहरों में सबसे अधिक 17.1 प्रतिशत के साथ बेंगलुरु, दूसरे नंबर पर दिल्ली 12.4 प्रतिशत और मुंबई नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ तीसरे स्थान पर रहा। नाइट फ्रैंक ने ऐसे अमीरों की संख्या 2026 तक 39 प्रतिशत बढ़कर 19,006 होने का अनुमान लगाया है। 2016 में इनकी संख्या 7,401 थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..709ad8d9e55d6178d7669bb002911ad3f7919bb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीतू कपूर ने द कपिल शर्मा शो में ऋषि कपूर के ट्वीट्स को लेकर भी ढेर सारी बाते कीं। ऋषि कपूर बॉलीवुड के उन कलाकारों में से एक थे जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते थे। वह सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखते रहते थे। ऋषि कपूर को सोशल मीडिया पर खुलकर बयानबाजी करने की वजह से बहुत बार आलोचना का भी सामना करना पड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c074120682017559ae7777c13943d446e6f4eefc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61850.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गुरुग्राम में क्या मिला है आज ।शहर के सेक्टर-31 इलाके में वर्षों से बंद पड़ी एक कोठी उस वक्त चर्चा में अचानक से आ गई जब वहां पर मंगलवार को भारी मात्रा में हैंड ग्रेनेड और अन्य विस्फोटक बरामद किए गए। इसे टायलेट के कंबोड में छिपाकर रखा गया था। सभी विस्फोटक को कोठी के ही आगे खाली जगह में गड्डा खोदकर दो बार में डिफ्यूज किया गया। पहले सभी ग्रेनेड और बाद में बिकैट स्टि्रप को डिफ्यूज किया गया। इसके साथ ही सेक्टर-40 थाना पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम ने छानबीन कर शुरू कर दी है। मंगलवार सुबह लगभग आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर-31 में दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ लगते पार्क के सामने एसपी-12 नंबर कोठी में भारी मात्रा में विस्फोटक हैं। + +दो बार में किया गया डिफ्यूज।सूचना मिलते ही सेक्टर-40 थाना पुलिस, क्राइम ब्रांच की टीम के साथ ही बम डिस्पोजल दस्ता मौके पर पहुंचा। छानबीन करती हुई टीम टायलेट में भी पहुंची। उसमें से दो हैंड ग्रेनेड, 15 एमके-90 प्रैक्टिस ग्रेनेड, दो पालिथीन बैग, 43 खाली कारतूस और एक बिकैट स्टि्रप बरामद किया गया। विस्फोटकों को डिफ्यूज करने से पहले आसपास के मकान में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया था। लोगों को अपनी छत पर जाने से मना कर दिया गया था। ठीक बगल में जो मकान है, उसमें रहने वाले लोगों को कुछ देर के लिए बाहर रहने के लिए कहा गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc2b1930dcb45538a4e1d88e04831f5c549f1358 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन डेस्क, जालंधर। देश के इतिहास में मंगलवार 1 मार्च का दिन का खास बन गया है। पहली बार है कि एक ही दिन देश के तीन-तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जन्मदिन मनाया जा रहा है। इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शामिल हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों नेताओं को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है। ।चरणजीत सिंह चन्नी को उनके जन्मदिन पर अन्य नेताओं से भी खूब बधाइयां मिल रही हैं। कई नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर चन्नी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि मैं सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देता हूं और ईश्वर से उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।इससे पहले कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने भी ट्विटर पर सीएम चन्नी को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने लिखा कि आप प्रत्येक कांग्रेस वर्कर के लिए रोल माडल हैं क्योंकि आप ने जनता के कल्याण और वंचितों के उत्थान के लिए काम किया है।  ।59 वर्ष के हुए सीएम चन्नी।बता दें कि 1 मार्च 1963 को जन्मे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी 59 वर्ष के हो गए हैं। वह पिछले साल सितंबर में ही पंजाब के पहले दलित सीएम बने थे। पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ है। मतगणना 10 मार्च को होगी। इसके बाद देखना होगा कि चन्नी सीएम बने रहते हैं या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c71550825c75fc456403d1f9fbc92bf554d4470 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61854.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जन जागरूकता अभियान चलाया गया।डीएस डिग्री कालेज के तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान पर जन जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर धर्म समाज महाविद्यालय के प्राचार्य डा. आरके वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीके राजपूत, जिला प्रोग्राम को-आर्डिनेटर भारत भूषण, डा. सुनीता गुप्ता, डा. कृष्ण कुमार ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राचार्य ने छात्र-छात्राओं को तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान और बीमारियों की जानकारी दी। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने छात्रों को तंबाकू से होने वाले कैंसर के बारे में भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि तंबाकू कैंसर को जन्म देता है। इसलिए सभी को इस से दूर रहना चाहिए और नशा करने से समाज में भी हमारी छवि खराब होती है। इसी क्रम में डा. ओपी गुप्ता ने बताया कि तंबाकू के सेवन से किडनी, ह्रदय और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है तथा मनुष्य मानसिक रुप से बीमार हो जाता है। उन्होंने कहा सर्वे से पता चला है कि कहा सर्वे से पता चला है कि 82 फीसद तंबाकू खाने वाले ओरल कैंसर से ग्रसित हैं। इस मौके पर धर्म समाज महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36a18e2e151d32be0e1c2a642050f38375ff9cb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें : MahaShivratri 2022 : काशी विश्‍वनाथ दरबार में बढ़ रहा स्‍वर्ण भंडार, जानिए यहां स्‍वर्ण दान का इतिहास।मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से उस समय इन आरोपों को खारिज करते हुए अनियमिताओं के बारे में सक्षम अधिकारी से जांच के स्वागत की बात कहकर प्रकरण को टाल दिया गया था। वहीं पूर्व पुजारी कुलपति तिवारी ने भी उस समय यहां समिति की ओर से मंदिर की सम्पत्तियों को सार्वजनिक नहीं करने का आरोप लगाया था। इसमें 99 किलोग्राम सोना का चढ़ावा और इसकी नियमित आमदनी और अन्य सम्पत्ति को लेकर सवाल उठाया था।  उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि इस मामले की जांच सीबीआइ से की जाए तो मंदिर की सम्पत्ति के बारे में जानकारी सामने आ सकती है। उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया था० कि मंदिर के गुंबद में स्वर्ण पट्टिकाएं या तो नागरिक या सुरक्षाकर्मी जो सुरक्षा कर रहे थे वह निकाल ले गए या कुछ लोग चोरी कर ले गए। उन्‍होंने उस समय अधिकारियों की देखरेख में चोरी का आरोप भी लगाया था। वहीं उन्‍होंने पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह द्वारा दान दिए गए सोने का लेखा जोखा नहीं होने की बात कही थी। हालांकि, उस समय मंदिर प्रशासन की ओर से सभी सोने के सुरक्षित होने की जानकारी दी गई थी। ।यह भी पढ़ें : MahaShivratri 2022 : बाबा दरबार में सुबह से आस्‍था की कतार, हर हर महादेव के उद्घोष से गूंजी काशी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b26ac9ed641db5d8f754c34cfee2650f7af17a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह। देश के वर्कफोर्स यानी कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी आज करीब 20.3 प्रतिशत है। 2021 में जहां 41.25 प्रतिशत महिलाओं को रोजगार मिला था, वहीं इस वर्ष यह दर 51.44 प्रतिशत हो गई है। शहरी टैलेंट पूल की बात करें, तो इसमें करीब 9.2 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। अवतार ग्रुप द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार, 2022 में करीब 2.8 लाख कंपनियों द्वारा महिलाओं को रिमोट वर्किंग की सुविधा दी जाने की उम्मीद है। इसके अलावा, एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहन मिलने से बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्वरोजगार या स्टार्टअप की ओर रुख किया है। इससे वे खुद के साथ अन्य महिलाओं-लोगों के लिए रोजगार पैदा कर रही हैं। इसमें मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत अभियान का काफी प्रभाव रहा है, जिससे 60 लाख नई नौकरियां सृजित होने की संभावना जतायी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d82c0833d1e2def7a28a50c52fb7d3bf269aa59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। 27 सितंबर 2018 को भंडार गृह के पास निर्माण कार्य होने के दौरान धमक से स्‍वर्ण शिखर से सोना टूटकर गिरा तो प्रशासन की ओर से पहली बार बाबा दरबार में सोने से मढे़ पत्‍तलों की चिंता हुई। इसके बाद कारीडोर का निर्माण चल ही रहा था कि निर्माण के आखिर में परिसर को दर्शन के लिए 29 नवंबर 2021 से 1 दिसंबर 2021 तक के लिए बंद कर दिया गया और इस दौरान अनाधिकारिक तौर पर माना गया कि इस दौरान मंदिर में गर्भगृह में सोने से संबंंधित कार्य पूरे किए गए थे। वहीं इसके बाद जनवरी 2022 से फरवरी 2022 तक के बीच पूरा गर्भगृह सोने से मढ़ दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2740b30378cf4cc83285beddbb7526ab4fb5510d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6186.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा फिल्मों में भले ही ज्यादा नज़र न आएं, लेकिन वो सोशल मीडिया पर भरपूर नज़र आती हैं। मलाइका सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी फोटोज़ और वीडियोज़ अक्सर इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने इंस्टा पर अपना एक डांसिंग वीडियो शेयर किया है जिसमें वो बहन और बॉलीवुड एक्ट्रेस अमृता अरोड़ा के साथ कमर मटकाती दिख रही हैं। लेकिन अंत में अमृता, मलाइका के साथ कुछ ऐसा कर देती हैं कि वो मुंह के बल जाकर गिरती हैं। + +दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक गाना काफी ट्रेंड कर रहा है जिसके बोल हैं ‘Bend Over’ इस गाने पर लोग अपनी-अपनी तरह से वीडियो बनाकर अपलोड कर रहे हैं। मलाइका और अमृता ने भी इस गाने पर रील बनाया और फैंस को सेक्सी मूव्स दिखाए। वीडियो में दोनों बहनें मस्ती से डांस करती दिख रही हैं, लेकिन अंत में अमृता मलाइका को बम से धक्का देती हैं और मलाइका आगे जाकर गिर जाती हैं। एक्ट्रेस का ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। देखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2aaffdf4f131b01793daa548d38d06691e14663f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रभावी योजना बनाने का सुझाव।प्रदेश की सिंचित और असिंचित कृषि भूमि के लिए अलग-अलग और प्रभावी योजना बनाने का सुझाव भी किसान दे रहे हैं। गेहूं, चावल, गन्ना समेत दलहन और तिलहन की पैदावार बढ़ाने को भी प्रयास किए जाने जरूरी हैं। प्रदेश के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर किसानों के उत्पादों का उचित दाम मुहैया कराया जाए। इसके अलावा किसान कृषि उत्पादों का समय पर भुगतान, बीज व कीटनाशक समय पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। सिंचाई नहरों की मरम्मत, खेतों का मृदा टेस्ट आदि पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता किसानों ने बताई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d45efd25c574e043d24798cfe652c3dd10995930 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61863.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'वोकल फार लोकल' पर जोर दे रहे हैं। विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में कृषि की तस्वीर संवारने के दृष्टिकोण से देखें तो यह आवश्यक भी है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्र के किसान भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। उनका मानना है कि मंडुवा, झंगोरा जैसे पौष्टिकता से भरपूर मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के साथ ही विपणन की बेहतर व्यवस्था हो जाए तो यह कदम कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। राज्य में आने वाली नई सरकार से वह इसकी अपेक्षा भी कर रहे हैं। पहाड़ के अलावा मैदानी क्षेत्र के किसान ये भी चाहते हैं कि नवोन्मेष और नवीनतम तकनीकी को बढ़ावा देकर यहां की कृषि को लाभकारी बनाया जाए। कृषि के सामने वन्यजीवों से फसल सुरक्षा भी चुनौती है, जिससे पार पाना आवश्यक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd6538b471809179be5c4bd8eced2c555e2baead --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61864.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(टपकेश्‍वर मंदिर)।बम-बम भोले के जयकारों से देवभूमि गुंजायमान हो गई। भगवान शिव के ससुराल हरिद्वार सहित, पूरे गढ़वाल और कुमाऊं में भोले के जलाभिषेक का दौर जारी है। देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्‍वर मंदिर में तो देर रात 12 बजे से ही भक्‍तों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई थी। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) तथा राज्य की प्रथम महिला गुरमीत कौर ने भी जलाभिषेक कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि तथा खुशहाली हेतु प्रार्थना की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f487b384d5792f30a9194b930a64a7048bc01570 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61867.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। होली का पर्व इस बार 18 मार्च को मनाया जाएगा, लेकिन सत्ता के गलियारे में होली 10 मार्च को शुरू हो जाएगी, जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम सामने आएंगे। भाजपा को भरोसा है इस बार होली में भगवा रंग चटख होगा तो समाजवादी पार्टी को यकीन है कि उसका लाल रंग जमने वाला है। चुनाव परिणाम राजनीति के रंग दिखाएंगे, लेकिन रंगों पर राजनीति तो पूरे चुनाव भर छाई रही। सपा की 'लाल टोपी' से तेज हुई कहानी नीले-पीले रंग दिखाते हुए 'भगवा' तक पहुंच चुकी है। अब जब पूर्वांचल की 111 सीटों के लिए मतदान होने जा रहा है तो उससे ठीक पहले सपा की पूर्व सांसद डिंपल यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवा पर छींटाकशी ने पूर्वांचल ने नई भावनात्मक बयार चला दी है, जिसने ठीक 'मैं भी चौकीदार' की तर्ज पर 'मैं भी भगवाधारी' जैसा माहौल बनाना शुरू कर दिया है। + +जाति-धर्म और दलों के अलग-अलग रंगों पर उत्तर प्रदेश की राजनीति पहले भी होती रही है। भाजपा को घेरने के लिए विरोधी दल 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं तो संप्रदाय विशेष की राजनीति करने वालों को भगवा खेमा 'हरा वायरस' जैसे शब्दों से घेरता रहा है। रंगों पर राजनीति के दांव से इस बार भी दल नहीं चूके। 'चिलमजीवी' जैसे तीखे तंज सपा मुखिया अखिलेश यादव करते रहे, जिसका जवाब दिसंबर में गोरखपुर की जनसभा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया। उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा था- 'लाल टोपी वाले उत्तर प्रदेश के लिए खतरे की घंटी हैं।'।अखिलेश का तो इस पर यही पलटवार आया कि यही लाल टोपी भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह और आक्रामक होकर रंग-संघर्ष में कूद पड़े। उन्होंने तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गणवेश वाली काली टोपी लगाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो ट्वीट की। उस पर लिखा- 'मोदी जी काली टोपी वालों का दिल और दिमाग, दोनों काला होता है।'।रंगों के सहारे राजनीति की कहानी इसी कतार में बढ़ती गई। पिछले विधानसभा चुनाव में जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) गठबंधन में भाजपा के साथ थी, इस बार उसने सपा से हाथ मिला लिया है। इससे उत्साहित अखिलेश यादव ने मऊ में सुभासपा की महापंचायत में तंज कसा- 'इस महापंचायत में पीले और लाल रंग की संयुक्त ताकत देखकर कोई दिल्ली तो कोई लखनऊ में लाल-पीला हो रहा होगा।'।दरअसल, सुभासपा का झंडा पीले रंग का है। फिर एक सभा में सपा मुखिया ने फिर भाजपा पर निशाना साधा और बोले- 'एक रंग वाले प्रदेश में खुशहाली नहीं ला सकते।' राजनीति के रंगों को परिभाषित करने में भला एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कैसे पीछे रहते। उन्होंने मुरादाबाद की एक रैली में टिप्पणी की- 'नफरत इतनी फैला दी गई कि हरा रंग देखकर भक्त लाल हो जाते हैं।'।इसके बाद से रंगों पर बात सिर्फ इतनी हो रही थी कि इस बार होली भगवा होगी या दूसरे रंग की? लेकिन पिछले दिनों कौशाम्बी में जनसभा के दौरान सपा की पूर्व सांसद डिंपल यादव ने मुख्यमंत्री के भगवा वस्त्रों पर तीखी टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा- इंजन तो लोहे का होता है, लेकिन उस पर जो जंग लगता है, उसी रंग का कपड़ा मुख्यमंत्री पहनते हैं। योगी मुख्यमंत्री होने के साथ ही गोरक्ष पीठाधीश्वर हैं। राजनीति के इतर उनसे लाखों अनुयायियों की आस्था जुड़ी है और छठवें चरण में तीन मार्च को गोरखपुर में भी मतदान होना है, जहां शहर सीट से योगी खुद चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इंटरनेट मीडिया पर सपा नेता के इस तंज पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। योगी समर्थक हैशटैग 'मैं भी भगवाधारी' के साथ इस पर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6be1a43a4f1fa1c2ed435ada07b67631ba54a283 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन ने दो दिन में स्थगित किया अपने नागरिक निकालने का आपरेशन। भारत की तरह चीन ने भी 24 फरवरी को अपने नागरिकों को चार्टर फ्लाइट से निकालने के लिए आपरेशन चलाने का एलान किया था। सभी छात्रों को चीनी झंडे लगी गाड़ि‍यों से कीव छोड़ने की सलाह दी थी। लेकिन दो दिन बाद ही 26 फरवरी को चीन ने नई एडवाइजरी जारी कर नागरिकता की कोई पहचान सार्वजनिक करने से परहेज करने की सलाह दी। रविवार को चीनी राजदूत ने वीडियो संदेश में साफ कर दिया कि हालात उन्हें वापस लाने के अनुकूल नहीं हैं। इसके साथ ही चीनी नागरिकों को स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा नहीं करने की सलाह दी गई। कीव व अन्य जगहों पर चीनी नागरिकों पर हमले भी हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdd22d4db93b3c6092af7239bf55449fc2a8d0b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। जब रूस ने परमाणु हथियारों को अलर्ट पर करके पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया था, तब अमेरिका के पास प्रतिक्रिया में एक अहम कदम उठाने का विकल्प था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रूस के इस कदम के जवाब में अमेरिकी फौजों को डेफकान-3 पर रख सकते थे। डेफकान-3 का मतलब होता है कि जब वायुसेना अपने विमान और परमाणु हथियार तैयार करने लगती है और पनडुब्बियों को अलर्ट पर कर दिया जाता है। अच्छी बात है कि फिलहाल बाइडन ने मामले को संयमित रखा और सैन्य गतिविधियां नहीं बढ़ाईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b4227cf6f4aa601f14daa3608fb5a911347bf2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी जेएनयू की नई कुलपति शांतिश्री को अंग्रेजी ट्यूशन की जरूरत होने की बात कहते हुए उनका मखौल उड़ाया। यह मंडली उनके बयान का पोस्टमार्टम करते समय अंग्रेजी भाषा और व्याकरण की जगह उनके भावों, विचारों और दृष्टिकोण पर ध्यान देती तो उनका विरोध अधिक तर्कसंगत और औचित्यपूर्ण होता। संभवत: विरोध की झोंक में वे यह भूल गए कि भाषा माध्यम मात्र है, मूल नहीं। माध्यम मंतव्य का स्थानापन्न नहीं हो सकता। भाव से अधिक भाषा पर बलाघात श्रेष्ठता ग्रंथि का परिमाण है। सेंट पीटर्सबर्ग में जन्मीं शांतिश्री ने जेएनयू के अलावा प्रेसीडेंसी कालेज, चेन्नई और कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की है। उन्हें हिंदी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी और कोंकड़ी आदि आधा दर्जन से अधिक भारतीय भाषाओं का ज्ञान है। इस नियुक्ति से पहले वह पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय की कुलपति भी रही हैं। विचारणीय बात यह है कि इतनी पढ़ी-लिखी और प्रबुद्ध प्रोफेसर शांतिश्री का विरोध क्यों किया जा रहा है और वह भी तब जब वह इस विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैैं? वास्तव में विरोध प्रोफेसर शांतिश्री का नहीं किया जा रहा है, बल्कि उस विचारधारा का किया जा रहा है, जिससे वह जुड़ी हुई हैं। उनके विचारों से यह स्पष्ट है कि वह सनातन संस्कृति और राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रति आस्थावान हैं। जेएनयू अपने स्थापना-काल से ही वामपंथी विचारधारा का गढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e142ef327715582b0eb17cd01d6590142d1b8b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रीराम चौलिया। यक्रेन पर रूस के आक्रमण ने हमारे समक्ष एक तात्कालिक प्रश्न खड़ा कर दिया है कि हम किस प्रकार के विश्व में जी रहे हैं? वर्षों से ‘वैश्विक अव्यवस्था’ और ‘नेतृत्वहीन दुनिया’ की चर्चा होती रही है, परंतु अब यह वास्तव में दिखने लगी है। समकालीन दौर में एक धारणा यह भी बनी थी कि निरंतर बढ़ती परस्पर आर्थिक निर्भरता और आपस में लगातार जुड़ती दुनिया जैसी संकल्पनाओं के कारण 21वीं सदी में कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय टकराव नहीं होगा और छिटपुट घटनाओं को छोड़कर वैश्विक शांति कायम रहेगी, किंतु यूक्रेन के कीव और खारकीव जैसे घनी आबादी वाले शहरों में छिड़ी घमासान लड़ाई ने इन सभी धारणाओं को ध्वस्त कर दिया है। जिस हिंसक अंतरराष्ट्रीय इतिहास को बीती शताब्दियों की भूली-बिसरी घटनाएं मान लिया गया था, अब उनकी वापसी होती दिख रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f9e38167470dc514d6284c21c22873486c44209 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। कभी हाथों में हथियार पकड़ने के चलते सलाखों के पीछे पहुंच सजा काट रहे बंदियों ने अब हुनर को अपना हथियार बनाया है। वह हथकरघों पर अपने सपनों का ताना-बाना बुन रहे हैं। सफेद और रंगीन धागों से बुने सपनों को वह साड़ी, शर्ट, चादर, कुर्ता पजामा की शक्ल दे रहे हैं। सलाखों के पीछे रहने के बावजूद ये बंदी अपने हुनर के बूते बाजार से कमाई कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61885.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfdbee87e7c6995a297aea16bca0842378af185b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61885.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- संयुक्‍त राष्‍ट्र आम सभा की इस बैठक के पूर्व यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ अपने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। जर्मनी के विदेश मंत्री का भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से वार्ता को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दुनिया भर से रूस को लेकर एक आवाज आनी चाहिए, क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन हमलावर हैं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ा है। उन्‍होंने कहा कि रूस ने यूरोप की शांति भंग की है। + +3- प्रो पंत ने कहा कि भारत भले ही अब तक रूस की आलोचना करने वाले प्रस्तावों पर हुई वोटिंग से बाहर रहा हो, लेकिन भारत ने आज रात जो स्पष्टीकरण दिया है, उससे यह प्रतीत होता है कि हाल के दिनों में यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई से भारत भी असहज है। उन्‍होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ऐसे संकेत दिए है कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय नियमों, संयुक्‍त राष्‍ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता के साथ संप्रभुता पर टिकी है। हम सभी इस सिद्धांत से सहमत हैं। इससे यह संकेत जाता है कि भारत इस युद्ध से काफी असहज है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि ऐसे में भारत का आम सभा की बैठक में क्‍या स्‍टैंड होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8c3e431b29ca6411f850144eeca31887a3e0e91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61886.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +द्रविड़ शैली में निर्मित नीलकंठ महादेव मंदिर की आभा देखते ही बनती है। इस अत्यंत मनोहारी मंदिर के शिखर के तल पर समुद्र मंथन के दृश्य चित्रित हैं। जबकि, गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर एक विशाल पेंटिंग में भगवान शिव को विषपान करते हुए दर्शाया गया है। नीलकंठ मंदिर के सामने की पहाड़ी पर भगवान शिव की अर्धांगिनी माता पार्वती का मंदिर भी स्थित है। भगवान नीलकंठ के दर्शनों को पहुंचने वाले श्रद्धालु माता पार्वती के दर्शन किए बगैर अपनी यात्रा को अपूर्ण मानते हैं। + +शिव भक्तों को अतिप्रिय है यह स्थल।नीलकंठ महादेव मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यूं तो इस मंदिर में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक को वर्षभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लेकिन, भगवान शिव के अतिप्रिय श्रावण मास में यहां लाखों शिवभक्त कांवड़ लेकर पहुंचते हैं। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानी शिवरात्रि पर्व पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नीलकंठ दर्शनों को पहुंचते हैं। इस दौरान आस्था के नाना दृश्य साकार हो उठते हैं। यहां तक कि कई श्रद्धालु तो शरीर के बल लेटते हुए नीलकंठ मंदिर की दूरी तय करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca77ee0f78663edc6b8dcaf413edde619a563b78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आशा मेहता, लुधियाना। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र डर के साए में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। बम धमाकों के बीच भूख, प्यास और ठंड से उनकी हालत खराब हो रही है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के डायरेक्टोरेट एक्सटेंशन एजुकेशन में कार्यरत राम निहाल पाठक की बेटी कौशिका छह दिन से यूक्रेन के खारकीव मेट्रो स्टेशन में फंसी हुई है। सीएमसी अस्पताल के पीएमआर विभाग के हेड डा. संतोष मथांगी के भांजे प्रेम पांच दिन से जान बचाने के लिए तहखाने में छिपे हैं। अपने जिगर के टुकड़ों को ऐसे हालत में देख उनके स्वजन भी बहुत परेशान हैं। अभिभावक भगवान से प्रार्थना और केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बच्चों को इस संकट से निकाल कर उनके पास वापस लाया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f0622d27591b42dc18f43a0bd1ffc319cdeac79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61889.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केके मोहम्मद पद्मश्री एवं रिटायर क्षेत्रीय अधिकारी पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग।गुप्तकाल मंदिरों का स्वर्णयुग - चौथी शताब्दी ईस्वी सन् में गुप्त साम्राज्य की नींव पड़ने के साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में एक नए युग की शुरुआत हुई जिसे गुप्त काल कहते हैं। गुप्त काल में कला, विज्ञान और साहित्य ने अत्यधिक समृद्धि हासिल की। गुप्त काल के साथ ही भारत ने मंदिर वास्तुकला एवं मूर्ति कला के उत्कृष्ट काल में प्रवेश किया। शताब्दियों के प्रयास से कला की तकनीकों को संपूर्णता मिली। गुप्त काल के पूर्व मंदिर स्थायी सामग्रियों से नहीं बनते थे। ईंट एवं पत्थर जैसी स्थायी सामग्रियों पर मंदिरों का निर्माण इसी काल की घटना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7ff0f5db08e301c19ae884a8d1747f78a84cf63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6189.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं इन सबके बीच अब खुद अक्षरा सिंह ने बिग बॉस ओटीटी को लेकर हैरान कर देने वाला खुलासा है। उन्होंने बताया है कि संडे का वार एपिसोड में सवाल पूछने वाले दर्शक नहीं बल्कि दर्शक बताकर शो की टीम के सदस्य ही रहते हैं। बिग बॉस ओटीटी से निकलने के बाद अक्षरा सिंह का इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अक्षरा सिंह बिग बॉस ओटीटी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा कर रही हैं। + +दरअसल इस बार के हुए संडे का वार एपिसोड में करण जौहर ने अक्षरा सिंह की जमकर क्लास लगाई। अक्षरा ने बीते दिनों नेहा भसीन के बैठने के तरीके पर कमेंट किए था, जिसको लेकर करण जौहर ने उनकी क्लास लगाई। इतना ही नहीं संडे का वार एपिसोड में कई दर्शकों ने नेहा के बैठने के तरीके पर अक्षरा सिंह के कमेंट को लेकर उनसे सफाई मांगी। जिसके बाद भोजपुरी अभिनेत्री को सफाई देनी पड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb5fc468e678de88548e58ead4359c11ffdc40ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61891.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रवींद्र जैन को कुल्‍हड़ का दूध था पसंद।थाना सासनी गेट से कुछ ही दूरी पर जयगंज स्‍थित कुल्‍हड़ का दूध बेचने वाले विष्‍णु यादव पुत्र स्‍व रधेश्‍याम यादव बताते हैं कि 40 साल पुराना दूध का पुस्‍तैनी काम है। विष्‍णु का कहना है कि संगीतकार रवींद्र जैन जब भी अलीगढ़ आते थे, तो वह उनके यहां दूध पीने जरूर आते थे। उन्‍हें कुल्‍हड़ का दूध बेहद पसंद था। ।रवींद्र ने संगीत के क्षेत्र में बनाई अलग पहचान।जयगंज स्‍थित यादव मैटल्‍स के संचालक एवं वरिष्‍ठ प्रांतीय सपा नेता अशोक यादव कहना है कि संगीतकार रवींद्र जैन जैसी हस्‍ती सदियों में एक बार ही पैदा होती है। भक्‍ति संगीत एवं संगीत के क्षेत्र में रवींद्र जैन ने अपनी प्रतिभा के बलबूते पर फिल्‍म इंडस्‍ट्री में अलग पहचान बनाई थी। उनका जन्‍म अलीगढ़ में हुआ था। इस बात पर उन्‍हें गर्व है। वे जब भी अलीगढ़ आते थे, तो जयंगज में कुल्‍हड़ का दूध पीने जरूर आते थे। उनके साथ फिल्‍म नगरी से जुड़े और भी साथी होते थे। सबको अलीगढ़ का कुल्‍हड़ का दूध पंसद था। ।अलीगढ़ में हुआ था जन्‍म ।सुप्रसिद्ध संगीतकार रंवींद्र जैन का जन्‍म 28 फरवरी 1944 को उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के मोहल्ला कनवरीगंज में हुआ था। रवींद्र जैन जन्म से नेत्र दिव्यांग जरूर थे, पर उन्‍होेेंने  फिल्मों के लिए गीत लिखे और संगीतबद्ध किया। धारावाहिक रामायण में संगीत रवींद्र जैन ने ही दिया था। इसके अलावा फिल्‍म रामतेरी गंगा मैली समेत दर्जनों में फिल्‍मों में संगीत दिया और अनेक गीत खुद गाए। फिल्‍म नदिया के पार संगीत दिया था। इस फिल्‍म का गीत 'जोगी जी धीरे-धीरे' सुपरहिट हुआ। इस गीत को रवींद्र जैन ने ही लिखा और संगीतबद्ध किया था। उनके लिखे गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। + +कई रोगों के लिए है फायदेंमंद ।हड्डियों के रोग, रतौंधी और जोड़ों के दर्द में सबसे अधिक फायदा करता है। डायबिटीज के मरीज अगर इसे पीना चाहते हैं तो इसे कम मात्रा में बिना चीनी के ही पिएं। गर्भावस्था में खास उपयोगी होता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार कुल्हड़ वाला दूध पीने से गर्भवती महिलाओ और उनकी होने वाली संतान को सबसे ज्यादा लाभ होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffed10aaa28ea76bb9dbb08b6c337cac6c8d32b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मान्यता है कि मंदिर परिसर में मौजूद बरगद के पेड़ से ही बर्बरीक ने महाभारत का युद्ध देखा था। इसके अलावा महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों द्वारा इस जगह पर शिव जी की अराधना करने की भी बात प्रचलित है। शिव मंदिर की देखरेख करने वाली साध्वी माता ने बताया कि इस मंदिर में स्वयंभू प्राकृतिक शिव लिंग स्थापित है। कुछ साल पहले इस शिव लिंग को गांव में स्थापित करवाने के लिए खुदाई करवाई गई तो इस शिव लिंग की गहराई अथाह पाए जाने पर ग्रामीणों को खुदाई का काम रोकना पड़ गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2dfaa3fcf4c7c72906d0764f217e96c10e994ce4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सामान, पहले कीमत किलोग्राम में, अब कीमत।कूटू का आटा, 100, 120।ङ्क्षसघाड़ी, 160, 180।गुड़, 45, 35।रिफाइंड, 155, 175।सरसों का तेल, 150, 170।इनका कहना है।महाशिवरात्रि पर्व को लेकर दुकानों पर पूजा की सामिग्री के साथ उपवास वाले सामान की भी बिक्री हो रही है। इस बार सिंघाड़ी व कूटू का आटा बीस रुपये महंगा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1a93d12f121468b6136761be3880ae4efc05b42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61901.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानूनी लड़ाई में जीत की उम्मीद।दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की नई कार्यकारणी गठित हो चुकी है। कमेटी के पदाधिकारी अपना काम कर रहे हैं। वहीं, विरोधियों को अभी भी कानूनी लड़ाई में जीत की उम्मीद है। नामित सदस्यों के चयन और कार्यकारिणी चुनाव को अदालत में चुनौती दी गई है। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और उसके सहयोगियों को लगता है कि अदालत का फैसला कमेटी के खिलाफ आएगा, जिससे उन्हें सत्ता हासिल करने में आसानी होगी। सिख नेता इंदर मोहन सिंह का कहना है कि गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से लाटरी के माध्यम से नामित होने वाले दो सदस्यों के चयन पर विवाद है। डीएसजीएमसी के इतिहास में पहली बार दो की जगह लाटरी से छह लोगों के नाम निकाले गए हैं। इससे कमेटी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, मामला अदालत में है। फैसले में देरी से कई नेता परेशान भी हैं। अब इसकी सुनवाई 25 मई को होगी। + +लौटे नेता घर संभालने में जुटे। विधानसभा चुनाव में प्रचार कर सभी दलों के नेता अब दिल्ली वापस लौटने लगे हैं। आम आदमी पार्टी भी पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में से चार राज्यों में चुनाव लड़ रही है। अब आप के प्रमुख नेता भी चुनाव प्रचार कर वापस लौट आए हैं। तीन राज्यों पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में मतदान संपन्न हो चुका है। पंजाब में सत्ता औैर तीन राज्यों में बेहतर करने की उम्मीद लगाए बैठे आप नेता अब अपना राजनीतिक घर यानी दिल्ली को संभालने में लग गए हैं। वापस आने के बाद सरकार के नेता एक सप्ताह में दो बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। 20 एकड़ में ई-वेस्ट इको पार्क व यूरोप की तर्ज पर दिल्ली फिल्म पालिसी-2022 को मंजूरी दे दी है। वहीं दिल्ली की गड्ढे वाली सड़कों को भी एक माह के अंदर दुरुस्त कर दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश पर काम न होने पर कार्रवाई करने के भी सरकार ने आदेश दे दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80f8a2ecda34d31fc953f802e628c568d4a75a78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61910.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नितिन गोखले। यूक्रेन के पूर्वी हिस्से के दो क्षेत्रों को रूस ने जिस तरह से स्वतंत्र देश की मान्यता देकर उस पर हमला कर दिया है, वह मौजूदा सदी की बहुत बड़ी घटना है। इस युद्ध का असर दुनिया पर लंबे समय तक दिखाई देगा। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब एक तरफ रूस है तो दूसरी तरफ उसका चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी अमेरिका तमाम पश्चिमी देशों के साथ खड़ा है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या दोनों गुटों के बीच बनी यह तनातनी की स्थिति दुनिया में हथियारों की होड़ नए सिरे से शुरू कर सकती है? अगर एक पंक्ति में इसका जवाब देना हो तो मैं यहीं कहूंगा कि निश्चित तौर पर वर्तमान परिस्थितियों के आलोक में देखा जाए तो हथियारों की खरीद फरोख्त पूरी दुनिया में बढ़ेगी। + +पिछले 70 वर्षों के विश्व इतिहास को देखें तो हमें इस बात के कई प्रमाण मिलेंगे कि किस तरह से अमेरिका की हथियार निर्माता लाबी ने दो देशों के बीच के तनाव का फायदा उठाया है। इराक, लीबिया, अफगानिस्तान पर अमेरिका के हमले को देखा जाए तो साफ हो जाएगा कि कई मौकों पर अमेरिकी सरकार ने युद्ध के पीछे जो वजहें बताईं, वे पूरी तरह से बेबुनियाद निकलीं। इराक के खिलाफ लंबे समय तक युद्ध का माहौल बनाया गया। अमेरिका ने इराक के शासक सद्दाम हुसैन पर रासायनिक हथियार रखने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। अंतत: कोई रासायनिक हथियार नहीं मिला लेकिन अमेरिका व इसके मित्र राष्ट्रों ने अरबों डालर के हथियार खरीदे। इराक के आसपास के देशों ने भी खूब हथियार जुटाए। इसके अलावा भी अमेरिकी हथियार लाबी की मजबूती की झलक दिखती रही है। कुछ देशों की यह नीति रही है कि पहले वे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में युद्ध का माहौल बनाते हैं, दो देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा करते हैं और उसके बाद वे देश हथियारों के खरीदार बनते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61912.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..727dc1870db8f07fb73ab89ae2ba04dadb5e9509 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61912.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जून से आने वाली है चौथी लहर : डा. शलभ के मुताबिक सांख्यिकीय गणना के आधार पर सामने आया है कि भारत में कोविड 19 की चौथी लहर प्रारंभिक डाटा मिलने की तिथि से 936 दिन बाद आ सकती है। चूंकि प्रारंभिक डाटा 30 जनवरी 2020 को सामने आया था, लिहाजा चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होने के आसार हैं। यही नहीं चौथी लहर 23 अगस्त को अपने चरम पर पहुंच सकती है और 24 अक्टूबर को समाप्त हो सकती है। भारत के साथ ही अन्य देशों के डाटा पर भी इसी पद्धति का उपयोग करके चौथी लहर की भविष्यवाणी की जा सकती है। + +दक्षिण अफ्रीका व जिंबाब्वे कर रहे चौथी लहर का सामना : विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में जिंबाब्वे के साथ ही दक्षिण अफ्रीका भी चौथी और उच्च लहरों का सामना करने लगा है। यहां जिंबाब्वे के कोविड 19 मामलों को प्रशिक्षण डाटा सेट के रूप में निर्धारित किया गया है। अब वैज्ञानिक इस बिंदु पर डाटा का आंकलन कर रहे हैं, ताकि यह पता लग सके कि भविष्य में समय के साथ कोरोना वायरल की घातकता कैसे बदल रही है। ।नए म्यूटेंट के बाबत कुछ नहीं कहा जा सकता : प्रो. मणीन्द्र ।अपने सूत्र माडल के आधार पर कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में सटीक भविष्यवाणी करने वाले आइआइटी के पद्मश्री से सम्मानित प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि अभी कोरोना की चौथी लहर के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। डेल्टाक्रोन नाम से नया म्यूटेंट कब आएगा, इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। किसी स्टैटिकल मेथड से डाटा निकाला गया है, उसे देखेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अब भारतीय लोगों में ओमिक्रोन और डेल्टा वैरिएंट दोनों की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है, इसलिए नए वैरिएंट का कोई प्रभाव नहीं पडऩे की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8ecf9a6682f22e5da2cc6a2d523eb4fc40a7276 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61915.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +औषधीय पौधे रेवंद चीनी में एमोडिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो शरीर में एंटीबायोटिक्स का काम करता है। इसी प्रकार औषधीय पौधे पाषाणबेध में बिर्जिनिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो एमडीआर के असर को कम करने में कारगर पाया गया है। इसके अलावा वन अजवाइन के पौधे में भी थायमोल नाम तत्व पाया जाता है, जो शरीर में एंटीबायोटिक्स का काम करता है। विश्वविद्यालय की टीम ने इन तीन पौधों से एंटीबायोटिक्स की तरह काम करने वाले तत्वों को अलग किया है। विज्ञानी राजन रोल्टा, डा. कमलदेव, डा. विकास, प्रो. अनुराधा, डा. दीक्षा सलारिया इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। + +कैसे होता है एमडीआर का प्रभाव।शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर बुखार व जुकाम जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। डाक्टर मरीज को एंटीबायोटिक्स दवा लेने की सलाह देते हैं। अधिक एंटीबायोटिक्स लेने की वजह से शरीर में मौजूद बैक्टीरिया व फंगस अपना स्वरूप बदल लेते हैं, जिस वजह से दवा असर नहीं करती है। इस स्थिति को एमडीआर कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7a5a642b03116863d4921232b04b9e66bc56573 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूक्रेन पर चढ़ाई करने के बाद रूस ने जिस तरह उससे बातचीत करने की इच्छा जताई, उससे यही संकेत मिला कि देर से ही सही, उसे यह समझ आया कि यदि लड़ाई लंबी खींची तो उसे लेने के देने पड़ सकते हैं। रूस को यह याद रहता तो बेहतर होता कि अफगानिस्तान में अपना आधिपत्य जताने की कोशिश में ही सोवियत संघ का बिखराव हुआ था। फिलहाल यह कहना कठिन है कि रूस और यूक्रेन के बीच कोई सार्थक बातचीत हो पाती है या नहीं, लेकिन यह समय की मांग और जरूरत है कि वार्ता से ही मसले का हल निकले। जंग से मसले सुलझते नहीं, बल्कि उलझते ही हैं और आज के युग में तो उससे सारी दुनिया कहीं अधिक प्रभावित होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26715b769f222612b2ce65ba5a30a1abdb4f6ab9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लूमबर्ग, एएफपी। सोसायटी फार वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन यानी स्विफ्ट। एक ऐसी प्रणाली जिसे विश्व में विभिन्न देशों के बीच आर्थिक लेन देन की रीढ़ माना जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका समेत पश्चिमी देश इसे एक हथियार की तरह प्रयोग कर रहे हैं। आइए समङों यह क्या है और प्रतिबंध से रूस पर कैसे और कितना प्रभाव डालेगा:।सुरक्षित और कम खर्चीले माध्यम के तौर पर 1973 में हुई स्थापना।1973 में स्विफ्ट प्रणाली लागू की गई थी। खास बात यह है कि स्विफ्ट खुद किसी राशि के हस्तांतरण से सीधे नहीं जुड़ता। यह संदेश के आदान प्रदान की एक प्रणाली है जिसे तब प्रचलित टेलेक्स मशीन के बजाय प्रयोग के लिए बनाया गया था। यह बैंकों को आपस में एक दूसरे से सुरक्षित, तेज और बेहद कम खर्च में संदेशों के आदान प्रदान का माध्यम प्रदान करती है। ।ये हैं इसके प्रमुख काम।पहले भी लगे हैं प्रतिबंध।रूस है दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता।रूस का खुद का सिस्टम भी।कितना दम है प्रतिबंध में।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c618a5727f9c96fffbf3c9ca888b677d114eaad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि रजत बेदी फिलहाल फिल्मों से दूर हैं, लेकिन उन्होंने कई बड़े कलाकारों के साथ अभिनय कर पर्दे पर अपनी खास जगह बनाई है। उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत साल 1998 में आई फिल्म साल 2001 से की थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया। रजत बेदी फिल्मों में अपने विलेन किरदारों की वजह से मशहूर रहे हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ec16a1479518f3cfe7eab466d4b195e7cb4cd7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्रज ते फागुन मास कबहू ना जावै...।रवींद्र जैन ने होली ही नहीं, फाल्गुन मास की महत्ता को मन की आंखों से महसूस किया। ब्रज भूमि फिल्म में उन्होंने गाया 'श्याम लला दल लेके चला, भर-भर कै अबीर गुलाल ते झोली, छूट न जाय नवैली कोई, बिन भीजैं फिरे जाही ताक में टोली, अवसर पाय कै न चूके कौऊ, जो जाय रुचै ताहे कंठ लगावै, ऐसौ उपाय करौ ब्रज ते फागुन मास कबहू नहीं जावै। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd5c4214c12b9f58d51ce8d95497cfe57857a0ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61922.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रुपईडीहा-नेपालगंज बार्डर [अजय जायसवाल]। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हो रहे चुनाव की हलचल भारत-नेपाल सीमा के इधर-उधर भी है। राजधानी लखनऊ से तकरीबन 200 किलोमीटर दूर बहराइच जिले से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा के इस तरफ रुपईडीहा कस्बा है तो उस ओर पांच-छह किलोमीटर दूर उप महानगर नेपालगंज। कोविड की बंदिशे खत्म होने के बाद रोजाना की तरह बार्डर पर यहां-वहां आने-जाने वालों का सिलसिला जारी है। दोनों तरफ शांति है इसलिए सीमा पर दोनों देशों को जोड़ने वाली चौड़ी रोड पर बैरियर लगाकर मुस्तैद एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के जवान ज्यादा रोक-टोक व जांच के बिना सभी को आने-जाने दे रहे हैं। + +नेपालगंज के सुप्रसिद्ध त्रिभुवन चौक के पास कास्मेटिक्स और गारमेंट की दुकान चलाने वाले सुरेश गोयल कहते हैं कि मोदी-योगी की सरकार होने से सीमा पर बदलाव साफ दिखता है। भ्रष्टाचार तो कम हुआ ही है, हमें बिना किसी डर-दबाव के कारोबार करने में सहूलियत भी हुई है। यूपी चुनाव पर कहते हैं कि हम लोग तो यही चाहते हैं कि सब कुछ ठीक रहने के लिए योगी जी फिर मुख्यमंत्री बनें। नेपालगंज में जमीन का कारोबार करने वाले गोविंद शर्मा बताते हैं कि उनकी रिश्तेदारी लखीमपुर सहित यूपी के दूसरे शहरों में भी है। कहते हैं कि योगी सरकार ही ठीक है क्योंकि अन्य सरकारों में बार्डर पर दूसरी तरह की गतिविधियां ज्यादा बढ़ जाती है। शर्मा मानते हैं कि एक ही पार्टी की भारत और यूपी में सरकार होने से बेहतर तालमेल रहता है जिससे बार्डर पर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहने वालों के हौसले पस्त दिखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ec5af46d3696914336feb351eb85842aec5990a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61923.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [अजय जायसवाल]। अठारहवीं विधानसभा के लिए 14 जनवरी को पश्चिमांचल से शुरू हुई चुनाव की प्रक्रिया अब अपने अंतिम दौर में पूर्वांचल में पहुंच गई है। रविवार को पांचवें चरण के लिए मतदान के बाद अब उत्तर प्रदेश में पीएम मोदी और सीएम योगी के गढ़ माने जाने वाले पूर्वांचल की 27 प्रतिशत यानी 111 विधानसभा सीटों तक चुनाव सिमट कर रह गया है। पिछले चुनाव में मोदी लहर के साथ चली पुरवाई ने दो-तिहाई से ज्यादा सीटों पर सत्ताधारी भाजपा काे जीत दिलाई थी। पिछले चुनाव में सिर्फ 19 सीटें जीतने वाली बसपा को तो आधे से अधिक 11 सीटें इसी क्षेत्र से मिली थीं। तब सत्ता गंवाने वाली सपा की झोली में आई 47 सीटों में से 13 पूर्वांचल से ही थी। अब इन सीटों पर सभी की नजर है। तीन और सात मार्च को इस क्षेत्र में मतदान के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी पार्टियों के दिग्गज नेता धुंधाधार चुनाव प्रचार में जुटे हैं। अबकी पूर्वांचल की जनता किस पार्टी को कितनी ताकत देती है, यह तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चलेगा, लेकिन पूर्वांचल के चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है जो खुद चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं। '111 सीटों की पुरवाई' के बढ़ते चुनावी ताप पर पेश है रिपोर्ट-।कभी पिछड़ेपन और जातीय गणित में उलझा रहने वाला पूर्वांचल अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रभाव वाला मजबूत गढ़ माना जाता है। वाराणसी से मोदी के सांसद होने और गोरखपुर से योगी के होने से पांच वर्ष पहले के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस क्षेत्र से सपा-बसपा को उखाड़ फेंका था। दो-तिहाई सीटों पर भगवा लहराने वाली भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के संग क्षेत्र की 75 प्रतिशत सीटों पर कब्जा जमाया था। पांच वर्ष के विकास संबंधी बड़े-बड़े काम और मोदी-योगी के जबरदस्त प्रभाव के दम पर भाजपा एक बार फिर पूर्वांचल में पहले से बेहतर प्रदर्शन दोहराने के लिए जुटी हुई है, लेकिन अबकी उसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। एक तो यही कि पिछले चुनाव में उसने जिस ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा को साथ रखा था, वह इस बार सपा संग भाजपा के खिलाफ मैदान में हैं। + +खुद चुनाव मैदान में भी हैं योगी : पूर्वांचल की लड़ाई इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनावी समीक्षकों की नजर इस पर भी है कि मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव अधिक मतों से जीतते हैं या गोरखपुर से योगी? यदि मैनपुरी सपा का पुराना गढ़ रहा है तो यहां आजमगढ़ से अखिलेश सांसद हैं। उनके पिता सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी सांसद रहे हैं। इस क्षेत्र में यादव-मुस्लिम वोटों का समीकरण भी अच्छा है। इसके इतर भाजपा इससे उत्साहित है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं। उनका प्रभाव बाकी दलों के समीकरण प्रभावित कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b57718e804bd3834d0448015b7b98d00cc5e438e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण बड़ी समस्या है। इससे रेलवे की कई परियोजनाओं का काम बाधित हो रहा है। रिंग रेल नेटवर्क के विकास का लोगों को इंतजार है। कोरोना संकट के दौर में ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई थी। रिंग रेल, अतिक्रमण हटाने, रेलवे स्टेशनों यात्री सुविधाएं बढ़ाने, यात्रियों की सुरक्षा लोकल ट्रेनों के संचालन सहित अन्य मुद्दों पर संतोष कुमार सिंह ने दिल्ली मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) डिम्पी गर्ग से बातचीत की है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:।दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए वर्ष 2016 में रिंग रेल को विकसित करने का फैसला किया गया था। इस योजना पर काम क्यों नहीं हुआ?।- अतिक्रमण मुख्य कारण है। रिंग रेल नेटवर्क पर लगभग 130 प्रतिशत ट्रैफिक है। इस नेटवर्क पर अधिकांश मालगाड़ियां चलती हैं। पैसेंजर ट्रेन चलाने के लिए अतिरिक्त पटरी बिछानी होगी। इसके साथ स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए अन्य विकास कार्य करने होंगे। विकास कार्य के लिए रेल पटरी और स्टेशनों के बिल्कुल साथ बसी हुई अवैध झुग्गियों को हटाना जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7965008a3adf2ec14b8a67370506531d3720ad2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61925.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिलबाग दानिश, लुधियाना। प्रदेश में नशे को लेकर पिछड़ी बस्तियों में हालात बेहद बद्तर हो चुके हैं। यहां पर कई युवाओं ने नशे की लत में पड़कर घर का सामान बेच डाला। अब घरों के घर खाली हो गए हैं और उन खाली घरों में मृतकों की फोटो ही लटकती मिलती है। ऐसी ही कुछ तस्वीर लुधियाना के सेंसी मोहल्ले की है। इस मोहल्ले में पिछले दो साल में नशे के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है। यहां की संकरी सी गली में एक खस्ताहाल घर है। इसमें रहने वाले अजय कुमार की जुलाई 2021 में मौत हो चुकी है। + + पिता ने उठाया तस्करों के खिलाफ झंडा तो बेटे को शिकार बना बना दिया।नशेड़ी पीरू बंदा नशे का गढ़ है। यहां पर हलवाई का काम करने वाले राम चंद्र बताते हैं कि उन्हें लगा कि नशा परिवारों में कड़वाहट पैदा कर रहा है। इसलिए ही उन्होंने नशे के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी। इसी बात के चलते नशा तस्करों ने उसके बेटे को ही नशे पर लगा दिया। वह नशे की अधिक डोज लेने लगा तो शरीर में कई रोग लग गए। नशे के चलते बेटे की पिछले साल तीन अक्टूबर को मौत हो गई। रामचंद्र कहते हैं कि उनकी नशे के खिलाफ जंग जारी रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..342fe0a1bf9195a7d4b6ef69f117b788e6057f0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रश्न- देश और प्रदेश में कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई। आखिर क्यों जनता की नब्ज नहीं पकड़ पा रही आपकी पार्टी? । उत्तर- चुनाव परिणाम अलग विषय है, लेकिन कांग्रेस की जनता से दूरी अभी भी नहीं है। हमारी पार्टी ने अब तक कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1977 में तो लोगों ने मान लिया था कि कांग्रेस अब कभी खड़ी नहीं होगी, लेकिन उसके बाद कांग्रेस फिर मजबूत हुई। बार-बार सरकार बनाई। मुझे भरोसा है कि कांग्रेस फिर उसी मजबूती के साथ सत्ता में लौटेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61929.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61929.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42be08a9df605648e96e288d33bb7405795b6b3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61929.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। रूस और यूक्रेन की जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से बेहद खतरनाक संकेत सामने आए हैं। पुतिन ने रविवार को देश के परमाणु प्रतिरोधी बलों को विशेष अलर्ट पर रखने का आदेश जारी किया। पुतिन का कहना है कि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ उकसाने वाली कार्रवाई कर रहे हैं। यही नहीं प्रमुख नाटो देशों के शीर्ष अधिकारी भी रूस के खिलाफ आक्रामक बयान दे रहे हैं। पुतिन के इस आदेश को एक वैश्विक खतरे के रूप में देखा जा रहा है। जानें क्‍या हैं इसके मायने...।क्‍या यह अंतिम विकल्‍प...।विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर परमाणु हथियारों का प्रयोग युद्ध में अंतिम विकल्प के तौर पर किया जाता है। यूक्रेन युद्ध तो अभी तीन दिन पुराना ही है और रूस को ऐसा कोई नुकसान भी नहीं हुआ है। ऐसे में यह बयान चौंकाने वाला है...।जंग शुरू होने से पहले भी दी थी धमकी।यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू होने के समय भी पुतिन ने पश्चिमी देशों को अपनी एटमी ताकत की धमकी दी थी। इस बार भी उन्होंने अपने संबोधन में नाटो देशों के बयानों का जिक्र किया है। + +यूक्रेन के पास नहीं है परमाणु हथियार।जहां तक यूक्रेन का सवाल है तो उसके पास परमाणु हथियार नहीं हैं। दरअसल जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था तो यूक्रेन ने अपने सभी परमाणु हथियार रूस को दे दिए थे। हाल ही में पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन को परमाणु हथ‍ियार नहीं हासिल करने देंगे...।भारत की 'नो फ‌र्स्ट यूज' की नीति।भारत भी परमाणु संपन्न राष्ट्र है, लेकिन वह 'नो फ‌र्स्ट यूज' की नीति का पालन करता है। इसका मतलब है कि युद्ध के समय वह परमाणु हथियार का प्रयोग पहले नहीं करेगा। लेकिन पुतिन के मौजूदा आदेश ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है...।परमाणु हथियारों को लेकर नाटो की यह है नीति।नाटो की भी परमाणु हथियारों को लेकर स्पष्ट नीति है। इसमें उनके अंतिम विकल्प के रूप में प्रयोग की बात कही गई है। हालांकि पुतिन के बयान के बाद अमेरिका और नाटो समेत कई मुल्‍कों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। नाटो प्रमुख ने इसे गैर-जिम्‍मेदाराना बताया है...।दुनिया देख चुकी है विभिषिका।द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए थे जिससे भीषण तबाही हुई थी। आज भी वहां के लोग इसका दुष्परिणाम झेल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77a540bae2c0b3d4283d89f45b32f05f740973b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोर्ट में विचाराधीन हैं मामले।महेशपुर गांव में गाटा संख्या 354 का रकबा 24510 वर्गमीटर है। इसमें कई हिस्सेदार हैं। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक इसमें 3700 वर्गमीटर सरकारी जमीन ऊसर के रूप में दर्ज है। बाकी जमीन किसानों को कृषि रूप में आवंटित है। इनमें से कई आवंटन निरस्त हो चुके हैं। ये मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99b094791c032dc5e7d45d6de034b89e0c0e501e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61931.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। New National Education Policy: स्कूली शिक्षा के नए ढांचे में अब बच्चों को स्कूल में दाखिला देने से पहले विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें स्कूली माहौल के लिहाज से तैयार किया जाएगा। इस पहल को सरकार ने विद्या प्रवेश नाम दिया है। इसके तहत पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले प्रत्येक बच्चे को अब शुरुआत में तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने और उठने-बैठने आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उनमें सीखने की प्रवृत्ति को विकसित किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह पहल नए शैक्षणिक सत्र से सभी स्कूलों में लागू होगी। + +एनसीईआरटी की ओर से इसको लेकर एक माड्यूल भी विकसित किया गया है। इसमें शिक्षकों और अभिभावकों के लिए कुछ जरूरी टिप्स भी दिए गए हैं। सभी राज्यों को माड्यूल भेज दिया गया है। साथ ही इसे प्राथमिकता से लागू करने का सुझाव दिया गया है। माना जा रहा है कि इससे स्कूलों के प्रति पैदा होने वाली अरुचि से बच्चों को बचाया जा सकेगा। देश में मौजूदा समय में बड़ी संख्या में बच्चे शुरुआत में स्कूल जाने से डरते हैं। इसके चलते वे जल्द स्कूल छोड़ भी देते हैं। मंत्रालय का मानना है कि यदि बच्चों में शुरू से ही स्कूलों और पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा कर दी जाए तो वे काफी निपुण हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61933.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38d09348f1b089b48dc54253cb75d52a87aeebe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61933.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1- यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में आठ साल तक रूस समर्थित अलगाववादियों से लड़ने के बाद अब यूक्रेन को परमाणु संपन्न पड़ोसी देश की गोलीबारी, बमबारी और राकेट हमलों को झेलना पड़ रहा है। प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि यूक्रेन एक ऐसा देश है जिसने 1991 में रूस से आजादी के लिए बड़े पैमाने पर मतदान किया था। उसने अपने परमाणु हथियारों का भी त्याग तक कर दिया था। अब अगर रूस इस देश को पूरी तरह से अपने अधीन कर लेता है तो फिर से यूक्रेन तीन दशक पहले वाली स्थिति में चला जाएगा। + +इस जंग में नाटो की भूमिका।इस जंग में नाटो जानबूझकर यूक्रेन की भूमि में नहीं है। हालांकि, यूक्रेन की तरफ से लगातार मदद की अपील की गई, लेकिन नाटो ने यूक्रेन में सेना भेजने से साफ तौर पर इन्‍कार कर दिया है। नाटो का तर्क यह है कि चूंकि यूक्रेन नाटो का सदस्‍य देश नहीं है, इसलिए नाटो की सेना उसकी सैन्‍य मदद नहीं कर सकती। नाटो रूस के साथ जंग नहीं छेड़ना चाहता है। अगर रूस इस हमले के बाद यूक्रेन पर लंबे समय तक कब्‍जा रखता है तो पश्चिमी देश यूक्रेन में विद्रोहियों का समर्थन कर सकते हैं। अमेरिका ने 1980 के दशक में अफगान मुजाहिदीनों का समर्थन किया था। यह भी जोखिम के बिना नहीं होगा, क्योंकि ऐसा हुआ तो पुतिन किसी न किसी तरह की जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..838e05e1b550d90d830ea8a42a109b47114e7ec9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61939.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किताबघर : रामलीला मंचन का ऐतिहासिक दस्तावेज। रामलीला परंपरा और शैलियां। इंदुजा अवस्थी। धर्म/अध्यात्म। पहला संस्करण, 1979। पुनर्प्रकाशित संस्करण, 2000। राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली। मूल्य: 350 रुपए। समीक्षा : यतीन्द्र मिश्र।स्वाधीनता के 75वें वर्ष में हम ऐसी पुस्तकों का अवगाहन कर रहे हैं, जिसने भारतीय सभ्यता, संस्कृति के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। ऐसे में सांस्कृतिक अध्ययन की तमाम ऐसी किताबें भी महत्वपूर्ण बन जाती हैं, जिनके पाठ से हमें भारतीय संस्कृति का सही रूप दिखाई देता है। रामलीला परंपरा पर काम करने वाली प्रख्यात लेखिका इंदुजा अवस्थी की ‘रामलीला परंपरा और शैलियां’ एक महत्वपूर्ण किताब है। इस संदर्भ में और भी कि भारत में रामकथा गायन और रामकथा की कलाओं में निरूपण की पुरानी शैली रामलीला है। इसी कारण रामलीला के अध्ययन को लेकर यह किताब एक विशिष्ट प्रकार के अध्ययन की मांग करती हैर्। ंहदी भाषी क्षेत्र की प्राचीन नाट्य परंपरा रामलीला की सर्वांगीण झांकी को पुस्तक में अभिलेखीय उद्धरणों के साथ प्रस्तुत किया गया है। रामलीला की ऐतिहासिक भूमिका, संस्कृत और मध्ययुगीन नाट्य परंपरा से उसका संबंध, नाटकीय संवादों के स्रोत, सामाजिक, सांस्कृतिक पुस्तक प्रदर्शन और उसके अभिनय के व्यवहार, क्षेत्रीय शैलियां, रामलीला के रंगमंचीय परंपरा सभी पक्षों को इस किताब में गंभीरता से उभारा गया है। यह भी देखने वाली बात है कि श्रीरामचरितमानस का गहरा प्रभाव रामनगर, वाराणसी की विशिष्ट रामलीला शैली पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17fadb5fa17ac58a51596241e7424936ac99011c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61945.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली के बहावलपुर हाउस में चलनेवाला राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नाट्य प्रशिक्षण देता है। नाट्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में इस संस्शथा की देश-विदेश में बहुत प्रतिष्ठा है। इन दिनों ये संस्था अपनी इस प्रतिष्ठा को बचाने के लिए संघर्षरत है। आए दिन इसके कैंपस में हाय-हाय के नारे गूंजते हैं। इस संस्था के अध्यक्ष प्रख्यात अभिनेता और पूर्व सांसद परेश रावल हैं। परेश रावल को 2020 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की कमान सौंपी गई थी। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि संस्थान के अध्यक्ष का पद करीब तीन साल तक खाली रहा था। परेश रावल के पहले रतन थिएम 2017 में पदमुक्त हो चुके थे। संस्थान में 2018 के बाद से कोई नियमित निदेशक भी नहीं है। ज्यादतर प्रशासनिक कार्य तदर्थ आधार पर हो रहे हैं। + +आवश्यकता इस बात की है कि संस्कृति मंत्रालय में उच्चतम स्तर पर इस संस्थान पर ध्यान दिया जाए। यहां नियमित निदेशक की नियुक्ति की जाए ताकि प्रशासनिक कार्य पटरी पर आ सके। मंत्रालय एक शार्टकट निकालता है कि निदेशक की नियुक्ति होने तक मंत्रालय के किसी अफसर को संस्थान का प्रभार दे दिया जाए। यह स्थायी समाधान नहीं है। आवश्यक नहीं कि जिस अधिकारी को नाट्य विद्यालय का प्रभार दिया जाए उसकी रुचि इस विधा या कला में हो। + +उनको भी ये समझना होगा कि अभिनय और इससे जुड़ी विधाओं में उनके अनुभव का विपुल लाभ किस तरह से छात्रों को और संस्थान को मिले। ईकोसिस्टम को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसके सामने उनसे बड़ी लकीर खींच दी जाए। कोसने का वक्त निकल चुका है, अब कर दिखाने का समय है। संस्कृति मंत्रालय में इस वक्त योग्य मंत्रियों की टीम है और उम्मीद की जानी चाहिए कि ये टीम ईकोसिस्टम के दुष्प्रभावों को कम करने या खत्म करने के क्षेत्र में सक्रिय होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d33a6f619757bb0491c84351d207cd7c989a56b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61946.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, फीचर डेस्‍क। वर्ष 1921 में ब्रिटिश युवराज के भारत आने का विरोध क्रांतिकारी कर रहे थे। उस समय मन्मथनाथ गुप्त की उम्र केवल 14 साल थी। वह भी बहिष्कार आंदोलन में शामिल थे। मन्मथ जब हड़ताल और धरने का नोटिस बांटने निकले तो पिता ने टोका, नोटिस बांटने के लिए तुम्हें पुलिस पकड़कर जेल भेज सकती है, डंडों से पीट सकती है। क्या तुम ये यातनाएं सह पाओगे? मन्मथनाथ का उत्तर था, 'बाबूजी, मैं अपनी मातृभूमि के लिए सबकुछ सहने के लिए तैयार हूं। आपने ही तो यह सब सिखाया है।' पिता ने उन्हें अनुमति दे दी। आखिर नोटिस बांटते हुए उन्हें पकड़ लिया गया और तीन महीने की जेल हो गई। + +पं. वीरेश्वर गुप्त के पुत्र मन्मथनाथ का जन्म 7 फरवरी, 1908 को बनारस में हुआ था। पांच वर्ष की आयु में ही गणित के कठिन प्रश्न हल कर बालक मन्मथ ने अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था। विद्वान पिता ने इसीलिए किसी सामान्य स्कूल में प्रवेश न दिला इनके लिए घर पर ही प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था कर दी। एक संन्यासी गुरु के पास उन्हें संस्कृत पढऩे भेज दिया। फिर इन्हें काशी के विद्यापीठ में प्रवेश दिला दिया गया। उन दिनों यहां का वातावरण भी राष्ट्रीय चेतना जगाने व देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वाला था। ऐसे माहौल में मन्मथनाथ राष्ट्रीय आंदोलनों में भाग लिए बिना कैसे रह सकते थे। + +काशी विद्यापीठ से विशारद होने के बाद वह प्रसिद्ध क्रांतिकारियों के संपर्क में आए, क्रांतिकारी साहित्य पढ़ा और पूरी तरह स्वाधीनता के समर में कूद गए। वह क्रांतिकारी दल में शामिल हो गए। काकोरी कांड के पूर्व ही वह पुलिस की निगाह में आ चुके थे। वह काकोरी के दल में शामिल हो चुके थे। कम उम्र होने के कारण उन्हें छेनी हथौड़ा लेकर साथ चलने का काम दिया गया, जिससे रेल की पटरी उखाड़ी जानी थी। सरकारी खजाना लूटा जाना था, इसलिए जंगल में ट्रेन रोकी गई। यात्रियों को चुप कराकर रखने के लिए हथियार भी थे। यात्रियों पर हथियार चलाने की कोई योजना नहीं थी,लेकिन गलती से गोली चल गई और एक यात्री की मौत हो गई। यह गलती मन्मथ से अनजाने में हुई थी। अंग्रेज पुलिस ने उस दल को गिरफ्तार कर लिया। काकोरी मुकदमे में अनेक साथियों को फांसी की सजा हुई, लेकिन कम उम्र के कारण उन्हें कठोर कैद की सजा दी गई। जेल में भी उन्होंने मानवतावादी मूल्यों की स्थापना के लिए दो बार अनशन किया था और आजन्म इन मूल्यों के लिए अपने लेखन से वह लड़ते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27d8dfcbde166deccd2b3992e4226d6c91b17728 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क: आपदा के वक्त में विदेशी जमीन पर फंसे अपने को बचाने का भारत का एक लंबा इतिहास रहा है। किसी भी परिस्थिति में भारतीय दूतावासों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के बीच सोशल मीडिया पर एक ट्वीट वायरल हो रहा है। यह ट्वीट वर्ष 2017 का है जब दिवंगत सुषमा स्वराज भारतीय विदेश मंत्री थीं। उन्होंने लिखा था कि, ‘अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे हैं, तो वहां भी भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा’। यह ट्वीट अब यूक्रेन के संदर्भ में वायरल हो रहा है कि कैसे भारतीय सरकार यूक्रेन में फंसे लोगों की मदद कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d57f0a5ff3131aa365c4802a78cd29a79f315bdb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस दौरान नए मेडिकल कालेज खोलने के साथ ही मेडिकल सीटों में भी भारी इजाफा हुआ है। 2014 के पहले देश में एमबीबीएस की लगभग 55 हजार सीटें थीं, तो इस साल 85 हजार से अधिक हो गई हैं। आगामी शैक्षिक सत्र में इसके एक लाख से ऊपर पहुंचने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अपनी ओर से कोशिश कर रही है, लेकिन इसके लिए निजी क्षेत्र को भी आगे आना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d409dec315b202229a3ccedfe0ca3fcf00b3332 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61962.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देर से मिला इंसाफ भी सजा से कम नहीं : 30 साल बाद इंसाफ पाकर रफीक खुश तो हैं लेकिन संघर्षों को यादकर मायूस भी हो जाते हैं। वह कहते हैं कि इतने वर्ष बर्बाद कर मिला इंसाफ भी सजा से कम नहीं लग रहा है। जवानी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने में गुजर गई। हजारों रुपये की फीस भरी सो अलग। वह बताते हैं कि उनकी उम्र इस समय 46 साल है और जब उन्हें आरोपित बनाया गया, तब उनकी उम्र कम थी। हालांकि, दस्तावेज नहीं होने के चलते बालिग मानते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61966.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5eb713fc1983ecedc7aeb5a6071e827de827e331 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61966.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रावस्ती। भारत-नेपाल सीमा और बहराइच से सटा श्रावस्ती विश्व प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थली होने के बावजूद आज भी देश के अति पिछड़े जिलों में शुमार है। ढाई दशक पूर्व पहली बार अस्तित्व में आए इस छोटे से जिले में भिनगा और श्रावस्ती दो विधानसभा सीटें हैं। श्रावस्ती में जहां त्रिकोणीय वहीं भिनगा में भाजपा-सपा सीधी लड़ाई में दिखती है, हालांकि, बहुत कुछ वोटों के बंटवारे पर निर्भर है। राज्य ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल की ग्राउंड रिपोर्ट-।बहराइच से बौद्ध तपोस्थली श्रावस्ती जिले की सीमा में प्रवेश करते ही गिलौला कस्बे में पिपरमिंट की जड़ बेच रहे आशाराम और रामू चुनावी माहौल के सवाल पर 'गजराज' यानी बसपा का जोर बताने में देर नहीं करते। मौजूदा भाजपा विधायक से नाराजगी जताते हुए कहते कि हम लोगों की तो कहीं सुनवाई ही नहीं जबकि मायावती के रहते कोई दिक्कत नहीं थी। वहीं जड़ खरीद रहे मानिकपुर खर्द के मुलीम अली का सपा की ओर झुकाव दिखा। कहते हैं कि बेसहारा जानवरों की बड़ी समस्या है जिस पर तिलकपुर के श्यामलाल भी हां में हां मिलाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..770829d4f185165a663e7fe080353a71f9145f54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, जागरण संवाददाता। India vs Sri Lanka T20I Dharamshala, धर्मशाला में सुबह-सुबह झमाझम बारिश हो रही है। आकाश में घने बादल हैं। रात से ही मौसम खराब चल रहा है। तेज हवा के साथ बारिश की बौछार गिर रही है। रात को भी भारी बारिश हुई है और आज शनिवार सुबह भी यह सिलसिला जारी है। पहाड़ों में हुए ताजा हिमपात से क्षेत्र में ठंड गढ़ गई है। सुबह न्‍यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियत से भी नीचे थे। ऐसे में खराब मौसम से आयोजकों की चिंता बढ़ गई है। यदि मौसम के कारण मैच नहीं हाेता है तो यह पहला मौका नहीं है जब धर्मशाला में मैच रद होगा। इससे पहले भी कई मुकाबले बारिश की भेंट चढ़ चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b44fd1b96e63726e134e83d6d695230de2ea923 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपी सरकार में भी कई विभागों के मंत्री और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके डा. पाण्डेय मानते हैं कि अब तक के मतदान वाले चरणों में भाजपा ने पहले से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। चंदौली से दूसरी बार के सांसद 64 वर्षीय डा. पाण्डेय कहते हैं कि सपा-बसपा वाले पूर्वांचल से ताकत तो लेते रहे लेकिन वहां दिया कुछ नहीं। मोदी-योगी जी की सरकार ने पूर्वांचल का पिछड़ापन दूर करने के लिए जिस तरह से विकास के तमाम कार्य किए हैं उससे निश्चिततौर पर वहां के मतदाता तो भाजपा के सिवा किसी और तरफ देख भी नहीं रहे हैं। बताते हैं कि भाजपा का साथ छोड़ने वाले स्वार्थी नेताओं की अबकी चुनाव में प्रासंगिकता ही खत्म हो जाएगी। वे विधानसभा का मुंह तक नहीं देख पाएंगे। डा. पाण्येय ने दावा किया कि देश, समाज व संस्कार हित में ब्राह्मण अबकी भाजपा का साथ ही नहीं दे रहा बल्कि सभी का साथ दिला भी रहा है। पसमांदा मुस्लिमों का दर्द करीब से जानने वाले मोदी जी ने उनका भी पूरी तरह से ख्याल रखा है। केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि राजनीतिक स्वरोजगार योजना के प्रभावित होने से बेचैन विपक्ष चाहे जो अनर्गल आरोप लगाए लेकिन वोटर समझ रहा है कि मोदी-योगी की सरकार ही देश व यूपी का गौरव लौटाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। चुनावी व्यस्तताओं के बीच डा. पाण्डेय से राज्य ब्यूरो प्रमुख अजय जायसवाल ने विस्तार से बात की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :।* अब तक के मतदान से कैसे नतीजे मान रहे हैं? ।-पश्चिमी उत्तर प्रदेश व बृज क्षेत्र ही नहीं बल्कि मैनपुरी, इटावा, कन्नौज आदि जिलों में भी भाजपा का प्रदर्शन पहले से बेहतर रहने वाला है। कानून-व्यवस्था और विकास को देखते हुए जिस उत्साह के साथ मतदाताओं ने वोट किया है उससे हम उन सीटों पर भी जीत रहे हैं जिन्हें अंहकार में डूबे सपाई नेता अपनी जागीर समझते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a6d29b8bf8aef0ec40be47c97dac4d8cf1ef0e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61970.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना सिटी, अनिल कुमार। किस्‍मत के खेल निराले। मुगल बादशाह शाहजहां की बीवी मुमताज महल का नाम किसी परिचय का मोहताज तो है नहीं। दुनिया की मशहूर अनोखी इमारतों में से एक ताजमहल मुमताज और शाहजहां के अमर प्‍यार की कहानी कहता है। लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता है कि विश्व में सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब से लगभग 50 गज की दूरी पर गंगा जाने वाले मार्ग पर गुमनामी के अंधेरे में भी एक 'ताजमहल' है। जानकारी के अभाव में मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भी पता नहीं चलता है कि यहां चहारदीवारी के मजार में सोयी है शाहजहां की साली और मुमताज महल की बड़ी बहन मल्लिका। जिन्हें जानकारी मिलती है तो वे चौंक पड़ते हैं, इस स्थल की ऐतिहासिकता को जानकर। चहारदीवारी होने के कारण वे चाहकर भी दर्शन नहीं कर पाते हैं। + +किस्मत का खेल निराला।किस्मत का खेल निराला है। आगरा में यमुना नदी के किनारे बेपनाह मोहब्बत की मिसाल पेश करते हुए शाहजहां ने बेगम मुमताज महल के मजार पर अजूबा ताजमहल बनवाया। अजूबे ताजमहल को देखने के लिए देश-विदेश के कोने-कोने से हर व्यक्ति घूमने के लिए एक बार अवश्य जाता है। किस्मत की ऐसी विडम्बना कि अंग्रेज काल से स्थापित चौक थाना के सटे पटना सिटी का ताजमहल गुमनामी के अंधेरे में है। आसपास रहने वाले बुजुर्ग ने बताया कि मुमताज की सगी बड़ी बहन मल्लिका बानो उर्फ हमीदा बानो एक जमाने से गंगा किनारे मजार में एक बड़े व्यवसायी के घर की चहारदीवारी के अंदर चुपचाप सोयी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb6bacbc973b4669830191154d72eb757f02ced9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61974.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह इसलिए और आवश्यक हो गया है, क्योंकि यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर प्रतिबंध लगाने में जुट गए हैं। इन प्रतिबंधों का असर रूस से होने वाली रक्षा सामग्री की खरीद पर भी पड़ने की आशंका है। इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि भारत की करीब 60 प्रतिशत रक्षा सामग्री रूस से ही आती है। इसी तरह यह भी एक तथ्य है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के तमाम प्रयासों के बाद भी भारत रक्षा सामग्री का आयात करने वाले प्रमुख देशों में शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77cc90436f61cb09f0a2db2ad86290d44ef5b92f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61976.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बृजलाल। जब देश सुरक्षित होता है, तभी वहां के लोग भी सुरक्षित होते हैं। सुरक्षा के मामले में 2014 के पहले के दौर का स्मरण करें। तब आए दिन हमारे शहरों में आतंकी हमले होते थे। जुलाई 2008 में ऐसे ही एक आतंकी हमले में अहमदाबाद में 21 जगहों पर बम विस्फोट किए गए थे। इनमें 56 लोग मारे गए थे और दो सौ से अधिक घायल हुए थे। हाल में इन विस्फोटों के लिए दोषी 38 आतंकियों को मौत और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इनमें कई आजमगढ़ के हैं। नि:संदेह 2014 के बाद स्थिति बदली और आतंकी वारदातों में जान गंवाने वाले सशस्त्र बलों, पुलिस के जवानों और सामान्य नागरिकों की संख्या कम हुई है। यह संभव हो पाया राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीतिक इच्छाशक्ति और संकल्पशक्ति के कारण। + +पुलिस सेवा में रहते हुए मैंने करीब से देखा है कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए देश की सुरक्षा की अनदेखी की गई। जब 2012 में अखिलेश सरकार सत्ता में आई तो उसने 2007 में गोरखपुर में हुए बम धमाकों में पकड़े गए आतंकियों तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद के मुकदमों को वापस लेने की पहल की। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुकदमा वापसी के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को फटकार लगाई। बाद में गोरखपुर के स्पेशल जज ने आतंकी तारिक कासमी को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह भी ध्यान रहे कि 2013 में जब आतंकी खालिद की लू लगने से मौत हो गई तो अखिलेश सरकार ने 42 पुलिस अधिकारियों-कर्मियों पर मुकदमा दायर करा दिया। इतना ही नहीं, इस मामले की जांच सीबीआइ को दे दी गई। सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच में ही केस को झूठा पाया। इसके बाद भी जब मार्च 2017 में भाजपा सरकार सत्ता में आई तब जाकर इस फर्जी मुकदमे का पटाक्षेप हुआ। + +अहमदाबाद बम धमाकों में सजा पाए आतंकी। फाइल।2014 के पहले केंद्रीय नेतृत्व भी आतंकवाद के मामले में लचीला रुख अपनाए हुए था और वह भी तब जब इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी देश में जगह-जगह धमाके कर रहे थे। इस संगठन के कई सदस्य आजमगढ़ के थे। इस संगठन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और लश्कर-ए-तैयबा की भी शह मिल रही थी। इंडियन मुजाहिदीन का आजमगढ़ माड्यूल देश भर में सैकड़ों निदरेष लोगों की मौत का कारण बना। ये मौतें आतंकी हमलों में हुईं। 2008 में जब बाटला हाउस मुठभेड़ हुई तो दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद, ममता बनर्जी आदि ने उस पर सवाल उठाए। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने तो आजमगढ़ जाकर यहां तक कह दिया कि बाटला हाउस मुठभेड़ फर्जी है। इस मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के बारे में कहा गया कि वह तो पुलिस की गोली से मरे। 2012 में आजमगढ़ में एक चुनावी रैली में सलमान खुर्शीद ने यह कह दिया कि उन्होंने जब बाटला हाउस में मारे गए ‘लड़कों’ की फोटो सोनिया गांधी को दिखाईं तो उनकी आंखों में आंसू छलक आए। यह किसी से छिपा नहीं कि बाद में अदालत ने इस मुठभेड़ को सही पाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61978.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61978.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da8975d32a6b1fe38b0a6fec518cc6ba4a8c5acf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61978.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +11 नवंबर को यूक्रेन गया था दीपेश।खातीखाना निवासी शैलेंद्र कुमार के 19 वर्षीय बेटे दीपेश वर्मा ने पिछले साल यूक्रेन के डेनीपर शहर स्थित डेलीप्रो स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया। 11 नवंबर को यहां से गए थे। कैंपस में ही हास्टल में रह रहे थे। उस समय सबकुछ सामान्य चल रहा था। दीपेश ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर चैनल व समाचार पत्रों के माध्यम से खबरें चल रहीं थी। उसी समय से चिंता बढ़ने लगीं। घर से स्वजन लगातार फोन कर रहे थे। रूस ने यूक्रेन के डोनेस्टक व लुहांस्क पर हमले शुरू कर दिए थे। उस समय डेनीपर शहर में शांति थी। हालातों को देखते हुए 18 फरवरी को पिता ने फ्लाइट बुक कर दी थी। 24 फरवरी को सुबह पांच बजे हमारी फ्लाइट थी। एक दिन पहले डेनीपर से बस से 450 किलोमीटर दूर राजधानी कीव के लिए निकल पड़े। सात घंटे पहुंचने में लगे। हमारी फ्लाइट पांच घंटे लेट थी। इस बीच स्वजन से वीडियोकाल से बात हो रही थीं। हम दहशत में थे और स्वजन भी काफी चिंतित थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e5382a7518c8f980ea128c17ff883b4aff95d4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले तकरीबन 2 साल से परेशान दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को पहली बार अगले सप्ताह से बड़ी राहत मिलने जा रही है। इसके चलते जहां दिल्ली सरकार का राजस्व भरेगा तो लोगों की जिंदगी भी आसान हो जाएगी। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक अहम बैठक में अगले सप्ताह सोमवार से ही कई प्रतिबंधों को खत्म करने का ऐलान किया है। आइये जानते हैं 10 बड़े बदलाव, जिससे दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को जीवन थोड़ा और सरल होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83648f29866d86a4216253f63622ebc88e3340ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6198.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री राधिका आप्टे अपना जन्मदिन 7 सितंबर को मनाती हैं। वह कई फिल्मों में अपने शानदार अभिनय और किरदारों से दर्शकों के दिलों को जीत चुकी हैं। राधिका आप्टे फिल्मों में कई चैलेंजिंग सीन भी दे चुकी हैं। उनका जन्म 7 सितंबर 1985 को तमिलनाडु में हुआ था। राधिका आप्टे के पिता डॉ. चारू आप्टे है, जोकि न्यूरोसर्जन और साहयाद्री अस्पताल के चेयरमैन रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61980.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20dc8933b732a40ca21d4b74449c8c3a8794c706 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61980.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। मुगल शहंशाह शाहजहां का 367वां उर्स ताजमहल में 27 फरवरी से एक मार्च तक मनाया जाएगा। तीन दिवसीय उर्स में गुस्ल, संदल और चादरपोशी की रस्में होंगी। शाहजहां से पूर्व ताजमहल में मुमताज का उर्स मना था। इतिहासकारों ने अपनी पुस्तकों में इसका उल्लेख किया है। उस समय ताजमहल बन ही रहा था। 303 वर्ष पूर्व मुमताज का उर्स मनना बंद हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89cc78683ca2c3d3d6b7455909008426483851b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61982.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर।यूक्रेन में फंसे जिले के छात्रों व नागरिकों की मदद के लिए स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है। छात्रों की हरसंभव मदद के लिए जिला प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर मो. जफर को नोडल अधिकारी बनाया है। इनका मोबाइल व वाट्सएप नंबर 9899372535 जारी किया गया है। इसके साथ ही चौबीस घंटे के लिए कंट्रोल रूम संचालित कर दिया गया है। इनके नंबर 05712420100, ,7906856081, 9837606908, 9315097762 हैं। ईमेल आइडी ddmaaligarh@ gmail.com है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्यान जयसवाल ने बताया कि किसी का बच्चा या परिवार को कोई सदस्य यूक्रेन में फंसा हुआ है तो वह लिखित में सूचित करें और दिए गए नंबरों पर भी बताए। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिलाते हुए कहा है कि जिला प्रशासन इस कठिनाई के दौर में उनके साथ खड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b032634ff449117c8dc362035ea8789473f6a07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अपने दो रणनीतिक साझेदार देशों के बीच सामंजस्य बिठाने में भारत लगा तो हुआ है लेकिन उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस को लेकर भारत के अभी तक के नरम रवैये को देखते हुए अमेरिका की तरफ से ज्यादा दबाव बनाया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस बारे में टेलीफोन पर बात की है जबकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने सार्वजनिक तौर पर यह बयान दिया है कि रूस को लेकर भारत के साथ मुद्दा अभी सुलझा नहीं है। अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में पेश प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार दोपहर बाद तीन बजे (भारतीय समय के अनुसार देर रात डेढ़ बजे) पर होने वाले मतदान में भारत उसका साथ दे। यह प्रस्ताव अमेरिका और अल्बानिया ने पेश किया है। हालांकि, अमेरिका प्रशासन यह मानकर चल रहा है कि रूस इस पर वीटो लगाएगा, जिससे प्रस्ताव के पारित होने की संभावना नहीं है। यूएनएससी में रूस वीटो अधिकार वाले पांच देशों में से एक है, बाकी के चार देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73befb077dbf488e19b3eff4494b80a663e4118d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रूस के साथ द्विपक्षीय भुगतान प्रभावित होने की आशंका नहीं ।अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा मास्को पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय भुगतान प्रभावित होने की आशंका नहीं है। सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात के लिए द्विपक्षीय भुगतान रुपये में किए जाता है। इसलिए, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को छोड़कर पश्चिम द्वारा प्रतिबंधों का भुगतान पर कोई असर नहीं होगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार चालू वित्त वर्ष में अब तक 9.4 अरब डालर रहा है, जो 2020-21 में 8.1 अरब डालर था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61986.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b967406c898a627b81d9b665f1326a1267ce03d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61986.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निर्यातकों ने बताया कि यूरोप के प्रमुख देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने से कमोवेश पूरा यूरोपीय यूनियन (ईयू) अब रूस से वस्तुओं का आयात बंद कर सकता है। निर्यातकों ने कहा कि वे इस अवसर को लेकर इसलिए भी आशान्वित हैं क्योंकि कोरोना काल के बाद यूरोप के देशों के बीच चीन से खरीदारी को लेकर उदासीनता आई है। भारत के इंजीनिय¨रग गुड्स के निर्यात में यूरोपीय यूनियन की बड़ी हिस्सेदारी है। विदेश व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक भारत को केमिकल के साथ लौह अयस्क और स्टील निर्यात भी बढ़ाने का मौका मिल सकता है। इन सेक्टर में निर्यात में बढ़ोतरी इस बात पर भी निर्भर करेगी कि रूस पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध कितने समय तक जारी रहते हैं। अगर यह प्रतिबंध छोटी अवधि के लिए रहा तो इसका कोई खास लाभ नहीं होगा, क्योंकि अमूमन एक-दो महीने का स्टाक कारोबारियों के पास होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5847b4df82870e5b3fd8a660f938308740071c25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच लोग अपनी जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। कीव और खारकीव में फंसे पांच हजार से अधिक भारतीय छात्र इसी उधेड़बुन में हैं कि वे यहां से निकल भी पाएंगे या नहीं। इन शहरों में रह रहे भारतीय छात्रों के मुताबिक, मार्शल ला लागू होने से वहां की सभी दुकानें बंद हैं। अपनी जिंदगी बचाने के लिए ये सभी माइनस तीन डिग्री तापमान के बीच घर में बने अंडरग्राउंड कमरों, नजदीकी बम बचाव घरों और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में कैद हैं। न इनके पास यहां खाना है और न ही पानी। इन जगहों में कैद भारतीय बस अपनी सुरक्षित वतन वापसी का हर पल इंतजार कर रहे हैं। वहीं, यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में रह रहे कुछ छात्र हालात और बिगड़ने से पहले यूक्रेन से सटे देशों पोलैंड, हंगरी और रोमानिया की तरफ निकलने की तैयारी में हैं। वहां पर पहुंचकर वे स्वदेश वापसी करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c83d5e620a05afce814ace4dbd7e626a05fc1950 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61988.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।अलेवा से बुजुर्ग को ले उड़े।जींद में परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद अधिकारियों की बैठक लेकर दुष्यंत अलेवा में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। यहां सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जब वह वापस लौट रहे थे तो सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बाहर फरियादियों ने उन्हें घेर लिया। इस दौरान गांव घसोखुर्द के रहने वाले एक बुजुर्ग राम स्वरूप भी एक फरियाद के साथ दुष्यंत के सामने पहुंच गए। तमाम जद्दोजहद के बाद वह डिप्टी सीएम के निकट पहुंचे तो दुष्यंत ने भी उनको निराश नहीं किया। + +हरियाणा के डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला जींद पहुंचे। उनसे एक बुजुर्ग मिला। बुजुर्ग शिकायत लेकर आया था। डिप्‍टी सीएम उसे हेलीकाप्‍टर में घुमाने ले गए। #HaryanaNews #DushyantChautala #HaryanaGovt #Helicopter pic.twitter.com/bzdlN0j3gH।साथ में बैठाकर ले गए डिप्‍टी सीएम।यह और बात रही कि दुष्यंत ने जिस अंदाज से बुजुर्ग की फरियाद सुनी, उसकी कल्पना तो शायद रामस्वरूप ने भी नहीं की थी। हुआ यूं कि जैसे ही बुजुर्ग रामस्वरूप ने अपना दुखड़ा सुनाना शुरू किया, तो तत्काल डिप्टी सीएम दुष्यंत ने उसका हाथ पकड़कर अपने साथ हेलीकाप्टर की ओर खींच लिया। रामस्वरूप कहता रहा कि उसकी बात सुन लो, मगर दुष्यंत ने यह कहते हुए कि चलो ताऊ जी मेरे गैल्या, बतलावैंगे मन मर्जी, हेलीकाप्टर में साथ बैठकै, सुनाइये आपकी अर्जी, उसे हेलीकाप्टर में बिठा ही लिया और यहां से गुरुग्राम की उड़ान भर ली। + +हिसार में भी ताऊ को कार में बैठा ले गए थे डिप्‍टी सीएम।हिसार के नारनौंद हलके में डिप्‍टी सीएम समस्‍या सुनने आए थे। हाल में बैठे एक बुजुर्ग की तबियत खराब हुई तो वह बाहर आ गया। डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला जब निकलने लगे तो बुजुर्ग से बाहर बैठने की वजह पूछी। तबियत की बात बताई तो उसे अपने साथ गाड़ी में ले गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a2e16fb66cb8336145f5b96bdb21f492935b418 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61991.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदीश कुमार, जालंधर। यूक्रेन में इस समय करीब 15 हजार भारतीय फंसे हैं। इनमें बड़ी संख्या वहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की है। यूक्रेन ही नहीं रूस में करीब 14 हजार छात्र भारत से मेडिकल की पढ़ाई करने गए हैं। इसका पहला बढ़ा कारण भारत में मेडिकल की पढ़ाई महंगी होना है। देश में डाक्टर बनने का सपना साकार करना काफी मुश्किल है। ऐसे में वे यूक्रेन और रूस में कम पैसे में डाक्टर बनने का सपना साकार कर लेते हैं। दूसरा कारण यह है कि भारत में मेडिकल कालेजों में प्रवेश पाना बहुत मुश्किल है। कम सीटों के कारण आम लोगों के बच्चों का प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से डाक्टर बन पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यूक्रेन, रूस सहित अन्य कई देशों में मेडिकल की पढ़ाई सस्ती है और प्रवेश पाना भी आसान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61993.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eec6805bf386f9cbdae133d5da7aea9b992afd47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61993.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। देश-दुनिया से लोग राधारानी और श्रीकृष्ण की होली से सराबोर होने के लिए मथुरा आते हैं, जहां पर लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठामार होली और रंगवाली होली का आनंद लेकर उसे जीवनभर के लिए अपनी स्मृतियों में संजोकर रख लेते हैं। होलिकाष्टक यानी दस मार्च को ब्रज में लड्डू होली खेली जाएगी। बरसाना के लाडिली जी मंदिर में लड्डू होली खेली जाएगी। लड्डू होली का उत्सव बरसाने से होली का निमंत्रण नंदगांव भेजने और वहां से निमंत्रण की स्वीकृति आने की खुशी में मनाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61994.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61994.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d0152227455be159e360165cf45bde6d4b10e7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61994.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकास गुसाईं, राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। प्रदेश के सरकारी विभागों में होमगार्ड की महत्ता को देखते हुए इनके तीन हजार पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया गया। कई विभागों में सेवा दे रहे होमगार्ड आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही यातायात, आपदा प्रबंधन, चारधाम यात्रा और चुनावों में सक्रिय भूमिका में रहते हैं। विभागों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नई भर्ती न होने के कारण अधिकांश स्थानों पर होमगार्ड ही यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। होमगार्ड के इन कार्यों को देखते हुए दिसंबर 2017 में इनकी संख्या 10 हजार करने की घोषणा सरकार ने की थी। दरअसल, प्रदेश में अभी 6415 होमगार्ड कार्यरत हैं। ऐसे में शासन को तीन हजार पदों पर भर्ती को स्वीकृति प्रदान करनी थी। केंद्र पहले ही इनकी संख्या बढ़ाने को मंजूरी दे चुका था। इससे युवाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होने की संभावना जगी, मगर कतिपय कारणों से यह भर्ती प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_61995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_61995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ff31f8174e72923369d85669fb7a9dda242c26f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_61995.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिता नेवी में और मां फैक्टरी में थी मजदूर।पुतिन के पिता व्लादिमीर स्पिरिदोनोविच पुतिन सोवियत नेवी में कार्य करते थे और मां मारिया इवानोव्ना शेलोमोवा फैक्टरी मजदूर के तौर पर काम करती थीं। पिता 1930 के दशक में पनडुब्बी बेड़े में सेवा करते थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शत्रु को घात लगाकर हमला करने वाले दस्ते में शामिल थे। गौरतलब है कि युद्ध के बाद उन्होंने एक कारखाने में फोरमैन के रूप में कार्य किया। व्लादीमिर अपने परिवार के तीसरे बेटे थे, उनेके दो बड़े भाइयों की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50254f94fdd6728b96688d50637c037b198aa917 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परिणीति चोपड़ा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वो अक्सर कई तस्वीरें अपने फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। हाल ही में परिणीति चोपड़ा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में फिल्म की शूटिंग के समय की कुछ क्लिप्स को मिक्स किया गया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में परिणीति ने लिखा, 'मिस यू सुश। मिस यू ऋषि सर। आज आपको याद कर रही हूं।'।वहीं वाणी कपूर ने भी अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए ऐसा ही एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के साथ वाणी कपूर ने एक लंबा चौड़ सा पोस्ट लिखा है। वाणी ने लिखा, 'आपको हमेशा अपनी शुरुआत याद रहती है और याद रहता है कि कहां से शुरू किया था। बहुत शर्मीली और शांत होने के बाद भी मैं अपनी पहली फिल्म में निर्भीक, कॉन्फीडेंट और गट्सी लड़की का किरदार निभा रही थी। आदि, मनीष और मेरी प्यारी शानू, आपका शुक्रिया मुझे ये मौका देने के लिए। आपकी तारा बनकर मुझे खुशी हुई।'।इसके साथ ही वाणी ने भी अपनी पोस्ट में सुशांत सिंह राजपूत और ऋषि कपूर को याद करते हुए लिखा, 'ऋषि सर, मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती कि आपके साथ स्क्रीन शेयर करने का मेरे लिए क्या महत्व है। आपके जैसा चार्म और अंदाज किसी के पास नहीं है। जबकि मैंने परी के साथ ज्यादा स्क्रीन शेयर नहीं की। लेकिन मुझे याद है जब मैं हमारे साथ वाले सीन में फंस गई थी, तुम एक बेहतरीन एक्टर हो, उससे भी बेहतरीन था तुम्हारा मेरी मदद करना मुझे Calm करना ताकि मैं अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दे सकूं। तुम मेरे लिए सबसे पहले बेस्ट को एक्टर थे, हम सब तुम्हें मिस करते हैं।'।बता दें कि फिल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' प्यार और शादी के बंधन में बंधने की कशमकश पर आधारित थी। इस फिल्म में मुख्य किरदार में परिणीति चोपड़ा, सुशांत सिंह राजपूत और वाणी कपूर थे। फिल्म में ऋषि कपूर भी अहम किरदार में थे। हालांकि अब सुशांत सिंह राजपूत और ऋषि कपूर दोनों ही इस दुनिया में नहीं है जिन्हें फिल्म के बाकी को-एक्टर्स काफी मिस कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77691f488a3f07675e114423516c216c44118fee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। पति-पत्नी के बीच विवाद आम बात हैं और उसे लेकर आरोप प्रत्यारोप में मुकदमेबाजी भी आम हो चली है। आमतौर पर मुकदमा भी घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज किया जाता है, लेकिन कई बार आरोप अनोखे होते हैं। ऐसा ही एक आरोप पति ने पत्नी पर लगाया और कोर्ट में कहा कि पत्नी मांगलिक नहीं है। वह स्वयं मांगलिक हैं, लिहाजा शादी के समय पत्नी ने झूठ बोला था कि वह भी आंशिक मांगलिक है। इसी आधार पर विवाह शून्य कराने का प्रार्थनापत्र कोर्ट में दिया। हालांकि वह आरोप साबित नहीं कर सका, जिसके बाद अपर प्रधान न्यायाधीश विजय राजे सिसोदिया ने पति का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया, जबकि पत्नी की अर्जी स्वीकार करते हुए एक माह में उसे विदा कराकर घर ले जाने के आदेश पति को दिए हैं। मामला बैंक कर्मियों से जुड़ा है। पति बैंक में क्लर्क तो पत्नी बैंक में प्रोबेशनरी आफीसर के पद पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f58357ee5078a5555b8daf0f938f5b592ca452d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62003.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । सेप्टिक टैंक खाली करने की पुरानी व्यवस्था पर अब अंकुश लग सकेगा। फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पूरा होने के बाद नगर निगम ने सेप्टेज प्रबंधन नीति पर काम करना शुरू कर दिया है। बरौला बाईपास पर स्थापित इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 32 हजार लीटर मल शोधित करने की है। इसके एवज में नगर निगम प्रति टैंकर एक हजार रुपये लेगा। ।हर पांच साल में सेप्‍टिक टैंक की सफाई निश्‍चित है।सेप्टिक टैंक की सफाई उसके भर जाने पर कराई जाती है। सरकार की सेप्टेज प्रबंधन नीति के तहत हर पांच वर्ष में सेप्टिक टैंक की सफाई निश्चित की गई है। इसी नीति के चलते शहरों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। योजना का उद्देश्य वर्ष 2023 तक शहरी क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता में सुधार और जन स्वास्थ्य को सुरक्षित करना है। नगर निकायों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस नीति का लाभ उन लोगों काे मिलेगा, जिनके घर सीवर नेटवर्क में नहीं हैं। सेप्टिक टैंक के जरिए ही उनके यहां जल-मल का प्रबंधन हो रहा है। प्लांट में सेप्टिक टैंक से निकला मल शोधित होगा। निगम के वाहन सेप्टिक टैंक खाली कर प्लांट में मल का निस्तारण कराएंगे। इस व्यवस्था के लागू होने से उन लोगों की मनमानी पर अंकुश लगेगा, जो निजी वाहनों से सेप्टिक टैंक खाली कर इधर-उधर मल फेंक देते हैं। निजी सफाई कर्मचारियों द्वारा सेप्टिक टैंक खाली करने के दौरान अक्सर हादसे होते हैं। जहरीली गैस से यहां भी कुछ कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। ।4.70 करोड़ की लागत।बरौला बाईपास पर 4.70 करोड़ की लागत से फीकल स्लट ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हुआ है। जीएम जल अनवर ख्वाजा बताते हैं कि प्लांट का ट्रायल हो चुका है। यहां वैज्ञानिक विधि से सेप्टिक टैंक से निकले मल का निस्तारण किया जाएगा। सेप्टिक टैंक का मल नाले-नालियों में बहाने या फिर खुले में डालने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। एक टैंकर मल के ट्रीटमेंट के लिए एक हजार रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। ।इनका कहना है।फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट सुरक्षित और सुविधाजनक है। यहां सेप्टिक टैंक से निकला मल शोधित किया जाएगा। प्लांट की प्रतिदिन की क्षमता 32 हजार लीटर है। ।अरुण कुमार गुप्त, प्रभारी नगर आयुक्त।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19582c093bbdd78ced3a7375db7ed486e51914ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62004.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। सुबह (गुरुवार) साढ़े चार बजे जोरदार धमाका हुआ और पूरी बिल्डिंग हिल गई। हम तीनों गहरी नींद से जागे, लेकिन बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई। तुरंत भारतीय दूतावास के नंबर पर फोन किया। भारत भेजने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि सारी उड़ाने बंद हैं, अभी भेजना मुमकिन नहीं। आप घर, हास्टल, फ्लैट जहां भी हैं, वहीं रहिये और बाहर मत निकलिए। तब से हम सहमे हैं। हवाई हमले बढ़ने पर शाम को यूक्रेन पुलिस हमें फ्लैट से निकालकर भूमिगत मेट्रो स्टेशन ले आई है। रूस व यूक्रेन विवाद बढ़ने की सूचना तो थी, लेकिन हम इस कदर फंस जाएंगे, सोचा नहीं था...। यूक्रेन की वीएम कराजिन खारकिव नेशनल यूनिवर्सिटी के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस कर रहीं कानपुर फजलगंज दर्शनपुरवा की छात्रा जेनसी ने जागरण संवाददाता को फोन पर यही जानकारी दी। + +जेनसी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में वीएम कराजिन यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था। उनकी तरह लखनऊ तहसीनगंज की छात्रा त्रिशिका और जोधपुर की प्रियांशी भी यूक्रेन आईं। अब तीनों एमबीबीएस चौथे वर्ष में हैं और स्ट्रीट नंबर 31 के फ्लैट में साथ रहती हैं। जेनसी ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में वह तीनों भारत आई थीं। पिछले वर्ष सितंबर में वापस लौटीं। त्रिशिका ने बताया कि दिसंबर-जनवरी में सातवें सेमेस्टर के एग्जाम हुए। अब आठवें सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू ही हुई थी कि रूस-यूक्रेन विवाद शुरू हो गया। युद्ध की आहट पर कई छात्र पहले ही इंडिया चले गए थे। गुरुवार से सभी उड़ानें बंद कर दी गईं। भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करके कहा है कि भारतीय जहां भी हैं, सुरक्षित घरों में रहें। सुना है कि एयर इंडिया के विमान को एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कराया गया। कुछ छात्र-छात्राएं तो आसपास के देशों से होकर भारत गए हैं। + +लालबंगा की आकांक्षा भी यूक्रेन में फंसी : लालबंगला के सुभाष रोड निवासी कारोबारी नीलम कुमार शुक्ला की बेटी आकांक्षा भी डेनिप्रो मेडिकल विवि से एमबीबीएस चौथे वर्ष की छात्रा है, वह राजधानी कीव में फंसी है। आकांक्षा के पिता नीलम कुमार शुक्ला ने बताया कि बेटी पिछले वर्ष जुलाई में आई थी और अगस्त में वापस गई। रूस व यूक्रेन विवाद गहराने पर उसे वापस आने के लिए कहा। बेटी ने इमरजेंसी में 80 हजार रुपये का टिकट खरीदा। बुधवार को सहेलियों के साथ ट्रेन से कीव एयरपोर्ट पहुंची। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59698261e26b63667371517df8dcda8f85ed1e4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62014.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महमूदपुर निवासी समाजसेवी मोहसिन सिद्दीकी के बेटे शम्मी सिद्दीकी साल 2017 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे। वह यूक्रेन की राजधानी कीव में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। दैनिक जागरण से बातचीत में शम्मी सिद्दीकी ने बताया कि रूस ने सबसे पहले सीमावर्ती शहर डोनेस्ट और लोहांस पर हमला किया। इससे हालात तनावपूर्ण हो गए। रूसी सेना ने यूक्रेन के पड़ोसी देश बेलारूस में जमावड़ा लगा लिया था और यहां से कीव की दूरी केवल 75 किलोमीटर है। इसलिए खतरा हर घंटे बढ़ रहा था। इधर, यूक्रेन पर रूस के हमले की खबर से उनका परिवार बेचैन हो रहा था। उधर, भारतीय दूतावास से सभी मेडिकल छात्रों को सूचना दी गई कि आपात स्थिति में जो भी छात्र घर लौटना चाहता है, वह रवाना हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58745f28205acdfe6418ad3ad503f1f3a4722569 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनारायण सिंह, अलीगढ़ । पुरानी कहावत है, जैसा खाओगे अन्न वैसा रहेगा मन। आज खेतों में अंधाधुंध रासायनिक उर्वरक से मन ही नहीं बल्कि तन भी दुरुस्त नहीं है। आज भी तमाम किसान अधिक पैदावार के लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे तमाम बीमारियां हो रही हैं। मगर, ऐसे किसानों के लिए इगलास के गहलऊ गांव के किसान सुरेंद्र सिंह नजीर हैं। उन्होंने जैविक खेती की शुरुआत की है। भले ही शुरुआती दौर में फसल की पैदावार कुछ कम हुई हो, मगर अब अच्छी पैदावार हो रही है। जैविक खेती से पैदा हुए अनाज को बाजार में लोग हाथों-हाथ ले रहे हैं। सुरेंद्र सिंह ने जैविक खेती से किसानों को जोड़ने के लिए बकायदा वैदिक छाया किसान प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना की है। अब तक 110 किसानों को इससे जोड़ चुके हैं। उनके इस भगीरथी प्रयास का परिणाम आने वाले दिनों में जरूर कृषि क्षेत्र में क्रांति का स्वरुप लेगा। लोग जैविक और परंपरागत खेती की ओर जरूर लौटेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bec0cd3581f4218630100df1dc74fe160b88b838 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62019.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद में हुए बम धमाकों में सजा पा चुके आतंकियों की सामाजिक पृष्ठभूमि चौंकाने वाली है। 26 जुलाई, 2008 को हुए इन धमाकों में शामिल 49 आतंकियों में से एक तिहाई का संबंध राजनीतिक परिवारों से है, जबकि एक तिहाई का संबंध कट्टरपंथी संगठनों या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे परिवारों से है। अहम बात यह है कि आठ अलग-अलग राज्यों से आने वाले ये आतंकी धमाकों के लिए एकजुट हुए थे। अदालत ने 38 आतंकियों को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई है। + +एक तिहाई की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक, तो एक तिहाई की आपराधिक। आतंकियों के भौगोलिक विस्तार को देखें, तो इनमें से आठ उत्तर प्रदेश, तीन राजस्थान, तीन कर्नाटक, आठ मध्य प्रदेश, चार केरल, आठ महाराष्ट्र व 15 गुजरात के रहने वाले हैं। शराफुद्दीन मूल रूप से केरल का रहने वाला था, लेकिन कुछ समय से हैदराबाद में रह रहा था। अहमदाबाद धमाकों के आतंकियों का यह भौगोलिक विस्तार उनके नेटवर्क के देश के बड़े हिस्से में फैले होने का इशारा करता है। इसी नेटवर्क की मदद से वे कर्नाटक से लेकर उत्तर प्रदेश तक में लगातार बम विस्फोट करने में सफल हो रहे थे। जाहिर है कि इसे तोड़ना सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कामयाबी मानी जाएगी। + +आठ राज्यों के आतंकियों ने धमाकों को दिया था अंजाम। अहमदाबाद बम धमाकों के आतंकियों की सामाजिक पृष्ठभूमि को देखें तो, उत्तर प्रदेश से आने वाले आठ आतंकियों में से तीन के परिवार का राजनीतिक संबंध रहा है। जीशान अहमद, जिया उर रहमान और मोहम्मद सैफ के परिवार के लोग राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं। इसी तरह से राजस्थान के तीन आतंकियों में से दो मेहंदी हसन और इमरान अहमद के परिवार के लोग राजनीतिक संपर्क वाले थे। मध्य प्रदेश में देखें तो यहां के आठ आतंकियों में से दो का परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78b692c577b13f8361765761d2bf4ae21599336d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6202.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अक्षय कुमार की मां मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल के आईसीयू वॉर्ड में भर्ती हैं। मां की हालत के बारे में सुनते ही अक्षय कुमार फौरन सोमवार की सुबह मुंबई पहुंच गए। अक्षय कुमार बीते कुछ दिनों से लंदन में अपनी आगामी फिल्म 'सिंडरेला' की शूटिंग कर रहे थे। इसी बीच उन्हें ये खबर मिली। खबरों के मुताबिक अक्षय फिल्म के निर्माता से ये कहकर आए हैं कि वे फिल्म की शटिंग को जारी रखें। उन्होंने कहा कि फिल्म के जिस हिस्से में अक्षय कुमार की जरूरत ना हो वो उसे शूट कर सकते हैं। + +बात करें अक्षय कुमार के वर्कफ्रंट की तो बीते दिनों अक्षय स्पाई थ्रिलर फिल्म 'बेलबॉटम' में नजर आए थे। फिल्म में उनके साथ अभिनेत्री वाणी कपूर भी थीं। इसके अलावा अक्षय कुमार ने हाल ही में फिल्म 'रक्षाबंधन' की शूटिंग पूरी की है। अक्षय कुमार जल्द ही 'अतरंगी रे', 'राम सेतु', 'बच्चन पांडे' और 'पृथ्वीराज चौहान'में भी नजर आने वाले हैं। वहीं लंदन में जिस फिल्म की शूटिंग अक्षय छोड़कर आए हैं उस फिल्म में उनके साथ अभिनेत्री रकुलप्रीत सिंह भी नजर आएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a81ad42e942dd095e0a8f53eeefc52e2289b6389 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उज्जैन, ब्‍यूरो संवाददाता। अगर सब कुछ ठीक रहा तो प्रदेश की धर्मधानी उज्जैन में जल्द एयर बस चलेगी। पहले इसे महाकाल मंदिर तक चलाया जाएगा। सूबे में 5722 करोड़ रुपये की लागत से आकार ले रही 11 सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए गुरुवार को उज्जैन आए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन .गडकरी ने इस संबंध में घोषणा की है। समारोह में ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने उनसे उज्जैन में एयर बस चलाने की मांग रखी थी। इस पर गडकरी ने कहा कि ये असंभव नहीं, आप प्रस्ताव बनाकर भेजें, मैं वचन देता हूं, कर दूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62024.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d3b5172473b5087b6bd56dbfe5de8db8f1f633b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टोक्यो, एपी: यूक्रेन पर रूसी हमले की विश्व के नेताओं ने गुरुवार को कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे 'एक अनुचित और बर्बर कृत्य' बताया और रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने समेत हमले के लिए क्रेमलिन को जिम्मेदार ठहराने की बात कही। जापान, स्पेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, इटली और यूरोपीय संघ समेत अन्य देशों ने भी रूसी हमले की निंदा की है। जर्मनी और तुर्की ने यूक्रेन के नागरिकों को सतर्क करते हुए सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bd1cd559b188b247a5f995b60fd69ae5d629107 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62025.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । सरकार भले ही जीरो टालरेंस का दावा करती हो, लेकिन अफसर पुराने ढर्रे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जिले के 26 जिला स्तरीय अफसर कई-कई महीनों से पंचायतों में घपले-घोटाले की जांच रिपेार्ट दबाए बैठे हैं, जबकि इन्हें एक महीने में जांच रिपोर्ट करके देनी थी। जांच के दायरे में शामिल कई पंचायतों में लाखों के गबन की आशंका है, लेकिन अफसरों की अनदेखी से यह घोटाले उजागर नहीं हो पा रहे हैं। अब सीडीओ ने सभी अफसरों को तलब कर जांच की देरी का जवाब मांगा है। + +विकास कार्यों के लिए केंद्र व सरकार अलग अलग बजट जारी करती है।जिले में कुल 867 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी पंचायतों में विकास कार्यों के लिए राज्य व केंद्र सरकार अलग-अलग बजट जारी करती है। इसी बजट से सड़क, नाली, खड़ंजा समेत अन्य विकास कार्य कराए जाते हैं। कुछ ग्राम पंचायतों में प्रधान व सचिव की आपसी मिलीभगत से विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धनराशि का बंदरबांट भी होता है। कई बिना काम धनराशि निकाल ली जाती है तो कहीं पर घटिया सामग्री से खराब गुणवत्ता के काम कराकर छोड़ दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20246c8ec410ede204e88e16be4faf2ba8b4c673 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्विटर के अलावा फेसबुक रूम पर भी राजनीतिक चर्चा सुनी जा सकती है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान क्लबहाउस की लोकप्रियता भी दिखी थी। इस ऐप के जरिए उस समय राजनीतिक चर्चा और नेताओं से संवाद के कई कार्यक्रम हुए थे। चुनाव के दौरान मैसेजिंग प्लेटफार्म का भी खूब उपयोग हो रहा है। व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल पर संदेशों और इमोजी का आदान-प्रदान पुरानी बात हो गई है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा आदि राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान मैसेजिंग एप पर राजनीतिक संदेशों वाले स्टिकर और जीआईएफ का प्रयोग देखने को मिला। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ff7bc76d465b67d34945c4d00be54cdce4b5b50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62029.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। बिजली के बिल दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं और दूसरी तरफ पारंपरिक ईंधन स्रोत तेजी से घट रहे हैं। ऐसी स्थिति में सौर ऊर्जा इसका सबसे बेहतरीन समाधान हो सकता है। वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में उपयोग की जाने वाली सोलर एनर्जी अब हमारी ऊर्जा की जरूरत का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है। इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इस क्षेत्र में भी नये-नये प्रयोग हो रहे हैं। आम पालीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल की तुलना में अब मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल से कम सूर्य की रौशनी में भी अधिक बिजली तैयार की जा सकती है। + +थिन फिल्म सौर पैनल : यह भारत में दूसरी पीढ़ी का सोलर पैनल है। इसका उपयोग भी तेजी से बढ़ने लगा है। इसे तैयार करने में कई तरह की सामग्री का उपयोग किया जाता है। मगर आमतौर पर इसमें कैडमियम टेलुराइड का उपयोग होता है। दूसरे अन्य सौलर पैनलों की तुलना में डिजाइन स्लिम होता है। इस प्रकार के पैनल का उपयोग ज्यादातर कामर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर और नावों जैसी पोर्टेबल सौर प्रणाली संरचनाओं के लिए किया जाता है। पालीक्रिस्टलाइन और मोनोक्रिस्टलाइन पैनल की तुलना में इस पैनल की पावर क्षमता और दक्षता थोड़ी कम होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4828f65b45f35f0f6fd72830e3e5b8baebb00e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62030.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाशिवरात्रि पर ऐसे करें शिव पूजा।मां चिंतपूर्णी मंदिर, माई हिरां गेट के पुजारी देवेंद्र शास्त्री बताते है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विशेष विधि के साथ की जानी चाहिए। जिसमें पूजा आसन से लेकर पूजा के सामान को विधिवत अर्पित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्नान करके पूजा का संकल्प लेते हुए पास के शिव मंदिर में पूजा करें। इसके उपरांत सबसे पहले दूध से अभिषेक करें फिर जलाभिषेक तथा बाद में शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, इत्र, देसी घी का पंचामृत बनाकर स्नान कराएं। फूल, माला तथा बेलपत्र के साथ मिष्ठान से भोग लगाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62031.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..341eb2470604f3bf7f88f24389a7795ce8e66623 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62031.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +सुरिंदर खोसला, किला लाल सिंह (गुरदासपुर)। भारत-पाक सीमा पर बसे डेरा बाबा नानक में चार मार्च से वार्षिक चोला साहिब के पवित्र मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसमें पंजाब व भारत से ही नहीं, देश-विदेश से भी काफी संख्या में संगत मेले में पहुंच चोला साहिब के दर्शन दीदार कर अपनेआप को सौभाग्यशाली महसूस करती है। + +इतिहासकारों के मुताबिक श्री गुरु नानक देव जी जब भाई मरदाना के साथ मक्का की यात्रा के दौरान उस वक्त इस्लामी तालीम के केंद्र बगदाद पहुंचे, वहां पर रह रहे पीर, मौलवी, राफिक, विद्वान अपने अहंकारवश खुद से बड़ा किसी को भी ज्ञानी व विद्वान नहीं समझते थे। वहां जब श्री गुरु नानक देव जी का इनसे भगवान, धर्म व रूहानियत के बारे में विचार-विमर्श हुआ तो सभी गुरु नानक देव जी से इतने प्रभावित हुए कि वे गुरु जी को खुदाई रहबर मानकर उनका बेहद मान सम्मान करने लगे। + +श्री हरिमंदिर साहिब जी की सेवा करते बलख बुखारे के एक सिख भाई तोता राम जी ने इतनी श्रद्धा भाव से सेवा की कि गुरु जी ने प्रसन्न होकर यह पवित्र चोला भाई तोता राम जी को सिखी के प्रचार करने के लिऐ सौंप दिया।अपने आखिरी समय भाई तोता राम जी ने उस पवित्र चोले की बेअदबी के डर से उसे एक पहाड़ी गुफा के अंदर छिपाकर उस गुफा के आगे एक पत्थर रख दिया। समय गुजरता गया और श्री गुरु नानक देव जी के बेदी वंश की नौवीं पीढ़ी के बाबा काबली मल्ल जी को सपने में गुरु जी ने दर्शन दे इस पवित्र चोले को गुफा के भीतर से लाने का संदेश दिया। + +बाबा काबली मल्ल जी गुरु जी के आदेश पर आखिर उस गुफा के द्वार पर पहुंच गए, जहां गुफा में चोला साहिब रखा हुआ था। जब उन्होंने गुफा के द्वार के आगे पत्थर हटाने की चेष्टा की, मगर वे असफल रहे। इस पर बाबा जी ने हौसला ना छोड़ा और बाबा जी जपुजी साहिब का पाठ करने लगे। पाठ करके अरदास करने के पश्चात जब जल के छींटे उस पत्थर पर मारे तो गुरु जी की अपार कृपा से वह पत्थर खुद ही वहां से हट गया। + +शीशे के फ्रेम में संरक्षित रखा गया है पवित्र चोला साहिब।इस पवित्र चोले का कुछ हिस्सा सैकड़ों साल बीत जाने के पश्चात भी शीशे के फ्रेम में सुरक्षित सुशोभित है। इसके साथ ही बेबे नानकी जी का हाथ से कढ़ाई किया गया एक रुमाल भी सुशोभित है। इस गुरुद्वारा साहिब में धन्य धन्य बाबा श्री चंद जी का अष्टभुजी कुआं भी स्थित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e67702595cdc2c4fd62b9e8f826f31c12e6cfc81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62033.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खरमिटाव का समय है। स्थानीय भाषा में सुबह के नाश्ते को खरमिटाव ही कहते है। नाश्ता यानी गले की खराश भर मिटी। अहमदपुर टोल प्लाजा के पास वाले ढाबे पर हलचल है। कड़ाहे में सुनहरी हो चुकी पकौड़ी की एक घान छनकर दोने में परोसी जा चुकी है और इसके साथ ही बातों का सिलसिला भी लंबा होता जा रहा है-'हमाय बाति नोट करौ..मोदी-योगी न होते करोना मइहां गरीब आदिमी भूखन मरि जात।' ललाट पर तिलक। शिखा बंधी हुई। नाम- चंद्रमा बख्श शुक्ल। अपनी बातें पूरी मजबूती से समझाते हैं शुक्ल। सरकार की उपलब्धियां एक सांस में गिना डालते हैं। बताते हैं कि दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले है। + +दरियाबाद क्षेत्र के ही प्रमोद कुमार अबकी चौथी बार अपना वोट डालेंगे। कहते हैं कि कोई खुलकर नहीं बोलेगा। लेकिन, मन में सबके यही है कि सरकार ने सुख-दुख और जरूरतों का ख्याल रखा। ढाबे से उठकर हम पड़ोस के उधौली बाजार पहुंचे। युवा सूर्यकांत मिश्र अपनी बात कहने को बेचैन दिखे। इस प्रयास में वे ताजा-ताजा खाए गुुटखे से अपना मुंह भी खाली कर चुके। बोले: कोरोना फैला था तो कोई दिखा नहीं। अब सब वोट मांगने आ रहे। परिवारवाद, घरवाद के अलावा किसी के पास कुछ नहीं। इसी बाजार में बिसातखाना खोल ग्राहक का इंतजार कर रहे रामबाबू गुप्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा कहने पर विपक्षी दलों से नाराज हैं। कहते हैं- बुलडोजर बाबा इन लोगों की पार्टी को भी ढहा देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f991dca7be80b0c743772f50bef18b501115950 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे काम करती है ड्रिल मशीन।डा. मलिक ने बताया कि ड्रिल मशीन को एक तार के जरिए नस में प्रवेश कराया जाता है। मशीन का आगे का हिस्सा नुकीला होता है जो चूना को महीन तोड़ने का काम करता है। मशीन को बाहर एक पंप के जरिए घुमाया जाता है। जो एक सेकेंड में 1.60 लाख बार घूमती है। चूना इतना महीन टूटता है कि वह खून में घुल जाता है। जो, धीरे-धीरे साफ हो जाता है। चूना टूटने के बाद ही नस में स्टेंट डाला जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28b3c79e9efcfdd098ab876df0ce9ebfbfd8a479 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने अपने 30 लाख से अधिक यात्रियों को बड़ा और उपयोगी तोहफा दिया है, जिससे लोगों को न केवल सफर आसान होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी।दरअसल, डीएमआरसी ने बुधवार को अपग्रेडेड वेबसाइट और मोबाइल ऐप लान्च किया है। डीएमआरसी का दावा है कि इन दोनों की मदद से मेट्रो यात्रियों को किसी भी तरह की जानकारी ​के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। लोग अपने मोबाइल फोन पर ऐप और वेबसाइट की मदद से दिल्ली मेट्रो और यात्रा से संबंधित सभी जानकारी हासिल कर सकेंगे। बता दें कि मेट्रो के सभी स्टेशन पर प्रवेश और निकास के कितने गेट है?  कितनी लिफ्ट हैं? कौन से खुले हैं और कौन से बंद हैं? इसके आलावा पार्किंग संबंधित जानकारी के साथ स्टेशन से लास्ट माइल कनेक्टविटी के लिए क्या साधन हैं यह जानकारी भी उपलब्ध हैं।  ।ये 9 सुविधाएं होंगी उपलब्ध। 1. मेट्रो नेटवर्क के मैप के माध्यम से यात्रा प्लान : वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिये यात्री अपनी यात्रा प्लान कर सकते हैं और इंटरचेंज स्टेशनों की जानकारी ले सकते हैं। इससे यह भी पता चल सकेगा कि मेट्रो किस कारिडोर से अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ca77e5dd95364387754f7cc4c6e89f44fec1c27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय संस्‍कृति में हर तीज त्‍योहार का है पौराणिक महत्‍व।अवस्थी ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि भारतीय संस्कृति में प्रत्येक तीज-त्योहार का पौराणिक महत्व होता है। हाेली पर भी ऐसा है। पौराणिक कथा के अनुसार हिरण्यकश्प की बहन होलिका अपने भतीजे प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठी थी। होलिका को वरदान था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी और प्रहलाद जलकर भस्म हो जाएगा। मगर, प्रहलाद की असीम भक्ति से होलिका जलकर भस्म हो गई, जबकि भक्त प्रहलाद सकुशल निकलकर बाहर आ गए। इसलिए पूरे देश में धूमधाम से होली उत्सव मनाया जाता है। इस बार 17 मार्च को फागुन शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जायेगा। दोपहर 1.29 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। रात में 1.09 बजे तक भद्रा रहेंगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। पूर्णिमा तिथि 18 मार्च को दोपहर 12.47 बजे तक रहेगी। 10 मार्च से होलाष्टक प्रारंभ हो जाएंगे। आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि 17 मार्च को चतुर्दशी तिथि दिन में ही समाप्त हो जाएगी। भद्रा में होलिका का दहन करना वर्जित माना गया है, मगर शास्त्रों में वर्णित है कि भद्रा निशीथ काल के बाद तक रहे तो ऐसी स्थिति में भद्रा का मुंह छोड़कर निशीथ काल के पहले ही होलिका का दहन किया जाना उचित है। इस वर्ष भद्रा निशीथ काल के बाद तक रहेगी। भद्रा का मुंह काल दिन में ही रहेगा। इससे प्रदोष काल में ही होलिका का दहन किया जाना शास्त्र के अनुसार ठीक है। 17 मार्च को होलिका पूजन दोपहर 1.28 बजे से पहले करना उचित रहेगा। शाम को प्रदोष वेला में 6.43 बजे से रात 9.08 बजे तक होलिका दहन करना श्रेष्ठ रहेगा। 18 मार्च को होली धूमधाम से मनाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6054538152236630dbd98063e8a944fd5e29aae9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरे विकल्‍पों पर किया जाए विचार ।खासकर ओबीसी (नान क्रीमीलेयर) और सामान्य ईडब्लूएस श्रेणी की ऐसी सीटों को भरने के दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जाए। जिसमें प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले इस श्रेणी के बच्चों को कोचिंग प्रदान करने, कम अंक होने पर दाखिले के नियत कटआफ को कम करने, ऐसे छात्रों को दाखिला देने के बाद एक साल तक पूरक शिक्षा देने ताकि उन्हें उस स्तर पर लाया जा सके जैसे कदमों को उठाने का सुझाव दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62042.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62042.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97324d4f8c4c043a01d0857046357e5db39d1563 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62042.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खर्राटे लेने वालों को ज्यादा खतरा: अधिक वजन और खर्राटा लेने वालों को आब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित होने की आशंका ज्यादा होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि खर्राटा लेने वाले हर व्यक्ति को यह समस्या होगी। खर्राटे लेने वालों को इसका खतरा इसलिए ज्यादा होता है, क्योंकि इससे होने वाला कंपन हृदय की कार्य प्रणाली पर दुष्प्रभाव डालकर हृदय रोगी बना सकता है। इस कंपन के कारण हृदय ऐसे हार्मोन का स्राव करता है, जिससे व्यक्ति को रात में कई बार यूरिन पास करने जाना पड़ता है। वहीं हृदय की चाल अनियमित होने से लकवा का खतरा भी बढ़ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96199df116d75e64709dccc20eff5f19901c3a7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6205.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल अर्जुन कपूर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। ऐसे में अभिनेता ने हाल ही में अपनी एक तस्वीर शेयर की है। जिसके साथ उन्होंने बताया है कि इस एक साल में उन्होंने दोबारा अपनी फिटनेस को कैसे पाया। अर्जुन कपूर ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए ये पोस्ट शेयर की है। जिसके साथ अर्जुन ने लिखा, 'one year anniversary! आप सोच रहे होंगे किस चीज की? कोई खुशियों वाली एनिवर्सरी नहीं है ये, एक साल हो गया है जब मेरा कोविड टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। और इसने मेरे फिटनेस लेवल को महीनों पीछे धकेल दिया। मैंने लॉकडाउन के बाद जूम सेशन पर @drewnealpt के साथ अपना रुटीन में आना शुरू ही किया था, कि मुझे कोविड हो गया।'।आगे अर्जुन लिखते हैं, 'मेरे जैसे किसी के लिए भी - संघर्ष निरंतर है, हर दिन मायने रखता है, हर ट्रेनिंग सेशन मायने रखता है। मुझे याद है कि मैं निराश और व्याकुल हो गया था। मैं बस एक बदलाव की राह पर था - भावनात्मक, मानसिक रूप से, मैं इसे पूरा करने के लिए था। मुझे इस बात से उबरने में कुछ दिन लगे कि सारी सावधानियां बरतने के बाद मेरे साथ ऐसा हुआ। लेकिन मैंने अपने आप से कहा, मैं दोगुनी मेहनत करूंगा ताकि यह मुझे पटरी से न उतरने दे। मेरे ठीक होने के दौरान शुद्ध भोजन, मेरे मन और शरीर का आराम अपने चरम पर था।'।आगे अर्जुन ने अक्षय अरोड़ा को धन्यवाद देते हुए लिखा, 'मैं अक्षय अरोड़ा को स्वस्थ और आनंददायक खाना बनाने की उनकी प्रतिभा के लिए धन्यवाद देता हूं जिसने मुझे वापस वहीं ला दिया। मैंने टेस्ट निगेटिव आने के बाद तुरंत अपने ट्रेनर ड्रू नील के साथ वर्चुअल ट्रेनिंग सेशन फिर से शुरू किया और इससे मेरा मनोबल बढ़ा। कुछ महीनों तक धीमी और स्थिर रिकवरी होने का सिलसिला जारी रहा। इसने मुझे बहुत कुछ दिया और मुझे यह महसूस करने में कुछ महीने लग गए कि मैं फिर से फिट होने के लिए सही रास्ते पर हूं।'।अर्जुन ने आगे लिखा, 'यहां तक ​​कि जब मैंने भूत पुलिस की शूटिंग शुरू की, तब भी मैं अपने काम की लय और अपनी फिटनेस दिनचर्या के साथ फिर से तालमेल बैठा रहा था। एक साल बाद भी मैं अभी भी प्रोग्रेस पर हूं। लेकिन मुझे अपनी इस यात्रा पर गर्व है, मैं आज जहां हूं वहां खुश हूं और पिछले 12 महीनों में अपने नए जोश के साथ आगे बढ़ने के लिए उतावला हूं।' अर्जुन कपूर की इस पोस्ट पर उनके दोस्त और फैंस कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोग उन्हें आगे बढ़ने के लिए और भी मोटिवेट कर रहे हैं। वहीं कई लोग उनकी फिटनेस देखकर हैरान हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57c9bbb74f35858aea3e2ad025c62d4902720489 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिव के ही अवतार हैं नंदी।शिलाद नाम के एक मुनि थे, जो ब्रह्मचारी थे। वंश समाप्त होता देख उनके पितरों ने उनसे संतान उत्पन्न करने को कहा। शिलाद मुनि ने संतान भगवान शिव की प्रसन्न कर अयोनिज और मृत्युहीन पुत्र मांगा। भगवान शिव ने शिलाद मुनि को ये वरदान दे दिया। एक दिन जब शिलाद मुनि भूमि जोत रहे थे, उन्हें एक बालक मिला। शिलाद ने उसका नाम नंदी रखा। एक दिन मित्रा और वरुण नाम के दो मुनि शिलाद के आश्रम आए। उन्होंने बताया कि नंदी अल्पायु हैं। यह सुनकर नंदी महादेव की आराधना करने लगे। प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और कहा कि तुम मेरे ही अंश हो, इसलिए तुम्हें मृत्यु से भय कैसे हो सकता है? ऐसा कहकर भगवान शिव ने नंदी का अपना गणाध्यक्ष भी बनाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62051.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62051.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03234e6ae6fb03aa5b6e3bceec9b31cd547b59bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62051.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटो सरस्वती देवी।जेल से बाहर आने के बाद सरस्वती देवी हजारीबाग के कृष्ण बल्लभ सहाय, बजरंग सहाय, त्रिवेणी सिंह आदि स्वाधीनता सेनानियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलीं। महात्मा गांधी को वर्ष 1925 में हजारीबाग लाने का श्रेय भी सरस्वती देवी को ही जाता हे। गांधीजी रांची स्थित दरभंगा हाउस में ठहरे थे। हजारीबाग से सरस्वती देवी जी के साथ बाबू राम नारायण सिंह और त्रिवेणी प्रसाद रांची आए। सूरत बाबू ने अपना वाहन उपलब्ध कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62052.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62052.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d7d568b44ec5d6594fc52bcfa8aeb9d749d2aeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62052.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 23 फरवरी, 2020 को हुए दंगे को दो साल पूरे हो चुके हैं। उस भयानक मंजर के निशान उत्तर पूर्वी जिले से धीरे-धीरे मिट चुके हैं। दंगे में जलाए गए मकान व दुकानों की दीवारें काली नहीं दिखाई देतीं, फिर से लोगों के बीच वही सौहार्द की डोर है। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके बीच दर्द आज भी मौजूद है। स्वजन को याद करते हैं तो उनकी आंखों से आंसू निकल जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec0bfa5c25b7d1df43e3e26df0a21dd897666e96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आदित्य राज]। देश के भीतर दिल्ली-एनसीआर का इलाका सुरक्षा के दृष्टिकोण से सबसे संवेदनशील है। ऐसे में पुलिस सत्यापन जैसे विषय पर काफी गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। इस पर काम करने की जिम्मेदारी पुलिस और पब्लिक दोनों की है। किरायेदारों की जानकारी देना मकान मालिक की जिम्मेदारी है। जानकारी दिए जाने के बाद किरायेदार के बारे में पूरी पड़ताल करना पुलिस की जिम्मेदारी है। कहां से आया है, क्यों आया है, जहां पहले रह रहा था वहां पर उसकी गतिविधियां क्या थीं, उसके ऊपर आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं, मामला दर्ज किए जाने के पीछे वजह क्या है, किस तरह के मामले दर्ज हैं सहित कई सवालों के जवाब पुलिस को सत्यापन करने के दौरान हासिल करने चाहिए। ।मूल रूप से जहां का किरायेदार रहने वाला है, वहां की पुलिस या पंचायत प्रतिनिधियों से भी संपर्क करना चाहिए। मकान मालिक को किरायेदार अपना आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र दे देते हैं। वह उसे संबंधित थाने को भेज देते हैं। उसी के आधार पर सत्यापन रिपोर्ट तैयार नहीं करनी चाहिए। आजकल आधार कार्ड भी फर्जी बनाए जा रहे हैं। ऐसे में आधार कार्ड और पहचान पत्र की भी जांच करनी चाहिए। जहां पर किरायेदार नौकरी करता है, वहां फोन करके या फिर व्यक्तिगत रूप से जाकर पता करना चाहिए। ऐसा तभी संभव है जब हम सभी देश के एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएंगे। इस भूमिका निभाने को अधिकतर लोग तैयार नहीं हैं। ।यही वजह है कि घर में, होटल में या पीजी में किराये पर आतंकवादी रह रहे हैं या फिर गैंगस्टर पता ही नहीं होता है। जब मामला सामने आता है तो एक लाइन में लोग यह कह देते हैं कि उन्हें नहीं पता था कि किरायेदार ऐसा हो सकता है। जब सभी को पता है कि दिल्ली-एनसीआर आतंकवादियों के निशाने पर है फिर सत्यापन में लापरवाही देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। कुछ सालों के दौरान होटलों या घरों से कई बदमाशों से लेकर आतंकवादी तक पकड़े जा चुके हैं। यदि किरायेदार के आते ही पुलिस सत्यापन कराया जाए तो कहीं भी संदिग्ध व्यक्ति अपना ठिकाना नहीं बना सकता। आम लोगों की भी जिम्मेदारी है कि उनके इलाके में यदि कोई नया आदमी दिखे तो वह पुलिस को बताए। ।मजबूत हो बीट सिस्टम ।पुलिस महकमे में बीट कांस्टेबल सिस्टम है। सभी कांस्टेबल को इलाके निर्धारित होते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि उनके इलाके में कितने मकान हैं, कितने लोग रहते हैं, कितने नए लोग आए हैं आदि। पहले आबादी कम होती थी तो पता करना आसान था। अब आबादी काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बीट कांस्टेबल सिस्टम को मजबूत बनाना होगा। उन्हें तकनीकी तौर पर अपग्रेड करना होगा। खासकर सूचना तकनीक का वह इस्तेमाल कर सकें, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित करना होगा। संबंधित थाना प्रभारी को भी अपने इलाके के बारे में एक-एक विषय की जानकारी होनी चाहिए। यह तब संभव होगा जब वे पब्लिक के साथ संवाद बढ़ाएंगे। उस क्षेत्र के मौजिज लोगों के साथ ही संबंधित आरडब्ल्यूए के साथ थाना प्रभारी का संवाद होना चाहिए। ।बिना जन सहयोग के कानून-व्यवस्था की मजबूती की कल्पना नहीं कर सकते। पहले किराये पर रहने वाले अधिकतर लोग पूरा सामान लेकर आते थे, इससे इलाके के लोगों को पता चल जाता था। अब एक बैग लेकर आते हैं। यही नहीं 24 घंटे कहीं भी आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में आसपास के लोगों को भी पता नहीं चलता कि पड़ोस के मकान में कौन रह रहा है। इसके लिए पुलिस को प्रतिदिन 24 घंटे अपने इलाके में सक्रियता बरतनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8d64b3d080df28c627bc324dac71c33cc2e91eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62059.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंचकुला, अनुराग अग्रवाल। आयुष्मान भव दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है आयुष्मान, जिसका अर्थ होता है लंबी आयु रखने वाला अर्थात दीर्घायु। दूसरा शब्द है भव, जिसका अर्थ होता है होना। आयुष्मान भव यानी दीर्घायु होना। कहने को तो आयुष्मान भव शब्दमात्र हैं, लेकिन इसे भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा माना जाता है। पूर्वजों से जब आशीर्वाद लिया जाता है तो वे आयुष्मान भव कहकर आशीर्वाद देते हैं। इसका अर्थ होता है कि वे कह रहे हैं, सदा जीते रहो, लेकिन अच्छी सेहत और अच्छे स्वास्थ्य के बिना आयुष्मान नहीं हुआ जा सकता। + +अब किसानों और नंबरदारों को आयुष्मान योजना में शामिल कर न केवल इस योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा, बल्कि किसानों के स्वास्थ्य को सुरक्षा कवच भी मिलेगा। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार की किसानों के प्रति दूरगामी सोच है। कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। किसानों को भी आपसी सहयोग विकसित करते हुए आगे बढ़ना होगा। इसके तहत प्रगतिशील किसान बाकी किसानों को उन्नत खेती करने के बारे में प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए सरकार ने एक प्रगतिशील किसान को कम से कम दस सामान्य किसानों को प्रशिक्षित करने एवं तकनीक रूप से दक्ष बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। राज्य सरकार प्रदेश में किसानों के कल्याण के लिए वेलफेयर फंड एवं म्युचुअल फंड सरीखी व्यवस्थाएं भी करने जा रही है। मनोहर सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसान अधिक से अधिक एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..641fc2245821222d4471342580c2658fe00ca1c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62060.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि सभी संगठन राजनीति में कूदने को तैयार नहीं थे। इसके बावजूद बलबीर सिंह राजेवाल की अगुआई में संयुक्त समाज मोर्चा का गठन हुआ। पंजाब के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने इससे अपने आप को दूर रखा। क्योंकि भाकियू के उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां को वोट पालिटिक्स में विश्वास नहीं है। उगराहां कहते हैं, ‘मैं वोट पालिटिक्स में विश्वास नहीं रखता हूं, लेकिन हमारे कार्यकर्ता किसी को भी वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं उन्हें न तो रोकता हूं और न ही प्रोत्साहित करता हूं।’।उगराहां को भले ही वोट पालिटिक्स में भरोसा न हो, लेकिन जिन क्षेत्रों में उनका प्रभाव सबसे ज्यादा है, उन क्षेत्रों में मतदान भी सबसे अधिक हुआ है। वह भी ग्रामीण क्षेत्रों में। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह संगठन बेशक खुद वोट पालिटिक्स में हिस्सा न लेता हो, लेकिन मुद्दों को चुनाव के दौरान जरूर उभारता है। इससे इनका संगठन मोबलाइज भी होता रहता है। भाकियू उगराहां ने जब तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन चलाया था तब भी उसने अपने आप को सबसे अलग रखा था। उगराहां किसानी के मोर्चे पर तो सभी संगठनों के साथ थे, लेकिन राजनीतिक मंच को लेकर उन्होंने हमेशा ही विरोध किया। उगराहां मानते हैं कि संगठन राजनीतिक पार्टियों एवं सरकारों पर दबाव बनाकर ही अपनी मांगें पूरी करवा सकते हैं। इसके विपरीत चुनाव लड़ने वाले बलबीर सिंह राजेवाल का नजरिया कुछ और है। वह कहते हैं कि अगर हमें कुछ बदलना है तो वोट पालिटिक्स में उतरना ही पड़ेगा। जब हमारे संविधान में सारी ताकत राजनीतिक सत्ता हासिल करने वालों को मिली हुई है तो किसान इसमें क्यों न उतरें। जब किसान राजनीति में जाएंगे तब ही राजनीतिक मंच पर किसानों की बातों को मजबूती से उठाया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..274c7dc3bc48d6c435c0ff570dc8e7b0f838cd4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन स्मारकों को विकसित करने पर जोर।अजंता गुफाएं, चित्तौड़गढ़, मोढेरा सूर्य मंदिर, पट्टाडकल स्मारक समूह, पाटण स्थित रानी की वाव, सांची के बौद्ध स्मारक, सारनाथ के उत्खनित अवशेष, बिष्णुपुर मंदिर समूह, सिबसागर स्थित अहोम राजाओं के महल करेंग घर।कम पर्यटन वाले स्मारकों के विकास के लिए 12 सुझाव।एएसआइ संरक्षित 40 स्मारकों पर हुआ अध्ययन।समिति के प्रमुख सदस्य और आइआइटीटीएम नोएड के नोडल अधिकारी डा. पवन गुप्ता ने बताया कि अध्ययन के लिए एएसआइ द्वारा संरक्षित 40 स्मारकों का चयन किया था। इसमें नौ स्मारक 10 लाख से अधिक वाले थे, जबकि आठ स्मारक पांच से 10 लाख वाले और 23 स्मारक पांच लाख से कम पर्यटक वाले थे। बीते वर्षों में इन स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या के आंकड़ों और उपलब्ध सुविधाओं का दो वर्ष तक अध्ययन करने के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1c0594d20b88fd23c5127fc7d4583af7fb1a6f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। सिंधी भाषा की वर्णमाला बनने की कहानी कम रोचक नहीं है। 18वीं सदी के मध्य तक सिंधी भाषा एक दर्जन तरीकों से लिखी जाती थी। वर्ष 1853 में सिंधी भाषा की अधिकृत वर्णमाला बनी। जो कि अरेबिक-फारसी और सिंधी के मूल उच्चारणों से मिलकर बनी है। सिंधी भाषा की दो लिपि हैं, देवनागरी सिंधी और पर्शियो अरेबिक सिंधी। दोनों ही लिपि को सरकार ने मान्यता दे रखी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6c3d280e2e91a6d65fe2c6cf28a759c7b6d0474 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62063.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आज देश आजादी के सौ वर्ष पूरे होने को लक्ष्य मानकर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कार्ययोजनाएं बना रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य क्षेत्र की आवश्यकताओं, चुनौतियों और क्षमताओं का विश्लेषण कर हमें एक टिकाऊ स्वास्थ्य अवसरंचना खड़ी करनी होगी। एक ऐसा आधारभूत ढांचा, जो सेहत से जुड़ी भौतिक संरचनाओं और विशेषज्ञ चिकित्सकीय मानव संसाधन की उपलब्धता के साथ आरोग्यमय जीवनशैली पर टिका हो। स्वास्थ्य से समृद्धि की इस यात्र में डिजिटल हेल्थ सिस्टम पूरे स्वास्थ्य ढांचे की उत्पादकता को नया आयाम देगा। + +बढ़ा बजटीय आवंटन : स्वास्थ्य से समृद्धि की राह पर बढ़ने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने 86,200.65 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। यह राशि वित्त वर्ष 2021-22 के 73,931 करोड़ रुपये के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक है। नेशनल हेल्थ मिशन के बजटीय आवंटन में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए बजटीय आवंटन 315 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 978 करोड़ रुपये किया गया है। केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए सकल बजटीय आवंटन 10,566 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15,163 करोड़ रुपये करने से राज्यों को काफी मदद मिलेगी। हालांकि अभी भी हम अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में सेहत पर खर्च जीडीपी के डेढ़ प्रतिशत से भी कम है। विशेषज्ञों के अनुसार आगामी दस वर्षो में भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र पर अपनी जीडीपी का 4.5 प्रतिशत खर्च करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6004f893213441ecbf39b151bd0177066ba64962 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62064.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साक्षात्‍कार के दौरान हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल। (जागरण)।- हाईकोर्ट में दायर याचिका के आधार पर उद्योगपतियों को आशंका है कि रोजगार को एक क्षेत्र तक सीमित कर देने से उनकी स्किल क्वालिटी और उत्पादन पर असर पड़ेगा?।- ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। हमने इस कानून को काफी लचीला और सरल बनाया है। स्थानीय युवाओं को नौकरी देने वाले उद्याेगों को प्रदेश सरकार सालाना प्रति कर्मचारी 48 हजार रुपये की सब्सिडी देगी। सात साल तक यह सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, इन उद्योगों को 20 साल तक बिजली के बिलों में भी छूट मिलेगी। स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स (एसजीएसटी) की एवज में अधिकतम 10 वर्ष के लिए 100 प्रतिशत इन्वेस्टमेंट सब्सिडी दी जाएगी। नए उद्योगों पर एक हजार दिन के लिए फैक्टरी अधिनियम लागू ही नहीं होगा। इन तमाम सुविधाओं और राहत के बावजूद उद्योगपतियों को यह छूट है कि यदि उन्हें हरियाणा में अपनी पसंद का स्किल नहीं मिलता तो वह बाहर से ला सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62065.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19e51afc31fec546f482aad37db2169eb52d8a55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62065.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, मंगलवार की तरह बुधवार को भी दिनभर आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। इस दौरान अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 27 और 12 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। वहीं, सप्ताहंत बारिश होगी। दरअसल, एक पश्चिमी विक्षोभ के असर से 25 और 26 फरवरी को हल्की बारिश हो सकती है। बारिश के मद्देनजर 26 फरवरी यानी शनिवार के लिए यलो अलर्ट भी जारी किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..041c0b9d2366494f5c85327b0dbad6ebf0b02214 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। मकर संक्रांति 14 जनवरी, 2022 तक खरमास के बाद से शुरू हुआ शादियों का दौर 21 फरवरी, 2022 को समाप्त हो गया। अब डेढ़ महीने के बाद बरात और फिर से शहनाई सुनाई देगी। पंचांग के मुताबिक पूरे मार्च महीने और आधे अप्रैल तक शादी के लिए कोई लग्न नहीं है। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि 23 फरवरी से 26 मार्च तक 31 दिन गुरु तारा अस्त हो जाएगा और 14 मार्च से 14 अप्रैल के बीच नीम खरमास रहेगा जिसके कारण विवाह नहीं होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6579d6d213ee8a90241ffe67d7a788d164d82bd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट में बच्चों की पढ़ाई के लिए दौ सौ नए टीवी चैनलों को शुरू करने के ऐलान के बाद सरकार अब इसके अमल में भी तेजी से जुट गई है। फिलहाल इसका जो खाका तैयार किया गया है, उनमें सभी राज्यों और प्रमुख शैक्षणिक एजेंसियों को भी चैनल चलाने का जिम्मा दिया जा सकता है। जिसका इस्तेमाल वह बच्चों को स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने में ले सकेंगे। अभी राज्यों के पास बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई समर्पित चैनल नहीं है। ऐसे में इस पूरी पहल को काफी अहम माना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bce444caa238a2551ba6e688611cd197951a5dce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बात दें कि सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्मों को ओटीटी पर रिलीज करने के बीच का टाइम ड्यूरेशन कोरोना संक्रमण काल से पहले आठ हफ्ते हुआ करता था। कोरोना की पहली लहर के बाद इसे घटाकर चार हफ्ते किया गया। लेकिन अब फिल्म ‘थलाइवी’ के हिंदी संस्करण की सिनेमाघरों में रिलीज और फिर इसे ओटीटी पर रिलीज करने का अंतर घटाकर दो हफ्ते कर देने से बवाल मचा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3f750f9a2655b4f137657cdc3c5f4c3150f67ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर स्थित आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) का ट्रूप कंफट्र्स लिमिटेड (टीसीएल) मुख्यालय आइआइटी दिल्ली के साथ करार करके स्मार्ट टेक्सटाइल्स एप्लीकेशन, सैनिकों के लिए आरामदायक सामान में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग, भविष्य उन्मुखी इंफेंट्री सैनिक सिस्टम के विकास (दूरसंचार और हेल्प मानीटरिंग डिवाइस का एकीकरण) आदि पर काम करेगा। दोनों संगठन सहयोगात्मक परियोजनाओं को सुचारु रूप से शुरू करने के लिए संयुक्त कार्य समूह (ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप) का गठन करेंगे। ।इससे बैलिस्टिक हथियारों से सुरक्षा प्रदान करने वाले कपड़े, सेंसरयुक्त कपड़ों के अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में तेजी से काम संभव हो सकेगा। टीसीएल सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के लिए ट्रूप कंफर्ट आइटम का उत्पादन करती है। इसके अंतर्गत चार निर्माणियों में आयुध उपस्कर निर्माणी कानपुर, आयुध वस्त्र निर्माणी शाहजहांपुर, आयुध वस्त्र निर्माणी आवाडी (चेन्नई) व आयुध उपस्कर निर्माणी हजरतपुर शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63844b2a163b8ddc62c9d915da0c5aa2d4cbb1dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62071.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली [धीरेंद्र पाठक]। ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से इनदिनों सोलर एनर्जी समेत सभी तरह के ग्रीन एनर्जी को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है। हाल ही में शुरू हुई ग्रीन हाइड्रोजन पालिसी भी इसी दिशा में एक प्रयास है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने से लेकर इन्हें खरीदने पर लोगों को छूट दी जा रही है। इस तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जगह-जगह सार्वजनिक चार्जिंग स्‍टेशन बन रहे हैं। बीते दिनों स्‍काटलैंड के ग्लासगो शहर में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट आफ कोप-26' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कहा गया कि भारत 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को रिन्‍यूएबल एनर्जी से पूरा करेगा, जो अभी 22 से 25 प्रतिशत के लगभग है। जाहिर है इसके लिए आने वाले दिनों अधिक से अधिक प्रोजेक्‍ट लगेंगे और इससे बड़ी संख्‍या में जाब के अवसर पैदा होंगे। + +क्‍या है रिन्‍यूएबल एनर्जी। इनदिनों ग्रीन एनर्जी (रिन्‍यूएबल एनर्जी) की हर ओर चर्चा है। ऐसी एनर्जी जो सोलर, विंड, बायोमास और हाइड्रोपावर से बनती है। यह एनर्जी पेट्रोल, डीजल या कोयले की तुलना में न सिर्फ कम खर्चीली होती है, बल्कि इसे कुछ समय बाद दोबारा इस्‍तेमाल में लाया जा सकता है। इससे पर्यावरण को भी कोई खतरा नहीं है। यूं कहें कि आने वाले समय को देखते हुए ऊर्जा का यही एकमात्र सस्‍ता और टिकाऊ विकल्‍प होगा। सरकार की ओर से नियमों में बदलाव किये जाने से राज्‍यों के अलावा बड़ी-बड़ी कंपनियां भी पर्यावरण संरक्षण के अपने दायित्‍यों को पूरा करने के लिए रिन्‍यूएबल एनर्जी की तरफ कर शिफ्ट हो रही हैं। जाहिर है इससे इस सेक्‍टर में बहुत सारे अवसर भी पैदा होंगे, चाहे एनर्जी हो, एनवायरमेंट हो, क्‍लाइमेट पालिसी हों या अर्बन डेवलपमेंट का फील्‍ड हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93ee914a73b899aae75c15ff246fa0923d734163 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62072.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आइएएनएस: शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पाया है कि निएंडरथल से विरासत में मिला एक कोविड-19 जोखिम वाला वैरिएंट एचआइवी संक्रमित होने के खतरे को 27 फीसदी तक कम कर सकता है। सार्स सीओवी-2 से संक्रमित होने पर कुछ लोगों की स्थिति गंभीर हो जाती है, जबकि अन्य में बिल्कुल हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। दरअसल, इसके लिए हमारी आनुवंशिक विरासत भी उत्तरदायी होती है। + +संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर।करोलिंस्का के ह्यूगो जेबर्ग ने कहा, 'कोविड-19 के लिए यह प्रमुख आनुवंशिक जोखिम कारक इतना सामान्य है कि मैं सोच में पड़ गया कि क्या यह वास्तव में किसी चीज के लिए अच्छा हो सकता है, जैसे कि किसी अन्य संक्रामक बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने में।' 'प्रोसीडिंग्स आफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज जर्नल' में प्रकाशित यह अध्ययन बताता है कि आनुवंशिक जोखिम कारक क्रोमोजोम (गुणसूत्र) 3 के क्षेत्र में स्थित होता है और उसमें कई जीन होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62074.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e07077e9048ba4136d2f9155b5fcdb2147448c64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62074.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, वेबसाइट एवं वेब एप्लीकेशन के जिस हिस्से के साथ यूजर्स इंटरैक्ट नहीं कर पाते, जो वेबसाइट को चलाने एवं उसे मेंटेन करने के लिए पीछे से जिम्मेदार होता है, उसे बैक एंड (सर्वर या लाजिक लेयर) डेवलपर कहते हैं। उनके पास जावा, पाइथन, पीएचपी, रूबी आदि की जानकारी होती है। इस प्रकार, एक फुल स्टैक डेवलपर फ्रंड एंड एवं बैक एंड, दोनों तरह की प्रोग्रामिंग का विशेषज्ञ होता है। वह एक पूरा वेब एप्लीकेशन तैयार कर सकता है। उन्हें एमवाईएसक्यूएल, ओरेकल, एसक्यूएल, सर्वर आदि डेटाबेस की भी पूरी जानकारी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14df3bc097f9da9a2b88307d72702a5df9e2c610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कार्यक्षेत्र: मेडिकल लैब टेक्नीशियन, डाक्टरों के निर्देश पर काम करने के अलावा उपकरणों के रख-रखाव सहित दूसरे और भी कई तरह के काम करते हैं, जैसे कि लैब में नमूनों की जांच और उनका विश्लेषण में काम आने वाला घोल बनाना आदि। जांच के दौरान एमएलटी कुछ सैंपलों को आगे की जांच या फिर जरूरत के अनुसार उन्हें सुरक्षित भी रख लेता है। इसलिए एमएलटी का काम बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है। इसमें धैर्य और निपुणता की बड़ी आवश्यकता होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3ae155c7fcd7e5e47242229c584b4d37fe7d25f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिंदू धर्म में व्याप्त रूढ़िवादी प्रथाओं मसलन छुआछूत एवं अस्पृश्यता का उन्मूलन एवं महिलाओं को संपत्ति में उत्तराधिकार देना तथा तीन तलाक पर रोक लगाना इस बात के सार्थक उदाहरण हैं।धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सीमित करना सही नहीं है। स्वतंत्रता एवं समानता के सिद्धांत भारतीय संविधान की बुनियाद हैं। अत: महिलाएं क्या पहनें और क्या न पहनें इसका फैसला उनके स्वविवेक पर छोड़ देना चाहिए। ।(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a8140e340ac9ad1aa4c383d8d0170d52f4e328e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उदयपुर, सुभाष शर्मा। सूक्ष्म कलाकारी के लिए उदयपुर के चंद्रप्रकाश चित्तौड़ा बेहतरीन 'चितेरा' हैं। यही नहीं, उन्हें लोग सूक्ष्म पुस्तकों के सबसे बड़े निर्माता कहते हैं। एक हजार से अधिक सूक्ष्म पुस्तकों के निर्माण कर चुके चित्तौड़ा अब कई दर्जन पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। हाल ही 'ग्रेट विनर वल्र्ड रिकार्ड' से उन्हें सम्मानित किया गया, जिसे संस्था के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में उदयपुर के संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने प्रदन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..412e2428d1a64ff2b4449f3a383e2c1366b23bd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62082.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पिछले शुक्रवार को ममता ने कार्य समिति की बैठक में जिम्मेदारियों का बंटवारा करते समय कहा- हमें नए भी चाहिए, लेकिन ‘ओल्ड इज गोल्ड’ होता है। उनके कहने का तत्पर्य यह था कि नए नेता तो चाहिए, लेकिन पुराने नेता सोना हैं। यही वजह है कि ममता ने ‘ओल्ड इज गोल्ड’ के अपने विचार को अमली जामा पहनाते हुए जिम्मेदारियों के वितरण के मामले में तृणमूल के पुराने और वरिष्ठ नेताओं को नई टीम में अधिक महत्व दिया है। उन्होंने पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) और अभिषेक का पक्ष लेने वाले दो पुराने और वरिष्ठ नेताओं डेरेक ओ ब्रायन और सौगत राय को कार्य समिति में शामिल नहीं किया। यही नहीं, अभिषेक का विरोध करने वाले एक और पुराने साथी कल्याण बनर्जी का भी संगठन से पत्ता साफ कर दिया। इस तरह पार्टी में उठ रही ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की मांग फिलहाल शांत हो गई है। + +पार्टी की राष्ट्रीय कार्य समिति में शामिल नेताओं को जब ममता ने पद आवंटित किया तो उसमें युवा पीढ़ी के नेता के रूप में एकमात्र अभिषेक को महासचिव के रूप में रखा है। प्रारंभ में पार्टी सुप्रीमो राष्ट्रीय स्तर पर एक से अधिक महासचिव रखना चाहती थीं, लेकिन कुछ कारणों से ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद भरोसेमंद फिरहाद हकीम को राष्ट्रीय कार्य समिति में समन्वयक की जिम्मेदारी सौंप दी। फिरहाद तृणमूल की राष्ट्रीय और राज्य की टीमों के बीच समन्वय का कार्य देखेंगे और अपनी रिपोर्ट सीधे ममता बनर्जी को देंगे। इसी बीच बीते शनिवार को पार्थ चटर्जी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। इसी के साथ तृणमूल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की संख्या चार हो गई। यही नहीं, ममता ने पार्टी संगठन के लिए रुपये के लेन-देन के लिए चेक पर हस्ताक्षर का अधिकार भी अपने पुराने तीन भरोसेमंद साथियों उपाध्यक्ष पार्थ चटर्जी व चंद्रिमा भट्टाचार्य और कोषाध्यक्ष अरूप विश्वास को दिया है। ममता ने बंगाल के बाहर के केवल एक नए नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रीय कार्य समिति में जगह दी है। उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया गया है। ममता समेत 20 सदस्यीय कार्य समिति में 19 सदस्य तृणमूल के पुराने और बंगाल के नेता हैं। कार्य समिति में आमंत्रित सदस्यों के रूप में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और असम के नेताओं को शामिल किया गया है, ताकि बंगाल के बाहर के तृणमूल नेता खुद को बाहरी न महसूस करें। कांग्रेस छोड़कर आई सुष्मिता देव, सुबल भौमिक तथा मुकुल संगमा को पूवरेत्तर राज्यों के पार्टी संयोजक का दायित्व दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62083.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62083.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..244dcc953e6b1474748dafd272d9cd3fd3717778 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62083.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +द्वापर में जब कृष्ण अपने सखाओं के साथ सज-धजकर होली खेलने बरसाना आए तो गोपियों ने उनके साथ लठामार होली खेलने का मन बना लिया। गोपियों के हाथों में लाठियां देखकर ग्वाल-वाल डरकर भाग गए। कृष्ण वहीं कहीं छिप गए। छिपे हुए कृष्ण को गोपियों ने ढूंढ निकाला और उनका कान खींचकर कहा कि दूल्हा तो यहां छिपा हुआ है। तब से कृष्ण का एक नाम ब्रज दूल्हा भी पड़ गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5644004b39d6170c2cd263bd138b3c8586625aee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुबह-शाम करना है इस औषधि का सेवन : सुबह शाम काढ़े का सेवन, और घट गई दवा की डोज द्रव्यगुण विभाग के अध्यक्ष प्रो. बी राम के निर्देशन में डा. प्रेमलता कजारिया व डा. मिसू प्रशांत की ओर से इस काढ़े का परीक्षण क्लीनिकल व एक्सपेरीमेंटल दोनों रूप में हो चुका है। इसके सेवन से डायबिटीज के लिए चल रही मरीजों की दवा व इंसुलिन की भी डोज कम हुई। यह शोध दो जनरल में प्रकाशित भी हो चुका है। पांचों पौधों को बराबर मात्रा में सुखाकर कोर्स पावडर (बारिक नहीं) बनाया गया। 10 ग्राम कोर्स पावडर को चार कप पानी में रखकर उबाला गया। एक कप पानी बचने पर पिया जाता है। काढ़े का सेवन सुबह व शाम को किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7f247d5defa76011e537f1e51a6fe0c93f70bea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62087.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का उत्थान और पतन काफी हद तक उसके वित्तीय क्षेत्र के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। इसी वजह से बैंकों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, लेकिन पिछले एक दशक से भारतीय बैंक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि एक के बाद एक बैंक घोटाले बैंकों पर भारी दबाव डाल रहे हैं। देश में कई बैैंक घोटाले सामने आ चुके हैैं। जैसे हर्षद मेहता घोटाला, केतन पारेख घोटाला, नीरव मोदी एवं मेहुल चोकसी का पीएनबी घोटाला, विजय माल्या का 13 बैंकों के साथ घोटाला, इलाहाबाद बैंक घोटाला, रोटोमेक पैन लोन घोटाला, पीएमसी बैंक घोटाला, आरपी इन्फोसिस्टम बैंक घोटाला, सिंभावली शुगर्स लोन घोटाला, आइसीआइसीआइ बैंक घोटाला, कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड लोन घोटाला और यस बैंक घोटाला। इनमें से ज्यादातर लोगों या कंपनियों ने कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया यानी वे विलफुल डिफाल्टर बन गए। + +जब आम जनता की ईएमआइ बाउंस होती है तो अगले ही दिन से बैंक से फोन आने शुरू हो जाते हैं। यदि दो-चार माह कोई ईएमआइ नहीं भर पाता तो उसके दोस्त, रिश्तेदार तक को पता चल जाता है। कोई किसान जब लोन नहीं चुका पाता तो बैंक उसकी जमीन नीलाम कर पूरे पैसे वसूल कर लेते हैं, मगर जब कारोबारियों या फिर कंपनियों की बात आती है तो वही बैंक पंगु हो जाते हैं। बैंक घोटालों के सिलसिले में बैंकिंग संस्थानों और नियामक एजेंसियों की सतर्कता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैैं तो इसके पर्याप्त कारण हैैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल कर्ज का 35 प्रतिशत जोखिम में है। जबकि बैंकों के पास केवल आठ प्रतिशत नुकसान सहने की ही क्षमता है। ऐसे में सिर्फ बैड बैंक के गठन और निजीकरण को बढ़ावा दिए जाने को बैंकिंग उद्योग के संकट की कुंजी के तौर पर प्रस्तुत किया जाना सही नहीं दिखता। ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार आपसी हितों में टकराव की वजह से भी बैंकों के कारपोरेट गवर्नेंस संबंधी मानकों पर भी सवाल उठे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce42fb5bdc77be69bbe6c5db0d4b8922fe5e47a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62088.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरीश तिवारी, ऋषिकेश। ऋषिकेश से 36 किलोमीटर दूर नीलकंठ महादेव मंदिर लाखों श्रद्धालुओं के आस्‍था का केंद्र है। इसी मंदिर के पास हैं फूल-प्रसाद की 70 दुकानें। इन्हीं में से एक दुकान है शशि पयाल की। साधारण सी दिखने वाली इस दुकान में पूजा-पाठ व फूल प्रसाद के साथ ही थोड़ी-बहुत खाने-पीने की सामाग्री भी मिल जाती है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस दुकान का संचालन करने वाली शशि पयाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी बहन हैं। उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावों के बीच शशि प्रतिदिन भाई की विजय के लिए नीलकंठ महादेव से प्रार्थना करना नहीं भूलतीं। शशि कहती हैं कि 'भाई के मस्तक पर विजय का तिलक देखना ही मेरा सपना है।'।सादगी का भाव योगी आदित्यनाथ को परिवार से विरासत में मिला है। सात भाई-बहनों में शशि सबसे बड़ी और योगी पांचवे नंबर के हैं। योगी पौड़ी जिले में यमकेश्वर ब्लाक में पंचूर गांव के रहने वाले हैं। 31 वर्ष पहले शशि का विवाह कोठार गांव के पूरण सिंह पयाल से हुआ। पूरण ग्रेजुएट तो शशि इंटर तक पढ़ी लिखी हैं। पति-पत्नी हर दिन कोठार गांव से ढाई किलोमीटर दूर नीलकंठ महादेव मंदिर पैदल ही आते हैं। प्रतिदिन सुबह सात बजे दुकान खोलते हैं और शाम चार बजे तक गांव लौट जाते हैं। शशि के तीन बच्चे हैं, दो पुत्र और एक पुत्री। एक पुत्र का विवाह हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5cbb671fdc7eaae4fcb8d5eb5abbd987cd122b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62092.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दुनिया भर में निशुल्क सेवा।डा.विवेक गर्ग ने बताया कि नारायण सेवासंस्थान पिछले 23 वर्षो से पोलियो रोगियों को मुफ्त आपरेशन के साथ बैशाखी और तिपहिया वाहन उपलब्ध कराता है तथा स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध कराता आ रहा है। नारायण सेवा संस्थान में देश के अलावा अफ्रीकी और यूरोपीय देशों के पोलियो पीड़ित भी आपरेशन के लिए आते हैं। + +संस्थान में अब तक पोलियों के साढ़े 73 हजार निशुल्क आपरेशन हो चुके हैं। करीब एक लाख 70 हजार बैशाखियों के साथ ही संस्थान ने हजारों तिपहिया साइकिलों का भी वितरण विकलांगों के बीच किया है। दिव्यांगों के लिए संस्थान कृत्रिम अंग तैयार करवाता है। विशेष बात यह है कि कृत्रिम अंग लगाने के लिए संस्थान की ओर से दो महीने पहले पैमाइश लेनेे के लिए शिविर लगाया जाता है। इससे यह लाभ होता है कि जरूरतमंद को अंग फिट आ जाते हैं और किसी प्रकार की दुविधा उसे चलने-फिरने या काम करने में नहीं होती है। कृत्रित अंगाें में पैर और हाथ ज्यादा बनाए जाते हैं। + +कई परिवार गोद लिए।नारायण सेवा संस्थान ने कई गरीब परिवारों को गोद लिया है। संस्थान के सदस्य इन असहाय परिवारों के लिए राशन से लेकर शिक्षा तक का प्रबंध करते हैं। इन परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। हीन भावना पैदा न हो, इसलिए इन परिवारों के बारे में जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की जाती। डा. विवेक गर्ग ने बताया कि जिन दिव्यांगों के माप लिए जाते हैं, उन्हें संस्थान के मुख्यालय स्थित अस्पताल में आपरेशन के साथ दवा, आवास, भोजन आदि की सुविधाएं भी निशुल्क दी जाएगी। शिविर में संस्थान के अस्थि रोग विशेषज्ञ डाक्टर, कृत्रिम अंग वर्कशाप के प्रोस्थेटिक टेक्नीशियन सेवाएं देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ec9c69c830ca1288611b12dde292a32e0c1bd4c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62093.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केदार दत्त, देहरादून। Chardham Yatra 2022 चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने की तिथियां तय होने के साथ ही पर्यटन विभाग आने वाले यात्राकाल की तैयारियों में जुट गया है। इस कड़ी में निगरानी और भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (टीएसएमएस) तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को क्यूआर कोड युक्त रिस्ट बैंड दिए जाएंगे। इसमें श्रद्धालुओं का पूरा ब्योरा भी होगा। दोनों धामों के पैदल यात्रा मार्गों के पड़ावों के प्रवेश व निकास द्वार लगे कियोस्क में यह रिस्ट बैंड स्कैन होंगे। इससे यह पता चल सकेगा कि किस पड़ाव में कितने लोग आए और कितने आगे निकल गए हैं। यदि कहीं क्षमता से ज्यादा भीड़ बढ़ती है तो पहले के पड़ावों पर यात्रियों को रोका जा सकता है। + +जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से चारधाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए भीड़ प्रबंधन और निगरानी तंत्र को सशक्त बनाने पर जोर दिया जा रहा है। यद्यपि, चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण आदि की व्यवस्था है, लेकिन यह प्रभावी साबित नहीं हो पा रही। ऐसे में निगरानी और भीड़ प्रबंधन में दिक्कतें आना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग टीएसएमएस तैयार करने में जुटा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62095.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3bb0faa39b915023aaa05225b3ea0949d38dec3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62095.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गीत संंगीत की लहरों पर तैरता चुनाव : 2022 विधानसभा चुनावों में गीत-संगीत की लहरों पर सवार होकर राजनीति नए अंदाज में बह रही है। यूूपी में सब बा...गाने के बाद नेहा राठौर यूपी में का बा...ने खूब सुर्खियांं बटोरी। इन गीतों को राजनीतिक दलों के समर्थन और विरोध से जोड़कर देखा गया। बाद में मेरठ की कवयित्री अनामिका अंबर ने बुंदेलखंडी बोली में एक चुनावी गीत रिकार्ड कर चर्चा बटोरी। चुनावी दलों की प्रशंसा और आलोचना से परे महिलाओं की एक टीम ने एक वोट में का बा...के जरिये बताया है कि एक वोट से शिक्षा में सुधार बा... दूर अंधियार बा, गांव में रोजगार बा...बहुुत पैदावार बा, सुखी संंसार बा...दूर भ्रष्टाचार बा और एक वोट से हीलत दिल्ली सरकार बा। सुना....एक वोट में ई ब। + +जागो-जागो मेरे देश के...मतदाता :  लोक कलाकारों ने मतदान को लोकतंत्र का पर्व बताते हुए प्रेरक गाने बनाए हैं। गायिका नेहा राठौर ने सुना चाचा-चाची, सुना काका-काकी गाकर लोगों से खुलकर मतदान करने की अपील की है। कविता तिवारी का गाना...जागो-जागो मेरे देश के ..मतदाता विधाता बनो भारत के, काफी सुना जा रहा है। इसमें भी लोकरंंग के साथ राष्ट्रवाद की तरंंग साफ उभरती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..386dfe3be21bce42e3611d9d063b4d02ff20d671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62096.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ। ।'डर क्या दिखलाते हो गोलियों का,। सामने ये सीने खुले हुए हैं।'।यह कविता सुनाने वाले वीर भूमि बुंदेलखंड में जन्मे आजादी के दीवाने कवि घासीराम व्यास का जन्म पांच सितंबर, 1903 को मऊरानीपुर, जिला झांसी में हुआ था। अपना पैतृक पेशा पंडिताई छोड़कर आजादी के लिए विजय गान गाने की कटीली राह चुनने वाले घासीराम को विधाता ने वीर भूमि बुंदेलखंड की उस पावन मिट्टी से गढ़ा था जिस मिट्टी से आजादी के ऐसे वीर गढ़े जाते रहे जो देश की आन के लिए बागी बनने में तनिक भी देर नहीं लगाते थे। + +मात्र 18 वर्ष की किशोर अवस्था में असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लेने पर घासीराम व्यास को छह माह की सजा हुई थी। यह उनकी लोकप्रियता का सबूत था कि उनकी गिरफ्तारी के समय हजारों व्यक्ति उपस्थित थे। वीर मां ने अपने इस सपूत को तिलक लगाकर, आशीर्वाद के साथ कभी पीछे न हटने की सौगंध दिलाई थी। व्यास जी ने अपनी कलम से लिखा था,।बरबीर नहीं हटने के कभी,। रण के रसरंग घुले हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47b13e69bb3f40d64d01327f36cc10b533d3366d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। दो दिन बाद फ्रांस की राजधानी पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक शुरू हो रही है। इस बैठक को लेकर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की की सांसे अटकी हुई है। उनको इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं एफएटीएफ पाक‍िस्‍तान को ब्‍लैक लिस्‍ट में न डाल दे। हालांकि, इस समय पाकिस्‍तान ग्रे लिस्‍ट में शामिल है। आइए जानते हैं कि पाकिस्‍तान इस ब्‍लैक लिस्‍ट से क्‍यों चिंतित है। इमरान सरकार की क्‍या मुश्किलें हैं। ग्रे लिस्‍ट में रहने के चलते पाकिस्‍तान का प्रत्‍येक वर्ष क‍ितना आर्थिक नुकसान हो रहा है। इससे पाकिस्‍तान की छवि क्‍यों धूमिल हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f734693704f48201653a4bcbe33d2743b08e8c7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में शिक्षण के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। अब न केवल विश्वविद्यालयों के परंपरागत विषय, बल्कि इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा और पढ़ाई भी हिंदी आदि भारतीय भाषाओं में शुरू हो चुकी है। यही बात मेडिकल और मैनेजमेंट के लिए भी है। कुछ ही दिन पहले यह घोषणा हुई है कि मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई आगामी सत्र से हिंदी में शुरू हो रही है। ज्ञान-विज्ञान के विषयों में अच्छी और प्रामाणिक सामग्री उपलब्ध हो इसके लिए 'इंडियन इंस्टिट्यूट आफ ट्रांसलेशन एंड इंटरप्रिटेशन' की स्थापना हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हिंदी आदि भारतीय भाषाओं के लिए विशेष सजग है। इसके दूरगामी परिणाम हमें आठ-दस सालों में दिखने लगेंगे जो हिंदी के स्वावलंबन के साथ-साथ राष्ट्र को भी स्वावलंबन की दिशा में ले जाने में सहायक होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..660209577630d024972006f3785f3198e42ada9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोविड-19 महामारी की विभीषिका से निकलती दुनिया के सामने अब नई विपदा दिख रही है। यूक्रेन संकट। अंतरराष्ट्रीय मामलों के कुछ जानकार तो इसे तीसरे विश्व युद्ध की आहट के तौर पर भी देख रहे हैं। दरअसल सोवियत संघ से विघटित हुए यूक्रेन के पूर्वी हिस्से के लोगों का देश के प्रति गहरा असंतोष है। रूस इस मौके का फायदा उठाना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..033f2cf58aeaf17e99b018d9e11786b6352a52d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62108.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कंवल सिब्बल। यूक्रेन को लेकर यूरोप में मौजूदा संकट दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले से ही पूरा विश्व महामारी, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। पूरी दुनिया सप्लाई चेन बाधित होने से परेशान है और इसी बीच चीन का विस्तारवादी रवैया भी सामने आया है। सोवियत संघ के विघटन से करीब तीन करोड़ रूसी लोग अपने मूल देश से बाहर हो गए थे। इनमें ज्यादातर यूक्रेन, बाल्टिक स्टेट्स और कजाखस्तान में थे। + +पिछले कुछ वर्षो में यूक्रेन और रूस के बीच लगातार तनाव बढ़ा है। यूरोप और रूस को लेकर लोग बंटे रहे। इसी टकराव के चलते 2014 में रूस ने क्रीमिया पर नियंत्रण कर लिया और डोनेत्स्क और लुहांस्क ने जनमत संग्रह के जरिये खुद को स्वायत्त घोषित कर लिया। क्रीमिया पर रूस का नियंत्रण अब स्थापित तथ्य हो चुका है, लेकिन 2014 और 2015 में मिंस्क समझौतों के तहत डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वायत्तता चर्चा का विषय है। मिंस्क समझौते को लागू करने की दिशा में फ्रांस और जर्मनी सक्रियता के साथ यूक्रेन और रूस से बातचीत में शामिल रहे हैं। दोनों चरणबद्ध तरीके से समझौतों को लागू करने के पक्ष में हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली है। रूस और यूक्रेन एक-दूसरे को इन समझौतों के न लागू हो पाने का दोषी बताते हैं। रूस इस मामले में अमेरिका पर भी अड़ंगा डालने का आरोप लगाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62110.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6266f3bb31f983e913907e0edd11296c7635655e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62110.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आतंकी हमले के आरोपितों के प्रति सपा द्वारा साफ्ट कार्नर अपनाने का भाजपा का आरोप पूरी तरह निराधार नहीं है। अखिलेश यादव सरकार के दौरान 2013 में सात जिलों में आतंकी हमले से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए गए थे। हालांकि, कुछ मामलों में अदालत के मना करने के बाद आरोपितों को 20-20 साल तक की सजा हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e00aea8bb0a7294c713627fd421144c12d6c3af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62114.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसानो ने पहले वोट डाला फिर गए खेतों में।हसायन निवासी रोजाना नेकसे रोजाना पशुओं का गोबर बैलगाड़ी से लेकर खेतों पर जाते हैं। साथ में उनकी पत्नी भी जाती हैं लेकिन रविवार को मतदान का महत्व समझते हुए सुबह सात बजे मतदान शुरू होते ही बूथ पर पत्नी के साथ पहुंच गए। वहां दोनों वोट डालकर आए और खेत पर चले गए। वे पहले पत्नी के साथ वोट डालने गए। सिकंदराराऊ निवासी जगदीश के खेत को ङ्क्षसचाई की जरूरत थी। वे पंपसेट से ङ्क्षसचाई करते हैं। वहीं बरामई निवासी बाबू ङ्क्षसह की रिश्तेदारी में गमी हो गई थी। उन्हें परिवार के साथ वहां जरूर जाना था। वे ट्रैक्टर ट्राली से परिवार के सदस्यों के साथ पहले मतदान करने गए। इसके बाद वे परिवार के साथ रवाना हो गए। मेैंड़ू निवासी 65 वर्षीय ऊषा देवी व 60 वर्षीय चंपा देवी रोजाना खेत पर जाती हैं। कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद वे लोकतंत्र का महत्व समझती हैं। सुबह आठ बजे घर से जाकर बूथ पर मतदान करने के बाद वे खेत पर गईं और वहां से ईंधन के लिए लकड़ी लेकर घर लौटीं। सूआ मोहनपुर निवासी गुड्डी देवी को जानकारी थी कि आज वोट पडऩे हैं। उन्होंने घर का काम जल्दी निपटाया है। गांव के ही बूथ पर अपनी बड़ी बहू नेहा और छोटी बहू विनीता को लेकर पैदल ही पहुंच गईं। तीनों ने मिलकर उत्साह के साथ मतदान किया। ।पहले मतदान, फिर किया खेतीबाड़ी का काम ।विधानसभा चुनावों में किसानों ने भी अपनी भागीदारी बढ़-चढ़कर सुनिश्चित की। खेतों में कामकाज करने से पहले उन्होंने मतदान करना बहुत जरूरी समझा। किसानों ने पसंदीदा प्रत्याशी को ईवीएम में लगे बटन को दबाकर अपना वोट दिया। इन दिनों रबी की फसल खेतों में लहलहा रही है। वहीं आलू की फसल में पकने के कगार पर खड़ी है। खेतों में काम करने से किसानों को फुर्सत नहीं मिल रही। इसके बाद भी किसानों ने रविवार को हुए मतदान में गजब का उत्साह दिखाया। सुबह सभी कामकाज छोड़कर अन्नदाता सबसे पहले देश के लिए मतदान करने के लिए पहुंचा। लंबी कतारों में लगे किसान अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिखे। जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में किसानों की सहभागिता प्रमुख रही। मतदान करने के बाद ही किसानों ने अपने खेतों में कामकाज निपटाया। इससे वह उत्साहित भी दिख रहे थे। ।किसानों के बोल।मतदान सुबह से ही शुरू हो गया था। कई दिनों से खेतों में काम चल रहा है। उससे पहले मतदान बहुत जरूरी है इसीलिए मतदान करने के बाद ही खेतों में खाद लगाने का कार्य कर रहा हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e867d01e6bafdd3448da284c822d7449ccf86f87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62115.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गिरीश्वर मिश्र। आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर भारत की भाषाई विविधता का अवलोकन उपयोगी होगा। वस्तुत: भारत की भाषाई विविधता का अद्भुत विस्तार और उसका सहज स्वीकार प्राचीन काल से इस देश में सामाजिक बर्ताव का अहम हिस्सा रहा है। अथर्ववेद में कहा गया है कि यह धरती अनेक भाषाओं को बोलने वालों और धर्मों का अनुगमन करने वालों का भरण-पोषण करती है। आज भी घर, बाहर, कार्यालय और बाजार में लोग अलग भाषाओं का प्रयोग करते मिलते हैं। भाषा के साथ हमारी रिश्तेदारी का सौंदर्य इस बात में भी निहित होता है कि उसमें हमेशा नए के सृजन की गुंजाइश बनी रहती है। उदाहरण के लिए आज अनेक भाषाओं में लगभग तीन सौ रामायण उपलब्ध हैं। कोई किसी का अनुवाद न हो कर नई रचना के रूप में उपलब्ध हैं। संस्कृत से लोकभाषा में हुए रूपांतर भी उसके विपरीत या उसके विरोध में जाकर नहीं हुए थे, बल्कि उसका आधार लेकर उसे सहज और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के उद्देश्य किए गए थे। यह दर्शाता है कि भाषाओं में अंतरावलंबन होता है। भाषा की विविधता समस्या न रह कर समृद्धि का अवसर देती है। + +भारत में भाषा की बहुलता समाज की एक स्वाभाविक स्थिति थी। बहुभाषिकता व्यवहार में थी। भाषाओं के लिए उदारता की यह भावना और उनके प्रति सहिष्णुता हमारे मानसिक जगत का विस्तार करने के साथ व्यावहारिक स्तर पर सामाजिक सद्भाव का मार्ग भी प्रशस्त करती है। भाषाओं को एक-दूसरे के आमने-सामने खड़ा कर अस्मिता की राजनीति के लिए भुनाना क्षोभकारी है। जैसे अभी झारखंड में ही राज्य सरकार ने कई जिलों में भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका की मान्यता समाप्त कर दी है। भाषाओं पर विचार करते हुए हमें यह भी याद रखना होगा कि वाचिक आधार पर भारतीय संस्कृति की निर्मिति की परंपरा बड़ी पुरानी है। इतिहास, पुराण और अनेक ग्रंथ बहुत दिनों तक पीढ़ी-दर-पीढ़ी वाचिक रूप में एक से दूसरे को मिलते रहे और सुरक्षित बने रहे। छापे के अक्षर न लिख-पढ़कर भी सुन-सुन कर भी गांवों में बड़ी संख्या में लोग निरक्षर होते हुए भी शिक्षित रहते थे। आज भी कथा सुनने का सुख पाने के लिए गांवों ही नहीं, शहरों में भी आम जनता लालायित रहती है। राम-कथा, भागवत-कथा और कृष्ण-कथा सुनाने वाले कथावाचकों की आम जनता में बड़ी मांग रहती है। सत्संग में कथा-श्रवण का विशेष स्थान होता है। इन सबके साथ आत्मिक शांति पाने की चेष्टा करते हैैं। इस तरह वाचिकता का समाज की मानसिकता के साथ बड़ा गहरा नाता है। + +मातृभाषा स्वाभाविक रूप से और बड़ी गहनता के साथ बच्चे को जन्म के समय से ही उसके परिवार में उपलब्ध रहती है। मातृभाषा का ध्वनिरूप और उससे जुड़े हाव-भाव लिखने-पढऩे की क्षमताओं के पहले से ही उपलब्ध रहते हैं। स्कूल में जाने के पहले औपचारिक रूप में बच्चे के पास प्रचुर शब्द भंडार (तीन साल की उम्र में 1000 शब्द) सहज में उपलब्ध रहता है और वह प्रभावी भी रहता है। इस तथ्य के मद्देनजर सभी विकसित देशों में मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा देने की प्रथा स्वीकृत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87e192e101fb85e385e4e5d203953f2773151365 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62116.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जासं, दिल्ली। वसंत ऋतु संगीतकारों के लिए ऐसा मौसम है जिसमें खुशहाली का संदेश मिलता है। चारों तरफ फूल खिलने लगते हैं, आम के बौर लगने लगते हैं, कोयल भी कूकने लगती है, ऐसे माहौल में विद्वानों की कलम भी झूम कर चलती है। बनारस घराने के दिग्गज शास्त्रीय गायक पंडित साजन मिश्रा ने दैनिक जागरण ‘हिंदी हैं हम’ के वंसतोत्सव में नृत्यांगना शिंजनी कुलकर्णी के साथ संवाद में ये बातें कहीं। आरंभिक सत्र में पंडित साजन मिश्रा और स्वरांश ने अपने गायन के केंद्र में भी वसंत को ही रखा। वसंतोत्सव के अगले चार सत्रों में सभी गायकों से कला मर्मज्ञ यतीन्द्र मिश्र ने संवाद किया । गायिका विद्या शाह ने दक्षिण भारत में वसंत की परंपरा के बारे में बताया और कलाकारों और रागों के बीच के रिश्ते पर भी प्रकाश डाला। विद्या ने वसंत से जुड़े गीत भी सुनाए। पूरे कार्यक्रम का संचालन अपरा कुच्छल ने किया। + +पद्मभूषण से सम्मानित लोकगायिका शारदा सिन्हा ने अपने संवाद में पंडित बिरजू महराज को याद करते हुए बताया कि वो बचपन में नृत्य सीखा करती थीं। उन्होंने महाराज जी की याद में मणिपुरी नृत्य के बोल गाकर सुनाए । इस गीत में कृष्ण की चाल को बताया गया है। इसके अलावा शारदा सिन्हा ने मैथिली के गीतों को गाकर वंसत की महत्ता को रेखांकित किया। शारदा सिन्हा के बाद के सत्र में बनारस घराने की गायिका सुनंदा शर्मा ने अपनी गायकी से दर्शकों का मन मोह लिया। उन्होंने हिंदी गीतों में वसंत के रागों और परंपरा पर बात करते हुए अपनी गुरु गिरिजा देवी को याद किया। वसंतोत्सव का अगला सत्र लोकप्रिय लोक गायिका मालिनी अवस्थी का था। मालिनी अवस्थी ने वसंत ऋतु से जुड़ी अनेक रोचक बातें और रागों के बारे में चर्चा की। मालिनी अवस्थी ने भारत की गायकी की परंपरा को भी रेखांकित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f9ba207fd099dda5a8cd52a11255e583b97e270 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62117.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। फिल्म निर्माता व निर्देशक लव रंजन ने रविवार को मोहब्बत की नगरी में अपनी गर्लफ्रेंड अलीशा वैद के साथ सात फेरे लिए। क्रीम कलर की शेरवानी, धोती और साफा पहने दूल्हे राजा बरात में बुलेट पर सवार होकर निकले। बरात में फिल्मी सितारों ने नए व पुराने गानों पर जमकर डांस किया। फिल्म "बंटी और बबली' फेम आगरा के बैंड ने धुनें बजाईं। + +लव रंजन और अलीशा वैद ने डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए आगरा को चुना है। दोनों के स्वजन और फिल्मी सितारे शनिवार को ही आगरा आ गए थे। शनिवार को हल्दी की रस्म हुई थी, जिसकी यलो थीम रही थी। रविवार को दिन में विवाह की अन्य रस्में हुईं। तीसरे पहर चार बजे के करीब होटल परिसर में बरात निकाली गई। बरात की शुरुआत में शकुन के लिए लव रंजन घोड़ी पर सवार हुए। इसके बाद वह बुलेट पर सवार हो गए। बुलेट में साइड कार लगी हुई थी। होटल परिसर में करीब दो घंटे तक बरात निकली। इसमें फिल्मी धुनों पर अभिनेता रणबीर कपूर, राजकुमार राव, संगीतकार प्रीतम समेत अन्य सितारों ने जमकर डांस किया। बराती साफा पहनने के साथ चश्मे लगाए हुए थे। शादी में फिल्मी सितारों का जमघट लगा। अभिनेत्री आलिया भट्टा, श्रद्धा कपूर, रकुलप्रीत सिंह, भूषण कुमार, दिनेश विजान समेत अन्य सितारे शादी में शामिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62118.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62118.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..312ccea1823d6ed0f13f3a9bb1c702fbf2765e19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62118.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सड़क पर ही कट गयी कालोनियां।यहां बात हो रही है सासनीगेट क्षेत्र के भदेसी रोड की। महेंद्र नगर से गांव भदेसी तक जा रही इस सड़क से अवतार नगर, बाबा कालोनी आदि आबादी वाले इलाके सटे हैं। सरकारी दस्तावेजों को खंगालें तो कालीदह पोखर के एक छोर से सड़क की चौड़ाई 88 फीट है, आगे जाकर चौड़ाई 72 फीट है। 20 साल पहले तक सड़क के किनारे खेत हुआ करते थे। किसानों ने प्रापर्टी डीलरों को खेत बेच दिए तो सड़क पर ही कालोनियां कटने लगीं। किसान भी कम सयाने नहीं थे, प्रापर्टी डीलरों की कारस्तानी देख उन्होंने भी अपने मकान, दुकान आगे बढ़ा लिए। चबूतरे बनवा दिए। सरकारी तंत्र आंखें मूंदे रहा। तीन साल पहले नगर निगम ने यहां पोखर के छोर से 30 फीट चौड़ी आरसीसी सड़क बनाई थी। तब पैमाइश नहीं की गई। जितनी जगह सड़क के लिए नजर आई, आरसीसी डलवा दी। पिछले साल एक ओर 109 मीटर नाले का निर्माण हुआ, तब भी दस्तावेजों पर नजर नहीं डाली। अब 50 लाख के बजट से 500 मीटर नाले का निर्माण हो रहा है। अतिक्रमण के बाद जो जगह बची है, वहीं निर्माण कराया जा रहा है। कुछ बुद्धजीवी भी हैं, जो अपनी हद में ही रहे। सड़क पर हुए निर्माण को खुद ही ढहा लिया। हुआ ये कि नाला सीध में न होकर आड़ा-तिरछा निकल रहा है। निर्माण विभाग के अफसरों को सड़क पर हुए कब्जे की जानकारी है, लेकिन कार्रवाई की हिम्मत न जुटा सके। + +लोग भी राजी नहीं।सड़क कब्जा चुके लोग पीछे हटने को राजी नहीं है। पिछले दिनों नगर निगम की टीम से कुछ लोगों का विवाद हो गया। चबूतरा ढहाने की बात पर इन लोगों ने कह दिया पहले सामने वाली पटरी से अतिक्रमण ढहाओ। कब्जाई जमीन छोड़कर वहां भी नाला बना है। विरोध से सहमे अफसरों ने वैसा ही किया, जैसा लोगों ने कहा। अब नाला निर्माण होने से अवैध कब्जे वैध हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62119.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62119.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7749402d2b2b9771f16815baa1372503fd36308 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62119.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंडी, मुकेश मेहरा। Special Kutakhar Flour, शरीर को रोग मुक्त रखने में कई जंगली पौधे भी मददगार होते हैं। ऐसा ही एक पौधा कुटाखर है। यह आमतौर पर 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पाया जाता है। इसके बीज से बनने वाले आटे को ततबाखर कहा जाता है। यह आटा बाजार में 1000 से 1200 रुपये प्रति किलो बिकता है। कुटाखर को खनोट भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एसकूलसइंडिका है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं को दूर करते हैैं। साथ ही नाडिय़ों में सूजन को भी ठीक करते हैैं। कुटाखर का पौधा मंडी, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सोलन आदि जिलों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मिलता है। + +बरोट निवासी पवन कुमार यह आटा तैयार करते हैैं। उनका कहना है कि 30-35 किलो बीज से केवल दो-तीन किलो आटा निकलता है। बीज को तोडऩे के बाद इसे पीसा जाता है। इसके बाद एक घड़े (छडोलू) में सात-आठ बार पानी से धोया जाता है। कुटाखर में सेपोनीन होता है, जिसे धोकर निकाला जाता है। धोने के बाद इसे पानी में बड़े बर्तन में रखा जाता है। आटा नीचे बैठ जाता है तो पानी को निकालने के बाद आटे को सुखाया जाता है। महिलाएं इसका हलवा बनाकर खाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbce1fa3fab6e44a896b8c08767faafed19c2d60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। अरावली की पर्वत श्रृंखला में फतेहपुर सीकरी स्थित राक शैल्टर्स (शैलाश्रय) स्थित राक पेंटिंग्स (शैल चित्रों) के संरक्षण को सर्वे का काम पूरा हो गया है। राक शैल्टर्स में बनीं राक पेंटिंग्स उत्तर पाषाण काल (सात हजार वर्ष पूर्व) से लेकर गुप्त काल (1700 वर्ष पूर्व) के मध्य बनाई गई थीं। इनके संरक्षण को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के आगरा सर्किल द्वारा प्रस्ताव तैयार कर दिल्ली मुख्यालय को भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47f293772e2dfb72a8792608ce793f2292c6e880 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। गन्ना क्षेत्र में दो चरणों का चुनावी घमासान तीसरे चरण में आलू उत्पादक क्षेत्र में पहुंच गया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के मध्य, पश्चिम और बुंदेलखंड क्षेत्र के 16 जिलों की 59 सीटों में से 36 सीटों पर आलू किसानों का दबदबा है। यह देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक क्षेत्र है, इसलिए यहां की सियायत भी आलू के इर्द-गिर्द घूमती है। चुनावी महासमर में उतरीं सभी प्रमुख पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में आलू से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d6c1dba424a1369b9b644bfbbfdfbb77be579f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एएमयू मैदान हर खेल के लिए बेहतर।एएमयू में खेल सुविधाओं की बात करें तो यहां हर खेल के लिए बेहतर मैदान हैं। फुटबाल, एथलेटिक्स और क्रिकेट के अलग-अलग विशाल मैदान हैं। हाकी के दो मैदान हैं। इनमें इंटरनेशनल स्तर का एस्ट्रोटर्फ है। घास का वो मैदान है जो आसपास किसी भी यूनिवर्सिटी में नहीं है। इसी मैदान पर ओलंपियन जफर इकबाल जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने सफर की शुरुआत कर यूनिवर्सिटी और देश का मान बढ़ाया। यूनिवर्सिटी बंद होने के चलते हाकी के इन दोनों ही मैदानों में सन्नाटा छाया रहता है। यही हालत एथलेटिक्स मैदान की है। क्रिकेट के मैदान में जरूर खिलाड़ी मैच खेलते नजर आ जाएंगे। यूनिवर्सिटी का क्रिकेट पवेलियन भी ऐतिहासिक है। एएमयू में क्रिकेट की शुरुआत 1878 में हुई थी। गणित के प्रो. रमा शंकर मिश्रा ने तब एक क्रिकेट क्लब की स्थापना की। क्लब ने शिमला, पटियाला और मुंबई का दौरा कर अच्छा प्रदर्शन किया। अंग्रेजी शासन में यहां कई मैच हुए। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव भी 1975 में इस मैदान पर अपने बल्ले से रन बरसा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b43dd833c9e2bc812f931c1c19a2e5fa3e36becb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों को करते हैं जागरूक। मेट्रो में सफर करने के दौरान संस्था के पदाधिकारी लोगों को नियमों को लेकर जागरूक करते हैं। जिनके पास सैनिटाइजर नहीं होता है उन्हें सैनिटाइजर दिया जाता है। इसके अलावा यह बताया जाता है कि अभी कोरोना के मामले जरूर कम हुए हैं लेकिन सतर्कता पूरी बरतनी है। थोड़ी सी लापरवाही से कोरोना के मामले फिर से तेज हो सकते हैं। यह अभियान करीब दो महीने से चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3b3ae1c15b46ea6c58ba223171d669fe19ff4aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62128.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। रूस और यूक्रेन के बीच जिस तरह से हालात खराब हो रहे हैं उसको देखते हुए आने वाले दिनों में क्‍या कुछ देखने को मिलेगा इस बारे में कह पाना काफी मुश्किल हो गया है। हालांकि रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले की शुरुआत करने वाले देश अब तक केवल रूस को धमकी देने तक ही सीमित हैं। इतना ही नहीं अमेरिका जो इस मामले में काफी आक्रामक बयानबाजी कर रहा था वो भी केवल वहीं तक सीमित है। इसके अलावा खुद यूक्रेन की ही बात करें तो वो नाटो फौज को लेकर भले ही खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है लेकिन उसका भी रवैया अब तक काफी कुछ ऐसा ही रहा है। + +नाटो सेना में सबसे बड़ी भूमिका अमेरिका की है। इसके करीब 13 लाख से अधिक जवान इस संगठन में अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा दूसरे नंबर पर तुर्की (3.55 लाख से अधिक), तीसरे पर फ्रांस (दो लाख से अधिक, चौथे नंबर पर जर्मनी ( 1.78 लाख से अधिक), पांचवें नंबर पर इटली (1.75 लाख लगभग), छठे नंबर पर ब्रिटेन (1.46 लाख से अधिक), सातवें नंबर पर ग्रीस (1.41 लाख से अधिक) , आठवें नंबर स्‍पेन (1.21 लाख से अधिक), नौवें नंबर पर पौलेंड (1.05 लाख से अधिक) और रोमानिया (69 हजार से अधिक) है। संख्‍या के हिसाब से इस संगठन पर अमेरिका का प्रभुत्‍व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3fce54ce1230f6e33d4128dbaaa14c9db1fb9e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नए हार्डवेयर व साफ्टवेयर खोल रहे प्रयोग के नए द्वार।अलीगढ़ । एएमयू के जेडएच कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कम्प्यूटेशनल तकनीक पर आनलाइन कार्यशाला की गई। विषय विशेषज्ञों ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कम्प्यूटेशनल विधियों और संख्यात्मक विधियों के कई उपयोगों को उनके गणितीय और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के साथ चित्रित किया। फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के डीन प्रो. परवेज मुस्तजाब ने कहा कि इंजीनियरिंग में जिस तीव्र गति से नए हार्डवेयर और साफ्टवेयर उभर रहे हैं, इससे इंजीनियरिंग में संख्यात्मक तरीकों के प्रयोग के नए द्वार खुल रहे हैं। प्रिंसिपल प्रो. एमएम सुफियान बेग ने कहा कि हाल के वर्षों में इंजीनियरिंग से संबंधित समस्याओं के समाधान में संख्यात्मक तरीकों की भूमिका तेजी से बढ़ी है। इस दौरान मोहम्मद मुजम्मिल, प्रो. जाहिद ए खान, प्रो. मोहम्मद अली, प्रो. एस फहद अनवर, प्रो. एमएन मिश्रा आदि ने भी विचार व्यक्त किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..650ccf37fec436ef0208d3c0ee308d55dff203dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वातंत्र्य समर में अत्यंत कठिन परिस्थितियों और हताशा के घने काले बादलों के मध्य आकाशीय विद्युत की कौंध था विनायक दामोदर सावरकर का आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय। वे क्रांति की आकाशगंगा के प्रखरतम नक्षत्रों में से एक थे, जिन्होंने नवीन भारत को गढ़ने की प्रेरणा दी। उनकी पुण्यतिथि (26 फरवरी) पर तरुण विजय का आलेख...।हम विनायक सावरकर को युद्ध छेड़ने, हथियार उपलब्ध कराने और विस्फोटक सामग्री बनाने की विधियां बांटने के अपराध में भारतीय दंड संहिता की धारा 121 और 121 ए के अंतर्गत आजन्म कारावास और समस्त संपत्ति की जब्ती का दंड देते हैं।’।(नासिक षड़यंत्र मामले में विनायक दामोदर सावरकर के विरुद्व ब्रिटिश अदालत का फैसला)।...बात यहीं तक नहीं रुकी। यह फैसला सुनाया गया था 23 दिसंबर, 1910 को। 23 जनवरी, 1911 को जैक्सन हत्याकांड की सुनवाई शुरू हुई। गलत साक्ष्यों पर टिका फैसला 30 जनवरी, 1911 को आया, जिसमें विनायक सावरकर को जैक्सन हत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराते हुए दूसरा आजन्म कारावास सुनाया गया। दो आजन्म कारावास यानी अंडमान जेल में 50 वर्ष। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1229e07e101171c3f37c77bc82fc96d852675dee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। फिल्म निर्माता व निर्देशक लव रंजन ने अपनी गर्लफ्रेंड अलीशा वैद के साथ शादी के लिए मोहब्बत की नगरी को चुना है। रविवार को दोनों होटल अमर विलास में सात फेरे लेंगे। शनिवार को हल्दी की रस्में हुईं। इसमें यलो थीम रही। बालीवुड कपल की शादी में शामिल होने को फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर, फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, संगीतकार प्रीतम, फिल्म निर्माता व निर्देशक दिनेश विजान शनिवार को आगरा पहुंचे। देर रात अर्जुन कपूर, श्रद्धा कपूर, राजकुमार राव और नुसरत भरुचा आ गए थे। आलिया भट्ट के रविवार को पहुंचने की संभावना है। ।फिल्‍म फुकरे में अपनी छाप छोड़ने वाले अभिनेता वरुण शर्मा। ।हिंदी फिल्मों आकाशवाणी, प्यार का पंचनामा, साेनू के टीटू की स्वीटी का निर्देशन और मलंग व लव दे दे प्यार का निर्माण करने वाले लव रंजन अपनी गर्लफ्रेंड अलीशा वैद से आगरा में डेस्टिनेशन वेडिंग करने जा रहे हैं। अलीशा कालेज टाइम से ही उनके साथ हैं। उनकी शादी की रस्में शनिवार को ताजमहल के नजदीक स्थित होटल अमर विलास में शुरू हो गईं। इसके लिए यलो थीम पर खास सजावट की गई थी। फेरों के साथ अन्य रस्में रविवार को होटल परिसर में होंगी। शनिवार दोपहर उनकी शादी में शामिल होने के लिए फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर और वरुण शर्मा एक ही कार से होटल पहुंचे। संगीतकार प्रीतम और फिल्म निर्माता व निर्देशक दिनेश विजान अलग-अलग गाड़ियों से होटल पहुंचे। अभिनेत्री आलिया भट्ट और फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा भी शादी में शामिल होने आए हैं। रविवार को सभी रस्में होने के बाद मेहमान व कपल सोमवार सुबह आगरा से रवाना हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd066fcc9647187809a32afb0df7bc4b37ff3782 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62138.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- प्रो. पंत का कहना है कि नेपाल में सरकार में शामिल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी यह स्‍थापति करने में जुटी हैं कि यह समझौता चीन के असर को रोकने के लिए किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका और नेपाल के बीच हुए इस समझौते को लेकर कुछ दुष्प्रचार भी देखने को मिल रहा है। यह कहा जा रहा है कि अमेरिका इस मदद के बहाने नेपाल में अपने सैन्य अड्डे बना सकता है। कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के नेता यह संदेश दे रहे हैं कि यह चीन को रोकने की अमेरिकी रणनीति है। उनका कहना है कि इससे नेपाल की एकता और अखंडता को खतरा उत्‍पन्‍न हो सकता है। इसी के चलते नेपाल में इस समझौते का विरोध हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6dda7b995821c0e8a398d59bed04ea5fb81536e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश की ग्राम पंचायतें अपनी जरूरतभर बिजली का उत्पादन करने के साथ सरप्लस (अतिरिक्त) बिजली बेच भी सकती हैं। इस संबंध में हुए अध्ययन और गहन विचार-विमर्श के बाद पंचायती राज मंत्रालय ने मसौदा तैयार कर लिया है। आगामी वित्त वर्ष में इस संबंध में राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरु कराए जाएंगे। इस बारे में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्यों को साथ लिया जाएगा। इस संबंध में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, जिसे अब आगे बढ़ाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..860f7d3ba6b8e4d1e3d3e9ece380100fca84e81d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62144.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, निहाल सिंह। लुटियंस दिल्ली की सड़कों से गुजरते हुए अक्सर लोगों के मन में हरे भरे पेड़ो को देखकर उनके बारे में जानने की उत्सुकता उत्पन्न हो जाती है, तो आपको इंटरनेट या किसी से पूछने के लिए तलाशने की आवश्यकता नहीं होगी। अब पेड़ों पर लगे क्यूआर कोड को मोबाइल पर स्कैन करने से यह जानकारी वहीं मिल जाएगी। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में ऐसे चार हजार पेड़ो को क्यू आर कोड से युक्त कर दिया है। जिससे लोगों का ज्ञान तो बढ़ेगा ही साथ ही पर्यावरण के प्रति रूझान भी बढ़ेगा। + +इन जगहों पर लग रहा क्यू आर कोड। एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने अपने क्षेत्र में पेड़ो की गणना कराई थी। जिसमें हमें एक लाख 82 हजार पेड़ों का पता चला है। वहीं दो लाख दस हजार ऐसे पौधे पेड़ बनने की ओर अग्रसर हैं। यह पेड़ इसलिए गणना में शामिल नहीं हुए क्योंकि इनकी मोटाई दस सेंटीमीटर से अधिक नहीं थी। इसी गणना के तहत हमने तय किया था कि नागरिकों को पेड़ों की जानकारी देने के लिए यह क्यूआर कोड कुछ पेड़ों में लगाया जाएगा। इसलिए एनडीएमसी की 135 एवेन्यू व अन्य रोड के अलावा तीन बड़े उद्यान नेहरु पार्क, लोधी गार्डन और तालकटोरा गार्डन साथ ही चिल्ड्रन पार्क में लगाया है। + +अब तार से लटका रहे हैं कोड।एनडीएमसी ने क्यूआर कोड लगाने का फैसला वर्ष 2018 में लिया था। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लोधी गार्डन में यह क्यू आर कोड लगाए गए थे, लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाली संस्थाओं ने क्यूआर कोड लगाने के तरीके पर विरोध जताया। पहले पेड़ो पर इन क्यू आर कोड को लगाने के लिए कील या पेड़ की छाल को छीलकर लगाया जा रहा था। इस पर पर्यावरण पर काम करने वाली संस्थाओं ने विरोध किया था। जिस पर एनडीएमसी ने अब इस तरीके को बदल दिया है। पेड़ो को बिना कोई नुकसान पहुंचाए तार के माध्यम से क्यूआर कोड को लटकाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17ab687b9cbbbfa13c2ca24e20b4c43576215a31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाते हैं। दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पड़ती है। दोनों पंचांगों के अनुसार, यह दोनों तिथि एक ही दिन पड़ती हैं। इस साल महाशिवरात्रि 1 मार्च को है। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से व्रत रखने वालों को धन, सौभाग्य, समृद्धि, संतान और अरोग्य की प्राप्ति होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62152.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6876aff77ccbcf2433f25e99f208d752c22dda7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62152.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भरोसेमंद स्रोतों से जुटाएं जानकारी: एडमिशन के लिए कालेज चुनने में कभी-कभी छात्र और अभिभावक दोनों ही अपने आपको असहज महसूस करते हैं। सही कालेज चुनने के लिए रिसर्च करना, पूरी जानकारी जुटाना और योजना बनाना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपनी प्राथमिकताएं तय कर लेनी चाहिए कि आप कहां जाना चाहते हैं, क्या पढ़ना चाहते हैं, आपको पढ़ाई के लिए आर्थिक सुविधा मिलेगी या नहीं, भविष्य के लिए आपकी क्या उम्मीदें हैं। ऐसे में रिसर्च के लिए किसी भरोसेमंद स्रोत, जैसे कालेज की आफिशियल वेबसाइट, प्रोफेशनल गाइडेंस सेल से पूरी जानकारी जुटाएं। कालेज के पूर्व छात्रों और अध्यापकों से बात करें और उनसे यह जानने की कोशिश करें कि आपके लिए कौन-सा कालेज अच्छा होगा। + +गैर-अकादमिक स्किल्स में कुशलता: विदेशी विश्वविद्यालय छात्रों का दाखिला लेते समय सिर्फ अकादमिक परफार्मेंस ही नहीं और भी बहुत कुछ देखते हैं। आपको उन्हें यह दर्शाना होता है कि आप आलराउंडर हैं। ऐसे में आप उन्‍हें अपनी रुचि, क्रिएटिविटी और एथलेटिक क्षेत्र में प्राप्‍त उपलब्धियों के बारे में बता सकते हैं। उदाहरण के लिए लाकडाउन के दौरान आपने अपने समय का किस तरह सदुपयोग किया, जैसे- कोई नई भाषा सीखी, फिटनेस रूटीन बनाया या कोविड राहत के लिए धनराशि जुटाई। इससे आपको दर्शाना होगा कि आप गैर-अकादमिक स्किल्स में भी कुशल हैं और दृढ़ इरादे के साथ चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..485bcf7548f84f8281ce5f5975c13b63e48b859f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक गुप्ता। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए हर साल करीब 12 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं, जबकि जबकि कुल रिक्तियां सात-आठ सौ के बीच ही होती हैं। कारपोरेट सेक्टर और एमएनसी की आकषर्क पैकेज वाली नौकरियों के बावजूद युवाओं के बीच सिविल सेवा खासकर आइएएस और आइपीएस के प्रति लगाव लगातार बढ़ता दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39fc8a522b2643a7345d014bb5739cf442c2414c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गत दिवस देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह विस्फोटक बरामद किया गया, उससे यह भी पता चलता है कि आतंकी तत्वों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता अभी भी है। इस सतर्कता का परिचय देने के साथ यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि हिजाब विवाद को भड़काने में पीएफआइ नामक जिस संगठन का हाथ देखा जा रहा है, उसे प्रतिबंधित किए जा चुके संगठन सिमी का नया अवतार माना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08bbb284cab18a10af72d69810c5a1061d62beca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62157.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +योगेश शर्मा, हाथरस। कहावत है कि जहां चाह है वहां राह है। इस कहावत को चरितार्थ कर रही हैं चूल्हा-चौका संभालने वाली गांव की महिलाएं। अब महिलाएं हौंसले के साथ हुनर दिखाकर रोजगार रास्ते पर चल पड़ी हैं। ऐसी महिलाओं को सरकार ने भी रोजगार के लिए प्रेरित किया। अब हालात ये हैं कि ऐसा कोई गांव नहीं है जहां स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आत्म निर्भर न बनी हों। + +परिवार चलाने को दो लोगों को रोजगार जरूरी।मूल रूप से कायमगंज जनपद की रहने वाली आशा देवी की शादी सासनी के गांव बिलखौरा में हुई थी। महज 10वीं पास आशा के पति रसोई गैस सिलेंडर घर-घर पहुंचाने का काम अलीगढ़ में करते हैं। आशा के दो बच्‍चे हैं जो पढ़ाई कर रहे हैं। आशा बताती हैं कि परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए घर में एक नहीं, बल्कि दोनों ही सदस्यों को रोजगार जरूरी है। इसी लिए उन्होंने स्वयं सहायता समूह का गठन किया और उसमें 11 महिला सदस्यों को जोड़ा। समूह ने धूपबत्ती बनाने का काम शुरू कर दिया। इस तरह से खुद ही नहीं, गांव की 11 अन्य महिलाओं को भी काम दिलाया। सरकार ने इसी उद्देश्य से महिला स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत की गई थी। इसके माध्यम से महिलाओं ने स्वरोजगार पाया व आत्मनिर्भर बनीं। कई स्वयं सहायता समूहों की माध्यम से महिलाओं ने कोरोना संक्रमण जैसे हालात में भी काम किया और अपने स्वरोजगार स्थापित किए। कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन में जहां सभी लोग घरों में बंद रहे, वहीं इन समूहों ने मास्क, सैनिटाइजर, हैंड वाश एवं वाशिंग पाउडर आदि बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण किया। ।तब समूह कागजों में थे अब हकीकत में ।यूं तो स्वयं सहायता समूह बरसों पहले से हैं। मगर अंतर इतना भर है कि वर्ष 2017 से पहले ये स्वयं सहायता समूह कागजों में थे और अब गांव गांव गठित हैं और काम कर हैं। जिले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह तो 2017 से पहले 300 समूह थे जो कागजों पर थे। मगर पिछले पांच साल में 2226 समूह न सिर्फ गठित हो चुके हैं जबकि रोजगार की राह पर चल रहे हैं। ।हाथरस विधानसभा क्षेत्र ।राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत गांव-गांव समूह का गठन किया गया। मैं भी समूह से जुड़ गई। इसके बाद तो न सिर्फ आर्थिक स्थिति सुधरी बल्कि काम भी मिला। इसके बाद अन्य महिलाओं को जोड़ा गया ताकि वह भी घर बैठे ही सिलाई, कढ़ाई तथा बुनाई जैसे लघु उद्योगों द्वारा सशक्त बन सकें। ।----।स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं कोई न कोई काम कर रही हैं। सरकार भी लगातार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। समूह से जुड़कर न सिर्फ मैं सशक्त हुई बल्कि अन्य महिलाओं को भी जोड़ा। समूह घर में न सिर्फ अचार,सिलई-बुनाई के काम से जुड़ी हैं बल्कि अन्य काम कर रही हैं। ।सादाबाद विधानसभा क्षेत्र ।पति गांव में मेहनत मजदूरी करते थे मगर समूह में महिलाओं को काम मिला तो मैं भी जुड़ गई। केंटीन खोलने का प्रस्ताव प्रशासन की ओर से महिला तो अब विकास भवन में प्रेरणा केंटीन चला रही हूं। मेरी इ'छा है कि सरकार प्रोत्साहन दे तो अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिला सकूं। ।ममता,मुरसान। + +----।महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार ने खूब मदद की। महिलाएं भी आत्म निर्भर बनने के लिए घर से बाहर कदम रखने लगी हैं। अब महंगाई के दौर में अकेला आदमी घर नहीं चला सकता। इसलिए महिलाओं को भी आगे आना होगा। मैं भी आत्म निर्भर बन चुकी हूं। गांव की अन्य महिलाओ को आत्म निर्भर बना रही हूं। ।शबाना, मुरसान। ।सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र ।चौका-चूल्हा चलाने के साथ आत्म निर्भर बनना किसी चुनौती से कम नहीं था। मगर परिवार का पालन पोषण करने के साथ मैं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और अब ड्राई राशन का वितरण कर रही हूं। मैंने अन्य महिलाओं को भी आत्म निर्भर बनाने के लिए काम किया है और 28 समूह का गठन किया है। नेहा, बाजीदपुर। ।-------।स्वयं सहायता समूह महिलाओं के आत्म निर्भर बनने का सबसे बड़ा हथियार है। जिले में तमाम महिलाएं आत्म निर्भर हुई हैं। हमारे जय शिव स्वयं समूह को राशन वितरण की जिम्मेदारी दी गई है। महिलाओं को ये बड़ी जिम्मेदारी देना बड़ी बात है। सरकार महिलाओं के बारे में लगातार सोच रही है। ।रजनी देवी, भटीकरा। ।ये भी जानिए।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..baf5dc074d5ed5e86ccbb342012ce587d73a3a0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62158.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। संगीता विकास शुक्ला मिश्रा एक माह पहले तक संगीता शुक्ला थीं, इसी तरह अनीता राजेश चौधरी एक माह पहले तक अनीता चौधरी थीं, यह केवल इन्हीं दो लोगों की बात नहीं है, तमाम ऐसे युवा नेता जो राजनीति में आगे बढ़ना चाहते हैं अभी तक जो निगम वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए अपने लिए तैयारी कर रहे थे, अब सीटों के महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाने के कारण अब अपनी पत्नियों को आगे बढ़ा रहे हैं।महिलाओं के लिए आरक्षित हुईं सीटों वाले वार्ड में ऐसी सड़कों पर बैनर व होर्डिेंग तक लग रहे हैं जिन पर नेता पति के आगे अब उनकी पत्नी का नाम आ गया है। इसमें कई निगम पार्षद भी शामिल हैं जो अपना वार्ड आरक्षित हो जाने पर अपनी पत्नियों को आगे बढ़ा रहे हैं। चुनाव लड़ने की चाहत में कई नेता अपनी पत्नियों के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने भी उनका बायोडेटा दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa933b93079fc2ca3ab5b89cf82e217932b7474a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62159.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इटावा, [चुनाव डेस्क] । उत्तर प्रदेश में राजनीति की एक बड़ी धुरी समाजवादी पार्टी (सपा) भी है। सपा की जड़ें इटावा के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में अब तक मजबूत हैं। यह वो सीट है जो मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह यादव से विरासत में पाई। उस दौर में साइकिल लेकर निकलने वाले मुलायम ने यहीं से अपने राजनीतिक कौशल के बूते सत्ता का रास्ता तय किया। राजनीति में चाहे जितनी बार बदलाव की आंधी आई हो लेकिन, सपा के इस अभेद्य दुर्ग पर बेअसर ही रही है। मुलायम सिंह के बाद उनके छोटे भाई शिवपाल यादव यहां हर चुनाव में छाए रहे। कांग्रेस दो बार ही यहां कब्जा कर पाई। इस समाजवादी गढ़ में भाजपा कभी सेंध नहीं लगा सकी। जसवंतनगर की राजनीति पर गौरव डुडेजा की रिपोर्ट...। + +मुलायम को राजनीति में लाए थे नत्थू सिंह : लगातार दो बार विधायक रहे नत्थू सिंह यादव ने 1967 में अपनी सीट मुलायम सिंह को सौंपकर सोशलिस्ट पार्टी से टिकट दिलवाया। पहलवानी में चरखा दांव में माहिर मुलायम पहली बार राजनीतिक दांव मारने में भी सफल रहे। हालांकि, 1969 में कांग्रेस के विशंभर सिंह यादव से हार गए। 1980 में कांग्रेस के बलराम सिंह यादव ने मुलायम को हरा दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c69fe8bbeae3e1c229bb4c616c22281808daa280 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62162.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्यमंत्री ने कहा- अच्छा बताओ पुत्र अपने पिता का पैर कहां छुएगा घर पर छुएगा या मंच पर छुएगा। क्या दिखाने की बात है, घर पर बोल चाल नहीं होती और मंच पर दिखाने के लिए बाप का पैर छू रहे हैं। इसमें तो सबसे बड़ी दुर्गति तो उस बेचारे शिवपाल की हो गई है, जो प्रदेश का नेता था कल बेचारे को कुर्सी नहीं मिली तो सोफे के हत्थे पर बैठा हुआ था, वहां भी देखकर लगता था कि कब कोई हटा दे। तो ये समाजवादी कुनबे के हाल हैं, जिनको स्वयं पर विश्वास न हो तो उनपर प्रदेश की जनता कैसे विश्वास कर सकती है। ।बताते चलें कि गुरुवार को मैनपुरी करहल में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव बेटे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए जनसभा को संबोधित करने गए थे। सैफई से रथ पर मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी सवार था। रथ के अंदर सोफे पर बैठे मुलायम सिंह यादव और पीछे खड़े शिवपाल यादव और बाद में सोफे के हत्थे पर बैठे होने की फाेटो इंटरनेट मीडिया के वाट्सएप आैर फेसबुक पर वायरल हुई थी। इसके साथ ही जनसभा में सपा संरक्षक मुलायम सिंह के अखिलेश का नाम भूल जाने और पास खड़े सपा नेता द्वारा अखिलेश का नाम लेकर वोट मांगने के लिए याद दिलाने का वाक्या सुर्खियों में आ गया था। वहीं रथ के अंदर की फोटो को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने चुटकी भी ली थी और ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट डालते हुए लिखा था कि चाचा को न चुनाव में न रथ में सीट..। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62165.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62165.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97f0e52649654812d73101a554cc3acf0bbcbab7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62165.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मैनपुरी [जितेंद्र शर्मा]। नामांकन के बाद करहल न आने पर भी जीत का आत्मविश्वास जता चुके सपा मुखिया अखिलेश यादव अब वहां कुनबे सहित पसीना यूं ही नहीं बहा रहे। जिस डगर को साइकिल के लिए काफी चौड़ा आंका जा रहा था, उसे अपने पसीने से दलदल बनाने में कोई कोर कसर भाजपा प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल ने नहीं छोड़ा। सिर्फ करहल ही नहीं, मैनपुरी सदर, भोगांव और किशनी सीट पर भाजपा और सपा के बीच बराबर की कुश्ती मानी जा रही है। बेशक, उत्साहित यादव-मुस्लिम मतदाता मुखर होकर सपा के साथ खड़ा है, लेकिन अन्य जातियों की खामोशी ने करहल से किशनी तक नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। सैफई परिवार के वरदहस्त से कुछ लोगों की जो धमक इस क्षेत्र में रही, उसी ने मुलायम सिंह यादव के किले में कुछ दरारें उभारी हैं। बीते पांच बरस घूमे कानून के डंडे ने यहां बाधा दौड़ का मुकाबला बना दिया है। यादव-मुस्लिम गठजोड़ के मुकाबले गुपचुप नजर दलित-पिछड़ों पर जा टिकी हैं, जिनकी करवट सबसे अहम होगी। पेश है रिपोर्ट....।जिस दिन मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि करहल से सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की घोषणा हुई, उसी दिन से विधानसभा चुनाव का रोमांच बढ़ गया। किस्से यूं शुरू हुए कि गोरखपुर सदर से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज्यादा बड़े अंतर से जीतेंगे या मुलायम सिंह के जलवे वाले क्षेत्र से अखिलेश यादव? सपा मुखिया अपनी बड़ी जीत के प्रति इतने आश्वस्त थे कि नामांकन के बाद बयान दिया था कि अब प्रदेशभर में चुनाव प्रचार करेंगे। करहल में कार्यकर्ता कमान संभालेंगे। मगर, भाजपा ने यहां केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारकर तय मानी जा रही सपा की सफलता को संघर्ष में बदल दिया। + +हर सीट पर कानून व्यवस्था और बेसहारा गोवंश ही मुद्दा : करहल की तरह ही सपा की अजेय रही किशनी सीट के साथ-साथ भोगांव और मैनपुरी सदर में भाजपा और सपा के बीच ही करीबी संघर्ष नजर आ रहा है। दरअसल, यहां दो ही मुद्दे लोगों की जुबां पर हैं। योगी सरकार में गुंडे-माफिया पर नकेल और बेलगाम बेसहारा पशु। भोगांव के लल्लूपुर निवासी अवध किशोर मिश्रा को शिकायत है कि उन्हें अधिकारी टहलाते रहे, लेकिन किसान सम्मान निधि नहीं मिल सकी। वह सरकार से नाराज हैं, लेकिन जाति के प्रत्याशी के साथ खड़े रहने का दम फिर भी भरते हैं। सुरवेंद्र यादव और शेर सिंह यादव नवोदय विद्यालय कांड का जिक्र छेड़ते हैं लेकिन, उन्हीं के साथ बैठे बुजुर्ग ग्रंथ सिंह दिवाकर का मत है कि जहां समाज के दूसरे लोग वोट देंगे, वहीं वह देंगे। पास ही रामनगर गांव है। यहां दुकान पर बैठे नौजवान रिषभ शाक्य सरकार पर खासी नाराजगी जताते हैं। वह कहते हैं कि सरकार राशन दे रही है, लेकिन हम खेतों में जो उगा रहे हैं, वह बेसहारा गोवंश खा जाते हैं। मनोज सिंह राजपूत के भी यही बोल थे लेकिन, लगभग 20 बरस की पल्लवी का नजरिया अलग है। वह मानती हैं कि बेसहारा गोवंश की समस्या है लेकिन, सरकार ने बाकी काम अच्छे किए हैं। सुनीता शाक्य और ऊषा देवी का दिमाग एक ही जगह अटका है कि गुंडागर्दी बहुत कम हो गई, ये सुकून क्या कम है। यही मुद्दे और मिजाज किशनी और मैनपुरी सदर में नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67d6767686ba11f296e6ffd1baa6c76ef30298d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सपा ने महंगाई को लेकर भी भाजपा पर वार करने वाले वीडियो बनाए हैं। अलग-अलग वर्गों की समस्याओं को लेकर अलग-अलग वीडियो बनाए गए हैं। कोरोना के दौरान अपनों को खोने के दुख पर भी कई वीडियो बनाए गए हैं। सोच ईमानदार काम दमदार पर भी गुस्से में कहते हैं कि तुम्हारे दोगलेपन को भूलेंगे नहीं...। प्रचार-प्रचार-प्रचार, अब उखाड़ फेंकेंगे यह झूठी सरकार...। इसके अलावा महंगी बिजली, किसानों की खाद की समस्या, गन्ने का भुगतान, युवाओं को फ्री लैपटाप व एक जीबी डाटा न देने, नई पेंशन योजना सहित तमाम मुद्दों पर वीडियो बनाकर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03b82c9b86326ead9addc01644c6bc7a4564648f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62168.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच जारी विवाद में भारत ने तटस्थ ही रहने का संकेत दिया है। मौजूदा और दीर्घकालिक हितों को देखते हुए अभी भारत के लिए अमेरिका व रूस दोनों की जरूरत है। ऐसे में भारत किसी भी एक देश पर अभी दांव लगाने से बचने की रणनीति अपना रहा है। कूटनीतिक स्तर पर भारत अमेरिका और रूस के साथ लगातार संपर्क में है और दोनों देशों को अपनी स्थिति साफ तौर पर बता रहा है। + +संकट के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में भारत ।उधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत ने कुछ घंटों के भीतर परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए दो बार अपना पक्ष सामने रखा। भारत ने सभी पक्षों से आग्रह किया कि यूक्रेन संकट का समाधान समझौते की भावना के मुताबिक होनी चाहिए। इसके लिए कूटनीतिक पहल पर जोर देते हुए भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने को कहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62169.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62169.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d798a53130bf1df312b86f6bf7444974661e2435 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62169.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह कदम उस समय उठाया है, जब देश में पैदा हो रहे प्लास्टिक कचरे में से करीब 60 प्रतिशत कचरा प्लास्टिक पैकेजिंग से ही पैदा होता है। अभी इसके बहुत ही कम हिस्से की रि-साइकिलिंग हो पाती है। ऐसे में पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा कचरे में तब्दील हो जाता है। यही वजह है कि सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के साथ ही इसे लेकर भी सख्ती दिखाई है। जो तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है। इससे पहले सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया गया था। इससे जुड़े प्रतिबंध जुलाई, 2022 से प्रभावी हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3899b564949eb672f9f026a8e69e156a678324d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6217.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +साल 2000 आया तो राकेश रोशन ने अपने बेटे ऋतिक रोशन को लॉन्च करने का फैसला किया। उन्होंने फिल्म 'कहो ना प्यार है' से बॉलीवुड में ऋतिक रोशन का सफर शुरू करवाया। फिल्म 'कहो ना प्यार है' काफी हिट साबित हुई और बाप-बेटे की इस जोड़ी ने बॉक्स-ऑफिस पर खूब सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद राकेश रोशन ने बेटे ऋतिक रोशन को लेकर 'कोई मिल गया' और 'कृष' जैसी फिल्में बनाई जो ब्लॉकबस्टर फिल्में साबित हुईं। + +राकेश और ऋतिक रोशन की इन फिल्मों ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की, बल्कि कई अवार्ड जीते भी जीते हैं। माना जाता है कि राकेश रोशन अपनी सभी फिल्मों का नाम 'क' से रखते हैं जिसे वह फिल्म के लिए शुभ मानते हैं. ऐसा वह अंक-ज्योतिष की वजह से करते हैं. आगे भी राकेश रोशन अपनी फिल्मों में अपने बेटे और 'क' अक्षर को जगह देते दिखेंगे। साल 2019 में राकेश रोशन एक प्रकार के गले के कैंसर से पीड़ित हो गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db9f6d593a2ad77d110e2e99abff70cf5bd68dd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्लास्टिक पैकेजिंग एक बड़ी समस्‍या ।वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह कदम उस समय उठाया है जब देश में पैदा हो रहे प्लास्टिक कचरे में से करीब 60 फीसद कचरा प्लास्टिक पैकेजिंग से ही पैदा होता है। अभी इसके बहुत ही कम हिस्से की री-साइक्लिंग होती है। ऐसे में प्लास्टिक पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का बड़ा हिस्सा कचरे में तब्दील हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c69e79b1491945c5c46aac1bda43bb87948456d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62171.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कानपुर । गंगा देश की संस्कृति है, जीवन और आस्था की प्रतीक भी। अपने तट पर बसी करोड़ों की आबादी की जिंदगी में गंगा रची-बसी हैं। जब मामला इतने बड़े जनसमूह से जुड़ा हो तो भला गंगा राजनीतिक मुद्दा कैसे न बनतीं। वर्षों तक गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर वादे और राजनीति का सिलसिला चला। अरबों रुपये के पैकेज गिनाए गए लेकिन, धरातल पर कोई उपलब्धि नहीं दिखी। राजनीति के जाल में उलझीं गंगा की मुक्ति का आखिर वो वक्त भी आया जब 2014 के बाद ठोस उपायों पर काम होना शुरू हुआ। गंगा के लिए अलग मंत्रालय बना दिया गया। गंगा के प्रदूषण को रोकने के लिए निगरानी तंत्र मजबूत किया गया। प्रदूषणकारियों पर सख्ती शुरू हुई। इसका असर अब दिखने लगा है। गंगा का मैला आंचल साफ हो रहा है। प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है। अविरल-निर्मल गंगा के लिए प्रयास अब भी जारी हैं। विधानसभा चुनाव का मौसम है। गंगा मुद्दा भले न हों लेकिन, स्वच्छ होती गंगधार की उपलब्धि लोगों के बीच चर्चाओं में जरूर जोर पकड़े है। राजीव द्विवेदी की रिपोर्ट..    ।समय सुबह के करीब साढ़े दस बजे। अटल घाट पर बैठे विष्णुपुरी कालोनी के अंकुर त्रिवेदी धूप सेंकते हुए गंगा को निहार रहे। माहौल अद्भुत शांत। गंगा की लहरों पर मंडराता तो कभी डुबकी लगाता पक्षियों का झुंड अठखेलियां और कलरव कर रहा है। अंकुर इस मनोहारी दृश्य से बंधे नजर आते हैं। गंगा को लेकर प्रश्न करने पर वह मुस्कराते हैं। कहते हैं, सब सामने है। जमाने बाद गंगा में ऐसा सुकून देने वाला नजारा देखने को मिल रहा है। पहले तो बदबू और गंदगी के कारण घाट पर बैठना मुश्किल था। अब गंगा का स्वरूप निखरा नजर आता है। गंदगी गायब हो गई। जलधारा अविरल और निर्मल दिखाई पड़ती है। बहुत सुखद है यह। यह बताता है कि गंगा को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने का काम तो हुआ है। अंकुर ही नहीं, परमट घाट पर मिले गांधीनगर निवासी गोलू बाजपेयी भी इस परिवर्तन को महसूस करते हैं। परमट, जहां इस शहर की बड़ी आस्था का केंद्र आनंदेश्वर महादेव मंदिर है। यहां महादेव के द्वार पर स्वच्छ जलधारा के साथ गंगा आस्था की धारा को प्रवाह दे रही है। गोलू बाजपेयी गंगा की कायापलट से खुश नजर आते हैं। पहले यही शहर गंगा को प्रदूषित करने के कलंक के साथ बदनाम था लेकिन, जागरूकता और वर्ष 2014 के बाद सरकार के प्रयासों से तस्वीर बदल रही है। इस बात को आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य की बातें भी बल देती हैं। बतौर विशेषज्ञ उनका भी कहना है, नदी का पानी काफी अच्छा हुआ है।  ।नदियों में प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्ती दिखाकर सरकार इसके पुराने स्वरूप को वापस लाने की कवायद कर रही है। आइआइटी, एचबीटीयू जैसे संस्थान भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत इन तकनीकी संस्थानों के प्रोफेसर, वैज्ञानिक व छात्र-छात्राएं भी गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए जतन कर रहे हैं। इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन अभी और प्रयासों की जरूरत है। गंगा का स्वास्थ्य जितना अच्छा होगा, इससे पोषक शहरों व गांवों में रहने वालों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा, लेकिन लोग इस सिद्धांत को भूलते गए और नदी के आसपास अधाधुंध कारखाने स्थापित कर उनका उत्प्रवाह व गंदा पानी नदी में प्रवाहित करने लगे। अभी ज्यादा वर्ष नहीं हुए, जब गंगा को प्रदूषित करने का दाग कानपुर के माथे पर लगा था। जाजमऊ के आसपास तो गंगा की आधी धारा ऐसी थी, मानो कोई नाला बह रहा है। पर्यावरणविदों ने नदी की इस स्थिति पर सरकार का ध्यान दिलाया और इसके बाद एक के बाद परियोजनाएं और कानून बनते गए। अभियान की शुरुआत हुई और इसी शहर के लोगों ने आगे बढ़कर गंगा को उसका पुराना अस्तित्व वापस लौटाने की कोशिशें शुरू कर दीं। वर्षों की मेहनत के बाद आखिरकार गंगा को उसका पुराना स्वरूप वापस मिल रहा है। घाटों पर नदी की स्वच्छ धारा देखकर सैलानियों का आकर्षण बढ़ रहा है। + +शैक्षिक संस्थानों के जरिए शुरू कराए प्रयास।गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार ने शैक्षिक संस्थानों की भी सहायता लेनी शुरू की है। आइआइटी में वर्ष 2016 में सेंटर फार गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज (सी-गंगा) की स्थापना की गई थी। यह डाटा संग्रह, ज्ञान और सूचना के निर्माण और प्रसार के लिए उत्कृष्टता का केंद्र है। यह गंगा बेसिन में स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी), जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा कायाकल्प के लिए कार्य करता है। केंद्र सरकार के नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत एचबीटीयू और एनएसआइ को गंगा बेसिन में मौजूद औद्योगिक इकाइयों की निगरानी करते हैं और वहां उत्प्रवाह व प्रदूषण के मानकों की जांच करके रिपोर्ट तैयार करते हैं। इसके आधार पर अब तक आधा दर्जन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। + +विभिन्न देशों की संस्थाओं से करार।पिछले वर्ष दिसंबर में आइआइटी स्थित सी-गंगा ने नदियों में कीचड़ प्रबंधन ढांचे के विकास के लिए नार्वे स्थित नार्वेजियन इंस्टीट्यूट आफ बायोइकोनोमी रिसर्च के साथ, ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए डेनमार्क स्थित इनोवेशन सेंटर के साथ, गंगा बेसिन की बहाली व संरक्षण में उद्योगों की भागीदारी के लिए यूपीएस हंगरी और जल-पर्यावरण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ब्रिटिश वाटर के साथ करार किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49be2343fa962879f7c39fff554f6b5df2594bec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले चार वर्षो में देश की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। देशभर की अदालतें, पुलिस, अभियोजक, फोरेंसिक लैब और जेल को क्लाउड प्लेटफार्म पर डिजिटल रूप से जोड़ने के लिए गृह मंत्रालय ने 3,375 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इसे 'वन डाटा, वन इंट्री' का नाम देते हुए गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी एक जगह पर अपलोड किया गया डाटा सभी जगहों पर समान रूप से उपलब्ध हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..487da3dc507f050b60d9ad798ba82438f29dc776 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [चंद्र प्रकाश गुप्ता]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) सरकार की महत्वाकांक्षी ई-पासपोर्ट सेवा में भी सहयोग कर रहा है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) के साथ मिलकर आइआइटी के विज्ञानियों ने ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए एक बुनियादी ढांचा तैयार किया है। खास बात यह है कि ई-पासपोर्ट के लिए जरूरी साफ्टवेयर व स्कोस्टा-सीएल तकनीक भी आइआइटी ने विकसित की थी। ।आइआइटी भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना पूर्व में आइआइटी कानपुर में प्रोफेसर थे। उन्होंने क्रेडिट कार्ड के आकार के इलेक्ट्रानिक चिप पर आधारित प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड की तकनीकी विकसित की थी। इस चिप में मेमोरी के साथ प्रोसेसर होता है, जो टेंपरप्रूफ आपरेङ्क्षटग सिस्टम चलाता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि चिप सूचनाओं को संग्रहित भी कर सकती है। चिप के अंदर के डाटा को आपरेटिंग सिस्टम में एक्सेस कंट्रोल प्रोटोकाल के माध्यम से एक्सेस किया जाता है। कार्ड की मेमोरी चार केबी से 150 केबी तक होती है। स्मार्ट कार्ड के अंदर का प्रोसेसर आठ या 32 बिट का प्रोसेसर होता है। इसके साथ ही यह क्रिप्टोग्राफिक प्रोसेसर होता है यानी कई फाइलों का सिस्टम तैयार होता है। वर्तमान में स्मार्टकार्ड का प्रयोग स्वास्थ्य, बैंकिंग, टिकट प्रणाली आदि में हो रहा है। ।आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि प्रो. रजत मूना ने स्मार्ट कार्ड तकनीक स्कोस्टा विकसित की थी। अब ई-पासपोर्ट सेवा में इसी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। कार्ड में मौजूद क्रिप्टोग्राफिक ही इन्हें प्रमाणिक बनाता है। इसे न तो बदला जा सकता है और न ही डाटा से कोई छेड़छाड़ की जा सकती है। ।क्या है स्कोस्टा : परिवहन अनुप्रयोगों के लिए वर्ष 2002 में आइआइटी कानपुर ने स्मार्ट कार्ड आपरेटिंग सिस्टम फार ट्रांसपोर्ट एप्लीकेशन (स्कोस्टा) को विकसित किया था। इसी को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में संपर्क स्मार्ट कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक से ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस, पंजीकरण कार्ड (डीएल व आरसी), विभिन्न आइडी कार्ड, पीडीएस कार्ड, आरएसबीवाइ कार्ड आदि जारी होते हैं। यह तकनीक आइएसओ मानकों पर आधारित है और इसीलिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं का अनुपालन करती है। ।इसके बाद वर्ष 2017 में स्कोस्टा-सीएल तकनीक बनाई गई। यहां सीएल का मतलब कांटैक्ट लेस (संपर्क रहित) तकनीक से है। अब स्कोस्टा सीएल तकनीक से ही ई-पासपोर्ट जारी होंगे। यह ई-पासपोर्ट दस्तावेज को कंप्यूटर आधारित मशीन के लिए पठनीय बनाएगा, जिससे पासपोर्ट न केवल छेड़छाड़ रहित होगा बल्कि हवाई अड्डों पर त्वरित प्रसंस्करण को भी सक्षम बनाएगा। इस तकनीक के तहत बायोमीट्रिक फीचर के साथ ई-पासपोर्ट के पिछले कवर पर एक आइसी चिप लगाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62175.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62175.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dffeedc0d71ebe751a5d9ce5ace90be566aefded --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62175.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन पर सबसे ज्यादा खतरा।यूनिवर्सिटी आफ क्वींसलैंड के स्कूल आफ अर्थ एंड एनवायरमेंटल साइंसेज की डा. नथाली बट के मुताबिक, अध्ययन में उन लुप्तप्राय प्रजातियों की पहचान की गई है, जो सबसे ज्यादा खतरे में हैं। बकौल डा. बट मोलस्का, कोरल और एकिनोडर्म के अलावा कठोर या कांटेदार जीव जैसे सी आर्चिन (जलसाही) महासागरों के प्रभावों को महसूस करते हुए कई तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं। इनके सामने सबसे बड़ा खतरा, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, मछली पकड़ना और दूसरे जीव का भोजन बनना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62176.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4783eec99c7797a19c1e3ac8b32d2576607c9733 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62176.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर [नरेश पांडेय]। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर इलाके का गांव बिकरू, किसी परिचय का मोहताज नहीं है। लगभग तीस साल पहले जब इस गांव में कुख्यात विकास दुबे के नाम का परचम लहराया तो उसके साथ ही लोकतंत्र का सूरज भी डूब गया। अब न तो विकास दुबे है और न ही उसका खौफ। बिकरू सहित आसपास के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में इन दिनों विधानसभा चुनाव किसी उत्सव से कम नहीं है। तीन दशक बाद ग्रामीण अपने मन की बात सुनकर ईवीएम का बटन दबाने को आतुर हैं। + +बिकरू गांव के कल्लू, सानू, चंद्र किशोर, अरुण काफी उत्साहित हैं। बताते हैं, अब मतदान भय के माहौल में नहीं होगा। खुदाबक्स, रामकिशन और मेहंदी हसन कहते हैं कि हर चुनाव में विकास दुबे के कहने पर ही हम लोग वोट देते थे। लेकिन, अब डर नहीं रहा। इस बार अपनी मर्जी से विधायक चुनेंगे। गांव वाले बताते हैं कि चुनाव में कहा न मानने पर कुख्यात के गुर्गे पेड़ में बांधकर पिटाई करते थे। अब वह खौफ खत्म हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9668467e3bd3036efda5202b1639b8aed88a106 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62177.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल : विपक्षी के भाजपा पर जातिवादी होने के आरोप पर क्या कहना है?।जवाब : सबसे बड़े जातिवादी तो हमारे विपक्ष के साथी हैं। कांग्रेस तो न तीन में और न ही तेरह में है। सपा-बसपा से बड़ा जातिवादी कौन है? जाति विशेष के ठप्पे के साथ सपा की पहचान गुंडों-माफिया को संरक्षण देने वाली है। सपा सरकार में अराजक तत्व खुद को मुख्यमंत्री समझते थे और अखिलेश असहाय होकर देखते थे। वे पिछड़ों के उत्पीड़क के तौर पर जाने जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9fcb43bb4351d38af73c217c8fbea6666a84c35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बायोडायवर्सिटी पार्को के वैज्ञानिक प्रभारी डा. फैयाज खुदसर ने बताया कि प्रत्येक वर्ष सभी प्रजातियों के पक्षियों की संख्या में परिवर्तन का आकलन करने के लिए जैव विविधता पार्को में पक्षी गणना को एक वार्षिक कार्यक्रम बनाने की योजना है। उन्होंने कहा, यह पहली बार है कि दिल्ली के जैव विविधता पार्को में पक्षियों की गणना होगी, जिसमें विशेषज्ञ सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे तक बाहर निकलेंगे और वहां पाई जाने वाली सभी पक्षी प्रजातियों को रिकार्ड करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb93f4bca2bedf60edd6105f816efa9fa3f06808 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl विकी कौशल की गर्लफ्रेंड कटरीना कैफ इन दिनों सलमान खान के साथ फिल्म 'टाइगर 3' की शूटिंग तुर्की में कर रही हैl अब उन्होंने तुर्की से अपनी हालिया ग्लैमरस तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl कटरीना कैफ ने तुर्की में ग्लैमरस फोटो शूट करवाया हैl कटरीना कैफ ने इन तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया हैl फोटो में कटरीना कैफ को सूट पहने देखा जा सकता हैl उनके बाल खुले हुए हैं और उनके चेहरे पर मुस्कान है और वह अलग-अलग अंदाज में पोज कर रही हैl।फोटो शेयर करते हुए कटरीना ने लिखा है, 'यू हैव माय हार्टl' इसके साथ उन्होंने दिल की इमोजी भी शेयर की हैl सलमान खान और कटरीना कैफ ने हाल ही में तुर्की के टूरिज्म मंत्री से मुलाकात की हैl दोनों की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैl सलमान खान और कटरीना कैफ इन दिनों टाइगर 3 की शूटिंग तुर्की में कर रहे हैl हाल ही में उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग रशिया में पूरी कर ली हैl फिल्म में इमरान हाशमी की भी अहम भूमिका हैl।कटरीना कैफ जल्द कई फिल्मों में नजर आनेवाली हैl कटरीना कैफ जल्द प्रियंका चोपड़ा और आलिया भट्ट के साथ फिल्म 'जी ले जरा' में नजर आएंगीl वहीं वह अक्षय कुमार के साथ फिल्म सूर्यवंशी में भी नजर आने वाली हैl कटरीना कैफ और विकी कौशल के अफेयर की पुष्टि फिल्म अभिनेता हर्षवर्धन कपूर ने की थीl वह सोनम कपूर के भाई भी हैंl हर्षवर्धन कपूर ने कहा था, 'जी हां, कटरीना कैफ और विकी कौशल एक-दूसरे को डेट कर रहे हैंl।कटरीना कैफ और विकी कौशल ने अभी तक अपने रिश्ते की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि उन्होंने अफेयर से इनकार भी नहीं किया हैl इसके अलावा दोनों को कई अवसर पर साथ स्पॉट भी किया गया हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f86734daa94754d8ab8c0c248544f98fc9081803 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हुआ यूं कि विश्वनाथ सरकार के पोते-पोतियों ने अपने दादाजी के 100 वें जन्मदिन पर कुछ अलग करने की सोची। इस अवसर पर उन्होंने अपने दादा-दादी की फिर से भव्य शादी कराने की योजना बनाई। पोते-पोतियों ने अपने दादा को दूल्हा और दादी को दुल्हन के रूप में सजाया और बारात लेकर अपनी दादी के गांव (पीहर ) बामुनिया गए। वहां बुधवार की शाम दोनों की फिर से वरमाला हुई। अंत में विश्वनाथ घोड़ा गाड़ी में अपनी पत्नी लेकर अपने गांव बेनियापुकुर लौट आए। उनके पोते पिंटो मंडल ने कहा कि शादी में रीतिरिवाजों के अनुसार हमने दादी को अपने पुश्तैनी घर बामुनिया गांव में भेज दिया था। विश्वनाथ सरकार किसान हैं। वर्ष 1953 उनकी सुरोधवाणी से शादी हुई थी। सौ साल में शादी का किस्सा जिले में चर्चा का विषय बन गया है। लोग खूब मजे लेकर इसकी चर्चे कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c79db0fed0461463695c26f586eb9a74462d9aa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साल 2008 के बाद से आजमगढ़ का संजरपुर एक बार फ‍िर आतंकवाद के मामले में चर्चा में आ गया था। शुक्रवार को इस मामले में आतंकियों को फांसी की सजा होने के बाद गांव में आरोपितों के परिजनों ने खामोशी ओढ़ ली है। इस मामले में कई आरोपितों की संलिप्तता के सुबूत के बाद से इनको गिरफ्तार करने के बाद मुकदमा शुरू किया गया था। वहीं कुछ दिनों पूर्व हबीब अहमद, शाकिब निसार और जाकिर शेख को सबूतों के अभाव में बरी भी किया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d54096b19265df09c8d2db6e7532a8b2c54e31c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि आम आदमी पार्टी जहां आम आदमी के नाम को केवल इस्तेमाल करती है वहीं कांग्रेस का हाथ हमेशा से आम जन के साथ रहा है। इस एमसीडी चुनाव में पार्टी एक बार फिर इसे साबित करने जा रही है। दिल्ली के विभिन्न वार्डों में इस बार कई ऐसे आम लोगों को भी टिकट दिया जाएगा, जो न तो पार्टी के नेता हैं और न ही कार्यकर्ता। पार्टी का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अपने वार्ड में लोकप्रिय है, वहां रहने वालों की मदद करने को तत्पर रहता है, उनके सुख दुख में उनके साथ भी खड़ा रहता है तो कांग्रेस उसको टिकट देकर प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06864b1e28c6c4c540f2cfd7a094f4dd121c69b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62191.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फेथ वर्सेज वर्डिक्ट पेज पर डाली पोस्टें ।असल में कुछ दिनों से इंटरनेट मीडिया पर फेथ वर्सेज वर्डिक्ट पेज पर ऐसी पोस्टें डाली जा रही हैं, जिसमें डेरा प्रेमी नोटा का बटन दबाने की बात कर रहे हैं। इस पेज को चलाने वाले डा मोहित इंसा ने नोटा का बटन दबाने की मुहिम चलाई है। उनके साथ काफी डेरा प्रेमी जुड़े हुए हैं और वह पंजाब के विभिन्न शहरों से ऐसे वीडियो अपने पेज पर डाल रहे हैं। + +उम्मीदवारों को वोट दें न कि नोटा का बटन दबाएंः राम सिंह।डेरा प्रबंधन द्वारा ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया कि नोटा का बटन दबाना है। बल्कि डेरा प्रेमियों काे कहा गया है कि वे उम्मीदवारों को वोट दें न कि नोटा का बटन दबाएं। कुछेक शरारती तत्व ऐसा भ्रम फैला रहे हैं। जबकि डेरा प्रबंधकीय समिति की ओर से ऐसा कोई संदेश किसी को नहीं दिया गया।-राम सिंह,सदस्य,राजनीतिक विंग,डेरा सच्चा सौदा।नोटा का बटन दबाने का फैसला डेरा प्रबंधन का नहीं है, लेकिन डेरा प्रेमी यह चाहते हैं कि वोट नोटा को डाली जाए। मेरे पास पूरे पंजाब से ऐसे वीडियो हर रोज आ रहे हैं ,जिनमें डेरा प्रेमी नोटा का बटन दबाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। हम उनके वीडियोज को पेज पर डाल रहे हैं।-डा.मोहित इंसा, फेथ वर्सेज वर्डिक्ट।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ef69965314e4dc220dde8c7d352a07e448b0b69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62192.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, एएनआई: भारत में कोविड-19 के कारण हुई मौतों के लेकर भ्रामक दावों का प्रचार किया जा रहा है। एक रिसर्च पेपर के आधार पर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि देश में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर आधिकारिक गणना से बहुत अधिक है। रिसर्च पेपर में बताया गया है कि नवंबर 2021 तक देश में 32 से 37 लाख लोगों की मौत हुई है। जबकि आधिकारिक आंकड़ों में सिर्फ 4.6 लाख लोगों की मृत्यु के बारे में ही जानकारी दी गई है। + +There have been some media reports based on a published research paper alleging that mortality due to #COVID19 in India is much higher than the official count and actual numbers have been undercounted...These reports are fallacious and completely inaccurate: Govt of India pic.twitter.com/cA9ZR0N4sg।मृत्यु के आंकड़े अपडेट कराने की अपील।सराकर ने संकलन प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्यों द्वारा स्वतंत्र रूप से मौत के आंकड़ों की रिपोर्ट किए जाने के बाद केंद्र द्वारा सभी मौतों का संकलन किया जाता है। साथ ही केंद्र ने राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि यदि क्षेत्र स्तर पर कुछ मौतों की जानकारी नहीं जा सकी है। तो वो अपने राज्य में हुई मौतों के आंकड़ों को अपडेट कराएं। ताकि कोरोना महामारी के कारण हुई मौतों को लेकर तस्वीर साफ हो सके। समय पर सूचना नहीं दी जाती है, तो वे अपनी मृत्यु संख्या को अपडेट करें, और इसलिए महामारी से संबंधित मौतों की सही तस्वीर प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a9e9539194846673ad26f8e404b2bcc5c786429 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब चुनावी समीकरण क्या हैं? इस पर सिविल लाइन्स निवासी शिक्षाविद् डा. रमाकांत राय का अपना दृष्टिकोण है। वह दो टूक कहते हैं कि नेताजी की तरह इस क्षेत्र से रिश्ते शिवपाल यादव ने निभाए। लगातार सक्रिय रहे। वह खुद जसवंतनगर सीट से सपा प्रत्याशी हैं, इसलिए उसे हम फिलहाल अभेद्य किला मान सकते हैं। वहीं, इटावा सदर सीट पर सपा से टिकट के दावेदार रहे कुलदीप गुप्ता शंटू को टिकट नहीं मिला तो वह बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। कर्मचारी नेता रहे हरिकिशोर तिवारी भी कतार में थे, लेकिन सपा ने प्रत्याशी नहीं बनाया। वह हताश और खामोश हैं। जब शिवपाल समर्थक 'मुलायम के लोग' ही सपा उम्मीदवार सर्वेश शाक्य के साथ नहीं हैं तो ऐसे में दोबारा मैदान में उतरीं भाजपा प्रत्याशी सरिता भदौरिया की राह में रोड़े कम नजर आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48731c85da08e94497f48da6ebd98f82d206f151 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक मिश्र, अयोध्या। भारत की धरा पर अनेक ऐसे वीर- वीरांगनाओं का जन्म हुआ जिन्होंने सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम से लेकर संपूर्ण स्वाधीनता संघर्ष में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया, किंतु कुछ दरबारी इतिहासकारों की धूर्तता के कारण उनका अमूल्य योगदान आज भी काल के गर्भ में दफन होने को मजबूर है। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर आज आपको अवगत कराते हैं एक ऐसी ही वीरांगना से जिन्होंने उस दौर में अंग्रेजों से लोहा लिया, जब महिलाएं राजनीति से अनभिज्ञ थीं। हम बात कर रहे हैं रानी अवंतीबाई की। इनका जन्म 16 अगस्त, 1831 को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के मनकेहणी ग्राम में हुआ था। इनके पिता राव जुझार सिंह 187 गांवों के जमींदार थे। अवंतीबाई की संपूर्ण शिक्षा घर पर ही हुई। घर पर ही उन्होंने तलवारबाजी का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। कम आयु में ही वह युद्ध कौशल में पूर्णरूपेण दक्ष हो गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fb693f49c845c2d24c7b004c3342399e0ef5bd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62196.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, फीचर डेस्क। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप एंड्रायड फोन पर कुछ देख या कार्य कर रहे हैं और फोन की स्क्रीन बार-बार अचानक बंद हो जाती है। आपको बता दें कि स्क्रीन टाइमआउट आपके फोन की सेटिंग है, जो बैटरी बचाने के लिए डिस्प्ले को अपने आप बंद कर देती है। ।डिस्प्ले सेटिंग्स में जाएं : फोन को आटोमैटिकली आफ होने से रोकना है या फिर इस सेटिंग को आफ करना चाहते हैं, तो डिस्प्ले सेटिंग में विकल्प है। यदि आपको इसे बंद करने का विकल्प नहीं मिलता है, तो चिंता न करें। इसके लिए एक और उपाय मौजूद है :।आपको सबसे पहले फोन की सेटिंग्स में जाना होगा।अब सेटिंग मेन्यू में डिस्प्ले पर जाएं और स्क्रीन टाइमआउट सेटिंग्स को देखें।स्क्रीन टाइमआउट सेटिंग पर टैप करें और उस टाइम को चुनें, जिसे सेट करना चाहते हैं। अगर आप चाहें, तो विकल्पों में से कभी नहीं यानी नेवर के विकल्प को भी चुन सकते हैं। यदि सेटिंग में नेवर का विकल्प नहीं दिखाई देता है, तो भी आप अपने डिवाइस की स्क्रीन को ज्यादा समय तक आन रख सकते हैं। इसके लिए आगे दिए गए स्टेप को फालो करें :।डेवलपर आप्शन को आजमाएं : यदि आप चाहें, तो डेवलपर आप्शन में जाकर फोन की स्क्रीन को ज्यादा समय तक आन रख सकते हैं :।इसके लिए सबसे पहले सेटिंग एबाउट फोन बिल्ड नंबर पर जाकर सात बार टैप करना होगा।फिर सेटिंग सिस्टम डेवलपर विकल्प पर वापस जाएं।यहां पर आपको स्टे अवेक आप्शन दिखाई देगा, इसे इनेबल कर दें।ले सकते हैं एप की मदद : यदि आप इस कार्य के लिए किसी थर्ड पार्टी एप की मदद लेना चाहते हैं, तो फिर ‘कैफीन-कीप स्क्रीन आन’ एप एक विकल्प हो सकता है। इसके उपयोग से फोन की स्क्रीन को पूरी तरह से बंद होने से रोक सकते हैं। यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91b2dcb3f7e12b0bcf51708f7b94b29de66130bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62197.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कृषि ड्रोन बंटाएगा हाथ : पिछले कुछ वर्षों में कृषि ड्रोन तकनीक में काफी सुधार हुआ है। अब किसान भी इस बात को समझने लगे हैं कि कैसे ड्रोन तकनीक से उन्हें मदद मिल सकती है। आमतौर पर कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग मैपिंग, सर्वेक्षण से लेकर कीटनाशक छिड़काव तक में होता है। वैसे, कृषि ड्रोन दूसरे ड्रोन से अलग नहीं हैं। इस छोटे यूएवी (मानव रहित विमान) को किसानों की जरूरतों के हिसाब से बदला जा सकता है। हालांकि अब कई ड्रोन विशेष रूप से कृषि उपयोग के लिए ही विकसित किए जा रहे हैं। + +फसल स्वास्थ्य की निगरानी : फसलों में बैक्टीरिया आदि के बारे में शुरुआती दौर में ही पता लगाना मुश्किल होता है, मगर कृषि ड्रोन के लिए यह आसान है। ड्रोन देख सकता है कि कौन से पौधे अलग-अलग मात्रा में ग्रीन लाइट प्रदर्शित करते हैं। यह डाटा फसल स्वास्थ्य को ट्रैक करने के लिए मल्टीस्पेक्ट्रल इमेज बनाने में मदद करता है। इसके बाद लगातार निगरानी से फसलों को बचाने में मदद मिल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b43b869a491a8ba87f531e6aa53c8b461b687ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [आरती तिवारी]। आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं देश के तमाम स्टार्टअप्स। इन्हीं आंत्रप्रेन्योर का मार्गदर्शन करने के लिए सोनी चैनल पर प्रसारित हो रहा शो शार्क टैंक भावी आंत्रप्रेन्योर को प्रेरित कर रहा है। ऐसी ही प्रेरित करने वाली यात्रा रही है वर्ष 2015 में आरंभ हुए फर्स्ट डिजिटल कास्मेटिक ब्रांड शुगर कास्मेटिक्स की को-फाउंडर व सीईओ विनीता सिंह की। भारतीय त्वचा और मौसम को ध्यान में रखकर शुरू की गई इस नई सोच और हौसले की कहानी बता रही हैैं विनीता सिंह...। ।-क्या बिजनेस के क्षेत्र में उतरना हमेशा से आपकी बकेट लिस्ट में था? ।मैं हमेशा से आंत्रप्रेन्योर बनना चाहती थी, क्योंकि मुझे लगता था आंत्रप्रेन्योर ही प्रमुख तौर पर समाज में बदलाव लाते हैं। इसलिए मैं भी अपनी एक कंपनी शुरू करना चाहती थी। हालांकि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं था कि अगले दो या तीन साल में ही कंपनी शुरू कर दूंगी, क्योंकि उस वक्त मैैं सिर्फ 24 साल की थी। हां, बिजनेस को लेकर मेरा नजरिया सकारात्मक था सो मैं उसी को लेकर प्रतिबद्ध रही और शुगर कास्मेटिक शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db27c51aecdf74ca4e4d52bbe60c29a948ce4f19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे पहुंच सकते सर्च इंजन तक : तुषार ने बताया कि इंटरनेट पर भारत सर्च तक जाने के लिए यूआरएल डब्ल्यडब्ल्यूडब्ल्यूडाटभारत-सर्चडाटकाम पर जाना होगा। इसके बाद आप जो चाहे, उस पर सर्च कर सकता है। अभी इस पर 15 सौ लोग एक साथ सर्च कर सकते हैैं लेकिन अगले दो महीने में ये क्षमता एक लाख लोगों तक रहेगी। इसके लिए इंटेल का अत्याधुनिक जेन्योर सर्वर इस्तेमाल कर रहे हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01a331f40aba3936d23f4087cde68e5b176cf9f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62201.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंदौर, संजय मिश्र। कुप्रबंध और भ्रष्टाचार के कारण कंगाली में पहुंची सहकारिता को बचाने के लिए मध्य प्रदेश में नई पहल की गई है। पहली बार लोकपाल का तंत्र बनाकर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की योजना सरकार ने बनाई है। जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण के साथ भ्रष्टाचार करने वालों पर त्वरित कार्रवाई का अधिकार लोकपाल को दिया जाएगा। अब तक निगरानी का कोई कारगर तंत्र न होने के कारण राज्य की सैकड़ों सहकारी समितियां भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी हैं। इससे मुक्ति के लिए सरकार ने सशक्त लोकपाल का स्वतंत्र निकाय बनाने का निश्चय किया है, जिसके माध्यम से वह सहकारी समितियों को न सिर्फ भ्रष्टाचार से मुक्त करेगी, बल्कि कृषि विकास की नई गाथा भी लिखेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..493ba04a20929c02596be84d7310a70ad06a9ba0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62202.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +उमेश चतुर्वेदी। संविधान सभा में जब मतदान के अधिकार और चुनावों की चर्चा हो रही थी तो पूर्वी पंजाब से चुने गए सदस्य ठाकुर दास भार्गव ने एक सुझाव रखा था, जिसे संविधान सभा ने खारिज कर दिया था। उनका सुझाव था कि समान और वयस्क मतदान के अधिकार में एक शर्त जोड़ दी जानी चाहिए। वह शर्त थी साक्षरता की। ठाकुर दास भार्गव का सुझाव बेहतर होते हुए भी इसलिए गिर गया, क्योंकि तब भारत की साक्षरता दर महज 12 प्रतिशत थी। मतदान के अधिकार पर चर्चा करते हुए संविधान सभा के अधिकांश सदस्यों को उम्मीद थी कि भविष्य में भारतीय लोकतंत्र संविधान प्रदत्त समानता आधारित समाज को बनाने की ओर आगे बढ़ता जाएगा, पर क्या यह उम्मीद पूरी हो पाई है?।चुनाव-दर-चुनाव भारत में जाति, धर्म, क्षेत्र की बुनियाद लगातार मजबूत होती जा रही है। जाति, धर्म और क्षेत्र की संकुचित मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए अक्सर राजनीतिक दल सवालों के घेरे में रहते हैं, पर इस सोच में ही बुनियादी खोट है। चाहे जिस भी पक्ष की राजनीति हो, वह महज दिखावे के लिए ही समाज सेवा रह गई है। आज की राजनीति की निगाह हर पल सत्ता पर लगी रहती है। अब तो राजनीति ने समाज सेवा के लिए सत्ता को ही साधन मान लिया है। हालांकि व्यवस्था भी वैसी ही हो गई है। इसलिए धर्म, जाति और क्षेत्र के संकुचित वाद को बढ़ावा देना और उसके जरिये सत्ता की आंख पर निशाना साधना राजनीतिक दलों की दिनचर्या हो गई है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि देश का बौद्धिक समाज और मीडिया भी चुनाव-दर-चुनाव इसी सोच के आधार पर बहसें करता है और राजनीतिक कदमों का समर्थन या विरोध करता है। + +लोकतंत्र की बुनियाद नागरिक हैं। जिनमें से एक बड़े हिस्से के पास मतदान का अधिकार होता है, लेकिन दुर्भाग्यवश चुनाव को लेकर होने वाले विमर्शो में मतदाता को सिर्फ एक उपादान यानी जरियाभर मान लिया गया है और उससे उम्मीद की जाती है कि वह जाति, धर्म और क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली राजनीति के साथ अपनी जाति, धर्म और क्षेत्रवादी सोच के साथ जुड़े और वोट दे। बेशक सर्वोच्च न्यायालय ने जाति और धर्म की खुलेआम चर्चा पर रोक लगा रखी है, लेकिन इन पर भी चर्चा के लिए राजनीतिक दल प्रकारांतर से राह निकाल ही लेते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि जाति, धर्म और क्षेत्रवाद की घुट्टी पिए तंत्र से बनने वाली सरकार और उसकी बुनियाद समाज से ऐसे समानता आधारित समाज की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? स्पष्ट है कि चुने गए प्रतिनिधि या दल के सामने अपने मुख्य मतदाता आधार की आकांक्षाओं को पूरा करने का दबाव हमेशा रहेगा। + +सवाल हो सकता है कि गुणात्मक भागीदारी क्या होगी? गुणात्मक भागीदारी के लिए पहली शर्त है कि मतदाता ही गुणवान हो। संविधान सभा के सदस्य ठाकुर दास भार्गव ने इसी गुणात्मकता की खोज में साक्षरता की शर्त का सुझाव दिया था। अव्वल तो होना यह चाहिए कि मतदाता दिवस पर मतदाताओं को ही गुणात्मक रूप से जागरूक बनाने पर जोर दिया जाता। मतदान में ज्यादा भागीदारी गुणात्मक मतदान की गारंटी नहीं है, क्योंकि वोटिंग तो जाति, धर्म और क्षेत्रवाद के सोच पर ही ज्यादातर आधारित होती है। मतदाताओं को गुणात्मक रूप से जागरूक बनाने के लिए कोशिशें होनी चाहिए। मतदाताओं को यह बताने की कोशिश होनी चाहिए कि जाति, धर्म या क्षेत्रवाद जैसी संकुचित मानसिकता की बुनियाद पर वोट देने से संविधान के व्यापक उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सकता। + +इंटरनेट मीडिया और दूसरे माध्यमों के उभार और पहले की तुलना में बढ़ी सुविधाओं के चलते ज्यादा मतदान होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसा नहीं कि मतदाता उदासीन हैं। कुछ इलाकों में राज्य के औसत से ज्यादा 70 से 75 फीसद तक मतदान हो रहा है। उत्तर प्रदेश के दूसरे दौर में सबसे अधिक 75.78 प्रतिशत मतदान सहारनपुर की बेहट सीट पर हुआ। सहारनपुर की ही नकुड़ सीट पर 75.50 प्रतिशत वोट डाले गए। इसी तरह अमरोहा के नौगावां सादात में 74.17 प्रतिशत और हसनपुर में 73.58 प्रतिशत वोट पड़े। इसी तरह उत्तर प्रदेश के पहले दौर में हुए मतदान में मुजफ्फरनगर जिले की कैराना सीट पर 75.01 और शामली सीट पर 70.17 मतदान हुआ। स्पष्ट है कि मतदाता वोट देने के लिए उत्साहित तो हैं, लेकिन कई बार वे अपनी निजी व्यस्तताएं तो कई बार खराब मौसम या फिर भीड़भाड़ से बचने के लिए वोट डालने से कतराते हैं। उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में हुए कम मतदान की वजह यही है। + +कई पश्चिमी देशों में उम्मीदवारों की जीत के लिए कुल मतदान के पचास प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो आखिरी दो उम्मीदवारों के बीच मतदान होता है। अपने देश में ऐसी व्यवस्था करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन मतदाताओं को आधुनिक सुविधाएं और मतदान के और तरीके सुझाए-दिए जा सकते हैं, जिसके जरिये ज्यादा से ज्यादा वोटरों की हिस्सेदारी बढ़ेगी। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी। निश्चित तौर पर इसका दबाव जनप्रतिनिधियों पर भी होगा। भारी जनसंख्या के सामने उन्हें अपनी जिम्मेदारी का दबाव रहेगा। ऐसी व्यवस्था न सिर्फ लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और ताकत को बढ़ाएगी, बल्कि विकास की राजनीति को भी बढ़ावा देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc797fe23c0ce74f3e37e3714c0b3ed3c8e1516f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62208.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। अगले माह यानी मार्च से दिल्ली को कुछ हद तक जाम से मुक्ति मिलने जा रही है। दो बडे़ इलाकों को जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। इसके साथ अगले महीने से चालू होने जा रही प्रगति मैदान सुरंग सड़क जहां आइटीओ इलाके को जाम से मुक्ति दिलाएगी, वहीं आश्रम अंडरपास के शुरू होने से इंडिया गेट से बदरपुर की ओर आना जाना आसान होगा। इस सुरंग से न केवल दिल्ली के लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि एनसीआर के राज्यों यूपी और हरियाणा के लोगों को भी राहत मिलेगी। इससे उनका पैसा और ईंधन दोनों बचेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0058f95b82b21d2a8d8a1fcae6ee0c127a7f2554 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बीते गुरूवार का दिन टीवी इंडस्ट्री के लिए काफी दुखद रहा। इस इंडस्ट्री ने अपने चर्चित और हिट सितारे सिद्धार्थ शुक्ला को हमेशा के लिए खो दिया। सिद्धार्थ शुक्ला का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। उनके निधन से फैंस और करीबी अभी तक सदमें हैं। बहुत से टीवी सितारे सिद्धार्थ शुक्ला के अंतिम संस्कार में पहुंचे और दिग्गज अभिनेता को खास अंदाज श्रद्धांजलि दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d2bf977fe73604fb47eec5ae91a36ba434391d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + डेरा ब्यास का देश-विदेश में खासा आधार।राधा स्वामी डेरा ब्यास का पंजाब ही नहीं देश-विदेश में अच्छा आधार है। बाबा जैमल सिंह जी ने 1891 में डेरे की स्थापना की थी। यह डेरा हमेशा से सियासत से दूर रहा और डेरा समर्थकों की अच्छी खासी संख्या होने के बावजूद डेरा प्रेमी हमेशा मौन रहे है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बनने के बाद दो बार डेरे जा चुके है। इसके अलावा भाजपा के पंजाब चुनाव के प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत भी डेरा मुखी से मिल चुके है। पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का भी डेरे में अच्छा प्रभाव है। आज दोपहर लगभग अढाई बजे शाह डेरे पहुंचे और एक घंटे तक वहां रुके। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने पंजाब और पंजाब की सियासत को लेकर उनसे बातचीत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17d59be62d3e42585b225ae2f726709aba99f6ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62213.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ । वे अपराधी हैं। बीते कल जो किया, उसकी सजा भुगत रहे हैं। लेकिन आने वाला कल अ'छा हो, इसके लिए जेल में उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जा रहा है। सलाखों की दीवारों में भले ही अंधेरा भरा हो, मगर आराधना की रोशनी से जिंदगी को रफ्तार देने की ताकत पैदा की जा रही है। मंगलवार व शनिवार को सुबह से ही उपासना का दौर शुरू हो जाता है, जो रात तक जारी रहता है। शाम को पीपल के पेड़ों को दीपकों से ऐसा सजाया जाता है, मानो दीपावली हो। मंगलवार को बंदियों में हनुमानजी का चोला चढ़ाने की होड़ रहती है। जेल प्रशासन की इस पहल से दोनों दिन आराधना की खुशबू से सलाखें भी महक उठती हैं। + +कोरोना के चलते जनवरी से बंद है मुलाकात।यहां जेल में करीब चार हजार कैदी-बंदी हैं। कोरोना के चलते एक जनवरी 2022 से मुलाकात बंद हैं। जेल प्रशासन की पहल से बंदियों का रुझान रचनात्मक गतिविधियों की तरफ बढ़ गया है। कोई पेंटिंग कर रहा है तो कोई योग से खुद को फिट रख रहा है। कई बंदी शनिदेव और हनुमान के उपासक हैं। भोर से ही पूजा व इबादत का दौर शुरू हो जाता है। शनिदेव की पूजा करने के लिए हर अहाते में पीपल के पेड़ लगाए गए हैं। यहां बंदी तेल का दीया जलाते हैं और जल्द रिहाई की प्रार्थना करते हैं। देर शाम दीपों से प्रांगण रोशनी मय हो जाता है। इसी तरह बजरंग बली की आराधना करने वाले सैकड़ों बंदी हैं। शनिवार व मंगलवार को हनुमान की प्रतिमा पर चोला चढ़ाया जाता है। जिन आहतों में हनुमान की प्रतिमा नहीं हैं, वहां पीपल के पेड़ पर चोला चढ़ा दिया जाता है। इसकी देखरेख डिप्टी जेलर आफताब अंसारी व राजेश राय करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62215.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62215.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8999627df7e1da9300b857a28324be6cc279fd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62215.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- हाल के वर्षों में नेपाल की सरकार ने भारत से रिश्तों को संतुलित करने के लिए चीन से रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी। इस रिपोर्ट के नतीजों से चीन के साथ सुधरते रिश्तों पर असर पड़ सकता है। हाल में नेपाल सरकार ने पहली बार आधिकारिक रूप से दावा किया है कि चीन उसके इलाके में हस्तक्षेप कर रहा है। दोनों देशों की आपस में साझी सीमा है। नेपाल सरकार की एक रिपोर्ट में चीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है। यह रिपोर्ट पिछले साल सितंबर में तब अधिकृत की गई थी, जब दावे किए जा रहे थे कि पश्चिमी नेपाल के हुमला जिले में चीन अतिक्रमण कर रहा है। नेपाल में चीनी दूतावास ने अतिक्रमण के दावों को खारिज किया है। बता दें कि नेपाल और चीन के बीच सरहद हिमालय पर्वत से करीब 1,400 किलोमीटर लगा है। नेपाल के इस कथन का कि चीन उसके इलाके में हस्‍तक्षेप कर रहा है, इस रिपोर्ट का असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b27568e8790f373a406908bc165e43e72e5c3440 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शशिबाला का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए वह इतनी उत्साहित थीं कि इस खुशी में पूरी रात सो नहीं पाईं। वह बुधवार सुबह सात बजे ही  मंदिर पहुंच गईं। वहीं, देव नगर की निवासी 72 वर्षीय गंगोवती ने बताया कि वह इस मंदिर से बचपन से जुड़ी हुई हैं, लेकिन पहली बार यहां किसी पीएम को आते देखा है। प्रधानमंत्री ने उनसे हालचाल पूछा और हरे रंग की उनकी झांझ लेकर बजाने लगे। ये उनके जीवन का सबसे ऐतिहासिक क्षण था। उन्होंने कहा कि पीएम के बजाने से ये झांझ अब उनके लिए अनमोल हो गया है। इसी तरह का उत्साह कीर्तन करने वाली अन्य महिलाओं में दिखा, जो प्रधानमंत्री के जाने के बाद भी उत्साह में भजन गाते हुए झूम रही थीं। वैसे मंदिर में रोजाना भजन-कीर्तन होता है, जिसमें 400 से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। किंतु प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए केवल 20 महिलाओं की टोली को ही आने की अनुमति मिली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3668100bf6155595432c16673b59734a6e2f1d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +होर्डिंग में नजर आए चिरपरिचित चेहरे।चुनावी मौसम भी गजब है, इस मौसम में ऐसे-ऐसे चेहरे नजर आ जाते हैं, जो पिछले पांच साल से ओझल रहे। ये चेहरे बिजली के पोल पर लटके होर्डिंग में नजर आए, दीवारों पर चस्पा पोस्टरों में दिखाई दिए। आने-जाने वाले लोग इन चेहरों को पहचान कर चर्चा किए बिना नहीं रहे। स्वाभिक है, पांच साल बाद जो इन्हें देखा था। गांव-गलियों में जब ये चेहरे साक्षात प्रकट हुए तो टोके बिना नहीं रहा गया। लोग बोले, लंबे अरसे से गायब रहे, अब क्यों हमारी याद आ गई? हालांकि, पूछने वाले भी जानते थे कि उन्हें क्यों याद किया जा रहा था। मगर, आपत्ति की, करनी ही चाहिए। कुछ जगह तो ये कहा गया कि इस बार भी सहयोग किया तो फिर गायब हो जाओगे, अच्छा है समर्थन न दिया जाए, आते-जाते तो रहोगे। दूसरी ओर से कोई जवाब नहीं मिला, जवाब था भी नहीं। ।'इंजीनियर साहब' की मंजूर हुईं छुट्टियां।चार महकमों में उलझे रहे 'इंजीनियर साहब' की छुट्टियां मंजूर हो गई हैं। शासन ने भी खर्चे की संस्तुिति कर लंबी यात्रा पर मुहर लगा दी। अब अगले महीने ही इनसे मुलाकात हो सकेगी। सुना है कि छुट्टियां समंदर के किनारे बिताने का विचार है। जगह का चयन भी सोच समझकर किया लगता है। मुखिया को अवगत करा दिया है। कह दिया है कि उनकी गैरहाजिरी में 'छोटे साहब' ही सबकुछ देखेंगे। 'नगर' के वही प्रभारी होंगे। अब तक जो व्यवस्थाएं वे 'नगर' में करते आए हैं, अगले 12 दिन उन व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी 'छोटे साहब' पर ही रहेगी। चहेते कह रहे हैं कि 'इंजीनियर साहब' की छुट्टियां मंजूर होनी ही चाहिए थीं। लंबे समय से स्वजन के साथ कहीं गए भी नहीं। यहां काफी कुछ झेला भी। 'छोटे साहब' को छुट्टियां न मिलने का मलाल चहेतों को है। बीमारी में भी जिम्मेदारियां निभाईं थीं। मगर, छुट्टी नहीं मिल सकी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfec378aba4f0730027037dee3d89602a7929e4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62219.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +शिक्षा मंत्रालय ने उठाया कदम।नई पहल के तहत अब प्रत्येक निजी स्कूल को अपने आसपास के कम से कम एक सरकारी स्कूल के साथ जुड़ाव रखना होगा। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने के साथ निजी एवं सरकारी स्कूलों के बीच की खाई को पाटने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। इसके तहत सभी राज्यों को इस संबंध में एक गाइड लाइन तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। + +निजी और सरकारी स्कूलों के बीच जुड़ाव बढ़ाने की पहल।खासकर सरकारी स्‍कूलों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय सहित प्रशिक्षण की सुविधाएं नहीं है। ऐसे में सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों के बीच जुड़ाव बढ़ाने की पहल की है। माना जा रहा है कि इस पहल से निजी और सरकारी स्कूलों दोनों को लाभ होगा। निजी स्कूल खेलकूद जैसी गतिविधियों के लिए सरकारी स्कूलों के खेल मैदान आदि का इस्‍तेमाल कर सकेंगे। + +एकरूपता लाने की सिफारिश।खासबात यह है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के साथ निजी और सरकारी स्कूलों के बीच एकरूपता लाने की सिफारिश की गई है। यही वजह है कि शिक्षा मंत्रालय ने इसे अब अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है। साथ ही इस दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f30c9db52973d6279fa394fc11d07c1eb779722d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3- तेजस को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है ताकि यह मिग 21 विमानों की जगह ले सके। तेजस पाकिस्तान के जेएच- 17 विमानों से बहुत हल्का है। ऐसे में इसकी मारक क्षमता बढ़ जाती है। एक तेजस विमानों को बनाने में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। तेजस का वजन 12 टन है। इसकी लंबाई लगभग 13.2 मीटर है। इसकी अधिकतम रफ्तार 1350 किमी प्रति घंटा है। एलसीए में आर 73 एयर टू एयर मिसाइल, लेजर गाइडेड मिसाइल और मेक इन इंडिया के तहत बनी अस्त्र मिसाइल लगती है। तेजस मल्टी रोल विमान है। कुल 80 तेजस विमान वायुसेना में शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7fa20e54998c97c09925bc0662993247b5de407 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62222.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुनिया भर में अभी तक ज्ञात वृक्ष प्रजातियों की वर्तमान संख्या से लगभग 14 फीसदी अधिक हो सकती है। अध्ययन से पता चलता है कि बहुत कम संख्या और सीमित स्थानीय वितरण के आधार पर अधिकांश अनदेखे प्रजातियों के दुर्लभ होने की संभावना है। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, यह अनदेखे प्रजातियों को विशेष रूप से वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसे मानवजनित कारणों के प्रति संवेदनशील बनाता है। उन्होंने बताया कि हमारे नए निष्कर्ष वन संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। + +अध्ययनकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए दुनिया भर के दो वैश्विक डेटासेट से पेड़ों की अधिकता और कमी के आंकड़ों को एक साथ जोड़ा है। इनमें से एक डेटासेट ग्लोबल फॉरेस्ट बायोडायवर्सिटी इनिशिएटिव से है और दूसरा ट्रीचेंज से है। यह जमीनी स्तर पर किए गए वन-प्लॉट डेटा का उपयोग करते हैं। इस संयुक्त डेटाबेस में दुनिया भर में कुल 64,100 पेड़ों की प्रजातियां दर्ज की गई हैं। जिसमें से अभी तक धरती पर लगभग 60,000 पेड़ों की प्रजातियां पाई गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9abe8e9223feb03fa186f876dc41f96cc2cd8056 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन डेस्क, जालंधर। पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिग्गज नेताओं की बेटियों ने पिता के चुनाव प्रचार की कमान संभाली है। उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की बेटी जयइंदर कौर, पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी राबिया सिद्धू (Rabia Sidhu), पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल की बेटी हरकीरत कौर बादल, परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की बेटी एकम वड़िंग ने पिता की जीत सुनिश्चित करने में कसर नहीं छोड़ी है। सोने पे सुहागा ये कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की बेटी हर्षिता केजरीवाल भी पंजाब में सक्रिय दिखी। उन्होंने मां सुनीता केजरीवाल के साथ आप के सीएम फेस भगवंत मान (Bhagwant Mann) के लिए धूरी विधानसभा हलके में चुनाव प्रचार किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..caa2d14597ccc4f7bd9d6f779003fe5a412f5ec7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62225.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपी रेरा में पंजीकरण की प्रमुख शर्तें ।प्राधिकरण द्वारा दिया गया सैंक्शन लेटर, मैप की मंजूरी के सर्टिफिकेट, लेआउट मंजूरी, कब बनना शुरू होगा, कब निर्माण पूरा होगा, अपार्टमेंट के कांट्रेक्टर का नाम व पता से लेकर आर्किटेक्ट का नाम, लाइसेंस नंबर, स्ट्ररल इंजीनियर का नाम व पता, प्लाट का सीमांकन, चारदीवारी, सीवर, रोड, पाकिर्ंग, पेड़ पौधे, ड्रेन, फुटपाथ, बिजली आपूर्ति की डिजाइन सामुदायिक केंद्र, एसटीपी आदि तक हर छोटी बड़ी जानकारी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c12f7aa32881c3a1927b0c650a88f78030cddeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62226.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्र सरकार का विभाग जुटा तैयारी में ।अब भारत सरकार का डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी (डीएसटी) बड़े पैमाने पर ट्रांजिस्टर बनाने वाली कंपनियों की तलाश कर रहा है। विशेष बात यह है कि अब तक चीन और अन्य देशों से मंगाए जाने वाले हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर गैलियन नाइट्राइट से बनाए जाते हैं। इससे उनकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। आइआइटी इंदौर में तैयार हुआ ट्रांजिस्टर जिंक आक्साइड से तैयार किया गया है। इसकी कीमत बाहर से मंगाए जाने वाले ट्रांजिस्टर से पांच गुना कम रहेगी। इसे तैयार करने वाले आइआइटी इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रो. शैबल मुखर्जी ने बताया कि दुनिया में लंबे समय तक इस बात पर चर्चा होती रही है कि क्या जिंक आक्साइड से हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांजिस्टर बनाए जा सकते हैं?।आइआइटी दिल्ली शोध को कमर्शियल करने के लिए काम करता रहा है। अब हम वहां के प्राध्यापकों से जान रहे हैं कि किस तरह किसी उत्पाद को बाजार तक लाया जाता है। इसकी समझ विकसित होने से आइआइटी इंदौर उत्पाद के वाणिज्यिक उत्पादन की बारीकियों से परिचित हो जाएगा और भविष्य में आइआइटी इंदौर में होने वाले शोध से तैयार होने वाले उत्पादों को बाजार में लाया जा सकेगा। बड़े पैमाने पर ट्रांजिस्टर बनाने वाली कंपनियों की तलाश अप्रैल तक पूर्ण हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df87c7ee133cc8c964fc135b258565967d4d9635 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां हमारे घर पर उनके आने की थोड़ी सी भी भनक लग जाती तो उनसे मिलने को गीत-संगीत प्रेमियों के आने-जाने का सिलसिला दिन भर लगा रहता। वह भी सबसे पूरी गर्मजोशी से मिलते। उनके जैसा व्यक्तित्व लाखों में एक ही किसी का होता है। याद रहे कि बप्पी लाहिड़ी गत वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) की चपेट में आ गए थे। उससे तो वह उबर गए लेकिन उसके बाद से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। इधर, वह ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप ऐपनिया व न्यूमोनिया से पीड़ित थे। 29 दिनों से मुंबई के जुहू स्थित एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने 15 फरवरी की रात अंतिम सांस ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d69f136ca471c3fc37424d78c33eabc94cec1fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योजना को लेकर किसानों के अनुभव।पहले कर्ज लेता था खाद-बीज के लिए।बकौली गांव के किसान शिवगोपाल पांडेय के पास करीब एक बीघा जमीन है। जो उपज होती है उससे सिर्फ पूरे साल भोजन का प्रबंध हो पाता है। पहले फसल की बोआई के लिए कर्ज में रुपये लेने पड़ते थे। बीते डेढ़ साल से उन्हें कर्ज नहीं लेना पड़ता। वह कहते हैं कि योजना बहुत अच्छी है। इसे लागू करने के लिए पीएम की तारीफ होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8df97db58fb5db22ceabcfad16614f867638577 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण की हो कड़ी निगरानी: बाहर का ही नहीं अस्पतालों का संक्रमण भी चुनौती बना हुआ है। देश के सरकारी व निजी अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण की मानीटरिंग की जाए। आईसीयू में पहुंचने वाले तमाम मरीज भर्ती के दौरान हास्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं। इससे न सिर्फ मरीज के इलाज का खर्च बढ़ जाता है, बल्कि कई की जान भी चली जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e862d8ab84c4c9b8f06dc5fff7878b50c357c941 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकारी दफ्तरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिग स्टेशन बनाने का आदेश दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के सभी कार्यालयों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिग स्टेशन बनाए जाएंगे। ये तीन माह में बना लिए जाएंगे। इससे सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी और वहां पर आने वाले आम लोग भी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकेंगे। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19e15025432e69d5b74b842e0913ee9eeec24278 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62232.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आदित्य राज]। दो दशक में शहरीकरण बहुत तेजी से हुआ है। खासकर गुरुग्राम का जिस तरीके से शहरीकरण हुआ है वैसा अन्यत्र बहुत ही कम देखने को मिलता है। भवन निर्माण से लेकर कई क्षेत्रों के निर्माण में अप्रत्याशित तरीके से तेजी आई है। जिस रफ्तार से निर्माण क्षेत्र में तेजी आई है उसके मुताबिक सिस्टम की मजबूती के ऊपर काम किया जाना चाहिए था ताकि हर स्तर पर जांच हो सके। गुरुग्राम के सेक्टर-109 में चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में हुआ हादसा न केवल गुरुग्राम और एनसीआर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। यह अंधाधुंध धन कमाने में बरती गई अनियमितता और लापरवाही का परिणाम है। ।इस अपराध की निष्पक्ष जांच अनिवार्य रूप से जिम्मेदार तंत्र के माध्यम से ही होनी चाहिए। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए। प्रथम दृष्टया इसमें ग्रुप समूह यानी बिल्डर तो दोषी हैं ही, साथ ही वास्तुविद (आर्किटेक्ट), स्ट्ररल इंजीनियर और ठेकेदार भी दोषी हैं। भवन प्लान वास्तुविद द्वारा भवन डिजाइन को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। ।इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास शहर को कंक्रीट के जंगल में न बदल दे और विकास के परिणामस्वरूप पर्यावरण को कम नुकसान हो। साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े। इसी प्रकार स्ट्ररल इंजीनियर और सुबूत सलाहकार (प्रूफ कंसल्टेंट) इंजीनियर का कार्य भी भवन की सुरक्षा के लिए डिजाइन ड्राइंग तैयार करना है। प्लान और डिजाइन नगर योजनाकार के कार्यालय में प्रस्तुत की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56a5323759e258237b8860f51dd2752960549f69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62233.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +डा. सदानन्द शाही। Guru Ravidas Jayanti 2022 बनारस ख़ुश क़िस्मत है कि यहां बसंत दो बार आता है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत के आगमन की मुनादी हो जाती है। बेतहाशा विकास की आंधी के बावजूद यहां कुछ पेड़ बचे हुए हैं। बसंत के साथ ही इन पेड़ों पर से यही पुराने पत्ते गिरने लगते हैं और सुखद आश्चर्य की तरह नये पत्ते बाहर निकलने को उत्सुक हो जाते हैं। मानव निर्मित सारी त्रासदियों को धता बताते हुए प्रकृति जैसे पुनर्नवा होने का आंदोलन छेड़ देती है। पेड़ों पर बैठी कोयल की कूक ही नहीं उसके साथ अन्य पक्षियों का कलरव संगीत सुनाई पड़ने लगता है। वाट्सएप और इंटरनेट मीडिया की माया से थोड़ा भी बचे रह गये हों, आंख और कान खुले रह गये हों तो हम यह सब देख और सुन सकते हैं। और पक्षियों के इस समूहगान से ‘मैं-मेरा, तू- तेरा’ से उपर उठने की सीख तो ले ही सकते हैं। वृक्षों पर पक्षी आते हैं, बसेरा करते हैं और निकल जाते हैं। + +वे जानते हैं कि न कुछ मेरा है न तेरा है -प्रानी किआ तेरा किआ मेरा/ जैसे तरुवर पंख बसेरा(संत रैदास)। अचरज होता है कि पक्षियों ने कौन सा ईशोपनिषद् पढ़ रखा है जो वे इसके सबसे प्रसिद्ध मंत्र का पूरी निष्ठा से पालन करते हैं- गतिमान जगत के सकल विस्तार में /जो कुछ दृश्यमान है /जो कुछ भी वैयक्तिक है/ सब ईश्वर के निवास के लिए है/ ईश्वर का है/ इसलिए त्याग भाव से /उसका उपभोग करें /किसी के भी धन का लोभ न करें।कभी कभी सोचता हूँ- मैं मेरा-तू तेरा के सवाल पर लोगों को मार- काट, गाली-गलौज करते देख कर पक्षीगण आदमियों के बारे में क्या सोचते होंगे? कि उपनिषद रचे तुम्हारे लिए गये और उनकी शिक्षाओं का पालन हम कर रहे हैं। क्या वे आदमियों पर हंसते होंगे?शायद नहीं! वे प्रेम के संवाहक हैं, वे क्यों हंसें?उन्हें आदमियों पर दया जरूर आती होगी। + +बहरहाल जब समूची कायनात में पतझड़ और बसंत के बीच आंख मिचौनी चल रही होती है, बनारस की धरती पर एक और बसंत उतरता है। माघी पूर्णिमा के दिन।यही संत रैदास की जयंती का दिन है। जैसे बसंत प्रकृति की जड़ता में नवीनता का उन्मेष करते हुए आता है वैसे ही मानव मन की जड़ता और संकीर्णता को छिन्न-भिन्न करते हुए संत कवि रैदास की जयंती आती है। प्रकृति में रैदास बानी का प्रकाश उतरता है। इस प्रकाश में अवगाहन करने के लिए दुनिया भर से रैदास के अनुयायी आते हैं,प्रेमी आते हैं और एक नया प्रेम नगर बस जाता है। आने को तो और भी लोग आते हैं पर वे किसलिए आते हैं और क्या लेकर जाते हैं ,यह हमारी चर्चा का विषय नहीं है। यह माघी पूर्णिमा की तिथि भी अद्भुत है। माघ महीने में ठंढ अपना कमाल दिखाकर जा रही होती है। हवा में न तो हड्डियों को काठ कर देने वाली ठिठुरन होती है और न ही ग्रीष्म ऋतु की तपन। सूरज भी सम पर होता है। रात में चांदनी का शीतल प्रकाश चारों ओर बिखरता हुआ।परिवेश में शीतलता और प्रकाश वैसे ही घुल मिल जाते हैं जैसे चंदन पानी- ‘प्रभु जी तुम चंदन हम पानी’। + +बसंत की अभ्यर्थना हम इसीलिए तो करते आये हैं कि बसंत हमें पुनर्नवा करता है। जड़ता को भेद कर नवता का संचार करता है।जो काम भौतिक जगत में बसंत करता है, वही काम हमारे मनोजगत में संत कवि रैदास करते हैं। जब हम जीवन के मूल स्रोतों से विच्छिन्न होकर जड़ होते चले जाते हैं- ऐसे में रैदास जैसे संतों की बानी हमें जीवन के मूल स्रोतों तक ले जाती है और पुनर्नवा करती है। हमारे मूल स्रोत क्या हैं इस पर बहस हो सकती है पर इस बहस का एक सिरा ईश्वर से हमारे संबंध को लेकर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3bb8d6a6e5b0f31fe1fbd7fa48b71fe9bc6b3c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्ञानपुर के रहने वाले लगभग 72 वर्षीय विजय शंकर विधायक के पड़ोस के गांव तिलंगा के रहने वाले हैं। वह करीब 35 साल विजय मिश्रा के साथ हैं। मंगलवार को प्रस्तावकों के साथ विजय शंकर भी आए थे। उनके सामने ही विजय मिश्रा ब्लाक प्रमुख से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर विधायक बने। विधायक के समर्थकों ने बताया कि चुनाव कोई भी हो विजय मिश्रा का नामांकन प्रपत्र भरवाने का काम विजय शंकर ही करते हैं। विजय मिश्रा की पत्नी रामलली मिश्रा का नामांकन प्रपत्र भी उन्होंने ही भरवाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7e644bd278760da0deedc1f17ffb59b52c0e85e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संत रविदास भारतीय सामाजिक एकता के प्रतिनिधि संत के रूप में स्थापित हो गए थे, क्योंकि मुस्लिम शासकों को चुनौती देने का जो दुष्कर कार्य तबके शासक नहीं कर पाए थे, उसे समाज शक्ति को जागृत करने के बल पर एक संत ने कर दिया था। पिछड़ी जातियों में आर्थिक-सामाजिक पिछड़ेपन के बाद भी स्वधर्म सम्मान का भाव जागृत करने में रविदास सफल रह। परिणामस्वरूप इन जातियों में मुस्लिम मतांतरण का बहुत कम प्रतिशत देखने को मिलता है। निर्धन और अशिक्षित समाज में मतांतरण रोकने और घर वापसी का जो दुष्कर कार्य उस काल में हुआ, वह इस दिशा में प्रतिनिधि रूप में संत रविदास का ही सूत्रपात था। इससे मुस्लिम शासकों में उनके प्रति भय का भाव हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5a477652f09e008b7be5a0cc213199734eeb2a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6224.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिवंगत अभिनेता के फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स तस्वीरों को पंसद कर रहे हैं। आपको बता दें कि यह ऋषि कपूर का 69वां जन्मदिन था। उनका निधन पिछले साल 30 अप्रैल को मुंबई में हो गया था। उनके निधन से हर कोई हैरान था। वहीं पति ऋषि कपूर के 69वें जन्मदिन के मौके पर नीतू कपूर ने खुलासा किया है कि ऋषि कपूर की दो इच्छाएं थी जो अधूरी रह गई है। + +उनकी इच्छा थी कि वह रणबीर कपूर को घोड़ी चढ़ते देखें और रणबीर कपूर की शादी हो जाए। वहीं दूसरी इच्छा थी कि उनका घर कृष्णा राज बनकर तैयार हो जाए और इसमें तीन सेपरेट अपार्टमेंट हो। इनमें रिद्धिमा, रणबीर और ऋषि-नीतू कपूर साथ रह सके। वह अक्सर घर के निर्माण कार्य स्थल पर जाते थे और हर विषय वस्तु की पूरी जानकारी लेते थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62241.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dff447ade0b3c42f53d4c4497af0680053bbbd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62241.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दीप सिद्धू का पहला प्लेसमेंट सहारा इंडिया परिवार में कानूनी सलाहकार के रूप में था। फिर उन्होंने हैमंड्स नामक ब्रिटिश लॉ फर्म के साथ काम किया। उन्होंने डिज्नी, सोनी पिक्चर्स और अन्य हॉलीवुड स्टूडियो के लिए भी काम किया। बालाजी टेलीफिल्म्स में साढ़े तीन साल तक कानूनी प्रमुख बने। उन्होंने निर्देशक संजय लीला भंसाली और विजया प्रोडक्शन हाउस के लिए भी काम किया था। + +धर्मेंद्र के बैनल तले बनी फिल्‍म से अभिनय की शुरुआत।दीप सिद्धू ने उस के बाद कानून की प्रैक्टिस छोड़ दी और फिल्म इंडस्‍ट्री में उतर गए। सिद्धू ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2015 में पंजाबी फिल्म रमता जोगी से की थी, जिसका निर्माण अभिनेता धर्मेंद्र ने अपने बैनर तले किया था। इस फिल्‍म के लिए दीप सिद्धू को Punjabi Cinema में Best male debut का अवार्ड भी मिला! दीप का कहना था कि धर्मेंद्र सर ने ही उनमें अभिनय का गुण देखा था। उसके बाद 2017 में आई फिल्म जोरा दास नंबरिया से दीप सिद्धू मशहूर हुए, जिसमें उनका किरदार गैंगस्टर का था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c923d4ac642bdd3275bf5dda852eafbbddb8d0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62245.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत उत्तर भारत के कई स्थानों पर महान कवि और समाज सुधारक की जयंती मनाई जा रही है। हिंदी पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को समाज सुधार की दिशा में काम करने वाले संत गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है। इसी कड़ी में बुधवार को संत रविदास जयंती पर कई जगह झांकियां तक निकाली जाएंगीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  बुधवार सुबह 645वीं रविदास जयंती के मौके पर दिल्ली के करोलबाग में स्थित विश्राम धाम मंदिर गएऔर महान संत को याद किया। ।दूर-दूर तक करोल बाग मंदिर की महत्ता। इस मंदिर की ऐतिहासिक मान्यता है। जानकारों के मुताबिक यहां पर श्री गुरु रविदास ने 10 दिनों तक विश्राम किया था। श्री गुरु रविदास विश्रामधाम मंदिर ट्रस्ट समिति के प्रधान गोपाल कृष्ण ने बताया कि उत्तर भारत के भ्रमण पर निकले श्री गुरु रविदास जब रानी झाली बाई के निमंत्रण पर राजस्थान के चितौड़ जा रहे थे तब उन्होंने इसी जगह पर विश्राम किया था। जहां अब गुरु रविदास जी की प्रतिमा स्थापित है। इसके बाद इस स्थान पर उनका मंदिर बनाया गया। इस मंदिर को लेकर उनके अनुयायियाें के साथ ही समाज के सभी वर्ग में गहरी आस्था है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1d82334cdf2fff393c9bf7f632d486c53371ae2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62246.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब में चुनाव टालने के लिए की थी पहल : दरअसल 16 फरवरी को संत रविदास जयंती के मौके पर लाखों रैदासियों के काशी में होने की वजह से उनके पंजाब में 14 फरवरी को होने वाले मतदान में शामिल न हो पाने पर चन्‍नी ने ही पहले चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव टालने की अपील की थी। इसके पूर्व पंजाब के रैदासिया समुदाय ने जालंधर में काफी प्रदर्शन भी किया था। पंजाब के रैदासियों के काशी के सीर गोवर्धन में आने की वजह से आखिरकार चुनाव आयोग ने अन्‍य दलों का भी निवेदन देखने के बाद पंजाब का चुनाव टालने का फैसला किया था। इसके बाद से ही चरणजीत सिंह चन्‍नी के वाराणसी आने की चर्चा हो रही थी। मंगलवार को आखिरकार उनके आने की जानकारी होने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया और तैयारियों की मुकम्‍मल व्‍यवस्‍था की। ।श्रीकाशी विश्वनाथ का किया दर्शन : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बुधवार भोर चार बजे संत रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर पहुंचे। इसके पूर्व पंजाब के सीएम चन्नी विशेष विमान से भोर लगभग तीन बजे लालबहादुर शास्त्री हवाई अड्डा पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। बाबा का दर्शन-पूजन के बाद चन्नी सीर आए। संत मनदीप सिंह ने उन्हें संत रविदास मंदिर व विकास के संबंध में जानकारी दी। सीएम चन्नी ने पंजाब समेत देश भर से आए श्रद्धालुओं से भी मालाकाय की और हाल जाना। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0c0dcd85e38600aba0b90f9f861bb88b6c70cb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र, अटारी-वाघा। सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा संवेदनशीलता का मसला पंजाब के चुनाव में राजनीतिक पार्टियां चाहे जोर-शोर से उठा रही हों, मगर अटारी-वाघा सीमा के निकटवर्ती गांवों के लोगों की मौजूदा परेशानी और व्यथा समझने में सियासत की यह संवेदनशीलता जमीन पर दिखाई नहीं दे रही है। यहां पाकिस्तान सीमा से सटे भारत का पहला गांव रोडावाला हो या फिर चर्चित अटारी गांव, बुनियादी सुविधाओं के लिए सत्ता की गुहार-मनुहार कर थक चुके यहां के नागरिकों की नाराजगी काफी मुखर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5868d24136dd788163a92c6a66e4be319405fe3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62251.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +परिहार ने दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशिया के सदस्य देशों के साथ आतंकवाद रोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के काम पर खुली चर्चा के दौरान भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य देते हुए कहा, 'दुनिया मुंबई, पठानकोट व पुलवामा आतंकी हमले की भयावहता देख चुकी है। हम सभी जानते हैं कि इनके हमलावर कहां से आए थे।' उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, 'यह दुखद है कि इन हमलों के पीडि़तों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। इनके हमलावर, मददगार, व धन उपलब्ध कराने वाले अब भी आजाद घूम रहे हैं।'।परिहार ने कहा, 'पाकिस्तान उन आतंकी संगठनों का पनाहगाह है, जिनका संबंध संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित 150 संगठनों व व्यक्तियों से है। इसके नेता आतंकियों की अक्सर प्रशंसा करते हुए उन्हें शहीद कहते हैं।' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन को शहीद कहा था। परिहार ने जोर देकर कहा कि भारत इन आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के केंद्र इस देश से अपने क्षेत्र में सक्रिय और उसके नियंत्रण में काम कर रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ अविलंब प्रभावी, विश्वसनीय, सत्यापन योग्य व मजबूत कार्रवाई करने के लिए कहा जाए। + +भारत आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक वैश्विक लड़ाई में आगे रहा है और 'जीरो टालरेंस' की नीति पर काम कर रहा है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति के अध्यक्ष व भारतीय मिशन के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने पुलवामा व श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों को याद करते हुए कहा था कि आइएसआइएल, अल कायदा व संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूह और एक देश विशेष से नियंत्रित आतंकी आम लोगों व सैन्य ढांचों को निशाना बना रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62252.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..436f38d2f97f58eb4365294f85c4ee13a8ea54fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62252.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साल 2021 में फिर से चालू हुई आर्थिक मदद।सऊदी अरब ने अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान के लिए अपनी वित्तीय सहायता को फिर से चालू करने पर सहमती जताई थी। जिसमें सुरक्षित जमा राशि के तौर पर करीब 300 करोड़ अमरीकी डालर और आस्थगित भुगतान को तौर पर 120 से 150 करोड़ अमेरीकी डालर मूल्य की तेल आपूर्ति शामिल थी। इससे पाकिस्तान को अपनी वित्तीय योजना के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को समझाने में मदद मिलने की उम्मीद थी। द टाइम्स आफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, इसके प्रतिनिधियों ने पिछले हफ्ते इस्लामाबाद से आर्थिक सुधारों पर और अधिक जोर देने के लिए कहा है। उन्होंने सिर्फ टैक्स में बढ़ोतरी से और अधिक ऊपर जाने के लिए कहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b06dcf3656129231412bd7dc794c95a31b1330b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62253.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुस्लिमों का समाजवादी पार्टी की ओर झुकाव जरूर है लेकिन उन्हें टिकट देने में सपा ने औरों की तुलना में कंजूसी ही की है। सपा ने 403 विधानसभा सीटों में से अपने गठबंधन के सहयोगियों संग अब तक लगभग 386 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इनमें 60 प्रत्याशी ही मुस्लिम समाज से दिख रहे हैं। पिछले चुनाव में अखिलेश, भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस संग चुनाव मैदान में उतरे थे। 311 सीटों पर चुनाव लड़ी सपा ने 61 पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे लेकिन 17 ही मुस्लिम समाज के विधायक बने थे। + +अखिलेश ने धोखा ही दिया मुस्लिम समाज को : आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन का कहना है कि पहले कांग्रेस और फिर सपा मुस्लिम समाज में खासतौर से पसमांदा मुस्लिम को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती रही। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्ता में रहते मुस्लिम समाज के हित में कुछ करने के बजाय उन्हें धोखा ही दिया। अखिलेश ने मुस्लिम समाज को 18 प्रतिशत आरक्षण देने, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने जैसे बड़े-बड़े वादे किए लेकिन वे हकीकत में तब्दील नहीं किए। राजनीति में पसमांदा मुस्लिम समाज को आगे बढ़ाने के लिए टिकट देने में भी दरियादिली नहीं दिखाई। भाजपा सरकार में जरूर उर्दू एकेडमी, मदरसा बोर्ड , अल्पसंख्यक आयोग में कुछ पसमांदा समाज से पहली बार नियुक्तियां हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62254.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62254.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8e2a4f216649829862917173a712fc806178fca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62254.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । सुरक्षित परिवहन के लिए रोडवेज बसों को बेहतर साधन माना जाता है। लेकिन, ये साधन सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे। इन्हीं मानकों की अनदेखी के चलते मथुरा जैसे हादसे होते हैं। अलीगढ़ परिक्षेत्र में संचालित कई बसों की हालत जर्जर है। ज्यादातर बसों में इलेक्ट्रिक वायर खुले रहते हैं। कुछ में अग्निशमन यंत्र ही नहीं हैं। जिन बसों में ये हैं, उनमें आग बुझाने वाली कार्बन डाइआक्साइड नहीं होती। आपातकालीन खिड़कियां अक्सर जाम हो जाती हैं। मथुरा में हुए हादसे के बाद सकते में आए विभागीय अफसर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का दावा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62258.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..692243c65a92fe4d6cbd58aec4e179f07ecfcff5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62258.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश से पूरी तरह से विलुप्त हो रहे चीतों को फिर से बसाने की योजना ने रफ्तार पकड़ी है। वैसे तो यह योजना काफी पहले ही तैयार की गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण में तेजी आने के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। फिलहाल संक्रमण की दर में गिरावट के बाद फिर से इसे लेकर फिर हलचल तेज हुई है। चीतों के चयन के लिए वन्यजीव विशेषज्ञों का दल अगले महीने में अफ्रीकी देशों का दौरा कर सकता है। इस दौरान सबसे ज्यादा फोकस नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..244c839a1f862ba281da51359b9caf1c38b907a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6226.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपने होमटाउन बुढाना में हैं। पूरे देश में लगे लॉकडाउन के बाद से वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय बुढाना में बिताते हैं। वहीं अब नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि उन्होंने अपना सारा काम घर से करना ही शुरू कर दिया है। दिग्गज अभिनेता ने अंग्रेजी वेबसाइट स्पॉटब्वॉय से बातचीत की। + +इस दौरान नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने फिल्मी करियर के अलावा बुढाना में बिता रहे समय को लेकर भी लंबी बात की। अपने होमटाउन में ज्यादा समय बिनाते को लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, 'लॉकडाउन के बाद से मैं अपना ज्यादा समय बुढाना में बिता रहा हूं। मुंबई में काम ठप हो गया है, तो मैं घर आ गया। इसके बाद से मैं अपना कुछ समय मां के साथ बिताता हूं और फिर वापस चला जाता हूं।'।नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने आगे कहा, 'लेकिन जब मुंबई में कोई काम नहीं होता है तो मैं यहां रुक जाता हूं। देखते-देखते एक साल निकल गया और मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने होमटाउन में कितना खुश रहता हूं।' अभिनेता अपने होमटाउन में रहकर खेती भी करते रहते हैं। ऐसे में उन्होंने एक कलाकार और किसान बनने के फर्क को बताते हुए कहा, 'पेशेवर तौर पर मैं कलाकार हूं, लेकिन दिल से मैं किसान हूं।'।नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, 'मुझे जमीन से जुड़े रहना काफी पसंद है। मुझे खुशी होती है जब मैं जमीन पर काम करता हूं। जब मैं बुढाना में होता हूं कि मैं अपने खेत पर ही सोता हूं। खेती करने में मुझे बहुत खुशी मिलती है। यह मेरे लिए भी कलाकार होना उतना ही महत्वपूर्ण है। खेती और अभिनय मेरे पास स्वाभाविक रूप से आते हैं। बाकी सब दिखावा है। मैंने हाल ही में कुछ दिलचस्प प्रोजेक्ट साइन किए हैं।'।इसके अलावा नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने करियर और बुढाना में बिताए समय को लेकर और भी ढेर सारी बातें की हैं। बात करनें नवाजुद्दीन सिद्दीकी के वर्क फ्रेंट की तो वह अपनी कई फिल्मों को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। वह जल्द फिल्म बोले चुड़ियां, जोगीरा सारा रा रा, संगीन और हीरोपंती 2 में नजर आने वाले हैं। इन दिनों वह फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8a5287db67d2c59bc286a95150a82490cbacfde --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि, फिरोजशाह तुगलक द्वारा बनवाई गई दोनो मंजिलों में से ऊपरी मंजिल 1368 ई. में नष्ट हो गई थी। इस मीनार के ऊपर नागरी और फारसी उत्कीर्ण लेख से स्पष्ट है कि यह मीनार दो बार 1326 ई. तथा 1368 ई. में कुछ हद तक नष्ट हुई थी। प्रथम नुकसान मुहम्मद तुगलक के 1325-51 ई. के शासन के दौरान हुआ। इसे 1332 ई. में तुगलक ने ठीक कराया था। दूसरी बार नुकसान फिरोजशाह तुगलक के 1351-88 ई. के शासन के दौरान हुआ था। ।यह भी पढ़ें- दिल्ली के एम्स में अब इन दो सुविधाओं के लिए खत्म हो गई वेटिंग, मरीजों को मिलेगा सुविधा का लाभ ।यह भी पढ़ें- रेल भवन चौराहे पर यातायात प्रबंधन की बजाय इस काम में व्यस्त रहते हैं ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी, अधिकारियों तक पहुंची शिकायत।यह भी पढ़ें- कांग्रेस में संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू, पढ़िए कब तक हो जाएगा ब्लाक से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का चुनाव।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b76d554e40ac91d86353e296b59514fa55a414d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में कोलकाता के बाद और चार नगर निगमों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा हो गया। बिधाननगर, चंदननगर, आसनसोल और सिलीगुड़ी नगर निगमों के लिए हुए चुनाव में तृणमूल को एक बार फिर एकतरफा जीत मिली। सोमवार को जैसे ही मतगणना शुरू हुई तो एक के बाद एक नतीजे तृणमूल के पक्ष में आने लगे। भाजपा से लेकर वाम और कांग्रेस कहीं भी दूर-दूर तक टक्कर में नहीं दिखी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad1313c36e3dc02b54730108b58a42d187c0e67b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62269.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानकारों का मानना है कि रूस-यूक्रेन तनाव के बीच अमेरिका का ध्‍यान भी अब ताइवान-चीन विवाद की तरफ नहीं है। वहीं दूसरी तरफ चीन भी विंटर ओलंपिक गेम्‍स के बीच किसी तरह का कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता है जिससे उसके यहां पर चल रहे विंटर ओलंपिक गेम्‍स सुर्खियों से हट जाए। लेकिन इन गेम्‍स के खत्‍म होने के बाद चीन कुछ बड़ा कदम उठा सकता है। लेकिन सवाल ये है कि ऐसे में भारत की भूमिका क्‍या होगी। ।जवाहरलाल नेहरू के प्रोफेसर और विदेश मामलों के जानकार प्रोफेसर पुष्‍पेश पंत का कहना है कि यदि गेम्‍स के बाद चीन ने ताइवान पर हमला कर भी दिया तो भारत इस मामले में कुछ नहीं करेगा। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि भारत सार्वजनिक तौर पर चीन की वन चाइना पालिसी को मानता आया है। इसलिए तिब्‍बत हो या ताइवान भारत का रुख इस पर बेहद साफ रहेगा। वे भी मानते हैं कि रूस और यूक्रेन तनाव का फायदा वास्‍तव में चीन को ही होगा। प्रोफेसर पंत के मुताबिक चीन और रूस की नजदीकी इस बात का सीधा संकेत दे रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3355b88fde563cd91633dcfba3efd2cc62d2cfe9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। Punjab Election 2022: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने पंजाब दौरे पर लुधियाना में मतांतरण का मुद्दा उठाकर सियासी माहौल में एक नई बहस छेड़ दी है। पंजाब में जारी मंतातरण के कारण डेमोग्राफी बदल रही है। इसके चलते समाज में विघटन का खतरा पैदा हाे गया है। औद्याेगिक शहर लुधियाना में बदलते समय के साथ मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ade7f8cb184afa88c0fcd2bea262e6a75ecda83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बंगाल की सत्ता पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तीसरी बार काबिज होने में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की रणनीति अहम रही है। परंतु उसी पीके की नीतियों पर तृणमूल कांग्रेस में ऐसा घोर द्वंद्व शुरू हो गया है कि ममता को अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी शीर्ष पदों को निरस्त कर पूरी कमान अपने हाथों में लेनी पड़ी है। यहां तक कि आठ माह पहले ही भतीजे अभिषेक बनर्जी को दिए गए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पद भी उन्होंने समाप्त कर दिया। आखिर तृणमूल के लिए पीके ने कैसी नीति तैयार की है, जिससे पार्टी में ऐसा उबाल आ गया है? जिस पार्टी ने महज नौ माह पहले इतनी बड़ी जीत दर्ज की, उसमें ऐसी उठापटक क्यों? यह ऐसा प्रश्न है, जिसका उत्तर हर कोई तलाशने की कोशिश में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be011bb7d4292010f990db7c79ef06f5d3926fe8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। बंदी हाथियों के लिए महावत उतने ही जरूरी है, जितने एक बीमार इंसान के लिए उसका चिकित्सक। एक महावत ही हाथी की चाल, उसके बैठने के अंदाज, उसके चिघांड़ने की आवाज से पता लगा सकता है कि हाथी क्या कहना चाहता है। महावत के बिना हाथियों का इलाज मुमकिन नहीं है। यह कहना था तमिलनाडू के वेटनररी सर्विसेज के पूर्व एडीशनल डायरेक्टर डा. एनएस मनोहरन का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62279.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b3fc983dec3742f6930a8cc59ff54ee63baaaa2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62279.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले नन्हे-मुन्ने अपने बड़े हौसले से राष्ट्रीय फलक पर नाम चमकाने को तैयार हो रहे हैं। इस राह पर चलने वाले करीब 250 छात्र-छात्राएं जिले से तैयार हो चुके हैं। अन्य जिलों में अलीगढ़ की तर्ज पर ही तैयारी कराई जा रही है। स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) सदस्य संजीव शर्मा की ओर से अनोखी पहल जिले से ही शुरू की गई है। इसके तहत 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के उपलक्ष्य में जिले के कक्षा एक से दो, तीन से पांच और छह से आठ के तीन वर्गों में विद्यार्थी राष्ट्रीयस्तर की कहानी बोलो प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। + +नयी शिक्षा नीति के तहत शुरू हुई पहल।अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर बड़े स्तर पर विद्यार्थियों खासतौर से कक्षा एक से दो वाले बच्चों में कुछ करके सीखने की प्रवृत्ति जागृत करने के उद्देश्य से ये पहल की गई है। नई शिक्षा नीति के तहत इस तरह का पहला कदम जिले की ओर से बढ़ाया गया है। अब अन्य जिले भी इसी तर्ज पर साथ जुड़ रहे हैं। विभिन्न ब्लाकों से करीब 250 और अन्य जिलों को मिलाकर लगभग 600 विद्यार्थियों ने आनलाइन माध्यम से कहानी सुनाई है। अब ये गूगल फार्म भरकर अपना पंजीकरण कराएंगे। 21 फरवरी को दोपहर 12 बजे आनलाइन माध्यम से विद्यार्थी अपने स्वजन से सुनी हुई या किताब में पढ़ी हुई कहानी सुनाएंगे। जो राष्ट्रीयस्तर पर यू-ट्यूब के माध्यम से प्रसारित की जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4533a38e6f956920ebaa7b5c936b67c819d7f23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6228.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राहुल ने कहा, 'ओशेवारा श्मशान घाट पर जब शहनाज गिल आई तो वो इतनी जोर से चीखी 'मम्मी जी, मेरा बच्चा, मम्मी जी, मेरा बच्चा'। शहनाज बार-बार सिद्धार्थ के शव के पैर रगड़ रही थीं, बिना ये सोचे कि वो अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह पूरी तरह सदमे में है। उसकी हालत और मानसिक स्थिति को देखकर मैं अंतिम संस्कार के समय कांप रहा था।'।आगे राहुल महाजन ने एबीपी न्यूज से कहा, 'शहनाज पूरी तरह से पीली हो गई थी जैसे कि कोई तूफान आया हो और सब कुछ धो डाला हो। मुझे याद है कि जब मैंने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके कंधों पर हाथ रखा था और जिस तरह से उन्होंने मुझे देखा था, मैं पूरी तरह से स्तब्ध रह गया था। उसकी हालत देखकर मैं डर गया। वह पूरी तरह से सुन्न थी'। + +राहुल ने सिद्धार्थ और शहनाज के रिश्ते के बारे में भी बात की और कहा कि उन्होंने बहुत मजबूत रिश्ता शेयर किया था, 'उनका रिश्ता बहुत गहरा था। पति पत्नी का भी इतना गहरा नहीं होता है जितना उनका था।'।राहुल ने कहा कि सिद्धार्थ की मां ने उन्हें बताया कि, 'वह रात लगभग 10:30-11 बजे बाहर खाना खाकर वापस आए। अमूमन वह घर पर ही खाना खाता है। फिर वो सोने चला गया। और 3:30 बजे उठा और कहने लगा कि मुझे बैचेनी हो रही है। उसने एक गिलास पानी मांगा। लेकिन सुबह के बाद नहीं उठा।'।अस्पताल के एक अधिकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह मुंबई के कूपर अस्पताल लाए जाने के दौरान सिद्धार्थ शुक्ला की मौत हो गई थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..331861e186a212d1a13a84dea2ffd229d7863090 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने गत 12 फरवरी को इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश की प्रति सभी विशेष आयुक्त, संयुक्त आयुक्त, एडिशनल पुलिस कमिश्नर व डीसीपी समेत विभाग में तैनात समस्त अधिकारियों को भेज दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस आगामी 16 फरवरी को अपना प्लेटिनम वर्षगांठ मना रही है। आदेश में कहा गया है कि उस दिन से सभी रैंक के अधिकारी व कर्मचारी अपनी अपनी वर्दी पर नया प्रतीक चिह्न अनिवार्य रूप से लगाएं। यह प्रतीक चिह्न विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा अथवा सभी अधिकारी खुद अपने-अपने कर्मचारियों के लिए इसका बंदोबस्त करेंगे इसको लेकर जानकारी नहीं दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e65a0717c91f25f120e5c11fdfc74d98ebc3f6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62285.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । गन्ना किसानों की कड़बड़ाहट दूर करने के प्रशासनिक प्रयास सफल नहीं हो पा रहे। जिस साथा मिल पर ये किसान निर्भर हैं, वो पिछले 26 माह से नियमित न चल सकी। जबकि, हर साल लाखों रुपये इसकी मरम्मत में खपाए जा रहे हैं। गन्ना लदीं दर्जनों ट्रालियां पिछले एक हफ्ते से मिल में खड़ी हैं। लेकिन, पेराई न हो रही। प्रशासन पेराई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कर पा रहा है। प्रशासनिक लापरवाही का ही नतीजा है कि जनपद में गन्ने का रकबा घटकर आधे से भी कम रह गया है। गन्ने की मिठास अब फीकी पड़ रही है। किसान गन्ने की खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। + +गन्ने के लिए मुफीद है भूमि।अलीगढ़ की भूमि गन्ना उत्पादन के लिए मुफीद मानी जाती है। धान, गेहूं के बाद किसान गन्ने की खेती को महत्व देते थे। साथा और लधौआ चीनी मिल में पेराई की सुविधा थी। 2015-16 में 66,17,483 कुंतल उत्पादन हुआ था। अच्छी पैदावार के चलते 2016-17 में रकबा बढ़कर 10941 हेक्टेयर हो गया। उत्पादन 74,15,153.34 कुंतल हुआ। 2017-18 में रकबा और बढ़ा। 11,920 हेक्टेयर में 89,40,000 कुंतल उत्पादन हुआ। धीरे-धीरे सुविधाएं दूर होती गईं और किसानों का गन्ने से मोहभंग होने लगा। लधौआ चीनी मिल बंद हो गई। साथा मिल रुक-रुककर चली, जो अब बंद है। समय पर भुगतान न होना भी किसानों के रूठने की बड़ी वजह बनी। + +लगतार घटा रकबा।16,000 हेक्टेयर था 2013 में गन्ने का रकबा।10,735 हेक्टेयर रह गया 2015-16 में घटकर।8,898 हेक्टेयर पर पहुंच गया 2018-19 में रकबा।5,934 हेक्टेयर रह गया 2019-20 में रकबा।4600 हेक्टेयर है अब गन्ने का रकबा।साथा चीनी मिल।18 किमी दूर है जिला मुख्यालय से साथा चीनी मिल।1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी नींव।2018 में 60 हजार कुंतल चीनी बैंक में गिरवी रखकर लिया था 14.16 करोड़ का कर्ज।12.6 करोड़ रुपये किसानों का किया था भुगतान, बाकी अन्य मदों में हुआ खर्च।1250 टन प्रतिदिन पेराई की है मिल की क्षमता।26 माह से नियमित नहीं चल सकी मिल।बैठने लगी मिल।29 नवंबर, 2019 को शुरु हुए पेराई सत्र से बैठने लगी थी मिल।12 लाख कुंतल गन्ने की पेराई का तय था लक्ष्य।4.50 लाख कुंतल गन्ने की पेराई कर बंद पड़ गई मिल।30 हजार कुंतल चीनी का 2019 में हुआ उत्पादन।300 करोड़ रुपये चाहिए मिल की अपग्रेडेशन के लिए।85 लाख रुपये पिछले साल मरम्मत पर हुए खर्च।वर्षवार उत्पादन (कुंतल में)।2015-16, 66,17,483।2016-17, 74,15,153।2017-18, 89,40,000।2018-19, 71,16,789।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a540feead86a86efe3be8c3a2716721c44215fd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत है। इसमें भी 70 प्रतिशत पिछड़े मुस्लिम हैं। संख्या बल की इस ताकत के बावजूद पिछड़े मुस्लिम क्यों पिछड़ते चले गए, इसे पूर्व मंत्री अम्मार रिजवी समझाते हैं, जो कि राजनीति में पांच दशक बिता चुके हैं। वह मानते हैं कि पिछड़े मुस्लिम शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से पिछड़ गए। इसके लिए मुस्लिम की राजनीति करने वाले दलों के साथ खुद यह समाज जिम्मेदार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d50a9f7ebc2e29cf82ee754b75468bde3a53a8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62287.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वो दिन, जब हर भारतीय की आंखें भर आईं थी । 14 फरवरी के दिन हर भारतीय की आंखें भर आईं थीं। देश ने अपने 44 जवानों को खोया था। इस दिन जम्मू से चले सीआरपीएफ के काफिले में 60 वाहन थे, जिनमें 2547 जवान थे। दोपहर करीब सवा तीन बजे जैसे ही काफिला जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोरा) के पास पहुंचा, तभी अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी और आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की बस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही धमाका हो गया। इससे बस के परखच्चे उड़ गए। इसमें उत्‍तराखंड के दो जवान भी शहीद हुए। + +उत्तरकाशी के मोहनलाल भी हुए थे शहीद ।वहीं, दूसरा शहीद जवान मोहन लाल रतूड़ी उत्‍तरकाशी के चिन्यालीसौड के बनकोट का रहने वाला है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे की सुरक्षा गश्त में तैनात मोहनलाल आतंकियों के निशाने पर आए। मोहनलाल की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। सीआरपीएफ के अफसरों ने शहीद मोहनलाल के घर पहुंचकर परिजनों का ढांढस बंधाया। मोहन लाल रतूड़ी रामपुर ग्रुप सेंटर की 110 बटालियन में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर रोड गश्त ड्यूटी में तैनात थे। मोहनलाल की शहादत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मोहनलाल की पत्नी सरिता देवी, बेटा शंकर, श्रीराम, बेटी अनुसूइया, वैष्णवी और गंगा के आंखों के आंसू नहीं थमे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4709c14a3d29d8ccb95091b1a5e3e614038917e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62288.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टिहरी जनपद के चंबा के ग्राम पंचायत जड़धार गांव के मतदान केंद्र पर 97 वर्षीय बुजुर्ग जबर सिंह ने अपना वोट डाला। बुजुर्ग पैदल चलने में असमर्थ थे और मतदान करना चाहते थे। जिस पर गांव वालों ने उन्हें कुर्सी पर बैठाकर करीब पांच सौ मीटर दूर पोलिंग बूथ तक पहुंचाया। इस गांव के एक अन्य बुजुर्ग 92 वर्षीय सुंदर सिंह ने उन्हें भी परिजन सहारा देकर बूथ तक लाए। इन बुजुर्गों ने लोकतंत्र के इस पर्व पर अपने मत का प्रयोग कर मतदान जागरूकता का संदेश दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cc85dc101f1a97b99b10e4f0b038fb56b1cafa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62289.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी (एफएटीएफ) की बैठक शुरू होने में भले ही अभी एक सप्‍ताह का समय बाकी है, लेकिन पूरी दुनिया की नजर इस पर टिकी है। खासकर इस बैठक को लेकर पाकिस्‍तान की धड़कनें बढ़ गई है। आर्थिक रूप से तंग पाकिस्‍तान के लिए एफटीएफ की यह बैठक काफी खास है। इस बैठक में यह तय होगा कि पाकिस्‍तान ग्रे लिस्‍ट से बाहर निकल पाएगा या नहीं। उसे यह भी चिंता सता रही होगी कि कहीं एफएटीएफ उसे ब्‍लैक लिस्‍ट न कर दें। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्‍तान की छ‍िछालेदर होना तय है। भारत और चीन की नजर भी इस बैठक में टिकी है। यहां सवाल यह है कि चीन आखिर हर बार मसूद अजहर पर अपनी कृपा क्‍यों बरसाता है। चीन अजहर को चरमपंथी घोषित करने की मांग का विरोध क्‍यों करता रहा है। इस बार एफएटीएफ की बैठक में चीन की क्‍या भूमिका हो सकती है। उसके अन्‍य समर्थकों का क्‍या रवैया होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23f69c003b12a0091f60a20e837387877a58c73c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिद्धार्थ शुक्ला की मां को अकेला कहने वाले सितारों पर बिग बॉस 11 के पूर्व कंटेस्टेंट विकास गुप्ता ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। सिद्धार्थ शुक्ला के परिवार में उनकी मां और दो बहनें हैं। वहीं मीडिया पर ऐसी खबरें भी रही हैं वह शहनाज गिल को डेट कर रहे थे। अब सिद्धार्थ शुक्ला की मां को अकेले बताने वालों पर विकास गुप्ता ने गुस्सा जाहिर किया है और कहा है कि वह बिल्कुल भी अकेली नहीं हैं। उनके साथ सिद्धार्थ की दो बहनें और शहनाज गिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6341bfcabd902bcacc38c267b963bd2cfe797849 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62290.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +​​​​​आनलाइन डेस्क, जालंधर। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं। उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू सियासत में उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रही हैं। बहुत कम लाेग जानते होंगे कि नवजोत सिद्धू और डा. नवजोत कौर ने लव मैरिज की है। उनकी लव स्टोरी भी खासी दिलचस्प है। इस वैलेंटाइन डे (Valentine Day 2022) पर हम आपको बताएंगे कि दोनों पटियाला में कैसे मिले और एक-दूसरे को दिल दे बैठे। + +जब डा. नवजोत को पता चला कुछ गड़बड़ है।नवजोत सिद्धू तब पिता सरदार भगवंत सिद्धू के साथ पटियाला में रहते थे। वह क्रिकेट खेलते थे। उन्हीं दिनों मेडिकल कालेज से एमबीबीएस कर रही नवजौत कौर से सिद्धू को पहली ही नजर में प्यार हो गया था। हालांकि वह अपने दिल की बात उन्हें बता नहीं पाए। सिद्धू गर्मियों में उनके इंतजार में घंटों उनके घर के बाहर खड़े रहते थे। एक दिन डा. नवजोत कौर की नजर उन पर पड़ी। एक टीवी प्रोग्राम में डा. नवजोत कौर सिद्धू ने खुद इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि जब भी वह कालेज से लौटकर घर आती थी तो घर के पास एक कोने में एक शख्स हमेशा खड़ा रहता था। एक बंदा रोज-रोज दोपहर में खड़ा रहता था, यानी कुछ गड़बड़ है। + +यह है चिकन शाप का किस्सा।डा. नवजोत कौर सिद्धू जिस रास्ते से गुजरकर घर लौटती थी, वहां एक चिकन शाप थी। सिद्धू नवजोत कौर से मिलने के लिए अपने दोस्तों के साथ वहां घंटों बैठे रहते थे। इस दौरान दोस्तों की पार्टी हो जाती थी। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सिद्धू डा. नवजोत कौर से दोस्ती करने में कामयाब रहे। लेकिन कहानी में अभी एक ट्विस्ट बाकी था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44043d58c732d478df586cd784ab2012a7cbf85f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62291.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आईपीएस रमन सिंह के सुझाव के बाद केके मोहम्मद ने आत्मसर्पण करने के बाद भोपाल में नौकरी कर रहे पूर्व डकैत लक्ष्छू सिंह से और फिर आत्मसमर्पित दस्यु जसवंत गुर्जर से मुलाकात की। इन पूर्व डकैतों ने कुख्यात डकैत रामबाबू-दयाराम गड़रिया व निर्भय गुर्जर से बात की और बटेश्वरा का महत्व व खंडहर पड़े मंदिरों को बनाने की बात बताई। इस पर डकैतों ने कहा कि मंदिरों का काम करें पर किसी ने पुलिस से हमारी मुखबिरी की तो यहां से कोई जिंदा नहीं जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d4327272473df880d33e950b6424f3be89ec905 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1904 में वे कलकत्ता (अब कोलकाता) आ गए और 1905 के बंग-भंग से आक्रोशित नवयुवकों को संगठित करने लगे। उन्होंने अनुशीलन समिति की स्थापना कर 'युगांतर' नामक पत्र का प्रकाशन शुरू किया और क्रांति की शुरुआत कर दी। अनुशीलन समिति की गुप्त गतिविधियां ढाका और कलकत्ता से संचालित हो रही थीं। कलकत्ता में युगांतर ने क्रांति की मशाल जला दी, इसलिए अंग्रेज सरकार ने इसके संपादक भूपेंद्रनाथ दत्त को देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया। 'संध्या' और 'वंदेमातरम' पत्रों के संपादकों को भी जेल में डाल दिया गया। कलकत्ता का चीफ रेजीडेंसी मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड इन कारनामों और वंदेमातरम बोलने वालों को कोड़े मारने की सजा देने के लिए कुख्यात था। + +1907 में किंग्सफोर्ड को ठिकाने लगाने की योजना बनी। 14-15 किशोर और नवयुवक इसके लिए तैयार थे। वारींद्र ने अस्त्र-शस्त्र जुटाना आरंभ कर दिया। मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड को कलकत्ता से मुजफ्फरपुर (बिहार) भेज दिया गया। उसे वहां जाकर मारने का जिम्मा खुदीराम बोस व प्रफुल्ल चाकी ने लिया, लेकिन इस प्रयत्न में भी किंग्सफोर्ड बच गया और पकड़े जाने पर दोनों नवयुवकों को शहादत देनी पड़ी थी। इसके बाद अंग्रेजी सरकार ने धरपकड़ शुरू कर दी। क्रांतिकारियों पर अत्याचार बढ़ गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af8196757111af5fcffc5cceb20bae48dc52d0c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62298.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजधानी में अब हर बड़े निर्माण स्थल पर पीएम 2.5 और पीएम 10 के सेंसर लगाने अनिवार्य होंगे। इनको दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के वेब पोर्टल डस्ट पोल्यूशन कंट्रोल सेल्फ असेसमेंट पर लाइव डैश बोर्ड और क्लाउड स्टोरेज प्लेटफार्म से लिंक भी करना होगा। ऐसा इसलिए ताकि वायु प्रदूषण पर हर समय निगाह रखी जा सके। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से 11 जून 2021 को जारी दिशा निर्देशों के अनुसरण में निर्माण एजेंसियों और उनके कार्य स्थलों पर प्रदूषण के स्व आकलन के लिए डीपीसीसी ने एक आनलाइन मैकेनिज्म तैयार किया है। ।इसके तहत सिविल ढांचों के लिए 500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों पर सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण परियोजनाओं का भी वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इन परियोजनाओं के प्रस्तावकों को धूल नियंत्रण से जुड़े वेब पोर्टल पर दिए गए सभी दिशा निर्देशों के अनुपालन की दिशा में अपना घोषणा प्रपत्र अपलोड करना होगा। साथ ही निर्माण स्थल पर रिमोट कनेक्टिविटी के साथ वीडियो फेसिंग का प्रविधान भी करना होगा। ।इसके अतिरिक्त सीएक्यूएम से 20 दिसंबर 2021 को जारी दिशा- निर्देशों के अनुपालन में 500 वर्ग मीटर अथवा इससे बड़ी किसी भी परियोजना के प्रस्तावक, बिल्डर, एजेंसी, ठेकेदार या प्राधिकरण को आनलाइन रिमोट मानीटरिंग के लिए अपनी परियोजना का भी उक्त वेब पोर्टल पर तत्काल पंजीकृत करना होगा। डीपीसीसी के सदस्य सचिव डा. केएस जयचंद्रन ने इस आशय की सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है। इस संबंध में अनुपालन नहीं करने वालों के खिलाफ सीएक्यूएम के निर्देशानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। ।औद्योगिक इकाइयों का पंजीकरण 31 मार्च तक ।राजधानी में औद्योगिक इकाइयां भी अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की मंजूरी के बिना नहीं चल सकेंगी। भले ही वो प्रदूषण न भी फैलाती हों, लेकिन फिर भी डीपीसीसी से सहमति लेना अनिवार्य है। इसमें पुरानी औद्योगिक इकाइयां भी शामिल हैं। इस आशय का आवेदन 31 मार्च 2022 तक आनलाइन सहमति प्रबंधन व निगरानी प्रणाली के तहत साइड पर अपलोड करना है। जो भी उद्योग डीपीसीसी की सहमति के बगैर चलता मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93f6a27603cd6d083c78f3c0131f41d3b3b94c43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62299.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +आगरा, रसिक शर्मा। 'प्रेम' को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। कल्पना को शब्द देने वाले कवि और कलमकार इसका रंग सुर्ख मानते हैं। यह वो एहसास है जिसने इंसान के साथ पशु पक्षी तपस्वी, यहां तक कि भगवान को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। गोवर्धन के जतीपुरा में श्रीनाथजी मंदिर की 'प्रेमगुफा' दीवानगी का अनूठा उदाहरण है। अजब कुमारी के गजब प्रेम को जीवंत देखना है तो गोवर्धन तलहटी के जतीपुरा में आइए। + +पर्वतराज गोवर्धन की शिलाओं के ऊपर श्रीनाथजी का मंदिर बना है। मंदिर में श्रीनाथजी का दिव्य स्वरूप सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई अलग से रास्ता नहीं बना है। गिरिराज शिलाओं के ऊपर से ही निकलना पड़ता है। यहां बने शयन कक्ष में प्रेम गुफा का द्वार है। श्रीनाथजी मंदिर से बनी 700 किमी लंबी प्रेम गुफा दो प्रेमियों के प्रेम की गाथा सुनाती प्रतीत होती है। भक्त और भगवान के मिलन के ये पल धार्मिक इतिहास के पन्नों पर अंकित हैं। मेवाड़ की अजब कुमारी के प्रेम का समर्पण और विश्वास ने कान्हा को प्रेम गुफा बनाने पर मजबूर कर दिया। उसकी चाहत ने कन्हैया को जतीपुरा से 700 किमी दूर जाने को विवश कर दिया। + +'प्रेम पल' को परिभाषित करती 'अमिट स्याही'।होठों पर तैरती मुस्कान और तिरछे नयन देख मेवाड़ की दीवानी कान्हा से मुहब्बत कर बैठी। दरअसल एक बार मेवाड़ की अजब कुमारी के पिता बीमार हो गए। वह उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मन्नत लेकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने गोवर्धन आई। प्रभु सूरत देखते ही वह सुधबुध खो बैठी और मीरा की तरह उन्होंने कान्हा को मानसिक रूप से अपना पति मान लिया। वह तलहटी में रहकर उनकी सेवा में जुट गई। प्यार का समर्पण देख प्रभु भक्ति से प्रसन्न हुए, उन्हें दर्शन दिए तो उन्होंने प्रभु से नाथद्वारा चलकर अपने बीमार पिता को दर्शन देने का आग्रह किया। + +अमिट स्याही ने सहेजे 'प्रेम पल'।होठों पर तैरती मुस्कान और तिरछे नयन देख मेवाड़ की दीवानी कान्हा से मुहब्बत कर बैठी। दरअसल एक बार मेवाड़ की अजब कुमारी के पिता बीमार हो गए। वह उनके शीघ्र स्वस्थ होने की मन्नत लेकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने गोवर्धन आई। प्रभु सूरत देखते ही वह सुधबुध खो बैठी और मीरा की तरह उन्होंने कान्हा को मानसिक रूप से अपना पति मान लिया। वह तलहटी में रहकर उनकी सेवा में जुट गई। प्यार का समर्पण देख प्रभु भक्ति से प्रसन्न हुए, उन्हें दर्शन दिए तो उन्होंने प्रभु से नाथद्वारा चलकर अपने बीमार पिता को दर्शन देने का आग्रह किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f688fda1f1eb85b55bfba0ea6045629e3d4a7002 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब घबराया ब्रिटिश बाजार ।लंदन इवनिंग न्यूज की 1 सितंबर, 1905 की रिपोर्ट में कहा गया था कि मारवाड़ी चेंबर आफ कामर्स ने मैनचेस्टर चेंबर आफ कामर्स को तार दिया है। जिसमें लिखा है कि- ‘मैनचेस्टर के माल की बिक्री लगभग बंद हो गई है। यदि सेक्रेटरी आफ स्टेट विभाजन को वापिस नहीं लेते और बायकाट बंद नहीं होता है, तो वे बिल्कुल बर्बाद हो जाएंगे और भविष्य में कोई सौदे-समझौते नहीं कर पाएंगे। मामला बड़ा गंभीर है और तीन चार दिन के भीतर विभाजन की निषेधाज्ञा जारी नहीं की जाती है, तो ‘पूजा’ के निमित्त बनाया हुआ सारा माल बिके बिना रह जाएगा, ‘लकी सेल’ का आयोजन असंभव हो जाएगा, कृपया हमारी सहायता करें।’ यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि स्वदेशी समर्थन के साथ बाहरी उत्पादों के बहिष्कार के इस आंदोलन ने ब्रिटिश साम्राज्य को पहली बार परेशान किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62301.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62301.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ca12cf2833f90491e43a6ecadd1029444c3474b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62301.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाराजा रणजीत सिंह के पुत्र और सिखों के अंतिम महाराजा दलीप सिंह का किस्सा पत्रिका के 11 नवंबर, 1882 के अंक में छपा था। वे तब 45 साल के थे और पूर्वी इंग्लैंड के थैटफर्ड नाम के ऐतिहासिक गांव के पास एक महल में रहते थे। सतलुज पार न करने की संधि तोड़ देने के कारण अंग्रेजों ने सिखों का राज-पाट छीन लिया था और उनकी मां ने भागकर नेपाल में शरण ले ली थी। वे उस समय केवल आठ साल के थे, इसलिए उन्हें एक अंग्रेज पादरी की देखरेख में रखा गया, जिसने उन्हें पढ़ाया और सिख से ईसाई बना दिया। लगभग 16 साल की उम्र में वे आगे की पढ़ाई करने इंग्लैंड आ गए और यहीं बस गए। इसलिए व्यंग्यचित्र में उन्हें केश और पगड़ी वाले सिख महाराजा की जगह गोलमटोल से अधेड़ यूरोपीय शख्स जैसा दिखाया गया है, जैसे कि वे वास्तव में दिखते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..483c65f1993c9e71f6918aab6a2d9cb8c150c8a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62304.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक अहम पड़ाव पार कर लिया है। तीन दिन पहले कार्यकारी परिषद ने स्नातक पाठ्यक्रम के मसौदे को पारित कर दिया। शिक्षकों का एक तबका वर्कलोड कम होने और छात्रों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ने की बात कहकर डीयू पर हमलावर है। इस बीच डीयू खोलने का आदेश जारी किया गया, जिस पर विद्यार्थियों की राय बंटी हुई है। कालेज आफ आर्ट के छात्र भी प्रदर्शन कर रहे हैं। डीयू से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने दैनिक जागरण संवाददाता संजीव कुमार मिश्र से बातचीत की। प्रस्तुत हैं इसके प्रमुख अंश :।छात्र कह रहे हैं कि परिसर में बुलाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया?।- सभी छात्रों को एक साथ बुलाकर सभी को एक समान अवसर दिया गया है। जो भी निर्णय लिए गए हैं, वो छात्रों के हित में हैं। प्रथम वर्ष के छात्रों को थोड़ी दिक्कत होगी, क्योंकि वो शहर से अंजान है। द्वितीय वर्ष के छात्र भी अब तक डीयू नहीं आए थे। डीयू पूरी तरह से छात्रों का सहयोग करेगा। + +दिल्ली के बाहर के छात्र आनलाइन कक्षाएं चलाने की मांग कर रहे हैं?।- प्रशासनिक निर्णय यह है कि डीयू 17 से खुलेगा और कक्षाएं परिसर में चलेंगी। हम यह भी जानते हैं कि जमीनी स्तर पर कई चुनौतियां आएंगी। चर्चा में कई कालेज प्राचार्यों ने कुछ विषयों की आनलाइन कक्षाएं चलाने की बात कही है। प्राचार्य किसी विषय की आनलाइन कक्षाएं चलाना चाहते हैं तो चला सकते हैं। + +कालेज आफ आर्ट के द्वितीय, तृतीय वर्ष के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि कालेज का अंबेडकर विवि में विलय नहीं किया जाए?।- मैं, सीनियर छात्रों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि उन्हें डिग्री डीयू की ही मिलेगी। कालेज अभी डीयू से संबद्ध है। कार्यकारी परिषद ने कालेज आफ आर्ट की संबद्धता समाप्त करने के प्रस्ताव को पास नहीं किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02abb52efd9e3134a93424953cb09ff02763ef74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां एक बात और याद रखनी चाहिए कि हिजाब, महिलाओं को न शिक्षा प्राप्त करने से रोकता है और न दूसरे कामों से। यदि इस्लामी इतिहास उठाकर देखा जाए तो आठ हजार से अधिक उच्चकोटि की विद्वान महिलाएं ऐसी रही हैं जिनसे पुरुषों तक ने शिक्षा-दीक्षा ली है। यदि वे हिजाब की बजाए पर्दे में होतीं तो यह संभव न होता। पवित्र कुरान पर्दे और हिजाब का हुक्म महिलाओं कि गरिमा और विनय को ध्यान में रखते हुए देता है, उनका दम घोंटने के लिए नहीं। पैगंबर मुहम्मद महिलाओं का आदर करने और उनसे नरमी से पेश आने का आदेश देते थे। वे अपनी बेटी के लिए उठ कर खड़े हो जाते थे और उनके बैठने के लिए अपनी चादर बिछा देते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b430ca11d1ae41d54f556d62389afe3f1995a00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62306.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। वैलेंटाइन वीक में ताजमहल पर्यटकों से गुलजार रहा। सात फरवरी से शुरू हुए वैलेंटाइन वीक में मतदान के दिन (10 फरवरी) को छोड़कर अन्य दिनों में अच्छी संख्या में पर्यटक आए। रविवार को तो 21 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे। प्रेमी युगलों के साथ ही दंपती भी मुमताज की याद में शाहजहां द्वारा तामीर कराई गई प्रेम की अनमोल निशानी में भावनाओं का इजहार करने से स्वयं को रोक नहीं सके। + +जनवरी में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने से ताजमहल पर पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखने को मिली थी। फरवरी में संक्रमण कम होने के साथ ही पर्यटकों की संख्या एक बार फिर बढ़ रही है। सात फरवरी से शुरू हुए वैलेंटाइन वीक में युगलों व दंपतियों में ताजमहल देखने का क्रेज दिखा। रविवार को 21246 पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे, जिनमें 20982 भारतीय और 264 विदेशी थे। शनिवार को 20769 पर्यटकों ने स्मारक देखा था। इस वीकेंड में पिछले वीकेंड की अपेक्षा ताजमहल देखने अधिक पर्यटक आए। रविवार को शनिवार की अपेक्षा मरियम टाम्ब को छोड़कर सभी स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या अधिक रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dff264af4197700541973bc04caa60b6af926d9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62307.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैगंबर साहब पर कुरान की जो पहली आयत आई, वह थी ‘पढ़ो!’ (इकरा) जिस पर सभी विद्वान एकमत हैं कि पैगंबर साहब को ख़ुदा से मिली पहली आयत शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालती है। इस आयत के महत्व को उन्होंने अपने जीवन में कई बार प्रदर्शित किया। एक किस्सा है कि वर्ष 624 में अरब के मदीना शहर के पास स्थित बदर में हुए युद्ध में मुहम्मद साहब के साथियों ने करीब 70 लोगों को मदीना में कैद कर लिया। वहां मुहम्मद साहब ने उनकी रिहाई के लिए केवल एक शर्त निर्धारित की कि जो व्यक्ति मदीना के 10 बच्चों को पढ़ाएगा, रिहा कर दिया जाएगा। मुहम्मद साहब की इन सीखों को देखते हुए एक शिक्षण संस्थान में आने-जाने के लिए किसी विशेष पहनावे को लेकर विवाद निराशाजनक है। यह सही नहीं है। सबको मिलकर प्रयास यह करना चाहिए कि इसका सर्व स्वीकार्य हल निकले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a965ac2541c8f2d06b4dfaf559cee84e0cd66be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62308.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हमीरपुर में बेतवा किनारे लगी सब्जी की फसल को बेसहारा जानवरों से बचाने के लिए किसानों द्वारा लगाए गए कंटीले तार। अनुराग मिश्र।बुंदेलखंड में नहीं दिखती गहमागहमी : बुंदेलखंड में भी चुनावी गतिविधियां चल रही हैं, लेकिन कोई गहमागहमी नहीं दिखती। इक्का-दुक्का वाहन ही चुनाव प्रचार करते दिखते हैं। अलबत्ता बड़े नेताओं की सभाओं का दौर-दौरा जारी है। चित्रकूट इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार संत-महात्माओं का एक दल रामधुन गा रहा है, लेकिन अन्य यात्रियों के बीच चर्चा सिर्फ चुनाव की ही चल रही है। मत एक ही है कि अपराध-अपराधियों के आतंक से योगी जी ने ही मुक्ति दिलाई, पहले की सरकारें अपराधियों के सफाए की बात तो करती थीं, लेकिन उनके वायदे जमीन पर नहीं दिखते थे। बुंदेलखंड के किसान बेसहारा मवेशियों से बुरी तरह त्रस्त हैं। जहां एक ओर किसान तिलहनी व दलहनी फसलों को बचाने के लिए कंटीले तारों को खेत किनारे लगाने के लिए मजबूर हैं। + +बेतवा नदी की तलहटी में सब्जी की फसल बोने वाले किसानों को भी बेसहारा मवेशी व छुट्टा जानवरों से फसल बचाने के लिए कंटीले तारों का सहारा लेने के लिए विवश होना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि वह इन तारों का प्रयोग न करें तो सारी फसल बर्बाद हो जाएगी। हजारों किसान परिवार सब्जी की बारी लगाकर बेतवा तीरे खेती करते हैं। उनका कहना है कि सरकार ने बेसहारा जानवरों की खातिर व्यवस्था की, धनराशि का भी प्रबंध किया, लेकिन जानवरों के बजाए इस धनराशि का बड़ा अंश बंदरबांट कर लिया जाता है, नतीजे में छुट्टा जानवर आतंक मचाए रहते हैं। अकेले हमीरपुर जिले में कुल 330 गोआश्रय स्थल बनाए गए हैं, जिन्हें 900 रुपये प्रतिमाह प्रति मवेशी के हिसाब से धनराशि प्राप्त होती है। किसानों का कहना है कि यदि इस धनराशि का समुचित प्रयोग हो तो छुट्टा जानवरों से काफी हद तक बचा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82f48d7df83fa4029665fce69b66c03f780ae956 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्तमान में दोनों देशों ने सामरिक साझेदारी को रक्षा के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी बढ़ाया है। दोनों देश कृषि से लेकर विज्ञान और तकनीकी, इनोवेशन, साइबर सिक्योरिटी, ऊर्जा सहयोग, स्पेस तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार आज लगभग 4.6 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच चुका है। दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत की दिशा में अग्रसर हैं। इजरायल का भारत के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सौर संधि के साथ जुड़ना इस बात का परिचायक है कि दोनों देश ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में संबंधों के विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f856b99835145ba985e0e358ed552156de32338 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़ जंक्‍शन मुख्‍य रूट।दिल्ली-हावड़ा रूट पर अलीगढ़ जंक्शन मुख्य स्टेशन के तौर पर आता है। यहां से हर दिन तकरीबन 25 हजार यात्री अपना सफर तय करते हैं। इन यात्रियों को ट्रेनों की लेट लतीफी वर्षों से झेलनी पड़ रही है। इस समस्या को कई बार स्थानीय अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड में रखा था। इस बार रेलवे ने नई व्यवस्था कर दी है। स्टेशन अधीक्षक के अनुसार अभी तक एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की स्पीड 110 किमी प्रतिघंटा और आइसीएफ कोच वाली ट्रेनों को 100 किमी प्रतिघंटा पर चलाया जा रहा है। अब नई व्यवस्था के तहत ट्रेनों का संचालन होगा। इस रूट पर करीब 60 ट्रेन एलएचबी कोच वाली हैं। उन्होंने बताया कि वैशाली, महानंदा, गोमती, प्रयागराज, उधमपुर, श्रम शक्ति, संपूर्ण क्रांति, कानपुर शताब्दी आदि ट्रेनों को अब 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जाएगा। नई समय सारिणी में ट्रेनों के समय में भी बदलाव होगा। यात्रियों को अब कम समय में सफर का लुत्फ मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dfabfb472534e54d25895b9f5d3e625e4e361df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतिहास के पन्ने पलटें तो पता चलता है कि जुलाई 1497 में यूरोपीय उपनिवेशवाद की पहली चौकी केरल में स्थापित हुई। यह वह दौर था, जब भारत की समृद्धि की ख्याति देश-देशांतर तक फैली हुई थी। भारत यूरोपीय देशों के व्यापारियों को ललचा रहा था। पुर्तगालियों के लिए भारत का आकर्षण और भी गहरा था। पुर्तगाली 1510 में गोवा समेत दादर, नगर हवेली और दमन दीव पर भी अपना शासन स्थापित करने में कामयाब हो गए। पुर्तगाली दमन और शोषण के विरुद्ध छिटपुट आवाजें उठती रहीं, लेकिन शासक वर्ग उसे बेरहमी से दबाता रहा। यह एक तथ्य है कि पुर्तगाल साम्राज्य के शोषण से कोंकण क्षेत्र को मुक्त कराने का प्रभावी प्रयास छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व में भी हुआ, लेकिन उन्हें वांछित सफलता नहीं मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37be5f8ae2b431d97dcb015a2390f73ce768237f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62312.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हृदयनारायण दीक्षित। हम चुनाव के माध्यम से अपने जनप्रतिनिधि और मन की सरकार चुनते हैं। राजनीतिक दल ही चुनावी खेल के मुख्य खिलाड़ी होते हैं, लेकिन कई दलों के रूप-स्वरूप लोकतांत्रिक नहीं दिखते। संविधान में राजनीतिक दल की परिभाषा नहीं है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में चुनाव आयोग को दल पंजीकरण के अधिकार हैं, लेकिन दल संचालन की व्यवस्थित नियमावली नहीं है। राजनीतिक सुधारों की दिशा में कोई ठोस काम नहीं हुआ और न चुनाव सुधारों पर। + +परिवारवादी राजनीति की प्राथमिकता परिवार हित है। यहां राष्ट्रहित उपेक्षित होते हैं। चुनाव मुद्दा आधारित न रहकर दोषपूर्ण हो जाते हैं। इसके दोषी परिवारवादी दल ही होते हैं। संविधान सभा में 15 जून, 1949 के दिन पंडित हृदयनाथ कुंजरू ने कहा था कि दोषपूर्ण चुनाव से लोकतंत्र विषाक्त होगा।’ आमजन चुनाव में परिवार आधारित दलों की बढ़ती संख्या से निराश हैं। देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है। सभी स्तरों के सैकड़ों चुनाव हो गए हैं, लेकिन भारतीय जनतंत्र विचारनिष्ठ नहीं हुआ। दलों में आंतरिक लोकतंत्र नहीं बढ़ा। इससे लोकतंत्र की क्षति होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f40c46932de69c763ef73284d739806fc98b2f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62313.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोराना महामारी के कारण दो वर्ष पहले भले ही नहीं हो पाया, लेकिन दिल्ली को ''वाकेबल सिटी'' सिटी बनाने के प्रयास अब फिर से शुरू हो गए हैं। 15 जगहों पर पैदल यात्रियों को निर्बाध आवागमन की सुविधा देने के लिए एक वाक प्लान बनाया जा रहा है। इनमें से छह जगहों के वाक प्लान को यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेंटर (यूटीपैक) की दिसंबर में हुई एक बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल की स्वीकृति भी मिल गई है। अब इन सभी का ड्राइंग तैयार किया जा रहा है ताकि संबंधित एजेंसी इस दिशा में अपना कार्य प्रारंभ कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8312b0bc49b7931667eaee765bda2b2da8e6ca4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। क्रिकेट की दुनिया में आगरा के सितारे बुलंद हैं। इस बार आइपीएल में आगरा के तीन क्रिकेटर्स को चुना गया है। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल), 2022 के मेगा आक्शन में शनिवार को ताजनगरी के दीपक और राहुल चाहर बंधुओं पर जहां धनवर्षा हुई थी, वहीं रविवार शहर के प्रतिभाशाली खिलाड़ी ध्रुव जुरैल के लिए बड़ा अवसर लेकर आया। राजस्थान रायल्स ने विकेटकीपर बैट्समैन ध्रुव को 20 लाख रुपये में अपनी टीम के साथ जोड़ लिया। पिछले वर्ष हुए आइपीएल के मिनी आक्शन में ध्रुव को शार्ट लिस्ट किया गया था, लेकिन उन्हें किसी टीम ने खरीदा नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62316.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48f819475e834767b1a4ee1cd72f1e5a2ba1e467 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। पिछले कई सालों से चल रही असमंजस की स्थिति के बाद अब जंतर मंतर के सभी यंत्रों का रंग लाल किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अब इस बारे में फैसला ले लिया है।एएसआइ ने जंतर मंतर के प्रमुख यंत्र मिश्र यंत्र का संरक्षण कार्य पूरा करने के बाद इस लाल रंग करके इसकी शुरुआत कर दी है। एएसआइ के एक अधिकारी ने बताया कि मिश्र का संरक्षण का कार्य वर्ष 2019-20 में पूरा कर लिया गया था। लेकिन यंत्र के वास्तविक रंग देने को लेकर असमंजस की स्थिति थी। जिसको लेकर इतिहास से जुड़े दस्तावेज देखे गए। जिसके बाद फिर लाल रंग करने का निर्णय लिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaf7fb834ee0f2e17ea9e9c3f752ac559f4ce8ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62317.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राहुल गांधी के लिए विशेष रूप से मायने रखते हैं पांच राज्यों के चुनाव नतीजे।पांच राज्यों का यह चुनाव इस लिहाज से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में चल रही उठापटक को देखते हुए राहुल के लिए विशेष रुप से मायने रखते हैं। पंजाब की सत्ता बचाते हुए कांग्रेस उत्तराखंड और गोवा में जीत हासिल करती है तो जाहिर तौर पर पार्टी में राहुल को लेकर परोक्ष सवाल उठाने वाले वरिष्ठ नेताओं के लिए विरोध के सुर को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। साथ ही राहुल के दुबारा नेतृत्व की कमान संभालने को लेकर उठाए जाने वाले सारे किंतु परंतु के सवाल बंद हो जाएंगे। लेकिन पंजाब, उत्तराखंड और गोवा के चुनावी नतीजे पार्टी के मुफीद न रहे तो हालात इसके प्रतिकूल होंगे ओर तब कांग्रेस नेतृत्व के लिए भी चौतरफा चुनौतियों का समाधान आसान नहीं रहेगा। + +शायद यह अहसास ही है कि राहुल गांधी ने गोवा के तीन चुनावी दौरे किए और रैलियों के अलावा घर-घर संपर्क, वर्चुअल रैली आदि के जरिए अपनी ताकत झोंकी। प्रियंका ने भी गोवा का चुनावी दौरा किया और शनिवार को उत्तराखंड में प्रचार के आखिर दिन श्रीनगर, हल्दवानी और खटीमा में तीन रैलियां कर कांग्रेस की उम्मीदों में उर्जा भरने की पूरी कोशिश की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2e391798a382c6a4ffd417c171805d91172eab6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62318.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +किशोर वार्ष्‍णेय, सादाबाद/हाथरस। Hathras Elections 2022 : विधानसभा चुनाव के समर में गली-चौराहों पर बस चुनाव की चर्चा हो रही है। इस चर्चा में पक्ष और विपक्ष दोनों होते हैं। कई जगह इस तरह का माहौल दिखा। कहीं सरकार के पक्ष में लोग खड़े तो कुछ सरकार की खुलकर आलोचना कर रहे थे। इस चर्चा में शामिल महिला ने देहाती अंदाज में कहा, जई सरकार ने आतंकवादिन की नाक में नकेल कस दई। + +पांच साल में नहीं हुआ कोई दंगा।चुनावी चर्चा के दौरान हमारी इलेक्शन बाइक दोपहर 12:30 बजे मुरसान मार्ग पर आकर रुकी। जहां लोग पहले से ही चुनाव की चर्चा कर रहे थे। इस चर्चा के दौरान विनय कुमार सभी से कह रहे थे पांच साल के अंदर पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं भी हिंदू मुस्लिम झगड़ा नहीं हुआ, पूरे प्रदेश में शांति का माहौल बना रहा। जबकि सपा, बसपा के समय में दंगे होना आम बात हो गई थी। इस बात का वहां मौजूद सभी लोगों ने समर्थन किया। + +किसानो के मुद़्दे को रालोद समर्थक ने उठाया।राष्ट्रीय लोक दल के एक समर्थक बोले कि यह सही बात है, लेकिन किसानों के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया जिसके कारण इस सरकार की छवि किसान विरोधी बन गई है। इतने में ही तपाक से वहां मौजूद नत्थी लाल शर्मा बोले कि आखिर सरकार ने किसानों के लिए क्या नहीं किया, किसान सम्मान निधि देने के साथ किसानों की फसल बीमा के अलावा अप्रत्याशित भाव दिलवाने का काम भाजपा सरकार ने ही किया था। सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं,धान, बाजरा की खरीद कराई और तत्काल भुगतान की व्यवस्था भी कराई गई थी। इसके साथ ही आलू का भाव भी अप्रत्याशित रूप से ऊंचा हुआ जिससे किसानों का बहुत लाभ हुआ। इसी बीच मौजूद महिला रामदेवी ने कहा कि किसान का लाभ सरकार ने किया है। जई सरकार ने जो आतंकवादी देश में आवत ए उनको मुंहतोड़ जवाब देने को काम करौ, पाकिस्तान में भीतर घुस गए हमाये सैनिक,मा जाके पाकिस्तानी आतंकवादी मार दये। जे सबसे बढिय़ा काम है। मनीष बोला कि ऐसी सरकार वर्षों तक देश में रहनी चाहिए। सत्येंद्र बोले कोरोना की महामारी में अगर यह सरकार ना होती तो हम सब लोग मर गए होते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55cfd3e68823a64476a1c2db7f4bbf94bf414bd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6232.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल बीते दिन कंगना ने मल्टीप्लेक्स मालिकों से अपनी फिल्म को थिएटर में रिलीज करने की गुजारिश की थी। जिसके बाद अब PVR संचालकों ने कंगना की फिल्म 'थलाइवी' के तमिल और तेलुगू वर्जन को सिनेमाघरों में रिलीज करने का फैसला कर लिया है। उनके इस फैसले से कंगना भी खासी खुश नजर आ रही हैं। कंगना ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट शेयर कर अपनी इस खुशी क जाहिर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce6c52185a861896ab2363f00b989673e079aa6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62320.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छह बार घोसी सीट से विधायक चुने गए फागू चौहान अब भले ही पटना के राजभवन में बैठे हों लेकिन मऊ जिले की राजनीतिक गतिविधियों में उनकी दिलचस्पी बरकरार है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही उनके मन में राजनीतिक वंशबेल को बढ़ाने की इच्छा जगी। भाजपा ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनके पुत्र रामविलास चौहान को मऊ की मधुबन सीट से प्रत्याशी बना दिया। + +मुन्ना सिंह चौहान कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल का प्रभावशाली चेहरा हुआ करते थे। विधान परिषद सदस्य तो वह रहे ही, प्रदेश के सिंचाई मंत्री भी हुए। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी शोभा सिंह चौहान ने भाजपा का दामन थामा और 2017 में फैजाबाद की बीकापुर सीट पर कमल खिलाया। बढ़ती उम्र को देखते हुए उन्हें लगा कि अपने पुत्र डा.अमित सिंह चौहान के राजनीति में पदार्पण का यह उचित समय है। भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अब अमित पर बीकापुर में दोबारा कमल खिलाने की जिम्मेदारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27a0c7954ab630df6c65dc8c202ae359ec60a20b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62321.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जीलानी खान अलीग]। 'मुस्लिमों की कुल आबादी में 70 प्रतिशत भागीदारी के बावजूद महज चार-पांच प्रतिशत पिछड़े (ओबीसी) मुस्लिमों को ही राजनीति में प्रतिनिधित्व मिल सका है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग खुद जिम्मेदार है, क्योंकि वह जातियों में बंटा है। सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर है, जबकि राजनीतिक दल सिर्फ जिताऊ और मजबूत चेहरा देखते हैं। यदि पिछड़े मुस्लिम एकजुट न हुए तो यूं ही पिछड़ते जाएंगे।' यह पीड़ा सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अनीस अंसारी की है, जो कि अपने समाज के पिछड़ों की आवाज को बुलंद करते रहे हैं। + +उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी राजनीतिक दल पिछड़ों पर मजबूत दांव लगा रहे हैं। टिकट भी उसी अनुपात में दिए गए हैं, सिवाए मुस्लिम वर्ग के। मुस्लिमों में भी पिछड़ा वर्ग का ही अनुपात ज्यादा है और तमाम राजनीतिक दल इस वर्ग को वोटबैंक बनाकर अपनी सत्ता का सफर आसान करते रहे हैं, लेकिन राजनीति में प्रतिनिधित्व के मामले में वह पिछड़े ही रह गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..105a281273109464e02558ab0770bc5302fa5371 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62331.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज को मिले बूस्ट।पंजाब में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बूस्ट करने की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इस दिशा में सटीक काम नहीं हुआ है। इस सेक्टर को कलस्टर में विकसित करके ग्रोथ हासिल की जा सकती है। कृषि वेस्ट को कम करके वैल्यू एडीशन करने से किसानों की आय भी बढ़ेगी। इस दिशा में नई सरकार को गंभीरता से सोचना होगा। उद्योग जगत पर करों का बोझ काफी अधिक है। इसे कम करके राहत दी जा सकती है। इंडस्ट्री में उत्पादन लागत को कम करना होगा। -पद्मश्री रजनी बैक्टर, चेयरपर्सन, क्रीमिका ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज।इंडस्टियल इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद चिंताजनक।पंजाब की इंडस्टियल ग्रोथ में पंजाब का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद कमजोर होना चिंता का विषय है। विश्व की जितनी भी अच्छी इकोनमी है, वहां पर सबसे पहले ध्यान इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ही दिया जाता है। पंजाब की इंडस्ट्री को कई सालों से इसके लिए दो-चार होना पड़ रहा है। इसके चलते काम करने वालों से लेकर विदेश से आने वाले ग्राहकों के सामने अच्छी छवि नहीं जाती व कई अच्छे ग्राहक पंजाब के साथ काम करने से कतराते हैं। इसके लिए प्रयास होने चाहिए। -जवाहर लाल ओसवाल, सीएमडी, नाहर ग्रुप आफ कंपनीज।अच्छा माहौल देने के लिए संतुलित नियम हों।पंजाब में नियम बनाते समय केवल एक फैक्टर को नहीं देखने चाहिए, बल्कि इंडस्ट्री व समाज के तालमेल को बिठाने का काम होना चाहिए। उदाहरण के लिए पंजाब में एक बार फिर ट्रक यूनियन शुरू कर दी गई है। इसके चलते पोर्ट से दूरी पर बैठी इंडस्ट्री के लिए काम करना मुश्किल हो गया है। बिजली के दाम को नियंत्रण में लाना चाहिए। श्रम कानून बनाते समय इंडस्ट्री के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए, ताकि तालमेल बिठाया जा सके। पंजाब में अच्छे माहौल को देखते हुए अगर सामान्य जरूरतों को ही पूरा कर दिया जाए, तो पंजाब की इंडस्ट्री तेजी से ग्रोथ करेगी। -ओंकार सिंह पाहवा, सीएमडी, एवन साइकिल लिमिटेड।बड़े प्रोफेशनल्स पंजाब आने से कतरा रहे।पंजाब की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। इसका मुख्य कारण पंजाब के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान न दिया जाना है। पंजाब में बड़े प्रोफेशनल्स काम करने के लिए इच्छा नहीं जताते। हमें कई बार बड़े प्रोफेशनल्स को चंडीगढ़ में ज्वाइन करवाना पड़ता है। इसका मुख्य कारण यहां का कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर है। श्रम कानूनों में भी पंजाब में काम करने की अहम आवश्यकता है। इसके साथ ही पंजाब के पड़ोसी राज्यों में दी जा रही सुविधाएं और हर राज्य के इंडस्टियल ग्रोथ को लेकर विजन की भांति पंजाब में काम होना चाहिए। -एसपी ओसवाल, सीएमडी, वर्धमान ग्रुप आफ कंपनीज।बेहतर नीतियों से ही आएगी ग्रोथ।किसी भी प्रदेश की ग्रोथ के लिए वहां की नीतियां अहम रोल अदा करती हैं, इसलिए पंजाब में नीतियां तो अच्छी हैं, लेकिन इनको सही तरीके से लागू करवाने में राज्य सरकार को अहम भूमिका अदा करनी चाहिए। इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए पालिसी को धरातल पर उतारना चाहिए। इसके लिए सुनिश्चित करना चाहिए कि समय सीमा में प्रोजेक्ट को पूरा किया जाए। पंजाब में अगर इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो जाए, तो पंजाब के उद्योग केवल देश ही नहीं बल्कि विश्व में नाम रोशन कर सकते हैं। -सचित जैन, एमडी, वर्धमान स्पेशल स्टील लिमिटेड।एक्सपर्ट व्यूः हर रोज के धरने-प्रदर्शनों से पंजाब का नुकसान।पंजाब में पिछले काफी समय से कोई बाहरी निवेशक नहीं आ रहा। किसान आंदोलन इसका मुख्य कारण है। अगर कोई निवेशक आता भी है तो वह डरता है। उसे लगता है कि ट्रेनें व सड़क यातायात आंदोलन के कारण बंद न हो जाए। उसका पैसा न डूब जाए। यह स्थिति पंजाब के लिए अच्छी नहीं है। इस स्थिति के कारण आने वाले दस साल तक निवेशक निवेश करने से डरेंगे। दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा केंद्र व राज्य में तालमेल की कमी है। ट्रांसपोर्टेशन सबसे अहम है। क्योंकि पंजाब से पोर्ट दूर पड़ते हैं। अटारी बार्डर खोलने की बात कोई नहीं कर रहा। अगर बार्डर खुले तो निवेश बढ़ेगा। अगर निवेश नहीं आएगा तो रोजगार के अवसर नहीं बढ़ेंगे। इसके लिए जो भी सरकार बनती है, वह इस बात को देखे कि निवेश लाने के लिए पंजाब को शांत किया जाए। -आरएस सचदेवा, चेयरमैन, पीएचडी चैंबर्स आफ कामर्स।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62334.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62334.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77eca6fff98c291b7183937b676ead66997ebad0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62334.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अमित तिवारी]। विश्व पटल पर जन्म ले रही नई उपासना पद्धतियों के बीच सनातन हिंदू धर्म को समझना आवश्यक है। किस तरह से सनातन धर्म भारतीय संस्कृति के रोम-रोम में रचा-बसा है, इसे जानना वास्तव में जीवन के मूल को समझ लेने जैसा है। 'हिंदू धर्म की धरोहर : भारतीय संस्कृति Ó शीर्षक से लिखी यह पुस्तक सनातन धर्म को समझने का आधार देती है। + +पुस्तक में सनातन प्रतीकों को मोतियों की तरह माला में पिरोया गया है। भारतीयता, संस्कृति और हिंदू विरासत के लगभग सभी अहम पहलुओं को इसमें एक सांचे में ढालकर सबके समक्ष रखने का प्रयास किया गया है।वर्तमान समय में जिस तरह से नई पीढ़ी अपनी जड़ों से कटकर दिशाविहीन हो रही है, उसे देखते हुए यह पुस्तक और भी महत्वपूर्ण बनकर सामने आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6907bd7806470c048c1dd89649f30da64ce77ab5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज गांव के लोग इन्हीं सेंटर पर आनलाइन सुविधाएं तेजी से प्राप्त कर पा रहे हैं। इसके साथ-साथ, आत्मनिर्भर रोजगार योजना, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन, आवास योजना, स्वच्छ भारत, गोबरधन, दीनदयाल अंत्योदय योजना जैसी अनेकों योजनाएं हैं जो आर्थिक अवसर पैदा करने में अति सहायक हैं। मैं समझता हूं कि इन सभी प्रयासों से हम एक साथ कई लक्ष्यों को प्राप्त कर पाते हैं। हां, यह बात भी है कि रोजगार के स्तर में भी वृद्धि होनी चाहिए, इसीलिए हम लोग कौशल विकास के प्रयासों पर लगातार बल दे रहे हैं, जिसके अंतर्गत ग्रामीण कौशल्य योजना जैसे हमारे प्रयास भी सहायक हो रहे हैं, जो जनता के सामने साफ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfacd211b1faf25b9acb1e34610bf192f32086ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62339.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। एशियाई हाथियों की 60 फीसद आबादी भारत में है, लेकिन भारत की बढ़ती आबादी हाथियों के लिए घातक साबित हो रही है। शहरीकरण, वनों का खत्म होना आदि ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से अब हाथी उच्च ऊंचाई वाले राज्यों में पलायन कर रहे हैं। हाथियों के लिए कम होती जमीन के कारण ही हाथी-मनुष्य के टकराव की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यह कहना है पदमश्री डा. केके सर्मा का। उन्होंने हाथियों के संरक्षण और हाथी-मनुष्य के टकराव पर दैनिक जागरण से खास बातचीत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f26627b6b2e38f8397dbd97033055d5c1ce5482d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तथ्यों को जान लेते हैं कि मजरुह की गिरफ्तारी किस वजह से हुई थी। आजादी के बाद वामपंथियों का सरकार के खिलाफ विद्रोह चल रहा था। अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले कम्युनिस्ट उस विद्रोह में शामिल हो रहे थे। हिंदी फिल्म जगत भी उससे अछूता नहीं रहा था। सिनेमा से जुड़े कुछ लेखक, गीतकार, निर्देशक और अभिनेता भी उस आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे। मजरुह उनमें से एक थे। मजरुह जिस कवि गोष्ठी या मुशायरे में जाते थे तो एक कविता अवश्य पढ़ते थे। उस कविता की कुछ पंक्तियां थीं- ये भी है हिटलर का चेला/मार लो साथी जाने न पाए/कामनवेल्थ का दास है नेहरू/मार लो साथी जाने न पाए। इस कविता में नेहरू का नाम लेकर मजरुह ने हमला किया था और उनके पहनावे को खादी का केंचुल बताकर तंज किया था। मजरुह को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f4775bf29f4ffa0703b7cc3a2f0d7f497fac94e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62344.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली (आशुतोष झा)। पांच राज्यों के विधानसभा के दौरान समूचे विपक्ष का मुकाबला केवल भाजपा से ही है। चुनाव के दौरान भाजपा को लेकर विपक्ष कई तरह के सवाल उठा रहा है। वहीं इर सवालों का जवाब देने की तैयारी भी पूरी है। पीएम नरेन्‍द्र मोदी के पास विपक्ष के हर सवाल का जवाब है। पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने अपनी जनसभाओं से लेकर दूसरे मंचों पर भी इन सवालों का पहले भी कई बार जवाब दिया है। वे हमेशा से ही परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बताते आए हैं। वहीं इस बार के पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में उनके और उनकी पार्टी के पास विकास का सबसे बड़ा मुद्दा है जिसको दूसरी सभी पार्टियों ने तवज्‍जो नहीं दी है। दैनिक जागरण को दिए अपने एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में उन्‍होंने इन चुनावों और अपनी नीतियों के अलावा भी कई दूसरे मुद्दों पर उठे सवालों के बड़ी बेबाकी से जवाब दिए हैं। ।- पंजाब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ऐसे में अगर वहां त्रिशंकु विधानसभा आई तो भाजपा का क्या कदम होगा?। मुझे इस बात का विश्वास है कि पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी। लोग हमें स्पष्ट बहुमत देंगे। अभी चंडीगढ के स्थानीय निकाय चुनाव के परिणाम आपने देखे होंगे। वहां भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत दर्ज कराई है। यह स्पष्ट करता है कि वहां हमारी स्वीकृति कितनी ज्यादा है। आपने ये भी ठीक ही कहा है कि रणनीतिक नजरिये से पंजाब एक महत्वपूर्ण राज्य है। पंजाब के लोग इस बात को बखूबी समझते हैं। पंजाब एक बार्डर स्टेट है, जहां मजबूत और स्थायी सरकार जरूरी है। + +अंदरूनी लड़ाई में उलझी कांग्रेस से स्थायी सरकार की उम्मीद नहीं है। कुछ और नए लोग भी हैं, जिनपर लोगों को भरोसा नहीं है। जिनकी वाणी और व्यवहार में जमीन और आसमान का अंतर हो, जो अपनी ही बात से हर दिन पलटने में जरा भी शर्म न करते हों, बातों से पलटकर लोगों को गुमराह करना ही जिनका तरीका है, वो लोग भी पंजाब चुनाव में अपना नसीब आजमा रहे हैं।पंजाब का मतदाता भूतकाल में बहुत मुसीबतें देख चुका है, खूनी खेल देख चुका है। + +श्री गुरुनाननक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व तथा श्री गुरुगोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशपर्व, श्री गुरुतेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव के आयोजन का सौभाग्य भी हमें प्राप्त हुआ। अफगानिस्तान में मुश्किलों के बीच भी पूरे सम्मान के साथ पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब जी को भारत लाया गया। अफगानिस्तान से अल्पसंख्यक समुदाय के जितने लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया, उनमें अधिकतर सिख भाई-बहन थे। हमारे इस ट्रैक रेकार्ड के साथ हमारे साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह जी और ढींडसा जी जैसे सहयोगी भी हैं, जिनका एक लंबा अनुभव रहा है। हमारी नीति और नीयत दोनों साफ है और यह पूरे पंजाबवासियों को भी दिख रहा है। + +- रोजगार के मुद्दे पर बार-बार घेरने की कोशिश हो रही है। कुछ कहेंगे?। रोजगार के बारे में बात करें तो सही मायने में इसे आप व्यापक स्तर पर चल रहे हमारे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स से समझ सकते हैं। क्या आपको पता है कि आजादी से लेकर 2014 तक देश में 90 हजार किलोमीटर नेशनल हाइवे थे और पिछले सात-आठ सालों में ही हमने और 50 हजार किलोमीटर नेशनल हाइवे बना दिए। अब जो इतने हाइवे बने हैं, इससे कितना रोजगार उत्पन्न हुआ होगा। उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों ने भी हाइवे का जाल बिछाया है। इससे भी रोजगार की असीम संभावनाएं पैदा हुई हैं।ग्रामीण सड़कों को ही ले लीजिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5c2a7522ac40f08b8685c9687337453fe819ea2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। कर्नाटक में हिजाब पहनकर छात्रा के कालेज पहुंचने पर विरोध के मामले ने तूल पकड़ा तो राजनीति भी गर्मा गई। देश के पांच राज्यों में चुनाव चल रहे हैं। स्वाभाविक है राजनीति तो गर्माएगी ही। राजनीति को किनारे रखकर देखें तो इसी देश में ही मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ा क्रांतिकारी कदम उठाया गया जो आज उनके लिए न्याय पाने का बड़ा हथियार साबित हो रहा है। केंद्र सरकार ने एक साथ तीन तलाक जैसी प्रथा के खिलाफ तीन तलाक कानून बनाया, जिसका असर आज दिख रहा है। तीन तलाक के मामलों में जबरदस्त कमी आई है। मामले सामने आए भी तो मुस्लिम महिलाओं को न्याय के लिए भटकना नहीं पड़ता है। तीन तलाक कानून के असर पर कानपुर से मोहम्मद दाऊद खान की रिपोर्ट...।बाबूपुरवा में रहने वाली युवती की शादी वर्ष 2019 में अजीतगंज निवासी ईशान से हुई थी। पति सऊदी अरब चला गया तो महिला का उत्पीडऩ शुरू हो गया। पति कानपुर वापस आकर व्यापार शुरू कर सके, इसके लिए पांच लाख रुपये मायके से लाने की मांग की गई। रुपये न लाने पर महिला को ससुरालियों ने घर से भगा दिया। पति ने सऊदी अरब से फोन कर तीन तलाक दे दिया। थाने में महिला की एफआइआर दर्ज की गई। भारतीय दूतावास की मदद से पति को वापस भारत लाया गया। पति व उसके स्वजन को उत्पीडऩ व तीन तलाक कानून के तहत जेल भेज दिया गया। फिलहाल वह जमानत पर है। पीडि़ता का कहना है कि अगर तीन तलाक कानून न बना होता तो उसके साथ अन्याय पर कोई कार्रवाई नहीं होती। तीन तलाक की पीडि़ताओं का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए ताकि जल्द इंसाफ मिल सके। ऐसी ही कहानी है चमनगंज की रहने वाली महिला की, जिसकी शादी तीन साल पहले हुई थी। पति व उसके परिवार के सदस्य आए दिन परेशान करते थे। छह माह पहले पति ने एक साथ तीन तलाक कह कर घर से भगा दिया। मायके आकर उसने मुकदमा कराया लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई है। महिला का कहना है कि मुकदमा तो दर्ज कर लिया जा रहा है लेकिन, दोषी को सजा दिलाने के लिए कानून को और सख्त बनाना होगा। तीन तलाक के मामलों जल्द इंसाफ दिलाए जाने का प्रविधान किया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f97f71566381d46fa061c24a305ebf8f2b869392 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फरुखाबाद, कन्नौज, मैनपुरी और कानपुर के अरौल-बिल्हौर क्षेत्र की आलू बेल्ट में सड़क किनारे आलू के खेत दिखते हैं तो 258 शीतगृह भी। ये इस बात की गवाही देते हैं कि यहां ज्यादातर किसान आलू उगाते हैं। इनकी संख्या करीब साढ़े चार लाख के करीब है। स्वाभाविक है कि किसानों के इतने बड़े समूह की उम्मीदें भी राजनीतिक दलों से बड़ी होंगी। उचित भाव न मिलने से हर तीसरे-चौथे साल आलू फेंकने की नौबत आती रही है। आलू बेल्ट की राजनीति किसानों के रुख पर ही तय होती है। समूचे परिदृश्य पर फरुखाबाद से विजय प्रताप सिंह, कन्नौज से प्रशांत कुमार और बिल्हौर से नरेश पांडेय की रिपोर्ट-।जीटी रोड पर कानपुर से निकलते ही चौबेपुर के पास से एक अलग ही दुनिया दिखाई देती है। हर तरफ खेत और खेत में आलू की फसल। सड़क किनारे कोल्ड स्टोरेज भी। कानपुर के बिल्हौर, कन्नौज और फरुखाबाद से लेकर फिरोजाबाद तक यही नजारा दिखता है। यह आलू पट्टी है। लाखों किसान परिवारों की जीविका आलू पर ही टिकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0ac726163391095a287453e2d8a9ac7dd2a6009 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62357.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा में नहीं, छुट्टी पर चल रहे।पंजाब में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के 10 सीटों पर चुनाव लड़ने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि चढ़ूनी अब संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य नहीं है। वह चार महीने की छुट्टी पर चले गए। जब छुट्टी से वापस आएंगे तो देख लेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा वहां उनकी मदद भी नहीं करेगा। अगर वो लोग समझते हैं कि चुनाव से विकल्प मिलेगा तो वे गलतफहमी में है। जो गए हैं, उन्हें देख लेंगे कौनसा प्रसाद खाकर आएंगे। जो आदमी चुनाव लड़ रहा है, संगठन से बस वही गया है। एसकेएम अपने संगठन पर ध्यान देगा और पूरे देश में जाएगा। किसान, मजदूर, नौजवान, बेरोजगार, आदिवासी और दुकानदार सब की लड़ाई लड़ेगा। लखीमपुर की घटना को सभी को बताएंगे। + +अब बेरोजगारी के खिलाफ होगा आंदोलन ।भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि नए आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है। इसके लिए वह पूरे देश में दौरा करेंगे और युवाओं को जोड़ेंगे। अगला आंदोलन युवाओं के लिए और युवा द्वारा ही होगा, वह सिर्फ समर्थन करेंगे। इस बारे में रणनीति बनाई जा रही है। बेरोजगार हो रहे युवाओं को यह बात बतानी पड़ेगी कि अब नया आंदोलन बेरोजगारी के खिलाफ होगा। टिकैत शनिवार को कलायत अनाज मंडी में किसान सम्मेलन में हिस्सा लेने से पहले तितरम मोड़ पर किसान-मजदूर कैंटीन का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15b1e97289b359483adbf97474090bad2277d6f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। 31 मार्च, 2022 तक पंजाब के सिर पर 2.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो जाएगा और कमाल की बात यह है कि इस कर्ज को कम करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। राहत के नाम पर खजाने पर सब्सिडी का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है। 1997 में खेती के लिए बिजली सब्सिडी के नाम पर किसानों को दी जाने वाली यह राहत आज अन्य वर्गों को भी दी जा रही है, जिनमें इंडस्ट्री, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और घरेलू सेक्टर भी शामिल है। इन्हें मिला कर यह सब्सिडी 14 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है, जबकि राज्य सरकार की अपनी जीएसटी कलेक्शन मात्र 16 हजार करोड़ रुपये है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bec7d25a2cd1ce61ba46ff8537aaa06ffd838fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62364.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अब सारा दारोमदार बाकी बचे 11 खिलाड़ियों पर था। इसके बाद जो हुआ, उस सहसा कोई भरोसा नहीं कर सकता। ग्रुप के अगले ही मैच में इन 11 शूरवीरों ने हर तरह की निराशा और आशंकाओं को धता बताते हुए आयरलैंड को बुरी तरह धोया और इसके बाद टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई और तब तक यश ढुल सहित बाकी खिलाड़ी भी ठीक होकर टीम से जुड़ गए। इसके बाद तो जो धमाल मचा, उसे दुनिया देखती रह गई। सेमीफाइनल में तगड़ी माने जाने वाली आस्ट्रेलियाई टीम को धूल चटाई, जिसमें कोविड से उबरने के बाद कप्तान यश ढुल ने शतक ठोंका। फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए भारतीय टीम ने हर विभाग में उसे पछाड़ा। इसमें हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए राज बावा ने पांच विकेट चटकाकर न सिर्फ इंग्लैंड की कमर तोड़ी, बल्कि कीमती 35 रन भी बनाए और फाइनल के ‘मैन आफ द मैच’ बने। + +जीत के सबक : कोरोना ने पढ़ाई, रोजगार, नौकरी और सेहत के मामले में अधिकतर लोगों को दर्द दिया है, पर सच यह भी है कि इसे दुनियाभर के देशों के लोगों को झेलना पड़ा है। इस दर्द और मुश्किल के बावजूद मन में उम्मीद रखते हुए इन सबसे उबरने का रास्ता खोजना होगा। आपमें सीखने-जानने की ललक है, तो आप बीते समय को कोसने के बजाय आगे की ओर देखेंगे और बदलते वक्त के मुताबिक खुद को ढालते हुए नये अवसर तलाशेंगे। न तो खुद को कोसें और कमतर मानें, न ही परिस्थितियों को दोष दें, इसके बजाय आप आने वाले समय का आकलन करते हुए अपने आप में बदलाव लाने का प्रयास करें। अपनी क्षमताओं को निखारते हुए, नई चीजें सीखते हुए अवसरों की खोज करेंगे, तो कहीं न कहीं जरूर अपने लिए अनुकूल जगह की तलाश कर लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c961c6ee46df195e8799f5297377e65a7b0dffe5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62366.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीते साल नवंबर में नकली शराब पीने से मरने की खबरें आने लगीं तो मुख्यमंत्री चिंतित हुए। विपक्ष ने शराबबंदी कानून की कथित विफलता के लिए सरकार की तीखी आलोचना की। इससे आहत मुख्यमंत्री ने शराब के धंधेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का मन बनाया। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी कड़क समङो जाने वाले आइएएस अधिकारी केके पाठक को दी। उनके आते ही धंधेबाजों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई। ढाई माह में ही सवा लाख से अधिक छापेमारी हुई। इस दौरान 26 हजार से ज्यादा लोग पकड़े गए। दस लाख लीटर से ज्यादा शराब जब्त हुई। + +सोमवार को पटना में मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की समीक्षा करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण।इससे साबित होता है कि इस अवैध व्यापार के फलने-फूलने में पुलिस की मिलीभगत है, लेकिन इस अवधि में पुलिस वाले गिरफ्त में नहीं आए। पुलिसवालों की मिलीभगत की गवाही यह आंकड़ा भी देता है कि 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से 700 से अधिक सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। ये उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग और बिहार पुलिस के मुलाजिम हैं। इनके खिलाफ बर्खास्तगी, निलंबन एवं तबादले की कार्रवाई हुई। इन 700 सरकारी सेवकों में अधिसंख्य बिहार पुलिस के जवान और छोटे स्तर के अधिकारी हैं। यानी जिन लोगों पर शराबबंदी कानून को लागू करने की जवाबदेही है वह खुद इसमें संलिप्त हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa7e2ee93c45bf74abc78ec9463dda0ffd6d7f79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के लिए खिलाड़ियों की दो दिवसीय नीलामी की शुरुआत शनिवार को होगी। नीलामी में ताजनगरी की निगाहें चाहर बंधु दीपक और राहुल पर रहेंगी। दोनों के अब तक के प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अपनी-अपनी टीम में लेने को फ्रेंचाइजियों के बीच होड़ देखने को मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि दोनों की पुरानी टीमें उन्हें पुन: अपनी टीम में लेने में सफल रहती हैं या फिर उन्हें नई टीम का साथ मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2173cb39ada03086f106eee831833205a5efd5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62371.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आनलाइन डेस्क, जालंधर। पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) के लिए मतदान की तारीख नदजीक आते ही प्रत्याशियों ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। हालांकि हाट सीट अमृतसर पूर्वी पंजाब कांग्रेस प्रधान और प्रत्याशी नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी राबिया सिद्धू के कारण फिर सुर्खियों में आ गई है। राबिया सिद्धू (Rabia Sidhu) ने वीरवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह उनके पिता के सामने खड़े होने लायक तक नहीं हैं। पिता सिद्धू की जीत तक शादी नहीं करने की बात करके राबिया ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। ।यह पहली बार नहीं है कि 26 साल की राबिया सिद्धू सुर्खियों में आई हैं। इससे पहले मई 2021 में भी वह किसान आंदोलन के दौरान पटियाला में घर की छत पर काले झंडे लगाते देखी गईं थी। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि राबिया एक प्रोफेशनल फैशन डिजाइनर हैं। उन्होंने सिंगापुर में फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई करने के बाद लंदन से इसी विषय पर मास्टर्स डिग्री ली है। वह इंटरनेट मीडिया खास तौर पर इंस्टाग्राम पर सक्रिय रहती हैं। यहां वह अलग-अलग स्टाइल और परिधानों में अपनी तस्वीरें पोस्ट करती रहती हैं। उनकी ग्लैंमरस तस्वीरें देखकर स्पष्ट है कि काफी फैशन क्रेजी हैं।   ।यहां उन्होंने अपनी जिस तरह की ग्लैमरस तस्वीरें पोस्ट की हैं, वे किसी बालीवुड एक्ट्रेस को भी मात दे सकती हैं। इन तस्वीरों से साफ पता चलता है कि फैशन की दुनिया में उन्होंने महारत हासिल की है। राबिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पटियाला के यादविंदर पब्लिक स्कूल से की और उसके बाद वह पढ़ने के लिए दिल्ली चली गई। हालांकि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने अपने पिता नवजोत सिंह सिद्धू के विधानसभा क्षेत्र अमृतसर पूर्वी में उनके चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई है। + +तीन कृषि कानूनों को लेकर जब किसान आंदोलनरत थे तब भी राबिया सिद्धू पिता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सक्रिय नजर आई थी। 26 मई को कृषि कानूनों के खिलाफ राबिया सिद्धू ने अमृतसर स्थित अपने घर की छत के ऊपर काला झंडा लगाया था। बाद में जब कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की गई तब यह झंडा उतार दिया गया था। ।राबिया पहले भी अपने पिता के चुनाव प्रचार में हिस्सा लेती रही हैं। इससे पहले सिद्धू जब भी चुनाव लड़े वह एक सेलिब्रिटी फेस के रूप में लड़े, लेकिन इस बार सिद्धू एक राजनेता पंजाब कांग्रेस प्रधान के तौर पर चुनाव मैदान में हैं, इसलिए उनके लिए इस चुनाव में चुनौतियां ज्यादा हैं। राबिया भी पिता के नक्शेकदम पर हैं और मजीठिया व चन्नी पर हमलावर नजर आ रही हैं। ।चुनाव में सिद्धू की मदद कर सकती है बेटी की फैन फालोइंग।अमृतसर पूर्वी में नवजोत सिद्धू और अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। सिद्धू के लिए अब सीट  जीतना नाक का सवाल बन गया है। सिद्धू ने ही मजीठिया को चुनौती दी थी कि वे मजीठा हलका छोड़कर ईस्ट में आएं। मजीठिया ने चुनौती स्वीकार की। यही वजह है कि सिद्धू दंपती के साथ उनकी बेटी भी चुनावी दंगल से पहले प्रचार में कूद गई हैं। राबिया सिद्धू की इंटरनेट मीडिया पर बड़ी फालोइंग है। इसका सिद्धू को लाभ मिल सकता है। चुनाव प्रचार के दौरान राबिया ने यह साफ किया था कि पिता के जीतने तक वह शादी नहीं करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e709deaf2b73a5dcb3ecafc823182379133ccc9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62376.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, रवि पांडेय। संत शिरोमणि गुरु रविदास की जन्मस्थली सीरगोवर्द्धनपुर स्थित मंदिर में संत कठौती और चमत्कारिक पत्थर विशेष सुरक्षा के बीच रखी गई है। संत के बे-गम पुरा में रखी यह कठौती जयंती के अवसर पर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आकर्षक का केंद्र रहती है।यह कठौती और चमत्कारिक पत्थर संत रविदास की वाणी "मन चंगा तो कठौती में गंगा" को चरितार्थ करती है।मंदिर के ट्रस्टी जनरल सेक्रेटरी सतपाल विर्दी ने बताया कि वर्ष 1964 में ब्रम्हलीन संत सरवन दास ने अपने शिष्य हरिदास को मंदिर की नींव डालने के लिए जालंधर से काशी भेजा था। मंदिर के नींव की खुदाई के दौरान यह कठौती मिली थी ।इसे संत रविदास की निशानी मानकर मंदिर बनने के बाद बेसमेंट में रखा गया था। बाद में सुरक्षा को देखते हुए इस कठौती को बुलेटप्रूफ कांच में बंद कर संगमरमर से जड़ दिया गया। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालु इसका दर्शन करते हैं। + +2016 में रविदास घाट पर तैरता मिला चमत्कारिक पत्थर।वर्ष 2016 में मंदिर के संत मनदीप दास नगवां स्थित रविदास पार्क में संत की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने गए थे जिसके बाद गंगा किनारे गए तो पानी में तैरता हुआ बड़ा पत्थर दिखाई दिया। संत मनदीप दास ने पत्थर को बाहर निकाला और संत रविदास की निशानी मानकर मंदिर ले आए। मंदिर के ट्रस्टी के एल सरोये ने बताया कि इसे चमत्कारिक पत्थर मानकर मंदिर में स्वर्ण पालकी पर रखी संत रविदास की प्रतिमा के सामने बुलेटप्रूफ कांच में रखकर चारो तरफ से चैनल में बंद करके रखा गया है जिसका जयंती पर आने वाले श्रद्धालु दर्शन करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d7d828454f53347e25c8b2962ee423c982d48d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। जलवायु परिवर्तन और उससे जुड़े खतरों की बात हो तो जीवाश्म ईंधनों के कारण होने वाले कार्बन उत्सर्जन की अनदेखी नहीं की जा सकती है। दुनियाभर में प्रदूषण में बहुत बड़ी हिस्सेदारी अलग-अलग कार्यो में प्रयोग होने वाले जीवाश्म ईंधन की होती है। यही कारण है कि विज्ञानी लगातार स्वच्छ ईंधन के विकल्पों को तलाशने की दिशा में शोध कर रहे हैं। ब्रिटेन के विज्ञानियों द्वारा परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए हालिया प्रयोग ने उम्मीद की नई किरण दिखाई है। यह अब तक के न्यूक्लियर फिशन (नाभिकीय विखंडन) से इतर न्यूक्लियर फ्यूजन (नाभिकीय संलयन) आधारित प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया सूर्य और कई अन्य तारों की ऊर्जा का स्रोत है। यदि प्रायोगिक रूप से सफल रहे तो ऊर्जा के इस स्रोत को अपनाने के बाद जीवाश्म ईंधन के प्रयोग की जरूरत नहीं रह जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9f6d9e806526e09d02b86c2e8e657bcb480b573 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत इस मसले का समाधान खोज कर तनाव को खत्‍म करना चाहता है। भारत ये भी चाहता है कि इस समस्‍या का समाधान सभी देशों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए खोजने की जरूरत है। सा‍थ ही ये एक ऐसा समाधान होना चाहिए जो लंबे समय तक के लिए हो। प्रोफेसर पंत का कहना है इस तनाव को खत्‍म करने के लिए भारत के पास बेहद सीमित साधन है। उनका ये भी कहना है कि इस संकट का आखिरी नतीजा भारत के हितों को भी निश्चित तौर पर प्रभावित करेगा। यही वजह है कि भारत को इसका आकलन भी सावधानी से करना होगा। प्रोफेसर पंत का कहना है कि रूस और चीन के बीच आई नजदीकी भविष्‍य में भारत के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है। यही वजह है कि भारत ज्‍यादा समय तक इस नए गठबंधन की अनदेखी नहीं कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a2af8e67bff5a224efe0a54cd065b83f4d1c162 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शकील के बनवाए पुल।1-1982 में तोवा में तमसा नदी पर 1.85 करोड़ की लागत से छह पिलर का पुल।2-1985 में तमसा नदी पर शिवराजपुर में 1.65 करोड़ की लागत से पांच पिलर का पुल।3-1990 में दुर्वासा धाम पर मंजूषा व तमसा नदी के संगम पर 1.62 करोड़ की लागत से चार पिलर का पुल।4-2020 में कौडिय़ा में बड़ी नहर पर सात लाख में दो पिलर का पुल।बोले शकील : इंजीनियर संजय श्रीवास्तव और श्रम विभाग में कार्यरत अनिल सिंह के सहयोग के बिना मैं यह नहीं कर सकता था। संजय सेतु की डिजाइन एवं उसकी गुणवत्ता के मामले में हौसला नहीं टूटने देते। -शकील, समाजसेवी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f86e2832e15dd997f1313bb75288cbad9493c7e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस योजना से सबसे अधिक लाभ उन मजदूरों को मिल रहा, जो अपने राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य में रोजगार के लिए जाते रहते हैं। अब वे कहीं पर भी राशन हासिल कर सकते हैं। अच्छा होता कि गरीबों को राहत और सुविधा देने के साथ भ्रष्टाचार पर प्रभावी लगाम लगाने वाली इस योजना में सभी प्रदेश शामिल होने की तत्परता दिखाते, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। जहां कुछ प्रांतों ने ढिलाई का परिचय दिया, वहीं दिल्ली, बंगाल और छत्तीसगढ़ ने कोरोना संकट काल में शुरू की गई इस योजना को अपनाने से ही इन्कार कर दिया। यदि सुप्रीम कोर्ट सख्ती नहीं दिखाता तो शायद वे अब भी आनाकानी करते रहते। इस आनाकानी ने केवल राजनीतिक संकीर्णता को ही रेखांकित नहीं किया, बल्कि यह भी प्रकट किया कि गरीबों के हितैषी होने-दिखने का दावा करने वाले कुछ राजनीतिक दल किस तरह उनके हितों की पूर्ति में बाधक बनते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88e249406f70e0fb59a568e70d585c0423f04f2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62391.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे आगे बढ़ेगी चुनाव प्रक्रिया।एक ब्लाक में 40 से 50 बूथ होते हैं। इन सभी बूथों के सदस्य मिलकर एक ब्लाक अध्यक्ष, छह जिला डेलीगेट और एक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) डेलीगेट का चुनाव करेंगे। सभी ब्लाकों के जिला डेलीगेट अपने-अपने जिले का अध्यक्ष चुनेंगे। इसके बाद सभी जिला अध्यक्ष और पीसीसी डेलीगेट संबंधित राज्य या प्रदेश के अध्यक्ष का चुनाव करेंगे एवं एआइसीसी डेलीगेट चुनेंगे। अंत में सभी राज्यों और प्रदेशों के अध्यक्ष तथा एआइसीसी डेलीगेट पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be454c333c78727d43ba9da7ab8c5be9736d6cfa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जदयू ने नहीं पूरी की आस।नौकरी से इस्‍तीफा देने के बाद गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जदयू का दामन थामा। चर्चा तेज रही कि वे बक्‍सर या शाहपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन ये दोनों ही सीटें भाजपा कोटे की थीं। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थकों को उम्‍मीद थी कि बाबा (उनके समर्थक इस नाम से भी बुलाते हैं) को शायद विधान परिषद में भेजा जाए, लेकिन यह भी नहीं हुआ। गुप्‍तेश्‍वर पांडेय खुद कहते हैं कि राजनीति में वे सफल नहीं हुए। वे कहते हैं कि राजनीति उनके बस की चीज ही नहीं है। हालांकि, वे राजनीति से पूरी तरह विमुख हो गए हैं, ऐसा उनके ट्व‍िटर हैंडल को देखकर लगता नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d20f9aa2e7f2579dff4c69be7967b740b481e0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2013 का वक्त था, जब वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सबसे कठिन राज्य उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी। शत प्रतिशत मेहनती और कुशल रणनीतिकार शाह ने जमीन को इतना सींचा कि रसदार फल 2019 तक टपकते रहे। 2014, 2017 और 2019 में केंद्र और राज्य में बहुमत की सरकार मिलती चली गई। फिर से चुनाव सामने है और अन्य नेताओं के साथ शाह ने शुरुआत वहां से की जो फिलहाल सबसे कठिन माना जा रहा था-पश्चिमी उत्तर प्रदेश। जिस जाट समुदाय के नाराज होने की बात कही जा रही थी, उसी जाट समुदाय ने एक सम्मेलन में शाह को चौधरी कहा। लेकिन खुद शाह उत्तर प्रदेश में जीत का शत प्रतिशत भरोसा जताते हुए पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामकाज को देते हैं। दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा और विशेष संवाददाता नीलू रंजन से विस्तृत बातचीत का दूसरा अंश-।-कहा जा रहा है कि जनता ने भाजपा को 2014 में वोट दिया, फिर 2017 में और फिर 2019 में। ऐसा नया क्या कर रहे हैं जिसके कारण फिर से वोट दे?।-देखिए मैं गिनाने लगूं तो वोट न देने का एक भी कारण नहीं है और देने के पचासों कारण। आप पूरे उत्तर प्रदेश की 2014 की स्थिति को देखिए। आपको लगेगा कि दोहरा रहा हूं, लेकिन यह दोहराया जाना जरूरी है। जनता के दिमाग में भी बार-बार यही आता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति के तीन नासूर थे, जो जनता की परेशानी का सबब बने हुए थे। एक परिवारवाद, दूसरा जातिवाद और तीसरा तुष्टीकरण की नीति। ये तीनों समस्याएं वहां लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत नहीं होने दे रही थीं। लोगों का चयन भी जातिवाद के आधार पर होता था। उनकी पार्टियां ही ऐसे ही चलती थीं। पार्टियां भी परिवार के आधार पर ही चलती थीं और वही चुनी भी जाती थीं। तुष्टीकरण के कारण कानून-व्यवस्था के बहुत बड़े मुद्दे खड़े होते थे। आज यह सुनिश्चित रूप से कहता हूं कि 2014 से 2022 तक की यात्रा में इन समस्याओं से हमने राज्य को मुक्ति दिलाई है। दूसरी सबसे बड़ी समस्या थी कि 15 करोड़ गरीबों का जीवन स्तर ऊपर ही नहीं आ पाता था। कोई अपनी फोटो खिंचाने के लिए कोई योजना कर देता था, फिर छोड़ देता था। कोई अपनी लोकप्रियता के लिए अपनी आइडियोलाजी जोड़कर योजना चालू करता था, जो नीचे तक नहीं पहुंचती थी। आज 15 करोड़ गरीबों तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गैस का सिलेंडर पहुंचाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6dd7607b26e44215df631bce3831c4f9cd9fdfb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने कर्नाटक के हिजाब विवाद में बेवजह टांग अड़ाने के प्रयासों को लेकर पाकिस्तान को हद में रहने का साफ संदेश दे दिया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक को बुलाकर हिजाब पहन कालेज जाने वाली मुस्लिम छात्रा के साथ कथित भगवाधारियों के व्यवहार पर सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करने की कोशिश। भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान की इस हरकत पर ब्रेक लगाते हुए न केवल उसकी खोखली चिंता को खारिज कर दिया, बल्कि उसे अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत भी दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8db06ee37441e091d805a9525da454de18e4b79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62396.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +पानीपत, [रवि धवन]। पानीपत का एक युवा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' मंत्र से शक्ति लेकर आत्मनिर्भरता की राह पर निकल पड़ा है। लक्ष्य है, अपनी देसी कंपनी से ऐसे उत्पाद बनाना जो नामी विदेशी कंपनियों ते उत्पादों को न केवल टक्कर दे सकें, बल्कि ग्राहकों की जेब पर भी अधिक बोझ न बनें। इस 28 वर्षीय युवक का नाम है रोहित नंदवानी जिनका कहना है कि सस्ते दामों में उच्च गुणवत्ता के उत्पाद देश में ही बनाएंगे। + +तीन साल पहले इस सोच के साथ शुरू की गई उनकी स्टार्टअप कंपनी में बड़ी कंपनियां निवेश के लिए आगे आने लगी हैं। कभी दो साल तक जर्मनी की कंपनी के चक्कर लगाने वाले रोहित नंदवानी देश में ही सपने साकार कर रहे हैं। बिजनेस रियलिटी शो 'शार्क टैैंक इंडिया' में भी उन्हें एक करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिला है। हालांकि उन्होंने अभी इसे स्वीकार नहीं किया है। + +पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।हजारों इलेक्ट्रिक टूथब्रश बेच चुकी है रोहित की कंपनी।आडियो गैजेट और फिटनेस बैैंड उपलब्ध कराने वाली रोहित की कंपनी हजारों इलेक्ट्रिक टूथब्रश भी बेच चुकी है। रोहित नंदवानी का स्टार्टअप अब 12 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच गया है। दो साल में इसे 40 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। + +ड्यूटी के बाद सीखते थे काम।बेंगलुरु में बीबीए करते हुए रोहित नंदवानी ने एक साल तक स्टार्टअप में नौकरी की। आठ घंटे की ड्यूटी के बाद उसी कंपनी में रहते। कंपनी के हर सेगमेंट में मांगकर काम लेते, कंपनी कैसे बनाई जाती है, कैसे निवेश हासिल करते हैैैं, सब सीखा। सोच लिया था कि इयरफोन, हेडफोन,  स्मार्ट वाच बेचेंगे, लेकिन इसके लिए निर्माता कंपनी भी चाहिए थी। सो जर्मनी की एक कंपनी से संपर्क किया। वहां होकर भी आए, लेकिन कंपनी ने पांच सौ यूनिट बनाने से इन्कार कर दिया। दो साल तक प्रतीक्षा करते रहे। आखिरकार, कंपनी ने दस हजार हेडफोन बनाने के लिए हां कर दी। यहां से राह खुली, लेकिन इरादा देश में ही कुछ करने का था। बाद में रोहित ने खुद एसेंबल कराकर इलेक्ट्रिक टूथब्रश लांच किया तो बीते जनवरी महीने में ही बीस हजार टूथब्रश बिक गए। अब रोहित मेक इन इंडिया के तहत हैदरबाद में उत्पाद बनवा रहे हैं। जो नहीं बन पाता, जर्मनी और चीन से माल मंगाकर यहां एसेंबल करा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ade96f6936467b74f7598b4fe31d1d47c59c4b45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62397.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। डेरे के फैसले से पहले प्रत्याशियाें की धड़कनें तेज हाे गई हैं। गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) का एक इशारा पंजाब चुनाव (Punjab Election) का रूख बदल सकता है। डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम काे फरलाे मिलने के बाद बठिंडा (Bhatinda) के सलाबतपुरा डेरे में हलचल तेज हाे गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले कुछ दिनाें में यहां एक बड़ा आयाेजन हाेने वाला है। इसकाे लेकर पंजाब हेडक्वार्टर सलाबतपुरा में कंस्ट्रक्शन वर्क जोरों पर चल रहा है। ।हालांकि डेरा प्रेमी यहां पर बहुत कम संख्या में दिखाई दिए लेकिन चर्चा चुनाव पर ही चल रही थी। अभी तक किसी काे पंजाब चुनाव में किस पार्टी को समर्थन देने पर तो मुंह नहीं खोला लेकिन कहा कि आने वाले दिनों में इस पर फैसला हो जाएगा। हम तो सेवादार हैं, यहां पर सेवा का काम चल रहा है। बता दें कि मालवा की अधिकतर सीटाें पर डेरे का काफी प्रभाव है। + +यह भी पढ़ें-पंजाब विधानसभा चुनाव में किस पार्टी काे डेरा सच्चा साैदा देगा समर्थन, इस दिन हाे सकता है ऐलान।हरियाणा में दाे चुनावाें में भाजपा काे दिया था समर्थन।डेरा सलाबतपुरा के बाहर घूमते अनुयायी। (जागरण)।पंजाब की 117 में से 56 सीटाें पर डेरे का प्रभाव है। यहां से प्रत्याशियाें की जीत-हार में अनुयायियाें की बड़ी भूमिका रहती है। हरियाणा (Haryana) में भी 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा (BJP) की जीत में भी डेरा सच्चा सौदा ने एक बड़ी भूमिका निभाई थी। यहां भाजपा ने डेरे को पूरा समर्थन दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ac7c2baee9fda44aa0ca181d39e77137b935174 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन डेस्क, जालंधर। डब्ल्यूडबल्यूई पहलवान रहे दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली ने वीरवार को दिल्ली में भाजपा को ज्वाइन कर लिया। इसके बाद इंटरनेट मीडिया पर उनको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। ट्विटर पर द ग्रेट खली हैशटैग ट्रेंड होने लगा। खास बात यह है कि नेटिजंस ने खली की भाजपा में एंट्री के बाद मीम के जरिये पार्टी के दिग्गज नेताओं को 'महाबली' बना दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8556d29c000bf368467e1fd6a71c5daca2aefd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KBC 14 Registrations Question 11: बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन होस्टेड टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के सीजन 14 के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। केबीसी का हर सीजन काफी दिलचस्प रहा है। इस शो ने न सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि उनके ज्ञान को भी बढ़ाने में मदद की। अबतक ये शो न जानें कितने लोगों के सपनों को पूरा करने के साथ ही उन्हें मालामाल बना चुका है। इस शो में देश के कोने-कोने से लोग हिस्सा लेते हैं। इसी के साथ ही बिग बी ने अपना ग्यारहवां सवाल भी पूछ लिया है। केबीसी का ये ग्यारहवां सवाल बेहद ही दिलचस्प है। ये सवाल आपको भी खुद पर गर्व महसूस कराएगा। वहीं शायद आप इसका जवाब भी जानते हों। तो फिर देर किस बात की अगर आप भी बिग बी के सामने हॉट सीट पर बैठकर अपनी किस्मत बदलना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन में पूछे गए इस सवाल का सही उत्तर दें। साथ ही जानें इसके अप्लाई करने का सही तरीका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7fd08554628d491417a3b6f2b835b559f68f847 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62400.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कंट्री आफ ओरिजन सर्टिफिकेट के कारण अटका व्यापार ।जानकारी मुताबिक अफगान से आने वाले ट्रकों के साथ आने वाले दस्तावेजों में कंट्री आफ ओरिजन सर्टिफिकेट (एक्सपोर्ट करने वाले देश का नाम) शामिल नहीं है। ऐसे में कस्टम विभाग ने सर्टिफिकेट की जांच करवाने के लिए दस्तावेजों को अफगानिस्तान दूतावास भेजा है ताकि पता चला सके कि अफगानिस्तान से आने वाला सामान उसी जगह से आ रहा है। जहां से पहले आ रहा था। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के कारण सर्टिफिकेट पर देश का नाम शामिल नहीं है। इसीलिए कस्टम विभाग ने इसे रोक दिया है। वहीं अभी तक दूतावास से कोई भी जवाब न आने के कारण सारा माल अटका हुआ है। + +150 से ज्यादा ट्रक खड़े हैं पाक की तरफ ।पिछले आठ दिनों से 150 से ज्यादा ट्रक, जिनमें ड्राइ फ्रूट, दालें आदि हैं, बार्डर के उस पार पाकिस्तान में खड़े हैं और इस पार नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में स्थानीय व्यापारी चितिंत है। उनका करोड़ो रुपये का माल पाकिस्तान की जमीन पर खड़ा खराब हो रहा है। जबकि वह लोग अपने सारे माल की पेमेंट भी एडवांस में दे चुके है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ceecf137fb313d62892c6e706329e456f7c04ae3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62401.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। इन दिनों लोगों की इंटरनेट पर निर्भरता काफी बढ़ गई है। कोई भी कार्य हो, इंटरनेट के बिना वह संभव नहीं लगता। मगर इंटरनेट इस्तेमाल करते समय डर भी होता है, क्योंकि अलग-अलग रूप में साइबर खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क एक विकल्प हो सकता है। यह आपको कुछ हद तक आनलाइन खतरों से सुरक्षित रख सकता है। वीपीएन के साथ अच्छी बात है कि यह न केवल आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एनक्रिप्ट कर देता है, बल्कि आनलाइन पहचान को भी छिपाता है। इससे किसी तीसरे व्यक्ति के लिए इंटरनेट गतिविधियों को ट्रैक करना या फिर डाटा चोरी करना मुश्किल हो जाता है। इसमें एनक्रिप्शन वास्तविक समय में होता है। + +क्या है वीपीएन : आमतौर पर जब लोग वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क शब्द सुनते हैं तो उन्हें लगता है कि जो टेकसेवी हैं, यह केवल उनके उपयोग की ही चीज है, मगर ऐसा नहीं है। जो टेकसेवी नहीं हैं, वे भी वीपीएन का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह कई तरह से आनलाइन सुरक्षा प्रदान करने में मददगार होता है। यह आपको पब्लिक वाइ-फाइ का उपयोग करते समय, संवेदनशील जानकारियों को साझा करने या फिर नेट सर्फिंग के दौरान भी उपयोगी हो सकता है। ये चीजें वीपीएन के माध्यम से अधिक सुरक्षित तरीके से की जा सकती हैं। + +कैसे करता है कार्य : वीपीएन आपके आइपी एड्रेस को छिपा देता है और उसे होस्ट के रिमोट सर्वर पर रीडायरेक्ट कर देता है। इसका मतलब है कि यदि आप किसी वीपीएन के साथ आनलाइन सर्च करते हैं, तो वीपीएन सर्वर आपके डाटा का सोर्स बन जाता है। इससे आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आइएसपी) या फिर कोई अन्य यह नहीं देख सकता कि आप किन वेबसाइट्स पर जाते हैं और क्या आनलाइन शेयर करते हैं। वीपीएन एक तरह से फिल्टर का कार्य करता है, जो आपके सभी डाटा को एनक्रिप्ट कर देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc3f4651650bf245ac3356d1322bb8f149dc54b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62404.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। Hijab Controversy:- कर्नाटक के उडुपी के एक शिक्षण संस्थान में छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर पाबंदी ने देश में धार्मिक सियासी संग्राम छेड़ दिया है। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है। बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ उतर आए हैं। कई राजनीतिक दलों के मंत्रियों की भी राय आने लगी है। पाकिस्तान ने इसे लेकर देश में अल्पसंख्यक के असुरक्षित होने का आरोप लगाया है। हालांकि, इस विवाद से देश के प्रसिद्ध मुस्लिम शिक्षाविद चिंतित नजर आते हैं। उनके मुताबिक जिस तरह से इसे अहं का विषय बना दिया गया है। वह छात्राओं के पढ़ाई के रास्ते में रोड़े ही अटकाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62405.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6ec7749f82b67a9a914a8fc83f885eb8d8c72c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहते हैं जीवन और मृत्यु दो ऐसे सत्य हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता। यदि जीवन है तो मृत्यु जरुर होगी, पर मायने यह रखता है कि मृत्यु के उस समय में हम जीवन को कैसे जीते हैं। उस अंतिम समय में जो शारीरिक और मानसिक देखभाल दी जाती है वो बहुत जरुरी होती है। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि दुनिया के वो ऐसे कौन से देश हैं जो इस मामले में लोगों के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ड्यूक विश्वविद्यालय द्वारा एक अध्ययन किया गया है, जिसमें देशों को जीवन के अंतिम समय में दी जा रही देखभाल के आधार पर ग्रेड किया गया है। इसमें जो निष्कर्ष सामने आए हैं वो चौंका देने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक स्टडी किए गए 81 देशों में से केवल छह देश ऐसे हैं जिन्हें ‘ए’ ग्रेड मिला है। यह अध्ययन जर्नल पेन एंड सिम्प्टम मैनेजमेंट में प्रकाशित हुआ है। आइए पढ़ते हैं ललित मौर्या की खास रिपोर्ट..। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97b36f91d1d0277f724f5f6ce78e96da694cb55b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62407.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण टीम, बरनाला/अमृतसर। punjab vidhan sabha election 2022ः  कांग्रेस में सीएम चेहरे का सस्पेंस खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनावी दौरे बढ़ा दिए हैं। पठानकोट से लेकर बरनाला तक वह ताबड़तोड़ जनसभाएं कर हैं। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू बुधवार को फिर माता वैष्णो देवी के दरबार पहुंच गए हैं। इस महीने यह सिद्धू का दूसरा दौरा है। वह वीरवार सुबह लौटेंगे। बरनाला के गांव कोटदुना में बुधवार को प्रचार के दौरान चन्नी ने बैठे बुजुर्गाें के साथ ताश (सतरंगी) खेली और गांव की मुश्किलों पर बातचीत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62410.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62410.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0d7a696714888a2a4ad9b258b3f6a986091bfbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62410.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले करीब दो वर्षों से महामारी के कारण दुनिया भर में शिक्षा प्रभावित रही है। सीखने समझने के नुकसान के साथ-साथ स्कूलों के बंद होने का असर बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। इस नुकसान को पूरा करने के लिए बच्चों को काफी मदद की जरुरत होगी साथ ही उनके सामाजिक विकास और पोषण को भी ध्यान में रखना होगा, पढ़िए ललित मौर्या की ये खास रिपोर्ट..। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c9608ecc1af53f7812e2c995fedc21fd7353b2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरनेट मीडिया पर यह बयान आते ही विवाद शुरू हो गया। कुछ देर बाद ही मंत्री का दूसरा वीडियो सामने आया, जिसमें वे अपने मंतव्य को स्पष्ट करते दिखाई दिए। उन्होंने मध्य प्रदेश में नया ड्रेस कोड लाने की बात कही और साथ ही यह भी कहा कि स्कूलों की यूनिफार्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। भारत की मान्यता है कि जिस परंपरा में लोग विश्वास करते हैं, उसका वह अपने घरों में भी पालन करें। हालांकि इस वीडियो के जरिये भी वे मामले को नहीं संभाल पाए, जिससे कांग्रेस को सीधे सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82e4df23519511ca158fdfa7af7f26d888003287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62412.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बिलासपुर, जागरण संवाददाता। Arunachal Avalanche Martyr Ankesh Bhardwaj, अरुणाचल प्रदेश में 21 साल की उम्र में देश के लिए कुर्बान होने वाले जवान अंकेश भारद्वाज के पिता बेटे को दूल्‍हे की तरह विदाई देंगे। बलिदानी अंकेश के पिता पूर्व सैनिक बांचा राम ने दैनिक जागरण से कहा मेरा बेटा दूल्हा बनकर श्‍मशानघाट तक जाएगा। बेटे की इस बलिदानी को वह समारोह की तरह मनाएंगे। आर्मी के बैंड बाजे के साथ बेटे को अंतिम विदाई दूंगा। + +बलिदानी के पिता ने कहा बेटे को पठानकोट से भी बिलासपुर यक हेलिकाप्‍टर से पहुंचाया जाए। मंत्री और प्रशासन से हाथ जोड़कर इसकी विनती की। बांचा रात ने कहा उन्‍हें सेना ने इतना सक्षम बनाया है कि वह आज भी पाकिस्तान से लड़ने के लिए हर माहौल में तैयार हैं। मेरा बेटा प्राकृतिक आपदा में चला गया इसका दुख है। मेरे बेटे की बलिदानी का कार्यक्रम ऐसा हो कि जिसको देख कर आज के युवाओं में देशभक्ति की भावना जागे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3403db8efb0713fa43fd4aadac6170b4fc367ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाथ में हाथ लेकर, जमाने से बेफिक्र होकर एकांत राहों पर टहलने और एक-दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़ने से कहीं ज्यादा बढ़कर है प्रेम। यह स्नेह, आदर, वात्सल्य, आत्मीयता, इंसानियत और आपसी समझदारी की वह प्रस्तुति है जो संबंधों को जीवनभर के लिए प्रगाढ़ बना देती है। कोरोना के कठिन दौर ने हमें प्यार की व्यापक परिभाषा सिखा दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e236fc766376387326ed796c499ca843644dca80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62414.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लद्दाख में चीन की चुनौती को देखते हुए तकरीबन 50 हजार सैनिकों की तैनाती की जा चुकी है। इसके अलावा वहां पर टैंकों, विमानों एवं मिसाइलों की तैनाती कर दी गई है ताकि कभी भी युद्ध की स्थिति से निपटा जा सके। ऐसे में और अधिक रक्षा बजट बढ़ाने की आवश्यकता नजर आ रही थी। पाकिस्तान की सीमा पर खतरे एवं चुनौतियां बरकरार हैं। वह आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता है तथा उन्हें पाल पोसकर भारत भेजता है, ताकि भारत की तरक्की की रफ्तार को रोका जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2889473318c6c237ea550dfea48f8947f30f9f13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संगठन की बजाए लुभा रही सत्ता।पहले कहा करते थे कि किंग से बड़ा किंगमेकर, यानी सत्ता से बड़ा संगठन। लेकिन अब यह सोच बदलने लगी है। वर्तमान में संगठन छोटा और सत्ता बड़ी हो गई है। शायद इसीलिए दिल्ली कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल अनेक पदाधिकारी ऐसे हैं जो खुद भी एमसीडी चुनाव में ताल ठोक रहे हैं। कोई खुद के लिए प्रयासरत है तो कोई पत्नी का टिकट पक्का करने के लिए जुटा हुआ है। इससे वे कार्यकर्ता खासतौर पर परेशान हैं जो लंबे समय से अपने वार्ड में सक्रिय हैं। उनकी आपत्ति है कि प्रदेश कार्यालय में बैठकर से¨ट करना आसान है जबकि वार्ड में जनता के बीच जाकर काम करना कहीं मुश्किल है। इसलिए टिकटों के बंटवारे का फाइनल निर्णय जब लिया जाए तो सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाए। देखा जाए तो बात गलत भी नहीं है। संगठन के लोगों को तभी सामने आना चाहिए जब पार्टी कहे, अन्यथा नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97589c9fe1b31ab6e2c2a367ed9e6b478134264f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62416.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar MLC Election: बिहार के विपक्षी महागठबंधन में राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) व कांग्रेस के बीच दरार की खबरों के बीच अब मामला फाइनल ब्रेक-अप की ओर बढ़ता दिख रहा है। आरजेडी ने बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर होने जा रहे चुनाव (बिहार एमएलसी चुनाव) में कांग्रेस काे एक भी सीट नहीं देने की घोषणा कर दी है। इसके बावजूद आरजेडी का दावा है कि चुनाव को लेकर महागठबंधन के घटक दलों में मतभेद नहीं है। हालांकि, इसपर फैसला कांग्रेस को करना है। इस बीच आरजेडी से निराश कांग्रेस विधान परिषद की सभी 24 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने जा रही है। इन सीटों के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिए हैं, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर पार्टी सीट व उम्‍मीदवार तय करेगी। हालांकि, चुनाव में कांग्रेस के सामने मुश्किलें भी खड़ी दिख रहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b65b770dec9e8daee41f0b729277d1c97628d07a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62419.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित आयुर्वेद विभाग के मानस रोग इकाई में मधुर ध्वनि से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इसके माध्यम से लोगों का मानसिक तनाव व चिंता दूर की जा रही है। यह इकाई करीब साढ़े तीन साल पहले शुरू की गई थी, जिसमें करीब डेढ़ हजार मरीजों का उपचार किया जा चुका है। इस इकाई में मल्टी बिहेवियर के तहत इलेक्ट्रोस्लिप थेरेपी व ब्रेन पाइराइजेशन थेरेपी दी जाती है। इसके तहत मरीज के सिर व दाहिन पैर पर यंत्र के माध्यम से स्टिमुलेशन यानी उत्प्ररेण दिया जाता है। इस दौरान मधुर ध्वनि चलती है, जिसपर मरीज को ध्यान केंद्रित करना पड़ता है। यह ध्यान करीब 20 मिनट चलता है। अगर मरीज को लगातार 6-7 दिनों तक यह थेरेपी मिलती है तो अधिक प्रभाव होता है। वहीं अगर जो मरीज सप्ताह में सिर्फ एक ही बार यह थेरेपी लेते हैं तो इसके साथ ही दवा भी चलाई जाती है। + +मल्टी बिहेवियर के तहत इलेक्ट्रोस्लिप थेरेपी, ब्रेन पाइराइजेशन अवर्जन थेरेपी व यौन थेरेपी आती है। इसे थेरेपी में लो-वोल्टेज इलेक्ट्रिक उत्प्रेरण का प्रयोग किया जात है। सामान्यत: इस थेरेपी काे देने की समयावधि 30 मिनट की होती है। इस थेरेपी से विभिन्न रोगों मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता, तनाव, अनिद्रा, क्रोध, सिरदर्द व पेट की समस्या आदि का उपचार होता है। इससे अभी तक करीब डेढ़ हजार मरीजों का सफलता पूर्वक उपचार हो चुका है। इस इकाई में प्रो. त्रिपाठी के निर्देशन में डा. राजेश जैन, दिपिंती सिंह, प्रियंका कुमार, रामलखन तिवारी, सदाव्रत, अम्लानी, अदिती चौहान, दिव्या राज आदि मरीजों का उपचार कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76904f1b75d619456d835546e3b9c3a8e3963cef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62420.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +यह भी पढ़ें : लालू प्रसाद यादव की क्लास में मुजफ्फरपुर के नेताओं को मिले टास्क।यह भी पढ़ें: लालू प्रसाद यादव के सक्रिय राजनीति में लौटने के संकेत से मुजफ्फरपुर में राजनीतिक चर्चाएं तेज।गंगा पार कराने का किराया सात हजार रुपए।आपको यह जानकर और भी ताज्जुब हो सकता है कि इतना महंगा किराया होने के बावजूद सवारियों की भीड़ लगी रहती है। नाविकों के पास किनारे पहुंच कर थोड़ा आराम करने की फुर्सत नहीं होती। आपको विश्वास हो या ना हो, लेकिन यह पूरी तरह सच है। बिहार का एक कस्बा है बक्सर, जो उत्तर प्रदेश की सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है। गंगा नदी बिहार के बक्सर जिले और उत्तर प्रदेश के बलिया जिले को अलग करती है। गंगा नदी बक्सर शहर से बिल्कुल सट कर बहती है। बक्सर में नाव वाले गंगा पार जाकर लौटने के लिए लगभग ₹7000 किराया वसूलते हैं। दोनों तरफ से यह दूरी बमुश्किल डेढ़ किलोमीटर ही होगी। यहां किराया इतना महंगा क्यों है, यह आप जल्दी ही समझ जाएंगे। + +मुंडन संस्कार के लिए उमड़ती है भीड़।बक्सर के रामरेखा घाट पर बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए भी जबरदस्त भीड़ उमड़ती है। विशेष मुहूर्त ऊपर पर इस घाट पर पैर रखने की जगह नहीं बचती है। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण शहर की सड़कें पूरी तरह जाम हो जाती हैं। नाविक इसी बात का फायदा उठाते हैं। छोटी नावों के भी गंगा पार जाकर लौटने के लिए भी सात हजार रुपए के करीब किराया वसूल लेते हैं। + +ऐसे होता है बच्चों का मुंडन संस्कार।हिंदुओं में मुंडन संस्कार काफी महत्वपूर्ण है। सनातन मतावलंबियों के 16 संस्कारों में मुंडन आठवां है। इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है। बक्सर और आसपास के इलाकों में ज्यादातर लोग गंगा घाटों पर सपरिवार पहुंच कर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं। मुंडन संस्कार में ही पहली बार किसी बच्चे के केश काटे जाते हैं। इस मौके पर एक विशेष किस्म की रस्सी, जिसे स्थानीय भाषा में बाध कहा जाता है, से नदी के दोनों किनारों को नापा जाता है। आम की लकड़ी से बने खूंटे में रस्सी का एक सिरा बांध कर लोग नाव के सहारे गंगा को पार करते हैं और रस्सी का दूसरा सिरा नदी के दूसरे छोर पर खूंटा गाड़ कर बांधते हैं। इस दौरान नदी के दोनों किनारे घाटों पर पूजा की जाती है। नाव को दूसरे किनारे जाकर लौटने में 30 से 40 मिनट के करीब वक्त लगता है। ।पांच लोगों के लिए 1700 किराया।एक बच्चे के मुंडन के लिए नाविकों ने यहां 1700 रुपए किराया निर्धारित कर रखा है। इसमें नाव के सहारे दूसरे छोर पर जाकर लौटना शामिल है। विशेष मुहूर्त होने पर रामरेखा घाट पर इतनी अधिक भीड़ हो जाती है कि नाविकों का संघ खुलेआम मनमानी करता है। मुंडन का मुहूर्त हो, तो नाविक एक बच्चे के मुंडन के लिए तो 1700 रुपए ही लेते हैं, लेकिन एक परिवार से अधिकतम पांच लोगों को ही नाव पर सवार कराते हैं। अगर आपको 10 लोग नाव पर सवार करने हैं तो 3400 रुपए देने होंगे। बात यही खत्म नहीं होती है। + +साल भर की आजीविका चंद मुहूर्तों में।इस कहानी के कई पक्ष हैं, जिनमें एक यह भी है कि नाविक मुंडन संस्कार के मुहूर्तों में ही अपनी साल भर की कमाई पूरी कर लेते हैं। सामान्य दिनों में इनके पास कोई विशेष काम नहीं रहता है। यहां मुंडन वाली नाव खेने वाले ज्यादातर 15 से 25 वर्ष के युवक हैं, जो तेजी से पतवार चलाते हैं और नाव को जल्दी नदी पार करा देते हैं। ऐसे ही एक नाविक ने कहा, अगर हम एक-एक परिवार को लेकर जाने लगें तो तीन दिन में भी भीड़ खत्म नहीं होगी। किराया के सवाल पर वह कहता है कि ठीकेदार नाव से लटकी रस्सी गिन लेता है। जितनी रस्सियां, उतने ही लोगों के लिए 1700-1700 रुपए देने होंगे। हालांकि, ये पूरा सच नहीं है और जो सच है, हमने अपनी आंखों से देखा। ।दो का चार करते हैं नाविक।नाविक भले ही कहें कि ठीकेदार हर ट्रिप पर नजर रखता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। यह हमने अपनी आंखों से देखा। दरअसल ठीकेदार पूरे रास्ते में चल रही नावों पर निगाह जरूर रखता है, लेकिन नाविक भी कम तेज नहीं हैं। वे नाव से लटकी रस्सी को यह कहकर तोड़ देते हैं कि इससे आगे बढ़ने में मुश्किल हो रही है। लोग रस्मी तौर पर रस्सी का दूसरा सिरा दूसरे किनारे पर ले जाकर जरूर बांध देते हैं, लेकिन रस्सी नदी की पूरी चौड़ाई को शायद ही कभी नाप पाती हो। नाविक साफ तौर पर कहते हैं कि रस्सी तो बीच में टूटनी ही है। इस तरह चार परिवारों को बैठाकर भी नाविक ठीकेदार को कभी दो तो कभी तीन परिवार होने की रिपोर्ट देते हैं। रिपोर्टिंग बीच नदी में एक पैट्रोलिंग नाव पर सवार ठीकेदार के एजेंट को होती है। एक परिवार के साथ बतौर नाई आए पप्पू ने बताया कि यहां ऐसे ही चलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f324dea64b3a4b43d937f56b360a0823bd83ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62421.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि भाजपा फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। आखिर उनकी सरकार को किस काम के लिए याद किया जाएगा? इस सपाट प्रश्न पर सीएम योगी भी दो टूक जवाब देते हुए 2017 से पहले और बाद के उत्तर प्रदेश में लकीर खींच देते हैं। कहते हैं कि पहले प्रदेश की पहचान दंगों और गुंडागर्दी से थी, जबकि अब अयोध्या, मथुरा और काशी यूपी की पहचान हैं। वह मानते हैं कि सख्त कानून व्यवस्था और दुनिया में बदली प्रदेश की छवि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है। 80 बनाम 20 के द्वंद्व की परिभाषा योगी कैसे भी गढ़ते हों, लेकिन अपने एजेंडे में दृढ़ता बरकरार है। चुनाव के गरम मुद्दों में शामिल निराश्रित पशुओं की समस्या को वह खारिज नहीं करते। संरक्षण के प्रबंध का तर्क देते हैं और अगले ही पल तेवर ये कि 'गोमाता को कटने तो नहीं देंगे।'।उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने जा रहे चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार को होने जा रहा है। पहले चरण की 58 सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश और ब्रज क्षेत्र की हैं। जाट-मुस्लिम गठजोड़ की संभावना, पश्चिमी उप्र में कृषि कानून विरोधी आंदोलन के प्रभाव पर राजनीतिक पंडितों में बहस छिड़ी है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी इस क्षेत्र में भी चुनाव को अपने नजरिए से देख रहे हैं। बुधवार को अपने सरकारी आवास पर 'दैनिक जागरण' से बातचीत में सीएम योगी ने चुनावी रणनीति से लेकर यूपी के भविष्य पर खुलकर बात की। अव्वल तो वह कृषि कानून विरोधी आंदोलन के प्रभाव को नकार देते हैं। साथ ही मानते हैं कि कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है, जिस पर जनता उनके साथ है। अपने शासनकाल में प्रदेश में आए परिवर्तन का पैमाना उनकी नजर में यह है कि 25 वर्ष बाद कैराना में पेट्रोल पंप खुला है और कांधला में बड़े-बड़े माल बन रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a549d7f57fa2eecf2bb6d49b2c2312018af4d5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62422.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपने पूरे तेवर के साथ विपक्ष पर आक्रामक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आत्मविश्वास भरा चेहरा यह बताता है कि वह दोबारा सरकार बनने के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हैं। वह तर्कों और आंकड़ों को आधार बनाते हुए अपनी बात रखते हैं, साथ ही सवाल भी उठाते हैं आखिर सपा और बसपा ने किया ही क्या है? योगी किसान आंदोलन को कोई मुद्दा न मानते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नब्ज पर हाथ रखने में भी कोई हिचक नहीं करते। कहते हैं- 'किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं था। वैसे भी स्वाभिमानी जाट कैराना, कांधला, मुजफ्फरनगर और कोसी कलां के दंगे नहीं भूल सकते।' मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पर दैनिक जागरण की संपादकीय टीम ने उनसे बातचीत की-।सवाल : उत्तर प्रदेश का चुनाव वस्तुत: देश का चुनाव होता है। आप इस चुनाव को कैसे देखते हैं। राष्ट्रीय राजनीति को यह किस तरह प्रभावित करेगा? -आशुतोष शुक्ल।जवाब : चुनाव हमारे लिए हमेशा अग्निपरीक्षा का दौर रहा है। कोई भी चुनाव उन लोगों के लिए चुनौती होता है जिन्होंने पांच साल तक जनता से संवाद न रखा हो। भाजपा ने पांच साल पहले जो कहा था, करके दिखाया। हमने लोक संकल्प पत्र जारी किया है, इसमें किए संकल्प भी पूरे करेंगे। उत्तर प्रदेश बड़ी आबादी वाला प्रदेश है। इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर पड़ता है। यूपी की अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ होती है तो देश की अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ होती है। कोरोना प्रबंधन के लिए हमारा देश दुनिया के सामने उदाहरण रहा तो यूपी उसका आधार है। पांच साल पहले यूपी प्रश्न प्रदेश बना हुआ था। आज वही प्रदेश देश में विकास का उत्तर है। + +सवाल : इस बार कई क्षेत्रों में विधायकों के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है, लेकिन मोदी-योगी या भाजपा का विरोध नहीं है? -अजय जायसवाल।जवाब : आप पहली बार देख रहे होंगे कि 403 विधानसभा क्षेत्रों में कहीं भी मुख्यमंत्री का विरोध नहीं है। यह तब है, जब दंगाइयों को उनकी जगह दिखाई। माफिया की छाती पर बुलडोजर चलाया। इसके बाद भी यदि विरोध नहीं है तो स्पष्ट संदेश है कि जनता विकास और सुशासन के साथ है। हमने पांच वर्ष बिना रुके, बिना डिगे, बिना थके और बिना झुके, दमदार तरीके से काम किया। भ्रष्टाचारमुक्त प्रदेश की जो कल्पना थी, उसे साकार करके दिखाया। + +सवाल : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर मुसलमान निर्णायक हैं। कहा जाता है कि यह वर्ग अखिलेश के साथ है। दूसरी ओर जयंत जाटों की राजनीति करते हैं? माना जा रहा है कि यह जोड़ी भाजपा को सीधे नुकसान पहुंचा रही है? - हरिशंकर मिश्र।जवाब : हमने हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वोट नहीं मांगा था। जिनको कर्फ्यू पसंद नहीं है, जिनको बहन बेटियों की सुरक्षा अच्छी लगती है, जिनको विकास अच्छा लगता है, वे सब भाजपा के साथ हैं। कोरोना काल में जब गरीब भूखा था तो उसमें मुस्लिम भी थे और हिंदू भी। राशन वितरण हिंदुओं में भी हुआ और मुसलमानों में भी। सपा शासन में दंगे हुए तो उसमें हिंदू भी मरे और मुस्लिम भी। मुस्लिमों को घर-बार छोड़ना पड़ा। जो दंगे में नहीं मरे, वे बीमारी से मर गए। क्या अखिलेश इसके लिए मुस्लिमों से माफी मांगेंगे? हमने वृद्धावस्था, विधवा पेंशन के रूप में 12 हजार रुपये दिए। सपा ने तो अपने शासन में इसे बंद कर दिया था। समाजवादी पेंशन के रूप में कुछ छंटे-छंटाए लोगों को ही दिए। पेशेवर लोगों में इसे बांटा, यह महापाप है। क्या अखिलेश इसके लिए माफी मांगेंगे?।सवाल : आप अपनी सभाओं में कैराना से पलायन या मुजफ्फरनगर दंगे की बातें करते हैं। जब आपने भरपूर विकास कराए हैं तो यह याद क्यों कराना पड़ रहा है? -हरिशंकर मिश्र।जवाब : विकास की सार्थकता बिना सुरक्षा के नहीं है। समृद्धि के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी बात है। सपा बसपा के शासन में दंगों में सैकड़ों लोग मारे गए थे। सपा शासन में 700 दंगे हुए थे तो बसपा शासन में साढ़े तीन सौ। भाजपा शासन में एक भी दंगा नहीं हुआ। क्या ये उपलब्धि नहीं है? आज हम विकास योजनाओं में नंबर एक की राह पर हैं। मेरठ और दिल्ली के बीच निश्चित समय में एक्सप्रेस वे बना देते हैं। सहारनपुर, अलीगढ़ आदि जिलों में विश्वविद्यालय बन रहे हैं। ऐसा इसलिए है कि वहां सुरक्षा का माहौल बेहतर है। सुरक्षा है तो समय से कार्य पूरे होंगे। बेटियों को आधी रात में भी कहीं जाने में भय नहीं लगता क्योंकि वे जानती हैैं कि भाजपा का राज है। कैराना-कांधला में 25 साल बाद पेट्रोल पंप लगा। माल खुल रहे हैं। ऐसा इसलिए की लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। + +सवाल : कृषि कानून विरोधी आंदोलन में जाट नेताओं की सक्रिय भागीदारी रही। क्या जाटलैंड में वह अपना प्रभाव नहीं डालेंगे? -जितेंद्र शर्मा।जवाब : किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं था। वैसे भी स्वाभिमानी जाट कैराना, कांधला, मुजफ्फरनगर और कोसी कलां के दंगे नहीं भूल सकता। सब जानते हैं कि कोसी में दंगा सिर्फ इसलिए हुआ कि जाट व्यापारी मस्जिद के बाहर पानी पीने चला गया था। मुजफ्फरनगर में दंगे इसलिए हुए, क्योंकि दो भाई सचिन और गौरव अपनी बहन से छेड़छाड़ का विरोध करने गए तो उनकी हत्या कर दी गई। तब सपा की सरकार थी, जो दंगाइयों के साथ खड़ी थी। कोई स्वाभिमानी कौम इसे कैसे बर्दाश्त करेगी। आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कोई मजबूरी नहीं है। कैराना से पलायन कर गया व्यापारी लौट आया है। बहन-बेटियां सुरक्षित हैं। यही खीझ हन्नान मोल्लाह और योगेंद्र यादव जैसे लोगों की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62423.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..abd779cc1fff670a48e0473b3fcd3363aaeb4530 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62423.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्षी नेताओं के खिलाफ सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा बजट सत्र के दूसरे चरण में सियासी तनातनी के प्रमुख एजेंडे में शामिल रहेगा। केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर पहले से सवाल उठा रहे विपक्षी दलों ने तय किया है कि शिवसेना नेता संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से परेशान किए जाने की ताजा शिकायत के बाद सदन में एकजुट होकर इस मसले पर बहस कराने का दबाव बनाया जाएगा। + +बजट सत्र के पहले चरण में अब केवल दो दिन ही सदन चलेगा और इसमें धन्यवाद प्रस्ताव व बजट पर चर्चा के अलावा किसी मसले पर बहस की गुंजाइश ही नहीं थी। अनौपचारिक चर्चा के दौरान तमाम नेताओं ने संजय राउत का समर्थन किया और कहा कि यह केवल उनका निजी मसला नहीं है। सूत्रों ने बताया कि इस सियासी लड़ाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राउत को अपने पूरे समर्थन का भरोसा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e94ee0484d58853d60606e8f0c5444fe0f5449d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3. सिराथू विधानसभा सीट : प्रयागराज परिक्षेत्र की महत्‍वपूर्ण सीट मानी जा रही सिराथू विधान सभा सीट को लेकर सभी की निगाह है। यहां से उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी के रूप में अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने नामांकन भरा है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने मुनसब अली को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर पटेल वोटर्स की भूमिका काफी निर्णायक है। ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य के सामने ये बड़ी चुनौती होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62426.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62426.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09045ffd23ae360072475bdf7313bc61704bb303 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62426.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +माला दीक्षित, नई दिल्ली। कर्नाटक में कालेज में हिजाब पहनने को लेकर बवाल मचा है और मामला फिलहाल हाई कोर्ट में विचाराधीन है। अगर कोर्ट के पूर्व फैसलों और विधि विशेषज्ञों की राय देखें तो धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत हिजाब पहनने की दलील कानूनी रूप से ज्यादा टिकती नजर नहीं आती। धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार में उन्हीं चीजों और रीति-रिवाजों को मान्यता दी जा सकती है जो धर्म का अभिन्न हिस्सा हों। विधि विशेषज्ञों की मानें तो पहनावा धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं होता। कालेज या स्कूल अथवा किसी संस्था में लागू ड्रेस कोड को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ नहीं माना जा सकता। + +ड्रेस को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए।धर्म नहीं कहता कि आप बिना हिजाब के कहीं नहीं जा सकते। ड्रेस को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। अगर जोड़ा जाता है तो गलत है। संविधान में मिले ज्यादातर मौलिक अधिकार शर्तो के आधीन हैं। ऐसे ही धार्मिक स्वतंत्रता का भी अधिकार है। सरकार कानून बनाकर उसे नियंत्रित कर सकती है, लेकिन जस्टिस ¨सह का मानना है कि इस मामले में ऐसी स्थिति नहीं है क्योंकि ये धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..844b17f2a92ed6bf4e05a628abfa8ebfe81def67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2012-13 में राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा में छात्र-शिक्षक का अनुपात प्रति 39 छात्रों पर एक शिक्षक का था जो अब प्रति 26 छात्रों पर एक शिक्षक का हो गया है। मंत्रालय की मानें तो इस साल के अंत तक इसमें और सुधार दिखेगा क्योंकि मौजूदा समय में विश्वविद्यालयों और कालेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की मुहिम तेजी से चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4b1fb91ae3a5c033f13996dc73bbcb7df233e5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62428.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +यूनिफार्म कोड का हो पालन ।खान अब्दुल गफ्फार खान की पड़ पोती और आल इंडिया पख्तून जिरगा-ए-हिंद की अध्यक्ष यासमीन निगार खान (Yasmin Nigar Khan) ने कहा कि मेरा मत है कि स्कूलों में यूनिफार्म कोड का पालन किया जाना चाहिए। इस मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। स्कूलों में धर्म का पालन एक सीमा तक ही होना चाहिए। + +विवाद सुलझाना चाहिए।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कर्नाटक सरकार को विवाद सुलझाना चाहिए। वहीं रणदीप सुरजेवाला ने छात्रों के नाम खुला पत्र लिख अपील की है कि वह कट्टरपंथियों की साजिश का शिकार न बनें। राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि क्‍या भाजपा तय करेगी कि देश में कोई क्या खाएगा या क्या पहनेगा? पोशाक पर पाबंदी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है। + +लालू यादव बोले- देश में फि‍र आ गए अंग्रेज ।राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ऐसा लगता है कि 70 साल बाद फिर अंग्रेज आ गए हैं। देश में इतनी गरीबी और महंगाई है उस पर प्रधानमंत्री चर्चा नहीं करते हैं। अयोध्या, वाराणसी और मथुरा पर ही यह लोग लगे हुए हैं। इनको (भाजपा को) चस्का लग गया है कि ऐसा करने से हिंदू वोट मिलेगा। + +पी. विजयन बोले- यह बेहद खतरनाक ।केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर उठे विवाद की निंदा की। उन्‍होंने कहा कि शिक्षण संस्थान धर्मनिरपेक्षता के लिए उपजाऊ जमीन बनें। इसके बजाय बच्चों के मन में सांप्रदायिक जहर डालने की कोशिश की जा रही है। यह बहुत खतरनाक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b2a50134fc1e8f2b89e9937a546372ec96f4a68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ने यूपी के प्रति लोगों को नजरिया बदला है और निवेश के रास्ते खोले हैं, जिससे पांच साल में प्रदेश आगे बढ़ा। साथ ही दमदारी से आगे का संकल्प भी-'हमने पिछले पांच साल में अपने संकल्पों को पूरा किया और अगले पांच साल में भी करेंगे।' उनका कहना है कि 'हम गोमाता को ऐसे कटने नहीं दे सकते थे। इसे रोकने के साथ ही हमने उनके संरक्षण की व्यवस्था की। इस समय प्रदेश में 5500 गोआश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सहभागिता योजना का भी संचालन किया गया है।' सीएम योगी 80 और 20 के अनुपात को अच्छी तरीखे से व्याख्या करते हैं। मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पर दैनिक जागरण की संपादकीय टीम ने उनसे बातचीत की-।सवाल : आप अक्सर 80 और 20 की बात कहते हैं। इसे थोड़ा खुलकर समझाएंगे? -आशुतोष शुक्ल।जवाब : पांच साल पहले लोग कहते थे कि यहां कुछ नहीं हो सकता। आज उत्तर प्रदेश को उसकी पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक परंपराओं के नजरिये से देखते हैं। अयोध्या का उत्तर प्रदेश, काशी का उत्तर प्रदेश, संगम का उत्तर प्रदेश। (थोड़ा मुस्कराते हुए)...और यह भी कहते हैं कि अच्छा आप योगी के उत्तर प्रदेश से हो। आज यूपी इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सबसे बढ़िया काम कर रहा है। गरीब कल्याण की 50 योजनाओं में हम नंबर एक के लिए बढ़ रहे हैं। यूपी के लिए नजरिया बदला है। हमने कोरोना की तीनों लहरों पर काबू पाया। पंद्रह दिन पहले एक लाख से अधिक मरीज थे, आज 20 हजार हैं। इसी का औसत देखें तो 80 और बीस का निकलेगा। जो विकास चाहते हैं, प्रदेश की समृद्धि चाहते हैं, दंगों से मुक्ति चाहते हैं, कानून व्यवस्था चाहते हैं, ऐसे 80 प्रतिशत लोग भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे। और जो लोग दंगा चाहते हैं, अव्यवस्था चाहते हैं, नकारात्मकता चाहते हैं, ऐसे 20 प्रतिशत लोग इस प्रवृत्ति के दलों की ओर जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93f0805fa2fe8c64f2661ed10be39cd15270b075 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62433.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि पाकिस्‍तान एक सोची समझी रणनीति के तहत यह हरकत करता है। ऐसा करके वह अपनी आतंकवादी हरकतों को दुनिया से छिपाने की काशिश करता है। ऐसा करके वह कश्‍मीर में होने वाली आतंकवादी वारदात को एक अलगाववादी घटना करार देना चाहता है। यही कारण है कि वह किसी भी मंच पर कश्‍मीर का मुद्दा उठाने से बाज नहीं आ रहा है। हालांकि, यहां भी उसे आश्वासन और एक बयान के अलावा कुछ खास हासिल नहीं हुआ। + +3- हालांकि, प्रो पंत का मानना है कि कश्‍मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को अब दुनिया अच्‍छे से जान चुकी है। दुनिया यह भी जान चुकी है कि पाकिस्‍तान अपनी करतूतों को छिपाने के लिए गुलाम कश्‍मीर का सहारा लेता है। इस मामले में पाकिस्‍तान कई बार बेनकाब हो चुका है। अमेरिका समेत तमाम अंतरराष्‍ट्रीय संगठन यह जानते हैं कि पाकिस्‍तान अपने देश में सक्रिय आतंकवादी संगठनों का इस्‍तेमाल भारत के खिलाफ करता है। यही कारण है कि वह लगातार ग्रे लिस्‍ट में शामिल है और प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। ।चीन में हुई कश्‍मीर पर सियासत ।गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शीतकालीन ओलिंपिक के उद्धाटन में शामिल होने के लिए चार दिन के दौरे पर बीजिंग में थे। अपनी यात्रा के आखिरी दिन उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफ‍िंग से मुलाकात की। इमरान ने इस मुलाकात में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में आ रही अड़चनों और चीनी मजदूरों पर बार-बार हो रहे हमलों के बारे में भी बात की। कश्मीर को लेकर चीन की तरफ से कहा गया कि वो किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है और कश्मीर मुद्दे को ठीक से और शांति से हल करने का आह्वान करता है। ऐसा करके चीन ने पाकिस्‍तान के साथ कश्‍मीर के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है। ।चिनफ‍िंग ने पाक का किया समर्थन ।इस बैठक में शी ने कहा कि चीन राष्ट्रीय स्वतंत्रता, संप्रभुता, गरिमा की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान का समर्थन करता है। चीन सीपीइसी के विकास को आगे बढ़ाने और प्रमुख परियोजनाओं के सुचारु रूप से जारी रखने के लिए पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने को तैयार है। इमरान खान ने चीनी अधिकारियों को कश्मीर की हालिया घटनाओं के बारे में जानकारी दी। इस पर चीन की तरफ से कहा गया कि कश्मीर मुद्दा इतिहास का बचा हुआ विवाद है, जिसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर शांति से हल किया जाना चाहिए। चीन किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है जिससे हालत और बिगड़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6cc7f1ec9005fda835f3f137e645a68fe9469aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। अक्‍सर छात्र अपनी पढ़ाई-लिखाई और करियर को लेकर असमंजस में रहते हैं। वे अपनी रुचि को पहचानकर सही दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय नहीं ले पाते हैं,जबकि यही निर्णय उनके जीवन के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण होता है। आज के अपने इस कालम में वरिष्ठ काउंसलर अरुण श्रीवास्तव स्टूडेंट्स के इस तरह के संशय को दूर करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं...।अभी मैं एमएससी (जूलाजी) से कर रही हूं। मैं आइएएस बनना चाहती हूं, पर मेरी थोड़ी रुचि रिसर्च फील्ड में भी है। मैं अपने करियर को लेकर दुविधा में हूं। कृपया रिसर्च फील्ड में भी जाब अवसरों के बारे में बताएं, क्योंकि स्वजन मेरी शादी जल्दी करना चाहते हैं। -पूजा रियार, ईमेल से।यदि आप अपनी रुचि के करियर में खुद को स्थापित करना चाहती हैं, तो इसके लिए अपने स्वजन को भरोसे में लेकर उन्हें समझाएं। उनसे अपने सपने पूरे करने के लिए कुछ समय मांगे। माता-पिता हर हाल में अपनी संतान की खुशी चाहते हैं, इसलिए आपकी बात वे अवश्य मानेंगे। उनके साथ से आपका मनोबल और आत्मविश्वास निश्चित रूप से बढ़ेगा। जहां तक दुविधा की बात है, तो आप अपने मन की आवाज को सुनकर मंथन करें। जिसमें गहरी रुचि हो, उस दिशा में खुद को आगे बढ़ाने की हर संभव कोशिश करें। आइएएस बनना चाहती हैं, तो फोकस्ड तैयारी करें। इसके लिए टापर्स/सफल अभ्यर्थियों के टिप्स पर भी ध्यान दें। आपके पास रिसर्च का दूसरा और सुरक्षित विकल्प भी है। जूलाजी से एमएससी पूरा करने के बाद ही आपको वाइल्ड लाइफ रीहैबिलिटेशन के लिए काम कर रही संस्थाओं, सैंक्चुअरीज, नेशनल पार्क, एनजीओ आदि के अलावा अध्यापन के क्षेत्र में भी काम करने का मौका मिल सकता है। पीएचडी करने के बाद नेट क्वालिफाई करके अपने लिए अवसर और बढ़ा सकती हैं। मन मुताबिक लक्ष्य तय करें और आत्मविश्वास से आगे बढ़ें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8556e87f84a571a3ed3f5cb23c23c8a99e5f39fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नो योर कैंडिडेट ऐप।इस ऐप पर प्रत्याशी अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी देंगे। कोई भी मतदाता इस एप के माध्यम से प्रत्याशी की पूरी जानकारी ले सकेंगे। इसमें प्रत्याशी के नाम पर क्लिक करते ही उसके बारे में जानकारी सामने आ जाएगी। वहां एफिडेविट का लिंक मिलेगा, जिसपर क्लिक करते ही प्रत्याशी के बारे में सबकुछ जानने को मिल जाएगा। उनके परिवार की स्थिति, आर्थिक स्थिति, प्रत्याशी के नाम पर चल, अचल संपत्ति का विवरण, पेशा, आपराधिक इतिहास भी होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54a14da37715a3a7dabc14795337126a6ea9d025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता । एएमयू की यूनिवर्सिटी पालीटेक्निक के एसोसिएट प्रोफेसर शमशाद अली ने आटोमेटिक कैरिज स्टापर का आविष्कार किया है। जिससे लेथ मशीन पर काम करने वाले आपरेटर्स के लिए कार्य के दौरान दुर्घटनाओं की संभावना को कम करने में मदद मिलेगी। इस आविष्कार को हाल ही में पेटेंट कार्यालय भारत सरकार द्वारा पेटेंट कराया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62439.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62439.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2824da6e22f7e95206456a0ec05f60feb9da930b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62439.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश में हिमाचल के दो जवानों ने दिया बलिदान, बैजनाथ के राकेश भी देश के लिए कुर्बान ।अंकेश का परिवार अभी सामान्य स्थिति में है और अपने लाडले के बारे में अच्छी खबर के इंतजार में है। पूरी रात उन्होंने आंगन में बैठकर बिताई है। कुछ रिश्तेदार भी रातभर आंगन में आग जलाकर बैठे रहे। इस बारे में जब एसडीएम घुमारवीं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक अधिकारिक पुष्टि उनके पास भी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c150711632325e4f4a0a244f6966a512dd0366cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62440.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी बताया जाता है कि 20 फरवरी को मतदान के बाद 21 व 22 फरवरी को श्री मुक्तसर साहिब की टिब्बी साहिब रोड स्थित सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट के अस्पताल में आंखों का मुफ्त आपरेशन कैंप आयोजित किया जा रहा है, वहां पर आ जाना, आपरेशन कर दिया जाएगा। डा. बलजीत चुनाव प्रचार के दौरान हलके में अब तक सैकड़ों की संख्या में मरीजों की आंखों की जांच कर चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fe903d624b1077c6f8eff5280245b915f218f9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62442.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। मौजूदा चुनावी माहौल में देश में इस प्रस्थापना को काफी हवा दी जा रही है कि केंद्र सरकार निजीकरण की मुहिम के तहत उन बहुत से सार्वजनिक उपक्रमों को बेच रही है, जो नौजवानों को रोजगार देते रहे हैं। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि अपने वादे के अनुरूप दो करोड़ रोजगार पैदा करने से उलट मोदी सरकार ने रहे-बचे रोजगार खत्म कर दिए हैं। निश्चित ही भारत जैसे एक आबादी बहुल मुल्क में रोजगार बड़ा मुद्दा होता है। अतीत की सरकारों को भी इसके लिए काफी भला-बुरा कहा जाता रहा है। सवाल है कि क्या रोजगार सिर्फ सरकारी नौकरियों के रूप में और सतत घाटे में चलते सार्वजनिक उपक्रमों को भारी-भरकम पूंजी देकर बचाए रखते हुए ही पैदा किए जा सकते हैं? क्या सरकार का काम एक कारोबारी की तरह अपनी बैलेंस शीट साधने और मालिक-कर्मचारी की भूमिका को कायम रखना है? इन सवालों का एक ठोस जवाब देश में बढ़ते स्टार्टअप की संख्या और विभिन्न कामकाज में उनके बढ़ते योगदान से मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6316703387c12ef28737a6b0edb32375bf097aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल में किसानों ने एक साल तक आंदोलन करते हुए जिन तीन कृषि कानूनों को वापस कराया है, उसमें बाजार के सुधार की एक दिशा नजर आ रही थी, लेकिन तीनों ही कानून राजनीतिक आंदोलन की भेंट चढ़ गए। हालांकि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। अब केंद्र सरकार ने कृषि और बाजार सुधारों की तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए समूचे देश के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने की शुरुआत की है। केंद्रीय बजट में प्राकृतिक खेती को अपनाने पर पूरा जोर दिया गया है। किसान यदि इस फामरूले को अपना लें तो न केवल उनकी आय में कई गुणा बढ़ोतरी होगी, बल्कि देश के लोगों के स्वास्थ्य में भी आश्चर्यजनक रूप से सुधार हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96195c61fc9109c81d6768b2c9109e97bca35210 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6245.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपेश पांडेय, मुंबई ब्यूरो। अभिनेत्री सिंपल कौल सोनी सब चैनल के आगामी धारावाहिक दिल जिद्दी माने ना में सैन्य अफसर कोयल के किरदार में नजर आएंगी। शरारत, ओए जस्सी और ये हैं हम शो की अभिनेत्री सिंपल बतौर मुख्य अभिनेत्री करीब छह वर्ष बाद टीवी पर वापसी कर रही हैं...।इतने वर्षों बाद इस शो के साथ वापसी का विचार कैसे आया?।कोरोनाकाल में मैं भी सभी की तरह दिल्ली में अपने घर में थी। इसी बीच मुझे इस शो के लिए काल आई। मुझे यह शो काफी अच्छा लगा। मैं घर में बैठे-बैठे बोर भी हो गई थी। इसलिए मुझे लगा कि यही सही वक्त है दोबारा काम पर लौटते हैं। इसके बाद मैंने कुछ राउंड आडिशन दिया, जो निर्माताओं को पसंद आया और मैंने इस शो पर ।काम करना शुरू कर दिया। सैन्य अफसर का किरदार निभाने की क्या तैयारियां रहीं?।मैं इस शो में कोयल नाम की ऐसी आत्मनिर्भर और सशक्त लड़की का किरदार निभा रही हूं, जो आर्मी ज्वाइन करती है। उसका एक बच्चा है, जिसे बचाने के लिए वह कहीं से भागकर आई है। वह अपने बच्चे को छिपाकर रखती है, जिससे सभी को लगता है कि वह अविवाहित है। कोयल मानसिक और शारीरिक दोनों तौर पर सशक्त महिला है। असल जिंदगी में भी मेरा खेलों और शारीरिक गतिविधियों की ओर बचपन से रुझान रहा है। स्कूल के दिनों में मैंने स्टेट लेवल पर खेला है। इस वजह से मुझे इस किरदार की तैयारी में काफी मदद मिली। ।स्क्रीन से दूरी का क्या कारण रहा?।मेरे तीन रेस्त्रां हैं और चौथा खोलने जा रही हूं। बीते करीब छह साल से मैं इन्हीं में व्यस्त थी और अपने उस सफर का आनंद ले रही थी। इस बीच बतौर एक्टर मैंने कैमरा और सेट को तो काफी मिस किया, लेकिन दोनों पर एक साथ फोकस करना मुश्किल था। साल 2019 में मैंने शो भाखरवाड़ी में एक मेहमान भूमिका निभाई, लेकिन उसके लिए भी मैं महीने में सात-आठ दिन ही शूटिंग कर पाती थी। इसके बाद जब महामारी की वजह से शो बंद हुआ तो मैंने दोबारा उससे जुड़ने के लिए मना कर दिया और कुछ दिनों में वह शो भी बंद हो गया। इसके अलावा मुझे कुछ ऐसा अच्छा आफर भी नहीं मिला कि मैं अपना काम छोड़कर एकदम से एक्टिंग में आ जाती। ।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल डिफेंस एकेडमी में (एनडीए) में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी है, रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की क्या भूमिका देखती हैं?।हर परिवार को घर की बेटियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। मैं तो हमेशा से ही ऐसे ही माहौल में रही हूं। मेरे स्कूल में खेलकूद बहुत ज्यादा होता था। मैं खुद भी खेलों में बहुत अच्छी थी। हमारे यहां साहसी और प्रतिभाशाली महिलाओं की कमी नहीं है। गांवों से कम सुविधाओं के बाद भी बहुत अच्छी एथलीट निकलती हैं। खेलकूद शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में भी मदद करता है। मुझे लगता है कि लड़कियां रक्षा क्षेत्र से जुड़कर काफी कुछ कर सकती हैं। हमें बस उन्हेंं प्रोत्साहित करने की जरूरत है। ।देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में और आगे बढ़ने के लिए आप क्या चीजें जरूरी समझती हैं?।महिला सशक्तिकरण के लिए बेटियों की शिक्षा सबसे जरूरी है। हर माता-पिता को अपनी बेटी को सबसे अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करनी चाहिए। शिक्षित होने के बाद बच्चे अपने आप आत्मनिर्भर होने के मायने समझ जाते हैं। सभी के शिक्षित हो जाने के बाद महिला-पुरुष असमानता की समस्या ही कभी नहीं आएगी, क्योंकि लड़कियों और महिलाओं को अपने अधिकारों की समझ हो जाएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5a15dbe67c5f726b820b7f5bed1337d3848a8bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62450.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें दिल्ली के करीब होने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का हिस्सा होने के कारण गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ सबसे अलग स्थिति रखते हैं। दिल्ली के करीब होने के कारण यहां के मतदाता का सोच और चुनाव को देखने का नजरिया भी प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले अलग ही है। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के बड़े हिस्से में मेट्रो शहर की संस्कृति अच्छी तरह से पहुंच चुकी है। इनमें ऊंची-ऊंची इमारतों वाली सोसाइटियों में देशभर से आए लोग निवास करते हैं, जो खुद को उत्तर प्रदेश से ज्यादा दिल्ली के करीब पाते हैं। विगत कुछ वर्षों में यहां का राजनीतिक रुझान भी यहां के मतदाताओं के सोच को दर्शाता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की 11 सीटों में से 10 सीटें भाजपा की झोली में गई थीं, जबकि सिर्फ हापुड़ की धौलाना सीट ही भाजपा के पाले में न जाकर बसपा को चली गई थी। मौजूदा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, ये तो नतीजे ही बताएंगे, लेकिन मतदाताओं के बीच धर्म-जाति के मुद्दों के बजाय विकास और कानून व्यवस्था के मुद्दे इस बार भी अधिक हावी नजर आते हैं। कुलमिलाकर कमोबेश यह स्थिति पूरे उत्तर प्रदेश की है। + +हापुड़ में भी कड़ी टक्कर के आसार। हापुड़ में कुल तीन सीटें हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर और धौलाना हैं। हापुड़ में मौजूदा विधायक विजयपाल आढ़ती का मुकाबला चार बार कांग्रेस विधायक रह चुके और अब रालोद से चुनाव लड़ रहे गजराज सिंह, बसपा के मनीष मोनू और कांग्रेस की भावना वाल्मीकि से है। क्षेत्र के लोगों के बीच विजयपाल की छवि विकास कराने वाले विधायक की है, ऐसे में उनकी स्थिति मुश्किल नजर नहीं आ रही है। गढ़मुक्तेश्वर में भाजपा ने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर जाट चेहरे हरेंद्र सिंह तेवतिया पर दांव खेला है। यहां उनका मुकाबला सपा के रविंद्र चौधरी, बसपा के मदन चौहान और कांग्रेस की आभा चौधरी से है। चौहान तीन बार सपा से विधायक रहे, लेकिन सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके कारण वह बसपा के टिकट पर मैदान में हैं। सपा का वोट बैंक साथ न होने के कारण उनके लिए यह लड़ाई आसान नहीं नजर आ रही है। वहीं, क्षेत्र के लोग भी गढ़ के कार्तिक पूर्णिमा मेले को प्रदेश के मानचित्र पर लाने का श्रेय मौजूदा सरकार को दे रहे हैं। धौलाना में बसपा के टिकट पर विधायक असलम चौधरी इस चुनाव में सपा से ताल ठोंक रहे हैं। उनकी काट के लिए भाजपा ने सपा से विधायक रह चुके धर्मेश तोमर को टिकट दिया। वहीं, बसपा से बासित अली और कांग्रेस से अरविंद शर्मा भी मैदान में हैं। सपा से विधायक होने के कारण तोमर की छवि सपा वोट बैंक में भी ठीकठाक है। वहीं, क्षेत्र में विकास भी एक बड़ा मुद्दा है, ऐसे में असलम चौधरी के लिए इस बार लड़ाई आसान नजर नहीं आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7a2d68fa46a7afbbbd3310594c742e13a2f9b5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिता भी पूर्व सैनिक ।अंकेश के पिता पूर्व सैनिक हैं। उनके चार भाई भी बीएसएफ और सेना में सेवाएं देकर सेवानिवृत्त हुए हैं। अंकेश भारद्वाज 19 जम्मू-कशमीर राइफल्स में भर्ती हुआ था। बचपन से ही ही वह सेना में भर्ती होना चाहता था और उसके लिए तैयारी करता था। अंकेश का एक छोटा भाई है, जो अभी 11वीं में पढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2df3051fab5e473f34f00130353f7eb28e948863 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा और पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में जन्मीं फिल्म अभिनेत्री माही गिल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से बेहद प्रभावित हैं। उनका मानना है कि इस अभियान के लागू होने के बाद से न केवल बेटियों की जन्मदर बढ़ी है, बल्कि लड़कियों के मां-बाप उनकी शिक्षा के प्रति खासे जागरूक हुए हैं। माही गिल मोदी के इस अभियान से प्रेरित होकर भाजपा में शामिल हुई हैं और इस पार्टी में रहकर राजनीति में बहुत आगे तक जाने का इरादा रखती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62456.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42162d19027e98425f4fcb506a3a79fc25ac586a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम से खराब श्रेणी में। इससे पहले मंगलवार को भी दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का एयर इडेक्स 270 रहा। एनसीआर में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 272, गाजियाबाद का 286, ग्रेटर नोएडा का 198, गुरुग्राम का 250 और नोएडा का 211 दर्ज किया गया। सफर इंडिया का पूर्वानुमान है कि मौसम में बदलाव की संभावना से अगले एक दो दिन वायु प्रदूषण नियंत्रण में ही रहेगा। ।गौरतलब है कि नवंबर के साथ दिसंबर और जनवरी में भी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब रहा। हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा और स्कूल भी बंद करने पड़ा। दरअसल, दीवाली के बाद खराब हुए वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार कई महीनों तक नहीं हुआ।  हालांकि, बीच-बीच में हुई बारिश ने जरूर राहत दी है, लेकिन इसके बाद फिर हालात वैसे ही हो गए। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप लागू है, जिसके तहत कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29ab64f27225701233e9b96ed9a332bb9021e3bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62457.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नितिन धीमान, अमृतसर। Actor Praveen Sobti Death Newsः  महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती निधन से पंजाब में शाेक की लहर है। वर्ष 1988 में सूचना—प्रसार एवं मनोरंजन के साधन सीमित थे। उस दौर में बीआर चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'महाभारत' का प्रसारण देखने के लिए देश के धर्मपरायण लोग सब काम छोड़कर ब्लैक एंड व्हाइट टीवी के सामने नजरें गढ़ाकर बैठ जाते थे। + +लाकडाउन में फिर से दिखी भीम की ताकत।प्रवीण कुमार कोरेाना काल में फिर दूरदर्शन की स्क्रीन पर नजर आए। लाकडाउन में महाभारत का पुन: प्रसार हुआ। 1988 में महाभारत देखने वाले लोगों लोगों ने पुन: इसका प्रसारण देखा, वहीं नई पीढ़ी ने भी धर्मयुद्ध की गाथा को आत्मसात किया। शोधकर्ता सुरिंदर कोछड़ बताते हैं कि प्रवीण कुमार सोबती मेरे पिताजी के मामा जी के बेटे थे। अमृतसर से सोबती परिवार दिल्ली चला गया और वहां प्लास्टिक की फैक्ट्री चलाने लगे। प्रवीण कुमार की फिल्मों में भी एंट्री हुई। उन्होंने हुकूमत फिल्म में खलनायक की दमदार भूमिका निभाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfacdc589e94326eaaae6e152368cf12a4b4715b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62459.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़ शहर में सूतमील पर रहने वालीं एएमयू में एलएलएम द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रीति चौधरी कहती हैं कि पांच साल में अपराध में कमी आई है। हालांकि इसका बड़ा कारण निर्भया प्रकरण के बाद बना कानून भी है। रेलवे रोड निवासी एमबीए (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट) की छात्रा तृष्णा अग्रवाल का कहना था कि पांच साल में काफी माहौल बदला है। बस ये माहौल बना रहे। + +डीएस कालेज की छात्रा शिवानी शर्मा कहती हैं कि पिछले पांच सालों में लड़कियों के लिए सुरक्षा का माहौल बना है। छात्राओं के कालेज के बाहर रोमियो स्क्वाड तैनात करना भी काफी कारगर रहा है। छात्राओं के पास अब कई हेल्पलाइन नंबर भी रहते हैं। क्या इस माहौल का चुनाव पर भी असर रहेगा, छात्राएं कहती हैैं, होना ही चाहिए। आखिर किस समाज में महिलाओं छात्राओं को सुरक्षा की दरकार नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e6b7ee1d2a03070000df0c975c247321ab1dc9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। उत्तर प्रदेश में गरमाते चुनावी मौसम में भाजपा ने फायर ब्रांड नेत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती को भी उतार दिया है। उन्होंने मंगलवार को गाजियाबाद में लोनी विस क्षेत्र में सभा की। उमा के मोर्चा संभालने से पार्टी की हिंदुत्व और ओबीसी कार्ड को लेकर उम्मीदें बढ़ी हैं। राम मंदिर आंदोलन से लेकर गंगा स्वच्छता अभियान तक उमा का उत्तर प्रदेश से लगाव रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..390dda3d596d616adad96befe8c6aeea636c5344 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62461.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बारिश के मौसम के दौरान इन गांवों तक पहुंचने के लिए इस तरह रास्‍ता तय करना पड़ता है। ।ये हालात हैं बाह विधानसभा क्षेत्र में स्थित सुन्सार और गुढ़ा गांव के। सुन्सार यमुना की तीेर में बसा है तो गुढ़ा चंबल नदी किनारे। चंबल किनारे बसा गुढ़ा गांव बाह से करीब 18 किमी सिमराई गांव पहुंचने के बाद कच्ची सड़क पर है। वह भी ऊबड़-खाबड़ रास्‍ता है। गांव की आबादी जो कभी 1200 से अधिक होती थी। विकास न होने व आने जाने के लिए सड़क न होने के कारण महज 600 के करीब ही रह गई है। लोग पलायन कर चुके हैं। गांव में अब युवा कम ही दिखते हैं। यहां पर मतदाता की संख्या 336 है। इसके विपरीत दिशा में यमुना के तीरे में बसा सुन्सार गांव की आबादी 1000 है और कुल मतदाता 587 हैं यहां। लेकिन बाह से पांच किमी पक्का रास्ता उसके बाद छह किमी तक कच्‍चे रास्ते पर होते हुए इस गांव तक पहुंचा जा सकता है। अगर बारिश का मौसम हो तो यहां सही सलामत पहुंच पाना ही बड़ी बात है। दोनों ही गांव के लोगों का कहना है चुनाव के दौरान नेता आते हैंं और सड़क बनवाने का आश्वासन देते हैं लेकिन फिर पांच साल पलट कर नहीं देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5393adc1ec23c3a8cd6e2b951ca475dc2f2cfc8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेजी से बढ़ता फील्‍ड।ग्राहकों की बदलती जरूरतों को देखते हुए आज लगभग सभी निजी और सार्वजनिक बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं। इन बैंकों ने अपने परिचालन को भी पूरी तरह से डिजिटल प्रारूप में स्थानांतरित कर लिया है, जहां डिजिटल रिकार्ड कीपिंग और डिजिटल कंप्यूटिंग जैसे बहुत से कार्य अब आनलाइन तरीके से ही हो रहे हैं। लेकिन आने वाले समय में देश में पहली बार स्‍वतंत्र तौर से डिजिटल बैंक भी देखने को मिलेंगे। विशेषज्ञों की मानें, तो यह अभी शुरुआत है। आगे यह किस ऊंचाई तक जाएगा, इसकी कोई सीमा नहीं है। इसलिए आपको भी अभी से ही इस डिजिटल बैंकिंग दुनिया का हिस्‍सा बनने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cd938c6437504b5297971063d4ffecd11c985d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62464.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एबी डिविलियर्स और डेनियल।वर्ष 2012 में आइपीएल के दौरान एबी डिविलियर्स अपनी गर्लफ्रेंड डेनियल के साथ ताजमहल आए थे। डिविलियर्स ने ताजमहल में ही डेनियल को प्रपोज किया था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2013 में शादी कर ली थी। डीविलियर्स ने कई वर्षों बाद रायल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए पोडकास्ट करते हुए उस दिन के अपने पहनावे पर खेद जताया था। डीविलियर्स ने कहा था कि मैंने काफी पहले से इसकी योजना बनाई थी। मुझे लगा कि ताजमहल से ज्यादा रोमांटिक जगह कोई और नहीं है। इसके लिए थोड़ी प्लानिंग करनी पड़ी। कैमरे तैयार थे और जैसे ही वह तैयार हो गई, मैंने कहा कि हम ताजमहल की यात्रा करने जा रहे हैं। यह एक शानदार अनुभव था। यह कुछ लोगों को थोड़ा अटपटा लगता है, लेकिन दूसरों के लिए शायद मैंने पल को अच्छा किया और एक स्टैंडर्ड सेट किया। + +विद्युत जामवाल और नंदिता मेहतानी।अभिनेता विद्युत जामवाल वर्ष 2021 में अपनी मित्र फैशन डिजाइनर नंदिता मेहतानी के साथ ताजमहल देखने आए थे। उससे पूर्व दोनों के रिश्ते पर कयास लगाए जा रहे थे। स्मारक में भ्रमण के दौरान दोनों हाथ में हाथ डाले घूमते नजर आए। नंदिता ने रिंग फिंगर में रिंग पहनी हुई थी और इसे उन्होंने शो भी किया। इसके बाद दोनों के रिश्ते पर मोहर लग गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c3b6f1fba5848fd59a6c457b905377aef652287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, मुनीष गारिया। खिलौने से दिल बहलाने की उम्र में महज दो साल की राभ्या बहल ने कंठस्थ गायत्री मंत्र का गायन कर इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम अंकित करवाने की उपलब्धि हासिल की है। धर्मशाला के चीलगाड़ी कालोनी निवासी अभय बहल के घर 24 फरवरी 2020 को जन्मी राभ्या ने दो साल की होने के 16 दिन पहले 8 जनवरी को रिकार्ड बनाया है। गायत्री मंत्र उच्चारण का रिकार्ड इस किताब में अभी दो साल के एक बच्चे के नाम दर्ज है, जबकि एक साल 11 माह और 15 दिन की राभ्या ने अब ये रिकार्ड अपने नाम कर लिया है। लिहाजा देश में सबसे कम आयु में ये रिकार्ड बनाने वाली बेटी बन गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4a819decc2e7bc2bba9577abaed58749ab0e435 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का बीते दिनों अचानक निधन हो गया। इस खबर से बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री काफी सदमे में हैं। शुक्रवार को सिद्धार्थ के अंतिम संस्कार में टीवी के काफी सेलेब्स शामिल हुए। अंतिम संस्कार के बाद फेमस एक्टर करणवीर बोहरा अपनी पत्नी के साथ सिद्धार्थ की मां से मिलने उनके घर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसका अंदाजा किसी को भी नहीं था। सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उनके लिए कहा जा रहा है कि, 'सियाज गाड़ी में आए मतलब गरीब हैं।'।करणवीर बोहरा ने यह वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन लिखा, 'सियाज गाड़ी में आए हैं, गरीब लग रहे हैं। बहुत दुख हुआ यह सुनकर। हम यहां 5 स्टार अपीयरेंस देने के लिए आए हैं क्या? हम एक ऐसी मां से मिलने आए, जिसने अभी-अभी अपना एक बेटा खोया है और निश्चित रूप से मीडिया के लोग ये नोटिस करते हैं। यह वही हैं जो मीडिया के लोगों को बदनाम करते हैं।करण के इस वीडियो पर कई सेलेब्स अपने रिएक्शन दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4f11c7be4e231651f4970a0e99fe7ea586c2f38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62470.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कारण।इन लक्षणों से पहचानें: स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में चेहरे का एक हिस्सा सुन्न हो जाना, बोलने में परेशानी, सिरदर्द और दिखना बंद हो जाना शामिल है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाएं। स्ट्रोक के मरीजों के लिए समय पर उपचार उपलब्ध कराना बहुत जरूरी होता है। जितनी जल्दी उपचार शुरू कर दिया जाए परिणाम उतने ही बेहतर मिलते हैं। युवाओं को इस मौसम में परिवार के बुजुर्ग व बीमार लोगों की विशेष देखभाल करनी चाहिए और स्ट्रोक के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e3a979970ada09d9819a5d3982661fe51e55488 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62474.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अली अब्बास। अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज के सलाना उर्स पर आगरा में भी सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला पर छटी शरीफ (कुल शरीफ फातिहा) का आयोजन किया जाता है। यह परंपरा महीनों या सालों से नहीं बल्कि कई शताब्दी से चली आ रही है। इसका कारण ख्वाजा गरीब नवाज और सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला के बीच 400 साल पुराना रिश्ता है। मंगलवार को न्यू आगरा स्थित अबुल उला दरगाह पर ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स मुबारक के मौके पर छटी शरीफ (कुल शरीफ फातिहा) का आयोजन किया गया है। + +जिस पर हज़रत सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला ने कहा कि उनसे अजमेर छूट जाएगा। मगर, ख्वाजा गरीब नवाज के कहने यहां आकर वह हजरत शाह अमीर अब्दुल्ला अहरारी के मुरीद हुए। यह दरगाह एत्माद्दौला थाने के पास है। आगरा में रहते हुए उन्होंने हजरत मुईनउद्दीन चिश्ती (ख़्वाजा ग़रीब नवाज़) के सलाना उर्स मुबारक के मौके पर छटी शरीफ (कुल शरीफ फातिहा) कराना शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00063af9094e204ec97273594bd43444026b6f7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ड्रोन का प्रयोग फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण, पौधों की वृद्धि की निगरानी आदि के लिए भी किया जाएगा, जिससे किसानों को काफी मदद मिलेगी। समय पर बीमारियों का पता चलने से किसानों की इनपुट लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ सकेगा। इससे एक बड़े क्षेत्रफल में महज कुछ घंटों में ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है। जिससे किसानों के समय की बचत होगी। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सही समय पर खेती में कीट प्रबंधन किया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5931a45a9c486520a3395f804a04f7f380c1a814 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगमोहन सिंह राजपूत। विधानसभा चुनाव तो केवल पांच प्रांतों में ही हो रहे हैं, मगर देश भर में सभी संचार माध्यम और अधिकांश नेता उसी के संबंध में चर्चा करने, रणनीति बनाने और विश्लेषण करने में व्यस्त हैं। आजकल हर स्तर के चुनावों में प्रदेश की सरकारों का पूरा तंत्र उनकी व्यवस्था में लग जाता है। लोकसभा से लेकर पंचायतों तक के चुनावों का यह सिलसिला लगभग प्रतिवर्ष चलता रहता है। सबसे पहले प्रशासन इस कार्य में अध्यापकों को लगाता है। उसका सीधा प्रभाव बच्चों की शिक्षा और विशेषकर उसकी गुणवत्ता पर पड़ता है। अनेक अवसरों पर लोकसभा के चयनित सदस्य विधानसभा का या विधानसभा सदस्य लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं। जीत जाने पर पहला पद छोड़ देते हैं। फिर उपचुनाव होता है। उसका सारा बोझ जनता उठाती है। ऐसा ही तब भी होता है जब कोई व्यक्ति दो जगह से चुनाव लड़कर दोनों क्षेत्रों से विजयी होता है। वहीं दागी उम्मीदवारों ने अपना एक स्थायी मुकाम चुनाव व्यवस्था में बना लिया है। अधिकांश राजनीतिक दल इन पर अपनी निर्भरता स्वीकार करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86816253d99a53467a6497cd03aea03dfd3cd765 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म 'शर्माजी नमकीन' में दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर मुख्य किरदार में थे। उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग भी लगभग पूरी कर ही ली थी। लेकिन अप्रैल के महीने में उनका निधन हो गया और वो फिल्म की बाकी बची हुई शूटिंग नहीं कर पाए। जिसके बाद फिल्म के निर्माता ने ऋषि कपूर की जगह परेश रावल को फिल्म में लेने का फैसला किया। परेश रावल भी फिल्म के लिए मान गए। लेकिन फिर भी ये फिल्म ऋषि कपूर के करियर या कहें कि जीवन की आखिरी फिल्म है इसलिए ये सभी के लिए बेहद खास है। ऋषि कपूर की बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी ने भी फिल्म का पोस्टर शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9802ebe965fbbcf530df55c86f5df19546d9d1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62480.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नेपाल में चीन की गतिविधि ठीक नहीं।सेवानिवृत्त सूबेदार जोगिंदर सिंह का मानना है कि किसी भी देश से सटी सीमा के लिए वहां के स्थानीय प्रशासन की उतनी ही जिम्मेदारी होती है जितनी केंद्रीय बल की। नेपाल की सीमा पहले हमारे लिए उतनी महत्वपूर्ण नहीं करती थी अब ज्यादा है। भारत के विरुद्ध चीन नेपाल को रास्ता बनाना चाहता है। इस लिए वह नेपाल को प्रलोभन देता है। उसने कई योजनाएं नेपाल में चला रखी हैं। चीन के द्वारा जो भी गतिविधि नेपाल में हो रही हैं वो अपने लिए ठीक नहीं हैं। + +सरकार कोई भी हो, समझौता न करे।सेवा निवृत्त फ्लाइट इंजीनियर वीके गुप्ता का मानना है कि सरकार ऐसी हो जो देश की देश के मामले में किसी से समझौता न करे। सामरिक दृष्टि से नेपाल भी हमानरे लिए अब महत्वपूर्ण हो गया है। यहां की हर गतिविधि पर नजर रखना जरूरी है। सरकार ऐसी बने जो सख्त रुख अख्तियार करे। प. बंगाल में ऐसा नहीं हो रहा। वहां की सीमा से घुसपैठ का खतरा बना ही रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45df2657ec8fb12e69e2d631397426c1104f8b80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण देश-दुनिया में तेजी से फैला था। दुनिया भर के विशेषज्ञ इसे कोरोना की तीसरी लहर का कारण बताने लगे थे। तेजी से संक्रमण फैलने से सभी सहमे हुए थे। हालांकि प्राथमिक तौर पर इसे हल्के संक्रमण वाला बताया जा रहा था। इसे ध्यान में रखते आइसीएमआर ने पूर्व के डेल्टा वैरिएंट से तुलनात्मक अध्ययन कराने का निर्णय लिया गया। इसके देश के 37 अस्पतालों से दो अलग अवधि के आंकड़े लिए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62482.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cac8f058f050643df5fa93bf7db5319bc163c2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62482.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो साल पहले कम हुई थी डाल्फिन और घड़ियालों की संख्या।वर्ष 2019 में 1876 घड़ियाल पाए गए थे। 2020 में चंबल नदी के 435 किमी दायरे में की गई गिनती में घड़ियालों की संख्या 1859 रह गई थी। 2021 में हुई गिनती में चंबल में एक साल में 317 घड़ियाल बढ़े थे, जिससे संख्या 2176 हो गई थी। 2018 में चंबल नदी में 74 डाल्फिन मिलीं थीं। 2020 में गिनती हुई तो संख्या 68 ही रह गई थी। इसी तरह 2021 में डाल्फिन की संख्या 82 हुई और मगरमच्छों की संख्या 710 से 886 हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3243a5d17763de6add47802c667989408c713a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62483.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। एसटीएफ ने तस्करी के लिए ले जाए जा रहे दुर्लभ प्रजाति के सिंदूरी कछुओं की एक बड़ी खेप रविवार को बरामद की थी। असल में कछुओं की तस्करी मोटी कमाई का एक बड़ा जरिया है और एक डील पूरी होने पर तस्कर लाखों का वारा न्यारा कर लेते हैं। ।एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर शिवेंद्र सेंगर ने बताया कि कछुआ तस्करी के लिए सबसे बड़ा ठिकाना पचनदा और चंबल सेंचुरी है। इटावा में यमुना, चंबल, क्वारी, सिंधु और पहुज पांच नदियों का संगम पचनदा है। सरकार ने वर्ष 1979 में चंबल नदी के 425 किमी की लंबाई में फैले तट से सटे क्षेत्रों को राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य घोषित किया था। ये क्षेत्र प्रदेश के इटावा, आगरा के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान तक है। इसके पीछे मकसद कछुओं और घडियालों का संरक्षण करना है। ।इटावा परिक्षेत्र की नदियों व तालाबों में कछुओं की करीब 55 प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें साल, सुंदरी, चिकना, बाजठोंठी, चितना, छतनहिया, रामानंदी आदि प्रमुख हैं। इनका शिकार प्रतिबंधित है। असल में कछुओं को तस्करी करके कोलकाता ले जाया जाता है, जहां उसे इन्हें विदेश भेज दिया जाता है। इनका प्रयोग शक्तिवद्र्धक दवाओं को बनाने में किया जाता है। स्थानीय बाजार में एक कछुआ प्रजाति के हिसाब से सौ रुपये से लेकर तीन और पांच हजार रुपये तक में बिकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत एक हजार रुपये प्रतिकिलो तक रहती है। + +कहां होता कछुओं का इस्तेमाल।-कछुओं के शरीर की निचली सतह प्लैस्ट्रान को काटकर पानी में उबालने के बाद सुखा कर चिप्स बनाते हैं, जो तीन हजार रुपये किलो तक में बिकता है। एक किलो कछुआ में 250 ग्राम चिप्स तैयार होता है। ।-हड्डियों के बुरादे से दवा बनती है। साथ ही मांस से बना सूप मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए दवा के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b1b44aeb5e1edba36a8997ae963d7ab2643d643 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विनोद भारती, अलीगढ़। UP Chunav 2022 यूं तो चुनावों में एक से बढ़कर एक योद्धा आपने देखा होगा, लेकिन जनपद की राजनीति में देहली गेट निवासी डा. अमरनाथ ने अलग ही पहचान बनाई। राजनीति की पाठशाला में दाखिला लेने के बाद डा. अमरनाथ 17 बार अनुत्तीर्ण हुए। दरअसल, वे नौ बार लोकसभा क्षेत्र, सात बार विधानसभा क्षेत्र व एक बार चेयरमैन पद के लिए चुनाव लड़े, लेकिन जीत एक बार भी नहीं मिली। हर बार पूरे जोश के साथ चुनावी मैदान में रहे। हां, 1967 के बाद बतौर निर्दलीय प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करने का रिकार्ड आज तक उनके नाम ही है। इससे डा. अमरनाथ को जो ख्याति मिली, वह किसी विजेता प्रत्याशी से कम नहीं थी। केवल किसी सदन के सदस्य नहीं बन पाए, इसका कभी अफसोस भी नहीं रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3786163195eeb24aefbebd6cbc5d8f74960fc945 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । विधानसभा चुनाव का शोर इन दिनों पूरे चरम पर है। जिले की सात विधानसभा सीटों पर इस बार 60 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें से सात के सिर पर विधायक का ताज सजेगा। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक चुनाव जीतते ही आयकर विभाग नए विधायकों के खाते खंगालना शुरू कर देगा। नामांकन के साथ जमा किए गए हलफनामे में दी गई चल-अचल संपत्ति की जांच होगा। अगर किसी विधायक के पास हलफनामे से अधिक संपत्ति मिलती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62486.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b96d162912d67fa3396a971b18d66cf648a17fff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62486.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दो माह में राजधानी दिल्ली को अगले 20 सालों का मास्टर प्लान (एमपीडी 2041) मिल जाएगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इस प्लान के ड्राफ्ट पर मिले 33 हजार आपत्तियों एवं सुझावों पर जन सुनवाई पूरी करने के बाद उनका समावेश करने में जुटा है। एक डेढ़ माह में प्लान का फाइनल ड्राफ्ट स्वीकृति के लिए उप राज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में होने बोर्ड बैठक में लाया जाएगा। इसके बाद अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। एमपीडी 2021 की अवधि दिसंबर में ही हो खत्म चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e70e51e41f294e8a75f9c0d7a64976af36d9d920 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62488.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, रमेश सिंगटा। Safer Internet Day, इंटरनेट के माध्यम से हो रहे साइबर अपराधों का दायरा असीमित हो गया है। हिमाचल प्रदेश भी इस नए तरह के अपराध से अछूता नहीं है। इस पर जागरूकता से ही लगाम लग सकती है। जागरूकता पर जोर नहीं रहा तो अपराध बेलगाम हो जाएगा। आजकल लोगों का अधिकतर समय इंटरनेट पर ही बीतता है, लेकिन अब साइबर अपराध इतना ज्यादा बढ़ता जा रहा है कि यह एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इंटरनेट पर सभी अपनी तस्वीरें डालते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा तस्वीरें पोस्ट करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f1590465e14f44dfdc8601965817c3b431e2ed8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62490.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महंगाई पर नेहरू के भाषण का दिया हवाला।प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगर अमेरिका में कुछ होता है तो इससे हमारी चीजों के मूल्य प्रभावित होते हैं। कल्पना कीजिए कि महंगाई की समस्या कितनी गंभीर रही होगी कि नेहरू को लाल किले से यह बात कहनी पड़ी थी। अगर आज आप सत्ता में होते तो महंगाई के लिए कोविड महामारी को जिम्मेदार ठहराते और भाग खड़े होते।'।नेहरू की प्रसिद्ध किताब का दिया हवाला।संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ संवैधानिक कर्तव्यों का भी पालन करने के सरकार के जोर देने पर कांग्रेस की टिप्पणी का जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू की प्रसिद्ध किताब 'भारत एक खोज' का हवाला दिया। साथ ही दक्षिणी राज्यों के साथ भेदभाव करने के राहुल के आरोप का जवाब देने के लिए देश की विविधता में एकता के संदेश को पुस्तक से उद्धृत किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62491.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62491.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8b14f7f0bb13ddcc56dbb0f86dc7158ba8b70a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62491.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रचार, प्रचार और सिर्फ प्रचारउखाड़ फेंकेगे भाजपा सरकार! pic.twitter.com/8pvfkXIXCq।अन्नदाता यानी किसानों की समस्याओं पर भी सपा ने नए वीडियो बनाए हैं। इसमें खाद, बीज व दवाई के दामों में बेतहाशा वृद्धि व किसानों की आमदनी न बढ़ने पर कटाक्ष किया गया है। किसानों को जरूरत के समय खाद न मुहैया करा पाने व उनके कर्जदार होने के मसले पर भाजपा सरकार को घेरा गया है। लखीमपुर खीरी में किसानों पर जीप चढ़ाने की घटना पर भी सपा ने भाजपा को करारी चोट की है। जो किसानों पर चढ़ाए थार, नहीं चाहिए हमें ऐसी सरकार...नाम से कई विज्ञापन तैयार कराए गए हैं। + +सभी फसलों पर एमएसपी, 15 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान और मुफ़्त सिंचाई … किसानों की समृद्धि के लिए हर कदम उठाएगी… जब समाजवादी पार्टी की सरकार आएगी... pic.twitter.com/dbgiAfGMir।...नहीं चाहिए भाजपा सरकार : समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने ...'नहीं चाहिए भाजपा सरकार' नाम से प्रचार सामग्री बनाई है। इसमें अखिलेश यादव को पढ़ा-लिखा और काबिल नेता बताया गया है। सुभासपा ने जो प्रचार सामग्री बनाई है उसमें 'हमें चाहिए बिजली का कम बिल, सड़क, स्वास्थ्य एवं बेहतर शिक्षा का अधिकार..., नहीं चाहिए भाजपा सरकार।', '10 मार्च-भाजपा साफ' नाम से भी कई प्रचार सामग्री बनाई गई है। सुभासपा ने जर्जर हालत में खड़ी 108 एंबुलेंस की फोटो दिखाते हुए लिखा है कि '...पांच साल और रूक गए तो...फिर खटिया पे उठा कर अस्पताल जाए के पड़ी...।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4f01cc2db89a923428ddb11d9fb9074888c84aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहरहाल, भाजपा सरकार ने सपा सरकार के समय के गन्ना किसानों के 10,661 करोड़ रुपये के बकाए को भी मंजूरी दी। इससे इतर 25 साल में पहली बार 275 नई खांडसारी इकाइयों के लिए लाइसेंस जारी किए गए। नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना से 30,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। बंद हुई चीनी मिलों को दोबारा शुरू किया गया, जिसके चलते प्रदेश अब देश में चीनी उत्पादन में पहले पायदान पर है। योगी सरकार के कार्यकाल में 475 लाख टन से अधिक चीनी के रिकार्ड उत्पादन के साथ 4289 लाख टन से अधिक गन्ने की पेराई हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5292c880dccbdecf0bf9a1264776857e72cf5c51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62495.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पार्टी ने चन्नी को पंजाब के लिए घोषित किया है सीएम उम्मीदवार। पार्टी नेताओं का मानना है कि सिद्धू को दो हफ्ते तक संयत रखना भी कम बड़ी चुनौती नहीं है। पंजाब में काग्रेस के चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से शामिल कुछ नेताओं ने अनौपचारिक चर्चा के दौरान सिद्धू जैसे सियासी प्रक्षेपास्त्र को थामते हुए चन्नी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने को पार्टी के चुनाव अभियान की अब तक की सबसे बड़ी सफलता बताया। लेकिन लगे हाथ सीएम रेस में पीछे छूट गए सिद्धू के उबाल के किसी भी मौके पर सामने आने की आशंका से इन्कार नहीं किया। कहा कि वोटिंग में अब केवल 12 दिन रह गए हैं। ऐसे में उनके शब्दों के गोले बाहर न आएं, इसका ध्यान चन्नी और कांग्रेस नेतृत्व दोनों को करना होगा। + +सिद्धू की हामी के बावजूद उनके तेवरों को लेकर पार्टी नेता सशंकित। वैसे सिद्धू के अब तक के तेवरों से साफ रहा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के अलावा वे किसी की बात को नहीं सुनते हैं। इसे देखते हुए पार्टी नेता भी मान रहे कि उनको काबू में रखने की बड़ी जिम्मेदारी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर रहेगी। सिद्धू ने राहुल गांधी की मौजूदगी में मंच पर और फिर ट्वीट के जरिये चन्नी को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन किया। मगर इसके बावजूद उनका यह रुख कायम रहेगा, पार्टी में इसको लेकर भरोसा नहीं हो रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2ff42edb402ff80aa01cf25187e3a9e76386fb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जल शक्ति मंत्रालय ने आकांक्षी जिलों में पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन को शत प्रतिशत लागू करने की दिशा में अहम पड़ाव पूरा कर लिया है। लेकिन अभी भी दो करोड़ घरों को पानी कनेक्शन से जोड़ने की चुनौती कम नहीं है। इसीलिए मंत्रालय ने सभी राज्यों को अपने चिह्नित अति पिछड़े आकांक्षी जिलों को उच्च प्राथमिकता देते हुए हर गांव को पेयजल सुविधा मुहैया कराने और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ प्लस) बनाने का आग्रह किया है। इसके लिए वित्तीय मदद में कमी नहीं होने दी जाएगी। आकांक्षी जिले कई तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं जो उन्हें विकास की दौड़ में बहुत पीछे छोड़ देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92bef944693419dc22c69da11e4911e491213acf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62498.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2004 में लोकसभा पहुंचने वाले ऐसे दागियों की हिस्सेदारी 14 फीसद थी, जो 2009, 2014 और 2019 में बढ़कर क्रमश: 30, 34 और 43 फीसद हो गई। राजनीति में आई इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट आगे आया है। गंभीर अपराध में आरोपित के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई को वह तैयार हो गया है। + +2020 से लंबित इस याचिका में हत्या, दुष्कर्म आदि गंभीर अपराधों (सात या अधिक वर्ष के कारावास के प्रविधान वाले) वाले उम्मीदवार पर प्रतिबंध की मांग की गई है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में ये राजनीतिक विद्रूप सामने आ रहा है कि अपराधी तो राजनीतिक दलों के पहली पसंद बने ही हुए हैं लेकिन जनता के बीच दागियों की परिभाषा को लेकर एक गफलत सी बनती दिख रही है। ऐसे उम्मीदवार जिनके ऊपर किसी धरना-प्रदर्शन या सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के मामले दर्ज हैं, उन्हें भी इसी श्रेणी में रखना कितना सही है। इस अंतर को स्पष्ट करना जरूरी है। मतदाता सजग है। अपने मताधिकार के प्रति जागरूक है। उसे साफ-सुथरी छवि के लोगों को ही प्रतिनिधि बनाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a7ae3c5948d5acc61c3be731ecf6180ab34f6e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस अथवा किसी फोर्स में फोर्स के मुखिया को ट्रांसफर-पोस्टिंग में मंत्रियों और नेताओं आदि की सिफारिश तो माननी ही पड़ती है। दिल्ली पुलिस में भी ऐसा होता रहा है। जब मंत्रियों और नेताओं द्वारा सिफारिश की जाती थी, तब पुलिस मुख्यालय द्वारा उन मंत्रियों और नेताओं को पत्र जारी कर बताया जाता था कि उनकी सिफारिशें मान ली गई हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा। नियम के तहत ही ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर अन्य काम होंगे। ।सिपाही से लेकर विशेष आयुक्त भी अगर मंत्रियों, नेताओं और अन्य बाहरी लोगों से सिफारिश कराएंगे तो उनकी खैर नहीं होगी। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त राकेश अस्थाना ने स्टैंडिंग आर्डर जारी कर ऐसे आचरण पर रोक लगा दी है। इससे महकमे में खलबली मची है। इस तरह के आदेश से पुलिसकर्मी कह रहे हैं कि आयुक्त दिवंगत पूर्व आयुक्त वाईएस डडवाल की तरह फैसले ले रहे हैं। ।पुलिस में बढ़ेगा अनुशासन ।दिल्ली पुलिस पहले से ही पेशेवर और अनुशासित मानी जाती है। पिछले दिनों पुलिस आयुक्त द्वारा जारी नए स्टैंडिंग आर्डर से फोर्स में और ज्यादा अनुशासन बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल, पुलिस में सिपाही से लेकर आयुक्त, यानी सभी रैंक के कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) तैयार की जाती है। उसके आधार पर ही उनके कैरियर का आकलन होता है। पदोन्नति, तैनाती, वेतन वृद्धि आदि एसीआर के आधार पर किया जाता है। दिल्ली पुलिस में सिपाही से सब-इंस्पेक्टर तक का एसीआर थानाध्यक्ष, थानाध्यक्ष और एसीपी का उनके संबंधित डीसीपी तैयार करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..489bb39049a8a178d7caf56a6381b4749b002b75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2020 की फिल्म तान्हाजी द अनसंग वॉरियर के बाद सिनेमाघरों में अजय की यह पहली फिल्म है, जिसमें वो केंद्रीय भूमिका में हैं। पिछले साल रिलीज हुई फिल्म सूर्यवंशी में भी अजय अपने सिंघम वाले अवतार में कुछ दृश्यों में नजर आये थे। इस साल अजय ने डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज रूद्र- ऐज ऑफ डार्कनेस से ओटीटी डेब्यू भी किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b6d0649dc5820c010eaef81bf3dca612999665e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर वर्ष 100 से अधिक युवा सशस्त्र बलों में भर्ती हो रहे।शुरुआत में उनके साथ फौज से रिटायर्ड 6 अधिकारियों की टीम थी जो युवाओं को प्रशिक्षण देती थी। उनके पद चिन्हों पर चलते हुए अब कई सेवानिवृत्त अधिकारियों ने युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया है। हर वर्ष अब इस क्षेत्र से 100 से अधिक युवा सशस्त्र बलों में भर्ती हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bbff763e3df380c14cb3886da400450e702b6f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62502.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई बार छिड़काव करने के दौरान लोगों के भी रसायनों से प्रभावित होने और सेहत को नुकसान की घटनाएं सामने आई थीं। अब बीएचयू के कृषि अधिकारियों की देखरेख में हो रहे इस कार्य को देखते हुए भविष्‍य में पूर्वांचल में बड़े स्‍तर पर खेती में ड्रोन तकनीक का प्रयोग होना तय है। वहीं बीएचयू के अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में ड्रोन से खेती करना संभव होगा। ।ड्रोन से उर्वरक छिड़काव करने में श्रम शक्ति एवं समय की बचत के साथ ही साथ पैदावार अधिक होता है। इफको वाराणसी के एरिया मैनेजर एके पांडेय एवं चंदौली एरिया मैनेजर राजेश कुमार ने नैनो यूरिया के छिड़काव में सहयोग किया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता वीरेंद्र सिंह,ग्राम प्रधान पुनीत सिंह,दीपू सिंह,अशोक दीक्षित, अनिल कुमार सिंह,शिवमंदिर सिंह ईत्यादि अन्नदाता मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ee5f1fa6b6e77ca7238d7107769e4cabd05aeb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62503.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछली दो लहरों से अलग पैटर्न: महामारी विज्ञान की दृष्टि से भारत में कोरोना की तीसरी लहर के मामलों और अस्पताल में भर्ती होने का पैटर्न पिछली दो लहरों से अलग है। आखिर इसकी वजह क्या है? दरअसल इसका उत्तर सुरक्षा उपायों व टीकाकरण के माध्यम से संक्रमण से बचाव की कोशिशों में निहित है। जिसमें पिछले दो वर्ष में वयस्क आबादी का टीकाकरण शामिल है। अब तक लगभग 90 फीसद वयस्क आबादी ने कम से कम एक डोज और 70 फीसद दोनों डोज ले चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa193e3fd683bcee8c5d0a713914623aa040a800 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62504.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश के वीर जवानों और बलिदानियों के सम्मान के लिए सरिता विहार में वाल आफ आनर का निर्माण करवाया जाएगा। इस पर देश के लिए अपना बलिदान देने वाले 200 से अधिक जवानों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित किए जाएंगे।वाल आफ आनर के आसपास सुंदर सेल्फी प्वाइंट, बैठने के लिए बेंच, फैंसी लाइटें व हरियाली के लिए फूल व औषधीय पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे। यहां 30 फीट ऊंचा तिरंगा भी लगाया जाएगा। सरिता विहार वार्ड की निगम पार्षद नीतू मनीष चौधरी ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत उन्होंने यह वाल आफ आनर बनवाने का फैसला किया। इसे सरिता विहार के कम्यूनिटी सेंटर के पास टी-प्वाइंट पर बनवाया जाएगा। नीतू ने बताया कि वार्ड के बलिदानी सैनिकों, पुलिस, सीआरपीएफ, आइटीबीपी व बीएसएफ समेत सभी अर्धसैनिक बलों के शहीदों के नाम वाल आफ आनर पर अंकित किए जाएंगे। इस पर उन जवानों के नाम भी अंकित किए जाएंगे जो पूरी निष्ठा के साथ सेवा करते हुए सेवानिवृत्त हो चुके हैं। + +नीतू ने बताया कि वार्ड में रहने वाले ऐसे सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों व पुलिसकर्मियों के बारे में स्थानीय लोगों व आरडब्ल्यूए से भी जानकारी मांगी गई है। सरिता विहार, जसोला विहार, जसोला गांव, ओखला विहार, हाजी कालोनी, नूर नगर, जौहरी फार्म, गफ्फार मंजिल, अजमल बाग, मुजीब बाग, मसीहगढ़ गांव, तैमूर नगर गांव व न्यू फ्रेंड्स कालोनी आदि इलाकों से अब तक शहीदों व सेवानिवृत्त जवानों के करीब 180 नाम आ चुके हैं। + +इस पहल से वार्ड के युवाओं को पुलिस व सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी। वहीं, निगम के एक अधिकारी ने बताया कि वाल आफ आनर को स्थानीय पिकनिक स्पाट की तरह विकसित किया जाएगा। यहां पास में मार्केट व निगम का बड़ा पार्क है इसलिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इसके बन जाने से यहां आने वाले लोग शापिंग के साथ ही वाल आफ आनर पर भी कुछ समय बिता सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a84cc82e052fe3e09d79b24c49bfc213fcdbfe74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62505.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत] देश-विदेश के पर्यटकों और प्रकृति और फूलों से चाहत रखने वाला का इंतजार खत्म होने वाला है। राष्ट्रपति भवन स्थित ऐतिहासिक और विशाल मुगल गार्डन जल्द खुलने वाला है। अपने गुलाबों और खूबसुरत ट्यूलिप के बगीचों के लिए प्रसिद्ध यह गार्डन 12 फरवरी से खुल रहा है। वैसे, यह हर वर्ष फरवरी के पहले सप्ताह से दर्शकों के लिए खुल जाता है और एक माह से अधिक दिनों तक दर्शक इसका दीदार करते थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के बढ़े मामलों के चलते इसे खोलने में एक सप्ताह की देरी हुई है। वैसे, पिछले वर्ष भी कोरोना संक्रमण के चलते यह 13 फरवरी से आम लोगों के लिए खुला था और 21 मार्च तक लोग इसकी खूबसूरती का दीदार करते रहे। + +पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 वर्ष से छोटे बच्चों और 65 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को मुगल गार्डन में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही प्रवेश करने वालों को प्रतिबंधों चीजों के बगैर के साथ सरकार द्वारा जारी कोरोना दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर ही मुगल गार्डन में प्रवेश मिलेगा। शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए एक समय में निश्चित लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a25e38fcf71d44ead01f09341e9cc4a1f567fda3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [रवि पांडेय]। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी से गोपालन का संदेश दिया था। जिनकी पहल पर बनास डेयरी गुजरात के चेयरमैन शंकर भाई पटेल ने बनारस के 120 लोगों को गाय पालन के गुर सीखने के लिए गुजरात बुलाया। जहां किसानों को दूध से गोपालकों की बदलती तस्वीर ही नहीं बल्कि गोपालन से समृद्धि की राह भी बताई। इसके बाद प्रोत्साहन के लिए बनास डेयरी की तरफ से किसानों को गीर गाय तोहफे में मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62509.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..126d02ca1c16c145718845333002f6f5466c8681 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। आज से प्‍यार का सप्‍ताह शुरू हो चुका है। बिहार में कोरोना गाइडलाइन में आज से ही कुछ और छूट भी मिली है। ऐसे में कपल्‍स वैलेंटाइन वीक मनाने की योजनाएं बना रहे हैं। प्‍यार के इन सप्‍ताह में किन लोगों पर होगी प्‍यार की बरसात व किसपर पड़ेगी केवल फुहार? किन्‍हें होना पड़ेगा निराश? ज्‍योतिष की नजर में आपका इस सप्‍ताह का लव व रिलेशनशिप राशिफल कैसा है, इसपर हमने पटना के ज्‍योतिष आचार्य शुभम से बात की। आप भी जान लीजिए अपना लव राशिफल। ।मेष (Aries): जीवन साथी या प्रेमी से मन की बात करें। उनके दिल के करीब जाने की कोशिश करें। अपनी बातें दूसरे से नहीं कहें, अन्यथा आपके संबंध खराब हो सकते हैं। ।वृषभ (Taurus): आपके लिए यह सप्ताह अपने अंदर के प्रेमी को पहचानने के लिए सर्वोत्‍तम है। आपका प्रेम कितना गहरा है, इसका फैसला सप्ताह के अंत तक होगा। हां, आप राहु की नकारत्मकता से बचकर रहें। जीवनसाथी पर विश्वास करें। समस्याएं दूर हो जाएंगी। हालांकि, पारिवारिक विवाद के कारण मन कुंठित रह सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62513.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62513.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..316b75d38e837234c7611caebf8ece9a34edfec2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62513.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। अंतिम परीक्षा की तारीख नजदीक है। प्रदेश में 18वीं विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है। इस बार सात चरणों में मतदान संपन्न होगा। कोविड प्रोटोकाल के तहत अब तक चली चुनाव प्रक्रिया में प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को सीधे मतदाताओं के बीच पहुंचकर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला है। वचरुअल रैली और प्रेस कांफ्रेंस के सहारे अब तक जो शोर मतदाता के कानों तक पहुंचा है, वह जुबानी ज्यादा है। चुनाव से जनता के असल मुद्दे या फिर कहें कि स्थानीय मुद्दे गायब हैं। इसका एक कारण तो यह है कि प्रत्याशी सीधे मतदाता तक पहुंच नहीं पा रहे तो वह किससे अपने स्थानीय दुखड़े रोए। दूसरे स्थानीय मुद्दों की अनदेखी को कोरोना की ढाल मिल जाने से भी ये फलक तक नहीं पहुंच पा रहे। + +10 फरवरी को 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों के लिए मतदान प्रक्रिया होगी। विडंबना यही है। अभी पहले चरण का मतदान हुआ भी नहीं है कि दूसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में भी बड़े नेताओं के फेरे बढ़ गए हैं। पहले चरण के चुनाव वाले क्षेत्रों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी बड़ी पार्टियों के बड़े नेताओं ने पूरी तरह मथ डाला है। यह क्रम जारी है। लेकिन, मतदाताओं के सामने सोचने वाली बात है कि आखिर वे किस आधार पर तय करेंगे कि किस पार्टी के प्रत्याशी को वोट देना है। चुनाव से स्थानीय मुद्दे गायब हों तो यह ऊहापोह लाजिमी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31e860781016b778a3c3230798f5b8f296971187 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62519.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। सेंट्रल रिज से विलायती कीकर हटाने की योजना को दिल्ली सरकार से मंजूरी और 12.21 करोड़ का बजट मिले हुए एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया। पांच सदस्यीय सलाहकार समिति इसे हटाने के तरीकों पर ही एकमत नहीं हो पा रही है। आखिर क्या है विवाद, क्यों यह अभियान नहीं पकड़ पा रहा गति, क्या है विलायती कीकर से छुटकारा पाने का बेहतर उपाय, इन्हीं मुद्दों पर संजीव गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति, पर्यावरण अध्ययन विभाग के जनक, स्टेट बायोडायवर्सिटी काउंसिल के अध्यक्ष और जाने माने वनस्पति विज्ञानी प्रो. सी आर बाबू से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :।सेंट्रल रिज को विलायती कीकर से किस तरह मुक्ति दिलाई जाएगी?।- सेंट्रल रिज का कुल क्षेत्रफल 800 हेक्टेयर है। इसमें बुद्धा जयंती पार्क, तालकटोरा स्टेडियम और दिल्ली छावनी क्षेत्र आता है। इसमें सिर्फ 423 हेक्टेयर क्षेत्र ही ऐसा है जिसे पुन:स्थापित किया जाएगा। अभी तो इसी पर विचार किया जा रहा है कि इसे विलायती कीकर से मुक्ति कैसे दिलाई जाए। पहले विकल्प के तहत विलायती कीकर की कैनोपी को खोला जाएगा। उसके बाद नीचे की अन्य खरपतवार हटाएंगे। यहां स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाएंगे। यह पौधे जब बढ़ेंगे तो विलायती कीकर को छाया देंगे और वह सूरज की रोशनी के बगैर मरने लगेगा। दूसरा विकल्प यह है कि बहुत सारी लताएं विकसित की जाएंगी जो विलायती कीकर के ऊपर छा जाएंगी और वह मर जाएगा। इसके अलावा आसपास के क्षेत्र जैसे सरदार पटेल मार्ग के किनारे, जहां विलायती कीकर नहीं है, वहां पर स्थानीय प्रजाति के पौधों के साथ त्रिस्तरीय जंगल विकसित किया जाएगा। + +क्या सालाना पौधारोपण अभियान रस्म अदायगी बनकर नहीं रह क्या है?। - कह सकते हैं। दरअसल, यहां पौधे तो बहुत सी एजेंसियां लगाती हैं, लेकिन उनका रखरखाव कोई नहीं करता। ऐसे में वे मरने लगते हैं। समस्या क्या है कि हरियाली को बढ़ाने के नाम पर हमेशा पौधारोपण होता रहा है जबकि पर्यावरण संतुलन के लिए वन क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक है। वृक्ष ही वह आक्सीजन छोड़ते हैं जो जीवन जीने के लिए प्राण वायु होती है। वृक्ष ही बढ़िया मानसून में मददगार साबित होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60cd51afbcf81dc730ef42321d34f1af6bb8bb37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62520.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +सोनीपत, जागरण संवाददाता। दो इंजीनियर ने नौकरी छोड़कर बिरयानी का स्टाल लगाया है। उनको न्यू स्टार्टअप जो शुरू करना है। दिल को भाने और स्वाद को ललचाने वाली रेसिपी तैयार कर वह दो महीने में ही लोगों के दिलों पर राज करने लगे हैं। अपनी अलग पहचान बनाने और नौकरी पाने को मारे-मारे फिरने वाले युवाओं को रोजगार की राह दिखाने के लिए उन्होंने सीडब्ल्यूआर के नाम से कंपनी बनाई है। वह वेज बिरयानी की तरह-तरह की रेसिपी तैयार करके लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। वहीं 50 तरह की रेसिपी के लिए वह पहचाने जाते हैं। उनकी 148 वीडियो यू-ट्यूब पर वायरल हो रही हैं। वहीं, फेसबुक पर पसंद किया जा रहा है। + + अपनी अलग पहचान बनाने और युवाओं को रोजगार का मार्ग दिखाने को छोड़ दी नौकरी।विशाल भारद्वाज ने बताया कि उनको लगा कि वह नौकरी करने के लिए नहीं बने हैं। उनको कुछ ऐसा करना है जिससे नाम हो और सैकड़ों युवा उनके नाम से रोजगार पाएं। उसके बाद ही खाद्य पदार्थ की विशेष रेसिपी वाली कंपनी शुरू करने का निर्णय लिया। न्यू स्टार्टअप को स्थापित करने के लिए उन्होंने दो महीने पहले नौकरी छोड़ दी और नया करने की ठानी। उन्होंने शुरुआत की है वेज बिरयानी से। हरियाणा में वेज बिरयानी का ज्यादा प्रचलन नहीं है। ऐसे में लोगों को नया और पसंदीदा स्वाद देने की शुरुआत उन्होंने की है। + +स्वाद अलग-अलग। वह पांच प्रकार की वेज बिरयानी तैयार कर रहे हैं। सामान्य वेज बिरायानी, वेजीटेबल, पनीर, चिली और ग्रेवी चाप वैज बिरयानी बनाकर वह लोगों को खिला रहे हैं। उनका फीडबैक लेकर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उनका प्रयास छह महीने में अपनी कंपनी खड़ी करके उसकी फ्रेंचाइजी देकर युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है। + +यू-ट्यूब पर वायरल हो रही हैं 148 वीडियाे। रोहित सैनी ने बताया कि उन्होंने इंजीनियर्स वेज बिरयानी के नाम से काम शुरू किया है। उनकी कंपनी का नाम सीडब्ल्यूआर (कुकिंग विद रोहित) है। उनके फेसबुक पर चाहने वालों की लंबी फेहरिस्त है। उनकी यू-ट्यूब पर 148 वीडियो हैं जिसमें कई वायरल हो रही है, जिसे आजकल एड मिलने लगे हैं। वह आनलाइन युवाओं को रेसिपी तैयार करना सिखाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e278bc56c13257a0a46887a9f8440125317d3b9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +UP Vidhan Sabha Election 2022: ठंड से ठिठुरते उत्तर प्रदेश का चुनावी तापमान उबाल पर है। रण जीतने के लिए सभी दलों के सूरमा मैदान में उतर चुके हैं। कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा अभी तक अकेले मोर्चा संभाले हुई थीं। पार्टी ने अब राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं युवा चेहरे सचिन पायलट को भी रण क्षेत्र में उतार कर चुनावी गर्मी को और बढ़ाने की कोशिश की है। सचिन पायलट ने चुनावी प्रचार की शुरुआत गौतमबुद्ध नगर की जेवर विधानसभा सीट से की है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को लेकर दैनिक जागरण के धर्मेंद्र चंदेल ने सचिन पायलट से बात की...।सवाल : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस हाशिये पर है, आप चुनाव परिणाम को लेकर कितने आश्वस्त हैं?।जवाब : ऐसा बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस जमीनी स्तर पर काम कर रही है। इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। आप तय मानिए 10 मार्च को उत्तर प्रदेश में कांग्रेस चौंकाने वाले परिणाम देगी। भाजपा शासन से लोग तंग आ गए हैं। भाजपा जाति-धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रही है। कांग्रेस की तरफ अब लोगों का झुकाव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..841b0fe0ea543867cb77701534be1c41608b8081 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62522.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +...और फिर कभी नहीं गईं स्‍कूल ।समाचार एजेंसी पीटीआइ ने एक किताब के हवाले से बताया है कि अपने स्कूल के पहले दिन लता मंगेशकर अपनी छोटी बहन आशा को अपने साथ ले गई थीं। बहन को साथ लाने पर शिक्षिका ने विरोध तगड़ा विरोध किया था। इस पर लता गुस्से में घर वापस लौट आई थीं और फिर कभी भी स्‍कूल नहीं गईं। बताया जाता है कि इस घटना के वक्‍त लता जी की छोटी बहन आशा जी लगभग 10 महीने की थीं। + +'श्री गणेश' से हुई थी शुरुआत ।नसरीन मुन्नी कबीर ने लता जी से वार्तालापों को 'लता मंगेशकर... इन हर ओन वाइस' नामक किताब में संकलित किया है। बकौल लता जी उन्‍होंने घर पर ही मराठी का अध्ययन किया था। हालांकि लता जी ने इससे पहले कुछ नर्सरी कक्षाओं में भाग लिया था। लता जी के मुताबिक जब शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर 'श्री गणेश जी' लिखते थे मैं इसे पूरी तरह से कॉपी करती थी। इसमें मुझे 10 में से 10 अंक मिले थे। + +बचपन से थी ललक ।लता जी के मुताबिक यह तबकी घटना है जब उनकी चचेरी बहन वसंती सांगली में उनके घर के ठीक सामने एक मराठी माध्यम के स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ रही थी। कभी-कभी वह अपने चचेरी बहन के साथ जाती थीं। जब वसंती को संगीत की शिक्षा दी जाती थी तब लता मंगेशकर शिक्षि‍का के गायन को ध्यान से सुनती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..715c2eb3ca4ea6cde6b899ac8242ce2f1ce09794 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सैनिकों के प्रति असीम प्रेम था।लता जी के दिल में सैनिकों के प्रति असीम प्रेम था। उनके गीत सुनकर युवा अधिकारी के रूप में मेरा भी खून खोलता था। ऐसे में जब वह वर्ष 1979 में राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी का सैन्य सचिव था तो मुझे कई बार उनसे मिलने का मौका मिला। मैंने उनका आभार जताया तो उन्हें मुझसे कहा कि मुझे डोगरा सैनिकों व जम्मू-कश्मीर के लोगों के योगदान के बारे में अच्छी तरह से पता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c71b5af900d8ee37dba57dafea0d81ed9c2a275 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपना दल के एक धड़े में हमेशा आपकी मां दूसरी लाइन लेकर चलती हैं। इसके कारण किस तरह की परेशानी होती है?।-कोई चुनौती नहीं है और न ही कार्यकर्ताओं में कोई असमंजस है। मेरे पिता सोनेलाल पटेल के असामयिक निधन के बाद पार्टी की ओर से ही मुझे जिम्मेदारी दी गई थी। मैंने खुद से यह दावा नहीं किया था। इतिहास गवाह है कि जबसे मैंने जिम्मेदारी संभाली, पार्टी का विकास और विस्तार हुआ है। मेरी पार्टी के नेता कार्यकर्ता संतुष्ट हैं। हां, थोड़ी परेशानी हुई थी, लेकिन पिछले तीन चुनावों के जो नतीजे हैं, वे भी जताते हैं कि वोटरों में कोई भ्रम नहीं है। कार्यकर्ताओं को भरोसा है। इस चुनाव में भी यह दिखेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..695bde880fa6f13260bd668f7430aebd8e7053ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, राजेश मिश्रा। अटल बिहारी बाजपेयी। साहसी, महत्वाकांक्षी, दूरदर्शी, वाकपटुता, जुझारू, अद्भुत नेतृत्व क्षमता, संयम और शालीनता की प्रतिमूर्ति, पथप्रदर्शक आदि आदि। एक संपूर्ण व्यक्तित्व, जिसे किसी एक पैमाने पर आंकना असंभव है। ब्रज में जब-जब चुनाव और स्टार प्रचारकों की चर्चा होती है तो अटल जी के बगैर ये चर्चा कभी पूरी हुई ही नहीं। करीब ढाई साल पहले दिवंगत हुए अटलजी भले ही साक्षात न हों मगर, उच्चकोटि के राजनेता के रूप में वे राजनीतिक पटल पर अटल हैं और रहेंगे। अपने चुनाव क्षेत्र में उनका आगमन पाकर ही प्रत्याशी खुद को धन्य समझता था। अटलजी इतने बेबाक कि चुनावी मंच पर बेबाक संबोधन कर अपने ही प्रत्याशी को आईना भी दिखाया। खुद चुनावी मैदान में कूदे और प्रतिद्वंद्वी समाज और देश के लिए ज्यादा उपयोगी प्रतीत हुआ तो उसे ही जिताने की अपील भी की। चुनावी परिप्रेक्ष्य में अटलजी जैसे महान व्यक्तित्व पर एक रिपोर्ट...।वैसे तो अटलजी के लिए पूरा देश ही अपना था किंतु, ब्रज से उनका बेहद लगाव था। ग्वालियर में जन्मे अटलजी का ये लगाव आगरा के बटेश्वर में पैतृक स्थली होने के कारण भी था। पार्टीगत आयोजनों, रिश्तेदारियों के जरिए उनका यहां अक्सर आगमन होता था। चुनाव में स्वस्थ परंपरा की बात करें तो वर्ष 1957 का आम चुनाव आज भी एक प्रेरणादायक माना जाता है। तब जनसंघ की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी मथुरा से मैदान में थे। इसके साथ ही वे उस चुनाव में बलरामपुर और लखनऊ से भी प्रत्याशी थे। मथुरा में उनके प्रतिद्वंद्वी थे सोशलिस्ट पार्टी के राजा महेंद्र प्रताप सिंह और कांग्रेस से चौधरी दिगंबर सिंह। वाजपेयी के समर्थन में तब पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख जैसे दिग्गजों ने लगातार सभाएं की थीं। अटलजी ने ऐसी ही एक सभा में प्रतिद्वंद्वी राजा महेंद्र प्रताप सिंह को जिताने की अपील कर दी। मंचासीन नेता ही नहीं, श्रोता भी दंग रह गए। अटलजी ने अपनी बात को तर्क दिया। कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने समाज और देश के लिए बहुत योगदान दिया है। समाज और देश को उनकी जरूरत है। मैं तो बलरामपुर या लखनऊ में जीत ही जाऊंगा। आप राजा को जिता दें। हुआ भी यही। जब चुनाव नतीजा आया, तो अटलजी चौथे नंबर पर आए। राजा महेंद्र प्रताप ये चुनाव जीत गए थे। उस चुनाव में अटलजी बलरामपुर से सांसद निर्वाचित हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c5a30d12c8de1bd8a7757c088710627082532c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +45 मिनट की मुलाकात ने बनाया प्रशंसक : रतनलाल नगर निवासी बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी सरदार हरमंदिर सिंह 'हमराज' ने बताया कि लता मंगेशकर की गायकी के वह प्रशंसक हैं। 50 साल से उनके गीतों का आनंद ले रहे हैं। हरमंदिर ने संस्मरण साझा करते हुए बताया कि हिन्दी फिल्म गीत कोष के दूसरे खंड की लांचिंग के लिए आमंत्रण देने 24 फरवरी 1984 को सुबह 10 बजे के करीब वो मुंबई के पैडर रोड प्रभु कुंज बंगले पर गए थे। तब लता मंगेशकर जी से 45 मिनट की मुलाकात हुई थी। उन्होंने काफी सहज भाव से बात की। उन दिनों गानों की रिकार्डिंग की व्यस्तता की वजह से लता मंगेशकर ने कार्यक्रम में आने से मना कर दिया था। हरमंदिर बताते हैं कि वो निराश नहीं हुए और आज भी वो फुर्सत के पलों के लता जी के गीतों को सुनते है। उन्होंने बताया कि गीत कोष के छह खंड रिलीज कर चुके हैं। स्वर कोकिला लताजी का निधन संगीत जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46fe411088cc9824c15497d30ee0b315595ab485 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62533.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + बेलारूस में तैनात रूसी सैनिकों की तैनाती को सबसे खतरनाक।प्रो. हर्ष वी पंत ने बेलारूस में तैनात रूसी सैनिकों की तैनाती को सबसे खतरनाक करार दिया है। उन्‍होंने कहा कि यह कूटनीतिक दबाव की अंतिम सीमा है। हालांकि, उन्‍होंने इसके बावजूद युद्ध की आंशका से इन्‍कार किया है। उनका मानना है कि हालांकि बेलारूस के जरिए रूसी सेना काफी तेजी से राजधानी कीव पर नियंत्रण कर सकती है। प्रो पंत ने दावा किया है कि आने वाले दिनों में होने वाले सैन्य अभ्यास को हमले के लिए कवर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्‍होंनें कहा कि अगर पूरे क्षेत्र में हिंसा होती है तो एक बड़ा मानवीय संकट होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62535.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c613999c375e2275215adac70ce288e7b272eb4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कंडाघाट से लेकर वाकनाघाट तक के सभी होटल पूरी तरह से पैक हो गए थे। इस बार कुफरी नालदहरा मशोबरा की बजाय निचले क्षेत्रों से आने वाले रास्ते के होटलों में सैलानियों की ज्यादा भीड़ थी। सैलानी रविवार को शहर की सड़कें पूरी तरह से साफ होने के बाद यहां पहुंचे। सैलानी पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से बर्फ का लुत्फ उठा कर वापस होटल में पहुंचे, इसके लिए शिमला पुलिस के जवान व अधिकारी सड़कों पर तैनात रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68cc0eddf5f115b0ce4ce9f7e809958374bb2b3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पंचायत लैंड लीड पालिसी का खाका लगभग तैयार कर लिया है। नए पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र सिंह बबली और विभागीय अधिकारियों के साथ इस पालिसी के पूरे प्रारूप पर फाइनल चर्चा हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मार्च में पेश किए जाने वाले बजट में पंचायत लैंड लीज पालिसी को घोषित किया जा सकता है। प्रदेश सरकार साथ-साथ लैंड पूलिंग पालिसी पर भी गंभीरता से मंथन कर रही है। हरियाणा के प्रत्येक ब्लाक से एक-एक प्रोडक्ट को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने 'पदमा' नाम से पहल की है। इससे राज्य में ग्रामीण लघु और कुटीर उद्योगों की किस्मत बदल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85cb9c118140c18c83404d4130156e5bdcea01da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यमुनानगर, [संजीव कांबोज]। वैसे तो हल्दी की खेती सामान्य होती है, लेकिन जब बात लाकडोंग हल्दी की आती है तो इसमें कुछ खास है। गांव दराजपुरा के प्रगतिशील किसान प्रदीप कांबोज जिले का पहला किसान है जिसने पाली हाउस में इस किस्म हल्दी को उगाया है। देखने के लिए अन्य राज्यों के लोग पहुंच रहे हैं। इस किस्म की खास बात यह है कि इसमें करक्यूमिन कंपोनेंट सामान्य हल्दी से कई गुणा अधिक है। जोकि कैंसर सहित अन्य कई असाध्य रोगों से बचाव के लिए कारगर है। सामान्य हल्दी में करक्यूमिन कंपोनेंट की मात्रा दो से तीन प्रतिशत होती है जबकि इसमें सात से 12 प्रतिशत पाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62540.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08ba78a4d5620f9c3c4a96ac82732185a0cd1545 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62540.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विनोद अनुपम। लता जी के आवाज और सुर का ही जादू कहा जा सकता है कि ऐ मेरे वतन के लोगो आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर सुना जा रहा है। 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद जब देश हतप्रभ सा था, लता जी के इस गीत ने राष्ट्रप्रेम की एक लहर सी खडी कर दी थी। यह गीत बलिदानी सैनिकों की याद में गाया था। प्रदीप के लिखे इस गीत को संगीत दिया था सी रामचंद्र ने। पहली बार लता ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 26 जनवरी 1963 को गाया था,और फिर लता के हर कन्सर्ट के लिए अनिवार्य सा हो गया था यह गीत। उस कार्यक्रम में राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी मौजूद थे। लता जी के गाने को सुनकर नेहरू जी की आंखों में आंसू आ गए थे और उन्होंने कहा कि जो भी इस गीत से प्रेरित नहीं हुआ वो हिन्दुस्तानी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62543.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7c3a9a1bbff5f141dfea6456f54f0421f3319f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाराजा अग्रसेन कालेज के प्राचार्य प्रो. संजीव तिवारी ने बताया कि जानकारी करने पर दो छात्र मिले, जिन्होंने कोरोना से अभिभावक खो दिए। एक छात्र ने तो दाखिला वापस लेने की बात कही। पत्रकारिता के तृतीय वर्ष के एक छात्र का कोरोना काल में निधन हो गया था। कालेज छात्रों की पूरी मदद करने में तत्पर हैं। रामानुजन कालेज के प्राचार्य प्रो. एसपी अग्रवाल ने बताया कि 10 ऐसे छात्र थे, जिनके अभिभावकों का निधन या फिर नौकरी छूट गई थी। कालेज ने छात्रों की आर्थिक मदद की। कालेज प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जो भी छात्र विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। ।पूरी फीस होगी माफ ।हंसराज कालेज ने कोरोना संक्रमण के चलते अभिभावक खोने वाले छात्रों की पूरी फीस माफ करने का निर्णय लिया है। कालेज प्रशासन ने बताया कि 10 फरवरी तक छात्र आनलाइन आवेदन करें। जिन छात्रों की पढ़ाई में दिक्कत आ रही है, उनकी पूरी मदद की जाएगी। छात्रों को अभिभावक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी अन्य दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा। ।30 हजार रुपये छात्रवृत्ति देंगे ।सेंट स्टीफंस कालेज प्रथम वर्ष के छात्रों को छात्रवृत्ति देगा। कालेज द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रथम वर्ष के 10 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। छात्रों को जल्द फार्म भरकर जमा करने के लिए कहा गया है। ये छात्रवृत्ति उन्हीं छात्रों को दी जाएगी, जिनको कालेज या विवि की तरफ से कोई अन्य छात्रवृत्ति नहीं मिलती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62544.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1427c234a5d4c2e00972a9d6be1a42577d3a109b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, जेएनएन। मैं पहले जैसा ही हूं, लाइम लाइट में आज आया। मुझे मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने जो जिम्मेदारी थी मैंने 111 दिन के कार्यकाल में दिन रात काम कर निभाई। मैं हर अपेक्षा में खरा उतरा हूं, चाहे वह पार्टी की हो या लोगों की। अगर हाईकमान ने अगर मुझे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो हर कसौटी पर खरा उतरूंगा। यहेबातें कांग्रेस द्वारा पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर बातचीत के दौरान कहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b67ef7789f393bd0e62e6cca04a7c9ebd99286ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कम्युनिस्ट पार्टियों में ये बहस चलती रही है कि सरकार की नीतियों को गरीबों तक पहुंचने दिया जाए या नहीं। आप अगर ध्यान से देखेंगे तो नक्सली हमेशा से स्कूल और अस्पतालों पर हमला करते हैं और उनको नष्ट करने की फिराक में रहते हैं। उनका मानना है कि अगर सभी वर्गों तक सरकारी सुविधाओं या योजनाओं का लाभ पहुंच गया तो वर्ग संघर्ष के माध्यम से मजदूरों का राज कायम नहीं हो सकेगा। कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन के आधार को देखेंगे तो वहां भी भारत से अधिक रूस और चीन में व्याप्त विचारधारा का असर दिखता है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) में जब विभाजन हुआ और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी बनी तो वैचारिक भिन्नता का आधार रूस और चीन की साम्यवादी विचारधारा थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dec7560c5cc2926944b5f729afd6f3a2e5306bdc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्त बयान में हिंद-प्रशांत का जिक्र ।संयुक्‍त बयान में इसका विरोध करते हुए यह भी कहा कि वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व स्थिरता पर अमेरिका के नकारात्मक असर के खिलाफ बेहद सतर्क हैं। यह पहला मौका है जब रूस और चीन के संयुक्त बयान में हिंद-प्रशांत का जिक्र किया गया है और वह भी बेहद तल्खी भरे शब्दों में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65864bf9e2dc0c06ccd5cf65425f5cbabd236117 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62552.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्योग विभाग की ओर से इच्छुक कंपनियों के साथ निवेश संबंधी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से राज्य को एक सौ करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता चरणबद्ध ढंग से प्राप्त होगी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस वित्त वर्ष के अंतिम माह में केंद्र से पच्चीस करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त हो सकती है। मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से भी अगले वित्त वर्ष के बजट में धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..483df97dd4a730909f975bf2d73aacb97267f281 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। हर-पढ़े लिखे और युवा को रोजगार मुहैया कराने की राह थोड़ी आसान हो सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी) अब उच्च शिक्षा से जुड़े सभी कोर्सों को कुछ इस तरह डिजाइन कर रहा है, जिनमें डिग्री के साथ-साथ कौशल का प्रशिक्षण भी मिलेगा। यह उसी कोर्स या क्षेत्र से संबंधित होगा, जिसमें छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट जैसे सभी स्तर के कोर्स शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7091214cc3a61fb4c9247164614463a8d72bec07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62554.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने बताया कि पूर्व के अध्ययनों के निष्कर्ष और हमारे इस नए अध्ययनों को यदि मिलाकर देखा जाए तो यह स्पष्ट होता है कि मध्यम गति की दौड़ से संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार होता है और मूड भी खुशनुमा होता है। उन्होंने यह भी बताया कि दौड़ने से तंत्रिका तंत्र में होने वाली कार्टिकल सक्रियता के बारे में काफी चीजें अभी स्पष्ट होनी है। लेकिन इससे मिडिल सेरेब्रल आर्टरी में मस्तिष्क से ब्लड फ्लो की गति बढ़ती है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि अन्य प्रकार के व्यायामों की तुलना में दौड़ने से प्रीफ्रंटल कार्टेक्स अधिक उत्तेजित होता है उससे मूड और एग्जीक्यूटिव फंक्शन को फायदा होता है। पैडलिंग जैसे अन्य तरह के व्यायामों में दौड़ने जैसे समन्वय की जरूरत नहीं होती है।हालांकि मेडिकल न्यूज टुडे ने इस अध्ययन की सीमाओं का उल्लेख किया है कि यह छोटे पैमाने पर किया गया है और मूड स्केल भी खुद की रिपोर्टिग पर आधारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62556.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42f163ea5aa9b3582eb8e0fe760d027c8506d1a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62556.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मिले ये पोषक तत्व।राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र्र के विज्ञानियों के अनुसार हिमाचली पहाड़ी गाय के दूध की तुलना में खीस में अधिक पोषक तत्व मिले हैं। इसमें प्रोटीन 10 से 11 प्रतिशत, वसा छह से सात प्रतिशत और इम्युनोग्लोब्युलिन (आइजीजी) 21 से 23 मिलीग्राम प्रति मिलीलीटर मिला है। यह आइजीजी शरीर को स्वस्थ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता (एंटीबाडी) बढ़ाने में विशेष सहायक है। हिमाचली पहाड़ी गाय के दूध में आइजीजी एक से डेढ़ प्रतिशत पाया जाता है। इसके अलावा कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि तत्व भी मिले हैं। + +भौगोलिक आधार पर पंजीकृत किया जाता है नाम।हिमाचल प्रदेश के मुख्यत: सात जिलों चंबा, मंडी, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर और लाहुल-स्पीति में सात हिमाचली प्रजातियों की आठ लाख से अधिक गाय हैं, जिन्हें हिमाचली पहाड़ी गाय के रूप में 2020 में पंजीकृत किया गया। प्रजाति पहचान और पंजीकरण का कार्य नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएजीआर) करता है। आमतौर पर भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर ही प्रजातियों का नाम पंजीकृत किया जाता है। उदाहरण के लिए रेड सिंधी सिंध, थारपारकर, थार के आर-पार और गिर गुजरात से जुड़ी प्रजातियां हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62557.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6fc5986b3179b1b71bec4235601a7d103037504 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62557.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। स्वाधीनता संग्राम के सुचारू संचालन का श्रेय किसी एक महानायक को दिया जाना वास्तव में महिमामंडन का अतिवाद है। इस मुक्तिकामी आंदोलन में क्रांतिपथ के अनुगामी भी थे और अहिंसा के अनुयायी भी, वास्तव में कई महान आत्माओं ने उस पृष्ठभूमि को परिपक्व किया था जिस पर अंतिम प्रस्तुति थी महात्मा गांधी की। हितेंद्र पटेल का आलेख...।यह बात बिल्कुल सही है कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को महात्मा गांधी ही सामान्य लोगों तक ले गए, लेकिन यह कहना कि भारत का राष्ट्रीय आंदोलन गांधी युग (1917 से 1947) की देन है, अपर्याप्त है। राष्ट्रीय आंदोलन उसके बहुत पहले से चल रहा था। 1905 के स्वदेशी आंदोलन के दिनों के बाद से सुस्पष्ट राष्ट्रीय आंदोलन का चरित्र उभर चुका था, जिसे बाल गंगाधर तिलक, अरबिंदो घोष और अन्य नेतागण स्वर दे रहे थे। बंगाल और महाराष्ट्र में सशस्त्र क्रांति का समर्थन करने वाले लोग तैयार हो रहे थे। तिलक का मंत्र ‘स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है’ शिक्षित युवाओं के एक बड़े हिस्से को आंदोलित कर रहा था। देश में ही नहीं, विदेश में भी इस बात की चर्चा होने लगी थी कि भारत की पराधीनता का कारण यहां के लोगों द्वारा अंग्रेजों का सहयोग करना है। टालस्टाय ने भी अपने एक लेख में कहा था कि ‘मुट्ठी भर अंग्रेज भारत पर शासन इसलिए कर पाते हैं क्योंकि यहां के लोग सेना में भर्ती होते हैं और किसान अपना लगान देने से मना नहीं करते। अगर ये दोनों न हों तो अंग्रेज भारत पर शासन नहीं कर सकते।’।तेज हुई संघर्ष की आग।स्वदेशी आंदोलन के बाद के वर्षों में पंजाब में भी स्वतंत्रता आंदोलन का व्यापक प्रभाव हुआ। गदर आंदोलन का स्पष्ट प्रभाव पंजाब के गांवों पर पड़ा था। 1905 से 1915 के बीच के 10 वर्ष की राजनीति में दो तरह की शक्तियां सक्रिय थीं। एक ओर वे लोग थे जो अंग्रेजों से सीधी लड़ाई करने के बजाय संवैधानिक तरीके से लड़ने के पक्ष में थे। कांग्रेस पर, जो उस समय देश के शिक्षित लोगों का सबसे प्रभावशाली मंच बन चुका था, ऐसे ही लोगों का कब्जा था, लेकिन स्वदेशी आंदोलन के बाद देश में स्वाधीनता के लिए संघर्ष की भावना तेज हुई और 1906 में पूर्ण स्वराज की भावना से प्रेरित होकर तिलक के नेतृत्व में एक प्रस्ताव लाया गया। इसका संगठित विरोध बड़े कांग्रेसी नेताओं ने किया और 1907 में सूरत में नरम और गरम दल के कांग्रेसी आपस में भिड़ गए। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं और गरम दल के समर्थकों के बीच एक वैचारिक अंतर वर्ष 1906 के बाद से लगातार बना रहा। वहीं देश और विदेश में ऐसे बहुत सारे लोग थे जो सशस्त्र कार्यवाही द्वारा अंग्रेजों को भारत से निकालने की कोशिश कर रहे थे। सिंगापुर के सैनिकों का विद्रोह, पेरिस में मदाम कामा, वीरेन चट्टोपाध्याय, इंग्लैंड में लाला हरदयाल, श्याम जी कृष्ण वर्मा जैसे कई लोग इस काम में लगे हुए थे। + +सशस्त्र क्रांति की जगी अलख। कौन थे ये लोग जो क्रांतिकारी संगठनों (अनुशीलन और जुगांतर दलों) से जुड़कर देश को स्वाधीन करने के लिए जुटे थे? इस देश के क्रांतिकारी आंदोलन के साथ जुड़े लोग क्या बगैर किसी सोच-विचार के बस बम फेंकने वाले थे या उनकी कोई राजनीतिक दृष्टि थी। बाघा जतिन, रास बिहारी बोस, शचींद्रनाथ सान्याल, महेंद्र प्रताप जैसे लोग किस राजनीतिक विचारधारा के साथ जुड़े थे? ये लोग सशस्त्र क्रांति के पक्षधर थे, जो सैनिक कार्यवाही के द्वारा पूर्ण स्वराज के लिए युद्ध की रणनीति के साथ अंग्रेजी ताकत को इस देश से उखाड़ फेंकना चाहते थे। इसी परंपरा में आए बाघा जतिन के सबसे प्रिय क्रांतिकारी युवा शिष्य नरेंद्र भट्टाचार्य (मानवेंद्र नाथ राय) की कहानी को देखना चाहिए। जनवरी, 1915 में जब गांधी इस देश में दक्षिण अफ्रीका से शांति, सत्याग्रह और सद्भाव की राजनीति लेकर आ रहे थे तो उसी समय नरेंद्र भट्टाचार्य विदेश से हथियारों की मदद के लिए भारत से जा रहे थे, ताकि अंग्रेजों के विरुद्ध यळ्द्ध अभियान चलाया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4520a913f296b9f15cff0e8a49b893716f7b150 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, यशा माथुर। उस समय सभी लोगों ने अपने दातों तले अंगुलियां दबा लीं, जब राजस्थान के अलवर के रहने वाले बारहवीं कक्षा के छात्र प्रवीण प्रजापत ने टीवी पर एक शो में अपने अद्भुत हुनर का प्रदर्शन किया। कांच के कई गिलास, सिलेंडर और पानी से भरा मटका अपने सिर पर रखकर उन्होंने संतुलन बनाया और राजस्थान का लोक नृत्य भवाई दिखाया। कुछ ही देर बाद प्रवीण के पैर के नीचे तीखी तलवारें भी थीं और वह उन पर थिरक रहे थे। प्रवीण का यह प्रदर्शन सभी को अचरज में डाल रहा था। लेकिन प्रवीण के इस हुनर को चारों और पहचान मिल रही थी। इस शो के बाद उनके पास कई कार्यक्रमों में भाग लेने के प्रस्ताव भी आए हैं। उनके हुनर को कमाई के रास्ते पर आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11217f821164d71c523365c722e259b7e2c2505b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62560.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह वह दौर था जब देश में अंग्रेजों के विरोध का स्वर मुखर हो रहा था और 1857 के महान विद्रोह की तैयारी हो रही थी। क्रांतिकारियों की तैयारी की गुप्त सूचनाएं रियासतों के राजाओं तक भी पहुंच रही थीं। इसी दौरान बख्तावर सिंह ने भी अंग्रेजों को खदेड़ने की योजना बनाई। तीन जुलाई, 1857 को सूर्य की पहली किरण के साथ महाराणा बख्तावर सिंह व उनकी क्रांति सेना ने हर-हर महादेव के जयकारे के साथ अंग्रेजों की भोपावर छावनी पर हमला कर दिया। अमझेरा की सेना के भय से अंग्रेज सैनिक बिना लड़े भाग खड़े हुए। सैनिकों ने शस्त्रागार व कोषागार को कब्जे में लिया और छावनी से अंग्रेजों का झंडा उतारकर फाड़ डाला। + +इसके बाद उन्होंने सरदारपुर और मानपुर-गुजरी जैसी रणनीतिक महत्व वाली अंग्रेजों की छावनी पर हमला कर वहां मौजूद अधिकारियों को पराजित कर सैकड़ों अंग्रेज सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। महाराजा बख्तावर सिंह के इस शौर्य से गांव-गांव में फैले क्रांतिकारियों और आम भारतीय जनता का मनोबल आसमान में पहुंच गया। उन्होंने आस-पास के 200 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित महू, आगर, नीमच, महिदपुर, मंडलेश्वर आदि सैन्य छावनियों को तबाह कर दिया। इन छावनियों के सैनिक भी अमझेरा के महाराणा के समर्थन में विद्रोह को तैयार हो गए। इससे मालवा क्षेत्र में ब्रिटिश सत्ता की प्रतिष्ठा को गहरा सदमा पहुंचा और अंग्रेजों की इंदौर स्थित बड़ी छावनी तक भय की लहर दौड़ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7de643b16704f131631df4f8797ac0f7688c8c67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62562.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मथुरा जिले की छाता ऐसी विधानसभा सीट है, जिस पर दो प्रतिद्वंद्वी राजनीति में वषों से आमने-सामने हैं। एक हैं कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण और दूसरे ठाकुर तेजपाल सिंह। छाता सीट का एक मिथक ये भी है कि दोनों दिग्गज एक बार जीतकर अगली बार पराजित होते आ रहे हैं। कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है। ठाकुर बाहुल्य इस सीट पर जातियों की गोलबंदी ही सबसे बड़ा सियासी हथियार है। छाता के सियासी संग्राम पर विनीत मिश्र की रिपोर्ट-।छाता विधानसभा क्षेत्र राजस्थान और हरियाणा की सीमा से लगा है। 26 साल से केवल दो सियासी महारथियों के इर्द-गिर्द ही यहां की राजनीति घूमती है। लक्ष्मी नारायण इस सीट से चार बार विधायक रहे, तो ठाकुर तेजपाल सिंह तीन बार। तेजपाल राज्य में मंत्री रह चुके है, लक्ष्मी नारायण वर्तमान में मंत्री हैं। बीते चुनाव में तेजपाल सिंह के बेटे अतुल लक्ष्मी नारायण से मुकाबिल थे। लक्ष्मी नारायण भाजपा प्रत्याशी के रूप में और ठाकुर तेजपाल सिंह सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी हैं। इस सीट पर जाट और ठाकुर मतदाता करीब-करीब बराबर हैं इसलिए मुकाबला भी रोमांचक होता है। लोग विकास की बात करते हैं लेकिन मतदान तक जातियों पर आ जाते हैं। + +क्षेत्र के नौगांव में भी सियासी सरगर्मी अधिक दिखती है। घर के बाहर अपने हमउम्र साथियों के साथ बैठे राज सिंह बोले, इस बार कांटे की टक्कर है। दोनों एक-दूसरे की बिरादरी में सेंध लगा रहे हैं। उनकी बात काट महेंद्र और धर्म सिंह ने कहा कि काम तो दोनों के कार्यकाल में हुए हैं, अब कौन कितना मजबूत है, ये तो ईवीएम से ही पता चलेगा। + +काम के बूते लड़ाई: अकबरपुर गांव के चौराहे पर सियासी चर्चाओं में मशगूल कान्हा और प्रीतम का एक ही जवाब था, हम वषों से देख रहे, समस्या वही हैं। चुनाव में कोई किसी से कम नहीं है। ग्रामीण बोले, दुग्ध विकास एवं पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के पास इस बार चुनाव में विकास का मुद्दा है। बरसाना और नंदगांव जैसे कान्हा के क्रीड़ास्थल को इस सरकार में तीर्थस्थल घोषित किया गया है, तो कोकिलावन के शनिधाम को भी विकसित किया गया है। ठाकुर तेजपाल सिंह अपने कार्यकाल में कराए गए विकास और छाता शुगर मिल के दोबारा शुरू न होने के मुद्दे पर मैदान में हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52495b1e09041a1e9592b0e53c4ef65b5678fe09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, कोटद्वार। प्रत्येक मतदाता को उसके मत का अधिकार मिले, इसके लिए निर्वाचन आयोग किस कदर मुस्तैद है, कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ढिकाला स्थित मतदान केंद्र को देख इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के कोर जोन में स्थित इस मतदान केंद्र में चौदह मतदाता हैं, जिन्हें मताधिकार का प्रयोग करवाने के लिए टीम बारह फरवरी को कोटद्वार से ढिकाला के लिए रवाना होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0747af1b462d6d54294326fec833c91001377d35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62565.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पश्चिम चंपारण, शशि कुमार मिश्र। कभी राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपने पिता जैसा मानने वाला बिहार के बेतिया का राजू प्रसाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया का भी दीवाना है। बेतिया रेलवे स्टेशन पर बचपन से भीख मांगते हुए जवान हुए राजू ने अब अपने भीख मांगने के धंधे को भी डिजिटल कर दिया है। आज वह एक 'जेंटलमैन डिजिटल भिखारी' है। वह इसके लिए गूगल-पे और फोन-पे के ई- वॉलेट का इस्तेमाल करता है। लोगों से कहता है कि छुट्टे नहीं हैं तो मनी ट्रांसफर ही कर दो बाबू। राजू बिहार का पहला डिजिटल भिखारी तो है हीं, उसकी मानें तो वह देश का भी पहला ऐसा 'प्रोफेशनल' भिखारी है। + +यह भी पढ़ें: घर से भागकर युवती ने मजहब की दीवार तोड़ी और प्यारा पत‍ि भी पाया, रोचक है बगहा के इस लड़की की कहानी।पेट पालने के लिए नहीं दिखा और कोई उपाय।बेतिया के बसवरिया वार्ड संख्या 30 के निवासी प्रभुनाथ प्रसाद अब नहीं रहे। उनका 40 साल का इकलौता बेटा राजू प्रसाद तीन दशक से रेलवे स्टेशन समेत अन्य जगहों पर भीख मांगकर जीवन चला रहा है। मंदबुद्धि होने के कारण राजू को पेट पालने के लिए और कोई उपाय भी नहीं दिखा। वह स्‍टेशन सहित शहर के विभिन्‍न इलाकों में भीख मांगता है, फिर रात में स्‍टेशन पर सो जाता है। ।राजू के भीख मांगने के अंदाज पर लोग फिदा ।राजू के भीख मांगने का अंदाज निराला है, जिसपर लोग फिदा हैं। वह स्टेशन व बस स्टैंड से बाहर निकल रहे यात्रियों को घेर कर मदद करने की अपील करता है। उसने बताया कि कई बार लोग यह कहकर सहयोग करने से इनकार कर देते थे कि उनके पास छुट्टे पैसे नहीं हैं। कई यात्रियों ने कहा कि पे-फोन आदि ई-वॉलेट के जमाने में अब नगद लेकर चलने की जरूरत हीं नहीं पड़ती है। इस कारण जब भीख मांगने में दिक्कत होने लगी, तो राजू ने बैंक खाता खोला, साथ ही ई-वॉलेट भी बना लिए। अब वह गूगल-पे व फोन-पे आदि से भी भीख मांगता है। उसने बताया कि अधिकांश लोग तो नगद ही पैसे देते हैं, लेकिन कुछ लोग ई-वॉलेट में भी मनी ट्रांसफर करते हैं। ।बैंक खाता व ई-वॉलेट खोलने में आई मुश्किल ।लेकिन एक भिखारी के लिए बैंक खाता खोलना आसान नहीं रहा। राजू का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया से प्रभावित होकर वह काफी पहले से बैंक खाता खोलना चाहता था। इसके लिए जब बैंक में संपर्क किया तो आधार कार्ड और पैन कार्ड की मांग की गई। आधार कार्ड तो पहले से था, लेकिन पैन कार्ड बनवाना पड़ा। इसके बाद बीते महीने ही बेतिया के स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में खाता खुलवाया। बैंक खाता खुल जाने के बाद ई-वॉलेट भी बनवा लिए। + +लालू यादव का बड़ा फैन, वे भी हुए प्रभावित।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया से प्रभावित राजू आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी प्रभावित रहा है। भीख मांगने के बाद वह अक्सर रात में रेलवे स्टेशन पर सो जाता है। लालू प्रसाद यादव तब रेलमंत्री थे, तब उनसे उसकी मुलाकात बेतिया रेलवे स्टेशन पर ही हुई थी। लालू भी उससे काफी प्रभावित हुए थे। इसके बाद वह हर वक्त लालू प्रसाद यादव के वेश में रहता था। पश्चिम चंपारण जिले में लालू के सभी कार्यक्रमों में वह जरूर पहुंच जाता था। वह बताता है कि साल 2005 में लालू प्रसाद यादव के आदेश पर उसे सप्तक्रांति सुपर फास्ट एक्‍सप्रेस के पैंट्री कार से रोज भोजन मिलता था। यह सिलसिला साल 2015 तक चला। इसके बाद अब वह अपने पैसे से भोजन करता है।  ।बेतिया में अब जाना-पहचाना चेहरा है राजू।बेतिया में राजू अब जाना-पहचाना चेहरा है। पूर्व विधायक वीरबल यादव बताते हैं कि वह सरल स्‍वभाव का है। मां की मौत के बाद राजू के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। उन्होंने भी उसकी काफी मदद की है। बेतिया के ही संजय सिंह कहते हैं कि मंदबुद्धि होने के कारण वह कोई काम नहीं कर पाता है। बेतिया के व्यवसायी दिग्विजय सिंह राजू के डिजिटल ढंग से भीख मांगने को अनोखी बात बताते हैं। उन्‍होंने बताया कि शहर के लाग उसकी मदद करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21485bef0b3d25881d51e99a6984c7b16e89c618 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रारंभिक परीक्षा के लिए जरूरी कदम: प्रारंभिक परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने के लिए अभी से परीक्षा के अनुरूप उचित रणनीति बनाकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इस परीक्षा में दो घंटे में 150 प्रश्नों ( वस्तुनिष्ठ बहुविकल्पीय ) को हल करने होते हैं। प्रत्येक प्रश्न के अंक समान होते हैं जो कि एक अंक का होता है। इसमें गलत उत्तर के लिए कोई अतिरिक्त अंक नहीं काटे जाते हैं अर्थात यहां नकारात्मक अंकों का प्रविधान नहीं है। अतः समय को ध्यान में रखते हुए (120 मिनट में 150 प्रश्नों को हल करने के लिए ) एक अच्छी रणनीति बनानी होगी। इसके लिए सर्वप्रथम प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम का अध्ययन करें तथा विगत 10 वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का सूक्ष्म अवलोकन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfe0d5d1b6925bc6d784afaa6ef1fdfe18d047ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62573.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में अभी तक टीबी यानी क्षय रोग का पता बलगम की जांच, एक्स-रे या सीबी नाट मशीन से हो रही है, लेकिन अब खांसने की आवाज मात्र से ही इस बीमारी का पता चल जाएगा। यह संभव होगा ‘टीबी कफ कलेक्शन’ एप ‘फील्डी’ की मदद से, जो पिछले दिनों ही लांच हुआ है। यह एप आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस है, जो खांसी की आवाज के नमूने मात्र से टीबी को डिटेक्ट करके बताएगा। फिलहाल, पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत देशभर से खांसी की आवाज के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। अलीगढ़ से 133 नमूने जाएंगे। इसमें टीबी के सक्रिय रोगी, उनके स्वजन व कांटेक्ट में आए अन्य लोग शामिल किए गए हैं। + +ऐसे काम करेंगी एप।जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि एप के माध्यम से संदिग्ध व्यक्ति के खांसने की आवाज आठ बार रिकार्ड की जाएगी। हर बार आवाज अलग-अलग तरह से होगी। पायलट चरण में सर्वे होगा। जिन लोगों की आवाज रिकार्ड की जाएगी, उनके नाम, पते गोपनीय रहेंगे। रिपोर्ट किसी को शेयर नहीं की जाएगी, आवाज का नमूना देने वाले को भी नहीं। नमूने लेते समय व्यक्ति के घर टीम पहुंचेगी। पहले व्यक्ति की सहमति ली जाएगी। फिर एप को चालू करके 30 सेकंड की आवाज रिकार्ड होगी। व्यक्ति को खांसने, एक से 10 तक गिनती, आ, ई, ऊ शब्दों को तीन बार बोलने, चौथा रिकार्डिंग के दौराना बैकग्राउंड आवाज रिकार्ड की जाएगी। इसके बाद अन्य प्रक्रिया होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f335e381fc63b26677f7d4c0b163c8818652f462 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62574.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +कांग्रेस नेतृत्व अपनी अदूरदर्शिता से किस तरह पार्टी के लिए समस्याएं पैदा करने का काम कर रहा है, इसका ताजा उदाहरण है पंजाब में मुख्यमंत्री पद का दावेदार तय करने का मामला। पहले उसने मुख्यमंत्री का नाम तय किए बगैर चुनाव में जाने के संकेत दिए। फिर जब मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से होने लगी, तो उसे ऐसा लगा कि यह काम किया जाना चाहिए। + +राहुल गांधी ने जल्द ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार का नाम बताने की घोषणा कर दी है, लेकिन यह इतना आसान नहीं। इसलिए नहीं, क्योंकि यह न केवल हास्यास्पद, बल्कि विचित्र होगा कि करीब साढ़े चार माह पहले मुख्यमंत्री बनाए गए चन्नी को सीएम पद की दौड़ से बाहर कर दिया जाए। इससे कांग्रेस को राजनीतिक रूप से नुकसान होना तय है, क्योंकि वह दलित चेहरे के तौर पर मुख्यमंत्री बनाए गए थे। + +चूंकि चन्नी अपनी परंपरागत सीट के साथ एक अन्य सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए पंजाब की जनता और खासकर वहां के दलित समाज को यही संदेश गया है कि यदि कांग्रेस जीतती है तो वही मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन समस्या यह है कि नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने को बेताब हैं। वह केवल बेताब ही नहीं, बल्कि कांग्रेस नेतृत्व पर इसके लिए दबाव भी बना रहे हैं कि उन्हें ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। + +भले ही नवजोत सिंह सिद्धू ऐसे बयान दे रहे हों कि उनका उद्देश्य केवल पंजाब की सेवा करना है, लेकिन वह जिस तरह बगावती तेवर दिखाने के साथ कांग्रेस नेतृत्व को आगाह भी कर रहे हैं, उससे साफ है कि वह हर हाल में मुख्यमंत्री का चेहरा बनना चाह रहे हैं। यह भी किसी से छिपा नहीं कि वह मुख्यमंत्री चन्नी की आलोचना करने और उन्हें अक्षम साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62575.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c61023dde2aad9a518c48fee06b9161536451a39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62575.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, जागरण टीम। वसंत पंचमी पर ठा. बांकेबिहारी ने भक्तों संग होली खेल ब्रज में होली का आगाज किया। मंदिर में श्रृंगार आरती के समय शुरू हुई होली का आनंद लेने को भक्तों की भीड़ टूट पड़ी। मंदिर प्रबंधन की कोविड गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ती रहीं। भक्तों का उत्साह ऐसा कि प्रबंधन की पाबंदियों को दरकिनार कर मंदिर में प्रवेश कर गए और आराध्य के प्रसादी रंग के एक-एक कण में सराबोर होने को उत्साहित नजर आए। सुबह मंदिर परिसर में उड़े गुलाल में सराबोर होकर भक्त आल्हादित होते नजर आ रहे थे। वसंत पंचमी पर शाहजी मंदिर में खुले वसंती कमरे में विराजमान होकर ठाकुरजी ने भक्तों को दर्शन दिए, तो अद्भुत और आकर्षक वसंती कमरे ने भक्तों को मुग्ध कर दिया। + +वसंती कमरे की आभा ने मोह लिया भक्तों का मन।रंगबिरंगे झाड़-फनूस, कलात्मक दर्पण से निकलती प्रकाश की अद्भुत किरणें और कमरे के बीच फव्वारों के सामने रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान ठा. राधारमणलालजू की झलक को अपलक निहारते भक्त कमरे की आभा में डूबे नजर आए। कभी भक्त आराध्य को निहारते, तो कभी कमरे की आभा में डूबे नजर आए। जो कमरे में प्रवेश कर गया, वह टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा था। मंद मंद स्वरों में भजनों की धुन पर मन ही मन आनंदित भक्त वसंती कमरे की आभा में डूबे नजर आए। + +वसंत पंचमी पर शाहजी मंदिर के अद्भुत वसंती कमरे में विराजमान होकर ठा. शाहबिहारी ने भक्तों को दर्शन दिए। वसंती कमरे में शनिवार की सुबह जब मंदिर के पट खुले तो रंगबिरंगी झाड़ फनूस से झांकती रोशनी भक्तों को आल्हादित कर रही थी। मंदिर में प्रवेश करते ही संमगरमर के टेढ़े खंभे और मुंडेर पर रोमन व इटेलियन शैली का झलक जब भक्तों को नजर आई तो मंदिर की ओर खिंचे चले आए। वसंती कमरे में लखनवी झाड़-फनूस भक्तों को आकर्षित कर रहे थे, विभिन्न रंगों की झाड़-फनूस, कलात्मक दर्पण, स्वर्ण आभा लिए दीवाल, विशाल गोलाकार छत पर चंदोबा जैसी पच्चीकारी, ऊपर से चारों ओर झांकती विभिन्न मुद्राओं में 12 सखियां कमरे की शोभा बढ़ाती हैं। मंदिर के कलात्मक दर्पण और झाड़-फनूस पर जब विद्युत प्रकाश पड़ा तो वसंती छटा बिखरती नजर आ रही थी। कमरे के ठीक मध्य फव्‍वारों के सामने रत्न जड़ित स्वर्ण सिंहासन पर ठा. राधारमणलाल जू के दर्शन कर श्रद्धालु गद्गद हो गए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dbe6c546391776ff83f0c3082b4efbfc595ee0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहल्लों में भ्रमण करेंगे गुरु महाराज।दयालबाग की सभी कालोनियों में विशेष रूप से सजावट की गई है। हर कोई अपने घर को विशेष रूप से सजाने के प्रयास में जुटा हुआ है। गत्ते की होममेड झालर बनाई जा रही है। गमलों में पेंट आदि किया जा रहा है। वसंत पंचमी के दिन राधास्वामी मत के वर्तमान गुरु महाराज सभी कालोनियों में भ्रमण करेंगे। हर कालोनी में जाकर वहां की सजावट आदि देखेंगे। गुरु महाराज के कालोनी में आने को लेकर भी सत्संगी उत्साह से लबरेज है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c04a7aeeac2e222ffac36ba93fd206162867e09f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62578.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ग्रेटर नोएडा [अंकुर त्रिपाठी]। गौतमबुद्ध नगर की दादरी सीट राजनीति का मुख्य केंद्र रही है। नोएडा विधानसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने से पहले दादरी सीट पर चुनावी सरगर्मी सबसे तेज होती थी। चुनावी जनसभा के लिए नेता दादरी को ही चुनते थे। यहां से दादरी नगर, देहात के साथ नोएडा तक के मतदाताओं को संदेश जाता था, इसलिए दादरी से चुने गए विधायकों का अलग ही रुतबा था। इस सीट पर सबसे अधिक दबदबा पूर्व विधायक महेंद्र सिंह भाटी का रहा। उन्होंने विधानसभा में तीन बार दादरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1991 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा, कांग्रेस समेत 16 प्रत्याशियों की जमानत जब्त कर दी थी। सिर्फ एक प्रत्याशी बिहारी सिंह बागी ही जमानत बचा सके थे। उनकी हत्या के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट महेंद्र सिंह भाटी के बेटे समीर भाटी ने जीती। + +मकौड़ा गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह भाटी की मृत्यु के बाद ही दादरी सीट पर उनके प्रभाव को प्रत्याशी अच्छी तरह जानते मानते हैं। इसलिए मकौड़ा गांव में प्रचार के लिए जाने वाला प्रत्याशी चाहे किसी दल से चुनाव लड़ रहा हो, वह महेंद्र सिंह भाटी की समाधि पर श्रद्धांजलि देना नहीं भूलता। 13 सितंबर 1992 को दादरी सीट के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या हुई थी। उस दौर में हमले में एके-47 इस्तेमाल हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9a4220972ee537d4565ee3adaed72d84557d185 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते 30 वर्षों के दौरान भारत के साथ इजरायल के द्विपक्षीय संबंध कई क्षेत्रों में प्रगाढ़ हुए हैं। स्वास्थ्य, कृषि, जल, व्यापार, विज्ञान एवं तकनीक, अनुसंधान एवं विकास, रक्षा, कला-संस्कृति, पर्यटन एवं अंतरिक्ष इनमें प्रमुख हैैं। भारत हमारा अब केवल घनिष्ठ मित्र ही नहीं है, बल्कि एक सामरिक साझेदार भी है। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के साथ अनेक उच्च स्तरीय दौरों से यह स्पष्ट भी हो जाता है। आने वाले वर्षों में और अधिक उच्च स्तरीय दौरों की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84cd9af49c40aa87ab7157e09ff76c522ef51204 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस नेतृत्व की रीति-नीति और कार्यशैली को लेकर मुखर आवाज उठाना पूर्व केंद्रीय मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी को भारी पड़ता नजर आ रहा है। पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में तेज तर्रार और वाकपटु तिवारी को शामिल नहीं किया गया है। पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में अमृता धवन और इमरान प्रतापगढ़ी जैसे नए चेहरों को जरूर रखा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96d19f24ffa99c08c8090934a20225303d464c95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस निष्कर्ष और मस्तिष्क में पाए गए बदलाव के आधार पर शोधकर्ताओं का मानना है कि कोविड संक्रमण के गंभीर मामलों में इम्यून रेस्पांस से मस्तिष्क में इंफ्लैमेशन होता है, जिससे रायनोडाइन रिसेप्टर शिथिल पड़ जाता है और फास्फोरिलेटेड टाउ बढ़ जाता है। इसके साथ ही अल्जाइमर की एक और निशानी या हालमार्क ऐमलाइड-बीटा (एक प्रकार की मांड़ी) के निर्माण में भी कोई बदलाव नहीं हुआ।मा‌र्क्स ने कहा कि इन निष्कर्षो को इस रूप में भी समझा जा सकता है कि दीर्घकालिक कोविड आगे चलकर अल्जाइमर का भी कारक हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e024173b6c8e0a1a83f1b0446b61bdb2fb7a6b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62588.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी सैन्य टकराव का असर पश्चिमी देशों के साथ दुनिया के अन्‍य देशों पर भी पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। उधर, रूस ने भी कहा है पश्चिमी देशों को इसका करारा जबाव मिलेगा। रूस यूरोप में गैस की आपूर्ति में कटौती कर सकता है। इसका असर तेल की कीमतों पर पडे़गा। यूक्रेन का डोनबास इलाका जो रूस और यूक्रेन बीच विवाद में सबसे अहम है और यहां का सबसे बड़ा रिजर्व है। ऐसी स्थिति में रूस चीन के साथ तेल और गैस बेचने की बात करेगा। इससे वैश्विक ऊर्जा बाजार प्रभावित होगा और तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। + +4- प्रो. पंत ने कहा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच जंग की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई तो जाहिर तौर पर इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। भारत भी इसका अपवाद नहीं होगा। यह जंग सामान्‍य नहीं होगी। इस जंग में पूरी दुनिया दो हिस्‍सों में बंट सकती है। ऐसे में इसका प्रभाव भारत पर पड़ेगा। दरअसल, इस युद्ध में रूस और चीन की निकटता बढ़ेगी। चीन और रूस की निकटता भारत के लिए शुभ नहीं होगी। भारत के साथ चीन सीमा विवाद में रूस और बीजिंग की निकटता कतई ठीक नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c500d6165569e79375dc3929a3bdf0e9489035f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62589.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। अफगानिस्‍तान की यात्रा पर गए पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद यूसुफ को तालिबानी सरकार ने भारत को लेकर दो टूक संदेश दे दिया है। तालिबान ने पाकिस्‍तान से कहा कि वह भारत समेत इस पूरे इलाके के देशों के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाना चाहता है और एक देश के अनुरोध पर दूसरे देश के साथ अपने रिश्‍ते खराब नहीं करेगा। तालिबान ने उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि पाकिस्‍तानी अनुरोध पर तालिबान भारत के साथ दोस्‍ताना रिश्‍ते नहीं रखेगा। इससे पहले पाकिस्‍तानी एनएसए ने अफगानिस्‍तान यात्रा से ठीक पहले पाकिस्‍तान में टीटीपी को बढ़ावा देने के लिए भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाए थे। तालिबान सरकार के प्रवक्‍ता और उप सूचना और संस्‍कृति मंत्री जबीउल्‍ला मुजाहिद ने कहा कि वे पाकिस्‍तान और भारत दोनों के ही साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाना चाहते हैं। उन्‍होंने उन अटकलों पर भी विराम लगा दिया जिसमें कहा जा रहा था कि पाकिस्‍तान के अनुरोध पर तालिबान भारत के साथ दोस्‍ताना रिश्‍ते नहीं बनाएगा। + +1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान की सीमा पर ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिससे तालिबान से टकराव की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है। पाकिस्तान की नए अफगानिस्‍तान से मिलने वाली चुनौतियां के बिल्कुल शुरुआती संकेत मिलना शुरू हुए हैं। यह संभव है कि ये घटनाएं महज अपवाद ही हों लेकिन देशों के बीच संबंध अक्सर, मामूली सी दिखने वाली घटनाओं के धीरे-धीरे विकराल रूप लेने से अनियंत्रित हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cf796fbe9e93b2c8daa4bb29156db21762acd87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62590.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [राजीव दीक्षित]। उत्तर प्रदेश की अठारहवीं विधान सभा का चुनाव कई रंगों को अपने में समेटे हुए है। लोकतंत्र के इस संग्राम में कुछ महिला प्रत्याशी ऐसी हैं जो सलाखों के पीछे कैद अपने पति की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी जंग में उतरी हैं तो कोई पति को सजा सुनाए जाने पर उनके सियासी रसूख को बरकरार रखने के लिए मैदान में आई हैं। पेश है एक रिपोर्ट...।अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से भाजपा प्रत्याशी घोषित की गईं आरती तिवारी डबडबाई आंखों और रुंधे गले से अपने सुहाग का वास्ता देकर जनता से वोट मांग रही हैं। वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर गोसाईंगंज सीट से विधायक बनने के बाद इंद्रदेव तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने शादी की। पिछले वर्ष अदालत ने मार्कशीट में कूटरचना के मामले में दोषी पाये जाने पर खब्बू तिवारी को पांच वर्ष की कारावास की सजा सुना दी। इसके बाद उनकी विधान सभा सदस्यता निरस्त हो गई। दबंग छवि वाले खब्बू के सजायाफ्ता होने पर भाजपा ने उनकी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा और अब आरती अपने पति की राजनीतिक विरासत को बचाने और बढ़ाने के लिए मतदाताओं के बीच मशक्कत कर रही हैं। + +प्रयागराज के अतीक अहमद का जितना दखल अपराध की दुनिया में रहा है, उतना ही गहरा नाता राजनीति से भी रहा है। बाहुबली अतीक के नाम इलाहाबाद पश्चिमी सीट से लगातार पांच बार विधायक निर्वाचित होने का रिकार्ड है। वह इस सीट से 1989, 1991 और 1993 में निर्दलीय और 1996 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में जीते। 2002 में अतीक ने अपना दल उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से जीत का परचम लहराया तो 2004 में वह सपा के टिकट पर फूलपूर सीट से लोक सभा पहुंचे। फिलहाल अतीक अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद हैं और उनके राजनीतिक रसूख को बरकरार रखने के लिए उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन जनता के बीच जिद्दोजहद कर रही हैं। अठारहवीं विधान सभा के चुनाव में वह प्रयागराज पश्चिम सीट से आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की प्रत्याशी हैं। + +अलीगढ़ शहर में जगह-जगह ऐसे पोस्टर लगे हैं जिनमें इस सीट से भाजपा प्रत्याशी घोषित की गईं मुक्ता राजा के साथ उनके पति संजीव राजा की फोटो भी लगी है। संजीव राजा अलीगढ़ शहर सीट से भाजपा के विधायक हैं। संजीव ने 2017 में यह सीट भाजपा की झोली में डाल कर भगवा दल के लिए यहां 25 वर्ष पुराना सूखा खत्म किया था। पुलिसकर्मी से मारपीट के मामले में संजीव को दो साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि वे जेल में नहीं हैं। इसके खिलाफ संजीव ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है लेकिन भाजपा ने अब तक गृहिणी की भूमिका निभाती आईं उनकी पत्नी मुक्ता को प्रत्याशी बनाया है। पति की राजनीतिक विरासत को सहेजने के लिए मुक्ता घर की देहरी लांघकर लोगों के बीच हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62591.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed4a6f6735565e2dbbc08344456a63384adc4e3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62591.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]।  safe browsing tips for child: आनलाइन क्लास हो या फिर होमवर्क, कोरोना काल में बच्चों की इंटरनेट गतिविधियां कहीं अधिक बढ़ गई हैं। आज के दौर में उन्हें इंटरनेट से पूरी तरह दूर भी नहीं रख सकते, मगर यह भी प्रयास करना होगा कि बच्चे सेफ तरीके से ब्राउजिंग कर सकें। इंटरनेट पर साइबरबुलिंग के साथ-साथ अनुचित कंटेंट से भी बच्चों को बड़ा खतरा है। जानें कैसे बच्चे इंटरनेट पर सेफ ब्राउजिंग कर सकते हैं। + +इंटरनेट एक्सप्लोरर।माइक्रोसाफ्ट के इंटरनेट एक्सप्लोरर पर कई ऐसी सुविधाएं हैं, जो पैरेंट्स को सामग्री नियंत्रित करने में मदद करती हैं। एक बार जब आप सर्च इंजन ओपन कर लेते हैं, तो इंटरनेट आप्शन वाले सेक्शन में जाएं और कंटेंट एडवाइजर को एक्टिवेट करें। जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो इसमें आपको ब्लाक करने के लिए कई विकल्प मिलते हैं। आप इसमें से चुन सकते हैं कि किस सामग्री को ब्लाक करना है। आप चाहें, तो एक्सप्लोरर ब्राउजर से पैरेंट्ल कंट्रोल फीचर को भी जोड़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11c098dfcc94a58ae9892ca6b92bed2b41e26937 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दो वर्ष का समय सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। कोरोना महामारी के कारण सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। विद्यार्थी विद्यालयी माहौल में पढ़ने से वंचित रहे। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि महामारी का शिक्षा पर गंभीर वैश्विक प्रभाव पड़ा है। लेकिन इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि भले ही स्कूल बंद थे, लेकिन बच्चों की पढ़ाई आनलाइन माध्यम से जारी थी। राज्य सरकार ने लाकडाउन की घोषणा के बाद तत्काल पूरी शिक्षा व्यवस्था आनलाइन माध्यम से शुरू करने का प्रविधान किया। ।सबसे अच्छी बात ये रही कि आनलाइन शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में न सिर्फ सरकार बल्कि कई स्वयं सेवी संस्थाएं और निजी क्षेत्र की तकनीकी शिक्षा कंपनियों ने मिलकर आनलाइन माध्यम से छोटे बच्चों को शिक्षा देने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया। घर-घर तक शिक्षा पहुंचाने के लिए टीवी, रेडियो, वाट्सएप, जूम एप तमाम माध्यम से जोड़ा गया। अब आप सोच रहे होंगे कि इन सबके बाद भी छोटे बच्चों की शिक्षा का नुकसान हुआ कैसे? सरकार ने तो बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए प्रज्ञाता गाइडलाइंस, पीएम ई-विद्या, स्वयं प्रभा, दीक्षा पोर्टल जैसी कई सुविधा उपलब्ध कराईं। वहीं, शिक्षकों, गैर सरकारी संगठनों ने जरूरतमंद छात्रों को फोन तक बांटे ताकि वो आनलाइन कक्षाओं से वंचित न रहें। ।सबसे पहले तो हमें ये बात स्वीकार करनी होगी कि भले ही सरकार या स्कूल कितने ही कार्यक्रम चलाएं, कितने ही संसाधनों का इस्तेमाल करें। लेकिन आनलाइन शिक्षा के लिए छात्रों के साथ-साथ अभिभावक तैयार नहीं थे। स्वजन को बच्चों की कक्षा कराने के लिए फोन या लैपटाप साथ लेकर बैठना पड़ा वर्कशीट पूरी करा कर जमा करने के लिए स्कूलों के चक्कर काटने पड़े। वहीं, बच्चों की नजर से देखें जो शिक्षा वो स्कूल में सहपाठियों के साथ बैठकर या खेलकूद कर हासिल करते थे वैसा कुछ उन्हें मिला नहीं। धीरे-धीरे शिक्षा का ये नुकसान बढ़ता गया। अब बच्चों की शिक्षा में दो वर्षों का जो अंतर आया है उसे पाटने की आवश्यकता है। बिना अभिभावकों की मदद के ये संभव नहीं है। क्योंकि स्कूल बंद होने से बच्चों के पास शिक्षक नहीं बल्कि उनके अभिभावक मौजूद है। ।बढ़ाना होगा दायरा।आनलाइन शिक्षा को लेकर हमें अपना दायरा बढ़ाना होगा। क्योंकि एक बात तो हमें बहुत अच्छे से समझने की जरूरत है कि आनलाइन शिक्षा अच्छी तरह से अनुसंधान के बाद धीरे-धीरे अब अभ्यास में लाई जा रही है। बहुत से देशों में शिक्षा का ये माध्यम कई दशकों से इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में संक्रमण दर कम होते ही स्कूल जब भी खोले जाएं ये शिक्षा व्यवस्था खत्म नहीं की जानी चाहिए। हमें सीखने की मिश्रित विधाओं को अपनाना ही होगा। ।हालांकि, ये भी सत्य है कि आरंभिक कक्षाओं के बच्चों को आनलाइन तरीके से पढ़ाया जाना विद्यालयी शिक्षा का विकल्प नहीं है। इन कक्षाओं के छात्रों का पाठ्यक्रमों का निर्माण ही इस भावना के साथ किया गया, जिसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए फेस-टू-फेस कक्षाएं व विद्यालयी अनुकूलता की जरूरत होती है। विद्यालय में बच्चे मैत्री व साङोदारी के साथ अध्ययन व उन्नयन का मार्ग सीखते हैं। तभी उनका लर्निग आउटकम आंका जा सकता है। लेकिन आनलाइन शिक्षा भी चालू रखनी चाहिए क्योंकि सीखने का एक तरीका जरूर हो सकता है। ।धीरे-धीरे ही हो सकेगी भरपाई।जहां तक शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई की बात है तो महामारी के दौरान विद्यालय बंद होने की भरपाई विद्यालयी शिक्षा के माध्यम से तत्काल संभव नहीं है। क्योंकि यदि उपचारात्मक कक्षाएं संचालित की जाएंगी तो इससे बच्चों पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। यह दबाव सहने के लिए बच्चे भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार नहीं है। स्कूल खोले जाने पर शिक्षा विभाग को इसे क्रमिक तौर पर करना होगा। विद्यालयी कक्षाएं सामान्य होने पर क्रमिक तरीके से उपचारात्मक कक्षाओं व पाठ्येतर गतिविधियों के माध्यम से भरपाई करनी होगी। अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जो चुनौती सामने है उसका सामना करना ही होगा। साथ ही, इसमें परिवार को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4eb08927bc3442bfef4de82229f820afe0f0c95a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अत: कैंसर से बचाव में इम्युनिटी को मजबूत करना सवरेपरि माना जाता है। कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं की रोगविरोधी क्षमता को नष्ट कर देती हैं। व्यापक तौर पर शरीर के जिस अंग की गतिशीलता अवरुद्ध हो जाए वहां कैंसर के आसार बनने लगते हैं। इसीलिए शरीर के प्रत्येक अंग-प्रत्यंग को हरकत में रखना चाहिए। कैंसर से बचे रहने के लिए व्यायाम, योग, आसन आदि के नियमित अभ्यास पर जोर देने के पीछे यही आशय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39c2acfec0917006dff3db08cd0b85bca7178219 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आज रणवीर सिंह की फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' का ट्रेलर लॉन्च किया गया। इस दौरान फिल्म की स्टारकास्ट रणवीर सिंह, शालिनी पांडे, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी इंवेट में माजूद रहे। जहां रणवीर ने हमेशा की तरह ही काफी एनर्जी के साथ एंट्री की और मजाकिया मूड में नजर आए। ट्रेलर लॉन्च पर सभी ने फिल्म को लेकर बात की और मीडिया के सवालों के जवाब भी दिए। इस बीच किसी ने रणवीर से पूछ लिया कि वह किसके पिता बनना चाहेंगे, बेटी या बेटे के। जिसका एक्टर ने जयेशभाई अंदाज में लाजवाब कर देने वाला रिप्लाई दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c5fbb0fae5f5395d100c7cb625499c2583b762c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे सात प्रत्याशियों में भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को अपनी हर समाज में पकड़ और पार्टी वोटों पर भरोसा है। रालोद प्रत्याशी प्रमोद गौड़ को बाrाण वोटों के अलावा जाट, मुस्लिम और यादव वोटों पर भरोसा है। कारण, सपा से गठबंधन है। 2002 में वे खैर से बसपा से विधायक रहे। इसलिए एससी वोट मिलने की भी उम्मीद है। बसपा के नरेंद्र शर्मा को पार्टी के कैडर वोट के अलावा ब्राrाण व भाजपा से बागी हुए लोगों का साथ मिलने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62602.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2d68f40e497935513e423344a28940a96ef6f51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62602.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाराणसी [कुमार अजय]। काश! विधना ने यदि अपने विधान से महज 18 दिन और बख्शे होते तो शुक्रवार को कबीरचौरा संगीत बस्ती का नजारा ही कुछ और होता। हम सभी कला साधक नर्तन सम्राट बिरजू महाराज की जयंती के स्थान पर उनके जन्म दिवस समारोह पर उल्लास का मेला सजा रहे होते। बजाय अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करने के उनके नूपुरों की झंकार को नमन करते हुए उनके सेलफोन पर बधाइयों का रेला पठा रहे होते। + +समधियाने के पद से होता कुछ हास-परिहास, एक दूसरे के सामने भले न हों जम कर चलते बनारसी पिंगलों व लखनवी अंदाज के इंगलों के तीर और फोन पर ही गूंजता होता उनका उन्मुक्त अट्ठाहस। कोई चंद रोज पहले ही बस यूं ही महाप्रयाण पर निकल गए बिरजू महाराज की स्मृतियों को स्मरण कर उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर भावातिरेक में लरज उठते हैैं कबीरचौरा संगीत घराने के बुजुर्गवार सदस्य पं. कामेश्वर मिश्र के शब्द। + +कभी महाराज जी अगर इस सुयोग पर दिल्ली-लखनऊ या अन्यत्र भी कहीं हों तो इस दिन का इंतजार बड़ा बेसब्र हुआ करता था। हम सब फोन खड़का कर उन्हें बधाइयां पठाते थे। बदले में आशीषों के भरे टोकरे का उपहार पाते थे। इस बार भी इसी सुयोग का इंतजार था किंतु विधि को तो कुछ और ही स्वीकार था। सो आइए, हरि इच्छा बलियसी की विधि को मान देते हैं। अनंत पट पर बढ़े चले जा रहे कथक के पुरोधा महाराज जी की शेष स्मृतियों को अश्रुधाराओं में भीगी लरजती हथेलियों का प्रणाम देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..861a8c33985346dacf07ca27a7f9238a04213969 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगजीत सिंह सुशांत। जालंधर। लोकसभा चुनाव 2019 लड़कर चर्चा में आए नीटू शटरां वाला एक बार फिर मैदान में हैं। नीटू खुद दाखा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे तो उनकी पत्नी नीलम जालंधर वेस्ट सीट से मैदान में हैं। नामांकन दाखिल हो चुका है और दोनों पति-पत्नी अब मोटरसाइकिल पर प्रचार अभियान पर डट गए हैं। दोनों अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके साथ मोटरसाइकिल पर ‘मंत्री’ भी सवार रहते हैं। दरअसल, नीटू और नीलम के चार साल के बेटे का नाम मंत्री है। मोटरसाइकिल पर ‘मंत्री’, नीटू और नीलम आगे-आगे होते हैं तो उनके सुरक्षा कर्मी पीछे-पीछे स्कूटर पर होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62605.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a79ad3ff690746cfbcd3d89881c36092c58d1851 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत ने चीन में आयोजित शीतकालीन ओलिंपिक का राजनयिक स्तर पर बहिष्कार करने का फैसला करके बिल्कुल सही किया। यद्यपि प्रारंभ में भारत ऐसे किसी फैसले को लेकर दुविधा में था, लेकिन जब चीन ने गलवन में हुए सैन्य संघर्ष में घायल अपने कमांडर को शीतकालीन ओलिंपिक समारोह का मशाल वाहक बनाने का निर्णय किया, तब फिर भारत के लिए उसे उसी की भाषा में जवाब देना आवश्यक हो गया था। चीन की यह ओछी हरकत न केवल भारत की दुखती रग पर हाथ रखने, बल्कि खेल भावना का निरादर करने वाली भी थी। अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों को संकीर्ण कूटनीति से परे रखने की परंपरा है, लेकिन चीन ने उसका सम्मान करने के बजाय धृष्टता दिखाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62607.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3781ea6f38efdd8ca8ca22fb2e29e8a1bcc2767 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62607.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस बार के नारों में खास यह है कि सभी पार्टियों का फोकस विभिन्न मुद्दों से हटकर सिर्फ पंजाब, पंजाबी व पंजाबियत पर हैं। वे जानते हैं कि सबसे बड़ा मुद्दा ही पंजाब है, इसलिए लोकल मुद्दे गायब हैं और सभी नारों, वादों व माडल में अकेले पंजाब का जिक्र है। हर एक प्रत्याशी स्थानीय मुद्दे के बजाय खुद को पंजाब का पुत्त कहकर पेश कर रहा है। गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा, महंगाई, कृषि आदि पर किसी भी पार्टी ने कोई नारा नहीं दिया। उनके नारों में सिर्फ पंजाब की आन-बान, नए पंजाब की सोच, पंजाब की बात हो रही है। + +‘सरबत दा भला‘ नारे पर एसजीपीसी को आपत्ति।विभिन्न पार्टियों नारों से ही जवाब भी दे रही है। भाजपा के सबसे पापुलर नारे मोदी है तो मुमकिन है का जवाब इन दिनों मोदी है तो महंगाई है से दिया जा रहा है। कांग्रेस ने बुधवार शाम ‘पंजाब दी चढ़दी कला, कांग्रेस मंगे सरबत दा भला’ के नारे से प्रचार अभियान शुरू किया तो एसजीपीसी ने आयोग से शिकायत कर दी। कहा कि सिख अरदास की पंक्ति को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। + +पंजाब दी बदलेगा तकदीर, सुखबीर वीर।भाजपा-पीएलसी के नारे ।-बड़े फैसले, कम हुए फासले।-सिरजांगे नवां पंजाब, भाजपा दे नाल।-सब तो पहलां पंजाब।अकाली दल के नारे।-सोच विकास दी, नवें पंजाब दी।-गल्ल राज दी नी, गल्ल पंजाब दी। आप के नारे।-पहलां दिल्ली बदली, हुण पंजाब बदलेगा।-पंजाब दी आन-बान शान, भगवंत मान।-केजरीवाल-केजरीवाल, सारा पंजाब तेरे नाल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f53d02d2f5574c4103db9ed702e03a951c58a197 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62609.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।सवाल और जवाब, जो आपके लिए जानने हैं जरूरी।बिहोली से रवि देशवाल : मेरी माताजी के गले में गांठ है। क्या करना चाहिए।डा.अभिनव मुटनेजा : अगर आपने सभी टेस्ट करा लिए हैं तो वो दिखा दें। आमतौर पर इसका डेढ़ महीने तक इलाज होता है। गले में गांठ की समस्या दूर हो जाएगी। इसका इलाज संभव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6089d4d37c7451454d13583566021814d11f6c1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसएन मेडिकल कालेज के कैंसर रोग विभाग में मुंह के कैंसर का कारण जानने के लिए साल 2019 20 और 2020 21 में 100 मरीजों पर स्टडी की गई। डा. भूपेंद्र चाहर ने बताया कि स्टडी में शामिल किए गए मुंह के कैंसर से पीड़ित 100 मरीजों की काउंसलिंग की गई। इसमें से 35 से 50 साल के 40 मरीज ऐसे थे, जिन्होंने कभी तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन नहीं किया। इन मरीजों की बायोप्सी के बाद पीसीआर की जांच कराई गई। इसमें 60 फीसद से अधिक मरीजों में मुंह के कैंसर का कारण एचपीवी मिला। इसी वायरस से गर्भाशय का कैंसर भी होता है। एचपीवी 16 और 18 से कैंसर होता है। एचवीपी मुंह तक कैसे पहुंच रहा है, इसकी अभी स्टडी चल रही है। गर्भाशय के कैंसर में एक से अधिक पार्टनर से संबंध के कारण एचपीवी से कैंसर होता है। जबकि स्टडी में शामिल हुए 60 मरीज तंबाकू का सेवन करते थे। इसमें से 80 फीसद की उम्र 60 से अधिक थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec22b6826d3813e32648b43c139e62faa2ca66a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62613.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +रमेश कुमार दुबे। सुख-सुविधाओं के चलते शहर सदा से आकर्षण के केंद्र रहे हैं। दुर्भाग्यवश सुविधाओं के मामले में गांवों और शहरों के बीच की खाई बढ़ती गई। इस मामले में मोदी सरकार अलग साबित हुई। इस सरकार ने सात वर्षों में देश के लाखों गांवों को शहरों जैसी सुविधाओं से लैस कर दिया है। पिछले बजटों की तरह इस बजट में भी गांवों को सुविधा संपन्न बनाने के उपाय किए गए हैं। शायद गांवों में पहुंच रहीं सुविधाओं के कारण ही पांच राज्यों के चुनावों में बिजली, सड़क, बैंक, बीमा, फोन, आवास, शौचालय, रसोई गैस जैसे मुद्दों की गूंज नहीं। + +सुविधाओं को सीधे लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने सभी देशवासियों का बैंक खाता सुनिश्चित किया। शहरी क्षेत्रों तक सिमटे बैंक-बीमा सुविधाओं को सभी देशवासियों तक पहुंचाने के लिए 44.4 करोड़ जनधन बैंक खाते खोले गए, जिनमें महिला खाताधारकों की संख्या 24.9 करोड़ रही। 55 प्रतिशत बैंक खाते ग्रामीण और अर्द्धशहरी इलाकों में खोले गए। इस प्रकार मोदी सरकार ने नकदी हस्तांतरण की बिचौलिया विहीन व्यवस्था विकसित की, जिसके लाभ अब मिल रहे हैं। + +भारत नेट परियोजना के तहत हर गांव तक ब्राडबैंड इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के लिए 5.46 लाख किमी लंबी आप्टिकल फाइबर यानी ओएफसी केबल बिछाई जा चुकी है। देश की सभी ढाई लाख पंचायतों तक ओएफसी पहुंचाने का काम हो चुका है। अब इंटरनेट सुविधा को ग्राम पंचायतों से घरों तक ले जाने का काम हो रहा है। इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसी का नतीजा है कि आज देश में 125 करोड़ से अधिक टेलीफोन-मोबाइल कनेक्शन हैं। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकार गांवों में कामन सर्विस सेंटर की सहायता से उन लोगों तक ई सेवाएं पहुंचा रही है, जिनके पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा नहीं। इससे ग्रामीणों को खतौनी, पासपोर्ट, पैनकार्ड, वृद्धा एवं विधवा पेंशन जैसी जरूरतें स्थानीय स्तर पर ही पूरी हो रही हैं। + +रसोईघरों को धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए पीएम उज्ज्वला योजना शुरू की गई, जिसके तहत सात वर्षों में साढ़े आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए। एलपीजी का कवरेज 95 प्रतिशत से अधिक आबादी तक पहुंच चुका है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चार करोड़ आवासों की कमी है। मोदी सरकार ने सात वर्षों में 1.6 करोड़ आवास तैयार कर लाभार्थियों को सौंप चुकी है। 2022-23 में 80 लाख गरीबों को घर देने की योजना है। गांवों को उच्च गुणवत्ता युक्त संपर्क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कें बनाई जा रही हैं। देश के लाखों गांवों को उत्पादक केंद्र बनाने की दूरगामी योजना पर भी काम हो रहा है। एक जिला-एक उत्पाद जैसी योजनाओं के जरिये देश के लाखों गांव उत्पादन की धुरी बनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6137aed7ba71fb9781744e00bee77a85a03a73ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62614.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यमुनानगर, जागरण संवाददाता। मजबूत इच्छाशक्ति व सही मार्गदर्शन से हर मैदान में जीत हासिल की जा सकती है। ऐसी ही कहानी है गले के कैंसर से पीड़ित कांसापुर निवासी 45 वर्षीय श्यामलाल की। एक समय बीमारी से परेशान होकर जीने की आस छोड़ चुके श्यामलाल को स्वजनों व डाक्टरों का सपोर्ट मिला। सही मार्गदर्शन मिला। अब वह अपनी बीमारी पर काबू पा चुके हैं। 98 प्रतिशत तक वह ठीक हो चुके हैं। उनके माध्यम से स्वास्थ्य विभाग भी दूसरे लोगों को प्रेरित कर रहा है। इसलिए ही कैंसर दिवस पर उन्हें सम्मानित किए जाने की योजना है। ।कांसापुर निवासी श्यामलाल को गले का कैंसर हो गया था। इसके बाद उन्होंने पीजीआइ से इलाज शुरू कराया। इलाज चलता रहा, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इस दौरान गले में नली भी लग गई। इस बीच उन्होंने पीजीआइ से रेडिएशन कराई थी, लेकिन उसने रिएक्शन कर दिया था। जांच कराई, तो पता लगा कि अभी बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। वर्ष 2020 में वह सिविल अस्पताल के ट्रामा सेंटर में जांच कराने पहुंचे थे। यहां पर कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. आशुतोष कुमार की देखरेख में उनका इलाज शुरू हो गया। उसके स्वजनों को भी राहत मिली, क्योंकि अब उन्हें पीजीआइ नहीं जाना पड़ रहा था। ।डिप्रेशन का हो गया था शिकार।श्यामलाल का इलाज चल रहा था, लेकिन गले से नली नहीं हटी थी। बीमारी को लेकर वह डिप्रेशन में आ गया। इस दौरान उसके मन में आत्महत्या का ख्याल आने लगा था। इस पर उसके स्वजनों ने डाक्टरों से बात की, तो डाक्टरों ने उसका मनोचिकित्सक से भी इलाज शुरू करा दिया। इसके साथ ही कैंसर का भी इलाज चलता रहा। सभी दवाईयां अस्पताल से ही उपलब्ध होती रही। डिप्रेशन से निकलने के बाद उसमें इच्छाशक्ति जागी। धीरे-धीरे वह रिकवरी करने लगा। अब 98 प्रतिशत तक वह बीमारी से ठीक हो चुका है। उसकी गले की नली निकल चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d809d1cf895bd877719dbb5fbf6a55a51eb14b4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62616.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रही खींचतान के बीच पार्टी ने प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को झटका दिया है। सिद्धू को उत्तराखंड के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। अभी तक कांग्रेस सिद्धू को तेजतर्रार, फायर ब्रांड नेता के रूप में देश के हर राज्य में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल करती रही है। इससे पहले जब वह भाजपा में थे तब भी उनकी यही स्थिति थी, लेकिन इस बार उन्हें उत्तराखंड तक में प्रचार करने वाले स्टार प्रचारकों में उनका नाम नहीं है। + +इन पांच वर्षाें में मंत्री बनने से लेकर पाकिस्तान के साथ संबंधों में उन्होंने अपने आपको जिस तरह से पेश किया है उससे वह अपना सेलिब्रिटी स्टेटस खो गए हैं और राजनीतिक ज्यादा हो गए हैं। यह केवल पार्टी से बाहर की बात नहीं है बल्कि पार्टी के अंदर भी उनका रवैया जिद्दी नेता जैसा माना जाता है। इन दिनों में उनकी मुख्यमंत्री बनने की हसरत जिस तरह से बढ़ती जा रही है उससे उनकी अपनी पार्टी के नेताओं ने ही उनसे दूरी बना ली है। ये सभी वे नेता हैं जिन्होंने उन्हें प्रधान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cbd8948ecf9e48c593735d5089b5ff5035ea7e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एलोपैथी में इलाज के कई रास्ते।डा. राजा सिंगला ने बताया कि कैंसर के भिन्न प्रकारों के साथ इनके अंदरुनी कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि सबसे आम प्रकार के कैसर के कारणों में मुख्यत अनुवांशिक रूप से होने वाले असाधारण बदलाव, तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, कम फाइबर वाले भोजन, कैमिकल, रेडिएशन के संपर्क में आना है। शारीरिक परीक्षण के बाद एक्सरे, सिटी स्कैन, एमआरआइ और पीईटी स्कैन किया जा सकता है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी व सर्जिकल प्रक्रिया अपनाई जाती है। आयुर्वेद में हजारों वर्ष पूर्व आचार्य सुश्रुत ने अर्बुद व ग्रंथी के रूप में कैंसर जैसी घातक बीमारी का वर्णन सुश्रुत संहिता में किया गया है। यह आज भी तर्क संगत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8cd13a7e400064050a7e7995a6774f66830a142 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शोध में यह बात आई सामने।यह शोध एक साल में पूरा किया था। कुल 215 मरीजों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें से 116 लोगों ने कैंसर का पता लगते ही देसी दवाइयां लेनी शुरू कर दी, जबकि 99 लोगों ने एलोपैथी से इलाज जारी रखा। खास बात ये है कि अब एक साल के बाद आराम नहीं मिलने पर 97 लोगों ने देसी दवाइयां छोड़ दी और दोबारा से इलाज के लिए पीजीआई पहुंचे। लेकिन अब उनकी स्थिति खराब हो चुकी थी, क्योंकि जब उन्हें पता चला तो कैंसर प्रथम स्टेज पर था, लेकिन जब दोबारा इलाज के लिए पहुंचे तो अब उनकी स्टेज बढ़ चुकी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60cdb50936da686dc67a4922909b64ad3f8a0afb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62619.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [विवेक मिश्रा]। खेती-किसानी करने वालों की जिंदगी एक ऐसे डगर पर चल रही होती है कि जब वे फिसलते हैं तो कोई न कोई फंदा उनका गला कसने को तैयार रहता है। खेतों में काम करते हुए महिला किसानों को भी बड़ी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 1995 से 2018 के बीच कुल 23 वर्षों में खेती-किसानी से संबधित 353,802 लोगों ने आत्महत्या की है। वहीं, समान अवधि में 50,188 महिला किसानों ने आत्महत्या करना पड़ा है।  जिस घर में महिलाएं खुद फांसी के फंदे पर झूल गईं वह घर तो तबाह हुआ ही लेकिन जिस घर में किसी पुरुष किसान के फांसी लगने की खबर है वहां महिलाएं जीवन की विपदा भरी आपाधापी से एकदम टूट गईं हैं। ऐसी महिलाओं ने सरकार से उनके लिए प्रावधान और सहयोग करने की मांग उठाई है। + +कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के जरिए एक ताजा अध्ययन (आईएसईईसी, अगस्त 2017) के मुताबिक सर्वाधिक महिला किसानों ने तेलंगाना में आत्महत्याएं की हैं। इसके बाद गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल का नाम शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक 303,597 महिलाएं या तो घर का काम संभालती हैं या फिर वे खेतों के लिए मजबूत हो गई हैं। यह संख्या अभी तक रिपोर्ट नहीं की जाती है और या तो इसका इस्तेमाल किसी दूसरे तरीके से किया जाता है। + +महिला किसानों की विपदा को लेकर यूएन वूमैन और महिला किसान अधिकार मंच (मकाम) की ओर से नीतिगत तरीके से बदलाव के लिए आवाज उठाई गई है। कार्यकर्ता कविता कुरुगंती ने कहा कि किसान परिवार में आत्महत्या के बाद महिला किसानों को कई कष्ठ झेलने पड़ते हैं। मसलन उनको भू-अधिकार से वंचित किया जाता। उनकी अव्हेलना की जाती है। उनके साथ हिंसा और गलत कार्य भी किए जाते हैं। हमें इनके साथ खड़े होने की जरूरत है। करीब 70 फीसद भारतीय महिलाएं खेतों में काम करने जाती हैं। हर तीन महिलाओं में एक महिला ग्रामीण भारत से हैं जो कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। इसके बावजूद सिर्फ 13 फीसदी जमीनों का स्वामित्व उनके पास है और मौत के बाद प्राधिकरणों के जरिए यही महिला किसान अदृश्य कर दी जाती हैं। इतना ही नहीं इनके बच्चे स्कूलों से बाहर निकाल दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4d3502de03468f90723d805d291f7c3a94422bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। UP Chunav 2022 विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। मतदान को अब नौ दिन ही शेष हैं। ऐसे में प्रत्याशी विधायक बनने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। भूख, प्यास और थकान भूल चुके ये चुनावी कलाकार चेहरे पर जनता के हमदर्द बनने के भाव लिए मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। हर सीट पर चुनावी गणित बन बिगड़ रहा है। कभी भाजपा का पलड़ा भारी बताया जाता है, तो कभी सपा, बसपा और कांग्रेस की जीत के दावे किए जाते हैं। निर्दलीय भी पीछे नहीं हैं। जनसंपर्क पर निकले ये प्रत्याशी कभी हाथ जोड़ते तो कभी किसी मतदाता को गले लगाते, बुजुर्गों के पैर छूकर जीत का आशीर्वाद भी मांग रहे हैं। वहीं, विधायक बनने पर क्षेत्र के विकास का आश्वासन दे रहे हैं। स्वजन भी इनका सहारा बने हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51547145517c4d6fec76e4f147fd25478d167ab1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + डेराें के समर्थकाें की संख्या लाखाें में।पंजाब में 300 के करीब डेरे हैं। इनमें से करीब 10 डेरों के समर्थकों की संख्या लाखों में है। इनमें राधास्वामी ब्यास, डेरा सच्चा सौदा, निरंकारी, नामधारी, दिव्य च्योति जागृति संस्थान, डेरा सचखंड बल्लां, डेरा बेगोवाल के नाम प्रमुख हैं। चुनाव में अगर डेरों का समर्थन मिल जाए तो पार्टियों को बड़ा वोट बैंक हासिल हो सकता है। यहीं कारण है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से लेकर शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों डेरा ब्यास व डेरा सचखंड बल्लां में नतमस्तक होने पहुंचे थे। हालांकि इनमें से कोई भी नेता इस बार अब तक कोई डेरा सच्चा सौदा नहीं गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c2ae5466cc45cce31668a073650e92baac58036 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे बचाए पेड़ ।माना जाता है कि एक 40 फीट लंबे पेड़ और आठ इंच मोटे पेड़ 10 हजार ए4 साइज के पेज बनते हैं। एक सामान्य पेज का रिम, जो 500 पन्नों का होता है, वह एक पेड़ का पांच प्रतिशत होता है। एनडीएमसी ने जनवरी 2021 में ई-आफिस प्रणाली लागू की थी। अब तक इससे आठ लाख 50 हजार से ज्यादा ग्रीन शीट बनाई गई तो वहीं 27 लाख से ज्यादा पत्र-व्यवहार आंतरिक रूप से विभागों ने डिजिटल किया है। इस प्रकार से एनडीएमसी ने करीब 35 लाख कागज का उपयोग डिजिटली किया। ऐसे में एनडीएमसी ने 350 पेड़ बचाने में अपना सहयोग दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39424bfdb3c8f2f0c0de34f197f668c72210fe20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62629.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, फीचर डेस्क। वसंत वास्तव में यात्रा है ठिठुरन से ऊर्जा की, पतझड़ से सृजन की और कमजोर शिराओं में शक्ति संचार की। वसंत का वसंत हो जाना आसान नहीं है। नवलेखन चाहे प्रकृति का हो या स्वभाव का, शुरू तो उधेडऩे की प्रक्रिया से ही होता है, इसके बाद बुनना बन पाता है..। वसंत का सही अर्थ समझने के लिए पढ़िए साइकोलाजिकल काउंसलर व कार्पोरेट ट्रेनर डा. लकी चतुर्वेदी बाजपेई का खास आलेख...। ।वसंत का आ जाना मतलब हर दृष्टि का सुनहरा, समृद्ध और प्रफुल्लित हो जाना ही तो है। ऋतुराज वसंत स्वभाव की खिलखिलाहट ऐसे गुंजायमान करते हैैं कि समूचा जीवन ध्वनित हो संपूर्ण हो जाता है। फ्लैश बैक में चलिए तो हर व्यक्ति उन यादों को समेटे है, जो हौले से गुदगुदा जाती हैैं। कहीं कालेज की तो कहीं पारिवारिक समारोहों में तो कहीं बाजारों में टकराई छवियों की। + +-आयुर्वेद के अनुसार शीत ऋतु में प्रकोपित कफ इस समय वमन को आतुर होता है। ऐसे में खिचड़ी और केसर का उपयोग मानव शरीर को समावेशित कर सुदृढ़ बना देता है। ।ये भी करें।- दान और स्वाभिमान का बैलेंस करें। प्रत्येक त्योहार मिल बांटकर खाने को प्रेरित करता है। अत: दान करें, पर जिसे दे रहे हैैं उसका स्वाभिमान आहत न हो, यह जरूर ध्यान रखें। ।- खुशी मन से पूजन, अर्चन के बाद आसपास के वंचित वर्ग पर एक निगाह जरूर डालें और ऐसा सहयोग करें कि उनकी जीवनरेखा भी वसंत सी हो जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62630.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..611a874afd583f4ade0fd9d106b7736dd00bf8d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62630.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली के माल रोड ताजा हिमपात के बीच घूमते पर्यटक। जागरण ।हिमपात से मनाली के पर्यटन कारोबार को गति मिली है। जनवरी महीने में पर्यटकों से लगातार रौनक लगी रही है, जबकि फरवरी में भी हिमपात को देखते हुए कारोबार बेहतर रहने की उमीद है। मौसम के कारण होटल व पर्यटन से जुड़ा हर कारोबारी भी खुश है। कोरोना की लहर के कारण हर पर्यटन कारोबारी असमंजस की स्थिति में था लेकिन हालात सामान्य रहने से कारोबार बेहतर रहा है। + +माल रोड मनाली में बर्फ के फाहों का आनंद लेते पर्यटक.. #Snowfall #Manalisnowfall #Himachaltourism @JagranNews pic.twitter.com/sKxZrgwgom।होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने कहा कि आज पर्यटकों को होटल के बाहर ही बर्फ देखने को मिल गई है। उन्होंने बताया मनाली में लगातार हो रहे हिमपात से पर्यटन कारोबार भी गति पकड़े हुए है। मौसम को देखते हुए जनवरी के बाद फरवरी में भी काम बेहतर रहने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f18832ab9f02eb1663312013010eb8ccd493038 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62632.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जापान के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के अब तक मिले वैरिएंट को लेकर प्रयोगशाला में रिसर्च किया है। इसमें अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट शामिल हैं। अध्ययन में पाया गया कि मूल कोरोना वायरस 56 घंटे तक जीवित रहा। वहीं, कोरोना का अल्फा 191.3 घंटे, गामा 59.3 घंटे और डेल्टा 114 घंटे तक प्लास्टिक सतह पर जीवित रहा। इस रिसर्च में पाया गया कि पुराने कोरोना वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन त्वचा और प्लास्टिक पर अधिक समय तक जीवित रहता है। यह प्लास्टिक सतह पर आठ दिन (193.5 घंटे) तक जीवित रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e03b9d501b7aa0a9344f5406b2bc33bfa8648796 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वी. के. शुक्ला]। बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर के शेष काम को पूरा करने के लिए अब यमुना नदी की धारा नहीं बदली जाएगी। दिल्ली सरकार द्वारा इस मुद्दे पर असहमति जताने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इससे पहले यमुना के बीच में काम पूरा करने के लिए नदी की धारा बदलने का प्रस्ताव था। अब बड़ी मशीनों को यमुना नदी के किनारे खड़ा कर वहां से पाइप के जरिये निर्माण सामग्री को नदी के बीच ले जाया जाएगा। यमुना के मयूर विहार फेज-एक वाले हिस्से में अस्थायी पुल बनाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..588099c15bf688d149a8c3310b1b1846e879b6c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62634.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सियासत के मैदान में बाजी कब किसके हाथ लगे कुछ पता नहीं रहता है। ऐसा ही टिकट को लेकर विभिन्न दलों में हुआ। टिकट न मिलने से सैकड़ों दावेदार हताश और निराश है, यह लाजिमी भी है। मगर, चौकाने वाली बात ये है कि जनता के प्रति उनका अनुराग-प्रेम अचानक कहां चला गया? जबतक टिकट नहीं मिला था तो जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। सबकुछ जनता के लिए ही समर्पित कर दिया था। कसम खाया करते थे कि उन्हें पार्टी मौका दे या न दे, मगर जनता की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। तुम ही मेरे सबकुछ हो। मगर, जनता अब इन दावेदारों को ढूंढ रही हैं। ये दिखाई नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा समेत कमोवेश सभी दलों में यही स्थिति है। हालांकि, जनता ऐसे भी दावेदारों को सलाम कर रही है, जिन्हें टिकट नहीं मिला मगर दूसरे ही दिन मैदान में आ डटे। + +नेताजी भाषण देकर चुपके से निकल गए।चुनाव प्रचार प्रचंड पर है। सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताजी सुबह से लेकर देररात तक जनता के बीच में संपर्क कर रहे हैं। ऐसे में कुछ जोशीले नेता भी अपना भाषण दे जा रहे हैं। कई बार तो ये भाषण इतने तीखे दे जाते हैं कि खुद प्रत्याशी भी असहज हो जाते हैं। ऐसे ही एक तेजतर्रार नेताजी शहर में भाषण दे गए। उन्होंने सत्ता दल पर जोरदार हमला किया। नेताजी भाषण देने के बाद दूसरे शहर के लिए निकल गए। सोचा मेरा काम तो हो गया। मगर, उनके भाषण के निहितार्थ निकालने वाले जुट गए। चर्चाएं तेज हो गई कि चुनाव के समय इतना तीखा भाषण नहीं देना चाहिए। इससे गलत असर पड़ेगा। अब प्रत्याशी सभी को समझाते फिर रहे हैं कि उन्हें हमने तो बुलाया ही नहीं था। अब वो कैसे भाषण दे गए हमें इस बारे में कुछ पता भी नहीं है?।फिर इनके पीछे तुम्हें दौड़ना पड़ेगा।इन दिनों नेताजी की विनम्रता देखते ही बनती है। फिलहाल, उनके इतना सहज, सरल और सज्जन कोई नहीं होगा। कहीं भी जाते हैं माताजी और बाबूजी कहते हुए पैर पकड़ लेते हैं। जनता जिधर घूमा दे उधर वो चल देते हैं। जैसा जो कह रहा है, वैसा नेताजी कर रहे हैं। एकदम गऊ जैसे नजर आ रहे हैं। जनता भी गलियों और मुहल्लों में दौड़ा रही है। उन्हें खूब आनंद आ रहा है। गांवों में उत्सव सा माहौल है। ऐसे ही जिले में नेताजी संपर्क कर रहे थे। गांव के लोग अड़ गए कि मेरे दरवाजे से होकर निकले। नेताजी ने हाथ जोड़ लिया, बोलें अभी-अभी वहीं से होकर आया हूं। हमें दूसरे गांव भी संपर्क में जाना है। मगर युवा नहीं माने। अंत में बुझे मन से नेताजी को वापस लौटना पड़ा। गांव के एक बुजुर्ग ने कहा कि अभी जैसा चाहो करा लो, फिर इनके पीछे तुम्हें दौड़ना पड़ेगा। + +तो नैया पार हो जाती....।जीवन में किसी ने ऐसा चुनाव नहीं देखा होगा। रैलियों में भीड़ जुटाने की होड़ नहीं, स्टार प्रचारकों को बुलाने की कोई बेताबी नहीं। कभी सपने में भी विचार नहीं आया हो कि विशाल रैली भी मात्र एक हजार की संंख्या में निपट जाएगी। ऐसे में सबसे सुकून प्रत्याशियों को मिल रहा है। भीड़ जुटाने की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं। बसें लगाने की कोई जरूरत नहीं। चौराहे से लेकर चौपालों में इसकी खूब चर्चा हो रही है। गांव में तो कुछ लोग यह भी कहने लगे कि ऐसे समय में यदि टिकट मिल जाता तो नैया पार हो जाती? कम से कम रैलियों में भीड़ जुटाने की होड़ तो नहीं है। सबकुछ बहुत सस्ते में निपट जाता। मगर, कई नेताओं की हवाईयां भी उड़ी हुई हैं। नेताजी को यह टोह नहीं मिल रही है कि उनकी स्थिति कैसी है? क्योंकि रैलियों और सभाओं के माध्यम से अंदाजा लग जाया करता था कि वो कितने पानी में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87c4d7376791bca1d025ca71822d2fc5c1e753d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62636.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम चुनावी है तो चहुंओर चर्चा भी चुनावी है। एचएडी (हाथरस- अलीगढ़-दिल्ली) ट्रेन में यात्रियों के बीच हार-जीत को लेकर गुणा-भाग है। हर किसी के अपने तर्क हैं। मजदूर महंगाई को लेकर परेशान दिखे तो महिलाएं सुरक्षा को लेकर आश्वस्त थीं। फ्री वैक्सीन से यात्री अपनी जिंदगी सुरक्षित मान रहे थे तो कुछ ऐसे भी थे जिन्हें पार्टी या प्रत्याशी से लेना-देना नहीं था। रेल यात्रियों के मन को भांपती हिमांशु गुप्ता की रिपोर्ट..।रंग और हींग की नगरी हाथरस के किला स्टेशन पर एचएडी (हाथरस- अलीगढ़-दिल्ली) ट्रेन ग्रीन सिग्नल के इंतजार में थी। हमारी बोगी में यात्रियों की चंद संख्या सुबह की सर्दी का आभास करा रही थी। जैसे ही घड़ी की सुइयां 5.55 पर आकर टिकीं, ट्रेन ने हार्न बजाया तो बोगी में अचानक कई यात्री आ गए। ट्रेन के रफ्तार पकड़ते ही बोगी में दैनिक यात्री महेश शर्मा ने चुनाव की चर्चा शुरू की तो सामने वाली सीट पर अखबार पढ़ रहे सुरेंद्र गौतम बोले-‘सरकार बढ़िया काम कर रही है। बजट कुंई देख लेओ, भ्रष्टाचार खत्म करबे के लै आनलाइन पेमेंट कूं बढ़ाओ जा रहो है।’ रवींद्र गुप्ता बीच में बोल पड़े-‘जे सब तो ठीक है, लेकिन मोबाइल से पेमेंट करबे आत कितन कूं हैं। निरे आदमी तो जानत नाएं जाके बारे में।’ संजय वर्मा ने मुद्दे को बदला-‘हाथरस सीट पै भाजपा से बाहरी प्रत्याशी को हल्ला है रहो है, लेकिन टक्कर में भाजपा ही रहेगी। भाजपा-सपा को सीधौ मुकाबलो होबैगो।’ चर्चा में शामिल होते हुए जयपाल बोले- ‘दिल्ली में सिलाई को काम करबे जाएं, सोमवार-मंगल की छुट्टी पर लौट आतें। सरकार कोई बन जाए, गरीबन के लिए कोई न सोच रहो।’।इसी बीच ट्रेन हाथरस जंक्शन पर पहुंच गई। बोगी में यहां से कई यात्री चढ़े। नवीपुर, हाथरस के पप्पू भी हींग की डिब्बी और चूर्ण की गोली बेचते हुए आ गए। चर्चाओं के बीच ट्रेन सासनी स्टेशन पर आकर रुकी। यहां से चढ़ीं रानी देवी बोलीं- ‘भैया जे बताऔ तो लाकडाउन की बात कह रहे हौ, सरकार ने घर बैठे भी तो खबाओ है। फ्री में राशन बाटों। फिर परेशानी का है। जा सरकार में गुंडागर्दी, लूट-खसोट बंद है गई है। महिलाएं कभऊ जाएं, कभऊ आएं, कोई चिंता की बात नाएं।’।मडराक स्टेशन से अलीगढ़ जनपद की सीमा शुरू हो गई। यहां कई यात्री बोगी में सवार हुए। तेजवीर सिंह बताने लगे-‘जे इलाका अलीगढ़ कोल सीट में है। किसानन के खाते में रुपया आए। सबके खाते खुलवाए दए। काम तो भयौ है। ट्रेन के सफर को सात मिनट ही बीते थे कि ताला और तालीम का शहर अलीगढ़ आ गया। यहां काफी संख्या में यात्री उतरे तो उससे ज्यादा सवार हुए। हमारी बोगी फुल हो गई थी। मौ. फईक बोले- कौन-सी पार्टी अच्छी है, कौन सी खराब है, इससे मुङो मतलब नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री दमदार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0103b48e3c97f45da8887a4b61f4ef3ead480c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62637.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हापुड़ [मनोज त्यागी]। रालोद मुखिया जयंत चौधरी को राजनीति विरासत में मिली है। उनके दादा चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री रहे हैं। हापुड़ चरण सिंह की जन्मस्थली है। पिता अजित सिंह केंद्र में कई बार मंत्री रह चुके हैं। अब जयंत पर दादा और पिता की तरह अपनी चौधराहट साबित करने का दबाव है। वहीं, सपा से रालोद के गठबंधन के बाद जाट समुदाय में अपना अस्तित्व बचाने का सवाल भी उठ खड़ा हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में जयंत के परिवार का जो दबदबा है, वह मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बने नए राजनीतिक समीकरणों में कम हुआ है। जयंत की परीक्षा पहले चरण के चुनाव में ही है। + +भाजपा ने भी चौधरी चरण सिंह के रिश्ते के पौत्र को उनकी जन्मस्थली से प्रत्याशी बनाया है। यही कारण है कि जयंत के सामने विरासत को बचाने की चुनौती है। पिछले दिनों अखिलेश और जयंत की जोड़ी जब यहां आई तो दोनों ने चौधरी चरण सिंह की जन्मस्थली से अपने आत्मीय संबंध दर्शाने की पूरी कोशिश की। क्षेत्र में अभी जो माहौल है, वह बताता है कि राह आसान नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a426d4c599fa80595a051353bf07f17f3059c5ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6264.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl श्रद्धा कपूर के पिता शक्ति कपूर ने हाल ही में खुलासा किया कि क्या श्रद्धा कपूर और रोहन श्रेष्ठ के रिश्ते को उन्होंने स्वीकार कर लिया है। शक्ति कपूर ने इस बारे में बताते हुए कहा कि आज के युवाओं की सोच काफी अलग है और उनकी बेटी श्रद्धा भी इनमें से एक हैl वह एक स्वतंत्र लड़की है। इसलिए उसे अपने जीवन का निर्णय लेने का अधिकार है। + +शक्ति कपूर ने आगे यह भी कहा कि उनके लिए केवल एक चीज मायने रखती है वह यह है कि दोनों स्वस्थ रहे और कुछ भी गलत न करे। शक्ति कपूर ने यह भी कहा कि श्रद्धा के काम पर वह गर्व महसूस कर रहे हैं और वह उनकी उपलब्धियों से खुश हैं। इस बारे में आगे जब शक्ति कपूर से पूछा गया कि क्या श्रद्धा शादी कर रही है। इसपर उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते कि यह खबर हर छह महीने में कहां से आ जाती है। हालांकि वह समझते हैं कि श्रद्धा के प्रशंसक यह जानने के लिए उत्सुक हैंl श्रद्धा की शादी तब होगी, जब वह करना चाहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52b59363cb2e5d461caa4e5ad1be5a4052096e8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन राज्यों को रेल कारिडोर से जोड़ा जा सकता है।दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई सहित कई शहरों को हाई स्पीड रेल कारिडोर से जोड़ा जा सकता है। छह हाई स्पीड रेल कारिडोर को हरी झंडी मिल चुकी है। दिल्ली/जयपुर/उधमपुर/अहमदाबाद (886 किमी), मुंबई/नासिक/नागपुर (753 किमी), मुंबई/पूना/अहमदाबाद (711 किमी), चेन्नई/बंगलुरू/मैसूर (435 किमी) तथा दिल्ली/चंडीगढ़/लुधियाना/अमृतसर (459 किमी) हाई स्पीड रेल कॉरिडोर शामिल हैं। मुंबई/अहमदाबाद कॉरिडोर पर काम चल रहा है, जो 2023 तक पूरा होने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..179e8f53024180bdceb67fa88bb48d07cf56b7ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62649.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस्लामाबाद, एएनआइ: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दुनिया भर में घूम-घूमकर भीख का कटोरा लिए आर्थिक सहायता मांगने से विशेषज्ञ उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। जबकि उनकी बेहिसाब कर्ज लेने की इसी आदत ने पाकिस्तान के लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा दिया है। राजनीतिक विशेषज्ञ शब्बीर चौधरी ने अपने ब्लाग में लिखा है कि पाकिस्तान हाथ में भीख का कटोरा लिए एक बार फिर एक बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद से इमरान खान ने धन जुटाने की अपनी कला बहुत अच्छा उपयोग किया है और इसलिए वह कभी भी अपना भीख का कटोरा वापस खाली लेकर नहीं लौटे हैं। + +पाक से रवैए से चीनी नाखुश।इमरान खान और उनकी सरकार ने ‘सीपीईसी’ के साथ जो किया उससे चीन खुश नहीं है।राजनीतिक विश्लेषक शब्बीर चौधरी के मुताबिक, पीएम खान नए उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ सीपीईसी के दूसरे चरण के लिए चीन को पूर्ण समर्थन देने के लिए वहां मौजूद हैं। वह और उनकी टीम चीनियों को समझाने की कोशिश करेंगे कि उन्हें उनकी पर भरोसा किया जाए। क्योंकि इस बार वो व्यक्तिगत रूप से सीपीईसी परियोजनाओं की देखरेख करेंगे और कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे। माना जा रहा है कि बीजिंग पिछले झूठे वादों, अविश्वास और निराशा के कारण पाकिस्तानी सरकार पर भरोसा करने से हिचकिचाएगा। उदाहरण के तौर पर, जैसे दसू आतंकवाद के बाद जिसमें कई चीनी मारे गए, पाकिस्तान ने कहा था कि बस का टायर फट गया जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटना हुई। चीनी इससे सहमत नहीं थे, क्योंकि वे जानते थे कि यह एक आतंकवादी हमला था। उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00499391944579716018813138fa5503ba46c51b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हनी सिंह ने बीते दिन अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि 'हमारे प्यार सिद्धार्थ शुक्ला का दुखद निधन हो जाने की वजह से से हमने अपने गाने कांटा लगा का टीजर रिलीज पोस्टपोन कर दिया है। ये टीजर अब 5 सितंबर को 3 बजे रिलीज किया जाएगा।' इससे पहले कांटा लगा का नया टीजर 2 सितंबर को 3 बजे रिलीज किया जाने वाला था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c1444fc0dbb1bb9a8fedd285de35f72a56d93cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनियाडीह में टावर उड़ाने की थी साजिश।इन नक्सलियों की गिरफ्तारी नहीं होती तो मनियाडीह में ये मोबाइल टावर उड़ा देते। इसकी साजिश तैयार हो गई थी। एसपी अमित कुमार रेणु को मिले इनपुट पर तीनों को दबोच लिया गया। प्राथमिकी में उल्लेख है कि नकली एके-47 राजू मुर्मू से पुलिस ने बरामद की। बसमत्ता जंगल से पकड़े गए इन तीनों का एक साथी भी था। जो पुलिस की भनक पाकर भाग निकला था। पुलिस को पूछताछ में तीनों ने साथी का नाम देवीलाल बताया है। नकली हथियार का प्रयोग कर ये सभी लेवी वसूलते थे। एक पहलू यह भी है कि इन माओवादियों की एक दूसरी विंग गांव गांव जाकर नुक्कड़ नाटक करती है। उन नाटकों में भी ऐसे नकली हथियार प्रयोग किए जाते हैं। आशंका जताई जा रही है कि राजू संभवत: ऐसी विंग का ही सदस्य है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a17dd0c3fbcb1ebe73f64478c25828e5a819888 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62651.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आम बजट 2022-23 में डिजिटल सबसे ऊपर है और सब में शामिल है। इकोनमी और सामाजिक ढांचे के सभी वर्गों को एक साथ डिजिटल धागे में पिरोने की घोषणाएं करके साफ कर दिया गया है कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत पिछलग्गू बनकर नहीं रहेगा। माना जाता है कि औद्योगिक क्रांति की शुरुआत डिजिटल इकोनमी के तौर पर हो चुकी है। जो देश अपनी इकोनमी में डिजिटल तकनीक पर भरोसा करेगा, वह उतना ही विकास करेगा। + +डिजिटल इंडिया को मिलेगी ताकत ।प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2015 में डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी। बैंकिंग से लेकर सरकारी सुविधाओं को सीधे लाभार्थियों के खाते में डालने जैसी सहूलियत इसी से संभव हो सकी हैं। अब जबकि देश की तकरीबन आधी आबादी के पास इंटरनेट वाला स्मार्ट फोन पहुंच चुका है तो सरकार की तरफ से बजट में की गई घोषणा डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को और तेज करने का माद्दा रखती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c00ceae7dd477ac1c9ddfefc4980e07a058de186 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट में इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) फाइलिंग को दो साल तक अपडेट करने की सुविधा घोषित की गई। लेकिन अपडेट फाइलिंग की यह सुविधा निशुल्क नहीं होगी और इसके लिए टैक्स भी देना होगा। आइटीआर को एक साल के भीतर अपडेट करने पर अघोषित आय पर 25 फीसदी टैक्स देना होगा। अगर दूसरे साल आइटीआर अपडेट करते हैं तो अघोषित आय पर 50 फीसदी टैक्स देना होगा। एक और बात है अगर करदाता के आइटीआर अपडेट करने से पहले इनकम टैक्स विभाग ने यह पकड़ लिया कि उसने अपनी सही आय नहीं दिखाई है और विभाग ने करदाता को नोटिस जारी कर दिया, तो इस सूरत में करदाता आइटीआर अपडेट नहीं कर पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62653.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4053eb6c19a118cb1c79b1bb51504213c657b3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाने की तैयारी है। साथ ही सभी रेल खंड पर ट्रेनों की गति 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसे हासिल करने के लिए रेलवे ट्रैक की दशा सुधारने पर काम चल रहा है। कोरोना काल में इस काम में तेजी आई है। इस काम में फंड की कमी न हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। पिछले बजट की तरह से इस बार भी रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए भारी भरकम राशि आवंटित की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4d1c658a7c82debc003ad34f5cb2876ff400fe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62655.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +सोनीपत [नंदकिशोर भारद्वाज]। अमेरिका के न्यूयार्क में बसे भारतीय मूल के कारोबारी ने अपने बेटे को पहलवान बनाने के लिए खरखौदा के स्कूल में दाखिला दिलवाया है। मूलरूप से करनाल के रहने वाले नवीन हुड्डा अपनी पढ़ाई के समय में विख्यात क्रिकेटर कपिल देव के साथ क्रिकेट खेलते थे लेकिन वे कारोबार के लिए अपने पिता के साथ न्यूयार्क में बस गए। उनका क्रिकेटर बनने का सपना अधूरा रह गया। अब उन्होंने अपने बेटे अर्जुन हुड्डा को पहलवान बनाने के लिए खरखौदा के प्रताप स्पोर्ट्स स्कूल में छठी कक्षा में दाखिला दिलाया है। वहीं अर्जुन भी अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए जी-जान और पूरी लगन से जुटा हुआ है। + +द्रोणाचार्य अवार्डी कोच ओमप्रकाश दहिया उसे हर रोज सुबह ग्राउंड पर ले जाते हैं और कुश्ती के गुर सिखाते हैं। वह पहलवान बनने के साथ-साथ यहां रहकर पढ़ाई भी करेगा। अर्जुन का जन्म न्यूयार्क के केंटकी शहर में 24 नवंबर, 2008 में हुआ था। अर्जुन पूरी तरह से विदेशी संस्कारों के साथ पला-बढ़ा है। परिजन चाहते हैं कि उनके बेटे में भारतीय संस्कार हों। जब कभी वे स्वदेश लौटें तो लोग उनके बेटे को विदेशी न कहें। + +पिता कपिल देव के साथ खेलते थे क्रिकेट। झारखंड के हजारीबाग में तैनात सत्यवान खेंची ने बताया कि अर्जुन के पिता नवीन पढ़ाई में तो होनहार थे ही, वे खेल में अच्छा प्रदर्शन करते थे। चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान वे क्रिकेटर कपिलदेव के साथ क्रिकेट खेलते थे। नवीन आलराउंडर थे। उन्होंने कई बार कपिल देव को आउट किया था। अब न्यूयार्क में उनके कई शापिंग माल हैं। कारोबार के सिलसिले में उनका खेल छूट गया। + +दादा-पिता की चाहत, बेटा भी उनके जैसा बने। कमांडेंट सत्यवान ने बताया कि अर्जुन के दादा बलवान सिंह, पिता नवीन हुड्डा और मां मंजू चाहते हैं कि उनका बेटा हिंदी भाषा और हरियाणवी बोली सीखे। अर्जुन भारत में रहकर ही हरियाणा और देश की संस्कृति को जाने। वह यहां के तीज-त्योहार, पर्व और सभ्यता सीखे। अर्जुन अब धीरे-धीरे हिंदी और हरियाणवी सीख रहा है। हास्टल में कई बच्चे अर्जुन के दोस्त बन गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddcec6eba235f6cd915dc9faeb59085712733dc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62660.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दूरियां पैदा कर रही खामोशी। बिना पलक झपकाए घंटों फोन पर मौजूदगी से बनी खामोशी कहीं दूरियां तो पैदा नहीं कर रही? यह सोचने का विषय है। पति-पत्नी के बीच फेसबुक, ट्विटर पर छिड़ी जंग और किसी मुद्दे को लेकर सोच में असमानता उनके वास्तविक जीवन में झगड़े का रूप ले लेती है। किसने किसके स्टेटस को लाइक किया या नहीं, बहस का मुद्दा बन जाता है। निजी संबंधों की इस दुर्दशा के बारे में कोई सोच क्यों नहीं पा रहा? कारपोरेट ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर फैजान शेख कहते हैं, 'जो समय आपके परिवार के लिए है अगर आप उसे इंटरनेट मीडिया को दे रहे हैं, तो संबंधों में खामोशी आना तय है। ऐसे में मुश्किलें तो आएंगी ही। जब आप साथ बैठकर बातें करते हैं तो मन की गांठें खुलती हैं और आप एक-दूसरे को जानने-समझने भी लगते हैं। जब आप अपनी बातें साझा ही नहीं करेंगे तो आपको समझेगा कौन? पहले हम दिनभर की हर गतिविधि घरवालों के साथ बांटते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं करते। यही खामोशी दूरियां पैदा कर रही है। यह वक्त जिनका है वह उन्हेंं देना ही पड़ेगा। अगर नहीं करेंगे तो आज नहीं तो आने वाले समय में परिणाम अच्छा नहीं होगा, क्योंकि तब तक आपसी बांडिंग खत्म हो चुकी होगी। + +हम सब लैब के चूहे। इंटरनेट मीडिया कंपनियों के लिए हम सब एक उत्पाद या मार्केटप्लेस भर हैं। यहां हमारे मनोविज्ञान को हमारे ही खिलाफ प्रयोग किया जाता है। नेटफ्लिक्स पर मौजूद डाक्यूमेंट्री 'द सोशल डिलेमाÓ इंटरनेट कंपनियों के भयावह खेल को उजागर करती है। इसमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, गूगल, पिंटरेस्ट, स्नैपचैट समेत कई कंपनियों में बड़े पदों पर रह चुके टेक्नोलाजी विशेषज्ञों ने बताने की कोशिश की है कि किस तरह दुनिया इंटरनेट और इंटरनेट मीडिया की गुलाम हो गई है। इसमें कहा गया है कि हम सब लैब के चूहे हैं, जिन पर प्रयोग होते हैं। इस डाक्यूमेंट्री को देखकर आप हैरान हो जाएंगे कि कंपनियों की मशीनें आप पर हर पल नजर रखती हैं और इससे तैयार डाटा की पूरी स्टडी के साथ एक माडल बनाती हैं। डाक्यूमेंट्री के मुताबिक सबसे खतरनाक बात यह है कि ये मशीनें अब निर्माता के नियंत्रण से बाहर हो चुकी हैं, जो अपनी अलग दुनिया बना रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e25865b4e3f4c15d293478d63356ec19b477d29d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने में रेल की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसे ध्यान में रखकर बजट में 'एक स्टेशन एक उत्पाद' योजना की घोषणा की गई है। इस घोषणा को अमल में लाने के लिए छोटे स्टेशनों पर पार्सल और माल लदान की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। इस दिशा में दिल्ली रेल मंडल ने पहल कर दी है। यहां के छोटे स्टेशनों से उद्यमियों व किसानों को अपना उत्पाद बाहर भेजने की सुविधा दी जाएगी। इस पहल से एक स्टेशन एक उत्पादन की योजना को मूर्त रूप देने में मदद मिलेगी। ।इस समय नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली सहित अन्य बड़े स्टेशनों पर पार्सल भेजने की सुविधा है। इसी तरह से माल लदान की सुविधा भी गिने-चुने स्थानों पर है। दिल्ली मंडल में निजी एजेंसियों के सहयोग से इस सेवा को विस्तार देने की कोशिश हो रही है। इसके लिए लगभग 40 स्टेशनों पर सेवा उपलब्ध कराने के लिए सेवा प्रदाताओं से आवेदन मांगे हैं। यदि कोई सेवा प्रदाता इन 40 स्टेशनों के अतिरिक्त किसी और स्टेशन पर यह सेवा शुरू करना चाहता है तो उसके आवेदन पर भी विचार किया जाएगा। इसके परिणाम पर अध्ययन करने के बाद भविष्य में इसे और विस्तार दिया जाएगा। ।सेवा प्रदाता लोगों का उत्पाद बुक कर रेलवे के सहयोग से उसे गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगा। ज्यादा सामान होने पर बुकिंग वाले स्थान से मालगाड़ी या पार्सल ट्रेन चलाई जाएगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि माल ढुलाई से आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। जरूरत के अनुसार परंपरागत मालगाडि़यों की जगह छोटी व बड़ी मालगाड़ी चलाई जा रही है। मंडल स्तर पर कारोबार विकास इकाई बनाई गई है। विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पाद और औद्योगिक उत्पाद वाले स्थानों की पहचान की जा रही है। कारोबारियों के साथ अधिकारी बैठक कर उन्हें रेल के माध्यम से सामान भेजने को प्रोत्साहित करते हैं। रेलवे के इस पहल से माल ढुलाई में वृद्धि हुई है। ।रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली मंडल में पड़ने वाले कई स्थान अलग-अलग उत्पाद के लिए प्रसिद्ध हैं। हरियाणा व पंजाब से अनाज, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से चीनी व गुड़ दूसरे जगह भेजे जाते हैं। इसी तरह से औद्योगिक उत्पाद की ढुलाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है। नई योजना से इसे और गति मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..897af8f175ba9856706a54249ec257a6955c5c14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62664.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इन दिनों मौसम बहुत सर्द है। सर्दियों में हमारा पूरा शरीर कपड़ों से अच्छी तरह ढका रहता है, लेकिन चेहरा तो खुला ही रहता है। सर्द हवाओं का असर चेहरे की त्वचा पर पड़ता है। त्वचा शुष्क हो जाती है और दाग, धब्बे व रूखेपन की समस्या होती है। ठंड के कारण त्वचा कांतिहीन व बदरंग भी हो जाती है। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए त्वचा को माइश्चराइज करना चाहिए। माइश्चराइजर चुनने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि आपकी त्वचा किस तरह की है और कैसा माइश्चराइजर उसके लिए अच्छा रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जो भी माइश्चराइजिंग का तरीका अपनाएं वह फायदेमंद रहे। + +मिलीजुली त्वचा: मिलीजुली त्वचा की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल होता है। इस तरह की त्वचा वालों को आलिव आयल व मिल्क माइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए। इसे बनाने के लिए चौथाई कप दूध लें और उसमें एक्स्ट्रा वर्जिन आलिव आयल दो बड़े चम्मच व दो बड़े चम्मच नींबू का रस मिलाएं। इसे चेहरे पर लगाएं और जब सूख जाए तो पानी से धो लें। + +इसका रखें ध्यान: सर्दियों के मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, क्योंकि त्वचा की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए हाइड्रेट रहना बहुत आवश्यक है। इन दिनों कोरोना संक्रमण भी फैल रहा है। संक्रमण से बचने के लिए हाथों को सैनेटाइज करना बहुत जरूरी है, लेकिन यह ध्यान रहे कि सैनेटाइजर अच्छी गुणवत्ता वाला हो, क्योंकि लगातार साधारण सैनेटाइजर के प्रयोग से हाथों में संक्रमण या त्वचा की एलर्जी हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fd3924987e5342c68f9a58b6ac277c5e8bf7ec9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि, हाल के वर्षों में सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों में भी सुविधाएं बढ़ाने पर केंद्र सरकार का फोकस बढ़ा है। इसलिए इन अस्पतालों के लिए भी बजट में बड़ी राशि का प्रविधान किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि सात सालों में एम्स सहित दिल्ली में स्थित केंद्रीय अस्पतालों का बजट दोगुना से ज्यादा हो गया। इस वजह से सफदरजंग अस्पताल का बजट भी वर्ष 2015-16 के बाद 809.98 करोड़ से बढ़कर अब 1700 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। ।आरएमएल अस्पताल का बजट औसतन सबसे अधिक 170 प्रतिशत व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से जुड़े सुचेता कृपलानी व कलावती सरन अस्पताल का बजट करीब 165 प्रतिशत बढ़ा है। इससे उम्मीद है कि आरएमएल अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा। वहीं, लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में कैंसर सेंटर सुविधाएं विकसित होंगी व अन्य ब्लाकों का निर्माण भी होगा। ।पिछली बार की तुलना में 813.24 करोड़ ज्यादा मिले ।पिछली बार एम्स सहित चारों प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को 7047 करोड़ रुपया मिला था। इसकी तुलना में इस बार 813.24 करोड़ रुपये का बजट अधिक मिला है। एम्स के बजट में 390 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। इससे एम्स में प्रारंभिक स्तर पर शुरू 427 बेड के मातृ व शिशु ब्लाक व 200 बेड के सर्जरी ब्लाक में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ेगी। निर्माणाधीन जेरियाट्रिक ब्लाक का काम जल्द पूरा होगा। सफदरजंग का बजट इस बार पिछली बार की तुलना में 170 करोड़, आरएमएल का बजट 145.7 करोड़ व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पतालों का बजट 108.73 करोड़ बढ़ा है। इससे इन अस्पतालों के चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होगा। ।आयुर्वेद संस्थान में शुरू होगा पंचकर्मा सेंटर ।अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआइआइए) के लिए इस बार बजट में 227 करोड़ का प्रविधान किया गया है, जबकि पिछली बार 348.80 करोड़ आवंटित हुआ था। इस लिहाज से आयुर्वेद संस्थान का बजट घटा है, लेकिन संस्थान की निदेशक डा. तनुजा नेसारी ने कहा कि फेज-2 की विस्तार परियोजना में पंचकर्मा सेंटर व कई अन्य परियोजनाएं चल रही है। पिछली बार उसके निर्माण के लिए अधिक बजट की जरूरत थी। अब पंचकर्मा सेंटर सहित फेज-2 की परियोजनाओं का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। लिहाजा इस बार कम बजट की मांग की गई थी। फिर भी संस्थान ने जितना बजट मांगा था उससे 60 करोड़ अधिक मिला है। इससे पंचकर्मा सेंटर व फेज-2 के ब्लाक में बेहतर चिकित्सा सुविधा विकसित कर उसे शुरू करने में मदद मिलेगी। ।केंद्र के प्रमुख अस्पतालों का बजट (रुपये करोड़ में) ।अस्पताल वर्ष 2015-16 वर्ष 2021-22 वर्ष 2022-23 ।एम्स 1820 3800.00 4190.00 ।सफदरजंग 809.98 1545.78 1715.00 ।आरएमएल 405.79 950.10 1095.80 ।लेडी हार्डिंग 259.12 600.79 710.00।कलावती सरन 67.32 149.92 149.44 ।नोट- कलावती सरन अस्पताल भी लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज का हिस्सा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3117b99dd60f46ee94e54107384f908c0889ac0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62669.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंचकूला, अनुराग अग्रवाल। केंद्र की मोदी सरकार के वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की करीब आधा दर्जन उन योजनाओं की झलक साफ दिखाई पड़ रही है, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मिलकर पिछले सवा दो साल से संचालित कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती, फल और सब्जी उत्पादक किसानों के लिए विशेष प्रोत्साहन, सरकारी योजनाओं को गतिशील बनाने में ड्रोन का अधिकाधिक इस्तेमाल, एक प्लेटफार्म पर पूरे प्रदेश का डाटा संग्रह और आइटी सेक्टर को विशेष बढ़ावा देने के साथ ही एमएसएमई को गति देने की जो बड़ी योजनाएं केंद्र सरकार के बजट में नजर आई हैं, उन सभी पर हरियाणा सरकार काफी पहले से काम कर रही है। + +प्राकृतिक खेती : सबसे पहले प्राकृतिक खेती की बात करते हैं। गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राचार्य रहते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती का मिशन शुरू किया था। अपने गुरुकुल में वह गाय के मूत्र और गोबर से खुद ही प्राकृतिक खाद बनाते हैं। इस पर बहुत अधिक खर्च नहीं आता। आचार्य देवव्रत जब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे तो उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने के मिशन में कतई ढील नहीं दी। गुजरात में रहते हुए आचार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलाकर नेशनल सेमिनार कराने में भी कामयाब रहे। हरियाणा में मनोहर सरकार अपने सभी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की गुरुकुल कुरुक्षेत्र में कार्यशाला करा चुकी है। यूं कह सकते हैं कि प्राकृतिक खेती का जो बीज हरियाणा की धरती से प्रस्फुटित हुआ, अब वह पौधा बनने को तैयार है। इसका फायदा यह होगा कि पूरे देश में अप्राकृतिक मौतों और बीमारियों में काफी हद तक कमी आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ff96f3e942acd921b44b346b88cd6db82a4389a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62670.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चुनावी परिवेश में होने वाली बजट घोषणाओं की राजनीतिक व्याख्या को एक तरफ रखें व केवल प्रदेश के हितों को ही देखें तो इस बजट में काफी कुछ है। सबसे पहले कृषि को देखें तो इसमें समूचे राज्य के किसानों के लिए ऐसे प्रविधान हैं जिनका लाभ लिया जा सकता है। सरकार ने एमएसपी पर रिकार्ड खरीदारी करने की घोषणा की है, इसका लाभ हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर जैसे जिलों के किसानों को मिलेगा। यही हर बार होता भी है, लेकिन इस बार पहाड़ के किसानों को कुछ समझने व कुछ करने की प्रेरणा बजट से मिलती दिखती है। वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया, यह राज्य के पहाड़ी क्षेत्र के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। पहाड़ों में मोटे अनाज होते हैं व इनका उत्पादन बढ़ाने की काफी संभावनाएं भी हैं। + +आज की तारीख में भी देहरादून से लेकर दिल्ली तक मोटे अनाज की अच्छी कीमत मिल रही है। कई गैरसरकारी संस्थाएं इस काम में लगी हैं। इससे रोजगार भी मिल रहा है। स्थिति यहां तक आ गई है कि सीमित उपज व ऊंची कीमत के कारण मोटा अनाज राज्य के ही मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर हो गया है। अभी तक मांग व मूल्य बढ़ने का मुख्य कारण मोटे अनाज के गुण व स्वास्थ्य के प्रति लोगों में बढ़ती जागरूकता थी। केंद्र सरकार की यह पहल रंग लाई तो पहाड़ों में मोटे अनाज की उपज व्यावसायिक रूप ले सकती है। बजट में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने वाले प्रविधान भी हैं। जैविक खेती के लिए पहाड़ों में बहुत संभावनाएं हैं। मोटे अनाज के बड़े पैमाने पर जैविक उत्पादन के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता होगी। पहाड़ी क्षेत्रों से मैदान की ओर तेजी से हुए पलायन के कारण खेत जंगल का रूप लेते जा रहे हैं। रोजगार के लिए युवा वर्ग नीचे उतर रहा है। + +राज्य चारधाम जैसी कई परियोजनाएं चल रही हैं, लेकिन फिर भी दूरस्थ व सीमांत के गांवों में सड़कों का अभाव है, बजट में पर्वतमाला योजना को काफी महत्व दिया गया है। इससे कई दुर्गम क्षेत्रों को सुगम बनाया जा सकता है। इस तरह के प्रविधान पहाड़ में खाली हो रहे गांवों को जीवंत भी कर सकते हैं व सीमाओं को सतर्क भी रख सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffc312d7064d0c5ff718d80f03450de32b32a433 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62671.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आनलाइन डेस्क, लुधियाना। Punjab Elections 2022ः  कृषि कानूनों (Farms Laws) के विरोध में करीब एक साल तक आंदोलन करने के बाद पंजाब में राजनीतिक दल के रूप में सक्रिय हुए किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल (Farmer leader Balbir Singh Rajewal) कराेड़ाें की संपत्ति के मालिक है। 79 साल के राजेवाल के पास चल संपत्ति 1.54 करोड़ और अचल संपत्ति 1.82 करोड़ रुपये है। चुनाव आयाेग की तरफ से चुनाव चिन्ह अलाट नहीं करने के बाद आखिरकार मंगलवार काे संयुक्त समाज माेर्चा के नेता बलवीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने समराला हलके से आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र भरा। + +इसके अलावा बाकी जिलाें में भी प्रत्याशियाें में आजाद उम्मीदवार ही नामांकन भरा। संयुक्त समाज मोर्चा ने राजेवाल काे सीएम का चेहरा घोषित किया है। लुधियाना जिले के साथ ही मालवा में किसानाें का खासा आधार है। इसके चलते आम आदमी पार्टी, अकाली दल और कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा था कि हमने मोर्चा को पार्टी के तौर पर रजिस्टर करने के लिए 10 से 12 दिन पहले ही आवेदन कर दिया था। नियमानुसार पार्टी के पंजीकरण के लिए आयोग की तरफ से 30 दिन तक आपत्ति जताने का समय दिया जाता है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग उसे मान्यता देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f6ce436931ca5c1b98ab237fc546a896420a642 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62672.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्या होते हैं वेटलैंड।प्राकृतिक रूप से पृथ्वी पर कई प्रकार के पारिस्थितिकीय तंत्र विकसित हैं। वेटलैंड भी एक ईको सिस्टम है। जलीय व स्थलीय जैव-विविधताओं का एक विशिष्ट स्थल होने के कारण इन स्थानो पर वन्यजीव प्रजातियों, औषधीय पौधों व वनस्पतियों की भरमार होती है। आगरा के वेटलैंड्स प्रवासी पक्षियों के लिए शरणस्थली का कार्य करते हैं। लगभग 40 प्रतिशत पक्षियों की प्रजातियों का जीवन वेटलैंड्स पर ही निर्भर रहता है। + +केवल चंबल में है पानी।आगरा जनपद, जहां किसी समय में सात नदियां थी, अब इनमें से केवल चंबल नदी में पानी है। यमुना और करबन नदी प्रदूषण और सूखे की भेंट चढने जा रही हैं। अन्य नदियों का अस्तित्व लगभग समाप्त है। आगरा में 990.703 वर्ग हेक्टेयर क्षेत्रफल में 3687 तालाब हैं। जिनमें से मूल रूप में बचे 2825 तालाबों पर गंभीर संकट है और 59 तालाबों का अस्तित्व पूर्ण रूप से समाप्त हो चुका है। बीआरडीएस के अध्यक्ष व पर्यावरणविद डा. केपी सिंह के अनुसार आगरा के भूगर्भीय जल स्तर में 30 सेन्टीमीटर से लेकर एक मीटर तक की गिरावट प्रति वर्ष हो रही है। जिसके कारण भूजल तीसरे स्ट्रेटा (90-150 मीटर) तक पहुंच गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee3a75fb18ddfc24875631b2bc8aa07442365b95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली-एनसीआर में भी पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरू हो गया है और शाम तक यलो अलर्ट का भी प्रभाव पड़ने की बात कही जा रही है। वहीं, बृहस्पतिवार को बारिश के मद्देनजर मौसम विभाग की ओर से पहले ही यलो अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में भीषण सर्दी का सितम तो खत्म हो गया है, लेकिन ठंड का असर अब भी जारी है और इसके फरवरी महीने के अंत तक बरकरार रहने के आसार हैं। इस बीच बुधवार सुबह भी लोगों को ठंड का अहसास हुआ, लेकिन लोग मार्निंग वाक के लिए निकले हालांकि इनकी संख्या तुलनात्मक रूप कम रही। कुल मिलाकर दिल्ली-एनसीआर के मौसम का मिजाज बदल गया है, बुधवार सुबह से आंशिक रूप से बादल छाए हुए हैं।  इस बीच एक नए पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते अगले 24 घंटे के भीतर दिल्ली-एनसीआर के मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल जाएगा और बृहस्पतिवार और शुक्रवार को बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक,  पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते बृहस्पतिवार को दिल्ली के साथ इससे सटे राज्यों में भी मौसम करवट लेगा, जिससे लगातार दो दिन (बृहस्पतिवार और शुक्रवार) को बारिश होने के आसार हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को बारिश की संभावना के चलते यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। इसके अनुसार बृहस्पतिवार को मध्यम स्तर की बारिश तो शुक्रवार को हल्की बारिश होने के आसार हैं।वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a9838e1c820caa5c83b91756e7ad8b0d9401cc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार चाहती है कि आने वाले वर्षों में भारत विश्व का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनकर उभरे। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए वित्त मंत्री ने बजट में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बड़े एलान किए हैं। श्रम आधारित कृषि क्षेत्र और सूती वस्त्र उद्योगों को बड़े प्रोत्साहन दिए गए हैैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बजट में पीएलआइ (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना को गतिशील करने के लिए आवंटन बढ़ाए गए हैैं। इससे चीन और अन्य देशों से कच्चे माल और विभिन्न वस्तुओं के आयात को कम किया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने रिकार्ड निर्यात का लक्ष्य रखते हुए विभिन्न कच्चे माल पर आयात शुल्क घटाया हैै। ये आयात शुल्क ऐसी चीजों के कच्चे माल पर घटाए गए हैं, जिनका पीएलआइ क्षेत्र के उद्योगों में उपयोग होता है। बजट में वोकल फार लोकल को बढ़ावा देने के साथ-साथ सावरेन ग्रीन बांड लाने का भी प्रस्ताव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95be6d81d67d17afd42eedf9a6054a4e9421359e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62677.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहली बार विधानसभा पहुंचने की तैयारी में अगुआ : विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दो विपरीत ध्रुव बनकर उभरी हैं। यह दोनों पार्टियां अपने जिन दो चेहरों की अगुआई में चुनाव मैदान में उतरी हैं, लंबा राजनीतिक अनुभव होने के बावजूद, वे पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव में चेहरा बनाया है तो सपा के खेवनहार उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं। अखिलेश आजमगढ़ से सांसद हैं तो पांच बार लोकसभा में गोरखपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके योगी विधान परिषद सदस्य हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने योगी को उनके गृह जिले गोरखपुर से प्रत्याशी घोषित किया है तो अखिलेश ने अपने लिए मैनपुरी की करहल सीट चुनकर वहां से नामांकन किया है। यह पहला मौका है जब योगी और अखिलेश विधानसभा की देहरी लांघने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69059b51234b213749a71a5164fb8e01d8cacd47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62678.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुभावनी घोषणाएं नहीं होने से थमी खींचतान।पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर सियासत चरम पर होने के बावजूद बजट में लुभावनी घोषणाएं नहीं होने का असर सदन में भी नजर आया जहां पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक रस्साकशी की कोई नौबत ही नहीं आई। वित्तमंत्री की अहम घोषणाओं पर सत्ता पक्ष के मेज थपथपाने की गूंज और विपक्षी सदस्यों की एकरसता तोड़ने वाली हल्की-फुल्की टीका-टिप्पणियों के अलावा बजट पर सियासत का कोई रंग नजर नहीं आया। + +डिजिटल स्वरूप को तरजीह।देश की महिला वित्तमंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में लगातार अपना चौथा बजट पेश किया। अर्थव्यवस्था से लेकर बुनियादी ढांचे में डिजिटल स्वरूप को तरजीह देने का संदेश देते हुए वित्तमंत्री ने टेबलेट पर बजट भाषण पढ़ा। कोरोना प्रोटोकाल के चलते वित्त मंत्री ने लोकसभा में पहली पंक्ति की बजाय दूसरी पंक्ति से बजट पढ़ा। कुछ एक सांसदों और मंत्रियों को छोड़ कर अधिकांश सदस्यों ने मास्क लगा रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2b62716d421c04cb1dafa48dcbd2813bd7a21f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आशुतोष झा, नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार ने फिर से सबको चौंका दिया है। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और यह सामान्य अटकल थी कि वोटरों को किसी न किसी तरह तो रिझाया जाएगा लेकिन नहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा बजट सामने रख दिया जिसे सतही तौर पर देखने से नीरस लगेगा। न तो टैक्स में रियायत, न बड़ी योजनाएं, न ही बड़े सुधार... लेकिन ढूंढने वाले के लिए यह बजट आर्थिक भी है और अदभुत रूप से राजनीतिक भी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8df50247a0228054335392a8310d96925dd3a0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62680.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था को मजबूती देने से लेकर बुनियादी ढांचे में डिजिटल स्वरूप को तरजीह दिया गया है। डिजिटल तकनीक की ओर कदम बढ़ाने का संदेश देते हुए वित्तमंत्री ने टेबलेट पर बजट भाषण पढ़ा। प्रस्‍तुत है बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दैनिक जागरण के राजीव कुमार के साथ बातचीत के प्रमुख अंश.... ।प्रश्‍न: बजट में किसान, एमएसएमई, पूंजीगत खर्च के लिए घोषणाएं हुई, मिडिल क्लास के लिए सीधे तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई है...।उत्तर: क्या किसान का परिवार मिडिल क्लास में नहीं आता है, क्या एमएसएमई से जुड़ा व्यक्ति मिडिल क्लास में नहीं आता है, स्टार्टअप्स शुरू करने वाला मिडिल क्लास नहीं है। ये सभी मिडिल क्लास है। सभी सेक्टर में मिडिल क्लास है। ई-पासपोर्ट की सुविधा से क्‍या मिडिल क्लास को लाभ नहीं मिलेगा। + +प्रश्‍न : डिजिटल संपदा या क्रिप्टोकरेंसी पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा तो क्या क्रिप्टो को वैध मान लिया जाए...।उत्तर: क्रिप्टो वैध है या अवैध, इस पर विचार किया जा रहा है, स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार किया जा रहा है और सलाह की प्रक्रिया पूरा होने के बाद ही इसकी वैधता पर कुछ स्पष्टीकरण आएगा। लेकिन अभी इस पर टैक्स लगाने का यह मतलब नहीं है कि क्रिप्टो को वैध मान लिया गया। चूंकि ट्रांजेक्शन हो रहा है, इसलिए टैक्स लगाया गया। टैक्स लगाने से यह नहीं समझना चाहिए कि उसे वैधानिकता मिल गई। जहां तक करेंसी जारी करने का सवाल है तो करेंसी कोई अथॉरिटी ही जारी कर सकती है। जैसे कि आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करेगा। लेकिन उसके बाहर जो हो रहा है, उसके लिए नियामक लाए जाएंगे, इसकी प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी मान लीजिए किसी निवेशक को क्रिप्टो में निवेश के दौरान कोई विवाद होता है तो उसे कोर्ट की शरण में जाना होगा। + +प्रश्न: राज्यों को पूंजीगत खर्च के लिए एक लाख करोड़ रुपए दिए गए, इसका क्या उद्देश्य है...।उत्तर: पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम के तहत कई ऐसी परियोजनाएं हैं जिसे पूरा करने में इस आवंटन का उपयोग किया जाएगा। मेरा मानना है कि राज्य पूंजीगत खर्च को लेकर काफी सकारात्मक है और मैं समझती हूं कि एक लाख करोड़ रुपए का इस्तेमाल अच्छे से हो जाएगा। उदाहरण के लिए उत्तर पूर्व के राज्य में रोपवे लाया जाएगा। ग्रीन एनर्जी का प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। इन सब पर खर्च होंगे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d75f74cd83def2b0d2501b5133de957de36cd4a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टेक्नोलोजी आधारित उद्योगों को नई राह।पूंजीगत खर्चे में भारी भरकम बढ़ोतरी करके, टेक्नोलोजी आधारित उद्योगों को नई राह दिखा कर, ढांचागत परियोजनाओं को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने का मकसद भी यही है कि भारत वर्ष 2047 में एक विकसित राष्ट्र के तौर पर आजादी का जश्न मनाये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट अभिभाषण 90 मिनट चला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdab87474eee900797bb845cacce966ed5a1fc62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62682.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सभी इंजनों को ताकत देने की बात।इन सातों इंजनों को अतिरिक्त शक्ति देने के लिए इनर्जी ट्रांसमिशन, आइटी संचार, जल निकासी एवं सामाजिक संचरनाओं का सतत विकास जारी रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इन सुविधाओं पर ध्यान देने से ही स्थाई विकास सुनिश्चित होगी और भारी तादाद में नौकरियां पैदा होंगी। बजट में बताया गया है कि समग्र ढांचागत विकास के लिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान भी तैयार किया जाएगा। + +ढांचागत परियोजनाओं को किया जाएगा शामिल।इसकी खासियत यह होगी कि इसके लिए राज्यों की तरफ से तैयार होने वाली ढांचागत परियोजनाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके लिए राज्यों को अलग से एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन करने का फैसला किया गया है। उद्देश्य यह है कि ढांचागत परियोजनाओं की प्लानिंग करने से लेकर उनका निर्माण करने व फंडिंग की व्यवस्था करने में नई सोच को शामिल किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5870dc33240178586552284406c3983e06df57b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62683.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +200 करोड़ रुपये का बंदोबस्‍त।वित्तमंत्री ने अपने बजटीय भाषण में नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए बनने वाले ओपन प्लेटफार्म के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के बजट में सात गुना बढ़ोतरी कर इसके लिए 200 करोड़ रुपये का अलग से प्रविधान किया है। जबकि 2020-21 और 2021-22 के बजट में इसके लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। + +टेली कंसल्टेंसी भी शुरू।वैसे कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्वास्थ्य ढांचे के चरमराने के बाद सरकार ने आम लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए ई-संजीवनी प्लेटफार्म पर टेली कंसल्टेंसी से माध्यम से उपलब्ध कराना शुरू किया था। इसी कारण 2021-22 के संशोधित बजट में इसके लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62684.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e9fc32eeb70a31f8eb060ab6a78269f6c26fda7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62684.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंबाला, दीपक बहल। आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल सुविधाओं के लिए ध्यान रखा, वहीं 400 नई वंदेभारत दौड़ाने की घोषणा की है। नई दिल्ली से कटरा के बीच में पहले ही वंदेभारत ट्रेन दौड़ रही है। इसके सफल संचालन को देखते हुए इस रूट पर और वंदेभारत चलाई जा सकती हैं। दिसंबर 2023 तक 44 वंदेभारत पेयर पटरी पर उतारने की तैयारी है। ऐसे में नई दिल्ली कटरा के अलावा नई दिल्ली-चंडीगढ़ और नई दिल्ली-अमृतसर के बीच भी इसकी सौगात मिल सकती है। ऐसे में इन रूटों पर सफर का समय कम हो जाएगा। अंबाला, पानीपत सहित जो भी जिला इंडस्ट्री के लिए विश्व भर में विख्यात हैं, उनके लिए वन स्टेशन वन प्रोडक्ट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इस में अंबाला को भी फायदा होगा। + +उद्योगों को मिलेगी गति।अंबाला में जहां विश्व विख्यात साइंस इंडस्ट्री है, वहीं पानीपत में हौजरी का सामान बनता है। इससे इन उद्योगों को भी काफी गति मिलेगी। सरकार ने इस बजट में रेलवे के लिए एक लाख चालीस हजार तीन सौ सत्तासठ करोड़ रुपये दिए हैं। इस बजट से रेल प्रोजेक्टों को भी गति मिलेगी। फिलहाल देश भर में 58 सुपरक्रिटिकल (अति महत्वपूर्ण) व 68 क्रिटिकल (महत्वपूर्ण) प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनको मार्च 2024 तक पूरा किया जाएगा। इसी तरह 189 नई रेल लाइन तथा 1471 किलोमीटर डबल लाइन बिछाई जानी हैं। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए 23800 किलोमीटर तक विद्युतीकरण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाएगा। मालगाड़ियों के लिए डेडिकेटेड रेल फ्रेट कारिडोर बनाया जा रहा है, जिसके बाद सवारी ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा, क्योंकि मालगाड़ियों के लिए अलग लाइन होगी। लुधियाना से कोलकाता तक रेल फ्रेट कारिडोर का काम तेज गति से चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb03023a2fd55f4640b4787cbc4ae9bcca7a40b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रक्षा मंत्री ने किया घोषणाओं का स्वागत।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग के पूंजीगत आवंटन को बढ़ाकर 68 प्रतिशत किए जाने और स्टार्ट-अप व निजी क्षेत्र के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास के बजट का 25 प्रतिशत अलग रखने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। थलसेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल इन सभी के लिए जरूरतों के हिसाब से बजटीय आवंटन में वृद्धि की गई है। वर्ष 2022-23 का आम बजट कुल 39.45 लाख करोड़ रुपये का है और इसमें रक्षा बजट का हिस्सा 5.25 लाख करोड़ है जो आम बजट का 13.31 प्रतिशत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac5a8f188dc9981deea3361fcc1a701758d6d4da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62686.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- इनकम टैक्‍स को लेकर उम्‍मीदें थीं। हालांकि, लगातार कोरोना महामारी के चलते दूसरे वर्ष टैक्‍स फ्री इनकम का दायरा नहीं बढ़ा। टैक्‍स स्‍टैब को रिवाइज्‍ड नहीं किया गया। वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमने कोई टैक्‍स नहीं बढ़ाया है। एक भी पैसा अतिरिक्‍त टैक्‍स के द्वारा कमाने की कोशिश नहीं की। उन्‍होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पिछली बार प्रधानमंत्री का निर्देश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्‍स का बोझ नहीं डालना है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान भी उनका यही निर्देश था। + +3- क्‍या है चुनावी बजट है ? इस सवाल के जबाव में अभिजीत ने कहा कि पांच राज्‍यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का असर बजट पर दिखा है। उन्‍होंने कहा बजट में इस बात का ऐलान किया गया है कि पांच साल में 60 लाख नई नौकरियां दी जाएगी। इसके अलावा गरीबों के लिए 80 लाख आवास बनेंगे। 2.37 लाख करोड़ की एमएसपी सीधे खाते में जाएगी। राज्‍य सरकार के कर्मचारी एनपीएस में 14 फीसद अंश दे सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि इन योजनाओं को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f4015ca044e027931fa2384ed35e3eb44f89c36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाके से होकर नर्मदा नदी तक पहुंचाया जाएगा पानी।इसी तरह से दमनगंगा-पिंजाल नदी जोड़ परियोजना के तहत भुगड और खरगीहिल झील से अतिरिक्त पानी को पिंजाल नदी के मार्फत वैतरना बेसिन तक पहुंचाया जाएगा, इससे मुंबई में पानी की सुचारू सप्लाई सुनिनिश्चत हो सकेगी। इसी तरह से पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ परियोजना के तहत पार, नार, अंबिका और औरंगा नदियों के पानी को महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाके से होकर नर्मदा नदी तक पहुंचाया जाएगा, तो औरंगाबाद और नासिक समेत महाराष्ट्र के बड़े इलाके में पानी की किल्लत दूर करने का काम करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b62ff2555dd892ac4fa28ed0ad523128ca4e857 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62690.txt @@ -0,0 +1,6 @@ + क्या है समुद्री हीटवेव?।समुद्री हीटवेव समुद्र में अत्यधिक उच्च तापमान की अवधि होती है। इस स्थिति के कारण कोरल ब्लीचिंग, समुद्री घास और केल्प वनों के नुकसान के साथ साथ समुद्र में पर्यावास का विनाश भी होने लगता है, जिससे मत्स्य क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। समुद्र के नीचे के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि तमिलनाडु तट के पास मन्नार की खाड़ी में 85 प्रतिशत कोरल मई 2020 में समुद्री हीटवेव के बाद ब्लीच हो गए। हालांकि, हाल ही में हुए कुछ अध्ययनों ने वैश्विक महासागरों में उन घटनाओं और प्रभावों की भी सूचना दी है, जिन्हें उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर में कम से कम समझा जाता है। + +मानसून पर प्रभाव।पश्चिमी हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में गर्म समुद्री लहरों का परिणाम मध्य भारतीय उपमहाद्वीप में शुष्कता की स्थिति में पाया जाता है। इसी क मद्देनजर उत्तरी बंगाल की खाड़ी में गर्म हवाओं की प्रतिक्रिया में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये परिवर्तन हीटवेव द्वारा मानसूनी हवाओं के उतार चढ़ाव के प्रतिउत्तर में हैं। यह पहली बार है कि एक अध्ययन ने समुद्री हीटवेव और वायुमंडलीय संचालन और वर्षा के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रदर्शन किया है। + +भविष्य की चुनौतियां।राक्सी काैल ने कहते हैं कि जलवायु माडल के अनुमान भविष्य में हिंद महासागर के और अधिक गर्म होने का अनुमान दे रहे हैं। बहुत अधिक संभावना है कि इससे समुद्री हीटवेव और मानसून की बारिश पर होने वाला प्रभाव भी तेज होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि समुद्री हीटवेव द्वारा कवर की गई आवृत्ति, तीव्रता और क्षेत्र बढ़ रहे हैं, इसलिए इस तरह की घटनाओं की सटीक निगरानी करने के लिए महासागर अवलोकन बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से उत्पन्न हुईं चुनौतियों की कुशलता से भविष्यवाणी करने के लिए मौसम माडलों को भी अपडेट करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02a7945a5ed9bc340ba0fe482f0be10a4b07231b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मस्‍जिद के आसपास के क्षेत्र होंगे विकसित।जामा मस्जिद के निरीक्षण के दौरान स्थानीय नागरिक, पार्षद व मस्जिद कमेटी के सदस्यों से गहन मंथन कर सहमति ली गई। महापौर मोहम्मद फुरकान ने भी संस्तुति दे दी। तय हुआ कि मस्जिद के आसपास क्षेत्रों को भी विकसित किया जाएगा। क्षेत्रीय लोगों की साफ-सफाई व सड़कों से संबंधित समस्याओं का निदान होगा। अन्य ऐतिहासिक इमारतों को भी आकर्षक लाइटिंग व सोलर पैनल लगाकर संवारने की योजना थी। तब दावा किया गया था कि लाइटिंग और सोलर पैनल लगाने का कार्य शीघ्र ही शुरू करा दिया जाएगा। इमारतों के आसपास के क्षेत्रों में नियमित साफ-सफाई होगी। स्ट्रीट लाइट लगेंगी, ठेल-ढकेलों को व्यवस्थित किया जाएगा। नगर आयुक्त के तबादले के बाद योजना फाइलों में दबकर रह गई। अब स्मार्ट सिटी के तहत इन इमारतों को संवारने की योजना बनी है। शुरुआत जवाहर भवन से की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00f315e2a864b844276463d206defe3606eb9a08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62696.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, फीचर डेस्क। स्वस्थ रहने के लिए मौसम के अनुकूल रहना बहुत आवश्यक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता का सुरक्षा चक्र तभी बनता है, जब हमारा खानपान पोषक तत्वों से भरपूर होता है और हम संक्रमण के प्रति जागरुक रहते हैं। हमारे स्वास्थ्य पर परिवेश का खास असर पड़ता है। इसमें पर्यावरण, मौसम तथा प्रदूषण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। + +अनुकूल हो खानपान: सर्दियों में जठराग्नि तीव्र हो जाती है। इसलिए भूख भी अधिक लगती है। प्रकृति प्रदत्त हर आहार में कुछ विशेष गुण पाए जाते हैं। ये शरीर से सामंजस्य बनाने में सहायक होते हैं और मौसम के अनुरूप इनकी उपलब्धता भी अधिक होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भोजन शरीर का तापमान बढ़ाता है। ठंड में गर्म तासीर के गुणों से युक्त चीजों को भोजन में प्राथमिकता देने से ऊर्जा बनी रहती है और ठंड से बचाव होता है। इस समय भोजन में मोटे अनाजों को प्राथमिकता देना सेहत के लिए लाभकारी रहेगा। बाजरा गर्म तासीर का होता है और इसे कई तरह से खाया जाता है। यह पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ ही शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्म बनाए रखता है। इसमें सेलेनियम, कैल्शियम, कापर, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनीज और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3985a38680f112f0d308d3d1859f187e1da27048 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के चलते बड़ी सभाओं पर रोक।चौरासिया ने कहा कि चूंकि कोरोना के चलते बड़ी सभाओं पर रोक है। इसलिए वर्चुअल रैली के माध्यम से प्रधानमंत्री जनता को संबोधित कर रहे हैं। आत्म निर्भर अर्थव्यवस्था पर होने वाली रैली में कार्यकर्ताओं के अलावा उद्यमियों, व्यापारियों और आम जनमानस को भी आमंत्रित किया गया है। ये बजट पर आधारित वर्चुअल रैली है। इसलिए व्यापारी भाइयों का इसमे रहना अति आवश्यक है। उन्होंने चुनाव से संबंधित तैयारियों की भी समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। अलीगढ़ प्रभारी प्रमोद गुप्ता ने कहा कि बैठक में आमंत्रित सभी लोगों के बैठने की ,भोजन पानी की और अन्य व्यवस्थाएं भी बेहतर होनी चाहिए। कार्यकर्ताओं से चुनाव प्रचार वाहन, सेक्टर और बूथों पर सामिग्री का वितरण आदि जानकारी की और सामिग्री को निचले स्तर तक वितरण किया गया है, इसके बारे में भी कारकर्ताओं से पूछा। चौरसिया ने कहा कि प्रचार वाहन सुबह सात बजे शहर में निकल जाए और एलईडी वाहन रात को देर तक चले। उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हैं कहा कि चुनाव में अब लगभग एक सप्ताह ही शेष रह गया है, इसलिए अब कार्ययोजना के साथ साथ फील्ड में भी प्रचार में तेजी लाई जाए। घर घर जाकर टोलियां संपर्क करें । प्रभारी प्रमोद गुप्ता ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सबको जहां भी किसी भी शक्ति केंद्र,बूथ पर मेरी आवश्यकता हो बेझिझक मुझे बुला लें। महानगर अध्यक्ष डाक्टर विवेक सारस्वत ने कहा की पूरी टीम पूरे ताकत के साथ जुटी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c52d9952d5a8b5cf70c2e2d144f098cd79782e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6270.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले अनुपम खेर ने हाल ही में ट्विटर पर Ask Me Anything सेशन शुरू किया। जिसमें उनके फैंस ने उनसे कई सवाल किए। जिनके अभिनेता ने जवाब भी दिए। हालांकि इस दौरान एक सोशल मीडिया यूजर ने अनुपम खेर को ट्रोल करते हुए उन्हें 'बेकार' कह डाला। लेकिन अभिनेता ने भी यूजर को इस बात का बराबरी से जवाब दिया। जो अब सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। + +एक सोशल मीडिया यूजर ने अनुपम खेर के लिए ट्वीट करते हुए लिखा, 'हम आपकी और आपके भक्तों की तरह यहां बेकार नहीं बैठे हैं आपका टाइमपास करने के लिए।' यूजर के इस ट्वीट पर अनुपम खेर ने भी करार जवाब दिया। अभिनेता ने रिप्लाय करते हुए लिखा, 'ये बोलने के लिए भी जवाब तो दे ही दिया। बेसिकली आप मुझे इग्नोर भी नहीं कर सकते।'।Ye bolne ke liye bhi jawab to de he diya. Basically you couldn’t even ignore me! 🙏 https://t.co/sTZgrdfHbG।अभिनेता का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके अलावा भी कई लोगों ने अनुपम खेर से सवाल किए। किसी से उनसे फिल्मों के बारे में पूछा तो किसी ने उनसे उनकी पत्नी किरण खेर के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। एक यूजर ने अनुपम खेर से ये भी पूछा कि वो कितने साल के हैं क्योंकि उन्होंने अभिनेता को हमेशा अधिक उम्र का ही देखा है। अनुपम खेर ने इस सवाल के जवाब में कहा कि उम्र में किया रखा है दोस्त। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fa1538fdf1f98d49d415fb79c9d698066242f70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62700.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जरूरत है टीकाकरण की: पिछले साल 15-18 वर्ष के आयुवर्ग के 15 फीसद बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे। इसलिए उनको प्राथमिकता में रखते हुए टीकाकरण आरंभ हुआ। हालांकि बच्चों एवं किशोरों में होने वाले बुखार, खांसी आदि लक्षणों को माता-पिता सामान्य फ्लू आदि मानकर जांच नहीं करवा रहे, इस कारण भी आंकड़ों में फर्क हो सकता है। फिर भी कमजोर इम्युनिटी का कोई भी बच्चा इसकी चपेट में आ सकता है। बच्चे अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं, लेकिन उनकी संपूर्ण सुरक्षा के लिए जरूरी है कि अभिभावक न सिर्फ खुद वैक्सीन की दोनों डोज लें, बल्कि बच्चों को भी टीकाकरण के प्रति जागरूक करें। उनके स्कूल बंद हैं, बाहर आना-जाना रुका हुआ है, इसलिए यह बच्चों के भविष्य के लिए ही बेहतर कदम साबित होगा। + +टीकाकरण के बाद: इस बात का ध्यान रखें कि टीकाकरण कोई भागमभाग का काम नहीं है। इसके लिए पर्याप्त समय लेकर जाएं, क्योंकि जरूरी है कि टीकाकरण के बाद आप करीब आधा घंटा वहीं रुकें, ताकि सहयोगी चिकित्साकर्मी बच्चों का अवलोकन कर सकें और यदि बच्चे में किसी तरह के एलर्जी के लक्षण नजर आते हैं तो तत्काल उनकी मदद की जा सके। वैक्सीन लगने के दो-तीन दिन तक बच्चे को आब्जर्ब करें। अगर बच्चे को बुखार, टीका लगने वाले हाथ में दर्द या शरीर में दर्द की परेशानी महसूस हो रही है तो उसको लेकर अतिरिक्त घबराने की जरूरत नहीं है और न ही बच्चे को तनाव दें। उन्हें अपनी मर्जी से कोई भी दवा देना न शुरू कर दें। डाक्टर से संपर्क करके उसके लिए उचित दवा लें। पौष्टिक भोजन दें। अंडे, मौसमी फल, प्रोटीन, दूध आदि खानपान में शामिल करें। बाहर का खाना, फास्टफूड आदि से बचें। हालांकि, अगर बच्चे को एलर्जी के गंभीर लक्षण दिख रहे हैं, बुखार काफी तेज हो रहा है, जो लगातार बना हुआ है या चक्कर आ रहे हैं तो इस स्थिति में डाक्टर से तत्काल संपर्क करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..746e974cf04bf8cf3616ad31e8d46e70e4386fd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62701.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंबे संघर्ष के बाद मिली एक्टर को कामयाबी।बेहद साधारण परिवार में जन्में मनोज तिवारी ने काफी संघर्षों के बाद अपनी यह पहचान बनाई है। मनोज तिवारी नेता, अभिनेता और गायक तीनों ही रूपों में फिलहाल कामयाब हैं। मनोज तिवारी अनुसार, अपने संघर्ष के दिनों में वह 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर स्कूल जाने थे। इस दौरान रास्ते में कोई साधन नहीं मिलता था। सुबह स्कूल के लिए और फिर शाम को ही घर पहुंचते थे। ।प्लेटफार्म पर सोकर गुजारी है रात।मनोज तिवारी क मानें तो संघर्ष के दिनों उन्होंने कई बार प्लेटफार्म पर रात गुजारी है। कई बार प्लेटफार्म पर सोए और कई बार तो खाना तक नसीब नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3713001779a220ac5b9d63648f6df7e8bcbc4c50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांकेबिहारी मंदिर में मौनी अमावस्‍या पर उमड़ी भीड़। ।मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक भक्तों की भीड़ ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन को उमड़ी। मंदिर में एंट्री के लिए प्रबंधन ने गाइडलाइन जारी कर रखी हैं। बावजूद ग्रामीण इलाकों से आये श्रद्धालुओं ने गाइडलाइन को धता बताते हुए मंदिर में एंट्री पाने में सफलता हासिल कर ली। मंदिर में गार्डों को व्यवस्था संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं ने राधावल्लभ, राधादामोदर, राधारमण मंदिर के दर्शन किए और पंचकोसीय परिक्रमा कर दानपुण्य किया। परिक्रमा मार्ग में छाई कोहरे की चादर भी भक्तों की आस्था को डिगा न सकी और परिक्रमा में भक्तों के कदम बढ़ते नजर आए। ।बढ़ती भीड़ बिगाड़ न दे हालात।ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ कोरोना कोलेकर हालात बिगाड़ सकती है। मंदिर के अंदर तो कोविड गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है, लेकिन मंदिर के बाहर भीड़ ऐसी है कि सारे नियम-कायदे टूट गए। यहां न तो अधिकांश श्रद्धालु मास्क लगा रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। ऐसे में ये स्थितियां हालात बिगाड़ सकती हैं। पूर्व में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd3f4850419f4e548314d5b9961dab5dd3dc6912 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आए दिन ऐसी खबरें सामने आती हैं जिससे पता चलता है कि एक ओर जहां रिश्वतखोरी का सिलसिला कायम है वहीं दूसरी ओर बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी भी हो रही है। बड़े-बड़े व्यापारी किस तरह से टैक्स चोरी में लिप्त हैं, इसका उदाहरण है विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जाने वाली छापेमारी के दौरान कर चोरी के हैरान करने वाले मामलों का भंडाफोड़ होना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1174acc78f84e243eee66fd102b023a6908d65c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6271.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली,जेएनएन। बॉलीवुड और साउथ फिल्मों की पॉपुलर एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह प्रवर्तन निदेशालय की डायरेक्टर एजेंसी के अधिकारियों के सामने पेश होने पहुंच चुकीं हैं। कुछ दिनों पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में चार साल पुराने ड्रग्स मामले में टॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं और निर्देशकों को समन जारी किया था। + +Hyderabad | Actor Rakul Preet Singh arrives at the office of Enforcement Directorate (ED), in connection with a drugs case pic.twitter.com/FwvplHmFnI।ईडी ने अभिनेता राणा दग्गुबाती, रवि तेजा, नवदीप सहित टॉलीवुड की 12 हस्तियों को तलब किया है। यह चार साल पुराना ड्रग्स केस का मामला है और सभी हस्तियों को ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया गया है। इससे पहले, अभिनेत्री चार्मी कौर से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने पूछताछ की थी और कथित तौर पर 2015 और 2017 के बीच उनके खातों में वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछताछ की गई थी। ।अभिनेत्री से बशीरबाग में ईडी कार्यालय में आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद टीओआई से बात करते हुए, चार्मी ने कहा, "ईडी ने जो भी दस्तावेज मांगे, मैंने उन्हें जमा कर दिया। मेरी तरफ से, मैं उनके साथ पूरा सहयोग कर रहा हूं। मैं जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करना जारी रखूंगा और कानून जो कुछ भी चाहता है उसे देने के लिए तैयार रहूंगा। मैं आगे कुछ नहीं बोल सकता क्योंकि कानून मुझे इसकी इजाजत नहीं देता।"।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54abbc3e907275b75fb64a6ca06eddabe41208b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62717.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुशील पांडे, नवांशहर। यूपी की रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस विधायक रही अदिति सिंह ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। अदिति के पति अंगद सिंह पंजाब की नवांशहर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन इस बार पत्नी के भाजपा में जाने के कारण कांग्रेस ने अंगद सिंह को टिकट नहीं दिया है। इस सीट पर पार्टी ने सतवीर सिंह पल्ली झिक्की को प्रत्याशी बनाया है। अब अंगद सिंह नवांशहर से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आज इसकी घोषणा की। ।अंगद ने कहा कि वह और अदिति पिछले एक वर्ष से अलग-अलग रह रहे हैं। अंगद ने कहा कि अगर वो चाहते तो टिकट ले सकते थे, पर इसके लिए उन्हें किसी महिला की बेइज्जती करनी पड़ती, पर उनकी मां ने उन्हें शिक्षा दी है कि महिलाओं का हमेशा ही सम्मान करना चाहिए। अंगद ने कहा कि वो पिछले 15-20 दिनों से कभी दिल्ली तो कभी चंडीगढ़ के चक्कर टिकट के लिए काट रहे थे। + +अंगद ने कहा कि मीडिया में खबरें आ रही थीं कि प्रियंका गांधी उनको टिकट नही दिलवाना चाहती हैं, क्योंकि वो हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में गई अदिति सिंह के पति हैं। अंगद ने कहा कि जब वो दिल्ली में कांग्रेस के एक बड़े नेता से मिले तो उन्होंने कहा कि अदिति के कारण उनको टिकट नहीं मिल रहा है, पर अगर वह अदिति के बारे में सोशल मीडिया पर गलत लिखेंगे तो पार्टी उनको नवांशहर से टिकट दे देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8490f646ca0aa36c90fb42a9226c9056f83a37ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी/प्रयागराज, जागरण संवाददाता। लंबे समय बाद तपस्थली तीर्थराज प्रयाग से भारत को 'हिंदू राष्ट्र' बनाने संकल्पना साकार करने की दिशा में संतों ने काम शुरू कर दिया है। इस लिहाज से हिंदू राष्ट्र का अपना संविधान होगा, जिसे 'हिंदू राष्ट्र संविधान' का नाम दिया जाएगा। अखिल भारतीय विद्वत परिषद के महामंत्री डा. कामेश्वर उपाध्याय संविधान निर्माण के संयोजक नियुक्त किए गए हैं। इनके अंतर्गत कानून के जानकार, शास्त्र मर्मज्ञ व सुरक्षा विशेषज्ञों की तीन समितियां बनेंगी। हर समिति में कम से कम 25 लोग शामिल होंगे। इसमें सिख, बौद्ध, जैन सहित 127 पंथों के प्रतिनिधि सम्मलित होंगे। श्रावण मास तक 'हिंदू राष्ट्र संविधान' का प्रारूप तैयार करने का लक्ष्य है, जबकि 2023 के माघ मेला में धर्म संसद संचालन समिति संत सम्मेलन का आयोजन कर उसमें नए संविधान को संतों व श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1de12337daaedb9763c36c25adfde0762f38e7bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । एक फरवरी को आम बजट पेश होने वाला है। इसको लेकर आम जनमानस ने सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देखना शुरू कर दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कर्मचारी, व्यापारी, घर का बजट संभालने वाली गृहणीं कोई भी हो हर किसी को जमीनी स्तर पर लाभ पहुंचाने वाले बजट की आस है। टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाने से लेकर कपड़ों पर लगाई गई जीएसटी को खत्म करने की उम्मीद भी लोगों ने लगा रखी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb9b923f316b1f4e50e6e343e9fbde71a4d11a14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कभी नंगे पांव जाते थे पढ़ाई करने : जय चौधरी ने संघर्ष के बूते फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। उनके पिता भगत ङ्क्षसह किसान थे। उन दिनों हालात ऐसे थे कि घर में बिजली के बिना भी जय चौधरी ने समय व्यतीत किया। परिवार में तीन भाई थे। जय के पिता भगत सिंह, माता सुरजीत कौर और भाई प्यारा सिंह उनके साथ रह रहे हैं। जय 10वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए नजदीकी गांव धुसाड़ा में चार किलोमीटर दूर नंगे पांव जाते थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1958b51baf266d87e438e6ad806ad5531388d491 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62728.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंजाब की शांति और भाईचारे को खंडित करने के लिए हमेशा ही कई ताकतें साम-दाम-दंड और भेद से जुटी रहती हैं। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े जाते हथियार, ड्रग्स और गोलाबारूद इस बात का सूचक है। आजकल तो एक नई चुनौती सामने आ रही है - ड्रोन। सामान्य दिनों में यह समस्या बनी रहती है लेकिन चुनावी दिनों में यह चिंता बढ़ जाती है। इस बार के चुनाव कुछ अलग दिखाई दे रहे है। आमतौर पर तो दो या तीन राजनीतिक पार्टियां चुनाव मैदान में रहती थीं, लेकिन इस बार चार.. या कहूं तो पांच पार्टियां चुनाव मैदान हैं। सभी की अपनी विचारधारा है और सभी अपने-अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रही हैं या बढ़ाती हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा सभी दलों के एजेंडे पर सबसे ऊपर होना चाहिए। + +पंजाब में इसके मायने इसलिए भी बढ़ जाते है क्योंकि कई ताकतें हमेशा ही शांति और भाईचारे को तोड़ने के लिए नजर गड़ाए रखती हैं। दो साल पुरानी बात है जब रेफरेंडम 20-20 को लेकर खासी चर्चा थी। लोगों में तनाव भी था और सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय भी थी। 2020 नहीं बल्कि अब हम 2022 में आ गए है। इस सबके पीछे पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता रही होगी। जो लोग पंजाब की शांति को खंडित करना चाहते थे उनकी मंशा पूरी नहीं हो पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..daa61760f5244dff39eb88edb014407f5d18d0fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आमतौर पर राष्ट्रीय मुद्दों को लोकसभा के चुनाव से जोड़कर देखने की परिपाटी रही है, लेकिन विधानसभा के इन चुनावों में भी ये सबसे बड़ा मुद्दा अगर बना है तो उसकी पर्याप्त वजह है। पंजाब की 553 किमी सीमा पाकिस्तान से जुड़ी है। दुश्मन देख राज्य को अस्थिर करने का कोई मौका नहीं चूकता। उत्तराखंड की 350 किमी सीमा चीन से तो 275 किमी सीमा नेपाल से जुड़ी है जिस पर आए दिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विवाद उत्पन्न किए जाते रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 579 किमी सीमा नेपाल से सटी है। मणिपुर की सीमाएं बांग्लादेश और म्यांमार को जोड़ती हैं। गोवा के भू राजनीतिक महत्व का अपना इतिहास है। ऐसे में इन चुनावों में राष्ट्रीय सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। मतदाता जागरूक है। उसे उसी का चयन करना चाहिए जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने का भरोसा दिला पा रहा हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62733.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62733.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7065707ada319db885cf5e79d8a6f27fbdea2b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62733.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में फसलों की सिंचाई अब कंप्यूटर व साफ्टवेयर प्रणाली से होगी। इसके लिए विवि में हाइड्रोपोनिक फर्टिगेशन मशीन मंगवाई गई है। मशीन में फसलों की जरूरत के अनुसार पानी और पोषक तत्वों की मात्रा साफ्टवेयर के जरिए फीड की जाएगी। मशीन इसी अनुपात में पानी और उर्वरक पहुंचाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf5bbdfe5ecee9b80febc8a0180c85730f7122e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ दिनों पहले एक फूड डिलीवरी कंपनी के कर्मचारी सलिल त्रिपाठी का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वैसे अब तक की जांच से यही सामने आया है कि दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने सलिल त्रिपाठी की बाइक में कार से ठोकर मारी थी। परंतु दुर्घटना के इस मामले को इस नजरिये से भी देखा जाना चाहिए कि संबंधित फूड डिलीवरी कंपनी की नीतियां भी कहीं न कहीं इनके कर्मचारियों के लिए जोखिम बढ़ा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59e5e1538d1eabdf81d8b0e651f77b2f2caad267 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज बब्बर के चुनाव में पहली बार लगे थे फ्लेक्स।दो दशक से अधिक समय से सपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रबंधन को देख रहे अनिल रावत बताते हैं कि पहले चुनाव प्रचार सामग्री के लिए लोगों में मारामारी की स्थिति रहती थी। गाड़ियों में झंडे, बैनर, प्रचार सामग्री आदि लेकर जाते थे और उसे बांटा करते थे। देहात क्षेत्र में लोग शराब की मांग किया करते थे। लकड़ी के हाेर्डिंग पर हाथ से पेंटिंग की जाती थी और एक हाेर्डिंग तैयार होने में पांच दिन लगते थे। वर्ष 1999 में राज बब्बर के चुनाव में पहली बार शहर में फ्लेक्स लगाए गए थे। आज कपड़े के बैनर अतीत का हिस्सा बन चुके हैं। वाल पेंटिंग का दौर खत्म हो गया है। गांवों में लोकगीत गाते हुए महिलाएं वोट मांगा करती थीं। पहले लोगों से प्रत्याशी के मिलने का एक ही जरिया डोर-टू-डोर कैंपेन हुआ करता था। समय के साथ काफी बदलाव हुआ है। अब चुनाव हाईटेक हो चुका है। टेक्स्ट व वोइस मैसेज के साथ ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रत्याशी मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d52b4553e42260906a22a031f905c0b59da25f3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62738.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस पर हैरानी नहीं कि संसद के बजट सत्र में विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। प्रत्येक सत्र के पूर्व इस तरह की तैयारी अब एक चलन का रूप ले चुकी है। दुर्भाग्य की बात यह है कि यह प्रवृत्ति अब बेलगाम होती दिख रही है। यही कारण है कि संसद के पिछले अनेक सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गए। ऐसा लगता है कि यह सिलसिला इस बजट सत्र में भी कायम रहने वाला है। + +उचित यह होगा कि विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस इस पर गंभीरता के साथ आत्ममंथन करे कि शोरशराबे की इस राजनीति से उसे हासिल क्या हो रहा है? यदि राहुल गांधी और उनके सहयोगी यह समझ रहे हैं कि संसद में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सार्थक बहस करने के बजाय सतही विषयों पर हंगामा करने से कांग्रेस का भला हो रहा है तो यह सही नहीं। चूंकि कांग्रेस राष्ट्र को दिशा देने में सहायक कोई विमर्श खड़ा कर पाने में बुरी तरह नाकाम है इसीलिए जनता के बीच उसकी प्रतिष्ठा गिरती जा रही है और एक के बाद एक कांग्रेसी नेता दूसरे दलों की ओर रुख कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d26389dcc9080836f388c905a5a3d6826746bedc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिव्य कुमार सोती। बीते दिनों केंद्र सरकार ने 35 यूट्यूब चैनल, दो ट्विटर अकाउंट, दो इंस्टाग्राम अकाउंट, दो वेबसाइट और एक फेसबुक अकाउंट को ब्लाक करने के निर्देश जारी किए हैं। पाकिस्तान से संचालित होने वाले ये चैनल भारत विरोधी फर्जी खबरें और आपत्तिजनक सामग्री के प्रसारण में लगे थे। अभी कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफिले को तथाकथित प्रदर्शनकारियों द्वारा रोके जाने के कुछ घंटे बाद ही यूट्यूब पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा लगभग एक वर्ष पहले डाला गया एक एनिमेटेड वीडियो सामने आया। उसमें नरेंद्र मोदी जैसे ही दिखने वाले एक नेता के काफिले को एक पुल पर ठीक वैसे ही रोका जाता है जैसे कि प्रधानमंत्री के काफिले को रोका गया। फिर मोदी जैसे दिखने वाले उस एनिमेटेड चरित्र पर भीड़ हमला कर देती है। इस वीडियो को एक समय पर अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली टेरर मैन्युअल्स की श्रेणी में रखा जा सकता है जिसमें वे अपने अनुयायियों को आतंकी हमलों को अंजाम देने के नए-नए तरीके बताते रहते हैं। इससे भी गंभीर विषय यह है कि भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे में डालने वाला घृणा से भरा यह वीडियो एक वर्ष तक यूट्यूब पर पड़ा कैसे रहा? हमारी साइबर सुरक्षा एजेंसियां साल भर तक क्या करती रहीं? अभी कुछ दिन पहले ही मैं अमेरिका के एक बहुत लोकप्रिय यूट्यूब चैनल पर अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर एक वृत्तचित्र देख रहा था। इसके अंत में बताया गया कि निर्माता-निर्देशक अफगानिस्तान में चल रही क्रूरता को नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि अगर ऐसा किया गया तो यूट्यूब इस वीडियो को डिलीट कर देगा। प्रश्न यह है कि जो यूट्यूब एक तथ्यात्मक समाचार रिपोर्ट को लेकर इतनी सख्त हो सकता है उसने भारत के प्रधानमंत्री पर हमले का तरीका सुझाता वीडियो एक साल तक कैसे अपने मंच पर बने रहने दिया?।दरअसल यह बिग टेक की मनमानी और भारत में लचर साइबर सुरक्षा का का कोई अकेला उदाहरण नहीं है। अभी कुछ दिन पहले ही कश्मीरी मूल की जानी-मानी पत्रकार आरती टिक्कू सिंह के भाई को आतंकियों द्वारा जान से मार डालने की धमकी दी गई। जब उन्होंने इसपर एक ट्वीट के माध्यम से अपना रोष प्रकट किया तो इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए ट्विटर द्वारा उनका अकाउंट ही निलंबित कर दिया गया। भला किसी के द्वारा आतंकियों से मिल रही धमकी के विरुद्ध आवाज उठाना घृणा फैलाना कैसे हो सकता है? यह वही ट्विटर है जिसने तालिबान नेताओं के तमाम अकाउंट चलते रहने दिए हैं। जिस दिन प्रधानमंत्री के काफिले को निशाना बनाने की कोशिश की गई उसी दिन इंटरनेट मीडिया पर एक फर्जी वीडियो भी वायरल किया गया जिसमें सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस को यह फैसला लेते दिखाया गया कि सारे सिख सैनिकों को सैन्य बलों से निकाल दिया जाए। फर्जीवाड़े का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें उन अनुराग ठाकुर को दिखाया गया, जो सीसीएस का हिस्सा ही नहीं हैं। स्पष्ट है कि यह सेना में विद्रोह फैलाने और पंजाब को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा था। इसका खंडन करने के लिए सरकार द्वारा आनन-फानन में प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जांच में इस वीडियो को वायरल करने वाले अधिकतर खाते पाकिस्तानी पाए गए, परंतु ये खाते कई दिनों तक इंटरनेट मीडिया साइटों पर बने रहे। यह बताता है कि हमारी सुरक्षा एजेंसियों को इन इंटरनेट मीडिया कंपनियों से त्वरित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। किसी बड़े कानून-व्यवस्था के संकट की स्थिति में या फिर किसी युद्ध जैसी स्थिति में समाज और सैन्य बलों में उत्तेजना फैलाने वाली ऐसी फर्जी खबर का कई घंटों तक इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होते रहना विषम परिस्थिति को जन्म दे सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e421b9536fe82e9250043b201334830521f3b7a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव के समय गीतों का चलन परंपरागत है। पहले कलाकार और कवि स्वेच्छा से शौकिया जनता की भावना के अनुरूप उनकी आवाज उठाते थे। कुछ समय से पार्टियों द्वारा अपने समर्थन में गाने बनवाए जाने लगे हैं। कलाकार, कवि, लेखकर सत्ता का स्थाई विपक्ष है। वह कमियों को रेखांकित करता है, जिससे कोई सत्ता निरंकुश न रहे। यह कवि धर्म है। भ्रमित होकर कला का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। जो आंतरिक मन की आवाज है, वह ही हमें गाने के माध्यम से जनता के बीच पहुंचानी चाहिए। यही कवि धर्म है। भ्रमित होकर कला का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5972ce6470db2e2786a187646ad055b3afb8e6cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62746.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । UP Chunav 2022 शहर विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी रजिया खान रविवार की सुबह से ही मैरिस रोड स्थित अपने कार्यालय में चुनावी रणनीति बनाने में जुटी थीं। कभी कुछ खास लोगों से सलाह में व्यस्त हो जातीं तो कभी कार्यकर्ताओं से बीच व्यवस्थाओं पर बात करतीं। इस सबके बाद दोपहर 12 बजे उनकी गाड़ियों का काफिला अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र नगला कलार पहुंचा तो समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। करीब दो दिन मिनट तक पूरा माहौल जय भीम-जय भीम के नारों से गूंजता रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9afceec916aec7b5f98f2736bb122cec7f4994b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगमों में चल रही रार अब और बड़ा रूप ले सकती है। निगम अब उन शराब की दुकानों को सील करने की तैयारी कर रहा है जो अवैध निर्माण के लिए चिह्नित (बुक) की गई है। ऐसे में निगम ने इस पर कार्रवाई करना शुरू किया तो राजधानी की 90 प्रतिशत वह शराब की दुकानें सील हो सकती है जिन्हें नई आबकारी नीति के तहत खोला गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a717ba02dfc32ca3d491742a03f6f264a6e39e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62749.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। शहरी क्षेत्रों में बढ़ती बेरोजगारी पर काबू पाने लिए शहरी गरीबों के रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर मनरेगा जैसी योजना की शुरुआत की जा सकती है। रोजगार सृजन को लेकर सरकार फिलहाल दबाव में है। राजनीतिक रूप से यह मुद्दा गंभीर होने लगा है। शहरी मनरेगा के आने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ तो पड़ेगा, लेकिन राजनीतिक रूप यह योजना बूस्टर साबित हो सकता है। शहरी गरीब बेरोजगारों के जीवनयापन के लिए यह बड़ा साधन बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..196c362e22780a2f50c6930fb7e0f3d123d2a973 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62750.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नवांशहर। नवांशहर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन सतवीर सिंह पल्ली झिक्की को टिकट देकर कांग्रेस हाईकमान ने उन पर विश्वास जताया है। सतवीर को टिकट मिलते ही विधायक अंगद सिंह ने बागी सुर अपना लिया है। कांग्रेस की ओर से जारी सूची के 10 मिनट बाद ही अंगद सिंह ने नवांशहर से आजाद लड़ने की घोषणा कर दी है। बता दें, अंगद सिंह अदिति सिंह के पति हैं। अदिति सिंह यूपी में कांग्रेस विधायक रह चुकी हैं, लेकिन वह पार्टी छोड़ चुकी हैं। पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि अंगद सिंह का टिकट कट सकता है। ।आजाद लड़ने की घोषणा के बाद अंगद सिंह की ओर से सोमवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। नवांशहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ताओं को इसमें हिस्सा लेने के लिए बुलावा भेजा गया है। यही नहीं, बल्कि गांवों के सरपंच, जिला परिषद के सदस्य, पार्षदों को भी बुलाया गया है। इससे पहले भी कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कांग्रेस के कार्यकर्ता जुटे थे व अंगद को कांग्रेस से टिकट दिलवाने के लिए कांग्रेस हाईकमान से गुजारिश की थी। इसके बावजूद कांग्रेस हाईकमान की ओर से अंगद सिंह को टिकट देने की घोषणा नहीं की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e88f64ba643440cd994d2a6b49c1a9c9f6be014c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62753.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दर्ज कराई जा सकेगी शिकायत।यही नहीं इलाज में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना करने पर अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकता है। इन तैयारियों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सस्ती और विश्व स्तरीय इलाज की वजह से भारत पहले से दुनिया भर के मरीजों की पसंद रहा है लेकिन अभी तक यह सारी प्रक्रिया अस्पतालों और उनके एजेंटों के माध्यम से ही चलता था। इसके कारण बहुत सारे लोग चाहते हुए अपने इलाज के लिए भारत नहीं आ पाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8eb3ab94205295121124e26f774d859f9a474087 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62754.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस बारे में केंद्र सरकार को दो विस्तृत रिपोर्टें सौंपी है और तुर्की-पाकिस्तान के बीच भारत के खिलाफ हो रहे ध्रुवीकरण और इसके व्यापक आंतरिक और बाह्य असर को लेकर सतर्क रहने को कहा है। नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल की तरफ से तैयार इस रिपोर्ट के मुताबिक दुबई में अपनी गतिविधियों पर लगाम लगने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पिछले छह-सात वर्षों से अंकारा को नये भारत विरोधी गढ़ के तौर पर विकसित करने में जुटी हुई है। अब इसे कुछ सफलता मिलती दिख रही है। + +तुर्की ने पहले भी भारत विरोधी गतिविधियों में जुटी शख्सियतों की आर्थिक मदद की।एजेंसियों को इस बात की भी जानकारी है कि इन संगठनों के कुछ लोगों ने कतर जा कर तुर्की के खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से मुलाकात की थी। तुर्की ने पहले भी कुछ भारत विरोधी गतिविधियों में जुटी शख्सियतों को आर्थिक मदद पहुंचाई है लेकिन अब वह ज्यादा मुखर होता दिख रहा है। भगोड़े जाकिर नाईक व कश्मीर के कट्टरपंथी दिवंगत नेता सैयद अली शाह गिलानी को तुर्की से मिली फंडिंग की सूचना भारतीय एजेंसियों को पहले से हैं और इसकी जांच भी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8ef975451ac1b464e8d1246ed8fd2a95c8551de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62755.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस और यूक्रेन के मध्‍य तनाव चरम पर पहुंच गया है। रूस युद्ध की तैयारी में जुटा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह युद्ध के दौरान सीमा पर घायलों के लिए काम आने वाले खून का भंडारण भी कर रहा है। इस तैयारी के उलट रूस यह भी कहता है कि वह यूक्रेन से युद्ध नहीं चाहता। इस बीच दोनों पक्ष अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं, आगे बढ़े कदमों को ही मजबूत कर रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि फरवरी में युद्ध होने की प्रबल आशंका है। बाइडन ने कहा कि स्थिति भयावह हो सकती है। + +अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख ने चेतावनी दी।अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख मार्क मिली ने कहा है कि रूस हमले के लिए आतुर है। वह यूक्रेन को युद्ध के लिए उकसा रहा है। मिली ने कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो नतीजे भयावह होंगे और बहुत सारे लोगों की जान जाएगी। रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो ने अपनी सैन्य तैनाती के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया है। इस बीच पोलैंड के प्रधानमंत्री मैटिएज मोराविस्की ने कहा है कि रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की सैन्य सहायता और रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने को लेकर यूरोपीय यूनियन (ईयू) में मतभेद हैं। सभी देश रूस के खिलाफ कार्रवाई में खुलकर सामने नहीं आना चाहते हैं। विदित हो कि जर्मनी और फ्रांस जैसे ईयू के प्रमुख देश बातचीत के जरिये तनाव खत्म करने पर जोर दे रहे हैं। ये देश नाटो के भी सदस्य हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb710a3b35c873410110a466ab1a3f3561d11f77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूरोपीय देशों में तेजी से फैल रहा कोरोना।1- यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। रूस में पिछले 24 घंटों में 113,122 मामले मिले हैं, वहीं 668 लोगों की मौत हुई है। इटली में भी शनिवार को कोरोना संक्रमण के 137, 147 नए मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 378 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हुई। तुर्की में पिछले 24 घंटों में 94,783 नए मामले दर्ज किए गए। ब्रिटेन में शनिवार को कोरोना के 72,727 मामलों की पुष्टि हुई और 296 लोगों की मौत हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..982ce6c104f35359ed48b55774b5b343db3fe53a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने काशी हिंदू विश्विद्यालय के छात्र रहे जय चौधरी की चर्चा करते हुए उनकी सराहना की जिन्होंने साढे सात करोड़ की राशि बीएचयू के आईटी विभाग को दिया है। जय चौधरी के डोनेशन से संस्थान में एक साफ्टवेयर इनोवेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा जो एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहां छात्र साफ्टवेयर विकास, क्वांटम कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, आइओटी और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में सीखने और नवाचार करने में सक्षम होंगे। आइआइटी (बीएचयू) और संस्थान के ही पुरा छात्र दीप जरीवाला (एमईटी 10) के सहयोग से संकाय सदस्य का चयन किया जाएगा जो 'जय चौधरी प्रोफेसर आफ साफ्टवेयर इनोवेशनÓ की भूमिका निभाएगा और साफ्टवेयर इनोवेशन सेंटर का प्रबंधन संभालेगा। संस्थान में इन सब की तैयारी चल रही है। प्रोफेसरशिप और इनोवेशन सेंटर के अलावा, जय चौधरी की प्रदत्त धनराशि से साफ्टवेयर नवाचार पर एक व्याख्यान श्रृंखला और एक साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी बीज कोष भी गठित होगा। उन दोनों का प्रबंधन आइआइटी (बीएचयू) फाउंडेशन की ओर से पुरा छात्र विश नारायणन से किया जाना है। जय चौधरी ने अमेरिका में पांच सफल तकनीकी कंपनियों की स्थापना की है इसमें जीस्केलर प्रमुख है। 1980 में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ आइआइटी (बीएचयू) से स्नातक करने वाले जय चौधरी ने कभी इन शब्दों में कृतज्ञता अर्पित की थी - आइआइटी (बीएचयू) में मुझे जो शिक्षा मिली, उसने मुझे व्यवसाय की दुनिया के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उद्यमिता केंद्र युवा छात्रों को अपने करियर को नेविगेट करने और व्यावहारिक कौशल सीखने के लिए शिक्षित करने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा की दुनिया में अधिक प्रतिस्पर्धी बनने के लिए मदद करेगा। मेरी आशा है कि उद्यमिता केंद्र बड़े सपनों और आकांक्षाओं वाले छात्रों को वही अवसर प्रदान करेगा जो मैं अनुभव करने के लिए भाग्यशाली था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..295b92824ef52c2e1376dee8ab4f4ca86e5bc03a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नए साल में अपनी पहली 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परोक्ष रूप से स्वतंत्रता के सौ साल पूरे होने पर भारत की भावी तस्वीर का भी खाका खींचा है। देश के अलग अलग हिस्सों से बच्चों के कुछ पत्रों को उन्होंने साझा किया जिसमें एक ऐसे उन्नत भारत की आशा की गई है जो भ्रष्टाचार मुक्त हो, सबसे स्वच्छ हो, जहां किसान समृद्ध हों और भारत चांद पर अपनी प्रयोगशाला बनाने और मंगल पर जीवन बसाने में सक्षम हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6940e5499df9006266aa6d94196cd21e968d487 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। प्रगति मैदान सुरंग सड़क व्यवस्थाओं की वजह से खास होगी। इसमें स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। सुरंग के अंदर के वाहनों का प्रदूषण दूर करने के लिए जर्मनी निर्मित एग्जास्ट फैन लगाए जा रहे हैं, जो अंदर से गुजरने वाले वाहनों की प्रदूषित हवा को बाहर निकालेंगे। सुरंग के अंदर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। वाहन खराब होने पर उसे बाहर ले जाने की व्यवस्था होगी। आग से बचाव के लिए बनाए गए भूमिगत टैंकों में हर समय चार लाख लीटर पानी रहेगा। ।सुरंग के काम को पूरा करने के लिए अभी निर्माण सामग्री की समस्या आ रही है। इसलिए फरवरी के अंत तक काम पूरा हो सकेगा। सवा किलोमीटर लंबी इस सुरंग में एक भी होल नहीं है जहां से बाहर की रोशनी अंदर जा सके या अंदर से गुजरने वाले वाहनों की प्रदूषित हवा बाहर निकल सके। जिस समय सुरंग बनाने की योजना बनी थी तो लोक निर्माण विभाग ने प्रदूषित वायु के लिए कुछ स्थानों पर बड़े होल की व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी थी। योजना में बदलाव कर सुरंग में 28 एग्जास्ट फैन लगाए जा रहे हैं। ।रोशनी के लिए होगी खास व्यवस्था ।सुरंग के अंदर रोशनी के लिए स्मार्ट लाइ¨टग सिस्टम लगाया जा रहा है। इसके तहत सुरंग के अंदर प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले भागों पर दिन के समय अधिक रोशनी रहेगी। जितना अंदर बढ़ेंगे तो रोशनी कुछ कम होती जाएगी और सामान्य दिन जैसा माहौल रहेगा। रोशनी इतनी ही रहेगी कि आंखों को परेशानी नहीं हो। रात के समय सुरंग में स्ट्रीट लाइटों वाली रोशनी रहेगी। 128 सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी सुरंग के अंदर की सुरक्षा और निगरानी 128 सीसीटीवी कैमरों से होगी। इसके रिंग रोड और पुराना किला दोनों भाग पर दो कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं और इनके पास दो भूमिगत टैंक बनाए गए हैं। जिनमें हर समय चार लाख लीटर पानी उपलब्ध रहेगा, जो फायर फाइटिंग सिस्टम के माध्यम से कुछ समय के अंदर ही आग वाले स्थान पर पहुंच सकेगा। ।हेल्पलाइन नंबर की भी व्यवस्था ।सुरंग के लिए हर समय एक क्रेन उपलब्ध रहेगी इसके अलावा सुरंग में दोनों ओर कर्मचारी तैनात रहेंगे। एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा जिससे सुरंग के अंदर से कोई भी व्यक्ति कमांड रूम में बात कर सकेगा। अगले पांच साल तक यह पूरी व्यवस्था निर्माणकर्ता कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ही देखेगी। सड़क बनाने का बचा है काम इस परियोजना के तहत सड़क बनाने का कुछ काम बचा है। हरियाणा से बिटुमिनस मिक्स सामग्री पर्याप्त न आ पाने और रात के समय तापमान कम हो जाने के कारण यह कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है। मार्च से वाहन चालक हर हाल में इसका लाभ ले सकेंगे। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कराए जाने की कोशिश की जा रही है। ।बचेंगे 15 से 20 मिनट ।यह परियोजना प्रगति मैदान पुनर्विकास योजना के तहत अस्तित्व में आई है। इसके पूरा होने से आइटीओ इलाके में जाम से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी। इंडिया गेट से रिंग रोड पर आने जाने वाले वाहन चालक इस सुरंग सड़क का उपयोग कर सकेंगे। इसके शुरू हो जाने पर इंडिया गेट, अशोक रोड और मंडी हाउस की ओर से यमुनापार आने जाने के लिए लोग इसका उपयोग कर सकेंगे। इससे वाहन चालकों को 15 से 20 मिनट समय की बचत होगी। तमाम वाहन चालक आइटीओ से नहीं गुजरेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6718594d46b10a1d8f16a45398ace3556f80f4ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62765.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। आइइआइटी (बीएचयू) के इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के 1980 बैच के पूर्व छात्र और क्लाउड बेस्ड इन्फार्मेशन सिक्योरिटी फर्म जीस्केलर के संस्थापक और सीईओ जय चौधरी की मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने आज सराहना की। जय चौधरी ने हाल में ही आइआइटी (बीएचयू) फाउंडेशन को एक मिलियन यूएस डालर (लगभग 7.5 करोड़ रुपये) का दान दिया है। इस दान से संस्थान के उद्यमिता केंद्र के माध्यम से छात्र विकास, संकाय विकास और उद्यमिता विकास पर काम होगा। अपने संबोधन में नरेन्द्र मोदी ने महामना मदनमोहन मालवीय के प्रयासों को भी याद किया। + +मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महामना मालवीय एवं महात्मा गांधी का स्मरण किया। उन्‍होंने कहा कि मालवीय जी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। वहीं बापू ने गुजरात विद्यापीठ की स्थापना की। शिक्षा के क्षेत्र में किए कार्यों की चर्चा करते हुए गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टौगोर, अलीगढ के राजा महेन्द्र सिंह का भी स्मरण किया। काशी हिन्दू विश्विद्यालय के छात्र रहे जयंत चौधरी की चर्चा करते हुए उनकी सराहना की जिन्होंने साढे सात करोड की राशि बीएचयू के आईटी विभाग को दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0b98973d05f413e424843705bda02c4dda83041 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62766.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी [संजय यादव]। आज गांधी जी भले ही हम लोगों के बीच नहीं है। फिर भी उनकी यादें,उनके विचार लोगों के दिलों में जिंदा हैं। चंदौली के भोजपुर-पड़ाव गांव का एक परिवार ऐसा भी है जिसने 1945 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा भेजे गए पोस्टकार्ड को आज भी संभालकर रखा है। पड़ाव के भोजपुर गांव निवासी स्व. रामनारायण दुबे मूलत: आजमगढ़ के रहने वाले थे। ।1940 के दशक में वाराणसी आए और नागरी प्रचारिणी सभा और हरिश्चंद्र कालेज के संस्थापक के संपर्क में आए। सेंट्रल हिंदू स्कूल कामाख्या में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे।उन्होंने 1942 में रामांकत रजौला स्टेट के राजा का इलाज कर ख्याति हासिल की थी। वर्ष 1943 में इंडियन प्रेस के मालिक धूनी बाबू का इलाज किया। 1945 में महात्मा गांधी के गुरु महात्मा भगवानदीन और अंग्रेजी राज्य के लेखक पंडित सुंदरलाल को दमे की बीमारी से छुटकारा दिलाया। महात्मा गांधी ने पोस्टकार्ड के जरिए लिखा था कि भाई रामनारायण दुबे आपका पोस्टकार्ड मिला है। आपकी पुस्तक पढ़ने की कोशिश करुंगा।आपने प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान कहां से लिया है। + +गांधी जी के पत्रों को आज भी स्व. रामनारायण के पौत्र प्रभात दुबे ने संभालकर रखा है। प्रभात दुबे का कहना है कि महात्मा गांधी का दादा से काफी लगाव था। वह निरंतर उनके बारे में पत्र व्यहार करते थे। यहीं नहीं बापू ने पत्र लिखकर साबरमती आश्रम भी बुलाया था। बताया कि दादा जी द्वारा लिखित दर्जनों किताबें आज भी मौजूद हैं।मुख्य रूप से माघ पूर्णिमा 1959, सूर्य किरण चिकित्सा, जल चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा, मीटर चिकित्सा जैसी दर्जनों पांडुलिपि 26 अक्टूबर 1964 में रमावंती जेटली का पत्र में कुछ किताबें छपवाने की बात लिखी है। ।वाराणसी में बापू की यादें कई जगहों पर मौजूद हैं और बापू की स्‍मृतियों से काशी आज भी जीवंत है। पग पग पर काशी में बापू की यादों को पुरनियों ने आज भी सहेज रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fd075ec66d1f177313879bef81d1e326f7d9f6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब एक बार फिर से लौटते हैं बुद्धदेव भट्टाचार्य के मामले पर। बुद्धदेव भट्टाचार्य का नाम पद्म सम्मान के लिए घोषित सूची में आया। कुछ घंटे के बाद उनकी तरफ से उनकी पार्टी ने सम्मान के अस्वीकार करने की बात कही। सवाल यही उठता है कि क्या बुद्धदेव भट्टाचार्य को सम्मानित करने के फैसले के पहले उनकी सहमति नहीं ली गई। क्या गृह मंत्रालय के किसी अधिकारी ने बुद्धदेव भट्टाचार्य को फोन नहीं किया। जब पद्मश्री से सम्मानित करने के लिए संध्या मुखर्जी की सहमति के लिए उनको फोन किया गया तो यह मानने की कोई वजह नहीं है कि सरकार की तरफ से बुद्धदेव भट्टाचार्य को फोन नहीं किया गया होगा। इस वर्ष पद्म सम्मान से सम्मनित होनेवालों में फिल्म निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी का भी नाम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff73d8522c635dab9df1245af889811347bee0b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन ने कहा अमेरिका के आरोप निराधार।अमेरिका के इस कदम पर चीन ने कहा था कि अमेरिका ने तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए अन्य आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..953a8de8da20bdf42742d986808d5b065e5dab5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रीय स्तर के तनिष्का हासिल कर चुकी है कांस्य पदक।तनिष्का बताती है कि हरियाणा में आयोजित पैरा नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता 2018-2019 में टीम दिल्ली के लिए दो कांस्य पदक अपने नाम किया। साथ ही दिल्ली स्तर पर भी कई तीरंदाज चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में आयोजित होने जा रहे वर्ल्ड तीरंदाजी चैंपियनशिप और पैरा ओलंपिक के लिए अभी से ही अभ्यास कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d78bd2f5167730e18ed2c1ebb0e432d49dca8ab0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62779.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तमिलनाडु और कर्नाटक में भी खुलेंगे स्कूल।तमिलनाडु सरकार ने पहली फरवरी से कक्षा एक से 12 तक के छात्रों के लिए कक्षाएं फिर से शुरू करने की घोषणा की है। वहीं कर्नाटक सरकार ने 31 जनवरी से पहली से नौवीं तक की कक्षाएं खोलने का फैसला लिया है। इसके साथ ही 31 जनवरी से रात का कर्फ्यू हटा दिया जाएगा। ‌।दिल्‍ली और यूपी में स्‍कूल बंद।उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूल और कालेज को छह फरवरी तक बंद करने का आदेश दिया है। इस दौरान आनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी। वहीं दिल्ली आपदा प्रबंधन ने केंद्र शासित प्रदेश में अभी स्कूलों को खोलने की अनुमति नहीं दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2839a5db1d9390d3fdacd73d4e9fba9fe63f6608 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62780.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी [प्रमोद यादव]। फाइलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया, कुष्ठ रोग जैसी उपेक्षित बीमारियों (नेगलेक्टेड ट्रापिकल डिजीज) को खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से दृढ़संकल्प है । समुदाय को भी इन बीमारियों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए ही हर साल 30 जनवरी को नेगलेक्टेड ट्रापिकल डिजीज डे मनाया जाता है। यह बीमारियां किसी इंसान को रोगी बनाने के साथ-साथ परिवार को आर्थिक रूप से कमजोर भी बना देती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जनपद वाराणसी उपेक्षित बीमारियों (नेगलेक्टेड ट्रापिकल डिजीज) को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है और इस दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। + +जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने बताया कि प्रदेश सरकार का कई उपेक्षित बीमारियों पर फोकस बढ़ा है। हम समय समय पर फाइलेरिया का एमडीए राउंड चलाते हैं, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने दवा खिलाते हैं। कालाजार और बाकी बीमारियों से ग्रसित रोगियों को भी खोजने का काम चलता रहा है। उम्मीद है कि इन बीमारियों के प्रसार को रोकने में कामयाब होंगे। उन्होने कहा कि एनटीडी पर समुदाय में भी जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। मसलन किसी को फाइलेरिया हो जाए तो उसकी जिंदगी मृत समान हो जाती है। अगर वह परिवार का मुखिया है तो उसके परिवार का आर्थिक विकास भी रुक जाएगा। ऐसे में समुदाय की जागरूकता उसे और उनके जैसों को इस बीमारी से बचा सकती है। मामूली लक्षण देखें तो फौरन पास के सरकारी अस्पताल ले जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0da92737e46fe7acfb3e600758d7c12fe03e5052 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62781.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नामांकन दर को बढ़ाने का बड़ा लक्ष्य।इस मुहिम का लक्ष्य उच्च शिक्षा की सकल नामांकन दर (जीईआर) को बढ़ाना भी है, जो फिलहाल करीब 27 फीसद है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्ष 2035 तक इसे 50 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। विशेषज्ञों की मानें तो उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता व बुनियादी ढांचे को बेहतर बना देश से हर साल छात्रों के होने वाले पलायन को भी रोका जा सकेगा। अभी हर साल करीब आठ लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए दुनिया के दूसरे देशों में जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b46c1aa5f1c7d82bc56c461e0375ea0bac8c20f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब इस मामले में क्या होगा?।सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई में कहा है कि स्पाइसजेट ने इस मामले को सुलझाने के लिए अब तक जो लचर रवैया अपनाया है, वह कंपनी को चलाते रहने वाला नहीं है। चूंकि कंपनी ने कहा है कि वह मामला सुलझा लेने के विशिष्ट चरण में पहुंच गई है और उसे तीन सप्ताह की मोहलत चाहिए, लिहाजा शीर्ष अदालत दोनों पक्षों को यह अवधि दे रही है। इसमें कंपनी को विवाद निपटा लेना होगा, अन्यथा कोर्ट इस पर अंतिम फैसला लेगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65efa0cca6d0f2c5421152fdd5f6443af87abd5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62785.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस बार लुधियाना जिले की गिल सीट ऐसी है जहां दो-दो पूर्व आइएएस एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जहां इस सीट से एसआर लद्दड़ को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर से कुलदीप वैद्य पर भरोसा जताया है। लद्दड़ बठिंडा, संगरूर, मानसा और नवांशहर जैसे जिलों में डीसी रह चुके हैं, जबकि कुलदीप वैद्य भी मोगा में डीसी रहे हैं। कुलदीप वैद्य को इस बार गिल के बजाय जगराओं सीट से उतारने की तैयारी चल रही थी, लेकिन वह अपनी सीट बचाए रखने में कामयाब रहे। + +आइएएस अफसरों के अलावा पूर्व आइपीएस अफसर भी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने चमकौर साहिब सीट से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ पूर्व आइपीएस हरमोहन सिंह संधू को खड़ा किया है। आम आदमी पार्टी ने पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को अमृतसर उत्तरी से चुनाव मैदान में उतारा है। वह भी सशक्त उम्मीदवार हैं। + +भारतीय जनता पार्टी ने रोपड़ से पूर्व एसपी इकबाल सिंह लालपुरा को उतारा है। हालांकि पार्टी ने उन्हें अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन भी बनाया था और माना जा रहा था कि उनका बेटा इस सीट पर उतरेगा, लेकिन पार्टी ने लालपुरा को ही टिकट देकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि पार्टी अपनी सीनियर लीडरशिप को उतारेगी। वह ओबीसी समुदाय से संबंधित हैं और रोपड़ में इस समुदाय का अच्छा खासा आधार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d88fb48ba8bd287e909afe59246d5f0253f9c0d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62786.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दोस्तों, धीरज ने बड़ी ही बहादूरी से अपने छोटे भाई को मगरमच्छ के हमले से बचाया। उसी बहादूरी से अपने जीवन में भी आगे बढ़ रहे हैं। आर्थिक कमी की तरह और भी बहुत प्रकार की मुश्किलें हमारे सामने आ सकती हैं। ज्यादातर लोग इनसे डर जाते हैं पर जिन्हें अपने ऊपर भरोसा होता है वे संयम के साथ मुश्किलों से मुकाबला करने का साहस जुटा लेते हैं और अपने कमाल के कारनामों से हर किसी को अचंभित कर देते हैं। हमारे देश में ऐसे बच्चों और किशोरों की कमी नहीं है जो दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। + +डरता तो लड़ता कैसे : पश्चिमी चंपारण (बिहार) के धीरज कुमार गुप्ता की उम्र महज 14 साल है। उन्हें बहादुरी श्रेणी में इस साल के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अपने कारनामे के बारे में वह बताते हैं, ‘भैंस धोने गया था उस दिन। मेरे साथ में मेरा छोटा भाई भी था।अचानक देखा कि एक मगरमच्छ ने मेरे छोटे भाई पर हमला कर दिया है। उस समय मुझे कुछ नहीं सूझा, पर मैं मगरमच्छ से भिड गया। इस भिड़ंत में मैं घायल हो गया था लेकिन खुशी इस बात की थी कि मेरा भाई मेरे साथ सकुशल घर लौट आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce9d376cfa27bf9cb0c9bbbc78b48d68f5897dc6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62787.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए समय पर इलाज कराना जरूरी है। कुष्ठ रोग के उन्मूलन एवं रोगियों से भेदभाव को समाप्त करने के लिए हर साल कुष्ठ रोकथाम दिवस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) पर मनाया जाता है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि वर्ष 2016-17 में जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या 303 थी। वर्ष 2017-18 में यह घटकर 226 हो गयी। वर्ष 2018-19 में 133 और वर्ष 2019-20 में 128 कुष्ठ रहे। वर्ष 2020-21 में यह संख्या सिमट कर महज 79 हो गयी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में अप्रैल से दिसंबर तक चले इस अभियान में 26 नये कुष्ठ रोगी मिले। इसमें विद्यापीठ ब्लाक में सात, चिरईगांव में चार, आराजी लाइन में तीन, सेवापुरी में पांच, हरहुआ में एक बड़ागांव में तीन, पिण्डरा में दो और शहरी क्षेत्र में एक नया कुष्ठ रोगी मिला। चोलापुर ब्लाक में एक भी नया कुष्ठ रोगी नहीं पाया गया। + +बताते हैं कि कभी कुष्ठ को लाइलाज रोग माना जाता था। इसके रोगियों को लोग अछूत मानते हुए उनसे दूरी बना लेते थे। यहां तक कि कुष्ठ रोगियों को घर-परिवार से दूर कर उन्हें असहाय हालत में छोड़ दिया जाता था। इस गंभीर समस्या को देखते हुए ही सरकार ने इस रोग के खिलाफ अभियान चलाया। नतीजा रहा कि वर्ष 2005 में कुष्ठ रोग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया, लेकिन सरकार ने इस रोग से अपनी लड़ाई निरंतर जारी रखी। कुष्ठ के रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकार ने इसके रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया। घर-घर कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए 86 टीमों ने जिले में सभी ऐसे क्षेत्रों में सर्वे शुरू किया गया । जहां इस रोग के मरीजों के पाये जाने की संभावना थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c19277180ecf282c1f57bcf19dbf4d534f0238f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये है मुबारक कुआं। दयालबाग़ में 'मुबारक कुएं' का अपना महत्व व इतिहास है। स्वामीजी महाराज वहां सुबह घूमने आया करते थे। दातौन करने के बाद वह इसी कुएं का जल प्रयोग करते थे। राधास्वामी मत के द्वितीय आचार्य (सन्त सतगुरु) कुएं से पानी खींचकर हुजूर स्वामीजी महाराज की सेवा में पेश करते थे। उस समय कुएं के आस-पास ऊंचे-ऊंचे टीले और कंटीली झाडिय़ां थी। इस परिसर में 'मुबारक कुआं' और 'शहतूत का पेड़' आज भी संरक्षित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62793.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..216badeffed9d5993b634e3c98a254a57a514150 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62793.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरुण श्रीवास्तव। कोविड के ओमिक्रोन स्वरूप को लेकर इन दिनों समूचे देश में चिंता और अनिश्चितता का माहौल है। हालांकि इसी बीच पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की गतिविधियां भी रैलियों/चुनावी सभाओं पर निर्वाचन आयोग की रोक के बीच चल रही हैं। अच्छी बात यह है कि ओमिक्रोन के बढ़ते असर के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि यदि छात्रों और नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं की बात करें, तो उनमें एक बार फिर निराशा और अनिश्चितता की स्थिति देखने को मिल रही है। स्कूल-कालेज बंद होने से एक बार फिर जहां आनलाइन क्लासेज पर निर्भरता बढ़ गई है, वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथियों के भी आगे बढ़ने की नौबत आ गई है। वैसे इस स्थिति से अधिक घबराने और चिंतित होने की जरूरत इसलिए नहीं है, क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंचकर अब कम होने की ओर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4427b1e8222cb1d8f49c9222b30bd7d6bda0e0a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। किसी भी देश की रीढ़ युवा होते हैं और जब ये युवा आंदोलित होते हैं तो सत्ता पलटने में देर नहीं लगती। रेलवे भर्ती प्रक्रिया से असंतुष्ट बिहार के अभ्यर्थियों का रेल पटरियों पर निकला आक्रोश खतरे की घंटी है। भले ही सुधार का आश्वासन दे इसे शांत करने की कोशिश शुरू हो गई हो, लेकिन यह संकेत जरूर मिल गया है कि अब बेरोजगारी केवल चुनावी जुमला भर नहीं रहने वाली। अब इसका निदान जरूरी हो गया है क्योंकि आंखों में सपने लिए एक अदद नौकरी को भटक रहे युवाओं का गुस्सा तख्ता पलट करने में सक्षम है। तीन दिन बिहार के विभिन्न जिलों में दिखे इस आक्रोश का ही परिणाम है कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, इन युवाओं के साथ खड़ा हो गया है और रेलवे को भी अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने पर बाध्य होना पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62796.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cadd1664dc2a154a9c94eba81075040c5ed9ddbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62796.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनू ने खुलकर लोगों से उनकी समस्याओं पर चर्चा की वह कैसी सरकार चाहते हैं, किस तरह का विकास चाहते हैं। इस मौके पर सरपंच कुलवंत कौर, गुरतेज सिंह, सीनियर कांग्रेसी नेता सुखदेव सिंह खोजा, पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव मनजीत सिंह मान, जिला परिषद सदस्य हरभजन सिंह, जगरूप सिंह तखतूपुरा, गांव सोशन के सरपंच गुर¨वदर सिंह भी मौजूद थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc8dbda8c45fb56080d8020ff77b18992d832584 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। शिवसेना इन दिनों दोधारी तलवार पर चल रही है। वह कांग्रेस और राकांपा के साथ अपनी महाविकास आघाड़ी सरकार का कार्यकाल भी पूरा करना चाहती है। साथ ही उसे अगले चुनावों में अपने प्रतिबद्ध कैडर को बचाए रखने की चिंता भी सता रही है। यह कैडर शिवसेना से हिंदुत्व की भावभूमि पर ही जुड़ा था। इसलिए गाहे-बगाहे शिवसेना अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं को यह याद दिलाने की कोशिश करते रहते हैं कि वह आज भी हिंदुत्व से दूर नहीं गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..682ba0cb3392da3118fd7ba9979fe8ef767582df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह सुनिश्चित करना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि लगातार इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं कि आरक्षित पदों में वांछित भर्तियां नहीं हो रही हैं। ऐसा क्यों है, इन कारणों की तह तक जाने की जरूरत है ताकि इस तरह की शिकायतों का सिलसिला थमे और संबंधित वर्गो को इसका आभास हो कि सामाजिक न्याय की दिशा में निरंतर सही तरीके से कार्य हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c4f4891853a9052b7465dd6da71f6f03425299f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फरवरी में हुई थी गोद भराई।काजल अग्रवाल की धूमधाम से गोद भराई भी हुई थी। जिसकी बहुत ही प्यारी तस्वीरें उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। इन तस्वीरों में काजल अग्रवाल ने बहुत ही खूबसूरत लाल साड़ी पहनी थी। काजल अग्रवाल ने अपने प्रेग्नेंसी के दौरान की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की। कभी वह पति के साथ रोमांटिक होती हुईं दिखाई दीं, तो कभी प्रेग्नेंसी में व्यायाम करते हुए। अब लोगों को बस इंतजार है तो अभिनेत्री के बेबी बॉय की पहली झलक देखने का। काजल अग्रवाल की हिंदी फिल्मों की बात करें तो वह अजय देवगन के साथ फिल्म 'सिंघम' और अक्षय कुमार के साथ 'स्पेशल 26' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81c1e11a9e521a3fc60c94132070a315b803048d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शक्ति कपूर के पिता कनॉट प्लेस इलाके में टेलर की दुकान चलाते थे। कॉलेज खत्म होने के बाद उनके पिता चाहते थे कि वह फैमिली बिजनेस संभालने, लेकिन शक्ति कपूर ने ऐसा नहीं किया। वह अपना खुद का कुछ करना चाहते थे, जैसे एक ट्रैवल एजेंसी खोलना। शक्ति कपूर ने एक ट्रैवल एजेंसी शुरू करने के लिए छह महीने तक प्रशिक्षण भी लिया था। उनके पिता उनकी ट्रैवल एजेंसी के लिए अपनी कपड़े की दुकान का एक हिस्सा देने के लिए भी राजी हो गए थे, लेकिन शक्ति कपूर ने लेने से मना कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1945429f2e4223406fe6edcfde97204304dc8734 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62800.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. सुरजीत सिंह। कोविड-19 की परिस्थितियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए वर्ष 2022-23 का बजट पेश करना यकीनन एक बड़ी चुनौती है। उनके समक्ष एक प्रश्न यह भी होगा कि चुनावी दौर में आम आदमी को कैसे महसूस कराया जाए कि सरकार उनके हितों के संरक्षक के तौर पर काम कर रही है और साथ ही राजस्व के दायरे का विस्तार भी हो जाए। हाल में एनएसओ द्वारा जारी किए गए प्रथम अग्रिम अनुमानों में कहा गया है कि इस साल की 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगी। साथ ही नामिनल जीडीपी के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.1 ट्रिलियन डालर तक हो सकता है। ऐसी सकारात्मकता के बावजूद अर्थव्यवस्था की वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए बजट में क्रमवार रणनीति बनानी होगी जिससे भविष्य में भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत बने, बल्कि स्वस्थ एवं शिक्षित भारत का सपना भी साकार हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9acd263cc86bec6b0ee23f195534f4f1e6694631 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62803.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। दिल्ली सीमा से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का रोमांच बढ़ता जा रहा है। कृषि कानून विरोधी आंदोलन की आग से यहां उठते रहे धुएं को भाजपा की 2014 और 2017 की रिकार्ड जीत पर कुहासा मानकर ही दो नौजवान अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की उम्मीदें इस धरती पर जवान हुई हैं। हाथ थामकर सपा और रालोद के मुखिया सत्ताधारी दल से मुकाबले के लिए तैयार हैं। भरोसा है कि किसान के रूप में एकजुट जाट-मुस्लिम का गठजोड़ उनकी नैया पार लगाएगा, लेकिन ध्रुवीकरण से एकतरफा जीत के भाजपा के दांव से भी वह सजग हैं। किसानों से वादे हैं, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का वास्ता है... ताकि गन्ना के खेत में ध्रुवीकरण का 'जिन्ना' अबकी बार खड़ा न हो पाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62804.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed72bb1f2cf7bfba2ae1387f49cb5e4e09283951 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62804.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [अजय जायसवाल]। चुनाव में किसान जहां एक बड़ा मुद्दा होता है वहीं चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों में भी सर्वाधिक का कारोबार कृषि ही होता है। पांच वर्ष पहले 17वीं विधानसभा के हुए चुनाव में निर्वाचित 403 जनप्रतिनिधियों में 40 प्रतिशत से अधिक का कृषि ही मुख्य व्यवसाय रहा है। व्यापार और उद्योग से जुड़े व्यक्तियों की विधानसभा में पहुंचने की संख्या तो बढ़ी लेकिन वह 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं पहुंच सकी है। वकालत के पेशे से जुड़े भी जनता की सेवा के लिए आगे आ रहे हैं लेकिन उनमें से विधानसभा की दहलीज लांघने वाले अभी पांच प्रतिशत से ज्यादा नहीं है। अफसर, इंजीनियर, डाक्टर आदि का भी राजनीति में आकर्षण बढ़ रहा है लेकिन विधानसभा की जो तस्वीर सामने हैं उनमें इनकी संख्या अभी नाम मात्र की ही है। + +तस्वीर बदलने की उम्मीद : जिस तरह से अब ज्यादातर प्रमुख राजनीतिक दलों का पढ़े-लिखे नौजवानों को टिकट देने का रुख दिख रहा है उससे अनुमान है कि 18वीं विधानसभा की तस्वीर पहले से बदली-बदली दिखाई देगी। सत्ताधारी भाजपा ने वीआरएस लेने वाले आइपीएस अफसर से लेकर वरिष्ठ डाक्टरों तक को अब तक टिकट दिए हैं। दूसरे दलों की सूची में भी ऐसे नाम दिखाई दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0add17801378cdbbf397ed2d7f8c03096a8cee10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनका कहना है।जेल में मुलाकात बंद है। बंदी फोन से अपने स्वजन से बात करते हैं। कोविड गाइडलाइन के तहत कुछ गतिविधियां भी करवाई जा रही हैं, जिससे वातावरण स्वस्थ रहे। बंदी पूजा-पाठ भी कर रहे हैं। बैरकों में भजन चलाए जाते हैं। सभी बैरकों पर विशेष निगरानी भी रखी जा रही है, ताकि किसी बंदी को कोई दिक्कत न आए। ।विपिन कुमार मिश्रा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2366eedcc8166a6ff09b81e2bd882475828d329 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62807.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) को प्रोन्नति में आरक्षण पर शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण के लिए क्वांटीफेबल (परिमाण या मात्रा के) आंकड़े जुटाने में कैडर को एक यूनिट माना जाना चाहिए न कि संपूर्ण सेवा को। कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़े जुटाना जरूरी है, साथ ही इसकी समय-समय पर समीक्षा भी होनी चाहिए। प्रोन्नति में आरक्षण के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के बारे में कोर्ट कोई मानक तय नहीं कर सकता। + +ऐसे होना चाहिए आंकड़ों का कलेक्‍शन ।फैसले में कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण के मात्रात्मक आंकड़े (क्वांटीफेबल डाटा) एकत्र करने के लिए कैडर एक इकाई के तौर पर होना चाहिए। संग्रह पूरे वर्ग, वर्ग समूह के संबंध में नहीं हो सकता, लेकिन यह उस पद के ग्रेड, श्रेणी से संबंधित होना चाहिए जिस पर प्रोन्नति मांगी गई है। + +कैडर की अहमियत भी बताई ।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैडर मात्रात्मक आंकड़े (क्वांटीफेबल डाटा) एकत्र करने की इकाई होना चाहिए। यदि डाटा का संग्रह पूरी सेवा के लिए किया जाएगा तो यह अर्थहीन होगा। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीके पवित्रा (द्वितीय) के फैसले में समूहों के आधार पर आंकड़ों के संग्रह को मंजूरी देना न कि कैडर के आधार पर, कोर्ट के एम. नागराज और जनरैल सिंह के फैसले में दी गई व्यवस्था के खिलाफ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce42693effe583cc56e8bf6bfcd92bbdbe930d1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62809.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है। दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात हैं। इस युद्ध में अमेरिका के साथ नाटो के सदस्‍य देश भी लामबंद हो रहे हैं। इतना ही नहीं नाटो के सदस्‍य देश यूक्रेन में सैन्‍य आपूर्ति तेजी से कर रहे हैं। उधर, सरहद में रूसी सेना का जामवड़ा बढ़ रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि रूस और यूक्रेन के बीच जंग का ऐलान होता है तो भारत का इस पर क्‍या असर पड़ेगा। इस युद्ध में भारत की क्‍या भूमिका होगी। इस युद्ध में क्‍या भारत तटस्‍थ रहेगा। इस युद्ध का भारत पर क्‍या दूरगामी असर पड़ेगा। आइए जानते हैं इन तमाम मसलों पर प्रोफेसर हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख) की क्‍या राय है। ।रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का असर भारत पर किस तरह होगा?।1- अगर रूस और यूक्रेन के बीच जंग की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई तो जाहिर तौर पर इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। भारत इसका अपवाद नहीं होगा। यह जंग सामान्‍य नहीं होगी। इस जंग में पूरी दुनिया दो हिस्‍सों में बंट सकती है। ऐसे में इसका प्रभाव भारत पर पड़ेगा। दरअसल, इस युद्ध में रूस और चीन की निकटता बढ़ेगी। चीन और रूस की निकटता भारत के लिए शुभ नहीं होगी। भारत के साथ चीन सीमा विवाद में रूस और बीजिंग की निकटता कतई ठीक नहीं है। + +2- जंग के समय यह देखना दिलचस्‍प होगा कि भारत का क्‍या स्‍टैंड होता है। क्‍या भारत अपने गुटनिरपेक्ष की नीति की वैदेशिक नीति पर वापस लौट आएगा। खासकर तब जब शीत युद्ध के बाद गुटनिरपेक्ष की नीति बहुत प्रासंगिक नहीं रह गई है। ऐसे में क्‍या इस जंग के समय भारत तटस्‍थ रहेगा। हालांकि, उन्‍होंने कहा कि हमें नहीं लगता है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ जंग करेगा। + +3- प्रो. पंत ने कहा कि पुतिन के लिए हमला करना इतना सरल नहीं है। रूस की अर्थव्यवस्था यूरोप में गैस सप्लाई पर बहुत हद तक निर्भर है। अगर रूस हमला करता है तो चीन के साथ रूस की निकटता बढ़ेगी और यह भारत के लिए कतई ठीक नहीं होगा। रूस सैन्य आपूर्ति तो नहीं रोकेगा, लेकिन इंडो-पैसिफ‍िक में अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी प्रभावित होगी। + + रूस-यूक्रेन के बीच जंग का असर भारत-पा‍क रिश्‍ते पर क्‍या असर होगा ?।इसका असर भारत और पाकिस्‍तान के संबंधों पर भी पड़ेगा। भारत और अमेरिका के निकट आने के बाद पाकिस्‍तान भी रूस के साथ द्विपक्षीय रिश्‍ते की कोशिश कर रहा है। अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी खत्‍म होने के बाद से पाकिस्‍तान रूस के साथ द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ाने में लगा है। यदि यूक्रेन संकट के चलते भारत व रूस के रिश्‍ते प्रभावित होते हैं तो पाक मास्‍को के साथ अपने रिश्‍तों को मजबूत करने का मौका खोजेगा। हाल में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन कर रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को इस्‍लामाबाद आने का न्‍योता दिया है। पुतिन अगर पाकिस्‍तान की यात्रा पर जाते हैं तो यह उनका पहला दौरा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62812.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d0fb40d7fb3eba87e5560269d3c6328d754fe08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62812.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोनों ही 65 पार हैं। हुड्डा 74 बरस के हैं तो मनोहर लाल 67 साल के। दोनों एक-दूसरे का इतना सम्मान करते हैं कि राजनीति में मर्यादा को कभी नहीं भूलते। हुड्डा जब भी सरकार पर कोई सवाल उठाते हैं तो वह मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत नाम लेकर कोई प्रहार नहीं करते। हुड्डा सिर्फ इतना कहते हैं कि सरकार ऐसी है, सरकार वैसी है। इसी तरह, मनोहर लाल हुड्डा का नाम लिए बगैर कहते हैं कि मेरे विपक्ष के मित्रों ने यह कर दिया और वह कर दिया। मनोहर लाल को यह कहते हुए कभी नहीं सुना गया होगा कि हुड्डा के पास कोई मुद्दा नहीं है। वह कहते हैं कि विपक्षी मित्रों के पास कोई मुद्दा नहीं है। दोनों की इस जबरदस्त अंडरस्टैंडिंग पर बाकी विपक्ष इसी उधेडबुन में लगा रहता है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है। + +आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा।हरियाणा की भाजपा सरकार में साझीदार उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के समर्थक उन्हें कहते हैं कि भैया, आपमें ताऊ देवीलाल वाले सारे गुण हैं। ऐसा देखने को भी मिलता है। ताऊ देवीलाल के परिवार से पुराना याराना होने की दुहाई देता हुए कोई बुजुर्ग उनके सामने कागज बढ़ा देता है। फिर एक सांस में तीन-चार काम गिनवा देता है। पोते की नौकरी लगनी है, गांव की फिरनी ठीक होनी है, बुजुर्ग हो चुके छोटे भाई की पेंशन भी बनवानी है और साथ ही पड़ोसी को थाने भी भिजवाना है। दुष्यंत, बुजुर्ग की तरफ देखते हैं, थोड़ा सकुचाते हैं और फिर मुस्कुराते हैं। उन्हें कहते हैं, दादा, जब चलेंगे तो आप मेरी गाड़ी में बैठना। फिर मिलकर बात भी करेंगे और तुम्हारे काम भी निकालेंगे। इतनी बात पर बुजुर्ग गदगद। काम तो होता रहेगा, लेकिन भैया की गाड़ी में बैठना कब-कब नसीब होता है। ताऊ भी ऐसा ही किया करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f59db23aaf8d10d32e01eb6fe54c57182fe7663a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62814.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाथरस व अलीगढ़ जिले की सीमा से सटे मांट विधानसभा क्षेत्र में इस बार सियासत कई रंग दिखा रही है। अब तक सियासी चक्रव्यूह के आठ द्वार भेद विधानसभा पहुंचे श्याम सुंदर शर्मा हाथी पर सवार हो नौवें द्वार पर हैं। सियासी चौसर पर हर दल और प्रत्याशी सधे हुए हाथों से पासे फेंक रहे हैं। नजर जातीय गोलबंदी पर भी है। जाट बाहुल्य इस क्षेत्र में सेंधमारी की भरसक कोशिश की जा रही है। मांट सीट का हाल बताती विनीत मिश्र की रिपोर्ट-।थुरा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर कस्बा मांट। दोपहर के 12 बजे है। गुनगुनी धूप के बीच मौसम सर्द है, लेकिन सियासी चर्चा ने माहौल गर्मा रखा है। सियाराम की चाय की दुकान पर 60 बरस के दीनानाथ ने सियासत की बातें छेड़ दीं, बोले, श्याम सुंदर शर्मा आठ बार से विधायक रहे हैं, हमने कई बार कामकाज देखा है। एक मौका और देंगे, शायद इलाके की सूरत बदल जाय। विनोद बीच में ही बात काटते हुए बोले,न.न. इस बार इतना आसान नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9307facc419dfff888a0bc6a7cdf75294ae4f14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यमुनोत्री सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बिजल्वाण ने यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली पहुंचकर पूजा-अर्चना की और डोर-टू-डोर प्रचार किया। पुरोला विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी दुर्गेश्वर लाल ने टिकोची, देवरा व कोट और कांग्रेस प्रत्याशी मालचंद ने मसरी व भीतरी में बारिश व बर्फबारी के बीच प्रचार किया। हालांकि, मोरी क्षेत्र के लिवाड़ी, फिताड़ी, सेवा, बरी, तालुका, ओसला, गंगाड़, पंवाणी व ढाटमीर गांव में अभी तक कोई भी प्रत्याशी नहीं पहुंच पाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbddae90f1bab921fbfca8c4d93d2bc51bec4396 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रैक्टर वाली कुड़ी। अपने गांव में ट्रैक्टर वाली कुड़ी के नाम से मशहूर हैं अमनदीप कौर। पंजाब के जिला संगरूर के गांव कनौई की यह युवा किसान बचपन से ही अपने दादा हरदेव सिंह, पिता हरमिलाप सिंह व भाई गगनदीप सिंह को सुबह ही तैयार होकर खेतों में काम करने जाते देखा करती थीं। जब स्कूल से छुट्टी होती तो वह पिता के साथ खेतों में चली जातीं। 22 वर्षीया अमनदीप कौर के पिता ने उन्हें भी ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरण चलाना सिखाया। वह पिछले छह वर्ष से ट्रैक्टर, रोटावेटर, सुहागा, रीपर के साथ अन्य कृषि मशीनें चला लेती हैं। इतना ही नहीं, अमनदीप कौर डेयरी व्यवसाय के बारे में भी माहिर है। घर में पले दुधारू पशुओं का काम भी स्वयं करती हैं। इसके अलावा, सब्जियों की जैविक खेती भी करती हैं। अमनदीप कहती हैं कि फसलों की मार्केटिंग के लिए दादा जी व पिता जी के साथ अनाज मंडी व सब्जी मंडी भी जाती हूं। मुझे गेंहू व धान के साथ जैविक सब्जियों की बुवाई, कटाई से लेकर पानी कब देना है, दवा व खाद कब व कितनी डालनी है, के बारे में पूरी जानकारी है। खेती के साथ ही अमनदीप की शिक्षा भी जारी है। वह खालसा कालेज, पटियाला से बी-वोकेशनल फूड प्रोसेसिंग एंड इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर की पढ़ाई भी कर रही हैं। अमनदीप कहती हैं, एमएससी करने के बाद बड़े स्तर पर आर्गेनिक फार्मिंग कारोबार स्थापित करूंगी। मैैं अन्य युवतियों से भी अपील करूंगी कि वे पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62821.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d45b0a4a1d884d9b23015a122aad68192f6d9ab6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62821.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विजय यादव। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक किस्म के अंधविश्वास और विकास की टक्कर भी है। नोएडा के संदर्भ में यह मिथक प्रचलित रहा है कि यहां राज्य का जो भी मुख्यमंत्री आता है, वह दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ पाता है। यही कारण है कि बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती से लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव तक नोएडा आने से कतराते रहे हैं। जबकि अखिलेश यादव आस्ट्रेलिया में पढ़े हैं, आधुनिक विचारों के हैं, फिर भी उनका नोएडा न आना यह दर्शाता है कि वह भी मिथक पर ज्यादा भरोसा करते हैं, खुद पर कम। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7b29d51c1354e00a3dda13a2c5ea0c1da0e07fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62822.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कह रहे हैं कि आरपीएन के भाजपा में जाने का कोई असर नहीं पड़ने वाला। उन्हें कांग्रेस ने पूरा मान-सम्मान दिया, लेकिन उन्होंने गलत निर्णय लिया। पार्टी पूरी तरह एकजुट है। आरपीएन के मुखर विरोधी पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री फुरकान अली और उनके विधायक बेटे डा. इरफान अंसारी तो आरपीएन को भाजपा का घुसपैठिया तक करार दिया। ।हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार पूरी मजबूती से चल रही है, लेकिन यह सच भी किसी से छिपा नहीं है कि कांग्रेसी विधायक लगातार दिल्ली दौड़ लगाकर केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष खुद और पार्टी की उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं। डा. इरफान अंसारी तो पूर्व में गठबंधन टूटने और सरकार अस्थिर होने तक की खुलेआम चेतावनी देते रहे हैं। तमाम प्रतिक्रियाओं के बीच कई विधायक पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे विधायकों पर पार्टी की निगाह है। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव और उनके परिणामों के बाद एक बार फिर झारखंड की राजनीति में हलचल हो सकती है। चुनावी राज्यों में कांग्रेस की स्थिति क्या रहती है इस पर विधायकों की नजर रहने वाली है, खासकर उत्तर प्रदेश में। पार्टी के एक धड़े का मानना है कि अगर वहां भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो आरपीएन सिंह और मजबूत होंगे। इसके बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व झारखंड पर नजरें जमा सकता है। + +सत्ता में होने के बावजूद कई कांग्रेसी विधायक बहुत खुश नहीं हैं। कैबिनेट की खाली एक सीट पर भी कांग्रेसी विधायकों की नजर है। यह मांग भी उठती रही है कि कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा कर अब तक फेल साबित हुए लोगों को बाहर कर नए विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका दिया जाए। पूर्व में एक-दो मंत्रियों पर कैबिनेट से बाहर होने की चर्चाएं होती रही हैं। ऐसे में झारखंड में कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के सामने काफी चुनौतीपूर्ण हालात रहने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ded015dde78d28601b764dad0ee0d145603016c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. सुनीता कहती हैैं कि सबसे पहले तो अपने मन में यह भाव लाने की कोशिश करें कि आप न केवल अंदर से अच्छी हैैं, बल्कि बाहर से भी। स्वयं को दूसरों से कमतर मानने की गलती कदापि न करें। जब आप स्वयं को दूसरों से कमतर समझने लगती हैैं तो दरअसल आप स्वयं को अंदर से कमजोर बनाने की दिशा में पहला कदम उठा रही होती हैैं। इसलिए स्वयं को किसी से कमतर न समझें। चाहे वह आपके कार्यस्थल से जुड़ा मामला हो या व्यक्तिगत जिंदगी से। अपने को दूसरों से कमतर समझना बंद कीजिए। यह जरूरी नहीं कि जो खूबी दूसरे के पास हो, वही खूबी आपमें भी हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है कि आपमें कोई खूबी ही न हो। किसी में कोई खूबी होती है तो किसी में कोई खूबी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51b7166f00c0a924931fa49140f39196c4a13ed7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मशहूर टीवी चैनल कलर्स ने भी सिद्धार्थ शुक्ला की मौत पर शोक व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि की है। सिद्धार्थ शुक्ला कलर्स टीवी के कई शोज का हिस्सा रहे थे। उन्होंने चैनल को कई हिट शोज दिए थे। सिद्धार्थ शुक्ला की अचानक मौत पर कलर्स टीवी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर उनकी एक तस्वीर साझा की है। इस तस्वीर के साथ चैनल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..554cc3e535f8e24d08f257551320d84ac952ae2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62830.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। ‘म’ शब्द ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। मालवा के चार ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जो ‘म’ शब्द से शुरू होते हैं और यहां कांग्रेस प्रत्याशियों का कांग्रेसी ही विरोध कर रहे हैं। बठिंडा जिले के विधानसभा हलका मौड़ से कांग्रेस ने डा.मनोज बाला बंसल को टिकट दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले वर्तमान विधायक जगदेव सिंह कमालू समेत दस दावेदार डा.मनोज बाला के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। उनका कहना है कि एक-दो दिन में उनमें से किसी एक को आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़ा करेंगे। + +विरोध में विधायक ने छोड़ी कांग्रेस : हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाली अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद सच्चर को कांग्रेस ने मोगा से टिकट दिया है। इससे नाराज होकर वहां के विधायक हरजोत कमल अपने समर्थकों समेत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि भाजपा उन्हें मोगा से टिकट देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04a66fe29753cec08a3e65c583101d843bc03080 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रवण बताते हैं, ‘मैं सिद्धार्थ को गाजियाबाद महानगर क्रिकेट अकादमी में ले जाता था। सिद्धार्थ का चयन अंडर-16 शिविर के लिए दो बार हुआ। सिद्धार्थ ने वीनू मांकड़ ट्राफी के बाद चैलेंजर्स ट्राफी में शानदार प्रदर्शन किया और रिकार्ड 19 छक्के लगाते हुए 120 के स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाए। इसी प्रदर्शन के आधार पर अंडर-19 चैंपियंस ट्राफी और अंडर-19 आइसीसी विश्वकप 2022 के लिए इंडिया टीम में उनका चयन हुआ।’।सुमति के किक का दम। गुमला (झारखंड) की गलियों से पहुंचीं भारतीय फुटबाल टीम में एक गरीब परिवार की सुमति कुमारी ने चंद दिनों पूर्व ही सबका ध्यान खींचा, जब महिलाओं की सीनियर भारतीय फुटबाल टीम में उनका चयन हुआ। टीम को महाराष्ट्र में आयोजित एशिया कप टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है। भारतीय फुटबाल टीम में शामिल होने वाली सुमति राज्य की पहली खिलाड़ी हैं। पिता छोटे किसान हैं। किसी तरह परिवार का गुजर-बसर चला पाते हैं। बताती हैं सुमति, ‘बचपन से ही फुटबाल से प्यार था। गलियों में फादर विंसेट ने खेलते देखा और उनका आवासीय फुटबाल सेंटर में दाखिला करा दिया। 2010 में सेंटर से जुड़ने के बाद खेल में निखार आता गया।’ वैसे, फुटबाल के प्रति इनका समर्पण तब नजर आया, जब वह नेशनल कैंप में थीं। जानकारी मिली कि मां सनियारो देवी का निधन हो गया है। खूब रोईं, लेकिन कैंप से लौटी नहीं। मां की कही बातें कान में गूंजती थीं कि बेटी तुम्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना है। परिवार का नाम रोशन करना है। मेंटर व कोच फादर विंसेट के अनुसार, तब सुमति ने कहा था कि मां का सपना पूरा करना है। उनकी कामयाबी ही मां को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bacca1cb23414089e215b5b0b7fcabcc20c5e63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति को किसी भी स्वरूप में दिल्ली से अलग रखकर नहीं देखा जा सकता। यह आपस में इंटरलिंक्ड है। यह बात अलग है कि दिल्ली के हाट स्पाट पर प्रदूषण के कारण अलग हैं, जबकि एनसीआर के हाट स्पाट पर अलग। 50 से 65 प्रतिशत प्रदूषण की वजह स्थानीय कारक हैं और 30 से 35 प्रतिशत की वजह बाहरी कारक। अगर ऐसा न हो तो मौजूदा समय में जब पराली नहीं जल रही है और न कहीं धूल भरी आंधी चल रही है। वायुमंडल में नमी के कारण सब धूल, धुंध कण बैठे हुए हैं। फिर भी दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। ।यह बिल्कुल सही है कि दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण की निगरानी से लेकर इसकी रोकथाम तक के उपायों में खासा अंतर देखने को मिलता है। दिल्ली में जहां 600 वर्ग किमी के दायरे में 40 एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन हैं, जबकि एनसीआर क्षेत्र में यह काफी कम है। इसी तरह दिल्ली में प्रदूषण के स्नेत पता लगाने के लिए कई अध्ययन हुए हैं, लेकिन एनसीआर में ऐसा कोई अध्ययन देखने को नहीं मिलता। ।इस तथ्य को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि पिछले कुछ सालों में दिल्ली का प्रदूषण पहले की तुलना में कम हुआ है, जबकि एनसीआर का बढ़ा है। इसकी सीधी सी वजह यह है कि सरकारी स्तर पर अभी दिल्ली-एनसीआर को एक मानकर नहीं देखा जा रहा। दोनों के लिए कोई संयुक्त कार्ययोजना भी आज तक नहीं बन पाई है। दिल्ली की तरह एनसीआर में भी दीर्घकालिक उपायों को गति देनी चाहिए। निगरानी बढ़ानी चाहिए। जन जागरूकता के साथ-साथ सख्त रवैया भी अपनाना चाहिए। ।कार्रवाई नहीं होती, तो पैट्रोलिंग का क्या फायदा ।गंभीरता से विचार किया जाए तो रीजनल ट्रांसपोर्ट भी राजधानी के प्रदूषण में एक अहम रोल अदा करता है। मसलन, दिल्ली में सार्वजनिक वाहन सिर्फ सीएनजी से ही चल सकते हैं, लेकिन दूसरे राज्यों के डीजल वाहन भी यहां धड़ल्ले से दौड़ते रहते हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के पालन में सख्ती का अभाव भी हमेशा से खटकता रहा है। सख्ती नहीं होने के कारण ही विभिन्न राज्यों में सामंजस्य नहीं रहता। नतीजा, हर साल वही हालात बनते रहते हैं। ।विडंबना यह है कि सीपीसीबी की पैट्रोलिंग टीमें विभिन्न इलाकों का दौरा कर जो रिपोर्ट तैयार करती हैं और कार्रवाई के लिए प्रदूषण बोर्ड को भेज दी जाती है। उन पर आगे कुछ काम ही नहीं होता। मसलन, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस रिपोर्ट को नगर निगमों के पास अग्रसारित कर देता है, जबकि नगर निगम की ओर से न उस पर कार्रवाई होती है, न ही वापस जवाब भेजा जाता है। ।मौसम पर नहीं किसी का जोर ।विचारणीय पहलू यह भी है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्नेत एक नहीं, बल्कि अनेक हैं। अब देखिए, दिल्ली का अपना ही प्रदूषण बहुत है। दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए यथासंभव प्रयास कर भी रही है, लेकिन पड़ोसी राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण का क्या किया जाए! इससे भी व्यापक स्तर की समस्या है मौसम का मिजाज। यहां का प्रदूषण बढ़ने-घटने में मौसम का बहुत बड़ा रोल रहता है। ।हवा तेज चलती है और बारिश हो जाती है तो पीक सीजन में भी प्रदूषण थम जाता है। जैसे अबकी बार अक्टूबर माह पिछले सात सालों का सबसे साफ हवा वाला रहा है। लेकिन हवा की दिशा यदि उत्तर पश्चिमी हो जाए और उसकी गति भी मंद पड़ जाए तो फिर प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगता है। चिंता की बात यह कि मौसम पर किसी का जोर नहीं चल सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c77b44808335a746dfb733f2ca37c00369ac7803 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एडीएएस की चुनौतियां।अडैप्टिव क्रूज कंट्रोल: यह एक ऐसी इंटेलीजेंट प्रणाली है, जो चालकों को गाड़ी चलाते समय वाहनों के बीच की दूरी को बनाए रखने में मदद करती है। अगर आप चाहें, तो गाड़ी में पहले से कोई गति सीमा सेट कर सकते हैं, लेकिन यह सिस्टम आगे चल रही गाड़ी को पहचान कर गति को स्वचालित तरीके से कम और ज्यादा कर देती है। साथ ही, आगे वाली गाड़ी से निश्चित दूरी भी बनाए रखती है। अगर आगे चल रही गाड़ी की गति बढ़ती है, तो यह सिस्टम आटोमैटिकली कार की गति को बढ़ा देगी। इसका सिस्टम ट्रैफिक साइन बोर्ड को भी पहचान सकता है। सिस्टम साइन बोर्ड और स्पीड लिमिट को पढ़कर उसी हिसाब से गति को नियंत्रित कर सकता है। एसीसी सिस्टम लेजर सेंसर पर आधारित होते हैं। इसमें रडार सेंसर, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसर आदि शामिल होते हैं। सिस्टम को इंजन के साथ एकीकृत किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11886d378c0dcdfd237480ab7104fba30a16689a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62837.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्या घोषित किया, दिल्ली के कांग्रेसी और भाजपाई भी सकते में आ गए हैं। आम आदमी पार्टी जहां आत्मविश्वास से लबरेज है वहीं कांग्रेस और भाजपा यही सोच सोचकर परेशान हैं कि क्या आप वाकई इस नाम के सहारे पंजाब की सत्ता पर काबिज हो पाएगी? बहुत से कांग्रेसी और भाजपाई यह सोचकर निश्चिंत भी हैं कि शायद अब उनके लिए ज्यादा सीटें हासिल करना आसान हो जाएगा। लेकिन समझदार कांग्रेसी-भाजपाई इस सच को भी नजरअंदाज नहीं पा रहे कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। अगर भगवंत मान की कामेडियन छवि को संज्ञान में रखते हुए उन्हें सीएम प्रत्याशी घोषित किया है तो इसके पीछे पुख्ता रणनीति भी रही होगी। ऐसे में कांग्रेसी और भाजपाई अब पंजाब में नशे की लत और दिल्ली की आबकारी नीति में ही कनेक्शन जोड़ने में लगे हैं। + + गांधी परिवार संग महिला कांग्रेस की कदमताल। दिल्ली महिला कांग्रेस आजकल गांधी परिवार के साथ खूब कदमताल कर रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने 40 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाने की शुरुआत की तो दिल्ली कार्यालय में भी ढोल वाला बुलाकर इसका जश्न मनाया गया। ढोल की थाप पर प्रदेश महिला अध्यक्ष अमृता धवन सहित अन्य पदाधिकारियों ने नाचते हुए प्रियंका के स्लोगन ''लड़की हूं, लड़ सकती हूं'' भी गाया। राहुल गांधी ने नववर्ष पर कार्यकर्ताओं के लिए एक कैंलेंडर बनवाया तो अमृता ने अपनी टीम के साथ इसका भी लोकार्पण किया। इसमें कोई दो राय नहीं कि गांधी परिवार के साथ बेहतर तालमेल रखकर ही पार्टी में मजबूती हासिल की जा सकती है। उम्मीद है कि इससे आने वाले चुनावों में महिला प्रत्याशियों को भी तरजीह मिल पाएगी। उम्मीद जायज भी है, जिस वर्ग को आधी आबादी का दर्जा दिया जाता है, उसे सियासत में भी तव्वजो मिलनी ही चाहिए। + +''दिल'' में उतरी युकां । दिल्ली देश का दिल है और भारतीय युवा कांग्रेस (आइवाइसी) इन दिनों ''दिल'' में उतरकर ही काम कर रही है। बीते सप्ताह आइवाइसी अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखकर कोरोना कुप्रबंधन के बहाने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना जांच कम कर दी है। ऐसा करके कोविड -19 से संक्रमित लोगों की सही संख्या को दबाया जा रहा है। तो इस सप्ताह हाड़ कंपकंपा देने वाली सर्दी के बीच दिल्ली के फुटपाथों पर सोने वाले लाचारों को कंबल बांटकर गर्मी का एहसास कराया। आधी रात के वक्त श्रीनिवास एवं उनकी टीम के अन्य सदस्य राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में बने फुटपाथों, फ्लाइओवर और बस अडडे-रेलवे स्टेशन के पास गए तथा वहां यह कंबल बांटे। इन कार्यों के बहाने श्रीनिवास ने आलाकमान को स्वयं के दिल्ली की सियासत में सक्रिय होने का संदेश भी पहुंचा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..603a58abc4b21a017feb3bf22beffa17fde928c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्तमान में बसों की क्या है स्थिति वर्तमान में दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के रूप में 6894 बसें चल रही हैं। इनमें अभी डीटीसी की 3761 बसें हैं।इसमें एक इलेक्टि्रक बस भी शामिल है।जबकि क्लस्टर सेवा के तहत इस समय 3133 बसें चल रही हैं।दिल्ली में कोरोना के पहले तक बसों में प्रतिदिन 42 लाख लोग सफर करते रहे हैं। जबकि मेट्रो में 24 लाख लोग यात्रा करते थे।परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि दिल्ली का बस बेड़ा अभी तक का सबसे बड़ा बेड़ा है।नई बसें लाए जाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। 2830 बसें हर हाल में 2023 के मध्य तक दिल्ली में आ जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..caff9a62aed16bce35b10ee8aee315172e1cc200 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62841.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हर बार की तरह अबकी भी दबंग नेताओं की कमी नहीं है। अपने क्षेत्र में दबदबा रखने वाले ये नेता चुनावों को भी प्रभावित करते रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का। राजा भैया अवध के भदरी रियासत से संबंध रखते हैं। उनके पिता उदय प्रताप सिंह भदरी के महाराज हैं। राजनीति में आने वाले राजा भैया अपने परिवार के पहले सदस्य हैं। उन्होंने 25 वर्ष की आयु में ही अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। ।लोकतंत्र में राजशाही स्‍टाइल का प्रत‍िन‍िध‍ित्‍व करने वाले राजा भैया भले ही आज उत्तर प्रदेश की राजनीत‍ि का एक प्रमुख चेहरा बन गए हों, लेक‍िन उनका राजनीत‍िक सफर इतना आसान नहीं रहा है। उनके प‍िता नहीं चाहते थे क‍ि वह राजनीत‍ि में आएं, लेक‍िन तकदीर को कुछ और ही मंजूर था। जब राजा भैया ने अपने पि‍ता से चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी तो उनके प‍िता ने गुरुजी से अनुमत‍ि लेने को कहा। फिर वहीं से शुरू हुआ राजा भैया का अजेय राजनीत‍िक सफर। आज वह उत्तर प्रदेश की राजनीत‍ि का प्रमुख चेहरा बन गए हैं। + +अब बना ली अपनी पार्टी : रघुराज प्रताप सिंह का जन्म 31 अक्टूबर, 1969 को प्रतापगढ़ की भदरी रियासत में हुआ था। उनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह और माता का नाम मंजुल राजे हैं। उनकी मां भी एक राजसी परिवार से आती हैं। राजा भैया को तूफान सिंह के नाम से भी जाना जाता है। 1993 के विधानसभा चुनाव से राजा भैया ने राजनीति में कदम रखा था और तभी से वह लगातार विधायक हैं। अब उन्होंने अपनी पार्टी बना ली है। राजा भैया ने 30 नवंबर 2018 को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक नाम की सियासी पार्टी का गठन क‍िया। उनकी पार्टी को चुनाव आयोग ने 'आरी' चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। + +प‍िता चाहते थे अनपढ़ रहे उनका बेटा : राजा भैया ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनके पिता उनकी एजुकेशन के खिलाफ थे। बकौल राजा भैया उनके पिता को लगता था कि वह पढ़ लिख लेंगे तो बुजदिल बन जाएंगे। तब उनकी मां ने पिता की मर्जी के खिलाफ चोरी से उनका दाखिला इलाहाबाद में करवा दिया। उन्‍होंने इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय से अपनी प्रारंभ‍ि‍क श‍िक्षा ली। इसके बाद उन्‍होंने कर्नल गंज इंटर कालेज इलाहाबाद में दाख‍िला ल‍िया। वहां से स्कूलिंग के बाद राजा भैया लखनऊ चले गए। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। बीए करने के बाद उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ही वकालत की भी पढ़ाई की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..394844d34738a2a67668c88cfd7a4ee38dececbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62843.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यही आजकल चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक पार्टियों की ओर से लोगों को 200 से 400 यूनिट तक बिजली बांटने, महिलाओं को एक हजार रुपये से लेकर ढाई हजार रुपये महीना देने के एलान से हो रहा है। पहले से ही 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली सब्सिडी किसानों, अनुसूचित जातियों और उद्योगों को दी जा रही है और यह भी रिकार्ड रहा है कि यह सब्सिडी कभी भी पावरकाम को पूरी नहीं दी गई। इसके बावजूद इस तरह के एलान राज्य की आर्थिक स्थिति, उसके आमदनी के स्रोत आदि का अध्ययन किए बिना ही किए जा रहे हैं। यह जानते हुए भी कि ये वादे पूरे होने योग्य नहीं हैं लोग ऐसा फरेब करने वाली पार्टियों के बहकावे में आकर उन्हें वोट दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65656b7664c61182ec975ab894a70f6b603df0f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूएन चीफ ने कहा कि ऐसे समय पर पूरे विश्‍व समुदाय की जरूरत है और इस काउंसिल ने अफगानिस्‍तान की बेहतरी के लिए, उसके विकास के लिए, विकास की राह पर अफगानिस्‍तान को आगे बढ़ाने के लिए और अफगानिस्‍तान को दोबारा बर्बादी की राह पर जाने से रोकने के लिए हाथ बढ़ाया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखते हुए गुतरेस ने उन बातों को भी जोरदार तरीके से उठाया जिसकी बदौलत अफगानिस्‍तान का हाल ऐसा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि वो अफगानियों की हिफाजत करेगा, अफगानिस्‍तान में मानवाधिकार उल्‍लंघनों को होने से रोकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f536dac62eb608a40492740071ee75a831914e31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्‍मार्ट सिटी मिशन के तहत हो रहे कार्य।कोरोना पाजिटिव नगर आयुक्त व अलीगढ़ स्मार्ट सिटी के सीइओ गौरांग राठी स्वस्थ्य होने के बाद स्मार्ट सिटी के तहत किए जा रहे निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इन दिनों अचल ताल के सुंदरीकरण, तस्वीर महल चौराहा स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह पार्क के जीर्णोद्धार और बहुप्रतिक्षित लालडिग्गी स्थित अलीगढ़ हैबिटेट सेंटर की भव्य बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है। नगर आयुक्त के निर्देश पर एक टीम अचल ताल में कराए जा रहे निर्माण कार्य को देख रही है। नगर आयुक्त यहां पहले ही निरीक्षण कर चुके हैं। तब अचल ताल परिक्रमा मार्ग, पार्किंग, नौका विहार टिकट काउंटर, वीआइपी वेटिंग रूम के साथ-साथ मेनगेट पर चलाए जा रहे निर्माण कार्यों को भी देखा था। उन्होंने राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित सभी अधिकारियों को तेजी से निर्माण कार्य पूरे करने के कड़े निर्देश दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b67a4493f3d42c8a30b79b111000490d0a264f3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62854.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चन्नी की पारी जारी रहेगी, अभी तो टी ब्रेक हुआ है: सोनू सूद ने दैनिक जागरण से बातचीत में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सिद्धू कमाल के नेता हैं। उनकी ऊजा से अन्य नेताओं को भी ऊर्जा मिलती है। वहीं, सीएम चन्नी ने जिस तरह हाल के कुछ महीनों में काम किए हैं, उससे लगता है कि अभी तो टी ब्रेक हुआ है। उनकी पारी जारी रहेगी। वह अच्छे इंसान हैं। उनका सोच भी अच्छा है। समाज के छोटे से छोटे व्यक्ति के बारे में सोच रहे हैं। उनकी समस्याएं हल कर रहे हैं। उनके काम को देखते हुए उन्हें दोबारा मौका मिलना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a3f04e7c2bb0ae65ecc15a438a3cfde0d889219 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62855.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोकेश सोलंकी, इंदौर! फसल, मनुष्यों और पशुओं के लिए दशकों से चिंता का सबब रही गाजर घास से भविष्य में प्लास्टिक के कचरे की चिंता से मुक्ति मिल सकती है। गाजर घास से बायो प्लास्टिक बनाने में सफलता मिली है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर के संरक्षण में निजी कालेज के प्रोफेसर व सहयोगी ने यह उपलब्धि हासिल की है। बायो यह न केवल पालिथिन का विकल्प बन सकता है बल्कि डेढ़ से दो महीने में प्राकृतिक रूप से नष्ट भी हो जाता है। तकनीक सिद्धांत से आगे बढ़कर अब उपयोग के लिए तैयार करने के स्तर पर है। भारत सरकार के विज्ञान और तकनीक विभाग (डीएसटी) ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए 20 लाख रुपये से अधिक का अनुदान भी दिया है। शोधार्थी अब तकनीक को इतना परिष्कृत करने के प्रयास में हैं कि दो वर्ष में यह उपयोग के लिए बाजार में आ सके। + +महाराजा रणजीतसिंह कालेज आफ प्रोफेशनल साइंसेस के बायोसाइंस विभाग के प्रोफेसर डा.मुकेश कुमार पाटीदार ने गाजर घास (वानस्पतिक नाम पार्थोनियम हिस्टेरोफोरस) से जुलाई, 2020 में बायो-प्लास्टिक बनाने पर काम शुरू किया था। उनकी सफलता की कहानी अमेरिकी जर्नल इंवायर्नमेंटल केमिकल इंजीनियरिंग में प्रकाशित हो चुकी है। अब डा.पाटीदार ने अपने निर्देशन में शोध कर रहे शाश्वत निगम के साथ बायो-प्लास्टिक को साकार रूप देने पर काम शुरू कर दिया है। दोनों ने गाजर घास से बायो प्लास्टिक की पतली फिल्म भी तैयार कर ली। इसे टिकाऊपन, मजबूती और नष्ट होने के तकनीकी पैमानों पर आंका गया। आइआइटी के रसायन विभाग की प्रोफेसर अपूर्बा के. दास बायो प्लास्टिक फिल्म के रासायनिक परीक्षणों में जुटी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94598bcf986e28abc78badaf583ed96e8f0c0ad9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुनमुन सेन को सिखाई संस्कृत, मन्ना डे ने गाए श्लोक : डा. द्विवेदी ने दूरदर्शन और आकाशवाणी पर भी संस्कृत का प्रसार किया। उनकी लिखी कई पुस्तकों और रचनाओं पर भी विद्यार्थी अब शोध कर रहे हैं। डा. द्विवेदी ने बताया कि जब वह मुंबई में थे तो वहां सुचित्रा सेन की बेटी मुनमुन सेन ने उनसे संस्कृत की शिक्षा ली थी। यही नहीं मन्ना डे भी आते थे और उनके लिखे श्लोक गाते थे। वह श्लोक भी काफी प्रसिद्ध हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c3972877d6695bb9a1e80f933556fce75707ac2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6286.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रियलिटी शो बिग बॉस 13 के विजेता और मशहूर टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का गुरूवार को निधन को गया है। उन्हें मुंबई के कूपर अस्पताल में ले जाया गया जहां सिद्धार्थ शुक्ला को मृत घोषित कर दिया गया। अचानक हुए उनके निधन ने हर किसी को हैरान कर दिया है। फैंस से लेकर टीवी सितारे भी उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। + +बहुत से मौके रहे जब शहनाज गिल को ट्रोलर्स का सामना करना पड़ा, लेकिन सिद्धार्थ शुक्ला उनके सपोर्ट में हमेशा खड़े रहते थे। पिछले महीने भी सिद्धार्थ ने शहनाज का सोशल मीडिया पर उस समय सपोर्ट किया था, जब एक फैन क्लब ने ट्विटर पर लिखा था कि वह लोगों को सिद्धार्थ के बारे में अनफ्रेंडली बातें लिखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। फैन क्लब के ट्वीट का जवाब देते हुए सिद्धार्थ ने कहा था, 'कृपया आपको उसे शर्मिंदा करने की आवश्यकता नहीं है ... यह उसकी गलती नहीं है, यह उस कुछ लोग हैं ... उसने खुद उन्हें यह सब रोकने के लिए कहा है जैसे कि मुझे पता है ... यह जगह बेहतर है ... ताकि हम आनंद ले सकें और एक दूसरे से सीख सकें ...।'।Please you don’t need to shame her … it’s not her fault it’s some ppl from that FD …she herself has asked them to stop all this like I have … let’s just be civil and make this place better … so that we can enjoy and learn from each other … makes sense .. 😊।जुलाई में सिद्धार्थ ने उन खबरों को लेकर प्रतिक्रिया दी थी जिसमें कहा गया था कि शहनाज गिल के साथ उनका ब्रेकअप हो गया है। सिद्धार्थ ने लिखा था, 'कुछ नए लेख पढ़ रहा हूं... वह हंसी दिलाने वाले हैं … भाई लिखना है तो कुछ पॉजिटिव लिख लो ….इतनी नेगेटिविटी लाते कहां से हो। आप मेरे बारे में मुझसे बेहतर कैसे जान पाएंगे... कम से कम मैं तो कह सकता हूं.. भगवान आप सभी को आशीर्वाद दे।'।इनके अलावा सिद्धार्थ शुक्ला और भी कई मौकों पर शहनाज गिल का सपोर्ट करते थे। आपको बता दें कि गुरूवार को सिद्धार्थ की मौत अस्पताल ले जाने से पहले ही हो चुकी थी इस खबर को खुद कूपर अस्पताल के डॉक्टर ने कन्फर्म किया है। दरअसल, सिद्धार्थ को सुबह करीब 10:32 बजे मुंबई जूहू के कूपर अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62861.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f1847b7b47b14a3320ed3d865d7c05d810c76fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62861.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कभी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अंग रह चुके इनेलो की क्षेत्रीय दल की मान्यता पर आजकल संकट मंडरा रहा है। अप्रैल 2001 में देवीलाल के निधन के बाद से इनेलो का राजनीतिक संघर्ष का जो दौर आरंभ हुआ था, वह अभी खत्म नहीं हुआ है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति काफी मजबूत थी और 2019 के चुनाव में लग रहा था कि इनेलो भारी-भरकम दल के रूप में उभरकर सामने आएगा, लेकिन परिवार की फूट और इनेलो में विघटन ने ऐसे हालात पैदा किए कि चौटाला के दोनों बेटों की राजनीतिक राहें जुदा हो गईं। वर्तमान में अभय सिंह चौटाला इनेलो के इकलौते विधायक हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f168841fbeba5283d789c90f6e89ed593211c97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62864.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यमुनानगर, जागरण संवाददाता। पदमश्री के लिए नामित होने वाले समाजसेवी प्रोफेसर ओमप्रकाश गांधी ने वर्ष 1984 में क्षेत्र की लड़कियों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया था। उस समय लगाया गुरुकुल कन्या विद्या मंदिर देवधर के रूप में लगाया गया पौधा आज विशाल वृक्ष बन चुका है। अब यह स्कूल डिग्री कालेज बन चुका है। जिसमें क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। यहीं पर लड़कियों के लिए हास्टल बनाया गया है। जिसमें देसी घी से बना सात्विक भोजन परोसा जाता है। रोजाना गुरुकुल में हवन पूजन भी होता है। + +उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रामपुर मनिहारान स्थित गोचर महाविद्यालय से वर्ष 1984 में लेक्चरर की नौकरी छोड़ने के बाद ओमप्रकाश गांधी ने क्षेत्र में कन्याओं की शिक्षा के लिए प्रयास करने शुरू कर दिए थे। वर्ष 1985 में उन्होंने गुरुकुल पद्धति पर अाधारित गुरुकुल कन्या विद्या मंदिर की नींव रख दी थी। इस शिक्षण संस्थान में कई राज्यों की लडकियां पढ़कर दिल्ली व पंजाब युनिवर्सिटी में प्रवेश प्राप्त कर डाक्टर व इंजीनियर बन चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3f90a3eb59e3426e1f5ec8e24b44e4faa618017 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62867.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के युवा नेताओं में शामिल रहे आरपीएन सिंह के चुनाव के दरम्यान पाला बदलने को कांग्रेस चाहे डरपोक और कायर लोगों को फैसला बता इसके नुकसान की गंभीरता को कम दर्शाने का प्रयास करे। लेकिन पार्टी के सियासी गलियारों में एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद युवा पीढ़ी के नेताओं के कांग्रेस छोड़कर जाने के शुरू हुए सिलसिले पर अंदरूनी सवाल तो होने ही लगे हैं। + +जिन नेताओं ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ी, वे अधिकांश शीर्ष नेतृत्व के थे करीबी चेहरे।जैसा कि एक पुराने पार्टी दिग्गज ने ताजा घटनाक्रम पर कहा कि बेशक कांग्रेस के मौजूदा अंदरूनी सियासी समीकरण के चलते बहुत मुखर रुप से यह सवाल न उठे मगर इस वास्तविकता से पार्टी का पूरा कैडर रूबरू है कि जिन नेताओं ने बीते ढाई-तीन साल में कांग्रेस छोड़ी है वे अधिकांश शीर्ष नेतृत्व के करीबी चेहरे थे। आरपीएन सिंह से पहले उत्तर प्रदेश से हाथ का साथ छोड़ने वाले जितिन प्रसाद, ललितेश पति त्रिपाठी हों, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम की सुष्मिता देव, त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके युवा चेहरे प्रद्योत देव बर्मन और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे अशोक तंवर इन सभी ने पिछले लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी छोड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af183a45902676db34cc218e481497d434c4faf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुस्तकालय की पड़ी नींव।1878 में तोताराम वर्मा ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए भाषा संवर्धिनी सभा की स्थापना की। भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया। संस्था के माध्यम से 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव पड़ी। तत्कालीन गवर्नर अल्फ्रेट लायल का सहयोग मिलने के कारण पुस्तकालय का नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया। आजादी के बाद इसे मालवीय पुस्तकालय नाम दिया गया। यह पुस्तकालय स्वतंत्रता सेनानियों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा। महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक यहां सभाएं कर चुके हैं। वर्तमान में यहां 80 हजार से अधिक पुस्तकें हैं। साहित्यकार व लेखकों की पुस्तकों के अलावा शोधार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक व रोचक सामग्री उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9bab93c1bd49f130b6f867ec9acff031b11b891 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिग बॉस के होस्ट और अभिनेता सलमान खान ने सिद्धार्थ शुक्ला की मौत पर दुख जताते हुए ट्विटर पर लिखा, 'बहुत जल्दी चला गया सिद्धार्थ.. तुम छूट जाओगे। परिवार के प्रति संवेदना।' वहीं अजय देवगन ने अपने ट्वीट में लिखा, 'जिंदगी और मौत दोनों हैरान कर देने वाली होती हैं। लेकिन जब कोई सिद्धार्थ शुक्ला जैसे युवा का अचानक निधन हो जाता है, तो बहुत दुख होता है ... उनके परिवार के प्रति संवेदना।'।Gone too soon Siddharth.. u shall be missed. Condolences to the family .. RIP🙏।Life & death are both baffling. But when someone as young as #SidharthShukla passes away with suddenness, one is very sad... Condolences to his family. ।RIP Sidharth 🙏🏼 pic.twitter.com/en1RJVuj8k।स्टार अक्षय कुमार ने ट्वीट कर सिद्धार्थ के निधन पर शोक जताया है। ।Really sad to know about the passing away of #SiddharthShukla. I didn’t know him personally but it’s heartbreaking to know of such a talented life gone so soon. Om Shanti 🙏🏻।एक्टर रीतेश देशमुख ने ट्वीट करके लिखा है कि शब्दों से परे हैरान !! बहुत जल्दी चला गया…. उनके परिवार, प्रियजनों के प्रति संवेदना. – उन्हें लाखों लोगों ने प्यार किया था। #SiddharthShukla आप बहुत याद आएंगे – शांति भाई।Shocked beyond words!! Gone toooooo soon…. Condolences to his family, loved ones. - He was loved by millions. #SiddharthShukla you will be missed - rest in peace brother. Om Shanti 🙏🏽 https://t.co/gvttNVDHxh।एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत ने लिखा कि तुम अभी बहुत युवा थे ....।Too young to go💔 #SiddharthShukla RIP 🙏🙏 pic.twitter.com/78AW1l8Gsd।Heartfelt condolences to the loved ones of late Sidharth Shukla. Terribly shocking and distressing news….।I cannot process this news that I just came across. Is this true? Please no. No… #SiddharthShukla।Numb.. Siddharth, neighbour and occasional walking buddy .. #SiddharthShukla RIP .. hope aunty and friends have the strength to bear your immense loss 💔💔💔 https://t.co/FaBmJjU75e।Pls someone tell me it’s not true.. Can not believe it #SiddharthShukla।Very, very sad. No age to have a heart attack. No age to go. https://t.co/isUxUrhbdw।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8dc25df7861b85efc70ca496ce8a2a2d507042d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गर्मियों के दिन बढ़े और सर्दियों के घटे। मौसम विज्ञानियों के अनुसार जलवायु परिवर्तन के चलते साल दर साल एक्सट्रीम वेदर इवेंटस यानी चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं, जबकि सामान्य घट रही हैं। बारिश के दिन घट गए हैं तो शीत लहर के दिन भी कम हुए हैं। जून की बजाय अब बारिश जुलाई से शुरू होती है और सितंबर के बजाय अक्टूबर तक चलती है। गर्मियों के दिन भी बढ़े हैं जबकि सर्दियों के घटे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62873.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bcd37c53d32a2c63f5038634393f4a33259ffd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरोपित इकबाल सिंह ने बताया था कि लालकिले की प्राचीर पर निशान साहिब फहराने में सफल होने पर खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फार जस्टिस ने उसे पैसे देने का वादा किया था। भीड़ को आरोपित दीप सिद्धू ने भड़काने का काम किया था। वह बोल रहा था कि वह अच्छी तरह से जानता है कि ट्रैक्टर रैली तय रूट पर नहीं बल्कि लाल किले में जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b951405c6c8e99434b84d0b4248e5e0f3cb1482 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62874.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नीरजा माधव। भारत की स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं ने सैकड़ों वर्षों की बौद्धिक परतंत्रता और दासता को मिटा कर भारतीय राजनीति को एक सर्वप्रिय और वैश्विक स्वरूप प्रदान करने की जो कोशिश की, उसे गणतंत्र दिवस पर गहराई से समझना आवश्यक है। कुछ कम्युनिस्ट विचारकों ने धर्म को मजहब के समानार्थी मानने की भूल करते हुए सनातन धर्म के शाश्वत मानव मूल्यों को संकीर्ण दृष्टि से समझने का जो कार्य किया, उसे मिटाते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने भारतीय जीवन-पद्धति को धर्म का मूल मानते हुए राष्ट्र के कल्याण के लिए उनका सूत्र वाक्य में प्रयोग किया और धर्म शब्द की वास्तविक व्याख्या की। यूरोपीय विचारक और वामपंथी इतिहासकार भारत के जीवन दर्शन की जिस गहराई की थाह नाप भी न सके, उसे स्वतंत्रता बाद संविधान निर्माताओं और चिंतकों ने पुन: व्याख्यायित करने का काम किया तथा उसके स्वरूप को स्पष्ट किया। इसी कारण 'धर्मचक्र प्रवर्तनाय' को भारतीय संसद के प्रेरणा वाक्य के रूप में स्वीकार किया गया तो भारत की न्यायपालिका का प्रेरणा वाक्य बना-'धर्मो रक्षति रक्षित:।'।भारतीय संविधान की मूल प्रति में जिन सांकेतिक चित्रों का प्रयोग हुआ है, वे भी भारतीय संस्कृति से ही लिए गए हैं, परंतु दुर्भाग्यवश हमारे इस संविधान का मूल स्वरूप आम लोगों को सहज उपलब्ध नहीं है। संविधान का जो पाठ बाजारों में उपलब्ध है, प्राय: उसमें वे सांकेतिक चित्र नहीं दिए होते। संविधान के जिस भाग में भारतीय नागरिकता का उल्लेख है, उस भाग का प्रारंभ वैदिक काल के गुरुकुल से किया गया है। ऐसा गुरुकुल जहां वैदिक उपनिषदों का पाठ हो रहा है और हवन भी हो रहा है। वैदिक ऋषि द्वारा किया जाने वाला यह हवन ही भारतीय संस्कृति के मूल तत्व को बताने के लिए पर्याप्त है। इसी प्रकार संविधान के भाग तीन में, जहां मौलिक अधिकारों की चर्चा की गई है उसका प्रारंभ राम, सीता और लक्ष्मण के चित्रों से किया गया है। भारतीय संविधान के इस स्वरूप को सांस्कृतिक आधार देने के निमित्त भगवान शंकर, भगवान कृष्ण, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर के भी चित्र हैं। संविधान में दिए गए इन चित्रों का तात्पर्य भारतीय संस्कृति की पृष्ठभूमि को रेखांकित करना ही है। ये चित्र भारत के इतिहास की ओर भी संकेत करते हैं। दुर्भाग्य से भारत के विभिन्न दल सेक्युलरिज्म की आड़ में अल्पसंख्यकवाद, अलगाववाद जैसी छिछली राजनीति कर वोट बैंक तक अपनी पहुंच बनाने के फेर में भारतीय संविधान की मूल अवधारणा को ही दृष्टि ओझल करने की कोशिश करते रहे हैं। + +भारतीय राजनीति से जुड़े अधिकांश लोगों में अपनी संस्कृति के तत्वों को लेकर विभ्रम और अनभिज्ञता की स्थिति रही। आज भी अधिकांश लोग भारत के पूरे सांस्कृतिक चरित्र को पश्चिमी चश्मे से देखना चाहते हैं। सबसे अधिक विभ्रम अंग्रेज इतिहासकारों और विचारकों ने फैलाया। उनकी हां में हां मिलाते हुए भारतीयता विरोधी कुछ भारतीय विचारकों एवं लेखकों ने भी उसे फैलाया। इन सबके पीछे एक ही लक्ष्य था-भारत को मानसिक स्तर पर विभाजित रखना। पहले आर्य और द्रविड़ में विभाजन किया। बाद में यह स्थापित करने लग गए कि भारत कभी एक संगठित राष्ट्र के रूप में नहीं रहा और न ही वह कभी सांस्कृतिक या राजनीतिक इकाई के रूप में पहचाना गया। इस दुष्प्रचार ने धीरे-धीरे भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक एकता पर विपरीत असर डाला। यदि बार-बार किसी झूठ को दोहराया जाए तो एक समय के बाद वह सत्य सा प्रतीत होने लगता है। + +भारत की प्राचीन राजनीति का आधार आध्यात्मिक चिंतन है, परंतु उद्देश्य सर्वदा ही मानव मात्र का कल्याण रहा है। संविधान के 'मौलिक अधिकारों' वाले भाग के पहले प्रभु श्रीराम, सीता और लक्ष्मण का चित्र देकर यह संकेत भी दिया गया है कि 'रामराज्य' तभी आ पाएगा, जब नागरिकों को विधि के सामने समानता का अधिकार प्राप्त हो। चाहे वह शिक्षा या अभिव्यक्ति की समानता हो या शोषण, जातीयता, लिंगभेद आदि के विरुद्ध समानता का अधिकार हो। इसी प्रकार संविधान के 'राज्य के नीति निर्देशक तत्व' वाले भाग से पहले भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन को उपदेश देने का चित्र रखने के पीछे भी भारतीय राजनीति में नीतिगत व्याख्या का प्राचीनतम स्वरूप दिग्दर्शित करने का ही भाव निहित है। लोक कल्याण के लिए व्यक्ति के क्या कर्तव्य हैं? नीति को निर्धारित करने वाले कौन से तत्व हैं? इन सबका विशद विवेचन श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद् गीता में अर्जुन को ज्ञान देते हुए किया है। इस सबके पीछे एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्र की वर्तमान भावना को भारत की हजारों वर्षों पुरानी संस्कृति और उसके प्रतीकों के साथ भी जोड़ा जाए, तभी इस राष्ट्र की विशेषता को विश्व समुदाय पहचान पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3a50bf4996e4f8970abd95c26a25ae43553bdb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विभागीय जानकारों का कहना है कि पहले बारिश का मौसम फिर प्रदूषण के चलते काम प्रभावित रहा है। मगर अब काम तेजी से चल रहा है। अब 75स्थानों पर तिरंगे तैयार कर लिए गए हैें। लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 27 जनवरी को शहर में 75 स्थानों पर 115 फुट का तिरंगा फहराएगी।इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। उन्होंने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी संलग्न किया जिसमें झंडे लगाने की प्रक्रिया और उनके महत्व को दिखाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe6af72d5816e1ce4ab306874b8e9065722f7e58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली में बतौर लाइब्रेरियन के तौर पर भी किया था काम।यूपी के सिकंदराबाद जिले में जन्मे संतोष आनंद ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई की थी। शुरू में उन्होंने दिल्ली में बतौर लाइब्रेरियन काम भी किया। उन्हें बचपन से ही कविताओं का शौक था। पढ़ाई व नौकरी के दौरान समय निकालकर वह दिल्ली में होने वाले कवि सम्मेलनों व मुशायरों में भी हिस्सा लेते रहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3943d527c5495e4392065319dee0c4501234bb8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62879.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +कुशीनगर के आरपीएन सिंह कांग्रेस के कद्दावर और राहुल गांधी की टीम के भरोसेमंद सदस्यों में शामिल थे। केंद्रीय राजनीति में सक्रिय रहे आरपीएन को यहां पूर्वांचल के प्रमुख नेताओं में गिना जाता रहा है या यूं कहें कि कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर सहित आसपास के तमाम जिलों में वह कांग्रेस का चेहरा थे, जो कि मंगलवार को बेगाने हो गए। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। + +कांग्रेस से किनारा करने वाले पुराने ऐसे दिग्गजों की बात करें तो दशकों से पार्टी से जुड़े रहे राजनीतिक घरानों में से पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और ललितेशपति त्रिपाठी के बाद आरपीएन सिंह तीसरे बड़े नेता हैं। इनके अलावा सिर्फ बड़े या चर्चित चेहरों की बात करें तो पूर्व सांसद अन्नू टंडन, विधायक अदिति सिंह, इमरान मसूद, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और पूर्व विधायक पंकज मलिक हैं। इनके अलावा करीब पंद्रह विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ चुके हैं। + +कांग्रेस में यह खलबली तब है, जबकि प्रदेश प्रभारी के रूप में खुद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संगठन की कमान थाम रखी है। नए सिरे से संगठन को खड़ा करने के प्रयास में 2019 के बाद से लगी हैं। उल्लेखनीय है कि पार्टी में नए के मुकाबले पुराने नेताओं को तवज्जो न मिलने की शिकायत कई बार उठी, लेकिन उनकी आवाज गांधी परिवार तक पहुंची नहीं या फिर नजरअंदाज कर दी गई। + +हालांकि, उलाहना यह भी दिया जा रहा है कि जब पार्टी मजबूत स्थिति में थी, केंद्र में सरकार थी, तब विरासत की राजनीति करने वाले नेताओं को दोनों हाथों से लाभ दिया गया। मान-सम्मान दिया और बड़ा ओहदा दिया। आरपीएन सिर्फ इस विधानसभा चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक ही नहीं, बल्कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और झारखंड के प्रभारी भी थे। ललितेशपति के परदादा कमलापत त्रिपाठी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे तो जितिन प्रसाद को शुरुआत से संगठन में बड़े पद मिले और केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da67948c10704a494eb19c963f98cc846b942d48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्म नगरी काशी के छावनी क्षेत्र की सड़कें वीरों की गाथाएं बताती हैं। करीब तीन किलोमीटर परिधि क्षेत्र में फैले छावनी में सड़क की पटरियों के किनारे लगे बड़े-बड़े होर्डिंग पर इन वीर सपूतों की गाथाएं लिखी हैं। घुमान-टहलान के लिए आने वाले लोगों का ध्यान बरबस ही इन तस्वीरों पर चला जाता है। फिर क्या, नाता इतना प्रगाढ़ हो जाता है कि लोगों के कदम बढ़ते चले जाते हैं। हर कदम पर शहीदों और उनकी वीरता से वह परिचित होते हैं। तीन किलोमीटर दूरी कब तय हो जाती है पता भी नहीं चलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3c0d225bb46d29811f183068139236cf89eabd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है। हमारी आम जनता से भी अपील है कि धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा आदि के आधार पर प्रभावित हुए बिना निर्भीक होकर मतदान करें। हम मतदाताओं को प्रलोभन रहित मतदान के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं। इस बार मतदाता दिवस पर भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए कई कार्यक्रम रखे गए हैैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर लोग शपथ लें कि हम अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77a220a3ed36acb43f608bfbc2299a69c96263a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म एक मार्च 1944 को उत्तर कोलकाता में हुआ था। उनके पुरखों का घर बांग्लादेश में है। उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कालेज से बांग्ला साहित्य की पढ़ाई की थी और बांग्ला (आनर्स) में बीए की डिग्री प्राप्त की थी। बाद में वह माकपा से जुड़ गए थे। उन्हें सीपीआइ की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन के राज्य सचिव बनाया गया थे, जिसका बाद में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आफ इंडिया में विलय हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57f82c68c7d5256dfe34713b2929ba13431490d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अप्रैल 2021 में केदारघाट स्थित अपने आवास पर उन्‍होंने अंतिम सांस ली। वे 87 वर्ष के थे। राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वाहन करते हुए अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनमें कल्याण प्रमुख है। खेमका वाराणसी की प्रसिद्ध संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल गोदौलिया, बिड़ला अस्पताल मछोदरी, काशी गोशाला ट्रस्ट से जुड़े रहे और वाराणसी कागज व्यवसाय से भी जुड़े रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62887.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62887.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6852e2340834211dc117d93189c223c3e70f775a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62887.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण प्रतिनिधि से बातचीत में उन्होंने कहा कि संस्कृत सिर्फ भाषा ही नहीं राष्ट्र का गौरव भी है। न्याय दर्शन से ही देश पुन: विश्व गुरु बन सकता है। ऐसे में संस्कृत भाषा को प्रारंभिक कक्षाओं से अनिवार्य करने की जरूरत है। साथ ही इसे रोजगारपरक भी बनाना होगा ताकि संस्कृत भाषा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ सके। कहा कि संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में वर्षों से शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। इसके असर छात्रों की संख्या पर पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने का भी अनुरोध किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..679962994f7ceeb22999a9eb52461b478f6dee77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद की प्रसिद्ध कजरी गायिका अजीता श्रीवास्तव पद्मश्री से सम्मानित की जाएंगी। सम्मान के लिए चयनित होने पर अजीता श्रीवास्तव ने खुशी जाहिर किया। कहा कि 42 सालों की निरंतर साधना और अथक परिश्रम के बाद सफलता मिली है। मां विंध्यवासिनी को नमन करते हुए जनपदवासियों को भी धन्यवाद दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..136f1ac371306bf3cde09772d37a56a11f25a61d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस और यूक्रेन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। दोनों देशों के बीच लाखों सैनिकों की तैनाती से जंग जैसे हालात हैं। अमेरिका का कहना है कि रूस के सैनिक यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच अगर जंग होती है तो यह महज दो देशों के बीच युद्ध नहीं होगा। यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका और नाटो के सदस्‍य देश आगे जरूर आएंगे। अगर ऐसा हुआ तो चीन प्रत्‍यक्ष रूप से रूस की मदद में आगे आ सकता है। ऐसी स्थिति में इसे महायुद्ध बनने से कोई नहीं रोक सकता। सवाल यह है कि क्‍या यह तीसरे महायुद्ध की दस्‍तक होगी? ।1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच निश्चित रूप से एक महाजंग जैसी तैयारी चल रही है। नाटो के सदस्‍य देश और अमेरिका भी इस युद्ध को टालने के लिए कूटनीतिक नहीं बल्कि सैन्‍य दबाव का अभ्‍यास कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि महाजंग की तैयारी ही महायुद्ध को टालने के लिए है। नाटो और अमेरिका यह दिखा रहे हैं कि जंग के हालात में यूक्रेन अकेला नहीं है। इसलिए वह इस प्रकार का दबाव रूस पर बना रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में कोई भी देश जंग की स्थिति में नहीं है। उन्‍होंने कहा कि दिक्‍कत यह है कि रूस और यूक्रेन के बीच विवाद का कूटनीतिक समाधान नहीं है। ऐसे में सैन्‍य रणनीति के तहत नाटो और अमेरिका इस युद्ध को टालने की कोशिश कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..793d98c5e3296a1412f027ab034bb99b8e1865ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62892.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संगठन के लिए रात्रि प्रवास के कार्यक्रम : सरकार और संगठन के मुखिया का एक-एक कार्यक्रम ही नहीं, बल्कि पार्टी ने यहां के लिए संगठन की खास रणनीति बनाकर काम किया। सरकार की ओर से एक प्रभारी मंत्री को इनका जिम्मा सौंपा गया और संगठन से भी एक प्रभारी बनाया गया। इन दोनों के प्रवास कार्यक्रम यहां कई बार लगाए गए। इन्होंने वहां रहकर संगठन को घर-घर संपर्क और प्रत्येक बूथ पर मतदाता बढ़ाने का जिम्मा सौंपा। यहां सदस्यता अभियान पर भी खास जोर रहा। इससे क्षेत्र में मिली पिछली हार के बावजूद संगठन में निचले स्तर तक सक्रियता बनी रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62894.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62894.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14d8503c32ed558e28116f90c0a9271e4170ce76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62894.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कोर्स एवं योग्यता।प्राथमिक चिकित्सा को समस्त स्वास्थ्य सेवाओं की मूलभूत एवं महत्वपूर्ण आवश्यकताओं के रूप में देखते हुए इस क्षेत्र के लिए प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स कराये जा रहे हैं, जो किसी युवा को प्राथमिक चिकित्सा का विशेषज्ञ बनाते हैं। इसके तहत फर्स्ट ऐड से संबंधित शिक्षा, जागरूकता, प्रशिक्षण आदि पहलुओं पर खास जोर दिया जाता है। इसी बढ़ती जरूरत के अनुसार बहुत से संस्‍थानों द्वारा एक वर्षीय प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ (फर्स्ट एड स्पेशलिस्ट) डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है। प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ कोर्स में डिप्लोमा के लिए अभ्यर्थी का किसी भी संकाय या किसी भी मान्यता प्राप्‍त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। ग्रेजुएट छात्र भी इस कोर्स के लिए आवेदन कर इसमें अपना भविष्य बना सकते हैं। + +लगातार बढ़ रही जरूरत।देखा जाए, तो देश में ही नहीं, पूरे विश्‍व में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सड़क सुरक्षा विषय पर जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में सड़क हादसों के कारण हर 23 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। विश्व में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली कुल मौतों में से 11 प्रतिशत भारत में होती हैं। इसकी एक वजह सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्‍या और लापरवाही से की जाने वाली ड्राइविंग है, जिससे रोजाना लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा इंडस्ट्रियल और प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ रही हैं। इसलिए आज प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है। + +मासिक सैलरी।इस क्षेत्र में शुरुआती वेतन 10 से 15 हजार रुपये आराम से मिल जाता है। अनुभव के साथ-साथ वेतन में भी इजाफा होता चला जाता है। सरकारी या निजी अस्पतालों में ऐसे विशेषज्ञ अपने अनुभव के आधार पर वरिष्ठ पदों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, खुद का प्राथमिक चिकित्सा केंद्र खोल कर भी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..219d88edc44473554ef80e8458533a4575f532c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कन्नड़ फिल्म 'केजीएफ- चैप्टर 2' अपनी रिलीज के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। यश के साथ ही फिल्म के बाकी एक्टर्स भी दर्शकों को काफी पसंद आ रहे हैं। इस बीच थिएटर का एक वीडियो, फिल्म की अभिनेत्री रवीना टंडन ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जिसमें फिल्म के एक सीन पर दर्शक पैसे लुटाते और चीखते-चिल्लाते हुए नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..793906d0f47caa995e09a5724540845a01b86464 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। जब खेली होली नंद ललन हंस हंस नंदगांव बसैयन में, नर नारी को आनंद हुए खुशवक्ती छोरी छैयन में। खड़ी बोली आधुनिक हिंदी कविता के प्रथम कवि नजीर अकबराबादी को भारतीय संस्कृति की साझी विरासत का पहला प्रतिनिधि कवि भी कहा जाता है। उन्होंने कृष्ण लीला संबंधी बहुत से पद्य हिंदी खड़ी बोली में लिखे। वहीं, ककड़ी बेचने वाले के लिए भी कविता लिखी। उन्होंने बंजारानामा, आदमीनामा, बुढ़ापा, बल्देव जी का मेला, कंस का मेला, होली आदि पर कविताएं लिखीं। लोगों की रोजरार्म की जिंदगी का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जिसे नजीर ने अपनी कविताओं में न छुआ हो। इसीलिए उन्हें जनकवि कहा जाता है। ।नजीर अकबराबादी का जन्म वर्ष 1737 में दिल्ली में हुआ था। वह 22 साल की उम्र में अपनी मां और नानी के साथ आगरा आए। यहां उन्होंने अरबी एवं फारसी की शिक्षा प्राप्त की। उनकी शादी ताजगंज की मलको गली में हुई। बज्म ए नजीर के पदाधिकारी आरिफ बताते हैं 1770 में मीर तकी मीर आगरा आए। मीर तकी ने नजीर की गजल पर उन्हें शाबासी दी। जिसके बाद नजीर आगरा के शायर के नाम से मशहूर हो गए। उनका लेखन काल 1770 से 1830 का माना जाता है। उनकी शादी ताजगंज के मलको गली में हुई थी। सन 1830 में उनका निधन हो गया। उनकी मजार मलको गली में है। ।आरिफ के अनुसार लगभग 90 साल पहले सुलहकुल नगरी को दंगे का दंश झेलना पड़ा। तब शहर की साझी संस्कृति और सदभावना को बचाने के लिए शहर के प्रबुद्ध लोग आगे आए। उन्होंने शहर में विशाल जुलूस निकाला। जो नजीर अकराबादी की मजार पर जाकर खत्म हुआ। लोगों ने साझी संस्कृति व विरासत को बरकरार रखने के लिए नजीर की मजार पर हर साल बसंत मेले का आयोजन करने का फैसला किया। बसंत मेले की शुरूआत अमीर खुसरो के समय से हुई थी। तब से आज तक हर साल नजीर की मजार पर बसंत मेले का आयोजन किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02cc291172522187b3720d3fbf4f145a05d4c16e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन डेस्क, देहरादून। Republic Day 2022 भारत हमारा देश है, लेकिन कई ऐसी बातें हैं जो हम आज भी नहीं जानते होंगे या फिर हमने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया। पर, ये बातें जानना बेहद जरूरी है। ये न सिर्फ आपको अपने देश की जड़ों से जोड़े रखेंगी, बल्कि आपका ज्ञान भी बढ़ाएंगी। तो आज हम आपको बताएंगे कि भारत को इंडिया नाम कहां से मिला और यहां क्या कुछ खास है....।कैसे पड़ा इंडिया (India) नाम। भारत कैसे इंडिया बना ये बहुत ज्यादा लोग भी नहीं जानते हैं। दरअसल, भारत का अंग्रेजी में 'इंडिया'(India) नाम इंडस नदी के नाम से बना। इस नदी के आस-पास घाटी में आरंभिक सभ्यताएं निवास करती थीं। इसके साथ ही आर्य पूजकों में इंडस नदी को सिंधु कहा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62904.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69902a6d9943d9ef85259943634c480f84a744ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62904.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI) ने गन्ना पेराई के बाद निकलने वाली खोई से 'एक्टिवेटेड बायोचार' बनाने में सफलता प्राप्त की है। इससे कम लागत में चीनी को रंगहीन व शुद्ध करने में मदद मिलेगी और चीनी की कीमत भी कम होगी। यही नहीं, इस बायोचार से चीनी मिलों से निकलने वाले गंदे पानी को भी साफ किया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf99e544f8ab2f55f7426c9af1333d1d19de57d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62905.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, (रामांशी म‍िश्रा)। कोरोना के बेहद तेजी से फैल रहे ओमिक्रोन वैरिएंट से स्वास्थ्य ढांचे के समक्ष नए सिरे से चुनौतियां उभरी हैं। इसमें सबसे बड़ी चुनौती तो महामारी के इस नए स्वरूप को पहचानने की है। इस चुनौती का तोड़ निकालते हुए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की प्रयोगशाला केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआइ) ने ओमिक्रोन की जांच के लिए स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट 'ओम' विकसित की है। यह आरटी-पीसीआर किट ओमिक्रोन संक्रमण की पड़ताल के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग पर काम करेगी। यह किट बेहद किफायती होने के साथ ही श्वसन संबंधी रोगों की पहचान में भी उपयोगी बताई जा रही है। ओमिक्रोन से जुड़ी कोरोना की तीसरी लहर में यह एक कारगर विकल्प साबित हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62908.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62908.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..840c482dcb11a16d663975de9f306a9c5d559be3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62908.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। भारतीय संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच अधिकारों और शक्तियों का बंटवारा इस तरह किया गया है कि उनमें टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो, लेकिन बंगाल में चाहे 34 वर्षो तक सत्तारूढ़ रहे वामपंथी हो या फिर पिछले करीब 11 वर्षो से सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस की सरकार, दोनों इसका मजाक बनाती रही हैं। पिछले आठ वर्षो में मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के साथ टकराव और विवाद में पूर्व की सभी राज्य सरकारों को पीछे छोड़ दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72933c5a5e273c0faa6abca5b647a72120733493 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62911.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नवीन कुमार ने बताया इसका गठन समाज के वर्गों को मुफ्त एवं सक्षम विधिक सेवाओं को प्रदान करने के लिए किया गया है। जिससे कि आर्थिक या किसी भी अन्य कारणों में से कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित ना रहे। लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य अाम जनमानस को न्यायिक प्रणाली समान अवसर पर सबके लिए न्याय सुगम बन सके है। लोक अदालत सरल एवं अनौपचारिक प्रक्रिया को अपनाती है तथा विवादों का अविलंब निपटारा कराती है इसमें पक्षकारों को कोई भी शुल्क नहीं लगता है। + +लोक अदालत से न्यायालय में लंबित मामले का निष्पादन होने पर पहले से भुगतान किए गए अदालती शुल्क को भी वापस कर दिया जाता है। लोक अदालत का आदेश, फैसला अंतिम होता है जिसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती।लोक अदालत के मामले के निपटारे के बाद दोनों पक्ष विजेता रहते हैं तथा उनमें निर्णय से पूर्ण संतुष्टि की भावना रहती है। इसमें कोई भी पक्ष जीतता या हारता नहीं है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने जन जन के दर तक न्याय की स्थिति तीव्रतर प्रणाली को पहुंचाया है। अदालतों का बोझ बड़े पैमाने पर घटाया है। न्याय सबके लिए बिंबित करता है, जो भयमुक्तता, भरोसा तथा सुरक्षा का घोतक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62914.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36923f34351409988ff3d5d61f3186b48dff4a1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62914.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाराणसी [श्रवण भारद्वाज]। स्नेक प्लांट में खास बात यह है कि ये पौधा रात के समय भी ऑक्सीजन उत्पन्न करता है। कई लोग इसे सास की जुबान भी बोलते है। इस पौधे में बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, ट्राइक्लो रो, जाइलीन,टोलुइन जैसी जहरीली गैसों को ऑब्जर्व करने की क्षमता होती है। इसे सप्ताह में एक बार पानी की जरूरत होती है। यह खिड़की से आने वाली रोशनी से भी आसानी से पनप जाता है। + +कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने लोगों को तोड़ कर रख दिया। जिस पर मुसीबत आई उसने इतना तो समझ लिया कि जिंदगी खूबसूरत है लेकिन जीना आसान नहीं दूसरी लहर चरम के समय में अफवाहों का दौर भी हावी रहा। उस वक्त लोग ऑक्सीजन के लिए इतने घबराए हुए थे कि इलाज के लिए जिसने जो ज्ञान दिया मान लिया। इसका लैटिन नाम ड्रेकेना ट्रिफासिआटा है। + +स्नेक प्लांट लगाने के फायदे : स्नेक प्लांट घर के अंदर के हवा को फिल्टर करने में मदद करता है।इस खूबसूरत दिखने वाले पौधे की विशेष संयंत्र के बारे में अनोखी बात है कि यह उन कुछ पौधों में से एक है जो रात में कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदल सकते हैं। यह गुण इसे घर की सजावट के लिए एक आदर्श पौधा बनाता है क्योंकि यह स्वस्थ वायुप्रवाह को नियमित करने में मदद कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5de88504b16bb7953dd6b07a13488aca529d2577 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62916.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [आशा मेहता]। Corona Peak in Punjab: पंजाब कोरोना पीक के करीब पहुंच गया है। पंजाब में 30 जनवरी तक कोरोना पीक आ जाएगी। यह कहना है सीएमसी अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के हेड डा. क्लारेंस जे सैमिअल का। डा. सैमिअल पिछले प्रीडेक्टिव माडलिंग (लाजिस्टिक माडलिंग) के जरिए के जरिये कोरोना ट्रेंड का आकलन कर रहे हैं। पहली, दूसरी व तीसरी लहर को लेकर उनकी ओर से लगाएं गए अनुमान सही साबित हुए हैं। उन्होंने जून में ही बता दिया था कि दिसंबर के अंत में कोरोना की तीसरी लहर पंजाब में आ जाएगी और वैक्सीन की दोनों डोज कोरोना के गंभीर खतरों से बचाने में काफी हद तक कारगर होगी। + +गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज कोरोना से बचाव के लिए जारी की गई सभी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें, लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच करवाकर अपने चिकित्सक के सलाह के अनुसार ट्रीटमेंट करवाएं। एक सप्ताह की पीक के बाद कोरोना के केस या तो कम होने लगेंगे या फिर स्थिर हो जाएंगे। चिंता की बात यह है कि अब कोरोना के केस शहरों से गांवों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d7997bc2732af5e19d878a3dbb8df3d0b56726c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62917.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जी किशन रेड्डी। भारत अपनी सबसे प्राचीन सभ्यता-संस्कृति और महान परंपराओं के लिए जाना जाता है। इस गौरवशाली अतीत के निर्माण में अनादि काल से अनेक ऋषियों, मुनियों, दार्शनिकों, साधकों और शोधकर्ताओं ने अनवरत भ्रमण किया। भारत के दार्शनिक स्थलों और तीर्थ स्थलों ने दुनिया को अपनी ओर आकर्षित किया है। भ्रमण और यात्राएं स्वयं को भार से मुक्त करने का साधन मात्र नहीं हैं, बल्कि ज्ञान और आत्मखोज का उत्कृष्ट मार्ग भी हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों में यात्रा के महत्व का विशद वर्णन है। हमारे महान ऋषियों ने भ्रमण का महत्व कुछ इस प्रकार बताया, 'राम वन गए इसलिए भगवान श्रीराम बन गए। महाभारत में अर्जुन अज्ञात क्षेत्रों की यात्रा पर गए और दिव्यास्त्र हासिल किए। केरल के शंकर ने खूब भ्रमण किया। चार मठों की स्थापना की तथा आदिगुरू शंकराचार्य बने। नरेंद्रनाथ ने भी चार वर्षों तक भारत का भ्रमण किया, जिससे उनको जीवन दृष्टि मिली। फिर वह स्वामी विवेकानद बन गए।'।देश आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मना रहा है। इस वर्ष सरकार का जोर ग्रामीण पर्यटन, स्थानीय समुदायों और स्थायी जीवन के विकास पर है। हमारे ग्रामीण क्षेत्रों ने सदियों से प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित किया है। आज दुनिया इसी को सस्टेनेबल लिविंग कहती है। भारत का पहला इको-गांव गुजरात का धज है। एशिया का सबसे स्वच्छ गांव मेघालय के मावलिननांग में है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने हाल में तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक घोषित किया है। ये ग्रामीण पर्यटन के बढ़ते स्वरूप का प्रमाण हैं। हमारे ये गांव दुनिया को प्रेरणा दे रहे हैं। इस क्षमता को और अधिक बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों को नए अवसर देने के लिए कई प्रयास चल रहे हैं। + +पहली बार भारत सरकार ने ग्रामीण पर्यटन रणनीति का खाका जारी किया है। यह रणनीति न केवल हमारे गांवों के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि हमारी कला-संस्कृति और विरासत को भी एक नई ऊर्जा प्रदान करेगी। एक समग्र और टिकाऊ ग्रामीण पर्यटन रणनीति के माध्यम से हमें भारतीय आतिथेय को प्रकृति, समृद्ध हस्तकला, शिल्प और सांस्कृतिक विरासत के साथ जोडऩे में मदद मिलेगी। + +पर्यटन मंत्रालय द्वारा आदिवासी और वनवासी समुदाय को विशेष अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसका उद्देश्य इन समुदायों की गरिमा को केंद्र में रखते हुए इनके अनुभव और गतिविधियों को पर्यटन से जोडऩा है। सरकार ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में कार्यशक्ति, कार्यशैली और कार्यकौशल को सुदृढ़ करने की दिशा में भी कार्यरत है। सरकार का उद्देश्य समुदायों को कुशल बनाना और उन्हें पर्यटन शृंखला से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपना इको होम स्टे चला सकें, भंडारण सेवाएं संचालित कर सकें, गाइड, टूर आपरेटर आदि के रूप में कार्य कर सकें। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि 'पर्यटन स्थानीय समुदायों को कल्याण और समृद्धि प्रदान कर सकता है, जो सीधे तौर पर नौकरियों और विकास के अवसरों से लाभान्वित होते हैं।'।पिछले सात वर्षों में देश में पर्यटन सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। 'स्वदेश दर्शन योजना 1.0' के तहत देश में एक मजबूत पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त करने के लिए 5,588.44 करोड़ रु जारी हुए हैं। इससे ग्रामीण और उसके आसपास के क्षेत्रों में इको-सर्किट, हिमालयन सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट और वाइल्डलाइफ सर्किट जैसी ग्रामीण पर्यटन परियोजनाओं का विकास किया जा रहा है। स्वदेश दर्शन योजना का अगला संस्करण ईको-पर्यटन परियोजनाओं को और सशक्त करेगा। हालांकि इस क्षमता को पूरी तरह दोहन करने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें तथा निजी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। इसके मद्देनजर सरकार ने उद्यमियों और युवाओं से गांवों को अनुकरणीय ग्रामीण पर्यटन केंद्रों के रूप में तैयार करने के लिए आग्रह किया है। ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण के अनुकूल होटल स्थापित करने और स्थानीय समुदायों को अपनी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने की आज जरूरत है। आज विश्व पर्यटन समुदाय परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है। पर्यटक समुदाय फिर से यात्रा आरंभ करने और तनाव को कम करने पर पुनर्विचार कर रहा है। आज दुनिया को एक औद्योगिक माडल से अधिक समुदाय उन्मुख और पारस्परिक रूप से लाभप्रद पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है। हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हमारे ग्रामीण इलाकों के पारंपरिक ज्ञान के कारण भारत को इस मामले में दुनिया भर में बढ़त हासिल है। हमें अपनी इस क्षमता को उजागर करने और अपनी युवा पीढ़ी को विरासत से अवगत कराने के लिए आगे आना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..246c2a53ccfd9d48574b50b5a7fdb047de1caa89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62918.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +युवाओं को कर रहे जागरूक।नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआइ) के कार्यकर्ता कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। प्रियंका गांधी के स्टूडेंट मेनिफेस्टो को छात्रों के बीच में बताया जा रहा है। एनएसयूआइ के राष्ट्रीय सचिव नितिश गौड़ की अगुवाई में संगठन के पदाधिकारी आनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों से संपर्क कर हर योजना के बारे में बता रहे हैं। क्षेत्रों में निकलकर लोगों से संपर्क भी कर रहे हैं। इसके साथ ही मतदाता जागरूकता का काम भी आनलाइन ही किया जा रहा है। चुनावी मैदान में रहने वालों ने किस-किस क्षेत्र में जनता को ठगा है इसके बारे में भी तथ्यों के साथ युवाओं को जागरूक किया जा रहा है। + +मतदान का बता रहे महत्व।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की प्रांतीय मंत्री बलदेव चौधरी सीटू ने बताया कि किसी पार्टी का झंडा नहीं उठाएगी। अभी संगठन की ओर से पत्रक मंगवाए जा रहे हैं। जिनके जरिए मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा। मतदान का महत्व बताया जाएगा। संगठन राष्ट्रवाद से प्रेरित है। इसलिए देश में अनुच्छेद 370 खत्म करने जैसे कड़े निर्णय लेने, देश व प्रदेश में सुशासन लाने वाले फिर से सत्ता में आएं ऐसा संगठन का हर कार्यकर्ता चाहता है। अभी विद्यालयों में अवकाश चल रहा है। इसलिए आनलाइन माध्यम से ही देशहित में मतदान करने के लिए युवाओं से संपर्क किया जा रहा है। + +युवाओं ने संभाली आइटी सेल की जिम्मेदारी।रालोद छात्र सभा का एक-एक कार्यकर्ता हर विधानसभा में डटा हुआ है। पार्टी के कार्यों व नीतियों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। आनलाइन माध्यम से भी बड़ी संख्या में युवाओं व जनता से संपर्क कर जानकारी दी जा रही है। रालोद छात्रसभा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र फौजदार के अनुसार हर क्षेत्र से ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपना वोट देने आगे आएं, इसके लिए भी जागरुक अभियान चलाया जा रहा है। इस बार प्रचार भी आनलाइन ही होना है तो युवा कार्यकर्ताओं को आइटी सेल की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। आनलाइन माध्यम से झूठे व कोरे वादों को जनता के सामने लाया जा रहा है। कार्यकर्ता जोर-शोर से अपनी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80d7c5ff5c0cdadfad5034b74fa48eb2b8215437 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62919.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पर्यावरण संरक्षण।पहले लोगों को खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग करना पड़ता था, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक था। अब घर-घर में घरेलू गैस सुविधा उपलब्ध होने से पर्यावरण संरक्षण हो रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रदेश में 1.36 लाख से अधिक गैस कनेक्शन, हिमाचल गृहिणी योजना के तहत 2.91 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए। हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसे धुआंमुक्त घोषित किया। + +गरीबी उन्मूलन।गरीबी दूर करने के लिए रियायती दरों पर सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जाता है। गरीबों को रहने के लिए छत प्रदान की जाती है, जिसके तहत मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 60 करोड़ रुपये व्यय कर 4417 घरों का निर्माण किया गया। विभिन्न आवास योजनाओं के तहत 10 हजार घरों के निर्माण का लक्ष्य पूरा किया गया है। गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए भी सहायता का प्रविधान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3373f917d4d219f91a27538b764cd5fbee544898 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, अजय अत्री। यूं तो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल की छाप छोडऩे वाले हिमाचल के खिलाडिय़ों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन हाल के वर्षों में इस छोटे से पहाड़ी राज्य की प्रतिभाओं ने खेलों की दुनिया में काफी नाम कमाया है। मौजूदा समय में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो विश्व खेल परिदृश्य में अपने खेल कौशल का प्रभाव छोड़ रहे हैं। क्रिकेट के अलावा बाक्सिंग, कबड्डी, शूटिंग और हाकी में यहां के युवाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59ec6e0cb12557040a86ae1e62022584325a81e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62923.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। भारत में जहां कोरोना के मामले एक बार फिर कम होते दिखाई दे रहे हैं वहीं दुनिया के दूसरे देशों में लगातार ये चिंता का कारण बने हुए हैं। अमेरिका इनमें सबसे आगे है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप के निदेशक हंस क्लूज का मानना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट की वजह से ये महामारी एक नए चरण में पहुंच गई है। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा है कि हम इस महामारी के अंत की तरफ बढ़ रहे हैं। हंस ने एक और बेहद महत्‍वपूर्ण बात कही है कि इस वर्ष के अंत तक महामारी के पूरी तरह से खत्‍म होने से पहले ये एक बार फिर से जोर पकड़ सकती है। एएफपी से बातचीत में क्‍लूज ने कहा है मार्च तक यूरोप में ओमिक्रोन से करीब 60 फीसद तक लोग संक्रमित होंगे। इसके बाद यहां पर मामले कम हो जाएंगे। साथ ही लोगों में हर्ड इम्‍यूनिटी भी विकसित हो जाएगी। + +उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत और अफ्रीका में काफी समानताएं देखने को मिलती हैं। वहां पर मामलों में कमी आई है। ठीक इसी तरह से भारत में भी कोरोना के मामलों में कमी आ सकती है।इसके बावजूद भी इस लहर के दौरान मामले भी आ रहे हैं और मरीजों को आक्‍सीजन पर रखना पड़ रहा है। इसलिए रिस्‍क भी बरकरार है। लेकिन ये सही है कि ये पहले की तुलना में काफी कम है और इस बार जान का जोखिम भी कम देखने को मिल रहा है।  ।अमेरिका में बेतहाशा बढ़ रहे मामलों पर उन्‍होंने कहा कि वहां पर लोगों की लापरवाही काफी भारी पड़ी है। इसके अलावा भी अमेरिका और भारत में कई तरह की भिन्‍नताएं हैं जिसकी वजह से वहां पर मामले बढ़े हैं। अमेरिका में मामलों के बढ़ने की एक बड़ी वजह वैक्‍सीनेशन की कम रफ्तार भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df7c3328dad21e58d0aedabadc9f9b4f60f5808e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिंदु उप्पल, जगराओं (लुधियाना)। गांव चक्र के डा. बलवंत सिंह संधू ने पंजाब में मुक्केबाजी को एक नया आयाम दिया है। जब उन्होंने गांव से प्रतिभाओं को तलाश कर उन्हें मुक्केबाजी का प्रशिक्षण देना शुरू किया तब बच्चों का इस खेल की ओर उतना रुझान नहीं था। कुछ दिनों के अभ्यास के बाद बच्चे मुक्केबाजी से मु्ंह मोड़ लेते थे। मुक्केबाजी को लेकर डा. संधू का जूनुन ऐसा था कि वह अपने मिशन से कभी नहीं भटके। उन्होंने अपने मुक्केबाजों को ओलंपिक तक पहुंचाया। गांव की सिमरनजीत कौर टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा लेकर लौटी हैं।  आज गांव चक्र ही नहीं, पंजाब के सभी खेल प्रेमी डा. संधू को बाक्सिंग गुरू के रूप में देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33b90de3cc97fdb39583b09eb81f92a95b8590d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62930.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अमित शर्मा/इंद्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को रहस्योदघाटन किया कि 2017 में जब पार्टी भारी बहुमत से जीती थी तो नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनवाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके करीबियों ने जमकर लाबिंग की थी। + +कैप्टन के अनुसार पाकिस्तान में रहते इमरान खान और नवजोत के बहुत करीबी दोस्त ने उन्हें फोन पर भेजे मैसेज में सिद्धू को मंत्री बनाने की लिखित में सिफारिश की थी। चूंकि मैं इमरान खान से न तो कभी मिला था और न ही व्यक्तिगत तौर उन्हें जानता था, इसलिए पंजाब में कांग्रेस की जीत के तुरंत बाद ऐसा संदेश देखकर मैं हैरान ही नहीं हुआ, बल्कि मुझे बड़ा झटका लगा कि एक व्यक्ति को राज्य का मंत्री पद दिलाने के लिए कैसे दूसरे देश का प्रधानमंत्री और उसके करीबी दबाव डाल रहे हैं। + +कैप्टन ने कहा कि ऐसा मैसेज देखकर नवजोत सिद्धू के पाकिस्तान के प्रति प्रेम और देश की सुरक्षा को लेकर मेरी जो आशंकाएं रही हैं वह और मजबूत हो गईं। उन्होंने कहा कि 2017 में जिस दिन नवजोत सिद्धू की कांग्रेस में एंट्री को लेकर प्राथमिक स्तर पर मेरे और सोनिया गांधी के बीच चर्चा हुई थी तभी मेरा फीडबैक था कि सिद्धू मानसिक तौर पर स्थिर नहीं है। यह फीडबैक भी एक घटना के आधार पर था। दरअसल, जब सिद्धू भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे, तब मुझे सोनिया गांधी का फोन आया था कि आप नवजोत से मिलकर उसके बारे में मुझे एक बार फीडबैक दें। मेरा फोन पर पहला जवाब था कि 'ही इज अ गुड ब्वाय एंड क्रिकेटर।' (वह एक अच्छा लड़का और क्रिकेटर है)।बकौल कैप्टन, मैंने सिद्धू को फोन करके दिल्ली के इंपीरियल होटल में लंच का न्योता दिया। हम बंद कमरे में मिले, बैठक शुरू होते ही सिद्धू ने अपनी जेब से शिवलिंग निकालकर मेज पर रख दिया और कहा कि हर रोज छह घंटे मेडिटेशन करता हूं और तीन घंटे भगवान से सीधी-सीधी बात करता हूं। वह बोलता रहा और मैं सुनता रहा। फिर मैंने पूछा कि उसकी भगवान से किस तरह की बातें होती हैं तो उसका जवाब था कि बस कुछ इस तरह की.. जैसे, ..इस बार पंजाब में फसल कैसी होगी, बारिश कितनी होगी.. वगैरह, वगैरह। इसके तुरंत बाद मैंने सोनिया गांधी को फीडबैक भेज दिया कि यह लड़का मानसिक तौर पर कतई स्थिर नहीं है। पार्टी को बर्बाद कर देगा। उसके बाद जो हुआ और जो आज कांग्रेस में हो रहा है वह अब सबके सामने है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62933.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35de590886e1cc82c73ff559fa6f81c65720966d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62933.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ दिन के बाद वह बोलने लगता है, समझने लगता है, फिर उसकी मां उसे बताने लग जाती है कि उसकी जाति कौन सी है, उसका धर्म कौन सा है, उसका समुदाय कौन सा है, वह किस समाज का हिस्सा है। व्यक्ति समाज की एक इकाई है, लेकिन जब वह समूह में परिवर्तित होता है तो समाज कहलाता है। समाज में इतनी विविधताएं होती हैं, जिनके होते हुए कोई कल्पना नहीं कर सकता कि समाज प्रेम-प्यार, भाईचारे, आपसी सौहार्द और सद्भावना से रहता होगा। इसका कारण है भगवान राम, जिनके चरित्र पर भारत की लगभग सभी भाषाओं और बोलियों में रामायण लिखी जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62935.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62935.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..825faa9b5e6cfe69c1b2d0d1729cbff712625de0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62935.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उचाना खुर्द गई विनोद शर्मा की बरात।विनोद की बरात सोमवार को उचाना खुर्द गई है। बरात में पांच गाड़ियां बिल्कुल फ्री गई हैं। जिन्हें सतीश, नरेश, रोशन लाल, राजेश कुमार तथा सतीश सहारण द्वारा बिल्कुल फ्री ले जाया गया। उड़ान कैंपस के संचालक शत्रुघ्न आदि भी इस प्रकार के सामाजिक कार्य में भरपूर सहयोग कर रहे हैं। खेदड़ गांव में उपरोक्त सभी ने जो मुहिम शुरू की थी। वह दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए की थी। उसी कड़ी में आज यह पहली शादी थी। इसलिए उपरोक्त सभी ने आज अपनी घोषणा के अनुरूप सारी सेवाएं निशुल्क प्रदान करके इस मुहिम को बल प्रदान करने का काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fbc676d38550462b5599ed83f6f2236464bb39e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62936.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराए गए दोषी की अपील याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि अपराध करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी एक आरोपित को दोषी ठहराने के लिए अनिवार्य शर्त नहीं है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने कहा कि इस दलील में कोई योग्यता नहीं है कि हत्या के प्रयास व गैर इरादतन हत्या के आरोपों में अपराध का हथियार बरामद नहीं किया गया था, क्योंकि शिकायतकर्ता और उसके भाई की ठोस गवाही आरोपित को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..020388b9c918596d923ba5dc9b593d177eb403f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62938.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से पहले चरण में 58 सीटों पर 10 फरवरी को मतदान के लिए नामांकन का काम पूरा हो चुका है और नाम वापसी के बाद तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी कि कितने प्रत्याशी मैदान में शेष हैं। पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) और अलीगढ़ कुल 11 जिलों में चुनाव होने हैं। ये सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वे जिले हैं जहां मुद्दों से ज्यादा जातिगत समीकरण अहमियत रखते हैं। मेरठ और सहारनपुर मंडल में जबरदस्त ढंग से जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश राजनीतिक दल कर रहे हैं। लेकिन दिलचस्प पहलू है कि इसे जाट बेल्ट भी कहा जाता है, जहां भाजपा ने छह जाट नेताओं को टिकट दिया है, जबकि जाटों का अलंबरदार बनने वाली पार्टी रालोद ने सपा से गठबंधन करके केवल तीन जाटों को टिकट दिया है। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। होर्डिग्स और पोस्टर के बिना यद्यपि यहां चुनाव प्रचार सूना लग रहा है, पर इंटरनेट मीडिया के जरिये प्रचार ने खूब धमाका मचा रखा है। + +पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का मूड सबसे जुदा माना जाता है, जहां जाति-धर्म का मुद्दा ज्यादा मायने रखता है और अन्य जरूरी मुद्दे गौण हो जाते हैं, यही कारण है कि राष्ट्रीय राजधानी के निकट होने के कारण जितनी तरक्की इस क्षेत्र की होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई। यह जरूर है कि योगी सरकार के आने के बाद विकास कमोबेश संतुलित हुआ है और प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र तक पहुंच रहा है, लेकिन यह भी सोचने वाली बात है कि यदि राजनीतिक पार्टियों को मतदाता जाति-धर्म के उलझनों में ही उलझाए रखेंगे तो निश्चित रूप से पार्टियां विकास के जरूरी मुद्दों को छोड़कर वोटों की गुणा गणित में ही व्यस्त रहेंगी, जिसे क्षेत्र के विकास के लिए उचित नहीं कहा जा सकता है। + +दूसरी महत्वपूर्ण बात है क्षेत्र में गन्ना किसानों की समस्या और अपराध। योगी सरकार से पहले गन्ना किसानों की समस्या और अपराध की स्थिति सबके सामने थी। अब बदले हालात को भी लोग महसूस कर रहे हैं, फिर भी चुनाव में जनता को बहुत ही सावधानी से प्रत्याशी का चयन करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों को जाति-धर्म की बाधा से ऊपर उठकर बेहतर भविष्य दिया जा सके। अब यह मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वे अच्छे और सच्चे प्रत्याशी का चुनाव करते हैं या अपने पुराने ख्यालों में फंसकर गलतियां फिर से दोहराएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62940.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1acdcdfa71495ad30b12f6473e059dbe4f4cf0ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62940.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के चलते कई राज्‍यों ने एहतियाती कदम उठाते हुए सख्‍त पाबंदियां लागू की हैं। देश में बीते कुछ दिनों से लगातार कोरोना के तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इसको देखते हुए जहां पाबंदियां बढ़ी हैं वहीं टीकाकरण का भी विस्‍तार किया गया है। 15-18 वर्ष के आयुवर्ग के अलावा 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बूस्‍टर डोज देने का भी काम शुरू हो चुका है। इस बीच कुछ राज्‍यों में जहां कोरोना के मामले कम हुए हैं तो वहीं कुछ राज्‍यों में बढ़े भी हैं। इसको देखते हुए राज्‍यों ने कुछ ढिलाई देने और कुछ अधिक सख्‍ती करने का भी एलान किया है। देश में बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भारत से और भारत के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 28 फरवरी तक के लिए निलंबित कर दिया है। + +राज्‍यवार जानते हैं कहां की क्‍या है ताजा स्थिति :- ।दिल्‍ली में कोरोना के मामलोंं में आई कमी के बावजूद सब कुछ सामान्‍य करने की तरफ कदम नहीं बढ़ाया गया है। दिल्‍ली में वीकेंड कर्फ्यू फिलहाल जारी रहेगा। इसी तरह से वीकेंड कर्फ्यू वाले दिनों में मैट्रो ट्रेन के परिचालन की अवधि 15-20 मिनट के अंतराल की होगी। बता दें कि दिल्ली मेट्रो में सभी सीटों पर बैठकर यात्रा करने की अनुमति पहले से ही दी जा चुकी है। लेकिन खड़ा होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं है। ऐसा करने पर यात्री को जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा बाजारों में सम-विषम आधार पर दुकानें खोलने की अनुमत‍ि है। जहां तक दिल्‍ली में स्‍कूलों को दोबारा खोलने की बात है तो शिक्षा मंत्री का कहना है कि छात्र-छात्राओं का सौ फीसद टीकाकरण होने के बाद स्‍कूलों को खोलने में मदद मिल सकेगी। ।उत्‍तर प्रदेश में कोरोना और ठंड की वजह से सभी सरकारी और निजी स्‍कूलों को 30 जनवरी तक के लिए बंद करने का आदेश पहले ही दे दिया गया है। इस बीच स्‍कूलों को आनलाइन क्‍लासेस करने की अनुमत‍ि दी गई है।वहीं, राज्‍य में विधानसभा चुनाव के लिए शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों का विद्यालय आना अनिवार्य होगा। यहां पर पूरे राज्‍य में हर रोज रात्रि कर्फ्यू है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..550f482b1659240400ba762c2777ebe67cef358c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62941.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, कमल कांत जैसे लोग ही प्रेरणा के असली स्रोत होते हैं। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सक्षम श्रेणी के लोग उनके संघर्ष को कभी समझ ही नहीं सकते हैं। एक क्षण की दुर्घटना से सारे सपनों का बिखर जाना क्या होता है, उसके बाद जिंदा रहने की जिद्दोजहद क्या होती है, यह कोई कमल कांत ही बता सकते हैं। जब डाक्टरों ने उन्हें अंतिम तौर पर यह कह दिया कि वे अपने पैरों पर नहीं चल सकते हैं तो उन्होंने सोचा कि परिवार पर आर्थिक बोझ बनने से बेहतर है कि इस जीवन को ही समाप्त कर लिया जाए, लेकिन इनकी दीदी ने उन्हें सहारा दिया और उन्हें व्हीलचेयर मैराथन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। अब तक वे 16 फुल मैराथन और 13 हाफ मैराथन जीत चुके हैं। वे व्हीलचेयर बास्केटबाल टीम के कप्तान भी हैं। उन्होंने 15 जनवरी को जब 213 किलोमीटर की दूरी व्हीलचेयर से तय की तो 2007 में पुर्तगाल के मारियो टिनिदाद के 182.4 किलोमीटर के 14 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ दिया। यह एक बड़ी उपलब्धि है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad20686ddad70ee37e2aa29e63d684344b36eb2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62942.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। अगर आप के पास 10 साल पुराना डीजल या 15 साल पुराना पेट्रोल वाहन है तो उसे स्क्रेप करा दें अन्यथा दूसरे राज्य में पंजीकृत करा लें। सड़़क पर निकाला तो इस बात के लिए तैयार रहें कि वह कभी भी जब्त हो सकता है। दिल्ली परिवहन विभाग 2021 से अब तक ऐसे कुल 3299 वाहन जब्त कर चुका है। इसमें भी 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या अधिक है। इस श्रेणी के कुल 3120 वाहन जब्त किए गए हैं, जबकि 10 साल पुराने 179 वाहन जब्त किए गए। आंड़कों पर नजर डालें तो सबसे अधिक वाहन गत दिसंबर में जब्त किए गए। जिनकी संख्या 1377 है। इसमें 1372 वाहन 15 साल पुराने हैं। इसी तरह नवंबर में 854 वाहन जब्त किए गए। इसमें 834 वाहन 15 साल पुराने हैं। + +जनवरी 2022 में भी अभी तक 305 वाहन जब्त किए गए हैं। इसमें 287 वाहन 15 साल पुराने हैं।इसी तरह मार्च में कुल 119 वाहन जब्त किए गए। फरवरी में 79, अक्टूबर में 66, जुलाई में 40,अगस्त में 28, अप्रैल में 26, जून में 23,जनवर 2021 में 9 और मई में केवल दो वाहन जब्त किए गए। यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि अगर बार वाहन जब्त कर लिया गया तो फिर वापस नहीं मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..949d5739142b481d7bdedb5be4deb405b77b16d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस खास मौके पर हम आपको पानीपत के उन 67 गांवों से रुबरु करवाएंगे। जहां बेटों से ज्यादा प्यार और दुलार बेटियों को मिलता है। इन गांवों में साल 2021 में बेटों से ज्यादा बेटियां जन्मी है। पानीपत इसलिए भी खास है क्योंकि 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत से ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए। आंगन में बेटियों की खिलखिलाहट बढ़ी है। गांवों में भी बेटों से ज्यादा बेटियां जन्म ले रही हैं। जिले में 81 गांव-कालोनी ऐसी हैं ,जहां बेटियां अधिक जन्मी। कुल 67 गांव ऐसे हैं, जहां बेटों से ज्यादा बेटथ्यां जन्मी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..262b3e207d226469fbeb28217d16aafb77830731 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62948.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [कुंदन तिवारी]। स्टेटिक्स सर्विलांस टीम (एसएसटी) ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो कालाधन पकड़ा था, उसका एक छोर पकड़कर अब कालेधन के कुबेरों की खोज में आयकर विभाग की कई टीम निकल चुकी हैं। कालाधन मामले में जिनके नाम अब तक सामने आए हैं, उन सभी की प्रापर्टी, व्यवसाय, आयकर रिटर्न सहित चल-अचल संपत्ति का ब्योरा आयकर विभाग खंगाल रहा है। माना जा रहा है कि इसके तार कर चोरी के साथ ही हवाला कारोबार से भी जुड़े हो सकते हैं। + +उन्होंने बताया कि इन लोगों के पास मकान का पता नहीं था। ऐसे में मेरे नाम से वाहन खरीद लिया है। वहीं इस जांच में अधिकारियों को यह पता चल गया कि मिसेज अग्रवाल आयात-निर्यात कारोबार से जुड़ी हैं। ऐसे में फार्च्यूनर चालक से मिली जानकारी में यह तथ्य सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर के औद्योगिक इकाइयों में चीन, ताइवान, जर्मनी, यूएसए, स्पेन, कनाडा से कम बिल पर कच्चा माल आयात हो रहा है। यह कच्चा माल ऐसे-वैसे व्यापारियों के नाम पर मंगवाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e84bc4d3bf4b012361439a5785b13a975ede76ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश की बड़ी आबादी को पर्याप्त मात्रा में अनाज भले ही मिल जाता हो, लेकिन उसमें जरूरी पौष्टिकता का अभाव उसके पोषण में असंतुलन पैदा करता है। खाद्यान की आयात निर्भरता खत्म करने के लिए देश में वर्ष 1960 और 70 के दशक में हरितक्रांति का नारा दिया गया, जिससे अगले एक दशक के भीतर ही भारत गेहूं और चावल की भारी पैदावार से पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f9ff78313237c7f3a31434fdfed8c44a24bab07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अवधेश कुमार। यह सही है कि विधानसभा चुनावों में राज्य से संबंधित मुद्दे, समस्याएं, उम्मीदवार, नेतृत्व आदि लोगों के मत निर्धारण में प्रमुख कारक होते हैं, किंतु राष्ट्रीय मुद्दे प्रबल हों तो वे भी व्यापक स्तर पर लोगों की मानसिकता प्रभावित करते हैं। कई बार स्थानीय-प्रादेशिक मुद्दे इनके प्रभाव में हाशिये पर चले जाते हैं। इस बार भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर नहीं लड़े जा रहे हैं। जो लोग सामान्य मुद्दों यानी बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, सामाजिक-सांप्रदायिक समीकरण आदि तक ही अपना विश्लेषण सीमित रखते हैं, उनके निष्कर्षों में दोष इसी कारण होता है कि वे राष्ट्रीय मुद्दों के प्रभाव का सही आकलन नहीं कर पाते। चुनाव वाले सभी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में विद्यमान हैं। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के हैं, लेकिन उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और यहां तक कि गोवा में भी उनके वक्तव्य एवं कार्यों की चर्चा व्यापक तौर पर हो रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद हर जगह लोगों के बीच बहस के विषय बने हुए हैं। चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव तथा उसके अनुरूप केंद्र सरकार की नीतियों पर लोगों को बातें करते सुना जा रहा है। पंजाब के साथ उत्तराखंड और मणिपुर भी सीमाई राज्य हैं। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों के साथ संबंध का असर मतदान पर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14fb065d8533cba0a87923c704b50b809e9b4c6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, मुकेश मेहरा। Himachal Govt Dairy Farming Schemes, 80 प्रतिशत दूध के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर हिमाचल प्रदेश में दूध की गंगा अब मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की उन्नत डेयरी प्रोजेक्ट के तहत बहेगी। इसके लिए बेरोजगार युवाओं को प्रोजेक्ट लगाने के लिए पांच लाख से एक करोड़ रुपये तक का ऋण सरकार देगी। योजना का लाभ उठाने वाले बेरोजगारों को 25 से 35 प्रतिशत तक सबसिडी मिलेगी। इसमें 25 प्रतिशत पुरुष, 30 प्रतिशत महिलाओं और 35 प्रतिशत विधवा महिलाओं के लिए सबसिडी तय की गई है। बेरोजगार युवाओं को 10-10 गाय या भैंसें खरीदनी होंगी। इसकी कीमत पर कोई सबसिडी विभाग नहीं देगा, लेकिन डेयरी फार्म के लिए शेड, मिल्किंग मशीन सहित अन्य मशीनों पर सबसिडी का प्रावधान रहेगा। बे।रोजगार युवा इसके लिए उद्योग विभाग के पास आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उसका दस्तावेजों में एक हिमाचली बोनोफाइड, आधार कार्ड की फोटो कापी, जमीन के दस्तावेज और प्रोजेक्ट की रिपोर्ट दाखिल।करनी होगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर एक करोड़ रुपये तक मंजूर हो सकता है। ऋण मंजूर होने के साथ ही दूध से बनने वाले उत्पादों मक्खन, लस्सी, पनीर, खोया आदि के लिए भी बेरोजगार मशीनें लोन पर ले सकेंगे। इसके लिए कम से कम 10 गाय होना जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68c1a9f15cf9e777f597fa702fd38d472bf2ee06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें-नवजोत सिद्धू के सलाहकार मुस्तफा के बयान पर भड़के लुधियाना के हिंदू संगठन, गिरफ्तारी की उठाई मांग।मेरी चेतावनी को तोड़ मरोड़ कर पेश किया : मुस्तफा।मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि मैं किसी के घर चाय पीने गया था, विरोधी पार्टी के समर्थकों ने हमला किया। मैंने केवल यही कहा कि दोबारा ऐसी हरकत हुई तो यह ठीक नहीं होगा। प्रशासन को उसकी ड्यूटी याद दिलाई है। मैंने कहीं भी हिंदू शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करने वाला हूं, कुछ ताकतें क्षेत्र का माहौल खराब करना चाहती हैं। मेरी चेतावनी को तरोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..104bb2c28c7bbb990b6cd08511fac9533ac60ad4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62955.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नवांशहर। नवांशहर के विधायक अंगद सिंह को इस बार कांग्रेस टिकट देने के मूड में नहीं है। हाल में ही अंगद सिंह की उत्तर प्रदेश के रायबरेली सदर से विधायक पत्नी अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गई थीं। भाजपा द्वारा उन्हें रायबरेली सदर से प्रत्याशी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने स्टैंड लिया है कि वो अदिति के पति अंगद सिंह को नवांशहर से टिकट लेने नहीं देंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f05dc313a4422a8cae2d9a50d78f81d96bbab7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +72 प्रतिशत से अधिक को लग चुकी है दोनों डोज ।सरकार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में ओमिक्रोन वैरिएंट के कम घातक होने की एक प्रमुख वजह सफल टीकाकरण अभियान भी है। पिछले एक साल में देश में 18 साल से अधिक उम्र के 92 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगा दी गई है। वहीं 72 प्रतिशत से अधिक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने टीके की दोनों डोज ले ली है यानी उनका पूर्ण टीकाकरण हो गया है। इस आयुवर्ग के शेष लोगों के पूर्ण टीकाकरण के लिए लगभग 30 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46353cc55b26fb07146e531838fdbba79f7a7a1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62959.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। बारिश न थमने से ईंट कारोबारियों की आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है। शहर के करीब 150 भट्ठों पर पकाई के लिए पाथी गईं कच्ची करीब डेढ़ करोड़ ईंट फिर से खराब हो गई है। भट्ठा व्यापारियों का कहना है कि 15 जनवरी से शुरू होने वाले भट्ठों में अभी तक शुरू नहीं हो सके हैं। 15 फरवरी के बाद से ईंट का भाव साढ़े आठ हजार रुपया प्रति हजार होने के आसार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcfebe25b824ab81adfcf78f17d91d15de03a278 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62963.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +डीडीएमए ने कहा है कि पांच प्रतिशत से नीचे संक्रमण दर आने पर ही ढील मिलेगी, फिर क्या?।डीडीएमए को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रस्ताव दे दिया है कि वीकेंड कर्फ्यू समेत अन्य प्रतिबंध हटनी चाहिए तो डीडीएमए को किस बात की आपत्ति है। आखिरकार यह चुनी हुई सरकार का फैसला है। उसके फैसले को तवज्जो मिलनी चाहिए। इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। आखिरकार दुकानदार भी हर विषय देखकर ही यह मांग कर रहे हैं। + +व्यापारी व्यग्र नजर आ रहे है?।व्यापारी वर्ग शांत कौम है। अभी तक इसके सभी आंदोलन शांतिपूर्ण रहे हैं, क्योंकि हम लोकतंत्र पर विश्वास रखते हैं। कोरोना काल में भी इस वर्ग ने जिस तरह से प्रभावित लोगों की मदद की, वह नजीर है। यहीं नहीं, पिछली लहर में जब कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो व्यापारी वर्ग ने खुद ही आगे बढ़कर लाकडाउन लगाने की पेशकश की थी। अब जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि मौजूदा ओमिक्रोन वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है। इसका अंदाजा अस्पतालों के खाली बिस्तरों से भी लगाया जा सकता है। लोग घर पर ही जल्द ठीक हो रहे हैं। उसमें भी यह देखने वाली बात है कि पड़ोसी राज्यों के साथ ही देश के किसी अन्य भाग में इस तरह के कठोर प्रतिबंध नहीं है। इस स्थिति में दिल्ली के व्यापारी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। + +प्रतिबंधोें से दिक्कतें क्या हो रही है?।शनिवार व रविवार को वीकेंड कर्फ्यू है। इसके साथ ही सम-विषम फार्मूले के आधार पर दुकानें खुल रही है। ऐसे में किसी हफ्ते दो दिन तो किसी हफ्ते तीन दिन दुकानें खुल रही है। इसमें यह देखना होगा कि दिल्ली सामानों के पूरे देश में वितरण का थोक केंद्र है। यहां दूसरे राज्यों से रोजाना लाखों खरीदार आते हैं। उन्हें इन प्रतिबंधों की वजह से यह पता नहीं होता है कि कौन सी दुकान किस दिन खुल रही है और किस दिन बंद है। ऐसे में दुकानों की बिक्री में 60 से 70 प्रतिशत तक गिरावट आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b1e858b19f384bd6ae04ac5c84a49e39007ddd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62964.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायरल हुए वीडियो को लेकर भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मुस्तफा जिला व पुलिस प्रशासन को धमकी दे रहे हैं कि उनके (मुस्तफा) जलसे (जनसभा) के समीप हिंदुओं को चुनावी जलसा करने की इजाजत दी गई तो वह ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि संभालने मुश्किल हो जाएंगे। भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक सरीन हिक्की ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत कर मुस्तफा के खिलाफ केस दर्ज करने और उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62967.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62967.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85b8de468e1df88eb3b89f4b47220fb000b786c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62967.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऋग्वेद की ऋचाओं से शुरू करके हिमालय के उदात्त स्वरूप को एक अपराजित किरदार की तरह देखने की उनकी युक्ति आनंदित करती है। हम इस तरह परंपरा के अध्ययन से यह समझ विकसित कर पाते हैं कि हमारी पूर्वज कवि-परंपरा में हिमालय को लेकर लिखी गई कविताएं जैसे भारत का सांस्कृतिक चरित्र भी उजागर करती हैं। महाभारत के ‘वन-पर्व’ में सम्मिलित हिमालय आराधना के श्लोक हों, कालिदास के ‘कुमारसंभव’ में हिमालय वंदना- सभी जगह कवि दृष्टि और चयन कारगर बन गए हैं। कुमारसंभव के पदों का अनुवाद स्वयं महादेवी वर्मा ने ही किया है। यह एक तरह से उस विचार का भी पोषक है कि श्रेष्ठ रचनाधर्मिता अपनी पूर्ववर्ती कविता की अनुगूंजों से भी बनती है। कुमारसंभव के एक पद का अनुवाद देखने लायक है- ‘पूर्व और पश्चिम सागर तक/भू के मानदंड सा विस्तृत/उत्तर दिशि में दिव्य हिमालय/गिरियों का अधिपति है शोभित।’।इसी तरह प्रबोध कुमार मजूमदार के अनुवाद में रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता ‘हिमालय के प्रति’ मौजूद है, तो इकबाल की मशहूर कविता ‘हिमालय’ बार-बार पढ़े जाने का आमंत्रण देती है। ये पंक्तियां देखिए- ‘ए हिमाला! एक फसीले-किश्वरेर्-ंहदोस्तां!/चूमता है तेरी पेशानी को झुक कर आसमां!/तुझमें कुछ पैदा नहीं दैरीना-रोजी के निशां!/तू जवां है गर्दिशे-शामो-सहर के दर्मियां!’ संचयन की खूबी यह है कि अमर ग्रंथों और मूर्धन्य रचनाकारों की रचनाओं के साथ-साथ उन्होंने अपने समकालीन गीतकारों को भी यहां स्थान दिया है, जिसमें शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, धर्मवीर भारती, रमानाथ अवस्थी, नरेंद्र शर्मा, रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’, शंभूनाथ सिंह, चंद्रकुंवर बत्र्वाल, नरेश मेहता, जगदीश गुप्त, नीरज और बालस्वरूप राही भी मौजूद हैं। नजीर बनारसी का ‘वतन का शिवाला’, आरसी प्रसाद सिंह का ‘देवतात्मा जय हिमालय’ और रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का ‘हिमालय के प्रति’ के साथ ही नागार्जुन की कालजयी कविता ‘बादल को घिरते देखा है’ पढ़ी जा सकती हैं। + +संकलन में ढेरों अमर काव्य पंक्तियां बिखरी पड़ी हैं, जिन्हें पढ़ते हुए हिमालय की विविधता, परिवेश, सुषमा और अलौकिकता के दर्शन होते हैं। सुमित्रानंदन पंत के अनुसार- ‘रवि की किरणें जिसे स्पर्श कर/हो उठतीं आलोक निनादित’, इलाचंद जोशी लिखते हैं- ‘शुभ्र शांत, हिममहिम, असीम विजन में/करता था वह वास, सदा-निर्वासी’। दिनकर की महत्वपूर्ण पंक्तियों को भला कौन भूल सकता है- ‘मेरे नगपति! मेरे विशाल/साकार, दिव्य, गौरव, विराट/पौरुष के पुंजीभूत ज्वाल...’ यह देखना भी रोमांचक है कि एक खास ढंग से पिछले 100 सालों में आधुनिक हिंदी कविता में हिमालय को लेकर कितना प्रचुर लेखन हुआ है। इसमें अलग से रेखांकित करने वाली बात यह है कि उसे भारत जैसे राष्ट्र के प्रहरी, सम्मान से भरे हुए मस्तक, पौरुष से परिपूर्ण चरित्र और उदारता व विशालता में एक बड़े रूपक की तरह देखा गया है। एक पर्वत के अपने आंतरिक विन्यास को मनुष्य के ढेरों मनोभावों से जोड़कर लिखी गई ये कविताएं हिमालय कथा में अलग ही अध्याय जोड़ती हैं। भारतीयता को समझने और उसकी संश्लिष्टता को ऊंचाई व शुभ्रता से विश्लेषित करने के लिए हिमालय से संबंधित कविताओं को पढ़ना प्रासंगिक और रोमांचक है। यह संचयन इस अर्थ में क्लासिक हिंदी कविता की एक बड़ी शिनाख्त के रूप में भी देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b2645ba4e7cb61b389b6ff1aa1f9110b87134df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62968.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चेतन भगत, कुराली। देश की आजादी की जंग में अहम भूमिका अदा करने के अलावा आजाद हिंद फौज का गठन करने एवं तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देकर क्रांति की मशाल जलाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में पूरा देश नतमस्तक है। आजादी के महानायक नेता जी के वर्ष 1938 में कुराली आगमन के साक्षी रहे शहर के वयोवृद्ध श्याम लाल गुप्ता ने लगभग 84 वर्ष पुरानी धुंधली यादों को दैनिक जागरण के साथ विशेष वार्ता के दौरान सांझा किया। + +कृष्णा मंडी में आए थे बोस।शहर के वयोवृद्ध श्याम लाल गुप्ता ने बताया कि उनका जन्म वर्ष 1921 को हुआ था। वर्तमान में पंजाब के मोहाली जिले में आता कुराली शहर उस समय जिला अंबाला में आता था। आजादी की जंग में शामिल होने एवं देश के नाम पर कुर्बानी देने वालों में कुराली कस्बे का नाम अग्रणी तौर पर लिया जाता था। उन्होंने बताया कि बेहद कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि जंग-ए-आजादी के लिए पंजाब के नौजवानों का सहयोग लेने की मंशा लेकर स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस वर्ष 1938 में कुराली के कृष्णा मंडी आए थे। + +नंगे पैर दौड़ पड़े थे नेताजी की झलक पाने।101 वर्षीय श्याम लाल गुप्ता ने मानस पटल पर इतिहास की धुंधली पड़ चुकी स्वर्णिम यादों को ताजा करते हुए बताया कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस कब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और 27 नवंबर 1938 को पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित सहित उनके कुराली आगमन की खबर पाते ही उनके जैसे हजारों की संख्या में बच्चे, बुजुर्ग एवं नौजवान पहुंचे थे। वह खुद नंगे पैर ही उनकी एक झलक पाने और आजादी की लड़ाई को लेकर उनके अमूल्य विचार सुनने कृष्णा मंडी पहुंच गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad1e8306638f13630abb46eab6f7801fbe80c416 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1957 विधानसभा चुनाव की यादें ताजा की।विधानसभा चुनाव की बातें करते हुए टप्पल कस्बा क्षेत्र के गांव पीपरी निवासी 87 वर्षीय पं. किशन शर्मा ने देश की आजादी के बाद हुए दूसरे यानी 1957 के विधानसभा चुनाव की यादें ताजा कीं। बोले, नेताओं को चुनाव लड़ाने व समर्थन करने का पहले एक अलग ही अंदाज था। सभाओं में प्रत्याशी समय पर पहुंचे थे। प्रचार के लिए अधिक साधन न थे। अब भीड़ पहले पहुंचती है नेता बाद में पहुंचते हैं। देश की आजादी के बाद से पहला चुनाव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहनलाल गौतम ने लड़ा था। जिसमें टप्पल खैर चंडौस जवा क्षेत्र आता था। इसके बाद सन 1957 में टप्पल सीट को अलग कर दिया गया था। जिसमें चौधरी देवदत्त सिंह चुनाव लड़े थे। तब टप्पल क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप था। यमुना में बाढ़ आने से टप्पल क्षेत्र के गांव में पानी भर जाता था। जिसकी वजह से आवागमन में परेशानी का सामना उठाना पड़ता था। उस समय विधायक चौधरी देवदत्त लोगों के लिए नाव द्वारा भोजन सामग्री व पशुओं के लिए चारा भेजते थे। उस समय बैठक करने से पहले गांव में सूचना भेज दी जाती थी। बैठक गांव की चौपाल पर होती थी। जनता को एकत्र करने के लिए रागिनी का प्रोग्राम किया जाता था। इसमें भक्ति गीत, जिकड़ी, चौपाई होती थीं। लोग बैठकों में बैलगाड़ी से व पैदल जाते थे। नेताजी समाज का बहुत सम्मान करते थे। अब वह बात नहीं रहीं। गांव-गांव पार्टीबंदी हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83094d9c699743827bd80e8c4aea7692dee447a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62970.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +...और नहीं थमा हार का सिलसिला।चौ. बिजेंद्र सिंह का वर्ष 2005 में हुए इगलास में हुए उप विधानसभा चुनाव से हार का सिलसिला शुरू हुआ है। इनकी पत्नी राकेश चौधरी को बसपा के मुकुल उपाध्याय ने उप विधानसभा चुनाव शिकस्त दी थी। वर्ष 2007 में राकेश चौधरी कांग्रेस की दुबारा प्रत्याशी बनीं। इस बार इन्हें रालोद की विमलेश चौधरी ने परास्त किया। वर्ष 2009 में बिजेंद्र सिंह लोकसभा का चुनाव हार गए। इसके बाद इन्होंने अतरौली विधानसभा से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में भी इन्हें शिकस्त मिली। वर्ष 2014 व 2019 में भी कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव हार गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..632424ca0c301c15a78767195cae2ea36d395936 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला शहर रविवार की सुबह पूरी तरह से बर्फ से ढक गया है। रिज मैदान पर भी भारी हिमपात हुआ है।#Snowfall #Himachalweather #Shimlasnowfall @hp_tourism @JagranNews pic.twitter.com/MCSfODCZyj।इसी तरह से राजधानी में भी लक्कड़ जार संजौली छोटा शिमला कुसुंपटी बालूगंज तक यातायात पूरी तरह से बंद है। इस दौरान लोगों को जरूरी काम होने पर भी बस सेवा उपलब्ध नहीं है। जिला प्रशासन ने सड़कों को साफ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनें लगा रखी हैं। लेकिन अभी तक बर्फबारी जारी है और लोगों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा बर्फबारी ज्यादा होने के कारण सेवाएं बहाल करने में समय लग सकता है। लेकिन प्रशासन पूरी तरह से काम में जुटा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62977.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87e6481c4be813151372fab35850c4400dc96532 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62977.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीयता से प्रेरित शासन व्यवस्था।भारत के भविष्य के बारे में नेताजी की सबसे बड़ी योजना स्वतंत्र भारत के लिए एक ऐसी नौकरशाही बनाने की थी जो भारतीयता से प्रेरित हो और इसी संदर्भ में आजाद हिंद दल का गठन किया गया था। जिन-जिन प्रदेशों को अंग्रेजों से स्वतंत्र कराया गया, उनका प्रशासन आजाद हिंद के लोगों ने ही संभाला था। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत के औद्योगीकरण और विकास के लिए पहली प्लानिंग कमेटी का निर्माण नेताजी ने 1938 में किया था। इसके लिए उन्होंने मेघनाद साहा और साराभाई जैसे विज्ञानियों की मदद ली थी। आजाद हिंद सरकार और आजाद हिंद फौज के माध्यम से नेताजी ने यह साबित कर दिया था कि भारत, भारत है। भारतीय, भारतीय हैं और आजाद हिंद सरकार थी अखंड भारत की सरकार । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49d2a47b4745b9a9df1c528c1de0d271575e4932 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62981.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एएमयू छात्र राजनीति से मंत्री से राष्ट्रपति तक।एएमयू की छात्र राजनीति से ऐसे नेता पैदा किए जो मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल व राष्ट्रपति तक बने। देश के तीसरे राष्ट्रपति बने डा. जाकिर हुसैन (1897-1969) छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे। जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री फारुख अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला एएमयू के छात्र रहे। बाद में वह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। बिहार के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल गफूर भी एएमयू के छात्र रहे। आसाम की मुख्यमंत्री रहीं अनवरा तैमूर एएमयू के वीमेंस कालेज में पढ़ी थीं। 1920-21 में हुए छात्र संघ के पहले चुनाव में केएम खुदा बख्श पहले छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए थे। छात्र संघ अध्यक्ष रहे आरिफ मोहम्मद खान जनता पार्टी के स्याना (बुलंदशहर) से विधायक बने और डिप्टी मिनिस्टर बनाए गए। वर्तमान में केरल के राज्यपाल हैं। जावेद हबीब भी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के विशेष दूत रहे और राज्यसभा सांसद भी चुने गए। छात्र संघ सचिव रहे एमए फातिमी दरभंगा से सांसद बने और केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बने। संघ अध्यक्ष चुने गए सरवर हुसैन बुलंदशहर से सांसद बने। 2006-07 में अध्यक्ष चुने गए नफीस अहमद बलरामपुर से विधायक हैं। अब्दुल हफीज गांधी सपा के नेता हैं। सपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री आजम खान भी एएमयू छात्र संघ के सचिव रहे हैं। 1974 में इमरजेंसी के दौरान उनकी छात्र राजनीति कैंपस में चमकी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a32a8a32923f13d552af19fab13fb115c75774f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेताजी डलहौजी के जिस होटल व कोठी में ठहरे थे, वह आज भी यहां मौजूद है। कायनांस कोठी में नेताजी द्वारा उपयोग किए बेड, कुर्सी, टेबल व अन्य सामान आज भी सुरक्षित रखा गया है। नेताजी जिस कोठी में ठहरे थे, वह कोठी एक निजी कोठी होने के चलते वहां आम लोगों का जाना प्रतिबंधित है। हालांकि विशेष आग्रह पर कोठी के मालिक स्वर्गीय डॉक्‍टर धर्मवीर के प्रपौत्र निखिल सेन ने दैनिक जागरण के प्रतिनिधि को कायनांस कोठी में आने का मौका दिया। निखिल सेन ने कोठी के अंदर उस कमरे को भी दिखाया, जहां नेताजी रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..654dd2e31b48ea1dd5a9c8e37774419c755d282e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62985.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तमाम दावेदारों में नाराजगी।अलीगढ़ और आगरा में टिकट की घोषणा के बाद तमाम दावेदारों में नाराजगी है। शुक्रवार को आगरा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पदाधिकारियों से बैठक में इस बात की चर्चा की थी। उन्होंने पूछा था कि कहीं किसी में नाराजगी तो नहीं है। इससे भाजपा के शीर्ष और प्रदेश के नेता ऐसे नाराज दावेदारों को मना रहे हैं। जिले में भी बड़ी संख्या में टिकट न मिलने से दावेदार नाराज हैं। एक दावेदार ने तो बागी रुख अख्तियार कर लिया और दूसरे दल से मैदान में उतर आए। वहीं, अन्य दावेदार शांत बैठ गए हैं। ऐसे में अलीगढ़ आगमन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां की स्थिति के बारे में जानकारी की। पीएसी स्थित हेलीपैड पर जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह को बुलाकर अपनी गाड़ी में बिठा लिया। पीएसी से जीटी रोड स्थित रघुनाथ पैलेस तक करीब 12 किमी दूरी तक उन्होंने जिले की सातों सीटों के बारे में फीडबैक लिया। सीएम ने पूछा कि कौन सी सीट सबसे मजबूत है, जिसपर दमदारी से जीत होगी। अतरौली, शहर, कोल, बरौली, छर्रा, इगलास और खैर सातों सीटों के बारे में जानकारी ली। सीएम ने कहा कि 2017 के चुनाव में जिले में सातों सीटों पर जीत मिली थी, इसलिए इस बार भी जीत दर्ज कर इतिहास रचे। जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने सीएम को बताया कि सभी सीटों पर स्थिति मजबूत है, पूरी टीम दमदारी से लगी हुई है। + +सभी सीटों पर मदद करें।सीएम ने वित्त राज्य मंत्री संदीप सिंह को जिले की सभी सीटों पर मदद करने को कहा। उन्होंने कहा कि अतरौली पर प्रचार करिए ही, कुछ समय निकालकर जिले की अन्य छह सीटों पर भी जाइए, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह बना रहेगा। बरौली प्रत्याशी पूर्व कैबिनेट मंत्री ठा. जयवीर सिंह से भी कहा कि वह अपनी सीट के साथ ही अन्य सीटों पर भी मदद करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62986.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1d70a508135e1ad9ac99a40214e7df20222fe47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62986.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +कम होगी आन बोर्ड चार्जर की लागत : नई तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और मुख्‍य परियोजना अन्‍वेषक डसं राजीव कुमार सिंह ने बताया देश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने दो पहिया और चार पहिया से चलने वाले आम जनमानस को चिंता में डाल दिया है। पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमत और बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारंपरिक आईसी इंजन का सबसे अच्छा विकल्प हैं लेकिन हाई पॉवर ऑफ बोर्ड चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते वाहन निर्माता कंपनियों को वाहन में ही ऑनबोर्ड चार्जर शामिल करना पड़ता है जिससे वाहन स्वामी आउटलेट के जरिये वाहनों को चार्ज कर सके। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन काफी महंगे हो जाते हैं। + +उन्होंने बताया कि संस्थान में विकसित नई तकनीक से ऑन-बोर्ड चार्जर की लागत को लगभग 50 फीसद कम किया जा सकता है। इससे इलेक्ट्रिक वाहन की लागत में भी काफी कमी आएगी। प्रौद्योगिकी पूरी तरह से स्वदेशी होगी और भारतीय सड़कों पर बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने में एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। आईआईटी (बीएचयू) में लैब स्केल का विकास पहले ही किया जा चुका है और उन्नयन और व्यवसायीकरण का काम प्रगति पर है। उन्होंने आगे कहा कि देश के प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ने भी इस नई तकनीक में रूचि दिखाई है और एक पूर्ण वाणिज्यिक उत्पाद विकसित करने के लिए तैयार हैं जिसे मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू किया जा सकता है। इस प्रौद्योगिकी विकास के लिए IIT गुवाहाटी और IIT भुवनेश्वर के विशेषज्ञों ने भी सहयोग किया है। + +आम जन तक सुलभ होंगे इलेक्ट्रिक वाहन : डॉ. सिंह ने बताया कि यह शोध भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा आर्थिक रूप से समर्थित है। संस्थान की यह नवीन प्रौद्योगिकी सरकार के ई-मोबिलिटी मिशन में भी योगदान देगी। इस नई तकनीक की मदद से देश में वाहनों के चार्जिंग बुनियादी के ढांचे में सुधार होगा और इलेक्ट्रिक वाहन तक आम जनमानस की पहुंच आसानी से संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहन सतत विकास में योगदान देता है क्योंकि यह टेल पाइप उत्सर्जन को समाप्त करके सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करता है और मौजूदा बिजली नेटवर्क में अक्षय ऊर्जा के एकीकरण के साथ, बिजली की दरों को कम किया जा सकता है। + +संस्थान में ईवी प्रौद्योगिकी पर स्थापित होगा अंतःविषय केंद्र : संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि विकसित तकनीक सस्ते इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में मदद करेगी जो आम आदमी के लिए लाभकारी होगा। प्रौद्योगिकी का तकनीकी-वाणिज्यिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव भी सकारात्मक होगा। प्रौद्योगिकी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सुधार करेगी और भारतीय सड़कों पर बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को लाने के सरकारी मिशन का समर्थन करेगी। प्रो. जैन ने बताया कि आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी में ऑटोनॉमस व्हीकल, कनेक्टेड व्हीकल विकसित करने की कुछ परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं। ऐसी ही एक परियोजना है एवरेरा परियोजना जिसने पिछले साल शेल इको मैराथन में विश्व स्तर पर प्रथम पुरस्कार जीता है। आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी ईवी प्रौद्योगिकियों पर एक अंतःविषय केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है ताकि बैटरी प्रबंधन प्रणाली का डिजाइन, निर्माण और परीक्षण किया जा सके, अनुसंधान का व्यवसायीकरण किया जा सके, अनुसंधान एवं विकास समस्याओं का समाधान प्रदान किया जा सके और इस क्षेत्र में मानव संसाधन विकसित किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30d60dbbf68fd5df77d5eca923b5716ffe1696d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62988.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुकाबले में निर्दलीय।1957 के चुनाव में टप्पल से कांग्रेस के देवदत्त विधायक बने, इनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी किशोरी रमन सिंह हुआ था। 1957 के चुनाव में अलीगढ़ से कांग्रेस से अनंत राम वर्मा विधायक बने। इनका मुकाबला निर्दल प्रत्याशी एलएन माहौर से हुआ था। गंगीरी से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीनिवास विधायक बने, लेकिन दूसरे नंबर पर रहने वाले श्यामसुंदर निर्दलीय प्रत्याशी थे। 1967 के चुनाव में इगलास से कांग्रेस के एमएल गौतम जीते। इनके मुकाबले में एस. ङ्क्षसह निर्दलीय प्रत्याशी थे। खैर से विधायक बने कांग्रेस के प्यारेलाल का मुकाबले निर्दलीय प्रत्याशी एम. ङ्क्षसह से हुआ था। 1989 में बरौली से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र ङ्क्षसह चौहान विधायक बने। इनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी दलवीर ङ्क्षसह से रहा था। + +1957 में अतरौली में सबसे कम दो प्रत्याशी।आजादी के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक व सबसे कम प्रत्याशियों का भी एक रिकार्ड है। 1993 के चुनाव में अलीगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 58 प्रत्याशी थे। यह रिकार्ड अभी तक नहीं टूटा है। इसी तरह 1957 में अतरौली में दो प्रत्याशी थे। यह अब तक के सर्वाधिक कम प्रत्याशी रहे। + +निर्दलीय चुनाव लड़कर सिकंदराराऊ में जीते अमर सिंह।अलीगढ़ के देवी के नगला के अमर सिंह दो बार विधायक बन चुके हैं। दोनों बार वे हाथरस जिले के सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से जीते। 1993 में वे सपा से चुनाव लड़े थे और भाजपा के सेक्रेटरी ङ्क्षसह यादव को हराया था। 2002 में वे निर्दलीय प्रत्याशी थे। उन्होंने भाजपा के यशपाल ङ्क्षसह को हराया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5efdb003017881829b21d441e2f7a89d7d82cc9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6299.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साधना अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं। आजादी के बाद जब देश का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ बसा। साधना का नाम उनके पिता ने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था। साधना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई घर से ही की थी। वह भी बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने बाल कलाकार के तौर अपनी करियर की शुरुआत की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d96e82a5850435be5130e18df964b4556de8852f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डेडलाइन फालो करने की डालें आदत: एक छात्र के जीवन में समय का बड़ा महत्व होता है। इसलिए समय का सदुपयोग करें। आपकी दिनचर्या में पढ़ाई के लिए समय निर्धारित होना चाहिए। उस निर्धारित समय में अपनी क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करें। कई बार छात्र किताब लेकर तो बैठ जाते हैं, पर उनका मन पढ़ाई में न लगकर कहीं और ही लगा रहता है, जैसे कि किसी खेल में, मोबाइल गेम या वीडियो गेम देखने में, मूवी देखने में आदि। जीवन में हर चीज का होना जरूरी है, पर किसी कार्य में इतना अधिक न डूबें कि आपकी पढ़ाई को नुकसान होने लगे। क्‍योंकि शिक्षा ही आपके जीवन का आधार होता है। शिक्षा जैसी होगी, उसी अनुरूप आपका जीवन भी होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67601582a1b5eaf5704550d462273881b7e439b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62995.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। राजनीति को अपराधीकरण से मुक्त रखने के लिए चुनाव आयोग किसी न किसी तरीके से राजनीतिक दलों को लगातार हतोत्साहित करने में जुटा है, लेकिन उसकी शक्ति सीमित है। दूसरी ओर, राजनीतिक दलों को जिताऊ उम्मीदवारों की सूची में अपराधी ही आगे दिखते हैं। यही कारण है कि चुनाव आयोग उनसे अगर अपराधी छवि के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने के पीछे तर्क पूछता भी है तो बेहिचक बताया जाता है-वह जिताऊ हैं। यह स्वीकारोक्ति वह जुबानी या चोरी-छिपे नहीं, बल्कि चुनाव आयोग को दिए जाने वाले ब्योरे में कर रहे हैं। + +सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अमल में पार्टियों को चुनाव आयोग को यह बताना है कि उन्होंने आपराधिक छवि के व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों बनाया है? साथ ही उनका चयन किस आधार पर किया गया है? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ किया है कि ऐसे उम्मीदवारों के चयन के पीछे सिर्फ जिताऊ होना आधार नहीं होगा। राजनीतिक दलों को उनकी योग्यता, उपलब्धियों जैसी जानकारी देनी होगी। लेकिन मौजूदा समय में राजनीतिक दल सिर्फ जिताऊ होने शब्द से ही काम चल रहे हैं। किसी कानून के अभाव में आयोग की शक्ति इस मामले में भी उतनी ही सीमित है, जितनी बढ़-चढ़कर किए जाने वाले वादों और मुफ्त सामान बांटने के मामले में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62997.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62997.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ba99f15396f5a3877a55475b2f2e21b668f829f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62997.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ग्रेटर नोएडा [अंकुर त्रिपाठी]। गौतमबुद्ध नगर की दादरी क्षेत्र में एक बार फिर भाजपा, सपा,कांग्रेस,बसपा ने गुर्जर उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। दादरी गुर्जर बहुल क्षेत्र है। पौने छह लाख मतदाताओं में से लगभग दो लाख गुर्जर हैं। आजादी के बाद से अब तक एक बार को छोड़ दें तो यहां से हर बार गुर्जर विधायक ही चुना गया है। यही कारण है कि सभी पार्टियां यहां से गुर्जर प्रत्याशी पर ही दांव लगाती है। एक-दो बार कुछ पार्टियों ने दूसरी जाति के प्रत्याशियों को आजमाया, लेकिन वह अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। + +दादरी सीट पर 1957 में ठाकुर सत्यवती रावल विधायक चुनी गईं थीं। इसके बाद हर विधानसभा चुनाव में गुर्जर प्रत्याशियों के ही सिर पर दादरी की जनता ताज सजाती गई है। यहां भाटी-नागर गोत्र का मुद्दा हर चुनाव में इतना अधिक हावी रहता था कि ज्यादातर दलों को इन्हीं दोनों गोत्रों में से प्रत्याशी का चयन करना पड़ता था। 2007 में बैसोया गोत्र के सतवीर गुर्जर विधायक चुने गए। 2012 से पहले दादरी और नोएडा एक ही विधानसभा हुआ करती थी। नए परिसीमन होने के बाद 2012 में दोनों अलग-अलग सीट बन गई। सत्यवती रावल के बाद स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र विकल कई बार यहां से विधायक चुने गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ac6f5dae150b5b99a1554cb4485a29bd070588d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। सीमा पर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को बर्फीले मौसम से कानपुर का स्लीपिंग बैग बचा रहा है। यह शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी सैनिकों को सुरक्षित रखता है। इसके निर्माण के लिए तंत्र के गण पार्वती बागला रोड निवासी श्याम मेहरोत्रा ने फूलबाग स्थित ओईएफ को डक डाउन फेदर (बत्तख के पंखों) की सप्लाई की थी। 45 वर्ष से ज्यादा समय से रक्षा क्षेत्र के उत्पाद बनाने वाले श्याम अब निर्यात के क्षेत्र में भी कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं। ।सात अप्रैल 1955 को जन्मे श्याम मेहरोत्रा बहुत ही कम उम्र में अपने पैरों पर खड़े हो गए थे। वर्ष 1970 में हाईस्कूल पास करते ही मात्र 15 वर्ष की आयु में उनकी चार्टर्ड बैंक में नौकरी लग गई थी लेकिन यह नौकरी उन्हें रास नहीं आई। उनके मुताबिक उनके सभी दोस्त कारोबार से जुड़े थे और वे उन्हें भी कारोबार करने के लिए कहते थे। इसलिए पांच वर्ष बैंक की नौकरी कर उन्होंने 1975 में बैंक से इस्तीफा दे दिया था। उस समय उन्हें 390 रुपये वेतन मिलता था, जो उनके लिए पर्याप्त था। अपने कारोबारी जीवन में उन्होंने पहला आर्डर टेनरी एंड फुटवियर कारपोरेशन आफ इंडिया (टेफ्को) का लिया जो सैनिकों के लिए जूते बनाती थी। उन्हें सबसे पहले झाडू सप्लाई करने का आर्डर मिला। ।उस समय सैनिकों के जूतों में पीतल की कीलें लगती थीं और पीतल के स्क्रू वायर से ही उसकी सिलाई होती थी। इसकी सप्लाई में आगरा के उद्यमियों का वर्चस्व था। उन्होंने इसके टेंडर में भाग लिया और टेंडर उन्हें मिला। इसके बाद उन्होंने पीतल की कील व स्क्रू वायर बनाना शुरू कर दिया। पहला ही आर्डर उस दौर में 45 हजार रुपये का मिला था। श्याम मेहरोत्रा के मुताबिक इसके बाद उन्होंने रक्षा क्षेत्र में बनने वाली तमाम चीजों की सप्लाई की। इसमें बक्कल बनाने की एल्युमीनियम शीट, हैसियन जूट, लैमिनेटेड जूट, बूट प्लांट से जुड़े एडहेसिव की सप्लाई भी की। जूते की मशीन का मोल्ड बनवाकर आपूर्ति की लेकिन उनकी असली पहचान तब बनी जब उन्होंने बर्फीले क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए बनने वाले स्लीपिंग बैग के लिए आस्ट्रेलिया से मंगवाकर डक डाउन फेदर की आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) को सप्लाई की। ।उससे पहले जर्मनी से यहां इसकी सप्लाई होती थी लेकिन 1994 में जारी ग्लोबल टेंडर उन्हें मिला तो उन्होंने इसकी भी सप्लाई की और वह पहले सप्लायर थे, जिन्होंने भारतीय होते हुए इसकी सप्लाई की थी। इसके लिए उन्हें उस समय सम्मान पत्र भी दिया गया था। इसके लिए 5,000 किलो डक डाउन फेदर की सप्लाई की थी। ।इसके बाद उन्होंने बर्फीले पहाड़ों पर चढऩे के काम आने वाले आइस स्पैनर, बैग के फ्रेम, टीपी शीट, स्किप बोर्ड, वेलक्रो भी बनाए। उन्होंने टैफ्को, ओईएफ, आर्डनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री शाहजहांपुर, पैराशूट फैक्ट्री, डीएमएसआरडीई में आपूर्ति की। इस समय भी वह सैनिकों के टेंट में लगने वाले बहुत से उपकरण बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। उनके अनुसार पिछले 45 वर्ष के अनुभव का लाभ उठाते हुए अब वह निर्यात के क्षेत्र में भी जाने की तैयारी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_62999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_62999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7bba2f92dffff5c36228f61072602eabd3700b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_62999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। मोक्ष की नगरी काशी संगीत के क्षेत्र में यूनेस्‍को में विश्‍व विरासत के तौर पर दर्ज है। संगीतकारों की नगरी काशी में संगीत का मान ही नहीं बल्कि हर घड़ी सुरों में पगी काशी की परंपरा में सुरों की साधना का अपना मान रहा है। कथक सम्राट बिरजू महाराज भले की लखनऊ घराने के थे लेकिन काशी में भी उनकी गहरी जड़ें रही हैं। इस लिहाज से काशी के शिष्‍य भी गुरु को नमन करने शनिवार की सुबह पहुंचे तो संगीतांजलि और नृत्‍यांजलि के पलों ने लोगों को अति भावुक कर रहा। हर आंख बह रही थी मानो गुरु के जाने के बाद एक विरासत लंबे समय तक खाली रहने वाली है।  ।मधुर ध्वनि में गूंजते रहे- 'मेरे संग नाच जैसे...अंत काल...नजर भर निहारा' और सुरों से पगे कदमों के थाप ने लोगों को संगीत की एक सशक्‍त कड़ी के अलग होने की मीमांसा माहौल को कलश यात्रा के विदायी पलों में नजर आती रही। नटराज संगीत अकादमी में रागिनी समेत कई शिष्य और शिष्याओं ने नृत्यंजली अर्पित दी। इस दौरान।बड़ी संख्या में मौजूद प्रशंसक पंडित बिरजू महाराज याद में फफक पड़े। पुष्पांजलि देने वालों में कांग्रेस नेता अजय राय व राघवेंद्र चौबे भी शामिल रहे। ।पंडित जयकिशन महाराज ने बताया कि परिवार से बनारस पांच सदस्य आये हैं। मेरे साथ बेटा त्रिभुवन, रजनी, यशस्विनी और रागिनी आये हैं। पंडित बिरजू महाराज के कुल पांच पुत्र- पुत्रियां हैं। तीन पुत्रियों में कविता मिश्र पति साजन मिश्र, अनीता और ममता शमिल रहे। पत्नी अन्‍नपूर्णा देवी बनारस के ही कबीर चौरा से संबंधित रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30453125985878fec6282588032aabf3df526d34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Yash Kumarr And Nidhi Jha Honeymoon Videos : भोजपुरी सिनेमा के​ हिट एक्टर यश इन दिनों अपनी शादी की खबरों को लेकर चर्चा में बनें हुए हैं। यश ने भोजपुरी एक्ट्रेस निधि झा संग सात फेरे लिए हैं। दोनों की शादी की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई हैं। दोनों को सोशल मीडिया पर फैंस और स्टार्स ने जमकर बधाई दी थी। शादी के बाद अब निधि और यश अपना हनीमून एंजॉय कर रहे हैं। ऐसे में दोनों ही लगातार अपनी रोमांटिक तस्वीरें और वीडियोज फैंस के साथ शेयर कर रहे हैं। इसी बीच निधि ने एक ऐसा लाइव वीडियो अपलोड कर दिया है जिसे देखकर हर कोई हैरान है। ये वीडियो सामने आने के बाद ताबड़तोड़ वायरल हो रहा है। यहां देखें वीडियो...।यश की पत्नी निधि झा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक लाइवी वीडियो अपलोड किया है। इस वीडियो में निधि और यश को साथ देखा जा सकता है। लेकिन वीडियो में हर किसी का ध्यान न्यूली वेड कपल पर न जाकर किसी और चीज पर जा रहा है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि निधि के गले पर कई सारे लव बाइट के निशान नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में निधि झा ने फैंस को मालदीव का नजारा दिखाया। इसके साथ ही एक्ट्रेस ने वीडियो में बताया कि मालदीव में बारिश हो रही है। इस वीडियो को निधि अपने बेडरूम से शूट कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने ग्रीन कलर का आउटफिट पहना हुआ है। वहीं निधि अपने फैंस को अपने पति यश कुमार से भी लोगों को मिलवाया। निधि के इस वीडियो पर लगातार फैंस के रिएक्शन आ रहे है। वहीं इस पर कमेंट कर फैंस लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2b1ab0c2f4ffc4515e4bef433926c037f48b9d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पं. बिरजू महाराज का अस्थि कलश शुक्रवार देर रात बनारस लाया गया था। पंडित जी के ज्येष्ठ पुत्र पं. जयकिशन महाराज समेत परिवारीजन और शिष्यगण देर रात इसे लेकर सिगरा स्थित नटराज संगीत अकादमी आ गए थे। अस्थि कलश सुबह नौ बजे दर्शनार्थ रखा गया। सुबह दस बजे अस्थि कलश सज्जित खुले वाहन पर रख कर यात्रा निकाली जाएगी। अस्सी घाट पर वैदिक रीति से पूजन विधान किए जाएंगे। इसके बाद उनकी अंतिम इच्छानुसार गंगा की मध्य धारा में विसर्जन किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0878ef5280ff0856558a90a32dd8a85815acad99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63002.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +''प्रस्तावित रैंकिंग प्रणाली के अनुसार, एक राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (एसईआइएए) को 80 दिनों से कम समय में विकास परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी (ईसी) देने के लिए दो अंक मिलेंगे। 105 दिनों से कम के लिए एक अंक, 105 से 120 दिनों के लिए 0.5 अंक और 120 दिनों से अधिक समय में पर्यावरण मंजूरी देने के लिए जीरो अंक दिए जाएंगे। + +मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार 10 प्रतिशत से कम मामलों में एक से अधिक बार आवश्यक विवरण मांगे जाने पर एक अंक, 20 प्रतिशत होने पर 0.5 अंक और 30 प्रतिशत या अधिक होने पर शून्य दिया जाएगा।पर्यावरण मंजूरी के 90 प्रतिशत से अधिक नए प्रस्तावों और 105 दिनों से अधिक समय से प्रतीक्षित ईसी संशोधन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने पर एक अंक दिया जाएगा। 80 प्रतिशत क्लियरेंस के लिए सिर्फ 0.5 अंक और 80 प्रतिशत से कम क्लियरेंस के लिए जीरो दिया जाएगा। + +आदेश कहता है कि ''एसईआईएए की रेटिंग पिछले छह महीनों के प्रदर्शन के आधार पर होगी। पहले दिन से ब्लाक अवधि के अंतिम दिन तक छह महीने के आंकड़ों पर विचार किया जाएगा। इसे हर माह के आखिर में अपडेट किया जाएगा। रेटिंग मानदंडों को मंत्रालय के परिवेश पोर्टल के माध्यम से आनलाइन लागू किया जाएगा। पोर्टल को टीओआर / ईसी प्रस्तावों पर की गई कार्रवाई को रिकार्ड करने के लिए अपग्रेड कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4e4daab405731115bec06452132b205cefead56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63004.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सपा की 11 सदस्यीय टीम।सपा से शहर सीट पर खड़े पूर्व विधायक जफर आलम ने ईदगाह के निकट चुनाव कार्यालय पर वार रूम तैयार कराया है, जिसमें 11 सदस्यीय टीम डिजिटल प्रचार कर रही है। हर दिन प्रचार-प्रसार से जुड़ी क्षेत्र की गतिविधियां उनके पेज और अकाउंट पर पोस्ट की जा रहीं हैं। इधर, कोल सीट पर सपा प्रत्याशी अज्जू इश्हाक ने प्रचार-प्रचार की कमान डिजिटल फ्रेंडली युवाओं को सौंप रखी है। इन्हें कंप्यूटर, लैपटाप, टेबलेट उपलब्ध कराए गए हैं। सोशल साइट््स पर समर्थकों ने अपने पेज बनाए हैं। छर्रा से सपा प्रत्याशी लक्ष्मी धनगर ने भी अपने कार्यालय पर वार रूम खोला है। + +डिजिटल मंच पर बसपा भी तैयार।बसपा ने चुनाव प्रचार के लिए डिजिटल मंच को मजबूत करने के लिए आईटी एक्सपर्ट को जिम्मेदारी दी है। इसके लिए एक दर्जन से अधिक लैपटाप की व्यवस्था की गई है। इनमें सातों विधानसभा क्षेत्रों का अलग अलग डाटा लोड किया गया है। एक लैपटाप पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से जुड़ा रहता है। बड़ा टीवी स्क्रीन भी लगाया गया है। जिलाध्यक्ष रतनदीप सिंह ने बताया है कि हमने वर्चुअल मीङ्क्षटग काफी पहले शुरू कर दी है। विधानसभा स्तरीय पदाधिकारियों के साथ सुबह वर्चुअल मीङ्क्षटग होंगी। + +रालोद भी तेज करेगी वार।सपा-रालोद गठबंधन ने तैयारी कर ली हैं। रालोद के पास खैर, इगलास और बरौली तीन सीटें हैं। इन सीटों के प्रत्याशियों के स्वजन व निकटस्थ कार्यकर्ताओं ने इंटरनेट मीडिया की कमान संभाल ली है। खैर विधानसभा क्षेत्र का कस्बा खैर व जट्टारी में चुनाव कार्यालय खोल दिया है। इगलास विधानसभा क्षेत्र से गौंडा व गोरई में प्रत्याशियों के कार्यालय खोले गए हैं। वाट््सएप ग्रुप के साथ इंटरनेट मीडिया पर लाइव कार्यक्रम होंगे। तीनों विधानसभाओं में शीर्ष नेतृत्व की रैली या बैठक के लिए डिजिटल प्लेट फार्म तैयार किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4cfa5444ee06310fe5a8472e267a522243a56f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63006.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, सत्‍येंद्र दुबे। चंबल की माटी की तासीर ही ऐसी है कि खून में गर्मी है। कुछ दशक पहले व्‍यवस्‍था से तंग लोग बीहड़ का रास्‍ता चुनते थे और डकैत बनते थे। अब डकैत नहीं, यहां के युवा फौजी बन रहे हैं। सरहद पर जाकर देश की सीमा की रक्षा कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो प्राण न्‍यौछावर करने से यहां का फौजी कभी पीछे नहीं हटा। आगरा के नजदीक बाह के तमाम गांवों में सुबह और शाम को आपको युवा सेना भर्ती की तैयारी करते दिख जाएंगे। गांव में लगी चौपालों पर रिटायर्ड फौजी अपनी वीरता के किस्‍से सुनाते नजर आएंगे। इन्‍हीं रिटायर्ड फौजियों का अनुभव युवाओं के काम आ रहा है। वे खुद युवाओं को सेना भर्ती के लिए प्रेरित करते हैं और खुद तैयारी भी कराते हैं। + +सुबह-सुबह पीटी परेड।बड़ागांव के मोहित सुबह-सुबह दौड़ करते हुए मिले। सर्दी में भी पसीने से लथपथ मोहित ने बताया मेरी तीन पीढ़ियां फौज में है। मैं भी फौज में जाने की तैयारी कर रहा हूं। गौरव, सौरभ के तीन भाई भी सेना में हैं। जिला मुख्यालय से 75 किमी व तहसील मुख्यालय से पांच किमी दूर यमुना व चंबल के बीहड़ के बीच बसा है बड़ागांव। यहां पर आसपास के कई गांव के युवा सुबह-सुबह सड़क व खेत की मेड़ पर पसीना बहाते दिखते हैं। हर युवा की आंखों में देश सेवा करने के अलावा सुनहरे भविष्य का सपना पल रहा है। कोई पायलट, कोई एयरमैन तो कोई नाविक बनना की चाहत रखता है। + +सेना के लिए कर रहे तैयारी।बाह के बड़ागांव, भोपे का पुरा, पुरा जवाहर, रुदुमुली, कोरथ, सिमराई, पुरा बाघराज, बरहा, गौंसिली, अभयपुरा, हरलाल पुरा, क्वारी, फोहपुरा, नावली, मऊ, सिजवाई पुरा, नहटौली, विक्रमपुर, कलींजर, मई, सियाइच, कलियान पुर, भरतार, पुरा भदौरिया, स्याहीपुरा, मानिक पुरा, बसई अरेला, गंजन पुरा, भैनिग पुरा, लडउआ पुरा के अलावा अन्य गांव में भी सुबह-सुबह युवा पसीना बहाते नजर आयेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67d5b3072f624ae5e463aae0202bfad62c142528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. ऋतु सारस्वत। दिल्ली उच्च न्यायालय कई गैर सरकारी संगठनों की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उन्होंने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध करार देने का अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय के अनुसार, 'यह कहना ठीक नहीं है कि अगर किसी महिला के साथ उसका पति जबरन संबंध बनाता है तो वह महिला भारतीय दंड संहिता की धारा-375 (दुष्कर्म) का सहारा नहीं ले सकती और उसे अन्य फौजदारी या दीवानी कानून का सहारा लेना पड़ेगा।' पीठ ने यह भी कहा कि 'भारतीय दंड संहिता की धारा-375 के तहत पति पर अभियोजन चलाने से छूट ने एक दीवार खड़ी कर दी है। अदालत को यह देखना होगा कि यह दीवार संविधान के अनुच्छेद-14 (कानून के समक्ष समानता) और 21 (व्यक्ति स्वतंत्रता और जीवन की रक्षा) का उल्लंघन करती है या नहीं।' उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी अनेक प्रश्न खड़े करती है। अगर वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में सम्मिलित कर लिया जाता है तो भविष्य में इसके क्या परिणाम होंगे, इस पर गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de57329beb5b8a55a5c5bf8120060f88b0715876 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खून की छोटी नलिकाओं में थक्के।प्रो. गिरि का कहना है कि कोरोना वायरस शरीर के अंदर जाकर रक्त नलिकाओं में खून के थक्के बनाता है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के लक्षण भले ही हल्के हों, लेकिन वह कोरोना वायरस ही है। वायरस अपनी प्रकृति नहीं छोड़ता है। इसलिए वह खून की नलिकाओं में जाकर खून के छोटे-छोटे थक्के बना रहा है। किडनी की नलिकाएं बहुत की छोटी व पतली होती हैं। वहां थक्के बनने से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। इस वजह से किडनी इंजरी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..769740cac5c72a92c6ea3d73ee87066454976577 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63011.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आदिबद्री से शुरू होकर कुरुक्षेत्र, कैथल से होते हुए पटियाला के सतड़ाना के पास घग्गर नदी में मिलेगी।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी नदी के किनारे हजारों वर्ष पुराने वेद-पुराणों की रचना हुई थी। पूरे विश्व को शिक्षा और संस्कारों का ज्ञान भी यहीं से मिला। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए डैम, झील व बोरवेल सहित कई प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। नदी के बहाव क्षेत्र का पता लगाने के लिए सरस्वती धरोहर बोर्ड और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) मिलकर 100 कुएं खुदवाएंगे। अगले एक साल में सरस्वती के उद्गम स्थल आदिब्रदी से लेकर कुरुक्षेत्र के पिहोवा तक 20 बड़े जलाशय (सरोवर) बनाने का लक्ष्य है ताकि इनमें बरसाती पानी का संचय कर नदी में तेज गति से जल प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके। + +सरस्वती बोर्ड और ओएनजीसी खुदवाएंगे 100 कुएं, आदिब्रदी से पिहोवा तक 20 बड़े जलाशय बनेंगे।सरस्वती नदी में गिरने वाले सभी 23 छोटे चैनलों व नालों को सरस्वती नदी का नाम दिया गया है। प्रदेश की पांच नदियों का जल सरस्वती नदी की धारा को प्रवाह देगा। वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो), जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (जीएसआइ), ओएनजीसी, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाइड्रोलाजी (एनआइएच) रुड़की, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी), सरस्वती नदी शोध संस्थान जैसे 70 से अधिक संगठन सरस्वती नदी विरासत के अनुसंधान कार्य में लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e77b274c3922534256f91591cbc6266419be97e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63012.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +चंडीगढ़ जेएनएन। पंजाब कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरे को लेकर घमासान मचा हुआ है और नेता इस पर उलझे हुए हैं। ऐसे में राज्यसभा सदस्य व पंजाब कांग्रेस की चुनाव घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन प्रताप सिंह बाजवा ने बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि मुख्‍यमंत्री चुनाव में सीएम चेहरा होता है, इसलिए चरणजीत सिंह चन्‍नी ही सीएम चेहरा हैं। ।वैसे बाजवा हमेशा ही चर्चा का केंद्र बने रहते हैं। साल 2013 में जब कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर उनको प्रदेश कांग्रेस प्रधान बनाया था तो तब भी वह चर्चा में आए थे। राहुल गांधी के न चाहते हुए भी कैप्टन के दबाव में जब उनको प्रदेश कांग्रेस की कमान छोड़नी पड़ी, तब भी चर्चा में रहे। कैप्टन और बाजवा के बीच में छह वर्षो तक छत्तीस का आंकड़ा रहा। + +कहा-राज्य के स्त्रोतों की स्थिति को देखकर घोषणा पत्र में शामिल करेंगे सिद्धू के सुझाव।बाजवा आजकल इसलिए भी चर्चा का केंद्र बने हुए हैं, क्योंकि उनके पैतृक घर पर इन दिनों भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही झंडे लहरा रहे हैं। कारण, बाजवा के छोटे भाई फतेहजंग बाजवा भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं, राज्यसभा सदस्य होते हुए भी बाजवा वापस पंजाब की राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें कादियां से टिकट दिया है।पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब माडल पर भी उनकी स्‍पष्‍ट राय है। उनका कहना है कि कांग्रेस घोषणा पत्र किसी व्‍यक्ति विशेष का नहींं होगा। वैसे राज्‍य के स्रोतों को देखकर सिद्धूू के सुझावाें काे घोषणापत्र में शामिल करेंगे।हमारे विशेष संवाददाता कैलाश नाथ ने उनसे बात की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश :।आपके घर पर भाजपा और कांग्रेस दोनों के झंडे लगे हैं?।- वह मेरा पैतृक घर है। मैं ऊपर रहता हूं और मेरा छोटा भाई नीचे। वह अपने घर पर भाजपा का झंडा लगाता है तो मैं कैसे रोक सकता हूं। वह अपने हिस्से का मालिक है। + +पंजाब की राजनीति में वापस आने के पीछे क्या कारण हैं?।- मैं राज्यसभा में गया था। पंजाब को तो छोड़ा ही नहीं था कभी। राज्यसभा में भी पंजाब के ही मुद्दों को उठाता था। राज्यसभा सदस्य होते हुए जब भी मुझे लगता था कि कैप्टन सरकार कुछ गलत कर रही है तो मैं सबसे पहले आवाज उठाता था। मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखता था। + +आप वरिष्ठ नेता हैं; मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार हैं, अगर पार्टी आपको मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी तो आपका क्या स्टैंड होगा?।- मैं किसी पद का दावेदार नहीं हूं। पार्टी ने मुझे कादियां से टिकट दिया है। मैं चुनाव लड़ूंगा। पार्टी आगे मुझे जो जिम्मेदारी देगी, वह मैं निभाऊंगा। इससे पहले भी पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी, मैंने निभाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fd95d5be3c70d958a148570a33e90d5a19fe047 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63013.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज नारायण सिंह, अलीगढ़ । UP Assembly Elections 2022 नामांकन का जलसा खत्म हो गया है। अब प्रचार की तैयारी है। नेताओं के लिए चुनाव किसी उत्सव से कम नहीं होता है। उनकी वर्षों की मेहनत व तपस्या होती है। इस उत्सव में इस बार तीन दिग्गज बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह, पूर्व विधायक ठा. राकेश सिंह और पूर्व विधायक जमीरउल्लाह नहीं होंगे। इन दिग्गजों पर अब सबकी नजर हैं। अलीगढ़ की राजनीति में इन तीनों के सियासी मायने रहे हैैं। ये तीनों जिन विधानसभा क्षेत्रों से होते थे, मुकाबला रोमांचक हो जाया करता था। + +जमीरउल्‍लाह खान का सियासी सफर।पूर्व विधायक जमीरउल्लाह खान ने भी सपा से राजनीतिक सफर की शुरुआत की। 2004 में सपा के महानगर अध्यक्ष रहे। 2006 में सपा से महापौर का चुनाव लड़े, मगर शिकस्त मिली। 2007 में शहर सीट से विधायक बने। 2012 में कोल विधानसभा से चुनाव जीते। 2017 में सपा ने टिकट नहीं नहीं दिया तो निर्दलीय लड़े। इसमें हार मिली थी। इस बार भी उन्होंने कोल विधानसभा सीट से सपा से मजबूती से दावेदारी की थी, मगर टिकट नहीं मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..130917e8b59227aeba3915f9229f299faab83ffe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: पंजाब कांग्रेस की ताजा हालत पर पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी ने की खुलकर बात, पढ़े विशेष बातचीत।कांग्रेस ने वीडियो से दिया था संकेत।इससे पहले भी कांग्रेस के अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने नाम लिए बिना इस प्रकार के संकेत दिया था कि चन्नी ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। सोनू सूद की बहन मालविका सूद को मोगा से उम्मीदवार बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b670dde30749f8a7ff3299b1bc9cd727bee31da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भूपेन्द्र यादव - इस समय के राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, चंद्रशेखर जी के बहुत करीब थे। उन्होंने चंद्रशेखर जी की जीवनी में लिखा है कि जैसे ही कांग्रेस को लगा कि चंद्रशेखर जी रामजन्म भूमि विषय को सुलझाने के करीब जाने लगे हैं तो कांग्रेस ने उनकी सरकार गिरा दी। कांग्रेस चाहती रही है कि कोई भी राजनीतिक दल उसका विकल्प नहीं बन पाए। उन समस्याओं का समाधान न करवा पाए जो कांग्रेस नहीं चाहती थी। कांग्रेस ने पूरे देश को बंद दरवाजे में रखने की कोशिश की और समाधान के विषयों पर हमेशा लोगो को धोखा देने का काम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..002c7e5217fcb039a225726f193f02101e13e2a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जुबिन नौटियाल(14 जून 1989) उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनके पिता रामशरण नौटियाल एक बिजनेसमैन हैं, जबकि उनकी मां नीना नौटियाल बिजनेस वुमेन हैं। जुबिन की स्कूलिंग देहरादून के सेंट जोसेफ और वेल्हम ब्वायज से हुई। वैसे तो जुबिन की गायिकी की शुरुआत स्कूल टाइम से ही हो गई थी। इसमें उनको उनके मां-पिता का पूरा साथ मिला और उन्होंने बालीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed2c01dc8c072aa04d907f79c3a1daf1a16a7d9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63022.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +साधन की कमी और स्वास्थ्य सुविधाओं की सीमित व्यवस्था का दंश लोगों को लंबे अर्से तक झेलना पड़ा। इस इलाके में हरि नगर में एक छोटी सी डिस्पेंसरी थी। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए राजौरी गार्डन निवासी सुभाष आर्य ने इलाके में एक अस्पताल बनवाने की ठानी और इसके लिए पत्र व्यवहार के माध्यम से अपनी बात रखी। + +सुभाष आर्य ने बताया कि उस दौरान दिल्ली में मुख्यमंत्री नहीं हुआ करते थे। दिल्ली की कार्यप्रणाली चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसलर के हाथ में होती थी। प्रो. विजय कुमार मल्होत्र उस समय चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसलर थे। उन्होंने कहा कि ‘मैंने विजय कुमार मल्होत्र के पास हरि नगर में डस्पेंसरी को अस्पताल का स्वरूप देने के लिए योजना प्रस्तुत की।’।टीन शेड में डीडीयू अस्पताल की हुई थी शुरुआत।वर्ष 1970 में हरि नगर में डीडीए की जमीन पर सबसे पहले टीन शेड में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल की शुरुआत 50 बेड से की गई। धीरे-धीरे इलाके की आबादी बढ़ती गई और वर्ष 1987 में नई इमारत बनाकर इस अस्पताल को पांच सौ बेड का किया गया। इस दौरान आपातकालीन विभाग भी खोला गया, लेकिन तबतक यह विभाग 24 घंटे काम करना शुरू नहीं किया था। वर्ष 1998 में इस अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवा शुरू कर दी गई और यह दिल्ली के बड़े अस्पतालों में शुमार हो गया। + +केंद्र सरकार ने बजट देने से कर दिया था मना, नया कर लगाने का दिया था सुझाव।उस समय पैसे का अभाव था। बिना बजट के काम कैसे हो सकता था। लोगों की परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार से बजट की मांग की गई, लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव पर विचार करने से पूरी तरह मना कर दिया। इसके बाद भी हम लोग पत्र व्यवहार में लगे रहे। प्रो. विजय कुमार मल्होत्र के साथ बैठक कर संभावित रास्तों की तलाश करने लगे। अंत में केंद्र सरकार इस बात पर राजी हुई कि अगर आप कोई नया टैक्स लगाकर इन कार्यो को कर सकते हैं तो केंद्र इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं करेगा। + +सुभाष आर्य ने कहा कि लोगों की समस्याओं को देखते हुए हमने जो प्रस्ताव प्रो. मल्होत्र को दिया था उसपर वो काम करना चाहते थे और पूरी शिद्दत के साथ वे इसमें जुटे रहे। केंद्र ने जब नया टैक्स लगाने की बात कही तो प्रो. मल्होत्र ने दो-तीन चीजों पर टैक्स बढ़ाया, जिसमें औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली बिल पर प्रति यूनिट एक पैसे की बढ़ोतरी शामिल थी। धीरे-धीरे टैक्स के पैसे आने लगे और इलाके में अस्पताल बनाने का सपना साकार होने लगा। उस दौरान टैक्स बढ़ने का लोगों ने विरोध भी नहीं किया था। उन्हें पता था कि टैक्स के पैसों से उनके लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..176f97391fcec35e67a9edece83192a855289ce0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार परंपरागत खेती की बजाय किसानों का रुझान पानी की कम लागत वाली फसलों की ओर करने के लिए कई तरह की सुविधाएं और प्रोत्साहन दे रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार की ओर से पिछले तीन सालों से सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अच्छी खासी बढ़ोतरी की जा रही है। सरसों के दामों में अच्छी खासी बढ़ोतरी और सरसों के तेल की बढ़ती मांग को देखते हुए मुनाफा कमाने के लिए किसानों ने भी सरसों की खेती की ओर रुख कर लिया है। कुरुक्षेत्र जिला में ही हर साल सरसों का रकबा बढ़ता जा रहा है। गत वर्ष के करीब सात हजार एकड़ के मुकाबले इस साल कुरुक्षेत्र में करीब 27 हजार एकड़ में सरसों की बिजाई की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cee25e7e63c66ff37d1a0c86bb17ff5e31c89412 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रशांत गार्गवा (सदस्य सचिव, सीपीसीबी) का कहना है कि एनजीटी के निर्देश पर जिला स्तरीय पर्यावरण कार्ययोजना तैयार की जा रही हैं। माडल के तौर पर पांच जिलों की कार्ययोजना सीपीसीबी ने अपनी निगरानी में तैयार करवाई हैं। इन्हीं की तर्ज पर बाकी जिले भी अपना काम कर रहे हैं। तैयार कार्ययोजना एनजीटी को भेज दी गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e884c9dc09123d282607364084aa710f9ed46fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63032.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. मुकुल श्रीवास्तव कोरोना काल ने मानव सभ्यता के बदलाव की तस्वीर को एक झटके में बदल दिया। बहुत से पुराने रोजगार हमेशा के लिए अतीत हो गए, वहीं कई नए क्षेत्रों में रोजगार का सृजन हो रहा है जिसमें केवल कंप्यूटर और इंटरनेट का ही राज होगा। इस बदलाव से देश की राजनीतिक प्रक्रिया भी अछूती नहीं रही। देश के इतिहास में पहली बार कोरोना संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक सभी प्रकार की राजनीतिक रैली पर रोक लगा रखी है। आयोग ने राजनीतिक दलों को इंडोर मीटिंग के लिए 300 लोग अधिकतम या मीटिंग हाल की 50 प्रतिशत क्षमता तक छूट दी है। कोरोना काल से पहले शायद ही किसी ने कल्पना की हो कि पांच प्रदेशों में चुनाव की रणभेरी बज चुकी हो पर कोई भी चुनावी रैली भौतिक रूप से नहीं हो रही हो। + +वैसे सैद्धांतिक रूप से देखा जाए तो आनलाइन वोटिंग की अवधारणा बहुत लुभावनी लगती है पर भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में इसकी राह में कई बाधाएं हैं। कुछ तकनीकी और कुछ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक। चुनावों की सार्थकता तभी है जब वे पूरी तरह निष्पक्ष हों और इस प्रक्रिया में शामिल सभी दलों का इस पर भरोसा हो, पर आनलाइन वोटिंग में इस बात की गारंटी कोई नहीं ले सकता। आनलाइन वोटिंग के लिए कंप्यूटर सिस्टम और एप्लिकेशन की जरूरत होगी जिसमें बग और त्रुटियां हो सकती हंै और जैसे ही यह पूरा सिस्टम इंटरनेट पर आएगा, पूरी दुनिया के भारत विरोधी हैकर सक्रिय हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त चुनाव की सुरक्षा के लिहाज से यह भी एक जटिल मुद्दा है कि कोई कंप्यूटर या सिस्टम ऐसा नहीं है जिसे हैक नहीं किया जा सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f501dea715de70ccb0959f077db6e59076cdbf20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। दुर्लभ प्रजाति में शामिल सफेद गिद्ध (इजिप्शियन वल्चर) की संख्या तेजी से घट रही है। इसके पीछे इनकी तस्करी प्रमुख वजह है। हाल ही में मप्र के खंडवा में उन्नाव के एक बुजुर्ग को इन गिद्धों की तस्करी करते पकड़ा गया था। विशेषज्ञ बताते हैं कि शोध और दवाओं के निर्माण आदि के लिए भी इनकी तस्करी की जाती है। इन गिद्धों को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने संकटग्रस्त घोषित किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74192c4f99b96ba716ab844edb1048f6afa4a958 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2009 में जी माधवन के सेवानिवृत्त होने के बाद जब के राधाकृष्णन इसरो के चेयरमैन बने तब उन्हें इसका पता चला कि जिस स्पेक्ट्रम का अधिकार केवल भारतीय सेना के लिए सुरक्षित होना चाहिए, उसे पहले ही निजी कंपनी को बेच दिया गया है। इससे देश की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा हो सकता था। यह भी उल्लेखनीय है कि देवास को आश्चर्यजनक रूप से 56 करोड़ डालर का विदेशी निवेश भी प्राप्त हो चुका था। फरवरी 2011 में पहली बार यह सौदा सार्वजनिक जानकारी में आया। तब संप्रग सरकार का मुश्किल दौर चल रहा था। मनमोहन सरकार बहुचर्चित 2जी घोटाले सें घिरी हुई थी। ऐसी स्थिति में एक और घोटाले के उजागर होने पर सरकार ने आननफानन में इस सौदे को निरस्त कर दिया। विपक्ष के दबाव के चलते सरकार को दो जांच समितियां गठित करनी पड़ीं। इन समितियोंं ने इस सौदे को गैरकानूनी घोषित कर दिया। 2014 में सीबीआइ ने देवास-एंट्रिक्स सौदे को जालसाजी घोषित करते हुए जी माधवन को गिरफ्तार किया और इस घोटाले की परतें खोलीं। इसके बाद देवास अमेरिकी अदालत में पहुंच गई। वहां भारत सरकार की कमजोर पैरवी के चलते अमेरिकी अदालत ने 2015 में भारत सरकार के खिलाफ फैसला सुना दिया। उसने देवास को भारी-भरकम हर्जाना चुकाने को कहा और हर्जाना न चुकाने की स्थिति में 18 प्रतिशत सालाना ब्याज का प्रविधान भी किया, जो 2020 में 1.2 अरब डालर तक पहुंच गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..951231d85c4bb826e04f493345458b21236a672e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63044.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [यशा माथुर]। इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में जब सीमा सुरक्षा बल की महिला टुकड़ी 'सीमा भवानी' की जांबाज बाइक चालक लड़कियां रायल एनफील्ड मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने शानदार करतब दिखाएगी तो देखने वाले अपनी बेटियों के दमखम को सलाम करेंगे। इनके एक से बढ़कर एक स्टंट दिखाई देंगे। इतना ही नहीं, भारत की सैन्य शक्ति में महिला शक्ति का प्रदर्शन बेटियों की सफलता के बारे में बढ़-चढ़ कर बोलेगा। देश की पहली आल-वुमन स्टंट टीम है सीमा भवानी और इसने अपने करतबों से सभी का दिल जीता है। यह बीएसएफ की तरफ से देश की पहली आल-वुमन बाइकर टीम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63046.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6ef0495d38738ec0b69705f0ff27f1471ac45b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63046.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा आयल मिल के प्रबंध न‍िदेशक कुमार कष्‍ण गोपाल, कारोबारी ब्रजमोहन अग्रवाल व द‍िनेश गोयल ने बताया क‍ि उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के आह़वान पर प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने खाद्य तेल की कीमतों में व‍िगत महीने 10-15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की लेक‍िन सरसों की नई फसल की आवक व‍िलंब होने से मंडी में 7500 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंंटल म‍िलने वाली सरसों के दाम बढकर 8400 रुपये प्रत‍ि क्‍व‍िंंटल हो गए, ज‍िसका असर उत्‍पाद के दाम पर पडा। उन्‍होंने बताया के 20 जनवरी तक लखीमपुर खीरी क्षेत्र की सरसों मंडी में आ जाती है पर इस बार इसकी आवक 10 फरवरी के बाद होने की उम्‍मीद है। ऐसे मेें सरसोे के दाम बढेे हैॅ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..499e0c02c753596fe225cc332c1a16ddaf919683 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के सीमांत गांव कोटतल्ला में स्थित सरकारी विद्यालय पूरे प्रदेश में सरकारी विद्यालयों के लिए एक नजीर है। प्रदेश के अनेक सरकारी प्राथमिक विद्यालय जहां छात्र संख्या कम होने से बंद हो रहे हैं, वहीं इस विद्यालय में छात्र संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में 35 छात्र यहां अध्ययनरत हैं। कोरोना काल में जब शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई थी, वहीं स्कूल में तैनात शिक्षक सतेंद्र ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए गरीब छात्रों को पुस्तकें, पठन पाठन व लेखन सामग्री घर जाकर निश्शुल्क वितरित की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8328d310f179689d4e40925e7c267f129f352f5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी कर्मभूमि छपरौली में चौधरी चरण सिंह ने भावनात्मक संबंधों की जो विरासत छोड़ी, इसका परिणाम यह हुआ कि रालोद यहां अजेय ताकत बन गई। यहां रालोद के किसी उम्मीदवार को अब तक पराजय नहीं मिली है। इस बार चौधरी परिवार के लिए यहां भावनाएं तो हैं लेकिन भाजपा सरकार के काम भी लोगों की जुबां पर हैं। छपरौली से भूपेंद्र शर्मा की रिपोर्ट-।परौली विधानसभा क्षेत्र में भी कड़ाके की सर्दी है, लेकिन शायद चुनाव की गर्माहट में यहां के लोगों को ठंड का गुमान नहीं। खेत-खलिहान में किसान रोजमर्रा के काम में जुटे हैं लेकिन चौपालों का माहौल थोड़ा बदला हुआ है। सामान्य दिनों में चौपालें घर-गांव और खेती-किसानी के चचोर्ं की गवाह बनती थीं लेकिन अब यहां सियासी गुड़ग़ुड़ाहट भी सुनाई देती है। वोट अपनी जगह है, चुनावी नतीजा अपनी जगह और अभिव्यक्ति की आजादी अपनी जगह। आम आदमी की अपनी सोच है। मत उसका निजी है, लिहाजा अभिमत को प्रकट करने में भी उसे कोई संकोच नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..856cdb25e825d047de26c7e670c00592575b8886 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नाश्ता जरूर करें : आपने देखा होगा कि अक्सर बहुत सी लड़कियां व महिलाएं वजन कम करने की शुरुआत खाना कम करके या खाना छोड़कर करती हैं, जो कि बहुत ही गलत बात है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहती हैं तो जरूरी है कि प्रतिदिन और एक नियत समय पर नाश्ता अवश्य करें। इसके साथ ही इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आप द्वारा किया जाने वाला नाश्ता पौष्टिक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। सुबह के समय नाश्ता इसलिए और जरूरी हो जाता है, क्योंकि इसी से आपको पूरे दिन सक्रिय रहने के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fde551971b6b347211f16c4d63f46c7a854b1e29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6305.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा सायरा बानो के फैंस के लिए बुरी खबर है। दिग्गज अभिनेत्री को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाया गया है। सायरा बानो हिंदी सिनेमा के ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार की पत्नी हैं। दिलीप कुमार का इसी साल जुलाई में इंतकाल हो गया था। इसके बाद से सायरा बानो खबरों से दूर हैं। + +यह बात सायरा बानो ने दिलीप कुमार के डॉक्टर से कही थी, जब डॉक्टर ने उन्हें दिलीप कुमार के निधन के बारे में बताया था। दिलीप कुमार का इंतकाल मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में 98 वर्ष की आयु में हुआ है। वह लंबे समय से बीमार थे। इससे पहले भी दिलीप कुमार अक्सर बीमार पड़ते थे तो सायरा बानो ही उनको संभालती थीं। उनकी सेहत और तबीयत के बारे में भी वही जानकारी देती थीं। + +आपको बता दें कि सायरा बानो हिंदी सिनेमा की टॉप अभिनेत्रियों रही हैं। उन्होंने अपने लंबे फिल्मी करियर में कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था और हिट फिल्में दी थीं। सायरा बानो ने हिंदी सिनेमा के ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार से शादी की। सायरा बानो का जन्म 23 अगस्त 1944 को उत्तराखंड के मसूरी में हुआ था। सायरा बानो ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत महज 16 साल की उम्र से कर दी थी। उनकी डेब्यू फिल्म साल 1961 में आई जंगली थी। इस फिल्म में सायरा बानो के साथ दिग्गज अभिनेता शम्मी कपूर मुख्य भूमिका में थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63052.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63052.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..200d0bc9734f339fa632474c35870af1039af443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63052.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने 40 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाने की शुरुआत की तो दिल्ली महिला कांग्रेस ने भी इसका जश्न मनाया। दिल्ली कार्यालय में बाकायदा एक ढोल वाला बुलाया गया। फिर ढोल की थाप पर प्रदेश महिला अध्यक्ष अमृता धवन सहित कुछ अन्य पदाधिकारियों ने नाचते हुए प्रियंका के स्लोगन ''लड़की हूं, लड़ सकती हूं'' भी गाया। दरअसल, इस खुशी की वजह महिलाओं को अहमियत मिलना था। उत्तर प्रदेश की इस पहल से दिल्ली में भी महिला कांग्रेस में उम्मीद जगी है कि यहां भी आने वाले चुनावों में महिला प्रत्याशियों को तरजीह दी जाएगी। उम्मीद जायज भी है, जिस वर्ग को आधी आबादी का दर्जा दिया जाता है, उसे सियासत में भी तव्वजो मिलनी ही चाहिए। अमृता धवन ने कहा भी कि, प्रियंका गांधी की यह पहल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश की सियासत में भी मील का पत्थर साबित होगी। + +दलबदलू नेता.. न घर के रहे, न घाट के। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस में पार्टी छोड़ने वालों की लाइन लगी हुई है। नगर निगम चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने की मंशा से कोई हाथ का साथ छोड़ झाड़ू थाम रहा है तो कमल। लेकिन जीत तो दूर की बात, सीटों की रोटेशन प्रक्रिया से अब इन दलबदलू नेताओं के टिकट भी अधर में लटकते नजर आ रहे हैं। कहीं जनरल सीट आरक्षित होने जा रही है तो कहीं कोई सीट महिला आरक्षित होने जा रही है। कहीं- कहीं आरक्षित वर्ग की सीट पर भी महिला के ही लड़ने की बाध्यता बन रही है। ऐसे में दलबदलू नेताओं के होश उड़े हुए हैं। उनकी हालत कुछ कुछ वैसी ही होती जा रही है कि घर के रहे, न घाट के। पुरानी पार्टी में बने रहते तो उनके मान सम्मान में उनका टिकट किसी परिजन को भी मिल सकता था। लेकिन नई पार्टी में भला इसकी गारंटी कौन लेगा!।आम आदमी पार्टी के दांव से सकते में कांग्रेसी-भाजपाई। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्या घोषित किया, दिल्ली के कांग्रेसी और भाजपाई भी सकते में आ गए हैं। आम आदमी पार्टी जहां आत्मविश्वास से लबरेज है वहीं कांग्रेस और भाजपा यही सोच सोचकर परेशान हैं कि क्या आप वाकई इस नाम के सहारे पंजाब की सत्ता पर काबिज हो पाएगी? बहुत से कांग्रेसी और भाजपाई यह सोचकर नि¨श्चत भी हैं कि शायद अब उनके लिए ज्यादा सीटें हासिल करना आसान हो जाएगा। लेकिन समझदार कांग्रेसी-भाजपाई इस सच को भी नजरअंदाज नहीं पा रहे कि आप सुप्रीमो अर¨वद केजरीवाल कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। यदि भगवंत मान की कामेडियन छवि को संज्ञान में रखते हुए उन्हें सीएम प्रत्याशी घोषित किया है तो इसके पीछे पुख्ता रणनीति भी रही होगी। ऐसे में कांग्रेसी और भाजपाई अब पंजाब में नशे की लत और दिल्ली की आबकारी नीति में ही कनेक्शन जोड़ने में लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69eab21621135750b642c712734561cd8d76f80c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +साथ मिलता गया कारवां बढ़ता गया: अंशु पाठक ने बताया, वर्ष 2016 में निगम की ओर से एक योजना आई, जिसमें इन बच्चों को स्कूल में दाखिला कराने की बात कही गई। इसके बाद मैं खुद इस कार्य में जुट गई। द्वारका एनएसयूटी के रेड लाइट पर कुछ बच्चे मिले, लेकिन पढ़ने की चर्चा होते ही वे भाग खड़े हुए। इसके बाद पता चला कि ये बच्चे सुलहकुल विहार में रहते हैं। वहां लगातार जाने लगी। + +पहले बच्चों के अभिभावक नहीं मानते थे, लेकिन लगातार चार महीने जाने के बाद चार बच्चे स्कूल में दाखिला कराने को राजी हुए। इन बच्चों का दाखिला कराने के बाद इन्हें अपनी गाड़ी से स्कूल ले जाती और छुट्टी के बाद घर वापस छोड़कर आती थी। इन बच्चों के देखादेखी सुलहकुल विहार के 33 अन्य बच्चों ने दाखिला कराया और पढ़ाई शुरू कर दी। इसमें एडवोकेट खगेश झा व अशोक अग्रवाल ने हमारी काफी मदद की। यहां के बच्चे स्कूल जाने लगे तो फिर मैंने सागरपुर रेड लाइट के आसपास भीख मांग रहे बच्चों को जागरूक करना शुरू कर दिया। यहां पर भी 33 बच्चों का दाखिला वशिष्ट पार्क के निगम स्कूल में कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f702049bb1855391fa6677e2761948375a563267 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी का प्रयोग जानलेवा हो सकता है। अगर आप भी अपने घर में ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं। अंगीठी में कोयले या लकड़ी को जलाने से कार्बन मोनोआक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। अंगीठी ही नहीं, रूम हीटर भी बंद कमरे में ऐसी जहरीली गैसें बना देते हैं, जो जीवन के लिए संकट खड़ा कर सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23d944941895ae89dd0553789def09fd5a6fc484 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोविड महामारी का शिकार हुए लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने में हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को उचित ही फटकार लगाई। यह फटकार इसलिए आवश्यक थी, क्योंकि ज्यादातर राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का सही तरह पालन नहीं किया, जिसके तहत उसने निर्देश दिया था कि महामारी से मरे लोगों के स्वजनों को कम से कम 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाए और उन बच्चों के लिए विशेष योजना लाई जाए, जिन्होंने माता या पिता अथवा दोनों को ही खो दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b188da77bd2baa3bd7fec6ef047fe18688b2b21a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63059.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +उमेश चतुर्वेदी । आजादी के साथ ही व्यापक और समान मत अधिकार की जो बुनियाद संविधान सभा ने रखी, उस पर देश का लोकतांत्रिक ढांचा बहुत आगे बढ़ गया है। पश्चिमी माडल के लोकतंत्र की जड़ें इसी संवैधानिक खाद-पानी के सहारे इतनी गहरें तक पैठ गई हैं कि अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हम इसे अपने गर्व के इजहार का जरिया बनाते हैं। स्वाधीनता आंदोलन की छाया वाली राजनीतिक शख्सियतों की छतनार राष्ट्रीय आकाश पर छाई रही, तब तक भारतीय लोकतंत्र अपने ढंग से छांह पाता रहा। लेकिन जैसे ही स्वाधीनता आंदोलन की त्यागमयी कोख से उपजी शख्सियतें राष्ट्रीय क्षितिज से गायब होने लगीं, लोकतंत्र के बिरवे में तमाम तरह के कीड़े लगने लगे। राजनीति का अपराधीकरण और अपराधियों के राजनीति में बढ़ती भागीदारी ने लोकतंत्र के बिरवे में हानिकारक कीटों को इतना बढ़ावा दिया कि अब चाहकर भी कोई राजनीतिक दल इससे अलग नहीं रह पाता। ऐसे परिवेश में जब-जब चुनाव आते हैं, तब-तब अपराध, बाहुबल और धनबल का अनैतिक गठजोड़ और इसके सहारे सत्ता को साधने की कोशिश तेज हो जाती है। इस कोशिश का विरोध भी होता है। लोकतंत्र को स्वस्थ माहौल में आगे बढऩे देने की पैरवीकार ताकतें ऐसी कोशिशों में शामिल भी होती हैं। लेकिन ये कोशिशें केवल चर्चा का ही केंद्र बिंदु बनकर रह जाती हैं और चुनाव बीतते-बीतते ये बातें फिर अगले चुनाव तक के लिए भुला दी जाती हैं। + +राजनीति की उदासीनता : सवाल यह है कि संसद में भागीदारी रखने वाली राजनीति इस ओर क्यों ध्यान नहीं दे रही है? इसका स्पष्ट जवाब है कि आज राजनीति के लिए सत्ता ही साध्य रह गई है। चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो, आन रिकार्ड वह घोषित करता है कि राजनीति वह समाज सेवा के लिए करता है। परंतु वास्तविकता में उसका प्रमुख उद्देश्य सत्ता हासिल करना रह गया है। पश्चिमी माडल के इस लोकतंत्र की यह कमी है और इस बारे में संबंधित विषय के विचारकों को ध्यान देना चाहिए। + +बहरहाल सत्ता उसे हासिल होगी, जिसे लोकसभा या विधानसभा में बहुमत हासिल हो यानी जिसके सबसे ज्यादा लोग जीत कर सदन में पहुंचेंगे। ऐसे में अधिकांश राजनीतिक दल उसे ही अपना प्रत्याशी बनाने की कोशिश करते हैं, जो चुनाव जीत सके, चाहे वह जैसे भी जीते। अपने लोकतंत्र की यह भी कमी है कि इसमें मतदाता के नैतिक जागरण की कभी कोशिश हुई ही नहीं। घोषित तौर पर भारतीय राज्य धर्म और जाति निरपेक्ष रहा, लेकिन उसकी मूल इकाई नागरिक जाति, धर्म और आर्थिक खांचे में ही लगातार अपनी पहचान खोजते रहे। इसका नतीजा हुआ कि अपराधी भी अपने इलाके, समुदाय, जाति और धर्म के बीच नायकोचित छवि हासिल करने लगे। इसकी वजह से राजनीतिक दलों का उन पर ही भरोसा बढ़ता गया। परिवार केंद्रित प्राइवेट लिमिटेड टाइप पार्टियों ने इस चलन को सबसे ज्यादा बढ़ावा दिया है। जबकि वे कभी लोहिया का अनुयायी होने का दावा करती हैं तो कभी जयप्रकाश नारायण का। गांधी तो खैर सबके प्रेरक ही हैं। आर्थिक और बारूदी ताकत के दम पर उनकी राजनीति चलती है। लोहियावाद हो या जयप्रकाशवाद या फिर गांधीवाद, वे केवल मुलम्मा का काम करते हैं। अगर थोड़े अप्रिय शब्दों में कहें तो विचारधाराएं उनके लिए केवल उनकी दलीय चमड़ी को स्वच्छ दिखाने की कोशिश भर होती है। कई राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां अपराधियों से बचना चाहती हैं, नैतिकता के दबाव में वे ऐसा करने से बचना चाहती हैं। लेकिन वे उस विशेष सीट पर जीत का लालच भी नहीं छोड़ पातीं, तो वे अपने किसी पुछल्ले सहयोगी पार्टी के खाते में वह सीट आवंटित कर देती हैं और उसके चुनाव निशान पर आपराधिक पृष्ठभूमि के नेता को चुनाव मैदान में उतार दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..446e38661ada88c13bc36cd34245b1026de6263c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63060.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । खेतों में लहलहाती फसलें और लिहाफ ओढ़े फसलों की निगरानी करते किसान। हाड़ कंपाती इस ठंड में ये वो दृश्य हैं, जो शहर से निकलते ही देखने को मिल जाएंगे। किसानों का डर ये नहीं कि कोई आसमानी आफत उनके खेतों पर टूट पड़ेगी, इस पर उनका जोर भी नहीं। आशंका तो इस बात की रहती है कि बिन बुलाए मेहमान खेतों में घुस जाएं। ये मेहमान और कोई नहीं वो छुट्टा पशु हैं, जो फसलों को बर्बाद कर देते हैं। इन पर न प्रशासन बंदिशें लगा सका, न कोई जनप्रतिनिधि। चुनावी भाषणों में नेताओं ने चलती-फिरती इस आफत पर अंकुश लगाने के दावे-वादे खूब किए। मगर, स्थायी समाधान न हो सका है। हताश किसान इन पशुओं को स्कूलों में बंद कर नाराजगी जताते हैं। चुनाव में भी किसान यही मुद्दा उठा रहे हैं। मुद्दा गरमाया तो नेताओं की तैयार वोटों की फसल को ये छुट्टा पशु चर जाएंगे। + +इगलास में ग्रामीणों ने पशुओं को स्‍कूल में बंद किया।इगलास तहसील के गांव जवार में 16 जनवरी की सुबह ग्रामीण छुट्टा पशुओं के एक झुंड को हांकते हुए सरकारी स्कूल की ओर ले जा रहे थे। पशुओं की संख्या 50-60 रही होगी। ग्रामीणों ने इन पशुओं को स्कूल में बंद कर दिया। फिर 35 पशुओं को वृंदावन गोशाला छोड़ आए, बाकी भगा दिए। किसानों ने बताया कि भोर होते ही ये पशु उनके खेतों में घुस गए और गेहूं की फसल चरने लगे। ये पहली बार नहीं, अक्सर ऐसा होता है। किसान रामकिशन कहते हैं कि प्राकृतिक आपदा से इतना डर नहीं लगता है, जितना इनसे लगता है। आपदा तो कभी-कभार आती है, ये रोज आ धमकते हैं। रात में भी फसलों की पहरेदारी करनी पड़ती है। इसी तहसील के गांव टमोटिया में भी किसान छुट्टा पशुओं को खेतों से खदेड़कर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बंद कर चुके हैं। तब छात्र और शिक्षक घबराकर कमरों में कैद हो गए थे। गांव अटा के श्यामवीर कहते हैं कि मजबूरी है साहब, फसलों की रखवाली करने के लिए परिवार से दूर 24 घंटे खेतों में बिताते हैं। कोई नेता नहीं सुनता है। खेतों की बाड़बंदी में कोई पशु घायल या मर जाए तो किसान पर मुकदमा जरूर दर्ज हो जाता है। अतरौली के विशन स्वरूप कहते हैं कि ऐसी गलन में भी किसान खेतों में दिन-रात बिताने पर मजबूर हैं। ।नेताजी आएंगे तो पूछेंगे।अकराबाद के किसान नवाब ङ्क्षसह कहते हैं कि नेताजी वोट मांगने गांव आए तो इतना जरूर पूछेंगे कि छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने के लिए उन्होंने अब तक क्या किया? अगर जीत गए तो क्या करेंगे? गभाना के रामगोपाल ने कहा, चुनाव में ही नेताओं को किसानों की समस्याओं की याद आती है। वोट तो हम देंगे, लेकिन उसे जो समस्या के समाधान का ठोस भरोसा दिलाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94197237e4e22f322e783eaee83a59cbc1f22890 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूजा विधि ।माघ मास की गुप्त नवरात्रि की साधना के लिए घट स्थापना 2 फरवरी को प्रात:काल 07:09 से 08:31 के करना अत्यंत शुभ रहेगा। गुप्त नवरात्रि के दिन साधक को प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करके देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति को एक लाल रंग के कपड़े में रखकर लाल रंग के वस्त्र या फिर चुनरी आदि पहनाकर रखना चाहिए। इसके साथ एक मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोना चाहिए। जिसमें प्रतिदिन उचित मात्रा में जल का छिड़काव करते रहना होता है। मंगल कलश में गंगाजल, सिक्का आदि डालकर उसे शुभ मुहूर्त में आम्रपल्लव और श्रीफल रखकर स्थापित करें। फल-फूल आदि को अर्पित करते हुए देवी की विधि-विधान से प्रतिदिन पूजा करें। अष्टमी या नवमी के दिन देवी की पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें पूड़ी, चना, हलवा आदि का प्रसाद खिलाकर कुछ दक्षिण देकर विदा करें। गुप्त नवरात्रि के आखिरी दिन देवी दुर्गा की पूजा के पश्चात् देवी दुर्गा की आरती गाएं। पूजा की समाप्ति के बाद कलश को किसी पवित्र स्थान पर विसर्जन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e44c4e63a9b160a08e3acc974fb15d8b75c0987f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी जिले के सुंदरनगर हलके की सलापड़ व कांगू पंचायत में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई व तीन की हालत नाजुक है। इन्‍होंने चंडीगढ़ में बनी 999 ब्रांड की अंग्रेजी व संतरा ब्रांड की देसी शराब पी थी। शराब सलापड़ व आसपास की किराना व अन्य दुकानों से खरीदी थी। इसमें मिथेनाल की मिलावट की वजह से देर रात सभी का स्वास्थ्य बिगडऩा शुरू हो गया। बेचैनी, सिरदर्द, उल्टी व आंखों में धुंधला दिखाई देने की शिकायत के बाद दो लोगों को स्वजन बुधवार तड़के नागरिक अस्पताल सुंदरनगर ले गए। चिकित्सकों ने उनकी हालत को देखकर नेरचौक मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। वहां दोनों की मौत हो गई। कुछ देर बाद सात अन्य लोगों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें भी नेरचौक मेडिकल कालेज लाया गया। वहां पर तीन लोगों की मौत हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bde5eeb637f61e797362151cce43827556d0e65a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एनओसी में अड़ंगा। रबर डैम के लिए छह एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की आवश्यकता थी, जिसमें से विभागीय प्रयास के बाद तीन एनओसी मिल गई थीं और अन्य तीन के लिए प्रयास किए जा रहे थे। ताज ट्रिपेजियम जोन की समिति ने दो और एनओसी की बाध्यता कर दी है। इसके बाद ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) ने स्पष्ट कह दिया है कि पहले नेशनल एंवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) की एनओसी लाएं, उसके बाद ही हम जारी करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd7fd340868704308b7c97a6223552dca7fa17b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63064.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [जागरण स्‍पेशल]। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने हाल ही में पूर्वी कमान क्षेत्र की यात्रा के दौरान नई लड़ाकू वर्दी (New combat uniform of Indian Army) पहनी। इस दौरान उन्होंने परिचालन तैयारियों की समीक्षा भी की। नई आर्मी कांबैट पैटर्न यूनिफार्म को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी की मदद से 15 पैटर्न, आठ डिजाइन और चार फैब्रिक के विकल्पों के माध्यम से विकसित किया गया है। जानें क्‍यों बेहद खास मानी जा रही है यह वर्दी...।अलग-अलग वर्दी रखने की जरूरत खत्‍म।सेना दिवस (15 जनवरी, 2022)के मौके पर लांच की गई कांबैट यूनिफार्म (लड़ाकू वर्दी) जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है वहीं जवानों और अधिकारियों के लिए इसे काफी सुविधाजनक बनाया गया है। इस यूनिफार्म ने अब अलग-अलग इलाकों के लिए अलग-अलग वर्दी रखने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। सेना दिवस के मौके पर बीते शनिवार भारतीय सेना की एक टुकड़ी नई यूनिफार्म को पहनकर परेड मे शामिल हुई थी। बुधवार को सेना प्रमुख ने भी इसे पहनकर देखा। + +निफ्ट की मेहनत का फल।इस यूनिफार्म को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) के सहयोग से डिजाइन किया गया है। इस यूनिफार्म को डिजाइन करने में संस्थान के आठ छात्रों और प्रोफेसरों की एक टीम का योगदान रहा। निफ्ट ने इसे अंतिम रूप देने से पहले चार अलग-अलग फैब्रिक, आठ अलग-अलग डिजाइन और लगभग 15 पैटर्न का अध्ययन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63065.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f681951facfe84904b7fe2143a9c0f2561ab8160 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63065.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजद को भी साधा।तेलंगाना में केसीआर के सहयोगी असद्दुदीन ओवैसी की एआइएमआइएम भी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रही है, मगर वह यहां उन्हें तवज्जो नहीं देंगे। राजद सामाजिक न्याय की सियासत के हिसाब से सपा के साथ खड़ी रहेगी। वैसे मुलायम और लालू परिवार के निकट पारिवारिक रिश्ते भी इसकी एक वजह है। बंगाल के पिछले चुनाव में भाजपा के खिलाफ ममता की सियासी जंग में भी कई क्षेत्रीय नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58258ba80116702a31309f6c56059bd85dd22acd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63068.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +परमवीर ऋषि, बटाला (गुरदासपुर)। कहते हैं कि राजनीति अपनों को दूर कर देती है लेकिन पंजाब के कादियां विधानसभा हलके में दो सगे भाई एक ही घर में रहकर एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। यहां राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और उनके भाई निवर्तमान विधायक फतेहजंग बाजवा के बीच सियासी जंग में जो कुछ देखने को मिल रहा है, वह अपने आप में अनोखा है। फतेहजंग बाजवा अब भाजपा में शामिल हो गए हैं जबकि भाई प्रताप सिंह बाजवा को कांग्रेस ने कादियां से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। फतेहजंग को भी भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद है। + +दोनों भाई अपने हवेलीनुमा पुश्तैनी एक ही घर में रहते हैं। लोगों की समस्याएं सुनने के लिए बने वेटिंग हाल को प्रताप और फतेहजंग बाजवा, दोनो इस्तेमाल करते हैं। एक ही दीवार पर दोनों की कांग्रेस पार्टी के आला नेताओं के साथ फोटो भी टंगी हुई है। घर के ऊपर कांग्रेस और भाजपा, दोनों के झंडे लगे हुए हैं। दोनों भाई अपनी-अपनी पार्टी से टिकट की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। ।गुरदासपुर जिले के कादियां में स्थित बाजवा भाइयों का पुश्तैनी घर। जागरण।कादियां के इस हवेली नुमा घर को उनके पिता स्व. सतनाम सिंह बाजवा ने बनाया था। उस दौरान वे कांग्रेस के सक्रिए सदस्यों में से एक थे। इस घर में कांग्रेस के कई आला नेता प्रणब मुखर्जी, गुलाम नबी आजाद, दरबारा सिंह, बीबी भट्ठल, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तक खाना खाने आ चुके हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि इस घर और घराने का कांग्रेस में क्या महत्व हो सकता है। + +कादियां के लोग बोले- दोनों भाइयों का अलग पार्टी में होना ठीक नहीं।हालांकि हलका कादियां के रहने वाले कुछ लोग राजनीति के लिहाज से दोनों भाइयों के विरोधी पार्टियों में जाने के फैसले को अच्छा नहीं मान रहे। हलके के बहुत से लोग बाजवा परिवार के साथ बाप-दादाओं के जमाने से चले आ रहे हैं। लोग परिवार रिश्ते की अहमियत रखते हुए दोनों भाइयों को एक-दूसरे के विरोध में ना जाने के लिए सलाह भी दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..931b2cda82722a656743b77c4a91a24ca54fa9cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 2- विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने दूसरी लहर से सबक लेते हुए इस बात पर जोर दिया है कि लोगों की जान और रोजगार दोनों को ही बचाना जरूरी है। संगठन ने कहा कि भारत और दुनियाभर में पब्लिक हेल्थ एक्शन तय करने के लिए चार सवालों के जवाब जानने चाहिए। संगठन ने कहा कि यह देखना जरूरी है कि यह वैरिएंट कितना संक्रामक है। उससे कितनी गंभीर बीमारी होती है। इसके अलावा वैक्सीन और पिछले कोरोना इन्फेक्शन कितना सुरक्षा दे रहे हैं। संगठन ने कहा कि आम लोग खतरे को कैसे देखते हैं और इसे रोकने के उपायों को कैसे फालो करते हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का कहना है भारत में फुल लाकडाउन जैसे उपायों के फायदे कम और नुकसान ज्यादा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f75c817dbb4ae5d1a514fccfeee4f0cbb7ff4831 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63070.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में कुल 30 नाम हैं जो पहले चरण में पार्टी उम्मीदवारों को पक्ष में प्रचार करेंगे हैं। बुधवार को चुनाव प्रचार के लिए जारी इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नाम शामिल हैं। बता दें कि कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से निर्वाचन आयोग ने फिलहाल रैलियों और चुनाव प्रचार पर 22 जनवरी तक के लिए रोक लगा रखी है। ऐसे में नेता और राजनीतिक दल वर्चुअल रैली पर जोर दे रहे हैं। + +यह होंगे स्टार प्रचारक : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, , प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति, मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, सांसद संजीव बालियान, सांसद हेमा मालिनी, सांसद राजवीर सिंह, सांसद कांता कर्दम, मंत्री अशोक कटारिया, जसवंत सैनी, सुरेंद्र नागर, रजनीकांत माहेश्वरी, मोहित बेनीवाल, धर्मेंद्र कश्यप, जेपीएस राठौर, भोला सिंह खटीक। + +Koo App।उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्टार प्रचारक आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं #AparnaYadav। View attached media content ।बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण की 58 सीटों के लिए 10 फरवरी को मतदान होगा। इसमें आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़ और बुलंदशहर शामिल है। इसके लिए 14 जनवरी को अधिसूचना जारी हुई है और 21 तारीक नामांकन की आखिरी तारीख है। विधान सभा चुनाव में पहले चरण के लिए अब तक कुल 77 नामांकन पत्र भरे जा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5902bbf7cb0e46519a344e5e2b983d81f5f95e67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मथुरा के मांट विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी करने वाले एसके शर्मा ने भी भाजपा को इस्तीफा दे दिया है। संभावना है कि वह दूसरी पार्टी से चुनाव मैदान में उतरेंगे। मांट में सपा-रालोद गठबंधन की मुश्किल भी कम नहीं है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के नजदीकी संजय लाठर और रालोद के योगेश नौहवार में टकराव की स्थिति बनी है। इस सीट से वर्ष 2012 में जयंत चौधरी चुनाव लड़े थे, वह सीट को अपने पास रखना चाहेंगे, जबकि सपा ने संजय लाठर को बी फार्म जारी कर दिया है। वहीं योगेश नौहवार ने सोमवार को नामांकन भी करा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63073.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a2136e55f826da5301a89a95933925052a24150 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63073.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 2017 के विधानसभा और फिर 2019 में लोकसभा चुनावों में शाह की लगातार मौजूदगी ने उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया। तीनों चुनावों में विपक्षी गठबंधन के बावजूद भाजपा की बड़ी जीत का कारण भी यही था और इसी कारण प्रधानमंत्री मोदी का संदेश घर-घर पहुंचाया जा सका था।टिकट वितरण का काम शुरू हो चुका है और लगभग 20-25 प्रतिशत टिकट कटने भी हैं। पिछले दिनों में कई नेता पार्टी छोड़कर सपा के साथ गए हैं। उनके व्यक्तिगत प्रभाव क्षेत्र को तोड़ने के लिए जाहिर तौर पर विशेष रणनीति की जरूरत होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e619d38a5fba2634402803b39a28a2aad1565b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। विदेश में भले ही कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमण ने फेफड़े और दिल की कार्यक्षमता प्रभावित की है लेकिन हमारे यहां लोगों को वायरस अधिक नुकसान नहीं पहुंचा पाया। इसकी वजह वैक्सीन का सुरक्षा कवच है। इस कवच को और मजबूत किया कोरोना काल की लंबी अवधि से विकसित हुई हर्ड इम्यूनिटी ने। संक्रमण के बाद हार्ट फेल्योर व हार्ट अटैक की समस्या लेकर आए मरीजों के फेफड़े व दिल में बदलाव हुए हैं, लेकिन यह पहले की तुलना में बहुत कम हैं। दरअसल यूरोपियन हार्ट जर्नल में हाल में प्रकाशित रिसर्च में ओमिक्रोन का दिल व फेफड़े पर साइड इफेक्ट होने की पुष्टि के बाद हृदय रोग विशेषज्ञों के कान खड़े हो गए थे। इस रिसर्च पर लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के कार्डियोलाजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. एसके सिन्हा ने यहां के मरीजों पर तुलनात्मक अध्ययन किया है तो यह राहत देने वाली जानकारी सामने आई।  ।हल्के में न लें ओमिक्रोन को।डा. सिन्हा का कहना है कि यहां  ओमिक्रोन के अब तक आठ केस आए हैं। राज्य व देश में भी संख्या कम है। इसलिए कहा जा सकता है कि यहां सक्रिय वर्तमान कोरोना वायरस यानी ओमिक्रोन डेल्टा के मुकाबले कम घातक है। डेल्टा से कई गुणा अधिक संक्रामक है,जबकि लक्षण बहुत हल्के हैं। सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बुखार व शरीर में दर्द के साथ संक्रमण होने पर पता नहीं चलता। ओमिक्रोन कोरोना का ही एक रूप है, जो शरीर के अंदर जाकर क्षति पहुंचाता है। इसलिए हल्के में लेने की भूल कतई न करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3db6aa4e6708bfe6a286de21c6a4caa4474992ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। इस समय कोरोना व मौसमी संक्रमण एक साथ बढ़ रहा है। सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि इनके कामन लक्षण हैं। कुछ लोग कोरोना की अनदेखी कर स्वयं ही अपने और बच्चों के डाक्टर बनकर उपचार कर रहे हैं। ऐसे कई परिवार बाद में कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। कोरोना को लेकर घबराना बिल्कुल नहीं है। यह फ्लू जैसा ही है। लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डाक्टर के पास जाकर दवा और सलाह लेनी है। होम्योपैथी दवा भी कोरोना और मौसमी संक्रमण में पूरी तरह कारगर है। यह सलाह बुधवार को दैनिक जागरण के ‘हेलो डाक्टर’ कार्यक्रम में आए शहर के वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ डा. डीके वर्मा ने दी। डा. साहब ने पाठकों को बीमारियों से बचाव के साथ उपचार की जानकारी देकर संतुष्ट किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a16fa0c63a6bdf805d263686cb090d264ad33abb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63079.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए सियासी समर में सुरों की धार की भी बड़ी मीठी मार होती है। हर बार चुनावों में ऐसे गीतों के लिए अलग ही रियाज किया जाता है। अबकी निर्वाचन आयोग ने कोविड संक्रमण के मद्देनजर सभाओं-रैलियों और जुलूसों आदि पर बंदिशें लगाईं लेकिन विभिन्न विधाओं के ये गीत ही हैं जो अपना असर दिखाने लगे हैं। सबसे रोचक बात यह कि इस बार आयोग ने लोक गायकी को खास तौर पर तरजीह दी और राजनीतिक दलों की ओर से होने वाले बिरहा, कव्वाली आदि के कलाकारों के लिए अनिवार्यत: 5500 रुपये की सम्मान राशि निर्धारित कर दी। वाराणसी से सौरभ चंद्र पांडेय की रिपोर्ट..।पहले नहीं थी भुगतान की व्यवस्था: पहले के चुनावों में कलाकारों को भुगतान का कोई उल्लेख नहीं होता था। अब प्रत्याशियों के लिए खर्च की सूची में चुनाव आयोग ने लोक गायकी को शामिल कर दिया है। इसके लिए 55 सौ रुपये की दर निर्धारित की गई है। जिसे प्रत्याशियों को अपने खर्च के ब्योरे में दर्ज करना होगा। चुनाव आयोग के इस कदम से संगीत की इस विधा से जुड़े कलाकार गदगद हैं। उनका कहना है कि कोरोना काल ने कलाकारों को बेहाल कर दिया है। चुनाव में पहले भी उनकी भागीदारी प्रचार-प्रसार में होती रही है, लेकिन इस बार दर तय कर दिए जाने से इस विधा को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रत्याशी को इनकी मदद लेने पर न्यूनतम 5500 रुपये का भुगतान करना ही होगा। + +इंटरनेट मीडिया से गीतों का बढ़ रहा क्रेज: चुनावी गीत-संगीत से इंटरनेट मीडिया गुलजार है। इसमें भी भोजपुरी को खास तौर पर पसंद किया जा रहा है। कौन सी धुन श्रोताओं को कब भा जाए और कौन सा गीत रातों-रात हिट हो जाए यह किसी को नहीं पता। कलाकार एक ही गीत को अलग-अलग धुनों पर अपनी आवाज दे रहे हैं। कलाकारों का मानना है कि जो राशि तय की है वह डिजिटल माध्यम के लिए तो ठीक है लेकिन मंच का कार्यक्रम इतने राशि में संभव नहीं हो सकेगा। रैलियों और रोड शो पर पाबंदी के कारण निर्वाचन के आरंभिक दौर में ही प्रचार की कमान लोक गायकों ने थाम ली है। वह अपनी गायकी से पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। बड़े कलाकारों के साथ-साथ छोटे कलाकारों को भी डिजिटल मंच मिला है। राजनीतिक दल इन कलाकारों के माध्यम से अपना बखान करा रहे हैं, हालांकि कुल मिलाकर जनता आनंद ले रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1758b330322fd5120a11dc437938915fca287316 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण  संवाददाता। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को एक महत्वपूर्ण दिन माना गया है। इस दिन, चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता है, यही कारण है कि इसे चंद्रमा दिवस या नया चंद्रमा दिवस भी कहा जाता है। इसे अमावसी भी कहा जाता है, यह हर महीने होता है, इसलिए साल में 12 अमावस्या की तिथियां होती हैं। यह दिन है जो शुक्ल पक्ष की शुरुआत या चंद्र महीने में उज्ज्वल पखवाड़े की शुरुआत करता है। ।ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार सनातन संस्कृति और धर्म में अमावस्या को बहुत महत्त्व दिया जाता है। शास्त्रों में अमावस्या को पितरों की तिथि भी कहा गया है। इसलिये दिन तिथि पर पितरों के नितित्त भाेजन निकालने का प्रावधान है। देशभर में हिंदू भक्तों द्वारा इस दिन कई महत्वपूर्ण अनुष्ठानों और परंपराओं को देखा जाता है। यह महीने की सबसे अंधेरी रात है और पुरानी मान्यताओं के अनुसार इसे वर्ष के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली समय में से एक माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bce2a6b632f376606a8d8e5afb5a73038aeca45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तराखंड बनने के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने पुरोला से पूर्व मंत्री स्व. बर्फीलाल जुवांठा की पत्नी शांति जुवांठा को टिकट दिया। शांति जुवांठा दूसरे स्थान पर रही। जबकि, 2002 में भाजपा ने यमुनोत्री सीट से सुलोचना गौड़ को प्रत्याशी बनाया, जो तीसरे स्थान पर रही। यमुनोत्री सीट से वर्ष 2007 में भाजपा ने विमला नौटियाल को टिकट दिया था, जो तीसरे नंबर पर रही। वहीं गंगोत्री विधानसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी की प्रत्याशी नारायणी देवी ने चुनाव लड़ा। तब उनके चुनाव प्रचार में रामविलास पासवान भी उत्तरकाशी आए थे। लेकिन, वो मुकाबले में भी नहीं आ सकी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85530518e995caf79cf6a08fae7efccdbe1ab910 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63086.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। जान पर खेलकर झरना नाले में फंसे 25 यात्रियों को बाहर निकालने वाले निहाल सिंह को दो वर्ष पहले जीवन रक्षा पदक देने की घोषणा की गई थी। गृह मंत्रालय से आए पत्र के बाद निहाल सिंह पर पूरा गांव नाज कर रहा था।दो वर्ष के इंतजार के बाद अब निहाल सिंह को जीवन रक्षा पदक मिला है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने उन्हें अपने आवास पर बुलाकर पदक सौंप दिया है। मगर, इस पदक के बाद उसे क्या हासिल होगा? यह खुद निहाल सिंह भी नहीं समझ पा रहे हैं। + +यमुना एक्सप्रेस वे पर आठ जुलाई 2019 को झरना नाले में रोडवेज बस गिरी थी। पानी में गिरने के कारण बस में सवार यात्री अंदर ही फंसे रह गए थे। निहाल सिंह ने अपनी जान की परवाह न करते हुए पानी में छलांग लगा दी। उसने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद 25 यात्रियों को बाहर निकाला। इनमें से कई लोगों की जान बच गई थी। निहाल सिंह के इस साहसिक कार्य के लिए स्थानीय स्तर पर उसका सम्मान हुआ और प्रशासन ने भी उसको सम्मानित किया था। इसके बाद वर्ष 2020 में उसको जीवन रक्षा के इस साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रपति जीवन रक्षा पदक दिए जाने की घोषणा की गई। गृह मंत्रालय ने 28 जनवरी 2021 को उसके घर पत्र भेजकर भी इसकी जानकारी दी। तभी से निहाल सिंह और उसके परिवार व गांव के लोग पदक मिलने के इंतजार में थे।छह जनवरी को उन्हें जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने अपने अावास पर बुलाकर जीवन रक्षा पदक सौंप दिया। निहाल सिंह इस पदक के मिलने के बाद भी यह नहीं समझ पा रहा है कि उससे क्या लाभ होगा? उसका कहना है कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने उसे गोताखोर की सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था। वह पूरा नहीं हुआ।पिछले दिनों हादसे में उसके पैर में चोट लगी थी। तब उसने प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन कुछ नहीं हासिल हुआ। अब उसका कहना है कि पदक से उसकी जीविका नहीं चल सकती। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6becbfdc4ad60e296c16206315bb6ca5bfd266c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63088.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शोधार्थियों की टीम: शोध टीम का नेतृत्व स्कूल आफ बेसिक साइंस आइआइटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डा. श्याम कुमार मसकपल्ली, डा. रंजन नंदा, ट्रांसलेशनल हेल्थ ग्रुप, डा. सुजाता सुनील, वेक्टर बोर्न डिजीज ग्रुप, इंटरनेशनल सेंटर फार जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलाजी ने किया है। शोध-पत्र के सह लेखक डा. मनीष लिंगवान, शगुन, फलक पहवा, अंकित कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, योगेश पंत, लिंगराव वीके कामतम व वंदना कुमारी हैं। यह शोध ‘बायोमालीक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनेमिक्स’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। + +वायरस की प्रकृति समझने की जरूरत : कोरोना महामारी के दूसरे साल भी शोधार्थी इस वायरस की प्रकृति समझने व संक्रमण रोकने के नए तरीकों की खोज करने में जुटे हैं। टीकाकरण शरीर को वायरस से लड़ने की शक्ति देने का एक रास्ता है। पूरी दुनिया वैक्सीन के अतिरिक्त दवाओं की खोज में जुटी है, जो वायरस से बचाव करे। ये दवाएं रसायनों का उपयोग कर शरीर की कोशिकाओं मौजूद रिसेप्टर्स से जुड़ती हैं। वायरस को अंदर प्रवेश करने से रोकती हैं या फिर सीधे वायरस पर असर करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e538f5add46694f8b250ee606dfc982d38616a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहते हैं कलाकार : गीतकार कन्हैया दुबे केडी कहते हैं कि चुनाव आयोग का यह कदम बहुत ही सराहनीय है। संगीत जगत संक्रमण काल के जिस कठिन दौर से गुजर रहा है। यकीनन यह एक मिसाल कायम करेगा। बिरहा, आल्हा भजन कव्वाली कलाकारों के लिए यह अनुदान तो ठीक है। लोकविधा के अन्य कलाकारों के लिए भी विचार करना चाहिए। लोक गायक विष्णु यादव का कहना है कि महंगाई के दौर में यह राशि डिजिटल माध्यम के लिए तो ठीक है। मंचीय आयोजन में तो संगत कलाकारों का खर्च भी नहीं हो पाएगा। फिर भी खुशी है कि कलाकारों को चुनाव प्रचार में आयोग ने शामिल किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7acd2174fc52721bb0e00b670b482e52819ee06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63093.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिस तरह गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नेताओं को उम्मीदवार बना दिया गया, उससे यह साफ है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश की कहीं कोई परवाह नहीं की गई। कोई भी समझ सकता है कि परवाह इसीलिए नहीं की गई, क्योंकि निर्वाचन आयोग के पास ऐसे अधिकार नहीं कि वह अपने निर्देशों की अनदेखी करने वाले दलों को दंडित कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd4a9df45ca8890b8ab8bfca5c2dbc0d74df91b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63096.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांच पांडव थे महशूर।साल 1974 के चुनाव की यादों में खोते हुए कस्बा छर्रा निवासी धर्मेंद्र गुप्ता बताते हैं कि जनसंघ पार्टी से क्षेत्र के ग्राम अटा निवासी सोवरन सिंह प्रत्याशी बने थे। जिसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कस्बा छर्रा स्थित रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित करने आए थे। जनसभा का करीब आइ दिन पूर्व कार्यक्रम निर्धारित हुआ था। जिसके लिए उनकी पांच पांडव के नाम से मशहूर टोली में धर्मेंद्र गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, जयप्रकाश वाष्र्णेय, पदम माहेश्वरी व अनुग्रह प्रसाद शर्मा ने दिन-रात एक कर दी थी। बताया कि वह सुबह घर से खाना तैयार कराकर तांगे से क्षेत्र में निकलते थे। गांव-गांव पहुंच कर लोगों को अटल बिहारी वाजपेयी की जनसभा की जानकारी देते थे, तो लोग बहुत ही आश्चर्य करते थे। उन दिनों वाजपेयी जी की लोगों के दिलों में अमिट छाप बनी हुई थी। रिक्शा में माइक लगाकर कस्बा एवं क्षेत्र में प्रचार किया गया था। जिसके फलस्वरूप छर्रा स्थित रामलीला मैदान लोगों की भीड़ से पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था। लोगों ने उनके विचारों को सुनकर काफी देर तक तालियां बजाई। चुनाव के परिणाम आने पर हालांकि दूसरे प्रत्याशी रहे बाबू सिंह ने विजय हासिल की थी। परंतु काफी दिनों तक कार्यक्रम और उनके आगमन की क्षेत्र में चर्चा होती थी। गंगीरी विधानसभा का क्षेत्र सांकरा और जनपद एटा (वर्तमान में कासगंज) के बार्डर तक था। प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं के पास आवागमन के सीमित साधन ही थे। एक या दो बाइकों द्वारा ही वह लोग क्षेत्र में निकलते थे और प्रचार करने के बाद देर रात तक घर लौटते थे। अपने नेताओं द्वारा मिलने वाली हौसला अफजाई उनके अंदर एक नया जोश भरती थी। जिसके चलते अगले ही दिन नई ऊर्जा के साथ फिर प्रचार पर निकल जाते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52ff0895c3f37d3b8743f4bfcc5457c9e7c37479 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63097.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +योगेश कौशिक, इगलास । UP Assembly Elections 2022 इस समय खेताें में हरा सोना लहलहा रहा है। किसान दिन-रात इसकी रखवाली करने में जुटें है तो दूसरी ओर उन्हें क्षेत्र के विकास की भी चिंता है। विधानसभा चुनाव को लेकर गांवों में लोग सुबह से लेकर शाम तक चुनावी चर्चे करने में मशगूल हैं।महिला हो या पुरुष, विचार भले अलग-अलग हैं लेकिन विकास कार्य कराने वाले प्रत्याशी को ही चुनना चाहते हैं। जहां ठंड अपने तेवर दिखा रही है तो वहीं लोगों पर चुनावी रंग चढ़ रहा, लोग सुबह हो या शाम अलाव पर मौका मिलते ही चुनावी चकल्लस करने में मगन हो जाते हैं। मत सबका स्पष्ट है फ्री की योजना नहीं, विकास व रोजगार चाहिए। + +इगलास विधानसभा सीट आरक्षित।इगलास विधानसभा सीट आरक्षित है। भाजपा, बसपा व रालोद ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। क्षेत्र में निकलने पर इगलास कस्बा के जाम से दो-चार होना पड़ा। दुकान पर बैठे बृजेश सक्सेना कह रहे थे यह तो हर रोज का मसला है। कस्बा से बाहर निकलने पर चमेली देवी हास्पीटल पर लोगों की भीड़ थी। यहां भी लोग चुनाव पर चर्चा करने का मौका नहीं छोड़ रहे थे। खोजनपुर की ललिता का कहना था कितनी सरकार बदल गई, स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हम पिछड़े हुए हैं यहां बैठी मीरा, लता ने इनका समर्थन किया तो आशा कृपा देवी कहनें लगी आशा कार्यकर्ताओं के लिए किसी ने कुछ नहीं किया। डा. रामकुमार सिंह का कहना था यदि नेताओं ने बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए काम किया होता तो कोरोना के समय में हम इतने लोगों को नहीं खोना पड़ता। अबकी बार सोच समझकर वोट करना है। यहां से आगे चले तो गांव कजरौठ के चौराहे पर लोग चर्चा में मशगूल थे। लाल मोहम्मद कह रहे थे सरकारी योजनाओं का लाभ सभी गरीबों तक पहुंचना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae5cbac0f99620d4c3e109d94fad705641808a0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्ज में डूबे पंजाब का विकास कैसे संभव है?।पंजाब में इस समय रेत माफिया, शराब माफिया, मंडी माफिया, टेंडर माफिया और यहां तक की फूस माफिया काम कर रहा है। इन सभी पर रोक लगेगी। पंजाब का जो पैसा माफिया लूट रहा है उसे पंजाब के विकास पर लगाया जाएगा। पंजाब से भ्रष्टाचार खत्म होगा। युवाओं का ब्रेन ड्रेन रोका जाएगा और पंजाब की किसानी को जिंदा किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28b0c60d3b7564f210b97697c07ab68873925c44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63100.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुंडागर्दी तो कम हुई।हरदुआगंज से यू टर्न लेकर महरावल के लिए रवाना हुई ई-बस में कुछ नए यात्री सवार हुए। बहस कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर टिक गई। पुलिस के मनमाने रवैये पर तंज कस रहे राकेश की बात बीच काटते हुए बुजुर्ग रामपाल बोले, भाई दिल पर हाथ रखकर कहो कि प्रदेश में गुंडागर्दी कम हुईं कि नहीं। अब कहीं चेन छिनेती, लूट, डकैटी की घटनाएं सुनने में मिलती हैं? योगी सरकार में पुलिस ने न जाने कितने बदमाशों के एनकाउंटर कर दिए। राकेश बोले, ठीक है मगर एनकाउंटर किए बिना भी बदमाशों में खौफ पैदा किया जा सकता है। बदमाशों को मारना समस्या का समाधान नहीं है। कानून सख्त होने चाहिए। ।विधायकों की नहीं चली।गांधीपार्क पर बस से उतर रहे मोनू बोले इस सरकार में विधायकों की नहीं चली। अफसर उनकी सुनते नहीं थे। ऐसे कई मामले में सुर्खियाें में रहे। बहनजी की सरकार में विधायक को देखकर अफसर खड़े हो जाते थे। गेट के पास बैठे राजू बोले, सरकार की यही तो खासियत है, सरकारी कामकाज में सरकार ने हस्तक्षेप नहीं होने दिया। कोई गड़बड़ी मिली तो तत्काल कार्रवाई हुई। ऐसे भी कई उदाहरण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11426b659831fc9bfb88860ce5dfb01b8beef45c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सात शहरों में 70 लोकेशन पर निगरानी।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा सात शहरों दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और लखनऊ में 10-10 लोकेशनों पर ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की जा रही है। सभी जगह यह तय सीमा को पार कर रहा है। ध्वनि प्रदूषण की स्वीकृत सीमा (डीबी-डेसिबल में) -औद्योगिक क्षेत्र : 75 डीबी (दिन), 70 डीबी (रात)-व्यावसायिक क्षेत्र : 65 डीबी (दिन), 55 डीबी (दिन)-आवासीय क्षेत्र : 55 डीबी (दिन), 45 डीबी (दिन)-साइलेंस जोन (अस्पताल-स्कूल इत्यादि के आसपास) : 50 डीबी (दिन), 40 डीबी (रात)यह है स्थिति -आइटीओ दिल्ली (व्यावसायिक क्षेत्र) में ध्वनि प्रदूषण का स्तर दिन में 74 जबकि रात को औसतन 70 डीबी दर्ज हो रहा है। अर्जुन नगर (डा. हेडगेवार अस्पताल, दिल्ली के पास) में ध्वनि प्रदूषण का स्तर दिन में औसतन 65 जबकि रात में 55 डीबी दर्ज हो रहा है। सड़कों पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर अमूमन 75 से 85 डीबी, रेलवे लाइन के आसपास 90 से 95 डीबी और एयरपोर्ट के आसपास 120 से 130 डीबी तक दर्ज हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..811896e0950286200d6ea41c51b0561e53770b78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांव के निकलकर कस्बों में फसे।कोविड-19 की वजह से वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना नहीं हो सकी है, जिसे आगे बढ़ा दिया गया है। इसी जनगणना में गांव शहरों की विशुद्ध आंकड़े प्राप्त होंगे, जिसमें इनकी सामाजिक व आर्थिक दशा का भी खुलासा होगा। गांव के निकलकर आसपास अस्त व्यस्त कस्बों में बसने वाले शहरों जैसी सुविधा के मोह में फंस गए। लेकिन न वहां गांव जैसी सादगी और सामान्य सुविधाएं हैं और न शहरों जैसी अन्य सहूलियतें। ग्राम पंचायतों की सुविधाएं भी इन कस्बों में नहीं हैं। अधिसूचित कस्बा अथवा नगर क्षेत्र न होने की वजह से यहां नगर निकाय जैसे फंड नहीं मिल पा रहे हैं। इसके अभाव में यहां के लोग स्लम जैसी हालत में रहने को मजबूर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88b71b5fad7a845da3db923447d587fcee39ee7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63104.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसी से प्रेरणा लेकर महिलाओं ने मार्ट के बाहर एएम प्रसादम खोला है। चूंकि इन महिलाओं के पास मार्ट चलाने का अनुभव था, इसलिए जब उन्होंने रेस्टोरेंट खोलने के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा से इच्छा व्यक्त की तो उन्होंने भी हिम्मत बंधाई और उन्हें ग्वालियर में आजीविका द्वारा संचालित रेस्टोरेंट का भ्रमण कराया। जिससे महिलाओं की हिचकिचाहट पूरी तरह से खत्म हो गई। + +दूसरों को भी दे रहीं रोजगार:।रेस्टोरेंट का संचालन समूह की पांच महिलाएं कर रही हैं। इसमें अध्यक्ष द्वारिकाबाई, कोषाध्यक्ष राममूर्ति, सचिव राधा शर्मा और सदस्य आशा बाई व सरोज बाई हैं। समूह की अध्यक्ष द्वारिका बाई का कहना है, कि रेस्टोरेंट में कुल 11 लोग काम करते हैं। इसमें स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के अलावा उनके स्वजन हैं। दो लोग राजस्थान से आए पाक विशेषज्ञ (नाश्ता-खाना बनाने में निपुण) हैंं। यहां काम करने वालों को छह हजार से लेकर 18 हजार रुपये तक प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है। समूह की महिलाएं इन विशेषज्ञों से विभिन्न तरीके से खाना बनाने की विधि भी सीख रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4c96f57d39b2902d5ddf2fa5d56e8d61204ddd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतना ही नहीं कुल मतदाताओं में से 40 वर्ष से कम उम्र वाले 7.50 करोड़ की हिस्सेदारी 49.93 प्रतिशत है। दूसरी तरफ 60 वर्ष से ज्यादा आयु वाले मतदाताओं की हिस्सेदारी मात्र 14.94 प्रतिशत ही है। खासतौर से स्वास्थ्य कारणों से इनमें से बड़ी संख्या में मतदाता वोट डालने के लिए मतदान केंद्र तक नहीं पहुंचते हैं। हालांकि, कोरोना जैसे संक्रमण से मतदान पर असर न पड़े इसके लिए आयोग इस बार कहीं बेहतर इंतजाम के दावे कर रहा है। आयोग की कोशिश है कि पिछले चुनाव में हुए 61.11 प्रतिशत मतदान का रिकार्ड अबकी टूटे। इसमें सबसे बड़ी भूमिका युवा मतदाताओं की ही होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c61db20246113abde0e3bcec94f38f6bc5acf61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63107.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रयागराज, अमरदीप भट्ट। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर निवासी 11 वर्षीय अपूर्व अग्रवाल को फिट्स आने की समस्या ने उनकी मां रानी अग्रवाल को बेहद व्यथित कर दिया था, जब चिकित्सा की अन्य पद्धतियों से आराम नहीं मिला तो उन्होंने बेटे को एक्यूप्रेशर थेरेपी दिलाने का फैसला किया। अंगुलियों की नसों पर पड़े दबाव और ब्रेन के उससे सीधे संपर्क ने बहुत थोड़े समय में ऐसा असर दिखाया कि मां के चेहरे पर संतोष नजर आता है। + +यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक्यूप्रेशर थेरेपी से आराम की तस्दीक करने वाले ऐसे अनेक उदाहण हैं। आजकल की व्यस्त जीवनशैली में असंतुलित खानपान, प्रतिस्पर्धी माहौल व आफिस में काम के तनाव के कारण शारीरिक व मानसिक समस्याओं के बढ़ते मामलों के बीच प्राचीन भारत की यह चिकित्सा पद्धति तेजी से लोकप्रिय हो रही है। + +थेरेपी की विधियां: एक्यूप्रेशर में शरीर के जिन बिंदुओं पर दबाव देकर उपचार किया जाता है, उन्हें एक्यू प्वाइंट्स कहते हैं। उपचार इन बिंदुओं पर सुई चुभोकर होता है तो इस विधि को एक्यूपंक्चर भी कहते हैं। जब इन बिंदुओं पर पर मेथी दाना, चना, मटर, राजमा को पेपर टेप से चिपका कर उपचार करते हैं तो यह सीड थेरेपी कहलाती है। कुछ रोगों में जब छोटे मैग्नेट लगाकर उपचार किया जाता है तो उसे मैग्नेट थेरेपी और जब विभिन्न रंगों को लगाकर थेरेपी दी जाती है तो उसे कलर थेरेपी कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98f62858a3975d48aa50cf8d94b7a0cd4474a5b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63108.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मीरजापुर, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव की तपिश बढऩे के साथ ही जिले में सियासी पारा भी चढऩे लगा है। कभी पूर्वांचल में कांग्रेस की राजधानी का केंद्र रहे औरंगाबाद हाउस का कांग्रेस से नाता टूटने के बाद इस परिवार की राजनीतिक परंपरा निबाह रहे ललितेशपति त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर मडि़हान सीट से विधानसभा चुनाव में दांव आजमा सकते हैं। सपा गठबंधन की कोशिश यह है कि ललितेश के जरिए उत्तर प्रदेश में 'तृणमूल का फूल' खिलाया जा सके। उनके लिए समाजवादी पार्टी ने सीट छोडऩे का प्रस्ताव भी दिया है। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस की बैठक के बाद जल्द ही उनका टिकट घोषित होने की संभावना है। बातचीत में उन्होंने चुनाव लडऩे को लेकर सहमति भी जताई है। प्रस्तुत है मीरजापुर से सतीश सिंह रघुवंशी की रिपोर्ट...। + +विधानसभा चुनाव के पहले जनाधार एकत्र करने निकली कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को उनकी प्रतिज्ञा यात्रा के पहले दिन ही ललितेशपति ने जोर का झटका दिया था। पूर्वांचल के साथ ही पूरे प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति की धुरी रहे औरंगाबाद हाउस का पार्टी से सौ साल से भी पुराना नाता बीते 25 अक्टूबर को पूरी तरह से टूट गया था। फिलहाल तृणमूल कांग्रेस को मजबूत करने के साथ ही ललितेशपति के कंधों पर अपने परिवार का गौरव वापस दिलाने की जिम्मेदारी भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d227fcc10ba912d6e664908173120ec583026b7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के जाने माने सेलेब्रिटी फोटोग्राफर डब्बू रतनानी अबतक लगभग हर स्टार को अपने कैमरे में कैद कर चुके हैं। डब्बू रतनानी हर साल अपने कैलेंडर के लिए स्टार्स के ग्लैमरस फोटोशूट करते हैं। इस साल भी डब्बू ने अपने 2021 कैलेंडर के लिए कई स्टार्स के बोल्ड फोटशूट किए। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में रहा था कियारा आडवाणी का टॉपलेस फोटोशूट। इस फोटोशूट की वजह से काफी सुर्खियों में रही थीं। वहीं एक्ट्रेस को उनके टॉपलेस होने के लिए काफी ट्रोल भी किया गया था। यही नहीं डब्बू रतनानी के ऊपर इंटरनेशनल फोटोग्राफर मैरी बार्श को कॉपी करने का भी आरोप लगा था। बार्श ने महज एक स्क्रीनशॉर्ट शेयर करते हुए लिखा था कि 'मैं बस इसे यहीं छोड़ देती हूं'। वहीं अब एक इंटरव्यू में डब्बू रतनानी ने कियारा आडवाणी के टॉपलेस फोटोशूट पर खुलासा करते हुए सफाई दी है और बताया है कि वह फोटोशूट के लिए टॉपलेस नहीं हुई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76e21602dfd4ebbf8d402875c94b84ec29b10ed9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63114.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। संकष्टी चतुर्थी या संकटहरा चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश को समर्पित है। श्रद्वालु इस दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाईओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार इस त्यौहार को प्रत्येक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगरकी चतुर्थी भी कहा जाता है एवं इसे सबसे शुभ माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ab89c834d017539b72f3708c26506efb5c362bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली, जसवंत ठाकुर। Manali Lahaul Snowfall Points Photos, बर्फ से लदे सोलंगनाला में पर्यटकों का मेला लग गया है। खिली धूप के बीच साहसिक खेलों की धूम मची हुई है। पर्यटक चारों ओर बिछी बर्फ में बर्फ़ीली खेलों में आनंद ले रहे हैं। सभी पर्यटक वाहनों को सोलंगनाला तक जाने की अनुमति मिल गई है। जिस कारण सोलंगनाला पर्यटक स्थल को पर्यटक प्राथमिकता दे रहे हैं। सोलंगनाला में स्नो स्की, स्नो स्लेज, स्नो स्कूटर, माउंटेन बाइक, घुड़सवारी सहित पैराग्लाइडिंग जैसी रोचक साहसिक खेलों का आनंद ले रहे हैं। हालांकि पर्यटक सोलंगनाला तक जा रहे हैं। लेकिन अटल टनल के दीदार को अभी इंतजार करना होगा। दरअसल बीते दिनों भारी बर्फबारी हुई है। इस कारण अटल टनल के छोर पर काफी ज्‍यादा बर्फ एकत्र हुई है। इस कारण यहां फोर वाई फोर वाहनों के बिना आवाजाही मुमकिन नहीं है। ।लाहुल के दीदार करने के इच्छुक पर्यटक बुकिंग करने पर फोर व्हील ड्राइव वाहनों में लाहुल जा सकते हैं। हालांकि सोलंगनाला से आगे की आवाजाही मौसम पर ही निर्भर रहेगी लेकिन मंगलवार को धूप खिली है और चारों ओर पर्यटक बर्फ का आनंद उठा रहे हैं। जनवरी महीने में पर्यटकों का आना लगातार जारी है। ।होटलों में भी पहले की अपेक्षा आक्‍यूपेंसी कम है, लेकिन पर्यटकों की रौनक लगी हुई है। होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने कहा होटलों में पर्यटकों से रौनक लगी हुई है। गत दिनों हुए हिमपात के बाद से सैलानियों का आना लगातार जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbcded0ff951ff169a6f3ed6183b63057a9676be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, राज्य ब्यूरो। जहरीली शराब से नालंदा जिले में 12 लोगों की मौत ने एक बार फिर यह बता दिया है कि शराबबंदी का फैसला कितना उचित है। शराब पीना कितना नुकसानदेह है, यह घटना यही बताती है। शराब पीने से शरीर को कई तरह की बीमारियां घेरती हैं। जहीरीली शराब मौत देती है। शराब के नशे में सामाजिक और पारिवारिक हिंसा बढ़ती है। सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। यह तो सभी जानते हैं। यही वजह है कि शराबबंदी पर सवाल उठाने वाले नेता भी यही कहते हैं कि शराबबंदी को ठीक से लागू किया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65c5520e691b4d331c6fafa9a415234bf76bf367 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63121.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक उन्होंने अभिषेक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया? यह प्रश्न ऐसा है, जिसका उत्तर हर तृणमूल नेता को पता है, लेकिन वे बोलेंगे नहीं, क्योंकि बात यहां ममता के उत्तराधिकारी माने जाने वाले के खिलाफ है। ऐसा नहीं है कि यह उठापटक केवल तृणमूल में ही चल रही है। भाजपा में भी अंदरूनी लड़ाई छिड़ी है। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर से लेकर एक दर्जन विधायक तक राज्य व जिला कमेटी में जगह नहीं मिलने के कारण राज्य नेतृत्व से खफा हैं, विरोधस्वरूप एक दर्जन से अधिक नेता, विधायक और सांसद राज्य इकाई का वाट्सएप ग्रुप छोड़कर अलग बैठक कर रहे हैं और रणनीति बना रहे हैं। मुकुल राय समेत पांच भाजपा विधायक पहले ही पार्टी छोड़कर तृणमूल में जा चुके हैं। ऐसे में नए सिरे से भगवा कैंप में जारी विवाद राज्य से लेकर केंद्रीय नेतृत्व के लिए सिरदर्द बढ़ाने वाला है। + +जिस तरह से बंगाल के सत्तारूढ़ और विपक्षी दल के संगठन के अंदरखाने संग्राम चल रहा है, उसका नतीजा क्या होगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन एक बात यहां अवश्य कही जा रही है कि इस चुनावी मौसम में दोनों ही दलों के शीर्ष नेतृत्व के लिए अंतर्कलह ने परेशानी बढ़ा रखी है। एक तो बंगाल में चार नगर निगमों के चुनाव हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा हो या फिर तृणमूल, दोनों के ही शीर्ष नेतृत्व का इस समय पूरा ध्यान चुनावी राज्यों पर है। बंगाल में जो कुछ पार्टी के अंदर हो रहा है, वह चिंता बढ़ने वाला है। दरअसल, अभिषेक के उस बयान का कल्याण ने खुलकर विरोध किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के मद्देनजर वह चाहते हैं कि दो महीने के लिए राज्य में चुनावी व धार्मिक सभी तरह के आयोजन बंद कर दिए जाएं। साथ में उन्होंने यह भी कहा था कि यह उनकी निजी राय है। इसी पर कल्याण ने कहा था कि एक जनवरी को डायमंड हार्बर (अभिषेक के संसदीय क्षेत्र) में मुंबई से गायक-गायिकाओं को बुलाकर लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर नाच-गाना आयोजित किया गया और इसके बाद कार्यक्रम बंद रखने की बात कही जा रही है। वे यहीं नहीं रुके, अभिषेक की ओर से अपने संसदीय क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर कोरोना जांच के लिए कैंप लगाए गए थे, जिसमें 53 हजार से अधिक लोगों की जांच होने का दावा किया गया। इसे ‘डायमंड हार्बर माडल’ कहकर प्रचारित कर अभिषेक का खूब गुणगान किया गया। इसे लेकर भी कल्याण ने कहा कि क्या है यह माडल। पहले भीड़ लगाओ, फिर जांच कराओ। + +इसके बाद तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष अपने ही नेता कल्याण पर हमलावर हो गए और कहा कि अभिषेक पार्टी की सर्वोच्च नेता ममता के बाद हैं। अगर अभिषेक जैसे नेता कुछ कहते हैं तो हमें पार्टी के सामान्य सैनिकों के रूप में इसे चुपचाप सुनना चाहिए। इस पर कल्याण भी चुप नहीं रहे और अभिषेक के करीबी माने जाने वाले कुणाल ने सारधा चिटफंड घोटाले में गिरफ्तारी के बाद जो बातें कही थीं, उसे याद दिलाते हुए कहा कि जो लोग जेल जाते समय ममता के खिलाफ बोल रहे थे, वे आज उपदेश दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं ममता के अलावा किसी को नेता नहीं मानता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7101989b4333b059128710f7d18468369db34982 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हैरानी यह है कि उन्हें यह ज्ञान अचानक प्राप्त हो रहा है। पांच साल तक वे जिस दल का गुणगान करते रहते हैं, अचानक उसमें उन्हें खामियां दिखने लगती हैं। इसी तरह जिस विरोधी दल में वे हजार खामियां गिनाते होते थे, उसे ही यकायक सबसे बेहतर बताने लगते हैं। यह राजनीतिक छल के अलावा और कुछ नहीं। इससे केवल जनतंत्र का उपहास ही नहीं उड़ता, बल्कि इसकी पुष्टि भी होती है कि दलबदलू नेता यह मानकर चलने लगे हैं कि वे बहुत आसानी से अपने समर्थकों के साथ-साथ अपने क्षेत्र के मतदाताओं को भी बहकाने में सफल हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de6710cda54922fdae78f888a690f4ab9f930892 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विपिन कुमार राणा, अमृतसर। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर चाहे सियासी पारा चढ़ा हुआ है, लेकिन कड़ाके की ठंड ने नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे में चुनावी रण में उतरने को तैयार नेताओं ने ऐसे परिधान धारण कर लिए हैं, जो गर्मी तो दूर करे ही। साथ ही, मतदाताओं को भी लुभाए। देसी अंदाज में दिखने के लिए वे परंपरागत लोई ओढ़कर लोगों के बीच में जा रहे हैं तो सुविधा की दृष्टि से स्पोर्ट्स शूज भी पहन रहे हैं। राजनीतिक बयानों के अलावा नेताओं के परिधानोंकी भी लोग चर्चा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4372a76ea190602e10e35e1cba21a6e5d46b0519 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) एक्सप्रेस से सुल्तानपुर जा रही महिला के सामने उस समय असहज स्थिति बन गई, जब उसका आठ माह का बेटा रो रोकर बेहाल होता रहा। साथ में बैठ यात्री भी परेशान हो गए लेकिन बच्चा शांत होने का नाम नहीं ले रहा था। इसके बाद रेलमंत्री को ट्वीट करने के 23 मिनट बाद बच्चे ने रोना बंद किया और चुप हो गया। इस पर स्वजन और यात्रियों ने रेलमंत्री को धन्यवाद दिया है। ।एलटीटी एक्सप्रेस के बी-एक कोच में रविवार को सुल्तानपुर जिले की अंजलि तिवारी सफर कर रही थीं। दोपहर करीब 2:30 बजे ट्रेन भीमसेन स्टेशन पहुंचने वाली थी, तभी उनका आठ माह का बच्चा भूख से रोने लगा। इस पर उन्होंने परिवार वालों से बात की। परिवार के एक सदस्य ने 2:52 बजे रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव को ट्वीट करके समस्या बताई। कुछ ही देर बाद, डीआरएम मोहित चंद्रा ने सेंट्रल स्टेशन के डिप्टी सीटीएम हिमांशु शेखर उपाध्याय को मदद का निर्देश दिया। फिर सहायक वाणिज्य प्रबंधक संतोष त्रिपाठी ने महिला से फोन पर बात की। ट्रेन सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ पर दोपहर 3:15 बजे पहुंची तो रेलकर्मियों ने उन्हें दूध उपलब्ध कराया और दूध पीते ही बच्चा चुप हो गया। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन में पेंट्रीकार नहीं थी और चार घंटा लेट भी हो गई थी। इसलिए समस्या आई। महिला और उनके स्वजन ने रेलवे व रेलमंत्री का आभार जताया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e2aa5bbdf9b4c81009e76ad0068da143b70fb17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63125.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खाड़ी देशों में बढी मांग।जनपद में धान और आलू मुख्य फसलें हैं। धान में बासमती की मांग खाड़ी देशों में बहुत है। अलीगढ़ में धान का रकबा 85 हजार हेक्टेयर है। दिल्ली और हरियाणा की कंपनियां यहां से धान खरीद कर प्रोसेसिंग के बाद विदेशों में निर्यात करती हैं। यहां प्रोसेसिंग प्लांट न होने से किसान बाहर की कंपनियों के रेट पर धान बेच देते हैं। किसानों को उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिल पाता। एफपीओ के चेयरमैन आरपी पचौरी बताते हैं कि अलीगढ़ में प्रोसेसिंग के बाद बासमती का विदेशों में सीधे निर्यात होने से किसानों का कई गुना लाभ होगा। एफपीओ को डायरेक्टर जनरल आफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) व एग्रीकल्चर एंड प्रोसीड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी (एपीडा) से लाइसेंस मिल चुका है। डीजीएफटी के लाइसेंस पर बासमती कहीं भी निर्यात किया जा सकता है। जबकि, एपीडा सोर्स बताती है। किस देश में बासमती की डिमांड है, एपीडा से ही जानकारी मिलती है। बाहर की कंपनियां यहां से कम कीमत पर धान खरीद कर प्रोसेसिंग के बाद बासमती निर्यात करती हैं। अलीगढ़ में राइस प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित होने से किसानों काे धान की उचित कीमत मिलेगी। एफपीओ से 1500 किसान जुड़े हुए हैं। 2300 हेक्टेयर में एफपीओ द्वारा बासमती की खेती की जाती है। + +आलू भी होगा निर्यात।एफपीओ से जुड़े किसान आलू की खेती भी कर रहे हैं। एफपीओ के चेयरमैन के मुताबिक किसानों ने इस बार 16 प्रजातियों के आलू खेतों में उगाए हैं। इनमें चिपसोना वन, चिपसोना थ्री, चिपसोना फोर, एलआर, फ्राइसोना भी हैं, जो चिप्स आदि उत्पाद बनाने के काम में आते हैं। भोजन में प्रयोग होने वाले कुफरी बहार, कुफरी मोहन, ख्याति आदि प्रजातियों के आलू की फसल भी की हैं। इन प्रजातियों का पिछले साल ट्रायल किया गया था। उत्पादन ठीक होने पर बोआई की गई। उन्होंने बताया कि यूरोपियन कंट्री के पैरामीटर अलग होने से वहां आलू का निर्यात नहीं किया जाएगा। बाकी देशों में निर्यात हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67fc602414b2f75098ccd75c569ed63c1a4e0fe6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63126.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निगरानी समिति के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए यह समितियां अपने क्षेत्र में बाहर से आने वालों पर नज़र रख रही हैं और इसकी सूचना मुख्यालय स्तर तक पहुंचा रही हैं। ऐसे लोग जो गैर जिलों से आए हैं या फिर जिनके स्वास्थ्य में पिछले कुछ दिनों से परिवर्तन दिख रहा है, उन सभी की प्राथमिकता के आधार पर जांच कराने का काम भी निगरानी समितियां कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ba8dd1aef11088b0ac002042de39a381f1a2e2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नितिन धीमान, अमृतसर। पंजाब विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सियासी हलकों का पारा चढ़ गया है। पार्टी प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने, लुभाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इस बीच चुनाव आयोग की निगाहें भी इन पर हैं। चुनावी रैलियों व जनसभाओं पर रोक की वजह से अब प्रत्याशियों के पास अपनी बात रखने का इंटरनेट मीडिया विकल्प है। प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी सोशल साइट्स पर जोड़कर अपनी बात उन तक पहुंचाने को प्रयासरत हैं। शहर की पांच विधानसभा सीटों में कांग्रेस प्रत्याशियों के इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स की दैनिक जागरण ने पड़ताल की है। इसमें पाया कि नवजोत सिंह सिद्धू ही इंटरनेट मीडिया पर अधिक सक्रिय हैैं और उन्हीं के सर्वाधिक ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर फालोअर्स हैं। बता दें कि पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। परिणाम दस मार्च को घोषित किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0757fb8c1942f056e68f4ca86ec0bc3e9b1c5350 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63128.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं को मतदान से दो दिन पहले ही घर से वोट डालने का मौका मिल जाएगा। निर्वाचन विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। वीडियोग्राफी की निगरानी में पोलिंग पार्टियां घर-घर जाकर इन मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराएंगी। हालांकि, इसके लिए इन मतदाताओं को सहमति पत्र देना अनिवार्य होगा। बीएलओ के माध्यम से यह सहमति पत्र भरे जा रहे हैं। जिले में अब तक दो हजार से अधिक मतदाताओं के सहमति पत्र भरे जा चुके हैं। अगर कोई दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाता सहमति पत्र नहीं भरता है तो वह बूथ पर जाकर भी ईवीएम से मतदान कर सकता है। + +अलीगढ़ में दस फरवरी का मतदान।चुनाव आयोग ने जिले की सात विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को मतदान की घोषणा की है। ऐसे में निर्वाचन विभाग तेजी से तैयारियां में जुटा हुआ है। चुनावों को लेकर इस बार युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक में खासा उत्साह है। 18 से 19 साल के बीच के मतदाता पहली बार चुनावों में वोट डालेंगे। वहीं, कोरोना के चलते 80 से ऊपर के अधिक मतदाताओं व दिव्यांगजन को घर से वोट डालने का मौका दिया है। पोस्टल बैलेट से इनसे वोट डलवाया जाएगा। हालांकि, इसके लिए ऐसे मतदाताओं को फार्म डी 12 भरना अनिवार्य है। यह फार्म सहमति पत्र है। अगर बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाता यह फार्म नहीं भरते हैं तो वह बूथ पर जाकर ईवीएम से भी वोट डाल सकते हैं। + +ऐसे काम करेंगी पोलिंग पार्टियां।जिले में जितने बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं के सहमति पत्र निर्वाचन विभाग के पास आ जाएंगे। विभागीय अफसर विधानसभा संबंधित पोलिंग पार्टियों को पोस्टल बैलेट थमा देंगे। चुनाव से दो दिन पहले पोलिंग पार्टियां अपने क्षेत्र में जांएगी। पोलिंग पार्टी के साथ पुलिस, माइक्रो आब्जर्वर व वीडियोग्राफी टीम भी होगी। वीडियोग्राफी की निगरानी में टीम पोस्टल बैलेट को मतदाता को देगी। इसके बाद मतदाता उस बैलेट पर मुहर लगाएगा और लिफाफा बंद करके टीम को थमा देगा। टीम के सदस्य उस लिफाफे को संबंधित बाक्स में डाल देगी और मतगणना को भेज देगी। टीम को अगर एक बार मतदाता घर पर नहीं मिलता है तो उसके यहां कुछ घंटे बाद दोबारा भी भ्रमण किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..edccd65f5c67c9c0f03990eb81e8677a2c0b755b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6313.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ अक्सर अपनी फिटनेस को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। टाइगर की मस्कुलर बॉडी के यंगस्टर्स दीवाने हैं। आजकल के युवा टाइगर जैसी बॉडी बनाना चाहते हैं। टाइगर अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी परफेक्ट बॉडी को फ्लॉन्ट करते हुए वीडियो और तस्वीरें शेयर करते रहते हैं। अब हाल ही में टाइगर ने एक बार फिर से अपनी परफेक्ट बॉडी फ्लॉन्ट की है। + +टाइगर श्रॉफ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। अब तो टाइगर ने Koo App पर भी डेब्यू कर लिया है। ऐसे में अभिनेता इंस्टाग्राम, ट्विटर और कू एप तीनों पर ही काफी एक्टिव रहते हैं। टाइगर ने हाल ही में अपने तीनों आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में टाइगर अपनी परफेक्ट बॉडी फ्लॉन्ट कर रहे हैं। जिसे देख उनके फैंस एक बार फिर से उनकी इस फिटनेस का राज जानने के लिए उतावले हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da396dbc8cc576f8a0b94abcbb7948200f7f99b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में वायु प्रदूषण की एक प्रमुख वजह अभी भी परिवहन सेवाएं ही हैं। वाहनों से निकलने वाला धुआं राजधानी की हवा में जहर घोल रहा है। इसी के चलते दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर भी कहीं ज्यादा है। आइआइटी कानपुर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की एक संयुक्त रिपोर्ट में इस स्थिति का बहुत सूक्ष्म विश्लेषण किया गया है। यही रिपोर्ट दिल्ली सरकार की एग्रीगेटर पालिसी ड्राफ्ट का आधार बनी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के पीएम 2.5 में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी परिवहन क्षेत्र की ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63131.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63131.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19534ffd92c5f68d6112ad070384035443a2e234 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63131.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीपीसीसी ने मंत्रालय को यह भी बताया कि दिल्ली में 35 सीवेज उपचार संयंत्रों में से 22 कुल घुलनशील ठोस, रासायनिक आक्सीजन मांग, जैविक आक्सीजन मांग, भंग फास्फेट और अमोनिकल नाइट्रोजन के संबंध में निर्धारित अपशिष्ट जल मानकों को पूरा नहीं करते हैं। अपशिष्ट जल में अमोनिकल नाइट्रोजन और फास्फेट क्रमश: पांच मिलीग्राम प्रति लीटर और दो मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होना चाहिए। डीपीसीसी नियमों के अनुसार कुल घुलनशील ठोस (टीएसएस) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होना चाहिए, बीओडी 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होना चाहिए और रासायनिक आक्सीजन डिमांड (सीओडी) 50 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होना चाहिए।रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 720 मिलियन गैलन सीवेज उत्पन्न होता है जिसका उपचार 597 एमजीडी की उपचार क्षमता वाले इन 35 एसटीपी में किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d577491089367ce26a641f58ce85751563007f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63132.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनोज स्वर्णकार, गोमो। पहाड़ों से घिरा झारखंड का गोमो रेलवे स्टेशन महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ऐतिहासिक यात्रा से जुड़ा हुआ है। रहस्मय तरीके से गुम होने से पहले नेताजी धनबाद के गोमो में 17-18 जनवरी की रात 1941 में देखे गए थे। वे ट्रेन पर सवार होकर पेशावर ( अब पाकिस्तान) के लिए रवाना हुए। इसके बाद क्या हुआ ? कोई नहीं जानता। कहा जाता है कि नेताजी गोमो से पेशावर और फिर रंगून गए थे। नेताजी की याद में हर साल गोमो में 18 जनवरी को महानिष्क्रमण दिवस मनाया जाता है। इस साल भी नेताजी को याद करने और श्रद्धांजलि देने के लिए गोमो रेल प्रशासन और स्थानीय लोगों ने तैयारी की है। ।गोमो रेलवे स्टेशन का नामकरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम।महानिष्क्रमण पर निकलने के लिए नेताजी ने गोमो स्टेशन से ही पेशावर के लिए ट्रेन पकड़ी थी। इसके बाद देश में नेताजी कभी देखे नहीं गए। नेताजी के सम्मान में रेल मंत्रालय ने साल 2009 में इस स्टेशन का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस गोमो जंक्शन कर दिया। 23 जनवरी, 2009 को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उनके स्मारक का यहां लोकार्पण किया था। + +किस ट्रेन में सवार हुए नेताजी ।17-18 जनवरी की रात 1941 को कार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने भतीजे डा. शिशिर बोस के साथ धनबाद के गोमो स्टेशन पहुंचे थे। अंग्रेजी फौजों और जासूसों से नजर बचाकर गोमो हटियाटाड़ के घने जंगल में नेताजी छिपे रहे। यहां जंगल में ही स्वतंत्रता सेनानी अलीजान और वकील चिरंजीव बाबू के साथ एक गुप्त बैठक की थी। बैठक के बाद वकील चिरंजीवी बाबू और अलीजान ने गोमो के ही लोको बाजार स्थित काबली वालों की बस्ती में नेताजी को ले गए। यहां उनको एक घर में छिपा दिया था। नेताजी गोमो के ही लोको बाजार स्थित कबीलेवालों की बस्ती में ही रहे। रात में दोनों साथियों ने इसी गोमो स्टेशन से उनको अप कालका मेल में बिठाकर रवाना किया। इसके बाद नेताजी कहां गए और उनके साथ कोई नहीं जानता? वह रहस्यमय तरीके से गुम हो गए। तब कालका मेल हावड़ा से वाया दिल्ली पेशावर तक चलती थी। इसलिए गोमो का नाम नेताजी सुभाष चंद बोस जंक्शन रखा गया। इसके बाद से अब प्रत्येक वर्ष प्रत्येक वर्ष 17-18 जनवरी को मध्यरात्रि निष्क्रमण दिवस स्टेशन परिसर में मनाया जाता है। धनबाद से नेताजी का गहरा नाता रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63133.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ee1b9f06d9fe7ff3d7442d955eda5dd0864f168 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63133.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। आगामी चार फरवरी को पंडित बिरजू महाराज का जन्मदिन था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने जिंदगी को अलविदा कह दिया। पद्म विभूषण, नृत्य शिरोमणि, संगीत नाटक अकादमी सरीखे अनगिनत सम्मानों से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज ने रविवार रात आखिरी सांस ली। जिसने भी निधन की खबर सूनी, वो अवाक रह गया। आंखें डबडबा गईं और आवाज भर्रा गई। दिल्लीवालों को सहसा यकीन नहीं हुआ। महाराज जी का दिल्ली से दिली जुड़ाव था। उनके पिता और गुरु समेत चाचा भी दिल्ली से जुड़े थे। + +आजादी से पहले पूरे देश में साम्प्रदायिक दंगे होने लगे तो अच्छन महाराज परिवार के साथ दिल्ली सेे लखनऊ शिफ्ट हाे गए। बिरजू महाराज नौ साल केे थेे, जब पिता का निधन हो गया। बाद का समय बिरजू महाराज के लिए संघर्षों भरा था। घर का खर्च चलाने के लिए घरेलू सामान तक बेचना पड़ा। 13 साल की उम्र में पंडित बिरजू महाराज को संगीत भारती ने कथक सिखाने के लिए आमंत्रित किया। जिसके बाद बिरजू महाराज दिल्ली आ गए और यहां बच्चों को कथक सिखाने लगे। बाद में जब कथक केंद्र की स्थापना हुई तो वो इससे जुड़ गए। यहां लंबे समय तक बड़ी संख्या में शिष्यों को कथक सिखाया। वर्ष 1998 तक कथक केंद्र से जुड़े रहे। सेेवानिवृत्त होने के बाद गुलमाेहर पार्क में कलाश्रम की स्थापना की। बिरजू महाराज की पुत्री अनीता महाराज बताती हैं कि उन्होंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया, लेकिन कभी जताया नहीं। हर दुख को हंसते हंसते सह गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9be5f757b1651426a938fa1457e69d87a745e4bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63134.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [राजीव दीक्षित]। सियासी हुक्मरानों के साथ लंबे समय तक काम करते हुए अधिकारियों के मन में भी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बीज अंकुरित होने लगते हैं। अभी यूपी के चर्चित पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने नौकरी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली। पूर्व में भी कई अधिकारी रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक डगर पर चलने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि, अधिकांश का सफर आगे न जा सका। + +नौकरी के दौरान भी राजनीतिक गतिविधियों में खासी दिलचस्पी रखने वाले आइएएस अधिकारी चंद्रपाल ने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को विस्तार देने की सोची। आगरा सुरक्षित सीट से चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीत न सके। आदर्श समाज पार्टी बनाकर 2009 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन यह प्रयास भी काम न आया। लखनऊ के जिलाधिकारी रहे ओम पाठक 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लड़े, लेकिन महज 19 हजार वोट पा सके। + +पीसीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में हरदेव सिंह की खूब हनक थी और प्रतिष्ठा भी। रिटायरमेंट के बाद हरदेव सिंह राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुए और उसके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए 2021 के विधानसभा चुनाव में आगरा की एत्मादपुर सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा। इसी तरह प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कर्तव्यपालन में राजनीतिक बाधा से क्षुब्ध होकर नौकरी से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में कदम रखा। वह दो बार चुनाव लड़े, लेकिन जीत न सके। पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के बेहद भरोसेमंद अधिकारी रहे केएम संत भी राजनीति में आए, लेकिन सफल न हो सके। इसी तरह आइएएस राम आसरे प्रसाद और एसडी बागला और पीसीएस से सेवानिवृत्त विंध्यवासिनी प्रसाद सिंह भी चुनाव जीत न सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48f67df7f310fe8db664e320de84151af9c51aad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63136.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । कड़ाके की ठंड के बीच सियासी मैदान में पूरी तरह से गर्माहट है। प्रदेश में चुनावी हलचलें तेज हैं। नेता हों या कार्यकर्ता जुबानी जंग पूरे उफान पर है। पहले चरण के चुनाव की रणभेरी भी बज चुकी है। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अलीगढ़ में कांग्रेस और भाजपा की एक सीट को छोड़ दिया जाए तो तकरीबन सभी दलों ने टिकट भी घोषित कर दिए हैं। ऐसे में सभी दल अब धुआंधार प्रचार में कूदने को तैयार हैं। मगर इस बार हाईटेक प्रचार ही प्लेटफार्म बन गया है। इसलिए वर्चुअली चुनावी प्रचार के लिए इलेक्ट्रानिक्स का बाजार भी गर्मा गया है। लैपटाप हो या ईयर फोन, कैमरा हो या स्मार्टफोन हर उपकरण की डिमांड में 25 से 30 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। + +इन उपकरणों की बढ़ी डिमांड।स्वर्ण जयंती नगर स्थित सोनवानी इलेक्ट्रानिक्स के संचालक सनी सोनवानी बताते हैं कि कुछ दलों के कार्यकर्ता हेडफोन व माइक की डिमांड कर चुके हैं। फोम कवर्ड माइक से संदेश स्पष्ट सुनाई पड़ता है। इनकी कीमत 200 रुपये से एक हजार रुपये तक रहती है। साधारण माइक 100-150 के भी आते हैं। वहीं हेडफोन भी 150-200 रुपये से 1500 रुपये तक की रेंज के हैं। ईयर फोन (लीड) की मांग भी ज्यादा आ रही है। ये भी 150 से 600 रुपये तक की रेंज में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0711faa6b8202b99909f3fc59575b4d1139ab2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आइएएनएस। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ों में हिमपात का दौर जारी है। इस बीच, देश के कई हिस्सों में बारिश का भी अनुमान है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने सोमवार को तमिलनाडु के तटीय इलाकों में बुधवार तक बारिश का अलर्ट जारी किया है। चेन्नई और आसपास के जिलों में सोमवार को भारी बारिश हुई, जबकि कई तटीय क्षेत्रों में भी भारी बारिश दर्ज की गई है। आइएमडी के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में तिरुवल्लुर जिले के एक या दो स्थानों पर भी झमाझम बारिश होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a8d06c78a7e1615d41398c3adcd3e00152b8b60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63139.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1- कोविशील्ड- आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित।2- कोवैक्सीन- भारत बायोटेक द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी तौर पर विकसित और उत्पादित।3- अमेरिकी दवा कंपनी माडर्ना की वैक्सीन।4- अमेरिकी ही दवा कंपनी जानसन एंड जानसन की वैक्सीन, और।5- जायकोव डी- जायडस कैडिला द्वारा विकसित और उत्पादित।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7744554d2101297df6b24cee64e0b89bae524513 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63141.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सन 2021 में नाहिद और उनकी माता तबस्सुम हसन के खिलाफ गैंगस्टर का मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में दो दिन पहले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था, फिलहाल नाहिद जेल में हैं। दूसरी ओर भाजपा ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को कैराना विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा है। इस तरह अब दोनों ही राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a88cf6b6632c8271edb4b56de2eab2c6f545a8e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63142.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गुरप्रेम लहरी,  बठिंडा। Punjab Chunav 2022: गले में मफलर, हाथ में दस्ताने, लंबा गर्म कोट और आरामदायक स्पोर्ट्स शूज पहन कर 95 साल के प्रकाश सिंह बादल इस कड़ाके की ठंड में भी प्रचार को ठंडा नहीं पड़ने दे रहे। वे सुबह आठ बजे तक तैयार हो जाते हैं। फिर कुछ देर अखबारों पर नजर दौड़ा कर सादा सा नाश्ता करते हैं और चुनावी माहौल पर चर्चा शुरू हो जाती है। नाश्ते में उबली सब्जियां ही लेते हैं। + +कोहरे और दस से बारह डिग्री तापमान के बीच वह अपनी गाड़ी में बैठकर सुबह साढ़े नौ बजे तक बहू व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, भतीजे बाबी बादल व लाली बादल, सुरक्षाकर्मियों व अन्य सहयोगी तजिंदर सिंह मिड्डूखेड़ा के साथ प्रचार के लिए निकल पड़ते हैं। उम्र ज्यादा होने के कारण अब पैदल नहीं चलते। गाड़ी के अंदर बैठे-बैठे ही हाथ जोड़कर सबसे दुआ-सलाम करते चलते हैं। गाड़ी बेहद धीमी रफ्तार में गांव की गलियों में घुस जाती है, तो बच्चे पीछे भागने लगते हैं। बादल सुरक्षाकर्मियों को हिदायत देते हैं कि उन्हें न रोकें। कोई बच्चा उनकी गाड़ी के पास आ जाए तो प्यार से सिर पर हाथ फेर देते हैं। गाड़ी के दोनों तरफ के शीशे खुले रहें, इसका पूरा ध्यान रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75a859ff20a4499158e251294fd4d9671c6d1c23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63143.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आजमगढ़, राकेश श्रीवास्तव। देश में सरकार बनाने के लिए एक-एक सीट मायने रखेगी। मोदी लहर में भी मात्र एक सीट से संतोष करने के बावजूद भाजपा ने विकास के रथ को खूब दौड़ाया। चुनावी बिगुल बजने से ठीक पहले गृहमंत्री अमित शाह ने पूवार्ंचल के कई जिलों में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले राजभर मतदाताओं के आराध्य महाराजा सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर असरदार अस्त्र चलाया है। + +इन विधानसभाओं में फंसेगा पेच: मुबारकपुर, दीदारगंज, सगड़ी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और सपा दोनों इस बार मुश्किल में होंगी। 2017 में बसपा के शाह आलम गुड्डू जमाली लगातार दूसरी बार विधायक बने तो सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव मामूली अंतर से हारे। अब यहां नए समीकरण बन सकते हैं। ऐसी ही स्थिति दीदारगंज में हो सकती है। सपा के समर्पित नेता आदिल शेख वर्ष 2017 में मामूली मतों से हारे थे। यहां अबकी सुखदेव राजभर के पुत्र कमलाकांत नजर गड़ाए हैं। सगड़ी की बसपा विधायक वंदना सिंह अब भाजपा की हो चुकी हैं, जबकि देवेंद्र सिंह पहले से ही कतार में हैं। यहां दूसरे नंबर पर रही सपा भी पूरा जोर लगा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b856093831a864e6b2cf4e2b906aa73394369755 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63144.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनिल गोविल, खैर / अलीगढ़ । तब के चुनाव की बात ही कुछ और थी। अब पहले जैसे नेता कहां हैं? राजनीति के पीछे समाजसेवा का भाव होता था, अब उद्देश्य बदल गए हैं। बिना खर्च किए चौ. महेंद्र सिंह, चौ. प्यारेलाल और जगवीर सिंह विधानसभा चुनाव लड़े और विधायक बने। ऐसे ही चौ. शिवराज सिंह विधायक बने। वे मंत्री भी बने। इनको रास्ते में रोक कर लोग अपना काम करा लेते थे। अब तो नेताओं से मिलना बड़ा मुश्किल काम हो जाता है। विधायकों के घर घंटों इंतजार करना पड़ता है। + +कल और आज में बहुत अंतर आया।यह कहते हुए पुरानी तहसील के रघुकुल तिलक गौड़ ने पुरानी यादें ताजा कीं। कई किस्से बताने लगे। बोले, पहले तो मतदान से पहले ही आकलन हो जाता था कि कौन जीतेगा? अब ऐसा नहीं। परिणाम आने से एक दिन पहले तक अंदाजा नहीं लग पाता। वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए गौड़ ने बताया कि खैर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी चौ. प्यारेलाल चुनाव लड़े थे। उनके प्रचार में जट्टारी के गांव मौर में कार्यकर्ताओं के साथ जीप में भरकर चुनाव प्रचार के लिए गए थे। तब कार्यकर्ताओं ने भूख लगने की बात कही तो रास्ते में जीप रोककर सड़क किनारे एक खेत में गाजर व आलू खोदकर पास में ही ट्यूबवैल पर धोकर कार्यकर्ताओं को खिलाया। फिर गांव जाकर सभा की। उनके साथ खैर के खुशीराम भारद्वाज, रमुआ गौतम, सुखपाल महाशय, नत्थी दर्जी झंडा लेकर आगे चलते थे। बड़ी आत्मीयता व कड़ी मेहनत के बूते पर चुनाव लड़े जाते थे। उस समय आवागमन के साधन ज्यादा नहीं थे। एक जीप से ही पूरा चुनाव प्रचार होता था। रात के समय चौपाल व नुक्कड़ सभा में 50 से 100 लोग एकत्रित होते थे। गांव- गांव समर्थक अपने प्रत्याशी का घरों की छत पर झंडा लगाते थे। इससे दूर से ही पता चल जाता था कि वह व्यक्ति किस प्रत्याशी का समर्थक है। अब प्रचार का माध्यम पूरी तरह से बदल चुका है और महंगा भी हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d71d22022a60de2c4067ff527cdf2aaaf6097597 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है। उतनी ही तेजी से संक्रमितों के इलाज के लिए नई दवाएं भी आ रहीं हैं। अभी तक गठिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा अब कोरोना वायरस के खिलाफ हथियार बनेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना संक्रमितों पर दवा के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान कर दी है। उसका सुझाव है कि इस दवा को संक्रमितों को स्टेरायड के साथ चलाया जाए। यह दवा गंभीर संक्रमितों वेंटिलेटर तक पहुंचने की स्थिति नहीं आने देती है। साथ ही मौत के खतरे को भी कम करती है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने का समय भी कम होता है। ब्रिटेन में हुए अध्ययन में कोरोना के खिलाफ कारगर साबित हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63149.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ed57fa501d013a20d49dc0e73cdfc29da030c55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। Ice Hockey Championship Kaza, बर्फ के रेगिस्तान में मैदानी क्षेत्रों के खिलाड़ियों का मनोबल देखते ही बन रहा है। यहां माइनस तापमान पर खिलाड़ियों का उत्साह भारी हो गया है। लेह लद्दाख व स्पीति के ख़िलाडियों के लिए यह तापमान कोई मायने नहीं रखता है लेकिन तेलंगाना, चंडीगढ़ और दिल्ली के खिलाड़ी भी माईनस तापमान में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। काजा में रात के समय तापमान माइनस 20 तक पहुंच रहा है, जिससे सब कुछ जाम हो रहा है। दिन में भी तापमान माइनस में रह रहा है। लेकिन राष्ट्रीय आइस हाकी प्रतियोगिता के चलते खिलाड़ियों सहित घाटी के लोगों में भारी उत्साह बना हुआ है। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश भर से छह टीमें आईटीबीपी लद्दाख, लद्दाख, हिमाचल, चंडीगढ़, दिल्ली और तेलंगाना के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। माइनस तापमान में भी खिलाड़‍ियों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d06d5b55b9cde422374888f6de7e3404ee718ca0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस से बचाव को ये पूरा देश एक तरह से जंग लड़ रहा है। अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं, जो वैक्‍सीन लगवाने से डर रहे हैं। आगरा में दो लोगों ने यह बीड़ा उठा रखा है कि वे खुद बस्तियों में जाकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। डा. आरसी माथुर और नरेश पारस, यह वह लोग हैं, जिनकी सेवा से वंचित समाज के हर व्यक्ति तक कोरोना की वैक्सीन पहुंच सकी। सड़क से लेकर झुग्गी झोपड़ी तक वंचित समाज के व्यक्तियों तक वैक्सीनेशन कराने की इन दोनों ने ठानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f31683ce33f43e868bb9b9b79c5e2f06453a571 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर आगे भी मौसम ऐसा ही रहा तो निर्वाचन आयोग के लिए चकराता सीट के बर्फबारी प्रभावित ऊंचे इलाकों में मतदान कराना आसान नहीं होगा। इस बार स्थानीय प्रशासन ने चकराता में विधानसभा चुनाव के लिए कुल 230 मतदान केंद्र बनाए हैं। यहां पिछले बार के मुकाबले 14 मतदान केंद्र नए बने हैं। इनमें 30 मतदान केंद्र बर्फबारी प्रभावित हैं। तीन से सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बर्फबारी प्रभावित इन मतदान केंद्रों पर चुनाव कराना पूरी तरह मौसम के मिजाज पर निर्भर रहेगा। स्थानीय पुलिस प्रशासन टीम को चकराता विधानसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के साथ बर्फबारी प्रभावित केंद्रों में चुनाव कराने के लिए मौसम की चुनौती से भी निपटना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f991f6b01f1a4ab46452c7ffda94a848eea86688 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63157.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। UP Vidhan Sabha Election 2022: न कहीं होर्डिग, न ध्वनि विस्तारकों का कानफोडू शोर। सब कुछ आम दिनों जैसा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन राज्य के किसी भी छोर में जाने पर नहीं लगता कि चुनाव होने वाले हैं। दूसरी ओर हर जुबान पर चर्चा केवल चुनाव की चढ़ी है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की आइटी टीमें आभासी चुनाव प्रचार के लिए कमर कस चुकी हैं। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चुनाव आयोग ने सभा और रैली के नियमों में सख्ती कर दी है। + +भाजपा का डाटाबेस बहुत ही सशक्त है। अधिक से अधिक लोगों तक पकड़ साबित करने के लिए उसके पास बूथ स्तर तक स्मार्ट फोन रखने वाले कार्यकर्ता भी खूब हैं, ऐसे में पार्टी की गतिविधियों और जनहितकारी कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने का काम खास दिक्कत तलब नहीं। पार्टी के इंटरनेट मीडिया हेड अंकित चंदेल कहते हैं कि हमारे पास आइटी विशेषज्ञों की दक्ष टीम है। बड़ी संख्या में आइटी प्रशिक्षित कार्यकर्ता भी हैं। पहले के दौर में चुनाव आते ही बच्चों में पोस्टर, बिल्ले और झंडा-बैनर के लिए खास उतावलापन देखने को मिलता था। बच्चों के लिए खास तौर पर बिल्ले बनाए जाते थे। लेकिन समय के साथ ही यह सारी चुनाव सामग्री किसी सपने जैसी होती गई। अब तो सारा दारोमदार इंटरनेट पर ही सिमट सा गया है। बची खुची कसर कोरोना संक्रमण ने पूरी कर दी है। चुनाव आयोग के कड़े आदेशों के चलते सभा, रैली और बैठकों पर भी बंदिश लग गई है। + +दरअसल चुनाव की घोषणा से कुछ महीने पहले राजनीतिक दलों ने इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बनाए रखने के लिए कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए थे। जिनमें नामचीन आइटी प्रबंधकों ने इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बनाए रखने के लिए कार्यकर्ताओं को गुर बताए थे। ऐसा भी नहीं कि सिर्फ भाजपा ही आभासी दुनिया के मोर्चे पर सक्रिय है, समाजवादी पार्टी भी डिजिटल माध्यमों के सहारे जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के काम में तेजी से जुटी है। + +फिलहाल राजनीतिक दल अपने नेताओं की प्रेस ब्रीफिंग एवं कार्यकताओं से संवाद का लिंक फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप ग्रुपों पर शेयर करके उनके व्यापक प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। सरकार की उपलब्धियों को गीतों में पिरोकर मनोज तिवारी जैसे ख्यात गायक स्वर दे रहे हैं, वहीं समाजवादी पार्टी ने भी अपनी नीतियों और विचारों के प्रसार के लिए गीत तैयार करवाए हैं। समाजवादी पार्टी के एक नेता कहते हैं कि हमारा मतदाता ज्यादातर युवा है और स्मार्ट फोन चलाने में अभ्यस्त है, इसलिए चुनाव प्रचार में कहीं कोई दिक्कत नहीं आ रही। पार्टी दफ्तरों में बाकायदा इस बात की मानीटरिंग की जा रही है कि उसके भेजे लिंक को कितने लोगों ने और किस माध्यम पर देखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..899fb413bdd107ddff866fc325d01edf1b60f7ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63159.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Pandit Birju Maharaj Passes Away: दुनिया भर में अपने कथक नृत्य से हर किसी को कायल कर देने वाले पंडित बिरजू महाराज अब नहीं रहे। रविवार को नृत्य दुनिया के मशहूर 83 वर्षीय बिरजू महाराज की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके निधन पर संगीत जगत में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है।‌ आठ वर्ष पूर्व बिरजू महराज ने दैनिक जागरण को दिए एक खास साक्षात्‍कार में अपने जीवन के अनछुए पहलुओं के बारे में बताया था। आज जब वह हमारे बीच नहीं है तो यह जरूरी है कि हम अपने यूजर्स को उनके खास पहलुओं के बारे में बताएं। पेश है उनके जीवन के अनछुए पहलू के कुछ अशं। + +4- पिता के नहीं रहने पर कथक का सिलसिला कैसे आगे बढ़ा ? इस प्रश्‍न के उत्‍तर में उन्‍होंने कहा था कि यह हमारे लिए और परिवार के लिए संघर्ष का दौर था। बहुत मुश्किलों का समय था। बहुत छोटी उम्र में हमने न केवल एक पिता खोया, बल्कि एक गुरु भी खो दिया था। किसी तरह जीवन खिसक रहा था। 14 वर्ष की उम्र में मुझे मंडी हाउस स्थित कथक केंद्र में नौकरी मिल गई। इसके बाद जीवन धीर-धीरे पटरी पर लौटने लगा। + +5- आपको किस उम्र में ख्याति मिली, यूं कहा जाए कि आपके नृत्य को पहचान कब मिली? छह साल की उम्र में मैंने घरेलू और बैठकों में कथक करना शुरू कर दिया था। उस जमाने में कलकत्ता [अब, कोलकाता] में मनमतुनाथ घोष के यहां बड़ी कांफ्रेंस हुआ करती थी। यहां देश के श्रेष्ठ और प्रतिष्ठित कलाकारों का जमावाड़ा लगा करता था। यहां हमारे पिता और चाचा नृत्य कर चुके थे। 14 वर्ष की उम्र में मुझे भी यहां नृत्य के प्रदर्शन का मौका मिला। यहां के प्रदर्शन ने एक ही रात में मुझे हीरो बना दिया। इस प्रदर्शन की धूम मुंबई तक पहुंची। यह कार्यक्रम हमारे लिए जिंदगी का एक निर्णायक मोड़ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63160.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5a12e0affac2345d46674811788780de4b2d058 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63160.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले बात भाजपा की, जो 2014 के बाद से मोदी लहर पर सवार होकर लगातार आगे बढ़ती रही। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की बड़ी जीत उसी लहर की देन थी। तब दोनों प्रदेश में केवल मोदी ही चेहरा थे। आज इन दोनों प्रदेशों में चेहरे सामने हैं। उन चेहरों के अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव सामने हैं। अब पांच साल के शासन के रिपोर्ट कार्ड की भी पड़ताल की जा रही है। गोवा और मणिपुर में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति का प्रभाव दिखा था। गठबंधन का फार्मूला बनाने में सक्रियता दिखी थी। बाद के दिनों में कांग्रेस ने वही सक्रियता कर्नाटक में दिखाई थी। हालांकि गठबंधन को थामे रखने की कला में वह मात खा गई। खैर भाजपा के सामने वही चार राज्य फिर से खड़े हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गिनाने को कुछ नहीं है। घर-घर पहुंच रहे नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज की चर्चा है, लेकिन हाल में कुछ बड़े नेताओं के पार्टी छोडऩे से एक नई चुनौती पैदा हुई है। खासकर ओबीसी वर्ग और कुछ हद तक ब्राह्मण नेता उस पाले में गए हैं, जो भाजपा के सामने खड़ा है। 2017 की बड़ी जीत में इन दो जातियों की बड़ी भागीदारी थी। हालांकि पाला बदलने वाले नेताओं के व्यक्तिगत कारण भी होते हैं, लेकिन इसके कारण क्षेत्रों में उनका प्रभाव शून्य तो नहीं हो जाएगा। उत्तराखंड में तो मजबूती की बात ही नहीं हो रही है। वहां यह कहना मुश्किल है कि भाजपा ज्यादा कमजोर है या कांग्रेस। शुक्र सिर्फ इतना ही है कि पहलवान दो ही हैं और किसी न किसी को जीतना है। भाजपा के लिए चुनौती यह है कि इन दोनों राज्यों में जीत पहले जैसी हो। बंगाल के बाद देश में भाजपा को लेकर जो सोच पैदा हुआ था उसे तभी तोड़ा जा सकता है। आगामी कुछ महीनों में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से लेकर राज्यसभा चुनाव तक में यहां के नतीजे असर दिखाएंगे। वैसे भी भाजपा नेतृत्व की ओर से यह कहा जाता रहा है कि पार्टी का स्वर्णिम काल आना बाकी है। ऐसे में अब किसी भी गलती के लिए गुंजाइश नहीं है। 2014-2019 की भाजपा जिस गति और तेवर के साथ बढ़ी वह भविष्य में क्या स्वरूप लेगी, ये चुनाव इसका भी संकेत देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e68de4cb4f1cb07325b66500ba85e6bc9905141e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करीब 150 करोड़ की लागत से तैयार हुए रोपवे का ट्रायल चल रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसका 19 जनवरी को उद्घाटन करने वाले हैं। रोपवे के निर्माण से न सिर्फ ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। धर्मशाला से मैक्‍लोडगंज के सफर के दौरान अकसर पर्यटकों को ट्रैफ‍िक जाम में फंसना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03d4d4435d636d4a0d5490b7726ae1ce2dcf8d42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। जलवायु परिवर्तन के असर से बदलते मौसम चक्र का असर कोहरे पर भी दिखाई देने लगा है। कोहरे के दिनों और घंटों दोनों में ही कमी आई है। खासकर दिल्ली-एनसीआर में तो यह साफतौर पर देखा ही जा रहा है। विशेषज्ञों ने इस स्थिति के लिए मौसमी परिस्थितियों को ही मुख्य कारक बताया है। मौसम विभाग के मुताबिक दिसंबर से फरवरी तक तीन माह के दौरान अमूमन 25 दिन और 140 घंटे का कोहरा पड़ता है। घने कोहरे के लिए पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता, वातावरण में नमी की अधिकता और बीच बीच में बारिश होना जरूरी होता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसकी मात्रा में कमी आई है। वर्ष 2007-2008 में केवल दो दिन और 10 घंटे ही कोहरा पड़ा था। उसके बाद के वर्षों में भी बहुत ज्यादा कोहरा पड़ने के मामले कम ही सामने आए। इस साल भी कमोबेश वही हालात बन रहे हैं। दिसंबर में कोहरा पड़ा ही नहीं तो जनवरी में भी अभी तक यह पांच दिन और 17 घंटे का रहा है। 21 एवं 22 जनवरी को हल्की बारिश होने के आसार हैं। इसके बाद फिर से कोहरा पड़ने की कुछ संभावना बन सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1845d4b5169302a093957765122e5b88b6479c34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63170.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। इन दिनों पाकिस्‍तान की नई सुरक्षा नीति सुर्खियों में है। पाकिस्‍तान के लोगों का ध्‍यान इस नीति पर है। इस नीति में दावा किया गया है कि इससे पाकिस्‍तान की आर्थिक व्‍यवस्‍था में सुधार होगा। इसमें बड़ी-बड़ी बातें की गई है। पाकिस्‍तान के नागरिकों को सपने दिखाए गए है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या सच में इस नई सुरक्षा नीति से पाकिस्‍तान में कायाकल्‍प होने वाला है। इस नीति में एक अहम सवाल पर भारत की भी नजर है। इस नीति में भारतीय जनता पार्टी और जम्‍मू कश्‍मीर का भी जिक्र है, जिससे भारत में इस नीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आखिर इस नीति में भाजपा और जम्‍मू कश्‍मीर का जिक्र क्‍यों किया गया है। आइए जानते हैं कि पाकिस्‍तान की इस सुरक्षा नीति पर एक्‍सपर्ट की क्‍या राय है। + + आखिर पाकिस्‍तान की राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति क्‍या है?। 1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि असल में यह पाकिस्‍तान की सुरक्षा नीति कम और आंतरिक नीति एवं कूटनीति ज्‍यादा है। हालांकि, पाकिस्‍तान सरकार का दावा है कि पहली बार नागरिक हितों को वरीयता देते हुए राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति तैयार की गई है। इसका मकसद पाकिस्‍तान की खस्‍ताहाल अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाना है। इसके अलावा वह दुनिया में अपनी तस्‍वीर बेहतर करना चाहता है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की सुरक्षा नीति का मकसद देश की आंतरिक राजनीति से ज्‍यादा जुड़ा है। + +3- इस सुरक्षा नीति में कहा गया है कि भारत में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार पाकिस्‍तान का इस्‍तेमाल घरेलू राजनीति में कर रही है। भारत की सरकार अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍तों के मुद्दे का राजनीति में इस्‍तेमाल करती है। उन्‍होंने कहा कि भारत और भारतीय जनता पार्टी का जिक्र करके इमरान खान अपने देश की समस्‍याओं का ध्‍यान मूल समस्‍या से हटाना चाहते हैं। सुरक्षा नीति में भारत और भाजपा का जिक्र करके पाकिस्‍तान सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। + + 5- दरअसल, इस समय पाकिस्‍तान की आर्थिक व्‍यवस्‍था खस्‍ताहाल है। अगर देखा जाए तो पड़ोसी मुल्‍क की अर्थव्‍यवस्‍था विदेशी कर्ज पर आश्रित है। अफगानिस्‍तान में तालिबान के समर्थन के बाद अब वह पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। पाकिस्‍तान सरकार और सेना की कलई खुल चुकी है। वह दुनिया से अलग-थलग पड़ चुका है। चीन के साथ उसकी दोस्‍ती भी काम नहीं आ रही है। आर्थिक मोर्चे पर वह चीन से बहुत उम्‍मीद नहीं कर सकता है। उधर, तालिबान को खुले समर्थन के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने पाकिस्‍तान से किनारा कर लिया है। इस घटना के बाद अंतराष्‍ट्रीय फंडिंग करने वाली एजेंसियों पर भी दबाव है। + + 6- सुरक्षा नीति के जरिए वह दुनिया को संदेश देना चाहता है कि अब वह आतंकवाद समर्थित राष्‍ट्र की जगह अपनी आर्थिक व्‍यवस्‍था पर ध्‍यान देगा। इसके लिए वह अपने पड़ोसी मुल्‍कों के साथ संबंधों को बेहतर करेगा। उसने इस नीति के जरिए यह संदेश दिया है कि अब वह पड़ोसी मुल्‍कों के साथ दोस्‍ताना संबंध कायम करना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..712d254d3a7fc6b7f1e7c03fb80f7979da424f3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63171.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सांसदों के बेटों के लिए टिकट की बहुत कम संभावना।इसी क्रम में उन्होंने कहा कि परिवार से किसी एक को ही टिकट दिया जाएगा। सांसदों के बेटों के लिए टिकट की बहुत कम संभावना है। ध्यान रहे कि स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से अपने बेटे के लिए भी टिकट मांगने की बात सामने आ रही थी। मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव भाजपा में आती हैं तो उन्हें भी मनमानी सीट पर टिकट मिले, इसकी संभावना कम है। बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी से गठबंधन की उम्मीद भी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b57ae29babe8952d3820de258216ec34d61c85c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार के पहले फार्मूले को देखा जाए तो देश में लाकडाउन की कितनी संभावना है। अगर पहले लाकडाउन के फार्मूले से चलें तो केंद्र सरकार को अब तक लाकडाउन लगा देना चाहिए। इससे संक्रमण की गति को नियंत्रित किया जा सकता है। तीसरी लहर के दौरान छह जनवरी तक केस डबल होने की रफ्तार 454 दिन पर आ गई और इस दौरान रोज आने वाले कोरोना संक्रमण के मामलों में 18 गुना बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन हालात अभी काबू में है। सरकार को इस बात से राहत है कि अस्‍पताल में मरीजों की आमद कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8f6f17063b9affb3c0eab0a9025d82a54668963 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63173.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनजान वंश से है ओमिक्रोन।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सेंटर आफ एडवांस रिसर्च इन वायरोलाजी के पूर्व निदेशक डा. जैकब ने कहा कि उनके विचार से ओमिक्रोन वैरिएंट किसी अनजान वंश से है, लेकिन उसका तार कहीं न कहीं वुहान के डी614जी वैरिएंट से भी जुड़ा है। डी614जी इस प्रोटीन में अमीनो एसिड म्युटेशन को संदर्भित करता है जो दुनिया भर के सार्स-सीओवी-2 वायरस में तेजी से आम हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2fb323c74605bac1c73d66a61b4eb39bac98761 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63174.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्टि्रक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला को लुभाने के लिए चार भारतीय राज्यों ने ना सिर्फ अपने दरवाजे खोले हैं बल्कि उसे प्लांट लगाने में हर तरह की मदद का भी आश्वासन दिया है। ये राज्य हैं महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पंजाब। इन सभी राज्यों के कद्दावार मंत्रियों या नेताओं ने रविवार को इंटरनेट मीडिया के जरिये टेस्ला कंपनी के संस्थापक व सीईओ एलन मस्क से आग्रह किया है कि वह इनके राज्य को कार फैक्ट्री लगाने के लिए चयनित करें। तीन दिन पहले ही मस्क ने भारत में प्लांट लगाने की राह में बड़ी चुनौतियों का जिक्र किया था। + +बनी हुई कारों के आयात के लिए विशेष रियायत चाहते हैं मस्क।केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि दिक्कत टेस्ला की तरफ से है जो मौजूदा सीमा शुल्क दरों को एक कंपनी के लिए कम करने का दबाव बना रही है। वह पूरी तरह से बनी हुई कारों को भारत लाने पर मौजूदा शुल्क की दर 110 प्रतिशत को घटाकर 40 प्रतिशत किया जाए। केंद्र का कहना है कि उसने इलेक्टि्रक कारों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआइ स्कीम लागू की है जिसका फायदा कंपनी उठा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63175.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63175.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bbd3451b164d0e91f0f03907cc034316f972c80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63175.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवजोत सिद्धू ने एलन मस्क की ट्वीट को कोट करते हुए लिखा कि मैं एलन मस्क का पंजाब में निवेश करने के लिए स्वागत करता हूं। उन्होंने लिखा कि पंजाब माडल में लुधियाना को इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी इंडस्ट्री हब के तौर पर विकसित किया जाएगा। यहां समयबद्ध तरीके से सिंगल विंडो क्लीयरेंस दिया जाएगा ताकि पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के साथ पंजाब में नई तकनीक आ सके और ग्रीन जाब क्रिएट हो सके। ।I invite @elonmusk, Punjab Model will create Ludhiana as hub for Electric Vehicles & Battery industry with time bound single window clearance for investment that brings new technology to Punjab, create green jobs, walking path of environment preservation & sustainable development https://t.co/kXDMhcdVi6।सिद्धू एलन मस्क की उस ट्वीट का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह सरकार (भारत) की ओर से प्रस्तुत कई चुनौतियों से निपट रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5877e255ae869528a5b9f91210e897cde39a915f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63177.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जोधपुर झाल पर सबसे अधिक संख्या में मिलीं काॅमन टील और बार हेडेड गूज।जोधपुर झाल पर पर काॅमन टील 434, बार हेडेड गूज 192, यलो वेगटेल 55, रफ 42, गेडवाल 34 और नोर्दन शोवलर 25 की संख्या के अतिरिक्त पाइड एवोसेट, स्पून-बिल, नोर्दन पिनटेल, पेन्टेड स्टार्क, रूडी शेल्डक व ब्लैक टेल्ड गोडविट भी रिकार्ड किए गए। ।दूरबीन, टेलीस्कोप और केमरा के माध्यम से होती है गणना।बीआरडीएस के पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह के अनुसार पक्षियों की गणना निर्धारित वैज्ञानिक प्रणाली से की जाती है। गणना के दौरान पहचान के लिए दूरबीन, टेलीस्कोप और उच्च क्षमता के लैंस युक्त केमरों का उपयोग किया जाता है। पक्षियों से दूरी बनाकर ही गणना की जाती है जिसमें विभिन्न उपकरणो का प्रयोग किया जाता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8353fddfc5b145faa9ef3609ad60b1b44b50cee5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63179.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अन्य विद्वानों की तरह ही सावरकर ने भी छत्रपति शिवाजी को एक ऐसे अप्रतिम शासक के रूप में देखा है, जिनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि तथा साहस अद्वितीय रहा है। वे उन्हें ऐसे आदर्श चरित्र के रूप में उकेरते हैं, जिनका जीवन राष्ट्रप्रेम से अनुप्राणित रहा और इसी कारण वे अपने पराक्रम व लोकोपयोगी नीतियों के चलते अपने समय में भारत में सार्थक जनकल्याण का कार्य कर सके। एक नीति निर्धारक के तौर पर लेखक ने शिवाजी को देखने का जतन किया है, जिसका सारा झुकाव भारत को एक ऐसे अखंड और स्वाभिमार्नी ंहदू राष्ट्र के रूप में देखने से था, जो मुस्लिम आक्रांताओं के भय से दूर हो। पुस्तक के अध्याय ‘समग्र राष्ट्र ने शिवाजी महाराज का उत्तरदायित्व निभाया’ में सावरकार लिखते हैं- ‘शिवाजी महाराज का देहांत मराठी इतिहास का आरंभ है। उन्होंने हिंदू प्रतिष्ठान की नींव डाली। उसर्का ंहदू साम्राज्य में परिवर्तन होना अभी शेष था। वह परिवर्तन उनके देहांत के उपरांत हुआ। जिस प्रकार नाटक का सूत्रधार सभी कलाकारों तथा उनके कार्य के बारे में सूचना देकर खुद परदे के पीछे चला जाता है और उसके बाद नाटक या महाकाव्य शुरू होता है, उसी प्रकार जिन व्यक्तियों के माध्यम से यह महान कार्य संपन्न होना था, उनका मार्गदर्शन कर शिवाजी महाराज स्वयं तिरोधान हो गए।’ ऐसी ढेरों स्थापनाओं के साथ वे मराठों के इतिहास पर भी दृष्टि डालते हैं, जो सिर्फ शिवाजी या उनके गुरु रामदास जी पर ही एकाग्र न होकर मल्हारराव, परशराम पंत, बाजीराव, तानाजी आदि के योगदान की भी चर्चा विस्तार से करती है। + +पेशवाई के इतिहास को उस कालखंड में राजनीतिक, सामाजिक विरोधाभासों और विदेशी आक्रांताओं की घुसपैठ, आंतरिक कलह, आपसी साझेदारी में फूट तथा क्षत विक्षत हो रही भारतीय संस्कृति की मूलभूत चिंताओं को केंद्र में रखकर लिखी गई इस किताब में लेखक ने कई ऐसे ऐतिहासिक ब्यौरे भी साक्ष्य के तौर पर रखे हैं, जो उस समय का परिदृश्य समझने के लिए जरूरी तौर पर उभरकर सामने आते हैं। एक अध्याय में सावरकर लिखते हैं- ‘नादिर शाह तथा अब्दाली के साथ बने उनके विशाल संगठन की अनवरत कोशिशों पर जब मराठे एकजुटता से पानी फेर रहे थे, तब सिखों को अपने लोगों का एक संगठित और शक्तिशाली राष्ट्र खड़ा करने का अवसर मिला। पानीपत के संग्राम में हुई भयंकर क्षति को सहते हुए सिर्फ पंजाब प्रांत को अपने साम्राज्य से फिर जोड़ने का जो अल्प संतोष अब्दाली को मिलने वाला था, उसे इस नवोदित सिख सत्ता ने उससे छीन लिया।’ ऐसी अनगिनत स्थापनाओं के साथ छत्रपति शिवाजी का औदात्य रचने में सावरकर दृष्टि ने भारतीयता का जो सनातनी स्वप्न देखा है, उसमें इस मराठा शासक र्की ंहदवी स्वराज की परिकल्पना एक बड़े रूपक की तरह इस किताब र्में ंहदू जीवन के सर्वांगीण नवजागरण का स्वप्न देखती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a1b1f1f1397bf381e88c3724330a6bac74f4a2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63181.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव में महिलाओं का वर्चस्‍व।विधानसभा चुनावों की बात करें तो आजादी के बाद पहली बार 1952 में चुनाव हुए। उस समय अलीगढ़ और हाथरस एक ही जिला हुआ करता था। 1997 में हाथरस ने नए जिले के रूप में जन्म लिया। उस समय हाथरस सदर के अलावा सिकंदराराऊ, सासनी और सादाबाद विधानसभा हुआ करती थीं। 2012 में सासनी को हाथरस में विलय कर दिया गया। अब हाथरस और सासनी को मिलाकर हाथ्रस सदर के नाम से सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र है। इस दरमियान 1980 में विधानसभा चुनाव में पुष्पा चौहान एक ऐसी महिला थीं, जो उस समय इंडियन नेशनल कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ीं। उन्होंने लोकदल से सुरेश प्रताप सिंह को हराया था। तीसरे नंबर पर भाजपा से निवास पाली रहे थे। उस समय जनता पार्टी से भारतीय जनता पार्टी का जन्म हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eaaf76873b3b0bdb38096cf90b6558fd5909aa93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63182.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिस प्रकार तमाम जापानी पहले जापानी हैं, चाहे उनमें से कोई बुद्धिस्ट हो और चाहे ईसाई हो। कांग्रेस को भी इसी प्रकार के देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करना चाहिए और जापान की निंदा नहीं करनी चाहिए। जापान का केवल एक ही लक्ष्य- ‘ब्रिटिश प्रभाव को एशिया से मिटा देना’ है। कांग्रेस का भी यही दृष्टिकोण होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का अध्ययन करके भारत के हित और लाभ में इनका प्रयोग करना चाहिए। हमें ब्रिटेन से दुश्मनी रखने वालों की कद्र करनी चाहिए और मैत्रीपूर्वक उन्हें स्थान देना चाहिए। यही हमारी विदेश नीति बननी चाहिए। व्यावहारिक राजनीति में भावनाओं को कोई स्थान नहीं देना चाहिए। + +हम जानते हैं और अपने जीवन में अनुभव करते हैं कि कितनी भी कठिनाइयां हों, हम अपने जीवन का बलिदान कर देते हैं। इसी भावना के साथ हमें जापान का अनुसरण करना चाहिए। इस समय जापानी प्रसन्नतापूर्वक अपने देश की रक्षा और स्वतंत्रता के लिए हजारों की संख्या में जीवन बलिदान कर रहे हैं। हमें भी इस त्याग की भावना से सीखना चाहिए कि आदमी कैसे मरता है। भारत की आजादी के संदर्भ में भारत की स्वतंत्रता का प्रश्न स्वयमेव हल हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4731fde47e2eff17b6ab93580e727aca2fde503b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कनेक्‍शन देने से कोई नहीं कर सकता इनकार।चार्जिंग स्टेशन अपनी मर्जी से जिस भी वितरण कंपनी से चाहें उससे कनेक्शन ले सकते हैं। उन्हें कनेक्शन देने से कोई इन्कार नहीं करेगा। एक से तीन वर्ष के भीतर सभी महानगरों में और तीन से पांच वर्ष के भीतर सभी राजधानी और बड़े शहरों में तीन वर्ग किमी के क्षेत्रफल में चार्जिग स्टेशन लगाए जाएंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba5097fc4b3c0f4e6b8b331b79bd181d5c74c009 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63188.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। हाल ही में आइआइटी मंडी के निदेशक नियुक्त हुए आइआइटी कानपुर के प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने मंत्रों के जरिए 28 वर्ष पूर्व एक दोस्त के परिवार को बुरी आत्मा से बचाया था। यह जानकारी उन्होंने कुछ माह पूर्व एक वीडियो के माध्यम से लर्न गीता, लाइव गीता यूट्यूब चैनल पर दी थी। हालांकि जागरण डॉट काम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। + +वीडियो में प्रो. बेहरा कह रहे हैं कि हमने मंत्रों के जाप से दोस्त के अपार्टमेंट से बुरी आत्मा को दूर भगाया था। घटना के बारे में बताते हैं कि वर्ष 1993 में वह एक दोस्त की मदद करने चेन्नई गए थे। दोस्त के परिवार पर आत्मा का साया था। 10 मिनट मंत्रोच्चार के बाद उन्होंने देखा कि दोस्त के वृद्ध पिता, जो काफी कमजोर व लाचार थे, अचानक नाचने लगे। जैसे कि वह किसी बुरी आत्मा की गिरफ्त में थे। दोस्त की मां व पत्नी भी बुरी आत्मा के प्रभाव में थीं। प्रो. बेहरा ने करीब एक घंटे तक हरे राम हरे कृष्ण का जाप किया और भगवद गीता में लिखे मंत्रों का उच्चारण किया। तब दुष्ट आत्मा दूर भाग गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa48a6c4f5bf6b20116c94f46c6a301f761c8049 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63191.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पार्टी के प्रधान नवजोत सिद्धू ने इस बात के संकेत भी दिए थे, लेकिन सूची को देखकर नहीं लगता कि नवजोत सिद्धू अपनी बात मनवाने में कामयाब हुए हैं। पार्टी ने आज जिन 86 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है उनमें से 60 वर्तमान में विधायक या मंत्री हैं। आम आदमी पार्टी से आने वाले पांच विधायकों मे से फिलहाल दो सुखपाल खैहरा और रूपिंदर कौर रूबी ही टिकट पाने में कामयाब हुए हैं, जबकि नाजर सिंह मानशाहिया, जगतार सिंह जग्गा हिस्सोवाल व जगदेव सिंह कमालू टिकट पाने वालों की दौड़ से बाहर हो गए हैं। आप से ही पिरमल सिंह खालसा भी कांग्रेस में आए थे, लेकिन उनकी सीट के बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है। + +पांच का मंत्री पद गया, पर चार की उम्मीदवारी कायम।तीन महीने पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे पांच मंत्रियों राणा गुरमीत सिंह साेढी, सुंदर श्याम अरोड़ा, बलबीर सिंह सिद्धू, साधू सिंह धर्मसोत और गुरप्रीत कांगड़ का मंत्री बेशक चला गया हो, लेकिन इनमें से चार अगले चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी बचाए रखने में कामयाब रहे हैं। राणा सोढी भाजपा में शामिल हो गए हैं। साधू सिंह धर्मसोत को नाभा से, कांगड़ को रामपुरा फूल से , सुंदर श्याम अरोड़ा को होशियारपुर से और बलबीर सिदधू को मोहाली से टिकट मिल गया है। + +बड़े चेहरों को टक्कर देंगे नए चेहरे।पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की लंबी सीट पर पार्टी ने नया चेहरा जसपाल सिंह अबुल खुराना को उतारा है वह पूर्व मंत्री गुरनाम सिंह अबुल खुराना के बेटे हैं। हालांकि अकाली दल ने अभी लंबी सीट पर प्रकाश सिंह बादल के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन जिस तरह से प्रकाश सिंह बादल हलके में सक्रिय हैं उससे लगता है कि वह 95 साल की आयु में भी चुनावी मैदान में उतरेंगे। बिक्रम मजीठिया को टक्कर देने के लिए पार्टी ने जगविंदर पाल सिंह को मजीठा हलके से टिकट दिया है। ।इन विधायकों की सीटों पर अभी नहीं हुआ फैसला।पार्टी ने अपने मौजूदा साठ विधायकों को टिकट दे दिया है। जबकि तीन विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह, राणा सोढी और फतेह बाजवा ने पार्टी छोड़ दी है। चार विधायकों की टिकट काट दी गई है। 13 विधायक ऐसे हैं जिनकी टिकट के बारे में पार्टी ने अभी फैसला इसलिए नहीं लिया है क्योंकि यहां पर उनके मुकाबले और नेताओं ने भी उम्मीदवारी जताई हुुई है। जिन विधायकों की किस्मत का फैसला अभी नहीं हुआ है उनमें अटारी से तरसेम सिंह डीसी, फाजिल्का से दविंदर सिंह घुबाया, जलालाबाद से रविंदर आमला, फिरोजपुर देहाती से सत्कार कौर, गिल से कुलदीप वैध, समराला से अमरीक सिंह ढिल्लों, भोआ से जोगिंदर पाल, शुतराणा से निर्मल सिंह, नवांशहर से अंगद सिंह, अमरगढ़ से सुरजीत धीमान, खडूर साहिब से रमनजीत सिंह सिक्की, खेमकरण से सुखपाल भुल्लर को टिकट नहीं मिला है, जबकि ब्रह्म मोहिंदरा ने अपने पटियाला देहाती से अपने बेटे मोहित मोहिंदरा को टिकट दिला दिया है। पार्टी ने नौ महिलाओं और दस नए चेहरों को मैदान में उतारा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..755914082fc741b20223415c6e4ef158a6b871e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63194.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। पांच राज्यों के हो रहे चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के मुफ्त वादों की झड़ी ने ठंड के इस मौसम में उत्तर प्रदेश से लेकर गोवा तक सियासी गहमागमी के पारे में इजाफा कर दिया है। चुनावी बाजी अपने नाम करने के लिए जिस तरह मुफ्त स्कूटर, मोबाइल, टेबलेट, गैस सिलेंडर, नगदी देने से लेकर मुफ्त बिजली, पानी और यहां तक की तीर्थयात्रा के वादे करने की होड़ मची है उससे साफ झलक रहा कि जनता का भरोसा जीतने के लिए पार्टियों को अपनी नीतियों पर ही भरोसा नहीं है। छोटे से लेकर बड़े दल और राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय पार्टियां में मची होड़ से साफ है कि इनकी चुनावी उम्मीदें विकास के विजन नहीं लुभावने वादों पर ज्यादा टिकी हैं। छोटी और नई पार्टियां इन सूबों में अपना राजनीतिक अस्तित्व कायम करने के लिए मुफ्त और हैरान करने वाले लुभावने वादे कर रही हैं। + +देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में मुफ्त वादों को लेकर सियासी गरमाहट का आलम यह है कि भाजपा, सपा और कांग्रेस ही नहीं आम आदमी पार्टी जैसी पार्टी भी बढ़ चढ़कर लुभावने वादों की झड़ी लगा रही है। चुनाव निकट आने के साथ बढ़ती चुनौती को थामने के लिए भाजपा की योगी सरकार ने कुछ दिनों पहले बिजली बिल के दर में कटौती की तो छात्रों को मुफ्त टेबलेट बांटने की शुरूआत की गई। चुनावी की घोषणा के चलते टेबलेट बांटने का सिलसिला लंबा नहीं चला मगर पार्टी ने सत्ता में दुबारा आने पर इसे जारी रखने की झलक दिखा दी। + +कांग्रेस ने किया लड़कियों को मुफ्त ई-स्कूटर देने का वादा।तीन दशक से उत्तर प्रदेश की सियासत में अपनी प्रासंगिकता की बहाली का प्रयास कर रही कांग्रेस ने तो इस मामले में इन दोनों दलों को पीछे छोड़ दिया है। महिलाओं को 40 फीसद टिकट के सियासी वादे पर अमल करते हुए सत्ता में आने पर कांग्रेस कालेज जाने वाली लड़कियों को मुफ्त ई-स्कूटर, स्मार्ट फोन, साल में छह रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा कर रही है। इतना ही नहीं पार्टी सूबें में महंगे बिजली बिल से राहत के लिए इसमें 50 फीसद कमी और सिंचाई की बिजली मुफ्त करने का भी वादा कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a4cfdb5dc841ab53e0cd309b449ad31063c72ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जातियों का समर्थन हासिल कर अपना जनाधार व्यापक किया है। उसने यह धारणा तोड़ी है कि वह केवल अगड़ों की पार्टी है। इसी कारण वह स्वामीप्रसाद मौर्य समेत अन्य नेताओं के पार्टी छोडऩे के बावजूद अपनी जीत को लेकर उत्साहित है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को मुख्य रूप से अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा से मुख्य चुनौती मिलने जा रही है। अखिलेश ने रालोद के साथ अन्य छोटे दलों से गठबंधन किया है। अखिलेश चुनावी सफलता के लिए मुस्लिम-यादव के अपने परंपरागत आधार पर टिके हुए हैं। सपा ने भाजपा का डर दिखाकर ध्रुवीकरण करने वाली सियासत से न तो कभी परहेज किया और न उसे छिपाने की कोशिश की। जहां तक बसपा की बात है, उसके पास दलितों का एक आधार अवश्य है, लेकिन वह तब तक निर्णायक नहीं हो सकता, जब तक उसे अन्य जातियों का समर्थन न मिले। उत्तर प्रदेश में लगभग समाप्त हो चुकी कांग्रेस में प्रियंका गांधी नई जान फूंकने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसमें संदेह है कि उन्हें कोई उल्लेखनीय सफलता मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ec4906d5e554b8f17bff4da5e5aa0ed9a53cc23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63197.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +असहयोग आंदोलन के समय उनके दो चाचा उसमें भाग ले रहे थे। एक चाचा ने कल्पना की रुचि देखकर उन्हें क्रांति संबंधी कुछ ऐसे साहित्य लाकर दिए, जिससे उनका संकल्प और मजबूत होता गया। 18 अप्रैल, 1930 को क्रांतिकारियों ने चटगांव शस्त्रागार पर भारी हमला कर उसे लूट लिया। इस अचानक हमले से अंग्रेज हक्के-बक्के रह गए। चटगांव के क्रांतिकारियों पर मुकदमा चल रहा था। कल्पना पर भी मुकदमा चला। वह जेल से जमानत पर छूट गयीं पर उनके घर पर सशस्त्र पुलिस का पहरा बिठा दिया गया। वह कहीं आ-जा नहीं सकती थीं। यह स्थिति कल्पना के लिए अहसनीय थी। वह मौका देखते ही भाग गईं और क्रांतिकारी सूर्यसेन के साथ भटकने लगीं। इस दौरान उन्होंने कारतूस बनाना भी सीखा। + +16 फरवरी,1933 को सूर्यसेन और कल्पना रात का खाना खाकर किसी काम से निकले तो रास्ते में पुलिस से मुठभेड़ हो गयी। सूर्यसेन गिरफ्तार हो गए लेकिन कल्पना अंग्रेजों पर गोली चलाती हुई भागने में सफल रहीं। पुलिस कल्पना की तलाश कर रही थी पर वह पूरी नौकरशाही को नचा रही थीं। आखिरकार मई 1933 में कल्पना को हथियार डाल देना पड़ा। सूर्यसेन को फांसी और उन्हें उम्र कैद की सजा हो गयी। पर उन्नीस वर्षीय कल्पना हताश नहीं हुईं। जेल में उनका संघर्ष जारी रहा। कल्पना दत्त मिदनापुर जेल में गांधी जी से भी मिली थीं। अपनी पुस्तक,'चटगांव शस्त्रागार आक्रमण के संस्मरण' में वह लिखती हैं, 'जेल में गांधी जी मुझसे मिलने आए। वे मेरी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण नाराज थे। पर उन्होंने कहा मैं फिर भी तुम्हारी रिहाई के प्रयत्न करूंगा।' स्वाधीनता संग्राम में कल्पना दत्त का नाम क्रांतिकारियों की अग्रिम पंक्ति में लिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da143b0138d6820f14890af841bf87319b1ab05f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63198.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एआइ आधारित खिलौनों के फायदे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित खिलौने जिस प्रकार बच्चों से संवाद करते हैं, उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं, उससे बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है।सामाजिक कौशल। जब बच्चे स्मार्ट खिलौनों से खेलते हैं तो उनमें तर्कशक्ति और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। पहेलियों या फिर क्विज जैसे खिलौने स्वतंत्र रूप से सोचने की उनकी क्षमता विकसित बढ़ाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे इनके जरिए भी उचित सामाजिक व्यवहार सीख सकते हैं। एआइ पर आधारित कुछ खिलौने अच्छी और बुरी भावनाओं को समझ सकते हैं। उदाहरण के लिए कुछ खिलौनों को इस तरह से प्रोग्राम किया जाता है कि अगर उनके साथ दुर्व्यवहार होता है तो वे उदास हो जाते हैं। फिर बच्चों को इनके साथ खेलने के लिए सही शब्द खोजने पड़ते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32ff994fe6f3e99cfe6dc17add81153d18fcfb49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_632.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाहिद कपूर इन दिनों जहां अपनी आगामी फिल्म 'जरसी' के प्रमोशन में व्यस्त हैं तो वहीं उनकी पत्नी मीरा राजपूत लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। मीरा राजपूत अक्सर सोशल मीडिया पर खूबसूरत तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करती है। कभी मीरा योगा करते हुए लोगों को प्रेरित करते हैं तो कभी शाहिद कपूर की घर में मस्ती की वीडियो को वह अपने फैंस के साथ शेयर करती है। लेकिन हाल ही में मीरा राजपूत ने शाहिद कपूर की उनकी बेटी निशा के साथ एक बहुत ही खूबसूरत तस्वीर शेयर की है जिसमें पिता और बेटी की बॉन्डिंग साफ तौर पर देखी जा सकती है। + +मीरा राजपूत ने शेयर की 2 खूबसूरत तस्वीरें।मीरा राजपूत ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर दो खूबसूरत तस्वीरें शेयर की है। जहां पहली तस्वीर में वह अपने बेटे जैन के साथ खिलौनों के साथ खेल रही हैं तो वही दूसरी तस्वीर में अपने पिता का हाथ पकड़े निशा घूम रही हैं। पहली तस्वीर में मीरा राजपूत बड़े ही प्यार से अपने बेटे जैन को क्रिकेट कैप पहनाने की कोशिश रही हैं, लेकिन उनके लाडले बेटे बॉल को पकड़ने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर को इस तस्वीर को शेयर करते हुए मीरा राजपूत ने लिखा 'जब पापा शूटिंग कर रहे थे'। + +दूसरी तस्वीर में दिखी पिता-बेटी की बॉन्डिंग।मीरा कपूर द्वारा शेयर की गई दूसरी तस्वीर में शाहिद कपूर अपनी गुड़िया रानी निशा के साथ खेलते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों एक ग्राउंड में हैं और शाहिद बड़े ही प्यार से मीशा के दोनों हाथ पकड़कर उन्हें घुमा रहे हैं। इस तस्वीर में शाहिद और उनकी बेटी निशा की क्यूट बॉन्डिंग निश्चित रूप से फैंस का दिल जीत लेगी। हाल ही में शाहिद कपूर ने सिद्धार्थ कनन को दिए गए इंटरव्यू में मजाकिया अंदाज में कहा था कि जब भी उनकी बेटी स्कूल जाती हैं, तो उनके साथ बहुत ही अन्याय होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5729508f5cdefafee79f4666123977f53565ba1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीएवी में पढ़े सैन्य अफसर, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। ।आपरेशन विजय में अदम्य साहस के लिए मेजर संदीप सागर को महावीर चक्र।डीएवी-10 के पूर्व स्टूडेंट मेजर संदीप सागर को महावीर चक्र मिला। कारगिल युद्ध के दौरान ही 25 जून 1999 को दुश्मन की बिछाई बारूदी सुरंग फटने से मेजर संदीप सागर वीरगति को प्राप्त हुए। मेजर संदीप सागर ने कई मिलिट्री आपरेशन में आदम्य साहस का परिचय दिया था। भारत माता के इस सपूत का नाम भी इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69d8159bd2d7aee7ee923cc03b4a462cc24485fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63203.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +उच्च हिमालय में स्थित गंगोत्री धाम में वर्षों से कई साधु तप कर रहे हैं। वर्तमान में साधुओं और आश्रम संचालकों सहित गंगोत्री धाम में 137 मतदाता हैं, जिनमें 10 महिला मतदाता भी शामिल हैं। मतदाताओं की संख्या कम होने के कारण इससे पहले विधानसभा चुनाव में कभी गंगोत्री में मतदान केंद्र नहीं बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में पहली बार गंगोत्री में पोलिंग बूथ बनाया गया था। इससे पहले गंगोत्री धाम के मतदाताओं को वोट देने के लिए 25 किलोमीटर दूर धराली या फिर 29 किलोमीटर दूर मुखवा आना पड़ता था। + +मतदाताओं की समस्याओं को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए भी गंगोत्री में पोलिंग बूथ बनाने का निर्णय लिया। गंगोत्री से पांच किमी दूर कनखू के पास साधना कर रहे स्वामी रामकृष्ण दास कहते हैं, विधानसभा चुनाव में गंगोत्री में मतदान केंद्र बनने से क्षेत्र में रहने वाले साधू-संतों की परेशानी कम हो गई है। इससे खूबसूरत क्या होगा कि लोकतंत्र पर्व का हवन-कुंड गंगोत्री में ही स्थापित हो। इससे सभी साधु-संत काफी खुश हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में भी पहली बार गंगोत्री धाम में मतदान केंद्र बनाया गया था। उन्होंने बताया कि पहले दूरी अधिक होने के कारण गंगोत्री में रहने वाले अधिकांश मतदाता गंगोत्री से धराली, मुखवा मतदान केंद्र पर मतदान करने नहीं जा पाते थे। + +जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि जिले में गंगोत्री धाम सहित कई हिमाच्छादित मतदान केंद्र हैं। इन मतदान केंद्रों पर समय से पोलिंग पार्टी भेजने के लिए सभी उप जिलाधिकारियों ने योजना बनाई है। अगर बारिश या बर्फबारी होती है तो इसके लिए पोलिंग पार्टियों को उस हिसाब से रवाना किया जाएगा। रास्तों की स्थिति की रिपोर्ट जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट नियमित रूप से देंगे। + +मौसम बन सकता है चुनौती। राज्य का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र गंगोत्री यूं तो सड़क से जुड़ा है। शीतकाल में भी बार्डर रोड को सुचारु रखने के लिए सीमा सड़क संगठन चप्पे-चप्पे पर तैनात है। लेकिन, मतदान के दिनों में अगर भारी बर्फबारी होती है तो गंगोत्री जाने वाली पोलिंग पार्टी को दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65e4c208718548af3a7b10c0ecb6b4031047888b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63205.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यूं तो घड़ियालों की प्रजाति हर उस नदी में पाई जाती है जो गंगा में जाकर मिलती है लेकिन चंबल नदी में घड़ियालाें की सबसे ज्यादा प्रजाति पाई जाती हैं। देश में सबसे अधिक घड़ियाल चंबल नदी में हैं। हर साल फरवरी माह में ही घड़ियालों की गिनती की जाती है क्योंकि इस महीने में तापमान न तो ज्यादा गर्म होता है न ही ठंडा। इसी महीने में यह बाहर निकलते हैं। + +2021 में मिले थे रिकार्ड घड़ियाल।2021 में हुई गणना में चंबल में एक साल में 317 घड़ियाल बढ़े थे, जिससे संख्या 2176 हो गई थी। इसी तरह डाल्फिन की संख्या 82 हुई और मगरमच्छ की संख्या 710 से 886 हो गई थी। वर्ष 2008 में चंबल नदी में एक साथ 100 से ज्यादा घड़ियालों की मौत हुई थी। विदेशी विशेषज्ञों से जांच कराई गई थी, जिसमें मौत का कारण लिवर सिरोसिस बीमारी मानी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1f34b1283104113c8a3f07ad26fdf427f74275d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ दिनों बाद दीवाली आ रही थी, तो मेरे मित्र ने एक दिन सुबह जल्दी उठकर पत्नी को सरप्राइज देने के लिए घर में थोड़ी सफाई करनी शुरू कर दी। चाय और ब्रेकफास्ट भी बना लिया, तभी पत्नी जाग गईं। उन्होंने जब ब्रेकफास्ट बना देखा, तो हैरान हो गईं। जब वह फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल पर आकर बैठीं, तभी उनकी नजर खिड़की से बाहर पड़ी और बोलीं-थैंक गाड, पड़ोसन ने कपड़े धोना सीख लिया। आज कपड़े चमक रहे हैं। अब मुस्कुराने की बारी मेरे दोस्त की थी। उसने कहा ऐसा कुछ नहीं है। आज मैंने खिड़की पर जमी हुई धूल अच्छे से साफ कर दी है। इसलिए कपड़े साफ दिख रहे हैं। ऐसी परिस्थिति पर मुझे गालिब का शेर याद आता है, ‘उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा, धूल थी चेहरे पर और आईना साफ करता रहा।’ इसी तरह हम सबको अपना आईना हमेशा साफ रखना चाहिए। कई बार जल्दबाजी में इसी धारणा के चलते हम अपना अच्छा मित्र और अच्छा समय खो देते हैं। इसलिए जल्दबाजी में कोई भी धारणा बनाने से हमेशा बचें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a77804eafd7c2654d2e01bde8988da14ab5df1a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू इन दिनों अपनी फिल्म 'ब्लर' को लेकर सुर्खियों में हैं। उनकी यह एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है। इस फिल्म की शूटिंग को तापसी पन्नू ने खत्म कर लिया है। उनकी यह फिल्म लंबे समय से चर्चा में बनी हुई है। इसके साथ ही फिल्म 'ब्लर' कब रिलीज होगी इसका भी खुलासा हो गया है। इस फिल्म में तापसी पन्नू के साथ अभिनेता गुलशन देवैया मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63211.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fc0af44e72d07b3c422bae40589f3bf8de18ff5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [प्रमोद यादव]। इसे काल गणना का अनोखा दौर कहें या ज्‍योतिष का अनोखा मान लेकिन मकर संक्रांति का पर्व दिन प्रतिदिन आगे की ओर बढ़ता जा रहा है। कुछ वर्षों में 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने की परंपरा को इस वर्तमान पीढ़ी ने करीब से देखा सुना समझा है, लेकिन ज्‍योतिष का यह मान अनोखा ही नहीं बल्कि रोचक तथ्‍यों से भरपूर नजर आता है। इस बाबत काशी के ज्‍योतिषाचार्यों ने इन तथ्‍यों को सामने रखकर ति‍थियों के भ्रम को दूर करने की कोशिश की है। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन एक सच यह है कि मकर संक्रांति का दौर अब धीरे धीरे आगे की ओर ही बढ़ेगा और तिथियों के बदलाव का क्रम एक दिन ऐसा लाएगा जब मकर संक्रांति 14 जनवरी की जगह 15 जनवरी को होगा। ।15 जनवरी की वजह : इस साल मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को मनाई जा रही है। सूर्य 14 जनवरी की रात करीब 8.49 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश कर गए थे। उदया तिथि के अनुसार 15 जनवरी को सूर्योदय के साथ स्नान, दान और पूजा-पाठ के साथ ये त्योहार मनाया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह मकर संक्रांति कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को मनाई जा रही है। श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार सूर्य की चाल के अनुसार मकर संक्रांति की तारीखों में बदलाव होता है। आने वाले कुछ सालों बाद ये पर्व 14 नहीं बल्कि 15 और 16 जनवरी को मनाया जाएगा। इस प्रकार समय और काल के अनुसार मकर संक्रांति का दौर आगे ही बढ़ता जाएगा। ।सदियों पुराने हालात : 14 जनवरी को मकर संक्रांति पहली बार 1902 में मनाई गई थी। इससे पहले 18 वीं सदी में 12 और 13 जनवरी को मनाई जाती थी। वहीं 1964 में मकर संक्रांति पहली बार 15 जनवरी को मनाई गई थी। इसके बाद हर तीसरे साल अधिकमास होने से दूसरे और तीसरे साल 14 जनवरी को, चौथे साल 15 जनवरी को आने लगी। इस तरह 2077 में आखिरी बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। राजा हर्षवर्द्धन के समय में यह पर्व 24 दिसम्बर को पड़ा था। मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में 10 जनवरी को मकर संक्रांति थी। शिवाजी के जीवन काल में यह त्योहार 11 जनवरी को मनाया जाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82f8e78a24a9256ba426e18f8987832fc5658432 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63212.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भाजपा के साथ तालमेल के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह को लगाया है और कम से कम तीन दर्जन सीटों की मांग रखी है इस घुड़क के साथ कि सीटें न मिलने की स्थिति में वह अकेले मैदान में उतरेगी। हालांकि भाजपा की तरफ से अभी कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है। बातचीत में रोड़ा यूपी में भाजपा का सहयोगी अपना दल बना है, क्योंकि जदयू व अपना दल, दोनों की राजनीति कुर्मी वोटों पर टिकी है और दोनों का राजनीतिक मैदान पूर्वी उत्तर प्रदेश ही है। ऐसे में भाजपा के सामने दोनों को समायोजित करने की समस्या है, क्योंकि जदयू की सूची में जो सीटें शामिल हैं, उन पर अपना दल का भी दावा है। ऐसे में जदयू को लेने पर उसे अपना दल की नाराजगी ङोलनी पड़ेगी। जो वह नहीं चाहेगी। + +जदयू की तरह ही दूसरी सहयोगी वीआइपी भी निषाद वोटों के बूते मैदान में उतरने को तैयार खड़ी है। उत्तर प्रदेश में सहयोगी निषाद पार्टी के कारण भाजपा ने वीआइपी को जब कोई भाव नहीं दिया तो अब उसने अकेले ही 165 सीटों पर ताल ठोकने का मन बना लिया है। निषाद आरक्षण और फूलनदेवी की मूर्ति लेकर निकली वीआइपी को उम्मीद है कि वह अपना वोट बैंक बढ़ाने में सफल होगी। तीसरा सहयोगी हम अब वीआइपी के साथ है। संभवत: दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे और भाजपा इसे अपने लिए फायदेमंद मान रही है। उसका मानना है कि संजय निषाद से नाराज निषाद वोट समाजवादी पार्टी में लामबंद होने की जगह अगर वीआइपी में जाएंगे तो उसे ही फायदा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e2d3141d380a0c88749349e0a77333f74809929 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63214.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +ग्रेटर नोए़डा [अर्पित त्रिपाठी]। आज के समय में चुनावी प्रचार चुनौतीपूर्ण नहीं रह गया है। इंटरनेट मीडिया ने इसे और आसान और व्यापक स्तर पर पहुंचा दिया है। इंटरनेट और टीवी के जरिये प्रत्याशियों को करीब से लोग जानने लगे हैं। लेकिन पुराने दौर में संसाधनों की कमी के बीच प्रचार-प्रसार काफी जटिल होता था। ऐसी ही चुनौतियों को पार कर 1967 का चुनाव जीता था गौतमबुद्ध नगर के देवटा गांव निवासी तेज सिंह भाटी ने, तब यह क्षेत्र बुलंदशहर जिले में आता था। तेज सिंह भाटी इस क्षेत्र के बड़े नेता और मंत्री पद हासिल करने वाले शख्स थे। आज भी उनकी पैदल यात्रा कर चुनाव प्रचार करना क्षेत्र के लोगों में मिसाल बनी हुई है। + +अकेले ही करते थे प्रचार।ग्रेटर नोएडा के राजपुर गांव निवासी हरस्वरूप सिंह ने बताया कि तेज सिंह भाटी अपना प्रचार अकेले ही करते थे। उनकी खासियत थी कि वह प्रचार करने के बाद घर नहीं जाते थे। देर शाम तक प्रचार करने बाद जिस गांव में होते थे, वहीं रुक जाया करते थे। गांवों में मतदाताओं यहां भोजन करते और रात्रि निवास भी उन्हें के यहां करते। इससे हर वर्ग में उनकी लोकप्रियता बढ़ गई थी। यहीं कारण था कि वे तीन बार यहां से विधायक चुने गए। बुजुर्ग आज भी उनकी उस पहचान को याद कर क्षेत्र के लिए गर्व महसूस करते हैं। + +पूर्व पीएम चंद्रशेखर बुलाते गुर्जर नेता। वे बताते हैं कि तेज सिंह अपने साथ कपड़े साथ में रखते थे। दरअसल चुनाव के दौरान प्रचार वे घर नहीं जाते थे। जिस घर में रुकते अगली सुबह वहीं कपड़े धोते। जब तक गांव में लोगों के साथ जनसभा करते तब तक कपड़े सूख जाते। उसके बाद उनकी इस्त्री करवा लेते। उनकी यही सादगी लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को बढ़ाती थी। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर उन्हें गुर्जर नेता कहकर पुकारते थे। + +एनडी तिवारी भी करते थे तारीफ।वहीं, कांग्रेस नेता व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी उनकी ईमानदारी की मिसाल देते थे। यही कारण है कि 1967 में कांग्रेस के बड़े नेता रामचंद्र विकल का टिकट काटकर उन्हें दादरी से प्रत्याशी बनाया गया। रामचंद्र विकल ने किसान मजदूर पार्टी बनाकर सिकंदराबाद से चुनाव लड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c0bc03a7ef516373f50b5b1d9e8b2db55bbeae2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्यादातर शादियां रात में।वेडिंग इंडस्ट्री की पचास प्रतिशत आय रात को होने वाले कार्यक्रमों से होती है। शादी समारोह में इस शहर की यह परंपरा है कि अधिकांश मांगलिक कार्य रात में ही होते हैं। रात के कर्फ्यू से शादी के घरों वाले परिवारों के काफी आर्डर रद्द हो रहे है। इससे इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही मेहमानों की संख्या काफी कम हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03fcd012935642af768e7eabfb6058c1beb99fbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च को आंकने के लिए आयोग ने रेट लिस्ट में किसी भी खास चीज को छोड़ा नहीं है। नामांकन से पूर्व के सभी खर्च पार्टी के खाते में तो नामांकन के बाद प्रत्याशी के खर्च में जुड़ेंगे। पार्टी प्रत्याशी को साधारण चाय की कीमत छह रुपये तो स्पेशल की कीमत 10 रुपये अपने व्यय लेखा रजिस्टर में अंकित करने होंगे। कुछ इसी प्रकार छोटे कप की काफी 12 रुपये, बड़े कप  के लिए 20 रुपये दर्ज करने होंगे। समोसा की कीमत सात रुपये दिखाने होंगे। सोहाल प्रति पीस पांच रुपये, ब्रेड पकौड़ा 10 रुपये, छोला समोसा प्रति प्लेट 20 रुपये, टिक्की प्रति प्लेट 25 रुपये दर्शाने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a22a086b30cd833ec538cce1f8016d48575df2a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत के लिए यह समय श्रीलंका की मदद करने का है। इसके साथ ही यह भारत के लिए एक अवसर भी है कि वह बीते कुछ वर्षों के दौरान श्रीलंका में बढ़ते चीन के दबदबे को तोड़कर अपनी खोई हुई जमीन हासिल करे। इसमें एक संतुलन भी साधना होगा। दरअसल बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों में कई देश चीन-भारत अघोषित प्रतिद्वंद्विता से अपने हित साधने लगे हैं। श्रीलंका भी इसमें अपवाद नहीं। ऐसे देशों के भारत से मदद मांगने में कोई समस्या नहीं, परंतु यह भी ध्यान रखा जाए कि ऐसे देश केवल उसकी मदद के आसरे ही पूरी तरह निर्भर न रहें। यह अंतिम और अपिरहार्य विकल्प के रूप में ही अमल में लाया जाए। ऐसे में भारत को सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर अपनी श्रीलंका नीति को आकार देना होगा और इस पर ध्यान देना होगा कि पड़ोस में कोई मानवीय संकट आकार न लेने पाए और उससे निपटने में स्वयं उस पर भी बहुत बोझ न पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f02526daf4ea143476956f60c8627f0af06a57c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63221.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में जल्द ही करीब 50 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इस भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ वही उम्मीदवार भाग ले सकेंगे, जिन्होंने कामन एलिजिबिल्टी टेस्ट (संयुक्त पात्रता परीक्षा) यानी सीईटी पास किया होगा। इसका फायदा यह होगा कि इन पदों के लिए लाखों युवा लाइन में खड़े नजर नहीं आएंगे। करीब साढ़े पांच हजार सिपाहियों की भर्ती के लिए साढ़े तीन लाख से अधिक युवाओं के आवेदन के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पहले चरण में ही आवेदकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीईटी क्वालीफाई करने की अनिवार्यता लागू कर दी है। + +चेयरमैन ने बताया कि 30 हजार पदों पर भर्ती के लिए सरकार की ओर से अनुरोध पत्र आयोग के पास आ चुके थे। इनमें 21 हजार भर्तियां तृतीय श्रेणी की और नौ हजार भर्तियां चतुर्थ श्रेणी की शामिल हैं। 9343 भर्तियां हम पहले ही रद कर चुके हैं। कुल मिलाकर 40 हजार भर्तियां मौजूदा और 10 हजार अन्य भर्तियों का अनुरोध पत्र जल्द आने की संभावना है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि आयोग जल्द ही 50 हजार पदों पर नए नियमों के तहत भर्तियां करने जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..998919dab5218042b27173630f16c9248de558af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63222.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज पूर्वोत्तर भारत में जिस तरह से उग्रवादी संगठन आतंकवादी विचारधारा से संचालित हो रहे हैं और नार्को व साइबर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, जिस तरह सुरक्षा, सशस्त्र बलों के वाहनों को निशाना बना रहे हैं, एक राज्य की सीमा से दूसरे राज्य में आतंकी व उग्रवादी अपनी पहुंच किस प्रकार बना रहे हैं, उनकी फंडिंग के नए स्रोत क्या हैं, आतंकियों की भर्ती के नए तरीके कौन से सामने आ रहे हैं, इस उद्देश्य के लिए किन वर्गों या समूहों को लक्षित समूह के रूप में आतंकी संगठन देख रहे हैं, उनके कौन कौन से नए गठजोड़ विकसित हो रहे हैं, इन सब बातों की रियल टाइम पर मिलने वाली खुफिया जानकारी ही भारत के विधि प्रवर्तनकारी निकायों, सुरक्षा बलों को इस बात के लिए सक्षम बनाएगी कि वे आतंकी अभियानों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई समय रहते कर सकें। हाल के समय में जैसे यह खुफिया जानकारी भारत के आसूचना अभिकरणों ने दी है कि पाकिस्तान महिला आतंकियों और तस्करों को सीमा पार कराते हुए भारत भेज रहा है और ऐसी महिलाओं से जाली मुद्रा की तस्करी को अंजाम दिलाने की कोशिश की जा रही है। भारत के अर्धसैनिक बल बीएसएफ को जैसे ही इस बात की सूचना मिली तो बीते माह जम्मू-कश्मीर में उसने एक महिला घुसपैठिए को मार गिराया। माना जा रहा है कि पाकिस्तान अब महिलाओं को ढाल बनाकर भेज रहा है, ताकि उनके पीछे आतंकी बच सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..547d32dd919ded73af495bcb4d2fc2026007241a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उम्मीदवारों द्वारा इस्तेमाल वाहनों का खर्च भी ओवरआल चुनाव खर्च का होगा हिस्सा। उम्मीदवार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों पर होने वाला खर्च भी ओवरआल चुनाव खर्च का हिस्सा होगा और यह वाहन के मेक पर निर्भर करेगा-मारुति 800 से मर्सिडीज के लिए रेट तय किए गए हैं जो एक दिन में 100 किमी के लिए 1,000 रुपये से 12 हजार रुपये होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b2eb9186fd0b6408c7554904abe4877b7cff059 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63225.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, राज्य ब्यूरो। Covid Patient Home Isolation Rules, बुजुर्ग और अन्य रोगों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय, फेफड़े, लीवर व गुर्दे की बीमारी से ग्रसित कोरोना संक्रमितों को उचित उपचार या चिकित्सकों के परामर्श के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत शुक्रवार को विस्तृत निर्देश जारी कर दिए। एचआइवी व कैंसर आदि से पीडि़त रोगियों को होम आइसोलेशन में भेजने की सलाह है। होम आइसोलेशन के लिए कोरोना के हल्के लक्षण वालों को भेजा रहा है। इसमें जो सांस की तकलीफ के बिना और कमरे की हवा में 93 प्रतिशत से अधिक आक्सीजन संतृप्ति है वे शामिल हैं। देखभाल करने वाले को दस्ताने उतारने से पहले और बाद में हाथों की सफाई करना जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd8783719e8a0b7907e10a83118ea71f601f462e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63226.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Swarn Urja Niti, हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में शुक्रवार को नई ऊर्जा नीति को स्वीकृति दी गई। इसे 'नई स्वर्ण ऊर्जा नीति' नाम दिया है। इसमें प्रदेश की ऊर्जा नीति को हरित बनाने की पहल है। 2030 तक 10000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसमें हाइड्रो, सोलर और अन्य सभी तरह के विकल्पों को शामिल किया जाना है। कुल मिलाकर बिजली के क्षेत्र में नौ साल में दो लाख करोड़ का निवेश होगा। एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश सरकार को 4000 करोड़ का राजस्व हर साल मिलने वाली निश्शुल्क बिजली को बेचकर मिलेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ऊर्जा विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव में विस्तार से चर्चा करने के बाद स्वीकृति दे दी। हिमाचल की नई ऊर्जा नीति में पहली बार राज्य को वाटर बैटरी के रूप में देशभर में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। + +नई ऊर्जा नीति की विशेषताएं।10000 मेगावाट अतिरिक्त हरित ऊर्जा का उत्पादन जल बैटरी के रूप में किया जाएगा। प्रदेश में शत-प्रतिशत हरित ऊर्जा ग्रीन होगी। सामुदायिक स्वामित्व की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। औद्योगिक उत्पाद में शत-प्रतिशत हरित ऊर्जा का इस्तेमाल हो सकेगा। विद्युत वाहनों और चार्जिंग के लिए नीति बनेगी। जल पर्यटन को विकसित करने के लिए जोर दिया जाएगा। इसके तहत जल पर्यटन जहां भी विकसित होगा। वहां पर वाच टावर से लेकर अन्य कार्यों पर काम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe56daa273ae406d153baa7beb7302fd91cf07da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्लामपुर (नालंदा), मुरलीधर प्रसाद केशरी। बिहार के नालंदा जिले का एक कस्‍बा है इस्‍लामपुर। नई दिल्‍ली से खुलने वाली मगध एक्‍सप्रेस पटना होते हुए इस्‍लामपुर तक ही जाती है। यह कस्‍बा पटना से बहुत अधिक दूर नहीं है। इस्‍लामपुर शहर का उत्‍तर प्रदेश के अवध क्षेत्र और खासकर अयोध्‍या से बेहद नजदीक का रिश्‍ता है। अवध क्षेत्र में इस्‍लामपुर को छोटी अयोध्‍या के तौर पर जाना जाता है। इस शहर की ऐतिहासिक पृष्‍ठभूमि रही है। इस्‍लामपुर के साथ कई संतों तथा राजाओं की कहानियां जुड़ी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfda0624b88b287c4c0473e1caff09ec5d19c596 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। मढ़ौली गांव। चुनावी बयार में भी अपनी रौ में जीने वाला गांव। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के रंग में डूबकर अलग पहचान बनाने वाला गांव। प्रदेश की सियासत का ताना बाना कभी यहीं के एक बाग से बुना जाता था। भीड़ लगी रहती थी। सियासी लोगों का यह जमघट बाग ही नहीं, यहां से कुछ दूरी पर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पैतृक घर भी रहता था। कल्याण के बिना अब कतार नहीं दिखती। पर, गांव में सियासी गर्माहट पहले जैसी ही है। गांव के लोग पूरे जिले की सियासत से वाकिफ थे, पर इस सवाल से बेखबर थे कि आखिर बाबूजी के बिना यह पहला चुनाव जिले में क्या गुल खिलाएगा? ।बाबूजी के सुनाए स्‍मरण।रामघाट-कल्याण मार्ग (पहले रामघाट रोड) से करीब सौ मीटर की दूरी पर स्थित मढ़ौली गांव में अब सियासी रंग भले किसी का जमे, पर आस्था और भावनाओं के रंग में कल्याण ही हैं। कई घरों में लगीं उनकी तस्वीर इसकी गवाह हैं। एक मकान के दरवाजे से ही अंदर लगी तस्वीर दिखाते युवक ने बाबूजी से रिश्ते का अहसास करा डाला। कल्याण से लगाव की बानगी तो गांव में घुसते ही मिली। बाबूजी के घर का रास्ता साइकिल सवार 65 वर्षीय लक्ष्मण सिंह ने समझा दिया। पर, वे यहीं तक न रुके। बोले, बाबूजी के समय गांव की रंगत कुछ और ही हुआ करती थी। बात आगे बढ़ी तो बाबूजी के जीवन से जुड़े किस्सों पर आ गए। बोले, भले ही वो अब नहीं हैं। लेकिन हमारे दिलों में तो जिंदा हैं। बाबूजी ने अतरौली से ही राजनीतिक सफर शुरू किया था। 10 बार अतरौली विधायक रहे। 1969, 1974, 1977 में तो उन्होंने भारतीय जनसंघ की टिकट पर जीत की हैट्रिक बनाई। कोई पार्टी कभी यहां की सियासत को लेकर पूर्वानुमान नहीं कर सकी। सिर्फ पूर्व सीएम कल्याण सिंह ही थे, जिनकी अपनी लहर चली। जितनी बार लड़े, चुनाव जीते। उनके समर्थन से कई औरों की नैया भी किनारे लग गई। थोड़ी आगे एक गली में कुछ युवक तो चुनाव पर ही चर्चा करते मिले। इनमें शामिल महेंद्र ने जोश में कहा, बाबूजी को भुलाया नहीं जा सकता। यहां से कुछ और आगे बढ़ने पर कल्याण सिंह का पैतृक घर दिखाई दिया। अंदर से दरवाजा बंद था। आसपास की गलियों में खास चहल पहल नहीं थी। पास में ही खड़े रिंकू ने कहा, साहब, बाबूजी ने क्या नहीं किया? गांव में पानी की टंकी लगवा दी। पक्के रोड बनवाए। राममंदिर आंदोलन के लिए तो उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। अशोक कुमार तो कल्याण सिंह का नाम लेते ही भावुक हो गए। बोले, बाबूजी सबको अपना मानते थे। जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बनकर अतरौली आए थे, तब उन्होंने कहा था, पहले मैं गांव का था अब पूरे प्रदेश का हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea7617bc793c14399d9b2c2b7c3caa33f9c11405 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। मकर संक्रांति के साथ ही शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। दिल्ली की इकलौती बड़ी फूल मंडी गाजीपुर में है। इसके बराबर में ही सब्जी मंडी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि साजिशकर्ताओं ने इस धमाके के लिए शुक्रवार का ही दिन क्यों चुना क्योंकि शुक्रवार को त्योहार का दिन था। सुबह से ही मंडी में खरीदारों की भीड़ जुटी हुई थी। यदि बम फटता तो मंडी में लोगों के चिथड़े उड़ जाते। पुलिस के सामने दो बड़ी चुनौती थी एक बम और दूसरा लोगों की सुरक्षा। फूल मंडी के गेट पर ही बम रखा हुआ था। लोगों को बाहर निकालने का सिर्फ एक रास्ता था वो था सब्जी मंडी का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6323.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfda12a65a988958a14ddc01c9628ec4588d2d0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6323.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते दिनों फिल्म को लेकर बाल्की ने कहा था, 'महीनों इंतजार करने के बाद, मेरे लिए फिल्म की शूटिंग शुरू करना उत्साहित करने वाला है और ऐसे जॉनर की फ़िल्म बनाना, जो मैंने पहले नहीं किया और भी ज्यादा एक्साइटिंग है। मेरे पास इसका आइडिया तो काफी समय से था, मगर लिख नहीं रहा था, और चूंकि यह मूल रूप से एक थ्रिलर फिल्म है, यह इन चारों शानदार परफॉर्मर्स पर निर्भर करती है। मुझे बस एडिट का इंतजार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8ed406edb6ac61280147110d5717ac17c1dc43f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, [राजेश शर्मा]। भारतीय क्रिकेट टीम इस समय दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैच और तीन वनडे मैच खेले जाने हैं। टेस्ट सीरीज में भारत को एक बार फिर हार का स्वाद चखना पड़ा। भारत ने टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवाई। अब 19 जनवरी से वनडे सीरीज का आगाज होना है। वनडे सीरीज के लिए 18 सदस्यीय भारतीय टीम का एलान हो चुका है। भारतीय वनडे टीम में हरियाणा के स्टार तेज बालर का भी चयन हुआ है। जो दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर अपनी घातक गेंदबाजी से विरोधी खेमे की बखिया उधेड़ने का मद्दा रखता है।   ।वनडे टीम में नजर आएगा ये तेज गेंदबाज।हरियाणा के करनाल से संबंध रखने वाले नवदीप सैनी को आगामी वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई है। नवदीप सैनी को मोहम्मद सिराज के विकल्प के तौर पर रखा गया है। ऐसे में एक बार फिर से नवदीप सैनी भारतीय जर्सी में नजर आएंगे। नवदीप सैनी अब तक 8 वनडे, 11 टी20 और 2 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11b96a3004b71d3ea45b31cf11b4893b1b4c7571 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63231.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जब तक हिंदी को एक मानक स्वरूप नहीं देंगे तब तक उसको वैश्विक भाषा के तौर पर स्थापित करना कठिन होगा। आज अगर कोई व्यक्ति आस्ट्रेलिया में, न्यूजीलैंड में, ब्रिटेन में या अमेरिका में अंग्रेजी लिखता है तो भले ही शब्दों की स्पेलिंग अलग हो लेकिन अर्थ समान होता है। हिंदी में ऐसी स्थिति नहीं है। कोई ऐसी हिंदी लिखता है जिसमें ब्रज के शब्द अधिक होते हैं, किसी में अवधी के तो कोई अन्य आंचलिक शब्दों से भरपूर भाषा लिखता है। आंचलिक शब्दों का उपयोग हो लेकिन उस तरह के शब्दों का उपयोग हो जिसका अर्थ एक होता हो। विश्वभाषा बनने के लिए मानकीकरण बहुत आवश्यक है। ये कहना है लंदन के साहित्यकार तेजेन्द्र शर्मा का जो दैनिक जागरण के मंच हिंदी हैं हम पर अपनी बात रख रहे थे। + +ब्रिटेन के अधिकारियों ने जब देखा कि हिंदी के छात्र नहीं मिल रहे हैं तो उन्होंने हिंदी की पढ़ाई बंद कर दी। मातृभाषा पढ़ने का विकल्प रख दिया। ब्रिटेन में पंजाबियों की संख्या सबसे अधिक है। उसके बाद गुजराती हैं। जिनकी मातृभाषा हिंदी है उनकी संख्या मुश्किल से एक प्रतिशत हैं। इस वजह से स्कूलों में पंजाबी और गुजराती तो पढ़ाई जाती है लेकिन हिंदी नहीं। ब्रिटेन में हिंदी मातृभाषा वालों की संख्या नगण्य, हिंदी किसी देश की राष्ट्रभाषा नहीं तो अकादमिक स्तर पर स्कूलों से गायब हो गई। + +तेजेन्द्र शर्मा के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से भी हिंदी को अकादमिक स्तर पर बहुत नुकसान हुआ। कैंब्रिज विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग बंद हो गया। अफ्रीकन एंड साउथ एशिय़न स्टडीज में भी हिंदी की पढ़ाई बंद हो गई। दरअसल हुआ ये कि हम भारतीयों ने हिंदी को लेकर पहले सोचा नहीं और अब स्थिति हाथ से निकल रही है। पूरी दुनिया में हिंदी की स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि हिंदी की स्थिति भविष्य में भारत में कैसी रहती है। अगर भारत की वैश्विक कंपनियां अपना सारा काम काज अंग्रेजी में करती रहेंगी तो विदेश की कंपनियां भारत में अपना कारोबार हिंदी में क्यों करेंगी। अगर भारत में बैंकिंग अंग्रेजी में होते रहेगा तो विदेशी बैंक भारत में हिंदी में काम काम क्यों करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd0831cb659e0b5e82da07fe8e6e7c47d104e118 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63232.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कलायत (कैथल), डा.राजेंद्र छाबड़ा। कलायत की बेटी दिव्या शर्मा का संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के पेरिस स्थित मुख्यालय में सीनियर रिसर्च कंसलटेंट के पद पर चयन हुआ है। वे जर्मनी से पीएचडी की तालीम हासिल करने के बाद आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) पेरिस में इंटर्नशीप कर रही थीं। इस दौरान उनकी योग्यता एवं कार्य कुशलता को देखते हुए यूनेस्को की चयन कमेटी ने उनकी नियुक्ति पर अपनी सहमति दी। + +आइआइएसईआर से की एमएससी।होनहार दिव्या के पिता मुकेश पोलस्त कलायत के उप मंडल नागरिक अस्पताल में चीफ टेक्नीकल आफिसर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। बेटी के यूनेस्को में चयन होने पर मुकेश पोल्सत और उनकी पत्‍‌नी सुनीता रानी की आंखों में खुशी के आंसूं छलक आए। बेटी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कलायत शहर के बाल भारती और एमडीएन स्कूल से शुरू की। बचपन से वे पढ़ाई-लिखाई में नित नए आयाम स्थापित करती आ रही हैं। यही कारण रहा कि अपनी प्रतिभा के बल दिव्या ने मोहाली स्थित आइआइएसईआर से गणित विषय में एमएससी की डिग्री हासिल की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f419d5c7f979751b9ac949ce59bc15548611ea5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63233.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत-चीन के बीच सैन्‍य अधिकारियों की वार्ता बेनतीजा रही। भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच यह 14वें दौर की वार्ता थी। मार्च, 2021 में हुई सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता में ही यह तय किया गया था कि आमने-सामने तैनात सैनिकों को पीछे हटाया जाएगा। खास बात यह है सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 14 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन चीन सीमा विवाद की गुत्‍थी को सुलझाने में जमीनी स्‍तर पर आगे नहीं आ रहा है। आखिर वार्ता को जारी रखने और सीमा विवाद को लटकाए रहने के पीछे चीन की बड़ी चाल क्‍या है। सीमा विवाद पर चीन की इस डिप्‍लोमेसी को विशेषज्ञ किस नजरिए से देखते हैं। आखिर इसके पीछे चीन की बड़ी मंशा क्‍या है। + +क्‍या सीमा विवाद पर वार्ता चीन का एक दिखावा मात्र है ?।1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि सीमा विवाद पर चीन के रवैये से यह साफ हो जाता है कि उसकी दिलचस्‍पी इसमें कम ही है। चीन दुनिया को य‍ह दिखाना चाहता है कि वह भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए प्रयासरत है। चीन के खाने के और दिखाने के दांत अलग-अलग है। वह दुनिया के समक्ष यह दिखाने में लगा है कि भारत के साथ उसके सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रखे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63236.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..792953259d0765c6a8d4b574ea31a5b1e543c280 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63236.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। चुनाव आयोग ने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए अनलाइन आवेदन की भी सुविधा दी है। इसमें कोई भी प्रत्याशी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन नामांकन कर सकता है। इसके साथ ही प्रत्याशी को आनलाइन भुगतान की भी सुविधा मिलेगी। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रत्याशियों के लिए आवश्यक है कि वह भौतिक रूप से निर्वाचित अधिकारी (आरओ) के पास उपस्थित होकर आनलाइन किए गए नामांकन पत्र की प्रति और रसीद की प्रति जमा करना होगा। जिन उम्मीदवारों के घर पर कंप्यूटर और इंटरनेट नहीं है, वह साइबर कैफे या किसी अन्य व्यक्ति के कंप्यूटर या अपने स्मार्टफोन से भी नामिनेश्न कर सकते हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम सिटी राकेश पटेल ने बताया कि शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रत्याशी सीधे कलक्ट्रेट जाकर नामांकन कर सकते हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने पहली बार आनलाइन आवेदन की भी सुविधा दी है। कोई भी प्रत्याशी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर नामंकन पत्र भर सकते हैं। हालांकि, इसके बाद भौतिक रूप से आनलाइन आवेदन की प्रति भी जमा करा दें। + +नामांकन में इन बातों का रखें ध्यान ।-नामांकन पत्र के साथ प्रत्याशी का नाम लिखे हुए पांच रंगीन फोटो ।-निर्दलीय प्रत्याशी के लिए 10 प्रस्तावकों के नाम अंकित कराना अनिवार्य ।-सामान्य वर्ग के प्रत्याशी के लिए 10 हजार रुपये की जमानत राशि होगी।-अनुसूचित व पिछड़ी जाति के लिए पांच हजार रुपये की जमानत राशि ।-एक प्रत्याशी अधिकतम चार सेट दाखिल कर सकेगा ।-प्रत्याशी को पूरा पता, मोबाइल नंबर, ईमेल व वाट्सएप नंबर भी देना होगा ।-अपराधिक मामलों की पूरी जानकारी देनी होगी ।-परिवार की चल व अचल संपत्तियों की भी जानकारी देनी होगी। ।-प्रत्याशी को अपनी शैक्षिक योग्यता भी इसी शपथ पत्र में भरनी होगा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b9873f7c179de8613986ae89f6eae8d425d8764 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, [विजय गाहल्याण]। फ्री स्टाइल कुश्ती में देश में सबसे ज्यादा तगड़ा मुकाबला सीनियर नेशनल के 74 किलोग्राम में माना जाता है। इसी वजन में दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार दावेदारी पेश करते थे। अब इस वजन में देश को नया सितारा राजनगर का सागर जागलान मिला है। सब जूनियर के विश्व विजेता महज 17 वर्षीय सागर ने 10 से 12 जनवरी को उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुई सीनियर नेशनल रैंकिंग कुश्ती चैंपियनशिप में अविश्वनीय प्रदर्शन किया। उन्होंने देश के विख्यात पहलवान सेना के कर्ण, संदीप, दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के संजय व दीपक सहित पांच अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को पटखनी देकर स्वर्ण पदक जीता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccca8173eff0689ef3ae2bdd37f7ef73efd0a75d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63239.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सोनू राणा]। जटखोड़ गांव के साथ आज से नहीं, वर्षों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि गांव पिछड़ता जा रहा है। न गांव की सड़कें ठीक हैं, न स्ट्रीट लाइट। न सामुदायिक भवन बैठने लायक है और न ही ग्रामीणों के लिए इलाज की सुविधा। न बच्चों के लिए स्कूल या पार्क हैं और न ही पुख्ता सार्वजनिक परिवहन सुविधा। इस वजह से गांव के लोगों में काफी रोष है। + +पढ़ाई एवं नौकरीपेशा लोगों को होती है परेशानी।पढ़ाई करके घर वापस लौटने वाले विद्यार्थियों, दफ्तर से घर लौटने वाले लोगों को परेशानी होती है। इसके अलावा आज तक गांव के लोग दूसरे गांवों या शहर में दवा लेने के लिए जाते हैं। ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं के समाधान के लिए कई बार शिकायत की, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee0b5914d4f8f0e66c3fcef2034f12004a59c316 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपिका की इस हॉलीवुड फ़िल्म को लेकर जो जानकारी सामने आयी है, उसके मुताबिक़ इस प्रोजेक्ट को डेवलप करने के लिए स्टूडियो की टेम्पल हिल प्रोडक्शंस से भी बात चल रही है, जिन्होंने ट्वाइलाइट फ्रेंचाइजी और द फॉल्ट इन आवर स्टार्स जैसी फ़िल्मों का निर्माण किया है। ।अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में दीपिका ने कहा कि उन्होंने का प्रोडक्शंस की शुरुआत अर्थपूर्ण कंटेंट बनाने के लिए की है, जिसकी ग्लोबल अपील हो। एसटीएक्स फ़िल्म्स और टेम्पल हिल प्रोडक्शंस के साथ पार्टनरशिप करके मैं रोमांचित हूं, जो का प्रोडक्शंस की प्रभावशाली और विविधतापूर्ण विभिन्न संस्कृतियों की समावेशी कहानियों को विश्व पटल पर ले जाने में मदद कर रहे हैं। ।यहां बता दें कि एसटीएक्स फ़िल्म्स, इरोस एसटीएक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन फ़िल्म स्टूडियो की फ़िल्म डिवीज़न है, जिसके तहत फ़िल्मों के निर्माण के अलावा वितरण भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। ।दीपिका ने XXX: द रिटर्न ऑफ जेंडर केज में फीमेल लीड रोल निभाकर हॉलीवुड डेब्यू किया था। इस फ़िल्म में दीपिका विन डीज़ल के अपोज़िट नज़र आयी थीं। दीपिका के बॉलीवुड करियर की बात करें तो आख़िरी बार वो छपाक के ज़रिए बड़े पर्दे पर नज़र आयी थीं। अब वो 83 में पति रणवीर सिंह के साथ दिखेंगी, वहीं शकुन बत्रा और सिद्धार्थ आनंद की अनटाइटल्ड फिल्मों पर भी काम कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dc1cbd8b7c978c1652bc06afe318b151f5ffef6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63243.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +18वीं शताब्दी से ही स्वाधीनता का संघर्ष आरंभ हो गया था। 17 मई, 1799 को मैसूर के टीपू सुल्तान अपने मंत्री मीर सादिक की गद्दारी से शहीद हुए। टीपू सुल्तान का इतिहास साक्षी है कि वह निश्चित रूप से भारत को अंग्रेजों से मुक्त कर सकता था, लेकिन निजाम हैदराबाद और अपनी ही सेना में छिपे गद्दारों के कारण बहादुरी के साथ लड़ता हुआ मारा गया। टीपू सुल्तान को अंग्रेज कितना बड़ा खतरा समझते थे इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटिश कमांडर जनरल हार्ट ने टीपू के मरते ही नारा लगाया था ‘अब हिंदुस्तान हमारा है।’।नहीं भूल सकते बलिदान।अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर एक दुर्बल वृद्ध और साधनहीन व्यक्ति था, परंतु वह 1857 की क्रांति का प्रतीक बना। इस युद्ध में आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अंग्रेजों ने स्वाधीनता की इस लड़ाई को ‘गदर’ का नाम दिया था। उस समय के एक अंग्रेज फील्ड मार्शल राबर्ट ने अपनी पुस्तक ‘40 ईयर्स इन इंडिया’ में लिखा, ‘27 हजार मुसलमानों को फांसी दी गई। नरसंहार में मारे जाने वालों की संख्या का अनुमान असंभव है।’ 1857 में मौलाना फजले हक खैराबादी और 500 उलेमा के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता, जिन्होंने जामा मस्जिद से अंग्रेजों के विरुद्ध जिहाद का फतवा दिया था। उन सबकी हत्या हुई तथा कुछ की संपत्तियों को नष्ट करके काला पानी की सजा दी गई। + +नासूर बना बंटवारा।भारत छोड़ो आंदोलन हो, सविनय अविज्ञा आंदोलन हो, असहयोग आंदोलन हो अथवा रोलेट एक्ट के विरुद्ध संघर्ष हो, हर जगह पर मुसलमान नेताओं और आम मुस्लिम जनता द्वारा किए गए योगदान को वर्णित करने के लिए अनेक पुस्तकें भी कम पड़ जाएंगी। इतिहास साक्षी है कि भारतीय मुसलमानों का बड़ा वर्ग देश के बंटवारे के पक्ष में नहीं था। दारुल उलूम देवबंद के उलेमा और देशभक्त मुसलमान कांग्रेसी नेता बंटवारे के सख्त खिलाफ थे, लेकिन दुर्भाग्य से बंटवारा हुआ, जिसमें मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए भी इतिहासकार इस सच्चाई से परिचित हैं कि विभाजन में स्वयं कांग्रेस के अग्रणीय नेता भी बराबर के भागीदार थे। देश के टुकड़े होना समस्त भारतीय जनमानस के लिए कष्टदायक तो था ही परंतु भारत के देशभक्त मुसलमानों को उसका परिणाम कुछ अधिक ही भोगना पड़ा है। हमारे महान धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश का दुखद पहलू यह है कि भारत का दूसरा बहुसंख्यक समाज अर्थात मुसलमान इसके उत्तरदायी समझे जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b171507d3c7f3f85648a1e78e458e0dfa3191ae6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63244.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, फीचर डेस्क। देश के पहले स्वदेशी उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ के लांच के करीब चार साल बाद भारत ने अपना पहला प्रायोगिक रिमोट सेंसिंग उपग्रह भास्कर-1 प्रक्षेपित किया। इसे 7 जून, 1979 को वोल्गोग्राद स्पेस स्टेशन (वर्तमान रूस में) से प्रक्षेपित किया गया था। इसका वजन 442 किलोग्राम था और इसकी अवधि केवल एक वर्ष थी। पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने वाला यह उपग्रह इसरो के लिए एक बड़ी कामयाबी थी। स्वाधीनता के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव शृंखला के तहत जानते हैं ‘भास्कर-1’ ने कैसे भारत को अंतरिक्ष में अपनी पहचान बनाने में मदद की...।वर्ष 1975 में ‘आर्यभट्ट’ उपग्रह को प्रक्षेपित करने के बाद इसरो को एक और बड़ी कामयाबी वर्ष 1979 में मिली। इसरो द्वारा निर्मित पहले प्रायोगिक सुदूर संवेदन उपग्रह (एक्सपेरिमेंटल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) भास्कर-1 को 7 जून, 1979 को तत्कालीन सोवियत संघ के वोल्गोग्राड लांच स्टेशन (वर्तमान में रूस में) से सी-1 इंटरकासमास व्हीकल के जरिए प्रक्षेपित किया गया था। अंतरिक्ष में प्रायोगिक सुदूर संवेदन उपग्रह भेजने का यह भारत का पहला प्रयास था। अपने इस पहले ही प्रयास में इसरो को बड़ी कामयाबी मिली। इस उपग्रह का नाम महान भारतीय गणितज्ञ भास्कर के नाम पर रखा गया। + +7 जून, 1979 को लांच होने के एक पखवाड़े बाद भास्कर-1 का माइक्रोवेव रेडियोमीटर सिस्टम सफलतापूर्वक चालू हो गया। इसने उपमहाद्वीप और पड़ोसी समुद्रों पर तापमान वितरण, वातावरण में वाष्प बनने की प्रक्रियाओं और हिंद महासागर की सतह पर बारिश और आर्दता से संबंधित उपयोगी डाटा भेजना शुरू कर दिया। उपग्रह का माइक्रोवेव रेडियोमीटर सिस्टम तो कार्य कर रहा था, लेकिन दूसरा प्रमुख हिस्सा असफल रहा। बिजली की खराबी की वजह से उपग्रह के कैमरे करीब एक साल तक बंद रहे। हालांकि बाद में इसके एक कैमरे ने 16 मई, 1980 को काम करना शुरू कर दिया और इसने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बादल बनने की तस्वीरें भेजी। इस उपग्रह की मिशन लाइफ एक वर्ष और आर्बिट लाइफ लगभग 10 वर्ष की थी। इस क्रम में दूसरा उपग्रह भास्कर-2 नवंबर 1981 में लांच किया गया। भास्कर-1 ने बड़े पैमाने पर डाटा भेजा, जिसका उपयोग समुद्र विज्ञान सहित विभिन्न शोधों व अध्ययनों के लिए किया गया। भास्कर-1 का प्रक्षेपण ऐसा पहला कदम था, जिसने सुदूर संवेदन से संबंधित भविष्य के प्रक्षेपणों के लिए मार्ग प्रशस्त किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe338794da729375faf91adeb115947181564e6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63246.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। बर्फ की चादर से ढकी गंगोत्री घाटी में इन दिनों 25 से अधिक साधु-संन्यासी प्राण साधना में लीन हैं। कोई ध्यान में मग्न है, तो कोई योग में। कोई मौन साधना कर रहा है, तो कोई हठ योग। बर्फीले बियाबान की हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी इन साधु-संन्यासियों की साधना अनवरत जारी रहती है। ऐसा ही एक साधु समुद्रतल से 4600 मीटर की ऊंचाई पर तपोवन में साधना कर रहा है। + +इसके अलावा गंगोत्री से पांच किमी गोमुख की ओर कनखू में प्रसिद्ध साधु रामकृष्णदास तपस्या में लीन हैं। गंगोत्री धाम के आसपास पांडव गुफा, फौजी गुफा, नंदेश्वर गुफा, राजा रामदास गुफा, अंजनी गुफा, वेदांता गुफा, शिव चेतना गुफा में भी साधु साधनारत हैं। जबकि, इन इलाकों में अधिकतम तापमान भी माइनस में चल रहा है। पानी का इंतजाम भी बर्फ को पिघलाकर करना पड़ता है। + +योग साधना के लिए खास है तपोवन । गंगोत्री हिमालय में शिवलिंग चोटी का बेस कैंप तपोवन पहले से ही योग साधना के लिए खास रहा है। 1930 से 1950 के दौरान तपोवन में लंबे समय तक एक साधु ने साधना की थी, जो आगे चलकर तपोवन महाराज के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यही नहीं, योग गुरु बाबा रामदेव ने भी 1992 से लेकर 1994 तक गंगोत्री की कंदराओं में साधना कर आध्यात्मिक ज्ञान लिया था। इनके साथ ही तपोवनी माता, स्वामी सुंदरानंद, लाल बाबा, राम बाबा सहित कई प्रसिद्ध साधुओं ने यहां साधना की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b9b6b73ab8e55615f0b74a05aade9cf0e6a0d18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विधानसभा चुनाव 2022:  महिला मतदाताओं की संख्या के आंकड़े में 7,10,968 (7.58 प्रतिशत) का इजाफा, 6,84,749 (6.51 प्रतिशत) पुरुष मतदाता भी बढ़े। ।(स्रोत: चुनाव आयोग)।लड़कियों की कुंडली में सुधार।राज्य में लिंगानुपात की स्थिति भी सुधरी है। 2015 में जहां प्रति 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों के जन्म का अनुपात 883 रहा, वहीं 2021 में यह बढ़कर 919 हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bc1d30a09b2083caa7182512005d217e98524cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63249.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +हाल के दिनों में कांग्रेस ने हेमंत सरकार पर दबाव बनाना आरंभ किया है, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकार यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनके एजेंडे पर काम नहीं हो रहा है। गठबंधन की सरकार होने के बावजूद झामुमो अपने एजेंडे पर ज्यादा मजबूती से डटा है। इसका अहसास कांग्रेस को है और इससे उसका परंपरागत आधार भी छिटक सकता है। + +एक बड़ा मसला राज्य सरकार की नौकरियों में भाषा को लेकर जारी विवाद है। पहले सरकार ने राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं को इसके लिए अनिवार्य किया, लेकिन उन भाषाओं को इससे अलग रखा जो बिहार से सटे राज्य के कई हिस्सों में काफी लोकप्रिय है। इन भाषाओं में भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली शामिल हैं। कांग्रेस इन भाषाओं को शामिल कराने के लिए सरकार पर लगातार दबाव बना रही है। + +चौतरफा हंगामा के बाद सरकार ने जिला स्तर पर तीन भाषाओं को मान्यता दी भी है, लेकिन इससे भी कांग्रेस असहज है, क्योंकि मैथिली को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। इस फैसले का साइड इफेक्ट यह भी है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा इसका खुलकर विरोध ही नहीं कर रहा, बल्कि उससे जुड़े संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है। + +उधर, हेमंत सरकार के कद्दावर मंत्री झामुमो के ही जगरनाथ महतो ने मुख्यमंत्री से कहा है कि मगही और भोजपुरी झारखंड की भाषा नहीं है। इसे बोकारो और धनबाद की स्थानीय भाषाओं की सूची से हटाएं। दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा की अपने समर्थकों के बीच लोकप्रियता का एक बड़ा पैमाना बिहार का विरोध है। जब आरंभ में भोजपुरी को शामिल करने की मांग उठी थी तो मुख्यमंत्री ने खुद इन भाषाओं और उसे बोलने वालों का राज्य गठन के समय प्रभुत्व बताते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। कांग्रेस ने इस बात के लिए दबाव बनाया है कि चारों भाषाओं को राज्य स्तर पर मान्यता दी जाए, क्योंकि जिला स्तर पर केवल तृतीय और चतुर्थी श्रेणी की नियुक्तियां होंगी। ऐसे में यह भाषा बोलने वाले लाखों युवाओं को राज्य स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में लाभ नहीं मिल पाएगा, जिससे असंतोष बढ़ेगा। इसका उन्हें राजनीतिक नुकसान होने की भी उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63252.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ceea4dbc4d0eee6d774757a8508a030c9a69c69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63252.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही नहीं, उनके दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा समेत अधिकतर बड़े चेहरे विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। एक विचार यह भी है कि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव भी मैदान में उतरें लेकिन उनकी व्यस्तता को देखते हुए ऐसा ज्यादा उचित नहीं समझा जा रहा। योगी जहां अयोध्या से ताल ठोककर आसपास की लगभग तीन-चार दर्जन सीटों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे, वहीं केशव कौशांबी की सिराथू और शर्मा लखनऊ की किसी सीट से दावेदारी ठोकेंगे। माना जा रहा है कि कुछ सांसदों को भी मैदान में उतारा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acd76dba86e07156b30e588b6ba5a8e674ad50a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63255.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उज्जैन, राजेश वर्मा। दुनिया में आज घड़ी के कांटों का मानक भले ही ब्रिटेन का ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) या फिर यूनिवर्सल टाइम कोआर्डिनेटेड (यूटीसी) हों लेकिन हजारों वर्ष पहले भगवान महाकाल की नगरी धर्मधानी उज्जैन कालगणना का केंद्र हुआ करती थी। भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन ने शिप्रा नदी के पूर्वी व उत्तरी तट पर सूर्य मंदिरों की स्थापना की थी। कर्क रेखा के आसपास स्थित इन मंदिरों को समय की गणना का केंद्र माना गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62ca1cc624cd001861e2689b7429d959626e3f57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यद्यपि आंकड़े ऐसा इशारा करते लग रहे हैं कि हमारी गरीब आबादी की स्थिति पूर्ण रूप से सुधर चुकी है और सब कुछ महामारी-पूर्व जैसा यानी ठीकठाक हो चला है, लेकिन इस पर संतोष जताना दोहरी गलती होगी। पहली कि महामारी के पहले भी सब ठीक नहीं था। दूसरी यह कि हम मानव के मामले मशीनी नहीं होते। मार्च और अप्रैल 2020 के तालाबंदी के महीनों में जब सब ठप था, तब सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों यानी रोज कमाने-खाने वालों ने भारी मात्रा में उधार लिया होगा। पहली लहर के बाद कई सर्वेक्षणों से भी यह लगभग साबित हो चुका है कि महामारी के कारण कर्जदारी में भारी उछाल आया। भले ही इन परिवारों को नौकरी वापस मिल गई हो और इनकी आमदनी भी पहले जितनी हो गई हो, लेकिन अभी भी ये परिवार दीर्घकालीन ऋणग्रस्तता से जूझ रहे हैं। यह इनकी और इनसे ऊपर की आय-श्रेणी वाले वर्गों के बीच एक गुणात्मक फर्क है। जीवनयापन के लिए बेबसी में लिए गए कर्ज की रकम बड़ी नहीं होती, लेकिन यह कर्ज भारी सूद पर मिलता है, जिस वजह से गरीब उबर नहीं पाता। मनरेगा, विस्तृत खाद्य सहायता और शहरी रोजगार के लिए यथेष्ट वित्तीय अनुदान के साथ अगर सरकार इन्हें मामूली या नगण्य ब्याज पर यह छोटी रकम उपलब्ध करा दे तो ये लोग न केवल खुद को, बल्कि अर्थव्यवस्था को आर्थिक संकट से निकालने में अपना पूर्ण योगदान दे पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63258.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7919ede7dcd0bb4635024b52824291c7272853b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63258.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कतिपय अपवादस्वरूप पहलुओं को छोड़ दिया जाए तो चीन की हैरतअंगेज आर्थिक वृद्धि में 25 प्रतिशत योगदान कंस्ट्रक्शन क्षेत्र का रहा है। इसमें भी यूपी समेत देश के अन्य राज्यों के लिए बहुत संभावनाएं छिपी हैं। करीब 22 करोड़ से अधिक आबादी वाला उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आबादी भी अपेक्षाकृत युवा है, जो उसे जननांकीय लाभांश के लिए विपुल संभावनाएं प्रदान करती है। इतनी बड़ी आबादी के लिए रोजगार प्रदान कराना और उनके रहने के लिए उचित व्यवस्था करना भी एक बड़ी चुनौती होगी। यही चुनौती देश के अन्य राज्यों के समक्ष भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..259ad6222f137c95e1bdd3cecb83490e49b76113 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन पर स्वदेशी कोवैक्सीन की बूस्टर डोज 90 प्रतिशत कारगर है। भारत से अमेरिका भेजे गए वैक्सीन के फेज-टू ट्रायल में दोनों डोज व छह माह बाद बूस्टर डोज लगाने वालों के सैंपल पर रिसर्च किया गया है। उसमें पाया गया कि यह वैक्सीन कोरोना के अभी तक मिले सभी वैरिएंट व ओमिक्रोन के खिलाफ कारगर है। इससे बनी एंटीबाडी में 90 प्रतिशत तक कोरोना को खत्म करने की क्षमता है। इस रिसर्च के आधार पर विशेषज्ञों ने इसे मल्टी एपीटोप वैक्सीन माना है, जो कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ कारगर हथियार है। इसे अंतरराष्ट्रीय आनलाइन जर्नल मेडिरिक्स में जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। ।इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के निर्देशन में पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल के सहयोग से स्वदेशी कोवैक्सीन विकसित की थी। इसे कोरोना संक्रमित के सैंपल से वायरस लेकर लैब में विकसित किया गया। उसके बाद वायरस को निष्क्रिय करके वैक्सीन में इस्तेमाल किया गया। इसका क्लीनिकल ट्रायल देश में तीन चरणों में 60 वर्ष से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों पर सफल रहा। ।इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद जनवरी 2021 से कोविड वैक्सीनेशन में शामिल किया गया। फिर बूस्टर डोज पर भी ट्रायल किया गया। भारत बायोटेक इंटरनेशन ने दूसरे चरण के ट्रायल व बूस्टर डोज के सैंपल व डाटा पर अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ अटलांटा में रिसर्च कराया। भारत बायोटेक ने ट्रायल के दौरान वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वालों को छह माह बाद कोवैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाने वाले और उसके 28 दिन बाद उनके ब्लड सैंपल से सीरम से एंटीबाडी जांच कराने वालों के सैंपल व डाटा मुहैया कराए। अमेरिका के इमोरी वैक्सीन सेंटर पर यूनिवर्सिटी आफ अटलांटा के विशेषज्ञों ने रिसर्च किया गया। इस दौरान सैंपल व डाटा के सभी पहलुओं को परखा गया। ।दोनों तरह की मिली एंटीबाडी : रिसर्च में पाया गया कि वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाने वालों में ह्यूमोरल इम्युनिटी और सेल मीडिएटेड इम्युनिटी पाई गई। दोनों तरह की एंटीबाडी मिलने का मतलब है कि इस वैक्सीन से बनी एंटीबाडी किसी भी प्रकार के एंटीजन को पूरी तरह से खत्म करने में कारगर है। इसमें वायरस के हर तरह के वैरिएंट या एंटीजन के लिए न्यूट्रलाइङ्क्षजग एंटीबाडी (वायरस का खत्म करने की क्षमता) पाई गई है। ।मल्टी एपीटोप वैक्सीन : यह वैक्सीन कोरोना वायरस के सभी प्रकार के वैरिएंट के खिलाफ पूरी तरह से कारगर है। यह वैक्सीन अल्फा, बीटा, जीटा, कप्पा, डेल्टा और ओमिक्रोन के खिलाफ कारगर है। कोई भी एंटीजन एपीटोप के जरिए अंगों से जुड़ता है। यह वैक्सीन मल्टी एपीटोप बनाती है, जिससे शरीर में प्रवेश करने वाला असली कोरोना वायरस अंगों से जुड़ नहीं पाता है। अंतत: बेहाल होकर शरीर से बाहर निकल जाता है। यह वैक्सीन कोरोना के डी-614जी स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर है। ।-कोवैक्सीन के बूस्टर डोज समेत संपूर्ण डाटा व सैंपल पर अमेरिका में रिसर्च हुआ है, जो प्रमाणित करता है कि यह मल्टी एपीटोप वैक्सीन है। इसमें दोनों तरह की सुरक्षा मिलती है, ह्यूमोरल इम्युनिटी और सेल मीडिएटेड इम्युनिटी। इसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल मेडिरिक्स ने प्रकाशित करने की सहमति जताई है। -डा. विकास मिश्रा, प्रोफेसर माइक्रोबायोलाजी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf5c800861a70794fe21d453618c0c82ab9b57bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म ने अब तक स्टार कास्ट की बात करें तो फिल्म में अक्षय कुमार के साथ, वाणी कपूर, इंदिरा गांधी भी हैं। रंजीत एम तिवारी निर्देशित बेलबॉटम एक पीरियड स्पाई थ्रिलर फ़िल्म है, जिसमें प्लेन हाइजैक की कहानी दिखायी गयी है। अक्षय, बेलबॉटम कोडनेम के सीक्रेट एजेंट के किरदार में हैं, जिन्हें एक हाइजैक प्लेन को छुड़ाने की ज़िम्मेदारी दी जाती है। फ़िल्म में वाणी कपूर फीमेल लीड में हैं, जो अक्षय कुमार की पत्नी का किरदार है। लारा दत्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल निभाया है। वहीं, हुमा कुरैशी कोवर्ट ऑपरेशन में अक्षय कुमार की सहयोगी बनी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce1eb40f6722c8b755d07fbff788e7dca69c1a11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63260.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कलक्ट्रेट परिसर में नामांकन को लेकर शुक्रवार से 21 जनवरी तक यातायात व्यवस्था में बदलाव करते हुए रूट डायवर्ट किया गया है। इसके तहत शमशाद तिराहे से कलक्ट्रेट की तरफ जाने वाले सभी प्रकार के वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। यह वाहन शमशाद तिराहे से ही जेल रोड की तरफ डायवर्ट होकर निकलेंगे। इसी तरह तस्वीर महल चौराहे से कलक्ट्रेट को जाने वाले वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। ये वाहन तस्वीर महल से डायवर्ट होकर कंट्रोल रूम व घंटाघर होते हुए निकलेंगे। एएमयू सर्किल से कलक्ट्रेट को आने वाले वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। ये वाहन एएमयू सर्किल से डायवर्ट होंगे। वहीं कंट्रोल रूम तिराहे से तस्वीर महल की तरफ आने वाले वाहन भी प्रतिबंधित रहेंगे। ये वाहन कंट्रोल रूम से डायवर्ट होकर सुभाष चौक व रसलगंज होते हुए निकलेंगे। यह व्यवस्था सुबह नौ से शाम छह बजे तक रहेगी। एसपी ट्रैफिक ने लोगों से अपील की है कि इन मार्गों पर गुजरने से बचें और वैकाल्पिक मार्गों का प्रयोग करें। + +शहर की सीमा में नहीं घुसेंगे प्रत्याशियों के समर्थकों के वाहन।अलीगढ़। नामांकन को लेकर देहात से आने वाले प्रत्याशियों के समर्थकों के वाहनों को शहर की सीमा में घुसने की अनुमति नहीं होगी। इन्हें शहर के इंट्री प्वाइंट्स पर ही रोक दिया जाएगी। इसे लेकर गुरुवार रात में ही पुलिस प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गईं। देहात क्षेत्र के अतरौली, इगलास, छर्रा और बरौली विधानसभा के नामांकन के दौरान प्रत्याशियों के साथ आने वाले लोगों के वाहनों को रोकने के लिए क्वार्सी, सासनीगेट, बन्नादेवी, गांधीपार्क व सिविल लाइन इलाके में इंट्री प्वाइंट्स बनाए गए हैं। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन के तहत 15 जनवरी तक जुलूस के रूप में प्रत्याशियों के आने पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद प्रत्याशियों के समर्थक आते हैं तो नामांकन स्थल के सौ मीटर के दायरे में किसी को आने की अनुमति नहीं होगी। शहर की सीटों के लिए तस्वीर महल, शमशाद चौराहा, कंट्रोल रूम पर बैरिकेडिंग लगाई गई हैं। जबकि देहात से आने वाले समर्थकों के लिए शहर में दाखिल होने से पहले इंट्री प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जहां उन्हें रोका जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b975ea343521b32e0e5fdf90ebb447d265c17f1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63261.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा फलदायी होती है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह दिन बड़ा पावन माना जाता है क्योंकि इस दिन से खरमास का अंत होता है, जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। 14 जनवरी को ही सुबह लगभग आठ बजकर दस मिनट से पुण्य काल प्रारंभ हो जाएगा। मकर संक्रांति पर रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग का निर्माण हो रहा है, जो कि काफी शुभ है। माना जाता है कि रोहणी नक्षत्र में दान-पुण्य करने से यश की प्राप्ति होती है और कष्टों का अंत होता है। + +कोरोना संक्रमण के कारण घर पर इस तरह करें स्‍नान ।मकर संक्रांति के पुण्यकाल में पवित्र नदियों में सबसे पहले स्नान करने का महत्‍व है। लेकिन कोराना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए घर पर स्‍नान किया जा सकता है। घर में एक टब अथवा बाल्‍टी में पानी में गंगाजल की बूंदे डालकर स्नान करें। फिर सूर्यदेव को अर्ध्य दें और उनकी पूजा करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें। काले तिल का दान करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9542e5e227ad1293aeda6b7a22b64d48aa2a073e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63263.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। ट्रेनों की एसी बोगियों में सफर करते समय अब कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं होगा। अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने एसी बोगियों के लिए एंटी वायरल और एंटी पैथोजेन सिस्टम की तकनीक विकसित की है। इस तकनीक का ट्रायल चंडीगढ़-बांद्रा एक्सप्रेस में किया गया। ट्रायल में पता चला कि इस तकनीक से एसी बोगी में किसी तरह का संक्रमण नहीं फैल सकता है। अब आरडीएसओ ने रेलवे बोर्ड को अपनी ट्रायल रिपोर्ट भेज दी है। जिससे देश भर की सभी ट्रेनों की एसी बोगियों में यात्रियों को सफर के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। + +आरडीएसओ पिछले एक साल से औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर), केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआइओ) के साथ वायरस और बैक्टीरिया को मारने में काम आने वाली पराबैगनी किरण (यूवी-सी) आधारित कीटाणुशोधन प्रणाली विकसित करने पर काम कर रहा था। इसके लिए एसी बोगियों के हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम जहां से संक्रमण फैलता है। उसे सुरक्षित रखने के लिए शोध शुरू किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..846213c296a22cc6fef5d2268c6b296efe3f89ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63264.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नाइट्रोजन डाइआक्साइड से बच्चों में अस्थमा का खतरा ।जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एन्वार्यमेंटल एंड आक्यूपेशनल हेल्थ की प्रोफेसर तथा इस अध्ययन की सह-लेखिका सुसान अनेनबर्ग ने बताया कि उनके शोध में पाया गया है कि नाइट्रोजन डाइआक्साइड बच्चों में अस्थमा का खतरा पैदा कर रहा है और यह समस्या खासतौर पर शहरी क्षेत्र में ज्यादा है। इससे स्पष्ट है कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि स्वच्छ हवा की रणनीति को अहम माना जाना चाहिए। अनेनबर्ग और उनके सहयोगियों ने वाहनों, ऊर्जा संयंत्रों और औद्योगिक स्थलों के आसपास नाइट्रोजन डाइआक्साइड (एनओ2) के ग्राउंड कंसंट्रेशन का अध्ययन किया है। इसके साथ ही उन्होंने 2019 से 2020 तक बच्चों में अस्थमा के नए केसों को भी ट्रैक किया। अस्थमा एक क्रानिक बीमारी है, जिसमें फेफड़े के वायुमार्ग में सूजन (इंफ्लैमेशन) पैदा होता है। + +एनओ2 के कारण बढ़े अस्थमा के मामले।इसके पूर्व जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया था कि दुनियाभर में बच्चों में अस्थमा के करीब 13 प्रतिशत मामले एनओ2 से जुड़े थे और ज्यादा आबादी वाले 250 शहरों में अस्थमा के 50 प्रतिशत मामले का यही कारण था।यह भी पाया गया कि एनओ2 के कारण साल 2000 में बच्चों में अस्थमा के मामले 20 प्रतिशत थे, जो 2019 में घटकर 16 प्रतिशत पर आ गया। यह इस बात का प्रतीक है कि यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों में स्वच्छ हवा का फायदा खासतौर पर उन बच्चों को हुआ, जो व्यस्त सड़कों और औद्योगिक स्थलों के आसपास रहते हैं। इसलिए अब भी जरूरत है कि उच्च आय वाले देश एनओ2 के उत्सर्जन पर और प्रभावी अंकुश लगाएं। + +जीवाश्म ईंधन के कम इस्तेमाल से हो सकत हैं सुधार।एक अन्य अध्ययन में अनेनबर्ग तथा उनके सहयोगियों ने पाया कि 2019 में 18 लाख मौतों का संबंध शहरी वायु प्रदूषण से जोड़ा जा सकता है। यह भी सामने आया कि शहरों में रहने वाले 86 प्रतिशत वयस्क और बच्चे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पार्टिकुलेट मैटर के संदर्भ में निर्धारित मानक से ज्यादा स्तर वाले माहौल में रहने के कारण ज्यादा बीमार होते हैं।अनेनबर्ग ने बताया कि जीवाश्म ईंधन वाले परिवहन में कमी लाकर हम बच्चे और बुजुर्गो को अच्छी हवा में सांस लेने मदद कर सकते हैं। इससे बच्चों में अस्थमा और उनकी मौत को भी कम किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी, जिससे स्वास्थ्यवर्धक वातावरण की ओर बढ़ा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6a57c1f8d848c56489197080a8aaaa3c5f67afd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगी टीमें आधुनिक तकनीक से लैस होंगी। उडनदस्ते जिन वाहनो में गश्त पर निकलेंगें, उन वाहनो में ग्लोबल पोजिसनिंग सिस्टम यानी जीपीएस लगा होगा। जिले में कुल 28 टीमों को उड़नदस्तों से लैस किया जा रहा है। हर विधानसभा में चार उड़नदस्ते तैनात किए जा रहे हैं। जिला स्तर से भी इन पर पूरी नजर रखी जाएगी। जिला पूर्ति विभाग को गाड़ियों की आपूर्ति की जिम्मेदारी मिली हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4820923b453bb1f18ef22d478a1b299c1315649b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63266.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। ‘कभी पंजाब की पहचान सरसों के लहलहाते खेत हुआ करते थे और अब ओवरडोज से जान गंवा चुके अपने बेटे के शव के पास विलाप करती हुई मां की तस्वीर व्यथित करती है। सरकार का काम सिर्फ पुलिसिंग करना भर नहीं है, अब लोगों को भी आगे आना होगा। यह काम किसी एक व्यक्ति से नहीं हो पाएगा, सभी को इसमें अपना योगदान देना होगा।’ नशे की समस्या पर चेताने वाली यह टिप्पणी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस पंकज जैन की है। + +हरियाणा व पंजाब के 27 एनडीपीएस मामलों में अपील व जमानत पर सुनवाई करते हुए गत दिवस हाई कोर्ट ने पंजाब के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। हाई कोर्ट ने कहा कि अगले महीने पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं। यह चुनाव पूरी तरह से ड्रग्स फ्री हों और कहीं भी ड्रग्स फार वोट का मामला सामने न आए। हाई कोर्ट ने इस पर चुनाव आयोग, केंद्र सरकार व पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर 20 जनवरी तक जवाब तलब किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63267.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd468c526a65c139f0f3131a4301f27807c8bb95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63267.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। मकर संक्रांति पर्व ब्रह्म और आनंद योग में मनाया जाएगा। यह योग 29 साल बाद बन रहा है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति पर्व के नाम से जाना जाता है। यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज का कहना है कि मान्यतानुसार इस दिन गंगा में स्नान एवं दान पुण्य करने से व्यक्ति मोक्ष प्राप्ति का अधिकारी होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d13dbe438450a174332ee13c7efadcb70a04ed0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63269.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा, आनलाइन डेस्क। 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' स्लोगन के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दे रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने  नोएडा विधानसभा सीट से पंखुड़ी पाठक को टिकट दिया है। आइये जानते हैं कि कौन हैं कांग्रेस की नेता पंखुड़ी पाठक, जो समाजवादी पार्टी से होती हुई उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस के टिकट पर नोएडा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। + +कभी थीं समाजवादी पार्टी का खास चेहरा।अखिलेश यादव और डिंपल यादव से करीबी के चलते पंखुड़ी पाठक महज 24 साल की उम्र में ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का चेहरा बन गई थीं। इसके बाद सपा ने उन्हें पार्टी प्रवक्ता का पद दिया, वह टेलीविजन न्यूज चैनलों पर लगातार समाजवादी पार्टी का पक्ष धारदार अंदाज में रखती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb9d5e97af6d34cc5c463e386035a2fd4964c38f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63272.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोई विशेष पहचान न होना भी चिंता बढ़ाने वाली बात : ओमिक्रोन के संक्रमण से कोई विशेष लक्षण नहीं होना चिंता बढ़ाने वाला है। असल में बहुत से लोग कोरोना संक्रमण को भी सामान्य सर्दी-जुकाम काम ही मानकर चल रहे हैं। ऐसा करना सही नहीं है। जांच नहीं होने तक सर्दी-जुकाम के लक्षणों को भी कोरोना के लक्षण मानते हुए सतर्कता बरतना सही कदम है। इससे हम संभावित संक्रमण रोकने में सक्षम हो सकते हैं। + +साफ दिख रहा है कुछ लक्षणों का अंतर : ओमिक्रोन के लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं। विशेषरूप से टीका लगवा चुके लोगों में ऐसे ही सामान्य लक्षण दिख रहे हैं। कुछ लोगों में मांसपेशियों में दर्द, डायरिया, जी मिचलाने और त्वचा पर निशान के लक्षण भी दिखे हैं। मोटे तौर पर डेल्टा और ओमिक्रोन के लक्षणों में बहुत फर्क नहीं होते हुए भी कुछ ऐसे लक्षण हैं जो अंतर को स्पष्ट कर रहे हैं। एक समय सूंघने की शक्ति कम होना अहम लक्षणों में शुमार था। डेल्टा के समय भी यह टाप 10 लक्षणों में था। अब यह 17वें स्थान पर पहुंच गया है। पांच संक्रमितों में से किसी एक में ही यह लक्षण है। इसी तरह बुखार भी कम हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e55345ae83f57ea0639cb39d4448117e86c38af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निफा ने आगे बढ़ाया सिलसिला।बेटियों का सम्मान लौटाने की जो अलख बैनर्जी दंपती ने जगाई, उसे सामाजिक संस्था निफा ने भी बखूबी आगे बढ़ाया। निफा अध्यक्ष प्रीतपाल पन्नू ने भी पहली बार अपनी बेटी के नाम पर लोहड़ी मनाकर मिसाल कायम की थी। वहीं करनाल में 2009 में तत्कालीन डीसी नीलम प्रदीप कासनी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का उद्घोष किया था। उस समय हर माह बेटी को गर्भ में बचाने के लिए शपथ ली जाती थी। तब से हरियाणा में लाखों बेटियों के नाम लोहड़ी मनाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc6d8ba0b517acdf984323598d9efc4bf49078ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यही भारतीय मतदाता की सबसे बड़ी विडंबना है। वह जातीय, धार्मिक और वर्गीय आधार पर सोचता है और अक्सर उसी आधार पर वोट देता है। हालांकि उसकी उम्मीद यह होती है कि उसके चुने हुए प्रतिनिधि उसकी जाति, मजहब और वर्ग के लिए काम करने के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को भी बेहतर बनाएं। वास्तव में होता इसके विपरीत है। चूंकि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग योग्यता और व्यापक जनहित के मुद्दे पर नहीं करता, इसलिए न उसकी जाति, मजहब और वर्ग का कुछ भला हो पाता है और न ही उसके जीवन स्तर में कोई उल्लेखनीय सुधार आता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c56fffbd88d219ed7987eeabac208ef5011e083a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमिय भूषण। इन दिनों अयोध्या में भव्य-दिव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है। पहले की तुलना में अब यह जगमगाता नगर नजर आ रहा है, जहां विरासत को सहेजने का काम आधारभूत ढांचे के विकास के साथ ही चल रहा है। हवाई अड्डे से लेकर रेलमार्गों और सड़कों के संजाल ने न केवल अयोध्या की यात्रा को सुगम बनाया है, अपितु अयोध्या नगरी के विकास को भी एक गति दी है। मोदी-योगी सरकार आने के बाद से रामजी के इस नगर के दिन बहुरने लगे हैं। ऐसे में अब सरकार की प्राथमिकता चमकती-दमकती अयोध्या से आगे रामायण सर्किट के विकास की है। भारतीय रेल अपनी स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लोगों को अयोध्या की यात्रा करवा रही है। वहीं प्रभु श्रीराम से जुड़े तीर्थस्थलों को अब एक सूत्र में पिरोने की तैयारी सर्वत्र हो रही है। केवल उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक ही नहीं, बल्कि इसके दायरे में आने वाले सभी राज्य सरकारों की प्राथमिकता में भी शामिल हो चुका है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसी बहाने कांग्रेस के नरम हिंदू चेहरे को चमकाने में लगे हैं। फिलहाल वह राज्य में आने वाले रामायण सर्किट के आठ महत्वपूर्ण पड़ावों को विकसित करने और रामायण सर्किट विकास कोष के निर्माण योजना में सक्रिय हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a987cf16a62fea59bf2c73cb038a07a9d0504950 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले बने मतदाता। अगर आपके पास पहचान पत्र है और मतदाता सूची में नाम नहीं है तो लोकतंत्र के इस महापर्व में मतदान नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अगर आप नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ के साथ पहले चरण में मतदान वाले जिलों/शहरों में रहते हैं तो आप अब भी मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवा सकते हैं। यहां पर बता दें कि  मतदाता सूची में नाम शामिल करवाने के लिए भी आनलाइन विकल्प चुन सकते हैं। इसके साथ-साथ प्रवासी भारतीयों के लिए, नाम कटवाने के लिए, नाम, पता और उम्र में संशोधन के लिए भी मतदान से कुछ दिन पूर्व तक आवेदन कर सकते हैं। ध्यान देने की बात यह है कि  एक ही विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर के लिए अलग से फार्म भरना होगा। यह काम आप मतदान से एक-दो दिन पूर्व तक भी कर सकते हैं, लेकिन मतदाता सूची जारी होने के बाद कुछ नहीं हो सकता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63282.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8c37c19a4816168960232b2423a7c5945654c07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63282.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बढ़ता गया कर्ज का बोझ ।राजस्व की स्थिति बिगड़ने की वजह से दूसरे अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा पर कर्ज का बोझ अप्रत्याशित तौर पर बढ़ा है। जिस रफ्तार से इन राज्यों ने कर्ज लिया है उसका खामियाजा आगामी सरकारों को उठाना पड़ेगा क्योंकि इसकी अदायगी कुछ वर्षों बाद शुरू होगी। + +यूपी ने 1,72,703 करोड़ कर्ज लिया ।अगर उत्तर प्रदेश को देखा जाए तो वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 के दौरान (वर्ष 2021-22 का बजटीय आकलन आंकड़ा) इसने कुल 1,72,703 करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया है जबकि इस दौरान सिर्फ 42,120 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज को चुकाया है। पंजाब ने इस अवधि में 71,430 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और 27,363 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया। उत्तराखंड ने 12,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और 2,441 करोड़ रुपये चुकाये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63284.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2cb19878e311667cfd58ed3b1c0ff362b088e563 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63284.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अवतार ने पहला ही चुनाव गुर्जर नेता राजेश पायलट के सामने लड़ा।राजनीति में किस तरह सफलता की सीढ़ी चढ़ी जा सकती हैं और किस तरह चर्चित हो सकते हैं। इसकी जानकारी भड़ाना बंधुओं को खूब है। अवतार ने 1989 में पहला लोकसभा चुनाव निर्दलीय राजस्थान के दौसा से कांग्रेस में तत्कालीन दिग्गज नेता राजेश पायलट के सामने लड़ा। इस चुनाव में अवतार को हार मिली मगर तब ये गुर्जर बिरादरी में खूब चर्चित हो गए थे। स्वर्गीय पायलट के बेटे सचिन पायलट के खिलाफ अवतार के बड़े भाई करतार भड़ाना ने हरियाणा मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। करतार को भी सचिन के सामने निराशा ही हाथ लगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f32256c37f7b6008d42c454897a3ac4c4c3dd96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63285.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + क्‍या है भारत की बड़ी चिंता।प्रो. पंत ने कहा कि भारत को यह चिंता सता रही है कि चीन वास्‍तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर यथास्थिति बदलने के कदम को सही ठहराने के लिए लैंड बाउंड्री कानून का प्रयोग कहीं न करे। यही कारण है कि भारत ने चीन के इस कानून की कड़ी निंदा की है। भारत ने अपने स्‍टैंड को क्लियर करते हुए कहा है कि यह कानून चीन का एकतरफा रुख है। चीन इस तरह के कानून का निर्माण करके दोनों पक्षों के बीच की मौजूदा व्‍यवस्‍था को बदल नहीं सकता है, क्‍योंकि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का समाधान होना बाकी है। भारत-चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी भूमि सीमा साझा करता है। दोनों देशों की सीमा जम्‍मू-कश्‍मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। दोनों देशों के बीच कभी सीमा निर्धारण नहीं हो सका है। हालांक‍ि, यथास्थिति बनाए रखने के लिए वास्‍तविक नियंत्रण रेखा यानी लाइन आफ कंट्रोल शब्‍द का इस्‍तेमाल होता है। ।क्‍या है चीन का सीमा सुरक्षा कानून।23 अक्‍टूबर, 20021 को चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस की स्‍टैंडिग समिति ने इस कानून को पास किया था। चीन के इस कानून का मकसद जमीन से जुड़ी सीमाओं की सुरक्षा और उसका इस्‍तेमाल करना है। नए कानून में सीमा के साथ सीमावर्ती इलाकों में निर्माण, कार्य संचालन में सुधार पर जोर दिया गया है। कानून के मुताबिक सीमा से जुड़े इलाकों में चीन, सीमा सुरक्षा मजबूत करने, आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग, सार्वजनिक सेवाओं और आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए कदम उठा सकता है। इस कानून में यह प्रावधान है कि सीमा सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले किसी सैन्‍य टकराव या युद्ध की स्थिति में चीन अपनी सीमाएं बंद कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e3ee177df5e9cbeb9599beaa02ae06f513f7159 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63286.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना वायरस की तीसरी लहर पांच गुना तेजी से फैल रही है। देश के सात राज्‍यों में संक्रमण की विस्‍फोटक स्थिति है। ओमिक्रोन के तेजी से प्रसार के कारण मन में यह जिज्ञासा उत्‍पन्‍न होती है क्‍या देश में लाकडाउन लगेगा। देश के सात राज्‍यों की R वैल्‍यू 3 के ऊपर है यानी यहां कोरोना विस्‍फोटक होना तय है। अगर देश में पहले के दो लाकडाउन पर नजर डालें तो देश में कोरोना की स्थिति पहले से ज्‍यादा भयावह हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या देश तीसरे लाकडाउन की कगार पर पहुंच गया है ? क्‍या सरकार तीसरे लाकडाउन की तैयारी में है ? आखिर इस पर क्‍या होगी सरकार की रणनीति ? कोरोना से निपटने में सरकार की क्‍या है तैयारी ?।तीसरी लहर की क्‍या है तैयारी ? ।गाजियाबाद स्थिति यशोदा अस्‍पताल के एमडी डा. पीएन अरोड़ा का कहना है कि इस वक्‍त देश में स्‍वास्‍थ्‍य का आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ है। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के बाद देश में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं मजबूत हुई है। आज देश में करीब 18.03 लाख आइसोलेशन बेड का इंतजाम है। इसके अलावा 1.24 लाख आइसीयू बेड के इंतजाम है। देश में 3.236 आक्‍सीजन के प्‍लांट है। इनकी क्षमता 3,783 मीट्रिक टन है। 1,14 लाख आक्‍सीजन कंसंट्रेटर केंद्र ने राज्‍य सरकार को मुहैया कराए हैं। 150 करोड़ वैक्‍सीन के डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 64 फीसद आबादी को एक डोज मिल चुकी है और 46 फीसद आबादी को वैक्‍सीन की दो डोज लग चुकी है। ऐसे में यह उम्‍मीद कम ही है देश में कठोर लाकडाउन की स्थिति बनेगी। फ‍िलहाल कुछ राज्‍यों को छोड़ दिया जाए तो स्थिति काबू में हैं। लाकडाउन से बचने के लिए हमें सरकार की गाइड लाइन और सुझावों पर कठोरता से अमल करना होगा। कोरोना प्रोटोकाल को कड़ाई से पालन करना होगा। + +दूसरे लाकडाउन के बाद देश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का क्‍या इंतजाम है? ।सवाल यह है कि अगर देश के दूसरे लाकडाउन के फार्मूले पर चलें तो भारत में इसकी कितनी संभावना है। हालांकि, इस बार हालात थोड़े भिन्‍न हैं। डा. पीएन अरोड़ा का कहना है कि एक राहत वाली बात यह है कि देश में कोरोना की रफ्तार भले तेज हो, लेकिन अस्‍पताल में संक्रमितों की भर्ती होने का अनुपात दूसरी लहर की अपेक्षा काफी धीमी है। इसके अलावा देश में दूसरे लाकडाउन के बाद देश में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की क्षमता बढ़ी है। कुछ राज्‍यों को छोड़ दिया जाए तो पहले जैसा पैनिक नहीं है। हालांकि, दिल्‍ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्‍ट्र में कोरोना की स्थिति थोड़ी गंभीर बनी हुई है। इसके बाद झारखंड‍, बिहार, यूपी, राजस्‍थान, गुजरात और हरियाणा में नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। + +किन-किन राज्‍यों ने लगाया प्रतिबंध ? ।मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली, महाराष्‍ट्र और गुजरात में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। एमपी में स्‍कूलों और कालेजों में 50 फीसद की उपस्थिति के साथ अन्‍य पाबंदियां लगाई गई है। राज्‍य में सार्वजनिक स्‍थलों पर जाने के लिए वैक्‍सीनेशन को जरूरी बनाया गया है। यूपी में 8वीं तक के स्‍कूल बंद कर दिए गए हैं। सार्वजनिक स्‍थानों एवं समारोह में 200 लोगों की अनुमति है। दिल्‍ली में स्‍कूल और कालेज बंद हैं। सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्राम होम की व्‍यवस्‍था की गई है। गुजरात में स्‍कूल और कालेज खुले हैं, लेकिन सार्वजनिक स्‍थलों में वैक्‍सीनेशन को जरूरी किया गया है। इन तमाम उपबंधों से ओमिक्रोन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4733c11f537eef9ca0176f59de35531ee2a93c79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम। दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में भी कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार बहुत तेज है। दिल्ली में जहां अब रोजाना 20,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं तो नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद समेत एनसीआर के शहरों में मामलों में तेज गति से इजाफा हो रहा है। इस बीच दिल्ली के साथ यूपी और हरियाणा के एनसीआर के शहरों में तमाम प्रतिबंध नए सिरे से लगाए गए हैं। आइये जानते हैं कि दिल्ली के अलावा यूपी और हरियाणा के शहरों में क्या-क्या प्रतिबंध लगाए गए हैं। ।राजधानी दिल्ली में बढ़ाए गए प्रतिबंध।दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कई नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। डीडीएमए के नए दिशा-निर्देशों के बाद दिल्ली में बुधवार से आवश्यक वस्तुओं से जुड़े दफ्तरों को छोड़कर सभी निजी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही बार और रेस्तरां भी बंद हो गए हैं, हालांकि रेस्तरां से सिर्फ खाना पैक कराने की सुविधा है। यह व्यवस्था अगले आदेश तक जारी रहेगी। इसके अलावा डीडीएमए के अधिकारियों का कहना है कि डीडीएमए लगातार हालात पर निगरानी रख रहा है। जरूरत पड़ने पर आगे पाबंदियां और सख्त की जा सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e730be7574f796ecf17525d9ea5aa1417d3edd8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। कभी बिहार में बड़े जनाधार वाली पार्टी रही कांग्रेस (Bihar Congress) को नए प्रदेश अध्‍यक्ष की तलाश है। प्रदेश अध्‍यक्ष डा. मदन मोहन झा (Dr. Madan mohan Jha) पहले ही पद से हटने की इच्‍छा जाहिर कर चुके हैं। कुछ समय पहले भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (CPI) से कांग्रेस में धमाकेदार एंट्री करने वाले कन्‍हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को बिहार में पार्टी का बड़ा चेहरा माना गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ कन्‍हैया की राष्‍ट्रीय छवि को देखते हुए माना जा रहा था कि कांग्रेस को बिहार में राष्‍ट्रीय स्‍तर का नेता मिल गया है। लेकिन बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) के बाद से कन्हैया कुमार बिहार में राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। सवाल है कि क्‍या कन्‍हैया को पार्टी नया प्रदेश अध्‍यक्ष बना सकती है? बिहार में इन दिनों चल रही पिछड़ों की राजनीति में कन्‍हैया कांग्रेस के लिए कितने प्रासंगिक हैं? ।बिहार में कांग्रेस का चेहरा बनने की थी उम्‍मीद ।कन्‍हैया कुमार बीजेपी व खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की खिलाफत के लिए जाने जाते हैं। विपक्ष की राजनीति का आधार भी बीजेपी व पीएम मोदी का विरोध ही है। ऐसे में कांग्रेस को कन्‍हैया में अपनी सियासी रणनीति को धार देता बड़ा चेहरा नजर आया। पार्टी ने उन्‍हें तामझाम के साथ अपने पाले में किया। माना गया कि वे बिहार में कांग्रेस का चेहरा बनेंगे। ।अब सक्रिय राजनीति से दूर दिख रहे कन्‍हैया।कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्‍हैया कुमार के पटना आने पर कांग्रेसियों ने उन्‍हें हाथोंहाथ लिया। उनका जोरदार स्वागत किया गया। कन्‍हैया ने भी दो सीटों पर हुए बिहार विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से प्रचार किया। हालांकि, उपचुनाव में कांग्रेस की हार हुई। इसके बाद से वे बिहार कांग्रेस में सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। ।बिहार में इन दिनों पिछड़ों की राजनीति हावी ।सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्‍यों? कन्‍हैया अगड़ी जाति (Upper Caste) से ताल्‍लुक रखते हैं। वे बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाती रही भूमिहार (Bhumihar) जाति से आते हैं। युवा व तेज-तर्रार तो हैं हीं। इसके बावजूद बिहार में इन दिनों चल रही पिछड़ों की राजनीति को भी नजरअंदाज करना मुश्किल है। नाम नहीं देने के आग्रह के साथ एक वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता ने कहा कि आलाकमान का फैसला अंतिम होगा, लेकिन पिछड़ों की राजनीति के बीच सवर्ण कन्हैया को प्रदेश अध्‍यक्ष या पार्टी का चेहरा बनाने का जोखिम लेना कठिन है। इसके पहले भी कांग्रेस ने सवर्ण डा. मदन मोहन झा को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया, लेकिन इससे कोई खास उपलब्धि नहीं मिल सकी। ।राष्‍ट्रवाद के नाम पर बीजेपी को मिलेगा मौका ।कन्‍हैया पर एक सवाल बीजेपी द्वारा बनाई गई उनकी देशविरोधी छवि (Anti National Image) को लेकर भी है। कांग्रेस द्वारा कन्‍हैया को प्रदेश कांग्रेस की कमान देने पर बीजेपी को राष्‍ट्रवाद (Nationalism) के नाम पर कांग्रेस को घेरने का अवसर मिलेगा। ।कांग्रेस व महागठबंधन में भी आसान नहीं राह ।कन्‍हैया के लिए दल की आंतरिक राजनीति से भी जूझना तय है। बिहार कांग्रेस में सवर्ण, खासकर उनकी ही भूमिहार जाति के कई बड़े नेता हैं। कन्हैया को उनसे पार पाना आसान नहीं है। कांग्रेस के बाहर महागठबंधन (Mahagathbandhan) में भी राहें मुश्किल भरी हैं। युवा कन्‍हैया की तेज-तर्रार छवि कहीं बिहार विधासभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की राह में रोड़ा न बन जाए, इसे राष्‍ट्रीय जनता दल के अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) कभी नहीं चाहेंगे। कांग्रेस भी फिलहाल आरजेडी को नाराज करने की स्थिति में नहीं है। ।फिलहाल कहीं चर्चा में नहीं है कन्‍हैया का नाम ।ऐसे में कन्‍हैया भले ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सहमति के बाद पूरे तामझाम के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हों, लेकिन बिहार कांग्रेस में उनकी राह आसान नहीं दिख रही है। ऐसे में आश्‍चर्य नहीं कि प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष की खोज में कन्‍हैया के नाम की चर्चा नहीं हो रही है। अब अंदर ही अंदर कोई सियासी खिचड़ी पक रही हो ताे और बात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cc9bb8a0a50d6461ed1a9aff77009ff4849cbb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रीढ़ की हडडी में थी दिक्‍कत।सुनील कुमारी की रीढ़ की हडडी के कैनाल का डायामीटर 5.6 मीटर तक सिकुड़ गया था। इसके कारण उन्‍हें पीठ में दर्द, पैरों में दर्द, सुन्‍नपन होने लगा। धीरे-धीरे वह चलने में असमर्थ होने लगीं। चारपाई पर आ गईं। यहां तक की करवट भी नहीं ले सकती थीं। कई अस्‍पतालों में दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला। उन्‍हें आपरेशन कराने की सलाह दी गई थी। + +आयुर्वेद कालेज में लाए।सुनील कुमारी के स्‍वजनों को किसी ने कुरुक्षेत्र के आयुर्वेद कालेज के बारे में बताया। डा.राजा सिंगला ने तीन महीने तक उनका इलाज किया। दो बार पंचकर्म थैरेपी के साथ आयुर्वेदिक औषधियों से उपचार किया। पहली पंचकर्म थैरेपी के बाद ही सुनील कुमारी को किसी पेन किलर दवा का सेवन करने की जरूरत नहीं पड़ी। दूसरी पंचकर्म थैरेपी के बाद से चलने में समर्थ हो गईं। उन्‍हें किसी तरह का दर्द या सुन्‍नपन नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3fd7d6958307238dd2ec097aaf8fc4ac27124fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63294.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली में कम होंगे मामले, प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। देश-दुनिया के एक्सपर्ट के दावों पर यकीन करें तो राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आएगी, लेकिन इसके लिए दो-तीन सप्ताह का इंतजार करना पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि संभव है कि आने वाले हफ्तों में भी दिल्ली में कोरोना के मामलों में भारी उछाल देखने को मिले, लेकिन ओमिक्रोन के कारण आई तीसरी लहर में तेज गिरावट भी देखने को मिलेगी, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में हुआ है। इस लिहाज से दिल्ली के लोगों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। इसी तरह का इशारा बुधवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन किया। उन्होंने कहा  कि दिल्ली में पिछले कई दिनों से रोज 20 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं, लेकिन दिल्ली में अब पाजिटिविटी रेट 25 प्रतिशत के आस-पास आकर रुक गया है, ये अच्छा संकेत है। उन्होंने यह बी कहा कि कहा कि मौतें लोगों को पहले से ही गंभीर बीमारी की वजह से हो रही हैं। उन्होंने यह कहा कि दिल्ली में कोविड-19 के मामले स्थिर हो गए हैं और संक्रमण के जल्द ही कम होने की संभावना है। इसके साथ ही सत्येंद्र जैन ने यह भी आश्वासन दिया कि अगर अगले दो से तीन दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण में कमी आती है, तो दिल्ली में प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। + +लापरवाह लोगों के खिलाफ सख्ती जरूरी।बावजूद इसके पिछले कुछ समय से दिल्ली में संक्रमण दर व संक्रमितों की बढ़ रही संख्या चिंता की बात है। हालांकि, दूसरी लहर की तरह अभी तक यह ज्यादा नुकसानदेह नहीं है। फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। विशेषकर तब जब संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी बढ़ने लगी है। मंगलवार को संक्रमण के नए मामले 21 हजार से ज्यादा आए हैं। संक्रमण दर 25.65 प्रतिशत है। सबसे ज्यादा चिंताजनक सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ आक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती मरीजों व मौत के आंकड़ों का बढ़ना है। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 23 मरीजों की मौत हो गई। यह करीब सात माह में एक दिन में कोरोना से जान गंवाने वालों का सबसे अधिक आंकड़ा है। इस स्थिति के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं। जिस तरह से अभी भी कुछ लोग लापरवाह बने हुए हैं वह दिल्लीवासियों पर भारी पड़ सकती है। कुछ माह पहले दूसरी लहर के दौरान हुए नुकसान को शायद हम भूल गए हैं। कई लोगों ने अपनों को खोया है। लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। अब एक बार फिर से जानलेवा लापरवाही की वजह से नुकसान बढ़ने लगा है। कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं जिसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा। यदि हम सचेत नहीं हुए तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर होगी, इससे बचने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। लापरवाह लोगों के खिलाफ सख्ती भी जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6382ca4b9310d52393c28bf590f98a7e9e5384b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63297.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, डा. वेद प्रकाश। साल 2019 में दस्तक देने वाला अदृश्य दुश्मन कोरोना वायरस अब बहुरूपिया हो चला है। साल 2022 आते-आते उसने कई स्वरूपों (वैरिएंट) के जरिए दुनियाभर में कहर ढाया है। इसमें सर्वाधिक जानलेवा वैरिएंट ‘डेल्टा’ साबित हुआ और अब ओमिक्रोन भी तेजी से पैर पसारे है। इसके साथ ही भारत में डेल्टा वैरिएंट अभी भी आक्रामक बना हुआ है। ये दोनों आने वाले दिनों में घातक हो सकते हैं। + +खतरे की घंटी है पांच फीसद से ज्यादा संक्रमण दर: कोरोना की पहली लहर देश में वर्ष 2020 में आई। इसके बाद दूसरी लहर वर्ष 2021 में आई। अब तीसरी लहर शळ्रू हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनळ्सार साप्ताहिक संक्रमण दर यदि पांच फीसद या उससे अधिक होती है तो हालात चिंताजनक हो सकते हैं। भारत में साप्ताहिक संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ ही रही है। इसके अलावा आइआइटी के विशेषज्ञों ने ‘सुपर माडल’ के जरिए तर्क दिया था कि तीसरी लहर में रोजाना एक लाख केस दर्ज होंगे। पिछले दिनों देश में 24 घंटे में एक लाख चालीस हजार मामले दर्ज किए गए। ऐसे में संक्रमित मामलों की दिनोंदिन वृद्धि वायरस के शिखर पर पहुंचने की ओर इशारा कर रही है। वर्तमान में देश में डेल्टा, डेल्टा प्लस, अल्फा, बीटा, गामा और ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e71650e0477e617fbfcd925cc25398aa3beea69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63298.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भारत की धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात भगवान शिव की अत्यंत प्रिय काशी की नगरी में लक्षचंडी महायज्ञ होने जा रहा है। 18 जनवरी से नौ मार्च तक चलने वाले इस अनुष्ठान के संयोजक अलीगढ़ के महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज हैं। उन्होंने बताया कि विश्वप्रसिद्ध संत यज्ञ सम्राट स्वामी प्रखर महाराज के सानिध्य में संकुलधारा के भेलूपुरा पोखरा में 51 दिन धार्मिक अनुष्ठान की धारा का प्रवाह होगा। श्रीमद् भागवत कथा, कवि सम्मेलन, रामायण कथा आदि आयोजन भी होंगे। इनकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। + +वाल्‍मीकि रामायण कथा राघवाचार्य करेंगे।महामंडलेश्वर ने बताया कि 51 दिवसीय लक्षचंडी महायज्ञ का उद्देश्य यज्ञ के साथ काशी की धरा पर विभिन्न धार्मिक आयोजनों की धारा का प्रवाह करना है। इसके माध्यम से काशी के विद्वानों द्वारा महायज्ञ के साथ भारत देश के मर्मज्ञों द्वारा भागवत कथा का आयोजन भी किया जाएगा। परम गोपनीय दुर्लभ काशी की कथा पंडित प्रवर विश्वेश्वर शास्त्री द्रविड़ और श्रीमद भागवत कथा का वाचन विश्वप्रसिद्ध कथा वक्ता रमेश भाई ओझा द्वारा किया जाएगा। वहीं, वाल्मीकि रामायण कथा राघवाचार्य करेंगे। अनुष्ठान की श्रृंखला में प्रवचन, कवि सम्मेलन समेत अन्य आयोजन होंगे। कोरोना महामारी की सभी गाइडलाइन का पूर्णतः पालन किया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गईं हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा व प्रतिदिन होने वाले अनुष्ठानों का प्रारूप को लेकर प्रखर परोपकार मिशन के पदाधिकारियों से वार्ता हो चुकी है। + +काशी का एक एक कंकर शंकर के तुल्‍य।पीपीएम ट्रस्ट के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने भी अनुष्ठान पर चर्चा करते हुए कहा कि काशी नगरी अत्यंत प्राचीन व देवों के देव महादेव को अत्यंत प्रिय है। काशी का एक-एक कंकर शंकर के तुल्य है। यहां निवास करने वाली हर एक स्त्री मां अन्नपूर्णा का स्वरुप है। ऐसी पावन धरा पर लक्षचंडी महायज्ञ का किया जाना भगवान शिव की ही कृपा मात्र है। बिना शिव की अनुमति के विश्वनाथ के क्षेत्र में कोई भी कार्य संभव नहीं है। आधुनिक भारत अपनी संस्कृति को भूलता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण धर्म के प्रति अज्ञानता है। 500 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 100 कुंडीय महायज्ञ 51 दिनों में संपन्न किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..440c9304e61f72316c1e640965f16a43b392be98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + Bollywood Hindi News LIVE Today: अभिनेता रणवीर सिंह की फिल्म जयेशभाई जोरदार का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। यह फिल्म काफी समय से सुर्खियों में है। फिल्म जयेशभाई जोरदार में रणवीर सिंह गुजराती शाख्स का किरदार निभाएंगे। वहीं कंगना रनोट के शो रियलिटी शो लॉक अप में जीशान खान, आजमा फलाह संग झगड़े के बाद 'लॉकअप' से हुए बाहर। जानें केबीसी रजिस्ट्रेशन का 10वां सवाल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df0a2d27b3011d1ec07ad4302e03c86b109a5a59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। सदियों पहले जब इंसान का परिचय आग से नहीं हुआ था, तब ऊर्जा या गर्मी का अकेला स्नेत वह प्राकृतिक सूर्य था, जिसकी परिक्रमा धरती समेत सौरमंडल के अन्य ग्रह करोड़ों वर्षो से कर रहे हैं। करीब पांच हजार साल पहले आग पैदा करने की जानकारी के साथ मानव सभ्यता ऊर्जा के विभिन्न स्नेतों से परिचित हुई। इसमें सबसे बड़ी उपलब्धि पानी, कोयले और तेल से बिजली बनाने के रूप में मिली। यह बिजली ऐसी थी, जिस पर इंसान नियंत्रण कर सकता था। औद्योगिक विकास के दो सौ साल की इस यात्रा में यह समझ भी बनी कि बिजली के ये सारे स्नेत प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिग जैसी उन समस्याओं को पैदा करते हैं जिनसे आगे चलकर जीवन और धरती के विनाश की आशंका जताई जा रही है। + +बिजली के मामले में परमाणु ऊर्जा एक राहतभरा विकल्प नजर आ रहा है, लेकिन इसमें भी परमाणु कचरे के रूप में निकलने वाले रेडियोएक्टिव पदार्थो के सैकड़ों वर्षो तक विघटित नहीं होने की समस्या हमारी सभ्यता के लिए चिंता की वजह बनी हुई है। फिर भी कोई संदेह नहीं कि परमाणु बिजली पैदा करने के अन्य विकल्पों के मुकाबले ज्यादा स्वच्छ और टिकाऊ मानी जाती रही है। इसमें भी एक नए तरीके ने दुनिया को ज्यादा बड़ी उम्मीद दिखाई है, जिसके तहत परमाणुओं के पारंपरिक विखंडन के बजाय उनके संलयन से बिजली बनाने की कोशिश दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हो रही है। संलयन की प्रक्रिया में कोई कचरा नहीं निकलता। इससे विखंडन के मुकाबले कई गुना ज्यादा ऊर्जा निकलती है। इस संबंध में एक उल्लेखनीय प्रयास हमारे पड़ोसी देश चीन में किया गया है। हाल में वहां इससे संबंधित एक परियोजना में कृत्रिम सूर्य जैसी व्यवस्था बनाकर असली सूरज से भी ज्यादा तापमान पैदा किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10a11cb98531efc5e205eba821e2cf8bea1f6528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63305.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, अमित शर्मा। बात लगभग तीन महीने पहले की है। प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत के बाद पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे की शादी से जुड़े एक पारिवारिक समारोह के कुछ वीडियो वायरल हो गए। विवाह समारोह से जुड़ा आयोजन होने के कारण वहां आमंत्रित मेहमानों का मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द इकट्ठे होना या सेल्फियां लेना स्वाभाविक था। + +वीआइपी सुरक्षा की दृष्टि से इन तमाम वीडियो में मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लिए तय किए गए सुरक्षा प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ते साफ साफ दिख रही थी। सो राज्य के गृह विभाग ने सुरक्षा में ऐसी चूक का स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस विभाग से रिपोर्ट मांगी। खुफिया विभाग तुरंत हरकत में आया और विभागीय रिपोर्ट के आधार पर वीडियो वायरल होने के चंद घंटों में ही एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया और चार अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c35f3b6c0ad00caa818c7fbae29e0768e26611c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63307.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वामी विवेकानंद ब्रिटिश शासन के तहत प्रचलित शिक्षा प्रणाली से पूरी तरह से असंतुष्ट थे। वह शिक्षण की भारतीय पद्धति की वकालत करते थे। उन्होंने घोषणा की थी कि हमारे देश की संपूर्ण शिक्षा हमारे अपने हाथों में होनी चाहिए। यह राष्ट्रीय तर्ज पर और राष्ट्रीय सरोकारों के माध्यम से जहां तक संभव हो, होनी चाहिए। वह शिक्षा के ढांचे को इस तरह से डिजाइन किए जाने के पक्ष में थे कि व्यक्ति को यह अहसास हो कि उसमें अनंत ज्ञान और शक्ति का निवास है तथा शिक्षा उस तक पहुंचने का साधन है। वह छात्र और शिक्षक के बीच व्यक्तिगत संपर्क पर जोर देते थे और कहते थे कि शिक्षक को चरित्र और नैतिकता का सर्वोच्च जीवंत उदाहरण होना चाहिए। उनका मत था कि एकाग्रता के द्वारा ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। जो एकाग्रता के साथ सीखता है, निश्चित रूप से वह जिंदगी के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ff19baae9544e7cf65bef4b6a66ba7f37d527d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन सवालों के जवाब के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच समिति की रपट की प्रतीक्षा करनी होगी कि प्रधानमंत्री का काफिला किन कारणों से रुका? क्या इसके पीछे कोई साजिश थी या फिर सियासी शरारत? इन सवालों का चाहे जो जवाब हो, फिरोजपुर में जो हुआ, उसकी जड़ें शाहीन बाग के उस अराजक धरने में भी हैं, जिसने दिल्ली के एक प्रमुख रास्ते को करीब सौ दिन तक बाधित रखा और कृषि कानून विरोधी उस आंदोलन में भी, जिसने करीब एक साल तक दिल्ली के ही सीमांत इलाकों की सड़कों को अवरुद्ध रखा। ये रास्ते क्यों अवरुद्ध रहे? एक तो इस कारण कि सरकार अराजकता का परिचय दे रहे शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को रास्ते से नहीं हटा सकी और दूसरे, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस अराजकता की अनदेखी की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db72d64c6db4b7db548193eddc1f5213627f99af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नए बायोमार्कर की पहचान।नए अध्ययन में ऐसे कोशिकीय बायोमार्कर की पहचान की गई है, जो जीएस अल्फा को लिपिड राफ्ट से स्थानांतरित कर देता है। इस बायोमार्कर की पहचान ब्लड टेस्ट से की जा सकती है। उन्होंने बताया कि हमने एक ऐसी जांच विकसित की है, जो न सिर्फ अवसाद होना बताएगी बल्कि इससे एक ही बायोमार्कर से इलाज के असर का भी संकेत मिलेगा। शोधकर्ताओं का मानना है कि वे इस ब्लड टेस्ट के जरिये महज एक सप्ताह में यह भी पता कर सकेंगे कि अवसादरोधी जो इलाज किया जा रहा है, उसका असर हो रहा है या नहीं। पूर्व के शोध में यह बताया जा चुका है कि अवसाद के लक्षण जब कम होते हैं तो जीएस अल्फा लिपिड राफ्ट से अलग हो जाता है। हालांकि अवसादरोधी दवा लेने के बावजूद जिन मरीजों में सुधार नहीं होता है, उनमें जीएस अल्फा राफ्ट से चिपके ही रहते हैं। इसका मतलब यह है कि रक्त प्रवाह में अवसादरोधी की पर्याप्तता नहीं है, जिससे कि लक्षणों में सुधार हो सके। इलाज शुरू करने के एक बाद ही ब्लड टेस्ट से यह पता चल जाएगा कि जीएस अल्फा लिपिड राफ्ट से अलग हुआ है या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a62066dd6faf2a14377c1a4cdac315091156fc8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63317.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +40 बच्चे एक साथ कर सकते पढ़ाई ।'शिक्षा उड़ान' में 40 बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। प्रधानाध्यापक बताते हैं कि निर्माण में करीब दो लाख रुपये लगे हैं। इसे लोगों के सहयोग से जुटाया गया था। निर्माण स्थानीय मिस्त्री को डिजाइन बताकर कराया गया। बनाने में तीन महीने लगे। पुस्तकालय में पाठ्यक्रम के अलावा साहित्यिक, महापुरुषों की जीवनी व इतिहास की करीब एक हजार पुस्तकें हैं। बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान, समाचार पत्र और विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे बच्चे देश-दुनिया के तमाम घटनाक्रम से अवगत हो सकेंगे। + +बच्चों में स्कूल के प्रति बढ़ी ललक।मध्य विद्यालय, नंदनी के पूर्व प्रधानाध्यापक रामप्रवेश ठाकुर बताते हैं, वर्ष 2014 में नामांकन के अनुरूप बच्चे स्कूल नहीं पहुंच रहे थे। उस समय प्रयोग के तौर पर स्कूल को ट्रेन का रंग और कमरों को आरक्षित व एसी बोगियों के माडल में सजाया गया। 2018 में स्कूल नये रंग-रूप में आया तो बच्चों की उपस्थिति बढ़ गई। सोमवार को इस भवन का उद्घाटन करने के बाद मोहिउद्दीननगर विधायक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रयोग सराहनीय है। इससे बच्चों में विद्यालय जाने के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e28efa0b8348c9baa7c003fa866a0888521062b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार हुए बॉलीवुड एक्टर अरमान कोहली और एक पैडलर अजय सिंह की हिरासत एनडीपीएस की विशेष अदालत ने एक सितम्बर तक बढ़ा दी है। कोहली और सिंह, दोनों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 28 अगस्त को एनडीपीएस एक्ट में गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तारी से पहले एनसीबी ने अरमान के घर पर रेड मारी थी। ।दोनों को एनसीबी ने एनडीपीएस की विशेष अदालत में पेश किया था, जहां से एक दिन की कस्टडी में भेज दिया गया था। सोमवार को एनसीबी ने दोनों को अदालत में पेश करते हुए कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी। इसके पीछे एनसीबी ने तर्क दिया कि उन्हें एक्टर के घर से एक ग्राम से अधिक कोकेन मिली है और पूछताछ के लिए उन्हें दोनों को कस्टडी में रखने की ज़रूरत है। ।Actor Armaan Kohli sent to Narcotics Control Bureau (NCB)।custody till 1st September.।He was arrested following the seizure of drugs from his residence in Mumbai.।(File photo) pic.twitter.com/kUpFSkkF1G।बताते चलें कि छापामारी के बाद कोहली को पहले हिरासत में लिया गया था, मगर बाद में एनसीबी ने ड्रग्स की लघु मात्रा रखने के आरोप में संबंधित नियमों के तहत गिरफ़्तार कर लिया। उन पर एनडीपीएस एक्ट के तहत अवैध रूप से फाइनेंसिंग और आरोपियों को संरक्षण देने के भी आरोप हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e32cf25272625d3f535af2a3d92c1fb8d042efad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63320.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। जब शरीर की कोशिकाओं में अनियंत्रित विभाजन होता है तो ये आसामान्य कोशिकाएं एक जगह एकत्र होकर ट्यूमर बना देती हैं। यह एक उभार या गांठ के रूप में नजर आता है। यदि शुरुआत में इसकी पहचान हो जाए और उपचार किया जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है, लेकिन चौथी स्टेज पर पहुंचने पर इसका उपचार संभव नहीं है, इसलिए इस संबंध में जागरूकता बेहद आवश्यक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c896a55861b0d13554653f56f05991c15b052619 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कूड़े से अटी सूख चुकी पोखर की सुध नगर निगम ने नहीं ली। स्थानीय लोगों ने बीड़ा उठाया तो पोखर को न सिर्फ साफ किया, बल्कि इसे संरक्षित भी किया गया। मिट्टी का भराव कराकर समतल मैदान तैयार किया है। अब यहां धार्मिक आयोजन होते हैं। त्याेहार भी यहां सामूहिक रूप से मनाए जाते हैं। जन्माष्टमी पर्व यहीं धूमधाम से मनाया गया था। श्रीमद् भागवत कथा का वृहद आयोजन भी हुआ। छोटे समाराेह भी लोग यहीं कर लेते हैं। पोखर की वर्तमान तस्वीर देखकर नहीं लगता कि कभी वहां कूड़े के ढेर लगे रहते थे, जानवर विचरण करते थे। पोखर का स्वरूप ही बदल चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63323.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e609834038a47bcdc98dc06ff18d0d3445ccb45c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63323.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इन बांग्लादेशियों पर भारतीय दंड संहिता, अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट कानून की संबंधित धाराओं में मुकदमा चल रहा है। वे भारत एवं बांग्लादेश में ‘खलीफा’ प्रणाली स्थापित करने के वास्ते मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवाश करने एवं आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जेएमबी व एक्यूआइएस के अपने साथियों के साथ देश में दाखिल हुए थे। + +ये चारों बांग्लादेशी एवं भारतीय आरोपित भारत में जेएमबी व एक्यूआइएस टोली (माड्यूल) स्थापित करने तथा अपनी विचारधारा के प्रसार एवं आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने में सक्रिय रूप से शामिल थे। यही नहीं इन लोगों के पास ‘हवाला’ के जरिये बांग्लादेश से पैसा पहुंचता था और जांच से बचने के लिए फर्जी तरीके से भारतीय पहचान पत्र हासिल कर लिए थे। इससे साफ हो जाता है कि भारत विरोधी गतिविधियां चलाने वाले पाकिस्तान और बांग्लादेश में बैठकर षड्यंत्र रच रहे हैं। इन लोगों को देश में बैठे कुछ गद्दार मदद कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63cbdf6dfc6d68d2e8f1a39b3b2b6c0bd2be9f95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताजमहल पर दिसंबर में औसतन 20 हजार पर्यटक प्रतिदिन आ रहे थे। जनवरी के पहले सप्ताह में देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के एक बार फिर पैर पसारने के साथ पर्यटकों की संख्या आधी रह गई है। दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू, उप्र में नाइट कर्फ्यू और राज्यों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के चलते पर्यटन उद्योग पूरी तरह ठप होने के कगार पर पहुंच गया है। इंटरनेशनल फ्लाइट मार्च, 2020 से स्थगित चल रही हैं और अब विदेशी पर्यटकों के लिए सात दिन का होम क्वारंटाइन अनिवार्य किए जाने से विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना गौण हो गई है। जनवरी में आगरा में तीसरी लहर के आरंभ होने का ही ये असर है कि दिसंबर के आखिरी सप्‍ताह में ताजमहल पर पर्यटकों की संख्‍या एक दिन में 35 हजार से अधिक पहुंच गई थी, जबकि 10 जनवरी को ये आंकड़ा घटकर 6500 के आसपास ही रह गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..928257d3832ce50bcd151dd120a593b5ccf14c7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63326.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का हाथ मजबूत किया है तो दिल्ली में कांग्रेस के पंजे को कमजोर कर दिया है। ऐसे में इमरान मसूद के समाजवादी पार्टी में जाने की घोषणा दिल्ली कांग्रेस के लिए भी एक बड़ा झटका है। इसकी वजह है यह है कि इमरान मसूद दिल्ली कांग्रेस के सह प्रभारी भी थे। ऐसे में जब राजधानी दिल्ली में भी दिल्ली नगर निगम चुनाव सिर पर हैं, तो ऐसे में उनका पार्टी को अलविदा कहना दिल्ली में भी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। + +बड़ी रणनीति के कांग्रेस ने दी थी इमरान को दिल्ली में जिम्मेदारी। राजनीतिक जानकारों की मानें तो दिल्ली के ज्यादातर मुस्लिम मतदाता पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। वहां पर इमरान मसूद का अच्छा वजूद माना जाता है। आलाकमान को उम्मीद थी कि दिल्ली कांग्रेस का सह प्रभारी बनाने से एक ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुस्लिम मतदाता अपने नेता की तरक्की से खुश होकर कांग्रेस का हाथ थामेगा तो वहीं दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी इस वर्ग का समर्थन पाना आसान हो जाएगा। इससे पहले कि आलाकमान की यह सोच साकार रूप ले पाती, इमरान खुद ही हाथ का साथ छोड़ साइकिल की सवारी करने चल पड़े। + +दिल्ली में और कमजोर हुई कांग्रेस। स्वाभाविक तौर पर इमरान का यह कदम दिल्ली के कांग्रेसियों को हतप्रभ करने वाला है, ऐसा इसलिए भी क्योंकि दिग्गज नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ते जाने से राजधानी दिल्ली में पहले से ही कांग्रेस बहुत कमजोर हो चुकी है। आलम यह हो चला है कि प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं को यही तनाव सताने लगा है कि आप और भाजपा की सीधी लड़ाई में क्या नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ठीक से लड़ भी पाएगी या नहीं। पार्टी को लगे इस नए झटके को लेकर जब कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल से बात की गई तो उन्होंने इस प्रकरण की अधिक जानकारी न होने की बात कहते हुए प्रतिक्रिया देने में असमर्थता जता दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61fbe08c0a304d7f77d3d0b8d8f5d1150fe0af07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रंजना मिश्र। तमाम सरकारी पदों पर नियुक्तियों और शीर्ष शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इसके तहत लिखित परीक्षाओं में नकल के संदर्भ में अनेक तरीके से प्रयास किए जाते रहे हैं। किसी एक तरीके के पकड़ में आने पर दूसरे तरीके की ओर ध्यान दिया जाता है। अक्सर इसमें ऐसे गिरोह भी पकड़ में आए हैं जो बड़ी रकम लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराते हैं या फिर प्रश्नों के उत्तर उनतक पहुंचाते हैं। परंतु नकल की अधिकांश तरकीब को जान-समझ लिया गया है और शासन-प्रशासन की ओर से नकेल इतनी अधिक कस दी गई है कि उसे तोड़ पाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में ये लोग नए नए तरीके तलाशते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..898e8a81393809a74ef39c132f6199340d3080d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3.9 प्रतिशत रहेगी कृषि क्षेत्र की वृद्धि : वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों की वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में रहे 3.6 प्रतिशत से ज्यादा है। जीडीपी के पहले अग्रिम अनुमान में कृषि की स्थिति महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 3.6 प्रतिशत की वृद्धि दर से मजबूत दिख रही है। राष्ट्रीय आमदनी का पहला अग्रिम अनुमान फसल उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान पर आधारित है, जो खरीफ फसलों के उत्पादन को दिखाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2515c7386789d56001b410aff8acfc8370d07376 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63333.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश तथा केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पालिसी हरियाणा सरकार के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रहे हैं। हरियाणा के 13 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने की वजह से इन आदेशों का सबसे अधिक असर प्रदेश के लोगों पर पड़ रहा है। हरियाणा सरकार चाहती है कि दिल्ली में राजघाट को केंद्र बिंदु मानकर उसके 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों को ही एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का हिस्सा माना जाए। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एनसीआर के क्षेत्र में आने वाले कम से कम जिलों का अधिक से अधिक विकास होगा तथा अधिक दूरी वाले जिले एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार की तमाम ऐसी पाबंदियों से बच जाएंगे, जो उनके लिए जरूरी नहीं हैं। + +इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपनी बात केंद्र सरकार खासकर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड तक पहुंचा चुके हैं। अब हरियाणा विधानसभा की प्रीविलेज कमेटी के चेयरमैन एवं गुरुग्राम के भाजपा विधायक सुधीर सिंगला ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के सचिव को एक पत्र लिखकर ऐसे तमाम जिलों को एनसीआर रीजन से बाहर करने की मांग की है, जो दिल्ली से 100 किलोमीटर की दूरी पर हैं। हालांकि सरकार के कुछ लोग एनसीआर रीजन को 50 किलोमीटर तक ही सीमित करने के हक में हैं, लेकिन इसे 100 किलोमीटर तक भी स्वीकार कर लिया जाए तो लाखों लोगों की परेशानी कम हो सकती है। + +विधानसभा की प्रीविलेज कमेटी के चेयरमैन सुधीर सिंगला ने सुझाव दिया है कि गुरुग्राम, नोएडा, बहादुरगढ़, सोनीपत और फरीदाबाद तक को एनसीआर में शामिल करना उचित है, लेकिन बाकी जिलों को एनसीआर का हिस्सा बनाने का कोई फायदा नहीं है। करनाल, चरखी दादरी, जींद, महेंद्रगढ़, पानीपत और भिवानी समेत कई इलाके ऐसे हैं, जिन्हें एनसीआर रीजन में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है। उत्तर प्रदेश के दो जिलों मुजफ्फरनगर की जानसठ और बुलंदशहर की शिकारपुर तहसील भी एनसीआर के दायरे से बहुत बाहर है। राजस्थान का अलवर जिला एनसीआर के करीब है। सुप्रीम कोर्ट अथवा एनजीटी जब भी किसी तरह का प्रतिबंध लगाते हैं तो आधे से ज्यादा हरियाणा उसकी चपेट में आ जाता है, जबकि उसे फायदा कुछ नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63336.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75993dbc4c9ddf347e8d27e42929d8521d7eb20d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63336.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेलवे प्रशासन ने कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में कोरोना की जांच के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। कार्यरत कर्मचारियों व आने वालों की एंटीजन व आरटीपीसीआर की जांच के ल‍िए नमूने लिए जा रहे हैं। + +अप्रैल व मई 2021 में कोरोना संक्रमण के बाद रेलवे प्रशासन ने सभी रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना का टीका लगाने के लिए अभियान चला रखा था। रेलवे अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों को टीके लगवाए जा रहे थे। लगातार चेतावनी देने के बाद भी मंडल में दस फीसद यानी 16 सौ से अधिक कर्मचारियों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद रेल प्रशासन ने कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों पर ध्यान देना बंद कर द‍िया था। अब फिर से लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है, इसके बाद रेल प्रशासन सख्त हुआ है। उत्तर रेलवे मुख्यालय के आदेश के बाद सोमवार से कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले और वैसे कर्मचारी जो कोरोना का प्रथम खुराक लगवा चुके हैं, लेकिन समय पूरा होने के बाद भी दूसरा खुराक नहीं लगवाया है, उसके कार्यालय आने पर पूरी रोक लगा दी है। कोरोना का टीका लगवाने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद कार्यालय में आने की अनुमति दी जाएगी। जब तक टीका नहीं लगवाते हैं, तब तक अनुपस्थित माने जाएंगे। रेलवे की गाइड लाइन के बाद सोमवार को रेलवे अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में कोरोना की जांच के लिए शिविर लगाया। यहां कार्यरत सभी रेलवे कर्मचारियों व बाहर से आने वालों की एंटीजन द्वारा किट से जांच की जा रही थी। कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले कर्मचारियों के नमूने लेकर आरटीपीसीआर की जांच के ल‍िए भेजे गए हैं। टीम को जांच में दस से अधिक कर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिससे किसी प्रकार का कोई लक्षण नहीं था, सभी को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है और परिवार के अन्य सदस्यों की जांच कराने को कहा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23723eae731b88adff4a2cc00943b2261679d03e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इय योजना के पीछे हैं मंत्रालय के ये दो उद्देश्य।विद्यांजलि योजना की वेबसाइट पर संस्थानों के बुनियादी ढांचे और पठन-पाठन की जरूरतों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अनुरूप कोई भी व्यक्ति या संस्था उच्च शिक्षण संस्थानों की मदद कर सकेगा। योजना के पीछे मंत्रालय के दो उद्देश्य हैं। पहला, संस्थानों की जरूरत की पूर्ति हो जाएगी और दूसरा, लोगों का संस्थानों के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fb59060a16f9de4d16c31c05614b01535c185ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63338.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। चीन इस समय दुनियाभर के देशों के साथ 'डेट-ट्रैप डिप्लोमेसी' का कार्ड खेल रहा है। इसके जरिए चीन पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नाम पर विदेशी देशों को कर्ज देता है। इसके बाद जब कर्ज लिए देश इसे चुकाने में सक्षम नहीं होते तो वह उनके संसाधनों पर कब्जा करना शुरू कर देता है। इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका है। श्रीलंका को कर्ज के बदले में अपना एक पोर्ट हंबनटोटा चीन को देना पड़ा। चीन की इस खतरनाक लोन डिप्‍लोमेसी ने कई देशों को अपने कर्ज के चंगुल में फंसा दिया है। चीन की महत्‍वाकांक्षी बेल्‍ट एंड रोड परियोजना में कई देश चीन के कर्ज में डूब चुके हैं। बता दें कि चीन की बेल्‍ट एंड रोड प्रोजेक्‍ट दुनिया की सबसे महंगी परियोजना है। आइए जानते हैं कि क्‍या है चीन की लोन डिप्‍लोमेसी। इसके क्‍या होंगे दूरगामी परिणाम? आखिर चीन किस योजना पर कर रहा है काम? भारत किस तरह से हो रहा है प्रभावित?।गरीब मुल्‍कों की एकता और अखंडता के लिए खतरा बना चीन।विदेश मामलों के जानकार प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि चीन ने बहुत चतुराई से कई मुल्‍कों को अपने इस जाल में फंसाया है। चीन ने इस प्रोजेक्‍ट की आड़ में करीब 385 बिलियन डालर तक का कर्ज कई गरीब देशों को दिया है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका की यह रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली थी। इससे चीन की रणनीति को आसानी से समझा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि चीन इसके जरिए केवल श्रीलंका ही नहीं बल्कि कई गरीब मुल्‍कों को आर्थिक गुलामी की ओर ले जा रहा है। चीन की यह रणनीति उन मुल्‍कों की एकता और अखंडता के लिए बेहद खतरनाक है। + +2- उन्‍होंने कहा कि कहा कि वर्ष 2019 में जब श्रीलंका में गोटभाया राजपक्षे ने सत्ता संभाली तब से चीन के साथ संबंध कमतर हुए हैं। राजपक्षे को यह भय सता रहा था कि अगर वह चीन से कर्ज लेता रहा तो वह ड्रैगन का सैटेलाइट स्टेट बनकर रह जाएगा। प्रो. पंत ने कहा कि महिंदा राजपक्षे के शासन में चीन से निकटता बढ़ी थी। श्रीलंका ने विकास के नाम पर चीन से खूब कर्ज लिया, लेकिन जब उसे चुकाने की बारी आई तो श्रीलंका के पास कुछ भी नहीं बचा। इसके बाद हंबनटोटा पोर्ट और 15,000 एकड़ जगह एक इंडस्ट्रियल जोन के लिए चीन को सौंपना पड़ा। अब आशंका जताई जा रही है कि हिंद महासागर में अपनी गतिविधियों को जारी रखने के लिए चीन इसे बतौर नेवल बेस भी प्रयोग कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0156ceaae22ae131c049b57de7b14125187549e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63339.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तथ्य यह हैं कि बीते एक दशक के दौरान रक्षा बजट में दूसरे महकमों के मुकाबले कमी ही दर्ज की गई है। सैन्य व रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल जेकेएस परिहार कहते हैं कि बीते दो साल में रक्षा बजट में कटौती का ही दौर चला है। ऐसे में पिछले साल वन रैंक वन पेंशन फंड में कम खर्च हुई रकम और आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को कंपनी में तब्दील करने से बचने वाली राशि को सेनाओं के आधुनिकीकरण और नए हथियारों-उपकरणों की खरीद के लिए पूंजीगत आवंटन में दे देना चाहिए। साथ ही संपूर्ण रक्षा बजट में कम से कम 10 फीसदी की बढ़ोतरी अपरिहार्य जरूरत है। + +आधुनिक वार फेयर सिस्टम की ओर तेजी से कदम बढ़ाने के लिए बड़े बजट की जरूरत।मेजर जनरल परिहार इस बारे में कहते हैं कि राफेल जेट का बेड़े में शामिल होना अहम है मगर भविष्य के खतरों को देखते हुए केवल इसी पर निर्भर नहीं रहा जा सकता और हमें चीन के लड़ाकू जेट जेएस-17 के मुकाबले के छठी जेनरेशन के लड़ाकू जेट को वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बनाना होगा। सैन्य तैयारियों को समय की मांग और चुनौती के अनुरूप रखने के लिए आधुनिक वार फेयर सिस्टम की ओर तेजी से कदम बढ़ाने के लिए बड़े बजट की जरूरत है। ताकि एयर स्पेस सेटेलाइट वार फेयर, आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस वार फेयर, साइबर सिक्यूरिटी वारफेयर, बायलॉजिकल वार फेयर जैसे भविष्य की युद्ध प्रणाली के ढांचागत विस्तार की दिशा में देरी न हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a25a8a7360665d019c5a1430af98457d7a709fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुगलसराय वर्तमान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री का जन्‍म हुआ था। लाल बहादुर शास्‍त्री आज भी सादगी के मिसाल हैं। जय जवान जय किसान का नारा देने वाले शास्‍त्री जी के साहसिक निर्णय आज भी लोगों की जुबां पर हैं। चाहे रेल दुर्घटना के बाद रेलमंत्री पद से इस्‍तीफा देना हो या 1965 भारत-पाक युद्ध। दो अक्‍टूबर 1904 में लाल बहादुर शास्‍त्री का जन्‍म हुआ था। 18 माह के थे, तब पिता का निधन हो गया था। मिर्जापुर ननिहाल में रहकर पढ़ाई की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c23928db7804d69f669ffe59610f254d4bc8ed7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63341.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +न्यूयार्क, आइएएनएस। वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना महामारी का बहुआयामी असर हुआ है। इसमें स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों को नुकसान प्रमुख तौर पर गिनाए जाते हैं। लेकिन महामारी के प्रसार को थामने के लिए वर्ष 2020 में लगाए गए लाकडाउन का पर्यावरण पर बड़ा सकारात्मक असर हुआ। इस संदर्भ में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के एक शोध में सामने आया है कि कोविड-19 के कारण साल 2020 में बड़े पैमाने पर लगाए गए लाकडाउन के दौरान विश्वभर में वज्रपात (आकाशीय बिजली गिरने) की घटना में करीब आठ प्रतिशत की कमी आई। + +एयरोसोल की अहम भूमिका।एयरोसोल के लिए उन्होंने सेटेलाइट डाटा का प्रयोग किया जो वातावरण में प्रदूषण की स्थिति भी दर्शाता है। एयरोसोल का आकलन आप्टिकल डेप्थ के रूप में किया गया, जो यह दर्शाता है एयरोसोल प्रकाश को अवशोषित कर परावर्तित करता है। साल 2018 से 2021 के बीच ऋतु दर ऋतु शोधकर्ताओं ने पाया कि लाकडाउन के दौरान अधिकांश जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने और एयरोसोल में उल्लेखनीय कमी आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2e22bd0aff8f4666da51698580ad430138c364e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63342.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी से मोतीझील के बीच मेट्रो में सफर करने वाले शहरवासियों को घर बैठे टिकट मिल सकेगी। पेपर टिकट लेने के लिए उन्हें मेट्रो स्टेशन के काउंटर पर जाकर लाइन नहीं लगानी होगी। मेट्रो प्रशासन ने फरवरी माह के पहले सप्ताह में कानपुर मेट्रो एप लांच करने की तैयारी पूरी कर ली है। नई व्यवस्था लागू होने से लोगों को कतार में खड़े होने से निजात मिलेगा। + +29 दिसंबर से मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू होने से अब तक टिकट काउंटर से यात्रियों को पेपर टिकट दिए जा रहे हैं। वर्तमान समय में रोजाना करीब 15 हजार यात्री मेट्रो में सफर कर रहे हैं। इस वजह से टिकट काउंटरों पर यात्रियों की काफी भीड़ हो रही है। कोरोना के लगातार बढ़ रहे खतरे के बीच यह सुविधा कोरोना प्रसार को रोकने में मददगार बनेगी।  ।प्रत्येक स्टेशन के लिए अलग होगा क्यूआर कोड: क्यूआर कोड आधारित टिकट के लिए लोगों को अपने मोबाइल फोन पर कानपुर मेट्रो का एप रखना होगा। वहां अपना नाम रजिस्टर करवाकर टिकट खरीदा जा सकेगा। प्रत्येक स्टेशन के लिए अलग क्यूआर कोड होगा। जिस मोबाइल से टिकट खरीदा जाएगा, सिर्फ उसी मोबाइल से क्यूआर कोड काम करेगा। जिस स्टेशन से यात्री ट्रेन में चढ़ेंगे और जिस स्टेशन में उतरेंगे, उसका नाम एप में लिखना होगा। आनलाइन किराए का भुगतान करने पर यात्री के मोबाइल में क्यूआर कोड आ जाएगा। उसके बाद गेट के पास जाने पर स्कैनर उस कोड को स्वीकार कर लेगा और गेट खुल जाएगा। स्टेशन में प्रवेश करने व निकलते समय कोड को स्कैन करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63343.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a683032b60c64d685b570d0f796a87a358fa61ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63343.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कालाबादल के गीतों में ठेठ बोल-चाल की भाषा के सरल शब्द, लयात्मकता और सुरीलापन सुनने वालों पर अभूतपूर्व प्रभाव छोड़ते थे, एक गीत की कुछ पंक्तियां देखिए जिसमें वह जनता को अत्याचारियों का विरोध करने और इसके परिणाम भुगतने के लिए मज़बूत बनने की बात कहते हैं -।गाढ़ा रीज्यो रे मर्दाओं, थांको सारो दुख मिट जावे। अन्यायी एको कर करसी, थांके ऊपर वार। तोड़ां बेड़ी, गाल्यां घमकी वार। एको कर मल जाज्यो रे मारत मां का पूत। ईश्वर थांकी जीत करेगा रीज्यो थां मजबूत।अर्थात-हे देश के वीरों! यदि तुम मजबूत बनकर अत्याचारियों के विरोध हेतु खड़े हो जाओ तो तुम्हारे सब दुखों का अंत हो जाएगा, इन सभी अन्याय करने वालों ने आपस में एकता करली है, वे अपशब्द कहते हैं, धमकियां देते हुए तुम्हारे ऊपर वार कर रहे हैं, आओ हम सब भी एक हो जाएं और इन परतंत्रता की बेडिय़ों को तोड़ डालें, इसमें ईश्वर भी हमारे साथ है। + +अपने लोकभाषा में रचे गए गीतों की लोकप्रियता के कारण कालाबादल पूरे राजस्थान में आजादी के आंदोलन के दौरान होने वाले वाले सभा-सम्मेलनों की अनिवार्यता हो गए थे। सन् 1940 में उन्होंने कोटा जिले के रामगंज मंडी कस्बे में प्रजामंडल का एक विशाल किसान सम्मेलन आयोजित करवाया, इसमें लगभग 10 हजार लोगों ने भाग लिया। इस सम्मेलन में हजारों नवयुवकों ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लेने का संकल्प लिया। कालाबादल के हाड़ौती भाषा में रचे गए गीत लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गए थे। अब लोग उनके गीतों की पुस्तक प्रकाशित करने की मांग करने लगे थे। सन् 1940 में कालाबादल उस समय के बेहद चर्चित बिजोलिया किसान आंदोलन के प्रणेता, राजस्थान केसरी क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक के घर पुस्तक प्रकाशन के संदर्भ में आगरा गए। उस समय उनके प्रेस पर अंग्रेज सरकार ने पाबंदी लगा रखी थी। पथिक जी ने अत्यंत गोपनीय तरीके से कालाबादल के गीतों की पुस्तक 'आजादी की लहर' प्रकाशित कर आगरा से उन्हें सकुशल रवाना किया। उनकी अन्य पुस्तकें हैं 'गांवों की पुकार' और 'सामाजिक सुधार'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61724c322bdce794140387123d830f9266efe48d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63344.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +साहित्य जगत में सबिस्ता ब्रजेश बड़ा नाम हैं। मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाली इस शख्सियत ने 1998 में एडवोकेट ब्रजेश श्रीवास्तव से शादी कर ली थी। तब इनके ऊपर 13 लाख का कर्ज था। शादी के कई साल बीतने के बाद भी इनको संतान नहीं हुई। एक जनवरी, 2005 को इन्होंने चुनमुन को अपनाया, तब वह केवल चार माह का ही था। उसके कदम घर पर पड़ते ही सबिस्ता की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी। वकालत के साथ ही घर पर लगी आटा चक्की से भी मुनाफा आने लगा। सबिस्ता को कवि सम्मेलनों में बुलाया जाने लगा और उनकी किताबें भी बाजार में आईं। कवि सम्मेलनों के संचालन से अच्छी आय होने लगी। महज कुछ सालों में ही वह कर्ज से मुक्त हो गईं। उन्होंने इसका पूरा श्रेय चुनमुन को दिया और उसके लिए अलग से तीन कमरे बनवा दिए। + +एयरकंडीशनर भी लगवा दिया। 2010 में बिट्टी नाम की बंदरिया से उसकी शादी भी करा दी। चुनमुन के नाम से ट्रस्ट बनाकर वह पशुसेवा करने लगीं। 2016 में वह चुनमुन ट्रस्ट के नाम ठीकठाक रकम जमा करने वाली थी, ताकि पशु सेवा के कार्यों में आर्थिक अड़चन आड़े न आए, मगर किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो सका। 14 नवंबर, 2017 को चुनमुन की मौत हो गई। सबिस्ता ने पूरे विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार कराया और तेरहवीं भी की। बाद में चुनमुन के नाम से घर पर मंदिर बनवाया और उसमें भगवान राम और सीता के साथ चुनमुन की मूर्ति भी स्थापित कराई। + +पशुसेवा के लिए बेच देंगी मकान : सबिस्ता कहती हैं कि उन्हें बंदरों से बहुत प्यार है। वह उन्हें भगवान हनुमान की तरह पूजती हैं। बोलीं, घर पर सिर्फ मैं और मेरे पति ब्रजेश रहते हैं। इतने बड़े घर का कोई मतलब नहीं है। इसे बेचकर छोटा सा घर ले लेंगे। इसके अलावा निराला नगर में भी जमीन है, उसे भी बेच देंगे। इनसे जो रकम मिलेगी, वो चुनमुन ट्रस्ट के नाम से खुले बैंक एकाउंट में जमा करके पशु सेवा करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3422989e7de1ad08c2a2eb9157ff7ed20e5d227f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मार्च में गेहूं की इस किस्म को विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट आफ प्लांट ब्रीडिंग एंड जेनेटिक्स व्हीट सेक्शन के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि किसान की खेती कर ज्यादा उत्पादन लेकर मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी बिजाई अगेती और समय पर की जा सकती है। इसका औसत कद 10 सेंटीमीटर है और करीब 156 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की बिजाई किसी भी तरीके से की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb825e2110c437d05e81aceab91eb3a32a83f395 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिव्‍यांग व बुजुर्गों के घर तक पहुंचेगी टीम।कोरोना संक्रमण के चलते आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत दिव्यांग व बुजुर्गों का मतदान कराए जाने के लिए उनके घर तक मतदाता टीम पहुंचेगी। इससे पहले प्रशासन की ओर से पत्र भेजे जाएंगे। सहमति होने के बाद मतदान कराया जाएगा। पोस्टर वैलेट से मतदान कराए जाने के लिए अभी तक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ।जिले में करीब सात हजार दिव्यांग व करीब 16 हजार बुजुर्ग मतदाता हैं। उप निर्वाचन अधिकारी व एडीएम डा. बसंत अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए टीम बनाई जा रही हैं। टीम में शामिल कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद पोङ्क्षलग पार्टियां बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जो बुजुर्ग व दिव्यांग सहमति जताएंगे, टीम उनके घर जाकर मतदान कराएगी। जिम्मेदारों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मतदान कर्मियों की आठ-आठ घंटे की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक गांव में दो-दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। ये कर्मचारी घर से वोट डलवाने की प्रक्रिया को पूरा करवाएंगे। इसके साथ ही 14 हजार सैनिकों को भी मतदान का अधिकार मिलेगा। 64 हजार मतदाताओं को घर से मतदान कराने की तैयारी में अधिकारी जुटे हुए हैं। वहीं सैनिकों के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से इलेक्ट्रानिक बैलेट पेपर भेजा जाएगा। सैनिक अपने मत पत्र को डाक से जिला निर्वाचन आयोग को भेजेंगे। ।विधानसभा वार दिव्यांग मतदाता।2263, हाथरस ।2030,सादाबाद।2494, सिकंदराराऊ -।6887 कुल दिव्यांग मतदाता ।80 से अधिक उम्र के मतदाता विधानसभा वार ।हाथरस,4987।सादाबाद, 5530।सिकंदराराऊ, 5569 ।16, 384 कुल मतदाता।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92367194cc5f48e67b33dc180ebc9a68cd23434a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63349.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हमें नहीं भूलना चाहिए कि जिस जगह प्रधानमंत्री की सुरक्षा की सबसे बड़ी चूक नजर आई, वह जगह पाकिस्तानी सीमा से केवल 30 किलोमीटर ही है। यह ठीक है कि प्रधानमंत्री के दौरे के चलते भारतीय वायुसेना कुछ ज्यादा ही चौकस होगी, लेकिन यह क्यों भूल जाते हैं कि आए दिन पाकिस्तान की ओर से तमाम तरह के पायलट रहित हथियारयुक्त ड्रोन और टोही विमान भारतीय सीमा में घुसपैठ कराए जाते रहते हैं। यदि पाकिस्तान की ऐसी कोई घुसपैठ कामयाब हो जाती तो फिर नतीजों का अनुमान ही लगाया जा सकता है?।भारतीय मानसिकता चाहे कारपोरेटीकरण की समर्थक हो या विरोधी, उसकी एक अभीप्सा तो अमेरिका जाना या अमेरिका जैसा बनना ही है। भारत के वामपंथी अमेरिकी नीतियों का विरोध तो करते हैं, लेकिन जब भी लोकतंत्र, नागरिक अधिकार और नागरिक सहूलियतों का सवाल उठता है, वे अमेरिका को ही मानक के तौर पर प्रस्तुत करते हुए भारतीय व्यवस्था की आलोचना करते हैं। उसी अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर एक बार पद पर रहते हुए हमला हुआ था। तब उनकी सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को पता लगाने के साथ ही नई व्यवस्था सुझाने के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से एक आयोग बना था। उसने अपनी जो रिपोर्ट दी, उसे अक्षरश: लागू किया गया। यह नहीं देखा गया कि रीगन रिपब्लिकन राष्ट्रपति हैं या डेमोक्रेट। वहां राष्ट्रपति को एक संस्था के तौर पर देखा गया। + +पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के पीछे की राजनीति को लेकर भाजपा के अलावा भले ही कोई खुलकर नहीं बोल रहा हो, लेकिन आम राय यह बनी है कि इस चूक के पीछे दलीय राजनीति जरूर रही है। भारतीय व्यवस्था में केंद्र और राज्य के बीच की खींचतान नई बात नहीं रही। लेकिन हाल के वर्षो में विशेषकर उन राज्यों की ओर से संवैधानिक व्यवस्था और अधिकारों की मनमानी व्याख्या व नियमन बढ़ा है। याद कीजिए, साल 2019 की कोलकाता की घटना। शारदा घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम जब कोलकाता पहुंची तो कोलकाता के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव सिंह की अगुआई में केंद्रीय जांच टीम को ही बंधक बना लिया गया। स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे जायज ठहरा दिया। शुक्र है कि अभी न्यायपालिका का इकबाल है और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के साथ ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर की क्लास लगाई थी। इसी तरह की कहानियां आपको हाल के दिनों में महाराष्ट्र में भी खूब दिखेंगी। दिलचस्प यह है कि केंद्र में शासन चला रही पार्टी के विरोधी दलों की बंगाल और महाराष्ट्र में सरकारें हैं। राज्य सरकारें जब भी ऐसे संविधानेतर कदम उठाती हैं तो उसके लिए वे संविधान का ही हवाला देती हैं। + +डा. राममनोहर लोहिया ने अपनी पुस्तक ‘इतिहासचक्र’ में माना है कि भारत के लंबे समय तक गुलाम रहने की बड़ी वजह केंद्रीय स्तर पर मजबूत सत्ता का न होना रहा है। भारत की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेनानी भी इस तथ्य को मानते थे। यही वजह है कि आजाद भारत को मजबूत केंद्रीय व्यवस्था के तहत राष्ट्र बनाने की कोशिश हुई। इसमें संविधान सभा के सरदार हुकुम सिंह, काका भगवंत राय, ब्रजेश्वर प्रसाद जैसे लोगों के विचारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार पटेल तो मजबूत केंद्र के हिमायती थे ही। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ सूचना अधिकारी रहे देवीलाल बाफना ने अपनी संस्मरणात्मक पुस्तक ‘यादों के झरोखे से’ में लिखा है कि किस तरह सरदार पटेल के सामने मुख्यमंत्रियों की घिग्घी बंधी रहती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b885866d083adece1ca9ff54f08c8155a2e43ed1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63350.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में भले ही भाजपा अपना महापौर बनाने में कामयाब रही हो, लेकिन दिल्ली में इसको लेकर सियासत का मिजाज बदल गया है। वहां के चुनाव नतीजों से प्रमुख विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद काफी जोश में हैं और सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षद खामोश हैं। यही वजह है कि इन नतीजों के बाद से सत्तारूढ़ दल के पार्षदों ने क्षेत्र में सक्रियता और बढ़ा दी है। कोरोना में लोगों की मदद के लिए कोविड केयर किट के वितरण के साथ ही जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाया जा रहा है। बीते वर्ष भी भाजपा पार्षदों ने मदद में कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन अब तीन माह में निगम के चुनाव होने वाले हैं तो वे अपनी जनसेवा की दुहाई भी देने लगे हैं। भाजपा पार्षदों की कोशिश है कि तीन बार से लगातार जो सत्ता पार्टी को मिली है उसे चौथी बार भी बरकरार रखा जाए। + +कोरोना नहीं देखता बहाना। जब भी कर्फ्यू लगता है तो उसे तोड़ने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा हो जाती है। खाली सड़कों को देखकर कई लोग बिना वजह से सड़क पर गाडि़यां लेकर निकल पड़ते हैं। ऐसे में जब पुलिस उन्हें जांच के लिए रोकती है तो लोग चालान से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने भी बनाते नजर आते हैं। कई बार ये लोग बहाने बनाकर चालान से बचने में कामयाब भी हो जाते हैं, लेकिन गौर करने की बात है कि पुलिस के सामने तो उनकी बहानेबाजी चल जाती है, लेकिन कोरोना ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ता, जिससे लोग पकड़ में न आएं। हमें यह सोचना होगा कि प्रशासन जो सख्त कदम उठा रहा है वह हमारी भलाई के लिए ही है। मरीजों की संख्या न बढ़े, इसके लिए बाजारों में दुकानों को सीमित संख्या में खोला जा रहा। वीकेंड कर्फ्यू भी कोरोना की चेन को तोड़ने की ही कोशिश है। + +गुप्त आदेश भी हुआ लीक। प्रशासन में बहुत से ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें गुप्त रखा जाता है, लेकिन निगमों में तो अक्सर गुप्त आदेश भी लीक हो जाते हैं। अधिकारियों और कर्मियों की राजनीति का नुकसान अक्सर प्रशासन को ही उठाना पड़ता है। ऐसा ही कुछ तब हुआ जब सात जनवरी को दक्षिणी निगम के दक्षिणी जोन की ओर से सीबीआइ के आठ से दस जनवरी तक चलने वाले गुप्त मिशन के लिए दो शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन आदेश जारी होने के कुछ समय बाद ही निगम कर्मियों के वाट्सएप ग्रुप पर यह आदेश प्रसारित होने लगा। शिक्षक यूनियन के नेता कुलदीप खत्री ने तो इसे शिक्षकों का सम्मान भी करार दे दिया। उनका कहना था कि अब तक शिक्षकों की कोरोना में ड्यूटी लगाई जा रही थी। सीबीआइ के गुप्त मिशन से असली सम्मान अब मिला है। हैरानी तो जब हुई तब यह इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित होने लगा। + +बिना झगड़े की बैठक। निगम की बैठकों में अक्सर पक्ष-विपक्ष में चर्चा के दौरान माहौल इतना गर्म हो जाता है कि बात झगड़े तक जा पहुंचती है। इस वाद-विवाद में दोनों ही पक्ष अपने आप को सही ठहराते नजर आते हैं, लेकिन पिछली बैठक में ऐसा नहीं हुआ। इसमें पक्ष-विपक्ष के सदस्य मुस्कराते हुए एक दूसरे का हाल-चाल जानते नजर आए। दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वर्चुअल बैठक बुलाई गई थी। यह पहला मौका था जब निगम में वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में सभी ने एक दूसरे को नववर्ष की बधाई दी और कोरोना से बचने की सलाह भी। बैठक में बजट से संबंधित कार्रवाई को पूरा कर स्थगित कर दिया गया तो आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद अजय शर्मा ने याद दिला दिया कि यह पहली बैठक है जो बिना झगड़े के खत्म हो रही है। इस पर सभी मुस्कराने लगे और कहने लगे कि आगे भी ऐसा हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63351.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63351.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19622a78717fbaf5a914a03306c708fd53990eaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63351.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देशभर के 132 शहरों में पार्टिकुलेट मैटर के स्तर को 20-30 प्रतिशत तक कम करने के लिए शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तीन साल के नतीजे निराश करने वाले हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि जमीनी स्तर पर प्रगति या तो बहुत कम या फिर हुई ही नहीं। आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश नान-अटेनमेन्ट (जहां पहले ध्यान नहीं दिया जाता था) शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में गिरावट तो कहीं कहीं नाममात्र की हुई, जबकि काफी शहरों में वृद्धि देखने को मिल गई। + +प्रदूषण के मामले में शहरों की ऐसी है स्थिति ।2020 को अगर छोड़ दिया जाए तो लखनऊ पीएम 2.5 के 116 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर के वार्षिक स्तर के साथ पहले स्थान पर रहा था, लेकिन इस साल 100 से ऊपर वार्षिक स्तर के साथ गाजियाबाद प्रदूषित शहरों की तालिका में शीर्ष पर रहा। नोएडा, दिल्ली, मुरादाबाद, जोधपुर जैसे अधिकांश शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में मामूली गिरावट देखी गई। यह शहर पूरे वर्ष शीर्ष 10 प्रदूषित नान-अटेनमेन्ट शहरों में शामिल रहे हैं। पीएम 2.5 के स्तर में गिरावट के साथ वाराणसी 2019 में पांचवीं रैंक से 2021 में 37-वें स्थान पर आ गया। सूची में शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में से चार उत्तर प्रदेश जबकि तीन शहर - हावड़ा, आसनसोल और कोलकाता बंगाल के थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a566937b342989604544016db719e2753db9bfa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63352.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बसपा के लिए 1991 में पहला विधानसभा चुनाव था।बसपा के लिए 1991 का पहला विधानसभा चुनाव था। तब सातों सीटों पर प्रत्याशियों को वोट मिले। किसी सीट पर चौथा तो किसी पर पांचवा स्थान मिला। लेकिन 1993 के चुनाव में विरोधियों को चौंका दिया। अलीगढ़ सीट पर भाजपा के किशनलाल दिलेर मात्र दो हजार वोट से जीते। दूसरे नंबर पर बसपा के अब्दुल खालिक थे। कोल और खैर विधानसभा क्षेत्र में भी बसपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे। बरौली में तीसरे स्थान पर। 2002 का चुनाव में बसपा का स्वर्णिम इतिहास रहा है। सात में से तीन सीट पर बसपा ने अपना परचम लहराया था। कोल से चौ. महेंद्र सिंह, बरौली से ठा. जयवीर सिंह और खैर से प्रमोद गौड़ विधायक बने। मायावती सूबे की सीएम बनीं तो कैबिनेट मंत्री के रूप में ठा. जयवीर ङ्क्षसह व राज्यमंत्री के रूप में चौ. महेंद्र ङ्क्षसह थे। जाट लैंड में खैर से प्रमोद गौड विधायक चुने गए थे। 2005 में हुए उपचुनाव में पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण ङ्क्षसह की कर्मस्थली इगलास में बसपा के मुकुल उपाध्याय ने जीत हासिल की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ac1eacf4ee3e2e2222ee59de76db42873a6d9aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63356.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा एनके गांगुली। किसी भी वायरस में अधिक म्युटेशन होने से उसकी मारक क्षमता घटती है। बार-बार म्युटेशन की प्रक्रिया में कई बार ऐसे वैरिएंट सामने आते हैं, जो अधिक संक्रामक और कम घातक होते हैं। कोरोना महामारी का कारण बने सार्स कोव-2 वायरस के साथ यही देखा जा रहा है। इसका ओमिक्रोन वैरिएंट बेहद संक्रामक लेकिन कम घातक है। फिर भी अभी इसे बहुत ज्यादा हल्के में नहीं लेना चाहिए। एक साथ बहुत बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने से कम घातक वैरिएंट भी परेशानी का कारण बन सकता है। पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह जानलेवा भी हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10e29f30633203ab33d39fd6e105c53b4cfab6bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63357.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. अश्विनी महाजन। पिछले लगभग दो वर्षों से मानवता कोरोना महामारी से जूझ रही है, जिसका अंत निकट भविष्य में दिखाई नहीं दे रहा। मानवता के समक्ष केवल यह बीमारी ही नहीं है, बल्कि इससे बचाव के लिए विश्व के एक बड़े हिस्से में टीकाकरण का अभाव और बीमारी हो जाने की दशा में महंगी दवाइयां और इलाज किसी दु:स्वप्न से कम नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63359.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..619fab7448e4dc6ed42a5d16f551fee64735d2e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63359.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनारयण सिंह, अलीगढ़ । चुनावी शंखनाद के साथ ही सहालग की भी शुरुआत होने वाली है। 20 जनवरी से शुभ मुहुर्त शुरू हो जाएगा। इसी के साथ शादी-ब्याह, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएगा। 10 फरवरी काे अलीगढ़ में चुनाव है। उस दिन जबरदस्त सहालग है। ऐसे में चुनाव को देखते हुए तमाम लोग तिथियों को आगे बढ़ाने की भी सोच रहे हैं। इस बार अच्छी बात है अप्रैल से लेकर जून तक जबदस्त सहालग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff0b24b9231e53214c89577ffaf4b396c4881a53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योगेश कौशिक, इगलास/अलीगढ़। अलीगढ़ की विधानसभा सीट इगलास जाट लैंड होने के कारण मिनी छिपरौली के नाम से विख्यात है। देश की आजादी के बाद से ही यह सीट देश के दिग्गज नेताओं के लिए मुफीद रही है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह व उनके परिवार की राजनीतिक कर्मस्थली रही है। उनकी पत्नी गायत्री देवी व बेटी ज्ञानवेती ने यहां से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। चौधरी साहब के लिए यह सीट हमेसा प्रमुख रही। चार बार विधायक रहे राजेंद्र सिंह प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री बनकर क्षेत्र की पहचान बनाई थी। उस दौर की प्रदेश की सियासत में मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा दिग्गज मंत्री चौ. राजेंद्र सिंह को माना जाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67ce9dda0a2a594a69ca6d5e35ccb18bf204c633 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारत समेत दुनिया में इन दिनों ओमिक्रोन का प्रसार जोरों पर है। संक्रमितों की संख्‍या बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आप ओमिक्रोन वायरस के लक्ष्‍ण को कैसे पहचाने? यह कैसे पता चलेगा कि आप कोरोना संक्रमित हो गए हैं? इसके प्रमुख लक्ष्‍ण क्‍या है? गाजियाबाद स्थित यशोदा हास्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्‍टर पीएन अरोड़ा का कहना है कि संतोष की बात यह है कि ओमिक्रोन से लोग उस तरह से गंभीर नहीं हो रहे हैं, जैसा कि पिछेले वैरिएंट खासकर डेल्‍टा से होने वाले संक्रमण के दौरान दिखा था। हालांकि, उनका कहना है कि ओमिक्रोन से होने वाला संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। ।1- डा. अरोड़ा का कहना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित व्‍यक्ति में इसके लक्ष्‍ण दो दिनों से लेकर दो सप्‍ताह में दिखते हैं। उन्‍होंने कहा कि ओमिक्रोन को किसी भी रूप में हल्‍के में नहीं लेना चाहिए। डा. अरोड़ा का कहना है कि ओमिक्रोन को सामान्‍य सर्दी जुकाम के रूप में नहीं लेना चाहिए। ओमिक्रोन वायरस से संक्रमित होने वाले ज्‍यादातर लोगों को लगता है कि जैसे उन्हें ठंड लग गई है। गले में खराश, नाक बहने की दिक्कत और सिरदर्द होता है। इन लक्ष्‍णों को हल्‍के में नहीं लेना चाहिए। इसके पूर्व वैरिएंट्स से संक्रमित होने पर अक्सर ऐसा होता था कि लोगों की सूंघने की शक्ति या स्वाद चला जाता था या खांसी होती थी और तेज बुखार होता था। उन्‍होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर अभी भी इन्हीं तीन लक्षणों को कोरोना का निश्चित लक्षण माना जाता है। दुनियाभर में इससे संक्रमित लोग अस्‍पतालों में भर्ती हो रहे हैं। ।2- उन्‍होंने कहा कि ओमिक्रोन की जांच आरटी-पीसीआर टेस्‍ट से हो सकती है। इस जांच के तहत लार के नमूने को पैथेलाजी लैब में भेजा जाता है। यदि जांच के नतीजे पाजिटिव रहते हैं तो इससे भी पता चल सकता है कि यह ओमिक्रोन है या डेल्‍टा या कुछ और। अगर केवल यह पता करना है कि कोरोना संक्रमण है या नहीं तो इसके लिए रैपिड टेस्‍ट भी किया जा सकता है। मगर यदि टेस्‍ट का नतीजा पाजिटिव रहता है तो भी इससे यह पता नहीं चलता कि ये ओमिक्रोन है या डेल्‍टा या कुछ और। ।3- उन्‍होंने कहा कि ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग यानी जेनेटिक एनालिसिस जरूरी होती है, जिसमें चार से पांच दिन लगते हैं। ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए उसके नतीजे कितनी जल्‍दी मिल सकते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है इस इलाके में जांच करने वाले लैब्‍स में कितने के पास ओमिक्रोन की जांच की तकनीक उपलब्‍ध है। उन्‍होंने कहा कि मिसाल के तौर पर ब्रिटेन जैसे देश में आधे से भी कम लैब्‍स के पास यह तकनीक उपलब्‍ध है। बता दें कि भारत में इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डरक्टर बलराम भार्गव ने पांच जनवरी को कहा था कि आइसीएमआर ने टाटा एमडी के साथ मिलकर एक टेस्टिंग किट बनाई है, जो चार घंटे में नतीजे दे देगा। इस टेस्टिंग किट को डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है। ।आखिर ओमिक्रोन वैरिएंट दूसरों से कैसे अलग है।ओमिक्रोन वायरस लगातार म्यूटेट करते हैं। कोरोना वायरस लगातार रूप बदलते रहते हैं, यानी उनका नया वर्जन आता रहता है। इसी को वेरिएंट कहते हैं। इनमें कुछ वैरिएंट ज्‍यादा खतरनाक हो सकते हैं, या ऐसे हो सकते हैं जो बहुत तेजी से फैलते हैं। वैज्ञानिकों की शब्दावली में इन्हें वैरिएंट्स आफ कन्सर्न माना जाता है। कोरोना वायरस में ऐसे बदलाव हुए हैं जो जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया। इनमें से ज्‍यादातर बदलाव वायरस के उन हिस्सों में हुए हैं जहां मौजूदा वैक्सीन हमला करते हैं। वायरस के इस हिस्से को स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है। ओमिक्रोन वैर‍िएंट के स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में हुए बदलाव की वजह से शुरू में ऐसी चिंता हुई कि शायद अभी जो वैक्सीन हैं वो ओमिक्रोन पर बेअसर हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e45dfab7b0f99bfec38689878e9834d22417d35f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। बाजार में मौजूद दोपहिया वाहनों के हेलमेट केवल जान ही बचाते हैं, बाल नहीं बचाते। इसके चलते कई लोग वाहन चलाने के दौरान हेलमेट लगाने से बचते हैं। नतीजतन दुर्घटना की स्थिति में उनकी जान पर बन आती है, लेकिन अब यह नहीं हाेगा। मनिक गर्ग ने ऐसा हेलमेट तैयार किया है जो जान के साथ बाल भी बचाएगा। मानिक गर्ग मूलरूप से पंजाब के संगरूर के सुनाम शहर के रहने वाले हैं। मौजूदा समय में दिल्ली के बुराड़ी में रहते हैं। उन्होंने स्नातक किया है। पर लोगों के जीवन को सुरक्षित और आसान बनाने की चाहत उनके मन में बराबर रही है। इसलिए यह हेलमेट अस्तित्व में आया। वह बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लाेगों के मामले में भारत पूरे विश्व में अग्रणी देशों में हैं। उसमें भी सबसे अधिक जानें दो पहिया वाहन चालकों की जाती है। इनमें से काफी जानें बच जाती, अगर दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाकर वाहन चला रहे होते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e92dbe95c4254624cc6f1a4ac0445933b0566ffb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, लुधियाना। दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे साहिबजादों की शहादत को समर्पित 26 दिसंबर के दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने के एलान का सिख समुदाय ने स्वागत किया है। लुधियाना के युवा समाज सेवी सुखदेव सिंह वालिया नवंबर 2017 से इसके लिए लगातार प्रयासरत थे। उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई नेताओं एवं मुख्यमंत्रियों को ई-मेल एवं पत्र लिख कर तर्काें के साथ सिख समुदाय की भावनाओं से अवगत कराया था। ।प्रधानमंत्री मोदी की ओर से गुरुपर्व पर इस एलान के बाद सुखदेव वालिया ने कहा कि उनकी सालों की मेहनत रंग लाई है। इस संबंध में वालिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी किया। वालिया का कहना है कि इस मांग को लेकर उन्होंने अपने फेसबुक पेज बुलंद सोच दी बुलंद आवाज पर भी लगातार कंपेन चलाई और इससे लोगों का जबरदस्त रिस्पांस मिला। छोटे साहिबजादों के शहादत के दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। उनका यह प्रेरणा मिलेगी कि जब भी जीवन में मुश्किल आए तो वे साहिबजादों की शहादत से सीख ले सकें। ।वालिया का कहना है कि अब तक जितनी भी सरकारें आई हैं, किसी ने इस दिशा में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए यह फैसला किया है। इससे राष्ट्रवाद, देशभक्ति, विभिन्नता में एकता की भावना को बल मिलेगा। इससे पहले वालिया ने श्री गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान ननकाना साहिब-पाकिस्तान जाने के लिए करतारपुर साहिब कोरिडोर खुलवाने के लिए भी अपने स्तर पर काफी प्रयास किए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c2ad35962a33f81dd77a39a5e1cd4e780d95a2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण टीम। पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी और मैदानी इलाकों कई दिन से जारी बारिश ने ठंड बढ़ा दी है। दिल्ली एनसीआर ही नहीं पूरे उत्तर भारत में बारिश के चलते ठंड बढ़ गई है। दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में बारिश के चलते तापमान चार से छह डिग्री तक गिर गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर अब खत्म हो गया है। सोमवार से आसमान साफ हो जाएगा। हालांकि कोहरा परेशान कर सकता है। तापमान में तेजी से गिरावट होगी। अगले एक सप्ताह में न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक आ जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c10b388dcdbe630f0a9c6bf13fdf8443bf055841 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63377.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +देश के जाने-माने व्यवसायी धीरू भाई अंबानी,रतन टाटा की बायोग्राफी पढ़ने वाले 10वीं कक्षा के राहुल ने माना कि किताबें अकेलेपन की सबसे बड़ी साथी होती हैं। ये टाइम पास करने सीखने की सबसे बढ़िया साधन हैं। शगुन और राहुल के अलावा,इन दिनों देश भर में ऐसे बच्चों-किशोरों की संख्या बढ़ रही है,जो स्वतंत्रता सेनानियों या दूसरी महान हस्तियों की जीवनियों या प्रेरणादायी किताबों को पढ़ना चाहते हैं। + +देश-विदेश को जानने-समझने में मददगार।मात्र 18 वर्ष की उम्र में कोविड 19 पर फिक्शन बुक लिखने वाले के रूप में एशिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं यश तिवारी। वह एक सफल मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। हाल में उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम और सेनानियों पर कई किताबें पढ़ीं। इनमें से प्रमुख हैं- बंकिम चंद्र चटर्जी की 'आनंद मठ',जवाहरलाल नेहरू की "द डिस्कवरी आफ इंडिया', आरके नारायण की 'वेटिंग फार द महात्मा' आदि। उनके दोस्त भी इस तरह की किताबें पढ़ने में इन दिनों अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने बताया,"हमारे देश का जो राजनीतिक,सांस्कृतिक और सामाजिक इतिहास रहा है,उसे बेहतर तरीके से जानने-समझने और देश के साथ मजबूती से खड़े होने में ये किताबें बहुत उपयोगी साबित होती हैं। + +इस तरह से साहित्य से मेरी बांडिंग एवरलास्टिंग है।'अनंतिनी ने आगे बताया कि उन्होंने अभी तक जितनी भी प्रेरक किताबें पढ़ी हैं,सभी में एक बात कामन है। उन किताबों से जीवन के कई लर्निंग लेसन मिलते हैं। मुझे लिटरेचर फेस्टिवल में शून्य पर बोलना है। कई अलग-अलग किताबों को पढ़ने के बाद मुझे जो अनुभव प्राप्त हुए हैं,उनकी मदद से इस विषय पर बोलना मेरे लिए कठिन नहीं है। महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में माना जाता है कि युवावस्था में जब भी वे उदास होते तो प्रेरणादायी किताबें पढ़ा करते थे। महान लोगों की जीवनी उन्हें समस्याओं से जूझने और मुकाबला करने की सीख देती थी। तभी वे अपने संबोधनों में किशोरों-युवाओं को हमेशा अच्छी किताबें पढ़ने को कहते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f29d667fbf5f579d07854856dd80f32f0c50f68c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63378.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परमिंदर सिंह बख्शी, फतेहगढ़ साहिब। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दशम पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह के प्रकास पर्व पर बड़ी घोषणा की। केंद्र सरकार ने हर साल 26 दिसंबर को माता गुजरी और चार साहिबजादों की शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाए जाने का एलान किया। आइए जानते हैं श्री गुरु गोबिंद सिंह के उन दोनों साहबजादों- साहिबजादा जोरावर सिंह (9) और साहिबजादा फतेह सिंह (7) और माता गुजरी की शहादत का इतिहास, जनके बलिदान को याद कनरे के लिए वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। ।बात वर्ष 1705 की है। मुगलों ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से बदला लेने के लिए जब सरसा नदी पर हमला किया तो गुरु जी का परिवार उनसे बिछड़ गया था। छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी अपने रसोईए गंगू के साथ उसके घर मोरिंडा चले गए। रात को जब गंगू ने माता गुजरी के पास मुहरें देखी तो उसे लालच आ गया। उसने माता गुजरी और दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब वजीर खां के सिपाहियों से पकड़वा दिया।  ।वजीर खां ने छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह तथा माता गुजरी जी को पूस महीने की तेज सर्द रातों में तकलीफ देने के लिए ठंडे बुर्ज में कैद कर दिया। यह चारों ओर से खुला और उंचा था। इस ठंडे बुर्ज से ही माता गुजरी जी ने छोटे साहिबजादों को लगातार तीन दिन धर्म की रक्षा के लिए सीस न झुकाने और धर्म न बदलने का पाठ पढ़ाया था। यही शिक्षा देकर माता गुजरी जी साहिबजादों को नवाब वजीर खान की कचहरी में भेजती रहीं। 7 व 9 वर्ष से भी कम आयु के साहिबजादों ने न तो नवाब वजीर खां के आगे शीश झुकाया और न ही धर्म बदला। इससे गुस्साए वजीर खान ने 26 दिसंबर, 1705 को दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवा दिया था। जब छोटे साहिबजादों की कुर्बानी की सूचना माता गुजरी जी को ठंडे बुर्ज में मिली तो उन्होंने भी शरीर त्याग दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b78236d1222c6b44b98d797a43811d99137e6a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63379.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सौर ऊर्जा सेक्टर में बड़ी घोषणा संभव ।जानकारों का मानना है कि ग्लासगो में पीएम मोदी की घोषणा के मुताबिक आगे के एजेंडे का एक प्रारूप इस बार के बजट में पेश करने की तैयारी चल रही है। आगामी बजट में सौर ऊर्जा सेक्टर को लेकर भी बड़ी घोषणा हो सकती है। यह नेट जीरो-2070 लक्ष्यों के हिसाब से होने के साथ ही दो वर्ष पहले केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा सेक्टर में देश को आत्मनिर्भर बनाने का जो अभियान शुरू किया था उसको आगे बढ़ाने वाला भी होगा। उस समय चीन के साथ बढ़ते तनाव के बाद सौर ऊर्जा परियोजनाओं में इस्तेमाल होने वाले सारे उपकरणों का भारत में निर्माण करने के लिए आत्मनिर्भर भारत प्रोग्राम के तहत कई तरह के प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई थी। + +ऊर्जा सुरक्षा के मोर्चे पर कम होंगी चुनौतियां ।जानकारों का कहना है कि हाइड्रोजन मिशन को अभी से बेहद गंभीरता से लेते हुए पर्याप्त फंड व सरकार और निजी सेक्टर के बीच बड़े स्तर पर सहयोग स्थापित करने की जरूरत है। भारत की मंशा हाइड्रोजन ईधन में सिर्फ उपभोक्ता बनने की नहीं बल्कि निर्यातक बनने की है। अगर ऐसा होता है तो यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के मोर्चे पर चुनौतियों को काफी हद तक कम कर देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff803f94939af58ecb73429bf68b214d523b115a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक 2020 खेलों में भारत को पहला गोल्ड मेडल मिल गया है। सोमवार की सुबह भारत के लिए सुनहरी सुबह रही। पैरा शूटर अवानी लेखरा ने 10 मीटर एयर राइफल्स में गोल्ड मेडल जीता है। अवानी ने फाइनल में 249.6 का स्कोर किया, जो कि वर्ल्ड रिकार्ड के बराबर है। अवानी पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eec2fed7f9c692047057a8d869317d8428a3841 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63381.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. अग्रवाल ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन की डोज ले ली है, उससे लोगों को संक्रमण से बचने में कुछ फायदा हो सकता है। टीका संक्रमण को हल्का और कम समय तक चलने वाला बनाने में सहायक हो सकता है। इसी तरह बूस्टर डोज भी कम से कम अल्पकालिक प्रतिरक्षा देती है। जिन देशों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता (संक्रमित होकर ठीक होने से विकसित इम्युनिटी) कम है, उन्हें बूस्टर पर निर्भर रहने की जरूरत है। साउथ अफ्रीका ने कोई बूस्टर नहीं दिया और न ही कोई लाकडाउन लगाया था। + +कुछ लोगों ने ट्वीट करके प्रो. अग्रवाल से अपने राज्यों में कोरोना संक्रमण बढऩे की रफ्तार व अन्य जरूरी सवाल भी पूछे। इस पर भी उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि गुजरात व मध्यप्रदेश में संक्रमण फैलने का डेटा अभी नहीं मिला है। डेटा सामने आने के बाद ही आंकलन किया जा सकेगा कि गुजरात या मध्यप्रदेश में संक्रमण की तीसरी लहर चरम पर कब पहुंचेगी। फिलहाल उन्होंने जनता से अपील की है कि वह अपनी प्रतिरोधक क्षमता ठीक रखें और कोविड नियमावली का पालन करते हुए मास्क जरूर लगाएं। एक दिन पहले ही प्रो. अग्रवाल ने देश में तीसरी लहर जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में आने की आशंका जताई थी। साथ ही इस दौरान चार से आठ मामले रोजाना और अस्पतालों में करीब 1.50 लाख बेड की जरूरत बताई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e6b734bedee01ad525a63f9be9ef228dd5db020 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63387.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फैली थी धार्मिक व राष्ट्रप्रेम की भावना: वर्तमान में मध्य प्रदेश के छतरपुर नगर से उत्तर पूर्व की ओर सिंहपुर गांव के समीप स्थित इस स्थान को लेकर जनश्रुति है कि भगवान रामचंद्र जी वनवास के दौरान यहां से गुजरे थे। उर्मिल नदी के बीच में स्थित प्रस्तर खंड पर आज भी उनके चरणों के चिन्ह अंकित हैं। इसी कारण इस जगह का नाम भी चरणपादुका पड़ा। यहां सैकड़ों वर्षों से प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर मेला लगता है और बुंदेलखंड क्षेत्र का जनमानस बड़े आदर और भक्ति से इन चरण चिन्हों की पूजा करता है। 14 जनवरी, 1931 के दिन भी यहां मेला लगा था। उन दिनों देश में असहयोग आंदोलन का प्रभाव था और लोग गांव-गांव में विदेशी वस्तुओं का त्याग कर रहे थे। अंग्रेजों ने जनता पर तमाम तरह के कर लाद रखे थे। इन सभी मुद्दों और भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस क्षेत्र के क्रांतिकारियों ने सभा करने का निर्णय लिया। सभा के लिए बाकायदा नौगांव ब्रिटिश छावनी पर पदस्थ कर्नल फिशर से अनुमति मांगी गई, लेकिन कर्नल ने अनुमति नहीं दी। तब स्वतंत्रता सेनानियों ने तय किया कि मकर संक्रांति के मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे, इसलिए वहीं पर सभा करके सबको बताया जाए कि कैसे ग्रामीण भी आजादी के आंदोलन में अपना योगदान दे सकते हैं। + +चंद स्मृतियों में जीवित वह बलिदान: 15 अगस्त, 1947 को देश को स्वतंत्रता मिल गई। तब ग्रामीणों और प्रशासन ने मिलकर चरणपादुका बलिदान स्थल पर एक स्मारक बनाया, जहां बाद में लगे एक सरकारी बोर्ड पर आज भी बलिदानी देशभक्तों के नाम अंकित हैं। यहां आज भी प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर मेला लगता है और लोग दूर-दूर से आकर बलिदानियों को याद करते हैं व उनकी स्मृति में दीप जलाते हैं। भले ही इतिहास के पन्नों में इस ऐतिहासिक बलिदान स्थल को वैसा सम्मान नहीं मिल पाया जिसका यह हकदार था, किंतु आज भी चरणपादुका बलिदान स्थल मध्य भारत में ब्रिटिश अत्याचारों की पराकाष्ठा का दर्दनाक अनुस्मारक बना हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5179bbb02c8182b6cbe369479911c80bc8738d8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सात व्याख्यानों का यह संग्रह संस्कृत साहित्य की मानवीय रुचि, वेदों का धर्म, वैदिक देवता, वैदिक साहित्य, वेद और वेदांत समेत हिंदूओं के समावेशी चरित्र को इतिहास और संस्कृति के फलक पर उद्घाटित करता है। वह मानते हैं कि भारत के गौरवशाली इतिहास में साहित्य और संस्कृत भाषा की ऐसी अनेक उपलब्धियां शामिल हैं, जो गंगा के प्राचीन तटों पर स्थित इस देश को समझने में सार्वभौम दृष्टि देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63390.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63390.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf7bf23f0909ab2f8a8a93cb6c1348bcf19c809d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63390.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लेखक पाठकों को इसके प्रति सावधान करते हैं। इसके लिए वह विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का उदाहरण देते हैं। रामकृष्ण के साथ छह साल तक तर्क करने के बाद विवेकानंद ने उन्हें अपना गुरु माना था। वे कहते थे कि ईश्वर के अवतार भी तभी आपकी सहायता करेंगे, जब आप उन्हें आम मानव मानकर उनकी कथनी-करनी को परखेंगे और यदि आपका मन उसे सही माने, तभी उस पर चलेंगे। उनकी दृष्टि में ईश्वर से डरने वाला व्यक्ति कभी उस तक नहीं पहुंच सकता।लेखक लगभग 25 वर्षो से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह 15 वर्षो से विवेकानंद के जीवन और दर्शन पर लिख रहे हैं। राजनीति से लेकर सिनेमा तक के क्षेत्र में समान दखल रखने वाले अंशुल को स्वयं विवेकानंद की जिस एक बात ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया, वह था विचारों की स्वतंत्रता। अगर आपका मस्तिष्क स्वतंत्र ढंग से सोच नहीं सकता है तो फिर आपके अस्तित्व का कोई अर्थ नहीं है। परतंत्र मस्तिष्क वाले तो पूरी जिंदगी दूसरों के अनुसार जिंदगी जीने में खपा देते हैं। + +तीन खंडों में विभाजित इस पुस्तक की भाषा काफी सरल और प्रवाहमयी है। पहले खंड में स्वयं से संघर्ष, दूसरे खंड में कार्यस्थल पर समायोजन और तीसरे खंड में दूसरों से व्यवहार को लेकर अलग-अलग अध्याय हैं। हर अध्याय में लेखक के विश्लेषण के साथ विवेकानंद के विचारों को खास ढंग से उभारा गया है जो काफी उपयोगी है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि यह पुस्तक दैनिक जीवन की उलझनों को सुलझाने में मदद करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fd63c1f49546d002a37e184a3e5ca061301234f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63391.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समझाई धर्म की ताकत: स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने कल थे। ‘देश की पहचान तभी है, जब वह राजनीतिक रूप से स्वतंत्र है।’ इस बात पर उनका हमेशा जोर रहा, लेकिन वह इस बात के भी पक्षधर थे कि इसके द्वार खोलने के लिए वह आत्मिक चेतना जरूरी है, जिसमें अपने पुरखों के प्रति गौरव और स्वाभिमान का रक्त शिराओं में दौड़ रहा हो। यही कारण है कि उन्होंने धर्म-अध्यात्म के मार्ग से उस चेतना को जागृत करने का बीड़ा उठाया, जहां से हर सामाजिक-राजनीतिक बंधन की गांठें खुलनी शुरू होती हैं। इसलिए उनकी सोच थी कि यूरोप की ताकत राजनीति हो सकती है, पर भारतीय समाज की ताकत उसका धर्म है, लेकिन इसका स्वरूप बहुत विराट है। यह संकुचित नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52b11e424d6e813596a815ac6dfc6a7f883ece89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आत्म प्रकाश मिश्र। वास्तव में भारतीय देव व्यवस्था में साक्षात प्रकृति की शक्तियों की उपासना का प्रविधान है। सूर्य, अग्नि, नदी आदि वैदिक देवों में ‘नदीतमा’ सरस्वती का प्रसंग ऋग्वेद में अनेक बार आता है। नासा के सेटेलाइट चित्रों और इसरो की खोज के बाद सरस्वती को कल्पना बताने वाले महानुभावों को उनके प्रश्नों के उत्तर मिल गए होंगे। ऋग्वेद सूक्त (3/23) के चतुर्थ मंत्र में आपया, दृषद्वती तथा सरस्वती के तटों पर रहने वाली सभ्यता की समृद्धि के वर्णन मिलते हैं। वैदिक ऋषियों की स्तुत्य सरस्वती नदी हिमालय के हिमनदों से निकलकर दक्षिणी समुद्र में विलीन हो जाती थी। ऋग्वेद में वर्णन मिलता है कि सुदास नामक राजा का राज्य सरस्वती नदी के तट पर स्थित था। सरस्वती के तट पर निवास करने वाले आर्यजन समृद्धशाली थे। यहीं से विराट ज्ञान उपजा और सरस्वती विद्या और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी पूजी गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2a2270776932115658abcc5229b660f86932e7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ने के बाद रेल प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारी को सुरक्षा देने के साथ ट्रेन संचालन करने की गाइड लाइन जारी की है, यह न‍ियम सोमवार से पूरी तरह लागू हो जाएगा। चालक, गार्ड, टीटीई, स्टेशन मास्टर को कोविड से बचाव के लिए विशेष सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी। उत्तर रेलवे मुख्यालय के आदेश के बाद प्रवर मंडल कार्मिक अधिकारी अवधेश कुमार ने कोविड के तहत गाइड लाइन जारी की है। इसका सोमवार से कड़ाई से पालन किया जाएगा। गाइड लाइन में कहा है कि दिव्यांग व गर्भवती रेल कर्मी के अगले आदेश तक कार्यालय आने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। दोनों तरह के कर्मचारी घर पर रहकर आफिस के आवश्यक कार्य करेंगे। दोनों कर्मचारियों को संक्रमण के दौरान किसी भी हालत में आफिस नहीं बुलाने का आदेश दिया गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान आला अधिकारी, शाखा अधिकारी नियमित आफिस आएंगे। जबकि जूनियर अधिकारी और कर्मचारी एक दिन छोड़ एक दिन आफिस आएंगे। प्रत्येक आफिस में प्रत्येक दिन 50 फीसद कर्मचारी काम करेंगे। जो आफिस नहीं आएंगे, वह घर पर रहकर काम करेंगे। आफिस आने वाले कर्मचारी व अधिकारी को हर समय मोबाइल फोन पर उपलब्ध रहना होगा। आपात स्थिति में किसी भी कर्मचारी को आफिस कुछ समय के लिए बुलाया जा सकता है। बुलावे पर आफिस नहीं आने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को अनुपस्थित माना जाएगा। कोरोना प्रभावित क्षेत्र को जिला प्रशासन की ओर से कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है, इस क्षेत्र में रहने वाले अधिकारी व कर्मचारी को आफिस में आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कंटेनमेंट जोन खत्म होेने के बाद ही अधिकारी व कर्मचारी आफिस आ सकते हैं। सभी बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा होगी।  ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को कोविड से बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर फेस कवर उपलब्ध कराया जाएगा। ब्रांच अधिकारी किस अधिकारी व कर्मचारी को किस दिन आना है, इसकी ड्यूटी चार्ट बनाने के आदेश द‍िए गए हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1be10f2b2c702eeb1faf42ed73bb80528ff40ab7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। नए साल की शुरुआत के साथ ही दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत के पारंपरिक मित्र राष्ट्रों में प्रभुत्व बनाने को लेकर चीन की कोशिशें तेज हो गई हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी शनिवार को मालदीव की यात्रा के बाद कोलंबो पहुंच चुके हैं। मालदीव की मोहम्मद सालेह सरकार को वहां ढांचागत सुविधाओं व सामाजिक विकास के लिए मदद का आश्वासन देने के बाद माना जा रहा है कि वांग यी कोलंबो की गोटाबाया राजपक्षे सरकार के साथ चीन की मदद से बनाई जाने वाली भावी परियोजनाओं पर विमर्श करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebdc4772928d9205b52c2c283eae9ca8a1dca359 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निशी कटोच ने बताया कि उनके पति मशरूम के प्लांट में काम करते थेे। उन्हें देखा कि कैसे काम किया जाता है। उन्‍ही सें प्ररेणा लेकर जब वह 2014 में घर वापिस आई तो कृषि विश्वविद्यालय से मशरूम के 10 बैग खरीद कर अपना कार्य शुरू किया व 2018 में  मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी लिया और उसके बाद 2019 में केंद्र सरकार की एमआईडीएच (एकीकृत बागवानी विकास मिशन) स्कीम के तहत लोन लेकर काम शरू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..660144d4b80a6b3abba4e1d740b368905bd9a6a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63400.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गणित हटाया तो क्या जोड़ा : ट्रिपल आइटी लखनऊ के प्रोफेसरों का मानना है कि इंजीनियरिंग छात्रों के लिए वेबसाइट डिजाइनिंग और एप डेवलपमेंट के बारे में जानना मूल भूत जरूरत है। यह बीटेक की शुरुआती पढ़ाई का हिस्सा होना चाहिए। क्योंकि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं रह गया है जो एप या वेबसाइट आधारित न हो। ऐसे में संस्थान ने बीटेक प्रथम सेमेस्टर के कोर्स केरिकुलम में गणित को हटाते हुए उसके स्थान पर वेब डिजाइनिंग एंड एप्लीकेशन डेवलपमेंट को शामिल किया है। प्रथम सेमेस्टर में वेबसाइट डिजाइनिंग एंड एप डेवलपमेंट को हमने पहले पेपर के रूप में शामिल किया है। प्रोफेसरों का कहना है कि मौजूदा समय में गहन अध्ययन व तर्क इस बात के लिए करना होगा कि इंजीनियरिंग के चार साल के कोर्स में हमें यह देखना होगा कि हम जो पढ़ा रहे है, वह विद्यार्थियों के लिए अनुकूल हैं या नहीं। + +ये होंगे फायदे।'हमें यह समझना बेहद जरूरी है कि बीटेक में गणित की जरूरत है अथवा नहीं। अगर बीटेक में गणित के उपयोग के बिना, मौजूदा इंडस्ट्री डिमांड से जुड़े कोर्स को शामिल किया जाए, ताकि पढ़ाई के शुरुआती दौर से ही विद्यार्थियों को सही दिशा मिल सके और वे खुद को इंडस्ट्री के सामने साबित कर सकें तो बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। ट्रिपल आइटी लखनऊ ने भी यही किया है। हमने बीटेक प्रथम सेमेस्टर गणित के बजाय वेब डिजाइनिंग एंड एप्लीकेशन डेवलपमेंट को शामिल किया है।'  - प्रो अरुण शैरी, निदेशक, ट्रिपल आइटी लखनऊ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e66a42177810da7af3ed6ae3802b3ece85066358 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनिया का सबसे बड़ा ग्लेशियर।अंटार्कटिका का थ्वेट्स आकार में दुनिया का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। यह 1.92 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसका क्षेत्रफल गुजरात के बराबर है। इसमें जितनी बर्फ है और इससे समुद्र का स्तर बढ़ने का जितना खतरा है, उसे देखते हुए इसे डूम्सडे (प्रलय का दिन) ग्लेशियर भी कहा जाता है। आंकड़े बताते हैं कि थ्वेट्स से सालाना 50 अरब टन बर्फ पिघलकर समुद्र में मिल जाती है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के मुताबिक, दुनियाभर में समुद्र के बढ़ते स्तर में चार प्रतिशत की हिस्सेदारी थ्वेट्स की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f5afc89c7cf7827911896fee549f7109f9edf00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63402.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [जागरण स्‍पेशल]। राज्यों में होने जा रहे चुनाव को 2024 का रिहर्सल भी कहा जा रहा है। पांच राज्यों में तीन बेहद अहम राज्य हैं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब। यहां प्रमुख राजनीतिक दल अपनी नीति और घोषणाओं के साथ बड़े चेहरों पर भी दांव लगा रहे हैं। आइए देखें कि इन प्रदेशों ने ताल ठोंक रही प्रमुख पार्टियों की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी किन चेहरों पर है...।उत्तर प्रदेश।1-योगी आदित्यनाथ।भाजपा ने 2017 में मिली प्रचंड जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। उनकी छवि राष्ट्रीय स्तर की है। किसी भी राज्य में होने वाले चुनाव में राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देने के लिए पार्टी योगी को सक्रिय करती है। कानून व्यवस्था के मामले में योगी माडल को प्रचारित किया गया है। राष्ट्रवाद का यह चेहरा चमकते रहना भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूपी सबसे बड़ा राज्य है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी यूपी में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25f817cc1857eb3a9b8a4dbaa08d4f576d1a4a08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक रह चुके डा. शेरवाल ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट की तरह यह फेफड़ों पर हमला नहीं कर रहा है। इस वजह से अधिकांश मरीजों में मामूली लक्षण आ रहे हैं और घर पर ही वे ठीक भी हो रहे हैं। एक और खास बात यह है कि इससे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के तीन दिन में भी लक्षण आ रहे हैं। डेल्टा के मामले में यह अवधि चार से सात दिन की थी। जैसे ही लक्षण आए, तुरंत जांच कराएं और आइसोलेट हो जाएं तो इसपर नियंत्रण में आसानी होगी। इसके तेजी से बढ़ने का कारण यह है कि अब तक हम लोग डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। टीके उसी हिसाब से तैयार किए गए थे। ये नया वैरिएंट है और दोनों डोज ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। इसके साथ इसकी संक्रमण दर काफी अधिक है, जिसकी वजह से मामलों में अचानक तेजी आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c12baa0af0a550a8f9b0519ea5aa8685cb393f2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63414.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उन्होंने कहा कि पर्यटक प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी पर अमल नहीं करते और बर्फ में फंस जाते हैं और उनको निकालने के लिए पूरे प्रशासन को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ दिल्ली के पर्यटक प्रशासन की बात न मानकर रक्षम में फंस गए थे जिन्हें शुक्रवार को सुरक्षित निकाला गया है। + +Himachal Pradesh's Shimla covered under a white blanket of snow pic.twitter.com/LTFQ3eyCke।शुनिवार सुबह से किन्नौर जिले में हिमपात शुरू हो गया। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार आठ जनवरी को सुबह से ही भारी हिमपात की संभावना है इसलिए जिला किन्नौर प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों से भी अपील करते हुए कहा कि खराब मौसम के चलते कोई भी बिना वजह घरों से बाहर न निकलें व पर्यटक भी बर्फ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c04ecf0500984dd8ecd5030a84a3e85e9eac6617 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जातीय जनगणना के मुद्दे पर एनडीए दो-फाड़।स्‍पष्‍ट है, बिहार में जातीय जनगणना को लेकर हो रही सियासत ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। जातीय जनगणना के मुद्दे पर एनडीए दो-फाड़ दिख रहा है। बीजेपी ने देश में जातीय जनगणना के खिलाफ है तो मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में जेडीयू इसकी मांग कर रहा है। जातीय जनगणना की मांग आरजेडी लंबे समय से करता आ रहा है। बिहार में बीजेपी छोड़ सत्‍ताधारी व विपक्षी सभी प्रमुख दल इसके समर्थन में हैं। खास बात यह है कि आरजेडी ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार को हर तरह से समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ffa39fdcf17c90ea716c614df21f3e8c0288b29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63416.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बता दें कि हापुड़ में मेरठ के बाद सबसे ज्यादा चोरी के वाहनों का काटन किया जा रहा है। बुलंदशहर रोड पर कबाड़ की दुकानों का अंबार है। यहां खुलेआम वाहनों के कटे हुए पुर्जें बिकते हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों से लूट और चोरी के वाहन कटान यहां होता है। इस धंधे में लिप्त लोग चंद मिनटों में वाहन कटान कर देते हैं और पुलिस भनक तक नहीं लग पाती। + +इस बाबत दीपक भूकर (एसपी, हापुड़) का कहना है कि कबाड़ियों ने उनकी दुकानों व गोदाम में रखे वाहनों के पुर्जों के हटवाने की मोहलत मांगी है। उनका कहना है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का कटान कर पुर्जें दुकानों में रखे गए हैं। वह इस धंधे को छोड़कर दूसरा काम करना चहाते हैं। इसकी जांच कराई जा रही है। वाहन कटान व चोरी के वाहनों के पुर्जें बेचने वाले आरोपितों की क्राइम कुंडली भी तैयार कराई जा रही है। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। + +ऐसे होता है वाहन कटान बड़ा खेल। नीलामी व दुर्घटनाग्रस्त वाहन के नाम पर कटान का बड़ा खेल होता है। लावारिस और कबाड़ हो चुके वाहनों को इस धंधे से जुड़े लोग नीलामी में छुड़ा लेते हैं। ऐसा करके वाहनों के कागज (आरसी) हासिल कर लेते हैं। कागजातों को चोरी के वाहनों पर लगाकर बेचा जाता है। धंधे के महारथी वाहन चोरों से संपर्क साधते हैं। उनके पास किन-किन वाहनों के कागजात है, इसकी जानकारी उन्हें देते है। मांग के अनुसार गिरोह के शातिर चोर वाहन चोरी कर ले आते हैं। इन वाहन पर थानों से खरीदे गए वाहन के कागज लगाकर बिक्री किया जाता है। इतना ही नहीं इन वाहनों का कटान कर पुर्जें भी बेचे जाते है। इसमें लाखों रुपये की कमाई हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20dc03a39b9c3d57f434f6916271a269689acd0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज जादौन, अलीगढ़। चौ. चरण सिंह का अलीगढ़ की धरा से काफी जुड़ाव रहा। जाट लैंड व मिनी छिपरौली कही जाने वाली खैर व इगलास विधानसभा सीट से किसानों के मसीहा का काफी लगाव रहा। पत्नी गायत्री देवी को इगलास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया, वे जीती भीं। उनकी बेटी व चौ. अजित सिंह की बहन डा. ज्ञानवती खैर विधानभा से जीतकर सदन में पहुंची। अलीगढ़ मंडल में ही हाथरस जिले की सादाबाद विधानभा सीट को जाट लैंड कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30a96193031d937ece699c2f8f55c80f6b428d08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63419.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। ओमिक्रोन वायरस के प्रसार के साथ वैक्‍सीन पर सवाल उठने लगे है कि क्‍या इस वायरस पर वैक्‍सीन काम नहीं कर रही है ? आखिर वैक्‍सीन की दो डोज ले चुके लोग क्‍यों संक्रमित हो रहे हैं ? इसकी क्‍या बड़ी वजह है ? क्‍या सच में कोरोना वैक्‍सीन ओमिक्रोन पर प्रभावशाली नहीं है ? वैक्‍सीन लेने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमित क्‍यों हो रहे हैं ? क्‍या वैक्‍सीन की दो डोज ले चुके लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित है ? वैक्‍सीनेशन की प्रक्रिया के क्‍या लाभ हैं। आइए जानते हैं कि इन तमाम सवालों पर आखिर विशेषज्ञों की क्‍या राय है। वह वैक्‍सीनेशन की प्रक्रिया को कितना उपयोगी मानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23566bf03ebfa331ca57155a876c35566bdc13e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63421.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में पर्यटन की बात की जाए तो वाराणसी, मथुरा-वृंदावन और आगरा ही कुछ वर्ष पहले तक इस श्रेणी में नजर आते थे। पिछले वर्षो में देसी पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने नए पर्यटन स्थलों की जरूरत को बढ़ाया है। ऐसे में अयोध्या और चित्रकूट जैसे स्थलों पर तेजी से पर्यटन बढ़ा है। इसी क्रम में रुहेलखंड ऐसा क्षेत्र है जिसमें संभावनाओं की शाखाएं तो बहुत हैं, परंतु इसको प्रचार-प्रसार के पोषक तत्व न मिलने से फूल नहीं खिलते। ऐसे में पीलीभीत का चूका क्षेत्र भी नजरों से चूक जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8183464ee47dd8c45eecadc14537cdc5fc13e7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एफपीओ के जरिए भरेंगे उड़ान।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लाक समन्वयक हिमांशु ने बताया कि गोमती का साबुन कारोबार बेहतर चल रहा है। अब उन्होंने एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन) का गठन किया है। जल्द ही इसके जरिए साबुन की बिक्री करेंगी और दूसरे जिलों में भी माल जाएगा। खेतीबाड़ी की ओर भी रुख करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d54ea6b3e8340a4ca05408648ce013379d361c73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। विश्व के सामने कोरोना महामारी ने कठिन चुनौतियां प्रस्तुत की हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। देश ने 2019 में देश से गरीबी उन्मूलन के लिए एक समग्र कार्यक्रम तय किया था। लक्ष्य था, 2022 यानी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश को गरीबी से मुक्त करना। इस दिशा में काफी काम हुआ है, लेकिन 2020 की तरह 2021 ने भी कोरोना के कारण कई रुकावटें डालीं। फिर भी गरीब कल्याण की योजनाओं के अंतर्गत काम जारी रहे। आशा की जा रही है कि 2022 में इन योजनाओं को और तेज गति से कार्यान्वित किया जा सकेगा। समाज में असामनता की खाई पाटने के लिए गरीबी उन्मूलन आवश्यक कदम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaab3de4fd43873717e6862cd2f945813b45fcef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घटना का शिकार संजू भाजपा कार्यकर्ता था। पिछले कुछ महीनों में राज्य में तमाम भाजपा नेता और कार्यकर्ता अपराधियों और भीड़ का निशाना बने हैं। भाजपा आरोप लगा रही है कि गठबंधन सरकार की शह पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। संजू प्रधान गोकशी का विरोध करता था। वह बाजार में कुछ आपराधिक किस्म के लोगों द्वारा संचालित किए जा रहे जुए के खेल के विरुद्ध भी आवाज उठाता रहता था। उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63426.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63426.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afad49dd2c26eca2befc64f079eb35a2f216b4d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63426.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन बातों का रखें खयाल।डा. कंचन मित्तल ने कहा कि उनके पास रोजाना कोविड और नॉन कोविड के मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई ऐसी दवाएं हैं, जो मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत ही सहायक हो रही है। इनमें केंफर 1000, ओसीमम संतम, टीनोस्पोरा टिंचर आदि दवा शामिल हैं, जो क्षमता बढ़ाने में काम कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03907b665c5cbcbedc235ad845cedd1fd503a05a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63428.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विक्रम सिंह। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पंजाब के बठिंडा, हुसैनीवाला और फिरोजपुर में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम की रूपरेखा भी पहले ही तैयार हो चुकी थी। इसका अर्थ है कि प्रधानमंत्री के दौरे की व्यवस्था कम से कम कागजों पर तो तैयार कर ही दी गई थी। दिल्ली से बठिंडा प्रधानमंत्री वायुयान से पहुंचे। वहां से उन्हें हेलीकाप्टर द्वारा हुसैनीवाला जाना था। फिर उन्हें फिरोजपुर जनसभा में सम्मिलित होना था। इस बीच मौसम की खराबी के कारण फैसला किया गया कि प्रधानमंत्री हेलीकाप्टर के बजाय सड़क मार्ग से जाएंगे। बठिंडा से हुसैनीवाला की दूरी करीब 110 किमी है। इसी दौरान वह अप्रत्याशित घटना घटी, जिसमें लगभग 30 किमी आगे बढ़ने पर प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर अटक गया। इस अटकाव का कारण वहां बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा था। इससे एक बड़ा जोखिम उत्पन्न हो गया। चिंतित करने वाला एक पहलू यह था कि उक्त स्थान पाकिस्तान सीमा से 15-20 किलोमीटर दूर है। + +पंजाब सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए उसने 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए थे, परंतु उपलब्ध साक्ष्य यही इंगित करते हैं कि न केवल मार्ग, बल्कि छतों पर भी ड्यूटी नगण्य थी। सुरक्षा का सारा दारोमदार एसपीजी पर डालने का भी प्रयास हो रहा है। इससे ज्यादा भ्रामक तो कुछ और हो ही नहीं सकता, क्योंकि एसपीजी पर समीप की सुरक्षा का जिम्मा होता है। वह स्थानीय पुलिस से समन्वय बनाकर विशिष्ट व्यक्ति के जीवन पर जोखिम का आकलन कर आवश्यक कार्रवाई करती है। पंजाब के पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य की पूर्ति करते नहीं दिखे। खराब हालात का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कई प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के काफिले के सात-आठ फीट नजदीक तक पहुंच गए। उन्होंने रास्ता अवरुद्ध कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec4c123d07bb96560aa73250f24195cafe02d22e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने, टीकाकरण अभियान को तेज करने के साथ ही जरूरत के हिसाब से कुछ पाबंदियां लगानी होंगी। यह समय सतर्क रहते हुए बचाव के सभी नियमों का सख्ती से पालन करने और कराने का है। इसमें किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। कोरोना की तीसरी लहर के स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। इसके खतरे को कम करने के लिए आरटीपीसीआर जांच के साथ ही रैपिड एंटीजन टेस्ट भी बढ़ाने होंगे। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों समेत सभी डिस्पेंसरियों को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की इजाजत दी जानी चाहिए। घनी आबादी वाले मुहल्लों में इस टेस्ट के लिए अस्थायी कैंप लगाए जा सकते हैं। घर में ही कोरोना जांच करने वाली कुछ किट को भी मान्यता दी गई है। इन किट को पर्याप्त मात्र में खरीदने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63437.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..695c6f252359a0165adb98aa522d3d56d69f6f89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, फीचर डेस्क। विज्ञान की दुनिया में भारत का नाम रौशन करने वाले डा. हरगोविंद खुराना अपने गांव के एकमात्र पढ़े-लिखे परिवार से थे। वह उन चुनिंदा विज्ञानियों में शामिल हैं, जिन्होंने बायोटेक्नोलाजी की बुनियाद रखने में अहम भूमिका निभाई। 1968 में उन्हें चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार मिला। डीएनए के रहस्यों को सामने लाने वाले डा. खुराना को कृत्रिम जीन के निर्माण का श्रेय भी जाता है। स्वाधीनता के 75वें वर्ष में अमृत महोत्सव के तहत उनकी जन्म जयंती (9 जनवरी) पर जानते हैं कैसे उन्होंने देश का मान बढ़ाया..।हरगोविंद खुराना का जन्म 9 जनवरी, 1922 को अविभाजित भारत के रायपुर गांव (पंजाब, अब पूर्वी पाकिस्तान) में हुआ था। वे अपने गांव के एकमात्र पढ़े-लिखे परिवार से आते थे। उनके पिता गणपत राय खुराना ब्रिटिश प्रशासन में एक क्लर्क हुआ करते थे। पांच भाई-बहनों में खुराना सबसे छोटे थे। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी उन्होंने बच्चों की पढ़ाई को जारी रखा। जब खुराना 12 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया। ऐसी परिस्थिति में उनके बड़े भाई ने उनकी पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा संभाला। उनकी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय डीएवी हाईस्कूल में ही हुई। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से वर्ष 1945 में एमएससी की डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान उन्हें भारत सरकार की छात्रवृत्ति मिली। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..696c6e7e9860259b30f14f64ec293cde5ca5dfee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63442.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। चंबल के बीहड़ में तेंदुओं की संख्या बढ़ने के कारण वो शहरी क्षेत्रों की तरफ बढ़ रहे हैं। संख्या बढ़ने से क्षेत्र की जंग भी बढ़ी है, जिससे तेंदुए आबादी क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। क्षेत्र की जंग के कारण जंगल छोटे पड़ने लगे हैं। यही वजह है कि इसी सप्‍ताह आगरा परिक्षेत्र में दो अलग अलग जगहों पर तेंदुए दिख चुके हैं। बाह क्षेत्र से लगे चंबल के बीहड़ में जाने से अब चरवाहों को भी डर लगने लगा है। + +देश में भी बढ़ी तेंदुओं की जनसंख्या।2020 जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में तेंदुओं की संख्या 12 हजार से अधिक हो गई है। जबकि 2014 में तेंदुओं की संख्या आठ हजार थी। सबसे ज्यादा तेंदुए मध्यप्रदेश में पाए गए, मप्र में उनकी संख्या 3,421 है। मप्र की सीमा उप्र से लगी हुई है, दोनों तरफ चंबल का बीहड़ है। तेंदुआ नदी पार कर आसानी से दोनों तरफ के बीहडों में घूमता रहता है। सन 2021 की सूची कोरोना के कारण जारी नहीं हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85f23e405edbb634d7ffba9a0c16b66d2fd61c98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम खुलते ही बीआरओ ने भी सड़कों की बहाली शुरू कर दी है। बीआरओ मनाली से दारचा व तांदी से संसारी मार्ग को प्राथमिकता में बहाल करेगा। 70 आरसीसी की टीम मनाली से केलंग दारचा व 94 आरसीसी की टीम तांदी से संसारी मार्ग बहाली में जुट गई है। बीआरओ कमांडर कर्नल शबरिश वाचली ने बताया कि सड़कों की बहाली शुरू हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17a3e2de5249c850f14e5573701f64d187a750ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रसिद्ध ब्रिटिश कंसल्टेंसी सेब्र की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में जहां दुनिया की अर्थव्यवस्था पहली बार 100 ट्रिलियन डालर के पार पहुंच जाएगी, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था भी तेजी से आगे बढ़ते हुए फ्रांस की अर्थव्यवस्था को पछाड़ते हुए करीब तीन ट्रिलियन डालर की रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच जाएगी। रिजर्व बैंक के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 प्रतिशत से अधिक होगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भी अनुमान लगाया गया है कि जहां वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 9.5 प्रतिशत होगी, वहीं वर्ष 2022-23 में यह करीब 8.5 प्रतिशत होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb9c3b5ce44f64c23b55240579aed20e853d5252 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63448.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, विकाश गौड़। Happy Birthday Kapil Dev: क्रिकेट की दुनिया में भगवान का दर्जा सचिन तेंदुलकर को प्राप्त है, लेकिन कपिल देव इस खेल के ऐसे देवता रहे हैं, जिनके आगे बड़े-बड़े तुर्रम खां नतमस्तक हो गए हैं। एक बल्लेबाज के तौर पर उनके सामने कोई बल्लेबाज नहीं था। एक गेंदबाज के तौर पर उनके सामने किसी गेंदबाज की नहीं चलती थी। वहीं, जब वे कप्तान के तौर पर मैदान पर होते थे तो फिर विपक्षी टीमों के पास उनकी चाल के लिए कोई जवाब नहीं होता था। + +भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के महान आलराउंडरों में शुमार कपिल देव आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं। वे क्रिकेट की दुनिया से दूर हैं, लेकिन आज भी उनकी मिसाल क्रिकेट के इस खेल में दी जाती है। हर एक आलराउंडर कपिल देव जैसा बनना चाहता है, जो बल्ले के साथ-साथ गेंद से और फिर मैदान पर अपना 110 फीसदी देने के लिए मशहूर थे। एक कप्तान के तौर पर भी उन्होंने सिद्ध कर दिया था कि वे ऐसी टीम को विश्व चैंपियन बना सकते हैं, जिसके बारे में शायद किसी ने कल्पना भी नहीं थी। + +कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 का विश्व कप जीता था। भारत को दूर-दूर तक उस मेगा इवेंट का चैंपियन नहीं देखा जा रहा था, लेकिन खुद पर विश्वास के भरोसे टीम इंडिया ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। भारत ने कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप के फाइनल में उस टीम को हराया था, जिसने लगातार दो बार ट्राफी अपने नाम की थी। इसी टूर्नामेंट में कपिल देव ने क्रिकेट की अपनी हर एक कला से लोगों को वाकिफ कराया था कि वे क्रिकेट के लिए क्या-क्या करने के लिए बने हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..782e45b899907e29a808290a517a81d8050a52b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्रेकफास्ट पर निक ने की ये शरारत..।प्रियंका ने निक के साथ ब्रेकफास्ट की जो फोटो शेयर की है उसमें वो एक्ट्रेस के बम पर ब्रेकफास्ट करते दिख रहे हैं। फोटो में प्रियंका ने रेड बॉटम के साथ ब्लैक बिकिनी टॉप पहना हुआ है। निक शर्टलेस हैं और उन्होंने काले रंग की स्विमिंग वियर पहन रखी है। निक ने हाथ में एक कांटा और एक चाकू ले रखा है। वो इस दौरान प्रियंका के बट पर कुछ मस्ती करते दिख रहे हैं। इस पर प्रियंका मुस्कुरा रही हैं। इस फोटो पर प्रियंका ने कैप्शन दिया 'ब्रेकफास्ट' साथ में कांटे और छूरी की इमोजी भी लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d73403e828530b982c95fbae9e9eae61da3e2af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63451.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंडी, जागरण संवाददाता। Jairam Thakur Birthday, एक साधारण परिवार से निकल कर सत्ता के शिखर पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का वीरवार को 57वां जन्मदिन है। वह शिमला के ओकओवर में सादगी से अपना जन्मदिन मनाएंगे। उनका जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिले के सराज हलके के तांदी गांव में पिता ठूराम ठाकुर और मां ब्रिकमू देवी के घर हुआ था। जयराम ठाकुर के दो भाई और बहनें हैं। उनकी पत्नी साधना पेशे से डाक्टर हैं। जयराम ठाकुर के पिता खेती करते थे। उनकी आय बहुत कम थी। गरीबी के कारण जयराम ठाकुर का बचपन गांव में ही गुजरा। स्कूली शिक्षा गांव में पूरी करनी पड़ी। पिता की इच्छा थी कि बेटा पढ़ लिख सरकारी नौकरी करे, ताकि परिवार को आर्थिक रूप से थोड़ा सहारा मिले। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद जयराम ठाकुर उच्च शिक्षा के लिए मंडी कालेज आए तो यहां छात्र राजनीति के रंग में रंगने लगे। + +मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर पत्‍नी डाक्‍टर साधाना ठाकुर के साथ। फाइल फोटो ।भाजपा ने1993 में उन्हें चच्योट हलके से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। घरवालों को इस बात का पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया। जयराम ठाकुर के बड़े भाई बीरी सिंह बताते हैं कि परिवार के सदस्यों ने जयराम ठाकुर को राजनीति में न जाकर घर की खेतीबाड़ी संभालने की सलाह दी थी, क्योंकि चुनाव लड़ने के लिए परिवार की आर्थिक हालत अनुमति नहीं दे रही थी। जयराम ठाकुर ने अपने दम पर राजनीति में डटे रहने का निर्णय लिया। 1993 में वह मात्र  26 साल के थे। चच्योट कांग्रेस का गढ़ था। पहले चुनाव में शिकस्त मिली। मगर कांग्रेस को टक्कर देने में सफल रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63452.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63452.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..489a3b1bdd4eb32eb182ffaa262702736c797417 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63452.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव मुहाने पर हैं। अब तक के अनुमान के अनुसार बजट घोषणाओं के आसपास ही चुनावी प्रक्रिया पूरी गति में होगी। ऐसे में थोड़ा लोकलुभावन भी होगा इसकी पूरी संभावना है। मध्यमवर्ग और आयकरदाताओं पर पड़ रहे भार की बात खुद प्रधानमंत्री कई बार कर चुके हैं। इस भार को इस बार फिर से थोड़ा कम करने की कोशिश होगी। हालांकि इसक साथ ही आयकर दाताओं का दायरा (नेट) बढ़ाने की तैयारी भी की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..161a6dce5a5f6d1d3d361eac4cdcce718d119429 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63453.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +परिवहन विभाग को दलालों से मुक्त कराने और आवेदकों का कार्यालय की लाइन में लगने का समय बचाने के लिए आनलाइन व्यवस्था की की गई है। विभाग में लंबी कतारें न लगें इसलिए लाइसेंस बनवाने आने वालों के लिए स्लाट की व्यवस्था की गई है। स्लाट लेकर कार्यालय में टेस्ट, फोटो कराने की प्रक्रिया तो होती रहेगी, लेकिन अब आनलाइन सुविधा भी शुरू हो गई है। इससे कार्यालय में भीड़ का दबाव घटाने और लोगों की कार्यालय तक दौड़ बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। इसका पायलट प्रोजेक्ट बाराबंकी में अगस्त के अंतिम सप्ताह में शुरू हुआ, था, लेकिन खासा सफल नहीं हो सका था। इसमें कई तरह की तकनीकि समस्या आई, जिस कारण लोगों के आवेदन स्वीकारने में अड़चन हुई थी। आधार कार्ड से लिंक नहीं हो पाना, आइलाइन फेस पहचान में मुश्किल, वन टाइम पासवर्ड जनरेट नहीं हो पाना आदि मुश्किले थी। इनमें सुधार कर प्रक्रिया काे लागू कर दिया गया है। + +ऐसे होगी प्रक्रिया।घर बैठे लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन सर्विसेज में लाइसेंस रिलेटिड सर्विसेज में जाना है। इसके बाद राज्य चुनने के बाद दो विकल्प आएंगे। आधार से प्रमाणित करने का विकल्प चुनने पर आनइलान प्रक्रिया मिलेगी नहीं तो स्लाट मिलने के बाद कार्यालय आना होगा। आनलाइन माध्यम चुनने के बाद आवेदक को आनलाइन प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे। इसमें जन्मतिथि का प्रमाण और पते का प्रमाण देना होगा। विभाग जांच कर स्वीकृति देगा। इसके बाद वन टाइम पासवर्ड और पिन न ंनंबर आवेदक के मोबाइल नंबर पर आएगा और आवेदक टेस्ट दे सकेंगे। इससे पहले 30 मिनिट का यातायात नियमों की जानकारी का वीडियो देखना होगा। दस्तावेज जांच के लिए कार्यालय जाना होगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद लर्निंग लाइसेंस जनरेट हो जाएगा। परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदक को कार्यालय ही जाना ही होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6907d2f5b8df32e4b3915e1a1f08507450b2e7a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [फीचर डेस्क]। वैश्विक महामारी कोविड-19 ने जितना नुकसान हमारे जीवन को पहुंचाया है, उतना ही भौतिक संपदा व निवेश बाजार को भी सताया है। हालांकि स्थितियां बीच-बीच में सुधरती रहती हैं, फिर भी फाइनेंशियल कोच विनायक सप्रे कहते हैं कि किसी भी तरह का जोखिम लेने से पूर्व इस बात का पूरा ध्यान रखें कि बाजार किसी भी करवट बैठ सकता है। ।भारतीय स्कूल आफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट और आइआइएमपीएसीटी  नामक एक एनजीओ द्वारा किया गया यह अध्ययन राजस्थान, हरियाणा, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड के 900 से अधिक गांवों में 4,800 से अधिक घरों में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। 'कोविड के संदर्भ में उभरती चुनौतियां' शीर्षक के अध्ययन के अनुसार, आय और आजीविका की हानि, भोजन और पीने के पानी की उपलब्धता और बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव महामारी और तालाबंदी के दौरान ग्रामीण भारत में समुदायों की शीर्ष तत्काल चिंताओं के रूप में उभरा है। जबकि वर्ष 2020 में हुए संपूर्ण लाकडाउन के दौरान केवल 17 फीसद लोग ही अपनी नौकरी या आय के प्राथमिक स्रोत को बनाए रख सके, सर्वेक्षण में शामिल 96 फीसद परिवारों ने चार महीने से अधिक समय तक निर्वाह के लिए तरलता का प्रावधान नहीं किया था। आलेख का शीर्षक कितना ही आकर्षक क्यों न लगे परंतु सत्य बात यह है कि आम भारतीय इस अवयव को सबसे कम महत्व देते हैं। शायद यही कारण है कि अधिकांश भारतीय रियल एस्टेट में निवेश करना अधिक समझदारी समझते हैं, जिसमें वे जमीन अथवा फ्लैट में निवेश करते हैं और कई बार तो वे कर्ज लेकर भी निवेश करते हैं। वह निवेश की लागत में ब्याज की धनराशि जोड़ना भूल जाते हैं और साथ ही साथ यह भी भूल जाते हैं कि आपदा की स्थिति में उस फ्लैट को बेचना टेढ़ी खीर बन जाता है और यदि भाग्य से ग्राहक मिल भी गया तो भी बाजार भाव का मिलना लगभग नामुमकिन होता है। यह सब मैंने बताने की क्यों सोची? इसका कारण यह है कि जब भारत में कोरोना का पहला मामला आया तो उसके बाद दो-तीन सप्ताह में ही शेयर बाजार ताश के पत्तों की तरह गिर गया, सौभाग्य से बाजार को वापस पलटने में देर नहीं लगी, लेकिन कई लोगों की नौकरियां गई और कई लोगों के वेतन में भारी गिरावट आई। स्थितियां पटरी पर लौटी ही थी कि कोरोना की दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा तेजी से आती दिखाई दे गई। ऐसे में वह निवेशक, जिन्होंने अपने पोर्टफोलियो में पर्याप्त तरलता रखी थी, वह काफी हद तक परिस्थितियों का सामना करने में सफल रहे। एक तरफ जहां यह सब मुश्किलें थी, वहीं दूसरी तरफ अप्रैल के महीने से बाजार ने जो तेजी पकड़ी वह अभी तक कायम यह है। इसी दौरान कई नए निवेशक बाजार में आए और बाजार की तेजी में भाग्य के भरोसे पैसा भी बनाया और उसको अपना कौशल समझने लगे। एक रिटेल निवेशक की दृष्टि से यह सोच बहुत भयावह होती है जब वह बिना किसी ज्ञान के स्वयं को चैंपियन समझ बैठता है। ऐसे में वह सभी निवेशक जिन्होंने पिछले वर्ष पैसे बनाए, उन्हें स्वयं को चैंपियन न समझकर जो पैसे बनाए हैं, उसका संरक्षण करने पर ध्यान देना चाहिए। परिस्थितियां जो सामान्य दिख रही थीं, कोरोना की तीसरी लहर के साथ वापस कठिन हो सकती हैं और यदि ऐसे समय में बाजार ने पिछले वर्ष की तरह साथ नहीं दिया तो इस बार दोहरी मार पड़ सकती है। इक्विटी बाजार की सालभर की चाल से इस भ्रम में न रहें कि यह हमेशा ऊपर की तरफ ही जाता है, यदि भारत के इक्विटी बाजार का 42 साल का इतिहास देखें तो आप पाएंगे कि तीन-चार वर्ष तक (यह मैं सिर्फ बी.एस.ई. सूचकांक की बात कर रहा हूं )कई शेयर तो कई सालों तक नेगेटिव रहे हैं या फिर उनमे ट्रेडिंग बंद होने का भी खतरा रहता है। आग, पानी और बिजली की तरह ही इक्विटी बाजार जैसे देने की क्षमता रखता है, उसी प्रकार सब कुछ नष्ट करने की भी क्षमता रखता है। इसलिए इक्विटी बाजार  में छलांग लगाने से पहले जोखिम लेने की अपनी क्षमता का अंदाजा अवश्य लगा लें क्योंकि बाजार आपकी अपेक्षा के विपरीत कई महीनों, वर्षों तक निगेटिव रिटर्न दे सकता है। ऐसे में यदि आप इससे इश्क कर बैठे तो परिस्थिति विकट हो सकती है और हां 'इश्क है तो रिस्क है' जैसे संवाद फिल्मों में ही ठीक लगते हैं, निजी जीवन में यह सोच भारी पड़ सकती है। अब आप सोच रहे हैं कि इसका उपाय क्या है तो उपाय बड़ा आसान है। कम से कम 8-10 महीने के घर खर्च के बराबर की धनराशि ऐसे रखें कि आवश्यकता पडऩे पर 24 घंटे के भीतर धनराशि उपलब्ध हो जाए और बाजार के उतार का उस धनराशि पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। जैसा कि रहीम जी का दोहा यह बताता है कि 'रहिमन निज संपत्ति बिना, कोउ न विपति सहाय /बिनु पानी ज्यों जलज को, नहीं रवि सके बचाय।' इसलिए इससे पहले कि बाजार विकराल रूप ले, आज ही अपने लिए पर्याप्त तरलता का प्रावधान कर लें। (प्रख्यात फाइनेंशियल कोच और दोहानामिक्स के लेखक)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..589a84b945741b6cdc2d96a85db13e4f3b699828 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3. एयरफोर्स एकेडमी, हैदराबाद (प्री फ्लाइंग)-32 पद।4. आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्‍नई (पुरुष)-170 पद।5. आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्‍नई (महिला)-17 पद।शैक्षिक योग्‍यता: इंडियन मिलिट्री एकेडमी तथा आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी के लिए किसी भी मान्‍यताप्राप्‍त संस्‍थान से डिग्री होनी चाहिए। वहीं इंडियन नेवल एकेडमी तथा एयरफोर्स एकेडमी के अंतर्गत आवेदन के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। इस बारे में विस्‍तृत जानकारी के लिए आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध नोटिफिकेशन देखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..662bdaef9552e5cda1cbb5c497b7c43bbcaa13d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63461.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [पुलक त्रिपाठी]। नए साल के दूसरे माह से खाताधारकों को बैकिंग सुविधा का लाभ उठाने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। बैंकों ने सेवाशुल्क में वृद्धि के साथ सभी सुविधाओं की नए दरें जारी का दी हैं। सामान्य बैंकिंग, रिटेल बैंकिंग, एमएमएमई, एग्रीकल्चर बैकिंग समेत सभी बैकिंग सेवाओं के तहत पासबुक प्रिंट कराने से लेकर चेक बुक इशू कराने, स्टाप पेमेंट, डिमांड ड्राफ्ट बनवाने से लेकर हस्ताक्षर वेरिफिकेशन तक समेत सुविधाएं महंगी होंगी। नई दरें पहली फरवरी से लागू होंगी। इसे लेकर बैंक प्रबंधन ने बैंक शाखाओं को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। + +डिमांड ड्राफ्ट, पे आर्डर, बैंकर चेक कैंसल की स्थिति में 500 रुपये तक 20 रुपये और 500 रुपये से अधिक पर 100 रुपये चुकाने होंगे। आउट स्टेशन चेक कलेक्शन पर सेवा शुल्क को भी तय किया गया है। इसके तहत पांच हजार रुपये तक की चेक पर 25 रुपये, पांच हजार से दस हजार तक पर 50 रुपये, दस हजार से एक लाख रुपये तक 100 रुपये, एक लाख से पांच लाख रुपये तक 200 रुपये, पांच लाख से दस लाख तक 225 रुपये और दस लाख और दस लाख तक 250 रुपये देने होंगे। नई दरों के तहत बचत खाते पर पांच ट्रांजेक्शन से अधिक पर 75 रुपये ग्राहक को अदा करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8440b51bb56ed57290f0885aafe77c4a9fe1e3cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राहुल चौहान]। कोरोना की पिछली लहर के समय न सिर्फ दिल्ली में, बल्कि एनसीआर के शहरों में भी हालात काफी बिगड़ गए थे। लोगों को न बेड मिल रहा था, न दवा और न आक्सीजन, आइसीयू बेड और वेंटिलेटर की तो बात ही क्या थी। एनसीआर के शहरों में लोगों को इलाज नहीं मिल रहा था तो वो भागकर दिल्ली आ रहे थे, लेकिन यहां भी स्वास्थ्य ढांचा एनसीआर से बेहतर होने के बावजूद हमलोग उनकी बहुत मदद नहीं कर पा रहे थे। दिल्ली के लोगों को भी अस्पतालों में आक्सीजन बेड नहीं मिल पा रहे थे। आक्सीजन सिलेंडरों को लेकर उस दौरान हुई मारामारी से सभी वाकिफ हैं। ।लेकिन, यह राहत की बात है कि उसके बाद हालात में काफी सुधार हुआ है। अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ गई है। आक्सीजन बेड बढ़ाए गए हैं। आइसीयू बेड बढ़ गए हैं। सरकारी अस्पतालों में जहां आक्सीजन प्लांट नहीं थे, वहां अब बड़ी संख्या में सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लग गए हैं। संविदा पर स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती कर उनकी संख्या बढ़ाई गई है, वहीं उन्हें कोरोना जैसे अत्यधिक संक्रामक रोग के इलाज को लेकर बेहतर ढंग से प्रशिक्षित किया गया है, जो एक बहुत महत्वपूर्ण बात है। निजी अस्पतालों ने भी अपने संसाधनों में सुधार किया है। इस बार भी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, हालांकि यह देखा जा रहा है कि अधिकतर मामले गंभीर नहीं हैं। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि कोरोना का पिछली लहर जैसा गंभीर स्वरूप नहीं दिखेगा, लेकिन फिर भी यदि वैसी स्थिति बनती है तो दिल्ली उसका बेहतर ढंग से सामना करने की स्थिति में है। ।एनसीआर में भी हुआ सुधार ।पिछली लहर की तरह इस बार हालात वैसे हो भी जाते हैं तो मरीजों को अधिक परेशानी नहीं आएगी। पिछली बार कोरोना की एक के बाद दो-तीन लहर आ गई थीं, जिससे सरकारी व्यवस्था को खुद को संभालने का मौका नहीं मिला था, लेकिन पिछली लहर के बाद स्वास्थ्य ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एनसीआर के शहरों के अस्पतालों ने भी पिछली लहर से सीख ली है और हालात में सुधार किया है। सरकारी व्यवस्था हो या निजी अस्पताल, ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि वे अब पहले से बेहतर हुए हैं। एनसीआर के निजी अस्पतालों ने भी अपने संसाधनों में सुधार किया है। ।दिशानिर्देशों में थोड़े बदलाव की दरकार ।दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा अब पिछली लहर के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है। आवश्यकता इस बात की है कि मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों का बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया जाए। स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटाइन करने के मामले में भी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए। दिशानिर्देशों के अनुसार 14 दिन की ड्यूटी के बाद सात दिन का क्वारंटाइन दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही, 55 वर्ष से अधिक उम्र के डाक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना मरीजों के इलाज से अलग नहीं रखा जाना चाहिए। ।इस बार हालात पिछली लहर जैसे गंभीर नहीं हैं, ऐसे में 55 वर्ष से अधिक उम्र के डाक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी कोरोना मरीजों के उपचार में लगाया जाना चाहिए। कोरोना मरीजों को स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूक कर रहा है। यह जागरूकता लगातार फैलाई जानी चाहिए ताकि वो लोग जो घर में ही रहकर इलाज कर सकते हैं, वे अस्पताल पहुंचकर बेवजह बेड न भरें और जिन्हें वास्तव में जरूरत है, उनके लिए बेड खाली रहें। दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन कोरोना मरीजों की करीबी निगरानी कर रहे हैं, जो बहुत जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..378f0572aa6747385b07176a0454256770fe21cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अगर आप तीर्थराज प्रयाग और यहां स्थित गंगा, यमुना के पावन संगम तक की भूमि पर बसे माघ मेला में आ रहे हैं तो यह मसालेदार आलू एक बार फिर अपनी खुशबू और लज्जत बिखेरता हुआ आपका इंतजार कर रहा है। वैसे तो माघ मेला क्षेत्र में खानपान की सैकड़ों दुकानें होती हैं और किस्म-किस्म के व्यंजन और चाट आदि के ठेले खोमचे यहां होते हैं। वहीं बड़े-बड़े तसलों में खोमचे पर लगा इस व्‍यंजन को अधिकांश श्रद्धालु तलाशते हैं और इसे चटखारा लेकर खाते हैं। वजह है इस आलू में नमक, मसाले, तेल और हरी धनिया का संतुलन है। वहीं इसका दाम भी सस्‍ता ही है। यानी 10 रुपये में मन भरने वाला यह आइटम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77de94ab4d30884cca4eb631342321733524f045 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। भूजल के प्रयोग में हम विश्व में शीर्ष पर हैं। भूजल स्तर नीचे गिर रहा है इसलिए जल संरक्षण और इसके पुन: प्रयोग पर हम सभी का विशेष ध्यान होना चाहिए। कई इस वर्ष भी जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं पर काम आगे बढ़ेगा। राज्य सरकारों को जो आवंटन किया गया है, उनका प्रयोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा, लेकिन जनसहभागिता के बिना जल संरक्षण की मुहिम पूरी हो पाना संभव नहीं है। जानिए जल संरक्षण के प्रयासों, योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के बारे में:।पीएम कृषि सिंचाई योजना।अटल भूजल योजना।नमामि गंगे की गति।देश में जल संरक्षण प्रयासों की मजबूती के लिए जियो र्टैंगग पर विचार।जागरूकता के लिए जल पहेली।ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de0635bf0c0b3d4a88bd989ca3d7c5b5e945b884 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। सूबे की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस विभाग को 1331 सिपाहियों की सौगात मिली है। मुरादाबाद के छह प्रशिक्षण संस्थानाओं में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। जिसमें नवीं वाहिनी,पीटीएस और पीटीसी में महिला आरक्षियों की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। इस पासिंग आउट परेड के बाद 732 महिला आरक्षी पास आउट हुईं। इसके साथ ही 23वीं वाहिनी, 24वीं वाहिनी के साथ ही पुलिस लाइन में 599 सिपाहियों की पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। बुधवार को सभी प्रशिक्षण संस्थानों में पासिंग आउट परेड के बाद 1331 सिपाही पास आउट हो गए। उन्‍हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों की पुलिस लाइन में भेजने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33fbe7828b2e3e65afd8d3fcf9abd9b39b9e8eff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। देशभर में सोमवार (30 अगस्त) को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है कि जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए, यह भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत खास और शुभ दिन होता है। लोग इस दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6695231e07e75c521a30a28c9aea86895ca1b44a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63473.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार ने किया सहयोग।ताराबारा बांध के बाद दुबहल पंचायत के कुईवार गांव के जंगल किनारे गोरीमाटी के पास चेक डैम का निर्माण कराया गया। इसने कई गांवों का भाग्य बदल दिया। स्थानीय किसान केदार यादव, भोला खां, विगन रजक, सम्मी शाह, लुट्टू कुरैशी कहते हैं कि चेक डैम नहीं था तो खेत यूं ही बंजर पड़े रहते थे। सिर्फ बरसात का पानी होता था, तब इंद्र देवता के भरोसे धान की खेती करते थे। इस साल गांवों में एक भी चापाकल ने धोखा नहीं दिया। अब सैकड़ों एकड़ में खेती हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74998674121db080b381507a5a01d0943610a43c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63474.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विकाश गौड़। First ever ODI Match: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समय तीन प्रकार क्रिकेट का प्रचलन है। इसमें टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट शामिल है। टेस्ट क्रिकेट का प्रारूप 140 साल से भी ज्यादा पुराना है, लेकिन वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट को अभी 51 साल हुए हैं और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट को शुरू हुए तो अभी दो दशक भी नहीं हुए हैं। हालांकि, आज हम बात करने वाले हैं क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय प्रारूप एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की, जिसको शुरू हुए आज यानी 5 जनवरी 2022 को 51 साल पूरे हो गए हैं। + +आफकी जानकारी के लिए बता दें, 7 मैचों की एशेज सीरीज के लिए इंग्लैंड की टीम नवंबर 1970 में आस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। ब्रिसबेन और पर्थ में उस एशेज सीरीज का पहला और दूसरा टेस्ट मैच खेला गया था। दोनों मैचों का नतीजा ड्रा रहा था। तीसरा मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड यानी एमसीजी में 31 दिसंबर 1970 से 5 जनवरी 1971 तक होना था, क्योंकि उस समय टेस्ट मैच 6 दिन का होता था और एक दिन का रेस्ट डे होता था। हालांकि, ये मैच बारिश के कारण मैच शुरू ही नहीं हो सका, लेकिन आखिरी दिन मैच संभव था, लेकिन एक दिन में टेस्ट मैच का नतीजा नहीं निकल सकता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5b3c4e1619f2b8a3573c912b3cbf57bd1ad0e3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विजय क्रांति: जैसे-जैसे चीन की आर्थिक और सैन्य शक्ति बढ़ रही है, वैसे-वैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीनी सरकार की आक्रामकता भी गंभीर रूप लेती जा रही है। खास तौर से भारत के प्रति चीन की यह आक्रामकता नई गति पकड़ चुकी है। हाल की घटनाएं यही दर्शाती हैं कि भारत के प्रति चीनी व्यवहार सामान्य कूटनीतिक शिष्टाचार की सीमाओं को तोड़ते हुए अक्खड़पन और असभ्यता की सीमाओं में प्रवेश कर चुका है। इनमें से एक घटना में चीन ने भारत की भौगोलिक अखंडता को सीधी चुनौती दी है और दूसरी में भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रतीक संसद का खुल्लमखुल्ला अपमान किया। 30 दिसंबर को चीन सरकार के नागरिक मामलों के मंत्रलय ने एक नक्शा जारी किया। उसमें अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नए चीनी नामकरण की घोषणा की गई। इससे पहले 2017 में भी उसने अरुणाचल के सात स्थानों के चीनी नामों का एलान किया था। हालांकि ताजा घोषणा का सीधा संबंध चीन के नए सीमा कानून से है, जो एक जनवरी से लागू हो गया है। नए नामों की घोषणा को लेकर चीन ने दावा किया कि उसने यह कदम चीनी इलाकों के नामों का ‘मानकीकरण’ करने के लिए उठाया है। इस बार की घोषणा मात्र कागजी नहीं, बल्कि नए कानून का हिस्सा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35f88cf3e312de3069a67014e828f25f6ec11608 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संदीप श्रीवास्तव ने अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज 18 से बात की। इस दौरान उन्होंने फिल्म 'शेरशाह' की कहानी लिखने के अपने अनुभवों को साझा किया। संदीप श्रीवास्तव ने कहा, 'जब मैं अपनी रिसर्च कर रहा था तो मैंने डिंपल से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मुझे बताया कि कैप्टन बत्रा और वह एक-दूसरे को चार साल से जानते हैं लेकिन उन्होंने साथ में जो समय बिताया वह सिर्फ 40 दिनों का था।'।संदीप श्रीवास्तव ने आगे कहा, 'डिंपल को लगता है कि उन्होंने और विक्रम बत्रा ने उन 40 दिनों को जीया था, जो उस अद्भुत महिला के लिए बहुत मायने रखता है जिसका मैं बहुत सम्मान करती हूं। कियारा ने जिस तरह से किरदार निभाया है, उसके माध्यम से उनकी भावनाओं का पता चल रहा है, और यही वास्तव में लोगों से जुड़ा हुआ है। इसलिए मैं नहीं समझता कि इसमें कुछ जोड़ने की जरूरत थी। यह बिल्कुल सही था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76628ba1dcab1ee5683a059d7b28706c5b003ecd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63484.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मृगेंद्र पांडेय (रायपुर)। छत्तीसगढ़ में पुलिस नए साल में नक्सलियों का शहरी नेटवर्क तोड़ने व सप्लाई चेन रोकने और सख्ती की तैयारी में है। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन के दौरान कांकेर में सड़क ठेकेदार के प्लांट में मिले दस्तावेजों के आधार पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगने के बाद नए सिरे से रणनीति बनाई गई है। पूर्व में बरती गई चौकसी का असर यह रहा कि नक्सलियों तक दवा और रसद नहीं पहुंच पाई। इससे उनके बीच खलबली मची हुई है। + +नई रणनीति उनके लिए और मुसीबत बनेगी।सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में सक्रिय नक्सलियों पर आंध्र प्रदेश से आए कोरोना वैरिएंट का असर हुआ है। टेकलगुड़ा मुठभेड़ की साजिश रचने वाली सेंट्रल कमेटी की सदस्य 25 लाख की इनामी सुजाता की मौत कोरोना से ही हुई। डीजीपी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच मई 2021 में बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के पालनार इलाके में नक्सली कैंप में गोंडी भाषा में एक पत्र मिला था। इसमें दवा के अभाव में कोरोना से सात नक्सलियों की मौत होने की जानकारी सामने आई थी। पत्र में यह भी लिखा था कि डिवीजनल कमेटी (डीवीसी) स्तर के नक्सली कमांडर नीचे के कैडर को कोरोना की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63486.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa4aef3859a6359eb4c97bcb38dd7aac4d53f7bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63486.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। शहर में विकास की भेंट चढ़ते हरित क्षेत्र को बचाने को सोसायटी फार प्रिजर्वेशन आफ हेल्दी इनवायरमेंट एंड ईकोलोजी एंड हेरिटेज आफ आगरा (स्फीहा) द्वारा 15 वर्ष पूर्व शुरू की गई मुहिम रंग ला रही है। संस्था 15 वर्षों केे सफर में 30 हजार से अधिक पौधे रोप चुकी है। इनमें से 84 फीसद पौधे सर्वाइव कर चुके हैं। संस्था की मुहिम विश्व पटल पर भी छा रही है। पिछले दो वर्षों में संस्था से जुड़े सदस्यों ने विश्व के कई देशों में पौधे रोपे हैं। + +स्फीहा की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। विकास की अंधी दौड़ में दौड़ते शहर में तब नई-नई कालोनियां विकसित होना शुरू हुई थीं और बड़े-बर्ड अपार्टमेंट बनना शुरू हुए थे। हरित क्षेत्र को कुल्हाड़ी चलाकर बर्बाद किया जा रहा था। संस्था ने दयालबाग में हरित क्षेत्र को बचाने के लिए लड़ाई शुरू की। एडीए के खिलाफ कानूनी लड़ाई में विजय दर्ज करने के बाद संस्था ने धरा का हरित शृंगार करने का ख्वाब संजोया। दयालबाग में पौधारोपण से इसकी शुरुआत की गई। 15 वर्ष पूर्व संस्था ने पर्यावरण संरक्षण को जो पौधा रोपा था वो आज वृक्ष बन चुका है। स्फीहा के अध्यक्ष एमए पठान ने बताया कि 15 वर्ष में संस्था ने जो काम किया है, वो दुनियाभर के लिए एक माडल बन चुका है। इसे अपने-अपने क्षेत्र में लागू किया जा सकता है। वहीं, सचिव पंकज गुप्ता ने बताया कि स्फीहा का फोकस अब ग्रीन एनर्जी, पेयजल और वायु गुणवत्ता सूचकांक को बेहतर करना रहेगा। इसके साथ ही दयालबाग में ईको-एग्रीकल्चर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d382b79f2e4eb08fffb3a56157e25cc1e27911e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63488.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चार जनवरी 1925 में इटावा जिले के ब्लाक महेवा के निकट पुरावली गांव में बाबू ब्रजकिशोर सक्सेना के यहां हुआ था। 2018 जुलाई में एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली। आगरा के बल्केश्वर में रह रहे उनके छोटे बेटे शंशाक प्रभाकर ने बताया कि वे कहते थे कि अगर 96 की उम्र पार कर गया तो सौ तो पकड़ लूंगा। पर एेसा हो नहीं पाया। वे खाने-पीने के काफी शौकीन थे। आगरा की बेढ़ई-कचौड़ी से लेकर लखनऊ में रबड़ी तक खाते थे। एक बार का किस्सा सुनाते हुए शंशाक प्रभाकर ने बताया कि उज्जैन में कवि सम्मेलन में गए थे। वहां एक मेले में झूला लगाने वाला उन्हें अपने टेंट में बुलाने आया कि यह उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी इच्छा है। इस आग्रह को वे टाल नहीं पाए और उसके टेंट में पहुंचे। जहां उन्होंने झूले वाले द्वारा बनाया गया मटन भी खाया। उन्हें सालमन मछली बहुत पसंद थी। + +आगरा की साहित्यिक हवा में नीरज। नीरज जी ने भाषा के सुधार में भी बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने हिंदी और उर्दू के अच्छे-अच्छे शब्दों का चयन करके उनका बेहतरीन उपयोग किया। अपनी रचनाओं को उनसे संजोया था। उनकी रचनाओं में विख्यात कवि गोपाल सिंह नेपाली की छवि भी झलकती थी। मेरा उनसे बहुत जुड़ाव था। -कवि सोम ठाकुर।नीरज जी ने अपने जीवन में जो किया, वह अनुकरणीय है। मैंने उनके साथ करीब एक हजार कवि सम्मेलन साथ पढ़े थे। इसलिए मैं यह कह सकता हूं कि- हवा के साथ गुनगुनाता था, कली के साथ मुस्कुराता था।वो उगा था जमीन का सूरज,वो अपनी धूप खुद बनाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db76c80fe5bc1b5e3bfc57407051dcf81810e555 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63489.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेन किंग के नाम से हुए मशहूर : पारिवारिक कारणों से विक्रम कोठारी को पान पराग से अलग होना पड़ा और फिर उन्होंने आयात-निर्यात का कारोबार शुरू किया। उन्होंने पान मसाला का अपना अलग ब्रांड दम नाम से लांच किया। दम पान मसाला को वह पान पराग जैसा पपुलर ब्रांड नहीं बना पाए, इस दरमियान उन्होंने रोटोमैक नाम से कपंनी बनाई और वर्ष 1995 में पेन लांच किया। पान पराग की तरह उनका रोटोमैक पेन देश-दुनिया में छा गया और वह पेन किंग के नाम से मशहूर हुए। इस सफलता में भी उनके रोटोमैक पेन का स्लोगन- लिखते लिखते लव हो जाए... भी खासा चर्चित रहा और हर जुबां पर काफी समय तक छाया रहा। इसके साथ-साथ उन्होंने यस मिनरल वाटर भी लांच किया, जो काफी सफल साबित हुआ। हालांकि उनके द्वारा यस ब्रैंड से बाजार में उतारी नमकीन की बड़ी रेंज और ‘ब्रेन कंप्यूटर्स’ को भी बाजार में उतारा था, जो खास सफल नहीं रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63491.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63491.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..677b520db85476b174fc9568854d72f32b9507ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63491.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ये सभी कोर्सेज संस्‍थान के पशु पोषण विभाग, पशु रसायन विभाग, दुग्ध रसायन विभाग (दूध एनालिसिस), एडवांस एनिमल बायोटेक्‍नोलाजी, डेयरी इकोनामिक्‍स जैसे विभागों के अंतर्गत कराये जाते हैं। बीटेक कोर्स करने के लिए 50 प्रतिशत अंकों से पीसीएम और अंग्रेजी विषयों के साथ बारहवीं होना चाहिए। बारहवीं के बोर्ड एग्‍जाम में सम्मिलित हो रहे स्‍टूडेंट भी दाखिले के लिए होने वाली इसकी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। डेयरी के एमएससी प्रोग्राम्‍स में प्रवेश के लिए भी आइसीएआर द्वारा आल इंडिया एंट्रेंस एग्‍जाम कराया जाता है। यह कोर्स 60 प्रतिशत अंकों से संबंधित विषय में ग्रेजुएट युवा कर सकते हैं। + +इसके अलावा, वे यह भी देखते हैं कि दूध में बैक्‍टीरिया ज्‍यादा तो नहीं है। इसके लिए ये दूध की टेस्टिंग करते हैं। कुल मिलाकर, ऐसे प्रोफेशनल्‍स को दूध के सुपरविजन की अच्‍छी समझ होती है। इनकी चेकिंग के बाद ही दूध अगले चरण में पैकेट में पैक होने के लिए जाता है या फिर उसकी प्रोसेसिंग होकर दही, घी, मक्खन या आइसक्रीम, दुग्ध पाउडर जैसे उत्‍पाद बनते हैं। + +वहीं, जो युवा डेयरी में एमटेक, एमएससी या पीएचडी कर लेते हैं, वे एग्रीकल्‍चर रिसर्च साइंटिस्‍ट या असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पदों पर किसी भी कृषि विश्वविद्यालय या शोध संस्थान में नौकरी पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीटेक के बाद युवा अगर एमबीए कर लेते हैं, उन्‍हें डेयरी कंपनियों में मैनेजमेंट पदों पर भी जाब मिल जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63492.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63492.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b1d8a3316f13a0d5422375f112c2ffe5c2c28ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63492.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नरपतदान चारण। कोविड वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के आसन्न संकट को देखते एक बार फिर से अनेक प्रकार की आशंकाएं गहराने लगी हैं। इसके कारण सबसे पहले बच्चों के दुष्प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए आफलाइन स्कूली शिक्षा को एक बार फिर रोकने का खतरा मंडराने लगा है। लगभग दो वर्षो से जारी महामारी के कारण देश में अभी कुछ माह पहले ही आफलाइन कक्षाओं का आरंभ हुआ है। फिर स्कूलों में आनलाइन कक्षाओं के आरंभ होने की खबरें आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99bf002c33feade5c644faa9f85c7531035c017b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवादाता। भगवान भास्कर के दक्षिणायन से उत्तरायन होने का पर्व इस बार भी दो दिन माया जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य देवता धनु राशि निकलकर मकर राशि में दोपहर 2.32 बजे प्रवेश करेंगे। इसके चलते पुण्यकाल सूर्य अस्त 5.55 बजे तक 3.37 मिनिट रहेगा। इस बार सक्रांति का वाहन बाघ, उपवाहन अश्व और हाथों में गदा रूपी शस्त्र है। मकर सक्रांति का सामान्य फल विद्वान और शिक्षित के लिए लाभ दायक रहेगा। अनिष्टकारी न होने के बावजूद भय और चिंता का वातावरण भी निर्मित होगा। साथ ही महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..140a8308232f259c37d0176a9d8c17582c88dde1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63497.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फ्लू जैसी बन जाएगी स्थिति: टीकाकरण ने ओमिक्रोन के संक्रमण को गंभीर होने से रोकने में कारगर भूमिका निभाई है। संक्रमण के बहुत कम मामले ही गंभीर हो रहे हैं। अमेरिका के सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने संक्रमित लोगों के लिए क्वारंटाइन की अनिवार्यता को घटाकर पांच दिन कर दिया है। ओमिक्रोन के संक्रमण से शरीर में बनी एंटीबाडी डेल्टा और पिछले अन्य वैरिएंट के खतरे से बचाती है। यह भी अच्छा संकेत है। + +विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ समय बाद वायरस व्यक्ति की अपनी प्रतिरक्षा शक्ति, टीके व अन्य संक्रमण के आधार पर लोगों के लिए सामान्य सर्दी-जुकाम जैसा बनकर रह जाएगा। कुछ लोगों में यह घातक भी हो सकता है, जैसा फ्लू के मामले में भी संभव है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के इम्युनोलाजिस्ट अली एलबेडी कहते हैं, ‘अब लोग 2019 जैसे नहीं हैं। अब स्थिति बदल गई है। बड़ी आबादी ने संक्रमण का सामना कर लिया है। मनुष्य के शरीर की बड़ी खूबी है कि वह पिछले संक्रमणों को याद रखता है। महामारी ने जब हमला किया था तब किसी सूखे के मौसम में लगी जंगल की आग जैसी स्थिति थी। अब उस तरह का सूखा नहीं है। अब आग उतनी नहीं फैलेगी।’।सतर्क रहना बहुत जरूरी: अमेरिका के येल स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के डा. अल्बर्ट को कहते हैं, ‘ओमिक्रोन इस बात की चेतावनी है कि यदि हम सतर्क नहीं हुए तो क्या हो सकता है। यह सच है कि कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं होगा।’ विज्ञानी यह भी मानते हैं कि एक स्थिति ऐसी आएगी जब संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने या जान जाने के मामले बहुत कम हो जाएंगे और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसे महामारी की श्रेणी से बाहर कर देगा। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किस स्तर पर डब्ल्यूएचओ ऐसा फैसला करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ecdd06016af6bb3a98a2b590de3aac732281165 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। पर्यावरण संरक्षण हर बीतते दिन के साथ भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए एक अनिवार्यता बनता जा रहा है। सरकार की तरफ से इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नवीन ऊर्जा स्नोतों के साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। यह योजनाएं अब तरुणाई की ओर बढ़ रही हैं। यह वर्ष देश में पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को गति देने वाला वर्ष होगा क्योंकि कुछ माह पहले ही भारत ने काप-26 जलवायु सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन थामने की बड़ी पहल की है। आइए समझें इस क्षेत्र में क्या हो रहा है और क्या तैयारी है:।सही दिशा में उठ रहे कदम।भारत में ई-वाहन निर्माताओं की संख्या।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि 21वीं सदी का भारत आधुनिक सोच और आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा प्राप्त कर सकता है। सरकार इसी सोच के साथ लगातार हर क्षेत्र में नीतिगत फैसले ले रही है। देश में एथनाल के उत्पादन और खरीद के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। ।हरित ऊर्जा में पाया लक्ष्य।पीएम कुसुम योजना को प्रोत्साहन।फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन आएंगे।ई-वाहनों को भी मिलेगी गति।सौर ऊर्जा में नवोन्मेष और अनुसंधान।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0720fb9d23bf34422f29b8472067978f5f9da11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तारा सुतारिया को बताया प्राउड मॉम।टाइगर श्रॉफ ने इस वीडियो में बिलकुल परफेक्ट डांसिंग मूव्स करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी के साथ वह अलग-अलग तरह के एक्सप्रेशन से भी सबका ध्यान खींच रहे हैं। इस दौरान स्टेज पर अपना टैलेंट दिखा रहे टाइगर श्रॉफ को देखकर उनकी को-स्टार तारा सुतारिया भी जमकर उनकी सराहना कर रही हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए टाइगर ने कैप्शन में लिखा, 'मेरी बहुत ही शानदार को-स्टार तारा सुतारिया को देखिए, जो एक बार फिर से प्राउड मम्मी बनी हैं'। इसी के साथ टाइगर ने हंसी वाला इमोजी पोस्ट किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc0bd2bf9caacd5bab53557d51311cd0ed239b55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिली की जनता को डर है कि लीथियम की कीमत दिनोंदिन बढ़ने से सरकार इसका अधिकाधिक दोहन कर धन कमा सकती है। लोगों के इसी डर को ध्यान में रखते हुए संविधान मसौदा समिति का कहना है कि वह नए संविधान में पर्यावरण को बचाने के लिए खास प्रविधान करेगी। लीथियम खनन के फैसले में स्थानीय लोगों को ज्यादा शक्ति देने के प्रविधान किए जाएंगे। यानी सरकार सिर्फ अपनी मर्जी से लीथियम का दोहन नहीं कर सकेगी। हो सकता है कि संविधान में खनन पर भारी रायल्टी और प्रतिबंध के प्रविधान भी शामिल किए जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d04f0923a469affb9b4a206aeab22c3b4fcf1ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63503.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ड्रोन नीति के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में ड्रोन के अनुप्रयोग के लिए नियम तय किए हैं। इससे कृषि क्षेत्र में एआइ आधारित उपकरणों की हलचल बढ़ेगी। अब तक ड्रोन को देश के सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र के नजरिये से ही उपयोगी माना जाता था। पहली बार खेती को आधुनिक रूप देने के लिए ड्रोन नए कृषि औजार के रूप में इस्तेमाल में लाए जाएंगे। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार ने मानक तय किए हैं। पूरे देश को ड्रोन उड़ाने के लिए तीन जोन में बांटा जाएगा। हवाई जहाज उड़ाने के लिए जिस तरह एयर ट्रैफिक कंट्रोल से फ्लाई पाथ लेना होता है, उसी तरह ड्रोन उड़ाने के लिए तय साफ्टवेयर से मंजूरी लेनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22e2f5e4992c58c62e2379c96d437daefe12898c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63510.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- यह कहा जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना को भी ऐसी मिसाइलों से डर लगता है। अमेरिकी वायु सेना के अनुसार 1980 के दशक के बाद से खोए हुए सभी विमानों में से लगभग 90 फीसद को हीट सीकिंग मिसाइलों से मार गिराया गया था। एफ-22 जैसे स्टील्थ लड़ाकू विमानों को भी निशाना बनाया जा सकता था, क्योंकि उड़ान के दौरान एफ-22 की कोटिंग मैटेरियल आसानी से गर्म हो जाती है। ऐसे में हीट सीकिंग मिसाइलें गर्मी का पीछा करते हुए आसानी से विमान को निशाना बना सकती है। + +3- चीन का कहना है कि जमीन से हवा में मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल कुछ ही सेकंड में F-22 को पकड़ सकती है और उसे पलभर में नष्ट कर सकती है। चीन की हाइपरसोनिक इन्फ्रारेड मिसाइलों का पहले से ही कई परीक्षण उड़ानों में इस्तेमाल किया जा चुका है। इसी क्षमता और खासियत के चलते पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से सैन्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए एक शीर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d8b58c1f5438926dc5fdc7db96fd24748b13c24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। किसी भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है, तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। इसे सिर्फ ओमिक्रान का संक्रमण न मानें, दूसरी लहर में खतरनाक साबित हो चुका डेल्टा वैरियंट भी इसके साथ-साथ चल रहा है। अभी वाराणसी में ही आए संक्रमण के सभी मामलों में डेल्टा ही सामने आया है। इसलिए तनिक भी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। मास्क लगाएं व समुचित दूरी बनाएं, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, यही इससे बचने का सबसे सुरक्षित उपाय है। यह कहना है काशी हिंदू विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के जीन विज्ञानी प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे का। वह सोमवार को जागरण कार्यालय में पाक्षिक अकादमिक बैठक में बोल रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c888a79b54f6cb13d2409dd1b60a1daae9bb51d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में फ्लाइटों के साथ ही हवाई यात्रियों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मार्च से नवंबर के बीच वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 64 फीसद अधिक हवाई यात्रियों का ग्राफ बढ़ा। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से नवंबर के बीच वर्ष 2020 में जहां सिर्फ 687 यात्रियों ने हवाई सफर किया वहीं, इसी समयावधि में वर्ष 2021 में 44,896 यात्रियों ने सफर किया। इस समयावधि में वर्ष 2020 में सिर्फ 94 फ्लाइटें आगरा में आई थीं वहीं, वर्ष 2021 में 652 में फ्लाइटें आईं। ।इधर, ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच खेरिया हवाई अड्डे पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाहर से आने वाले यात्रियों को खेरिया हवाई अड्डे से बाहर निकलने के लिए पहले उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। नहीं तो उन्हें कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर जांच करानी होगी। इसके बाद ही वह खेरिया हवाई अड्डे से बाहर आ पाएंगे। यहां से फ्लाइट में जाने वाले यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही हवाई अड्डा परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है। इसके साथ ही दूसरे राज्य में जाने वाले यात्रियों को उस राज्य की गाइड लाइन का भी पालन करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fcb5a819758e6232b4afbbeb03312cf994e01bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63517.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आशीष मिश्रा, छिंदवाड़ा! मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का भुम्मा गांव रसोई गैस के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। गांव के हर घर में गोबर गैस का प्लांट है। यही नहीं हर किसान यहां जैविक खेती कर रहा है। गांव में खेती का 550 एकड़ का रकबा है, जिसमें 40 एकड़ में जैविक खेती की जा रही है। गांव के किसानों ने तीन साल के भीतर पूरी खेती जैविक तकनीक से करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 50 किसानों की एक समिति बनाई गई है। गांव के जैविक खेती की ओर बढऩे की वजह यह है कि हर घर में पांच से छह पशुधन हैं। इनमें करीब 80 फीसद गाय हैं। गोबर गैस प्लांट से जैविक खेती के लिए खाद मिल जाती है। जैविक खेती में ये गांव रोल माडल बन गया है। सौंसर तहसील के देवली पंचायत में आने वाले भुम्मा गांव में 110 किसान परिवार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e6a7d6da219248f7f6cf9788ab5488169199ca8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Assembly Election 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि पार्टी यदि चाहेगी तो वे भी चुनाव लड़ेंगे। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि 'मैंने कई चुनाव लड़े हैं। आगे भी लडूंगा। अगर हमारे लोग और समाजवादी पार्टी चाहेगी तो इस बार भी हम चुनाव लड़ेंगे।' कहां से चुनाव लड़ेंगे? इस पर अखिलेश ने कहा कि 'यह पार्टी तय करेगी कि मैं कहां से चुनाव लड़ूंगा।'।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव वर्तमान में आजमगढ़ सीट से सांसद हैं। वर्ष 2012 में जब अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी तब भी वे विधान परिषद के सदस्य बने थे। योगी आदित्यनाथ भी जब 2017 में मुख्यमंत्री बने थे तब वे सांसद थे, बाद में विधान परिषद के सदस्य बने थे। हालांकि इस बार उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85691bda351283dc3087c796706c6d574ed10ebf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63522.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ ।  भीषण ठंड का मौसम हर किसी को बेहतर सेहत ही नहीं देता, पदक दिलाने की राह भी खोलता है। हर किसी को ये मौसम भाता है। इस मौसम में बीमारियों में घटोतरी होती है, खान-पान बेहतर होता है। पदक जीतने की राह कैसे खुलती है? ये बात एथलीट व एक्सपर्ट ट्रेनर बेहतर जानते हैं। इसीलिए खिलाड़ियों ने जनवरी व फरवरी में होने वाली स्टेट व नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारी करनी शुरू कर दी है। भीषण ठंड में भी एथीट सुबह व शाम पसीना बहा रहे हैं। + +कितना लाभकारी है ठंड का मौसम?।सर्वोपयोगी इंटर कालेज, पलसेड़ा के एथलेटिक्स कोच अजय राय के अनुसार ठंड में बाडी हीट होने के बाद थकावट नहीं होती। भोजन सुपाच्य होता है। पानी की कमी शरीर में नहीं हाेती। लैक्टिक एसिड ठंड में नहीं बनता है। ये थकान लाने का मुख्य कारक होता है। पानी की कमी के चलते ये एसिड ज्यादा मात्रा में बनता है। ठंड में ये शिकायत नहीं होती। ठंड में ब्लड गाढ़ा हो जाता है जिससे आक्सीजन लेवल बेहतर रहता है। खाने-पीने की सुविधा भी बेहतर रहती है। पर्याप्त मात्रा में फल व सब्जी सस्ते मिलते हैं। इन सभी के आधार पर प्रदर्शन सुधरता है। गर्मी में उल्टी व थकान की समस्या के साथ डीहाइड्रेशन की समस्या ज्यादा रहती है। ठंड के मौसम में प्रतियोगिताएं भी ज्यादा होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a16ceb65528333835986b70c342229a9ffeefe0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63523.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। घाटमपुर की महिलाओं और युवतियों ने रोजगार के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ दिए हैं। वे न सिर्फ एक मिसाल बन गई हैं बल्कि बेरोजगारों की प्रेरणा बनकर सामने आई हैं। यहां घर बैठे महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर प्रतिमाह हजारों की कमाई कर रही हैं और घर-परिवार के लिए भी बड़ा सहारा साबित हो रही हैं। उन्हें देखकर आसपास क्षेत्र की महिलाएं और युवतियां भी अब अपने पैरों पर खड़े होने लगी हैं। अब समूहों में अचार, पापड़, मुरब्बा के साथ मल्टीग्रेन आटा और वर्मी कम्पोस्ट भी तैयार की जा रही है। इतना ही नहीं युवतियां हर्बल टी, चॉकलेट और सोया मिल्क बनाकर नामचीन ब्रांड को टक्कर दे रही हैं। ।वर्मी कम्पोस्ट बना रासायनिक खाद से छुटकारा : घाटमपुर में युवतियों और महिलाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है। घाटमपुर के सरगांव की युवतियों ने नारी सशक्तीकरण की अलख जलाते हुए कुछ अलग करने की चाह जगाई और खेती-किसानी जैसे कठिन क्षेत्र में भी खुद को साबित कर दिखाया। उन्होंने प्राकृतिक तरीके से घर पर उगाई गई चीजों से आचार, पापड़, मुरब्बा, मल्टीग्रेन आटा का स्वरोजगार शुरू किया। इसके साथ ही रासायनिक उर्वरक मुक्त खेती को बढ़ावा देते हुए वर्मी कम्पोस्ट खाद भी बनाई। सरगांव की कीर्ति त्रिपाठी ने गांव में ही महिलाओं को जोड़कर 'जय कामतानाथ वर्मी महिला स्वयं सहायता समूह' की स्थापना की थी। इरादा था कि रासायनिक उर्वरकों से छुटकारा पाने के लिए केंचुआ खाद तैयार की जाएगी। खाद तैयार हुई तो फिर खेती भी शुरू हो गई। ।अचार, मुरब्बा के साथ मल्टीग्रेन आटा : समूह की महिलाओं ने बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थ को देखते हुए उन्होंने प्राकृतिक तरीके से उगाया गेहूं का आटा, बेसन, सरसों का तेल और मल्टीग्रेन आटा मार्केट में बेचना शुरू किया। इसके बाद अचार, मुरब्बा और पापड़ भी बनाने शुरू किए। मौजूदा हालत यह है कानपुर की कई कंपनियां उनके पास से थोक में सामान उठाती हैं। इसके बाद उन्होंने डेयरी फार्म भी खोला और दूध, पनीर, घी, खोया भी बेचना शुरू किया। नेयवेली पावर प्लांट में उनकी थोक सप्लाई होती है। कानपुर विकास भवन में उनका खुद का स्टाल भी है। कीर्ति के साथ इस काम में सुधा देवी, साधना, सुंदरी, अंजुल, गीता, सुशीला, भगवती, उर्मिला, पुष्पा, सावित्री, पूनम जुड़ी हुई हैं। + +हर्बल टी, चॉकलेट और सोया मिल्क भी बनाया : पतारा में भी युवतियों और महिलाओं ने स्वरोजगार की नई मिसाल कायम की है। यहां की रितिका श्रीवास्तव ने गांव की ही दीपिका, निधि, पिंकी, अंकिता, सरोज, रंजना और मंजूसा को साथ लेकर करीब चार साल पहले 'हैप्पी लाइफ स्वयं सहायता समूह' की स्थापना की थी। उन्होंने घर पर ही अर्जुन की छाल, गुलाब, अश्वगंधा और अन्य जड़ी बूटियां मिलाकर हर्बल टी की शुरुआत की थी। कोरोना काल में हर्बल टी की मांग प्रदेश के बाहर मध्यप्रदेश तक से होने लगी। ।इस काम में रितिका के भाई आशीष श्रीवास्तव का भी सहयोग मिला। उन्होंने दुकान-दुकान जाकर प्रोडक्ट की मार्केटिंग करनी शुरू की। सहायता समूह की लगन को देखते हुए पिछले साल उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन से एक लाख 10 हजार रुपये की मदद मिली। रितिका ने बताया कि उन्होंने लैक्टोज इंटॉलरेंस (दूध से एलर्जी) लोगों के लिए सोया का दूध तैयार किया है। अभी दो दिन पहले ही अपनी चॉकलेट भी लांच की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a71304bbb97f81c69f84e9ac5971d3a06be25e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरुण अशेष। Bihar MLC Election: स्थानीय निकाय कोटे से होने वाला विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) महागठबंधन (Mahagathbandhan) की गांठ खोलने वाला साबित होगा। गांठ कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव (Bihar Assembly By-Election) के समय पड़ी थी। कथित गठबंधन धर्म का उल्लंघन करते हुए राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस (Congress) ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार दे दिए थे। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने उसी समय कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakta Charan Das) को भकचोन्हर (Bhakchonhar) कह दिया था। दोनों दल प्रतिद्वंद्वी की तरह उप-चुनाव लड़े। दास ने कहा था कि उप चुनाव के बाद आरजेडी के साथ कांग्रेस अपने गठबंधन की समीक्षा करेगी। इधर, लालू ने विधान परिषद की 24 सीटों पर कांग्रेस के साथ साझे में चुनाव लड़ने की घोषणा कर साफ कर दिया कि उप-चुनाव की कटुता उनकी ओर से खत्म हो गई है। कांग्रेस ने भी कटुता का प्रदर्शन नहीं किया है। प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा- हम साझे में चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं। हां, अंतिम निर्णय आलाकमान के हाथ में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08567977e066f92331c1e92eded8b1bf91c085c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओमिक्रोन भी कुछ हद तक फ्लू के वायरस जैसे ही लक्षण दिखा रहा है। ऐसे में यह उम्मीद लगाई जा रही है कि संभवत: यह महामारी के अंत की शुरुआत है। ओमिक्रोन भस्मासुर साबित हो सकता है, इसके पक्ष में एक और भी अध्ययन आया है। दक्षिण अफ्रीका के विज्ञानियों ने पाया है कि ओमिक्रोन वैरिएंट अब तक के किसी भी वैरिएंट से शरीर में बने इम्यून को मात दे सकता है। यानी डेल्टा से संक्रमित हो चुके व्यक्ति को ओमिक्रोन संक्रमित कर सकता है। लेकिन ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके लोगों में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने का खतरा नहीं देखा गया है। यह अच्छा संकेत है। यह दिखाता है कि ओमिक्रोन के संक्रमण से शरीर में बनी प्रतिरक्षा शक्ति अन्य वैरिएंट का खतरा कम कर सकती है। जाहिर तौर पर टीका भी ऐसा ही करता है। जिस तेजी से ओमिक्रोन का संक्रमण फैल रहा है, जल्द ही बड़ी आबादी में ऐसी प्रतिरक्षा शक्तिविकसित हो जाएगी, जो उन्हें अन्य वैरिएंट के खतरे से बचाएगी। संभव है कि समय के साथ यह कोरोना महामारी के खात्मे का माध्यम बन जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63531.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63531.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..592ee388826bb9ee5cf7348c0b6a2e137f9fe3df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63531.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। ज‍िले में आज से किशोरों का टीकाकरण शुरू हो गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने शहर और देहात में 24 केंद्रों पर 15-18 उम्र के किशोरों के टीकाकरण के ल‍िए व्‍यवस्‍था की है। आनलाइन पंजीयन में शहरी क्षेत्र के केंद्रों के सभी स्लाट फुल हो चुके हैं। बाकी में 70 फीसद किशोरों ने पंजीयन किया है। इसके अलावा आफलाइन पंजीयन की भी व्यवस्था है। क‍िशोरों को अपना आधार कार्ड या फिर स्कूल का आइडी कार्ड लाना है। टीकाकरण को लेकर क‍िशारों में काफी उत्‍साह द‍िख रहा है, सोमवार को तय समय के पहले ही वे केंद्रों पर पहुंच गए। टीकाकरण के दौरान कुछ ने फोटो भी ख‍िंंचवाई तो कुछ ने इंटरनेट मीडिया पर तस्‍वीरें अपलोड कर टीकाकरण की जानकारी दी। ।कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए आज से किशोरों का टीकाकरण क‍िया जा रहा है। आनलाइन पंजीयन के लिए शहरी क्षेत्र के सभी स्लाट फुल हो चुके हैं। इसमें किशोरों ने तीन और चार जनवरी तक स्लाट बुक कर दिए हैं। देहात क्षेत्रों के स्लाट भी 70 फीसद हो चुके हैं। किशोरों को कोवैक्सीन की डोज 24 स्थानों पर लगाई जा रही है। एक स्लाट में 100 किशोर पंजीयन कर सकते हैं। इस हिसाब से तकरीबन दो हजार ने पंजीयन कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63532.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8afe156f3169696077c269aaa3314280558b5913 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63532.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, [कुमार संजय]। कोरोना और उसके बदले स्वरूप (ओमिक्रोन) से लडऩे में कोरोनारोधी टीके का बूस्टर डोज 70 से 90 प्रतिशत तक प्रभावी है। कई देशों में लगे बूस्टर डोज के नतीजे देखने के बाद शरीर प्रतिरक्षा विज्ञानियों का कहना है कि हाई रिस्क ग्रुप में बूस्टर डोज लगवाने से काफी राहत मिलेगी, खास तौर पर फ्रंट लाइन वर्कर और बुजुर्गों में। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की शरीर प्रतिरक्षा विशेषज्ञ डा. पंक्ति मेहता के मुताबिक कई देशों में शोध के आधार पर हम कह सकते हैं कि बूस्टर डोज बचाव में काफी कारगर होगी। + +फाइजर वैक्सीन की क्रियाशीलता को लेकर किए गए अध्ययन में सामने आया था कि दूसरी डोज लगवाने के दो हफ्ते तक यह संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत कारगर है, लेकिन पांच महीने बाद केवल 70 प्रतिशत तक कारगर रहती है। चीन में बायोटेक की विंग सीनोवैक की स्टडी के अनुसार ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ तीसरी डोज 94 प्रतिशत प्रभावशाली है। कुल 68 लोगों पर हुए अध्ययन में 20 ने सिर्फ दो डोज लिए थे, जबकि 48 ने तीन डोज लिए थे। पहले समूह के सात लोगों में और दूसरे समूह के 45 लोगों में ओमिक्रोन के खिलाफ एंटीबाडी डेवलप हुई। + +पिछले दो डोज से अलग हो सकती है तीसरी डोज : जिस वैक्सीन के दो डोज लगवा चुके हैं, उन्हें तीसरी डोज में अलग कंपनी का टीका लग सकता है। यानी अगर आपने दो डोज कोवैक्सीन की लगवाई है तो बूस्टर डोज के रूप में कोविशील्ड भी लग सकती है। संभावना है कि बूस्टर डोज किसी नई कंपनी की वैक्सीन से लगाई जाए। दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच नौ महीने से 12 महीने के बीच का अंतराल रह सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..798141291bd324d0eaca13a7bc69a33835f2b5ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63538.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिअद वापसी का संघर्ष।शिरोमणि अकाली दल को नए साल में सत्ता में लौटने की पूरी उम्मीद है। पार्टी ने जहां सबसे पहले 93 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहीं पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक दौरा कर प्रतिद्वंदी पार्टियों पर बढ़त बना चुके हैं। रूठे नेताओं की घर वापसी करवाकर उन्होंने जीत की उम्मीदों को कायम रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री 95 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल भी मैदान में उतरकर पार्टी को सत्ता की दहलीज पर ले जाने के लिए जोर लगा रहे हैं। अकाली दल को इस बार भाजपा के शहरी मतदाताओं का साथ तो नहीं मिलेगा, पर पार्टी ग्रामीण सीटों को पुख्ता करने के लिए बसपा के हाथी पर सवार हो गई है। बसपा का हर विधानसभा सीट पर प्रतिबद्ध वोट बैंक है, अगर यह अकाली दल के पक्ष में गया तो उन्हें हर सीट पर एक से दो हजार अतिरिक्त वोट मिलेंगे। पिछली बार कई सीटों पर अकाली दल एक से दो हजार मतों के अंतर से हार गया था, वहीं इस बार चुनाव मैदान में कूदे किसान संगठन अकाली दल को चुनौती दे सकते हैं। + +आप चंडीगढ़ टू पंजाब?।साल 2021 के अंतिम सप्ताह में चंडीगढ़ नगर निगम में धमाकेदार एंट्री से उत्साहित आम आदमी पार्टी नए साल में होने वाले विधानसभा चुनाव में पंजाब में भी ऐसे ही परिणाम की उम्मीद कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अर¨वद केजरीवाल हर सप्ताह पंजाब की यात्रा कर रैलियों और सभाओं में लोगों से मिल रहे हैं। पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी लोगों को दिल्ली माडल से अवगत करवा रहे हैं। पार्टी मानकर चल रही है कि इस बार पंजाब के लोग रवायती पार्टियों और रवायती राजनीति से हटकर आप को मौका देंगे। हालांकि यह संभावना पिछले चुनाव में भी थी, लेकिन कुछ गलतियों के कारण आप यह मौका चूक गई। उधर, दो बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले आप सांसद भगवंत मान भी अब विधानसभा चुनाव में उतरने का मन बना चुके हैं। अगर आप चुनाव जीतती है तो पूरी संभावना है कि भगवंत मान ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, लेकिन अगर हारी तो उसके समक्ष संगठन को बनाए रखने की चुनौती भी खड़ी हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03beaacb7b1c860cafc59761074487f729660843 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63545.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कन्नौज, जागरण संवाददता। आयकर विभाग के छापे के बाद सुर्खियों में आए इत्र कारोबारी फौजान मलिक के यहां तैयार होने वाला खास इत्र 'मोहसिन शमामा' दुनिया के 35 देशों में बिकता है और सबसे महंगे इत्रों में शुमार है। खाड़ी देशों में इसकी मांग ज्यादा है और महंगा होने की वजह से धनाढ्य वर्ग में इसकी पहुंच ज्यादा है। इसका औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। ।कन्नौज में कई इत्र कारोबारी शमामा का निर्माण करते हैं, लेकिन मोहसिन शमामा सबसे पुराना है। वर्ष 1896 में स्थापित की गई फर्म मोहम्मद याकूब मोहम्मद अयूब परफ्यूमर्स प्राइवेट लिमिटेड ने शमामा का व्यापार खाड़ी देशों से शुरू किया था। बाद में मोहम्मद याकूब मलिक के बेटे मलिक मियां ने कारोबार संभाला तो अपने नाम से शमामा को लांच किया। बाद में उन्होंने अपने भाई मोहसिन के नाम से शमामा बनाया, जिसे खाड़ी देशों में प्रसिद्धि मिली और बाजार में इसकी मांग बढ़ी। आज मोहसिन शमामा सऊदी अरब, ईरान-इराक, ओमान, कुवैत आदि 35 देशों में प्रसिद्ध है। + +विदेश में कीमत चार लाख रुपये प्रतिकिलो : मोहसिन शमामा विदेश में काफी महंगा बिकता है। वहां यह चार लाख रुपये प्रतिकिलो तक है, जबकि भारत मेें यह डेढ़ से दो लाख रुपये में मिल जाता है। इत्र कारोबारियों ने बताया कि शमामा भी इत्र की तरह फूलों से बनाया जाता है, लेकिन इसमें कई जड़ी-बूटियां मिलाईं जातीं हैं, जिससे इसकी खुशबू गहरी हो जाती है, जो कपड़ों पर कई दिन तक रहती है। शमामा एक फारसी शब्द है, जिसका हिंदी में अर्थ होता है अच्छी सुगंध। शमामा प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है, इसे अल्कोहल मुक्त रखा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8596463ed161798a715353a779bd7e113a326add --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वी बैंकर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष मिश्रा के मुताबिक डिजिटल युग बढ़ रहा है तो इन ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि एटीएम में अक्सर ट्रांजेक्शन निरस्त हो जाते हैं लेकिन सिस्टम उन्हें भी गिन लेता है। पीएनबी प्रोग्रेसिव इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय उप महामंत्री संजय त्रिवेदी के मुताबिक अब भी बहुत से लोग रुपये निकालने से पहले बैलेंस चेक करते हैं। इससे एक बार में ही दो ट्रांजेक्शन हो जाते हैं। कारोबारियों को तो अक्सर ही भुगतान के लिए धन निकालना होता है, उनपर तो शुल्क बहुत लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8497962dd695fd2d62a9f2cc5dc3178ac70ffb80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63553.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। 6 जनवरी को वर्ष 2022 की पहली विनायक चतुर्थी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह शुक्ल पक्ष की चुतर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन गणेश जी को समर्पित होता है। चतुर्थी तिथि हर माह दो बार आती है। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार जो चतुर्थी तिथि अमावस्या के बाद आती है उसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर विनायक चतुर्थी के दिन कुछ उपाय किए जाएं तो व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। + +पूजन विधि।विनायक चतुर्थी व्रत के दिन सुबह-सुबह उठकर सभी कार्यों से निवृत होकर स्नान करें। स्नान के बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करते हुए विनायक चतुर्थी व्रत का संकल्प करें। साफ सुथरे जगह पर एक साफ चौकी रख कर उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और इसी चौकी पर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें। उसके चारों तरफ गंगाजल छिड़कर करके पूरे स्थान को पवित्र करें। इसके बाद भगवान श्री गणेश को पुष्प की मदद से जल अर्पित करें। भगवान गणेश के चरणों में लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दुर्वा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, नारियल और मिठाई समर्पित करें। भगवान गणेश को प्रिय मोदक का भोग लगाना न भूलें। इसके बाद भगवान गणेश का धूप, दीप और अगरबत्ती से आरती करें। मंत्र जाप करें और उसके बात कथा का पाठ अवश्य करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0da3ccb1db812aabe009fbf4ae93a0fa630e6839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63554.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुबह और दोपहर जूस की रेहड़ी लगाने के बाद शाम को पढ़ाते हैं ट्यूशनजोगेंद्र रोजाना सुबह सात बजे से नौ बजे तक सीलमपुर मार्केट और उसके बाद दोपहर एक बजे तक ब्रह्मपुरी रोड पर जूस की रेहड़ी लगाकर जूस बेचते हैं। इसके बाद गौतमपुरी स्थित अपने निवास स्थान पर शाम चार से पांच प्राथमिक कक्षाओं के पांच और साढ़े छह बजे से कक्षा आठवीं से लेकर 10वीं तक के सात छात्रों को गणित और अंग्रेजी विषय का ट्यूशन पढ़ाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c156e4b9c25795b6d3ebfbec81525397506b6d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63555.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि भारत ने नववर्ष में पाकिस्‍तान को सख्‍त संदेश दिया है कि अब आतंकवाद को लेकर पाकिस्‍तान को ठोस कार्रवाई करना होगा। उन्‍होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने स्पष्ट किया है कि आतंकवाद पर भारत का स्‍टैंड सख्‍त होगा। प्रो पंत ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर सभी सदस्‍य देशों से भी अपील की है कि वह इस मामले में भारत का साथ दें। उन्‍होंने कहा कि भारत की रणनीति साफ है कि आतंकवाद को लेकर भारत पाकिस्‍तान पर चौरतरफा दवाब बनाएगा। + +2- प्रो. पंत ने कहा कि भारत ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर चलेगा। इसके लिए अन्‍य राष्‍ट्रों का भी सहयोग लिया जाएगा। भारत के इस रुख से पाकिस्‍तान सरकार जरूर चिंतित होगी। इसके साथ भारत ने कहा है कि वह सीटीसी को ज्‍यादा प्रभावशाली बनाने की दिशा में भी काम करेगा। उन्‍होंने कहा कि इसके पीछे भारत का यह मकसद है कि सीटीसी के फैसलों को ज्‍यादा प्रभावशाली ढंग से लागू किया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63557.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b02c115122a172c2e062bc34d45126d04a4e5648 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63557.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। काम कर रहीं शीश झुकाए छोटी-छोटी कई लड़कियां, छूटी इनकी कहीं पढ़ाई घरवालों से हैं धकियाईं। करने को मजदूरी आईं, मायूसी चेहरों पर छाई, तोड़ रही हैं दो रुपये में घंटों-घंटों ढेर ककड़ियां। एक कवि की यह पंक्तियां पूनम पर सटीक बैठती हैं। उन्हें आठ साल की उम्र में आर्थिक हालात ने बाल श्रमिक बनाया। पढाई छूटी, लेकिन एक हिम्मत थी जो उन्होंने नहीं छोडी। आज बाल श्रमिक से चाइल्ड लाइन टीम का सदस्य बनकर कामकाजी बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रही हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..670d635f95fcd66e8ad6b0b4a623ddbdcf18e27b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6356.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। फराह खान जीटीवी पर अपना एक शो लेकर आई हैं। 'जी कॉमेडी शो' नाम से प्रसारित होने वाले इस शो में हर एपिसोड में नए- नए लोग आते हैं। इस दौरान फराह खान इन सभी के सात ढेर सारी बातें और मस्ती करती हैं। हाल ही में फराह खान के इस शो का हिस्सा आदित्य नारायण के माता- पिता उदित नारायण और दीपा नारायण बने। इस दौरान उन्होंने अपने बेटे आदित्य नारायण की पोल भी खोली। + +इस शो का हिस्सा खुद आदित्य नारायण भी हैं। आदित्य नारायण ने शो के दौरान एक एक्ट भी पेश किया। इस मजेदार एक्ट के दौरान उन्होंने अपने घर के कामों को लेकर कई राज भी खोले। जिसके बाद एक्ट के बारे में बात करते हुए फराह खान ने पूछा 'क्या घर में ऐसा होता है कि आदित्य घर के कामों में मदद करते हैं?'।फराह कान के इस सवाल के जवाब में उनकी मां कहती हैं, 'आदित्य को सफाई बहुत पसंद है। वो हर चीज को बिल्कुल साफ रखते हैं। जब एक बार मैं हॉस्पिटल में थी, तो आदित्य ने मेरे लिए हॉस्पिटल का पूरा रूम साफ किया था। कभी-कभी मेरी चीजें इधर-उधर बिखरी रहती हैं, लेकिन आदित्य आता है और सब कुछ साफ कर देता है।'।वहीं इस बारे में आदित्य नारायण ने खुद भी बात की। आदित्य ने बताया कि, 'मैं अपने पेरेंट्स का बेटा और बेटी दोनों हूं। इसलिए मैं घर के सभी कामों में मदद करता हूं। घर में चीजों को साफ करना किसी को इतना पसंद नहीं है, जितना मुझे पसंद है। अभी तक मैं अपने कमरे और बाथरूम के फर्श पर खुद से झाड़ू लगाता हूं और वॉश भी करता हूं। मुझे सफाई इतनी पसंद है कि मेरे पेरेंट्स मेरा मजाक उड़ाते हैं और हंसते हुए मेरे वीडियो बनाते हैं।'।बता दें कि इंडियन आइडल के खत्म होने के बाद आदित्य नारायण अब इस शो में कॉमेडी करते नजर आ रहे हैं। आदित्य नारायण ने इंडियन आइडल होने के बाद ही कहा था कि वो अब कुछ दिनों के लिए किसी भी शो को होस्ट नहीं करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..015fa1b9120800b2f25346a7850674877cc71338 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63560.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्रांतिकारी आंदोलन के संबंध में लोगों के मन में सदा जिज्ञासा रही और क्रांतिकारियों के बारे में नित नए विचार सामने आते रहे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी व लेखक मन्मथनाथ गुप्त ने अपनी पुस्तकों में क्रांतिकारी युवा आंदोलनों को नदी की भांति बताया और इसकी तमाम धाराओं-विचारधाराओं को भी स्पष्ट किया। पढ़िए उनकी किताब ‘क्रांतिकारी आंदोलन का वैचारिक इतिहास’ का अंश...।स्मरण रहे कि यह सन 1908 की बात है, जब भारत में देशभक्ति की चेतना बहुत ही शैशवावस्था में थी। कन्हाईलाल ने जेल में मुखबिर को महज एक गोली मारी थी, उसने युगचेतना को किस प्रकार झिझोड़ा था और किस प्रकार से उस घटना का संबंध अदृश्य छोटे-छोटे तारों के द्वारा बल्कि बेतार के द्वारा जनता के साथ था, किस प्रकार जनता का हृदय फांसीघर में बंद होनहार शहीद के साथ धड़कता था, यह एक द्रष्टव्य बात है। दुख है कि इतिहासकार ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते। जब इस युग का इतिहास लिखा जाता है तो उसमें कांग्रेस आएगी और संस्थाएं आएंगी, उनके बेतुके प्रस्तावों के ब्यौरे रहेंगे, पर जो घटना लाखों लोगों को, बच्चों और स्त्रियों तक को, श्मशान भूमि में रुला रही थी, उन्हें व्याकुल कर रही थी व बलिदान के लिए जनकवियों को मुखर बना रही थी, उसका इतिहास उसमें नहीं आएगा। इसका नतीजा यह है कि जो कोई इन इतिहासों को पढ़ता है, वह कार्य कारण समझ नहीं पाता, वह स्वाभाविक रूप से यह नहीं समझ पाता कि भारत कैसे स्वतंत्र हुआ!।गत वर्षों में बार-बार यह कहा गया है मानो भारतीय सभ्यता में एकमात्र विचारधारा अहिंसा की ही हो। इस मत को बलपूर्वक मिथ्याग्रह के साथ स्थापित करने के लिए गीता की नई टीका लिखी गई और सैकड़ों वर्षों से प्रचलित गीता की व्याख्याओं को झुठलाकर काल्पनिक रूप में यह प्रमाणित करने की चेष्टा की गई कि भारतीय सभ्यता में एकदम से बुद्ध, महावीर हुए और उसके बाद गांधी जी आए। अवश्य ही भारतीय सभ्यता में बुद्ध और महावीर का स्थान बहुत ऊंचा है और उन लोगों ने यहां के चिंतन को समृद्ध किया और उसमें चार चांद लगाए पर बुद्ध और महावीर के अस्तित्व को अस्वीकार न करते हुए भी हम यह कैसे भुला सकते हैं कि भारतीय परंपरा में परशुराम, भगवान राम और श्री कृष्ण का बहुत बड़ा स्थान है। ।गीता में कहा गया है कि ‘जब-जब धर्म की ग्लानि होती है और अधर्म का उत्थान होता है, तब-तब मैं धर्म के संस्थापन के लिए और दुष्कृत्यों के विनाश के लिए हर युग में पैदा होता हूं।’ यहां पर केवल ‘विनाश’ शब्द के बूते पर ही नहीं बल्कि अवतारों के प्रसंग में जो उदाहरण दिए जाते हैं, उस संबंध में कल्कि की धारणा भी विचारणीय है, उनसे यही प्रमाणित होता है कि नैतिक बल के अतिरिक्त अस्त्र-बल से भी बलशाली होना जरूरी है। यह माना गया है कि शस्त्र से रक्षित देश में ही शास्त्र की चर्चा हो सकती है। + +चीनी और पाक (या नापाक) आक्रमणों से हमारी आंखों पर अहिंसा को भारतीय सभ्यता की परंपरा का एकमात्र तरीका समझने की जो मोतियाबिंद वाली जाली तान दी गई थी, वह कट गई। वर्षों के एकतरफा सरकारी और गैर-सरकारी प्रचार कार्य का पर्दाफाश हुआ और लोगों को अच्छी तरह समझ में आने लगा है कि बुद्ध और महावीर जैसे लोग चिंतन की पराकाष्ठा और एवरेस्ट शिखर का पता देते हैं, उसी प्रकार परशुराम, भगवान राम, श्री कृष्ण से होते हुए राणा सांगा, शिवाजी, रासबिहारी बोस, लाला हरदयाल, सावरकर, मदनलाल धींगड़ा, लोकमान्य तिलक, खुदीराम बोस, रामप्रसाद ‘बिस्मिल’, रोशन सिंह, राजेंद्र लाहिड़ी, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद आदि भी हमारी सभ्यता के एक दूसरे एवरेस्ट का पता देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63561.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63561.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d94264f90f593f272601a97759c63898b7919aeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63561.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मल्टी स्टोरी पार्किंग में मार्केट का भी था प्रस्ताव : मल्टी स्टोरी पार्किंग मार्केट भी बनाया जाना प्रस्तावित था। इसमें स्मार्ट रोड नेटवर्क के तहत हटाई जाने वाली दुकानों को शिफ्ट करने की योजना थी। इसमें भूमिगत से लेकर कई तल तक मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रस्ताव तैयार हो चुका था। अब मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए पुरानी तहसील हस्तांतरित नहीं होने से मह‍िला अस्पताल की जमीन को भी हस्तांतरण का मामला खटाई में पड़ गया है। इस पार्किंग के बनने से पुराने शहर में चल रहीं अवैध पार्किंग भी बंद हो जाती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3ce73b98c7d52ce0bdd3f823d6127cd340c5cd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63563.txt @@ -0,0 +1,14 @@ +हिंदी फिल्मों से जुड़े एक और व्यक्तित्व पर पुस्तक इस वर्ष प्रकाशित होगी। गीतकार, पटकथा लेखक और निर्देशक गुलजार के जीवन पर यतीन्द्र मिश्र की बहुप्रतीक्षित पुस्तक का प्रकाशन भी वाणी प्रकाशन से ही होगा। यतीन्द्र मिश्र ने हिंदी में पुस्तक लेखन की एक शैली विकसित की है जिसमें वो किसी प्रसिद्ध व्यक्ति से लंब समय तक बातचीत रिकार्ड करते हैं फिर उसके आधार पर पुस्तक लिखते हैं। गुलजार से भी यतीन्द्र पिछले 15 साल से उनके जीवन और फिल्मों पर बातचीत रिकार्ड कर रहे थे। + +पिछले दो साल से वो इसको पुस्तक का स्वरूप देने में लगे थे। अब इस वर्ष उसका प्रकाशन होता दिख रहा है। यतीन्द्र मिश्र के मुताबिक इस पुस्तक में गुलजार और उनकी कला के बारे में, उनके कवि रूप के बारे में पाठकों को कई नई जानकारियां मिलेंगी। गुलजार ने जो फिल्में बनाई हैं या जो गीत लिखे हैं उसमें उन्होंने अनेक प्रयोग किए हैं। यतीन्द्र ने उन प्रयोगों को अपनी इस पुस्तक में संजोया है। + +इसमें स्त्रियां एक तरह से स्वांग रचाती थीं और अपने मन की बातें किया करती थीं। कुछ महिलाएं, पुरुष का वेश बनाकर संवाद किया करती थीं। इसमें स्त्रियां उन प्रसंगों की चर्चा भी करती थीं जो आमतौर पर वो नहीं करती थीं। गाली से लेकर स्त्री पुरुष संबंध भी नकटौरा का विषय हुआ करती थी। नकटौरा में सिर्फ महिलाएं ही हुआ करती थीं। परंपरा ये थी कि जब सारे पुरुष बारात चले जाते थे तो नकटौरा के बहाने महिलाएं सारी रात जागती थीं ताकि किसी प्रकार की चौरी आदि की घटनाएं न हों। कुछ सालों पहले तक ये बेहद चर्चित परंपरा थी। + +चित्रा मुदगल के उपन्यास के नाम से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने इस पंरपरा को ही केंद्र में रखकर लिखा है। इस उपन्यास के कवर पर लिखा है कि हमारा समाज जैसा दिखाई पड़ता है वैसा है नहीं। वह अपने तमाम दुर्गुणों , विकृतियों, विडंबनाओं और विद्रूपताओं के बावजूद मनुष्यता के उच्चतम मूल्यों की परंपरा को पुरस्कृत करनेवाली विरासत का उत्तराधिकारी भी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि चित्रा मुदगल ने नकटौरा के बहाने अपने विरासत में से सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को खोजकर पाठकों के लिए पेश किया होगा। + +चित्रा मुदगल के अलावा राजकमल प्रकाशन समूह से ह्रषिकेश सुलभ का एक उपन्यास दातापीर भी इस वर्ष प्रकाशित होगा। इस उपन्यास में सुलभ ने कब्रिस्तान में काम करनेवालों को केंद्र में रखा है। उस उपन्यास में पटना शहर के पुराने इलाकों की भी कहानी साथ चलती रहती है। लंबे समय तक कहानी और नाटक लिखने वाले सुलभ का ये दूसरा उपन्यास है। रत्नेश्वर ने भी एक उपन्यास त्रयी लिखी है जिसका नाम है महायुग। इसका पहला खंड है 32000 साल पहले, दूसरा खंड होगा हिमयुग में प्रेम और तीसरा खंड होगा प्रार्थना का आरंभ। इसका प्रकाशन भी इस वर्ष संभव है। उषाकिरण खान हिंदी और मैथिली की ऐसी लेखिका हैं जो अपनी लेखनी के माध्यम से लगातार युवा लेखकों को टक्कर देती रहती हैं। रचनाकर्म में वो कई युवा लेखकों और लेखिकाओं से अधिक सक्रिय हैं। + +उषाकिरण खान का मैथिली में एक बहुत चर्चित उपन्यास है पोखरि रजोखरि। इस वर्ष सामयिक प्रकाशन से उसका हिंदी अनुवाद प्रकाशित होने जा रहा है जिसका नाम है कथा रजोखर। मैथिली से इस उपन्यास का हिंदी में अनुवाद मीना झा ने किया है। रजोखर मिथिला का एक बड़ा जल स्त्रोत है जिसके माध्यम से मिथिला की सत्तर साल की दशा-दुर्शा की कथा कही गई है। पुस्तक के कवर पर ये बताया गया है कि उषाकिरण खान ने कथा रजोखर में स्वतंत्रता आंदोलन, नेहरू-गांधी के स्वप्न, चरखा, खादी ग्रामोद्योग का गठन और उसके विघटनकारी तत्व, स्वातंत्र्योत्तर मिथिला के नवनिर्माण की सरकारी योजनाएं और उसका परिणाम, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्वार्थ की राजनीति, राजनीति का अपराधीकरण, छूआछूत, विधवा विवाह और पलायन जैसी समस्याओं पर सवाल उठाया है। + +एक और महत्वपूर्ण अनुवाद पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन से होने जा रहा है। इस पुस्तक का नाम है छत्रपति शिवाजी महाराज। अंग्रेजी में ये पुस्तक शिवाजी द ग्रैंड रेबल के नाम से इस प्रकाशित है जिसके लेखक हैं डेनिस किनकेड। एक और रोचक पुस्तक प्रभात प्रकाशन से आ रही है रामायण से स्टार्टअप सूत्र, इसको लिखा है प्राची गर्ग ने। इसी कड़ी में एक और पुस्तक आएगी वेदांत व जीवन प्रबंधन जिसको कलमबद्ध किया है विक्रांत सिंह तोमर ने। पौराणिक ग्रंथों से प्रबंधन के सूत्र निकालकर पाठकों के सामने पेश करना एक श्रमसाध्य कार्य है। लेकिन ये हिंदी साहित्य के क्षितिज का विस्तार करनेवाली पुस्तकें हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9027dcca021af5a4bbadb0051cff214f415364fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक काटजू: यह स्पष्ट है कि इस वर्ष भी भारत के लिए तमाम बाहरी चुनौतियां कायम रहने वाली हैं। कुछ पर अतीत की छाया भी दिखेगी। जैसे कि दशकों से चला आ रहा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद। दूसरी चुनौती नए शीत युद्ध से उपजेगी। कोविड महामारी का अनिश्चित चक्र भी अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर परेशानी का सबब बनेगा। ऐसे में इस जटिल बाहरी परिस्थिति से सफलतापूर्वक निपटने के लिए भारत को सतर्क रहने, कूटनीतिक निपुणता दिखाने और सामाजिक स्तर पर शांति स्थापित करने की आवश्यकता होगी। नि:संदेह भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती चीन की है। हालांकि ऐतिहासिक कारणों से जनता के मन में पाकिस्तान का खतरा ज्यादा बड़ा रहा है। वहीं भारत के साथ सीमा पर चीन का रुख कड़ा बना रहा, लेकिन पिछली सदी के आखिरी दशक में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर शांति बनाए रखने को लेकर उसने सहमति जताई। 2013 में शी चिनफिंग के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन की समग्र नीतियां बदल गई हैं और उनमें भारत नीति भी शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfc638c05de5a6db6811d936316797f0463eb1b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63572.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी कानपुर के विज्ञानी व पद्मश्री से सम्मानित प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के केसों की सही संख्या पता न चलने पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि ओमिक्रोन के फैलने की रफ्तार डेल्टा से काफी तेज है, लेकिन इसके सही केस सामने नहीं आ रहे हैं। भारत में 33 लोगों में से एक केस ही सामने आ रहा है, बाकी 32 केस मिस हो रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इम्युनिटी बेहतर होने से तमाम लोगों को संक्रमण का अहसास ही नहीं हो पा रहा है। अगर सीरो सर्वे से गणितीय माडल को जोड़ा जाए तो इन मिसिंग केस की सही संख्या का पता लग सकती है। + +उनका कहना है कि हर देश में ओमिक्रोन के केस का सही पता न चलने की समस्या है। अमेरिका में साढ़े चार में से एक केस, यूनाइटेड किंगडम में 3.2 में से एक, साउथ अफ्रीका में 17 में से एक केस का ही पता लग रहा है। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट से ओमिक्रोन के फैलने की रफ्तार काफी तेज है। यह मेरे पूर्वानुमान से कहीं ज्यादा है। अब तक भारत में सामने आए डाटा के आधार पर इसका सही आकलन करने की कोशिश की जा रही है। जिस तरह से ओमीक्रान के केस बढ़ रहे, उससे यही प्रतीत हो रहा है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर फरवरी की शुरुआत में ही चरम पर पहुंच सकती है। यही नहीं दिल्ली में केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहां पर जनवरी के अंत तक ही तीसरी लहर चरम पर होने की आशंका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf0cf582bb48923271286e4c31f2869d143e72db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मालवा क्षेत्र से सबसे ज्यादा विधायक अपना क्षेत्र बदलना चाहते हैं। अधिकांश विधायकों को डर है कि क्षेत्र की जनता की नाराजगी उन पर भारी पड़ सकती है। क्षेत्र बदलने की इच्छा रखने वालों में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का नाम सामने आ रहा है। हालांकि, उन्होंने केवल अपने विधानसभा क्षेत्र बठिंडा से ही टिकट के लिए आवेदन किया है, लेकिन चर्चा है कि मनप्रीत बठिंडा की जगह खरड़ से चुनाव लड़ना चाहते हैं। वर्ष 2017 में यहां से कांग्रेस से पूर्व मंत्री जगमोहन सिंह कंग चुनाव हार गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..400b4d7831de92516f87b24a6479af1c109b0685 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63574.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिकेट: कर्म से धर्म तक का सफर: 1983 की विश्व कप जीत का उत्साह ब्लैक एंड व्हाइट टीवी वाली पीढ़ी से पूछिए। हमने अंग्रेजों को फिर पटखनी दी जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इंग्लैंड की दादागिरी के बावजूद अंग्रेजों से विश्व कप की मेजबानी छिनाकर भारत ले आया। क्रिकेट धर्म भी बना और अर्थ भी। 2007 टी20 विश्वकप और 2011 वनडे विश्वकप खिताब इस परंपरा के ध्वजवाहक बने। गावस्कर, कपिल, सचिन, धौनी, सौरव, द्रविड़, लक्ष्मण, कुंबले, विराट और रोहित जैसी समृद्ध वंशबेल है हमारे क्रिकेट वटवृक्ष की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..606e770205d99b985d4b55dd29fe02e8630fed16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63576.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीएसएनएल ने वर्तमान में कुछ स्थानों पर बिल जाम करने या सिम कार्ड लेने के लिए सुविधा केंद्र खोल रखे हैं। उपभोक्ताओं को फाइबर टू होम, टेलीफोन व अन्य सुविधा लेने के लिए बीएसएनएल के आफिस जाना पड़ता है। आनलाइन आवेदन करने वालों को भी रिकार्ड जमा करने के लिए आफिस जाना पड़ता है। कस्बा व ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को शहर के बीएसएनएल आफिस जाना पड़ता है। बीएसएनएल उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। उपभोक्ताओं को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उपभोक्ता सेवा केंद्र खोलने की तैयारी की है। यहां सभी प्रकार के कनेक्शन लेने के लिए आवेदन पत्र, आवेदन पत्र जाम करने, बिल आदि जमा करने की सुविधा होगी। यहां मोबाइल का कनेक्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा। उपभोक्ताओं की सभी समस्याओं का समाधान भी यही हो जाएगा। बीएसएनएल महानगर में पीलीकोठी, सोनकपुर, कपूर कंपनी, लाजपात नगर, एसके कुमार चौराहा, पीटीसी आदि जगहों पर उपभोक्ता सेवा केंद्र खोलने जा रहा है। इसके अलावा अमरोहा, गजरौला, हसनपुर, सम्भल. चन्दौसी, बहजोई, ठाकुरद्वारा, कांठ, बिलारी के अलावा बड़े कस्बा में उपभोक्ता सेवा केंद्र खोलने की तैयारी है। सहायक महाप्रबंधक डी वर्मा ने बताया कि जनवरी में अधिकांश स्थानों पर उपभोक्ता सेवा केंद्र खुल जाएंगे। सभी केंद्रों का संचालन प्राइवेट एजेंसी द्वारा कराई जाएगी। + +यह भी पढ़ें :-।महिला चिकित्सक का संदिग्ध अवस्था में अपार्टमेंट में मिला शव, सवालों के जवाब ढूंढने में जुटी पुलिस।रेलवे यात्र‍ियों के ल‍िए राहत भरी खबर, गजरौला-मुरादाबाद-अलीगढ़ पैसेंजर ट्रेन आज से चलेगी।सब्‍जी व‍िक्रेता ने रची थी अपहरण की साज‍िश, आगरा में म‍िला आढ़ती, आरोप‍ित की तलाश में जुटीं छह टीमें।सांसद आजम खां के जिले में होगा भाजपा की जन विश्वास यात्रा का समापन, पांचवीं बार आ रहे सीएम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a116c849e6a00a591e05c933090a17b84770de88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्राफिक पांडा।खूबसूरत प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए ग्राफिक पांडा (graphicpanda.net) भी उपयोगी वेबसाइट है। कीनोट प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए यहां पर आपको बहुत सारे विकल्प मिल जाएंगे। यहां थीम पर आधारित प्रेजेंटेशन टेम्प्लेट्स भी दिए गए हैं। अच्छी बात है कि टेम्प्लेट्स का इंटरफेस काफी सिंपल है। आप इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आपको करीब 23 स्लाइड्स भी मिलते हैं। अगर आप चाहें, तो प्रेजेंटेशन के साथ आइकन को भी जोड़ सकते हैं। प्रेजेंटेशन के कंटेंट, इमेज, चार्ट, ग्राफ, मैप्स आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर आपको साइट पर प्रेजेंटेशन के हिसाब से इमेज और दूसरे डाटा नहीं मिल रहे हैं, तो फिर अपनी डाटा और इमेज का उपयोग भी कर सकते हैं। इसकी मदद से थीम पर आधारित प्रेजेंटेशन तैयार करना कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..796a558c9b04a61c4548876d35e439b8482e4a6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समाज सुधार यात्रा पर सवाल।कहा जाता है कि व्यक्ति का भाग्य विवाह के पश्चात भी करवट लेता है। सत्ता से चंद कदम दूर ठिठक, नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी हासिल करने वाले तेजस्वी यादव अब विवाह बंधन में बंध गए हैं। राजनीति पर उनकी वाणी फिलहाल उतनी मुखर नहीं है, जितनी प्राय: होती है। अभी वे अपना पासपोर्ट निर्गत कराने की जुगत में हैं, ताकि सपत्नी हनीमून पर विदेश जा सकें। फिर भी बीच-बीच में सरकार पर तंज कस वे अपनी मौजूदगी दर्ज करा देते हैं। गुरुवार को वे दिल्ली से पटना आए और नीतीश की समाज सुधार यात्र पर सवाल खड़ा कर गए। सत्तारूढ़ दलों की आपसी रस्साकशी के कारण नए वर्ष से उनकी भी काफी उम्मीदें बंधी हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद हालात बदलने की उनकी भी आस उम्मीदें सजोंए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a878908a26f6f1295d1ddb264da9ad664b142991 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63586.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +डा. सुशील कुमार सिंह। पिछले लगभग दो वर्षो का दौर कोविड संक्रमण के कारण बड़ी परीक्षा से गुजरा है और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। समूचा विश्व बहुत ही अनिश्चित दौर से गुजर रहा है जिसमें भारत ने भी बड़ी कीमत चुकाई है। आपदा और महामारी की मार से उबरने के सारे उपाय मानो विफल साबित होते जा रहे हैं। बचाव और राहत के सभी उपाय आजमाए जा रहे हैं, परंतु कोरोना नित नए प्रारूप से अपनी पकड़ को न केवल बनाए हुए है, बल्कि समय समय पर वह स्वयं को और मजबूत करने में जुट जाता है। + +बीते वर्ष के अंतिम दिनों में अमेरिका में पहली बार कोरोना पीड़ितों की संख्या एक दिन में पांच लाख से अधिक होना इस बात को पुख्ता करता है। फिलहाल तो ऐसा ही लग रहा है कि वर्ष 2022 में ओमिक्रोन का खतरा मंडराता रहेगा। हालांकि इस खतरे के बीच एक अच्छी बात यह है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बारे में विज्ञानियों का कहना है कि यह डेल्टा की तुलना में कम घातक है। वैसे संक्रमण की तीसरी लहर मुहाने पर है और 2022 नई उम्मीदों से लदा है। ऐसे में हमारी उम्मीदों पर यह वर्ष कितना खरा उतरेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। + +स्वास्थ्य ही धन: कोरोना संक्रमण के चलते स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता में कहीं अधिक है। देश की अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य बड़े क्षेत्रों में से एक बन गया है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अुनसार देश में स्वास्थ्य क्षेत्र 372 अरब डालर तक पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि नीति आयोग की यह रिपोर्ट मार्च 2021 की है और उसके बाद से निश्चित ही इस दिशा में व्यापक बढ़ोतरी हुई है। साथ ही नागरिकों ने स्वास्थ्य देखभाल पर अपना खर्च भी बढ़ाया है, लिहाजा इस क्षेत्र का और अधिक विस्तार हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d385710692c8a1c7644b296a1c5195b4d740fa5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63589.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आर्थिक विकास, सुगम यातायात के साथ आवास की भी चिंता।महायोजना में बढ़ते शहर के मद्देनजर योजना बनाई गई है। शहर के आर्थिक विकास के लिए सभी राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग एवं अन्य प्रमुख मार्गों के किनारे विशेष व्यवस्था बनाई गई है। सुगम यातायात के लिए महराजगंज मार्ग के जंक्शन पर बस अड्डा का प्राविधान किया गया है। देवरिया मार्ग व महराजगंज मार्ग के जंक्शन पर ट्रांसपोर्टनगर भी प्रस्तावित है। लखनऊ मार्ग के जंक्शन पर पहले से यह प्राविधान है। जल भराव की समस्या दूर करने के लिए जीडीए द्वारा तैयार कराए गए ड्रेनेज प्लान को इसमें शामिल किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63593.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..800bfa1e4c669d4010a20de2ca03518adbf1c544 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63593.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संपूर्णानंद की जीवनी ।जन्म : एक जनवरी 1890।निधन : 10 जनवरी 1969।संपूर्णानंद एलटी ट्रेनिंग के लिए आए थे प्रयागराज ।इंस्टीट्यूट आफ एडवांस स्टडीज की प्रवक्ता दरखशा आबदी ने बताया कि डा. संपूर्णानंद का जन्म 1890 में काशी के विजयानंद के घर हुआ था। संगम नगरी में 1941-42 में एलटी ट्रेनिंग के लिए आए। यहां उनकी मुलाकात सेंट्रल पेडागाजिकल इंस्टीट्यूट (इंस्टीट्यूट आफ एडवांस स्टडीज का पुराना नाम) के प्रिंसिपल एएच मैकेंजी से हुई। उन्होंने अध्यापन की दुनिया से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। यहीं पर पं. श्रीराम बहोरी शुक्ल का भी सानिध्य मिला। उन्होंने साहित्य व भाषा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। + +बनारस लौटकर 'ज्ञान मंडल' में काम किया।सरस्वती पत्रिका के सहायक संपादक अनुपम परिहार बताते हैं कि डा. संपूर्णानंद स्वतंत्रता आंदोलन में कई बार जेल गए। 1921 में वह 'ज्ञान मंडल' से जुड़े। मासिक पत्रिका 'मर्यादा' और अंग्रेजी दैनिक 'टुडे' का भी संपादन किया। 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' के अध्यक्ष भी रहे। 1936 में वह पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने। 1937 में कांग्रेस मंत्रिमंडल गठित होने पर इन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63594.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63594.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2ed538b3ebf29bab78f913f414c9077cc03a404 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63594.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह से लाई जाती थी नकदी : काले धन के कुबेरों ने कमाई के लिए गजब का हथकंडा अपना रखा था। पान मसाला कारोबारी अपने माल को उन राज्यों में चोरी छिपे भेजते थे, जहां पान मसाला पूरी तरह से बैन किया गया था। आपूर्ति का भुगतान कैश में लेकर ट्रक लाए जाते थे। इस पूरी प्रक्रिया में पीयूष जैन (Piyush Jain)का घर का रकम रखने के लिए होता था। कानपुर से बरामद नोटों की गड्डियां छापेमारी से पहले 20 से 25 दिन के अंतराल में ही वहां लाई गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0524facc663eca394dd2de8ed5e7a9b4ba01a027 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63595.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- एंडरसन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1996 में की थी। वह प्रधानमंत्री गोरान पर्सन की राजनीतिक सलाहकार थीं। वह उप्साला यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं और जूनियर स्विमिंग चैंपियन भी रह चुकी हैं। एंडरसन को विपक्षी पार्टियों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। विपक्षी पार्टियों का कहना हैं कि वो सरकार के बजट का विरोध करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63597.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39e7ab1441dba4d5c6064c9b4810cb6ba3676e54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- बारबाडोस की आबादी करीब 2 लाख 85 हजार है। यहां करीब 200 साल तक गुलाम प्रथा रही। बारबाडोस से पहले गुयाना (1970) और त्रिनिडेड और टोबैगो (1976) ब्रिटिश गुलामी से मुक्त हुए थे। दो साल बाद 1978 में डोमिनिका भी रिपब्लिक बना। अटलांटिक महासागर के पश्चिमी हिस्से में कैरेबियाई द्वीप पर स्थित इस देश को अंग्रेजों ने अफ्रीका और भारत से गन्ना उत्पादन के लिए लाए गए गुलामों की मदद से आबाद किया गया था। महज 430 वर्ग किमी में फैले इस द्वीप के आस-पास के देशों में पश्चिम में सेंट विंसेंट व द ग्रेनाजिनस और सेंट लुसिया और दक्षिण में त्रिनिदाद और टोबैगो शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..781589d792f320c09be54ee597dd340592699980 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना संभलने के लिए संकेत दे रहा है, उसके बाद भी लोग लापरवाही बतरना नहीं छोड़ रहे हैं। पिछले साल भी कोरोना ने संकेत दिया था, जिसे लोग समझ नहीं पाए थे। दिसंबर 2020 में कोरोना संक्रमण ने संकेत देने का काम किया था, एक और दो दिसंबर को जिले में छह-छह कोरोना संक्रमित रोगी पाए गए, उसके बाद धीरे-धीरे संक्रमित रोगियों की संख्‍या बढ़नी शुरू हो गई थी। दिसंबर 2020 में जिले में भर में 636 संक्रमित रोगी मिले थे। इस दौरान किसी भी रोगी की स्थिति गंभीर नहीं हुई थी और न ही मौत हुई थी। उसके बाद संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आई थी, जनवरी 2021 में 196 और फरवरी 2021 में 60 संक्रमित रोगी मिले थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a383ed48cacb357629c30a74c64dab29cf41529 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_636.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेलर तो ज़ोरदार है गुरु…इसका मेसिज यदि 1% का भी सकारात्मक परिवर्तन ले आए समाज में तो इस फ़िल्म के अभि-नेताओं/नेत्रियो को बहुत आशीर्वाद मिलेगा…फ़र्स्ट डे फ़र्स्ट शो का इरादा है जी देखने का…shalini, रणवीर, बोमन जी और रत्ना जी आप सभी को Best of Luck 👍।God Bless You Ranveer. Such a fantastic trailer. This for me is a must watch. Absolutely love this ❤️❤️।Jayeshbhai Super duper hit che..... 👍🏻👌🏻👍🏻👌🏻👍🏻👌🏻।Mast trailer hai ranveer bhai।All the very best and can't wait 😊।13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी फिल्म।रणवीर सिंह की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' 13 मई 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म में रणवीर सिंह और शालिनी पांडे के अलावा रत्ना पाठक शाह और बोमन ईरानी भी मुख्य भूमिका में हैं, जो रणवीर सिंह के माता-पिता का किरदार निभा रहे हैं। 'जयेशभाई जोरदार' में' जेंडर को लेकर होने वाले भेदभाव को बड़ी ही खूबसूरती से ट्रेलर में उतारा गया है। जहां कभी रणवीर सिंह की कॉमेडी से आप हंसेंगे तो कभी कन्याभ्रूण ह्त्या को लेकर एक बार फिर से सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। फिल्म के निर्देशन की कमान डेब्यूटेंट डायरेक्टर दिव्यांग ठक्कर ने किया है और यह फिल्म यशराज बैनर तले बनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28b37acada6624c2785aa57fce430cd7e2a6b838 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3- राष्‍ट्रपति बाइडन की अनुपस्थिति में अमेरिका का न्यूक्लियर फुटबाल भी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नियंत्रण में था। अगर उस दौरान अमेरिका पर कोई परमाणु हमला होता है या फिर किसी दूसरे देश के हमले की संभावना बढ़ती है तो कमला अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल कर सकती थी। अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हमेशा एक काले रंग का सूटकेस होता है। इसमें हमले की मंजूरी देने के कम्प्यूटर कोड्स और कम्युनिकेशन डिवाइस होते हैं। इसका वजन करीब 20 किलो होता है। इसे न्यूक्लियर फुटबाल भी कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63602.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee4d982e61fb7b751d748abdeba35526303cddac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63602.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्व टेस्ट चैंपियनशिप।इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का आयोजन किया था। अगस्त 2019 में इस टूर्नामेंट का चक्र शुरू हुआ था और फाइनल जून 2021 में हुआ। आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में (उस समय) नंबर भारत और न्यूजीलैंड की टीम ने फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई किया था। भारत को इस खिताब का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम इंडिया खिताब पर दावा नहीं कर सकी। न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से आसानी से मुकाबला जीत लिया था। इस तरह टेस्ट चैंपियनशिप की गदा कीवी टीम के पास गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..407bcd659502afecd579d951c56721e57ec09d38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63604.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। सिग्नल लाल होने पर ट्रेन अब आगे नहीं बढ़ पाएगी। सिग्नल के पास ट्रेन के पहुंचते ही स्वत: ब्रेक लग जाएगा और इंजन काम करना बंद कर देगा। ट्रेन दुर्घटना रोकने के लिए मुरादाबाद रेल मंडल के सहारनपुर से लखनऊ तक सभी जगहों पर सिग्नल पर डिवाइस लगाए जाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। + +रेल प्रशासन ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने और तेज गति से ट्रेन चलाने के लिए लगातार पुराने रेलवे लाइन व स्लीपर को बदलने का काम कर रहा है। इसके बाद भी मानवीय भूल के कारण ट्रेन दुर्घटना में कोई कमी नहीं आई है। कई बार चालक की लापरवाही या नींद आ जाने से सिग्नल लाल होने के बाद भी ट्रेन को नहीं रोका जाता है, जिससे ट्रेन आगे जा रही ट्रेन से टकरा जाती है या पटरी से उतर जाती है। कोहरे के समय इस तरह की घटना होना आम हो जाता है। पिछले दिनों बरेली के पास सीबी गंज स्टेशन का सिग्नल लाल होने के बाद भी किसान एक्सप्रेस के चालक ने ट्रेन नहीं रोका था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8efc3a7b0e883e110f6036f5f8c84e3dd993fc99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यमुनानगर, जागरण संवाददाता। आप अगर नए साल पर घूमने की प्लान कर रहे हैं तो परिवार व दोस्तों के साथ यमुनानगर की इन जगहों पर जाना न भूलें। अधिकतर नए साल पर लोग घूमना पंसद करते हैं। यमुनानगर को छोड़कर दूसरे स्थानों पर चले जाते हैं। कुछ लोग ग्रुप में तो कुछ अकेले ही घूमना पंसद करते हैं। लेकिन यमुनानगर में भी ऐसी बहुत सी जगह है जहां आप नये साल के मौके पर घूमने जा सकते हैं। ऐसे में जिले में धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन का कम समय व खर्च में आप लाभ ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fff90b9313e0aa8228790d5461f1836683fe835f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Year Ender 2021: बिहार की सियासत ने वर्ष 2021 में कई रंग देखे। कभी नीम-नीम कभी शहद-शहद का सिलसिला चलता रहा। सत्‍ता पक्ष और विपक्ष में तकरार के साथ नेताओं की कहासुनी में मर्यादाएं भी टूटजी दिखीं। वर्ष की शुरुआत राजनीतिक इतिहास में काला पन्‍ना जोड़ गया। विधानसभा में हंगामा के बाद विधायकों की पिटाई की घटना राज्‍य ही नहीं, बल्कि राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी चर्चा में रही। कोरोना से विधायकों व विधान पार्षदों की मौत हुई। लंबे समय बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर आए। बेटे लालू के बेटे तेजस्‍वी यादव की चर्चित शादी हुई। यह साल रामविलास पासवान की पार्टी और परिवार में बिखराव का साक्षी बना। विधानसभा में वंदे मातरम गाने से एआइएमआइएम के विधायकों के इंकार, पूर्व सीएम मांझी की बयानबाजी, सरकार गिराने की धमकी समेत कई ऐसी घटनाएं हुईं जो सियासत को हर दिन नया रंग देती रही। बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा, जातिगत जनगणना, शराबबंदी जैसे मुद्दे भी उछलते रहे। हम आपको बिहार की प्रमुख सियासी घटनाओं से रूबरू करवाते हैं। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की समाज सुधार यात्रा भी चर्चा का विषय बनी रही। ।(बिहार विधानसभा में विपक्षी दलों ने किया था हंगामा। फाइल फोटो)।विधानसभा में मंगलवार को हुआ था अमंगल ।विधानसभा की कार्रवाही चल रही थी। दिन था 23 मार्च 2021। यह विधानसभा के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज हो गया। दरअसल बिहार सशस्‍त्र पुलिस विधेयक को सदन में पेश होने से रोकने को लेकर राजद समेत सभी विपक्षी दल आमादा थे। राजद ने भ्रष्‍टाचार, विधि व्‍यवस्‍था, बेरोजगारी के मुद्दे पर विधानसभा घेराव किया। तेजस्‍वी यादव, तेजप्रताप यादव समेत कई कार्यकर्ता डाकबंगाला चौराहे पर पहुंच गए। वहां पुलिस ने रोका तो हंगामा हो गया। इसके बाद तेजस्‍वी व तेजप्रताप को हिरासत में ले लिया गया। गांधी मैदान थाने लाने के बाद उन्‍हें छोड़ा गया। इधर सदन में भी हंगामा चल रहा था। इस कारण सदन की कार्रवाही तीन बार स्‍थगित की गई। चौथे बार जब कार्रवाही शुरू हुई तो स्‍पीकर को उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया गया। इसके बाद पटना के डीएम-एसएसपी भारी संख्‍या में पुलिस बल के साथ पहुंचे। इसके बाद धक्‍का-मुक्‍की शुरू हो गई। इसके बाद पुलिस ने विधायकों को खींच-खींचकर बाहर निकाला। महिला विधायकों को भी जबरन हटाया गया। इस दौरान कई विधायकों की पिटाई भी की गई। इसके बाद विधेयक को पारित किया गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने आरोप लगाया कि उनपर जानलेवा हमला किया गया।  ।(पटना आने पर पुराने अंदाज में दिखे लालू। चलाई अपनी पहली जीप। फाइल फोटो)।तीन वर्ष बाद जेल से बाहर आए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ।चारा घोटाला के मामले में जेल में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव तीन वर्षों बाद 29 अप्रैल को जेल से बाहर आए। वे पुलिस अभिरक्षा में दिल्‍ली एम्‍स में इलाजरत थे। इसके बाद वे अपनी पुत्री और राज्‍यसभा सांसद डा. मीसा भारती के आवास पर शिफ्ट हो गए। लालू प्रसाद को 17 अप्रैल को ही जमानत मिल गई थी लेकिन वे रिहा हुए 12 दिनों बाद। तबियत में सुधार होने के बाद वे 24 अक्‍टूबर को पटना लौटे। उनका भव्‍य स्‍वागत किया गया। इसके बाद वे विधानसभा उपचुनाव के प्रचार में भी गए। समर्थक उन्‍हें देखकर उत्‍साहित थे। हालांकि, सेहत का असर उनपर साफ दिख रहा था। चुनाव परिणाम भी उनके पक्ष में नहींं रहा। इसके बाद वे फिर दिल्‍ली लौट गए। लालू प्रसाद के पटना आने से लेकर लौटने तक बयानबाजी, परिवार में विवाद भी हुआ। लालू प्रसाद ने अलग हो चुके कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्‍तचरण दास को भकचोन्‍हर दास कह दिया था। इसपर खूब बवाल मचा। इधर तेजप्रताप यादव अलग मूड में थे। पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष के खिलाफ बिगुल फूंक चुके तेजप्रताप ने खूब हंगामा किया। हालांकि समय के साथ मामला शांत हो गया।  ।    ।(चिराग पासवान के खिलाफ पार्टी में बगावत)।बिखर गया रामविलास पासवान का बंगला ।दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 2021 के जून महीने में 13 तारीख को बिखर गई। 28 नवंबर 2000 में इसका गठन किया गया था। स्‍व पासवान के पुत्र जमुई के सांसद चिराग पासवान ने पार्टी की कमान संभाली। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्‍होंने एनडीए में रहकर भी जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया। इसका खामियाजा उन्‍हें भुगतना पड़ा। चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्‍व में पार्टी के पांच सांसदों ने बगावत कर दी। इसमें उनके चचेरे भाई प्रिंसराज, महबूब अली कैसर, वीणा देवी और चंदन सिंह शा‍मिल थे। खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान की तमाम को‍शिशों के बावजूद पशुपति कुमार पारस केंद्रीय मं‍त्रिमंडल में शामिल हुए। इसके बाद मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा। चुनाव आयोग ने पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान की लोजपा के नाम बदल दिए। बंगला को फ्रीज कर दिया गया। पारस की पार्टी का नाम राष्‍ट्रीय लोक जनशक्‍ति‍ पार्टी और चुनाव चिह्न सिलाई मशीन दिया गया। वहीं चिराग की पार्टी का नाम लोक जनशक्‍त‍ि पार्टी (रामविलास) और चुनाव चिह्न हेलीकाप्‍टर कर दिया गया।      ।(विधानसभा उपचुनाव में दोनों सीटों पर जदयू की जीत। फाइल फोटो)।जदयू ने कायम रखी अपनी बादशाहत ।कोरोना ने जदयू के दो विधायकों डा. मेवालाल चौधरी और शशिभूषण हजारी को छीन लिया। उनके निधन से रिक्‍त हुई तारापुर और कुशेश्‍वरस्‍थान सीटों पर 30 अक्‍टूबर को उपचुनाव हुआ। इस चुनाव से पहले कांग्रेस और राजद के रास्‍ते अलग हो गए। इस बिखराव का सीधा फायदा एनडीए को मिला। जदयू, राजद के अलावा कांग्रेस और पप्‍पू यादव की पार्टी जाप ने भी उम्‍मीदवार खड़े किए। चुनाव प्रचार में सीएम नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत कई दिग्‍गजों ने शिरकत की। हर तरफ से पूरी ताकत झोंक दी गई। तेजस्‍वी लोगों  से कहते रहे कि ये दो सीट जीत गए तो फिर सरकार बना लेंगे। लेकिन लंबे समय बाद जनता के बीच पहुंचना भी राजद सुप्रीमो के पक्ष में नहीं रहा। आखिरकार दोनों सीटों पर जदयू के उम्‍मीदवारों की जीत हुई। ।(तेजस्‍वी यादव की शादी को लेकर रहा सस्‍पेंस। फाइल फोटो)।तेजस्‍वी की शादी पर अंत समय तक रहा सस्‍पेंस ।बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की शादी वर्ष की चर्चित घटनाओं में से एक रही। दिल्‍ली में नौ दिसंबर को तेजस्‍वी ने अपनी स्‍कूल फ्रेंड रेचल गोडिन्‍हो के साथ शादी की। इसमें करीबी लोग ही शामिल हुए। पार्टी नेताओं तक को इसका पता नहीं था कि कब शादी है और दुल्‍हन कौन है। हालांकि तेजस्‍वी जब दुल्‍हन के साथ पटना आए तो उन्‍होंने गुपचुप शादी को लेकर सारी बातें स्‍पष्‍ट कर दीं। लेकिन इस दौरान मामा व पूर्व सांसद साधु यादव की नाराजगी को लेकर खूब चर्चा हुई। साधु यादव ने लालू परिवार को जमकर निशाने पर रखा। इसके बाद उनके भांजे तेजप्रताप यादव और भांजी रोहिणी आचार्य ने तेवर दिखाए। परिवार का झगड़ा सड़क तक आ गया। लेकिन जल्‍द ही इसका पटाक्षेप भी हो गया। ।(कन्‍हैया कुमार ने ज्‍वाइन की कांग्रेस। फाइल फोटो)।वाम दल को छोड़ कन्‍हैया ने थाम लिया हाथ ।जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय की छात्र राजनीति से चर्चा में आए बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले कन्‍हैया कुमार ने वामपंथी दल से अपनी राजनीति की शुरुआत की। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ वे लोकसभा चुनाव में भी उतरे थे। लेकिन समय के साथ वामदल से उनका मोहभंग हो गया। भगत सिंह की जयंती के मौके पर 28 सितंबर को कन्‍हैया कुमार ने दिल्‍ली में कांग्रेस की सदस्‍यता ग्रहण कर ली। कन्‍हैया की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्‍वयं राहुल गांधी ने उन्‍हें पार्टी ज्‍वाइन कराई। इस अवसर पर कन्‍हैया ने कहा कि कांग्रेस नहीं बचेगी तो देश भी नहीं बचेगा। लोकतंत्र को बचाने के लिए वे कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि वैचा‍रिक संघर्ष को कांग्रेस ही नेतृत्‍व दे सकती है। कन्‍हैया के इस परिवर्तन की चर्चा भी खूब होती रही। ।एआएमआइएम विधायकों ने नहीं गाया वंदे मातरम ।विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत इस बार राष्‍ट्रगाण जन, गन मन से हुई। तीन दिसंबर को समापन पर राष्‍ट्रगीत गाया गया। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी के विधायकों ने सदन में इसे गाने से इंकार कर दिया। अख्‍तरुल इमान का कहना था कि संविधान में इसकी चर्चा नहीं है। जबरन हमपर कुछ थोपा नहीं जा सकता। इसके बाद भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि ये लोग तालिबानी मानसिकता वाले हैं। जनसंख्‍या नियंत्रण को लेकर भी सियासत गरमाती रही। इसके साथ ही जनसंख्‍या नियंत्रण को लेकर भी एआइएमआइएम के विधायक के बयान से बवाल हुआ। ।(जीतन राम मांझी के बयान से बढ़ी सियासी सरगर्मी।)।मांझी के बयान ने मचा दिया घमासान ।वर्ष खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ गुजर रहा था। दिसंबर महीने की ठंड परवान चढ़ ही रही थी कि  पूर्व मुख्‍यमंत्री और हम के नेता जीतन राम मांझी के बयान से राजनीति गरमा गई। उन्‍होंने ब्राह्मणों और सत्‍यनारायण पूजा को लेकर ऐसी बातें कह दीं कि बवाल मच गया। उनके बयान के बाद कई संगठनों ने उनपर मुकदमा कर दिया। भाजपा के एक नेता ने उनका जीभ काटने पर 11 लाख इनाम की घोषणा कर दी। हालांकि पार्टी ने उस नेता को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया। ले‍किन मामला यहींं नहीं थमा। बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने पूर्व सीएम पर उम्र का असर बता उन्‍हें राजनीति से संंन्‍यास की नसीहत दे दी। इसके बाद मांझी की पार्टी ने समर्थन वापसी तक की धमकी दे दी। हालां‍कि मांझी पहली बार कोई विवादास्‍पद बयान दे रहे थे ऐसी बात नहीं थी। पूर्व में वे भगवान श्रीराम के अस्त‍ित्‍व को नकार चुके थे। शराबबंदी कानून पर भी सरकार को नसीहतें दे डाली थीं।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f9222550b55c01ba63c88d0fc1769c9df414788 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63613.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1 सहस्रधारा।सहस्रधारा पर्यटन स्‍थल में से एक है। यह देहरादून से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर राजपुर गांव में स्थित है। सहस्रधारा दो शब्‍दों से मिलकर बना है। इसमें सहस्र का अर्थ होता है हजार और धारा का अर्थ नदी। तो सहस्रधार का मतलब हुआ हजार नदियां। यहां सल्फर वाटर स्प्रिंग्स है, जो त्‍वचा की समस्‍याओं को दूर करता है। यहां चाय नाश्ते का भी इंतज़ाम रहता है। + +2 रॉबर्स केव।रॉबर्स केव देहरादून से करीब 18 किमी दूर स्थित है। रॉबर्स केव को गुच्चू पानी के नाम से भी जाना जाता है। यह केव करीब 650 मीटर लंबी है। इसके पीछे रोचक कहानी है। कहते हैं कि अंग्रेजों के समय में डाकू डकैती करके इसी गुफा में छुप जाते थे और अंग्रेज सैनिक उन्‍हें नहीं खोज पाते थे। इस गुफा में से पानी की धाराएं भी निकलती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbdcabe2612c076974f91b4616cd60c81988be2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नववर्ष को यादगार बनाने के लिए बहुत से शहरवासियों ने देश-विदेश घूमने की तैयारी कर ली थी। टिकटें भी बुक हो गई थीं। अचानक ओमिक्रोन ने दस्तक दी तो उन्होंने सतर्कता के चलते अपनी तैयारियों को रोक दिया। शहरवासी अब घर में ही नया साल मनाएंगे। कई लोगों ने अपनी टिकटें भी निरस्त करा ली हैं। टूर और ट्रेवल्स एजेंसी के संचालकों के अनुसार, ओमिक्रोन के खतरे के चलते लोग घूमने से पीछे हट रहे हैं। अधिकांश ने अपनी टिकट भी निरस्त करा दी हैं। लोग गोवा, अंडमान, जयपुर, कश्मीर, मुंबई जाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। + +दुबई का क्रेज।कोरोना काल से पहले बहुत से लोगों में दुबई में नववर्ष का जश्न मनाने का क्रेज रहता था। मगर, कोरोना ने इस पर पानी फेर दिया है। इस बार भी यहां के लिए बहुत से लोगों ने बुकिंग कराई थीं, अधिकांश ने निरस्त करा दी हैं। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी ओमिक्रोन को लेकर अलर्ट जारी हो गया है। वहां सख्ती बढ़ा दी गई है। इसको देखते हुए लोग अब देश के दूसरे पर्यटन स्थलों पर भी जाने में बच रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c103a5943812ec52a5388957435694fd915dc81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63621.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. सुनीता का कहना है कि मन को प्रसन्न रखने के लिए कभी-कभी बिना किसी वजह के मुस्कुराना और हंसना तनाव को कम करने में मदद करता है। इसलिए बगैर कुछ सोचे कभी-कभी खुलकर मुस्कुराएं। मुस्कुराना और हंसना सेहत के लिए किसी टानिक से  कम नहीं होता है। अनेक शोध-अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि मुस्कुराने से शरीर के समस्त अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। यकीन मानिए मुस्कुराने और हंसने से न केवल आप पर खुशनुमा असर पड़ता है, बल्कि आपके आसपास रहने वाले लोगों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। मन प्रसन्न रहने से आत्मविश्वास बढ़ता है। + +आत्मविश्वास के बगैर आप किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल नहीं कर सकतीं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार मन प्रसन्न रहने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है। इससे शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र भी मजबूत होता है। न्यूरोलाजिस्ट के अनुसार मुस्कुराने से दिमाग में ऐसे हार्मोन का स्राव बढ़ता है, जो मूड को अच्छा बनाते हैं। मन को उत्साह की तरंगों से परिपूर्ण रखने के लिए अगर घर में जगह है तो पेड़-पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। अपने शारीरिक सौंदर्य को निखारने के लिए भी हर दिन थोड़ा सा वक्त निकालें। प्रसन्न रहने के लिए यह भी जरूरी है कि घर के आसपास रहने वाले अच्छे लोगों के संपर्क में रहें। समय-समय पर अपनी अलमारियों को सहेजें और इधर-उधर रखी वस्तुओं को व्यवस्थित रूप से रखें। ऐसा करने से मन को बहुत सुकून मिलता है और मन प्रसन्न भी रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db41169490e78f18a888721894314160ec54cf43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दो साल से चल रहा था प्रयास।ध्रुवी बताती हैं कि जब मैं सातवीं कक्षा में थी तो ट्रेन में यात्रा के दौरान मेरे कपड़ों पर टूथपेस्ट गिर गया। उस समय मेरे मन में सवाल आया कि जैसे पेपर सोप प्रयोग कर रही हूं, वैसे ही यदि दांतों के लिए भी कुछ हो सकता तो अच्छा रहता। इसके बाद अध्ययन किया। सर्वे किया तो लोगों ने इस तरह के ब्रश की आवश्यकता बताई। नौवीं कक्षा में पहुंचने तक मैंने इस ब्रश को तैयार कर लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a64b1426fb55e9b9b45a5006543fa738283dd560 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [डा. सी. एस. गांधी]। Child Care Tips सर्दी के मौसम में नन्हें-मुन्नों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ती है, क्योंकि यह मौसम उनके लिए कई समस्याएं भी लाता है। सर्दी से नन्हें-मुन्नों को सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता को इस मौसम में थोड़ा सा अतिरिक्त ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। कारण, जरा सा अनदेखी करने में शिशुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af5132d08bf9998e7efde5b4bf2b87bee4644d20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63627.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्राकृतिक टीका साबित हो सकता है ओमिक्रोन: ओमिक्रोन से जुड़े अध्ययन के दौरान एक और बात भी सामने आ रही है। अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के शुरुआती अध्ययन में पाया गया है कि ओमिक्रोन वैरिएंट खुद ही कोरोना महामारी के विरुद्ध प्राकृतिक टीके का काम कर सकता है। दरअसल ओमिक्रोन वैरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह डेल्टा की तुलना में बहुत कम घातक है। + +शोधकर्ताओं का कहना है कि ओमिक्रोन के संक्रमण से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। डेल्टा से संक्रमित हो चुके व्यक्ति का ओमिक्रोन से संक्रमित होना बहुत सामान्य है। वहीं, ओमिक्रोन से ठीक होने के बाद व्यक्ति में डेल्टा से संक्रमण का खतरा लगभग नहीं रहता है। विज्ञानी इसे महामारी के अंत का संकेत भी मान रहे हैं। अमेरिका के कार्डियोलाजिस्ट आफशीन इमरानी ने तो ओमिक्रोन को मौसमी फ्लू की संज्ञा दे दी है। उनका कहना है कि इस वैरिएंट को लेकर ज्यादा हाय-तौबा मचाना सही नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52208f698fa53edb49a61756aa213cd228e5e0f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63629.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। वर्ष 2022 शिक्षा क्षेत्र में भी उम्मीद की नई किरण जगाएगा। आपरेशन कायाकल्प के तहत बेसिक शिक्षा परिषद के 48 स्कूलों को स्मार्ट बनाया जाएगा। 60 करोड़ रुपये से इन स्कूलों को स्मार्ट बनाने का काम जनवरी में शुरू हो जाएगा और छह महीने में इनमें होने वाले कार्यों को पूरा करना है। इससे पहले बेसिक शिक्षा परिषद के 24 स्कूलों को और स्मार्ट बनाया जा चुका है। लेकिन, यह आपरेशन कायाकल्प योजना से अलग हुए हैं। इन स्कूलों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मंजूर हो चुकी है। विधानसभा चुनाव से पहले स्कूलों को स्मार्ट बनाने को कार्य आदेश जारी हो जाएगा। + +परिषदीय विद्यालयों में अधिकांश गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। जिनको पब्लिक स्कूलों की तरह माहौल मिलेगा। इन स्कूलों को स्मार्ट बनाने का कार्य राजकीय निर्माण निगम करेगा। इनमें डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाई, फर्नीचर, फर्श, जर्जर भवन की मरम्मत, सीसी टाइल्स, रंगाई-पुताई, टूटे खिड़की दरवाजे, जर्जर बालक-बालिका के स्मार्ट शौचालय, किचिन, बिजली की फिटिंग, पंखे, पानी, हैंडवाश सिस्टम दुरुस्त होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63630.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ac4862b43d36ab21bf029e26e9a674b2556e186 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63630.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1995 में हुआ था भूमि अधिग्रहण।विकास प्राधिकरण ने 1995 में शांति निकेतन योजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था। इसमें अजीम बख्श की भी गाटा संख्या 2595 में एक बीघा दो बिस्वा जमीन का अधिग्रहण किय है। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की रिपोर्ट पर इसका अधिग्रहण हुआ। अजीम बख्श ने उस दौरान एक बिस्वा (120 वर्ग मीटर) जमीन अपने निजी प्रयोग के लिए रख ली। ऐसे में प्राधिकरण ने अपने अधिग्रहण में शामिल नहीं किया। ऐसे में तब से अब तक यह जमीन ऐसे ही खाली पड़ी हुई थी। ।कर दिया आवंटन।अब पिछले दिनों प्राधिकरण ने शहर की विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े प्लाट व फ्लैट की बिक्री की है। इसमें शाति निकेतन योजना में भी कुछ प्लाट बेचे गए। इसमें अजीम बख्श की निजी 120 वर्ग मीटर जमीन को भी शाहजमाल जंगलगढ़ी निवासी कुछ लोगों को बेच दिया। अब पिछले दिनों इन आवंटियों ने जमीन पर कब्जा लेना शुरू किया तो अजीम बख्श के पुत्र मो. को इसकी जानकारी हुई कि प्राधिकरण ने उनकी निजी जमीन की भी बिक्री कर दी है। ।डीएम व उपाध्यक्ष से शिकायत।मो. सलीम इस मामले को लेकर तत्काल डीएम व उपाध्यक्ष के पास पहुंचे। दोनों अफसरों ने जांच के आदेश दिए। ओएसडी अंजुम बी को जांच की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल से इसकी रिपोर्ट मांगी। इसमें पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया। सामने आया कि गलत तरीके से एडीए से इसका आवंटन हुआ है। ।आखिर दोषी कौन ?।भले ही जांच में इसकी पुष्टि हो गई है कि जमीन किसान की निजी थी। ऐसे में अब प्राधिकरण इसे वापस भी कर देगा, लेकिन सवाल यह है कि प्राधिकरण में इतनी बड़ी लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है। किसी भी किसान की निजी जमीन को अफसर आंख बंद कर कैसे नीलाम कर सकते हैं। अगर जड़ तक जाया जाए तो इसमें कई कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2efc4f7464986907a0cce38443bdcb859f59c3ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63632.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कास्मिक रे की खोज: विक्रम साराभाई का जन्म 12 अगस्त, 1919 को अहमदाबाद में हुआ था। उनके पिता अंबालाल साराभाई बड़े उद्योगपति थे। बचपन से ही उनकी रुचि गणित और विज्ञान में ज्यादा थी। गुजरात कालेज से इंटरमीडिएट तक विज्ञान की शिक्षा पूरी करने के बाद वे 1937 में इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने कैंब्रिज में पढ़ाई की। वर्ष 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वे भारत लौट आए। सिर्फ 28 साल की उम्र में उन्होंने 11 नवंबर, 1947 को अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की। महान विज्ञानी सर सीवी रमन के मार्गदर्शन में कास्मिक रे पर अनुसंधान कार्य किया। हालांकि द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद वे फिर कैंब्रिज चले गए। वर्ष 1947 में कास्मिक रे पर अपने शोध कार्य के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डाक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। + +अंतरिक्ष में भारत के कदम: भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत इसरो की स्थापना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही। अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने के कार्य में डा. होमी जहांगीर भाभा ने भी साराभाई की खूब मदद की। उनके सहयोग से ही देश के पहले राकेट लांच स्टेशन की स्थापना तिरुवनंतपुरम के निकट थुंबा में की गई। इसे एक साल के अंदर तैयार कर लिया गया और 21 नवंबर, 1963 को पहली शुरुआती लांचिंग यहीं से की गई। साल 1966 में होमी भाभा के निधन के बाद विक्रम साराभाई को उनकी जगह भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग का चेयरमैन बनाया गया। होमी भाभा के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने भारत में परमाणु संयंत्र का निर्माण शुरू किया। 1966 में विक्रम साराभाई और नासा (अमेरिका) के बीच एक करार हुआ था, जिसके तहत नासा ने जुलाई 1975 में ‘साइट’ प्रोग्राम के लिए सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा। हालांकि, साराभाई इसे देख पाते, उससे पहले ही 30 दिसंबर, 1971 को उनका देहांत हो गया। वह भारत के पहले सैटेलाइट प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर रहे थे। भारतीय विज्ञानियों ने उनका सपना पूरा करते हुए 1975 में देश के पहले उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ को लॉन्च किया। साल 1966 में उन्हें पद्मभूषण और 1972 में मरणोपरांत पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान में भारतीय डाक विभाग ने टिकट भी जारी किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac49c3894251623037bfcc3b0687a65cc60e2176 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63634.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, उमेश पाठक। शराब की फैक्ट्री में मार्च 2022 से ऐसा उत्पाद तैयार किया जाएगा, जिसे पशुओं के चारे में मिलाकर उसे उच्च प्राटीनयुक्त बना दिया जाएगा। अनाज से एथेनाल तैयार करने के दौरान एथेनाल के कचरे से इस उत्पाद का निर्माण किया जाएगा। इस उत्पाद का इस्तेमाल पोल्ट्री फार्म, डेयरी में दाना एवं चारा के रूप में किया जा सकेगा। इसके चलते रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। + +गीडा स्थित आइजीएल में मार्च 2022 से शुरू होगा उत्पादन। गीडा स्थित इंडिया ग्लाइकाल्स लिमिटेड (आइजीएल) में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से एथेनाल प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यहां धान के टूटन एवं मक्के से एथेनाल तैयार किया जाएगा। इसमें बड़ी मात्रा में अनाज की जरूरत होगी। जनवरी 2022 से अनाज की खरीद भी शुरू कर दी जाएगी। इस प्लांट में एक लाख लीटर एथेनाल का उत्पादन प्रतिदिन किया जाएगा। सबसे अच्छी गुणवत्ता के एथेनाल का प्रयोग अंग्रेजी शराब बनाने में किया जाएगा। एथेनाल पेट्रोलियम कंपनियों को भी बेचा जाएगा। एथेनाल के कचरे से ड्राइड डिस्टिलर्स ग्रेंस विद साल्युबल्स (डीडीजीएस) नाम का उत्पाद तैयार किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..029ba8bf1b64b3584c0b4b4b570ad728544663d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घरेलू स्तर पर उपलब्धियां : जहां तक घरेलू स्तर पर सरकार के कदमों का प्रश्न है, तो वर्ष 2021 में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आरंभ किए गए। जैसे, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (बीमा) योजना, प्रधानमंत्री युवा रोजगार योजना, ई-श्रम पोर्टल, ग्राम उजाला योजना और प्रधानमंत्री उम्मीद योजना आदि। अवसंरचनात्मक विकास और कौशल विकास को वरीयता दिया जाना निश्चित रूप से भारत के सर्वागीण विकास में योगदान देगा बशर्ते इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो और उनपर पूरी तरह निगरानी रखी जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bb6abaafd402b39d410efe1e92241f622d68474 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63636.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली, जसवंत ठाकुर। New Year Celebration Manali, पर्यटन नगरी मनाली न्यू ईयर पर धमाल मचाने को तैयार है। पर्यटन नगरी में इस साल नववर्ष का जश्न धूमधाम से मनाया जाएगा। कहीं डीजे की धुन पर तो कहीं कुल्लवी वाद्य यंत्रों पर पर्यटकों के कदम थिरकेंगे। मनाली के सभी होटलों में डीजे की व्यवस्था की गई है, जबकि कुछ एक स्तरीय होटलों में कुल्‍लवी नाटी की विशेष व्यवस्था की गई है। नववर्ष को लेकर सभी होटल संचालकों ने तैयारियां कर ली हैं। न्यू ईयर पर पर्यटन निगम मनाली के क्लब हाउस में न्‍यू ईयर मनाली क्वीन का चयन किया जाएगा। 2021 का स्वागत कोरोना महामारी के चलते फीका रहा था लेकिन 2022 के स्वागत को पर्यटन नगरी में खूब धमाल मचेगा। + +नववर्ष की संध्या पर क्लब हाउस में होने वाले कार्यक्रम में प्रवेश करने के लिए 3999 रुपये कपल एंट्री रखी गई है और आठ साल से 14 साल के बच्चे का 1200 जबकि 12 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 1999 रुपये शुल्‍क रखा गया है। पर्यटकों के लिए लाइव डीजे और अन्य कई गतिविधियों सहित रात्रि भोज की विशेष व्यवस्था की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5508a7082d7850f27418c037dcc9802fa19a3386 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63638.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ । संदीप हत्याकांड में पुलिस के सामने बड़ा सवाल यही है कि आखिर गनर क्यों आगे निकल गए थे? घटना के वक्त संदीप के साथ मौजूद लोगों से लंबी पूछताछ व जांच में पता चला है कि उस दिन संदीप को ग्रीन पार्क में किसी के जन्मदिन में शामिल होना था। गिफ्ट भी खरीदना था। शशांक निगम को अपनी गाड़ी में बिठाकर संदीप चल दिए। जबकि दूसरी गाड़ी में कासिमपुर प्लांट के हेड सुशील के साथ गनर भी भेज दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63639.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcc92996a91379f1e99428089da168656412dd70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत भी मेरे अतिथि रहे। हिंदुत्व पर उनकी परिभाषा संभवत: कई ज्ञानियों के चक्षु खोल गई होगी। डा. भागवत ने बताया कि मनुष्य का मनुष्य के साथ मनुष्यवत व्यवहार ही हिंदुत्व है। उनका तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के साथ मिलना भी मनुष्यत्व और मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है। जातिवाद पर भी उनका पक्ष अत्यंत स्पष्ट था कि जो जातिवाद में विश्वास करे वह हिंदू हो ही नहीं सकता। यह सब तब है जब प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग के गठन का शोर रहा, दलित वर्ग के प्रदर्शन हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c6147b27bc3f504c7799c8499b5d16475b24e46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63640.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे स्‍टेशन पर मौजूद एक यात्री ने ट्रेन से संबंधित जानकारी देने वाले प्राइवेट एप पर सर्च किया तो उसमें ट्रेन निरस्त होना बताया जा रहा था। जबकि आइआरसीटीसी व रेलवे के एप पर इस ट्रेन को चलना दिखाया रहा था। इसके बाद चर्चा शांत हो गई। कुछ यात्र‍ियों का कहना था क‍ि ट्रेन चलानी ही थी तो इसकी जानकारी पहले से ही देनी चाह‍िए थी। इससे काफी यात्र‍ियों को इसका लाभ म‍िल जाता, जानकारी के अभाव में काफी यात्री इसमें सवार ही नहीं हो पाए होंगे।  ।पंजाब मेल कल रहेगी निरस्त : हावड़ा से अमृतसर जाने वाली पंजाब मेल को रैक के अभाव में निरस्त कर दिया है। इसके कारण मुरादाबाद में यह ट्रेन 31 दिसंबर को नहीं आएगी। इसके कारण अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल दो जनवरी को मुरादाबाद नहीं आएगी। यह जानकारी एसीएम पीएस बघेल ने दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe1d69f4222ffbd590009f801de9678374dcbe6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। वर्ष 2021 में कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस भी बड़ी चुनौती था, लेकिन रिकार्ड वैक्सीनेशन, आपातकालीन स्थिति में बच्चों के लिए को-वैक्सीन की मंजूरी और स्वदेशी ब्लैक फंगस जांच किट व थ्री-डी प्रिंटेड कृत्रिम हार्ट वाल्व का निर्माण करने के साथ नागरिकों के लिए आयुष्मान डिजिटल हेल्थ कार्ड जैसी सुविधाएं लाकर चिकित्सा जगत ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती दी है..।बच्चों को वैक्सीन का सुरक्षा चक्र: 25 दिसंबर 2021 को भारत बायोटेक द्वारा विकसित को-वैक्सीन को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय ने आपातकालीन स्थिति में 12-18 वर्ष के बच्चों में इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। भारत बायोटेक ने उम्मीद जताई है कि यह बच्चों के लिए भी कारगर साबित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68529536351516bf2ccbbb0e8492ec8813abb6f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संतोष शर्मा, अलीगढ़ । स्मार्ट सिटी के तहत शहर में जगह-जगह लगाए गए सीसीटीवी कैमरे अपराधियों की हर चाल को भेद रहे हैं। इन्हीं हाईटैक कैमरों की नजर से पुलिस बड़ी से बड़ी साजिश की तह तक पहुंच जाती है। सीमेंट कारोबारी संदीप गुप्ता की हत्या के मामले में भी यही हुआ। शूटर भले ही पुलिस की गिरफ्त में न आए हों, लेकिन इन कैमरों ने घटनाक्रम से पर्दा जरूर उठा दिया है। कैमरों की मदद से पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपित अंकुश अग्रवाल की क्रेटा कार और शूटरों की बलेनो कार को बरामद कर लिया। ये भी पता लगा लिया कि शूटरों की कार को सपोर्ट करने वाली अंकुश की कार कहां-कहां साथ चली? पुलिस अब सभी आरोपितों की तलाश में जुट गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63647.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1a412572ef5fa6592246c5749f6bce808af4003 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [राधिका कपूर]। Year Ender 2021: यह साल लुधियाना के लिए कुछ खास ही रहा। वैसे तो टीवी कार्यक्रमों या नाटक को लेकर दर्शकों का हमेशा से ही झुकाव रहा है, लेकिन बिग बास-14 को लेकर शहर के लोगों में काफी रुचि रही। कारण था कि शहर की बहू इस चर्चित कार्यक्रम में विजेता की प्रबल दावेदार थी। भले ही रुबिना का ज्यादा समय मुंबई में गुजरता है, लेकिन उसका ससुराल लुधियाना में है और उसके सास-ससुर यही रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f0472b08ea9fa2bec0786398d89feba0f572bdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63649.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। Ranji Trophy 2021 भारतीय क्रिकेट टीम के चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव उप्र की रणजी टीम में कप्तानी कर टीम इंडिया में वापसी की राह तलाशेंगे। कुलदीप 13 जनवरी से ओडिशा संग शुरू हो रहे रणजी सत्र में खेलकर फिटनेस और प्रदर्शन को परखेंगे। जहां से वे टीम इंडिया में वापसी की राह बनाएंगे। रणजी सत्र में उप्र की टीम ओडिशा, बड़ोदरा, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, और आंध्र प्रदेश के साथ एलीट ग्रुप ई में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94422aa8b1fa5dc26f0db824f70c4d9ed2667829 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती समारोह के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (बाएं), गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज (मध्य में) और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल। जागरण।पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा हरियाणा की मिट्टी की देन हैं। यहां की महिला एवं पुरुष हाकी टीम के खिलाड़ियों के खेल जज्बे की पूरी दुनिया कायल है। ढांचागत विकास के लिहाज से देखा जाए तो इस साल केएमपी यानी कुंडली-मानेसर-पलवल और केजीपी यानी कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेसवे निर्माण के रूप में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर यातायात का दबाव कम हुआ है। हरियाणा ने इस साल सुशासन की दिशा में लंबी छलांग मारी है। करीब 550 सरकारी सेवाओं को आनलाइन किया गया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग की भर्तियों में पिछले दो दशक से हो रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने की पहल भी इसी साल में हुई है। करीब सौ सरकारी योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया है। यानी कोई भी सरकारी लाभ हासिल करने के लिए तमाम दस्तावेजों की बजाय केवल परिवार पहचान पत्र से ही काम चल जाएगा। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं के जरिये करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार पर सरकार इस साल रोक लगाने में कामयाब रही है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में मुख्यमंत्री मनोहर लाल श्रीमद्भगवद् गीता का प्रचार-प्रसार दुनिया के तमाम देशों तक करने में कामयाब रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a166fdc0f83991f34fd3cd90ffb7434dee0c38f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [चंद्रप्रकाश गुप्ता]। IIT Kanpur Study हम मैदानी इलाकों में पयार (पराली), लकड़ी, पत्ती और टायर जला रहे हैैं लेकिन प्रभावित ग्लेशियर हो रहे हैैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के पांच विज्ञानियों ने तीन वर्ष (2018 से 2021) तक किए गए अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि वाहनों से ज्यादा ये प्रदूषण बढ़ा रहे हैैं। हर साल 33.5 गीगा टन बर्फ पिघल रही है और 30 मीटर तक ग्लेशियर सिकुड़ रहे हैैं। जानकर हैरानी होगी कि वर्षों पहले वहां जब गंगाजी का मंदिर बना तो गंगोत्री ग्लेशियर मंदिर के ठीक सामने स्थित था, लेकिन अब करीब दो किमी. ऊपर जा चुका है। उनका यह शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल यूरोपियन एसोसिएशन आफ जियोकेमेस्ट्री और इन्वायरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलाजी में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट और सुझाव भेजे हैैं। ।आइआइटी के अर्थ साइंस विभाग के विज्ञानियों प्रो. इंद्रशेखर सेन, डा.तनुज शुक्ला, डा.सरवर निजाम, डा. अरिजीत मित्रा व डा.सौमित्र बोरल की टीम ने तीन वर्षों तक गंगोत्री (उत्तराखंड) व छोटा सिगरी (हिमाचल प्रदेश) ग्लेशियर के पिघलने के कारणों की जानकारी जुटाई। अध्ययन के बाद पता लगा है कि प्रदूषण के कारण ग्लेशियर हर वर्ष 30 मीटर तक सिकुड़ रहा है। प्रतिवर्ष 33.5 गीगा टन बर्फ पिघलकर नदियों में आ रही है। प्रो. इंद्रशेखर सेन ने बताया कि गंगोत्री में जब मंदिर बना था तो वह ग्लेशियर के ठीक सामने था लेकिन आज ग्लेशियर दो किमी. दूर जा चुका है। ।ऐसे हो रहा है नुकसान : अध्ययन में यह भी पता लगा है कि पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियरों में आर्गेनिक कार्बन हवा के जरिए पहुंचता हैै और यह उस क्षेत्र की जलवायु को प्रभावित कर रहा है। ग्लेशियर में कार्बनिक कार्बन की सक्रिय ऊर्जा के वितरण, कार्बनिक प्रतिक्रिया, रेडियोजेनिक समस्थानिक व धूल के कण (पीएम-10) के अध्ययन से पता लगा है कि पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर में आर्गेनिक कार्बन का प्रमुख कारण बायोमास के जलने से पहुंच रहा धुआं और पेट्रोजेनिक (चट्टान) हैं। वर्षा होने पर यह कार्बन के कण ग्लेशियर की सतह पर बैठ जाते हैं और सूरज की किरणें पडऩे पर उसका तापमान बढ़ा देते हैं। इसी वजह से बर्फ तेजी से पिघल रही है। जाहिर है कि बायोमास से पैदा होने वाली यह कार्बन पश्चिमी हिमालय में ग्लेशियर के पिघलने का प्राथमिक चालक है। ।सौ वर्षों में 1.5 डिग्री बढ़ सकता है तापमान : विज्ञानियों के मुताबिक हाल के वर्षों में गंगोत्री ग्लेशियर के पिघलने की दर करीब दोगुनी हो चुकी है। हर वर्ष ग्लेशियर पर जमा बर्फ करीब 0.43 मीटर की दर से पिघलकर नदियों में आ रही है। यही नहीं, अगले 100 वर्षों में ग्लेशियर का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है। प्रति 10 वर्षों में तापमान 0.36 डिग्री सेल्सियस के हिसाब से बढ़ रहा है। ।मानवीय हस्तक्षेप ने बढ़ाया बाढ़ का जोखिम : हिमालय और उसकी आसन्न सीमाएं पृथ्वी पर सबसे ऊंची हैं। उनकी औसत ऊंचाई 4000 मीटर और क्षेत्रफल 5.95 लाख वर्ग किमी. है। इस क्षेत्र को तीसरा ध्रुव या एशियाई जल मीनार कहा जाता है, क्योंकि यह ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर बर्फ का सबसे बड़ा स्थान है। बढ़ते तापमान और मानवीय हस्तक्षेप ने इस क्षेत्र की जल विज्ञान संबंधी संवेदनशीलता पर दबाव बढ़ाकर बाढ़ का जोखिम बढ़ा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63653.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82f9361727febd4a7f05c9c5a0673bef76f43047 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63653.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेल मंत्रालय ने पूर्वांचल के लोगों को नए साल की सौगात दी है। सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 20 करोड़ रुपये का धन अवमुक्त कर दिया है। इस पहल से एकबार फिर गोरखपुर से दक्षिणांचल और पूर्वांचल के लोगों की सुगम यात्रा की आस जग गई है। पिछले कई सालों से बजट में उपेक्षित यह नई रेल लाइन एकबार और फाइलों से बाहर आ गई है। + +17 दिसंबर 2019 को मिली थी कैबिनेट की स्वीकृति। 17 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में सहजनवां- दोहरीघाट लगभग 80 किमी नई रेल लाइन को स्वीकृति मिली थी। दरअसल, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बाद भी यह रेल लाइन रेट आफ रिटर्न्स सर्वे में फंसी थी। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के बाद भी इस रेल लाइन को स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd00725c4020383508de28f47e65ecc1ae70e637 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63654.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal New Year Celebration, हिमाचल में कोई नाइट कर्फ्यू नहीं है फिर भी देर रात तक पर्यटक जश्न नहीं मना सकेंगे। इसके पीछे वजह यह है कि 10 बजे के बाज डीजे साउंड नहीं बजेगा। अभी तक होटल मालिकों को पुरानी ही गाइडलाइन जारी हैं। कोई नई कोविड-19 गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। लेकिन ओमिक्रोन वैरिएंट व दिल्ली में लगे नाइट कर्फ्यू का असर पहली जनवरी से दिखेगा। 31 दिसंबर तक तो बुकिंग है और यह 80 फीसद से भी बढ़ जाएगी। लेकिन जनवरी माह के पहले सप्ताह में जो पर्यटन कारोबार रहता था वह इस बार ढीला रहने की आशंका है। इसका कारण कोरोना के बढ़ते मामले व दिल्ली में लगने वाली बंदिशें हैं। + +नए साल का जश्न 31 दिसंबर की रात को जरा संभल कर मनाए, रात आपको थाने में काटने पड़ सकती है। जी हां जनाब जब ढोल की थाप हो और डीजी साउंड पर कदम थिरके बिना नहीं रह सकते। लेकिन डीजे सिर्फ दस बजे तक ही बज सकेगा। दस बजे के बाद डीजे बजने पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है। या फिर जिस होटल या रेस्तरां में आप ठहरे हैं वहां पर इटर्नल व्यवस्था व बिना ऊंची आवाज के ही आप यह लुत्फ ले सकते हैं। यहां कोई चूक हुई तो रात को पुलिस कार्रवाई कर सकती है और नए साल की सुबह ही थाने में हो सकती है। इसलिए नए साल का जश्न मनाएं पर सीमा में रहते हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b58aba921d94098ed2ec563f60ada2065ac73891 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63655.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। New Year Celebration Himachal, नए साल का जश्‍न मनाने मनाली और लाहुल आ रहे पर्यटकों के लिए खुशी की खबर है। अटल टनल रोहतांग फार व्हील ड्राइव वाहनों के लिए बहाल हो गई है। ताजा बर्फबारी के बाद सड़क में जोखिम बढ़ गया है, जिस कारण फार व्हील ड्राइव वाहनों को छोड़ सभी पर्यटक वाहनों के लिए अटल टनल बंद कर दी है। लाहुल स्पीति पुलिस ने घाटी में आने वाले सैलानियों को गाइडलाइन जारी की है। लाहुल घाटी हालांकि पर्यटकों के लिए बहाल है। लेकिन सड़क में बर्फ जम रही है, जिस कारण वाहन चलाना जोखिम से भरा है। खतरे से अनजान पर्यटकों को नुकसान हो सकता है। इसी नुकसान को देखते हुए पर्यटकों को प्रशासन ने सोलंगनाला से आगे जाने पर रोक लगाई है। लाहुल में होटल बुकिंग करने वाले पर्यटक घाटी में फ़ॉर व्हील ड्राइव वाहनों में ही आ जा सकते हैं। + +फिर लौटे फोर व्हील ड्राइव वाहनों के दिन।90 के दशक में मनाली शहर में फोर व्हील ड्राइव वाहन ही चलते थे, जबकि अन्य वाहनों के पहिये दिसंबर, जनवरी, फरवरी व मार्च महीने के लिए जाम हो जाते थे। लेकिन 1998 के बाद बर्फ़बारी का क्रम कम होता गया और फोर व्हील ड्राइव वाहनों की वैल्यू कम होती गई। अटल टनल बनने के बाद लाहुल पहुंचना तो आसान हो गया है। लेकिन माइनस तापमान ने सड़कों को जाम कर दिया है। हालात ने फिर से फोर व्हील ड्राइव वाहनों की महत्ता को बढ़ा दिया है। इस साल फोर व्हील ड्राइव वाहनों की मदद से ही टैक्सी चालक सैलानियों को बेहतरीन सेवा दे रहे हैं। बर्फ में जब सभी वाहन सोलंगनाला से आगे नहीं जा पा रहे हैं तो ये फोर व्हील ड्राइव वाहन ही लगातार बर्फ में भी चल रहे हैं और चोखी कमाई भी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..921d1d1da0257dcbb0ffd500061408c84b651281 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। वर्ष 2022 में स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिलने जा रही है। स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसें परिवहन मंत्रालय उप्र सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले मिलने की संभावना है। उम्मीद है कि पांच जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअली या भौतिक रूप से इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का उद्घाटन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c683fa9eba570b300d701bba75c85aa20966a086 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अपनी शानदार कॉमेडी से दर्शकों के दिलों को जीतने वाले अभिनेता राजपाल यादव ने ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म पर अभिनय करने को लेकर बड़ी बात बोली है। उन्होंने कहा है कि वह गाली देकर शोहरत हासिल नहीं करना चाहते हैं। राजपाल यादव का मानना है कि वह खुद को ओटीटी प्लेटफॉर्म के लायक नहीं मानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e87a499754d07fdb9c2e2ca96c3c705cd196231 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63661.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को आधिकारिक दौरे पर भारत आए थे। राष्‍ट्रपति पुतिन 21वें भारत-रूस सालाना समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लिए थे। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच विशेष कूटनीतिक साझेदारी और रिश्तों की बेहतरी को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा वे जी-20 से लेकर ब्रिक्स और शंघाई कोआपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ) से लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंडे के तहत किए गए साझा कार्यों की समीक्षा भी हुई। + +1- कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से राष्ट्रपति पुतिन की ये दूसरी विदेशी यात्रा थी। इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई रक्षा समझौते हुए। इससे न केवल सिर्फ भारत की सुरक्षा क्षमताएं बढ़ी, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों में भी गर्मजोशी आई। गत वर्ष भारत और रूस के बीच होने वाली सालाना वार्ता को कोरोना महामारी के कारण टाल दिया गया था। ऐसे में पुतिन के भारत के आने से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए। यह इस साल रूस के बाहर पुतिन की दूसरी यात्रा थी। अपनी पहली यात्रा पर जून में वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलने जेनेवा गए थे। कोरोना महामारी की वजह से पुतिन जी-20 सम्मेलन में नहीं गए और न ही ग्लासगो में हुए जलवायु सम्मेलन में ही शामिल हुए. उन्होंने चीन का अपना दौरा भी इस कारण टाल दिया था। + +3- भारत ने वर्ष 2018 में रूस से 5.43 अरब डालर में एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का सौदा भी किया था। इसकी डिलीवरी को लेकर भी दोनों देशों में बातचीत हुई। इस सिस्टम की क्षमता 400 किलोमीटर तक है। इसका मतलब ये है कि यह पाकिस्तान में कहीं भी उड़ान भर रहे विमान को पकड़ सकता है। इसके साथ ही ये चीन से साथ सटी देश की सीमा की भी निगरानी कर सकता है। इसका मतलब यह है कि चीन जो अपनी तरफ हवाई अड्डे बना रहा है और मिसाइलें तैनात कर रहा है यह सिस्टम उनसे भी सुरक्षा दे पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..345647a963705ea9a8167f0135e5789bc179f20a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर कारागार में सतर्कता के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कारागार में अब बंदियों से मिलाई के लिए वैक्सीन की दोनों डोज को अनिवार्य कर दिया गया हैं। इसके साथ ही 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी लानी पड़गी। इन दोनों रिपोर्ट को देखने के बाद जेल अधिकारी बंदियों से मिलाई की इजाजत प्रदान करेंगे। इससे पहले मिलाई के दौरान नियमों को लेकर बहुत ज्यादा सख्ती नहीं की जा रही थी। लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए दोबारा से कारागार में नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccf7d60d2f05c9e37f904d32b4e0d84b631a23d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- अंतरिक्ष यात्री स्वेतलाना सवित्स्काया अंतरिक्ष में चहलकदमी करने वाली पहली महिला बनी थीं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री संघ के लिए अंतरिक्ष परिवहन समिति के उपाध्यक्ष यांग यूगुआंग ने ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा था कि अतिरिक्त गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी मानवयुक्त अंतरिक्ष का एक अभिन्न अंग है, और हम वांग की बहादुरी के जरिए इतिहास रचते देख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..385de3cd0887f89b6dbd3e89e8f495e78d98db10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63666.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, गौरव दीक्षित। मोदी मैजिक...पिछले सात वर्षों से राजनीति में जिस शब्द को सुनते और अनूभूत करते आए हैं, उसकी गूंज मंगलवार को फिर सुनाई दी। यही मैजिक आज 70 मिनट के दौरान कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर दिखा। कानपुर से लखनऊ एयरपोर्ट तक मोदी-मोदी की आवाज संग भगवा ध्वज लहराते प्रशंसक तथा ट्रैफिक के साथ उनको नियंत्रित करने में पसीना-पसीना पुलिस और प्रशासन के अधिकारी। तेज रफ्तार गाड़ी के अंदर से प्रशंसकों का अभिवादन स्वीकारते नरेन्द्र मोदी। भले ही पीएम के काफिले ने 90 किमी की यह दूरी 70 मिनट में तय की हो, लेकिन यह यात्रा प्रदेश की राजनीति को हजार संदेश दे गई। ।यह जुटाई गई भीड़ नहीं थीं। यहां मंच, माला और माइक नहीं, बस मोदी मैजिक था। पीएम के सड़क से निकलने पर उनकी एक झलक पाने की स्वत: स्फूर्त लालसा उस खराब मौसम पर भारी पड़ी, जिसके चलते पीएम को विमान छोड़कर कानपुर से लखनऊ तक सड़क से आना पड़ा। गाड़ी में हाथ हिलाते प्रधानमंत्री को कैमरों में कैद करते लोग तथा धड़ाधड़ शेयर होते वीडियो बता रहे थे कि 3:55 पर कानपुर से चले प्रधानमंत्री 5:05 पर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। + +मौसम खराब होने के बाद जब प्रधानमंत्री को कानपुर से दिल्ली पहुंचाने के लिए लखनऊ आने का कार्यक्रम बना तो पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। प्रशासनिक अफसरों से लेकर सिपाही और होमगार्ड तक सड़क पर दौड़ लगाने लगे। एनएचआइ की गाडिय़ां भी नजर आने लगीं। जाजमऊ हाईवे से लखनऊ चले काफिले के आगे डीएम व सीडीओ और पुलिस की कई गाडिय़ां हूटर बजाते चल रही थीं। उसके पीछे प्रधानमंत्री का काफिला 4:12 बजे कानपुर-लखनऊ हाई-वे के आजादमार्ग चौराहे से होता हुआ लखनऊ की ओर निकल गया।  ।आधे घंटे रोका गया यातायात।काफिला निकलने से पहले आजादमार्ग  बाईपास चौराहे पर दो तरफ का यातायात लगभग आधा घंटा पहले रोक दिया गया। प्रधानमंत्री का काफिला निकलने के बाद यातायात सुचारु हो सका। वहीं, कानपुर से लखनऊ की ओर जा रहे बड़े वाहनों को आजादमार्ग चौराहे से शुक्लागंज  की ओर डायवर्ट कर दिया गया। लखनऊ सीमा में प्रवेश करते ही बंथरा थाने से लेकर यहां मुख्य कस्बे बंथरा जुनाबगंज कटिबगिया और बनी हर जगह पुलिस डटी रही। शाम करीब 4:46 मिनट पर पीएम के काफिले ने कानपुर की ओर से बंथरा के बनी पुल को पार किया। इस बीच लोगों को खबर लग गई थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर से दिल्ली निकलने के लिए सड़क मार्ग से गुजर रहे हैं। इसके बाद लोग पीएम की झलक पाने के लिए सड़क किनारे खड़े हो गए। बंथरा हनुमान मंदिर पर भी बड़ी संख्या में लोग खड़े दिखाई दिए। इनमें युवाओं की संख्या कुछ अधिक ही थी। लोगों के सामने से जैसे ही पीएम का काफिला गुजरा तो उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। इससे पहले मौसम की बेरुखी के चलते पुलिस और प्रशासन को बार-बार प्लानिंग बदलनी पड़ी। प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से लखनऊ आने के लिए  चकेरी एयरपोर्ट पर 15 मिनट इंतजार करना पड़ा क्योंकि इस बीच पुलिस को सड़क मार्ग को फ्लीट के लिए सुगम बनाना था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d864234f3d25a60402829a805e34ce643b718ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गरीब परिवारों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार आने वाले दिनों में नई योजनाएं लेकर आएगी। इसके साथ-साथ पुरानी योजनाओं की समीक्षा कर लाभार्थियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सात जनवरी से प्रदेश भर में अंत्योदय मेलों का दूसरा चरण शुरू होगा। पहले चरण में 156 मेले आयोजित किए गए थे। इसमें डेढ़ लाख परिवारों में से 90 हजार ने हिस्सा लिया। इसमें आए बहुत से लोगों का ऋण भी मंजूर हो गया है। इन मेलों का उद्देश्य गरीब परिवारों को रोजगार दिलाने का है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..350cd4f4c04f83d8d96d707951bf1912937bc999 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63669.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने जिस तरह से चंडीगढ़ शहर के नगर निगम चुनाव में अपनी एंट्री की है उससे इस बात की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं कि 2022 के चुनाव में पंजाब के शहरों पर भी इसका असर होगा। दरअसल, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जबरदस्त लहर के बावजूद पार्टी को मात्र 20 सीटें ही मिलीं। इनमें भी बरनाला, मानसा सीटों को छोड़कर ज्यादातर सीटें या तो ग्रामीण हलकों से आईं थी या फिर सेमी अर्बन से, इसलिए पार्टी पिछली बार की गलती इस बार दोहराना नहीं चाहती है। + +पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल हों या फिर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दोनों ही शहरी क्षेत्रों को ज्यादा प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। जालंधर जैसे शहरी इलाके में तिरंगा यात्रा निकालने के बाद अब अरविंद केजरीवाल 31 दिसंबर को पटियाला में 'शांति मार्च' निकालेेंगे। पार्टी के प्रदेश प्रधान भगवंत मान ने इस यात्रा के संदर्भ में कहा कि एक षडयंत्र के तहत पिछले कुछ दिनों से पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल और भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, श्री हरमंदिर साहिब में बेअदबी या लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट इसका एक प्रयास है, लेकिन पंजाब अपने सामाजिक बंधन और भाईचारे के लिए जाना जाता है। + +यही नहीं, मनीष सिसोदिया भी लगातार शहरी क्षेत्रों में जाकर व्यापारी और इंडस्ट्री वर्ग से बात करके उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि पार्टी जब अपना मेनिफेस्टो तैयार करे तो इन समस्याओं को सुलझाने का प्लान भी उसमें रखे। खुद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का कहना है, 'मुझे याद है जब 2017 के चुनाव के नतीजों के बाद राजनीतिक पंडितों ने कहा था कि 2017 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को शहरी मतदाताओं का साथ नहीं मिला। शहरी वोट कम थे, लेकिन चंडीगढ़ की जीत ने साबित कर दिया है कि इस बार पंजाब की शहरी जनता भी पूरी ताकत और भरोसे के साथ आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी है। आज पंजाब की पूरी ग्रामीण और शहरी आबादी आम आदमी पार्टी को एक बड़ी उम्मीद के रूप में देखती है, क्योंकि जनता पारंपरिक पुरानी पार्टियों को बार-बार मौके देने के बाद निराश और नाराज हो गई है। पूरा पंजाब बदलाव चाहता है। दिल्ली और चंडीगढ़ की तरह पंजाब भी नया चेहरा और ईमानदार राजनीति चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93187c1ccb5daad51a7876185f59c7d4cad65ce3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [शाश्वत गुप्ता]। PM Modi Kanpur Visit प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर को गति देने के लिए महानगर पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 12,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। आइआइटी कानपुर के दीक्षा समारोह में शामिल होने के बादपीएम ने निराला नगर के रेलवे ग्राउंड से भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड की 1,524 करोड़ रुपये की 356 किमी लंबी बीना (मध्य प्रदेश)-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन देश को समर्पित किया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 दिन में सातवीं बार यूपी का दौरा किया। खबरों की इस कड़ी में फोटो के माध्यम से देखें प्रधानमंत्री नरेन्द्र का कानपुर दौरा:  ।1 - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित 54वें दीक्षा समारोह में शामिल होने के लिए जैसे प्रधानमंत्री आइआइटी पहुंचे तो प्रोफेसर्स ने स्वागत किया। ।2- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आइआइटी कानपुर के निदेश अभय करंदीकर को सम्मानित किया। ।3- आइआइटी कानपुर के मेट्रो स्टेशन पहुंचे पीएम मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी। ।4- पीएम मोदी को मेट्रो के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव। ।5- कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम सेक्शन के शुभारंभ करने के लिए आइआइटी स्टेशन में प्रवेश करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साथ में पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। ।6- कानपुर मेट्रो में सफर करते हुए पीएम मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी। ।7- निराला नगर रेलवे मैदान में पीएम मोदी को मेट्रो रेल भेंट करते भाजपा नेता। ।8- कानपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी। ।9- निराला नगर रेलवे मैदान में लोगों का अभिवादन करते हुए प्रधानमंत्री। ।10- निराला नगर रेलवे ग्राउंड में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए आगे आ रहे सांसद सत्यदेव पचौरी अचानक गिर गए। ये देखकर वहां मौजूद प्रधानमंत्री ने उन्हें आगे बढ़कर उठाया और हालचाल पूछे। ।11- कानपुर से लखनऊ के लिए पीएम मोदी सड़क मार्ग से रवाना। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de1c2fc867e74caa47ba8b8999b531dd3219a1a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर अधिकारी को सौंपा काम।एसएसपी ने मंगलवार सुबह अपने आवास पर जिले की टीम को बुलाकर बैठक की। इसमें एसपी सिटी कुलदीप ङ्क्षसह गुनावत, सीओ प्रथम राघवेंद्र ङ्क्षसह, सीओ तृतीय श्वेताभ पांडेय, सर्विलांस प्रभारी, एसओजी प्रभारी भी शामिल थे। एसएसपी ने एसपी सिटी के नेतृत्व में पांच टीमों का गठन किया है। इनमें सीओ प्रथम व तृतीय, जनपद व नगर सर्विलांस स्वाट टीम, इंटीग्रेडेट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के प्रभारी को लगाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97ae5b9e0d0b311b2f5172843fef1deb69368173 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा और जदयू को दोबारा साथ लाने में निभाई अहम भूमिका।संजय ने कहा कि व्यक्तिगत संबंधों को जिस कुशलता और संजीदगी से वह निभाते थे, वह आज की राजनीति में बहुत कम देखने को मिलता है। जब कुछ समय के लिए जदयू और भाजपा की राहें अलग हो गयी थीं, तब भी उनके साथ नीतीश कुमार के संबंध प्रगाढ़ बने रहे। इस मौके पर विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि राजनीतिक मूल्यों के प्रति अरुण जेटली की प्रतिबद्धता उनके व्यक्तिगत स्वभाव की खासियत थी। विधान पार्षद संजय पासवान ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cac7330a2c7842cf7270d6105371ee00028bb6c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, शिवा अवस्थी। मेट्रो में रोज सफर करने वालों को विशेष सहूलियत और पास देने की तैयारी है। लागत न बढ़ने पाए, इसलिए समयबद्ध काम करना हमारी ताकत है। यह दूसरे विभागों के लिए आईना भी है। बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए मेट्रो में विशेष इंतजाम रहेंगे। विस्तारीकरण के साथ ही सभी क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। ये बातें मंगलवार को जागरण विमर्श के तीसरे सत्र में मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a88c99a55219527e4f281689de56d47724ea226 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [गोविंद दुबे/अजय दीक्षित]। Jagran Vimarsh 2021 रमईपुर में 350 एकड़ में बनने वाला लेदर क्लस्टर उद्यमिता को पंख देगा और रोजगार बढ़ेंगे। वर्तमान में छोटी-बड़ी इकाइयों में 10 लाख लोग रोजगार पा भी रहे हैं। नई इकाइयों से संख्या और बढ़ जाएगी। कानपुर में असीम संभावनाएं हैैं। शहर के बेहतरी के लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा, वो माहौल अब बन गया है। जल्द ही कानपुर की उद्यमिता वाली वैश्विक स्तर पर उभरकर आएगी। ये बातें जागरण विमर्श के समापन सत्र में कानपुर मंडल के मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने कहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27cc43947be9cf3116093d7bfcedb5d7b6e705a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63682.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। Jagran Vimarsh 2021 प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने विकास की बुलंदी को विस्तार से समझाया। कहा कि जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहा है, इसका लाभ यह है कि दुनिया भर के उद्योगपति हमारे प्रदेश में आएंगे और यहीं निवेश करेंगे। उड़ान योजना के तहत हर छोटे शहर को हवाई मार्ग से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले अखबारों में केवल भ्रष्टाचार की खबरें दिखतीं थीं। अब भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं है। एक नेता हैैं, जो प्रधानमंत्री के निर्णय के कागज को फाड़ देते थे, वह खुद प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल तक जो एकांतवास में थे, वे अब चुनाव के मौसम में बाहर आ गए हैैं। वे अब माफी मांग रहे हैैं। हम लोग माफी मांगकर नहीं, काम दिखाकर वोट मांग रहे हैैं। विपक्षी दल के एक नेता ने स्कूटी देने का वादा किया है, हमारा भी मन करता है कि वादा कर देें कि अमेरिका में हमारी सरकार बनी तो हम बीएमडब्ल्यू बांटेंंगे। इस पर खूब ठहाके गूंजे। + +जागरण विमर्श का यह 20वां आयोजन : कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अपने स्वागत भाषण में दैनिक जागरण के निदेशक संदीप गुप्त ने कहा कि इस वर्ष जागरण विमर्श का यह 20 वां आयोजन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्धनगर से इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा कि विमर्श के मंच पर जो आकांक्षाएं आतीं हैैं, वे विकास के कार्य में सरकार के लिए सहायक सिद्ध होती हैैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी दशकों से लंबित योजनाओं को पूरा करना सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति को दर्शातीं हैैं। कानपुर को मेट्रो का उपहार भी बड़ी बात है। + +रोजागारोन्मुखी हो सरकार : उद्घाटन सत्र के समापन अवसर पर दैनिक जागरण के मुख्य प्रबंध निदेशक और संपादकीय निदेशक महेंद्र मोहन गुप्त ने कहा कि सरकार को चाहिए कि ऐसे अवसर पैदा हों, जिनसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विमान न उड़ पाने के कारण सड़क मार्ग से लखनऊ गए। यह भी अच्छा संयोग है कि उनको जनता की अन्य समस्याओं को देखने का अवसर मिल सकेगा। उन्होंने औद्योगिक विकास मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..abf7b861665f2ef1dc4fc07082ef21a2991fa64b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि अपना दल (एस) और भारतीय जनता पार्टी पिछले कई सालों से गठबंधन में है। अपना दल (एस) प्रमुख अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री भी हैं। कहा जा रहा है कि इस बार अपना दल (एस) सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी से अधिक सीटें चाह रहा है। इसी को लेकर पेंच फंसा हुआ है। ।यह भी पढ़ेंः  जानिए कैसे करीबी मंत्री की कुर्सी बचाने में कामयाब रहे राव इंद्रजीत सिंह, पढ़िए मंत्रिमंडल विस्तार की इनसाइड स्टोरी।यहां पर बता दें कि अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल जातीय जनगणना के पक्ष में लगातार अपने बयान दे रही हैं। दरअसल, जातीय जनगणना को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार मुखर हैं तो भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। ।यह भी पढ़ेंः साल 2022 में जाब के अवसरों की भरमार, जानिए किस फिल्ड में करियर बनाने से फ्यूचर रहेगा सिक्योर।दिल्ली न्यूज : नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम समेत एनसीआर के शहरों में भी लगे प्रतिबंध, देखें पूरी लिस्ट।जयंती चौधरी के लिए कुमार विश्वास किया ऐसा ट्वीट, पढ़कर आप भी हो जाएंगे भावुक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7211778748c7386cc67ee809f03785a7e65225f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण टीम। बस चार दिन और फिर प्रवेश हो जाएगा नये साल में। 2021 का कैलेंडर बदल कर 2022 हो जाएगा। नव वर्ष नव उत्साह को लेकर आये, नव उन्नति को लेकर आये इसके लिए ज्यादातर लोग मंदिर जाकर अपने आराध्य के दर्शन करने की योजना बनाते हैं। यदि इस नये साल की शुरूआत आप नारायण के लोक के दर्शन करने के साथ करना चाहते हैं तो उत्तर भारत के पहले दिव्यदेश आइये। जी हां उत्तर भारत का प्रथम दिव्यदेश वृंदावन का रंगजी मंदिर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19060aa1be6426a135d90faf21ffe8264a7d6dfb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बंगाल के लिए 2021 चुनावी साल रहा। इसी वर्ष बहुचर्चित विधानसभा चुनाव हुआ। इसके बाद राज्यसभा और विधानसभा के लिए दो-दो उपचुनाव और वर्ष के आखिर में कोलकाता नगर निगम का चुनाव हुआ। सबसे अधिक सुर्खियों में विधानसभा चुनाव रहा। सत्ता की सबसे प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी भाजपा को झटका देते हुए मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता पर काबिज हो गईं। परंतु सबसे हैरत की बात यह रही कि वाम-कांग्रेस गठबंधन का सूपड़ा ही साफ नहीं हुआ, बल्कि सात दशकों के इतिहास में पहली बार उनका खाता तक नहीं खुला। ये वही दल हैं, जिन्होंने बंगाल पर कुल मिलाकर 64 वर्षो तक राज किया था। वर्ष 2021 में वाम-कांग्रेस को बंगाल की जनता ने ‘शून्य’ की ऐसी टीस दी, जिसे वे शायद ही कभी भूल पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ef94a6cf215b691d7b797da537e23e8c6486825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [शाश्वत गुप्ता]। PM Modi inaugurate Kanpur Metro प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नौ किमी लंबे मेट्रो कारिडोर (Kanpur Metro Coridor)का शुभारंभ कर शहर की जनता को नए साल का तोहफा दिया। 15 नवंबर,2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath)द्वारा कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)के सिविल निर्माण कार्य की शुरूआत की गई थी। इसके बाद दो साल से भी कम समय में विगत 10 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  (CM Yogi Adityanath)द्वारा कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)के ट्रायल रन की शुरूआत की गई। मंगलवार काे कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)के शुभारंभ के मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandi Ben Patel), मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath)और केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) उपस्थित रहे। ।हाल ही में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने कानपुर मेट्रो के अपने तीन दिवसीय निरीक्षण के दौरान वाया-डक्ट, ट्रैक, स्टेशन परिसर, साइनेज, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल सुविधा आदि का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के तीसरे दिन सीएमआरएस ने मेट्रो ट्रेन की गति की जांच की, जो कि संतोषजनक पाई गई थी। उसी दिन कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)को प्रायोरिटी कारिडोर पर कामर्शियल रन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया था। ।उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि कोविड जैसे कठिन समय के बावजूद, कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)रेल परियोजना ने निर्माण कार्य की गति को तेज बनाए रखा और सभी बाधाओं और चुनौतियों को पार कर लिया। यूपीएमआरसी की टीम, ठेकेदारों, मजदूरों, कामगारों और सलाहकारों ने दो साल से भी कम समय में प्रायोरिटी कारिडोर के सिविल निर्माण कार्य को पूरा किया है। ।29 दिसंबर से करें सफर : कुमार केशव ने कहा, कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)तीन डिब्बों के साथ आइआइटी कानपुर (IIT Kanpur) से मोतीझील तक प्राथमिकता खंड पर चलेगी। जनता के लिए यात्री सेवाएं 29 दिसंबर, 2021 से खोली जाएंगी। दैनिक मेट्रो सेवाएं सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक उपलब्ध रहेंगी। शुरुआत में क्यूआर कोड से टिकट की सुविधा होगी, इसके बाद लोगों के लिए स्मार्ट कार्ड भी शुरू की जाएगी। प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, हमारे द्वारा पेश किया गया टिकटिंग माडल कानपुर शहर में दैनिक आवागमन के अनुभव को विश्व स्तर के स्तर तक बढ़ा देगा। ।धन की बचत करेगा मेट्रो का सफर : कुमार केशव कहते हैं कि कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)न केवल एक आरामदायक, सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा बल्कि लोगों के हर दिन आने-जाने के तरीके को भी बदल देगा। कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)शहरी परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सस्ती है। यह दैनिक ट्रैफिक जाम में फंसे बिना यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करके समय और धन की बचत करेगी। उन्होंने कहा कि यूपीएमआरसी आने वाले दिनों में GoSmart कार्ड भी पेश करेगी जो एकल यात्रा पर 10% की छूट प्रदान करेगा। यह यात्रियों को संपर्क रहित यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)सेवाओं की शुरुआत लोगों के जीवन को बदल देगी और शहर में परिवहन के बुनियादी ढांचे में सुधार करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e495426928028c119562a5c8f3a79bd89d77019 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6369.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्टर अरमान कोहली को ड्रग्स मामले में लंबी पूछताछ के बाद एनसीबी ने अरेस्ट कर लिया। बीते दिन शनिवार को एक्टर अरमान कोहली के घर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने छापा मारा था। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। अब उन्हें 12 घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। + +Mumbai | NCB arrests actor Armaan Kohli in a drugs case, he will be presented before a city court today।बता दें कि एनसीबी की 11 सदस्यीय टीम अरमान कोहली के बंगले में छापेमारी के दौरान मौजूद थी। बाद में शाम को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे़ भी शाम को अरमान कोहली से पूछताछ के लिए पहुंचे थे। ।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अरमान कोहली कोहली समेत एक पेडलर गिरफ्तार एनसीबी मुंबई ने आबकारी अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। अरमान कोहली के साथ ही ड्रग पेडलर अजय राजू सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93109d5a06559f93b819d870e42ad173ef543f50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे बने प्रबंध निदेशक : उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी)-रुड़की में 1977 में चयन हुआ। यहां से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद आइआइटी कानपुर से जियो टेक्निकल, सॉयल मेकेनिक्स एंड फाउंडेशन इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ एमटेक की डिग्री ली। संघ लोक सेवा आयोग के जरिए इंडियन रेलवे सर्विस आफ इंजीनियर्स (आइआरएसई) में चयन होने के बाद जून 1984 में भारतीय रेलवे ज्वाइन किया और पहली पोस्टिंग दक्षिण-पूर्व रेलवे के अंतर्गत बिलासपुर में मिली। खड़गपुर में लगभग चार साल काम करने के बाद तीन साल सेंट्रल रेलवे के अंतर्गत झाँसी में सीनियर रेल को-ऑर्डिनेटर के तौर पर काम किया। 2002 में बतौर चीफ इंजीनियर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ जुड़े। दिल्ली मेट्रो में एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर और डायरेक्टर (प्रोजेक्ट ऐंड प्लानिंग) के पद पर काम किया। 2012 में कुमार केशव, दिल्ली मेट्रो छोड़कर, ब्रिस्बेन (आस्ट्रेलिया) चले गए। यहां पर उन्होंने हेवी-हाल प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी संभाली। साल 2014 में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. (पूर्व में लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि.) के प्रबंध निदेशक बने। उनके नेतृत्व में लखनऊ मेट्रो परियोजना को सबसे तीव्र गति से निर्मित होने वाले भूमिगत मेट्रो स्टेशन 'चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन' का तोहफा मिला। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c39cae97411c5d835b6a0a8ddbf448297aba998 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाहुल स्पीति पुलिस ने भी अटल टनल के नार्थ पोर्टल व सिस्सू में सतर्कता बढ़ा दी है। नववर्ष की संध्या व वीकेंड में लाहुल घाटी में पर्यटकों का सैलाब उमड़ेगा। एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने बताया कि अटल टनल के नार्थ पोर्टल में पर्यटकों की आवाजाही मोसम पर निर्भर रहेगी। जगह के हिसाब से ही पर्यटक वाहनों को लाहुल तक आने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सड़क में बर्फ जमी हुई है जिसे देखते हुए आज भी फ़ार व्हील ड्राइव वाहनों को ही लाहुल घाटी में आने की अनुमति रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..380a13d9a9493bebd221ca6917b5845d4a28439f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीतीश कुमार और जेटली के बीच रहे निकट संबंध।नीतीश कुमार और अरुण जेटली की दोस्‍ती तब से थी, जब नीतीश बिहार का मुख्‍यमंत्री भी नहीं बने थे। यह दोस्‍ती तब भी बरकरार रही, जब नीतीश कुमार ने अपना रास्‍ता भाजपा से अलग कर लिया। कहा तो यह भी जाता है कि नीतीश कुमार को पहली बार बिहार का मुख्‍यमंत्री बनाने में भी जेटली का अहम रोल रहा। यह मसला सन 2000 का है, जब नीतीश पहली बार सात दिनों के लिए सीएम बने थे। वे तीन मार्च 2000 से 10 मार्च 2000 तक सीएम रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d708d279c65186272b0f2af22801bc89f5b09f24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63693.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मनोज त्रिपाठी, जालंधर। पंजाब के युवाओं में हमेशा से विदेश जाने का बड़ा क्रेज रहा है। इस कारण वह कई बार ऐसे रास्ते भी अपना लेते हैं, जिसमें उन्हें लाखों रुपये लुटाने पड़ते हैं। यहां तक की जान से भी हाथ धोना पड़ता है। युवाओं की इसी नब्ज को पकड़ते हुए राजनीतिक पार्टियों ने अभी से उन पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि वह ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के इच्छुक युवाओं को विदेश भेजने और उनकी शिक्षा पर होने वाला सारा खर्च उठाएंगे। + +उधर, शिरोमणि अकाली दल ने भी कहा कि विदेश में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का छात्र कार्ड बनाया जाएगा। कांग्रेस ने भी विदेश जाने वाले युवाओं के लिए विशेष फंड बनाने की बात कही है। इस बात में कोई संदेह नहीं कि युवाओं को ठगी से बचाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए, लेकिन ऐसी घोषणाएं कितनी कारगर हो पाएंगी। कांग्रेस सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी किया था, लेकिन आज तक उसे पूरा नहीं कर पाई। इसलिए युवाओं को इस बात की भी आशंका है कि विदेश में पढ़ाई का सपना भी चुनावी वादों में फंसकर न रह जाए। ।बाहर जाने के लिए हर साल लाखों रुपये लुटा रहे युवा।पंजाबियों के विदेश जाने की शुरुआत वर्ष 1849 में हुई थी। उसके बाद से जारी इस सिलसिले ने बीते 15 सालों में इतनी रफ्तार पकड़ ली है कि अब पंजाब सरकार के सालाना बजट का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा पंजाब के लोग विदेश में अपने बच्चों की पढ़ाई और उन्हें वहां सेटल करने पर खर्च कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार करीब 28,500 करोड़ रुपये हर साल पंजाब से विदेश में कानूनी तौर पर पढ़ाई के लिए जाने वाले युवाओं पर अभिभावक खर्च कर रहे हैं। दो साल पहले पेश की गई इस रिपोर्ट के अनुसार हर साल 45 से 55 हजार युवा विभिन्न देशों खासकर कनाडा,आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका व इटली और साउथ अफ्रीका में पढ़ाई के लिए जा रहे हैं। इनकी पहली पसंद कनाडा है। इससे कहीं ज्यादा युवा व अधेड़ उम्र के लोग गैरकानूनी तरीके से विदेश में सेटल होने के लिए जा रहे हैं। + +मौजूदा कांग्रेस सरकार ने इस सिलसिले को रोकने की कवायद की थी, लेकिन सिरे नहीं चढ़ सकी। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश में बसे एनआरआइज के बच्चों को पंजाब के प्रति आकर्षित करने के लिए ‘नो योअर रूट्स’ (अपनी जड़ों को जानें) अभियान की शुरुआत भी की थी, लेकिन वह भी कुछ समय बाद ठंडे बस्ते में चला गया। मौजूदा समय में पंजाब के 75 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को 12वीं के बाद ही पढ़ाई के लिए विदेश भेजने के पक्ष में हैं। इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए ट्रेवल एजेंटों के मकड़जाल में फंसकर हजारों युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। उनसे लाखों रुपये की लूट हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f324f77e20bbdfafc17c3c4b0066a38cd8e2af48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63694.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा बताती हैं कि ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार 12 राशियों में से दो राशियां ऐसी होती हैं जो हर कार्य में सफल होते हैं। इन राशियों पर हनुमान जी की विशेष कृपा रहती है। जिस व्यक्ति पर हनुमान जी की विशेष कृपा रहती है उसको जीवन में किसी भी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। हनुमान जी जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। कहा जाता है कि हनुमान जी की सच्चे मन से अराधना करने वाले भक्तों को किसी प्रकार की कमी नहीं रहती। बजरंगबली की कृपा से एक के बाद एक बिगड़े काम बनते जाते हैं। + +मेष राशि।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हनुमान जी की सबसे ज्यादा मेष राशि वालों पर मेहरबान रहते हैं। इस राशि के जातकों की हर परेशानी का निवारण बजरंगबली कर देते हैं। कहा जाता है कि इस राशि के लोगों की इच्छाशक्ति और ध्यान क्रेंदित करने की क्षमता ज्यादा होती है। ये बुद्धिमान और चतुर होते हैं। इन्हें धन का अभाव नहीं होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63695.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09033621181754097fe3a8247845f7dd04c9c959 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63695.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वर्ष 2017 में नेपाल ने चीन की पर‍ियोजना पर किए थे हस्‍ताक्षर ।1- नेपाल और चीन ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर वर्ष 2017 में हस्ताक्षर किए थे। नेपाल ने बीआरआई समझौते पर हस्ताक्षर किए, तो इसे नेपाल-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा गया। नेपाल के कई सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अब दोनों पक्षों के साथ मसौदा कार्यान्वयन योजना का आदान-प्रदान, परियोजनाओं पर बातचीत और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत उनके शुरू होने की उम्मीद थी। हालांकि, भू-राजनीतिक स्थिति के कारण नेपाल सरकार ने चीन की इस परियोजना के खिलाफ अभी तक अनिच्छा दिखाई थी। नेपाल अभी तक भारत और अमेरिका के नाराज होने के कारण इस परियोजना को मंजूरी देने से आनाकानी कर रहा था। + +2- चीन के बीआरआई समझौते पर हस्ताक्षर के वक्‍त नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के पुष्प चमल दहल प्रचंड प्रधानमंत्री थे। दहल का झुकाव चीन की ओर था। इसके बाद नेपाल में सत्‍ता का बदलाव हुआ उनके बाद, नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर देउबा ने सरकार का नेतृत्व किया। उनके बाद सीपीएन-यूएमएल के केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री बने। अब एक बार फिर देउबा नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं और उनकी सरकार में प्रचंड भी शामिल हैं। ऐसे में बीआरआई एक बार फिर जोर पकड़ते दिखाई दे रहा है। + +3- भारत के पांच पड़ोसी देश चीन के बीआरआइ योजना का हिस्सा हैं। इनमें पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका शामिल हैं। इन देशों में चीन अपने पैसों से इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित कर रहा है। ऐसे में इन देशों के ऊपर चीनी कर्ज की मात्रा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं, पैसे के प्रवाह को तेज करने के कारण इन देशों की कूटनीति में भी चीन का दखल बढ़ता जा रहा है। ऐसे में भारत के लिए खतरा भी बढ़ रहा है। इस बाबत भारत अपनी चिंता चीन से जाहिर कर चुका है। ।देउबा भारत के पुराने हितैषी, 2017 में मोदी से की थी मुलाकात।प्रो. पंत का कहना है कि नेपाल में चल रहे राजनीतिक बदलाव को लेकर भारत ने आधिकारिक तौर पर अभी बयान नहीं दिया था, लेकिन पुराना अनुभव बताता है कि जब भी देउबा ने सत्ता संभाली है, तब दोनों देशों के रिश्तों में संदेह को दूर करने में काफी मदद मिली है। वर्ष 2017 में वह पीएम बनने के कुछ ही दिनों बाद दिल्ली आकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिले और दोनों देशों के रिश्तों में घुल रहे तनाव को काफी हद तक खत्म किया। उसके बाद नेपाल में आम चुनाव हुए और फिर केपी शर्मा ओली की सरकार बनी। ओली की दोबारा सरकार बनने के बाद वहां चीन की सक्रियता और बढ़ गई। ओली ने संविधान संशोधन कर भारत के हिस्से वाले कुछ क्षेत्रों को नेपाल में शामिल करने जैसे कदम उठाए। दूसरी तरफ देउबा भारत के साथ आर्थिक रिश्तों से लेकर मधेशियों वाले मामले में भी पारंपरिक तौर पर नरम रुख अपनाते रहे हैं। देउबा उस समय नेपाल के पीएम बन रहे हैं जब चीन की तरफ से भारत के दूसरे पड़ोसी देशों को प्रभाव में लेने की कोशिश चरम पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c890114b6fbc24363b7b296f659f2e05cc3dd823 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63696.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । कोरोना काल में जब तमाम लोग बंद हुए काम-धंधों की चिंता में डूबे हुए थे, तब कुछ बेटियां स्वरोजगार का तानाबाना बुन रहीं थीं। डिग्री कालेज की इन छात्राओं ने लाकडाउन में अनुपयोगी वस्तुओं को आकर्षक रूप देकर इंटीरियर का सामान बनाने का हुनर सीख लिया। ये वो अनुपयोगी वस्तुएं हैं, जिन्हें व्यर्थ जानकार अक्सर फेंक दिया जाता है। इन्हीं वस्तुओं से कुछ छात्राएं अपने घर और पर्यावरण को बेहतर बनाने मे जुट गईं। तो कुछ ने इंटरनेट मीडिया के जरिए अपनी इस कारीगरी की मार्केटिंग कर आमदनी का जरिया बना लिया। इसी से पढ़ाई का खर्चा भी निकाल रही हैं। + +मार्च 2020 में लगा था लाकडाउन।कोरोना महामारी के चलते मार्च, 2020 में लाकडाउन लगा था। स्कूल, कालेज, उद्योग, धंधे सब बंद हो गए। ये वो समय था, जब सरकार भी लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही थी। तब श्री वाष्र्णेय महाविद्यालय की कुछ छात्राएं अनुपयोगी वस्तुओं को उपयोगी बनाने का हुनर सीख रहीं थीं। कबाड़ में फेंकी जाने वाली वस्तुओं को ये छात्राएं नया रूप देने लगीं। कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर डा. अनीता वाष्र्णेय ने इसमें छात्राओं का सहयोग किया। डा. अनीता बताती हैं कि अक्सर हम प्लास्टिक की खाली बोतलें, पालीथिन, टूटा हेलमेट, स्कूटर, बाइक और कार के टायर, पानी का टूटा टब या काम न आने वाली वस्तुओं को फेंक देते हैं। इनका सदुपयोग किया जाए तो ये वस्तुएं साज-सज्जा के काम आ सकती हैं। कालेज की ये छात्राएं यही कर रही हैं। एमए फाइनल की दुर्गेश पाठक, बीए द्वितीय की पूजा रानी, किरन, साक्षी वाष्र्णेय, मोनिका आदि छात्राएं साज-सज्जा के बेहतर आइटम बना रहीं हैं। कुछ छात्राओं ने इस हुनर को आय का माध्यम भी बना लिया है। छात्राएं इंटरनेट मीडिया के जरिए अपने प्रोडेक्ट की मार्केटिंग कर रही हैं। वाट्स्सएप ग्रुप भी बनाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a25a3547611145ec0096e4fd7922cc9b40a36809 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतिम विकल्प हो लाकडाउन।संक्रमण रोकने के लिए यह बहुत छोटा कदम है। इससे लोग अधिक परेशान होते हैं और इससे संक्रमण रोकने में विशेष मदद नहीं मिलती। इसलिए दिन में भीड़ कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत हैं। इसमें सरकार, राजनेता व मीडिया की अहम भूमिका हो सकती है। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार ओमिक्रोन में 90 प्रतिशत मामलों में बहुत ही हल्की बीमारी होती है। ज्यादातर लोगों में बीमारी के लक्षण भी नहीं होते। इसलिए गंभीर बीमारी व मौत होने की आशंका बहुत कम है। ऐसी स्थिति में लोगों में दहशत फैलाने की जरूरत नहीं है। जैसे ही लाकडाउन की चर्चा शुरू होती है उससे आर्थिक पैरामीटर गिरने लगते हैं। कारोबारी सामान नहीं मंगाते और बहुत सारी गतिविधियां प्रभावित होती हैं। इस वजह से लाकडाउन कोई अच्छा उपाय नहीं है। जब कोई विकल्प न हो तब ही लाकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने के बारे में सोच सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2b357c490e3545b097021fc8a16b3011667cb5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_637.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। लम्बे इंतजार और चर्चा के बाद मंगलवार को शाह रुख खान और राजकुमार हिरानी की फिल्म का आधिकारिक एलान हो गया। शाह रुख ने फिल्म की घोषणा अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर एक दिलचस्प वीडियो पोस्ट करके दी, जिसमें फिल्म के शीर्षक का एलान भी किया गया है। इस वीडियो में शाह रुख के साथ राजकुमार हिरानी भी हं। + +वीडियो की शुरुआत में किंग खान कहते हैं, रणबीर की संजू, आमिर की पीके और संजय बाबा की मुन्नाभाई एमबीबीएस क्या फिल्में हैं। कमाल के किरदार हैं सभी। तभी शाह रुख फिल्ममेकर से कहते हैं, सर मेरे लिए भी कुछ है क्या। इसका जबाव देते हुए राजकुमार कहते हैं, हां है एक स्क्रिप्ट मेरे पास, फिर शाह रुख कहते हैं, सच में, कॉमेडी, इमोशन, रोमांस है सर। वहीं, वीडियो में आगे फिल्म निर्देशक अभिनेता का अपना फेमस पोज छोड़ने के लिए बोलते हैं, तो शाह रूख अपने हाथ ही काट लूंगा मैं, आप बोलो तो। + +जानकारी के अनुसार फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है और जल्द ही डंकी का अगला शेड्यूल पंजाब में बड़े पैमाने पर शूट किया जा सकता है। डंकी के बारे में बता करते हुए शाह रुख ने कहा- राजकुमार हिरानी इस पीढ़ी के बेहतरीन फिल्ममेकर्स में से एक हैं, हमने हमेशा साथ काम करने की बात की है और मुझे बेहद खुशी है कि हम आखिरकार डंकी में साथ काम कर रहे हैं। हमने फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है और मैं इसके हर पल को अपनी यादों में संजो रहा हूं। राजू के लिए मैं गधा, बंदर... कुछ भी बन सकता हूं।’।वहीं, फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी ने कहा, ‘मेरे करियर के दौरान शाह रुख खान हमेशा मेरी विश लिस्ट में रहे हैं और अतीत में मेरे कई बार साथ काम करने की कोशिश करने के बाद आखिरकार अब डंकी हमारी साझेदारी के रूप में सामने आई है। सो ऐसे में वो फिल्म में जो ऊर्जा, करिश्मा, ह्यूमर और चार्म लाते हैं, वह अद्वितीय है और मैं उस जादू को बड़े पर्दे पर लाने के लिए उत्सुक हूं।’।अगले साल रिलीज होगी डंकी।आपको बता दें, इस फिल्म का निर्माण जियो स्टूडियोज, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और राजकुमार हिरानी फिल्म्स के बैनर तले राजकुमार हिरानी और गौरी खान कर रही हैं। ये फिल्म 22 दिसंबर, 2023 को रिलीज होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dad8ad4195e88a80c3dbbc11f522435669ec50df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। उम्र केवल एक संख्या होती है। अगर दिल जवान हो और हौसला बुलंद तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इसी की मिसाल बने हैं रघबीर सिंह खारा। आम तौर पर नौकरी से रिटायर होने के बाद लोग आरामदायक जिंदगी गुजारने को तरजीह देते हैं, लेकिन फिरोजपुर के रहने वाले 63 वर्षीय रघबीर ने सेवानिवृत्ति के बाद भी 'युवा' बने हुए हैं। एडवेंचर के शौकीन रघबीर ने अपनी मोटरसाइकिल पर 5 देशों की यात्रा करके नौजवानों के सामने बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है। पंजाबी एडवेंचरर्स क्लब के प्रमुख रघबीर सिंह खारा ने दो साल पहले अपनी मोटरसाइकिल से नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया व सिंगापुर में घूमे। इस दौरान उन्होंने 56 दिनों में 16 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर किया। ।दोस्तों के साथ मिलकर बनाया पंजाबी एडवेंचरर्स क्लब ।रघबीर सिंह खारा ने रिटायरमेंट के बाद कुछ अलग करने के मकसद से अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर पंजाबी एडवेंचरर्स क्लब बनाया। इसके बाद देश के 11 राज्यों से होते हुए 5 देशों की यात्रा पूरी की। रघवीर सिंह कहते हैं, 'कोई भी व्यक्ति उम्र से रिटायर नहीं होता। असल में वह तब रिटायर होता है, जब वह खुद को बूढ़ा समझने लगता है। इतने लंबे सफर मैंने बाकी नौजवान साथियों के बराबर ड्राइविंग की। उन्होंने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि उनके साथ कोई रिटायर व्यक्ति है।'।मलेशिया में बाइक के साथ रघबीर सिंह खारा। फाइल फोटो।मणिपुर से म्यांमार में प्रवेश किया और फिर आगे गए।रघुवीर ने बताया कि उन्होंने अपने सफर के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, असम, मेघालय, नागालैंड होते हुए इंफाल (मणिपुर) से म्यांमार में प्रवेश किया। कई देशों में दाएं हाथ की ड्राइविंग का अलग अनुभव था। हालांकि, कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आई। कुछ घंटों के बाद ही सब सामान्य हो गया। कोरोना काल खत्म होते एक और लंबी यात्रा की योजना है। रघबीर कहते हैं कि लंबी यात्रा के लिए सेहत का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए खास तैयारी करनी पड़ती है। अलग-अगल मौसम, खान-पान में विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ea462426040fcdf53982ae78499d04bfd02a4dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63706.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी ने स्कूली शिक्षा पर गहरा असर डाला है। छात्रों की सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के साथ शिक्षा प्रणाली तक प्रभावित हुई है। तकरीबन डेढ़ सालों के बाद दिल्ली में छात्रों के लिए स्कूल खुले थे लेकिन बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण फिर से स्कूलों को बंद करना पड़ा। अब दोबारा फिर से स्कूल खुलते ही छात्र तमाम एहतियातों के साथ स्कूल पहुंचना शुरू हुए ही थे कि ओमिक्रान के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर से स्कूल बंद होने की नौबत पर आ गए हैं। अगर यही स्थिति रही तो एक बार फिर स्कूली शिक्षा प्रभावित हो सकती है। + +- भरत अरोड़ा, महासचिव, एक्शन कमेटी आफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स।दिल्ली अभिभावक संघ ।दिल्ली में इस साल स्कूल खोलने और बंद करने के निर्णय में जल्दबाजी देखी गई है। बार-बार स्कूल खुलने और बंद किए जाने से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। उनके मन में हर पल अनिश्चितता का डर रहता है। इसलिए जितना संभव हो सके स्कूलों को बंद किए जाने से बचना चाहिए। और अगर सभी के हित और स्वास्थ्य चिंताओं को देखते हुए कई संस्थानों को बंद भी करना पड़े तो स्कूलों को इस सूची में सबसे आखिरी में रखा जाना चाहिए और खोले जाने की सूची में सबसे पहले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a1c8f7c28100267c841e069ccd181dfa1917258 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63708.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली/पेरिस जेएनएन। एफएटीएफ ने 21 अक्‍टूबर को पाकिस्‍तान और तुर्की को ग्रे लिस्‍ट में डाल दिया गया। मनी लांड्रिंग और टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को राहत नहीं मिली। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा। उधर, पाकिस्तान के मित्र और धार्मिक गुरु तुर्की को भी एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया। पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार पर अबतक कोई काम नहीं किया है। + +3- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है। इसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी-7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लान्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है। एफएटीएफ का निर्णय लेने वाला निकाय को एफएटीएफ प्लेनरी कहा जाता है। इसकी बैठक एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63711.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63711.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95666d80870fc7f602720ce9b2186fd2a126fd74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63711.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि हम नहीं चाहते देश का प्रधानमंत्री माफी मांगे। हम उनकी प्रतिष्ठा विदेश में खराब नहीं करना चाहते। कोई फ़ैसला होगा तो बगैर किसानों की मर्ज़ी के भारत में फ़ैसला नहीं होगा। हमने ईमानदारी से खेत में हल चलाया लेकिन दिल्ली की कलम ने भाव देने में बेईमानी की । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..715ca27ea5144318afd67f1545bdbfd7a75a19be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63715.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महान क्रांतिकारियों को किया गया नमन।वहीं विश्वकर्मा नगर की ओर से जुपीटर लाज में अमृत महोत्सव में देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मंगल पांडे, चंद्र शेखर आजाद, खुदीराम बोस, सरदार भगत सिंह, सुखदेव थापर, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लक्ष्मी सहगल, भीकाजी कामा, रानी लक्ष्मी बाई सहित अन्य महान क्रांतिकारियों को वक्ताओं ने नमन किया। मुख्य अतिथि सवर्ण कुमार, गोपाल ने राष्ट्रवाद को मजबूत करने का आव्हान किया। उन्होंने सभी को अपनी अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। दीपक, साकेत गुप्ता, विपिन रावत, राजकमल सोनकर, राजकुमार, रमाकांत, प्रतीक रघुवंशी आदि मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbe8459a48f76e80a9248cd303dbb12879be7f39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63717.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में कोविड से बचाव के टीके लगाने की गति तेज है। राज्य में 19 करोड़ 40 लाख 23 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। छह करोड़ 88 लाख 74 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। 12 करोड़ 51 लाख 48 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की 84.89 प्रतिशत है। अब तक राज्य में नौ करोड़ 20 लाख सात हजार 959 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। लेकिन, अंतिम व्यक्ति को टीका लगने तक स्वास्थ्य विभाग को यह तेजी बनाए रखनी होगी। अभी तक दूसरी डोज न लगवाने वाले व्यक्तियों को इस निमित्त प्रेरित करना भी कम चुनौती भरा काम नहीं है, उन्हें इसके लिए लगातार प्रेरित ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि दबाव भी बनाना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38abae4ca41b579482c8341ea0a71825f05d4a91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63719.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। वर्ष 2021 दिल्ली पुलिस के लिए काफी चुनौती भरा साल रहा। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की हरकतों से सालभर पुलिस जूझती रही। पुलिस हमेशा इस बात को लेकर शंकित दिखी कि कहीं प्रदर्शनकारी 26 जनवरी को किया गया उपद्रव न दोहरा दें। इन संभावनाओं के चलते पुलिस ने अपनी पूरी ताकत राजधानी की सीमाओं पर ही लगाए रखी। इसके बीच ही अप्रैल के अंत में कोरोना की दूसरी लहर भी पुलिस के सामने दूसरी बड़ी चुनौती के रूप में आई इससे दिल्लीवासियों को बचाने, उन्हें जागरूक करने, आक्सीजन सिलेंडरों का बंदोबस्त करने और लोगों को हर तरह की सहायता प्रदान करने में पुलिस सफल रही। पुलिस ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की जिसे देशभर में सराहा गया। + +अपराध के नए पैटर्न ने लोगों को किया हैरान। 2021 में अपराध के कई नए पैटर्न देखे गए। रोहिणी कोर्ट में जज के सामने गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या हुई। इस तरह का अपराध पहली बार दिल्ली में देखने मिला। इसको लेकर पुलिस पर सवाल उठे। जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने जेलकर्मियों को अपनी साजिश में शामिल कर 200 करोड़ की ठगी की वारदात को अंजाम दिया। इस मामले ने राजधानी की जेलों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0c22895779971e2263bf319aef2b45ee9d12695 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसवाई कुरैशी। हाल ही में सरकार की ओर से पारित कराया गया निर्वाचन कानून (संशोधन विधेयक) कुछ खामियों के बावजूद एक स्वागतयोग्य कदम है। यह अच्छी बात है कि वर्तमान सरकार चुनाव सुधारों को लेकर सक्रिय है। फिलहाल कई चुनाव सुधार लंबित हैं और अब समय आ गया है कि इन सुधारों पर भी आगे बढ़ा जाए। इस समय दुनियाभर में लोकतंत्र के लिए संवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण समय है। भारत में भी स्थिति बहुत अलग नहीं है। बहुत से लोकतांत्रिक सूचकांकों में देश की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इस समय लोकतंत्र के समक्ष उपस्थित चुनौतियों से निपटना बहुत जरूरी है। मैंने भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की खूबी को देखा और अनुभव किया है। इसमें संभावनाएं भी हैं और सुधार की गुंजायश भी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fc128c5fa76a2da678b00593b350d63a2d2d6ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मतदाताओं को केंद्र में रखने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी दबाव के और सोच-विचारकर करे। मतदाता को उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। लोगों को किसी उम्मीदवार के पीछे खड़ी पार्टी के लक्ष्य एवं उद्देश्य को लेकर भी जागरूक होना चाहिए। यदि कोई प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ना चाह रहा है, तब भी उसकी शिक्षा और आपराधिक पृष्ठभूमि समेत सभी बातें मतदाताओं के समक्ष आनी चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय मुद्दों पर उसके विचारों के बारे में भी लोगों को पता होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6460a46436c3dad8885ac1c6cb05a1b72c3a080d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63725.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में बरकरार है। विशेषज्ञों की मानें तो  प्रदूषण हवाओं के चलते दिल्ली और एनसीआर के शहर रेड जोन में हैं। कुल मिलाकर देश में दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित शहर बन गया है। इसके साथ 7वीं दिन यानी सोमवार को भी हवा की सेहत ‘गंभीर’ है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 433 है, जो बहुत गंभीर श्रेणी में माना जाता है। ।गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। सोमवार को भी हालात बदतर हैं, ऐसे में विशेषज्ञों ने लोगों को घरों से बेवजह नहीं निकलने के साथ बुजुर्गों और बच्चों को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ।सफर इंडिया ने चेतावनी दी है कि इस प्रदूषित हवा में घर से बाहर व्यायाम और कामकाज करना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। सफर इंडिया और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाए रहने और हवा की गति कम होने से यह स्थिति बनी है। अगले एक-दो दिन तक हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में ही रहेगी। + +केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी देश के 153 शहरों की एयर इंडेक्स रिपोर्ट (एक्यूआइ) के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 459 दर्ज किया गया, जो देश में सर्वाधिक। शनिवार को एक्यूआइ 431 दर्ज किया गया था। प्रदूषण बढ़ने के कारण वातावरण में पीएम-2.5 का स्तर बढ़कर 283 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर हो गया है, जो सामान्य स्तर (60 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर) से पौने पांच गुना और पीएम-10 का स्तर 442 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया है, जो सामान्य (100 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर) से साढ़े चार गुना अधिक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b7cac861c49d0eb36b5d904e0cc86ff2fcc41c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1- राष्ट्रपति भंडारी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि प्रतिनिधिसभा को संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक ही भंग किया गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सर्वोच्‍च न्यायालय इस मामले में उनके फैसले को पलट नहीं सकता है ता तो उनके आदेश की न्यायिक समीक्षा ही कर सकता है। काठमांडू पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि सपकोटा ने सरकार के 21 मई के फैसले के बारे में सुप्रीम कोर्ट में लिखित बयान दाखिल किए हैं। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने बीते नौ जून को इनसे लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83acb162c3dd6dbc57584e86fcfe1c90e5d52c39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63731.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। सरोजनी नगर मार्केट में हो रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रविवार को यहां पर ग्राहकों को थोड़ी-थोड़ी देर रोकने के बाद मार्केट में प्रवेश दिया गया। रविवार की छुट्टी होने के कारण इस नई व्यवस्था से भी बाजार में काफी भीड़ रही। इस व्यवस्था से मार्केट में बनाए गए तीन प्रवेश द्वारों पर काफी भीड़ रही। वहीं, रविवार को मार्केट में सम-विषम व्यवस्था का अंतिम दिन था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bc2b0368ffa4f6da01855866c38a7f5616477de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(यही है वह बाघ का चित्र, जिसे पहली बाद कैमरे से 'शूट' कर कागज में उकेरा गया था। यह चित्र लंदन की एक मैग्जीन का आवरण पृष्ठ पर प्रकाशित हुआ।)।ट्रेल के लोकार्पण की तिथि भी तय हो गई, लेकिन, सत्ता के गलियारों में शुरू हुआ नाराजगी व मान-मनौव्वल का दौर इस ट्रेल पर भारी पड़ गया। दरअसल, वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कोल्हूचौड़ वन विश्राम गृह के जीर्णोद्धार कार्यों के साथ ही टाइगर ट्रेल का लोकार्पण करना था। नाराजगी शुरू हुई तो जीर्णोद्धार कार्यों का लोकार्पण तो मंत्री के पीआरओ ने कर दिया और टाइगर ट्रेल ठंडे बस्ते में चली गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fb7e1eb072c81fc7f5ec4800e53275d171f3298 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63734.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारतीय रेलवे के दूसरे कारखानों में भी जल्द शुरू होगा नए साफ्टवेयर का उपयोग। गोरखपुर यांत्रिक कारखाने में सफलता के बाद साफ्टवेयर का उपयोग जल्द ही भारतीय रेलवे के अन्य कारखानों में भी शुरू हो जाएगा। इससे बोगियों के मरम्मत के समय में बचत होगी। एक एलएचबी कोच को पूरी तरह फिट करने में जहां पांच से छह दिन लगते थे, अब तीन से चार दिन में कार्य पूरा हो जाएगा। मानव संसाधन का उपयोग भी कम हो जाएगा। मरम्मत के नाम पर होने वाले खर्चों में कमी आएगी। गुणवत्ता के साथ संरक्षा भी पुख्ता होगी। यानी, यह साफ्टवेयर बोगियों का पूरा हिसाब-किताब रखेगा। + +तस्वीर लेना शुरू करते ही बोगी से जुड़ जाएगा डाटा। दरअसल, इंजीनियर अनुज कुमार ने सभी बोगियों को नंबर के आधार पर एफबीआइएम साफ्टवेयर से ल‍िंक कर दिया है। टैबलेट या मोबाइल में एप के रूप में लोड साफ्टवेयर जैसे ही तस्वीर लेना शुरू करेंगे, वह सीधे बोगी से जुड़ जाएगा। बोगी में लगे उपकरणों का पूरा अपडेट डाटा एप में सुरक्षित हो जाएगा। जिसे दफ्तर में बैठे अफसर या इंजीनियर आनलाइन देख सकेंगे। घंटों का कार्य मिनटों में होगा। किसी भी प्रकार की न लापरवाही चलेगी और न कोई अनियमितता हो पाएगी। पारदर्शिता बढ़ जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76ebd4895738183f8131ea9cfbbec07276b3c6ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा : राष्ट्रीय फलक पर विस्तार।एक समय भारतीय जनता पार्टी शहरी मध्यवर्ग के बीच असर रखने वाली पार्टी मानी जाती थी, लेकिन समय के साथ उसने सभी समुदायों के बीच अपना प्रभाव छोड़ा और राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रसार किया। फिलहाल वह एक मजबूत राष्ट्रीय दल है, जिसकी बराबरी करने वाला कोई नहीं दिखता। आज भाजपा के समर्थक-शुभचिंतक देश के हर कोने में हैं। समर्थकों की संख्या की दृष्टि से तो वह देश ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c16cf13f4da793333eb0b1ff84b40a04b4e33a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महिलाएं बिजनेस करके परिवार को मजबूत करें।महापौर ने बताया कि किस प्रकार से महिलाएं बिजनेस करके अपने परिवार को मजबूत कर सकती हैं। विशिष्ट अतिथि उद्यमी लताफत रजा ने महिलाओं को उद्योग के नए सुझाव दिए और शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित भी किया। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त सीआरपीएफ कमांडर इमरान खान, सेवानिवृत्त सदस्य स्थायी लोक अदालत डा. मीना बंसल, जेएन मेडिकल कालेज से क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक डा. फिरदौस जहां, वात्सल्य संस्था से आलोक, प्रोजेक्ट आफिसर आशीष, सतेंद्र सिंह, डीएलएसए से सावित्री देवी, जीके एजुकेशन डायरेक्टर किरण शर्मा उपस्थित रहीं। मिशन शक्ति ट्रेनर आरती ने सरकारी योजनाअों की जानकारी दी। साथ ही महिलाओं को उद्यम सखी हेल्पलाइन नंबर के बारे में बताया और नए उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में खालिद अहमद खान, ओबैद इसरार, प्रिंस, जुनेद, साजिद, अंशुल, शोभा, सोनू, ओमवती, आलम, अनस ने सहभागिता की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a065de4a1fe2fb12d2639656b342ca91808cf6fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63738.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहन भागवत : जड़ों से जोड़ने को संकल्पित।पिछले कुछ सालों में देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्वीकार्यता बढ़ी है और उसकी विचारधारा को समर्थन बढ़ा है तो इसके पीछे संघ प्रमुख मोहन भागवत की वह स्पष्ट सोच है जो विभिन्न वर्गों, जातियों व संप्रदायों को कुटुंब के नजरिये से देखती है। यदि वे कहते हैं कि सबका डीएनए एक है तो इसमें बंधुत्व की भावना के साथ ही स्वीकार्यता का एक बड़ा संदेश निहित दिखाई देता है। यदि आपने बाहें फैला रखी हैं तो प्रबल विरोधियों का रुख भी आपकी ओर नरम पड़ेगा और यही भावना संघ की छवि को उदार बनाती जा रही है। ।संघ प्रमुख का पदभार संभालने के साथ ही मोहन भागवत ने नियोजित रूप से न सिर्फ शाखाओं को विस्तार दिया बल्कि जातियों और वर्गों की संकीर्णता से आगे बढ़ते हुए संघ की आधुनिक छवि और सोच को सबके सामने रखने की कोशिश की। यदि वे कहते हैं कि हम चालीस हजार साल से एक ही पूर्वज के वंशज हैं और भारत में लोगों का डीएनए एक ही है तो उनकी मंशा यह स्थापित करने की भी होती है कि एकता का आधार राष्ट्रवाद होना चाहिए। इस उदार सोच की वजह से ही मोहन भागवत के नेतृत्व में संघ की स्वीकार्यता बढ़ी और इसका प्रभाव समाज में सकारात्मक अभिवृद्धि के रूप में भी देखने को मिला। वह अपने नेतृत्व में संघ के जरिये बंधुत्व की भावना को आगे बढ़ाते नजर आते हैं जिसमें मुसलमान भी समाहित हैं। वह जब कहते हैं कि मुसलमानों के बिना हिंदुत्व की बात बेमानी है। भारत में इस्लाम को कोई खतरा नहीं है और मुस्लिमों में इस तरह का कोई भय नहीं होना चाहिए तो ऐसी नैतिक सोच को भी सामने रखते हैं, जो संघ की छवि को और उदार बनाता है। सहज स्वीकार्यता के पीछे एक बड़ा कारण यह बेबाक सोच भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9359297bc91cf33093ef3b5944431076edd13e24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाबा दरबार में लगने वाले सभी दरवाजे सीड़ लकड़ी से राजस्थान में तैयार किए गए हैं। वाराणसी में इनको लाकर सफाई और पाॅलिश धाम में ही किया गया है। इन दरवाजों की कीमत लाखों में आंकी गई है। वाराणसी में बाबा दरबार में बनने वाले सभी द्वारों के नाम भी अब प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें दो द्वार प्रमुख प्रवेश द्वार होगा, इन्हीं द्वार से होते हुए श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में पहुचेंगे। गलियों से होते हुए जो भी भक्त सरस्वती फाटक पहुचेंगे उनके लिए भी प्रवेश सुगम होगा। मंदिर प्रांगण में चार द्वार हैं, अब प्रवेश और निकास पर मंथन हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98448b5fb329d267a3a5de428923b1c3cea99bcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63743.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। टेढ़े-मेढ़े दांत या जबड़ा खराब होने पर ब्रैकेट लगाकर तारों से दांतों को बांंधा जाता है, लेकिन उनमें टाइटेनियम की थोड़ी मात्रा होती थी। इससे तारों पर दबाव पड़ने पर घर्षण बढ़ जाता है। इससे दांतों पर तनाव बढ़ने लगता है। इस कारण दातों का क्षय होने लगता है और वे कमजोर हो जाते हैं। + +इस नई तकनीक से दांतों का घर्षण कम हो जाता है। इस नई तकनीक से पहले की तुलना में उपचार आसान हो जाएगा। दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डा. टीपी चतुर्वेदी व आइआइटी के डा. चंदन उपाध्याय ने इस कार्य का पेटेंट फाइल किया है। प्रो. चतुर्वेदी बताते हैं कि तार पर नई परत के उपयोग के बाद घर्षण कम होने के साथ ही दांतों का मूवमेंट भी आसान हो जाएगा है। बताया कि विज्ञानियों ने घर्षण से बचाव के लिए दांतों से वायर को अलग ढंग से बनाया है, जो कि दांत के अनियमित होने पर ठीक करेगा। + +इससे उपचार में खर्च तो कम होगा ही साथ ही समय की भी बचत होगा। कारण कि अभी तक जिस तार का उपयोग हाेता है उसमें समय भी अधिक लगता है। नई तकनीक बच्चों के के टेढ़े-मेढे़ व बाहर निकले दांत व जबड़े के उपचार भी उपयोगी होगी। मालूम हो ऐसे ही कार्यों के लिए अमेरिका के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से विश्व के वैज्ञानिकों के लिए जारी सूची में भारत से एकमात्र डेंटल सर्जन प्रो. टीपी चतुर्वेदी को शामिल किया गया है। इनके कई रिसर्च पेपर पहले भी प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. चतुर्वेदी वर्तमान में इंडियन डेंटल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11189f6e63a1ca58a9573b79dd40c8372ceea94b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिक्के की तरह शक्ति के भी दो पहलू होते हैं- एक, मारने वाली और दूसरी, बचाने वाली। कहावत मशहूर है ‘मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है’ और लोक मानस की इसी कसौटी पर खरा उतरकर यह भारत के लिए महाशक्ति बनने का साल रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल अपनी लक्षित आबादी का टीकाकरण करते हुए विश्व रिकार्ड स्थापित किया बल्कि सुनिश्चित किया कि विश्व के उन सभी देशों को वैक्सीन भेजी जाए, जिन्हें इसकी आवश्यकता है। असहाय की चिंता और शत्रु को चेतावनी की दृढ़ नीति पर अडिग देश ने चीन के सामने पीछे हटने के सिवा कोई रास्ता नहीं छोड़ा तो वहीं सीमा पार से आने वाले आतंकियों के लिए बंद कर दिए जीवित वापस लौटने के सभी रास्ते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63745.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d888b61851f6ed08827e20678e82957b939a9f02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63745.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। संविधान ने जिन पुलिस कर्मियों को समाज की सुरक्षा का जिम्मा दिया है, वही गुनहगार बन रहे हैं। बेटियों की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति जैसे अभियान चलाने वाली पुलिस के मातहत ही बेटियों के साथ ज्‍यादती कर रहे हैं। बीते 15 दिनों में खाकी के दामन पर ऐसे दाग लगे हैं, जिनको मिटाना आसान नहीं होगा। दुष्कर्म की घटनाओं में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता से अफसर भी परेशान हैं। अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली खाकी जब खुद ही गुनाह करने लगेगी, तो समाज में डर का माहौल पनप उठेगा। + +मुरादाबाद में सबसे ज्यादा पुलिस कर्मियों पर दुष्कर्म के मुकदमे : मंडल के पांच जनपदों में मुरादाबद जनपद में सबसे ज्यादा आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वहीं दुष्कर्म के मामलों में दूसरे नंबर पर बिजनौर के साथ ही तीसरे नंबर पर अमरोहा जनपद की पुलिस है। इन दोनों जनपदों में तीन सालों में सात पुलिस कर्मियों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जबकि सम्‍भल जनपद में एक और रामपुर जनपद में दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd626cf158be405f397ae3e67b3b713940da9884 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63746.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आत्मकथा या जीवनी या संस्मरण ऐसी विधा है जिसके ज्यादातर लेखक अपने को कसौटी पर नहीं कसते या अपने से जुड़े अप्रिय प्रसंगों को छोड़ देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि फिल्मी आत्मकथाएं या जीवनियां उबाऊ और बोझिल हो जाती हैं। 2021 में इस विधा की कई पुस्तकें ऐसी आईं जिनमें बहुत हद तक लेखक ने खुद को कसौटी पर कसा है और अपने से जुड़े अप्रिय प्रसंगों को भी लिखा है। ज्यादातर लेखकों ने ईमानदारी बरती। + +हलांकि प्रतिमा बेदी ने अपनी पुस्तक टाइमपास, द मेमोरीज आफ प्रतिमा बेदी में इन प्रसंगों को अलग तरीके से लिखा है। कबीर ने परवीन बाबी की मानसिक स्थिति पर भी तटस्थ होकर लिखा है। इसमें उन्होंने परवीन बाबी के पत्रों का उल्लेख भी किया है। कबीर बेदी जब अपने युवा पुत्र की आत्महत्या के बारे में लिखते हैं तो पाठक उनकी संवेदना के साथ खुद को एकाकार कर लेता है। अपनी पीड़ा और संत्रास को उन्होंने कोमल गद्य के सहारे अपनी पुस्तक में आगे बढ़ाया है। कबीर बेदी के माता पिता स्वाधीनता सेनानी थी और उनका चिंतन गहरा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f5a0f2566d40faa60356a2fa54b16e4bc3dc351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काेरोना काल में इंटरनेशनल फ्लाइटों को स्थगित किए जाने की वजह से आगरा का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से भारतीय पर्यटकों के इर्द-गिर्द घूम रहा है। क्रिसमस की छुट्टी होने से शनिवार को सुबह से ही ताजमहल पर पर्यटकों का पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह 10 बजे से ही स्मारक के पूर्वी व पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की लाइनें लगना शुरू हो गई थीं। दोपहर 12 बजे के बाद पश्चिमी गेट पर पर्यटकों की लाइन नीम तिराहा के आगे तक पहुंच गई। पूर्वी गेट पर भी पर्यटकों को स्मारक में प्रवेश के लिए इंतजार करना पड़ा। लंबी लाइनों की वजह से बच्चों व बुजुर्गों के साथ आए पर्यटकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कई पर्यटकों ने लाइन में लंबे समय तक लगने की अपेक्षा अन्य स्मारकों का रुख किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..674963e339cb7dbc80700d54fa25c6c8f504dda5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63751.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +- स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के पास 18 लाख आइसोलेशन बेड, 5 लाख ऐक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। 1.40 हजार आसीयू बेड हैं। 90,000 बेड विशेष तौर पर बच्चों के लिए हैं। देश में 3000 से ज्यादा PSA आक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं। राज्यों को जरूरी दवाओं की बफर डोज तैयार करने में सहायता दी जा रही है। + +- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि ओमिक्रोन से पैनिक होने की जरुरत नहीं है। हम 2021 के अंतिम सप्ताह में हैं। 2022 आने ही वाला है। आज दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित होने का पता चला है। आप सभी से आवेदन है कि पैनिक न हों। सावधान रहें और सतर्क रहें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f434c9428d3e37fdd174f299f0e5e4665933d79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63753.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यूं पड़ा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप नाम।इस टेलीस्कोप का नामकरण 2002 में नासा के प्रमुख रहे जेम्स वेब के नाम पर रखा गया। 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जान एफ केनेडी के आग्रह पर यह जिम्मेदारी संभालने वाले वेब को नासा के अतिमहत्वपूर्ण अपोलो अभियान में उल्लेखनीय भूमिका के लिए जाना जाता है। इसी अपोलो अभियान के तहत नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्डि्रन के रूप में मानव पहली बार चंद्रमा पर पहुंचा था। नासा के एक समलैंगिक कर्मी की गोली मारकर हत्या के मामले में वेब को लेकर विवाद रहा, लेकिन नासा ने टेलीस्कोप का नाम बदलने से इन्कार कर दिया था। वेब का निधन 1992 में हुआ। + +हजारों विज्ञानियों का श्रम।विश्व के इस सबसे महंगे टेलीस्कोप को बनाने में 10 बिलियन डालर (करीब 75 हजार करोड़ रुपये) से अधिक की लागत आई है। नासा के अनुसार, इसमें 344 छोटे पार्ट हैं और इनमें से अगर एक ने भी सही से काम नहीं किया तो अंतरिक्ष में जाकर भी इस टेलीस्कोप का काम करना मुश्किल होगा। इसे नासा के साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने मिलकर बनाया है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के 29 राज्यों के अलावा 14 देशों के 300 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों के विज्ञानियों ने इसे बनाने में सहयोग किया है। इसे एरियन5 राकेट की सहायता से लांच किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..643a914c7fc771529ba59b0631d89b776f0ddaa9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63755.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, फीचर डेस्क। दोस्तो, चटगांव विद्रोह का नाम आपने जरूर सुना होगा। 1930 में जब अंग्रेजी शासन प्रशासन की क्रूरता अपने चरम पर थी, ऐसे में चटगांव शस्त्रागार कांड के नायक मास्टर सूर्यसेन ने अंग्रेज सरकार को सीधी चुनौती दी थी। क्रूर अंग्रेज अधिकारी सूर्यसेन के नाम से इतना खौफ खाते थे कि उन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले उन्हें अचेत कर दिया गया। फांसी के ठीक पहले उनके नाखून और दांत उखाड़ लिए गए ताकि फांसी के वक्त वे 'वंदेमातरम' का उद्घोष न कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc33e8f00e2d48f22a1c5301cac7c8836f48c491 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63756.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विनीत तोमर, रोहतक। शिक्षित समाज की नींव रखने में एक शिक्षक की अहम भूमिका होती है। रोहतक में एक शिक्षक ऐसे भी हैं जो ना केवल बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, बल्कि स्वच्छ पेयजल को लेकर भी अलख जगा रहे हैं। नहरों में आने वाले पानी को स्वच्छ रखने के लिए "सुनो नहरों की पुकार मिशन'' नाम से मिशन ही शुरू कर दिया। इसके तहत नहरों में बहकर आने वाली पालीथीन, खाली बोतल और अन्य पूजा-पाठ की सामग्री को बाहर निकालते हैं। + +यहां बात हो रही है रूड़की गांव के रहने वाले जाट कालेज के शिक्षक डा. जसमेर हुड्डा की। जिन्होंने चार माह पहले इस मुहिम की शुरूआत अकेले ही की थी, लेकिन अब उनका कारवां धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इसमें ना केवल आम व्यक्ति, बल्कि विभिन्न विभागों में कार्यरत और रिटायर्ड कर्मचारी भी इस मुहिम में जुड़ गए हैं। डा. हुड्डा ने बताया कि आस्था के नाम पर नहरों में पूजा-पाठ सामग्री डाल दी जाती है। जिससे पानी दूषित होता है। जबकि फिलहाल के दौर में पानी की बेहद कमी है, जो पानी हमें मिल रहा है उसे भी दूषित किया जा रहा है। इस तरह की गंदगी से पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। इसे देखते हुए यह मिशन शुरू किया गया है। + +रोजाना तीन घंटे चलाते हैं मुहिम।डा. जसमेर हुड्डा की टीम में अब करीब 30 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं, जिसमें महिला-पुरुष और युवा भी शामिल है। कालेज से ड्यूटी खत्म होने के बाद रोजाना शाम चार बजे से सात बजे तक जेएलएन और भालौठ सब ब्रांच के पुल पर खड़े होकर लोगों को जागरूक करते हैं कि वह आस्था के नाम पर नहरों के पानी में गंदगी ना फैलाएं। इसके अलावा नहर में आने वाली कूड़े-करकट को भी बाहर निकालते हैं। नहर के पानी और आसपास से इकट्ठा की गई दो हजार से ज्यादा प्लास्टिक की थैलियों को दो लीटर की प्लास्टिक की बोतलों में भर देते हैं। एक बोतल में करीब 100 से अधिक थैली आ जाती है। प्लास्टिक की थैलियों को बोतलों में भरकर ईंटों की तरह प्रयोग करके पर्यावरण को प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण से बचाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..109b616def0ea21a817e5d8994bb26c60ccf8f57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, धनबाद। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की आज शनिवार 25 दिसंबर को जयंती है। उनका जन्म 25 दिसंबर 1861 हुआ था। मदन मोहन मालवीय का जन्म स्थान इलाहाबाद है। इनके पिता का नाम पंडित ब्रजनाथ और माता का नाम मूनादेवी था। महामना के पिता संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड विद्वान थे। मात्र 5 साल की आयु में उनके माता-पिता ने उन्हें संस्कृत भाषा में प्रारंभिक शिक्षा दिलवाने के लिए पंडित हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला में भर्ती किया। महामना ने वहां से प्राइमरी परीक्षा पास की। विभिन्न स्कूलों एवं कॉलेजों से होते हुए उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से बी.ए. की उपाधि प्राप्त की। यूं तो मालवीयजी का जीवन उलब्धियों से भरा पड़ा है। लेकिन बीएचयू की स्थापना खास उपलब्धि है। ऐसे माहन विभूति मालवीय जी की जयंती परे देश के साथ धनबाद में भी मनाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55cb07eeb34b0acc8f57e8bc053d9cf96fe3be3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6376.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ऐसी खबरें आईं थी कि अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम, पृथ्वीराज और बीजू मेनन की मलयालम हिट, अय्यप्पनम कोशियुम के रीमेक के लिए एक साथ आ रहे हैं। ये भी कहा गया कि अभिषेक बेहद उत्साहित हैं और जॉन के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने के लिए एक्साइटेड हैं। हालांकि दोनों पहले दोस्ताना में भी साथ काम कर चुके हैं। उस टाइम भी फैन्स को दोनों का ब्रोमांस काफी पसंद आया था। पर फैन्स के लिए जो खबर आई है वो काफी निराश करने वाली है। + +पिंकविला की रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक बच्चन अब अय्यप्पनम कोशियुम का हिस्सा नहीं हैं। हां, आपने सही पढ़ा है! 'जॉन और अभिषेक के फिर एक बार साथ काम करने की खबरें से इंडस्ट्री में एक पॉजिटिव वेव आई थीं क्योंकि दोस्ताना में उनकी केमिस्ट्री को व्यापक रूप से सराहा गया था। फिल्म पर काम चल रहा था और निर्देशक जगन शक्ति नवंबर के महीने में इसे शुरू करने के लिए तैयार भी थे। + +रिपोर्ट में आगे कहा गया है, 'अभिषेक बच्चन अब इस फिल्म का हिस्सा नहीं हैं। वह जॉन के साथ एक बार फिर काम करने के लिए बेहद उत्साहित थे, लेकिन ये फिल्म इंडस्ट्री है यहां कुछ भी पॉसिबल है। फिल्म अय्यप्पनम कोशियुम की टीम अभिषेक का विकल्प तलाश रही है।'।वहीं हाल ही में खबर आई कि अभिषेक बच्चन चेन्नई में शूटिंग के दौरान घायल हो गए। अपने घायल हाथ की एक तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'पिछले बुधवार को मेरी नई फिल्म के सेट पर चेन्नई में एक अजीब दुर्घटना हुई। मेरे दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हो गया। इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की जरूरत है! इसलिए मुंबई के लिए तुरंत वापस लौटना पड़ा। सर्जरी की गई। और अब चेन्नई में काम फिर से शुरू करना है। जैसा कि कहते हैं ... शो मस्ट गो ऑन! और जैसा कि मेरे पिता ने कहा ... मर्द को दर्द नहीं होता! ठीक है, ठीक है, ठीक है थोड़ी सी चोट लगी है। आपकी शुभकामनाओं के लिए आप सभी का धन्यवाद।"।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e72dc53f76a78f5de6527fde443d5fd9a0e9b46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- इस मिशन के तहत स्‍पेसएक्‍स, DOGE-1 के नाम से बनाए गए 40 किलोग्राम के क्यूब उपग्रह को फाल्कन 9 राकेट पर सवारी के रूप में ले जाएगा। पेलोड एकीकृत संचार और कम्प्यूटेशनल सिस्टम के साथ बोर्ड पर सेंसर और कैमरों से चंद्र-स्थानिक इंटेलिजेंस प्राप्त करेगा। यह प्रक्षेपण DOGE को अंतरिक्ष में पहला क्रिप्टो और साथ ही अंतरिक्ष में पहला मेमे बना देगा। बता दें कि स्पेसएक्स के संस्थापक और सीईओ एलोन मस्क हैं। स्पेसएक्स की स्थापना वर्ष 2002 में की गई थी। स्पेसएक्स का मुख्यालय संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के कैलिफोर्निया में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4a34207c7a3b9de6f4ff142884876c163ce5263 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैलाश नाथ, चंडीगढ़। वर्ष 2022 की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए एक दर्जन मंत्रियों समेत कांग्रेस के तीन दर्जन से अधिक विधायकों ने टिकटों के लिए आवेदन नहीं किया है, जबकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर को खत्म हो चुकी है। टिकट के लिए आवेदन करने में बड़े नेताओं ने रुचि नहीं दिखाई है। हालांकि 2017 के मुकाबले इस बार टिकट मांगने वालों की संख्या में करीब 50 फीसद इजाफा हुआ है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस द्वारा टिकट आवेदन पर कोई भी शुल्क नहीं लगाया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05b78cbcaf40cceae74cd22c5d7b8cb8ec785384 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63764.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अटल टनल रोहतांग के बनने से जहां रोहतांग दर्रे के जोखिमभरे सफर से पर्यटकों को छुटकारा मिल गया है वहीं पर्यटकों को सर्दी के समय मे लाहुल घाटी के दीदार भी करने को मिल रहे हैं। घाटी में धूप खिल गई है, जिससे व्हाइट क्रिसमस की की उम्मीद धूमिल हुई है लेकिन अटल टनल के नार्थ पोर्टल सहित सिस्सू में पर्यटक बर्फ का आनंद ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c20ab101931226acc0c218560c10d9dc72427e72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63767.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, सत्येंद्र दुबे। बाह से 12 किलोमीटर उत्तर दिशा में यमुना नदी के किनारे बाबा भोलेनाथ की नगरी तीर्थ बटेश्वर धाम। आज जिस स्थान को पूर्व प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मस्थली के तौर पर जाना जाता है वो बटेश्वर कृष्ण भगवान के पूर्वज राजा सूरसेन की राजधानी रहा है। यमुना किनारे महादेव मंदिरों की अद्भुत श्रंखला। शौरीपुर स्थित ऐतिहासिक जैन मंदिर। भगवान नेमिनाथ की गर्भ व जन्म स्थली का गौरव हासिल है। जहां सतयुग, त्रेता और द्वापर युग का इतिहास छिपा हुआ है। + +यहां हर साल कार्तिक माह में विशाल पशु व लोक मेले का आयोजन होता है। पूर्णिमा पर विशेष स्नान यहां लाखों श्रद्धालुओं का आना होता है। पुराणों में उल्लेख है कि महाभारत काल में वासुदेव की बरात बटेश्वर से मथुरा गई थी। श्रीकृष्ण द्वारा कंस का वध किए जाने के बाद उसका शव बटेश्वर में यमुना नदी के किनारे जिस स्थान से टकराया। उसे कंस कगार के नाम से जाना गया। अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने भी सैन्य तैयारी बटेश्वर-शौरीपुर में रहकर ही की थी। बटेश्वर शेरशाह सूरी का भी आक्रमण केंद्र रहा है। उसने यहां पर किले भी बनवाए थे। पानीपत के तीसरे युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए हजारों मराठों की स्मृति में मराठा सम्राट मारू शंकर ने बटेश्वर में एक विशाल मंदिर बनवाया था, जो उनकी वीरगाथा अब भी सुना रहा है। इस मंदिर में वीर योद्धाओं को दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी जाती थी। दीपक रखने के निशान आज भी यहां देखे जा सकते हैं। + +मंदिर श्रृंखला का नजारा अलौकिक।यमुना नदी पश्चिम से पूरब दिशा की ओर बहती है लेकिन बटेश्वर नगरी में यह पूरब से पश्चिम दिशा की ओर बहती हुई बटेश्वर का चक्कर लगाती है। यह आकृति अ‌र्द्धचंद्राकार का रूप लेती हुई बह रही है। कार्तिक पूर्णिमा में चंद्रमा का प्रकाश जब तट पर बनी 101 महादेव मंदिरों की श्रंखला पर पड़ता है तो मंदिरों का प्रतिबिंब यमुना में स्पष्ट झलकता है। यह अलौकिक पल श्रद्धालुओं को रोमांचित करता है। हालांकि अब दर्जनों मंदिर व घाट ध्वस्त हो चुके हैं, कुछ गिरासू हैं। लोक मेले के दौरान इसकी साफ सफाई व रंगाई पुताई जिला पंचायत ही कराती है। मेले के बाद इनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1febc6979a6abd337473351ebc23a1cd9e9dc15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक सरल व्यक्ति थे। एक दौर ऐसा था, जब वे अपने सामान का छोटा सा ब्रीफकेस भी खुद उठाकर चलते थे और ट्रेन से उनका आना जाना होता था। उनके ब्रीफकेस में सिर्फ एक धोती-कुर्ता, अंतर्वस्त्र, एक रुमाल और टूथब्रश होता था। पूर्व पीएम की जिंदगी इतनी सादगी से बीतती थी कि एक वक्त वो दून की सड़कों पर 1975 माडल के स्कूटर पर सैर किया करते थे...तो चलिए पूर्व पीएम अटल बिहरी वाजपेयी के बारे में कुछ और बातें जानते हैं...।पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से खासा लगाव रहा है। उत्तराखंड राज्य निर्माण में भी उनकी सबसे निर्णायक भूमिका रही है। अलग राज्य निर्माण को लेकर लंबा आंदोलन चला। साल 1996 में अपने देहरादून दौरे के दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करने का आस्वासन दिया था। वाजपेयी ने इस भरोसे को कायम भी रखा और नए राज्य की स्थापना वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान ही हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे से भी नवाजा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1ce30b6ec4057a3b834f1e21f3a9527bdbbb545 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63769.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को उनकी जयंती पर देश श्रद्धांजलि दे रहा है। बिहार से उनका गहरा लगाव रहा। वाजपेयी ने ही प्रधानमंत्री रहते दिसंबर 2003 में बिहार की मैथिली (Maithili) भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची (Eight Schedule of Constitution) में शामिल कराया था। साल 1934 के विनाशकारी भूकंप के दाैरान मिथिलांचल के दरभंगा व मधुबनी तथा सहरसा व सुपौल दो भागों में बंट गए थे। वाजपेयी ने इन दो भागों को जोड़ने के लिए कोसी महासेतु (Koshi Mahasetu) के निर्माण का फैसला लिया था। उन्‍होंने ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) को बालीवुड (Bollywood) में जाने से रोककर राजनीति में जगह दी थी तो सुशील मोदी ( Sushil Modi) को राजनीति में आने का आफर दिया था। कम लोग ही जानते होंगे कि वाजपेयी बालीवुड की ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी (Hema Malini) और ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के जबरदस्‍त फैन थे। वाजपेयी अक्‍सर पटना आकर यहां के एक खास सिनेमा हाल में फिल्‍में देखते थे। आइए जानते हैं पूर्व प्रधानमंत्री की बिहार से जुड़ी कुछ खास यादें। + +मैथिली को दिया संविधान की आठवीं अनुसूची में स्‍थान। अटल बिहारी वाजपेयी ने दिसंबर 2003 में बिहार की मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का फैसला लिया। बिहार के तत्‍कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) और डा. जगन्नाथ मिश्र (Dr. Jagannath Mishra) द्वारा भेजा गया यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास करीब 23 सालों से लंबित पड़ा था। बतौर प्रधानमंत्री वाजपेयी ने बिहार के मिथिलांचल (Mithilanchal) की जन भावना काे ध्‍यान में रखते हुए इसपर बड़ा फैसला किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a46b83b9d7ea54020b8339eff941311bfa4301af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6377.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। राज कुंद्रा के साथ पोर्नोग्राफिक फिल्म रैकेट में फंसी अभिनेत्री गहना वशिष्ठ का मुंबई पुलिस ने बुरा हाल कर दिया है। दरअसल इस मामले में मुंबई पुलिस ने कुछ समय पहले गहना वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। हालांकि वो अब पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं लेकिन फिर भी मुंबई पुलिस की पैनी नजर उनके ऊपर है। अब हाल ही में गहना ने सोशल मीडिया के जरिए मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गहना ने फटे हुए कपड़ों में अपनी एक तस्वीर शेयर की है और इसके साथ एक लंबा- चौड़ा सा नोट लिखकर अपनी इस दुर्दशा का जिम्मेदार मुंबई पुलिस का ठहराया है। + +गहना वशिष्ट ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में गहना एक कुर्ता पहनी हैं। जो उनके बगल की तरफ से फट चुका है। हालांकि तस्वीर में उनका चेहरा नहीं दिखाई दे रहा है। केवल उनके फटे हुए कपड़े दिख रहे हैं। इस तस्वीर के साथ गहना ने बताया है कि उनकी ये दुर्दशा मुंबई पुलिस की वजह से हुई है। साथ ही उन्होंने बताया कि अब उनके पास पैसे नहीं बचे हैं। उनका मोबाइल और लैपटॉप सबकुछ पुलिस ने सीज कर लिया है। हालांकि उन्होंने ये भी लिखा है कि चाहे कुछ भी हो जाए वो हाल नहीं मानेंगीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b766ff30e92b2e8e989bf2586e3f97d60fc97083 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधान और परमाणु ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इस बरस काफी निवेश किया है। ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि भारत परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भर होता जा रहा है। इस बरस नीति आयोग ने राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति के तहत विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता विकसित करने के लिए जो रूपरेखा तैयार की है, वह भविष्य के लिए बड़े काम की है। आइटी कंपनी एक्सेंचर ने तमाम देशों के आर्थिक विकास में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के योगदान पर अपना जो शोध अध्ययन किया है, उसका आकलन बताता है कि कृत्रिम बुद्धिमता 2035 तक भारत की वार्षिक विकास दर को 1.3 प्रतिशत अंक तक बढ़ा देगी। फिलहाल अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में हम संसार के बड़े पांच देशों में एक हैं। इस साल अक्टूबर में सरकार ने देश में अंतरिक्ष क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत की। इसके पूर्व यूरोपीय और इजराइली अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ उसने नई संभावनाएं तलाशने के लिए समझौता किया। यही नहीं, उसने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों के प्रवेश का रास्ता खोला है, उसके बेहतर नतीजे भी इस साल दिखे। इस बरस विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उपलब्धियां कई स्तर और प्रकार की हैं, चाहे वह डीआरडीओ द्वारा मानव रहित हवाई वाहनों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने वाले ड्रोन-विरोधी तकनीक का विकास हो या परमाणु सक्षम और दो हजार किमी की मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि पी’ का सफल परीक्षण या एआइ के क्षेत्र में आइआइटी दिल्ली के शोधकर्ताओं का मस्तिष्क से प्रेरित कृत्रिम न्यूरान विकसित करना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cee84996fc56a372f7d403b5e3c0323a143bddb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कभी गांव नहीं लौट सके, आखिरी बार 1973 में आए थे अमृतसर।मास्टर हरदीप सिंह बताते हैं, '1973 में मोहम्मद रफी अमृतसर के पैंथर स्टेडियम में एक कार्यक्रम में आए थे। उनके सहपाठियों को जब पता चला तो वे पैंथर स्टेडियम पहुंचे। मैं भी गांववासियों के साथ गया था। रफी से मिलकर सभी बेहद खुद हुए। लोगों ने उन्हेंं गांव चलने को कहा, लेकिन रफी ने कहा कि वक्त कम है। अटारी बार्डर पर रिश्तेदार इंतजार कर रहे हैं। उनसे मिलने जाना है।' एक बार कोटला सुल्तान से पाकिस्तान जाने के बाद रफी फिर कभी यहां लौटकर नहीं आए। रफी की पहली शादी 13 साल की आयु में बशीर बानो से हुई थी, जबकि दूसरी शादी उन्होंने 1944 में बीस साल की आयु में बिलकिस से की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63778.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63778.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4fbba4f305f9f50d681b65e04c5766ae5b80ea0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63778.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रमाशंकर दूबे। एक महान राष्ट्रभक्त, भारतीय संस्कृति के अनन्य उपासक, दूरदर्शी शिक्षाविद, मूर्धन्य विधिवेत्ता, सफल सांसद, अग्रणी पत्रकार, प्रखर समाज सुधारक एवं लोकप्रिय जननेता भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का योगदान हर क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं अद्वितीय रहा। उनका जन्म आज ही के दिन यानी 25 दिसंबर को वर्ष 1861 में प्रयागराज में हुआ था, परंतु काशी उनकी तपोस्थली बनी। काशी में महामना ने प्राचीन भारतीय शिक्षा के गौरवशाली मंदिर ‘तक्षशिला’ और ‘नालंदा’ को पुनर्जीवित करते हुए राष्ट्र निर्माण में भारतीय दृष्टि के अनुरूप शिक्षा की परिकल्पना को जीवंत स्वरूप देते हुए वर्ष 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। + +महामना के शिक्षा दर्शन के मूल में छात्र के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास अर्थात समग्र विकास की अवधारणा थी। हर छात्र में ज्ञान सशक्तीकरण के अतिरिक्त राष्ट्रभक्ति, सदाचार एवं चरित्र निर्माण हेतु वे भारतीय संस्कृति, धर्म एवं नीति की शिक्षा के पक्षधर थे। वे धर्म को चरित्र निर्माण का सीधा मार्ग एवं देशभक्ति को सवरेत्तम शक्ति मानते थे। उनका मत था कि ज्ञान, विज्ञान और तकनीक के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा से अनुप्राणित शिक्षा हमारे छात्रों को दी जाए। महामना का उद्देश्य था कि भारतीय समाज एवं राष्ट्र के निर्माण के लिए हमारे शिक्षा संस्थान ऐसे राष्ट्र भक्तों का सृजन करें जो समग्र रूप से विकसित हों, मानविकी और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष हों तथा भारतीय संस्कृति और उसमें निहित सुविचारों व मूल्यों को आत्मसात करते हुए चरित्रवान और सुयोग्य नागरिक बनकर देश का नेतृत्व कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..919f77da603929bc1d9aeec635ba8964dd07b5cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63782.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एमडीए में अवर अभियंता के पद पर राजन सिंह कार्यरत हैं। उनकी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। जिसके बाद उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी ने 23 अक्टूबर 2021 को आवास-विकास विभाग से संबद्ध करते हुए कार्यमुक्त कर दिया था। उपाध्यक्ष के इस आदेश को लेकर अवर अभियंता प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार के कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने जब इस आदेश को देखा तो वह हैरान रह गए। दरअसल नियम के अनुसार अवर अभियंताओं का स्थानांतरण शासन स्तर से किया जाता है। लेकिन, उपाध्यक्ष ने इस मामले में नियम के विपरीत एकतरफा शासन के अधिकारों पर हस्ताक्षेप करते हुए संबद्धीकरण के साथ कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। जो क‍ि गलत था। प्रमुख सचिव ने एमडीए उपाध्यक्ष को भेजे पत्र में इस फैसले को खेदजनक बताया है। उन्होंने कहा कि बिना शासन की अनुमति के ऐसा आदेश नहीं करना चाहिए। वहीं उन्होंने अवर अभियंता के संबद्धीकरण और कार्यमुक्त के आदेश को निरस्त करते हुए तत्काल एमडीए में कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश जारी किए हैं। वहीं अपने जारी किए गए पत्र में प्रमुख सचिव ने अफसरों को आगाह करते हुए हिदायत भी दी है कि आप शासन या सरकार नहीं हैं। नियमों के अनुसार सभी को कार्य करना पड़ेगा। + +शासन के आदेश के दरकिनार करना अनुशासनहीनता : एमडीए उपाध्यक्ष के इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव ने पूरे प्रदेश के प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पत्र जारी किया। इसमें प्रमुख सचिव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए लिखा है क‍ि प्राधिकरण के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष लगातार शासन के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। स्थानांतरण होकर पहुंचे कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है, वहीं बिना शासन की अनुमति के कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के द्वारा ऐसा किया जा रहा है, यह अनुशासनहीनता हैं। वहीं ऐसे मामलों का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं बचता है। प्रमुख सचिव के इस पत्र के बाद प्राधिकरण का कार्यभार संभाल रहे अफसर सकते में आ गए हैं। गौरतलब है कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में कई अवर अभियंता और कर्मचारियों को शासन की अनुमति के बिना ही दूसरे विभागों से संबद्ध करते हुए कार्यमुक्त कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32feacdf21f5a3de4bdd575201efb34aef587952 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63783.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में खूब लापरवाही हुई है। शहर के एक निजी अस्पताल ने तो एक जिंदा महिला को ही मृतक दर्ज करा दिया। यह सच तब सामने आया, जब प्रशासन की तरफ से महिला के स्वजन को आर्थिक सहायता के लिए फोन किया गया। कर्मचारी ने जैसे ही संबंधित रिकार्ड में दर्ज मृत महिला का नाम लिया तो जवाब मिला कि वह खुद बोल रही हैं। मुआवजे की बात सुन हैरान रह गई। बोली, साहब-मैं जिंदा हूं। मुआवजा नहीं चाहिए। इस मामले ने अधिकारियों को भी चौंका दिया है। अब कोरोना पोर्टल से महिला का नाम हटाया जा रहा है। वहीं, एक अन्य व्यक्ति का नाम दो बार पोर्टल पर दर्ज मिला है। + +अस्पताल से ठीक होकर गई थी ।सरकार ने कोरोना से मृतक लोगों के स्वजन को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जिले में पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर दर्ज मृतकों के स्वजन को प्राथमिकता से यह लाभ दिया जा रहा है। कलक्ट्रेट व स्वास्थ्य विभाग से इन मृतकों के स्वजन को फोन किया जाता है। इसके बाद लाभ देने की प्रक्रिया शुरू होती है। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की ओर से पोर्टल पर मृतक के रूप में दर्ज मेलरोज बाईपास निवासी शकुंतला देवी के स्वजन को फोन किया गया। विभागीय कर्मचारी को उम्मीद थी कि शकुंतला देवी के परिवार से कोई फोन उठाएगा, लेकिन उधर से आवाज आई कि खुद शकुंतला देवी ही बोल रही हैं। ऐसे में कर्मचारी सकते में आ गया। इसके बाद दोबारा से कई बार पुन: जांच के लिए फोन किया गया, इसमें उनके स्वस्थ रहने की बात सामने आई। स्वजन ने बताया कि वह कोरोना में सात दिन बाद ही अस्पताल से ठीक होकर घर आ गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a81655927b5b3e0f9b0293ad918e41a5859cc279 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में अपनी धमक दिखाने/जताने के लिए 'गर्दा उड़ा दिया' वाक्य का इस्तेमाल जमकर किया जाता है। खासकर युवाओं और बाहुबलियों के बीच बोला जाने वाला यह जुमला/वाक्य अब अक्षय कुमार और सारा अली खान अभिनीत बालीवुड फिल्म 'अतरंगी' के एक गीत में इस्तेमाल हुआ है। तकरीबन 10 दिन पहले रिलीज हुए 'गर्दा' गाने ने सिर्फ यूपी और बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देशभर में धमाल मचा दिया है। गीत के फिल्मांकन के साथ ही दलेर मेंहदी की दमदार आवाज और एआर रहमान के म्यूजिक ने 'गर्दा' गीत को कर्णप्रिय बना दिया है। यह नंबर वन 'डांस नंबर' सान्ग बन गया है। इसमें अक्षय कुमार जादूगर बने हैं और इस गीत पर जमकर थिरक रहे हैं। टेलीविजन और म्यूजिक चैनलों के साथ एफएम-रेडियो पर भी धूम मचा रहा यह गीत इस साल के जश्र के दौरान सबसे ज्यादा सुना जाने वाला गीत बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3634f6a5cd3e0bdb4d776cf338769c3854d4f99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैरोल गीत की मान्यताएं ।मसीही समाज के जानकारों का कहना है कि कैरोल गीत प्रभु ईसा के जन्म के समय से भी पहले गाए गए थे। जब प्रभु का जन्म होना था तो स्वर्ग दूत जंगल में गड़रियों को लकड़ी जलाकर आग तापते हुए देखकर उनके पास आए और कहा कि प्रभु का जन्म होने वाला है। उसके बाद देवदूत मंगल गीत गाने लगे। उन्हें गीत गाता देख गड़रियों ने भी गीत गाना शुरू का दिया। उसके बाद जब आधी रात को प्रभु ईशु का जन्म हुआ उससे पहले तक ये गीत गाए गए। ईशु का जन्म बेथलेहम में हुआ था। वहां पर इन गीतों को कैरोल कहा जाता है। तभी से कैरोल गीत (Carol Song) हर क्रिसमस के मौके पर गाए जाते हैं। ईशु के जन्म के समय कैरोल गीत जो गया था वह है, आया है ईशु/ आया है आया मसीह/ तू गुनहगारों को देने सहारा...।  वैसे तो बहुत सारे कैरल सांग्स हैं। लेकिन उनमें जो कि आज भी काफी प्रचलित है वह है- आया है ईशु आया है, आया मसीह तू गुनहगारों को देने सहारा। इसके अलावा 'बैथलेहम के गोशाला में चमका एक सितारा' ईसामसीह के जन्म के समय से ही गाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..519ecf6e428ac5790d96e549c315f2b8cdb86935 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करनाल, [प्रदीप शर्मा]।  ये सक्‍सेस स्‍टोरी आपको इंस्‍पायर करेगी। जानें कैसे मजदूरी करके एक साधारण परिवार का बेटा डाटा साइंटिस्‍ट बन जाता है। कभी 50 रुपये के लिए मजदूरी करता था और अब कंपनी करोड़ों को सलाना पैकेज दे रही है। हरियाणा के बेटे संदीप सिंह अमेरिका में  डाटा साइंटिस्‍ट हैं। हरियाणा के करनाल जिले के गांव काछवा के संदीप सिंह ने एआई साल्यूशन माडल डेवलप किया है। संदीप सिंह इस समय अमेरिका की प्रतिष्ठित अमेजन वेब सर्विसेज टेक्नोलाजी कंपनी में डाटा साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। संदीप सिंह एआई, मशीन लर्निंग और रोबोटिक फिल्ड में कई अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6043ada5a08f17ccec0ae76019283113ed06f51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रावत की नाराजगी वाले ट्वीट से मची हलचल को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व प्रदेश के सियासी संकट को गहरा नहीं होने देना चाहता था। इसीलिए राहुल गांधी ने उत्तराखंड के नेताओं के साथ अपनी ढाई घंटे से अधिक की बैठक के दौरान रावत और अन्य नेताओं से खुलकर चर्चा की। राहुल ने रावत के साथ सबसे पहले अकेले बातचीत की। इसके बाद विधायक दल के नेता प्रीतम ¨सह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, वरिष्ठ नेताओं प्रदीप टमटा और यशपाल आर्य से भी अलग-अलग मशविरा किया। प्रदेश की चुनावी रणनीति और संगठनात्मक खींचतान की पृष्ठभूमि से रूबरू होने के बाद राहुल ने वरिष्ठ नेताओं को साफ संदेश दिया कि कांग्रेस का चुनावी चेहरा हरीश रावत ही होंगे और वह ही चुनाव में पार्टी के अभियान का नेतृत्व करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ffe36e48f11454c9bf3aa26b9d71442faaa37b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जागरण ब्यूरो। उच्च शिक्षण संस्थानों को अब अपने शोध कार्यों में क्षेत्रीय समस्याओं को भी प्रमुखता से शामिल करना होगा। इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय और कालेज में एक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। साथ ही सभी में दो-दो मास्टर ट्रेनर भी तैनात किए जाएंगे। जो संस्थान में होने वाले शोधों में यह सुनिश्चित करेंगे, कि उसमें क्षेत्रीय समस्याओं को भी जगह मिलें। साथ ही उससे कुछ ऐसा परिणाम भी हासिल हो, जो स्थानीय व उस क्षेत्र के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने में मददगार बन सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfe6f0877af10a10815254ceaf6149ae8e197348 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक और दिलचस्प वाकया वीरेन्द्र जैन ने सुनाया। एक दिन वीरेन्द्र जैन उनसे मिलने गए और जल्दी वापस जाने लगे। अटल जी ने पूछा कि कहां जाने की जल्दी है। वीरेन्द्र जैन ने कहा कि हिंदी अकादमी प्रभाष जी को सम्मानित कर रही है उस समारोह में जाना है। इतना सुनते ही अटल जी ने फौरन कहा कि वो भी साथ चलेंगे। और सचमुच अटल जी वीरेन्द्र जैन के साथ समारोह स्थल पहुंच गए। अटल जी को देखते ही आयोजक उनसे मंच पर बैठने का अनुरोध करने लगे। तब अटल जी ने कहा कि मैं तो श्रोता की हैसियत से आया हूं वो भी दूसरे के निमंत्रण पर, मैं तो सिर्फ सुनूंगा और वो भी श्रोताओं के साथ। वो नीचे ही बैठे और कार्यक्रम समाप्त होने तक रुके रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63793.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0ff1a6429ddf509fb0eacd6e64f0aabb1e6b969 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63793.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिजनेस के साथ सामाजिक सरोकार: एचसीएल टेक्नोलाजीज के संस्थापक शिव नाडर की बेटी रोशनी नाडर पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए बतौर चेयरपर्सन कंपनी को नई ऊंचाई देने में तत्पर हैं। विश्व की 100 सर्वाधिक शक्तिशाली महिलाओं की सूची में लगातार तीसरी बार उन्हें स्थान मिला। कोविड 19 के बावजूद उनकी कंपनी ने जुलाई-सितंबर के मध्य करीब 20 हजार करोड़ की कमाई की। शिव नायर फाउंडेशन के जरिए वह बच्चों की शिक्षा व समाजसेवा के कार्यों से भी जुड़ी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..993d0fc38af27a17c6fedbb379436831dccbd942 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63794.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनोज त्रिपाठी, जालंधर। दौलतपुरी स्थित भज्जी के पुराने घर के बाहर गली में आज भी तमाम बच्चे भज्जी जैसा बनने का सपना लिए रोजाना घंटों क्रिकेट खेलते हैं। उनकी मां अवतार कौर कहती हैं कि साड्डे हत्थों पलया ते जम्या सी भज्जी। अस्सी वी अपने बच्चेया नू खेड़न तो नई रोकदे। (भज्जी हमारे हाथों ही पला और बढ़ा है, हम भी बच्चों को खेलने से नहीं रोकते)। भज्जी को बचपन में खिलाने वाली परमजीत कौर कहती हैं कि भज्जी जदो छोटा सी तो गलियां दे विच थापी लैके खेलदा रहदां सी, साड्डे शीशे होर पाइपां तोड़ देंदा सी। + +हरभजन सिंह के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा के बाद दौलतपुरी में उन्हें गोद में खिलाने वाली पड़ोसी महिलाएं भावुक हो गईं। ।गली के बच्चे बोले- भज्जी जैसा बनना है।परमजीत बताती हैं कि यही वजह है कि हमारे घरों के बच्चे भी उसी गली में खेलते हैं और कोई भी उन्हें खेलने से नहीं रोकता है। अलग बात है कि इन बच्चों के पास क्रिकेट के असली लकड़ी वाले बैट नहीं है, लेकिन प्लास्टिक के बैटों से ही सही बच्चे क्रिकेट में अपना हुनर निखारने में लगे हैं। 10 साल के हर्षबीर बताते हैं कि उन्हें भी भज्जी जैसा बनना है। अंश बेदी कहते हैं कि वह बल्लेबाजी में ही अपना करियर बनाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99009aec6524d7d4465d230ffcbb97ab5fd020ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टेली कम्युनिकेशन कंपनियों का बढ़ा था बिजनेस।एमएमएस को लोगों तक पहुंचाने का काम किया मोबाइल कंपनी नोकिया ने। नोकिया ने सबसे पहले जीएसएम हैंडसेट बनाकर इसे आसान कर दिया। इसके बाद एसएमएस की दुनिया में क्रांति आ गई। सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को एसएमएस के जरिए अच्छा बिजनेस मिला। 1998 में हुए एक सर्वे के अनुसार, एक महीने में चार मैसेज भेजे जाते थे। वहीं, 2010 में पूरे विश्व में 6.1 ट्रिलियन मैसेज भेजे गए। वहीं, एक सर्वे के अनुसार 2014 तक एसएमएस का बिजनेस 100 बिलियन डालर का था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb4c08fa1aaf135ae46a227be92ec1b3ca7d589e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संवाद सहयोगी, मसूरी। Christmas And New Year Celebration क्रिसमस और नववर्ष के जश्न के लिए पहाड़ों की रानी तैयार है। देश-विदेश के पर्यटकों ने बड़ी संख्या में क्रिसमस और नववर्ष मसूरी में मनाने के लिए बुकिंग कराई है। पर्यटकों के उल्लास में ट्रैफिक जाम खलल न डाल सके, इसके लिए नगर पालिका परिषद और पुलिस-प्रशासन ने भी कमर कस ली है। ।नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में तय किया गया कि क्रिसमस की पूर्व संध्या 24 दिसंबर से दो जनवरी तक माल रोड पर शाम चार बजे के बाद वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जिससे पर्यटकों की चहलकदमी के लिए माल रोड पूरी तरह खुली रहे। बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने व्यापारियों से आग्रह किया कि अपने वाहन सड़क पर पार्क न करें। जिन वाहनों से दुकानों में सामान की आपूर्ति की जाती है, उन्हें भी प्रतिबंधित समय में माल रोड से न गुजारा जाए। ।उन्होंने टैक्सी व रिक्शा आपरेटर से कहा कि अपने वाहन निर्धारित स्थलों पर ही पार्क करें। जिससे पर्यटकों की भीड़ बढ़ने के दौरान यातायात व्यवस्था में खलल न पड़े। वहीं, मसूरी के कोतवाली प्रभारी गिरीश चंद शर्मा ने कहा कि क्रिसमस और नववर्ष के लिए यातायात प्लान बनाया गया है। व्यवस्था का पालन कराने के लिए उच्चाधिकारियों से अतिरिक्त फोर्स भी मांगी गई है। लालटिब्बा व चार दुकान के लिए वन-वे व्यवस्था कोतवाली प्रभारी गिरीश चंद शर्मा ने बताया कि सड़कों को जाम से बचाने के लिए मसूरी से लालटिब्बा व चार दुकान की तरफ जाने वाली सड़क पर वन-वे व्यवस्था की गई है। ।वहीं, लंढौर के साउथ रोड से आने वाले वाहनों को सिविल अस्पताल होते हुए बड़ा मोड़ की ओर से गुजारा जाएगा। भीड़ बढ़ी तो मोतीलाल नेहरू मार्ग पर भी वन-वे लागू किया जाएगा। मसूरी में 900 वाहनों की पार्किंग बैठक में कोतवाली प्रभारी ने नगर पालिका अध्यक्ष को बताया कि वर्तमान में मसूरी में 900 वाहनों की पार्किंग उपलब्ध है। साथ ही 850 वाहनों की पार्किंग होटलों के पास भी उपलब्ध है। अगर क्षमता से अधिक वाहन मसूरी पहुंचते हैं तो अधिक चौड़े स्थलों पर वाहनों को खड़ा कराने के लिए प्लान बनाया गया है। ।बड़े निजी वाहनों को किंक्रेग में खड़ा किया जाएगा और उन वाहनों में आने वाले पयटकों कों टैक्सी से गंतव्य तक भेजा जाएगा। टाउनहाल की पार्किंग शुरू नहीं नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि पालिका परिसर के टाउनहाल में भी पार्किंग सुविधा उपलब्ध है, लेकिन एमडीडीए ने अभी इसके संचालन की जिम्मेदारी किसी को नहीं दी है। उन्होंने एमडीडीए उपाध्यक्ष से आग्रह किया कि क्रिसमस व नववर्ष को देखते हुए पार्किंग का संचालन शुरू किया जाए। पुलिस के लिए चुनौती रहेगा यातायात प्रबंधन क्रिसमस व नववर्ष पर मसूरी में पर्यटकों की अच्छी खासी आमद की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5541d131d3de0b1cc3ca86456d77200fedf1d2bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63799.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय टीम में टर्बनेटर के नाम से जाने जाने वाले आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 23 दिसंबर 2021 को उन्होंने इस बात की घोषणा करते हुए दो दशक के करियर पर विराम लगाया। 41 साल के हो चुके हरभजन ने 2016 में भारत की तरफ से आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। + +शानदार इंटरनेशनल करियर।भज्जी ने भारत की तरफ से 103 टेस्ट मैच खेले जिसमें कुल 417 विकेट हासिल किए। उनके नाम टेस्ट में भारत की तरफ से सबसे पहले हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 15 बार टेस्ट में 5 या इससे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया है। 236 वनडे मैच खेलकर भज्जी ने 269 विकेट चटकाए हैं जबकि 28 टी20 इंटरनेशनल मैच में उनके नाम 25 विकेट हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट मिलाकर भज्जी के नाम कुल 711 विकेट हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a89f65aa3ec1dcb9d649b69742eb7aeb3eaf7096 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63800.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। संयुक्त किसान मोर्चा  और जय किसान आंदोलन की बात हो तब किसान नेता और स्वराज इंडिया पार्टी की बात हो तो राजनेता। इन दोनों से जुड़े योगेंद्र यादव लंबे समय से दोहरी भूमिका में हैं।  योगेंद्र यादव संयुक्त किसान मोर्चा के राजनीति के मैदान में उतरने का विरोध तो करते हैं, मगर मोर्चे से जुड़े लोग अपनी पार्टी बनाकर या किसी पार्टी में शामिल होकर या किसी अन्य तरीके से राजनीति करते हैं तो इन्हें एतराज नहीं है। अपनी बात बेबाकी से कहते हैं, मगर यह स्पष्ट करना नहीं भूलते कि यह उनके निजी विचार हैं, संयुक्त किसान मोर्चा के नहीं। बृहस्पतिवार को चौ. चरण सिंह की जयंती पर अपने गृह जिले में आयोजित किसान सम्मान समारोह में पहुंचे योगेंद्र ने दैनिक जागरण से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश:।केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। एमएसपी पर पहले की तरह खरीद जारी रखने का आश्वासन भी दे दिया। अब क्या करेंगे?। -किसान विरोधी योगी सरकार काे हराएंगे। चुनाव तक दो माह उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63806.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..894e96894e105309fd0b1bd1a6d77ce66458f877 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की दृष्टि समाज की प्रत्येक स्थिति और गतिविधियों के पड़ रहे प्रभाव पर थी। इसके लिए महामना ने विविध क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को पहचाना और उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी। समाज के आध्यात्मिक पुनरोत्थान तथा लोगों को सनातन के मूल संस्कारों से जोड़ समाज में आती विश्रृंखलता को समाप्त करने के लिए उन्होंने आंवलखेड़ा में जन्मे पं. श्रीराम शर्मा आचार्य को चुना। उन्हें काशी में गायत्री मंत्र की दीक्षा देकर गायत्री परिवार की स्थापना का मार्ग दिखाया। फिर तो आचार्य ने अपने तपोबल से जो पारिवारिक संगठन खड़ा किया कि समाज के प्रत्येक वर्ग को गायत्री महामंत्र का अभयदान दे, जप-तप, सिद्धि व यज्ञ-हवन से जोड़ समाज में आत्मबल ही नहीं उत्पन्न किया, वरन पूरे सनातन समाज को एकसूत्र में बांध लिया। आज गायत्री परिवार वैश्विक परिदृश्य में एक बड़ा आध्यात्मिक संगठन बन चुका है जो भारतीय संस्कृति व अध्यात्म विद्या की संचेतना को जन-जन तक पहुंचाने में लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce57c086e8823d14d770f29f4581e4f34352bca6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बढे़ंगे सर्विस प्रोवाइडर।राज्यमंत्री ने बताया कि अभी 209 सर्विस प्रोवाइडर हैं। अभी तक केवल नोएडा में इंटरनेट एक्सचेंज था। मगर, अब सात शहरों में नए एक्सचेंज बनने से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को भी सुविधा देने में सहूलियत होगी। उम्मीद है कि आने वाले समय में सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की संख्या बढ़ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..732e83fa0c8397b2124d938a3fe88999e04e0e24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खेती पर प्रति हेक्टेयर खर्च होते हैं तीस से चालीस हजार रुपये।एक हेक्टेयर कालानमक की खेती में करीब तीस से चालीस हजार रुपये का खर्च आता है। अच्छी फसल हो तो प्रति हेक्टेयर 25 से 30 क्विंटल धान का उत्पादन होता है, लेकिन बौना कालानमक की खेती से प्रति हेक्टेयर 45 से 50 क्विंटल उत्पादन मिलेगा। लागत भी पुराने जितना रहेगी। पिछले तीन वर्षों से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली (आईएआरआई) गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोंडा, बलरामपुर सहित 11 जिलों में वहां के कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से बोना धान सहित कई नई प्रजातियों की बोआई कराकर परीक्षण करा रहा है। पिछले तीन वर्षों से बौना कालानमक का उत्पादन सबसे अच्छा रहा है। कृषि विभाग केंद्र का मानना है आईएआरआई जल्द ही बौना धान को अपनी नई प्रजाति घोषित कर सकता है। ऐसा हुआ तो यहां के किसानों को कालानमक की खेती से अच्छा लाभ मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f607307c253c026069ae53ad8c8e098e6037e78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधार्थी ने बनाया पारदर्शी फोटो वोल्टेइक सेल।डा. सदानंद ने बताया कि शीशे का इस्तेमाल सोलर पैनल के रूप में करने के लिए सबसे पहले 20 नैनो मीटर का एक सोलर सेल (पारदर्शी पतली झिल्ली) तैयार किया गया। इस सोलर सेल को लार्ज बैंड गैप मैटेरियल नाम दिया गया। यह सोलर सेल शीशे पर चिपकते ही कंडक्टर का काम करने लगेगा। सोलर सेल सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को विद्युत ऊर्जा में बदल देगा। डा. सदानंद के मुताबिक सामान्य सोलर पैनल के मुकाबले इसकी उत्पादन क्षमता तो करीब आधी होगी लेकिन इसलिए ज्यादा उपयोगी होगी क्योंकि इसका इस्तेमाल हर उस जगह पर किया जा सकेगा, जहां शीशा लगा हो और उसे सूर्य की रोशनी सीधे मिले रही हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f90192999578927959bf29f180a9012fc543b6fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63814.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों से अब तक वायरस फैलने का जो डाटा सामने आया है, उसके आधार पर यही कहा जा सकता है कि वहां नेचुरल इम्युनिटी (प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या कम रही है। नेचुरल इम्युनिटी की वजह से ओमिक्रोन लोगों के स्वास्थ्य पर ज्यादा नकारात्मक प्रभाव नहीं डाल पाया है। + +आइआइटी कानपुर के पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि ओमिक्रोन वायरस को रोका नहीं जा सकता। इससे बचने के लिए हमको खुद ही तैयारी करनी पड़ेगी। दक्षिण अफ्रीका में वायरस फैलने के अब तक के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि बेहतर इम्युनिटी वाले लोगों पर यह कम प्रभाव डाल पाया है। दक्षिण अफ्रीका में अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या कम रही है। हालांकि ओमिक्रोन वायरस डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैल रहा है। जिन लोगों की इम्युनिटी का स्तर कम है, उन पर ओमिक्रोन का असर ज्यादा हो सकता है, इसलिए लोग भीड़ वाली जगह पर मास्क जरूर पहनें। वैक्सीन की दोनों डोज जरूर ले लें, इम्युनिटी बूस्टर भी ले सकते हैं। संयमित मात्रा में खानपान भी जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63815.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad4ceb455600a67bc00489c1cf9a858a2048c083 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63815.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। अहमदाबाद की आइपीएल टीम को जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी और सीवीसी कैपिटल्स ही इंडियन प्रीमियर लीग की 10वीं टीम की मालिक होगी। आइपीएल से अगले साल जुड़ने जा रही अहमदाबाद टीम को खरीदने वाली कंपनी सीवीसी कैपिटल पर सट्टेबाजी कंपनियों से जुड़े होने के आरोपों की जांच के लिए बीसीसीआइ ने इसी महीने अपनी एजीएम में पूर्व न्यायधीश की अगुआई में समिति का गठन किया था। इस टीम को सीवीसी कैपिटल ने 5,625 करोड़ रुपये में खरीदा था। उसपर कई विदेशी सट्टेबाज कंपनियों के साथ संबंध के आरोप लगे थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट बीसीसीआइ को सौंप दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c9da6afbf9071709079e840f6bc2e4d99226032 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63816.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। बा-अदब, बा-मुलाहिजा, होशियार, शहंशाह तशरीफ ला रहे हैं! बहुत जल्द लाल किला में 350 साल बाद शाहजहां के लिए फिर से मुलाजिमों की यह आवाज सुनाई देगी। दरअसल, लाल किला में शुरू होने जा रहे लाइट एंड साउंड शो में शहंशाह शाहजहां से लेकर बहादुर शाह जफर तक का चित्रण भी दिखाया जाएगा। यह आयोजन लाइव परफार्मेंस के तहत होगा, जिसमें करीब 50 कलाकार भाग लेंगे। यह पहली बार है जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के किसी स्मारक में लाइट एंड साउंड शो की लाइव परफार्मेंस होगी। + +एक घंटे के इस कार्यक्रम में पूरा सीन ठीक उसी तरह दर्शाया जाएगा जिस तरह से मुगलिया शासन के दौर में वास्तव में होता था। इस लाइट एंड साउंड सिस्टम का फरवरी 2020 में ट्रायल हो चुका है, मगर कोरोना आ जाने के कारण आगे का काम रुक गया था। अब इसे जनवरी से शुरू किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि विजिटर सेंटर के जनवरी में शुरू हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद इस कार्यक्रम पर पूरा फोकस रहेगा। इसे 2022 के मध्य तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30f3f3be6a9ebc7cea7e9513b8ac3df6db2bb61a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63819.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, निवर्णिता सुमन। पिछले तीन वर्षो के दौरान देशभर में सड़क हादसों में लगभग 72 हजार पैदल राहगीरों ने अपनी जान गंवाई है। इसमें ध्यान देने वाली बात यह भी है कि वर्ष 2020-21 में देशभर में कई माह कोविड महामारी के कारण लाकडाउन लगा हुआ था, जिस दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत कम थी। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में सालाना करीब साढ़े चार लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। एक चिंताजनक तथ्य यह भी है कि विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में समग्र विश्व का केवल एक प्रतिशत वाहन है, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में दुनियाभर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा लगभग 11 प्रतिशत है। + +सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं से 1,47,114 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति होती है, जो जीडीपी के 0.77 प्रतिशत के बराबर है। इस मंत्रलय के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं का शिकार लोगों में 76.2 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है यानी ये युवा और कामकाजी आयु वर्ग के लोग हैं। रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में अधिकतर दुर्घटना के मामले दोपहिया वाहनों से हुए जिसका मुख्य कारण बिना परवाह किए ओवर स्पीडिंग, सड़कों और राजमार्गो पर तेज और जोखिम भरे स्टंट, स्ट्रीट रेस आदि रहे, लेकिन बात अगर पैदल चलने वालों की मौत और उसके कारणों तक सीमित रहते हुए करें तो अभी तक राष्ट्रीय राजमार्गो पर पैदल चालकों की मौतें क्यों होती हैं, इस बारे में कोई पुख्ता अध्ययन रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63820.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42760e8cfc920c63379cc078f2f5099cb093f58c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63820.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोलन, भूपेंद्र ठाकुर। आम के आम गुठलियों के दाम। मुहावरा पुराना है, लेकिन इसे नया आयाम दिया है सोलन जिला स्थित डा. वाइएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी ने। विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे सेब का जूस निकालने के बाद बचे पोमेस यानी सेब के भीतरी हिस्से (पोमेस) से कई खाद्य वस्तुएं बनाई जा सकती हैैं। विश्वविद्यालय के फूड साइंस एंड टेक्नालाजी विभाग ने केक, बिस्किट, पोमेस पाउडर व जैम जैसे उत्पाद तैयार किए हैं। लैब में एप्पल पेक्टिन केमिकल भी तैयार किया है। इस केमिकल से जेली बनाई जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c8d5bb97837331ff8cc9256d581bd79626552d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांग्लादेश से देसी दवाएं, कृषि उत्पाद, रेडीमेड कपड़े, जूट उत्पाद, चमड़े के सामान, बुने हुए कपड़े, घरेलू वस्त्र, समुद्री खाद्य पदार्थ समेत चाय, आलू, हल्की वजन वाली इंजीनियरिंग वस्तुएं, मसाले, सौंदर्य प्रसाधन, चीनी मिट्टी के सामान और मछली निर्यात के लिए तैयार होना एक अवसर की तरह है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंच रहा है। भारत के अलावा कंबोडिया, नेपाल और भूटान जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश अग्रसर है। बांग्लादेश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों के साथ व्यापारिक संबंध बनाए हैं जिससे कई दृष्टियों से लाभ पहुंच रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67005db432240323bb5b6c7f6ca42a8890e74809 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63827.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रतिबंधों पर अजब-गजब। प्रदूषण के घटते-बढ़ते स्तर और उसके मददेनजर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों की कहानी भी अजब-गजब है। प्रदूषण घट जाता है, लेकिन प्रतिबंध लगे रहते हैं। कभी प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं और प्रदूषण बना रहता है। दोनों के बीच तालमेल अक्सर दिखाई नहीं देता। लगता है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) जमीनी हकीकत पर कम और दाएं- बाएं से मिले दिशा निर्देशों तथा ज्ञापन-अनुरोधों पर ज्यादा चलता है। प्रदूषण की रोकथाम एक जन आंदोलन से ही संभव है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में यह भी सरकारी कामकाज में उलझ कर रह गई है। शायद इसीलिए तमाम उपाए करने के बावजूद आम जनता को जहरीली हवा से रूबरू होना ही पड़ता है। ईपीसीए थी तो उसके अध्यक्ष भूरेलाल आधी रात को भी सड़कों पर नजर आ जाते थे लेकिन सीएक्यूएम के पदाधिकारी फोन पर भी नहीं मिलते। शायद प्रदूषण और प्रतिबंध भी दांव पेच का हिस्सा हो गए हैं। + +नेताजी, जो दिखाते सच का आइना। प्रदेश कांग्रेस के एक नेताजी ऐसे भी हैं जो पार्टी में रहते हुए भी सच कहने की हिम्मत करते रहते हैं। यह हैं पूर्व प्रदेश महासचिव ओमप्रकाश बिधूड़ी। सक्रिय राजनीति से आजकल थोड़ा दूर चल रहे इन नेताजी की इंटरनेट मीडिया पर डाली जाने वाली अनेक पोस्ट कांग्रेस की आंखें खोलने वाली होती हैं। हाल ही में इन्होंने लिखा, कांग्रेस का वोट भाजपा नहीं बल्कि क्षेत्रीय दलों के पास हैं। ज्यादातर राज्यों में क्षेत्रीय दलों ने ही कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई है। लेकिन फिर भी कांग्रेस हमेशा भाजपा से उलझती है और इन्हीं क्षेत्रीय दलों से समझौता कर लेती है। यह नेताजी अयोध्या और काशी की भव्यता को देखकर खुशी जताते हैं तो लड़कियों की शादी करने की उम्र 21 वर्ष करने तथा मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने के केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना भी करते हैं। वाकई, राजनीति में समझदारी भी जरूरी है। ।डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सामने रो पड़ी एक छात्रा, वजह जानने के लिए देखें पूरा वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd6c78f6d71fc0d914e349638dd38bc60f7254e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63829.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। New Year celebration नए साल के जश्न के लिए पहाड़ों की रानी मसूरी तैयार है। अगर आप भी न्यू ईयर का जश्न मसूरी में मनाने की तैयारी कर रहे हैं, मगर अब तक अपने लिए होटल में बुकिंग नहीं की है तो आपकी यह इच्छा खटाई में पड़ सकती है। क्योंकि, नए साल के लिए अभी से मसूरी में 90 फीसद होटल बुक हो चुके हैं। चकराता, धनोल्टी और देहरादून में भी 70 फीसद से अधिक बुकिंग हो चुकी है। क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए मसूरी के होटल व रेस्तरां को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। इस दौरान रंगविरंगी लाइट की रोशनी में जगमग मसूरी जश्न में चार चांद लगाने का काम करेगी। + +क्रिसमस को लेकर कारोबारी चिंतित।न्यू ईयर में मसूरी के होटल पैक रहेंगे, मगर क्रिसमस के लिए बुकिंग का आंकड़ा न्यू ईयर का आधा भी नहीं पहुंचा है। इससे मसूरी के होटल कारोबारी चिंतित हैं। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि क्रिसमस के लिए होटलों को 30 से 40 फीसद ही बुकिंग मिली है। हालांकि, अभी इसके बढ़ने के आसार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c44fce6814484dc4c98375d0265ea95b76c0e283 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खेती के साथ पशु पालन भी।रेखा ने बताया कि कृषि कार्यों के साथ-साथ पशु पालन भी करती है। उन्होंने दो भैंसे व तीन दूधारू गाय रखी हुई हैं। दूग्ध उत्पादन को कमाई का अतिरिक्त जरिया बनाया हुआ है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के खंड कृषि विकास अधिकारी डा. अनिल राणा के मार्ग दर्शन में बेहतरी खेती कर रहे हैं। उनकी ओर से समय-समय पर कृषि कार्यों बारे जागरूक किया जाता है। सरकार की योजनाओं के बारे में अवगत करवाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..639d53cd081f0bf606f312e4663120f6ff57eb6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63832.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, मनोज चौधरी। केंद्र सरकार लगातार न्यूनतम लागत पर लगातार खेती करने पर जोर दे रही है। किसान सरकार के कदम से कदम मिलाकर खेती में बदलाव कर अपनी आय बढ़ाने के प्रयास भी कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती की तरफ कदम बढ़ा रहे किसान एक नई हरित क्रांति की इबारत लिख रहे हैं। मथुरा के गांव करनऊ के किसान महेश चंद्र ने ये साबित भी कर दिया। जिस मिट्टी से उपज के लिए किसान परेशान हैं, उसी माटी में आधा हेक्टेअर में महेश ने रिकार्ड 66.84 कुंतल गेहूं उगाकर नया कीर्तिमान गढ़ा। हां, बस इसके लिए तरीका सामान्य किसानों से कुछ अलग रहा। + +1966-67 हरित क्रांति का बिगुल उस समय फूंका गया, जब विदेश से गेहूं आयात करना पड़ता था। फास्फेट, नाइट्रोजन और पोटाश जैसे रसायनों के प्रयोग से हरित क्रांति आ गई और अन्नदाता के काेठार भी भर गए, पर 54 साल की इस क्रांति में खेतों की माटी का दम घुट गया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से फिर प्राकृतिक खेती का आह्वान किया। आधे-आधे खेत प्रयोगशाला बनाने का मंत्र दिया। मगर, मथुरा जिले के विकास खंड बलदेव के किसान महेश चंद्र तो पहले से ही अपने खेत की पुकार सुन चुके थे। पहले वे आम किसान की तरह ही खेती करते थे। उन्होंने विकास खंड और जिला स्तरीय कृषि मेलों में भागीदारी की, तो कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि विज्ञानियों के संपर्क में आए और अधिक उत्पादन का तौर-तरीका सीखा। उसके बाद खेती में परिर्वतन को जोखिम उठाया। महेश चंद्र ने पहले .50 हेक्टेअर भूमि में खेती में बदलाव किया। बोवाई से पहले खेत में हरी खाद और गोबर की खाद डाली। दो साल तक लगातार ये करते रहे और तीसरे साल में सफल हो गए। उन्होंने बताया, हरी खाद के साथ-साथ पांच ट्राली गोबर की खाद प्रति हेक्टेअर की दर से खेत में डाली। 100 किलोग्राम फास्फेट और 90 किलोग्राम नाइट्रोजन का प्रयोग किया। कृषि विभाग के बीज केंद्र से पीबीडब्ल्यू 550 प्रजाति का गेहूं बीज लिया। 140 किलोग्राम प्रति हेक्टेअर की दर से लाइन से लाइन में बोवाई की। पंद्रह नवंबर से पहले बोवाई की। बीस-बीस दिन के अंतराल में फसल को सींचा। राजस्व विभाग ने 2 अप्रैल 2021 को क्राप कटिंग कर अपनी रिपोर्ट कृषि विभाग को भेज दी। उत्पादन 66.84 कुंतल प्रति हेक्टेअर की दर से हुआ। महेश चंद्र ने बताया, निराई-गुड़ाई खुद की, जबकि दूसरे किसान खरपतवारनाशी का प्रयोग करते हैं। जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार ने बताया, क्राप कटिंग के आधार पर जिले में महेश चंद्र सर्वाधिक गेहूं का उत्पादन करने वाले किसान चुने गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c46654f09bf1d1c8230122d87b9462a3dfcce01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला निर्वाचन अधिकारी डा. आर राजेश कुमार के मुताबिक प्रत्याशी घोषित हो जाने के बाद किए गए हर एक खर्च का हिसाब देना होगा। इसके लिए सभी को व्यय रजिस्टर दिए जाएंगे और प्रशासन की ओर से जारी की गई रेट लिस्ट के मुताबिक ही खर्च का ब्योरा देना होगा। रेट लिस्ट मुख्य कोषाधिकारी/नोडल निर्वाचन व्यय कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89bb1b09025e392fb77fa7cab5311d60f3577045 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63835.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राहुल चौहान]। 'ओमिक्रोन वायरस संक्रमण का कोई भी लक्षण न होने पर जब रिपोर्ट पाजिटिव आई तो एक बार तो विश्ववास ही नहीं हुआ। मुझे ना खांसी थी, ना बुखार और ना गले में खराश जैसा कोई लक्षण। मैं बिल्कुल ठीक था। मुझे बिल्कुल भी यह नहीं लग रहा था कि मैं कोरोना संक्रमित हूं।' यह बात दिल्ली के पहले ओमिक्रोन संक्रमित ने 27 वर्षीय व्यवसायी साहिल ठाकुर ने कही। अब ठीक हो चुके साहिल ने बताया कि वह दुबई से यात्रा करके दिल्ली लौटे थे। + +देशभर में उड़ा और फिर छा गया यूपी-बिहार का 'गर्दा' क्या है पूरा मामला? जानने के लिए पढ़ें स्टोरी।डीडीए हाउसिंग स्कीम: नए साल में दिल्ली में खुद का घर लेने का सपना होगा साकार, आज से करें आवेदन।इन दवाइयों का किया इस्तेमाल। साहिल ने बताया कोई लक्षण न होने के कारण उन्होंने कोई दवाई भी नहीं ली लेकिन उनके कमरे में जिंक, विटामिन सी, पैरासिटामोल कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाईयां रख दी जाती थीं लेकिन उन्होंने इनका इस्तेमाल नहीं किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87cfda4b7ca4739a2ecb6a9c1231e9baeb2b2320 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं पड़ेगी कीटनाशक स्प्रे की जरूरत।फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले शाकाहारी कीटों को मांसाहारी कीट खाते हैं। जिससे बीमारियां नियंत्रित होती है और कीटनाशक स्प्रे की जरूरत नहीं पड़ती। कमलेश ने अपने पति जोगेंद्र मलिक को खेती में कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करने के लिए कहा। लेकिन पहली साल वे नहीं माने। कमलेश के जिद करने पर एक एकड़ फसल में कीटनाशक स्प्रे नहीं किया। उस एकड़ में बाकी खेत की तुलना में ज्यादा फसल हुई। जिसके बाद उसके पति को भी ये बात समझ आ गई और खेत में कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग करना बंद कर दिया। वे फसलों में यूरिया, डीएपी और जिंक का घोल तैयार कर डालते हैं। जिससे पौधे को सीधे ताकत मिलती है और इस घोल को तैयार करने में लागत भी कम रहती है। इस सीजन में भी कपास और धान की फसल की पैदावार बाकी पड़ोसियों से ज्यादा रही। ।कम शिक्षित होने के बावजूद दूसरों को कर रहे जागरूक।कमलेश पांचवीं कक्षा तक पढ़ी हैं और उनके पति जोगेंद्र ने सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। लेकिन इसके बावजूद कमलेश खेती में कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग नहीं करने के लिए बाकी किसानों को भी जागरूक कर रही हैं। निडाना और ललित खेड़ा की 25 से ज्यादा महिलाओं की टीम है, जो दूसरे गांवों में जाकर कीट साक्षरता पाठशाला लगाती हैं और स्कूलों में भी कीटनाशकों के प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताती हैं। ।स्प्रे की टंकी से टूट जाती थी कमर।कमलेश बताती हैं कि पहले फसलों में कीटनाशकों के कई स्प्रे करते थे। उनके पति की स्प्रे टंकी से कमर टूट जाती और वह भी पानी ढो-ढाेहकर थक जाती थी। जब से कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग किया, तो स्प्रे की टंकी से पीछा छूट गया। वहीं फसल की लागत घट गई और उत्पादन बढ़ गया। उनकी खुद की पांच एकड़ जमीन है और तीन एकड़ जमीन ठेके पर लेते हैं। ।फसलों से शरीर में जा रहा जहर।कमलेश ने किसानों ने जहर मुक्त खेती का आह्वान करते हुए कहा कि जो कीटनाशक हम खेती में डालते हैं, वो जहर अनाज के माध्यम से हमारे शरीर में ही जा रहा है। ये जहर कैंसर, हार्ट अटैक, लकवा जैसी बीमारियों का कारण बन रहा है। हमें आने वाली पीढ़ियों का ध्यान रखते हुए अंधाधुंध कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग छोड़ना पड़ेगा। तभी हम भयंकर बीमारियों से बच पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eebb4f10955e80d040049fa39ce86a32fe2cd3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छेड़ी रसायनमुक्‍त खेती की मुहिम।बतानखेड़ी वासी रणबीर ने रसायनमुक्त खेती को लेकर मुहिम छेड़ रखी है। वह कहते हैं कि आज हर व्यक्ति आराम चाहता है मगर मजबूरी में उसे काम करना पड़ता है। किसानों की स्थिति भी यही है। एकल परिवार के साथ बाजारीकरण बढ़ने से अब वे कम समय में ज्यादा उत्पादन पाने की खातिर खेती में रसायनों का प्रचुरता से प्रयोग करते हैं। रणबीर बताते हैं कि जैविक खेती में कम लागत आती है क्योंकि कीटनाशक और उर्वरा पर होने वाला खर्च सीमित रह जाता है। अब बाजार में जैविक कीटनाशक भी आसानी से उपलब्ध हैं। घर पर जैविक खाद, गुड़ जल अमृत, नीम अस्त्र अग्नि शस्त्र और फंगी साइड जैसे उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। ये बहुत कम लागत में फसली बीमारियों से बचाते हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अपने अपने क्षेत्रों में व्यापक जागरुकता विकसित करनी चाहिए। इसके लिए उन्हें कुछ उदाहरण भी दिखाए जा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00cf0ef7f5bb37b94d713e3dd24be4540df2d637 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-नीरज चोपड़ा के एक स्वर्ण पदक ने भारत की भाला फेंक खेल के प्रति सोच बदल दी। आप 23 बार के विश्व चैंपियन हैं। क्या ओलिंपिक में पदक जीतना ही महत्वपूर्ण है?।-ओलिंपिक महत्वपूर्ण है ही। यह चार साल में एक बार आता है लेकिन एशियाई गेम्स भी हैं। मुझे इसकी महत्ता का पता है। 2006 और 2010 में मैंने स्वर्ण पदक जीता है। बहुत अच्छा लगता है जब राष्ट्रीय ध्वज ऊपर जाता है और राष्ट्रगान बजता है। चार साल में एक बार जब ओलिंपिक आता है तब मीडिया कवर करती है और तीन साल तक सब चुप हो जाते हैं। हर खेल को दिखाना चाहिए। हर खेल की उपलब्धि को अलग तरीके से देखा जाता है। अगर आप ओलिंपिक खेलों में नहीं हैं तो आपको सरकार से कम समर्थन मिलता है। इसमें बदलाव की जरूरत है। अगर हमें खेल में आगे बढ़ना है तो सिर्फ ओलिंपिक खेलों को ही तवज्जो नहीं देनी है। सभी खेलों को समर्थन देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59a9494032652959dfbeef79cc23e48fd4c2d2ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63842.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमलावर लुटेरों, दुष्कर्मियों और खूंखार हत्यारों पर गर्व करता है पाक‍िस्‍तान।पाकिस्तान अफगान, उजबेक, तुर्की मूल के हमलावर लुटेरों, दुष्कर्मियों और खूंखार हत्यारों पर न केवल गर्व करता है, बल्कि उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानता है। हालांकि इन सब हमलावरों ने मुख्य़तः उसी रास्ते भारत पर हमला किया, जहां आज पाकिस्तान स्थित है। जाहिर है कि इन आक्रांताओं ने सबसे पहले कत्लेआम और लूटपाट उसी हिस्से में मचाई जहां आज पाकिस्तान है, लेकिन पाकिस्तानी नीति-नियंताओं को इससे कोई मतलब नहीं। वे खुद पर हमला करने, अपने लोगों को गुलाम बनाने, उनका कत्लेआम करने और लूटपाट करने वालों को अपना सगा मानने की विचित्र मानसिकता से इस कदर ग्रस्त हैं कि ऐसे ही हमलावरों के नाम पर अपनी मिसाइलों और अन्य युद्धक सामग्री का नाम रखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f5cf917af2c3dd4ce23fc1c781fa75e0307ea78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63843.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यरुशलम, एजेंसी। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए विश्व भर में प्रयास तेज हो गए हैं। इजरायल ने कोरोना रोधी वैक्सीन की चौथी डोज लगाने का फैसला किया है जो दूसरी बूस्टर डोज होगी। 60 साल से अधिक उम्र के स्वास्थ्यकर्मियों को पहले यह डोज लगाई जाएगी। पूर्ण या आंशिक लाकडाउन के साथ ही सख्त पाबंदियों का दौर भी लौटने लगा है, हालांकि कुछ देशों में सख्त प्रतिबंध लगाने का विरोध भी हो रहा है। ।ज्यादा सदस्य नागरिकों को चौथी डोज लगाने के समर्थन में।इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों के पैनल में शामिल डा. अरनान शहर ने कहा कि ओमिक्रोन संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा में कमी नजर आ रही है। आश्चर्यजनक तरीके से यह वैरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है। पैनल के 80 प्रतिशत से ज्यादा सदस्य नागरिकों को चौथी डोज लगाने के समर्थन में हैं। विश्व भर में वैज्ञानिक बूस्टर डोज लगाने की बात कह रहे हैं। उनके मुताबिक ओमिक्रोन वैरिएंट से बूस्टर डोज बहुत हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है। हालांकि, नए वैरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। ।कई देशों ने लगाया आंशिक लाकडाउन ।ओमिक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए सख्त पाबंदियों लगाने जैसे कदम भी उठाए जाने लगे हैं। नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी और स्काटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लाकडाउन लगा दिया है और आस्टि्रया, बेल्जियम, चेक गणराज्य और स्पेन समेत कई अन्य देश सख्त उपाय लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया में व्यसाइयों ने सख्त पाबंदियों का विरोध किया है। बाइडन का 50 करोड़ मुफ्त जांच का वादा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को 50 करोड़ मुफ्त जांच कराने का वादा किया। साथ ही जो लोग अभी टीका नहीं लगवाएं हैं उनसे जल्द से टीका लगवाने की अपील भी की। सिंगापुर में नए टिकटों की बिक्री बंद सिंगापुर गुरुवार से विमान और बसों के नए टिकट की बिक्री बंद कर रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि लोगों की आवाजाही को सीमित किया जा सके। ।जापान में ओमिक्रोन का पहला संदिग्‍ध मामला ।1- जापान में बुधवार को ओमिक्रोन के सामुदायिक संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है। ओमिक्रोन से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम इस बीच, दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआइसीडी) के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 80 प्रतिशत कम है। जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं उनमें भी गंभीर संक्रमण होने का खतरा 30 प्रतिशत कम है। इसकी वजह आबादी के बड़े हिस्से में पहले से ही प्रतिरक्षा की मौजूदगी हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4b1c6002d4721babe067b21ce4c7a12fb151273 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सऊदी में महिला सशक्‍तीकरण की ओर बढ़ा कदम।1- बता दें कि सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कुछ महीने पहले साफ कर दिया था कि देश में महिला सशक्‍तीकरण की दिशा में तेजी लाई जाएगी। इसके बाद उन्हें ड्राइविंग की मंजूरी दी गई। सार्वजनिक स्थानों पर अबाया पहनने के सख्त नियम को शिथिल किया गया था। अविवाहित जोड़ों को होटल में एक साथ रुकने की इजाजत दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b792bce1e760545fa55a8ac6d0d965eebe2b879e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कभी की थी दो रुपये रोज पर जूतों की पैकिंग।शू डिजाइनर देवकीनंदन सोन को कभी दो रुपये रोज पर जूतों की पैकिंग का काम करना पड़ा था। सोन जब नवीं कक्षा में पढ़ रहे थे, तब उनके पिता बाबू रामस्वरूप सोन को जूता कारखाना में निरंतर घाटा हुआ। हिम्मत हारकर उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई बंद कराने को मजबूर होना पड़ा। इसके बाद सोन को दो रुपये रोज पर जूते की पैकिंग का काम करना पड़ा। एक दिन अखबार में उन्होंने सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग सेंटर के एक विज्ञापन को देखा। उसमें शू डिजाइनिंग की ट्रेनिंग लेने पर 75 रुपये महीना प्रोत्साहन राशि के रूप में ट्रेनी को मिलने थे। यह बात अक्टूबर, 1971 की थी। इससे सोन के पिता को उनके उज्जवल भविष्य की आस नजर आने लगी थी। अक्टूबर, 1972 में एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरा होने के बाद देवकीनंदन सोन ने 10 वर्ष तक शू एक्सपोर्ट फैक्ट्रियों में शू डिजाइनिंग का काम कर नाम कमाया। 1983 में उन्होंने अपनी कंपनी शू कॉन शुरू की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c12ec8eea4ec9595c6c030c8ba2834560deab46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63847.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमन सेमवाल, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप हमारी रक्षा अनुसंधान और निर्माण इकाइयां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इस दिशा में देहरादून स्थित इंडिया आप्टेल लि. (आइओएल) पूर्व नाम आर्डनेंस फैक्ट्री ने टी-90 टैंक की कमांडर साइट का विकास किया है। यह साइट पूर्व में रूस की मदद से तैयार की जा रही साइट से न सिर्फ अलग है, बल्कि अचूक क्षमता से भी लैस है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के तहत हाल ही में आयोजित प्रदर्शनी में इस साइट का प्रदर्शन भी किया गया। + +आत्मनिर्भर भारत के तहत विकसित की गई साइट में चूक की गुंजाइश नहीं है। वर्तमान की कमांडर साइट को पेलिकन डी-4 थर्मल डिटेक्टर प्रणाली से लैस किया गया है। इसमें निगरानी के लिए किसी तरह की रोशनी की जरूरत नहीं पड़ती। थर्मल डिटेक्टर दुश्मन के शरीर की गर्मी या उनके वाहनों के इंजन की गर्मी को पकड़कर हूबहू आकृति दर्शाता है, जिससे पता लग जाता है कि सीमा पर दुश्मन कहां छिपे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86d061107692c915aedd309e045bfdfa6783ce73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी में लोग इस साल कोरोना, म्यूकोरमाइकोसिस व डेंगू जैसी घातक बीमारियों से जूझते रहे। साल की शुरुआत में वैश्विक महामारी कोरोना से थोड़ी राहत थी लेकिन अप्रैल व मई में कोरोना के डेल्टा वायरस के कहर ने हर घर में लोगों के आंखों में आंसू ला दिया। आठ लाख से अधिक लोग बीमार हुए। जिसमें से 14,465 लोग असमय मौत के शिकार हुए। कोरोना के बढ़ते मरीजों के सामने स्वास्थ्य सुविधाओं ने घुटने टेक दिए थे। इस दौरान अस्पतालों में बेड व आक्सीजन की कमी से लाचार मरीज और तीमारदार मदद के लिए गुहार लगाते रहे। शायद ही ऐसा कोई परिवार हो जो किसी अपने परिजन, दोस्त, रिश्तेदार या परिचित के लिए इस स्थिति का सामना न किया हो। ।कोरोना की इस दूसरी लहर से थोड़ी राहत मिली तो फंगस संक्रमण व डेंगू के डंक ने लोगों को परेशान किया। इस बीच 18 साल से अधिक उम्र के 70 फीसद आबादी को टीके की संजीवनी मिलने के बाद लोग कोरोना के खौफ से निकल ही रहे थे कि इस साल का अंत ओमिक्रोन के दहशत के साथ हो रहा है। स्थिति यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल कोरोना से दिल्ली में 37.29 फीसद मौतें अधिक हुईं। मार्च में कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए थे और 20 अप्रैल को संक्रमण दर चरम पर थी। मई के मध्य तक इसका असर बरकरार रहा। इस दौरान अस्पतालों में आक्सीजन की कमी के कारण अफरातफरी का माहौल रहा। बत्रा व जयपुर गोल्डन अस्पताल में आक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत होने की बातें भी कही गईं। इस पर सियासत भी बहुत हुई। ।अस्पतालों में आक्सीजन की कमी का एक कारण यह भी सामने आया कि अस्पतालों में इसके पर्याप्त भंडारण की सुविधा नहीं थी। आक्सीजन के लिए दिल्ली दूसरे राज्यों पर निर्भर रही है। इसके अलावा कोई खास वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। दूसरी लहर का कहर झेलने के बाद दिल्ली के अस्पतालों को आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कारगर कदम उठाए गए।हाल ही में दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि अब यहां 790 मीट्रिक टन मेडिकल आक्सीजन भंडारण की क्षमता है। इसके अलावा 442 मीट्रिक टन का बफर रिजर्व भी स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त अस्पतालों में कुल करीब 121 मीट्रिक टन क्षमता के आक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। 30 हजार आक्सीजन बेड की व्यवस्था कर ली गई है, जिसमें 10,000 आइसीयू बेड शामिल हैं। इसके अलावा 6800 आइसीयू बेड अगले साल फरवरी तक तैयार हो जाएंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए दिल्ली सरकार छह नए अस्पताल बनवा रही है। ।दवाओं की कमी ।कोरोना के बाद फंगस संक्रमण के मामले भी बहुत देखे गए। दिल्ली में पांच अगस्त तक म्यूकोरमाइकोसिस के 1,858 मामले आए थे। कोरोना व म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज में दवाओं की कमी भी आड़े आई। इस वजह से दवाओं की कालाबाजारी की घटनाएं सामने आईं। \Bबर्ड फ्लू का पहला मामला आया सामने\Bजुलाई माह में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया, जो देश में बर्ड फ्लू का पहला मामला था। एम्स में 11 वर्षीय बच्चे को बर्ड फ्लू से संक्रमित पाया गया था, जो गुरुग्राम का रहने वाला था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। ।डेंगू से 17 मौतें ।पिछले छह साल के मुकाबले इस साल डेंगू का संक्रमण अधिक रहा। इस वजह से डेंगू के अब तक 9414 मामले आ चुके हैं। जिसमें से 17 मरीजों की मौत हो चुकी है।\Bकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का औचक निरीक्षण रहा सुर्खियों में\Bकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल व एम्स में इलाज की सुविधाओं का मरीज बनकर औचक निरीक्षण किया। उन्होंने खुद बताया था कि औचक निरीक्षण के दौरान सफदरजंग अस्पताल में गार्ड ने उन्हें डंडा मारा। गार्ड अस्पतालों में मरीजों से अच्छा बरताव नहीं करते। यह मामला सुर्खियों में रहा। ।कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य ।18 जनवरी 2021: एम्स के ट्रामा सेंटर में 100 बेड के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक का शुभारंभ हुआ। यह सफदरजंग अस्पताल के बर्न सेंटर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बर्न सेंटर है। इसमें 30 आइसीयू बेड व 10 प्राइवेट वार्ड के बेड होंगे। कोरोना के कारण इसमें अब तक बर्न के इलाज की सुविधाएं शुरू नहीं हो पाईं। ।19 जुलाई- एम्स में नवनिर्मित मातृ व शिशु ब्लाक का आंशिक रूप से शुभारंभ। इसमें 427 बेड की सुविधा व 12 आपरेशन थियेटर हैं। इस माह एम्स में सर्जरी ब्लाक में आंशिक रूप से ओपीडी का शुभारंभ। ।25 सितंबर- एम्स के मुख्य अस्पताल में अत्याधुनिक आटोमेटेट ड्राई कमेस्ट्री लैब का शुभारंभ हुआ, जिसकी क्षमता प्रतिदिन 50 हजार सैंपल जांच करने की है। ।जांच में वेटिंग खत्म ।एम्स में ब्लड व पैथोलाजी जांच, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड जांच का समय बढ़ा दिया गया है। इसलिए विभिन्न ब्लड जांच, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड जांच में वे¨टग खत्म हो गई है। ।अस्पतालों में रविवार की ओपीडी ।केंद्र सरकार के सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पतालों रविवार की ओपीडी शुरू हुई। एम्स में भी दिल की सर्जरी करा चुके मरीजों के फालोअप जांच के लिए रविवार को विशेष क्लीनिक शुरू किया गया। सफदरजंग अस्पताल में 44 बेड का मेक शिफ्ट वार्ड शुरू किया गया।\Bद्वारका में शुरू हुआ अस्पताल ।आठ मई 2021।दिल्ली सरकार ने द्वारका में कोरोना के इलाज के लिए 250 बेड की क्षमता के साथ नए अस्पताल का शुभारंभ किया। अभी यहां पर 618 बेड कोरोना के लिए आरक्षित है। फिलहाल यहां मेडिसीन, सर्जरी, ईएनटी (कान, नाक व गला), आर्थोपेडिक व त्वचा रोग विभाग की ओपीडी शुरू कर दी गई है। ।हड़ताल ने मरीजों को किया परेशान ।पीजी-नीट की काउंसलिंग जल्द कराने की मांग को लेकर रेजिडेंट डाक्टरों ने 27 नवंबर से नौ दिसंबर तक सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में हड़ताल की। इसके बाद एक सप्ताह हड़ताल स्थगित रखने के बाद 17 दिसंबर से दोबारा हड़ताल शुरू हो गई। इससे मरीज परेशान रहे। ।कफ सीरप के दुष्प्रभाव से तीन बच्चों की मौत ।कलावती सरन अस्पताल में कफ सीरफ के दुष्प्रभाव से तीन बच्चों की मौत हो गई। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के एक आदेश के अनुसार मोहल्ला क्लीनिक में कफ सीरप देने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी। ।सामान खरीद में घपला ।एम्स के आरपी सेंटर में सामानों की खरीद में करीब 14 करोड़ का घपला। सामान खरीदे बगैर बिल भुगतान करा लिया गया। दिल्ली में इस साल वर्ष 2021 में अब तक सामने आए कोरोना के मामले ।मामले- 8,16,919 ।मौतें- 14,465 ।एक दिन में सर्वाधिक मामले 20 अप्रैल- 28,395 ।संक्रमण दर- 32.82 फीसद वर्ष ।2020 आए कोरोना के मामले- 6,25,369 ।मौतें- 10,536 ।टीकारकण टीकाकरण शुरू- 16 जनवरी ।टीकारकण के हकदार 18 साल से अधिक उम्र के लोग ।- करीब एक करोड़ 48 लाख ।कुल डोज टीकाकरण- 2,51,11,439 ।पहली डोज- 1,47,54,278 ।दूसरी डोज- 1,03,57,161।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ee4487e3a849e05f50a413d8bbf90fd82129a3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63854.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्य के मामलों पर यदि राजनीति होगी तो सबको नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ानी होंगी। वर्ष 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर ही सबको सतर्क हो जाना था। क्योंकि यह एक नया वायरस था, जो फेफड़े को प्रभावित कर रहा था। पहली लहर से सबक लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, अस्पतालों में आक्सीजन व आक्सीजन बेड बढ़ाने पर जोर नहीं दिया गया। सब यह सोचने लगे थे कि कोरोना खत्म हो गया। राजनीतिक दलों में कोरोना को नियंत्रित करने का श्रेय लेने की होड़ मच गई थी। अस्पतालों में जब बेड व आक्सीजन की कमी से लोग मरने लगे और हालत बिगड़े तो कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था। ।आक्सीजन की कमी होने पर राजनीतिक दल आक्सीजन सिलेंडर बांटने व आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी शुरू होने से व्यवस्था बिगड़ गई थी।दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई पहल हुई थी लेकिन धरातल पर कुछ खास नहीं था। अस्पतालों में डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मियों की भी कमी है। ।इस वजह से अस्पतालों में बड़ी संख्या में अनुबंध व ठेके पर स्वास्थ्य कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। कोरोना से पहले दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक पर अधिक ध्यान दिया गया। अस्पतालों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। जबकि कोरोना जैसी बीमारी का इलाज बड़े अस्पतालों में ही संभव है। दिल्ली में भी दिल, न्यूरो व कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में सीमित है। इसलिए सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं विकसित करने से निजी अस्पतालों पर निर्भरता दूर होगी और अधिक से अधिक मरीजों को फायदा हो सकेगा। ।पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल काउंसिल।अभी कई नए अस्पताल बनाए जा रहे हैं। अस्पताल सिर्फ भवन से नहीं चलते। अस्पताल चलाने के लिए डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति भी जरूरी है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में भीड़ की समस्या दूर करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने होंगे। ।डा. अनिल बंसल, पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल काउंसिल ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3379046fc65c44ee623e7d0ab5ef4c0d7b9ff5a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63855.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए नगर निगम व्यवस्थाएं बनाने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही शहर के प्रमुख बाजारों में खंभे और लाइनों को लेकर लेकर भी ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है। लाइनों को अंडर ग्राउंड करने के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसमें बिजली विभाग को चार किस्तों में पैसा मिलेगा। एक किस्त 10 करोड़ रुपये की मिलेगी। + +स्मार्ट सिटी के तहत शहर में तार और खंभे हटाने के लिए प्लान तैयार किया गया है। इसमें शहर के प्रमुख स्थानों को शामिल किया गया है। प्रथम चरण में 40 करोड़ का प्रस्ताव तैयार हुआ है। इसमें नगर निगम की ओर से बिजली विभाग को चार किस्तों में पैसा मिलेगा। एक किस्त के तहत 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बिजली अधिकारियों ने भी स्मार्ट सिटी के तहत तैयार हुए प्रस्ताव को लेकर टीमों का गठन करना शुरू कर दिया है। पहली किस्त आने के फौरन बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। दो से तीन दिन में पहली किस्त का पैसा आने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f77b9d53c587004559b773175afafc27f5b3be6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्य विभाग की टीम यात्रियों के नमूने लेने का प्रयास कर रहीं हैं। मुख्य द्वार पर ही टेबल बिछा दी गई है। जिससे यात्री बिना नमूना कराए नहीं जा सकें। इसमें पुलिस का सहयोग मिल जाए तो रेलवे स्टेशन और रोडवेज पर नमूनों की संख्या बढ़ जाएगी। कई बार तो जांच के समय यात्री ही गलत नंबर लिखवाकर चले जाते हैं। प्रशासन द्वारा संपर्क किए जाने पर नंबर बंद जाता है। अरबन हेल्थ कोआर्डिनेटर प्रमोद कुमार ने बताया कि टीमों को सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से नमूने कम हो पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66dd822d71a9515b2ac00a9969fce7c014ea8599 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस विधेयक के अनुसार अब किसी भी नए मतदाता को 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए साल पूरा होने का इंतजार नहीं करना होगा। युवाओं को मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए साल में चार मौके मिलेंगे। अभी तक उन्हें साल में सिर्फ एक मौका मिलता था, क्योंकि उनकी उम्र की गणना एक जनवरी से की जाती थी। यानी कोई 18 साल की उम्र पूरी भी कर लेता था तो उसे अगले साल एक जनवरी तक का इंतजार करना होता था। इस विधेयक के जरिये अब उनकी उम्र की गणना जनवरी के साथ एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर से भी होगी। लिहाजा जैसे ही वे 18 साल की उम्र पूरी करेंगे, उन्हें तुरंत ही मतदाता बनने का अधिकार मिल जाएगा। इसके जरिये वर्षो से कायम एक लिंगभेदी व्यवस्था भी खत्म की गई है। अभी सेना या अन्य सरकारी नौकरी करने वाले पुरुष कर्मचारियों के साथ उनकी पत्नी को तो सर्विस वोटर के रूप में जगह दी जाती है, लेकिन यदि कोई महिला कर्मचारी है तो पति को उसके साथ शामिल नहीं किया जाता था। अब उसकी जगह पर जीवनसाथी शब्द जोड़ दिया गया है। यानी अब पत्नी के साथ पति का नाम भी जुड़ सकेगा। इससे बराबरी का हक मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63861.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..289edde2d724cfee10d6034b04943240621ee3e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63861.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले से अधिक सीट जीतने के आपके दावे का क्या आधार है?। -मैंने पहले भी कहा, योगी सरकार ने प्रदेश में तुष्टीकरण की राजनीति को समाप्त किया है। पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में रंगदारी उद्योग चलता था। सरकारों का खुला संरक्षण उन्हें मिलता था। भाजपा सरकार ने अपराधियों की कमर तोड़कर उन्हें जेल में डाला। उद्योगों के लिए बेहतर वातावरण दिया। इससे लाखों को रोजगार मिला। भारतीय संस्कृति और धरोहरों को बचाने का काम भी भाजपा सरकार ने किया है। अयोध्या में भगवान राम व वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया। हमारा अगला कदम मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण व ब्रजघाट और गढ़ को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। यहीं भाजपा की जीत का आधार बनेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63862.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8545894b67c597c770ddccd437c3998f2f74ceb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान कृषि विज्ञानी डा. जेपीएस डबास कहते हैं कि बारिश का नहीं होना या अत्यधिक कम होना फसलों की सेहत के लिए कतई अच्छा नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर फसलों की सिंचाई का बेहतर प्रबंध नहीं है। ऐसे में वहां जौ व सरसों जैसी ऐसी फसलें उगाई जाती हैं जो कम पानी में भी उग जाएं। इन फसलों और क्षेत्रों के लिए बारिश किसी वरदान से कम नहीं होती। लेकिन इस बार नवंबर-दिसंबर में बारिश हो ही नहीं रही है। उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में भूजल गुणवत्ता अच्छी नहीं होती, वहां भी बारिश का पानी फसलों के लिए लाभप्रद होता है। जबकि इस बार मौसम की मेहरबानी फसलों पर हो ही नहीं रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecd0542a989b7244431db28a1c9d33597ae1befb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63866.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने चुनावी माहौल में उद्यमियों की समस्याओं को राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कराने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत आइआइए मुरादाबाद चैप्टर के पदाधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पत्र भेजकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की समस्याओं के निस्तारण को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किए जाने की मांग रखी है। + +आइआइए कार्यालय पर हुई बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग ऐसा क्षेत्र है, जो सर्वाधिक रोजगार देता है। इसके बावजूद सरकारें इस क्षेत्र की अनदेखी करती आ रही है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में कुछ राजनीतिक दलों ने इनके प्रति सजगता दिखाते हुए बढ़ावा देने के लिए कार्य किए हैं। लेकिन, वह एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए काफी नहीं है। इसलिए आइआइए प्रयास कर रही है कि सभी राजनीतिक दल एमएसएमई को अपने घोषणा पत्र में शामिल करें। सरकार बनने इस क्षेत्र के विकास के लिए कार्य किए जाएं। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस दौरान मुरादाबाद चैप्टर के अध्यक्ष मनप्रीत सिंह बेदी, सुरेश गुप्ता, संजय गुप्ता आदि मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b2809893baa9c979647c3202b2fc29df4e5844c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63867.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में गेहूं की बोआई और पहली सिंचाई हो चुकी है। यहां गेहूं की फसलों के लिए घटता तापमान वरदान साबित होगा। कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर रमेश कुमार सिंह का कहना है कि गेहूं के लिए 12 से 22 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श होता है। इससे गेहूं और चने जैसी अन्य फसलों को बहुत फायदा मिलेगा। लेकिन पूर्वी राज्यों में धान की कटाई बहुत देर से हुई है, जिससे वहां रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की पिछैती बोआई में विलंब हुआ है। यहां के तकरीबन 40 प्रतिशत क्षेत्रों में बोआई अभी जारी है। इस बीच तापमान घटने और मिट्टी में ठंडक होने से बीजों के अंकुरण में काफी दिक्कत होगी। इस कारण गेहूं की उत्पादकता घट सकती है। + +अरहर और सरसों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है कोहरा।उत्तरी क्षेत्र में होने वाली प्रमुख तिलहनी फसल सरसों की खेती पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। सरसों अनुसंधान संस्थान के निदेशक डाक्टर पीके राय का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान में कई दिनों से जबर्दस्त पाला पड़ रहा है। जिन फसलों में प्राथमिक तौर पर दाने आने वाले हैं, उनके लिए यह घातक और नुकसानदेह होगा, जबकि पूर्वी राजस्थान में फसलों में फूल आए हैं, जिन्हें अभी खतरा नहीं है। लेकिन ठंड का यही आलम रहा तो खतरा हो सकता है। इस बाबत किसानों को तत्काल सिंचाई करने का सुझाव दिया गया है। सरसों की खेती के लिहाज से राजस्थान देश का पहले नंबर का राज्य है, जहां कुल सरसों की 40 प्रतिशत खेती होती है। कुछ क्षेत्रों में सुबह पड़ रहा कोहरा फूल लगी अरहर और सरसों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7297b513100cc7743c391d84badf616c8ca8d0e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63868.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अमित दीक्षित। पहाड़ी क्षेत्र हो या फिर रतीली जमीन। भारतीय जवानों को युद्ध के दौरान सैन्य उपकरण पहुंचाने में दिक्कत नहीं होगी। हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) ने देश का पहला मानव रहित स्वदेशी पैराशूट विकसित किया है। यह कंट्रोल्ड एरियल डिलीवरी सिस्टम-500 (सीएडीएस) है। शनिवार को एएन-32 विमान से पांच हजार मीटर की ऊंचाई से इस सिस्टम का मलपुरा ड्रापिंग जोन में सफल ट्रायल किया गया। एडीआरडीई वैज्ञानिकों का दावा है कि दुनिया में अमेरिका के पास ही यह सिस्टम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf1289a891bd2c47e2945ecbf649c34dba3fa53c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले का सपना अब उन छात्रों का भी पूरा हो सकेगा, जो 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अंकों की दौड़ में किसी वजह से पिछड़ गए हैं। यही नहीं डीयू अब छात्रों को किस्मत आजमाने का भी दो बार मौका देगा। दरअसल, डीयू ने जेईई की तर्ज पर देशभर में दो बार प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसमें वे छात्र भी बैठ सकेंगे, जिनके बोर्ड परीक्षा में 50 फीसद अंक होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c13990446159bd7592e088e2c7b4bd620146770 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6387.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड सिंगर यो यो हनी सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी शालिनी तलवार ने उनपर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। शालिनी ने ‘घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005’ के तहत हनी सिंह के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी अदालत में केस दर्ज कराया था। इस केस की सुनवाई चल रही है पर हनी सिंह लगातार दूसरी बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। + +3 सितंबर को है पेशी।हनी सिंह ने कोर्ट से पेश ना होने की छूट मांगी है। रैपर के वकील का कहना है कि उनके क्लाइंट की तबीयत ठीक नहीं है जिसके चलते वो सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो पाएंगे। दूसरी बार भी आदेश की अवहेलना करने पर कोर्ट ने हनी सिंह को फटकार लगाई गई है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तानिया सिंह ने कहा, 'कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यह देखकर हैरान हूं कि इस मामले को इतने हल्के में कैसे लिया जा रहा है।' दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 3 सितंबर साढ़े 12.30  बजे हनी सिंह को पेश होने का आदेश दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a4336197245b4df8a5c48fb4dee19ae31dc971f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63870.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +शिमला, अनिल ठाकुर। Christmas And New Year Celebration in Shimla, क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए राजधानी शिमला तैयार है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने शहर को 5 सेक्टर में बांट दिया है। एएसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारियों को जिम्मा सौंप दिया है। मंगलवार से 100 के करीब अतिरिक्त जवानों को यातायात व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किया गया है। एसपी शिमला की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। यातायात पुलिस पर्यटकों के लिए गाइड का काम भी करेगी। पुलिस इसके लिए क्रासिंग के पास हेल्प डेस्क बनाएगी। पुलिस के जवान पर्यटकों को गाइड करेंगे कि वे होटल तक कैसे पहुंचे और गाड़ी कहां पर खड़ी करें। + +शिमला शहर में पर्यटकों के लिए पांच हजार वाहन खड़े करने की क्षमता है। क्रिसमस और 31 दिसंबर पर नए साल का जश्न मनाने के लिए काफी पर्यटक शिमला पहुंचते हैं। ऐसे में अतिरिक्त वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था की जा रही है। सड़क के किनारे अस्थायी पार्किंग बनाई जाएगी। होटल संचालकों से भी बात की जा रही है कि वे पर्यटकों को गाइड करें। पुलिस के जवान टूटीकंडी में ही गाड़ियों की पार्किग के बारे में जानकारी देंगे। पर्यटकों को बताया जाएगा कि वाहन कहां पर खड़े कर सकते हैं। जब शहर की सभी पार्किग फुल हो जाएंगी तो सड़क के किनारे बनाई गई अस्थायी पार्किंग में गाड़ियों को खड़ा किया जाएगा। + +अस्थायी पार्किंग बनाने के लिए लिखा है पत्र : डीएसपी।डीएसपी ट्रैफिक अजय भारद्वाज का कहना है क्रिसमस और न्यू ईयर के जश्न के लिए शिमला शहर में अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए प्रशासन को पत्र भेजा है। पिछले एक सप्ताह से शिमला में रोजाना 5 से 6 हजार गाड़ियां पहुंच रही है। इससे ट्रैफिक का भार बढ़ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f670294b3c151d2eb658bf6bdaa8a0c09917f84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63871.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इंद्री(करनाल), संवाद सहयोगी। अपनी काबिलयत के दम पर आज बेटियां आसमान छू रही हैं। अपनी प्रतिभा का जमकर लोहा मनवा रही हैं। हरियाणा के करनाल से कल्‍पना चावला के बाद एक और बेटी ने उड़ान भरी है। इंद्री निवासी सुरभि का चयन भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में हुआ है। इस उपलब्धि पर उसके घर में जश्र का माहौल है। सुरभि ने अपनी मेहनत, लगन, माता पिता आदि के आशीर्वाद से सफलता हासिल की है। सुरभि के चयन के बाद उसके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। माता पिता भी अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे है। इसरो में चयन होने की खुशी में शहरवासियों, रिश्तेदारों ने फूलमालाएं ड़ालकर व बुके देकर उसका स्वागत किया। + +इलेक्ट्रानिक्स व कम्यूनिकेशन में की बीटेक।सुरभि ने बताया कि उसने वाईएससी यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रानिक्स व कम्यूनिकेशन में बीटेक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद गेट परीक्षा की तैयारी करती रही और कुछ समय बाद उसने टीसीएस कंपनी में नौकरी कर ली। फिर उसका चयन बीएसएनएल में जेई के पद पर हो गया लेकिन उनके मन में कुछ और बड़ा करने की तमन्ना थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1ba56ab061a5b96763b258eb98989f3c059f1ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहरों की तर्ज पर बनेंगे स्‍मार्ट गांव।जिले में कुल 867 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी पंचायतों में विकास कार्यों के लिए राज्य व केंद्र सरकार अलग-अलग बजट जारी करती है। इसी बजट सड़क, नाली, खड़ंजा समेत अन्य विकास कार्य कराए जाते हैं। पिछले दिनों शासन से हर जिले में माडल गांव बनाने के आदेश दिए थे। जिले में इसके तहत कुल 36 ग्राम पंचायतों का चयन हुआ था। अब इस आदेश को लागू हुए करीब छह महीने का समय बीत चुका है। ऐसे में अधिकांश विकास कार्य भी हो गए हैं। अब सरकार की तरफ से शहरों की तर्ज पर स्मार्ट गांव बनाने के भी निर्देश मिले हैं। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन से विशेष बजट भी जारी हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b5d32343b1f11bc3ccf3328f247ac0058f5e16e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह मौसमी के छिलके से संश्लेषित नया पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद है। यह अन्य पारंपरिक तरीकों की तुलना में अपशिष्ट जल से हेक्सावलेंट क्रोमियम को हटाने के लिए बहुत प्रभावी है और जलीय घोल से हेक्सावलेंट क्रोमियम में कम समय लेता है। धातु हटाने की प्रक्रिया के बाद यह सोखना आसानी से जलीय माध्यम से अलग हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक अपशिष्ट जल में इसकी हेक्सावलेंट क्रोमियम हटाने की क्षमता का परीक्षण किया है और संतोषजनक परिणाम पाए हैं। इस एड्सोर्बेंट की भारी धातु हटाने की दक्षता का परीक्षण अन्य भारी धातु आयनों जैसे लेड और कैडमियम के लिए भी किया गया था और इस एड्सोर्बेंट की भारी धातु हटाने की अच्छी दक्षता पाई गई। डॉ. विशाल मिश्रा स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग ने इस शोध को अंतरराष्ट्रीय जर्नल "सेपरेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी" में प्रकाशित कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c69b89ef59c01f7c8b404bf22342f59db31ac3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]। उत्‍तर प्रदेश अधीनस्‍थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की ओर आग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी (एएनएम) के 9212 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के बाद अब मुख्‍य परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आनलाइन आवेदन मांगा गया है। इस सीधी भर्ती में प्रारंभिक परीक्षा क्‍वालिफाई कर चुकी महिला अभ्‍यर्थी 5 जनवरी, 2022 तक आनलाइन आवेदन कर सकती हैं। मुख्‍य परीक्षा के रूप में इस आखिरी चरण को अच्‍छे स्‍कोर के साथ कैसे क्लियर करें, आइये जानें इस बारे में स्‍मार्ट तैयारी के लिए आगे की स्‍ट्रेटेजी…।भर्ती के लिए दो चरणों की परीक्षा।एएनएम पदों पर भर्ती के लिए दो चरणों की परीक्षा (प्रारंभिक एवं मुख्‍य परीक्षा )होती है। नये नियम के अनुसार, इस पद पर चयन के लिए अब कोई इंटरव्‍यू नहीं होता है। यूपीएसएसएससी का एएनएम पदों के लिए वर्तमान नोटिफिकेशन मुख्‍य परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए है। ऐसे में इस परीक्षा में वही महिला अभ्‍यर्थी शामिल हो सकती हैं, जो पूर्व में आयोजित प्रारंभिक अर्हता परीक्षा क्‍वालीफाई कर चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63885.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a672dc6dd57d84344b2e2c3c42f0f85c6c1ec6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63885.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ेंः मेट्रो के नए रूट से फरीदाबाद-गुरुग्राम के बीच सीधे कर सकेंगे सफर, दिल्ली के यात्रियों को भी होगा फायदा।मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से एक डिग्री कम 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह इस सीजन का ही नहीं बल्कि 2011 से लेकर अभी तक 20 दिसबर की तारीख का सबसे कम न्यूनतम तापमान है। लोधी रोड पर यह 3.1 जबकि जाफरपुर में सबसे कम 2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सोमवार को हवा में नमी का स्तर 34 से 97 प्रतिशत रहा। यह बात अलग है कि खिली धूप में सोमवार को दिन के समय दिल्ली वासियों को ठंड से थोड़ी राहत मिल गई। सुबह-शाम ठिठुरन का दौर बरकरार रहा। ।यह भी पढ़ेंः मुगल बादशाह की पौत्र वधू ने लाल किले का मांगा मालिकाना हक, हाई कोर्ट ने पूछा- 150 साल तक कहां थी?।2011 से लेकर 2021 के दौरान 20 दिसंबर का न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)।दिल्ली की सड़कों पर भारी पड़ेगी लोगों को ये चालाकी, भरना होगा 5000 फाइन; डीएल भी हो सकता है जब्त।दिल्ली-वेस्ट यूपी के बीच सफर होगा महंगा, 25 दिसंबर से डीएमई पर लगेगा टोल टैक्स।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41f7961cacc217cc5b0603f8681800bb8c986001 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनीतिक दृष्टिकोण से यह वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि देश ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखा। वैसे तो विधानसभा चुनाव बंगाल के साथ केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में भी हुए, लेकिन सबसे अधिक सुर्खियां बंगाल चुनाव ने बटोरी। ऐसा चुनावी महासंग्राम शायद ही आने वाले समय में किसी और राज्य में देखने या सुनने को मिले। चुनाव बाद ऐसी हिंसा हुई कि कलकत्ता हाई कोर्ट को सीबीआइ और विशेष जांच टीम (एसआइटी) जांच के आदेश देने पड़े। इसके बावजूद तृणमूल के लिए 2021 की चुनावी जीत सुनहरे अक्षरों से लिखने वाली रही। ऐसा इसलिए क्योंकि बंगाल के चुनावी इतिहास में पहली बार सीधा मुकाबला भाजपा से था। वह भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाली भाजपा से। चुनावी माहौल भी एकदम ऐसा बन गया था कि बंगाल में भाजपा इस बार जरूर सरकार बना लेगी। परंतु जो नतीजे आए, उसने ममता के कद को काफी बढ़ा दिया। यही वजह है कि ममता अपनी 2021 की जीत से 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गई हैं। साथ ही वह प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने वाली विपक्ष की सबसे बड़ी नेता के तौर पर भी स्थापित होने की कोशिश में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d203d1f9b7be753986f0f3c403f5197ab841aa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63889.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पीयूष द्विवेदी। किसी भी देश की प्रगति के आधारभूत कारकों में शिक्षा एक प्रमुख कारक है। शिक्षा के मामले में बड़ी लकीर खींच कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त ली जा सकती है, लेकिन यह काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके पाठ्यक्रम की दशा और दिशा उचित हो। इस संदर्भ में भारत की बात करें तो हाल ही में शिक्षा मंत्रलय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने संसद में अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कुछ सुझाव दिए हैं। समिति ने सीबीएसई, आइसीएसई तथा विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्डो के विद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने का सुझाव दिया है। + +देश में एक समान पाठ्यक्रम की बहस नई नहीं है। पहले भी कई स्तरों पर यह विषय उठता रहा है और इस पर चर्चा होती रही है। बीते वर्ष अश्विनी उपाध्याय द्वारा छह से 14 साल की आयु के सभी बच्चों के लिए समान पाठ्यक्रम वाली एक समान शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में विभिन्न शिक्षा बोर्डो का विलय करके देश में ‘एक राष्ट्र एक शिक्षा बोर्ड’ स्थापित करने की संभावना तलाश करने का केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। हालांकि तब न्यायालय ने इस याचिका पर विचार करने से इन्कार करते हुए कहा था, ‘आप न्यायालय से कैसे अनुरोध कर सकते हैं कि वह एक बोर्ड का दूसरे में विलय कर दे। ये न्यायालय के काम नहीं हैं।’ चूंकि यह एक नीतिगत विषय है, अत: न्यायालय का इसमें हस्तक्षेप नहीं करना उचित ही था, लेकिन अब जब संसदीय समिति ने समान पाठ्यक्रम का सुझाव सदन में रखा है, तो देश के नीति-निर्माताओंको इस पर ध्यान देना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2926a17fdef0534c40cca1c1cb33d32cf75b9114 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63891.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अपनी पुस्तक ‘व्हाइ आइ एम ए हिंदू के माध्यम से वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंदू धर्म और हिंदुत्व में विभेद पैदा करने वाली राजनीति की शुरुआत की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी नई पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ के ‘द सैफ्रन स्काई’ अध्याय में हिंदुत्व की तुलना कुख्यात आतंकवादी संगठन आइएसआइएस और बोको हराम से की है। खुर्शीद ने लिखा है कि हिंदुत्व का मौजूदा स्वरूप उसे साधु-संतों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म से अलग कर रहा है। स्पष्ट है कि खुर्शीद हिंदुत्व को छेनी की तरह प्रयोग कर हिंदू धर्म में ही दरार डालने की कोशिश कर रहे थे और इस धूर्तता के पकड़े जाने पर आएं-बाएं करने लगे। खुर्शीद की इस बात के एक दिन बाद राहुल गांधी ने भी तब हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर बताते हुए बयान दिया था। उन्होंने भी कहा था कि हिंदू और हिंदुत्व में फर्क है, यदि फर्क नहीं होता तो दूसरे नाम की आवश्यकता नहीं होती। + +हिंदू-हिंदुत्व में विभाजन की मंशा : अब जब इस मुद्दे के राजनीतिक सूत्रधार खुलकर ताल ठोक रहे हैं तो उनकी मंशा क्या है, यानी कांग्रेस हिंदू धर्म और हिंदुत्व के बीच विभाजन की हिमायती क्यों है, इसे भी हमें जानना चाहिए। वस्तुत: अंग्रेजों की नीति थी- बांटो और राज करे। स्वतंत्रता के बाद भी कांग्रेस एक परिवार के राज को पोसते हुए औपनिवेशिक दास मानसिकता की पालकी ढोती रही है, बांटो और राज करो का वही सोच, राजनीति और समाज में अमल में लाती रही है। हिंदू समाज में फांक पैदा करना, आस्थाओं पर आघात करना, यह सब आक्रांताओं के आजमाए हुए पैंतरे हैं जिनका प्रयोग कांग्रेस का एक वर्ग भारतीय समाज पर अब भी कर रहा है। कांग्रेस को समझना चाहिए कि इस सबने इस देश से उसका आधार बुरी तरह से उखाड़ दिया है। राहुल बोलते हैं तो जनता उससे सौ गुनी प्रतिक्रिया देती है। दल में पलती हिंदू फोबिया की सड़ांध और परिवारवाद के दलदल का इलाज कांग्रेस के लिए जरूरी है। इस मंथन के वक्त इतिहास स्मरण रखना होगा कि कांग्रेस की स्थापना जरूर अंग्रेजों ने की थी, परंतु उसमें भारतीय आग्रह को जब पुष्ट किया गया, तब पार्टी को आधार मिला था, वरना यह अपने अधिवेशनों में रानी विक्टोरिया की जय बोलने-बुलवाने वाले अंग्रेजों के एजेंटों की पार्टी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ccfa5f8b84d7bf7ff4c4ed32c6c64602ddfd615 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। भगवान बुद्ध से जब भक्तों ने प्रसाद स्वरूप कुछ देने की मांग की तो उन्होंने मुट्ठी भर धान देते हुए कहा कि इसे बो दो और इसकी खुशबू व इससे बने चावल को हमारा प्रसाद समझना। भक्तों ने उनकी बात मानी और इस धान को बो दिया। उस धान को रंग के आधार पर नाम दिया गया कालानमक। इस घटना के 2600 वर्षों बाद पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानी भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए धान की उसी किस्म से किसानों की तकदीर संवारने में जुटे हैं। विज्ञानियों ने कालानमक किस्म की बौनी प्रजाति का विकास किया है। इसकी देखरेख आसान है और उत्पादकता के मामले में यह कम से कम दो से तीन गुना अधिक बेहतर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63895.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..448a628f44ea529f57bd4a12dd6031478c5695f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63895.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करनाल, जागरण संवाददाता। कोरोना काल मेें सामाजिक संस्थाओं व समाजसेवियों ने आगे बढ़कर अपना।योगदान सुनिश्चित किया। कोरोना के खिलाफ जंग में समाजसेवी डा. रंजना शर्मा ने जागरूकता अभियान चलाया तो साथ ही जरूरतमंद लोगों तक मदद भी पहुंचाई। गरीब महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी वितरित किए। वह बरसों से समाजसेवा की राह पर चल रही हैं, लेकिन कोरोना काल में सही मायने में जिस तरह एक चिकित्सक को समाज के प्रति समर्पित होते हुए देखा गया, उसी तरह से डा. रंजना शर्मा ने भी दो कदम आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..160f0eded767eb203fc7445b2c41dc5e7a5c0263 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63896.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिया के न्यूयार्क शहर में लगा होर्डिंग ( फोटो साैजन्य)। ।अमेरिका, इंग्लैंड और जापान में लगे होर्डिंग्स।अमेरिका, इंग्लैंड व जापान की सड़कों नव वर्ष के आगमन के मद्देनजर चल रहे स्ट्रीट फेस्टिवल दुमका की इन बोलती दीवारों को स्थान मिला है जिन्होंने बताया कि हिंदुस्तान में पैसा नहीं तो क्या, शिक्षकों ने बच्चों की तालीम नहीं रुकने दी। दुनियाभर में शिक्षा की पाश्चात्य पद्धति का अनुकरण होता रहा है, मगर भारतीय पद्धतियां भी कम नहीं। झारखंड के दुमका के शिक्षक डा. सपन की गांव की दीवारों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने की तकनीक सात समंदर पार तस्वीरों के माध्यम से दिखाई जा रही। अमेरिका के न्यूयार्क, इंग्लैंड के लंदन और जापान के टोक्यो में लगी तस्वीरें बता रहीं कि कोरोना काल में गरीब बच्चों को कम संसाधन में पढ़ाने का इससे शानदार माडल कोई नहीं। मिट्टी की दीवार को बनाया ब्लैक बोर्ड शीर्षक से लगी तस्वीरों जरमुंडी को भी अनूठी पहचान दे दी। सपन कहते हैं कि यह उपलब्धि हम सभी के लिए गौरव की बात है। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई, डुमरथर विद्यालय में ऐसा नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dd0f90cb7c7baac080e81fa985b1172def8735b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। जिस मनरेगा से दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों की तस्वीर बदलने का दावा किया जाता है, अगर आप उसकी जमीनी हकीकत देखेंगे तो चौंक जाएंगे। इस योजना में भ्रष्टाचार का ऐसा दीमक लगा है कि बिना काम के ही लाखों का बंदरबांट हो रहा है। मजदूरों के नाम से मोटा पैसा ठिकाने लगाया जा रहा है। जिले के अतरौली ब्लाक में वित्तीय वर्ष 2020-21 के सोशल आडिट में भी इसी तरह के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। यहां की 28 पंचायतों में 42 लाख का घपला पकड़ में आया है। इन पंचायतों से रिकवरी की तैयारी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc45ee7261ecdc4ba4d7a06bffb0cc57d79e5cdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63900.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में इंग्लैंड में सभी आटी-पीसीआर जांच से पुष्ट सार्स-कोवी-2 के मामलों के आंकड़ों का इस्‍तेमाल किया। इस साल के 29 नवंबर और 11 दिसंबर के बीच इन नमूनों की कोविड-19 जांच की गई थी। ये नमूने संक्रमित होने वाले उन लोगों के थे जिनमें जीनोटाइप डेटा के साथ ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि हुई थी। फि‍लहाल यह अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है। + +उल्‍लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में कहा था कि ओमिक्रोन के सामुदायिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में डेढ़ से तीन दिन में ही मामले दोगुना हो रहे हैं। ओमिक्रोन को फैलने से रोकने के लिए ठोस स्वास्थ्य सुविधाएं एवं सामाजिक उपायों को बढ़ाए जाने की जरूरत है। मौजूदा वक्‍त में यह वायरस उच्च स्तर के जनसंख्या प्रतिरक्षा वाले देशों में बहुत तेजी से फैल रहा है। डब्‍ल्यूएचओ ने यह भी आगाह किया था कि तेजी से मामले बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4aab7a4f11c9919ced22de4df99afedbbe1e55c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Straight out of a postcard, Auli is the land of all things stunning! But the hill-station’s famed beauty increases double fold in the winter season.।Reposted from @yashbhanushalii Winter-land 🌁☃️🏔️।📍 Auli, Uttarakhand#Himalayas #Uttarakhand #Auli #Photography #Nature #Love pic.twitter.com/cbkvMfkBZb।आपको बता दें कि पर्यटक स्‍थल (Tourist Places) औली उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यह समुद्रतल से करीब 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह भारत के सबसे अच्छे स्कीइंग स्थलों में से एक है। इन दिनों यहां पर्यटक स्नो मेन बनाने से लेकर स्लेजिंग, हार्स राइडिंग, ट्यूब राइडिंग सहित ट्रैकिंग का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। पर्यटक ट्रैकिंग के लिए गोरसों ताली तक पहुंच रहे हैं। उधर, पर्यटकों की आमद बढ़ने से कारोबारियों के चेहरों पर भी रौनक दिखाई दे रही है। पर्यटक रोपवे के अलावा सड़क मार्ग से भी औली पहुंच रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18d8efcbca082cc052f50292b8275344ba02e6d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण (ज्यादातर सर्दी व फ्लू) व जठरांत्र संबंधी संक्रमण (मुख्य रूप से दस्त) रोग के बोझ का 78 फीसद हिस्सा हैं। सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों और बाल मानवमिति ने जलवायु-रोग के संबंध को संशोधित किया, जिसमें बच्चों के उच्च अनुपात में स्टंटिंग, वेस्टिंग और कम वजन की स्थिति से पीड़ित पाए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9896f97af53dd6302c3ce02ea1628401df471afe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देश में प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाए जाने की जरूरत बताई। दुनिया का बाजार ऐसे भारतीय प्राकृतिक उत्पादों का इंतजार कर रहा है। प्राकतिक खेती सहित भारतीय कृषि को उबारने वाले ऐसे तमाम रास्ते हैं जो खेती को फिर से सम्मानजनक पेशा बनाने में प्रभावी साबित हो सकते हैं। ऐसे में तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी भारतीय कृषि में सुधारवादी कदमों की पड़ताल आज बड़ा मुद्दा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b0a4f700c429b024ea167073de942960c0bf316 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, देहरादून। Kedarnath Dham प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के सपने के अनुरूप नए कलेवर में निखर रहे केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) का सफर निकट भविष्य में और आसान होगा। इसके लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे (Ropeway) निर्माण के मद्देनजर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। न सिर्फ केदारनाथ, बल्कि हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) के लिए भी रोपवे की कसरत शुरू की गई है। इन रोपवे के निर्माण में निजी क्षेत्र भी रुचि दिखा सके, इसके लिए निविदा आमंत्रित की गई है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार केदारनाथ रोपवे के आकार लेने पर यह विश्व के सबसे लंबे रोपवे में शामिल हो जाएगा। इसकी लंबाई लगभग 11.5 किलोमीटर होगी और 25 मिनट में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पहुंचा जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b6fc07e49623a0ab1f75270425524fc4e701bb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63910.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नए कृषि कानून इन समस्याओं को हल करने में सक्षम हो सकते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। अब हमें आगे की राह देखनी होगी। हमें समझना होगा कि अब पूरा विश्व एक बाजार होता जा रहा है। किसी भी देश में कहीं से भी अनाज, फल, सब्जी खरीदना-बेचना संभव है। भारत के किसानों को दुनिया के किसानों से मुकाबला करना है तो जो तकनीक, बीज दूसरे देश के किसान इस्तेमाल करते हैं, उनकी उपलब्धता भारत के किसानों तक भी होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e29b2e44cb3e436b17b995230593fd3f7d31977 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63911.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना काल के चलते हुई देरी के कारण दो साल बाद अब महरौली स्थित कुतुबमीनार परिसर में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बनवाए गए अलाई दरवाजा का संरक्षण का कार्य कराया जाएगा। इस कार्य के अगले कुछ माह में शुरू हो जाने की उम्मीद है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इसके लिए योजना तैयार कर ली है। जिसके तहत दरवाजे के बाहरी भागों से उतर चुके प्लास्टर व टाइलों को ठीक किया जाएगा। दरवारे के एक तरफ के बाहरी भाग पर काफी हिस्से में टाइलें निकल चुकी हैं। जिन्हें फिर से लगाए जाने के बारे में विचार है। इसके लिए इस दरवाजे के पुराने फोटो का अध्ययन किया गया है।इससे दो साल पहले इस दरवाजा के संरक्षण कार्य की योजना बनी थी। + +बता दें कि कुतुबमीनार परिसर स्थित अलाई दरवाजा और अलाई मीनार वर्ष 2018 जनवरी में रिलीज हुई फिल्म पद्मावत को लेकर चर्चा में आ गया था। क्योंकि इस विवादित फिल्म का मुख्य किरदार अलाउद्दीन खिलजी कुतुबमीनार परिसर में दफन है। जिसका मकबरा आज भी मौजूद है।सन 1296 और 1316 के समय हिन्दुस्तान में शासन करने वाले अलाउद्दीन खिलजी ने कुतुबमीनार से दो गुना ऊंची अलाई मीनार बनवानी शुरू की थी। मगर उसकी यह योजना अधूरी ही रह गई। अलाई मीनार 24 मीटर ही बन सकी थी कि खिलजी की मौत हो गई।इस मीनार की दरारों को भी भरा जाएगा।खिलजी ने 1303 में हौजखास एंक्लेव के पास सीरीफोर्ट का निर्माण कराया था।उसने इसी किले से शासन किया। उस समय की कुछ मस्जिदें अब मौजूद हैं। मगर किला के लगभग अधिकतर भाग का नामोनिशान मिट चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63912.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96c791d81d1df36f14b8f64e313726b8b9e38043 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश की अर्थव्यवस्था को इतना संबल देने वाली भारतीय खेती खुद कई प्रकार के असंतुलन से ग्रस्त है। पहला तो यह कि कृषि के उत्पादन में वृद्धि देश के केवल उन 45 प्रतिशत क्षेत्रों में हुई है जहां सिंचाई के सुनिश्चित साधन उपलब्ध हैं। वहां भूमि की औसत उत्पादकता चार टन प्रति हेक्टेयर के आसपास है। हमारी तथाकथित हरित क्रांति इन्हीं क्षेत्रों तक सीमित रही है। शेष 55 प्रतिशत भूभाग की खेती अभी भी वर्षा के भरोसे होने के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 1.2 टन पर ही अटकी है। पूरे देश के ग्रामीण गरीबों और कुपोषितों की 80 प्रतिशत संख्या इन्हीं इलाकों में बसती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64c1884eb257a90ac97fa2964fcd144b32245e4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मौसम में बदलाव होने के साथ ही अस्पतालों में कोल्ड डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। अस्थमा के मरीजों के अलावा बच्चों के लिए यह मौसम काफी घातक साबित हो सकता है। इसमें लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सात बच्चे कोल्ड डायरिया के लाए गए। जिन्हें लूज मोशन के साथ बुखार की भी शिकायत थी। सुबह से शाम तक उन्हें अस्पताल में भर्ती रखा गया। हालत में सुधार होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..421c1c67e07cda8a13a6121f7bd088b23357aa15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार ने तमाम बंद चीनी मिलों को न केवल शुरू कराया, बल्कि उनकी पेराई क्षमता में विस्तार, उनका उन्नयन, किसानों के बकाया गन्ना भुगतान पर ध्यान दिया, यही कारण है कि चीनी उद्योग एक बार फिर से सांसें लेने लगा है। अब सरकार आठ और चीनी मिलें लगाने जा रही है। लेकिन, सवाल यह भी है कि आखिर पहले से बंद पड़ीं कई चीनी मिलों को शुरू कराने के बजाय सरकार नई मिलें क्यों लगवाना चाहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df3763efebf9caf02cc30c9b07af92aa9afe02b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63916.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बहरहाल अनुमान लगाया जा रहा है कि इस विधेयक के जरिये चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए कई बड़े सुधार किए जाएंगे। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि अगस्त 2019 में चुनाव आयोग ने आधार संख्या के साथ वोटर आइडी कार्ड को जोड़ने सहित तमाम संशोधनों का प्रस्ताव रखा था। परंतु अनेक खामियों के कारण इस प्रस्ताव के अनुकूल बहुत कुछ हो नहीं सका। वैसे इस संबंध में बहुत से प्रासंगिक सुधारों की भी आवश्यकता है। + +चुनाव में धन-बल का उपयोग : आज एक शिक्षित और ईमानदार नागरिक के लिए चुनाव लड़ना बहुत ही कठिन होता जा रहा है। धन-बल के बढ़ते उपयोग से राजनीतिक हलकों में भ्रष्टाचार मजबूती से अपनी जड़ें जमा लेता है, जो अंतत: सारी व्यवस्था को अपने लपेटे में लेकर भ्रष्ट और कमजोर बना देता है। अक्सर ऐसे चुनावी धन का स्रोत अपराध में छिपा होता है। चुनावों में बेहिसाब धन अपराधी तत्वों द्वारा इस उम्मीद से लगाया जाता है कि चुनाव बाद वे सरकारी ठेके और दलाली पर काबिज हो सकेंगे तथा खर्च की गई रकम को सूद समेत वसूल कर लेंगे। यहीं से राजनीतिक भ्रष्टाचार की शुरुआत हो जाती है। चुनाव आयोग, जब राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले नियमों के उल्लंघन को रोक पाने में असफल होता है, तो उसकी छवि को बहुत नुकसान पहुंचता है। जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के अंतर्गत धारा 29ए में इसे पंजीकरण का अधिकार प्राप्त है, परंतु नियमों के उल्लंघन की चरम सीमा तक जाने पर भी राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद करने का अधिकार नहीं है। चुनाव आयोग इस प्रकार के अधिकार प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है। वर्ष 1998 में ही चुनाव आयोग में सुधारों की सिफारिश की गई थी। चुनाव आयुक्त ने अपने अधिकार बढ़ाए जाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को एक शपथपत्र भी दिया था। लेकिन राजनीतिक दल, चुनाव आयोग की कमजोरियों का लाभ उठाते हुए लगातार चुनाव आचार संहिता को तोड़ने में शुमार रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d0d6a3df527008b0253e76d66debb80cbb9cdb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63917.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [डीएल डॉन]। लंबी दूरी की ट्रेनें कैंसिल होने से अवैध बसों के परिचालन में तेजी आ गई है। दूसरे प्रदेशों को जाने वाले यात्री मजबूरी में अवैध बसों से सफर कर रहे हैं। इन बसों में यात्रियों की सुरक्षा ताक पर होती है और अवैध बस संचालन करने वाले लोग मनमाने रेट पर टिकट बुक कर यात्रियों को बसों में भर लेते हैं। ऐसे में कोई बड़ा हादसा हो जाए तो यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी किसी के पास नहीं होती है। + +लुधियाना में करीब दर्जनों अवैध बस संचालकाें के काउंटर खुले हुए हैं। जिला प्रशासन कभी कभार इन बसों का चालान कर खानापूर्ति कर रही है। कोविड-19 और घने कोहरे के कारण दर्जनों ट्रेनें कैंसिल होने से दूसरे प्रदेशों के लिए मूल गांव जाने को लेकर लोग मजबूर हैं। ट्रेन नहीं मिलने से मजबूरी में लोग ज्यादा किराया देकर भी बसों में सफर कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1a0d5496ee24f8503e474d7afdf7c578d0e1a84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआइ ) के पूर्व छात्र बब्बर सिंह ने 2017 में पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने ही संस्थान से दूध में मिलावट का पता लगाने वाली तकनीक खरीदी। भारत सरकार के स्टार्टअप कार्यक्रम में पंजीकरण करा लिया। आइआइटी, कानपुर से मदद मिलने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में उन्होंने दुग्ध परीक्षण किट बनाने की इकाई स्थापित की। बब्बर का उत्साह देख उनके साथ पढऩे वाले अन्य साथी भी जुड़ गए। जल्द 15 उत्साही युवाओं की टीम तैयार हो गई। अब 22 राज्यों में कारोबार कर रहे हैं। उनकी विशेष किट को दूध के व्यवसाय से जुड़ी अमूल, आइटीसी, वीटा, सरस, नेस्ले, पारस, हैरिटेज फूड्स व प्रभात डेरी सरीखी कंपनियां प्रयोग कर रही हैं। जल्द ही कंपनी रिटेल सेक्टर में उतरकर आम ग्राहकों तक भी उपकरण को पहुंचाने की तैयारी कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d3239d9f9769c0409485c6cce49b96e26883180 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुलाबा व कोठी।अगर अटल टनल रोहतांग बंद है तो आप रोहतांग के पर्यटन स्थल कोठी व गुलाबा का रुख कर सकते हैं। मनाली से 10 किलोमीटर दूर पलचान से रोहतांग के लिए सड़क है। पलचान से सोलंग के बजाय कोठी का रुख करें और कोठी, राहला सहित गुलाबा की वादियों में घूमने का आनंद उठाएं। यहां प्रदेश सरकार ने नेचर पार्क का भी निर्माण किया है। पर्यटक यहां बर्फ की विभिन्न साहसिक खेलों का आनंद ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48f987282b27477b455eef11f216c4c15675965f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही उन्होंने अपनी कुछ फोटोज शेयर थी जो देखते ही देखते ही वायरल हो गईं थीं। इन तस्वीरों में वह बेहद ही स्टा​इलिश लुक में ​पोज देती नजर आईं थीं। फोटोज में आप देख सकते हैं कि सुहाना बैक पोज दे रही हैं। उन्होंने रेड कलर की डीप बैक नेक ड्रेस पहनी हुई है। वहीं उनकी बालकनी से बाहर का नजारा उनकी इस तस्वीर को और भी खूबसूरत बना रहा है। सुहान की ये तस्वीर काफी पसंद की गई थी। वहीं अबतक इस तस्वीर को लाखों बार देखा जा चुका है। इस फोटो पर फैंस ही नहीं बल्कि सेलेब्स भी कमेंट कर उनके लुक की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f50b7e59923b1fb73869f564fa49af8ab6b4bf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2017 में भाजपा ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी।भाजपा ने 2017 में विधानसभा चुनाव में ब्रज क्षेत्र में 65 सीटों में 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ब्रज क्षेत्र में भाजपा ने राम लहर में भी इतनी बड़ी जीत कभी नहीं दर्ज की थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा महज छह सीटें ही जीत सकी थी। इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जेपी नड्डा आगरा में आयोजित समारोह में कह चुके हैं कि यूपी का रास्ता ब्रज क्षेत्र से होकर ही जाता है। रविवार को शुरू हुई जन विश्वास यात्रा में भी ब्रज क्षेत्र को प्रमुखता दी गई है। मथुरा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यात्रा का शुभारंभ कर ब्रज क्षेत्र में जोश भरने का काम किया है। जिले से एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया, सांसद सतीश कुमार गौतम और एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह को इस यात्रा में प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..452ca371d681b287e9d018e89bc419a7e175dfd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63922.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Year Ender 2021 : भारत ने अगस्‍त, 2021 में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की अध्‍यक्षता ग्रहण की थी। सुरक्षा परिषद के अस्‍थायी सदस्‍य के रूप में वर्ष 2021-22 के कार्यकाल के दौरान यह भारत की पहली अध्‍यक्षता थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएनएससी की बैठक की अध्‍यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। इसके पूर्व 1992 में तत्‍कालीन पीएम नरसिम्‍हा राव थे, जब उन्‍होंने यूएनएससी की बैठक में भाग लिया था। + +यूएनएससी में भारत का आठवां कार्यकाल।भारत ने जनवरी, 2021 में यूएनएससी के एक अस्‍थाई सदस्‍य के रूप में अपना दो वर्ष का कार्यकाल शुरू किया। यूएनएससी में यह भारत का आठवां कार्यकाल है। यह भारत के लिए एक गौरव का पल था। अध्‍यक्ष बनने के बाद भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र निकाय के लिए एजेंडा तय किया। उसने कई मुद्दों पर महत्‍वपूर्ण बैठकों का समन्‍वय किया। यह समुद्री सुरक्षा, शांति स्‍थापना और आतंकवाद विरोधी तीन प्रमुख क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। सुरक्षा परिषद के एजेंडे के तहत सीरिया, इराक, सोमालिया, यमन और मध्‍य पूर्व सहित कई महत्‍वपूर्ण बैठकें आयोजित की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a2bbfd097317230e423e261df1635b6d9529a04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63923.txt @@ -0,0 +1,6 @@ + जेनेवा, एजेंसियां। सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' तो याद ही होगी आपको। कैसे मानव जैसा दिखने वाला रोबोट 'चिट्टी' गलत शक्तियों के हाथों में पड़कर विध्वंसक हो जाता है और रोबोट्स की एक सेना बनाकर मनुष्यों पर हमला करता है। हालीवुड में भी टर्मिनेटर सीरीज और रोबोकाप फिल्मों में मानव से दिखने और काम करने वाले खतरनाक रोबोट दिखाए गए हैं, लेकिन अब असली जिंदगी में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित इसी प्रकार के रोबोट और हथियारों को लेकर चिंता का माहौल है। हाल ही में स्विटजरलैंड के जेनेवा में 125 देशों की एक कांफ्रेंस युद्ध में रोबोट और स्वचालित मशीनों के प्रयोग को रोकने के लिए हुई। आइए समझें कि यदि युद्ध में रोबो सैनिक प्रयोग किए गए तो क्या खतरा होगा, कौन ऐसे रोबोट और मशीनें बना रहा है और इस कांफ्रेंस में इसे रोकने के लिए क्या किया गया:।जानें कांफ्रेंस का उद्देश्य।युद्ध में रोबोट और स्वचालित मशीनों के प्रयोग को रोकने के लिए विश्व के 125 देशों ने एक समझौता किया है जिसे परंपरागत हथियारों पर सम्मेलन (कन्वेंशन आन सर्टेन कन्वेंशनल वेपंस) कहा गया है। इसका उद्देश्य उन हथियारों पर रोक लगाना है जो अनावश्यक और बिना सोचे समझे भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अधिकांश सदस्यों ने हाल की बैठक में यह मांग रखी कि युद्ध में प्रयोग के लिए बन रहे 'किलर रोबोट्स' पर रोक लगाई जाए। ऐसे रोबोट और मशीनें बनाने वाले देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। + +अमेरिका ने किया भारी निवेश । विश्व में अमेरिका हथियारों की होड़ और व्यापार में सबसे आगे रहता है। लाकहीड मार्टिन, बोइंग, रेथान और ना‌र्थ्राप जैसी हथियार निर्माता कंपनियों के साथ इस क्षेत्र में वह भारी निवेश कर रहा है। इसमें रेडियो फ्रिक्वेंसी के आधार पर गतिमान लक्ष्यों का पता लगाने वाली लंबी दूरी की मिसाइल, हमला करने वाला ड्रोन का झुंड और स्वचालित मिसाइल रक्षा प्रणाली शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक अध्ययन केंद्र के शोधार्थी फ्रैंज स्टीफेन गाडी का कहना है कि स्वचालित हथियार प्रणाली के विकास की होड़ आने वाले समय में थमने वाली नहीं है। + +यहां हुआ स्वचालित हथियार तकनीक का प्रयोग। इस बारे में प्रामाणिक सूचना अधिक नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं के अनुसार लीबिया में मिलिशिया लड़ाकों के खिलाफ घातक स्वचालित हथियार प्रणाली का प्रयोग किया गया था। टुर्की के एक रक्षा ठेकेदार द्वारा बनाए गए कार्गू-2 ड्रोन ने एक राकेट हमले के बाद भागते हुए लड़ाकों का पता लगाकर हमला किया था। हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि इस ड्रोन को कोई मानव संचालित कर था या नहीं। 2020 में अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध में ऐसी मिसाइल और ड्रोन का प्रयोग किया जो हवा में उड़ते रहते हैं और लक्ष्य दिखने पर हमला करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ad601601b92382dd96f3b9f0ff6980072d27507 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुगलों ने मंदिरों को तोड़कर सिर्फ हिंदुओं की आस्था को नहीं तोड़ा बल्कि उन्होंने भारतीय समाज के उस केंद्र को नष्ट करने का प्रयास किया जहां लोग संगठित होते थे। मुगलों ने मंदिरों के रूप में स्थापित सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्रों को तोड़कर भारतीय समाज को कमजोर किया। समाज की ताकत पर प्रहार किया। मुगलों के शासनकाल में विदेशों से चित्रकार आदि भारत आए। मुगलों की कला में और उसके पहले के भारतीय कला में एक आधारभूत अंतर था। मुगल कला का केंद्र बिंदु बादशाह का निजी जीवन और निजी पसंद था। भारतीय कला लोक के बीच व्याप्त थी। मंदिर उसके केंद्र हुआ करते थे। जनता की आकांक्षाएं और उसके स्वप्न कलाओं में खुलते और खिलते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b002620c0f8235fa23803ca10ae8e28f3fc380d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63925.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेट्रो अस्पताल के डॉ एस चक्रवर्ती ने बताया कि क्रोनोमेडिसिन के कारण रात में काम करने वाले लोगों में मोटापा, हृदय, मधुमेह, हाइपरटेंशन सहित अन्य बीमारियां ज्यादा होती है। ऐसे लोगों को दवाओं की सही डोज दी जाए। इसके लिए डाक्टरों को चाहिए कि वह मरीजों को परामर्श के दौरान प्रिस्क्रिप्शन पर्चे पर दवा को खाने का समय भी लिखे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63928.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c94b7c3baa673a836b68dc2334d394453e2c7900 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63928.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गन्नौर (सोनीपत) [आशीष मुदगिल]। उपमंडल के गांव खेड़ी गुज्जर स्थित सतकुंभा मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। गांव खेड़ी गुज्जर में ऊंचे टीले पर की गयी खुदाई के दौरान गुज्जर प्रतिहार कालीन 16 स्तम्भ प्राप्त हुए हैं। सतकुम्भा मंदिर के पीछे करीब 45 फुट गहरी कुआं नुमा सुरंग है। प्राचीन शिव मंदिर के उत्तर पश्चिम में अलग आकार की प्राचीन इंटें व प्राचीन स्तम्भ पुराने इतिहास के गवाह हैं। बाबा सीताराम ने इस प्राचीन स्थान को एक बार फिर से जीवीत कर दिया और यही लगातार 36 सालों तक तप किया। + +किद्वंती है कि चकवा बैन व चुन्कट ऋषि का युद्ध हुआ, जिस वजह से राजा चकवा बैन की संपूर्ण सेना व उसकी राजधानी का सर्वनाश हुआ। बाद में राजा चकवा बैन ने ऋषि चुन्कट से क्षमा याचना कर हिमालय पर्वत पर घोर तप करने के लिए चले गए। राजा चकवा बैन के पतन के बाद यह स्थान निर्जीव हो गया। जिसके बाद सप्त ऋषियों ने इस स्थान पर घोर तप किया। उस दौरान सप्त ऋषियों ने सात कुएं खोद कर यहां एक तालाब स्थापित किया जिसमें भारत के 67 तीर्थ स्थानों का जल लाकर उसमें एकत्रित किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63929.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63929.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25a02422efeb0aac5a07339588d1c5b68b00f337 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63929.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा [वैभव तिवारी]। अस्थमा के उपचार में स्टेरायड के न्यूनतम उपयोग से बेहतर उपचार संभव है। इसके लिए उपचार पद्धति में नए प्रतिमान बन रहे हैं। व‌र्ल्ड कांग्रेस आन क्रोनोमेडिसिन के एक सत्र में शोध प्रस्तुत करते हुए डा.राहुल शर्मा ने उपचार के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। इसमें कोविड आने के बाद उपचार पद्धति में आए बदलाव का भी जिक्र किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8b6063f64b6e1bfdd12b6007772a09683d9d0bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मयूरपंख : भारत निर्माण के संघर्ष का वृत्तांत। आजादी की कहानी। मौलाना अबुल कलाम आजाद। इतिहास/राजनीति/आत्मकथा। पहला संस्करण, 1959। पुनर्प्रकाशित संस्करण, 2020। ओरियंट ब्लैकस्वॉन प्रा. लि., हैदराबाद। मूल्य: 475 रुपए। कानपुर, यतीन्द्र मिश्र। ‘आजादी की कहानी’ मौलाना अबुल कलाम आजाद की मूल अंग्रेजी पुस्तक ‘इंडिया विंस फ्रीडम’ का हंिदूी अनुवाद है। यह मौलाना आजाद की आत्मकथा ही नहीं है, वरन भारतीय इतिहास का एक अध्याय है, जिसमें देश के प्रति समर्पित भावना तथा राष्ट्रीय संघर्ष की गतिविधियों और परिस्थितियों में उनकी प्रतिक्रियाओं की अभिव्यक्ति है। बेबाकी, ईमानदारी और स्पष्टवादिता के साथ मौलाना आजाद ने इसमें भारतीय इतिहास पर ऐसी मनोग्राही दृष्टि डाली है, जो स्वतंत्रता को उनके राजनीतिक विचारों के तहत उद्भासित करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63934.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fa6a4ff4534693c93b8b4180d93c67fce079816 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63934.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमारी वर्तमान अवस्था ऐसी नहीं है जो हमें संसार के बराबर चलने की उत्सुकता रखते हुए भी चुप बैठे रहने दे। अंग्रेजी शासन की बरकतों से कोई इन्कार नहीं, परंतु उसके कारण देश में कई ऐसी बातों का जन्म भी हुआ है, जो देश को अवनति की ओर ले जाने वाली हैं। देश की खुशहाली शिक्षा-प्रचार बिना नहीं बढ़ सकती, परंतु शिक्षा-प्रचार का क्या हाल है? 40 वर्ष में जापान में एक भी अनपढ़ बच्चा नहीं रहा, परंतु भारत पर अविद्या और अज्ञान की घोर घटा छाई हुई है। इंग्लैंड अपने बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा मुफ्त और अनिवार्य रूप से दे, परंतु प्रति बच्चे पर शिक्षा में साढ़े छह आने खर्च होते हुए भी भारत सरकार केवल एक आना प्रति छात्र ही खर्च करना यथेष्ट समङो और जब किफायत की आवश्यकता पड़े, तब शिक्षा-खर्च में ही कतर ब्योंत करने के लिए तैयार हो!।किसानों की सहायता की हालत भी दिन-ब-दिन बुरी होती जाती है। 22 करोड़ भारतीय किसानों में से 10 करोड़ से अधिक केवल एक समय रूखा-सूखा भोजन करते हैं। देश का व्यापार-धंधा अत्यंत शिथिल है। विदेशी उसके लाभ उठाते हैं, परंतु देश की सरकार उसकी रक्षा तक नहीं कर सकती। देश पर ऋण बढ़ता चला आ रहा है। सरस्वती के मंदिर तक में भेदभाव की लकीरें खिंची हैं। विदेश में हमारे घोर अपमान की कथाएं बहुत प्रसिद्ध हैं। देशोन्नति में बाधा डालने वाले अनेक कानून-कायदे बनते जाते हैं। प्रेस ऐक्ट ने समाचार-पत्रों की स्वाधीनता का गला घोंट दिया और अन्य कितने ही ऐक्टों ने हमारे बोलने-चालने और काम करने की आजादी छीन ली है। यदि देश के शासन में देशवासियों का यथेष्ट हाथ होता तो ये बातें कदापि न हो पातीं। हमारे हकिमों में भारतीय भी हैं, परंतु सिविल सर्विस में 1,319 आदमी हैं, जिनमें केवल 46 भारतीय हैं और वे भी महत्व के स्थानों पर नहीं। अपने ही देश के शासन में भारतीयों का कितना कम हाथ है, यह बात इन दो अंकों से पूर्णतया स्पष्ट है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63935.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63935.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c16942b12031fe47e1af1f92036688f91870be92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63935.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अविस्मरणीय है प्रथम स्वतंत्रता दिवस पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान द्वारा लाल किले पर बजाई गई शहनाई और आकाशवाणी पर प्रसारित पंडित ओंकार नाथ ठाकुर द्वारा गाया वंदे मातरम्। ऐसे कई कलाकार हुए हैं जिन्होंने अपनी कला को भारत माता की आराधना का माध्यम बनाया, इसका एक अंश राष्ट्रयज्ञ में समर्पित किया। राष्ट्रचेतना जागृत करने वाले ऐसे ही कलाकारों को समर्पित है मालिनी अवस्थी का आलेख...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98a130a3754d871f4f9603e20e5643fdb61f22bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63943.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छोटी कंपनियों की पूरी होगी जरूरत।कई बार छोटी-छोटी कंपनियों को श्रमिकों की जरूरत होती है लेकिन उन्हें कामगार नहीं मिलते हैं। ये कंपनियां अस्थायी श्रमिकों के लिए ठेकेदार के भरोसे रहती हैं और श्रमिकों को भी यह पता नहीं चल पाता है कि उन्हें कहां पर काम मिल सकता है। उन्नति पोर्टल इस खाई को भरने का काम करेगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70be70c78e1882055c6301299d82003db7806a3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63944.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे बयानों को समाज पर क्‍या प्रभाव पड़ता है। क्‍या ऐसी सोच दुष्‍कर्म जैसी वारदातों को बढ़ावा नहीं दे रही है। इस सवाल पर क्रांति नाम के गैर लाभकारी संगठन की को-फाउंडर तृणा ता‍लुकदार ने कहा कि दुष्‍कर्म एक ऐसा गंभीर अपराध है जिसका किसी पीड़ि‍त महिला की मानसिकता पर गंभीर और लंबा दुष्‍प्रभाव पड़ता है जाहिर सी बात है कि ऐसे बयानों से समाज प्रभावित होता है। + +जब कोई नेता, विधायक या सांसद ऐसे घृणित बयान देता है तो महिला वर्ग पर क्‍या असर होता है। इस सवाल पर रेडियो मिर्ची कश्‍मीर की महक जुबेर कहती हैं कि मैं बचपन से ऐसे बयान सुनती आ रही हूं। दुनिया बदल रही है लेकिन अभी भी पुरुषों के एक खास वर्ग की सोच नहीं बदली है। लोग ऐसे बयानों को मजाक बताकर बच निकलते हैं। हमें ऐसे बयान देने वालों को न्‍याय के कटघरे में लाना चाहिए। ऐसे बयान देने वालें के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। महिलाओं के लिए ऐसे बयान मानसिक रूप से पीड़ादायी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80f14ef128b63238ea58652e8d49e89a84470940 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63945.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजस्थान में कांग्रेस के धुरंधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अवरोधों को अपनी जमीनी राजनीति के दम पर रोकने के बाद पार्टी के युवा नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सूबे की चुनावी परिपाटी को बदलते हुए कांग्रेस की दोबारा वापसी के लिए जोर लगाने में जुट गए हैं। सूबे की सत्ता और संगठन में अपने समर्थकों को वाजिब जगह दिलाने से उत्साहित होकर वे राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस के मौजूदा चुनौतियों से उबरने को लेकर आशान्वित हैं। राहुल गांधी के फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से लेकर ममता बनर्जी की सियासत से अलग राह पर चल रही विपक्षी राजनीति सरीखे मुद्दों पर सचिन पायलट ने दैनिक जागरण के सहायक संपादक संजय मिश्र से खास बातचीत की। पेश हैं इसके अंश :।-बांग्लादेश युद्ध के 50 साल होने के मौके पर सरकार द्वारा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की भूमिका भुलाने को लेकर कांग्रेस उद्वेलित क्यों है? । -जब 1971 की लड़ाई हुई थी, उस समय भारत की शक्ति इतनी नहीं थी, जितनी आज है। तब भी इंदिरा गांधी ने एक नए मुल्क बांग्लादेश का निर्माण किया। इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने दक्षिण एशिया का भूगोल और इतिहास बदला। सीमित साधनों से हमारी सेना के साथ पाकिस्तान के दो टुकड़े किए। उस महिला को ऐतिहासिक जीत के 50वें वर्ष के समारोह में याद न करना निंदनीय और अशोभनीय दोनों है। + +-कांग्रेस की मौजूदा संगठनात्मक चुनौतियों के बीच सार्थक परिणाम की उम्मीदों का आधार क्या है? । -राष्ट्रीय स्तर पर अब लोग बदलाव चाह रहे हैं, क्योंकि सात साल के मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई, रोजगार, निवेश, औद्योगीकरण, सीमा पर चीन का अतिक्रमण से लेकर तमाम मोर्चे पर स्थिति चिंताजनक है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात की गई, मगर किसानों को एक साल तक आंदोलन करने के लिए विवश किया गया। सब जानते हैं कि आधार, जीएसटी, अमेरिका के साथ परमाणु करार, विनिवेश आदि का भाजपा ने विरोध किया और आज रेलवे, एयरपोर्ट, बिजली सबका धुंआधार निजीकरण कर रही है। उद्योगपतियों का लाखों करोड़ कर्ज माफ हो गया, मगर किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9d9b6190da5117bf4e7d22401d04526fdc36605 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63946.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सरकारी बोर्ड से मिला अनुदान।शोध के लिए भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) ने अनुदान दिया था। टीम ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है और पेंटेंट के लिए आवेदन भी कर दिया है। शोध को अंतरराष्ट्रीय साइंस जर्नल ओमेगा एसीएस ने भी प्रकाशित किया है। शोध डा. उत्कर्ष जैन के साथ डा. निधि चौहान और शोध छात्रा श्रंगिका सोनी की टीम ने मिलकर किया है। + +चार वर्ष तक किया शोध।डा. उत्कर्ष जैन ने बताया कि हम कितने खुश हैं या तनाव में हैं, यह हमारे शरीर में आनंदामाइड नाम के फैटी एसिड न्यूरोट्रांसमीटर अणु की मात्रा पर निर्भर करता है। पहली बार इसको मापने की विधि ज्ञात कर ली गई है। इसके लिए एक इम्यूनो और मालिक्यूलर इंप्रिंटिंग पालिमर (एमआइपी) इंपीडिमेट्रिक सेंसर विकसित किया गया है। इस सेंसर पर रक्त या सेरेबरासपाइनल फ्लूइड (सीएसएफ) की मदद से आनंदामाइड की मात्रा पता की जा सकेगी। टीम ने करीब चार वर्ष शोध करने के बाद यह सेंसर तैयार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21e1338e440d19bda746f0ee852e8e90bf5d6b66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63947.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बाद फ्रांसीसी रक्षा मंत्री का दिल्‍ली दौरा कई मायने में उपयोगी साबित हो सकता है। दुनिया में तेजी से बदलते सामरिक गठजोड़ से भारत और फ्रांस लगातार निकट आ रहे हैं। इन रिश्‍तों को नया आयाम देने के लिए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भारत के दौरे पर हैं। यह दावा किया जा रहा है कि फ्रांसीसी रक्षा मंत्री भारत यात्रा के दौरान मेक इन इंडिया के तहत बाराकुडा क्लास परमाणु पनडुब्बियों के लिए प्रस्‍ताव दे सकती हैं। अब यह भारत पर निर्भर करता है कि वह फ्रांस की इस परमाणु पनडुब्बी को खरीदेगा या फिर किसी दूसरी योजना पर काम करेगा। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री के इस दौरे पर अमेरिका और चीन की भी पैनी नजर है। खास बात यह है कि फ्रांसीसी रक्षा मंत्री का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब आस्‍ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ परमाणु पनडुब्बी करार को रद कर दिया है। ऐसे में फ्रांस को भारत में अधिक संभावना दिख रही है। + +3- इसके तहत 2025 में भारत को रूस से एक परमाणु पनडुब्बी मिलेगी, जिसे आईएनएस चक्र III के नाम से जाना जाएगा। यह पनडुब्बी भी आईएनएस चक्र की तरह भारतीय नौसेना में अगले 10 साल तक सेवा देगी। भारत को जो पनडुब्बी मिलने वाली है वह रूस की अकूला II क्लास की K-322 Kashalot है। इसमें इंट्रीग्रेडेड सोनार सिस्टम लगा हुआ है, जो काफी दूर से बिना किसी हलचल के दुश्मन की लोकेशन के बारे में पता लगा लेता है। भारत के आईएनएस अरिहंत में भी ऐसा ही सिस्टम लगाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1d588e2519e7fd44ac13043808c116c835390ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63948.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। गत वर्ष जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद अमेरिका में हिंसा का तांडव शुरू हुआ। चार घंटे चले उपद्रव में चार लोगों की जान चली गई। दरअसल, अमेरिका में तीन नवंबर को ही यह तय हो गया था कि जो बाइडन देश के अगले राष्ट्रपति होंगे। उधर, मौजूदा राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर भी हार मानने को कतई राजी नहीं थे। ट्रंप राष्‍ट्रपति चुनाव में धांधली के आरोप लगाकर जनता के फैसले को नकारते रहे। इतना ही नहीं ट्रंप हिंसा की धमकी देते रहे। इससे देश में एक संवैधानिक संकट की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई थी। + +2- यूएस कैपिटल हिस्टोरिकल सोसाइटी के निदेशक सैम्युअल हालिडे ने उस वक्‍त सीएनएन को बताया कि 24 अगस्त 1814 में ब्रिटेन ने अमेरिका पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सेना की हार के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने यूएस कैपिटल में आग लगा दी थी। तब से अब तक पिछले 206 साल में अमेरिकी संसद पर ऐसा हमला कभी नहीं हुआ था। इस घटना के 206 साल बाद अमेरिकी संसद पर ऐसी हिंसा हुई थी। यह अमेरिकी लोकतंत्र के लिए बड़ा शर्मसार था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fd6c0299b9e823461dc88a2be876a6962079866 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रियंका सिंह, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के बाद थिएटर में रिलीज होने वाली दूसरी फिल्म रूमी जाफरी निर्देशित ‘चेहरे’ है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, इमरान हाशमी, रघुबीर यादव, रिया चक्रवर्ती सहित कई कलाकार हैं। फिल्म के निर्देशक रूमी जाफरी कहते हैं कि पिछले साल अप्रैल में यह फिल्म रिलीज होने वाली थी, आखिरकार इंतजार अब खत्म हो गया है। बड़ी फिल्में इस वक्त थिएटर के लिए बहुत जरूरी हैं...।रोमांटिक और कॉमेडी फिल्में लिखने वाले रूमी जाफरी इस बार थ्रिलर फिल्म लेकर आ रहे हैं। इस संबंध में वह कहते हैं, ‘मैंने 25-26 साल कॉमेडी फिल्में लिखी हैं। मेकर्स मुझसे ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘बीवी नंबर 1’ जैसी फिल्में लिखने की उम्मीद करते हैं। मैं भी जिद पर अड़ा था कि इस बार कुछ अलग करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53ba62787faf11aea8ab8861ea201328ebfa6c97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्लाईवुड और जरी जरदोजी को मिलेगा लाभ ।जिले में धीरे-धीरे बरेली के उद्यमी आकर यहां प्लाईवुड का काम शुरू करने के लिए जगह देख रहे हैं। सदर तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में इसकी फैक्ट्री भी लगी है। गंगा एक्सप्रेस-वे भी सदर तहसील क्षेत्र के करीब 22 गांव से होकर गुजर रहा है। प्लाईवुड की बड़ी डिमांड मेरठ और दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रों में रहती है। ऐसे में जिले से गंगा एक्सप्रेस वे निकलने से यहां से मेरठ व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आसानी से माल भेजा जा सकेगा। इसके चलते ही उद्यमी अब बदायूं के पस्तौर, कुंवरगांव, फरीदपुर व शहर के नवादा क्षेत्र की जमीनों पर फैक्ट्री लगाने का विचार कर रहे हैं। इसी तरह जिले का मुख्य जरी जरदोजी के कारोबार को भी लाभ मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..285195d7f9bff292397831fb3c070b66c4732ce8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63953.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी हैं। लेकिन, जिला अस्पताल में अभी तक आम लोगों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि प्रतिदिन ढाई से तीन हजार लोगों की ओपीडी हाेती है। यहां से ही अधिकाशं लोगों की जांच हो सकती है। इसके बाद भी जांच कराने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। + +स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में कोरोना की जांच के लिए 24 टीमें लगाई गईं हैं। प्रतिदिन इन टीमों की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही अन्य स्थानों पर भी फोकस्ड सैंपलिंग कराई जा रही है। लेकिन, मंडल मुख्यालय पर स्थिति बहुत गंभीर है। जिला अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। जबकि पुरुष अस्पताल की सबसे अधिक ओपीडी होती है। यही हाल महिला अस्पताल का भी है। यहां भी अलग से नमूने लेने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कराई गई है। जबकि ओपीडी में परीक्षण कराने के लिए तीन सौ से पांच सौ तक महिलाएं प्रतिदिन पहुंचती हैं। इसके लिए जब अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि भर्ती होने वाले मरीजों की तो जांच कराई जाती है लेकिन, ओपीडी के मरीजों के लिए बुखार की वजह से जांच की व्यवस्था नहीं की गई थी। अब डेंगू, बुखार के मरीज बहुत कम हैं। अब पहले जैसी व्यवस्था बनाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84e007ad5a683dbb28d5ac75dee11eb52c034653 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63957.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। अकल्पनीय! अनूठी! प्रेरक! यहां के गांव मीरपुर निवासी पदमश्री डा. एसएस यादव के जुनून से जुड़ी यह कहानी कुछ ऐसी ही है। तीन दशक पूर्व चंदा जुटाकर अपने पैतृक गांव में कैंसर अस्पताल की स्थापना करने वाले डा. यादव ने अब अपने उसी अस्पताल में लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन स्थापित की है। खास बात यह है कि 18 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हुई। यह मशीन उन्होंने बिना किसी सरकारी मदद के केवल अपनी व अपनी दिवंगत पत्नी डा. शांति यादव की जीवनभर की जमापूंजी और दोस्तों से चंदा एकत्रित करके खरीदी है। तीन दशक पूर्व स्थापित मीरपुर कैंसर अस्पताल का नाम अब मीरपुर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एमआइएमएस/मिम्स) किया जा चुका है। + +मिम्स और डा. एसएस यादव। मौलाना आजाद व लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल-नई दिल्ली के पूर्व विभागाध्यक्ष व पीजीआइएमएस रोहतक के पूर्व निदेशक डा. एसएस यादव ने सरकारी सेवा के बाद अपनी माटी से नाता जोड़ लिया था। सेवानिवृत्त के बाद सबसे पहले डा. एसएस यादव रामभगवान चेरीटेबल ट्रस्ट गठित करके अपनी पांच एकड़ पैतृक जमीन इसी ट्रस्ट को अस्पताल निर्माण के लिए दान में दी। मिम्स के भवन निर्माण में सरकार से भी मदद मिली, मगर अधिक सहयोग दानदाताओं का ही रहा। इस बीच कैंसर की पुरानी मशीनें काम की नहीं रही तो यहां कुछ वर्षों से उपचार बंद था, मगर डा. एसएस यादव मायूस नहीं हुए। अत्याधुनिक मशीन के लिए प्रयास जारी रखा। गत वर्ष उनकी गायनाकाेलोजिस्ट पत्नी शांति यादव का निधन हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54f21aff033d4f92390ecc0f3772604def13b9bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संवाद सहयोगी, मसूरी। क्रिसमस और न्यू इयर सेलिब्रेशन के लिए आप काफी एक्साइटेड हैं और सोच रहे हैं कि अपने दोस्तों या फैमिली के साथ कहां घूमा जाए और कैसे Christmas और New Year को सेलिब्रेट किया जाए। तो चलिए आपकी टेंशन हम दूर कर देते हैं। अब जरा सोचिए किसी हिल स्टेशन में आप अपना न्यू इयर मना रहे हों और वहां आपको बर्फबारी भी देखने को मिल जाए तो कैसा रहेगा। जाहिर सी बात है कि सोने पर सुहागे से कम नहीं। तो भला अब देर नहीं करते और आपको बताते हैं कि ऐसा कुछ अगर आप सोच रहे हैं तो हिल स्टेशन (Hill Station) मसूरी आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। तो देर मत कीजिए क्योंकि यहां 70 से 80 फीसद होटल, गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं। ।क्रिसमस और न्यू इयर का सभी को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है। पहाड़ों की रानी मसूरी भी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। यहां के खूबसूरत नजारों का दीदार करने बड़ी संख्या में पर्यटक यहां का रुख करने की सोच रहे हैं। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां 70 से 80 फीसद होटल और गेस्ट हाउस बुक हो चुके हैं। मसूरी का रुख करने से पहले आप इन बातों को जरूर जान लें...।(बर्फबारी के दौरान का फाइल फोटो )।रहने की पहले से ही कर लें व्यवस्था। वीकेंड पर मसूरी पर्यटकों से पैक रहती है, लेकिन क्रिसमस पर भीड़ और ज्यादा बढ़ सकती है, क्योंकि क्रिसमस भी वीकेंड पर ही पड़ रहा है। ऐसे में अगर आप मसूरी का रुख करने की सोच रहे हैं तो रहने का इंतजाम पहले से ही कर लीजिए। क्रिसमस और नए साल के लिए जल्द ही होटल्स, गेस्टहाउस फुल हो जाएंगे। ओमिक्रान का खौफ कम होने के बाद से यहां बुकिंग ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। साथ ही पर्यटकों ने कैंसिलेशन करवाना कम कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..542fbdf8410f4a98ce4fb6d371babd11f49a6096 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके अलावा प्रियंका हॉलीवुड फ़िल्म मैट्रिक्स 4 में भी नज़र आएंगी, जिसका टाइटल हाल ही में रिवील किया गया है। यह फ़िल्म द मैट्रिक्स- रिसरेक्शंस शीर्षक से रिलीज़ की जाएगी। बॉलीवुड फ़िल्मों की बात करें तो प्रियंका फ़रहान अख़्तर के निर्देशन में बनने जा रही फ़िल्म जी ले ज़रा में कटरीना कैफ़ और आलिया भट्ट के साथ नज़र आएंगी। यह एक रोड ट्रिप फ़िल्म है, जो ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा की तर्ज़ पर बनायी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6e45570ca95acecbc8ff8a5c6bbc2ec7ddfeab8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63961.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली, फीचर डेस्क। जाड़े के दिनों में हम अपने खानपान में कुछ खाद्य पदार्थों का शामिल कर न केवल सर्दी-जुकाम को दूर रख सकते हैं, बल्कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं। डाइटीशियन डा. सुनीता मिश्रा बता रही हैं कि खानपान में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करना रहेगा आपके लिए लाभप्रद...।अलसी: कई शोध-अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि अलसी में पाए जाने वाले ढेर सारे पोषक तत्व हमारे लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह न केवल हमारे शरीर को अंदर से गरम रखने में मदद करती है। कारण, इसकी तासीर गरम होती है। इसके सेवन से ढेर सारे शारीरिक समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है। हालांकि इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में अलसी का सेवन न करें। अलसी में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड, आयरन, पोटेशियम, कापर, जिंक, मैग्नीशियम, सेलेनियम, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी1, बी6 जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं। + +अलसी के सेवन से हृदयरोगों से भी सुरक्षा होती है। कारण, इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर में कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इसमें पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड रक्त प्रवाह को सुचारु रखने में मदद करता है। अलसी का सेवन खून के जमने या इसके थक्का बनने से रोकता है। यह शरीर में मौजूद फैट को भी कम करने में मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल न केवल त्वचा के लिए लाभदायक होता है, बल्कि बालों के लिए भी लाभदायक होता है। + +तिल: जाड़े के दिनों में तिल से बनी चीजों का सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता है। तिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व न केवल सर्दी-जुकाम को दूर करने में मदद करते हैं, बल्कि यह ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करते हैं। तिल में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, कापर, जिंक, फाइबर, थायमिन, फोलेट, प्रोटीन के साथ ही विटामिन बी 6 आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं। तिल में मौजूद एंटीआक्सीडेंट न केवल दिल के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि ये विभिन्न प्रकार के कैंसर की रोकथाम में भी मदद करते हैं। तिल के सेवन से शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है। तिल हड्डियों को मजबूत रखने में भी मदद करता है। चूंकि तिल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है। इसलिए ये पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करने में मदद करता है। तिल का सेवन दांतों के लिए भी लाभकारी रहता है। तिल खून की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है। + +सोयाबीन में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, जिंक के साथ ही विटामिन ए, बी 6, सी आदि पाया जाता है। इसमें थाइमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलेट आदि भी पाया जाता है। सोयाबीन के बीजों से सब्जी बनाई जा सकती है। सोयाबीन को अंकुरित भी सेवन किया जा सकता है। सोयाबीन से मिल्क भी तैयार किया जा सकता है। सोयाबड़ी और टोफू का भी सेवन किया जा सकता है। सोयाबीन के लड्डू सर्दी-जुकाम को दूर करने में भी कारगर हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में सोयाबीन का सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है। इसके अधिक सेवन से कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय रोगों को जन्म दे सकता है। शोधों से पता चला है कि सीमित मात्रा में सोयाबीन का सेवन करके हम स्वस्थ रह सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d355aa07fbb082b53a16cb01efa3b5345883f34c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63963.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पर्यटन नगरी मनाली के लोकल साइट सीन क्लब हाउस, मनु मंदिर, हिडिंबा मंदिर, मनमोहक वन विहार, वशिष्ठ मंदिर, नगर रोरिक आर्ट व कैसल में भी सैलानियों का जमघट लगने लगा है जबकि बर्फ की मोटी चादर ओढ़े सोलंग व कोठी पहले से मनमोहक हो गए हैं। अटल टनल के बंद होने की सूरत में सोलंगनाला सैलानियों के लिए छोटा पड़ने लगा है। + +मनाली मिशन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ए फिलिप एवं प्रशासनिक प्रबंधक क्रिस्टीना ने बताया मिशन अस्पताल मनाली भी क्रिसमस पर्व को तैयार है। उन्होंने बताया क्रिसमस की धूमधाम शुरू हो गई है जो एक सप्ताह तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों में बिछी बर्फ की सफेदी में सैलानी व्हाइट क्रिसमस पर्व मनाएंगे। क्रिसमस को लेकर सभी मे भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। + +दूसरी ओर साहसिक खेल, फोटोग्राफर, टैक्सी, गाइड, होटल व्यवसायी और दूसरी गतिविधियों से जुड़े सैकड़ों लोग सैलानियों की आमद बढ़ने से खुश हैं। होटल व्यवसायियों का कहना है कि क्रिसमस व न्यू ईयर के दौरान।कारोबार में वृद्धि की उम्मीद है। होटल ग्लेशियर के प्रबंधक राणा व स्नो फ्लेक्स के प्रबंधक दीपांकर कपूर का कहना है कि पर्यटन स्थलों में बर्फबारी होने से स्तरीय होटलों की आक्यूपेंसी बढ़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9e2e4340bf39756147b3d0355945418b9e86d16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63970.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीबाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा अपने जीवन में इतनी बार रिजेक्ट हुए, उतनी बार शायद ही कोई दूसरा हुआ होगा। उन्होंने हार्वर्ड विश्‍वविद्यालय में 10 बार आवेदन किया, लेकिन एक भी बार उनका चयन नहीं हुआ। 30 बार नौकरी के लिए आवेदन किया। पुलिस फोर्स में नौकरी करनी चाही तो पांच लोगों ने आवेदन किया, जिसमें चार सफल हुए लेकिन वह नहीं हुए। केएफसी रेस्टोरेंट में नौकरी करनी चाही, तो 24 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 23 को नौकरी मिली लेकिन जैक मा को नहीं मिली। लेकिन क्या इन असफलताओं के बाद भी जैक मा ने सोचा कि उनका कुछ नहीं होगा। इसके विपरीत उन्होंने खुद को नकारे जाने को सकारात्मक नजरिए से देखा। हताश और निराश होने के बजाय उन्होंने हमेशा यही माना कि वह कुछ बड़ा करने के लिए बने हुए हैं। उन्‍होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और आज आप सभी जानते हैं अलीबाबा दुनिया की टाप बड़ी कंपनियों में से एक है। इसी तरह जब तक आप अपने सोच और आसपास से सकारात्मक बातों को इकट्टा नहीं करेंगे, तब तक आप एक मजबूत और सही बिलीफ सिस्‍टम विकसित नहीं कर पाएंगे। अक्‍सर यह देखा जाता है कि एक आशावादी इंसान नकारात्मक महौल में भी सकारात्मक धारणा बनाकर चलता है, जबकि एक निराशावादी इंसान सकारात्मक महौल में भी नकारात्मक धारणा बना लेता है। आप किस तरह का इंसान बनना चाहते है, यह आपको सोचना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6a701c8a1fccf82f852923d0f87741f26f31f18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शायद इसी सोच, धारणा और मंतव्य के साथ केंद्र सरकार ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के विज्ञापन और उसके प्रचार प्रसार पर एक बड़ा हिस्सा व्यय किया है। इसे योजना का सुखद परिणाम कहें या समाज का सोच परिवर्तन कहें कि इस बार कुछ राज्यों में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में लिंगानुपात में बदलाव नजर आता है। लेकिन साथ ही एक सवाल यह भी पैदा होता है कि आखिर ये बदलाव कुछ ही जगह क्यों? इस योजना के प्रचार प्रसार के लिए बजट के तहत रकम का आबंटन तो देशभर के लिए किया जा रहा है। फिर जो काम हरियाणा जैसे रूढ़ीवादियों की बाहुल्यता वाले राज्य में हो सकता है, वह उसी से सटे चंडीगढ़ में क्यों नहीं हो सकता है? इस सच को खारिज नहीं किया जा सकता कि हरियाणा ने बेटियों के लिए सभी प्रकार की बंदिशों को तोड़ा है, केवल खेल में ही नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी वहां की लड़कियां नाम कमा रही हैं। पहले की अपेक्षा लिंगानुपात में हुआ सुधार भी इसकी पैरवी करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12dd827671d2dac92b62c9a1e0fa6be6fcc700a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63974.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन डेस्क, जालंधर। शुक्रवार सुबह करीब 110 श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान स्थित श्री कटासराज धाम मंदिर परिसर के लिए अटारी सीमा से रवाना हो गया। बहुत कम लोग जानते होंगे कि विभाजन से पहले श्री कटासराज मंदिर के आसपास का क्षेत्र हिंदू बाहुल्य हुआ करता था। हालांकि विभाजन के बाद सभी हिंदू विस्थापित हो गए। यहां पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान, तक्षशिला के अलावा अफगानिस्तान के हिंदू आकर माथा टेकते थे। पितरों का तर्पण करते थे। श्री कटासराज मंदिर लाहौरा-इस्लामाबाद मोटर-वे पर चकवाल जिले में स्थित है।    ।मंदिर का ज्ञात इतिहास करीब 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह मंदिर निमकोट पर्वत शृंखला में स्थित है और इसके रास्‍ते के चारों तरफ सेंधा नमक की खदानें हैं, जिसे भारत में व्रत के दौरान खाया जाता है और यहीं से आयात किया जाता है। कटासराज में भगवान शिव का मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पार्वती जब सती हुईं तो भगवान शिव के आंखों से आंसू की दो बूंदें टपकी थी। एक कटासराज तो दूसरी पुष्कर में गिरी थी। इसी आंसू से यहां पवित्र अमृत कुंड का निर्माण हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63977.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75c5f3154e400dc4387a79b7200d84bd29bb4773 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63977.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +जागरण डिजिटल डेस्क, धनबाद। भिखारी ठाकुर। यह वह नाम है जो भोजपुरी भाषियों के बीच बड़ा ही सम्मान से लिया जाता है। बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। एक लोक कलाकार के साथ कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और अभिनेता थे। भोजपुरी उनकी मातृभाषा थी और इसे ही अपने काव्य और नाटक की भाषा बनाया।  उनकी प्रतिभा का आलम यह था कि महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने उनको 'अनगढ़ हीरा' कहा, तो जगदीश चंद्र माथुर ने कहा 'भरत मुनि की परंपरा का कलाकार'। बिहार का शेक्सपीयर कहा गया। उनकी नाटकों ने अविभाजित बिहार ( बिहार-झारखंड), पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोक जीवन को खूब प्रभावित हुआ। विषय ही ऐसे होते थे-वियोग और विरह के। धनबाद कोयलांचल के मजदूरों पर इस कदर असर पड़ा कि सामूहिक रूप से बेटी नहीं बेचने और ज्यादा उम्र के मर्द से ब्याह नहीं करने का सामूहिक रूप से संकल्प लिया। ।जयंती पर दुनियाभर के भोजपुरी भाषी गर्व से कर रहे याद ।भिखारी ठाकुर की आज जयंती है। इस माैके पर उन्हें भोजपुरी अंचल के साथ-साथ दुनियाभर में बसे भोजपुरी भाषी उन्हें याद कर रहे हैं। वह मूल रूप से बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर (दियारा) गांव के निवासी थे। उनका जन्म 18 दिसम्बर, 1887 को एक गरीब नाई परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम दल सिंगार ठाकुर व माताजी का नाम शिवकली देवी था। वे जीविकोपार्जन के लिये गांव छोड़कर खड़गपुर चले गए। वहां उन्होने काफी पैसा कमाया किन्तु वे अपने काम से संतुष्ट नहीं थे। रामलीला में उनका मन बस गया था। इसके बाद वे जगन्नाथ पुरी चले गये। फिर अपने गांव आकर उन्होने एक नृत्य मण्डली बनायी और रामलीला खेलने लगे। इसके साथ ही वे गाना गाते एवं सामाजिक कार्यों से भी जुड़े। इसके साथ ही उन्होने नाटक, गीत एवं पुस्तके लिखना भी आरम्भ कर दिया। उनकी पुस्तकों की भाषा बहुत सरल थी जिससे लोग बहुत आकृष्ट हुए। उनकी लिखिइ किताबें वाराणसी, हावड़ा एवं छपरा से प्रकाशित हुईं। 10 जुलाई 1971 को चौरासी वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। + +धनबाद में 'बेटी बेचवा' के मंचन का कोयला मजदूरों पर हुआ प्रभाव ।भिखारी ठाकुर की सोच समय से बहुत आगे की थी। उनके नाटकों से यह साबित होती है। धनबाद के वयोवृद्ध पत्रकार वनखंडी मिश्र साल 1962 को याद करते हैं। पुराना बाजार के एक धर्मशाला में भिखारी ठाकुर ने 'बेटी बेचवा' नाटक का मंचन किया। इस नाटक को देखने के लिए कोयला मजदूर भी पहुंचे थे। नाटक अपना काम कर गया। व्यापक असर हुआ। उनके शो के दौरान लोगों ने रोते हुए कसमें खाई थी की ना तो हम अपनी बेटी बेचेंगे ना ही ज्यादा उम्र के लोगों से ब्याह करेंगे। भिखारी ठाकुर के जाने के कुछ दिनों बाद धनबाद जिले के लायकडीप में एक मंदिर में बड़ी संख्या में हजरबगिया मजदूर जमा हुए। भगवान शिव को साक्षी मानकर बेटी को नहीं बेचने का संकल्प लिया। यह बात धनबाद से निकलकर दूर-दूर तक गई। ।भिखारी के नाटकों के केंद्र में माइग्रेसन ।आज भी भोजपुरी के हर दूसरे-तीसरे गीतों में माइग्रेसन केंद्र होता है। यह परंपरा भिखारी ठाकुर ने शुरू की। चूंकि लोग रोजी-रोटी के लिए घर-परिवार को छोड़कर परदेस चले जाते थे। इसकी विरह और वेदना पत्नी झेलती थी। अब भिखारी ठाकुर के इस गीत को ही लीजिए-सइयां गइले कलकतवा ए सजनी/ गोड़वा में जूता नइखे, हाथवा में छातावा ए सजनी/ सइयां कइसे चलिहें राहातावा ए सजनीं... । पति–पत्नी के बीच अटूट प्रेम के रिश्ते। दोनों के बीच बिछड़न और फिर पत्नी का पति के प्रति ख्याल। इस प्रेम बंधन को दिखाती हुई ये खूबसूरत पंक्तिया। सात दशक पहले लिखी गई जो आज भी प्रसांगिक है। हो सकता है समय बीतने के साथ इसको कहने का तरीका बदल गया हो। लेकिन आज भी जब अपना कोई घर से बाहर जाता है तो कोई उसके दिल के करीब उसका ऐसा ही ख्याल रखता है। इसकी रचना करने वाले कला के क्षेत्र में अपनी ऐसी अमिट छाप छोड़ गए कि किसी ने उन्हें उनके लिखे गए नाटक के लिए बिहार का 'शेक्सपीयर' कहा तो किसी ने उनके रचना के लिए तुलसीदास कहा तो, किसी ने उनके लेख के लिए उन्हें भारतेंदु कहा। + +भिखारी के नाटकों में उमड़ती भीड़ से अंग्रेज भी थे सर्तक ।भिखारी ठाकुर अपने नाटकों से अंग्रेजी राज के खिलाफ लोगोंं को जागरूक करते थे। कोलकाता में तो उनकी नाटकों में बड़ी संख्या में लोग जुटते थे। यह भीड़ देख अंग्रेज सतर्क रहते थे। हालांकि उनके नाटकों के विषय-वस्तु से अंग्रेज भी प्रभावित हुए। जिस अंग्रेजी राज के खिलाफ नाटक मंडली के माध्यम से ठाकुर जीवन भर जनजागरण करते रहे, बाद में उन्हीं अंग्रेजों ने उन्हें रायबहादुर की उपाधि दी। अपनी कलम से उन्होनें भोजपुरी संस्कृति को एक अलग पहचान दिलाई। बिहार के शेक्सपियर ने अपने जिंदगी में एक से बढ़कर रचनाएं की। कला प्रेमियों के बीच बिदेसिया नाटक से जाने जाने वाले भिखारी ठाकुर के अनगिनत नाटक हैं जो लोगों को आज भी याद हैं। ।भिखारी ठाकुर की नाैच शैली की हो चली माैत ।नाट्य रचना गढ़ने में माहिर भिखारी को अपने नाटकों को लोगों तक पहुंचाने के लिए महिला कलाकारों की जरूरत थी। लेकिन उस जमाने में महिलाओं को उनके घूंघट से निकालकर स्टेज पर लाना मुश्किल था। इसका तोड़ उन्होनें पुरूषों को महिलाओं की तरह वेशभूषा पहनाकर निकाला। तब उन्होनें उस जमाने में पुरूषों को साड़ी पहनाकर स्टेज पर उनसे अभिनय करवाया तो लोगों ने उनके इस कदम को हाथों हाथ लिया। फिर क्या था, भिखारी के कलम से निकली रही रचनाएं नाटक के रूप में लोगों के बीच प्रसिद्धि पाने लगी। समाज को जागरूक करने वाली एक से एक रचनांए जब 'लौंडा नाच' के रूप में लोगों के बीच आने लगी तो लोगों के प्यार ने भिखारी ठाकुर को अभिभूत कर दिया। हालांकि आज बिहार में उस खांटी नाच शैली की मौत हो चली है, जिसके लिए भिखारी को पहचाना जाता है। औरतों की ड्रेस पहन लडक़ों या पुरुषों के नाचने की परंपरा यानी लौंडा नाच भी अब स्वतंत्र रूप से खत्म होने को है। इसका सबसे बड़ा कारण नर्तकियों का सर्वसुलभ होना है। + +बेटी बेचवा: भिखारी ठाकुर ने अपने नाटक के माध्यम से उस समय के समाज के एक और कुरीति बाल-वृद्ध विवाह को दिखाने की कोशिश किया है। जिसमें पैसे के कमी के कारण लोग अपनी बेटी को या तो बेच देते थे या काफी बड़े उम्र के लोगों से शादी करवा देते थे। आजादी के आसपास के समय समाज में ये कुरीति अपने चरम पर थी। इस नाटक के माध्यम से बेटी के जन्म लेने को अपने घर में अपशकुन मानने वाले पर कुठाराघात किया था। उन्होनें इस नाटक के माध्यम से उस समय के पितृसत्ता समाज के उपर सवाल उठाए थे। जिसमें महिलाओं की कोई जगह नहीं थी-क्या गरीब ? क्या अमीर? दोनों जगह उस समय के समाज ने लड़कियों को चहरदिवारियों में रहना अच्छा समझते थे। जिसका नतीजा था कि महिलाओं की स्थिति दयनीय थी। अमीर घरों में विवाह लड़कियों के मर्जी के बिना शादी कर दिया जाता था। जबकि गरीबी में जूझ रहे लोग अपने बेटी को कुछ पैसे के खातिर बेच डालते थे। उनके इस नाटक का व्यापक असर हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..506532d1e636ac42059156f3b4f7d3c729d28a9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63985.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सात फेरे के समय पति के साथ जीने-मरने की जो कसम उन्होंने खाई थी, उसे निभाकर वह एक आदर्श बन गईं। देश सेवा के लिए एक समर्पित सैनिक देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी स्व. मधूलिका रावत ने अपने प्यार की बुनियाद पर खुशहाल जिंदगी जीते हुए विश्वास की डोर मजबूत की और पति की ऊंचाइयों में परछाईं बनकर खड़ी रहीं...।पति सीमा पर दुश्मनों के सामने सीना तान कर खड़ा हो और पत्नी उसकी देश सेवा की ललक को समझते हुए उसके हिस्से की जिम्मेदारियां बखूबी निभा रही हो तो उस सैनिक पति को दुश्मनों के छक्के छुड़ाने और ऊंचाइयां छूने से कोई नहीं रोक सकता। सैनिक की पत्नी का त्याग और समर्पण ही उस सैनिक को देश सेवा पर मिटने का हौसला देता है। ऐसी ही सैनिक पत्नी की मिसाल थीं मधूलिका रावत जो अपने पति के साथ ही अंतिम यात्रा पर भी साथ ही गईं। + +मधूलिका रावत 'फोर्स बिहाइंड द फोर्सेज थीं। उनके साथ के बिना सीडीएस बिपिन रावत का इस पद तक पहुंचना संभव नहीं था। वे सेना के संस्कारों की एक प्रतिमूर्ति थीं। मधूलिका रावत तो हम सभी के सामने मिसाल बन कर गई हैं। एक सैनिक की पत्नी की इससे बड़ी छवि हो ही नहीं सकती है। जो कसम होती है एक सैनिक पति का मरते दम तक साथ निभाने की, देश की सेवा में रुकावट नहीं बनने की, उसे उन्होंने तन-मन से निभाया।'।यूं बनीं श्रीमती रावत: हर किसी के मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि रीवा (मध्य प्रदेश) के एक शाही परिवार की राजकुमारी उत्तराखंड के एक छोटे से गांव के लड़के से कैसे ब्याही गईं? कैसे इस विवाह का संयोग बना? इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके छोटे भाई यशवर्धन सिंह बताते हैं, 'जनरल रावत की जब शादी हुई थी तब वह सेना में कैप्टन थे। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत भटिंडा में नियुक्त थे। वे लोग पौड़ी गढ़वाल के थे। इनका देहरादून आना जाना बना रहा। वहीं से इनको हमारी बहन के बारे में पता चला। हम शहडोल (मध्य प्रदेश) के सोहागपुर से हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4a7aca40b787758f70f09b18222085e067d0b8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63988.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्यमंत्री की इस सकारात्मक सोच का धरातल पर असर दिख सकता है, बशर्ते बाबूशाही बिना भ्रष्टाचार के ‘सहाय’ को पूरी ईमानदारी से धरातल पर उतार दे। यदि ऐसा हो सका तो मुख्यमंत्री का खेलों के जरिये झारखंड की पहचान बदलने का सपना भी पूरा हो जाएगा। माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी को पिछले महीने सरायकेला से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से नक्सली संगठन बौखलाए हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63993.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff8fbc0c49c82de4553bd968ac3d006131a56349 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63993.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बरेली, जेएनएन। प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस वे से शाहजहांपुर समेत 12 जिलों के 83 हजार अन्नदाताओं के सपनों को उड़ान मिली है। अधिगृहीत से जमीन के सापेक्ष मिले मुआवजा से उन्होंने अधिक जमीन खरीद के साथ खेती के लिए ट्रैक्टर समेत कार, प्लाट भी खरीद लिया है। इससे उनकी किस्मत चमक गई है। बच्चों की शिक्षा व रोजगार के लिए भी द्वार खुल गए है। क्षेत्र को जल निकासी समेत आवागमन की समस्या से भी निजात मिली। लोगों में विकास की गंगा की उम्मीद जाग उठी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1265f0cfe83306ff553490c389643c67976ad1b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63995.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लाकचेन टेक्नोलाजी और क्रिप्टो : क्रिप्टो वास्तव में एक नई कंप्यूटर टेक्नोलाजी ‘ब्लाकचेन’ की देन है। कहा जाता है कि सबसे पहले बिटक्वाइन नामक क्रिप्टोकरेंसी खुले स्रोत के साफ्टवेयर के माध्यम से वर्ष 2009 में अस्तित्व में आई। इस टेक्नोलाजी का अभी तक अनुभव यह रहा है कि वर्तमान में चल रही क्रिप्टो मुद्राओं के उद्गम, उसके निर्माता आदि का कुछ पता नहीं चलता। इतना ही नहीं, यदि कोई व्यक्ति गैरकानूनी रूप से क्रिप्टो प्राप्त करता है तो उसका पता नहीं लगाया जा सकता। क्रिप्टोकरेंसी निर्माण (जिसे क्वाइन माइनिंग भी कहा जाता है) के पीछे ‘ब्लाकचेन’ तकनीक है। तकनीक का विकास एक निरंतर प्रक्रिया है। इस संदर्भ में ब्लाकचेन तकनीक के कई अभूतपूर्व फायदे हैं। इस तकनीक का उपयोग कर स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, भूमि रिकार्ड सहित कई प्रकार की नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सकता है। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या इस तकनीक के नाम पर क्रिप्टो को अपनाना भी जरूरी है?।क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि ‘ब्लाकचेन’ तकनीक का भरपूर लाभ उठाने और इसके विकास को गति देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करती है। इसलिए उनका तर्क यह है कि क्रिप्टो और ‘ब्लाकचेन’ तकनीक को अलग नहीं किया जा सकता। लेकिन क्रिप्टो के विरोधियों का तर्क यह है कि ‘ब्लाकचेन’ तकनीक का उपयोग करने के लिए क्रिप्टो की कोई जरूरी शर्त नहीं होनी चाहिए। यह सही है कि किसी भी कार्य के लिए प्रोत्साहन जरूरी है, लेकिन वह प्रोत्साहन विधिसंगत और नैतिक रूप से सही होना चाहिए। वर्तमान क्रिप्टो मुद्राएं यह शर्त पूर्ण नहीं करतीं, न तो ये विधिसंगत हैं और इन पर कई नैतिक सवाल भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bdbe784d627911a8d54186ca8fbc3ae6dea799f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63996.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +भारतीय संविधान को सजीव एवं सार्थक बनाने में वर्षो परिश्रम किया गया था। संविधान सभा ने जिस आत्मीयता एवं उत्साह से इस संविधान का निर्माण किया था, उस आस्था का अपरदन हो रहा है। संविधान ने जिन संस्थाओं की परिकल्पना की थी, उनका रंग समय के साथ बदरंग होने लगा है। संविधान सभा का संवाद भारतीय विधायिका के लिए एक पथ प्रदर्शक एवं स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद का एक अद्भुत नमूना है जहां असहमति से सहमति निकल कर आई। + +स्वतंत्र भारत की संसदीय व्यवस्था भी कई दशकों तक देश की प्रजातांत्रिक आस्था की पोषक बनी रही। भारतीय संसद की बहस लंबे समय तक आदर्श प्रजातांत्रिक संवाद का नमूना रही है। आजादी के बाद लंबे समय तक एक ही दल की सत्ता के बावजूद विपक्ष ने कभी धैर्य एवं मर्यादा का साथ नहीं छोड़ा और आलोचना की स्वस्थ परंपरा की नींव डाली। संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच संवाद में स्वस्थ आलोचना के साथ हास्य, विनोद, ठिठोली एवं व्यंग्य का समावेश सौहार्द से सुशोभित रहा है। इसके मूल में सबसे बड़ी शक्ति प्रजातंत्र में हमारी गहरी आस्था थी। इसी आस्था ने संसदीय व्यवस्था को राष्ट्रीय हितों के प्रति संवेदनशील बनाए रखा। संसद ने ऐसे अवसर भी देखे जब बाहरी चुनौती के समय व्यापक एकजुटता प्रदर्शित हुई। + +राष्ट्रीय सुरक्षा के संकट की घड़ी में समस्त राष्ट्र तत्कालीन प्रधानमंत्री के नेतृत्व के पीछे मजबूती से खड़ा हो गया। यही भारतीय प्रजातांत्रिक व्यवस्था की शक्ति है जिसकी परिकल्पना संविधान निर्माताओं ने की थी। परंतु समय के साथ संसदीय प्रणाली में सत्ता लोलुपता का खेल राष्ट्रीय हितों से आगे निकलता दिखाई दे रहा है और सत्ता की भूख प्रजातंत्र की व्यवस्था पर भारी पड़ती नजर आ रही है। संसद में सौहार्द का स्थान वैमनस्यता ले रही है जहां आरोप-प्रत्यारोप का एक सिलसिला प्रारंभ हो गया है। सत्तामोह की अधीरता ने मूल्यहीनता को जन्म दिया है और असहमति से सहमति का रास्ता बंद हो रहा है। शोरगुल एवं संवादहीनता की संस्कृति विधायिका में प्रवेश कर गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b47826e23872e637b0ee56e518ff3ff8c4489d7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63998.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। शीतकालीन धुंध और साथ में गंभीर वायु प्रदूषण ऐसी समस्या है जो आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से जुड़ी हैं, लेकिन सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरनमेंट (सीएसई) के नए विश्लेषण में पाया गया है कि सर्दियों में जब प्रदूषण बढ़ता है तो पूरे उत्तर भारत में स्माग देखने को मिलता है। इस विश्लेषण ने छह राज्यों के 56 शहरों में फैले 137 एयर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशनों को कवर किया है। विश्लेषण के मुताबिक गाजियाबाद उत्तर भारत में सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। दिल्ली, मुरादाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम इसके बाद के नंबर पर हैं। + +सीएसई ने एक जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2021 तक पीएम 2.5 डेटा का विश्लेषण किया। इसमें यह भी सामने आया कि शुरुआती सर्दियों के दौरान छोटे शहरों में पीएम 2.5 का स्तर दिल्ली में स्माग एपिसोड के दौरान रिपोर्ट की गई एकाग्रता से अधिक हो सकता है। गाजियाबाद में पीएम 2.5 का औसत स्तर 360 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जबकि वार्षिक औसत स्तर 110 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो उत्तर भारत में सबसे अधिक था। दिल्ली का वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर 97 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर जबकि साप्ताहिक स्तर 270 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_63999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_63999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..637c203199f556c8a11bfdd5727883708d77cb95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_63999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गुरुग्राम [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण अब दिल्ली ही नहीं, एनसीआर क्षेत्र के लिए भी बड़ी समस्या बन गया है। आलम यह है कि अब दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित एनसीआर के शहर ही रहने लगे हैं। नवंबर माह के आंकड़ों पर ही गौर करें तो समूचे एनसीआर में एक भी दिन साफ या मध्यम श्रेणी की हवा नसीब नहीं हुई। एक और अहम बात यह कि अभी तक गाजियाबाद ही एनसीआर में सर्वाधिक प्रदूषित रहता आया है, लेकिन इस माह में गुरुग्राम कहीं अधिक प्रदूषण वाला रहा। गैर सरकारी संगठन एनवायरोविज्ञान द्वारा किया गया नवंबर माह का विश्लेषण बताता है कि एनसीआर क्षेत्र में इस माह के 87 से 93 प्रतिशत दिन बहुत खराब अथवा गंभीर श्रेणी के रहे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर आधारित इस विश्लेषण में कहा गया है कि इसकी मुख्य वजह वायु प्रदूषण की रोकथाम के उपायों के क्रियान्वयन में हीलाहवाली है। इसके अलावा कुछ प्रविधानों को लेकर एनसीआर एवं दिल्ली में एकरूपता का न होना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d74ec3c7a146b7b49ca572a29fdf8c1cdf29a70b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64002.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Nirbhaya Case: आज की तारीख यानी 16 दिसंबर 2012 की उस काली रात को भला कौन नहीं जानता होगा, जिसने पूरे देश को हिला दिया था। दिल्ली के वसंत विहार में निर्भया के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना की गूंज सड़क से लेकर संसद से तक सुनाई दी थी। आज इस घटना को पूरे नौ साल हो चुके हैं। लोगों के गुस्से और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें से चार दोषियों (मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तिहाड़ जेल में 20 मार्च, 2020 को फांसी पर लटका दिया गया था। इस घटना के लोगों के मन में इतना अधिक विरोध था कि उन्होंने इंडिया गेट और राजपथ पर जमा होकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। + +अब आप सोच रहे होंगे बाकी के आरोपितों को क्या सजा मिली। इनमें से एक आरोपित नाबालिग था। जुवेनाइल कोर्ट ने उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया था। जबकि अन्य एक जिसको फांसी पर नहीं लटकाया गया था उसका नाम राम सिंह था। राम सिंह की मार्च 2013 में तिहाड़ जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी। छठां आरोपित जो नाबालिग निकला, वह आज भी जिंदा है। उसे सुधार गृह में रखा गया था। बाद में रिहा कर दिया गया। वह देश के किसी हिस्से में गुमनाम जिंदगी जी रहा है। बता दें कि कानून के मुताबिक नाबालिग के खिलाफ ट्रायल नहीं चलाया जा सकता। जुवेनाइल कोर्ट की निगरानी में आरोपित को बेहतर इंसान बनने की शिक्षा दी जाती है। + +बताया जाता है कि जब उसे बाल सुधार गृह से रिहा किया गया था तब उसे गांव में घुसने तक नहीं दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उसके मां-बाप ने भी उससे अपनाने से मना कर दिया। वह इस समय कहां है, किस हालात में है और क्या कर रहा है यह कोई नहीं जानता। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जाता रहा है कि वह दक्षिण भारत के किसी जगह पर कुक का काम करता है। इसमें कितनी सच्चाई है जागरण.काम इसकी पुष्टि नहीं करता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba1f288d841acf53842501247c97dcb38c04ffff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64009.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विदेशों तक बनी पहचान : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पैराशूट की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए अक्टूबर 1941 में आयुध पैराशूट फैक्ट्री (ओपीएफ) की स्थापना हुई। वर्तमान समय में आयुध पैराशूट निर्माणी, रक्षा मंत्रालय की नवीनतम डीपीएसयू ग्लाइडर्स इण्डिया लिमिटेड की इकाई है। जिसके अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वीके तिवारी और महाप्रबंधक अपूर्व मजुमदार हैं। नवीन पैराशूट उत्पादों की पहचान विदेशों तक बनी है। + +लड़ाकू विमान क्रैश होने से बचाएगा ब्रेक पैराशूट : आर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री में स्वदेशी ब्रेक पैराशूट तैयार किया गया है। हाक एयरक्राफ्ट के लिए यह ब्रेक पैराशूट एयर क्राफ्ट के स्पीड को रोकने में सहयोग प्रदान करेगा। 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उडऩे वाले सुखोई विमान को आपात स्थिति में यह पैराशूट दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाएगा। इस पैराशूट का उत्पादन कार्य जारी है। + +सारंग धनुष, पिनाक राकेट देखने पहुंचे स्कूली बच्चे : अरमापुर स्टेट आरमारीना स्टेडियम में लगाई गई साप्ताहिक हथियारों की प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों ने सारंग, धनुष, एलएफजी तोप, पिनाका राकेट एवं स्माल आम्र्स, स्टैंड गन, कार्बाइन, रिवाल्वर हथियारों को नजदीक से देखा। विशेषज्ञों से हथियारों की खूबियों के बारे में जाना। इस मौके पर उप निदेशक अरुण कस्तवार, कार्य प्रबंधक अनुज तिवारी, विनय अवस्थी, जेके पांडेय, छुन्ना कश्य उपस्थित रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..249aa584046a2b641a355bc1f6fbb8c7177b5e47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl फिल्म निर्देशक फराह खान 'कॉमेडी शो' की जज बनकर आई थीl इस अवसर पर उनके साथ राखी सावंत, रवि किशन और अनु मलिक भी नजर आएl राखी सावंत ने शो में अपने जीवन के संघर्ष को याद कियाl उन्होंने यह भी कहा कि वह खाली दाल पीकर रहती थी ताकि वह पतली दिख सकेंl साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार फराह खान ने उनका जीवन बदल दिया हैl।राखी सावंत ने कहा कि वह फराह खान के कारण लोकप्रिय हुई हैं क्योंकि फराह खान ने उन्हें मौका दिया थाl फराह खान ने इसपर राखी की सराहना की हैं और कहती है, 'मैंने फिल्म इंडस्ट्री को दो बड़े कलाकार दिए हैंl एक है दीपिका पादुकोण और दूसरी राखी सावंत हैl दोनों अभिनेत्रियां हैं लेकिन मुझे कहना है कि राखी समय की पाबंद हैl कड़ी मेहनत करती हैंl उनका व्यवहार अच्छा है और वह सम्मानजनक लड़की हैl मैं हूं ना के सेट पर अच्छा व्यवहार करती थी और मैं इसके लिए उनका सम्मान करती हूंl'।राखी सावंत ने कहा, 'मैंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया हैl मैं हर चीज के लिए ऑडिशन देती थीl मुझे अगर ऐसा लगता था कि किसी ऑडिशन में मुझे बुलाया नहीं गया है तब मैं उनके ऑफिस में जाकर निवेदन करती थी कि मुझे ऑडिशन देने दीजिएl मेरी मां ने मुझसे कहा था कि बहुत संघर्ष होगा लेकिन एक दिन मैं हेलन, माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी जैसी बन जाऊंगीl मैं एक कटोरी दाल पीकर रह जाती थी लेकिन काम नहीं मिल रहा थाl'।इस बारे में आगे बताते हुए राखी ने कहा,'एक दिन मुझे फराह खान के ऑफिस से फोन आयाl उन्होंने मुझे शाहरुख खान के ऑफिस में ऑडिशन देने के लिए बुलाया और उसके बाद सब कुछ बदल गयाl जैसे मैंने फोन रखा, मैं बेहोश हो गईl इसके बाद मेरी मां ने मुझे एक कटोरी दाल और दी और मैं ऑडिशन के लिए तैयार होने लगी।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be2388aa82524d3226a1453bf1f4875d8cfa65a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रीनगर,नवीन नवाज : यदि आप मानते हैं कि दुनिया के सबसे महंगे मसालों में एक केसर की खेती सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही होगी, तो आप गलत हो सकते हैं। गुणवत्ता, रंग, स्वाद, खुशबू और औषधीय गुणों से भरपूर कश्मीर जैसा केसर आप देश के अन्य हिस्सों में भी उगा सकते हैैं। इसके लिए आपको किसी बड़े खेत या खुले आसमान की भी जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि घर के अंदर एक कमरे में आप नियमित तापमान और कुछ तकनीक का इस्तेमाल कर केसर खिला सकते हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7804c64e65533774b2009a30e77e59e23bec3b43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64011.txt @@ -0,0 +1,6 @@ + हाथरस, संवाद सहयोगी। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, वैसे-वैसे गुड़ की मांग भी बढ़ रही है। बाजारों में दुकानों पर गुड़ की अलग-अलग किस्में मौजूद हैं। शरीर काे सर्दी से बचाने में गुड़ बहुत महत्व रखता है। यह एक आसानी से हर जगह उपलब्ध रहता है। गुड़ का प्रयोग दुधारू पशुओं के लिए भी किया जाता है। इसके द्वारा कई तरह की मिठाइयां भी बनाई जाती हैं। मिलावट रहित व शुद्ध मिठाइयों में गुड़ से बेहतर कोई नहीं हैं। इसका प्रयोग गजक, घरों में बनने वाले खोवा व चावलों के लड्डुओं में किया जाता है। बाजार में यह सादा गुड़ के अलावा सौंठ, अदरक, काली मिर्च व अन्य फ्लेवर में भी बिक रहा है। बाजार में इसकी कीमत 30 रुपये से लेकर 150 रुपये किलोग्राम तक है। + +औषधि गुणों से भरपूर है गुड़।गुड़ सर्दी के मौसम में हर जगह मिल जाता है। आयुर्वेद में इसे एनर्जी बूस्टर भी कहते हैं। गुड़ का प्रयोग पुराने लोग सर्दियों में बहुत करते हैं। गुड़ में भरपूर मात्रा में विटामिन बी1, बी6, सी, आयरन, मैग्नीशियम, मिनिरल्स और एंटीआक्सीडेंट्स सहित कई चीजें मिलती हैं। जिंक और सेलेनियम भी इसमें पाया जाता है। चिकित्सक बताते हैं गुड़ का सेवन करने से त्वचा में निखार, खांसी, जुकाम सहित कई रोग दूर हो जाते हैं। इसके सेवन से इम्यूनिटी बहुत बढ़ जाती है। हड्डियों को मजबूत रखने व हीमोग्लोबिन बढ़ाने में भी उपयोगी है। + +बदलते परिवेश के अनुसार गुड़ भी अब अलग-अलग फ्लेवर में उपलब्ध है। पहले गुड़ सिर्फ भेला के रूप में आता था। आज व छोटे-छोटे टुकड़ों में आ रहा है। इसमें दिल के आकार व अन्य आकर्षक आकार मिठाइयों तरह दिए जा रहे हैं। गुड़ में सौंठ, काली मिर्च व अन्य मेवा मिलाकर उसकी खूबियों और बढ़ाया जा रहा है। शहर में दुकानों पर गुड़ कई तरह की फ्लेवर व आकार वाला गुड़ अपनी खुशबू से ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f56c9d871ba00c3caef8c6fe50dfb39e132adf9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64015.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेलवे इन दिनों यात्री सुविधाओं के साथ दिव्यांग यात्रियों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रहा है। रेलवे ने अपने फंड के अलावा कंपनियों के सहयोग से सरकुलेटिंग एरिया का विकास कराने की योजना तैयार की है। उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया क‍ि उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर रेलवे द्वारा 685 दिव्यांग शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। अधिकांश बड़े स्टेशनों पर दिव्यांग शौचालय बने हुए हैं, जिस स्टेशन पर शौचालय नहीं हैं, वहां निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा जोन के 82 स्टेशनों पर सीएसआर फंड से सरकुलेटिंग एरिया का विकास व दिव्यांगों की सुविधा का विस्तार कराया जाएगा। सभी मंडल को दोनों का शीघ्र लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। अभी से इसके लिए तैयारी शुरू कर लें। + +महाप्रबंधक ने इसके अलावा कोहरे में ट्रेनों के संचालन की तैयारी के बारे में जानकारी ली। कहा कि ठंड में रेलवे लाइन की जोड़ टूटने की अधिक संभावना रहती है, इसलिए इसकी निगरानी के लिए पेट्रोलिंग करना शुरू कर दें, रेलवे लाइन टूटने की सूचना मिलते ही तत्काल मरम्मत कराने की व्यवस्था करें। ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को नियम की जानकारी देकर नियमानुसार ट्रेनों का संचालन करने का आदेश दिया है। साथ ही 95 फीसद ट्रेनों को निर्धारित समय पर चलाने की आदेश दिया गया है। आनलाइन समीक्षा बैठक में मुरादाबाद के मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन समेत अन्य रेल मंडल के डीआरएम भी उपस्थित थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b624093522efae157e5a24db18a0587b23b32e96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित निधि। आजकल यूट्यूब लोगों के लिए कमाई का एक नया साधन बन गया है। जो लोग थोड़े भी टेकसेवी हैं, वे इस मंच के माध्यम से आज लाखों-करोड़ों में कमाई कर रहे हैं। पूरी दुनिया में यूट्यूब के दो अरब से ज्यादा मासिक यूजर्स हैं। यूट्यूब पर हर मिनट 500 घंटों से ज्यादा का कंटेंट भी अपलोड किया जाता है। पिछले वर्षों में यूट्यूब की भूमिका में बड़ा बदलाव आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbaa247322bcda319f38ab813be3d93df60dda27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64017.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना संक्रमण के बाद रेल प्रशासन लगातार खर्च में कटौती करते जा रहा है। इसके कारण कई स्वीकृत योजनाओं को स्थगित कर दिया गया है। साथ ही सामाजिक दायित्व का न‍िर्वहन करने के लिए बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। रेलवे छोटे स्टेशनों पर टिकट बिक्री करने वाले कर्मचारी को हटाने जा रहा है, इसके स्थान पर गांव के बेरोजगार युवक से टिकट की बिक्री कराने की व्यवस्था की जा रही है। गांव के युवक ट्रेन आने से आधे घंटे पहले रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर पहुंच जाएंगे। इसके बाद टिकट की बिक्री करेंगे। बिक्री राशि स्टेशन मास्टर के पास जमा कर देंगे। रेलवे युवक को एक रुपये प्रति टिकट के दर से कमीशन देगा। रेलवे स्टेशन के एक कर्मचारी को हटा देने से प्रत्येक माह 40 हजार रुपये की बचत होगी। छोटे स्टेशनों पर तैनात बुकिंग र्क्लक को वैसे स्टेशनों पर तैनात किया जाएगा, जहां बुकिंग क्लर्क नहीं हैं। + +वैसे स्टेशन जहां प्रतिदिन न्यूनतम दो हजार तक की टिकट की बिक्री होती है, उस स्टेशन को ए बी और सी श्रेणी का स्टेशन माना जाता है। दो या दो से अधिक बुकिंग काउंटर होते है। मंडल में 58 स्टेशन हैं। जिस स्टेशन पर प्रतिदिन पांच सौ से कम टिकट की बिक्री होती है, उसे डी व ई स्टेशन कहा जाता है। यहां स्टेशन मास्टर के कमरे से टिकट की बिक्री की जाती है। ऐसे स्टेशनों की संख्या 93 है। इसके अलावा 48 हाल्ट हैं, जहां कोई स्टेशन मास्टर नहीं होता है, यहां टिकट की बिक्री के लिए ठेकेदार को रखा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e21d6fe266ea71b1b789d32f146bd40beb3e3db9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राशन वितरण शुरू होने के बाद कार्डधारकों की भीड़ आपूर्ति व‍िभाग में पहुंचनी शुरू हो गई है। कई राशन कार्ड धारकों की शिकायत थी कि उनके परिवार के दो सदस्यों का नाम राशन कार्ड से नहीं जुड़ा है, कुछ की शिकायत थी कि कार्ड में नाम तो जुड़ गया है, लेकिन राशन नहीं मिल रहा है। कई परिवार ऐसे थे, जिनका पहले राशनकार्ड बना हुआ था, लेकिन वर्तमान में राशन कार्ड निरस्त कर दिया है, जिसके कारण राशन दुकानदार ने राशन देना बंद कर दिया है। कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं मिलने से कार्ड धारक परेशान हैं। कार्यालय में उपस्थित क्लर्क उपभोक्ताओं के आवेदन पत्र ले रहे थे, जिससे कार्ड धारक संतुष्ट नहीं थे। क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी पहुंचे और शिकायत करने वाले राशन कार्ड धारकों को बताया कि जिसने अभी आवेदन किया है, उसका राशन कार्ड में नाम जुड़ने में समय लगेगा। जिसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया था, उसे फिर से जांच कराने का आश्वासन दिया। जिसका नाम राशन कार्ड में दिसंबर में जुड़ा है, उसे दो माह बाद राशन मिल पाएगा। कुछ लोग नए राशन कार्ड बनाने के लिए पहुंच हुए थे, जिससे बताया गया कि वर्तमान में नए राशन कार्ड बनाने का काम बंद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85b43de424f88a3680885d91c0fe57e6208f6bf9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64019.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंबाला, [कुलदीप चहल]। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 की जंग में जहां बांग्लादेश का गठन हुआ, वहीं इस जीत में खड्गा कोर की भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। बंगाल में इसी खड्गा कोर की स्थापना हुई थी, जिसने इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा बांग्लादेश) के कई इलाकों पर कब्जा भी किया। महज दो माह के गठन के बाद ही इस कोर ने युद्ध में अपनी छाप छोड़ी थी। इसके अलावा अंबाला से वायु वीरों ने अमृतसर एयरबेस से पाकिस्तान पर एयर अटैक किया था, जिसमें दुश्मनों को काफी नुकसान हुआ था। अंबाला के मेजर विजय रतन इसी युद्ध में शहीद हुए थे, जिनकी याद में अंबाला कैंट में विजय रतन चौक भी बनाया गया है। + +उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 को युद्ध शुरु हुआ था, जिसमें पाकिस्तान की एयफोर्स ने अंबाला एयरबेस पर अटैक किया था। यह टैक पूरी तरह से नाकामयाब रहा, जबकि इसके बाद चार दिसंबर और नौ दिसंबर को भी पाकिस्तान ने एयर अटैक किया था, जिसमें अंबाला एयरबेस पूरी तरह से सुरक्षित रहा। इसके बाद अंबाला एयरबेस से 32 स्क्वाड्रन के विंग कमांडर एचएस मांगट ने अमृतसर एयरबेस से उड़ान भरी और दुश्मन देश के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया। यह युद्ध चौदह दिनों तक चला, जिसके बाद बांग्लादेश का गठन हुआ। दूसरी ओर इस युद्ध में अंबाला के मेजर विजय रतन भी शहीद हुए थे। युद्ध के दौरान दुश्मनों द्वारा बिछाई गई माइन की चपेट में आने से वे शहीद हो गए थे। उनकी याद में अंबाला कैंट में विजय रतन चौक का निर्माण भी किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64024.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1db0416c6eecb904bc4269a94c58ee98a51d011d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64024.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उन्नाव, ब्रजेश शुक्ल। 16 दिसंबर को जब पूरा देश पाकिस्तान पर भारत के जीत की विजय गाथा का 50वां जश्न मनाता है तो इसी युद्ध में देश के तमाम वीर शहीदों के बीच जनपद के दो जांबाज शहीद भी याद किए जाते हैं। जिन्होंने जिले की अटूट गंगा जमुनी तहजीब और राष्ट्रप्रेम का प्रमाण 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देकर दिया था। युद्ध में जिले के सैनिक अलग-अलग रेजीमेंट में तैनात थे और अविस्मरणीय रणकौशल का परिचय देते हुए बलिदान हो गए। + +दोनों ही वीर शहीदों की शौर्य गाथा जिला सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के अभिलेखों में सुरक्षित है। जहां दोनों ही शहीदों का ब्योरा मिलता है। जिसमें 1971 के युद्ध के दौरान जिले के जो दो सैनिक शहीद हुए। उनमें राजपूत रेजीमेंट में सिपाही रैंक के रामबालक मिश्र जिनका सेना नंबर 2966999 था, वह पांच दिसंबर 1971 को युद्ध के दौरान शहीद हो गए। सिपाही रामबालक दुश्मन से आमने सामने की लड़ाई में शहीद हुए थे। रामबालक बीघापुर ब्लाक की पोस्ट गढ़ाकोला के गांव कटहर निवासी थे। वहीं शहीदों में दूसरे जांबाज का नाम था हवलदार अफजाल अलीम वारसी। ग्रेनेडियर रेजीमेंट के हवलदार अफजाल अलीम वारसी जिनका सेना नंबर 2649480 था, वह 14 दिसंबर 1971 को शहीद हुए थे। जिनका निवास शहर के पश्चिम खेड़ा मुहल्ले में मकान नंबर-25 है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca1865134baec66f5739b6b339f62395b9daacd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने मुख्य सचिव को कहा है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर चिंता का विषय है कि उनके पहले लिखे पत्र का जवाब तो दूर रहा, उसका संज्ञान भी नहीं लिया गया है। यह गंभीर प्रशासनिक चूक का संकेत है और दिखाता है कि ये ‘संवैधानिक नियमों’ और ‘विधि का शासन’ नहीं हैं। वैसे तो 2019 से लेकर अब तक कई बार धनखड़ यह आरोप लगा चुके हैं कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारी उनकी बातें नहीं सुनते हैं। अब मुख्य सचिव को लेकर जो बातें उन्होंने कही है, यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि राज्य के संवैधानिक प्रमुख की इस तरह से अनदेखी करना क्या उचित है? यहां बताना आवश्यक है कि इससे पहले के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैठक में नहीं गए थे। जिसे लेकर अब उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अब धनखड़ ने साफ कहा है कि मुख्य सचिव को अंतिम अवसर दिया जा रहा है कि वह कल शाम पांच बजे तक अधिसूचना जारी करें और उसके लिए अपनाई गई पूरी प्रक्रिया को भी सार्वजनिक करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee65afee500095929af664f2cc91f010bf68e650 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। 3 दिसंबर सन 1971.. इतिहास में कभी ना भूलने वाला दिन। इसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की शुरुआत हुई थी। भारतीय सेना ने अदम्य साहस और शौर्य के बलबूते महज 13 दिनों के भीतर पाकिस्तानी सेना को घुटने पर ला दिया। 16 दिसंबर को युद्ध समाप्ति की घोषणा हुई। इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। युद्ध में कई जवान शहीद हुए। इनमें एक नाम 21 वर्षीय अरुण खेत्रपाल का भी है। पिता ब्रिगेडियर मदनलाल खेत्रपाल जिस कालेज से पढ़े, उसी में पढ़े और पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेडियर नसीर (युद्ध के समय मेजर) ने 30 साल बाद इनसे अरुण खेत्रपाल को युद्ध के मैदान में मारने की बात कबूली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48b7a8bfec0838a94ebea209e024566d6e216b2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64028.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। जयपुर रैली में राहुल गांधी ने स्वयं को हिंदू क्या कहा, दिल्ली कांग्रेस भी उसी एजेंडे पर आगे बढ़ने लगी है। इसी का नमूना कहा जा सकता है कि वृंदावन के श्री गोपीनाथ गौड़िया मठ के दो प्रतिनिधियों यगनेश्वर दास और आनंद गोपाल दास ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी से मिलने की इच्छा जताई तो उन्होंने भी तुरंत समय दे दिया। दोनों गीता जयंती पर उन्हें भागवत गीता ग्रंथ भेंट करने पहुंचे थे। अनिल चौधरी ने न सिर्फ उनसे गीता ली, बल्कि संक्षिप्त ज्ञान भी प्राप्त किया। गौड़िया मठ के प्रतिनिधियों का कहना था कि अपना कर्म करते रहना ही गीता का सार है। इस पर अनिल चौधरी ने कहा कि वे भी पिछले डेढ़ साल से कर्म ही कर रहे हैं। अहम सवाल यह है कि कर्म तो सभी करते हैं, कुछ अच्छे तो कुछ बुरे। सत्ता सुख के लिए कर्म ऐसे होने चाहिए, जिनसे जन आशीर्वाद रूपी फल मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5665461b38e9105810466adf1aa9618b5f088716 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह सब कतई आसान नहीं था, लेकिन मध्य प्रदेश यह साबित करने में जुटा था कि पराक्रम का वास्तविक इम्तिहान उस वक्त होता है जब चौतरफा संकट मौजूद हो। अब सरकार, प्रशासन और नागरिकों की एकजुटता के सामने कोरोना के घुटने टेकने की बारी थी। वैक्सीन आ चुकी थी और मध्य प्रदेश अब इसके कीर्तिमान बनाने में जुट गया। अपनी परिधि में विस्तृत वनवासी अंचल समेटे इस राज्य में वैक्सीनेशन बेहद कठिन था, पर राजनीतिक नेतृत्व की प्रबल इच्छाशक्ति, प्रशासन की कारगर रणनीति और आम आदमी की बढ़-चढ़कर भागीदारी के सामने हर कठिनाई बौनी साबित हुई। राज्य में अब तक वैक्सीन की आठ करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..886f8303a08ea4ce24698e3fdb1679bc6f9e1284 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64030.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) स्टेशन, वो भी नदी में तैरता हुआ ! चौंकिये मत, अब यह हकीकत है। पूरी दुनिया में सिर्फ अपने देश में, अपने प्रदेश में और सांस्कृतिक राजधानी बनारस में। वहां के खिड़किया घाट को ईको फ्रेंडली (पर्यावरण के अनुकूल) बनाने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के विज्ञानियों ने भी अहम भूमिका निभाई है। इसी कड़ी में आइआइटी की इंक्यूबेटेड कंपनी एक्वाफ्रंट इंफ्रास्ट्रक्चर ने गंगा की धारा पर सीएनजी फिलिंग स्टेशन तैयार किया है। इससे सीएनजी नावों को ईंधन मिल सकेगा। विश्व का यह पहला तैरता हुआ सीएनजी स्टेशन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह तकनीक देख विज्ञानियों को शुभकामनाएं दी हैं। + +हमारी इन्क्यूबेटेड कंपनी ने नावों के लिए दुनिया का पहला फ्लोङ्क्षटग (तैरने वाला) सीएनजी स्टेशन बनाया है। पेटेंट तकनीक से सेल्फ एडजङ्क्षस्टग फिक्स्ड टाइप जेट्टी (एसएएफटीजे) को भी सफलतापूर्वक तैयार किया है। जेट्टी की खासियत है कि बाढ़ के दौरान नियंत्रित जोखिम के साथ सभी डिस्पेंसर के लिए सीएनजी पाइप लाइन कनेक्शन सुरक्षित रहेंगे। जलस्तर बढऩे पर पाइप लाइन प्लेटफार्म के साथ ऊपर व नीचे हो सकेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64031.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dc2930dbd53c44b117488663dd7f1c16b62fe91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64031.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आशीष सिंह]। पर्यावरण को बचाने की ललक हो तो उम्र किसी तरह की बाधा नहीं बन सकती है। इसे राष्ट्रीय राजधानी के दो किशोर भाइयों ने ‘वन स्टेप ग्रीनर अभियान’ शुरू कर साबित कर दिखाया है। वसंत विहार के रहने वाले 17 वर्षीय विहान और 14 वर्षीय नव अग्रवाल ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस अनूठे अभियान की शुरुआत की है। इसमें वे अब तक एक हजार से अधिक घरों, स्कूलों और कार्यालयों से सूखे कचरे को इकट्ठा कर उसका रिसाइकिल कर शिक्षण सामग्री बना रहे हैं। इसी तरह धरा को हरा-भरा बनाने के लिए उन्होंने अब तक दो हजार से अधिक पौधे भी लगाए हैं। इन प्रयासों व प्रयोगों के लिए इन दोनों भाइयों को इस वर्ष के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय संस्था किड्स राइट फाउंडेशन के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को इन दोनों भाइयों ने नीदरलैंड में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से ग्रहण किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42915827aa97207085f1b922a2256bf67f7f65ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64032.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। बढ़ती ठंड के बीच दिल्ली एनसीआर में मौसम का कुछ बदला मिजाज देखने को मिल सकता है। दिन भर बादल छाए रहेंगे और शाम या रात के समय हल्की बारिश भी हो सकती है। इसके बाद तापमान एवं हवा की रफ़्तार में बदलाव का दौर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का कुछ असर देखने को मिलेगा। आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। सुबह के समय कोहरा होगा। दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान क्रमश: 22 और 07 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। शुक्रवार से हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी से उत्तरी हो जाएगी और इसकी रफ्तार बढ़ेगी। इसके प्रभाव से तापमान में कमी आ सकती है तो प्रदूषण भी कम होगा। + +इन इलाकों में हो सकती है बारिश।दिल्ली एनसीआर में हवा की बहुत खराब श्रेणी बरकरार। दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता बुधवार को भी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 363 रहा, मंगलवार को यह 367 था। एनसीआर में फरीदाबाद का एक्यूआइ 334, गाजियाबाद का 290, ग्रेटर नोएडा का 300, गुरुग्राम का 341 और नोएडा का 309 दर्ज किया गया। दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 168 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर जबकि पीएम 10 का स्तर 284 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ee0a6df77d0feb4a1cbc789749599a1c5f328ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएमए के म्यूजियम में रखीं 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की ऐतिहासिक धरोहर।देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में रखी जनरल नियाजी की पिस्तौल आज भी भावी सैन्य अफसरों में जोश भरने का काम करती है। यूं तो भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास हमेशा से ही युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। आइएमए के म्यूजियम में रखीं 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की ऐतिहासिक धरोहर और दस्तावेज भी युवा अफसरों को अपने गौरवशाली इतिहास और परंपरा को कायम रखने की प्रेरणा देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64034.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c1e67077ea6ebcf827acdc515eaef33a2fcfe93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64034.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विवेक ओझा। साल 2021 बांग्लादेश और साथ ही भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व का वर्ष है। यह वर्ष बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोहों का है जो उसके आत्मनिर्धारण के अधिकारों के लिए लड़ी गई लड़ाई का प्रतीक है। वर्ष 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं को साहस, नैतिक बल, प्रतिरक्षा और वित्तीय सहयोग देने वाला भारत बांग्लादेश की इस खुशी में शामिल हो रहा है। भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोहों में शामिल होने के लिए 15 से 17 दिसंबर तक इस पड़ोसी देश की राजकीय यात्र पर हैं। आज ही के दिन यानी 16 दिसंबर को 1971 में आधुनिक हथियारों और सैन्य साजोसामान से लैस पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता के आगे घुटने टेक दिए थे और इसी के साथ दुनिया के मानचित्र पर बांग्लादेश नाम से एक नए देश का उदय हुआ था। + +भारत बांग्लादेश संबंध इतिहास, कला और संस्कृति, भाषा और स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शो से प्रभावित रहे हैं। वर्ष 1905 में ब्रिटिश शासन द्वारा बंगाल विभाजन के निर्णय के विरोध में भारत में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी और सांस्कृतिक संबंधों को रवींद्र नाथ टैगोर की रचनाओं से एक नया आयाम मिला। माउंटबेटन प्लान के बाद जहां एक तरफ भारत पाकिस्तान के विभाजन का मार्ग खुल गया, वहीं पूर्वी पाकिस्तान भी एक भौगोलिक राजनीतिक इकाई के रूप में अस्तित्व में आया। पूर्वी पाकिस्तान की जनता बांग्ला भाषा वाली थी, जबकि पश्चिमी पाकिस्तान उर्दू भाषा की प्रधानता वाला था। पाकिस्तान अपने पूर्वी क्षेत्र (अब बांग्लादेश) पर उर्दू भाषा और सुन्नी मान्यताएं थोपना चाहता था। इसलिए यह तय था कि किसी न किसी समय यह क्षेत्र पाकिस्तान से अलग होने के लिए आंदोलन करेगा। यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि माउंटबेटन प्लान के तहत तब के असम के सिलहट जिले में एक जनमत संग्रह कराने का प्रविधान किया गया था जिसके जरिये यह तय होता कि असम के सिलहट की बांग्लाभाषी जनता असम का हिस्सा बनी रहेगी या फिर वह पूर्वी पाकिस्तान का भाग बनेगी। छह जुलाई, 1947 को हुए सिलहट जनमत संग्रह का फैसला पूर्वी पाकिस्तान के पक्ष में हुआ और असम ने एक समृद्ध जिले और उसके राजस्व को खो दिया। सिलहट पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) का अंग बन गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9384364a381aa82fd26d7aacc17443de5b22d48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64038.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैथल, [सुनील जांगड़ा]। कैथल के गांव रोहेड़ा की हैं 16 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय पैरा खिलाड़ी माफी। जितना रोचक इनका नाम है उतनी ही रोचक इनकी कहानी है। स्वजनों ने माफी नाम इसलिए रखा था, क्योंकि परिवार में माफी से पहले दो बहनें जन्म ले चुकी थी। छह भाई-बहनों में माफी तीसरे नंबर पर है। परिवार में पिता शीशपाल, मां सुनीता, बड़ी बहन अंजू, मंजू, माफी, छोटी बहन नैंसी, भाई मनीष और सबसे छोटी बहन प्रीति हैं। पिता शीशपाल दो एकड़ में खेती करके परिवार का गुजारा करते हैं। पांच साल की उम्र में माफी पर दुखों का पहाड़ टूट गया, जब चारा काटने वाली मशीन में माफी का बायां हाथ आधा कट गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6169cd4b90973c769279c86515ff91deeee5057 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64039.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड को वीर भूमि यूं ही नहीं कहा गया। राज्य के वीर योद्धाओं ने समय-समय पर अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया है। 1971 के भारत-पाक युद्ध की बात करें तो भारतीय सेना की इस विजयगाथा में उत्तराखंड के रणबांकुरों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। इस युद्ध में उत्तराखंड के 255 सैनिकों ने बलिदान दिया था। रण में दुश्मन से मोर्चा लेते हुए उत्तराखंड के 78 सैनिक घायल हुए। इन रणबांकुरों के अदम्य साहस का लोहा पूरी दुनिया ने माना। इस जंग में दुश्मन सेना से दो-दो हाथ करने वाले सूबे के 74 जांबाजों को वीरता पदक मिले थे। + +शौर्य और साहस की यह गाथा आज भी भावी पीढ़ी में जोश भरती है। इतिहास गवाह है कि वर्ष 1971 में हुए युद्ध में दुश्मन सेना को नाको चने चबवाने में उत्तराखंड के जवान पीछे नहीं रहे। तत्कालीन सेनाध्यक्ष सैम मानेकशा (बाद में फील्ड मार्शल) और बांग्लादेश में पूर्वी कमान का नेतृत्व करने वाले सैन्य कमांडर ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने भी प्रदेश के वीर जवानों के साहस को सलाम किया। युद्ध में शरीक होने वाले थलसेना, नौसेना व वायुसेना के तमाम योद्धा जंग के उन पलों को याद कर जोशीले हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67f24bf0926c858b0f81e0bde24ab4b8f3794ad3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64040.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। शहर में स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने के लिए मैनाठेर स्थित इलेक्ट्रानिक चार्जिंग बस डिपो का निर्माण लगभग पूरा है। अब चार्जिंग डिपो समेत हर पांच किमी पर शहर में भी चार्जिंग प्वाइंट लगाए जाने पर जोर है। शासन से विधानसभा चुनाव से पहले स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसें मिलने का दावा किया जा रहा है। दिसंबर में संचालन के लिए 25 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसें शासन से मिलनी थीं लेकिन, लंबी प्रक्रिया के चलते अभी यह बसें नहीं मिल पाई हैं। 5.50 करोड़ रुपये से मैनाठेर में चार्जिंग डिपो का निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें हर बस के लिए चार्जिंग प्वाइंट लगेगा। + +चार्जिंग प्वाइंट लगाने को एक दूसरी कंपनी अधिकृत की गई है। एक बार चार्जिंग होने के बाद स्मार्ट बस 120 किमी चलेगी। लेकिन, शहर में दौड़ते वक्त बैटरी खत्म होने की संभावनाएं भी रहेंगी। इसके लिए शहर में चार्जिंग प्वाइंट लगेंगे। बस स्टापेज भी बनाए जाने हैं और वे कौन से मार्ग पर चलेंगी, इसको लेकर पहले गठित हो चुकी कमेटी मुहर लगाएगी। जिसमें क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज की अहम भूमिका होगी। महानगर की 15 किमी की सीमा के दायरे में यह बसें चलेंगी। कमेटी में क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज के अलावा एमडीए उपाध्यक्ष, आरटीओ, नगर आयुक्त, बस कंपनी के सचिव, यूपीएसआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल हैं। बसों के मार्ग का निर्धारण पूरी तरह तय नहीं है। लेकिन, मुख्य मार्गों पर इनका संचालन होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e6b3abc4d5dc5af2aee06c405e59c9a87cf3dfb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64041.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुल लागत का 50 प्रतिशत सरकार देगी।पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह फैसला हुआ। इसके बारे में सूचना प्रौद्योगिकी व संचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि सरकार की मंशा सेमीकंडक्टर की डिजाइन से लेकर निर्माण तक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की है। जल्द ही सेमीकंडक्टर मिशन भी स्थापित किया जाएगा। यह मिशन दुनिया के अग्रणी सेमीकंडक्टर प्रोफेशनलों की अगुआई में शुरू होगा। + +ऐसे काम करेगा मिशन ।यह मिशन सेमीकंडक्टर निर्माण के विभिन्न पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए एक नोडल एजेंसी के तौर पर काम करेगा। उन्होंने आगे बताया कि अभी दुनिया में सबसे बेहतरीन सेमीकंडक्टर डिजाइनर भारतीय मूल के हैं। भारत में स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार डीएलआइ स्कीम लेकर आई है। इसके तहत डिजाइनरों को शुरू से लेकर अंत की कुल लागत का 50 प्रतिशत सरकार देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64043.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da9da9d7bc0c514ec3614f8e6db89cf9357faf34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64043.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बरेली मंडल में सेना को मिलेगा विकल्प।वर्तमान समय में बरेली में त्रिशूल एयरबेस है। जलालाबाद से सटे फर्रुखाबाद जनपद में फतेहगढ़ में सेना की बड़ी छावनी है। ऐसे में हवाई पट्टी विकसित होने से आपात स्थिति में यहां पर लड़ाकू विमानों के जरिए सेना व हथियारों को तेजी से उतारा जा सकता है। संबंधित सीमा स्थल तक जवान आसानी से पहुंचें। इसके लिए छह हेलीपैड भी बनाए जाएंगे। जिनमें से एक सदर तहसील क्ष्ेत्र में होगा। जबकि पांच जलालाबाद तहसील क्षेत्र में बनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..240b56748a38c7cd44a0ce2871223b0f1f4d9def --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64044.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रस्तावित योजनाओं मंजूरी।मंत्रिमंडलीय समिति ने सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एआइबीपी, हर खेत को पानी और भूमि, जल एवं अन्य विकास घटकों को 2021-2026 के दौरान जारी रखने के लिए प्रस्तावित योजनाओं मंजूरी दी है। एआइबीपी का उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय मदद प्रदान करना है। इसके तहत वर्ष 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करना है। चालू 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देने के साथ उससे संबंधित 30.23 लाख हेक्टेयर कमांड क्षेत्र का विकास भी शामिल है। + +सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा।यमुना नदी पर बनाए जाने वाली रेणुका बांध परियोजना (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बहुद्देश्यीय परियोजना (उत्तराखंड) में केंद्र की वित्तीय हिस्सेदारी 90 प्रतिशत तक होगी। ये दोनों परियोजनाएं यमुना बेसिन में जल भंडारण की शुरुआत करेंगी। इससे दिल्ली समेत यमुना बेसिन के ऊपरी हिस्से के पांच राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को लाभ होगा। हर खेत तक पानी पहुंचाने में भी इससे लाभ होगा, जिससे सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा। + +संसाधनों के क्षरण को रोकना शामिल।कैबिनेट ने वाटरशेड विकास घटक परियोजना को भी मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य वर्षा जल को सिंचित क्षेत्रों तक पहुंचाना है। इसमें मिट्टी एवं जल संरक्षण, भूजल की भरपाई, मिट्टी को बहने से रोकना और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण को रोकना शामिल है। इसके तहत 2021-26 के दौरान संरक्षित सिंचाई से ढाई लाख हेक्टेयर भूमि विकसित की जाएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c093e218c5183ffff74b740e0a4c0dab19935183 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का ताजा फैसला मुश्किलें पैदा कर सकता था। हालांकि सरकार ने इसका विरोध करते हुए समय से डब्ल्यूटीओ के अपीलीय अथारिटी में इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया है। यह बात ठीक है कि इस फैसले का कोई विपरीत असर घरेलू गन्ना किसानों और चीनी उद्योग पर नहीं पड़ेगा, लेकिन किसानों की जिद और सरकार की ढुलमुल नीति के बूते कृषि क्षेत्र का भला होने वाला नहीं है। वर्ष 2023 के बाद इसे लागू रखने पर दिक्कतें बढ़ सकती हैं। आने वाले दिनों में बदले वैश्विक परिवेश के अनुकूल कृषि क्षेत्र को बदलने की जरूरत है। वैश्विक व घरेलू बाजार में टिके रहने के लिए मांग आधारित खेती पर बल देना होगा। इसके लिए चीनी उद्योग क्षेत्र को भी आधुनिक तकनीक के साथ कदम मिलाना होगा, जिससे कम लागत और गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार किए जा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cee4e599d22bdf63bfc334eba7817b847f4d963 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घर की रसोई तक पहुंचा जाता चांद।मराठा प्रदीप टूर्ण ने मुर्हरा नस्ल के कटड़े को तैयार किया है। दोनों में इतना लगाव है कि प्रदीप की आवाज सुनकर चांद घर की रसोई तक भी पहुंच जाता है। फोर्ड को उठाने, बैठाने व एक जगह खड़ा रखने के लिए प्रदीप का एक इशारा ही काफी होता है। पंजाब के जगराओं मंडी में आयोजित पीडीएफए इंटरनेशनल डेयरी एवं एग्री एक्सपो चैंपियनशिप में लगभग 3000 पशु पालक पहुंचे। प्रतियोगिता में चांद ने सबसे कम उम्र का होते हुए भी चैंपियनशिप जीती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca2512d62fcee6d51d60a3ae1f3a6623d1fe6bee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी युद्ध ने बांग्लादेश नामक एक नए देश को जन्म दिया था। युद्ध के दौरान भारतीय सेना में तैनात रहे कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों से दैनिक जागरण ने बातचीत की। सभी का कहना है कि 1971 का युद्ध पूरी तैयारी के साथ किया गया था। तीनों सेनाओं के बीच जबर्दस्त तालमेल था। इस वजह से पाकिस्तान को समझ में ही नहीं आया कि मुकाबला किस तरह करें। जहां से पाक सेना आगे बढ़ सकती थी, उन सभी पुलों को बमबारी करके ध्वस्त कर दिया गया था। ढाका के नजदीक एक बंदरगाह को पूरी तरह तबाह कर दिया गया था। कुल मिलाकर पाक सेना के समझने से पहले ही भारतीय सेना ने परचम लहरा दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64cc7c26ca316dc491878cd6a7651447a5a3f3b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हरविंदर सग्गू, जगराओं (लुधियाना)। कृषि सुधार कानूनों की वापसी के बाद किसान घर लौटने लगे हैं। किसानों की जीत का जश्न भी मनाया जा रहा है। किसानों की घर वापसी के बाद अब पैसों के लेनदेन को लेकर गावों में तनाव पैदा होने लगा है। गांव अखाड़ा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। किसान आंदोलन की शुरुआत में गांव में लोगों को इकट्ठा कर यह कहा गया था कि समय-समय पर गांव के प्रत्येक घर से एक सदस्य आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली जाएगा। जो नहीं जाएगा, उससे तीन हजार रुपये देने को कहा गया। जब तक आंदोलन चलता रहा, यह कार्रवाई चलती रही। अब जब आंदोलन समाप्त हो गया है तो आंदोलन की अगुआई करने वाले नेताओं ने गांव में आकर घोषणा कर दी है कि जिन लोगों ने पैसे नहीं दिए, वे हर हाल में पैसे दें। गांव के करीब 20-25 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने पैसे नहीं दिए और न ही किसान आंदोलन में हिस्सा लिया। ।किसानों को बदनाम करने की दी धमकी।इस चेतावनी से संबंधित एक आडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें कहा गया है कि आंदोलन में नहीं जाने वाले जिन लोगों ने पैसे अब तक नहीं दिए हैं वह गठित की गई कमेटी के पास पैसे तुरंत जमा करवाएं। अगर कोई पैसे नहीं देगा तो उसकी फोटो लगाकर और उस पर पैसे नहीं देने की बात लिखकर उसे वायरल किया जाएगा। इस आडियो के वायरल होने के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। + +जब आंदोलन समाप्त हो गया तो पैसे क्यों दें।कुछ लोगों का कहना है कि जब आंदोलन ही समाप्त हो गया तो उसके बाद वह पैसा क्यों दें। गांव के लोग आंदोलन के दौरान हर फैसले का सम्मान करते रहे। प्रत्येक प्रदर्शन में शामिल हुए। समय-समय पर पैसे भी देते रहे। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर गांव में तकरार बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9804b0575148886bcff4bcb96999a0d5bf61a9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, रणविजय कुमार सिंह। कोरोना की दूसरी लहर के बाद बड़ी मुश्किल से लोग चुनौती भरे दौर से बाहर निकले हैं। अब नए स्ट्रेन ओमिक्रोन के रूप में एक नई चुनौती फिर हम सबके सामने है, जो बहुत संक्रामक है। यह वैरिएंट नया जरूर है, लेकिन कोरोना हमारे लिए नया नहीं रहा। इससे बचाव के उपायों से सभी अवगत हो चुके हैं। बचाव के उन पुराने उपायों का ठीक से पालन कर इस नए वैरिएंट को मात दी जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64057.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64057.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..743dcb6ec4b07e568f0e738f4ece622e5e7385ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64057.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन डेस्क, देहरादून। Christmas and New Year 2022 Celebration हर किसी को क्रिसमस और न्यू इयर का इंतजार है। सभी प्लानिंग भी करने लगे हैं कि इस बार इन दोनों फेस्टिवल्स को कहां सेलिब्रेट करें और कैसे खास बनाएं। कुछ दोस्तों के साथ तो कुछ फैमिली के साथ खूब एंज्वाय करना चाहते हैं। अब जब आप अपने लिए डेस्टिनेशन ढूंढ ही रहे हैं तो भला हम पीछे कैसे रह सकते हैं। Christmas और New Year को खास बनाने के लिए हम आपको उत्तराखंड के कुछ बेहतरीन Tourist Spots से रूबरू करवा रहे हैं, जहां आप अपनी छुट्टियों को बेहद खास बना सकते हैं। तो देर नहीं करते और बताते हैं कुछ बेहतरीन जगहें... ।पहाड़ों की रानी मसूरी।अगर आप हिल स्टेशन पर अपनी छुट्टियों को खास बनाने की सोच रहे हैं तो सबसे पहला नाम आता है क्वींस आफ हिल (पहाड़ों की रानी) मसूरी का। आप में से ज्यादातर लोग इस हिल स्टेशन के बारे में बहुत ही अच्छे से जानते होंगे और अगर कोई ऐसा भी है, जिसे नहीं पता तो आज जान लीजिए। उत्तराखंड के देहरादून जिले में बसा मसूरी बेहद ही खूबसूरत डेस्टिनेशन है। ये परफेक्ट प्लेस है क्रिसमस और न्यू इयर सेलिब्रेशन के लिए और अगर किस्मत अच्छी रही तो शायद क्रिसमस या न्यू इयर का स्वागत मसूरी बर्फबारी से कर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa18781fb607dc7e3d7afc01d5ccf91f147f5b8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64058.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोएडा में बनने वाले हैलीपोर्ट को शासन ने अनुमति दे दी है। हैलीपोर्ट सेक्टर-151 ए में पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। बैठक में पीपीपी बिड मूल्यांकन समिति के नामित सदस्य अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग व उनके प्रतिनिधि प्रमुख सचिव न्याय विभाग थे। उनके समक्ष योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। प्राधिकरण की ओर से मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी, एसीईओ और सलाहकार कंपनी राइट्स मौजूद रही। + +देश का सबसे बड़ा एमआई 172 के उतरने की होगी सुविधा ।हैलीपोर्ट परियोजना को पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। इसे 9.35 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा। 43.13 करोड़ रुपए खर्च कर किए जाएंगे। इसका डिजाइन बेल 412 (12 सीटर) के अनुसार तैयार किया गया है। हैलीपोर्ट में 5 बेल 412 के पार्किंग एप्रान की सुविधा होगी। इस हैलीपोर्ट में वीवीआईपी या आपातकाल के समय 26 सिटर एमआई 172 भी उतारा जा सकेगा। हैलीपोर्ट में 5०० वर्गमीटर में टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा जो कि 2० यात्रियों के आने जाने के लिए संचालन के लिए होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42a968f40ae3ab3e0e182192d9ffe3f15cc8a157 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64059.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सरकारी महकमों में 'आश्वासन की घुट्टी' पिलाने की बात अक्सर कही, सुनी जाती है। फरियादी भी ये बात जानते हैं, इसलिए चक्कर काटने की बजाय सिफारिश कराते हैं। लेकिन, नगर निगम के तौर-तरीके अलग हैं। यहां आश्वासन ही ऐसा दिया जाता है कि समझो काम हो गया। अब वार्ड 47 की आठ गलियों को ही लीजिए। तीन साल पहले यहां सड़कें बनाने का दावा निगम अधिकारियों ने क्षेत्रीय जनता से किया था। गलियों की नाप करा ली गई है, फाइलें तैयार हो रही हैं, सदन में प्रस्ताव पास होने की देर है, बजट आते ही सड़कें बना दी जाएंगी, ऐसे-ऐसे आश्वासन दिए गए। तीन साल हो गए, एक सड़क न बन सकी। क्षेत्रीय लोग इसी भ्रम में रहे कि निगम उनके लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जब दो सड़कें बनाने की बात शुरू हुई तो सारा भ्रम टूट गया। अब क्षेत्रीय लोगों को आश्वासन की इन सड़कों पर 'उम्मीदों की अर्थी' निकलती नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c3845885591904b33a7b7270dfa2cea3e8f190e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कार्तिक आर्यन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वो अक्सर अपनी कई तस्वीरें और वीडियो भी फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं। अब हाल ही में कार्तिक फिल्म 'फ्रेडी' के सेट से अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में कार्तिक के लुक की हल्की- फुल्की झलक देखने को मिल रही है। इस तस्वीर को देख कार्तिक के फैंस के एक्साइटमेंट और भी ज्यादा बढ़ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cde09ea34fd8e250f72966914b7c5f53d68be331 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एजेंडे में धर्मनगरियों का विकास शुरू से ही रहा। अयोध्या का चौतरफा विकास चल रहा है। इस बीच श्री काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर का कायाकल्प हो चुका, जिसका लोकार्पण सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। आस्था और विकास के इस संयुक्त माडल की झांकी भाजपा ने प्रदेश के हर शक्ति केंद्र (सेक्टर) के मठ-मंदिरों में दिखाई। शाम को दीपोत्सव भी कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ceb50d9d49b4eae2aa093d300b7668285909361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस के नोएडा के पूर्व महानगर अध्यक्ष कृपाराम शर्मा पार्टी छोड़कर बसपा का दामन थाम चुके हैं। सूत्रों के अनुसार कृपाराम शर्मा को बसपा नोएडा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार सकती है। सपा भी नोएडा से ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी में है। फेडरेशन आफ नोएडा रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशंस (फोनरवा) के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा दो दिन पहले सपा में शामिल हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e47c10c4f5e539c7fd3b3eaad2c83fb06f6602b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये हैं निमोनिया के लक्षण।निमोनिया के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, जो संक्रमण के कारण, रोगाणु के प्रकार अथवा आपकी उम्र व स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। सामान्य लक्षण अक्सर सर्दी या फ्लू के समान होते हैं लेकिन लंबे समय तक रहते हैं, अन्य लक्षण हैं-।- सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द। ।- खांसी, जो कफ पैदा कर सकती है। ।- बुखार पसीना और कपकपी ठंड लगना। ।- मतली उल्टी या दस्त। ।- सांस लेने में परेशानी। ।- सामान्य शरीर के तापमान से कम।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64067.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f7d8519c7129280dd3b017f731061347bc8ee58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64067.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केंद्र सरकार का मुख्य फोकस इस साल कृषि सुधारों के साथ ही किसानों की आय में बढ़ोतरी करने पर रहा। इसके लिए तीन कृषि कानून लाए गए, मगर वे किसान जत्थेबंदियों के रूप में विपक्षी राजनीतिक दलों के विरोध का शिकार हो गए। पूरे एक साल आंदोलन चला, लेकिन अच्छी बात यह रही कि बाकी सरकारों की तरह इस आंदोलन में न तो कोई हिंसा हुई और न ही पुलिस की लाठी या गोली से किसी की जान गई। प्राकृतिक मृत्यु को पाने वाले लोगों के प्रति सबकी संवेदना है, लेकिन इस आंदोलन ने यह संदेश जरूर दिया कि यदि राजनीतिक समझदारी हो तो बंसीलाल, भजनलाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ओमप्रकाश चौटाला की सरकारों में हुए आंदोलनों के दौरान भी हिंसा तथा गोलीबारी से बचा जा सकता था। + +हरियाणा की राजनीति की बात करें तो इस साल विपक्ष बंटा हुआ नजर आया। भाजपा-जजपा गठबंधन को मजबूती का लेप लगा तो कांग्रेस में खींचतान बढ़ती चली गई। आम आदमी पार्टी ने राज्य में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं तो साथ ही ऐलनाबाद का उपचुनाव जीतकर इनेलो ने राजनीति में अपनी अच्छी वापसी की। तमाम प्रयासों के बाद भी देश की राजनीति के पुरोधा ताऊ देवीलाल के परिवार की दूरियां कम नहीं हो सकीं। भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरियों में सुशासन का समावेश करते हुए बरसों पुराने उन गिरोहों को तार-तार किया, जिनकी जड़ें बहुत गहराई तक पहुंची हुई थीं। करीब पौने चार लाख ऐसे गरीब लोगों को चिन्हित किया गया, जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक तक है। अंत्योदय ग्राम मेलों के जरिये इन लोगों की वार्षिक आय कम से कम दो लाख रुपये तक करने की दिशा में सरकार ने गंभीरता से कदम आगे बढ़ाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39c2aaa5df0aaa9048e28991152a09e7829dca3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाई पावर कमेटी में भी रहा मतभेद: 25 सदस्यीय कमेटी में सड़क की चौड़ाई को लेकर अध्यक्ष प्रो. रवि चोपड़ा समेत चार सदस्य व अन्य 21 सदस्यों के बीच मतभेद रहा। चार सदस्यों ने मत दिया कि सड़क की चौड़ाई 10 मीटर (डबल लेन पेव्ड शोल्डर समेत) की जगह 5.5 मीटर होनी चाहिए। इसके पीछे पहाड़ों के संवेदनशील होने व पेड़ों की क्षति कम करने का तर्क दिया गया। कमेटी के अन्य सदस्य सड़क के डिजाइन (10 मीटर) के अनुरूप ही सड़क की चौड़ाई के पक्ष में थे। कमेटी ने जुलाई 2020 में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e19aaa23ab107421c5d286208c26ad00d241660 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64069.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यमुना एक्सप्रेस वे के खंदौली टोल प्रभारी तुलसीराम गुर्जर ने बताया कि अब हल्के वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही चल सकेंगे। भारी वाहन 80 से घटकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगे। 25 दिसंबर खंदौली टोल की सभी नौ लाइनों को फास्टैग युक्त कर दिया जायेगा। यह व्यवस्था खंदौली, मथुरा व जेवर टोल पर एकसाथ लागू की जाएगी। + +आगरा व जेवर में लगे टाइम बूथ।यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण द्वारा वाहनों की टाइम मॉनिटरिंग के लिए खंदौली और जेवर टोल प्लाजा के बीच अलग-अलग इलाकों में टाइम बूथ लगाए गए हैं। प्राधिकरण की तरफ से एक्सप्रेस वे पर 20 स्थानों पर स्पीडोमीटर भी लगाए गए हैं। अगर वाहन तय लिमिट से ज्यादा स्पीड में पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए भी एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा तैयारियां कर ली गई हैं। + +हादसों में गई 100 से अधिक जानें।इस साल जनवरी से अब तक ग्रेटर नोएडा से आगरा के बीच 390 हादसे हुए हैं। इन हादसों में 125 लोगों ने जान गंवाई है। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में 560 और वर्ष 2020 में 509 हादसे हुए। वर्ष 2019 में एक्सप्रेस वे पर हादसों में 195 लोगों की मौत हुई थी। सुरक्षा उपायों के चलते वर्ष 2020 में यह आंकड़ा घटकर 128 हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71ca6fb54d88febf96ea0ddbabb9f4726ca196a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64071.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जेल से छूटे तो कर सकेंगे परिवार का गुजारा।पौध तैयार करने वाले कैदियों व बंदियों की मानें तो पहले उन्होंने न कभी फूलों की पौध के बारे में सोचा था और न ही ऐसा कार्य किया था, लेकिन कुछ माह पहले जेल अधीक्षक के नेतृत्व में उपाधीक्षक सोलाक्षी भारद्वाज ने उन्हें प्रोत्साहित किया तो जीवन ही बदल गया। उन्हें अपने किए अपराध पर पछतावा है, लेकिन यहां आकर उन्हें फूलों की पौध तैयार करने के इतने गुर सीख लिए हैं कि वे जेल से छूटने के बाद मुख्यधारा से जुड़ते हुए परिवार का आसानी से गुजारा चलाते हुए सम्मानपूर्वक जीवन जी सकते हैं। + +इन फूलों की तैयार की गई पौध, ताकि महक से चहक उठे हर जन : सोलाक्षी।जेल उपाधीक्षक सोलाक्षी भारद्वाज का कहना है कि बंदी व कैदियों ने अथक मेहनत कर 23 से भी अधिक प्रकार के सीजनन फूलों की पौध तैयार की है। इनमें आइस, पेंजी, फ्लोक्स, एवरलास्टिंग, एलाज्म, गजानियां, स्टाक, स्वीट विलियम, शोवाय, लीफ फ्लावर, व्हाइट स्टाक, कैलेनडुला, होलीहाक, लारक्सपर, ढेलिया, पापी, शास्ता डेजी, कैलिफोर्निया पापी, कास्मास, स्वीट सुल्तान, कोरियोपसिस, पेटोनिया, एग्रोस्टिमा सहित अन्य प्रकार के फूलों की पौध शामिल है। जेल उपाधीक्षक ने बताया कि ये पौध निशुल्क वितरित की जा रही है और कोई भी व्यक्ति, संस्था व निजी व सरकारी कार्यालय की ओर से भी संपर्क किया जा सकता है। इसका मकसद यही है कि हर कौने में फूलों की महक से हर जन चहक उठे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb2d6dacddadb709211e87f38562716cac9a9252 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए सरकारी नौकरी व शिक्षा संस्थानों में दाखिलों के लिए मिलने वाले आरक्षण की व्यवस्था में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के अनुसार संवैधानिक अथवा उनके समकक्ष पदों पर काम करने वाले पिछड़े वर्ग के लोगों के बच्चों को इस आरक्षण के दायरे से बाहर कर दिया गया है। किसी सांसद, मंत्री अथवा विधायक के पुत्र या पुत्री को भी पिछड़ा वर्ग के लिए मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e176138683bddf232a7de3a86c9dd711e436616e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीएम से मिल चुकी है वाहवाही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में मन की बात कार्यक्रम में यहां की होम स्टे की पहल को सराहा था। इसके बाद पांच नवंबर को केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लोकार्पण समारोह और फिर चार दिसंबर को देहरादून में 18 हजार करोड़ की योजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम में उन्होंने इसकी सराहना की थी। तब उन्होंने कहा था कि होम स्टे बनाने में उत्तराखंड देश को दिशा दिखा सकता है। ऐसे प्रयास उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f5ec69f82dbf00617e479741dd5d1d138d89986 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली [धीरेंद्र पाठक]। हाल ही में आयोजित 13वीं ई-स्पोर्ट्स वर्ल्ड चैंपियनशिप-2021 के बाद भारत में भी ई-स्पोर्ट्स गेम का खुमार देखा जा रहा है। मोबाइल और इंटरनेट की मदद से खेले जाने वाले इस गेम की लोकप्रियता अपने देश में भी तेजी से बढ़ रही है। गेमिंग तकनीक में रुचि रखने वाले युवा ई-स्पोर्ट्स में भी करियर बना सकते हैं। आइये जानें, कैसे बनें ई-स्पोर्ट्स में प्रोफेशनल गेमर...।यदि आप भी अपने स्मार्टफोन पर आनलाइन और आफलाइन वीडियो गेम्स देखते और खेलते हैं, तो डिफेंस आफ द एंसेंट्स (डोटा 2), लीग आफ लीजेंड्स (लोल), काउंटरस्ट्राइक, काल आफ ड्यूटी, फीफा, फ्री फायर, बीजीएमआइ, क्लैश रायल हार्थस्टोन, स्टारक्राफ्ट जैसे गेम के बारे में जरूर देखा या सुना होगा। ये कुछ ऐसे चुनिंदा ई-स्पोर्ट्स गेम हैं, जिनकी लोकप्रियता इनदिनों 152 से अधिक देशों में देखी जा रही है, जिसे फुरसत के समय खेलकर युवा न सिर्फ अपना मनरंजन कर रहे हैं, बल्कि इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad5a39648ce87822cf83dd1e47a9e66dd6b5439d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl दीपिका पादुकोण, कटरीना कैफ, नरगिस फाखरी, सोनम कपूर जैसी 9 एक्ट्रेस को रणबीर कपूर डेट कर चुके हैंl इन दिनों उनका नाम आलिया भट्ट के साथ जुड़ा हुआ हैl रणबीर कपूर का अफेयर इन दिनों आलिया भट्ट के साथ चल रहा हैंl दोनों अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl हालांकि रणबीर कपूर अपने अफेयर को लेकर भी खबरों में रहे हैंl रणबीर कपूर की बड़ी फैन फॉलोइंग हैl उन्होंने दीपिका पादुकोण, नरगिस फाखरी, कटरीना कैफ, अवंतिका मलिक, नंदिता महतानी और सोनम कपूर जैसी एक्ट्रेस को डेट किया हैl ।अवंतिका मलिक।रणबीर कपूर और अवंतिका मलिक कॉलेज के दोस्त हैंl दोनों ने एक-दूसरे को कॉलेज में डेट किया थाl यह रणबीर कपूर के फिल्मों में आने की पहले की बात हैl हालांकि बाद में दोनों अलग हो गए थेl अवंतिका ने बाद में आमिर खान के भांजे इमरान खान से शादी कर ली थीl।नंदिता महतानी ।नंदिता महतानी करिश्मा कपूर के भूतपूर्व पति संजय कपूर की पहली पत्नी थीl वह एक फैशन डिजाइनर थीl दोनों की उम्र के बीच के अंतर के कारण दोनों का अफेयर चर्चा में थाl हालांकि दोनों ने कभी भी अपने रिश्ते को सार्वजनिक नहीं किया और बाद में दोनों भी अलग हो गएl ।सोनम कपूर ।रणवीर कपूर और सोनम कपूर ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ब्लैक पर साथ असिस्ट किया थाl दोनों की डेब्यू फिल्म सांवरिया थीl इसमें भी दोनों साथ नजर आए थेl दोनों के अफेयर की खबरें भी आई थीl सोनम कपूर ने रणबीर कपूर के प्रति अपनी नाराजगी भी दर्शाई थीl ।दीपिका पादुकोण ।रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण का लव अफेयर काफी चर्चा में थाl दोनों बचना ए हसीनो के सेट पर एक दूसरे के दिल दे बैठे थेl इसके बाद दोनों ने यह जवानी है दीवानी, तमाशा जैसी फिल्मों में काम कियाl दीपिका ने रणबीर कपूर के नाम का टैटू भी अपने गले पर बनवाया थाl हालांकि बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया थाl।नरगिस फाखरी ।रणबीर कपूर और नरगिस फाखरी ने इम्तियाज अली की फिल्म रॉकस्टार से बॉलीवुड में डेब्यू किया थाl इस फिल्म में उनकी अहम भूमिका थीl दोनों की केमिस्ट्री काफी पसंद की गई थीl दोनों कई मौके पर साथ देखे गएl हालांकि उन्होंने कभी भी अपने रिश्ते की पुष्टि नहीं कीl।कटरीना कैफ।रणबीर कपूर और कटरीना कैफ का अफेयर अजब प्रेम की गजब कहानी के सेट पर शुरू हुआ थाl कटरीना कैफ कपूर परिवार के वार्षिक भोज पर भी साथ नजर आई थीl दोनों ने जग्गा जासूस में भी काम कियाl हालांकि बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए थेl ।माहिरा खान।रणबीर कपूर लेकर चर्चा है कि उन्होंने पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान को भी डेट किया हैl दोनों की कई तस्वीरें अमेरिका में से लिक होकर वायरल हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3902e1aca65b33b3b204edee47118818f36a5da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एलन मस्‍क को काम करने की लत । एलन मस्‍क को काम करने की लत है। टेस्‍ला माडल 3 को तैयार करते समय उन्‍होंने कहा था कि वह हफ्ते में 120 घंटे काम करते हैं। उन्‍होंने कहा था कि काम करने में वह थकते नहीं है, बल्कि उन्‍हें मजा आता है। अमेरिका में कोरोना महामारी के समय लाकडाउन के दौरान सैन फ्रांसिस्को स्थित उनकी कंपनी को बंद करना पड़ा था। उस वक्‍त उन्‍होंने अमेरिका में लाकडाउन के प्रतिबंधों का विरोध किया था। उन्‍होंने कहा कि जो लोग महामारी का हौवा बना रहे हैं, वह बेवकूफ हैं। उन्होंने घर में रहने के आदेशों को गैरजरूरी बताया। उन्‍होंने कहा कि कोविड लाकडाउन संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64085.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64085.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bccde1f03103ea94d1e1f2a89214420acc783dab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64085.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमरोहा का मुहल्ला लकड़ा की गलियां शायर जाॅन एलिया की अनगिनत यादें समेटे हैं। एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने अमरोहा पहुंची जाॅन की भांजी हुमा रिजवी भी बात छिड़ते ही अपने मामा की यादों में खो जाती हैं। बताती हैं कि उनके चार मामा में जाॅन एलिया सबसे छोटे थे। बड़े मामा रईस अमरोहवी व सैयद मोहम्मद तकी दिल्ली में जंग अखबार में कार्यरत थे। बंटवारा होते ही यह अखबार करांची चला गया। इसके चलते जाॅन एलिया को छोड़कर तीनों मामा करांची चले गए। पिता सैयद शफीक हसन एलिया की मौत व बहन साहे जना नजफी की शादी के बाद जाॅन अकेले रह गए। इसी दौरान उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई। इलाज के लिए उनके भाईयों ने उन्हें करांची बुला लिया। इसके बाद न चाहते हुए भी जाॅन एलिया वहीं बस गए। वह हर वर्ष अमरोहा आते थे, ट्रेन से उतरते ही स्टेशन की मिट्टी को चूमकर माथे से लगाते थे। अमरोहा में अपने स्वागत से चिढ़ते थे, कहते थे कि स्वागत तो मेहमान का होता है, वह तो यहीं के हैं। इसी को लेकर उन्होंने शायरी गढ़ी थी- मिलकर तपाक से हमें न कीजिए उदास, खातिर न कीजिए कभी हम भी यहां के थे। आठ नवंबर 2002 को करांची में उनके निधन के बाद पाक सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकट भी जारी किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0c4eb9212201c42eb6bf753b132230bf42a8127 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64086.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जनपद अलीगढ़ के कस्बा टप्पल निवासी युवक अमीरुद्दीन ने तीन साल की कड़ी मेंहनत के बाद अपने सपनों को  उड़ान दे दी है। 12वीं पास युवक ने उड़न खटोला बना दिया। बता दें कि मजदूर के पुत्र इंटर पास अमीरुद्दीन मलिक पुत्र नूरुद्दीन मलिक ने देशी जुगाड़ से उड़ने वाली अनोखी फ्लाइंग मशीन मोटरसाइकिल के एक सौ सीसी इंजन से तैयार की है। अमीरुद्दीन मशीन को पूरा करने में लगा रहा और उसने जो सोचा उसे तैयार करके दिखा दिया। इसको लेकर परिवार के लोग बेहद उत्‍साहित हैं। + +तीन साल की मेहनत का मिला फल।तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद अमीरुद्दीन ने फ्लाइंग मशीन को बनाया है, जो सिर्फ अब परमिशन मिलने के इंतजार में है। सरकार द्वारा परमिशन मिलते ही अमीरुद्दीन की फ्लाइंग मशीन आसमान की सैर करेगी। अमीरुद्दीन ने बताया कि फ्लाइंग मशीन को बनाने में करीब एक लाख का खर्चा आया है व मशीन में बाइक का 180 सीसी इंजन लगा है। साथ ही छोटे-छोटे पहिए म (टायर) लगे हैं। इसके अलावा लकड़ी का पंखा लगा है। यह मशीन पेट्रोल से स्वचालित है। पैराशूट को पैराशूट की तरह अपने हाथों से बनाया है। फिलहाल इस मशीन में एक ही व्यक्ति बैठेगा, लेकिन अमीरुद्दीन ने बताया कि परमिशन मिलने के बाद ट्राई लेने के बाद दो व्यक्ति बैठ सकते हैं। क्योंकि अमीरुद्दीन ने फ्लाइंग मशीन में दो सीट लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..946913dd876271f9df0ed6375560967889f3e63a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेटी के जन्मदिन के कारण छुट्टी?।बताया जा रहा है कि विराट कोहली अपनी बेटी के जन्मदिन के कारण वनडे सीरीज नहीं खेलना चाहते, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि विराट-अनुष्का की बेटी वामिका का बर्थडे 11 जनवरी को है। इसी दिन विराट कोहली संभावित रूप से अपना 100वां टेस्ट मैच खेलना चाहेंगे, क्योंकि वे अब तक 97 टेस्ट खेल चुके हैं और ये सौभाग्य की बात होगी कि वे अपनी बेटी के जन्मदिन के दिन अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने उतरें। ऐसे में सवाल ये है कि जब वनडे सीरीज 19 जनवरी से शुरू हो रही है तो फिर सीमित ओवरों की सीरीज से आराम लेने की बात कहां से आ गई?।क्या रोहित-विराट के बीच सब कुछ ठीक नहीं?।2019 के विश्व कप के बाद दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित की थी कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि, बाद में कोच और कप्तान ने इस मसले पर ज्यादा बात नहीं की थी तो क्या विराट कोहली का रोहित शर्मा की कप्तानी में वनडे सीरीज नहीं खेलना उसी विवाद का हिस्सा है या फिर बात कुछ और है, क्योंकि जिस तरह से बीसीसीआइ ने रोहित शर्मा को कप्तानी सौंपी है, उससे तो यही लगता है कि वे इस फैसले से कुछ नहीं हैं और हाल-फिलहाल में वे रोहित की कप्तानी में खेलना नहीं चाहते। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd0a2cf99a3f83ff72ca8abd7518af06639334a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64088.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और शिव सेना के नेताओं से मुंबई जाकर मुलाकात करती हैं। वहीं दूसरी ओर उसी एनसीपी में सेंधमारी से भी परहेज नहीं कर रही हैं। कांग्रेस के कई नेताओं को तोड़ने के बाद अब शरद पवार की पार्टी में भी गोवा में सेंध लगा दी। ममता एक माह के भीतर दूसरी बार गोवा पहुंची हैं। सोमवार को उन्होंने गोवा में जहां एक ओर मीडिया हाउसों के संपादकों के साथ बैठक की तो दूसरी ओर एनसीपी के वरिष्ठ नेता व विधायक चर्चिल अलेमाओ और उनकी बेटी को तृणमूल में शामिल कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..280351f871c20b7d6ef06242c47db31f73d5b767 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एडीसी ने कहा- ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।एडीसी ने कहा कि जो सरकारी कर्मचारी सेकेंड डोज नहीं लगवा रहे हैं, उनके खिलाफ डीसी कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे पहले कि कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सभी दूसरी डोज लगवा लें। कर्मचारियों की सुविधा के लिए जिले में कई जगह पक्के सेंटर बनाए गए हैं। इसके अलावा रोजाना 100 से अधिक जगह पर अस्थायी कैंप लगाकर वैक्सीनेशन की जा रही है। ।वैक्सीन ही बचाव ।वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डा. पुनीत जुनेजा का कहना है कि ओमिक्रोन के आने के बाद दोनों डोज लगवानी बेहद जरूरी है। वैक्सीन ही बचाव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fd53092f5d73ebe06932f79ee6ad31560c64952 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ध्रुवक अग्रवाल। कल्पना कीजिए कि आप एक बर्तन में पानी उबालना चाहते हैं। ऐसा आप ढक्कन के साथ और बिना ढक्कन के कर सकते हैं। लेकिन बिना ढक्कन के पानी उबालने पर ईंधन का पूरा सदुपयोग नहीं हो पाता है और पानी उबलने में समय व गैस भी ज्यादा लगती है। अगर यही काम ढक्कन के साथ किया जाए तो पानी जल्दी उबलता है और गैस की भी बचत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23c7995f1cf220fda193520dfd600ea5bc3571fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते सप्ताह ममता बनर्जी ने तीन सीमावर्ती जिलों की प्रशासनिक बैठकों में बीएसएफ को लेकर जो बातें कही हैं, उस पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विरोध जताते हुए कहा, ‘बीएसएफ को लेकर मुख्यमंत्री का निर्देश बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वह केंद्रीय बल एवं राज्य पुलिस के बीच टकराव पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। उनका (ममता का) यह रुख राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।’।ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठकों में राज्य के पुलिस-प्रशासन को निर्देश दिया कि अगर बीएसएफ के जवान बिना अनुमति गांव में घुसते हैं और अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करते हैं तो उनका विरोध करें। कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। पहले यह बात ममता ने पिछले मंगलवार को बांग्लादेश की सीमा से सटे उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर जिलों की प्रशासनिक बैठकों में कही, इसके बाद गुरुवार को बांग्लादेश की सीमा से सटे एक और जिले नदिया में पुलिस को उन्होंने निर्देश दिया कि बीएसएफ को उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर के इलाकों में प्रवेश करने से रोकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6410.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6410.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f8b3f4454fcdab68c9c03006edfbc4c84593167 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6410.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस फोटो के साथ रिया ने कैप्शन में लिखा है, ‘सीधी तरफ जो महिला है उसके पास वो सबकुछ है जो उल्टी तरफ खड़ी महिला हमेशा चाहती है, प्यार, दया और बहादुरी। तुम्हारे जन्मदिन पर मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि ‘शिबानी जैसी दोस्त पाने की दुआ हर किसी को अपनी जिंदगी में करनी चाहिए’। दुनिया की सबसे स्पेशल लड़की को जन्मदिन मुबारक...मैं तुमसे बहुत-बहुत प्यार करती हूं’। आपको बता दें कि शिबानी और रिया बहुत अच्छे दोस्त हैं। आपको याद होगा सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद रिया को कुछ दिन जेल में रहना पड़ा था उस वक्त शिबानी वो पहली थीं जिन्होंने रिया का खुलकर सपोर्ट किया था और अपने इंस्टाग्राम पर उनके एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0481b37c1cffd6883724e71b9dcb943964b00f15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा सांसद ने अपने ट्वीट में कहा है कि भारत के किसानों और सरकार ने बहुत बार कृषि और उससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा की है। लेकिन अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने का समय आ गया है। सरकार द्वारा कृषि कानून की वापसी और एमएसपी पर कमेटी के गठन की घोषणा के बाद भी उन्होंने एमएसपी की कानूनी गारंटी का मुद्दा उठाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..846a4faebc6e9a8a46b7b2cd6ef658ff32f960c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64106.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +Koo App।કાશીપુત્રનું આગમન મા ગંગાને નમન કાશી વિશ્વનાથ ધામ ખાતે ગંગા નદીમાં ડુબકી લગાવી મા ગંગાને પુષ્પ અને સુર્યદેવને અર્ઘ્ય અર્પણ કરતા પ્રધાનમંત્રી શ્રી @narendramodi જી। View attached media content ।Koo App।काशीवासियन का प्रणाम जिनके सहयोग से ई घड़ी आयल है। आप सब लोगन के बहुत-बहुत बधाई हौ। हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी रह रह कर सबका दिल जीत लेते हैं। जय हिंद #मोदी #काशीविश्वनाथ #वाराणसी #काशीविश्वनाथकॉरिडोर #योगी_आदित्यनाथ #उत्तरप्रदेश। View attached media content ।Koo App।सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास... श्रमेव जयते!। View attached media content ।#WATCH Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Kashi Vishwanath temple in Varanasi pic.twitter.com/4pLpNubg2z।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कीष इस दौरान मंत्रोच्चार से मंदिर का परिसर गूंज उठा। इस दौरान उन्होंने पौधरोपण भी किया। + +#WATCH | PM Narendra Modi interacts with the workers who constructed the newly-inaugurated Kashi Vishwanath Dham corridor, in Varanasi. pic.twitter.com/xRROKsC4iK।#WATCH | Varanasi: PM Narendra Modi along with CM Yogi Adityanath had lunch with the workers involved in construction work of Kashi Vishwanath Dham Corridor. pic.twitter.com/XAX371ThEw।श्री काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर निर्माण में काम करने वाले मजदूरों के साथ प्रधानमंत्री ने भोजन किया। इससे पहले पीएम ने मजदूरों पर पुष्पवर्षा भी थी और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..776693760ad4d458dabac3beb2b78cdd8b7fb702 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64107.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। द्वादश ज्‍योतिर्लिंग में से एक श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारिडोर की संकल्‍पना के बाद आज सोमवार को बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लो‍कार्पित कर देश की जनता को समर्पित कर दिया। पीएम नरेन्‍द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्‍ट माना जा रहा कारिडोर परियोजना लोकार्पण के बाद देश के शीर्ष धार्मिक स्‍थलों में शुमार हो गया है, जो काफी दिव्‍य और भव्‍य भी है। आइये देखते हैं श्री काशी विश्‍वनाथ धाम की दिव्य तस्वीरें...।श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मंदिर शिखर से लेकर धरातल तक स्मार्ट लाइटिंग की सतरंगी रोशनी से नहा रहे हैं। बरबस ही हर किसी को वे अपनी तरफ खींच रही है। धाम में बाबा विश्वनाथ की आरती के समय घंटियों और डमरूओं की निनाद के साथ रोशनी का संयोजन किया गया है। देर शाम मंदिर पहुंच रहे श्रद्धालु भी धाम की अद्भुत सजावट देखकर मंत्रमुग्ध नजर आ रहे हैं। + +इस परियोजना का उद्देश्य घाटों और मंदिर के बीच तीर्थयात्रियों व भक्तों की आवाजाही को सुविधापूर्ण बनाना है। अभी तक वे तंग और भीड़भाड़ वाली गलियों से होकर मंदिर तक पहुंचते थे। अब चारों दिशाओं में निर्मित चार प्रवेश द्वार से वे सीधे धाम में प्रवेश कर सकेंगे और उन्हें गलियों और तंग संकरे रास्तों से नहीं गुजरना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..594909e9f83f6abb5bab0d216a783e6997d1023a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव से सिनेमाघरों को संभावित ख़तरे पर आनंद कहते हैं- ''मुझे लगता है कि दोनों फॉर्मेट एक-दूसरे के पूरक बनकर काम करेंगे। इंडस्ट्री में ऐसे बहुत से बेहतरीन कलाकार, टेक्नीशियंस और निर्देशक हैं, जिन्हें अपनी फ़िल्में थिएटर में रिलीज़ करने का मौक़ा नहीं मिल पाता, उनके लिए ओटीटी बहुत अच्छा माध्यम है। रही बात सिनेमाघरों की तो लोगों के लिए यह एक अलग ही अनुभव होता है। सिर्फ़ फ़िल्म देखना नहीं होता, बल्कि परिवार के साथ आउटिंग या बाहर घूमने-फिरने का मौक़ा भी होता है। उस हिसाब से ओटीटी और थिएटर की तुलना नहीं हो सकती है। मगर, मुझे लगता है कि साथ में यह दोनों माध्यम इंडस्ट्री को और बड़ा करेंगे।''।पिछले दिनों हॉलीवुड एक्ट्रेस स्कारलेट जोहनसन ने डिज़्नी पर मुक़दमा किया था, क्योंकि उनकी फ़िल्म को सिनेमाघरों के साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ करने का फ़ैसला किया गया था। आने वाले समय में बॉलीवुड इंडस्ट्री के सामने इस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं क्या? इस पर आनंद बोले- ''यहां ऐसी दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि एक अंडरस्टैंडिंग है कि थिएटर में आने के बाद फ़िल्म 6 या 8 हफ़्ते बाद ही ओटीटी पर आएगी। अगर ऐसा नहीं होगा तो थिएटर नाम की इंस्टीट्यूशन ही ख़त्म हो जाएगी।''।चेहरे रिया चक्रवर्ती की कास्टिंग के कारण भी ख़ूब चर्चा में रही है। सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में रिया मुख्यारोपी हैं और उनके ख़िलाफ़ लम्बे समय तक सोशल मीडिया में नकारात्मक सेंटिमेंट्स का सिलसिला देखा गया, इसको लेकर किसी तरह का डर? इस पर आनंद ने कहा- ''हमने जब ट्रेलर डाला था, यू-ट्यूब पर हमें जो कमेंट्स मिले, उसमें 95 फीसदी लोगों ने हमें सराहा कि अच्छा है, एक बेचारी हालात की शिकार लड़की के साथ आप खड़े रहे। रिया की फ़िल्म में मौजूदगी को लेकर ज़रा भी डर नहीं है मुझे।''।आनंद पंडित ने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में बताते हुए कहा- ''थैंक गॉड का 80-85 फीसदी शूट पूरा हो चुका है। सितम्बर और अक्टूबर में 15-15 दिनों के शेड्यूल हैं। अगले साल जनवरी में रिलीज़ करने का इरादा है।'' बता दें, थैंक गॉड में अजय देवगन, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह मुख्य किरदारों में हैं। ।यह भी पढ़ें: Exclusive Interview: 'चेहरे' के टाइटल ट्रैक में अमिताभ बच्चन अकेले क्यों हैं? गाने के निर्देशक कूकी गुलाटी ने खोला राज़।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..899b2144612918612f9664bc82405a112850b6aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर कोई था चौकन्‍ना लेकिन... ।यहां एक बात गौर करने लायक है कि इसी हाईवे पर दो दिन पहले भी आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमले किया था इस वजह से हर कोई चौंकन्‍ना था। काफि‍ले के मूवमेंट के दौरान एक कार ने सड़क के दूसरी ओर से काफिले की एक बस में टक्‍कर मार दी थी। यह कार विस्फोटकों से लदी थी जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी सवार थे। कार की टक्‍कर के साथ ही जोरदार धमाका हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c80dd65e4009122fbee2c331f53079e0c6ee012d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं तोड़ सके मंद‍िर का शिवल‍िंग।बताया जाता है क‍ि औरंगजेब के फरमान के बाद 1669 में मुगल सेना ने विशेश्वर का मंदिर ध्वस्त कर दिया था। स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को कोई क्षति न हो, इसके लिए मंदिर के महंत शिवलिंग को लेकर ज्ञानवापी कुंड में कूद गए थे। हमले के दौरान मुगल सेना ने मंदिर के बाहर स्थापित विशाल नंदी की प्रतिमा को तोड़ने का प्रयास किया था लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वे नंदी की प्रतिमा को नहीं तोड़ सके। आज तक विश्वनाथ मंदिर परिसर से दूर रहे ज्ञानवापी कूप और विशाल नंदी को एक बार फिर 352 साल बाद विश्वनाथ मंदिर परिसर में शामिल कर लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ee86076a6b5b9af282e8803d24f19fee3952bff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +21 वर्ष बाद भारतीय सुंदरी हरनाज संधू ने मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले सुष्मिता सेन और लारा दत्ता ने यह खिताब अपने नाम किया था। हरनाज संधू की सफलता के पीछे तीर्थ नगरी ऋषिकेश का नाम जुड़ गया है। ऋषिकेश के तपोवन स्थित आरोग्यधाम योग आश्रम के संचालक डा. अमृत राज के मुताबिक वर्ष 2019 में मिस इंडिया की दौड़ में हरनाज संधू टाप 12 में स्थान नहीं बना पाई थी। उसके बाद वह मिस इंडिया पंजाब बनी थी। उन्होंने लगातार योग और मेडिटेशन का अभ्यास करते हुए वर्ष 2021 में मिस इंडिया और मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया। योगी अमृतराज ने बताया कि इसके पूर्व मुंबई स्थित फेमिना मिस इंडिया केंपस बिल्डिंग में जाकर हरनाज को ध्यान, प्राणायाम, योग सहित आवश्यक प्रशिक्षण दिया था। ।इस वर्ष अगस्त से लेकर नवंबर तक प्रतिमाह उन्होंने हरनाज को पांच सत्र में आनलाइन प्रशिक्षण दिया। हरनाज को बताया गया कि जीवन में सफलता के लिए हमेशा सकारात्मक सोच लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्हें प्राणायाम, ध्यान, आसन आदि सिखाया गया। उन्हें बताया गया कि जीवन में चेहरे पर मुस्कुराहट सफलता के लिए बहुत अधिक है। इसके साथ ही उन्हें संतुलित आहार, ब्रह्म मुहूर्त से जीवन की दिनचर्या को शुरू करने आदि की जानकारी दी गई। 2017 में मनुषी चिल्लर मिस वर्ल्‍ड बनी और अब हरनाज संधू मिस यूनिवर्स बनी है, यह आरोग्यधाम के लिए गौरव की बात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04d953239abdec345dd7f622db236b6af0eef91e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64121.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण संवाददाता, पटियाला। प्रदूषण और गिरते भू-जल स्तर से पूरी दुनिया चिंतित है। ऐसे में पटियाला के गांव उगाणी की महिला सरपंच ने दूषित पानी और सालिड वेस्ट से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने की दिशा में प्रयास किया है। महिला सरपंच ने गांव के छप्पड़ (तालाब) का सींचेवाल माडल तकनीक के अंतर्गत नवीनीकरण करवाया। इस छप्पड़ के नए रूप से जहां गांव का आस-पास साफ-सुथरा और बदबू मुक्त हुआ है, वहीं यह लोगों की अच्छी सेहत में भी योगदान दे रहा है। ।जहां छप्पड़ के पानी सोखने की सामर्थ्य में भी वृद्धि हुई है। इससे साफ हुआ पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही भूजल का स्तर भी चढ़ा है। मछली के तालाब में भी अब साफ पानी जा रही है। छप्पड़ के  नवीनीकरण के बाद इसने गांव की खूबसूरती पर चार चांद लगा दिया है। ।सरपंच गुरप्रीत कौर ने पुराने छप्पड़ की तस्वीर को याद करते हुए बताया कि एक एकड़ क्षेत्रफल में फैले छप्पड़ में से निकलती गंध लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और बीमारियों का कारण बन चुकी थी। यह आसपास के इलाके को भी दूषित कर रहा था। पास के मछली पालन तालाब में इसकी गंदगी जाने से मछलियां भी मर रही थीं। इस कारण उन्होंने छप्पड़ के नवीनीकरण के बारे में सोचा। + +उन्होंने बताया कि शुरुआती पड़ाव में गांव के लोगों ने सींचेवाल तकनीक को अपनाए जाने से पहले पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सींचेवाल की तरफ से विकसित की तकनीक के साथ बनाए गए छप्पड़ों को देखने का विचार बनाया। ग्राम पंचायत और गांव के कुछ लोग गांव सींचेवाल गए, जहां संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने इस तकनीक से उनको अवगत करवाया। इस प्रोजेक्ट के लिए नाभा पावर लिमिटेड कार्पोरेट ने छप्पड़ के नवीनीकरण के लिए 20 लाख रुपये की सहायता की। + +एक स्क्रीनिंग चैंबर और तीन कुओं की मदद से होता है पानी साफ।इस तकनीक के तहत छप्पड़ के नजदीक एक स्क्रीनिंग चैंबर और तीन कुंए बनाए गए हैं। इस प्रणाली के अंतर्गत घरों का सीवर और गंदा पानी स्क्रीनिंग चेंबर में इकट्ठा होता है, जहां पानी में तैरते पदार्थों और ठोस गंदगी को अलग करके आगे 20 फुट गहरे और 12 फुट चौड़े पहले कुएं में भेजा जाता है, जहां पानी घूमता है और ठोस पदार्थ तल पर बैठ जाते हैं। इससे आगे पानी को 20 फुट गहरे और 10 फुट चौड़े दूसरे कुएं में डाला जाता है, जहां और ज्यादा बारीक गंदगी साफ हो जाती है। इसके बाद 20 फुट गहरे और 8 फुट चौड़े तीसरे कुएं में पानी जाता है, जहां से साफ पानी तालाब में चला जाता है। इस इकट्ठे हुए साफ पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए होता है। ।घर-घर से कूड़ा इक्ट्ठा करके किया सही प्रबंधन।गांव में ठोस कूड़ा प्रबंधन की तरफ आगे बढ़ते हुए ग्राम पंचायत ने राउंड गिलास संस्था के सहयोग से जनवरी 2021 में ठोस कूड़ा प्रबंधन का प्लांट भी शुरू किया है। जहां मगरेगा की सहायता से कूड़े का प्रबंधन वैज्ञानिक ढंग के साथ किया जाने लगा है। इसके तहत गांव निवासियों को कूड़े को घरों में ही गीले और सूखे रूप में अलग-अलग करने संबंधी अवगत करवाया गया। घरों में नीले और हरे कूड़ा दान मुहैया करवाए गए। इसके अलावा कूड़ा एकत्र करने के लिए कर्मचारी भी नियुक्त किए गए, जो कि हर घर से कूड़ा एकत्र कर रहे हैं। इसके बाद गीले कूड़े का जहां खाद बनाकर इस्तेमाल किया जाता है, वहीं सूखे कूड़े को रिसाइकल किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd68be8b188d0b7f50f04f68ac1ad028b581f979 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेनाड्स सिंड्रोम के लक्षण: इस रोग में हाथ व पैर की अंगुलियों की धमनियां प्रभावित होती हैं। अधिक ठंड होने पर हाथ व पैर के निचले हिस्से की धमनियां कुछ समय के लिए सिकुड़ जाती हैं, जिससे शुद्ध रक्त व आक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है। जब अशुद्ध आक्सीजन वाला रक्त इकट्ठा हो जाता है तो अंगुलियां पीली या नीली पड़ जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d345747b4450e83adaadf95cd091545bf6c3cce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64124.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अटल टनल बनने के बाद रोहतांग दर्रे की महत्ता कम हुई है, जिससे पलचान पंचायत के कोठी, पलचान, रुआड, कुलंग व सोलंग गांव सहित बुरुआ पंचायत के सैकड़ों लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। अटल टनल की लोकप्रियता बढ़ी है। कुल्लू मनाली आने वाला हर पर्यटक अटल टनल में दस्तक दे रहा है। सोलंगनाला में बर्फ न होने के कारण पर्यटक सीधे लाहुल का रुख कर रहे हैं। + +पर्यटकों का सैलाब उमड़ते ही ट्रैफ़िक जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। इन सभी बातों का हल तलाशते हुए पलचान पंचायत के युवाओं ने धुंधी के पास बर्फ से ढकी माहिली थाच को नए पर्यटन स्थल के रूप में तलाश लिया है। युवा तुला ठाकुर, रूप लाल, लुदर, गोकल, सुरेंद्र व पन्ना लाल ने बताया कि पहले उन्हें थाच तक पर्यटक पहुंचाने में दिक्कत आई। लेकिन अब पर्यटक स्वयं थाच में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा इस पर्यटन स्थल के विकसित होने से अटल टनल के पार लाहुल में ट्रैफि‍क जाम भी कम हुआ है और पर्यटकों को आसानी से बर्फ के दीदार भी हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7968301dd93f6adee16c8b693c896918f478f43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64126.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन मंजिला होगा भवन ।तीन मंजिला भवन में नीचे दुकानों के अलावा नगर पालिका के कार्यालय होंगे। इसमें सीढ़ियों के अलावा लिफ्ट लगाई जाएगी। 70 दुकानों का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को किराए पर उठाया जाएगा। ईओ के अलावा सभी विभागों के कार्यालय खोले जाएंगे। आनलाइन शिकायतों का निस्तारण के लिए जनसुविधा कार्यालय होंगे। इसमें बोर्ड की मीटिंग के अलावा अन्य मीटिंग के लिए दो हाल का निर्माण किया जाएगा। बोर्ड की मीटिंग में सभासद की सीटों पर माइक सिस्टम लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22176f7990dd61fb07740ccce6d10a6df8c9b5ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शाहरुख का करिश्मा और स्टारडम ऐसा है कि जब वह भारत में या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक रूप से कदम रखते हैं तो हजारों लोग उनकी एक झलक पाने के लिए इकट्ठा होते हैं। और इसलिए, शाहरुख खान के निजी अंगरक्षक रवि सिंह का काम यह सुनिश्चित करना है कि सुपरस्टार पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही रवि इस बात का भी ख्याल रखते हैं कि शाहरुख जब भी पब्लिक में जाएं तो उनके फैन्स को उन्हें देखने उनसे मिलने में कोई प्रैब्लम नहीं हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb7e36dc6f031f77a703de26ef9f4438419dd9d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोवैक्सीन के बूस्टर डोज का ट्रायल शुरू हुआ था, उस ट्रायल में किस तरह के तथ्य सामने आए हैं?। -कोवैक्सीन के दूसरे फेज के ट्रायल में शामिल जिन लोगों को टीका लिए छह माह से अधिक हो चुका था, उन्हें बूस्टर डोज देकर उसका अध्ययन किया जा रहा है। अब तक यह बात सामने आई है कि बूस्टर डोज देने से एंटीबाडी बढ़ गई। बूस्टर डोज लगने से कोरोना के मामले, अस्पतालों में मरीजों के दाखिले और मौतें कितनी कम होंगी, अभी इसका डाटा नहीं है। शरीर में दो तरह की प्रतिरोधक क्षमता होती है, जिसमें सेलुलर इम्युनिटी व ह्यूमरल इम्युनिटी शामिल है। ह्यूमरल इम्युनिटी वायरस को याद कर लेती है। इसलिए एंटीबाडी खत्म हो जाए तब भी दोबारा संक्रमण होने पर ह्यूमरल इम्युनिटी सक्रिय होकर वायरस को निष्क्रिय कर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3620b543b4bc4dd95786d672d06c4a33f1508092 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64135.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने के लिए वहां प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को जागरूक करने के साथ ही प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को कदम उठाए जाएंगे। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर श्रद्धालु पीने के पानी के साथ ही केदारनाथ से मंदाकिनी व सरस्वती नदियों के संगम का पवित्र जल ले जाने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक की बोतलों से धाम को मुक्त करने के लिए तांबे की बोतलों को महत्व देने की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c70d14c95014d60163a4ae882d7e0fd2dcda97a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64140.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसी राष्ट्र की ‘नियति’ उसके स्कूली कक्षाओं में आकार लेती है, न कि संसद भवन या फिर ख्यातिप्राप्त सेमिनारों में या शेयर बाजार के ऊंचे उछालों से। इसलिए हमें सबसे ज्यादा ध्यान स्कूली शिक्षा पर देना चाहिए। लेकिन अफसोस कि हमारे नीति-निर्माताओं का एक बहुत बड़ा वर्ग इस बात को ठीक से समझ नहीं पाया। किसी बच्चे के मन-मस्तिष्क को तराशने और उसके माध्यम से समाज को निर्मित करने में स्कूली शिक्षक की भूमिका के बारे में बहुत बार और बहुत तरीके से कहा जा चुका है। फिर भी कुछ खास पंक्तियों को बार-बार पढ़ने और मनन करने का मन करता है। ऐसे में स्कूल के महत्व को हल्के में लेना, उनकी आधारभूत जरूरतों को नजरअंदाज करना, शिक्षकों के पद रिक्त रखना, एक बहुत बड़ी नासमझी होगी, जिसके दुष्प्रभाव बहुत ही दूरगामी होंगे। प्रसिद्ध शिक्षाविद सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 1958 में कहा था कि शिक्षा के साथ रोजगार का समन्वय बहुत जरूरी है। अन्यथा बेरोजगारों की एक फौज खड़ी हो जाएगी, जो किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए अच्छी बात नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff374bb542fb80df37d08f3a384ac6564a960eab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64142.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अटल जी की मंशा थी कि नदियों को आपस में जोड़कर पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकेगा, जहां प्राय: सूखा पड़ता है और जिन इलाकों में पानी की भारी कमी है, वहां इस योजना के शुरू हो जाने के बाद पानी की किल्लत नहीं रहेगी। 45 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना से गर्मी के दिनों में सूखे की मार ङोलने के लिए अभिशप्त बुंदेलखंड की प्यास बुझेगी। परियोजना पूरी होने के बाद बुंदेलखंड में सूखा महज किस्सा रह जाएगा। साल भर बुंदेलों को पेयजल मिलेगा और सिंचाई की समुचित व्यवस्था होने से फसलें भी लहलहाएंगी। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, जालौन, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूटधाम, झांसी और ललितपुर को बहुत लाभ होगा। इस परियोजना की आधारशिला करीब 15 वर्ष पहले रखी गई थी। लेकिन पिछली सरकारों की लापरवाही के चलते परियोजना अब तक खटाई में पड़ी रही और बुंदेलखंड पानी के लिए लगातार बेहाल होता रहा। + +गर्मी के दिनों में बुंदेलखंड क्षेत्र में हालात इस कदर नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं कि पानी के लिए जगह-जगह धरना-प्रदर्शन आम बात है। प्रशासन यहां प्यासे कंठ की तृष्णा शांत करने के लिए टैंकरों का सहारा लेता आया है। विगत वर्ष तो मालगाड़ी के जरिये यहां पानी पहुंचाया गया। यह परियोजना भारत में नदियों को आपस में जोड़ने की अन्य परियोजनाओं का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। यह परियोजना शुरू होने के पश्चात वैश्विक पटल पर हमारी बुद्धिमत्ता और दृष्टिकोण भी उजागर होगा। बांदा में केन नहर का पुनरुद्धार और महोबा में कने¨क्टग चैनल यानी तालाबों के पुनरुद्धार पर पांच सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। परियोजना से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को 750 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी मिलना है। वियर (नदी पर बनने वाला छोटा बांध) को पूरी क्षमता से भरकर नहरों और तालाबों के माध्यम से पानी खेतों में छोड़ा जाएगा, पेयजल की भी व्यवस्था की जाएगी। 470 किमी लंबी केन नदी बुंदेलखंड की प्रमुख नदी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d901aac66a781ce210a48953f3fa5ba719b1dbb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमरजीत कुमार। नीति आयोग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें विभिन्न मानदंडों के आधार पर राज्यों की स्थितियों का आकलन किया गया है। इस रिपोर्ट या सूचकांक में अनेक मानदंडों पर बिहार की स्थिति बेहद खराब बताई गई है, जिस पर राज्य सरकार ने आपत्ति जताई है। नीति आयोग द्वारा जारी इस सूचकांक के सभी पक्षों की चर्चा होनी चाहिए, ताकि इसको लेकर उभरे मतभेद को समझा जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64146.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64146.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5f2684c098d4c7022c8bf38f05377b14dfce631 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64146.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मौसमी व त्योहारी व्यंजन जमे हैं जैसे आंख का अंजन।बनारसी खान पान की समृद्ध सूची में कुछ ऐसे भी व्यंजन शामिल हैं जो आंख की अंजन की तरह रस्मों के रूप में जमे हुए हैं। इनमें मलइयो, पलंग तोड़, सूत फेनी, खोवे वाला परवल व घेवर जैसी मौसमी मिठाइयों के नाम लिए जा सकते हैं। मेवे वाला दूध और मलाईदार ठंडई तो अब बारह मासी है। त्योहारों के साथ भी कुछ ऐसा ही है। मसलन होली पर आप भले ही आइटमों की कतार लगा दें। बनारसी मनई गुझिया और उड़द का दही बड़ा तो जरूर खोजेगा। दीपावली पर सूरन के लड्डूओं के साथ कडू तेल में बनी सूरन की सब्जी का मेले रामनवमी पर चने की दाल भरी पूड़ी व बखीर की सोंधी सुगंध से पूरा चौका गमक जाता है। दशहरे के दिन अगर खोवा भरी मीठी कचौडिय़ां न तली जाएं तो त्योहार का मजा कहां आता है। + +देश भर के व्‍यंजनों को भी म‍िला सम्‍मान । बनारसी खान-पान का अपना अनुशासन भी है। अलग-अलग व्यंजनों का अलहदा कॉशन भी है। मसलन खांटी बनारसी सुबह के कलेवे में कचौड़ी तरकारी के साथ जलेबी का मजा लेता है। तिजहरिया की छोटी भूख को छोले समोसे व लवंगलता से दिलासा देता है। उड़द की इमरती भी सांझ की मोहताज है। खस्ता कचौड़ी व चने की घुघुनी सुबह शाम दोनों वक्त की सरताज है। सांझ के प्रथम चरण में रसिया बनारसी ठंडई छानकर गड्ड मजा लेता है। रात में मलाई व रबड़ी के कुल्हड़ के साथ घर के द्वार पर दस्तक देता है। इस समय सारणी से विपरीत यदि आप सुबह छोला समोसा और शाम को कचौड़ी जलेबी ढूढेंगे तो ढूढ़ते रह जाएंगे। हाल में चलन तोडऩे वाले कुछ चलताऊ दुकानों पर दोना थाम भी लिया तो आप मकालू की उपाधि से नवाजे जाएंगे। बही में तो सभी सही तलपट में बस कुछ के नाम यह भी एक स्थापित तथ्य कि लघु भारत कही जाने वाली इस नगरी ने बनारसी व्यंजनों की फेहरिश्त को आढ़ती बहियों की तरह परम स्वतंत्र रखा है। फिर वह चाहे गुजराती फाफड़ा हो, मराठी श्रीखंड हो, बंगाली संदेश हो, राजस्थानी कचौड़ी हो या फिर दक्षिण भारतीय उत्पम, बनारस की स्वाद गलियों ने हर आगत व्यंजन को स्वागत के साथ अपनाया है। यह जरूर है कि रोजनामचे से अलग व्यंजनों के तलपट (ट्रायल बैलेंस) के खाते में बस चैतन्य महाप्रभु के साथ बंगाल से काशी आए रसगुल्ले सिंघ की इमरती समोसे व पंजाबी छोले जैसे सर्वप्रिय आइटमों का ही नाम दर्ज हो पाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb07809ec98a81815050945459d2123cd7498f97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से भी ज्यादा समय से डेरा डाले प्रदर्शनकारी अपने घरों को लौट रहे हैं। स्थायी रूप से बनाए गए अवरोध हटाए जा रहे हैं और वाहन बार्डर तक पहुंचने लगे हैं, लेकिन यातायात पूरी तरह सुचारु होने में अभी वक्त लगेगा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 15 दिसंबर तक सभी तंबू हटेंगे और प्रदर्शनकारी अपने घर लौट जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20df43c4a08872e69651a449024e08a9cd8ffffd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64151.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जहां तक देखा गया है, इन दंगों के पीछे सांप्रदायिक नेताओं और अखबारों का हाथ है। वही नेता जिन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने का बीड़ा उठाया हुआ था। आज वे अपने सिर छिपाए चुपचाप बैठे हैं या इसी धर्मांधता के बहाव में बह चले हैं। जो नेता हृदय से सबका भला चाहते हैं, ऐसे बहुत ही कम हैं। ऐसा लग रहा हैं कि भारत में नेतृत्व का दिवाला पिट गया है। + +यही कारण है कि भारतवर्ष की वर्तमान दशा पर विचार कर आंखों से रक्त के आंसू बहने लगते हैं। जो लोग असहयोग के दिनों के जोश व उभार को जानते हैं, उन्हें यह स्थिति देख रोना आता है। कहां तब स्वतंत्रता की झलक सामने दिखाई देती थी और आज स्वराज्य एक सपना मात्र बन गया है। यही लाभ है, जो इन दंगों से अत्याचारियों को मिला है। वही नौकरशाही- जिसके अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया था-आज अपनी जड़ें इतनी मजबूत कर चुकी है कि उसे हिलाना मामूली काम नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e492af47be5fd57ce9fb4af0e09a262df635d2a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [ प्रदीप चौरसिया]। हर्रावाला उत्तराखंड रेलवे का हब बनने जा रहा है। रेल प्रशासन देहरादून के पास हर्रावाला स्टेशन के पास रेलवे 36 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण करने जा रहा है। राजाजी नेशनल पार्क के बीच से 24 कोच की ट्रेनों को चलाया जाएगा। इसके लिए वाइल्ड लाइफ आफ इंडिया को विस्तृत प्रोजेक्ट बनाने का काम सौंपा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..571b07dfe36977587184368fb95a72ace11dc361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भाजपा जन विश्वास रथ यात्रा के माध्यम से विधानसभा चुनाव में हवा बनाने का काम करेगी। 19 से शुरू हो रही यह रथ यात्रा पूरे प्रदेश में एक नई ऊर्जा पैदा करने का काम करेगी। इसमें केंद्र और प्रदेश के दिग्गज नेता भी शामिल होंगे। जन विश्वास रथयात्रा के माध्यम से भाजपा प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं का बखान करेगी। यात्रा का नाम जन विश्वास यात्रा दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a46d748369c9c67a2e42b04a1050c6874c919453 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजादी के जुनून ने जोड़ा आंदोलन से ।16 दिसंबर, 1909 को अलीगढ़ में जन्मे ठाकुर नवाब सिंह के जमींदार पिता ठाकुर बलवंत सिंह चौहान का अंग्रेज सम्मान तो करते थे मगर मानसिकता वही थी, जो आम भारतीयों के प्रति थी। अंग्रेजों की हरकतों से नवाब सिंह में उनके प्रति नफरत और देश की स्वतंत्रता का जुनून बढ़ता रहा। छात्र जीवन में ही नवाब सिंह जनपद के सभी क्रांतिकारियों की संपर्क में आ गए। यह वही समय था, जब महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह अंग्रेजों से बचने के लिए अलीगढ़ के गांव शादीपुर में शिक्षक बनकर रह रहे थे। क्रांतिकारी टोडरमल ने उनकी मदद की थी। नवाब सिंह टोडरमल व अन्य क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd18543533cac9248f48c76abc97c514d6e028b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64159.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग में अब 10 साल के अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई तेज होने जा रही है। ऐसे वाहनों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को तेज कर वाहन जब्त करने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। प्रदूषण बढ़ने की आशंका के बीच परिवहन विभाग ने इस संबंध में योजना तैयार की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64163.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fe1d248d7418f6fb558d2116745dfed48f334ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64163.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छावी मिया बाग में उतरेगा हेलीकाप्‍टर।स्थानीय मोहल्ला मथुरापुरी निवासी पूर्व चेयरमैन शिवचरण लाल बाल्मीकि की पौत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता उदय कुमार चौहान की पुत्री का संबंध हरियाणा के भूमि सुधार एवं विकास निगम के चेयरमैन एवं होडल विधायक जगदीश नायर के बेटे राहुल के साथ तय हुआ है। हालांकि यह संबंध तय होने के बाद दूल्हे का हेलीकॉप्टर से आना तय हुआ है। जिसको लेकर भाजपा नेता द्वारा तमाम प्रशासनिक परमिशन पूर्ण कर दी गई है तथा हेलीकॉप्टर उतारने का स्थान भी छावी मिया वाग तय किया गया है। भाजपा नेता के मुताबिक उसकी पुत्री की शादी 12 दिसंबर को है।12 दिसंबर को 3 बजे हेलीकॉप्टर छावी मियां बाग में उतरेगा। जिसमें दूल्हा तथा उसके साथ एक दो लोग और आएंगे। शेष बरात सड़क मार्ग के माध्यम से आएगी। 12 दिसंबर की रात्रि की शादी संपन्न होने के उपरांत 13 दिसंबर को सुबह 9 बजे बिटिया की विदाई हेलीकॉप्टर में छावी मिया बाग से ही होगी।सूत्रों की माने तो भाजपा नेता अपनी बेटी की शादी में पूरे नगर को दुल्हन की भांति सजाने की रणनीति तैयार कर ली है और निश्चित रूप से नगर को सजाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6cb99dc6079d46ede3d8016f1e424eaa061747f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रणव सिरोही। संप्रति हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर भारत की महान विभूतियों के स्मरण उपक्रम में स्वतंत्रता के सारथी बने महानुभावों से लेकर नव स्वतंत्र राष्ट्र के कर्णधारों के अवदान एवं उपलब्धियों से हमारा साक्षात्कार जारी है। इस शृंखला में कुछ विरले ही हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता पूर्व और स्वतंत्रता उपरांत के भारतीय इतिहास पर समान रूप से अपनी छाप छोड़ी हो। जयप्रकाश नारायण ऐसी ही एक शख्सीयत हैं। जेपी के उपनाम से जन-जन के मन में लोकनायक के रूप में प्रतिष्ठित वह न केवल भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष में भागीदार रहे, बल्कि जब स्वतंत्र भारत अपने लोकतांत्रिक मूल्यों की राह से भटक गया तो एक मार्गदर्शक के रूप में उभर कर उन्होंने राष्ट्र को सही दिशा दिखाई। ऐसे ही एक सुदीर्घ, सार्थक एवं अनुकरणीय जीवन से हमारा परिचय कराने का प्रयास किया है बिमल प्रसाद और सुजाता प्रसाद ने। 'द ड्रीम आफ रिवोल्यूशन' शीर्षक से लिखी उनकी यह पुस्तक जयप्रकाश नारायण की प्रामाणिक जीवनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7140b182aaea1539c414014ceb37f985952e2c07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलिस लाइन में एसएसपी ने बताया क‍ि ईगल मोबाइल को जिले के सात हजार अपराधियों की निगरानी एवं उनके डोजियर तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें से अब तक चार हजार अपराधियों का सत्यापन एवं डोजियर पूर्ण किया जा चुका है। एसएसपी ने निर्देश दिए कि अपराधियों की संपूर्ण सूचना संकलित कर त्रिनेत्र ऐप में फीड करने, जेल से जमानत पर रिहा होकर आने वाले अपराधियों की अगले दिन ही उसके घर जाकर सतत् निगरानी करने, अपराधियों का प्रत्येक दिन डोजियर बनाकर अपलोड करने एवं संपूर्ण डेटाबेस तैयार करने, अपराधियों के फोटोग्राफ प्राप्त कर एलबम रजिस्टर बनाने, जिसमें प्रत्येक अपराधी का फोटो, वर्तमान एवं स्थायी पता व मोबाइल नंबर अंकित करने का काम सतर्कता से करें। सभी पुलिसकर्मियों को क्षेत्र भ्रमण के दौरान किसी भी प्रकार की आपराधिक सूचना प्राप्त होने पर थाना पर वापसी कराने के दौरान नियमानुसार बीट सूचना अंकित कराने को कहा। थाना पर अंकित कराई गई बीट सूचना में आवश्यकतानुसार प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई कराने के लिए संबंधित थाना प्रभारी से अनुरोध करने के लिए अवगत कराया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..374814bb2174338d0d5bf17c9c8aa736c060391c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अनंत विजय]। इन दिनों हिंदी साहित्य जगत में एक बार फिर से स्त्री विमर्श चर्चा के केंद्र में है। एक लेखिका को उठाने और दूसरे को गिराने के लिए स्त्री विमर्श के विविध रूपों की आड़ ली जा रही है। रचना से अधिक व्यक्तिगत संबंधों पर बातें हो रही हैं। इसमें युवा लेखिकाएं भी शामिल हैं तो बुजुर्ग लेखिका भी मनोयोगपूर्वक अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की होड़ में लगी दिखाई दे रही हैं। जो गंभीरता के साथ स्त्री विमर्श को समझती और बरतती हैं वो चुप हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..494ad67407954784d552ac0bc511e7b36618a7af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64170.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +किताबघर : नवजागरण, सत्याग्रह और देशप्रेम के दृश्यांकन । सुभद्रा कुमारी चौहान की संपूर्ण कहानियां । संपादन: डा. मधु शर्मा । कहानी संग्रह । पहला संस्करण, 2012 । पुनर्प्रकाशित संस्करण, 2019 । राजपाल एंड संज, दिल्ली । मूल्य: 375 रुपए । समीक्षा : यतीन्द्र मिश्र। स्वाधीनता आंदोलन के दौर में हिंदी भाषा और साहित्य की दुनिया में नवजागरण अपने शिखर पर था, जिसका आरंभ भारतेंदु युग से माना जाता है। बीसवीं शताब्दी के आरंभ में महावीर प्रसाद द्विवेदी के काल में सुभद्रा कुमारी चौहान की उपस्थिति अत्यंत प्रभावी मानी जाती है, जिन्होंने आगे चलकर पुरुषों के वर्चस्व वाले साहित्य क्षेत्र में स्त्री की उपस्थिति को प्रासंगिक बनाया। सुभद्रा कुमारी चौहान ने कविता और गद्य दोनों में ही अपनी युगांतकारी उपस्थिति दर्ज कराई, जिन्हें ‘द्विवेदी युग’ ने और भी अधिक परिष्कृत व समृद्ध किया। सुभद्रा जी की राष्ट्रीय आंदोलनों से प्रेरित कविताएं- ‘झांसी की रानी’ और ‘वीरों का कैसा हो वसंत’ आज भी स्वाधीनता आंदोलन की सबसे मुखर अभिव्यक्तियों में गिनी जाती हैं। आजादी के हीरक जयंती वर्ष में उनके साहित्य-सृजन को याद करना प्रासंगिक ही नहीं, जरूरी भी है, जिनके कारण उस दौर का वह मिजाज पढ़ा जा सकता है, जिसके अंतर्गत एक स्त्री रचनाकार देश की स्वतंत्रता पाने के संघर्ष, सत्याग्रह आंदोलनों की निर्णायक लड़ाई और समस्त भारतवासियों के बीच पनपे राष्ट्रप्रेम को रचनाओं के माध्यम से अभिव्यक्ति दे रही थी। कविता के समानांतर सुभद्रा जी के तीन कहानी संग्रह प्रकाशित हुए- ‘बिखरे मोती’, ‘उन्मादिनी’ और ‘सीधे-साधे चित्र’। ये तीनों ही संग्रह एक कलेवर में ‘सुभद्रा कुमारी चौहान की संपूर्ण कहानियां’ के जरिए उपलब्ध हैं, जिसका पुनर्पाठ स्वाधीनता पाने के संघर्ष को संवेदनशील दृष्टि से देखता-परखता है। इन कहानियों में उस समय का जीवन-सत्य, भावप्रवणता के साथ उभरा है, जिनमें सामाजिक विषमताएं, जनसेवा, शोषितों-वंचितों के लिए आवाज उठाने की जद्दोजहद के अलावा समाज में सुधारवादी आंदोलनों की भूमिका शामिल है। सुभद्रा कुमारी चौहान के लिए कवि शमशेर बहादुर सिंह ने कहा था- ‘उनका आदर्शवाद भी मुख्यत: राष्ट्रीय हलचलों से बंधा हुआ रहा है। इसीलिए उनकी तमाम रचनाओं में एक जागरण-सा है।’।इन कहानियों में विषय की वैविध्यता देखने लायक है, जो स्वयं सुभद्रा जी के परिवेश और कार्यों के इर्द-गिर्द बसी हुई है। उन्होंने पति ठाकुर लक्ष्मण सिंह के साथ मिलकर महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वे उन शुरुआती चंद सत्याग्रही महिलाओं में से हैं, जिन्हें ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बगावत करने के लिए दो बार (1923 तथा 1942) जेल जाना पड़ा। जाहिर है, इन परिस्थितियों से गुजरते और स्वाधीनता की आस संजोए हुए सुभद्रा जी को जो जीवनानुभव हुए, उनकी कविताओं और कहानियों में वही सारी बातें साहित्यिक ढंग से मुखरित हुईं। आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व ऐसी कहानियों का लिखा जाना आश्चर्य में डालता है कि किस तरह एक रचनाकार के रूप में वे एक ही समय में आदर्शवादी और यथार्थवादी कहानियां लिख सकीं। उनकी कहानियों में ढेरों ऐसे दृश्य उपस्थित हैं, जिनमें क्रांतिकारियों का सादगी-भरा चित्रण, राष्ट्रवादी आंदोलनों में संघर्ष करते हुए उनका जेल जाना और अपने पीछे गरीबी व आदर्श में जूझते हुए परिवारों को दर्शाया गया है। ‘गौरी’ इस रूप में एक महान और आदर्शोन्मुख कहानी है, जिसमें बाबू सीताराम जैसा नायक मौजूद है, जो गांधीवादी है और देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर है। + +सामान्य जीवन की तल्खियों का निमर्मता से बखान, बीसवीं शताब्दी के आरंभ में बाल विधवाओं और वंचितों की शर्मसार करने वाली सामाजिक स्थिति तथा देश पर मर मिटने वालों के अनाथ छूट गए बच्चों का दारुण भविष्य- इन कहानियों में किसी सजीव डाक्यूमेंट्री की तरह झलकता है। सुभद्रा जी की कहानियों का यह असर है कि हम देशप्रेम के साथ, रुढ़ियों पर प्रहार और दिखावे का अचूक विरोध देखते हैं। गांधीवाद ने वैचारिकी का जो फलक विस्तृत किया, उसमें सुभद्रा कुमारी चौहान जैसी समर्थ रचनाकार का लेखन भी एक अमूल्य दस्तावेज की तरह हमारे पास संरक्षित हो सका है। युवा पीढ़ी को उनके साहित्य से एक बार अवश्य गुजरना चाहिए। + +मयूरपंख : ज्ञान और आनंद की अंतर्यात्रा । आनंद कानन काशी । के. चंद्रमौली । अनुवाद: डा. प्रिय कुमार चौबे, सुनीता कट्टी । धर्म/इतिहास । पहला संस्करण, 2012 । पिलग्रिम्स पब्लिशिंग, वाराणसी । मूल्य: 595 रुपए । कानपुर, यतीन्द्र मिश्र। आध्यात्मिक नगरी काशी के विविध पक्षों पर डा. वासुदेवशरण अग्रवाल, डा. मोतीचंद्र, रायकृष्णदास की लेखन परंपरा में के. चंद्रमौली का ‘आनंद कानन काशी’ हर लिहाज से सर्वोत्तम योगदान है। उन्होंने काशी को ऐसे सांस्कृतिक रूपक में तब्दील किया है, जिसका मिथकीय इतिहास उनके लेखन से यथार्थवादी बन गया है। यह किताब काशी के समाजशास्त्रीय और आध्यात्मिक प्रसंगों को कई विरोधाभासी आख्यानों-उपाख्यानों और नवीन आयामों के तहत विश्लेषित करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..701a46fcbaff94df8e92aed1268e363e6c8d9e7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64171.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यह भी पढ़ें : पाकिस्तान के श्री ननकाना साहिब में सिख युवती ने किया मुस्लिम युवक से निकाह, सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया ।दरअसल, अमृतसर के छेहरटा के पूर्व सेना अधिकारी का 13 वर्षीय बेटा नवप्रीत आनलाइन गेमिंग की लत का शिकार बन गया। उसकी यह लत परिवार को महंगी पड़ी। पिता की मौत हो चुकी है। उनकी मौत के बाद मां अमनदीप कौर ने बीमा राशि और अन्य वित्तीय लाभ छेहरटा स्थित एक बैंक में जमा करवाए। इसके बाद बेटे को सेना में ही बड़ा अधिकारी बनाने की तमन्ना पूरी करने में जुट गई। + +साइबर ठग ने पैसे मंगवाए, पर आईडी नहीं बनाई।नवप्रीत ने बताया कि आनलाइन क्लास अटेंड करने के साथ ही वह आनलाइन मल्टीप्लेयर गेम खेलता है। गेम में नए टास्क जोड़ने व पुराने टास्क पूरे करने के लिए उसने इंटरनेट मीडिया साइट पर सर्च किया। इस दौरान वह एक गेम चैनल आपरेटर के संपर्क में आया। आपरेटर ने उससे फोन पर बताया कि वह एक ऐसी गेमिंग आइडी बनाएगा, जिससे वह रहस्यमयी और नई गेम खेल पाएगा। इसका टास्क भी पूरा करवा देंगे। उसने आठ हजार रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करवाए, पर आइडी नहीं बनाई। नवप्रीत ने पुन: संपर्क किया तो उसने बीस हजार की मांग की। यह राशि भी नवप्रीत ने अकाउंट में भेज दी। इसके बाद इस युवक ने नवप्रीत को धमकाना शुरू कर दिया कि यदि उसने पैसे मांगे तो वह उसके बता देगा कि उसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं। धमकियों से डरकर नवप्रीत ने अलग-अलग तारीखों पर भुगतान करता रहा और अब तक 22 लाख रुपये ट्रांसफर कर चुका है। + +पश्चिम बंगाल के चार साइबर ठगों पर केस दर्ज।अमनदीप ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की है। पुलिस ने साइबर क्राइम सेल की मदद से नवप्रीत को आईं काल्स व डिजिटल खाते को ट्रेस किया। इन साइबर ठगों की पहचान संतोख कुमार सिंह, पुतुल दास, तन्नु कुमारी और चंद्रकला सिंह के रूप में हुई है। ये सभी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ धारा रंगदारी और धोखाधड़ी 384, 420 व 120बी के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि अभी इनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddb764dc0a2b93255246a197e95828fcf2e0a070 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64172.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव की दुल्‍हन रचेल भले बिहार से बाहर की हों, लेकिन उनकी रुचि में बिहार काफी पहले से रही है। तेजस्‍वी की तरह ही रचेल को भी राज्‍य के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी नीतियां पसंद नहीं हैं। इंटरनेट मीडिया में रचेल के एक ट्व‍िटर अकाउंट की चर्चा है, जिसे खंगालने पर यह बात साफ हो जाती है। तेजस्‍वी की दुल्‍हन के नाम पर बना यह ट्व‍िटर अकाउंट जुलाई 2014 का है, जो करीब एक साल से निष्क्रिय पड़ा है। आइडी से आखिरी ट्वीट नवंबर 2020 को किया गया था। खास बात यह है कि यह तेजस्‍वी यादव की फालोइंग में शामिल हैं। इसके अलावा भी लालू परिवार और राजद से जुड़े कई लोग उनसे ट्विटर पर एकतरफा या दोतरफा जुड़े हुए हैं। हालांकि, इस अकाउंट की पुष्टि होना शेष है। ऐसे में हम भी इसकी सत्‍यता की पुष्टि नहीं कर रहे, हम केवल यह बता रहे हैं कि तेजस्‍वी की दुल्‍हन के नाम से बने और लालू परिवार के सदस्‍यों से जुड़े रहे इस अकाउंट में क्‍या-क्‍या खास बातें हैं। + +सीएम नीतीश पर व्‍यक्तिगत हमले भी किए।रचेल के नाम पर बने इस अकांउंट से किए गए ट्वीट में सीएम नीतीश कुमार पर व्‍यक्तिगत हमले भी किए हैं। उन्‍होंने एक तस्‍वीर ट्वीटर पर साझा की है, जिसमें नीतीश कुमार को कटप्‍पा की तरह दिखाया गया है। कटप्‍पा सुप‍रहिट फिल्‍म बाहुबली का एक प्रमुख कैरेक्‍टर है। इस तस्‍वीर के साथ आपत्‍त‍िजनक कैप्‍शन भी यूज किया गया है, जिसे हम आपको नहीं दिखा रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f65953ab8b63af9a3d073086da345aa247f3b1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64173.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में जन्मे युवराज सिंह आज यानी 12 दिसंबर 2021 को अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का काम किया है। सिक्सर किंग के नाम से फेमस युवराज सिंह ने लंबे समय तक देश के लिए क्रिकेट खेली है और वे सफल भी रहे हैं। हालांकि, कैंसर के कारण वे कई साल इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने वापसी की थी और फिर से वे टीम का हिस्सा बने थे। + +कैंसर को दी मात।क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के दौरान युवराज सिंह एक मैच के दौरान खून की उल्टियां करते पाए गए थे। बाद में पता चला था कि उनको कैंसर है और योद्धा की तरह उन्होंने पहले देश को विश्व कप का खिताब दिलाया और फिर कैंसर पर भी जीत दर्ज की। कैंसर से उबरने के दौरान वे क्रिकेट की दुनिया से दूर रहे, लेकिन वे खुद को ज्यादा दिन तक क्रिकेट की 22 गज की पिच से दूर नहीं रख सके। हालांकि, करियर के आखिरी पड़ाव पर परफार्मेंस के कारण उनको टीम से बाहर होना पड़ा और बाद में उन्होंने संन्यास ले लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9b716111f9167a79386c2190e04f7a6247ad78b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64177.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विजय जोशी, देहरादून। हाल ही में दिवंगत हुए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के व्यक्तित्व व क्षमताओं से पूरी दुनिया वाकिफ थी। देश के युवा भी उनकी कार्यकुशलता के कायल हैं। इस बात का एक नमूना भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में भी देखने को मिला। यहां नैनीताल के गौरव जोशी अंतिम पग भर भारतीय सेना की मुख्यधारा में बतौर सैन्य अफसर शामिल हो गए। सीडीएस बिपिन रावत की शख्सियत से वह इस कदर प्रभावित हुए कि पांच सितारा होटल में नौकरी करने के बाद विदेश जाने का आफर ठुकराकर सेना को चुना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..285c8b2302308f1ed2055417785feab1c5e6ccf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64178.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बेहतर स्थिति में कोरोना के खिलाफ लड़ाई।वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के कोशिका एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के पूर्व निदेशक राकेश मिश्र ने कहा कि भारत 70 से 80 प्रतिशत की उच्च सीरो पाजिटिविटी दर के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहतर स्थिति में है। बड़े शहरों में 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी बन चुकी है। + +गंभीर बीमारी के संकेत नहीं।उन्होंने यह भी कहा कि अगर टीकाकरण का दायरा बढ़ता है और बच्चों का टीकाकरण भी शुरू किया जाता है तो यह और भी लाभदायक होगा। देश में ओमिक्रोन का प्रसार तो लगभग तय है, लेकिन डेल्टा की तुलना में स्थिति बेहतर रहेगी क्योंकि इससे गंभीर बीमारी के संकेत नहीं मिल रहे हैं। परंतु, अभी किसी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है और संक्रमण घातक रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी की लहर बिना किसी नए वैरिएंट के भी आ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82b2c7fb386b165fa927c52f94611b127d4139ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64181.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के कारण इस बार भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड सादगी के साथ हुई। सप्ताहभर से चले रहे कार्यक्रमों के साथ ही शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड में भी काफी कुछबदलाव दिखे। निरीक्षण अधिकारी (रिव्यूइंग अफसर) राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समारोह स्थल में बग्घी की बजाय कार से पहुंचे। सामान्य तौर पर निरीक्षण अधिकारी बग्घी से ही पहुंचते रहे हैं। समारोह को भव्यता प्रदान करने के लिए हर वर्ष हेलीकाप्टर से होने वाली पुष्प वर्षा भी इस बार नहीं की गई। + +वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के पचास साल पूरे होने (स्वर्णिम विजय वर्ष) के अवसर पर इस बार आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड को यादगार बनाने की तैयारी थी। इसकेलिए अकादमी प्रबंधन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द समेत तमाम गणमान्यों अतिथियों के स्वागत की तैयारियों में जुटा था। इस बीच तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर दुर्घटना के बाद पूरा परिदृश्य बदल गया। हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना व वायुसेना के 13 अधिकारियों व जवानों की मृत्यु हो गई थी। जनरल रावत को भी राष्ट्रपति के साथ पीओपी में शामिल होना था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। इन परिस्थितियों में पीओपी के तहत कई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम तक रद कर दिए गए। पासिंग आउट बैच के कैडेट ने हाफ मास्ट (आधा झुका ध्वज) के बीच परेड, पीपिंग व ओथ सेरेमनी में शिरकत की। निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्गी (पटियाला कोच) में परेड मैदान में पहुंचते हैं, लेकिन राष्ट्रपति कार से पहुंचे। विशिष्ट अतिथि आरट्रैक कमांडर ले जनरल राज शुक्ला भी दो घोड़ों वाली बग्गी के बजाय कार से परेड स्थल पर आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9644a2ecfb622b3a972571ade80e0edd5cbad08c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद रेल मंडल में तीन साल पहले 250 से अधिक मानव रहित रेल फाटक होते थे। सभी रेल फाटक के स्थान पर अब मानव सहित फाटक बना दिया गया है। इसके साथ जहां कम वाहन चलते हैं, वैसे फाटक को स्थानीय रूप से बंद कर अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है। मंडल में सौ से अधिक रेल फाटक के स्थान पर अंडरपास का निर्माण कराया जा चुका है। मंडल में अभी 525 रेल फाटक हैं, व्यस्त मार्ग के सभी रेल फाटकों पर ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। इसके अलावा रेल फाटक के पहले सिग्नल लगाया गया है। रेल फाटक खुले होने पर सिग्नल लाल होता है। वाहन चालक कई बार बंद फाटक को तोड़कर रेल लाइन पर पहुंच जाते हैं। कई स्थान पर फाटक बंद होने की स्थिति में अगल-बगल से वाहन निकल कर रेलवे लाइन पर पहुंच जाते हैं। कई माह पूर्व शाहजहांपुर के पास रेल फाटक पर दुर्घटना हुई थी, इसमें कई लोगों की मौत गई थी। मंडल रेल प्रशासन ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक वाहन गुजरने वाले रेल फाटकों पर कैमरे लगाने शुरू कर द‍िए हैं। इसके द्वारा केबिन के अंदर बैठे गेटमैन व नजदीक के स्टेशन मास्टर स्क्रीन पर गेट के पास रेललाइन को देख पाएंगे। फाटक टूटे होने या रेलवे लाइन पर भीड़ होने पर सिग्नल लाल कर ट्रेन को रोक देंगे। मुरादाबाद से लखनऊ-सहारनपुर रेल मार्ग के 14 फाटकों पर कैमरे  लगाए जा चुके हैं। रात में रोशनी के लिए रेल फाटक पर लाइट की व्यवस्था की गई है। प्रवर मंडल संरक्षा अधिकारी आरके तायल ने बताया कि रेल फाटक पर होने वाले दुर्घटना को रोकने के लिए 14 फाटकों पर कैमरे लगाए गए हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a30aa08f41dba1222398b5588ba3e99e308ee5a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। विकास खंड छजलैट क्षेत्र के सादिकपुर खिचडी गांव में बनने वाले माडल बायोगैस प्लांट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है। बायोगैस प्लांट के चालू होने से गोशाला बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बन जाएगी। इसके सफल होने के बाद अन्य गांवों में भी बायोगैस प्लांट लगाने की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fd36d322dd67193b03a82229019ac4c52960bf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64191.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एएमयू में कामकाजी महिलाओं के लिए शक्‍ति का स्रोत।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सीमा हकीम (प्रिजाइडिंग आफिसर, आइसीसी) ने पीड़ित महिला और अन्य बनाम राजस्थान राज्य के मामले में अदालत के एतिहासिक निर्णय के बाद अधिनियम की अवधारणा पर प्रकाश डाला। जिसके परिणामस्वरूप अंततः इस मामले में दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के संबंध में शिकायतों के निवारण के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए। विशिष्ट अतिथि प्रो. जकी अनवर सिद्दीकी (सदस्य प्रभारी, भूमि और उद्यान विभाग) ने आइसीसी के कामकाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये एएमयू में कामकाजी महिलाओं के लिए शक्ति का स्रोत है। प्रो. संगीता सिंघल (फिजियोलाजी विभाग, जेएनएमसी और सदस्य आइसीसी) ने ‘यौन उत्पीड़न क्या है और हम कार्यस्थल को कैसे परिभाषित कर सकते हैं? जैसे प्रश्नों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ‘यौन उत्पीड़न’ में किसी भी प्रकार का यौन संबंधी अवांछित कार्य या व्यवहार शामिल है। जो प्रत्यक्ष रूप से हो या शारीरिक संपर्क या इस प्रकार के इशारों या यौन संबंध की मांग या अनुरोध या यौन संबंधी टिप्पणी और अश्लील तस्वीरें दिखाने या अवांछित शारीरिक, मौखिक अथवा गैर मौखिक आचरण के रूप में हो। + +भ्रामक प्रकृति की शिकायत पर आइसीसी में विचार नहीं होगा।जावेद सईद (सचिव, सैफी शिक्षा ट्रस्ट और सदस्य आइसीसी) ने ‘कहा शिकायत क्या है और आंतरिक शिकायत समिति में किस प्रकार की शिकायतों पर विचार किया जा सकता है? और शिकायत में विषय वस्तु क्या होनी चाहिए’? जैसे प्रश्नों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फर्जी और भ्रामक प्रकृति की शिकायत पर आइसीसी में विचार नहीं किया जाता है। डा. सुबूही अफजाल (चिकित्सा अधिकारी और सदस्य आइसीसी) ने ‘पीड़ित महिला’ शब्दावली पर विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम हर महिला की आयु एवं कार्य की स्थिति पर ध्यान दिए बिना कार्यस्थल पर एक सुरक्षित वातावरण के अधिकार को मान्यता देता है। अदीला सुल्ताना (अनुभाग अधिकारी, जेएनएमसीएच और सदस्य आइसीसी) ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कानूनी परिप्रेक्ष्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आइसीसी के सदस्य जांच समिति के भी सदस्य हैं और जांच की पूरी प्रक्रिया 90 दिनों के निर्धारित समय के भीतर पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई शिकायत प्राप्त होती है तो शिकायत प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर कार्रवाई करना अनिवार्य होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8802b682d79433529770dba85ecb9c3338dae022 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64197.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। अपने प्रवक्ताओं की नई टीम और चुनिंदा मीडियाकर्मियों के लिए प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली फ्लाइंग क्लब में लंच का कार्यक्रम रखा तो वह कई मायनों में खास रहा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ''मेजबान'' के रूप में नजर आए तो दो ''पुराने साथियों'' की मुलाकात भी चर्चा के केंद्र में रही। यह 'पुराने साथी' हैं- पूर्व विधायक अलका लांबा और आदर्श शास्त्री। दोनों ही कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में गए और विधायक बने। बाद में दोनों ही वापस कांग्रेस में आ गए। इस लंच कार्यक्रम में भी जब दोनों आमने-सामने हुए तो साथ ही भोजन करने बैठ गए। शायद पुराने समय की यादें ताजा कर रहे हों या भावी सियासी सफर की रणनीति पर चर्चा कर रहे हों। जब प्रदेशाध्यक्ष ने उनके बीच जाकर चुटकी ली कि, अरे भाई औरों से भी मिल लीजिए, बात कीजिए तो वे दोनों लंच पर आए अन्य लोगों से भी मुखातिब होने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d23600be4083d4491f0431a3815ff6df84522f1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64198.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत में लार्ड मैकाले ने जब आधुनिक शिक्षा के नाम पर विश्वविद्यालयों में पढ़ाई प्रांरभ कराई थी तो इसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के लिए भारतीय सहायकों को पैदा करना था जो भारत में ब्रिटिश प्रशासन को चलाने में मदद कर सकें और स्थानीय जनता से संवाद में कड़ी बन सकें। इसके पीछे सीधा लक्ष्य औपनिवेशिक शासन को सर्वोच्च साबित करते हुए भारतीय समाज में स्वीकार्य व स्थापित करना था। यही कारण है कि तत्कालीन विश्वविद्यालयों में विज्ञान के विषयों की तुलना में मानविकी के विषयों के अध्ययन पर ज्यादा जोर दिया गया, जबकि पूरे यूरोप में औद्योगिक क्रांति के कारण विज्ञान के विषयों के अध्ययन पर जोर दिया जा रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5dbe584632b8cce32f55e9be5ea840c6980ce0d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस ट्रेलर वीडियो को अभिनेता रणवीर सिंह ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किया है, जहां बॉलीवुड सेलेब्स कमेंट और ट्रेलर के अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर ट्रेलर शेयर किया है, ट्रेलर वीडियो को इंस्टा. स्टोरी पर साझा कर भूमि ने रणवीर और शालिनी पंडे को टैग करते हुए लिखा, एक दम जोरदार ट्रेलर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9dbdf16b3b5466a2e5d0180322aae4e495dd759 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64200.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + कैलाश बिश्नोई। महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में नामांकन प्रणाली को सरल बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग कई कदम उठा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के माध्यम से सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक कामन एंट्रेंस टेस्ट का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा आयोजित करने के तौर-तरीकों का सुझाव देने के लिए दिसंबर, 2020 में यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पंजाब के सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की अध्यक्षता वाली एक समिति का गठन किया था। अब पिछले दिनों दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने भी कहा है कि वह कट-आफ आधारित प्रवेश प्रक्रिया के पक्ष में नहीं हैं। उनका मानना है कि मौजूदा कट-आफ आधारित प्रवेश प्रणाली उन बोर्डो के छात्रों के लिए दाखिले में बाधा बन सकती है जहां परीक्षा के मूल्यांकन की पद्धति अपेक्षाकृत अधिक सख्त है। + +जिन बोर्डो में अंकन प्रणाली लचीली है, वहां के छात्रों को अधिक फायदा मिलता है, जबकि सख्त अंकन वाले बोर्ड के छात्रों को नुकसान होता है। मसलन उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में उतनी संख्या में प्रवेश नहीं मिल पाता है, जितना सीबीएसई बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रों को मिल पाता है। कुछ राज्य परीक्षा बोर्ड इस मामले में उदार नहीं हैं। यहां तक कि हरियाणा समेत कुछ अन्य पड़ोसी राज्यों के छात्रों को भी दिल्ली विश्वविद्यालय में पर्याप्त संख्या में प्रवेश नहीं मिल पाता है। चूंकि विज्ञान संकाय से 12वीं करने वाले विद्यार्थियों को कला संकाय के मुकाबले बेहतर अंक लाने की गुंजाइश अधिक होती है, लिहाजा उनकी स्कोरिंग अच्छी होती है, जिसका फायदा उन्हें स्नातक दाखिले में मिलता है। एक समान परीक्षा होने से निश्चित तौर पर इस असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..695736800c58e67a34510ea51feb05e4689b2c45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64202.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। किसान संगठनों का आंदोलन खत्म होने के साथ ही हरियाणा सरकार ने आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हरियाणा सरकार इन मुकदमों को वापस लेने के लिए होमवर्क पूरा कर चुकी है, लेकिन उसे केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच हुए समझौते की प्रति का इंतजार है। पहले चरण में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। फिर यदि केंद्र के निर्देश हुए तो दिवंगत किसानों के परिजनों को पांच लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से मुआवजा भी दिया जा सकता है। यह राशि अभी तय नहीं है। + +हरियाणा में आंदोलनकारी किसान संगठनों के विरुद्ध 264 एफआइआर दर्ज हैं, जिनमें 1757 लोगों को नामजद किया गया है। 48 हजार आंदोलनकारियों को अज्ञात की श्रेणी में रखा गया है। चार केस दुष्कर्म और हत्याओं से जुड़े हुए हैं। पश्चिमी बंगाल की लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के बाद बार्डर पर कुछ निहंगों ने एक व्यक्ति के हाथ-पैर काटकर उसे टांग दिया था। आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने सभी जिलों से आंदोलन की शुरुआत से लेकर अब तक दर्ज मुकदमों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में पूछा गया है कि किस किस में सिर्फ एफआइआर दर्ज हुई है और किसमें चालान पेश किए जा चुके हैं। + +आर्थिक मदद के लिए मृतक किसानों के डाटा का होगा मिलान।केंद्र सरकार के साथ हुई सहमति के तहत आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों की आर्थिक मदद भी प्रदेश सरकार करेगी। एक साल से भी अधिक चले इस आंदोलन के दौरान कुल 714 किसानों की जान जाने का दावा किया जा रहा है। प्रदेश सरकार हरियाणा के ही किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देगी। सरकारी के रिकार्ड के अनुसार प्रदेश के 47 किसानों की जान गई है, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का दावा है कि हरियाणा के 125 किसानों की जान गई। भारतीय किसान यूनियन के नेता इनकी संख्या 110 बता रहे हैं। हरियाणा सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के सभी किसानों का डाटा मांगा है। यह डाटा सरकार के रिकार्ड के साथ मिलान किया जाएगा। जिलों से भी सरकार रिपोर्ट लेगी। इसके बाद तय होगा कि प्रदेश के कितने किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1196d778a00fd2927869668a08c214ba9ae83c1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। वाराणसी में गंगा तट से बाबा दरबार तक एकाकार श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण पर 13 दिसंबर को पूरे परिसर में पत्तियों से हरियाली छटा तो निखरेगी ही तो फूलों की सुवास भी बिखरेगी। इसके लिए 5,27,730 वर्गफीट में विस्तारित धाम क्षेत्र को लगभग 40 टन फूलों-पत्तियों से सजाया जाएगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने लखनऊ की एक कंपनी को इसका आर्डर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64204.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64204.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5bd3a6ce59baa9f94aaa6890244625f82a92564 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64204.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । देशभर की बालिका व महिला निशानेबाजों के लिए एक नए इवेंट में अपनी प्रतिभा दिखाकर देश के लिए पदक जीतने का रास्ता खुल गया है। अब बेटियां भी 50 मीटर फ्री पिस्टल (फायर आम्र्स) इवेंट में प्रतिभाग कर सकेंगी। नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) ने तीन दिसंबर को दिल्ली में हुई बैठक में इस पर मुहर लगा दी है। शूटिंग खेल के इतिहास में अभी तक इस इवेंट में केवल बालक व पुरुष निशानेबाज ही प्रतिभाग करते रहे हैं। निशानेबाज अब जूनियर वल्र्ड कप में भाग ले सकेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2360fb42b31c57324d52052ecc527cf71375b649 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64206.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान का चेहरा देखने के लिए उनकी मां सुशीला से रहा नहीं गया। घर पर शव पहुंचने का इंतजार नहीं कर सकीं। इसलिए वह बीते गुरुवार को ही दिल्ली पहुंच गईं। इधर, पिता सुरेंद्र सिंह गुमसुम हैं। बीती दो रात से घर के मां-पिता के साथ अन्य स्वजन सो नहीं सके हैं। उनकी आंखें सूज गई हैं। श्रद्धांजलि देने के लिए सुरेंद्र सिंह के घर लोगों का तांता लगा हुआ है। + +बीते बुधवार दोपहर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत के साथ अन्य जांबाज शहीद हो गए थे। इनमें न्यूआगरा, सरन नगर निवासी विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान भी शामिल थे। सीडीएस के हेलीकाप्टर को वही उड़ा रहे थे। यहां उनका परिवार रहता है। बुधवार दिन में ही उनके परिजनों को टीवी के माध्यम से उन्हें हादसे की जानकारी मिली थी। तभी से उनका रो-रो कर बुरा हाल है। बीते गुरुवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने परिजनों को सांत्वना दी थी। उनके अलावा राजनीतिक क्षेत्र के अन्य लोग उनके आवास पर पहुंच रहे हैं। पिता सुरेंद्र सिंह का रो-रो कर बुरा हाल है। लगातार अपने बेटे को याद कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान का शव शुक्रवार दोपहर बाद दिल्ली से आगरा पहुंच सकता है। यहीं के पोइया घाट पर उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। शहीद की पत्नी कामिनी और दोनों बच्चे फिलहाल दिल्ली में ही हैं। यहां के उनके और रिश्तेदार जुट गए हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह और एसएसपी सुधीर कुमार सिंह भी परिजनों के लगातार संपर्क में हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e7a3b25b0fc2ed6ce018d07da88fe27b6490e97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्पाइक जीन में 25 से 32 बदलाव ।आरटी-पीसीआर टेस्ट में स्पाइक (एस) जीन के नहीं पकड़ पाने की मूल वजह यह है कि ओमिक्रोन वैरिएंट में सबसे ज्यादा बदलाव इसी में आया है। अकेले स्पाइक जीन में 25 से 32 बदलाव देखे गए हैं। आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए कोरोना वायरस के मूल स्वरूप में मौजूद तीनों जीन की पहचान को आधार बनाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d564ee95f707050712041eaf8744dcbf6bd4084 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64208.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनों के पुराने कोच को हटाकर एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। इस कोच की लंबाई अधिक होने से बर्थ की संख्या बढ़ जाती है। इससे अधिक से अधिक यात्रियों को सीट म‍िल पाएगी। कोच में आधुनिक लाइट, शौचालय जैसी सुविधा होती है। प्रत्येक बर्थ के लिए मोबाइल और लैपटाप चार्ज करने की सुविधा दी जाती है। सोने के लिए आरामदायक बर्थ की सुविधा होती है। रेल प्रशासन मुरादाबाद रेल मंडल में चलने वाली उदयपुर-न्यू जलपाइगुड़ी (19601-19002) एक्सप्रेस में 18 दिसंबर से पुराने कोच को हटाकर नए कोच लगाने जा रहा है। इस ट्रेन में दो एसी सेकेंड, पांच एसी थ्री, सात स्लीपर व चार जनरल व कोच होंगे। नए कोच लग जाने से प्रत्येक एसी कोच में छह, स्लीपर में आठ बर्थ और जनरल बोगी में 12 सीट बढ़ जाएगी। इसी तरह योगनगरी-अहमदाबाद एक्सप्रेस (19031-19032) में भी 17 दिसंबर से पुराने कोच के स्थान पर नए कोच लगाए जाएंगे। इसमें भी दो एसी सेकेंड, पांच एसी थ्री, सात स्लीपर व चार जनरल बोगी लगाए जाएंगे। कोच फैक्ट्री से जैसे-जैसे कोच मिलते जाएंगे, वैसे-वैसे कोच बदलते जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d688d1e7dce7f06ef7a64f96a1e6a672cd51f0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64213.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सुधीर तंवर, चंडीगढ़। किसान आंदोलन खत्म होने से अब सिंघु और टीकरी बार्डर खुलने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली सहित एनसीआर के दूसरे जिलों में आवागमन सुचारू होने के बाद स्थानीय उद्योगों को खासी राहत मिलेगी। 378 दिन चले किसान आंदोलन के दौरान प्रदेश की छोटी-बड़ी करीब 15 हजार औद्योगिक इकाइयां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ऐसे में स्थानीय उद्योगों को घाटे की भरपाई में लंबा वक्त लग सकता है। + +बार्डर बंद होने से बुरी तरह त्रस्त स्थानीय किसान अब दिल्ली सहित एनसीआर के दूसरे इलाकों में अपने फसल उत्पादों की आपूर्ति आसानी से कर सकेंगे। बहादुरगढ़ के टीकरी बार्डर और सोनीपत के सिंघु बार्डर पर जमे लोगों में भले ही पंजाब के किसानों की भागीदारी ज्यादा थी, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित हरियाणा के कारोबारी और किसान हुए। पिछले साल 26 नवंबर को बार्डर बंद होने के बाद से ही उद्योगों तक कच्चे और तैयार माल की सप्लाई बाधित होने से बड़ी संख्या में उद्योगों पर ताला लग गया। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार कुंडली और टीकरी बार्डर बंद होने से एक साल में उद्योगपतियों और कारोबारियों को करीब 50 हजार करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। + +भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के मुताबिक किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचा है। किसानों के विरोध-प्रदर्शन, सड़क, टोल प्लाजा और रेल सेवाएं बाधित होने से आपूर्ति श्रृंखला खासी प्रभावित हुई। अर्थव्यवस्था पर इसका असर आगे भी दिखेगा। इससे अर्थव्यवस्था का पुनरोद्धार भी प्रभावित हो सकता है। कपड़ा, वाहन कलपुर्जा, साइकिल, खेल का सामान जैसे उद्योग क्रिसमस से पहले अपने निर्यात आर्डरों को पूरा नहीं कर पाएंगे जिससे वैश्विक कंपनियों के बीच उनकी छवि प्रभावित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..549c71cb34d6dce2cb345545533914a2bfa65a26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना [मुनीश शर्मा]। पिछले लंबे समय से एक्सपोर्ट के लिए कंटेनरों की शॉर्टेज और भाड़े में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लुधियाना के उद्योगपतियों को एक बड़ी राहत मिल सकती है। लुधियाना के किला रायपुर में किसान आंदोलन के चलते बंद पड़े अदानी लॉजिस्टिक पार्क को कंपनी एक बार दोबारा आरंभ करने की योजना पर काम कर रही है। इसको लेकर भले ही अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यहां पर तैनात कर्मचारियों के मुताबिक किसान आंदोलन के समाप्त होने के बाद किसानों की घर वापसी पर 15 दिसंबर के बाद दोबारा आरंभ किया जा सकता है। ऐसे में पुराने कर्मचारियों को काम पर बुलाने के साथ-साथ गांवों से दोबारा कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।.।ज्ञात हो कि इस लॉजिस्टिक पार्क के जरिए लुधियाना के एक्सपोर्टरों को भारी राहत मिल रही थी। इसी पार्क के माध्यम से लुधियाना में डबल डेकर कंटेनर मालगाड़ी आरंभ करने की भी योजना है। अगर यह पार्क दोबारा आरंभ होता है, तो पंजाब के उद्योगों के लिए यह बेहद कारगर साबित होगा। ऐसे में हर किसी को उम्मीद है कि कंपनी जल्द फैसला लेकर इस लॉजिस्टिक पार्क को आरंभ करेगी और इंडस्ट्री को भी बड़ी राहत मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64215.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64215.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7122338fb62dcffca87cabfbb9ec4094d844d6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64215.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा एयरफोर्स स्टेशन में पीटीएस है। इसकी स्थापना 1948 में हुई थी। पीटीएस में सेना, भारतीय वायुसेना और नौसेना के 13 हजार जवान प्रशिक्षण लेते हैं। मलपुरा स्थित ड्रापिंग जोन में हर साल 41 हजार छलांग होती हैं। इसकी शुरुआत बेसिक कोर्स से होती है। इसमें पांच छलांग लगानी होती हैं जिसमें चार दिन और एक रात में होती है। तीन पैरा के नायक जितेंद्र कुमार, नौ पैरा के नायक गुरुसेवक सिंह, एक पैरा के लांस नायक विवेक कुमार, 11 पैरा के लांस नायक बीएस तेजा ने पांच से नौ साल के भीतर बेसिक कोर्स पूरा किया। पीटीएस में इन जांबाजों को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया फिर एनएन-32 विमान से 1250 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई। यह छलांग मलपुरा ड्रापिंग जोन में हुई। जांबाजों के एक साथी ने बताया कि पीटीएस हो या फिर ड्रापिंग जोन। हर जगह जितेंद्र कुमार और गुरु सेवक सबसे आगे रहे। ऊंचाई से कूदने में इन्हें जरा सा भी डर नहीं लगता था। हर साल दो छलांग के लिए आगरा आते थे। एक अन्य साथी ने बताया कि बीएस तेजा हंसमुख स्वभाव के थे। वह एक ही बात कहते थे कि डर के आगे जीत है। ऊंचाई कितनी भी हो, उससे डरना नहीं चाहिए। पांच जंप में चार दिन और एक रात में की तब जाकर पैराट्रूपर का तमगा मिला। साथ ही लाल टोपी पहने का भी मौका मिला। वर्दी के साथ पैरा विंग लगाना शुरू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f44c1b0b7f27a767c19f826641019581d08dbe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। देश से कापर केबिल वाला ब्राडबैंड अलविदा होने जा रहा है। एक्सचेंजों में लगे ब्राडबैंड के सिस्टम को हटाना शुरू कर दिया गया है। इसके स्थान पर फाइबर टू होम (एफटीएच) लगाया जा रहा है। इसकी गति एक जीबी प्रति सेकेंड तक होती है। आधुनिक संचार सेवा के बाद बीएसएनएल भी धीरे-घीरे पुराने संचार सेवा को खत्‍म करता जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29183a9466c502fee848f741f515b04919b5ebda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64222.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार की तरफ से वितरित किए जाने वाला मुफ्त राशन का इस बार 12 दिसंबर से वितरण शुरू हो सकता है। पहली बार सरकार गेहूं, चावल के साथ ही रिफाइंड व चना भी वितरित होगा। हालांकि, अभी तक शासन स्तर से सभी दुकानों के लिए इन सामानों की आपूर्ति नहीं हुई है। ऐसे में कुछ दुकानों पर मुफ्त राशन वितरण में देरी भी हो सकती है। ब्लाक स्तर से नोडल अफसरों की निगरानी में यह वितरण होगा। + +योजना का किया विस्तार।जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने बताया कि जिले में राशन की कुल 1346 राशन की दुकानें हैं। इन दुकानों पर 24596 अंत्योदय कार्ड धारक और साढ़े छह लाख के करीब कार्ड धारक पात्र गृहस्थी श्रेणी के हैं। अब तक कोरोना के चलते सरकार मुफ्त राशन बांट रही थी, लेकिन अब इस योजना का विस्तार कर दिया गया है। दिसंबर से लेकर मार्च तक यह वितरण होना है। इसमें हर महीने अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को नियमित राशन प्रति कार्ड तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल के साथ ही प्रति कार्ड एक किलो आयोडाइज्ड नमक, एक किलो चना, एक किलो रिफाइंड मुफ्त मिलेगा। जबकि, अंत्योदय कार्ड धारकों को 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल के साथ एक-एक किलो चना, नमक व रिफाइंड का वितरण होगा। उन्होंने बताया कि जिले में प्रति कार्ड एक किलो के हिसाब से 6622 कुंतल रिफाइंड की आपूर्ति हो चुकी है। नमक भी 80 फीसदी आ चुका है। चना अभी कम मिला है। जल्द ही अन्य सामान की भी आपूर्ति हो जाएगी। इसके बाद वितरण शुरू होगा। शुरुआत में कुछ दुकानों से वितरण होगा। इसके बाद पूरा सामान आते ही सभी दुकानों पर वितरण शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वितरण के बाद केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाने वाले राशन का भी वितरण होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..850568cbc592671877592cbb0464c41c0f2706ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64224.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एनसीआरबी के ही मुताबिक 2001 से 2018 के बीच पुलिस हिरासत में कुल 1,727 लोग मरे। वहीं संस्था नेशनल कैंपेन अगेंस्ट टार्चर ने जून महीने में रिपोर्ट जारी कर बताया कि केवल 2019 में हिरासत के दौरान 1,731 मौतें हुईं। दूसरे शब्दों में कहें तो 2019 में रोजाना करीब पांच लोग पुलिस हिरासत में मारे। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सभी लोग पुलिस की पिटाई से ही मरते हैं। इनमें कुछ बीमारी तो कुछ दूसरे कारणों से भी अपनी जान गंवाते हैं। + +ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि पुलिस हिरासत में हो रही मौतों पर लगाम क्यों नहीं लग रही है? इसके पीछे दो वजहें अहम हैं। अक्सर ही देखा जाता है कि यातनाओं के मामले में पुलिसकर्मी बच कर निकल जाते हैं। ज्यादा कुछ हुआ तो कुछ दिनों के लिए निलंबित हो जाते हैं और फिर काम पर लौट आते हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2017 में जिन सौ कैदियों की मौत हुई, उन मौतों के लिए अब तक एक भी पुलिस अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया गया है। एनसीआरबी द्वारा 2001 से 2018 के बीच जिन 1,727 लोगों की मौत का आंकड़ा दिया गया है, उन मामलों में सिर्फ 26 अधिकारी ही दोषी ठहराए जा सके हैं और इनमें से ज्यादातर जमानत पर बाहर हैं। कस्टोडियल डेथ से इतर देखें तो साल 2000 से 2018 के दौरान पुलिस के खिलाफ 2,041 मानवाधिकार उल्लंघन के मामले दर्ज हुए, लेकिन इनमें सिर्फ 344 पुलिसकर्मी ही दोषी साबित हो सके। पुलिसकर्मियों के आसानी से बचकर निकल जाने से ही हिरासत में हो रही मौतों पर लगाम नहीं लग पा रही है। वे कैदियों से सच उगलवाने के लिए यातना और हिंसा को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..757dc1393eb07f57c99ca4d4da2bfd9380b0ffae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64226.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कमिश्‍नरी सभागार में लिए अहम निर्णय।कमिश्नरी सभागार में हुई बैठक में इन परियोजनाओं पर मुहर लगा दी गई। बैठक में शामिल स्मार्ट सिटी, नगर निगम, एडीए, पीडब्ल्यूडी, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग के अफसरों ने चर्चा के बाद कई योजनाओं पर सहमति जताते हुए सहयोग का भरोसा दिलाया। अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर गौरव दयाल ने जनवरी, 2022 में इन योजनाओं पर काम शुरू करने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त व स्मार्ट सिटी के सीइओ गौरांग राठी ने बताया कि मुख्य सड़कों, डिवाइडर और सार्वजनिक स्थानों पर बागवानी और पौधारोपण, सड़क किनारे लगे पेड़ों पर रोशनी की व्यवस्था करना, जवाहर भवन के सुंदरीकरण, 30 स्थानों पर स्मार्ट वेंङ्क्षडग जोन, जहां यूरिनल, पेयजल, डस्टबिन, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। एडीए 10 स्थानों पर सुविधाजनक फूड प्लाजा स्थापित कराएगा। वहीं, क्वार्सी, सासनीगेट, सूतमिल और एटा चुंगी चौराहे के सुंदरीकरण के अलावा वहां भूमिगत विद्युत व्यवस्था, जल निकासी, सड़कें बनाने का काम पीडब्ल्यूडी को दिया है। इसके अलावा रसलगंज, नई बस्ती, घुडिय़ाबाग, पुलिस लाइन, देहलीगेट, ऊपरकोट, रेलवे रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय व बराई स्थित राजकीय कन्या इंटर कालेज का आधुनिकीकरण और सुंदरीकरण लोक निर्माण विभाग कराएगा। दूसरे चरण में अन्य स्कूल चयनित किए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग को कैरिजवे की जिम्मेदारी भी दी गई है। बरछी बहादुर दरगाह से अब्दुल खालिक रोड क्राङ्क्षसग, इस क्रासिंग से मदारगेट क्रासिंग व मीनाक्षी पुल से छर्रा अड्डा क्राङ्क्षसग तक, बन्नादेवी चर्च से रेलवे रोड  क्रासिंग, अब्दुल करीम क्राङ्क्षसग से जीटी रोड क्राङ्क्षसग, देहलीगेट से बारहद्वारी और मालगोदाम क्राङ्क्षसग से अब्दुल करीम क्राङ्क्षसग तक कैरिजवे विकसित होगा। टेंडर इसी महीने जारी किए जा सकते हैं। एएमयू की टीम की मदद से डीपीआर तैयार की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..496d58267d1c7ccee79b7f09761dc0edfb1f54e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64227.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सीबीपी श्रीवास्तव। भारत के संविधान की उद्देशिका में हाल ही में प्रस्तावित संशोधन इस रूप में चर्चा के विषय हैं कि क्या ऐसे संशोधन संविधान के बुनियादी ढांचे से संगत होंगे। बुनियादी ढांचे के सिद्धांत की व्याख्या उच्चतम न्यायालय द्वारा केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य, 1973 मामले में की गई थी, जिसके अनुसार संसद मौलिक स्वतंत्रताओं से संबंधित प्रविधानों को संशोधित, परिवर्तित, रूपांतरित या विरूपित नहीं कर सकती। प्रस्तावित संशोधनों की संवैधानिक वैधता का आकलन इसी पृष्ठभूमि में किया जाना समीचीन होगा। राज्यसभा के उप-सभापति ने इस विषय पर निजी सदस्य द्वारा लाए जाने वाले विधेयक की प्रस्तुति पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। + +संविधान की उद्देशिका : उद्देशिका किसी पुस्तक की प्रस्तावना नहीं है। इसके विपरीत इसमें तीन अनिवार्य तत्व होते हैं। पहला, संविधान का दर्शन जो अमूर्त होता है। दूसरा, ऐसे दर्शन के अनुरूप राज्य का दार्शनिक उद्देश्य जिसका स्पष्ट उल्लेख होता है तथा तीसरा, उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उल्लिखित मार्गदर्शक सिद्धांत। ये अनिवार्य तत्व सभी संविधानों की उद्देशिका में होते हैं। जहां तक भारत की बात है। संविधान में शामिल अमूर्त दर्शन कल्याणवाद है, जबकि राज्य के दार्शनिक लक्ष्य के रूप में लोकतांत्रिक समाजवाद प्रतिष्ठित है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के मूल्यों को मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में रखा गया है। इन्हीं अनिवार्य तत्वों से राज्य को नीति निर्माण और क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश मिलता है। इसी कारण यह कहा गया है कि उद्देशिका राज्य को आधिकारिक जवाबदेही देती है। इन दार्शनिक तत्वों को शामिल किए जाने के कारण ही यह स्पष्ट है कि उद्देशिका संवैधानिक शासन की आधारशिला है और यह प्राधिकारियों की अर्थपूर्ण शक्ति का स्नेत नहीं है। + +मूल संविधान की उद्देशिका में राज्य के स्वरूप के लिए तीन शब्दों का उल्लेख था, संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, लोकतंत्रत्मक, गणराज्य। संविधान के 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़े गए। हालांकि इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि 42वां संशोधन राजनीति से प्रेरित था और उसे संवैधानिक आवरण दिया गया था, लेकिन इन शब्दों को शामिल करने से बुनियादी ढांचे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। कारण यह कि भारत का संविधान पहले से ही समाजवादी और पंथनिरपेक्ष संविधान था। भारत में समाजवाद हालांकि सोवियत समाजवाद से प्रेरित है, लेकिन इसके बावजूद दोनों में स्पष्ट अंतर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb6017feea409dbc4abcb887acaa952eee3db695 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64229.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +खास बातें।- डीएम ने कार्रवाई के लिए एसीएम प्रथम को नियुक्त किया वन बंदोबस्त अधिकारी।- दबंगों व स्थानीय किसानों के कब्जे में काफी भू-भाग, अक्सर होता है विवाद।ये है मामला।वर्ष 1955 में 30 गांवों की 2195 हेक्टेअर भूमि को वन विभाग अधिनियम की धारा-4 का नोटिफिकेशन करके अधिसूचित किया गया। खसरा नंबर भी जारी हो गए, लेकिन धारा-6 व अमलदरामद के लिए धारा-20 का गजट यानी नोटिफिकेशन जारी नहीं हो पाया। ऐसे में न तो इस भूमि का सही से सीमांकन हो पाया और न सीमा स्तंभ लगाकर जंगल को सुरक्षित किया जा सका। धीरे-धीरे अधिसूचित भूमि पर आसपास के किसानों और दबंगों ने कब्जे में लेना शुरू कर दिया। वर्तमान में इस भूमि के 80 से 90 फीसद हिस्से पर अवैध कब्जा है। इसी कब्जों को हटाकर जंगल का विस्तार करने की योजना बनाई जा रही है। वर्तमान में वन क्षेत्र मात्र 1.92 हेक्टेअर है। इसमें कब्जे वाली भूमि भी शामिल हुई। वन क्षेत्र में शामिल काफी भूमि आबादी के पास है। + +ऐसे होगी कार्रवाई।डीएम ने भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 (सी) के अंतर्गत एसीएम प्रथम (वर्तमान में संजय मिश्रा) को वन बंदोबस्त अधिकारी नियुक्त किया है। डीएम ने वन बंदोबस्त अधिकारी को धारा-4 में आरक्षित वन क्षेत्र को धारा-20 के अंतर्गत अधिसूचित करने की कार्रवाई शुरू कराएंगे। जल्द ही भूमि को चिह्नित कर धारा-6 की घोषणा की जाएगी। वन बंदोबस्त अधिकारी समस्त वादों की सुनवाई कर अंतिम फैसला देंगे। फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकेगी। डीएम ने समस्त वादों की सुनवाई कर जल्द ही भूमि का अमलदरामद वन विभाग के पक्ष में करने के निर्देश दिए हैं। + +ये है कब्जे वाली विवादित भूमि।खैर वन क्षेत्र के गांव मालव में 196, लालपुर में 60.70, समसपुर में 114.93, सुदेशपुर में 41.68, पला सल्लू में 42.11, अलीगढ़ के गांव माधोगढ़ में 59.93, जंगलगढ़ी में 42.24, नगौला में 132.93, जवां सिकंदरपुर में 49.41, रठगवां में 42.89, पला माजरा कस्तली वैश्य में 47.34, कस्तली वैश्य में 90.24, भगनपुर में 42.49, सुहावली में 62.91, कीरतपुर में 44.51, बधियार में 113.71, नगला बरी में 153.78, मंडनपुर में 102.79, विजयगढ़ में 53.41, गोपी में 81.11, बरहद में 43.70, लधौआ में 140.05, विलौठी में 54.07, सिकंदरपुर छेरत में 71.79, टुआमई में 44.52, भवनखेड़ा में 15.40, चितरौली में 15.90, मोहसनपुर में 134.35, गाजीपुर में 101.17 हेक्टेअर जमीन शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30b2f04c58497dfc8dfbd3fe61a3aa6d0b1a7c1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक है। दोनों राज्यों में भाजपा का शासन है और पार्टी लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर इतिहास रचने की कोशिश में लगी हुई है। जीत की राह आसान करने के लिए दिल्ली के नेता व कार्यकर्ता भी वहां जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के 45 और उत्तराखंड के 20 विधानसभा क्षेत्रों में यहां के नेता चुनाव प्रबंधन की कमान संभालेंगे। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली के अन्य नेता व कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में अपना योगदान देंगे।  इनमें गौतम गंभीर और मनोज तिवारी जैसे नाम भी है, जिनकी देशभर में पहचान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe43092b333c116fd6cca3aa5c3483e4a963f0c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैग ले जाने वाले की नहीं हो पाई पहचान।इतना सब होने के बावजूद रोहिणी कोर्ट में बम धमाका हो जाने की घटना ने अदालतों की सुरक्षा की फिर पोल खोलकर रख दी है। माना जा रहा था कि शूटआउट की घटना के बाद अदालत परिसर व कोर्ट बिल्डिंग की गैलरियों आदि में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि कोर्ट रूम में प्रवेश करने वालों पर भी नजर रखी जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। यानी अदालतों में अब भी पर्याप्त सुरक्षा-व्यवस्था नहीं है। अभी भी रोहिणी समेत अन्य निचली अदालतों के केवल परिसर में ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, कोर्ट बिलिं्डग के अंदर कैमरे नहीं लगे हैं। यही कारण है कि कोर्ट रूम नंबर 102 में लैपटाप बैग ले जाने संदिग्ध की अब तक पहचान नहीं हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..796fa7d324757d60b9c1bf1f6daf207339e35519 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64233.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गैलेंट्री आवार्ड सम्मान।सीडीएस जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के एक अत्यधिक सुशोभित अधिकारी थे। उन्हें 16 दिसंबर 1978 को सेना की 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल किया गया था। उनके पिता लच्छू सिंह रावत भी सेना की इसी टुकड़ी के अधिकारी थे। भारतीय सेना में अपने कार्यकाल के दौरान जनरल रावत को कई तरह से पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। जिनमें मुख्य तौर पर उनके गैलेंट्री आवार्ड शामिल हैं। जनरल रावत भारतीय सेना के पीवीएसएम, यूवाईएसए, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम सरीखे गैलेंट्री आवार्ड से सुशोभित थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64235.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8500c1e19cbfed0d71fe7486b3bafe6569c37480 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरक्षण पर अहम फैसले कर चुकी है सरकार।सरकार इससे पहले केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के प्रवेश में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लागू करने का फैसला ले चुकी है जो पिछले सत्र से ही लागू किया गया है। इससे पहले इनमें सिर्फ एससी और एसटी को ही आरक्षण मिलता था। आरक्षण पर सरकार कई और भी अहम फैसले कर चुकी है। इनमें हाल ही में मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए निर्धारित आल इंडिया कोटे में ओबीसी आरक्षण को लागू करने का निर्णय भी शामिल है। ओबीसी को भी अब आल इंडिया कोटे में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64236.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f266684f6098d83b019ff4f8f6cc03b55a824b91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या है मामला ।इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील निरंजना सिंह और अतुल त्रिपाठी की ओर से दलील दी गई थी कि उनका मामला उपभोक्ता कानून के तहत आएगा क्योंकि उन्होंने 27 अगस्त, 2004 को अस्पताल में 266 रुपये सर्विस चार्ज दिया था, जिसकी रसीद उनके पास है। यह मामला जिला महिला अस्पताल, गाजीपुर का था। हालांकि याचिकाकर्ता की ओर से यह माना गया था कि उन्होंने डाक्टर को कोई फीस नहीं दी थी। डाक्टर सरकारी कर्मचारी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38c630f2c3a40c916b0553d33841426b5b5087fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64237.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली में मीसा के फार्म हाउस से हुई शादी। दक्षिणी दिल्ली के सैनिक फार्म स्थित लालू की बेटी मीसा भारती के फार्म हाउस में पूरा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मौके पर दोनों परिवार के लोगों के अलावा बेहद करीबी मेहमान मौजूद थे। शादी संपन्न होने के बाद नवविवाहित जोड़े ने अपने बड़ों का आशीर्वाद लिया। शादी के बाद जब लालू प्रसाद घर की ओर निकल रहे थे तब भी मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन लालू ने काेई बात नहीं की। + +इंटरनेट मीडिया में वायरल हुईं तस्वीरें।फार्म हाउस पर बुधवार सुबह से ही सजावट के साथ अन्य तैयारियां की जा रही थी। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व वर्तमान में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की शादी की चर्चा इंटरनेट मीडिया में भी खूब रही। राेहिनी आचार्य नाम के फेसबुक प्रोफाइल से शादी समारोह की छह-सात फोटो पोस्ट की गईं जो देखते ही देखते इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गईं। रोहिणी आचार्य ने अपनी पोस्ट में तेजस्वी यादव को टूटू और दुल्हन को रचेल कहकर संबोधित किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इन तस्वीरों में नवदंपति अपने से बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते, एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते, फेरे लेते व फोटो के लिए पोज देते दिखाई दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7694fceaf8c9159f4e23db2c2aa1eaeab4f300e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में वैश्विक किल्लत को देखते हुए देश के कई राज्यों में फर्टिलाइजर के वितरण केंद्रों पर किसानों की भीड़ उमड़ी है। कई जगहों पर भीड़ के नियंत्रण के लिए पुलिस बुलानी पड़ी है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि देश में फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है। कई राज्यों में तो इसकी उपलब्धता जरूरत से ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि वितरण प्रणाली को दुरुस्त कर जमाखोरों से सावधान रहना होगा। वैसे, यह सच है कि वैश्विक बाजार में आपूर्ति घटने और मूल्य बढ़ने से कई देशों में अफरातफरी है। भारत में खेती पर इसके विपरीत असर को रोकने के लिए सरकार ने इसका बोझ किसानों पर डालने के बजाय खुद उठा लिया है। इससे फर्टिलाइजर सब्सिडी में लगभग 60 प्रतिशत की भारी वृद्धि हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0544042a91d608758d8674d054a26337dbb5167d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एफएफडीसी के प्रबंध निदेशक डा. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फूड पैकेजिंग के निदेशक डा. तनवीर आलम से इस पर विमर्श के बाद विषाणुओं और जीवाणुओं पर अध्ययन किया। इसमें फूड प्वाइजनिंग की वजह बनने वाले कैंपिलोबैक्टर, क्लोस्ट्रीडियम, स्टेफिलोकोकस आरियस, बैसिलस, साल्मोनेला जैसे विषाणु और जीवाणु सामने आए। इसके बाद उन पर प्राकृतिक तेल का प्रयोग किया। सात ऐसे एसेंशियल आयल मिले, जो इन्हें खत्म करने में सफल रहे। इन सभी को मिलाकर एक आयल बनेगा, जिसे खाने में भी प्रयोग किया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64240.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5382aad4cf17b5fc586ac0db699230574a5a673a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि इस क्षेत्र के वैश्विक जीडीपी में योगदान की बात करें तो यह करीब 4 फीसद है जिसकी कुल वैल्यू 2019 में करीब 262.7 लाख करोड़ रुपए थी। हालांकि 2020 में महामारी के चलते इसमें करीब 50 फीसद की गिरावट आ गई थी, जब यह घटकर वैश्विक जीडीपी का करीब 1.8 फीसद हिस्सा ही रह गया था। वहीं 2021 में इसके दो फीसद रहने का अनुमान है। यही नहीं वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में आए उछाल और आपूर्ति शृंखलाओं में आए व्यवधान ने भी दुनियाभर में पर्यटन को प्रभावित किया है। आंकड़ों से पता चला है कि 2019 की तुलना में 2021 के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में करीब 70 से 75 फीसद की कमी आने का अनुमान है, गौरतलब है कि 2020 में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64241.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c47d8f69b87e3c66aa03654e16c495485540a2d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64241.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भोपाल, जेएनएन। रानी कमलपति रेलवे स्टेशन पर मां को रिसीव करने पहुंची अनूपपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरसी सिंह बिसेन की बेटी जया सिंह ने रेलवे यात्री की जान बचा ली। दरअसल हुआ यूं कि राजधानी भोपाल में रानी कमलपति रेलवे स्टेशन पर सुबह करीब पौने 10 बजे हार्ट हटैक से यात्री विजय मसानी तड़प रहे थे। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान उन्हें सीपीआर दे रहे थे। जवान दो बार काल कर चुके थे, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची थी। इसी बीच जया अपनी मां साधना सिंह बिसेन को लेने स्टेशन पहुंची थी। मरीज की हालत और जवानों के प्रयासों को देखते हुए वह आगे आईं और अपनी मां को लेना छोड़ पहले मरीज और जवानों को तुरंत अपने वाहन में बैठाया। वह 10 नंबर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंच गई। + +यहां मरीज विजय मंसानी को भर्ती कराने के बाद जया अपनी मां को लेने के लिए दोबारा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंची। तब तक सुबह 9.59 बजे उनकी मां स्टेशन पर उतर गईं थी। वह अनूपपुर से आ रही थीं उन्हें तोडा इंतजार भी करना पड़ा। बेटी द्वारा जरूरत के समय यात्री व उसके परिवार को पहुंचाई गई मदद का किस्सा सुना तो उनकी मां खुश हो गईं। मां का कहना था कि हमें अपनों की चिंता करने के साथ जरूरतमंदों की भी चिंता करनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84ec4e908e1e91fd06f0ba37ab21b20e7cb70881 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64244.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +टी20 विश्व कप में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से हारने के बाद यह तय हो गया कि विराट की वनडे कप्तानी भी जाएगी। टीम अपनी मेजबानी में भी सेमीफाइनल में नहीं पहुंची। बोर्ड के पदाधिकारी चाहते थे कि विराट खुद कप्तानी छोड़ दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया गया। बोर्ड ने ऐसी खबरें बाहर आने के बाद विराट कोहली को संदेश पहुंचाया, लेकिन उन्होंने इस बार गेंद बोर्ड के पाले में डाली। बोर्ड ने भी 48 घंटे के इंतजार के बाद चयनकर्ताओं को रोहित शर्मा को वनडे का नया कप्तान बनाने को कह दिया। + +कोहली की बर्खास्तगी के बारे में बीसीसीआइ के बयान में जिक्र भी नहीं किया गया। उसमें कहा गया कि चयन समिति ने आगे बढ़ने के दौरान रोहित शर्मा को वनडे और टी20 टीमों का कप्तान बनाने का फैसला किया है। विराट 2023 वनडे विश्व कप में घरेलू सरजमीं पर भारतीय टीम की अगुआई करना चाहते थे। हालांकि, अब रोहित शर्मा की कप्तानी में वे खेलते नजर आएंगे। साउथ अफ्रीका के दौरे पर तीन मैचों की वनडे सीरीज होनी है और इस सीरीज में रोहित शर्मा टीम के कप्तान होंगे, जिसका ऐलान होना बाकी है। ।कप्तानी की कहानी।कोहली की कप्तानी का दौर खुद में एक शानदार दास्तां रहा है। 'कूल' महेंद्र सिंह धौनी ने अपने नेतृत्व में कोहली को तैयार किया और फिर जब उन्हें लगा कि समय आ गया तो उन्होंने सफेद गेंद की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी। अगले दो वर्षों में कोहली टीम के ताकतवर कप्तान बन गए, जो अपने हिसाब से चीजें करते। फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति थी, जिन्होंने उनकी हर मांग (कुछ सही और कुछ गलत) को पूरा किया। + +इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ में पारंपरिक प्रशासकों की वापसी हुई, जिसमें बहुत ताकतवर सचिव और अध्यक्ष थे, जो खुद ही सफल कप्तानी के बारे में जानकारी रखते थे। अंत में सफेद गेंद के दोनों प्रारूपों के लिए दो अलग-अलग कप्तानों की कोई जगह नहीं रही। इस तरह कहा जा सकता है कि विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ी नहीं है, बल्कि उनसे छुड़वाई गई है। हालांकि, अभी तक विराट की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5405ccde4032c63621ec2de3f24a2d59ca6d9233 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64247.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। एक साल 14 दिन तक आंदोलन को लंबा खींचने की जितनी हिम्मत किसान संगठनों ने की, उससे कहीं अधिक संयम का परिचय केंद्र व राज्य सरकार ने दिया है। हरियाणा में अब तक की सबसे लंबी अवधि के इस आंदोलन में कोई ऐसी हिंसा नहीं हुई, जिसकी वजह से केंद्र अथवा हरियाणा सरकार के माथे पर किसी तरह का दाग लग सके। करनाल के बस्ताड़ा चौक पर हुआ लाठीचार्ज इसमें अपवाद है, लेकिन लाठीचार्ज के दोषी आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा को निलंबित कर प्रदेश सरकार पूरे मामले की जांच के लिए जस्टिस एसएन अग्रवाल के नेतृत्व में एक जांच आयोग बना चुकी है। + +किसान संगठनों का आंदोलन खत्म होने के बाद अब जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग हालांकि कुछ दिनों तक काम करता रहेगा, लेकिन पूरे विवाद पर मिट्टी डालने की मंशा से देर-सबेर इस आयोग की रिपोर्ट में देरी हो सकती है। अब जबकि किसान संगठनों की तमाम मांगें मानी जा चुकी हैं और वह अपने घरों को लौटने के लिए तैयार हो गए, ऐसे में प्रदेश सरकार की मंशा किसी तरह का नया विवाद खड़ा करने की नहीं होगी। किसान संगठनों का आंदोलन खत्म होने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा व उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी के नेताओं के साथ-साथ उद्योगपतियों, बार्डर के आसपास रहने वाले लोगों व कारोबारियों तथा दिल्ली से आवाजाही करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05e0ee221aecf0fb5c61bc32122cd9eff3ee0bc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। दिल्ली में एक बार फिर दम घोंटने वाली सर्दी शुरू हो चुकी है। पिछले कई सालों से हर सर्दी में प्रदूषण के दमघोटूं लहर की लगातार पुनरावृत्ति ने हमें दुखी कर दिया है, लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं है। प्रख्यात पर्यावरणविद् सुनीता नारायण कहती हैं कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना कम होना चाहिए कि हवा की गति धीमी होने पर ठंडी हवाओं के जमने से जब प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जा सके…।हर साल इसी तरह प्रदूषण का दौर आता है और चला जाता है। हम भी इस दौर के गुजरने के साथ ही इसकी पीड़ा भूल जाते हैं। अगर हम अपनी पीड़ा को इसी तरह भूलते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हम स्वच्छ हवा पाने के अधिकार को खो देंगे। जानलेवा प्रदूषण की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर थोपने की आवाजें समाचार पत्रों की सुर्खियां जरूर बन सकती हैं, लेकिन इससे आने वाली सर्दियों में प्रदूषण से राहत नहीं मिल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdea68157fef965413fe3c20c8800b0beaa2eeb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। राशन कार्ड धारकों को 20 दिसंबर से बंटने वाले मुफ्त राशन, तेल, नमक व दाल मिलनी शुरू हो जाएगी। पूर्ति विभाग की ओर से इसकी तैयारी शुरू हो गई है। विभाग इस आवंटन की विशेष निगरानी की योजना बना रहा है। हर दुकान पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती हो रही है। शिक्षा मित्र, लेखपाल व अन्य कर्मचारियों को इनमें लगाया गया है। ब्लाक स्तर से इसके लिए सभी कर्मचारियों की सूची तलब कर ली गई है। 30 दिसंबर तक वितरण होना है। जिले में पहली बार कार्ड धारकों को इतने सामान मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c6097a1c87bd1b30e101aac1ccebac5fe5d6a1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6425.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस वीडियो को साझा करते हुए इनाया सुल्ताना ने राम गोपाल वर्मा को टैग करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं आधिकारिक तौर पर अपने और राम गोपाल वर्मा के इस वीडियो को साझा करती हूं।' एक बार फिर से इनाया सुल्ताना और राम गोपाल वर्मा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले राम गोपाल वर्मा का जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें वह इनाया सुल्ताना के साथ बेसुध तरीके से डांस करते दिखाई दे रहे थे। + +I once again want to clarify that the guy in this video is not me and the Girl in Red is not @inaya_sultana and I swear this on American President JOE BIDEN pic.twitter.com/K8nNera7Rc।वहीं वीडियो के बीच-बीच में राम गोपाल वर्मा इनाया सुल्ताना के साथ बेसुध तरीके से डांस स्टेप करते नजर आ रहे थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद रामगोपाल वर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि वीडियो में दिखने वाला शख्स वह नहीं हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं बालाजी, गणपति, यीशू सहित कई अन्य की कसम खाता हूं, यह मैं नहीं हूं।' इतना ही नहीं राम गोपाल वर्मा ने वीडियो पर कटाक्ष करते हुए अपने अन्य ट्वीट में लिखा, 'मैं एक बार फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस वीडियो में दिख रहा वह शख्स मैं नहीं है। मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की कसम खाता हूं।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64252.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..faa197f502fba42748b8719514661e5413546f29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64252.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। पीसी पर कार्य करते समय अगर यह ठीक से परफार्म न करे, तो फिर झुंझलाहट बढ़ने लगती है। पीसी-लैपटाप से वाइ-फाइ कनेक्ट नहीं हो रहा है या फिर कोई अन्य समस्या आ रही है, तो विंडोज सिस्टम में इनका निदान करना आसान नहीं होता है। विंडोज सिस्टम पुराना है, तो फिर इस तरह की कई और समास्याओं से हर दिन दो-चार होना पड़ सकता है। ये समस्याएं केवल विंडोज सिस्टम के साथ ही नहीं, बल्कि अन्य आपरेटिंग सिस्टम के साथ भी हो सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f99aee0d3a53a575b39e50fd2d0b4aeef82029ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64253.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को हायब्रिड वार फेयर की महारत हासिल थी और उनकी युद्ध रणनीति बेजोड़ थी। उनके निर्णयों में 40 वर्षों का अनुभव दिखता था। साथ रहे सैन्य अधिकारियों ने युद्ध की यादें साझा करते हुए उनका जाना सेना के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी अपूर्णनीय क्षति बताया। ।सैन्य अफसरों ने बताया कि जनरल बिपिन रावत ने सीडीएस रहते हुए तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जिससे भारत की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ी है। आपरेशन पराक्रम के दौरान बारामूला में उनकी बेजोड़ रणनीति, दूरदर्शिता और योजना का परिचय मिला था। उस समय बतौर मेजर वहां तैनात था। सीडीएस बिपिन रावत उस वक्त जनरल अफसर कमांडिंग थे। रिटायर्ड कर्नल जाहिद सिद्दीकी सेवा मेडल बताते हैं कि कारगिल युद्ध से पहले 1999 में राजस्थान में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन पराक्रम शुरू किया था उस दौरान बारामूला में उनके अनुभवों से काफी कुछ सीखने को मिला। ।उन्होंने बताया कि उस वक्त जनरल बिपिन रावत ने जवानों को परिस्थितियों के साथ आगे बढऩे और डटे रहने की सीख दी थी। हायब्रिड वार फेयर में उन्हें महारत हासिल थी, वह एक साथ दो फ्रंट पर युद्ध कौशल की कला जवानों को सिखाते थे। उनकी योजना और रणनीति इतनी सटीक थी कि हर मोर्चे पर सेना को सफलता मिली। सेना को आगे बढऩे, दुश्मन को हराने, एक और दो फ्रंट पर लड़ाई के तरीके उनसे सीखने को मिले। उनकी योजना से सेना को हमेशा ताकत मिली। ।निर्णय में दिखता था 40 वर्षों का अनुभव।ब्रिगेडियर नवीन सिंह वीर चक्र विशिष्ट सेवा मेडल बताते हैं कि चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निर्णयों में उनके 40 वर्षों का अनुभव दिखायी देता था।उनकी नेतृत्व क्षमता जितनी बेहतरीन थी वह उतने ही कुशल योद्धा थे। उन्होंने बताया कि जनरल से कई मौकों पर मिलने और उनके अनुभवों से काफी कुछ सीखने का अवसर मिला।चाइना बार्डर, प्रयागराज, दिल्ली और कोलकाता में उनसे कई बार मिले।उनकी लीडरशिप में परिपक्वता दिखायी देती थी। वह बहुत ही शांत स्वभाव के थे। ।सादा जीवन और उ'च विचार जैसी जीवन शैली थी। वह जब सीडीएस बने तो उस पोजीशन पर तीनों सेनाओं को इंटीग्रेट करने का बेहतर प्रयास किया और उसमें सफल हुए।उन्होंने सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने का काम किया। वह अधिकारियों को एनालाइज करते थे।अक्सर देखते थे कि हम कितने तैयार हैं।निश्चित ही उनका जाना सेना की अपूर्णनीय क्षति है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c9560f98557f2ef4050fa2af9fd04bd375b1c4c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतिहास के पन्नों पर अंकित गोवर्धन ।भगवान श्रीकृष्ण के मन से उत्पन्न मानसी गंगा को समस्त पापों का नाश कर मोक्ष दायिनी बताया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण ने गोपियों के कहने पर वृष हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए अपने मन से इसे प्रकट किया। इसलिए इसका नाम मानसी गंगा पड़ा तथा इसमें स्नान कर पाप मुक्त हुए। वहीं एक बार श्री नंदबाबा, यशोदा मैया सभी ब्रजवासियों सहित चार धाम की तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे। रात्रि को इन्होंने गोवर्धन में विश्राम किया। कृष्ण ने सोचा सारे तीर्थ ब्रज में विद्यमान होने चाहिए। उन्होंने गंगा सहित चारों तीर्थ ब्रज मंडल में प्रकट किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64262.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64262.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d6cfb002ce9bb22b4994bd0513ddb93df064ff7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64262.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय माडल के आधार पर तीन दिन पहले बताया था कि अपने देश में कोरोना की तीसरी लहर अगले माह जनवरी के शुरुआत में आ सकती है। हालांकि, अब तक के डाटा के आधार पर उन्होंने इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट पूर्व में आए डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा तेजी से फैल रहा है, लेकिन वह लोगों में विकसित हो चुकी नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम को बाईपास नहीं कर सका है। इसके चलते कोरोना की दूसरी लहर की तरह इस बार लोगों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। ।उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी प्रो. मणींद्र ने कोरोना की दूसरी लहर के आने के संभावित समय को बताया था। उनके द्वारा तैयार किए गए डाटा के आधार पर ही कोरोना संक्रमण में उतार चढ़ाव देखने को मिला था। अब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डाटा के आधार पर बताया है कि वहां 18 दिन बाद कोरोना का नया वैरिएंट पीक पर होने की आशंका है। वहीं, भारत में यह फरवरी में पीक पर हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77773f53293e9182167daebd5ca43c255a7c0d87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष बनने के बाद जनरल बिपिन रावत लखनऊ स्थित 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के कर्नल कमांडेंट बन गए थे। यहां रेजीमेंटल सेंटर की स्थापना की हीरक जयंती समारोह और पुनर्मिलन समारोह में जनरल बिपिन रावत शामिल हुए थे। देश के पहले सीडीएस बनने के बाद उन्होंने 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर के कर्नल कमांडेंट का पद छोड़ दिया। जनरल बिपिन रावत सेनाध्यक्ष बनने के बाद नौ अप्रैल 2018 को लखनऊ आए। यहां चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए मध्य कमान मुख्यालय में ही वार गेम कांफ्रेंस में हिस्सा लिया था। कांफ्रेंस को इतना गोपनीय रखा गया था कि जनरल रावत अपना विशेष विमान छोड़कर पदमावत एक्सप्रेस से दिल्ली से एक मिलिट्री सैलून में सवार होकर लखनऊ आ गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87e65643d61b145942cfafd8812d0e831c235ae3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64264.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेना में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके देवभूमि के कई लाल।उत्तराखंड की माटी में जन्मे कई लाल देश की सेना में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल बीसी जोशी, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी, पूर्व रा प्रमुख अनिल धस्माना, कोस्टगार्ड के हेड रहे राजेंद्र सिंह और डीजीएमओ की जिम्मेदारी संभाल चुके ले. जनरल अनिल भट्ट का नाम शामिल है। थलसेना प्रमुख रहते हुए जनरल बीसी जोशी की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..788f323ae4cee1fa1f9a322b452e9e89b7c85039 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64265.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। अब भी इस दर्दनाक घटना पर यकीन नहीं हो रहा है। विगत रविवार पांच दिसंबर को ही चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत से भारतीय सेना सेवा कोर के रेजिंग-डे पर मुलाकात हुई थी। आम तौर पर जनरल रावत समय पर आते थे, लेकिन उस दिन थोड़ा देर से और अकेले आए थे। अपने चिरपरिचित अंदाज में गर्मजोशी के साथ सभी से मिले थे। मुझे नहीं मालूम था कि यह उनसे आखिरी मुलाकात होने वाली है। जनरल रावत की असमय मृत्यु मेरी व्यक्तिगत क्षति है। + +इस दौरान उनसे सेना की बेहतरी से जुड़े कई अहम मुद्दों पर गंभीर चर्चा होती थी। जनरल रावत अपने आइडिया पर काम करते थे, भले ही कोई उनसे सहमत हो या नहीं। पाकिस्तान पर बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले उन्होंने बताया था कि हम जवाबी कार्रवाई करने वाले हैं। उन्होंने एयर स्ट्राइक के विभिन्न पहलुओं पर बेहद सूझबूझ तरीके से रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका भी निभाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97215339898904f342d4fe3df95dad32341172a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64266.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली/रेवाड़ी/कोलकाता [महेश कुमार वैद्य]। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के परिवार में बृहस्पतिवार को शहनाई बजी तो दिल्ली से लेकर बिहार तक सुनाई ती। लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की शादी बृहस्पतिवार को दिल्ली में एलेक्सिस (राजश्री) के साथ हो गई। इसमें बेहद कम संख्या में मेहमानों को आमंत्रित किया गया। लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के अलावा इसमें कुछ चुनिंदा नेता और अन्य रिश्तेदारों को ही शामिल होने का मौका मिला। दिल्ली पब्लिक स्कूल में तेजस्वी यादव के साथ पढ़ाई करने वालीं एलेक्सिस (राजश्री) लालू यादव की बहू बनी हैं। ।बेटे तेजस्वी से ज्यादा पढ़ी लिखी है होने वाली बहू। बता दें कि लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी सिर्फ 9वीं पास हैं, लेकिन उनकी होने वाली बहू राजश्री उनसे ज्यादा पढ़ी है। दिल्ली पब्लिक स्कूल से 12वीं पास करने वाली राजश्री ने उच्च शिक्षा ग्रहण की है। + +बहन रोहिणी आचार्य बोलीं, तेजस्वी यादव की शादी होने वाली है। बेहद गोपनीय तरीके से दिल्ली में होने वाली तेजस्वी और राजश्री की शादी को लेकर परिवार चुप था, लेकिन अब बहन रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने इसकी पुष्टि कर दी है। रोहिणी ने ट्विटर पर लिख दिया है कि तेजस्वी यादव की शादी होने वाली है। रोहिणी ने लिखा है- 'भाई के सिर पर सेहरा है सजने वाला, खुशियों से गुलजार घर का आंगन है होने वाला। + +यह भी जानिये।पढ़िये- तेजस्वी के बारे में।यह भी पढ़ेंः दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में बम धमाका, नायब कोर्ट जख्मी; फोरेंसिक व एनएसजी की टीमों ने शुरू की जांच।रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा में कहां हुई चूक? जानिए आखिर कैसे कोर्ट रुम तक पहुंच गया टिफिन बम।तेजस्वी यादव की दुल्हन को इंटरनेट मीडिया पर तलाशते रहे लोग, जानिये- क्यों छिपाया गया नाम।J & K की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को बुआ संबोधित कर कुमार विश्वास ने कर दिया चैलेंज।Marriage In Lalu Family: आखिर कैसे लालू के परिवार की शादी में दिखेगा हरियाणा का जलवा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de0896255e8ea91e7bc3f93c74ad0a201112d68d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64269.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसदों को मिलने वाला कोटा अब उनके लिए ही आफत बन गया है। राज्यसभा में भाजपा नेता सुशील मोदी ने बुधवार को इस कोटे को खत्म करने की मांग को प्रमुखता से उठाया और कहा कि यह कोटा, सांसदों के चुनाव हारने का बड़ा कारण बन रहा है। यह इसलिए है, क्योंकि हर साल इस कोटे से केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए उनके पास हजारों लोगों की सिफारिशें आती है जबकि वे तय कोटे के तहत सिर्फ 10 लोगों को ही खुश कर पाते हैं। जानें इस कोटे को खत्‍म किए जाने से क्‍या होगा आम लोगों को फायदा...।अन्य सदस्यों ने भी किया समर्थन।खास बात यह है कि भाजपा सांसद की इस मांग का राज्यसभा के अन्य सदस्यों ने भी समर्थन किया। फिलहाल मौजूदा नियमों के तहत केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सभी सांसदों (राज्यसभा व लोकसभा के सभी सदस्यों) के पास दस सीटों का सालना कोटा होता है। जिसके तहत वे अपने संसदीय क्षेत्र या राज्य के किन्हीं दस बच्चों का नजदीक के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में सीधे प्रवेश दिला सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..398b9d9e667999a9d6d41aa9659b7bd1bdbba78c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म 'मोहब्बत जिंदगी है' की शूटिंग के लिए धर्मेंद्र आए थे धनबाद ।धमेंद्र के जन्मदिन पर दुनिया भर से उनके चाहने वाले बधाइयां भेज रहे हैं। वैसे तो आपने धर्मेंद्र की अनगिनत फिल्में देखी होंगी। तीन साल पहले यमला पागल दीवाना फिर से में भी धर्मेंद्र नजर आए थे। पर क्या आप यह भी जानते हैं धर्मेंद्र धनबाद भी आ चुके हैं। जी हां, सदाबहार अभिनेता धर्मेंद्र ने धनबाद के तोपचांची की वादियों में काफी वक्त बिताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64275.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44762cd90d913e39e263a42055019eecffe812f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64275.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [दिनेश दीक्षित]। रिलेशनशिप एक्सपर्ट डा. शालिनी शर्मा कहती हैं कि मेरे घर के करीब रहने वाले एक परिचित दंपती इतने प्रेम से रहते हैं कि लोग उन्हें देखकर एक बार उनके बारे में आपस में चर्चा जरूर करते हैं कि देखो ये पति-पत्नी कितने प्रेम से रहते हैं। डा. शालिनी कहती हैं कि एक बार मैंने उन दंपती से पूछा कि क्या आप लोग जानते हैं कि लोग आपको देखकर आपके बारे में चर्चा अवश्य करते हैं कि आप कितने प्रेम से रहते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि हम किसी को दिखाने या जताने के लिए प्रेम से नहीं रहते हैं। यह हम दोनों की आपसी समझदारी है कि हम किसी भी मुद्दे पर आपस में लड़ाई नहीं करते हैं। किसी भी प्रकार की कोई परेशानी आए या किसी भी बात को लेकर हम दोनों की राय एक न बने, लेकिन हम उन बातों पर आपस में बहस करने की बजाय कोशिश करते हैं कि उन परेशानियों से कैसे निकला जाए। इस बारे में आपस में विचार-विमर्श करते हैं। यही नहीं अगर हमारे बीच कभी किसी बात को लेकर मनमुटाव होता है तो भी हम साथ बैठकर उस बारे में प्रेम से बात करते हैं। इससे बाहर तो छोडि़ए घर के भीतर भी किसी को भनक तक नहीं लगती कि हमारे बीच मनमुटाव है या कहासुनी हुई है। + +- डा. शालिनी के अनुसार अधिकतर घरों में खानपान की जिम्मेदारी पत्नी की ही होती है। यह पत्नी का दायित्व है कि वह पति सहित परिवार में मौजूद हर सदस्य के खानपान का पूरा खयाल रखे, लेकिन इसके साथ ही पति की और परिवार के अन्य सदस्यों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे गृहिणी का भी अच्छी तरह से खयाल रखें और इस बात को सुनिश्चित करें कि गृहिणी भी समय पर और स्वास्थ्यवर्धक भोजन करे। ऐसा न हो कि पूरे परिवार के खानपान की जिम्मेदारी उठाने के फेर में वह स्वयं की देखभाल करना भूल जाए या जो भी मिल गया वो खाकर संतोष कर ले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8da9aafb5bd34b4e99a47924c0c368d9f0324911 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64278.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अशोक तंवर ने भी कांग्रेस से टूटकर बनाया नया दल।अशोक तंवर ने इस संगठन का नाम अपना भारत मोर्चा रखा। विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला का साथ दिया। ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के साथ ताल से ताल मिलाई। अब अशोक तंवर पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उनसे पहले, जब हरियाणा अलग राज्य बना था, तब प्रदेश में विशाल हरियाणा पार्टी का गठन हुआ था। यह पार्टी राव बीरेंद्र सिंह ने बनाई थी, जिनके बेटे राव इंद्रजीत पहले कांग्रेस की राजनीति करते थे और अब भाजपा की राजनीति करते हैं। गुरुग्राम से सांसद हैं तथा मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। + +ये भी चर्चा में रहा था।हरियाणा बनने के बाद वर्ष 1967 में हुए पहले आम चुनाव में राव बीरेंद्र पटौदी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री भगवत दयाल के समर्थित प्रत्याशी दया किशन को हरा दिया। भारत के राजनीतिक इतिहास में यह अपनी तरह की पहली घटना थी। राव बीरेंद्र प्रदेश के प्रथम निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष बने। 1968 के आम चुनाव में विशाल हरियाणा पार्टी ने 39 विधानसभा सीटों में से 12 पर जीत दर्ज की। आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी के आग्रह पर राव बीरेंद्र ने अपनी पार्टी का 23 सितंबर 1978 को कांग्रेस (आई) में विलय कर लिया। वर्ष 1980 में केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर इंदिरा गांधी ने राव को कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा। 1996 के बाद से उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64284.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31145de648229f64c6195a4702a7159710dad41c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64284.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। अमेरिका में बाइडन प्रशासन को करीब-करीब एक साल होने वाले हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप की पराजय पक्‍की हो चुकी थी। बाइडन सुपर पावर अमेरिका के राष्‍ट्रपति बनने की तैयारी में थे। बाइडन के अमेरिकी राष्‍ट्रपति बनने से पहले न केवल अमेरिका बल्कि दुनियाभर के लोगों को उनसे कई तरह की उम्‍मीदें थी। अब उन्‍हें इस पद पर आसीन हुए करीब एक वर्ष का समय पूरा होने वाला है। ऐसे में सवाल उठता है कि बाइडन प्रशासन का रिपोर्ट कार्ड क्‍या है ? क्‍या बाइडन देश दुनिया की कसौटी पर खरे उतरे हैं ? अमेरिकी नागरिकों ने जो उम्‍मीदें उनसे लगाई थी, क्‍या वह पूरी हुई है ? आज चीन से लेकर ईरान तक सभी अमेरिका को अपना तेवर दिखा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या बाइडन के राष्‍ट्रपति बनने के बाद अमेरिका कमजोर हुआ है या अमेरिका की महाशक्ति की छवि कमजोर हुई है ? अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फैसला कितना जायज रहा है ?  । अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद साख गिरी ।1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया ने अमेरिकी महाशक्ति की साख को धक्‍का पहुंचाया है। उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फैसला बाइडन के पूर्ववर्ती ट्रंप के कार्यकाल में लिया गया था, लेकिन बाइडन प्रशासन के वक्‍त अमेरिकी सैनिकों की वापसी हुई। ।2- उन्‍होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति की पूरी दुनिया में काफी मजबूत छवि रहती है। हालांकि यही छवि उस वक्त कमजोर दिखाई दी, जब अफगानिस्तान में बिना राजनीतिक हल निकाले अमेरिकी सैनिकों की वापसी करा ली गई। अमेरिका ने जिस तरह यहां से अपने सैनिक बुलाए, वह दुनिया के सामने काफी कमजोर दिखाई दिया। इतना तक कहा गया कि अमेरिका तालिबान से हार गया है। बाइडन अमेरिका के दुश्मन देशों के आगे कमजोर नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9a004df7946501dde14552de097f773d5367e8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64285.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समाज के भीतर बदलाव जरूरी ।दहेज को पूरी तरीके से रोकने के लिए समाज में जागरूकता और समाज के अंदर बदलाव लाना होगा। तब तक हम इस सामाजिक बुराई से समाज को मुक्ति नहीं दे सकते। उन्होंने समाज के सभी बुद्धिजीवी, धर्म गुरुओं और समाज के प्रत्येक नागरिक से अनुरोध किया कि वे दहेज जैसी बुराई को खत्म करने के लिए समाज के भीतर से ही बदलाव करें। सरकार को भी चाहिए कि दहेज लेने और देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे। कानूनों का पालन कराया जाए। दहेज के खिलाफ बने कानून को प्रभावी बनाने के लिए विधि आयोग को कड़े कदम उठाने चाहिए। तभी दहेज जैसी सामाजिक बुराई को हम खत्म कर सकते हैं। सरकार कानून तो बना सकती है, लेकिन बदलाव समाज के भीतर से ही होगा। संयोजक ने बताया कि संस्था द्वारा लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है। शादी-निकाह समारोह में जाकर वर-वधू पक्ष को समझाया जाता है। हम सब को आगे आकर इस पर विचार करना चाहिए, तभी दहेज मुक्त समाज की स्थापना की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01c595f55cec3f099ae3c8d2c58ca4c88a2f20c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एंटीबाडी को चकमा देने की क्षमता: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, देश में अब तक 85 फीसद आबादी को पहली डोज लग चुकी है। ऐसे में वायरस के प्रति बड़ी संख्या में लोगों में एंटीबाडी बन चुकी है और इसे कोरोना के कम होते मरीजों के तौर पर देखा जा सकता है। नए वैरिएंट ओमिक्रोन (बी.1.1.1.529) में देखे गए के 417 एन और ई 484 ए म्यूटेशन वैक्सीन से बनी एंटीबाडीज को चकमा देने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा एन 440 के और एस 477 एन म्यूटेशन इसे एंटीबाडी से बचने में माहिर बनाता है। इस वैरिएंट में पी 681 एच और एन 679 के म्यूटेशन का भी पता चला है, जो पहली बार देखा गया है। अध्ययन में वैज्ञानिकों का दावा है कि इसकी प्रकृति गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। इसमें 32 म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसे काफी संक्रामक बनाते हैं। इसका पहला केस नवंबर 2021 में साउथ अफ्रीका में पाया गया। अब यह 30 से अधिक देशों में पांव पसार चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a06a4d887a6cd521d7e7aa24f557ac1acb872641 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुधवार को नुसरत ने अस्पताल विज़िट किया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती होने की सलाह दी थी। चिकित्सकों ने नुसरत की डिलीवरी का समय अगस्त के आख़िरी हफ्ते या फिर सितंबर के पहले हफ्ते में दिया था। डिलीवरी से पहले गुरुवार सुबह को नुसरत ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक फोटो पोस्ट की थी। फोटो में नो-मेकअप लुक में नज़र आ रहीं नुसरत ने लिखा- Faith Over Fear यानी डर से ज़्यादा विश्वास। इसके साथ उन्होंने पॉज़िटिविटी और मॉर्निंग वाइब्स हैशटैग लिखे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1499177e08d0338ab0ee3c9bcd4651b43dd24e92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एक महीने तक चलेंगे आयोजन : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर का 13 दिसंबर को लोकार्पण पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसी के साथ काशी में एक महीने तक चलने वाले आयोजनों की शुरुआत हो जाएगी। इसमें भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन, देश के सभी महापौरों की सम्मेलन के अलावा हर दिन अलग-अलग आयोजन होने हैं। काशी चलो अभियान के तहत पूरे देश से वाराणसी के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसी क्रम में 16 दिसंबर को योगी कैबिनेट की बैठक भी प्रस्तावित है। + +10 हजार किसानों को संबोधित करेंगे पीएम मोदी : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत 23 दिसंबर को गो आधारित जैविक खेती विषय पर संगोष्ठी होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे और दस हजार किसानों से सीधा संवाद करेंगे। किसान आंदोलन को देखते हुए कृषि नीति वापस लेने के बाद यह पहला मौका हो सकता है जब प्रधानमंत्री सीधे किसानों के बीच मौजूद रहेंगे और संवाद करेंगे। आराजी लाइन ब्लाक के शाहंशाहपुर में यह संगोष्ठी होगी। इसमें गुजरात के राज्यपाल समेत देश के प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी भी शामिल होंगे। जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने बताया कि किसानों को निमंत्रण देने की तैयारी हो रही है। इसके अलावा काशी समेत प्रदेश व देश के अन्य क्षेत्रों से प्रगतिशील किसानों को बुलावा भेजा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..840c8fb96e7ef242a269b5cec079661391f06460 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में वायु प्रदूषण संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोग अगर सरकारी वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर की सलाह का पालन करें तो सालाना स्वास्थ्य खर्च पर 7,694 करोड़ रुपये तक बचा सकते हैं। इसी तरह, पुणे  में वायु प्रदूषण से पीड़ित लोग चिकित्सा व्यय पर 948 करोड़ रुपये तक बचा सकते हैं। दरअसल, यहां अपेक्षाकृत वायु गुणवत्ता बेहतर रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ea479999a33f823d3513f4a4aee74e2a7387e9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +होटल व रेस्तरां की प्लेट में शाम‍िल हुई गर्म तासीर वाली डिश।प्रत्येक होटल व रेस्तरां की प्लेट में गर्म तासीर वाली डिश शामिल हो गई हैं। सरसोंं का साग हो मक्का की रोटी या फिर गाजर का हलवा ये सब होटल व रेस्तरां में आसानी से मिल रहा है। कमला नगर स्थित होटल पार्कलेन के निदेशक अमित अग्रवाल ने बताया कि इस बार शादी की प्लेट में भी सरसों का साग मक्का और बाजरे की रोटी के साथ-साथ गाजर और बाजरे के हलवे को शामिल करने की मांग है। होटल के मैन्यू में आलू-मैथी की सब्जी, बथुए की पूड़ी और पराठा, रायता भी खूब पसंद किया जा रहा है। लोग फास्ट फूड और विदेशी डिश की जगह अब पारंपरिक भारतीय व्यंजन की डिमांड कर रहे हैं। होटल क्रिस्टल सरोवर प्रीमियर के महाप्रबंधक विवेक महाजन का कहना है कि मौसम बदलते ही रेस्तरां के मैन्यू में भी बदलाव किए गए हैं। इसमें पालक, गाजर और टमाटर का सूप, गाजर और ड्राइफ्रूट््स का हलवा शामिल किया गया है। आइटीसी मुगल की ज्योति ने बताया कि ठंड के दिनों में पंजाबी व्यंजन छाए रहते हैैं। यहां तक कि अमेरिका और ब्रिटेन से आने वाले विदेशी सैलानी भी नाश्ते में सरसों का साग मांगते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae8a447792060caaeefbeea81dad74aa29705683 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सामान्य वर्ग से अधिक आवेदन।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए विभाग को मिले 10143 आवेदनों में से 1607 आधे-अधूरे भरे गए हैं। आवेदनों की जांच से पता चला है कि सबसे अधिक 4337 आवेदन सामान्य वर्ग से है। पिछड़ा वर्ग से 3327 व अनुसूचित जाति से 2472 आवेदन आए हैं। इनमें से 845 लोगों ने ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र लगाए हैं। वहीं, 403 महिला आवेदक विधवा हैं। 48 महिलाएं तलाकशुदा हैं। अब विभाग इन सभी आवेदनों की जांच में लगा हुआ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7a064c41c68f1bba99b490484e82902279e6c0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64298.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। हवाओं के चलने से दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को वा्यु प्रदूषण से हल्की राहत मिली है। देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 250 नीचे आ गया है। इसी तरह दिल्ली से सटे शहरों में भी वायु प्रदूषण से राहत मिली है। बुधवार सुबह मार्निंग वाक के लिए निकले लोगों को राहत मिली। इस दौरान भी हल्की हवाएं चलीं। वहीं, सफर का पूर्वानुमान है कि अभी अगले तीन चार दिन तक राहत का यह दौर बना रह सकता है। कुलमिलाकर वायु प्रदूषण से अगले कुछ दिनों तक लोगों को राहत मिलती रहेगी। वहीं, वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक(AQI) बुधवार को 235 (खराब श्रेणी में) है। + +इससे पहले मंगलवार को हवा की रफ्तार कुछ बढ़ी तो प्रदूषण की अकड़ भी टूटी। दिल्ली का एयर इंडेक्स 13 दिनों के बाद 300 से नीचे यानी खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। एनसीआर के शहरों में भी सभी जगह एयर इंडेक्स इसी श्रेणी में रहा। ग्रेटर नोएडा में तो यह 200 से भी नीचे यानी मध्यम श्रेणी में पहुंच गया। सफर इंडिया की मानें तो अभी अगले कई दिन एयर इंडेक्स के इसी श्रेणी में बने रहने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8b8caac39462f9e5f541c742e92830854426271 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64299.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, अमृतसर। बार्डर पर शुरू हुई बार्डर की कहानी बार्डर पर ही सिमट गई है। 2 दिसंबर को अटारी बार्डर के समीप जन्मे नवजात शिशु को पाकिस्तान ले जाने के लिए उसके पारिवारिक सदस्य बेताब हैं। परिजनों ने बच्चे का नाम बार्डर रखा था। इस उम्मीद में कि यह उनके जीवन का यादगार लम्हा बनेगा, पर कागज का एक टुकड़ा न होने की वजह से यह परिवार अपने वतन नहीं जा पा रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99ed4ca73b6e141728065a8e8e2a74a533383681 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_643.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हुमा कुरैशी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस से जुड़े रहने के लिए अक्सर खास तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं। हुमा कुरैशी अपनी नई फिल्मों और वेब सीरीज की घोषणा भी सोशल मीडिया के जरिए करती रहती हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म तरला का पोस्टर शेयर किया है। इसमें हुमा कुरैशी का फिल्म से जुड़ा लुक भी दिखाई दे रहे हैं। + +तस्वीर में हुमा कुरैशी ग्रहणी के अवतार में नजर आ रही हैं। उन्होंने तस्वीर में साड़ी पहनी हुई है। वहीं कमर में बेलन लगाया हुआ है। हुमा कुरैशी के पोस्टर के बैकग्राउंड में ढेर सारी भारतीय मसाले नजर आ रहे हैं। पोस्टर में उनका अलग लुक देखने को मिल रहा है। इस पोस्टर को शेयर करते हुए हुमा कुरैशी ने खास कैप्शन भी लिखा है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'तरला के तड़के से आते हैं मन में एक ही सवाल, कब मिलेगा मौका तो एक्सपीरियंस उनके स्वाद का कमाल, मिलिए तरला दलाल से और जानिए उनकी मसालेदार कहानियां।'।सोशल मीडिया पर हुमा कुरैशी की नई फिल्म का पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेत्री के फैंस उनके पोस्टर को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। बात करें हुमा कुरैशी के अन्य प्रोजेक्ट्स की तो उन्होंने हाल ही में अपनी अवॉर्ड विनिंग वेब सीरीज महारानी के दूसरे सीजन की शूटिंग को पूरा कर लिया है। इस सीरीज का पहला सीजन काफी चर्चा में रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7635687257ec06b6f31205c8b95927e1d68a34e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: दिल्ली-यूपी और हरियाणा के लाखों लोगों को जल्द ही किसान आंदोलन से एक अच्छी खबर मिल सकती है। इस कारण है दिल्ली के बॉर्डर पर लंबे समय से किसान आंदोलन अब समाप्त होने की ओर है। संयुक्त किसान मोर्चा की मंगलवार को हो रही बैठक से इस बात की जानकारी मिल रही है। किसान नेता बैठक में आंदोलन खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि मंगलवार को आंदोलन खत्म करने की घोषणा होते होते रह गई। अब उम्मीद की जा रही है कि यह बुधवार को खत्म हो सकता है। + +क्यों खत्म हो रहा आंदोलन।बता दें कि किसान आंदोलन की सबसे बड़ी मांग तीनों नए कृषि को रद करने की थी जिसे सरकार ने मान ली। केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि कानून को रद कर दिया है। अब इसके बाद किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की मांग पर सरकार ने कमेटी बना कर बात करने का सुझाव दिया है। इसके बाद किसानों ने इसे मान कर पांच सदस्यीय कमेटी बना ली। वहीं, किसानों की एक और मांग थी कि सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले ले। इस पर भी सरकार ने सहमति जता दी है। इसलिए आंदोलन खत्म होने की घोषणा आज मंगलवार को होने वाली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32079dba3e9519684092872d9a0bfac4688d375c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मथुरा शहर में धारा-144 लागू है। 6 दिसंबर को देखते हुए शहर में प्रवेश के सभी रास्तों पर नाकाबंदी कर दी गई है। लोगों की चेकिंग की जा रही है। दरअसल पिछले महीने अखिल भारत हिन्दू महासभा के नेता राजश्री चौधरी ने कहा था कि वे 6 दिसंबर को शाही मस्जिद के अंदर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करेंगे और जलाभिषेक करेंगे। वहीं उससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान से सनसनी बढ़ गई थी। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है। उनका ये ट्वीट आज भी उनके ट्विटर टाइमलाइन पर देखा जा सकता है। केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी पूछा कि क्या वे मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर चाहते हैं या नहीं?।जानिए क्या है मंदिर- मस्जिद का विवाद ।हिन्दू संगठनों का दावा है कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में श्रीकृष्ण मंदिर को तुड़वा दिया था और इसके एक हिस्से में ईदगाह का निर्माण कराया था। इसी ईदगाह को हटाने के लिए कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से केस दाखिल किया गया है। हिन्दू पक्ष का दावा है कि जहां राजा कंस की जेल थी वहां भगवान श्री कृष्णा ने जेल में जन्म लिया। 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने इसी जेल के चबूतरे पर शाही ईदगाह बनवा दी थी। हिन्दू महासभा इस स्थान से ईदगाह को हटाने की मांग कर रहा है। फिलहाल ये मामला मथुरा सिविल न्यायालय में चल रहा है। इसकी अगली सुनवाई 15 फरवरी को है। रिपोर्ट के अनुसार कृष्ण जन्मभूमि वाली 13.33 एकड़ जमीन राजा मल से अखिल भारत हिन्दू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय ने खरीदी थी। हिन्दू संगठन ने मथुरा की अदालत में दायर याचिका में कहा है कि 2 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता गलत है। इस संगठन ने अदालत से मांग की है कि इस समझौते को निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि हिन्दू पक्ष को सौंपी जाए। बता दें कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान) और शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन कमेटी के बीच जमीन को लेकर एक समझौता हुआ था। इसमें तय हुआ था कि मस्जिद जितनी जमीन पर है वो उसी तरह कायम रहेगी। हिंदू पक्ष का दावा है कि कृष्ण का जन्मस्थान वहीं है जहां पर प्राचीन केशवराय मंदिर था। इनका ये भी दावा है कि वर्ष 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ नाम की संस्था का गठन हुआ, जिसने मुस्लिम पक्ष से गलत समझौता कर लिया।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fee5dc06f388cb86697d257751fc298a2dc8356f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64307.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +60 लोगों ने लगवाई वैक्सीन।सुबह 10 से शाम 4:30 बजे तक चले कार्यक्रम के दौरान 60 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 22 और स्वयं सहायता समूह गठन के लिए तीन आवेदन आए। 14 गर्भवती महिलाओं को आरआइ टीका लगाया गया। 110 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। राशन कार्ड के लिए तीन और पीएम स्वनिधि योजना के आठ आवेदन आनलाइन भरे गए। + +दो फरवरी तक अभियान।अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने बताया कि दो फरवरी तक 15 मलिन बस्ती में अभियान चलेगा। आठ दिसंबर को नगला मसानी, 15 दिसंबर को हनुमानपुरी वाल्मीकि बस्ती, 18 दिसंबर को भगवान नगर, 22 दिसंबर को बिहारी नगर, 29 दिसंबर को सराय गढ़ी, एक जनवरी को लड़िया, पांच जनवरी को सोनपालन नगर, 12 जनवरी को रामनगर, 15 जनवरी को चूहरपुर, 19 जनवरी को लच्क्षमपुर, 22 जनवरी को आलमबाग भमोला, 25 जनवरी को नगला मानसिंह, 29 जनवरी को जलालपुर गड़िया, दो फरवरी को मंजूरगढ़ी में शिविर लगेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb6567d94db058aabb247b82d0dd2540d8a7ae70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64308.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। नगालैंड में सुरक्षाबलों के हाथों गलती से 13 नागरिकों के मारे जाने के बाद पूर्वोत्तर में फिर अफस्पा वापस लेने की आवाज उठने लगी है। मेघालय और नगालैंड के मुख्यमंत्रियों ने भी अफस्पा खत्म करने की मांग की है। राज्य पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए 21वें पैरा स्पेशल फोर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया। तिजित पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में हत्या, हत्या का प्रयास और आपराधिक कार्य के आरोप लगाए गए हैं। वहीं, बहुत से सुरक्षा विशेषज्ञ इस कानून को शांति स्थापना के लिए आवश्यक मानते हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि अफस्पा क्या है और इसे क्यों लागू किया गया है?।63 साल पहले हुआ लागू : पूर्वोत्तर राज्यों असम और मणिपुर में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से संसद ने 1958 में आम्र्ड फोर्सेज (स्पेशल पावर्स) एक्ट लागू करने का निर्णय लिया था। दो दशक बाद इसे पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में प्रभावी कर दिया गया था। फिलहाल यह नगालैंड, असम और मणिपुर में प्रभावी है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में भी इसे लागू किया गया है। + +संदेह होने पर बिना वारंट गिरफ्तारी और बल प्रयोग का मिलता है अधिकार : इस कानून के तहत जब सरकार किसी हिस्से को अशांत घोषित करती है, तो अफस्पा के तहत सशस्त्र बलों में एक निश्चित रैंक से ऊपर के अधिकारियों को चेतावनी के बाद बल प्रयोग का अधिकार है। इसमें संदेह के आधार पर बिना वारंट गिरफ्तार करने और किसी जगह छापा मारने का भी अधिकार दिया गया है। सशस्त्र बल किसी ऐसे घर को ध्वस्त भी कर सकते हैं, जहां से कोई हमला हो रहा हो या ऐसी कोई आशंका हो। अफस्पा सुरक्षाकर्मियों को केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना किसी कानूनी कार्यवाही से भी बचाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f1fbb8b63e0191daf55992b4526624fe852e947 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खासतौर से कोरोना महामारी के बाद डिजिटल बैंकिंग में और ज्‍यादा तेजी आई है और लोग बड़े पैमाने पर पैसे की लेनदेन के लिए अब डिजिटल तरीके ही अपना रहे हैं, हर छोटी-बड़ी खरीदारी का भुगतान आनलाइन ही करना पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि अब बैंकों को भी ऐसे कुशल वर्कफोर्स की आवश्‍यकता पड़ रही है, जो तकनीकी रूप से दक्ष और टेक फ्रेंडली हों, ताकि ग्राहकों की सुविधानुसार उन्‍हें तत्‍काल आनलाइन बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a0bbbcb09b7a5bf1881e9c70f6d944b0e614c71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64310.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लाक स्थित ग्राम मुन्ना देवल निवासी शुभम डिमरी करीब सात वर्ष पहले इंटर की पढ़ाई के लिए ऋषिकेश आ गए थे। वर्ष 2018 में ऋषिकेश महाविद्यालय से बीएससी करने के बाद उन्होंने डोईवाला में सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) से प्लास्टिक इंजीनियरिंग की डिग्री ली। फिर उदयपुर राजस्थान में इंटर्नशिप के बाद उन्होंने सिडकुल हरिद्वार स्थित एक कंपनी में पैकेजिंग का काम किया। + +विशुद्ध पहाड़ी सामग्री से निर्मित हैं उत्पाद । शुभम बताते हैं कि इस काम को शुरू करने में सात से आठ महीने लगे। आज पहाड़ी मसालों से युक्त शुभम की नमकीन का ज़ाजायका दूर-दूर तक के लोग ले रहे हैं। अब वह अपने काम को और आगे बढ़ाना चाहते हैं, ताकि उनके काम से और भी लोग रोजगार पा सकें। शुभम कहते हैं कि उनके व्यवसाय से रिटेलर को लाभ मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1e6e148a25f110a36981c87a4d7eaa3239ed7e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- एम्‍स प्रमुख डाक्‍टर गुलेरिया ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा ओमिक्रोन के 30 से ज्यादा म्‍यूटेशन हो चुके हैं। यह म्‍यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से ओमिक्रोन वैरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है, जिसमें कि वह इम्‍युनिटी से बच सकता है। इसका मतलब है कि टीके या दूसरी वजहों से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस पर असर नहीं पड़े। गुलेरिया ने कहा कि ऐसे में दुनिया के सभी कोरोना वैक्‍सीन निर्मित कंपनियों को इसकी समीक्षा करनी पड़ेगी। उन्‍होंने कहा कि यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अधिकतर वैक्सीन इस प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबाडी विकसित करते हैं। गुलेरिया ने आगे कहा कि इसी आधार पर वैक्सीन काम करती है। एम्‍स प्रमुख ने कहा कि ओमिक्रोन म्‍यूटेशन कर रहा है यानी अपना रूप तेजी से बदल रहा है तो यह संभव हो कि कई वैक्‍सीन पर प्रभावकारी नहीं हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c756b4e904b30562df233fb01cc1db368e3a81d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64314.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। आपने बिना दान-दहेज की सादगीपूर्ण शादियां तो कई देखी होंगी, लेकिन यहां मामला जरा हटकर है। हम बात कर रहे हैं पटना के आम्रपाली रेस्टोरेंट में हुई दो जजों की शादी की। सोमवार को उन्‍होंने बगैर परंपरागत रीति-रिवाज के संविधान की शपथ लेकर शादी की। इसमें पंडित न बैंड बाजा और न ही बाराती दिखे। कन्यादान, सिंदूरदान व अग्नि के सात फेरे की रस्‍में भी नहीं हुईं। खगडि़या व्‍यवहार न्‍यायालय में जज आदित्य प्रकाश तथा पटना व्‍यवहार न्‍यायालय में जज आयुषी कुमारी की पटना में हुई इस शादी की खूब चर्चे हो रहे हैं। ।कम खर्चे में आदर्श विवाह करने का किया फैसला । खगडि़या व्‍यवहार न्‍यायालय में जज आदित्य प्रकाश वैशाली जिला मुख्‍यालय हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं। पटना व्‍यवहार न्‍यायालय में जज आयुषी कुमारी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पूर्णेन्दू नगर की निवासी हैं। दोनों ने कम खर्चे में आदर्श विवाह करने का फैसला लिया। इसमें पारिवार ने भी साथ दिया। + +बैंड बाजा न बारात, दिन में हुई सादगीपूर्ण शादी । परंपरागत शादियाें के हटकर यह शादी दिन में हुई। ऐसा करने से बिजली की सजावट आदि के खर्चे बच गए। सादगी के साथ संपन्‍न इस विवाद में दोनों पक्षों के निकट के सौ लोग शामिल हुए, जिनके लिए खान-पान की व्‍यवस्‍था की गई। इसमें बैंड-बाजा नहीं था। बारात का कोई बड़ा ताम-झाम नहीं था। यह दान-दहेज रहित विवाह था। + +दूल्‍हा-दुल्‍हन ने पढ़े शपथ पत्र, फिर जयमाला । शादी में दूल्‍हा व दुल्‍हन ने शपथ पत्र पढ़े, फिर एक-दूसरे के गले में जयमाला डाले। पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढ़ा। इसके बाद दोनों ने एक साथ शपथ पत्र पढ़ा। जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली कि वे अपनी पत्नी को सिंदूर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करने का अधिकार देते हैं। ।शादी की अब खूब चर्चे, लोग कह रहे-वाह-वाह ।मीडिया में इस शादी की खबर आने के बाद अब इसकी खूब चर्चा हो रही है। पटना की योग प्रशिक्षक पूनम कुमारी कहती हैं कि दोनों जजों ने समाज के सामने उदाहरण पेश किया है। पटना के शिक्षक डा. रंजन सिंह एवं सुरेश राय के अनुसार इस शादी से परंपरा व प्रतिष्‍ठा के नाम पर शादियों में होने वाली बर्बादी रोकने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलेगी। खगड़िया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अमिताभ सिन्हा ने कहा कि बिहार में जब कोई युवा पद पर आता है तो उसकी व परिवार की दहेज की मांग बढ़ जाती है, लेकिन एक न्यायिक दंडाधिकारी होने के बावजूद दहेज मुक्त विवाह सराहनीय कदम है। इससे बिहार की छवि बदलेगी। खगड़िया व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता रेखा कुमारी ने उम्‍मीद जताई कि इस उदाहरण से समाज में बदलाव आएगा, यह बदलाव जरूरी भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64316.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53450f111b1d9de4985083fbc549c903cde0cd88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जो रूट (इंग्लैंड)।एशेज सीरीज पर एक बल्लेबाज के तौर पर एक कप्तान के तौर पर जो रूट का प्रभाव कैसा होगा, ये देखने वाली बात होगी। मौजूदा समय में वे नंबर दो बल्लेबाज हैं, लेकिन टीम टाप 2 से बाहर है। इंग्लैंड के आंकड़े आस्ट्रेलिया में बेहद खराब रहे हैं, खासकर पिछले कुछ सालों में टीम ने 10 में से 9 टेस्ट मैच गंवाए हैं। रूट भी इस सीरीज के लिए तैयार हैं। 109 टेस्ट मैचों में 23 शतकों की मदद से वे 9278 रन बनाने में सफल हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fae86f79bf0660cc383321b762a8ba3384d4b257 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64320.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरनेट सुविधा मौजूद नहीं ।माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब कोरोना काल के बाद फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। कोविड-19 दौर में आनलाइन माध्यम पर आश्रित हुई शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए ये कदम उठाया गया है। परिषद की ओर से सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से उनके यहां उपलब्ध इंटरनेट सुविधा का ब्योरा मांगा गया है। हालांकि जिले में अभी तक लगभग किसी भी कालेज में हाईस्पीड फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है। इन कालेजों को इस सुविधा से लैस करने को सूचना मांगी गई है। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कालेज हैं। कालेजों में इंटरनेट की सुविधा बेहतर होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही शिक्षक दूरदर्शन पर प्रसारण के लिए तैयार किए अपने शैक्षिक वीडियो को भी समय से अपलोड कर सकेंगे। वीडियो तैयार करने से लेकर उसको साइट पर अपलोड करने तक में अभी इंटरनेट की धीमी स्पीड के चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है। इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास व सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के लिए ब्राडबैंड रेडीनेस इंडेक्स के आकलन के संबंध में सूचना मांगी गई है। कोरोना काल से राहत मिलने के बाद अब विद्यालय खुलने लगे हैं। ऐसे में अटकी हुई व्यवस्था को गति देने का कदम भी उठाया जा रहा है। ये सूचना सभी विद्यालयों की ओर से दी जानी अनिवार्य की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce35d564ff6cd20b831203a1346e30a783b3840f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुर्योग यह कि इसका कारण और उपाय खोजने में भी सतही और भरमाने वाली बातें की जाती हैं। कभी दिल्ली के आसपास के किसानों के पराली जलाने को कारण बताया जाता है, तो कभी पानी के छिड़काव को आसान उपाय के रूप में देखा जाता है, जो हास्यास्पद विकल्प से अधिक कुछ नहीं है। एक विडंबना यह भी है कि दिल्ली में जितनी पराली जलाई जाती है, उससे कई गुना अधिक यहां रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों में प्लास्टिक जलाया जाता है। चूंकि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में धान की खेती बहुत कम होती है और गेहूं की फसल के अवशेष से मवेशियों को खिलाने के लिए भूसा बना लिया जाता है, जिस कारण यहां फसल अवेशेषों को जलाने की घटनाएं कम ही होती हैं। पराली जलाने की बात बेहिसाब प्लास्टिक के कूड़े जलाने के दुष्कृत्य को छिपाने के लिए भी की जाती है। इसका ठोस उपाय यह है कि राजधानी दिल्ली में प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए। प्लास्टिक को जलाने के बजाय रासायनिक तरीके से निस्तारित किया जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6f71085665c71e1360bc07ef88b9a37bad6e829 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुतिन ने भारत को बताया बड़ी शक्ति।राष्ट्रपति पुतिन ने अपने शुरुआती भाषण में एक बार फिर नई दिल्ली की यात्रा करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच और एजेंडे पर रूस भारत का सहयोग करता रहेगा। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों की विचारधारा समान है। दोनों के लिए आतंकवाद, मादक पदार्थो का कारोबार और संगठित कारोबार चिंता का कारण हैं। अफगानिस्तान को लेकर भी हमारी समान चिंताएं हैं। हम भारत को एक बड़ी शक्ति और विश्वसनीय मित्र मानते हैं। दोनों नेताओं ने हाल के समय में अपने अपने देश के समक्ष पैदा हुईं चुनौतियों का जिक्र किया, हालांकि इसमें किसी देश का नाम नहीं लिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..973a4e5f1f8d55ead359e41bf78f78f968f7332d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव आयोग के मापदंडों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस को अभी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल नहीं है। कुछ वर्ष पहले तृणमूल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था, लेकिन बाद में छिन गया। इस समय उसका आधार बंगाल तक सीमित है। परंतु वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी देश के अन्य प्रांतों में अपना विस्तार चाहती है, इसीलिए नाम से लेकर संविधान तक में परिवर्तन की बातें हो रही हैं। इस बदलाव का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर तृणमूल को न केवल बंगाल की पार्टी के तौर पर, बल्कि देशव्यापी पार्टी के तौर पर स्थापित करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90cdc2a78683278fa4e13495265387fda9cd65ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार शहरों में लगातार हो रही है सीक्वेंसिंग।सेंटर फार सेल्युलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) के पूर्व निदेशक शीर्ष वैज्ञानिक राकेश मिश्रा ने ने बताया चार शहरों नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे के चार के राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में लगातार जीनोम सिक्वेंसिंग का काम चल रहा है। यही वजह है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्त्रोन मिलने की पुष्टि के चंद दिनों के भीतर ही सिक्वेंसिंग के जरिये बेंगलुरू में दो केस होने की पुष्टि हो गई। इससे ओमिक्रोन के रोकथाम के उपाय पर काम हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc4496a83ba9449ccb6d8832897aa59c36aa725b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64329.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सतीश कुमार मिश्र, परियोजना प्रबंधक, डीआरडीए।यह भी पढ़ें :-।धारदार हथ‍ियार से प‍िता की हत्‍या, वारदात के बाद भाग रहे बेटे की भी वाहन से कुचलकर मौत।रामपुर में रोडवेज बस ने ट्रैक्टर-ट्राली में मारी टक्कर, दो लोगों की मौत, 10 लोग घायल।पश्चिमी यूपी में प्रियंका की राह पर बढ़ रही कांग्रेस, व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए मह‍िलाओं ने शुरू की दावेदारी।डांसर सपना चौधरी के अश्‍लील डांस से बेकाबू हो गई थी भीड़, दर्ज मुकदमे में गवाह ने दर्ज कराए बयान।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0202467780876b0f993918a70af9a93bd529c8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सलमान की पार्टियों में अब भी नजर आतीं हैं संगीता।इंटरव्यू में संगीता से जब पूछा कि वह सालों से सलमान के कॉन्टेक्ट में रहने में कैसे कामयाब रही। तो उनका जवाब था, 'कनेक्शन कभी नहीं जाते। आपके पार्टनर, स्कूल के दोस्तों के बीच का प्यार कभी कम नहीं होता। लोग आएंगे और जाएंगे। जीवन में कोई भी स्थायी नहीं होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि आप कड़वाहट या गुस्सा महसूस करते रहें। एक बिंदु पर आप मेच्योर होते हैं। मेरे जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब मैं बचकानी और मूर्ख थी, लेकिन अब मैं बड़ा हो गई हूं। जीवन अनुभवों से भरा है।'।संगीत संग सलमान की शादी के छप चुके थे कार्ड।कॉफी विद करण में एक बार गेस्ट बनकर आए सलमान ने अपने और संगीता बिजलानी के रिश्ते का सच बताया। सलमान ने माना कि संगीता से शादी करने का मूड बना चुके थे, यहां तक कि कार्ड भी छप गए थे। उन्हेंने कहा,'एक समय था जब मैं वास्तव में शादी करना चाहता था और फिर बात नहीं बनी। मैं हमेशा लोगों के इतना करीब आया हूं कि उनके पैर ठंडे पड़ गए। 'ठीक है, बॉयफ्रेंड, इसे जिंदगी भर झेलना पड़ेगा क्या (उन्हें लगता है कि मैं एक अच्छा बॉयफ्रेंड हूं लेकिन मुझे जीवन भर बर्दाश्त करना मुश्किल है)।'  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d7b820f0fc39c0126432f04ccf7b899e0929b07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64330.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। कोरोना काल में प्रतिरक्षण प्रणाली (इम्यून सिस्टम) मजबूत करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते रहे। पौष्टिक आहार के साथ विटामिन डी और सी की दवाएं मनमाने तरीके से खाईं। अब इन दवाओं का दुष्प्रभाव यानी साइड इफेक्ट दिखने लगा है। कमजोरी, थकान, हाथ-पैर व कमर दर्द और हड्डियों में ऐंठन की समस्या से पीडि़त मरीजों की एलएलआर अस्पताल (हैलट) में संख्या बढ़ी तो जीएसवीएम मेडिकल कालेज के आर्थोपेडिक विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डा. संजय कुमार के निर्देश पर असिस्टेंट प्रोफेसर डा.फहीम अंसारी ने अध्ययन किया। इसमें पता चला कि मरीजों के खून में विटामिन डी की अधिकता का उल्टा असर होने लगा। अब वह मरीजों को सुझाव दे रहे हैैं कि दवा की जितनी डोज बताई जाए, उतनी ही लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25de0f2f89c45ea305baeb8fc385ffe070b13cdb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64331.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शोधार्थी दल के प्रमुख विज्ञानी डा. संजीव शुक्ला के मुताबिक शरीर में कुछ प्रोटीन के कारण ही कैंसर कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि और रोगग्रस्त कोशिकाओं का प्रसार होता है। ई-1एफ-1 प्रोटीन से कैंसर की अवस्था का पता कर फैलने से रोका जा सकता है। यह शोध नेचर ग्रुप की पत्रिका 'आन्कोजिनेसिस में प्रकाशित हो चुका है। + +11 प्रतिशत मौत स्तन कैंसर से:।विज्ञानियों के अनुसार भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में 11 प्रतिशत स्तन कैंसर से होती हैं। ऐसे में इसके प्रसार को समझने के लिए यह शोध अहम है। इसकी मदद से रोगग्रस्त कोशिकाओं और उनकी असामान्य वृद्धि और प्रसार को रोका जा सकता है। कैंसर की अलग-अलग अवस्था की पहचान कर उसके अनुसार मालीक्यूल (दवा) की खोज या उपलब्ध दवा का उपयोग कर ई-2एफ-1को नियंत्रित किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89a0b476dd9bbf5bedb9da15e5c33ddd5ccbef43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पांडेय के अनुसार साल के आखिरी दिनों का सर्वाधिक चमकीला धूमकेतु आसमान की गहराइयों में हरे रंग में चमक बिखेरता नजर आ रहा है। खगोल प्रेमियों को इसे सुदूर आसमान में खोज पाना जितना मुस्किल है, आधी रात के बाद ठंड में जागना भी चुनौती से कम नहीं। इस धूमकेतु का नाम सी 2021 ए1 लिओनार्ड है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..402ae8ae2391f558bf6c64e792aeaba2c90a7bd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64339.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। रिहायशी क्षेत्रों में खुले शराब के ठेकों के खिलाफ राजधानी के तीनों निगमों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जिन इमारतों में शराब के ठेके खुले हैं निगम उन इमारतों में भवन निर्माण के नियमों का पालन को लेकर नोटिस जारी कर रहा है। अकेले दक्षिणी निगम ने तीन नोटिस दे दिए हैं। आगे की कार्रवाई भी चल रही है। वहीं, निगम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शराब के ठेके केवल व्यावसायिक सड़कों और परिसरों में ही खुल सकते हैं। भू-मिश्रित (मिक्स लैंड यूज) वाली सड़कों पर जो ठेके खुले हैं उन्हें पूरी तरह बंद कराया जाएगा, क्योंकि मास्टर प्लान 2021 इसकी अनुमति नहीं देता है। ।दक्षिणी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल(सेवानिवृत) बीके ओबराय ने बताया कि हम रिहायशी क्षेत्र में खुलने वाले शराब के ठेकों पर आ रही शिकायतों को गंभीरता से ले रहे हैं। साथ ही हम अपने-अपने स्तर पर निरीक्षण भी करा रहे हैं। ऐसे शराब के ठेके जो रिहायशी इलाकों में खुल रहे हैं उनकी जांच की जा रही है। जिन इमारतों में यह ठेके खुले हैं हम अपनी स्थानीय टीम द्वारा ऐसी इमारतों की जांच भी करा रहे हैं। जहां-जहां भवन निर्माण के नियमों का उल्लंघन होगा वहां पर इन शराब के ठेकों को नोटिस दिया जाएगा। अगर, वह कारण स्पष्ट करने में विफल रहते हैं तो सी¨लग की कार्रवाई की जाएगी। ।ओबराय ने बताया कि इतना तो स्पष्ट है कि रेजीडेंट कम शापिंग कांप्लेक्स में तो किसी भी सूरत में शराब का ठेका खोलना नियमों के विरुद्ध है। मास्टर प्लान 2021 इसकी इजाजत नहीं देता है। मास्टर प्लान के नियम 15.6.2 में स्पष्ट हैं रेजीडेंट कम शापिंग कांप्लेक्स या भू-मिश्रित वाली सड़क पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित है। इसलिए जो भी ठेके ऐसी सड़को पर खुले हैं उन पर निगम नियमानुसार कार्रवाई करेगा। ।यहां यहां हुई है कार्रवाई ।दक्षिणी निगम के मध्य जोन के तहत अमर कालोनी, सेवा नगर, दयानंद कालोनी में खुले शराब के ठेके को लेकर भवन मालिक को नोटिस जारी किया है। इसमें मालिक भवन निर्माण पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट मांगा गया तो वहीं भवन निर्माण नियमों के मुताबिक न होने पर जवाब मांगा गया है। वहीं, उत्तरी निगम ने नारायणा में डीडीए कांप्लेक्स में खुले शराब के ठेके को सील कर दिया है। निगम ने इस दुकान को बिना इजाजत के कई दुकानों को जोड़कर शो-रुम बनाने के लिए दोषी पाया था। जब निगम संपत्ति मालिक से नोटिस का जवाब नहीं मिला तो इसे सील कर दिया। ।नेता कांग्रेस दल, दक्षिणी निगम।स्थानीय लोग ने अमर कालोनी, सेवा नगर में शराब का ठेका खुलने का विरोध किया था। हम लोगों के विरोध के साथ है। किसी भी रिहायशी क्षेत्र में हम शराब का ठेका नहीं खुलने देंगे। शराब का ठेका के मालिक चाहे कितना भी प्रभावशाली हो हम ठेकों को बंद कराकर रहेंगे। + +-अभिषेक दत्त, नेता कांग्रेस दल, दक्षिणी निगम।महापौर, दक्षिणी निगम।मैंने सोमवार को समीक्षा बैठक बुलाई है। हमने कई इलाकों में जहां शराब का ठेका खुलना था वहां पर पहले ही बंद करा दिया है वहीं रिहायशी क्षेत्रों में जहां-जहां शराब के ठेके खुले हैं हम उन इमारतों की जांच कर रहे हैं। दोषी पाए जाने पर सील किया जाएगा। ।-मुकेश सुर्यान, महापौर, दक्षिणी निगम ।नेता सदन, उत्तरी निगम।नारायणा में हमारा संघर्ष काम आया। ऐसे अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की जाएगी। जो भी शराब का ठेका नियमों के खिलाफ खुला है उन्हें बंद किया जाएगा। ।-छैल बिहारी गोस्वामी, नेता सदन, उत्तरी निगम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6bd8aad8b3b22411470083b48c0b7665e41850f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायरस जब किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो अपनी संख्या बढ़ाता है, जिससे म्युटेशन होने और नए वैरिएंट के पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है। अब भी वैरिएंट को रोकने का मुख्य तरीका वैश्विक टीकाकरण ही है, जिसमें भारत की तरह पूरे विश्व को सहयोग भावना दिखानी होगी। अगर हम भारत के लोगों पर इस वैरिएंट के प्रभाव की बात करें, तो यहां लगभग 60-70 फीसद लोग वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। इनमें भी बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी है। ऐसे लोगों को हाइब्रिड इम्युनिटी की श्रेणी में रखा जाता है। हाइब्रिड इम्युनिटी कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ उच्चतम और सबसे टिकाऊ इम्युनिटी प्रदान करती है। इसके साथ ही विगत वर्ष किए गए शोध बताते है कि मात्र 5-10 फीसद लोगों में ही दोबारा संक्रमण पाया गया है। अत: भारत में इस वैरिएंट का भविष्य इस पर निर्भर करेगा है कि यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता से कैसे पार पाता है?।अब ओमिक्रोन के मामले भारत में मिलने लगे हैं तो हमें इस पर काबू पाने के लिए दुरुस्त व्यवस्था अपनानी होगी। बीते दो वर्षो में हमने सुरक्षा के काफी उपाय सीखे। इसे आत्मसात करते हुए एक ही फामरूले पर काम करना होगा-‘संक्रमण नहीं तो नए वैरिएंट भी नहीं।’ एक चिंता उनकी है जो न तो संक्रमित हुए और न ही वैक्सीन लगवाई। ये वो लोग हैं जो कि नए वैरिएंट के आसानी से शिकार हो जाएंगे। इससे भविष्य में टीके का प्रतिरोधी वैरिएंट भी जन्म ले सकता है, जो पुन: हमें वहीं पंहुचा सकता है जहां से इस वायरस के खिलाफ हमने युद्ध शुरू किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a78fbf3f2403263fe451835ca25dde4330f26744 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64342.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे बना ओमिक्रोन : विज्ञानियों का मानना है कि ओमिक्रोन ऐसे किसी व्यक्ति के शरीर में पनपा हो सकता है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली सही काम नहीं करती है और कई बार अपने ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। एड्स के मरीज इसी श्रेणी में रखे जाते हैं। विज्ञानियों का कहना है कि किसी एड्स के मरीज के शरीर में ओमिक्रोन वैरिएंट विकसित हुआ होगा। डेल्टा वैरिएंट भी ऐसे ही किसी खास मरीज से पनपने का अनुमान है। + +बचकर चलेंगे तो बचे रहेंगे : कम संक्रमण ही नए वैरिएंट को बनने से रोक सकता है। इसलिए मास्क, शारीरिक दूरी और हैंड सैनिटाइजेशन जैसे बचाव के सभी साधनों का प्रयोग करते रहना ही सही विकल्प है। इसके अलावा, टीकाकरण भी इससे बचने की अहम राह है। मौजूदा टीके अभी सभी वैरिएंट पर कारगर पाए गए हैं। पूर्ण टीकाकरण करा चुके व्यक्ति में संक्रमण की आशंका कम हो जाती है। इससे संक्रमण की चेन टूटती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f0fcbfbea41b0832c4b7f02459b80d6384f9d6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64344.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इतना ही नहीं बल्कि 28 रुपये का उधार ब्याज के साथ 10 हजार रुपये के रूप में दिया। गौरतलब है कि बीएस उप्पल उस पनडुब्बी के कमांडर थे जिसने भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान के जहाज को डुबो दिया था और अपनी पनडुब्बी तथा नौसैनिकों को सुरक्षित ले आए थे। इस बहादुरी के लिए भारतीय सेना ने उन्हें बहादुरी के नौसेना पुरस्कार से सम्मानित किया था। + +धुंधली याद के सहारे दुकान तक पहुंचे बीएस उप्‍पल ।हरियाणा में प्रथम नौसेना बहादुरी पुरस्कार से कामोडोर बीएस उप्पल सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जब तक 10वीं कक्षा में थे तो कई बार जेबखर्च कम मिलता तो दिल्ली वाला हलवाई के यहां मिठाई लेकर उधार कर लिया करते थे। करीब 1953 में दुकान पर 28 रुपये उधार थे कि तभी उनकी नौकरी नौसेना में लग गई। इसके बाद ट्रेनिंग शुरू हो गई तो वह हिसार वापस ही नहीं लौट सके। नौकरी लगने के बाद फौजी सेवा में वह कई देशों में नौकरी के सिलसिले से घूमते रहे। मगर हिसार में लौटना नहीं हो पाया। इसके बाद सेवानिवृत्त हुए और अपने बेटे के साथ अमेरिका बस गए। मगर मन में दो ही बात याद थी कि पहले तो हिसार में दिल्ली वाला हलवाई के 28 रुपये चुकाने हैं और जहां से दसवीं पास की है यानि हरजीराम हिन्दु हाई स्कूल वहां जाना है। इस बार वह स्कूल तो नहीं जा पाए मगर दिल्ली वाला हलवाई को उधार जरूर चुकता कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbefbddb502c3dccf641bb61f2e9453dc9b3e3fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा स्वीकृत मौजूदा टीकों की सूची देखें तो हमारे पास अभी तीन प्रकार के टीकों का विकल्प उपलब्ध है। इसमें फाइजर और माडर्ना के आरएनए आधारित टीके कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के सीक्वेंस को लेकर तैयार किए गए हैं। ओमिक्रोन में जिस तरह से स्पाइक प्रोटीन में 32 म्युटेशन पाए गए हैं, उसे देखते हुए सबसे ज्यादा असर आरएनए आधारित इन्हीं टीकों पर होने का अनुमान है। लेकिन इसमें अच्छी बात यह भी है कि म्युटेशंस के आधार पर परिवर्तित करके इनका बूस्टर डोज बनाना भी आसान है। फाइजर ने जरूरत पड़ने पर 100 दिन के अंदर ही ओमिक्रोन के लिए नई वैक्सीन बनाने का दावा भी किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4288262c7f7b6a013a9ed3fa3e02b03ddc28af77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64347.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर आमजन के मन में कई प्रश्न हैं जिनके उत्तर चिकित्सकऔर विज्ञानी ढूंढ रहे हैं। एक महत्वपूर्ण प्रश्न है नए वैरिएंट के खिलाफ अभी उपलब्ध कोरोनारोधी वैक्सीन की क्षमता को लेकर। पांच प्रश्नों और उनके उत्तर के जरिये समझिए ओमिक्रोन वैरिएंट आने के बाद वैक्सीन में क्या और कैसे बदलाव संभावित हैं:।आखिर क्यों होगी वैक्सीन को उन्नत करने की आवश्यकता : सर्वप्रथम यह समझना जरूरी है कि क्या वायरस के नए स्वरूप में इतना बदलाव हो गया है कि अभी उपलब्ध वैक्सीन के द्वारा उत्पन्न एंडीबाडी उसे पहचानकर रोकने में सक्षम नहीं रह गई हैं। दरअसल कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन के जरिये मानव शरीर में कोशिकाओं की सतह पर एसीई-2 रिसेप्टर्स के संपर्क में आकर उन्हें संक्रमित करता है। एमआरएनए (इससे कोशिकाओं को वायरस से लड़ने वाला प्रोटीन बनाने का निर्देश मिलता है) आधारित कोरोनारोधी वैक्सीन से शरीर में एंटीबाडी का निर्माण होता है। यह एंटीबाडी कोरोना संक्रमित व्यक्ति में वायरस के स्पाइक प्रोटीन बनाकर कोशिकाओं को प्रभावित करने की उसकी क्षमता कम कर देती हैं। ओमिक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के तरीके में बदलाव देखा गया है। यह बदलाव शरीर में वैक्सीन द्वारा बनाई गई कुछ एंटीबाडी (सभी नहीं) के स्पाइक प्रोटीन से जु़ड़कर उसे कमजोर करने की क्षमता कम कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो ओमिक्रोन के खिलाफ अभी उपलब्ध वैक्सीन की क्षमता कम हो सकती है। + +कैसे नई वैक्सीन पुरानी वाली से भिन्न हो सकती है : अभी उपलब्ध एमआरएनए वैक्सीन कोरोना वायरस के मूल स्ट्रेन के स्पाइक प्रोटीन पर आधारित हैं। नई या उन्नत वैक्सीन को ओमिक्रोन के स्पाइक प्रोटीन पर आधारित करके बनाना होगा। वायरस के मूल स्पाइक प्रोटीन को नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन से बदलने पर नई या उन्नत वैक्सीन ओमिक्रोन के खिलाफ मजबूत एंटीबाडी बनाकर इसका प्रसार रोकने में सफल हो सकती है। वैक्सीन ले चुके या कोरोना से संक्रमित हो चुके लोग संभवत: नई वैक्सीन की एक बूस्टर डोज लेकर नए वैरिएंट व वातावरण में मौजूद अन्य वैरिएंट से खुद को सुरक्षित कर सकेंगे। अगर डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले ओमिक्रोन स्ट्रेन अधिक प्रबल हुआ तो अभी तक वैक्सीन न लेने वाले लोगों को दो-तीन डोज की आवश्यकता हो सकती है। यदि ओमिक्रोन और डेल्टा दोनों ही वैरिएंट मौजूद हैं तो लोगों को वर्तमान और उन्नत वैक्सीन के मिश्रण वाली डोज की जरूरत पड़ सकती है। + +क्या उन्नत वैक्सीन को पूर्ण क्लीनिकल ट्रायल की आवश्यकता होती है : अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्नत वैक्सीन के लिए सक्षम संस्था की स्वीकृति पाने को कितने क्लीनिकल डाटा की आवश्यकता होगी। हालांकि उन्नत वैक्सीन में जेनेटिक कोड में कुछ बदलाव को छोड़कर बाकी सभी तत्व पुराने ही होंगे। सुरक्षा के लिहाज से उन्नत वैक्सीन पहले से ही टेस्ट की जा चुकी वैक्सीन से मिलती जुलती ही होगी। इस कारण पहली बार कोरोना रोधी वैक्सीन बनाने की तुलना में अब कम क्लीनिकल ट्रायल की आवश्कता होगी। क्लीनिकल ट्रायल से अब केवल यह पता लगाने की जरूरत होगी कि क्या उन्नत वैक्सीन सुरक्षित होने के साथ मूल, बीटा व डेल्टा स्ट्रेन के केस की तरह ही एंटीबाडी बना रही है। यदि ऐसा है तो विज्ञानी कुछ सैकड़ा लोगों पर ही क्लीनिकल ट्रायल कर लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13dcb08f203ee4e2917e17e54424d5a1ac2a16cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरे प्लांट पर भी चल रहा काम।दो अक्टूबर, 2019 को नगर आयुक्त रहे सत्यप्रकाश पटेल ने मथुरा रोड पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की नींव रखी थी। प्लांट स्थापित करने के लिए स्वीडन की कंपनी इकराटोस रीसाइकिलिंग टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड से करार हुआ। कंपनी को 7.50 एकड़ जमीन 29 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्ष के किराये पर उपलब्ध कराई गई। प्लांट में करीब आठ लाख यूनिट बिजली पैदा करने का दावा कंपनी के प्रतिनिधियों ने किया था, इस प्लांट पर भी काम चल रहा है। इसमें बनने वाली बिजली को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन खरीदेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72901227e4f0b1fcc04018505fc3b3578d6fb8a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐलनाबाद उपचुनाव के नतीजों के बाद जजपा अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला की ओर से संकेत दिया गया है कि राजनीति में कभी कुछ भी स्थाई नहीं होता। इसलिए परिवार के एक होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। अजय सिंह ने अपने इस संकेत में पिता ओमप्रकाश चौटाला के लिए एक शर्त लगा दी है। शर्त यह है कि यदि बड़े चौटाला उन्हें (अजय सिंह) और उनके बेटों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला को इनेलो पार्टी से निकालने के अपने फैसले पर पश्चाताप करें तो परिवार में फिर से एकजुटता हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06cabfb70ed8e0ce01fa97bf48389f594e131fb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2015 में, फिल्मफेयर से बात करते हुए, हेमा मालिनी ने एक बार खुलासा किया कि कैसे वह अपनी ड्रेसिंग के कारण निर्माताओं की पत्नियों द्वारा ट्रोल हो जाती थीं। उन्होंने कहा, “मेरी मां ने मुझे भारी कांजीवरम साड़ी पहनाई। मैंने विरोध किया लेकिन मां ने कहा एसा किसी के पास नहीं होगा। निर्माताओं की पत्नियां, जिनमें ज्यादातर पंजाबी महिलाएं थीं, मेरी साड़ियों और समृद्ध ब्लाउज का मजाक उड़ाती थीं। 'वो देखो, मदरसन आ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f7bd95359d2f78171aa715daf0f424fce316ccb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। Khajuraho Film Festival उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनने से राज्य के कलाकारों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा। यह बात रविवार को फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद गोविंदा ने स्वागत करने वाले प्रशंसकों से कही। वह शनिवार देर रात नौबस्ता में एक परिचित के यहां रुके। रविवार सुबह वह खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए जाने से पहले अपने प्रशंसकों से मिले। ।उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी बनने से  कई लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सबसे अच्छी बात है कि कलाकारों, निर्माता, निर्देशकों को जेवर एयरपोर्ट बनने से आनेजाने में परेशानी नहीं होगी। उत्तर प्रदेश में बहुत ही उम्दा कलाकार हुए, जिनकी देश ही नहीं, विदेश तक ख्याति रही। प्रदेश में एक्टिंग स्कूल खुलने से लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कहा कि कानपुर और यहां के लोग बहुत शानदार हैं। जब भी आता हूं तो अपनापन महसूस होता है। यहां के लड्डू और चाट खाने का अलग मजा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के मुख्य सलाहकार अजीत सक्सेना से फिल्म सिटी के बारे में जानकारी भी ली। वह खजुराहो से लौटकर सोमवार को लखनऊ एयरपोर्ट से मुंबई जाएंगे। उनका स्वागत ज्योति शुक्ला, धर्मेंद्र शुक्ला, हरङ्क्षवदर ङ्क्षसह, गुरमीत कौर ने किया। ।घाटमपुर में फंसे जाम में, सेल्फी लेने की होड़ : मध्य प्रदेश के खजुराहो में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में जाने के लिए निकले गोविंदा कानपुर-सागर राजमार्ग पर स्थित कानपुर नगर के घाटमपुर कस्बा में जाम में फंस गए। अपने बीच फिल्म अभिनेता को पाकर लोगों में उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गई।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64361.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f741717e61c8e3cca5a688d4eddaf133380c3780 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64361.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, शैलेश अस्थाना। विज्ञानियों के हाथ एक ऐसा जीवाणु (बैक्टीरिया) लगा है, जो कृषि क्षेत्र में ऊर्जा, जल और अर्थ प्रबंधन को पूरी तरह बदल सकता है। इस बैक्टीरिया के प्रयोग से सरसों की फसल बिना सिंचाई लहलहाएगी तो गेहूं की फसल को दो सिंचाई की ही आवश्यकता होगी। यह बैक्टीरिया फसल को मुरझाने या सूखने नहीं देता है। इससे सिंचाई में होने वाले एक तिहाई खर्च की बचत होगी तो ईंधन (डीजल और बिजली) की खपत भी घटाई जा सकेगी। सबसे बड़ी बात पीने योग्य भूगर्भ जल का सिंचाई में इस्तेमाल रोका जा सकेगा। उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के कुशमौर स्थित राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो (आइसीएआर) के विज्ञानियों ने इस बैक्टीरिया को उच्च लवण सांद्रता (हाई साल्ट कंसनट्रेशन) वाले क्षेत्र से खोजा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57143b2ad97392411e8fb7c9cc8cb092aa2f8393 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद से कई बसें देहरादून, हरिद्वार, काठगोदाम आदि क्षेत्रों में जाती है। इसके अलावा देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। रोडवेज प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए फिर से प्रयास शुरू कर दिया है। उत्तराखंड से जाने व आने वाली बसों की प्रत्येक दिन धुलाई कराई जाती है, तभी उन्‍हें बस अड्डे पर भेजा जाता है। इसके साथ ही चालक और परिचालकों को मास्क व हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है। बस अड्डे पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पिछले साल दिसंबर में मंडल से साढ़े पांच सौ बसों में आडियो सिस्टम लगाया गया था। आडियो सिस्टम से बसों में सफर करने वाले यात्रियों को जागरूक क‍िया जा रहा था। कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं मिलने पर आडियो सिस्टम को बंद कर दिया गया था। रोडवेज प्रबंधन ने भी आडियो सिस्टम को फ‍िर से चालू कर दिया है। इसके जर‍िए यात्रियों के मास्क पहनने, हाथ सैनिटाइज करने और कोरोना का टीका लगवाने की अपील की जा रही है। चालक और परिचालक को बसों सफर करने वाले यात्रियों से मास्क लगाने की अपील की जा रही है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (मुरादाबाद) सोमपाल सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के प्रत‍ि सतर्कता के लिए बसों की धुलाई व सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है, चालक व परिचालक को मास्क व हैंड सैनिटाइजर देने के साथ बस अड्डे पर व्यवस्था की जा रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e2ec6c5ab9696dd190aae040485bc2c235b9b67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छात्रों के अलावा आम नागरिकों को भी यूनिवर्सिटी इन भाषाओं का ज्ञान कराएगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी न्यूनतम शुल्क लेगी, जो अभी निर्धारित नहीं किया गया है। जनवरी से शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगा। छात्रों को भाषा का ज्ञान कराने को साफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। भाषा विशेषज्ञ तैनात किए जाएंगे। क्लास आफ लाइन संचालित की जाएंगी। यूनिवर्सिटी यहां से विदेशी भाषा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र भी देगी, विदेशों में भी उसकी मान्यता होगी। यह कार्यक्रम विश्व बैंक के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ce9f47c3616abd90b90de9df88c9b08974f0ce9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +​​​​​यह भी पढ़ें :-।न‍िर्यात इंडस्ट्री पर कोरोना के ओम‍िक्रोन वेरिएंट का बड़ा प्रभाव, जर्मनी में होने वाला फ्रैंकफर्ट फेयर रद।वाहन माल‍िकों को म‍िलने जा रही है बड़ी राहत, आठ द‍िसंबर से बदल जाएंगे ये न‍ियम, यहां पढ़ें पूरी ड‍िटेल।आज शहर में भारी वाहनों का प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित, शाम तक इन रूटों से गुजर सकेंगे वाहन, ये है प्‍लान।नौकरी देने के बदले रखी घ‍िनौनी शर्त, क‍िशोरी से कहा-महीने के 20 हजार दूंगा, बस मुझे खुश रखना।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3d7f3c18960fd52920d18b8f942e285bd82ee16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64368.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Happy birthday Shikhar Dhawan: दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मल्टी नेशन टूर्नामेंट में सबसे बड़े हीरो रहे हैं। शिखर धवन भले ही द्विपक्षीय सीरीज में रन बनाने से चूक जाएं, लेकिन जैसे ही उनको मल्टी नेशन टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलता है तो वे अलग अंदाज में नजर आते हैं। क्रिकेट की दुनिया में गब्बर के नाम से मशहूर शिखर धवन ने एक या दो बार नहीं, बल्कि कई बार ये साबित किया है कि वे मल्टी नेशन टूर्नामेंट के सबसे बड़े मैच विनर हैं। + +शिखर धवन की बात आज इसलिए हो रही है, क्योंकि उनका आज 36वां जन्मदिन है। दिल्ली में जन्मे शिखर धवन को साल 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला था। हालांकि, वे शुरुआत के कुछ सालों में संघर्ष करते रहे, लेकिन 2013 की आइसीसी चैंपियंस ट्राफी ने उनकी किस्मत बदल दी। शिखर धवन 2013 की आइसीसी चैंपियंस ट्राफी में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। इसके अलावा वे टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ रन स्कोरर भी थे, जिसके कारण उनको प्लेयर आफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला था। + +मल्टी नेशन टूर्नामेंट के हीरो।शिखर धवन ने तब से लेकर साल 2018 तक भारत के लिए 6 मल्टी नेशन टूर्नामेंट खेले हैं, जिनमें वे भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहे हैं। 2013 के बाद अगले साल एशिया कप में भी वे भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। वहीं, 2015 के विश्व कप में भी भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा रन टूर्नामेंट में शिखर धवन के बल्ले से निकले थे। वहीं, 2017 की चैंपियंस ट्राफी में फिर से शिखर धवन का बल्ला चला था और वे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..133867c8c4fb13c36e6f014235a291d7bfbeddb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हापुड़ [गौरव भारद्वाज]। खेती-किसानों को घाटे का सौदा बताकर इससे किनारा करने की बातों हो रही हैं और पढ़े-लिखे लोग इसे अपने लायक काम नहीं मानते। दूसरी ओर कुछ लोग इस धारणा को तोड़ने में जुटे हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं जिले के गांव रामपुर निवासी एमबीए पास 36 वर्षीय बबली गुर्जर ने एक नामचीन कंपनी की नौकरी छोड़कर सहफसली खेती करनी शुरू कर दी। परिवार में काफी विरोध हुआ, लेकिन इरादे पर डटे रहे और नतीजा यह हुआ कि सभी अब सराहना कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f840b03473e7dfc000753dbd261e2f61af469bc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64376.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, गौरव दुबे। देशभर के निशानेबाजों को अब 45 वर्ष आयु के बाद से ही नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) की ओर से आयोजित मास्टर्स शूटिंग चैंपियनशिप में प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। एनआरएआइ ने कैटेगरी व स्कोर तय कर इस पर मुहर लगा दी गई है। अभी तक 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद ही निशानेबाजों को मास्टर्स कैटेगरी में खेलने का मौका मिलता था। अब 60 वर्ष से ऊपर के निशानेबाज सीनियर मास्टर कैटेगरी में खेलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71fb543ee0cd5a8e20cd3acf66ee2fa032602861 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64377.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाराष्ट्र के अहमदनगर की अकोले तहसील के समशेरपुर गांव में वर्ष 1889 को गरीब परिवार में जन्मे थे वामन नारायण जोशी। पिता के देहांत के बाद बालक वामन तथा उनके बड़े भाई ने गांव में भिक्षावृत्ति कर परिवार का बड़ी कठिनाइयों से लालन-पालन किया। वामन को भिक्षावृत्ति से घृणा थी, लेकिन जीवन-यापन का कोई विकल्प ही नहीं था। इन परिस्थितियों में भी उनके भीतर राष्ट्रभक्ति हिलोरे ले रही थी और वे अंग्रेजों को भारत से खदेड़ देना चाहते थे। वर्ष 1904 में 15 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प लिया, जो जीवन के अंतिम समय तक निभाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73ade0dca10800ae6ae42340f0e3545dbabbec8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64378.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। Atal Tunnel Rohtang, देश की अति आधुनिक अटल टनल रोहतांग को निहारने जा रहे हैं तो ट्रैफिक नियमों का पालन करें। अन्यथा भारी भरकम जुर्माना भुगतने को तैयार रहें। अटल टनल के भीतर ओवर टेक तो बिल्कुल न करें और न ही निर्धारित गति से ज्‍यादा वाहन चलाएं। ऐसा करने से आप की जान भी जा सकती है और दूसरों को भी नुकसान पहुंच सकता है। अटल टनल के भीतर गति को लेकर जगह-जगह साइन बोर्ड लगे हैं। साइन बोर्ड में निर्धारित की गई स्पीड के हिसाब से ही वाहन चलाएं। शुरुआत में 40 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्‍पीड लिमिट तय की गई है। + +शुक्रवार को भी अटल टनल के भीतर एक पर्यटक वाहन डीएल 10 सीजे 1995 अनियंत्रित होकर दीवार से जा टकराया। हालांकि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। लेकिन वाहन को नुकसान पहुंचा। वाहन चला रहे तालिब चौधरी पुत्र आते रहमान आरओ हाउस नंबर 573 एफ दो ब्लाक सुंदरनगर दिल्ली निवासी को 13500 रुपये जुर्माना भरना पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7531080b6b1401ee16ec8d75daef81a01442f5ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिजली की सजावट पर खास जोर।बिजली की सजावट पर ठेकेदार खास जोर दे रहे हैं। पहली बार हर बाजार में तिरंगा रंग की लाइट लगाई जा रही हैं। वहीं, केरल से एलईडी के रनिंग गेट मंगाए गए हैं। विद्युत सजावट के माध्यम से नुमाइश में आने वाले लोगों को कोरोना प्राटोकाल के लिए भी जागरुक किया जाएगा। ठेकेदार का दावा है कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार सबसे अधिक भव्य सजावट होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8824aa9dd0d79171766dcb9b46ee0fb19c415069 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुपम ने इंस्टा पर तीन फोटो शेयर की हैं। पहली फोटो दोनों की शादी है जिसमें दोनों के गले में माला और आसपास परिवार के बाकी सदस्य नज़र आ रहे हैं। दूसरी फोटो में किरण और अनुपम ऊपर की तरफ देखकर हंसते हुए नज़र आ रहे हैं। वहीं तीसरी फोटो में किरण एक कुर्सी पर बैठी हुई हैं और अनुपम उनके पीछे खड़े हुए दिख रहे हैं। ये एल्बम शेयर करते हुए अनुपम ने एक खूबसूरत सा कैप्शन भी लिखा है, जिसके साथ उन्होंने पत्नी के सुरक्षित रहने की दुआ की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bff0854248632f8e0a2b27c0895ea4891799fad3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि अब तक कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन किसी नेचुरल इम्युनिटी वाले शख्स को बाईपास नहीं कर सका है। जो लोग पूर्व में संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, उनमें खुद ही अच्छी प्रतिरोधक क्षमता (नेचुरल इम्युनिटी) विकसित हो चुकी है, उन पर इस वायरस का ज्यादा असर अब तक नहीं दिखाई पड़ा है। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि माना जा रहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट वैक्सीन वाली इम्युनिटी को बाईपास करने में कुछ हद तक सक्षम है। इसी तरह वैक्सीन लगवाने के बाद जिन लोगों में इम्युनिटी का विकास हुआ है, उन्हें भी बहुत ज्यादा बाईपास नहीं कर पा रहा है। इसके कारण भारत में ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है, क्योंकि भारत में 80 फीसद लोगों में नेचुरल इम्युनिटी है। ।प्रो. अग्रवाल ने कहा कि अगर माना जाए कि ओमिक्रोन भारत में अभी से फैसला शुरू कर चुका है तो तीसरी लहर अगले साल के शुरुआती महीनों में चरम स्तर पर होगी। इसके बाद इसमें गिरावट आएगी। हालांकि दूसरी लहर के दौरान देश में जिस तरह के हालात थे और हास्पिटल व आक्सीजन बेड की काफी जरूरत पड़ी थी, ओमिक्रोन आने से वैसी जरूरत नहीं पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8f56325f2b6488b7d6c0fa84396468f5015b1a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह रही मूल समस्या।एंजियोग्राफी जांच में उनमें विटामिन डी की कमी मिली। इससे उनकी इम्यूनिटी कमजोर हुई। इससे खून की नसों की अंदर की कोटिंग यानी इंडोथीलियम जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई। इस कोटिंग या परत से विशेष प्रकार के केमिकल इंडोथीलियम रेक्टीफाइड फैक्टर और नाइट्रिक आक्साइड, जो खून में मिलकर उसे पतला रखते हैं कम हुए। कोटिंग क्षतिग्रस्त होने से जगह-जगह बैक्टीरियल इंफेक्शन से खून की थक्के बनने लगे। इससे प्लाक कैल्शियम और कोलेस्ट्राल के साथ मिलकर खून की नलिकाओं में अवरोध उत्पन्न करने लगा और हार्ट की पंपिंग प्रभावित होने लगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1be8dd7c0c24426277974f41bbc2a61eef1bf525 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64387.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। युवाओं में अपनी खास पहचान रखने वाले प्रसिद्ध पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का राजनीति में उतरना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी पंजाब की राजनीतिक पार्टियां कलाकारों और खासतौर पर गायकों को उतारती रही हैं और ज्यादातर कलाकारों को राजनीति में सफलता भी मिली है। मूसेवाला द्वारा अपने गानों में गन कल्चर को बढ़ावा देने के कारण कांग्रेस भले ही विवादों में घिर गई है, लेकिन पार्टी के इस कदम से विपक्षी खेमे में चिंता भी बढ़ गई है। 1992 से ही कांग्रेस की स्टेजों पर गाने वाले लोक गायक मोहम्मद सद्दीक हों या हंस राज हंस, कामेडियन गुरप्रीत घुग्गी, भगवंत मान, फिल्म अभिनेता सनी देयोल आदि भी राजनीति में अच्छा मुकाम पा चुके हैं। ये फेहरिस्त बहुत लंबी है। + +लोक गायक मोहम्मद सद्दीक तो लंबे समय से ही कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं। पहले 2012 में उन्होंने भदौड़ हलके से तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे दरबारा सिंह गुरु को हराया और बाद में फरीदकोट हलके से जीत हासिल करके लोकसभा की सीढ़ियां भी चढ़े। भगवंत मान को राजनीति में मनप्रीत बादल लाए जब उन्होंने अपनी पीपीपी बनाई। बेशक वह अपना पहला चुनाव लहरागागा हलके से राजिंदर कौर भट्ठल से हार गए, लेकिन उसके बाद संगरूर लोकसभा चुनाव उन्होंने दो बार भारी मतों से जीता और इस समय में भी वह आम आदमी पार्टी की ओर से सीएम पद की प्रबल दावेदार हैं। + +इससे पहले भी भाजपा ने गुरदासपुर से विनोद खन्ना को कांग्रेस की सुखबंस कौर भिंडर के खिलाफ जो लगातार लोकसभा का चुनाव जीत रहीं थीं। विनोद खन्ना ने यह चुनाव दो बार जीता। उनके बाद पार्टी ने दो बार यह सीट गंवाई लेकिन जब एक बार फिर फिल्मी कलाकार सन्नी देयोल को मैदान में उतारा तो पार्टी को जीत का स्वाद मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0afac2a0b607b5822d2191d3e352a50faee59d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश में 8,603 नए मामले मिले।वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार सुबह अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में 8,603 नए मामले मिले हैं, 415 मौतें हुई हैं और सक्रिय मामलों में भी मामूली गिरावट आई है। इस बीच देश में ओमिक्रोन के चार मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक शख्‍स कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक 33 वर्षीय यह व्यक्ति 23 नवंबर को दुबई के रास्ते दक्षिण अफ्रीका से दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचा था। दिल्‍ली हवाई अड्डे पर उसने कोविड जांच के लिए नमूना दिया था और मुंबई के लिए उड़ान पकड़ी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5678e6ab14447a76a6f903ba696f3510d2b9f77a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शर्तें पूरी करने पर ही इंटर्नशिप की अनुमति: विदेश से पढ़ाई करके आने वाले डाक्टर एनएमसी की शर्तों को पूरा करेंगे। उसके बाद उन्हें भारत में एक साल की इंटर्नशिप करने होगी। उसके बाद ही एनएमसी की ओर से आयोजित होने वाला नेशनल एग्जिट टेस्ट देना होगा। उसमें उत्तीर्ण होने पर ही एनएमसी से स्थायी पंजीकरण यानी प्रैक्टिस का लाइसेंस मिल सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c522fe462e83109531d6b68ce8cf7d79e9e6736f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने कुशलक्षेम पूछ जीता प्रदेशवासियों का दिल#ModiInUttarakhand pic.twitter.com/GKA52pWe7O।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूं तो जहां भी जाते हैं, वहां के रंग में रंगे नजर आते हैं। अब वो चाहे स्थानीय बोली हो या फिर पहनावा...वे हमेशा ही अलग अंदाज में नजर आते हैं। उनके संबोधन की शुरुआत भी वहां की स्थानीय बोली से ही होती है। इसी तरह वे जब भी उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचते हैं तो पहाड़ के पानी और पहाड़ की जवानी की बात जरूर करते हैं, लेकिन इस बार वे बेहद ही अलग अंदाज में नजर आए। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत गढ़वाली में कर न सिर्फ यहां की जनता के दिल को छूने की कोशिश की, बल्कि एक बार फिर अपना उत्तराखंड प्रेम भी दिखाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcf6252cdf17803730af42871c2717f4fd0b8a52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64397.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- उन्‍होंने कहा कि चीन अपनी भावी रणनीति के तहत यह काम कर रहा है। वह मिसाइल परीक्षण के साथ अपनी सैन्‍य क्षमता में इजाफा कर रहा है। चीनी सेना में व्‍यापक बदलाव किए गए हैं। पीएलए ने अपने फ्रंटलाइन के आक्रमणकारी सैनिकों की संख्‍या में इजाफा किया है। चीनी सेना में यह बदलाव ड्रैगन की सोची समझी रणनीति का हिस्‍सा है। वह दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था के अलावा वह सबसे बड़ी ताकत बन चुका है। धनी होने के मामले में चीन ने तो अमेरिका को पछाड़ दिया है। + +3- बता दें कि 1950 के दशक में कोरियन युद्ध के दौरान चीनी सेना में लगभग 60 लाख सैन्‍यकर्मी हुआ करते थे, लेकिन राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग के ताजा कटौती के बाद पीएलए के सैनिकों की संख्या लगभग 20 लाख हो गई है। पीएल अब फौज को इस प्रकार से व्यवस्थित कर रहा है कि चीनी सेना में काम करने वाले सैनिकों का सबसे बेहतर यानि आप्टिमम लाभ पीएलए को मिल सके। इसी मकसद से काम्बैट यानि लड़ाकू दस्तों में ज्‍यादा सैनिकों को शामिल किया जा रहा है। अब अधिक से अधिक युवाओं को लड़ाकू दस्तों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे युवाओं की संख्या करीब तीन लाख तक है, जिनकी बहाली के लिए चीनी रक्षा बजट में प्रावधान किया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e35e905683199178846f74b11efd7424c9d2336 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, पीटीआइ। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के खतरे के बीच वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत जैसे देश को कोविड रोधी वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज देने के बजाए वयस्‍कों को टीके की दोनों खुराकों को देने पर फोकस करना चाहिए। वैज्ञानिकों का यह सुझाव ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट को लेकर चिंताओं के बीच कोविड रोधी वैक्‍सीन की बूस्टर डोज दिए जाने की जरूरत समझी जा रही है। यही नहीं इंसाकोग ने भी 40 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों को वैक्‍सीन की बूस्टर डोज देने की वकालत की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ef9aabbe4dacdf05a753d93e1f9f66f1216d9e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, डा. राहुल सिंघई। शादी के बाद भले उन्होंने चूल्हा-चौका संभाला, लेकिन अपने सपनों को साकार करने का ऐसा हौसला दिखाया कि एक नजीर बन गई। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 550 स्वयं सहायता समूह की 650 महिलाओं ने मिलकर चिप्स फैक्ट्री स्थापित की है। जिले के शिकोहाबाद क्षेत्र के दिखतौली गांव में प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र सिंह मोती सिंह द्वारा 11 नवंबर, 2021 को लोकार्पित चिप्स फैक्ट्री मिसाल बन गई है। इसकी हिस्सेदार सभी महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। इन्हीं में से चयनित पांच महिलाएं निदेशक हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17f01da22a2e6ff677cc57854860e87cc18e90d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[डा. भीमराव आंबेडकर की आने वाली पुण्यतिथि पर किशोर मकवाणा का आलेख]। डा. भीमराव आंबेडकर के राष्ट्रीय योगदान का आज तक सही आकलन-मूल्यांकन नहीं हुआ। उनके जीवन दर्शन को हम जानने-समझने का प्रयत्न करते हैं तो एक बात स्पष्ट रूप से सामने आती है कि उनका पूरा जीवन दो लक्ष्यों पर केंद्रित, समर्पित था। एक, शोषित-पीड़ित बांधवों की सेवा और दूसरा, राष्ट्रहित सर्वोपरि। बाबासाहेब आंबेडकर अपने जीवनकाल में सामाजिक और राष्ट्र जीवन के अनेक पहलुओं पर कार्य करते रहे। कई बार कुछ लोग उनके जीवन कार्य के किसी एक पहलू पर अधिक बल देकर या प्रचारित कर इस प्रकार की बातें करते हैं कि यही उनका जीवनकार्य था, जबकि यह इस महामानव के प्रति अन्याय है और उनका अधूरा विश्लेषण भी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8489333684986238b0d3a46688ca128091da8d2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64402.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन डिजाइनिंग के अंतिम वर्ष के छात्र प्रदीप भट्ट ने सातवीं-आठवीं कक्षा में ही डिजाइनर बनने का सपना देखा था। लेकिन कैसे बनेंगे, हल्द्वानी के इस युवा को यह मालूम नहीं था। न परिवार में और न कहीं से कोई मार्गदर्शन करने वाला था। पिता तो उनके निर्णय के सख्त खिलाफ थे। महीने भर तक बात नहीं की। प्रदीप ने घर में भूख हड़ताल तक की, पर अपने सपने से समझौता नहीं किया। खुद से सारी जानकारियां इकट्ठा कीं और बिना किसी मेंटर की सहायता के अपनी मंजिल निफ्ट तक पहुंच गए। यही प्रदीप, हाल में सुर्खियों में आए जब कामेडियन वीर दास उनकी डिजाइन की हुई ड्रेस पहन एमी अवार्ड्स में शामिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64403.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e0bd994393d27b536bade362af52b484f7c33a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64403.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर में दो स्थानों पर नगर निगम के शापिंग कांपलैक्स बनाने की योजना तैयार की थी। एक स्थान पर तो दो बार भूमि पूजन भी हो गया, लेकिन इनमें से एक भी जगह कांपलैक्स की नींव न रखी जा सकी। बारहद्वारी स्थित नगर निगम का पुराना कार्यालय इन्हीं में एक स्थान है। यहीं भूमि पूजन हुआ था। जब योजना ठप पड़ गई तो कार्यालय पर मालवाहक वाहनों का जमावड़ा फिर से शुरू हो गया। बाजार में माल ढोने आने वाले वाहन यहीं खड़े हो रहे थे। ड्राइवरों के यहां शराब पीने, हुड़दंग करने की लगातार शिकायतें मिलने लगीं। तब निगम के प्रर्वतन दल ने वाहनों को बाहर कराकर पुराने कार्यालय को खाली कराया था। लेकिन, पुन: वही हालत बन रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27766f37f27ce09de226d2ba0f87325d8efee099 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64404.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। दक्षिण अफ्रीका में मिले खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रोन ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। ओमिक्रोन की सबसे पहले पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई, लेकिन अब कोरोना वायरस का ये खतरनाक वैरिएंट यूरोप और एशिया में अपना पांव पसार चुका है। इसके बाद इस वैरिएंट से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। यह नया वैरिएंट तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है और परेशान करने वाली बात ये है कि ये उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले से ही संक्रमित हो चुके हैं। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 24 नवंबर को ओमिकोन वैरिएंट के पहले केस की पुष्टि के बाद 3 दिसंबर तक यानी सिर्फ 10 दिनों में ही नया स्ट्रेन 38 देशों तक फैल चुका है। + +2- दरअसल, म्‍यूटेशन एक गुच्‍छे की तरह है और यह पहले फैलने वाले वैरिएंट से पूरी तरह से अलग है। इसके साथ इसमें 30 स्‍पाइक प्रोटीन हैं। वायरस के आंतरिक सरंचना में स्‍पाइक प्रोटीन ही वह हिस्‍सा होता है, जहां वैक्‍सीन असर करती है। अगर स्‍पाइक प्रोटीन अलग-अलग होगा तो इस पर वैक्‍सीन के असरदार नहीं होने की आशंका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f39bc775721669f33aa3c6b50ec31f7c75307831 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंगूठे के मूल में ब्रह्मतीर्थ, कनिष्ठा के मूल प्रजापत्यतीर्थ, अंगुलियों के अग्रभाग में देवतीर्थ, तर्जनी और अंगूठे के बीच पितृतीर्थ और हाथ के मध्य भाग में सौम्यतीर्थ होता है, जो देवकर्म में प्रशस्त माना गया है। आचमन हमेशा ब्रह्मतीर्थ से करना चाहिए। आचमन करने से पहले अंगुलियां मिलाकर एकाग्रचित्त यानी एकसाथ करके पवित्र जल से बिना शब्द किए तीन बार आचमन करने से महान फल मिलता है। आचमन हमेशा तीन बार करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96bfe7ce83b9ba3f50dc92f1890835c597d02675 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [अनिल अवस्थी] । स्वास्थ्य महकमे के रहमोकरम पर अमरोहा में झोलाछाप की लगभग पांच सौ दुकानें खुलेआम चल रहीं हैं। इन पर एलोपैथ की दवाओं के साथ ही खून का काला कारोबार भी होता है। इतना ही नहीं भ्रूण लिंग परीक्षण की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। सबसे अधिक ऐसी दुकानें हसनपुर क्षेत्र में संचालित हैं। दैनिक जागरण के स्टिंग आपरेशन में इसका राजफाश होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। अब एफआइआर की तैयारी की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c331a2c1a07000b07a1fe2d375a86132236b90ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64412.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजगीर, संवाद सहयोगी। प्रकृति की गोद में बसे नालंदा जिले के राजगीर (Rajgir) को सर्वधर्म समभाव का प्रतीक माना जाता है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस आध्यात्मिक नगरी में हर धर्म-संप्रदाय को फलने-फूलने का मौका मिला। सनातन, बौद्ध, जैन, इस्‍लाम से लेकर सिख धर्म के महापुरुषों ने यहां साधना की। धर्म की प्रासंगिकता एवं उसके उद्देश्य को प्रचारित किया। प्रेम, सौहार्द्र, भाईचारा, शांति-व्‍यवस्‍था का संदेश दिया। यहां हर धर्म एकाकार हो जाते हैं। मानव समुदाय को एक सूत्र में बंधकर रहने का संदेश देते हैं। आज भी यहां कई ऐसे स्‍थल हैं, जो हमारे गौरवशाली इतिहास का संदेश देते हैं। ऐतिहासिक और धार्मिक महत्‍व वाले राजगीर के कई नाम रहे हैं। इतिहास में वसुमतिपुर, वृहद्रथपुर, गिर‍िब्रज और कुशग्रपुर के नाम से भी यह चर्चित है। पटना से करीब 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में पहाड़‍ियों और जंगलों के बीच यह बसा है। बौद्ध धर्म से इसका प्राचीन संबंध है। ।(राजगीर में स्थित विश्‍व शांति स्‍तूप।)।बौद्ध धर्म का केंद्र है विश्व शांति स्तूप।राजगृह से बने राजगीर को बौद्ध धर्म का बड़ा केंद्र माना जाता है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विश्‍व शांति स्‍तूप आस्‍था का केंद्र है। रत्नागिरि पर्वत पर स्थित इस स्‍तूप निर्माण की योजना जापान बौद्ध संघ के अध्‍यक्ष निचिदात्‍सु फूजी की है। 1965 में निर्मित स्तूप की ऊंचाई 120 फीट एवं व्यास 103 फीट है। स्तूप के चारों ओर  बुद्ध की चार प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो अत्यन्त भव्य और आकर्षक हैं। यहां जापान बौद्ध संघ के सहयोग से प्रत्येक वर्ष समारोह का आयोजन किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में विदेशी बौद्ध भिक्षु भी भाग लेते है। + +धर्म या मजहब अपने अनुयायियों को एकता के सूत्र में पिरोकर रखने का कार्य भी करता है। धर्म का उद्देश्य अपने अनुयायियों को जीवन जीने के लिए जरूरी सभी गुणों से परिपूर्ण करते हुए एक ऐसा आधार प्रदान करना है, जिससे वे एकता की भावना से संगठित होकर समाज की भलाई के लिए कार्य कर सकें। इन संदेशों का सार यह है कि हर मजहब या धर्म एकता का ही पाठ पढ़ाते हैं। ऐसे में राजगीर ऐसा ही जगह है, जहां ऐसी तस्‍वीर दिखती है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05b356d1f542d09b0942b609827577230d458f26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जैसे-जैसे यह क्षेत्र ब्रिटिश हितों के अनुकूल होता गया, उन्हें इस स्थान की आर्थिक व्यवस्था सुनिश्चित करने की जरूरत महसूस हुई। विभिन्न फसलों पर प्रयोग किए गए। बागवानी का जुनून रखने वाले सर्जन आर्चीबाल्ड कैम्पबेल वर्ष 1841 में बगीचे में चाय उगाने में सफल रहे। इस प्रकार यहां चाय की खेती शुरू हुई, जो बाद में उद्योग बन गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cba30c3b99dd3d79e2f377fc61f84d8155046ac5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64414.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन को जारी रखने या खत्म करने की रणनीति बनाई जाएगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलाें की खरीद का कानून बनने तक धरने से नहीं उठने के संकेत किसान संगठनों ने दिए है। बहरहाल, संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हैं। आंदोलन में सर्वाधिक भागीदारी पंजाब के किसानों की है, जबकि खरीफ सीजन में धान की सर्वाधिक सरकारी खरीद इसी प्रदेश में हुई है। सर्वाधिक भुगतान भी पंजाब के किसानों को हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f13b15edfb887accdc01e078c72164e623696639 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। कहने को तो यह बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र था, लेकिन पांच दिनों (29 नवंबर से तीन दिसंबर) के सत्र में हर किसी को गर्मी का अहसास हुआ है। यह गर्मी विधानसभा परिसर में पाई गई शराब की खाली बोतलों से पैदा हुई जो विधायकों-मंत्रियों के मान-सम्मान के सवाल पर दिन-प्रतिदिन बढ़ती गई। शुक्रवार को समापन के दिन भी गर्मी का अहसास बना रहा, लेकिन यह उतार वाला था। इन दिनों विपक्ष हंगामे के हर अवसर को भुनाने में लगा रहा और सत्तापक्ष का रुख मुद्दों के हिसाब से बदलता रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ea50ded7e6b3cae64dd59dc31ea65b7d2fbe103 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64416.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमित निधि। भले ही आप माइक्रोसाफ्ट एक्सेल में कितने भी अच्छे क्यों न हों, सीखने के लिए हमेशा कुछ न कुछ रह ही जाता है। इसलिए यदि अपने नियमित कार्यों के लिए एक्सेल का उपयोग करते हैं, तो एक्सेल ब्लाग और वेबसाइट की मदद से नई चीजें सीख सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि एक्सेल से जुड़ी वेबसाइट के बारे में, जिससे नई टिप्स व ट्रिक्स सीख सकते हैं...।हाउ टु एक्सेल।माइक्रोसाफ्ट एक्सेल से जुड़ी नई चीजों को सीखने के लिए हाउ टु एक्सेल (howtoexcel.org) एक अच्छा मंच हो सकता है। यह नई टिप्स और ट्रिक्स को सीखने वाला सूचनात्मक स्थान है। एक्सेल में अलग-अलग कार्य को करने के विभिन्न तरीकों की व्याख्या करते हुए बहुत सारे टिप्स और ट्रिक्स दिए गए हैं, जिन्हें अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें आपको ईजी-टु-फालो इंस्ट्रक्शंस दिए गए हैं। इसके लिए स्क्रीनशाट भी दिए गए हैं, जिससे समझना आसान हो जाता है। अगर आप एक्सेल सीखने की शुरुआत ही कर रहे हैं, तब भी यह काम का हो सकता है। आप इसके यूट्यूब चैनल पर उपयोगी वीडियो ट्यूटोरियल भी देख सकते हैं। इसके अलावा, हाउ टू एक्सेल की वेबसाइट पर कुछ कोर्स और ईबुक भी हैं। एक्सेल टिप्स को सीधे अपने इनबाक्स में प्राप्त करने के लिए इसके न्यूजलेटर की मेंबरशिप ले सकते हैं। + +एक्सेल आफ द ग्रिड।एक्सेल आफ द ग्रिड एक अन्य वेबसाइट है, जहां एक्सेल के बारे में नई चीजों की जानकारी हासिल कर सकते हैं। एक्सेल आफ द ग्रिड (exceloffthegrid.com) पर वीबीए, पावर क्वेरी और आफिस स्क्रिप्ट जैसे अधिक उन्नत विषयों पर सलाह प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर कुछ शुरुआती स्तर की चीजें भी शामिल हैं, जिसमें फ्रिक्शंस को प्रदर्शित करना भी शामिल है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें एक वीबीए कोड लाइब्रेरी है, जो कई हिस्सों में विभाजित है, जिससे आप अपने नियमित कार्यों को आसान बना सकते हैं। अपनी एक्सेस स्किल को और बेहतर करने के लिए इसकी टीम द्वारा लिखित ई-बुक्स पढ़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73a6282fcc2360b74a0744b573f350f42629ec8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64417.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सरोकारों के साथ-साथ : ऐसा नहीं है कि आज के स्वावलंबी और स्वाभिमानी युवा सिर्फ पैसा बनाने के लिए स्टार्ट-अप शुरू कर रहे हैं, उन्हें अपने देश और समाज को उन्नत बनाने की भी उतनी ही चिंता रहती है। यही कारण है कि तमाम युवा परंपरागत कारोबार से हटकर अपने स्टार्ट-अप के लिए उन क्षेत्रों को चुन रहे हैं, जिससे समाज की मुश्किलें दूर होने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो सके। पहले जरूरत की दवाएं खोजने के लिए लोगों को बाजार के चक्कर काटने पड़ते थे, जबकि आज अपने मोबाइल के जरिए कुछ ही देर में घर बैठे उनके पास जरूरत की दवाएं पहुंच जाती हैं और वह भी आकर्षक छूट के साथ। इसी तरह शहर या शहर से बाहर जाने के लिए लोगों को सार्वजनिक साधनों पर निर्भर रहना पड़ता था या फिर निजी टैक्सी वालों की मनमानी सहनी पड़ती थी। अब देश के तकरीबन हर शहर में चौबीसों घंटे प्रतिस्पर्धी दरों पर साधन उपलब्ध हो जाते हैं। यही हाल घर बैठे किराना के सामान या ताजा फल-सब्जी उपलब्ध होने का भी है। + +बढ़ाएं अपनी काबिलियत : यदि आप भी अपने पसंदीदा क्षेत्र में आकर्षक पैकेज पर नौकरी पाने की चाहत रखते हैं, तो सिर्फ सरकारी नौकरियों की बाट जोहने या फिर डिग्री के भरोसे काम पाने की कोशिश के बजाय अपनी रुचि के क्षेत्र को जान-समझकर उससे संबंधित कौशल से खुद को निखारने का भरसक प्रयास करें। यही नहीं, आफलाइन या आनलाइन कोर्स के जरिए स्किल सीखने के बाद उसे नियमित आधार पर अपडेट भी करते रहें, ताकि आपको न सिर्फ आसानी से नौकरी मिल सके, बल्कि आपको नियमित रूप से तरक्की भी मिलती रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..184e96dec0718187b617f0be295351a0c8dd5103 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान के बाद भी टप्पल ग्राम पंचायत जमीन फर्जीवाड़े की फाइल सुस्त रफ्तार के भंवर में फंस गई है। प्रशासन को यहां की कुल 1210 बीघा जमीन पर कब्जा लेना था, लेकिन अब तक यह कार्रवाई नहीं हो सकी है। तत्कालीन एसडीएम अंजनी कुमार सिंह के तबादले के बाद यह मामला ठंडा वस्ते में चल गया है। हालांकि, कुछ किसानों ने इसके पट्टा बहाली के लिए भी एसडीएम कोर्ट में आवेदन कर रखा है। संबंधित अफसरों को इस पर निर्णय लेना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5317da6bb4a9cafbc48397fef2262e2189ab392 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6442.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी एक लंबे ब्रेक के बाद डांसिंग रिएलिटी शो ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ में वापस लौट आई हैं। पति की गिरफ्तारी के बाद शिल्पा कई हफ्तों तक शो में नज़र नहीं आई थीं। जिसके बाद लोग अलग-अलग कयास लगान लगे। कुछ को लगा कि शिल्पा ने शो छोड़ दिया है तो वहीं कुछ खबरों में शिल्पा को रिप्लेस करने की बात कही गई। लेकिन पिछले हफ्ते शो में वापस लौटकर शिल्पा ने सारी खबरों और कयासों पर विराम लगा दिया। + +वहीं अब शो की कोर टीम की तरफ से भी बयान आय है जिसमें साफ कहा गया है कि मेकर्स की तरफ से शिल्पा को कभी नहीं निकाला गया, न ही कभी रिप्लेस करने के बारे में सोचा गया। ये एक्ट्रेस का ख़ुद का फैसला था कि उन्होंने ब्रेक लिया था और अब वो शो में वापस आ गई हैं। स्पॉटब्वॉय से बात करते हुए टीम मेंबर ने बताया, ‘शिल्पा हमेशा से बोर्ड में शामिल हैं। शिल्पा को शो से जाने के लिए कहने का हमारा काई प्लान नहीं था। जो भी कुछ हुआ उसके बाद शूटिंग से दूर रहने का फैसला उनका निजी फैसला था। जब उन्होंने हमें सूचना दी कि वो फिलहाल शो में नहीं आ रही हैं तो हमने उनकी जगह कुछ और स्टार्स को बुलाया। ये पूरी तरह उनपर निर्भर थ कि वो कब वापस आना चाहें, और अब हम लोग खुश हैं कि वो वापस आ गई हैं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb132b221a190dc2cba00ea8cf94efd724188f02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिलन सिन्हा। जीवन की लंबी परिवर्तनशील यात्रा में सभी युवा व्‍यक्तिगत और सामूहिक रूप से कई कामयाबी-नाकामयाबी के हकदार बनते हैं। इस क्रम में उनके ज्ञान और अनुभव की पूंजी में इजाफा होता रहता है। हां, इस दौरान एक और बात आमतौर पर दिखाई देती है और वह यह है कि कई युवा अच्छी बातों और कामयाबी का सारा क्रेडिट खुद लपकने का प्रयास करते हैं, लेकिन गलतियों और नाकामयाबियों का ठीकरा दूसरे के माथे पर फोड़ते हैं। सवाल उठता है कि क्या ऐसी कार्यशैली से वाकई हम बेहतर मुकाम हासिल कर सकते हैं? आइए जानें, सफलता और असफलता के वक्‍त हमारी कार्यशैली कैसी होनी चाहिए…।दूसरों पर दोष डालने का परिणाम: अपनी असफलता का दोष टीम मेंबर्स पर या दूसरे किसी पर डालने की कोशिश करने से क्या होता है? इसे इस प्रकार समझा जा सकता है:।1. एक व्यक्ति के रूप में ऐसे लोग खुद में सुधार लाने वाले रास्ते को बंद कर देते हैं और साथ ही कीमती समय, ऊर्जा और मानसिक शांति को अनावश्यक रूप से बर्बाद करने के रास्ते खोल देते हैं। ऐसा करना तो बहुत आसान होता है, लेकिन इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं जो मुख्यतः उन्हें ही भुगतने पड़ते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9f10ea2438c4a05af28af37b144c5f1eaa9b6ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीसरी लहर की कितनी आशंका है?: अभी स्पष्ट नहीं है कि यह वायरस कितनी तेजी से फैलता है और कितना गंभीर है। हालांकि भारत में तेजी से टीकाकरण हो रहा है। सीरो सर्वे के मुताबिक, बहुत बड़ी आबादी डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है। ऐसे में भारत में स्थिति कम गंभीर होने का अनुमान है। वैज्ञानिक प्रमाण अभी मिलने बाकी हैं। उपलब्ध टीके इस पर कितने प्रभावी हैं? मौजूदा टीकों के ओमिक्रोन पर प्रभावी नहीं होने का कोई प्रमाण अभी नहीं मिला है। कुछ म्युटेशन को देखते हुए यह अनुमान है कि प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है। हालांकि शरीर में बनी एंटीबाडी और सेल्युलर इम्युनिटी भी वायरस के खिलाफ सुरक्षा का काम करती है और इनका प्रभाव बने रहने का अनुमान है। इसलिए सभी लोगों को जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64426.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64426.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90f45f68445716154fc69785b5562d963b99c9ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64426.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बैजनाथ, संवाद सहयोगी। Himachal Inaccesible Village Bara Bhangal, हिमाचल प्रदेश की अति दुर्गम पंचायतों में से एक बड़ा भंगाल का रास्ता बर्फबारी के कारण बंद हो गया है। जिला कांगड़ा के बैजनाथ उपमंडल की इस पंचायत तक बीड़ बिलिंग होकर मुख्य पैदल रास्ता है। इस रास्ते में आने वाले थमसर ग्लेशियर में बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में अब यह रास्ता अप्रैल महीने के बाद ही खुल पाएगा। सर्दियों को देखते हुए बड़ा भंगाल पंचायत के काफी लोग नवंबर में ही बीड़ वापस आ गए हैं। अब वहां कुछ लोग ही बाकी हैं, हालांकि अभी बाया चंबा होकर आने वाला रास्ता खुला है। लेकिन बर्फबारी का दौर अगर ऐसे ही रहा, तो इसी महीने बाया चंबा मार्ग भी बंद हो सकता है। + +कहां है बड़ा भंगाल।बड़ा भंगाल पंचायत अति दुर्गम पंचायत है। यहां तक पहुंचने के लिए केवल पैदल रास्ता है। इसमें बाया बीड़ बिलिंग होकर करीब 70 किलोमीटर का रास्ता है। इसमें थमसर ग्लेशियर आता है। इस रास्ते से होकर बड़ा भंगाल दो से तीन दिन में पहुंचा जा सकता है। जबकि दूसरा रास्ता चंबा जिला के होली होकर है। इस रास्ते से भी 2 से 3 दिन का समय लगता है। इस पंचायत की आबादी करीब 630 है। सर्दियों में यहां के लोग बीड़ में पलायन कर जाते हैं और गांव की देखभाल के लिए 15-20 लोग ही रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..347b534c103a87734fb6b679951933d198881c76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नौसेना की शान हैं आगरा के युवा।आगरा के आसपास कोई समुद्र नहीं इसलिए नौसेना का सीधा तो यहां से संबंध नहीं लेकिन आगरा के कई युवा देश में नौसेना की शान बने हुए हैं। नौसैनिकों के परिवार में आज नौसेना दिवस मनाया जा रहा है। एक दूसरे को बधाई दी जा रही है। यहां से कुछ लोग कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गए हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d4267d444da32b3e832f89e4d7bde2c21301d8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64435.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फतेहपुर, जागरण संवाददाता। Jagran Vimarsh 2021 ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक स्थलों का बचाने और संवारने की जरूरत है। इससे जिले में पर्यटन को पंख लगेंगे, जबकि गौरवशाली अतीत की स्वर्णिम यादों को संजोने में सबकी सहभागिता हो सकेगी। जागरण विमर्श के प्रथम सत्र गंगा-यमुना कटरी का विकास और प्राचीन धरोहरों का संरक्षण में संत, मनीषियों के साथ इतिहासकार व साहित्यकारों ने गंगा-यमुना कटरी के विकास की सोच को सामने रखा। शुक्रवार को आयोजित विमर्श में वक्ताओं ने गंगा-यमुना कटरी के विकास और प्राचीन धरोहरों के संरक्षण पर अपनी राय दी। ।चर्चा की शुरुआत करते हुए स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि गंगा-यमुना कटरी क्षेत्र के विकास को लेकर सरकारों ने बहुत काम किए हैं। सबसे अधिक जहां काम करने की जरूरत थी, वहां हम पिछड़ गए। प्राचीन धरोहरों को चिह्नित करके उन्हें संरक्षित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम जनता को पूरा सहयोग करना होगा। असोथर में यमुना किनारे बने प्राचीन ब्रह्म कुंड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस अलौकिक स्थल को संवारने की जरूरत है। लोगों को अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि पर इसे लेकर दबाव बनाना होगा। कहा कि देश आजादी के आंदोलन से जुड़ी एक धरोहर उनके पास है। गदर पार्टी के अवशेषों को वह निजी स्तर पर संरक्षित करेंगे। साथ ही भृगु धाम में वह भृगु ऋषि की आदमकद प्रतिमा लगवाने की तैयारी कर चुके हैं। डा. ओपी अवस्थी ने कहा कि जागरण के प्रयास से जिले में कई तालाबों व मंदिरों का संरक्षण हुआ है। ऐसी कई प्राचीन धरोहरें हैं, जिनका संरक्षण सभी के प्रयास से हो चुका है। गंगा-यमुना कटरी के विकास में जागरण के साथ ही जिला प्रशासन व आम जनमानस सहयोग करेगा तो उसे भी पूरा किया जा सकता है। भिटौरा, नौबस्ता, शिवराजपुर आदि घाटों को संरक्षित करने की जरूरत है। इन्हें भी लोगों की सहभागिता से संरक्षित किया जा सकता है। औंग के पास एक संत बीते कई वर्षों से तपस्या कर रहे हैं। वह बेहद पढ़े-लिखे हैं, ऐसे लोगों की सहभागिता होनी चाहिए। कहा कि गंगा-यमुना नदियां सिर्फ हमारे जिले की माटी को उर्वरा शक्ति ही नहीं देती हैं, यह पवित्र भी करती हैं। चंददास शोध संस्थान के निदेशक डा. चंद्रकुमार पांडेय ने कहा कि कटरी के विकास में धाराएं बाधक बनी हुई हैं। मौरंग खनन की वजह से बहुत हद तक कटरी की हालत खराब हुई है। बांधों ने नदियों को और नुकसान पहुंचाया है। जमरावां में शिवराज ङ्क्षसह की कोठी व बावनी इमली को संरक्षित किए जाने पर इन्होंने जोर दिया। ।वरिष्ठ साहित्यकार शिवशरण ङ्क्षसह चौहान अंशुमाली ने कहा कि गंगा-यमुना नदी क्षेत्र से 13 किमी की दूरी तक बुंदेलखंड जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। कटरी हमारा अंतरवेद है। इसका संरक्षण बेहद जरूरी है। गंगा-यमुना कटरी के गांवों में सार्वजनिक स्नानागार, पक्के घाट, कटान रोकने के लिए पत्थर लगाए जाने जैसी योजनाएं शुरू की जानी चाहिए। व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ल ने स्वामी जी से सवाल किया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि कटरी के विकास व प्राचीन धरोहरों के संरक्षण पर उनका प्रयास जारी रहेगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a1a20d5000a1b14e1d17247cf59fcc243a43170 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्नाटक सरकार ने सख्‍त की पाबंदियां।कर्नाटक में विदेश से आने वाले यात्रियों का आरटी पीसीआर टेस्‍ट अनिवार्य किया गया है। यही नहीं सात दिनों के लिए होम क्‍वारंटाइन भी अनिवार्य है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मसले पर विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक के बाद विस्तृत एसओपी और नए दिशानिर्देश जल्‍द जारी किए जाने की बातें कही। सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में सभी कार्यक्रमों को 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है। नागरिकों को सिनेमाघरों, मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग मॉल में तभी जाने की अनुमति है, जब उन्हें पूरी तरह से टीका लगाया गया हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bf7b5c593a1c3d42928fff17c0b47a0a32c77ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेतिया, सुनील आनंद। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में बाघ सहित अन्य जंगली जानवरों को देखने का रोमांच ही अलग होता है। भालू और हिरण सहित अन्य जानवर जंगल सफारी के दौरान दिखाई दे जाते हैं। इस रोमांचकारी यात्रा के साथ यहां धार्मिक पर्यटन का आनंद भी यात्री ले सकते हैं। जंगल के अंदर आधा दर्जन से अधिक धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं। बिहार के इस एकमात्र टाइगर रिजर्व में बजती मंदिरों की घंटियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..082695a67505e7123a5f3b16f2707e137a31b112 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64440.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। जब भी भारतीय सेना के शौर्य की बात होती है, तो लोंगेवाल युद्ध और उसके नायक बिग्रेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का जिक्र जरूर होता है। भारत-पाकिस्‍तान के बीच 1971 की जंंग के दौरान  चार से सात दिसंबर तक हुई लोंगेवाल मोर्चे की लड़ाई कई मायने में अप्रतिम थी।  इस बात पर विश्वास करना आज भी मुश्किल होता है कि कैसे 120 सैनिकों ने टैकों के साथ आए तीन हजार दुश्मन सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। साल 1997 में रिलीज हुई फिल्म बॉर्डर में इस जीत को बखूबी फिल्माया गया, लेकिन इस युद्ध में कई अनजान पहलुओं का जिक्र नहीं है। ब्रिगेडियर चांदपुरी ने जबर्दस्‍त युद्ध रणनीति बनाई थी, इसके साथ ही उनका प्लान-बी बेहद अनोखा व जीवटता भरा था । + +भारत -पाक युद्ध- 1971 स्वर्णिम विजय वर्ष पर विशेष।कुलदीप सिंह चांदपुरी के बेटे हरदीप सिंह चांदपुरी बताते हैं कि उनके पिता ने हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी में अपने आखिरी संबोधन के दौरान युद्ध के दौरान बनाए गए प्‍लान बी के बारे में खुद खुलासा किया था। एक छात्र ने चांदपुरी से पूछा था कि इस मुश्किल समय में क्या आपके पास कोई दूसरा प्लान भी था। इसके जवाब में चांदपुरी ने बताया था कि हां मेरे पास प्लान-बी तैयार था।उन्होंने कहा, मैंने अपने जुराब में एक पिस्टल रखा था और सोचा था कि अगर हम हार भी जाते हैं तो मैं युद्धबंदी बिल्कुल नहीं बनूंगा। हरदीप ने बताया  कि पिता ने इससे पहले इस बात का कभी जिक्र नहीं किया था। उनकी यह बात सुनकर मैं सन्न रह गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..069206c1866ef9d8be4730fee58864192ca50a74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोई यूं ही सितारा नहीं बन जाता। बेल्जियम के खिलाफ जूनियर विश्व कप हाकी के क्वार्टर फाइनल में गोल दागने वाले शारदानंद की शून्य से शिखर तक की यात्रा कितनी कठिन रही है, इसकी अनुभूति उनके छोटे से आवास पर जाकर ही की सकती है। डीएम सर्वेंट क्वार्टर में रहने वाले शारदानंद का जूनियर टीम तक का सफर रील लाइफ की तरह जरूर लगता है, लेकिन असल जिंदगी की कहानी झकझोर देने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c81f8fd6b23b1dc2dbe872fd10a2f7f96bd081b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। अगहन अमावस्या शनिवार 4 दिसंबर को मनाई जाएगी। ये अमावस्या शनिवार को होने के कारण शनिचरी अमावस्या के रूप में मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा ने बताया कि इस दिन चतुर्ग्रही योग भी बनेगा। जिसमें सूर्य, चंद्र, बुध एवं केतु मंगल की राशि वृश्चिक में विराजमान रहेंगे। अमावस्या तिथि दोपहर 1:13 बजे तक रहेगी। इस दिन शनि पूजा से पितृ दोष, साढ़े साती, संतान हीन योग व राहु के दुष्परिणामों से छुटकारा मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4248cbf1fbaf9e0718263a898c08cb6c64cfdc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत सरकार ने इलाज के अभाव में किसी गरीब की मौत न हो। इसके लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना चला रखी है। जिसमें लाभार्थी बीमार होने पर पैनल में गठित किसी भी निजी अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का इलाज ले सकता है। योजना के तहत जिले में 52 हजार 512 परिवार के 2.72 लाख व्यक्ति चयनित हैं। जिनके गोल्डन कार्ड बनाकर योजना का लाभ दिलाने के निर्देश थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भारत सरकार की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए सीएचसी, पीएचसी और गांव-गांव कैंप लगाकर अभी तक 83 हजार लाभार्थियों के कार्ड बनवाकर 6, 519 मरीजों का इलाज करा चुका है। पिछले दिनों इसकी प्रदेश स्तर पर समीक्षा की गई तो पता चला क‍ि जिला मरीजों का इलाज कराने व गोल्डन कार्ड बनाने में मंडल में अव्वल है। जबकि प्रदेश में इलाज कराने में 11वीं रैंक और गोल्डन कार्ड बनाने में 21वीं रैंक प्राप्त की है। जबकि बिजनौर इलाज कराने में दूसरे, मुरादाबाद तीसरे, रामपुर चौथे और सम्भल सबसे पीछे हैं। जिला कोआर्डिनेटर विशेष कुमार ने बताया कि मंडल में जिला इलाज कराने व गोल्डन कार्ड बनाने में सबसे आगे हैं। सीएमओ डाॅ. संजय अग्रवाल ने कामयाबी पर टीम को बधाई दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..848ecdc765ffe32f5e32435c530dd752c33a4269 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना का सबसे तेज म्यूटेशन वाला वैरिएंट ओमिक्रोन भारत में पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 दिसंबर को कर्नाटक में दो ओमिक्रोन केस पाए जाने की पुष्टि की है। बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) पहले ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुका है। 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में पहला केस मिलने के बाद से एक हफ्ते के अंदर ही भारत, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस समेत दुनिया के 30 देशों में ओमिक्रोन के केस मिल चुके हैं। ओमिक्रोन से जुड़ी सभी अपडेट के लिए हमारे साथ जुड़े रहे...।INSACOG की सिफारिश, 40 से ऊपर वालों को दिया जाए वैक्सीन का बूस्टर डोज।देश के शीर्ष जीनोम वैज्ञानिकों ने 40 साल से ऊपर के लोगों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन के बूस्टर शॉट की सिफारिश की है। साथ ही वैज्ञानिकों ने उन लोगों को भी बूस्टर शॉट देने की बात की है, जो हाई रिस्क वाले और हाई एक्सपोजर वाले हैं INSACOG ने यह सिफारिश अपने साप्ताहिक बुलेटिन में की है। बता दें कि INSACOG कोरोना वायरस के जीनोम वैरिएशंस पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गईं लैब्स का एक नेटवर्क है। INSACOG ने अपने बुलेटिन में कहा है कि टीका ना लगवाने वाले लोग रिस्क में हैं, इनके टीकाकरण के साथ 40 साल के ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाना चाहिए। इनमें हाई रिस्क और ज्यादा खतरे में रह रहे लोगों को प्राथमिकता दी जा सकती है। विस्तृत खबर के लिए यहां क्लिक करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c7ebaf364cfd00837e14216c9519c7ec72de38c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोविड-19 के दौरान रेल यात्री थोड़ी बहुत लापरवाही भी कर रहे थे और रेल मैनेजमेंट्स को नजरअंदाज भी कर देती थी लेकिन इस महामारी से बचाव के लिए रेलवे ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के पहुंचने पर शारीरिक दूरी, सैनिटाइजर सिस्टम व मास्क लगाने का सख्त निर्देश और लापरवाही करने वाले यात्रियों को 500 से लेकर 3000 तक का जुर्माना के साथ कारावास की सजा भी होने का प्रावधान रखा गया है। वहीं नॉर्दन रेलवे ने कोहरे के नाम पर ट्रेनों का कैंसिलेशन शुरू कर दिया है। रेल सूत्र बताते हैं कि महामारी ओमिक्रोन को लेकर तकरीबन ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0bf8c04aa7f583c0118564d5a4f6011fdd0451d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64455.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हर तरफ भुखमरी का आलम था। तब उस वक्त बुनकरों ने अपने-अपने कारोबार को बंद कर के अगहन के महीने में जुमे के दिन ईदगाह में इकट्ठा होकर नमाज अदा कर अल्लाह ताला के बारगाह में दुआए मांगी थी। उसके बाद अल्लाह के रहमो-करम से बारिश हुई व देश में खुशहाली आई। बुनकरों के कारोबार भी चलने लगे व किसानों की खेती भी लहलहाने लगी। तब से इस परंपरा को बनारस में मनाया जाने लगा। यह नमाज तीन दिसंबर को पढ़ी जाएगी। + +इस पारंपरिक अगहनी जुमे की नमाज की परंपरा को यहां बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के सरदार के सदारत में निभाई जाती है।बाईसी तंजीम के सरदार एकरामुद्दीन साहब बताते हैं कि अगहनी जुमे की नमाज की इस ऐतिहासिक परंपरा को बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी की देखरेख में चौकाघाट मछली मंडी के पास स्थित ईदगाह में हर साल पढ़ाई जाती है। जब जब देश के अवाम के ऊपर ऊपर मुसीबते आती है तो बनारस के सारे बुनकर अगहन के महीने में अपने-अपने कारोबार को बंद कर ईदगाह में इकट्ठा होकर अगहनी जुमे की नमाज अदा करने हजारों-हजार की तादाद में लोग पहुंचते है और अपने-अपने कारोबार में बरक्कत व मुल्क की तरक्की के लिए दुआएं मांगते है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc9b9bcf3032298af6feb75124ac646e20bff8da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +होटल स्टाफ की होगी स्क्रीनिंग व सैंपलिंग।सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के चलते होटल संचालकों को दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे आदि देशों से आए पर्यटकों और होटल स्टाफ की सैंपलिंग व स्क्रीनिंग कराने को निर्देश जारी किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfe968bcd499a177b9a81dcee1dc6745901c2f43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई मौकों पर चोट खाते रहे।कांग्रेस ने 2012 में सुनील जाखड़ को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, लेकिन 2015 में पार्टी ने उनसे इस्तीफा लेकर चरणजीत सिंह चन्नी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया। हालांकि पार्टी के इस फैसले ने उस समय भी सभी को चौंकाया था। 2017 में कैप्टन अमरिंदर द्वारा मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद पार्टी ने जाखड़ को प्रदेश प्रधान बनाया था। जब नवजोत सिंह सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत शुरू की तो पार्टी ने जाखड़ का इस्तीफा लेकर सिद्धू को प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0c72d3654598e36d9faf5122cb7defe63981940 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64461.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकतंत्र और वंशवाद, दो सर्वथा विपरीत विचार हैं, लेकिन स्वतंत्र भारत में यह विरोधाभास खूब फला-फूला है। इस बीमारी की शुरुआत तभी हो गई थी जब मोतीलाल नेहरू बड़ी सूझबूझ से अपने बेटे जवाहरलाल नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने में सफल हो गए थे। ऐसा करके उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे संघर्षशील, सक्षम और समर्पित नेताओं को पछाड़ते हुए स्वाधीन भारत के भविष्य को अपने परिवार की मुट्ठी में कर लिया। स्वाधीनता प्राप्ति के बाद गांधी जी एक दल के रूप में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं चाहते थे, लेकिन ऐसा न हो सका और कांग्रेस ने स्वाधीनता संघर्ष की विरासत को हड़प लिया। पंडित नेहरू ने कांग्रेस को अपनी जागीर बना लिया। उन्होंने इस जागीरदारी को संस्थागत वैधता प्रदान करते हुए अपने जीवनकाल में ही अपनी इकलौती संतान इंदिरा गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया। उनके बाद इंदिरा, संजय, राजीव, सोनिया और राहुल एवं प्रियंका गांधी तक की यात्र कांग्रेस पूरी कर चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c69fa3d5a6cafb8471e0ce78bc3311735bbe853 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायु प्रदूषण की मुख्य वजह पराली और वाहनों का धुआं, टूटी सड़कों एवं निर्माण-विध्वंस कार्यों से उड़ने वाली धूल है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके पड़ने वाले दुष्प्रभाव को लेकर किसी राज्य ने कोई अध्ययन तक नहीं कराया है। इसी तरह यातायात जाम और ओवरलोड पार्किंग से किस तरह प्रदूषण बढ़ रहा है, इसे लेकर भी अब तक कोई अध्ययन नहीं हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c74ca06d5f64f2a6eb9da12480bfc30ba4809a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64465.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एक बार रजिस्ट्रेशन और डेटाबेस में सुरक्षित हो जाएगा डेटा : डीजी यात्रा सेवा प्रारंभ हो जाने से एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद टर्मिनल भवन में प्रवेश से लेकर विमान में बैठने तक यात्रियों की आईडी व टिकट आदि की जांच हाथ से नहीं की जाएगी। प्रवेश के समय गेट पर लगे टिकट स्कैनर के सामने टिकट रखा जाएगा, जिससे एयरलाइंस के डेटाबेस से मिलान करने के बाद यात्री को आगे चेहरे और आइरिस के जांच की अनुमति दी जाएगी। फेस स्कैनर और आइरिस स्कैनर से यात्री के चेहरे और आइरिस को स्कैन किया जाएगा। उसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के आनलाइन डेटाबेस से यात्री के डेटा जैसे चेहरे और आइरिस का मिलान होगा। सभी जानकारियां सही पाए जाने पर गेट आटोमैटिक ही खुल जाएगा और यात्री को अंदर प्रवेश मिल जाएगा। यदि डेटाबेस का मिलान करने में कोई त्रुटि पाई जाती है तो यात्री को प्रवेश नहीं मिल पायेगा। यह भी बता दें कि पहली बार डीजी यात्रा के माध्यम से यात्रा करने वाले यात्री को पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यह रजिस्ट्रेशन केवल एक बार होगा, उसके बाद कभी भी डीजी यात्रा सुविधा से जुड़े एयरपोर्ट से गुजरते समय यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे। + +प्रथम प्रवेश द्वार से भी मिलता रहेगा प्रवेश : यह सुविधा टर्मिनल भवन के द्वितीय प्रवेश द्वार से प्रारंभ की जाएगी। प्रथम प्रवेश द्वार पर यात्रियों को पहले के तरह ही प्रवेश दिया जाएगा। जो यात्री डीजी यात्रा के लिए कियॉस्क से रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे उनको इस प्रवेश द्वार से जांच करने के बाद अंदर प्रवेश दिया जाएगा। वर्तमान में अभी एक ही गेट पर यह सुविधा रहेगी लेकिन भविष्य में एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के दोनों गेटों पर मशीनें स्थापित कर दी जाएंगी। अधिकारियों नहीं अभी बताएगी जो यात्री इस सुविधा का लाभ नहीं लेना चाहेंगे।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5395a01db359f90a07bd4a6dfe07a233f138fd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64466.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक ट्वीट ने बुधवार को विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ चुके उत्तर प्रदेश की राजनीति में वे लहरें पैदा कर दीं, जो कुछ ही घंटों में तूफान बन गईं। केशव प्रसाद ने लिखा- 'अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है...।' साथ ही हैशटैग किया- 'जय श्री राम, जय शिव शंभू, जय श्री राधे-कृष्ण।' यह भारतीय जनता पार्टी के भगवा एजेंडे का संकेत माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मथुरा भी मुद्दा बन सकता है। + +अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है मथुरा की तैयारी है #जय_श्रीराम #जय_शिव_शम्भू #जय_श्री_राधे_कृष्ण।दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति ने भी करवट ली है। दशकों तक अयोध्या से पर्याप्त दूरी बनाए रहे और खुद को 'सेक्युलर' कहने वाले गैर भाजपाई दलों के नेताओं ने धीरे-धीरे हिंदुत्व की ओर भी सधे कदम रखे हैं। भाजपा पर भगवान राम के नाम पर राजनीति का आरोप लगाने के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव यदा-कदा भगवान कृष्ण को अपना आराध्य बताते रहे हैं। वह मथुरा, चित्रकूट सहित कई धर्मस्थलों पर गए, वहां से राजनीतिक कार्यक्रमों की भी शुरुआत की। + +इसी तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंदिर-मंदिर जाना शुरू किया और बसपा ने भी ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रबुद्धजन सम्मेलनों की शुरुआत अयोध्या से की। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी रामलला के दर्शन करने पहुंचे। अखिलेश के मुंह से निकला 'जिन्ना' और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'अब्बाजान' शब्द के साथ तंज चर्चा-चटखारों में रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c41ee8c6c8dd3ab2df99bdc80d28ba938f8c88b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महफिल में मिले पैसे दे देती थीं क्रांतिकारियों को: फुलगेंदवा न मारो, लगत करेजवा में चोट... जैसे गीत से मशहूर हुईं रसूलन बाई ने महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन से प्रेरित होकर गहने पहनना छोड़ दिया था। उन्होंने गहने तभी पहने, जब देश आजाद हो गया। अपने प्रण के मुताबिक रसूलन बाई ने देश के आजाद होने के बाद ही शादी भी की। बाद में रसूलन बाई को संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। बनारस की प्रसिद्ध गली दालमंडी में भी कभी कोठे हुआ करते थे। यहां से गूंजने वाली घुंघरुओं की झंकार ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था। उस दौर में राजेश्वरी बाई, जद्दन बाई से लेकर रसूलन बाई तक के कोठों पर सजने वाली महफिलें महज मनोरंजन का केंद्र ही नहीं होती थीं, बल्कि अंग्रेजों को देश से निकालने की रणनीति भी यहीं से तय होती थी। ठुमरी गायिका राजेश्वरी बाई तो हर महफिल में अंतिम बंदिश भारत कभी न बन सकेला गुलाम... गाना नहीं भूलती थीं। मशहूर अभिनेत्री नर्गिस दत्त की मां जद्दन बाई के दालमंडी कोठे पर भी आजादी के दीवानों का आना-जाना रहता था। अंग्रेजों ने कई बार उनके कोठे पर छापा मारा। प्रताडऩा से तंग आकर जद्दन बाई को दाल मंडी की गली तक छोडऩी पड़ी थी। इन सबके बावजूद महफिल से मिलने वाले पैसों को तवायफें चुपके से क्रांतिकारियों को दे दिया करती थीं। अमृतलाल नागर की किताब ये कोठेवालियां में तवायफों की जिंदगी के बारे में बहुत अच्छी तरह प्रकाश डाला गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64472.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a7a8973845e086db1e323c1e7ed7da92dce9300 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64472.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तकनीक और आवाज को हथियार बनाया:।जोशी ऐसे एप का प्रयोग करते हैं जो उनकी आवाज को सुनकर टाइप कर देते हैं। दाएं हाथ के अंगूठे में हल्की-सी चेतना है। उससे माउस को हिलाने, क्लिक करने सहित आनस्क्रीन कीबोर्ड पर काम करते हैं। वह केंद्र्र व राज्य सरकार को दिव्यांग संबंधी नीतियां बनाने के लिए सलाह भी देते हैं। अखबारों, पत्रिकाओं में अब तक 250 से अधिक शोध व लेख प्रकाशित हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..355aabc9abf496441e437f0cf474f37f1fc37682 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64473.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्व कप में गोल जमाने के बाद चर्चा में छाए शारदानंद के करियर की राह में पहाड़ सी चुनौतियां आईं, जिनको उन्होंने अपनी मेहनत, अनुशासन और घरवालों के समर्पण से दूर किया। पिता गंगा प्रसाद तिवारी जिलाधिकारी के स्कार्ट की गाड़ी चलाते हैं और वहीं परिसर में पीछे कर्मचारी आवास में परिवार सहित रहते भी हैं। गुरुवार को 'दैनिक जागरण' की टीम उनके घर पहुंची तो पिता गंगा प्रसाद तिवारी खुशी से रोने लगे और बोले, "बेटे ने जिंदगी भर की मेहनत सफल कर दी। मेरे बेटे ने बहुत मेहनत की है। हाकी खेलने के लिए पैसे नहीं थे तो रात में सहारागंज माल जाकर सामान की ढुलाई करता था।"।पिता ने बताया, "वहां काम नहीं मिलता तो किराना स्टोर में सामान की पैकिंग करता। रात भर में उसे दो-तीन सौ रुपये मिल जाते। इसके बाद सुबह उठकर हाकी का अभ्यास करने निकल जाता। सोने की फिक्र न खाने की। हमेशा कहता था बस हाकी खेलनी है। मैने भी उसे रोका नहीं। कक्षा छह से वह नेशनल कालेज मैदान जाने लगा था। एक दिन कोच ने बुलाया और कहा, बेटा बहुत अच्छी हाकी खेलता है। इसे रोकना नहीं। मैं होमगार्ड हूं, वेतन में मुश्किल से ही गुजारा होता है। बच्चे का मन रखने के लिए अपनी खुशियों को कुर्बान करता रहा। आज लग रहा है जिंदगी भर की मेहनत सफल हो गई।"।बेटा खेले इसके लिए उधार से घर चलाया।शारदानंद की मां रानी तिवारी का बेटे की बात करते-करते गला रुंध गया। बोलीं, पति की कमाई से काम नहीं चलता था। तीन बेटे हैं जिसमें शारदानंद दूसरे नंबर पर है। शारदा आगे बढ़े कुछ नाम करे, इसके लिए लोगों से उधार तक मांगना पड़ा। दिन भर अभ्यास करने के बाद रात को काम करने जाता था। एक मां के लिए यह सब बहुत मुश्किल था, लेकिन इसके अलावा कोई रास्ता भी नहीं था। भगवान ने हम लोगों की सुन ली और आज बच्चे ने नाम कर दिया। टीवी पर कल उसे गोल करते देखा तो अब तक के सारे दुख दर्द भूल गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23417b7a514663946ab1e2272447d31cca55f40f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64474.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उधर, गुपचुप तरीके से जिला प्रशासन उसकी कुंडली खंगाल रहा है। करीमुद्दीनपुर थानाक्षेत्र के गोपालपुर ग्रामसभा का एक छोटा सा पूरा अचानक सुर्खियों में आ गया जब लोगों को पता चला कि टेट पेपर लीक मामले में संजय उपाध्याय इसी गांव का रहने वाला है। संजय के घर का नाम दीपू है। उसके दादा रेलवे विभाग में स्टेशन अधीक्षक थे। पिता पांच भाई थे। इनमें बड़े भाई नर्वदेश्वर उपाध्याय आर्डिनेंश फैक्टरी में कर्मचारी तो दूसरे भुवनेश्वर उपाध्याय रेलवे में कोचिंग सुपरिटेंडेंट थे। तीसरे तारकेश्वर उपाध्याय रेलवे में चीफ कंट्रोलर और चौथे भाई राजेश उपाध्याय स्टेशन अधीक्षक थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec9278c85395d18892076f554d4db16a754d94c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64478.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की टर्म 1 की परीक्षा में समाजशास्त्र के पेपर में गुजरात दंगों से जुड़ा एक सवाल पूछा गया। जिसका ट्विटर पर कई लोगों ने विरोध किया। लोगों ने कहा कि सीबीएसई को ये विवादित सवाल छात्रों से नहीं पूछना चाहिए था। सवाल था कि साल 2002 में गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा किस सरकार के शासन के दौरान हुई। इसमें चार विकल्प दिए गए थे। पहला कांग्रेस, दूसरा बीजेपी, तीसरा डेमोक्रेटिक और चौथा रिपब्लिकन। + +शिक्षाविदों ने बताया कि ये सवाल एनसीईआरटी की 10वीं की समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक इंडियन सोसाइटी (भारतीय समाज) के अध्याय ‘सांस्कृतिक विविधता की चुनौतियां’ के तहत एक अनुच्छेद से लिया गया है। किताब की पेज संख्या 134 में ‘राष्ट्र-राज्य और धर्म से जुड़े मुद्दे और पहचान' विषय के अंतर्गत दिए गए एक अनुच्छेद में सांप्रदायिकता को विस्तार से बताया गया है। + +इसमें कहा गया है कि कोई भी क्षेत्र किसी न किसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा से पूरी तरह मुक्त नहीं रहा है। प्रत्येक धार्मिक समुदाय ने इस हिंसा का अधिक या कम मात्रा में सामना किया है, हालांकि आनुपातिक प्रभाव अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कहीं अधिक दर्दनाक है। ।इस अनुच्छेद में सांप्रदायिक हिंसा के दो समकालीन उदाहरण दिए गए हैं, जो दो प्रमुख राजनीतिक दलों के अधीन घटित हुए हैं। इसमें साल 1984 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगे और साल 2002 में गुजरात में भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए मुस्लिम विरोधी दंगे शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8637e5bce767eab4bfd7da5da6e0f83d5c741edb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन आतंकियों को ट्रेंड करने वाले आतंकियों की ट्रेनिंग पाकिस्तान के ठढ्डा स्थित फार्म हाउस में करवाई जा चुकी है। इन्हें आइई़डी और आरडीएक्स का इस्तेमाल करके बड़े विस्फोटों की जिम्मेवारी सौंपी गई है। पंजाब में पहुंचाए जा चुके आरडीएक्स में काफी मात्रा में आरडीएक्स की रिकवरी भी पुलिस व सुरक्षा एजेंसीज की सतर्कता से हो चुकी है, लेकिन अब भी कहां-कहां आरडीएक्स को छिपा कर रखा गया यह सुरक्षा एजेंसीज के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, अमृतसर व कपूरथला से बीते दिनों पुलिस द्वारा रिकवर किया गया आरडीएक्स उसी खेप का हिस्सा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08ed4cf5f069638e7a47af957fa622d4239d55d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं कैप्टन अमरिंदर की अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ होने वाली मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि, कैप्टन पहले ही कह चुके है कि उनके साथ कई अप्रत्याशित चेहरे व बड़े नेता भी चुनाव मैदान में दिखाए देंगे। उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि भाजपा और कैप्टन के बीच सीटों को लेकर भी सामंजस्य बन चुका है बस इंतजार आचार संहिता लागू होने को लेकर किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इसी माह के अंत तक चुनाव आयोग पंजाब में चुनाव की घोषणा कर सकता है। । कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को सियासी रूप से खारिज कर रही कांंग्रेस अंदर ही अंदर बेचैन     ।वहीं कांग्रेस भले ही कैप्टन को चला हुआ 'कारतूस' बता रही हो लेकिन उसकी चिंता भी यह है कि जिन विधायकों व उम्मीदवारों के टिकट कटेंगे वे कहीं कैप्टन की पार्टी से उम्मीदवार न बन जाएं। पिछले सोमवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्ट्रर (Manoharlal Khattar) से मुलाकात के बाद कहा था कि समय का इंतजार करें। सब कुछ ठीक चल रहा है। लोग बहुत उत्साहित हैं और हमारा सदस्यता अभियान भी अच्छा चल रहा है। इससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि 2022 में कैप्टन पूरी मजबूती के साथ कांग्रेस को चुनौती देते नजर आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d45d0005a5a6e6ab6e52ab72d1d6de601e2ad00d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64484.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। जिस रास्ते से संकट आता है उसी रास्ते से उसका समाधान भी आता है। बस हमें थोड़ा सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत होती है। झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले सतीश गत दो वर्षो से एक विकट संकट से जूझ रहे हैं लेकिन अथक प्रयास के बाद अब उन्हें इस संकट निकलने का रास्ता मिला है। उनकी 24 महीने की बिटिया एक बेहद दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जंग लड़ी रही है। इस बीमारी से निजात पाने के लिए उन्हें अमेरिका से 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मंगाना था। इंजेक्शन की कीमत सुनकर उनके होश उड़ गए। वह अपनी बिटिया को देखकर बस रोने का मजबूर थे। लेकिन भारतीय मजदूर संघ व कोल इंडिया की मदद से पैसों का इंतजाम कर दिया गया। सतीश कोल इंडिया कंपनी के कर्मचारी हैं। + +साढ़े छह करोड़ रुपये का कस्टम ड्यूटी भी होगी माफ ।इंजेक्शन के पैसे मिलने के बाद सतीश की एक और समस्या थी। दरअसल इंजेक्शन अमेरिका की कंपनी से मंगाना है। ऐसे में उसपर कस्टम ड्यूटी के साढ़े छह करोड़ रुपये और लगने हैं। डा. दीपेंद्र चाहर का कहना है कि इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मदद मांगी गई थी। उन्होंने पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है। इस सप्ताह के अंत तक इंजेक्शन आने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2df4a6c15d9255ea6715d0d806b5744a827b33e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64485.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंबाला। हरियाणा कैडर की तेजतर्रार आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा ने पुलिस सेवा को अलविदा कह दिया है। अब उनके बस गिरिधर गोपाल हैं, दूसरा न कोई। उन्‍होंने अपना शेष जीवन श्रीकृष्‍ण की भक्ति के लिए स‍मर्पित कर दिया है। श्रीकृष्‍ण की भक्ति के लिए अंबाला आइजी कार्यालय से रिलीव हो गई हैं। इस दाैरान पितांबर व भगवा वस्त्रों में उनके चेहरे पर मुस्कान थी। सरकारी सेवा से मुक्‍त होने के बाद वह  अंबाला से मथुरा-वृंदावन के लिए रवाना हो गईं। + +बोलीं- जीवन का लक्ष्य क्या है, ठाकुर जी की कृपा से समझ आया, इसलिए ली वीआरएस।अंबाला रेंज की आइजी रहीं भारती अरोड़ा का कहना है कि वह  गुरुनानक, चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास, तुलसीदास, मीराबाई तथा सूफी संतों की राह पर चलेंगी। 1998 बैच की आइपीएस भारती अरोड़ा का  कहना है कि शेष जीवन ठाकुर जी की भक्ति और सेवा में बीतेगा। राज्य सरकार ने आइपीएस अधिकारी के अनुरोध पर वीआरएस पर मुहर लगा दी थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यक्रम आयोजित कर उनके कार्यकाल की सराहना की और विदाई पार्टी दी। उनका कहना है कि ठाकुर जी की कृपा से समझ में आया कि जीवन का असली लक्ष्‍य क्‍या है और इसी कारण स्‍वैच्छिक सेवानिवृति (VRS) ली। ।     ।पीतांबर और भगवा कपड़ों में दिखीं तो पूछने पर कहा - मैं तो पहले भी ऐसे ही रहती थी।दैनिक जागरण के अंबाला के मुख्य संवाददाता दीपक बहल से बातचीत के दौरान भारती अरोड़ा ने बताया कि जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए ऐसा कदम उठाया है। अब समझ में आया कि जीवन का असली लक्ष्य क्या है। उन्होंने अपने करियर के अनुभव साझे किए और शेष जीवन के बारे में भी खुलकर बातचीत की। पीतांबर व भगवा वस्‍त्र के बारे में पूछने पर उन्‍होंने कहा कि मैं तो पहले भी ऐसी ही थी। पेश है उनसे बीतचीत के प्रमुख अंश- ।महकमे में चर्चाएं हैं कि राजनीति में कदम रखते हुए मथुरा की छाता विधानसभा से भी आप चुनाव लड़ सकती हैं?।-  नहीं, बिलकुल नहीं, नाम भी मत लेना। इसका कोई चांस ही नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9792bdbd039c29f7f2ba2c933df38d6e126d0fda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64488.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे जानेंगे आसपास क्या है: माइक्रोसाफ्ट का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित सीइंग एआइ एप उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो आसपास की चीजों को देख नहीं सकते हैं। इसे खासतौर पर लो-विजन वाले यूजर्स को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। यह आसपास के व्यक्ति, टेक्स्ट और चीजों के बारे में बताता है। इसमें जैसे ही कोई टेक्स्ट कैमरे के सामने आएगा, यह बोल कर उसके बारे में बताएगा। इसमें लोगों के चेहरे सेव कर सकते हैं, ताकि आप उन्हें पहचान सकें। इसी तरह का एक और एप गूगल ने भी पेश किया है। इसका नाम है लुकआउट बाय गूगल। यह कंप्यूटर विजन का इस्तेमाल करता है। इसकी मदद से लो-विजन वाले यूजर डिवाइस के कैमरे का इस्तेमाल कर तेजी से कोई कार्य कर सकते हैं। यह कई भाषाओं को सपोर्ट करता है। + +जो सुन नहीं सकते: जो व्यक्ति सुन नहीं सकते, उनके लिए ट्रांसेंस उपयोगी साफ्टवेयर है। इसकी मदद से सांकेतिक भाषा (साइन लैंग्वेज) या लिप-रीडिंग का उपयोग करके संवाद कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इसमें समूह बातचीत की सुविधा भी है। बातचीत के दौरान प्रत्येक प्रतिभागी के स्मार्टफोन के माइक्रोफोन का उपयोग करके एप उनकी बातों को पकड़ लेता है और फिर उसे रीयल-टाइम में टेक्स्ट में बदल देता है। प्रत्येक यूजर का अपना संबंधित टेक्स्ट बबल होता है, जो अलग-अलग कलर में होता है। ठीक वैसे ही जैसे आप एक नियमित ग्रुप चैट में पाते हैं। इतना ही नहीं, गूगल लाइव कैप्शनिंग भी एक अच्छा उपाय हो सकता है। इसमें वीडियो, पाडकास्ट या फोन पर वायस नोट्स के लिए रीयल टाइम में कैप्शन सपोर्ट की सुविधा मिलती है। लाइव कैप्शन फीचर आडियो को पहचान कर आटोमैटिकली फोन की स्क्रीन पर कैप्शन देने लगता है। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है। इसी तरह का एक और हैंड टाक ट्रांसलेटर एप है, जो आटोमेटिकली टेक्स्ट और आडियो को अमेरिकन साइन लैंग्वेज में बदल देता है। इसकी खास बात है कि यह टेक्स्ट और आडियो को एआइ की मदद से साइन लैंग्वेज में बदल देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f74e2193b40ec1635bcce644a9f1d44911299c75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64489.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खुला नया मोर्चा।दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने सात जिलाध्यक्ष क्या हटाए, पार्टी के खिलाफ एक और मोर्चा खुल गया है। दरअसल, हटाए जाने से ज्यादा इन जिलाध्यक्षों को यह बात खल रही है कि न उन्हें पहले विश्वास में लिया गया न बाद में ही किसी जिम्मेदारी से जोड़ा गया। आलम यह है कि सालों से संगठन की मजबूती के लिए काम कर रहे यह सातों जिलाध्यक्ष पूरी तरह से खुले छोड़ दिए गए हैं। अब कुछ पार्टी छोड़कर जाने पर विचार कर रहे हैं तो कुछ घर बैठ गए हैं। कई तो गुस्से में पार्टी विरोधी गतिविधियों को हवा देते हुए पार्टी हाइकमान को प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी के खिलाफ चिट्ठी भेजने और भिजवाने में लग गए हैं। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल की यह अपरिपक्वता अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बेहतर होता, अगर हटाए जाने वाले जिलाध्यक्षों को भी पहले साध लिया जाता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45448b5b33780790bf0498d8569251144d304c64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64490.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर [गौरव दीक्षित]। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर शहर में हुए दंगों को लेकर गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) ने पुन: विवेचना वाले 11 मामलों में अब तक 67 आरोपित चिह्नित किए हैं। एसआइटी ने शासन को इन नामों की सूची सौंप दी है। आदेश मिलते ही आरोपितों की गिरफ्तारी होगी। हालांकि, अफसरों का मानना है कि चिह्नित आरोपितों में से केवल 45 ही गिरफ्तारी लायक हैं। इसमें कुछ नामचीन लोग और जनप्रतिनिधि हैैं। बाकी लोगों की अधिक उम्र और गंभीर बीमारियों के चलते गिरफ्तारी मुश्किल होगी। + +एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट लगे 20 मुकदमों को अग्रिम विवेचना के लायक माना गया और जांच शुरू की गई, जिसमें से 11 की विवेचना पूरी हो गई है। इन मामलों में 146 दंगाई चिह्नित हुए, लेकिन इनमें से 79 की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में जीवित बचे दंगाइयों की संख्या 67 रह गई है। हालांकि, इनमें से भी 20-22 आरोपित ऐसे हैं, जिनकी आयु 75 वर्ष से ज्यादा है या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। गिरफ्तारी के सवाल पर उन्होंने बताया कि शासन को रिपोर्ट दी है। अनुमति मिलते ही बाकी बचे 45 आरोपितों की गिरफ्तारी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64493.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64493.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3884b3dde461252c7397f928a725e9fd7678057e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64493.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहना न होगा कि देश में ऐसी मानसिकता वाले भ्रष्टाचारियों का एक बड़ा तबका है, जो बैंकों से बड़े-बड़े कर्ज लेकर उन्हें डकारने की जुगत में लगा रहता है। इस मानसिकता को तभी बदला जा सकता है, जब देश में एक फूलप्रूफ नई कर्ज और निवेश संस्कृति स्थापित की जाए। कोई भी कर्ज किसी भी सूरत में न डूबे इसे लेकर हर तरह के नीतिगत एवं तकनीकगत उपाय सुनिश्चित किए जाएं। मजे की बात यह है कि देश में अभी माइक्रो फाइनेंस एवं स्व-सहायता समूहों द्वारा लिए जाने वाले कर्ज की अदायगी का आंकड़ा करीब सौ फीसद है तो फिर बड़े-बड़े उद्योगों द्वारा लिए जाने वाले कर्ज इस कदर असुरक्षित क्यों हैं? वास्तव में बैंकों का बढ़ता एनपीए देश की बैंकिंग व्यवस्था के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। जिसका समाधान एक व्यापक, पारदर्शी तथा स्वत: सुरक्षित जमानत के प्रविधानों के जरिये किया जा सकता है। -आइआरसी।[आर्थिक मामलों के जानकार]।बैंकों का बढ़ता एनपीए देश की बैंकिंग व्यवस्था के अस्तित्व के लिए है खतरा। प्रतीकात्मक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7379c64048302a7002f9e36d589e0f8a3c1b0cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। हाल के दशकों में चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धियों के बल पर यह भरोसा पैदा हुआ था कि इंसान का लंबी उम्र पाने का जो सपना सदियों से कायम रहा है, वह हकीकत बन सकता है, लेकिन कोविड महामारी के दो साल के इस सफर ने ‘दीर्घायु’ के आशीर्वाद को बेमानी कर दिया है। कुछ ऐसे अध्ययन हाल में सामने आए हैं, जो बताते हैं कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अब दुनिया में मनुष्यों की औसत आयु में सबसे बड़ी गिरावट आ गई है। ऐसे वक्त में जब दुनिया का सारा फोकस कोरोना वायरस से जूझने पर केंद्रित है, ऐसे अध्ययन मायूस करते हैं और जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) बढ़ाने की उन सारी कोशिशों पर सवाल खड़े करते हैं, जो अब तक जारी रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b77e1d8520a3f5ada8314c88301944d06eedf811 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64495.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय मिश्र। कर्ज लेना और देना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब यह सूदखोरी का जरिया बन जाता है तो इसका परिणाम दर्दनाक ही होता है। सूदखोर किसी को समस्या से निकालने के लिए नहीं, बल्कि अपने धन को दोगुना-तीन गुना करने के लिए कर्ज का धंधा चलाते हैं। लाभ कमाना उनका मकसद होता है इसलिए उनमें संवेदना का स्तर लगभग शून्य रहता है। यह हैरान करने वाली बात है कि अनेक कानूनी प्रविधान करने के बाद भी सूदखोरों का जाल पूरे देश में फैला है। उनका नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि अनेक क्षेत्रों में प्रशासनिक मशीनरी उन तक पहुंचने का साहस ही नहीं दिखा पाती। एक तरह से वे समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं। मध्य प्रदेश में सूदखोरों की गैंग शहर से लेकर गांव तक फैली हुई है। कई आदिवासी क्षेत्रों में तो वे इतने सशक्त हो चुके हैं कि बिना व्यापक अभियान चलाए उन्हें नियंत्रित करना मुश्किल है। राहत की बात है कि सूदखोरी का धंधा रोकने के लिए कानूनी प्रविधान करने वाली शिवराज सरकार अब सूदखोरों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने जा रही है। + +प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र हों या शहरी, साहूकारों द्वारा ब्याज पर ऋण देने की व्यवस्था लंबे समय से चली आ रही है। इसके लिए कानून में प्रविधान भी किए गए हैं कि पंजीकृत साहूकार ही ऋण देने का काम कर सकता है, लेकिन ऐसे साहूकारों की संख्या अंगुली पर गिनने लायक ही है। असली कारोबार तो गैर पंजीकृत सूदखोर ही कर रहे हैं, जो शासन के किसी भी नियम-कायदे को नहीं मानते। ऐसा भी नहीं है कि उन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई प्रविधान नहीं है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की लापरवाही उनके लिए खाद बन जाती है। शिकायत के बाद भी अक्सर अधिकारी आंखें मूंदे रहते हैं, जिसका लाभ सूदखोर उठाते हैं। यही वजह है कि भोपाल में सूदखोरी की वजह से हंसता-खेलता जोशी परिवार बर्बाद हो गया। सूदखोरों की गैंग से आतंकित होकर परिवार के पांच सदस्यों ने जहर पी लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। उनके सुसाइड नोट पढ़कर लगता है कि सूदखोरों के कारण वे लंबे समय से तनाव में जी रहे थे। उनकी लिखी यह पंक्ति ही पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है कि ‘रोज-रोज मरने से अच्छा है एक दिन मर जाएं।’ इस प्रकरण का दुखद पहलू यह है कि जोशी परिवार ने लगभग एक सप्ताह पूर्व पुलिस से गुहार लगाई थी कि उन्हें सूदखोरों का गिरोह चलाने वाली बबली प्रताड़ित कर रही है, लेकिन किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6481dfd7a402dc52089d77da3cf0d94547f736f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम हो या फिर एडीए व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। वायु प्रदूषण न बढ़े, इसके लिए इन तीन विभागों में प्रदूषण से निपटने का प्लान लागू है लेकिन यह प्लान कागजों में कैद है। रोड निर्माण हो या फिर अन्य कोई कार्य। नियमों का पालन नहीं किया जाता है। यही वजह है कि एक माह पूर्व शहर में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ गया। आगरा कई बार देश में नंबर वन रहा। प्रदूषण बढ़ने के बाद अफसरों को इसके नियंत्रण की याद आई। यह गैर बात है कि हर माह बैठकें होती हैं और अफसरों द्वारा नियमों के पालन को लेकर दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। इन सब के बाद भी अफसरों की कार्यशैली में सुधार नहीं आता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ce659460f7932b109fa6de2ea2f33a1dc5f9f60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गारमेंट्सःयह साल पिछले दो सालों से बंपर सेल वाला।पंजाब क्लाथ मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान एवं माल रोड स्थित निलीबार स्टोर के कंवलजीत सिंह सोनू के मुताबिक इस साल का कारोबार पिछले दो सालों की तुलना में बेहतर रहा है। बात 2018-19 के कारोबार से तुलना करें, तो इस साल कई सालों बाद बाजार में ऐसा उत्साह देखने को मिल रहा है। कोविड के कारण जितनी कम शादियां हुई थी। अब लोग उत्साह से शादियां कर रहे हैं और कारोबार तेज हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9e4ce73c8f9b1b1c6852e5498d7681d3b21423d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसएसपी ने सभी क्षेत्राधिकारियों और थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अपराधियों का पूरा डेटा तैयार किया जाए और थानावार सूची बनाकर उनके बारे में जानकारी हासिल की जाए। इस सूची की प्रत्येक सप्ताह उच्च अधिकारियों के स्तर से समीक्षा की जाएगी। वहीं जिन पुराने अपराधियों के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो पा रही है, उसके पीछे का कारण का भी पता लगाया जाएगा। जनपद में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए दिनरात अभियान चलाया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने जनपद के सभी थाना क्षेत्रों में पुराने अपराधियों की धरपकड़ करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान के तहत थाना प्रभारियों को एक फार्म भी उपलब्ध कराया गया है। प्रतिदिन होने वाली इस कार्रवाई की जानकारी सुबह वाट्सएप के माध्यम से समस्त अधिकारियों को देनी होगी। इस अभियान में जुआं,सट्टा,अवैध शराब के साथ ही अवैध शस्त्र को लेकर क्या कार्रवाई की गई है, इसकी जानकारी देनी होगी। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस प्रत्येक छोटे-मोटे अपराध को लेकर भी गंभीर हो गई है। इन अपराधियों पर कार्रवाई के साथ ही इनको संरक्षण देने वाले सरगनाओं के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करेगी। एएसपी अनिल कुमार यादव ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। हिस्ट्रीशीटराें के घर जाकर उनके बारे में जानकारी हासिल करने के साथ ही छोटे अपराधों में संलिप्त रहने वालों की सूची बनाकर उनकी निगरानी का कार्य किया जा रहा है। ।​​​​​यह भी पढ़ें :-।ज‍िंदा होने के बावजूद शवगृह में पड़ा रहा कर्मचारी, न‍िजी अस्‍पताल ने भेजी र‍िपोर्ट, कहा-नहीं चल रही थी नब्‍ज।Covid-19 Omicron Variant : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से नहीं घबराएं, इन बातों का ध्‍यान रख खुद को बनाएं सुरक्ष‍ित।मुरादाबाद में सपा कार्यकर्ताओं की बड़ी चूक, दुष्कर्म पीड़िता के बजाय पूर्व सांसद फूलन देवी को दे दी श्रद्धांजलि।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb3da455a188607a2efc6b8ece0d684bc596cf0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाऊजी बाऊजी @Neeraj_chopra1।हवा मै परनाम बाऊजी 🙏🏽।आजा कदे, तेरा जुखाम ठीक करावाँ 😂🤗#NeerajChopra #LaalRang pic.twitter.com/SVbwKL80XX।ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद रणदीप का एक पुराना इंटरव्यू भी वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी बायोपिक में अक्षय कुमार या रणदीप हुड्डा लीड रोल निभायें। अक्षय कुमार ने भी सोशल मीडिया के ज़रिए नीरज को बधाई दी थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dab8d2fe4ae69a0b8c48d663c72962ff0a07ecd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिसंबर से फरवरी के मध्य तो राजधानी दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में भी रिकार्डतोड़ सर्दी पड़ने का अनुमान तो है ही, नवंबर का महीना भी इस साल औसत से अधिक ठंडा रहा है। हैरत की बात यह कि बारिश की एक बूंद नहीं बरसी, लेकिन माह का औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान फिर भी सामान्य से कम दर्ज किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार नवंबर का औसत अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन यह दर्ज किया 0.4 डिग्री कम 27.8 डिग्री सेल्सियस। माह का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दो नवंबर को 31.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह नवंबर का औसत न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस है जबकि यह दर्ज किया गया 0.6 डिग्री कम 12.3 डिग्री सेल्सियस। माह का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान 24 नवंबर को 9.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बारिश के मामले में नवंबर ने निराश ही किया। माह की औसत बारिश का आंकड़ा है 5.6 मिमी, लेकिन एक बूंद भी नहीं बरसी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b164db89fce693372ed3ea555869204d2911c3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64517.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. मोनिका शर्मा। बीते दो साल से कोविड-19 के वैश्विक संकट से जूझ रही दुनिया अब तीसरी लहर के खतरे की आशंका से घिरती जा रही है। पहली और दूसरी लहर में भारत समेत दुनिया के कई देश दर्दनाक स्थितियां झेल चुके हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण की वापसी की यह आहट चेताने वाली है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया गया कोरोना का नया वैरिएंट ‘ओमिक्रोन’ फिर से जीवन सहेजने के मोर्चे पर मुश्किलें खड़ी करता दिख रहा है। + +चिंतनीय है कि बेहद खतरनाक बताए जा रहे नए वैरिएंट से संक्रमण तेजी से फैल सकता है। नतीजतन कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से फैल रहे संक्रमण की जानकारी सामने आने के बाद पूरी दुनिया में बचाव के इंतजामों पर मुस्तैदी दिखाई जा रही है। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग में कोविड के नए वैरिएंट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि कई देश अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर रोक भी लगा रहे हैं। नए मरीजों के सामने आने के बाद इजरायल ने सात अफ्रीकी देशों से आने-जाने पर रोक लगा दी है। वहीं ब्रिटेन ने भी छह अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर पाबंदियां लगाई हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सहित कई अन्य देश भी प्रतिबंध लगाने के कदम उठाने की सोच रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1611ffe065108a93bc9bf21a693ec8615c03ddb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार द्वारा 15 दिसंबर से इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू करने की घोषणा के बाद ताजनगरी के पर्यटन कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद जगी थी। पर्यटन कारोबारी फ्लाइट शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। विदेशी पर्यटकों ने जनवरी में आगरा यात्रा को जानकारी जुटाना शुरू कर दिया था। इस बीच ओमिक्रोन ने पर्यटन कारोबारियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। उन्हें विदेशी पर्यटकों के आगरा नहीं आने की चिंता सताने लगी है। ऐसे में शहर का पर्यटन कारोबार, भारतीय पर्यटकों के भरोसे नजर आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a35d5b09447b33354f883ec4308c3978d24901d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह अच्छा है कि ईशनिंदा कानून बनाने की मांग का मुस्लिम समाज के लोगों की ओर से भी विरोध शुरू हो गया है। जावेद अख्तर, शबाना आजमी के साथ नसीरुद्दीन शाह ने ईशनिंदा कानून बनाने की आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की मांग का कड़ा विरोध किया है, लेकिन ऐसे कानून की वकालत करने वाले भी आगे आ सकते हैं। एक समय पंजाब से इसी तरह की मांग उठी थी। 2018 में पंजाब विधानसभा ने ईशनिंदा पर पाकिस्तान जैसा कानून बनाने का एक प्रस्ताव पास किया था। शुक्र है कि इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने गौर नहीं किया। इस प्रस्ताव के अनुरूप कानून बनने का मतलब होगा भारत को पाकिस्तान के रास्ते पर ले जाने की कोशिश करना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49f563d4c376a2cff86fa5a1a4737c4680d1a54c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64522.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली, जसवंत ठाकुर। Himachal Pradesh Tourists Guideline, कुल्लू मनाली की वादियों में आ रहे हैं और बर्फीली वादियों में घूमने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो कुछ एक बातों का ध्यान रखें। हालांकि अभी मौसम साफ चल रहा है। लेकिन सुबह शाम सफर जोखिमभरा भी हो रहा है। लाहुल स्पीति प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एडवायजरी जारी की है। पुलिस ने धूप निकलने के बाद ही पर्यटकों को लाहुल स्पीति में वाहन चलाने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने भी एक दिसंबर से बर्फ़बारी की संभावना जताई है। अचानक होने वाली बर्फबारी पर्यटकों पर भारी पड़ती रही है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लाहुल स्पीति पुलिस ने घाटी में आने वाले पर्यटकों से प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी की जाने वाली एडवायजरी के पालन का आग्रह किया है। + +एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने कहा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार एक दिसंबर 2021 के बाद घाटी में बर्फबारी की संभावना है। तापमान बहुत कम हो रहा है, जिससे पानी का जमना शुरू हो गया है। सुबह जल्दी और देर शाम को यात्रा करने से बचें। यात्रा करना जोखिम भरा और घातक हो सकता है, इसलिए सभी को सलाह दी जाती है कि वे जिले में अनावश्यक रूप से यात्रा करने से बचें। वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे सड़क पर सभी सुरक्षित शीतकालीन ड्राइविंग नियमों का पालन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3ce2eff500370bc5b769829904b26f2c9a56d73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संतोष शर्मा, अलीगढ़ । देश को गुलामी की जंजीरों से आजादी दिलाने वालों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, जिन्होंने देश की खातिर अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया। आर्यन पेशवा राजा महेंद्र प्रताप सिंह का नाम उन्हीं में शामिल है। वे देश को आजादी दिलाने की खातिर परिवार से 32 साल दूर रहे। विदेश में रहने के दौरान जवान बेटे और पत्नी की मौत हो गई। राजा ने अफगानिस्तान में देश की पहली निर्वासित सरकार बनाई तो अंग्रेज तिलमिला गए। राजा को बेदखलकर उनकी रियासत को कब्जे में ले लिया। राजा ने शिक्षा के प्रसार के लिए वृंदावन में प्रेम महाविद्यालय की स्थापना की तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी को लीज पर जमीन देकर धर्मनिरपेक्षता का संदेश भी दिया। आज राजा महेंद्र प्रताप की 135वीं जयंती मनाई जा रही है। अच्छी बात ये भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर लोधा के पास राजकीय विश्वविद्यालय का निर्माण करा रही है। यूनिवर्सिटी को राजमहल की तरह ही भव्य रूप दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cac8642c9d3ec5d178ab33f0aa143b3b3f59935 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइडन ने चीन में हो रहे ओलंपिक्‍स खेलों का किया बहिष्‍कार ।अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने चीन के साथ चल रहे मतभेदों के मद्देनजर कहा है कि उनका देश इन खेल आयोजनों के राजनयिक बहिष्‍कार के बारे में सोच रहा है। बाइडन ने कहा है कि अमेरिका अपने खिलाड़‍ियों को तो चीन भेजेगा, लेक‍िन अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने पर विचार कर रहा है। यह उम्‍मीद की जा रही है कि अमेरिका के इस फैसले के साथ आस्‍ट्रेलिया, कनाडा और जर्मनी भी जा सकते हैं। अमेरिका के इस विरोध के बाद चीन ने भी इसके लिए राजनयिक प्रयास शुरू कर दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86da5f03513a08906df5bbb516c03235ca421a65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64527.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना [राधिका कपूर]। Punjab Street Food: औद्याेगिक नगरी में स्वाद की कोई कमी नहीं है। एक से एक नया स्वाद आसानी से उपलब्ध है। खैर जब स्वाद उपलब्ध है तो खाने के शौकीन भी आसानी से मिल जाते हैं। आज हम लुधियाना के माडल टाउन एक्सटेंशन पड़ते बाबा दीप सिंह गुरुद्वारे के बाहर खड़े एक रेहड़ी वाले के बारे बता रहे हैं जो पिछले काफी समय से बर्गर और सैंडविच तैयार कर रहे हैं। + +14 साल की उम्र से लगा रहे रेहड़ी।बाबा जी बर्गर वाला पिछले 14 सालों से बर्गर की रेहड़ी लगा रहे हैं। शुरूआत लुधियाना के चौड़ा बाजार से की थी, उसके कुछ साल बाद ही माडल टाउन मार्केट में रेहड़ी लगानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि वह वकील बनना चाहते थे लेकिन यह सपना उनका पूरा नहीं हो पाया। साल 2007 में पिता की मौत (पकौड़े का काम करने वाले) के बाद बर्गर की रेहड़ी लगाने का काम शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32860be89075d644886ad4d39f4af342c3ea7bef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [काशी मिश्रा]। श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारिडोर के लोकार्पण के पूर्व बाबा दरबार के स्‍वर्ण शिखर को पूरी तरह से भव्‍य बनाने की तैयारी की जा रही है। इस लिहाज से 29 और 30 नवंबर को बाबा दरबार आस्‍थावानों के लिए सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद रहा तो अब बुधवार को पूरी तरह से चौबीस घंटों के लिए बंद रहेगा। इस दौरान श्रद्धालुओं का बाबा दरबार परिक्षेत्र में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। काशी विश्‍वनाथ कारिडोर का पीएम नरेंद्र मोदी आगामी 13 दिसंबर को लोकार्पण करेंगे। इसके लिए कारिडोर परिक्षेत्र में साफ सफाई और साज सज्‍जा का दौर चल रहा है। ।वहीं सोमवार की ही तरह मंगलवार को भी सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बाबा दरबार में 12 घंटे तक प्रवेश बन्द रहा। अब बुधवार को बाबा विश्वनाथ मंदिर पूर्णतः बंद रहेगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर साफ- सफाई के चलते 12 घंटे श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा। कई दशक बाद बाबा के प्रमुख स्वर्ण शिखर की अब सफाई हो रही है। बाबा दरबार में आम दर्शनार्थियों के लिए मंगलवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक प्रवेश बन्द रहा। साफ -सफाई के दूसरे दिन भी आंशिक बन्दी के बाद मंदिर खुलने से पहले गोदौलिया द्वार (गेट न. 4) और ढुंढिराज द्वार पर भक्त कतार में खड़े द्वार खुलने की प्रतीक्षा करते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a90945cc547ae854fa11aae2dba225f07197324e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने सोशल मीडिया पर अपनी हालिया फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान एक बार फिर चर्चा में हैl उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी ग्लैमरस तस्वीरें शेयर की हैंl सुहाना खान अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी ग्लैमरस और खूबसूरत तस्वीरें शेयर करती हैंl वह जब भी वह सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें या वीडियो शेयर करती हैंl फैंस उनकी जमकर सराहना करते हैंl।बुधवार को सुहाना खान ने अपनी कई तस्वीरें शेयर की हैl फोटो में सुहाना खान को लाल कलर की ड्रेस पहने देखा जा सकता हैl उन्होंने अपने बाल बांध रखे हैंl इसके साथ उन्होंने सोने की इयररिंग और एक डेलिकेट चैन भी पहन रखी हैl तस्वीरों में सुहाना खान अपनी साइड प्रोफाइल दिखा रही हैंl सुहाना खान की यह तस्वीर इंस्टाग्राम पर काफी पसंद की जा रही हैl।तस्वीरें शेयर करते हुए सुहाना खान ने लिखा है, 'हूं?' इसपर उनके कई मित्रों ने भी सराहना की हैl इसमें भावना पांडे, महीप कपूर और शनाया कपूर जैसे लोग शामिल हैंl हाल ही में खबर आई थी कि सुहाना खान जल्द फरहान अख्तर की बहन जोया अख्तर की फिल्म के जरिए बॉलीवुड में डेब्यू करेंगीl इसके अलावा वह इंटरनेशनल कॉमिक बुक्स आर्चीस के इंडियन वर्जन में भी नजर आने वाली है जो कि ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगीl सुहाना खान एक्ट्रेस बनना चाहती हैंl इन दोनों वह अमेरिका में फिल्म मेकिंग की पढ़ाई कर रही हैl इसके अलावा उन्होंने शॉर्ट फिल्म में भी काम किया थाl।सुहाना खान की अदाएं काफी पसंद की जाती हैl फैंस उनकी झलक पाने के लिए बेचैन रहते हैl सुहाना खान की अदाएं किसी एक्ट्रेस से कम नहीं होतीl सुहाना खान के फैंस भी चाहते है कि वह जल्द फिल्मों में नजर आएl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6387fcc5a74e309a39382df311fd8ae666ce706d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [समीर दीक्षित]। कहते हैं कि लाेहे को लोहा ही काटता है, इस कहावत को दिमाग में बिठाकर डा. आंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी फार हैंडीकैप्ड (एआइटीएच) के छात्रों ने शोध किया तो गजब का वैक्टीरिया खोज निकाला है। इसकी जानकारी बायोटेक रिसर्च सोसाइटी आफ इंडिया को मिली तो वह भी हैरान रह गई और अब इस शोध को अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत करने की अनुमति दी है। इसमें सबसे खास यह है कि पेट्रो पदार्थ से उत्पन्न प्रदूषणकारी तत्वों को बैक्टीरिया ने समाप्त किया और शेष तत्व से केमिकल रहित डिटर्जेंट (बायोसर्फेक्टेंट)भी तैयार किया जा सकता है। ।एआइटीएच के छात्रों का शोध।पेट्रोलियम पदार्थ केवल वायु प्रदूषण में ही इजाफे का कारण नहीं बनते बल्कि जल और जमीन पर भी दुष्प्रभाव डालते हैं। शहर में वायु प्रदूषण की बढ़ती मात्रा के साथ ही मानक से अधिक दर्ज हो रहे पानी और मृदा प्रदूषण के आंकड़े इसकी पुष्टि भी कर रहे हैं। इस प्रदूषण को थामने के लिए डा. आंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी फार हैंडीकैप्ड (एआइटीएच) के छात्रों ने शोध में पर्यावरण मित्र बैक्टीरिया खोज निकाले हैं। ये पेट्रोलियम पदार्थों के प्रदूषणकारी तत्वों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं। भविष्य में इन बैक्टीरिया की मदद से पेट्रोलियम पदार्थ जनित प्रदूषण से निपटने की योजना तैयारी की जा सकती है। ।बायोटेक्नोलाजी की दो छात्राओं की खोज।बायो टेक्नोलाजी विभाग की ओर से किए गए शोध में बीटेक चतुर्थ वर्ष की छात्रा शैलजा तिवारी और सृष्टि बरनवाल शामिल रहीं। शोध को बायोटेक रिसर्च सोसाइटी आफ इंडिया की ओर से जल्द होने वाली अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया जाएगा। कुछ दिनों पहले सोसाइटी के पास जब इस शोध की जानकारी भेजी गई तो सोसाइटी ने इसे बेहद प्रभावी माना और कांफ्रेंस में प्रस्तुति के लिए स्वीकृति दे दी। ।पेट्रोल पंप और गैराज की मिट्टी में मिला बैक्टीरिया।एक कहावत है लोहा ही लोहे को काटता है, इसी सूत्र पर पेट्रोलियम पदार्थों के प्रदूषणकारी तत्वों को खत्म करने वाला बैक्टीरिया भी उसके पास पाया गया है। शैलजा ने बताया कि शोध के लिए जीटी रोड के किनारे एक पेट्रोल पंप व पास में बने गैराज के समीप से अलग-अलग मिट्टी के नमूने लिए गए। इन नमूनों से उन बैक्टीरिया को अलग किया गया, जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पेट्रोलियम पदार्थों के तत्वों को खत्म कर देते हैं। शोध में सामने आया कि जो तत्व बचे, उनसे कार्बन डाइ आक्साइड व एचटूओ निकली। कार्बन डाइ आक्साइड पूरी तरह से वातावरण में घुल गई। जो तत्व बचे थे, उनसे बाय प्रोडक्ट के रूप में बायोसर्फेक्टेंट भी तैयार हो गया, जिसका उपयोग केमिकल रहित डिटर्जेंट बनाने में हो सकता है। ।पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का उपयोग।शैलजा ने बताया कि इस शोध के दौरान पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का भी उपयोग किया। इससे यह परिणाम देखा गया कि अगर 50 मिली लीटर पेट्रोलियम पदार्थ मौजूद है तो क्या उससे 50 मिली लीटर बायोसर्फेक्टेंट भी बन सकता है? सामने आया है कि जितनी मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ है, उतनी मात्रा में बायोसर्फेक्टेंट बन जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bbb620cffa1c97213ff81c2ece2cba0198c08a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64538.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सेंटर फार साइंस एंड एन्वाययरमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी बताती हैं, इस सीजन में पराली जलाने की धीमी शुरुआत देखी गई । आमतौर पर नवंबर तक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम होने लगते हैं। लेकिन, इस बार अक्टूबर में यह मामले ज्यादा नहीं थे, जबकि नवंबर के पहले सप्ताह में बढ़ने लगे। + +हालांकि प्रदूषण का चरम मुख्य रूप से दिल्ली- एनसीआर में स्थानीय प्रदूषकों के कारण है। चौधरी के मुताबिक, ''वर्तमान में दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली के धुएं की हिस्सेदारी महज दो से छह प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि अब हम जो गंभीर प्रदूषण स्तर देख रहे हैं, वह दिल्ली के स्थानीय प्रदूषण का परिणाम है। इसलिए स्थानीय प्रदूषण स्त्रोतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। ।वहीं मौसम विभाग के पर्यावरण और अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने बताया कि पराली की आग के साथ इस माह स्थानीय मौसम भी प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल था। दिल्ली ने इस माह कई दिन देखे जब धीमी और शांत हवाएं दर्ज की गईं। सोनी ने कहा, ''जहां आमतौर पर नवंबर प्रदूषण के लिए एक बुरा माह होता है, वहीं इस बार हमने कई दिनों में धीमी और शांत हवाएं भी देखीं।'' “पूर्वानुमान कहता है कि मंगलवार को भी अधिक सुधार के आसार नहीं है। प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में ही रहने की संभावना है।''।नवंबर माह में दिल्ली का एयर इंडेक्स (एक से 29 तारीख)।एक नवंबर - 281।दो नवंबर - 303।तीन नवंबर - 314।चार नवंबर - 399।पांच नवंबर - 469।छह नवंबर - 437।सात नवंबर - 428।आठ नवंबर - 390।नौ नवंबर - 404।10 नवंबर - 372।11 नवंबर - 411।12 नवंबर - 471।13 नवंबर - 437।14 नवंबर - 330।15 नवंबर - 353।16 नवंबर - 403।17 नवंबर - 375।18 नवंबर - 347।19 नवंबर - 381।20 नवंबर - 374।21 नवंबर - 349।22 नवंबर - 311।23 नवंबर - 290।24 नवंबर - 361।25 नवंबर - 400।26 नवंबर - 406।27 नवंबर - 402।28 नवंबर - 405।29 नवंबर - 389 ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51c353b8a092a2eb9232ccf4e444f7b92085c48f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64541.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारतीय ज्ञान यह देखता है कि ये परिवर्तनशील और नश्वर संसार भले ही समय के द्वारा उत्पन्न संकटों के कारण बिखर जाता है, लेकिन जो सदैव स्थिर रहता है, वही धर्म है। वास्तव में, धर्म अडिग और स्थिर है, फिर भी यह परिवर्तन के नियमों को नियंत्रित करता है। यह नैतिक जीवन को मजबूत करता है और व्यक्ति को नैतिक आचरण की ओर मोड़ता है। इसलिए, धर्म जीवन के सभी पहलुओं में और विशेष रूप से हिंदू धर्म के पुरुषार्थ चतुष्टय में व्याप्त है। धर्म की दृढ़ता धर्म को पुष्ट करती है और अनुयायी का उद्धार भी करती है। भारतीय धर्म, पौराणिक कथाओं और दर्शन ने सभी तरह से एक ही चिंता व्यक्त की है कि दुनिया पीड़ित न हो इसके लिए धर्म स्थिर रहे। अधर्म या अनैतिक तरीके से हमें बचना चाहिए, क्योंकि यह सृष्टि को अपवित्र करता है। हमारे धर्म-धम्म दर्शन भी उसी ज्ञान को धारण करते हैं, जो ‘मुक्त’ करता है और अंतर्दृष्टि और ज्ञान उत्पन्न करता है, जिसमें मानव व्यथा को हल करने की क्षमता होती है। संकटों के दौरान इनका परीक्षण किया गया और युद्ध तथा विनाश के युग में लोगों को धर्म ने ही आश्वस्त किया। + +भौतिकवादी विकास, औद्योगिक उन्नति और पृथ्वी पर मानव विस्तार ने अन्य जीवों के आवासों को अस्त-व्यस्त कर दिया है, पारिस्थितिक संतुलन को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है और ओजोनोस्फीयर में छेद कर दिया है। यहां हमें अपने तौर-तरीकों को ठीक करने की जरूरत है। दूसरा दायित्व मानवजाति के प्रति हमें सद्भावना, शांति और करुणा भाव रखना है। हमें भारतीय पहचान को दर्शाने वाले सुसंस्कृत व्यवहार के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f31b1b43efe6c2c0558f545cf701e2c871f44add --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। पावर ग्रिड सबस्टेशन से अक्सर बिजली वितरण में शार्ट सर्किट की समस्या से आपूर्ति में बाधा आती है। इसका निदान आइआइटी कानपुर निकाल लिया और एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे शार्ट सर्किट से बचा जा सकेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के विशेषज्ञों ने पावर ग्रिड को शार्ट सर्किट से बचाने के लिए स्मार्ट तकनीकी विकसित की है। यह तकनीकी स्वचालित रूप से करंट को समानांतर शंट में बदल देगी या फिर धारा प्रवाह में उच्च प्रतिरोध विकसित करके धारा की तरंगों को सीमित कर देगी। इसका प्रोटोटाइप जल्द ही बिजली कंपनियों में शामिल किया जा सकता है, फिलहाल इसकी लागत आठ करोड़ रुपये आंकी गई है। ।अक्सर पावर ग्रिड जैसे बिजली वितरण नेटवर्क में शार्ट-सर्किट की स्थिति उत्पन्न होती है, क्योंकि इससे भारी करंट का प्रवाह होता है। शार्ट सर्किट से पावर ग्रिड को नुकसान होता है। न केवल बिजली की आपूर्ति में बाधा होती है, साथ ही बड़ा आर्थिक नुकसान भी होता है। आइआइटी के प्रो. सत्यजीत बनर्जी व उनकी टीम की ओर से विकसित नई तकनीकी में सुपरकंडक्टर का प्रयोग किया गया है। सुपरकंडक्टिंग फाल्ट करंट लिमिटर (एससीएफएल) में एक सर्किट होता है, जिसमें एक सुपरकंडक्टर के चारों ओर वितरित हाल सेंसर की सारणी होती है। यह तकनीक क्रिटिकल करंट तक की धाराओं को शून्य प्रतिरोध प्रदान करती है। ।एससीएफएल का आपरेटिंग सिद्धांत यह है कि जब फाल्ट करंट सुपरकंडक्टर के क्रिटिकल करंट से अधिक हो जाता है, तो प्रतिरोध अधिक हो जाता है। इससे फाल्ट करंट कम हो जाता है और जब फाल्ट करंट क्रिटिकल करंट से नीचे हो जाता है तो सामान्य शून्य प्रतिरोध मोड ग्रिड के आपरेशन को दोबारा शुरू करता है। पश्चिम में कंपनियां पहले से सुपरकंडक्टिंग फाल्ट करंट लिमिटर्स तकनीक में निवेश कर रही हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक एक एससीएफएल की अनुमानित लागत आठ करोड़ रुपये है। प्रोटोटाइप को किसी भी बड़े बिजली क्षेत्र की कंपनियों में शामिल किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a50a8380d8c7acf6dc96f05db0427d8a327b6ea8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया भर के वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस का नया ओमिक्रोन वैरिएंट कितना संक्रामक और घातक है। लेकिन इसकी उत्पत्ति की जगह दक्षिण अफ्रीका से राहत की खबर आ रही है। ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डाक्टर की मानें तो इसका संक्रमण बहुत ही ज्यादा माइल्ड है। इससे संक्रमित किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। यही नहीं, किसी भी मरीज का न तो आक्सीजन का स्तर कम हुआ है और न ही सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcb14a4b8950134b9ac12ac589982e06b629078f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले हफ्ते मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा कांग्रेस के 18 में से 11 विधायकों को लेकर तृणमूल में शामिल हो गए। अगले चुनाव में अगर तृणमूल सरकार बना लेगी तो इस सूची में और राज्य जुड़ जाएंगे। पूवरेत्तर भारत के सबसे बड़े राज्य असम के हिमंता बिस्वा सरमा हों या फिर आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी और तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव, सभी कांग्रेस से निकले और हिमंता बिस्वा सरमा को छोड़कर शेष दोनों अपनी क्षेत्रीय पार्टी बनाकर सत्ता में आए। ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस की जड़ता से तंग आकर वर्ष 1998 में तृणमूल कांग्रेस का गठन किया और दो दशक में वह इस स्थिति में पहुंच गई हैं कि अपनी मूल पार्टी की छत्रछाया को स्वीकार करने के बजाय अब खुद विपक्ष का नेतृत्व करने की तैयारी कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84f4316aabbf59f5ad00268c72290ec8a006042a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64554.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Vaccine For Omicron Variant: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रान के खिलाफ दुनिया में वैक्‍सीन बनाने वाली दिग्‍गज कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा इस वैरिएंट को ‘वैरिएंट आफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखे जाने के साथ वैक्‍सीन निर्माता कंपनियों ने एक नई वैक्‍सीन पर काम करना शुरू कर दिया है। इससे इस संकट से उबरने की एक नई उम्‍मीद जगी है। आइए जानते हैं कि दुनिया में वैक्‍सीन निर्माता कंपनियों ने वैक्‍सीन विकास को लेकर क्‍या कहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dda655c63499cae8542403c91764d3628b91519c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64555.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Covid-19 Omicron Variant : एक बार फ‍िर से कोरोना के नए वेरिएंट से लोग दहशत में आ गए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य महकमे की ओर से बचाव के इंतजाम भी शुरू कर द‍िए गए हैं। इसके अलावा सैंपलिंग भी ज्‍यादा कर दी गई है। इन सबके बीच कोरोना के नए वेरिएंट के प्रभाव को लेकर कई सवाल पैदा हो रहे हैं, इनमें से कई के जवाब अभी नहीं म‍िल पाए हैं। दूसरी लहर में संक्रम‍ित हो चुके लोग भी एहत‍ियातन च‍िक‍ित्‍सकों से कई सवाल पूछ रहे हैं। डॉक्‍टर लोगों को दहशत में आने के बजाय ज्‍यादा सचेत रहने की सलाह दे रहे हैं।  ।सिद्ध अस्‍पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराग मेहरोत्रा का कहना है क‍ि कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर अभी ज्‍यादा घबराने की जरूरत नहीं है, हालांक‍ि लोगों को पहले से ज्‍यादा सचेत रहना होगा। ज‍िस तरह से पहली और दूसरी लहर में सभी ने कोव‍िड-19 गाइड लाइन का पालन क‍िया, घर में भी मास्‍क लगाकर रखा, शारीरिक दूरी का भी ध्‍यान रखा, उसी तरह से इस बार भी करना होगा। सावधानी बरतने के ल‍िए संक्रमण फैलने का इंतजार करने के बजाय अभी से सचेत हो जाना चाह‍िए। नए वेरिएंट के प्रभाव पर च‍िक‍ित्‍सक का कहना है क‍ि अभी इसे लेकर कुछ कहना जल्‍दबाजी होगा। हां, सभी लोग स्‍वास्‍थ्‍य पर पूरा ध्‍यान दें, प्रत‍िरोधक क्षमता का व‍िकास करें, हेल्‍दी खाना खाएं, रोजाना एक घंटे व्‍यायाम भी करें। + +स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग अलर्ट : नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। हालांकि दूसरी लहर के बाद से ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत कर लिया गया था, इससे किसी मरीज को दुश्वारी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिला महिला अस्पताल की 100 बेड की बिल्डिंग में सेंट्रल आक्सीजन लाइन बिछने के साथ ही आक्सीजन कैप्सूल, 1000 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन की उपलब्धता का पुरुष अस्पताल में प्लांट शुरू हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e889fca4d5aea07b0156318f5b553496b04900cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64563.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरएस देशपांडे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में सालभर से कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के कारण अंतत: लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बनाए गए कृषि कानून वापस ले लिए गए। प्रधानमंत्री को उनकी मांगों को मानते हुए कानूनों की वापसी का एलान करना पड़ा। कुछ मुट्ठीभर लोगों के कारण 12.6 करोड़ छोटे एवं हाशिए पर जी रहे किसानों को सुधारों से वंचित होना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..042a7c567b6d550317e9576a514d44e377fd3010 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे सिर्फ धान और गेहूं की खेती करने वाले किसान अन्य फसलें बोने लगेंगे तो कृषि क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधारों को गति मिलेगी। बिगड़ चुका क्राप पैटर्न दुरुस्त होगा। परिवर्तन होने चाहिए जिससे भारत का 80 फीसदी किसान जो छोटा और मंझोला है और जिसे एमएसपी जैसी सुविधा का कभी भी लाभ नहीं मिल पाता उसे भी फायदा हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55bfff2e4fda386ff796d58bbd66a88c8db6a1d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64566.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकाइन की उम्र केवल 12 साल है और इसमें निवेश करने वाले भारतीय निवेशकों की औसत उम्र 24 साल। आज क्रिप्टोकरेंसी का बाजार मूल्य 2.7 लाख करोड़ डालर है। यदि भारत की अर्थव्यवस्था से इसकी तुलना करें तो हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी 2.9 लाख करोड़ डालर के बराबर ही है। पिछले कुछ समय से क्रिप्टो की कीमतों में उछाल और बढ़ते निवेश को देखते हुए सरकार बार-बार चेतावनी दे रही थी कि युवा क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों के जाल में न फंसें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतांत्रिक देशों से अपील की कि वे क्रिप्टो नियमन को साथ लाएं। अन्यथा यह युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा सकती है। आखिर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत सहित दुनियाभर की सरकारों की मुश्किलें क्या हैं?।क्रिप्टो मुद्रा बिटकाइन ने पिछले पांच वर्षो में दुनिया में अमीरों का एक नया वर्ग पैदा किया है, अगले दशक में यह संख्या और ज्यादा होगी। बिटकाइन की कीमतों में इस दौरान तेजी से उछाल आया है। इसने युवाओं में नई मियामी संस्कृति को जन्म दिया है। वे क्रिप्टो से कमाते हैं और बिंदास अंदाज में खर्च करते हैं। बिटकाइन इस अवधारणा को भी मजबूत कर रहा है कि फिएट करेंसी (किसी देश की सरकार द्वारा लीगल टेंडर के रूप में जारी नोट या सिक्का) की जगह यह डीसेंट्रलाइज्ड करेंसी अधिक श्रेष्ठ है। उल्लेखनीय है कि दुनियाभर की कागजी मुद्राओं में डालर, यूरो या रुपया इन सभी के साथ अवमूल्यन का खतरा साथ जुड़ा है। कोविड काल में तो अमेरिका सहित कई अन्य देशों की सरकारों ने जिस तरह मुद्रा की छपाई की है, इसने अवमूल्यन के खतरे को और बढ़ा दिया है। वहीं किसी भी देश की सीमा की परिधि से दूर बिटकाइन की कीमतों ने जीरो से लेकर 60 हजार डालर तक के मूल्य को छुआ है। हर गिरावट में नए निवेशकों के डूबने का खतरा तो दिखा है, लेकिन बिटकाइन हर बार और मजबूत होकर उभरा है, तो उसके लिए पैदा हुआ विश्वास भी। यही वजह है कि दुनिया के कई देशों के फंड हाउस तेजी से इसमें निवेश को कदम उठा रहे हैं। + +डिजिटल कमोडिटी एक्सचेंज : सरकार को प्रतिबंध की जगह क्रिप्टोकरेंसी के लिए डिजिटल कमोडिटी एक्सचेंज के नियम बनाने चाहिए। ये एक्सचेंज मेटल और शेयर बाजार की तरह ही काम कर सकते हैं। यदि सरकार केवल यह मानती है कि क्रिप्टो का निवेश सुरक्षित नहीं है तो, गलत है। यदि सुरक्षित माने जाने वाले भारतीय शेयर बाजार को देखें तो इसमें भी नियमन कानून में लगातार बदलाव के बाद भी निवेश सुरक्षित नहीं है। हाल में ‘थ्रीआइ इन्फोटेक’ का शेयर इसका बड़ा उदाहरण है। अगस्त 2020 में कंपनी के एक रुपये वाले शेयर की कीमत 8.65 रुपये पर थी, तब इसे डीलिस्ट कर दिया गया। अक्टूबर में कंपनी ने 10 शेयरों को मर्ज कर दोबारा लिस्टिंग कराई तो, यह 31 रुपये थी। पूरी प्रक्रिया में हर शेयर धारक की कीमत दो तिहाई साफ हो गई। आखिर एनएसई के कौन से नियम के तहत ऐसी अनुमति है, यह शेयर बाजार के विशेषज्ञ अनिल सिंघवी भी नहीं जानते। वैसे यह दर्द अकेला नहीं है। इस लिस्टिंग के बाद ‘थ्रीआइ’ के शेयरों में लगातार कई अपर सर्किट से कीमत फिर पुरानी कीमत से ऊपर पहुंच गई, परंतु ऐसी हालत में खुदरा निवेशकों को शेयर मिलते ही नहीं है। यह अकेला ऐसा मामला भी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cc3370ac18e7625190a56b852d3ad926f559fbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64567.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता । इंजीनियरिंग और टेक्नोलाजी की दुनिया में लगातार बदलाव हो रहे हैं। नए-नए उतार-चढ़ाव सामने आ रहे हैं, कामकाज का तौर तरीका बदल रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलाजी जैसे क्षेत्रों तक में करियर के नए रास्ते खुल रहे हैं। ऐसे में टेक्नोलाजी की इस लगातार बदलती दुनिया में सही करियर कैसे चुनें? इंजीनियरिंग और टेक्नोलाजी में लगातार बदलते कार्यक्षेत्रों के बीच कैसे नए आयामों तक पहुंचें? करियर के सही विकल्प चुन कैसे सफलता पाएं? ऐसे सवालों के जवाब अगर सही समय पर मिल जाएं तो करियर की राह कुछ आसान जरूर हो जाती है। करियर को लेकर रास्ते एकदम साफ नजर आने लगते हैं। इसीलिए अमृता विश्वविद्यापीठम के स्कूल आफ इंजीनियरिंग की ओर से दैनिक जागरण लेकर आया है करियर पाथवे सेमिनार। जिसमें टेक्नोलाजी एंड करियर बियान्ड-2025 विषय पर विशेषज्ञ प्रतिभागियों को अहम जानकारियां देंगे। आज से लक्ष्मीबाई मार्ग मैरिस रोड चौराहा स्थित सौभाग्य मंडप में दो दिन के इस सेमिनार की शुरुआत होगी। + +ऐसे बनें सेमिनार का हिस्सा।दैनिक जागरण करियर पाथवे सेमिनार में शामिल होने के लिए छात्र-छात्राओं को किसी भी तरह का प्रवेश शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। भविष्य से जुड़े शंकाओं का निवारण करने के लिए इस सेमिनार में उनका प्रवेश मुफ्त रखा गया है। जिसमें ज्ञानवर्धन के लिए 10वीं, 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राएं शामिल हो सकते हैं। शामिल होने वाले छात्रों को सेमिनार स्थल पर एजुकेशनल किट एवं पेन ड्राइव का वितरण भी किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84ee7eadf1d0d12311e0c77f2cfe1ee1e8a43e70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहां से आते हैं पक्षी।हिमालय, मलेशिया, साइबेरिया, रूस, यूरोपियन देशों से पक्षी आते हैं। इन दिनों हिमालय और यूरोपीय देशों से पक्षी चंबल सेंचुरी पहुंच चुके हैं। इन देशों में बर्फ पड़ने से पक्षियों के सामने प्रजनन व खाने-पीने की समस्या आती है। जिसके कारण वे चंबल क्षेत्र में आ जाते हैं। यहां भोजन-पानी के साथ प्रजनन की अनुकूलता होती है। साइबेरियन पक्षी के अलावा रूडी शेलडक, पेंटेड स्टार्क, विसलिंग टील, ब्लैक आइबिस, बार हेडेड गीज, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, पेलेसिस गल, टेल टिंगो, कार्बोनेट आदि पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। ये पक्षी दिसंबर शुरू होते-होते हजारों की संख्या में नदी किनारे डेरा जमा लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..992983830d906c2a2250552c81dac3f1e231ca72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64570.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इस साल दिल्ली में नवंबर का महीना पिछले पांच सालों में सर्वाधिक प्रदूषित रहा है। 2016 से लेकर अब तक इस माह में गंभीर श्रेणी की हवा वाले सर्वाधिक दिन दर्ज किए गए हैं। रविवार तक माह के 28 दिनों में से एक भी दिन दिल्ली वासियों को अच्छी, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी की हवा नहीं मिली। शेष बचे अगले दो दिनों में भी दिल्ली की हवा गंभीर या बहुत खराब श्रेणी में ही रहने वाली है। + +सेंटर फार साइंस एंड एन्वाययरमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी कहती हैं, इस सीजन में पराली जलाने की धीमी शुरुआत देखी। आमतौर पर नवंबर तक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम होने लगते हैं। लेकिन इस बार अक्टूबर में यह मामले ज्यादा नहीं थे, लेकिन नवंबर के पहले सप्ताह में बढ़ने लगे। हालांकि प्रदूषण का चरम मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर में स्थानीय प्रदूषकों के कारण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e881bedcb3f86b88296b32a90dd88373033ed39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64571.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है?। -इसको शुरू करने का हमारा उद्देश्य दिल्ली के बच्चों में उद्यमिता की भावना विकसित करना है, ताकि वे नौकरी मांगनने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें। या नौकरी करें भी तो वो नौकरियों की लाइन में न लगे हों बल्कि उन्हें नौकरी देने के लिए कंपनियां लाइन में लगी हों। मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल का लक्ष्य है कि 2047 तक दिल्ली की प्रतिव्यक्ति आय सिंगापुर के बराबर हो। इस दिशा में बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम नींव का पत्थर साबित होगा। + +छात्रों के ज्यादातर आइडिया किस तरीके के हैं?। -छात्र जिन बिजनेस आइडिया पर काम कर रहे हैं वे काफी विस्तृत हैं। इसमें आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से सर्विस प्रोवाइड करना, इलेक्ट्रानिक्स, आर्ट एंड क्राफ्ट, कस्टमाइज्ड व पर्सनलाइज्ड चीजें, सेफ्टी इक्विपमेंट्स क्लोथिंग, ब्यूटी उत्पाद, बेकरी उत्पाद, खाद्य उत्पाद सहित रोजमर्रा की जिंदगी से जुडीं अनके चीजें शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1eb32906dd50267adc14a212f3186fd094c75aa8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेहा शर्मा, मोगा। पेट पालने के लिए गली-गली गाने वाली बंजारन परिवार की बेटी नीलू 24 साल पहले स्टेज पर गा रहे 15 साल के छैल छबीले गुरनाम सिंह उर्फ गामा फकीर की सुरीली आवाज पर फिदा हो गई। वह उसे अपना दिल दे बैठी। स्टेज सिंगर भी गली-गली में गाने वाली बंजारन से मिला तो उसे ना नहीं कह सका। परिवार के तमाम विरोध के बावजूद दोनों ने 21 साल पहले शादी रचाई। आज ये जोड़ी गामा फकीर व नीलू बेगम की गायक जोड़ी के रूप में पंजाब में मशहूर हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3d1d91f21c968466ca67e176a0e00e2de831f7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64574.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हाल ही में 38 बीआरटीएफ कमांडर का कार्यभार संभाले कर्नल शबरिश वाचली ने कहा अटल टनल सभी के लिए बरदान साबित हो रही है। बीआरओ सर्दियों में लाहुल घाटी की सड़कों को बहाल रखने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि एवलांच से निपटने को रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) की मदद ली जाएगी और यातायात को सुचारु रखने के प्रयास किए जाएंगे। + +तकनीकी शिक्षा मंत्री डाक्टर रामलाल मार्कंडेय ने कहा प्रदेश सरकार सर्दियों में भी लाहुल घाटी की सभी सड़कों को बहाल रखने के प्रयास करेगी। इस सबंध में बीआरओ सहित लोक निर्माण विभाग से मिलकर रणनीति बनाई जा रही है। लाहुल घाटी में मनाए जाने वाले स्नो फेस्टिवल को पर्यटन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33afa78e9cdb573da1085ac6665a562f4005b9ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64578.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राहुल चौहान]। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रोन को लेकर एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने आशंका व्यक्त की है कि इस स्वरूप के स्पाइक एरिया में 30 से ज्यादा म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) के कारण टीके का प्रभाव भी कम हो सकता है। गुलेरिया ने कहा कि इस स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन एरिया में 30 से भी ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं, जिसके चलते यह टीके को भी चकमा दे सकता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश टीके स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबाडी बनाकर काम करते हैं। इसलिए स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में इतने सारे परिवर्तन से कोरोनारोधी टीकों का प्रभाव कम हो सकता है। + +भविष्य सुरक्षित रखने के लिए बारीकी से रखी जा रही वायरस पर नजर ।उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके प्रसार, तीव्रता और प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ाने के लिए क्या सामने आता है। वहीं, अधिकारियों कहना है कि भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया इनसाकोग कोरोना वायरस के नए स्वरूप (बी.1.1.1.529) पर बारीकी से नज़र रख रहा है। साथ ही देश में अभी तक इसकी उपस्थिति की पुष्टि नहीं हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..147bd6a4ae3abd30c0c704d24ec22436ea5ce015 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64579.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनिया का चौथा व एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा जेवर ।उत्‍तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में बनने वाले जेवर एयरपोर्ट क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा। इसके साथ यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। एशिया में सबसे बड़ा एयरपोर्ट किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यह सऊदी अरब में स्थित है। फहद एयरपोर्ट एशिया का ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। इसका कुल क्षेत्रफल 77,66 हेक्‍टेयर है। दुनिया में अभी चौथे नंबर पर अमेरिका का आरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इसका क्षेत्रफल 53,83 हेक्‍टेयर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64580.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64d4ef669d5ff87ffeb2dc7e3526e25c7400d1fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64580.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। लकवा मरीजों की परेशानी थोड़ी कम हो सकेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मिलकर उनके बेहतर रिहैबिलिटेशन के लिए रोबोटिक एक्सोस्केलेटन थेरेपी पर काम कर रहे हैं। दोनों संस्थानों के विशेषज्ञों ने मिलकर स्वदेशी उपकरण 'रोबोटिक ग्लव' तैयार किया है। अब तक हुए दो क्लीनिकल ट्रायल बेहतर भविष्य की उम्मीद जगा रहे हैं। यह उपकरण मरीजों के मस्तिष्क को स्टीमुलेट कर (स्फूर्त कर) उनकी कलाई और अंगुलियों में जान फूंकने में मददगार पाया गया है। + +आइआइटी के सेंटर फार बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रो. अमित मेहंदीरत्ता बताते हैं कि लकवा के मरीजों की फिजियोथेरेपी के दौरान कलाई और अंगुलियों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। ऐसे में यदि कंधे और कोहनी ठीक भी हो जाएं तो मरीज दैनिक कार्य नहीं कर पाता, क्योंकि अंगुलियां और कलाई ठीक से काम नहीं करती। + +दरअसल जब मरीज को यह पहना दिया जाएगा तो एक बल्ब जलने के बाद मरीज को हाथ की अंगुलियों को इधर-उधर हिलाने का संकेत मिलेगा। मरीज का दिमाग इसे समझकर इलेक्ट्रिक सिग्नल उपकरण को भेजेगा जिसके बाद इसमें गति उत्पन्न होगी। हालांकि यह गति बिना मरीज की दृढ़ इच्छाशक्ति के संभव नहीं होगी। इसके इस्तेमाल से कलाई और अंगुलियों की अकडऩ तो दूर होगी ही, यह प्रक्रिया धीरे-धीरे मस्तिष्क भी सीख जाएगा। लंबे प्रयोग के बाद डिवाइस हटाने पर भी जब मरीज अंगुलियों को हिलाने की कोशिश करता है तो मस्तिष्क तत्काल प्रतिक्रिया देने लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d975929e04d58a57b6b2ce9995c12722a47c55d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64582.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। रविवार को सर्वार्थ सिद्धि योग होने से बंपर शादियां होगी। वेडिंग डेस्टिनेशन सिटी आगरा में जिधर देखो उधर ही रौनक नजर आ रही हैं। यहां के अमूमन सभी बड़े होटल व विवाह मंडप 13 दिसंबर तक शादियों के लिए बुक हैं। रविवार को ही करीब 500 दिल एक-दूजे के हो जाएंगे। हालात यह है कि लगन में व्यवस्था करने में वर-वधू पक्ष को काफी मुश्किल हो रही है। बैंड से लेकर वीडियोग्राफी के लिए मुंहमांगी कीमत देनी पड़ रही है, पंडित जी के लिए भी परेशानी हो रही है। + +आज संभलकर निकलें।सड़कों पर ‘नचाएगा’ धूमधड़ाके का जामशहर के अंदर जाम से तिलमिलाए लोगों के लिए रविवार को दुश्वारियां और बढ़ने वाली हैं। इसलिए शहर के अंदर और मुख्य मार्गों पर जरा संभलकर निकलें। एक साथ करीब 500 सौ शादियां होने की वजह से शहर की सड़कों पर जाम लगना लाजिमी है। हालांकि एसपी सत्यजीत गुप्ता का दावा है कि जाम से निपटने की व्यवस्था बनाई जाएगी। करीब 100 पुलिसकर्मी रविवार को यातायात व्यवस्था सुचारू करने को तैनात रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a709953ff7339e386db4c21bab67a24c1fff2f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा की तम्बाकूबाज पत्नियां अपने पतियों के लिए परेशानी का सबब बन गईं। कई साल तक पतियों ने उनकी इस बुरी आदत को छुड़ाने का प्रयास किया। मगर, बच्चे होने के बाद भी जब पत्नियाें ने अपनी आदत नहीं छोड़ी तो पति नाराज हो गए। उनकी शिकायत के लिए सास को बुलाया। मगर, इसके बाद उन्हें जो अनुभव हुआ वह हैरान करने वाला था। पत्नियों को सुधारने के लिए पतियों ने उन्हें मायके से लाने के लिए शर्त रख दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ca0e1e9b3200181e985b876d593b05317726cb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सितंबर 1928 के ‘किरती’ में ‘एक निर्वासित’ एम.ए. के छद्म नाम से एक क्रांतिकारी लेख प्रकाशित हुआ था। वास्तव में इसे गदर पार्टी के संस्थापक सचिव लाला हरदयाल ने लिखा था... ।दुनिया-भर में दर्शनशास्त्रों तथा भ्रातृत्व के उपदेश की सारी उलझनों और मुसीबतों के होते हुए भी एक बात बिल्कुल स्पष्ट रूप से सामने है। वह यह कि दुनिया इस समय अनेक वर्गों में बंटी हुई है। जो मनुष्य इस सच्चाई को नजरअंदाज करता है या जो ईश्वर के बंदों की सच्ची सेवा करना चाहता है वह उस ज्योतिषी के समान है जो कि कोशिश के सिद्धांत तथा सितारों की गर्दिश से अनजान है। खाली, बेवकूफ और निकम्मा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bbe3badff158cef83ffd32e5102b5707a445323 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64589.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस अवसर पर सुरेश चंद्र ने कहा कि यह दिल्ली सरकार का पायलट प्रोजेक्ट स्कूल है, जिसे बेहतर पढ़ाई के लिए जाना जाता है, इसलिए बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए वह यहां पहुंचे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएं। साथ ही दूसरों को भी प्रेरित करें। साथ ही विद्यालय प्रमुख डा. एलके दुबे ने बताया कि 81 वर्षीय सुरेश चंद्र मिश्रा स्कूल के पास ही रहते हैं। + +शनिवार को जब उन्होंने जरुरतमंदों को गर्म कपड़े और जूते बांटे तो स्कूल प्रबंधन ने इनका शुक्रिया अदा किया और उनके कार्यों की जमकर तारीफ की। इस मौके पर विद्यालय के अध्यापक संजय तिवारी, एसडी शर्मा, नरेंद्र कुमार, वीके शर्मा, सतेंद्र मालिक, वीरेश कुमार, मनीष ओमर सहित विद्यालय की प्रबंधन समिति के सदस्य मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddc4477eb1ddbf57b22842d5b9e69f007b8dfc0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा सोशल मीडिया पर अक्सर अपने प्रशंसकों से बातचीत करती हैंl सोनाक्षी सिन्हा को अपने मजेदार प्रतिक्रिया के लिए जाना जाता हैl हाल ही में उन्होंने अपने खाली समय में 'आस्क मी एनीथिंग' सेशन किया थाl इस अवसर पर एक फैन ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया थाl।इसपर सोनाक्षी ने मजेदार प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'इंस्टाग्राम पर इस समय मैं प्रपोजल स्वीकार नहीं कर रही हूंl' सोनाक्षी सिन्हा हाल ही में भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया में नजर आई थीl यह फिल्म ओटीटी पर रिलीज हुई हैl इस फिल्म में अजय देवगन, संजय दत्त और नोरा फतेही की अहम भूमिका हैl सोनाक्षी सिन्हा जल्द ककुड़ा में नजर आएंगीl इस फिल्म में रितेश देशमुख की भी अहम भूमिका होगीl इसके अलावा वह एक हॉरर कॉमेडी में भी नजर आने वाली हैंl इस फिल्म का निर्देशन अविनाश द्विवेदी और चिराग गर्ग करने वाले हैंl।सोनाक्षी सिन्हा फिल्म अभिनेत्री हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की जाती हैंl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64593.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7632fc1c7bc329c0b7dd314c8a3b91ddb1cdc76d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64593.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उनका विश्वास था कि पश्चिमी विज्ञान और भारतीय अध्यात्म का वास्तविक व सच्चा मेल तभी हो सकता है, जब दोनों को इस प्रकार संशोधित किया जाए कि वे एक-दूसरे के पूरक बन जाएं। इस लिहाज से उनकी विचारधारा समन्वयवादी थी, जिसमें उनके भाषण और लेख इस बात की नुमाइंदगी करते हैं कि भारतीय जनमानस माक्र्सवाद या गांधीवाद का अंधानुकरण न करके इनके सिद्धांतों की अमूल्य बातों को सीखकर एक मध्यमार्ग विकसित करे। इस संग्रह के अधिकांश लेखों में डा. लोहिया एक तरह से ‘सत्यम शिवम सुंदरम्’ के प्राचीन आदर्श की संकल्पना को आधुनिक विश्व के समाजवाद, स्वतंत्रता और अहिंसा के तीन सूत्रीय आदर्श के रूप में रचना चाहते थे। + +उन्होंने अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए जिन विषयों को आधार बनाया, उनकी व्याख्या एक ही समय में परंपरा और वर्तमान के दो सीमांतों को व्यावहारिक ढंग से जोड़ती थी। वे रामायण पर भाष्य कर रहे हों या हिमालय की चर्चा, भारत की नदियों के बहाने उनके सफाई करने के आंदोलन की बात, सब जगह लोहिया जी का मुखर समाजवाद, बौद्धिकता के साथ बिना किसी दूसरे विचार को क्षति पहुंचाए गंभीरता से सुना जाता था। लोहिया जी के लेखों के इस संकलन को पढ़ना, नई पीढ़ी के लिए किसी ‘ज्ञान उत्सव’ में सम्मिलित होने जैसा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..806e1983485f63a279db7a8b53075248ab289cef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[ संजय गुप्त ] : उत्तर भारत में दीपावली के आसपास वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने का सिलसिला पिछले लगभग दो दशकों से चला आ रहा है। चूंकि पहले प्रदूषण के घातक असर को लेकर कोई गहन अध्ययन नहीं हुआ था, लिहाजा उस पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता था। दिल्ली में प्रदूषण पर पहला वार तब हुआ, जब उच्चतम न्यायालय ने यहां चलने वाली बसों को सीएनजी युक्त करने के साथ स्थानीय उद्योगों को बाहर ले जाने के आदेश दिए। इसके बाद प्रदूषण की गंभीरता से चिंता करनी छोड़ सी दी गई। नतीजा यह हुआ कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलना जारी रहा। अब तो अन्य राज्यों में भी ऐसा होने लगा है। चूंकि सर्दियों में हवा कम चलती है अत: घातक धुआं और धूल नमी के कारण नीचे रह जाती है। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। यह भी ध्यान रहे कि पराली के धुएं को छोड़कर प्रदूषण के बाकी कारक पूरे साल हमेशा एक जैसे ही बने रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfa2c07e637f1617cf8f2c9dbe08d2f1c928c3b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रणवीर सिंह की गुजराती तड़के वाली अपकमिंग फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली हैं। इस फिल्म में रणवीर सिंह के साथ तेलुगू फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' फेम शालिनी पांडे नजर आएंगी। फिल्म की रिलीज से पहले लोगों को कहानी से थोड़ा रूबरू कराने के लिए, आज 19 अप्रैल को फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया है। जो समाजिक मुद्दे को बड़े ही मजेदार तरीके से बयां कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a27b275e460528410b03a079bf8c020e8f47d25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के चलते आया उतार चढ़ाव।कोरोना संक्रमण काल के बाद नौकरी हो या व्यापार हर क्षेत्र में नए-नए उतार-चढ़ाव सामने आ रहे हैं। कामकाज का तौर तरीका भी बदल रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलाजी जैसे क्षेत्रों तक में करियर के नए रास्ते खुल रहे हैं। ऐसे में टेक्नोलाजी की इस लगातार बदलती दुनिया में सही करियर कैसे चुनें? इंजीनियरिंग और टेक्नोलाजी में लगातार बदलते कार्यक्षेत्रों के बीच कैसे नए आयामों तक पहुंचें? करियर के सही विकल्प चुनकर कैसे सफलता पाएं? ऐसे सवालों के जवाब अगर सही समय पर मिल जाएं तो करियर की राह कुछ आसान जरूर हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64602.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..127b3b1c6c7d7310b1a4ad4d5f49a6e8ac10cdd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64602.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तब टीके नहीं करेंगे काम।डा. समीरन पांडा ने कहा कि नए वैरिएंट में संरचनात्मक परिवर्तन देखे गए हैं जो ज्‍यादा संचरण की संभावना के संकेत दे रहे हैं। टीके किस तरह की प्रतिरक्षा पैदा करते हैं और वायरस कैसा बर्ताव कर रहा है इसे सामने आने में अभी वक्‍त लगेगा। एमआरएनए टीके स्पाइक प्रोटीन और रिसेप्टर इंटरैक्शन से निर्देशित होते हैं, इसलिए बदलाव को समझने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24df29c0fd1c5b7dfe9ef2280099af4e952f67f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। ज्योतिष को वेद का नेत्र कहा गया है। ये ऐसा नेत्र है जो हमें पारलौकिक जगत के दर्शन कराता है। इसलिए ये जरूरी है जब हम किसी कुंडली को देखे तो लौकिक दर्शन को न करके पारलौकिक दर्शन करे। कानपुर से वरिष्ठ ज्योतिषी और आल इंडिया एस्ट्रोलाजिकल साइंसेज (आईकास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश चिंतक ने ये बातें राजधानी के भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। ‘‘दु:स्थान: अभिशाप या वरदान’’ विषय पर हो रहे इस सम्मेलन का आयोजन आल इंडिया एस्ट्रोलाजिकल साइंसेज (आइकास) का नोएडा चैप्टर कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64607.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac55d187c51560303eb14b9e7bfb257ef003af9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक टन तक बाल होते हैं कचरे में:।सूखे कचरे की छंटाई के बाद बचे कचरे में कांच के टुकड़े, मिट्टी-धूल, आयल पेंट, डिस्टेंपर और बाल आदि भी होते हैं। रोज ट्रेंचिंग ग्राउंट पर 500 किलो से एक टन बाल पहुंचते हैं। इंदौर में नगर निगम द्वारा एकत्र कचरे की छंटाई का काम करने वाली नेप्रा कंपनी विंड फिक्सर प्लांट लगाकर छंटाई के बाद बचे कचरे में कांच को अलग करेगी। इसके बाद धूल-मिट्टी व बाल से कम्पोस्ट बनाकर कृषकों को दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b377a1c4e81f81ea03769a2db4ca517ad173169d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपराधों की रोकथाम के साथ ही तत्काल मदद पहुंचाने के लिए जनपद में 76 पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) तैनात है। इन वाहनों में तैनात पुलिस कर्मियों की समय-समय पर पुलिस अधिकारियों के द्वारा चेकिंग की जाती है। अभी तक पीआरवी चेकिंग के दौरान कागजों में जांच रिपोर्ट के साथ ही रजिस्टर में निरीक्षण आख्या को दर्ज करके एसएसपी कार्यालय भेजी जाती थी। लेकिन इस कार्रवाई में एक लंबा वक्त लग जाता था। लेकिन एसएसपी बबलू कुमार ने अब पीआरवी वाहन चेकिंग के लिए गूगल ड्राइव फार्म व्यवस्था को लागू कर दिया है। इस नई व्यवस्था से एक लिंक सभी प्रभारी अधिकारियों के मोबाइल पर पहुंच जाएगा। इस लिंक को खोलते ही अफसरों को अपने बारे में जानकारी आनलाइन भरने के साथ ही 20 सवालों के जवाब हां और न के बिंदु में टिक करने होंगे। इसके बाद रिपोर्ट तत्काल एसएसपी कार्यालय में पहुंच जाएगी। इस व्यवस्था में पुलिस की कार्यप्रणाली में पादर्शिता आने के साथ ही समय की बचत भी होगी। वहीं अफसरों के पास प्रत्येक पीआरवी वाहन और पुलिस कर्मियों पर सीधी निगाह रहेगी। मुरादाबाद के इस नई कार्यप्रणाली को पुलिस मुख्यालय स्तर पर संज्ञान लिया गया है। अफसरों का कहना है कि जल्द ही यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75eaea2185bad05994201fe2f877a0dfc5da6ab2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट (बी.1.1.529) ने एक बार भी सबकी चिंता बढ़ा दी है। डाक्टरों के बीच इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि कहीं यह नया वैरिएंट देश में तीसरी लहर का कारण न बन जाए। इसलिए डाक्टर कहते हैं कि बचाव के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिये वायरस की निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि, डाक्टर यह भी कह रहे हैं कि कोरोना के डेल्टा सहित किसी भी वैरिएंट ने एक बार संक्रमित हो चुके लोगों को दोबारा ज्यादा प्रभावित नहीं किया है। इसलिए देश में नए वैरिएंट से खतरे की आंशका बहुत कम है। फिर भी सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। + +उन्होंने कहा कि हांगकांग में पूरी वयस्क आबादी को एमआरएनए टीका लग चुका है। इससे यह आंशका जताई जा रही है कि यह टीके का प्रभाव कम कर रहा है। देश में अभी इसलिए ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि दूसरी लहर में डेल्टा वायरस से यहां की ज्यादातर आबादी संक्रमित हो चुकी है। ।कोरोना के संक्रमण से अब तक बचे लोगों को खतरा ज्यादा। सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर डा. जुगल किशोर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में पाया गया नया वेरियंट डेल्टा से दो-तीन गुना ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि कोई भी नया वैरियंट बीमार होकर ठीक हो चुके लोगों को दोबारा प्रभावित नहीं किया। दूसरी लहर में भी डेल्टा वायरस से वे लोग सुरक्षित रहे जिन्हें पहले संक्रमण हो चुका था। यहां 20-30 फीसद आबादी को अब तक संक्रमण नहीं हुआ है। उन्हें खतरा ज्यादा है। हालांकि, 45 फीसद से अधिक वयस्क आबादी का टीकाकरण पूरा हो गया है। टीकाकरण में तेजी लाना होगा, ताकि बाकी बचे लोगों का टीकाकरण भी जल्द पूरा हो सके। ऐसी स्थिति में नए वैरिएंट का संक्रमण होने पर भी नुकसान अधिक नहीं होगा। इसके अलावा कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3823cfcc7d2d631389122581371c730de03079b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अरुण श्रीवास्तव। Delhi-NCR Air Pollution देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। देश के हर कोने से लोग यहां आना चाहते हैं। कोई घूमने और खरीददारी के लिए तो कोई नौकरी-रोजगार या फिर पढ़ाई के लिए। नौकरी-रोजगार के लिए आने वाले ज्यादातर लोग दिल्ली या एनसीआर में स्थायी रूप से बस भी जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6529bc8720bef2f20fb921d0b7676e33380b1e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर फिल्म इंडस्टी की फेमस स्टार​​किड्स में से एक हैं। जाह्नवी ने बेहद ही कम वक्त में इंडस्टी में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। मां श्रीदेवी के निधन के बाद जाह्नवी उनके सपने को पूरी कोशिश में लगी हैं। एक्टिंग के अलावा जाह्नवी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। आए दिन वह अपनी लेटेस्ट तस्वीरें और वीडियोज पोस्ट कर फैंस को सरप्राइज देती हैं। इसी बीच अब जाह्नवी के लेटेस्ट फोटोशूट की तस्वीरें इंटरनेट पर ताबड़तोड़ वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को यहां देखें...।पत्तों के बीच कराया फोटोशूट।जाह्नवी कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने लेटेस्ट फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में बिना मेकअप के भी एक्ट्रेस बेहद ही खूबसूरत नजर आ रही हैं। तस्वीर में जाह्नवी की बड़ी बड़ी मासूम सी आंखें मानों बहुत कुछ कह रही हैं। इस दौरान उन्होंने व्हाइट कलर का ऑफ शोल्डर टॉप पहना हुआ हैं। एक्ट्रेस का ये फोटोशूट पत्तों के बीच कराया गया है। इन तस्वीरों में उनकी अदाएं मासूम होने के साथ काफी कातिलाना है। इन तस्वीरों के शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'क्या ऐसा सोचना सुंदर नहीं है?' इस फोटोज को कुछ ही देर में हजारों लाक्स मिल चुके हैं। वहीं इस पर कमेंट कर लगातार फैंस उनकी तारीफ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11607ccf604ebf4afc26bf0f4b2ef246ea1a697d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आंकड़े बताते हैं कि जेलों का हाल बहुत ही खराब होता जा रहा है। उनमें कैदी नारकीय जीवन जी रहे हैं। आए दिन विभिन्न जेलों से कैदियों के संदिग्ध स्थिति में मरने, उनके हंगामा मचाने और भागने तक की खबरें आती रहती हैं। वर्ष 2019 के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों को देखें तो उसके मुताबिक बीते तीन साल में देश में जेलों की संख्या 1361 से घटकर 1350 रह गई, लेकिन कैदियों की संख्या 4.50 लाख से बढ़कर 4.78 लाख हो चुकी थी। वर्ष 2019 में इन जेलों में 4.03 लाख कैदियों को ही रखने की क्षमता थी, इसमें क्षमता की अपेक्षा 118.5 प्रतिशत कैदी रखे जा रहे हैं। इसी रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि दिल्ली की जेलों में क्षमता से 174.9 प्रतिशत अधिक कैदी थे और यह देश में सर्वाधिक था। उत्तर प्रदेश में 167.9 प्रतिशत और उत्तराखंड में 159 प्रतिशत कैदी जेलों की क्षमता से अधिक थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7dc224e27a8cfa0c128ea6c73e3019c5bb42fb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64624.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खास बातें।दस जनवरी से लगनी है नुमाइश ।गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक अलीगढ़ की नुमाइश का इस बार 19 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक आयोजन कराने का निर्णय हुआ है। ऐसे में अब इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। शुक्रवार से ठेका प्रक्रिया की शुरूआत हो गई। दोपहर दो बजे से नुमाइश प्रभारी व सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिंह व तहसीलदार कोल गजेंद्र पाल ङ्क्षसह की मौजूदगी में ठेके आवंटित होने शुरू हुए। सबसे पहले तहबाजारी का ठेका हुआ। इसमें कुल तीन ठेकेदार आए। प्रशासन ने पिछले साल के हिसाब से 1.51 करोड़ से ठेके की शुरूआत की, लेकिन महज एक बोली में ही दो ठेकेदार पीछे हट गए। ऐसे में 1.53 करोड़ की बोली लगाने वाले याको एसोसिएट के नाम यह बोली रही। इसके बाद सर्कस स्थल का ठेका हुआ, लेकिन इसमें कोई भी बोली लगाने नहीं आया। ऐसे में यह ठेका नहीं दिया जा सका। अब आफर के माध्यम से इसका आवंटन कराने की तैयारी हो रही है। इसके बाद लाल ताल वोङ्क्षटग के ठेके की प्रक्रिया की शुरूआत हुई। इसमें कुल चार ठेकेदार आए। पिछले साल की कीमत 7.08 लाख से बोली की शुरूआत हुई। चारों ठेकेदारों ने खूब बोली लगाई। इस पर अंत में पिछले साल से 10 लाख की बढ़ोतरी के साथ 17.20 लाख में यह ठेका जावेद के नाम रहा। + +बिजली के ठेके में हुई खूब जद्दोजहद।बिजली आपूर्ति एवं सजावट के ठेके में ठेकेदारों के बीच खूब जिद्दोजहद हुई। इसमें तीन ठेकेदार शामिल हुए। पिछले साल की कीमत 45.10 लाख से बोली की शुरूआत हुई। सबसे पहली बोली पांच हजार बढ़ाकर जैनिथ इंजीनियरिंग कार्पोरेशन के दीपक-सोम गुप्ता ने लगाई। इसके बाद बंसल लाइट की तरफ से इसे बढ़ाया गया। ऐसे ही करीब पांच मिनट तक बोली बढ़ती गई। अंत में जैनिथ इंजीनियर कार्पोरेशन के नाम 58.75 लाख में अंतिम बोली रही। प्रोपराइटर भावुक वाष्र्णेय ने यह बोली लगाई। हालांकि, सिटी मजिस्ट्रेट ने हिदायत दी कि पिछले साल के बिजली ठेकेदार के काम की काफी शिकायतें मिली थीं। ऐसे में गुणवत्ता परख ढंग से काम हो। नुमाइश प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा का कहना है कि कई प्रमुख ठेके शुक्रवार को नीलामी के माध्यम से आवंटित कर दिए गए हैं। अब बाकी के बचे कामों को टेंडर के माध्यम से दिया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..117c803a304d1468f62844c65dcf9720197f5ad5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +62.6 प्रतिशत महिलाओं का कमर से कूल्हे के अनुपात गड़बड़ाया।श्रेणी   शहरी                                                                  (% में)      ग्रामीण (% में)     कुल (% में)।महिलाओं का बाडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) सामान्य से नीचे    11.4       16.9                 15.1।पुरुषों का बीएमआइ सामान्य से नीचे                                     15.0       14.3                14.5।मोटापे से ग्रस्त महिलाएं                                                       37.5       30.9                33.1।मोटापे से ग्रस्त पुरुष                                                            30.2       27.4               28.3।महिलाएं जिनकी कमर से कूल्हे का अनुपात जोखिमपूर्ण             64.6       61.7               62.6।पुरुष जिनकी कमर से कूल्हे का अनुपात जोखिमपूर्ण                  59.5       57.7              58.3।70 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी।आयु वर्ग                              शहरी (% में)           ग्रामीण (% में)           कुल (% में)।6 से 59 महीने के बच्चे          68.1                           71.5                         70.4।15-49 वर्ष की गैर गर्भवती महिलाएं  57.5                 62.1                          60.6।15-49 वर्ष की गर्भवती महिलाएं  54.6                      57.2                          56.5।15-49 वर्ष की आयु की सभी महिलाएं 57.4               61.9                          60.4।15-19 वर्ष की आयु की सभी महिलाएं  59.3               63.5                         62.3।15-49 वर्ष के पुरुष आयु की सभी महिलाएं 16.0         20.4                         18.9।15-19 वर्ष के पुरुष                                 26.7        31.5                          29.9।महिलाओं से पुरुषों में मधुमेह ज्यादा।श्रेणी -शहरी (% में) -ग्रामीण (% में) -कुल (% में)।महिलाओं में मधुमेह का उच्च स्तर -5.3 -5.1 -13.5।महिलाओं में मधुमेह का बहुत उच्च स्तर -7.0 -5.4 -11.2।महिलाओं को लेनी पड़ रही मधुमेह नियंत्रण की दवा -5.4 -5.7 -11.9।पुरुषों में मधुमेह का उच्च स्तर -7.0 -5.9 -15.1।पुरुषों में मधुमेह का बहुत उच्च स्तर -6.9 -6.4 -12.6।पुरुषों को लेनी पड़ रही मधुमेह नियंत्रण की दवा -6.1 -6.2 -13.5।नोट : 15 साल से अधिक आयु वर्ग में।हर चौथा आदमी ले रहा रक्तचाप नियंत्रण की दवा।श्रेणी -शहरी (% में) -ग्रामीण (% में) -कुल (% में)।महिलाओं में हल्का ऊंचा रक्तचाप -13.6 -5.7 -22.9।महिलाओं में मध्यम या गंभीर ऊंचा रक्तचाप -11.7 -5.3 -20.1।महिलाओं को लेनी पड़ रही रक्तचाप नियंत्रण की दवा -12.3 -5.4 -21.0।पुरुषों में हल्का ऊंचा रक्तचाप -7.2 -7.0 -26.2 -26.2।पुरुषों में मध्यम या गंभीर ऊंचा रक्तचाप -16.2 -6.9 -24.6।पुरुषों को लेनी पड़ रही रक्तचाप नियंत्रण की दवा -16.6 -6.9 -25.1।नोट : 15 साल से अधिक आयु वर्ग में।12.5 प्रतिशत लड़कियों और 16 प्रतिशत लड़कों का बाल विवाह।श्रेणी -शहरी (% में) -ग्रामीण (% में) -कुल (% में)।18 वर्ष की आयु से पहले लड़कियों की शादी -9.9 -13.7 -12.5।21 साल की उम्र से पहले लड़कों की शादी -17.6 -15.2 -16.0।कुल प्रजनन दर (प्रति महिला बच्चे) -1.7 -2.0 -1.9।15-19 वर्ष की आयु की महिलाएं जो सर्वेक्षण के समय पहले से ही मां या गर्भवती थीं -3.0 -4.3 -3.9।15-19 वर्ष की आयु की किशोरियों में प्रजनन दर -21 -29 -27।27.5 फीसद बच्चों का कद तो 21.5 फीसद का वजन कम।श्रेणी -शहरी (% में) -ग्रामीण (% में) -कुल (% में)।बच्चों का कद कम 26.1 28.1 27.5।बच्चों का वजन कम 20.5 21.8 21.5।बच्चों का अधिक वजन 3.3 3.3 3.3।नोट : आंकड़े पांच साल तक की उम्र के बच्चों के हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59985df7141c0acc92edebfafdc9a66f9ad25468 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योजना की खास बातें।इनका कहना है।केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में इलाज की दरें-पैकेज निर्धारित किए हैं। जो संचालक इलाज खर्च से अधिक क्लेम कर देते हैं, वे जांच के दौरान पकड़ में आ जाते हैं। लखनऊ में गठित टीम संदिग्ध क्लेम में संचालकों से दस्तावेज मांगती है, प्रतिक्रिया न मिलने पर क्लेम रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। अत: संचालक शासन की मंशा के अनुसार पारदर्शिता बरतते हुए मरीजों का उपचार करें और व्यय राशि प्राप्त करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc840f3d5051b5de5791e9cb3005ab9b83e09258 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64633.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किराया भी पहुंच में। लैंसडौन में खड़ी कैरावैन में चौबीस घंटे रहने का किराया 3,360 रुपये है। यह निगम की टूरिस्ट हट के किराये से से सस्ता है। सेमी डीलक्स से ऊपर स्तर की हट में एक दिन का किराया 3,584 से 8,288 रुपये तक है। यदि कैरावैन को सौ किमी के दायरे में सैर के लिए ले जाना है तो इसका किराया 15 हजार रुपये प्रतिदिन तय है। कैरावैन की बुकिंग आनलाइन व आफलाइन की जा सकती है। + +निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा यूटीडीबी। कैरावैन के विचार को धरातल पर उतारने और निजी क्षेत्र को इसके लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने कैरावैन नीति तैयार की है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति कैरावैन संचालित करना चाहता है तो उसे पर्वतीय भूगोल के अनुसार बड़ा वाहन खरीदकर उसे घर के रूप में विकसित करना होगा। साथ ही, यूटीडीबी में पंजीकरण करना होगा। कैरावैन के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रविधान किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00fb2021478ec97bde74c07643fd61b96cb47b49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- मानव जनित अजैविक कचरा, रासायनिक, औद्योगिक, प्लास्टिक प्रदूषण तथा प्राकृतिक ज्वालामुखी, कच्चा तेल, अंतरक्षीय कचरा, जैविक समुद्री कचरा आदि सागरीय संरचना में असंतुलन पैदा कर रहे हैं। रासायनिक कण अपघटन क्रिया में ज्यादा आक्सीजन का प्रयोग करते हुए रासायनिक प्रक्रिया करते हैं जिससे खाड़ियां आक्सीजन रहित हो रहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1d96d06336bad06a76a92c74c5230e95764893d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [आशीष त्रिवेदी]। उत्तर प्रदेश में अब गरीब भी कारपोरेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे।  आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों को राजधानी लखनऊ के अपोलो और सहारा अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। जल्द ही आयुष्मान योजना का लाभ राजधानी में स्थित मेदांता अस्पताल में भी दिलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..453b40d42cf910d1b976a6970a13f74efad9018b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64638.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता : देश की पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा रोगों को जड़ से खत्म करने के साथ ही शरीर को अन्य रोगों से बचाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित करती है। सर्दियों के मौसम में हड्डी रोगों में बढ़ोतरी व मूत्र विकार होना आम बात है, लेकिन आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आयुर्वेद में कुछ ऐसे नुस्खे हैं, जिसके इस्तेमाल से आप इन बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकते हैं और साल भर स्वस्थ बने रह सकते हैं। + +लोहिया संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. एसके पांडेय कहते हैं कि सर्दियों में गुड़ का सेवन बहुत लाभकारी है। गुड़, अलसी, तिल और मेवे का बना लड्डू खाने से हमें पोषक तत्वों की कमी वर्ष भर नहीं होती। यह हमें तुरंत ऊर्जा देने के साथ ही साथ मूत्र विकार को भी दूर करता है। इसके अतिरिक्त हड्डियों को भी ताकत प्रदान करता है। दुर्बलता, एनीमिया और जोड़ों के दर्द में रामबाण की तरह काम करता है। + +डा. पांडेय कहते हैं कि शरद ऋतु में हमारी जठराग्नि प्रदीप्त होती है। ऐसे में हम जो भी भोजन करते हैं वह बड़ी आसानी से पच जाता है। इसलिए ऐसे मौसम में पौष्टिक वस्तुओं का सेवन कर अपने स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। इस मौसम में गुड़, तिल, अलसी, सूखा मेवा, जायफल, जावित्री, हल्दी, सोंठ, पिपरामूल,इलायची, अजवाइन, गोंद को भूने आटे में मिक्स कर लड्डू बनाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64639.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1ca902d70b7a99db0d5dc3c7849d0064e9d6f78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर- ए- बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलों से महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी के अमृत महोत्सव है। हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है। यही बात लोगों के मन में बैठाना है कि कोई भी चीज बेकार नहीं है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करना जानें। इस सेंटर पर कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम एक सराहनीय कार्यक्रम है जिससे तमाम महिलायें जुडकर लाभ उठा रही हैंं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64641.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..222f174c6528e7bc4d51d6c2c30d05a28cb96bce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला के रहने वाले 9 साल के अरुणोदय पिछले 4 साल से लगातार कौन बनेगा करोड़पति देख रहे हैं। उनके पिता जगदीश शर्मा ने बताया कि अरुणोदय हमेशा इनोवेटिव या नई सोच के आइडिया लेकर काम करना चाहता है। इसीलिए 4 साल से कौन बनेगा करोड़पति या ऐसा कोई भी कार्यक्रम जिसमें नई चीज़ देखने को मिलती है। उसमें ज्यादा रुचि दिखाता है। अरुणोदय कौन बनेगा करोड़पति? पिछले 5 साल की उम्र से अपने परिवार के साथ देख रहे है। वह हमेशा यहीं कहता था कि मुझे भी यहां पर जाना है। इसमें हिस्सा लेना है। अब उसकी मेहनत और लगन ने उसकी इच्छा को पूरा किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d2791a885fd9586d93603868cc117ba295c7e36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ई-वाहन पोर्टल पर पिछले तीन सालों में लगभग 5,17,322 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। जबकि इनमें से लगभग 1,04,806 इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सिर्फ 2021 में हुआ है। देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, भारी उद्योग मंत्रालय ने 2015 में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME India) योजना शुरू की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a0ce932e8807e961e1cc926632e6d916b8ad0e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64645.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उमेश चतुर्वेदी। देश में जब भी कोई संकट आता है या राजनीतिक विवाद होते हैं, तब-तब संविधान का ही हवाला देकर उस विवाद और संकट को हल करने की बात की जाती है। आजादी के 75वें साल में आते-आते और अपने लागू होने की 71वीं सालगिरह तक अपने देश में संविधान किसी धर्मग्रंथ से भी ज्यादा पूजनीय और पवित्र बन चुका है। लेकिन इसके निर्माण से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं, जिसे बहुत कम ही लोग जानते हैं। + +आजाद भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भी भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान चुप रहे। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर इस प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। लेकिन वे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश वायसराय की काउंसिल के सदस्य थे। यानी आजादी के आंदोलन में उनकी सीधी भागीदारी नहीं थी, बल्कि उस दौरान वह ब्रिटिश सरकार के मंत्री की हैसियत से काम कर रहे थे। संविधान सभा का गठन छह दिसंबर 1946 को हुआ था। इसके तहत संविधान निर्माण की समिति बनी, जिसे ड्राफ्ट कमेटी भी कहा जाता है। उसके जिम्मे संविधान के तब तक तैयार संविधान के प्रारूप पर बहस करके उसे 389 सदस्यीय संविधान सभा में प्रस्तुत करना था, जो उसे अंतिम रूप देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64647.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c555051c8f0fa5319f817ec08394d3b3ed18ab9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64647.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पानीपत, जागरण संवाददाता। स्‍माग की चादर ने आसमान को घेरा हुआ है। राजधानी दिल्‍ली से लेकर एनसीआर एरिया इससे प्रभावित है। इसकी वजह है वायु प्रदूषण। क्‍या आप जानते हैं कि इस वजह से सीओपीडी हमें घेर सकता है। सीओपीडी यानी क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज। इसे अधिकांश लोग अस्थमा समझ लेते हैं। दोनों रोग के लक्षण एक हैं, हालांकि सीओपीडी अस्थमा से ज्यादा गंभीर है। यह फेफड़ों का ऐसा रोग है जिससे मरीज श्वास नहीं ले पाता। इसका बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। धूम्रपान नहीं करने लोगों के फेफड़ों तक भी रोजाना 20 सिगरेट के बराबर धुआं पहुंच रहा है। + +सीओपीडी का लक्षण: ।सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) एवं फिजिशियन डा. संजीव ग्रोवर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि 17 नवंबर को विश्व सीओपीडी दिवस मनाया गया था। सीओपीडी को लोग धूम्रपान करने वाले और बुजुर्गों की बीमारी मानते थे। नए शोध बताते हैं कि यह बीमारी धूम्रपान नहीं करने वालों को भी सता रही है। + +इस रोग से श्वास संबंधी दिक्कत के अलावा दिल की समस्याएं, फेफड़ों का कैंसर, तनाव हो सकता है। वर्ष 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सीओपीडी के मुख्य कारणों में 53.7 प्रतिशत वायु प्रदूषण, 25.4 प्रतिशत धूम्रपान, 16.5 प्रतिशत उद्योग जनित प्रदूषण हैं। सीओपीडी से ग्रस्त मरीजों को कोविड-19 का खतरा भी अधिक रहता है। डा. ग्रोवर के मुताबिक सीओपीडी के मरीज को इनहेलर का इस्तेमाल करना चाहिए। फेफड़ों की एक्सरसाइज भी जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57d24895d81d8a108faa9495d34d351a124ee1b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Tourism झारखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयासों के तहत राज्य सरकार की कोशिशें रंग ला रही हैं। सरकार ने डाक्यूमेंट्री फिल्में बनाने के लिए प्रसिद्धि हासिल कर चुके टीवी चैनल नेशनल ज्योग्राफिक को इसके लिए चुना है। इसके माध्यम से झारखंड की खूबियों को वैश्विक पहचान दिलाई जा सकती है। इसके लिए चार विषयों का चयन कर झारखंड सरकार ने शुरुआत की है। ये चारों विषय झारखंड की पहचान और इसकी खासियत से जुड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b50752da6f1f7f67f6ba2f8b474eafdf092e0f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64649.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चालक रहित मेट्रो परिचालन के फायदे।दुनिया की पांच बड़ी चालक रहित मेट्रो नेटवर्क।गौरतलब है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी व दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को करीब 59 किलोमीटर (58.59 किलोमीटर) लंबी पिंक लाइन पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चालक रहित मेट्रो का परिचालन शुरू किया। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि चालक रहित मेट्रो नेटवर्क के मामले में दिल्ली मेट्रो अब दुनिया में चौथे स्थान पर पहुंच गई है। + +उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन करीब 65 लाख यात्री सफर कर रहे थे। कोरोना के बाद कई तरह की प्रतिबंधों के कारण यात्रियों की संख्या कम हुई लेकिन अब 100 फीसद बैठने की क्षमता के साथ-साथ मेट्रो कोच में खड़े होकर यात्रियों के सफर करने की स्वीकृति से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने डीजल व पेट्रोल की महंगी कीमतों के संदर्भ में कहा कि पेट्रोलियम उत्पादक देश अपनी मर्जी के मुताबिक कीमतें तय कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में निजी वाहनों से चलने वाले ज्यादातर लोग आवागमन के लिए व्यक्तिगत वाहनों को छोड़कर मेट्रो का इस्तेमाल करें तो तीन-पांच फीसद ईंधन बचा सकते हैं। इससे पेट्रोलियम उत्पादक देशों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। अभी देश के 18 शहरों में 730 किलोमीटर नेटवर्क पर मेट्रो का परिचालन हो रहा है। देश में मेट्रो का नेटवर्क बढ़ाने के लिए अभी 16 शहरों में 1046 किलोमीटर नेटवर्क के निर्माण का काम चल रहा है। इसके अलावा छह परियोजनाओं पर अभी विचार चल रहा है। कार्यक्रम को कैलाश गहलोत, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा व डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने भी संबोधित किया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..881628952bb807419832795779c6c873a7d66f48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64650.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अय्यर की याद आई ।भारतीय टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को श्रेयस अय्यर की याद उस समय आई, जब टीम को नंबर चार के बल्लेबाजी के लिए आलोचना झेलनी पड़ी, क्योंकि नंबर चार पर विजय शंकर, दिनेश कार्तिक, अंबाती रायुडू (कम मौके मिले) और रिषभ पंत को मौका दिया गया, लेकिन बल्लेबाज काम नहीं आया। वनडे विश्व कप 2019 के बाद श्रेयस अय्यर टीम में चुने गए और उन्होंने दमदार खेल दिखाते हुए टीम में वापसी की। + +दाएं हाथ के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने विश्व कप 2019 के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार चार मैचों में चार अर्धशतक जड़े थे। टी20 सीरीज में भी उनका प्रदर्शन अच्छा था। इसी के दम पर वे सीमित ओवरों की सीरीज का हिस्सा बने और लगातार विराट कोहली की कप्तानी में खेलते रहे। हालांकि, इस दौरान श्रेयस अय्यर घरेलू क्रिकेट में सक्रिय नहीं रह सके और फर्स्ट क्लास क्रिकेट से दूर रहे। + +2021 में आई बड़ी मुश्किल।वहीं, 2021 में उन्होंने बहुत उतार-चढ़ाव देखे। इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीमित ओवरों की सीरीज में श्रेयस अय्यर चोटिल हुए, क्योंकि उनका कंधा डिसलोकेट हो गया था। इसकी सर्जरी उनको करानी पड़ी और इस बीच उनको आइपीएल 2021 के आधे सीजन से बाहर होना पड़ा और कप्तानी से भी हाथ धोना पड़ा। हालांकि, उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज में वापसी की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f209fd39c4cf88a12c416514397798c1d8c08b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लालजी जायसवाल। समान नागरिक संहिता का मामला लंबे समय से हमारे लिए एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय के रूप में रहा है। उच्च न्यायालयों से लेकर उच्चतम न्यायालय तक ने इस संदर्भ में कई बार टिप्पणी की है। चूंकि हमारे देश में कई धर्मो के पर्सनल कानून हैं, इसलिए सरकार ने विधि आयोग से समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न पक्षों की जांच करने और अपनी संस्तुति प्रस्तुत करने का आग्रह किया है। विधि आयोग की संस्तुति आने के बाद ही सरकार इस मसले पर आगे बढ़ेगी। यही वजह है कि अभी यह बताना संभव नहीं हो सका है कि सरकार समान नागरिक संहिता कब लागू करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15726f0b94ff9026bf9dc57a77a85127ebc478de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खान-पान की पढ़ाई में अधिक दिलचस्पी ।कुल 787 बंदियों में से 605 ने खान-पान की पढ़ाई में दिलचस्पी दिखाई है। कोर्स का नाम सर्टीफिकेट आफ फूड्स एंड न्यूट्रीशन है। छह माह के इस कोर्स में बंदियों को खाद्य व पोषाहार की बारीकियां बताई जा रही हैं। ये भी सिखाया जा रहा है कि सेहत के लिए कौन सी चीज लाभधायक है और कौन सी नुकसानदायक। कोर्स पूरा होने के बाद बंदियों को इसका सर्टीफिकेट भी दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b6771c1997d817dcc0a440d4ef4b6204a58a12f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल सफल अभ्यर्थियों के परिणाम में कई आवेदक ऐसे हैं जो लगातार क्रमांक वाले यानी एक ही सीरियल नंबर के हैं। आयोग इसे जहां संयोग बताकर पल्ला झाड़ रहा है, वहीं इसपर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि परिणाम गड़बड़ी की तरफ इशारे कर रहा है। नाराज अभ्यर्थियों ने जब अपनी मांग को लेकर झारखंड लोक सेवा आयोग का दफ्तर घेरना चाहा तो पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठियां चलाई। भाजपा के कई विधायक भी इस दौरान मौजूद थे। राजनीतिक तूल देने के लिए भाजपा ने इस मामले पर राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7243d7e13d99ccd3357bb632265c156ee1f1a249 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के साथ पिछले 25 सालों में हमारे समाज के व्यवहार में बहुत बदलाव आए। उनमें से कई बदलावों पर ध्यान नहीं गया और न जाने कब वो हमारी जिंदगी का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गए, पता ही न चला। इन 25 वर्षों में एक पीढ़ी के विचार प्रक्रिया में बहुत बदलाव देखा गया जो आने वाले पीढ़ियों के जीवन को प्रभावित करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e34a0dd7c2992bd37be2828f69781c6a79354d53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Punjab Assembly Election 2022: भारतीय जनता पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नवगठित पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का समझौता होना लगभग तय है। भाजपा कैप्टन के साथ गठबंधन करने से पहले पंजाब में अपनी ‘जमीन’ का आंकलन कर लेना चाहती है। किसान आंदोलन के दौरान केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित रही भाजपा को सही मायने में अभी यह भी नहीं पता है कि शहरी क्षेत्रों के बाहर उनकी असली स्थिति क्या है। यही कारण है कि भाजपा ने अब राज्य की सभी 117 विधान सभा क्षेत्रों में जाकर पर बूथ स्तर पार्टी की स्थिति का आंकलन करना शुरू किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8af0a039dd11c0336895cc7ad66baaefc98dc09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहाली, [रोहित कुमार]। Patient Assistance System: मोहली में स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने कमाल का मेडिकल सिस्‍टम तैयार किया है। इन विद्यार्थियों ने लकवाग्रस्‍त व शारीर‍िक रूप से अक्षम लोगों के लिए पेशेंट असिस्‍टेंट सिस्‍टम बनाया है। महज पांच हजार रुपये की लागत से बनाया गया सिस्‍टम इन मरीजों की जरूरतों व समस्‍याओं से उनके परिजनों को अवगत कराएगा। ।चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) घड़ूआं के विद्यार्थियों ने आइओटी आधारित ऐसा पेशेंट असिस्टेंस सिस्टम विकसित किया है, जो परिजनों व अन्य लोगों को रोगियों की प्रतिक्रियाओं को समझने में मदद करेगा। सीयू के मेकाट्रोनिक्स स्टूडेंट्स ने मरीजों के हाथ पर लगाने वाली ऐसी 'जेस्चर' आधारित सेंसर तकनीक विकसित की है, जो बोलने बता सकने में अक्षम मरीज की दर्द की स्थिति या भोजन-पानी सहित अन्‍य आवश्यकताओं के लिए आसानी से अपने परिचितों को सूचनाएं प्रदान करने में मदद करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a979e12c2d808d6ad848c363d4d483f86f019515 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64659.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उपाध्यक्ष गरीबों को आवासों पर कब्जा दिलाने के लिए बेहद संजीदा हैं। उन्होंने आवंटियों को पीएम आवासों पर कब्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री के चाबी दिए जाने के अगले दिन से ही प्रयास शुरू कर दिए थे। आवंटियों के बकाया अंशदान के लिए बैंकों से कम ब्याज पर ऋण दिए जाने की बात फाइनल हो गई है। आवंटियों की सुविधा के मुताबिक नया मुरादाबाद में पाकेट नंबर एक के आवंटियों के लिए इंडुस्लेंड और कैनरा बैंक को नामित किया गया है। नया मुरादाबाद पाकेट दो के पीएम आवास के लाभार्थियों के लिए एचडीएफसी बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और प्रथमा बैंक को नामित किया है। इसके अतिरिक्त शाहपुर तिगरी योजना के लाभार्थियों के लिए पंजाब नेशनल बैंक को नामित किया गया है। नामित बैंक प्रतिनिधियों से योजना में प्रधानमंत्री आवासों के पास 26 नवंबर से शिविर लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सचिव ने बताया कि जिन लाभार्थियों को ऋण कराना है, वह अपनी-अपनी योजनाओं में जाकर शिविर का लाभ उठा सकते हैं। शिविर में उनके ऋण की औपचारिकता पूरी होने के बाद एमडीए का बकाया भुगतान करा दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें अपने आवास पर कब्जा मिल जाएगा। ऋण होने के बाद बकाया धनराशि की किस्तें लाभार्थियों को बैंक को देनी होंगी। + +महायोजना की आपत्तियों की सुनवाई टली : एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गजरौला महायोजना-2031 (प्रारुप) के संबंध में लोगों की आपत्तियों की सुनवाई 27 नवंबर को होनी थी। यह सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी गई है। अब छह दिसंबर को पूर्व निर्धारित समय पर सुबह 11 बजे ही सुनवाई होगी। शेष सुनवाई की तिथियाें में कोई बदलाव नहीं होना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f503bc62ddf5983e71174ede632bcae57564598 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64663.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बागवानी, डेयरी, और मत्स्य जैसे गैर-एमएसपी वाले कृषि क्षेत्र की विकास दर सर्वाधिक।वैश्विक बाजार की मांग के अनुरूप घरेलू खेती में परिवर्तन नहीं किया गया तो हमारे उत्पाद बाजार से बाहर हो सकते हैं। इस खतरे को समय से पहले भांप कर अपनी तैयारियां करनी ही होंगी। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देश होने के नाते वर्ष मौजूदा कृषि सब्सिडी को वर्ष 2023 के बाद आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर किसानों को टेक्नोलाजी पर लगे प्रतिबंधों और मंडी समेत अन्य कानूनी जंजालों से बचाने की जरूरत है।डब्ल्यूटीओ के पूर्व निर्धारित प्रविधान के अनुसार वर्ष 2023 के बाद कृषि व खाद्य क्षेत्र में केवल ग्रीन अथवा येलो (बाक्स) श्रेणी में ही सब्सिडी देना संभव हो सकेगा जो पर्यावरण के अनुकूल हो। ऐसे में अब उन्हीं तरीकों से सब्सिडी दी जा सकती है, जिसकी शुरुआत पीएम-किसान निधि से कर दी गई है। + +कृष‍ि को संतुलित करने की जरूरत।बिजली सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उपज खरीद की गारंटी, उपभोक्ताओं को अति रियायती और मुफ्त अनाज वितरण जैसे प्रविधान को संतुलित करने की जरूरत है। सिर्फ गेहूं व चावल जैसी फसलों की सरकारी खरीद के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होती है। वहीं, उपभोक्ताओं को राशन प्रणाली के तहत एक, दो और तीन रुपये प्रति किलो की दर पर अनाज वितरण में ढाई लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी पड़ती है। खेती के लिए फर्टिलाइजर में यूरिया को छोड़ बाकी आयातित फर्टिलाइजर भारी सब्सिडी देकर किसानों को दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc151f5b3d0a34709c19fd8c1cf43f1f507ab03d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64666.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Bharat Bhraman trains coach : भारत भ्रमण ट्रेन का संचालन निजी कंपनियां करने जा रहीं हैं। इन कपंनियों को ट्रेन के डिब्बे मुरादाबाद रेल मंडल से भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यालय ने मंडल रेल प्रशासन को गौरव भारत योजना का प्रचार प्रसार करने का आदेश दिया है। भारत भ्रमण ट्रेन चलाने वाली एजेंसी को ट्रेन के अंदर व बाहर विज्ञापन लगाने की छूट होगी। + +भारतीय रेलवे ट्रेनों के पुराने कोच को हटाकर नए कोच लगा रहा है। खाली पड़े पुराने कोच से रेलवे आय अर्जित करने के लिए लगातार नई-नई योजनाएं शुरू कर रहा है। वर्तमान में पुराने खाली कोच से रेलवे माल की ढुलाई कराकर आय अर्जित कर रहा है। पुराने कोच को भारत भ्रमण कराने वाली एजेंसी संचालकों को देकर आय अर्जित करने की योजना बनाई गई है। इसे गौरव भारत नाम दिया गया है। कोई भी व्यक्ति या कंपनी एक या दो साल के लिए रेलवे से पुराने कोच किराए पर ले सकता है और यात्रियों को एकत्रित करने देश के किसी कोने में भ्रमण कराने ले जा सकता है। कोच को किराए पर लेने वाली एजेंसी यात्रियों का किराया स्वयं निर्धारित करेगी और बुकिंग भी करेगी। यात्रियों को आकर्षित करने के लिए एजेंसी संचालक इसे सजा सकते  हैं। अतिरिक्त आय बढ़ाने के लिए एजेंसी संचालक कोच के अंदर या बाहर विज्ञापन भी प्रकाशित करा सकते हैं। यह ट्रेन देश के किसी भी स्टेशन से चलाई जा सकती है। जितनी बार ट्रेन का संचालन करेंगे, रेलवे उतनी बार रेल मार्ग का किराया लेगा। गौरव भारत योजना की घोषणा के बाद उत्तर रेलवे मुख्यालय ने सभी रेल मंडल को योजना का प्रचार प्रसार करने का आदेश दिया है। सभी रेल मंडल को खड़ी पुराने कोच को तैयार करने के आदेश द‍िए गए हैं। मुरादाबाद रेल मंडल में इस तरह के कोच तैयार क‍िए जा रहे हैं। भारत भ्रमण ट्रेन चलाने वालों को आनलाइन आवेदन करना पड़ेगा और रेल प्रशासन ने सभी जोन मुख्यालय पर तीन अधिकारियों की समिति बनाई है। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि भारत भ्रमण के प्रचार-प्रसार के लिए आदेश मिला है। साथ ही मंडल में खड़ी खाली कोच को तैयार करने का आदेश दिया गया है। इसके बाद मुरादाबाद रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों से भारत भ्रमण ट्रेन चलाने की संभावनाएं बढ़ गईं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..942a80967862ddf1d388c2f09e0453de4115a30a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एमआरओ देगा रोजगार को उछाल। नोएडा एयरपोर्ट में औद्योगिक निवेश में जबरदस्त उछाल आएगी। बोइंग, एयरबस समेत एयरक्राफ्ट की मेंटीनेंस, रिपेयर, ओवर हालिंग एमआरओ के लिए इसे मुख्य केंद्र बनाने की योजना है। इसमें करीब एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। कार्गो हब के रूप में भी एयरपोर्ट को विकसित किया जाएगा। आइजीआइ को गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद से मिलने वाला 51 फीसद कार्गो में नोएडा एयरपोर्ट की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa86b00e77680285bd8c8cf6855d0cc053457c92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64670.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Medicinal Herbs : कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों का उपयोग किया गया। केंद्र सरकार की ओर से काढ़े से लेकर अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जानकारी देकर बचाव के तरीके बताए गए। इससे आम लोगों का विश्वास भी बढ़ा। लेकिन, आनलाइन बाजार में लोगों को आयुर्वेद के नाम पर नकली चीजों को बेचने का काम किया जा रहा है। जानकारी के अभाव में औषधीय पौधों के गुण दोष की परख नहीं हो पाती। ऐसे में वन विभाग आम लोगों को जागरूक करने के लिए औषधीय जड़ी-बूटी की प्रदर्शनी लगाने के साथ ही उनकी बिक्री करने का निर्णय लिया है। + +औषधीय पौधों के गुणकारी लाभ की मिलेगी जानकारी : हर्बल पार्क में औषधीय पौधे लगाने के साथ ही वन विभाग के अफसर इन पौधों का उपयोग किन बीमारियों के लिए किया जाता है। इसकी भी जानकारी देंगे। पौधों से मिलने से वाले गुणकारी लाभ के बारे में जानकारी दी जाएगी। विभाग के अफसरों का मानना है कि इससे लोगों के पास औषधीय पौधों के बारे में पूरी जानकारी होगी। वहीं जानकारी होने के बाद उन्हें कोई औषधियों के नाम पर उन्‍हें धोखा भी नहीं दे पाएगा। ।बीते कुछ वर्षों में औषधीय पौधों के बारे में जानने के लिए दिलचस्पी बढ़ी है। ऐसे में लोगों के पास औषधीय पौधों की जानकारी न होने के कारण उन्हें ठगने का प्रयास किया जा रहा है। एमडीए के अफसरों से बातचीत करके नया मुरादाबाद स्थित हर्बल पार्क में औषधीय पार्क विकसित करने की योजना तैयार की गई है। यहां लोगों को पौधों के बारे में जानकारी देने के साथ ही उनकी बिक्री भी की जाएगी। बातचीत पूरी होने के बाद इस काम को शुरू कर दिया जाएगा। इससे लोगों को लाभ होगा। वहीं औषधीय पौधों के बारे में पूरी जानकारी भी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95b8671ce805947b7fb61225efa0a5089282fa0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) स्थापना के सौ साल पूरे होने पर शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है, जिसका शुभारंभ गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किया है। राष्ट्रपति की उपस्थिति में संस्थान के सौ साल के इतिहास का कैप्सूल दस मीटर गहराई में दफन किया गया और स्तंभ का रूप दिया गया। चार सौ किलोग्राम गनमेटल से बने कैप्सूल के अंदर हार्ट ड्राइव में इतिहास संजोया गया है, जो स्तंभ के अंदर एक हजार साल से ज्यादा समय तक सुरक्षित रहेगा। ।एचबीटीयू में पश्चिमी कैंपस में नवनिर्मित मल्टीपरपज हाल में शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। हालांकि शताब्दी स्तंभ संस्थान के पूर्वी कैंपस में गेट के भीतर पार्क के किनारे बनवाया गया है। इस स्तंभ के अंदर किनारे की ओर 10 मीटर गहराई तक गड्ढा खोदवाकर पाइप डाला गया और इसी पाइप के भीतर टाइम कैप्सूल को एक मजबूत चेन की मदद से उतारने की व्यवस्था की गई। समारोह स्थल से राष्ट्रपति ने रिमोट का बटन दबाया और टाइम कैप्सूल पाइप के अंदर उतार गया। ।कुलसचिव प्रो. नीरज कुमार ने बताया कि संस्थान के 100 वर्षों का इतिहास, नक्शा, शोध, उपलब्धियां व गवर्निंग बाडी की मीटिंगों के मिनट व क्रियाकलापों का ब्योरा हार्ड कापी के साथ साफ्ट कापी में भी स्टोर किया गया है। कैप्सूल का वजन 400 किलोग्राम है। इसमें 100 किलोग्राम के इनर सेल में पूरी सामग्री रखी गई है और नाइट्रोजन गैस भरकर पूरे कैप्सूल को सील किया गया है। चार सौ किलोग्राम गनमेटल से बना टाइम कैप्सूल एक हजार से भी ज्यादा वर्षों तक भूमि के भीतर सुरक्षित रहेगा। हार्ड ड्राइव में सभी दस्तावेजों की फोटो व लिखित मैटीरियल की पीडीएफ फाइलें सुरक्षित की गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d08f1b0560075285be7e642e4a4fbaabeec2bf5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जैविक खेती में हैं संभावनाएं।अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने एक बड़ा पक्ष जैविक खेती का रखा है। पंजाब में इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। पैदावार बढ़ाने के चक्कर में हमने अपनी जमीन को जिस तरह रासायनिक खाद व दवाएं डालकर जहरीला कर लिया है, वह भी बड़ा मुद्दा है। पंजाब में यदि जैविक कृषि पर गंभीरता से काम किया जाए, तो यह आय बढ़ाने का बढ़िया साधन साबित हो सकता है। पंजाब, हरियाणा में जिस तरह से कैंसर फैल रहा है, उसमें इस जहरीली खेती कितनी जिम्मेदार है, इस पर भी बात करनी होगी। खुद किसान वर्ग इससे पीड़ित है। मालवा की कपास पट्टी पर जिस तरह से जहरीली दवाओं का छिड़काव हो रहा है, उससे किसान भी अछूते नहीं हैं। राज्य के सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या वाले जिलों का सर्वे करने में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि जिस घर में भी कोई कैंसर का शिकार हो रहा है, उसके इलाज में होने वाला खर्च भी किसानों को आत्महत्या की ओर धकेल रहा है। प्रसिद्ध पर्यावरणविद डा. वंदना शिवा कहती हैं कि उनकी रिपोर्ट के मुताबिक जो हाल मालवा पट्टी का है वही, महाराष्ट्र में विदर्भ का है और वही आंध्रप्रदेश का भी है। इसके आलावा खेती अवशेषों को संभालने की क्या नीति हो, अब यह मुद्दा केवल किसानों का नहीं रह गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb5b594a506ccaa05c405a22de74a4b3b79f1114 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस रिपोर्ट को एक माह पूर्व 30 से 31 अक्टूबर के बीच रोम में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से पहले पेश किया गया था। यह रिपोर्ट यूरो-मेडिटेरेनियन सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंज से जुड़े 40 से अधिक वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा तैयार की गई । यह शोध केंद्र इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) के इतालवी केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करता है। इस रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में जलवायु परिवर्तन का जी20 के प्रत्येक सदस्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। ।गौरतलब है कि जी20 एक अंतर-सरकारी मंच है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। यह संगठन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय स्थिरता, जलवायु परिवर्तन को रोकथाम और सतत विकास से जुड़े आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए काम करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64676.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64676.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04ce55eb7098ddfb533df55d4aa7018176d124f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64676.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलिस भर्ती, टेट, सिविल सेवा को उत्तीर्ण कराने का भी लेते हैं ठेका।मंगलवार को एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने रामगढ़ताल इलाके से एक ऐसे गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने 15 लाख रुपये में दारोगा बनाने का ठेका लिया। एसटीएफ के मुताबिक केंद्र संचालक की सांठ-गांठ से यह गिरोह बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों को पास कराने वाला था। एसटीएफ से इस गिरोह ने अभी तक सिर्फ इतना कबूला है कि इन्होंने दो लोगों से रुपये लेकर परीक्षा में बिठाया भी था। हालांकि अभी इसकी जांच पूरी नहीं हो सकी है कि उन्होंने सिर्फ दो लोगों से रुपये लिये थे अथवा वह अन्य लोगों को भी परीक्षा दिलवा चुके हैं। एसटीएफ अभी सिर्फ गिरोह के नित्यानंद गौड़, अनुभव सिंह, सेनापति साहनी को गिरफ्तार कर सकी है। बुधवार को एसटीएफ व शाहपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने साल्वर गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह भी पुलिस भर्ती, टेट, सिविल सेवा आदि परीक्षाओं में लोगों को उत्तीर्ण कराने का ठेका लेता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37fa76579c3465272f287777c76e91a9bdc3e31e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64677.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिला ओडीएफ घोषित होने के बाद अब ओडीएफ प्लस पर काम चल रहा है। खैर ब्लाक का इसमें चयन हुआ है, लेकिन अब तक पंचायती राज विभाग की काफी सुस्त रफ्तार है। अभी तक कई गांव में तो अभियान भी शुरू नहीं हो पाया है, जबकि 20 नवंबर तक हर हाल में काम पूरा करना था। फिलहाल की स्थिति को देखते हुए इस साल के अंत तक इस ब्लाक के ओडीएफ प्लस होने की संभावना काफी कम ही हैं। हालांकि, अफसर दावा कर रहे हैं कि जल्द ही काम हो जाएगा। + +20 नवंबर तक लक्ष्‍य पूरा करने का था निर्देश।पहले विभागीय अफसरों ने 20 नवंबर तक यहां पर काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अब तक यह काम कई पंचायतों में काम शुरू भी नहीं हो पाया है। डीपीआरओ धनंजय जायसवाल ने बताया कि अोडीएफ प्लस पर काम चल रहा है। जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा। प्रधान व सचिवों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं। जलभराव की समस्या को प्राथमिकता से निस्तारित किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ff389862f562950d593f64ffd4f7952b4bc6150 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देशभर के धार्मिक और पर्यटक स्थलों के बीच चलने वाली भारत गौरव ट्रेनों को संचालित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे से भी 23 पुराने कोचों (आइसीएफ) को चिन्हित किया है। जिसमें गोरखपुर में 20 से 25 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले 11 स्लीपर और एक एसी थर्ड तथा काठगोदाम में 11 स्लीपर कोच चिन्हित हैं। भारत दर्शन यात्रा की तर्ज पर चलने वाली भारत गौरव ट्रेनें 15 से 25 वर्ष आइसीएफ कोचों से ही चलाई जाएंगी। 20 वर्ष तक के आइसीएफ कोच कंडम घोषित कर दी जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50cc97e050f89e92daeae46b33e762e2c76929ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोजाना देनी होगी श्रमिकों की संख्या की जानकारी।समय से काम पूरा कराने के लिए डीएम ने सख्त रुख अपनाया है। डीएम ने दोनों सड़कों का निर्माण करा रहे ठीकेदारों को नोटिस जारी किया है। दोनों ठीकेदारों को रोजाना शाम को दिन भर काम करने वाले श्रमिकों की संख्या बतानी होगी। यदि श्रमिकों की संख्या कम हुई तो इसका भी कारण बताना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d15a41aa5f1b404c13a1334508248105ec8417fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64682.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राहुल सिंह]। कभी पांच पैसे लेकर दिल्ली के चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले लोग अब अपने नाती-पोतों के साथ डिजिटल तरीके से टिकट लेकर आते हैं। साल दर साल दिल्ली के चिड़ियाघर में कुछ न कुछ बदलाव होते गए, लेकिन कुछ नहीं बदला तो वह है यहां के जानवरों के रहन-सहन का तरीका और चिड़ियाघर में वन्य जीवों के रखरखाव की पहल। आज भी चिड़ियाघर का हर कर्मचारी जान की बाजी लगाकर शेर और बाघ जैसे जानवरों के बाड़े में जाकर उनका खयाल रखते हैं। नवंबर में दिल्ली का चिड़ियाघर 62 साल का हो गया है। ।1959 में शुरू हुए चिड़ियाघर में आज भी बड़ी संख्या में पर्यटक बच्चों के साथ आते हैं। इसके साथ ही साल दर साल जानवरों व पक्षियों की संख्या में भी इजाफा होता चला गया। आज चिड़ियाघर 93 प्रजातियों वाला देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है, जहां जीवों की संख्या 100 करने का लक्ष्य है। चिड़ियाघर के पुराने (बुजुर्गो) पर्यटकों का खयाल रखने के लिए चिड़ियाघर में इलेक्ट्रानिक वाहन चलाए जाते हैं, जिस पर बैठकर वे सफर करते हैं। ।जर्मनी और श्रीलंका में तैयार हुई थी रूपरेखा ।चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि आजादी के बाद से ही दिल्ली में चिड़ियाघर बनाने की कवायद शुरू हो गई थी। इस दौरान लगातार जमीन तलाशने को लेकर दौरे किए गए, वहीं वर्ष 1958 में जर्मनी और श्रीलंका के चिड़ियाघर के निदेशक मेजर वाइनमेन ने दिल्ली के चिड़ियाघर की रूपरेखा तैयार की। + +पहला ऐसा चिड़ियाघर बना था, जहां जानवरों को खुले आसमान के नीचे रखने और जाल नहीं लगाने की बात तय हुई। इसके बाद जानवरों के बाड़े और दर्शकों के बीच छोटी नहर बनाने का काम किया गया। नवंबर 1959 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री पंजाब राव देशमुख ने इसका उद्घाटन किया था। अधिकारी बताते हैं कि उस समय चिड़ियाघर के टिकट के दाम पांच पैसे थे, जिसे लोग बाहर खिड़की पर खड़े होकर लेते थे। ।चिड़ियाघर के पहले निदेशक ने जमकर की थी मेहनत।अधिकारियों ने बताया कि नवंबर 1959 से अक्टूबर 1995 तक एनडी बछखेती दिल्ली चिड़ियाघर के पहले निदेशक थे, जिन्होंने 36 साल के कार्यकाल में चिड़ियाघर के लिए कई काम किए। इसके अलावा उन्हीं के कार्यकाल में चिड़ियाघर को चार देशों-अफ्रीकी, एशियाई, आस्ट्रेलियाई और अमेरिकी डिजाइन में बांटा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..626fe3d3528c4cbdb014cd1fb6197f94590679b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निरस्त किए गए कानूनों में पहले कानून के तहत, किसानों को राज्य के भीतर व्यापार के लिए बाधाओं का सामना किए बिना कृषि उपज बेचते समय अधिक स्वतंत्रता का अनुभव होता। किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता का भी अनुभव होता, क्योंकि उन्हें इस तरह के व्यापार पर कोई शुल्क नहीं देना होता। दूसरे कानून से किसानों को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में कारपोरेट्स के साथ व्यापार करने और अपने माल के लिए अधिक लाभ कमाने की अनुमति मिलती। तीसरा कानून बताता है कि सरकार केवल असाधारण परिस्थितियों में ही प्याज, अनाज, तेल आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, वितरण्, व्यापार को विनियमित कर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49e4f39996b3d19ac7567a445ffe703c908b9502 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोधारी तलवार हो गई है आजकल पैरेंटिंग। अगर बच्चों को भौतिक संसाधनों से वंचित रखा जाए या कुछ सीमाएं बना दी जाएं तो वे मन में माता-पिता के प्रति द्वेष पैदा कर लेते हैं। अगर बच्चों को सारी सुख-सुविधाएं दी जाएं तो वे अपनी सीमाओं को नहीं पहचानते हैं और ऐसा कारनामा कर गुजरते हैं, जो समाज की नजरों में हिमाकत और मनमानी कहलाता है। ऐसे में माता-पिता कैसे संतुलन बनाएं कि बच्चे खुश भी रहें साथ ही अच्छे-बुरे की पहचान भी कर सकें। चुनौती कठिन है, लेकिन समस्या के साथ समाधान भी मौजूद हैं...। पढ़िए, बच्चों की परवरिश को लेकर नई दिल्ली की यशा माथुर का खास लेख..। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ba99036f0a52dc6cde946a9f32c316998879ec3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण टीम। गौतमबुद्ध नगर के जेवर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जमीं पर उतर आया है। एशिया के सबसे बड़े इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को शिलान्यास करेंगे। इस एयरपोर्ट से ब्रज क्षेत्र औद्योगिक विकास की उम्मीदों की उड़ान भरने लगा है। आगरा, अलीगढ़, हाथरस, फिरोजाबाद व मथुरा के परंपरागत उद्योगों को नई उड़ान मिलेगी। ये शहर तो दुनिया से सीधे कनेक्ट हो ही जाएंगे, विश्व भर के कारोबारियों का यहां तक आना सुगम हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..338eba1ba91027528e35b74550965c57ae737e6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6469.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर टाइगर श्रॉफ ने बहुत कम वक्त में इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बना ली है। टाइगर ने साल 2014 में ‘हीरोपंति’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, कुछ पर्दे पर हिट रहीं तो कुछ बुरी तरह फ्लॉप। फिल्मी इंडस्ट्री की चकचौंध से दूर टाइगर सादगी से अपनी जिंदगी जीते हैं। एक्टर अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त परिवार और दोस्त दिशा पाटनी के साथ बिताते हैं। + +स्पॉटब्वॉय से बात करते हुए जैकी श्रॉफ ने कहा, ‘शिफ्टिंग का सारा काम बच्चों के साथ मेरी पत्नी देख रही हैं। क्योंकि ये घर टाइगर ने अपनी मां के गिफ्ट किया है। मैं तो बस एक मुसाफिर हूं साथ में। मुझे तो जहां ले जाएं मैं रह लूंगा। बस भगवान कि कृपा है हमारे परिवार पर’। आपको बतां दें घर के इंटीरियर को टाइगर की मां आयशा श्रॉफ ने डिज़ाइन किया है। घर में टाइगर की डांस प्रेक्टिस के लिए भी अलग से जगह बनाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb9a20d906f02403aa876caa81b95def02621c96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीएम के आदेश का होगा अनुपालन : सीएमओ ने कहा कि रात में विपरीत परिस्थिति में रात में पोस्टमार्टम की सुविधा प्रदान की जाती है। बीते दिनों में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें जिलाधिकारी की अनुमति पर रात में पोस्टमार्टम किए गए हैं। लेकिन यह व्यवस्था हर दिन कम स्टाफ में संभव नहीं है। मुरादाबाद में अभी पुराने शासनादेश के अनुसार ही व्यवस्था लागू रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95d0d60f2a9d15603f72663a10a7a647a3a78ac7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64694.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]।  दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी तो शुरू से ही रही है, अब बगावत भी जोर पकड़ रही है। खासकर जिन नेताओं को जंबो कार्यसमिति में जगह नहीं दी गई और जिन सात जिलाध्यक्षों को हटाया गया है, उनमें से ज्यादातर के मन में बदले की आग धधक रही है। इनकी शिकायत है कि मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष ने मान सम्मान तो उन्हें कभी दिया नहीं, अब उनका अपमान करने में भी कसर नहीं छोड़ी। इस अपमान को बर्दाश्त कतई नहीं किया जाएगा। कुछ ने तो ट्वीटर पर ही पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं तो कुछ बैठकें कर रणनीति बना रहे हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि जल्द ही दिल्ली के हालात से पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी को भी अवगत कराया जाएगा। व्यक्तिगत स्तर पर समय मिला तो मिलकर अन्यथा पत्र भेजकर। इस सबसे इतना तो तय है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस को अब कांग्रेसी ही हराएंगे। + +खुल गई अपनी ही पोल।दिल्ली कांग्रेस इन दिनों हर विधानसभा क्षेत्र में पोल खोल यात्रा निकाल रही है। इसमें केंद्र की भाजपा और दिल्ली की आप सरकार की नाकामियों को उजागर किया जा रहा है। लेकिन कुछ ही दिन की यात्रा में पार्टी की अपनी ही पोल खुल गई है। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में इस यात्रा को स्थानीय समर्थन ही नहीं मिल रहा तो आधे समर्थक किराये पर मंगाए जा रहे हैं। ताजा उदाहरण हस्तसाल विधानसभा का है, जहां इस यात्रा में कई बार के विधायक मुकेश शर्मा को साथ ही नहीं लिया गया। इसी तरह जहां कहीं यह यात्रा निकालनी होती है, वहां नेताओं को पहले ही कह दिया जाता है कि 50-60 समर्थक किराये पर भी बुलवा लेना, कहीं बेइज्जती न हो जाए। कुछ वरिष्ठ नेता इस पर चुटकी लेने से परहेज नहीं करते कि जिस नेतृत्व के साथ न अपने हैं और न गैर, उसकी अगुवाई में पार्टी का भविष्य क्या होगा!।जब जवां हो गई युवा कांग्रेस।विरोध की राजनीति से इतर भारतीय युवा कांग्रेस (आइवाइसी) की प्रयोगधर्मिता काबिलेतारीफ कही जा सकती है। जहां प्रदेश कांग्रेस केवल नकल और विरोध के रास्ते पर चलती है वहीं आइवाइसी कुनबे का विस्तार करती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के निर्देशन में तीन दिवसीय ''यंग इंडिया के बोल'' प्रतियोगिता का आयोजन भी ऐसी ही रचनात्मकता रहा। देश भर से जहां करीब 1500 युवाओं ने अपनी बात रखी वहीं अजय माकन, देवेंद्र यादव, रागिनी नायक, पवन खेड़ा, अलका लांबा सरीखे अनेक बड़े नेताओं ने युवाओं का उत्साह बढ़ाया। हर भाषा में बेहतर ढंग से अपनी बात रखने वाले तीन- तीन युवाओं को पुरस्कृत किया गया। निस्संदेह इस आयोजन में नए- पुरानों के मिलन से युवा कांग्रेस जवां तो हो ही गई, राजनीतिक जानकारों की मानें तो युवाओं के लिए ऐसे आयोजन कर आइवाइसी अपना दायरा बढ़ाने का काम भी बखूबी कर जाती है। खुद मजबूत होंगे, तभी दूसरे को परास्त कर सकेंगे। + +छोटा हो रहा कुनबा, फिर भी नहीं परवाह।इसे ढिठाई कहें या निर्लज्जता या फिर बैल बुद्धि.. देश की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की लुटिया दिन ब दिन डूबती जा रही है लेकिन पार्टी नेतृत्व को कोई परवाह ही नहीं है। खुद को सही साबित करने की जिद इस हद तक हावी है कि हर किसी को गलत ठहराने की मुहिम शुरू कर दी है। अगर डेढ़ दो साल में किसी नेतृत्व के रहते पार्षद से सांसद तक 50 से अधिक नेता पार्टी छोड़ जाएं तो खुद इस्तीफा दे पार्टी को बचाना चाहिए। लेकिन यहां तो सब उलटा है। पार्टी बचे या नहीं, खुद का इस्तकबाल होना चाहिए। अब तो बहुत से कांग्रेसी यह चुटकी लेने से भी बाज नहीं आते कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त की सिर्फ बात कही थी, लेकिन कुछ कांग्रेसियों ने मानो संकल्प कर लिया है। यह कांग्रेसी देश को कांग्रेस मुक्त करके ही दम लेंगे और प्रधानमंत्री की कही बात का मान रखेंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64695.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c9becfbe503249f071f4af1881d0afbdfc0c06d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64695.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +संजय श्रीवास्तव। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन वाला बिल ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन आफ आफिशियल डिजिटल करेंसी बिल-2021’ लेकर आ रही है। पहले यह अनुमान था, अब इस सत्र में पेश होने वाले जिन 26 विधेयकों की सूची जारी की गई है, उसमें यह बिल 10वें नंबर पर मौजूद है। यानी केंद्र सरकार इस बिल के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशक क्रिप्टोकरेंसी से सुरक्षित दूरी बनाएं। अगर वे नहीं बनाते हैं तो इसका जोखिम उन्हें खुद भुगतना होगा। + +बहरहाल दो साल पहले सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने का इरादा रखती थी। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बनाई पूर्व वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली उसकी एक्सपर्ट कमेटी ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही थी और वह राजी भी थी। अब सरकार का मानना है कि सुभाष गर्ग की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशंे पुरानी हो गई। बेशक यह उसका यू-टर्न है। संसार के तमाम देश अब स्वीकारने लगे हैं कि यह भविष्य की वैश्विक मुद्रा है और आगे चलकर इसके व्यापक प्रचलन को देखते हुए इस पर रोक लगाना अथवा इसके प्रभाव को नकारना शुतुरमुर्गी कोशिश होगी। इस मामले में वैश्विक वस्तुस्थिति का आकलन कर भारत सरकार की नीति ठीक लगती है। + +तमाम तथ्य ये संकेत करते हैं कि अगले बरस से पहले देश में क्रिप्टोकरेंसी और उसके निवेशकों का भविष्य, मार्ग और दिशा इसी बरस तय हो जाएगी। इससे पहले फिलहाल सरकारी रुख से इतना तो तय हो चुका है कि हम न तो चीन, थाइलैंड सरीखे देशों की तरह इस पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर सकते हैं और न ही अल सल्वाडोर जैसे देशों की तरह इसे खुला छोड़ सकते हैं। हमारे लिए सुविचारित और व्यावहारिक नीति अपनाकर इसे नियमित और नियंत्रित करना ही श्रेयस्कर होगा। हालांकि कुछ वित्तीय संस्थान तथा आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ सरकार के इस कदम से पूरी तरह सहमत नहीं हैं, उनके अनुसार क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध ही उचित है, लेकिन सरकार मध्यमार्ग ही अपनाने जा रही है। सरकार का यह निर्णय वर्तमान परिस्थितियों और भविष्य के आकलन के अनुसार स्वागत योग्य है। + +इस आभासी मुद्रा के प्रवाह, प्रसार, प्रभाव को तो समय तय करेगा, पर सरकार बाढ़ की तरह बढ़ती इस मुद्रा की बढ़त पर नियमों के तटबंध बांधेगी, इस आभासी मुद्रा के प्रचलन और उसमें निवेश की प्रक्रिया तय करने का प्रयास करेगी। क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण के लिए नई नीति समय की मांग है। यह न केवल देश के हर तरह के छोटे, बड़े, खुदरा निवेशकों, अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय परिवेश के हक में होगा, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा, सुरक्षा से संबंधित आतंकवाद, हवाला कारोबार, अवैध धन प्रेषण जैसी तमाम गंभीर चुनौतियों, मुद्दों, मसलों पर भी प्रभावी रोक का कारण बनेगा। क्रिप्टोकरेंसी के लगातार बढ़ते प्रसार को देखते हुए सरकार इस पर कराधान की भी सोच रही है। यदि यह व्यवस्था लागू हो पाती है, तो इसके निवेश, लाभ को आय, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के दायरे में लाया जा सके तो सरकार को मोटा राजस्व भी मिलेगा। सरकार यदि इस उम्मीद में यह उपक्रम कर रही है तो यह भी एक उचित कदम ही कहा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cf74bb8c2bc94ee3b58f64d948645faeeeb49dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64698.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संजय मिश्र। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों की तरह जल्द ही भोपाल और इंदौर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने जा रही है। उत्तर प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, नोएडा, कानपुर और वाराणसी में भी इसके लागू होने के बाद से आ रही सफलता की सूचनाओं ने मध्य प्रदेश सरकार को उत्साहित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह इसकी प्रशंसा कर चुके हैं। यही कारण है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बिना देर किए प्रदेश की राजधानी भोपाल एवं आर्थिक राजधानी के रूप में विख्यात इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का निश्चय कर लिया। + +मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पूर्व इसकी औपचारिक घोषणा कर संदेश दिया कि कानून व्यवस्था के मुद्दे को उनकी सरकार प्राथमिकता से लेती रहेगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। शांति और सद्भाव है, लेकिन हाल के दिनों में कुछ नए तरह के अपराध सामने आए हैं जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। ऐसी चुनौतियों से कारगर ढंग से निपटने एवं जनता को बेहतर सेवा देने के लिए दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने जा रहे हैं। + +माना जा रहा है कि भोपाल एवं इंदौर में यदि पुलिस कमिश्नर प्रणाली सफल होती है तो ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहरों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा सकता है। यह एक तथ्य है कि राज्य के अन्य शहरों की तुलना में भोपाल एवं इंदौर का विकास तेजी के साथ हो रहा है। हर साल बड़ी संख्या में ग्रामीण अंचलों एवं छोटे शहरों से लोग इन शहरों में आ रहे हैं। इससे यहां की आबादी तेजी से बढ़ रही है। जाहिर है कि इससे कानून व्यवस्था की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। साइबर अपराध की घटनाएं जिस तरह सामने आई हैं उससे भी सरकार की चिंता बढ़ी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने नौकरशाही के दबाव की परवाह किए बिना ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिया है। पुलिस कमिश्नर को वे सभी मजिस्ट्रेटी अधिकार भी दिए जाएंगे, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। इससे पुलिस मजबूत होगी तथा अनेक मामलों का अपने स्तर पर ही निस्तारण कर सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff3e567ca491ee2affb5782384c16f4c596415b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांगड़ा, नवनीत शर्मा। भारतीय जनता पार्टी का मंथन कल से शिमला में आरंभ हो चुका है। कोर कमेटी, विस्तारित कोर कमेटी, कार्यसमिति और अंतत: विधायक दल की बैठक के साथ यह मंथन समाप्त होगा। विशेष बात यह है कि इस बार हर पल की कार्यवाही दर्ज कर आलाकमान को भेजी जाएगी। उस रपट के साथ सरकार और संगठन के शीर्ष चेहरे दिल्ली बुलाए जाएंगे और वहां तय होगा कि मंथन से किसके लिए क्या निकला। मंथन ऐसी प्रक्रिया है जिसके बाद अमृत भी निकल सकता है और विष भी। देखना यह भी होगा कि विष के लिए कौन तैयार होता है। यह मंथन इसलिए विशेष है, क्योंकि हाल में भारतीय जनता पार्टी ने एक संसदीय और तीन विधायी क्षेत्र उपचुनाव में खो दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52ec6dc2c45088fdb1661bdb6b51765f55154c20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64700.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के 38 एचसीएस अधिकारी अजीब सिथति में फंस गए हैं। एक तो 12 साल के बाद काफी मशक्‍कत से नौकरी मिली और अब इस पर तलवार लटक गई है।  हरियाणा में 2016 में ज्वाइन करने वाले 38 एचसीएस अधिकारियों की नौकरी खतरे में है। 2004 में चौटाला सरकार ने 102 एचसीएस-एलाइड सर्विस के अधिकारियों की भर्ती की थी, जिसमें गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इन 102 एचसीएस अफसरों में से 38 अफसरों की भर्ती को ठीक मानते हुए उन्हें ज्वाइनिंग दी गई। + + 22 एचसीएस के दावे पर कोर्ट ने कहा, इन्हें भी दें नौकरी या 38 एचसीएस पर कार्रवाई करेसरकार।2016 में ज्वाइन करने वाले इन 38 एचसीएस अधिकारियों की नौकरी पर तलवार लटकने का कारण उनके सहयोगी बाकी अभ्यर्थी हैं, जिन्हें ज्वाइनिंग नहीं मिल पाई है। 102 अभ्यर्थियों में शामिल 22 अभ्यर्थियों ने 38 एचसीएस अफसरों की ज्वाइनिंग को यह कहते हुए कोर्ट में चुनौती दी कि ज्वाइन करने वाले अभ्यर्थियों तथा उनके समान मापदंड हैं। ऐसे में जब 38 एचसीएस को ज्वाइनिंग दे दी गई है तो उन्हें क्यों नहीं नौकरी पर रखा जा रहा है। इस संबंध में कोर्ट में डा. कुलदीप सिंह बनाम स्टेट आफ हरियाणा टाइटल से केस भी चला। + +चौटाला के समय में हुई थी 102 एचसीएस की भर्ती, चुनाव आचार संहिता की वजह से नहीं हो पाई थी ज्वाइनिंग।केस की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हरियाणा सरकार यह फैसला करे कि बाकी बचे हुए अभ्यर्थियों के ज्वाइनिंग देनी है या फिर जिन्हें ज्वाइनिंग दी जा चुकी है, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी है। मुख्य सचिव कार्यालय के सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। लिहाजा 2016 में ज्वाइन करने वाले 38 एचसीएस अधिकारियों को नोटिस देने की तैयारी कर ली गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..753e727735731388c925f8604e61182493706c67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64701.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रदीप सिंह: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब प्रकाश पर्व पर तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की तो आम प्रतिक्रिया थी कि सच हार गया और झूठ जीत गया। सुप्रीम कोर्ट की बनाई विशेषज्ञ समिति के सदस्य अनिल घनवट की मानें तो सच को हराने में जाने-अनजाने अदालत का रवैया भी सहायक बना। अब सवाल है कि यह आखिरकार हुआ क्यों? इस सवाल का जवाब खोजने के लिए एक दूसरे प्रश्न के उत्तर पर गौर करना होगा। सवाल है कि सरकार के सामने क्या कोई और विकल्प था? जो गतिरोध बना हुआ था, उसका फायदा किसे मिल रहा था?।‘आंख के अंधे नाम नयनसुख’ वालों को छोड़ दें तो पूरे देश में बहुमत इस पर सहमत था और है कि तीन कृषि कानून किसान, कृषि और देश की अर्थव्यवस्था के हित में थे। तो पहले बात करते हैं कि सरकार के सामने क्या कोई और भी विकल्प था? तीनों कृषि कानूनों का मामला सुप्रीम कोर्ट गया तो सर्वोच्च अदालत ने क्रांतिकारी काम किया। कानूनों की संवैधानिक वैधता जांचे बिना उनके अमल पर रोक लगा दी। उसी समय एटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने चेताया था कि गलत परंपरा डाली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट पंचाट नहीं है। वह संवैधानिक अदालत है। उसे अपने अधिकार के दायरे में ही रहकर काम करना चाहिए, पर अदालत ने तय किया कि वह कानून की वैधता जांचे बिना ऐसा करेगी। उसने किसान संगठनों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया, पर वे नहीं गए। अदालत ने विशेषज्ञों की कमेटी बनाई। किसानों ने उसके सामने जाने से भी मना कर दिया। कमेटी ने आठ महीने पहले रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन अदालत को उस पर सुनवाई करना या उसे सार्वजनिक करना जरूरी नहीं लगा। अनिल घनवट को बोलना पड़ा कि रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाती तो बहुत सी गलतफहमियां दूर हो जातीं। + +जिनके हित के लिए ये कानून बनाए गए, वे खामोश थे। हिंसक अल्पसंख्या खामोश बहुसंख्या पर भारी पड़ी। अस्सी फीसद से ज्यादा छोटे-मझोले किसानों के हित के लिए यह कानून बनाया गया था, पर सरकार को साफ नजर आ रहा था कि जिन लोगों के हित के लिए यह कानून बना है, उन्हें इसका फायदा तो तब मिलेगा जब ये कानून लागू होंगे। इसके लिए न तो संयुक्त किसान मोर्चे के नेता तैयार थे और न ही सुप्रीम कोर्ट। जब तक मामला अदालत में है, तब तक सरकार इन तीनों कृषि कानूनों के बारे में कुछ कर ही नहीं सकती थी। लागू कर पाए बिना इनके राजनीतिक विरोध को सरकार रोज-रोज ङोल रही थी। जिस प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में सबसे ज्यादा काम किया, उसकी छवि किसान विरोधी बनाने की कोशिश हो रही थी। उन्हें असंवेदनशील बताया जा रहा था। पंजाब में भाजपा के नेता घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। हरियाणा में मुख्यमंत्री तक को अपना संवैधानिक दायित्व नहीं निभाने दिया जा रहा था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़े चुनावी नुकसान की फर्जी खबरें चलाई जा रही थीं। + +ढाई प्रदेशों (पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के बड़े किसानों का आंदोलन एक और संदेश देता है कि किसी भी घटना को स्थायी मान लेना नासमझी होती है। विपक्षी दलों को लग रहा था कि किसान आंदोलन उनके लिए राजनीतिक एटीएम जैसा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उस एटीएम को ही बंद कर दिया। पांच राज्यों और खासतौर से उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव से ठीक पहले विपक्ष के हाथ से उसका सबसे बड़ा मुद्दा चला गया। इसीलिए कहते हैं कि उधार के सिंदूर से मांग भरने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bc7eb50dd5a0a12fac6554b7bc4b0eb2c7dfd98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रोटाटाइप रोबोट तैयार। बकौल प्रो. आलम लैब में प्रोटोटाइप रोबोट बना लिया गया है। इसे बनाने के दौरान लैब में एक महीने तक विभिन्न पौधों पर ट्रायल किया गया। रोबोट ने तापमान, मिट्टी में नमी, आर्द्रता, फसल में कीड़े आदि की सटीक जानकारी दी। इन जानकारियों को दिन प्रतिदिन के हिसाब से रिकार्ड किया जाता था। इसके नतीजे उत्साहित करने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64705.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64705.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16b37e6fdcc185ffc70bf26ad4ffddb3258f9ee5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64705.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कूड़ा निस्तारण पर खर्च।3.30 करोड़ रुपये मैटेरियल रिकवरी फेसिलिटी सेंटरों पर।2.25 करोड़ रुपये फिक्सड कांपैक्टर ट्रांसमिशन मशीन पर।75 लाख रुपये कूड़ा उठाने की हथगाड़ियाें पर।5 करोड़ रुपये आटो टिपर वाहनों पर।1.25 करोड़ रुपये कूड़ेदानों पर।खास बात।आबादी के मुताबिक नहीं है सफाई कर्मियों की नियुक्ति।बंद है स्थायी भर्ती, आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे नगर निगम।एक हजार और कर्मचारी भर्ती करने की उठ रही मांग।ये है मानक।10,000 की आबादी पर 28 सफाई कर्मियों के पुराने मानक।13 लाख की आबादी पर होने चाहिए 3640 कर्मचारी, हैं 2316।एक नजर में।450 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन सड़कों पर बनता मुसीबत।200 मीट्रिक टन कूड़े से होता है खाद उत्पादन।10 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा है प्लांट में।104 कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट हैं शहर में।150 छोटे-बड़े वाहन हैं नगर निगम के बेड़े में।2316 स्थायी व अस्थायी कर्मचारी हैं निगम में।1600 टन खाद एटूजेड प्लांट में हर साल होती है तैयार।आउटसोर्सिंग से नियुक्ति।सफाई कर्मचारी, 960।जलकल, 226।वर्कशाप, 208।नाला गैंग, 170।स्टोर विभाग, 60।कंप्यूटर आपरेटर, 33।पथ प्रकाश, 32।उद्यान विभाग, 27।निर्माण विभाग, 19।गृहकर, 11।स्मार्ट सिटी, 3।मैं भी स्वच्छता पहरी।हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि अपने घर के साथ शहर को भी स्वच्छ रखे। मैं संकल्प लेता हूं कि स्वच्छता की हर मुहिम में प्रतिभाग करुंगा। दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करता रहुंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0b11c9a32b6177f1b96485012664341a87e7a65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्री काशी विश्‍वनाथ धाम कारिडोर : बाबा विश्‍वनाथ के आंगन में इतना स्‍थान है कि हजारों श्रद्धालु सीधे आंगन में कतारबद्ध होकर बाबा के गर्भगृह में प्रवेश के लिए अपनी बारी का इंतजार कर सकते हैं। ऐसे में बाबा दरबार की भव्‍यता को परिसर के ऊंचे स्‍थल से निहारेंगे तो हर ओर पर्याप्‍त स्‍पेस बाबा दरबार के आधुनिक कलेवर की व्‍याख्‍या करता नजर आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e39d77ce5044b90335e676ddf343e238f6ab5430 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64710.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। Honda car modified into lamborghini जी हां, कानपुर की सड़क पर आजकल एक वंडर कार लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, इस कार का रूप एकदम लैंबार्गिनी स्पोर्ट्स कार से मिलता हुआ है और सबसे हैरतअंगेज चीज तो इसकी कीमत है, जो कि महज चार लाख रुपये है। अब आप सोच रहे होंगे कि चार लाख रुपये में स्पोर्ट्स कार आना कैसे संभव है, तो इसका भी खुलासा हम कर देते हैं। असल में यह कार बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के एक युवक की है। इन्होंने 20 हजार में हांड की कार खरीद इसे माडिफाई करा लिया था। कार को माडिफाई कराने से पहले शायद कार स्वामी को इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि इस गैरकानूनी प्रक्रिया में वे बुरी तरह से फंस सकते हैं। इसलिए पाइप में आई खामी को ठीक कराने के लिए जब यह कार कानपुर सड़क पर उतरी तो सेल्फी लेने की हाेड़ मच गई। भीड़ की सूचना पाकर पुलिस टीम पहुंची और मामले काे जानकर उन्होंने एआरटीओ को इसकी सूचना दी। ।वाहन कस्टमाइजेशन के नियम: माेटर व्हीकल एक्ट की धारा 52 (1) कहती है कि वाहन के मूल स्ट्रक्चर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ करना गैरकानूनी है। एेसा करने पर वाहन स्वामी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और वाहन का पंजीकरण भी कैंसल कराया जा सकता है। इसी धारा के अनुसार, वाहन के पार्ट्स से संबंधित छोटे-माेटे बदलाव हो सकते हैं, लेकिन बॉडी को पूरी तरह माडिफाई कराना गैरकानूनी है।  ।यह था पूरा मामला: कस्बा सुमेरपुर के व्यापारी नितिन गुप्ता ने एक लाख 20 हजार मे हांडा स्टीम कार खरीदी और जयपुर ले जाकर लैंबोर्गिनी माडल में चेंज करा लिया था। जिसमें उसे ढाई लाख रुपये और खर्च करने पड़े थे। इस तरह से उसकी गाड़ी लगभग चार लाख में पूरी हो गई थी। गत दिवस इसी कार के पीछे का पाइप फट जाने से वह उसकी मरम्मत के लिए कानपुर गया था। जहां उसकी गाड़ी को कोबरा टीम ने पकड़ लिया। टीम को उसने कागजात भी दिखाए। इसके बाद भी उसे नहीं छोड़ा गया। यह चार पहिया वाहन एआरटीओ के हवाले कर दिया गया है। एआरटीओ गाड़ी के मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं। जांच के बाद में क्या होता है वक्त पर पता चलेगा। बुधवार को चार पहिया वाहन यातायात विभाग के हवाले कर दिया गया है। इसके बाद उसकी जांच की गई। गाड़ी के मालिक नितिन ने बताया कि समस्त कागजात सही पाए जाने पर उसे बुधवार की शाम गाड़ी मिल गई है। जिसे लेकर वह रात को कस्बे पहुंचा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e54ca5f33e714fed72b2cded54bf41a2372605d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64712.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। अफगानिस्‍तान में तालिबान हुकूमत के करीब तीन महीने से ज्‍यादा का वक्‍त गुजर चुका है। तीन महीने में अफगानिस्‍तान में बहुत कुछ बदल चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी की अगुवाई में चलने वाली सरकार की जगह तालिबान की अंतरिम सरकार ले चुकी है। आइए जानते हैं कि आखिर तालिबान हुकूमत में क्‍या कुछ बदलाव आया है। सत्‍ता में आने के पूर्व तालिबान ने कई वादे किए थे। सवाल यह है कि क्‍या तालिबान ने अपने वादों को पूरा किया ? क्‍या तालिबान हुकूमत को मान्‍यता मिल सकी? तालिबान शासन में अफगानिस्‍तान का आर्थिक तानाबाना क्‍या है ?।1- अधर में लटकी तालिबान की मान्‍यता ।अफगानिस्‍तान में दुनिया के किसी देश ने तालिबान शासन को मान्‍यता नहीं दी है। हालांकि, अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद पाकिस्‍तान की तालिबान शासन के प्रति दिलचस्‍पी को देखते हुए यह उम्‍मीद की जा रही थी कि पाकिस्‍तान और चीन तालिबान सरकार को मान्‍यता देंगे, लेकिन अमेरिकी झिड़की के बाद वह ता‍लिबान शासन को मान्‍यता नहीं दे सका। चीन, रूस और अन्‍य इस्‍लामिक देश तालिबान को मान्‍यता नहीं दे सके। + +2- भुखमरी के कगार पर पहुंचा अफगानिस्‍तान । तालिबान हुकूमत के बाद से अफगानिस्‍तान के समक्ष भुखमरी की समस्या भी खड़ी हो गई है। इस बीच संयुक्‍त राष्‍ट्र ने आगाह किया है कि अफगानिस्‍तान के 2.2 करोड़ से अधिक लोगों के समक्ष भुखमरी का संकट उत्‍पन्‍न हो गया है। 95 फीसद लोगों के पास पर्याप्त भोजन नहीं हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने चेताया है कि अफगानिस्‍तान में गंभीर भुखमरी और अकाल का खतरा पैदा होने की आशंका है। लाखों की संख्या में लोग अफगानिस्‍तान से पलायन कर गए हैं। देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है। पश्चिमी देशों ने अफगानिस्‍तान को मिलने वाली मदद पर रोक लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि सर्दी के मौसम में यह भुखमरी का संकट और बढ़ सकता है। देश के लिए अगले छह महीने विनाशकारी होने वाले हैं। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया से अपील की है कि वह अफगानिस्‍तान की ओर से मुंह न फेरें और दिक्कत में घिरे लोगों की मदद करें। + +3- सुरक्षा को लेकर असफल रहा तालिबान। तालिबान हुकूमत ने एक अहम वादा सुरक्षा को लेकर किया था, लेकिन स्थितियां तालिबान के काबू में नहीं दिखती है। सबसे बड़ी चुनौती इस्‍लामिक स्‍टेट की ओर से मिल रही है। हाल में संयुक्‍त राष्‍ट्र ने बताया कि अफगानिस्‍तान में लगभग हर जगह इस्‍लामिक स्‍टेट मौजूद है। तालिबान के काबुल पर कब्‍जे के बाद पहला बड़ा हमला इस्‍लामिक स्‍टेट ने किया था। तालिबान के काबुल पर कब्‍जे के बाद पहला बड़ा हमला काबुल एयरपोर्ट पर हुआ था। इसमें सौ से ज्‍यादा लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इस्‍लामिक स्‍टेट ने इस हमले की जिम्‍मेदारी ली थी। इस्‍लामिक स्‍टेट ने कुंदुज कंधार, काबुल पर हमले किए थे। इन हमलों में बेगुनाह लोगों की मौत हुई। इतना ही नहीं इस्‍लामिक स्‍टेट ने तालिबान लड़ाकों को भी नहीं छोड़ा। तालिबान लड़ाकों को भी निशाना बनाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb822aa53db19a5e0edf8741359ca4929edb813d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64714.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कई चीजों पर निर्भर करता है टीके का प्रभाव ।मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डा. नीरज निश्चल ने कहा कि टीके के प्रभाव कई चीजों पर निर्भर करता है। जिसमें यह भी महत्वपूर्ण है कि ट्रायल या अध्ययन के दौरान संक्रमण कितना है? इस अध्ययन के दौरान ही दिल्ली में 26 अप्रैल को सबसे अधिक संक्रमण दर 35 फीसद थी। तक टीकाकरण भी कम हुआ था। टीकाकरण का दायरा बढ़ने के साथ टीके का प्रभाव भी बढ़ता जाता है। संक्रमण चरम पर होने के दौरान किसी भी टीके के प्रभाव का अध्ययन करने पर उसकी प्रभावशीलता कम आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da45163318912b121b800c3450be35b0955c3705 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64717.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, अमित शर्मा। श्री गुरु नानक देव जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि सुधार कानूनों को रद करने की अंतत: घोषणा कर ही दी। कानून वापसी की इस घोषणा के बाद राज्य की राजनीति में बड़े फेरबदल और नए समीकरण बनने के आसार पैदा हुए हैं। कानून निरस्त किए जाने के उपरांत जहां अन्य राजनीतिक दल-आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और विशेषकर भाजपा भारी राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं सत्तासीन कांग्रेस के लिए इस फैसले ने एक विकट स्थिति पैदा कर दी है। + +कांग्रेस अपने हाथ से एक अहम मुद्दा छिनते देख विचलित है। दिलचस्प बात तो यह है कि कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों की यह चिंता किसी अन्य बात को लेकर कम, लेकिन इस बात को लेकर ज्यादा है कि आंदोलन की समाप्ति के उपरांत आने वाले दिनों में पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के पास अपनी ही कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोलने के इतर कोई विकल्प नहीं बचेगा। चिंता वाजिब भी है, क्योंकि अपनी आदत से मजबूर सिद्धू ने हमेशा की तरह एक बार फिर लुधियाना में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पार्टी प्रभारी हरीश चौधरी समेत मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट सदस्यों की मौजूदगी में चन्नी सरकार के फैसलों पर केवल सवाल ही नहीं उठाए हैं, बल्कि इस्तीफे की धमकी तक दे डाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64718.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64718.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be5dddb489db01d7d414f6848a4bfe74418498c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64718.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास को एक बार फिर खुले मंच से राजनीति में आने का न्योता मिला है। इस बार उन्होंने खुद से किसी राजनीतिक दल का दामन न थामने का मन बना रखा है मगर फिर भी कुछ राजनीतिक दल उनको अपने साथ मिलाना चाहते हैं जिससे कुमार की फैन फालोइंग का उनको लाभ मिल सके। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़कर कुमार विश्वास ने काफी काम किया था, राजनीति को एक नई दिशा की ओर ले जाना चाहते थे मगर परिस्थितियां बदली और फिर आम आदमी पार्टी के साथ जो लोग शुरुआत से जुड़े थे वो सभी धीरे-धीरे करके अलग होते चले गए। इनमें अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6472.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df987352f1c4bfcb99f1099002f02f006e226c0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6472.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रीति जिंटा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए इस वीडियो को शेयर किया है। वीडियो में प्रीति जिंटा बेद एक्साइटेड नजर आ रही हैं। सेब के बागान को देखकर उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। बागान को देखकर प्रीति को उनका बचपन याद आ गया है। प्रीति वीडियो में भी बच्चों की तरह ही खुश और एक्साइटेड नजर आ रही हैं। वीडियो के साथ कैप्शन के जरिए प्रीति जिंटा ने अपनी पुरानी यादें और पुराने दिनों को भी याद किया। + +प्रीति जिंटा ने जो वीडियो शेयर किया है इस वीडियो में प्रीति कहती हुई नजर आ रही हैं 'हेलो दोस्‍तों, मैं यहां श‍िमला में अपने फैमली फार्म पर हूं और ये देखिए यहां इतने खूबसूरत सेब हैं, क्‍योंकि आजकल सेब का सीजन चल रहा है। बार‍िश हो रही है, बाल का छबड़ा हो चुका है, लेकिन मैं बहुत खुश हूं क्‍योंकि सेब देखकर मैं खुश हो जाती हूं और मेरे बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं।'।प्रीति आगे कहती हैं, 'ह‍िमाचल के सेब दुनिया के सबसे अच्‍छे सेब होते हैं। ये होती है फार्म लाइफ और अब मैं आधिकारिक रूप से क‍िसान बन चुकी हूं तो स‍िर्फ अब ही नहीं, यहां मैं हमेशा आती रहूंगी।' प्रीति के इस वीडियो को उनके फैंस खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही साथ कमेंट करते हुए प्रीति जिंटा के फैंस उनकी जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रीति जिंटा ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है। प्रीति जिंटा ने करियर की शुरुआत फिल्म 'दिल से' से की थी। जिसके बाद वो 'कल हो ना हो', 'वीर जारा', 'कोई मिल गया' और 'दिल है तुम्हारा' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..751a1ebadd195daa5f2d280e9756a6e40d3a3ae6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64720.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[ विवेक काटजू ] : पाकिस्तानी सियासत में 17 नवंबर की तारीख बड़े सियासी घटनाक्रम की गवाह बनी। इमरान सरकार ने इस दिन संसद के संयुक्त सत्र में ताबड़तोड़ अंदाज में 33 विधेयक पारित कराए। विपक्षी दलों के बहिर्गमन और बेकाबू हालात के बीच यह असाधारण कदम उठाया गया। इसके लिए संयुक्त सत्र का दांव इसलिए चला गया, क्योंकि सरकार सामान्य विधायी प्रक्रिया से इन विधेयकों को पारित कराने को लेकर आश्वस्त नहीं थी। माना जाता है कि इमरान खान को पर्दे के पीछे से सेना का समर्थन मिला, ताकि वह संयुक्त सत्र के पड़ाव को सफलतापूर्वक पार कर सके। संसद के इस संयुक्त सत्र की कार्रवाई से पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य की कई झलकियां दिखती हैं। उनका वास्ता पाकिस्तानी सेना और इमरान खान सरकार के बीच संबंधों से लेकर विपक्षी दलों तक से है। इन पहलुओं की पड़ताल इसलिए आवश्यक है, क्योंकि वे इमरान खान के राजनीतिक भविष्य और पाकिस्तान में नागरिक-सैन्य रिश्तों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। + +टकराव को लेकर यह संकट भले ही टल गया हो, लेकिन इसने इमरान और बाजवा के बीच भरोसे को घटा दिया। नि:संदेह 2018 में इमरान की जीत में सेना के समर्थन की बड़ी मेहरबानी रही। उन्होंने बाजवा को कार्यकाल विस्तार देकर उस अहसान का मोल भी चुकाया। फिर अब जब दोनों के बीच भरोसे की दीवार दरक गई है, तब सेना प्रमुख ने आखिर क्यों संयुक्त सत्र में इमरान की नैया पार लगवाई? असल में सेना नहीं चाहती कि जब उसे तालिबान के माध्यम से अफगानिस्तान में बड़ी सफलता मिली है, तब पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो। फिलहाल वह नए चुनाव और सैन्य तख्तापलट के जरिये सत्ता कब्जाने से बचना चाहती है। इसलिए उसने इमरान सरकार में थोड़ी चाबी और भर दी है, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि इससे सरकार की गाड़ी और कितनी दूर तक जाएगी? यह मुश्किल लगता है कि बाजवा इमरान को अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर फैसला करने देंगे। बाजवा का विस्तारित कार्यकाल अगले वर्ष नवंबर में समाप्त हो रहा है। सेना को उम्मीद है कि अगले छह महीनों में अफगानिस्तान में तालिबान शासन सामान्य हो जाएगा। इससे अफगान मोर्चे पर बेचैनी से उसे मुक्ति मिल जाएगी। + +हालांकि चीन के साथ पाकिस्तान के संबंध बढ़िया बने हुए हैं। चीनी निवेश बढ़ाने के मकसद से पाकिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के दूसरे चरण की शुरुआत करने जा रहा है। उसे उम्मीद है कि इससे समृद्धि आएगी, लेकिन यह व्यर्थ की उम्मीद है। जब तक पाकिस्तान भारत के प्रति शत्रुता की भावना का परित्याग नहीं करेगा, तब तक उसके लिए आर्थिक सफलता संभव नहीं होगी। इससे उसकी अर्थव्यवस्था भारत के लिए खुलेगी। समस्या यही है कि पाकिस्तान भारत को एक स्थायी शत्रु मानता है। वह द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कोई सकारात्मक नीति नहीं अपनाएगा। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने भले ही भारत-पाकिस्तान के बीच खुली सीमा और व्यापार बढ़ाने की वकालत की है और इमरान को अपना ‘बड़ा भाई’ बताया हो, वह असल में पाकिस्तान के असली चरित्र और भारत के प्रति उसकी गहरी दुश्मनी से अनभिज्ञ हैं। भारत के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार और कश्मीर घाटी में उसका फैलाया आतंक ही पाकिस्तान की असलियत है। ऐसे में सिद्धू जैसे नेताओं के लिए बेहद आवश्यक होगा कि वह स्वयं को इस वास्तविकता से परिचित कराएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f88ad42ec95411ea1733602e3be5ad964d3ecb00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +600 अंक हैं को-करिकुलर एक्टिविटी के।छात्रों के खाते में 600 अंक जुड़ते हैं, जिसमें अनुशासन के 200 अंक के अलावा खेलकूद के 200 व सांस्कृतिक-साहित्यिक गतिविधियों के 200 अंक भी शामिल हैं। खेलकूद व सांस्कृतिक व साहित्यिक गतिविधियों के 200 अंकों को भी 100-100 अंकों में बांट दिया गया है। 100 अंक सहभागिता के और 100 अंक उनकी उपलब्धियों के हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f19e83d6092cbbeb8e2fdf0680a7ad029c17abc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64724.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली/वाशिंगटन, जेएनएन। रूसी मिसाइल सिस्‍टम एस-400 की आपूर्ति को लेकर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों की चर्चा गरम है। क्‍या भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका शुरू से ही रूसी एस-400 मिसाइल सिस्‍टम की आपूर्ति को लेकर खफा है। भारत और रूस के बीच यह रक्षा सौदा वर्ष 2018 में हुआ था, तब से अमेरिका इस रक्षा सौदे का पुरजोर विरोध कर रहा है। वह भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुका है। हालांकि, भारत कई बार कह चुका है कि वह रूस के साथ इस समझौते को करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता भारत के पक्ष में हैं। ऐसे में अब गेंद बाइडन प्रशासन के पाले में है कि वह क्‍या फैसला लेते हैं। इसके साथ आज यह भी जानेंगे कि अमेरिका किन प्रावधानों के तहत भारत को यह धमकी दे रहा है। + +भारत के पक्ष में रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सीनेटर।रिपब्लिकन पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने पर भारत को प्रतिबंधों से छूट देने की बढ़ती मांगों का समर्थन किया है। भारत व दक्षिण पूर्व एशिया का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रहे टामी टबरविले ने कहा कि हम रूस की एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए भारत को प्रतिबंधों से छूट देने का समर्थन करते हैं। भारत के साथ हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं। उधर, अमेरिका ने रूस द्वारा भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली दिए जाने पर चिंता जताई है। इस बीच बाइडन प्रशासन ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के प्रविधानों के तहत भारत पर प्रतिबंध लागू करेगा या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6badac46132324f872cd9ef6a5b73dae80ed1bc6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64727.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए जन सहयोग अत्यंत आवश्यक है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में अब थोड़े बहुत प्रयास होने लगे हैं और इन प्रयासों का आमूलचूल असर भी नजर आने लगा है। यही वजह है कि मौजूदा दशक के शुरुआती सालों के मुकाबले प्रदूषण के औसत स्तर में 25 प्रतिशत तक की कमी भी दर्ज की गई है। लेकिन अभी भी दिल्ली की हवा स्वच्छ नहीं कही जा सकती और खुलकर सांस लेने के लिए इसमें प्रदूषण के कण में 60 से 65 प्रतिशत तक और कमी लाने की जरूरत है। ।दरअसल, समस्या यह है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए जो भी उपाय किए जाते रहे हैं, उनमें कागजी ज्यादा और जमीनी कम हैं। प्रतिबंध के बावजूद जगह-जगह सड़कों पर मलबा डंप किया जाता रहा है जो अभी भी बदस्तूर जारी है। कचरे में आग तो लगाई ही जा रही है, पूर्वी और बाहरी दिल्ली सहित एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में प्लास्टिक भी खूब जलाया जाता है। तांबा निकालने के लिए रबड़ जलाने तक की घटनाएं भी सामने आती रही हैं। इन मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रविधान जरूर है, लेकिन वोट बैंक के लालच में अमूमन की नहीं जाती। + +दिल्ली में प्रदूषण के लिए पराली का धुआं और बायोमास जलना ही नहीं, वाहनों का धुआं भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। साल दर साल 5.81 प्रतिशत की दर से राजधानी में निजी वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह संख्या एक करोड़ 32 लाख के आंकड़े को छू रही है। दिल्ली में सबसे अधिक दोपहिया वाहन और उसके बाद कार पंजीकृत हैं। जहां तक डीजल वाहनों की बात है तो इनकी संख्या निजी वाहनों में अच्छी खासी है जो प्रदूषण में इजाफे के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। स्पष्ट है कि वाहनों की इस बढ़ी संख्या और इससे वायुमंडल पर हो रहे असर को कतई नहीं नकारा जा सकता। ।कोरोना महामारी के दौरान देशव्यापी लाकडाउन के दौरान यह एकदम स्पष्ट हो गया है कि निजी वाहनों की संख्या कम करने, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने, औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण पर लगाम लगाने और विभिन्न स्तरों पर अंकुश लगाने से किस हद तक वायु, ध्वनि और जल प्रदूषण को कम किया जा सकता है। अत: भविष्य में इस दिशा में जो भी योजनाएं बनाई जाएं, उनमें लाकडाउन के अनुभव का समावेश अवश्य रहे। वैसे मेरा मानना है कि हालात सामान्य हो जाने पर भी विभिन्न स्तरों पर नियम-कायदों के साथ अंकुश बरकरार रखा जा सकता है। ।लाकडाउन में यह भी सामने आया कि अगर संस्थागत स्तर पर निजी वाहनों के प्रयोग को कम करके कार पूल को बढ़ावा दिया जाए और सरकार भी सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करे तो हालात तेजी से सुधर सकते हैं। याद रखिए, छोटे छोटे प्रयास ही बाद में बड़ा प्रभाव दे जाते हैं। यह एक ऐसा छोटा प्रयास साबित होगा जो आगे चलकर दिल्ली और दिल्ली वासियों दोनों की ही सेहत को बेहतर बनाएगा। अगर दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण को और कम करना है तो इसके लिए गंभीर रुख अपनाना होगा। ।केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही नहीं, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), नगर निगम (एमसीडी) और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली कैंट सभी को मिलकर काम करना होगा। राज्य और केंद्र सरकार को भी निगरानी व जवाबदेही दोनों तय करनी होगी। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करना होगा। इलेक्टिक वाहनों और साइकिल को भी बढ़ावा देना चाहिए। राज्य सरकारों की भूमिका काफी मायने रखती है। सरकारों को चाहिए कि वोट बैंक की नहीं बल्कि अपने मतदाताओं के स्वास्थ्य की भी चिंता करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91b8d2db7b15ca48514d4c4b9cdf2532a4462422 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, जागरण संवाददाता। सर्दी अब बढ़ गई है। न्‍यूनतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। दिन में भी सूर्य की तपिश अच्‍छी लगती है। जैकेट बाहर निकल आई हैं। इस मौसम में शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए विशेष योगासन करके सर्दी को मात दे सकते हैं। सबसे पहले नंबर पर है सूर्यभेदी प्राणायाम। इसके नाम से ही पता चला है कि सूर्य की तरह से यह हमारे शरीर में ऊर्जा बढ़ा देता है। गर्मी के मौसम में इस आसन को करने से बचना चाहिए। आइये, आज आपको बताते हैं कि सर्दी के मौसम में कौन से आसन करने चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cead514fd8f831d18fb470c77a3097240ba666c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64730.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खुद को राष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए तृणमूल कांग्रेस गोवा के साथ त्रिपुरा में भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। वह अन्य राज्यों में भी ऐसा ही कर सकती है। इसमें हर्ज नहीं। प्रत्येक क्षेत्रीय दल को अपना विस्तार करने और खुद को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का अधिकार है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि इसके पहले अन्य क्षेत्रीय दलों की ऐसी ही कोशिश नाकाम रही। इसका मुख्य कारण रहा उनकी ओर से क्षेत्रीय मुद्दों पर ही राजनीति करना और राष्ट्रीय महत्व के मसलों पर न तो अपना नजरिया विकसित करना और न ही उससे देश को प्रभावित कर पाना। देखना है कि तृणमूल कांग्रेस इस कमजोरी को दूर कर पाने में सफल रहती है या नहीं? जो भी हो, इस तथ्य की उपेक्षा नहीं की जा सकती कि अभी तक ममता सरकार केंद्र सरकार से टकराने के लिए ही अधिक जानी जाती है। + +ममता ने न केवल बंगाल के मसलों पर केंद्र के साथ टकराव वाला रवैया अपनाया है, बल्कि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी। यदि बांग्लादेश के साथ प्रस्तावित कुछ समझौते लंबित हैं तो ममता के रवैये के कारण। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारों में वृद्धि के मसले पर भी तृणमूल कांग्रेस के रवैये से यह साफ है कि वह राष्ट्रीय हितों से अधिक महत्व बंगाल के हितों को दे रही है। दुर्भाग्य से इस मसले पर कांग्रेस का रुख भी तृणमूल कांग्रेस जैसा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि राष्ट्रीय हितों के लिए यही उचित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e9be2dfc6076c4a154362b51f2d1f080288c06b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64731.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स‍िकंदरा फल एंव सब्‍जी मंडी में टमाटर के थोक कारोबारी इंद चौधरी, पप्पू चौधरी व सलाम ने बताया क‍ि महाराष्ट्र में टमाटर और प्याज़ की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. लेकिन इन दिनों महाराष्ट्र में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। सोमवार की रात दस ट्रक टमाटर मंडी में आया पर थोक में ही यह टमाटर 50 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा जबक‍ि र‍िटेल मे 100 रुपये प्रत‍ि क‍िलो ब‍िक रहा है। दस ट्रक टमाटर मध्‍यप्रदेश के शिवपुरी से आया। यह टमाटर 45 रुपये प्रत‍ि क‍िलो है। श‍िवपुरी से आने वाले बांस वाले टमाटर की सर्वाध‍िक यहां मांग होती है पर मंगलवार को महाराष्ट्र का टमाटर अध‍िक लाल होने के कारण श‍िवपुरी पर हावी रहा। हालांक‍ि स्‍वाद में श‍िवपुरी का टमाटर ही बेहतर है। + +देहरादून व विकास नगर से बडे पैमाने पर मटर, बंद गोभी, फूल गोभी, हरी म‍िर्च, धन‍िया, मूली, अदरक की आवक होने के कारण इनके भाव मे व्‍यापक ग‍िरावट आई। सोमवार की सुबह तक 110 रुपये प्रत‍ि क‍िलो ब‍िक रही हरी मटर अचानक 70 रुपये प्रत‍ि क‍िलो हो गई। बंद गोभी व फूल गोभी 10 रुपये प्रत‍ि क‍िलो से तीन रुपये प्रत‍ि क‍िलो, हरी म‍िर्च 15-25 रुपये प्र‍त‍ि क‍िलो से आठ से 12 रुपये प्रति क‍िलो, अदरक 20 रुपये प्रत‍ि क‍ि‍लो से 10 रुपये क‍िलो, पालक 20 रुपये प्रत‍ि क‍िलो से आठ रूपये प्रत‍ि क‍िलो, धन‍िया 40 रुपये प्रत‍ि क‍िलो से 15 रुपये प्रत‍ि क‍िलो होने पर रुकनता के क‍िसान जसवीर, महेन्‍द्र, जगवीर समेत दो दर्जन क‍िसान अपना उत्‍पाद वापस लेकर चले गए। बरेली व रामपुर से आ रही श‍िमला म‍िर्च 40 रुपये प्रत‍ि क‍िलो के बजाय 15 रुपये प्रत‍ि क‍ि‍लो ब‍िकी। भाव के मामले मे अभी तक आंसू द‍िला रहा प्‍याज 12 रूपये प्रत‍ि क‍िलो,आलू (3797) का भाव 15 रुपये किलो तो चिपसोना और पंजाब के नए आलू का भाव 15 से 20 रुपये किलो तक रहा। कोटपुतली राजस्थान से आ रही गाजर का भाव आठ से दस रुपये रहा। मंडी में बैगन आठ से 10, प्याज 18 रुपये, सोया, मेथी आदि के दाम 10 से 12 रुपये किलो के आसपास रहे। मूली पांच रुपये किलो ब‍िकी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d61acdb4d77255bf5c3bf0491ce00123d43b311 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यटन व तीर्थाटन के मद्देनजर आवागमन को सुगम बनाने पर राज्य सरकार का खास फोकस है। इस दिशा में पौने पांच वर्षों में कई रोपवे परियोजनाओं को लेकर कदम बढ़ाए गए। इनमें देहरादून-मसूरी, कद्दूखाल-सुरकंडा देवी, तुलसीगाड- पूर्णागिरि, गौरीकुंड-केदारनाथ, घांघरिया- हेमकुंड साहिब जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनके साथ ही लंबित रोपवे परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसी कड़ी में यमुनोत्री रोपवे को लेकर कसरत तेज की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..274646b87ff48c31ced9a2590e44b70262c8397f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर बढ़ने लगी भीड़। संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ाने का एलान किया था। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। टीकरी, शाहजहांपुर और सिंघु बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बढ़ती प्रदर्शनकारियों की संख्या के मद्देनजर शाहजहांपुर, टीकरी और सिंघु बार्डर पर उनके खाने-पीने और रहने का इंतजाम किया गया है। भीड़ बढ़ने पर कोई दिक्कत नहीं आए? इसकी भी तैयारी की गई है। इसके अलावा, संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान से दिल्ली के सभी मोर्चों पर भारी भीड़ जुटाई जाएगी। इस दौरानी यानी 26 नवंबर को किसानों की बड़ी सभाएं की जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48ef20535a108c6dfbda90079df80ca8468dcaa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कृष्ण गोपाल ने बताया कि उनकी मां रमा देवी (68) उत्तर प्रदेश के बिजनौर के नगीना के सैदपुर महीचंद गांव स्थित पुश्तैनी घर से जुलाई 2015 में उत्तराखंड के नैनीताल के कालाडुंगी में अपने भाई राजन मेहरा के घर गई थीं। फरवरी 2016 में कृष्ण गोपाल के बड़े भाई राम गोपाल जब कालाडुंगी गए तो उन्हें बताया गया कि उनकी मां का निधन हो गया है। मामा की बातों पर विश्वास कर राम गोपाल अपने घर लौट आए। जबकि हकीकत में मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण रमा देवी को उनके भाई अपने घर में रखना नहीं चाहते थे। रमा देवी का आरोप है कि उनके भाई ने उन्हें काफी मारा पीटा और उन्हें कोलकाता जाने वाली एक ट्रेन में बिठा दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64739.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17b96a997789fb95c8cac1821268146ceb2eb7a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जापानी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की एक दूसरे देशों की यात्रा को लेकर प्रमुखता से चर्चा हुई है। इस सिलसिले में जापान के पीएम फुमियो किशिदा की जल्द से जल्द भारत यात्रा संभव बनाने की कोशिश होगी। साथ ही दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों की अगुआई में होने वाली टू प्लस टू वार्ता की तिथि को लेकर भी बातचीत हुई है। बताते चलें कि जापानी प्रधानमंत्री के भारत आने का समय पिछले दो वर्षो से तय हो रहा है। दिसंबर 2019 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो एबी को भारत आना था, लेकिन असम में हिंसा होने की वजह से वह यात्रा टल गई थी। बाद में कोरोना और जापान में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से यह यात्रा टलती रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7413dc8bb583eab47d8fc2615acd35239977fc92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- अन्‍य आतंकी संगठन की तरह इस आतंकवादी संगठन का भी जन्मदाता पाकिस्तान है। यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और सीरिया के कुछ हिस्सों से संचालित होता है। फारसी में 'खुरासान' का मतलब होता है यानी वह जगह जहां से सूरज उगता है। इस्लामिक स्टेट के खुरासान गुट के अनुसार, उसकी सीमाएं केवल अफगानिस्तान या ईरान ही नहीं भारत तक आकर लगती हैं। इस आतंकी संगठन का मानना है कि खुरासान प्रांत के अंतर्गत केवल एशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आती है। इस आतंकी संगठन में तालिबान, अल कायदा, पाकिस्तानी तालिबान जैसे तमाम आतंकवादी संगठनों के कट्टर आतंकी जुड़े हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea13df9a88543731ca7024a80522c57114b18b0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64742.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +4- राष्‍ट्रपति चिनफ‍िंग ऐसा करके वह एक तीर से दो निशाना साध रहे हैं। ऐसा करके चिनफ‍िंग भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद पर एक नया दवाब बना सकते हैं। चिनफ‍िंग यह दिखाने का प्रयास करेंगे कि वह सीमा विवाद की समस्‍या को शांति के साथ समाधान करने के इच्‍छुक हैं। वह इसके लिए दादागीरी का सहारा नहीं लेना चाहते। यह चीन की बड़ी चाल है। दूसरे, वह दक्षिण एशियाई मुल्‍कों के साथ अमेरिकी रिश्‍तों के प्रभाव को कम करना चाहते हैं। आकस और क्‍वाड के प्रभाव से चिंतित चीन का यह नया पैतरा है। + + क्‍या कहा था चीनी राष्‍ट्रपति चिनफ‍िंग ने ।1- चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के सदस्यों के साथ एक आनलाइन सम्मेलन के दौरान कहा कि उनका देश दक्षिण पूर्व एशिया पर प्रभुत्व हासिल नहीं करना चाहता। उन्‍होंने कहा कि न ही अपने छोटे पड़ोसियों के साथ दबंगई करना चाहता है। बता दें कि यह सम्मेलन दोनों पक्षों के बीच संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। ।2- चिनफिंग के हवाले से देश की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा क‍ि चीन प्रभुत्ववाद व सत्ता की राजनीति का दृढ़ता से विरोध करता है। हम अपने पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और क्षेत्र में स्थायी शांति बनाए रखना चाहते हैं। चिनफ‍िंग की यह टिप्पणी चीनी तट रक्षक पोतों द्वारा विवादित दक्षिण चीन सागर तट पर सैनिकों को आपूर्ति करने वाली दो फिलीपीनी नौकाओं को रोकने और उन पर पानी की तेज बौछार करने के कुछ दिनों बाद की है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर आसियान सदस्य मलेशिया, वियतनाम, ब्रुनेई और फिलीपींस भी दावा करते हैं। ।3- दक्षिण पूर्व एशिया को दो भौगोलिक भागों में बांटा जा सकता है। दक्षिण पूर्व एशिया में कंबोडिया, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम और प्रायद्वीपीय मलेशिया आते हैं। समुद्री दक्षिण पूर्व एशियाई मुल्‍कों में ब्रुनेई, पूर्व मलेशिया, पूर्वी तिमोर, इंडोनेशिया, फिलीपींस, क्रिसमस द्वीप और सिंगापुर शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e55713e4d4df959d9a19f16a009e8fdea4050d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बलिया, जागरण संवाददाता। 'आज बड़े आनंद का दिन है। छोटे से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देख रहे हैं। इस अभागे-आलसी देश में जो कुछ हो जाए वही बहुत है। बनारस जैसे बड़े नगरों में जब कुछ नहीं होता तो हम यह यही कहेंगे कि बलिया में जो कुछ हमने देखा वह बहुत ही प्रशंसा के योग्य है...।' ।वर्ष 1884 में भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा दिया गया 'भारतवर्षोन्नति का मंत्र' उस मंच के साथ आज फिर जीवंत है। साल-दर-साल इस भारतेंदु मंच को सजा रहा ददरी मेला गौरवशाली परंपरा का संवाहक बन चुका है। 13 दिसंबर तक चलने वाला यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ ही शुरू हो चुका है। कोरोना के कारण एक साल स्थगित रहे इस मेले की रौनक देखने लायक है। मवेशियों के व्यापार के लिए तो देशभर में प्रसिद्ध इस मेले की महत्ता तब और बढ़ जाती है जब आधुनिक हिंदी के उन्नायक भारतेंदु हरिश्चंद्र के बलिया व्याख्यान' की याद दिलाने वाला ऐतिहासिक 'भारतेंदु कला मंच' सजता है। इस मंच पर देश के प्रमुख साहित्यकार पहुंचते हैं और भारतेंदु जी की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश-समाज के हालात पर चर्चा करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d19963fecf38f6a224ef12f848186de071ca51a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। हिमालय की गोद से निकलकर गंगासागर तक कल-कल बहने वाली पतितपावन गंगा की यात्रा की कहानी के रहस्य को एक स्थान पर समाहित करने के लिए अनूठी पहल की गई है। गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान ने छोटे से कमरे में ऐसा संग्रहालय तैयार किया है, जिसमें गंगा की यात्रा का मनोहारी वर्णन किया गया है। इस अनोखे संग्रहालय में गंगा के सभी धार्मिक महत्वों समेत ऐतिहासिक विवरण भी मौजूद हैं। साथ ही, विभिन्न स्थलों के वाद्य यंत्रों को भी संग्रहालय में रखा गया है। झूंसी स्थित गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के संग्रहालय में संतों के जीवन से जुड़ा साहित्य और अन्य दुर्लभ सामग्री भी सहेजी गई है। ।2005 में रखी संग्रहालय की नींव। गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बद्री नारायण तिवारी बताते हैं कि संग्रहालय की नींव 2005 में रखी गई थी। गंगा की शुरुआत देवप्रयाग से हुई थी। वहां गंगा की गहराई तो कम थी, लेकिन लहरों की रफ्तार इतनी तेज थी कि पहाड़ काट डाले। देवप्रयाग का हिंदू धर्म में अहम महत्व है। देवप्रयाग में भगीरथी और अलकनंदा मिलती हैं। इनके संगम से ही बनती है गंगा की धारा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64745.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e3da3fd8068cbddbcd9133fdb8433d6822a6c26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64745.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। राजधानी के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी स्तर की कक्षाओं में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्रों को भी अब शिक्षक मिल जाएंगे। शिक्षा निदेशालय की पोस्ट फिक्सेशन सेल ने इन बच्चों के लिए विशेष प्राइमरी शिक्षक (पीआरटी) के कुल 450 पद सृजित किए हैं। अभी तक ये छात्र बिना विशेष शिक्षकों के ही पढ़ रहे थे। यानी इन स्कूलों में विशेष पीआरटी का एक भी पद आज तक सृजित नहीं किया गया था। जो कि भारतीय पुनर्वास परिषद के नियमों के विरुद्ध था। दैनिक जागरण ने पांच फरवरी के अंक में प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया था। ये सभी शिक्षक 4200 ग्रेड पे पर रखे जाएंगे। राजधानी में फिलहाल प्राइमरी स्तर 447 सरकारी स्कूल हैं। 450 पद सृजित किए जाने से हर स्कूल में एक शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पीजीटी विशेष शिक्षकों के 301 पद और टीजीटी विशेष शिक्षकों के 1757 पद सृजित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8bd48a3dc652028bd7e45586bd9c2a9c81a5469 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। पाकिस्‍तान का करतारपुर गलियारा एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। खासकर भारत-पाकिस्‍तान के तनावपूर्ण संबंधों को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या धार्मिक लिहाज से खोले जा रहे करतारपुर गलियारों से भारत और पाकिस्‍तान के रिश्‍तों पर जमी बर्फ पिघल सकती है। इसके खोले जाने से भारत और पाक के रिश्‍तों पर क्‍या असर होगा ? आखिर पाकिस्‍तान में इसकी दिलचस्‍पी क्‍यों है ? क्‍या है इसके बड़े निहितार्थ ?।क्‍या सुधरेंगे भारत-पाक रिश्‍ते ।1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि भारत-पाक संबंधों की गुत्‍थी जटिल है। दोनों देशों की कूटनीतिक रिश्‍तों की डोर बहुत कमजोर है। ऐसे में करतारपुर गलियारे के खुल जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में एक सकारात्‍मक असर पड़ेगा। इससे दोनों देशों के नागरिकों के मध्‍य संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। इससे दोनों देशों के लोगों में प्रेम और सहानुभूति का एक नया मार्ग प्रशस्‍त होगा। इससे भविष्‍य में दोनों देशों को अपने कूटनीतिक रिश्‍तों को सुधारने में मदद मिल सकती है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान का ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब से जुड़ेगा, जो दोनों देशों के मध्‍य सांस्‍कृतिक रिश्‍ते मजबूत करने का एक नया अवसर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5883e7292033492bcc1cf04c5e61302c653fa2a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64750.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केजरीवाल के वायदे पर अगर गौर किया जाए तो इसे लागू करना आसान नहीं दिखता। पंजाब में वर्तमान में 99.08 लाख युवतियांंव म हिलाएं 18 वर्ष से ऊपर की है, जबकि अभी फाइनल वोटर सूची चुनाव आयोग को जारी करनी है। अनुमान है कि फाइनल वोटर सूची जारी होने पर यह संख्या एक करोड़ से ऊपर चली जाएगी। अगर सभी महिलाओं को एक हजार रुपये दिए गए तो माह में 1000 करोड़ और वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd164d61fcc76240b588aa52bd44aaa47786074b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करियर के नये विकल्‍प।एक रिपार्ट के अनुसार, फेसबुक, माइक्रोसाफ्ट समेत कई बड़े टेक फर्म मेटावर्स में निवेश के लिए आगे आ रहे हैं। आइये जानें, वास्‍तविक रूप में यह तकनीक आने पर किस-किस तरह के जाब प्रोफाइल्स की मांग ज्‍यादा होगी …।मेटावर्स रिसर्च साइंटिस्ट।भविष्‍य में मेटावर्स तकनीक अपनाए जाने पर मेटावर्स रिसर्च साइंटिस्ट्स की काफी मांग होगी, क्‍योंकि इस आभासी दुनिया के लिए जिन चीजों को बनाने की जरूरत होगी, वे यही प्रोफेशनल डेवलप करेंगे। इन्‍हीं पर इस तकनीक के लिए तमाम तरह के रिसर्च की भी जिम्‍मेदारी होगी, ताकि इस आभासी दुनिया को भव्‍यता प्रदान की जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be6e81e2c412a8996542a15ba0c3beca8216c599 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। बाढ़ में गंगा नदी द्वारा बहाकर लाई गई गाद घाटों के किनारों पर जमा है। लगभग 25-30 फीट ऊंची जमी इस गाद के निस्तारण का नमामि गंगे द्वारा गंगा के पक्के घाटों की सफाई का जिम्मा संभाली कार्यदायी संस्था विशाल प्रोटेक्शन फोर्स ने बहुत ही हैरतअंगेज तरीका खोज निकाला है। गाद की जेसीबी मशीनों से खोदाई कराकर उसे पानी के साथ गंगा नदी में ही बहाया जा रहा है। सोमवार को गंगा सफाई का यह अजीबोगरीब कारनामा अस्सी घाट से शुरू हुआ। जिसने भी देखा, वह समझ नहीं सका कि यह गंगा की सफाई का अभियान है या गंगा को और गंदा करने का। वैसे, घाटों की सफाई का यह तरीका प्रशासनिक विभागों में समन्वय की कमी को ही उजागर कर रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7aa42540e8933705e9c8baae2efc8d2d92e3c850 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। Bengal Politics बंगाल में भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में लौटने वाले मुकुल राय समेत अन्य दलबदलू विधायकों की मुश्किलें बढऩे वाली है। क्योंकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से कहा है कि वे दलबदल करने वाले मुकुल राय को अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका पर निर्णय लें। ऐसे में अब भाजपा छोड़कर तृणमूल में लौटे अन्य विधायकों के लिए भी परेशानी खड़ी होने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11bfb1f02101cb602aa74e77636ab2ce2b326869 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64756.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +राजीव सिंह। एक समय था जब अधिकांश बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ा करते थे। लेकिन धीरे-धीरे समय बदला। वर्तमान परिस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं। आज कोई भी संपन्न व्यक्ति अपने बच्चे को सरकारी विद्यालय में पढ़ाना नहीं चाहता। इसलिए नहीं कि वहां सुविधाओं का अभाव है और उसके बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलेगी, बल्कि इसलिए कि उसे लगता है कि ये विद्यालय केवल उन लोगों के लिए रह गए हैं जो अपने बच्चों को एक समय का भोजन नहीं दे सकते, उनके लिए दो जोड़ी कपड़े, स्वेटर, जूते आदि का खर्च वहन नहीं कर सकते। + +विगत वर्षो के दौरान अनेक शिक्षकों ने अपने वेतन से अपने विद्यालय का कायाकल्प करने का प्रयास किया है जिसकी सराहना विभिन्न समाचार पत्रों द्वारा भी की जाती रही है। इंटरनेट मीडिया मंचों पर रोज किसी न किसी शिक्षक को अपने विद्यालय और बच्चों का स्वरूप बदलते हुए देखकर अच्छा लगता है। उनसे प्रभावित होकर और बेहतर कार्य करने का मन करता है। एक शिक्षक होने के नाते मेरा मानना है कि शिक्षण कार्य बहुत जटिल कार्य है, इसे कदापि सरल न समझें। बेसिक शिक्षा में तो ये और भी जटिल हो जाता है, क्योंकि यहां की अधिकांश परिस्थितियां विपरीत हैं। हमें ऐसे बच्चों को शिक्षा देनी होती है जिनमें से अधिकांश बच्चे न तो स्वयं शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं और न ही उनके माता-पिता उनको शिक्षा दिलाने के प्रति सजग रहते हैं। वे शिक्षा के महत्व को नहीं समझते। अधिकांश समय वे बच्चों को घरेलू व आजीविका संबंधी कार्यो में अपने साथ व्यस्त रखते हैं। + +आज बेसिक शिक्षा एक ऐसी प्रयोगशाला का रूप लेती जा रही है जिसमें अधिकांश प्रयोग अपने शुरुआती दौर में ही असफल हो जाते हैं और केवल कागजों पर सफल नजर आते हैं। शिक्षक रोज नए शासनादेश का पालन करने के लिए विवश है। वह करे तो करे क्या? शासनादेश का पालन करते करते वह अपने मूल कार्य को ही भूलता जा रहा है और शिक्षण कार्य को छोड़ अन्य सभी कार्यो में मजबूरन रुचि ले रहा है। बेसिक शिक्षा के जो बदलाव कहीं न कहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधक बनते नजर आ रहे हैं, उसमें शिक्षक के महत्वपूर्ण सुझाव को दरकिनार किया जा रहा है। + +शिक्षक के मनोभावों को समझने का प्रयास नहीं किया जाता। धरातल पर कार्य करने वाले शिक्षकों का सुझाव लेने व उन्हें महत्व देने की जरूरत है। शिक्षकों के प्रति भरोसा बढ़ाया जाए, जिसके लिए उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। थोपे जाने वाले बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर कर रहे हैं। शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए नवाचार जरूरी है, लेकिन सीमित रूप में। शिक्षक की श्रेष्ठता इस बात में नहीं है कि वह कितना योग्य है, बल्कि इस बात से होती है कि उसने अपनी योग्यता से अपने विद्यालय के बच्चों को किस योग्य बनाया। वर्तमान समय बेसिक शिक्षा में व्यापक परिवर्तन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है, क्योंकि यह मामला वर्तमान सरकार की प्राथमिकता में भी है और विद्यालय के भौतिक परिवेश में पंचायती राज विभाग के सहयोग से बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाओं की स्थापना की जा रही है। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार केवल शिक्षक ही ला सकता है, इसलिए शिक्षकों को पूरी सजगता के साथ अपने छात्रों के भविष्य निर्माण की दिशा में जुट जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d8b8bd81003afcee4312e191a0eec19e7dcf67f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नमी व पराली से धुएं से बन रहा स्माग।यह निष्कर्ष पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के जलवायु परिवर्तन और कृषि मौसम विज्ञान विभाग की ओर किए गए अध्ययन का है। पीएयू के अध्ययन में सामने आया है कि खरीफ सीजन में धान की पैदावार के दौरान वातावरण में नमी काफी अधिक रहती है। बाद में धान की पराली जलाने से प्रदूषण भी अधिक होता है। नमी व पराली के धुएं के मिश्रण से बनने वाला स्माग धरती पर सूर्य की रोशनी को ठीक से पहुंचने नहीं दे रहा। यही कारण है कि सूर्योदय व सूर्यास्त के समय में कोई अंतर न आने के बावजूद धरती को मिलने वाली धूप की अवधि में कमी आ गई है। खरीफ के सीजन में पहले औसतन साढ़े नौ घंटे धूप खिलती थी जो अब आठ घंटे चौबीस मिनट हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2254a967a7d63267a111134b545003a041c8ceb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- नमक और चीनी- श्वानों को नमक वाली सब्जी या चिप्स आदि नहीं खिलाने चाहिए। नमक से पेट फूलना, उल्टी और दस्त जैसी शिकायत हो सकती है। इसी तरह उन्हें मीठे से भी दूर रखना चाहिए। अधिक मीठा और चीनी युक्त खाने से उसे भी मोटापा, दांत ख़राब होना, डायबिटीज जैसी दिक्कत हो सकती है। कई बार श्वानों में मीठे से खुजली की भी शिकायत हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64763.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9d08c8e8da40ea3fbf0ebd3a60dee889254b7ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64763.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनु जैन रोहतगी। देश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को नियंत्रित करने वाली सबसे बड़ी एजेंसी ‘फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया’ यानी एफएसएसएआइ को लगभग आठ साल का समय लगा इस बात का निर्णय लेने के लिए कि सभी प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट पर स्वास्थ्य सुरक्षा की चेतावनी अनिवार्य होनी चाहिए। खासकर नमक, चीनी और फैट की मात्रा कितनी है और यदि ज्यादा है तो उससे होने शारीरिक नुकसान का उल्लेख भी होना चाहिए। + +हालांकि यह एक अच्छा निर्णय है, लेकिन इसको लागू करने से पहले ही इसकी भाषा को लेकर खाद्य उद्योगों और उपभोक्ता संगठनों के बीच वाद विवाद शुरू हो गया है। एक पक्ष इसको उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी बता रहा है, जबकि ऐसे खाद्य पदार्थ का निर्माण करने वाले दूसरे पक्ष को यह डर सता रहा है कि यदि स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी दी गई तो उनकी बिक्री पर असर पड़ेगा। इसलिए वो इसका विरोध कर रहे हैं। इनका मानना है कि फूड लेबलिंग में केवल मात्रा का उल्लेख होना चाहिए, उससे होने वाले नुकसान के बारे में जिक्र न हो। यहां इस बात को समझा जाना चाहिए कि हार्ट, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कई अन्य बीमारियों के बढ़ते ग्राफ का संबंध हमारे गलत खानपान से है। खाने में नमक, चीनी और फैट की ज्यादा मात्रा लोगों के लिए एक धीमे जहर का काम कर रही है और यह बहुत घातक है। ऐसे में स्वास्थ्य सुरक्षा चेतावनी संबंधी फूड लेबलिंग का होना समय की मांग है और इसका कतई विरोध नहीं होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4120f65406cba9d58176da78b703eb9ca46e4fc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दुमका से हजारीबाग तक जंगली हाथियों का होता है आना-जाना।संथालपरगना के मसलिया एवं मसानजोर जंगल में 25 जंगली हाथियों का एक दल है। हाथियों का यह दल दुमका, जामताड़ा होते हुए धनबाद जिले के टुंडी प्रखंड के जंगलों से पारसनाथ पहाड़ पहुंचता है। इसके बाद गिरिडीह जिले के पीरटांड़, डुमरी, बिरनी, सरिया होते हुए हजारीबाग तक जाता है। फिर उसी रास्ते से वापस मसलिया एवं मसानजोर जंगल लौटता है। सालों भर 25 हाथियों का यह दल इस रास्ते पर आना-जाना करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb0eeeeeeb91d96dfb7386d6e232f3eb9d0b98ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64767.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे होगा डाउन लोड होगा सेवामित्र एप : कोरोना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूरों और रोजमर्रा का काम करने वाले कुशल कारीगरों पर पड़ा है। संक्रमण काल में बाहर से सूबे में आए ऐसे कुशल प्रवासी श्रमिकों से दोस्ती के लिए सेवामित्र एप तैयार है। सरकार की मंशा के अनुरूप कुशल श्रमिकों को तलाश कर विविध विभागों में काम के अवसर उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के इस एप से न केवल कुशल प्रवासी श्रमिक घर बैठे अपना पंजीयन करा सकते हैं बल्कि उन्हें इसके माध्यम से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। सेवायोजन विभाग की वेबसाइट sewayojan.up.nic.in पर जाकर सेवा मित्र एप मोबाइल फोन में अपलोड किया जा सकता है। + +दिव्यांगों का होता है पंजीयन : पढ़े लिखे दिव्यांग बेरोजगारों का भी सेवायोजन विभाग में पंजीयन किया जाता है। जिला सेवा योजन अधिकारी प्रीति चंद्रा ने बताया कि पंजीयन के लिए दिव्यांगों को लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में आने की जरूरत नहीं है। दिव्यांग सेवायोजन विभाग की वेबसाइट sewayojan.up.nic.in से घर बैठे निश्शुल्क ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैंं। पंजीकृत दिव्यांगों को प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं की मांग के अनुरूप रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d67020894b1f152556d08881a38b38ff5c20d9f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविवार शाम को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी संसद के उच्च सदन में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई है। इसी तरह 27 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निचले सदन में सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाने की उम्मीद है। वहीं विपक्ष ने भी सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है। 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के 23 दिसंबर को समाप्‍त होने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5183a82176d8362e06cb5acccee9a290d8739550 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6477.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल कई बार ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं जिसमें बताया जाता है कि सोनू सूद चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन सोनू सूद इन खबरों पर कई बार प्रतिक्रिया दे चुके हैं। लेकिन अब एक बार फिर से सोशल मीडिया पर इसे लेकर सवाल उठाया गया। एक यूजर ने बताया कि सोनू सूद 2022 में महाराष्ट्र कांग्रेस की तरफ से मेयर का चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन सोनू सूद ने अब इस सवाल का जवाब दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfbd4ab4b54fb51e0ac5335bb5ae24402698f85d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्व को अलग-अलग बताया तो वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने उन्हें सलाह दे डाली कि वे हिंदुत्व की बहस से दूर रहें। कांग्रेस पार्टी की मूल भावना इससे काफी अलग है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जब अपनी किताब में हिंदुत्व पर सवाल उठाया तो यह बहस और तेज हो गई। पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता कैलाश नाथ ने पंजाब की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी मूल विचारधारा में लौटकर ही खोया गौरव प्राप्त हो सकता है। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश:-।सवाल: पंजाब में हिंदू कांग्रेस से दूर हो रहा है, आप इसके पीछे क्या कारण समझते है?।जवाब: पंजाब में 13 लोकसभा सीटों में से मैं एक मात्र हिंदू सांसद हूं और उस क्षेत्र (श्री आनंदपुर साहिब) का प्रतिनिधित्व करता हूं, जहां पर 13 अप्रैल, 1699 में खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। मेरी मां एक जट्ट सिख थीं और पिता हिंदू, जिन्हें अप्रैल 1984 में गोली मारकर शहीद कर दिया गया था। मेरे पिता पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के लोकाचार की रक्षा करते थे। मुझे इसलिए नहीं चुना गया, क्योंकि मैं हिंदू या सिख हूं, बल्कि इसलिए कि मैं पंजाबियत में रंगा हुआ हूं। यूपी या बिहार का सर नाम होने के बावजूद मैं चुना गया। पहले मैं लुधियाना से जीता और बाद में श्री आनंदपुर साहिब से। मेरे राजनीतिक विरोधी 'एह-यूपी बिहार दा भइया कित्थों आ गया' कह कर मेरा उपहास उड़ाते रहे, लेकिन पंजाब के लोगों ने इस तरह की सांप्रदायिक और जातिवादी सोच को खारिज कर दिया। पंजाबी धर्म या जाति के मामले में नहीं सोचता। जो कोई भी धर्म और जाति के नाम पर पंजाब को बांटने की कोशिश करता है, वह राज्य का सबसे बड़ा नुकसान करता है। आतंकवाद के दौर के बावजूद हमारी सामाजिक एकता बरकरार है। जो पाकिस्तान की तमाम धूर्त चालों के बावजूद हमारी रक्षा करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f235d4ba718827378ecc46973817aff2431e5196 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Jagran Forum 2021 प्रथम सत्र: चित्रकूट को पर्यटन हब बनाने की तैयारी, 2024 तक हर घर में होगा नल।अब किसी भी सूरत में आपराधिक प्रवृत्तियां न पनपने पाएं, इसके लिए सरकार के साथ स्थानीय समाजसेवी और प्रबुद्ध लोगों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया और अब भी कर रहे हैं। इसमें क्षेत्र की जनता का भी बहुत बड़ा सहयोग है। कहा कि शिक्षा रूपी हथियार से सामाजिक बुराइयों का खात्मा संभव है। कस्बों से लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का एक सतत अभियान चलाते हुए लोगों में यह संदेश दिया जा रहा है कि वह अपराधियों की पहचान के लिए प्रशासन का सहयोग करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79da845525ea60fccc16346e43d3431d423e0ac8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Jagran Forum 2021 प्रथम सत्र: चित्रकूट को पर्यटन हब बनाने की तैयारी, 2024 तक हर घर में होगा नल।चित्रकूट में आज 50 किलोमीटर क्षेत्र में जिस भी गांव में हम जाते हैं, वहां के लोग समस्याओं को साझा करते हैं तो उनका निराकरण किया जाता है। पशु पालकों को पशु पालन से होने वाले फायदे बताए जा रहे हैं। गोबर, गोमूत्र का सदुपयोग बताया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। आयुष के डा. मदनगोपाल बाजपेई ने कहा कि आयुर्वेद में सत्य धर्म के साथ इलाज होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1ee9f169762bed2cb449006329bfeb26581a323 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64780.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। पिछले एक दशक में अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों के साथ सैन्य संबंधों से देश की सुरक्षा को मजबूती मिली है। फ्रांस से छह राफेल विमानों की खेप भारत आने से भारतीय वायु सेना मजबूत हुई है। भारतीय वायु सेना अगले साल जनवरी से राफेल की फ्लीट को अपग्रेड करने जा रही है। भारत की जरूरतों के अनुरूप किए जा रहे इस अपग्रेड से वायु सेना और ताकतवर होगी। भारत की तरफ से राफेल में हाईली कैपेबल मिसाइल, लो बैंड जैमर और सैटेलाइट कम्युनिकेशन की मांग की गई है। आखिर क्‍या है इस राफेल युद्धक विमान की खूबियां। इस युद्धक विमान से क्‍यों चिंतित है चीन और पाक। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3c664aa65188681eec07fd8a98689451e19eafb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64781.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +क्‍या आप रूस-भारत संबंधों को एक नए युग के रूप में देखते हैं ? । 1- देख‍िए, दुनिया में अतंरराष्‍ट्रीय परिदृश्‍य में बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है। यह कहा जा सकता है कि अतंरराष्‍ट्रीय राजनीति एक अस्थिर दौर से गुजर रही है। चीन की बढ़ती आक्रामकता और अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद इसमें और भी अस्थिरता आई है। अमेरिका समेत दुनिया के अन्‍य मुल्‍कों के ह‍ितों में तेजी से बदलाव हो रहा है। इसके चलते दुनिया में संबंधों के नए आयाम बन रहे हैं। रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा को इस बदलाव की कड़ी के रूप में देखा जा सकता है। + +2- पुतिन की भारत यात्रा का एक संकेत साफ है कि वह भारत के साथ दोस्‍ती को प्रमुखता देते हैं। उन्‍होंने साफ कर दिया कि भारत-रूसी दोस्‍ती के बीच काेई तीसरा फैक्‍टर नहीं है। पुतिन को शायद इस बात से फर्क नहीं है कि इस यात्रा के चीन क्‍या निहितार्थ निकालेगा या अमेरिका इसे किस रूप में लेगा। उनके लिए भारत अहम है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका में रूसी मिसाइल को लेकर एक खेमा भारत का जबरदस्‍त विरोध कर रहा है। + + पुतिन की यात्रा का अमेरिका पर क्‍या असर होगा ?।1- रूसी राष्‍ट्रपति की यात्रा का अमेरिका पर गहरा दबाव होगा। अमेरिका किसी भी हाल में भारत को नहीं खोना चाहेगा। आज भारत अमेरिका की सबसे बड़ी जरूरत है। इसलिए अमेरिका चाहेगा कि भारत के साथ उसके संबंध यथावत बने रहे। अमेरिका यह जानता है कि चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारत उसके लिए बेहद उपयोगी मित्र है। इसके अलावा अमेरिका जिस लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था की दुहाई देता है, ऐसे में भारत दुनिया का एक अहम लोकतांत्रिक देश है। + +2- दूसरे, इस समय चीन अमेरिका का दुश्‍मन नंबर वन बना हुआ है। रूस की अमेरिका से उस तरह तनातनी नहीं है, जैसे की चीन से। ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगा कि रूस को लेकर वह भारत से टकराव करे या उस पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाए। अमेरिका का भारत के प्रति नरम रुख बना हुआ है। इसका ताजा उदाहरण हाल में अमेरिकी रेड लिस्‍ट है। अमेरिका ने हाल में अपनी रेड लिस्‍ट में चीन और पाकिस्‍तान का नाम रखा, लेकिन उसमें भारत का नाम नदारद रहा। इस लिस्‍ट को लेकर पाकिस्‍तान ने अपना विरोध प्रकट किया था। + +पुतिन की इस यात्रा के और क्‍या संदेश है ?। पुतिन की इस यात्रा का एक संदेश और भी है। रूसी राष्‍ट्रपति ने यह स‍िद्ध कर दिया है कि उसका भारत के साथ संबंध पूरी तरह से तटस्‍थ है। भारत की अमेरिका के साथ निकटता उसके संबंधों पर असर नहीं डाल सकती है। हालांकि, हाल में रूस की पाकिस्‍तान के प्रति बढ़ती दिलचस्‍पी से भारत की चिंता बढ़ी थी। इसके साथ भारत ने भी साफ कर दिया कि उसकी विदेश नीति तटस्‍थ है। उसका झुकाव किसी देश के प्रति नहीं है। भारत अपनी सामरिक सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी के रूप में भी स्‍वतंत्र है। रूसी एस-400 मिसाइल की आपूर्ति को शुरू करके भारत ने यह संदेश दिया है कि वह अपने वैदेशिक संबंधों के मामले में पूरी तरह से स्‍वतंत्र है। इसका भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। ऐसा करके अमेरिका ने यह संदेश दिया है कि भारत ने अपनी सामरिक जरूरतों के लिए एस-400 मिसाइल सिस्‍टम को अपनी सेना में शामिल किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87a88a7ab6983fda4c3057107c4d57a4ac3825d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनारायण सिंह, अलीगढ़।  टप्पल में यमुना नदी पर बनने वाला पुल दो प्रदेशों का सेतु बनेगा। यह पुल उत्तर प्रदेश और हरियाणा प्रांत को जोड़ेगा। पुल के निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं। सेतु निगम ने भूमि के अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया है। टेंडर पास हो गया है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। 46 करोड़ रुपये की लागत से यह पुल बनेगा। इसके निर्माण से 84 कोसी परिक्रमा के श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f8f5e5c47b02ae6485c549318a126fe1c90b5cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64783.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । कचरा प्रबंधन बेहतर हो जाए तो अलीगढ़ भी इंदौर की तरह स्वच्छता का सिरमौर बन सकता है। इसी प्रबंधन ने इंदौर को स्वच्छ सर्वेक्षण में फिर पहला स्थान दिलाया और अलीगढ़ प्रदेश में तीसरे पायदान से ऊपर न उठ सका। देश में तो चार पायदान नीचे लुढ़क कर 34वें स्थान पर पहुंच गया। कचरा प्रबंधन में यहां नगर निगम हमेशा ही पिछड़ा। ऐसा नहीं कि योजनाओं का अभाव है या फिर संसाधनाें की कमी है। कमी तो सिर्फ इच्छा शक्ति की है, जिसके चलते विभागीय अफसर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहे। कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट (डलावघर) से डस्टबिन (कूड़ेदान) हटाने के गलत फैसले से जगह-जगह खुले में कूड़े के ढेर नजर आने लगे। सुबह 10:30 बजे से पहले कूड़ा उठाने के निर्देश कागजी साबित हुए। यही नहीं, बेहिसाब कूड़े का 50 फीसद हिस्सा ही निस्तारण हो पा रहा है। बाकी हिस्सा कूड़े के पहाड़ में तब्दील हो चुका है, जो हर रोज बढ़ रहा है। इसके निस्तारण के लिए वेस्ट एनर्जी प्लांट का इंतजार लंबा होता जा रहा है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी निर्माणाधीन है। ये भी तैयार हो जाए तो अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में अलीगढ़ प्रदेश ही देश में भी अव्वल आए। + +सवाल : डलावघरों पर खुले में कूड़ा जाता है, इससे राहगीरों को परेशानी होती है। इसको लेकर क्या योजना हैं?।- डलावघरों पर बड़े डस्टबिन रखने की योजना बना रहे हैं। इससे खुले में कूड़ा नजर नहीं आएगा। मिनी एमआरएफ सेंटर इसी उद्देश्य से बनवाए गए हैं। मुख्य बाजारों में व्यापारी नेताओं से बात कर कूड़ा उठाने का समय तय किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52ff6d3cee3e4474f2ead7654fe30b604633f420 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली, जसवंत ठाकुर। Himachal Tourists Destination, गर्मियों में देश व दुनिया के पर्यटकों को बर्फ से रूबरू करवाने वाला 13050 फीट ऊंचा रोहतांग दर्रा आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। रोहतांग दर्रे के स्थान पर अब इन दिनों मनाली आने वाले पर्यटक लाहुल घाटी के सिस्सु, अटल टनल के नार्थ पोर्टल व कोकसर पर्यटन स्थल में बर्फ के दीदार कर सकेंगे। हालांकि लाहुल घाटी में पर्यटकों की आवाजाही मौसम पर निर्भर रहेगी। अधिक बर्फबारी होने की सूरत में पर्यटक लाहुल नहीं जा सकेंगे और मनाली के पर्यटन स्थल हामटा, फातरू, सोलंगनाला व अंजनी महादेव स्नो प्वाइंट बनेंगे और पर्यटक यहां बर्फ की खेलों का आनंद उठा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41f36e22e5661bcc4bf03b8bf3b21fdbb96da6bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64788.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नितिन उपमन्यु, जालंधर। चुनाव से पहले सियासी दिग्गज भले ही विरोधियों को उनके घर में जाकर ललकारते हों, लेकिन जब चुनाव लड़ने की बात आती है, तो सबको अपना गढ़ ही सुरक्षित लगता है। अगले वर्ष पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही होने वाला है। पंजाब की सियासत के दिग्गजों में शुमार कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और सुखबीर सिंह बादल ने अपनी आगामी चुनावी योजना स्पष्ट कर दी है। कैप्टन ने साफ कर दिया है कि वह पटियाला से ही चुनाव लड़ेंगे। + +कैप्टन का कहना है कि पटियाला से उनके परिवार का रिश्ता 400 साल पुराना है। यह उनकी रियासत रही है। वह सिद्धू के लिए पटियाला नहीं छोड़ेंगे। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कैप्टन कई बार कह चुके हैं कि वह सिद्धू को किसी भी स्थिति में जीतने नहीं देंगे। बीच में यह बात भी चली थी कि शायद सिद्धू को सबक सिखाने के लिए कैप्टन अमृतसर से चुनाव लड़ें, लेकिन उन्होंने पटियाला को ही चुना। वह इसी सीट से विधायक हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31c6cda3f44006a7bf3c2c57580179e6f0fd46d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1985 में यह दोबारा चर्चा का हिस्सा बनी जब शाह बानो मामले में अपने प्रसिद्ध फैसले में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने टिप्पणी दी कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत अध्यादेश लाना समय की मांग है। इसके बाद 1985 में, सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य न्यायधीश, श्री चिन्नप्पा रेड्डी ने एक समान मामले से निपटते हुए कहा था कि वर्तमान केस समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर केंद्रित एक और मामला है। यही बात 1995 में सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्य बेंच; जस्टिस कुलदीप सिंह और जस्टिस आरएम के फैसले में भी नजर आई थी। जब भी संविधान के अनुच्छेद 44 का उल्लेख होता है तब अनुच्छेद 25 के ऊपर नजर डालना भी आवश्यक हो जाता है। यह अनुच्छेद कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से धार्मिक स्वतंत्रता और अपनी धार्मिक पद्धति और उसका प्रचार करने का हक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7287f72eafa0bb0dd137f8799518d3ffedb6a647 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। स्वच्छ सर्वेक्षण की ताजा रैंकिंग में पूर्वी दिल्ली नगर निगम 40वें स्थान पर रहा है। पिछले वर्ष निगम 46वें स्थान पर रहा था। रैंकिंग में छह पायदान का उछाल आना निश्चित रूप से सफाई, सुंदरीकरण और कूड़ा निस्तारण के बेहतर प्रयास का नतीजा है। आर्थिक चुनौतियों के बीच रैंकिंग में हुए सुधार ने पूर्वी निगम से जुड़े हर व्यक्ति में ऊर्जा का संचार कर दिया है, लेकिन इंदौर से पीछे रहने का मलाल भी सबको है। अगर इंदौर से आगे निकलना है तो निगम को कमियों का आकलन कर उन्हें दूर करना होगा। नवोन्मेष पर जोर देना होगा। कूड़े के उचित निस्तारण के लिए स्नोत पर गीला और सूखा कूड़ा अलग करने का कार्य लोगों की रोजमर्रा की आदत में शामिल करवाना होगा। इस दिशा में आने वाले वक्त में पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्या-क्या कदम उठाएगा, लोगों का साथ पाने के लिए किस तरह से उन्हें जागरूक करेगा, इन्हीं सवालों को लेकर आशीष गुप्ता ने निगमायुक्त विकास आनंद से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके कुछ मुख्य अंश...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1789d3e3c730b5c9a5224171350f67798fa535d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आदेश के अनुसार, दिल्ली की सीमा में जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा। रेल व मेट्रो के निर्माण स्थलों को छोड़कर अन्य निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर भी रोक रहेगी। जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारी वर्क फ्राम होम करेंगे। निजी दफ्तरों में भी 26 नवंबर तक 50 प्रतिशत कर्मियों को दफ्तर बुलाने की सलाह दी गई है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने पहले 21 नवंबर तक स्कूल-कालेज बंद करने का आदेश दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0eaaded89ffb6efec8ed9afa78582a2d41d15375 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64799.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे होता था फर्जीवाड़ा : परीक्षा के लिए पहले मालदार अ‍भ्‍यर्थी की तलाश होती थी जो नौकरी के लिए अच्‍छी कीमत देने को तैयार हो जाए। उसके बाद गिरोह किसी टैलेंटेड अभ्‍यर्थी को पैसे देकर सिर्फ परीक्षा दिलाने के लिए तैयार करता था। उसके बाद अभ्‍यर्थी और फर्जी परीक्षा देने वाले की फोटो को कंप्‍यूटर से मर्ज करके एक नया चेहरा दे दिया जाता था जिससे परीक्षा देने वाला और अभ्‍यर्थी दोनों एक ही लगने लगते थे। इसके बाद पैसे लेकर परीक्षा देने वाला अलग हो जाता था और परीक्षा में चयन के बाद धोखेबाज अभ्‍यर्थी नौकरी पा जाता था। जबकि मध्‍यस्‍थता के तौर पर गिरोह को लाखों रुपये मिलते थे। वहीं पैसे के लालच में कई मेडिकल स्‍टूडेंड ही नहीं बल्कि टॉपर तक इस गिरोह के लिए काम करते थे और परीक्षा में दूसरे की जगह बैठते थे। ।पुलिस कमिश्‍नरेट ने किया उजागर : इस बाबत वाराणसी पुलिस कमिश्‍नरेट की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश की विभिन्न नौकरियों की परीक्षाओं जैसे सहायक शिक्षक, यूपीटेट, यूपीएसआई, चिकित्सा विभाग में एएनएम, एसएससी सहित अन्य कई परीक्षाओं में भी व्‍यापक स्‍तर पर सेंधमारी की गई है। भारी भरकम रकम देने वाले अभ्यर्थियों को सॉल्वरों के माध्यम से पास कराने के लिए दिल्ली-लखनऊ एवं कानपुर के गैंग के साथ मिलकर भारी पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। पूछताछ में पता चला है कि पूरे गिरोह में अलग साथियों के साथ ही वाराणसी का गिरोह एक समानांतर गैंग भी चला रहा था। जबकि सरगना पीके उर्फ नीलेश के हत्‍थे चढ़ने के बाद पुलिस को नीट के अतिरिक्‍त भी भारी अनियमितता परीक्षाओं में पता चली है। पूछताछ में कितने अभ्‍यर्थी इस तरह सरकारी नौकरी पैसे के बल पर हथिया चुके हैं इसका कोई अंदाजा नहीं है। जबकि इस गिरोह के लोग अभ्‍यर्थियों से पैसे वसूलकर करोड़पति तक हो गए। ।जांच की आंच : वाराणसी पुलिस कमिश्‍नरेट की सक्रियता की वजह से फर्जी दस्‍तावेज बनाने वाले से लेकर गिरोह के सरगना तक अब सलाखों के पीछे हैं। मगर, फर्जी तरीके से पैसे के बल पर नौकरी पाने वाले धोखेबाज और अपराधी चेहरे अब भी बेनकाब होने शेष हैं। माना जा रहा है कि पैसे के बूते नौकरी पाने वाले कई सफेदपोश चेहरे हैं। जांच की आंच में अगर बारीकी से पड़ताल हुई तो कई फर्जी डाक्‍टर, टीचर और अन्‍य वह सरकारी कर्मचारी सामने आएंगे जिन्‍होंने इस गिरोह की मदद से वाजिब अभ्‍यर्थियों का हक पैसे के बूते मार लिया और मेधा को दर दर की ठोकरें खाने पर विवश किया है। ।पुलिस फॉरेंसिक तरीका अपनाएगी : नीट परीक्षा में शामिल कई अभ्‍यर्थी जो इस गिरोह के संपर्क में थे उनके फ‍िंंगर प्रिंट भी जांचे जा रहे हैं। दरअसल उनकी जगह किसी दूसरे ने परीक्षा दी है या खुद वह बैठे हैं इसके लिए परीक्षा देने वाले अभ्‍यर्थी और मूल अभ्‍यर्थी के अंगूठे का प्रिंट लेकर जांच लखनऊ की प्रयोगशला में होनी है। अगर दर्जन भर से अधिक यह कैंडीडेट भी फर्जी पाए गए तो मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे सरकारी व्‍यवस्‍था की पोल पट्टी उजागर कर देंगे। ।यह भी पढ़ें : नीट परीक्षा में सेंधमारी करने वाला वाराणसी का गिरोह पकड़ाया, पूछताछ में अन्‍य परीक्षाओं में धांधली उजागर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eef45b7e6a589d454b50535cff4031539743e685 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64800.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजय निधि]। दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर पिछले तकरीबन एक साल से धरना प्रदर्शन दे रहे किसानों ने भले ही तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बाध्य कर भले ही जंग जीत ली हो, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसका नजारा भी शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बैठक में देखने को मिला। जहां एक ओर राकेश टिकैत बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे ही नहीं, तो हरियाणा के दिग्गज किसान नेताओं में शुमार गुरनाम सिंह चढ़ूनी बीच बैठक से ही बाहर आ गए। ऐसे में यह बड़ी फूट माना जा रही है। ।कहा तो यहां तक जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, national spokesperson of Bharatiya Kisan Union) ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से दूरी बना ली है। शनिवार को हुई बैठक में टिकैत नहीं आए थे। लेकिन, रविवार को गाजीपुर से सूचना आ रही थी कि वह कुंडली बार्डर पर बैठक में शामिल होंगे, लेकिन वह नहीं पहुंचे। हालांकि, मीडिया में बात लीक होने के बाद में उनकी ओर से संदेश प्रसारित किया गया कि सोमवार को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत को लेकर वहां चले गए हैं। हालांकि इसके कयास लगाए जा रहे थे कि राकेश टिकैत बैठक में नहीं आएंगे, क्योंकि पिछली बैठक के दौरान गुरनाम सिंह चढ़ूनी और राकेश टिकैत गुट में तनातनी हो गई थी। दूसरी ओर, बैठक में शामिल होने पहुंचे गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी बीच में ही बाहर आ गए। उनके बारे में कहा गया था कि उन्हें किसी अन्य कार्यक्रम में पहुंचना है। + +यह भी पढ़ेंः बड़ी बहन से प्यार करने वाला छोटी बहन को लेकर हुआ फरार, यूपी पुलिस बोली 'हम लाचार'।गौरतलब है कि दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर शुक्रवार तक प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी कम थी। अभी भी कई टेंट खाली हैं या उनमें इक्का-दुक्का ही लोग हैं। गेहूं की बुआई का सीजन आने और गुरुपर्व के कारण काफी संख्या में प्रदर्शनकारी अपने घर चले गए थे, लेकिन शुक्रवार सुबह तीनों कानून को निरस्त करने की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद फिर से बार्डर पर प्रदर्शनकारियों का जुटना शुरू हो गया है। शनिवार के बाद रविवार और फिर सोमवार को भी बार्डर पर लंगरों की संख्या भी पहले से ज्यादा दिखी। इस दौरान ट्रैक्टरों पर स्पीकर लगाकर युवा लगातार पूरे प्रदर्शन स्थल पर जुलूस निकाल रहे हैं। पंजाब से भी प्रदर्शनकारियों का आना जारी है। प्रधानमंत्री की घोषणा को अपनी सबसे बड़ी जीत बताते हुए प्रदर्शनकारी उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि जब एक मांग को पूरा कर दिया गया तो जल्द ही उनकी अन्य मांगों पर भी विचार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b3eee2ef25f95f41d7c005ac3fa5a2942dd732a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64801.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। भारत में असम, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार बाढ़, सूखा और चक्रवात जैसी जलवायु संबंधी चरम घटनाओं के लिए सबसे ज्यादा जोखिम वाले राज्य हैं। यह जानकारी अपनी तरह के पहले क्लाइमेट वल्नेरेबिलिटी इंडेक्स (जलवायु सुभेद्यता सूचकांक) से सामने आई है। यह इंडेक्स काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) ने जारी किया है। कुल मिलाकर देश के 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जलवायु संबंधी चरम घटनाओं के जोखिम की चपेट में हैं। यही नहीं, 80 फीसद से अधिक भारतीय जलवायु संबंधी चरम घटनाओं के जोखिम वाले जिलों में रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7de8a3c30733c5a65c3f1cd33376246a0378e9b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64803.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बिनय ठाकुर। मच्छर की वजह से होने वाली बीमारियों ने दिल्ली समेत देश के कई अन्य राज्यों में लोगों को भयाक्रांत कर रखा है। कोरोना ने पहले ही स्वास्थ्य तंत्र व अर्थव्यवस्था की हालत पतली कर रखी थी, अब डेंगू व मलेरिया रही सही कसर पूरी करने में लगे हैं। कोरोना की गिरफ्त ढीली हुई नहीं कि मच्छरों ने अपनी आस्तीन चढ़ा ली है। आम लोगों की नजर में मच्छर की कोई हैसियत नहीं है। किसी को उसकी औकात बतानी हो तो लोग अक्सर मच्छर की तरह मसल दूंगा वाले जुमले का इस्तेमाल करते रहे हैं। पर सरकार, स्वास्थ्यकर्मी और बाजार तीनों को उसकी हैसियत मालूम है। + +सघन आबादी व स्वास्थ्य सुविधा तक सीमित पहुंच वाले इलाकों में इसका असर काफी होता है। यही वजह है कि कई देशों ने मच्छरों को अपने देश में निमरूल करने की राह पकड़ ली। इनमें कई यूरोपीय देश शामिल हैं। यहां तक कि श्रीलंका जैसे देश ने भी इसे अपने यहां लागू किया। बाजार ने भी अपने लिए माकूल मौका पाकर मलेरिया और मच्छर जनित बीमारियों के लिए टीके के आविष्कार का प्रयास तेज कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3227fa3338549ae5c322ec8441df2fa1265aacb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीरज शर्मा, होशियारपुर। ऐसे समय में जब एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम एक हजार रुपये को छू चुके हैं, हरियाना कस्बा के गांव लांबड़ा कांगड़ी के घरों में मात्र 296 रुपये में अनलिमिटेड गैस सप्लाई हो रही है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है। हम बताते हैं। यह कमाल है सहकारी समिति का, जो बायोगैस प्लांट बनाकर 50 घरों में बहुत कम कीमत पर बायोगैस की सप्लाई कर रही है। 2015 में बने प्लांट से गैस सप्लाई के लिए गांव में दो हजार मीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है। गैस गोबर से तैयार होती है और इसके लिए गोबर भी गांव के लोगों से ही लिया जाता है। एक क्विंटल गोबर के लिए उन्हें आठ रुपये दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f551d86b5800247956ef7957d5048b4aa3d8c18a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वीडियो में सभी पुलिसकर्मी शानदार अंदाज में जेम्स बॉन्ड के थीम ट्रैक को रिक्रिएट करते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही वीडियो में जेम्स बॉन्ड सीरीज की आने वाली फिल्म 'नो टाइम टू डाई' के एक्शन सीन्स को भी दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर मुंबई पुलिस का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। 'नो टाइम टू डाई' का इंतजार कर रहे दर्शक और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..117ba99c52258be9171bdcf35766a5f3ab898c4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64810.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिला मंडी में 100 से अधिक महिलाएं अब तक योजना का लाभ ले चुकी हैं, लेकिन आयु सीमा 50 साल तक होने से कृषि, पशुपालन, डेयरी सहित अन्य गतिविधियों को इसमें शामिल किए जाने से महिलाओं की भागीदारी इसमें बढ़ेगी। एक करोड़ रुपये तक के ऋण में 60 लाख रुपये तक ही सबसिडी का प्रावधान होगा। गत दिनों 69 मामलों में 18 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं, इसमें चार करोड़ रुपये की सबसिडी इनको प्रदान की गई है। + +यह नई गतिविधियां की गई हैं शामिल ।मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में शामिल की गई नई योजनाओं में अब उन्नत डेयरी विकास, दूध व दुग्ध उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना, कृषि उपकरणों व औजारों का निर्माण तथा रेशम प्रसंस्करण इकाई, साइलेज युनिट, फार्म स्टे-फार्म टूरिज्म, पेट्रोल पंप,एंबुलेंस, ईवी चार्जिंग स्टेशन, टिशू कल्चर लैबोरेटरी, मोबाइलप्री कोडिंग ट्रक आदि शामिल हैं। वहीं सरकार ने यह प्रावधान किया है कि एक परिवार का एक ही सदस्य अब योजना के लिए आवेदन कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f96b9c94967d7e2c069b424d5bbebdb5cd7d854d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। सात वार, नौ त्‍यौहार और देवों की नगरी वाले प्राचीन शहर बनारस में उत्‍सवों की कोई कमी नहीं। देव- दीपावली बीतने के बाद आता है काशी का प्राचीन उत्‍सव लोटा भंटा का अनोखा मेला।इस मेले को श्रद्धालु बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ धूमधाम से मनाते हैं। बनारस (काशी) के पारंपरिक उत्‍सव लोटा-भंटा मेले का महात्म्य ही अलग है। वाराणसी के जंसा, रामेश्‍वर, पंचशिवाला -हरहुआ के बीच वरुणा नदी के कछार पर तहसील राजातालाब व तहसील पिंडरा क्षेत्र में हर साल यह मेला लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f46aa80df359ee41ef447732363ca7ba9593e26c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर वायु की गुणवत्‍ता को कैसे नापते हैं ?।पर्यावरणविद् विजय पाल वघेल का कहना है कि दरअसल, वायुमंडल में सभी गैसों की मात्रा प्राकृतिक रूप से सुनिश्चित होती है, जब इस वायु में इन गैसों का संतुलन गड़बड़ होता है तो इसका असर हवा की गुणवत्‍ता पर पड़ता है। वायु की गुणवत्‍ता मापने के लिए एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह एक यंत्र है। इसके आधार पर पता चलता है कि उस स्‍थान की हवा कितनी साफ है। यह एक सचेतक का काम करती है यानी आपको अलर्ट करती है। इसको ऐसे समझिए कि जैसे थर्मामीटर आपके शरीर के तापमान को बताता है। उस आधार पर चिकित्‍सक यह तय करता है कि आपको बुखार है कि नहीं। आप सामान्‍य है या आपको बुखार है या आपको तेज बुखार है। ठीक उसी तरह से यह इंडेक्‍स काम करता है। इंडेक्‍स भी हवा में प्रदूषित गैसों की मात्रा को बताता है। यह आपके लिए कितनी उचित या खतरनाक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64820.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cfe5a53938a3bdcf36ba2f1ca27af161d53acb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64820.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शुरुआत में ढाबों पर मसाला सप्लाई का काम शुरू किया, लेकिन पैकेजिंग व मार्केटिंग में मदद मिलने के बाद कारोबार बड़ा हुआ और अब क्रीनी मसाले के नाम से उनका अपना ब्रांड है। ओपन मार्केट के अलावा विशाल मेगा मार्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट में भी उनके मसाले बिकते हैं और फिलहाल उनका सालाना टर्नओवर करीब दो करोड़ रुपये का है। + +एक दिन खाना खिलाया और बन गई इंटरप्रेन्योर। निफ्टेम की ओर से गांव ताजनगर में प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था। गांव की महिला पूनम शर्मा ने बताया कि उनका खाना होटल से आता था, जो उन्हें पसंद नहीं था। पूनम ने बताया कि दूसरे दिन उन्होंने सभी को खाना खिलाया और वह उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने फिर पूरी ट्रेनिंग के दौरान खाने का ठेका ही दे दिया। उनके हुनर को देखकर ही निफ्टेम के प्राध्यापकों ने उन्हें अनाज के लड्डू, रोस्टेड भूजिया व हेल्दी फूड बनाने और हाइजीनिक तरीके से पैकिंग की ट्रेनिंग दी।वित्तीय मदद भी दिलाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..222b9bd7054ebeaecf7573f1166e5a1f8c591b92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64822.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रशासन की पहल पर शुरू किया गोकाष्‍ट बनाना।गौसेवा समिति के संचालक शशिपाल सिंह उर्फ सत्यानंद दास बताते हैं कि उनकी गौशाला में 700 से अधिक गोवंश है। प्रशासन से मिलने वाली धनराशि व स्वयं के प्रयास से वह गोशाला का संचालन कर रहे हैं। प्रशासन की पहल पर उन्होंने गाय के गोबर से गोकाष्ट बनाने प्रारंभ किए। इन गोकाष्टों को प्रशासन की मदद से शमशाम घाटों में अंतिम संस्कार के लिए प्रयोग किया जा रहा है। अब उन्होंने गोबर से निर्मित ईंटों का निर्माण शुरु किया है। गोबर से बनी ईंट एक ओर जहां पर्यावरण के लिए अच्छी है वहीं इससे बने भवन मौसम के अनुकूल भी रहते हैं। आगे उनकी गाय के गोबर से धूप वत्ती, स्वास्तिक, ओम, वैदिक सीमेंट तैयार करने की भी योजना है। उन्होंने बताया कि उन्हें पहला आर्डर 50 हजार ईंटों का (रमणरेती) मथुरा से मिला है। + +ऐसे बनाते हैं ईंट।देशी गाय के गोबर में चूना व चार अन्य तरह के कैमिकल मिलाकर ईंट तैयार की जाती है। ईंट पूरी तरह से हैंड मेड है। धूप में सूखने के बाद ये ईंट घर बनाने के लिए तैयार हो जाती है। इस ईंट को भट्ठी में पकाने की आवश्यकता नहीं होती। सूखने के बाद ईंट का वजन 400 से 500 ग्राम तक रह जाता है। इसकी मोटाई और लंबाई सामान्य ईंट के बराबर रखी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64823.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64823.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f32fc215ea0e4b9a6d4b6af3cda1707550d7bc61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64823.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किताबघर : धर्म, संस्कृति और सामाजिक व्यवहार का वृहद कोश।धर्मशास्त्र का इतिहास।डा. पांडुरंग वामन काणे।इतिहास, संस्कृति, धर्म।संपूर्ण संस्करण, 1965।पुनर्प्रकाशित संस्करण, 2014।उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, महात्मा गांधी मार्ग, लखनऊ।मूल्य: 2500 रुपए (सभी खंड)।समीक्षा : यतीन्द्र मिश्र।किताबों की दुनिया में कुछ दुर्लभ काम ऐसे होते हैं, जो अपनी ऐतिहासिक महत्ता ही नहीं रखते, वरन उनकी व्याप्ति इतनी प्रखरता से दीप्त रहती है, जिसके कारण उनकी सर्जना का काम सांस्कृतिक और सामाजिक विश्वास के शिखर पर मौजूद रहता है। ऐसे ही कामों में महाग्रंथ की संज्ञा पाए हुए ‘धर्मशास्त्र का इतिहास’ को लिया जा सकता है, जिसके पांच खंड अपने आपमें भारतीय संस्कृति का पर्याय बने हुए हैं। स्वाधीनता के 75वें वर्ष में हम जिन पुस्तकों का उत्सव पूरे गौरव के साथ मना रहे हैं, उनमें पांडुरंग वामन काणे द्वारा रचित ‘धर्मशास्त्र का इतिहास’ अपनी स्तरीयता और उत्कृष्टता में अनुपम है। काणे जी ने इन किताबों का प्रणयन लगभग तीन दशकों के लंबे कालखंड में संभव किया था, जिनमें पहले भाग का प्रकाशन 1930 ई. में हुआ और अंतिम भाग 1965 ई. में प्रकाश में आया। भारतीयता को समग्रता और सांस्कृतिक अर्थों में समझने, विवेचित करने तथा धर्म के वृहत्तर मानवीय आशयों का एक बड़ा कोश बनाने के संदर्भ में इस पुस्तक को सबसे प्रामाणिक संदर्भ ग्रंथ के तौर पर देखा जा सकता है। हजारों पृष्ठों के बड़े फलक पर विस्तृत यह सिर्फ धर्मनीति का इतिहास नहीं है, बल्कि इतिहास की गलियों में जाकर धर्मशास्त्र के विभिन्न अंगों-उपांगों, प्रत्ययों, धर्म के सर्वमान्य निकषों तथा उससे संबंधित पूरक प्रसंगों की समेकित विवेचना का ऐसा वृहत संकलन है, जिसमें पारिभाषिक शब्दावली, प्रासंगिक टीकाओं, परंपरा में व्याप्त प्रामाणिक संदर्भों समेत उन विशिष्ट पदावलियों की अनूठी व्याख्या भी है, जिसके माध्यम से धर्म को नीति, ज्ञान और आधुनिक संदर्भों में परखने की दृष्टि मिलती है। यह गौर करने वाली बात है कि पांडुरंग वामन काणे इसके प्राक्कथन में यह घोषणा करते हैं कि धर्मशास्त्र में आने वाले विविध विषयों के निरूपण के बिना यह ग्रंथ सांगोपांग नहीं माना जा सकता। इसी विचार के तहत उन्होंने इसमें वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक के विधि-विधानों का सम्यक वर्णन किया है। उन्होंने सार्थक परंपराओं और दुष्प्रवृत्तियों को अलग-अलग समझने की चेष्टा भी की है, जो आधुनिक अर्थों में इस ग्रंथ को व्यावहारिक बनाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58819503179c4db9bfd548dd9e69acaa1dee8718 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +युवाओं का आना होगा आगे।दहेज प्रथा ने समाज की जड़ों को खोखला करने का काम किया है। इसे समाप्त करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। यह कहना है गांव सालवन में शादी करने आए निसिंग क्षेत्र के गांव असंध वासी विक्रम सिंह का। उन्होंने सालवन गांव वासी तेजबीर द्वारा बेटी की शादी में दिए 11 लाख रुपए का दहेज ना लेकर युवा पीढ़ी को संदेश दिया है। विक्रम सिंह कैथल के सरकारी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37513b05ab9ceccba1ab53245c4103e4a975eabe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के आए परिणाम से भले ही नगर निगम के अधिकारी खुश हों, मगर शहर में कुछ स्थानों पर कूड़े के ढेर नसीहत देने वाले हैं। यह इस बात की ताकीद करते हैं कि यदि ऐसी स्थिति रही तो आगे के दिनाें में रैकिंग नीचे भी आ सकती है। शहर में अभी भी कई स्थानों पर दोपहर तक कूड़ा नहीं उठता है, गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। इससे शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84f659853df7a5431e4c84b716b2e4ec784fc8f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64828.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आलू (राजा) के दामों में आई तेजी का लाभ फुटकर विक्रेता ले रहे थे। थोक में तो दामों में इजाफा हुआ था, लेकिन फुटकर में मनमानी हो रही थी। पंजाब की फसल आने के बाद नए आलू के दाम 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गए थे, तो स्थानीय आलू 15 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था। वहीं दो दिन से सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में वेबर की फसल आ गई है। इसके बाद दामों में गिरावट आई है, जिससे नए आलू के दाम थोक में 17 रुपये और पुराने के दाम 11 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं। वहीं फुटकर बाजार में नया आलू 40 और पुराना 25 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। + +गत वर्ष आलू का उत्पादन बंपर हुआ था और शीतगृह में पांच करोड़ पैकेट (प्रति 50 किलोग्राम) भंडारण हुआ था। धीमी निकासी के कारण आलू भंडारित रहा, लेकिन कर्नाटक की फसल में हुई देरी के कारण बाजार मिलता रहा। दाम भी ठीक बने रहे, लेकिन ऊंचे दामाें के इंतजार में िनिकासी ने रफ्तार नहीं पकड़ी। स्थानीय आलू अभी भी बाजार में जमा हुआ है, लेकिन नवंबर की शुरुआत में पंजाब का आलू आ गया था। थोक विक्रेता राजन ने बताया कि पंजाब के आलू की आवक 700 से 800 कुंतल प्रतिदिन हो रही है, जबकि वेबर का 150 कुंतल आलू आ रहा है। वेबर की आवक के बाद दामों में अंतर आया है, जबकि आवक बढ़ने पर दामों में और गिरावट आएगी। थोक विक्रेता विवेक ने बताया कि वेबर की फसल आ गई है, जिससे दामों में गिरावट आनी शुरू हो गई है। सप्ताहभर बाद नए आलू के दाम और घट जाएंगे। फुटकर विक्रेता मनमाने दाम में आलू बेच रहे हैं। थोक में दाम घटने के बाद भी फुटकर में दाम नहीं घटाए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..749b929dacfd3043808839f21c5bf19959a3f464 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [चंद्रप्रकाश गुप्ता]। IIT and IISC study जलवायु परिवर्तन और बांध-बैराजों की संख्या बढऩे से गंगा का प्रवाह और बाढ़ क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। ऐसा ही रहा तो भविष्य में गंगा का रौद्र रूप दिख सकता है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बेंगलुरु और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के विज्ञानियों ने यह आशंका जताई है। उनके शोध को नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट ने भी प्रकाशित किया है। अब यह रिपोर्ट जलशक्ति मंत्रालय को भेजी जाएगी। ।बाढ़ के पूर्वानुमान के लिए दोनों संस्थानों ने गंगोत्री ग्लेशियर से ऋषिकेश तक 21 हजार वर्ग किमी क्षेत्र का अध्ययन किया। अध्ययनकर्ता और आइआइटी के भू विज्ञान विभाग में प्रोफेसर डा.राजीव सिन्हा ने बताया कि डा. प्रदीप मजूमदार, सोमिल स्वर्णकार के साथ एक साल तक वर्षा, बाढ़, बैराज-बांध निर्माण, गाद के 50 साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसमें पता चला कि गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली भागीरथी नदी और सतोपंथ ग्लेशियर से शुरू होने वाली अलकनंदा नदी के प्रवाह और बेसिन में काफी बदलाव हुआ है। अध्ययन में यह भी पता लगा है कि अलकनंदा बेसिन में वर्ष 1995 से वर्ष 2005 तक पानी का प्रवाह दोगुना हो चुका है। इसे चरम प्रवाह माना गया है। हालांकि, भागीरथी बेसिन में अभी इतना परिवर्तन नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले वर्षों में इसमें भी चरम प्रवाह का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि नदियों के स्वरूप में बदलाव से भविष्य में चरम प्रवाह में वृद्धि होगी और गंगा बेसिन में बाढ़ का क्षेत्र विस्तारित हो सकता है। डा. राजीव सिन्हा के मुताबिक, इससे जल विज्ञान माडल की मदद से बाढ़ का सटीक पूर्वानुमान देने में आसानी होगी और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का भी पहले से पता लगाया जा सकेगा। यही नहीं इस डाटा से नदियों के उच्च प्रवाह को कम करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करके संरचनात्मक प्रक्रिया भी तैयार की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0952e2647db5d050dbc6a734421320f2152d8938 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6483.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के मशहूर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप की बेटी आलिया कश्यप अपनी निजी जिंदगी को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। आलिया कश्यप अपनी लव लाइफ को लेकर भी खास खुलासे करती रहती हैं। वह इन दिनों अमेरिकी ब्वॉयफ्रेंड शेन ग्रीगोइरे को डेट कर रही हैं। आलिया कश्यप अक्सर शेन ग्रीगोइरे के साथ सोशल मीडिया पर अपनी रोमांटिक तस्वीरें साझा करती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e14a67cba5a80433a9a4dc48c6eff9ff912b7018 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिव्यांग बच्चों के मानसिक व शैक्षिक विकास से संबन्धित पहलुओं पर सविता जायसवाल ने अपना अनुभव साझा किया। बताया कि ‘जीवन में जब सब कुछ खत्म हो जाता है, तब हमारे पास खोने को कम और पाने के लिए बहुत कुछ होता है। इस बात को समझें तो केवल परिवार का एक फैसला व बच्चे का हौसला किसी भी दिव्यांग के जीवन को नई दिशा दे सकता है। इन बच्चों को अगर भरपूर प्यार दिया जाए व इन पर भरोसा किया जाए तो यह अपनी क्षमता से कई गुना अधिक परिश्रम करने से भी पीछे नहीं हटते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81f21c09627dcaad58a62826a246238542e5474b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य व काकोरी ट्रेन एक्शन के प्रमुख सहयोगी शचींद्र नाथ बक्शी ने चीन द्वारा भारत पर आक्रमण किए जाने के कुछ समय बाद यह लेख लिखा था...।भारतवर्ष में त्याग और दान का महत्व बहुत बड़ा है। हमारी सभ्यता और संस्कृति ने सिखाया है कि दान की मर्यादा सर्वोपरि है। इसी पृष्ठभूमि पर हमारे देश में द्रव्य, वस्तु, विद्यादान, कन्यादान और आज ग्रामदान, भूदान, प्राणदान आदि तरह-तरह के दानों की परंपरा चली है। ‘प्राणदान’ की बात अगर की जाए तो हमें मिलता है-मध्यकालीन राजपूत रमणियों का जौहर व्रत। जब सब पुरुष युद्ध में प्राणदान करने की ठान लेते थे, तब स्त्रियां और बालाएं एक विशाल अग्निकुंड में अपने को सामूहिक रूप से समर्पण कर देती थीं। ऐसी सामूहिक प्राणदान की मिसाल इतिहास में शायद कम ही मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64834.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64834.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5a512f26722726a551ebb475da6bbaf3626e8bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64834.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। सरसों भी सोयाबीन की राह पर चल रही है। दोनों के भाव में तेजी आने से रसोई का तो मानो तेल निकल रहा है। सरसों व सोयाबीन एक सप्ताह पहले 6800 रुपये व 5500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी पर शनिवार को यह भाव बढ़कर क्रमश: 7200 रुपये व 6300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इसका असर तेल पर भी पड़ा है। विगत एक सप्ताह में सरसों व साेयाबीन का तेल प्रति लीटर 180 रुपये व 145 रुपये से बढ़कर 188 रुपये व 155 रुपये हो गया है। यह हालात तब है जब रोजाना 600 टन सरसों का तेल उत्पादन करने वाली आगरा की इकाईयों में पेराई शुरू हो गई हैं। भाव बढ़ने के पीछे माना जा रहा है कि सरसों की उपलब्धता घटने, जाडे मेें मांग बढ़ने, नेपाल व बंगला देश के रास्ते हो रहे तेल का आयात कम होने से यह भाव बढ़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a73f4ed31798156458d2fd7e5e731d89d2c68f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64836.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कैंसर शोध पर गंभीर सवाल। पुस्तक का नाम : द फर्स्ट सेल। लेखिका : अजरा रजा। प्रकाशक : हार्पर कोलिंस। मूल्य : 599 रुपये। कैंसर पीडि़त व्यक्तियों की व्यथा और इसके उपचार पर केंद्रित डा. अजरा रजा की यह कृति इस बीमारी पर हुए शोध कार्यों पर गंभीर सवाल उठाती है। द फर्स्ट सेल के गहन अध्यन के बाद उठाए गए सवालों के बारे में बता रहे हैं.. ब्रजबिहारी..। + +पाकिस्तानी मूल की अजरा रजा अमेरिका में कैंसर विशेषज्ञ हैं और पिछले दो दशक से इस खतरनाक बीमारी का इलाज कर रही हैं, लेकिन उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि उनके पति और कैंसर विशेषज्ञ हार्वी प्रेसलर के इस बीमारी की चपेट में आने से पहले वह इससे जुड़ी असहनीय पीड़ा से अनभिज्ञ थीं। कैंसर से पति की मौत के बाद उन्हें अनुभव हुआ कि अब तक जिन हजारों कैंसर रोगियों का उन्होंने उपचार किया, उनके परिवार पर क्या गुजरी होगी। जिनके अपने इस बीमारी के कारण काल-कवलित हो गए होंगे, उनकी मानसिक स्थिति क्या होगी। + +विज्ञानी भले ही दावा करें कि उन्होंने मानव शरीर को समझने में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है, लेकिन सच्चाई यही है कि कैंसर के उपचार के मामले में अब तक कुछ ठोस सामने नहीं आया है। यह सही है कि जीनोम संरचना की समझ और जीन में संशोधन की सफलता कई उम्मीदें जगाती है। विज्ञानी जीन को सक्रिय और निष्क्रिय करने में भी कामयाब हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद कैंसर का इलाज अब भी उसी स्तर पर है, जैसा पांच दशक पहले था। इसकी बड़ी वजह यह है कि हजारों शोध-पत्रों में कैंसर के इलाज को लेकर किए जाने वाले दावे कभी प्रयोगशाला का मुंह नहीं देख पाते हैं। इस खाई को पाटे बिना कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी परिवर्तन की उम्मीद बेमानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bd7be2a536652f261ed0daf0954624ef84f5077 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विनोद भारती, अलीगढ़। जिले में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम पर इन दिनों अव्यवस्था का अंधेरा छाया हुआ है। सरकारी अस्पतालों व अन्य केंद्रों पर मोतियाबिंद के मुफ्त आपरेशन की सुविधा करीब डेढ़ माह से बंद है। कुछ खास मरीजों के ही आपरेशन हो रहे हैं। अन्य को रोजाना मायूस होकर लौटना पड़ रहा है, फिर भी अफसरों को ज्यादा चिंता नहीं। दरअसल, ये हालात आपरेशन में इस्तेमाल होने वाली दवा खत्म होने के कारण पैदा हुई है। दवा की खरीद सीएमओ को करनी है, यहां पर अभी टेंडर प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है। कब प्रक्रिया पूरी होगी और कब दवा की आपूर्ति, स्थिति स्पष्ट नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f96a541c791ea64a21800f973766eb6a23ee71a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस धीमी गेंद की सबसे खास बात यह है कि इसे बिना एक्शन में बदलाव किए और बिना हाथों की गति में परिवर्तन किए फेंका जाता है। पटेल के पास अच्छी बाउंसर भी हैं जिसका बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए उन्होंने बल्लेबाजों को बताया कि उनके तरकश में कई तीर हैं। हर्षल को खिलाने का बदलाव सिराज की चोट के चलते हुआ, लेकिन अगर कोई और खिलाड़ी चोटिल नहीं होता तो क्या रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़, आवेश खान जैसे खिलाडि़यों पर नजर डालेंगे या फिर रिषभ पंत की जगह इशान किशन को खिलाएंगे? जब कोई खिलाड़ी अच्छी फार्म में होता है तो उसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहता है। ऐसे में जबरदस्त लय में चल रहे के एल राहुल ब्रेक तो नहीं ही लेना चाहेंगे। भुवनेश्वर कुमार और दीपक चाहर भी ऐसा नहीं चाहेंगे जो हाल ही में टीम में लौटे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6232403bde3768cc3e27af3ff50dadf47e1a203a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64841.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नि:संदेह कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद विपक्षी नेताओं को यह दुष्प्रचार करने में मुश्किल होगी कि प्रधानमंत्री हठधर्मी हैं, लेकिन सरकार को इसकी परवाह न करते हुए इस पर ध्यान देना होगा कि अराजक आंदोलनकारियों को यह संदेश न जाए कि वे दिल्ली की घेरेबंदी कर सरकार को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर सकते हैं। सरकार को इसलिए सतर्क रहना होगा, क्योंकि कल को सड़कों पर उतरकर अपनी मांगें मनवाने की जिद पकड़ने वाले सरकार के साथ आम जनता की नाक में दम कर सकते हैं। कृषि कानूनों की वापसी के फैसले से मोदी सरकार की राजनीतिक तौर पर किरकरी हुई है, लेकिन उसका ज्यादा महत्व इसलिए नहीं कि लोकसभा चुनाव अभी दूर हैं। इसका लाभ उठाते हुए उसे कृषि सुधारों की दिशा में नए सिरे से पहल करनी होगी। उचित यह होगा कि कृषि सुधारों को लेकर एक माडल कानून बनाकर राज्यों को उसे लागू करने के लिए प्रेरित किया जाए। इस सबके साथ प्रधानमंत्री को यह भी संदेश देना होगा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद भी वह अपने सुधारवादी एजेंडे पर कायम रहेंगे। यह एजेंडा किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। प्रधानमंत्री को यह संदेश देना होगा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद भी वह अपने सुधारवादी एजेंडे पर कायम रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1adf1382b48e98619abaf523ff97ecf93c296305 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64843.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- उन्‍होंने कहा कि पेंग से पूर्व भी कई नामचीन लोग देश से अचानक गायब हुए हैं। उनको गायब करने के पीछे चीन की कम्‍युनिस्‍ट सरकार का हाथ है। चीन के प्रमुख कारोबारी व ई-कामर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा और लोकप्रिय अभिनेत्री फान बिंगबिंग भी शामिल हैं। दोनों को चीन के खिलाफ बालने की सजा मिल चुकी है। जैक का कसूर सिर्फ इतना ही था कि अक्‍टूबर 2020 में एक भाषण में नियामकों को बहुत रूढ़िवादी बताया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e8a77704bb0f72a71bd8bc0dcd4b7b33caaabcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को आइआरसीटीसी को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सरकार ने होटल व रेस्टोरेंट खोलने का आदेश दिया है। इसी के आधार पर प्लेटफार्म के कैंटीन में तैयार खाने की ब‍िक्री की जा रही है। कोरोना संक्रमण के कारण एक जून 2020 से ट्रेन के भोजन यान (पेंट्रीकार) में खाना बनाने पर रोक लगा दी गई थी। केवल डिब्बा बंद खाना बेचने का आदेश दिया गया है। राजधानी व शताब्दी में यात्रियों को रेलवे द्वारा खाना उपलब्ध कराया जाता था, उसे भी बंद कर दिया गया है। ल‍िहाजा ब्रांडेड कंपनी का डिब्बा बंद खाना यात्रियों को खरीद कर खाना पड़ता है। आइआरसीटीसी को आदेश दिया गया है कि कोरोना से पहले की तरह भोजन यान में ताजा खाना तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध कराएं। राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में भी पहले की तरह यात्रियों को खाना उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। रेलवे बोर्ड के आदेश को लागू करने के लिए आइआरसीटीसी के अधिकारी बोर्ड के सदस्यों की बैठक बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को बैठक हो सकती है। बैठक में ट्रेन के भोजन यान में कब से तैयार खाने की ब‍िक्री की जाए, कोविड के नियम का पालन कैसे कराया जाए, इस पर विचार किया जाएगा। राजधानी व शताब्दी के यात्रियों के लिए बीच रास्ते में बेस किचन बनाया जाता है, यहां खाना तैयार किया जाता है और दोनों ट्रेन के भोजन यान कर्मियों को उपलब्ध कराया जाता है। भोजन यान के कर्मचारी खाने को गर्म कर यात्रियों को उपलब्ध कराते हैं। आइआरसीटीसी के अधिकारी अमित राणा ने बताया कि आइआरसीटीसी मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद ट्रेनों के भोजन यान में खाना बनाकर बेचने की व्यवस्था की जाएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b0c3fbd323a056763b26249bb4a2b9102e6b2d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64848.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[फीचर डेस्क]। राजू का जन्म 4 जुलाई, 1897 को आंध्र प्रदेश के पद्मनाभम मंडल के अंतर्गत आने वाले पंडरांगी गांव के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता अल्लूरी वेंकट रामराजू ने बचपन से ही सीताराम राजू को यह सच बताकर क्रांतिकारी संस्कार दिए कि अंग्रेज़ों ने ही हमें ग़ुलाम बनाया है और वे देश को लूट रहे हैं। बालक सीताराम राजू के मन में पिता की यह बात घर कर गई थी। जब राजू 13 वर्ष के थे, तो एक बार उनके एक दोस्त ने उन्हें किंग जार्ज की तस्वीरों वाले कुछ बैज दिए। तब उन्होंने एक बैज को रखकर बाकी सब फेंक दिए। उस बैज को उन्होंने अपनी शर्ट पर लगा लिया, ताकि हमेशा यह याद रख सकें कि कैसे विदेशी शासक उनके देशवासियों को सता रहे हैं। उन्होंने किशोरावस्था में देश के उत्तरी राज्यों की यात्रा करने का निर्णय लिया। इन यात्राओं के क्रम में उन्होंने देखा कि कैसे अंग्रेजों के शासन में आदिवासी इलाकों की स्थिति बदतर हो गई है। यात्रा के दौरान ही उनकी भेंट चटगांव(अब बांग्लादेश में) के क्रांतिकारियों से हुई। सीताराम राजू ने तय कर लिया कि वह अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने मनयम क्षेत्र में आदिवासियों को जागरूक करने के साथ अंग्रेजों के जुल्म के विरुद्ध उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे वह ३०-४० गांवों के नेता बन गए। + +सीताराम राजू तीर-धनुष एवं भाले की सहायता से गुरिल्ला युद्ध करते थे। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा पारित फारेस्ट एक्ट १८८२ के विरोध में अगस्त १९२२ से मई १९२४ के बीच गोदावरी नदी के उत्तरी क्षेत्र में ‘रंपा युद्ध’ (जिसे मनयम संघर्ष भी कहते हैं) का नेतृत्व किया। गोदावरी नदी के पास फैली पहाड़ियों में ही राजू व उनके साथी युद्ध का अभ्यास करते और आक्रमण की रणनीति बनाते थे। उन्होंने कई पुलिस थानों पर हमले किए। क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद वह जंगलों में छिप जाते थे, जिससे उन्हें तलाश पाना आसान नहीं था। अंग्रेजी सरकार ने राजू को पकड़ने वाले के लिए दस हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उनके आंदोलन को कुचलने के लिए आंध्र प्रदेश की पुलिस के नाकाम होने के बाद ब्रिटिश अफसरों के नेतृत्व में मालाबार स्पेशल पुलिस एवं असम राइफल्स के दस्ते लगाए गए थे। 6 मई, 1924 को राजू के दल का मुकाबला असम राइफल्स से हुआ, जिसमें उनके साथी शहीद हो गए। राजू बच गए। 7 मई, 1924 को जब वह अकेले जंगल में भटक रहे थे, तभी फोर्स के अफसर की नज़र राजू पर पड़ी। उसने पीछा किया। अंततः वह पकड़े गए और अंग्रेजों ने इस महान क्रांतिकारी को नदी किनारे ही एक वृक्ष से बांधकर गोली मार दी। १९८६ में अल्लूरी सीताराम राजू की याद में इंडिया पोस्ट ने एक डाक टिकट जारी किया।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ba7d147515d94dc97e3837d8d205876b31ae068 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड फिल्म इंडस्टी की फेमस एक्ट्रस ऐश्वर्या राय बच्चन न सिर्फ अपनी एक्टिंग बल्कि खूबसूरती के लिए भी जानी जाती हैं। ऐश्वर्या राय इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन’ को लेकर काफी चर्चा में हैं। ऐश्वर्या इन दिनों मणिरत्नम द्वारा निर्देशित इस फिल्म की शूटिंग में बिजी हैं। हाल ही में ऐश्वर्या अपनी बेटी आराध्या बच्चन के साथ ‘पोन्नियिन सेलवन’ की शूटिंग के लिए ग्वालियर रवाना हुई हैं। इसी बीच अब ऐश्वर्या की फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन’ के सेट उनकी तस्वीर और कुछ वीडियोज लीक हुए हैं जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यहां देखें तस्वीर...।Omg..!! Aishwarya Rai Bachchan spotted on the sets of #PonniyinSelvan Really very excited to watch this movie😍 pic.twitter.com/kmMN5iv28A। महारानी के लुक में नजर आईं ऐश्वर्या राय।ऐश्वर्या राय की आने वाली फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन’ के सेट से उनकी तस्वीर लीक हो गई है। इस तस्वीर में वह महारानी के लुक में नजर आ रही हैं। एक्ट्रेस का रॉयल लुक देख उनके फैंस काफी खुश हैं। लीक फोटो में आप देख सकते हैं कि ऐश्वर्या राय पिंक कलर की कांजीवरम साड़ी के साथ हैवी ज्वैलरी में नजर आ रही हैं। वहीं उनके हाथ में एक फर जैसा कुछ नजर आ रहा है। एक्ट्रेस के आस-पास फिल्म के क्रू मेंबर्स को देखा जा सकता है, जो शॉट की तैयारी में हैं। एक्ट्रेस की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर आते ही ताबड़तोड़ वायरल हो गई है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ये उनकी ​फिल्म के एक खास गाने की शूटिंग के दौरान की तस्वीर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9746014785bdbb6eb2f6d357a02a5c63b9db76b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(उमगा पहाड़ पर स्थित अमरकुंड। जागरण)। ध्वस्त होने के कगार पर सूर्य मंदिर।उमगा पहाड़ पर स्थित भगवान सूर्य का ऐतिहासिक, धार्मिक एवं प्राचीन मंदिर उपेक्षित होने की वजह से नष्ट होने के कगार पर है। मंदिर का सामुचित संरक्षण नहीं होने के कारण अस्तित्व खतरे में है। यह मंदिर जिले ही नहीं बल्कि राज्य की धरोहर सूची में शामिल है। जमीन से करीब 100 फीट ऊंचा पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का दर्शन करने के लिए पर्यटक आते हैं। देखदेख के अभाव में मंदिर पर घास उग आया है। पत्थरों को तराश कर बनाए गए मंदिर में दरारें आ गई हैं।  ।(उमगा पहाड़ पर स्थित देवी की एक प्रतिमा। जागरण)।प्रत्येक वर्ष आयोजित होता है महोत्सव।मंदिर की महिमा एवं गरिमा को प्रचारित करने के लिए प्रत्येक वर्ष राज्यस्तरीय उमगा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। महोत्सव पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। प्रख्यात गायकों की प्रस्तुति होती है।  भोजपुरी गायक मनोज तिवारी, सुर संग्राम के विजेता मोहन राठौर, अंकुश व राजा, अरविंद अकेला उर्फ कल्लू, गोलू राजा जैसे कलाकार यहां अपने कार्यक्रम प्रस्‍तुत करते रहे हैं। लेकिन इतना होने के बाद भी संरक्षण के अभाव एवं जिला प्रशासन की अपेक्षा से ऐतिहासिक धरोहर नष्ट होने के कगार पर पहुंच गया है। कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष से महोत्सव आयोजित नहीं हुआ है। हालांकि रखरखाव के अभाव में यहां की प्राचीन मूर्तियां अस्तित्‍व खोती जा रही हैं। चार वर्ष पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां का भ्रमण कर इसे पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। कहा था कि यहां रोपवे लगाया जाएगा। हालांकि, अब तक यह उपेक्षित ही पड़ा है। ।देवी को चढ़ाया जाता है कसार ।पुजारी बालमुकुंद पाठक ने बताया कि मां सती के शव को लेकर भगवान शिव  ने जब क्रोधित होकर तांडव नृत्य शुरू किया था। उस समय मां के शरीर का अंग उमगा पहाड़ पर गिरा था। तब से यह स्थल शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ है। यहां का प्रसाद बिना पकाए हुए ढकने में चावल और गुड़ मिलाकर लड्डू जैसा बनाकर चढ़ाया जाता है। जिसे मगह में कसार कहा जाता है। मन्नत  पूरा होने पर पूजा करने पहुंचते हैं। पूर्व में जब राजा यहां रहते थे तब मंकर संक्रांति से ही दो माह का मेला यहां लगता था। अब धीरे धीरे सिमटती जा रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64861.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e09a9cef81c9787bd73983190999a9d6e0e11e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64861.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पहले रिकार्डतोड़ गर्मी और फिर बारिश के बाद इस बार सर्दी भी रिकार्ड तोड़ेगी। ला नीना के प्रभाव से दिसंबर, जनवरी और फरवरी के दौरान दिल्ली- पूरे उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर के साथ उत्तर भारत के कुछ और राज्यों में भी न्यूनतम तापमान दो से तीन डिग्री तक जा सकता है। शीत लहर और कोहरे के दिन भी इस साल कहीं अधिक रहने के आसार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..746f4d23f14427fcbef848ce60df0fdffa431447 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64868.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने के फैसले का हरियाणा की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक बदलाव नजर आएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से उन प्रगतिशील किसानों को जरूर निराशा हो सकती है जो पहले दिन से तीनों कृषि कानूनों को किसानाें के हित में बता रहे थे, लेकिन बड़े और लंबे आंदोलन की वजह से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर जो असर पड़ रहा था, अब उसके पटरी पर आने के आसार पैदा हो गए हैं। + +हरियाणा के ज्यादातर उद्योग सोनीपत, बहादुरगढ़, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद की इसी बेल्ट पर मौजूद हैं। लाखों लोगों का हर रोज हरियाणा से दिल्ली और दिल्ली से हरियाणा आना-जाना होता है। रास्ते बंद होने से न केवल व्यापार प्रभावित हो रहा था, बल्कि लोगाें को आने-जाने में भी काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही थी। इस आंदोलन के खत्म होने के बाद उद्यमियों और व्यापारियों को भी बड़ी राहत मिलने वाली है। किसान संगठनों का यह आंदोलन प्रदेश सरकार के संयम का भी बहुत बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। + +एक साल से चल रहे आंदोलन को खत्म कराने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व उनकी कैबिनेट के मंत्रियों ने बार-बार अनुरोध किए। बदले में उन्हें विरोध और हिंसा का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अपना संयम नहीं तोड़ा। आंदोलनकारियों पर न लाठी चली और न गोली से हमला हुआ। करनाल में बस्ताड़ा प्रकरण एक आइएएस अधिकारी आयुष सिन्हा की गलती का परिणाम जरूर रहा। इसकी जांच के लिए सरकार ने जस्टिस एसएन अग्रवाल की अगुवाई में एक आयोग का गठन भी कर दिया है। इस आयोग को अगले दो महीने में अपनी रिपोर्ट देनी है। अकेले इस प्रकरण को यदि छोड़ दिया जाए तो यह आंदोलन किसान संगठनों के सब्र और सरकार के संयम का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ff9d94ec5fd128cdce9c3e47bd98612c0bc621d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा : पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के तराई इलाकों में भाजपा को राजनीतिक रूप से फायदा मिलेगा। इन तीनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां उसे अपने दबदबे को बनाए रखने में मदद मिलेगी वहीं पंजाब में उसके पुराने सहयोगी अकाली दल के साथ ही कांग्रेस से अलग हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de46a2d0ac790178df6f98542d901cf2f35fcb45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिल रहा है फायदा: एक बड़ी एमएनसी कंपनी में कार्यरत सीनियर टेस्ट इंजीनियर निधि राज बताती हैं कि लाकडाउन के दौरान उन्होंने न सिर्फ अपनी स्किल अपडेट की है, बल्कि पूरा डोमेन ही बदल डाला है। पहले वे आटोमोटिव टेस्टिंग डोमेन में थीं, जहां आगे बढ़ने के मौके बहुत कम थे, लेकिन अब उन्होंने एपीआइ टेस्टिंग में कुशलता हासिल कर ली है, जिससे उन्हें कई बड़ी कंपनियों में जाब के आफर्स मिल रहे हैं। उनका कहना है कि आने वाले समय में उन्हें इसका और फायदा मिलेगा, क्योंकि हर बड़ी एमएनसी कंपनियों में एपीआइ टेस्टर की मांग ज्यादा होगी। इसी तरह का उदाहरण आइटी कंपनी में सात साल से काम कर रहे रजत अग्रवाल का भी है। हाल के कोर्सेरा लर्नर के आउटकम सर्वे के मुताबिक, लाकडाउन के दौरान 94 प्रतिशत लर्नर्स ने कोई एक ऐसा कोर्स जरूर किया है, जिसके आधार पर उन्हें करियर में 100 प्रतिशत सफलता मिलने के अवसर हैं। सबसे अच्‍छी बात यह देखी गई कि लाकडाउन के वक्‍त में जिन प्रोफेशनल्‍स ने अपने समय का सदुपयोग कोई न कोई शार्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स करने में किया, उससे न सिर्फ उनकी नौकरी बची रह गई, बल्कि इससे उनकी सैलरी में भी बढ़ोत्तरी हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64873.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05da3625acb66d31b8ac2ff66c518ad9f1ae610a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पिछले दो साल से बाजार वैश्विक मंदी के दौर से जूझ रहा है। इससे अलीगढ़ का पारंपरिक ताला, हार्डवेयर व आर्टवेयर की मैन्युफैक्चरिंग बुरी तरह प्रभावित है। ऊपर से इन आयटमों के निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले क'चे माल के दाम आसमान पर हैं। इनमें पीतल, जस्ता, लोहा शामिल है। इनके भाव में 15 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बढ़ती लागत, घटते कारोबार ने उद्यमियों की चिंता बढ़ा दी है। आर्डर कम हो गए हैं। कोरोना संकट से कारोबार को उभारने के लिए फैक्ट्री मालिक उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए दम लगा रहे हैं, मगर फुटकर व्यापारी बाजार में माल की खपत व मांग कम होने व प्रतिस्पर्धा के चलते रेट नहीं बढ़ा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b67d99b6617bc3e6795b4ba98d1aec7460924f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी बीमा कंपनियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल बीमा कंपनी को लेकर अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें कर चुके हैं। वित्त मंत्रालय भी सीएम के पास होने से बीमा कंपनी बनाने से जुड़ी फाइल को पंख लगे हुए हैं। इसके अलावा सभी महकमों व बोर्ड-निगमों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की रिपोर्ट सीएमओ में मांगी गई है। अभी तक बीमा योजनाओं के लिए सालाना हजारों करोड़ रुपये का प्रीमियम बीमा कंपनियों को दिया जाता रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों को बीमा योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। इसी के मद्देनजर सरकार ने खुद की बीमा कंपनी बनाने का निर्णय लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64890.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0baf537f70da9165b6241f385d86137389ed3a24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार गुरु आए हैं यहां।श्री गुरु नानक देव महाराज दक्षिण की पहली यात्रा के दौरान वापसी में 1509 से 1510 ईसवी में यहां आए। श्री गुरु हरगोबिंद साहिब 1612 ईसवी में आगरा पधारे। श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का 1675 ईसवी में आगमन हुआ। श्री गुरु गोविंद सिंह जी 1707 ईसवी में आगरा आए थे। इसी के साथ सिख धर्म के प्रसिद्ध विद्वान भाई नंद लाल और भाई गुरदास ने भी यहां रहकर प्रचार-प्रसार किया। वर्तमान में जहां गुरु नानक देव आए वहां गुरुद्वारा दुख निवारण, नया बांस ,लोहा मंडी, जहां गुरु हरगोबिंद साहिब आए वहां गुरुद्वारा दमदमा साहिब और जहां गुरु तेग बहादुर साहिब पधारे वहां गुरुद्वारा माईथान है। जहां गुरु गोविंद सिंह का आगमन हुआ, वहां गुरुद्वारा हाथी घाट है। जहां गुरु तेग बहादुर साहिब के चरण पड़े, वहां गुरुद्वारा दुख निवारण गुरु का ताल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b327a40f1c001100fe0a5ef89adc26e8d9b77b65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) को बड़ी सफलता मिली है। संस्थान की ओर से तैयार किए गए बायोजेट फ्यूल (बायोफ्यूल) को वायु सेना के फाइटर जेट के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गई है। यह मंजूरी सेना उडऩ योग्यता एवं प्रमाणीकरण केंद्र की ओर से दी गई। यह प्रमाण पत्र संस्था के सीईओ की ओर से आइआइपी के निदेशक डा. अंजन रे को गुरुवार को सौंपा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7178f2141e0612b883aa6482b239c19cf1709e41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64893.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि बहुत कम लोग होते हैं, जो पुलिस से सीधे संपर्क में रहते हैं। ज्यादातर लोग परेशानी होने पर पुलिस थाने में आते हैं। मौजूदा दौर में अलग-अलग माध्यमों से पुलिस की छवि को नकारात्मक बनाकर पेश किया गया है। इसमें फिल्म के साथ ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम का बहुत अहम भूमिका रही है। इस परिस्थति में लोगों से संवाद करके उनके अंदर पुलिस के प्रति भरोसे का अहसास कराना जरूरी है। इसी को लेकर इस अभियान का शुभारंभ किया गया है। पीआरवी वाहनों में तैनात पुलिस कर्मियों को एक विजिटिंग कार्ड दिया गया है। यह पुलिसकर्मी आम लोगों के संवाद स्थापित कर उन्हें विजिटिंग कार्ड देंगे। पुलिसकर्मियों को चार पेज का एक हैंड नोट दिया गया। इसमें यह जानकारी दी गई है कि कैसे लोगों से संपर्क करके विजिटिंग कार्ड देना है। पीआरवी के कमांडर और सब कमांडर अपनी लोकेशन से 100-100 मीटर पैदल चलकर लोगों से कैसे संवाद करने के साथ ही विजिटिंग कार्ड देंगे। आगामी 10 दिनों में पीआरवी के माध्यम से 20 हजार लोगों को विजिटिंग कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया है। + +विजिटिंग कार्ड में होगी यह जानकारी : पुलिस की ओर से दिए जाने वाले व‍िज‍िट‍िंंग कार्ड में सभी महत्वपूर्ण नंबर दर्ज होंगे। इस कार्ड में यूपी पुलिस और यूपी सरकार द्वारा संचालित यूपी- 112, वीमेन पावर लाइन 1090, साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 155260 , एसएसपी मुरादाबाद द्वारा संचालित वाटसएप नंबर 9368332927, साइबर सेल मोबाइल नंबर 9454401742, कट्रोल रूम नंबर 7839857245, फायर सर्विस 101, एंबुलेंस सर्विस 108, महिला हेल्प लाइन 181, सीएम हेल्प लाइन 1076, चाइल्ड लाइन 1098 आदि सभी हेल्प लाइन और महत्वपूर्ण नंबर हैं। इसके अलावा मुरादाबाद पुलिस का यूट्यूब चैनल, ट्वीटर, फेसबुक पेज का विवरण भी है। साथ ही इसमें एक क्यूआर कोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने पर मुरादाबाद पुलिस के वेब पेज पर चले जाएंगे जिसमें मुरादाबाद पुलिस से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें यूपी कॉप ऐप तथा 112-यूपी सिटिजन एप के बारे में भी सूचनाएं दर्ज होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fba324bd06d2dce4519cf0865a062c11867c81b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64896.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चूहों से फैलने वाला स्‍क्रब टाइफस के केस की मिली ट्रैवल हिस्ट्री, छत्तीसगढ़ से हरियाणा आया था संक्रमित ।Gita Mahotsav 2021: गीता जयंती महोत्सव पर सजेगी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र, पर्यटकों के लिए होगा ये।कई बीमारियों से पा सकते हैं निजात ।डाक्‍टर ने दावा किया है कि गाय का गोबर खाने और गोमूत्र पीने से गंभीर से गंभीर बीमारियां ठीक हो सकती हैं। यहीं नहीं, डाक्‍टर ने खुद कैमरे के सामने गोबर खाकर दिखाया। मनोज मित्‍तल ने कहा कि गाय से मिलने वाला पंचगव्‍य एक-एक हिस्‍सा मानवजाति के लिए बड़ा कीमती है। कहा, अगर गाय के गोबर की बात करें तो मम्मी हमेशा एकादशी के व्रत पर गाय का गोबर लेती थीं। इतना कहने के बाद डाक्‍टर मित्‍तल गाय का गोबर मुंह में रख लेते हैं। इसके बाद कहते हैं कि एक चम्‍मच गाय का गोबर खाने से तन मन पवित्र हो जाता है। यह एक बार हमारे गर्भ में चला गया तो पूरा शरीर शुद्ध कर देता है। ।Kartik Purnima 2021: पानीपत के यमुना घाट पर होगा दीपदान, जानिए क्या है तैयारी ।बताए ये फायदे।गोशाला में पहुंचकर डाक्‍टर मित्‍तल ने गोमूत्र पीने के बाद इसके फायदे गिनाए। डाक्‍टर ने बताया कि गाय का गोबर खाने से महिलाओं की नार्मल डिलीवरी होती है। मोटापा डायबिटीज से भी निजात दिलाता है। गोबर में प्रचुर मात्रा में विटामिन बी 12 होता है, जो रेडिएशन से बचाता है। मोबाइल, फ्रिज से निकलने वाले रेडिएशन से होने वाली कैंसर जैसी बीमारी होती है। गोमूत्र और गोबर का सेवन करने से इस बीमारी को काफी कम किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f967e3a1f5210b9d15d0c33cceb9e74173fdc53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64899.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। दुनियाभर में वायु प्रदूषण की समस्‍या अब मानव जाति के एक बड़ी समस्‍या बन चुकी है। अगर वक्‍त रहते स्थितियों पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो फ‍िर यह पूरी मानव सभ्‍यता के साथ धरती के अस्तित्‍व के लिए भी संकट उत्‍पन्‍न कर सकता है। वैज्ञानिकों ने वायु प्रदूषण को लेकर खतरे की घंटी बजा दी है। क्‍या आप जानते हैं कि ये दुनिया की आबोहवा क्‍यों प्रदूषित हो रही है। इसके बड़े कारण और कारक कौन हैं। इसके लिए आखिर हम यानी मानव कितने जिम्‍मेदार हैं। क्‍या हमारे थोड़े से प्रयास और सजगता से धरती और मानव सभ्‍यता को बचाया जा सकता है। आज हम आपको एकदम सरल शब्‍दों में वायु प्रदूषण के बारे में बताते हैं। इसके साथ यह बताएंगे कि यह किन कारणों से होता है। इसके लिए कौन से कारक हैं। क्‍या इसे नियंत्रित किया जा सकता है। पर्यावरणविद विजय बघेल से बातचीत पर आधारित। + +2- इसे सामन्‍य भाषा में समझिए जब वायुमंडल में धुएं की मात्रा में इजाफा होता है तो वायु प्रदूषण की स्थिति उत्‍पन्‍न होती है। वायुमंडल में जब इसकी मात्रा एक सीमा से ज्‍यादा बढ़ जाती है, तो स्थिति विकट हो जाती है। प्रकृति में होने वाली घटनाओं जैसे ज्‍वालामुखी का फटना, वनों में आग लगने से उठने वाला धुआं भी वायु प्रदूषण के लिए जिम्‍मेदार है। प्राकृतिक घटनाएं कभी कभार होती हैं इसलिए यह बहुत चिंता का विषय नहीं है। लेकिन मानव के क्रियकलाप से वायुमंडल में प्रदूषण की स्थिति विस्‍फोटक हो गई है। इन वायु प्रदूषकों में फैक्‍टरी से निकलने वाला धुआं, विद्युत संयंत्र, स्‍वचालित वाहन निर्वातक, ईंधन के रूप में प्रयोग में लाई जा रही लकड़ी तथा उपलों के जलने से निकलने वाला धुओं वायुमंडल को प्रदूषित कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88ce52aa913c1765a11842060c03f96efa4e87ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_649.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब आलिया भट्टी की बेस्ट फ्रेंड ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर तस्वीरें शेयर की है, जिसमें आलिया रणबीर को गर्ल्सगैंग्स ने पूरी तरह से घेरा हुआ है। तस्वीर में रणबीर-आलिया बेहद खुश नजर आ रहे हैं और के पलों को एंजॉय करते हुए दिख रहे हैं। वहीं, रणबीर कपूर एक तस्वीर में आलिया भट्ट के पति के रूप में शपथ ले रहे हैं। पिंकविला की रिपोर्ट के अनुसार अभिनेता ने आलिया के पति के रूप में शपथ लेते हुए कह, मैं रणबीर कपूर आलिया के पति के रूप में, मैं सभी ब्राइड्समेड्स को वचन देता हूं...। उनकी शादी के बाद की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42fa18fd204784ae9b1760d0188895b20dc19b75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6490.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में सलमान ख़ान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो में सलमान मुंबई एयरपोर्ट में अंदर एंट्री करते दिख रहे थे। इस दौरान सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र सीआईएसएफ का एक जवान सलमान को एयरपोर्ट एक अंदर जाने से रोक रहा था और उनकी चेकिंग कर रहा था। इस वीडियो के सामने आने के बाद जवान की काफी तारीफ हुई थी। लोग वीडियो शेयर कर जवान की जमकर तारीफ कर रहे थे और काम प्रति उनकी ईमानदारी की खूब सराहना कर रहे थे। लेकिन अब खबर है कि सलमान ख़ान की चेकिंग करने के बाद सीआईएसएफ के जवान एक मुश्किल में फंस गए हैं और उनका फोन जब्त हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ade6afe6ae0ec461011ef6802e3b5624eeea7ba2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से उपजी चुनौतियों को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोकतांत्रिक देशों का आह्वान किया है कि अगर उनके बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित नहीं किया गया तो निहित स्वार्थ वाली ताकतें इसका गलत फायदा उठा सकती हैं। गुरुवार को पीएम मोदी ने सिडनी डायलाग को संबोधित करते हुए लोकतांत्रिक देशों को आगाह किया है कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग करना चाहिए नहीं तो यह गलत हाथों में चला जाएगा और इससे युवाओं के बर्बाद होने का खतरा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5a365750b5b3d2b26fcb8d73c56ab7643a76787 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64903.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने उद्घाटन समारोह में आदिवासी समाज के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए गए कार्यो का ब्योरा देते हुए कहा कि कई नीतिगत फैसलों से वनों पर निर्भर समाज को काफी लाभ हुआ है। बांस को पेड़ की श्रेणी से बाहर करने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे जंगलों में 125 से ज्यादा किस्मों का दोहन करने में मदद मिलेगी। विकास की दौड़ में पीछे छूट गए आदिवासी समाज के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने विशेष कार्यक्रम संचालित किया है। इसके तहत 112 आकांक्षी जिलों को चिह्नित किया गया है, जिनमें 42 जिलों में आदिवासी लोगों की संख्या सर्वाधिक है। उनके लिए विशेष विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। + +गिरिराज सिंह ने कुछ आशंकाएं जाहिर करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों और ग्राम सभाओं को सीधे वित्त आयोग से अनुदान प्राप्त होता है। लेकिन उन राज्यों को काफी दिक्कतें हुई थीं, जहां इन स्थानीय निकायों का चुनाव ही नहीं हुआ था। अगर आने वाले दिनों में पेसा कानून लागू न करने वाले राज्यों के अनुदान को आयोग जारी करने से मना कर दे तो बड़ी दिक्कत हो सकती है। उन्होंने राज्यों से इसे तत्काल लागू कर उन्हें अधिकार सौंप देने की अपील की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ce45f9e7d2b5f88c28ec145c22c73e6dc2956ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64905.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायु प्रदूषण भी है कारण।बीआरडी मेडिकल कालेज के टीबी एवं चेस्ट रोग विभाग के अध्यक्ष डा. अश्विनी मिश्रा ने बताया कि सीओपीडी का 90 फीसद कारण धुआं है। वह सिगरेट का हो या चिमनी अथवा चूल्हे का। 10 फीसद मामले धूल, गर्दे व वायु प्रदूषण की वजह से भी होते हैं। सीमेंट की फैक्ट्री, फ्लोर मिल में काम करने या धूल भरे स्थानों पर रहने वालों में भी यह बीमारी देखी जाती है। मेडिकल कालेज में अति गंभीर अवस्था में लोग पहुंच रहे हैं। यदि शुरुआत में आ जाएं तो उनकी जान बचाई जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22e45c7245815c29306c46d1faeffe12f3e3f222 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योगी सरकार ने लखनऊ से गाजीपुर तक 341 किलोमीटर का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाया है। इसे अंचल के विकास का एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया। भरोसा जताया कि अब पूर्वांचल का भाग्य और तेजी से बदलेगी। इससे जोड़ते हुए सरकारी प्रवक्ता ने पुरानी घटना का जिक्र किया। बताया कि साठ के दशक में गाजीपुर के सांसद विश्वनाथ गहमरी संसद में रो पड़े थे। बदहाली की व्यथा सुनकर उनके साथ देश की सबसे बड़ी पंचायत में मौजूद अधिकांश सांसदों की आंखें नम हो गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92a276788e786a6c59ce65343bbe63f644e1c2bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64910.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [यशा माथुर]। क्यूटी आगे की पढ़ाई करने विदेश जा रही हैं और मां जया का यह सोच-सोचकर बुरा हाल है कि कैसे वहां रहेगी? क्या खाएगी? पता नहीं इसके दोस्त कैसे होंगे? ईश्वर से प्रार्थना करती रहती हैं कि इसकी रक्षा करना जो भी उनसे मिलता है उससे कहती हैं कि यह तो कभी घर से बाहर ही नहीं रही या कोरोनाकाल में वर्क फ्राम होम कर रही थी तो इसके साथ दिनभर रहने की हमारी आदत सी हो गई है। अब हम इसके बिना कैसे रहेंगे? क्यूटी बीबीए करके आराम से गुरुग्राम की एक कंपनी में अच्छी जाब कर रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e3a6e4beb5321a94b5c6faca62128ca148f4425 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरनेक सिंह जैनपुरी, सुल्तानपुर लोधी। 1469 ई. को ननकाणा साहिब (अब पाकिस्तान) में जन्म लेने वाले सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी ने बचपन से ही जनेऊ पहनने से इंकार कर महिलाओं को बराबरी दिलाने की आवाज उठाई थी। उन्होंने 14 साल की आयु में अपनी बहन बेबे नानकी के पास पहुंच कर सुल्तानपुर लोधी को अपनी कर्म स्थली बनाया। गुरु नानक देव जी ने ही पवित्र काली बेई में डुबकी लगाकर तीन दिन बाद गुरुद्वारा संत घाट में प्रगट कर मूल मंत्र का उचारण कर गुरु ग्रंथ साहिब की बुनियाद डाली थी। उन्होंने आज के गुरुद्वारा बेर साहिब के स्थान पर बेरी का वृक्ष लगाया था, जो आज भी मीठे फल दे रहा है। इस बेरी का प्रसाद हासिल करने को संगत झोली फैलाए रहती हैं। यहां पर गुरु जी 14 साल 9 महीने 13 दिन तक प्रभु भक्ति में लीन रहे। इसी धरती से उन्होंने विश्व कलयाण के लिए यात्राओं (उदासियों) का आगाज किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64914.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c522b390551bac04384993672fb7f29062aa155 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। भगवान विष्णु के प्रिय माह कार्तिक का कल पूर्णिमा के साथ समापन होने जा रहा है। पवित्र माह की इस पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्य दीप्ति जैन के अनुसार इस दिन से जुड़ी अनेकों धार्मिक मान्यताएं हैं। उनमें से एक है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने राजस्थान के पुष्कर नगरी में पुष्कर सरोवर की रचना की थी। इस कारण पुष्कर की धरती पर देव उठनी एकादशी में मेला प्रारंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन समापन होता है। मानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा में इस सरोवर पर स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54a1a88e221086c05d1e6204599ce7fa6782d00a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64917.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +कानपुर, जागरण स्पेशल। अंतरिक्ष की सैर की बातें करती दुनिया में अभी भी सच्चाई है बाल विवाह। बचपन में ही विवाह हो जाने के कारण दुनिया भर में हर साल करीब 22,000 से ज्यादा बच्चियों की जान जा रही है । यह कुप्रथा न केवल यौन हिंसा को बढ़ावा दे रही है साथ ही उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस ( 25 नवंबर) पर ललित मौर्य की रिपोर्ट...।सच उजागर करता एक मामला।बंगाल में रहने वाली अमीना जब 15 साल की थी तब कोविड-19 के कारण किए लॉकडाउन में उसके पिता की नौकरी चली गई। ऐसे समय में अपने परिवार को पालने की जद्दोजहद के बीच उन्हें अमीना के विवाह का प्रस्ताव मिला। वो मान गए क्योंकि इस शादी से मिलने वाला पैसा उनकी बहुत सारी वित्तीय समस्याओं को हल कर सकता था। हालांकि अमीना की मां के विरोध के बाद वो इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने के लिए राजी हो गए। आज अमीना स्कूल जाती है और अपनी पढाई पूरी कर रही है। पर सबकी किस्मत अमीना जैसी नहीं होती, उस जैसी न जाने कितनी बच्चियों की बचपन में ही शादी कर दी जाती है। + +ग्लोबल गर्लहुड रिपोर्ट का खुलासा।हाल ही में अंतराष्ट्रीय संगठन सेव द चिल्ड्रन द्वारा जारी नई रिपोर्ट 'ग्लोबल गर्लहुड रिपोर्ट 2021' से पता चला है कि बचपन में ही विवाह हो जाने के कारण हर साल करीब 22,000 से ज्यादा बच्चियों की जान जा रही है, जिसका मतलब है कि बाल विवाह हर रोज 60 से ज्यादा बच्चियों की जान लील रहा है। इनमें से ज्यादातर जानें बचपन में ही गर्भावस्था और प्रसव का बोझ ढोने के कारण हो रही हैं, क्योंकि छोटी उम्र में बच्चियों को इससे जुड़ी स्वास्थ्य सम्बन्धी जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि देखा जाए तो उस उम्र में उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता है। + +यदि बाल विवाह के चलते बच्चियों की होने वाली मौत से जुड़े आंकड़ों को देखें तो दुनिया में सबसे ज्यादा जाने मध्य और पश्चिम अफ्रीका में जा रही हैं, जहां बाल विवाह की दर सबसे ज्यादा है। अनुमान है कि वहां बाल्यावस्था में ही होने वाले विवाह के चलते हर साल करीब 9,600 बच्चियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। यही नहीं यदि क्षेत्रीय स्तर पर देखें तो यहां किशोरावस्था में होने वाली मातृ मृत्यु दर दुनिया में किसी अन्य स्थान की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा है। + +वहीं यदि दक्षिण एशिया की बात करें तो यह आंकड़ा 2,000 है, जिसका मतलब है कि बाल विवाह के चलते हर रोज दक्षिण एशिया में 6 बच्चियों की मौत हो जाती है। पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में यह आंकड़ा 650 मौतें प्रतिवर्ष है, इसके बाद दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन में हर होने वाली 560 बच्चियों की मौत के लिए यही वजह जिम्मेवार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f540167c9ceec9080f50e9c1f6884f11bbbb69ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +300 रुपये से 570 रुपये तक घटा किराया।गौरतलब है कि प्रतिदिन 432 ट्रेनों टैग हटाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और मुंबई में साफ्टवेयर अपडेट किया जा रहा है। रोजाना छह घंटे इसी काम पर लगे हैं। रात साढ़े ग्यारह बजे से सुबह साढ़े पांच तक नंबर बदलने का काम चल रहा है, जिस कारण स्टेशन से टिकट नहीं मिल पा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0ee711068b70d2a08d71be1c9ea6046fbed628a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, जालंधर। केंद्र सरकार के करतारपुर कोरिडोर खोलने के एलान के एक दिन बाद बुधवार को सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था पाकिस्तान की ओर रवाना हो गया है। यहां स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह स्थान सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव से जुड़ा है। सिख श्रद्धालुओं को यहां दर्शन करने में सुविधा हो, इसके लिए दोनों देशों ने मिलकर वर्ष 2019 में करतारपुर कोरिडोर को खोला था। हालांकि इस कोरिडोर की शुरुआत पिछले कई महीनों से सुर्खियों में चल रहे पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू से भी जुड़ी है। अपनी विवादित पाकिस्तान यात्रा के बाद उन्होंने ही इसे खुलवाने का दावा किया था। ।दरअसल, वर्ष 2018-17 अगस्त में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने कई भारतीय हस्तियों को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था। इनमें कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल थे। उन्होंने समारोह शिरकत करके पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जावेद बाजवा से भी मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों के बीच 'झफ्फी' पर भारत में विवाद हो गया था। स्वदेश आकर नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था कि उनकी बातचीत से ही करतारपुर कोरिडोर खोलने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। इसके बाद दोनों देशों की सहमति से नवंबर, 2019 में करतारपुर कोरिडोर को खोला गया। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद इसे बंद कर दिया गया और अब करीब 20 महीने बाद दोबारा खोला गया है। बता दें कि वर्ष 2000 में पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब के लिए वीजा मुक्त यात्रा की घोषणा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..185a62873c809045c6796ac170e7a7f13d3ce2b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देहरादून, राज्य ब्यूरो। नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण उत्तराखंड के गांवों को पर्यटन से जोड़ने के साथ ही आजीविका के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से चल रही होम स्टे योजना को सरकार की अच्छी पहल माना जा सकता है। पिछले पांच वर्षों में इसके आशानुरूप परिणाम भी आए हैं। पांच हजार के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 3685 होम स्टे उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में पंजीकृत हो चुके हैं। तैयार हो चुके होम स्टे का अब सुविधाओं के हिसाब से श्रेणीकरण किया जा रहा है। इस पहल से चारधाम यात्रा मार्ग के साथ ही विभिन्न स्थानों पर सैलानियों के लिए सुविधाएं जुटी हैं। साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..878969d04b2d121096f3881d711a27cd6a9293cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64922.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्रग्रहण घटित होने वाला है। यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है। जिसके कारण सूतक काल मान्य नहीं है। आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन बताती हैं कि धार्मिक मान्यता अनुसार ग्रहण काल में शुभ कार्य करना वर्जित होता है। किंतु ग्रहण काल के दौरान दान का बहुत महत्व होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c704a34da977d05b51962b38018c7f37d5d9d24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिजवान अंसारी। हालिया दिनों में देश में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही डेंगू के मामले में नए रिकार्ड बन रहे हैं। यहां केवल डेंगू ही नहीं, बल्कि मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले भी बढ़ने लगे हैं। डेंगू और मलेरिया के रोगाणुओं के वाहक मच्छर ही होते हैं। ये मच्छर रोगाणुओं को अपने अंदर रखकर जब किसी व्यक्ति को काटते हैं, तब वह व्यक्ति इन बीमारियों से पीड़ित हो जाता है। हालांकि इन मच्छरों से बचाव के लिए सरकार के स्तर पर हर साल कोशिशें की जाती हैं, बावजूद इसके दिल्ली डेंगू के चपेट में आ ही जाती है। अब दिल्ली में सरकार ऐसे कुछ उपाय करने जा रही है ताकि लोगों को इन बीमारियों से निजात मिल सके। इसने नई इमारतों में कुछ ऐसे इंतजाम करने का फैसला किया है जिससे मच्छर घरों में दाखिल नहीं हो सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfe86294d1bd7d62ee19e22e382ecf3124db59db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64927.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। देश की राजधानी दिल्ली में अब अवैध रूप से विदेशी नागरिक नहीं रह पाएंगे। वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अवैध रूप से रहते हैं। उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कभी कारगर कार्रवाई नहीं की। अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक अधिकतर ड्रग्स, देह व्यापार रैकेट समेत ठगी में संलिप्त होते हैं। पुलिस की मिलीभगत से वे ऐसे धंधे को अंजाम देते हैं। अब दिल्ली पुलिस ने ऐसे विदेशी नागरिकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से विदेशी नागरिकों की सूची मांगकर उन्हें ढूंढ़ा जा रहा है। उनके पासपोर्ट और वीजा की जांच की जा रही है। जिनके वीजा की अवधि खत्म हो चुकी है उन्हें पुलिस एफआरआरओ के समक्ष पेश कर वापस उनके देश भेजने की कवायद में जुटी हुई है। + +दिल्ली पुलिस स्पेशल ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कई देशों से बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक नौकरी, पढ़ाई, व्यापार व भ्रमण के लिए आते हैं। सबसे अधिक पश्चिमी अफ्रीका के देशों से लोग एजूकेशन व टूरिस्ट वीजा पर आते हैं। अधिकतर लोग वीजा की अवधि समाप्त होने पर अवैध तरीके से यहीं रहकर अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं। विदेशी नागरिकों पर नजर रखने के लिए स्पेशल ब्रांच में एक नई यूनिट का गठन कर दिया गया है। उसका नोडल अधिकारी एडिशनल पुलिस कमिश्नर स्तर के अधिकारी को बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4250e2fa52e2e89e1d11372174eaf75962030bd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल मध्य प्रदेश में अर्थव्यवस्था से लेकर राजनीति की दिशा तक तय करने में आदिवासी समाज की भूमिका महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। इसके लिए श्रम साध्य ज्यादातर कार्य आदिवासी ही करते हैं। प्रदेश में उनकी संख्या एक करोड़ 53 लाख है, जो कुल आबादी का 21 फीसद से अधिक है। 20 जिलों के 89 विकासखंड आदिवासी बहुल हैं। राज्य विधानसभा की 47 सीटें और लोकसभा की छह सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 47 विधानसभा क्षेत्रों के अलावा करीब 35 सीटें ऐसी हैं, जिनमें आदिवासी मतदाताओं की भूमिका निर्णायक है। ऐसे में भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही आदिवासी समाज को साधने में पूरा जोर लगाते हैं। कांग्रेस इस समाज के कारण ही लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगती रही है, लेकिन जैसे ही उनमें भाजपा का दखल बढ़ा, कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8f05c16544e9cd54ed81dab7fb6c586385d78f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Rani Panwarni's Jauhar : अलाउद्दीन खिलजी से परेशान चित्तौड़ की महारानी पद्मावती ने जौहर किया था। आज भी उनकी वीरता के किस्से पूरे देश में सुनाए जाते हैं। सम्भल के पवांसा कस्बा स्थित जौहर मंदिर भी इसी वीरता की याद दिलाता है। पवांसा की रानी पंवारनी ने 277 वीरांगनाओं के साथ जौहर क‍िया था।  यह मंदिर इसका साक्षी है। रानी पंवारनी के साथ ही यहां रखे चार कलश में एक रानी पद्मावती का भी है। 17 नवंबर 1717 को हुई वीरता की यह तिथि मानस पटल पर अंकित है। उनके पूर्वंज आज भी इस दिन को याद करते हुए नमन करते हैं। देश के विभिन्न हिस्सो में बसे पवांसा के राजपूत यहां आते हैं और वीरांगनाओं को नमन करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64934.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f5c987e5201126b49ed947b0d30bb53ab74f5cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64934.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, इस बार कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर तिगरीधाम में गंगा किनारे पर अपनों की आत्मशांति के लिए स्वजन द्वारा होने वाले दीपदान में पिछले सालों के मुताबिक अधिक संख्या में श्रद्धालु उमड़ने का अनुमान है। इतना ही नहीं इस बार अपनों की याद के साथ कोरोना के दौर में मिले जख्म भी ताजा हाेंगे। क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में किसी ने प‍िता खोया तो किसी ने बेटा। जिंदगी भर के लिए मां-बहन का साथ भी छूटा है। उस दौर में न तो नियमानुसार दाह संस्कार हो पाए और न ही अन्य कोई कर्मकांड। इसलिए इस बार दीपदान पर अन्य मौत के साथ कोरोना काल में जान गंवाने वालों को भी दीपदान पर मोक्ष प्राप्त होगा। दीपदान की परंपरा महाभारत काल जितनी पुरानी है और अपनों की आत्म शांति के लिए स्वजन दीपदान के लिया मां गंगा के तट पर उमड़ते हैं। तिगरी गांव के रहने वाले पुरोहित पंडित गंगा शरण शर्मा ने बताया कि इस बार दीपदान पर अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान है। क्योंकि कोरोना लहर के दौरान काफी लोगों की जानें गई हैं। स्वजन उन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान करने तिगरी पहुंचेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64935.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64935.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1a7a5306e1bdddb6499b1a9e0d149dd13a18d2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64935.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कलोदी मरांडी का घर ( फोटो जागरण)। ।खेती में जुटे प्रेम ने दोबारा शुरू की पढ़ाई।कलोदी का संघर्ष व तालीम के प्रति लगन देख अपनी पढ़ाई छोड़ खेतीबाड़ी में जुटे प्रेम मुर्मू ने दोबारा पढ़ाई शुरू कर दी है। मैट्रिक के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। कलोदी को देख दोबारा विद्यालय में प्रवेश लिया। प्रेम बीएससी कर चुका है। उसका कहना है कि कलोदी इलाके के बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई है। इसी तरह आसनलिमा, माधवपाड़ा, बड़ा अगैया, सराकी, हरियालमाटी और तुलसीचक गांव के कई बच्चे स्कूल जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11eb045aaa3eba33c716503e0347c97721c52491 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64938.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देहरादून, कुशल कोठियाल। उत्तराखंड एक राज्य के रूप में नौ नवंबर को 22वें साल में प्रवेश कर गया है। इस उपलक्ष्य में सप्ताह भर चले समारोह संपन्न होने के साथ ही कुछ सवाल भी छोड़ गए हैं। व्यक्ति हो या संस्था, इस उम्र में ऊंचे लक्ष्यों को तेजी से दौड़ कर लपक लेने की अपेक्षा की जाती है। यह उम्र ही ऐसी है, जिसमें ऊर्जा एवं आकांक्षा शिखर पर होती है। उपलब्धियां प्राप्त करने का इससे बेहतर पड़ाव जीवन में नहीं आता है। यह संयोग ही है कि युवा उत्तराखंड में सरकार की कमान भी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में है। + +राज्य गठन की 21वीं वर्षगांठ पर, जिस तरह के मुद्दों पर आधारित ईमानदार विमर्श की अपेक्षा की जा रही थी, वह राजनीतिक गहमा-गहमी व वोटों की राजनीति में कहीं खो गया। उत्तराखंड को बनाने में आमजन की सीधी सहभागिता रही, इसमें हर वर्ग का संघर्ष रहा, लेकिन जब राज्य के बारे में सोचने व सरकारों के कार्यो के आकलन का मौका आया तो सभी सरकार से अपनी-अपनी मांगों को मनवाने में लग गए। ऐसा लग रहा है कि उत्तराखंड राज्य का गठन ही कम काम बेहतर पगार, अधिक पदोन्नति और ज्यादा सरकारी छुट्टियों, भर्तियों में अनियमितता व विभिन्न निर्माण कार्यो की गुणवत्ता में समझौता करने के लिए हुआ है। मानो विकास का मतलब विद्यालय व महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, अस्पतालों व मेडिकल कालेजों के ज्यादा से ज्यादा भवन बनाना भर है, न कि उनके बेहतर संचालन की व्यवस्था करना। हर साल सड़कें बनाना मकसद है, पर हर साल ये क्यों उखड़ रही हैं, इसकी चिंता न तो सरकारें करती हैं और न ही विपक्ष इस पर सवाल उठाता है। जाहिर है कि करोड़ों रुपये के निर्माण में लाभार्थी पक्ष-विपक्ष दोनों के अपने हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e40d06050ffcad7c018a7e8751ba49f0c55aaf0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64941.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग के बीच होने वाली वर्चुअल मीटिंग पर दुनिया की नजरें टिकी थी। चीन और भारत विवाद के कारण नई दिल्‍ली की नजरें जरूर इस वार्ता पर रही होंगी। दोनों नेताओं के बीच 30 मिनट की वर्चुअल बैठक हुई। सवाल यह है कि इन दोनों नेताओं के बीच वार्ता के क्‍या निहितार्थ थे ? क्‍या दोनों देशों के संबंधों में जमी बर्फ प‍िघल सकी है ? ताइवान, हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में दोनों देशों के बीच तनाव में कोई कमी आएगी ? दोनों नेताओं के बीच इस वार्ता के क्‍या हैं बड़े मायने ? इस वार्ता में भारत-चीन का मुद्दा क्‍यों रहा गायब ? आइए जानते हैं कि इस पूरे मामले में प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख) की क्‍या है राय। + +चिनफ‍िंग-बाइडन की मुलाकात को आप किस रूप में देखते हैं ?।दोनों नेताओं के बीच वर्चुअल बैठक में औपचारिकताएं ज्‍यादा दिखी, इसमें क‍िसी समस्‍या के समाधान का कोई हल नहीं निकल सका। दोनों देशों के बीच विवाद‍ित मुद्दे जस के तस ही बने रहे। हिंद महासागर का मसला हो या दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रमकता, भारत चीन सीमा विवाद जैसे ज्‍वलंत मुद्दे पर कोई वार्ता नहीं हो सकी। जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार के मामले में भी चीन ने इस वार्ता में अपने पूर्व के स्‍टैंड को ही दोहराया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecfd225cdcfb905c3075ff57b50b05d3632dc0fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64942.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, हिसार। उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी प्रकरण की जांच की निगरानी के लिए नियुक्‍त किए गए रिटायर्ड जज राकेश कुमार जैन वकीलों के परिवार से हैंं। उनके पिता गुलाब जैन आयकर अधविक्‍ता रहे हैं और हिसार से विधायक रह चुके हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से सेवानिवृत हुए राकेश जैन लंंबे समय तक न्‍यायिक क्षेत्र से जुड़े रहे हैं।    ।  जस्टिस आरके जैन का जन्म 1 अक्टूबर 1958 को हिसार में वकीलों के परिवार में हुआ था। उनके पिता गुलाब सिंह जैन, एक आयकर अधिवक्ता और हिसार से 1972-1977 तक विधायक थे। बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका मई 1982 में बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन हुआ था। उन्होंने हिसार की जिला अदालत में भी प्रैक्टिस की थी। + +बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को लखीमपुर हिंसा मामले पर सुनवाई हुई है। इस दौरान शीर्ष कोर्ट ने लखीमपुर खीरी घटना की SIT जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया है। इसके अलावा यूपी सरकार को एक महिला पुलिस अधिकारी सहित तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को SIT में शामिल करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि SIT जस्टिस जैन की देखरेख में अपनी जांच जारी रखेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3239ce5cccfe381373523a8eaf8d2deca8279081 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64943.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। positive effect of flood in Rampur : रामपुर में पिछले माह आई बाढ़ ने नदी किनारे बसे गांवों में भारी तबाही मचाई। घरों में पानी भरने से सामान खराब हो गया। खेतों में फसलें बर्बाद हो गई। कई दिन तक लोगों ने बाढ़ का कहर झेला। लेकिन, इस बाढ़ से फायदा भी हुआ। नदी के आसपास के इलाकों में जलस्तर तेजी से ऊपर आ गया है, जहां पहले 30 फिट पर था, अब वहां मात्र 15 फिट पर आ गया है। इससे किसानों को खेतों की सिंचाई करने में भी फायदा हो रहा है। पंपिंग सेट ज्यादा पानी निकाल रहे हैं। + +जिले में 17 और 18 अक्टूबर को मूसलाधार बारिश हुई। इससे तमाम नदिया उफान पर आ गईं। इसके साथ ही उत्तराखंड के रामनगर बैराज से भी कोसी नदी में पानी छोड़ा गया। इससे नदी में बाढ़ आ गई। स्वार, टांडा, शाहबाद क्षेत्र में नदी किनारे बसे तमाम गांव में बाढ का पानी भर गया। इसके साथ ही जिले की अन्य नदियों में भी बाढ़ आ गई। इन नदियों के किनारे के गांवों में कई दिन तक पानी भरा रहा। इससे फसलों में भले ही नुकसान हुआ, लेकिन जलस्तर बढ़ गया। बोरिंग मैकेनिक जाकिर अली बताते हैं कि नदी किनारे के गांव में 15 फिट तक वाटर लेवल पहुंच गया है। पहले इन गांवों में 30 फिट पर जलस्तर था। रेडिको खेतान ने जल स्तर बढ़ाने के लिए तालाबों में बोरिंग कराने के लिए मुहिम चलाई थी। बल्लू की मढ़ैया में भी तालाब में बोरिंग कराए। रेडिको खेतान के इंजीनियर विकास सक्‍सेना का कहना है कि अक्टूबर माह में हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ से जल स्तर बहुत ऊपर आ गया है। बल्लू की मढ़ैया में उन्होंने भूगर्भ जलस्तर मापने के लिए पीजो मीटर लगवा रखा है। हाल ही में जल स्तर मापा गया तो पता चला कि यहां तालाब के पास मात्र 2.80 मीटर पर जल स्तर आ गया है, जबकि नदी किनारे बसे अन्य गांवों में 15 फिट पर जलस्तर है। जल स्तर बढ़ने से किसानों को सिंचाई करने में भी सुविधा हो रही है। नलकूप और पंपिंग सेट पहले से ज्यादा पानी निकाल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c1873c003fbd7ddc4d042c223ce085cf062cc6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64945.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कौन हैं वंशी चाैहान : महज 11 साल की उम्र में कौन बनेगा करोड़पति सीजन 13 में हाट सीट पर बैठने वाली वंशी चौहान का जन्म कानपुर में हुआ था। जन्म के बाद ही उनका परिवार गुड़गांव शिफ्ट हो गया था और वह भी उनके साथ चली गई थीं। इसके बाद परिवार बेंगलुरू चला गया, जहां पर उन्होंने शिक्षा ग्रहण करनी शुरू की है। मौजूदा समय में वह दिल्ली पब्लिक स्कूल में कक्षा छह की छात्रा हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91a3ed46648d262b996abf658c96549dee146e2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64948.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। इस बार देव दीपावली के मौके पर पांच कन्‍याएं भी गंगा आरती करेंगी और मां गंगा की आरती के दौरान आधी दुनिया का भी प्रतिनिधत्‍व होगा। वेद, विज्ञान, सभ्यता एवं संस्कृति की राजधानी विशेश्वर विश्वनाथ की नगरी में कन्याएं मां गंगा की महाआरती करेंगी। गंगोत्री सेवा समिति, वाराणसी के दिनेश शंकर दुबे ने इस बाबत जानकारी दी है कि  गंगा आरती के इतिहास में पहली बार पांच कन्याएं आरती करेंगी। ।इस वर्ष काशी में गंगा आरती की शुरुआत करने वाले बाबू महाराज की तीसरी पीढ़ी की एक पुत्री और एक पुत्र भी महाआरती का नेतृत्व करेंगे। काशी के विद्वानों की सहमति के यह निर्णय लिया गया है। बताया कि इस बाद देव दीपावली के मौके पर पांच कन्याएं आरती करेंगी, वहीं उनके अलावा 21 बटुक और उनके साथ 42 रिद्धि सिद्धि की सहभागिता होगी। इस दौरान 108 किलो अष्ट धातु की मां गंगा की चल प्रतिमा का 108 किलो फूल से महाश्रृंगार किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1378222cac02929bc2664dd79063f5042808503 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64950.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उपचार: कुछ वर्षों पूर्व तक इस बीमारी का इलाज नहीं था, लेकिन नए शोधों ने इनहेलर व दवाओं के प्रयोग से इसे नियंत्रित करने में सफलता पाई है। इसे परहेज और उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है। इससे बचने के लिए धूमपान से बचें। घर से बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करें और चिकित्सक की सलाह पर दवाएं लेते रहें। इस रोग से बचाव के लिए चिकित्सक मरीज को दो अलग-अलग प्रकार के इनहेलर का प्रयोग कराते हैं, जिनमें अलग-अलग दवाएं होती हैं। यह चिकित्सकीय परीक्षण के बाद ही तय हो पाता है कि किस मरीज को कौन सा इनहेलर देना है। इसके रोगियों को आवश्यक होने पर चिकित्सक स्टेरायड का सेवन भी कराते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be05e8e00844465816b731380a0ab7beed9427e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64952.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। प्रदूषण नियंत्रण जांच प्रमाणपत्र (पीयूसी)के नाम पर हर साल लाखो के वारे-न्यारे हो रहे हैं। वाहन की फिटनेस में आन लाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र की अनिवार्यता होनेे के बाद प्रदूषण जांच केंद्र वालों की बल्ले-बल्ले हो गई है। आगरा के 54 जांच केंद्रों के 70 फीसद संचालक हर वाहन मालिक से निर्धारित दरों से 50-100 रुपये अधिक वसूल रहे हैं। हालात यह है क‍ि वाहन की बिना जांच के ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। + +यह केंद्र वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण तो जारी कर रहे हैं, लेकिन इसका र‍िकार्ड नहीं रख रहे। जो वाहन आनलाइन जांच में फेल हो जाते हैं, उन्हें जुगाड़ करके पास का प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। इसकी एवज में 200 से 300 रुपये वसूले जाते हैं। नियमानुसार प्रत्येक माह परिवहन कार्यालय में वाहनों की संख्या का रिकार्ड जमा कराना होता है, लेकिन अधिकांश प्रदूषण जांच केंद्र के प्रबंधकों को इस नियम की परवाह नहीं है। जांच केंद्र के मशीन आपरेटर के पास स्मोग और गैस एनालाइजर का सर्टिफिकेट या डिप्लोमा होना चाहिए। यह सर्टिफिकेट प्रदूषण जांच की मशीन बनाने वाली कंपनी ऑपरेटर को प्रशिक्षण देकर जारी करती है। लेकिन यहां प्रदूषण जांच केंद्रों के ज्यादातर आपरेटर पर कोई सर्टिफिकेट नहीं है। एक सर्टिफिकेट या डिप्लोमा का प्रयोग दो प्रदूषण जांच केंद्रों के मशीन आपरेटर कर रहे हैं। प्रदूषण केंद्र वालों ने जांच प्रमाण पत्र की सूची का बोर्ड भी नहीं लगाया है। कई पीयूसी केंद्र पर वहां 500 से 2500 रुपए तक लेने की बात वाहन का नंबर डालने की बात की जा रही है । गैस एनालाइजर साइलेंसर पर लगाएंगे। इसके बाद कहेंगे कुछ देर इंतजार करो। हाथों-हाथों चाहिए तो 100-150 रुपए अतिरिक्त कर्मचारी को देने होंगे। वाहन की बिना जांच के ही आनलाइन प्रक्र‍िया पूरी करने के बाद प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a100ff72e098f7ff99551514adcfe40e06a54b74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64955.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंचकूला, अनुराग अग्रवाल। हरियाणा के लोगों को बिजली के बिल भरने के लिए प्रेरित करना कोई आसान काम नहीं था। बिजली चोरी को लोग अपना अधिकार मानते थे। डंडे के बल पर बिजली चोरी होती थी, पर आज स्थिति बदली हुई है। लोग बिल भरते हैं और भरपूर बिजली का फायदा उठाते हैं। बिजली कंपनियां घाटे से उबरकर लाभ में पहुंच चुकी हैं। गांवों में 24 घंटे बिजली जा रही है। देश भर के वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में हरियाणा के इस बिजली प्रबंधन की दिल खोलकर तारीफ हुई है। + +बिजली महकमा संभालते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस विभाग के तमाम अफसर अपने पास बुला लिए। उनसे बिजली निगमों की हालत के बारे में जानकारी हासिल की। बिजली विभाग के अफसर बोले, साहब..सब कुछ मुमकिन है, पर बिजली की चोरी रोक पाना मुमकिन नहीं है। मनोहर लाल ने पूछा, ऐसा क्यों..अधिकारी बोले, सर..जिस भी गांव में जाते हैं, लोग बंधक बना लेते हैं, पिटाई अलग से करते हैं। मनोहर लाल ने बिजली चोरी रोकने का रास्ता निकाला। सबसे पहले मनोहर लाल उन जिलों का दौरा करने गए, जहां सबसे अधिक बिजली की चोरी होती थी। रैलियों को संबोधित करते हुए मनोहर लाल ने लोगों से पूछा कि उनके गांव में कितनी बिजली आती है। लोग बोले कि साहब आती ही नहीं और जितनी आती है, वह जरूरत से बहुत कम होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41df5c8eb9bda9dbd1ec4735d4509c66b6868c17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमालयी क्षेत्र की तकरीबन 30 फीसद आबादी खाद्य असुरक्षा और 50 फीसद से अधिक महिलाएं और बच्चे कुपोषण की समस्या से जूझ रहे हैं। दरअसल यह पर्वत श्रृंखला इस समूचे क्षेत्र की नाड़ी है। यदि यही बिगड़ी रही तो इस क्षेत्र की खुशहाली की कल्पना ही बेमानी होगी। यह पर्वत श्रृंखला ध्रुवों की तर्ज पर बर्फ का विशाल भंडार होने के कारण थर्ड पोल के नाम से जानी जाती है। संयुक्त रूप से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के बाद दुनिया का साफ पानी का यह सबसे बड़ा स्नेत है। यहीं से दुनिया की दस प्रमुख नदियों यथा-सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, इरावती, सलवान, मीकांग, यंगत्जे, यलो, अमदुरिया और तारिम का उद्गम हुआ है। इन नदियों के बेसिन में करीब 200 करोड़ आबादी वास करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e553823d626791aa17be5b8a64afe46b701b0c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64959.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रो. मान सिंह। आज किसानों की आय बढ़ाकर कृषि को फायदे का सौदा बनाने की बात हर तरफ की जा रही है। इसके लिए सरकारें तरह-तरह के प्रयास भी कर रही हैं, लेकिन उनसे कुछ विशेष हासिल होता नजर नहीं आ रहा है। जाहिर है इसके लिए समाज, कृषक समुदाय, सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर चौतरफा प्रयास करने होंगे। हमारा शहरी-ग्रामीण समाज, कृषि व्यवसाय, कृषक समुदाय आपस में एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। हमारा समाज क्षेत्रों और भाषाओं के आधार पर विविधताओं से परिपूर्ण है। महानगरों, छोटे-बड़े कस्बों, शहरों की जीवन संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था और ग्रामीण जीवनशैली एवं अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं, लेकिन परस्पर निर्भर भी हैं। स्वस्थ जीवन के लिए शहरी समाज ग्रामीण समाज पर निर्भर है। जो लोग भी पहले इस सच्चाई से अनभिज्ञ थे कोविड-19 महामारी ने उन सबको इससे परिचित करा दिया है। + +भारत के संदर्भ में यह आंकड़ा 0.5 प्रतिशत के करीब है। अत: कृषक समाज में खुशहाली और आत्मनिर्भरता लाने के लिए निवेश प्रणाली को पुनर्जीवित करते हुए कृषि में ढांचागत विकास जरूरी है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि देश में कुल कृषिगत भूमि का 50 प्रतिशत हिस्सा ही समुचित सिंचाई सुविधा से संपन्न है, बाकी 50 प्रतिशत खेती योग्य भूमि अभी भी वर्षा जल पर ही निर्भर है। बढ़ती हुई जनसंख्या एवं घटते हुए जोत से कृषकों में भारी असुरक्षा है। कृषक परिवार की भावी पीढ़ी में कृषि को अपनाने को लेकर असमंजस की स्थिति है। ऐसे में गांवों से शहरों की ओर पलायन की प्रवृत्ति बढ़ी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से खेती के लिए किसानों की बारिश पर से निर्भरता को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। + +कृषि व्यवसाय कैसे आत्मनिर्भर हो सकता है इस पर ध्यान दें तो उत्तर मिलता है कि भारत की कृषि प्राचीन काल से वर्षा खासकर मानसून पर निर्भर है। अत: कृषक समुदाय भी अपने व्यवसाय के लिए सदा जल वृष्टि पर निर्भर रहा है। मानसून पर आजकल जलवायु परिवर्तन की छाया है। इसके कारण वर्षा चक्र छिन्न-भिन्न हो गया है। इससे किसानों को कभी भारी बारिश तो कभी सूखे का सामना करना पड़ रहा है। यदि कृषक समुदाय को आत्मनिर्भर बनाना है तो वर्षा पर से उसकी निर्भरता समाप्त करनी होगी। इस स्थिति को प्राप्त करने के लिए आवश्यक निवेश करने होंगे और गांव-गांव जलाश्रम सृजित करने होंगे। इसके लिए हमें कुछ बातों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। जैसे-हमें अपने नजरिये को सकारात्मक बनाना होगा। टाल-मटोल की आदत छोड़कर तुरंत काम को करो पर अमल करना सीखना होगा। हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए सपने देखने के बजाय संकल्प लेने होंगे, क्योंकि सपने कभी भी नींद खुलने से टूट सकते हैं। लक्ष्य को प्राप्त करने का एकमात्र विकल्प सतत कड़ी मेहनत करते रहना ही है। इसके लिए हमें अपने चरित्र में पवित्रता, प्रतिबद्धता, दृढ़ विश्वास और साहस का समावेश करना होगा। अपने काम को बेहतर बनाने में समय लगाना होगा। ऐसा कुछ अभ्यास यदि भारतीय जनमानस करे तो हमारा समाज कृषि व्यवसाय और कृषक समुदाय को आत्मनिर्भर बना सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8b6c760c4db4d952de4b11f93e8649a322e1679 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64962.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में किसी को यूपी और यहां के लोगों के सामर्थ्य पर संदेह हो तो वह सुलतानपुर आकर सामर्थ्य देख सकता है। तीन-चार वर्ष पहले जहां सिर्फ जमीन थी, वहां से अब इतना बड़ा एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है। बोले कि इस परियोजना के शिलान्यास के वक्त सोचा भी नहीं था कि इसी एक्सप्रेस-वे पर वह खुद विमान से उतरेंगे। इसे यूपी के विकास, प्रगति, नए के निर्माण और मजबूत होती अर्थव्यवस्था का एक्सप्रेस-वे बताने के साथ ही दृढ़ होती इच्छाशक्ति का प्रकटीकरण भी करार दिया। एक्सप्रेस-वे को यूपी की शान और कमाल बताते हुए कहा कि इसे पूर्वांचल को समर्पित करते हुए धन्य महसूस कर रहे हैं। + +इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी दल या नेता का नाम लिए विकास में भेदभाव के आरोप विपक्ष पर रह-रहकर लगाए। कहा कि देश के संपूर्ण विकास के लिए हर क्षेत्र का संपूर्ण विकास जरूरी है, लेकिन कुछ क्षेत्र आगे निकल गए और कुछ दशकों पीछे रह गए। यह असमानता अच्छी नहीं है। मोदी ने स्पष्ट कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश विकास की इतनी संभावनाओं के बावजूद देश में हो रहे विकास का उतना लाभ नहीं ले पाया था, जितना मिलना चाहिए था। यूपी में जिस तरह की राजनीति हुई, जैसी सरकारें रहीं, उन्होंने सर्वांगीण विकास पर ध्यान ही नहीं दिया। इस क्षेत्र को माफियावाद और यहां के लोगों को गरीबी के हवाले कर दिया था। मुख्यमंत्री योगी को कर्मयोगी बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र आज विकास का नया अध्याय लिख रहा है। मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सांसद मेनका गांधी, जिले के प्रभारी मंत्री जयप्रताप सिंह और औद्योगिक विकास राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति भी थे। + +वायुसेना के लिए एक और ताकत बना एक्सप्रेस-वे : समारोह में एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी पर वायुसेना की ओर से एयरशो भी किया गया, जिसमें मिराज, जगुआर और सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों ने यहां उतरकर उड़ान भरी और हवाई करतब से रोमांचक युद्ध कौशल भी दिखाया। इससे पहले जनसभा में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जितनी जरूरी देश की समृद्धि है, उतनी ही जरूरी देश की सुरक्षा भी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे वायुसेना के लिए एक और ताकत बन गया है। यहां जरूरत पर फाइटर प्लेन उतरेंगे। लड़ाकू विमानों के जिक्र के साथ फिर विपक्ष मोदी के निशाने पर आ गया। बोले कि इन विमानों की गर्जना उन लोगों के लिए भी योगी, जिन्होंने डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को दशकों तक नजरअंदाज किया। + +मेरे साथ खड़े होने में था वोटबैंक नाराज होने का डर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हालत देख चिंता होती थी कि यहां की सरकारें यूपी को कैसी सजा दे रही हैं। 2014 में जब देश की सेवा का मौका मिला तो प्रदेश से सांसद होने के नाते बारीकियों में जाना शुरू किया। शौचालय, आवास आदि देने का प्रयास शुरू किया। पीड़ा है कि तब यूपी की सरकार ने साथ नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने तत्कालीन सरकार के मुखिया पर तंज कसा कि उन्हें सार्वजनिक रूप से मेरे साथ खड़े होने में वोटबैंक के नाराज होने का डर सताता था। हवाई अड्डे पर स्वागत करने के बाद खो जाते थे। उन्हें शर्म आती थी, क्योंकि विकास का हिसाब देने के लिए नहीं था। ऐसे लोगों को यूपी के लोग विकास के रास्ते से हटा देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1afbe8b58b825ef96e1940ad499a27e563d4384 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64965.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन दिन में बुखार उतरने के बाद भी सतर्क रहने की दरकार।उन्होंने कहा कि ज्यादातर मरीजों में तीन से चार दिन में बुखार ठीक हो जाता है। तब मरीज को यह लगने लगता है कि बीमारी खत्म हो गई। लेकिन बुखार खत्म होने के बाद कई मरीज अचानक शॉक में चले जाते हैं। इसका कारण शरीर में पानी की मात्रा कम होने से ब्लड प्रेशर कम होना है। लिहाजा, तीन से चार दिन में बुखार ठीक होने के बाद भी यदि पेट दर्द, उल्टी, भूख न लगने की परेशान, नींद न लगे, ब्लड प्रेशर कम हो व शरीर के किसी हिस्से से हल्का रक्तस्त्राव हो तो यह खतरे की घंटी हो सकती है। ऐसी स्थिति में सतर्क होना जरूरी है। लिहाजा दिन में सुबह, दोपहर व रात के वक्त ब्लड प्रेशर जांच करते रहना चाहिए। ब्लड प्रेशर कम होने से मरीज शॉक में चले जाते हैं। यदि जल्दी इसका इलाज नहीं हुआ तो इससे किडनी व लिवर खराब होने की आशंका रहती है। इसलिए बुखार होने पर शुरुआत से ही डाक्टर के संपर्क में रहना आवश्यक है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64966.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00cc448f6835e1f49f4fcfaeec0561bfb56d2fe4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64966.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [सौरव प्रजापत‍ि]। अमरोहा में जहां तिगरी गंगा के किनारे आस्था की बयार बह रही है तो दूसरी तरफ विदेशी पक्षियों ने मां गंगा के आंचल में डूबकी लगाकर सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं। पक्षियों की अठखेलियाें से माहौल आलौकिक लग रहा है। जिससे श्रद्धालुओं में भी गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। इन दिनों ब्रजघाट व तिगरी गंगा में मेहमान पक्षियों का बसेरा है। + +भारत की संस्कृति का गवाह बनते हैं विदेशी मेहमान : कार्तिक पूर्णिमा के स्नान को लेकर गंगा तट पर लगने वाला प्रसिद्ध मेला में देश की संस्कृति व सभ्यता का गवाह बनने के लिए विदेशी मेहमान भी मेले में पहुंचते हैं। मेले में आने वाले विदेशी पर्यटकों को मेले के इतिहास के संबंध में जानकारी करते हुए आनंद लेते हैं। गढ़ व तिगरी मेले में पूर्व में विदेशी मेहमानों ने मेले का लुत्फ उठाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..773f894804c07e8b30f25b1afc7bc35988407581 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64968.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया (एएफआइ) की ओर से एथलेटिक्स में ओवर एज के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। एएफआइ ने देशभर में सभी एथलेटिक्स के खिलाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद कर दिए हैं। अब हर एथलीट को नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए नए दस्तावेज लगाए जाएंगे। आयु की प्रमाणिकता के लिए प्रमाणपत्र लगाने में भी कड़ाई की गई है। जन्म से दो वर्ष के अंदर ही बनवाया गया प्रमाणपत्र मान्य होगा। + +प्रदेश के करीब 15 हजार एथलीट्स के रजिस्‍ट्रेशन रद।एएफआइ के इस फैसले से अलीगढ़ जिले के करीब एक हजार व उत्तरप्रदेश के करीब15 हजार एथलीट्स के रजिस्ट्रेशन रद हो गए हैं। पूर्व में हुई प्रतियोगिताओं में कम आयु वर्ग में ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों के प्रतिभाग करने के प्रकरणों के सामने आने पर एएफआइ व यूपी एसोसिएशन की किरकिरी भी हो चुकी है। फर्जीवाड़े पर नकेल कसने को ये फैसला किया गया है। अब बिना नया पंजीकरण कराए अगली प्रतियोगिताओं में एथलीट्स प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे। नए सिरे से पंजीकरण कराने का काम कुछ जिलों में शुरू हो गया है तो कुछ जिलों में होना बाकी है। देशभर में केवल जूनियर वर्ग में 25 हजार खिलाड़ियों के नए पंजीकरण कराए भी जा चुके हैं। + +तीन प्रमाणपत्र ही होंगे मान्य।नया पंजीकरण कराने के लिए नगर निगम या ब्लाक से बनाया गया जन्म प्रमाणपत्र पैदाइश के दो साल के अंदर का होना चाहिए। दूसरे प्रमाणपत्र के तौर पर हाईस्कूल की मार्कशीट मान्य होगी। अगर किसी ने हाईस्कूल नहीं किया है या जन्म प्रमाणपत्र भी पैदाइश के दो वर्ष बाद बना है तो पासपोर्ट लगाकर ही पंजीकरण होगा। ऐसे एथलीट्स को अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए भी मशक्कत करनी होगी। + +लखनऊ का एथलीट पकड़ा गया।छह से 10 फरवरी 2021 को गुवाहाटी में नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपयिनशिप कराई गई थी। इसमें लखनऊ के एथलीट शाहरुख खान अंडर-16 बालक वर्ग में 2000 मीटर रेस में स्वर्ण विजेता बने थे। दूसरे स्थान पर अलीगढ़ के अमित चौधरी थे। शाहरुख ओवर एज फर्जीवाड़े में पकड़े गए और अलीगढ़ के अमित को स्वर्ण विजेता घोषित किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a5451363c9cd55039e5c7bb46a316e46151d510 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6497.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसके साथ ही फिल्म 'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' में और भी कई ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिलेंगे। यह फिल्म इस साल क्रिसमस के आस-पास सिनेमाघरों में रिलीज होगी। सोशल मीडिया पर फिल्म का ट्रेलर तेजी से वायरल हो रहा है। 'स्पाइडर-मैन: नो वे होम' के दर्शक और स्पाइडर मैन के फैंस ट्रेलर को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + +आपको बता दें कि एवेंजर्स एंड गेम में आइरन मैन की मौत के बाद यह दूसरी स्पाइडर मैन पर आधारित फिल्म है। वहीं बात करें स्पाइडर मैन किरदार की तो इसको मार्वल स्टूडियो के लिए पहले बार फिल्म निर्माता सैम राइमी ने लॉन्च किया था। अभिनेता टोबी मैग्वायर ने पहली बार स्पाइडर-मैन (2002), स्पाइडर-मैन 2 (2004) और स्पाइडर-मैन 3 (2007) में पीटर पार्कर की भूमिका अदा की था। इसके अलावा द अमेजिंग स्पाइडर-मैन (2012) और द अमेजिंग स्पाइडर-मैन 2 (2014) में एंड्रयू गारफील्ड स्पाइडर मैन बने। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4230ee86c3dc910fdd4630af150f5ced66fad4f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64971.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्‍ली, एजेंस‍ियां। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दे रहा है। इस दिशा में जहां भारत ने रूस से S-400 की खरीदारी की है, जिसकी आपूर्ति भारत को शुरू कर दी गई है। वहीं अब भारत सरकार ने अमेरिका से एमक्यू-1 प्रीडेटर-बी ड्रोन की 30 यूनिट को खरीदने की हरी झंडी दे दी है। इसकी कीमत करीब 3 अरब अमेरिकी डालर (करीब 22,000 करोड़ रुपये) होगी। दिसंबर महीने में भारत व अमेरिका के बीच होने वाले 2+2 मंत्रीस्तरीय वार्ता से पहले जनरल एटामिक्स से प्रीडेटर-बी ड्रोन को खरीदने का आर्डर दिया जा सकता है। भारत सरकार इस सौदे से जुड़ी सभी औपचारिकताओं को 2021 में ही पूरा करना चाहती है, ताक‍ि जल्‍द से जल्‍द इसे खरीदा जाए। इन 30 ड्रोन में से भारतीय थलसेना, वायु सेना और नौसेना को 10-10 ड्रोन देने की योजना है। भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव और जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद प्रीडेटर-बी ड्रोन की खरीद पर ध्यान केंद्रित कर रही है। + +दो मिसाइलों से दुश्मन को कर सकता है बर्बाद। इस ड्रोन की कई खास‍ियतें हैं, जो दुन‍िया के अन्‍य ड्रोन से अलग करती हैं। यह ड्रोन 204 किलोग्राम की मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। 25 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ने के कारण दुश्मन इस ड्रोन को आसानी से पकड़ नहीं पाते। इस ड्रोन में दो लेजर गाइडेड एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इसे आपरेट करने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है, जिसमें से एक पायलट और दूसरा सेंसर आपरेट है। वर्तमान में अमेरिका के पास यह 150 ड्रोन उपलब्ध हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86fb87ff56ae36b794c06827bbd1f8e3d5473f1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64972.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार सालों में डेंगू।वर्ष     मामले।2018 159।2019  123।2020  64।2021 (अब तक) 518।तालाब में छोड़ी गई गैम्बुसिया मछली।डेंगू के बढ़ते लगातार मामलों के मद्देनजर पूर्वी निगम ने आइपी एक्सटेंशन के गाजीपुर गांव में तालाब में गैम्बुसिया मछलियों को छोड़ा है। ये मछलियां मच्छरों का लार्वा भाेजन के रूप में ग्रहण करती हैं। महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल, स्थायी समिति अध्यक्ष वीर सिंह पंवार, शाहदरा दक्षिणी जोन की अध्यक्ष हिमांशी पांडे और पार्षद अपर्णा गोयल ने इन उपयोगी मछलियों को तालाब में छोड़ा। महापौर ने बताया कि तालाब में साफ पानी है और इसमें डेंगू के मच्छर पनप सकते हैं। इससे पहले वेलकम झील में भी यह प्रयोग किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7818a2e12d9a13bb80d583417e70920ba863b3df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनिल मिश्रा, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर केनाबालिगों को नक्सली सीधे हिंसा में झोंक रहे हैं। इसका पता गत शनिवार को महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के जंगलों में हुई मुठभेड़ में मारे गए 26 नक्सलियों की शिनाख्त से चला है। इसमें आठ नक्सली ऐसे थे, जो बस्तर केथे और इनमें ज्यादातर की उम्र 17 से 18 थी। बस्तर के जंगल में इनकी भर्ती की गई थी। इसकेबाद दो-तीन महीने की ट्रेनिंग देकर हिंसा में झोंक दिया गया। उनकेस्वजन को भी जानकारी नहीं दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1086d6294b6b57654596964e044240be6de3a31e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64974.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मरीजों की जांच के लिए आधुनिक उपकरण बच्चों में कारगर साबित हो रहा है। स्वजनों को घर बैठे ही पता चल जाता है कि बच्चे की स्कूल व कालेज में वर्तमान समय में शूगर बढ़ रही है या फिर कम हो रही है। उसके आधार पर दवा में बदलाव हो रहा है। वहीं बार बार बच्चों के सूई लगाने से होने वाला डर भी दूर हो गया है. मरीज कंपनी के सहयोग से एक माह तक की रिपोर्ट का रिकार्ड मंगवा सकते है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..076f52a0e939eec027f2b5a293e0eff9bc61f726 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आफ लाइन के साथ आन लाइन की तैयारी।माध्यमिक विद्यालयों से शिक्षकों ने गूगल क्लासरूम के जरिए विद्यार्थियों को जोड़ा तो है लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय जो बेहतर कार्य करते हैं लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर होने के चलते शिक्षण सामग्री विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पा रही है। हालांकि कुछ समय पहले जिले के माध्यमिक विद्यालय भी आधुनिकता के ट्रैक पर दौड़ पड़े थे। लाकडाउन के समय में नए सत्र की पढ़ाई विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से कराई गई। माध्यमिक कालेजों में अब आफलाइन पढ़ाई शुरू करा दी गई है। हालांकि माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आधुनिक संसाधनों से लैस नहीं होते मगर जो जिसके पास जैसी सुविधा है उसको उस स्तर से पढ़ाने का खाका तैयार किया गया है। नवंबर के तीसरे सप्ताह से यूपी बोर्ड की छमाही परीक्षाएं कराने का फरमान बोर्ड से जारी हुआ है। इसलिए अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की मजबूत तैयारी विद्यार्थियों को कराने के लिए प्रधानाचार्य उन्हें आनलाइन प्लेटफार्म का सहारा भी लेना शुरू किया है। गूगल क्लास रूम के जरिए विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से भी तैयारी कराई जाएगी। हालांकि विद्यालयों में बुलाकर विद्यार्थियों को पढ़ाई व परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। जो विद्यार्थी आनलाइन कक्षाओं से जुड़ने में अक्षम हैं उनको कालेज में तैयारी कराई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64978.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64978.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab0402bcddca10ff9b66edbf18aa6b6815a5cafe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64978.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे हो सकता है संक्रमण।ऐसे लगाते हैं पता: अगर कोई व्यक्ति जीका संक्रमणग्रस्त क्षेत्र में आया-गया है और आने के 7-14 दिनों के बीच बुखार, शरीर में लाल दाने आएं, बुखार बना रहे। मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली व कीचड़ तथा सिरदर्द बना रहे तो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इसकी जांच आरटीपीसीआर, ब्लड सैंपल, यूरिन, मस्तिष्क जल(सीएसएफ), गर्भ जल (एम्योटिक फ्लूड) आदि से होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72ad7c23881611b85f11d9b84bfa72ae01617a90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64979.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पहले नहीं मिलता था सही दाम:।पहले सब्जियों, मक्का, ज्वार और कपास जैसी परंपरागत फसलों को स्थानीय बिचौलियों के माध्यम से बेचकर वे किसी तरह गुजर-बसर करती थीं लेकिन दस माह पूर्व उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से समूह बनाकर खेती करने की जानकारी मिली। इसके बाद महिलाओं ने शासन की योजना का लाभ उठाते हुए न सिर्फ ऋण प्राप्त किया बल्कि समूह में ही खाद-बीज और कीटनाशक दवाओं की खरीदारी भी की। + +दो से तीन गुना तक बढ़ी आय:।लक्ष्मण फलिया में रानी काजल माता समूह की दस महिलाओं ने कृषक उत्पादक समूह के जरिये खेती के लिए करीब 1.50 लाख रुपये का लोन आजीविका मिशन की सहायता से लिया। समूह की अध्यक्ष गजरी सुवरसिंह कहती हैं, पहले उन्हें एक साल में करीब 30 हजार रुपये की आय हो रही थी। समूह के प्रयास से अब उनकी आय करीब तीन गुनी हो गई है। अन्य सदस्यों ने भी दो गुना से भी अधिक कमाई की है। + +अन्य किसानों की उपज भी खरीद रहीं:।समूह ने खुद तो अपनी उपज पैदा की है, बाजार में अन्य किसानों की उपज को भी अपनी आय से खरीदा। इससे स्थानीय किसानों का उपज परिवहन का खर्च और समय बच गया। बाद में इसे धार जिले की कुक्षी, गुजरात के बोड़ेली की बड़ी मंडियों में जाकर बेचा, जिससे अच्छा मुनाफा हुआ। समूह की सचिव नारी मानसिंह और सदस्य कैला नानबू कहती हैं कि अब हम सब मिलकर खेती कर रहे हैं। कहीं भी जाकर अपनी उपज बेच सकते हैं। इससे मुनाफा बढ़ गया है। घर-परिवार में समृद्धि की खुशहाली छाई है। क्षेत्र के अन्य किसान भी अब इससे प्रेरणा ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8612c42062a3e407c39cfef2373f628ad859c50b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64981.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है S-400 डिफेंस सिस्टम।1- यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है। भारतीय सेना में शामिल होने के बाद सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है। इससे दुश्‍मन के इरादों का पता पहले ही लग जाता है और सेना आसानी से सतर्क हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..043642e1b3b913f2df26d213b5234c857b5ca6f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64983.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पानीपत, रवि धवन। ये न्यू इंडिया (New India) है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा था, मैं देश नहीं झुकने दूंगा। अमेरिकी धमकी की परवाह न करते हुए, आधुनिक ब्रह्मास्त्र एस 400 हासिल कर ही लिया। रूस से इसकी आपूर्ति हो रही है। हवाई हमलों को ध्वस्त करने के लिए यह मिसाइल सिस्टम खरीदा गया है। पाक और चीन के हमलों को करारा जवाब दिया जा सकेगा। + +दरअसल, पानीपत के निर्यातकों को भी यह मालूम है कि इस समय अमेरिका प्रतिबंध जैसे विचार पर सोच नहीं सकता। क्योंकि भारत बहुत बड़ी ताकत है। भारत से कारोबार करना ही होगा। क्योंकि भारत से उन्हें जो उत्पाद मिल सकता है, वो दुनिया में कहीं भी उस कीमत पर नहीं मिल सकता। अगर कारोबार बंद या कम भी करते हैं तो भारत के निर्यातकों के पास दुनिया में उत्पाद बेचने के लिए बाजार की कमी नहीं है। + +इसलिए भारत पर गर्व है।निर्यातक रमन छाबड़ा का कहना है कि पानीपत से साठ फीसद तक कारोबार अमेरिका से होता है। यह कह सकते हैं कि करीब दस हजार करोड़ का कारोबार अमेरिका से होता होगा। बड़ा बाजार है। पानीपत से बाथमेट, कुशन कवर, थ्रो से लेकर दरियां बिकती हैं। बेहद कम कीमत पर पानीपत के उद्यमी अमेरिका को उत्पाद मुहैया कराते हैं। इन दिनों वैसे भी मांग ज्यादा है। आधुनिक ब्रह्मास्त्र खरीदने की जानकारी हुई है। लेकिन अमेरिका से इस तरह के संकेत नहीं मिले कि कारोबार प्रभावित होगा। बाजार अपनी जगह है और देश की सुरक्षा अपनी जगह। देश सबसे सर्वोच्च है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af7975dfffe1216931cd9e1ee8d075c69a44c444 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64985.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +विशेष संवाददाता, दुबई। एक दशक से टीम में होने के बावजूद दो टेस्ट और एक वनडे शतक खाते में, बार-बार चोटिल होना और टीम में चुने जाने के बाद नफरत के अंबार का सामना करना पड़ा.. टी-20 विश्व कप फाइनल से पहले आलराउंडर मिचेल मार्श की जिंदगी कुछ ऐसी ही थी, लेकिन रविवार को उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 50 गेंदों में नाबाद 77 रन की पारी खेलकर इस कलंक को धो दिया। मिचेल के पिता ज्याफ मार्श ने आस्ट्रेलिया के लिए 50 टेस्ट में चार और 117 वनडे में नौ शतक लगाए थे। उनके बड़े भाई शान ने 38 टेस्ट में छह और 73 वनडे में सात शतक ठोके। उनकी बहन मेलिशा प्रोफेशनल बास्केटबाल खिलाड़ी हैं। + +मार्श खराब प्रदर्शन करके बाहर होते रहे, लेकिन घरेलू क्रिकेट और बिग बैश लीग में अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम में वापसी कर लेते। तेज गेंदबाजी आलराउंडर होने के कारण उनकी टीम में जगह बन जाती, क्योंकि ऐसे में वह पांचवें गेंदबाज की कमी को पूरा कर देते। फाइनल में उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। जब टीम जीती तो उनके सबसे करीबी दोस्त एडम जांपा व मार्कस स्टोइनिस उनके पास दौड़ गए। उन्होंने मार्श को गर्वित माता-पिता की तरह गले लगा लिया। मैन आफ द मैच अवार्ड लेते समय मार्श ने कहा कि बहुत से लोग ऐसा कहते हैं, लेकिन मेरे पास इस समय शब्द नहीं हैं। + +आस्ट्रेलिया की टीम कैसे बनी जीरो से हीरो, जानिए।फाइनल में जब इस आलराउंडर ने मैच जिताऊ बेहतरीन पारी खेली तो कप्तान आरोन फिंच ने कहा कि मार्श को अपने करियर में अनावश्यक आलोचना का सामना करना पड़ा और इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, जिससे पता चलता है कि वह कितने प्रतिभाशाली हैं। उसने आलोचना झेली, वह भी तब जब उसका प्रदर्शन किसी भी प्रारूप में बुरा नहीं था। अगर आप उसके वनडे के आंकड़ों पर गौर करो तो वह बहुत अच्छे हैं। लोगों की आलोचनाओं और संदेह के बावजूद वह वापसी करता रहा जिससे पता चलता है कि वह कितना क्षमतावान है। + +31 वर्षीय मार्श अपने करियर में अभी तक चोटों से जूझते रहे हैं। पिछले साल भी वह टखने की चोट से परेशान रहे। उन्होंने 16 अक्टूबर 2011 को पहला टी20 इंटरनेशनल मैच खेला था, लेकिन 10 साल में वह अब तक सिर्फ 35 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल पाए हैं। उन्हें स्टीव स्मिथ की जगह तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला किया और वह हीरो बनकर उभरे। फिंच ने कहा, "आप अपनी जिंदगी में जितने लोगों से मिलेंगे उनमें से वह सबसे अच्छा है। वह निश्चित तौर पर विशेष खिलाड़ी है। मिच (मार्श) को वेस्टइंडीज में तीसरे नंबर पर भेजने का फैसला महत्वपूर्ण था।"।फिंच ने आगे कहा, "हमें लगा कि वह इस नंबर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। वह तेज गेंदबाजी को अच्छी तरह से खेलता है। हमने वेस्टइंडीज दौरे से पहले इस पर चर्चा की थी। स्मिथ की राय भी इसको लेकर स्पष्ट थी और वह टीम के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। यह केवल एक संरचनात्मक बदलाव था लेकिन जिस तरह से उसने (मार्श) वापसी की वह अविश्वसनीय है।" मार्श ने फाइनल में ऐसा प्रदर्शन किया कि उनके आलोचकों की नफरत अब मुहब्बत में बदल गई। कुछ समय पहले तक वह अतिरिक्त खिलाड़ी के तौर पर साथी खिलाडि़यों के लिए मैदान में पानी लेकर जाते थे लेकिन अब वह आस्ट्रेलिया के नए हीरो हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2440e6f51501a3411245fd8787fe550ddd39548e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64988.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिप्टोग्राफी की मदद से बनती है करेंसी: क्रिप्टोग्राफी की मदद से क्रिप्टोकरेंसी बनाई जाती है। इस प्रक्रिया को मार्इंनग कहा जाता है। यह पूरी तरह से सॉफ्टवेयर की मदद से होने वाला काम है। बेहद सुरक्षित नेटवर्क के साथ मार्इंनग की जाती है। डच अर्थशास्त्री एलेक्स डी व्रीज के मुताबिक बिटक्वाइन की मार्इंनग यानी कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से बिटक्वाइन बनाने में हर साल 3.8 करोड़ टन कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन होता है। यह मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों के उत्सर्जन से ज्यादा है। कंप्यूटर की भाषा में समझें तो 1,38,762 घंटे यूट्यूब देखने पर जितना कार्बन उत्सर्जन होता है, उतना बिटक्वाइन मार्इंनग में होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64989.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64989.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b00651656266e7ab3c9468df7d54f9ffb80e9f6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64989.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सतीश सिंह। केंद्र सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की है। हालांकि सरकार के इस फैसले को राजनीति के चश्मे से देखा जा रहा है, क्योंकि आगामी महीनों में कुछ राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और कहा जा रहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार चुनावी मौसम में वोट की खातिर हर बार तेल की कीमतों में कटौती करती है। वैसे, उपलब्ध आंकड़ों से यह कुछ हद तक सही भी प्रतीत होता है, लेकिन इस बार सरकार के इस निर्णय के पीछे आगामी महीनों में होने वाला विधानसभा चुनाव तो कतई नहीं है। + +एक अनुमान के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती करने से चालू वित्त वर्ष के बचे हुए पांच महीनों में सरकार को लगभग 55 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हालांकि जानकारों के अनुसार उत्पाद शुल्क में केंद्र सरकार द्वारा कटौती करने के बाद भी सरकार की कमाई पर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि कोरोना काल में जब पेट्रोल और डीजल की खपत कम हो गई थी, तब उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की गई थी। अब पेट्रोल और डीजल की खपत कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। खपत बढ़ने से राजस्व में भी वृद्धि हुई है। हालांकि सरकार केवल उत्पाद शुल्क से होने वाले राजस्व पर निर्भर नहीं है। अर्थव्यवस्था के दूसरे घटकों से भी सरकार की कमाई होती है। बीते कुछ महीनों से अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर सुधार हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f05f76857a328288d8243dff96f8d6c2410f0be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। नेशनल क्रश कही जाने वालीं साउथ इंडियन फिल्मों की अभिनेत्री रश्मिका मंदाना जल्द ही बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही हैं। रश्मिका मंदाना सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ फिल्म 'मिशन मजनू' में नजर आएंगी। इस फिल्म शूटिंग शुरू कर दी गई थी लेकिन कुछ दिनों के ब्रेक लेने के बाद अब फिल्म का दूसरा शूटिंग शेड्यूल भी शुरू हो गया है। 15 दिन का ये शूटिंग शेड्यूल मुंबई की अलग-अलग लोकेशंस पर होगी। इससे पहले फिल्म 45 दिन के शेड्यूल के साथ लखनऊ में सूट हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6664f7601c89b0bf61df00bbbe85115814691849 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64990.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/ विवेक तिवारी। दिल्ली में प्रदूषण एक विकराल समस्या बनता जा रहा है। प्रदूषण के कारण आम आदमी का खुली हवा में सांस लेना दूभर हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों और पर्यावरण एक्सपर्ट्स के अनुसार अगले तीन दिन हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने की संभावना है। ऐसे में सरकार को तत्काल प्रभाव से सख्त कदम उठाने होंगे। + +पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सफर के निदेशक डा. गुफरान बेग का कहना है कि 16 नवंबर से अगले तीन दिनों तक हवा में प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ेगा। वहीं पराली का धुआं भी दिल्ली के प्रदूषण को और बढ़ाएगा। बेग ने कहा कि पराली जलाने के मामलों पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया तो हालात और खराब हो सकते हैं। बीते 13 नवंबर को कुल 3157 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए जिनके चलते दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 31 फीसद तक पहुंच गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9552b70c6aed365976a0cf8c709138d1c2a1735c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64991.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। एेसा नाटक जिसके मंचन के लिए महाराष्ट्र से 400 कलाकार आए। एेसा नाटक, जिसमें असली घोड़े और हाथी इस्तेमाल किए गए। एेसा नाटक, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए। इस नाटक का आगरा में मंचन करने वाले जाने माने इतिहासकार और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे यानी बाबासाहेब पुरंदरे का सोमवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। बाबासाहेब पुरंदरे ने 2001 में आगरा में दो दिन तक जाणता राजा नाटक का मंचन किया था। + +बाबासाहब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को पुणे में हुआ था। उन्होंने अपने पूरे जीवन में लोगों को शिवाजी के जीवन से परिचित कराया। आगरा किले के सामने स्वरूपचंद गोयल व सत्यनाराण गोयल ने शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की थी।प्रतिमा स्थापित होने के बाद सात दिन तक कार्यक्रम हुए थे। मेहताब बाग में हेमामालिनी की नृत्य नाटिका, आगरा कालेज मैदान में प्रदर्शनी, आगरा किले के अंदर कवि सम्मेलन हुआ था। इस श्रंख्ला में 18 व 19 फरवरी को जाणता राजा का मंचन हुआ था। रामलीला मैदान में हुए दो दिन तक हुए नाटक में हर रोज पांच हजार दर्शक पहुंचते थे। असली घोड़ों और हाथी पर आती सेना, युद्ध, शिवाजी का जीवन आदि को देख सभी रोमांचित हुए थे।समाजसेवी विजय गोयल बताते हैं कि इन कार्यक्रमों में विलासराव देशमुख व लाल कृष्ण अाडवाणी भी आए थे।अदभुत था यह नाटक, एेसा नाटक न उससे पहले कभी हुआ था और न बाद में हुआ। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64993.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a2a23e2bb36168528fd7e1a6ec967c4056b0758 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64993.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तिहाड़ जेल में काट रहे थे उम्रकैद की सजा ।सिवान के दो भाइयों की एसिड से नहलाकर हत्‍या के चर्चित एसिड बाथ कांड (Acid Bath Double Murder Case) में उम्रकैद की सजा पाकर शहाबुद्दीन दिल्‍ली की तिहाड़ जेल में थे। तिहाड़ जेल में सजा के दौरान वे परिवार से कट गए थे। शहाबुंद्दीन को अपने पिता के निधन के समय भी भी पैरेाल (Parole) नहीं मिला था। तीन साल बाद दिसंबर 2020 में कोर्ट के आदेश पर उन्‍होंने पत्‍नी, बेटे-बेटियों व मां से दिल्‍ली में जेल से बाहर निजी मुलाकात की थी। बताया जाता है कि शहाबुद्दीन को सिवान जाकर परिवार से मिलने के लिए पैरोल का बिहार सरकार ने कोर्ट में विरोध किया। इस कारण उन्‍हें परिवार को दिल्‍ली बुलाकर दिल्‍ली में ही कहीं निजी मुलाकात की अनुमति दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bf2c253c35d448c5afcfbb1c1e16e0ca3e747b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64995.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । अपनी प्रतिभा को निखारकर जिला, प्रदेश व देश के लिए पदक जीतने की मंशा से खेल प्रतिभाएं स्पोट्स स्‍टेडियम  में प्रशिक्षण लेने आती हैं। मगर यहां बास्केटबाल कोर्ट ऐसी खतरनाक हालत में है जहां खिलाड़ी का प्रदर्शन निखरने की आस न के बराबर है लेकिन शरीर के गंभीर चोटिल होने का अंदेशा सौ फीसद रहता है। जिले में बास्केटबाल की प्रतिभाएं तो बहुत हैं लेकिन हड्डी टूटने का डर भी है। इस डर व अव्यवस्थाओं के चलते जिला बास्केटबाल खेल में लगातार पिछड़ता जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7253ec635c7957f00a26f4b6b28bf80d66b56e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदीप। Drones Latest News ड्रोन अथवा मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) ऐसे छोटे विमानों को कहा जाता है, जिन्हें रिमोट के जरिये संचालित किया जाता है। पहले ड्रोन का नाम सुनते ही जो छवि हमारे दिमाग में उभरती थी, वह अमूमन संघर्ष, युद्ध, आतंकी हमले या फिर जासूसी की ही होती थी। ऐसी घटनाओं ने ही आम भारतीय जनमानस का शुरुआती परिचय ड्रोन से कराया था। फिलहाल ड्रोन धीरे-धीरे इस नकारात्मक छवि से आगे निकल रहा है। एक समय संदिग्ध निगाह से देखे जाने वाले ड्रोन तेजी से भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। भारत सरकार ड्रोन को लेकर लोगों के माइंडसेट को बदलने के लिए हाल में नई ड्रोन नीति लेकर आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..518f7590e7fee1072438684ca9e53d84ca212aa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + भुला दिए गए अकबर इलाहाबादी ।मनमोहन सिंह तन्हा कहते हैं कि अकबर की जन्मतिथि और पुण्य तिथि पर ठीक ढ़ंग से उन्हें याद करने वाला भी कोई नहीं है। आज तक किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्था ने उनके नाम पर कोई काम ठीक ढंग से नहीं किया। इलाहाबाद के हिम्मतगंज काला डांडा कब्रिस्तान में स्थित उनकी कब्र पर और उसके आसपास बच्चे खेलते हुए अक्सर ही नजर आ जाते हैं। सिर्फ कुछ साहित्यकारों को ही पता है कि यहां अकबर इलाहाबादी की कब्र है। इलाहाबाद के कोतवाली के निकट स्थित यादगारे हुसैनी इंटर कालेज ही अकबर इलाहाबादी का असली घर है। अकबर का परिवार पाकिस्तान चला गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_64999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_64999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..650e86f756a8014757e3e9d55d06b7fec8f485ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_64999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ममता सरकार ने दो वर्षो से स्थगित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) को फिर से आयोजित करने की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधानसभा में कह रही हैं कि उनकी सरकार किसी भी उद्योग व सरकारी परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7018031af3a4346a7427dc86b05f88ab80d8c389 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखती हैं द्रिशा रॉय।करण देओल की तरह ही द्रिशा रॉय भी फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके परदादा बिमल रॉय अपने जमाने के मशहूर फिल्ममेकर थे और उन्होंने हमराही, मां, परिणीता, नौकरी और देवदास जैसी कई सुपरहिट फिल्में हिंदी सिनेमा को दी। धर्मेंद्र और बिमल रॉय की दोस्ती काफी अच्छी रही है। निर्देशक बिमल रॉय ने धर्मेंद्र को 1963 में आई फिल्म 'बंदिनी' में मौका दिया। जब धर्मेंद्र बॉलीवुड में आए थे तो उनकी ही-मैन की छवि थी, लेकिन बिमल रॉय ने उन्हें उस छवि से बाहर निकाला और उनके अन्दर का पावरफुल अभिनेता दर्शकों को दिखाया। + +पिता सनी देओल के निर्देशन से की थी करण ने अपनी शुरुआत ।करण देओल ने अपने करियर की शुरुआत साल 2019 में फिल्म 'पल-पल दिल के पास' से की थी। लेकिन उनकी डेब्यू फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई। इस फिल्म के बाद करण देओल अपने चाचा अभय देओल और एक्ट्रेस मौनी रॉय के साथ फिल्म 'वेल्ले' में नजर आए, लेकिन इस फिल्म में उनका जादू ऑडियंस पर नहीं चल सका। अब जल्द ही करण देओल अपने दादा और पिता के साथ फिल्म 'अपने 2' में नजर आएंगे। इस फिल्म में धर्मेंद्र के दोनों बेटे बॉबी और सनी ने उनके बेटो की भूमिका निभाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94cae5dd3f311f1267687082f289d95949c09f3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंदाकिनी के इस म्यूजिक वीडियो को साजन अग्रवाल डायरेक्ट किया है। उन्होंने मंदाकिनी के साथ काम करने को लेकर बात की और कहा, "वो (मंदाकिनी) मेरे होमटाउन मेरठ से ताल्लुक रखती हैं। साथ ही, यह गाना एक मां के बारे में है जिसका शीर्षक 'मां ओ मां' है। यह उनके बेटे का डेब्यू होगा और मंदाकिनी के साथ काम करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है।”।मंदाकिनी के प्रोजेक्ट के बारे में बात करें तो गाने के बोल डायरेक्टर साजन अग्रवाल ने ही लिखे हैं। वहीं संगीत बबली हक और मीरा ने दिया है। इसे ऋषभ गिरी ने गाया है और गुरुजी कैलाश रायगर ने प्रोड्यूस किया है। साजन इस वीडियो के अलावा मंदाकिनी के साथ एक शॉर्ट फिल्म डायरेक्ट करने के बारे में भी सोच रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73fb396335cd69c33c2e741270ff4e9b6bed5072 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बलवान करिवाल, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल के सिटी फारेस्ट को नई पहचान मिल गई है। अब इसे बर्ड पार्क के नाम से जाना जाएगा। बर्ड पार्क बनकर तैयार हो चुका है। मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की पत्नी सविता कोविन्द इस बर्ड पार्क का उद्घाटन कर शहर को समर्पित करेंगी। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द व उनकी पत्नी मंगलवार को पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पेक) के शताब्दी समारोह में शिरकत करने चंडीगढ़ आ रहे हैं। वह मंगलवार रात चंडीगढ़ में ही रुकेंंगे। इस दौरान व्यस्त शेड्यूल की वजह से उनकी पत्नी सविता कोविंद शहर के पहले बर्ड पार्क को उद्घाटन कर पब्लिक के लिए आधिकारिक तौर पर ओपन करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..431530a4d6ff28f3ffbf38efc9ee479be869c37c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वंदेभारत जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें दौड़ रहीं।सेंट्रल स्टेशन से वर्तमान में सुपरफास्ट सेमी आटोमेटिक ट्रेन-18 जिसे वंदेभारत कहा जाता है का संचालन हो रहा है। इसके साथ ही राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी, श्रमशक्ति, गरीब रथ, हमसफर, तेजस जैसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। सेंट्रल स्टेशन पर लिफ्ट और स्वचलित सीढिय़ों से यात्री आवागमन करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41db782d3dd81ccf12bd6929fe001f6b5eb87bfc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65002.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Railway Concession Ticket Facility : धीरे-धीरे ट्रेनों के नंबर बदले जा रहे हैं। नंबर बदलने के लिए 20 नवंबर तक रात में छह घंटे आरक्षण सेवा को बंद रखा जाएगा। मुरादाबाद से गुजरने वाली लखनऊ मेल समेत चार ट्रेनों का नंबर बदला गया है। यात्रियों को रियायती टिकट के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। ।कोरोना संक्रमण फैलने के बाद पिछले डेढ़ साल से नियमित ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाया जा रहा है, जिससे यात्रियों को 30 फीसद तक अधिक किराया देना पड़ रहा है। स्पेशल ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिक, छात्र आदि को मिलने वाली रियायती टिकट की सुविधा बंद कर दी गई है। रेलवे बोर्ड का आदेश मिलने के तीन दिन बाद रविवार रात से सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने स्पेशल ट्रेनों का नंबर बदल कर पुराना नंबर करना शुरू कर दिया है। क्रिस सभी ट्रेनों का नंबर बदलने के लिए 20 नवंबर तक रात 11.45 बजे से सुबह पांच बजे तक आरक्षण सिस्टम बंद रखेंगा। इस दौरान आरक्षण से संबंधित कार्य नहीं होंगे। रविवार की रात में क्रिस द्वारा किए गए कार्य के बाद मुरादाबाद से गुजरने वाली चार ट्रेनों के नंबर पुराने नंबर में बदल गए हैं। इसमें लखनऊ-नई दिल्ली लखनऊ मेल, वाराणसी-नई दिल्ली महामना एक्सप्रेस, आनंद विहार-गाजीपुर सिटी सुहेलदेव एक्सप्रेस और अमृतसर-जयनगर शहीद एक्सप्रेस से स्पेशल ट्रेन का नंबर हटा दिया। इन चारों ट्रेनों में सोमवार से यात्रियों को तीस फीसद कम किराया देना पड़ रहा है। जिन ट्रेनों का नंबर नहीं बदला है, उन सभी ट्रेनों में तीस फीसद अधिक किराया देना पड़ रहा है। कोरोना के पहले ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिक, छात्र, पत्रकार, व अन्य को रियायती टिकट उपलब्ध कराया जाता था। रेलवे बोर्ड के नए आदेश में रियायती टिकट की व्यवस्था पुन: लागू करने का कोई आदेश नहीं हैं। नियमित ट्रेन में जनरल कोच में अनारक्षित टिकट वाले यात्रियों को चलने पर रोक लगा दी है। इसमें भी जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों को आरक्षण टिकट लेना पड़ेगा और कंफर्म सीट वाले को सफर करने की अनुमति मिलेगी। सहायक वाणिज्य प्रबंधक पीएस बघेल ने बताया कि धीरे-धीरे स्पेशल ट्रेनों का नंबर बदला जा रहा है। जिस ट्रेनों का नंबर बदला गया है, उसमें किराया कम हो गया है। रेलवे बोर्ड द्वारा रियायती टिकट के संबंध में आदेश जारी किया जाएगा, तभी रियायती टिकट म‍िलनी शुरू हो पाएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1a45cb738845b08385e342f68118ff42b164f5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65006.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी। देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा। मध्यप्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन जारी होते ही स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति किए जाने के बाद रेलवे ने नया कोड भी जारी कर दिया है। पश्चिम-मध्य रेलवे ने आदेश जारी कर नया अल्फा कोड RKMP दिया है। अभी तक हबीबगंज का कोड HBJ था। फिलहाल हबीबगंज स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 के आउटर और प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ही यह नाम बदला गया है। अन्य प्लेटफार्म और सेकंड एंट्री पर अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है। बाहर भी रानी कमलापति रेलवे स्टेशन नाम का बैनर लगा दिया है। साथ ही, हबीबगंज नाम को कपड़े से ढंक दिया गया है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo पर पोस्ट कर कहा कि ये गर्व, आनंद व उत्साह का क्षण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त रेलवे स्टेशन तैयार करवाया और अब इसका नाम हबीबगंज से बदलकर अंतिम हिंदू रानी गोंड वंश की रानी कमलापति जी के नाम किया। हम सभी प्रधानमंत्री जी का हृदय से धन्यवाद करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e95e31bac2014129ce3c9192b1cccf52ca896431 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65007.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाशिंगटन, एएनआइ। मोटापे के कारण मधुमेह समेत कई तरह की बीमारियां होने की बात सामने आ चुकी है। अब एक नए शोध में बताया गया है कि मोटापे के कारण होने वाले क्रानिक सूजन या इंफ्लेमेशन की वजह से बोन टिश्यू (अस्थि ऊतक) को तोड़ने वाली कोशिकाओं का विकास तेज हो जाता है। इससे दांतों को अपनी जगह पर जकड़ कर रखने वाले टिश्यू को भी नुकसान होता है। मतलब, मोटापा के कारण मसूड़ों की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। यूनिवर्सिटी आफ बफलो के विज्ञानियों का यह शोध निष्कर्ष जर्नल आफ डेंटल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। + +बोन टिश्यू तोड़ने वाली कोशिकाओं की बढ़ जाती है संख्‍या।एनिमल माडल पर किए गए इस शोध में पाया गया है कि मोटापे के कारण अत्यधिक इंफ्लेमेशन से माइलायड डराइव्ड सप्रेसर सेल्स (एमडीएससी) की संख्या बढ़ जाती है। एमडीएससी- प्रतिरक्षी कोशिकाओं (इम्यून सेल्स) का एक ग्रुप होता है, जो बीमार अवस्था में इम्यून फंक्शन को रेगुलेट करता है। बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में पैदा होने वाले एमडीएससी- ओस्टियोक्लास्ट समेत अन्य प्रकार की कोशिकाओं में विकसित होते हैं। ओस्टियोक्लास्ट वैसी कोशिकाएं होती हैं, जो बोन टिश्यू को तोड़ने का काम करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acdb79fc3bf962ec96aa9e20e4aab0ae9f79cc6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। IND v/s NZ Test Match in Kanpur ग्रीनपार्क स्टेडियम में 25 नवंबर से होने वाले भारत और न्यूजीलैंड टेस्ट मैच के लिए दो चरणों में भारतीय टीम शहर पहुंचेगी। टीम के टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी 16 की बजाय 19 नवंबर को शहर आकर होटल लैंडमार्क में क्वारंटाइन हो जाएंगे। वहीं, कोलकाता से सीरीज का अंतिम टी-20 खेलकर भारतीय टीम के शेष खिलाड़ी 22 की रात को शहर पहुंचेंगे। भारतीय टीम के साथ ही न्यूजीलैंड टीम के खिलाड़ी भी चार्टर्ड प्लेन से शहर आएंगे। कोविड के चलते ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय टीम दो चरणों में शहर पहुंचेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9d92d633c11f2fb07ae2b4dfaf2db87d903c64d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्तान को घेरने की भी कोशिश होगी।बीते मार्च में संयुक्त अरब अमीरात में आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कोआपरेशन (ओआइसी) की बैठक हुई थी। इससे भारत को विशिष्ठ अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। ओआइसी 57 देशों का समूह है जो मोटे तौर पर इस्लाम को मानने वाले देशों से मिलकर बना है। इस बैठक में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला था। दिल्ली में हो रही इस बार की मुलाकात में भारत एक बार फिर से संयुक्त अरब अमीरात के सामने यह मुद्दा उठा सकता है और पाकिस्तान को चरमपंथ के मुद्दे पर अलग-थलग करने की कोशिश करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c1f2d8620ac973a1574b5c814533d38e8554ee9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सफर के आंकड़ों के अनुसार बीते 35 दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में पराली का स्तर बढ़ा है। 20 अक्तूबर को जहां दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का शेयर 12 प्रतिशत था, 21 अक्तूबर को वह बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया। 5 नवंबर को यह बढ़कर 36 फीसद, 7 नवंबर को 41 फीसद, 11 नवंबर 27 फीसद, 12 नवंबर को 26 फीसद, 13 नवंबर को 37 फीसद रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f904a18ee791e00b6e2abe6eb90238505130a81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1957 में मन्नू जी का पहला कहानी संग्रह ‘मैं हार गई’ के नाम से राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था। दूसरा कहानी संकलन ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’ नाम से प्रकाशित हुआ था जिसको श्रमजीवी प्रकाशन ने छापा था। इस बीच राजेन्द्र यादव से उनकी मित्रता प्रगाढ़ होने लगी थी। 1959 में मन्नू भंडारी की शादी राजेन्द्र यादव से हुई। राजेन्द्र यादव के साथ मिलकर मन्नू भंडारी ने एक प्रयोगात्मक उपन्यास लिखा ‘एक इंच मुस्कान’। जनवरी 1961 से लेकर दिसंबर 1961 तक ये उपन्यास ज्ञानोदय में धारावाहिक के रूप में प्रकाशित हुआ। इसकी एक किश्त राजेन्द्र यादव लिखते थे और एक किश्त मन्नू भंडारी। पहली किश्त राजेन्द्र यादव ने और अंतिम किश्त मन्नू भंडारी ने लिखी थी। बाद में मन्नू भंडारी ने महाभोज. आपका बंटी और स्वामी नाम से उपन्यास लिखे जो काफी चर्चित रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..075a4449534988d0d67f8a43a9796cdd73eaa307 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर्ष वी पंत। पिछले हफ्ते अफगानिस्तान को लेकर अपने पारंपरिक रवैये से इतर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के नेतृत्व में भारत ने कई देशों के साथ वार्ता की अगुआई की। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत इस मसले में अपनी भूमिका को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहता है। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की तरफ से आ रही चुनौतियां क्षेत्रीय स्तर पर व्यापक प्रतिक्रिया और सुरक्षा की नई व्यवस्था की मांग कर रही हैं। आतंकवाद, खुली सीमा और ड्रग तस्करी जैसी समस्याओं से कोई देश अकेले नहीं लड़ सकता है। क्षेत्रीय स्तर पर गठजोड़ की जरूरत है और इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में भारत का नेतृत्व अहम है। भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ यूरेशिया की भी बड़ी ताकत है। भारत कुछ ऐसी शक्तियों में से है, जो एक ओर रूस और ईरान की प्राथमिकताओं को साध सकता है, तो दूसरी ओर पश्चिमी देशों को भी संभाल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74822c0f33a71f42eae3a369241d25520d821a28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65019.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोविड महामारी ने साबित किया है कि किसी आकस्मिक संकट के सामने दुनिया के तमाम उन्नत देश निस्सहाय-निरुपाय हो जाते हैं, जबकि भारत ने अपनी तमाम दिक्कतों के बाद संकट का बहादुरी से सामना किया। हालांकि कोविड की दूसरी लहर में भारत एक वक्त तो लड़खड़ा गया था, लेकिन जिस तरह से उसने दूसरी लहर पर विजय प्राप्त की, और जिस गति से 100 करोड़ पात्र लोगों को टीका लगाने में कामयाबी हासिल की, उसने दुनिया भर में भारत का कद ऊंचा उठा दिया। उन तमाम विशेषज्ञों और देशों की जुबान पर ताला लगा दिया जो महामारी की शुरुआत के समय यह आशंका जता रहे थे कि भारत की स्थिति बहुत भयावह होगी। भारत ने न सिर्फ अपने नागरिकों को टीके लगाने का अभियान चलाया, बल्कि 95 देशों को 6 करोड़ 63 लाख टीके भी दिए। इसे वैक्सीन मैत्री का नाम दिया गया। इनमें भारत के पड़ोसी देश तो हैं ही, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के तमाम गरीब देश भी शामिल हैं। + +इस बीच हुए दो बड़े आयोजनों में भी भारत को दुनिया की एक साफ्टपावर के तौर पर मान्यता मिली। पहला आयोजन था ग्लासगो में हुई जी-20 देशों की शिखर बैठक। दुनिया के ज्यादातर देशों ने भारत के प्रस्तावों पर मुहर लगाई। इसके बाद जलवायु परिवर्तन पर हुए काप-26 में भारत ने पहल की कि दुनिया के तमाम देशों को धरती के भविष्य को बचाने के लिए नेट-जीरो यानी कार्बन उत्सर्जन शून्य करना होगा। भारत ने आगे बढ़ कर 2030 तक 40 प्रतिशत पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता बढाने का संकल्प लिया और 2070 तक पूरी तरह से नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने की घोषणा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65020.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..897d8a293f28d67aeb70a18beeb06ab7726a29ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65020.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। वैश्विक व्यवस्था में महाशक्ति उस देश को कहा जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत दखल रखता हो। इसके लिए आर्थिक और सैन्य दोनों ही मोर्चे पर शक्तिशाली होना जरूरी है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू 2021 के मुताबिक, अमेरिका निर्विवाद रूप से महाशक्ति है। इसके बाद शक्तिशाली देशों में चीन, रूस, जर्मनी और ब्रिटेन का स्थान है। इसमें 80 देशों की क्षमताओं को आंका गया था। भारत को इस सूची में 13वें स्थान पर रखा गया। + +देश के विकास को तेज रफ्तार देगी अक्षय ऊर्जा से मिली ताकत: दुनिया समय के साथ जीवाश्म ईंधन से मुक्त होने की दिशा में बढ़ रही है। आने वाले समय में अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता बढ़ेगी। भारत इस मामले में अगुआ बनकर सामने आ रहा है। इसमें भारत की भौगोलिक स्थिति की भी बड़ी भूमिका है। सीओपी26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में कुछ महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी तय किए हैं। पूरी दुनिया इस मामले में भारत का अनुसरण कर रही है। भारत की ओर से गठित इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आइएसए) इसका बड़ा उदाहरण है। हाल ही में अमेरिका 101वां देश बना है, जिसने आइएसए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8082c9c3290c94fe526ceedf0c1fdcbb5c31e0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौजूदा परिस्थितियों में भी टिकट दरों में वृद्धि करना कितना जायज है?।- टिकटों के मूल्य में 25 से 33 फीसद तक की वृद्धि की गई है। इस बार शनिवार-रविवार और छुट्टी के दिन वयस्कों का टिकट जहां 150 रुपये का होगा, वहीं कार्य दिवसों पर 80 रुपये का रहेगा। पिछली बार (2019) में यह दर 120 रुपये और 60 रुपये थी। हालांकि, बच्चों और व्यापारी दर्शकों की टिकट दर पूर्ववत रहेंगी। इसी तरह व्यापारी दर्शकों के लिए आरक्षित शुरुआती पांच दिनों के दौरान एक दिन की टिकट पहले की ही भांति 500 और पांचों दिन की पैकेज टिकट 1800 रुपये की होगी। जो वृद्धि की गई है, उसका मकसद भी लाभ कमाना नहीं, बल्कि कोरोना के मद्देनजर भीड़ प्रबंधन करना है। सोच यही रही है कि टिकट दर थोड़ी ज्यादा होगी तो दर्शक कुछ कम आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da80699916909609cd0b28e26e8360c047206d0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65022.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, लहरागागा (संगरूर)। भविष्य में पंजाब में पराली जलेगी नहीं, बल्कि इससे बायो सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) बनाई जाएगी। यह उम्मीद लहरागागा में जल्द ही शुरू होने वाला पराली से बायो सीएनजी बनाने का देश का सबसे बड़ा प्लांट लगा रहा है। जर्मनी की बायो फ्यूल तकनीक की सबसे बड़ी कंपनी वरबियो का 220 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा प्लांट दिसंबर के अंत या जनवरी के पहले हफ्ते में शुरू हो जाएगा। सभी तरह के परीक्षण का काम पूरा हो गया है। इस समय पराली टैंकरों में डाली जा रही है। + +इस प्लांट में पूरे साल एक लाख टन पराली की जरूरत होगी, जिसको इकट्ठा करने के लिए रोजाना दस से ज्यादा घंटे काम हो रहा है। पंजाब में हर साल करीब करीब 200 लाख टन पराली निकलती है। पराली की समस्या से पूरी तरह से निजात पानी है तो यहा ऐसे 200 प्लांट लगाने होंगे। प्लांट से तैयार बायो सीएनजी इंडियन आयल कारपोरेशन खरीदेगा। + +किसानों में बढ़ रही जागरूकता।संगरूर के गांव जलूर के प्रितपाल सिंह हर साल अपने पौने चार एकड़ खेत में पराली जला देते थे। इस बार उन्होंने पड़ोस के खेत में वरबियो कंपनी के क्वालिटी कंट्रोल कर्मचारियों नीलम और हरदीप सिंह को बड़े-बड़े बेलरों से पराली को इकट्ठा करवाते देखा तो उनसे रूबरू हुए। उनसे कंपनी के प्लांट के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने अपनी पराली भी उन्हें दे दी। इस तरह पौने चार एकड़ पराली जलने से बच गई।किसानों को मिला नया विकल्प।प्लांट की वजह से किसानों को पराली के निस्तारण का नया विकल्प मिल गया है। वरबियो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष कुमार दैनिक जागरण प्रतिनिधि को जलूर गांव के दिलराज सिंह के खेत पर लेकर गए, जिनके 40 एकड़ खेत से पराली उठाने का काम चल रहा था। दिलराज ने पिछले साल पूरे 40 एकड़ खेत में आग लगाई थी। इस बार कंपनी से संपर्क होने के बाद उन्होंने आग नहीं लगाई। दिलराज कहते हैैं कि पराली को आग लगाने के कारण उनके पेड़ और पड़ोस के खेतों में खडी फसल भी जल जाती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। पराली का धुआं नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c87560eb2f990a6f0b52268b8b7dd870901ed7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65023.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सृजन पाल सिंह।  अगर किसी चीज को आप दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने के लिए शिद्दत से जुट जाती है। प्रसिद्ध उपन्यास अलकेमिस्ट में महान ब्राजीली गीतकार और लेखक पाओलो कोएलो की ये पंक्तियां भारत के संदर्भ में सच साबित होती दिख रही हैं। आज से कुछ दशक पहले एक युगदृष्टा ने भारत को लेकर एक सपना देखा था। विजन: 2020 नामक इस सपने में वैश्विक क्षितिज पर भारत के नये उदय के बारे में बताया गया था। ये सपना हमारे पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम ने देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए कायनात जुट चुकी है। कोई भी अंतरराष्ट्रीय मंच हमारी बात सुनने के लिए न सिर्फ विवश है बल्कि उस पर प्रभावी कदम उठाकर वे इतरा भी रहे हैं। + +मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा भारत।हाल ही में अमेरिका को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बन गया है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि लागत के मोर्चे पर दक्षता की वजह से भारत को लेकर आकर्षण बढ़ा है। हाल में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा था कि चीन की नकल करके दुनिया का नया मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं बन सकता, उसे नई राह बनानी होगी। फिलहाल भारत उसी दिशा में बढ़ रहा है। + +अपने विजन-2020 में डा कलाम ने ऐसे विकास की बात की थी, जिसमें समाज के हर वर्ग को खुशी मिले। 2019 में मात्र तीन करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही थी। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या अब 8.48 करोड़ पर पहुंच गई है। हमने सबसे सस्ते डाटा के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क तैयार कर लिया है। करोड़ों भारतीयों के पास इंटरनेट उपलब्ध है और लोग डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। 45 प्रतिशत आबादी इंटरनेट के मामले में साक्षर हो गई है और इस मामले में हम चीन से आगे निकल गए हैं। 1.5 करोड़ किराना स्टोर अब डिजिटल भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। असंगठित क्षेत्र भी तेजी से इसे अपना रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f924b08e5d4722602a82faa07ed08089e6253fef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। हवा में प्रदूषक तत्वों के चलते चारों ओर धुंध सी छाई हुई है। हवा में मौजूद ये प्रदूषण आपके दिल की सेहत के लिए खतरा बन सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) की ओर से हाल ही में पेश की गई एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि आपके लिए हवा में मौजूद PM 2.5 कण बेहद खतरनाक हैं। हवा में PM 2.5 का स्तर बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f7d7adb54fbabfb96a368db4ca7374401e970e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65029.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. संजय वर्मा। जो दुनिया हम रोजाना देखते हैं और जिसके बारे में पढ़ते-सुनते हैं, अक्सर उसके दो पहलू बताए जाते हैं। एक पहलू उजला है, सकारात्मक है, सार्थक है। दुनिया में आशाओं और विकास में इसी पहलू का योगदान माना जाता है। हर चीज की तरह दुनिया का दूसरा पहलू भी है जो स्याह है। अंधेरे की यह दुनिया तमाम अपराधों व काले कारनामों का अड्डा बताई जाती है। हमारे ब्रह्मांड के बारे में भी दावा है कि हम जितने चांद-सितारों आदि को देख पाते हैं, उससे कई गुना ज्यादा बड़ा अंतरिक्ष डार्क मैटर के रूप में मौजूद हो सकता है। कुछ ऐसी चर्चा लंबे अरसे से उस इंटरनेट को लेकर भी उठती रही है, जो आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। कोरोना काल में तो इसकी उपयोगिताओं का आधार और भी पुख्ता हुआ है। लेकिन इसी के साथ इसके अंधेरे पहलुओं की जानकारी भी गाहे-बगाहे सामने आई है। यह जाना जाए कि कहीं डार्कनेट या डार्क वेब कही जाने वाली यह स्याह दुनिया इंटरनेट के उजले पक्ष पर भारी तो नहीं पड़ने लगी है। और डार्कनेट के जरिये चलने वाले काले कारोबारों पर क्या कोई रोकथाम लगाना मुमकिन होगा। + +हालांकि एक सिक्योरिटी फर्म बीटीबी के मुख्य सूचना सुरक्षा सलाहकार मैट विल्सन का मत है कि डार्क वेब की कई समस्याएं और खराबियां हो सकती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसपर मौजूद हर शख्स अपराधी ही हो। कई बार लोग अनजाने में भी या उत्सुकतावश टार ब्राउजर के इस्तेमाल से डार्क वेब पर अपनी कुकिंग रेसिपी या यात्र के विवरण साझा करते हैं। उस पर अपने वीडियो, किताबें या ईमेल साझा करते हैं। इसके पीछे उनका उद्देश्य एक ऐसे बड़े इंटरनेट समुदाय से जुड़ना होता है जो सरकारी किस्म की निगरानी से दूर हो। बहुत बार लोग इंटरनेट का नए तरीके से इस्तेमाल करना सीखने के लिए भी डार्क वेब की शरण में आ जाते हैं। ऐसे लोगों का अपराध या गैरकानूनी गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8020c062c6b05a2b6f4f0ae3a13a20e2bff72c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65035.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अभय सिंह ने अपने भाई और भतीजों पर हमलावर होते हुए कहा कि अजय सिंह और उनके परिवार के लोग अक्सर कहते हैं कि हमने पूरी इनेलो पार्टी और 20 विधायक उन्हें दे दिए। पार्टी का डंडा और झंडा भी थमा दिया। अब अच्छा यह होगा कि अजय सिंह अपने पिता और दुष्यंत सिंह अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला का दिया हुआ नाम चौटाला भी उन्हें वापस कर दें, ताकि उनके पास यह कहने को न बचे कि हमने सब कुछ अभय सिंह को दे दिया था लेकिन चौटाला नाम अपने पास रख लिया था। अभय चौटाला यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अजय सिंह और दुष्यंत की पहचान ओमप्रकाश चौटाला की वजह से है। उन्हें अब बड़े चौटाला से कोई मतलब नहीं रहा। सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह बड़े चौटाला का अपमान करते हैं। यह लोग रामकुमार गौतम को अपना दादा और गोपाल कांडा को अपना चाचा बताते हैं। + +दूसरी तरफ जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने अपने चाचा अभय सिंह पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ताऊ देवीलाल सरीखा दूसरा व्यक्ति कोई नहीं हो सकता। उन्होंने और बड़े चौटाला ने देश-प्रदेश के लिए बहुत काम किए, लेकिन उनकी कुछ मजबूरियां हैं। मैंने व दुष्यंत ने डर का खुलेआम सामना किया है। लेकिन अब राजनीति में डराने, धमकाने तथा दबाने की कोई जगह नहीं है। दिग्विजय ने कहा कि अभय सिंह खुद को कभी किसान केसरी, कभी जलनायक, कभी खेल रत्न तो कभी शेर की उपाधियों से अंलकृत करते हैं। इन स्वयंभू उपाधियों से कोई आदमी बड़ा नहीं बन जाता। + +शेर को लेकर हो चुकी चौटाला परिवार में तकरार।अभय चौटाला जब ऐलनाबाद उपचुनाव जीते थे, तब उन्होंने यह कहकर अपने परिवार के विरोधी सदस्यों पर हमला बोला था कि जंगल में शेर जख्मी तो हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि गीदड़ राज करने लगेंगे। अभय के इस हमले के बाद दुष्यंत चौटाला ने जवाब दिया था कि यह लोग घर के शेर हैं। इन्हें जंगल का शेर कौन मानता है। दुष्यंत की इस टिप्पणी के बाद दादा ओमप्रकाश चौटाला ने हस्तक्षेप करते हुए पलटवार किया था कि हम घर के भी शेर हैं और बाहर के भी शेर हैं। + +देश-प्रदेश की सियासत का बड़ा गांव है चौटाला।सिरसा जिले का चौटाला गांव प्रदेश की सियासत का काफी तगड़ा गांव है। इस गांव से विधानसभा में इस बार पांच विधायक चुनकर गए हैं। रानियां के निर्दलीय विधायक एवं बिजली मंत्री रंजीत चौटाला, डबवाली के कांग्रेस विधायक अमित सिहाग, उचाना से जजपा विधायक एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बाढड़ा की विधायक नैना चौटाला और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला, इन सभी का संबंध चौटाला गांव से है। 1857 के गदर से भी पहले यह गांव बसा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5e2a9124b1472f28e15233546358956f24effed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65038.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंदन, पीटीआइ। ग्लासगो में निर्धारित समय से एक दिन आगे तक चले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में धरती को बचाने के लिए करीब 200 देश साथ मिलकर कदम बढ़ाने पर राजी हो गए हैं। काप-26 शिखर सम्मेलन में 'ग्लोबल वार्मिंग' के लिए जिम्मेदार उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को हासिल करने के इरादे से शनिवार को एक समझौते पर सहमति जताई। इस सम्मेलन में भारत की धमक बढ़ी है और वह कोयला, पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से कम करने अपने प्रस्ताव पर मुहर लगवाने में सफल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4a5bc86417799e7db93ed75259c1071858ed9f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6504.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस स्वरा भास्कर बॉलीवुड की सबसे मुखर कलाकारों में से एक हैं। वो हर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे पर अपनी राय रखती हैं। पर इसलिए उन्हें बहुत कुछ झेलना भी पड़ता है। हाल ही में स्वरा ने सोशल मीडिया पर अपने सभी पोस्ट पर मिलने वाले भद्दे कमेंट्स के बारे में खुलकर बात की। उनके अनुसार, वह 'वीरे दी वेडिंग' में अपने मास्टरबेशन वाले सीन के चलते किसी फूल की तस्वीर भी पोस्ट नहीं कर सकतीं। + +इससे पहले, ईटाइम्स से बात करते हुए कि सकारात्मक मानसिकता के साथ हर रोज ट्रोल से निपटना और सामाजिक कारणों से लड़ना कितना मुश्किल है, स्वरा ने कहा था, “यह वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि मेरे लिए दिन कैसा है। अगर मेरा दिन अच्छा चल रहा है, तो मुझे वास्तव में परवाह नहीं है। अगर मैं लो फील कर रही हूं, तो मैं उन्हें सुना देती हूं। कुछ दिन आप उनसे बेहतर तरीके से निपटते हैं, कुछ दिन आप बस नहीं कर सकते। लेकिन मैंने उनसे निपटना सीख लिया है। मुझे लगता है कि मैंने उनके प्रति एक मोटी त्वचा विकसित कर ली है। मैं हमेशा हास्य और बुद्धि का उपयोग करने की कोशिश करता हूं क्योंकि मुझे पता है कि मैं अकेली इंसान नहीं हूं जो इसका सामना कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..352f5c4c7f529533193380bc97bac31c7ec1ec23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैश्विक कूटनीति के लिहाज से भी खास।मालूम हो कि साल 2015 के पेरिस समझौते ने दुनिया के कई देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक महत्‍वपूर्ण रूपरेखा मुहैया कराई थी। वहीं छह साल बाद ग्लासगो में हुआ यह सम्मेलन वैश्विक कूटनीति के लिए भी बेहद महत्‍वपूर्ण था। पेरिस जलवायु समझौते में ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का लक्ष्य तय किया गया था लेकिन काप-26 में कार्बन उत्सर्जन में कटौती की नई प्रतिबद्धताओं का संकल्‍प जताया गया है। सम्‍मेलन से इतर देशों के बीच द्विपक्षीय वर्ताएं भी हुईं... ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..885d07ed3685067e6e3a552c387354188eaf2551 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65041.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धीमी ही सही शुरुआत तो है।माना जा रहा था कि ग्लासगो में जब विश्व के देशों के राष्ट्राध्यक्ष, नेता और फिर उनके प्रतिनिधि के तौर मंत्री व अधिकारी बैठेंगे तो कुछ 'कंक्रीट' हल निकलेगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ, लेकिन फिर भी यह कहा जा सकता है कि कांफ्रेंस बिना किसी परिणाम के समाप्त नहीं हुई। अपेक्षा से कम, लेकिन धीमी शुरुआत का संकल्प काप26 में ले लिया गया है। लीड्स विश्वविद्यालय व युनिवर्सिटी कालेज लंदन (यूसीएल) में ग्लोबल चेंज साइंस के प्रोफेसर सिमोन लुइस और यूसीएल अर्थ सिस्टम साइंस के प्रोफेसर मार्क मैसलिन का कहना है कि ग्लासगो एक निर्णायक फैसले वाली कांफ्रेस तो नहीं रही लेकिन आगे बढ़ने का साफ रास्ता जरूर दिखाती है। मेजबान के तौर पर यूनाइटेड किंगडम ग्लोबल वार्मिग को 1.5 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े पर रोक लेने का एजेंडा जीवित रखना चाहती थी, लेकिन काप26 के अंतिम दिन हुए समझौते से साफ है कि फिलहाल 1.5 डिग्री वाली बात मुख्य एजेंडा नहीं है। ग्लासगो में जिस तरह से देशों ने उत्सर्जन में कमी की बातें की, उससे साफ है कि ग्लोबल वार्मिग को सीमित रखने का आंकड़ा 1.5 नहीं 2.4 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। पेरिस में ग्लोबल वार्मिग को 1.5 डिग्री सेल्यिस पर सीमित रखने का समझौता हुआ था। पेरिस में कहा गया था कि विश्व को रहने लायक बना रहने के लिए धरती का तापमान दो डिग्री से अधिक नहीं बढ़ने देना चाहिए। + +धनी देश अब भी गैर जिम्मेदार।काप26 में एक चीज में बदलाव नहीं आया और वह है विश्व के धनी देशों का गैर जिम्मेदार रवैया। विकासशील देश जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र के जल स्तर में परिवर्तन और चक्रवात से होने वाले नुकसान की भरपाई की मांग करते रहे हैं, लेकिन धनी देशों ने उनकी उपेक्षा ही की है। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की अगुआई में विकसित देशों ने इस प्रकार के नुकसान की जिम्मेदारी लेने से इन्कार करते हुए 'ग्लासगो हानि एवं क्षति सुविधा' बनाने के नए विचार को वीटो करते हुए खारिज कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65042.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65042.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2315302e4f803c9bd3b088b288a2ddc9eef80ef0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65042.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंद्रयान-1 इसरो के चंद्रमा मिशन का पहला यान ।गौरतलब है कि चंद्रयान-1 इसरो के चंद्रमा मिशन का पहला यान था। चंद्रयान-1 को चांद तक पहुंचने में पांच दिन और उसका चक्कर लगाने के लिए कक्षा में स्थापित होने में 15 दिन लग गए थे। एमआइपी की कल्पना पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने की थी। उनके सुझाव पर ही इसरो के वैज्ञानिकों ने एमआइपी को बनाया था। पूर्व राष्‍ट्रपति चाहते थे कि भारतीय वैज्ञानिक चांद के एक हिस्से पर अपना निशान छोड़ें और इसरो के भारतीय वैज्ञानिकों ने उन्हें निराश नहीं किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65043.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5aecb698287c1b52c50287ca9fcd99720ca4e68c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65043.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ओडिशा की थीं ​पत्नी। शहीद विप्लव की पत्नी अनुजा ओडिशा की रहने वाली थी। 37 वर्षीय अनुजा भी हमले के समय उनके साथ थीं। उग्रवादियों ने उनके काफिले पर तब घात लगाकर हमला किया, जब कर्नल रोजाना की तरह चेक पोस्ट का निरीक्षण करने निकले हुए थे। यह उनके रूटीन क हिस्सा था, लेकिन शनिवार को पत्नी और बेटा भी उनके साथ थे। + +​बेटे के साथ दिवाली मनाकर लौटे थे माता-पिता। कर्नल विप्लव के पिता और मां छह दिन पहले ही रायगढ़ वापस लौटे हैं। इससे पहले तीन महीने तक वे मणिपुर में अपने बेटे-बहू के साथ थे। सबने साथ दिवाली मनाई। इसके बाद माता-पिता रायगढ़ लौट कर आए थे। शहीद कर्नल के छोटे भाई अनय त्रिपाठी फिलहाल रायगढ़ में थे। सुबह पूरा परिवार नाश्ता कर रहा था, जब उन्हें विप्लव की मौत की पहली बर खबर मिली। इसके बाद से मात-पिता के आंसू नहीं रुक रहे। उनका परिवार शहर के प्रतिष्ठित परिवारों में शमिल है। जिसे पता चला, वह यह खबर सुनकर स्तब्ध रह गया। शनिवार दिन भर शोक जताने आने वालों का घर में तांता लगा रहा, लेकिन मां-बाप उनसे बात करने की हालत में भी नहीं थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88032652ee99b52cb22017deb025b5537f8ebbbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65045.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ग्लासगो, एजेंसी। जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों पर विचार करने और उससे निपटने के लिए एक साझा रणनीति तैयार करने के लिए इस साल ग्लासगो में जुटे दुनिया भर के देश अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाए। बैठक की समय सीमा बीत जाने के बाद भी विचार मंथन चल रहा है। उम्मीद है कुछ घंटों की माथापच्ची के बाद वार्ताकार ऐसे किसी प्रस्ताव पर सहमत हो सकते हैं, जिसे ग्लोबल वार्मिग से निपटने के लिए प्रयासों को बढ़ावा देने को विश्वसनीय कहा जा सके। + +हालांकि, भारतीय प्रतिनिधि व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने समझौता मसौदे की भाषा में संतुलन की कमी बताते हुए आशंका जताई कि यह सहमति 'छलावा' साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि देशों से कोयला और जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को लेकर मसौदे में जो भाषा इस्तेमाल की गई वह उचित नहीं है। उन्होंने काप 26 की अध्यक्षता कर ब्रिटिश प्रतिनिधि आलोक शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अध्यक्ष महोदय आपके अथक प्रयासों के बावजूद अगर कोई सहमति बनती भी है तो मुझे डर है कि कहीं वह छलावा साबित न हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..373c6482133ecd5e58d68e07542f4e2783c6ddae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला प्रशासन होगा जिम्‍मेदार।डीएस डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. हेमप्रकाश ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अधीन छात्रों का डेटाबेस राज्य विश्वविद्यालयों के पास है इसलिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिए गए हैं। विशेष सचिव मनोज कुमार ने निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय अपने से संबद्ध महाविद्यालयों के पंजीकृत छात्र-छात्राओं की सूचना निर्धारित प्रारूप पर तैयार करके जिलाधिकारियों को भेजेंगे। जिलाधिकारी उसका सत्यापन कराकर टैबलेट और स्मार्टफोन बांटने की प्रक्रिया औद्योगिक विकास विभाग की ओर से आदेश के तहत जिलास्तर पर करेंगे। जिला प्रशासन वितरण में पारदर्शिता व लाभार्थी की प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार होगा। पहले चरण में स्नातक द्वितीय, तृतीय व परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को टैबलेट और स्मार्ट फोन दिया जाएगा। स्नातक व परास्नातक में पहले साल प्रवेश लेने वालों की सूचना विश्वविद्यालय तैयार करेंगे। बाद में वह भेजी जाएगी। योजना के क्रियान्वयन के लिए उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमित भारद्वाज को उच्च शिक्षा विभाग की ओर से और राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से कुलसचिवों को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6d1b4ba57d40ae7e1a544770f4006eb4100ddbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6505.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। यह हफ़्ता अमिताभ बच्चन के लिए काफ़ी अहम है। सोमवार रात से उनका लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति सीज़न 13 (KBC 13) शुरू हो रहा है, वहीं 27 अगस्त को उनकी फ़िल्म चेहरे सिनेमाघरों में रिलीज़ की जा रही है। रिलीज़ से चार दिन पहले फ़िल्म के टाइटल ट्रैक का वीडियो जारी किया गया है, जिसमें अमिताभ बच्चन अपने ख़ास अंदाज़ में एक कविता कहते नज़र आ रहे हैं। इस टाइटल ट्रैक की ख़ास बात यह है कि इसके लिए संगीत निर्माता विशाल-शेखर ने प्राग के 107 संगीतकारों का इस्तेमाल किया है। ।कुछ महीनों पहले मेकर्स ने प्राग फिलहार्मोनिक ऑर्केस्ट्रा की एक छोटी-सी झलक दिखायी थी। मेकर्स ने एक स्टेटमेंट में बताया कि चेहरे एक थ्रिलर फ़िल्म है, जिसके लिए एक ऐसे संगीत की ज़रूरत थी, जो इसके मिज़ाज के हिसाब से हो। इसीलिए विशाल और शेखर ने इसमें अमिताभ बच्चन की आवाज़ में एक कविता का इस्तेमाल किया है। + +निर्देशक रूमी जाफरी ने विशाल-शेखर के साथ काम करने को लेकर कहा- संगीत के बिना फ़िल्म का कोई मतलब नहीं होता। अगर हम इतिहास देखें तो जब फ़िल्मों में संवाद नहीं होते थे, तब भी संगीत रहता था। मिस्ट्री-थ्रिलर फ़िल्मों में संगीत की अहमियत काफ़ी होती है, जो बोल्ड होने के साथ सटीक होना चाहिए। इसीलिए विशाल-शेखर को यह ज़िम्मेदारी दी गयी। ।T 4007 - Chehre title track : when words speak volumes .. #ChehreTitleTrack out now: https://t.co/KnJET2TCiO।Watch #Chehre in theatres on 27th August. #FaceTheGame@emraanhashmi @anandpandit63 #RumyJafry @kookievgulati @VishalDadlani @ShekharRavjiani pic.twitter.com/4Ajyk18m5H।वहीं, निर्माता आनंद पंडित ने कहा कि विशाल- शेखर ने प्राग के 107 संगीतकारों के साथ मिलकर बेहतरीन टाइटल ट्रैक बनाया है। सिलसिला और अग्निपथ के बाद अमिताभ चेहरे में कविता कहते नज़र आएंगे। अमिताभ बच्चन का फैन होने के नाते मैं ख़ुद को ख़ुशक़िस्मत मानता हूं, क्योंकि सभी को यह ख़ुशनसीबी नहीं मिलती। चेहेर का निर्माण आनंद पंडित मोशन पिक्चर्स और सरस्वती एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। फ़िल्म में अमिताभ और इमरान के अलावा अन्नू कपूर, क्रिस्टल डिसूज़ा, धृतिमान चटर्जी, रघुबीर यादव, सिद्धांत कपूर और रिया चक्रवर्ती अहम किरदार निभाते हुए नज़र आएंगे। ।पैनडेमिक की दूसरी लहर के बाद यह दूसरी बड़ी बॉलीवुड फ़िल्म है, जो सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है। इससे पहले 19 अगस्त को अक्षय कुमार की बेलबॉटम थिएटर्स में आ चुकी है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed89dff0cb08a377f8ddae17c68359ca64f9dbe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65050.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। उठो देव, बैठो देव, दूध कटोरा पियो देव, कुंवारों के ब्याह होऐ, ब्याहेन के गौने होएं... की स्तुति के साथ रविवार को देवोत्थान एकादशी पर्व पर घर-घर में सोये हुए देवों को जगाया जाएगा। इसके बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान एकादशी नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं और देवोत्थान एकादशी पर भगवान का शयन काल समाप्त होता है। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु चार माह की निद्रा से जागते हैं। भगवान श्री हरि विष्णु का शयन काल समाप्त होते ही शुभ और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। देवोत्थान एकादशी को लेकर ताजनगरी में कई दिन से तैयारियां चल रही है। + +चमका बाजार,जमकर निकले ग्राहक।कोरोना काल के बादल छंटने के बाद रविवार को देवोत्थान एकादशी दुकानदारों के लिए खुशियां लेकर आ रही है। देवउठनी एकादशी के बाद पूरे सहालग के दौरान जिले में 1300 से ज्यादा जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधने वाले हैं। शनिवार को कारोबार भी 200 करोड़ को पार कर गया है। दुकानदारों को उम्मीद है कि पूरे सहालग मे 700 करोड़ का कारोबार होगा। संजय प्लेस, नमक की मंडी, राजा की मंडी, सिंधी बाजार, रावतपाडा, कमला नगर, सुभाष बाजार, फव्वारा, लुहारगली,लोहामंडी, बेलन गंज, चौबे जी का फाटक, दरेसी बाजार, किनारी बाजार, आवास-विकास रोड, ट्रांस यमुना, एमजी रोड, सदर बाजार, शाह मार्केट के बाजार ग्राहकों से खचाखच भरे रहे। दोपहर से शुरू हुई खरीदारी का सिलसिला देर रात तक बना रहा। आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल का कहना है कि धनतेरस व दीपावली पर अच्छे काराेबार के बाद अब सहालग में करीब 700 करोड़ के कारोबार की उम्मीद हैंं। यूपी वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के समन्वयक मनीष अग्रवाल का कहना है कि दो साल बाद वेडिंग इंडस्ट्री को अच्छा कारोबार मिलने की उम्मीद है। इस सहालग में जिले से वेडिंग इंडस्ट्री का कारोबार करीब 100 करोड़ के आसपास रहने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7a499c36b43485e3f2503e9fb712ef0c0929c41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम घर में अगर एयरप्यूरीफायर लगाते हैं, तो वह बिजली का उपयोग करते हैं। बिजली का उपयोग होने से भी कार्बनडाईआक्साइड निकलती है। ऐसे में जरूरी है कि एयर प्यूरीफायर लगाने से बचें और वातावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दें। प्रदूषण के समय ही पौधों की चिंता न करें। बल्कि अच्छे वातावरण भी होने पर में हम पौधे लगाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6625db2a87f6ae20d7651d135c723afa02d4539 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65056.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। बीएचयू में लंबे समय से कुलपति पद का इंतजार आखिरकार खत्‍म हो गया। प्रो. एस के जैन बीएचयू के कुलपति बनाए गए हैं। इस बाबत राष्ट्रपति भवन से राजाज्ञा जारी होने के बाद से परिसर में रविवार को गहमागहमी शुरू हो गई। माना जा रहा है कि बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद नए कुलपति बीएचयू में पदभार ग्रहण करेंगे। शनिवार को बीएचयू के रजिस्‍ट्रार के नाम मिनिस्‍ट्री आफ एजूकेशन डिपार्टमेंट आफ हायर एजूकेशन की ओर से पत्र जारी कर नए कुलपति के नियुक्ति की सूचना जारी की गई है। प्रोफेसर राकेश भटनागर का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्‍म होने के बाद से ही रेक्‍टर वीके शुक्‍ल के पास कुलपति का कार्यभार था। + +प्रोफेसर सुधीर जैन इस समय आइआइटी गांधीनगर में बतौर प्रोफेसर तैनात हैं। 1979 में रुढ़की से उन्‍होंने बी ई किया था। 1980 में एमएस कैलीफोर्निया इंस्टिट्यूट आफ टेक्‍नॉलॉजी से और वहीं से रिसर्च भी उन्‍होंने किया था। भूकंपीय अध्‍ययन पर उनकी दो किताबें भी काफी चर्चा में रही हैं। इसके अलावा दर्जनों राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मान उनको मिल चुका है। उनको वर्ष 2020 के लिए पद्म श्री सम्‍मान भी मिल चुका है।  ।प्रो. सुधीर जैन गुजरात से भी संबंधित रहे हैं। बीते माह 7-8 अक्टूबर को इस बाबत सभी का साक्षात्कार हुआ था। पद्मश्री प्रो. सुधीर जैन आइआइटी- गांधीनगर और आइआइटी-कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं। प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन आइआइटी- कानपुर में बतौर सिविल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी तैनात रह चुके हैं। इस समय वह आइआइटी-गांधीनगर के तीसरी बार डायरेक्टर रह चुके हैं। बीएचयू के लिए दूसरा मौका है जब कोई पद्म पुरस्कार सम्मानित वैज्ञानिक बीएचयू का कुलपति बन रहा है। इससे पहले जौनपुर के मूल निवासी डीएनए विशेषज्ञ डाक्‍टर लालजी सिंह को बनाया गया था। वह भूकंपीय अध्ययन और स्‍ट्रक्‍चरल डायनामिक्‍स के बड़े विशेषज्ञ भी माने जाते हैं। वहीं एक बड़े वैज्ञानिक के रूप में देश भर में उनकी ख्याति होने की वजह से उनको प्रबल दावेदार माना जा रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65057.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65057.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..753e7c7853f84676e3b4f847aa405b52deb0e94e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65057.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परिवहन विभाग, पर्यावरण विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन, रेलवे, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जिला प्रशासन इत्यादि सभी की अहम भूमिका है, लेकिन हकीकत में इनमें आपस में ही कोई तालमेल नहीं है। इसी का नतीजा है कि जहां-तहां ग्रेप के मानकों का खुला उल्लंघन देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1df5366792704212ac7d51c77906ef03d5915657 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65059.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पानीपत, [रवि धवन]। भारत के सम्‍मान के लिए देश के कालीन निर्यातकों ने बड़ा फैसला किया है। निर्यातकों ने जहां से करोड़ों का कारोबार मिलता है, वहां अपना स्‍टाल लगाने के आफर को  ठुकरा दिया है। यह कदम देश के सम्‍मान के लिए उठाया गया है। कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीइपीसी) ने जर्मनी के हनोवर में जनवरी में लगने वाले डोमोटेक्स-2022 में भाग लेने से इन्कार कर दिया है। + +बार बदल देते हैं हाल, पीछे लगवाते हैं स्टाल, सीइपीसी ने किया बायकाट।दरअसल, हनोवर में जहां टेक्सटाइल फेयर लगता है, वहां सीइपीसी की ओर से पूरा हाल बुक कर लिया जाता है।  पिछले कुछ वर्षों में देखा गया कि हनोवर में हर बार भारत का हाल बदल दिया जाता रहा। इस बार भी ऐसा ही किया गया। कारपेट कारोरियों ने इसे देश के सम्मान पर चोट कहा है। देशभर से 400 निर्यातक सीइपीसी के माध्यम से जाते हैं। इस फेयर में भदोही, जयपुर, बनारस से भी निर्यातक भाग लेते हैं। वहां से भी बेहद कम निर्यातक शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5351d6a7a6ed572373cd1b84b717cf3e907f45b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर स्तर पर होने लगे प्रयास।महात्मा गांधी के आह्वान पर ‘करो या मरो’ का अभियान चला तो बिहार के गांवों में भी इस अभियान में शामिल होने की होड़ मच गई। तब किसी लाउडस्पीकर की जरूरत नहीं पड़ी, बस जज्बा और उत्साह युवकों को खींचता चला आया। क्रांतिकारी प्रद्युम्न मिश्र को उत्साही नौजवानों पर इसलिए आग बबूला होना पड़ गया कि एक एएसपी को देखते ही वे उसे मारने दौड़ पड़े थे। जैन कालेज के प्रो. सी. बी. त्रिपाठी बताते हैं कि अगस्त क्रांति के साथ चेतना और भड़क उठी। यह भाव लगातार भयानक होता गया। पराकाष्ठा तब हो गई जब आम लोग भी इसमें शामिल हो गए। अंग्रेजी वस्त्रों, सामानों की होली जलाई जाने लगी। अंग्रेजों को पंगु बनाने के लिए जगह-जगह ट्रेन रोको और लूटो अभियान भी चला। 1942 के आंदोलन के दौरान ही युवाओं ने दानापुर के बिहटा में दिल्ली-हावड़ा रूट पर एक मालगाड़ी लूटी तो अंग्रेजी पलटन का सर्च अभियान चला। घर-घर जाकर सैनिकों ने लोगों पर अत्याचार किए। इस दौरान राघोपुर, अमहरा, बिक्रम समेत कई गांवों में सैनिकों ने तबाही मचाई। सैनिक बूटों से महिलाओं की पिटाई करते और युवकों-बूढ़ों पर कोड़े बरसाते। राघोपुर के टीपन मौआर को उनके घर के सामने ही गोली मार दी गई थी। महेश मिश्र, श्याम बाबू, विभू दत्त समेत दर्जनों युवकों को अंग्रेजी पलटन का कहर झेलना पड़ा। क्रांतिकारी युवाओं की गिरफ्तारी रोकने के लिए ग्रामीण पेड़ों को काटकर रास्ता रोक देते। महिलाएं भी अंग्रेजी पलटन के दस्ते पर गोबर और कीचड़ से वार करके खेत-खलिहानों में छिप जाती थीं। इस लड़ाई में अमहरा, कंचनपुर, भरतपुरा आदि गांवों के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..764ec5f29c4e86057bc2d1dd864cbc7de22a4b3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइआइटी मंडी में उच्च क्षमता की चिप फैब्रिकेशन को लेकर 15 व 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला होगी। नीति आयोग इस कार्यशाला पर अपनी पूरी नजर बनाए हुए है। नीति आयोग के सदस्य डा. वीके सारस्वत संगोष्ठी में मुख्य अतिथि होंगे। बनमाली अग्रवाल प्रधान इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस एंड एयरोस्पेस एंड ग्लोबल कारपोरेट अफेयर्स टाटा सन्स व सौरभ गौड संयुक्त सचिव इलेक्ट्रानिक्स भारत सरकार सम्मानित अतिथि होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65065.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c7eff1aa67a5466c6fbd25d7c39dc970c85b467 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65065.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [आरती तिवारी]। सुखदेव थापर की यह अपूर्ण, अप्रेषित चिट्ठी उनके बोस्र्टल जेल से लाहौर सेंट्रल जेल में स्थानांतरण के दौरान प्राप्त हुई थी। मूल चिट्ठी पाकिस्तान सरकार के रिकार्ड में है, लेकिन इसकी फोटोस्टेट प्रतिलिपि राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध है...।7 अक्टूबर, 1930।बिरादरमन,।देर से कुछ भावनाएं हृदय में उठ रही थीं, जिनको कुछ कारणवश अब तक दबाए हुए था। किंतु अब अधिक नहीं दबा सकता। उनको दबाना उचित भी नहीं समझता। कह नहीं सकता मेरे इस प्रकार भाव प्रकट करने को आप अच्छा समझें या बुरा, लेकिन मैं तो वही कर रहा हूं जो मुझे उचित मालूम दे रहा है। इससे यह लाभ होगा कि मेरे विचार भी कुछ स्पष्ट हो जाएंगे और मुझे इस बात की तसल्ली हो जाएगी कि जेल की चहारदीवारी ने मुझे मेरे ठीक-ठाक जज कर सकने की शक्ति से वंचित नहीं किया और प्रैक्टिकल लाइफ के फील्ड से अलग हो जाने पर मैं आलसी या निष्क्रिय नहीं हो गया हूं। + +जब से हम लोग जेल में आए हैं, बाहर का वातावरण बहुत गर्म हो रहा है। पत्रों द्वारा पता चलता है कि करीब हर प्रदेश में, खासकर पंजाब और बंगाल में तो हद ही हो गई है। बम द्वारा इतने एक्शन हमारे इतिहास में शायद ही कभी हुए होंगे। इन्हीं के बारे में ही मैं यहां कुछ कहना चाहता हूं। एक्शन के संबंध में हमारी पालिसी क्या थी, आपके सम्मुख रखूंगा। इसके पश्चात एक्शन के संबंध में विचार कहूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c8434845535cc9ee4143fb6a62b9b60a95bc37b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केस तीन : गोंडा के साकेत स्वरूप रस्तोगी को चार साल पहले हाई शुगर की परेशानी सामने आई थी। इसके बाद से ही उन्होंने दिनचर्या में बदलाव शुरू किया। अपनी दिनचर्या में उन्होंने योग, प्राणायाम, साइक्लि‍ंग और हरी सब्जियों को शामिल किया। इसके फलस्वरूप 90 किलोग्राम के वजन के बाद अब उनका वजन 72 किलोग्राम पर आ गया है। वह कहते हैं कि पहले उन्हें तीन से चार दवाइयां खानी पड़ती थी लेकिन दिनचर्या में बदलाव की वजह से अब यह घटकर एक दवाई पर आ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75a813936aa4dfed46d62099e2cd530d5c0cc474 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किताबघर : तीन रामकथाओं का समावेशी पाठ।दशरथ-नंदन श्रीराम।चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य।अनुवाद: लक्ष्मी देवदास गांधी।धर्म/संस्कृति।पुनर्प्रकाशित संस्करण, 2019।सस्ता साहित्य मंडल प्रकाशन, नई दिल्ली।मूल्य: 150 रुपए।कानपुर, यतींद्र मिश्र। भारतीय संस्कृति को समझने के दो आधारभूत ग्रंथ रामायण और महाभारत की मीमांसा, टीका और अन्वेषण का काम शताब्दियों से होता रहा है। यह अपने आपमें हमारी बहुलतावादी संस्कृति का सबसे उल्लेखनीय पहलू है कि हम रामकथा के माध्यम से विभिन्न भारतीय भाषाओं में वाल्मीकिकृत रामायण और तुलसीदास की श्रीरामचरितमानस की व्याख्याओं को समय-समय पर अनेक दृष्टियों से समृद्ध होता हुआ देखते हैं। भारतीय स्वाधीनता के हीरक जयंती वर्ष में चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य की ‘दशरथ-नंदन श्रीराम’ का पारायण भी एक महत्वपूर्ण वैचारिक आयोजन है, जिसके बहाने हम बीसवीं शताब्दी में लिखी गई कुछ महत्वपूर्ण व प्रामाणिक टीकाओं में इस कृति को भी वरीयता देते हैं। यह अपने आपमें एक सुखद बात है कि चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य की इस अभिनव टीका को पढ़ते हुए अनायास करपात्री जी महाराज की ‘रामायण मीमांसा’, करुणासिंधु जी की ‘रामानंद लहरी’ और डा. पांडुरंग राव की ‘रामकथा नवनीत’ की सुध आती है। राजगोपालाचार्य ने वैसे तो महर्षि वाल्मीकि की रामायण को ही इस मीमांसा का आधार बनाया है, परंतु ध्यान से पढ़ने पर यह ग्रंथ वाल्मीकि की रचना के अलावा तुलसीदास और कंबन कृत रामायण के अध्ययन का सार भी लगती है। अनेक घटनाओं के वर्णन और इन तीनों रामकथाओं के तुलनात्मक विवेचन के माध्यम से आकार लेती हुई ‘दशरथ-नंदन श्रीराम’ एक आत्मीय पाठ है, जो सरल शब्दावली में रामायण को उसी तरह कहानी के समान व्यक्त करती है, जिस तरह आधुनिक समय में अमृतलाल नागर ने महाभारत का सरलीकरण करते हुए ‘महाभारत कथा’ लिखी थी। मूल रूप से तमिल में लिखी गई इस कृति का अनुवाद लक्ष्मी देवदास गांधी ने किया है, जिनकी भाषा को पढ़कर आश्चर्य होता है कि इतनी सरल भाषा में रामकथा, तमिल से होकर्र ंहदी में सुलभ हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a07e91b3f8a8f145388e168ab2f5430491451aaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6507.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिया चक्रवर्ती पिछले साल दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौते के मामले को लेकर काफी चर्चा में थीं। इस घटना के बाद अब अभिनेत्री को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। वहीं रिया अब खुद लाइम लाइट से दूर रखती हैं। ऐसे में आनंद पंडित ने बताया है कि चेहरे के पोस्टर से लेकर प्रमोशन तक रिया चक्रवर्ती को क्यों दूर रखा गया है। आनंद पंडित ने अंग्रेजी वेबसाइट जूम डिजिटल से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने फिल्म चेहरे और रिया चक्रवर्ती को लेकर ढेर सारी बातें कीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14a550760a39bbfd5da11ff5d727074d1508a58f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2- प्रो. पंत ने कहा कि चिनफ‍िंग के सत्‍ता में आने के बाद चीन का नया सीमा कानून जोर पकड़ेगा। चीन का यह नया कानून ऐसे वक्‍त आया है जब चीन का भारत के साथ पूर्वी लद्दाख और पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में लंबे समय से विवाद चल रहा है। खास बात यह है कि चीन का यह नया सीमा कानून अगले साल जनवरी में लागू होगा। चीन की आक्रामकतावादी नीति के कारण यह कानून भी शक की न‍िगाह से देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन की सीमा से लगने वाले देशों के लिए यह कानून अहम हो सकता है। इस सीमा कानून से भारत भी चिंतित है। भारत को यह चिंता सता रही होगी कि चीन वास्‍तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर यथास्थिति बदलने के कदम को सही ठहराने के लिए लैंड बाउंड्री कानून का प्रयोग कहीं न करे। यही कारण है कि भारत ने चीन के इस कानून की कड़ी निंदा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4dd47339b4bff408a74ff1f5877afc1e119896a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65071.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दिलीप सिन्हा, गिरिडीह। पूरी दुनिया आज सांसारिक मोह-माया एवं ग्लैमर के चकाचौंध के पीछे भाग रही है वहीं हर तरह से परिपूर्ण कुछ युवा ऐसे भी हैं जो इन भौतिक सुखों को छोड़कर संन्यास के रास्ते पर निकल रहे हैं। यह सुनने बहुत आश्चर्यचकित करता है लेकिन सच है। ऐसे ही युवकों में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के ब्रजपुर निवासी व हीरा व्यवसायी 46 वर्षीय ब्रजेश, दिल्ली के रहने वाले 27 वर्षीय आइआइटीयन अविरल, मध्य प्रदेश इंदौर के रहने वाले और सरकारी अधिकारी के पुत्र 19 वर्षीय स्वातम, बड़े किसान परिवार के भोपाल के 36 वर्षीय संजय एवं मध्य प्रदेश के ही भिंड के 25 वर्षीय स्नातक अंकुश शामिल हैं। यह पांचों युवक सांसारिक मोह-माया त्यागकर संन्यास ग्रहण कर दिग्बंर जैन सन्यासी बनने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। ।रविवार को दीक्षा समारोह ।पांचों को रविवार को यहां दुनिया के सबसे बड़े जैन तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन में आयोजित जैनेश्वरी मुनि दीक्षा समारोह में जैन मुनि की दीक्षा दी जाएगी। यह दीक्षा उन्हें इनके गुरू प्रसिद्ध जैन संत आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज देंगे। विशुद्ध सागरजी महाराज से प्रभावित होकर ही पांचों ने जैन मुनि बनकर मोक्ष प्राप्ति का रास्ता चुना है। सांसारिक जीवन त्यागकर साधु बनने के गवाह पांचों के स्वजन भी बनेंगे। सभी के स्वजन मधुबन पहुंच चुके हैं। दीक्षा देने के पूर्व इनके मांगलिक कार्य गोद भराई हो चुकी है। + +मध्य प्रदेश के इंदाैर निवासी स्वात्तम।विशुद्ध सागरजी महाराज से मिलकर चुना संन्यास का मार्ग।अविरल ने वर्ष 2015 में आइटीआइ वाराणासी से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई पूरी की थी। पास करने के बाद वर्ष 2015 में ही उसने बंगलुरू में गोल्ड मेन एसएसीएचएस कंपनी में बंगलुरू में नौकरी ज्वाइन की। 40 लाख रुपये सालाना पैकेज थी। जीवन शानदार चल रहा था। न्यूयार्क समेत विदेशों का भी भ्रमण किया था। फुटबाल खेलना और बाइक चलाना उन्हें पसंद था। इसी दौरान वर्ष 2018 में बंगलुरू में आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज का उन्होंने दर्शन किया। वहां आदित्य सागरजी महाराज का चातुर्मास चल रहा था। अविरल ने दैनिक जागरण को बताया कि विशुद्ध सागरजी महाराज का दर्शन करते ही उन्होंने तय कर लिया कि अब संसार की दौड़ में अपना जीवन खराब नहीं करना है। साधु बनना है। इस फैसले का पहले घर वालों ने विरोध किया। समझाने की कोशिश की कि घर पर रहकर ही साधु का जीवन जीओ। ब्रम्हचर्य का पालन करो। ।जीवन का यही सही रास्ता।अविरल ने घर वालों को समझाया कि जीवन का सही रास्ता यही है जो वह चुन रहा है। इसके बाद घर वाले मान गए। दोस्तों ने भी साधु बनने के उसके फैसले का विरोध किया और समझाने की कोशिश की। अविरल उल्टे सभी को समझाने में सफल हो गया। इसके बाद उसने फरवरी 2019 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और विशुद्ध सागरजी महाराज के शिष्य बन गए। जैन मुनि बनने की सारी अहर्ता को पूरा करने में उसे करीब ढ़ाई साल लग गए। + +मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के हीरा कारोबारी ब्रजेश।करोड़ों के हीरे का कारोबार भी नहीं रोक सका साधु बनने का रास्ता।मध्य प्रदेश के पन्ना जिला अंतर्गत ब्रजपुर निवासी बालचंद्र जी जैन का हीरों का कारोबार है। वर्ष 90 से बालचंद्रजी का परिवार आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज के संपर्क में है। बालचंद्रजी के हीरे का कारोबार उनके साथ उनके पुत्र ब्रजेश संभाल रहे थे। विशुद्ध सागरजी महाराज के सानिध्य में रहने का असर ब्रजेश पर पड़ा। धन-दौलत का आकर्षण उसे साधु बनने से रोक नहीं सका। उसने ब्रम्हचर्य का पालन किया। विवाह नहीं किया। एक दिन उसने साधु बनने के अपने फैसले की जानकारी अपने घर वालों को दी। सभी ने उसके फैसले का सम्मान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84ffcf040997f62af57a04bd517bd1b1fe778dc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65078.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पंकज शर्मा, अमृतसर। श्री गुरु नानक देव जी के 552वें प्रकाश पर्व पर इस बार अलग-अलग सिख संगठनों के माध्यम से पाकिस्तान सरकार ने 3000 श्रद्धालुओं को वीजा दिया है। वहीं सिख जत्थों के साथ जाने वाले हिंदू श्रद्धालुओं के नाम लगातार वीजा लेने वालों की सूची से काटे जा रहे हैं। इसको लेकर हिंदू संगठनों में पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ रोष है। हिंदू संगठनों की मांग है कि पाकिस्तान स्थित हिंदू धार्मिक स्थानों के दर्शन के लिए हिंदू श्रद्धालुओं को अधिक वीजा दिए जाएं। जिस तरह 3000 सिख श्रद्धालुओं को वीजा दिए जाते हैं, उसी तरह 3000 हिंदू तीर्थ यात्रियों को भी वीजा मिलना चाहिए। भारत सरकार को इस संबंध में पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। इस बार भी अलग-अलग सिख जत्थों के साथ पाकिस्तान जाने के इच्छुक 600 हिंदू श्रद्धालुओं के नाम पाकिस्तान दूतावास ने काट दिए हैं। पिछले तीन वर्षों से हिंदुओं का कोई भी जत्था कटासराज नहीं गया है। + +पाकिस्तान देता है 200 हिंदुओं को कटासराज दर्शन की अनुमति।पाकिस्तान सरकार 200 हिंदू श्रद्धालुओं को भगवान कटासराज मंदिर के दर्शन करने की इजाजत देती है। परंतु आज तक कभी भी पाकिस्तान सरकार ने 200 हिंदू श्रद्धालुओं को वीजा नहीं दिया। वहीं, हिंदू श्रद्धालुओं को कटासराज मंदिर के अलावा अन्य किसी मंदिर में माथा टेकने व दर्शन करने की इजाजत नहीं होती है जबकि पाकिस्तान में कई प्राचीन हिंदू मंदिर हैं। इनमें हिंगलाज माता मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, वरूण देव मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, कालका देवी सुरंग मंदिर, गोरखनाथ मंदिर, राम मंदिर, भगवान विष्णु मंदिर आदि शामिल हैं। ।अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा कहते हैं कि वे भारत सरकार को एक फाइल तैयार करके भेज रहे हैं। पाकिस्तान सरकार से बातचीत करके स्वीकृति ली जाए कि भारत से 3000 हजार हिंदुओं को धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए वीजा मिले। हिंदू महासभा इन जत्थों के लिए व्यवस्था करने को तैयार है। पाकिस्तान में जितने भी हिंदू मंदिरों पर गैरकानूनी कब्जे किए गए हैं, उन सभी मुक्त करवाया जाए। + +श्री दुर्ग्याणा तीर्थ मंदिर, अमृतसर, के अध्यक्ष एडवोकेट रमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान ने कटासराज दर्शन के लिए कभी भी 200 श्रद्धालुओं को वीजा नहीं दिया। पंजाब में आतंकवाद के दौर के बाद तो पाकिस्तान सरकार की नीतियां बिलकुल बदल गई हैं। पिछले तीन वर्ष से कोई जत्था कटासराज नहीं गया। हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के कुछ हिंदू संगठनों के माध्यम से जत्था पाकिस्तान जाता था। परंतु कटासराज के अलावा अन्य किसी अन्य मंदिर में दर्शनों की अनुमित नहीं होती थी। पाकिस्तान दूतावास हमेशा से ही हिंदू यात्रियों के साथ भेदभाव करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77fe7d7fdf0dd5fd82ac809448bbc6894f72b0a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंद्रहवें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अपनी सिफारिश में स्थानीय निकायों को कुल 4.27 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान जारी करने को कहा है। आयोग की सिफारिशों में अकेले स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के लिए 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान किया गया है। इस पूरी धनराशि में से ग्रामीण स्थानीय निकायों की हिस्सेदारी लगभग 44 हजार करोड़ रुपये और शहरी निकायों की 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f369d689780bbaf177e8cf51a79dd5089bd24139 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमरिंदर सिंह नतमस्तक नहीं हुए और उन्होंने खुली बगावत कर दी। भाजपा से संपर्क साधा और अब अपनी नई पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ बना ली है। इससे वह कांग्रेस का ही वोट काटेंगे। इधर हिंदू कांग्रेस से पहले से ही नाराज बैठे हैं, क्योंकि सुनील जाखड़ को अध्यक्ष पद से हटाया गया और दो बड़े पदों में से एक भी हिंदुओं की झोली में नहीं आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e668e51b3909c6beb7882585980f94dcb8fe7327 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65081.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण स्पेशल। एक दिन पहले कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी पर शहरों और गांवों में लोगों को आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर पूजन करते और भोजन करते जरूर देखा होगा। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आवंला मनुष्य के जीवन में किस तरह खास जगह रखता है। पूजनीय होने के साथ आंवला गुणों की खान है और शरीर को स्वास्थ रखने के लिए बेहद फायदेमंद भी है। इस लेख में पढ़िए कि किस तरह आवंला वैज्ञानिक, धार्मिक और स्वास्थ्य के लिए अहम है...। + +निरोगी काया रखने में है अहम।आयुर्वेद में शरीर को कफ, वात और पित्त तीन रोगों का ग्रसित माना जाता है। आंवला ही अकेला ऐसा फल है, जो इन तीनों रोगों के इलाज में बेहद फायदेमंद है। आंवला सेवन से हृदय को मजबूती मिलती है तो त्वचा के लिए खास गुणकारी होता है। आंवले में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं और हड्डियों के लिए बेहद लाभप्रद माना जाता है। मोटापा दूर करने के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मददगार होता है। इसके अलावा पेट के रोग दूर करने के साथ ही सर्दी-जुकाम होने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। आइए जानते हैं कि आंवला किस तरह से फायदेमंद है...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65083.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65083.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12c58179f4412410a4b0102b1f7fdd876b84369f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65083.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इन तस्वीरों में रोवर को अपने भारी-भरकम उपकरणों के साथ मंगल ग्रह की एक चट्टान की सतह को काटते हुए दिखाया गया है। दूसरी फोटो में चट्टान की सतह में बना हुआ एक गोलाकार निशान दिखाई देता है। उसके चारों और सफेद धूल कण बिखरी हुई है। इसके बाद रोवर निशान को करीब से देखता है जिसमें धूल रेत की तरह दिखाई देती है। चौथी फोटो में चट्टान के नीचे की सतह दिखाई देती है जिसकी बनावट चट्टान की बाहरी सतह से अलग दिखती है। इस फोटो पर कई यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई यूजर्स ने बताया कि चौथी तस्वीर, जिसमें चट्टान की आंतरिक संरचना नजर आ रही है, के ऊपरी हिस्से में एक अजीब सफेद त्रिकोणीय धब्बा है। सफेद धब्बा त्रिभुज के आकार है और बाकी सतह से बिल्कुल अलग दिखाई दे रहा है। + +रोवर का एक मकसद मंगल ग्रह पर कम वजन वाले एक हेलिकाप्‍टर को भी उड़ाना है। यही वजह है पर्सिवियरेंस अपने साथ एक छोटा सा हेलिकाप्‍टर लेकर गया है। यह किसी अन्‍य ग्रह पर इस तरह की पहली उड़ान होगी। बता दें कि 1970 के बाद अमेरिकी नासा का यह पहला मिशन है, जो मंगल ग्रह पर जीवन के निशान तलाशने के लक्ष्‍य से भेजा गया है। पर्सिवियरेंस रोवर नासा द्वारा मंगल ग्रह की सतह पर उतारा गया अब तक का सबसे तेज रोवर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bdab32ec4c34f11caa971b59e6ad33db9fd39a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65084.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वह कहती हैं कि बांग्लादेश का जन्म बांग्ला भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए हुआ था। वह उद्देश्य असफल होता नजर आ रहा है। इन घटनाओं के लिए कहीं न कहीं बांग्लादेश की सभी सरकारें ही जिम्मेदार हैं। चूंकि हर सरकार ने धर्म को हथियार बनाकर सत्ता तक पहुंचने का रास्ता चुना। कट्टरपंथी ताकतें सरकारों की इसी मजबूरी का फायदा उठाती आ रही हैं। यही वजह है कि जब बांग्लादेश के विकास के लिए अभियांत्रिकी, मेडिकल और प्रबंधन कालेज की जरूरत है, तब हां बड़ी संख्या में मदरसे खुलते जा रहे हैं। जेहाद के नाम पर युवा पीढ़ी को धर्मांधता की ओर धकेला जा रहा है। + +धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर आमीर उल इस्लाम। सौ. स्वयं।हमारे देश की छवि धूमिल हो रही: बांग्लादेश में इस तरह की हमलों की घटनाएं चिंताजनक है। छोटी-छोटी घटनाएं बड़ा रूप ले रही हैं। बांग्लादेश का बड़ा प्रगतिशील मुस्लिम वर्ग इसके खिलाफ है। वे इसकी लगातार निंदा कर रहे हैं और इसके खिलाफ आवाज भी उठा रहे हैं। यह कहना है बांग्लादेश के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्य व भारत-बांग्ला मैत्री समिति के सभापति बैरिस्टर आमीर उल इस्लाम का। उन्होंने बांग्लादेश की आजादी के घोषणा पत्र (1971) का मसौदा भी तैयार किया था। पेशे से वकील आमीर उल इस्लाम का मानना है कि सरकार को कमजोर करने के लिए कुछ कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में इस तरह के हालात पैदा कर रही हैं। मुक्ति संग्राम के बाद जब बांग्लादेश का संविधान बना तो हमने धर्म निरपेक्षता को अपनाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b9444a4d9b1fdcb32745f93c41288c91c1dd2b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [सौरव प्रजापति]। Tigri Mela 2021 : अमरोहा के गजरौला में मां गंगा के दो तट गढ़ व तिगरी पर एक बार फिर से अनूठी दुनिया का बसेरा शुरू हो गया है। तिगरी में गंगा किनारे पर लगभग छह वर्ग किमी के दायरे में तंबुओं का शहर बसने लगा है। खेल तमाशे वाले पहुंच गए हैं। रेतीली मिट्टी के साथ मां के आंचल में मौजमस्ती शुरू हो गई है। ऐसी गतिविधियों के साथ यहां पर एक अलग सी अनुभूति का अहसास होता है। यही वजह है कि दूर-दूर से लोग यहां रेती पर बसते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e3b76e68f2f176013563389d940b429f69566e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65088.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, [अमलेंदु त्रिपाठी]। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने राष्ट्रवाद की अलख जगाने के साथ मृदा सुपोषण और प्रकृति पोषण का भी संकल्प लिया है। इसके लिए देश भर में पर्यावरण प्रभाग की गतिविधि बढ़ाई जा रही है। स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद इस अभियान में ली जा रही है। सिर्फ काशी प्रांत में 20 संस्थाएं आरएसएस के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं। इनका लक्ष्य आंवले के पौधों को विस्तारित करना है। इससे प्रकृति का पोषण होने साथ ही मृदा का भी सुपोषण किया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29d7f9a6739d6d3deab59e44b01aa333ad73ed32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। Kalki Mahotsav 2021 : सम्‍भल के कल्कि महोत्सव के चौथे दिन शाम को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया। जहां पर कार्यक्रम को देखने व मौजूद कलाकारों को सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ मौजूद रही। इतना ही नहीं कविता, गजल व शायरी को सुनकर लोग अपने आप को तालियां बजाने से नहीं रोक पाए और इस कारण पूरा पंड़ाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा, जिससे कलाकारों का उत्साह बढ़ रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6509.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0359ca9e9190e71a11971b5b7039c64720ec0bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीडियो में रेड गाउन पहनी लड़की राम गोपाल वर्मा के साथ डांस करती हुई दिखाई दे रही है। वहीं वीडियो के बीच-बीच में राम गोपाल वर्मा उस लड़की के साथ बेसुध तरीके से डांस स्टेप करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद रामगोपाल वर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि वीडियो में दिखने वाला शख्स वह नहीं हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं बालाजी, गणपति, यीशू सहित कई अन्य की कसम खाता हूं, यह मैं नहीं हूं।'।I once again want to clarify that the guy in this video is not me and the Girl in Red is not @inaya_sultana and I swear this on American President JOE BIDEN pic.twitter.com/K8nNera7Rc।इतना ही नहीं राम गोपाल वर्मा ने वीडियो पर कटाक्ष करते हुए अपने अन्य ट्वीट में लिखा, 'मैं एक बार फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस वीडियो में दिख रहा वह शख्स मैं नहीं है। मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की कसम खाता हूं।' वहीं सोशल मीडिया पर राम गोपाल वर्मा की डांस वीडियो पर दी सफाई के बाद उन्हें कई सोशल मीडिया यूजर्स जमकर ट्रोल कर रहे हैं। साथ ही भद्दे कमेंट भी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d00f66184198aaf6f50e52d99f5f4c26faf427c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता ।  जिले के माध्यमिक विद्यालय भी अब आधुनिकता के ट्रैक पर दौड़ पड़े हैं। लाकडाउन के समय में नए सत्र की पढ़ाई विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से कराई जा रही थी। जिन विद्यार्थियों के पास एंड्रायड मोबाइल व इंटरनेट की सुविधा थी वो आनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रहे थे। कोरोना संक्रमण काल की दो लहरों ने अब लगभग हर विद्यार्थी के पास मोबाइल के जरिए पढ़ाई करने का मंत्र दे दिया है। जिन विद्यार्थियों के पास संसाधन व उपकरण उपलब्ध हैं उनकी आनलाइन परीक्षा कराने का ट्रायल भी कराए जाने की योजना अधिकारियों ने बनाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e3fd0a2b37fad402825161273dfe430a764b658 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway TTE Recruitment : उत्तर रेलवे में टीटीई की किल्लत शीघ्र खत्म होने वाली है। उसके बाद जरनल कोच में भी टीटीई उपलब्ध होंगे। उत्तर रेलवे को 13 सौ टीटीई मिलेंगे। इसमें मुरादाबाद मंडल को रिक्त पदों के भरने के अलावा सौ अतिरिक्त टीटीई मिलने की संभावना है। ।रेल प्रशासन मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या में लगातार वृद्धि कर रहा है। त्योहार के सीजन व गर्मी की छुट्टी में स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं। इसके बाद भी लंबे समय से टीटीई के नए पद का सृजन नहीं किया गया है। सेवानिवृत्त होने से लगातार टीटीई की संख्या कम होती जा रही है। इससे लंबी दूरी की ट्रेनों में आठ टीटीई के जगह पर दो या तीन टीटीई तैनात किए जाते हैं। कई स्पेशल ट्रेनें को बिना टीटीई के ही चलाया जाता है। टीटीई नहीं होने से आरएसी बर्थ वाले यात्रियों को पूरी बर्थ नहीं मिल पाती है। ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों के बीमार होने या अन्य समस्या होेने पर मदद के लिए कोई उपलब्ध नहीं होता है। कोरोना संक्रमण के बाद कुछ पैसेंजर ट्रेनों को छोड़कर सभी ट्रेनों के जनरल बोगी में भी आरक्षण टिकट लेकर चलने की व्यवस्था की गई है। रेलवे के आदेश के अनुसार मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल बोगी में टीटीई तैनात क‍िए जाने हैं। मुरादाबाद रेल मंडल में नियमित ट्रेनों को चलाने के लिए टीटीई के 970 स्वीकृत पद हैं। इसमें 610 टीटीई कार्यरत हैं। जबकि स्पेशल ट्रेन चलाने में सौ अतिरिक्त टीटीई की आवश्यकता होती है। यही स्थिति उत्तर रेलवे के सभी रेल मंडल की है। इसके कारण टीटीई को छुट्टी तक नहीं मिल पाती है। पिछले सप्ताह उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल और नरमू के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा व नरमू के अन्य पदाधिकारियों की साथ बैठक हुई थी। इसमें टीटीई की कमी होने के मामले को उठाया गया था। बताया गया था क‍ि कोई घटना होने के बाद टीटीई के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद भी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल बोगी में टीटीई तैनात नहीं क‍िए जाते हैं। बैठक में उत्तर रेलवे महाप्रबंधक ने यूनियन के प्रतिनिधियों को जानकारी दी थी कि उत्तर रेलवे मुख्यालय ने 13 सौ टीटीई की भर्ती करने के लिए रेलवे बोर्ड को पत्र भेजा है। शीघ्र टीटीई की भर्ती होने की संभावना है। सभी रेल मंडल को रिक्त पदों के अलावा सौ-सौ अतिरिक्त टीटीई तैनात क‍िए जाएंगे। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि 360 रिक्त पदों पर टीटीई की भर्ती के मुख्यालय पत्र भेजा है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..454fb479171c749cd47fa0cde6f808e2bb3b7037 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रंग-बिरंगी रोशनी व एलईडी बल्बों से रोशन हुआ मेला : तिगरी मेला रंगी-बिरंगी रोशनी व एलईडी बल्बों की दूधिया रोशनी में जगमग होने लगा है। मेले परिसर में सदर गेट से गंगा द्वार तक पहली बार क्रासिंग लाइटें लगाई गई हैं ताकि सड़कों पर बेहतर प्रकाश रहे। रंगीन व दूधिया रोशनी में मेले की छटा देखते ही बनती है। सदर गेट व गंगा द्वार बनने के बाद तिगरी मेले के जगमग होने का नजारा और भी खूबसूरत होने वाला है, क्योंकि इनमें अभी लाइटें नहीं लगी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fd9ceac33a08cd8b6842c2c1aedd15f5ba90a7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65100.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. अभय सिंह यादव। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के कारण रोजाना हो रही घटनाओं के बीच हरियाणा प्रदेश एक अजीब स्थिति से गुजर रहा है। इस आंदोलन ने जिस रूप में पंजाब की सीमाओं से हरियाणा में प्रवेश किया था, उस स्वरूप की प्रकृति एवं प्रवृत्ति ने आंदोलन को अपने लक्ष्य एवं मर्यादाओं से कहीं दूर धकेल दिया है। बार-बार की हिंसक एवं अप्रिय घटनाओं ने न केवल आंदोलन की प्रतिबद्धता एवं विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है, अपितु प्रदेश की सामाजिक, राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी यह एक गंभीर चुनौती बनकर उभरा है। जिस आंदोलन का आधार किसान हित एवं इससे जुड़ी संवेदनशीलता थी, उस आंदोलन के प्रति आम जनमानस में सहानुभूति की अपेक्षा अब माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं। + +किसी भी आंदोलन की आधारशक्ति जन सहानुभूति होती है जो इसके प्रति लोगों के दिलों में उत्पन्न हुई संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ती है। यह संवेदना और सहानुभूति स्व-अर्जित शक्ति होती है जो जनता के आत्मा को चीरकर बाहर आती है। इसे न तो प्रयत्नपूर्वक पैदा किया जा सकता है और न ही बलपूर्वक दबाया जा सकता है। ‘किसान’ शब्द एक ऐसे व्यापक समाज के स्वरूप की अभिव्यक्ति है जिसका आधार और उपस्थिति राष्ट्रव्यापी है। अत: किसान आंदोलन के प्रति संवेदना एवं जन समर्थन भी उसी अनुरूप अपेक्षित था। परंतु आंदोलन का स्वरूप और उसका अंदाज जिस तरह से नेताओं की व्यक्तिगत आकांक्षाओं, संकुचित सोच एवं उत्तेजित विचारधारा में सिकुड़ कर रह गया, उसने जनसमर्थन को जन चिंता में परिवर्तित कर दिया। आंदोलन के नीतिकारों ने भूल अथवा व्यक्तिगत अहंकारवश अपनी विचारधारा को जनचेतना पर थोपने की कोशिश में निरंतर जन मर्यादाओं का उल्लंघन किया। वह इस बात को भूल गए कि जनचेतना का स्वरूप और इसकी संरचना व्यक्तिगत विचारधारा से भिन्न होती है। अत: आंदोलन के प्रारंभ में जिस जन समर्थन की उम्मीद थी, वह निरंतर दूरियां बनाता चला गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b26a1ec7fb7b373fb7eee738e7aacad99c3ad499 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65101.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। Rampur Pigeons News : नवाबों के शहर रामपुर में कबूतर भी काजू, पिस्ता और बादाम खा रहे हैं। देसी घी और मक्खन लगी रोटी खाकर उड़ान भर रहे हैं। इन दिनों यहां कबूतरों की उड़ान प्रतियोगिताएं चल रहीं हैं, जिसमें कबूतर पूरा दिन आसमान में उड़ रहे हैं। इस प्रतियोगिता में बाइक और कार भी इनाम में दी जाती है। आजादी के बाद नवाबी दौर भले ही नहीं रहा, लेकिन नवाबी शौक आज भी जिंदा हैं। यहां नवाबी दौर से ही कबूतरबाजी का बड़ा शौक रहा है। आज भी यहां ऐसे शौकीनों की कमी नहीं है। कई लोगों के पास पांच-पांच सौ कबूतर हैं। कबूतरों की उड़ान प्रतियोगिता भी कराई जाती है, जिसमें जीतने वाले को इनाम में कार और मोटरसाइकिल मिलती है। अब यहां कबूतरबाजी प्रतियोगिताएं चल रहीं हैं। इसके लिए कबूतरों को तैयार किया जा रहा है। उन्हें काजू, बादाम और पिस्ता के साथ ही देसी घी और मक्खन की रोटी खिलाई जा रही है। उड़ान भरने वाले कबूतरों को मछली के कैपसूल भी खिलाए जा रहे हैं। प्रतियोगिता को सऊदी अरब, दुबई और बहरीन आदि देशों में भी लोग इंटरनेट मीडिया के जरिये देखेंगे। + +रामपुर में 14 पीजन फ्लाइंग क्लब भी हैं, जो कबूतरों की उड़ान प्रतियोगिता कराते हैं। पूर्व विधायक अफरोज अली खां के भाई इमरान खां भी कबूतर पालते हैं। बताते हैं कि उनके कबूतर आल यूपी टूर्नामेंट में भी शामिल हुए हैं। उन्होंने 201 कबूतर उड़ाए, जो 535 घंटे उड़े, जबकि उनके मुकाबले विजयी रहे ग्वालियर के वीरेंद्र यादव के कबूतर 612 घंटे आसमान में रहे। यह प्रतियोगिता 20 नवंबर तक चलेगी, जिसमें 28 शहरों के कबूतर शामिल हो रहे हैं। प्रतियोगिता में शामिल कबूतर सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक उड़ाए जाते हैं। इनमें जो कबूतर छह घंटे से पहले बैठ जाता है, वह आउट हो जाता है। अगर कोई कबूतर 12 घंटे बाद बैठता है तो वह भी आउट माना जाता है। जो कबूतर नियम के मुताबिक उड़ान भरते हैं, उन सबके घंटे जोड़ लिए जाते हैं। इसी से नतीजा सामने आता है। कबूतरों की पहचान के लिए उनके पंख पर मुहर भी लगाई जाती है। जिस स्थान पर कबूतर उड़ाए जाते हैं, वहीं निर्णायक मंडल के लोग पहुंचते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..edf7d0863bad09d9e64af4e0440cfebd1084d292 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, राजेश मिश्रा। ये हैं श्री के के गौतम। मूल रूप से मथुरा के बलदेव क्षेत्र के निवासी हैं। वर्तमान में रहते हैं आगरा के शास्‍त्रीपुरम में। गुरुवार की रात करीब 11 बजे कारगिल चौराहे ( सिकंदरा-बोदला रोड) पर किसी वाहन के इंतजार में खडे थे। मैं आफ‍‍िस से लौट रहा था। अनजान से इन्‍हीं शख्‍स ने मदद का इशारा किया तो मैं रुक गया। मेरे पास स्‍कूटी थी। सर जी, कहां तक जाओगे। मैंने पलटकर पूछा- आपको कहां जाना है।जवाब दिया- शास्‍त्रीपुरम। मैंने कहा कि मैं अगले मोड से ही मुड जाऊंगा। वे बोले- सर जी, बहुत देर से परेशान हूं, कोई आटो नहीं आया। ठीक है वहां तक ही छोड दो। मैंने ये सोचकर उन्‍हें स्‍कूटी पर बैठाकर एक्‍सीलेटर घुमा दिया कि अगले मोड पर उतार दूंगा। रास्‍ते में मैंने पूछा-कहां से आए हो, क्‍या करते हो। जवाब सुनकर मैं पशोपेस में आ गया। वो बोले- क्षेत्र बजाजा कमेटी से आ रहा हूं। शव वाहन पर ड्राइवर हूं। मेरे घर के लिए सडक का मोड आने ही वाला था मगर ये सुनते ही मैंने अपने निर्णय का गियर बदल दिया। हाथ की अंगुलियों ने स्‍कूटी के एक्‍सीलेटर को उसी स्थिति में बनाए रखा। पूछा- शास्‍त्रीपुरम में कहां रहते हो, जवाब मिला- बी ब्‍लाक में। मैंने कहा कि मुझे रास्‍ता बताते चलना, मैं तुम्‍हें घर छोड दूंगा। पीछे बैठा शख्‍स गदगद हो गया मगर हिचकने भी लगा- अरे नहीं सर जी, आप रात में कहां परेशान होंगे। यहीं पर छोड दो, मैं पैदल ही चला जाऊंगा। मैंने उनके प्रतिकार को नकार दिया। कहा कि आप शव को मोक्षधाम तक पहुंचाने का पुण्‍य कार्य करते हो तो मैं भी आपको घर तक क्‍यों नहीं छोड सकता। कहीं स्‍ट्रीट लाइट तो कहीं अंधेरे में वे रास्‍ता बताते रहे और मैं स्‍कूटी चलाता रहा। आखिर, रात करीब बारह बजे उनके घर पर पहुंच गया। इसके बाद अपने घर पहुंचा। अरे हां, एक बात बताना भूल ही गया। के के गौतम ने रास्‍ते में बताया था कि डयूटी तो आठ बजे तक की है, इसके बाद एक कॉल आ गई तो गाडी लेकर चले गए, लौटते में देर हो गर्ई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64921d04497b41dd4de666b4361995d32e43a350 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छह से अधिक व्यक्ति एक साथ ट्रेन में सफर करना चाहते हैं, तो उसके ल‍िए ग्रुप टिकट लेना होता था। ग्रुप टिकट में यात्र‍ियों की संख्या सौ से अधिक भी हो सकती है। इसके लिए सफर करने वाले यात्रियों के नाम की सूची तैयार कर स्टेशन अधीक्षक को देना पड़ता है, स्टेशन अधीक्षक की स्वीकृति के बाद आरक्षण काउंटर पर बैठा कर्मचारी ग्रुप टिकट बनाता है। ग्रुप टिकट वालों को एक ही बोगी में बर्थ उपलब्ध कराई जाती है। 72 यात्री से अधिक होने पर बगल के कोच में बर्थ दिया जाता है। अक्‍सर पर्यटन, तीर्थ स्थान व बारात जाने वाले लोग ही ग्रुप टिकट बनवाते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण वर्तमान में एक साथ छह लोग आरक्षण टिकट ले सकते हैं। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सभी एक्सप्रेस व मेल ट्रेनें चलनी शुरू हो गईं हैं। लोगों ने तीर्थ स्थल, पर्यटन स्थल पर जाना शुरू दिया है। शादी में बारात भी लोग जाते हैं। ग्रुप टिकट नहीं मिलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेल प्रशासन ने यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए ग्रुप आरक्षण टिकट उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू कर दी है। यह सुविधा प्रमुख रेलवे स्टेशनों के आरक्षण टिकट काउंटर पर उपलब्ध होंगे। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि ग्रुप आरक्षण टिकट मिलना शुरू हो गया है। कुछ स्टेशनों पर ग्रुप टिकट देने में परेशानी हो रही है, उसका शीघ्र समाधान किया जा रहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb20b46a5c32ee0145ef5b4620aac51cc7c90171 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65104.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरसों के तेल मिल में देसी सरसों का प्रयोग।अधिकांश सरसों तेल मिल में देसी सरसों का ही प्रयोग किया जाता है, जबकि पाम आयल, सन फ्लोवर, सोया व अन्य खाद्य तेल का कच्चा माल विभिन्न देशों से आयात किया जाता है। खाद्य तेल की कीमतें आसमा छूने लगी, तो उत्तर प्रदेश में खाद्य तेल पर स्टाक लिमिट लगा दी। इसका व्यापारियों ने प्रदेशभर में विरोध किया। जिला प्रशासन के नेतृत्व में दीपोत्सव से पहले पाम आयल के विभिन्न ब्रांड तैयार करने वाले व्यापारियों के गोदामों में छापा मार कार्रवाई की गई। इस बीच दो नवंबर को केंद्र सरकार ने खाद्य व पाम आयल से 2.5 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी समाप्त किया। प्रदेश सरकार ने उपकृषि हटा दिया। सरकारों की इस कसरत का असर पाम आयल, सन फ्लोवर, सोया, मूंगफली सहित अन्य आयल पर नजर आया। थोक रेट में पांच से 10 रुपये प्रति लीटर तक कम कर दिए गए। टैक्स कम करने के छह दिन बीतने के बाद इन घटी कीमतों का फुटकर बाजार पर असर नहीं दिख रहा है। ब्रांडेड सरसों तेल मिल मालिक नरेंद्र अग्रवाल ने बताया है कि हमने अपने ब्रांड पर पांच से छह रुपये प्रतिलीटर तक दाम कम कर दिए हैं। पहले एक लीटर तेल की बोतल 176 रुपये में डीलर व फ्रंचाइजी को देते थे, अब यह 170 रुपये में मिल रही है। 75 रुपये प्रति टिन के दाम भी कम किए हैं। इसका असर फुटकर पर भी पड़ना चाहिए। वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा का कहना है कि बाजार में ओवर रेटिंग नहीं होने दी जाएगी। अगर थोक बाजार में खाद्य तेल सस्ता बिक रहा है, फुटकर व्यापारी अभी भी महंगा बेच रहे है तो इसकी जांच के लिए टीम गठित कर दी है। मुनाफा खोरी नहीं होने दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d28adce8d601d69bd01edd8274166c6b5d9012b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65105.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। देशभर में दीपावली और छठ पूजा का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार को चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव का समापन हो गया। देश के अन्य राज्यों से बिहार लौटे लोग घर पर त्योहार मनाने के बाद अब काम पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी वापसी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय रेलवे कई विशेष ट्रेनों का संचालन कर रहा है। ये ट्रेनें बिहार के पटना और दानापुर जैसे स्टेशनों से होते हुए दिल्ली, हावड़ा आदि को जाएंगी। आइये देखतें हैं भारतीय रेलवे की इन फेस्टिवल विशेष ट्रेनों की सूची। + +(1.) 01683/01684 पटना-आनंद विहार टर्मिनल गति शक्ति सुपरफास्ट: ।यह ट्रेन 12, 14, 16 और 18 नवंबर को शाम 5:45 बजे पटना से दिल्ली के लिए रवाना होगी और अगले दिन सुबह 9:50 बजे अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। यह ट्रेन वापसी में 13, 15 और 17 नवंबर को रात 11:10 बजे पटना के लिए रवाना होगी और अगले दिन दोपहर 3:45 बजे अपने गंतव्य पर पहुंचेगी। दानापुर, पंडित दीन दयाल जंक्शन, वाराणसी, प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल सहित अन्य स्टेशनों पर यह ट्रेन रुकेगी। + +(3.) 03695/03696 राजगीर-आनंद विहार टर्मिनल फेस्टिवल स्पेशल:। यह ट्रेन 13 और 16 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे प्रस्थान के लिए निर्धारित है, जो अगले दिन सुबह 10:30 बजे आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी। 14 और 17 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे इस ट्रेन की वापसी है। बिहारशरीफ, बख्तियारपुर, पटना, आरा, बक्सर और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन आदि स्टेशनों से लोग यात्रा कर सकेंगे। + +(4.) 03679/03680 राजगीर-आनंद विहार टर्मिनल फेस्टिवल स्पेशल: । यह ट्रेन 12, 15 और 18 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे रवाना होगी, जो अगले दिन सुबह 10:30 बजे दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पर पहुंचेगी। इस ट्रेन की वापसी यात्रा 13, 17 और 19 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे शुरू होगी और अगले दिन सुबह 7 बजे समाप्त होगी। यह ट्रेन बख्तियारपुर, पटना, आरा, बक्सर और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन आदि स्टेशनों से लोग यात्रा कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8241da39986b11453878896b4571de8a6a1c27c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह पहला मामला नहीं हैं, जब एमडीए से लेकर जिला अभिलेखागार से जमीन के नक्शा गायब हुए हैं। अफसरों का कहना है कि इस मामले में राजस्व परिषद को पत्र भेजकर नक्शा मांगा गया है। दिल्ली रोड में लाकड़ी फाजलपुर गांव की जमीन में बड़ी इंडस्ट्री स्थापित हो चुकी है। यहां पर बड़े पैमाने पर ग्राम समाज और सीलिंग की भूमि है। लेकिन इस बात की जानकारी अफसरों को न लगे, इसके लिए दस्तावेजों को ही गायब करा दिया गया। दस्तावेज गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दिल्ली रोड की जमीनों के दस्तावेज गायब हो चुके हैं। इस मामले में कलेक्ट्रेट कर्मियों के खिलाफ साल 2019 में दो साल की लंबी जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन इस मुकदमे के सभी आरोपितों के नाम पुलिस जांच में बाहर करके चार्जशीट अज्ञात के नाम पर कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अफसर बीते एक साल से तीन बार जिला प्रशासन के अफसरों से पत्राचार करके लाकड़ी फाजलपुर का नक्शा मांग चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक अफसर नक्शा उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। नक्शा न मिलने के कारण लाकड़ी फाजलपुर में भूमि का चिन्हांकन नहीं हो पा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bb001a95eeb3d4fc05d71eea93ff1126a3c5d2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह रहा एनसीआर का हाल। दूसरी तरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को फरीदाबाद का एक्यूआइ 460, गाजियाबाद का 486, ग्रेटर नोएडा का 478, गुरुग्राम का 448 और नोएडा का 488 रिकार्ड किया गया। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कणों की 24 घंटे की औसत सांद्रता, जिसे पीएम 2.5 के रूप में जाना जाता है, बृहस्पतिवार आधी रात के आसपास 300 का आंकड़ा पार कर गई थी। वहीं शुक्रवार शाम चार बजे ही यह आंकड़ा 381 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से छह गुना ज्यादा रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fb552478ac00943f3252f6aa6f368d9fa2702d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65108.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चेन्नई, पीटीआइ। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिससे न केवल भूकंप की पूर्व चेतावनी दी जा सकती है वरन इससे विनाशकारी तरंगों के भूमि की सतह से टकराने के बीच लगभग 30 सेकंड से दो मिनट का लीड समय भी मिल सकता है। यह अवधि भले ही कम लग सकती है लेकिन कई उपायों के लिए यह पर्याप्त हो सकती है, जिनसे अनगिनत जिंदगियां बच सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac413d44a66a7ff26c77cf48d692ab2f2fb07ce7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चट्टानों से प्राणवायु निचोड़ने की जरूरत। धरती पर बहुत से खनिज हैं जिनमें आक्सीजन होती है। इसी तरह के खनिज चांद पर भी हैं। चांद पर सिलिका, एल्युमीनियम, आयरन और मैग्नीशियम आक्साइड की प्रचुरता है। वहां सतह को ढंकने वाली धूल की परत, कठोर चट्टानों और पत्थरों के रूप में ये खनिज हैं। लाखों वर्षो में विभिन्न उल्कापिंडों के टकराने से चांद पर इन खनिजों की प्रचुरता हुई है। हमें इन खनिजों से आक्सीजन निकालने के बारे में सोचना होगा। इस दिशा में सफलता मिल जाए तो आक्सीजन की कमी दूर की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2a5ac7d5637f2a63e982cb51aac51510ec41acc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुत्ते का फ़र्स्ट लुक बड़ा दिलचस्प है। सभी प्रमुख कलाकारों को पोस्टर पर दिखाया गया है, मगर उनके चेहरों को कुत्तों के चेहरों से बदल दिया गया है। यह कुत्ते भी अलग-अलग नस्ल के नज़र आ रहे हैं। आसमान की डेब्यू फ़िल्म के एलान को ट्विटर पर फ़िल्म की स्टार कास्ट के साथ कई दूसरे फ़िल्मकारों और कलाकारों ने भी साझा किया है। पोस्टर के साथ लिखा गया है- ना ये भौंकते हैं, ना ग़ुर्राते हैं… बस काटते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65110.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7ad9d2825e182454e992e56714a01079d5428d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65110.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस के नीचे लाना लक्ष्‍य ।इस संकल्प के अनुसार वायुमंडल का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस के नीचे लाना है। यह लक्ष्य इस सदी के अंत तक प्राप्त करना है। लेकिन पेट्रोल-डीजल के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक का प्रस्ताव राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। सऊदी अरब और तेल उत्पादक अन्य प्रमुख देश इस प्रस्ताव को नकार सकते हैं। इस प्रस्ताव की राह में दूसरी बड़ी अड़चन गरीब देशों को आर्थिक सहायता देने की है। अमीर देश 2020 से गरीब देशों को 100 अरब डालर (करीब साढ़े सात लाख करोड़ रुपये) की सालाना सहायता देने में विफल रहे हैं। इसको लेकर पेरिस समझौते में शामिल विकासशील देशों में नाराजगी का भाव है। ताजा प्रस्ताव में आर्थिक सहायता रुकने पर चिंता जताई गई है। अमीर देशों की अगुआई कर रहा अमेरिका आर्थिक सहायता को बाध्यकारी बनाए जाने के किसी भी कानूनी प्रविधान का विरोधी है। ऐसा तब है जब बीते दशकों में उसने सबसे ज्यादा मात्रा में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन किया है। ग्लासगो में हुई इस चर्चा में करीब 200 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जबकि इन देशों के नेताओं ने 31 अक्टूबर को पर्यावरण की मौजूदा स्थिति पर चिंताई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7f9415f53454de9a26a0a0b66f9043feb2cca20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65111.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +महिलाओं का कार्य सराहनी।अनुमंडल पदाधिकारी डेहरी समीर सौरभ ने कहा महिलाओं द्वारा इस प्रकार के रेडीमेड दीवार नीव और छत से किसी भी स्थान पर रेडीमेड घर तैयार किया जाना सराहनीय कदम है। जिसे 48 घंटे में किसी भी स्थल पर घर के रूप में तैयार कर दिया जाता है। इसी प्रकार रेहल में पुलिस संवाद कक्ष के रूप में तैयार है। + +(रोहतास की मेहनतकश महिलाओं ने बनाए गमले और फव्वारे।) ।गांवों में रहकर आसान नहीं था काम ।गांवों में रहकर यह सब करना आसान नहीं था। इन्हें राह दिखाई तिलौथू महिला मंडल ने। करीब चार साल पहले महिलाएं इस समूह से जुड़ीं और प्रशिक्षण लेना शुरू किया। देखते-देखते एक फौज खड़ी हो गई। कल तक मजदूरी करने वाली महिलाएं अब कुशल कारीगर बन गई थीं। इन्होंने ही जिले में पहली बार प्री-कास्ट (पूर्व निर्मित दीवार) का निर्माण किया। ।महिलाओं ने तैयार की रेडीमेड दीवार ।घर की दीवार हो, छत या नींव, महज 48 घंटे में बनकर तैयार हो जाएगी। इन खास राजमिस्त्रियों का हुनर है कि आज  उत्तर प्रदेश और झारखंड के सीमावर्ती जिलों से भी इन्हें काम मिल रहा है। कैमूर पहाड़ी पर रेहल गांव में पुलिस संवाद कक्ष हो या चार दर्जन घर, इनका निर्माण इन महिलाओं ने ही किया है। इस केंद्र की दीवार, छत आदि का निर्माण महिला राजमिस्त्री ने ही किया है और इसे सेट करने में उन्हें महज 48 घंटे लगे। उन्होंने कम लागत और कम समय में बेहतर कार्य किया। वे जो कर रही हैं, वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है।'।(चिलौथू महिला मंडल की सदस्यों द्वारा रेहल में निर्मित पुलिस संवाद कक्ष।) ।लोग बुलाते हैं सम्मान से ।तिलौथू महिला मंडल की सचिव रंजना सिन्हा कहती हैं, 'संस्था स्व संचालित है। कहीं से किसी तरह का कोई सहयोग नहीं लिया जाता है। जो भी ऑर्डर मिलता है, उसे पूरा किया जाता है। जो भी आय होती है, उसे महिलाएं आपस में बांट लेती हैं।' इनमें कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पति गुजर गए हैं या परित्यक्ता हैं, पर अब वे अपने बलबूते पर पूरे स्वाभिमान से जी रही हैं। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें सरकारी और निजी कंपनियों से भी आर्डर मिल रहा है। घर बनाना हो, बिजली की वायरिंग करानी हो या पाइप का काम हो, लोग अपने घर को बनाने-सजाने की जिम्मेदारी इन्हें ही देते हैं। ।(चिलौथू महिला मंडल की सचिव रंजना सिन्हा) ।खुद बदली अपनी किस्मत ।सरैया गांव की शकीला खातून बताती हैं, 'पति अस्वस्थ रहते थे। दो वक्त की रोटी का इंतजाम भी बमुश्किल हो पाता था। तीन बेटे व तीन बेटियों के भोजन-पानी की चिंता थी सो, घर की देहरी लांघने का फैसला किया। आज 18 हजार रुपए महीना काम रही हूं। बेटियों का विवाह भी इसी से किया।' इसी तरह राजपुर की अनिता देवी बताती हैं कि शादी के बाद पति दिल्ली चले गए, लेकिन इतनी कमाई नहीं थी कि घर पर पैसे भेज सकें। सो, उन्होंने स्वयं प्रशिक्षण लेकर राजमिस्त्री का काम शुरू किया। आज हर महीने करीब 17 हजार रुपए कमा लेती हैं। एक बेटा आइटीआइ में पढ़ रहा है, दो स्कूल में शिक्षा ले रहे हैं।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5c79ca3fa6509f1d78c13172de370277cfa0950 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65112.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चिनफिंग को कितना समर्थन प्राप्त।कहा जा सकता है कि चिनफिंग को सीसीपी के शीर्ष नेतृत्व में कई नेताओं और पूर्व नेताओं का समर्थन प्राप्त है, लेकिन यह नेता माओ व डेंग के समय की तुलना में एक तरह से 'अदृश्य' हैं। दोनों के समय उनके समर्थक नेताओं की पहचान आसान थी, शी के समय ऐसा नहीं है। इस समय निश्चित ही चिनफिंग के पास उस तरह की राजनीतिक शक्ति नहीं है जैसी माओ व डेंग के पास थी। सीसीपी के औपचारिक कार्यक्रमों में नीतियों, पार्टी की विचारधारा और नेताओं के चयन पर फैसले नहीं होते। इन सब पर पहले ही फैसला ले लिया जाता है। अब देखना होगा कि गुरुवार का प्रस्ताव सीसीपी के सौ वर्षो के इतिहास की कैसे व्याख्या करता है। + +क्या चुनौतियों होंगी चिनफिंग के सामने।फिलहाल अपने देश में तो चिनफिंग को राजनीतिक शत्रुओं का भय नहीं है, लेकिन चीन की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 के प्रति जीरो टालरेंस की नीति पर उन्हें कठिनाई होगी। चीन की अर्थव्यवस्था बड़े रूप में घरों की बिक्री और निर्माण व्यवसाय पर निर्भर है और इस क्षेत्र में मंदी का असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिख रहा है। आटो और रिटेल बिक्री में भी कमी दिख रही है। सबसे बड़े डेवलपर्स में शामिल एवरग्रेंड के दो ट्रिलियन युआन (310 बिलियन डालर) के कर्ज के कारण धराशायी होने की आशंका से वित्तीय बाजार सहमे हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c61223eed2c3fbd5704723355f9cd7b7eaf8a3c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65114.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह भी पढ़ें: प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार का मेगा प्लान, इस तरह खत्म होगा गाड़ियों का धुआं।किस सप्लाई चेन से कितना वैश्विक उत्सर्जन होता है।भोजन की सप्लाई चेन 25 फीसद कार्बन उत्सर्जन का कारण है। वहीं निर्माण (सीमेंट, स्टील और प्लास्टिक आदि) से 10 फीसद, फैशन से 5 फीसद, एफएमसीजी से 5, इलेक्ट्रानिक्स से 5 फीसद, ऑटो से 2 फीसद, प्रोफेशनल सर्विस से (बिजनेस ट्रैवेल ऑफिस) 2 फीसद और अन्य फ्रेट से 5 फीसद उत्सर्जन होता है। + +बेहद कम कीमत पर 40 फीसद प्रदूषण कम होगा।इस प्रदूषण को 40 फीसद तक कम करने के लिए जो तकनीक अपनाई जाएगी, उससे वस्तुओं के मूल्य पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। जैसे ऑटोमोटिव जैसे कार के दाम में करीब 2 फीसद की वृद्धि होगी। वहीं फैशन (जैसे कपड़े) के मूल्य में 2 फीसद, खाने की कीमत में 4 फीसद, निर्माण की लागत में 3 फीसद और इलेक्ट्रानिक्स की कीमत में सिर्फ 1 फीसद का उछाल आएगा। लेनजिंग के सीईओ स्टीफन डोबोकजी कहते हैं कि हमें उपभोगताओं को भी जागरूक करना होगा कि कैसे ग्रीन प्रोडक्ट खरीदना एक बेहतर विकल्प है। थोड़ी ज्यादा कीमत देकर वे बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ffeefa61b18bb00514990bfb2cdb2e33dabc296 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पक्षियों के गाइड तैयार करने को प्रशिक्षण प्रारंभ।पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह के अनुसार आगरा में सूर सरोवर बर्ड सेन्चुरी, जोधपुर झाल, चंबल क्षेत्र, सेवला वेटलैंड, यमुना नदी, ताज नेचर वाक आदि क्षेत्रों में हर साल हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी ठहरते हैं लेकिन आगरा में पक्षियों व नेचर गाइड की कमी खलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e4cb238501d2947bf2665b809281987bd1b8286 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूरे रास्ते काशीवासी मां अन्नपूर्णा का दर्शन कर सकेंगे। मन की बात कार्यक्रम में प्रसारण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल भर पूर्व भारत में मूर्ति की वापसी का स्वागत किया था। 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। इसके बाद अगले दिन (15 नवंबर) देवोत्थानी एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। काशी विश्‍वनाथ मंदिर स्थित कारीडोर में ईशान कोण पर रानी भवानी उत्‍तरी गेट के बगल में मां अन्‍नपूर्णा की प्राण प्रतिष्‍ठा मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b005e53a9837b9a26c24be63cd45d1e1eeeaaa39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। मीरजापुर जिले में चुनार के बलुआ पत्‍थर से बनी अन्‍नपूर्णां की यह मूर्ति 18 वीं सदी की विशेषज्ञों ने बताई है। माता अन्‍नपूर्णा के एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्‍मच है। मूर्ति तीन सदी पुरानी होने की वजह से काफी हद तक अपना प्राकृतिक कलेवर खो चुकी है लेकिन रखरखाव विदेश में काफी बेहतर तरीके से होने की वजह से अब भी बलुआ पत्‍थर की पहचान आसानी से की जा सकती है। काशी में आज भी इसी काल की कई मूर्तियां काशी के प्रस्‍तर कला की शिनाख्‍त करती हैं। मूर्ति के साथ ही मूर्ति स्‍थापना के निर्माण भी मूर्ति की वैभवशाली निर्माण की गाथा को सुनाती है। ।मान्‍यता है कि माता अन्‍नपूर्णा अपने हाथों में चमचे से खीर का प्रसाद भक्‍तों को वितरित कर उनके धन धान्‍य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। माता का यह स्‍वरूप ही अन्‍नपूर्णा के रूप में आस्‍था का प्रतीक माना जाता है। माता का स्‍वरुप भक्‍तों को भरपेट भोजन और अन्‍न से परिपूर्ण रहने के आशीष का प्रतीक है। इसी रूप में माता अन्‍नपूर्णा की पूजा का प्राविधान माना गया है। इस लिहाज से माता अन्‍नपूर्णा का यह प्रतीक काशी को आशीर्वाद स्वरूप अनाज का प्रसाद और कभी भूखा न सोने देने की कामना का प्रतीक है। सौम्‍य, शांत और कांतिपूर्ण देवी की मूर्ति हाथों में खीर के प्रतीक के तौर पर भोजन और पालन की मान्‍यता प्रदान करती हैं। भगवान शिव की पत्नी पार्वती के रूप में अन्नपूर्णा देवी, काशी में स्थापित मानी गई हैं। इसका प्रमाण शिव पुराण में भी मिलता है। अन्‍नपूर्णा माता को लेकर काशी में ऐसी मान्यता भी है कि यहां कभी कोई भूखा नहीं रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aef3181487f963ad695d52c0cb019a04be42dd6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65124.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नगरोटा सूरियां, रक्षपाल धीमान। Africa Bird Amur Falcon, पूर्वी अफ्रीका से 8925 किलोमीटर का सफर तय कर एक परिंदा हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित पौंग झील में पहुंचा है। यह परिंदा आम नहीं बेहद खास है। पौंग झील में यह परिंदा लंबे समय के बाद पहुंचा है। इस पक्षी के बारे में और अधिक अध्ययन करने के लिए वन्य प्राणी विंग के अधिकारियों में खासा उत्‍ससा है। बात हो रही है कि पूर्वी अफ्रीका के 170 ग्राम वजनी अमूर फाल्कन पक्षी की। पौंग झील में इस बार अफ्रीका से अमूर फाल्कन प्रजाति के पक्षी ने भी दस्तक दी है। + +भारतीय विज्ञानी आर सुरेश ने लगाया था इसकी रफ्तार का पता।2013 में जब यह पक्षी यहां आए थे तो एक नर व एक मादा पर जीपीएस टैग लगाया गया था। उसके आधार पर इन पक्षी की रफ्तार का पता चला था। उस समय इस पक्षी ने 120 घंटे लगातार उड़ान भरकर 5640 किलोमीटर का सफर तय किया था। भारतीय वन्य जीव संस्थान दिल्ली के विशेषज्ञ डाक्‍टर आर सुरेश ने टैग के माध्यम से उन्हें ट्रेस करते हुए पाया कि इन पक्षियों ने नागालैंड से समालिया तक लगातार 120 घंटे उड़ान भरी और यह पक्षी प्रति घंटे 47 किलोमीटर दूरी तय करता है। शोध में यह बात भी पता चली है कि यह पक्षी एक माह के भीतर आधी दुनिया का चक्कर लगा सकता है, यानि 22 हजार किलोमीटर एक माह में उड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..578d5c8a831665563e1353de9cf1d4dfc17c1a03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Kisan Andolan फिरोजपुर जिले के गुरुहरसहाय में हुई घटनाएं चिंताजनक व कानून-व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह हैं। यह आशंका बढ़ती जा रही है कि चुनाव जैसे-जैसे पास आते जा रहे हैं, ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के दौरे के दौरान किसानों ने उनका विरोध किया। सांसद ने किसानों से बात नहीं की तो उनके खिलाफ नारेबाजी हुई। अकाली नेता की गाड़ी पर किसान बैठ गए और जब हटे नहीं तो अकाली नेता ने बोनट पर बैठे किसान सहित गाड़ी चला दी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश हुई है। इस विवाद में हवाई फायर तक हो गए। शिरोमणि अकाली दल का आरोप है कि किसानों के नाम पर कांग्रेसियों ने अकाली नेताओं पर हमला व फायर किए हैं। इस तरह पूरा दिन गुरुहरसहाय ही नहीं, बल्कि फिरोजपुर में भी तनाव रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b5c1f123e7bdf38d144b478d0e7b4940ee8bad0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मतभेद की जड़ तक पहुंचें : आपसी बहस या कहा-सुनी के बाद आप दोनों एक बार गंभीरता से यह जरूर मंथन करें कि क्या वाकई इस बहस या कहा-सुनी की जरूरत थी? जब आप गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे तो पाएंगे कि इस कहा-सुनी या बहस की तो जरूरत ही नहीं थी, लेकिन कुछ बातें ऐसी जरूर होती हैैं जिनकी वजह से आप दोनों ऐसा करने पर मजबूर हो जाते हैैं। इससे ये फायदा होगा कि अगली बार कम से कम उन मुद्दों पर बहस या कहा-सुनी नहीं होगी जिनकी वजह से पिछली बार हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce448d5711709ef92da59188c8fa4d0e392dad04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रमोद भार्गव। अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद से भारत ‘देखो व प्रतीक्षा करो’ की नीति पर चल रहा था। परंतु अब अफगान की नाजुक होती जा रही समस्या का समाधान निकालने में जुट गया है। इसी संदर्भ में दिल्ली में मध्य-एशियाई पड़ोसी देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक आयोजित की गई। हालांकि आमंत्रण के बावजूद कुटिल चीन और आतंकियों की शरणगाह बना पाकिस्तान बैठक में शामिल नहीं हुए। अफगानिस्तान के प्रति भारत पहले से ही संवेदनशील रहा है। यही कारण है कि भारत उसके सरंचनात्मक विकास से लेकर उसे 75 हजार टन गेहूं दो साल के भीतर दे चुका है और हाल ही में 50 हजार टन गेहूं भेजने की घोषणा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbdbeff54805713cc91bf26ca528c5c535b5e7b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65129.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वह कई दिनों तक यहां ठहरा, जब वह वापस गया तो उसके कुछ सैनिक यहां ठहर गए और बाद में उन्होंने यहीं पर अपने परिवार बनाकर यहां गांव बसा लिया। पंचायत प्रधान राजू राम के अनुसार हमने गांव की सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए इस तरह के कठोर नियम-कानून बनाए हैं। नियमों के तहत गांव में किसी भी सैलानी को किराये पर नहीं रख सकते और न ही अपने घरों का इस्तेमाल गेस्ट हाउस के रूप में कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6513.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6513.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43fcb0a71c66c4250848aff035ab3d64928cf308 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6513.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस फ़िल्म को 14 अप्रैल 2022 को रिलीज़ करने का एलान किया गया था, मगर रविवार के एलान के मुताबक़ि अब प्रशांत की केजीएफ चैप्टर 2 इस तारीख़ को सिनेमाघरों में आएगी। ऐसे में सालार की रिलीज़ डेट स्थगित होने की पूरी सम्भावना है, क्योंकि दोनों ही बड़ी फ़िल्में हैं और पैन इंडिया रिलीज़ होने वाली हैं। प्रशांत नील अपनी दोनों फ़िल्मों को एक ही दिन रिलीज़ करने का रिस्क नहीं लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3733b3511912b3b7c839da24d1b6c21d8140cee3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65132.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। Jharkhand Para Teacher Salary कई वर्षो से स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर आंदोलित राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों (शिक्षा मित्र) का मामला इस बार सुलझता दिख रहा है। गठबंधन सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जिस तरह इस मामले के प्रति सक्रियता दिखाई है, उससे पारा शिक्षकों में यह उम्मीद जगी है कि 29 दिसंबर को सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर उनके लिए कोई बड़ी घोषणा हो सकती है। + +कोविड महामारी के चलते बच्चों के सामने पठन-पाठन का संकट पैदा होने के बाद मौजूदा समय में सबसे बड़ी चिंता यही है कि जो बच्चे स्कूल लौटेंगे, अब उनके सीखने-समझने का स्तर क्या होगा? उनके पढ़ने-लिखने के रूटीन और आदत में आई ढिलाई के कारण शिक्षकों के सामने पढ़ाई को पहले की तरह नियमित करने की दोहरी चुनौती आने वाली है। बच्चों को कक्षा के अनुकूल तैयार करने के लिए उन्हें अतिरिक्त मेहतन करनी होगी। इस स्थिति में अगर वह अपनी ही मांगों को लेकर सरकार से लड़ते-उलझते रहे तो शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..710e5e17fffd995cfcfd4f13412fd9982768832d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65135.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पराली ही नहीं, वाहनों का धुआं भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर घोल रहा है। सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरनमेंट (सीएसई) के नए अध्ययन पर गौर करें तो इस समय राजधानी दिल्ली में वाहनों से ही सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। इस अध्ययन में जानकारी दी गई है कि राजधानी दिल्ली में 27 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच ट्रैफिक की स्थिति की समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि वर्तमान ट्रैफिक कोरोना फैलने के पूर्व की स्थिति में पहुंच गया है। कम से कम पंद्रह भीड़ भरे सड़कों पर स्थिति बहुत खराब है और यह सीधे तौर पर वायु प्रदूषण को प्रभावित कर रही है। सीएसई के अध्ययन मे महरौली बदरपुर रोड, आउटर रिंग रोड, रिंग रोड, एमजी रोड, मथुरा रोड, आइटीओ, अरविंदो मार्ग, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग, गुरु रविदास मार्ग और जीटी करनाल रोड पर सर्वाधिक प्रदूषण पाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ade67577531a4dc9e3cc0142a12383a25a2af09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन और पाकिस्तान के विपरीत ईरान के अफगानिस्तान के साथ बहुत करीबी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। पाकिस्तान के साथ भारत के शत्रुतापूर्ण संबंध ईरान को भारत के लिए अधिक महत्वपूर्ण बना देता है, क्योंकि यह अफगानिस्तान के लिए एकमात्र भूमि मार्ग उपलब्ध कराता है। मध्य एशिया में चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और पाकिस्तान के साथ इसकी निकटता के कारण भारत के लिए अफगानिस्तान में एक विश्वसनीय और दीर्घकालिक साझेदार की आवश्यकता है। वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए ईरान वह भागीदार हो सकता है। हालांकि हाल के वर्षो में ईरान और भारत कई कारणों से अफगानिस्तान में अपने सहयोग की क्षमता का दोहन नहीं कर पाए हैं। इसका एक कारण यह है कि भारतीय नीति निर्माताओं द्वारा इस क्षेत्र में अमेरिकी संदर्भ से परे देखने की अनिच्छा और संबंधों को बहुपक्षीय बनाने का प्रयास नहीं करना है। यथार्थवादी सिद्धांत के अनुसार सामरिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विरोधी की ताकत और कमजोरियों की समझ आवश्यक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d70fb8532288a0803025c3e8146c6c117c64ed47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65137.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज शिबपुर से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद लगभग तीन दशक तक यूएस में काम कर चुके प्रोदीप कुमार देब कहते हैैं मेरी प्रारंभिक शिक्षा उसी स्कूल में हुई। आज भी मेरी स्मृतियों में वे पल जीवित हैैं। वैसे तो बांग्लादेश में हमारी सात पीढ़ी का प्रमाण मौजूद हैै, लेकिन इटाई गांव में हमारी पांचवीं पीढ़ी थी। उस समय 25 एकड़ जमीन, बांस वन (जंगल) और कई तालाब थे। परिवार में शिक्षा पर बेहद जोर होने की वजह से मेरी दादी तीन भाइयों को लेकर मायमोन सिंह शहर में घर किराए पर लेकर रहती थीं। स्कूली शिक्षा वहीं पूरी हुई। इस अवधि में मैैंने हिंदुओं पर कई छोटे-बड़े हमले देखे। आम तौर पर हिंदुओं के घर जला दिए जाते थे। गांव में हमारे परिवार का बहुत मान-सम्मान होने की वजह से कभी हम पर आंच नहीं आई, लेकिन आस-पास होने वाली घटनाओं ने हमें भी डराना शुरू कर दिया। + +15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ।  विभाजन की लकीर खींची गई और लोगों को यह चुनने का अधिकार दिया गया कि वे बांग्लादेश (तब पाकिस्तान) में रहना चाहते हैैं या भारत? स्कूल में प्राचार्य रहे मेरे बड़े भाई अरुण कुमार देब ने विभाजन के बाद भारत में आने का फैसला लिया। यह सिर्फ एक भावुक फैसला नहीं था, बल्कि बांग्लादेश में हिंदुओं के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को भांपकर उठाया गया कदम था। वे भारत आ गए और हम सब पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में रह गए। आज भी वह दिन याद है... 4 जनवरी 1949। मैैं बड़े भाई के पास भारत आ गया। मेेरे माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्य तब भी बांग्लादेश में रहते थे। हम लोग साल में दो बार दुर्गा पूजा और गर्मियों की छुट्टियों में बांग्लादेश जाते थे। यह सिलसिला 1950 तक चलता रहा। उसके बाद से हालत बिगड़ने लगे। एक चीज जो गौर करने वाली है कि वहां कभी एक साथ पूरे देश में हिंदुओं पर हमले नहीं हुए। एक या दो गांव में घटनाएं होती और फिर एक लंबे अंतराल के लिए सबकुछ शांत हो जाता। उस घटना के बाद उस गांव व आसपास के कई गांवों के हिंदू परिवार विस्थापित हो जाते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70af481654bb68ff840fc46aea3549c2719bc43c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65139.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +टाक्सिक लिंक ने देश के विभिन्न शहरों से 15 नामी ब्रांडों की क्रीम के नमूने लिए। पंद्रह में से छह नमूनों में पारा पाया गया। पांच नमूनों का स्तर खतरनाक यानी 4000 से 14000 पीपीएम के बीच था जबकि एक में पारा एक पीपीएम से नीचे यानी 0.3 पीपीएम था। दिल्ली में यह नमूने गफ्फार मार्केट, नवी मुंबई में वाशी, विजयवाड़ा में तारापेट मार्केट और त्रिवेंद्रम से लिए गए थे। + +अध्ययन से यह भी पता चला कि पारा युक्त सभी छह नमूनों का निर्माण पाकिस्तान में किया गया था। जानकारी के मुताबिक भारत में, इसे रोकने के लिए ड्रग्स एंड कास्मेटिक्स रुल्स 2020 के तहत एक सख्त विनियमन है। सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण और आयात में पारा यौगिक पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं, अनजाने में एक पीपीएम तक की अनुमति है। लेकिन यह रिपोर्ट बताती है कि पारा युक्त उत्पाद अभी भी भारतीय बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें पारे की मात्रा भी पीपीएम की वर्तमान अनुमेय सीमा से 1000 गुना है। हैरत की बात यह कि चीन, थाईलैंड, फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे देशों में निर्मित पारा युक्त क्रीम भी भारत में आसानी से उपलब्ध है और सख्त नियमों के बावजूद दुकानों पर आफलाइन च आनलाइन पोर्टल दोनों पर मिल रही है। + +पारा युक्त क्रीम के उपयोग से गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। इसलिए नियामक अधिकारियों द्वारा अन्य देशों से आयातित त्वचा को गोरा करने वाली क्रीमों की निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है। उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए तकल एक उचित निगरानी प्रणाली स्थापित करने की भी जरूरत है। त्वचा को गोरा करने वाली उच्च पारा युक्त विषाक्त क्रीमों का आयात रोकना भी समय की मांग है। -पीयूष महापात्र, वरिष्ठ कार्यक्रम समन्वयक, टाक्सिक लिंक ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac9a67ceac60a54e7b688f19c7af918644ba85b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65140.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। भोर की पहली किरण के साथ मां अन्‍नपूर्णा की प्रतिमा कासगंज की सीमा में दाखिल हुई है। वैसे भी हिंदू मान्‍यता में देव आराधना से संबंधित सभी कार्य सुबह सुबह संपन्‍न होते हैं। इसे संयोग की कहेंगे कि प्रतिमा को यहां आना गुरुवार शाम को था लेकिन मार्ग में समय लगने के कारण लगभग 12 घंटे विलंब के साथ ये शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे कासगंज पहुंची है। कासगंज में प्रतिमा का जोरदार स्‍वागत हुआ। इसके लिए रातभर लोग जागते रहे, सुबह जब प्रतिमा पहुंची तो सर्द सुबह के सन्‍नाटे को उद्घोषों की गूंज ने दूर कर दिया। यूपी में पहले पड़ाव यानि तीर्थनगरी सोरों में यह प्रतिमा लगभग सुबह आठ बजे पहुंच पाएगी। कनाडा से 108 साल स्‍वदेश वापस लौटींं मां अन्‍नपूर्णा के साथ एक मान्‍यता ये भी है कि अब कोई भूखा नहीं सोयेगा, मां अन्‍नपूर्णा का दिया ये वरदान एक बार फिर फलीभूत होगा। कासगंज की सीमा पर गांव डुकरिया नगला पर शोभायात्रा का स्‍वागत सदर विधायक देवेंद्र राजपूत के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया। सोरों में कार्यक्रम होने के बाद यहां से भव्‍य शोभायात्रा के रूप में प्रदेश सरकार प्रतिमा को काशी लेकर जाएगी, वहां प्रतिमा की स्‍थापना कराई जाएगी। + +कासगंज सीमा में प्रवेश करने पर प्रतिमा का स्‍वागत करते लोग। ।सोरों में होगा भव्‍य कार्यक्रम।माता अन्नपूर्णा यात्रा के लिये तीर्थ नगरी सोरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। हरिपदी गंगा के तट को दीपों से जगमगाया गया है। तीर्थ नगरी की शोभा देखते ही बन रही है। सोरों में इस यात्रा को गुरुवार शाम को ही पहुंचना था इसलिए 5100 दिये जलाये गए थे। रंगोली सजाई गई। जबकि शोभायात्रा शुक्रवार को लगभग 12 घंटे विलंब के साथ सुबह सात बजे पहुंची है। कासगंज से सोरों तक 21 स्थानों पर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। रात भर जागकर लोगों ने शोभायात्रा का इंतजार किया। कासगंज जिले की सीमा के गांव डुकरिया नगला पर शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे शोभायात्रा पहुंची। जहां शोभायात्रा के जिला संयोजक रामेश्वर महेरे, सदर विधायक देवेंद्र राजपूत, राजवीर भल्ला, गोविंद महेरे ने कार्यकर्ताओं के साथ शोभायात्रा का स्वागत किया। डुकरिया नगला से कासगंज होते हुए शोभायात्रा सोरों पहुंची। यहां सहावर गेट स्थित वराह मूर्ति पर लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया और नगर भ्रमण कराया। इस दौरान पालिका अध्यक्ष मुन्नीदेवी, राधा कृष्ण, राजवीर सिंह, नहार सिंह, बबलू, अखण्ड प्रताप सिंह, आकाश दीप, यशवीर, खूब सिंह, आशीष तेजधारी, विनोद कुमार, राजेंद्र बौहरे, शशिलता चौहान, विनय राज पन्नू, अनुराग विंदल, नीरज शर्मा, कुलदीप प्रतिहार, होडल सिंह, रामकिशोर, संजय दुबे, नीरज शर्मा, महेंद्र बघेल, शरद गुप्ता, डॉ. बीडी राणा, राजीव माहेश्‍वरी आदि मौजूद रहे। + +आर्ट गैलरी में रखी थी प्रतिमा।मां अन्नपूर्णा की मूर्ति कनाडा के मैकेंजी आर्ट गैलरी, यूनिवर्सिटी आफ रेजिना में रखी गई थी। इस आर्ट गैलरी को 1936 में वकीन नार्मन मैकेंजी की वसीयत के अनुसार बनाया गया था। यहां पर 2019 में विनिपेग में रहने वाली भारतीय मूल की कलाकार दिव्या मेहरा को यहां प्रदर्शनी के लिए बुलाया गया था। जहां उन्होने मूर्ति पर अध्ययन किया और दूतावास को सूचित किया तो पता चला कि वर्ष 1913 में वाराणसी में गंगा किनारे मूर्ति चोरी हुई थी। वर्ष 1913 में वाराणसी से यह प्रतिमा चोरी हुई थी और कनाडा के बिनिपेग म्यूजियम में भारतीय मूल की आर्टिस्ट दिव्या मेहरा की नजर प्रतिमा पर पड़ी और उनके प्रयासों के बाद यह प्रतिमा दूतावास की पहल के बाद भारत सरकार को इसे कनाडा सरकार की पहल पर सौंप दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d01ba4cd5347848fd71a83ac560f8ef74deccb97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। Padam Shri Ashok Kumr Sahu Exclusive interview वर्तमान समय में हर व्यक्ति मानसिक अशांति, अवसाद, पारस्परिक द्वेष और दुर्गुणों से ग्रसित है। मानसिक अवसाद ग्रस्त लोग सही रास्ता न मिलने पर जीने की उम्मीद छोड़ देते हैं। ऐसे लोगों के लिए विपश्यना विधि द्वारा की जाने वाली साधना वरदान साबित हो रही है। रूमा के ड्योढ़ी घाट स्थित साधना केंद्र में भारत के अलावा चीन, ब्राजील, अमेरिका, इजराइल, रूस, इंडोनेशिया व मलेशिया सहित अन्य देशों से करीब 50 हजार साधक साधना कर जीवन जीने की नई राह पर चल पड़े हैं। यहां संचालित धम्म कल्याण, कानपुर अंतरराष्ट्रीय विपश्यना साधना केंद्र वैश्विक केंद्रों की सूची में शामिल है। इसकी स्थापना किसकी प्रेरणा से की गई, इस केंद्र का संचालन कैसे हो रहा है और अवसाद से मुक्ति के लिए यह साधना कितनी महत्वपूर्ण है आदि विषयों पर केंद्र के संस्थापक अशोक कुमार साहू से दैनिक जागरण संवाददाता विवेक मिश्र ने बातचीत की। उन्हें मंगलवार को राष्ट्रपति ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। पेश हैं साक्षात्कार के प्रमुख अंश...।- घर में सबसे बड़े होने के नाते व्यापार संभालने की जिम्मेदारी थी। व्यापार में अपेक्षानुरूप सफलता न मिलने से डिप्रेशन का शिकार हो गया। 10 साल तक एलोपैथी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी, आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला। वर्ष 2000 में छोटे भाई से विपश्यना साधना का पता चला। देहरादून में संचालित शिविर में जाकर 10 दिन तक साधना की तो मानसिक शांति मिली। इसके बाद लगातार साधना के जरिए खुद को स्वस्थ किया। बस, वहीं से सुखी व स्वस्थ समाज बनाने का सपना लेकर साधना केंद्र का संचालन शुरू करने का फैसला लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79f1b51c57a5e3237499bb289dcc8bfc9501186d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65148.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। पूर्वांचल की बदहाली, गरीबी, बेबशी और अति पिछड़ेपन का दंश कभी लोकसभा में गाजीपुर के तत्कालीन सांसद विश्वनाथ गहमरी ने इस भावुकता से उठाया था कि सदन में बैठे अधिकांश माननीयों की आंखें नम हो गई थीं। पूरब के लोगों की आंखें एक बार फिर छलकने को बेताब हैं। पर, इस बार आंसू खुशी के होंगे, समृद्धि के पूरे होते सपनों के होंगे, देश की अर्थव्यवस्था में सिरमौर बनने के लिए बढ़ते कदम के होंगे। + +उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में रोड कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है। सीएम के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को भी इसी मंशा से विकसित किया है। यह एक्सप्रेस-वे सिर्फ आमजन की आवागमन सुगमता का ही मार्ग नहीं है बल्कि निवेश व औद्योगिक विकास से रोजगार का भी नया द्वार खोलने वाला है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले जिलों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6768d9ba201337ac4b26bc409aeb3642e503527d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड की सबसे हसीन एक्ट्रेस मानी जाने वाली ऐश्वर्या राय बच्चन शुक्रवार को मध्य प्रदेश के ओरछा पहुंचीं। ऐश्वर्या के साथ उनकी बेटी आराध्या बच्चन भी थीं। एक्ट्रेस यहां अपनी फिल्म 'पोन्नियन सेलवन' की शूटिंग के लिए पहुंचीं थीं। मणिरत्नम की इस तमिल फिल्म में ऐश्वर्या मुख्य भूमिका निभा रही हैं। इस दौरान ऐश्वर्या और आराध्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल रहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df3db4b3f3b9601a70d7694321006b2a73c84181 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65150.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कपड़ों की ड्राईक्लीनिंग प्रक्रिया के दौरान नैनो कैप्सूल का प्रयोग करते हुए कैप्सूलेशन की प्रक्रिया कपड़ों पर की जाती है। इसके बाद हीट क्योरिंग और फिर रेसिस्टिव कंट्रोल करके कपड़ों को ट्रीटमेंट के जरिए कपड़ों को 99.9 फीसद तक वायरस और बैक्टीरिया फ्री किया जाता है। कपड़ों पर एंटी माइक्रोबियल, एंटी वायरस और एंटी आडर (महक) ट्रीटमेंट किए जाने से कपड़े पर कोई असर नहीं पड़ता है। + +99 से 399 रुपये तक है खर्च। वैसे एक विकल्प इस प्रकार की सुविधा के लिए स्पेशल फाइबर तैयार करना भी है, लेकिन कंपनी प्रबंधन के अनुसार यह एक अलग चीज है। नैनोटेक्नोलाजी से सामान्य कपड़े को ही एंटी माइक्रोबियल्स, एंटी वायरस और इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में तैयार किया जा रहा है। इस ट्रीटमेंट की कीमत कपड़े के साइज के अनुसार 99 रुपये से लेकर 399 रुपये तक है। कंपनी का दावा है कि इस तकनीक का प्रयोग अब तक देश में कहीं भी नहीं किया जा रहा है और पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40023b14e5db1bc5f0636dbf2737cab2f41abfc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूं आईं यमुनाबाई सावरकर घर में। अल्पायु में ही वीर सावरकर की मां का देहांत हो गया था। घर में एक महिला का होना जरूरी समझते हुए पिता ने बड़े बेटे गणेश सावरकर की शादी की और यशोदाबाई मात्र 11 साल की उम्र में सावरकर परिवार की बड़ी बहू बन गईं। सभी उन्हें प्यार और आदर से 'येसूवहिनी' कहते थे। पिता के भी जाने और आर्थिक संकट आने पर गणेश सावरकर और येसूवहिनी ने छोटे भाइयों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया। येसूवहिनी ने जैसे-तैसे अपने गहने बेच कर मझले भाई विनायक दामोदर सावरकर को मैट्रिक करवाया। अब उनकी आगे की पढ़ाई पर प्रश्नचिन्ह था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3a8c531f17ab020ad95021a1440b2d2c12c5e93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65154.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चीन का है दबदबा, आयात पर निर्भर है भारत: चीन का लीथियम बैटरी निर्माण के क्षेत्र में दबदबा है। 70 फीसदी लीथियम बैटरी का निर्माण अकेले चीन में होता है। शेष जापान, अजेंटीना, आस्ट्रेलिया समेत अमरीका में होता है। बहरहाल, भारत में इन देशों से बैटरी का आयात किया जाता है। बता दें कि मोबाइल फोन, टीवी, रिमोर्ट लैपटॉप समेत इलेक्ट्रिक वाहनों में लीथियम बैटरी का उपयोग किया जाता है। जानकारों के मुताबिक इसका निर्माण भारत में शुरू होने से कीमतें भी खासी कम होंगी। ये तकरीबन आधी हो जाएंगी। + +भारत भी लीथियम बैटरी निर्माण में बढ़ा रहा कदम: 1200 करोड़ रुपए की लागत से मध्य प्रदेश के सिवनी में लीथियम बैटरी निर्माण उद्योग स्थापित होने जा रहा है। यह देश में पहला ऐसा उद्योग होगा जहां लीथियम बैटरी का निर्माण होगा। केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्री महेंद्र पांडेय ने इस उद्योग को हरी झंडी दे दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..164aaeee4ce21a7d919535258e0caaea845d8210 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां बनेगी सड़क।एक लाख करोड़ की लागत से बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर एक लेन ई-हाईवे की होगी। यह ई-लेन करीब 1300 किलोमीटर लंबी होगी। इससे लॉजिस्टिक का खर्च 70 फीसद तक कम हो जाएगा। नितिन गडकरी ने बताया है कि इन ई-रोड पर उसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिस तकनीक से जर्मनी में ई-हाईवे बनाए गए हैं। जर्मनी और भारत दोनों जगहों पर सीमेंस ई-रोड बना रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d84a5e7db484dc1b2f71892a639486bcf57deba1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65158.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसएन मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में सात अगस्त को मोईन नाम का युवक एक नवजात को भर्ती कराके चला गया। इसके बाद वापस नहीं आया। एसएन मेडिकल कालेज प्रशासन की ओर से थाना एमएम गेट को इसके संबंध में सूचना दी गई। पुलिस ने जीडी में तस्करा डालकर जांच शुरू कर दी। जैसे-जैसे शुरुआती जांच आगे बढ़ी नए तथ्य सामने आए। पुलिस को जानकारी हुई कि नवजात को पहले उसी युवक ने दिल्ली गेट स्थित एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया था। वहां से उसे एसएन मेडिकल कालेज लाया गया। 19 अगस्त को नवजात इलाज के बाद ठीक हो गया। इसके बाद बाल कल्याण समिति के आदेश पर उसे राजकीय बाल गृह शिशु सिरौली में शिफ्ट कर दिया गया। मोईन सिकंदरा के बाईंपुर का रहने वाला है। उसके स्वजन ने एमएम गेट थाना पुलिस से संपर्क किया और जानकारी दी कि चार जुलाई को वह घर से निकला था। इसके बाद वापस नहीं आया। उन्होंने थाने में तहरीर भी दी। इसमें लिखा था कि उन्हें आशंका है कि मोईन कुछ गलत लोगों के संपर्क में है। चार अगस्त को वह नवजात को दिल्ली गेट स्थित निजी हास्पिटल में भर्ती कराने पहुंचा था। वह बच्चा उसने अपने दोस्त का बताया था। मगर, किस दाेस्त का है? यह नहीं बताया। बच्चे को वहां से एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराने के बाद मोईन गायब हो गया है। 24 अगस्त को मोईन ने अपने घर फोन किया। इसकी जानकारी भी स्वजन ने पुलिस को दी। तब उसकी लोकेशन पलवल और मथुरा में मिली। मगर, पुलिस ने वहां जाकर तलाशने की कोशिश नहीं की। स्वजन ने अपने स्तर से आठ दिन तक वहां तलाश की, लेकिन मोईन का कुछ पता नहीं चला। तब से लेकर अब तक पुलिस ने इस मामले में मोईन की तलाश का कोई प्रयास नहीं किया। बिना उसके मिले, बालक की मां और पिता के बारे में जानकारी मिलना संभव नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65160.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45cb9bae578b4b13f7b351d0129b5c43d7c94a74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65160.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बुधवार को अपने देश के सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होकर सवालों की बौछार का सामना करना पड़ा। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री को पद पर रहते हुए अदालत में पेश होना पड़ा हो। विश्व की बात करें तो अमेरिका के राष्ट्रपति भी अदालती आदेश के सामने कई बार विवश हुए हैं और पेशी का सामना किया है। आइए जानें कि किन देशों के राष्ट्रपति और पीएम को अदालत ने पेशी का हुक्म दिया और उन्हें पेश होना पड़ा:।केपी शर्मा ओली: नेपाल ।नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को वहां के सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया था। मामला अवमानना से जुड़ा था। इसके कुछ दिन पहले नेपाली संसद भंग करने के अपने फैसले को सही बताते हुए ओली ने अदालती कार्रवाई पर टिप्पणी की थी। नेपाली संसद के स्पीकर रहे दमन नाथ धुंगाना के साथ सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व प्रधान न्यायाधीशों को भी समन किया गया था। + +यूसुफ रजा गिलानी: पाकिस्तान ।जनवरी 2012 में पाकिस्तान के पीएम रहे यूसुफ रजा गिलानी को सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने का हुक्म दिया था। मामला पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में अदालत के आदेश का पालन न किए जाने को लेकर था। अदालत का रुख इस कदर सख्त था कि उसने गिलानी को अपनी लग्जरी कार अदालत परिसर में लाने से भी रोक दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f744b1b9f6ddfb8fd98a03eba08e6a7e9671a5e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65162.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, ख्याला थाना क्षेत्र से जुड़े इस मामले में पुलिस को एक मुखबिर ने बताया कि एक शख्स जन्मदिन का केक काटने के लिए बटनदार चाकू लेकर आएगा। इस चाकू का इस्तेमाल वारदात के लिए भी किया जा सकता है। इस सूचना के बाद पुलिस फौरन सतर्क हो गई। दबिश के लिए एक टीम बनाई गई। मुखबिर की बताई जगह पर पुलिस टीम पहुंच गई। पुलिसकर्मी मुखबिर के इशारे का इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद गंदा नाला के पास मुखबिर ने एक शख्स के नजर आते ही पुलिसकर्मी को इशारा किया कि यह वही शख्स है, जिसके पास बटनदार चाकू है। पुलिसकर्मियों ने आरोपित को रुकने के लिए कहा तो वह भागने लगा। लेकिन पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उसे दबोच लिया। तलाशी के दौरान उसकी जेब से पुलिस ने बटनदार चाकू बरामद कर लिया। पुलिस आरोपित गुरदीप से पूछताछ कर उसका अतीत खंगालने का प्रयास कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65163.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef30111a372dca990774d008604be6c6826b83f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65163.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नगर पालिका के ईओ विजेंद्र सिंह पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय नगरपालिका को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार 20 नवंबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह अमृत महोत्सव में राष्ट्रपति द्वारा दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2020 में स्वच्छ सर्वेक्षण में नेशनल रैंकिंग में तीसरा स्थान व सिटीजन फीडबैक राष्ट्रीय विशिष्ट पुरस्कार से भी पालिका को सम्मानित किया जा चुका है। 20 नवंबर को मिलने वाले पुरस्कार में नगरपालिका के ईओ, चेयरमैन व दाे प्रतिनिधियों को सम्मान समारोह में आमंत्रित किया गया है। इस पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश के 13 शहर चयनित किए गए हैं। चयनित होने का आदेश मिलते ही नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। नगर पालिका अध्यक्ष अंशु नागपाल ने बताया कि शहर में साफ सफाई व ओडीएफ प्लस बनाने में शहरवासियों का योगदान हमेशा मिला है। इस उपलब्धि के पीछे शहरवासियों का ही हाथ है। + +यह भी पढ़ें :-।Indian Railways : योगनगरी स्टेशन को पर्यटन स्थल बनाएगा उत्तर रेलवे, हर सुविधा के ल‍िए खर्च करने होंगे रुपये।High Security Number Plate : वाहनों पर जल्‍द लगवा लें हाई स‍िक्‍योर‍िटी नबंर प्लेट, ये है अंत‍िम त‍िथ‍ि।Owaisi in Moradabad : आज करूला में कार्यकर्ता सम्‍मेलन को संबोधित करेंगे बैरिस्टर असदउद्दीन ओवैसी।UP Police : दारोगा की वर्दी पहनकर घूम रहा था प्राइमरी स्‍कूल का अध्‍यापक, पत्‍नी ने ही खोल दी पत‍ि की पोल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e61c84d04c3f604b07c241287458a6771678b918 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंदौर, संजय मिश्र। भोपाल के हमीदिया अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में शार्ट सर्किट से आग लगने से आठ मासूमों की मौत ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। शासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक कटघरे में है। प्रशासन ने आग की घटना में केवल चार नवजात बच्चों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन तथ्य तो इसके दोगुना से अधिक बच्चों के मरने के हैं। मंगलवार को अस्पताल की मोर्चरी में आठ बच्चों के शव ले जाए गए थे। वार्ड में भर्ती बच्चों में से कई अभी भी गंभीर हालत में हैं, जबकि आग लगने के बाद की गई शिफ्टिंग के दौरान दो बच्चे गायब हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..125e6dc9e1f3ca30bc256c525ee5761a0fd27ddf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65168.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस कथन ने यह पुष्टि कर दी कि अधिकारियों की भी अपनी या पराई सरकारें होती हैं। जब अधिकारियों की सरकारें होती हैं तो स्वाभाविक है कि सरकारों के भी अधिकारी होते हैं। दूसरा, लंबे अर्से की प्रताड़ना और उत्पीड़न के परिणामस्वरूप निकला यह वाक्य निराशा की तीखी अभिव्यक्ति है। प्रश्न उठता है कि प्रताड़ना और उत्पीड़न किस बात का। क्या विभाग ठीक नहीं दिए? यदि हां, तो इसका अर्थ यह हुआ कि गलत विभाग दिए गए। यदि ऐसा है तो क्या यह माना जाए कि गलत विभाग भी होते हैं। इस कथन का अंतिम भाग भी विचित्र है.. हमारी बारी आएगी तो इनको बताएंगे। यह बताना किस प्रकार की क्रिया है, इसके विस्तार में जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से अपनी बारी आने पर बताने का अनुष्ठान ही किया जाता है। दरअसल यह बताने की प्रक्रिया ऊपर से आरंभ होती है और पंचायतों में स्थित सरकारी कार्यालयों तक जाती है। + +पर कुल्लू में थप्पड़ और लात प्रकरण, मंत्रिमंडल की बैठक में किसी अधिकारी का उस हालत में आना कि शराब की गंध महक रही हो, यह मांग करता है कि सरकार को सख्त होना चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विपक्ष के लिए यह कहते हैं कि कांग्रेस नेताओं के कच्चे चिट्ठे उनके पास हैं पर वह खोलना नहीं चाहते। यह अच्छी परंपरा है कि असुंदर बातें ढकी रहें और राजनीतिक हथियार न बनें, लेकिन आदेश न मानने वाले अधिकारियों के प्रति सरकारी कार्रवाई तो बनती है। अधिकारी किस स्तर पर सरकार को जनता तक ले जा रहे हैं, यह काम कतिपय सर्वेक्षण आदि करते हैं और करते आए हैं। सुनने में आया कि मुख्यमंत्री ने बड़ा दिल दिखाते हुए संबंधित अधिकारी को क्षमादान दे दिया जो मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। ऐसी ही विशाल हृदयता मुख्यमंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने भी दिखाई थी, जब विमान में एक अधिकारी ने परिचारिका के साथ अभद्रता की थी। उन्होंने कहा था कि अधिकारी अच्छा है किंतु कई बार इधर-उधर हो जाता है। कालांतर में वह मुख्य सचिव बने। काश उसी समय उदाहरण प्रस्तुत किया होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ff1cad501d703a2152a5fbedcf46f688ff58f1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65170.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अभिषेक त्रिपाठी, अबूधाबी। टी20 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में दो ऐसी टीमें आमने-सामने होंगी, जिनका क्रिकेट स्टाइल एक-दूसरे से जुदा है। दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आज यानी गुरुवार 11 नवंबर को पाकिस्तान का सामना आस्ट्रेलिया से होगा। इस विश्व कप से पहले पाकिस्तान लगातार एक जैसा प्रदर्शन करने में असमर्थ थी, लेकिन उसने बाबर आजम की कप्तानी में यहां पर सुपर-12 के अपने पांचों मैच जीते, साथ में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत को पहली बार किसी विश्व कप में हराया। यह एकमात्र ऐसी टीम है जो इस टूर्नामेंट में अजेय रही है। वहीं, सबसे ज्यादा सात आइसीसी ट्राफी जीतने वाली आस्ट्रेलिया को इस टूर्नामेंट का दावेदार नहीं माना जा रहा था, लेकिन आरोन फिंच की कप्तानी में टीम ने सही समय पर लय पकड़ ली है। हालांकि, ओपनर विकेटकीपर मुहम्मद रिजवान और शोएब मलिक को जुखाम-बुखार होने से पाकिस्तान को झटका लगा है। + +मलिक और रिजवान को बुखार।दुबई की परिस्थितियों की बात करें तो पाकिस्तानी टीम यहां काफी सहज है। 2009 में श्रीलंका की टीम बस पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं हुआ और पाकिस्तान ने यूएई में अपने घरेलू मैच खेले। पाकिस्तान सुपर लीग के कई सत्र भी यहां आयोजित हुए। इस टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ ऐतिहासिक जीत ने उसके अंदर के जज्बे को बढ़ा दिया है। विश्व कप से पहले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान का दौरा रद कर दिया था। टीम को अभ्यास भी नहीं मिला, लेकिन उसने शानदार प्रदर्शन किया। खास तौर पर उनके कप्तान शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 264 रन बनाकर उन्होंने टीम की शानदार अगुआई की है। उन्होंने चार पचासे लगाने के साथ यह भी तय किया की टीम भारत को हराने के बाद बहक नहीं जाए। + +बाबर के साथ दूसरे ओपनर मुहम्मद रिजवान भी शानदार फार्म में हैं, लेकिन उनको जुखाम व बुखार है। इस कारण वह बुधवार को अभ्यास करने नहीं आए। पिछले मैच में अच्छी पारी खेलने वाले शोएब मलिक को भी बुखार है। उनके खेलने पर टीम प्रबंधन सुबह फैसला लेगा। अगर ये दोनों नहीं खेले तो पाकिस्तान को परेशानी हो सकती है। ऐसे में रिजवान की जगह पूर्व कप्तान सरफराज अहमद और हैदर अली को मौका मिल सकता है। फखर जमां जरूर कमाल नहीं दिखा पाए हैं, लेकिन बुधवार को अभ्यास सत्र में वह लंबे-लंबे छक्के लगा रहे थे। टीम के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी ने शानदार प्रदर्शन किया है। हैरिस राऊफ और हसन अली भी अगर कुछ बेहतर करने में सफल होते हैं तो आस्ट्रेलिया को मुश्किल होगी। इमाद वसीम, मुहम्मद हफीज और शादाब खान अपनी स्पिन से आस्ट्रेलिया को परेशान करेंगे। + +::: नंबर गेम :::।-2016 टी-20 विश्व कप के पहले दौर में ही बाहर हो गई थी पाकिस्तान, लेकिन वर्तमान टूर्नामेंट में यह टीम एक मैच भी नहीं हारी है।-7 आइसीसी टूर्नामेंट (पांच वनडे विश्व कप और दो चैंपियंस ट्राफी) जीती हैं आस्ट्रेलिया ने। हालांकि यह टीम अब तक टी-20 विश्व कप नहीं जीत पाई है।-5 आइसीसी टूर्नामेंट भारत (दो वनडे विश्व कप, एक टी-20 विश्व कप और दो चैंपियंस ट्राफी) और वेस्टइंडीज (दो वनडे विश्व कप, दो टी-20 विश्व कप और एक चैंपियंस ट्राफी) ने जीते हैं।-3 आइसीसी टूर्नामेंट पाकिस्तान (एक वनडे विश्व कप, एक टी-20 विश्व कप और एक चैंपियंस ट्राफी) ने जीते हैं। 2010 टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल में पिछली बार ये दोनों टीमें आमने-सामने हुई थीं, जिसमें आस्ट्रेलिया ने माइक हसी के शानदार प्रदर्शन की बदौलत रोमांचक जीत दर्ज की थी।पिच और मौसम रिपोर्ट।इस मैदान पर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों का पलड़ा भारी रहा है और ऐसे में टास एक बार फिर अहम भूमिका निभाएगा। यहां पर बाद में ओस गिरती है, इसलिए टास जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी का विकल्प चुनता है। पिच पहली पारी में गेंदबाजों और बाद में बल्लेबाजों की मदद करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fedab8209c8e6c49f67de7a860aa69ea13bd45b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। चीन में सत्‍ताधारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस की बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। आखिर इस बैठक में ऐसा क्‍या खास होने वाला है। दरअसल, इस बैठक में चीन का अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा यह सुनिश्चित होगा। ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर चीन के राष्‍ट्रपति का क्‍या चुनाव होता है। कैसे बनता है चीन का राष्‍ट्रपति ? क्‍यों वह इतना ताकतवर होता है ? क्‍या चिनफ‍िंग तीसरी बार देश के राष्‍ट्रपति बन सकते हैं ? आइए जानते हैं चीन के राष्‍ट्रपति चुनाव की क्‍या प्रक्रिया है ? चिनफ‍िंग पहली बार राष्‍ट्रपति कब बने ? वह देश में इतने लोकप्रिय क्‍यों हुए ? आखिर इस सारे मामलों में क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख)। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb55bf3aba489191dcc9b6146596aa90b17cf463 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65173.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाराष्ट्र का मामला पहला नहीं है। इसके पहले फरवरी 2019 में कोलकाता के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की शारदा चिट फंड घोटाले की जांच करने पहुंची सीबीआइ की टीम को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शह पर बंधक बना लिया गया था। दिलचस्प यह है कि दोनों ही मामलों में संघवाद की दुहाई दी गई थी। वैसे संघवाद की दुहाई हर बार तब दी जाती है, जब केंद्र और राज्य में विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों की सरकारें होती हैं। विशेषकर केंद्रीय एजेंसियां जब भी राज्यों में कार्रवाई करती हैं, हर बार संघवाद और लोकतंत्र की दुहाई दी जाती है। राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी केंद्रीय एजेंसियों और सरकार की कार्रवाई को संघवाद का खुला उल्लंघन बताते नहीं थकती है। दूर की बात कौन कहे, कोरोना महामारी जैसे शुरू हुई थी, वैसे ही केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन कानून 2005 और 19वीं सदी के महामारी अधिनियम के तहत पूरे देश का प्रशासन तकरीबन अपने हाथ में ले लिया था, तब भी इसे संघवाद पर हमला बताया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..baf9f88a1b8205cf57ccf9a26c65b7abdc5a3403 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65174.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। India v/s New Zealand Test Match in Kanpur गंगा किनारे स्थित ग्रीनपार्क स्टेडियम में न्यूजीलैंड के साथ टेस्ट मैच खेलने आ रही भारतीय टीम का मुकाबला कीवियों से पहले मौसम से होगा। उन्हें मौसम के साथ ही पिच के बदलाव से तालमेल बिठाना होगा। हालांकि ठंडक में रहने वाले कीवियों के लिए मौसम मददगार साबित होगा फिर भी पिच का मिजाज तो उनके लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा। अच्छी बात यह है कि फटाफट फार्मेंट से खेलकर टेस्ट के लिए सीधे यहां आने वाली टीम में कई टेस्ट विशेषज्ञ खिलाड़ी 16 नवंबर को ही शहर आ जाएंगे और उन्हें मौसम के अनुकूल ढलने का मौका मिल जाएगा, जो टीम के लिए फायदेमंद साबित होगा। + +हर सत्र में बदलता पिच का मिजाज : पिच क्यूरेटर ने बताया कि ग्रीनपार्क की पिच का मिजाज टेस्ट मैचों में हर सत्र के हिसाब से बदलता रहता है। सुबह के सत्र में नमी के कारण पिच तेज व मध्यम गति के गेंदबाजों की मददगार साबित होती है। वहीं, धूप निकलने के बाद दोपहर के सत्र बल्लेबाजों के लिए आसान हो जाते हैं। दिन का अंतिम सत्र स्पिनर्स के लिए लाभकारी साबित होता है क्योंकि पिच शुष्क होने लगती है जिससे स्पिनर्स की गेंद खूब घूमती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65175.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65175.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2ef3e59d5d6de7546b58ffd2c961b847c1d0aea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65175.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +इस तरह हो रहा है सुनियोजित हमला।...और इस तरह सुनियोजित पलायन: वर्ष 1980 से पहले भारत और बाद में ब्रिटेन-अमेरिका का रुख।केस एक दोहरा बचाव ।पत्नी और बेटी को यूके भेजा: सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी ने बेटी की पढ़ाई को आधार बनाया। पत्नी और बेटी को यूके भेज दिया। खुद ढाका में ही रुक गए हैं। यूके में बसने का एक कारण यह भी है कि भारत छोड़कर किसी अन्य देश में बसने से संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित नहीं होती। + +केस दो 12 साल से तैयारी ।पहले बेटी को भेजा, फिर पत्नी को और अब वे खुद आएंगे: रंगपूर संभाग के मध्यम वर्गीय हिंदू परिवार के शिक्षक ने 12 साल पहले बेटी को पढ़ने के लिए भारत भेजा। उसके बाद पत्नी भी आ गई। बेटी की शादी भारत में कर दी। दो साल पहले सेवानिवृत्त हो गए हैं। अब सरकारी खातों से जमा-पूंजी ले चुके हैं। जमीन-जायदाद का सौदा तय कर रहे हैं। इसे बेचकर वह बेटी के पास आने की तैयारी कर रहे हैं। + +केस तीन आपात स्थिति के लिए एक घर बंगाल में ।भारत और कनाडा में शिफ्ट कर दिया परिवार: ढाका में शाखा (शंख से बनी सफेद चूड़ी, जिसका सबसे बड़ा बाजार भारत है) का व्यवसाय करने वाले हिंदू व्यवसायी परिवार ने 70 के दशक में बड़े बेटे को पढ़ाई के लिए कनाडा भेजा। वो कनाडा में ही बस गए और भारतीय (बंगाली) से शादी की। इधर, बाकी बेटों ने भारत में व्यवसाय फैलाया। अब उनका कोलकाता में एक मकान भी है। बेटियों की शादी वे बांग्लादेश से बाहर तय करेंगे। वे कहते हैं इतना बड़ा व्यवसाय छोड़कर जाना और फिर उसे किसी अन्य देश में विस्तार देना आसान नहीं है, इसलिए अगली पीढ़ी को शिफ्ट कर रहे हैं। (सुरक्षा कानूनी पहलू के कारण सभी नाम गोपनीय रखे गए हैं)।शिक्षा, प्रशासनिक सेवा, अकाउंटेंसी में एक खालीपन आया इस पलायन का असर बांग्लादेश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर किस तरह पड़ा है? इस पर ढाका विश्वविद्याल के अर्थशास्त्री डा. अबुल बरकत का कहना है यहां 90 प्रतिशत शिक्षक हिंदू होते थे। खासतौर पर बांग्ला, अंग्रेजी और गणित के क्षेत्र में उनका बहुत दखल था। शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग धीरे-धीरे भारत सहित यूके, यूएस और अन्य देशों में बस गया। बड़ी संख्या में अकाउंटेंट हिंदू थे। इन दोनों ही क्षेत्रों में जो खालीपन आया है, वह उस स्तर के साथ नहीं भर पाया है। चूंकि ज्यादातर हिंदू परिवार या तो जमींदारी, शिक्षा या सरकारी नौकरी से जुड़े रहे, इसलिए आर्थिक रूप से इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। + +बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट व अध्यक्ष एंव बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के एडवोकेट राणा दासगुप्ता ने बताया कि आजादी के आंदोलन में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले चट्टोग्राम के क्रांतिकारी वाद्देदार परिवार का वंशज हूं। 1971 में भी बांग्लादेश की आजादी के लिए मुक्ति संग्राम से जुड़ा रहा। मेरे जैसे लाखों हिंदुओं ने बांग्ला भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी, मगर अब यहां हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। मेरा मानना है कि नौ साल में 5000 से ज्यादा हमले हो चुके हैं। अल्पसंख्यकों के संरक्षण का दावा करने वाली शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में लगातार हमले जारी हैं और सरकार इसे रोक नहीं पा रही है। एनिमी एक्ट के तहत जब्त 10 प्रतिशत संपत्तियां भी लौटाई नहीं गई। + +बांग्लादेश के सीनियर जाइंट सेक्रेटरी, इंडो- बांग्ला फ्रेंडशिप एसोसिएशन के संगीत निर्देशक सुशील चंद्र सरकार ने बताया कि बांग्लादेश में अब वे हिंदू परिवार ही बचे हैं, जो गरीब व मजबूर हैं या फिर हम जैसे कुछ चुनिंदा लोग, जो अपनी मिट्टी, अपने देश के लिए लड़ रहे हैं। भारत की सीमा से 40 मिनट दूरी पर बसे बोगाड़ शहर में अधिकांर्श हिंदू व्यवसायी (शाहा) हैं। जमा-जमाया व्यवसाय छोड़कर नहीं जा सकते इसलिए वसूली की रकम अदा कर धंधा कर रहे हैं। ऐसे मुद्दों के लिए हम लंबे समय से आयोग बनाने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान में भी अल्पसंख्यक आयोग है लेकिन बांग्लादेश में नहीं है। भारत की सरकार से अपेक्षा है कि वे हमारी सरकार से इस पर चर्चा करे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..710afef05a43fe7728b147d44d00348f3996fb62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65177.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीसीसीआइ का कहना है कि अगर हर साल आइसीसी टूर्नामेंट होंगे तो करीब डेढ़ महीने तक सभी टीमें इसमें व्यस्त रहेंगी, जिससे हर बोर्ड को कम से कम दो द्विपक्षीय सीरीज का नुकसान होगा। सबसे ज्यादा नुकसान बीसीसीआइ को होगा। उसकी आमदनी इसी द्विपक्षीय सीरीज से होती है। बाकी क्रिकेट बोर्डों पर भी इसका असर होगा। बैठक में हम इस बात को रखेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f97ed1c218f5a12c085e4b644eb327c38ebb888 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65181.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस ने पहले ही अनुसूचित जाति वर्ग से मुख्यमंत्री बनाकर लंबे समय से जट्ट सिखों के कांग्रेस में वर्चस्व को तोड़ दिया था। यही कारण है कि कांग्रेस लंबे समय से सिद्धू की डीजीपी और एजी को हटाने की मांग को न तो मान रही थी और न ही मांग न मानने से इन्‍कार कर रही थी। लेकिन, जब सिद्धू ने यह कह दिया कि या तो दो अफसरों को चुन लो या प्रदेश कांग्रेस के प्रधान को उसके बाद से कांग्रेस के हाथ पांव फूल गए। सिद्धू ने जिस प्रकार से प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दिया था और जो उनके तेवर थे, उसे देख कर उन्हें लगने लगा कि सिद्धू पार्टी भी छोड़ सकते हैं। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि सिद्धू किसी बहाने कांग्रेस छोड़ें। ।कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। उनके पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर 43 फीसदी हिंदू वोट बैंक को कैसे संभाला जाए। कैप्‍टन अमरिंदर सिंंह की पंजाब में हिंंदू वोट बैंक पर मजबूत पकड़ मानी जाती थी। कांग्रेस के सर्वे के अनुसार हिंदू वोट बैंक पार्टी से खिसकता जा रहा है। ऐसे में अगर यह संदेश भी चला जाए कि सिख भी कांग्रेस से दूर हो रहे हैं तो कांग्रेस का मिशन 2022 बिगड़ सकता है। यही कारण है कि कांग्रेस ने अंतत: सिद्धू की बातों को मानने में भी अपना भला समझा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95f33b105b024370b43176f811a5cd9efaddec3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सियासी पड़ाव स्थापित करेगा शोभायात्रा का रूट।दिल्ली से चलकर शोभायात्रा गुरुवार को सोरों पहुंचेगी। शुक्रवार को एटा, मैनपुरी, कन्नौज होते हुए कानपुर जाएगी। विकास हो या विस्तार, धार्मिक आयोजन हो या सांस्कृतिक, हर सत्ता अपने राजनीतिक लाभ की संभावना अवश्य तलाशती है। राजनीति के जानकार इस शोभायात्रा को लेकर भी ऐसी ही संभावना जता रहे हैं। कहते हैं कि वर्ष 2017 के विस चुनाव से पहले सपा के गढ़ माने जाने वाले एटा, मैनपुरी और कन्नौज जिला में भाजपा की राजनीतिक स्थिति कभी मजबूत नहीं रही। इस शोभायात्रा के जरिए हजारों लोग आस्था के वशीभूत होकर जुड़ेंगे। पिछले चुनाव की तरह आगामी चुनाव में आस्थावानों का ये समर्पण लाभदायक होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efd25944cfa98c3139f19266f328c3d37dcee97b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य सरकारों से भी स्वास्थ्य केंद्रों को डिजिटल मोड में लाने की अपील।स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ नेशनल हेल्थ अथारिटी राज्य सरकारों से भी अपने-अपने स्वास्थ्य केंद्रों को डिजिटल मोड पर लाने के लिए बातचीत कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य सरकारों को इसके लिए वित्तीय मदद देने पर भी विचार कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e1933fd6e770da1893cca5511b19b48eafb07a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। अजीत डोभाल के नेतृत्‍व में हो रहे क्षेत्रीय सुरक्षा डायलाग पर चीन और पाकिस्‍तान की पैनी नजर है। अफगानिस्‍तान में तालिबान हुकूमत के बाद भारत की एक बड़ी कूटनीति से पाकिस्‍तान और चीन दोनों अलग-थलग पड़ गए हैं। क्षेत्रीय सुरक्षा डायलाग में अफगानिस्तान के सात अहम पड़ोसी देशों का भारत आना यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी मानती है कि अफगान समस्या के समाधान में भारत की भूमिका अहम होगी। क्षेत्रीय सुरक्षा डायलाग ने यह दिखा दिया कि अफगानिस्‍तान में तालिबान हुकूमत में भारत का दृष्टिकोण दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के अनुकूल है। भारत की इस पहल से चीन और पाकिस्‍तान की किरकिरी हुई है। आइए जानते हैं कि दिल्‍ली डायलाग को आखिर विशेषज्ञ किस नजरिए से देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00f6212cbabf667ca8e1befc14c2ffe3e994da0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65191.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  दीपावली त्योहार बीतने के बाद अब गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। हालांकि ठंड शब्द का जिक्र आते ही पसीना निकलने की कल्पना आमतौर पर नहीं की जाती है। मगर मिशन की रिपोर्ट गुलाबी ठंड में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के पसीने छुड़वा सकती है। बेटियों को मजबूत करने के लिए शासन की ओर से मिशन शक्ति कार्यक्रम सभी स्कूलों व कालेजों में चलाया गया। कोरोना संक्रमण काल से मुक्ति मिलने के बाद विशेष मिशन शक्ति अभियान भी शैक्षिक संस्थानों में चलाया गया। इसके तहत बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया और उनको बालिका सुरक्षा अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ ही किसी भी समस्या में आने पर किस हेल्पलाइन पर फोन करना है इसके बारे में भी बताया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be70d750073dcd6d1f2e49a4c464aab834949f26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरोपित पैरा खिलाड़ी का पासपोर्ट में पता कोल्हापुर का, पुलिस जांच में बताया गया पश्चिम बंगाल का मूल निवासी।वैसे खेल विभाग ने जिला खेल अधिकारी द्वारा इस पैरा तैराक को दो करोड़ रुपये का इनाम देने की सिफारिश करने के बावजूद इनामी राशि जारी नहीं की है। कपूर ने करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधिकारी को आरटीआइ में मिले सबूतों सहित शिकायत भेज कर फर्जीवाड़े में शामिल सभी आरोपितों के विरुद्ध तुरंत एफआइआर दर्ज करने व एसआइटी गठित कर सभी आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। बताया जाता है कि इस पैरा खिलाड़ी के पासपोर्ट पर महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर का पता है, लेकिन उसने पुलिस जांच में खुद को पश्चिम बंगाल का मूल निवासी बताया।  ।करनाल के तत्‍कालीन जिला उपायुक्‍त द्वारा खेल निदेशक को भेजा गया पत्र। (पीपी कपूर ने उपलब्‍ध कराया)   ।फर्जीवाड़े में पांच विभागों के अफसर शामिल।बताया जाता है कि  फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, हरियाणा का डोमिसाइल बनाने, दो करोड़ रुपये की इनाम राशि के लिए फाइल भिजवाने व भ्रामक पुलिस जांच रिपोर्ट भेज कर मामला दबाने के फर्जीवाड़े में पांच विभागों के अफसर शामिल हैं। इनमें खेल विभाग, नगर निगम, फूड सप्लाई विभाग, तहसीलदार, पुलिस विभाग के अधिकारी व नगर पार्षद की भूमिका बताई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0c28b13d8b3c3083eb018c43b533a1f7a793c3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्लाडा दफ्तर में मुख्य प्रशासक का दफ्तर पहले ही काफी आलीशान है। दफ्तर का फर्नीचर भी ठीक ठाक स्थिति में है। इसके बावजूद फर्नीचर को हटाया जा रहा है। इससे मातहत अफसर व कर्मचारी भी सकते में हैं। मुख्य प्रशासक ने आदेश दिए हैं तो मातहत अफसर भी काम में जुट गए हैं। ग्लाडा की सिविल ब्रांच ने बाथरूम में फर्श तोड़ दिया गया है। उसके बाद सिविल ब्रांच को अभी एक दीवार तोड़कर कांच भी लगाना है। बिजली ब्रांच ने वायरिंग व एसी रिपेयर कर लिया है। नगर निगम में भी ऐसे ही कुछ हुआ था। उन्होंने बाथरूम में लगी टायलेट सीट से लेकर सारा सामान बदलवा दिया था। उस समय भी यह मामला काफी चर्चा का विषय बना रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4ec79397477c70b6f5474660e97876dfb208355 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65194.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, रमेश मिश्र। चीन में सत्‍ताधारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की कांग्रेस की बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि इस बैठक में एक बार फ‍िर चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग को तीसरी बार देश की कमान सौंपी जाएगी। उनको कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का महा‍सचिव बनाया जाना तय है। चीन के कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब चिनफ‍िंग तीसरी बार देश के राष्‍ट्रपति बनेंगे। अगर चिनफ‍िंग चीन के राष्‍ट्रपति बने तो इसका दुनिया पर क्‍या असर होगा ? भारत, अमेरिका और ताइवान के संबंधों पर इसका क्‍या प्रभाव रहेगा ? अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति में इसके क्‍या बड़े निहितार्थ हैं। आखिर इस सारे मामलों में क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख)। + +चीनी राष्‍ट्रपति के कार्यकाल को आप किस रूप में लेते हैं ? ।चीन राट्रपति चिनफ‍िंग ने बड़ी चतुराई से कोरोना महामारी के दौरान चीन में उपजी बेरोजगारी, गरीबी और अन्‍य आर्थिक समस्‍याओं का ध्‍यान दूसरी ओर खींचा है। वे जनता का ध्‍यान अमेरिका, ताइवान और भारत के सीमा विवाद की ओर ले जाने में सफल रहे हैं। जब कोरोना महामारी के काल में पूरी दुनिया वायरस से संघर्ष कर रही थी उस वक्‍त चीन, भारत के साथ साथ सीमा विवाद में उलझा था। चिनफ‍िंग लगातार अमेरिका को ललकार रहे थे। वह ताइवान को चीन में शामिल करने के लिए सैन्‍य शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे। वह चीनी जनता में राष्‍ट्रवाद की भावना विकसित कर रहे थे। इन दो वर्षों में चीन ने अपने सीमा विवाद को सबसे ज्‍यादा अहमियत दी। इसका एक सबसे बड़ा प्रमुख कारण देश की जनता के ध्‍यान को पूरी तरह से भटकाना था। ।क्‍या चिनफ‍िंग के सत्‍ता में आने के बाद भारत के साथ तनाव बढ़ेगा ?।निश्चित रूप से। चिनफ‍िंग के कार्यकाल में भारत और चीन के तल्‍ख संबंधों में कोई बदलाव नहीं होगा। भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर चीन राष्‍ट्रपति चिनफ‍िंग पहले से ज्‍यादा आक्रामक हो सकते हैं। वह विस्‍तारवादी नीति को आक्रामक ढंग से आगे बढ़ाने की रणनीति बना सकते हैं। इसका उनको राजनीतिक लाभ भी दिख रहा है। ऐसा करके वह अपने देश की बड़ी समस्‍याओं से आम चीनी जनता का ध्‍यान भटका सकते हैं। चिनफ‍िंग अपने को युगांतकारी नेता के रूप में स्‍थापित करने के लिए किसी भी सीमा को पार कर सकते हैं। वह यह दिखाने का प्रयास कर सकते हैं कि उनके कार्यकाल में भारत-चीन सीमा विवाद का निस्‍तारण किया गया। वह इसका क्रेडिट जरूर लेना चाहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69ee3864d6a7c6a09ce7cbacde36d592d75582c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65196.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित हो चुके रामगढ़ताल क्षेत्र की महत्ता और बढ़ने वाली है। ताल के किनारे तीन फाइव स्टार होटल बनाए जाएंगे। सर्किट हाउस से बुद्ध प्रवेश द्वार की ओर से क्रम से मैरियट, ताज एवं हालिडे इन ग्रुप के होटल खोलने की तैयारी है। स्थानीय कारोबारियों की ओर से मैरियट एवं ताज ग्रुप के साथ समझौता किया गया है। जबकि लोटस समूह को आवंटित जमीन पर हालिडे इन ग्रुप की फ्रेंचाइजी लाने पर सहमति बनी है। मैरियट होटल का काम अंतिम चरण में है जबकि शेष दोनों होटल को लेकर भी कवायद शुरू हो चुकी है। + +तीन होटल खुलने के बाद बढ़ेगी रामगढ़ताल क्षेत्र की महत्ता।पिछले साढ़े चार वर्षों में गोरखपुर में विकास से जुड़े कई कार्य हुए हैं। सड़क मार्ग के साथ ही वायु मार्ग की भी बेहतर कनेक्टिविटी हो गई है। गोरखपुर एवं आसपास के जिलों से लोग यहां के पिकनिक स्पाट रामगढ़ताल क्षेत्र में घूमने आते हैं। औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही बाहर से उद्यमियों एवं व्यापारियों का आना-जाना भी लगा रहता है। इसी क्रम में रामगढ़ताल क्षेत्र में ऐश्प्रा समूह की ओर से बनाए जा रहे भवन में मैरियट ग्रुप का होटल खुलेगा। इसको लेकर विशेषज्ञ फर्म की ओर से इंटीरियर के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8ac6a23ebb2f9c21091f84cb66b7e2df3ba491a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65198.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। IRCTC E-Car and E-wheelchair Online booking: रेलवे स्टेशन पहुंचकर अब बैट्री चालित कार या बैट्री चालित रिक्शा और व्हील चेयर के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जरूरतमंद यात्री स्टेशन पहुंचने के पहले ही इनकी व्यवस्था सुनिश्चित कर सकेंगे। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर ट्रेनों के टिकट और रिटायरिंग रूम की तरह स्टेशनों पर मौजूद बैट्री चालित कार या बैट्री चालित रिक्शा सहित व्हील चेयर भी आनलाइन बुक होंगे। + +व्हील चेयर की बुकिंग पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर निश्शुल्क होगी। जबकि कार के लिए निर्धारित किराया वहन करना होगा। प्रथम चरण में वाराणसी और लखनऊ सहित देशभर के 21 प्रमुख स्टेशनों पर व्हील चेयर के आनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू हो गई है। दूसरे चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर और बनारस सहित अन्य जोन के स्टेशनों पर भी यह व्यवस्था सुनिश्चित कर दी जाएगी। + +ऐसे होगी बुक‍िंग।व्हील चेयर की बुकिंग के लिए विभिन्न स्टेशनों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। जैसे लखनऊ और वाराणसी जंक्शन के लिए चार घंटे पहले और अहमदाबाद के लिए छह घंटे पहले बुकिंग करनी होगी। इसके अलावा यात्रियों को सिक्योरिटी मनी (जमानत राशि) के रूप में 500 रुपये जमा करना होगा। स्टेशन पर व्हील चेयर जमा करने के साथ ही यात्री की सिक्योरिटी मनी वापस हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d7cbef380bbec9db16cfa722079743cca9a456d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6520.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के मशहूर और दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र उन कलाकारों में से एक हैं जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। वह अक्सर अपने फैंस से सोशल मीडिया के जरिए रूबरू होते रहते हैं। साथ ही उनके लिए खास तस्वीरें और वीडियो साझा करने के अलावा बॉलीवुड से जुड़ी अपनी यादों को भी साझा करते रहते हैं। धर्मेंद्र ने अब अपने छोटे भाई अभिनेता अजीत देओल को याद किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5927b1717614b2f9392a561dbac61df7df6213a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योगेश कौशिक, इगलास । आपने बहुत सारे घरों के संबंध में सुना और देखा होगा। लेकिन यहां क्षेत्र के गांव दुमेडी में पर्यावरण प्रेमियों ने एक अनोखा घर बनवाया गया है। इस घर में इंसान नहीं पक्षिओं का निवास होगा। यह घर आस-पास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, लोग इसे देखने भी आ रहे हैं। मंगलवार को इस घर का उद्घाटन हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0896aeea09eb60ded2e1227f6b35332939706e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65201.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [शैलेश अस्थाना]। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वनस्पति विज्ञानी डा. प्रशांत सिंह और उनकी टीम ने एक ऐसा टीका विकसित किया है, जिसे पौधों को एक बार लगा देने पर दस पीढ़ियां रोग और जीवाणुओं के हमले से सुरक्षित रहेंगी। टीके का जौ और गेहूं के पौधों पर सफल प्रयोग हो चुका है। विज्ञानी ने इसे डिफेंस प्राइमिंग स्ट्रेटजी बताते हुए ग्रीन वैक्सीन (हरित टीका) नाम दिया है। इस टीके के बाद किसान को पौधों की सुरक्षा के लिए अनावश्यक खाद, कीटनाशक देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c07bb14173e54e4e50cc0ed9dc6077a04dc58298 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65205.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छठ पूजा की शुरुअात सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी। पहले दिन व्रती पुरुषों व स्त्रियों ने सुबह स्नान कर भगवान सूर्य को जल अर्पित किया था। चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर शुद्ध घी में पकाई हुई लौकी की सब्जी, चने की दाल, अरवा चावल का सेवन किया था। छठ पर्व के दूसरे दिन मंगलवार को स्त्री व पुरुषों ने दिनभर व्रत धारण किया। शाम को मिट्टी की हांडी में दूध में गुड़ व चावल डालकर खीर अौर चक्की पर पीसे हुए गेहूं के आटे की रोटी बनाई गईं। दीपक जलाकर छठी मैया का भोग लगाया गया। व्रती महिलाओं ने प्रसाद ग्रहण कर, परिवार के सदस्यों को भी प्रसाद दिया। इसके साथ ही 36 घंटे का व्रत शुरू हो गया। रात में महिलाओं ने छठी मैया के गीत गाए और जागरण किया। ठेकुआ का प्रसाद बनाया। बुधवार को व्रती कुछ भी खाएंगे-पिएंगे नहीं। उनके व्रत का पारायण गुरुवार सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ होगा। + +पूजन के लिए की तैयारी। मंगलवार शाम को ही छठी मैया के पूजन के लिए सूप या डलिया में फल, फूल, नारियल व अन्य सामग्री रख दी गई। छठ पूजा की सामग्री में नारियल, धूप, कलशुप, दौरा, गागल, नीबू, सेब, केला, संतरा, शरीफा, कच्चा केला, पान, कसैली, लवंग, सिंदूर, दीपक, कोशी, कोन, अनार, कलश, साठी चावल, चिवड़ा, गुड़, हल्दी पत्ता, अदरक, मूली, अरुई, गन्ना, अमरूद, सुथनी, आरता पात, अगरबत्ती, माचिस, घी, तेल, गमछा कोशी, फूल माला, बोडो, आम की लकड़ी और सिरकी बेरा होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96f5e070f6332de28ff604d9e026fa78844e2a62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65206.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। मच्छरजनित बीमारियों का कारण और इसके फैलने के तरीके सरकार और निकायों को पता हैं। इसकी रोकथाम के लिए जिम्मेदारी भी निर्धारित हैं, लेकिन निगरानी तंत्र के मजबूत न होने से हर साल लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ होता है। आज से 10-15 साल पहले तक जितने कर्मचारी और अधिकारी मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रशासन स्तर पर लगते थे अब उसमें से महज 60 फीसद कर्मी ही काम पर लगे हुए हैं। विभागों में पद खाली पड़े हैं। ।दिल्ली के भौगोलिक दायरे में तो कोई इजाफा नहीं हुआ, लेकिन यहां की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। आज भी प्रशासन स्तर पर जो योजनाएं बनती हैं वो उसी जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनती हैं, जो 15 साल पहले थी। सबसे पहले तो विभागों में रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए, वहीं वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से नए पदों का सृजन भी होना चाहिए। इससे हमें मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए चल रहे अभियान को सफल बनाने में मदद मिलेगी। इसका दूसरा लाभ यह होगा कि निगरानी तंत्र मजबूत होगा। + +अभी जितने प्रयास प्रशासन को करने पड़ते हैं उससे कम प्रयास में ही हमें सफलता मिल सकती है। इसके लिए बड़ी मात्र में आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ती है। फंड की कमी का मुद्दा नहीं होना चाहिए। निगम अपने स्तर पर तो फंड जुटाए ही, राज्य सरकार भी इसको लेकर अतिरिक्त फंड जारी करे। इसके अलावा हर वर्ष फंड में बढ़ोतरी हो तो यह कार्य आसानी से किया जा सकता है। + +फागिंग और एंटी लार्वा स्प्रे बढ़ाना होगा ।दूसरी बड़ी बात यह है कि लोगों को समझना होगा कि उनकी जरा सी लापरवाही का खामियाजा न सिर्फ उनके परिवार को, बल्कि आसपास के लोगों को भी उठाना पड़ सकता है। इसके लिए लोगों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से समझाया जा सकता है। राज्य सरकार और स्थानीय निकाय को मिलजुलकर काम करने की जरूरत है। तालमेल जितना बेहतर होगा, क्षेत्र की जनता को उसका उतना ही लाभ मिलेगा। ।बीते वर्षो की तुलना में इस वर्ष ज्यादा बारिश हुई है, लेकिन प्रशासन यह कहकर नहीं बच सकता कि बारिश की वजह से मामले बढ़े हैं। जहां चुनौती शुरू होती है, वहीं से प्रशासन का कार्य शुरू होता है। अगर बारिश ज्यादा हुई है तो निगरानी तंत्र के कार्य को बढ़ाए जाने की जरूरत थी। प्रशासन द्वारा फा¨गग के साथ ही एंटी लार्वा स्प्रे की संख्या को भी बढ़ाने की जरूरत है। ।(डा. केएन तिवारी, पूर्व जनस्वास्थ्य अधिकारी, दिल्ली नगर निगम)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcd4c2ddef809e6aadb05e9d20bb331a9171664d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65209.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा मंगलवार को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, राजस्व विभाग की मदद से यमुना में 15 नावें उतार दी गईं। इन नावों पर सवार कर्मचारियों ने रस्सियों की सहायता से झाग साफ करने की प्रक्रिया शुरू की। कार्रवाई तब तक चलेगी, जब तक यमुना से यह झाग पूरी तरह छंट न जाए। इसके अलावा एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की जा रही है, जिसमें दिल्ली एवं केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। कमेटी इस समस्या के कारणों की पड़ताल करेगी कि समय-समय पर यमुना में झाग क्यों पैदा होता है और इसके लिए कौन सी एजेंसियां जिम्मेदार हैं। जिम्मेदार एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी यमुना में गिरने वाले नालों से संबंधित एजेंसियों को भी नोटिस भेजा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65211.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25d28ccc41be18d33616b7ab8eb43d2ce0265903 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीनों कृषि सुधार कानून विरोधी आंदोलन में हरियाणा के जाट समुदाय की अग्रणी और प्रमुख भूमिका है। अन्य समुदायों ने इससे दूरी बना रखी है। आंदोलनकारियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी और सत्ता में उसकी सह भागीदार है। दोनों दलों के नेता कहीं भी आते जाते हैं तो मध्य हरियाणा में उनका घेराव होता है। वे किसा कार्यक्रम में सम्मलित होने में संकोच करते हैं। ऐलनाबाद उपचुनाव में तो भाजपा प्रत्याशी गोबिंद कांडा को गुरुद्वारे प्रवेश ही नहीं करने दिया गया। त्रास देने वाली बात तो यह है कि हरियाणा की खाप पंचायतें भी इसके विरोध में कुछ नहीं कहतीं। बहिष्कार का अर्थ संबंधित व्यक्ति से किसी तरह का संबंध न रखना होता है। उसका सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार होता है, उसके लोकतांत्रिक अधिकारों का बलात अपहरण नहीं। आंदोलनकारियों के इस तरह के कृत्यों का सामान्य जन विरोध भले न कर रहा हो, लेकिन आंदोलनकारी जनता की सहानुभूति खो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d997f3353efe04b7e5bd4a0253b0782c051c19a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65212.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +10 नवंबर, 1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के अरवी में जन्मे दत्तोपंत ठेंगड़ी महज 12 वर्ष की आयु में महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन में शामिल हुए। ठेंगड़ी जी ने भारतीय मजदूर संघ (1955), भारतीय किसान संघ (1979), सामाजिक समरसता मंच (1983) और स्वदेशी जागरण मंच (1991) जैसे अनेक संगठनों की स्थापना की। ये सभी संगठन आज अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उद्देश्यों की पवित्रता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। दत्तोपंत ठेंगड़ी सामाजिक जीवन के विभिन्न पक्षों पर इतनी सूक्ष्म दृष्टि रखते थे कि उनके आख्यान भविष्य की राह बताने वाले होते थे। शीत युद्ध की समाप्ति के दौर में ही उन्होंने भविष्यवाणी कर दी थी कि दुनिया से लाल झंडे की विदाई का समय आ गया है। यह बात आज सच प्रतीत होती है। + +दत्तोपंत ठेंगड़ी ने वैश्वीकरण को आर्थिक स्वरूप में सीमित न रहकर मानव केंद्रित आवरण देने का आह्वान किया। वह कहते हैं कि समावेशी और वांछनीय प्रगति और विकास के लिए एकात्म दृष्टिकोण बहुत जरूरी है। वर्तमान में दुनियाभर में उपभोक्तावाद जिस आक्रामकता से बढ़ रहा है, उससे आर्थिक असमानता चरम पर है। इसके समाधान के लिए ठेंगड़ी जी ने हिंदू जीवन शैली और स्वदेशी को विकल्प बताया। ठेंगड़ी जी कहते हैं, हमें अपनी संस्कृति, वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के लिए आकांक्षाओं के आलोक में प्रगति और विकास के अपने माडल की कल्पना करनी चाहिए। विकास का कोई भी विकल्प जो समाज के सांस्कृतिक मूल को ध्यान में रखते हुए नहीं बनाया गया हो, वह समाज के लिए लाभप्रद नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71f1fa53a3d655a7360da09734a3f0b8b5a72602 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65217.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तीन दशक से भी अधिक समय से पीड़ितों की तरफ से न्याय की लड़ाई लड़ने वाली उपहार अग्निकांड पीड़ित एसोसिएशन की चेयरपर्सन नीलम कृष्णमूर्ति ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि निर्णय आने के बाद सही मायने में ऐसा लगा कि बच्चों को न्याय मिला है। अपनी बेटी उन्नति और बेटे उज्ज्वल को खोने के बाद उन्हें न्याय दिलाने का वादा किया था। एक मां होने के नाते दायित्व पूरा किया और अब संतुष्टि है कि बच्चों को न्याय मिला। उनकी आत्मा को शांति मिली होगी। + +उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी सुशील अंसल और गोपाल अंसल ने व्यवस्था की खामियों का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की। मामले को इतना लंबा चलाकर न्यायपालिका की तौहीन की गई। दोषियों ने जानबूझकर मामले को टालने की कोशिश की और बार-बार हाई कोर्ट से गुहार लगानी पड़ी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में आरोप तय हुए और इसके बाद ट्रायल नहीं चला तो हाई कोर्ट से गुहार लगाई गई। कोर्ट के आदेश पर हफ्ते में तीन दिन सुनवाई शुरू हुई। यह आदेश न होता तो अब तक सुनवाई चल रही होती और निर्णय के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ता। इस फैसले ने साबित किया कि अमीर और गरीब के लिए अगल-अलग कानून नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79b0734c761bb8ad382efdfc7b0dacdd712124ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। दीपावली बाद पर्यटन के परवाज भरने की उम्मीदें लगाए बैठे ताजनगरी के पर्यटन कारोबारियों की उम्मीदों को जोर का झटका लगा है। सरकार ने 15 नवंबर से इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाले पर्यटकों को टूरिस्ट वीजा देने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने इंटरनेशनल फ्लाइट पर लगी रोक को बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया है। इससे पर्यटन के उबरने की उम्मीद लगाए बैठे पर्यटन कारोबारियों को निराशा हाथ लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e3ce382a09fb70ea611a01dc1e202f390b7a350 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राजकीय स्कूलों के बच्चों को सुनहरे भविष्य की राह दिखायी जाएगी। इंटरमीडिएट के बाद वे किस तरह के करियर विकल्प का चयन कर सकते हैं, जिससे उन्हें बेराजगारी का संकट न झेलना पड़े, इसे कार्यशाला के माध्यम से बताया जाएगा। शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जिला प्रशासन इसको लेकर अभियान चलाने जा रहा है। इसके लिए करियर गाइडेंस के क्षेत्र की दिग्गज एजेंसी आइ ड्रीम को जिम्मेदारी दी गई है। एजेंसी के विशेषज्ञ स्कूलों में जाकर बच्चों को वर्तमान में बेहतर करियर विकल्पों के बारे में जागरूक करेंगे। अभियान की शुरूआत 12 नवंबर से की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a19c1302f5ccf2b488a9817dfe79c680995d09c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस श्रेणी की तीन पनडुब्बियां पहले से नौसेना में तैनात हैं। एक सरकारी बयान के अनुसार पनडुब्बी निर्माण एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। कठिनाई तब और भी बढ़ जाती है जब उपकरणों को बहुत लघु रूप में पनडुब्बी में फिट किया जाता है। बयान में कहा गया कि किसी भारतीय यार्ड में पनडुब्बी का निर्माण होना आत्मनिर्भर भारत की ओर हमारा एक और कदम है। जल्द ही पनडुब्बी नौसेना के बेड़े में शामिल होकर उसकी ताकत को और बढ़ा देगी। ।यह पनडुब्बी को 'मेक इन इंडिया' के तहत तैयार किया गया है। आधुनिक खासियत की वजह से यह दुश्मन को ढूंढकर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है। आइएनएस वेला स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रापल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है, जिससे इसका पता लगाना दुश्मनों के लिए आसान नहीं होगा। आइएनएस वेला टारपीडो और ट्यूब लान्च्ड एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है। युद्ध की स्थिति में वेला पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cfa8a3af2574bef7a6bbc51b7f3cc85a6894730 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रेमचंद शर्मा...ये वो शख्सियत हैं, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने खेती-बागवानी के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखी। पांचवीं पास होने के बाद भी उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर वो कर दिखाया, जो हर किसी के बस की बात नहीं होती। उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के दुर्गम इलाकों में उन्होंने न सिर्फ खेती-बागवानी का कठिन कार्य किया, बल्कि अभिनव प्रयोग कर अनार, ब्रोकली और चैरी टमाटर की भी खेती की। कृषि विकास के क्षेत्र में वर्ष 2012 से 2018 के बीच कई राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। तो चलिए कुछ और बातें भी जानते हैं पहाड़ के इस नायक के बारे में....।दुर्गम इलाकों में खेती-बागवानी करना आसान नहीं होता है, लेकिन कहते हैं न जहां चाह वहां राह बन ही जाती है। भले ही प्रगतिशील किसान प्रेमचंद को खेती-बाड़ी की सीख विरासत में उनके पिता स्व. पिता झांऊराम शर्मा से मिली से मिली हो, लेकिन परंपरागत खेती में मुनाफा न होता देख उन्होंने नए प्रयोग किए। इसकी शुरुआत उन्होंने 1994 में अनार की जैविक खेती से की। यह प्रयोग सफल रहा तो उन्होंने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57104b2561719163da7a9adff4d77831022094c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65232.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सबसे पहले बात रोजगार की।दिल्ली-एनसीआर में रोजगार के नजरिए से देखा जाए तो इस एयरपोर्ट से सीधे एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। वहीं छह लाख से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार की संभावना व्यक्त की जा रही है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या अगर अनुमान से ज्यादा रही तो उससे भी रोजगार के कई मौके और पैदा हो सकेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ उत्तर प्रदेश व हरियाणा के पड़ोसी जिले भी विकास की नई उड़ान भरेंगे। सर्विस इंडस्ट्री, औद्योगिक निवेश को गति मिलेगी। क्षेत्र रोजगार का बड़ा केंद्र बनेगा। + +क्या है प्रशासन की तैयारियां।नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कार्यक्रम तय होते ही इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा एवं शिलान्यास के लिए स्थान चिह्नित करने के लिए विधायक धीरेंद्र सिंह, मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह, पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह, जिलाधिकारी सुहास एलवाई सोमवार दोपहर जेवर क्षेत्र में पहुंचे। अधिकारियों ने शिलान्यास व जनसभा के लिए चार जगहों का निरीक्षण किया। इसमें से दो का चयन किया गया है। इसमें से किसी एक जगह को फाइनल कर मंगलवार को शासन को कार्ययोजना भेज दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7498bbacdc4100deb5b6ffa792c9403a9b0d77da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65233.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कम नहीं हुआ उत्साह। फोन पर हुई बातचीत में प्रो. यादव ने बताया कि जनवरी में पद्म सम्मानों की घोषणा हुई थी। कोरोना की दूसरी लहर के कारण समारोह देरी से हो रहा है। इंतजार ने उत्साह और रोमांच को दोगुना ही किया है, कम नहीं किया। वे बताती हैं कि मंगलवार को सुबह और शाम समारोह होंगे। उन्हें शाम पांच बजे का समय दिया गया है।प्रो. यादव डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के केएमआइ के साथ-साथ केंद्रीय हिंदी संस्थान में भी शिक्षण कार्य कर चुकी हैं।वह समारोह में अपने पति डा. आरके सिंह और बेटी डा. कामना सिंह के साथ शामिल होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65234.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d43d2a68bfbb05b3a3953eda9b512c5cc174775 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65234.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अम्बुज उपाध्याय। लोहे के एलपीजी सिलेंडर के भार से अब परेशान नहीं होना होगा, तो घटतौली भी दूर से नजर आ जाएगी। लोहे के सिलेंडर से घर के फर्श में पड़ने वाले जंग के निशान से निजात मिलेगी। इंडियन आयल ने फाइबर से निर्मित, पराभाषी सिलेंडर बाजार में उतार दिए हैं। 10 किलोग्राम गैस क्षमता के इन कम्पोजिट सिलेंडर का वजन वर्तमान सिलिंडर से 50 फीसद से भी कम है। नए कनेक्शन के साथ ही ये सिलेंडर प्राप्त किया जा सकता है, तो पुराने सिलेंडर को भी निर्धारित शुल्क देकर बदला जा सकता है। + +कम्पोजिट सिलेंडर के कनेक्शन आगरा में जारी करने की शुरुआत नवंबर मध्य में होनी थी, लेकिन इंडियन आयल ने दीपावली से ठीक पहले इसकी लांचिंग कर दी है, जिसके कनेक्शन जारी हो रहे हैं। 10 किलोग्राम के कम्पोजिट सिलेंडर के दाम 3350 रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि पुराने उपभोक्ता पहले से जमा जमानत राशि घटाकर भुगतान कर सकते हैं। गैस का मूल्य अलग से देय होगा। वहीं 14.2 किलोग्राम सिलेंडर के अनुपात में उपभोक्ताओं को निर्धारित गैस उपलब्ध होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c280e9c8991799b9098fa3f2b77b664511d9fd55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आस्था के महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन मंगलवार को खरना होगा। शाम से 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाएगा। इसमें व्रती न तो कुछ खाएंगे और न पानी पिएंगे। व्रत का पारायण गुरुवार सुबह उदित होते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ होगा। छठ पर्व की शुरुआत सोमवार को पहले दिन नहाय-खाय के साथ हुई थी। घरों को स्वच्छ करने के साथ महिलाओं ने सात्विक भोजन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6b4da5c8627353315cae5ea3b8f22d3cf9a9938 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65238.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे में जन्मे पृथ्वी शा शुरुआत से ही संघर्ष करते रहे, क्योंकि चार साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। हालांकि, उनका जो बचपन का सपना था कि उनको क्रिकेटर बनना है, उसको उनके पिता ने पूरा कराया। इतना ही नहीं, पृथ्वी शा अपने पिता के भरोसे पर खरे उतरे और देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू भी किया। यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में उन्होंने 14 साल की उम्र में ही अपना नाम बना लिया था, क्योंकि एक एज ग्रुप टूर्नामेंट के मैच में उन्होंने दो दिन बल्लेबाजी करते हुए 330 गेंदों में 85 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 546 रन की पारी खेली थी। इस पारी की बदौलत पृथ्वी शा लोगों की नजरों में आए थे। + +2016 में बदली किस्मत।साल 2016 में पृथ्वी शा की किस्मत उस समय बदली, जब वे भारत की अंडर 19 टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए और उनको बाद में कप्तानी भी मिली। इस टीम ने पहले श्रीलंका में एशिया कप जीता था। उसी साल उन्होंने रणजी क्रिकेट में डेब्यू किया और दूसरी पारी में शतक ठोका था। वहीं, 2 साल बाद 2018 में पृथ्वी की कप्तानी में भारत ने अंडर 19 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था और फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, क्योंकि उसी साल उनको आइपीएल नीलामी में 1.2 करोड़ रुपये दिल्ली की टीम से मिले थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65241.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b04dad885c43c9e1a19c8be1b1e7114be30acdb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65241.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, धीरेंद्र पाठक। विदेश में नौकरी करने की चाह रखने वाले कौशलयुक्त युवाओं के लिए जापान में कहीं बेहतर संभावनाएं हैं। भारत-जापान के मैत्रीपूर्ण संबंधों से इसे बढ़ावा भी मिल रहा है। जापानी भाषा जानने वालों को जापान अपने यहां स्वास्थ्य, निर्माण, एविएशन, फूड सर्विसेज और कृषि समेत 14 से अधिक क्षेत्रों में तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह के जाब उपलब्‍ध करा रहा है। ऐसे में अगर आप भी जापानी भाषा सीखकर जापान में आकर्षक वेतन वाली नौकरी चाहते हैं, तो अच्‍छा मौका है। आइए जानते हैं कैसे आप जापान में अपने मनमुताबिक करियर को आगे बढ़ा सकते हैं...।जापान के साथ वर्षों पुराने द्विपक्षीय आपसी रिश्‍तों के चलते जहां भारत में जापानी कंपनियों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है, वहीं टेक्निकल भारत-जापान के बीच टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआइटीपी) के तहत बड़ी संख्‍या में जापान के विभिन्‍न क्षेत्रों में भी भारतीय पेशेवरों की भारी जरूरत देखी जा रही है। खासतौर से जापानी भाषा जानने वालों के लिए इनदिनों वहां कहीं ज्‍यादा करियर स्‍कोप है। भारत के साथ प्राचीन काल से आत्मीय रिश्ता होने के कारण दुनिया के अन्य देशों की तुलना में जापान में भारतीयों को सम्मान भी खूब मिलता है। + +कोरोना के बाद अब वहां नर्सिंग केयर, इमारतों की साफ-सफाई और निर्माण, फूड प्रोसेसिंग, औद्योगिक मशीनरी निर्माण, पोत निर्माण तथा कृषि व मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में भी प्रशिक्षित युवाओं की काफी जरूरत महसूस की जा रही है। अच्छी बात यह है कि जब भी जापान को मैनपावर की जरूरत पड़ती है, अच्‍छे आपसी रिश्‍तों के चलते वह सबसे पहले भारत की ओर ही देखता है। जापान में अपनी पहचान बनाने और तरक्की की राह पर बढ़ने के लिए यह अच्छा मौका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..503e897b3077ae09a5f0f7539c255562b80d875c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65242.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पर्व-त्योहार खुशियों के लिए होते हैं, न कि परेशानी और बीमारी के लिए। लेकिन दिवाली के दिन सभी मूल्य हाशिये पर रख दिए गए, जिसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। हालांकि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि दिल्ली की फिजाओं में जहर घुलने के पीछे कई कारण उत्तरदायी रहे हैं। अलबत्ता इसकी शुरुआत तब से ही हो गई थी, जब दिल्ली से सटे कुछ राज्यों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश) में अदालती और प्रशासनिक आदेशों के बावजूद खेतों में फसल अवशेषों यानी पराली जलाने की शुरुआत हुई थी। बीते दिनों जिस तरह जागरूकता के तमाम अभियानों को धता बताते हुए तथा पर्यावरण को नजरअंदाज करते हुए देशवासियों ने दिवाली पर आतिशबाजी की है, उससे यह साफ हो गया कि वास्तव में यहां किसी को पर्यावरण की फिक्र ही नहीं है। सभी को कथित आनंद की प्राप्ति की चिंता है, लेकिन दिनोंदिन प्रदूषित हो रहे पर्यावरण की तनिक भी परवाह नहीं है। + +सवाल यह है कि धरती पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियों के लिए आखिर हमने छोड़ा क्या? हमारे स्वार्थी कर्मो का नतीजा है कि हवा, जल, भूमि तथा भोजन सभी प्रदूषित हो रहे हैं। पौधे हम लगाना नहीं चाहते और जो लगे हैं, उसे तथाकथित विकास के नाम पर काटे जा रहे हैं। हम ऊर्जा की बचत पर जोर नहीं देते हैं, लेकिन कोयले के स्टाक में कमी आने की खबर सुनकर दुखी जरूर हो जाते हैं। स्वच्छ आबोहवा सबको चाहिए, पर कोई इसके लिए अपनी आदतों में बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1c2d8dcdb5bd02b8a822381126a2b9039b38e1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपीपीसीबी ने डीएम की अध्यक्षता में बैठक के बाद संबंधित विभागों को वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में 21 अक्टूबर को दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके बाद दीपावली से पहले रिमाइंडर जारी किया गया। वायु गुणवत्ता की स्थिति में 48 घंटे तक सुधार नहीं होने पर वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोकने को कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाने थे। संबंधित विभागों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में पहुंच गई। इसके बाद यूपीपीसीबी ने सोमवार को तीसरी बार संबंधित विभागों को उचित कदम उठाने व कार्रवाई से प्रतिदिन अवगत कराने को रिमाइंडर जारी किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5547613ebd97c18edc91a58528326142d598d3a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। Bengal Politics  देश में किसी ने भी गठबंधन की राजनीति की कल्पना नहीं की थी। आजादी के महज 20 वर्षो के बाद 15 मार्च 1967 को बंगाल में प्रथम संयुक्त फ्रंट की सरकार बनी थी। 1962 में बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय गठबंधन की अवधारणा ने जन्म लिया था और कांग्रेस के खिलाफ यूनाइटेड लेफ्ट इलेक्शन कमेटी तथा यूनाइटेड लेफ्ट फ्रंट ने चुनाव लड़ा था। 1977 से लेकर 2011 तक सरकार में रहते हुए और इसके बाद भी अब तक वाममोर्चा कायम है। भले ही सभी वाम दल शून्य हो चुके हैं, पर 34 वर्षो के वाम शासन को खत्म करने के लिए तृणमूल ने भी कांग्रेस से गठबंधन किया था और इस उद्देश्य में सफल भी हुई। वैसे ज्यादा दिन गठबंधन नहीं टिका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..168cdc826aa535de75d5ff439b638b4dc7f588b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65245.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। राज्यों के पास बढ़ते कोरोना टीके के स्टाक के बावजूद घरेलू टीकाकरण की धीमी रफ्तार को देखते हुए सरकार अगले महीने से बड़े पैमाने पर कोरोना टीके का निर्यात खोलने पर विचार कर रही है। सरकार पहले 31 दिसंबर के बाद टीके का निर्यात खोलने की तैयारी में थी, लेकिन कुछ राज्यों से टीके की एक्सपायरी डेट खत्म बीतने की आशंका से अगले महीने के शुरू में ही निर्यात शुरू किया जा सकता है। उल्लेखनीय है जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 में दुनिया को 500 करोड़ डोज की सप्लाई का एलान किया है। + +हर महीने 30 करोड़ से अधिक डोज सप्लाई।यानी अक्टूबर महीने के उत्पादन में ही 10.69 करोड़ डोज का इस्तेमाल नहीं किया जा सका जबकि नवंबर और दिसंबर में भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ने हर महीने 30 करोड़ से अधिक डोज सप्लाई करने का वायदा किया है। इसके अलावा सरकार जायडस कैडिला को एक करोड़ डोज का आर्डर दे चुकी है, जो जल्द सप्लाई होना शुरू हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbc3955f14de3f46b3a86fa72fd6a133be6fb1ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पलायन कर गए लोग अपने घरों को लौट आए हैं। महिलाएं अपने परिवार और व्यापारी अपने कारोबार की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। कैराना में पलायन के पीडि़तों की सूची तैयार की जा रही है। सरकार उन्हें मुआवजा देगी। वर्ष 2017 में भी मैं यहां आया था। उस समय लोगों ने पुलिस चौकी और एक पीएसी केंद्र की मांग रखी थी। चौकी पहले ही बन चुकी है, और पीएसी केंद्र का आज शिलान्यास है। कैराना के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराध और अपराधियों पर और भी सख्ती की जाएगी। कोई गुंडा-बदमाश आपके घर और कारोबार की ओर निगाह नहीं उठा पाएगा। इस दौरान गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5eccd54558fcc713d3bd5755eb939de3496e8e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, एजेंसियां। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में चर्चित हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। पद्म पुरस्कारों के वितरण का आयोजन राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में किया गया। इस भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाली हस्तियों को सम्मानित किया गया। इस बार दो वर्षों के पुरस्कार दिए जा रहे हैं। इसमें वर्ष 2020 के लिए सोमवार को 141 लोगों को पद्म पुरस्कार दिए गए जबकि 2021 के लिए मंगलवार को 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b70994e5beb9a9f92b70b5d1472ee3139f5b80e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1.13 करोड़ मकान बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी।इसके लिए अब तक कुल 1.13 करोड़ मकान बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें से 85 लाख मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि 50 लाख मकानों में लोग रहने के लिए पहुंच गए हैं। इन मकानों में सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें बिजली व पानी के कनेक्शन, रसोई गैस और शौचालय आदि प्रमुख हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4ff63ecff8a7d94bbc1ec453fd0794ffdc09713 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंजली राय. भोपाल: कोरोना महामारी ने गिलोय के फायदे से लोगों को अवगत करा दिया, लेकिन अभी भी हम इसके विशिष्ट गुणों को पूरी तरह से पहचान नहीं पाए हैं। इस औषधीय पौधे में छिपे कई गुणों को जानने के लिए विज्ञानी भी लंबे समय से प्रयासरत हैं। इसी क्रम में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आइसर) के बायोलाजिकल साइंसेज विभाग के प्रोफेसर विनीत के शर्मा व उनकी टीम ने चिकित्सकीय गुणों से भरपूर इस पौधे का जीनोम अनुक्रम (सीक्वेंस) तैयार कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जीनोम अनुक्रम से अब गिलोय के तत्वों और उनके असर की जानकारी हासिल की जा सकेगी, जो कैंसर जैसे असाध्य रोग के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb70c70ea60ccaee95be82eda1d76a298c01ab6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो व तीन चरण का परीक्षण पूरा: कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक ने तीन अलग-अलग आयु समूह दो से छह वर्ष, छह से 12 वर्ष और 12 से 18 वर्ष के बच्चों व किशोरों के बीच टीके के चरण दो और तीन का परीक्षण कर लिया है। परीक्षण के आंकड़ों के आधार पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बच्चों व किशोरों में प्रयोग के लिए टीके की सिफारिश की है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक 28 दिनों के अंतराल पर दो टीके लगाए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65258.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8c307bd11db93f06c2ad652606a2a929696d25b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65258.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, पटियाला। Solid Waste Management: प्रदूषण और गिर रहे भू-जल स्तर से जहां विश्व चिंतित है, ऐसे में पटियाला जिला गांव उगाणी की महिला सरपंच ने दूषित पानी और सालिड वेस्ट से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने की दिशा में प्रयास किया है। महिला सरपंच ने जहां गांव के छप्पड़ का सीचेवाल माडल तकनीक के अंतर्गत नवीनीकरण करवाया। + +इसके अलावा मछली पालन तालाब को भी यहीं से साफ पानी मिलता है और नवीनीकरन के बाद इस छप्पड़ ने गांव की खूबसूरती को भी चार चांद लगा रहा है। सरपंच गुरप्रीत कौर ने पुराने छप्पड़ की तस्वीर को याद करते बताया कि एक एकड़ क्षेत्रफल में फैले छप्पड़ में से निकलते गंद और बदबू लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और बीमारियों का कारण बन चुकी थी और जहां यह आस आसपास के इलाके को भी दूषित कर रहा था, वहीं पास के मछली पालन तालाब में इसकी गंदगी जाने से मछलियां भी मर रही थीं। जिस कारण उन्होंने छप्पड़ के नवीनी नवीनीकरण के बारे में सोचा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d3b80bcf8d2bbec335d35d66ba66e883d294f47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने बताया कि कार्यक्रम मंगलवार को सुबह नौ बजे शुरू होगा और दोपहर साढ़े 12 बजे तक चलेगा। सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। वह समारोह में अपने पति डा. आरके सिंह और बेटी डा. कामना सिंह के साथ शामिल होंगी। इसके लिए उन्होंने रविवार को अपनी कोविड-19 की जांच भी कराई है, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..027b3368321470fb1a70c4d0b16fae198a59cd5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6526.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिनेत्री के कई फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनकी तस्वीरों को खूब पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राधिका आप्टे फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के अलावा बोल्ड सीन करने की वजह से भी काफी सुर्खियां बटोर चुकी हैं। बीते दिनों पांच साल पुरानी एक फिल्म में बोल्ड सीन करने की वजह से सोशल मीडिया पर राधिका आप्टे को लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा था। + +हाल ही में राधिका आप्टे के खिलाफ ट्विटर पर अचानक Boycott Radhika Apte अभियान ट्रेंड होने लगा था। इस अभियान के पीछे राधिका आप्टे की चर्चित फिल्म पार्च्ड को बताया गया। इस फिल्म में उन्होंने अपने को-स्टार्स के साथ कुछ बोल्ड सीन शूट किए थे। जिसके बाद हाल ही में सोशल मीडिया यूजर्स ने उन सीन को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताते हुए ट्विटर पर Boycott Radhika Apte अभियान चलाया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0752362baf7d9f0a8c0b5ef69e33b235674a5570 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65261.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काम करने की यही अदा है। बड़े और कड़े फैसलों के लिए वे ऐसे ही नहीं जाने जाते हैं। जब दुनिया की सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिग पर समाधान खोजने के लिए पूरी दुनिया बहुप्रतीक्षित जलवायु सम्मेलन काप-26 के लिए ग्लासगो में जुटी और उसका हश्र भी इससे पहले के सम्मेलनों की तरह होता दिखाई दिया तो भारतीय प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन में प्राणवायु का संचार कर दिया। + +दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषक देश चीन के राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी और रूस सहित अन्य देशों की अन्यमनस्कता ने इस सम्मेलन को नैराश्य का मंच बना दिया था, लेकिन जैसे ही भारत ने उस मंच से 2070 तक नेट जीरो इमीशन का लक्ष्य घोषित किया, मानो दुनिया को इस समस्या से लड़ने का एक मंत्र मिल गया हो। नेट जीरो इमीशन यानी 2070 तक भारत उतनी मात्र में ही ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करेगा, जितनी मात्रा को वह अपनी सीमा रेखा के भीतर अवशोषित करने की क्षमता रखेगा। इस शून्य उत्सर्जन के सिंहनाद से भारत ने दुनिया के उन विकसित देशों को संदेश दिया है जो औद्योगिक काल की शुरुआत से दौ सौ साल तक बड़ी मात्र में हानिकारक गैसों को वायुमंडल में उड़ेलते रहे हैं। + +1 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता।सीईए के अनुसार 2030 में बिजली उत्पादन के लिए गैर-जीवाश्म ऊर्जा की भारत की स्थापित क्षमता 2019 में 134 गीगावाट से बढ़कर 522 गीगावाट हो जाएगी। इसके लिए सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता को 280 गीगावाट और पवन ऊर्जा को 140 गीगावाट तक जाने की आवश्यकता होगी। इसके अनुसार 2030 तक कुल स्थापित क्षमता 817 गीगावाट और बिजली उत्पादन 2518 अरब यूनिट होगा। सीईए के इस अनुमान को देखते हुए भारत 2030 तक अपनी 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को पूरा कर सकता है। + +2 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी।भारत का वर्तमान कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (2021) 2.88 गीगा टन है। पिछले दशक 2010-2019 में परिवर्तन की औसत वार्षिक दर के आधार पर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने एक अनुमान लगाया था, जिसके अनुसार यदि सब कुछ सामान्य रहता है, तब 2030 तक भारत का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन 4.48 गीगाटन होगा। इस नए लक्ष्य के अनुसार, भारत अपने कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करेगा। यानी 2030 में हमारा उत्सर्जन 3.48 गीगाटन होगा। इसका मतलब है कि भारत ने अपने उत्सर्जन में 22 फीसद की कटौती करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65262.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65262.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57537218a0904fdd0667867a54c1a39f6892a010 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65262.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चौथा, भारत को अपने दोपहिया, तिपहिया और पैसेंजर कार बाजार का तेजी से विद्युतीकरण करना होगा। 2070 तक देश में कारों की कुल बिक्री का 84 प्रतिशत और ट्रकों की कुल बिक्री का 79 प्रतिशत हिस्सा बैट्री-इलेक्टिक तकनीक से, जबकि शेष हिस्सा हाइड्रोजन से चलने वाला बनाना होगा। इलेक्टिक वाहनों (ईवी) को प्रमुखता के साथ अपनाने से भारत को कच्चे तेल के आयात पर बचत करने में मदद मिलेगी। यह बैट्री रिसाइकिलिंग, बड़े पैमाने पर ईवी फैक्टियों के स्थापित होने और ईवी चाजिर्ंग के लिए बुनियादी ढांचे के विकास व संचालन जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार पैदा करने में भी मददगार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf25b6a3db98c79a18cf8f27911a032521ec3df8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Goat Birthday : पौराणिक काल से ही इंसान और जानवर के बीच अटूट प्रेम के किस्से बुजुर्गों के मुंह से सुनने को मिल जाते हैं। कुछ लोग उन्हें सिर्फ जानवर समझते हैं जबक‍ि कुछ उन्हें खून के रिश्ते से भी बढ़कर मानते हैं। इसकी एक बानगी मुरादाबाद मंडल के अमरोहा ज‍िले में भी देखने को म‍िली। माल‍िक ने धूमधान से बकरे का जन्‍मद‍िन मनाया। शहर भर में यह मामला सुर्खियों में है। ।अमरोहा के हसनपुर तहसील के गांव खरपड़ी निवासी राधेश्याम ने रविवार को अपने सात माह के बकरे का जन्मदिन मना कर पशुओं से प्रत‍ि अटूट प्रेम की मिसाल पेश की है। कुछ समय पूर्व वह राजस्थान के अलवर से एक बकरी खरीद कर लाए थे। करीब 70 वर्षीय राधेश्याम के घर बकरी पालने का यह पहला अवसर है। सात माह पहले बकरी ने एक नन्‍हें बकरेे को जन्म दिया। राधेश्याम एवं उनका परिवार बकरी तथा उसके बच्चे की बेहतर परवरिश कर रहा है। रविवार को उन्होंने बैंडबाजे की धुन पर बकरे का जन्मदिन मनाया। बकरे के गले में माला पहनाकर केक काटा गया। खास बात ये रही क‍ि आयोजन में परिवार के साथ ही गांव के जिम्मेदार लोग भी शामिल हुए। राधेश्याम कोई अमीर व्‍यक्ति नहीं है, जैसे-तैसे वह अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। उनके तीन बेटे शादीशुदा हैं, जो अलग रहते हैं। वह कहते हैं कि जानवर वफादार होते हैं, बकरे से उन्हें अटूट प्रेम हो गया है। जन्मदिन मना कर बकरे की दीर्घायु के ल‍िए ईश्वर से कामना की गई। इस मौके पर पूर्व प्रधान द्वारिका प्रसाद, महेंद्र सिंह ठाकुर, राजेश कुमार, बुद्धसेन, रामरिक शर्मा, सतीश शर्मा, राहुल कुमार आदि लोग मौजूद रहे। ।जन्‍मदिन पार्टी की चर्चा : बकरे की जन्‍मद‍िन पार्टी चचा्रओं में है। दरअसल जब गांव के कुछ लोगों को आयोजन में ह‍िस्‍सा लेने के ल‍िए बुलाया गया तो उन्‍हें लगा क‍ि घर के क‍िसी सदस्‍य या क‍िसी बच्‍चे की जन्‍मद‍िन पार्टी होनी है लेकिन जैसे ही वह राधेश्‍याम के घर पहुंचे तो बकरे को सजा-धजा देखकर वे हैरान रह गए। कई लोगों ने आयोजन की तस्‍वीरें ली और वीडियो भी बनाई। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98ed652695df5248c95202314dd9c63a5f47d663 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वरीना हुसैन ने कहा, 'अभी जो अफगानिस्तान के हालात हैं उनसे मैं और मेरा परिवार काफी परेशान है। यह वैसे ही हालात हैं जैसे 20 साल पहले थे, जिसकी वजह से 20 साल पहले मेरे परिवार को अफगानिस्तान छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। अब सालों बाद फिर से बहुत से परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ रहा है।' वरीना हुसैन ने कहा कि जब वह छोटी थीं तभी अफगानिस्तान से उनका परिवार भारत आ गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6052093bfde5ca5ed99f8f9157e75803c56bb935 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65270.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यही वजह है कि न्यायिक व्यवस्था को गति देने के लिए अब केंद्र सरकार ने देश में न्यायिक सेवा के स्वरूप को बदलने की तैयारी पर विचार शुरू कर दिया है। मालूम हो कि अधीनस्थ न्यायपालिका में इस समय न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के 21,320 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से करीब 25 प्रतिशत रिक्त ही हैं। अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के अभाव में उतनी नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं, जितने न्यायाधीशों की जरूरत है। देश में लंबित अदालती मामलों में 80 प्रतिशत से अधिक जिला और अधीनस्थ अदालतों में हैं। यानी प्रत्येक न्यायाधीश के पास औसतन 1,350 मामले लंबित हैं, जो प्रति माह 43 मामलों को मंजूरी देता है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर भारत में प्रति दस लाख लोगों पर लगभग 17.7 न्यायाधीश ही हैं। + +उल्लेखनीय है कि विधि आयोग ने अपनी 120वीं रिपोर्ट में सिफारिश की है कि प्रति दस लाख जनसंख्या पर न्यायाधीशों की संख्या 50 होनी चाहिए। इसके लिए स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ाकर तीन गुना करनी होगी, क्योंकि आज भी अगर पूरे देश के न्यायालयों (निचली) में लंबित मामलों पर ध्यान दिया जाए तो यह संख्या करोड़ों में है। दुनिया के विकसित देशों पर ध्यान केंद्रित किया जाए तो पता चलता है कि आस्ट्रेलिया में प्रति दस लाख की आबादी पर जजों की संख्या 42, कनाडा में 75, ब्रिटेन में 51 और अमेरिका में 107 है, लेकिन भारत में यह केवल 11 है। गौरतलब है कि कई बार सरकार न्यायिक गति को दुरुस्त करने की कोशिश कर चुकी है। सरकार ने पिछले वर्षो में भी अखिल भारतीय न्यायिक सेवा परीक्षा कराने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन तब नौ हाईकोर्ट ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था, जबकि आठ ने प्रस्तावित ढांचे में बदलाव की बात कही थी। केवल दो हाईकोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। इसके पहले 1961, 1963 और 1965 में मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन पर चर्चा हुई थी और सहमति बनी थी, लेकिन यह प्रस्ताव कागजों से आगे नहीं बढ़ सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fb291ffbb6ae6de3320866db6a96d9edb443a11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65272.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। सदियों से प्यासे बुंदेलखंड के कंठ की तृष्णा उम्मीद है कि अगले महीने शांत हो सकेगी। महिलाओं को पानी के लिए अब मीलों नहीं चलना पड़ेगा। पठारी इलाका होने के कारण यहां का जलस्तर बहुत ही नीचे चला गया है। गर्मी के दिनों में हालात बहुत ही भयावह हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड व विंध्य के गांवों में घर-घर पेयजल की आपूर्ति शुरू करने जा रही है। तैयारियां अंतिम दौर में हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। जल जीवन मिशन योजना के तहत बुंदेलखंड और विंध्य के दूरदराज तक के ग्रामीण इलाकों में पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..deb7da3c397ebe50e2e660e6a4f4a1cca3e6cd84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65273.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अब टीम सोमवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अपना आखिरी मुकाबला कमजोर नामीबिया के खिलाफ खेलेगी। यह विराट कोहली का टी-20 का कप्तान के तौर पर आखिरी मुकाबला होगा। संभवत: कप्तान रहते हुए यह उनका सीमित ओवरों (वनडे भी) का भी आखिरी मुकाबला होगा, क्योंकि बीसीसीआइ सफेद गेंद के क्रिकेट के लिए नया कप्तान घोषित करेगा। ग्रुप-एक से इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पहुंचे हैं। यह लगातार तीसरा अवसर है, जब न्यूजीलैंड ने भारत की खिताब जीतने की उम्मीदों पर पानी फेरा है। इससे पहले उसने वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को हराया था। + +अफगानिस्तान के मैच पर टिकी थी उम्मीद।दो बार वनडे विश्व कप, एक बार टी-20 विश्व कप और दो बार चैंपियंस ट्राफी जीतने वाली टीम इंडिया की हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अफगानिस्तान के भरोसे रहना पड़ा। पूरी भारतीय टीम रविवार को होटल में अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड का मैच देख रही थी। भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने मैच शुरू होने से पहले अफगानिस्तान की जीत के लिए ट्वीट किया। नामीबिया के खिलाफ मैच से पहले भारत को रविवार को आइसीसी अकादमी में वैकल्पिक अभ्यास करना था, लेकिन जैसे ही अफगानिस्तान हारी वैसे ही टीम इंडिया ने अभ्यास रद कर दिया। उसे भी पता था कि अब अभ्यास करके क्या फायदा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5278c061f5f51c47a512acebdb08a2b4d0b5fd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। दीवाली के बाद से राजधानी में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। इससे अस्पतालों की ओपीडी में सांस संबंधी समस्याओं के मरीज बढ़ गए हैं। खतरनाक प्रदूषण से शरीर पर क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं? साथ ही कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को प्रदूषण से कितना खतरा है। इन सभी सवालों को लेकर मौलाना आजाद मेडिकल कालेज में कम्युनिटी मेडिसिन की डायरेक्टर प्रोफेसर डा. सुनीला गर्ग से राहुल चौहान ने बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65275.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ff3ac210d7be0465d5faed34d36933f45eb8e2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65275.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, प्रभात रंजन। Chhath 2021 धर्म व जाति से ऊपर होती है मानवता। इसका जीता जागता उदाहरण पटना की सड़कों पर मिट्टी के चूल्हे बनाने वालीं मुस्लिम महिलाएं हैं। लोक आस्था के महापर्व को लेकर ये महिलाएं नियमों का पालन करते हुए चूल्हे को आकार देने में जुटी हैं। छठ का प्रसाद बनाने को लेकर मिट्टी के चूल्हे बनाने का काम महीनों पहले से आरंभ हो जाता है। मुस्लिम महिलाएं छठी मइया के प्रति आस्था रख चूल्हे का निर्माण करने में जुट जाती हैं। महिलाएं चूल्हे बनाने के साथ समाज में सौहार्द्र का संदेश देती हैं। सौहार्द्र के चूल्हे पर आस्था का प्रसाद बनेगा। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है। छठ व्रती जिस कच्चे चूल्हे पर महापर्व छठ का प्रसाद बनाती हैं इसका निर्माण वर्षों से मुस्लिम महिलाएं करती आ रही हैं। + +सेवा भाव से बनाया जाता है चूल्हा । चूल्हे बनाने वाली आसमां खातून बताती हैं कि वीरचंद पटेल पथ पर कई महिलाएं इस पुनीत कार्य में लगी रहती हैं। ये सारी मुस्लिम महिलाएं सेवा-भाव से चूल्हे का निर्माण करती हैं, ताकि छठी मैया की कृपा परिवार पर बनी रहे। चूल्हे बनाने के लिए चिकनी मिट्टी बाहर से मंगाया जाता है। सुबह से लेकर शाम तक एक दिन में 12-15 चूल्हे तैयार होते हैं। चूल्हे तैयार होने के बाद इसे सावधानी से धूप में सुखाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea95ab249554411edccf8ab03e8b24a4e955e3c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डी. जानी, टेक्नोलाजिस्ट।डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर, फेसबुक हेडक्वार्टर, सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका (लिंक्ड इन पर दी गई प्रतिक्रिया)।प्रोग्रामिंग को बहुत आसान बना दिया।एआइ-मशीन लर्निंग पूरी तरह से गणित और प्रोग्रामिंग के परिष्कृत एकीकरण पर आधारित तकनीक है और यलो सबमरीन इसी परिष्कृत स्तर पर बेहद कारगर कंप्यूटर भाषा है। इसने प्रोग्रामिंग को बहुत आसान बना दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae1c9ec9347c5416a722c5ee07821151135e81d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों को जेल में ठूसने के बाद अब चीन की नजर ताइवान पर है। चीन ने हांगकांग में राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के जरिए लोकतांत्रिक आंदोलन का पूरी तरह से दमन कर दिया। अब चीन का कहना है कि वह ताइवान की आजादी का समर्थन करने वाले लोगों को आजीवन अपराधी बनाएगा। हांगकांग के बाद चीन ने ताइवान को भी धमकी दी है। यह बात चीन के ताइवान मामलों के आफ‍िस के प्रवक्‍ता जू फेंग्लियन ने कहा है कि चीन ताइवान की आजादी का समर्थन करने वाले लोगों को आजीवन अपराधी बनाएगा। चीन ने यह बयान ऐसे वक्‍त दिया है, जब अमेरिका ने ताइवान को लेकर ड्रैगन को खबरदार किया है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह ताइवान की आजादी के लिए पूरी तरह से प्रतिबंद्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afbf90b735c48cfc931577d209755cf5ca703018 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65283.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Problem After Corona Infection : लोगों ने कोरोना महामारी को भले ही मात दे दी है। लेकिन, अभी भी काफी लोगों के फेफड़े ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें रात में आक्सीजन लेने की जरूरत पड़ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में सप्ताह में दो से तीन मरीज फेफड़ों की दिक्कत के आ रहे हैं। कुछ दूर चलने पर हांफने की परेशानी के साथ ही थकान महसूस हो रही है। उन मरीजों ने अपने-अपने घरों में आक्सीजन की व्यवस्था कर रखी है। फेफड़ों के मरीजों को पौष्टिक और सुपाच्य भोजन का सेवन करने के साथ ही गुनगुने पानी का सेवन करते रहना है। फेफड़ों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज भी करें। चेस्ट फिजियोथेरेपी भी कराएं। इसके अलावा घर पर भी एक्सरसाइज करें। जिससे उन्हें आगे परेशानी नहीं उठानी पड़े। + +केस एक : चंद्र नगर के रहने वाले गौरव कुमार को अप्रैल में कोरोना संक्रमण हुआ था। सांस लेने में अधिक परेशानी हुई थी। कोरोना संक्रमण तो ठीक हो गया, लेकिन उन्हें अभी भी दिक्कत महसूस हो रही है। कुछ दूर चलते हैं तो सांस फूल जाती है और सीढ़ियां चढ़ने पर तो खुद को संभालने में 10 मिनट का समय लग जाता है। चिकित्सकों ने उन्हें फेफड़ों की एक्सरसाइज करने की सलाह दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a4cebbfb186f7d2801d5b8d0c1d83186069adc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65285.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेल प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को लेकर ट्रेनों में सफर करने का नियम बनाया है। इसके तहत कुछ पैसेंजर ट्रेनों को छोड़कर सभी एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के सभी क्लास का आरक्षण टिकट लेना पड़ेगा। कंफर्म टिकट वालों को ही ट्रेनों में सफर करने की अनुमत‍ि होगी। कोरोना का संक्रमण न फैले, इसके लिए वेटिंग टिकट वालों पर पूरी तरह से बैठने पर रोक है। स्टेशन पर तैनात चेकिंग टीम और अधिकारियों को ऐसे यात्रियों को रोकने के आदेश हैं। + +दीपावली के बाद छठ पूजा में जाने वालों की भीड़ ट्रेनों में बढ़ गई है। यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने सौ अधिक छठ पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाईं हैं। इन ट्रेनों में भी यात्रियों को बर्थ नहीं मिल पा रही है। छठ पूजा में जाने के लिए वेटिंग टिकट यात्र‍ियों के अलावा बिना टिकट के भी यात्री सवार हो जा रहे हैं। हालत यह है कि जनरल बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं हैं। स्लीपर व एसी कोच में भी वेटिंग व बिना टिकट के यात्री सवार हो जा रहे हैं। शनिवार शाम चार बजे नई दिल्ली से राजगीर जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस मुरादाबाद पहुंची। इस ट्रेन के जनरल बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं थी, उसके बाद भी मुरादाबाद से कोच में यात्री सवार होने का प्रयास कर रहे थे। कोच के अंदर भीड़ होने से कई यात्री शौचालय में बैठ कर सफर कर रहे थे। यही हालत गरीब रथ के एसी चेयरकार, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, राप्ती गंगा एक्सप्रेस समेत बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने वाली ट्रेनों का भी था। दिल्ली, पंजाब के चलने वाली ट्रेनें बीच रास्ते के सभी बड़े स्टेशनों पर रुकती हैं, लेकिन स्टेशन के अधिकारी व चेकिंग टीम कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पाती हैं। इसके बारे में कोई भी अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। सिर्फ इतना कहते हैं कि इन यात्रियों को छेड़ने का मतलब बवाल करना है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee1f6fa62f1269308abea2e3005bcc025d02281f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हृदयानंद गिरि, दुर्गापुर। भारत सरकार की वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR- Council of Scientific & Industrial Research) की पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMERI- Central Mechanical Engineering Research Institute, Durgapur) के विज्ञानियों ने सूर्य की रोशनी से जलने वाला विशेष चूल्हा (solar DC cooking system)  विकसित किया है, जो भविष्य में भोजन पकाने के सस्ते ईंधन का बड़ा विकल्प बन सकता है। इस चूल्हे का ओवन धूप से मिलने वाली ऊष्मा से धधकेगा। विज्ञानियों के अनुसार चूल्हे को बनाने में करीब चार हजार रुपये की लागत आई है, जबकि इसका पूरा सिस्टम 65 से 70 हजार रुपये में तैयार किया गया है। विज्ञानियों का मानना है कि ऐसे चूल्हे जल्द ही हर रसोई में दिखेंगे। इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..898473fb475a87ead99a2dcbf10a39dfef12b410 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65288.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांगेय राघव की अप्रतिम प्रतिभा हर एक चरित्र, उसके द्वंद्वों और ऊहापोहों, दुख और प्रसन्नताओं को इतनी महीनता से उकेरती है कि पाठक के लिए वह कथा केवल एक कहानी या शुष्क इतिहास नहीं रह जाती, बल्कि एक जीवंत जीवन की उपस्थिति में बदल जाती है जिसे अपने आस-पास समाज में देखा जा सके। भारत में बौद्ध धर्म का बढ़ता प्रभाव, अशोक का हृदय परिवर्तन- यह कुछ महत्वपूर्ण विषय हैं, जिनका चित्रण लेखक ने बहुत ही शोधपरक एवं मार्मिक ढंग से किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fd5882785db7b9f914e8dfcd70e05ed4abb3f9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65289.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, आरती तिवारी। बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार एवं लघुकथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जब्त किताब ‘पथेर दाबी’ पर अपना मत व्यक्त करते हुए कवि रबींद्रनाथ टैगोर का पत्र तथा उस पत्र के उत्तर में शरतचंद्र द्वारा कवि टैगोर को लिखा गया आक्रोश भरा पत्र...।कल्याणयेषु!।तुम्हारा ‘पथेर दाबी’ पढ़ लिया। पुस्तक उत्तेजक है, अर्थात् अंग्रेजी शासन के विरुद्ध पाठकों के मन को अप्रसन्न करती है। लेखक के कर्तव्य के हिसाब से वह दोष नहीं हो सकता। क्योंकि लेखक अंग्रेजी राज को खराब समझता है। वह चुप नहीं बैठ सकता, लेकिन चुप न बैठने पर जो विपदा पैदा हो सकती है, वह भी उसको स्वीकार करनी चाहिए। अंग्रेजी राज क्षमा कर देगा, इस अधिकार को लेकर हम उसकी निंदा करें, यह भी कोई पौरुष की बात नहीं है। मैं नाना देशों में घूम आया हूं और जो कुछ जान सका हूं, उससे यही देखा है कि एकमात्र अंग्रेजी राज को छोड़कर स्वदेशी या विदेशी प्रजा के मौखिक या व्यावहारिक विरोध को और कोई भी राज्य उतने धैर्य के साथ सहन नहीं करता। + +आप यदि केवल मुझे यह आदेश देते कि इस पुस्तक का प्रचार करने से देश का सचमुच अमंगल होगा तो मुझे सांत्वना मिलती। मनुष्य से भूल होती है। सोच लेता कि मुझसे भी भूल हुई है। मैंने किसी रूप में विरुद्ध भाव लेकर आपको यह पत्र नहीं लिखा। जो मन में आया आपको स्पष्ट रूप से लिख दिया। मैं सचमुच रास्ता खोजता हुआ घूम रहा हूं, इसलिए सब कुछ छोड़-छाड़कर निर्वासित हो गया हूं। इसमें कितना पैसा, शक्ति, समय बर्बाद हुआ वह किसी को बताने से क्या?।आपके अनेक भक्तों में मैं भी एक हूं, इसलिए बातचीत से या आचरण से आपको तनिक भी कष्ट पहुंचाने की बात मैं सोच भी नहीं सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..310d8a93ec2ecb7f2452d7e62678633078574e32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65291.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छठ पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को मनाया जाता है। सुहागिन स्त्रियां और पुरुष छठ व्रत रखते हैं। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक छठ पर्व मनाया जाता है। सोमवार को चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत होगी। इस दिन घरों में साफ-सफाई करने के साथ सादा भोजन (लौकी की सब्जी और भात खाया जाएगा) किया जाएगा। मंगलवार को पंचमी पर पूरे दिन व्रत रहेगा। इस दिन खरना होगा। इसमें चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर हंडिया में पकाई गई खीर के साथ रोटी खाई जाती है। मंगलवार रात से व्रत शुरू हो जाएगा। शाम को ही चौरा में दउरा और सूप में फल, फूल, नारियल व अन्य सामग्री रख दी जाएगी। अखंड ज्योति जलाकर मां का पूजन-अर्चन किया जाएगा। बुधवार को छठ पर व्रत धारण करने वाले जल का भी सेवन नहीं करेंगे। शाम के समय अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर फल, पकवान, पुष्प, आदि अर्पित किए जाएंगे। छठी मैया से सुख-समृद्धि व दीर्घायु की कामना की जाएगी। सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे की मांग में सिंदूर भरेंगी। रात भर निराहार रहकर जागरण किया जाएगा। गुरुवार सुबह सूर्योदय से पूर्व नदी या सरोवर में स्नान कर उदित होते भगवान सूर्य की पूजा की जाएगी। अर्ध्य देकर जल पिया जाएगा, जिसके साथ व्रत का पारायण होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b68b6f027acdccf18ec1ca705f67dd969f160c60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अस्पताल में सांस से संबंधित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो जाता है और वातावरण कितना जहरीला हो जाता है ये किसी से छिपा नहीं है। हर साल दीवाली के मौके पर ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। कोर्ट की तरफ से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है मगर उसके बावजूद हालात खराब ही रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4502559d49e0c04ad3a9ce9ed0408299b86a61b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65295.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंडी, सुरेंद्र शर्मा। Jharkhand News, सुंदरनगर में रह रहा मजदूर नरेश कुमार 22 साल बाद स्वजनों से मिलेगा। वह झारखंड से एक ठेकेदार के साथ सुंदरनगर में मजदूरी करने आया था। ठेकेदार से बिछुड़ जाने के बाद सीमेंट के पाइप में रह रहा था। उसे घर का पता भी याद नहीं रहा था। स्वजन से मिलाने में सुंदरनगर के स्वयंसेवियों ने मदद की। नरेश कुमार पुत्र जगरनाथ मांझी गांव ज्वारी डाकघर भातुरिया तहसील रामगढ़ जिला दुमका (झारखंड) का रहने वाला है। करीब 22 साल पहले वह एक ठेकेदार के साथ काम करने के लिए सुंदरनगर पहुंचा था। कुछ समय तक उसने अन्य मजदूरों के साथ ठेकेदार के लिए कार्य किया। बाद में वह ठेकेदार के मजदूरों से अलग हो गया। + +आसपास के लोग उसे सुबह-शाम रोटी देते रहे। पाइप में रहते हुए मई-जून में कोरोना काल के दौरान उसकी हालत बेहद खराब हो गई। उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। नौ जून को स्वयंसेवी अधिवक्ता प्रेम सिंह ठाकुर, अधिवक्ता जितेंद्र वर्मा, पार्षद शिव सिंह सेन तथा ठेकेदार जय सिंह ने उसे सुंदरनगर नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ef8394dc525b19e60c2db28ebd30ff975a8a4ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहला ड्रोन ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़ा था, दूसरा आपदा प्रबंधन, तीसरा पर्सनल वर्चुअल डाक्टर एवं चौथा एंबुलेंस को सपोर्ट करने वाला ड्रोन था यानी यह एंबुलेंस से आगे उड़कर उसके लिए एक ग्रीन कारिडोर तैयार कर देता था। आज हमारी छह लोगों की टीम है और हमने अपना एक स्टार्टअप ‘सेरिब्रोस्पार्क इनोवेशंस’ भी शुरू किया है। क्राउड फंडिंग से 4.2 लाख रुपये जुटाए हैं। इसके अलावा स्टार्टअप इंडिया से भी दस लाख रुपये की मदद मिली है।‘।‘सीडकाप्टर ड्रोन’ से बीजारोपण। कोरोना काल में मानव संक्रमण के खतरे को देखते हुए एआइ, आइओटी जैसी तकनीक काफी कारगर साबित हुई है। ड्रोन ने बुजुर्गों एवं क्वारंटाइन किए गए लोगों तक दवाइयों की इमरजेंसी डिलीवरी करने, लोगों के मूवमेंट पर निगरानी रखने में भी अहम भूमिका निभायी है। तेलंगाना स्थित मारुत ड्रोंस टेक लिमिटेड के सीईओ एवं युवा उद्यमी प्रेम कुमार बताते हैं, ‘पारंपरिक तरीकों की अपेक्षा ड्रोन से एक क्षेत्र को सीमित समय में 50 गुना अधिक स्पीड से सैनिटाइज किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..808cc2d0896b91c46f7c0ff507e1954ea15c437f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl रक्षाबंधन के अवसर पर फिल्म अभिनेत्री यामी गौतम ने अपने भाई ओजस के लिए एक खास नोट लिखा हैl इसके साथ उन्होंने अपनी शादी की एक तस्वीर शेयर की हैl इसमें उनके भाई को हाथ पकड़े देखा जा सकता हैl।तस्वीर शेयर कर यामी ने लिखा है, 'जीवन के अगले पड़ाव पर जाने के लिए मेरी सहायता करते हुए मेरा छोटा भाई ओजसl मुझे पता नहीं था, आप इतने जल्दी बड़े हो गएl आप मेरा हाथ पकड़कर शक्ति देते हैं और सहायता करते हैंl रक्षाबंधन की शुभकामनाएं ओजसl' आदित्य धर और यामी गौतम ने इस वर्ष जून में शादी कर ली हैl यह तस्वीर उनकी शादी के अवसर की हैl।Helping me take a leap towards my next step, my little Ojas, I didn't realise you grew up so fast... Holding hands and being each other's strength and support forever & ever! ❤️❤️।Happy Rakshabandhan #Ojas❤️ pic.twitter.com/5HLUZO6lQo।यामी गौतम की बहन सुरीली ने भी एक वीडियो जारी किया हैl इसमें यामी गौतम की शादी की तैयारियों को देखा जा सकता हैl दोनों अपने भाई ओजस के साथ शादी की तैयारियों का आनंद ले रही हैl यामी गौतम शादी के अवसर पर फिल्मों के गाने पर डांस कर रही हैl यह उनकी मेहंदी का वीडियो हैl इसमें उनके भाई-बहन भी डांस कर रहे हैंl।शादी के बाद यामी गौतम मुंबई आ गई हैं और उन्होंने फिल्म लॉस्ट में काम करना शुरू कर दिया हैl इस फिल्म में यामी गौतम एक क्राइम रिपोर्टर की भूमिका में हैl इस फिल्म के बारे में बताते हुए यामी गौतम ने कहा था, 'भाषा किसी भी चरित्र को समझने के लिए महत्वपूर्ण चीज हैl इससे आपकी भूमिका पर्दे पर अच्छी लगती हैl मुझे लगता है कि मैं स्थानीय भाषा को अच्छे से समझूंl इसके चलते मैं इस फिल्म में इस भूमिका को अच्छे से निभा पाई हूंl इस फिल्म का निर्देशन अनिरुद्ध रॉय चौधरी कर रहे हैंl रक्षाबंधन के अवसर पर बॉलीवुड के कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर कर प्रशंसकों को बधाई दी हैl यामी गौतम फिल्म अभिनेत्री हैl वह कई फिल्मों में नजर आ चुकी हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65301.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65301.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d48695a13275f79eb7e7def386108fdaf37f1206 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65301.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीवी रमन ने कहा, 'मैं यहां एक ऐसे संस्थान की नींव देख रहा हूं, जहां नैतिक मूल्यों की महत्ता समझने वाले बुद्धिजीवी होंगे। यह विश्वविद्यालय शिक्षा और संस्कृति को साथ लेकर चलेगा और भारत की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। आज बहुत से विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने में विश्वास रखते हैं। कई ऐसे भी हैैं जिनके पास आधुनिक प्रयोगशालाएं हैं, मगर इससे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र कभी खुद को कम न समझेंं। इस विश्वविद्यालय की पहचान वह नैतिक मूल्य हैं, जिनके आधार पर इसकी नींव रखी गई है। यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीयता का प्रतीक है।' उन्होंने आठ फरवरी, 1916 तक आयोजित व्याख्यान शृंखला के दौरान 'गणित और भौतिकी में कुछ नए रास्ते' विषय पर व्याख्यान भी दिया। महामना मदन मोहन मालवीय के आग्रह पर स्थायी अतिथि प्रोफेसर का पद संभाला और 1926 तक कक्षाएं भी लीं। उनकी स्मृति में यहां एक छात्रावास का निर्माण भी कराया गया है। ।सात नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में जन्मे चंद्रशेखर वेंकटरमन देश ही नहीं, दुनिया के महान भौतिक शास्त्री थे। ब्रिटिश शासन के समय भारत के किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति के लिए विज्ञानी बनना आसान नहीं था। आर्थिक स्थिरता के लिए उन्होंने भारतीय वित्त विभाग की परीक्षा दी और प्रथम आए। कोलकाता में असिस्टेंट एकाउटेंट जनरल बने। बाद में एक वैज्ञानिक प्रतियोगिता में भाग लेकर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भारतीय परिषद में नौकरी कर ली। 1917 में कोलकाता विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक हुए। 29 फरवरी, 1928 ई. को प्रकाश की गति और उसकी तरंगदैध्र्य पर आधारित उनकी खोज के लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी खोज को 'रमन प्रभावÓ के नाम से जाना जाता है। विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल जीतने वाले पहले एशियाई होने का गौरव उन्हें प्राप्त है। 29 फरवरी भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। ।1933 में जमशेद जी नसरवानजी टाटा द्वारा स्थापित भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) के निदेशक नियुक्त होने वाले रमन प्रथम भारतीय थे। 1947 में आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रीय प्रोफेसर कहलाए। 1948 में भारतीय विज्ञान संस्थान से सेवानिवृत्त होने के बाद बेंगलुरु में ही रमन शोध संस्थान की स्थापना की, जिसके लिए 1934 में ही मैसूर की सरकार ने 10 एकड़ भूमि भेंट दे दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b25cd45c38b267c2e25d9071772b46de35948194 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब ऐसा ड्रोन विकसित किया जा रहा है, जो कि अपने साथ पाइप लेकर उड़ सकेगा। ड्रोन का कार्य आग वाली दिशा में पाइप के नोजल को ले जाना रहेगा, इससे का छिड़काव लपटों को शांत कर देगा। इसके टैैंक में फोम (आग बुझाने वाला केमिकल) भरने की व्यवस्था रहेगी, जो ज्यादा प्रभावी तरीके से आग बुझा सकेगा। अभी 1.5 किलोग्राम भारवर्ग का ड्रोन तैयार हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec79ccf669a85e22f9c286bc44776bba8da94468 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अनंत विजय]। फिल्मकारों और फिल्मों से जुड़ी एक संस्था है जिसका नाम है फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया (एफएफआई)। अन्य कामों के अलावा ये संस्था हमारे देश की उस फिल्म का चयन भी करती है जो आस्कर अवार्ड के लिए भेजी जाती है। आस्कर के लिए भेजी जानी वाली फिल्मों के चयन को लेकर बहुधा विवाद होते रहते हैं। इस वर्ष भी हुआ। इस वर्ष फिल्म फेडरेशन ने तमिल फिल्म ‘कुझंगल’ का चयन किया और हिंदी फिल्म ‘सरदार उधम’ को नहीं भेजा गया। तर्क ये दिया गया कि फिल्म सरदार उधम बहुत लंबी है और इसमें अंग्रेजों के प्रति घृणा का भाव दिखाया गया है। ।वैश्वीकरण के इस दौर में घृणा का ये भाव अपेक्षित नहीं है। किसी फिल्म को आस्कर में नहीं भेजने के ये कारण समझ से परे है। स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म शिंडलर्स लिस्ट जिसने आस्कर में कई पुरस्कार जीते थे वो तीन घंटे से अधिक अवधि की फिल्म है। इस फिल्म की लंबाई पर कभी आस्कर की जूरी ने सवाल नहीं उठाया। इस फिल्म को लेकर कभी प्रश्न नहीं उठा कि इसमें नाजियों का चित्रण आपत्तिजनक है। इसके अलावा फिल्म गान विद द विंड की लंबाई भी तीन घंटे अट्ठावन मिनट थी। फिल्म मेरा नाम जोकर की लंबाई के बारे में सबको ज्ञात ही है। ।इस फिल्म की अवधि इतनी अधिक थी इसमें दो मध्यांतर थे। हमारे यहां से भी पूर्व में कई ऐसी फिल्में हैं जो आस्कर में भेजी जा चुकी है जो फिल्म सरदार उधम से लंबी है। इसलिए एफएफआई की तरफ से जो तर्क दिए गए वो बचकाने तो हैं ही अपने देश के इतिहास को भी सही परिप्रेक्ष्य में नहीं देखने के दोष का शिकार हो गया। जलियांवाला बाग नरसंहार का जब चित्रण होगा तो उसको इसी तरह से देखा जाएगा। दरअसल इस तरह की बचकानी दलीलों की वजह से एफएफआई की साख लगातार छीजती चली गई है। आज भले ही ये संस्था दावा करे कि वो भारतीय फिल्मकारों की प्रतिनिधि संस्था है लेकिन वर्तमान दौर के बड़े फिल्मकार या तो इससे जुड़े नहीं हैं या यहां सक्रिय नहीं हैं। भारत सरकार को इस संस्था को मान्यता पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है। ।आस्कर में भारतीय फिल्म की प्रविष्टि को लेकर विवाद अभी ठंडा भी हुआ नहीं था कि एक और विवाद सामने आ गया है। इसमें भी फिल्म फेडरेशन का नाम आ रहा है। ये विवाद उठा है गोवा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया (आईआईएफआई) के दौरान दिखाई जाने वाली एक फिल्म डिक्शनरी को लेकर। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया का आयोजन गोवा में 20 से 28 नवंबर तक है। इसका आयोजन सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एक संस्था फिल्म समारोह निदेशालय करती है। इस अंतराष्ट्रीय फेस्टिवल के दौरान इंडियन पैनोरमा के अंतर्गत दिखाई जाने ली फिल्मों की सूची जारी की गई। इस सूची में आमतौर पर चौबीस फिल्में होती हैं जो फेस्टिवल के दौरान दिखाई जाती हैं। ।इन फिल्मों का चयन एक जूरी करती है। जूरी सदस्यों और अध्यक्ष का चयन फिल्म समारोह निदेशालय करती है। इस बार भी बारह सदस्यों की एक जूरी ने इंडियन पैनोरमा के तहत दिखाई जानेवाली फिल्मों का चयन किया। इस जूरी के अध्यक्ष कन्नड फिल्मकार एस वी राजेन्द्र सिंह बाबू थे। राजेन्द्र सिंह बाबू के बारे में बताते चलें कि उन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार किया था। उनकी अध्यक्षता वाली जूरी ने 24 फिल्मों का चयन किया और अपनी संस्तुति फिल्म समारोह निदेशालय को भेज दी। ।जब निदेशालय ने इंडियन पेनोरामा के फिल्मों की घोषणा की तो उसमें 24 की जगह 25 फिल्मों के नाम थे। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री ब्रत्य बसु की फिल्म डिक्शनरी को इसमें शामिल किया गया। जब इस बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया ने एकमात्र इसी फिल्म की संस्तुति की थी और इंडियन पैनोरमा के नियमों के अंतर्गत फिल्म समारोह निदेशालय की आतंरिक समिति ने इस फिल्म का चयन किया। ।यहां तक तो सबकुछ सामान्य लगता है कि एफएफआई ने एकमात्र फिल्म की संस्तुति की और निदेशालय की समिति ने उसका चयन कर लिया। लेकिन इसके तह में जाने पर एक असामान्य कहानी सामने आई। ममता बनर्जी सरकार में मंत्री और फिल्मकार ब्रत्य बसु की फिल्म डिक्शनरी की प्रविष्टि इंडियन पैनोरमा के लिए आई थी। इंडियन पैनोरमा की जूरी ने आरंभिक दौर में ही इस फिल्म को देखकर उसको फेस्टिवल के दौरान प्रदर्शित करने योग्य नहीं पाया। इस बीच फिल्म फेडरेशन ने डिक्शनरी को लेकर अपनी संस्तुति फिल्म समारोह निदेशालय को भेज दी। निदेशालय की आतंरिक कमेटी ने इसका चयन कर 25 फिल्मों की सूची जारी कर दी। ।ये ज्ञात नहीं हो सका कि निदेशालय ने फिल्म फेडरेशन से ये बात जाननी चाही कि नहीं उनकी तरफ से एकमात्र फिल्म की संस्तुति ही क्यों आई, जबकि आमतौर पर वो पांच फिल्मों की संस्तुति करते हैं। नतीजा यह हुआ कि एक ऐसी फिल्म जिसको जूरी ने रिजेक्ट कर दी थी वो प्रदर्शित होने वाली फिल्मों की सूची में आ गई। प्रश्न ये उठता है कि अगर इस तरह की कार्यप्रणाणी है तो फिर जूरी की राय का क्या अर्थ है? क्यों बीस पच्चीस दिन तक जूरी के सदस्य दो सौ बीस फिल्मों को देखकर उसमें से 24 फिल्मों का चयन करते हैं। हर फिल्म पर माथापच्ची होती है। फिल्म समारोह निदेशालय को इस पूरे प्रकरण पर स्थिति साफ करनी चाहिए। फिल्मों के चयन को लेकर पारदर्शिता होनी चाहिए अन्यथा चयन की प्रक्रिया से फिल्मकारों का विश्वास डिग जाएगा। ।इसके पहले भी फिल्म समारोह निदेशालय के फैसलों को लेकर विवाद होते रहे हैं। 2017 के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फिल्म एस दुर्गा और फिल्म न्यूड के प्रदर्शन को लेकर अच्छा खासा विवाद उठा था। फिल्म एस दुर्गा और फिल्म न्यूड को इंडियन पैनोरमा से बाहर करने के फैसले के खिलाफ जूरी के अध्यक्ष सुजय घोष ने इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि बिना उनको बताए इन फिल्मों को प्रदर्शित होनेवाली फिल्मों की सूची से बाहर कर दिया गया । ऐसी अप्रिय स्थिति इस बार भी हो सकती है कि जूरी के अध्यक्ष या सदस्य इस बात को लेकर इस्तीफा दे दें कि उनकी राय के खिलाफ फिल्म का प्रदर्शन होने जा रहा है। एस दुर्गा के प्रदर्शन को लेकर तो विवाद इतना बढ़ा था कि इस फिल्म के निर्माता सूचना और प्रसारण मंत्रालय के खिलाफ केरल हाईकोर्ट चले गए थे। उस वक्त भी फिल्म समारोह निदेशालय की कार्यपद्धति को लेकर सवाल उठे थे। ।अब एक बार फिर से नियमों की आड़ में एक ऐसी फिल्म को जोड़ा गया जिसको जूरी ने खारिज किया था। विवाद बढ़ने के बाद अगर निदेशालय इस फिल्म को सूची से हटाती भी है तो उससे एक राजनीतिक विवाद जन्म ले सकती है। ममता बनर्जी की पार्टी को भारतीय जनता पार्टी पर या मोदी सरकार पर निशाना साधने का एक मौका मिल जाएगा। वो ये आरोप लगा सकती हैं कि उनकी पार्टी के नेता की फिल्म को जानबूझकर हटा गया। एक ऐसा मुद्दा खड़ा हो सकता है जिसमें राजनीति नहीं है सिर्फ अफसरों की लापरवाही या कुछ और है। ।केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्रालय की फिल्मों से जुड़ी संस्थाओं के पुनर्गठन की बात की थी, अब वक्त आ गया है कि उस घोषणा पर अमल किया जाए। फिल्मों से जुड़ी संस्थाओं का पुनर्गठन हो और नियमों को पारदर्शी बनाकर जिम्मेदारियां भी तय की जाएं ताकि भविष्य में विवाद न हों और फेस्टिवल की लोकप्रियता भी बढ़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4923b06eb5310eb28c3ea4f4546ac435d57ee65a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चित्रकूट, [जागरण स्पेशल]। मुगल शासक औरंगजेब का शुरू कराया गधा मेला आज भी चित्रकूट में खास बना हुआ है। दीपावली के पांच दिवसीय मेला पर मंदाकिनी तट पर गधा मेला की शुरुआत हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक मेला में हर साल करीब दस हजार गधों की बिक्री होती है और इस बार भी करीब दो करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। यहां बालीवुड सितारों के नाम से बिकने वाले सलमान, शाहरुख और दीपिका पर खरीदारों की खास नजर है। खरीदार अबतक करीब दस हजार की खरीद कर चुके हैं। गधे नए मालिकों के हो गये। कुल करीब दो करोड़ का कारोबार होना बताया जाता है। ।वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक द्विवेदी की मानें तो चित्रकूट में गधा मेला की शुरुआत मुगल शासक औरंगजेब ने कराई थी। औरंगजेब के सैन्य बल ने घोड़ों की कमी होने पर गधा मेला लगवाया गया था, जिसमें अफगानिस्तान से अच्छी नस्ल के खच्चर लाए गए थे। तब से मेले की यह परंपरा चली आ रही है। इसमें गधा मेले में विक्रेता और खरीदार उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड समेत नेपाल आदि से आते हैं। यहां गधों की बोली लगाई जाती है। एक बार फिर दीपावली मेले में गधा मेला शुरू हो चुका है और लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना है। कई प्रदेशों से हजारों की संख्या में आए विभिन्न नस्लों के गधे आकर्षण का केंद्र हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2296c0a6c643372404a30114aa304639fe7a5e4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65312.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, फीचर डेस्क। दिन-प्रतिदिन मौसम में ठंडक बढ़ती जा रही है। जाहिर है ऐसे में जरा सी भी असावधानी हमारी सेहत के लिए भारी पड़ सकती है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आजकल के मौसम में अपने खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कारण, खानपान में गड़बड़ी होने पर सर्दी-जुकाम और बुखार आना आम बात है। इसके साथ ही हाथों और पैरों में दर्द होना या पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। यदि हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहेगी तो हमारे बीमार पडऩे की आशंका समाप्त हो जाती है। + +शरीर को सर्दी-जुकाम और खांसी आदि से बचाने के लिए आजकल के मौसम में विभिन्न प्रकार के काढ़े बनाकर पी सकती हैं। इससे न केवल रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमण से भी सुरक्षित रहेगा। तुलसी, अदरक आदि से बने काढ़े का सुबह-शाम सेवन करना लाभदायक रहता है। आजकल के मौसम में चाहे बच्चे हों या बड़े गोल्ड मिल्क अर्थात हल्दी वाला दूध सभी के लिए वरदान होता है। गुनगुने दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीने से न केवल सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है, बल्कि विभिन्न प्रकार के संक्रमण से भी शरीर सुरक्षित रहता है। हल्दी युक्त दूध पीने से शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है। हल्दी और दूध में मौजूद विभिन्न औषधीय गुण न केवल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाते हैं, बल्कि इसके सेवन से नींद भी अच्छी आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87986a838840ec3c9372cf1fe5bdc6e20010648d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरुड़चट्टी में बिताए पुराने दिनों को याद करके भावुक हो उठते हैं। शुक्रवार को केदारनाथ धाम से जब वह राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे, तब भी यह पल आया। मोदी ने वर्ष 1985-86 में गरुड़चट्टी में लंबे समय साधना की थी। बतौर पीएम नरेन्द्र मोदी पांच बार बाबा का आशीर्वाद लेने आ चुके हैं। यहां आकर वह पूरी तरह भोले की भक्ति में लीन हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2162a5ca7e330c9d1e7410ae79b5d5d5b1515fda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [प्रियंका दुबे मेहता]। बालीवुड के भारत कुमार कहे जाने वाले मनोज कुमार का दिल्ली से बेहद गहरा रिश्ता रहा है। उनके पिता जी दिल्ली में काफी समय तक रहे और यहां पर उनका अपना आशियाना भी था, जो अब भी है। इसके साथ ही मनोज कुमार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले हिंदू कालेज से पढ़ाई भी की है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कालेज का इतिहास और क्या है इसका 'गुड़वालों' कनेक्शन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d697ba36f0602eaabb2d71ed94ecb19cfab85704 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। Bihar Assembly By-Election दीपावली बीत चुकी है और बिहार अब छठ पर्व के पवित्र परिवेश में रच-बस गया है। उपचुनाव की खुमारी पूरी तरह उतर चुकी है। तारापुर और कुशेश्वरस्थान की सीटें सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) बचाने में सफल रहा है। सत्ता में तोड़-फोड़ का मंसूबा लेकर महीने भर पटना में ठहरने आए लालू दिल्ली लौट गए हैं। मनमुटाव के आरोपों को खारिज कर एनडीए एकजुटता दिखाने में सफल रहा और एकजुटता तोड़ अलग अस्तित्व के बूते खुद की मजबूती दिखाने में विपक्ष असफल। चाचा पारस और भतीजे चिराग के बीच की लड़ाई का भी साक्षी रहा यह उपचुनाव। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a561f3bef9b5571887a2b7d49f8a25bd144a049 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह समस्या आज लगभग हर शहर की है जहां कचरे का समुचित प्रबंधन नहीं हो रहा है। हालांकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत इसके प्रबंधन के लिए काम किया जा रहा है और कई शहरी क्षेत्रों में घर घर जाकर कूड़ा एकत्र किया जा रहा है, परंतु इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए सरकारी और गैर सरकारी दोनों स्तर पर मिलकर काम करना होगा जिसमें नागरिकों की भूमिका अहम होगी। साथ ही, हर स्तर पर रियूज व रिड्यूस यानी रिसाइकिल यानी पुन: प्रयोग, कम प्रयोग व पुनर्चक्रण को लागू करना होगा। ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से देश ने स्वच्छता की दिशा में जो कदम बढ़ाए हैं, उसका अनवरत जारी रहना ही भविष्य को सुरक्षित रखना है। ।[पर्यावरण कार्यकर्ता]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..581deeb84e80ef1a33e437712e1375351b60d98c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65333.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनंत मित्तल। भारत में करीब 14 करोड़ बुजुर्ग आबादी के बावजूद उनकी सामाजिक सुरक्षा का कोई समय सापेक्ष इंतजाम अभी तक नहीं हो पाया है। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले डेढ़-दो दशकों में अनेक राज्य सरकारों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों की केंद्र सरकारों ने भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए मासिक पेंशन योजना शुरू की है। फिर भी पेंशन एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा उपाय भारत में गरीबों की विशाल आबादी के बावजूद नाकाफी जैसे ही लग रहे हैं। इसकी पुष्टि 43 देशों की समग्र पेंशन प्रणाली के अध्ययन पर आधारित एक हालिया सर्वेक्षण में भारत में पेंशन के रूप में सबसे कम रकम मिलने के चिंताजनक तथ्य से हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65334.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65334.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb51d43fd4eebb31b12fb242b6009b95267d738c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65334.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजों ने करोल बाग में गुड़वाला रोड का नाम भी रखा।खुशाल राय के पुत्र मथुरा दास और बख्शी राम हुए। बख्शी राम ने अपने भांजे राम दास को गोद लिया था। राम दास के नाम पर अंग्रेजों ने करोल बाग में गुड़वाला रोड का नाम भी रखा था। राम दास गुड़वाले के बेटे कृष्ण दास हुए। राम दास गुड़वाले के नाम पर ही सेठों का यह परिवार गुड़वाला के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इतिहास के जानकार और ब्लागर प्रवीण गुप्ता कहते हैं कि एक वक्तथा जब शाही दरबार की स्थिति ठीक नहीं थी। राम दास बादशाह बहादुर शाह जफर के मित्र थे और उनकी गाहे-ब-गाहे उनकी मदद करते रहते थे। बादशाह ईस्ट इंडिया कंपनी के कुचक्रों से परेशान थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65336.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54cc070ee3b1f46709ea3dca09c3cd6864fa7d41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65336.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आशीष सिंह, धनबाद। चित्रगुप्त पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि हो होती है। व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए चित्रगुप्त पूजा का विशेष महत्व है। आज चित्रगुप्त पूजा है। पुरातन हिंदू संस्कृति के अनुसार कर्म के आधार पर जाति का निर्धारण किया गया था। इसके अनुसार कायस्थों का काम लिखने पढ़ने का था। भगवान चित्रगुप्त की पूजा भी इसी वजह से होती है। इनका लेखा जोखा एक विशेष भाषा में होती थी, जिसे कैथी के नाम से जाना जाता था। कायस्थों की यह भाषा कोर्ट और दफ्तरों में खूब चलती थी। बहुत सारी भाषाएं समाप्त हो गई। भाषाओं का सभ्यताओं से सीधा लेना देना है। पुरातन सिक्कों और प्रतिलिपियों के संग्रहकर्ता अमरेंद्र आनंद बताते हैं कि भारत में कैथी एक प्रचलित भाषा थी। यह आज समाप्त हो गई है। इससे एक सभ्यता भी लगभग खत्म हो गई। + +जनलिपि थी कैथी।लगभग 700 वर्ष पहले से ब्रिटिश काल तक सरकारी कामकाज और जमीन के दस्तावेज भी इसी लिपि में लिखे जाते थे। अब इस लिपि के जानकार बहुत ही कम लोग रह गए हैं। गुप्त काल के शासकीय अभिलेख कैथी लिपि में लिखे जाने का प्रमाण मिला है। अंगिका, बज्जिका, मगही, मैथिली और भोजपुरी भाषाओं के भी साहित्य को कैथी में लिपिबद्ध किया गया है। कैथी जनलिपि थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c630497589ef4f90f5fd3187887951339d6d7fbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65337.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालिया समझौते के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वनों से समृद्ध चीन, रूस और भारत जैसे देश इसमें शामिल नहीं हैं। इसलिए जिन वजहों से पुराना करार 2019 में नाकाम हो गया था, उन्हीं वजहों से इस करार के भी सफल होने की संभावनाएं बहुत कम है। व्यावहारिक दिक्कत यह है कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल निर्यातक देश है। इस तेल का इस्तेमाल शैंपू से लेकर बिस्कुट तक हर चीज में होता है। पाम के उत्पादन से वनों के कटाई का सीधा रिश्ता है। अगर इंडोनेशिया इस संबंध को मान लें और वह वनों की कटाई को बंद कर दे तो न सिर्फ उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए रोजी-रोटी के संकट खड़े हो जाएंगे। अमेजन के जंगल दुनिया के सबसे विशाल वर्षा वन हैं। पिछले 12 वर्षो से इनकी बड़े पैमाने पर कटाई हो रही है और कटाई का सीधे सीधे रिश्ता जीवन और रोजगार से है। + +दरअसल विकसित देशों में विकास के लिए जरूरी आधारभूत ढांचा वर्षो पहले तैयार हो चुका है। इसलिए उनके यहां वनों की कटाई पर पूर्णत: प्रतिबंध संभव है। यही नहीं, वे वनों को विस्तार देने के लिए बहुत आसानी से नए वन क्षेत्र भी विकसित कर सकते हैं। लेकिन विकासशील देशों में अभी मानवीय विकास के लिए पूरी तरह से बुनियादी ढांचा तैयार नहीं हुआ। इसलिए अभी इन देशों में सड़क और रेल नेटवर्क बन और बिछ रहे हैं। इनकी जनसंख्या के अनुपात में उत्पादन का भी संकट है इसलिए तमाम वन क्षेत्रों को कृषि भूमि में बदला जा रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इन देशों को वनों की कटाई के संबंध में अंधाधुंध छूट है और ये छूट हमेशा बनी रहेगी। अंतत: धरती के बिगड़ते पर्यावरण का खामियाजा सब देशों को उठाना पड़ेगा। चाहे वे अमीर देश हो या गरीब। इसलिए अंतत: वनों की कटाई को रोकने और वनों के क्षेत्रफल में वृद्धि की जिम्मेदारी आज नहीं तो कल इन देशों को भी उठानी पड़ेगी। तभी धरती को ग्लोबल वार्मिग के कहर से बचाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए अमीर देशों को कम से कम गरीब देशों को इस लायक तो मदद करनी ही पड़ेगी कि ये देश अंतत: इस जिम्मेदारी को उठाने के लायक हो जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16af705e47ba3dd6c8c8d327c6f28c8f918c8d17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65338.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। अगर प्राचीन कला एवं संस्कृति को जानने समझने में रुचि रखते हैं, उन्हें देखने और संग्रह करने का शौक है तो एक बार कनाट प्लेस ई ब्लाक स्थित इंडियन आर्ट्स पैलेस का रुख करके देखें। यहां सैकड़ों वर्ष पुरानी कला का अद्भुत संग्रह है। यहां सजी संस्कृति आपको चौंकाएगी, रिझाएगी, गौरव की अनुभूति कराएंगी। हर वस्तु से अपने घर की खूबसूरती में चार चांद लगाने को उतावले हो उठेंगे। किस्म-किस्म की पेंटिंग, टेक्सटाइल पेंटिंग, मूर्तियां, सोने, चांदी, रूबी व अन्य धातुओं से बने आभूषणों और तमाम चीजें हैं। इस केंद्र का इतिहास भी तो अभूतपूर्व है। तकरीबन 200 वर्ष पुराना है। वर्ष 1810 में सूरज लाल ने चांदनी चौक में इस दुकान की शुरुआत की थी। तब इसका नाम सूरज लाल पारस लाल था। फिर 1938 में कनाट प्लेस में इंडियन आर्ट्स पैलेस के नाम से इसकी स्थापना हुई। + +ब्रिटिश पर्यटकों का रहा है आकर्षण।फेडरेशन आफ दिल्ली ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष और दुकान के मालिक सुल्तान सिंह बाकलीवाल कहते हैं कि उनके पूर्वज राजस्थान से दिल्ली आए थे। उनका परिवार करीब 300 वर्षों से दिल्ली में रह रहा है। पूर्वज प्रसिद्ध जौहरी, प्राचीन कला विशेषज्ञ व संग्राहक थे। ब्रिटिश काल में जब विदेशी पर्यटक दिल्ली घूमने आते थे, तब उन्हें खासतौर से इस दुकान पर लाया जाता था। तब दिल्ली में कोई म्यूजियम नहीं था, इसलिए प्राचीन भारतीय कला के दर्शन करने पर्यटक यहीं आया करते थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू भी इस दुकान पर आया करते थे। सुल्तान सिंह के मुताबिक उन्होंने किंग जार्ज, क्वीन मैरी, ईरान के बादशाह के अलावा विश्व के बड़े जौहरी कार्टियर के साथ भी व्यापार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db42b9643525bc17684758a51969ab3326961d2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65341.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [डीएल डाॅन]। Chhath Puja 2021: कोविड के बाद रेल सेवा पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। दूसरी ओर त्योहारी सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। ट्रेनों में सीटें सीमित होने के कारण अब यात्री सैकड़ों किलाेमीटर का सफर बसों में तय करने को मजबूर हो गए हैं। पंजाब से यूपी और बिहार के लिए ये बसें अवैध तौर पर चलाई जा रही हैं। इनमें यात्रियों की सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है। हर क्षण यात्रियों का जीवन खतरे में रहता है। किराया भी मनमाना वसूला जा रहा है। इसके बावजूद भी लोग मजबूरी में सफर करने को तैयार रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdb70c3b35d2344a67715cb3f4d2f5e8aac1a176 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बक्‍सर, कंचन किशोर। Chitragupta Puja Special बक्‍सर के चरित्रवन के उमेश पांडेय खुद हिंदी के शिक्षक हैं और बच्चों को अक्षर ज्ञान देते हैं, लेकिन बैंक में दो-तीन बार के प्रयास के बाद ही बड़ी मुश्किल से उनके हस्ताक्षर का मिलान हो पाता है। डिजीटल और आनलाइन युग में पढ़ाई के लिए कापी-किताबों की जगह कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन ने ले ली है। अक्षर कलम की जगह की-पैड से लिखे जाने लगे, परीक्षाएं आनलाइन होने लगीं और कागज के पन्ने एवं कलम से नाता छूटने लगा। अभी रूटीन कोर्स की परंपरागत परीक्षाएं कागज-कलम से ही ली जा रहीं हैं, इसलिए बच्चे लिखावट पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन एक बार स्कूल-कालेज छूटने के बाद इसकी भी जरूरत कम पड़ रही है औैर लिखने की आदत छूट जा रही है। ।चित्रगुप्त पूजा में कलम-दवात की पूजा।हालांकि, बदलाव के इस दौर में भी मृत्युलोक वासियों का लेखा-जोखा रखने वाले कलम-दवात के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा उसी आस्था और विश्वास के साथ की जाती है, जिस आस्था के साथ इसे कलम-दवात के जमाने में की जाती थी। कार्तिक मास के शुल्क पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाने वाली इस पूजा में कायस्थ समाज के लोग आज भी कलम दवात की पूजा करते हैं। खास बात यह कि इस दिन वे कलम को लेखनी के लिए स्पर्श तक नहीं करते हैं। हालांकि, बदलते जमाने में पूरे दिन कलम स्पर्श नहीं करने की मान्यता गौण हो गई है। कंप्यूटर शिक्षक संतोष कुमार कहते हैं कि अब कंप्यूटर व कंपोजिंग का जमाना है। ऐसे में कलम न छूने की परंपरा का निर्वहन करने में काम अब आड़े नहीं आता।  ।अब तो पूजा में ही काम आती है दवात ।एक समय था जब दवात की स्याही में कलम डुबोकर लिखने की परंपरा थी। तब दुकानदार को अपना लेखा-जोखा रखना होता था या बच्चों को अपनी पढ़ाई करनी होती थी, उसी का उपयोग होता था। अब तो दवात की अहमियत केवल पूजा तक ही सिमट कर रह गई है। अब वह दिन कहां जब बच्चे दवात में कलम डुबोकर कापियों को अपनी लेखनी से भरा करते थे।  ।कंडा से शुरू सफर यहां तक पहुंचा ।कंडा की कलम और दवात से शुरू परंपरा आज लीड व प्वाइंटर वाले पेन तक पहुंच गई है। कलम दवात के बाद पहले फाउंनटेन पेन (स्याही भरकर लिखने वाली नीब वाली कलम) का जमाना आया। फिर लीड व प्वाइंटर वाले पेन आए, यूज-थ्रो और फिर जेल पेन का जमाना आया और अब तो ब्रांडेड पेन भी आ गए हैं। इन सबसे अलग लेखनी की परंपरा ने कंप्यूटर के की-बोर्ड को भी अपना लिया। वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा व ज्योति शंकर कहते हैं कि जमाने के साथ लेखन की परंपरा आज भले ही बदल गई हो, लेकिन, आज भी पूजा को लेकर आस्था की डोर तनिक भी कमजोर नहीं हुई है। कलम दवात के आराध्य देव की पूजा उस समय भी उसी आस्था के साथ की जाती थी, जितनी आस्था के साथ आज की जाती है। ।खूब हुई कलम-कागज की बिक्री।बहरहाल, चित्रगुप्त पूजा की पूर्व संध्या बाजार में लेखन सामग्रियों की जमकर बिक्री हुई। कंपनियों ने भी इस मौके को भुनाने के लिए कई डिजाइन व कलर में पेन-पेंसिल बाजार में उतारे। गणेश स्टेशनरी के नरेश पोद्दार ने बताया कि लेखन सामग्री की मांग अब स्कूली बच्चों तक सिमट कर रह गई है। परंतु, चित्रगुप्त पूजा पर इसकी मांग जबरदस्त रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e104bd40b63db1e6370e3ccf9a7cf6675e0cb011 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65346.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + छिंदवाड़ा, राज्‍य ब्‍यूरो। अंडर 23 अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती प्रतियोगिता में 50 किलो वेट में मध्‍यप्रदेश की दंगल गर्ल शिवानी पवार ने सिल्वर मेडल जीत लिया। वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का 7वां रजत पदक है। उनके पिता नंदलाल पवार साधारण किसान परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पास सिर्फ 3 एकड़ जमीन के किसान हैं। उनके तीन बेटियां और एक बेटा है। छिंदवाड़ा के उमरेठ में उनके घर की पक्की छत भी नहीं है। बच्‍चों को उन्‍होंने उनका करियर खुद चुनने दिया। समाज के तानों के बाद भी बेटियों को कुश्ती के लिए पूरा सहयोग किया। + +फुटबॉल और रनिंग का भी शौक रहा।शिवानी पवार की मां पुष्पा पवार ने बताया शिवानी की स्कूलिंग पंडित विशंभर नाथ हाईस्कूल उमरेठ में हुई। 8वीं कक्षा तक उसे फुटबॉल और रनिंग का शौक था। स्कूल कोच कलशराम मर्सकोले ने पहले उसे फुटबॉल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। शिवानी ने फुटबॉल के पहले ही राउंड में स्टेट निकाल लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0b48f12ac889b3791e7cb6a09bfb3f20a0a6731 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65348.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रधामंत्री नरेन्‍द्र मोदी की पूजा संपन्न होने के तीर्थ पुरोहित प्रवीन तिवारी ने भोले बाबा से नरेन्द्र मोदी को फिर से पांच वर्ष के लिए प्रधानमंत्री बनाने की कामना की। प्रवीन तिवारी ने कहा कि देश को मोदी जैसे शिव भक्त के नेतृत्व की जरूरत है। जिससे देश एक धागे में बंधा रह सके। इसीलिए उन्होंने भोले बाबा से इसकी कामना की। + +पीएम नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग मौजूद नहीं थे। शनिवार को बाबा केदार के कपाट बंद हो रहे हैं। इस दौरान भी रावल मौजूद नहीं रहेंगे। रावल की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि के रूप में मुख्य पुजारी केदार लिंग मौजूद थे। जो पीएम मोदी की पूजा के दौरान मौजूद रहे और पूजा संपन्न कराई। + +यह भी पढ़ें:- PICS: केदारनाथ धाम से है पीएम मोदी की अगाध आस्था, हेलीपैड से पैदल पहुंचे धाम; बाबा केदार का लिया आशीर्वाद।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में तीर्थपुरोहितों का जिक्र किया। जिससे तीर्थ पुरोहितों ने सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीर्थपुरोहितों का पौराणिक समय से ही यात्रियां को उच्च हिमालय में भोले बाबा के दर्शन कराने को लेकर दिक्कतें झेलते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3d03c621cc7e36c44af4738ec950596d3d03465 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उनके दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर तमाम इंतजाम बेहद पुख्ता हैं। धाम भव्य रूप में नजर आ रहा है। मंदिर को दस कुंतल फूलों से सजाया गया है। पीएम मोदी धाम में करीब तीन घंटे रहेंगे। ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है। केदारनाथ धाम में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान खड़े हैं, जो हर स्थिति पर नजर बनाए और चेकिंग अभियान चलाए हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7a832cc41cb4f729c9d7b9d42bed9923bb63858 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विकाश गौड़। Happy Birthday Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज यानी 5 नवंबर 2021 को अपना 33वां जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों का नाम जैसा होता है, वैसे ही उनके गुण होते हैं और ये विराट कोहली ने भलीभांति स्पष्ट कर दिया है। विराट कोहली के नाम में विराट शब्द है और ये विराट शब्द अपने आप में विशाल है और उन्होंने क्रिकेट की 22 गज की पट्टी पर जो कमाल किया है, उस तरह उनके लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि यथा नाम तथा गुण। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65351.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65351.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9590bc491b4578b1058f9dbdac5edf10f235085b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65351.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर रोज आते दर्जनों फोन। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. हिमांशु यादव बताते हैं कि उनके पास हर रोज दर्जनों फोन आते हैं, जिसमें अभिभावक परेशानी दूर करने का समाधान पूछते हैं। लगातार मोबाइल देखने से यह समस्या आ रही है। हम उन्हें परामर्श देने के साथ ही दवाएं आदि भी बता रहे हैं।मोबाइल पर लगातार पढ़ाई करवाना गलत है। इससे बच्चों की आंखों का पानी सूख सकता है। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की आंखें कमजोर हैं, उन्हें सिर दर्द की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में बच्चों की आंखों से हर पांच मिनट बाद मोबाइल दूर कर दें और चिकित्सक की सलाह से उनकी आंखों में आई ड्राप डालें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65354.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e052824c3e42f2b9f30755aa94b29c45595b7943 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वंदना चौधरी। दीपावली से रोशन हुआ घर-संसार अब लोक आस्था के महापर्व छठ और उसके लोकगीतों की महिमा में सराबोर होने की तैयारी में है। दीपावली पर घरों की साफ-सफाई पहले ही हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद छठी मइया गुस्सा न हों। इसलिए घर की दोबारा सफाई होगी। गांवों में गाय के गोबर से घर-आंगन साफ होंगे तो शहरों में गंगाजल से घरों को शुद्ध किया जाएगा। छठ को लेकर बांस का डाला-डगरा सूप, मिट्टी के चूल्हे, मौसमी फल आदि की खरीदारी होगी। चारों ओर छठ की छटा बिखरेगी और घरों में छठ गीतों की गूंज सुनाई देगी। गीतों के जरिए छठ व्रती का उत्साह बढ़ेगा, वहीं आसपास का वातावरण छठमय हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5cf0959adde45448e87185e37483519c2ff73558 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, राज्य ब्यूरो। UP Police SI Recruitment 2021 Exam दीपावली बाद अब प्रदेश सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती का पिटारा खुलने जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी दारोगा भर्ती परीक्षा 12 नवंबर से शुरू होगी। इसके बाद उप्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 23 हजार पदों पर भर्ती की मुख्य परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए प्रारंभिक अर्ह परीक्षा हो चुकी है और परिणाम भी आ चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65359.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acdb05c31c9ea7a1f1875377a96192ab265ead2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65359.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गधों और खच्चरों का यह खास बाजार चित्रकूट में लगने वाले पांच दिवसीय दीपावली अमावस्या मेला मंदाकिनी तट पर लगा है। जहां आपको गधों की सारी नस्लें देखने को मिलेंगी। जिसमें अाफर भी होंगे और डिस्काउंट भी। क्योंकि आप आम दिनों में नहीं बल्कि दीपावली पर माल खरीद रहे हैं। गधों के इस अनूठे मेले में देश के विभिन्न प्रदेशों से ही नहीं विदेश से भी व्यापारी व खरीदार आते हैं। यह गधा मेला विभिन्न नस्लों के लिए दूर-दूर तक अपनी पहचान रखता है। + +मुगल शासक औरंगजेब ने लगवाया था पहला मेला : नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक द्विवेदी बताते हैं कि गधा मेला की शुरूआत चित्रकूट में मुगल काल में हुई थी। मुगल शासक औरंगजेब के सैन्य बल ने घोड़ों की कमी हो गई थी। जिसको पूरा करने लिए यहां गधा मेला लगाया था। जिसमें अफगानिस्तान से बिकने के लिए अच्छी नस्ल के खच्चर लाए गए थे। जिन्हें मुगल सेना में शामिल किया गया था। तब से चली आ रही मेले की यह परंपरा अनवरत आज भी जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd44678c3803e405417655b8e9902f88a4f1ec92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आप स्थानीय स्तर पर कुछ बेच या बना (सब्जियां, फल, पेटिंग, स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय वस्तु, कोई सर्विस आदि) रहे हैं, तो अब समय आ गया है कि आफलाइन के साथ-साथ अपने काम को आनलाइन प्लेटफार्म पर भी शुरू करें। इन दिनों बहुत सारे ऐसे स्टार्टअप और कंपनियां हैं, तो छोटे शहरों में भी लोगों को अपने बिजनेस को आनलाइन पर शिफ्ट करने में मदद कर रही हैं। आज दीपावली यानी देवी लक्ष्मी का दिन सबसे शुभ हो सकता है। आनलाइन दुकान शुरू करने का मतलब यह नहीं है कि आप तुरंत फ्लिपकार्ट या अमेजन की तरह बन जाएंगे, पर हां, इसकी मदद से अपने प्रोडक्ट या सेवा को बड़ी आबादी तक जरूर पहुंचा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65361.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1be180c6fa7f999eeb876ea62b4dcf1ac39e288 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65361.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के लिए पूजा को जाते संत। ।इसलिए होती गोवर्धन पूजा।द्वापर काल की बात है। बृजवासी धरा की खुशहाली के लिए इंद्रदेव की पूजा करते थे। भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा छुड़वाकर सभी देवों का देव बताते हुए गोवर्धन पर्वत की पूजा कराई। कान्हा ने ब्रजवासियों के साथ दुग्धाभिषेक किया और गोवर्धन पर्वत को अपना ही स्वरूप बताया। गिरिराजजी भोग लगाने के लिए ब्रजवासी घर से तरह-तरह के व्यंजन लाए। गिरिराज जी के सन्मुख अन्न का पहाड़ सा खड़ा हो गया। इसलिए इस उत्सव को अन्नकूट महोत्सव नाम दिया गया। ब्रजवासियों ने पूजा के उपरांत आंचल फैलाकर सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65362.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65362.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02e9c02c4a5b6bd67d405ba98600d4fd2f50e228 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65362.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद में बुद्धि विहार स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग और लाजपत नगर में प्रदूषण मापने के यंत्र लगे हैं। इसी के आधार पर पूरे शहर में प्रदूषण का आकलन किया जाएगा। शहर में रात को सात बजे से पटाखे छूटने शुरू हुए तो आठ बजते ही इसमें काफी बढ़ोतरी हो गई। जमीन पर छूटे पटाखों का धुएं का जहर वातावरण में घुला तो कई लोगों ने अपनी खिड़कियों को बंद कर लिया। आतिशबाजी रात दो बजे तक छूटती रही। मौसम में नमी होने के कारण पीएम-10 के कण जमीन से कुछ ही ऊंचाई पर बने रहे। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी विकास मिश्रा का कहना है कि दीपावली के दिन प्रदूषण को चेक करने के लिए शुक्रवार को टीम कार्यालय में जुटी हुई है। दोपहर बाद तक स्थिति स्पष्ट होगी। बुद्धि विहार और लाजपतनगर क्षेत्र में लगे हैं। ।यह भी पढ़ें :-।विवाद में दो पक्षों में चलीं लाठ‍ियां, छह से ज्‍यादा लोग घायल, इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल।रामपुर में पंचायत चुनाव में फर्जीवाड़ा, कोर्ट के आदेश पर ग्राम प्रधान के ख‍िलाफ मुकदमा दर्ज।मुरादाबाद में धान की खरीद हो रही प्रभाव‍ित, ​​​​​सहकारी समितियों के सच‍िव 15 तक करेंगे कार्य बह‍िष्‍कार।सामान्य मौत को कोविड-19 से होना दर्शाया, जांच में फंसे जिला प्रोबेशन विभाग के कर्मचारी, नोट‍िस जारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9744d4b0cb75b82cc0164efb62eebdb7c3b0b1a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जालौन की आतिशबाजी कैसे बनी अग्नि खिलौना: जिले के प्रख्यात साहित्यकार अयोध्या प्रसाद कुमुद कहते हैं कि जालौन जिले की आतिशबाजी पूरे देश भर में चर्चित रही है। इसे अग्नि खिलौना कहने के पीछे कहानी कुछ और ही है। दरअसल खिलौना को फारसी को कस कहते हैं जब कि इसे बनाने वाले को कसगर कहते हैं। इन कसगरों ने जालौन की आतिशबाजी को राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाई। कालांतर कसगरों के इस उत्पाद को अग्नि खिलौना कहा जाने लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66a826cc80dd6523be41c8caa25cfbab351cecbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जहां मिर्जा गालिब प्रोफेसर रहे वहां पढ़ने का मिला मौका। 1969 में अजमेरी गेट स्थित दिल्ली कालेज में दाखिला लिया था, जिसे अब जाकिर हुसैन कालेज कहते हैं। वो पुरानी दिल्ली की बहुत महत्वपूर्ण इमारत है। वहां भीष्म साहनी, डा. विशंभर नाथ प्रोफेसर थे। ये वो कालेज था जहां मिर्जा गालिब प्रोफेसर हुआ करते थे। ऐसा कहते थे कि पहले दिन मिर्जा गालिब को कोई गेट पर लेने नहीं आया तो वह घर वापस चले गए थे। अब उसी जगह एंग्लो अरेबिक स्कूल चलता है और जाकिर हुसैन दिल्ली कालेज मिंटो रोड के पास चला गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ef419c08efcc029452367e88690cee7e62d0515 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुरुआती जीवन : ईके जानकी अम्माल का जन्म 4 नवंबर, 1897 को केरल के तेल्लिचेरी (अब थालास्सेरी) में हुआ था। उनके पिता दीवान बहादुर ईके कृष्णन उस समय मद्रास प्रेसीडेंसी में उप-न्यायाधीश थे। प्राकृतिक विज्ञान में गहरी रुचि रखने वाले जानकी के पिता उस समय के विद्वानों के साथ नियमित रूप से पत्र-व्यवहार किया करते थे। वह अपनी बेटी जानकी अम्माल को भी इसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे। तेल्लिचेरी में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद जानकी मद्रास चली गईं, जहां उन्होंने क्वीन मैरी कालेज से स्नातक की डिग्री और 1921 में प्रेसीडेंसी कालेज से वनस्पति विज्ञान में आनर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महिला क्रिश्चियन कालेज में पढ़ाया। इसी दौरान उन्हें मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका से मास्टर्स करने के लिए प्रतिष्ठित बारबर स्कालरशिप भी मिली। वे मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा डीएससी (डाक्टर आफ साइंस) से सम्मानित होने वाली उस वक्त की चंद एशियाई महिलाओं में से एक थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ad7e354fa2b72a7671f1d03ac6cbb3cb9eeacab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65370.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Paddy purchase in Moradabad : त्‍योहार पर धान खरीद केंद्र चार दिन के ल‍िए बंद है। जिन किसानों को धान बेचना है, वह सोमवार को ही क्रय केंद्रों पर पहुंचें। छुट्टी के दिनों में क्रेंद बंद मिलेंगे। इसके किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता ह्रै। उधर, सहकारी समितियों के सचिवों के 15 नवंबर तक कार्य बहिष्कार की घोषणा किए जाने के बाद 192 क्रय केंद्रों में ताले लटके हैं। इसके धान खरीद बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। + +सहकारी समितियों के सचिवों के कार्य बहिष्कार से मुरादाबाद मंडल के 192 धान क्रय केंद्र बंद पड़े हैं। इसकी वजह से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। अधिकारियों ने सचिवों से वार्ता करके काम पर लौटने का अनुरोध किया था। लेकिन, उनका आंदोलन प्रदेश स्तरीय है। इसलिए यहां वार्ता करने से बात नहीं बन सकी। जिला खाद्य विपणन अधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने कृषि उत्पादन मंडी समिति, मझोला के धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने धान क्रय केंद्रों के प्रभारियों से कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जिले में कहीं से भी किसान आएं तो उनके धान तौले जाने हैं। अब तक 772 किसानों से 3641 मैट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। खरीद बढ़ाने के लिए केंद्र प्रभारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। उधर, जिला निबंधक सहकारी समितियां जितेंद्र पाल सिंह ने बताया कि सचिवों ने 15 नवंबर तक कार्य बहिष्कार की घोषणा कर रखी है। हमारी कोशिश यह है कि केंद्र सचिवों के अतिरिक्त अन्य कर्मचारियों से खुलवा दिए जाएं। इसके लिए वार्ता चल रही है। + +मुरादाबाद में अब तक धान खरीद की स्थिति पर एक नजर।संस्था का नाम                किसान                       खरीद( मैट्रिक टन)।खाद्य विभाग                426                             2101।पीसीएफ                      113                               479।पीसीयू                          90                               448।यूपीएसएस                    113                               517।एफसीआइ                      06                                12।मंडी परिषद                     24                                82 ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff71d499fb4e495df3f5d6a58ffe94bb7e1ea86b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, देहरादून। केदारनाथ धाम यानी भगवान शिव की पावन स्थली। देश के प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम में भगवान शिव लिंग रूप में विराजमान हैं। इसका उल्लेख स्कंद पुराण के केदार खंड में भी हुआ है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु कण-कण में भगवान शिव की उपस्थिति की अनुभूति करते हैं। कहा जाता है कि पांडवों के वंशज जन्मेजय ने यहां इस मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर का निर्माण कत्यूरी शैली में हुआ है। बाद में आदि शंकराचार्य ने इसका जीर्णोद्धार कराया। वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद केंद्र सरकार इसके पुनर्निर्माण कार्यों में जुटी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ad361069bd918499957d1fd6fbb8fc9f4365a1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, जेएनएन/एजेंसी। राजनीतिक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर पंंजाब की सियासत फिर गर्मा गई है। मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी और पंजाब कांग्रेस के नेता राज्‍य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) के लिए प्रशांत किशोर (पीके) को फिर से जाेड़ना चाहते हैं। इसके लिए ये नेता सक्रिय हो गए हैं।  प्रशांत किशाेर ने कुछ माह पहले मुख्‍य सलाहकार का पद छोड़कर तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को झटका दिया था।  पीके ने 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के लिए काम किया था।        ।ऐसे में माना जा रहा है हअगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस के लिए सक्रिय हाे सकते हैं। इसके संकेत पंजाब के मुख्‍यमंंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी और पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने दिए हैं। प्रशांत किशोर ने तत्‍कालीन कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के मुख्‍य सलाहकार का पद छोड़ दिया था और पंजाब में कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम करने से मना कर दिया था। अब कांग्रेस में उनको फिर से जोड़ने की कवायद शुरू हुई है। ।बता दें कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत और उनके मुख्‍यमंंत्री पद से इस्‍तीफे के बाद यह बात भी सामने आई थी कि प्रशांत किशोर ने ही कांग्रेस नेतृत्‍व को पंजाब में सीएम बदलने और किसी दलित नेता को मुख्‍यमंत्री बनाने की सलाह दी थी। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के लिए रणनीति बनाई थी और इस बार भी कैप्‍टन उनको अपने साथ जोड़ना चाहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dae64109c651a0cbc5a6694b569652e5455bbf01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला समाज कल्याण अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पूर्व में जिले को 800 जोड़ों की शादियां कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन अब सीएम की ओर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक ब्लाक में कम से कम 100 जोड़ों की शादी सामूहिक विवाह के तहत होगी। इसके चलते जिले में अब 800 जोड़ों की शादी केवल ग्रामीण इलाकों के अंतर्गत आठों ब्लाकों में होगी। वहीं, बहजोई, नरौली, गुन्नौर, बबराला और तहसील में 50-50 जोड़ों की शादी सामूहिक विवाह के अंतर्गत कराई जाएगी। डीएम संजीव रंजन की ओर से सभी खंड विकास अधिकारियों और नगर निकाय के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि 11 नवंबर तक संबंधित अधिकारी अपने अपने क्षेत्र से जोड़ों की सूचना और संख्या समाज कल्याण विभाग को प्रेषित करेंगे। तत्पश्चात नवंबर से दूसरे या तीसरे सप्ताह में सामूहिक विवाह कार्यक्रम का जिला मुख्यालय पर आयोजन होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05c597245e5c1ed87210a4eb6d5c5d232ece8680 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65375.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर में रोडवेज के तीन बस स्टैंड हैं। रोजाना ही यहां से करीब 25 हजार यात्री सफर करते हैं, इससे विभाग को लाखों रुपये का राजस्व भी मिलता है। बात अगर यात्री सुविधाआें की करें तो सुविधा के नाम पर सिर्फ जीरो है । बस स्टैंड पर अव्यवस्थाओं का यह आलम है कि यात्रियों के अलावा खुद रोडवेज कर्मचारियों तक को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं के लिए यात्रियों को इधर-उधर भटकने को मजबूर होना पड़ता है। इसके बाद भी रोडवेज के जिम्मेदार इन अव्यवस्थाओं को दूर कराने पर जोर नहीं दे रहे हैं। + +सारसौल सेटेलाइट।रोडवेज वर्कशाप के पास जीटी रोड के पास बनाए गए सारसौल सेटेलाइट बस स्टैंड को बने हुए तीन साल गुजर चुके हैं, लेेकिन अभी तक यहां किसी तरह की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। बस स्टैेंड की बाउंड्रीबाल व मिट्टी भराव का काम भी शुरू नहीं हो सका है। भराव के नाम पर नगर निगम ने शहर भर का कूड़ा-करकट जरुर स्टैंड परिसर में डाल दिया है। जिससे उठने वाली भीषण दुर्गंध के साथ ही बारिश के दिनों में रहने वाले जलभराव से यात्रियों को बेहद दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।गंदगी, कीचड़ होने से यहां आवारा जानवर भी घूमते रहते हैं। यात्रियों की सुविधाओं के नाम पर एक टिन शेड, महिला व पुरूष यात्रियों के लिए एक-एक शौचालय, एक हैंडपंप व पानी की टंकी स्थापित कर दी गई है। एक ही शौचालय होने से महिलाओं को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड पर यात्रियों के बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। सर्दी, बारिश व गर्मी के दिनों में यात्रियों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रात में अंधेरा रहने से यात्रियों को हर वक्त असुरक्षा की भावना भी बनी रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac9b16d670ccfc4e4cbf207ce2242ddce82c3c7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65376.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार साल में योगी ने पूरी कर दी सारी कसक।जंगल में वनटांगियों का करीब सवा सौ साल से उपेक्षित और प्रताड़ित जीवन जीने का सिलसिला थमना तब शुरू हुआ, जब उनको 1998 में बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ का साथ मिला। वनटांगिए नक्सलियों का रास्ता न अपना लें, इससे उन्हें बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने का कार्य शुरू किया। गांव में स्कूल खोला और मोबाइल मेडिकल सेवा शुरू की। स्कूल खोलने के लिए उन्हें वन विभाग का मुकदमा भी झेलना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6898720555afccb793a0d83135a8058d7a095701 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65378.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +‘हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया..। कहते हैं राजनीति में वही सफल हो सकता है, जो मोटी चमड़ी रखता हो। मोटी चमड़ी से मतलब थोड़ा पक्के दिल वाला, हर छोटी बड़ी बात को दिल से नहीं लगाने वाला। इसका मतलब यह नहीं कि आंख- कान भी बंद कर लिए जाएं। लेकिन ऐसा लगता है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी और उनकी टीम के सदस्य ‘हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया..’ गीत गुनगुनाते हुए चल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adcc49793465a45297e43e66695bc8c54b57a0a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65379.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। सुख-समृद्धि और संपन्नता का महापर्व दीपोत्सव पर गुरुवार को घर-घर विशेष योग में छटा बिखरेगी। दीपावली पर्व को लेकर उत्साहित शहरवासियों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं और पूरा शहर सज-धज गया है। घर-घर माता लक्ष्मी का स्वागत व पूजन के लिए तैयारी हैं, शाम को सतरंगी गगन के नीचे सजी वसुंधरा का मनोहारी दृश्य मंत्रमुग्ध करेगा। घरों में माता लक्ष्मी के साथ विघ्नहर्ता गणपति महाराज और कुबेर का पूजन विधि-विधान से किया जाएगा। काली मंदिरों में दीपोत्सव पर माता काली का विशेष पूजन अर्चन होगा। + +विशेष योग में मनाया जाएगा दीपोत्सव।पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष पंडित केए दुबे पद्मेश के मुताबिक गुरुवार को सुबह 7.43 तक चित्रा नक्षत्र है। इसके बाद स्वाति नक्षत्र रहेगा। प्रीति योग सुबह 11.10 मिनट तक रहेगा इसके बाद आयुष्मान योग लगेगा। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव पर पहला दीप मुहूर्त प्रदोष का है। जो संध्याकाल में 5.15 से 7.40 तक रहेगा। इसी कालखंड में वृष स्थिर लग्न है। जो सांयकाल 5.52 से 7.49 तक रहेगा। इसलिए पहला मुहूर्त सायंकाल 5.52 से 7.40 के बीच में रहेगा। महानिशीथ काल का पूजन रात्रि 11.19 से 12.11 तक रहेगा। चौघडिय़ा मुहूर्त के आधार से संध्याकाल 5.15 से 8.29 तक अमृतचर चौघडिय़ा बेला है। रात्रि 11.43 से 1.20 तक चौघडिय़ा बेला है। इस कालखंड में दीपोत्सव मुहूर्त है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2acbf8f1b2dcff8269d84e4cc632401ff79128b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6538.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर सोशल मीडिया से दूर रहते हैं। लेकिन वो सुर्खियों का हिस्सा हमेशा बने रहते हैं। रणबीर कपूर एक बेहतरीन अभिनेता तो हैं ही, साथ- साथ वो एक परफेक्ट बेटे और परफेक्ट भाई भी हैं। रणबीर कपूर की मां उन्हें बेस्ट बेटा मानती हैं तो वहीं उनकी बहन रिद्धिमा कपूर साहनी उन्हें बेस्ट भाई मानती हैं। हाल ही में रक्षाबंधन के मौके पर रणबीर कपूर की बहन रिद्धिमा ने भी अपने भाई को बेस्ट भाई बताया है। + +रणबीर कपूर तो सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं हैं। यहां तक कि जानकारी के मुताबिक उनका कोई सोशल मीडिया प्रोफाइल भी नहीं है। लेकिन उनकी बहन रिद्धिमा कपूर साहनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। रिद्धिमा ने रक्षाबंधन के मौके पर रणबीर कपूर को शुभकामनाएं देते हुए उनके साथ कई तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों में रणबीर और रिद्धिमा के बीच की बॉन्डिग भी नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0a7562e7070643a50e78b8b8f6442778c6d460f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65385.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हमीरपुर, जागरण स्पेशल। धार्मिक परंपरा के अनुसार मीन यानी मछली को हमेशा से शुभ माना जाता रहा है और राज दरबार हो या घर-मंदिर सभी जगह मछली की आकृति को उकेरा जाता रहा है। अब देश ही नहीं विदेश में भी लोग मछली की शुभता का फल पाना चाहते हैं। इसमें मौदाहा कस्बा खास भूमिका निभा रहा है और देश-विदेश तक शुभता पहुंचाने का काम कर रहा है। चार सौ से भी ज्यादा वर्षों से यहां चांदी की मछली तैयार की जा रही है, जिसकी मांग देश के विभिन्न प्रांतों के अलावा विदेश तक बनी है। दीपावली पर चांदी की मछली की मांग कई गुना बढ़ जाती है। + +सात समुंदर पार तक प्रसिद्धी पा चुकी चांदी की मछली की मांग दीपावली पर बढ़ जाती है। लोग दीवाली पर इसकी पूजा अर्चन कर सौभाग्य वृद्धि और शुभता की कामना करते हैं तो इसे मेहमान कक्ष में सजाकर फक्र भी महसूस करते हैं। हमीरपुर के मौदाहा कस्बे में चांदी की मछली बनाने का कुटीर उद्योग करीब चार सौ साल प्राचीन है। हालांकि शासन से प्रोत्साहन न मिलने के चलते यह उद्योग और हस्त कला दम तोड़ने लगी है। यहां के कारीगरों ने बताया कि करीब 400 वर्ष पूर्व उनके पूर्वजों ने चांदी की मछली बनाने का काम शुरू किया था। उनके द्वारा निर्मित मछली की सुंदरता को देख लोगों का आकर्षण बढ़ता चला गया। कस्बे में बनने वाली मछली एक-दूसरे के हाथों से होकर विदेश में बैठे लोगों के दिलों में राज करने लगी। + +चांदी की मछली बनाने की कला में जागेश्वर प्रसाद सोनी व उनके चाचा रामप्रकाश सोनी, ओमप्रकाश सोनी ने काफी महारत हासिल की। पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुकी चांदी की मछली को कस्बे का एक ही परिवार बनाता है। 10 ग्राम से लेकर दो किलो वजन की मछली बनाने में महारत हासिल कर चुके सोनी परिवार ने बताया कि यह कला अपने पूर्वजों से सीखी है। उनके द्वारा बनाई गई मछली की खरीदारी प्रत्येक वर्ग के लोग अपनी हैसियत के हिसाब से करते हैं। शादी, विवाह के अवसरों पर उपहार देने में इसका प्रयोग सबसे अधिक होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5c6fb0554594bccaa01f29313e5d3c2db435619 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/ विवेक तिवारी। प्रदूषण की समस्या से देश भर में लोग परेशान है। मेट्रो शहरों में दिवाली के दौरान और सर्दियों में प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर हो जाती है। जिसकी वजह से लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रदूषण के लिए कई चीजों को उत्तरदाई माना जाता है। जिसमें बायोमास बर्निंग, निर्माण कार्य, इंडस्ट्री आदि प्रमुख कारक माने जाते हैं। दिवाली के दौरान पटाखों को भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार माना जाता है। पर हाल ही में मेट्रो शहरों में किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि दिवाली के दौरान होने वाले प्रदूषण के लिए पटाखे मुख्य कारक नहीं है बल्कि दिल्ली का मौसम इसके लिए अहम कारण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cb46334b2b9be67e583480c20a819e062ee3ae0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65388.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो जाने के तीन साल बाद भी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का अपेक्षित स्तर पर कम नहीं होना चिंताजनक है। निस्संदेह अभी भी दिल्ली में कमोबेश हर नागरिक प्रदूषित हवा में ही सांस लेने को मजबूर है। हालांकि, इससे निपटने के लिए योजनाएं बहुत हैं। सवाल गंभीरता से उन पर अमल करने का ही होता है। यह अलग बात है कि बीते कुछ सालों में विभिन्न वजहों से दिल्ली के प्रदूषण में कुछ कमी अवश्य आई है। प्रदूषण से जंग में ईमानदारी और गंभीरता दोनों अनिवार्य हैं। सरकारी सक्रियता भी बहुत मायने रखती है। केंद्र सरकार कार्ययोजनाएं तैयार करती है, जबकि उन पर अमल करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। + +दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने की वजह ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन में हीलाहवाली भी है। नियम-कायदे तो बन गए हैं, उन पर क्रियान्वयन करने वाली एजेंसियां निष्क्रिय नजर आ रही हैं। डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए भी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान हर साल हाथ खड़े कर देते हैं। ग्रेप के नियम-कायदे लागू करने के लिए राज्य सरकारों से लेकर स्थानीय निकाय तक सभी जिम्मेदार हैं। हकीकत में इनमें आपस में ही कोई तालमेल नहीं है। बेहतर ढंग से वायु प्रदूषण की निगरानी तक नहीं हो पा रही है। + +राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बड़ी चुनौती। विचारणीय पहलू यह भी है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्नेत एक नहीं, बल्कि अनेक हैं। अब देखिए, दिल्ली का अपना ही प्रदूषण बहुत है। दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए यथासंभव प्रयास कर भी रही है, लेकिन पड़ोसी राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण का क्या किया जाए! इससे भी व्यापक स्तर की समस्या है मौसम का मिजाज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92e1cf0f6b52d44775da6707b64c80fc67b8bbcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा आयल मिल के प्रबंध न‍िदेशक कुमार कष्‍ण गोपाल, कारोबारी ब्रजमोहन अग्रवाल व द‍िनेश गोयल ने बताया क‍ि एसईए के आह़वान पर प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने खाद्य तेल की कीमतों में 4 से 7 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की है। इनमें गौतम अडानी की अडानी विल्मर और योग गुरु रामदेव की रुचि सोया इंडस्ट्रीज भी शामिल हैं। प्रत‍ि द‍िन 600 टन तेल का उत्‍पादन करने वाली आगरा की कंपन‍ियां पहले ही यह न‍िर्णय ले चुकी है। गुरूवार से इस न‍िर्णय को लागू कर द‍िया है। बुधवार को बाजार में 180 रुपये प्रत‍ि‍ लीटर सरसों का तेल 173 रुपये प्रत‍ि लीटर हो गया। उन्‍होने बताया क‍ि इस साल घरेलू सोयाबीन और मूंगफली की फसल में तेजी आ रही है, जबकि सरसों की बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट बहुत उत्साहजनक है और भरपूर रैपसीड फसल होने की उम्मीद है। विश्व खाद्य तेल आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो रहा है जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। इससे आगामी शादियों के सीजन में घरेलू कीमतों में और कमी आ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65390.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65390.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..527fec320392dc8e55a419626d0bd1f76c5a0e97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65390.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। दीपावली पर हर वर्ष की तरह इस बार भी दादामियां चौराहे पर सद्भावना के दीये जलाए जाएंगे, जिनसे होने वाला प्रेम व भाईचारे का प्रकाश हर तरफ फैलेगा। गंगा-जमुनी संस्कृति का यह नजारा बेकनगंज की घनी आबादी वाले क्षेत्र में दिखेगा। यहां मुस्लिम दीयों को रोशन करेंगे और हिंदुओं से गले मिलकर शुभकमामनाएं देंगे। दीपावली की शाम दीपमाला सजाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f26a92d0b00df0fe8668442b3fefc9ee52af9368 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65391.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सामान्य से खतरे की ओर बढ़ता वायु प्रदूषण।एयर क्वालिटी इंडेक्श का सामान्य मापक 100 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक है। इसके बाद अगर यह बढ़ता है तो वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने आवासीय क्षेत्र ज्ञान सरोवर में पीएम -10 के मापने के लिए मैन्युअल सैंपलर मशीन से सैंपल कराया। दो नवंबर को यह 143 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक रहा। इससे एक दिन पहले यह 120 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक रहा। + +इसे भी जानिए।संभावित स्वास्थ्य पर प्रभार के लिए प्रदूषण बोर्ड ने आइक्यू की गाइड लाइन तय कर रखी हैं। 0.50 आइक्यू अगर है तो वह अच्छी गुणवत्ता में है। यह ग्रीन श्रेणी में आता है। अगर यह 51 से 100 श्रेणी में होता है, तो यह तोतई कलर की श्रेणी में माना जाएगा। इसका असर पहले से बीमार व्यक्तियों पर देखने को मिलेगा। उन्हें सांस लेने में परेशानी होगी। 101 से 200 तक यह चेतावनी का प्रतीक येलो कलर की श्रेणी में होगा। इसका असर फैफड़ों पर पड़ता है। सांस के मरीजों को दिक्कत होती है। 201 से 300 तक यह बेहद खराब स्थिति पैदा कर देता है। यह ओरेंज श्रेणी में आता है। इसका असर आम आदमी के स्वस्थ्य पर पड़ेगा। 301 से 400 का आइक्यू बेहद घात स्थिति में पहुंच जाती है। यह रेड श्रेणी में आता है। इसका असर आम आदमी की सेहत पर पड़ता है। 401 से 500 आइक्यू डार्क रेड की श्रेणी में आता है। इससे राहगीरों की आंखों में असर पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a12fe840ee6fe73e4d9ccfdc0f5ff4f0f49b24d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Diwali Puja Vidhi 2021 : दीपावली पर घर और द्वार सज गए हैं। हरी, नीली, पीली झालरों से घर और बाजार रंगीन हो गए। गेंदे के फूलों से भी घर सजाए। इलेक्ट्रानिक झालर से घर जगमग हो गए। हरी-नीली, पीली, सफेद, लाल झालराें से कालोनी, मुहल्ले और बाजार रोशन हो उठे। दीपावली का उल्लास बच्चे, बड़े और बुर्जुगों में नजर आ रहा है। कालोनी, मुहल्ले और प्रतिष्ठानों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। दिन में गेंदों के फूलों का आकर्षण और रात में इलेक्ट्रिक झालर की रंग-बिरंगी रोशनी से घर जगमग हो उठे हैं। इस बार त्‍योहार पर दुर्लभ संयोग बन रहा है।  शाम छह बजकर नौ मिनट से आठ बजकर 8:20 तक माता लक्ष्मी की पूजा कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd606838b4bdccd5044d4c92cd46ac39ddb8fc60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिठाई के शौकीनों के लिए बृज भोग मिष्ठान भंडार ने इस दीपावली पर पेड़े के रूप में सोने का बर्क लगी मिठाई तैयार की है। मिष्ठान भंडार के मालिक उमेश गुप्ता ने बताया कि 20-20 ग्राम के सोने के बर्क लगे पेड़े उनकी दुकान पर उपलब्ध है। इस मिठाई के उपर एक परत सोने की लगी हुई है जो आकर्षण और स्वाद का केंद्र है। सोने वाली मिठाई में केसर का पेस्ट और सोने का वर्क लगा है। सोने का पेड़ा और सोने के कलश के रूप में यह मिठाई उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65394.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec3397137976249efc18babbdabcebbcf621f6c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65394.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Health Services on Diwali : आज दीपावली है। त्योहार का उल्लास हर तरफ नजर आ रहा है। हम सभी को भी त्योहार पर पूरी सावधानी बरतनी है। त्योहार की खुशियां एक-दूसरे के साथ मनानी हैं। इसको लेकर जिला अस्पताल की भी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। इमरजेंसी में चिकित्सकों की ड्यूटी लगा दी गई है। इमरजेंसी मेडिकल आफिसर के साथ ही फिजिशियन और अन्य स्टाफ मौजूद रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3d5e7a80cd9d8bc69877810d4bb64a676997b53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +17 दिन में खाद्य वस्तुओं के 633 सैंपल लिए गए।वहीं, राजधानी में खाद्य वस्तुओं में बड़े स्तर पर मिलावट हो रही है। इस वजह से खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बार फिर 700 किलो मिलावटी खोया और हजार किलो पनीर जब्त किया है। इस तरह एक सप्ताह में ही 1,400 किलो मिलावटी खोया और हजार किलो पनीर जब्त कर उसे नष्ट किया जा चुका है। इसलिए बाजारों से मिठाइयों और अन्य खाद्य वस्तुओं के खरीदारी करते वक्त सतर्क रहें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eabb8aaa3f362b204ae6129e6d3e901bf9df38b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। मौसम में परिवर्तन के बाद भी डेंगू और मलेरिया का कहर जारी है। बुधवार को डेंगू का उपचार करा रहे दो और मरीजों की मौत होने की सूचना आई। वहीं, 24 नए डेंगू मरीज भी सामने आए। इसी के साथ डेंगू मरीजों की संख्या करीब 1100 पहुंच गई है। हालांकि, सरकारी अस्पतालों में करीब 30 डेंगू रोगी ही भर्ती हैं। बुखार के मरीजों की संख्या ज्यादा है। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भरमार है। हालांकि त्योहार पर कई मरीज छुट्टी लेकर घर भी चले गए।  कोरोना के बाद इस बीमारी से सबसे ज्यादा गरीब लोग परेशान हैं। बेहतर इलाज न मिलने पर ऐसे तमाम लोगों की जान भी जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f5479aabee36fdf52e61eb2e7e680365063832d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65397.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले साल इसी वक्त आयी थी तेजी। उन्होंने कहा कि पिछले साल यही समय था जब कोविड-19 के मामलों में तेजी आयी थी और त्योहारों पर इसका बुरा असर पड़ा था। केजरीवाल ने कहा कि उनकी अपील किसी निजी लाभ के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि कृपया गैर-जिम्मेदार नहीं बनें। मैं इसे किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं कह रहा हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d04f6e571762a712263b5bb5f62de1f0972964d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65399.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +परिवार के साथ जब आप किसी से मिलने जाएंगे तो दोनों परिवारों के इकट्ठा होने पर भीड़ का माहौल बन ही जाएगा। खुशियों के इन पलों में यदि सावधानी नहीं बरती गई तो सेहत के लिए भारी पड़ सकता है। बेहतर रहेगा कि शुभकामनाएं प्रेषित करने के लिए विभिन्न संचार माध्यमों का प्रयोग करें और भीड़भाड़ वाली जगहों में कम ही जाएं। वैसे भी संक्रमण के प्रति जितना गंभीर आप रहेंगे, उतनी उम्मीद बच्चों से नहीं की जा सकती है। + +दीपावली में घर को रोशन करने के साथ ही हरित पटाखे भी चलाए जाएंगे। पटाखे चलाते समय सुरक्षित रहें और छोटे बच्चों को इनसे दूर रखें। घर के बुजुर्ग, बच्चों या बीमार सदस्य को दूर से ही पटाखों को आनंद लेने दें। यदि बच्चे फुलझड़ी जैसे रोशनी वाले पटाखे चलाते हैं तो भी आप उनके साथ रहें। दीपावली में पकवान और तरह-तरह की मिठाइयां बनती हैं। इनका अधिक सेवन भी सेहत खराब कर सकता है। + +दूसरों की सेहत का रखें खयाल: उमंग के साथ त्योहार मनाएं, लेकिन अपने आसपास के उन लोगों का भी खयाल रखें जो अस्वस्थ हैं या किसी जटिल बीमारी से जूझ रहे हैं। आपके द्वारा चलाए गए पटाखे का धमाका किसी के लिए मुसीबत न बनें। पटाखे से निकलने वाले धुंए में कार्बन मोनोआक्साइड व कार्बोनिक एसिड जैसी जहरीली गैसें होती हैं, जो एलर्जी व अस्थमा के रोगियों की मुसीबत बढ़ा सकती हैं। पटाखों की तेज आवाज से हाई ब्लडप्रेशर से ग्रस्त लोगों को उलझन या एंग्जायटी की समस्या हो सकती है। कई बार तेज धमाका स्ट्रोक कारण बनता है। हृदय रोगियों के लिए भी पटाखों की आवाज दिक्कत खड़ी कर सकती है। इसलिए पटाखे खुले मैदान या पार्क में ही चलाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1cd1d62602c423c9b848988961baaee5488b52d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Ranbir Alia Wedding: रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने 14 अप्रैल को शादी कर ली हैl अब दीपिका पादुकोण के मुंबई लौटने पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा हैl नेटीजंस कह रहे है कि रणबीर की शादी होते ही वह वापस आ गई हैl दीपिका पादुकोण को हाल ही में मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गयाl वह मिनी वेकेशन मनाकर वापस आई हैंl दीपिका इस मौके पर काफी खूबसूरत लग रही थीl।दीपिका पादुकोण को कई लोग ट्रोल भी कर रहे हैं।दीपिका पादुकोण स्माइल करते हुए बाहर निकलीl दीपिका पादुकोण की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैl हालांकि कई लोग उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैंl इसके पीछे कारण यह है कि लोग उनके बाहर जाने को रणबीर आलिया की शादी के कनेक्शन से जोड़ रहे हैंl लोग फिल्म एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को ट्रोल कर रहे हैl ।रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ने एक-दूसरे को लंबे समय तक डेट किया है।गौरतलब है कि रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ने एक-दूसरे को लंबे समय तक डेट किया हैl दोनों बचना ए हसीनो के सेट पर एक दूसरे के प्यार में पड़ गए थेl हालांकि 2 वर्ष एक दूसरे को डेट करने के बाद दोनों अलग हो गए थेl दीपिका पादुकोण सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl उन्होंने रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को शादी की बधाई भी दी थीl ।दीपिका पादुकोण ने रणबीर और आलिया भट्ट को 15 लाख की घड़ी उपहार में दी है।दीपिका पादुकोण ने रणबीर और आलिया भट्ट को 15 लाख की घड़ी उपहार में दी हैl दीपिका पादुकोण ने हाल ही में फिल्म पठान की शूटिंग पूरी कर ली हैl इस फिल्म में उनके अलावा शाह रुख खान और जॉन अब्राहम की अहम भूमिका हैl अब वह फिल्म फाइटर में ऋतिक रोशन के साथ नजर आएंगीl दीपिका पादुकोण ने रणवीर सिंह से शादी कर ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..537c207c0612e8e45dd1ccb80c5566ac65762917 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनिया में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी कोल इंडिया ने कहा है कि वह जल्द ही अपने खदानों में डीजल से चलने वाले बड़े वाहनों की जगह पर गैस-चालित वाहनों का प्रयोग शुरू करेगी। यह कार्बन उ‌र्त्सजन को काबू करने में काफी मदद करेगा। कोल इंडिया ने ढुलाई करने वाले बड़े वाहनों में सीएनजी किट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जो आने वाले दिनों में और तेज की जाएगी। इससे कंपनी चार लाख लीटर डीजल की खपत कम कर सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f66ece112a78831ea84d605afc92073232e67658 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65402.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीनानाथ साहनी, पटना : बिहार विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया कि लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का हेलीकाप्टर (चुनाव चिह्न) न जमीन पर उतरा, न ही जनता के बीच उड़ान भर पाया। इसी के साथ चिराग का राजग (खासकर जदयू) के उम्मीदवारों को हराने की घोषणा भी हवा-हवाई साबित हुई। चाचा-भतीजा के राजनीतिक विरासत की लड़ाई के बीच यह उपचुनाव चिराग के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न था, लेकिन परिणाम से स्पष्ट है कि उन्हें राजग से राजनीतिक लड़ाई लेनी भी महंगी पड़ी। इससे यह भी तय हो गया कि 2024 में लोकसभा और 2025 में विधानसभा का चुनाव की राह भी उनके लिए चुनौती भरी सिद्ध होने वाली है।  ।कुशेश्वस्थान में चिराग के उम्मीदवार को महज 5,623 वोट।चिराग ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र से अंजु देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्हें महज 5,623 वोट से संतोष करना पड़ा। हालांकि वह इतना वोट पाकर भी तीसरे स्थान पर रहीं, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव की लोजपा उम्मीदवार पूनम कुमारी की तुलना में उन्हें 50 प्रतिशत से भी कम वोट मिले। पूनम कुमारी तीसरे स्थान पर रही थीं और उन्हें 13,362 वोट मिले थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65403.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c05f5a4a5e7af6b48d82979980987e52fbbbcce3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65403.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Maharashtra Politics वैसे तो कई राज्यों का केंद्र के साथ टकराव चल रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में सामने आ रहे घटनाक्रम चिंता में डालने वाले हैं। ताजा मामला शाह रुख खान के पुत्र आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ है। राज्य सरकार के एक मंत्री नवाब मलिक की एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर की गई टीका-टिप्पणी ने अब सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है। यह मामला एक अभिनेता पुत्र की नशाखोरी से शुरू हुआ था, जो फिल्म इंडस्ट्री में एक सामान्य बात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c2c00b232e5f35bd14278eac8f2c5fa6ceb08e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65404.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal CM Jairam Thakur, हिमाचल प्रदेश उपचुनाव में भाजपा के 4-0 से प‍िछड़ने के बाद राज्‍य में दबे स्वरों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं यहां भी उत्तराखंड और गुजरात की पुनरावृत्ति न हो जाए। नेतृत्‍व परिवर्तन की नई चर्चा छिड़ गई है। कुछ नेता तो यह अनुमान लगा रहे हैं कि आलाकमान जल्द ही प्रदेश के नेतृत्व को दिल्ली तलब कर सकता है। खास तौर पर मंडी संसदीय सीट पर हार के बाद यह कयासबाजी तेज हो गई है। मंडी संसदीय सीट पर भाजपा के प्रत्‍याशी को हार का सामना करना पड़ा है, जबकि 2019 में इसी सीट पर पार्टी के रामस्‍वरूप शर्मा ने चार लाख से ज्‍यादा वोट से जीत दर्ज की थी। डेढ़ साल के बाद ही भाजपा की यह विजयी लीड हार में बदल गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65405.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e1f50f559286339f6624cc6171ef41c2d475f80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की चार विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में एक बार फिर तृणमूल को बड़ी जीत मिली। एक भी सीट पर विपक्षी दल नहीं जीत सकी। भाजपा दूसरे नंबर पर रही। परंतु वाममोर्चा और कांग्रेस की स्थिति थोड़ी भी नहीं सुधरी। हालांकि इस उपचुनाव में वाममोर्चा और कांग्रेस में गठबंधन नहीं था। कांग्रेस ने केवल शांतिपुर में प्रत्याशी उतारा था, जबकि वाममोर्चा ने चारों सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए थे। शांतिपुर में कांग्रेस को सिर्फ 2877 वोट मिले और चौथे स्थान पर रही। वहीं वाममोर्चा समर्थित माकपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। दिनहाटा, खड़दह और गोसाबा सीट पर वाममोर्चा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। उसके प्रत्याशियों की कहीं भी जमानत नहीं बची। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ceb9d7e2c59b313c4da1b6b33f4a66ee0a440cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, राज्य ब्यूरो। किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उनकी समस्या को नजदीक से समझने की जरूरत है। प्रदेश की आठ हजार से अधिक पंचायतों में आयोजित हो रही किसान चौपाल इस दिशा में एक सकारात्मक पहल कही जा सकती है। नौ नवंबर तक लगने वाली इस चौपाल में करीब 12.60 लाख किसानों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..294521f988b4aeae3cb2a95772fb1d6588df34b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसान आइटी सेल की ओर से भी अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट किया गया है कि फसल के घर आने पर पित्तरों और कुदरत की कृतज्ञता प्रकट करने के लिए रोशनी की जाती रही है गिरड़ी हिड़ो-दीवाली कहते थे पुरखे, 750 से ज्यादा किसानों की कुर्बानी पे हम खुशी नहीं मना सकते,,हां एक दिया उन शहीदों के लिए लगा सकते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fdb130a8f8ba921b2995eaccd173f39551f69ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत में पिछले तीन वर्षो से नशे का कारोबार पांच गुना तेजी से बढ़ रहा है। मुंबई या मायानगरी में यह उससे भी कहीं ज्यादा तेज गति से बढ़ रहा है। भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक की तरफ से कराए गए एक सर्वे में पता चला है कि मादक पदार्थो का लगभग 84 प्रतिशत हिस्सा पाकिस्तान की तरफ से आता है। पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान और पंजाब के साथ ही मुंबई उसका सबसे पहला लक्ष्य होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4957d9280b2db571442ac32c706923d507ad8cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पालमपुर, संवाद सहयोगी। Somnath Sharma Death Anniversary, मेजर सोमनाथ शर्मा की आज पुण्यतिथि है। यह वही वीर योद्धा हैं, जिन्‍हें स्वतंत्र भारत में पहला परमवीर चक्र प्राप्त हुआ है। उनको जब वीरगति प्राप्त हुई तो उनकी आयु महज 24 साल थी। कश्मीर पर कब्जे की पाकिस्तान की साजिश को उन्होंने नाकाम किया और वीरगति को प्राप्त हुए। देश का यह वीर सेना की कुमाउं रेजीमेंट में अधिकारी थे। उन्होंने तीन नवंबर 1947 को जान देकर श्रीनगर एयरपोर्ट को दुश्मनों से बचाया था। उन्होंने अपने अदम्य साहस व वीरता के दम पर पाकिस्तानी ट्राइब फोर्सेज के 700 जवानों को रोके रखा था, जो लगातार मोर्टार दागकर भारती सेना पर हमला कर रहे थे। भारतीय सेना के पास गोला बारूद भी समाप्त हो गया था। मेजर सोमनाथ अन्य सात सैनिकों के साथ शहीद हो गए। उन्हें दुश्मन का एक मोर्टार ने शहीद कर दिया। मेजर सोमनाथ शर्मा को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत 26 जनवरी 1950 को परमवीर चक्र दिया गया था, जिसे उनके स्‍वजनों ने लिया था। ।पालमपुर के डाढ के रहने वाले थे मेजर सोमनाथ शर्मा।प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा उपमंडल पालपुर के डाढ गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 31 जनवरी 1923 को हुआ था। उनके पिता मेजर अमरनाथ शर्मा भी सेना में डाक्टर थे। इसी वजह से उनकी रग रग में देश भक्ति व बहादुरी का जज्बा था। सोमनाथ शर्मा ने सैन्य जीवन की शुरुआत 22 फरवरी 1942 को चार कुमाऊं रेजीमेंट में बतौर कमीशंड अधिकारी के रूप में की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..826903a5b2142c343a244041c097290d2305f18e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65419.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लगभग एक तिहाई (31%) ने इस कथन से सहमति व्यक्त की "मैं इस साल दिवाली की प्रतीक्षा कर रहा हूं क्योंकि शेष वर्ष कोविड-19 के कारण काफी सुस्त रहा है।"।फाइनेंस के बारे में पहले की तुलना में अधिक सजग।भले ही सुधार हुआ हो, लेकिन खर्च में सबसे बड़ी बाधा पिछले साल की तरह ही बनी हुई है। पिछले साल लगभग 50% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे आज अपने फाइनेंस के बारे में पहले की तुलना में अधिक सावधान हैं। और अब एक समान अनुपात (43.6%) ने एक ही बात कही, यह दर्शाता है कि जनता के बीच अनिश्चितता का डर अभी भी मजबूत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..133cde897a488f5954949e4cfad0455c5273cc05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- प्रोफेसर शिवमोहन प्रसाद (प्लांट बायोलाजी एंड बाटनी)।- प्रोफेसर बेचन शर्मा (बायोकेमेस्ट्री एंड मालीक्यूलर)।- प्रोफेसर अभय कुमार पांडेय (बायोकेमेस्ट्री)।- डाक्टर सुधीर कुमार सिंह (इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग)।- प्रोफेसर सैयद इब्राहिम रिजवी (बायोकेमेस्ट्री एंड मालीक्यूलर)।- प्रोफेसर देवेंद्र कुमार चौहान (प्लांट बायोलाजी एंड बाटनी)।- प्रोफेसर रवींद्र धर (एप्लाइड फिजिक्स)।- प्रोफेसर एमसी चट्टोपाध्याय (जनरल केमेस्ट्री)। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65423.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63bc772b3aca995fa6b3f87af4eba36baab5c989 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65423.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण  संवाददाता। आधुनिकता की भले ही आंधी हो, तमाम लोग पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहे हों, वेश-भूषा से लेकर खान-पान में बदलाव आ रहा हो, मगर तीज-त्योहारों पर परंपराओं को नहीं भूलते हैं। इसलिए आज भी दीपावली पर मिट्टी के दीपकों की चमक फीकी नहीं हुई है। लोग घरों को मिट्टी के दीपक से सजाना शुभ मानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2dac58857ee9d9dc34a4de5a1094d2fe3b22fafc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65424.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में ज्योति पर्व दीपावली के 11 दिन बाद मनाए जाने वाले लोक पर्व इगास से इस मर्तबा भी देश-विदेश में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी जुड़ेंगे। इस कड़ी में राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की अगुआई में इगास महोत्सव समिति वृहद आयोजन की तैयारी कर रही है। इगास का मुख्य आयोजन देहरादून में होगा, जबकि राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर भी बड़े कार्यक्रम होंगे। प्रवासियों को आनलाइन इनसे जोड़ा जाएगा, ताकि वे दूर रहकर भी अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस कर सकें। + +उत्तराखंड के लोक पर्वों, त्योहारों से प्रवासियों को जोड़ने के उद्देश्य से राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने इगास से प्रवासियों को जोड़ने की मुहिम शुरू की है। इसके लिए गठित इगास महोत्सव समिति इस पर्व पर होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों में जुट गई है। समिति से जुड़े भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला के अनुसार इस बार इगास पर भव्य कार्यक्रम होगा। देहरादून में होने वाले मुख्य आयोजन में पूजा-अर्चना के बाद शाम को भैलो नृत्य का कार्यक्रम होगा। इसके लिए स्थान चयनित किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4da32e488364a8d9590847526e1633e8a5d1ced4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते सप्ताह देहरादून में एक महिला समूह को चेक प्रदान करते गृहमंत्री अमित शाह (दाएं से तीसरे )। फाइल।दल-बदल का दौर अभी प्रदेश में जारी रहने वाला है, लेकिन जिसे अपनी ही पार्टी में बेहतर भविष्य दिख रहा है वे इस बहाव में शामिल नहीं हो रहे हैं। यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद यह तथ्य भी सामने आया है कि दल-बदल करने पर दिल्ली में भले ही रेड कारपेट पर स्वागत हो, लेकिन चुनावी मैदान में कांटे ही बिछे हैं। यह जमीनी तथ्य भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के पाला बदल नेता अच्छी तरह समझ रहे हैं। कुछ करिश्माई नेताओं को छोड़ कर अमूमन पार्टी के मूल कार्यकर्ता दल-बदलुओं का स्वागत नहीं करते हैं। खासतौर पर पार्टी में रह कर संघर्ष कर रहे टिकट के दावेदारों को बाहरी आमद कतई नहीं सुहाती। टिकट कटने की चिंता में दुबले हुए जा रहे मौजूदा विधायक ही टिकट की शर्त पर दूसरे दल में बात चलवा रहे हैं या बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। वर्तमान में विधानसभा की 83 प्रतिशत सीटों पर काबिज भाजपा में इस श्रेणी के विधायकों की संख्या कांग्रेस से काफी ज्यादा है, लेकिन ऐसे विधायकों को पार्टी में शामिल करने पर घर में ही हो रहे विरोध को देखते हुए कांग्रेस भी अब सीधे दरवाजा खोलने से गुरेज करने लगी है। पाला बदल का खेल अभी जारी रहने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..323b5cbfbe818e16166dde9b5b3d1c380ef7e316 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- आभा जैन, जयपुर हाउस।दीपावली पर सुबह बच्चों के साथ जाकर मिठाई और खील बताशे कुष्ठ रोगियों को वितरण करूंगी। यह लोग त्योहार पर अपने घर नहीं जा पाते हैं। सुबह का नाश्ता यानी बेढ़ई- जलेबी उन्हीं के साथ करने का प्लान है। शाम को पूरे परिवार के साथ घर पर दीए और पूजन करूंगी। पड़ोस में मिठाई बांटने की भी परंपरा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49edc45fcdb7a3b00604bebcb9220475bc68548e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +त्याग पत्र में कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाए कि उनकी (कैप्टन) सरकार में रेत और बजरी के अवैध खनन में कांग्रेस के कई मंत्री व विधायक शामिल थे जो आज भी सरकार में शामिल हैं। कैप्टन ने सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह सहित हरीश रावत और नवजोत सिंह सिद्धू पर भी निशाना साधा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a191d536823b835ee7d5841132f4f8c97867817 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65433.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 194वीं बोर्ड बैठक में मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से जुड़े मुददे हावी रहे। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और कामन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के जरिये जल प्रदूषण की रोकथाम में नाकाम रहने की वजह से तो डीपीसीसी सवालों के घेरे में रही ही, आनंद विहार और कनाट प्लेस के स्माग टावर में से देश का पहला कौन सा, इस पर भी बहस हुई। + +इस पर डीपीसीसी को नोटिस जारी किया जाना चाहिए। काफी चर्चा के तय किया गया कि आनंद विहार के स्माग टावर को देश का पहला आपरेशनल स्माग टावर माना जाएगा। डीपीसीसी का दावा गलत करार दिया गया। बैठक में यह भी सामने आया कि वायु प्रदूषण कम करने में इस टावर की क्षमता और असर का आकलन किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट आने पर ही देश के अन्य हिस्सों में भी इसे लगाने के बारे में सोचा जाएगा। + +बैठक में डीपीसीसी की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल खड़े हुए। बोर्ड के सदस्य और एसटीपी व सीईटीपी का मुददा उठाने वाले डा. अनिल गुप्ता ने कहा कि राजधानी में जल प्रदूषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है। डीपीसीसी की लापरवाही से ज्यादातर एसटीपी व सीईटीपी सुचारू ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि एसटीपी से रोजाना 3300 मिलियन लीटर प्रदूषित जल निकलता है जबकि जल बोर्ड शोधित 2200 मिलियन लीटर ही कर पा रहा है। 1100 मिलियन लीटर शोधित ही नहीं हो रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4086ca2f0a7432076b611c645aa3225abd4316fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेट जीरो उत्सर्जन पर अब तक चुप्पी साधे भारत ने ग्लासगो में वर्ष 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के एलान को वैश्विक स्तर पर अहम माना ही जा रहा है, घरेलू स्तर पर भी इसका व्यापक असर पड़ेगा। खासकर जब देश के 122 से ज्यादा शहर बड़े पैमाने पर हो रहे कार्बन उत्सर्जन के चलते वायु प्रदूषण की गिरफ्त में है। इसका असर जनजीवन पर भी दिख रहा है। ऐसे समय में नेट जीरो की ओर कदम बढ़ाने से वायु प्रदूषण में कमी और पर्यावरण में सुधार की उम्मीद जगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c5cd7406c9838b317237c8be583ada8c710e2a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65438.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड काल में दवा बाजार की शक्ल-ओ-सूरत ही बदल गई। लाकडाउन में जहां फार्मा बाजार में दवाओं की बिक्री प्रभावित हुई है, वहीं, इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने वाली दवाओं की मांग बढ़ी है। हर घर में इम्यूनिटी बूस्टर पहुंच गया है। ऐसे में आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री ने भी रफ्तार पकड़ी है। थोक और फुटकर दवा कारोबार से जुड़े जानकारों की माने तो कोविड की दोनों लहरों में आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री का ग्राफ लगभग 100 गुना बढ़ा है। काढ़ा और अन्य हर्बल उत्पादों के प्रति तो अभी भी भारी क्रेज है। कोविड काल में अस्पताल भर गए। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा था। बाद में पता चला कि वायरस को हराने के लिए मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का होना जरूरी है। यहीं से आयुर्वेद के बाजार में बूम आया। थोक दवा बाजार में साल भर का स्टाक चंद दिनों में खत्म हो गया। आयुर्वेदिक दवाएं बनाने वाली कंपनियां भी हैरत में पड़ गईं। बाजार से दवाएं खत्म हुईं तो आनलाइन बिक्री 100 गुना से भी अधिक बढ़ गई। हर घर में जड़ी बूटियों से बने उत्पाद नजर आने लगे। विशेषकर बच्चों और अधिक उम्र के लोगों के लिए ऐसे उत्पाद रखना जरूरी हो गया। दवा बाजार के जानकारों की मानें तो आयुर्वेदिक उत्पादों की इतनी बिक्री इतिहास में कभी नहीं हुई। कंपनियों ने भी इस मौके को जमकर भुनाया। हर उत्पाद की एमआरपी बढ़ा दी गई। विक्रेताओं के कमीशन में भी इजाफा किया गया। + +वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य कविता गोयल, आयुर्वेदाचार्य बी के त्यागी, आयुर्वेदाचार्य के के अग्रवाल व जिला आयुर्वेदिक अधिकारी जे के राना की माने तो कोविड काल में ही नही वर्तमान में भी देशी औषधियों पर अधिक जोर है। मसलन हल्दी, अदरक, काली मिर्च, अश्वगंधा, नीम, तुलसी, पुदीना युक्त औषधियां अब भी हाथों-हाथ बिक रही। डेंगू व वायरल में इनकी बिक्री खूब हो रही है। इनके साथ विटामिन-सी और डी बढ़ाने वाले फार्मूले भी जमकर खरीदे जा रहे है। इनमें टेबलेट के साथ कैप्सूल और सीरप भी शामिल है। + +जिला आयुर्वेदिक अधिकारी जे के राना ने बताया कि कोविड की दोनों लहरों में आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री का ग्राफ लगभग 100 गुना बढ़ा। यानि दवा बाजार के कुल लगभग 180 करोड़ के कारोबार में 30 से 40 करोड़ की हिस्सेदारी आयुर्वेदिक दवाओं की रही। चूंकि एलोपैथी में सिर्फ कोविड के मतलब की दवाएं ही बिकीं। इसी के साथ देशी बाजार भी बूम पा गया। वर्तमान में भी आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री सामान्य की तुलना में लगभग 30 गुना बढ़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65439.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65439.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95d3f8f348d25992194d471e9d3073ea899e0224 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65439.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। जलवायु परिवर्तन को लेकर काम करने वाली संस्‍था द इंटर गवर्नमेंटल पैनल आन क्‍लाइमेट चेंज (आइपीसीसी) का लक्ष्‍य उत्‍सर्जन के स्‍तर को जीरो करने का है। इसका तात्‍पर्य यह है कि ऐसी स्थिति जहां कोई भी देश ग्रीनहाउस गैस के उत्‍सर्जन की मात्रा में बढ़ोतरी नहीं होने देगा। इसका लक्ष्‍य है कि वर्ष 2050 तक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियत से ऊपर नहीं जाने दिया जाए। बड़ा सवाल यह है कि क्‍या भारत इसके लिए तैयार है। क्‍या भारत ने इसके लिए तैयारी कर ली है। इसको लेकर दुनिया के सबसे बड़े कार्बन उत्‍सर्जक अमेरिका और चीन का क्‍या प्‍लान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6544.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3231095fdcdafefbca1299628613f5e75fcacded --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनका पूरा परिवार बीते कुछ दिनों से मुश्किल में घिरा हुआ है। शिल्पा के पति राज कुंद्रा अश्लील वीडियो के मामले में जेल में बंद हैं। जिससे अभिनेत्री और उनका परिवार तकलीफ से गुजर रहा है। लेकिन इसी बीच शिल्पा शेट्टी ने आगे बढ़ने की ठानी है। शिल्पा शेट्टी हाल ही में एक बार फिर से डांस रियलिटी शो 'सुपर डांसर 4' में नजर आईं। उन्हें देख लगता है कि वो अपनी जिंदगी को एक बार फिर से ट्राक पर लाने की कोशिश कर रही हैं। अब हाल ही में शिल्पा शेट्टी ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट शेयर किया है। जिस पर उनके फैंस उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c646a1212ad8e3013672b9366f509c51771b9f25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहां-कहां हैं अवसर। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की हालिया स्टडी के अनुसार, देश में डिजिटल ऐड मार्केट करीब 33.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। जबकि प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और रेडियो की ऐड ग्रोथ रेट क्रमश: 8.6 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 16.9 प्रतिशत तक ही रहने का अनुमान है। जाहिर है आगे भी वेब जर्नलिज्म में संभावनाएं बहुत हैं। यही कारण है कि आज कोई भी लीडिंग अखबार हो या फिर न्यूज चैनल हो, उनका अपना वेब एडिशन है। चूंकि इन्हें कंटेंट अपने मूल नेटवर्क से ही मिल जाता है, जिसे ठीक करके वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। ऐसी जगहों पर आपको कॉपी एडिटर, सीनियर कॉपी एडिटर, चीफ कॉपी एडिटर और संपादक के तौर पर नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा, कई स्वतंत्र न्यूज पोर्टल्स भी हैं, जिनके पास अपना कोई अखबार या न्यूज चैनल नहीं है। ऐसे में इन्हें खबरों को कवरेज करने के लिए रिपोर्टर के साथ-साथ कॉपी एडिटर समेत तमाम अन्य स्टाफ की भी हर समय जरूरत रहती है। डॉटकॉम में जर्नलिस्टों के अलावा डिजाइनर और वेब डेवलपर्स के लिए भी बड़ी संख्या में नौकरी के मौके हैं। डिजाइनर जहां वेबसाइट को विजुअल लुक देने का काम करते हैं। वहीं, वेब डेवलपर डिजाइन किए गए पेज की कोडिंग करना, लिंक देना और पेज अपलोड करने का काम देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c4dc2bc27a5305d3452747872cbfe7ccc32659f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65445.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विषयों की सही समझ और अच्‍छी प्रैक्टिस। कैट छात्रों की मानसिक क्षमता, समझ कौशल और अवलोकन की कुशलता जांचने वाली परीक्षा है। इसलिए इसमें सिर्फ रट्टाबाजी से नंबर लाना मुश्किल होगा। तैयारी के सही तरीके और खूब प्रैक्टिस से ही इसमें अच्छे स्कोर की उम्‍मीद की जा सकती है। इसलिए आपको देश-दुनिया की खबर से अवगत होना जरूरी है। इंटरनेट की वजह से अब ऐसा करना आसान हो गया है। अखबार पढ़ने के अलावा आप इंटरनेट मीडिया पर न्‍यूज देने वाले चैनल्स को फालो कर सकते हैं, फोन में न्यूज की एप डाउनलोड कर सकते हैं और घरवालों से एवं दोस्तों से खबरों की चर्चा कर सकते हैं। इससे वर्बल एबिलिटी ऐंड रीडिंग काम्प्रिहेंशन के लिए में ग्रामर, वोकेबुलरी और रीडिंग काम्प्रिहेंशन भी मजबूत होगा और इसके अलावा निबंध, पैराग्राफ सारांश आदि चीजों की तैयारी करना जरूरी है। डाटा एंटरप्रेटेशन ऐंड लाजिकल री‍जनिंग में पाई चार्ट, बार चार्ट, लाइन चार्ट और मिश्रित चार्ट के प्रश्‍न होंगे। अच्छे अंक लाने के लिए छात्रों को इन चीजों की गहरी समझ होना जरूरी है| वहीं, क्‍वांटिटेटिव एप्टिट्यूड आपकी गणित की पकड़ को जांचेगा। ज्‍यादातर छात्रों को यह सेक्शन सबसे कठिन लगता है। इस भाग में अलजेब्रा, ट्रीगनोमेट्री, ज्योमेट्री जैसे विषयों पर सवाल आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1db3f6b0f35add9ba4d6221617648edd0d30b27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके अलावा, दूसरी कंपनियों में भी हमेशा ऐसे प्रोफेशनल्‍स की मांग रहती है। इस सेक्टर में स्किल्ड और नान-स्किल्ड दोनों तरह के लोगों के लिए नौकरियों के मौके हैं। कुल मिलाकर, यह विविधताओं से भरा फील्‍ड है। अगर आपमें टेक्निकल या नान-टेक्निकल किसी भी फील्‍ड में काम करने की कुशलता है, तो यहां ई-कामर्स में अवसरों की कोई कमी नहीं है। आइये जानते हैं, ईकामर्स में कुछ ऐसे ही हाट जाब्स के बारे में:। एंट्री-लेवल जॉब्‍स ।दूसरे तमाम फील्‍ड की तरह ही ई-कामर्स में भी अलग-अलग लेवल पर जाब्‍स के मौके उपलब्‍ध हैं, जैसे कि एंट्री लेवल पर आप डिलीवरी ब्‍वाय और कस्‍टमर सर्विस रिप्रेजेंटेटिव/एग्‍जीक्‍यूटिव के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप टेक्निकल फील्‍ड से नहीं हैं, तो शुरुआत में ई-कामर्स में भी इन्‍हीं पदों पर जाब मिल सकती है। डिलीवरी ब्‍वाय जहां आनलाइन आर्डर को ग्राहक तक पहुंचाने का काम करते हैं, वहीं कस्‍टमर एग्‍जीक्‍यूटिव जिसे ग्राहक सेवा प्रतिनिधि भी कहते हैं, ईकामर्स कंपनियों में फ्रंटलाइन के कर्मचारी होते हैं, जो आर्डर संभालते हैं और ग्राहकों के प्रश्‍नों का उत्तर देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd701c7ac085899efc7b1e972ee1a0bf46ce0919 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + भाजपा ने महज छह महीने में खो दी दो सीटें।दिनहाटा से भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक ने पिछला विस चुनाव लड़ा व जीता था। उन्होंने कांटे की टक्कर में तृणमूल के उदयन गुहा को महज 57 वोटों के अंतर से हराया था, वहीं शांतिपुर में भाजपा के एक और सांसद जगन्नाथ सरकार ने तृणमूल के अजय दे को 15,878 वोटों से हराया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद दोनों ने सांसद बने रहने के लिए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण वहां उपचुनाव कराया गया था। इस बार उदयन गुहा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अशोक मंडल को 1,64,089 वोटों के रिकार्ड अंतर से हराया। उदयन गुहा को 1,89,575 वोट मिले जबकि अशोक मंडल की झोली में सिर्फ 25,486 वोट आए। वहीं शांतिपुर में तृणमूल के ब्रजकिशोर गोस्वामी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के निरंजन बिश्वास को 63,892 वोटों से हराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f5e7b03e42d6d03276895924541e6ef0d8bebc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूरा चुनाव मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा के जिम्मे था : वास्तव में यह पूरा चुनाव मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश भाजपा के जिम्मे था। केवल टिकट आवंटन में आलाकमान की छाप थी। मंडी में भाजपा को अपने काम और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भरोसा था और कांग्रेस को वीरभद्र सिंह के प्रति सहानुभूति के साथ यह भी विश्वास था कि भाजपा तेल में फिसल जाएगी। तेल खाने वाला हो या डीजल और पेट्रोल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0d8264c0e3affebceb16f320fc804efa0fdc443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर और महराजगंज में 23 वनटांगिया गांव : ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो स्लीपर के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई। इसकी भरपाई के लिए बर्तानिया सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया। साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की 'टांगिया विधि' का इस्तेमाल किया गया, इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए। कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं। इसी के आसपास महराजगंज के जंगलों में अलग अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे। 1947 में देश भले आजाद हुआ लेकिन वनटांगियों का जीवन गुलामी काल जैसा ही बना रहा। जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी। नागरिक के रूप में मिलने वाली सुविधाएं तो दूर की कौड़ी थीं। जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण की इजाजत नहीं थी। पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं। समय समय पर वन विभाग की तरफ से वनों से बेदखली की कार्रवाई का भय अलग से। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65452.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65452.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48c94ded20701b8a80a3e298ab96fe1a60a91871 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65452.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दीपावली के त्योहार पर खूब खरीदारी होती है और लोग आनलाइन पेमेंट तो करते हैं। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं हो पाता और बहुत से स्थानों पर नकद भुगतान करने ही पड़ते हैं। बैंकों के बंद होने पर भी लोगों के पास नकदी की कमी ना हो। इसके लिए बैंकों ने अपने एटीएम में पर्याप्त कैश रखने के आदेश अपनी एजेंसियों को कर दिए हैं। इन सभी एजेंसी को बुधवार से ही उनकी जरूरत के हिसाब से नकदी दे दी जाएगी। बैंक अधिकारियों के मुताबिक अब यह भी संकट हो गया है कि अगर एटीएम खाली लगातार खाली रहा तो बैंक के ऊपर जुर्माना हो जाएगा, इसलिए इससे बचने के लिए भी बैंक नकदी की व्यवस्था कर रहे हैं। + +बैंक चार, पांच, छह व सात नवंबर को बंद रहेंगे। इसमें चार नवंबर को दीपावली है तो छह नवंबर को भाई दूज दोनों ही दिनों को खरीदारी के लिए नकदी की जरूरत पड़ती है। कुछ समय पहले ही रिजर्व बैंक ने निर्देश किए हैं कि एटीएम खाली नहीं होना चाहिए। इसे देखते हुए सभी बैंकों ने अपने एटीएम की कैश ट्रे को भरने वाली एजेंसियों को साफ कर दिया है कि चार दिन में एटीएम खाली ना हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f566f0d9ad15612a957afc7293c93c54b6a382fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सद्भाव के लिए की शुरुआत : शेखनपुरा निवासी रामेश्वर चौरसिया उर्फ नेताजी, केसी खरे, परमेश्वरी दयाल, बैजू चौरिसया, दिनेशचंद्र, जगदीश चौरसिया ने बताया कि वैसे तो लोग घरों में ही लक्ष्मी पूजन करते हैं, लेकिन इसे सार्वजनिक तौर पर सभी के साथ करने का उद्देश्य सद्भाव है। आपस में लोग मिलते-बैठते हैं तो अच्छा लगता है। दुर्गापूजा की तरह मुहल्ले में लक्ष्मी प्रतिमा स्थापित कर पांच दिन पूजन की परंपरा साल 1991 में शुरू की थी। इसके लिए लक्ष्मी महोत्सव विकास समिति गठित कर पंजीकृत कराई गई है। यह परंपरा हमेशा जीवंत रखेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4374e49b621f594fc6bf297ba74586d288660765 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये हैं घाट प्रभारी : रामकी पैड़ी के 32 घाटों पर प्रभारी भी तैनात किए गए हैं। इनमें डा. अशोक कुमार मिश्र, डा. विनय कुमार सिंह, डा. पूनम जोशी, डा. सुषमा पाठक, डा. अमरजीत पांडे, डा. बृजेंद्र कुमार दुबे, डा. राजनारायण पांडे, डा. अर्जुन सिंह, डा. श्रीश अस्थाना, डा. बृजेश भारद्वाज, डा. अनुराग सोनी, डा. राजेश सिंह, दिव्यांश, सूरज त्रिपाठी, धर्मेंद्र पाठक, सुरेश कुमार, डा. अवनीश शुक्ला, डा. किशन सोनी, अंकित विश्वकर्मा, डा. शिवनारायण वर्मा, मयंक सिंह, विष्णु कुमार गुप्ता, ऋषभ श्रीवास्तव, कदम कृष्ण पांडेय, सुरेंद्र मिश्रा, कृष्ण पांडे, शिवांश कुमार, डा. अनिकेश पांडे, डा. श्याम नारायण यादव, डा. शिवकुमार तिवारी, डा. बीडी द्विवेदी, डा. परेश कुमार पांडे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b85891111af91194d14f49b60a357ec92a0b64a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की एडिशनल डीन और बायोइंजीनियरिंग और बायोसाइंस की प्रोफेसर डा. नीता राज शर्मा कहती है कि भारत सरकार की कई योजनाएं जैसे किरन (नॉलेज इंवाल्वमेंट रिसर्च एडवांसमेंट थ्रू नरचरिंग) और वुमेन साइंटिस्ट स्कीम लड़कियों को स्टेम के क्षेत्र में बेहतर करने में सहायक साबित हो रही है। वहीं ऑनलाइन कोर्सेज स्टेम एजुकेशन को बढ़ावा देने में काफी कारगर साबित हो रहे हैं। महिलाओं की स्टेम एजुकेशन में लगातार हो रही बढ़ोतरी देश की प्रगति में सहायक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89e576744e4f7795eefe9cd124fe42ea9c7862c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65461.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जानकारी के मुताबिक शोध का मुख्य केंद्र बिंदु यह है कि हवा में पीएम-2.5 की मात्रा अधिक होने पर 10 से 60 साल तक की उम्र के लोगों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। शोध में विभिन्न आयु वर्गों के 3,644 व्यक्तियों को शामिल किया गया था। शोध का मकसद खराब वायु गुणवत्ता और पराली जलाने की अवधि के दौरान पीएम-2.5 के संपर्क में आने वाली आबादी के श्वास लेने के प्रभाव को समझना और उसकी मात्रता निर्धारित करना भी रहा। + +शोध में सामने आया है कि पराली जलाने के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा में पीएम-2.5 की सांद्रता तय मानक (60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) से रोजाना औसतन चार गुना अधिक (193-270 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) बढ़ गई। इस दौरान दस से 60 वर्ष तक के सभी व्यक्तियों में श्वसन संबंधी शिकायतों में वृद्धि देखी गई। सबसे अधिक श्वास संबंधी परेशानी का सामना 40-60 वर्ष के बीच के लोगों में देखने में आया है। शोध में यह भी पता चला कि फेपड़ों की कार्य क्षमता पर पराली के धुएं का प्रतिकूल प्रभाव सबसे कम उम्र वर्ग 10-18 वर्ष में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक स्पष्ट पाया गया। + +लीवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) मापदंडों (फोर्स एक्सपायरेट्री वोल्यूम-एफईवी1, फोर्स वाइटल कैपेसिटी- एफवीसी) में कम से कम 10 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं पीक एक्सपायरेट्री फ्लो (पीईएफ) पुरुषों में और महिलाओं की आबादी में कम से कम 15 प्रतिशत की कमी के साथ हर 100 यूनिट (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) में पीएम-2.5 की मात्रा में वृद्धि होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9108504245152b37e433193cb7e7b6720318e41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65462.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 36 साल के निपुन जैन के अंगदान करके जीवन और मृत्यु से जूझ रहे 4 लोगों को नई जिंदगी दी है। 30 अक्टूबर को निपुन को पीजीआइ ने ब्रेन डेड घोषित किया था। उनकी दोनों किडनी, पैंक्रीयाज और कार्निया दान की गई हैं। पीजीआइ ने ग्रीन कारीडोर बनाकर पंचकूला के एलकेमिस्ट अस्पताल में एडमिट एक मरीज को किडनी देकर उसकी जान बचाई। पीजीआइ के रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के हेड प्रोफेसर अशीष शर्मा ने बताया कि पीजीआइ ने पहली बार इस क्षेत्र में एक प्राइवेट हॉस्पिटल को अंगदान कर मरीज की जान बचाई है। + +36 वर्षीय आईटी पेशेवर निपुन जैन को गंभीर हालत में अलकेमिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में डाक्टरों की एक टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया क्योंकि उन्हें बड़े पैमाने पर ब्रेन हैमरेज हो गया था। निपुन जैन का शोक संतप्त परिवार आगे आया और अंगदान के लिए अस्पताल के अधिकारियों से संपर्क किया। चूंकि यह पंचकूला जिले में पहला शवदान अंगदान था, इसलिए अस्पताल के अधिकारियों ने आवश्यक अनुमति लेने के लिए रोटो पीजीआईएमईआर और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क किया। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों और रोटो पीजीआईएमईआर से सभी वांछित अनुमति प्राप्त होने के बाद रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के हेड डॉ आशीष शर्मा और सीनयर कंसल्टेंट यूरोलाॅजी डा. नीरज गोयल के नेतृत्व में एक टीम ने ब्रेन डेड मरीज से अंग पुनर्प्राप्ति शुरू की।जिन लोगों ने इस ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया, उनमें सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डा. रमेश कुमार और डा. अकालजोत कंसल्टेंट और एचओडी एनेस्थीसिया अलकेमिस्ट हॉस्पिटल पंचकुला शामिल थे। ।अल्केमिस्ट अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. पीएस मान ने कहा वे पीजीआईएमईआर के डा. आशीष शर्मा और उनकी टीम, डा. मुक्ता कुमार सिविल सर्जन पंचकुला, डा. वीना सिंह डीजीएचएस और पंचकूला और चंडीगढ़ पुलिस के सभी समर्थन के लिए आभारी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..415a34d0e383589de8d7632fdfb64a9fe2445960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। मिठाई, पनीर, दूध, दही, दाल, सब्जी, पूड़ी, मसाले समेत अधिकतर खाद्य पदार्थों में बड़े स्तर पर मिलावट हो रही है। अगर पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में मिलावट पर रिकार्ड तोड़ जुर्माना भी लगा है। एडीएम सिटी कोर्ट से वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर अब तक कुल 618 मामलों में 5.78 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में शासन स्तर से जारी सूची में जुर्माने के मामले में भी अलीगढ़ टाप पर रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee5553236daf13515559e99a3431d12a26c590ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बर्तन बचाएंगे गैस।गैस की बढ़ती कीमतों के बीच बाजार में खास तरह के बर्तन आए हैं। इन बर्तनों में स्टील-एल्यूमिनियम-स्टील की तीन परत होती हैं।इन्हें ट्राई प्लाई बर्तन कहा जाता है।इन बर्तनों का खासियत है कि यह जल्दी गर्म होते हैं और कम समय में खाना बन जाता है। वीके बर्तन भंडार के राजीव गर्ग ने बताया कि दो कंपनियों ने खास बर्तन लांच किए हैं। इनमें कुकर, कढ़ाई, तवा, सासपैन समेत बर्तनों की पूरी वैरायटी है।इन बर्तनों की कीमत 700 से 4000 रुपये तक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17bf4d57dbf306d2282ec82b5dce4b3cda1f5ccc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। देश में जिस तेजी से नौकरी, व्यवसाय में डिजीटल लेन-देन का दौर बढ़ा है, उसी तरह साइबर क्राइम भी लगातार बढ़ रहा है। देश ही नहीं विदेशी साइबर हैकर्स ने लोगों के बैंक खातों में सेंध लगाकर कानून को भी बौना साबित कर दिया है। हाईटेक बनने वाली पुलिस इन पर शिकंजा तक नहीं कस पा रही है। कोरोना संक्रमण दौर के बाद से ऐसे मामलों में कुछ और अधिक तेजी आ गई है। खासकर पिछले छह महीने में ही जिले में इस तरह के 300 से ज्यादा मामले साइबर सेल में आ चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..485696cd148999d359fe135ac97105b606853d5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65466.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। दस्यु आतंक के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने के बाद भी उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) की निगाहें बीहड़ पर गड़ी रहेंगी। कहीं कोई डकैत फिर सिर उठाने का दुस्साहस न कर सके, इसके लिए दस्यु गिरोह का सर्विलांस जारी रहेगा। करीब 16 बरस की कड़ी मेहनत से मिले परिणाम को बरकरार रखने के लिए एसटीएफ हर नई गतिविधि पर नजर जरूर रखेगी। डकैत गौरी यादव को मुठभेड़ में ढेर करने के बाद एसटीएफ ने बीहड़ को दस्यु मुक्त किया है और वह इस कामयाबी को बरकरार रखने के लिए निगरानी में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। + +ऐसे ही ठोकिया गिरोह का सक्रिय सदस्य बबुली कोल ने भी अपना अलग गिरोह बनाया था और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश पुलिस के लिए लंबे समय तक चुनौती बना रहा। ऐसे में फिर किसी नए दस्यु गिरोह के पनपने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। एसटीएफ के बढ़ते दबाव के चलते ही बीते वर्षों में कई डकैतों ने अपराध से किनारा भी कर लिया और फिर बीहड़ का रुख नहीं किया। इनमें मुन्नी लाल यादव भी एक नाम है। सूत्रों का कहना है कि बीहड़ से वास्ता रखने वाले गिरोह के पुराने व नए, सभी सदस्यों की निगरानी लगातार की जाती है। गौरी यादव के करीबियों की भी छानबीन की जा रही है। एडीजी एटीएफ अमिताभ यश का कहना है कि बीहड़ पर लगातार नजर रखी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fcc4ed3fbf1c7df78c3b252225919f42e57179f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 281 दर्ज किया गया। रविवार को यह 289 एवं शनिवार को 268 था। फरीदाबाद का एक्यूआइ 327, गाजियाबाद का 363, ग्रेटर नोएडा 306, गुरुग्राम का 241 और नोएडा का 301 दर्ज किया गया। मतलब, दिल्ली और गुरुग्राम को छोड़कर एनसीआर के अन्य शहरों की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b31ac5779baf8a75665494c8a71669df882c21df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65470.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साढ़े चार साल के कार्यकाल में तीसरी बार सीएम आए अकादमी।उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस अकादमी से 72 डिप्टी एसपी की सलामी लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार पुलिस अकादमी पहुंचे थे। हालांकि इससे पहले भी वह दो बार पुलिस अकादमी आ चुके हैं। इससे पहले वह दारोगाओं के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 24 नवंबर 2019 को आए थे, जबकि 10 जुलाई 2018 को सहायक अभियोजन अधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन यह पहला मौका था, जब सीएम डिप्टी एसपी की पासिंग आउट परेड की सलामी लेने के लिए आए। कोरोना महामारी के कारण भी अकादमी में बीते दो सालों से किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया था। महामारी के बाद यह पहला मौका था,जब अकादमी में एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c1cfbee23b13257160cbcaeaa7dae6d35a85c8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65471.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [राहुल सिंह]। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या की तरह ही राजधानी दिल्ली में भी दीपों की रोशनी से देखने को मिलेगी। कनाट प्लेस की गोल मार्केट आरडब्ल्यूए द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए अनोखी पहल की जा रही है, जो मंदिर मार्ग और पेशवा रोड को गोद लेकर उन्हें सजाने का काम करेंगी। साथ ही दीपावली के मौके पर मंदिर मार्ग को भी गाय के गोबर से बने और मिट्टी से बने दीयों से सजाया जाएगा। इसके लिए करीब 30 हजार से अधिक दीयों का इस्तेमाल भी पूरी सड़क व मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध मंदिरों को दीपों की रोशनी से सराबोर करने में किया जाएगा। + +वहीं, उन्होंने कहा कि दिल्ली में मंदिर मार्ग पर सबसे अधिक मंदिर हैं, जिसमें बिरला मंदिर और कालीबाड़ी देवी मंदिर समेत कई प्रसिद्ध मंदिर शामिल हैं। ऐसे में इन सभी मंदिरों के बाहर और पूरे मंदिर मार्ग पर दीपावाली का महोत्सव मनाया जाएगा। इस महोत्सव में इलाके के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। साथ ही एनडीएमसी के अधिकारी भी दीपों के महोत्सव में शामिल होंगे, जो इन मार्ग को बिल्कुल अयोध्या नगरी की तरह सजाने का काम करेंगे। + +मंदिरों के बाहर रंगोली भी बनाएगी आरडब्ल्यूए। दीप महोत्सव को अयोध्या की तरह बनाने के लिए आरडब्ल्यूए पदाधिकारी लगातार मेहनत कर रहे हैं। साथ ही इसमें महिलाओं और युवतियों की मदद भी ली जा रही हैं, जो प्रसिद्ध मंदिरों के बाहर रंगोली बनाएंगी, जिससे मंदिर मार्ग की रौनक दोगुनी हो जाएगी। वहीं, पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में कालोनियों में रहने वाली महिलाएं भी अपनी हिस्सेदारी निभा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96bf0ef726aaf423d872896e4b1a924f071cf89c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65473.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तिरहुत रेलवे के नाम से जानी गई यह रेल लाइन। इस रेल लाइन का धीरे-धीरे विस्तार होता गया और इसका नाम तिरहुत रेलवे पड़ गया। इसी दौरान बहराइच, मनकापुर और गोंडा क्षेत्र में भी रेल लाइनों का निर्माण शुरू हो गया। 1906 तक कासगंज से काठगोदाम तक रेल लाइन बिछ गई। रेल लाइनों के विस्तार के साथ धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और असम क्षेत्र आपस में जुड़ते गए। एक जनवरी 1943 से यह रेलवे अवध-तिरहुत के नाम से जाना जाने लगा। इस रेलवे में बंगाल एवं नार्थ वेस्टर्न तथा रोहिलखंड एवं कुमायूं रेलवे को भी शामिल कर लिया गया। आगे चलकर इस रेलवे में इस्टर्न बंगाल रेलवे तथा बंगाल असम रेलवे के मुरलीगंज-पुर्णिया और वनमंखी-बिहारीगंज रेल खंड को भी मिला दिया गया। + +एक नजर में लार्ड लारेंस।निर्माण कार्य - वर्ष 1874।निर्माण कर्ता - डब्स एंड कंपनी ग्लास्गो लोकोमोटिव वर्क्स, लंदन।स्वामित्व - बी एंड एन, डब्लू आर/ पूर्वोत्तर रेलवे।गेज - मीटर गेज।इंजन का प्रकार - ए-वन, इंजन नंबर- 14, रजिस्ट्रेशन नंबर- 40।चक्कों का क्रम व बनावट- 2-4-0 तीलीयुक्त। ब्वायलर का प्रकार - फायर ट्यूब ब्वायलर।कर्षण बल- 3444 पाउंड्स।मोशन गियर- स्टीफेंस लिंक मोशन।भाप का प्रकार - संतृप्त।फायर बाक्स क्षेत्रफल- 784 वर्ग इंच।कोयले की क्षमता - 1.425 ब्रिटिश टन।पानी की धारिता- 469 गैलन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65476.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc7bd2daac62bf2ca9e50353840a96e40a3cb690 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2007 की याद दिला दी।वेस्टइंडीज में 2007 में हुए वनडे विश्व कप में टीम इंडिया पहले दौर से ही बाहर हो गई थी। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। इस टी-20 विश्व कप के बाद सबसे छोटे फार्मेट की कप्तानी छोड़ने वाले विराट कोहली ने दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में उस दुस्वप्न को याद दिला दिया। पाकिस्तान से 10 और न्यूजीलैंड से आठ विकेट की हार के बाद विराट की टीम के भी पहले दौर से ही बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। अब टीम को बुधवार को अफगानिस्तान से भिड़ना है। इसके बाद स्काटलैंड और नामीबिया से मुकाबला होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dc9e8b2671507c1d6ded7c5a02c7cfb97612eb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65477.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. लक्ष्मी शंकर यादव। चीन ने लैंड बार्डर्स ला यानी जमीनी सीमा कानून बनाते हुए पड़ोसी देशों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। भारत के संदर्भ में वह भले ही यह कहता आया है कि भारत और चीन के बीच सीमा की पहचान कभी की ही नहीं गई। लेकिन भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि कुछ इलाकों के लिए भले ही यह बात सही हो, लेकिन पूरी सीमा के लिए ऐसा नहीं है। दोनों देशों के बीच हमेशा ऐतिहासिक आधार की पारंपरिक सीमा रही है। चीन की नेशनल कांग्रेस की स्थायी समिति द्वारा दी गई इस कानून की मंजूरी के बाद भारत से उसका विवाद बढ़ सकता है। इसमें कहा गया है कि यह सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, आर्थिक एवं सामाजिक विकास को मदद देने, सीमावर्ती क्षेत्रों को खोलने, ऐसे क्षेत्रों में जनसेवा और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, उसे बढ़ावा देने और वहां के लोगों के जीवन एवं कार्य में मदद देने का कार्य करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..067a41a068d0ae2d35aad1ca583b72d3dabad739 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/विवेक तिवारी। दिवाली को कुछ ही दिन बचे हैं। प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इस बार दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगाने का ऐलान काफी पहले ही कर दिया। हालांकि दिल्ली की गली मोहल्लो में अभी से बच्चों को छोटे मोटे पटाखे जलाते देखा जा सकता है। कई बार आपके मन में ये सवाल उठता होगा कि पटाखों से दिल्ली की हवा पर क्या असर पड़ता है। तो आइये आपके सारे सवालों का जवाब हम आपको देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49342e2834a722939bbb0f438c6fdce4e366aedb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आपके घरों में खुशियां बिखेरने के लिए चांदी के लक्ष्मी-गणेश, सिक्का, कल्पवृक्ष और तुलसी का पौधा तैयार है। बस आपको इसके लिए शहर के सराफा बाजार जाना होगा। जहां ज्वैलर्स ने इस बार कोरोना के बाद आए सीजन को भुनाने के लिए एक से एक चांदी के आइटम तैयार किए हैं। चांदी महंगी होने के कारण इन आइटम का वजन जरूर घटा है। यहां बने सिक्के व इस पौधे की आसपास के जिलों में ही नहीं पूरे देश मेें आपूर्ति हो रही हैं। अब तक करीब 100 करोड़ के आर्डर के सापेक्ष आपूर्ति हो चुकी है। ।देश के बड़े सराफा कारोबारियों में शुमार स्थानीय कारोबारी आनंद अग्रवाल बताते हैं कि 30 सितंबर, 2021 को प्रति किलो चांदी 63 हजार रुपये थी, जो रविवार को 5900 रुपये बढ़कर 68900 रुपये प्रति किलो हो गई। ढाई फीसद ड्यूटी बढ़ी है। इसका असर यह हुआ कि लक्ष्मी-गणेश के सिक्कों का वजन घट गया है। 365 रुपये वाले पांच ग्राम के सिक्के की सर्वाधिक मांग है। वैसे 10 ग्राम, 20 ग्राम, 50 ग्राम का सिक्का भी मौजूद है। आगरा सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने बताया कि अब चांदी के सिक्कों का कारोबार 100 करोड़ का हो चुका है। धनतेरस पर इसके बढ़कर 150 करोड़ का होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी-गणेश के सिक्कों के अलावा आजकल ‘चांदी का डॉलर’ भी लोकप्रिय हो रहा है, जिसे लोग उपहार में देने के लिए खरीदते हैं। दीपावली पर हटरी का पूजन करने के लिए चांदी की हटरी, चांदी के धन कुबेर, चांदी का झूला, चांदी के लक्ष्मी-गणेश, 100 ग्राम के चांदी के बिस्किट में एक कलरफुल लक्ष्मी-गणेश की फोटो भी लगाई गई है। लक्ष्मी मां के चांदी के चरण तो प्रभू श्रीराम की चांदी की खड़ाऊ भी यहां बेची जा रही हैं। राम भक्त हनुमान की चांदी की गदा, चांदी की क्राकरी, लोटे और अन्य कई तरह के गिफ्ट आइटम मिल रहे हैं। उन्होेंने बताया कि आगरा में बन रहे चांदी के सिक्कों में 91.60 फीसद चांदी होती है, इसलिए इनकी मांग रहती है। तुलसी का पौधा भी 50 ग्राम से 100 ग्राम तक व उससे भी अधिक वजन में उपलब्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65482.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e8c66217807b3be832a7c752c18253b34358e5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65482.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। दीपावली आने को है। इस बार त्योहार का सभी को बेसब्री से इंतजार है। पिछले साल महामारी के चलते सतर्कता और एहतियात के बीच मंद पड़ी अर्थव्यवस्था से थोड़ा नैराश्य छाया था, लेकिन इस बार तस्वीर गुलाबी होने की ओर है। हमने खुद के दम से महामारी को थाम दिया है तो आर्थिक विकास के चक्र को भी तेज कर दिया है। बदलती तस्वीर के बीच आ रहे इस त्योहार को लेकर अबकी बार हर कोई उल्लास से आह्लादित है। अंतस समेत बाहरी अंधियारे को इस प्रकाश पर्व से रौशन करने और अपनी समृद्धि की कामना के तहत इस त्योहार की हम साल भर से राह ताकते हैं। देवी लक्ष्मी की कृपा भी बरस रही है। लोगों की समृद्धि में उत्तरोतर वृद्धि दिखने भी लगी है, लेकिन एक तो अभी यह समृद्धि असंतुलित है और दूसरी बात दलिद्दर जाने को तैयार नहीं है। यह दलिद्दर है हमारी सोच का, हमारे चरित्र का, हमारे पारिस्थितिकी क्षरण का, हमारे अस्वस्थ समाज का, हमारे अशिक्षित लोगों का और समग्र रूप से हमारे आधे-अधूरे जीवन कल्याण स्तर का। + +मानव विकास सूचकांक में ये दलिद्दर हमें कई पायदान नीचे ठेल देता है। तभी तो कुछ लोगों की आर्थिक समृद्धि व्यापक स्तर की सामाजिक खुशहाली पर भारी पड़ती है। ये सामाजिक खुशहाली तभी हासिल होगी, जब देश का चहुंमुखी विकास होगा। व्यक्ति की समृद्धि से ज्यादा जरूरी है राष्ट्र की समृद्धि। राष्ट्र समृद्ध होगा तो सभी व्यक्ति समान रूप से स्वयमेव समृद्ध होंगे। यह बात और है कि इस भौतिक समृद्धि के फेर में हम असली समृद्धि को भुला बैठे। धन को हाथ का मैल समझने वाले हमारे देश में मनीषियों ने कहा है कि अगर आपका धन चला जाए तो समझो कुछ नहीं गया। अगर आपका स्वास्थ्य चला जाए तो समझो आपने कुछ खोया, लेकिन अगर चरित्र चला जाए तो समझो सब कुछ चला गया। हमारे पास सब कुछ है लेकिन हमारी प्राथमिकता से चरित्र और प्रकृति के साथ राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव कम होता जा रहा है। असली समृद्धि तभी आएगी जब चरित्र और प्रकृति को कायम रखते हुए समर्पित भाव से लोग राष्ट्र निर्माण में जुटेंगे। राष्ट्र की समृद्धि से ही राष्ट्रवासी खुशहाल होंगे। ऐसे में आइए, इस प्रकाश पर्व पर इसी असली समृद्धि को हासिल करने का संकल्प लें और इसकी प्राप्ति के लिए एक दीया जलाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65486.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff554d14d70d6afb97be4db06f73ee78696626cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65486.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि अयोध्या में दीपोत्सव पर 12 लाख दीये (मिट्टी के दीपक) जलाए जाएंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पीएम और सीएम की आवास योजनाओं के अनुमानित नौ लाख लाभार्थी अपने घर के बाहर एक-एक दीया जलायेंगे। इस दीपोत्सव में कम से कम नौ लाख दीये जलाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए पर्यटन विभाग कम से कम 12 लाख मिट्टी के दीये जलाने की योजना बना रहा है ताकि 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले आखिरी दीपोत्सव के दौरान एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65487.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65487.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69a81c218476df289172df412254ffb83e055836 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65487.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश को परिस्थितिक रूप से समृद्धि बनाने में जन-जन की भागीदारी आवश्यक है। यह कार्य संभव भी है, क्योंकि इसका उदाहरण तब देखा गया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी ग्राम प्रधानों को अपने गांव के एक-एक तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए पत्र लिखा तो देशभर में प्रधानों ने तालाब पुनर्जीवन का उत्सव ही मना दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c666f7d5386c2bf85f51400e35efb17784dd01b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65488.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली/मास्‍को, आनलाइन डेस्‍क। चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण के बाद रूस के सबसे विध्‍वंसक हथियार की चर्चा भी जोरों पर है। यह चर्चा इसलिए भी हो रही है कि रूस ने इस परमाणु हथियार का परीक्षण करके अमेरिका को हैरत में डाल दिया था। यह परमाणु हथियार हिरोश‍िमा में गिरे अमेरिकी बम से कहीं ज्‍यादा खतरनाक था। 30 अक्टूबर, 1961 को रूस ने इस परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। इसके बाद अमेरिका और रूस के बीच सबसे बड़े परमाणु हथ‍ियार को तैयार करने को लेकर रेस शुरू हुई थी। चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल के बाद एक बार फ‍िर हथियारों के होड़ का खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है। आखिर क्‍या था रूस का यह परमाणु हथियार ? इस हथियार से क्‍यों सहमा था अमेरिका ? क्‍या थी इसकी खूब‍ियां ?। जार बाम्बा के बाद दुनिया में शुरू हुई थी शस्‍त्रों की होड़ ।दरअसल, विश्‍व में सबसे विध्वंसक हथियारों में परमाणु बमों का नाम सबसे ऊपर आता है। इसके पीछे की वजह भी साफ है, क्योंकि इस हथियार की ताकत दुनिया ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर हुए परमाणु हमलों में देखी थी। शीत युद्ध के समय दुनिया में परमाणु हथियारों की एक रेस शुरू हुई, लेकिन 1945 में जापान पर हुए परमाणु हमले के बाद साल 1961 इस रेस का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु रहा। दरअसल, रूस ने 30 अक्टूबर 1961 को जार बाम्बा (Tsar Bomba) के जरिए सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था। यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली और ताकतवर परमाणु हथियार था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b65334f7d1639e055c5be19888e8f5ec5e874a05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65494.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आचार्य राघवेंद्र प्रसाद तिवारी। Education News सामाजिक-सांस्कृतिक प्राणी के रूप में भारतीय मानस ने अपनी विकास यात्रा के अंतर्गत न केवल शारीरिक जैविक विकास किया, अपितु बौद्धिक, सामाजिक, नैतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की हैं। सांस्कृतिक दृष्टि से उसने अपनी एक आदर्श जीवनशैली को विकसित किया, जिसमें परस्परता, सहिष्णुता और प्रकृति के साथ सामंजस्य और मूल्य आधारित शिक्षा आदि के द्वारा सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत की निरंतरता को बनाए रखा। + +इसे ध्यान में रखते हुए हमें समाज में ऐसी व्यवस्थाओं को विकसित करना होगा जिसके उद्यमों का लक्ष्य सबका कल्याण हो, सब साथ मिलकर शाश्वत विकास की ओर बढ़ें और इसमें सभी की अधिकतम भागीदारी हो। हम केवल विषय ज्ञान पर आधारित कक्षा शिक्षण के भरोसे ऐसी मूल्य आधारित शिक्षा पद्धति का विकास नहीं कर सकते हैं। बेहतर यह होगा कि हम शैक्षणिक संस्थाओं की संस्कृति में भारतीयता के मूल्यों का बीजारोपण करें, जिससे जनमानस को अपनी सांस्कृतिक विविधताओं और समृद्धि की विरासत से परिचित करा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5b31c3dacf943572c98fad230b34caf6821982f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65495.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाना है, इसे लेकर क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं?।- हमारा लक्ष्य दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहनों की राजधानी बनाने का है, इसे लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि दिल्ली में जितने भी प्रकार के वाहन चल रहे हैं उन सभी में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की भागीदारी हो। हमने इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की है। इसमें हम सभी राज्यों से अधिक सब्सिडी दे रहे हैं। हर वाहन के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहन के लिए रोड टैक्स, पार्किंग आदि माफ की गई है। + +दिल्ली सरकार अब केवल इलेक्ट्रिक बसें ही लाएगी, यह योजना क्या है?।- जी, यह बिल्कुल सही बात है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निर्देश है कि अब दिल्ली में प्रदूषण रहित बसों के बारे में अधिक विचार किया जाए। उनके निर्देश के अनुसार हमने लक्ष्य तैयार किया है कि भविष्य में सीएनजी बस के लिए टेंडर जारी नहीं किए जाएंगे। अभी सीएनजी की जितनी बसों को लाए जाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, उसे पूरा किया जाएगा। इसके बाद कोई भी सीएनजी बस के लिए टेंडर नहीं होंगे। इसके लिए हमने कैबिनेट नोट तैयार किया है, जिसमें वर्तमान डिपो को इलेक्ट्रिक बसों के डिपो बनाया जाना से लेकर सभी मुद्दे शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d7fce6d8d1abe3bf8e919d0adc33b22cd85b6ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोबाइल बाजार में रौनक।शाह मार्केट स्थित मोबाइल बाजार में भी रविवार को दिनभर भीड़भाड़ रही। सस्ते और महंगे, दोनों तरह के स्मार्ट मोबाइल फोनों की खूब बिक्री हुई। कुछ लोगों ने महंगे मोबाइल फोन पसंद किए हैं। उनका एडवांस भी दे दिया है। धनतेरस पर इन्हें उठाएंगे। रविवार को लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ba33348c0a365fdee588a17720d5ffd03214d58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65497.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। Dacoit Gauri Yadav Encounter आप राहत की सांस ले सकते हैं, उत्तर प्रदेश अब डकैत मुक्त प्रदेश है। दरअसल उत्तर प्रदेश के आखिरी डकैत गौरी यादव को पाठा के बीहड़ों में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मार गिराया है। लिहाजा 253 गांवों के समूह पाठा के डकैत अब केवल किताबों या फिर फिल्मों में दिखाई देंगे। चित्रकूट की तपोभूमि जहां कभी राम रमे थे, डकैतों ने दशकों से उत्पात मचा रखा था। तमाम डकैत उत्तर प्रदेश में अपराध करते और मध्य प्रदेश की सीमा सटी होने के कारण भाग निकलते थे। + +ददुआ के आतंक का चरम यह था कि पुलिस के पास उसकी फोटो तक नहीं थी। ददुआ का आतंक जब चरम पर था, पुलिस ने मुखबिरी के लिए गौरी को भी लगा दिया। धीरे-धीरे पैसों के लोभ और कुछ रुतबे के चलते गौरी को अपराध की दुनिया लुभाने लगी। ददुआ के मारे जाने के बाद गौरी ने अलग गिरोह खड़ा कर लिया। यद्यपि इस दौरान अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया, मुन्नी लाल यादव उर्फ खड़ग सिंह, खरदूषण, बलखड़िया जैसे डकैत भी उभरे, लेकिन कुछ ही वर्षो में मार गिराए गए। मारे जाने के समय गौरी पर 45 से भी अधिक मुकदमे दर्ज थे। 31 मार्च को उसके दाहिने हाथ समझे जाने वाले भालचंद्र यादव के मारे जाने से गौरी कमजोर पड़ गया था। गौरी पर पांच लाख रुपये का इनाम था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5f55811b43835fe4b20b8d4e6305b55d7713ba8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +​​​​​यह भी पढ़ें :-।CM Yogi in Moradabad : पुलिस लाइन में 1008 गरीबों को पीएम आवासों की चाबी सौंपेंगे सीएम योगी।रेलवे की पटर‍ियों में फंस गया युवक का पैर, कुछ ही पल में आ गई ट्रेन, डॉक्‍टरों को काटना पड़ा पांव।Cinema Hall News : अब पहले की तरह चलेंगे सिनेमा हाल, एक साथ कई लोग बैठ सकेंगे, पाबंदियां हटीं।Aaj ka Rashifal 01 November 2021 : इन दो राश‍ियों के लोगों पर आज आ सकता है संकट, पढ़ें आज का राश‍िफल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1070a4f1aa49d986a391006dfa3a6691f7ea5325 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। विस्तारित मानसून और रिकार्डतोड़ बारिश से अक्टूबर में दिल्ली का प्रदूषण भी पानी-पानी ही रहा। माह के अधिकांश दिन मध्यम श्रेणी की हवा रही। औसत एयर इंडेक्स (एयर इंडेक्स) भी चार सालों में सबसे कम रहा। इतनी साफ हवा तो 2020 के देशव्यापी कोरोना लाकडाउन- अनलाक के दौरान भी नहीं मिली थी। विशेषज्ञों की मानें तो एक्यूआइ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि अक्टूबर में इतनी साफ हवा मिली है, एक भी दिन दिल्ली की हवा रेड जोन में नहीं गई। माह में एक दिन दिल्ली वासियों को अच्छी श्रेणी की हवा में सांस लेने का मौका भी मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a8ae421641577e8d707705e8813c61530d05b96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर साल प्याज और टमाटर की कीमतें जाड़े के मौसम में बढ़ने लगती हैं। वर्ष में करीब 15 लाख टन प्याज की खपत है, जबकि उत्पादन लगभग पांच लाख टन ही हो पाता है। फसल को सुरक्षित रखने के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसलिए मार्च से सितंबर तक यहां होने वाले प्याज की उपज की खपत लोगों की बीच होती है। वहीं, अक्टूबर से फरवरी तक महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात आदि राज्यों से प्याज मंगाना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..038021b3de7ad527592c23baec3259c0581fdf8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65504.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खूबियां ऐसी कि दुश्‍मन के उड़ जाएंगे होश।समुद्री परीक्षण की होगी शुरुआत।विशाखापट्टनम श्रेणी के युद्धपोत के निर्माण की शुरुआत अक्टूबर, 2013 में हुई थी, अप्रैल 2015 में इसे लांच किया गया और अब इसे नौसेना के हवाले कर दिया गया है। पी15बी के दूसरे युद्धपोत मोरमुगाओ का जलावतरण सितंबर, 2016 को किया गया और हार्बर ट्रायल्स के बाद अब इसके समुद्री परीक्षण की शुरुआत होगी। तीसरे जहाज इंफाल का जलावतरण 20 अप्रैल, 2019 को किया गया और यह अभी बाहरी सज्जा के अग्रिम चरण में है। चौथा युद्धपोत सूरत निर्माणाधीन है जिसका इसी वित्त वर्ष में जलावतरण किए जाने की उम्मीद है। ।#WATCH | Indian Navy’s indigenous ALH Dhruv helicopter operating from the Indigenous Aircraft Carrier ‘Vikrant’ during the review of the warship by Shipping Minister Sarbananda Sonowal near Kochi, Kerala today pic.twitter.com/8j3Fx2vpJn।युद्धपोत निर्माण में 'विक्रांत' आत्मनिर्भरता का प्रमाण।इस बीच केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को स्वदेशी विमान वाहक पोत (आइएसी) 'विक्रांत' के समुद्री परीक्षण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि युद्धपोत निर्माण में यह भारत की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। यह दूसरा परीक्षण है। हमारा लक्ष्य अगले साल अगस्त तक पोत को नौसेना में शामिल करने का है। इस युद्धपोत का पहला सफल परीक्षण इसी साल 21 अगस्त को हुआ था। दूसरे समुद्री परीक्षणों के लिए यह पोत 24 अक्टूबर को रवाना किया गया था। सोनोवाल ने कहा कि यह भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' का वास्तविक सुबूत होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..317df3a2264aa4406e877158bc3616b8db15561d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65507.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। इस धनतेरस दिल्ली के ज्वेलरी बाजार पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की बारिश होने वाली है। गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां, बर्तन समेत अन्य चीजों की मांग काफी अधिक है। कोरोना काल आने के तकरीबन 19 माह बाद दिल्ली के ज्वेलरी के बाजारों में पहली बार यह चमक देखी जा रही है। स्थिति कोरोना से पहले से भी बेहतर है। इससे सराफा कारोबारी उत्साहित हैं। अच्छी बात यह है कि खरीदार खुद के उपयोग के लिए ज्वेलरी और अन्य उत्पादों के साथ निवेशक के लिए बुलियन की ओर आकर्षित हैं। इस उत्साह का बड़ा कारण दिल्ली में कोरोना के मामलों का न्यूनतम तथा रिकार्ड टीकाकरण होना है। बाजार के जानकारों के मुताबिक कोरोना ने दो सालों से शादियों के आयोजन को भी काफी प्रभावित किया था। अब हालात सामान्य होने की ओर है तो नवंबर के मध्य से अगले वर्ष तक जमकर शादियां हैं, जिसके लिए भी खूब मांग निकल रही है। खरीदारों को आकर्षित करने के लिए ज्वेलर्स बाजार मेकिंग चार्ज में छूट के साथ आकर्षक उपहार की पेशकश कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd2f7d3c8747bde8ad23199bc7cbb18097683572 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65508.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2- प्रो. पंत ने कहा कि नरेंद्र मोदी का काफिला जब रोम पहुंचा तो इटली के इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगियस खुद उनकी अगुवाई करने के लिए मौजूद थे। पीएम मोदी को यहां गार्ड आफ आनर भी दिया गया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। उन्‍होंने कहा कि यह भारत की कूटनीतिक दक्षता और बढ़ते कद का प्रतीक है। प्रो. पंत ने कहा कि इस यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और मोदी की एक फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस फोटो में बाइडन मोदी के कंधों में हाथ रखे हुए दिखते हैं। दोनों नेता अति प्रसन्‍न मुद्रा में हैं। इस फोटो में दोनों नेताओं ने अपनी एक मुठ्ठी को कस के बांध रखा है। ऐसा लग रहा है मानों दोनों नेता यह संदेश दे रहे हो कि भारत-अमेरिका दोस्‍ती बेहद प्रगाढ़ है। भारत और चीन के बढ़ते तनाव के बीच बाइडन का यह संदेश काफी मायने रखता है। + +3- प्रो. पंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच बैठक का समय केवल 20 मिनट निर्धारित था, लेकिन यह एक घंटे तक चली। यह एक अच्‍छा संकेत है। उन्‍होंने कहा कि पहली बार हुई इस आमने-सामने की बैठक के दौरान दोनों के बीच धरती को बेहतर बनाने के लिए उपायों पर चर्चा हुई। पोप फ्रांसिस ने महामारी के दौरान जरूरतमंद देशों को भारत की ओर से सहायता दिए जाने की सराहना की। पोप और मोदी के इस मुलाकात के कई निहितार्थ है। इसका संदेश भारत की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ेगा। इस मुलाकात का भारत के ईसाई समुदाय के लोगों में एक अच्‍छा संदेश जाएगा। बता दें कि भारत में एक बड़ी आबादी रोमन कैथोलिक समुदाय के लोगों की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4633f4cc4a727af605c039f54e2e56afb527566f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सड़कों पर दिव्यांगों के लिए सफर कैसे आसान बनाया जा सकता है?। सड़क पर चलने वाले दिव्यांग यात्रियों की सुरक्षा भी बहुत बड़ी चुनौती है। दिव्यांग यात्री सुरक्षित तरीके से सड़क पर चल सकें, सड़क पार कर सकें, वाहन पकड़ सकें व रेडलाइट को पार कर सकें, इसके लिए रेडलाइटों पर अलग तरह के सिग्नल तैयार किया जाना चाहिए। जो दिव्यांग देख नहीं सकते, उनके लिए ऐसे सिग्नल लगाए जाएं जिसे छूकर वे सिग्नल समझ सकें। वाइब्रेट करने वाले सिग्नल दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक होते हैं, इसलिए इन्हें लगाना चाहिए। फुटपाथ के फर्श पर दिव्यांगों के लिए उभरी हुई टाइल्स वाली लेन होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2356fd486f6d6efbf4ac8627077903f2c724d8b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। दीपावली मेला-विकास दीपोत्सव में हास्य धारावाहिक भाबी जी घर पर हैं, के कलाकारों के अभिनय से जवाहर भवन रात तक हंसी-ठहाकों से गूंजा। शनिवार को स्टार कास्ट नाइट में शामिल इन कलाकारों ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। सक्सेना जी के डायलाग और टिल्लू की हरकतें देख दर्शक हंसी न रोक सके। मलखान और टीका ने भी दर्शकों को उठने नहीं दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da230b5ba24c5017d7f254021924789cd9ad771b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छह साल की उम्र में ही शुरू किया अपना संगीत का सफर।छह साल की उम्र में ही अमोल ने संगीत का सफर शुरू कर दिया था। अमोल 13 साल की उम्र से ही विभिन्न शहरों और देशों में परफॉर्म कर रहे हैं। वहीं, अमोल ने लखनऊ में भाठखंडे घराना से वोकल ट्रेनिंग के साथ महाराजा सवाई मानसिंह संगीत महाविद्यालय में वोकल्स से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। ।बॉलीवुड डेब्यू के बारे में बात करते हुए अमोल ने कहा, मैंने म्यूजिक इंडस्ट्री में कई प्रसिद्ध कलाकर के साथ काम किया है, जिनमें स्टेबिन बेन, ऋचा शर्मा, रवींद्र उपाध्याय, अल्तमश फरीदी, नीति मोहन, कुणाल वर्मा, राजदीप चटर्जी, ज्योतिका टांगरी, यासर देसाई, भावन धनक, आकांक्षा शर्मा, अमित गुप्ता, कुशाल पॉल और सृष्टि भंडारी जैसी ओर भी हस्तियों के नाम शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a704a0e401f95dcfbad231343251f68c3766bd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरनेट मीडिया खासकर ट्वीटर पर इन दिनों कुछ लोग अति सक्रियता के शिकार भी नजर आते हैं। छोटी छोटी बातों पर कैंपेन चला देना और फिर संबंधित व्यक्ति या समूह कंपनी पर हमलावर अंदाज में अपनी बातें करना इसी अति सक्रियता का उदाहरण है। ऐसे कई छोटे छोटे समूह खासतौर पर ट्वीर पर देखे जा सकते हैं जो हर दिन ये ढूंढते हैं कि आज क्या ट्रेंड करवाया जाए। इस अति सक्रियता से कई बार नकारात्मकता का भाव सामने आता है। एक ऐसा नकार जो समाज और देश हित में नहीं होता। लेकिन ट्रेंड करवाने वाले इन समूहों को इसका भान नहीं होता है कि उनके तथाकथित कैंपेन का असर कितना गहरा होता है। पिछले दिनों एक विज्ञापन एजेंसी के बड़े अधिकारी से बात हो रही थी तो उन्होंने बताया कि अब तो विज्ञापन एजेंसियां क्रिएटिव बनाते समय कई बार इस बात को ध्यान में रखकर काम करती हैं कि ये विवादित होगा कि नहीं। कई बार जानबूझ कर विवाद पैदा करनेवाले विज्ञापन बनाए जाते हैं। ।ट्वीटर पर अतिसक्रिय समूह बहुधा इस तरह के विज्ञापनों को लेकर हो हल्ला मचाने लगते हैं और विज्ञापन एजेंसी का काम पूरा हो जाता है। फिल्मों और वेब सीरीज को लेकर इस तरह के विवादित कैंपेन आपको ट्वीटर पर नियमित अंतराल पर देखने को मिलते हैं। किसी कार्यक्रम में किसी को बुलाने को लेकर आए दिन हो हल्ला मचता ही रहता है। किसी समिति में किसी के नामांकन पर भी पक्ष विपक्ष में टीका टिप्पणी होती ही रहती है। इसके अलावा इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर धर्म को लेकर भी तरह तरह की टिपणियां देखने को मिलती हैं। कई बार कट्टर हिंदू जैसे शब्द भी पढने को मिलते हैं। हिंदू और कट्टरता दोनों नदी के दो किनारे हैं जो कभी मिल ही नहीं सकते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1bcbf23d911a79f08fd7afcdae511424d55f111 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के कारण परिवहन विभाग की राजस्व वसूली प्रभावित हुई है। कोरोना संक्रमण कम होेने के बाद सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग पर लगातार दबाव बनाए हुए है। अधिकारी भी बकाया राजस्व वसूली के ल‍िए लगातार प्रयास कर रहे हैं। दीपावली पर वाहनों के बिकने पर मिलने वाले पंजीयन शुल्क व रोड टैक्स से लक्ष्य पूरा होने की उम्‍मीद लगाए बैठे थे। वर्ष 2019 के दीपावली में 50023 दो पहिया व चार पहिया वाहन की बिक्री हुई थी। कोरोना के कारण वर्ष 2020 के दीपावली में 4703 दोपहिया व चार पहिया वाहन की बिक्री हुई थी। इस साल नवरात्र में 3213 दो पहिया व चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई थी। बाजार की स्थिति सामान्य होने पर परिवहन विभाग को उम्मीद थी कि इस साल दीपावली पर आठ हजार से अधिक दो पहिया व चार पहिया वाहनों की बिक्री होगी, जिससे 7.36 करोड़ रुपये पंजीयन व अन्य टैक्स से मिलने की संभावना थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सभी एजेंसी संचालकों की बैठक बुलाई थी और दीपावली में अधिक वाहन बेचने और तत्काल पंजीयन शुल्क व टैक्स जमा कराने का आदेश दिया था। बैठक में कार बेचने वाले एजेंसी संचालकों ने बताया कि दीपावली पर चार पहिया की मांग अधिक है, लेकिन कंपनी मांग के अनुरूप वाहन की आपूर्ति नहीं कर पा रहे है। एजेंसी संचालकों ने बताया कि कार के आधुनिक सिस्टम व सुरक्षा सिस्टम को संचालित करने के लिए माइक्रो चिप लगाया जाता है। जिसका निर्माण विश्व के कुछ देशों में किया जाता है। उन देशों से माइक्रो चिप की आपूर्ति नहीं की जा रही है, जिसके कारण कार और महंगे दो पहिया वाहन का उत्पादन कम हो रहा है। जिसके कारण सभी कंपनियों ने कार खरीदने वाले से एडवांस बुकिंग कराई है, जिससे दो या तीन माह बाद कार देने का समय दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1d95e66371c83c7d0f9094785e069784dbc0f59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिहं]। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने कहा कि कोरोना वायरस में म्युटेशन की बातें सामने आती रही हैं। वायरस के स्वरूप में अधिक बदलाव होने पर कोरोना से बचाव की मौजूदा क्षमता कम भी पड़ सकती है। इसलिए यह नहीं समझना चाहिए कि हम सब पूरी तरह सुरक्षित हो गए हैं। उच्च सीरो पाजिटिविटी दर के बावजूद टीकाकरण की रफ्तार तेज बनाए रखना होगा और बचाव के नियमों का पालन करते रहना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe523ae785afc97a376df158f3923f8487d05576 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65529.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वेटिकन सिटी में कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्म गुरु पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। जी-20 देशों की शिखर बैठक में शामिल इटली पहुंचे पीएम मोदी की पोप फ्रांसिस के साथ मुलाकात की कूटनीतिक अहमियत भी खास है। यह मौजूदा पोप के साथ किसी भारतीय पीएम की पहली मुलाकात है। मोदी ने पोप को भारत आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे। + +वर्ष 2000 में पोप और वाजपेयी की हुई थी मुलाकात।किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोप से करीब 21 साल बाद मुलाकात हुई है। यह भी एक संयोग ही है कि वर्ष 2000 में भाजपा नेता और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने इटली दौरे के दौरान तत्कालीन पोप जान पाल द्वितीय से मुलाकात की थी। पोप का अंतिम दौरा भी वाजपेयी के कार्यकाल में ही वर्ष 1999 में हुआ था। + +तब जमकर हुई थी सियासत।तब पोप के दौरे को लेकर भारत में काफी राजनीति हुई थी। कट्टरपंथी समूहों ने देश भर में इस यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और इंद्र कुमार गुजराल ने भी अलग-अलग मौकों पर पोप से मुलाकात की थी। फ्रांसिस 2013 में पोप बने थे। + +मन की बात में किया था यह जिक्र ।हाल ही में अपने मन की बात में पीएम ने जार्जिया की श्रद्धा और भावना से जुड़ी सेंट क्वीन कतावन का जिक्र किया था जिनकी अस्थि गोवा के ही एक चर्च में थी। भारत ने हाल ही में वह अस्थि जार्जिया को सौंपी थी और वहां पूरा देश भावुक था। मदर टेरेसा का जिक्र वह अक्सर करते हैं। 2015 में जब अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा था तो उसमें फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार भी थे और मोदी ने खुद फोन कर उनके घरवालों को इसकी जानकारी दी थी। ।आर्कबिशप ने सराहा ।समाचार एजेंसी आइएएनए की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कुल आबादी में ईसाई समुदाय 2.5 फीसद से भी कम है लेकिन गोवा, केरल और पूर्वोत्तर में इनकी संख्या महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से पोप फ्रांसिस को भारत आने के लिए आमंत्रित किए जाने से केरल में कैथोलिक उत्साहित हैं। कार्डिनल बेसिलियोस क्लेमिस सीरो-मलंकरा कैथोलिक चर्च के आर्कबिशप ने कहा कि हम सभी इस बात से बहुत खुश हैं कि मोदी जी ने पोप को भारत आने का निमंत्रण दिया है। भारत का ईसाई समुदाय पोप के आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है। + +ईसाई समुदाय उत्साहित।मुंबई के आर्कबिशप ओसवाल्ड ग्रेसियस ने अपने ट्वीट में कहा कि पीएम मोदी और पोप की मुलाकात से विश्व में भारत और पीएम मोदी के बारे में भी अच्छी धारणा बनेगी। कटक-भुवनेश्वर के आर्कबिशप और ओडिशा के चर्चों के प्रमुख जान बारवा ने अपने ट्वीट में कहा कि मोदी और पोप की मुलाकात से भारतीय ईसाई बहुत प्रसन्न हैं। इससे यकीनन रिश्ते बेहतर होंगे। दिल्ली कैथोलिक आर्कडायोसिस के प्रवक्ता फादर एस. शंकर ने कहा कि मोदी-पीएम की मुलाकात सभी भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..535060cc96d1268f8724503850e894186b8c865c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl हॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्री एंजेलिना जोली ने इंस्टाग्राम पर अपने पहले पोस्ट में अफगानिस्तान में पीड़ित महिलाओं और बच्चियों के लिए आवाज उठाई हैl इंस्टाग्राम पर एक बच्ची का लिखा पत्र साझा करते हुए एंजेलिना जोली ने लिखा है, 'मैं इंस्टाग्राम पर आई हूं, उन कहानियों और आवाजों को सुनाने, जो पूरे विश्व में अपनी मानवीय अधिकारों के लिए लड़ रही हैंl'।46 वर्षीय एंजेलिना जोली ने इंस्टाग्राम पर शनिवार को अकाउंट बनाया हैl उन्होंने यह भी कहा कि वह इसके माध्यम से विश्व में सामान्य मानवीय अधिकारों से पीड़ित लोगों की बात करेंगीl अपने पहले पोस्ट में एंजेलिना जोली ने तालिबान शासित अफगानिस्तान में रह रही एक छोटी बच्ची के हाथ से लिखा हुए पत्र की तस्वीर शेयर की हैl तस्वीर में अफगानी लड़की का लिखा पत्र नजर आ रहा हैl अफगानी लड़की ने पत्र में डर और असहाय होने की बात बताई हैl।दरअसल 20 वर्ष बाद अफगानिस्तान में तालिबान का शासन वापस आया हैl बच्ची ने पत्र में लिखा है, '20 साल बाद एक बार फिर हमारे कोई निजी अधिकार नहीं होंगेl हमारा भविष्य अंधकार में हैl हमारी स्वतंत्रता छीन ली गई है और हमें जेल में डाल दिया गया हैl' एंजेलिना जोली ने पत्र शेयर करते हुए लिखा है, 'यह पत्र मुझे अफगानिस्तान की एक छोटी बच्ची ने भेजा हैl अफगानिस्तान में लोग अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खो रहे हैंl अब वह अपने आपको खुलकर अभिव्यक्त नहीं कर सकतेl' इसके साथ उन्होंने आगे लिखा है, 'मैं इंस्टाग्राम पर ऐसी स्टोरीज और आवाजों को स्थान दूंगी, जो अपने सामान्य मानवीय अधिकारों के लिए लड़ रही हैंl'।i keep falling in love with you baby 🖤 #AngelinaJolie pic.twitter.com/Kc5oClLOLY।एंजेलिना जोली ने बताया कि वह 2011 में अफग़ानिस्तान बॉर्डर पर गई थी, तब वह रिफ्यूजी से मिली थी और यह 9/11 हमले के पहले की बात हैl 'मैं वहां ऐसे रिफ्यूजी से मिली, जो तालिबान से बचकर भागकर आए थेl यह 20 वर्ष पहले की बात हैl बहुत दुख की बात है कि एक बार फिर अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन होगाl एंजेलिना जोली ने यह भी कहा कि वह हारेंगी नहीं और सहायता के लिए प्रयास करती रहेंगीl एंजेलिना जोली फिल्म अभिनेत्री हैंl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl वह कई सामाजिक विषयों पर भी अपनी बात खुल कर रख चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05098bd6421282a7fbfb05609b201e1a88cde7ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह किताब 15 अध्यायों में विभाजित है, जिसमें कई अध्याय संगीत घरानों पर केंद्रित हैं, तो अधिकतर अध्यायों को अपने दौर के दिग्गज गायकों, उस्तादों पर केंद्रित किया गया है। जैसे, दूसरा ही अध्याय भास्कर बुआ बाखले पर आधारित है। इनके बहाने वे शास्त्रीय संगीत में बीसवीं शताब्दी के आरंभिक दौर को खूबसूरत ढंग से अभिव्यक्त करते हैं। यहां आगरा घराने के नत्थन पीरबख्श की चर्चा के साथ, दिलीपचंद्र वेदी और उस्ताद फैयाज खां की गायिकी के अंदाज पर बातचीत होती है। तीसरे अध्याय में उस्ताद अल्लादिया खां साहब, दिलीपचंद्र वेदी और पंडित ओंकारनाथ ठाकुर के संगीत की चर्चा में ढेरों दुर्लभ संस्मरणों का चंदोवा ताना गया है। किताब पढ़ते हुए एक रोचक फिल्म देखने का अनुभव होता है, जिसमें उस दौर की संगीत सभाओं या उस्तादों के आला दर्जे की तालीम को ही नहीं, बल्कि दो घरानों की आपसी खींचातानी, झगड़ों, गायिकी में वर्चस्व की लड़ाई, दिग्गज और मशहूर कलाकारों के नखरे समेत वे सारे छोटे से छोटे सामाजिक-राजनीतिक बदलावों को भी परखते चलते हैं, जिसका तटस्थ ढंग से लेखक ने हिसाब लगाया है। कुमार प्रसाद मुखर्जी यह बताते हुए नहीं चूकते कि किसी भी घराने में अपना सर्वश्रेष्ठ अर्जित करने वाले गायक कलाकारों ने कितनी मेहनत, संघर्ष और उतार-चढ़ाव के बाद अपना मुकाम बनाया है। एक सुंदर किस्सा इस तरह व्यक्त हुआ है- ‘सुना है, फैयाज खां साहब सिखाना नहीं चाहते थे। आर्टिस्ट आदमी थे, टीचर नहीं। हम लोगों ने जिस जमाने में उन्हें देखा है तब वे ध्रुपद सिखाते थे। वह भी कभी-कभी। जब उनकी मर्जी होती तब। तान छेड़ने से ही नाराज हो जाया करते थे- ‘अरे इस उमर में तान छेड़ता है, बेसुरा हो जाएगा।’ उनमें धीरज की बहुत कमी थी। मौजूद खां की पिटाई जूतों से होती थी। अकसर हुआ करती। शराफत इस मामले में नसीब वाले थे। उनकी पिटाई नहीं होती, क्योंकि उनमें बहुत जल्द गाने उतार लेने की काबिलियत थी। लताफत खां भी बताते थे कि अगर कभी उनके पास जाकर कहते- ‘मामू, कल फलां अस्थायी जो आपने गाई थी, बहुत ही अच्छी लगी। जरा बतला दीजिए न।’ सुनते ही मुंह बिगाड़ लेते। जेब से टटोलकर तीन रुपए निकालते और मेरी हथेली पर रखकर कहते- ‘जा, सिनेमा देख जाके।’।इस तरह के संस्मरणों, संवादों, किस्सों से भरपूर सांगीतिक घरानों के विश्लेषण की यह कृति बहुत उत्कृष्ट ढंग से संगीत के सिद्धांतों का भी प्रणयन करती चलती है। साथ ही, कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी करती है। लेखक की रसिकता इस बात से भी झलकती है कि अधिकतर घरानों और उनके वाहकों के बारे में वे सकारात्मक भावों से टिप्पणी करते हैं और उन सभी के कांफ्रेंसेज में रागदारी अदायगी के प्रति सुंदर, सुघढ़, जड़ाऊ टिप्पणियां करते हैं। यह चर्चा फिर किसी की गायिकी की मधुरता की हो, आलापचारी में शुद्धता का मामला, तानों और पलटों को सलीके से लगाने की कोशिश या महफिल में राग की बढ़ते लेते हुए बंदिश के अभिप्राय को आकाश तक विस्तार देने की श्रमसाध्य हरकत, हर जगह उनकी टिप्पणी सधे हुए संगीतशास्त्री की तरह उभरती है। एक जरूरी और दस्तावेजी किताब, जो अत्यंत रोचक होने के साथ ही संगीत घरानों का अंतरंग उन्मुक्त भाव से दर्शाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..813231598f078b7d6937b5d5892ee51546d1d229 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65536.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली/ताइपे आनलाइन डेस्‍क। अमेरिका और ताइवान सेना के बीच बढ़ती नजदीकी चीन के लिए चिंता का सबब है। ताइवान ने पहली बार स्‍वीकार किया है कि अमेरिकी सैनिक उसकी सेना को प्रशिक्षण दे रहे हैं। दोनों सेनाओं के बीच चल रहे सैन्‍य प्रशिक्षण से चीन काफी बेचैन है। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ताइवान की लोकतांत्रिक सफलता को देखते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र का सदस्‍य बनाए जाने की सिफारिश की है। अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है, जब चीन ने ताइवान को एकजुट करने के लिए सारे घोड़े खोल दिए है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन की सेना ने एक महीने में करीब 150 बार ताइवान सीमा का अतिक्रमण किया है। इससे ताइवान और चीन के बीच संबंध काफी तल्‍ख हो गए हैं। + + चीन का अखर रहे हैं अमेरिका के ये तीन कदम ।1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि ताइवान की राष्‍ट्रपति ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्‍वीकार किया कि ताइवानी सुरक्षा बलों को अमेरिका प्रशिक्षण दे रहा है। ताइवानी राष्‍ट्रपति का यह बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने चीन को खबरदार करते हुए कहा कि वह ताइवान की रक्षा करने के लिए संकल्‍पित है। राष्‍ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद बाइडन ने पहली बार ताइवान पर खुलकर बोला। अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस बयान के बाद चीन ने कहा कि अमेरिका ताइवान का इस्‍तेमाल एक सुसाइड बाम्‍बर के रूप में कर रहा है। चीन के इस बयान के बाद ताइवान को लेकर ड्रैगन और अमेरिका के संबंध और तल्‍ख हो गए हैं। + +2- प्रो पंत ने कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस बयान के बाद अमेरिका ने ताइवान को संयुक्‍त राष्‍ट्र सदस्‍य बनाए जाने की वकालत की है। ताइवान को लेकर अमेरिकी नीति में यह एक बड़ा बदलाव है। अमेरिका ने चीन को स्‍पष्‍ट संदेश दिया है कि हमले की स्थिति में वह ताइवान की सुरक्षा करेगा। बाइडन प्रशासन का संकेत साफ है कि युद्ध की स्थिति में अमेरिकी सेना ताइवान का साथ देंगी। इतना ही नहीं अमेरिका ने एक कदम आगे जाकर ताइवान को संयुक्‍त राष्‍ट्र की सदस्‍यता की वकालत की है। ताइवान को लेकर यह अमेरिकी दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव है। अगर ताइवान को लेकर अमेरिकी रणनीति पर गौर करें तो इसमें समय-समय में बदलाव होता रहा है, लेकिन बाइडन प्रशासन ने ताइवान पर अपनी स्‍पष्‍ट नीति का ऐलान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3f067119f9d6dd1c4477e434834b40e48d45f67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65537.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +कैथल, [कमल बहल]। स्‍माग से जरा बचके रहिए। आपकी जिंदगी में अंधेरा कर सकता है। चिकित्‍सकों की मानें तो स्‍माग की वजह एलर्जी हो सकती है। वातावरण में मौजूद कण आंखों में घाव तक कर सकते हैं। पुतलियों में घाव की वजह से आंखों की रोशनी में असर पड़ सकता है। आंखों में जलन और एलर्जी होने पर चिकित्‍सक से संपर्क करें। इन दिनों हरियाणा के कई शहरों में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स दो सौ के पार हो गया है। + +स्‍माग बढ़ता जा रहा है। पराली के धुएं से लगातार वातावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। इस समय खेतों में धान का सीजन और बाजार में दिवाली का सीजन चल रहा है। इन दिनों खेतों में किसानों द्वारा फाने जलाने से स्माग रहता है और वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में हमें अपनी आंखों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। वायु प्रदूषण के बढ़ने से आंखों में एलर्जी होने की अधिक संभावना रहती है। वहीं इंफेक्शन भी होता है। आंखों की पुतलियाें पर घाव भी हो जाता है। + +जींद रोड स्थित महाराजा अग्रसेन चेरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मुक्ति पांडे ने कहा कि स्माग से बचने के लिए हमें चश्मे और फेस शील्ड का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही वाहन चालकों को हेलमेट का प्रयोग जरूर करना चाहिए। यदि वाहन चालक हेलमेट का प्रयोग नहीं करेंगे तो उन्हें आंखों की बीमारी होने का अधिक खतरा बना रहेगा। + +दिवाली पर भी आतिशबाजी के दौरान रखें विशेष ध्यान । नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कि दिवाली के दिन अधिक आतिशबाजी करने के दौरान अनार और अनार बम जलाते समय यह कुछ सैंकड तक बहुत तेजी से रोशनी आती है। इस रोशन से बच्चों को बचाना चाहिए। जो आतिशबाजी करे। उसे भी इस दौरान अनार व बम के चलने के दौरान उस तरफ नहीं देखना चाहिए। इस पर अांखों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। यदि हम ऐसा करेंगे तो आंखों से बचाव कर पाएंगे। पांडे ने कहा कि दिवाली पर्व के दौरान बम से बच्चों का बचाव करें। यदि ऐसा किया जाएगा तो उन्हें आंखों से संबंधित बीमारी नहीं होगी। जो लोग अधिक समय तक मोबाइल, टीवी या लैपटाप का अधिक प्रयोग करते हैं। उन्हें डाक्टर की परामर्श लेकर आंखों का समय-समय पर चैक करवाना चाहिए। बता दें कि इस समय लगातार स्माग बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से कैथल जिले में वायु प्रदूषण का स्तर 250 से अधिक रह रहा है। + +पराली के धुंए से आंखों में होने वाली बीमारियों के यह है लक्षण। - आंखों में थकावट महसूस होना।- धुंए में कुछ दिखाई न देना।- आंखों में तेज दर्द होना।- आंखों की पुतलियों में दर्द होना व जख्म होना।आंखों में होने वाली बीमारियों से ऐसे कर सकते हैं बचाव । - वाहन चलाते समय चश्मे का प्रयोग करें।- दो पहिया वाहन चालक हेलमेट डाल उसके शीशे का प्रयोग करें।- यदि धूल व मिट्टी का काम हो तो आंखों में डाली जाने वाली एंटीबायोटिक दवाई का प्रयोग करें।- यदि आंखों में अधिक दर्द हो तो तुरंत डाक्टर से चेकअप करवाए।धुंए से बीमारी से यह हो सकता है नुकसान । - आंखों में इंफेक्शन होता है।- नजर भी कमजोर होती है।- धुंए में चश्मे का प्रयोग नहीं किया जलन अधिक होगी जिसे आंख की पुतली को नुकसान होगा।- पराली जलने के बाद यदि इसकी राख अंदर चली जाए तो इंफेक्शन होने से रोशनी भी जा सकती है।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a565287cd94cdaa7a806b499b447ae6174b50d26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवादददाता। ताला-तालीम के शहर में टवायज गन (खिलौना पिस्टल) का कारोबार का कोई शान ही नहीं। अलीगढ़ निर्मित इस तमंचा की गूंज देशभर के बाजारों में है। यहां के उद्यमियों ने सबसे कम पैसों की इस गन को निर्मित कर चीनी इस उत्पादन को चार साल पहले ही देशी बाजारों से बाहर कर दिया। कोराना की तीसरी लहर की आशंका के चलते थोक बाजार में आर्डर रोक दिए गए थे। जब यह महामारी बेअसर होने लगी तो दीवाली के लिए बाजार में मांग अधिक होने लगी। इस समय हालत यह है कि प्लास्टिक व जस्ता के पिस्टल निर्माता 70 फीसद ही माल की बाजारों में आपूर्ति कर सके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65540.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9851ba589dea2fb0934e90e656c2e5c10a77aa5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65540.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अदम्य साहस का परिचय।26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस की घोषणा के बाद आगरा में जन आंदोलन उफान पर था। सत्याग्रहियों का एक जत्था तिरंगा थामे आगरा से 40 किलोमीटर दूर जरार में आंदोलनरत था। इसी बीच अंग्रेज सिपाही सत्याग्रहियों पर डंडे बरसाने लगे। भगदड़ मच गई मगर एक तरुण सत्याग्रही अंग्रेज सिपाहियों की पिटाई व भगदड़ से बेखौफ ‘भारत माता की जय’का उद्घोष करता आगे बढ़ रहा था। उस युवक के अदम्य साहस को देख सभी अचंभित थे। इसके बाद उस युवक का उपनाम ‘मत्तजी’ यानी ‘आजादी के मतवाले’ पड़ गया। वह युवा कोई और नहीं, बल्कि आगरा के आंवलखेड़ा गांव में 20 सितंबर, 1911 को पं. रूप किशोर व दानकुंवरी देवी के घर जन्मे पं. श्रीराम शर्मा आचार्य थे। 1927-1933 तक वे सक्रिय आंदोलनकारी के रूप में सतत् रहे। कालांतर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक-संरक्षक, गायत्री के सिद्ध साधक, युग निर्माण योजना के सूत्रधार व 21वीं सदी के उज्ज्वल भविष्य के उद्घोषक के रूप में प्रसिद्ध हुए। + +पत्रकारिता से जगाई आजादी की अलख।स्वतंत्रता आंदोलन में प्रत्यक्ष भागीदारी के साथ ही वे श्रीकृष्ण दत्त पालीवाल के संपादन में आगरा से प्रकाशित पत्र ‘सैनिक’ में लेखन व संपादन का कार्य बड़ी कुशलता से करते रहे। उनकी क्रांतिकारी रचनाएं न सिर्फ ‘सैनिक’, बल्कि ‘प्रताप’ और दैनिक ‘विश्वामित्र’ में भी नियमित रूप से छपती थीं। उनकी रचनाओं ने जहां स्वतंत्रता सेनानियों का मनोबल बढ़ाया, वहीं द्रुतगति से क्रांति की ज्वाला भी भड़काई। उनकी रचनाएं दैनिक ‘सैनिक’ में ‘मत्त प्रलाप’ शीर्षक से प्रकाशित होती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99dcea24e98a55a822f0af874b263af0cb44c886 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65541.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[डा. मुरलीधर चांदनीवाला]। मां लक्ष्मी के रूप अनंत और सर्वव्यापी हैं। वह धनलक्ष्मी हैं, वैभवलक्ष्मी हैं, विजयलक्ष्मी हैं, रूपलक्ष्मी हैं, विद्यालक्ष्मी हैं। इस अपार संसार में सुख-समृद्धि के नए-नए आयामों में व्यक्त होने वाली जो ऐश्वर्य-सिद्धियां हैं, वे सब लक्ष्मी के ही रूप हैं। इन सबसे ऊपर लक्ष्मी का जो विराट और वृहत्तर स्वरूप है वह है- राष्ट्रलक्ष्मी। लक्ष्मी के समस्त रूप अंतत: राष्ट्रलक्ष्मी में मिलकर एकाकार हो जाते हैं। वस्तुत: राष्ट्र की सामाजिक, आर्थिक, वैचारिक और दार्शनिक उन्नति तभी संभव है, जब राष्ट्रलक्ष्मी प्रसन्न हों। राष्ट्र के अभ्युदय के केंद्र में उन्हीं का वर्चस्व है। हमारे विचार और कर्म तेजस्वी हों, तो राष्ट्रलक्ष्मी प्रसन्न होकर आशीष देती हैं, लेकिन हम उपद्रवों के आत्मघाती जंजाल में घुसकर अपनी चेतना को मलिन कर लें, तो राष्ट्रलक्ष्मी मुंह फेर लेती हैं और राष्ट्र का प्रभाव भी धूमिल होने लगता है। + +पुरुषार्थ और पराक्रम से होंगी प्रसन्न। राष्ट्र की दूसरी मांग है- जय। हम राष्ट्र के लिए जयी होना चाहते हैं। जय की चाह नहीं, तो फिर राष्ट्रीय जीवन का अर्थ ही क्या? धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, ये चार पुरुषार्थ जय के लिए ही हैं। जीवन एक संग्राम है और यह जीतने के लिए ही है। जय के लिए हम भयमुक्त हों, अपने लिए चुने हुए क्षेत्र में पराक्रम दिखाने का हौसला हो, कठिन परिस्थितियों में पांव पीछे हटाने वाले दुर्बल मन को ललकारने की ताकत हमारे भीतर हो, फिर हमारी जय भी सुनिश्चित है। जय की इच्छा करना और उसके लिए पुरुषार्थ करना हमारे अधिकार में है और वह हमें करना ही चाहिए। राष्ट्रीयता का इतिहास उन महान योद्धाओं का इतिहास है, जिन्होंने चुनौतियां स्वीकार कीं। वे विजेता कहलाए और अमर हो गए। राष्ट्रलक्ष्मी उन पराक्रमियों पर कृपा करती है, जो जय के लिए प्राणोत्सर्ग तक के लिए तैयार होते हैं। राष्ट्रलक्ष्मी जय की अधिष्ठात्री है। बस, एक लगन हो, जीवन में उत्साह और उमंग हो, आरोहण के लिए प्रेरणाएं बलवती हों तो सब कुछ सध जाता है और जय के लिए सब तरह की सहायताएं चहुंओर आकर खड़ी हो जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f076ce7718d88ba4343da89e0e72309006f9e22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाई को यम द्वितीया भी कहते हैं।भैया दूज का पर्व छह नवंबर को पड़ रहा है। पर्व की तैयारियों को लेकर भाई-बहनों में खूब उत्साह है। यह पर्व दीपावली के बाद मनाया जाता है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने भैया दूज के पर्व के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शास्त्रों के अनुसार भाई को यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीष देती हैं। ब्रजमंडल में इस दिन बहनें यमुना नदी में खड़े होकर भाइयों को तिलक लगाती हैं। इस पर्व का प्रमुख उद्देश्य भाई और बहनों में अटूट प्रेम बना रहे। इस दिन बहनें बेरी पूजन कर भाइयों के स्वस्थ तथा दीर्घायु की मंगल कामना करके तिलक लगाती हैं। ऐसी परंपरा है कि इस दिन बहन को अपने हाथ से भाई को भोजन ग्रहण कराना चाहिए। चावल खिलाना चाहिए। यदि बहन न हो तो गाय, नदी आदि स्त्रीत्व पदार्थ का ध्यान करके अथवा उसके समीप बैठ कर भोजन कर लेना भी शुभ माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c77f54aecd5cea1e0c5e428ff4f5f59f0713764e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली/बीजिंग, आनलाइन डेस्‍क। हांगकांग में चीन के विवादित राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद अब ड्रैगन के नए सीमा कानून पर बहस तेज हो गई है। हालांकि, चीन का यह नया सीमा कानून अगले साल जनवरी में लागू होगा और अभी उसने इस कानून का पूरा खाका पेश नहीं किया है, लेकिन इसको लेकर अटकलों का बाजार काफी गरम है। चीन की आक्रामकतावादी नीति के कारण यह कानून भी शक की न‍िगाह से देखा जा रहा है। खासकर भारत की इस कानून पर पैनी नजर है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन की सीमा से लगने वाले देशों के लिए यह कानून अहम हो सकता है। आइए जानते हैं चीन के इस नए सीमा कानून के बारे में। आखिर क्‍या है चीन का नया सीमा कानून ? आखिर भारत को इस कानून से बड़ी चिंता क्‍यों है ? क्‍या इस कानून के बहाने चीन भारत पर दबाव की रणनीति अपना रहा है ?।आखिर क्‍यों चिंतित है भारत ।1- प्रो. हर्ष वी पंत ने कहा कि चीन के इस कानून से भारत का चिंतित होना लाजमी है। उन्‍होंने कहा कि मंगोलिया और रूस के बाद चीन की सबसे लंबी सीमा भारत से लगती है। चीन की भारत समेत 14 देशों के साथ 22,475 किलोमीटर लंबी सीमा भारत से लगी है। भारत की तरह रूस और मंगोलिया के चीन के साथ कोई सीमा विवाद नहीं है। भारत के अलावा भूटान के साथ चीन की 447 किलोमीटर की सीमा विवादित है। इसमें से 12 देशों के साथ भूमि विवाद का निपटारा चीन कर चुका है। भूटान के साथ लगी 400 किमी की सीमा पर इसी साल 14 अक्‍टूबर को चीन ने सीमा विवाद के निपटारे के लिए थ्री स्‍टेप रोडमैप के समझौते पर हस्‍ताक्षर किए हैं। ऐसे में भारत ही अकेला देश है, जिसके साथ चीन का सीमा विवाद अब तक जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82072f83023695a9050005ace7d1f38777a2b23f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिकांगपिओ, समर नेगी। First Voter Shyam Saran Negi, देश के प्रथम मतदाता 104 वर्षीय श्याम सरन नेगी ने एक बार फिर बिना रुके, बिना थके पोलिंग बूथ पर पहुंचकर मतदान किया। उन्‍होंने मंडी लोकसभा उपचुनाव में मत का प्रयोग किया। जिला प्रशासन किन्नौर ने श्याम सरन नेगी को बूथ नंबर 51 तक लाने की पूरी तैयारी की हुई थी। जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी व एसडीएम कल्पा स्वाति डोगरा ने बताया कि श्याम सरन नेगी को उनके घर कल्पा से सरकारी वाहन से सम्मानपूर्वक दोपहर बाद बूथ नंबर 51 के आदर्श मतदान केंद्र दो पर लाए गए। यहां गेट पर गाड़ी से उतरकर व्‍हील चेयर के सहारे बूथ के अंदर पहुंचे व वोट डाला। श्‍याम सरन नेगी ने कहा उन्‍होंने कोई भी चुनाव नहीं छूटने दिया है व हर चुनाव में मतदान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c577d14ff438bae74073d1a6a6cf8d33eb322a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव हमेशा केंद्र में रहे हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए वह जरूरी हैं। जेल से छूटने के बाद वह दिल्ली में अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। खबरें यही आ रही थीं कि उनकी हालत ठीक नहीं है, लेकिन इधर चुनाव की डुगडुगी बजी और उधर लालू का दिल बिहार आने को मचलने लगा। तब यह माना जा रहा था कि संभवत: पार्टी की कमान संभाले लालू पुत्र तेजस्वी उन्हें नहीं आने देंगे, ताकि सत्ता पक्ष लालू के 15 साल के शासन को जंगलराज बता मुद्दा न बना सके। चूंकि ये दोनों सीटें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए जरूरी हैं। एनडीए जहां अपनी इन सीटों को बचाकर सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहता है, वहीं तेजस्वी इस जीत के सहारे कुर्सी पर कब्जे की हसरत पाले हैं। ऐसे में लालू के नहीं आने की संभावना ही बनी थी। राबड़ी देवी ने स्वास्थ्य का हवाला देकर उनके आने की अटकलों पर विराम लगा दिया था। ऐसे में चुनावी माहौल में सुस्ती सी छाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bca4b8d2d0debabffefc2e90776b99222f7c09b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65552.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्य परीक्षा: लिखित परीक्षा के दूसरे चरण में वस्तुनिष्ठ और वर्णनात्मक (डिस्क्रिप्टिव) प्रकार के प्रश्‍न पूछे जाते हैं। वस्तुनिष्ठ खंड में तर्कशक्ति व कंप्यूटर योग्यता (45 प्रश्‍न), सामान्य/अर्थव्यवस्था/बैंकिंग अवेयरनेस (40 प्रश्‍न), अंग्रेजी भाषा (35 प्रश्‍न) और डाटा एनालिसिस व एंटरप्रिटेशन (35 प्रश्‍न) के कुल 155 प्रश्‍न पूछे जाएंगे, जिसके लिए 200 अंक और तीन घंटे का समय निर्धारित है। वर्णनात्मक खंड में अंग्रेजी भाषा (लेटर राइटिंग व एस्से) के दो प्रश्‍न होंगे, जिसके लिए 25 अंक और 30 मिनट का समय निर्धारित होगा। इसमें क्‍वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को ही साक्षात्कार के लिया बुलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30fa3d2cb7c02e344fd21224d99844cfe91ebe64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑटोमोबाइल मार्केट में वेटिंग ज्‍यादा।ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में खासतौर पर वेटिंग है। इसके पीछे एक बड़ा कारण ये है कि कारों में लगने वाली चिप चाइना से आती है। तमाम कंपनियों को चिप की पर्याप्‍त आपूर्ति न होने कंपनियां ही डीलर्स को स्‍टॉक उपलब्‍ध नहीं करा पा रही हैं। मारुति कंपनी की ही कई कारों पर लंबी वेटिंग चल रही है। कुछ दोपहिया वाहन कंपनियां भी इस संकट से दो चार हो रही हैं क्‍योंकि जो पार्ट्स चाइना से आते हैं, उनकी सप्‍लाई नहीं हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b140a3d155a24fc33c0311f5fb7497a54c49f0d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65554.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अरुण श्रीवास्तव। देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल (31 अक्टूबर, 1875-15 दिसंबर, 1950) ने आजादी के तुरंत बाद 600 से ज्यादा देसी रियासतों का जिस बुद्धिमत्ता और दृढ़ता से भारत में विलय कराया, वह अपने आप में बड़ी मिसाल है। बेहद चुनौतीपूर्ण माने जाने के कारण ही इस दुष्कर कार्य को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी, जिसे उन्होंने वीपी मेनन के साथ मिलकर संभाला। इस बड़ी उपलब्धि के कारण उन्हें लौहपुरुष कहा गया। दृढ़ता के अलावा, नेतृत्व क्षमता, वाकपटुता, बुद्धि-चातुर्य, इच्छाशक्ति, कुशल व्यवस्थापक, विनम्रता, व्यावहारिकता आदि उनके ऐसे गुण रहे, जो आज भी हम सभी के लिए बड़ी सीख हैं। + +नेतृत्व क्षमता : गुजरात के नाडियाड में एक किसान पिता और धर्मपरायण माता के घर जन्म लेने वाले वल्लभभाई ने इंग्लैंड के इंस आफ कोर्ट से ला की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटकर गोधरा से प्रैक्टिस की शुरुआत की थी। कानून की बारीकियों में उनकी दक्षता देख तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की तरफ से उन्हें बड़े पद नियुक्ति का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन ब्रिटिश कानूनों के सक्ष्त विरोधी पटेल ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने से स्पष्ट इंकार कर दिया था। बाद में अहमदाबाद में सफल वकील के रूप में काम करने के दौरान एक बार उन्हें महात्मा गांधी का भाषण सुनने का मौका मिला। गांधी जी के विचारों से प्रभावित होने के बाद उन्होंने भारत के स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ने का निर्णय किया। इसके कुछ समय बाद ही 1917 में गुजरात के खेड़ा में हुए आंदोलन के दौरान उनकी नेतृत्व क्षमता की झलक मिली, जिसमें उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दरअसल, उन दिनों खेड़ा में बुरी तरह सूखा पड़ा था, जिससे वहां के किसान अंग्रेजों को कर देने में सक्षम नहीं थे। जब ब्रिटिश सरकार ने कर में राहत देने के किसानों के अनुरोध को अनसुना कर दिया, तो वल्लभभाई पटेल ने किसानों को कर न देने के लिए ‘नो टैक्स कैंपेन’ की अगुवाई की। आखिरकार पटेल की दृढ़ता के आगे अंग्रेजी सरकार को झुकने के लिए विवश होना पड़ा। यह आजादी के आंदोलन में पटेल की पहली बड़ी सफलता थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66a8d67c426f434b21af065f8a2c681050b0945f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65555.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डीएम ने बीएसए को लिखा पत्र।सरकारी कर्मचारी हो या शिक्षक इनके शादी समारोह में मोटी रकम खर्च होती है। दान दहेज भी लेना किसी से छिपा नहीं है। लेकिन अब वर्ष 2003 के बाद जिन शिक्षकों की शादी हुई है और उसमें दहेज लिया गया है। ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा शासन ने तलब किया है। डीएम रमेश रंजन ने बीएसए को पत्र लिखकर जल्द से जल्द रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार का मानना है कि द्वारा दहेज प्रथा जोकि एक सामाजिक बुराई है। उसको रोकने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 में संशोधित करते हुए कई नियम बदल गए है। अब प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय यह उल्लेख करते हुये अपने नियुक्त अधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषण पत्र प्रदान करेगा। कि उसने अपने विवाह के समय कोई दहेज नहीं लिया है। शासन व डीएम से निर्देश मिलने के बाद अब बीएसए शाहीन ने समस्त ब्लाक के बीईओ को निर्देश जारी किए है। कि जल्द से जल्द संबंधित प्रारूप पर सूचना बनाकर उपलब्ध कराई जाए। + +शिक्षकों में मची खलबली।ऐसा नहीं है कि शादी समारोह में शिक्षकों के द्वारा दान दहेज न लिया गया हो। दहेज लेने की बात शायद ही किसी से छिपी हो। लेकिन अब शासन के द्वारा सूचना मांग लिए जाने के बाद शिक्षकों में खलबली मच गई है। उन्हें डर सता रहा है कि पा्ररूप पर सूचना देने के बाद कहीं शासन क्रास चेक न करा लें। यदि ऐसी स्थिति हुई तो दहेज लेने वाले शिक्षकों का फंसना तय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4cffab106a4f2ae38ff40d2408d218f6b5dc235 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, [अमरीश मनीष शुक्ल]। आने वाले कुछ ही दिनों में तीर्थराज प्रयाग से प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के बीच सफर करेंगे तो हाईवे के डिवाइडर पर बोगनबेलिया के फूलों का मनोहारी दृश्य आपको खूब भाएगा। इस क्रम में अब तक 35.5 किलोमीटर तक हाईवे पर इसका पौधा लगाया भी जा चुका है। लगभग 35 हजार पौधों में फूल आने शुरू हो गए हैं। दिसंबर तक सदाबहार रौनक देखते ही बनेगी। शेष हाईवे के डिवाइडर पर भी अगले कुछ माह में बोगनबेलिया के पौधे लगा दिए जाएंगे। ।डिवाइडर के बीच बोगनबेलिया के रोपे जा रहे पौधे ।प्रयागराज जिले में सोरांव चौराहे से प्रतापगढ़ के भुपियामऊ तक 35.500 किमी अयोध्या-प्रयागराज मार्ग (नेशनल हाईवे 96) कुंभ 2019 के पहले फोर लेन में तब्दील किया गया। इसके लिए बड़ी संख्या में पेड़ भी काटे गए थे। अब भरपाई हो रही है। डिवाइडर के बीच बोगन बेलिया के पौधों का रोपण किया जा रहा है। ऐसे समय में जब वायु प्रदूषण बढ़ रहा है इस रास्ते में तब बोगनबेलिया के पौधे धूल कण व प्रदूषण सोखेंगे ही, विशेष रासायनिक व जैविक यौगिकों की मौजूदगी से स्थानीय लोगों को हरियाली रूपी लाभ देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b764c6695188d4a26bcbcc962fc826ae5152774 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। Jharkhand Politics राज्य में दो करोड़ से ज्यादा वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज मिलने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रहे जनजीवन के बीच अब गठबंधन सरकार तत्परता से आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश में जुट गई है। सत्तारूढ़ होने के बाद से ही कोरोना वायरस से जूझती आ रही गठबंधन सरकार को शायद इसका बाखूबी अंदाजा हो चुका है कि महामारी के नाम पर कार्यालयों तक सिमट चुकी नौकरशाही की सुस्ती के चलते जन सामान्य को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86a6a30aa8e3d1a0e205b84a2efb60eba0d936dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, शैलेश अस्थाना। हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। वहां तापमान वृद्धि की दर में अचानक आई तेजी से बादल फटने, ग्लेशियर पिघलने की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में चल रही जलविद्युत परियोजनाओं पर भी खतरा बढ़ा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की सहायक प्रोफेसर डा. शुभ्रा शर्मा के शोध के अनुसार बीते सात वर्षों में हिमालय के उच्च क्षेत्र में तापमान वृद्धि की दर में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 1951 से 2014 तक जहां हिमालय तथा तिब्बत के पठार में 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर तापमान में बढ़ोतरी हो रही थी, वहीं 2014 के बाद से यह दर बढ़कर लगभग 0.5 डिग्री प्रति दशक पहुंच गई है। एक अन्य शोध अनुमान के मुताबिक 21वीं सदी के अंत तक हिमालय के उच्च क्षेत्र में तापमान में वृद्धि की यह दर 2.6-4.6 डिग्री से. तक हो सकती है। शोध के मुताबिक तापमान नियंत्रित करने के लिए वैश्विक स्तर पर समवेत प्रयास जरूरी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c94956801242af918d13e3292c7658bbcdb29da2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नुमाइश मैदान में हर साल लगता है आतिशबाजी बाजार।नुमाइश मैदान में हर साल आतिशबाजी बाजार लगता है। इस बार भी 27 अक्टूबर से लेकर छह नवंबर तक इसे लगाने का फैसला हुआ है। ऐसे में तीन दिन पहले बाजार लगने की शुरुआत हो चुकी है। करीब सवा दो सौ लाइसेंस जारी हुए हैं। ऐसे में अब बाजार में रौनक दिखने लग गई है। पहली बार बाजार में लक्ष्मी बम के स्थान पर भीम, छोटा भीम की डिमांड है। हेलीकाप्टर बम ने पहली बार बाजार में दस्तक दी है। ऐसे में काफी लोग इसे पसंद कर रहे हैं। माकटेल नाम से अनार भी बाजार में धूम मचा रहा है। दुकानदार उमेश गौड़ ने बताया कि बीयर के कैन तरह पहली बार अनार आया है। इसका नाम माकटेल दिया गया है। इसकी शुरुआत से ही मांग हो रही है। उन्होंने बताया कि पहली बार बाजार में देवी देवताओं के नाम से पटाखे नहीं आए हैं। जनता के साथ दुकानदार भी काफी समय से इसका विरोध कर रहे थे। व्यापारी नेता प्रदीप गंगा ने बताया कि आतिशबाजी बाजार में लगभग आधी से ज्यादा दुकानें लग गई हैं। ऐसे में अब रौनक बढऩे लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfc7c7ffe333c4a6edce8d1d1fed2c7d2a21359e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65563.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब की राजनीति में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई है। अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस अब भी मनाना चाहती है। बताया जाता है कि इसके लिए पार्टी की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी खुुद सक्रिय हाे गई हैं। कांग्रेस नहीं चाहती है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़े। यही कारण है कि अभी तक कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की तीखी बयानबाजी के बावजूद उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। दूसरी ओर, बताया जाता है कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से नाता तोड़कर नई सियासी राह पर चलने को अडिग हैं। यही कारण है कि कैप्‍टन भाजपा के साथ अपनी नजदीकी बढ़ा रहे हैं।     ।कैप्‍टन अमरिंदर सिंह अपनी नई सियासी राह पर अडिग, भाजपा से बढ़ा रहे नजदीकी।दरअसल कांग्रेस  को डर है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अगर अपनी पार्टी बनाते है तो उसे पंजाब में काफी नुकसान हो जाएगा। 2022 के विधानसभा चुनाव तक पार्टी इस डैमेज को कंट्रोल नहीं कर पाएगी। माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को मनाने का प्रयास खुद सोनिया गांधी की तरफ से ही किया जा रहा है। वहीं, कैप्टन के पार्टी बनाने की घोषणा के साथ दिल्ली में कांग्रेस खेमे में भी खासी हलचल देखी जा रही है। + +कैप्टन और सिद्धू में से एक को चुनना होगा।कैप्टन अमरिंदर सिंह जिस प्रकार से नवजोत सिंह सिद्धू से खिन्न है ऐसे में पार्टी को दोनों में से किसी एक को ही चुनना होगा, क्योंकि एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती है। जिस प्रकार से सिद्धू ने कैप्टन के मुख्यमंत्री रहते हुए इंटरनेट मीडिया पर उनके खिलाफ अभियान छेड़ा था और कांग्रेस हाईकमान ने कभी भी इस पर कोई एतराज नहीं जताया, इसके बाद से ही सिद्धू और कैप्टन की लड़ाई राजनीति से ऊपर उठ कर निजी हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd075bfbef0687ea2c8fa8f3d9f5da252ab2f8d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाए जाने से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से शुक्रवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। सफर इंडिया का कहना है कि पराली जलाए जाने के कारण प्रदूषण में धुएं की भूमिका 20 फीसद रही, जो इस सीजन में अब तक सबसे अधिक है। लिहाजा, दिल्ली का एयर इंडेक्स 305 पहुंच गया। पिछले कुछ दिनों से पराली के धुएं का असर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर दर्ज की गई लेकिन हवा की दिशा पराली का धुआं दिल्ली पहुंचने के अनुकूल है। इस वजह से अगले दो दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में निचले स्तर पर रहने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d633d15d1bd1008896f6aac3344424bc7a6c06e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतिभा सिंह ने अपने पति पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समय में हुए विकास कार्यों के नाम पर जनता से वोट मांगे। वह दो बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। अपने दोनों कार्यकाल की एक उपलब्धि भी जनता को नहीं बता पाई। कारगिल युद्ध को छोटा युद्ध बता पूर्व सैनिकों की नाराजगी मोल ले ली। चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने महंगाई व बेरोजगारी को हथियार बनाया है। कांग्रेस को फोरलेन प्रभावितों से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन प्रभावितों ने कोई तवज्जो नहीं दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d02426a2aa02028221f809d686c0202d9fef1cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओबीसी आरक्षण का लाभ और ज्यादा लोगों को मिलेगा।हालांकि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग इसके दायरे को 12 लाख रुपये से ज्यादा करने का सुझाव दे चुका है। आयोग का कहना है कि इससे ओबीसी आरक्षण का लाभ और ज्यादा लोगों को मिलेगा। ओबीसी वर्ग से इसकी मांग भी लंबे समय से की जा रही है। इस बीच सरकार का जो रुख है और आने वाले दिनों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि यह एलान भी जल्द ही हो जाएगा। ।आय सीमा के दायरे का निर्धारण अंतिम बार 2017 में हुआ।क्रीमीलेयर की आय सीमा के दायरे का निर्धारण अंतिम बार 2017 में हुआ था। इसमें इसे सालाना छह लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये किया गया था। इससे पहले इसके दायरे में बढ़ोतरी वर्ष 2013 में की गई थी। इसे देखते हुए वर्ष 2021 में इसकी सीमा में बढ़ोतरी होनी है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो बढ़ोतरी का प्रस्ताव तो है, लेकिन यह कब और कितना होगा, इसे लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, ओबीसी क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाने की मांग और तय नियमों के तहत प्रत्येक तीन साल में इसकी समीक्षा करने की प्रतिबद्धता को देखते हुए इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। ।संसद की स्थायी समिति के सुझाव पर भी मंथन ।विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है। इसके साथ ही मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के सुझाव पर भी मंथन किया जा रहा है। इसमें आय के दायरे में वेतन को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है। हालांकि ओबीसी कमीशन सहित ओबीसी वर्ग से जुड़े लोग इसका विरोध कर रहे है। वहीं सरकार से जुड़े लोगों की मानें तो इससे ओबीसी आरक्षण का लाभ उन लोगों को ही मिलेगा, जिन्हें वाकई में इसकी जरूरत है। मौजूदा समय में ओबीसी की क्रीमीलेयर के निर्धारण में वेतन और कृषि से होने वाली आय को शामिल नहीं किया गया है। इसका निर्धारण सिर्फ अन्य स्त्रोत से होने वाली आय के आधार पर होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5df25d3bd411eadc5a53dd47a7a7c019bf8e38af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। दुनिया की सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिग का समाधान खोजने के लिए जिस तरह से दुनिया स्काटलैंड के ग्लास्गो में जुट रही है, उसमें तभी कोई निर्णायक नतीजा सामने आएगा, जब दुनिया के दो सबसे बड़े प्रदूषक देशों अमेरिका और चीन प्रभावकारी कार्बन उत्सर्जन कटौती को गंभीरता से लागू करेंगे। वर्तमान में चीन अमेरिका से दो गुना ज्यादा उत्सर्जन कर रहा है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से अमेरिका दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले वायुमंडल का सबसे अधिक विनाश किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9e563263379312fedf59468a84dd19268eef954 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगल- अगल श्रेणी में अलग-अगल मजदूरी दर।न्यूनतम मजदूरी दर में एरिया के हिसाब से बदलाव किया गया है। सभी एरिया को ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है। वहीं कुशल, गैर कुशल अर्धकुशल, उच्च-कुशल श्रमिकों के लिए अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी दर होगी। निर्माण क्षेत्र के गैर-कुशल कामगार को 'ए' श्रेणी एरिया में रोजाना 654 रुपये तो 'बी' श्रेणी एरिया में रोजाना 546 रुपये तो सी श्रेणी में 437 रुपये रोजाना मिलेंगे। उच्च-कुशल कामगार को ए श्रेणी एरिया में 864 रुपये, बी श्रेणी एरिया में 795 रुपये तो सी श्रेणी एरिया में 724 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में काम करने वाले अकुशल श्रमिकों को ए श्रेणी एरिया में 417 रुपये, बी श्रेणी एरिया में 380 रुपये तो सी श्रेणी में 377 रुपये रोजाना की न्यूनतम मजदूरी होगी। खनन क्षेत्र में खदान के अंदर काम करने वालों को खदान के बाहर काम करने वालों से अधिक मजदूरी मिलेगी। खदान के अंदर काम करने वाले अकुशल कामगार को रोजाना कम से कम 546 रुपये और उच्च श्रमिक को 851 रुपये मिलेंगे। खदान के ऊपर काम करने वाले अकुशल कामगार को रोजाना कम से कम 437 रुपये और उच्च प्रशिक्षित श्रमिक को रोजाना 762 रुपये मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6557.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..528ff3a1a3396ec18378fdb50f61b04d8620057a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6557.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक वीकडे रिलीज को ध्यान में रखते हुए, व्यापार और उद्योग शुक्रवार को कारोबार में तेजी की उम्मीद कर रहे थे। पर फिल्म की कमाई में गिरावट आने से हर कोई शॉक्ड है। माना जा रहा है कि यह एक अच्छा संकेत नहीं है। मीडिया में फिल्म को लेकर पूरी तरह से पॉजिटिव माहौल है रिव्यूज भी अच्छे ही हैं बावजूद इसके लोग सिनेमाघरों तक नहीं पहुंचे। पूजा एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन ने लगभग 6,481 शो के साथ पूरे भारत में 1,620 स्क्रीन्स पर रिलीज़ किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8c508223114e903902133702ceb5e1e5ef83093 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानीवासियों को मच्छरजनित बीमारियों के प्रकोप से बचाने का दारोमदार जिन कर्मचारियों पर हैं वह सुरक्षित नहीं हैं। न तो उनको पर्याप्त सुरक्षा उपकरण मिल रहे हैं और न ही पर्याप्त संसाधन। आलम यह है कि कर्मचारियों को स्वयं के खर्चे से टार्च में बैट्री डालनी पड़ती है। मास्क और चश्मे के साथ ग्लव्स न के बराबर ही मिलते हैं। ऐसे में यह कर्मचारी खुद ही असुरक्षा के बीच लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से लोगों को बचाने में जुटे हैं, लेकिन इन जान की सुरक्षा की चिंता लाल फीताशाही को नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59379c6681feca0c1dc0d025c50685d639f42d6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65571.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [आलोक मिश्र]। देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में नशे के कारोबार का अलग अर्थशास्त्र भी है। तस्करों के सिंडीकेट ने इसे बड़े बाजार की शक्ल दी है। युवाओं में नशे के बढ़ते चलन को जमीन बनाकर काले कारोबार की ऐसी इमारत खड़ी की गई है, जिसे ढहाना जांच एजेंसियों के लिए बेहद मुश्किल होता जा रहा है। पूरब से पश्चिम तक प्रदेश के नौ शहर मादक पदार्थों के कारोबार का गढ़ बन चुके हैं, जहां से अन्य जिलों में इनकी सप्लाई धड़ल्ले से होती है। नेपाल और भूटान से लेकर उड़ीसा, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से गांजा, चरस, अफीम, हेरोइन व पोस्ता की बड़े पैमाने में तस्करी उत्तर प्रदेश में की जा रही है। यहां से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व अन्य राज्यों में सप्लाई का भी अलग चैनल है। नशे के कारोबार के आगरा, आजमगढ़, वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी, प्रयागराज, बरेली, अलीगढ़ व मीरजापुर बड़े केंद्र हैं। + +डीआरआइ का भी शिकंजा : उत्तर प्रदेश में मादक पदार्थों के बढ़ते कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) ने भी अपनी कार्रवाई तेज की है। डीआरआइ ने वर्ष 2019-20 में 13720 किलो गांजा व 68 किलो चरस पकड़ी थी। वहीं वर्ष 2020-21 में 23281 किलो गांजा व 4.493 किलो हेरोइन पकड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c68f19adffeaab4cd68928353be26d8f50d1dca0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65572.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ तरंगे धरती के इनर कोर से टकराकर लौट आईं।इस अध्‍ययन में यह बात सामने आई कि इनमें से कुछ तरंगे धरती के इनर कोर से टकराकर लौट आईं, जबकि कुछ उसे आर-पार कर गईं। इससे यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि धरती का केंद्र पूरी तरह से कठोर नहीं है, बल्कि इसके कुछ स्थानों पर तरल पदार्थ भी मौजूद है। इन नतीजों ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। कई बार जांच करने पर भी उन्हें एक जैसे परिणाम ही मिले। अध्‍ययन में दावा किया जा रहा है कि यहां एक अलग तरह की दुनिया मौजूदा हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b045680ca07f2e2eb0e6b85ed832638d8e793745 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर अपने बयान से दिल्ली पुलिस और खुफिया तंत्र की मुश्किलें बढ़ा दी है। 26 जनवरी 2021 की राजधानी की सड़कों पर किसानों के ट्रैक्टर का उपद्रव पुरी दुनिया ने देखा उसके बाद किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर जो किया वो भी किसी से छिपा नहीं रहा। अब एक बार फिर राकेश टिकैत ने गाजीपुर बार्डर से बैरिकेड हटाए जाने के दौरान कहा कि जब ये बैरिकेड हटा दिए जाएंगे तो फिर किसानों का ट्रैक्टर पहले दिल्ली जाएगा। किसान अपनी फसल को बेचने के लिए पार्लियामेंट जाएंगे। उनके इस बयान के बाद दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7df347db8460357cdc7baa8bb713aaf31a35eb76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेडिकल कालेजों में शैक्षणिक संवर्ग के डाक्टरों की नियुक्ति हो या विशेषज्ञ डाक्टरों या एमबीबीएस डाक्टरों की, इन सभी श्रेणी के डाक्टरों के रिक्त पदों को भरने के लिए नियमों में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। नए निर्देश के मुताबिक डाक्टरों की नियुक्ति में अब लिखित परीक्षा या साक्षात्कार का आयोजन करने के बजाय शैक्षणिक योग्यता, अकादमिक अंकों और अनुभव के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है। नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में भी 10 साल की छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है। वित्त तथा कार्मिक विभाग ने भी तत्परता दिखाते हुए संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कैबिनेट की मुहर लगने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों की कमी दूर होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05b0b6e8f44af20f064dfef5a8b766fd8dbe32d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65582.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। बदलाव की बयार में कोई तर जाता है तो कोई किनारे लग जाता है। कुछ अंतराल और छोटे स्तर पर होने वाले बदलाव की तो अक्सर चर्चा भी नहीं होती, लेकिन जब एक के बाद एक कुछ ही समय में ऐसा हो जाए, जो लंबे अर्से से या कभी न हुआ हो तो चर्चा के साथ दहशत का माहौल बनता है। ऐसा ही कुछ दिल्ली पुलिस की अफसरशाही में चल रहा है। बड़े पैमाने पर तबादले को लेकर आइपीएस समेत पुलिस अधिकारियों में उथल-पुथल चल रही है। हाल के महीने में पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने अधिकतर ऐसे एसीपी व इंस्पेक्टरों का तबादला कर दिया जो लगातार जिले, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच जैसी यूनिटों में तैनात थे। ।लंबी पोस्टिंग काट चुके ऐसे एसीपी व इंस्पेक्टरों को अब सिक्योरिटी यूनिट, स्पेशल ब्रांच, पुलिस ट्रे¨नग कालेज, थर्ड बटालियन, जिला अन्वेषण इकाई व विजिलेंस में तैनात कर आजमाया जा रहा है। जो एसीपी और इंस्पेक्टर अर्से से अच्छी पोस्टिंग के इंतजार में थे, उन्हें आयुक्त ने जिले के सब डिवीजन, थानों, स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच जैसे यूनिटों में तैनात किया है। आयुक्त द्वारा किए जा रहे इस नए प्रयोग को लेकर महकमे में खूब चर्चा है। बेहतर निर्णय, जल्द दिखेंगे परिणाम: पुलिस मुख्यालय सूत्रों की मानें तो आयुक्त राकेश अस्थाना हर पुराने ढर्रे को बदलना चाह रहे हैं। पदभार संभालने के बाद से लेकर अबतक कई ऐसे निर्णय ले चुके हैं, जिनके परिणाम जल्द देखने को मिल सकते हैं। फिर चाहे पीसीआर को जिला पुलिस के साथ मर्ज करना हो या राजधानी की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए किए गए बदलाव। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be484d43141ccfd1fba9b244192ae17d242d7adb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा की सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में सेब की आवक प्रभावित हो गई है। हाल ही में कश्मीर में हुई भारी बर्फवारी और बारिश से सेब के पेड़ों को नुकसान हुआ तो 20 फीसद फसल भी प्रभावित हो गई है। मौसम में हुई बदलाव के कारण रास्ते बाधित हुए तो सेब की तुड़ाई भी नहीं हो सकी थी। अभी तक प्रतिदिन 15 से 20 ट्रक आ रहे थे, लेकिन आवक घटकर तीन से छह ट्रक तक रह गई है। आवक प्रभावित होने से दामों में भी उछाल आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bf5d2768b640d0e9598cc80387beed7f0ab9047 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65586.txt @@ -0,0 +1,12 @@ +सिद्धार्थ मिश्र। देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना समय समय पर देश की न्याय प्रणाली और उसके सुधार की आवश्यकता पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव देते रहते हैं। पूर्व में उन्होंने न्यायपालिका, न्यायप्रणाली और कानूनों के सुधार, सरलीकरण व भारतीयकरण और न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाने समेत आम आदमी तक न्याय पहुंचाने के लिए अनेक व्यावहारिक सुझाव दिए हैं। इसी क्रम में हाल ही में उन्होंने कहा है कि न्याय तक पहुंच के लिए अदालतों में उत्तम आधारभूत संरचना आवश्यक है। + +मुख्य न्यायाधीश के अनुसार देश में उत्तम न्यायिक संरचना कभी भी प्राथमिकता में नहीं रही और अदालतों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पहले विशेष ध्यान नहीं दिया गया। अनेक कोर्ट जर्जर भवनों में चल रहे हैं जहां अदालतों में न्यायिक अधिकारियों के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे नहीं हैं जिससे न्यायिक कार्य बाधित होता है। जस्टिस रमना ने कहा कि देश में 20 प्रतिशत न्यायिक अधिकारियों के बैठने के लिए कमरे नहीं हैं, जो एक शोचनीय विषय है। + +देश में 24,280 न्यायिक अधिकारी हैं जिनके सापेक्ष 20,143 कमरे उपलब्ध हैं। इसके अलावा भी उन्होंने तमाम समस्याओं को इंगित किया। न्यायपालिका के लिए पूर्ण वित्तीय स्वायत्तता की मांग करते हुए उन्होंने अदालतों की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार को नेशनल ज्यूडीशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर अथारिटी (एनजेआइए) के गठन का प्रस्ताव भेजा है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा उजागर किए गए सभी तथ्य निश्चित ही न्यायपालिका से संबंधित गंभीर समस्याओं को दर्शाते हैं। आज जनता अपने अधिकारों को लेकर जागरूक है और उन्हें मनवाने के लिए लोग अक्सर न्यायालय की शरण में जाते हैं। जागरूक जनता न्यायालयों की तुलना अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त निजी क्षेत्रों से करती है और उनके अभाव में उनके हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से निराश, कुंठित व ठगा हुआ महसूस करती है। लंबे समय तक इस निराशा से जूझते रहने के कारण जनता का न्यायपालिका से विश्वास उठ जाता है जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। उत्तम न्यायिक संरचना जनता की न्याय तक पहुंच बनाने के लिए जरूरी है। दुर्भाग्यवश देश के अधिकांश हिस्सों में आज भी अदालतें पुरातन र्ढे पर चल रही हैं और अदालतों में आवश्यक व बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। + +इसके इतर न्यायालयों में जबरदस्त कार्य भार है और स्टाफ की कमी के चलते अधिकांश मुकदमों के निस्तारण में देरी होती है। सामान्यत: एक कोर्ट में पांच-छह कर्मचारी होते हैं जिनमें पक्षकारों को मुकदमे में तारीख देने व न्यायाधीश को संबंधित फाइल देने के लिए रीडर, डिक्टेशन टाइप करने के लिए स्टेनो, फाइल ले जाने और उन्हें तैयार करने और डेट लगाने व फाइल को रीडर को देने के लिए अहलमद व सहायक अहलमद तथा मुकदमे के पक्षकारों को आवाज लगाने के लिए अर्दली होते हैं। इनमें से किसी भी कर्मचारी के किसी दिन अनुपस्थित रहने से कोर्ट का कार्य प्रभावित होता है। + +आमतौर पर जजों की भर्ती की बात तो होती रहती है, परंतु इस बिंदु पर ज्यादा विचार नहीं किया जाता कि जजों की भर्ती के साथ कोर्ट के स्टाफ की भर्ती भी जरूरी है। कई बार नया कोर्ट बनने पर पहले से अन्यत्र कार्यरत स्टाफ को हटाकर नए कोर्ट में लगाना पड़ता है जिससे पहले कोर्ट का कार्य बाधित होता है। हालांकि दिल्ली की अदालतों में बेहतर सुविधाएं विकसित की गई हैं, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में ऐसा नहीं है। + +लोकतंत्र में राज्य के अन्य अंगों पर भी जनता को न्याय सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है, परंतु इस लक्ष्य की प्राप्ति में न्यायपालिका की भूमिका प्रमुख है और अन्य अंगों की अपेक्षा न्यायपालिका पर ही न्याय के परम निष्पादन की सर्वाधिक जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यवश देश में आज भी न्यायपालिका के समक्ष अनेक मुद्दे विद्यमान हैं और न्याय के सुगम व सरल प्रशासन व वितरण के लिए इन समस्याओं का त्वरित निवारण किया जाना बेहद आवश्यक है। कोर्ट में असंख्य लंबित वाद, निर्णयों में देरी, जटिल न्यायिक प्रक्रिया, वकीलों की महंगी फीस, कानून की जानकारी का अभाव, अदालती कार्यवाही व निर्णयों का अंग्रेजी भाषा में होना बड़ी बाधा हैं। भारत में सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित एक मूलभूत सिद्धांत है और इन सभी मामलों में राज्य द्वारा कोई भी उल्लंघन या अन्याय होने पर जनता को न्याय दिलाना न्यायपालिका की जिम्मेदारी है। भारत में पूर्व में जहां राज्य के अन्य अंग अनेक कारणों से न्याय वितरण में असमर्थ दिखाई दिए हैं, वहीं न्यायपालिका ने न्याय वितरण में सदैव सक्रिय व अहम भूमिका निभाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2cc3e2c42cf11a8de447fb2377ec3f4a528736da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, इस बैठक के नहीं होने से राजनीतिक रूप से यह चर्चा चल रही है कि भाजपा अब कैप्टन के वजन को तौल रही है। क्योंकि, बुधवार को कैप्टन द्वारा की गई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनके साथ कोई भी बड़ा राजनीतिक चेहरा मौजूद नहीं था। ऐसे में क्या कैप्टन जो दावा कह रहे हैं कि उनके साथ कई कांग्रेसी विधायक संपर्क में हैं, वह उनके साथ पार्टी बनाने के बाद जाएंगे या नहीं। दरअसल, सरकार में रहते हुए जो लोग कभी कैप्टन के इर्द-गिर्द घूमा करते थे, वे भी अब उनसे कन्नी काटत नजर आ रहे हैं। वह भी अब कैप्टन के साथ जाने या नहीं जाने को लेकर नफा नुकसान का आंकलन करने में जुटे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65592.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..beb480bcf021a5871e318b232484a1514f021b8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65592.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कैलाश बिश्नोई। देश के सतत एवं तीव्र आर्थिक विकास के लिए विश्वसनीय, टिकाऊ और किफायती दरों पर बेहतर बिजली की आपूर्ति आवश्यक है। विगत चार दशकों में भारत ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अहम प्रगति की है, किंतु पिछले कई वर्षो से भारतीय विद्युत क्षेत्र राज्य सरकारों के लिए एक बड़े वित्तीय घाटे का कारण बना रहा है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार तथा निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 बिजली उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही तथा बिजली क्षेत्र में विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। + +ऐसे में प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 में खास फोकस कृषि क्षेत्र पर रखा गया है। विधेयक के मुताबिक केंद्र सरकार किसानों के खाते में बिजली सब्सिडी का डीबीटी यानी सीधा हस्तांतरण करने की तैयारी कर रही है। किसानों तथा किसान संगठनों की तमाम आशंकाओं के बीच यह स्पष्ट करना जरूरी है कि प्रस्तावित विधेयक में राज्यों को सब्सिडी प्रदान करने पर कोई रोक-टोक नहीं लगाई गई है। राज्य सरकारें जितनी चाहें उतनी बिजली सब्सिडी दे सकती हैं, लेकिन उन्हें डीबीटी के माध्यम से भुगतान करना होगा, ताकि विद्युत वितरण कंपनियों की आर्थिक सेहत अच्छी रहे और वे वितरण के बुनियादी ढांचे को बनाए रखने व सुधार करने और खरीदी गई बिजली का भुगतान करने में सक्षम हों। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54c1d0f634a3a94d32f5e6772a4f47bf093d58a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्राकृतिक मूर्तियां ।गोशाला में काम कर रहे बंगाल के मूर्तिकार बिजय पाल ने बताया कि इन मूर्तियों को बनाने में 70 फीसदी गोबर का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा 30 फीसदी चिकनी मिट्टी के इस्तेमाल से मूर्तियां तैयार की जाती हैं। उन्होंने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए सांचे का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा मूर्तियों की रंगाई व अन्य सभी कार्य हाथ से ही होते हैं। उन्होंने बताया कि इन मूर्तियों में मशीन जैसी सफाई भले ही नहीं हो लेकिन यह बिल्कुल प्राकृतिक हैं। इससे बनाए गए धूप-बत्ती को पूजा-हवन में प्रयोग में लाया जाता है। स्थानीय लोग हमेशा इसकी मांग करते हैं। इनमें गोबर के अलावा गुग्गल, कपूर, देशी घी, लौंग, राल, अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक चीजों का प्रयोग किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce10e263ff8f6b3a216ada450bc3b5ad95fd06c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उपचुनाव से निकल रही भविष्य की राजनीतिक राह ।तारापुर और कुशेश्वरस्थान की दो सीटों के लिए 30 अक्‍टूबर को होने जा रहे उपचुनाव में हार-जीत से सरकार की स्थिरता पर फिलहाल प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है, लेकिन इससे होकर भविष्य की राजनीतिक राह निकलती दिख रही है। इस कारण मैदान में कूदे सभी प्रमुख दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इस उपचुनाव का महत्‍व इससे ही स्‍पष्‍ट है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भी छह साल बाद पहली बार प्रचार में उतरे। आरजेडी के तेजस्‍वी यादव जनसंपर्क में डटे रहे तो कांग्रेस के भी कन्‍हैया कुमार को मैदान में उतारा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f1c737fd6ae7b9a9be524c1be565b0236bab3e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +थॉर- लव एंड थंडर का निर्देशन ऑस्कर विजेता टाइका वैटिटी ने किया है, जबकि फिल्म में थॉर के किरदार में वापसी कर रहे हैं क्रिस हेमवर्थ और साथ में नजर आएंगी नैटली पोर्टमैन, क्रिश्चियन बेल और टेसा थॉम्पसन। द डार्क नाइट और द डार्क नाइट राइजेज में बैटमैन बन चुके बेल का यह एमसीयू डेब्यू है। ।थॉर- लव एंड थंडर 8 जुलाई को सिनेमाघरों में हिंदी, अंग्रेजी, तमिल तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज हो रही है। थॉर की कहानी एवेंडर्स एंडगेम के बाद के कालखंड में दिखायी गयी है। फिल्म के ट्रेलर में भी एंडगेम के दौरान थॉर की कुछ झलकियां नजर आती हैं। थैनोस से जंग के बाद सभी एवेंजर्स अपनी-अपनी जिंदगी में लौट गये हैं। थॉर अपनी आंतरिक शांति के लिए एक नये सफर पर निकलता है, मगर उसके रिटायरमेंट के रंग में भंग डालने का काम करता है गॉड बुचर गॉर, जो एक अंतरिक्ष का किलर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65603.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0966c6c46d36b1a49242ddad26464e33d8a32d9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65603.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बट्टा की जगह बना रहे दीए।स्थानीय स्तर से आपूर्ति नहीं हो पा रही। मूर्ति, दीया एवं बट्टा बनाने वाले बक्शीपुर निवासी अवधेश प्रजापति कहते हैं कि अधिकतर कुम्हारों ने बट्टा बनाना कम कर दिया है। साल में दीवाली ऐसा पर्व है, जब दीयों की खूब मांग होती है। एक परिवार औसतन 40 हजार दीये बनाता है। छठ पर्व को देखते हुए यह सिलसिला अभी जारी रहेगा। पिछले साल सरकार की ओर से दी गई डाई से काम आसान हुआ है। व्यापारी घर से ही माल खरीदकर ले जाएंगे। एकला नंबर दो निवासी टेराकोटा शिल्पकार हरिओम आजाद सरकार की ओर से दी गई डाई से साधारण से लेकर डिजाइनर दीये तक बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि माटी कला बोर्ड की ओर से लखनऊ में लगाई गई प्रदर्शनी में वह 90 हजार दीया भेज चुके हैं और वहां बिक्री भी खूब हुई है। + +स्वयं सहायता समूह भी कर रहे सहयोग।मिट्टी के दीयों के साथ ही देसी गाय के गोबर से दीया व मूर्ति बनाने का चलन भी खूब बढ़ा है। जिले में पिछले साल ही यह काम शुरू हुआ था लेकिन उत्पादन काफी कम था। इस समय करीब 40 से अधिक स्वयं सहायता समूह इस काम में जुटे हैं। सेवा भारती, सहकार भारती के अलावा ब्रह्मकृषि बायो एनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड आदि संस्थाओं की ओर से इन महिलाओं का सहयोग किया जा रहा है। सेवा भारती की नीलम चतुर्वेदी का कहना है कि इस बार अधिक मात्रा में देसी गाय के गोबर से दीये बनाए जा रहे हैं। सहकार भारती की मीनाक्षी राय बताती हैं कि करीब 30 महिलाएं इस काम में जुटी हैं। गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर भी दीये व मूर्तियां भेजे जा रहे हैं। ब्रह्मकृषि बायो एनर्जी के महेंंद्र यादव ने महिलाओं को मशीन लाकर दी है और प्रशिक्षण भी दिलवाया है। वह पांच हजार दीये लखनऊ भी भेज चुके हैं। एक समूह प्रतिदिन करीब एक हजार दीये बना लेता है। गोबर से भी अभी तक 90 हजार दीये तैयार किए जा चुके हैं और यह संख्या करीब तीन लाख तक पहुंचेगी। + +गोबर के दीयों से है यह फायदा।देसी गाय के गोबर से बने दीये में तेल डालने पर बाहर नहीं गिरता है। दीया पूरी तरह से जल जाएगा, इसकी राख भी फायदेमंद होती है। हवन से जुड़ी सामग्रियां होने के कारण यह दीया प्रकृति के बिल्कुल अनुकूल होता है और वातावरण शुद्ध होता है। गोबर के साथ ही प्री मिक्स के रूप में इसमें हवन की राख, मूल्तानी मिट्टी, जटामासी, चंदन, गूगल, पंचगव्य, फूल का पाउडर आदि मिलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47c7bd988a0e0f73bfbb2cdac0435823523a8427 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन माह बाद होने वाली परीक्षा पहाड़ जैसी दिखाई दे रही है तो ऐसी घटनाओं से सबक लेकर कई नेता जनता के करीब होने का अहसास करा रहे हैं। नेताओं में आम आदमी जैसा दिखने की होड़ लगी है। चन्नी युवाओं के साथ डांस करने लगते हैं तो सफर के बीच में गाड़ी रोककर लोगों से मिल रहे हैं। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल लोगों के बीच जाकर चाट-पकौड़ी खा रहे हैं तो सांसद हरसिमरत कौर बादल जालंधर, लुधियाना जाकर महिलाओं के साथ चूड़ियां खरीद रही हैं। अब जनता के सुख-दुख में नेताओं के शामिल होने का दौर आ गया है। नेता सर्वधर्म सद्भावना का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। हिंदुओं, सिखों, दलितों के आस्था के केंद्रों में आवाजाही बढ़ गई है। [वरिष्ठ समाचार संपादक, पंजाब]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65605.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7447f3b0284d3e9167941f7181bd18e393b1c48e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांच करोड़ का कोबाल्ट सोर्स मिलेगा निश्शुल्क।इंदौर नगर निगम का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ करार हुआ है। इसके तहत पांच करोड़ रुपये का कोबाल्ट-60 सोर्स शुरुआत में निगम को निश्शुल्क मिलेगा। इस प्लांट की रेडिएशन क्षमता 1500 किलो क्यूरी (केसीआइ)यूनिट है, लेकिन अभी इसको 500 किलो क्यूरी यूनिट रेडिएशन निश्शुल्क मिलेगा। इसमें से शुरुआत में 125 किलो क्यूरी यूनिट का उपयोग किया जाएगा। शेष का जरूरत के हिसाब से बाद में इस्तेमाल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6eae7f9885760eea4107617e3ce1642bbbde3a62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15 साल तक विपक्ष में रहने के बाद 2018 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की सत्ता में जब वापसी की थी, तब कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा था। उन्हें यह भरोसा था कि कमल नाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में पार्टी की जड़ें गहरी हो जाएंगी। कमल नाथ ने काम तो जोश-खरोश के साथ प्रारंभ किया, लेकिन जल्द ही वह ब्यूरोक्रेसी से घिरते गए और कार्यकर्ताओं से दूर होते गए। नेताओं के बीच खींचतान इस स्तर तक जा पहुंची कि सत्ता सिंहासन तक कांग्रेस को पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया खिलाफत पर उतर आए। उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए न सिर्फ कमल नाथ सरकार की नीतियों की आलोचना की, बल्कि जनता को यह भरोसा भी दिलाया कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे सड़क पर उतर जाएंगे। उन्हें मनाने के बजाय कमल नाथ और दिग्विजय की जोड़ी ने नजरअंदाज करो, इंतजार करो की नीति अपनाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdb802e1591aa072e258b276ce09fb4f3a0a8d02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, फीचर डेस्क। स्वाधीनता के बाद देश को विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने के लिए कंप्यूटर का निर्माण भी बेहद जरूरी था। जब भारत में एशिया के पहले परमाणु रिएक्टर ‘अप्सरा’ का निर्माण महान विज्ञानी डा. होमी जहांगीर भाभा के नेतृत्व में किया जा रहा था, उसी दौरान उनके नेतृत्व में ही एक अन्य टीम कंप्यूटर बनाने की तैयारी भी कर रही थी। डा. भाभा के नेतृत्व में वर्ष 1955 में पायलट मशीन का डिजाइन तैयार किया गया, लेकिन फुल स्केल वर्जन का कार्य 1959 में पूरा हुआ। इसे औपचारिक रूप से फरवरी 1960 में चालू किया गया। तब एशिया में जापान के बाद भारत दूसरा ऐसा देश था, जिसने स्वदेशी डिजिटल कंप्यूटर तैयार करने में कामयाबी हासिल की थी...।नई दिल्ली, फीचर डेस्क। वर्षों से कंप्यूटर न केवल आम भारतीयों के जीवन में, बल्कि उनके काम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। पिछले कुछ दशकों में विशेष रूप से भारत में कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है। कई भारतीयों के लिए यह 1991 में सरकार द्वारा शुरू किए गए एलपीजी (उदारीकरण, निजीकरण, वैश्वीकरण) सुधारों के बाद का एक स्वागत योग्य परिणाम है, लेकिन वास्तव में यह कहानी काफी पहले शुरू हो चुकी थी। सांख्यिकीविद प्रशांत चंद्र महालनोबिस को अकाल के बाद बंगाल में धान की फसल का अनुमान लगाने के लिए कहा गया था। उसी दौरान उन्होंने कंप्यूटिंग मशीनों की जरूरत महसूस की और उसे स्वदेशी तरीके से विकसित करने का फैसला किया। इस विचार के साथ उन्होंने 1932 में कलकत्ता (अब कोलकाता) में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आइएसआइ) की स्थापना की और पहली बार वहां मैकेनिकल डेस्क कैलकुलेटर की शुरुआत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d5fafb82494d5940e708722247e929b3ce6b053 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। सरकार की गोवंश बचाने की मंशा के अनुरूप पशुपालन विभाग ने वर्गीकृत कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से गोरक्षा की तैयारी शुरू की है। इसके तहत गोपालक को अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या पशु सेवा केंद्र पर जाकर वर्गीकृत कृत्रिम गर्भाधान कराना होगा । इसके कराने से 90 फीसद बछिया होने की संभावना होगी। अगले महीने से पशुपालन विभाग की ओर से लखनऊ समेत सूबे के हर पशु चिकित्सा केंद्रों पर इसको लेकर कर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65612.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d248dc5bf74b8ab79b73b6b813cd24881a97015 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65612.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जूस जैकिंग: मोबाइल फोन के चार्जिंग पोर्ट को फाइल/डाटा ट्रांसफर करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जूस जैकिंग एक साइबर चोरी है, जिसमें आपका मोबाइल फोन अज्ञात/असत्यापित चार्जिंग पोट्र्स से कनेक्ट होते ही जालसाजों को उसकी एक्सेस मिल जाती है और वे संवेदनशील डाटा, ईमेल, टेक्स्ट मैसेज, सेव किए गए पासवर्ड आदि को मालवेयर की मदद से चुरा लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10ee11beb1ed2aba2768f079e6757c5a0b7e068f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65613.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुनीश शर्मा, लुधियाना। Ludhiana Car Market लुधियाना में धनतेरस और दिवाली से पहले कारों की बंपर मांग है लेकिन डिलीवरी की शार्टेज ने उनकी उम्मदों पर पानी फेर दिया है। हर साल फेस्टीवल सीजन में आटोमोबाईल सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिलती है। लुधियाना में पिछले साल धनतेरस के दिन ही 4 हजार कारों की बिक्री हुई थी। इस साल ग्राहकों को कारों की सप्लाई शार्टेज के चलते निराशा हाथ लग सकती है। कारों के डिलवरी के लिए लंबी वेटिंग चल रही है। आफर्स का बाजार भी ठंडा है। हर साल फेस्टीवल सीजन में बिक्री का रिकार्ड बनाने वाले डीलर्स भी निराश हैं। कारों की उपलब्धता कम होने के चलते आटो मोबाईल सेक्टर में मांग के बावजूद तेजी देखने को नहीं मिल रही। सरकार को भी रोड टैक्स सहित विभिन्न तरह के टैक्स न मिलने से घाटा सहना पड़ेगा। + +किन कारों पर कितनी वेटिंग।कई चर्चित कारों पर लंबी वेटिंग देखने को मिल रही है। इसमें क्रेटा आटो पर 11 महीने, किया सेलटास पर तीन से चार महीने, थार पर 8 महीने, अर्टिगा पर 4 महीने, ओरा सीएनजी पर 6 महीने, फार्च्यूनर की 4 महीने, मर्सडीज जीएलएस 6 महीने, बीएमडब्ल्यू एक्स 5 की तीन महीने, होंडा अमेज आटो पर 2 महीने, हुंडई वैन्यू 3 महीने, बीएमडब्ल्यू एक्स 7 सुपर पर तीन महीने, किया सोनेट पर 2 महीने, मर्सडीज सी क्लास पर 2 महीने की वेटिंग चल रही है। + +डीलर्स के लिए खासी परेशानी।ग्रोवर हुंडई के एमडी कुलवंत सिंह ने कहा कि इस समय मार्केट में अच्छी डिमांड देखने को मिल रही है। लेकिन बहुत सी कारों की डिलिवरी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में जहां कंपनियों पर प्रेशर बढ़ा है, वहीं डीलर्स के लिए ग्राहकों की मांग को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। हुंडई ने प्रोडक्शन को तेज किया गया है लेकिन डीलर्स के पास डिमांड के मुताबिक कारों की सप्लाई नहीं हो पा रही। गुलजार मोटर्स के एमडी हरकिरत सिंह के मुताबिक कारों की बिक्री के लिए त्योहारों के दिन सबसे बेहतर रहते हैं। कारों की बुकिंग भी जमकर हो रही है लेकिन सप्लाई और डिमांड का गैप बहुत बढ़ जाने से समस्या हो रही है। उम्मीद है कि इस महीने कारों की सप्लाई तेज हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57eb1399ec1174823bebee838d09ed7cd362e017 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65614.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [यशा माथुर]। मुरादाबाद (उप्र) में महिलाएं सुतली बम और राकेट जैसी चाकलेट बना रही हैं। इसमें वे हल्दी और केसर भी मिला रही हैं। जयपुर, रायपुर जैसे अनेक शहरों में बड़े पैमाने पर गोबर के दीये बन रहे हैं ताकि अयोध्या, बनारस जैसे धार्मिक-सांस्कृतिक शहरों को इकोफ्रेंडली तरीके से जगमगाया जा सके। कहीं कोई महिला अपने घर को हरे-भरे पौधों से सजाने को आतुर है और रंगबिरंगे फूलों का बगीचा तैयार कर रही है तो कहीं किसी ने अपने प्रियजनों को तोहफे के तौर पर हैंडलूम ही देने की ठानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d558dd10f44c25f4831b78f067517799a7ca78f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65618.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, रसिक शर्मा। हसरत भरी निगाह, आंखों से बरसता निसंतान का दर्द, होठों पर करुण पुकार, सूनी गोद भरने को आंचल फैलाती ममता, हे राधारानी, मेरी भी सूनी झोली भर दो! दुनिया भर का दर्द समेटे दंपति जल स्वरूपा राधारानी यानी राधाकुंड में विश्वास के गोते लगाते नजर आएंगे। गुरूवार को अहोई अष्टमी का व्रत कर आधी रात को राधाकुंड में संतान सुख की कामना लिए विश्वास के गोते लगाएंगे। इसके लिए राधाकुंड भी अपनी सुंदरता पर इठला रहा है। भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। + +श्रीकृष्ण ने दिया था राधारानी को वरदान।राधाकुंड अरिष्टासुर की नगरी अरीठ वन थी। अरिष्टासुर बलवान व तेज दहाड़ वाला राक्षस था। उसकी दहाड़ से आसपास के नगरों में गर्भवती के गर्भ गिर जाते थे। गाय चराने के दौरान अरिष्टासुर ने बछड़े का रूप रखकर भगवान कृष्ण को मारने की कोशिश की। कान्हा के हाथों बछड़े का वध करने से उन्हें गोहत्या का पाप लग गया। प्रायश्चित के लिए श्रीकृष्ण ने बांसुरी से कुंड बनवाया और तीर्थों का जल यहां एकत्रित किया। इसी तरह राधारानी ने भी अपने कंगन से कुंड खोदा और तीर्थों का जल एकत्र किया। जब दोनों कुंड भर गए तो कृष्ण और राधा ने रास किया। श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी निसंतान दंपति अहोई अष्टमी की रात यहां स्नान करेगा, उसे सालभर के भीतर संतान की प्राप्ति होगी। इसका उल्लेख ब्रह्मा पुराण व गर्ग संहिता के गिर्राज खंड में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb258e3416e739c595d99661d472b72b81497def --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65619.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में जहां एक ओर ठंड बढ़ी है तो इसके साथ-साथ प्रदूषण में भी इजाफा होने लगा है। हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही है। इसमें हैरत की बात यह कि दिल्ली से ज्यादा एनसीआर के शहरों में प्रदूषण देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके दिल्ली पर तो सभी का फोकस है, जबकि एनसीआर पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का नियमित रूप से जारी होने वाला एयर क्वालिटी बुलेटिन भी इस तथ्य की तस्दीक करता है। विशेषज्ञों की मानें तो जब तक एनसीआर में भी समान नियम कायदे लागू नहीं होंगे, दिल्ली के प्रदूषण को थामना नामुमकिन है। दिल्ली सरकार भी केंद्र सरकार से इसे लेकर अनुरोध कर चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f764be5c9203c08b3c2475e1dd36614c3d9289e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमाचल प्रदेश में गाइड को यह बताया जाता है कि अच्छे से व्यवहार करो, स्थानीय चीजें बताओ। यह नहीं बताया जाता कि मुसीबत में कैसे न फंसें..और यदि फंस जाएं तो क्या करें। किन्नौर में बीते दिनों तीन पर्यटकों के शव मिले, जबकि गाइड सुरक्षित वापस पहुंच गए थे। यह कैसा मार्गदर्शन है? चोर रास्तों पर नजर रखना बेहद कठिन है, लेकिन एक व्यवस्था तो बनाई जा सकती है कि नाम दर्ज करवाया जाए, जीपीएस ट्रैकिंग नहीं है, ड्रोन नहीं हैं, जबकि पुलिस चौकी भी होनी चाहिए। जब पर्यटक फंसते हैं, छोटे से छोटा हेलीकाप्टर भी दो से तीन लाख रुपये प्रति घंटा की दर से उपलब्ध होता है। यह केवल हेलीकाप्टर का खर्च है, इसमें पुलिस या अन्य पक्षों से जुड़े मानव संसाधन व अन्य संसाधनों का गणित अलग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae185551c34c9bea967c7d0c0acac16594c92d8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली कांग्रेस की हालत लगातार खराब होती जा रही है। अगले साल की पहली छमाही में दिल्ली नगर निगम 2022 के चुनाव होने हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी में कोई खास गतिविधि नहीं देखी जा रही है। उधर, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पिछले एक साल से दिल्ली नगर निगम चुनाव में जुट गई हैं। दिल्ली कांग्रेस की हालत बेहद खराब है। छोटे से छोटे और ब़ड़े से बड़े नेता पार्टी की हालत से वाकिफ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33ead2b43b45a1d2ca9a34a18681f35aca33fa26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे प्रशासन यात्रियों को उनकी सुविधा के अनुसार सेवा उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। लग्जरी ट्रेनों में तेजस ट्रेन चलाई जा रही है। अपने पसंद का खाना मांगने के लिए आनलाइन आर्डर देने की व्यवस्था की है। लेकिन बोतल बंद पानी के मामले में यात्रियों को उनके पसंद का पानी नहीं मिल पाता है। रेल प्रशासन सभी ट्रेनों में रेल नीर की बिक्री करता है। छोटे स्टेशनों को छोड़कर सभी बड़े स्टेशनों पर भी रेल नीर बिक्री करने के आदेश हैं। इसके अलावा अन्य ब्रांड के बोतल बंद पानी की बिक्री करने पर रोक है। इससे बाजार में प्रचलित ब्रांड का पानी रेल यात्र‍ियों को नहीं म‍िल पाता है। रेलवे बोर्ड ने किस स्टेशन पर क्या बिकेगा, यह तय करने का अधिकार मंडल रेल प्रशासन को सौंपा है। इसमें यात्रियों के पसंद के खाने-पीने का सामान उपलब्ध कराना है। साथ ही स्थानीय खान-पान की बिक्री कराने पर जोर दिया जाना है। इसके साथ ही यात्रियों को अपने पसंद के बोतल बंद पानी उपलब्ध कराने का आदेश द‍िए गए हैं। इसके बाद बोतल बंद पानी बनाने वाली कंपनियों ने भी आवेदन भी किया है। रेलवे के शर्त में ट्रेन व स्टेशनों पर अन्य ब्रांड की बोलत बंद पानी 15 रुपये की दर बिक्री करनी होगी। ।हरिद्वार में पतंजल‍ि का बोतल बंद पानी काफी प्रचलित है, स्टेशन पर उसकी भी बिक्री करने की अनुमति म‍िलेगी। इसके अलावा किंग फिशर जैसी कई कंपनियों ने बोतल बंद पानी स्टेशनों पर बेचने की अनुमति मांगी है। मंडल रेल प्रशासन ने चार जूनियर अधिकारियों की समिति गठित की है। समिति के सदस्य आवेदन करने वाली कंपनियों के पानी पैक करने वाले प्लांट का निरीक्षण करेंगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर ब्रांडेड कंपनियों की बोतल बंद पानी बेचने की अनुमति दी जाएगी। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि रेल नीर के अलावा ब्रांडेड कंपनी का पानी बेचने की अनुमति देने के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है। समिति की रिपोर्ट मिलते ही स्टेशनों पर ब्रांडेड कंपनियों की बोतल बंद पानी की बिक्री शुरू हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11a6510739f60aaca7b28f0748b93e6680eacaa7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65628.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +न्‍यूयार्क, आइएएनएस। दुनियाभर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर एक सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। कोरोना जांच के नतीजे को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दिन और रात के हिसाब से जांच का नतीजा बदल सकता है। अमेरिका के वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के अध्ययन में कहा गया है कि वायरस समय और व्यक्ति के बाडी क्लाक के हिसाब से अलग-अलग तरीके से व्यवहार करता है। + +दोपहर में सबसे सटीक नतीजा।अध्ययन में कहा गया है कि रात की तुलना में यदि किसी ने सैंपल दोपहर में दिया हो तो संक्रमित होने की सटीक जानकारी मिलने की उम्मीद दोगुना रहती है यानी दोपहर के समय जांच से फाल्स निगेटिव की आशंका कम हो जाती है। फाल्स निगेटिव उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें संक्रमित होने पर भी जांच रिपोर्ट में निगेटिव आ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3111276c8f8f8a344aa02a25a32458eed0e81912 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65631.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तापमान बढ़ने से जलस्रोत।यह निष्कर्ष साइंटिफिक रिपो‌र्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस शोध में पानी का तापमान बढ़ने (वार्मिग) और इस कारण कार्बनिक तत्वों की घुलनशीलता बढ़ने से उसका रंग बदलने (ब्राउनिंग) के असर का अध्ययन किया गया है। डार्कमाउथ कालेज के शोधार्थी तथा इस अध्ययन के मुख्य लेखक पियानपियन वू ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ने तथा जमीन से पानी में कार्बनिक तत्वों की आपूर्ति पर असर होने की संभावना व्यक्त की गई है। + +पानी के बदलते रंग का अध्‍ययन ।पियानपियन वू का कहना है कि हमने पहली बार बढ़ते तापमान के कारण पानी के बदलते रंग के बारे में अध्ययन किया है। इसके लिए मेसोकोस्म सिस्टम का प्रयोग किया गया है। यह एक प्रायोगिक प्रणाली है, जो नियंत्रित परिस्थितियों में प्राकृतिक वातावरण की जांच करती है। मेसोकोस्म सिस्टम क्षेत्र सर्वेक्षण और अत्यधिक नियंत्रित प्रयोगशाला प्रयोगों के बीच एक कड़ी प्रदान करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aac6ee12f661050f7eee97309263a5b041f03043 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65632.txt @@ -0,0 +1,6 @@ + नई दिल्ली, प्रेट्र। पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आरवी रवींद्रन करेंगे। इस कमेटी से कहा गया है कि पेगासस से जुड़े आरोपों की तेजी से जांच कर रिपोर्ट सौंपे। अब 8 हफ्ते बाद फिर इस मामले में सुनवाई की जाएगी। पेगासस मामले की तीन सदस्यीय जांच कमेटी में पूर्व आइपीएस अफसर आलोक जोशी और इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ स्टैंडर्डाइजेशन सब कमेटी के चेयरमैन डा. संदीप ओबेराय भी शामिल किए गए हैं। साइबर सुरक्षा, डिजिटल फोरेंसिक, नेटवर्क और हार्डवेयर के तीन विशेषज्ञों को मामले की पूछताछ, जांच और तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही तीन सदस्यीय टेक्निकल कमेटी भी बनाई गई है। इसमें साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिंक के प्रोफेसर डा. नवीन कुमार चौधरी, इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डा. प्रभाकरन पी और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अश्विन अनिल गुमस्ते के नाम शामिल हैं। ये सभी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आरवी रवींद्रन को रिपोर्ट करेंगे। + +जानें तीन सदस्यीय टेक्निकल कमेटी के बारे में।नवीन कुमार चौधरी तकनीकी पैनल के पहले सदस्य साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के प्रोफेसर और गुजरात के गांधी नगर के राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के डीन हैं। शीर्ष अदालत के फैसले में कहा गया है कि उनके पास शिक्षा, साइबर सुरक्षा सक्षम और विशेषज्ञ के रूप में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। उनके पास साइबर सुरक्षा नीति, नेटवर्क भेद्यता मूल्यांकन और प्रवेश परीक्षण में विशेषज्ञता है। तकनीकी समिति के दूसरे सदस्य इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डा. प्रभाकरन पी केरल के अमृतापुरी के अमृता विश्व विद्यापीठम में कार्यरत हैं। उन्हें कंप्यूटर विज्ञान और सुरक्षा क्षेत्रों में दो दशकों का अनुभव है। उनकी रुचि के क्षेत्र मैलवेयर का पता लगाना, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा सुरक्षा, जटिल बाइनरी विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग हैं। प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनके कई प्रकाशन हैं। + +जानें क्या है पेगासस विवाद ? ।खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय ग्रुप का दावा किया था कि इजराइली कंपनी एनएसओ के जासूसी साफ्टवेयर पेगासस से 10 देशों में 50 हजार लोगों की जासूसी हुई। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल करीब 300 से अधिक लोगों के फोन टेप किए गए हैं।। इसे लेकर भारत की संसद में खूब हंगामा हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e21ee36a1994abd0c93d43ee9902fd56aa0142a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाद में बंबई (अब मुंबई) आए इस परिवार की कन्या का विवाह लगभग नौ साल की उम्र में ही प्रगतिशील विचारों वाले आनंदराव कुंदापुर के पुत्र संजीवराव कुंदापुर से हुआ। इसके बाद भवानी गोलिकेरी उमाबाई कुंदापुर कहलाने लगीं। ससुर आनंदराव महिला शिक्षा आंदोलन से प्रभावित थे। इसलिए बहू उमाबाई की भी शिक्षा जारी रही। उमाबाई बाद में अपने ससुरजी के साथ बंबई में गोंडवी महिला समाज के जरिए महिलाओं को शिक्षित करने में लग गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2acf2ae627a08dcd7122ae1ed83b5a9cc3cb9f11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65636.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित नया शोध वह रास्ता उपलब्ध कराएगा, जिसके जरिये एंटीबायोटिक्स का असर बढ़ जाएगा और डाक्टरों को मरीज की एंटीबायोटिक की खुराक बढ़ाने अथवा नई दवा की खोज पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ेगा। बैक्टीरियल इंफेक्शन (जीवाणु संक्रमण) के दौरान शरीर कीमोअट्रेक्टेंट नामक मोलेक्युल्स के जरिये संक्रमण वाले स्थान पर न्यूट्रोफिल पैदा करता है। + +मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट से जुड़ी मुख्य शोधकर्ता डा. जेनिफर पायने ने कहा, 'जब हम यह पता लगाते हैं कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया का मुकाबला कैसे करती है, तो दो अहम पहलुओं पर गौर करते हैं। पहला, बैक्टीरिया को फंसाकर उसे मार डालने की हमारी क्षमता तथा दूसरा कीमोअट्रेक्टेंट व सफेद रक्त कोशिकाओं की प्रतिक्रियाएं जो संक्रमण को खत्म करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करती हैं।'।शोधकर्ताओं ने फार्मिल पेप्टाइड के रूप में चर्चित एक कीमोअट्रेक्टेंट को वैनकोमाइसिन से जोड़ा। इसके बाद गोल्डन स्टैफ संक्रमण नामक एक खतरनाक एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया पर अध्ययन किया गया। वैनकोमाइसिन सामान्य प्रयोग में आने वाली एक एंटीबायोटिक दवा है, जो बैक्टीरिया की सतह को बांधती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2738700f2fdc0c8b7795979fc74694fdbdb4b7e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65638.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। इंडोनेशिया के पूर्व राष्‍ट्रपति की बेटी सुकमावती ने अपने 70वें जन्‍मदिन पर इस्‍लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। उन्‍होंने मंगलवार को इंडोनेशिया की सबसे ज्‍यादा हिंदू आबादी वाले राज्‍य बाली में हिंदू धर्म स्‍वीकार किया। इंडोनेशिया के पहले राष्‍ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी है। देश की पांचवी राष्‍ट्रपति मेघावती सुकर्णोपुत्री की बहन है। तीन वर्ष पहले इस्‍लाम की निंदा का आरोप लग चुका है। आखिर कौन है सुकमावती। सुकर्णोपुत्री सुकमावती क्‍या है विवादों से नाता। + + इस्लाम को बदनाम करने का आरोप : वर्ष 2018 में सुकर्णोपुत्री सुकमावती की एक कविता काफी वायरल हुई थी। यह कव‍िता इस्‍लाम विरोधी है। कई समूहों ने उनकी तरफ से एक फैशन इवेंट में पेश की गई कविता को लेकर पुलिस से शिकायत की थी। उन पर इस्लाम धर्म को बदनाम करने का भी आरोप लगा था। देश में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने इस कव‍िता का विरोध किया था। कई इस्‍लामिक समूहों ने उनके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत की थी। इन समूहों ने उन पर कविता के जरिए शरिया कानून, हिजाब की आलोचना करने और मुस्लिमों से प्रार्थना करने की अपील करने का आरोप लगाया था। इसके चलते पूर्व राष्ट्रपति की बेटी को आगे आकर माफी मांगनी पड़ गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65639.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9273503c96b375e1822d59e9d9cd688760ff94a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Leprosy Free India Campaign आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है और देश तरक्की के उस मुकाम की ओर अग्रसर है, जहां हम लेप्रोसी जैसी बीमारी से मुक्त होने के करीब हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में कुष्ठ रोग मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया था। जिसका लक्ष्य है वर्ष 2025 में देश को कुष्ठ रोग से मुक्त कराना है। इस अभियान के तहत घर-घर जाकर रोगियों की पहचान, संक्रमितों को मुफ्त दवा व आवश्यक होने पर सर्जरी आदि की सुविधा सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8af8629a9b2cd06d268337dc78e81accd37102ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तस्वीरों को शेयर करते हुए सुनीता कपूर ने कैप्शन में लिखा, '14.08.2021... मेरी प्यारी सी राजकुमारी और बेटे करण के लिए... प्यार केवल एक शब्द है, केवल तब तक जब कोई जिंदगी में आए और इसे मायने दे। मैं दुआ करती हूं कि तुम दोनों कभी भी एक दूसरे से चकित होना बंद ना करें और एक दूसरे के प्यार में पड़ने से भी कभी ना रुकें। आप दोनों की जिंदगी और घर हमेशा खुशियों से भरा रहे। मैं आप दोनों से बहुत प्यार करती हूं।'।सुनीता कपूर के स पोस्ट को खूब पसंद किया जा रहा है। रिया कपूर ने भी इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा है, 'आई लव यू मम्मी'। बता दें कि रिया कपूर और करण बूलानी ने 14 अगस्त 2021 को शादी की थी। इन दोनों की शादी काफी साधारण तरीके से और घर में ही हुई। इस शादी में केवल परिवार के सदस्य और करीबी दोस्त ही शामिल हुए थे। शादी की रस्में अनिल कपूर के जुहू स्थित बंगले में हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c87db84760802517c42a12aa21644ca169118508 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65642.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को विकसित करने के लिए सरकार विभिन्न स्तर पर प्रयास कर रही है। यह सर्वविदित है कि पर्यटन प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सबसे सशक्त माध्यम है। सरकार को अहसास है कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड के सपने को पूरा करने के लिए पर्यटन को प्रोत्साहन देना जरूरी है। इसी के तहत प्रसिद्ध चार धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पुराने पैदल मार्गों की तलाश के लिए 25 सदस्यीय दल रवाना किया गया है। + +बताया गया है कि यह दल 50 दिन में 1200 किलोमीटर की यात्राा कर उन सदियों पुराने मार्ग को खोजेगा, जो अब अपना अस्तित्व खो चुके हैं। जानकारों के मुताबिक, चार धाम यात्रा मार्ग पर एक जमाने में 80 चट्टियां (यात्रियों के लिए विश्रम स्थल) होती थीं। इन स्थानों पर बाबा काली कमली ने धर्मशालाओं का निर्माण भी कराया था, लेकिन यात्रा के आधुनिक साधन विकसित होते ही इनमें से ज्यादातर चट्टियों का अस्तित्व समाप्त हो गया। बताया जा रहा है कि वर्तमान में महज 30-32 चट्टियां ही रह गई हैं। यह अभियान दल ऐसे ही स्थानों के बारे में जानकारी जुटाकर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4dfc35c533aaec7dbe7629aafc31f06a1836d3c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65643.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +कुल्लू, कमलेश वर्मा। Kullu Kashkuni Style House, जिला कुल्लू काष्ठकुणी शैली (लकड़ी से बने) मकानों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। हालांकि इन मकानों की जगह अब धीरे-धीरे आधुनिक मकान ले रहे हैं। लेकिन अधिकतर गांवों में आज भी काष्ठकुणी शैली के ही मकान हैं। मणिकर्ण घाटी के प्रसिद्ध मलाणा गांव में भी काष्ठकुणी शैली के ही मकान थे। लेकिन दो बार आग की भेंट चढ़े इस गांव में अब लकड़ी के मकान कम ही रह गए हैं, जिनमें से गत रात हुए अग्निकांड में अधिकतर घर राख हो गए हैं। वहीं, जिला के सभी मंदिर काष्ठकुणी शैली से बने हुए हैं। + +लकड़ी का होता है अधिक इस्तेमाल।काष्ठकुणी शैली के मकानों में अधिकतर लकड़ी का इस्तेमाल होता है।इस शैली के मकान में सीमेंट का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं किया जाता है और दीवारों पर मिट्टी और गोबर के मिश्रण से बने पदार्थ का पलस्तर किया जाता है और साथ में लकड़ी इस्तेमाल की जाती है। गांव में घर एक दूसरे से सटे होने तथा घर की निचली मंजिल में घास व लकड़ी रखने की वजह से आग की एक चिंगारी पूरे घर को राख में बदलने को देरी नहीं लगाती। कुल्लू जिला में अब तक भीषण अग्निकांडों में काष्ठकुणी शैली से बने पूरे पूरे गांव भी आग की भेंट चढ़े हैं। मलाणा गांव दो बार पूरी तरह से जल चुका है। मलाणा गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि गांव तक सड़क सुविधा न होने के कारण फयर ब्रिगेड पहुंचना मुमकिन नहीं। + +एक-दूसरे से सटे हैं मकान।पहाड़ों पर बने लकड़ी के इन मकानों को देखकर पर्यटक भी उनकी ओर खींचे चले आते हैं। हालांकि बीते कुछ दशकों से जिला कुल्लू में कंक्रीट के जंगल बनने शुरू हुए और लोगों ने सीमेंट के मकान बनाने शुरू कर दिए लेकिन पर्यावरण में आए बदलाव के चलते अब एक बार फिर से लोग पत्थर और लकड़ी से बने मकानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और ग्रामीण इलाकों में लोग काष्ठकुणी जिन्हें कुल्लवी बोली में काठकुणी कहा जाता है के भवनों का निर्माण कर रहे हैं। + + गर्मियों में ठंडे व सर्दियों में गर्म होते हैं मकान।इस शैली से बने मकानों की खासियत यह है कि गर्मियों में यह ठंडे और सर्दियों में गर्म होते हैं। गर्मियों के मौसम में भी ऐसे घरों में पंखों की जरूरत नहीं होती है। यह मकान भूकंपरोधी भी होते हैं जिसका प्रमाण जिला कुल्लू का नग्गर कैसल और चैहणी कौठी है।इस शैली के घर व मंदिर बनाने वाले कारीगर कई बार तो लोहे की कील का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। लकड़ी को आपस में जोड़ने के लिए लकड़ी की ही कील तैयार कर उसे जोड़ा जाता है। इस शैली की खासियत लकड़ी पर की गई नक्काशी है जो यहां की कला की एक विशेष पहचान है। इसे हाथ से उकेरा जाता है और इन्हें बनाने में बहुत समय लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65644.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65644.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4330e38ea165d8aa491e2e03ca778a81312a4a03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65644.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में पहले 15 से 20 हजार नारियल प्रतिदिन आते थे। कभी-कभी दो से तीन दिन में ही आवक हो पाती थी, लेकिन वर्तमान में पूरे दिन नारियल के ट्रक मंडी में उतरते देखे जा सकते हैं। ट्रक में से 10 से 20 पीस के नारियल के कट्टे मंडी में पूरे दिन पल्लेदार तैयार करते रहते हैं, जिनको आगरा सहित आस-पास के क्षेत्र में भेजा जाता है। डेंगू के प्रकोप के कारण आगरा से अधिक नारियल की मांग फिरोजाबाद में है। आठ से 10 हजार पीस नारियल प्रतिदिन फिरोजाबाद जा रहा है। थोक विक्रेता गजेंद्र सिसौदिया ने बताया कि नारियल की भरपूर आवक हो रही है। एक दिन में तीन से पांच गाड़ी तक आ जाती हैं। पिछले दिनों से मांग बढ़ी है और फुटकर खरीद करने वाले भी सीधे मंडी आ रहे हैं। थोक विक्रेता जमील ने बताया कि थोक में दाम पिछले दिनों तक 36 रुपये प्रति पीस था, जो अब 40 से 45 रुपये प्रति पीस हो गया है। वहीं फुटकर विक्रेता जमकर मनमानी कर रहे हैं। गत दिनों तक मंडी से लाने के बाद 10 रुपये प्रति पीस अतिरिक्त में नारियल फुटकर में उपलब्ध कराया जाता था। वर्तमान में दाम प्रति पीस 60 से 70 रुपये कर दिया है। वहीं कुछ तो मनमाने दाम वसूल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e19f14146b75bde6d346e5a70ec04141ea717c6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65648.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +निर्माण संबंधी खामियों को करना होगा दुरुस्त। दिल्ली में बड़ी समस्या फुटपाथ, सड़क और डिवाइडर पर पांच से आठ फुट की ऊंचाई तक पेड़ों का होना भी है। यह महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा फुटपाथ पर धड़ल्ले से दो पहिया वाहन चलते हैं। वाहनों की पार्किंग होती है दुकानदार उन पर अतिक्रमण कर लेते हैं। दिक्कत यह है कि सिविक एजेंसियों में फुटपाथ के निर्माण को लेकर गंभीरता या योजना नहीं दिखती है। इसलिए अगर सड़क चौड़ा करना हो या शौचालय की आवश्यकता हो तो सबसे पहले निशाना फुटपाथ को ही बनाया जाता है। इसी तरह बस स्टैंड के निर्माण में भी खामियां देखने को मिलती है। + +कई बस स्टाप इस तरह बने हैं, जहां तक बस पहुंचती ही नहीं है। ऐसे में बस पकड़ने के लिए लोग सड़कों पर खड़े होने को मजबूर होते हैं। कई रेड लाइट पर जेब्रा क्रासिंग, टेबल टाप तथा रिफ्यूज आइलैंड का निर्माण तक नहीं है। जहां निर्माण हुआ भी है तो वह अतिक्रमण का शिकार है या फिर उसके डिजाइन में खामियां हैं, जिसके चलते वह सड़क पार करने वाले लोगों के लिए महत्वहीन हो जाता है। इसी तरह बात अगर फुटओवर ब्रिज और अंडरपास की की जाए तो यह भी पैदल चलने वालों के लिए काफी मायने रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81a68a7ab7a3b2f18e65a5a93eeae6dd61144ef5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65652.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्लाइमेट इमरजेंसी : क्लाइमेट इमरजेंसी या जलवायु आपातकाल की बात कोई कपोल-कल्पना नहीं है। आज से दो साल पहले नवंबर, 2019 में विज्ञान के एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल-बायोसाइंस द्वारा भारत समेत दुनिया के 153 देशों के 11,258 विज्ञानियों के बीच एक शोध अध्ययन कराया गया था। उसमें बताया गया था कि पिछले 40 वर्षो में दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों के अबाध उत्सर्जन और आबादी बढ़ने के साथ-साथ पृथ्वी के संसाधनों के अतिशय दोहन, जंगलों के कटने की रफ्तार बढ़ने, ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने और मौसम के पैटर्न में बदलाव से हालात क्लाइमेट इमरजेंसी वाले हो गए हैं। अगर जल्द ही जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई तो इंसान के विलुप्त होने तक खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि इससे पहले ब्रिटेन और आयरलैंड ने अपने यहां जलवायु आपातकाल घोषित कर दिया था। ब्रिटेन दुनिया का ऐसा पहला देश है, जिसने एक मई, 2019 को सांकेतिक तौर पर अपने यहां जलवायु आपातकाल घोषित किया था। पड़ोसी आयरलैंड ने उसका अनुसरण किया। 10 मई, 2019 को आयरलैंड की संसद ने जलवायु आपातकाल घोषित किया था। सवाल है कि दुनिया में क्लाइमेट इमरजेंसी की नौबत क्यों आई है?।हमें नहीं धरती की चिंता : इसके पीछे कुछ कारण तो बिल्कुल साफ हैं। जैसे हर किस्म का प्रदूषण फैलाना और दूसरे जीवों की फिक्र छोड़कर सिर्फ अपने विकास के लिए पृथ्वी के संसाधनों का बेतहाशा दोहन करना। प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जैसी चीजें एक समस्या हैं, पर ये असल में इंसान की उस प्रवृत्ति की देन हैं, जिसमें उसने इस जीवनदायिनी धरती से सिर्फ लेना सीखा है, लौटाना नहीं। यही वजह है कि पृथ्वी की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। हम भले ही विश्व पर्यावरण दिवस और पृथ्वी दिवस जैसे दिखाऊ आयोजन कर लें, पर सच्चाई यह है कि इसकी परवाह कोई नहीं कर रहा है कि पृथ्वी का इतने तरीकों से और इतनी अधिक बेदर्दी से दोहन हो रहा है कि धरती हर पल कराह रही है। + +हर साल पर्यावरण संबंधी जो रिपोर्ट आती हैं, उनसे पता चलता है कि पृथ्वी के वायुमंडल में पहले से ज्यादा जहरीली ग्रीनहाउस गैसें और गर्मी घुल गई हैं। इनके चलते ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगे हैं। इन वजहों से पृथ्वी के जीवन में रंग घोलने वाली तितलियों, मधुमक्खियों, चिड़ियों, दुर्लभ सरीसृपों और विभिन्न जीव-जंतुओं की सैकड़ों किस्में हमेशा के लिए विलुप्त हो गई हैं। जंगल खत्म हो रहे हैं। पानी का अकाल पड़ रहा है। मरुस्थलों के फैलाव की रफ्तार में तेजी आ रही है। कार्बन डाईआक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों की मात्र काफी ज्यादा बढ़ गई है। नदियों से भी आस टूट रही है। उम्मीद थी कि पृथ्वी का कुछ जीवन ये नदियां बचा लेंगी, पर उन्हें भी भयानक ढंग से प्रदूषित कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e034edf4f572ba598f2cd6cfa7a425c0c340ceec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]।  कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कल पंजाब की सियासत में बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। पक्‍के संकेत हैं कि कैप्‍टन आज अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। बताया जाता है कि वह अपनी नई पार्टी का गठन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तर्ज पर करेंगे। इसके साथ ही उनकी योजना है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगााल की टीएमसी के अंदाज में पंजाब में कांग्रेस की जगह ले। इस बारे में कैप्‍टन के करीबी सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने बड़े संकेत दिए हैं। इससे साफ है कि कैप्‍टन पंजाब में कांग्रेस की जगह खाली कर अपनी पार्टी के उसकी जगह लेने की तैयारी में हैं। इससे आने वाला समय कांग्रेस के लिए बेहद चुनौती भरा हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1cde52e11634f210499794e2822dea93f8f26cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65655.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डाक्टरों ने कोरोना की पहली लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती किए गए कोरोना के 245 मरीजों पर एक अध्ययन किया है। इसमें 190 नौकरी पेशा लोग शामिल थे, जिनमें 99 सरकारी नौकरी जबकि 47 निजी कंपनियों के कर्मचारी शामिल थे। इस अध्ययन को डाक्टरों ने हाल ही में मेडिकल जर्नल (जर्नल आफ फैमिली मेडिसिन व प्राइमरी केयर) में प्रकाशित किया है। + +अध्ययन के दौरान 24.7 फीसद मरीजों ने बताया कि उन्होंने कोरोना होने पर इलाज के लिए व्यक्तिगत अवकाश लिया। ये सभी निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी थे। अध्ययन में कहा गया है कि व्यक्तिगत अवकाश के बदले वेतन में कटौती हुई। इसलिए कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा के लिए बीमारी व आइसोलेशन में रहने के दौरान वेतन कटौती के बगैर विशेष अवकाश का प्रविधान निजी क्षेत्र में भी होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4cba90a1024a9e7282940c3afbc505c975f1deb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2017 में शुरू हुई थी गोवंश तस्‍करों के खिलाफ कार्रवाई।2017 में सूबे में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद गोवंशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इससे प्रदेश में निराश्रित गोवंशी की संख्या बढऩे लगी। जिले में भी 25 हजार से अधिक निराश्रित गोवंशी हैं। तीन साल पहले जिले में निराश्रित गोवंशी की संख्या बढऩे पर प्रशासन ने पीपीपी माडल पर प्रदेश का पहला गोवंश विहार विकसित करने का फैसला लिया था। इसके लिए गाजियाबाद के रमेशचंद्र चैरिटिबल ट्रस्ट से अनुबंध किया गया। गभाना के कंदौली-कोमला पंचायत की 56 हेक्टेयर सरकारी जमीन मुफ्त में ट्रस्ट को दी गई। शर्त यह थी कि यह भूमि केवल गोवंशी के संरक्षण में ही उपयोग की जाएगी। गोवंशी को रखा जाएगा। जमीन पर चारा बोया जाएगा। राजस्व परिषद ने भी इन्हीं शर्तों पर एनजीओ को जमीन देने के लिए मुहर लगाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd0a14022abfad70568644346e34f58a8c05f178 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65658.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीआरडीए के परियोजना प्रबंधक सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि मनरेगा से हर ब्लाक में जल संरक्षण के लिए काम हो रहा है। ठाकुरद्वारा की ग्राम पंचायत कुंआखेड़ा में राप्ती नदी का जीर्णोद्वार कार्य कराकर 994 लोगों को राेजगार मुहैया कराया गया। डिलारी के जलालपुर खालसा गांव में तालाब का जीर्णोद्वार हुआ है। मुरादाबाद ब्लाक के साहूनगला गांव में शहाबुद्दीन को मत्स्य पालन के लिए तालाब का निर्माण करके दिया गया है। ठाकुरद्वारा के भायपुर गांव में तालाब के डिगिंग एंड रिनोवेशन कराकर खूबसूरत बना दिया। बिलारी ब्लाक के मुड़िया राजा गांव में पानी बचाने के लिए सोकपिट (सोख्ता) का निर्माण हो रहा है। डींगरपुर (कुंदरकी) के महलौली, चिड़ियाठेर, तेवरखास गांवों में भी पानी बचाने के लिए काम हो रहा है। मुरादाबाद में जल संचयन के लिए नए तालाब खोदे गए हैं। नालों का निर्माण करके पानी को बचाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b42a2518deebe1909021af734a9bd40c8bfeec97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6566.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। टेलीविजन का सबसे चर्चित और पसंद किया जाने वाला रियलिटी शो बिग बॉस इस बार टेलीविजन से पहले ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया जा रहा है। शो अपने टेलीविजन प्रीमियर से करीब छह हफ्ते पहले Voot पर प्रसारित किया जा रहा है। शो के पहले हफ्ते से ही सभी कंटेस्टेंट्स दर्शकों का मनोरंजन करने में लगे हुए हैं। अब हाल ही में शो के दूसरे हफ्ते के घर के कुछ सदस्यों ने पूल पार्टी की है। + +शेयर किए गए वीडियो में सबसे पहले जीशान खान और मिलिंद गाबा, निशांत भट्ट को गोद में उठाकर पूल में फेंक देते हैं। ये देख नेहा भसीन भी पूल में तुरंत कूद जाती हैं और फिर मिलिंद गाबा और जीशान खान भी पूल में ही कूद जाते हैं। ये सभी पूल में मस्ती करने लगते हैं। वहीं बाकी कंटेस्टेंट्स इन्हें देख मजे लेते हैं। वहीं इस वीडियो को देख बिग बॉस के दर्शक भी इन चारों की मस्ती को खूब पसंद कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2115e56ca20179e5c17a0f093e325f87f2eb28a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65660.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रेशर कुकर में बजेगी सीटी, मिलेगा सोंधेपन का स्वाद : बिहारी लाल प्रजापति बताते हैं कि सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट खुर्जा केंद्र में प्रेशर कुकर और अन्य विशेष बर्तनों को बनाने का गुर सीखा। उन्होंने बताया कि कुकर बनाने के लिए स्थानीय मिट्टी समेत अन्य पदार्थों की अलग-अलग मात्रा होगी। इसके साथ कई प्रकार के पाउडर मिलाए जाते हैं। इससे कुकर की मजबूती बढ़ेगी। सभी को मिलाकर पांच घंटे तक गूंथा जाएगा। उसके बाद आकार देकर इसे आग में पकाया जाएगा। बताया कि इस कुकर में प्रचलित आधुनिक प्रेशर कुकर की तरह ही दाल, चावल व सब्जियां पकाई जा सकेंगी। खूबी यह होगी कि इसमें पकाए खाने में आपको मिट्टïी के सोंधेपन का स्वाद भी मिलेगा। हालांकि इसकी कीमत के बारे में बिहारी लाल का कहना है कि उत्पादन ।शुरू होने पर ही मूुल्य निर्धारित होगा। + +विशेष जगहों पर ही खास बर्तनों की मांग : बिहारी लाल के मुताबिक अभी लोगों को इस तरह के मिट्टïी के बर्तनों के बारे में जानकारी कम है, इसलिए अभी ऐसे बर्तनों की मांग बहुत कम है। अभी बाजार में भी कुछ दुकानों में ही मिट्टïी का तवा उपलब्ध है। इसकी कीमत 70 से 150 रुपये तक है। प्रयोग के तौर पर ही मिट्टïी की कड़ाही भी बनाने की तैयारी है। इसके अलावा पानी की बोतल, प्लेट, गिलास और रसोई में प्रयोग होने वाले लगभग 15 प्रकार के बर्तन बनाए जा रहे हैं। खास बर्तनों की मांग विशेष मौके पर की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c50c93968e032c35627b4573351082cdf973089 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65661.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जूनियर वकील बन कर शुरू किया करियर।मशहूर वकील मुकुल रोहतगी ने अपनी कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट ला कालेज से की है। वहां से निकलने के बाद रोहतगी ने उस समय के मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल का जूनियर बनकर प्रैक्‍ट‍िस शुरू की। ज्ञात हो कि योगेश कुमार सभरवाल 2005-2007 तक देश के 36वें मुख्य न्यायाधीश भी रहे थे। 1993 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने मुकुल रोहतगी को सीनियर काउंसिल का दर्जा दिया गया और उसके बाद 1999 में रोहतगी एडिशनल सालिसिटर जनरल बन गए। + +इसे भी पढ़ें: जानें कौन हैं आर्यन खान के वकील सतीश मानशिंदे? सलमान, रिया और संजय दत्त के भी रहे चुके हैं वकील।मुकुल रोहतगी रह चुके हैं देश के अटार्नी जनरल।मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्‍ली हाईकोर्ट के जज रह चुके थे। उनको 19 जून 2014 को देश का अटार्नी जनरल बनाया गया था। मुकुल 18 जून 2017 तक देश के 14वें अटार्नी जनरल के पद पर रहे। मुकुल रोहतगी देश के जाने माने वकील और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98cdad6e777c0e0880a3e891afd0b640f6d7a9f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + लंबे समय से सेना और सरकार में जारी था गतिरोध।गौरतलब है कि सूडान में लंबे वक्‍त से उमर अल बशीर को दो वर्ष पूर्व सत्‍ता से हटाए जाने के बाद एक अंतरिम सरकार अस्तित्‍व में आई थी। तब से सेना और सरकार के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। खास बात यह है कि सूडान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से उसे काफी मदद मिल रही थी, लेकिन तख्‍तापलट के बाद इस मदद पर रोक लग सकती है। अगर ऐसा हुआ तो सूडान की माली हालत काफी खराब हो जाएगी। ।म्यांमार में सेना ने किया तख्तापलट ।फरवरी, 2021 में म्यांमार में सेना ने तख्तापलट की कार्रवाई की थी। तख्‍तापलट के बाद म्‍यांमार की सेना देश की नेता आंग सान सूची को नजरबंद कर दिया था। सेना ने उप पर कई आरोप लगाए हैं। एक फरवरी को सेना के सत्ता अपने हाथों में लेने के बाद से न तो आंग सान सू ची की तरफ से और न ही राष्ट्रपति विन मिन की तरफ से कोई बयान आया है और न ही उन्हें सार्वजनिक तौर पर कहीं देखा गया है। आंग सान सू ची पर आयात निर्यात के नियमों के उल्लंघन करने और गैर कानूनी ढंग से दूरसंचार यंत्र रखने के आरोप लगाए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd17cd1892e5b573f572255d18eaef326833d6ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65663.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अरुण श्रीवास्तव]। ज्यादातर स्टूडेंट अपनी आगे की पढ़ाई और करियर को लेकर दुविधा में होते हैं। उन्हें किस तरह पढ़ाई करनी है किस तरह से एक्जाम क्रैक करने के लिए प्लान बनाना है। छात्र-छात्राओं के लिए यह सभी जरूरी प्वाइंट होते हैं। इस तरह की दुविधा से जुड़े पाठकों के सवालों के उत्तर दे रहे हैं वरिष्ठ करियर काउंसलर अरुण श्रीवास्तव...।मैं बारहवीं का छात्र हूं। जेईई मेंस और एडवांस देना चाहता हूं। इसके लिए मुझे क्या तैयारी करनी होगी? कृपया मेरा मार्गदर्शन कीजिए। + +मैंने 12वीं बायोलाजी से किया है। मैं डीएम बनना चाहती हूं। इसके लिए मुझे आगे क्या चाहिए?।प्रिया शर्मा, ईमेल से।डीएम (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) आइएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) होते हैं। आइएएस का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर साल आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होता है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए किसी भी स्ट्रीम से स्नातक पास होने की जरूरत होती है। ऐसे में आपको फिलहाल अपनी पसंद की स्ट्रीम और विषयों के साथ ग्रेजुएशन करने पर ध्यान देना चाहिए। इस दौरान आपको यूपीएससी के सिलेबस और पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नपत्रों का अच्छी तरह अवलोकन करते हुए अपनी तैयारी को भी आगे बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर होगा कि अपनी तैयारी की शुरुआत आप एनसीईआरटी की किताबों (छठीं से बारहवीं तक की) के अध्ययन से करें। साथ ही, समसामयिक विषयों को अच्छी तरह जानने-समझने के लिए राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र भी नियमित रूप से पढ़ें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..650e9e3b8c14d7665d5ae1fcdc682e15cd040bdb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65664.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो पार्ट में है डिवाइस। डिवाइस दो पार्ट में है। स्मार्ट स्प्रेयर यूनिट और स्मार्ट मिक्सिंग यूनिट। स्मार्ट स्प्रेयर यूनिट में फोल्डिंग राड लगी है। इस राड की लंबाई पांच फीट तक बढ़ सकती है। ऊपर के हिस्से में चार नोजल लगे हैं। इससे दीवारों पर रंग का स्प्रे होता है। एक बार में दीवार के तीन फीट हिस्से पर रंग का छिड़काव होता है। प्लेट में ही अल्ट्रासोनिक सेंसर लगा है। इसकी मदद से स्प्रे नोजल व दीवार के बीच की दूरी हर पल समान बनी रहती है। नोजल व दीवार के बीच की दूरी 20-24 इंच के बीच रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b58d1a3f7a2b4e25c73c5e2d709989d160acc16f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65666.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इस साल अब तक 1,502.8 मिमी बारिश के बाद राजधानी दिल्ली का सालाना वर्षा का भी रिकार्ड तोड़ने की ओर बढ़ रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इससे पहले राजधानी दिल्ली में 1933 में 1,534.3 मिमी वर्षा हुई थी जो 1901-2021 की अवधि में दर्ज की गई अभी तक की सबसे अधिक सालाना बारिश है। 1933, 1964 और 1975 के बाद 121 वर्षों में यह चौथी बार है जब शहर में 1,200 मिमी से अधिक वर्षा हुई है। गौैरतलब है कि सफदरजंग वेधशाला, जिसे शहर का आधिकारिक मार्कर माना जाता है, पर सोमवार शाम तक 1,502.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। 1901 के बाद से राजधानी दिल्ली में यह दूसरी सबसे अधिक बारिश है। पिछले साल दिल्ली में 773.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ce9495e9309991b54ce58be167429b889e530c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेणु जैन, इंदौर। त्योहार हों या कोई खुशखबरी, बात जब मुंह मीठा कराने की हो, तो भले ही चलन में कुछ भी हो जाए, लड्डुओं की लज्जत अपनी जगह कभी नहीं खो सकती। भारतीय समाज में कई शुभ अवसर पर लड्डुओं का आदान-प्रदान होता है। सामान्यत: पीले रंग का लड्डू ऐसी आभा लिए होता है कि सारे मिष्ठान एक तरफ हो जाते हैं। लड्डू ही एक ऐसी मिठाई है जो कई तरह से तैयार की जाती है। सैकड़ों प्रकार से बनाए जाने वाले लड्डुओं की एक विशेषता यह भी है कि शहर दर शहर लड्डू अपने अलग रंग, रूप और स्वाद में रंगता जाता है। गोल-गोल लड्डू का इतिहास भी कई रोचक और दिलचस्प कथाओं से भरा है। मानव इतिहास का अध्ययन करने वाले बताते है कि ईसा पूर्व चौथी सदी में लड्डू का आविष्कार हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति के महानुभव सुश्रुत ने किया था। उस समय घी, तिल, गुड़, शहद, मूंगफली जैसी चीजों को कूटकर गोल आकार के पिंड बनाए जाते थे जो मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होते थे। लड्डू दवा के तौर पर दिए जाएं या मिठाई के रूप में, इसको चाहने वालों की कमी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ff585da704bc015e251a9bcb901025d8aaff02e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ अनिल प्रकाश जोशी। पर्व का मतलब खुशियां, सकारात्मकता और सृजनता का जीवन में प्रवाह होना है। आज जब हम कोरोनारूपी विकट संकट के बीच जी रहे हैं तो ऐसे में दीवाली को सरलता में मनाने का संकल्प तो लेना ही होगा। डा. अनिल प्रकाश जोशी कहते हैं कि अपने आंगन में भगवान राम और माता लक्ष्मी का वास तो सभी को चाहिए मगर यह भी समझिए इस घुटन भरे वातावरण में वे कभी नहीं आने वाले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f4d6d67d531a85af2187610bb24d60cb02fd2d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65669.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जागरण संवाददाता। अब शरीर के लिए आरामदायक कपड़े बनाने की तैयारी है, जिसको पहनने से किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। पसीने की दुर्गंध से छुटकारा मिलेगा, जबकि धूल और गंदगी आसानी से छूट सकेगी। यह तकनीक चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) और उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआइ) मिलकर विकसित करेंगे। इसके लिए जल्द ही करार हो सकता है। सीएसए के विशेषज्ञों ने अलसी, हाथी घास, लेमन ग्रास समेत अन्य पौधों व उसके अवशेषों से रेशे तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। इससे कुदरती फाइबर बनाया जा सकेगा, जो कि महंगे कपड़ों के निर्माण में सहायक होगा। विशेषज्ञ नान वूवेन और लिनिन के कपड़ों पर कार्य करेंगे। + +वस्त्र एवं परिधान विभाग की प्रो. रितु पांडेय ने अलसी के डंठल से चार घंटे में ही रेशे तैयार करने की तकनीक विकसित की है। उनकी तकनीक को पेटेंट करा लिया है। उन्होंने हाथी घास, लेमन ग्रास समेत अन्य फसलों से भी रेशे तैयार किए हैं। इन रेशों को कपड़े के रूप में तैयार करने के लिए यूपीटीटीआइ के विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा। वहां कई फैकल्टी कपड़ों पर काम कर रहे हैं। प्रो. मुकेश सिंह, प्रो. शुभंकर मैती, प्रो. एके सिंह आदि शामिल हैं। सीएसए के कुलपति प्रो. डीआर सिंह ने बताया कि जल्द ही करार किया जाएगा। विश्वविद्यालय में कई नए प्रोजेक्ट लाने की तैयारी है। कुदरती तरीके से बनने वाले कपड़ों की प्रक्रिया पर छात्र उद्यमिता विकास कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1ef1f3a7bc6ec4ee10514f91977c91024cb0da4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65672.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस तकनीक की मदद के जरिये हम अपने मोबाइल से घर/आफिस की लाइटें, सेंसर वाले सीसीटीवी कैमरे और सभी विद्यदुत उपकरणों को भी चला और बंद कर सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा देशभर में स्माार्ट सिटी, स्मार्ट होम तथा स्मार्ट हेल्थ जैसी कल्‍याणकारी योजनाओ पर विशेष जोर दिए जाने से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आइओटी से कनेक्‍टेड और भी बहुत सी चीजें हमें देखने को मिलेंगी। कुल मिलाकर, आइओटी तकनीक वाले आटोमेटिक उपकरण हमारी जिंदगी को आसान बनाने के साथ-साथ करियर के नये रास्ते भी खोल रहे हैं। + +करियर संभावनाएं ।आने वाले समय में युवाओं के लिए इस फील्‍ड में कई रूपों में करियर के मौके सामने आएंगे। ऐसा इसलिए कि यह तकनीक हमारे लिए काफी सुविधाजनक है। यही कारण है कि आइओटी सक्षम उपकरणों का इस्‍तेमाल तकरीबन हर फील्‍ड में होने लगा है, जिससे हर काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इसीलिए आइओटी के जानकारों की मांग भी लगातार बढ़ रही है। आप भी आइओटी डोमेन में अपनी कुशलता बढ़ाकर आइओटी एक्‍सपर्ट के अलावा, डाटा साइंटिस्ट, नेटवर्क प्रोफेशनल, सिक्‍युरिटी एक्‍सपर्ट या एंबेडेड प्रोग्राम इंजीनियर के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं। फिलहाल, अभी ऐसे प्रोफेशनल्‍स की सबसे ज्‍यादा डिमांड गूगल, पीडब्ल्यूसी, लार्सन एंड टैब्रो, टीसीएस, एसेंचर, सिस्को, पीटीसी तथा साइंस सॉफ्ट जैसी कंपनियों में हैं, जिन्‍हें हमेशा आइओटी टैलेंट की तलाश रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34deeeb912759eb8b3a3d13cc60cbd03630898df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। बख्शी का तालाब के बरगदी कला निवासी अवधेश यादव के पास करीब एक दर्जन मवेशी हैं। उनके यहां पशुपालन विभाग का कोई कर्मचारी मवेशियों को टीका लगाने नहीं आया। मुंहपका और खुरपका बीमारी को लेकर वह परेशान हैं। अकेले अवधेश ही नहीं नदौली गांव ने सुरेश भी महीनों से टीका लगाने वाले कर्मचारियों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई नहीं आया, लेकिन राजधानी में टीकाकरण का 100 फीसद कार्य पूरा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65676.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65676.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7245b5992cea8080dda4ef38fab8146cffde5d37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65676.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी आरटीपीसीआर जांच के बिना नो एंट्री चल रही है। जबकि लोहिया संस्थान और केजीएमयू में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने की सर्टीफिकेट दिखाकर मरीज ओपीडी में परामर्श पा सकते हैं। वहीं एसजीपीजीआइ में भर्ती से लेकर परामर्श तक के लिए रोगी के साथ तीमारदार की भी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य है। इससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।एसजीपीजीआइ में मथुरा से आए समीर ने बताया कि वह अपने नौ माह के बेटे शदफ को हिमैटोलॉजी विभाग में महीनों से दिखा रहे हैं। उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। बावजूद बिना निगेटिव रिपोर्ट दिखाए अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता। ऐसे में बार-बार कोरोना जांच करानी पड़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a8ce11c3e1d97564d923f9e33ab1311ae1b83f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुप्रिया बचपन से ही आर्ट एंड क्राफ्ट के लिए पत्ते और लकड़ियां इकट्ठी कर रही हैं। उनकी डिजाइनिंग करके वे घर की सजावट में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं तैयार करती हैं। लोगों को उनका काम काफी पसंद आ रहा है। इस काम में उनके पति राजीव शर्मा सहित पूरा परिवार सहयोग कर रहा है। आर्ट के शौक ने आज उन्हें प्रसिद्ध आर्ट एंड क्राफ्ट आर्टिस्ट बना दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6568.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6568.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f7e91c03ab07a76fae4b18338db2adf5c4e6017 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6568.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl रणदीप हुड्डा को बॉलीवुड स्क्रिप्ट राइटर प्रिया शर्मा ने कानूनी नोटिस भेजा हैl प्रिया शर्मा ने आरोप लगाया है कि रणदीप ने अपना वादा पूरा नहीं किया है और अब उन्हें धमका रहे हैंl एक पोर्टल में छपी खबर के अनुसार प्रिया ने अपने वक्तव्य में कहा है, 'रणदीप और उनके दोस्तों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनके साथ काम करेंगे और उनसे उन्होंने स्क्रिप्ट और गाने ले लिए जो कि उन्होंने 15 वर्षों में लिखे हैंl'।प्रिया ने यह भी कहा कि वह अपना काम आगे धकेलते रहे और जब उन्होंने फिल्म की कहानी वापस मांगी तो उन्होंने प्रिया को धमकाया हैl प्रिया ने रणदीप हुड्डा और अन्य के खिलाफ वकील के माध्यम से 10 करोड़ रुपए की नोटिस भेजी हैl उन्होंने हरियाणा के डीजीपी को भी इस बारे में शिकायत की हैl।प्रिया शर्मा रणदीप हुड्डा के संपर्क में 2021 में सोशल मीडिया के माध्यम से आई थीl उन्होंने दावा किया कि एक बातचीत में रणदीप हुड्डा ने मां के बारे में बताया थाl इसके बाद रणदीप हुड्डा की मां ने प्रिया शर्मा को रणदीप हुड्डा के मैनेजर पांचाली चक्रवर्ती और रेणुका पिल्ले को स्क्रिप्ट भेजने के लिए कहा था। रणदीप हुड्डा फिल्म अभिनेता हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। रणदीप हुड्डा ने अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी हैl।रणदीप हुड्डा बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl रणदीप हुड्डा ने बॉलीवुड के कई कलाकारों के साथ काम किया हैl वह सलमान खान के साथ फिल्म किक में भी नजर आए थेl इस फिल्म में उनके अलावा जैकलीन फर्नान्डिस की भी अहम भूमिका थीl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ec8aa2f3bfe2769f17aa73efe93a18f7a9467e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65682.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +झारखंड में सिर्फ चतरा जिले की ही बात करें तो पिछले छह माह में करोड़ों रुपये की अफीम, डोडा व ब्राउन शुगर पुलिस ने जब्त की है। नक्सली जंगल की जमीन में अफीम की खेती करवा रहे हैं। वहीं कुछ इलाकों में ग्रामीणों को प्रलोभन देकर व बंदूक की नोक पर डरा-धमका कर अफीम की खेती करने को बाध्य किया जा रहा है। तस्कर इसे बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में भेजते हैं। चतरा के साथ ही रांची, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, लातेहार, गढ़वा, जामताड़ा समेत कई जिलों में अफीम के तस्कर सक्रिय हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65684.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3124cc173fe38234b44b3ce676f650577418f5c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65684.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। इंडोनेशिया के पूर्व राष्‍ट्रपति सुकर्णो की छोटी बेटी सुकमावती सुकर्णपुत्री के इस्‍लाम छोड़ मंगलवार को हिंदू धर्म अपनाने की खबर ने सभी जगह पर हलचल मचाई हुई है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल आबादी वाला देश है। इसके बावजूद यहां पर हिंदू धर्म की जड़ें काफी गहरी हैं। वर्ष 2018 की जनगणना के मुताबिक यहां पर हिंदुओं की आबादी 2 फीसद से भी कम है। बाली में सबसे अधिक हिंदू रहते हैं। यहां पर आधिकारिक रूप से घोषित किया गया छठा धर्म हिंदू ही है। आज भी यहां रामायण का मंचन होता है। + +पहली शताब्‍दी से हुआ हिंदू धर्म का उदय । पहली शताब्‍दी में हिंदू धर्म विभिन्‍न व्‍यापारियों, धर्म गुरुओं के माध्‍यम से इंडोनेशिया में पहुंचा था। छठी शताब्‍दी में भारत से इंडोनेशिया पहुंचा था। श्रीजीवा और मजाफित काल में भी हिंदू धर्म को यहां पर बढ़ावा मिला। मध्‍ययुगीन काल में इनके ही शासन काल में 1400 सीई में यहां इस्‍लाम का उदय हुआ था। इसकी वजह यहां के समुद्री तटों पर आने वाले मुस्लिम व्‍यापारी बने थे। इसके बाद धीरे-धीरे हिंदू धर्म पीछे छूटता चला गया और इस्‍लाम को लगातार बढ़ावा मिलता रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db527a35225f4d2e25aa871e006662c484d6f5b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नरपतदान चारण। यह सही है कि शिक्षा व्यवस्था को काफी हद तक नियमित बनाए रखने में आनलाइन माध्यम की बड़ी भूमिका रही है। लेकिन धीरे धीरे इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं जो इस बात को इंगित करते हैं कि सावधानी के साथ सभी कक्षाओं के बच्चों के लिए आफलाइन पढ़ाई शुरू होनी चाहिए। हाल ही में कोलकाता स्थित एक रिसर्च सेंटर ने विद्यार्थियों पर आनलाइन शिक्षा के प्रभाव पर अध्ययन किया है। इसके तहत विभिन्न स्कूलों में छात्रों पर आनलाइन शिक्षा के प्रभाव पर एक रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से राय ली गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8947d00f7f86d8b56de19848c45baf5161529a69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे के इंस्टाग्राम पर दो करोड़ फॉलोअर्स हो गए हैंl इसके चलते उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर अपने दो करोड़ प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया हैl साथ ही उन्होंने इसे दो करोड़ का परिवार भी बताया हैl उन्होंने लिखा है, दो करोड़ का प्यार, आप लोगों के कारण मैं बहुत खुश हूंl आप लोगों के प्यार के लिए आभारl' इसके साथ उन्होंने दिल की इमोजी भी शेयर की हैl।अनन्या पांडे ने 2019 में बॉलीवुड डेब्यू किया थाl वह तारा सुतारिया और टाइगर श्रॉफ के साथ फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर टू में नजर आई थीl अब वह अभिनेता विजय देवरकोंडा के साथ नजर आने वाली हैl हाल ही में अनन्या पांडे ने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें शेयर की थीl इसमें वह काफी खूबसूरत लग रही थीl उनकी तस्वीरों पर दिल और हार्ट की इमोजी कमेंट की जा रही थीl।तस्वीरों में अनन्या पांडे ने नेटेड ब्रा पहन रखी थीl अनन्या पांडे जल्द दीपिका पादुकोण और सिद्धांत चतुर्वेदी की फिल्म में नजर आएंगीl इस फिल्म का निर्देशन शकुन बत्रा ने किया हैl इसके अलावा वह लाइगर में भी नजर आने वाली हैl उन्होंने शकुन बत्रा की फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है। अनन्या पांडे चंकी पांडे की बेटी है और वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैंl अनन्या पांडे अक्सर जिम, फैशन और अपने काम से जुड़ी तस्वीरें पोस्ट करती हैl इसके चलते उनके फैंस भी काफी उत्साहित रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..308f805a5d615d50a5a5f9b5c1b48c2866ea4b1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65691.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हो रही है। दुर्गापूजा के समय पूजा पंडालों से शुरू हुआ कट्टरपंथियों के बर्बर अत्याचार, हत्या और दुष्कर्म का दौर कई दिनों तक जारी रहा। इस्कान मंदिर तक को निशाना बनाया गया। कई जानें गईं। दर्जनों घरों को लूटपाट के बाद फूंक दिया गया। परंतु भारत में रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठियों और नागरिकता कानून (सीएए) के मुद्दे पर हायतौबा मचाने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर चुप्पी साधे हुए हैं। रोहिंग्या व सीएए पर धर्मनिरपेक्षता, मानवता और सहिष्णुता जैसी तमाम शब्दावलियों का प्रयोग कर संविधान की दुहाई देने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों की जुबान को इस मुद्दे पर मानों लकवा मार गया है। सीएए के खिलाफ हर दिन बयानबाजी, धरना-प्रदर्शन और रैलियां-जुलूस निकालने वाली राजनीतिक पार्टियां व उनके नेता और मानवता के लंबरदार अभी कहां हैं? हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश में हुई हिंसा पर क्यों नहीं वे रैली व जुलूस निकाल रहे हैं?।मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बांग्लादेश हिंसा पर रैली, जुलूस और धरना तो दूर, न तो मुंह खोला और न ही ट्विटर पर अब तक एक भी शब्द खर्च किया। रस्मी तौर पर तृममूल के एक-दो नेताओं ने कुछ ट्वीट और मीडिया में बयान दिए। उसमें भी हिंसा पर कम, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना अधिक था। मानवता और धर्मनिरपेक्षता का दंभ भरने वाले माकपाई रोहिंग्या और फलस्तीन के मुद्दे पर तो सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन बांग्लादेश में हिंसा को लेकर ट्विटर पर रस्म अदायगी और अपनी जैसी मानसिकता व सोच वाले कुछ बुद्धिजीवियों के माध्यम से एक खुला पत्र लिखकर हिंसा पर कम और मोदी सरकार पर ज्यादा निशाना साधकर महज औपचारिकता निभाते हैं। + +बांग्लादेश में हिंदुओं पर सिलसिलेवार हमलों ने विश्व बिरादरी का ध्यान खींचा है। परंतु भारत में हैरान करने वाली चुप्पी पर निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन अपने देश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। वह यह सवाल भी उठा रही हैं कि भारत में अल्पसंख्यक हितों की बात करने वाले बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चुप क्यों हैं? बांग्लादेश की एक संस्था के मुताबिक, जनवरी 2013 से इस वर्ष सितंबर तक वहां हिंदुओं पर करीब 3,679 हमले हो चुके हैं। तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश के हालात पर अपनी बहुचर्चित पुस्तक‘लज्जा’ की याद दिलाई। उन्होंने आग में धधकते हिंदू गांव की तस्वीर साझा करते हुए कुछ दिन पहले ट्वीट किया और लिखा कि ‘लज्जा’ आज भी प्रासंगिक है। तसलीमा ने हिंदुओं पर अत्याचार की कई और तस्वीरें साझा करते हुए अपना रोष प्रकट किया और लगे हाथों भारत के कथित उदारवादियों की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पूछा, ‘मैं समझ नहीं पाती हूं कि अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी का समर्थन करने वाले महान भारतीय मुझसे नफरत क्यों करते हैं, जब मैं अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी का समर्थन करती हूं?’।इस बीच इस्कान से लेकर भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों की ओर से हिंसा के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। शनिवार को इस्कान की ओर से 150 देशों में लगभग 700 जगहों पर प्रदर्शन किया गया। परंतु केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में छोटी-छोटी घटनाओं पर भी मोर्चा खोलने वाले, खुद को बड़ा हिंदू बताने वाले तमाम कांग्रेसी नेता बांग्लादेश हिंसा पर क्यों नहीं मोमबत्ती लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं? वामपंथी और तृणमूल से लेकर अन्य दलों के खुद को मानवता व धर्मनिरपेक्षता का सबसे बड़ा लंबरदार मानने वाले नेता क्यों नहीं धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं?।[राज्य ब्यूरो प्रमुख, बंगाल]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52be19f8dcf2a90904aab789b5e7e6024b585645 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ । जरा सोचिये। आप अगर थाने के बाहर से गुजरें तो गेट के बाहर ही खूबसूरत पार्क देखने को मिले। रात में भी रोशनी के बीच जगमगाता पार्क आपको आकर्षित करे।अंदर दाखिल हों तो परिसर हरा-भरा रहे। बैठने की समुचित व्यवस्था हो और पुलिसकर्मी सलीके से आपकी बात सुनें। जल्द ही आपको शहर के गांधीपार्क थाने में ऐसी ही तस्वीर दिखेगी। लोगों को सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गांधीपार्क थाने को माडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a938ff336e827bb97bd5613d795ae3fbe633408e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। यह सवाल बहुत बड़ा है कि आखिर आइआइटी जैसे संस्थानों में भी शिक्षकों की कमी क्यों है लेकिन सच्चाई यह भी है कि पिछले कई वर्षों में छात्रों में शिक्षण के क्षेत्र में जाने की रुचि कम हुई है। आइआइटी शिक्षकों की भर्ती के लिए मानकों से समझौता करना नहीं चाहता है। यही वजह है कि सभी आइआइटी में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए लगातार विज्ञापन जारी करने के बाद भी इनके पद खाली बने हुए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) फिलहाल इसका समाधान खोजने में जुटा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ecac40f13ab04a0fbcd8fcb3a2b5f2a6f6336ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65703.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +95 फीसदी काम पूरा हो चुका है।पौधे लगाने का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। युवाओं ने सिर्फ पौधे लगाकर इतिश्री नहीं की, उनकी देखभाल भी की है। समिति में अब तक गांव के 85 युवा जुड़ चुके हैं। प्रधान सुरेश सिंहमार का ट्रैक्टर भी इस मुहिम के लिए 24 घंटे तैयार रहता है। सुरेश कहते हैं कि पौधों को पानी देने के लिए आईपीएस कुलदीप ने ग्रामीणों को पानी का टैंक दे रखा है। अब गांव में ऐसा माहौल बन चुका है कि युवा खुद ही पौधों में खाद-पानी देने में जुटे रहते हैं। + +हरियाणा के गांव उझाना में ग्रामीणों संग पौधा लगाते आईपीएस कुलदीप चहल। ।हर बारात में देते हैं कि 151 पौधे। उझाना के ग्रामीणों ने अब बेटियों की शादी में बारात को भी पौधे देने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में छह शादियां हो चुकी हैं, हर शादी में बरातियों को 151 पौधे दे रहे हैं। छबीलदास की बेटी, डा. संजय की बहन, सतबीर सिंह की बेटी, मांगेराम की पोती की शादी में बरातियों को पौधे दिए जा चुके हैं। 21 व 11 पौधे तो हर कार्यक्रम में देते हैं। इस मुहिम में पीजीआई में कार्यरत संजय, आबकारी विभाग में कार्यरत अनुज शर्मा, मा. जसमेर, प्रवीन, मनजीत, सतीश कुमार, हवा राम सिंह, रामकला आदि समय-समय पर पौधे लाने व अन्य कार्यों के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2e57dae40dbc55bb7c0d201874482e88a5a58fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65706.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस मुहिम में घरेलू पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाने को लेकर सबसे ज्यादा फोकस होगा। इसके लिए सभी राज्यों से जरूरी बुनियादी सुविधाएं जुटाने पर जोर दिया जाएगा। फिलहाल इसकी शुरुआत इसी हफ्ते से दक्षिण भारत के राज्यों से होगी। इस दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री इन सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के साथ सीधी बैठक करेंगे। साथ ही उनकी समस्याओं को समझेंगे। इसके अगले चरण में दूसरे राज्यों के साथ भी चर्चा की जाएगी। मंत्रालय ने यह पहल हाल ही में लेह और जम्मू-कश्मीर में टूअर आपरेटरों के साथ चर्चा में मिले फीडबैक के बाद शुरू की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cc777dc2bab1d24960c188e395e359f245e5b99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह कवायद इसलिए भी है, क्योंकि वन्यजीवों की तबियत न बिगड़े और वह पूरी तरह से स्वस्थ रहें। चिकित्सक मो.नासिर ने बताया कि वन्यजीवों के खानपान में अंडे, शहद, मूंगफली, गुड़, मेथी, हरी धनिया, अखरोट, बादाम आदि को शामिल किया जाएगा। यह सभी ऐसे आहार हैं, जिनकी तासीर गर्म रहती है। सर्दियों में वन्यजीवों की सेहत के लिए उक्त आहार पूरी तरह से फायदेमंद होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65711.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65711.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfefc495b82d8f86836ca60b76ffe025c002ba50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65711.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। माध्यमिक विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं नवंबर महीने में कराए जाने के आदेश यूपी बोर्ड ने जारी किए हैं। बोर्ड ने पूरे वर्ष का अपना शैक्षिक कैलेंडर जारी किया है। इसमें नवंबर में छमाही परीक्षा कराने के आदेश हैं। अब प्रधानाचार्यों के सामने नवंबर से परीक्षा शुरू होने के पहले विद्यार्थियों का कोर्स पूरा कराने की चुनौती भी आ गई है। ऐसे में शिक्षण कार्य पर नजर रखने की नई रणनीति को भी अमलीजामा पहनाने का समय आ गया है। यह शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। मगर इसकी शुरुआत छमाही परीक्षाओं के बाद से ही शुरू हो जाएगी। + +विद्यालयों में फाइबर इंटरनेट कनेक्‍शन की सुविधा मिलेगी।माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कोरोना काल में फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए गए थे। ज्यादातर विद्यालयों में ये व्यवस्था बनाई भी गई। जिले के 35 राजकीय व 94 एडेड कालेजों में से तमाम में सीसी टीवी कैमरों व हाईस्पीड इंटरनेट की व्यवस्था भी दुरुस्त हो गई है। कुछ वित्तविहीन कालेजों में अभी व्यवस्था होनी बाकी है। ऐसे में जिलास्तर पर अफसरों ने योजना बनाई है कि कक्षाओं में होने वाली पढ़ाई को भी निगरानी में रखा जाए? परीक्षाएं खत्म होने के बाद सीसी टीवी कैमरों व वाइस रिकार्डर को आनलाइन रखा जाए और शिक्षकों के समय से पहुंचने व शिक्षण कार्य कराने की गतिविधि पर नजर रखी जाए। इसके लिए जिला मुख्यालय नौरंगीलाल राजकीय इंटर कालेज में बने कंट्रोलरूम से इनको हर शिक्षण दिवस पर आनलाइन रखा जाएगा। इससे विद्यार्थी भी कक्षा में नियमित व अनुशासित रहेंगे अौर शिक्षक भी समय पर अपनी कक्षाओं में पढ़ाई कराने पहुंचेंगे। शुरुआती चरण में राजकीय व एडेड कालेजों में ये प्रयोग किया जाएगा। बाद में वित्तविहीन कालेजों काे भी इस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा। जिले में अभी तक जिन कालेजों में हाईस्पीड इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है उनकी सूची तैयार कराई जा रही है। फाइबर कनेक्शन उपलब्ध होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71acb4a7738edcab7dcf2834d777ee0affacd4ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65712.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। दीपावली को लेकर बाजार पूरी तरह से सज चुके हैं। घर की सजावट के साथ ही अपने लिए कपड़ों की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। सराफा बाजार भी गर्माया हुआ है। चांदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों से सराफा बाजार चमक रहा है। लोग घर में पूजन के साथ ही उपहार में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां देने के लिए चांदी की मूर्तियां खूब खरीद रहे हैं। + +वर्तमान में लगभग 67 हजार रुपये प्रति किलो चांदी का भाव है। बहुत से लोग दीपावली पर चांदी के लक्ष्मी-गणेश का पूजन करते हैं। हालांकि सबसे अधिक लक्ष्मी-गणेश उपहार में देने के काम आते हैं। इसको लेकर सराफा बाजार में अभी से चांदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं। बाजार में लक्ष्मी-गणेश की तीन तरह की चांदी की मूर्तियां हैं। होलो (खोखली), सामान्य और ठोस चांदी की मूर्तियां बन रही हैं। दीपावली पर चांदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों से ही लगभग 20 करोड़ रुपये के कराेबार की उम्मीद है। शहर में होलो चांदी की मूर्तियां ज्यादा बनाई जाती हैं। सस्ती होने के कारण होलो चांदी की मूर्तियां बाजार में मांग भी है। आगरा सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल का कहना है कि चांदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां तैयार हैं। लोग अभी से खरीदारी करने आ रहे हैं। उपहार में देने के लिए सबसे अधिक चांदी की मूर्तियाें का उपयोग हो रहा है। चांदी की मूर्तियों से ही लगभग 20 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है। दीपावली को लेकर बाजार काफी उठा हुआ है। बीते दिनों काफी मंदी से गुजरा है सराफा बाजार। दीपावली पर इस मंदी से उबरने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8e47b9ddea7a715eccbc60420d47367f52235a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65714.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह फैसला भी किसी कारगर अंजाम तक पहुंचता नहीं दिख रहा है। लिहाजा अब एक और यूएन क्लाईमेट चेंज क्रांफ्रेस (सीओपी-26) का आयोजन ब्रिटेन के ग्लासगो में तय है। 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चलने वाले इस जलवायु महाकुंभ में पेरिस समझौते के अधूरे प्रावधानों को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने की बात होगी। दुनिया में कैसे जीवाश्म ईंधनों की जगह हरित और स्वच्छ ईंधन लाया जाए, जैसे मामलों पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि ये सम्मेलन शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर चुका है। लेकिन मानवता के लिए भगवान दुनिया के नीति-नियंताओं को सद्बुद्धि दें कि धरती को बचाने के लिए वे सब एकजुट हों और सर्वसम्मति से एक राय बनाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14d78d45e3ee00f40cfd81ff242b18702d34fde4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [हितेश सिंह]। खुद को पुलिस वाला बताकर लूट करने वाले बदमाशों का गिरोह पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पिछले दस महीने में शहर के बीचोंबीच इस गिरोह के शातिरों ने वारदात को अंजाम दिया और लाखों रुपये पार कर दिया। पुलिस ने हर घटना में सीसी फुटेज निकाली लेकिन बदमाशों को नहीं पकड़ सकी। पुलिस की इस लापरवाही से ही बदमाशों का हौसला बुलंद है और अब वह पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39f4a64523745268319162a9392872c7e102cf82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65719.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Captain Amarinder Singh New Party:  कैप्टन अमरिंदर सिंह दीपावली से पहले अपनी पार्टी बनाकर पंजाब की सियासत में धमाका करने और कांग्रेस में बम फोड़ने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि इसके लिए वह अगले तीन से चार दिनों में कांग्रेस में अपने करीबी व नाराज विधायकों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में ही तय होगा कि वह कितने विधायकों के साथ अपनी पार्टी बनाने की घोषणा करेंगे। इससे कांग्रेस के नेता सांसत में हैं और राज्‍य की चरणजीत सिंह चन्‍नी सरकार के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।   ।इसके साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि कैप्टन पार्टी बनाकर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही समझौता करेंगे। भाजपा को भी शिरोमणि अकाली दल से नाता टूटने के बाद एक ऐसे चेहरे की आवश्यकता है जिसकी पहचान राष्ट्रव्यापी हो। भाजपा के पास पहले यह चेहरा प्रकाश सिंह बादल के रूप में था। + +कांग्रेस के करीब दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ लगातार बनाए हुए हैं संपर्क।कांग्रेस के कई विधायक भी कैप्टन की पार्टी में शामिल हो सकते हैं। कैप्टन करीब दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। कांग्रेस के अंतरकलह में अपने मंत्री पद गंवाने वाले  भी कैप्टन के साथ संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अपनी पार्टी बनाने के बाद कांग्रेस में नियमित अंतराल पर बम फोड़े जाएंगे। माना जा रहा है कि कैप्टन के करीबी एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग समय पर उनकी पार्टी में जा सकते हैं। + +कैप्टन की नई पार्टी को भाजपा का भी समर्थन मिलेगा। कृषि सुधार कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से नाता तोड़ लिया। ऐसे में भाजपा की नजर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि जिस प्रकार से बिहार में नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ समझौता किया था उसी प्रकार कैप्टन अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ समझौता करेंगे। + +सूत्र बताते हैं कि इससे भाजपा को कृषि आंदोलन के कारण उसके विपरीत गई परिस्थिति को भी संभालने का मौका मिलेगा। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा यह भी संदेश दे सकेगी कि सिखों का एक बड़ा नेता उनके साथ जुड़ा हुआ है। वहीं, कैप्टन अगर अपनी पार्टी बनाते हैं तो उनके करीबी कांग्रेस विधायकों को उनके साथ जुड़ने में भी किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f887a30d8a267782b412436158c1dd35246eb249 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, हंसराज सैनी। Pandit Sukhram Family Politics, हिमाचल प्रदेश से लेकर दिल्ली की राजनीति तक किसी समय पंडित सुखराम परिवार की तूती बोलती थी। शिखर पर पहुंचने के बाद यह परिवार कुछ सालों में ही हाशिये पर आ गया। अच्छे दिनों में लिए गए गलत निर्णयों से आज यह परिवार दोराहे पर खड़ा है। राजनीतिक क्षेत्र में आज आगे कुआं तो पीछे खाई वाली स्थिति है। भाजपा से दाल नहीं गल रही, कांग्रेस भी गले नहीं लगा रही है। यह परिवार अपने राजनीतिक जीवन के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। किस दल में रहना है किसमें नहीं। इसको लेकर भी यह परिवार अनिर्णायक स्थिति से गुजर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..475a656a1862ca1d8acba03c4379b020eedb2520 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65721.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कार्टिलेज क्षतिग्रस्त होने की यह है वजह।शरीर में बनने वाले हानिकारक केमिकल इटोकाइन, फ्री रेडिकल और मेटालो-प्रोटीनेस एंजाइम्स कार्टिलेज की संरचना के लिए हानिकारक होते हैं। इनकी अधिकता से कार्टिलेज को क्षति पहुंचाने लगती है, जिससे जोड़ों की समस्या होती है। मधुमेह पीडि़तों का ब्लड शुगर कम करने के लिए चलाई जाने वाली मेटफारमिन दवा भी नुकसान पहुंचाती है। + +ऐसे किया जा रहा है शोध।सर्जरी के उपरांत निकलने वाले मानव घुटने के कार्टिलेज के टिश्यू मेडिकल कालेज से आइआइटी के विशेषज्ञों को मुहैया कराए जा रहे हैं। आइआइटी में विशेषज्ञ इस टिश्यू को प्रयोगशाला में टिश्यू कल्चर विधि से लैब में विकसित करेंगे। उसके बाद तैयार किए गए गोपनीय मालिक्यूल का उस पर परीक्षण करेंगे कि यह किस हद तक केमिकल के प्रभाव को कम करता है, घुटने के कार्टिलेज को रीजनरेट करने में कितना सहायक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a326d591440fa87cc9dc4e114d476160436ce04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबसे बड़ी चुनौती इस विषय पर पर्याप्त ज्ञान का अभाव है। जो कुछ उपलब्ध है, विभिन्न कारणों से उसका पूर्णतया आदान-प्रदान नहीं किया जाता। इसके अलावा जो भी जानकारियां उपलब्ध हैं, हर देश उन उपलब्ध सूचनाओं और आंकड़ों को इस तरह से प्रदर्शित करना चाहता है, जिससे उसे लाभ मिले। यही कारण है कि जहां सर्व सहमति बननी चाहिए थी, वहां तर्क-वितर्क पैदा हो जाते हैं। दूसरी चुनौती यह है कि हर देश विकास के अलग-अलग चरण में है। सभी को भौतिक प्रगति चाहिए। ऐसा विकास चाहिए, जो नजर आए, जो प्रसिद्धि लेकर आए। सभी विकासशील और गरीब देशों ने विकास का रोल माडल वही माना है, जो विकसित देशों ने बनाया है। जब विकास की अवधारणा और पर्यावरण का संरक्षण दोनों अलग-अलग विषय बन जाएं तो किसी भी नीति के क्रियान्वयन में समस्या आना निश्चित है। मेरा मत है कि क्षेत्र विशेष की पारिस्थितिकी को देखते हुए ऊर्जा उपभोग की अधिकतम इकाई को न्यायसंगत ढ़ंग से तय किया जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cef9b94d1ba48528e16f062622b287a8bb405ed1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65725.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत आर शर्मा। जलवायु पर्वितन का खतरा वास्तविक है, संकट सामने है और भविष्य तबाही वाला है। आइपीसीसी-2021 की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से यह बात कही गई है। हम सब रोजाना की जिंदगी में इन संकटों का अनुभव कर रहे हैं। अत्यधिक गर्मी के कारण जंगलों में आग से लेकर प्रलयंकारी बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। समुद्र और जमीन के तापमान में अंतर के कारण भयंकर चक्रवात बन रहे हैं। इस साल भारत में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन के कई मामले सामने आए हैं। पिछले तीन साल में उत्तराखंड में 7,500 से ज्यादा बार अत्यधिक बारिश के मामले दर्ज किए गए हैं। यह बात सब जानते हैं कि घटती बर्फ, पिघलते ग्लेशियर और इसी तरह की अन्य घटनाएं उत्तराखंड और अन्य हिमालयी राज्यों में अप्रत्याशित मौसम का कारण बन रही हैं। + +भारत जलवायु परिवर्तन के कारण कई तरह की आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का भी सामना कर रहा है। हालिया अध्ययनों में पाया गया है कि यदि जलवायु परिवर्तन के कारण पड़ रहे दुष्प्रभावों न होते तो भारत की जीडीपी करीब 25 प्रतिशत ज्यादा होती। वैश्विक तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव, समुद्र का जलस्तर बढ़ने और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के कारण भारत की जीडीपी 10 प्रतिशत कम हो सकती है। विज्ञान पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु पर्वितन की वजह से असामान्य सर्दी या गर्मी के कारण भारत में सालाना 7.4 लाख अतिरिक्त मौत का अनुमान है। कम आय वाले और हाशिए पर जी रहे लोग जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac6d130770a3cab78e02378f0aba41bc3bc022de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। संस्कृत की एक सूक्ति है ‘अति सर्वत्र वर्जयेत’ यानी अति से हमेशा बचना चाहिए। जब बात जलवायु परिवर्तन और गर्म होती धरती की हो, तो यह बात और भी प्रासंगिक हो जाती है। ब्रह्मांड के अनेकानेक ग्रहों में धरती पर ही जीवन होने में बहुत बड़ा योगदान ग्रीनहाउस गैसों का है। कार्बन डाई आक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों के कारण ही सूर्यास्त के बाद भी सूर्य के प्रकाश की गर्मी वातावरण में बनी रहती है। ग्रीनहाउस गैसों का अस्तित्व न हो तो सूरज के छिपने के कुछ ही देर में यहां का तापमान शून्य से बहुत नीचे चला जाएगा, जो जीवन के अनुकूल नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..096a2aef923e5fa0e8489b20dc007ff1ef12d78b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज भारत की करीब 73 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक डोज लग चुका है, जबकि 30 फीसद को दोनों डोज मिल चुकी है। यह वास्तव में दुनिया का सबसे बड़ा सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान है। देश में इसके लिए 3,48,000 सरकारी, जबकि करीब 28,000 निजी टीकाकरण केंद्र काम कर रहे हैं। यही नहीं, इस पूरे अभियान में 23 लाख आशा कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भी अथक मेहनत शामिल है। इतने कम समय में अगर यह अभियान पूरा हुआ तो इसमें दो और छिपी हुई बड़ी वजहें हैं। एक वजह है भारत की उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी और दक्ष भारतीय युवा तथा कारपोरेट जगत की टीका बनाने की दक्षता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b92d3130ae9c3ba4a043b83a2a3cc5eb4fd4a42d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली जेएनएन। रिया कपूर और करण बुलानी ने हाल ही में 12 वर्षों तक डेट करने के बाद शादी कर ली हैl दोनों ने 14 अगस्त को शादी की हैl दोनों का प्यार बॉलीवुड की गलियों में काफी लोकप्रिय थाl उनकी शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैl हाल ही में करन बुलानी ने एक पोस्ट में रिया कपूर से पहली बाहर मुलाकात और अपने प्यार के बारे में खुलकर बात की हैl।करण ने लिखा है, 'असली प्रेम कहानी, हमारी पहली बार मुलाकात एक फिल्म के सेट पर हुई थीl वह नई थीl मैं उन्हें धमकाने का प्रयास कर रहा थाl अंत में मैं उनसे प्यार कर बैठाl' करन बुलानी शादी की पार्टी में सूट पहने नजर आएl वहीं रिया कपूर ने आइवरी ड्रेस पहन रखी थीl।शादी के बाद करण बुलानी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की थीl उन्होंने लिखा था, 'कल ही हमने अपने रिश्ते को सार्वजनिक कर दिया है लेकिन आप और मैं पिछले एक दशक से भी ज्यादा एक-दूसरे को संभाल रहे हैंl मैं अपने जीवन में चार लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे बहुत सम्मान दियाl पहली फिल्म निर्माता हैl दूसरी फैशन स्टाइलिश हैl तीसरी मां है और चौथी एक अच्छी कुक है और उनका नाम रिया कपूर हैl मैंने अपने जीवन का सबसे अच्छा निर्णय लिया थाl वहीं रिया कपूर ने करण बुलानी के बारे में लिखा था, '12 साल बाद मुझे शादी के समय नर्वस नहीं होना चाहिए थाl आप मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो लेकिन मैं रोई और मुझे बेचैनी भी हुईl मुझे पता नहीं था कि यह अनुभव इतना अच्छा होगा'।रिया कपूर की शादी के अवसर पर अनिल कपूर काफी खुश नजर आएl वह डांस करते नजर आएl इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों को मिठाइयां भी बांटीl अनिल कपूर फिल्म अभिनेता हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..924e10590ede175ce34e1054ff1c6d07cf52ba4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65732.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पिछले कुछ सालों के दौरान मौसम में आए बदलाव और सभी प्राकृतिक आपदाओं को सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देखा गया है। हालांकि, ज्यादातर शोध बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन किसी प्राकृतिक नियति का हिस्सा नहीं, बल्कि मानवीय गतिविधियों का ही नतीजा है। जलवायु परिवर्तन संबंधी 88,125 अध्ययनों के एक सर्वेक्षण में अब एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि 99.9 फीसद से अधिक अध्ययनों ने जलवायु परिवर्तन को मानव जनित माना है। यह सर्वेक्षण मूल रूप से कार्नेल विश्वविद्यालय ने किया है जबकि भारत में इसे पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन क्लाइमेट ट्रेंडस ने साझा किया है। + +19 अक्टूबर को एनवायरनमेंट रिसर्च नामक जर्नल में यह शोध ‘ग्रेटर देन 99 पर्सेट कन्सेंसस आन ह्यूमन कौज्ड क्लाइमेट चेंज इन द पियर रिव्यूड साइंटिफिक लिटरेचर’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ है। साल 2013 में, 1991 और 2012 के बीच प्रकाशित अध्ययनों पर हुए इसी तरह के एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि 97 फीसद अध्ययनों ने इस विचार का समर्थन किया कि मानव गतिविधियां पृथ्वी की जलवायु को बदल रही हैं। वर्तमान सर्वेक्षण 2012 से नवंबर 2020 तक प्रकाशित सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह आंकड़ा 97 फीसद से बढ़कर 99.9 फीसद हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04bd15bba7dfea7fce49afd96ed6a46886566f7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। पूरे ब्रज में इस समय डेंगू का प्रकोप है। लोग बच्‍चों या बड़ों को बुखार आने पर डॉक्‍टर की लिखी गईं दवाओं के साथ बकरी का दूध और पपीते के पत्‍तों का रस दे रहे हैं। खासतौर पर बकरी के दूध की तो इतनी डिमांड बढ़ गई है कि यहां उसका भाव 1500 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। लेकिन क्‍या वाकई में बकरी के दूध के सेवन से प्‍लेटलेट्स बढ़ती हैं, इसका कोई वैज्ञानिक साक्ष्‍य सामने नहीं है। डॉक्‍टर्स का कहना है कि प्लेटलेट्स तो खुद ब खुद बुखार आने के सातवें दिन बाद बढ़ने लग जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53eff26ac3d344482d2771c9ca33c42881b48eb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65735.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, संजीव जैन। सोयाबीन की अधिक आवक व घटते दाम ने सरसों का रंग उडा द‍ि‍या हैैै। सोयाबीन की नई बेहतर फसल आने व वायदा बाजार एनसीडीईएक्‍स पर द‍िसंबर माह का भाव 5521 रुपये प्रति क्विंटल होने से सरसों के दाम शन‍िवार को 9200 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज क‍िए गए। एक महीने पहले सरसों के दाम 8400-8500 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज थे। एक महीने में सरसों के दाम मे 800 रुपये प्रति क्विंटल बढने से पेराई म‍िलेंं प्रभाव‍ित हुई है। हालात यह है क‍ि आगरा की सभी म‍िलों में ताला लग गया है। कारोबार‍ियों की मानें तो आसपास के ज‍िलों व राज्‍यों में भी म‍िलेंं बंद हो गई है। कारण सरसों के तेल के मुकाबले सोयाबीन तेल बाजार में 40 रुपये प्रत‍ि लीटर सस्‍ता होने से ड‍िमांड कम हो गई है। सरसों की क‍िल्‍लत है, ऐसे में म‍िलेंं बंद हो गई हैं। ।आगरा आयल मिल के प्रबंध न‍िदेशक कुमार कष्‍ण गोपाल, कारोबारी ब्रजमोहन अग्रवाल व द‍िनेश गोयल की मानें तो मध्य प्रदेश की इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, देवास और जावरा, राजस्‍थान की कोटा, हर‍ियाणा की स‍िरसा, इटावा व मैनपुरी मंडी में सोयाबीन की आवक करीब पांच लाख बोरी हुई। दाम भी 5175-5400 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 4900-5100 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज क‍िए गए। कारोबार‍ियों का मानना है क‍ि मध्‍यप्रदेश मेे इस बार 58.84 लाख हेक्‍टेयर के बजाय 63.05 लाख हेक्‍टेयर व महाराष्‍ट मेे 40.40 लाख हेक्‍टेयर के बजाय 50 लाख हेक्‍टेयर पर सोयाबीन की खेती हुई है। केन्‍द्र सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को 10 फीसद से घटाकर 2.5 फीसद कर दिया गया है, जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर इसे 7.5 फीसद से घटाकर 2.5 फीसद कर दिया गया है। वायदा बाजार में भी सोयाबीन व मूंगफली के दाम मे द‍िसंबर माह मेें ग‍िरावट दर्ज की गई। सरसों तेल की ड‍िमांड भी कम है, ऐसे मेें सरसोे तेल के दाम मे व‍िगत एक सप्‍ताह की तुलना मे सात रुपये प्रत‍ि लीटर की ग‍िरावट दर्ज की गई। उम्‍मीद है क‍ि यह ग‍िरावट ओर आएगी, ऐसे मे सरसोें तेल की म‍िलें बंद कर दी गई हैं। + +उन्‍होेने बताया क‍ि सरसों का तेल थोक में 23 अक्‍टूबर 2021 यानी शन‍िवार को 170 से 175 रुपये प्रति लीटर रहा। र‍िटेल बाजार में यह भाव 180 रुपये प्रति लीटर तक है। 15 जून 2021 को सरसों के तेल के दाम थोक में 145 रुपये प्रत‍ि लीटर रहे लेक‍िन मंडी में मांग के सापेक्ष सरसों की आवक कम होने के कारण तेल के दाम बढने लगे। उन्‍होंने बताया क‍ि आगरा में सरसों की दो बडी मंडी खेरागढ़ मेंं कागारौल रोड व किरावली मंडी है। इन दोनो मंडी में शन‍िवार को सरसो 9200 रुपये प्रति क्विंटल तक ब‍िकी। कागारौल मंडी के सच‍िव वीरेन्‍द्र स‍िंंह के अनुसार शन‍िवार को मंडी मे अवकाश होने के कारण सरसों की आवक नही हुई पर शुक्रवार को मात्र एक टन सरसों की आवक हुई तो अगस्‍त माह में सामान्‍यतया प्रत‍ि‍द‍िन 10 से 17 टन रोज रही है। कमोवेश यही हालत क‍िरावली मंडी की है। उन्‍होेने बताया क‍ि सरसों की कम आवक के चलते सरसों तेल महंगा होने की बात से इंकार नही क‍िया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7c83543fcef2733a874675f715987e826bb8671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जलस्तर लगातार घट रहा है। लेकिन, पानी होने से अभी भी रसूलपुर भांवर पपसरी खादर, सीपिया आदि गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूटा हुआ है। लोग राशन आदि लेने के लिए ट्रैक्टर आदि से आ जा रहे हैं। फसलें जलमग्न हैं। इसके चलते किसानों के सामने पशुओं के लिए चारे की समस्या बनी हुई है। धीरे-धीरे घट रहे जलस्तर से जहां एक ओर लोगों को राहत मिल रही है। वहीं गांवों में डेंगू, बुखार, मलेरिया आदि रोग पनपने शुरू हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अभी तक चिकित्सा विभाग का कोई भी चिकित्सक अथवा अन्य कर्मचारी गांवों में नहीं पहुंचा है। इससे मरीजों को लेकर आने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। कुछ ग्रामीण मजबूरीवश झोलाछापों से ही अपना इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। एसडीएम मांगेराम चैहान का कहना है कि पूर्व से जल स्तर में कमी आई है। लोगों की हर संभव मदद की जा रही है। लेखपालों को गांवों में नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तत्काल तहसील मुख्यालय को दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, तिगरी गंगा के जलस्तर में 20 सेमी की गिरावट दर्ज हुई है। 200.00 से गंगा का गेज 199.80 पर पहुंच गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65739.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4927d95001a674d63dc5a27175e8cdd73027bd10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एकतरफा मुकाबला।भारत ने पहले खेलते हुए कप्तान विराट कोहली (57) की बदौलत सात विकेट पर 151 रन बनाए, लेकिन पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम (नाबाद 68) ने उससे बड़ी पारी खेलकर अपनी टीम को बहुत बड़ी जीत दिलाई। दूसरे ओपनर मुहम्मद रिजवान (नाबाद 79) ने उनका बराबरी से साथ दिया। भारत के गेंदबाज विकेट नहीं ले सके। ये उतना खराब नहीं है जितना कि यह है कि वह कभी विकेट लेने की स्थिति में ही नजर नहीं आए। वरुण चक्रवर्ती के पहले ओवर को छोड़कर कभी लगा ही नहीं कि भारत के गेंदबाज कुछ कर सकते हैं। बाबर और रिजवान ने कुल 12 चौके और पांच छक्के मारे। उन दोनों को किसी भी समय कोई परेशानी नहीं हुई। वे आराम से भारतीय गेंदबाजों को खेल रहे थे। उन्होंने मुहम्मद शमी की सबसे ज्यादा तुड़ाई की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9ac5b8cadc108e94344280ab5c2bd0cfe4d48c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शांति और विकास को नहीं रोक पाएगा कोई।गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में 12 हजार करोड़ का निवेश आया है। यही नहीं 2022 तक 51 हजार करोड़ का निवेश आने वाला है। इससे पूरे प्रदेश का कायाकल्प ही हो जाएगा। जम्मू-कश्मीर में विकास का नया चरण शुरू हो गया है। मैं यहां विश्वास दिलाने आया हूं कि कोई भी शांति व विकास को अवरुद्ध नहीं कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ff66601421d67bbff429e0c0fb200986764a903 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरुण कुमार गुप्त, अपर नगर आयुक्त।पार्षद कर रहे विरोध।पार्षद मेले के विरोध में उतर आए हैं। पार्षदों के वाट्सएप ग्रुप पर तरह-तरह की टिप्पणी की जा रही हैं। भाजपा पार्षद दल के मुख्य सचेतक दिनेश गुप्ता का कहना है कि शासन की मंशा के अनुरूप आयोजन नहीं हो रहा। मेला शहर के बीच में आयोजित होना चाहिए था, जिससे आमजन पहुंच सकें, पटरी दुकानदारों काे लाभ हो। जवाहर भवन के आसपास हिंदू आबादी भी नहीं है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f97a019f32790b9d3c90f44fee30011aab3118d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। अपने सुहाग को सलामत रखने के लिए सुहगिनों ने आज करवा चौथ का व्रत रखा। चांद देखने के बाद सुहागिनें व्रत तोड़ा। करवा चौथ पर लखनऊ के नारी बंदी निकेतन में भी महिलाओं ने अरने सुहाग की रक्षा के लिए व्रत रखा। यहां 10 साल से लेकर आजीवन कारावास और फांसी जैसी लंबी अवधि की सजा से सजायाफ्ता महिलाएं ही रखी जाती हैं। इनमें से 50 महिला बंदियों ने अपने सुहाग की रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखा और परंपरागत तरीके से पूरे पूजन अर्चन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3175a7a2be32322088a0ce6df65ed95de7769a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। दुनिया भर में सरकारें अपने मुल्‍क की आवाम को अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में काम करती हैं। स्वास्थ्य के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को प्रोत्‍साहित करने के लिए समय समय पर तमाम गतिविधियां चलाई जाती हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की अवधि को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। आइए जानें केंद्र सरकार की इन स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के बारे में...।आयुष्‍मान भारत।यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति द्वारा की गई सिफारिशों के कारण अस्तित्व में आई। आयुष्मान भारत योजना को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (Universal Health Coverage, UHC) को ध्यान में रखकर बनाया गया है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत 65 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं। अभी तक महज 16 करोड़ लाभार्थियों का ही आयुष्मान कार्ड बन पाया है। 18 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के लोग इसका लाभ ले सकते हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना है। इसमें गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये प्रति परिवार का सालाना का हेल्थ कवर दिया जाता है...।केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना।केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme, CGHS) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही एक स्वास्थ्य योजना है। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करती है। इसके तहत प्रत्येक केंद्रीय कर्मचारी को एक कार्ड मिलता है। इस सीजीएचएस कार्ड के जरिए उसे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। यही नहीं सीजीएचएस में सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज के लिए फीस में छूट दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c85992828b41f03349bc58342a4a7477d20d8c9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +व्रत रखने वाली महिलाओं को इंतजार था कि जल्द से जल्द रात हो और चंद्रमा का उदय हो जिससे दर्शन कर पिया के हाथों व्रत तोड़ें। सूरज ढलते ही महिलाओं में चंद्रमा के दीदार को लेकर उनमें उत्सुकता बढ़ती ही गई। जैसे ही चांद निकला लगा मनोकामना पूरी हो गई और उनकी खुशियाें का ठिकाना ही नहीं रहा। सुहागिनों ने पहले चंद्रमा की आरती की फिर चलनी की ओट से चांद को देखा और पिया को देखने के बाद उनसे उपहार और आशीर्वाद लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f530ab3903bc76f39487a203fa789350abee9c51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोलन, भूपेंद्र ठाकुर। Medicines Raw Material, देशभर में दवाओं का संकट पैदा हो सकता है। महंगे दाम पर भी फार्मा उद्योगों को कच्चा माल यानी एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआइ) नहीं मिल रहा है। एक सप्ताह में ही कुछ दवाओं का एपीआइ तीन गुणा तक महंगा हो गया है। करीब तीन माह से एपीआइ के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण हिमाचल प्रदेश के लघु फार्मा उद्योग संकट में आ गए हैैं। एंटीबायोटिक दवाओं में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले सेफपोडोक्साइम का दाम नौ हजार से बढ़कर 16 हजार रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। बुखार और दर्द निवारक दवाओं के एपीआइ एसिक्लोफेनाक का दाम भी करीब दो गुणा बढ़ गया है। ब्लड शूगर के मरीजों को दी जाने वाली दवा के एपीआइ मेटफार्मिन का रेट 190 से बढ़कर 550 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6de0fd4316e29ad5f660f672b14a7d55fcb8895 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65755.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के तीन ब्लाक नीलामी प्रक्रिया के लिए उपलब्ध हैं। इसके लिए ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप का गठन भी किया गया है। खदान के आसपास भूमि चयन के दौरान यह देखा जाएगा कि वन भूमि, राजस्व भूमि व निजी भूमि कितनी है। इसके लिए टीम काे एक सप्ताह का समय दिया गया है। टीम में डीएफओ रेणुकूट, डीएफओ ओबरा, उप जिलाधिकारी दुद्धी, उप जिलाधिकारी ओबरा व खान अधिकारी हैं। बताया कि टीम से रिपोर्ट मिलने के बाद इसकी जानकारी खनन निदेशालय को उपलब्ध कराई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0323a81fbceaec92c78df4aca67ed8b07e1aac5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। बारिश के बाद मच्छर जनित बीमारियों का प्रकाेप आम आदमी के लिए जान लेवा साबित हो रहा है। डेंगू से प्रभावित लोगों की प्लेटलेट्स गिरने लगती है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। बख्शी का तालाब के चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्वालय के एसोसिएट प्रोफेसर डा.सत्येंद्र कुमार सिंह का दावा है कि लगातार मच्छरों को मारने में प्रयोग होने वाले रासायनिक कीटनाशक मच्छरों पर कम असर कर रहे हैं। उनकी संख्या घटने के बजाय बढ़ रही है। ऐसे में जैविक कीटनाशक मच्छरों पर काबू पाने में असरदार हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce00bd9b2b26b6aef05c1aac2652a073cafb5e5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65768.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [राजीव सक्सेना]। दीपावली पर बिजली बाजार चीन नहीं दिल्ली और जयपुर की झालरों से जगमगा रहे हैं। दो वर्ष पहले इस बाजार के फीसद हिस्से पर चीन का कब्जा था लेकिन, अब यह 10 फीसद रह गया है और वह भी पुराना माल है। लगातार दूसरे वर्ष चीन से बिजली की झालरें नहीं आई हैं। स्वदेशी झालर चीन की झालर से 15 फीसद महंगी जरूर हैं लेकिन ये टिकाऊ भी हैं। + +मात्र दो वर्ष पहले यानी 2019 तक चीन का दीपावली के बिजली बाजार पर पूरी तरह कब्जा था। कानपुर में दीपावली का बाजार 100 करोड़ रुपये का है लेकिन, इसमें 90 करोड़ रुपये का माल चीन का बिकता था। पिछले वर्ष भी चीन से माल नहीं आया और इस वर्ष फिर वही स्थिति है। दो वर्ष में ही स्थितियां पलट गई हैं। कभी दीपावली के बिजली बाजार में चीन का 90 फीसद कब्जा था और 10 फीसद माल भारत का था। आज दो वर्ष पुराना जो चीन का माल बचा हुआ है, वह कारोबारी किसी तरह बेचने में लगे हैं। बाकी 90 फीसद बाजार भारतीय झालरों से जगमग है। हालांकि फुटकर दुकानदार जो यहां खरीदारी करने आ रहे हैं, वे भी चीन की झालरें पसंद नहीं कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2dc07bcedee24c2bfc7734fc858b6801c5a030ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65769.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजादी के बाद से कांग्रेस की बागडोर अधिकांशत: नेहरू-गांधी परिवार के किसी सदस्य के ही हाथों में रही। सीताराम केसरी के बाद से पिछले करीब 23 साल से तो सोनिया गांधी इस पर काबिज हैैं। बहुत संभव है कि अगले एक-आध साल में यह बागडोर राहुल गांधी के हाथों में चली जाए। पार्टी पर एक परिवार के वर्चस्व के कारण 1947 से पहले वाली कांग्रेस कम से कम 30 बार टूट चुकी है। आज के दिग्गज ममता बनर्जी, शरद पवार, वाईएस जगनमोहन रेड्डी कभी कांग्रेस के ही सदस्य थे। इससे कांग्रेस को एक सशक्त नेतृत्व नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा पार्टी न तो एकजुट हो पा रही है और न ही देश की भावनाओं का इजहार कर पा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e209b80a5b6f939c9ab6a9786779c850935ed50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजधानी के ज्यादातर ट्रैफिक रिफ्यूज आइलैंड की ऊंचाई डेढ़ से दो फीट है। ऊपर से इन पर एक-दो फीट की बाउंड्री व रेलिंग भी लगा दी जाती है, जिससे इसकी ऊंचाई और बढ़ जाती है। ज्यादातर आइलैंड पर तो पेड़ लगाकर उनका सुंदरीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जो बचे हैं उन पर पक्षियों के लिए दाना बेचने वालों ने अतिक्रमण कर लिया है। आउटर रिंग रोड पर कालकाजी मंदिर के सामने, सीआर पार्क, नई दिल्ली में कनाट प्लेस से लेकर राजधानी के लगभग सभी प्रमुख मार्गो और चौराहों का यही हाल है। इससे इनका वास्तविक उद्देश्य विफल साबित हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..647651f9fb55cfb91c09282ccb27610603d0e69e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65773.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरव्यू में कैप्टन को बताया था 'करीबी दोस्त'।कैप्टन और अरूसा अपने संबंधों के बारे में कई बार स्पष्ट कर चुके हैं। अरूसा जब भी भारत आती हैं, तो कैप्टन अमरिंदर के यहां जरूर रुकती हैं। अरूसा ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कैप्टन को करीबी दोस्त बताया था। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह में क्या पसंद है, तो अरूसा का उत्तर था- 'उनकी सादगी और आंखों की शर्म।' पाकिस्तानी मीडिया ने यह दावा किया था कि अरूसा आइएसआइ प्रमुख रहे फैज हमीद की भी करीबी रही हैं, लेकिन अरूसा ने हमेशा इससे इन्कार किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40036b24d46dfced641e80aa6e070c4f238c9ce5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जनवरी 2022 सत्र से ज्‍योतिष-कर्मकांड की पढ़ाई होगी : कुलपति ।उप्र राजर्षि टंडन मुक्‍त विश्‍वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में जनवरी 2022 सत्र से ज्योतिष और कर्मकांड की पढ़ाई होगी। बोर्ड आफ स्टडीज ने नए पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है। अब 12 नवंबर को कार्य परिषद में इस फैसले पर अंतिम मुहर लगेगी। इसके बाद दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4f5c196343e73a54638688a0eff193055746f0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है रेलवे का प्रस्ताव।अंबाला रेल मंडल ने सोलह ट्रेनों में डिब्बे बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। ट्रेन संख्या 02232 चंडीगढ़ से लखनऊ में दो स्लीपर कोच, चंडीगढ़ से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन संख्या 04218 में स्लीपर क्लास में दो डिब्बे, चंडीगढ़ से लखनऊ जाने वाली ट्रेन संख्या 05012 में सैकेंड एसी में एक और स्लीपर क्लास में दो डिब्बे, अंबाला से बरौनी जाने वाली ट्रेन संख्या 04534 में सैकेंड एसी में एक, थर्ड एसी में एक,स्लीपर में तीन और जनरल क्लास में एक डिब्बा बढ़ाया जाए। इसी तरह नंगल डैम से कोलकाता जाने वाली ट्रेन संख्या 02326 में थर्ड एसी में एक और स्लीपर में दो, चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जाने वाली ट्रेन संख्या 04904 में सैकेंड एसी एक, थर्ड एसी में एक, स्लीपर में तीन और जनरल में एक, चंडीगढ़ से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी ट्रेन संख्या 02046 में चेयरकार एक, एग्जीक्यूटिव क्लास में एक, दौलतपुर से पुरानी दिल्ली जाने वाली ट्रेन संख्या 04554 में स्लीपर क्लास में दो डिब्बे बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार से और ट्रेनों में भी डिब्बे बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा कुछ नई ट्रेनों को पटरी पर लाने की तैयारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddb8af33488601ac4976295a8ae3118a8f7c67f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [प्रियंका दुबे मेहता]। यमुना नदी के किनारे बसी दिल्ली के साथ-साथ कई अन्य शहरों के बसने और बनने की असली वजह यहां पर जलस्त्रोतों का होना था। दिल्ली पर शासन करने वाले मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने बावलियों का निर्माण करवाया। इतिहासकार मानते हैं कि हिंदू राजा अनंगपाल तोमर के अतिरिक्त अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद बिन तुगलक और शाहजहां ने भी अपने शहर का विस्तार वहीं किया जहां जलस्त्रोत था। यही वजह है कि दिल्ली में तकरीबन हर जगहों पर बावलियों का जिक्र भी जरूर आता है। । सतपुला बांध के सात द्वारों से निकला था राहत का जल। तुगलक शासनकाल में दिल्ली का चौथा शहर तुगलकाबाद बना तो जल संकट और बढ़ने लगा। ऊंचाई पर स्थित तुगलकाबाद किले में विभिन्न कुओं, बावलियों और चैनलों द्वारा पानी की आपूर्ति होती थी लेकिन यह ज्यादा समय तक नहीं चल सका। इतिहासकार मनीष के गुप्ता का कहना है कि मुहम्मद बिन तुगलक ने सुरक्षा कारणों और जल संकट से निपटने के लिए सीरी और तुगलकाबाद को मिलाकर जहांपनाह बसाया और यहीं पर उसने सात द्वारों वाला सतपुला का निर्माण करवाया जो कि शहर के परकोटे से होकर गुजरने वाले झरने के पानी को नियंत्रित करता था। हालांकि उस दौर में पड़े भयंकर अकाल और सूखे से त्रहि-त्रहि मच गई थी। बाद में फिरोजशाह आया और उसे समझ में आया कि नए हौज या जल निकाय बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि पुरानों को ही नवजीवन देना होगा। बाद में 1340 ईस्वी में मानसून बेहतर हुआ और फिरोजशाह के प्रयासों को बल मिल गया। पानी के लिए मसीहा की तरह काम करने वाले फिरोजशाह को हौज खास में दफनाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65778.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65778.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a79f2f8af8819b294659d14edb3ae95ce3b8ad79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65778.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अनंत विजय]। गांधी जयंती के अवसर पर किशोरों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में जाने का अवसर मिला। उस कार्यक्रम में महात्मा गांधी से जुड़े कई सत्र आयोजित किए गए थे। एक सत्र में बच्चों को पांच मिनट तक बापू की जिंदगी और उनके सिद्धांतों पर बोलना था। वक्ता आ रहे थे और तय समय में अपनी बात रखकर जा रहे थे। कुछ प्रतिभागी हिंदी में और कुछ अंग्रेजी में अपनी बात रख रहे थे। आखिरी विद्यार्थी ने गांधी की जिंदगी पर बोलना आरंभ किया और उनकी हत्या पर अपनी बात खत्म की। अपने वक्तव्य के अंत में उसने कहा कि गांधी वाज किल्ड बाय ए हिंदू फैनेटिक नाथूराम गोडसे ( गांधी की हत्या एक हिंदू कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने की)। बात रखने के बाद वो चला गया। ।सभागार में सबकुछ सामान्य था लेकिन मेरे मन में एक बात चल रही थी कि उसने ‘हिंदू फेनेटिक’ शब्द का उपयोग क्यों किया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मैं उसके पास गया और उसको लेकर सभागार से बाहर निकला। मैंने उस किशोर से पूछा कि आपने नाथूराम गोडसे को हिंदू कट्टरपंथी क्यों कहा? क्या सिर्फ कट्टरपंथी कहना काफी नहीं था। उसने जो उत्तर दिया उसने एक और बड़ा प्रश्न मेरे सामने खड़ा कर दिया। उसने कहा कि उसको बचपन से ही ये बताया/पढ़ाया जा रहा है कि गांधी कि हत्या एक हिंदू ने की। ।इस प्रसंग के बाद मैंने कुछ इतिहासकारों की पुस्तकों को टटोलना आरंभ किया। कई जगहों पर गोडसे को हिंदू फेनेटिक या हिंदू कट्टरपंथी कहा गया है। बच्चो को पढ़ाई जाने वाली पुस्तक जिसको भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) तैयार करती है उसमें भी परोक्ष रूप से नाथूराम गोडसे को हिंदू बताया गया है। इस पुस्तक में कहा गया है कि गांधी की हत्या करने वाला युवक ब्राह्मण था, पुणे का रहने वाला था और चरमपंथी हिंदू अखबार का संपादक था। ।इन प्रश्नों से जूझ ही रहा था कि एक दूसरा प्रसंग सामने आया। ये प्रसंग अपनी लेखनी से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को चुनौती देने वाले पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की हत्या से जुड़ा है। गणेश शंकर विद्यार्थी ने स्वाधीनता संग्राम के दौरन ‘प्रताप’ साप्ताहिक पत्र के माध्यम से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जनमानस तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनका एक पांव जेल के अंदर और एक जेल के बाहर रहता था। राष्ट्रवादियों के साथ उनका संपर्क सतत बना रहता था। गांधी की तरह इनकी भी हत्या कर दी गई थी। इनकी हत्या किसने की इस पर जितना लिखा गया उससे अधिक छिपाया गया। ज्यादातर जगहों पर ये उल्लेख मिलता है कि गणेश शंकर विद्यार्थी दंगाइयों के शिकार बन गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b44581151e3df9dba092c5447817677c71d578e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65779.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय शंकर त्रिपाठी कहते हैं कि प्लेटलेट्स चढ़ाना डेंगू का इलाज नहीं होता। डेंगू वायरस के चार वर्गों में टाइप टू ही सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसे हैमरेजिक डेंगू कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें शरीर में आंतरिक या बाह्य रूप से रक्तस्राव होने लगता है। ऐसी स्थिति में यदि एक लाख प्लेटलेट्स हों तो भी प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है, लेकिन यह बहुत कम मामलों में देखा जाता है। हालांकि उन्होंने इसके साथ यह सलाह दी है कि यदि मरीज का प्लेटलेट काउंट कम हो रहा है तो अपने डाक्टर का परामर्श मानें और साथ ही एक डोनर तैयार रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66e38f045579bcf83c97ba92216b34acd06c783c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65781.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शांतिनिकेतन का समावेशी संसार।कानपुर, यतीन्द्र मिश्र। हिंदी की प्रतिष्ठित रचनाकार और एक दौर में घर-घर पढ़ी गईं शिवानी की साहित्यिक देन विपुल है। आज जब हम आजादी के पचहत्तरवें वर्ष में ऐसी कृतियों का पुनर्पाठ कर रहे हैं, जिन्होंने समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है, ऐसे में उनका लिखा ‘आमादेर शांतिनिकेतन’ जरूरी पाठ की तरह आधुनिक समय में प्रासंगिक हो उठता है। इस तर्क के चलते भी कि जब उच्च शिक्षा के लिए भारत में आज बड़े और सम्मानित विश्वविद्यालयों में दाखिला कठिन होता जा रहा है, लेखिका के ये संस्मरण, जो उनके जीवन-निर्माण में शिक्षा प्राप्ति के समय विश्वभारती शांतिनिकेतन जैसे संस्थान से जुड़े थे, शिक्षा के बड़े आदर्शों को सादगी के साथ अभिव्यक्त करते हैं। ‘आमादेर शांतिनिकेतन’ किशोरावस्था के समय संजोई गई वह दुर्लभ पूंजी है, जिसने शिवानी जैसी अप्रतिम लेखिका को वैचारिक रूप से समृद्ध करते हुए भारतीयता के उन मानवीय पक्षों से परिचित कराया, जिसके कारण उनका व्यक्तित्व निखर सका। ।ये संस्मरण, आत्मीयजनों के रेखांकनों और सामान्य सी लगती दृश्यावली को विशाल फलक पर प्रतिष्ठित करते हैं। एक बार शिवानी को गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर ने यह हिदायत दी थी कि रचना-कर्म अपनी मातृभाषा में होना चाहिए। इसके फलस्वरूप उन्होंने हिंदी भाषा को अपने लेखनकर्म के लिए चुना। हालांकि वे पढ़ाई में इतनी मेधावी थीं कि खांर्टी हिंदी पट्टी से निकलकर जब वे शांतिनिकेतन पहुंची, तो वहां के समावेशी माहौल में बांग्ला भाषा पर भी एकाधिकार कर लिया। इस संस्मरण का हर एक पक्ष गुरुदेव की लोकरंजकता से तो जुड़ता ही है, बल्कि उस प्रखर दृष्टि को भी उद्भासित करता है, जिसके चलते भारत के उस नवजागरण काल में शांतिनिकेतन-अनुशासन, संस्कार, ज्ञान, आचरण और भारतीयता का लगभग पर्याय ही बन गया। इस लिहाज से भी यह किताब उस नवजागरण काल को नजदीक से देखने की ऐसी गाइड है, जिसमें परंपरा और आधुनिकता, संतुलित ढंग से एकाग्र है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c82a647b5dc54c24005d9d2a338f876c41a0eddd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं लिया पाकिस्‍तान का नाम ।शाह ने पूरे भाषण के दौरान पाकिस्तान का नाम भी सिर्फ एक बार लिया। गृह मंत्री ने कहा कि मैं पाकिस्तान की बात करने वालों को जवाब नहीं देना चाहता, क्योंकि मैं यहां कश्मीर के युवाओं से बात करने आया हूं। मैं कश्मीर के युवा साथियों को बताने आया हूं कि मोदी सरकार आपके लिए कई योजनाएं लाई है। इन योजनाओं का आप लाभ लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cd64b6c392dd831f535af99bc2cf9db1e20ebc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। बंगाल की सत्ता में लगातार तीसरी बार वापसी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के एजेंडे पर गंभीरता से काम कर रही हैं। इसके तहत टीएमसी बंगाल के बाहर केवल छोटे राज्यों में अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी आइपैक तृणमूल की इस राजनीतिक महत्वाकांक्षा को जमीन पर उतारने की कसरत में जुटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bb75ab489cac23a3802c90ea49381af9e021db5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65786.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। पाकिस्तानी महिला पत्रकार अरूसा आलम को लेकर दो दिन से पंजाब की राजनीति गरमाई हुई है। दरअसल, अरूसा आलम कैप्टन अमरिंदर सिंह की महिला मित्र हैं। पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा से कैप्टन की वर्ष 2006 में जालंधर में पंजाब प्रेस क्लब के उद्घाटन समारोह के दौरान मुलाकात हुई थी। वह जालंधर प्रेस क्लब के आमंत्रण पर यहां आई थीं। इसके बाद कैप्टन और अरूसा की दोस्ती बरकरार रही। वैसे मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कैप्टन की अरूसा से पहली मुलाकात 2004 में पाकिस्तान दौरे के दौरान हुई थी। यह दोस्ती वर्ष 2006 में जालंधर में मुलाकात के बाद और प्रगाढ़ हो गई। + +कैप्टन को महाराज साहब बुलाती हैं उनकी महिला मित्र।अरूसा आलम कैप्टन अमरिंदर सिंह को महाराज साहब कहती हैं। वर्ष 2017 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने थे तो शपथ ग्रहण समारोह में अरूसा आलम वीवीआइपी सीट पर बैठी नजर आई थी। बताया जाता है कि अरूसा के पिता समाजवादी नेता रहे हैं। वर्ष 1970 के दौरान उनके पिता का राजनीति में अच्छा दखल था। अरूसा की मां की सैन्य क्षेत्र में रुचि थी, इसीलिए अरूसा ने रिपोर्टिंग के लिए रक्षा विषय को चुना। अरूसा अगस्ता-90बी पनडुब्बी सौदों पर अपनी रिपोर्ट के लिए जानी जाती हैं। इसके कारण 1997 में पाकिस्तान के तत्कालीन नौसेना प्रमुख मंसूरुल हक की गिरफ्तारी हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..897d6c04017f7cd69745ed09b5f9b2d22d904324 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +3- प्रो. पंत का कहना है कि हिंदू विरोधी हिंसा को इस कड़ी से जोड़कर देखा जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा क‍ि शेख हसीना की अवामी लीग की हिंदू अल्‍पसंख्‍यक के मतों पर नजर है। इसलिए आवामी लीग का यह धर्मनिरपेक्ष संविधान का फैसला हिंदुओं को लुभा सकता है। यह अवामी लीग के प्रति हिंदुओं की धारणा को बदल सकता है। हाल में पूजा पंडाल में हुई हिंसा के चलते अवामी लीग की साख को धक्‍का लगा था, इस बहस से उसकी छवि में जरूर सुधार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19a1745decafec9cdb31007354e2107c8f5ba2d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अतुल शुक्ला, जबलपुर: जबलपुर के ज्ञान गंगा निजी इंजीनियरिंग कालेज के मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल के विद्यार्थियों ने एक ऐसा ग्रीन रोबोट तैयार किया है, जिसकी मदद से पौधे लगाने का काम आसान होगा। इसकी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से बैटरी व मोबाइल एप से संचालित होता है। यह गूगल मैप पर दिखाई लोकेशन पर जाकर पौधे लगा सकता है। इसे बनाने की लागत अभी करीब एक लाख रुपये आई है, मगर इस पर अभी और शोध किया जा रहा है, जिससे कि इसकी लागत को कम किया जा सके और किसानों के लिए इसे आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfadd2cf632fb4310503fb2438675a67eecd32d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओबामा की स्वास्थ्य परियोजना पर भी काम कर चुकी हैं नीरा ।मई में ही टंडन को व्हाइट हाउस का सीनियर एडवाइजर नियुक्त किया गया है। वह डिपार्टमेंट आफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज में सीनियर एडवाइजर रह चुकी हैं और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य परियोजना पर भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में व्हाइट हाउस में बतौर एसोसिएट डायरेक्टर करियर की शुरुआत की और उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन की नीति सलाहकार भी रहीं। उन्होंने यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया से विज्ञान में स्नातक व येल ला स्कूल से कानून की डिग्री हासिल की है। ।नीरा टंडन मामले में बाइडन पीछे हटे थे ।मार्च, 2021 में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन को सीनेट में अपनी ही पार्टी ने एक बड़ा झटका दिया था। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी में एकता को दिखाने और पार्टी के अंदर आतंरिक कलह से बचने के लिए व्‍हाइट हाउस ने नीरा टंडन का नाम बजट निर्देशक के पद से वापस ले लिया था। उस वक्‍त जानकारों ने कहा था कि नीरा टंडन का बजट निर्देशक पद से नाम वापस लेना बाइडन प्रशासन के लिए शुभ नहीं था। पार्टी ने आंतरिक कलह को छिपाने के लिए व्‍हाइट हाउस ने यह फैसला लिया था। खासकर तब जब राष्‍ट्रपति बाइडन सीनेट में और अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटरों से नीरा टंडन की वकालत कर रहे थे। तब यह बात कही जा रही थी कि बाइडन की अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी में पकड़ ढीली है। आखिरकार नीरा व्‍हाइट हाउस पहुंचने में कामयाब रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f68bcae22a5be781e0487765e3abdf6a98b02e51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशालतम बाजार।शाहजहांनाबाद के 14 दरवाजों में से एक है लाहौरी और काबुल दरवाजा से व्यापारी शाहजहांनाबाद आते थे और यहीं पर ठहरते थे। अफगानिस्तान की आबोहवा में सूखे मेवे बहुत होते थे। ऐसे में वहां के व्यापारी मसालों और सूखे मेवों का विक्रय करने आते थे। धीरे-धीरे वहां दुकानें स्थापित हो गईं और खारी बावली का वजूद नई बनी सड़कों दुकानों तले दब गया। देखते ही देखते ये जगह सूखे मेवों का गढ़ बन गई। इसकी विशालता और समृद्धि की कहानी इतिहास की किताबों में भी मिल जाती है। ‘चांदनी चौक द मुगल सिटी आफ ओल्ड दिल्ली’ पुस्तक में इतिहासकार स्वपना लिडले ने लिखा है कि खारी बावली में सूखे मेवे का विशालतम बाजार है। इसी तरह से ‘दिल्ली ए थाउजेंड ईयर्स आफ बिल्डिंग’ में लूसी पेक ने लिखा है कि खारी बावली ड्राईफ्रूट और मसालों का दिलकश बाजार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..184feb0a75dfe64e17518f5eb6b8d1db845bc8fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेपर पैटर्न: इस परीक्षा में सामान्यत: तीन चरण होते हैं-प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार। अंतिम रूप से चयन मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में मिले अंकों के आधार पर होता है। प्रारंभिक परीक्षा सिर्फ स्क्र्रींनग परीक्षा है, जो छात्रों की भीड़ को कम करती है। इसे पास करने के बाद ही एक निश्चित संख्या में अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलता है। इस बार बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा जनवरी, 2022 में प्रस्तावित है। इसलिए छात्रों के पास अधिक समय नहीं बचा है। ऐसे में सफलता सुनिश्चित करने के लिए अभी से परीक्षा के अनुरूप उचित रणनीति बनाने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d79f4c15ec5c4df1d1aa069c6128e1d1a3fdb610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि घर का कोई सदस्य टीबी की बीमारी से ग्रसित होता था तो भयग्रस्त लोग उसके रहने की व्यवस्था घर से दूर कर देते थे। संक्रमित व्यक्ति को बगीचे या खेत में झोपड़ी बनाकर परिवार से अलग रखा जाता था और वहीं खाना-पानी आदि की व्यवस्था की जाती थी। माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया से होने वाली इस बीमारी से मौतों का आंकड़ा अन्य बीमारियों की तुलना में कहीं अधिक था जो संपन्न लोग थे, वे इसके उपचार के लिए विदेश का रुख करते थे। फिर भी यह निश्चित नहीं था कि संक्रमित व्यक्ति ठीक होकर वापस आएगा या नहीं। आजादी के करीब के वर्षों की बात करें तो आमजन के अतिरिक्त राजघरानों से लेकर राजनेता, अभिनेता, साहित्यकार आदि की बड़ी संख्या रही जो अल्पायु में ही इस बीमारी से चल बसे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65796.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf45293ea72d6296574b83c9724352f698b25d2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65796.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +कानपुर, आरती तिवारी। स्वतंत्रता संग्राम में लाहौर षड्यंत्र केस की सुनवाई जारी थी, लेकिन भगत सिंह व उनके साथियों ने भारतीय जनता को यह दिखाना चाहा कि ब्रिटिश शासन में न्याय मात्र एक ढकोसला है। इसी क्रम में स्पेशल मजिस्ट्रेट को लाहौर सेंट्रल जेल से लिखा गया एक पत्र...।11 फरवरी,1930। मिस्टर मजिस्ट्रेट,।4 फरवरी, 1930 के सिविल एंड मिलिट्री गजट में प्रकाशित आपके बयान के संबंध में यह जरूरी जान पड़ता है कि हम अपने अदालत में न आने के कारणों से आपको परिचित करवाएं, ताकि कोई गलतफहमी और गलत प्रस्तुति संभव न हो। + +हम महसूस करते हैं कि मजिस्ट्रेट का पहला व मुख्य फर्ज यह होता है कि उसका व्यवहार निष्पक्ष व दोनों पक्षों के ऊपर उठा होना चाहिए। यहां तक कि उस दिन माननीय जस्टिस कोर्ट ने यह रूलिंग दी थी कि मजिस्ट्रेट को दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात अपने सामने रखनी चाहिए कि विचाराधीन कैदी को अपनी पैरवी के संबंध में किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े और यदि कोई मुश्किल हो तो उसे दूर करना चाहिए, अन्यथा पूरा मुकदमा एक मजाक बनकर रह जाता है, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुकदमे में मजिस्ट्रेट का व्यवहार इससे उल्टा रहा है, जिसमें 18 नवयुवकों पर गंभीर आरोपों-जैसे हत्या, डकैती और षड्यंत्र- के अधीन मुकदमा चलाया जा रहा है, जिनसे संभव है उन्हें मृत्युदंड दिया जाए। जिन प्रमुख मुद्दों पर हम आपकी अदालत में न आने के लिए विवश हुए हैं, वे इस तरह हैं-।विचाराधीन कैदियों में से अधिकांश दूर-दराज प्रांतों से हैं और सभी मध्यवर्गीय लोग हैं। ऐसी स्थिति में उनके संबंधियों द्वारा उनकी पैरवी के लिए बार-बार आना न सिर्फ बहुत मुश्किल है, बल्कि बिल्कुल असंभव है। वे अपने कुछ दोस्तों से मुलाकात करना चाहते थे, जिन्हें वे अपनी पैरवी की सभी जिम्मेदारियां सौंप सकते थे। साधारण बुद्धि का भी यही तकाजा है कि उन्हें मुलाकात करने का हक हासिल है, इस मकसद के लिए बार-बार प्रार्थना की गई, लेकिन सभी प्रार्थनाएं अनसुनी रहीं। + +श्री अमरदास को पैरवी (डिफेंस) की कुर्सी पर बैठने की इजाजत देने की क्या तुक थी, जबकि वे किसी भी पक्ष का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे और न ही उन्होंने किसी को कानूनी परामर्श दिया। अपने मुख्तारों से मुलाकातों के संबंध में मुझे कानूनी सलाहकार से विचार-विमर्श करना था और इसी नुक्ते को लेकर हाईकोर्ट जाने के लिए उनसे कहना था, लेकिन उनके साथ इस संबंध में बात करने का मुझे कोई अवसर ही नहीं मिला। इस सबका क्या मतलब है? यह दिखाकर कि मुकदमा कानून के अनुसार चलाया जा रहा है, क्या लोगों की आंखों में धूल नहीं झोंकी जा रही? अपने बचाव का इंतजाम करने के लिए बंदियों को कोई अवसर नहीं दिया गया। इस बात के खिलाफ हम रोष प्रकट करते हैं। यदि सब कुछ उचित ढंग से नहीं किया जाता तो इस तमाशे की कोई जरूरत नहीं है। न्याय के नाम पर हम अन्याय होता नहीं देख सकते। इन परिस्थितियों में हम सभी ने सोचा कि या तो हमें अपनी जिंदगी बचाने का उचित अवसर मिलना चाहिए या हमें हमारी अनुपस्थिति में चले मुकदमे में हमारे खिलाफ दी सजाओं को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। + +तीसरी बड़ी शिकायत अखबारों के बांटने संबंधी है। विचाराधीन कैदियों को कभी भी दंड प्राप्त कैदी नहीं माना जाना चाहिए और यह रोक उन पर तभी लगाई जा सकती है जब उनकी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हो। इससे अधिक इसे उचित नहीं माना जा सकता। जमानत पर रिहा न हो सकने वाले बंदी को कभी भी दंड के तौर पर कष्ट नहीं देने चाहिए। सो प्रत्येक शिक्षित विचाराधीन बंदी को कम से कम एक अखबार लेने का अधिकार है। अदालत में 'एक्जीक्यूटिव' कुछ सिद्धांतों पर हमें हर रोज एक अंग्रेजी अखबार देने के लिए सहमत हुई थी, लेकिन अधूरी चीजें, न होने से भी बुरी होती हैं। अंग्रेजी न जानने वाले बंदियों के लिए स्थानीय अखबार देने के अनुरोध व्यर्थ सिद्ध हुए। अत: स्थानीय अखबार न देने के आदेश के विरुद्ध रोष प्रकट करते हुए हम दैनिक ट्रिब्यून लौटाते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12967a7bbb622d492619d36240f4870033df4191 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65799.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पीला व सफेद रंगा का बिछुआ व पायल होने पर इनको गंगा जमुनी तहजीब नाम से ब्रांडिंग की गई है। छल्ले वाले बिछुए, पायल के साथ मैचिंग वाला बिछुआ भी ध्यान खींच रही है। पायल से मैचिंग वाले बिछुए एक ही पैकिंग में आ रहे हैं। 350 से लेकर 1500 रुपये तक के बिछुए वजन व डिजाइन के हिसाब से हैं। बैंकाक का बिछुआ थोड़ा महंगा है, जिसकी कीमत 600 रुपये शुरू होकर एक हजार रुपये तक है। सराफा कारोबारी मनीष गोयल बताते हैं कि बैंकाक का बिछुआ शुद्धता की वजह से थोड़ा महंगा है। तीन अंगुली में एक साथ बिछुए पहन सकें, इसके लिए तीनों जुड़े हुए हैं। चैन वाले बिछुए भी बाजार में हैं। सराफा कारोबारी प्रशांत कहते हैं कि बिछुए व पायल की करीब एक दर्जन से अधिक रेंज है। करवा चौथ के अलावा सहालग के लिए भी खरीदारी की जा रही है। + +दुल्हा-दुल्हन वाली पायल बनी खास पसंद : बाजार में खास तरीके की पायल करवा चौथ व शादी के लिए आई हैं। पायल पर पूरी बरात की नक्काशी की गई है। चांदी की पायल के ऊपर से दुल्हा-दुल्हन, डोली, बैंड बाजा, सात फेरे लेते दुल्हा-दुल्हन, जयमाला की नक्काशी गोल्डन रंग में उभरी हुई है। यह वजन में भारी होने के कारण महंगी हैं। इसके अलावा कड़ा पायल भी चलन में आने से इसे भी पसंद किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d52e8ad87e9443235b6419d9f8d30666c912c86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65801.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। Rampur Hunar Haat : रामपुर हुनर हाट से दस्तकारों के साथ ही ग्राहकों को भी फायदा हो रहा है। दस्तकारों के हुनर को पहचान मिल रही है तो ग्राहकों को सस्ते में सामान मिल रहा है। यह कहना है पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान से हुनर हाट में आए नासिर शेख का। हालांकि उनका हुनर भी लाजवाब है। उन्होंने कपड़े पर अपने हुनर से जो आकृतियां बनाई हैं, महिलाएं उसे खूब पसंद कर रही हैं। ।रामपुर की हुनर हाट में वह अपने हाथ से तैयार कपड़े लेकर आए हैं। यहां उनके स्टाल पर खूबसूरत साड़ी व लेडीज सूट उपलब्ध हैं। इनपर उन्होंने हाथ से अपने हुनर को उकेरा है। नासिर शेख का यह पुश्तैनी काम है। उनके दादा और परदादा भी यही काम करते रहे हैं। अब भी उनका पूरा परिवार कपड़ा तैयार करने में लगा है। उनके यहां जामदानी साड़ी और फैब्रिक लीलन के सूट बहुत अच्छे बनाए जाते हैं। नासिर बतातें हैं कि वह घर पर ही धागा तैयार करते हैं और फिर हैंडलूम से कपड़ा बुनते हैं। इसके बाद लीलन पर डिजिटल पेंटिंग करते हैं। इसके साथ ही कढ़ाई का काम भी करते हैं। सुई धागे से खूबसूरत आकृतियां बनाई हैं। इन्हें देखते ही महिलाएं आकृषित हो जाती हैं। उनकी बनाई साड़ी व सूट सस्ते होने के साथ ही अच्छे भी हैं। बताते हैं कि उनकी साड़ी डेढ़ हजार से लेकर दो हजार रुपये तक की है, जबकि मार्केट में शोरूम पर यही साड़ी छह हजार से कम में नहीं मिल पाएगी। इसी तरह सूट भी एक से डेढ़ हजार रुपये में बेच रहे हैं। बाजार में यह भी दोगुने दाम पर ही मिल पाएगा। + +हुनर हाट से फायदा ही फायदा : नासिर के साथ उनके भाई मुहम्मद वारिक अंसारी भी आए हैं। उनका कहना है कि हुनर हाट के जरिए सभी लोगों को फायदा पहुंच रहा है। हमारे हुनर को पहचान मिल रही है तो ग्राहकों को सामान सस्ता मिल रहा है, क्योंकि हुनर हाट में किसी भी सामान पर कोई टैक्स नहीं लिया जा रहा है। सरकार हमें यहां आने-जाने का खर्चा भी दे रही है और स्टाल भी फ्री में दिया है। इसलिए दस्तकार भी ग्राहकों से बहुत कम मुनाफा ले रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार का हुनर हाट लगाने का कार्य सराहनीय है। इससे उनके साथ ही आम आदमी को भी फायदा पहुंच रहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e12aa321c9da07b0d5c8d10ca0347cf3d91f7a2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65805.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। दिल्ली में बीते बचपन और युवावस्था के दिन आज भी जेहन में ताजा है। मुझे याद है तब हम कालकाजी में रहने आए थे। उस समय यहां नई कालोनियां बन ही रही थीं। आज यह भले ही दिल्ली के पाश इलाकों में से एक है, लेकिन उन दिनों यहां न तो पानी और न ही बिजली की कोई सुविधा थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अक्सर कालकाजी में निर्माण कार्य देखने आया करते थे। + +प्रकृति से था गहरा रिश्ता।स्कूल जाते समय अक्सर आसमान में साइबेरियन पक्षी उड़ते दिख जाते थे। वी आकार में उन पक्षियों को उड़ते देख हम वहीं रुक जाते और जब तक आंखों से ओझल न हो जाएं देखते रहते। उस समय अलग अलग तरह के पक्षी, कीट-पतंग खूब देखने को मिलते थे। लाल बीर बहूटी जिसको हम रेशम का कीड़ा समझते थे, उसे बच्चे बहुत प्यार से इकट्ठा करते थे। एक डबल डेकर नाम का कीड़ा भी होता था। उन दिनों ऐसा लगता था मानों दिल्ली और प्रकृति का गहरा रिश्ता हो। पेड़, पौधों, पक्षियों और कीट पतंगों से भरी नजर आती थी तब की दिल्ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65806.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4d78b3104c71f52e811b954c512f238edcd107a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हुनर हाट से बढ़ा कारोबार : सुरेंद्र कहते हैं कि भारत सरकार का अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय हुनर हाट का आयोजन कर बहुत ही अच्छा काम कर रहा है। इसे और बढ़ावा देने की जरूरत है। इससे दस्तकारों और शिल्पकारों को बड़ा फायदा हुआ है। उनके हुनर को पहचान मिली ही है। उनका कारोबार भी बढ़ा है। अब बाहर से भी उन्हे आर्डर मिलने लगे हैं। पहले वह अपने इलाके में ही बेच पाते थे। कुछ दुकानदार जूते खरीदते थे जो दाम तय करने में मनमानी करते थे। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। अब वह खुद अपनी मर्जी से दाम तय करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75f0431e7d3afd430c2a8251e538556d8c83eb1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65807.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खाली पड़े हैं कई मकान।एडीए ने 2006 से पहले शहर में स्वर्ण जयंती नगर विस्तार, विकास नगर, पला रोड कांशीराम नगर, एलमपुर समेत अन्य कई योजनाएं विकसित थीं। इनमें एचआइजी, एलआइजी के साथ ही ईडब्ल्यूएस मकान भी बने हुए हैं। इनमें कुछ मकान बिक चुके हैं, वहीं कुछ मकान ऐसे ही खाली पड़े हैं। ऐसे में विकास प्राधिकरण पिछले काफी समय से इन मकानों को बेचने की तैयारी कर रहा था, लेकिन कोई भी खरीदार नहीं मिल रहा है। कई बार आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन लोगों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई। इस पर पिछले दिनों एडीए उपाध्यक्ष गौरांग राठी ने अभियंताओं को इसका कारण जानने के लिए लगाया था। इसमें सामने आया कि अधिक कीमत के चलते लोग कम दिलचस्पी दिखाते हैं। अब समय के साथ यह संपत्ति खराब होती जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a86c0878bcf826a46a92a61e065a5c2e9de2258 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांग्लादेश में बीते दिनों उपद्रवियों द्वारा हिंदू मंदिर में की गई तोड़-फोड़ के पश्चात इस तरह से बदल गया वहां का परिदृश्य। फाइल।दर्द बहुत पुराना है, नोआखाली की हिंसा दुनिया के सामने है। गांधी का सत्याग्रह भी बहुत कारगर नहीं हो पाया था। अंत में गांधी ने हिंदुओं से अपील की थी कि हिंदू समुदाय नोआखाली छोड़कर हिंदू बस्ती में आ जाए। उसके बाद बंटवारे के दौरान भी हिंदू समुदाय का नरसंहार बड़े पैमाने पर हुआ था। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में यह बात दर्ज है कि बंटवारे के पहले बांग्लादेश में हिंदुओं की तादाद करीब 27 फीसद थी जो 2011 में 8.5 प्रतिशत पर आ चुकी है। हिंदुओं का पलायन एक बार फिर 1971 में हुआ था, जब पाकिस्तान की सेना सुनियोजित तरीके से हिंदुओं की हत्या कर रही थी। उस दौरान लाखों हिंदू मार दिए गए और लाखों शरणार्थी के रूप में भारत आ गए। बेगम खालिदा जिया के कार्यकाल में एक बार फिर हिंदुओं पर अत्याचार हुआ था, जब 2001 में बीएनपी की सरकार बनी थी। उसके बाद कई ऐसी नियमावली बनाई गई थी जो हिंदू समुदाय के विरुद्ध थी, जब उनकी जमीन और संपति को हड़पने का दौर शुरू हुआ जो आज भी कायम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9edb4a10a43e5d713c700666d7d6d92a7edc2294 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अंशु सिंह। देश के किसानों को सशक्त करने, उनके उत्पाद, फसल को बाजार तक पहुंचाने एवं उसका उचित मूल्य दिलवाने के उद्देश्य के साथ शुरुआत हुई थी ‘उन्नति’ की। यह एक ऐसा आनलाइन प्लेटफार्म है, जहां से किसान बीज से लेकर ऋण सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी के सह-संस्थापक अमित सिन्हा की मानें, तो वे किसानों को एक उद्यमी के रूप में देखना चाहते हैं, जो फसल की पैदावार से लेकर उसे बाजार तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी स्वयं संभाल सकें। इन्होंने देश के 48 जिलों में करीब 4500 ग्राउंड पार्टनर स्टोर्स के साथ हाथ मिलाया है, जो किसानों को कृषि संबंधी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएंगे। अब तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र एवं ओडिशा के 2.75 लाख से अधिक किसान इनके प्लेटफार्म पर पंजीकरण करा चुके हैं। ।‘उन्नति’ एक ऐसा एग्रीटेक प्लेटफार्म है, जो कृषि उद्योग से जुड़े लोगों के सशक्तीकरण के लिए कार्य कर रहा है। डिजिटल टेक्नोलाजी की मदद से ये कृषि उद्यमी अपने कारोबार को विस्तार दे पा रहे हैं। इस प्लेटफार्म से किसान बैंकिंग सर्विस से लेकर फसलों से संबंधित अन्य जानकारी हासिल कर सकते हैं। वे अपने बजट में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। यहां किसानों के लिए आसान ऋण की व्यवस्था भी है। न्यूनतम ब्याज दर एवं बिना किसी चीज को गिरवी रखे, किसानों को ऋण मिल सकता है। कंपनी के सह-संस्थापक अमित सिन्हा बताते हैं कि हमारे देश के किसान पारंपरिक खेती में विश्वास करते हैं। लेकिन इस प्लेटफार्म से किसानों को बीजारोपण के सही समय से लेकर फसलों की निगरानी करने, उनकी नमी के स्तर का पता करने आदि की जानकारी विस्तार में मिलती है। इसके माध्यम से वे अपने फसल एवं उत्पाद को बड़े बाजार तक पहुंचा सकते हैं। अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कह सकते हैं कि उन्नति छोटे रिटलेर्स एवं उद्यमियों को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान के साथ बिजनेस करने के लिए वन स्टाप प्लेटफार्म है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e172fea906b9d6ef972b6a11627f7d0677bc7510 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आपको बता दें रणवीर और आलिया के अलावा करण ने फिल्म में बाकी जिन स्टार्स को कास्ट किया वो सभी अपने आप में दिग्गज कलाकार हैं। फिल्म में धर्मेंद्र, जया बच्चन और शबाना अज़मी भी नज़र आएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, धर्मेंद्र और जया रणवीर के दादा-दादी के किरदार में हैं। वहीं, शबाना आज़मी का किरदार अभी रिवील नहीं हुआ है। करण इस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee154a049ef1a8926fa3bb7f3734615776a00596 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65810.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। सास-बहू के रिश्ते की तस्वीर धारावाहिकों में अलग दिखती है, लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है। करवाचौथ के लिए गुलजार हुए बाजारों में सास-बहू एक साथ शापिंग करने निकल रही हैं। बुटीक से डिजाइनर ड्रेस उठानी हो या चूड़ियां खरीदनी हो, कास्मेटिक का सामान लेना हो या मेहंदी वाले से बुकिंग करनी हो, सास-बहू एक साथ घर से निकल रही हैं। 24 अक्टूबर को करवाचौथ मनाया जाएगा। इसके लिए हर विवाहिता तैयारी कर रही है। बदलते समय के साथ रिश्तों में भी बदलाव आए हैं। सास अब अपनी बहुओं को बेटी की तरह देखती हैं, यही वजह है कि एक साथ शापिंग भी कर रही हैं। संजय प्लेस में अपनी बहू के साथ डिजाइनर ड्रेस पसंद कर रही सास सरोज सिंह ने बताया कि बहू को आए चार साल हो गए हैं। हर बार हम एक साथ ही शापिंग करती हैं, वो मुझे आज के फैशन के हिसाब से अपडेट करती है और मैं उसे अच्छे-बुरे की पहचान कराती हूं। + +आफरों की है भरमार।करवाचौथ के लिए हर जगह आफर चल रहे हैं। पार्लरों में मेकअप के साथ मेहंदी फ्री है तो कपड़ों और साड़ियों पर 20 से 50 फीसद की छूट मिल रही है। राजामंडी बाजार में साड़ी विक्रेता राजू मंगनानी ने बताया कि साड़ियों पर हम 40 फीसद की छूट करवाचौथ के लिए दे रहे हैं। सरगी पर दी जाने वाली साड़ी पर भी छूट दे रहे हैं। ब्यूटी पार्लर संचालिका अनीता ने बताया कि हमने करवाचौथ स्पेशल पैकेज दिए हैं। जिसमें ब्लीच फेशियल के अलावा मेकअप के साथ मेहंदी लगाने की भी सुविधा दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..952923ce15fef1c34017cb50461d37c35a2ae0d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है जंबो पैक।जंबो पैक डोनेशन एक प्रक्रिया है, जिसमें 45 मिनट से एक घंटे का समय लगता है। यह ब्लड डोनेशन से अलग है, इसमें ब्लड से प्लेटलेट्स निकाले जाते हैं। इसमें पीआरबीसी और एफएफपी डोनर के शरीर में वापस कर दी जाती है। जंबो पैक में प्लेटलेट्स का काउंट 60 हजार होता है, वहीं एक मिनी पैक (रेंडम डोनर प्लेटलेट्स ) में सात से 10 हजार प्लेटलेट्स। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65815.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e89bbc09b0ea34fa356e9873cf1c534041e96ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65815.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अरुण श्रीवास्तव। हमारा देश प्राचीन समय से ही स्वाभिमान के साथ अपनी पहचान बनाता और आगे बढ़ता रहा है, भले ही हमारी राह में तमाम मुश्किलें आती रही हैं। वसुधैव कुटुंबकम की धारणा में विश्वास रखते हुए पूरी दुनिया को अपना परिवार समझते हुए हमारा देश कभी भी आक्रांता की भूमिका में नहीं रहा। पर इसी को हमारी कमजोरी समझते हुए प्राचीन काल से ही विदेशी और मुस्लिम आक्रांताओं ने अनगिनत बार पर हम पर आधिपत्य जमाने की कोशिश की। तमाम आक्रमणों और झंझावातों के बावजूद भारतीय संस्कृति न सिर्फ अक्षुण्ण रही, बल्कि हम सभी का भरोसा इसमें और बढ़ा है। हमारी गौरवपूर्ण संस्कृति हमारी पहचान है और इससे हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा भी लगातार मिलती रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d78d96e2987bfbee25e4fe2001f7dfeeb105ef82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65816.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में खेती और किसानों से जुड़े तमाम विवादों के समाधान के लिए प्रदेश सरकार अहम फैसला लेने जा रही है। अपने कार्यकाल के सात साल पूरे होने पर प्रदेश सरकार हर जिले में कृषि अदालतें खोलने का ऐलान कर सकती है। इन कृषि अदालतों के प्रारूप और स्वरूप पर मंथन चल रहा है। कृषि अदालतें खुलने के बाद इनमें भुगतान में देरी, मुआवजा समय से नहीं मिल पाने तथा फसल बीमा कंपनियों की कथित मनमानी समेत तमाम तरह के विवादों को चुनौती दी जा सकेगी। हरियाणा सरकार का मानना है कि कृषि अदालतें खुलने के बाद किसानों से जुड़े विवादों का तेजी से समाधान हो सकेगा। + +जिलों में खुलने वाली कृषि अदालतों में हर शिकायत का समाधान करने की मंशा के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। इन कृषि अदालतों की जिम्मेदारी आइएएस अधिकारियों को सौंपी जाए या फिर एचसीएस या कृषि विभाग के अफसरों को, इस पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने राज्य में शहद व्यापार केंद्र बनाने की योजना तैयार की है। इसके अलावा प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें किसान मित्र बनाने की भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। एक प्रगतिशील किसान 10 नए किसानों को ट्रेनिंग देकर उन्हें अपने जैसा बनाएगा, जबकि एक प्रगतिशील किसान को 100 किसानों के साथ मित्रता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। किसान मित्र के नाते प्रगतिशील किसान सामान्य किसानों को फसल व वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देंगे, ताकि फसल में अधिक से अधिक लाभ हासिल किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53514b8185a5d7071c411ae4880a789cba86c8dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65817.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली से आगे दल विस्तार का प्रयास : दिल्ली के बाहर पंजाब में अपनी मजबूत पैठ बना चुकी आम आदमी पार्टी की भी उम्मीदें ममता बनर्जी की तरह गोवा पर टिकी हैं। उनके नेताओं का गोवा का बार-बार का दौरा यही साबित करता है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के भावी चुनावों में भी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रही है। इसलिए मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की अगुआई में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी बार-बार तिरंगा यात्र निकालकर अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके पहले गुजरात के निकाय चुनावों में कुछ सीटें वह जीत भी चुकी है। इस जीत से उसकी उम्मीदें बढ़ गई हैं। + +हम जिस लोकतांत्रिक पद्धति को मौजूदा विश्व व्यवस्था में सबसे बेहतरीन शासन व्यवस्था मानते हैं, उसके गर्भ में कई अजूबे भी छिपे हैं। ये अजूबे ही कभी जनता दल यू, तो कभी तृणमूल कांग्रेस, कभी आम आदमी पार्टी तो कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं की महत्वाकांक्षाओं को परवान चढ़ाने में मदद देते हैं। पहली बार 1979 में महज 64 सांसदों वाले धड़े के नेता चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बन गए थे। इसके बाद दूसरा मौका वर्ष 1990 में आया, जब केवल 54 सांसदों के नेता चंद्रशेखर बाहरी समर्थन से प्रधानमंत्री बने। वर्ष 1996 में एचडी देवेगौड़ा की पार्टी के केवल 46 और उनके राष्ट्रीय मोर्चा के सिर्फ 79 सांसद ही चुने गए थे। तब लोकसभा में 161 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी थी, फिर भी छोटे दल के नेता देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने। झारखंड ने तो इसी सदी के शुरुआती दिनों में इससे भी बड़ा अजूबा देखा, जब निर्दलीय मधु कौड़ा राज्य के मुख्यमंत्री बन बैठे। बहुमत के जादुई आंकड़े का जुगाड़ उन्हें परिस्थितिवश मिलता चला गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e849c9ca57c17b0f7ba89f98654711205895986 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65819.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +रीना डंडरियाल, रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के पूर्व छात्रों ने रिचार्जेबल बैटरी के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने प्रदूषण का पर्याय समझी जाने वाली पराली से बैटरी बनाने की तकनीक विकसित की है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि पराली से होने वाले प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। यही नहीं, पराली जलाने से कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को भी खत्म किया जा सकेगा। पूर्व छात्रों के स्टार्ट अप (कंपनी) इंडी एनर्जी ने आइआइटी रुडकी में भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर योगेश शर्मा की अगुआई में यह शोध किया। ।प्रोफेसर योगेश शर्मा बताते हैं कि बैटरी बनाने के लिए कोबाल्ट, निकल और लिथियम जैसे रासायनिक तत्वों की जरूरत होती है। चीन के पास ही इनकी उपलब्धता है। ऐसे में बैटरी उत्पादन के क्षेत्र में भारत पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए आइआइटी रुड़की के पूर्व छात्रों के स्टार्ट अप ने यह तकनीक विकसित की है। उनके अनुसार, भारत में लिथियम का विकल्प खोजकर ऐसी तकनीक विकसित करने वाली इंडी एनर्जी संभवत: पहली कंपनी होगी। उन्होंने बताया कि पराली से कार्बन बनाने के लिए भारत सरकार की ओर से अनुमति मिल गई है और पेटेंट करा लिया गया है। + +(पराली से बैटरी बनाने की तकनीक खोजने वाले आइआइटी रुड़की के स्टार्ट अप इंडी एनर्जी की टीम। साभार-टीम) ।लिथियम की जगह सोडियम आयन बैटरी । प्रोफेसर शर्मा के मुताबिक, रासायनिक प्रक्रिया का इस्तेमाल कर नमक से सोडियम और पराली से कार्बन बनाया जाएगा। इन दोनों को मिलाकर सोडियम आयन बैटरी तैयार की जाएगी। पराली से बनने वाली सोडियम आयन बैटरी का प्रयोग मोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर स्ट्रीट लाइट आदि में किया जा सकेगा। प्रोफेसर योगेश शर्मा के अनुसार, एक किलो पराली का प्रयोग करके चार आइफोन की बैटरी बनाई जा सकती है। एक आइफोन की बैटरी की क्षमता लगभग दो-तीन हजार एमएएच होती है। + +(आइआइटी रुड़की के स्टार्ट अप इंडी एनर्जी की टीम की ओर से पराली से बनाया गया कार्बन। साभार-टीम) ।500 एमएएच की बैटरी बनाई, अब लगेगा प्लांट । प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि आइआइटी रुड़की लैब में 500 एमएएच की बैटरी बनाने का प्रयोग किया गया, जो सफल रहा। स्टार्ट अप ने 10000 एमएएच तक की बैटरी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत पराली से कार्बन बनाने के लिए आइआइटी रुड़की परिसर में प्लांट स्थापित किया जाएगा। दिसंबर तक इस पर काम शुरू हो जाएगा। पराली लेने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों से संपर्क किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dbc7290ba427c6213fcd3160b055699cde865b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6582.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KGF Chapter 2 इस साल की बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में शामिल है। वैसे तो यह मूल रूप से कन्नड़ भाषा की फ़िल्म है, मगर इसकी हिंदी भाषा के दर्शकों के बीच भी ज़बरदस्त लोकप्रियता है, जिसके चलते फ़िल्म केजीएफ चैप्टर 2 का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है। अब फ़िल्म को लेकर एक बड़ी ख़बर आयी है। इसकी सभी दक्षिण भाषाओं कन्नड़, तेलुगु, तमिल और मलयालम के वर्ल्डवाइड सैटेलाइट अधिकार ज़ी ग्रुप ने हासिल कर लिये हैं। ।फ़िल्म के लीड एक्टर यश ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिए साझा की है। ज़ी ने यह डील कितने में फाइनल की, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है, मगर माना जा रहा है कि ज़ी ने सैटेलाइट अधिकार लेने के लिए बड़ी रकम ख़र्च की है। ज़ी के सैटेलाइट अधिकार ख़रीदने की ख़बरें आने के बाद अब फ़िल्म के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने चर्चा भी तेज़ हो गयी है। ।Glad to Announce #KGF2SouthOnZee @prashanth_neel @VKiragandur @hombalefilms @HombaleGroup @duttsanjay @TandonRaveena @SrinidhiShetty7@ZeeKannada @ZeeTVTelugu @ZeeTamil @ZeeKeralam pic.twitter.com/MEGcvhz8II।बता दें, केजीएफ चैप्टर 2 इसी साल 16 जुलाई को रिलीज़ होने वाली थी, मगर कोरोना वायरस पैनडेमिक की दूसरी लहर के प्रकोप में सिनेमाघर बंद होने की वजह से फ़िल्म रिलीज़ नहीं हो सकी थी। ख़बरें आयीं कि फ़िल्म सितम्बर में रिलीज़ हो सकती है, मगर मेकर्स ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि कोई तारीख़ तय नहीं हुई है। इसके बाद दिसम्बर में रिलीज़ होने की ख़बरें भी आयीं। हालांकि इनकी पुष्टि नहीं हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91eab19b18dd671ff454a4957f50cd8445e6c626 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65822.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण सरोकार - सुशिक्षित समाज।- हर शाम ङ्क्षमटो पार्क के पास मलिन बस्ती व वोट क्लब के पास लगती है पाठशाला ।- विषय और कक्षावार अलग अलग बच्चों को बैठाकर की जाती है पढ़ाई।प्रयागराज, अमलेंदु त्रिपाठी। यमुना का किनारा। गरीब परिवारों के करीब 25 बच्चे। तन पर आधे कपड़े पर किताब में क्या है, उसे जानने की चाहत पूरी। उनकी इस उत्कंठा को शांत करने के लिए सामने खड़े पांच युवा। इसी में से एक ने पूछा कविता याद हो गई। जवाब मिला जी सर। तभी एक बालक ने उत्साह के साथ कहा हमने तो जोड़ऩा भी सीख लिया। पास खड़ी श्रद्धा ने उसे अपने पास बुलाकर बैठाया और कुछ सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू किया। उधर, एक अन्य युवक अमित ने एक बालक को खड़ाकर हिंदी की किताब पढऩे को कहा। ।प्रयागराज में मिंटो पार्क के पास फुटपाथ पर चलती हैं कक्षाएं ।यह दृष्य करीब हर शाम प्रयागराज के मिंटो पार्क के पास नए यमुना पुल के नीचे देखा जा सकता है। इस फुटपाथ की पाठशाला को करीब छह महीने पहले कुछ प्रतियोगी छात्रों ने शुरू की थी। आरंभिक दिनों में दो तीन बच्चे यहां आते थे। अब यह संख्या लगातार बढ़ रही है। पाठशाला का स्वरूप भी व्यवस्थित हो रहा है। कक्षावार विद्यार्थी बैठ रहे हैं। ।बच्‍चों को पढ़ाने वालों में इंजीनियरिंग में डिप्‍लोमा करने वाले छात्र भी हैं ।यहां बच्चों को पढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले करछना निवासी अमित बताते हैं कि वह प्रतियोगी छात्र हैं। आइइआरटी से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके हैं। सेवा बस्तियों में भ्रमण के दौरान उन्हें बहुत से बच्चे मिले, जिनका स्कूल से कोई नाता नहीं था। कुछ बच्चों से बात कर उन्होंने इस पाठशाला की शुरुआत की। अपने साथी अभिषेक राज, प्रदीप, मनीष, अनिल, श्रद्धा, नंदिनी, साक्षी, श्वेता, नीता को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाया। शुरू में उन्हें सामान्य व्यवहार की चीजें सिखाई गईं। फिर बच्चों के अभिभावकों से भी बात की और उन्हें नियमित रूप से शाम की पाठशाला में भेजने के लिए भी राजी किया। अब कक्षावार बच्चों को बैठाकर पढ़ा रहे हैं। इसके पीछे लक्ष्य है कि पढ़े भारत, बढ़े भारत सिर्फ स्लोगन न रहे वास्तव में सभी बच्चे पढ़ें और बढ़ें। इस दौरान सृजनात्मक, रोचक गतिविधियां भी बच्चों के जरिए कराई जाती हैं जिससे वह पढ़ाई को नीरस न समझें। + +स्कूल छोड़ चुके बच्चों का दोबारा दाखिला कराया।अमित बताते हैं कि उनकी कोशिश है कि जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं उन्हें दोबारा दाखिला दिलाया जाए। अब तक कुल 166 बच्चों का अलग-अलग स्कूलों में प्रवेश कराया जा चुका है। 72 बच्चे आर्य कन्या इंटर कालेज, 85 बच्चों का प्रवेश डा. कैलाशनाथ काटजू इंटर कालेज में, 7 बच्चों का प्रवेश शुभम इंटर कालेज में कराया गया है। इस कार्य में स्माइल फार आल सोसायटी की भी मदद उन्होंने ली है। संस्था की ओर से बच्चों की फीस व अन्य स्टेशनरी की व्यवस्था समय-समय पर की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65823.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65823.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cb60da5e97afaf9adabd440eab6b91ea2c1889d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65823.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। क्या पाकिस्तान के हुक्मरान अपने देश को एफएटीएफ की निगरानी सूची से बाहर निकालने के लिए अब हाफिद सईद, मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकियों और उनके संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे ? पाकिस्तान के अभी तक के रवैये को देखते हुए यह उम्मीद करना फिलहाल बेमानी होगी। लेकिन इतना तय है कि अगर पाकिस्तान ने इन आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर वैश्विक बिरादरी को संतुष्ट नहीं किया तो उसके लिए एफएटीएफ की तरफ से ब्लैकलिस्टेड (प्रतिबंधित सूची में शामिल होने) का खतरा हमेशा बरकरार रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46b145fad19549f73184f4aab88257c37f11c653 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पूरे देश में कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज पूरे होने से एक ओर लोगों में उत्साह है, तो दूसरी ओर बंगाल में दुर्गा पूजा के बाद कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। एक हफ्ते में संक्रमितों का आंकड़ा लगभग दोगुना हो गया है। पाजिटिविटी दर में भी तेज उछाल देखा गया है। बताते चलें कि दुर्गा पूजा के दौरान हाई कोर्ट के निर्देश तथा सरकार की सख्ती के बावजूद भी कोलकाता तथा उसके आसपास के जिलों में कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ गई थीं। राज्य में कोरोना के कुल मामलों में लगभग 80 फीसद मामले कोलकाता तथा उसके आसपास के जिलों उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना तथा हावड़ा से हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a1125a959001a3aeb2d924f7c5256229a68a21c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65828.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बता दें, जिम कार्बेट पार्क का साढ़े आठ हजार वर्ग मीटर का हिस्सा मुरादाबाद की अमानगढ़ रेंज का जंगल है। इसमें भी बड़ी संख्या में जंगली जानवर हैं। वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में बारिश के बाद जंगल में भी बाढ़ ने बहुत प्रभावित किया है। अमानगढ़ क्षेत्र में कुछ वर्ग किमी का नदी से लगा क्षेत्र इससे प्रभावित हुआ। अचानक पानी आने से सियार, हिरन और बारहसिंगा बाढ़ की चपेट में आ गए। इनमें से दो जानवर वन विभाग कै कैमरों की जद में आए तो उन्हें बचाया गया। अन्य जानवरों को बचाने के लिए भी एक सप्ताह जानवरों को बचाने के लिए अभियान चलाया गया, जिसमें छोटे जानवर बचाए गए। + +पैर जबड़े में दबा खींच ले गया मगरमच्छ। मंगलवार शाम पीलीभीत के सिद्धनगर गांव में रहने वाले किसान अवतार सिंह अपनी पशुशाला में गए थे। वहां चारों ओर पानी भरा था, इसलिए भूखे पशुओं को चारा डालने के लिए सूखी जगह तलाश रहे थे। स्वजन के अनुसार, करीब चार फीट तक भरे पानी में मगरमच्छ भी था। अवतार सिंह को इसका आभास नहीं हुआ। अचानक उसने अवतार सिंह का पैर जबड़े में दबाया और खींचता ले गया। उनके चीखने की आवाज सुनकर परिवार के लोग पहुंचे मगर, कुछ पता नहीं चला। बुधवार को पशुशाला से करीब तीन सौ मीटर दूर उनका शव मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9b8243b1be10927202584d326bffe0f06762e07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [प्रवीण तिवारी]। कारसेवकपुरम का कोना-कोना इन दिनों राम मंदिर आंदोलन की याद से भर उठा है। न सिर्फ आंदोलन से जुड़े दिग्गज नायकों के कटआउट जगह- जगह लगाए गए हैं, बल्कि इनके परिचय का उल्लेख भी किया गया। बाकायदा इन नायकों के चित्रों की गैलरी सजी है। यहां नित्य बड़ी तादाद में स्वयंसेवक आंदोलन की याद को ताजा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32f19e03b88b37d3f472b4ebec5f838ddc846fcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65832.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिरोमणि अकाली दल करीबी बढ़ा रहा तो कांग्रेस को हिंदू मतदाताओं के छिटकने का डर।पंजाब में पहली बार एससी मुख्यमंत्री बनाने के बावजूद कांग्रेस खुद से छिटक रहे हिंदू वोट बैंक के कारण चिंतित है। शिरोमणि अकाली दल ने घोषणा की है कि उनकी सरकार बनने पर एक एससी और एक हिंदू को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस ने एससी को मुख्यमंत्री और एक हिंदू (ओपी सोनी) को उपमुख्यमंत्री बना दिया है। इसके बावजूद कांग्रेस की परेशानी खत्म नहीं हो रही है। क्योंकि,  कांग्रेस के पास ऐसा कोई हिंदू चेहरा नहीं है जोकि राज्य के बड़े हिस्से में अपना प्रभाव रखता हो। + +उधर कैप्टन अमरिंदर सिंह के अपनी पार्टी बनाने के एलान के बाद कांग्रेस की परेशानी और बढ़ गई है। क्योंकि,  अब तक पंजाब में हिंदू मतदाता कैप्टन के साथ रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पंजाब में हिंदू न तो फ्री बिजली चाहता है और न ही उनकी कोई बड़ी लालसा है। वह शांति और सुरक्षा की उम्मीद रखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a243aa65c30586b54a74520303806aeeca35000 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-टी20 विश्व कप में टीम इंडिया को कैसे देखते हैं? क्या यह परफेक्ट संयोजन है?।--टी20 प्रारूप इतना तेज गति से चलने वाला और तेजी से बदलने वाला खेल है कि कोई भी टीम किसी भी दिन किसी अन्य को हरा सकती है। भारत का फायदा यह है कि उनके खिलाड़ी हाल ही में ऐसी ही पिचों पर खेले हैं और इसलिए उन्हें पता होना चाहिए कि क्या करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2e918561779830cfde05b61fb8fcfc16566b0db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65835.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में अब एक ही छत के नीचे खून-पेशाब, डेंगू-मलेरिया, कोरोना-स्वाइन फ्लू, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन एवं एमआरआइ जांच की सुविधा मिलेगी। यह सब संभव होगा यहां बनाए जाने वाले डायग्नोस्टिक हब में। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके बनने के बाद अब यहां दूर-दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को  पैथालाजिकल एवं रेडियोलाजिकल जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। डायग्नोस्टिक हब में बायोप्सी से लेकर कैंसर मार्कर टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्शन की भी सुविधा होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39ced305c808aa8313e03b7921cc475b614185b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65837.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि कुछ लोग इस मामले को अदालत में जरूर ले गए, लेकिन अदालतों में बैठे लोग भी अधिकांशत: उसी मानसिकता के थे, लिहाजा कुछ वर्षो के बाद यह मामला खारिज हो गया। इस तरह धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में स्थापित हुआ बांग्लादेश इस्लामिक राष्ट्र बन गया। हालांकि वहां की सरकारें धर्मनिरपेक्षता की बात करती रहती हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि धर्मनिरपेक्षता अब न तो बांग्लादेश के संविधान में बची है और न ही वहां के बहुसंख्यक समुदाय के व्यवहार में दिखाई देती है। अब वहां सबकुछ उस इस्लामिक कट्टरपंथ जैसा रूप लेता जा रहा है जिसमें इस्लाम के अतिरिक्त और किसी भी मजहब या विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं रह जाती। + +यह कट्टरपंथ अब इतना विकराल रूप ले चुका है कि बीते कुछ वर्षो के दौरान बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले लेखकों और ब्लागरों की हत्या भी की गई। ऐसे लेखकों और ब्लागरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के बजाय बांग्लादेश की पुलिस द्वारा उन्हें सीमा में रहने की नसीहत दी गई। बांग्लादेश की पुलिस का यह चरित्र आज भी है। बहुसंख्यकों द्वारा अल्पसंख्यकों पर किए जाने वाले हमले से संबंधित मामलों में बांग्लादेश की पुलिस दिखावे की कार्रवाई करते हुए लीपापोती करने में लग जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6300ecbc075b70f43f0074a73c1d13f52cde277 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश में धार्मिक आजादी में कौन श्रेष्‍ठ है ?।बहुत अच्‍छा सवाल है। धार्मिक आजादी को लेकर दोनों देशों के बीच में काेई तुलना नहीं की जा सकती है। पाकिस्‍तान में लोकतंत्र पर सैन्‍य पहरा रहता है। पाकिस्‍तान की हुकूमत कट्टरपंथ से प्रभावित रहती है। इतना ही नहीं वह आतंकवादी संगठनों को आर्थिक मदद भी मुहैया कराती है। वह कट्टरपंथ के इशारे पर काम करती है, जबकि बांग्‍लादेश में ऐसा नहीं है। बांग्‍लादेश में सरकार और सेना दोनों अलग हैं। सरकार के कामकाज में सेना का कोई दखल नहीं होता है। दूसरे, लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था होने के नाते सरकार नागरिकों के बीच धार्मिक भेदभाव से बचने का प्रयास करती है। बांग्‍लादेश में सभी को अपने पंथ पर आस्‍था और पूजा-पाठ की छूट हासिल है। इसलिए पाक और बांग्‍लादेश के बीच कोई तुलना नहीं है। ।क्‍या बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर जुल्‍म तालिबान का इफेक्‍ट है ?।जी नहीं, मैं ऐसा नहीं मानता। हालांकि, इसमें कोई शक नहीं अफगानिस्‍तान में तालिबान हुकूमत आने से आतंक‍ियों एवं कट्टपंथ‍ियों के हौसले बढ़े हैं, लेकिन इसका वास्‍ता तालिबान से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं है। हां, यह जरूर कहा जा सकता है। मुस्लिम बहुल देशों में कट्टरपंथ हावी हुआ है। यह बांग्‍लादेश का सियासी मुद्दा तो हो सकता है। नरमपंथ और कट्टरपंथ हो सकता है। देश में कट्टरपंथ को तेजी से विकास हो सकता है, लेकिन इसमें तालिबान पूरी तरह से शामिल हो या उसका इशारा हो ऐसा नहीं हो सकता। तालिबान अभी खुद अपनी आंतरिक समस्‍याओं में उलझा हुआ है। ।आखिर भारत के लिए क्‍यों महत्वपूर्ण है ढाका ?।1- देखिए, भारत और बांग्लादेश के संबंध अब नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं। यह इस बात से प्रामाणित होता है कि कोरोना के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश का चुनाव किया। बांग्लादेश भी भारत के साथ संबंधों को उतनी ही अहमियत देता रहा है। यही वजह रही कि मोदी के ढाका पहुंचने पर बांग्लादेश में उनकी समकक्ष ने खुद एयरपोर्ट पर पहुंचकर उनकी अगवानी की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43c0df1df0f02df424b2f9cfe70a46c7fe7c097c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65841.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जल का संरक्षण जरूरी।जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा ने बताया कि इस अभियान के तहत जहां भी, जब भी संभव हो वर्षा के जल का संग्रह करें। जमीनी स्तर पर लोगों की सहभागिता से देश में जल को संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक जन आंदोलन के रूप में संग्रह सुनिश्ति करने के लिए जलवायु परिस्थितियों और मिट्टी की स्थितियों के अनुकूल रेन वाटर हार्वेस्टिग स्ट्रक्चर का निर्माण करने के लिए प्रेरित करना है। मानसून के चार-पांच माह की अवधि में होने वाली वर्षा देश के अधिकांश हिस्सों में पानी का श्रोत है। जल संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर जागरूक किया जा रहा है। अभियान के तहत केंन्द्र के वालंटियर गांव-गांव जाकर लोगों को वर्षा जल संरक्षण, पानी की एक एक बूंद को बचाने के लिए जागरूक कर रहे है। जल का संरक्षण बेहद जरूरी है, इसकी जागरूकता की जिम्मेदारी सिर्फ प्रशासन की नहीं बल्कि सभी की है, क्योंकि इस धरा पर जल ही ऐसा पदार्थ है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीें की जा सकती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cad10f70c71855d48dd01ba5d445c3404338bed8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत [डीपी आर्य]। संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने अप्रत्याशित रूप से बड़ी कार्रवाई करते हुए योगेंद्र यादव को किसान मोर्चा से एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। कहा जा रहा है कि लखीमपुरी खीरी मामले में एक पीड़ित शुभम मिश्रा के घर जाने और हालचाल लेने के कारण योगेंद्र यादव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने यह कार्रवाई की है। वहीं, हरियाणा की राजनीति के साथ किसान आंदोलन में दमदार दखल रखने वाले योगेंद्र यादव पर यह कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है। ऐसे में हम यहां पर बता रहे हैं कि आखिर किस वजह से योगेंद्र यादव के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है और आखिर क्या है इसकी असली वजह। ।लखीमपुर खीरी का बहाना, असल मककद योगेंद्र को चुप कराना। 15 अक्टूबर को सिंघु बार्डर पर पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या में निहंगों का नाम सामने आने पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से योगेंद्र यादव ने जमकर हमला बोला था। निहंगों का आरोप है कि योगेंद्र यादव ने ही सबसे ज्यादा निहंगों की आलोचना की थी। कहा तो यह भी जा रहा है कि योगेंद्र यादव के कहने पर ही संयुक्त किसान मोर्चा ने निहंगों से दूरी बनाने का एलान किया था। इसके बाद निहंगों ने संयुक्त किसान मोर्चा को निशाने पर लेते हुए 27 अक्टूबर को महापंचायत बुलाई है, जिसमें यह तय होगा कि वह सिंधु बार्डर पर प्रदर्शन में शामिल रहेंगे या फिर वापस पंजाब लौट जाएंगे। इस महापंचायत को संज्ञान में लेते हुए योगेंद्र यादव को एक महीने तक निलंबत कर निहंगों को फिर से अपने पाले में लाने के साथ उनकी नाराजगी भी दूर करने की कोशिश की है। हालांकि, इस कार्रवाई के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि योगेंद्र यादव ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए शुभम मिश्रा के घर गए थे। इससे किसान संगठनों में नाराजगी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfff04818072a8464beda81acaa9498a955bc4fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65845.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Karva Chauth 2021 : भारतीय महिलाओं के लिए पति की दीर्घायु और उनके स्वस्थ रहने की कामना का पर्व करवा चौथ रविवार को है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले करवा चौथ रविवार को होने की वजह से शुभ है। 24 अक्टूबर दिन रविवार को भगवान सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष होने के साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी है। इस नक्षत्र में सुहागिनों के लिए सौभाग्यवती बने रहने का खास संयोग है। इस दिन पूजा का मुहूर्त पांच बजकर 43 मिनट से लेकर 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। पूजा की अवधि एक घंटे सात मिनट तक रहेगी और चंद्रोदय रात को आठ बजकर 25 मिनट पर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3dbde703ac6573ae98f8f89918d5cea68078f1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65847.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खतरे की जद में पूरी आबादी : रिपोर्ट को ‘कोड रेड फार ए हेल्दी फ्यूचर’ नाम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि बूढ़े और बच्चे दोनों ही जलवायु परिवर्तन की मुश्किलों का शिकार हो रहे हैं। बहुत बड़ी आबादी ऐसे क्षेत्रों में रह रही है, जहां जलवायु परिवर्तन के कारण किसी बीमारी के फैलने की आशंका है। तटीय इलाके बैक्टीरिया पनपने के लिए अनुकूल हो रहे हैं। कई गरीब देशों में 1950 की तुलना में अब मलेरिया का खतरा साल में ज्यादा समय तक रहने लगा है। ।लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं खतरे : जलवायु परिवर्तन के कारण स्वच्छ हवा और पानी तक पहुंच मुश्किल हो रही है। बाढ़ और सूखे जैसी स्थितियां भोजन की कमी का भी कारण बन जाती हैं। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2030 से 2050 के बीच सालाना 2.5 लाख अतिरिक्त मौतें कुपोषण, मलेरिया, डायरिया और लू के कारण होंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए नुकसान की आर्थिक गणना करें तो 2030 तक यह दो से चार अरब डालर सालाना तक होने का अनुमान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c82e6f0a94c24d2f48579a6e09a10cae620ebc9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरविंद शर्मा। बिहार विधानसभा के भवन के सौ वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द (President Ramnath Kovind) की इस यात्रा को कई रूपों में याद किया जाएगा। सौ साल पहले जब इस भवन का निर्माण हुआ होगा तो किसी ने सोचा नहीं होगा कि एक दिन इसे इतना गौरवपूर्ण तरीके से याद किया जाएगा। भवन की तरह ही दुनिया में शांति का प्रतीक बोधिवृक्ष (BodhiVriksha) का पौधा एक दिन बड़ा होगा और भविष्य को अपने अतीत की दास्तान सुनाएगा। करीब 40 फीट के शताब्दी स्मृति स्तंभ का भी एक दिन अपना इतिहास होगा, जो पीढ़ी दर पीढ़ी दृश्य और श्रुति के रास्ते आगे बढ़ेगा। ।बिहार केवल एक राज्‍य नहीं, इसका गौरवपूर्ण अतीत।बिहार भौगोलिक सीमा में बंधा एक राज्य मात्र नहीं है, बल्कि यह विज्ञान और शासन की भी प्रयोग भूमि रही है। वर्तमान बिहार का विधायी स्वरूप जो दिख रहा है, उसे बनाने-संवारने और बढ़ाने में कई विभूतियों का योगदान है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से पहले कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) और श्रीकृष्ण सिंह (Srikrishna Singh) के प्रयास तो है हीं, इसके भी पहले का गौरवपूर्ण अतीत है। ।चार अध्यायों में पूरी हुई है बिहार की विधायी यात्रा।बिहार को राज्य की शक्ल में आने और इसकी विधायी यात्रा की दास्तान चार अध्यायों में पूरी हुई है। शुरुआत सच्चिदानंद सिन्हा ने की थी। उसके बाद काफिला बढ़ता गया था। पहले अध्याय में 1911 में बंगाल से अलग करके बिहार-उड़ीसा को राज्य बनाया गया था। अगले ही वर्ष इस नवोदित राज्य को लेफ्टिनेंट गवर्नर के राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया। पटना को मुख्यालय बनाया गया। 1913 में विधान परिषद की पहली बैठक हुई थी। ।दूसरा दौर 1919 में तब शुरू हुआ, जब गवर्नमेंट आफ इंडिया एक्ट अस्तित्व में आया। हालांकि प्रभावी होने में दो वर्ष लग गए। इसके तहत बिहार-उड़ीसा को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर प्रांतीय विधायी परिषद में निर्वाचित सदस्यों की संख्या बढ़ाई गई। विधानसभा के मौजूदा भवन का निर्माण इसी वर्ष हुआ। निर्वाचित प्रतिनिधियों की पहली बैठक सात फरवरी 1921 को हुई थी। तीसरे अध्याय में 1935 से आगे की बात है। इसी दौरान गवर्नमेंट आफ इंडिया एक्ट के जरिए बिहार को उड़ीसा से अलग करके राज्य का दर्जा दिया गया। दो सदनों की विधायिका बनी। आजादी के पहले इसी एक्ट के तहत दो बार चुनाव हुए। श्रीबाबू बिहार के प्रधानमंत्री बनाए गए और गणतंत्र के बाद मुख्यमंत्री भी चुने गए। चौथा दौर तरक्की को समर्पित प्रयासों का है, जिसपर बिहार आगे बढऩे को बेताब है। नई पहचान बनाने का है, जिसका संकेत राष्ट्रपति ने भी किया है। ।इस धरती पर ही पनपा दुनिया का पहला लोकतंत्र।बिहार की मिट्टी में ही गणतंत्र है। समतामूलक आचरण है। ढाई हजार वर्ष पहले एक गरीब महिला मूरा के पुत्र चंद्रगुप्त मौर्य से लेकर सम्राट अशोक और ईमानदारी के प्रतीक कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने तक का सिलसिला इसी आधार पर आगे बढ़ा। इसके पहले भी दुनिया का पहला लोकतंत्र इस धरती पर ही पनपा। उसी आधार पर विभिन्न गणराज्यों ने शासन के नियम निर्धारित किए थे। यहीं पर भगवान बुद्ध ने विश्व को करुणा की शिक्षा दी थी, जिसे याद करके राष्ट्रपति भी गर्व का अनुभव करते हैं। भीमराव आंबेडकर ने भी संविधान सभा में स्वीकार किया था कि बौद्ध संघों के अनेक नियम आज भी संसदीय प्रणाली में उसी रूप में मौजूद हैं। ।अब आगे के सफर को यादगार बनाएगा बोधिवृक्ष ।बोधिवृक्ष के पौधे में 21 पत्ते : विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति ने गया से खास तौर पर मंगवाए गए बोधिवृक्ष के जिस पौधे को लगाया और पानी दिया, वह भी एक दिन विधानसभा के आगे के सफर को यादगार बनाएगा। पौधे में छोटी-बड़ी कुल 21 पत्तियां हैं, जो 21वीं सदी के वर्ष 2021 का प्रतीक हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक इसमें एक दिन हजारों-लाखों पत्तियां होंगी, जिसके रेशे-रेशे में बिहार की अनगिनत कहानियां होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24dd1f31bf613210a204ea9d6d9e0f1995556625 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +झामुमो विधायक रामदास सोरेन। जागरण आर्काइव।ऐसा भी नहीं है कि झामुमो, कांग्रेस और राजद का गठबंधन चुनाव बाद बना हो। तीनों दल एकसाथ मिलकर चुनाव लड़े थे और जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत दिया। बाद में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के भाजपा में विलय के बाद दो विधायकों सहित कुछ निर्दलीय विधायकों का भी इस सरकार को समर्थन हासिल हो गया। बावजूद इसके शायद ही कभी ऐसा लगा हो कि अंदरखाने सब ठीक चल रहा हो। पहले कांग्रेस विधायकों की अति महत्वाकांक्षा के चलते सरकार परेशानियों में घिरती रही। यहां तक कि पार्टी के कई बड़े नेता सार्वजनिक रूप से यह कहने में भी गुरेज नहीं कर रहे थे कि अगर पार्टी विधायकों की बातों को अनसुना किया गया तो गठबंधन सरकार अस्थिर हो सकती है और इसकी जिम्मेदारी झामुमो की ही होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65852.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65852.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ac1b56f13098a808c85ea48e6aa09dc2379dd63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65852.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। यह डेंगू और वायरल बुखार का सीजन चल रहा है। बिना जांच के बता पाना मुश्किल है कि किसको कौन सा बुखार है। क्योंकि डेंगू-मलेरिया, टायफाइड और अन्य वायरल बुखार के शुरुआती लक्षण लगभग मिलते जुलते हैं। अगर डेंगू की पुष्टि कार्ड यानि रैपिड (एनएस1) टेस्ट से या फिर एलाइजा (आइजीएम) से हो चुकी है और सामान्य डेंगू है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसमें सिर्फ बुखार आने पर पैरासिटामॉल की डोज लें। इसके साथ ही लिक्विड जिसमें पानी, नारियल पानी, सब्जियों व फलों का जूस इत्यादि अधिक मात्रा में लें। इससे चार-पांच दिनों में अपने आप ठीक हो जाएंगे। यह बातें गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में लोगों के सवालों का जवाब देते बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आरके गुप्ता ने कही। पेश हैं कुछ अन्य प्रमुख सवाल और उनके जवाब...।सवाल: दो-तीन दिन से बुखार जाड़े के साथ आ रहा है और भूख भी कम लग रही। डेंगू तो नहीं?।जवाब: बिल्कुल यह डेंगू का लक्षण हो सकता है। यदि 100 डिग्री से ऊपर बुखार आए तो सिर्फ पैरासिटामॉल 500 एमजी लें। बुखार के साथ उल्टी दस्त या जोड़ों में दर्द बढ़े तो डेंगू जांच कराएं। लिक्विड (पानी, नारियल पानी, सब्जियों और फलों का जूस) अधिक मात्रा में लें। सामान्य डेंगू चार-पांच दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। + +सवाल: कैसे समझें कि किसी को डेंगू हुआ है... उपचार क्या है?- डीके शर्मा, गोमती नगर , लखनऊ।जवाब: डेंगू होने पर तेज हड्डी तोड़ बुखार आता है। यह चढ़ता उतरता रहता है। कई बार इसमें प्लेटलेट्स डाउन हो जाती है। उल्टी-मितली, चक्कर, कमजोरी, थकान जोड़ों में दर्द होने लगता है। आसपास साफ-पानी जमा है तो उसे सुखा दें या फिर केरोसिन अथवा जला तेल डाल दें। साफ-सफाई रखें। सोते समय मच्छरदानी या मच्छररोधी क्रीम, अगरबत्ती लगाएं। डेंगू का एडीज मच्छर दिन में काटता है। इस मौसम में पूरी बांह के कपड़े पहनें। बुखार आने पर सिर्फ पैरासिटामॉल और लिक्विड लें। + +सवाल: डेंगू होने पर खान-पान से लेकर इलाज में क्या सावधानी बरतें? -गोबिंद रस्तोगी, रायबरेली और गंगाराम यादव, अयोध्या। जवाब: सभी डेंगू बुखार गंभीर नहीं होता। उल्टी होने, बीपी गिरने या प्लेटलेट्स कम होने पर अस्पताल में जाकर दिखाएं। अगर आप सामान्य महसूस कर रहे हैं तो बुखार आने पर सिर्फ पैरासिटामॉल और लिक्विड लें। घर पर ही एक हफ्ते तक आराम करें। मच्छरों से हर हाल में बच्चें। खाने में हल्का भोजन दाल, दलिया, खिचड़ी इत्यादि लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d488b83f2a62271a54cb94732e55d0d8cf12b4f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सागर सिंह कलसी (उपायुक्त उत्तरी जिला, दिल्ली) का कहना है कि सत्यापन न करने वाले लोगों के खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। सत्यापन कराने के लिए समय-समय शिविर का आयोजन किया जाता है। लोगों से अपील है कि सत्यापन कराने में ढिलाई बिल्कुल न करें। ।पूर्व में हुई वारदातें।कार्रवाई भी की गई।दिल्ली पुलिस द्वारा घरेलू सहायकों व किरायेदारों का सत्यापन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। उत्तरी जिले में इस वर्ष 31312 घरेलू सहायकों का सत्यापन किया गया है। इनमें 531 मालिकों के खिलाफ सत्यापन नहीं कराने पर एफआइआर भी दर्ज किया है। वहीं 17,874 किरायेदारों का सत्यापन किया गया इनमें 350 कमान मालिकों के खिलाफ सत्यापन नहीं कराने पर एफआइआर दर्ज किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d6d4272238a94c917214259ac15696ccfad4fe5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीव्र होती है सूंघने की क्षमता।मीना राजपूत ने बताया क‍ि मच्छरों की सूंघने की क्षमता इतनी तीव्र होती है कि वे 50 मीटर की दूरी से भी चीजों को सूंघ लेते हैं। जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए है उनकी तुलना में ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों के प्रति मच्छरों का आकर्षण दोगुना होता है। तो वहीं बी ब्लड ग्रुप वाले लोगों के प्रति मच्छरों का आकर्षण ए ब्लड ग्रुप वालों से ज्यादा और ओ ब्लड ग्रुप वालों से कम होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3102a97d2b4c4f6a07aea97c5122e141de05d825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway Pollution Free Station Scheme : रेल प्रशासन रेलवे स्टेशनों को प्रदूषण मुक्त बनाने जा रहा है। फिलहाल बड़े स्टेशनों से पेट्रोल व डीजल के वाहनों के आने पर रोक लगाई जाएगी। इसके स्थान पर ई-टैक्सी चलाई जाएगी। मुरादाबाद रेल मंडल के चार स्टेशनों से 40 ई टैक्सी चलाने की योजना है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए सभी विभागों को लगातार आदेश दे रहा है। इसके बाद रेल प्रशासन ने प्रदूषण मुक्त स्टेशन बनाने की योजना तैयार की है। इसके जिसके तहत बिजली जाने पर जनरेटर चलाने के बजाय बिजली के लिए हरित ऊर्जा के लिए स्टेशनों की छतों पर सौर ऊर्जा के सिस्टम लगाए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddbe230a2424b4fd9cb697466f9d7d7038529483 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65859.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या, जागरण संवाददाता। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने नयाघाट स्थित यात्री निवास में पांचवें दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने एक से छह नवंबर तक प्रस्तावित दीपोत्सव में होने वाले कार्यक्रमो का बि‍ंदुवार ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव का मुख्य कार्यक्रम तीन नवंबर को है। इस मौके पर प्रस्तावित श्रीराम, माता सीता, अनुज लक्ष्मण के स्वरूप का हेलीकाप्टर रूपी पुष्पक विमान से आगमन तथा उनके स्वागत की तैयारी, रामकथा पार्क में राज्याभिषेक का मंचन, सायंकालीन बेला में नौ लाख दीप जलाए जाने, सरयू आरती, लेजर शो के माध्यम से रामायणकालीन दृश्‍यों का पांच सौ ड्रोन कैमरों से प्रदर्शन, 30 लाइट गेट व पूरे अयोध्या को सजाने, हेलीकाप्टर द्वारा आकाश से पुष्प वर्षा, विदेशी रामलीला व स्थानीय रामलीला दलों की प्रस्तुति होनी है। + +जिलाधिकारी ने बताया कि दीपों को जलाने के लिए टी-शर्ट व कैप में 12 हजार वालेंटियर्स सक्रिय रहेंगे। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति ने आमंत्रण पत्र के साथ मेन्यू का एक फोल्डर लगाने के निर्देश दिए, जिसमें तिथिवार कार्यक्रमों का पूर्ण विवरण व उसका समय व स्थान अंकित होगा। बैठक के बाद प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी व कार्यदायी संस्थाओ के प्रमुखों के साथ रामकथा पार्क के आस-पास व राम की पैड़ी का स्थलीय निरीक्षण भी किया। ।कुम्हारों के सुस्त चाक को दीपावली ने दी रफ्तार : आधुनिकता के इस दौर में भी दीपावली के अवसर पर मिट्टी के दीये जलाना भारतीय सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक है। यही कारण है कि दीपावली आने के कुछ दिन पूर्व से ही कुम्हार दीया बनाना शुरू कर देते हैं। सनातन संस्कृति व परंपरा के अनुसार धार्मिक कार्यों में मिट्टी के बर्तनों और दीये की मांग को देखते हुए कुम्हार समाज के लोग इस पुस्तैनी व्यवसाय से आज भी जुड़े हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75ab2f0cfd5a4933b057c77fe9d457bd9d2c52fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65860.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देश के 50 संस्थानों से होगी इंटीग्रेटेड बीएड की शुरुआत।छात्रों को अभी बीएड करने के लिए पहले बीए या बीएससी जैसे कोर्स करने पड़ते हैं, जिनमें तीन साल का समय लगता है। इसके अलावा बीएड भी दो साल होता है। उन्हें इन दोनों कोर्सों को करने के लिए पांच साल का समय लगता है। ऐसे में शुरू से ही यदि कोई छात्र इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में दाखिला लेता है, तो उसका एक साल का समय बचेगा। शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इस कोर्स को शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। + +जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक अगले एक-दो दिनों में ही इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी। हालांकि एनसीटीई ने अभी इस कोर्स को देश के कुछ चुनिंदा संस्थानों से ही शुरू करने की योजना बनाई है। इसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के करीब 50 संस्थानों को शामिल किया जा सकता है। इसको लेकर हालांकि अभी मंथन चल रहा है। लेकिन एनसीटीई शुरुआत में इसे सीमित दायरे में रखना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65861.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00924d01dd84c4e6b6d8c50a29f8cd160dda941e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65861.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद, एजेंसियां। एफएटीएफ (Financial Action Task Force, FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान तब तक 'ग्रे लिस्‍ट' में रहेगा जब तक कि वह साबित नहीं कर देता कि हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ ठोस और विश्‍वसनीय कार्रवाई की जा रही है। पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्य बल एफएटीएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0de8e5202c7f506ba59b8fc7fc61e7f890c9f0c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65865.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश की सहकारी समितियों को डिजिटल बनाने के लिए कुल तीन हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसके पहले चरण में देशभर में कुल तीन लाख प्राथमिक सहकारी समितियां गठित करने का लक्ष्य है। सहकारी क्षेत्र में पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने व्यवस्था के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक कंप्यूटरीकरण योजना तैयार की है। इससे सहकारी समितियों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सहकारी क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। + +एक आंकड़े के मुताबिक फिलहाल देश में 95,000 प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी (पैक्स) पंजीकृत हैं, जिसमें से 60,000 से अधिक समितियां ही सक्रिय हैं। शेष लगभग 35,000 निष्कि्रय समितियों में से ज्यादातर कर्ज में डूबी हैं या उनके पास धन का अभाव है। कई राज्यों की इन समितियों को घोटाले की वजह से निलंबित कर दिया गया है। इसी वजह से इन समितियों को बैंकों से न लोन मिल पा रहा है और न ही उनमें किसी तरह का कामकाज हो पा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02bbe815185f801b371d85243fe70c0b2f1dbd07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पवित्र प्यार बरसता है इस दिन।छत पर, छलनी के उस पार न केवल पति का चेहरा होता है, बल्कि पूरे परिवार का आपसी प्रेम होता है। करवाचौथ के दिन अगर महिलाएं पति के बारे में ही सोचती हैं तो पति भी उनके बारे में सोचते हैं और यह सब बनावटी नहीं होता है। अभिनेता रोमित राज कहते हैं, यह दिन हमें दूसरे के काफी नजदीक ले आता है। मेरी पत्नी करवाचौथ का व्रत रखती हैं और मैं भी उनके साथ ही व्रत करता हूं। हम सुबह की सरगी साथ खाते हैं और रात को चांद देखकर व्रत साथ खोलते हैं। इस तरह से यह व्रत आपसी रिश्ते को एक नया आयाम दे जाता है। हम बहुत ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं। टीना मुझे अच्छी तरह से समझती हैं और मैं उन्हें। कभी बहस होती भी है तो मैं आत्मसमर्पण कर देता हूं। करवाचौथ के दिन मैं एक अलग सा प्यार बरसता हुआ महसूस करता हूं जिसमें एक पवित्रता होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e22439e9d4ab91c487693e334616e950907786a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65870.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुसीबत बन रहे गोवंश।किसानों के साथ ही आम जनता के लिए खेतों व सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित गोवंश खासे मुसीबत बने हुए हैं। एक ओर गोवंश का झुंड किसानों की फसलों को पल भर में ही चट कर जाता है तो वहीं सड़क पर इनकी धमाचौकड़ी से लोग लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इसके बावजूद जवाबदेह अफसरों में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। प्रदेश सरकार की इन पर अंकुश लगाने की सारी कोशिशें बेकार जा रही हैं। गांवों में लाखों रुपये खर्च करके गोशालाओं का निर्माण करवाया है। बावजूद इसके गोवंश गलियों व सड़कों घूमते नजर आ रहे हैं। + +रेल संचालन में बन रहे बाधा।छुट्टा पशु रेल संचालन में भी बाधा बन रहे हैं। इनके ट्रैक पर आ जाने से दुर्घटनाएं होेने का खतरा बढ़ रहा है। बीते साल मडराक से लेकर डांबर रेलवे स्टेशन के बीच करीब 1429 पशुओं की ट्रेनों की चपेट में आकर मौत हो चुकी है। इस साल भी अब तक 793 पशुओं की मौत हो चुकी है। हादसों से बचाव को लेकर रेलवे ने प्रयागराज से लेकर गाजियाबाद के बीच ट्रैक के सहारे बाउंड्रीबाल कराने का निर्णय लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a34498f72b20917b43cadc6c9f69d1d74d219ed8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65871.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोविड काल में सराहनीय योगदान : कोविड महामारी से लड़ने में भी डीआरडीओ का सक्रिय और सराहनीय योगदान रहा है। इसने पीपीई किट, सैनिटाइजर्स, मास्क, यूवी सिस्टम, वेंटिलेटर के महत्वपूर्ण भाग आदि उपलब्ध कराए, जिससे देश बहुत कम समय में पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर निर्माण में सक्षम हो सका। कोरोना मरीजों के लिए ‘2-डीआक्सी-डी-ग्लूकोज’ नामक औषधि को डीआरडीओ द्वारा ही विकसित किया गया। + +आइजीएमडीपी : इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आइजीएमपीडी) प्रसिद्ध विज्ञानी डा. एपीजे अब्दुल कलाम के दिमाग की उपज था। इसका उद्देश्य मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भरता बनाना था। आइजीएमडीपी को औपचारिक रूप से 26 जुलाई, 1983 को भारत सरकार की मंजूरी मिली। हालांकि अंतरराष्ट्रीय संस्थान एमटीसीआर (मिसाइल टेक्नोलाजी कंट्रोल रिजम) ने विकास कार्यक्रम के लिए तकनीक तक भारत की पहुंच पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद भारतीय विज्ञानियों ने इस बाधा को पार करते हुए डा. कलाम के नेतृत्व में परियोजना पर काम जारी रहा। फिर भारत ने स्वदेशी पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश और नाग मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..992edff141abfc93d7e49c0c79852f8fd3bb4b1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सच्चाई तो ये है कि यूपी गेट पर जहां मीडिया को बैठने के लिए टेंट लगाया गया था, उसी के कुछ हिस्से को हटा दिया गया और उसके पीछे लगी बेरिकेड को दिखाया जाता रहा। मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी गेट पर हमने अपने हिस्से का बेरिकेट हटा दिया है, अब यदि दिल्ली पुलिस हटा ले तो ट्रैफिक निकल जाएगा। इस सवाल पर कि दिल्ली पुलिस ने इसे किसानों के चलते बंद किया है? तब टिकैत बोले कि सड़क चलने के लिए है, किसी को इस पर चलने से रोकने के लिए नहीं। उन्होंने फिर दोहराया कि हमने नहीं रोक रखा है, यहां से ट्रैफिक को गुजरने से सरकार ने रोक रखा है। जब उनसे पूछा गया कि यदि दिल्ली की तरफ से रास्ता खोल दिया जाए तो आप लोग कहां जाएगें? के सवाल पर उन्होंने इसका साफ जवाब नहीं दिया, बोले सड़क पर जाएंगे मगर कहां के सवाल पर फिर चुप्पी साध गए। + +Kisan Andolan: यूपी गेट पर 'ड्रामा' का निकला दीवाली कनेक्शन, पढ़िये- राकेश टिकैत का हैरान करने वाला बयान।यह भी पढ़ें- Farmer Protest: यूपी गेट पर हलचल के बाद लोगों के हाथ लगी निराशा, आंदोलनकारियों ने किया 'नाटक'।ये भी पढ़ें- पढ़िए सोनू सूद ने क्यों कहा किसी की भावनाओं के पीछे कैमरा लेकर दौड़ने से पहले याद रखना...।ये भी पढ़ें- दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर NH-9 के जाम से बचना है तो इन रास्तों का करें इस्तेमाल, पढ़ ले पूरी खबर, देख ले रूट।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eaa2521be00d3201a961fcb8022382db2fe5e78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65874.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहले थे 331 सदस्य, अब घटकर 243 विधायक । मेरे परिसर में तीन हाल तो बीच में 12 कमरे हैं। सबसे बड़ा कक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) का कक्ष पहली मंजिल पर है। मेरे सभाकक्ष में आजादी के बाद 1952 की पहली विधानसभा में 331 सदस्य बैठते थे जो 1977 में 324 हो गए। साल 2000 में बिहार के बंटवारे के साथ अलग राज्‍य झारखंड बना तो विधानसभा के सदस्‍य घटकर 243 रह गए। + +मेरी छांव तले लिए फैसलों ने दिखाई देश को राह। जमींदारी प्रथा का उन्‍मूलन (Abolition of Zamindari) हो या महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने का कानून हो, मेरी छांव तले लिए गए कई फैसलों ने देश को राह दिखाई है। इसकी शरुआत तो सात फरवरी 1921 को मेरी पहली बैठक में हीं पड़ गई थी, जब बिहार-ओड़िशा के पहले राज्यपाल सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा (Satyendra Prasanna Sinha) ने देश से स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्‍वदेशी चरखा अपनाने की अपील की थी। बाद में इसे महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने जन आंदोलन में तब्दील कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bac7da915987c7b4f576b824177caf5bb1b5d12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जंगल में बसावट से लेकर खाद्य उद्योगों के निर्माण तक प्रकृति के साथ हमारा रिश्ता त्रासदी को बढ़ाने वाला है। यह जोखिम भरा रिश्ता उन सभी दीवारों को गिरा रहा है, जिसमें मानव और विषाणुओं के बीच एक उचित दूरी कायम थी। हमें ध्यान रखना चाहिए कि जीवों से मनुष्यों में पहुंचने वाली बीमारियां यहीं ठहरने वाली हैं और हमें इसके कारणोंं को बेहतर तरीके से समझना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c9aaf45f27d78ea04bc4391e79f7e731b74e593 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्षेत्रीय छत्रपों की बगावत का अब तक का अनुभव कांग्रेस के लिए कटु ही रहा।इसमें सबसे प्रमुख उदाहरण ममता बनर्जी का है जो कांग्रेस की तेज-तर्रार बड़ी नेता के रूप में स्थापित हो चुकी थीं, लेकिन तत्कालीन पार्टी नेतृत्व से खफा होकर उन्होंने 1997 के आखिर में पार्टी छोड़ दी और जनवरी 1998 में अपनी नई पार्टी तृणमूल कांग्रेस बना ली। इसके बाद ममता जैसे-जैसे सूबे में मजबूत हुईं, वैसे-वैसे कांग्रेस बंगाल की सत्ता की मुख्य दौड़ से बाहर होती गई। 2011 में दीदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद तो कांग्रेस का ग्राफ लगातार नीचे ही गया है। बंगाल की विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या जीरो है तो सूबे की 42 लोकसभा सीटों में से उसके पास केवल दो सीट हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32984d77f8b652d33dd9d92e15196aee830cccb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस कटरीना कैफ और विक्की कौशल के फैंस के बीच उस वक्त खुशी की लहर दौड़ गई जब ये खबर सामने आई कि दोनों ने सगाई कर ली है। खबर के मुताबिक दोनों ने एक प्राइवेट सेरेमनी में रोका कर लिया और किसी को पता तक नहीं चला। इस खबर के सामने आते ही फैंस के बीच हलचल मच गई और लोग बस दोनों  की सगाई की फोटो सामने आने का इंतज़ार करने लगे। लेकिन बाद में पता चला कि ये खबर महज़ अफवाह है, इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। कटरीना कैफ की टीम ने फोटोग्राफर विरल भयानी को फोन कर इस खबर को गलत बताया। ।वहीं अब कटरीना की टीम के बाद विक्की कौशल के पिता ने भी इस खबर पर चुप्पी तोड़ दी है।  फिल्म बीट से बातचीत में एक्टर के पिता ने इस खबर को गलत बताते हुए कहा, 'ये सच नहीं है'। वहीं एक सूत्र ने भी कहा कि विक्की और कटरीना की सगाई और रोका की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae19a4f933dc648727fa559eb9d5825387cb303b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65880.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे जागा हुनर का जादू।करीब 18 साल पहले वर्ष 2003 में गांव के एक युवक ओमप्रकाश मेवाड़ा का रोजगार के सिलसिले में इंदौर जाना हुआ। वहां इन्होंने बेकरी में नौकरी कर ली। ओमप्रकाश ने वहां उस्ताद को केक बनाते देखा, तो मन में एक कौंध उठी कि ये कमाल की चीज मैं क्यों नहीं बना सकता! ओमप्रकाश के मन में जुनून जागा और उन्होंने उस्ताद का शिष्य बनते हुए और पूरे धैर्य के साथ केक बनाना, उसमें स्वाद का जादू जगाना और उसे सजाते हुए आकर्षक बनाना सीखा। जब ओमप्रकाश का हाथ सध गया तो उन्होंने गांव के कुछ और युवाओं को इंदौर बुला लिया। फिर तो सिलसिला चल पड़ा और एक-एक कर गांव के कई युवा केक की दुनिया के शिष्य बने और फिर सधी हुई मेहनत से उस्ताद बनते चले गए। ओमप्रकाश अब हैदराबाद की एक प्रसिद्ध बेकरी में काम कर रहे हैं, वहीं उनके सिखाए युवा देशभर के विभिन्न शहरों की बेकरी में केक का जादू जगा रहे हैं। भोपाल के बैरसिया में बेकरी शुरू करने वाले इरफान ने तो दुकान का नाम ही अपने गांव के नाम पर 'छतरी बेकरी' रखा है। + +आखिर ऐसा क्या है खास। इंदौर की बेकरी में काम करने वाले गांव के केक-उस्ताद जावेद बताते हैं, 'केक या बेकरी के किसी भी सामान में स्वाद और फिनिशिंग ही आकर्षण का कारण होते हैं। हमारे गांव छतरी के कारीगर द्वारा बनाया गया केक मुलायम होने के साथ स्वाद में भी अलग होता है। हम अपने केक में कम से कम क्रीम का उपयोग करते हुए ग्राहक की मनचाही डिजाइन तैयार कर देते हैं। केक का मुख्य तत्व परफेक्ट बेकिंग और उसके बाद बे्रड और क्रीम का युक्तियुक्त संतुलन होता है। यदि क्रीम थोड़ी भी ज्यादा हो जाती है तो उसका सीधा असर केक के स्वाद पर पड़ता है। यह संतुलन बनाने में छतरी गांव का हर कारीगर माहिर होता है। बस इसीलिए छतरी के छोरे केक की दुनिया में छा गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8eb9d4ab9ea365955eb02300119e79caea8fbd5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डाक विभाग धान की रोपाई शुरू होते ही गांव-गांव में शिविर लगाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने के लिए किसानों को जागरूकता करता है और बीमा कराता है। किसानों को बताया जाता है कि बारिश, सूखा , बाढ़, कीड़े, आग के कारण धान को नुकसान होता है तो बीमा राशि से नुकसान की भरपाई की जाएगी। एक हेक्टेयर बीमा करने पर किसानों को 1299 रुपये और सरकार द्वारा 1949 रुपये जमा क‍िए जाते हैं। धान के फसल को नुकसान होने पर बीमा कराने वाले किसानों को 64 हजार 659 रुपये द‍िए जाते हैं। बीमा राशि लेने के लिए किसानों को चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। किसान अपने मोबाइल से आनलाइन बीमा राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। डाक विभाग ने जिले के दो सौ किसानों का फसल बीमा कराया था। बारिश व बाढ़ से धान की फसल को नुकसान हुआ है तो बीमा कराने वाले किसानों को मुआवजा राशि शीघ्र म‍िलेगी। प्रवर डाक अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि धान के रोपाई के समय दो सौ किसानों ने बीमा कराया था, जिस किसान का धान फसल नुकसान हुआ, वह मुआवजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4726709257e96f3efdaf500fd501f0fa5d767a10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है स्टोमेटा।पत्तियों की सतह पर वायु, जल एवं वाष्प के आदान-प्रदान के लिये विशेष प्रकार के अति सूक्ष्म छिद्र पाए जाते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। स्टोमेटा के जरिये ही पत्तियों के माध्यम से पेड़ के द्वारा खुद को जीवित रखने के लिये भोजन का प्रबंध किया जाता है। इन्हीं स्टोमेटा के जरिए पेड़ कार्बन डाइ-आॅक्साइड को ग्रहण करते हैं और आॅक्सीजन को छोड़ते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1418883ed80a89b242693866f18c8931d67dc21d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। महीने में दो बार वितरण होने वाले राशन में कोटेदार खेल कर रहे हैं। सबसे बड़ा खेल अंत्योदय कार्ड धारकों के साथ हो रहा है। पहले चरण के राशन में सरकार पात्र गृहस्थी व अंत्योदय कार्ड धारकों को समान रूप से पांच किलो प्रति यूनिट के हिसाब से राशन देती है। इसमें अगर किसी अंत्योदय कार्ड धारक के यहां दो लोग हैं तो उसे 10 किलाे राशन मिलता है, लेकिन महीने के दूसरे चरण के राशन में सरकार पात्र गृहस्थी कार्ड धारक को पांच किलो प्रति यूनिट तो अंत्योदय कार्ड धारक को एक मुश्त 35 किलो राशन देती है, लेकिन कई बार डीलर पहले चरण की तरह ही अंत्योदय कार्ड धारक को प्रति यूनिट राशन देकर टरका देते है। अगर किसी अंत्योदय कार्ड धारक के परिवार में दो लोग हैं तो उसे 10 किलो राशन देकर ही टरका दिया जाता है, जबकि नियमानुसार उसे एक मुश्त 35 किलो राशन मिलना चाहिए। विभाग में इस तरह की कई शिकायत आई हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सजगता के लिए फिर भी डीएसओ की ओर से जिले के सभी डीलरों को चेतावनी जारी कर दी गई है। इसमें नियमानुसार ही वितरण करने के निर्देश दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..271998f672919fb76534b88364654e4473de6935 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65884.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, निशांत यादव। रसोई गैस के बढ़ते दामों के बीच महिलाओं की रसोई में महंगाई का तड़का अब सपा राजनैतिक मुद्दा बनाएगी। समाजवादी पार्टी की महिला सभा सप्ताह में चार दिन महिलाओं से उनके घर पर संवाद करेगी। इस दौरान बढ़ते दामों को लेकर महिलाओं की नाराजगी से मुददे को धार देने की तैयारी है। जिला संगठन की महिला सभा ने घर-घर महिलाओं से संवाद की शुरुआत भी कर दी है। + +वहीं सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद गठबंधन का ऐलान कर दिया। उन्होंने ''''अबकी बार, भाजपा साफ'''' का नारा भी दिया। कहा कि दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए सपा से गठबंधन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..650ee2eb8a8d7452c83f87d64f98f39cb0b85f0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65886.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नाहन, राजन पुंडीर। Trout Fish Farm, कुछ नया करने की चाह में बढ़ती उम्र को वीरेंद्र सिंह ने बाधा नहीं बनने दिया। 70 वर्ष की आयु में जिला सिरमौर के नोहरधार तहसील के चौरास गांव में नोहराधार निवासी वीरेंद्र सिंह ने बर्फीली ट्राउट फिश का उत्पादन कर लोगों को रोजगार के साथ-साथ नया व्यवसाय भी दिया है। खेतीबाड़ी व बागवानी से हटकर जिला सिरमौर में पहली बार चूड़धार चोटी की तलहटी में बसे नोहराधार के समीप चौरास गांव में साढ़े 3 बीघा जमीन में 12 टैंक निर्मित कर ट्राउट फिश तैयार की है। + +15 से माइनस 3 डिग्री तक चाहिए होता है तापमान ।बर्फीली ट्राउट फिश के लिए 15 से माइनस तीन डिग्री तापमान चाहिए होता है, जो वर्ष भर में छह महीने तक बर्फ से ढकी रहने वाली चूड़धार चोटी की तलहटी में रहता है। ट्राउट फिश के लिए खाद्य सामग्री पहले बाहर से लाते थे, जो कि उन्हें महंगी पड़ती थी। अब उन्होंने फार्म हाउस में ही फीड मील लगा ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65887.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65887.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06e30907689b5a20957b8bef70f79f32aac101bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65887.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. कुमारेंद्र सिंह सेंगर। समाज में सदैव किसी न किसी तरह के मूल्य चलन में रहे हैं। इनका उद्देश्य समाज को नियमबद्ध रूप से एक आदर्शात्मक व्यवस्था के रूप में चलाना था। समाज अपनेआप में एक व्यवस्था का नाम है, जहां प्रत्येक व्यक्ति के लिए नियमों, कानूनों का पालन करना सुनिश्चित किया गया है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर अनेक लोकतांत्रिक शक्तियां विभिन्न संकटों से दो-चार हो रही हैं तो उन्हें भी मानवीय मूल्यों की महत्ता का अहसास हो रहा है। जीवन-मूल्यों को समझने के लिए उसके निर्धारक तत्वों को जानना जरूरी है। मनुष्य का संपूर्ण कायिक, मानसिक, सामाजिक व्यवहार उसकी मूल प्रवृत्तियों द्वारा संचालित होता है। इन्हीं के आधार पर मूल्य संरचना निर्माण को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है। + +पहला जैविक आधार और दूसरा पराजैविक आधार कहा जाता है। किसी भी व्यवस्था को सुचारु ढंग से संचालित करने के लिए उसका पराजैविक आधार अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें सामाजिक मूल्य के साथ-साथ मानवीय मूल्य भी अंतर्निहित हैं। यदि मानवीय मूल्यों की आदर्शवादी व्यवस्था न हो तो संभवत: समाज का, शासन का संचालन करना दुष्कर हो जाएगा। मानवीय क्रियाकलापों में आज मानवीय मूल्यों में ह्रास देखने को मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab58d8c386fb94b310ae8ea256c1065be40bdf10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अमित दीक्षित। अगर आप डॉगी पालने के शौकीन हैं तो जरा ध्यान दें। नगर निगम में कुत्ते का पंजीकरण न कराना आपको महंगा पड़ सकता है। निगम की टीम डॉगी को जब्त कर सकती है। कुत्ता पालने और इसकी बिक्री करने वालों से नगर निगम 500 से एक हजार रुपये का शुल्क वसूलने जा रहा है। फिलहाल चार साल से एक भी कुत्ता स्वामी ने टैक्स की अदायगी नहीं की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cd0582cb7ad8948b770fbd65ef6a90326d99cb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65889.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समापन पर नहीं होगा मुख्य अतिथि।अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार समापन अवसर पर कोई भी मुख्य अतिथि मौजूद नहीं होगा। इससे पूर्व दशहरा उत्सव का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल करते हैं और समापन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते थे। पिछली बार कोरोना के चलते और इस बार चुनाव के लिए लगी आदर्श आचार संहिता के चलते परंपरा टूट गई है। दो साल से इस तरह की परंपरा को नहीं निभाया गया। इससे पूर्व वर्ष 1971-72 में भी गोलीकांड के कारण दशहरा उत्सव का आयोजन ही नहीं हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65890.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce521abbef9e4d272c41612d8fdd66c5eb8adecf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65890.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बर्लिन, प्रेट्र। बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर पड़ना आम बात है। लेकिन उसके पहले भी ऐसे बहुत से कारक होते हैं, जिससे उसके लक्षण दिखने लगते हैं। एक हालिया शोध में बताया गया है कि कुछ वायरल संक्रमण भी हैं, जो अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसे न्यूरोडिजनेरेटिव रोगों को बढ़ाते हैं। प्रयोगशाला में किया गया यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि कुछ विशिष्ट वायरल मालीक्यूल्स इस प्रकार की दिमागी बीमारियों के लिए हालमार्क माने जाने वाले प्रोटीन को फैलने में मदद करते हैं। + +यूनिवर्सिटी आफ बान के प्रोफेसर इना वोरबर्ग ने बताया कि इस संचरण का सटीक मैकेनिज्म अभी अज्ञात है। लेकिन इतना अंदाज लगाना तो स्वाभाविक है कि उन मालीक्यूल का आदान-प्रदान कोशिकाओं के सीधे संपर्क और वेसिकल के जरिये होता होगा, जो लिगैंड रिसेप्टर की अंतरक्रिया पर निर्भर होगा। इन दोनों ही दशाओं में कोशिका झिल्लियों का संपर्क और उनके मिल जाने की जरूरत होती है। ऐसा तब होता है, जब कोशिकाओं की सतह पर रिसेप्टर को बांधने के लिए लिगैंड्स मौजूद हों, जिससे बाद में झिल्लियां आपस में मिल जाएं। शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को परखने के लिए विभिन्न सेल कल्चर में शृंखलाबद्ध अध्ययन किया। उन्होंने प्रिओन या टाउ प्रोटीन के एक कोशिका से दूसरे में ट्रांसफर की प्रक्रिया की भी पड़ताल की है। पाया कि यह उसी प्रकार था, जैसा कि अल्जाइमर की बीमारी में होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48d2b5505da11ac695f6edf83d1522c62f2b5213 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65891.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway UMID Facility : रेलवे कर्मचारी बिना यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी (उम्मीद) कार्ड के रेलवे और प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं करा पाएंगे। बिना उम्मीद कार्ड के अधिकार‍ियों और कर्मचार‍ियों का सालाना चिकित्सकीय परीक्षण तक नहीं होगा। रेल प्रशासन रेलवे कर्मचारियों व र‍िटायर कर्मियों का उम्मीद कार्ड बनाने पर जोर दे रहा है। + +रेल प्रशासन अधिकारियों, कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों व उनके परिवार वालों का फ्री में इलाज के लिए रेलवे अस्पताल बनाया है। मंडल रेल प्रशासन की ओर से मैनुअल मेडिकल कार्ड बनाया जाता है। इसे दिखाकर अधिकारी या कर्मचारी फ्री में इलाज करा सकते हैं। जिस बीमारी का इलाज रेलवे अस्पताल में नहीं होता है वैसे रोगियों को रेल अस्पताल प्रशासन फ्री में इलाज के लिए नामित प्राइवेट अस्पताल भेज देता है। रेलवे प्रशासन ने अधिकारियों, कर्मचारियों व सेवानिवृत कर्मचारियों के इलाज के लिए उम्मीद कार्ड बनाया है, जो आनलाइन होता है। कर्मचारी व उसके परिवार वालों का कब और किसी बीमारी का इलाज किया गया, क्या दवाएं दी गई आदि जानकारी दर्ज होती है। चिकित्सक इंटरनेट पर उम्मीद कार्ड के माध्यम से रोगी के पुरानी बीमार‍ियों के बारे में पता कर सकते हैं। गंभीर रूप से बीमार कर्मचारी इस कार्ड के माध्‍यम से रेलवे द्वारा नामित अस्पताल में भर्ती होकर फ्री इलाज करा सकते हैं। मुरादाबाद रेल मंडल में 16 हजार कर्मचारी और 27 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। कुछ कर्मचारियों व अधिकांश सेवानिवृत्त कर्मियों का अभी तक आधार कार्ड नहीं पाया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने सात अक्टूबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी महाप्रबंधकों की बैठक ली थी, इसमें उम्मीद कार्ड बनाने को लेकर समीक्षा की गई थी। समीक्षा में दिए गए आदेश को लेकर प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक डाॅ.ओपी आनंद ने सभी डीआरएम को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि बिना उम्मीद कार्ड किसी भी अधिकारी कर्मचारी का फ्री में इलाज नहीं किया जाएगा। सालाना चिकित्सकीय परीक्षण भी उम्मीद कार्ड के आधार पर किया जाए। आपात स्थिति में ही केवल बिना उम्मीद कार्ड का इलाज किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a2e4414092ee4c1b3b69ea5353019f7def18b34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65892.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1925 में हुई थी आरएसएस की स्‍थापना।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन हुई थी। आरएसएस राष्ट्रवादी विचारधारा पर काम करने वाला संगठन है। इसलिए संघ राष्ट्र से जुड़े पर्व और त्योहारों को महत्व देता है। संघ का प्रथम उत्सव वर्ष प्रतिपदा है, इस दिन को संघ नव संवत्सर के रुप में मनाता है। भारतीय नववर्ष की शुरुआत इसी दिन से होती है। संघ वर्षाें से यह उत्सव धूमधाम से मनाता आ रहा है। नववर्ष पर तमाम बार ऐसा हुआ जब लोगों ने सवाल खड़े किए कि एक जनवरी को सारी दुनिया नया साल मनाती है तो संघ के लोग चैत्र मास की प्रतिपदा को क्यों नववर्ष मनाते हैं, मगर संघ अडिग रहा। वह हर साल चैत्र प्रतिपदा के दिन नव संवत्सर को धूमधाम से मनाता आ रहा है। + +धूमधाम से मनाया जाता है हिंदू साम्राज्‍य दिवस ।इसी प्रकार से संघ हिंदू साम्राज्य दिवस को भी काफी धूमधाम से मनाता है। इसदिन छत्रपति शिवाजी ने हिंदू साम्राज्य दिवस की स्थापना की थी। संघ देशभर के प्रत्येक शाखाओं पर यह उत्सव मनाता है। छत्रपति शिवाजी ने किन कारणों से हिंदू साम्राज्य दिवस की स्थापना की थी इसका क्या महत्व होता है उसके बारे में भी बताया जाता है। भले ही इस उत्सव को लेकर देश में तमाम तरह की भ्रांतियां हो, मगर आरएसएस इस उत्सव को लेकर भी अडिग है और बहुत व्यापक रुप में वह मनाता है। जुलाई में गुरु पूर्णिमा उत्सव को भी संघ बहुत श्रद्धाभाव से मनाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन संघ अपने गुरु भगवा ध्वज का पूजन करता है। संघ के स्वयंसेवक शाखाओं पर पूजन करते हैं, इसी के साथ गुरु दक्षिणा का पर्व भी शुरू हो जाता है। इसे भी प्रत्येक स्वयंसवेक और समाज के लोगों तक पहुंचाने का काम संघ करता है। संघ विजयदशमी पर्व को स्थापना दिवस के रुप में मनाता है। संघ के प्रचार प्रमुख भूपेंद्र शर्मा का कहना है कि हमारे लिए गर्व की बात है कि विजय के पर्व के दिन संघ की स्थापना की गई, इससे समाज में उत्साह और ऊर्जा बनी रही। जनवरी में पड़ने वाले मकर संक्रांति पर्व को भी संघ बहुत उत्साह के रुप में मनाता है। इसे समरसता दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86d7ab7d0caf63d9fbbb4c43927ecaaae4da3b25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल का धवल संगमरमरी हुस्न और उस पर अठखेलियां करतीं शरद पूर्णिमा पर निकले चांद की श्वेत रश्मियां। धरती का चांद ताजमहल जब चंद्रमा की रोशनी में दमका तो लोग वाह-वाह कर उठे। ताजमहल की संगमरमरी काया में जड़े नगीनों (सेमी प्रीसियस व प्रीसियस स्टोन) को चंद्रमा की रोशनी में दमकता देख सैलानी चमकी-चमकी कह उठे। यह अद्भुत नजारा लोगों के स्मृति पटल में ताजिंदगी के लिए अमिट बन गया। आज रात में चांदनी रात में ताज का दीदार करने के लिए पर्यटकों ने बुकिंग करा रखी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65894.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65894.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90f2bd849ae75874772bdcc5dbaff91ec1d7fc5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65894.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना की दूसरी लहर ने मध्य प्रदेश सहित देश के लगभग सभी राज्यों में कहर बरपाया था। एक समय ऐसा भी था जब कोरोना की जांच कराने के लिए अस्पतालों में लंबी कतारें लग रही थीं। संक्रमितों की संख्या इस कदर बढ़ रही थी कि गंभीर मरीजों तक के लिए अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे। जरूरी दवाओं एवं इंजेक्शन की किल्लत हो गई थी। हर तरफ निराशा फैली हुई थी। ऐसे समय में कोरोना से बचाव के लिए टीका ही संजीवनी बनकर सामने आया था। सरकार ने इस पर जोर दिया तो टीका लगवाने वालों की लंबी कतारें लगने लगीं। घंटों कतार में लगकर लोग टीके की पहली डोज लगवा रहे थे। यह भी एक सच्चाई है कि टीकाकरण बढ़ा तो कोरोना का संक्रमण कम हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31bfd48bbdd59256cf01f28b5be1d53c61f06254 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65896.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस दल ने ‘सब का साथ और सबका विश्वास’ केवल नारे तक ही नहीं उसे वास्तविक धरातल पर उतारने का संकल्प भी अपने दल के संविधान में दिखाया। अपनी 51 सदस्यीय कार्यसमिति में तीन महिला, दो अनुसूचित जाति तथा दो अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के होने को अनिवार्य कर दिया। कार्यकर्ता आधारित संगठन होने के कारण सभी नीतियां आमजन तक पहुंचने लगीं। स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में जनसंघ को दो राज्यों से तीन सीटों पर जबकि कम्युनिस्ट को चार राज्यों से 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। + +वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा तीन से बढ़कर तीन सौ को पार कर गई। वहीं कम्युनिस्ट पार्टी 1964 में ही टूटकर सीपीआइ और सीपीएम बन गई थी। दोनों मिलकर भी 16 से घटकर पांच सीटों पर सिमट चुके हैं। ऐसे में यह भी स्पष्ट है कि जनसंघ/ भाजपा का विस्तार हुआ और कम्युनिस्टों/ समाजवादियों का संकुचन। यह विदेशी विचारधारा की हार और राष्ट्रीयता की जीत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ff4d7d2e1f6aabc2367df3a57f3e36e332342bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65898.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। टीम भावना से मिलकर काम किया जाए तो सब कुछ संभव है। लक्ष्य हासिल करने के लिए किए गए निरंतर प्रयास से बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी पार हो जाती हैं। पांच साल के अंदर जसोला स्थित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम प्रतिभा विद्यालय की तस्वीर बदलकर मोदी केयर फाउंडेशन ने यह साबित कर दिखाया है। फाउंडेशन ने निगम के शिक्षकों के साथ मिलकर न सिर्फ बच्चों की रुचि के अनुसार सिलेबस तैयार किया, बल्कि उसे लागू भी किया। + +मोदी केयर फाउंडेशन की डायरेक्टर लतिका दीक्षित ने बताया कि उद्यमी समीर मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में विकास व नवोन्मेष के लिए 1996 में फाउंडेशन शुरू किया था। फाउंडेशन विशेष रूप से स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। वर्ष- 2013 में फाउंडेशन ने कूड़ा बीनने वाले उन बच्चों को पढ़ाने के लिए ख्वाबगाह प्रोजेक्ट शुरू किया था, जो स्कूल नहीं जाते थे। फिर इन बच्चों का निगम के स्कूलों के में दाखिला भी करवाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..990ef4d624240d3a4c2e581c8ac3c9c6515505b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65899.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विवेक ओझा। India–Israel Relations भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 17 अक्टूबर से पांच दिनों के इजरायल दौरे पर हैं। यह दौरा काफी महत्वपूर्ण साबित होता दिखा है। इजरायल भारत के साथ एक रणनीतिक साझेदार की भूमिका निभाता दिखा है। एक ऐसा सामरिक साझेदार जिसने भारत के इंटरनेशनल सोलर अलायंस से जुड़ने का निर्णय भी कर लिया है ताकि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतर साझेदारी को बढ़ावा दिया जा सके। एक ऐसा आर्थिक साझेदार जिसने भारत के साथ लंबित मुक्त व्यापार समझौते से जुड़ी वार्ता को पुन: शुरू करने के भारत के प्रस्ताव पर गर्मजोशी के साथ हामी भर दी है। + +एक ऐसा हेल्थ पार्टनर जिसने इस बात के लिए भी सहमति दे दी है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके भारतीय यात्रियों को इजरायल आने दिया जाएगा और इसी के साथ कोविड रोधी वैक्सीन सर्टिफिकेट पर दोनों देशों के बीच एक पारस्परिक मान्यता समझौता भी हुआ है। ये सभी समझौते और साझेदारियां भारतीय विदेश मंत्री की इजरायल यात्र की देन हैं, लेकिन इस यात्रा के दौरान जो सबसे बड़ी साझेदारी देखने को मिली है उसका कुछ अलग ही सामरिक आर्थिक महत्व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f95217c002b71ac05575f9046bda1772f29257f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'सोहना' एक पंजाबी डांस नंबर है, जिसे परमिश वर्मा ने अभिनय करने के साथ ही अपनी आवाज भी दी है। वहीं इसके इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक को कंपोज किया है मिक्स सिंह ने। जिसे विक्की संधू के जीवंत लीरिक्स पर बनाया गया है। जेजस्ट म्यूजिक ने इससे पहले 'पहली मुलाकत' और 'अल्लाह वे' जैसे कुछ और ट्रेंडी सॉन्ग्स दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a06396132c69c1a385574496323ce44a71b56988 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65903.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर का डंका एक बार फिर विदेश में बज रहा है। संस्थान की असिस्टेंट प्रोफेसर दूतिका वत्स ने यूएस में देश का परचम फहराया है और वह पूरे एशिया में एकमात्र प्रोफेसर हैं, जिन्हें ब्लैकवेल रोसेनब्लूथ अवार्ड से नवाजा गया है। उन्होंने सांख्यिकी, कंप्यूटेशन और मैथमेटिकल माडलिंग में आने वाली मार्जिनल एरर (न के बराबर त्रुटि) पर कार्य किया है। उनका शोध दूसरी फील्ड पर काम कर रहे विशेषज्ञों के लिए वरदान साबित हुआ है। उनकी उपलब्धि से संस्थान और देश का नाम विदेश एक बार फिर रोशन हुआ है। संस्थान में बधाई के साथ उनकी चर्चा भी खास हो गई है। ।प्रोफेसर को यूएसए की जूनियर इंटरनेशनल सोसाइटी फार बायेसियन एनालिसिस की ओर से ब्लैकवेल रोसेनब्लूथ अवार्ड से नवाजा गया है। यह उपलब्धि एशिया में सिर्फ उन्हें ही मिली है। उनके अलावा यूएसए के दो, इंग्लैंड के दो और कनाडा के एक विशेषज्ञ को यह उपलब्धि हासिल हुई है। प्रो.वत्स की विशेषज्ञता मार्कोव चेन मौंटे कारलो एल्गोरिथम पर है। उन्होंने संस्थान के गणित और सांख्यिकी विभाग को 2019 में ज्वाइन किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए इन मैथमेटिक्स की डिग्री हासिल की। एमएस की पढ़ाई रूटगर्स यूनिवर्सिटी, न्यू जर्सी और पीएचडी की डिग्री यूनिवर्सिटी आफ मिनिसोटा से प्राप्त की। 2017 से दो वर्ष तक यूके में स्टेटिस्टिक्स पर पोस्ट डाक्टरल किया। + +बेहद छोटे एरर से परिणाम में आता है अंतर : असिस्टेंट प्रोफेसर दूतिका वत्स के मुताबिक मैथमेटिकल और स्टेटिस्टिकल माडङ्क्षलग के परिणाम में कई बार बेहद छोटे एरर होते हैं। यह न के बराबर रहते हैं, लेकिन इसका अंतर रिजल्ट को प्रभावित करता है। मार्कोव चेन, मोंटेकार्लो एल्गोरिथम के माध्यम से वह बेहद छोटे एरर पर काम कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3954af37270b459958706dd58745cf89ebe15495 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65906.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +-दिल्ली कैपिटल्स के प्रदर्शन और माहौल के बारे में क्या कहेंगे?।--हम इस सत्र में जिस तरह से खेले हैं उससे हम काफी खुश हैं। हम पूरे सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। टीम के माहौल की बात करें तो यह बहुत शानदार है। हर कोई एक-दूसरे का समर्थन करता है और हम सभी ने पिछले कुछ वर्षो में बहुत अच्छा तालमेल बिठाया है। दिल्ली कैपिटल्स कैंप का हिस्सा बनना आश्चर्यजनक है। + +-क्या आपको पंत में भविष्य का टीम इंडिया का कप्तान नजर आता है और क्यों? पंत की कप्तानी में खास क्या है?।--रिषभ एक शानदार कप्तान हैं। वह हमेशा सकारात्मक रहते हैं और हम सभी का समर्थन करते हैं। उन्होंने इस सत्र में मेरा विशेष रूप से समर्थन किया है और मुझे वैसे गेंदबाजी करने की आजादी दी है जैसे मैं चाहता हूं, जो एक अच्छे कप्तान की पहचान है। फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के तौर पर वह बेहतरीन काम कर रहे हैं और अगर भविष्य में उन्हें टीम इंडिया का कप्तान बनने का मौका मिलता है तो मुझे यकीन है कि वह वहां भी अच्छा काम करेंगे। + +-आपको टीम इंडिया के बायो-बबल में नेट गेंदबाज के तौर पर शामिल किया गया है? इस यात्रा को कैसे देखते हैं? विश्व कप से पहले टीम इंडिया के कैंप में प्रवेश करना कितनी बड़ी बात है?।--टीम इंडिया के सेट-अप का हिस्सा बनना शानदार अहसास है, वो भी टी-20 विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में। मैं वास्तव में नेट्स पर भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने और यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अपना प्रशिक्षण कैसे करते हैं। यह निश्चित रूप से मेरे लिए एक रोमांचक समय होने वाला है। हालांकि, मुझे उम्मीद है कि जल्द ही मुझे मुख्य भारतीय टीम में चुना जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba9a0b52e48973e28fc476e0fe0bee168cd179e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। उत्‍तर प्रदेश में कास्मेटिक उत्पाद के बाजार में चीन को इस बार जोर का झटका लगा है। चीनी उत्पाद धीरे-धीरे करके बाजार से गायब हो रहे हैं। इसमें फेशियल किट, ब्यूटी क्रीम, लिपस्टिक, शेविंग किट, ट्रिमर, हेयर ब्रश, स्प्रे समेत तमाम तरह के सेंट अब बाजार से नदारद हो रहे हैं। जो बिक भी रहा है, वह बहुत पुराना माल है। व्यापारी बताते हैं कि कस्टम डयूटी बढऩे और सख्ती की वजह से बाजार में शृंगार से जुड़े नए चीनी उत्पादों की उपलब्धता कम हो गई है। वहीं इसकी भरपाई देसी और अन्य विदेशी कंपनियां आसानी से कर रही हैं। औसतन एक माह में 10 से 12 करोड़ का चीनी कारोबार राजधानी के बाजारों से होता था जो अब घटकर महज ढाई से तीन करोड़ का रह गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65908.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65908.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d99bb7a3913d54dcdcc65b8602aa14735c1e27d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65908.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । समाज कल्याण विभाग के सत्यापन में वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों में बड़े फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश हुआ है। अलीगढ़ मंडल के चारों जिलों में 5686 मृतक व 567 अपात्र लोग महीनों से पेंशन पा रहे हैं। सब कुछ जानकारी भी जिम्मेदारी अधिकारी अनजान बने हुए हैं। सरकारी नुमाइंदों की इस लापरवाही से हर माह सरकार को बेवजह लाखों का चूना लग रहा है। अब सत्यापन में पोल खुलने के बाद अफसरों के होश उड़ गए हैं। मंडल में शामिल अलीगढ़, हाथरस, एटा व कासगंज जिलों में चिह्नित लाभार्थियों की पेंशन निरस्त करने के आदेश किए गए हैं। इनके बैंक खातों से रुपये निकासी पर रोक लगा दी गई है। + +सभी ब्‍लाकों में डोर टू डोर सर्वे करेगी टीम।प्रदेश सरकार गरीब बुजुर्गों को आर्थिक मदद के तौर पर वृद्धा पेंशन देती है। इसमें लाभार्थी को पांच सौ रुपये महीने मिलते हैैं। तीन माह बाद एक साथ 1500 रुपये खाते में जमा कराए जाते हैं। अब पिछले दिनों फर्जीवाड़े व अपात्रों की शिकायतों के बाद समाज कल्याण विभाग की ओर से मंडल के चारों जिलों में वृद्धा पेंशन के लाभार्थियों का सत्यापन कराने का फैसला हुआ था। इसमें मंडल के सभी ब्लाकों में डोर टू डोर सर्वे के लिए टीमें गठित की गईं। जुलाई में यह सर्वे हुआ था। अब चारों जिलों से सर्वे की रिपोर्ट विभाग को मिल गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a474b2d9d93822a8af09769b4bb901ae134e026 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे बढ़ता गया दायरा।एक मार्च से 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों और 45-60 वर्ष के बीच पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों का टीकाकरण शुरू किया गया था। इनमें शुगर और उच्च रक्तचाप जैसी 20 गंभीर बीमारियां शामिल थीं। एक अप्रैल से 45 साल से अधिक के सभी लोगों और एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3915260e3fc6dcb2c2fbb4a0c3271ea2bc4e34f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65911.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्लास्टिक का चावल समझ सेवन नहीं कर रहे लोग।पिछले कुछ वर्षों से लोगों में चर्चा है कि चीन से प्लास्टिक का चावल आ रहा है। इसीलिए असामान्य चावल देखकर लोग इसे प्लास्टिक का मान रहे हैं और कोटेदार से विरोध जता रहे हैं। शहर के नंदानगर क्षेत्र के लोगों ने कोटे की दुकान से प्लास्टिक का चावल मिला बताकर विरोध जताया है। उन्हें यह चावल पिछली बार मिला था लेकिन जब इधर प्रयोग किया तो उन्हें इसकी गुणवत्ता को लेकर शंका हुई। उन्होंने कोटेदार से यह बात बताई तो कोटेदार की ओर से कोई स्पष्टीकरण देने की बजाय, चावल की जगह गेहूं का वितरण कर दिया गया। चावल का प्रयोग करने वाले जंगल रामगढ़ उर्फ रजही निवासी जयसिंह मौर्य ने कहा कि 15 दिन पहले चावल लाए थे, प्रयोग करते समय कुछ अजीब लगा। + +सामान्‍य चावल से अलग है यह चावल।राधेश्याम निषाद का कहना है कि चावल लाकर रख दिया गया था, जब इसे पकाने के लिए पानी में डाला गया तो वह प्लास्टिक सा नजर आने लगा। कुछ इसी तरह का अनुभव राजाराम मौर्य भी सुनाते हैं। हालांकि विशेषज्ञ इसे गलत धारणा करार दे रहे हैं। कुछ दिन पहले भरोहिया ब्लाक के रन्नाडीह, हरपुर एवं मड़हा के निवासियों ने भी कोटे से मिले चावल को प्लास्टिक का बताकर विरोध किया था। बाद में उन्हें बताया गया था कि सामान्य चावल से अलग नजर आने वाला यह चावल फोर्टिफाइड यानी पोषणयुक्त है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8f4343a43404a242ad74bebfbeb8d2e11f8bf9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 40वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला लगेगा भले दिल्ली में, लेकिन इसमें दबदबा उत्तर प्रदेश का दिखेगा। विभिन्न राज्य मंडपों में यह मंडप न सिर्फ सबसे बड़ा होगा बल्कि राज्य की सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक प्रगति की झलक भी पेश करेगा। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भी इस बार राज्य के मंडप को खास तरीके से सुसज्जित किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65914.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bb1f3ab32567543105378f6389a3797277a644a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन सभी देशों के राजनयिकों ने कहा है कि कुशीनगर एयरपोर्ट से जुड़ने के बाद उनके देश के साथ भारत का सांस्कृतिक जोर और मजबूत होगा क्योंकि अब उनके देश से लाखों बौद्ध अनुयायी सीधे भारत के प्रमुख बौद्ध केंद्रों की यात्रा कर सकेंगे। इस लिहाज से यह एयरपोर्ट भारत में विदेशी पर्यटन के लिए भी वरदान साबित हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9529c8d8d8c0b76fc218ba25428e52d54745497a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाक में अगस्त महीने में 35 आतंकी हमले हुए ।दक्षिण एशिया क्षेत्र के ताजा घटनाक्रम पर कनाडा के थिंक टैंक का कहना है कि पाकिस्तान समेत इस क्षेत्र में सिर्फ अगस्त महीने में 35 आतंकी हमले हुए हैं जिसमें कुल 52 लोग मारे गए हैं। सितंबर में भी पाकिस्तान के वजीरिस्तान में टीटीपी ने सात पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की है। अफगानिस्तान में भी पाकिस्तान से लगी सीमा पर काफी हिंसा हुई है। आइएफएफआरएएस के अनुसार तालिबान की प्रवृत्ति कहने की कुछ और उसका एकदम उल्टा करने की है। संयुक्त राष्ट्र को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में पिछले साल तक छह हजार से अधिक आतंकियों का गढ़ बन चुका है। ।तालिबान के तमाम बड़े नेता पाकिस्तान में शरणागत ।अफगानिस्‍तान में तालिबान कब्जे के पूर्व भी अफगान सरकारों ने हमेशा कहा कि तालिबान के तमाम बड़े नेता पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। क्वेटा में बैठे तालिबानी नेता अफगानिस्तान में हिंसा कराते हैं। इन नेताओं की जमात को ही ‘क्वेटा शूरा’ यानी क्वेटा की समिति कहा जाता है। हालांकि, इन आरोपों से पाकिस्तान इनकार करता रहा है। तालिबान सरगना हिब्तुल्लाह अखुंदजादा और बाकी कुछ नेता भी लंबे वक्त तक पाकिस्तान में शरण लिए हुए थे। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद सभी पाक‍िस्‍तान से अफगानिस्‍तान लौट आए हैं। इन तालिबानी नेताओं का परिवार भी पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e0424e25d0d2a1c01775cb6c446b8d34e572d43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65917.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सियोल, एजेंसी। उत्तर कोरिया ने बुधवार को यह बात स्वीकार कर ली कि उसने पनडुब्बी से मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने रिपोर्ट जारी कर कहा, मिसाइल परीक्षण मंगलवार को किया गया। दो साल बाद इस तरह का कोई बड़ा मिसाइल परीक्षण किया गया है। इससे उसकी नौसेना की समुद्री युद्ध क्षमता बढ़ी है। खास बात यह है कि उत्‍तर कोरिया ने यह मिसाइल पनडुब्‍बी से दागी है। उत्‍तर कोरिया ने यह मिसाइल परीक्षण तब किया है जब इंडो पैसिफ‍िक क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे में अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। इसके पूर्व उत्‍तर कोरिया ने ट्रेन से मिसाइल दाग कर पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था। + +उत्तर कोरिया ने पांच साल पहले पहली एसएलबीएम का परीक्षण किया।नई मिसाइल में एडवांस कंट्रोल गाइडेंस टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया गया है। यह मिसाइल उसी पनडुब्बी से दागी गई, जिसका इस्तेमाल उत्तर कोरिया ने पांच साल पहले पहली एसएलबीएम के परीक्षण के लिए किया था। इस परीक्षण की तस्वीरें और वीडियो भी जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि जापान और दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को दावा किया था कि उत्तर कोरिया ने पनडुब्बी से मिसाइल का परीक्षण किया है। मिसाइल ने करीब 600 किमी का सफर तय कर लक्ष्य को भेदा। जापान ने इसे क्षेत्र में तनाव बढ़ाने वाला कदम करार दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a6ae5765c091dbfcf3f399a848fb6836d2ea46b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65920.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। समाजवादी पार्टी के 'एमवाई' यानी मुस्लिम-यादव की जगह नई सपा में महिला-युवा ने ले ली और सत्ता संघर्ष में कांग्रेस भी आखिरकार महिलाओं के मुद्दे को मोर्चे पर ले आई। साफ संकेत है कि इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए हर सिक्का उछालकर किस्मत आजमा रहे विपक्षी दलों की नजर जाति-धर्म की लकीरों के पार सीधे आधी आबादी पर जा टिकी है। टिकट वितरण में चालीस फीसद आरक्षण की घोषणा के साथ महिला सशक्तीकरण के मुद्दे को 'मोहिनी मंत्र' बनाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने निश्चित ही बड़ा दांव चला है। अब उनके इस वादे को भाजपा सरकार के उन दावों से लड़ना है, जिसमें वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना, शौचालय से लेकर तमाम योजनाएं महिलाओं को समर्पित कर लाभार्थियों की लंबी सूची हाथ में थामे चुनाव मंच पर खड़ी है। + +कांग्रेस की यह चाल है तो भाजपा सरकार बिसात बिछाए अपनी गोटें पहले ही फिट किए जाने के भरोसे में है। आधी आबादी की ताकत को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दिशा में शुरू से काम कर रहे हैं। मसलन, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना में 80 फीसद आवासों का स्वामित्व महिलाओं को दिया गया है। शौचालय को इज्जत घर नाम देने के पीछे सोच महिला सुरक्षा की बताई। उज्ज्वला योजना में मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन महिलाओं को ही उपहार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..103ed15d28d3368502786b0bd9ae61895169c0c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65921.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Happy Birthday Virender Sehwag: क्रिकेट के खेल में हम अक्सर सुनते और देखते आए हैं कि इस खिलाड़ी शतक ठोका या फिर हंड्रेड बनाया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक भारतीय खिलाड़ी ऐसा भी है, जिसने हंड्रेड में नहीं, बल्कि डैडी हंड्रेड में डील करना सही समझा था। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की, जिन्होंने न सिर्फ भारतीय टीम को, बल्कि दुनियाभर की टीमों को सिखाया कि ओपनिंग इतने तूफानी अंदाज में भी की जा सकती है। + +वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 82.23 के स्ट्राइकरेट से रन बनाए हैं। इसके मायने ये हैं कि 100 गेंदों में कम से कम 82 रन। ऐसा स्ट्राइक रेट वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में कुमार संगकारा, रिकी पोंटिंग और महेला जयवर्धने जैसे महान खिलाड़ियों का भी नहीं है। वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट की भी बात करें तो सहवाग दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 8200 से ज्यादा रन बनाए और उस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 104 से ज्यादा का रहा है। ये दर्शाता है कि उन्होंने कभी भी गेंद को रोकने से ज्यादा गेंदबाजों को ठोकने में भरोसा जताया है, जिसमें उनको सफलता भी मिली है। + +अब बात करते हैं डैडी हंड्रेड की तो वीरेंद्र सहवाग के नाम टेस्ट क्रिकेट में 2 तिहरे शतक जड़ने का रिकार्ड है, जबकि तीसरी बार वे ये कारनामा करने से महज 7 रन से चूक गए थे। अगर वे ऐसा करते तो दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज बन जाते। सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 6 बार दोहरा शतक ठोका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कुल 23 शतक जड़े हैं, जिनमें से 13 बार वे 150 से अधिक रन बनाने में सफल हुए हैं। ये दर्शाता है कि उन्होंने हंड्रेड नहीं, बल्कि डैडी हंड्रेड बनाने पर हमेशा जोर दिया और यही तो कारण है कि गेंदबाज उनके सामने पानी मांगते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..724038609e2aa95af0168245f79da84baafe2f9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65922.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दिल्ली/ गाजियाबाद [आशुतोष अग्निहोत्री]। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर बने अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद डासना के शिवशक्तिधाम मंदिर के महंत हैं। मूलरूप से बुलंदशहर के रहने वाले यति भाजपा के पूर्व सांसद बीएल शर्मा को अपना गुरु मानते हैं और अपनी कट्टर हिंदू की छवि के लिए जाने जाते हैं। आतंकी संगठन आइएस और लश्करे तैयबा की ओर से यति के खिलाफ फतवा जारी हो चुका है। बंदूकों के साये में रहने वाले यति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े हिंदू समुदाय के अघोषित पंच भी हैं। + +वह 32 बार जेल जा चुके हैं और 100 से ज्यादा रात हवालात में बिताई हैं। 2002 में उनके गुरू स्वामी ब्रहमानंद सरस्वती ने उन्हें दीक्षा दी और इसके बाद दीपक त्यागी संन्यास लेकर यति नरसिंहानंद सरस्वती हो गए। हिदुओं के पक्ष में आवाज उठाने और कट्टरपंथियों व आतंकियों के खिलाफ बयानबाजी पर यति को कई बार मारने की धमकी मिल चुकी है। विदेश में बैठे संगठन यति का सिर कलम करने पर करोड़ों रुपये के इनाम की घोषणा कर चुके हैं। + +पिछले एक साल से लगातार चर्चा में।पिछले एक साल से यति नरसिंहानंद लगातार चर्चा में हैं। सबसे पहले मंदिर में एक बच्चे की कथित रूप से पानी पीने पर पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था। मामला निपटा नहीं उससे पहले ही मंदिर में नाम बदलकर कुछ युवक घुसे। आरोप लगा कि युवक यति नरसिंहानद ही हत्या करने आए थे। मामला एटीएस के पास पहुंचा और पुलिस ने एक बड़े मतांतरण के केस का पर्दाफाश किया। जिसमें मंदिर में घुसे युवकों की संलिप्तता भी सामने आई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffa6f8d87a6dad699c4369eee8baee9045e57c9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। हुनर हाट में हरिद्वार से सोनू पाल का हुनर वाकई कमाल है। वह ऊन से लेकर जैकेट और कोट तक अपने घर में बना रहे हैं। इनके बनाए कोट और जैकेट भी बेहतरीन हैं। मार्केट से आधे दाम पर मिल रहे हैं। इस कारण इनके पास ग्राहक भी खूब आ रहे हैं। इस काम में इनका पूरा परिवार लगा है। कोई भेड़ पाल रहा है तो कोई ऊन तैयार कर रहा है। कई सदस्य तैयार माल बेचने में लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65932.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50f2b66c4a8a2ec84f406c620afbec164bb75ff2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65932.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं भूस्खलन ने अचानक आई इस तबाही को बढ़ाने में और अहम भूमिका निभाई है। केरल के कोट्टायम और इड्डुक्की आदि जिलों के पहाड़ी इलाकों में वर्ष 2018 की विनाशकारी बाढ़ जैसे हालात बने हैं। नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हालांकि संकट की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने हाईअलर्ट जारी कर दिया है। राज्य सरकार के अनुसार तो अभी तक 36 लोगों की ही मौत हुई है, लेकिन कहा जा रहा है कि वहां मरने वालों की तादाद इससे कहीं अधिक हो सकती है। वहीं लापता लोगों की संख्या अभी तक स्पष्ट नहीं है। कोट्टायम के कोट्टिकल इलाके में मरने वालों की तादाद सबसे ज्यादा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65933.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1e280f1bae8b85b433a1a8a21f9599be6db0263 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65933.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे होती है जांच।प्लेगरिज्म की जांच सेंट्रल लाइब्रेरी में होती है। साफ्टवेयर पर शोध का कंटेंट अपलोड किया जाता है। अपलोड होने के 15 मिनट बाद ही साफ्टवेयर रिसर्च से प्लेगरिजम का फीसद निकाल देता है। यह साफ्टवेयर थीसिस में चोरी का फीसद बताने के साथ किन किताबों, वेबसाइट या शोधपत्रों से सामग्री ली है, उनका नाम भी बता देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3cc7eece58f2bde9db0c1802613dec42710193f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक एकड़ में औसतन 25 क्विंटल पराली निकलती है, जिसे बेचकर किसान करीब 14 हजार रुपये तक कमा सकते हैं। इसके अलावा सरकारी स्तर पर किसान संगठनों का यह सुझाव भी स्वागतयोग्य है कि मनरेगा के तहत मजदूरों को पराली की गांठ बनाकर खेत से बाहर करने के काम में लगाया जाए। इससे न केवल किसानों को श्रमिकों की कमी से निजात मिलेगी, बल्कि पराली का भी सही तरीके से निस्तारण करने में सहयोग मिल सकेगा। फसलों की तरह पराली का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर मार्केटिंग बोर्ड से खरीद की व्यवस्था की जाए तो बेहतर परिणाम होंगे। सभी चीनी मिलों को पराली खरीदने की छूट दी जाए जिससे वे बिजली बना सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aba3e68b46ca3e4a30b9fd68d1954475d44b4c23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65938.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक माह में चन्‍नी सरकार ने लिए चार फैसले, 2022 चुनाव के मद्देनजर चुनौतियां बेशुमार।वैसे, एक माह में सरकार ने चार लोक लुभावने फैसले करके 2022 के विधान सभा चुनाव को लेकर अपनी व्यूहरचना करनी शुरू कर दी है। लेकिन, चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के समक्ष चुनौतियां कम नहीं हैं या यूं कहें कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बेशुमार चुनौतियां हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9282b7a82200f07e691e9c8537c81725f75b8f28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65939.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ई कुकिंग को भी विभिन्न राज्य तेजी से अपना रहे हैं। अभी तक जिन राज्यों में लोग इलेक्ट्रिक कुकिंग उपकरण अपना रहे हैं, उनमें दिल्ली का नंबर पहला है। यहां 17 फीसद लोग इंडक्शन कुकटाप (चूल्हा), राइस कुकर और माइक्रोवेव ओवेन जैसे ई कुकिंग उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु और तीसरे नंबर पर असम व केरल है जहां क्रमश: 15 एवं 12-12 फीसद लोग इनका उपयोग कर रहे हैं। दिल्ली और तमिलनाडु में, 17 प्रतिशत परिवारों ने अलग-अलग तरह से इलेक्ट्रिक कुकिंग को अपनाया है। यह जानकारी सामने आई है काउंसिल आन एनर्जी, एन्वायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) द्वारा जारी किए गए एक स्वतंत्र अध्ययन 'आर इंडियन होम्स रेडी फार इलेक्ट्रिक' में। + +मालूम हो कि केंद्र सरकार ने बिजली उपकरणों से खाना पकाने के लाभों को प्रोत्साहित करने के लिए इस साल फरवरी में गो इलेक्टि्रक अभियान शुरू किया था।इस अध्ययन के मुताबिक ई-कुकिंग का शहरी इलाकों में विस्तार 10.3 फीसद जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ 2.7 फीसद है। राष्ट्रीय स्तर पर देश में कुल पांच फीसद परिवारों ने ही ई-कुकिंग को अपनाया है। एलपीजी की मौजूदा कीमत पर सब्सिडी आधारित बिजली पाने वाले परिवारों के लिए ई-कुकिंग एलपीजी की तुलना में ज्यादा किफायती होगी। हालांकि इस पर शुरुआत में आने वाली लागत और उपभोक्ताओं की विभिन्न धारणाएं शहरी परिवारों के बीच ई-कुकिंग को अपनाने में बाधा साबित हुई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0fae5c5f5497bb1181a2706a69ae066f61f6b45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65941.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विज्ञानियों के अनुसार उत्तराखंड में इस बार परिस्थितियां कुछ वैसी ही बनीं, जैसी वर्ष 2013 में बनी थीं। जाहिर है इसका प्रभाव और अधिक भयावह हो सकता था, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सरकार समय रहते सक्रिय हो गई। मौसम विभाग ने पर्यटकों और यात्रियों के साथ ही तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में यात्र करने वाले लोग जो जहां थे, वहीं ठहर गए। स्थिति और बेहतर होती यदि सरकार और शासन की भांति तहसील और ब्लाक स्तर पर भी तत्परता दिखाई जाती। बात यहीं खत्म नहीं होती, देश में इस संकट से निपटने के लिए तात्कालिक कदमों के साथ ही दीर्घकालिक उपायों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उत्तराखंड जैसे प्रदेश का तो आपदा के साथ चोली-दामन जैसा रिश्ता है। बात चाहे मानसून सीजन की हो अथवा सर्दियों की, कुदरत कब कुपित हो जाए कहा नहीं जा सकता। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन के मुहाने पर चिन्हित गांवों का भी जल्द से जल्द विस्थापन किया जाना चाहिए। फिर चाहे टिहरी झील के किनारे के इलाके हों या मलारी में रैणी के पास जुग्जू गांव, जहां भूस्खलन के डर से ग्रामीणों को गुफाओं में शरण लेनी पड़ती है। + +देखा जाए तो उत्तराखंड में बारिश के रूप में आई इस तबाही की वजह विकास के नाम पर पर्यावरण और पहाड़ों से बड़े पैमाने पर हो रही छेड़छाड़ का नतीजा भी है। इसके चलते प्रदेश को बेमौसम बारिश और भूस्खलन का शिकार होना पड़ता है। लगातार भूस्खलन और मलबा जमा होने के चलते उत्तराखंड में रास्तों के बंद होने की कई खबरें इस बरसाती मौसम में आ चुकी हैं। चमोली जिले में चीन बार्डर के साथ जुड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग दो सप्ताह से बंद है। पर्वतीय राज्यों में बेहिसाब पर्यटन ने प्रकृति का हिसाब गड़बड़ा दिया है। वहीं गांव-कस्बों में विकास के नाम पर आए वाहनों के लिए चौड़ी सड़कों के निर्माण के लिए भी पहाड़ को ही निशाना बनाया जा रहा है। हिमालय भारतीय उपमहाद्वीप के जल का मुख्य आधार है। यदि नीति आयोग के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तीन साल पहले तैयार जल संरक्षण पर रिपोर्ट पर भरोसा करें तो हिमालय से निकलने वाली 60 फीसद जल धाराओं में दिनों-दिन पानी की मात्र कम हो रही है। + +जब पहाड़ पर तोड़फोड़ या धमाके होते हैं या जब उसके प्राकृतिक स्वरूप से छेड़छाड़ होती है तो दिल्ली तक भूकंप के खतरे तो बढ़ते ही हैं, यमुना में कम पानी का संकट भी खड़ा होता है। अधिक सुरंग या अविरल धारा को रोकने से पहाड़ अपने नैसर्गिक स्वरूप में रह नहीं पाते हैं। इसके दूरगामी परिणाम विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। जान लें पहाड़ को क्रंक्रीट का नहीं अपने नैसर्गिक स्वरूप का विकास चाहिए। सीमेंट की संरचनाएं पहाड़ के जल-प्रवाह और मिट्टी क्षरण को रोकती नहीं, बल्कि उसको बढ़ावा देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8665348f80f9ed34cc5e3a912709af993bc3863 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65943.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि मंगलवार शाम छह बजकर 44 मिनट से अश्विन मास की पूर्णिमा शुरू हो रही है, जो बुधवार शाम सात बजकर 37 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में इसे मानने वाले बुधवार को मनाएंगे। हालांकि कुछ लोगों ने इसे मंगलवार को भी मानकर पूजा की और व्रत रखा। इस दिन भगवान शिव और सत्यनारायण का पाठ और पूजा फलदायी होती है। + +धवल चांदनी में रंगे नजर आएंगे बाल-गोपाल।शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण भी धवल चांदनी के रंग में रंगे नजर आएंगे। शरद पूर्णिमा पर नटखट नंदगोपाल के लिए कोलकाता की विशेष पोशाक और श्रृंगार इस बार बाजार में खासी पसंद की जा रही हैं। मनकामेश्वर स्थित पोशाक विक्रेता मयंक मिश्रा ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर भगवान के लिए इस बार चार तरह की डिजाइनर पोशाक व श्रृंगार उपलब्ध हैं। इसमें सफेद के साथ सिल्वर रंग और दूसरा सफेद के साथ गोल्डन रंग का टच है। इनमें गोल्डन रंग वाले टच की पोशाक और श्रृंगार को खासा पसंद किया जा रहा है। इनकी कीमत साइज के हिसाब से 40 रुपये से लेकर 750 रुपये तक है। वहीं सभी पोशाकों के साथ मैचिंग श्रृंगार और मुरली भी प्रभु की शोभा और बढ़ा रहा है। + +श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान सहित अन्‍य मंदिरों में विशेष दर्शन।श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आज केशवदेवजी चंद्रलोक के स्वरूप में दर्शन देंगे। द्वारकाधीश मंदिर में भी ठाकुरजी के विशेष दर्शन होंगे। प्राचीन केशवदेव मंदिर में ठाकुरजी का अभिषेक किया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भगवान श्रीकेशवदेव मंदिर को चंद्रलोक के स्वरूप में सजाया जाएगा। केशवदेव भगवान चंद्रलोक के स्वरूप में दर्शन देंगे। मंदिर को रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा से जगमग किया जाएगा। शरद पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ सुबह 8. 30 बजे श्रीगिरिराज के अभिषेक से किया जाएगा। 11. 30 बजे से प्रसादी भंडारे का आयोजन किया जाएगा। शाम सात से रात दस बजे तक भजन गायन किया जाएगा। महारास का मंचन रात 11 बजे तक होगा। रात 11 बजे श्रीगिरिराजजी की महाआरती होगी। श्रद्धालुओं का प्रवेश रात 11 बजे तक हो सकेगा। जन्मस्थान के विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर ने बताया कि केशवदेव मंदिर को चंद्रलोक के स्वरूप में सजाया जाएगा। छप्पनभोग का आयोजन किया जाएगा।द्वारकाधीश मंदिर में शाम 6.30 से 7.30 तक विशेष दर्शन होंगे। ठाकुरजी के दर्शन करने को रेला उमड़ेगा। मीडिया प्रभारी एड राकेश तिवारी ने बताया कि ठाकुरजी मंदिर चौक में आकर भक्तों को दर्शन देंगे। प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देवजी महाराज में भगवान का सुबह पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के पश्चात भक्तों को खीर वितरित की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a284f9ab5f66a715d49cbe0120ab6834989047e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65946.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं अभी भी सामने आ रही हैं। यहां भी राज्य सरकारों की भूमिका काफी मासने रखती है। सरकारों को चाहिए कि वोट बैंक की ही नहीं बल्कि अपने मतदाताओं के स्वास्थ्य की भी फिक्र करें। जन सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है। जनजागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। जितनी जन जागरूकता बढ़ेगी, उतना ही सभी का सहयोग मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d23e05f1d29192f9c0f18e4295eea5ff016384d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65950.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोरोना टीकाकरण के 100 करोड़ डोज के करीब पहुंचने के साथ ही सरकार अब आगे इसकी वास्तविक जरूरत का हिसाब लगाने में जुट गई है। सरकार ने सभी वयस्क नागरिकों के 31 दिसंबर तक संपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य जरूर रखा है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि शायद ही इस समूह के सभी लोग टीका लगवाने के लिए सामने आएं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो आंकड़े आ रहे हैं उसके अनुसार 15-20 फीसद लोग टीका लगवाने से बच रहे हैं। जाहिर है संपूर्ण टीकाकरण के लिए पूर्व निर्धारित लक्ष्य से कम टीकों की जरूरत पड़ेगी। वहीं बच्चों के टीकाकरण की स्थिति में लगभग 80 करोड़ से अधिक डोज की जरूरत पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5ee530904d873c8db0bf4a30785902f35481f56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरियों का हवाला देते हुए उसकी विरोधी पार्टियां चाहे इस एलान को खारिज करने की कोशिश करें, लेकिन इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि प्रियंका के एलान को लेकर सूबे की आधी आबादी के बीच एक हलचल जरूर होगी। जाहिर तौर पर यह हलचल ही कांग्रेस को सियासी नैरेटिव तय करने वाली मुख्य पार्टियों की दौड़ में शामिल करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9663c5db68a52720f5a6a84f626853550c92890 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65953.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +दुबई-2020 में जल्द ही होगी चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक।हालांकि इस संगठन का एजेंडा बहुत हद तक हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थापित अमेरिका, जापान, भारत व आस्ट्रेलिया के क्वाड संगठन जैसा ही है। यह भी फैसला किया गया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, इजरायल के विदेश मंत्री येर लापिड और यूएई के विदेश मंत्री एबी जायेद के बीच आमने-सामने की पहली संयुक्त बैठक दुबई-2020 के दौरान जल्द की जाएगी। इजरायल के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विस्तृत बयान में बताया गया है कि सोमवार रात हुई वर्चुअल बैठक में चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग पर एक अंतरराष्ट्रीय फोरम बनाने का फैसला किया है। इस संगठन का सुझाव इजरायल की तरफ से ही उसके विदेश मंत्री ने पिछले दिनों अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान दिया था। + +इस पर जल्द से जल्द काम शुरू करने का प्रस्ताव करते हुए इजरायल ने यह भी कहा कि यह गठबंधन पूरी दुनिया में बुनियादी ढांचे में बदलाव का कारण बन सकता है। बैठक में चारों देशों ने सभी तरह के बुनियादी क्षेत्र में संयुक्त उद्यम की संभावनाओं पर विचार किया। चारों मंत्रियों की तरफ से जल्द ही अपने अपने देश के उच्चाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी तो इस गठबंधन के तहत परियोजनाओं को चिह्नित करने और उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेंगे। + +अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक में मध्य-पूर्व और एशिया में आर्थिक व राजनीतिक सहयोग को विस्तार देने को लेकर चर्चा हुई। इसके तहत कारोबार के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा भी विमर्श का एक बड़ा मुद्दा रहा। इसके अलावा कोरोना महामारी से परेशान जनता को मदद पहुंचाने के विकल्पों पर भी बात हुई है। अमेरिका की तरफ से इन देशों के साथ संबंधित क्षेत्र व वैश्विक मंच पर भावी सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। अमेरिका ने यह भी कहा है कि यह बैठक अब्राहम संधि के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी बताता है। अब्राहम संधि की घोषणा पिछले साल अमेरिका, यूएई और इजरायल की तरफ से की गई है। + +भारत और खाड़ी देशों के बीच रिश्तों की नई शुरुआत।इसका मकसद इजरायल और अरब देशों के बीच सामंजस्य को बेहतर करना है। इसके बाद ही यूएई और बहरीन ने इजरायल को कूटनीतिक मान्यता दी है। अमेरिकी पक्ष ने इस बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन इजरायल की तरफ से बताया गया कि मौजूदा दुबई-2020 ट्रेड समारोह में चारों देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक होगी। कई कूटनीतिक विशेषज्ञों ने इन चारों देशों के गठबंधन को भारत और खाड़ी देशों के बीच रिश्तों की नई शुरुआत के तौर पर देखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60390f5f8a1d3cb4dc7e5372b2bffef19b88fd92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन में पिछले कुछ वर्षो और खासतौर पर कोरोना के पश्चात होने वाले परिवर्तन का अध्ययन करना जरूरी हो गया है। यह समझना इसलिए भी जरूरी है कि विश्व के देश चीन की वास्तविकता को समझकर उसके प्रति अपने नजरिये को दुरुस्त करें और अपने विकास के लिए उचित मार्ग का चयन भी करें। पिछले दिनों चीन में औद्योगिक गिरावट के समाचार आते रहे हैं। एक जमाना था जब चीन 30 से 50 प्रतिशत की दर से औद्योगिक विकास कर रहा था। अविश्वसनीय से लगने वाले पैमाने पर औद्योगिक इकाइयां लग रही थीं और उनमें अपार उत्पादन को दुनिया के बाजारों में आक्रामक तरीके से खपाता जा रहा था। उसके लिए सरकारी मदद से सामानों को सस्ता करने के साथ ही, अंडर इनवाइसिंग, डंपिंग और घूसखोरी समेत तमाम अनुचित और गैरकानूनी हथकंडे अपनाकर भी दुनिया के बाजारों पर चीन का कब्जा बढ़ता जा रहा था। इन कारगुजारियों को अनदेखा करते हुए दुनियाभर में नीति निर्माता चीन के इस कदम का प्रतिकार करने के बजाय उसकी औद्योगिक कार्यकुशलता को इसका श्रेय दे रहे थे। उनका तर्क यह था कि चीन से सस्ते आयातों के माध्यम से उपभोक्ताओं को सस्ता सामान मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c6ed03be0c896de62a804c9ed71b8673839b012 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65955.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +18 साल की उम्र में वह निसंतान ही विधवा हो गयीं। सौतेले बच्चों ने घर से निकाल दिया। मातंगिनी मिदनापुर के तामलुक में अलग झोपड़ी में रहकर मजदूरी से जीवनयापन करने लगीं। ग्रामीणों के दुख-सुख में सहभागी रहने के कारण वे पूरे गांव में मां के समान पूज्यनीय हो गयीं। वो महिला जिसे जिंदगी के 62 साल तक तो ये भी नहीं पता था कि स्वतंत्रता आंदोलन है क्या? उसकी अपने गांव और घर से बाहर की जिंदगी बड़ी सीमित थी, लेकिन उन्हें 'बूढ़ी गांधी' के नाम से जाना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8415f31dbae1f984535ffbe49cbf9d88192f3a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का रोमांच खेलप्रेमियों से छिपा नहीं है। ऐसे मैच के दौरान सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है और कई बार तो मैच खत्म होने के बाद ऐसे-ऐसे वीडियो सामने आते हैं कि लोग उसे बार-बार देखते थकते तक नहीं है। ये भी कहा जाता है कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को दुनिया भर में करीब एक अरब लोग देखते है। क्रिकेट प्रेमियों को ये भी याद होगा कि साल 2015 में भारत-पाकिस्तान विश्वकप मैच के दौरान मात्र 12 मिनट में ही सारी टिकटें बिक गई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4899110789c7872b4c127e67fca2210368a76d89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिक्षकों की तय होगी जवाबदेही।विभागीय सूत्रों के अनुसार बच्चे की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षक की जवाबदेही भी तय होगी। यह रिपोर्ट शासनस्तर पर प्रदर्शित होगी। इसलिए इसकी भी संभावना जताई जा रही है कि शिक्षकों के प्रमोशन व वेतन वृद्धि भी इसके आधार पर तय होगी। ब्लाकस्तर पर हर शिक्षक की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..059fe942f452acc3c54a4bb17402e7362ca95be1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निहंगों के बिना बेजान हो जाएगा किसान आंदोलन। कहा जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा को इस बात की चिंता है कि अगर निहंगों का साथ देने से उनकी छवि खराब होगी तो अलग हटने से किसानों का प्रदर्शन ही प्राणहीन हो जाएगा। वहीं, निहंग इस बात से भी खफा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिए बयान के चलते ही पुलिस कार्रवाई हुई है। फिलहाल किसान मोर्चा और निहंग संगठनों के बीच अलग-अलग रणनीति तैयार की जा रही है। उधर, अखिल भारतीय किसान सभा महासचिव हन्नान मोल्लाह ने भी कहा है कि10 महीने से किसान आंदोलन को बदनाम करने का एक संयोजित प्रयास चल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा से इसका कोई संबंध नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18cf85df389d10cf33992bc3aa3922bcabe5c9a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65962.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]। हाल में संपन्‍न इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के 14वें सीजन में हर्षल पटेल, ऋतुराज गायकवाड़ और वेंकटेश अय्यर जैसे नवोदित खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से खूब वाहवाही बटोरी। पटेल ने सीजन का सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकार्ड बनाया। उन्हें उनके इस बेहतरीन खेल प्रदर्शन के लिए पर्पल कैप के साथ गेमचेंजर आफ द सीजन, मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर आफ द सीजन जैसे अवार्ड से भी नवाजा गया। इन सभी अवार्ड के लिए उन्हें 10-10 लाख रुपये का इनाम अलग से मिला। कहने का मतलब यह है कि खेल अब सिर्फ खेल नहीं, बल्कि कमाई और नाम कमाने का एक बड़ा जरिया बन गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3ed7b0635b971c7b605b616ff9ca965193ff86b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65965.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकारियों ने बताया कि चिड़ियाघर में लंबे समय से वन्य जीवों के नाम रखने की प्रक्रिया को बदल दिया गया है। अब आम जनता के सुझाव पर जानवरों के नाम रखे जा रहे हैं। इसके लिए प्रबंधन पहले आनलाइन सुझाव मांग रहा है, जिसके बाद उन नामों पर मतदान कराया जा रहा है। इसमें जिस जीव के नाम को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं। उनका नाम तय किया जाता है। चिड़ियाघर के निदेशक डाक्टर सोनाली घोष ने बताया कि पिछले दिनों चिड़ियाघर में आए एक नर और मादा जंगली बिल्ली का नाम रखने के लिए सुझाव मांग गए थे। ।नर का नाम राजा और जोरा रखने के लिए मतदान कराया गया, जिसमें 52 फीसद लोगों ने राजा और 48 फीसद लोगों ने जोरा नाम रखने के लिए मतदान किया। वहीं, मादा के लिए रानी और वीरा नाम रखने के लिए वोटिंग कराई, जिसमें 70 फीसद लोगों ने रानी के लिए नाम पर अपनी सहमति दी, जबकि वीरा नाम को 30 फीसद लोगों ने पसंद किया। अधिक मतदान होने के चलते राजा और रानी नाम रखा गया है। ।उन्होंने बताया कि जंगली बिल्ली देखने में बेहद ही खूबसूरत होती है, जिसे पर्यटकों के देखने के लिए चिड़ियाघर में लाया गया है। इससे पहले आनलाइन मतदान के बाद ही गिद्ध का नाम जटायु और बबून का नाम भूमि रखा गया था। आगे भी जानवरों और पक्षियों के नाम ऐसे ही रखे जाएंगे, जिससे पर्यटकों को जानवरों के प्रति अपनापन दिखेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..719333efb1933a56e593bc65a571c4b9b1dcc0fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुल्लू, कमलेश वर्मा। International Kullu Dussehra इंसान की भांति देवी-देवता भी दिनचर्या पूरी करते हैं। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भी रघुनाथ जी समेत सभी देवी-देवता इन प्रक्रियाओं को निभा रहे हैं। अठारह करडू की सौह (ढालपुर मैदान) स्थित अस्थायी शिविर में रघुनाथ जी, भगवान नृसिंह, माता सीता, शालीग्राम व हनुमान जी को अस्थायी शिविर में सुबह से रात तक पांच बार दूध और लुची यानी मैदा से बनी रोटी का भोग लगाया जा रहा है। दिन में एक बार दाल व चावल का भोग लग रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acba61c89aca6e44fd4b46eb8ff9677c85cb63d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65970.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एक तरफ बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा हो रही है तो दूसरी ओर बंगाल में चार सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। ये चारों सीटें बांग्लादेश की सीमा से सटे जिले की हैं। वहां हिंसा हो और बंगाल में उस पर राजनीति न हो ऐसा भला हो सकता है? वहां की हिंसा पर बंगाल में जमकर राजनीति शुरू हो गई है। एक तरफ भाजपा हिंदुओं पर अत्याचार, मंदिरों पर हमले को लेकर मुखर है तो ऐसे में तृणमूल कांग्रेस और अन्य दल पीछे क्यों रहें। यहां तक कि वामपंथी विचारधारा वाले बुद्धिजीवी भी अपने-अपने हिसाब से हिंसा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। + +दिनहाटा में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन अशोक मंडल पार्टी विधायक मिहिर गोस्वामी के साथ शहर में प्रचार करने गए थे। जैसे ही उन्होंने प्रचार शुरू किया, कुछ तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने उनका पीछा किया। अशोक मंडल जहां भी प्रचार करने जा रहे हैं, तृणमूल कार्यकर्ता झंडों के साथ नारेबाजी शुरू कर दे रहे हैं। ऐसे में यदि भाजपा व तृणमूल समर्थकों के बीच झड़प भी हो सकती है। इन सबके बीच उत्तर दिनाजपुर जिले के इटाहार में युवा भाजपा के नेता मिथुन घोष की कुछ अज्ञात बदमाशों ने राजग्राम गांव में उनके घर के सामने रविवार की रात करीब 11 बजे गोली मारकर हत्या कर दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2bea2baba11d8e612bda8b6298831eb881937e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65972.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [डीपी आर्य]। सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर दलित युवक लखबीर की नृशंस तरीके से हत्या करने के मामले में अमृतसर से भी कई लोग आरोपित बनाए जा सकते हैं। सोनीपत पुलिस को मिल रही जानकारी के अनुसार, आरोपित निहंगों ने अमृतसर (पंजाब) में किसी से बातचीत की थी। उसके बाद ही जघन्य तरीके से लखबीर सिंह की हत्या की गई। पुलिस अब घटना की रात मौके पर सक्रिय मोबाइल फोन की डिटेल्स निकालने की तैयारी कर रही है। आत्मसमर्पण करने वाले आरोपितों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए गए हैं, जिन्हें विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। + +निहंगों ने पुलिस को बताया है, ‘धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी करने पर लखबीर को सजा दी थी। वह पापी था, उसे तड़पा-तड़पाकर ही मारा जाना चाहिए था। हमें पुलिस और कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं है’। सोची-समझी साजिश के तहत ही शुक्रवार को घटना वाले दिन निहंग सरबजीत सिंह ने आत्मसमर्पण किया था। उसने पुलिस को बताया था कि हत्या करने में आठ लोग शामिल थे, जिनमें वह चार लोगों का नाम नहीं जानता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22f298c4c509aeaaa42ca0b9f703cd82161b28e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिन्मय भट्ट। कृषि प्रधान होने से पहले भारत एक राजनीति प्रधान देश है। जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने और उसकी संवैधानिक वैधता को अदालत में साबित करने से पहले यह साबित करना होगा कि यह कानून किसी धर्म विशेष के लोगों को परेशान करने की नीयत से नहीं लाया जा रहा है। कुछ माह पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में पहल की है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रस्तावित कानून देश के कुछ अन्य राज्यों में पहले से ही लागू इसी तरह के कानूनों से प्रेरित बताया जा रहा है। गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में ऐसा कानून पहले से है। कुछ माह पूर्व ही असम के मुख्यमंत्री भी ऐसा कानून बनाने की बात कह चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b77ad67b5ae10a91f7006ad64425ee5c52b24b14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65975.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिन तलवारों से काटे गए थे लखबीर के हाथ, पुलिस ने बरामद कींदेश-दुनिया को हिलाकर रख देने वाले जघन्यतम हत्याकांड में जिन तलवारों से लखबीर का हाथ और पैर काटे गए थे, उन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया है। वारदात के बाद आरोपितों ने इन तलवारों से खून साफ करने का प्रयास किया था। पुलिस ने दोनों तलवारों और आरोपितों द्वारा घटना के समय पहने गए कपड़ों को सील कर दिया है। इनको जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। तलवारों और कपड़ों पर लगे खून से मृतक लखबीर के डीएनए का मिलान किया जाएगा। + +लखबीर सिंह की हत्या में चार निहंगों ने सरेंडर किया है। इनमें से सरबजीत और नारायण सिंह ने लखबरी के हाथ-पैर काटकर उसकी हत्या करना स्वीकार किया है, जबकि दो अन्य पर उसको रस्सियों से बांधकर लटकाने का आरोप है। खौफनाक तरीके से हत्या करने के बाद चारों आरोपित भूमिगत हो गए थे। उसके बाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सरेंडर के बाद सरबजीत ने पुलिस को एक तलवार सौंपकर उससे हत्या करने की बात कही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d9898de4361fa0e49cb32c9a3557e58945c9a67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिखा गौतम। भारत की विशाल जनसंख्या और इस कारण पैदा होने वाली समस्याएं अनेक कारणों से आजकल सुर्खियों में हैं। पिछले कुछ वर्षो से यह कहा जा रहा है कि संसाधनों की कमी को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में कानून बनाना चाहिए। समय समय पर इस संबंध में समाधान के उपायों पर भी चर्चा होती रही है, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को प्रभावी तरीके से अमल में लाने के बारे में अब तक गंभीरता से विचार नहीं किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65977.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f211138c8736fde4a0427b97785308c6673afcf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65977.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मैसी बन यानी वो जूड़ा जो देखने में अस्त-व्यस्त सा लगता है। इस जूड़े को लाइमलाइट में लाने का श्रेय दीपिका पादुकोन को जाता है। यह साफ-सुथरा न दिखने वाला जूड़ा हर ड्रेस के साथ पसंद किया जाता है। साड़ी व लहंगे आदि के साथ तो इससे काफी अच्छा लुक आता है। जूड़े को फूलों या एक्सेसरीज से सजा सकते हैं। अब बात अगर मेकअप की हो तो इस बार न्यूड व ग्लासी मेकअप लुक में किसी एक को चुन सकती हैं। शिफान के परिधानों में न्यूड मेकअप अच्छा लगता है। स्किन टोन के हिसाब से ब्लशर का इस्तेमाल करने से त्वचा पर कुछ अलग सा नहीं लगता है।इस साल करवाचौथ पर आंखों पर आइशैडो के कलरफुल शेड इस्तेमाल करें जैसे गुलाबी, हरा, नीला, कापर आदि। अगर बैकलैस, क्रास लेस या हाल्टर नेक वाला ब्लाउज पहन रही हैं तो गले व पीठ के खुले भाग में मेहंदी से डिजाइन भी बनवा सकती हैं। अगर मास्क से दूरी बनानी हो तो डार्क लिपस्टिक लगाएं। ज्वैलरी में भी इस साल टिवस्ट रखना होगा। गले में भारी पहन रही हैं तो कानों में हल्का रखें। कानों में हैवी पहन रही हैं तो गले में चेन पहनें या कुछ भी न पहनें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f2f7a900d2f88b478cfad251f14a78b1124d382 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65982.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय सोमवार को मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण आगे बढ़ाने के लिए 22-23 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता है। ऐसे में आगे के निर्माण के लिए रात्रि कालीन निर्माण को वरीयता दी जाएगी यदि रात में भी अनुकूल तापमान नहीं हुआ, तो सर्दी की प्रतीक्षा की जाएगी। वह सर्किट हाउस में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने प्रत्येक रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे ऐसी व्यवस्था किए जाने की पुष्टि की, जिससे उस समय कुछ मिनट के लिए सूर्य की रोशनी सीधे रामलला के विग्रह के मुख पर पड़ें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिकों के समक्ष इस परिकल्पना को साकार करने का विषय रखा है। चंपतराय को भरोसा है कि प्रधानमंत्री की यह अपेक्षा सफल होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5567988bc1c06c811c0fb9920a4fa5c1c3524e78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में वैश्य समाज जरूर अलग-थलग माना जा रहा है। इस बीच कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या ने उन चर्चाओं को बल दे दे दिया कि जीएसटी की जटिलताओं से कारोबारी दिक्कतें झेलकर मुंह फुलाए बैठा वैश्य समाज मनीष हत्याकांड और सरकार में अपेक्षित तवज्जो न मिलने से नाराज है। भाजपा के रणनीतिकारों ने इसे समझा और प्रयास शुरू कर दिए। उसी के तहत भाजपा ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने का फैसला किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..577476d53ca534d6bd8bc5eda2377c5b97819677 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +माला दीक्षित, नई दिल्ली। सोमवार को कृषि कानूनों के विरोध में रेल रोको का आयोजन हुआ। उससे पहले लखीमपुर खीरी में मामला कई लोगों की मौत से जुड़ गया। जबकि करीब 10 महीनों से कई सड़कें बाधित हैं जिन्हें खुलवाने के बाबत खुद सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है लेकिन कानून की वैधानिकता और जरूरत संबंधी उस याचिका पर अभी फैसले का इंतजार है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के नेता अनिल घनवट ने जहां फिर से आग्रह किया है कि जल्द फैसला सुनाया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_65996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_65996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1781786f7b5ab7fa3b52f6086dfdeefff0d12199 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_65996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेटेंट की तैयारी: यूपीटीटीआइ इस तकनीक को पेटेंट कराने जा रहा है जबकि रिसर्च को पोलैंड के जर्नल में प्रकाशित किया गया है। प्रो. अरुण सिंह गंगवार ने प्रो. प्रशांत विश्नोई और प्रो. मुकेश सिंह के सहयोग से तकनीक विकसित की है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के एक पौधे से मिलने वाले बायो पालीमर लिगनिन का नाइलान के कपड़े पर उपयोग किया। सबसे पहले जीसीटी टेक्सटाइल मिल, फगवाड़ा से इसका धागा बनवाया गया। उस धागे से कानपुर में कपड़ा तैयार हुआ। लिगनिन की ब्लेंडिंग (मिश्रण) धागा बनाने की प्रक्रिया के दौरान हुई। यह धुलाई में खराब नहीं होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2ccafe7b2c42894e5b38f9c6ffeab55fef74508 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सफर के दौरान वीआइपी ट्रेन व एसी कोचों में चोरी की बढ़ रहीं घटनाओं पर अंकुश लगाने को जीआरपी व आरपीएफ ने सुरक्षा के ठोस इंतजाम अब कारगर साबित हो रहे हैं। ट्रेन में सुरक्षा के लिए तैनात स्क्वाड के सिपाहियों के मोबाइल में शातिर अपराधियों का आपराधिक इतिहास क्रिमिनल डाटा के जरिए मिल जाने से कई शातिरों को आसानी से पहचान करने के बाद पकड़ने में सफलता मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c901e0a11676a914e1917065970dc5739a8b1576 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66003.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सरकारी प्रयास से कुछ कम हुए मरीज: यह राहत की बात है कि भारत में साल 2019 में इसके पहले साल 2018 के मुकाबले भारत में 18 फीसद मलेरिया के मरीज कम पाए गए। मलेरिया मरीज में भारत में लगातार गिरावट देखी गई, पर इसकी तादात और भयावहता को देखते हुए भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह बीमारी बड़ी समस्या बनी हुई है। मलेरिया को कम करने के लिए सरकारी प्रयास भी कारगर रहे हैं। देश में 2016 से 2030 तक चल रहे राष्ट्रीय मलेरिया निराकरण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय वाहक जनित नियंत्रण कार्यक्रम में 25 फीसद बजट पर इजाफा भी किया गया है। + +अब पहले से अधिक आसान होगी राह: अभी तक मलेरिया से बचने के लिए मच्छरों को मारने का या दूर रहने का उपाय इसके निराकरण में कारगर रहे हैं। जैसे मच्छरदानी का उपयोग करना, मच्छरों से दूर रहने की क्रीम का प्रयोग, शरीर ढककर रखना, खुले में न सोना, बाजार से विभिन्न उपकरणों को खरीदकर प्रयोग में लाना आदि। मच्छर काटने के बाद यह परजीवी जब शरीर में प्रवेश करता है तो तेजी से अपनी वंश वृद्धि कर पहले लिवर को प्रभावित करता है और फिर शरीर की लाल रक्त कणिकाओं को नष्ट करता है। इससे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और मृत रक्त कणिकाएं शरीर के विभिन्न अंगों को निष्क्रिय कर देती हैं। इस स्थिति में संक्रमित की मौत हो जाती है। इस परिप्रेक्ष्य में नई वैक्सीन यानी टीका आना निश्चय ही एक सुखद समाचार है। वहीं हर साल 25 अप्रैल को मनाए जा रहे मलेरिया दिवस की इस साल की थीम है, ‘जीरो मलेरिया टारगेट’ यानी मलेरिया शून्य लक्ष्य। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..653f2338bfa9424da46ad802433b187ce4cdc4c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66006.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सत्ता पक्ष को यह डर होता है कि कार्रवाई करने से किसान कहीं नाराज न हो जाएं। चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष, पर्यावरण की चिंता हर किसी को करनी ही चाहिए। वोटबैंक के चक्कर में पर्यावरण को ताक पर रखने का मतलब है कि हम भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए पराली का उचित तरीके से निस्तारण करना चाहिए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec431bd2759221613e36ff3bc9c884c4199f724e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश के संविधान की नजर में सभी नागरिक समान हैं। धर्म, लिंग और संप्रदाय के आधार पर उनमें भेदभाव नहीं किया जा सकता है। उनके अधिकार-कर्तव्य भी एक जैसे हैं। वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को साकार करने वाले देश में अलबत्ता अल्पसंख्यक शब्द ही बेमानी लगता है। फिर भी अगर अपने राजनीतिक हितों और सियासी जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ राजनीतिक दलों ने इस शब्द का अस्तित्व बरकरार रखा है तो उसके मानदंडों को हर जाति, धर्म, समुदाय पर लागू करना चाहिए। कायदे से अगर देखा जाए तो किसी न किसी कसौटी पर हर कोई अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक साबित हो जाएगा। आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक जैसे अन्य तमाम मानकों पर भी अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक की खाई खींची जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f57e4d96c20360f978cc90954d75a0c8ce959935 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरेन्द्र प्रताप। Minority vs Majority मुसलमानों के बारे में विभाजन के पूर्व ही बाबा साहब आंबेडकर ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बंटवारे को नहीं टाला जा सकता तो पूरी मुस्लिम आबादी को पाकिस्तान भेज देना चाहिए। पर मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा भारत में ही रह गया। भारत के संविधान निर्माताओं में यह भय सता रहा था कि भारत में रह रहे मुसलमानों को हिंदू कभी माफ नहीं करेंगे, अत: संविधान बनाते समय उन्होंने गैर हिंदुओं के लिए संविधान के भाग 3 में ‘धर्म की स्वतंत्रता’ और ‘संस्कृति और शिक्षा संबंधी’ अधिकार का प्रावधान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..680b1f778dbb01ff46d599cc87106aea1542c314 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिख धर्म गुरुओं ने भी उठाए सवाल।सिख धर्मगुरु बाबा सर्वजीत सिंह का कहना है कि निहंग पूरी तरह से सिंह होते हैं। सिर के साथ ही शरीर के समस्त बाल उनके प्राकृतिक स्थिति में होते हैं। कुदरत ने जैसा पैदा किया है, वह उन्हीं बालों को रखकर धर्म की सेवा करते हैं। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि हो सकता है कि सरबजीत दो-तीन महीने पहले ही निहंग बना हो, उससे पहले बाल कटवा रखे हों। कई सिंह बाल कटवा लेते हैं, लेकिन वह निहंग नहीं हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1491d73f18dcaa127c7334464d50ebb8d7f670fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन-भूटान की समीपता के पीछे का क्‍या है खेल, क्‍या है ड्रैगन की बड़ी चाल ?।1- देखिए, चीन की यह नीति रही है कि वह हमेशा से ही अपने से कमजोर राष्‍ट्रों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बनाने की कोशिश करता है। इसके पीछे चीन की एक सोची समझी रणनीति है। चीन का मकसद उन कमजोर राष्‍ट्रों को अपने आर्थिक और सैन्य दबाव में लाकर अपने फायदे के फैसले करवाना है। चीन और भूटान के बीच ताजा करार को इसी कड़ी के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए। चीन की बड़ी चाल सीमा विवाद को लेकर भूटान के साथ मोलभाव करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42d93400b0cbfe468aa45e7c207de7a58b0d9f22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66018.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सरकार अब कह सकती है कि चाहे कारोबारी मनीष की हत्या का मामला हो या लखीमपुर का, सभी प्रमुख आरोपित अब जेल में या पुलिस की गिरफ्त में हैं। इसके बावजूद कारोबारी मनीष की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इंटरनेट मीडिया पर ब्रांडिंग और समाजसेवा के कार्यो से जुड़कर कुछ पुलिस अधिकारी खाकी की सकारात्मक छवि निर्मित करते हैं, लेकिन ऐसी ही चंद हरकतें पूरे महकमे पर फिर दाग लगा देती हैं। + +कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की 27-28 सितंबर की रात गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में स्थित होटल कृष्णा पैलेस में पीटकर हत्या कर दी गई थी। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने रामगढ़ ताल थाना के निरीक्षक जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय मिश्र, राहुल दुबे व विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और सिपाही प्रशांत कुमार यानी छह लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इन सब पर पहले 25- 25 हजार रुपये, फिर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। गोरखपुर से शव लेकर कानपुर जाने के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। इसके बाद कानपुर पुलिस ने समझा-बुझाकर परिवार को 40 लाख रुपये मुआवजा, पत्नी मीनाक्षी को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर नौकरी और मामले की विवेचना कानपुर ट्रांसफर किए जाने की बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने और उनसे मुलाकात करवाने के आश्वासन देकर अंतिम संस्कार करवा दिया था। + +कानपुर दौरे पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार से मुलाकात के दौरान इन मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। सभी आश्वासन पूर्ण भी किए गए। दारोगा विजय यादव ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अब वह गिरफ्त में है। सबसे पहले 10 अक्टूबर को इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दारोगा अक्षय मिश्र को गिरफ्तार किया गया। उस दिन एसआइटी ने मुकदमे में साक्ष्य मिटाने और समूह में अपराध करने की धारा भी बढ़ाई थी। इसके बाद से ही गिरफ्तारी की कोशिशें और तेज कर दी गईं। इस मामले में अंतिम गिरफ्तारी शनिवार को विजय यादव की तब हुई जब वह नेपाल भागने की फिराक में था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..645ed7abc94621b31f776d7bdf252d0234a2f2af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जब स्कूल खुले तो स्कूली बच्चों के माध्यम से इन बीमारियों को लेकर जागरूकता की जाती थी, इस बार स्कूल बंद हैं तो आप किस तरह से लोगों को जागरूक कर रहे हैं?। - यह बात सही है कि स्कूली बच्चे घर पर हैं। ऐसे में उन्हें जागरूकता अभियान में शामिल नहीं किया जा पाया है, लेकिन दैनिक जागरण ने इसकी ओर ध्यान आकर्षित किया है। ऐसे में अब हम आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अभिभावकों को जागरूक करने का कार्य करेंगे। सोमवार को दफ्तर खुलते ही शिक्षा निदेशक को इस संबंध में दिशा-निर्देश देकर स्कूली विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए कहा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8935ca142ea0ae1732791ae3ba807fcce225ce5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66021.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लालजी जायसवाल। बीते दिनों देश के अनेक बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ। ऐसे में हमें यह जानना चाहिए कि भारत में बिजली के उत्पादन का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा कोयले से चलने वाले पावर प्लांट से आता है। मालूम हो कि वर्ष 1973 में कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के बाद से अधिकतर कोयले का उत्पादन सरकारी कंपनियां ही करती हैं। दुनिया के सबसे बड़े कोयला उत्पादक देशों में शामिल भारत आज कोयला संकट के कगार पर खड़ा है। चिंता जाहिर की गई है कि यदि समय रहते देश इस संकट से नहीं उबरा तो बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हो सकती है। साथ ही आने वाले समय में कोयला आपूर्ति में कमी आने से कई राज्यों में औद्योगिक उत्पादन पर भी इसका असर पड़ सकता है। + +पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने उम्मीद जताई थी कि देश में एक दशक में ग्रीन हाइड्रोजन की लागत कम होकर एक डालर प्रति किलोग्राम हो जाएगी। इंटरनेशनल क्लाइमेट समिट 2021 में अंबानी ने कहा था कि शुरुआत में इसकी लागत को दो डालर प्रति किलोग्राम से कम करके ग्रीन हाइड्रोजन को सबसे किफायती ईंधन का विकल्प बनाने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत एक दशक के अंदर ग्रीन हाइड्रोजन के लक्ष्य को एक डालर प्रति किलोग्राम से भी कम कर सकता है, जिसके बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। बहरहाल भारत में एक नई हरित क्रांति शुरू हो चुकी है। पुरानी हरित क्रांति ने तो भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया था। लेकिन अब इस नई हरित क्रांति से भारत को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। + +हाइड्रोजन की क्षमता बहुत अधिक होती है और इससे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन लगभग शून्य है। ग्रीन हाइड्रोजन औद्योगिक प्रसंस्करण, रसायनों के उत्पादन, लौह एवं इस्पात, खाद्य एवं सेमीकंडक्टर्स तथा शोधन संयंत्रों के क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए अच्छा विकल्प होगा। साथ ही पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता को कम करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में साथ मिलकर नवाचार को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाना बहुत जरूरी हो गया है। + +हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन की राह में चुनौतियां भी कम नहीं। जहां तक तुलना की बात है तो एक किलो हाइड्रोजन में एक लीटर डीजल से करीब तीन गुना अधिक ऊर्जा होती है। परंतु हल्की होने के कारण सामान्य घनत्व पर एक किलो हाइड्रोजन को 11,000 लीटर जगह चाहिए, जबकि एक किलो डीजल को लगभग एक लीटर। इसके भंडारण और वितरण के लिए इसे विशेष टैंकों में संकुचित करके रखना होगा या फिर 250 डिग्री सेल्सियस ऋणात्मक दर पर तरल बनाना होगा। यह प्रक्रिया सीएनजी और एलपीजी के प्रबंधन से कहीं अधिक जटिल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37cc65e03f5deb12a43da2f552b2bc3fad3d54ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्‍ट्रीय प्रगति लोगों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर निर्भर।सर सैयद के एजेंडे में शिक्षा को सदा वरीयता प्राप्त रही। 26 मई 1883 को पटना में दिए गए भाषण में सर सैयद ने कहा था कि ‘यह दुनिया के सभी राष्ट्रों और महान संतों का स्पष्ट निर्णय है कि राष्ट्रीय प्रगति लोगों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर निर्भर करती है। इसलिए, यदि हम अपने राष्ट्र की समृद्धि और विकास चाहते हैं तो हमें अपने लोगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के लिए प्रयास करना चाहिए’। प्रो. मंसूर ने जोर देकर कहा कि सर सैयद ने आधुनिक शिक्षा के विचार को समानता, तर्कवाद और सुधारों के साथ जोड़ा था। कुलपति ने कहा कि सर सैयद ने साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की और अलीगढ़ गजट और तहज़ीबुल अख़लाक़ शुरू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..111b97e6d4b6691d83a7ee7d79628ca3e38ae513 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66025.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। महंगाई पर विपक्ष के बढ़ते हमलों का सरकार ने आंकड़ों के साथ जवाब दिया है। सरकार ने कहा है कि पिछले साल की तुलना में आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें अभी भी कम हैं। प्याज की कीमत को कम करने के लिए उसका बफर स्टाक जारी किया गया है और आलू एवं टमाटर की कीमतों को भी नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा है कि अगस्त के आखिरी हफ्ते से प्याज के बफर स्टाक को चरणबद्ध तरीके से बाजार में जारी किया जा रहा है। पहले खरीदे गए प्याज को पहले बाजार में जारी किया जा रहा है। + +उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक बफर स्टाक जारी करने के परिणाम स्वरूप दिल्ली में 14 अक्टूबर को प्याज 44 रुपये किलो बिका और मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में इसका मूल्य क्रमश: 45 रुपये, 57 रुपये और 42 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। 14 अक्टूबर को पूरे देश में प्याज का औसत खुदरा भाव 37.06 रुपये प्रति किलोग्राम रहा और थोक कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..580bd6fb8b660c79b9303eef8e15282e13ff8f45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66027.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तारिक हामिद कर्रा ने उठाए सवाल।समझा जाता है कार्यसमिति में कर्रा ने पटेल की कश्मीर नीति को लेकर सवाल उठाते हुए आलोचना की तो शुरुआत में उन्हें बोलने से रोका नहीं गया। सूत्रों ने बताया कि हामिद कर्रा ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा गंभीर स्थिति की चर्चा के क्रम में कहा कि आजादी के बाद कश्मीर के भारत में विलय पर सरदार पटेल का ध्यान नहीं था और पाकिस्तान इसे अपने कब्जे में लेने के लिए हर कोशिश कर रहा था। + +नेहरू की तारीफ  ।कर्रा ने यह भी कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री पटेल कश्मीर पर पाक के मंसूबों को रोकने के बजाय दूसरे मसलों को प्राथमिकता दे रहे थे। कर्रा ने कहा कि ऐसे में पंडित नेहरू ने तत्परता दिखाते हुए कश्मीर का भारत में विलय कराया। कार्यसमिति में कर्रा जब पटेल पर यह सवाल उठा रहे थे तब उन्हें बोलने से रोकने की कोशिश नहीं की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b6291b0418500c6c33d8e0f693fcbe1501d51e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मास्को, एजेंसी। एक अंतरिक्ष यात्री और रूस के दो फिल्म निर्माताओं को लेकर सोएज अंतरिक्ष कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से रवाना होने के साढ़े तीन घंटे बाद धरती पर सुरक्षित लैंड कर गया। धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद रविवार को चार बजकर 35 मिनट पर कजाखस्तान में कैप्सूल ने लैंड किया। फिल्म की शूटिंग के लिए क्रू ने 12 दिन अंतरिक्ष में बिताए। यह स्‍पेश में पहली फिल्म की शूटिंग है। इसकी कहानी के कुछ हिस्सों को आइएसएस में फिल्माया गया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से राकेट रविवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार एक बजकर 15 मिनट पर रवाना हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6603.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eed58c0ff0862d8400b3870f05169891d68bf804 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6603.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl जाह्नवी कपूर की बहन खुशी कपूर बॉलीवुड की पसंदीदा स्टार किड्स में एक है और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl खुशी कपूर की सोशल मीडिया पर बड़ी फैन फॉलोइंग हैl अब प्रशंसकों को उनका स्टाइलिश अवतार पसंद आ रहा हैl।खुशी कपूर ने इंस्टाग्राम पर अपनी कई तस्वीरें शेयर की हैl खुशी कपूर और उनके परिवार ने अंतरा मारवाह के बेबी शावर में बुधवार को नजर आई थीl इस मौके पर खुशी कपूर में ब्लू कलर का लहंगा और झुमका पहन रखा थाl वह बहुत खूबसूरत लग रही थीl उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा था, 'शेड्स ऑफ ब्लूl' खुशी कपूर ने जैसे ही तस्वीरें शेयर की थी, उनकी तस्वीरों पर बॉलीवुड के कई कलाकारों ने कमेंट कर शुभकामनाएं दी थीl इनमें नव्या नवेली नंदा भी शामिल हैl उन्होंने लिखा था, 'खुशीl' इसके साथ उन्होंने दो इमोजी भी शेयर की थीl वहीं उनकी बहन जान्हवी कपूर ने कमेंट किया था, 'क्या आप सेट पर आ सकती हैंl'।खुशी कपूर की दोस्त अंजिनी धवन ने लिखा था, 'प्यारl' और महीप कपूर ने दिल और आग की इमोजी शेयर की थीl खुशी कपूर को हाल ही में सोनम कपूर की बहन रिया कपूर और करण बुलानी की शादी में भी देखा गया थाl यह शादी अनिल कपूर के घर पर गई थीl इस अवसर पर दोस्त और परिवार के लोग नजर आए थेl।रिया कपूर ने इंस्टाग्राम पर अपनी शादी की घोषणा भी कीl उन्होंने पति करन बुलाली के साथ कई तस्वीरें शेयर की थीl साथ ही उन्होंने लिखा था, '12 वर्ष बाद मुझे शादी के समय नर्वस नहीं होना चाहिए था क्योंकि आप मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो लेकिन मैं आज रोई हूं और मैं बता नहीं सकती कि मैं कितनी खुश हूंl मैं हमेशा ही वहीं लड़की रहूंगी, जिसे रात 11:00 बजे के पहले जुहू में घर पर आना ही होगाl मुझे बहुत अच्छा लग रहा हैl मुझे लगता है, हम और नजदीक आ गए है और मेरे परिवार बड़ा हो गया है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1ddf998cc63e58f2718d1c616e240b485c588db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66030.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाजी हमेशा के लिए शांत हो गया, किंतु उसके शोर की गूंज सुन कई साथी क्रांतिकारी घाट पर पहुंचे। भीड़ आती देख अंग्रेज सैनिक घबराहट में स्वयं नाव चलाकर भाग गए। प्रजामंडल के संस्थापक वैष्णव चरण पटनायक बाजी के मृत शरीर को रेलगाड़ी से कटक ले गए। सबसे कम उम्र में मातृभूमि की खातिर बलिदान देने वाले उस वीर की शव-यात्रा में हजारों लोग सम्मिलित हुए। एक लेखक ने उनके अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के पश्चात लिखा : ‘बंधु यह चिता नहीं है, यह देश का अंधेरा मिटाने की मुक्ति की मशाल है।’।लेखक-शोधार्थी, अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0e5b798ed427605fb32c3ee182f312cd72992a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66035.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विकाश गौड़। Happy birthday Anil Kumble: इंटरनेशनल क्रिकेट में जब भी टाप क्लास स्पिनरों का नाम लिया जाता है तो निश्चित रूप में उसमें एक नाम अनिल कुंबले का जरूर होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उन्होंने 22 गज की पट्टी पर जो करिश्मा दिखाया है, वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनसे पहले सिर्फ एक बार हुआ था। 17 अक्टूबर 1970 को कर्नाटक के बैंगलोर (बेंगलुरु) में जन्मे अनिल कुंबले आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। इसी बर्थडे पर हम उनकी कुछ उपलब्धियों का जिक्र करने वाले हैं। + +वीवीएस लक्ष्मण ने एक बार स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कहा था, "मेरे ऊपर, सौरव गांगुली पर और राहुल द्रविड़ पर दबाव था कि किसी अन्य गेंदबाज की गेंद पर कैच नहीं लेना है, क्योंकि अनिल कुंबले पाकिस्तान के खिलाफ 9 विकेट चटका चुके थे। इसके अलावा ये भी दबाव था कि अनिल कुंबले की गेंद पर क्लोज फील्डर होने के नाते हमें कैच पकड़ना ही पकड़ना है। यही हुआ भी, लेकिन एक बार सदगोपन रमेश लगभग कैच पकड़ बैठे थे, लेकिन कुछ ही पलों के अंदर उन्होंने कैच ड्रॉप कर दिया था।"।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा दूसरी बार था जब एक ही गेंदबाज ने विपक्षी टीम के सभी खिलाड़ियों को आउट किया हो। 1999 से पहले 26 जुलाई 1956 को इंग्लैंड टीम के गेंदबाज जिम लैकर ने आस्ट्रेलियाई टीम को अकेले आलआउट किया था। इनके बाद अनिल कुंबले का नाम है। अनिल कुंबने एकमात्र गेंदबाज हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की पूरी पारी को अपना शिकार बनाया है। अनिल कुंबले ने 271 वनडे मैचों में 337 और 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट अपने नाम किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc80365847c871b6c943c9fc21d90c7fac21fdae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्रजबिहारी। राजनीतिक चश्मे को उतार कर देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में पिछले सात साल के अपने कार्यकाल में देश के चौतरफा विकास की नींव को मजबूत किया है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की दृष्टि से संचालित उनकी सरकार को इसी वजह से बहुसंख्य आबादी का समर्थन प्राप्त है। खासकर देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों की तो पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। राष्ट्र्रीय सुरक्षा को सशक्त बनाने में पीएम के योगदान के बारे में विस्तार से जानना है तो आपको 'मोदी 2.0Ó के पन्नों को पलटना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a74fc461c4f6b1e47407c6d4dbe8c03dcf2d41e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66049.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रामांशी मिश्रा, लखनऊ। स्वस्थ तन और मन के लिए सेहतमंद खाना बेहद जरूरी है, लेकिन लगातार भागदौड़ भरी होती हमारी जिंदगी में खानपान का तानाबाना ही सबसे ज्यादा बिगड़ रहा है। खानपान की इसी महत्ता को दर्शाने के लिए हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से मानव जीवन में खाद्य की महत्व और उससे जुड़ी जागरूकता का प्रसार किया जाता है। + +समय के साथ हमारे खानपान के समीकरण कई पैमानों पर बिगड़े हैं। इस विषय में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के फिजियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर नरसिंह वर्मा कहते हैं कि अतीत में जहां खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बेहतर होती थी और खानपान का समय भी निश्चित था तो इंसानी सेहत अमूमन काबू में रहती थी। वक्त के साथ आए बदलाव ने न केवल खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को प्रभावित किया है, बल्कि अनियमित जीवनशैली के चलते उनसे अपेक्षित पोषण तक नहीं मिल पाता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2096950f26de572b02d92cf9d31b2a5519394d74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66050.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, मनीश कुमार मिश्र। हाल ही में एक पान मसाले के विज्ञापन से मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्‍चन (बिग बी) अलग हो गए और अनुबंध के लिए मिले पैसे भी वापस कर दिए। इस विज्ञापन की वजह से उनके प्रशंसकों में भी नाराजगी थी, जो सोशल मीडिया पर छाया रहा। हालांकि, विज्ञापन अनुबंध से अलग होने के बाद उनकी तारीफों के पुल भी बांधे गए। कहा गया कि यह Surrogate Advertisement (सरोगेट विज्ञापन) था। आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि सरोगेट विज्ञापन आखिर होता क्‍या है। आइए, इस बारे में विस्‍तार से जानते हैं। + +क्‍या है Surrogate Advertisement?। भारत सरकार ने कई वस्‍तुओं के विज्ञापनों पर पाबंदी लगाई हुई है। इनमें, तंबाकू उत्‍पाद जैसे गुटखा, सिगरेट आदि और मदिरा (Liquor) के विभिन्‍न रूप शामिल हैं। पूर्व राज्‍य सभा सांसद और मीडिया के जाने-माने नाम प्रीतिश नंदी कहते हैं कि शराब बनाने वाली कंपनियां हों या गुटखा बनाने वाली या फिर सिगरेट बनाने वाली, ये सब कानूनी रूप से सीधे तौर पर अपने प्रोडक्‍ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकतीं। उदाहरण देते हुए उन्‍होंने बताया कि मान लीजिए कोई शराब बनाने वाली कंपनी है, वह उसी शराब के नाम से पानी मार्केट में बेचने लगती है और उसका विज्ञापन करती है। अब, इस मामले में कंपनी शराब का नहीं बल्कि पानी का विज्ञापन कर रही है लेकिन इससे उसके शराब का विज्ञापन भी हो रहा है क्‍योंकि नाम समान है। ऐसे ही विज्ञापन को सरोगेट विज्ञापन कहते हैं। + +यह भी पढ़ें: पान मसाले का विज्ञापन करने पर जब राज कपूर ने शम्मी कपूर को लगायी थी फटकार, कहा- ख़ुद पर शर्म नहीं आती? पढ़ें पूरा किस्सा ।क्‍या कहते हैं नियम?। नंदी ने बताया कि सरोगेट विज्ञापन के नियम वैसे तो सख्‍त हैं लेकिन अगर कोई कंपनी ऐसा विज्ञापन देती है तो इसे रोकने का कोई नियम भी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि शराब, सिगरेट और गुटखा बनाने वाली कंपनियां ब्रांड से मिलते-जुलते नाम से बॉटल्‍ड वाटर, अगरबत्‍ती, इलायची या फिर कपड़े बनाती है। विज्ञापन भी ये इन्‍हीं प्रोडक्‍ट्स का करती हैं। बातचीत के दौरान उन्‍होंने बताया कि एक सिगरेट बनाने वाली कंपनी टी-शर्ट्स और अपने गारमेंट्स का विज्ञापन करती है। इससे अप्रत्‍यक्ष रूप से उनके मूल प्रोडक्‍ट सिगरेट का ही पमोशन होता है। कितनी जगहों पर आपने उस ब्रांड के कपड़े बिकते देखें हैं, जबकि उसी कंपनी का सिगरेट आपको हर जगह मिल जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d387e27c7a350be567c9e9676025d6e50df4a7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रीनगर, जेएनएन/एजेंसियां। आतंकियों ने जम्‍मू-कश्‍मीर में अपनी रणनीति बदलते हुए टारगेट कीलिंग का खूनी खेल खेलना शुरू कर दिया है। आतंकी आए दिन सुरक्षा बलों पर हमला कर रहे हैं और प्रवासी मजदूरों की हत्‍याएं कर रहे हैं। आतंकियों ने शनिवार को श्रीनगर के ईदगाह इलाके में बिहार के एक हाकर की गोली मारकर हत्‍या कर दी। आतंकियों की गोली का शिकार हुए अरविंद कुमार साह बिहार के बांका जिले के रहने वाले थे और रेहड़ी लगाकर पानी पुरी बेचते थे। आतंकियों ने पुलवामा में दूसरी वारदात को अंजाम देते हुए सगीर अहमद नाम के शख्स को गोली मार दी। उत्‍तर प्रदेश के सगीर कारपेंटर का काम करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..addf9c164095e02cdfad3591497c953176e6a8ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66056.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति में सोनिया गांधी के आक्रामक तेवरों ने बैठक के दौरान पार्टी में असंतोष के सुर की गुंजाइश खत्म कर दी। इसके बाद कार्यसमिति ने अगले साल सितंबर तक कांग्रेस के नए अध्यक्ष समेत संगठनात्मक चुनाव के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कर दिया कि अगले चुनाव तक वे पार्टी की पूर्णकालिक ही नहीं सक्रिय अध्यक्ष हैं और किसी को मीडिया के जरिये उनसे बात करने की जरूरत नहीं है। सोनिया गांधी के इन तेवरों ने कार्यसमिति की बैठक के मिजाज को ऐसा मोड़ दे दिया कि इसके बाद एक सुर से लगभग तमाम नेताओं ने राहुल गांधी से अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह कर डाला। + +हर मुद्दे का पार्टी ने लिया है संज्ञान।सोनिया गांधी ने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की ओर से चलाए जा रहे अभियान और पार्टी में अध्यक्ष नहीं होने के कपिल सिब्बल के सवालों पर तीखा निशाना साधा। कहा कि मैं पूर्णकालिक और पूरी तरह सक्रिय अध्यक्ष हूं। पिछले दो वर्षो में ऐसा कोई मुद्दा नहीं है, जिसका संज्ञान नहीं लिया गया हो। + +आजाद, आनंद शर्मा ने जताया सोनिया के नेतृत्व में भरोसा।सोनिया गांधी के इन तेवरों के बाद जी-23 के अगुआ गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा दोनों ने कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में भरोसा जताया और कहा कि उनके नेतृत्व को लेकर उन्होंने कभी सवाल नहीं उठाया था। इसके बाद पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले साल सितंबर में कराने से लेकर ब्लाक-जिला व प्रदेश कांग्रेस संगठन के चुनाव कार्यक्रमों का भी इन दोनों नेताओं ने समर्थन किया। असंतुष्ट खेमे की मांग भी यही थी कि हर स्तर पर संगठन के चुनाव होने चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bdfe841cba8fcb4c1453077bc3a4e509eca16e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। कोयले की कमी की वजह से देश में बिजली संकट भविष्य में भी होगा या नहीं, यह पूरी तरह इस पर निर्भर करेगा कि कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) कोयला उत्पादन के अपने लक्ष्यों को हासिल करती है या नहीं। सरकार के साथ विमर्श के बाद कंपनी ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 74 करोड़ टन और वर्ष 2023-24 तक 100 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। लेकिन पिछले पांच वर्षो के रिकार्ड को आधार माना जाए तो कंपनी का यह लक्ष्य हासिल करना लगभग असंभव लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f03a088d83f0b4bec505f3ac40d18cf3723d10f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66059.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हजारीबाग, [विकास कुमार]। जो पहल सरकार को करनी चाहिए थी, वह काम हजारीबाग में एक नौजवान कर रहा है। मकसद लोगों के सामने हाथ फैलाने वाले लोगों के हाथों में हुनर देना है। उनमें आत्मविश्वास भरना है। जीवन के प्रति उनका नजरिया बदलना है, ताकि बाहरी आवरण बदलने के साथ-साथ उनका आंतरिक आवरण भी बदल सके। हम बात कर रहे हैं आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े योग प्रशिक्षिक 40 वर्षीय तारकेश्वर सोनी की। इन्होंने अपने तीन माह के प्रयास से ही बुढ़वा महादेव, पंचमंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों के सामने बैठे लाचार बुजुर्ग, दिव्यांग और विक्षिप्त भिखारियों की वेशभूषा बदल दी है। ।हालांकि, इसके पीछे उन्होंने उनके भोजन को जरिया बनाया। शर्त रख दी कि सुबह नहाकर साफ कपड़े पहनने वालों को भोजन मिलेगा। कपड़े, साबून, तेल आदि भी उन्होंने ही लोगों की मदद से उपलब्ध कराए। चुनौती थी कि उनमें स्वच्छ रहने का भाव उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाए और वह हुआ भी। अब करीब 50 भिखारियों को हर दिन तारकेश्वर सोनी अपनी टीम के साथ सुबह-सुबह भोजन करा रहे हैं। + +सावन माह में की शुरुआत।तारकेश्वर सोनी ने बताया कि सावन में बुढ़वा महादेव मंदिर की सीढ़‍ियों से उतरते वक्त मेरी दृष्टि उस दृश्य से उलझ गईं, जहां लोग भिखारियों को दान दे रहे थे। यह दृश्य इसलिए विचलित करने वाला था, क्योंकि दान देने के भाव के साथ उनमें अस्पृश्यता का भाव था। वजह थी भिक्षुकों की गंदगी। इन्हें बदलने के लिए मैंने लोभ और प्रेम का सहारा लिया। सुबह का बढ़‍िया नाश्ता की व्यवस्था मैंने कुछ दिनों के लिए शुरू की। सप्ताह भर के बाद से ही मेरे साथ एक-एक करके कई लोग जुड़ते चले गए। यह भोजन मेरे और भिक्षुकों के बीच की कड़ी बन गई है। + +फूल और दातून बेचने के रोजगार से जोड़ना भी मकसद।ताकेश्वर सोनी इन भिक्षुकों के आंतरिक आवरण को भी बदलना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि वेशभूषा बदलने वाले भिखारी को श्रम से जोड़ें। उन्हें फूल और दातून बेचने वाले रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। उनके श्रम को सम्मान मिले और भीख मांग कर गुजारा करने वाले जीवन से बाहर आ जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af0ee9d224a38f0639ebe45a275f8db833c8a673 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66060.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली आनलाइन डेस्‍क। ब्रिटिश सांसद डेव‍िड अमीस की हत्‍या के बाद ब्रिटेन में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर एक बहस छिड़ गई है। ब्रिटेन में 1812 से लेकर अब तक 12 सांसदों की हत्‍या हो चुकी है। डेविड अमीस की जिस तरह से हत्‍या की गई, उससे लोगों के दिल दहल गए। सवाल यह उठता है कि ब्रिटेन में सांसदों को किस तरह की सुरक्षा मुहैया है। आखिर कौन है डेविड अमीस। आखिर क्‍यों हुई उनकी हत्‍या। क्‍या है उनका राजनीति करियर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd6439d1ab4ef923a000fc4da1ad88beb2d8b740 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66061.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किताबघर : कबीर के व्यक्तित्व का संतुलित मूल्यांकन।कानपुर, यतीन्द्र मिश्र। कबीर भारतीय जनमानस में जैसा स्थान रखते हैं, वैसा कोई भी अन्य रचनाकार या कवि नहीं रख पाता। जहां वे आम बोली, भाषा और रोजमर्रा के जीवन में गहरे तक उतरे हैं और बहुत व्यापक हैं। वहीं उनका एक पक्ष एक अबूझ पहेली का भी है। कबीर की लेखनी कई परतों में खुलती है और उन्हें समझने के लिए एक वैचारिक कुंजी की जरूरत है, जो सही अर्थों में कबीर वाणी को हमारे सामने प्रस्तुत कर पाए। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की पुस्तक ‘कबीर’ वही आवश्यक कुंजी है, जो विभिन्न आयामों से कबीर की एक समग्र छवि को समझ पाने के रास्ते खोलती है। द्विवेदी जी एक प्रकांड विद्वान थे एवं भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं वांगमय के अद्भुत जानकार थे। उनका यही पांडित्य इस किताब में परिलक्षित होता है, जब वे कबीर के माध्यम से एक पूरी वर्ण, विचार एवं मत की विवेचना करते हैं। मानव विज्ञान की गहन दृष्टि से प्रेरित यह किताब भारतीय चेतना को हर तरह से विश्लेषित करती है कि वे कौन से कारण एवं वातावरण के कारक थे, जिनसे कबीर जैसा कवि इस धरती पर अपनी अभिव्यक्ति पाता है। अवधूत की परिकल्पना से लेकर नाथपंथियों के सिद्धांत, हठयोग की साधना, योग दर्शन की अवधारणाएं एवं ब्रह्म और माया के पराभौतिक सिद्धांतों पर द्विवेदी जी ने वृहद टिप्पणियां की हैं। कबीर दास मूलत: भक्त थे, उनका ईश्वर पर अटूट विश्वास था और इसी कारण वे कभी सुधारवाद के प्रवर्तक नहीं बने। कबीर मत एक अत्यंत निजवादी एवं व्यैक्तिक दर्शन है, जिसमें हर इंसान अपनी स्वेच्छा से ही सम्मिलित हो सकता है। कबीर उपदेशक नहीं हैं, वे सिर्फ सत्य कहने वाले एक व्यक्ति हैं। उनके सारे संबोधन या तो उनके भाई, उन्हीं की मानसिकता वाले मनुष्यों (साधु) को हैं या फिर वे स्वयं को ही संबोधित करके अपनी सारी बातें कहते हैं। ‘अपनी राह तू चले कबीरा’ कबीर मत की सबसे सटीक परिभाषा है, जिसमें यह पंथ हर एक धर्म, संप्रदाय, रुढ़ि एवं सामाजिक वर्जनाओं से परे है। इस किताब में द्विवेदी जी बहुत गहरे रूप से भारतीय दर्शन और चिंतन के विषय में लिखते हैं, जिसे समझना कभी-कभी दुरुह प्रतीत होता है। परंतु उनकी लेखनी इतनी सुस्पष्ट एवं पारदर्शी है कि पाठक बहुत जल्द अपने संकोच की परिधि लांघकर भारतीय दर्शन के इन गहनतम सिद्धांतों को समझने लगता है। + +हठयोगियों को अपने ज्ञान पर गर्व था, दूसरे संप्रदाय को अपने अज्ञान पर भरोसा। इन दोनों के बीच में साधारण जनता एक आंतरिक द्वंद्व में फंस गई, जहां योग मुक्ति के मार्ग को अतिशय कठिन बताता था और भक्ति खोखले कर्मकांडों के माध्यम से पापों के प्रायश्चित और भवसागर से मुक्ति का एक आसान रास्ता देती थी। कबीर इन दोनों को फटकारते हैं, इन दोनों की ही कमियों को उघाड़कर सबके सामने लाते हैं। अपने अक्खड़ एवं मस्तमौला स्वभाव में पूरी तरह से लीन कबीर की शिक्षा में कहीं भी अतिशय भावुकता नहीं है, उनका सत्य अद्वैत के सत्य की तरह ही पूर्णत: निर्गुण है। वह दया, माया आदि सारे ही गुणों से हीन है, तो उसके सामने विलाप करना निरर्थक है, उसकी पूजा करना भी अर्थहीन है। कबीर संसार में जीवों को देखकर करुणा से कातर नहीं होते बल्कि और भी कठोर होकर उन्हें उस परम सत्य को पा लेने के लिए प्रेरित करते हैं, जिसे पाकर एक मानव आत्मा परमात्मा के समकक्ष हो जाती है। कबीर के यहां उथले और उन्मादी प्रेम का कोई स्थान नहीं है, उनका प्रेम सत्य पर अविचल विश्वास से उत्पन्न होता है और इतना शक्तिशाली है कि सिर उतारकर धरती पर रख लेने का साहस करता है। यह किताब पूरे कबीर दर्शन में एक विचारपरक टिप्पणी है। कबीरदास की प्रेरणाओं, विश्वासों एवं भावों के साथ ही साथ द्विवेदी जी उनकी भाषा के प्रयोग, अर्थ और पद-संचयन को अत्यधिक कुशलता से विश्लेषित करते हैं। कबीर के साथ ही साथ कबीरत्व को समझने के लिए यह एक अति महत्वपूर्ण पुस्तक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d42564cdb817a58509150ba90e730ac117406a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66062.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दीपक चौरसिया, सागर। बुंदेलखंड का बड़ा इलाका आज भी पथरीली जमीन वाला है। जहां न उपज होती है और न ही हरियाली है। इसी इलाके का एक हिस्सा नौरादेही अभयारण्य से लगा मानेगांव व डुमरिया गांव का आता है। दोनों गांव सागर जिले के देवरी-रहली मार्ग पर पड़ते हैं। इन गांवों में करीब 23 साल पहले भारत व कनाडा सरकार की इंडियन फार्म फारेस्ट्री डेवलमेंट कोआपरेटिव, संयुक्त परियोजना के तहत ग्राम समितियों के माध्यम से पौधारोपण का कार्य किया गया था। + +मिश्रा के अनुसार दोनों समितियों के चालीस ग्रामीणों का एक समूह बनाया गया, जिसमें सभी सदस्यों को पुराने पौधों के रखरखाव के साथ नए पौधे लगाने और समूचे जंगल की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा गया। इसके अलावा जंगल से सूखी लकड़ी एकत्र नहीं करने व वनोपज भी पशु, पक्षियों के लिए ही छोड़ने का निर्णय लिया गया। धीरे-धीरे मानेगांव की पांच सौ और डुमरिया की साढ़े पांच सौ एकड़ पथरीली जमीन पर सागौन, अचार, धवा और महुआ के पेड़ लहलहाने लगे। 2008 के आसपास यहां 15 से 20 फीट के पेड़ों का सघन वन तैयार हो गया और आज यहां हजारों पेड़ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d97a96abfbd74166c25950847c282b0c8d053cf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66064.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर भी दवा व्यापारियों ने बुखार, खांसी, जुकाम, दर्द के साथ-साथ एंटीबायोटिक दवाओं का पर्याप्त मात्रा में स्टाॅक रख लिया था, लेक‍िन अचानक डेंगू और वायरल के कहर के चलते दर्द व बुखार न‍िवारक टेबलेट पैरासीटामोल की बिक्री बढ़ गई। फव्‍वारा बाजार, राजा की मंडी, कमला नगर आद‍ि मेड‍िकल स्‍टोर का हाल यह है क‍ि उन पर इस टेबलेट की कमी है। आगरा देहात ही नहीं जोन के मैनपुरी, मथुरा, फ‍िरोजाबाद, एटा, अलीगढ़, हाथरस व कासगंज आद‍ि जनपदों में भी यहां के 1274 थोक कारोबार‍ियों में से 703 के यहां से इस टेबलेट की आपूर्त‍ि होती है। डोलो, सूमो, टाइलीनॉल, कालपोल, क्रोसिन समेत 52 व‍िभ‍िन्‍न कंपन‍ियों की यह टेबलेट ब‍िकती है। माइक्रो कंपनी द्वारा न‍िर्म‍ित डोलो टेबलेट को बेचने के ल‍िए आगरा में 14 थोक कारोबारी हैं, जहां से रोज 1300 ड‍िब्‍बों की ब‍िक्री हो रही है। कारोबार‍ियों की मानें तो उनके यहां पैरासीटामोल खरीदने वालों का ब्योरा दर्ज किया जाता है। + +अक्‍टूबर, 2018 से द‍िसंबर, 2019 तक करीब 9.5 लाख ड‍िब्‍बे पैरासीटामोल टेबलेट की बिक्री हुई जबक‍ि प‍िछले 50 द‍िन में यानी 27 अगस्‍त, 2021 से 16 अक्‍टूबर, 2021 तक 13 लाख ड‍िब्‍बे पैरासीटामोल टेबलेट की बिक्री हो गई। कोरोना काल यानी ए‍क अप्रैल, 2020 से 31 अगस्‍त, 2020 तक चार लाख ड‍िब्‍बे व एक अप्रैल, 2021 से एक जून, 2021 तक 5.5 लाख ड‍िब्‍बे पैरासीटामोल टेबलेट की ब‍िक्री हुई। 26 जून, 2020 से 26 अगस्‍त, 2021 तक 12.5 लाख पैरासीटामोल टेबलेट की ब‍िक्री हुई। इन दिनों बुखार, खांसी, जुकाम, दर्द के साथ-साथ एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री खूब बढ़ गई है। ग्लूकोज की बोतलें व एंटीबायोटिक की भारी कमी आ गई है। इलाज के दौरान सबसे ज्यादा इन्हीं की जरूरत होती है। भारी जरूरत के बीच डेक्स्ट्रोज और नार्मल सलाइज दोनों ही लगभग खत्म हो चुकी हैं। अस्‍पताल में रोगी को भर्ती करते ही ग्लूकोज की बोतलें प्रयोग की जा रही हैं। वैसे भी यह सस्‍ती हैं, इसल‍िए इनकी कमी बनी हुई है। + +क्या कहते हैं लोग।पैरासीटामोल टेबलेट की ब‍िक्री बाजार में 50 द‍िन में इतनी हो गई है जो क‍ि पहले 14-15 महीने में होती थी। एंटीबायोटिक व ग्लूकोज की बोतलों की भारी कमी बनी हुई है। ।-आशीष शर्मा, अध्‍यक्ष आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन।पैरासीटामोल टेबलेट की ब‍िक्री बेतहाशा हुई है। बुखार न‍िवारक टेबलेट पैरासीटामोल की डोज भी डाक्‍टरों ने बदली है, ज‍िस कारण अब 650 एमजी पैरासीटामोल की अधिक मांग है, लेक‍िन बच्‍चों को 500 एमजी पैरासीटामोल ही दी जा रही है। बुखार न‍िवारक बच्‍चों से जुड़े सीरप का बाजार मेें अभाव है। ग्‍लूकोज की बोतल की सबसे अधिक कमी बनी हुई है। ।-पुनीत कालरा, प्रवक्‍ता आगरा फार्मा एसोस‍िएशन।चिकित्सक की सलाह के बिना एंटीबायोटिक दवा नहीं लेनी चाहिए। बुखार कई तरह के होते हैं। सिर्फ बैक्टीरियल इंफेक्शन में एंटीबायोटिक कारगर होती है, जबकि वायरल इंफेक्शन में यह काम नहीं करेगी। ऐसे में चिकित्सक भी पहले पैरासीटामोल लिखते हैं, फिर लक्षणों और जांच के आधार पर एंटीबायोटिक तय करते हैं। मरीज खुद से एंटीबायोटिक दवा लेंगे तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। पैरासीटामोल 500 एमजी से पहले काम चल रहा था पर अब 650 एमजी टेबलेट दी जा रही है। ।-डाॅ. मनीष बंसल, वर‍िष्‍ठ फ‍िजीसियन सरोजनी नायडू मेडिकल कालेज।पैरासीटामोल, एंटीबायोटिक व बच्‍चो के सीरप की ब‍िक्री पर ध्‍यान रखा जा रहा है। अभी बाजार में ये सब दवा उपलब्‍ध हैं। इनकी कमी नहीं है। ।-राजकुमार शर्मा, औषधि निरीक्षक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66067.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed40f65cfc87c5795a9529f5a97f9edc04c86334 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66067.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + क्‍या कुरैशी पाकिस्‍तान के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं ? ।देख‍िए, पाकिस्‍तान मीडिया में यह बात जोर पकड़ रही है कि शाह महमूद कुरैशी देश के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं। दरअसल, फौज और विपक्ष में कुरैशी की छवि काफी अच्‍छी है। सेना और विपक्ष में वह काफी लोकप्रिय हैं। पाकिस्तान के सियासी हलकों में हमेशा से ये कहा जाता रहा है कि कुरैशी की इच्‍छा पीएम बनने की रही है। हालांकि, इसके पूर्व भी वह पीएम की कुर्सी तक पहुंचने में दो मौके चूक चूके हैं। एक बार यूसुफ रजा गिलानी तो दूसरी बार इमरान खान उनकी राह में बाधा बने थे। खास बात यह है कि कुरैशी और फौज के बीच गहरे और अच्छे ताल्लुकात हैं। इमरान खान को तो पूरा विपक्ष इलेक्टेड के बजाय सिलेक्टेड प्रधानमंत्री कहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f650f63588e3947f36b20cead2974adabfe6bd92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरा टेसू रंग-बिरंगा, इसने भांग खाई है...।टेसू व झांझी लेकर घरों से निकले बच्चों को परंपरागत गीत भी गाने पड़ते हैं। घर या प्रतिष्ठान के दरबाजों पर इन दिनों बच्चों के मुंह सुरीली आवाज में निकल रहे गीत सभी का मन मोह लेते हैं। उनमें कुछ इस तरह हैं- बस गई नगरी बस गए मोर, हरी चिरैया ले गए चोर। टेसू रे टेसू रे घंटा बजइयो, नौ नगरी में गाम बसइयो। मां कहे मेरा उत्तर-पुत्तर, बहन कहे मेरा भाई है, आज भी काफी लोकप्रिय हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d84aaf787d376fc46da0030718a44fb8f1733535 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66070.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देशभर से आए हुनरमंद : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि हुनर हाट में देश के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हुनर के उस्ताद आए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, नागालैंड, आंध्रप्रदेश, झारखंड, गोवा, पंजाब, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल एवं अन्य क्षेत्रों से करीब सात सौ शिल्पकार और दस्तकार आ चुके हैं। वे अपने साथ लकड़ी, ब्रास, बांस, कपडे, शीशे, कागज़, मिटटी आदि के शानदार उत्पाद लेकर आए हैं। वुड आयरन के उत्पाद, लकड़ी एवं मिट्टी के खिलौने, हैण्डलूम के उत्पाद, पारम्परिक जड़ी-बुटिया, हर्बल उत्पाद, रामपुरी चाकू, रामपुरी वायलिन, ब्लैक पाटरी, बांस-बेंत के सामान, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, आइल पेंटिंग, बाघ प्रिंट आदि के शानदार उत्पाद हुनर हाट में उपलब्ध हैं। हुनर हाट में रोजाना शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इसमें पंकज उधास जैसे देश के नामजीन गायक भाग लेंगे। + +ई प्लेट फार्म पर भी हुनर हाट : केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हुनर हाट ई प्लेटफार्म http://hunarhaat.org पर भी उपलब्ध रहेगा, जहां देश-विदेश के लोग दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के स्वदेशी सामानों को देख एवं खरीद सकेंगे। श्री नकवी ने कहा कि जो लोग यहां नहीं पहुंच सकेंगे, वे हुनर हाट ई प्लेट फार्म के जरिये ही इसका लाभ उठा सकेंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e1e4e099e50c2c6153f6b950b09cad38d0a5be6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66071.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवरात्र में त्रिकोण करने का है विशेष महत्व : त्रिकोण पूज्यस्थली विंध्याचल साधकों के लिए परम पावन सिद्धपीठ तपोभूमि है। पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर विंध्य क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास है। अनूठे प्राकृतिक सौंदर्य आसमान को छूते पहाड़, छोटे-छोटे झरनों की प्यारी-प्यारी फुआर, रोमांचित करने वाले जल प्रपात तथा गुफा के पत्थरों पर बने भित्ति चित्र के इतिहास को समेटे विंध्य क्षेत्र गाथाओं से परिपूर्ण है। भौगोलिक दृष्टि से विंध्याचल संपूर्ण देश का मध्य बिंदु है। विंध्य पर्वत के ईशान कोण विंध्य क्षेत्र में ही माना जाता है। इस कोण पर आदि शक्ति मां विंध्यवासिनी विराजमान है। मान्यता है कि त्रेता युग में लंका के राजा रावण भी अपनी ज्योतिष गणित की गणना के लिए विंध्याचल की शरण में आते थे। तब से अब तक विंध्य की धरा स्थित अमरावती चौराहे के पास का स्थल भारत के मानक समय को प्रभावित कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39cb55645b0a1bafc40bf5cd0505762c7b8eb70c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66072.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। सर्दी आने से पहले एक बार फिर से दिल्ली की हवा खराब होने लगी है। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है, इसलिए एहतियात बरतने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर सरकार की ओर से जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं। शुक्रवार से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू कर दिया गया है। प्लान में चार अलग-अलग चरणों के तहत वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रविधान हैं। इसे सख्ती से लागू करने की जरूरत है। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली भी है। + +बता दें कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्लीवासी बीमार पड़ते हैं। बच्चों पर इसका ज्यादा असर पड़ता है। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के एक अध्ययन में बताया गया है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बच्चे घुटन महसूस करने लगते हैं और सर्दियों के दौरान ये समस्या बढ़ जाती है। यह स्थिति सुधारने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..271192282087bee314d680a1c421dc463b94a670 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विष्णु शर्मा]। यूं तो सदियों से दिल्ली-बंगाल का नाता रहा है, 1803 में अंग्रेजों ने मराठों के हाथ से दिल्ली छीन ली और बंगाल से सत्ता चलाने लगे। यूं भी मुगल बादशाह शाह आलम का राज लाल किले से पालम तक ही था, फिर दिल्ली में अंग्रेजी रेजीडेंट की नियुक्ति के बाद बंगाल रेग्यूलेशन एक्ट 1805 लागू कर दिया गया। दिल्ली बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा बन गई और 1835 में ‘नार्थ-वेस्ट प्राविंस’ का, 1858 में दिल्ली पंजाब की एक डिवीजन बना दी गई और 1912 तक जब कलकत्ता (अब कोलकाता) से राजधानी दिल्ली लाई गई, अलग से उसे एक प्रांत बना दिया। 1835 तक विलियम वेंटिक ने कलकत्ता(अब कोलकाता) तक ग्रांट ट्रंक रोड का काम भी पूरा कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ec652da8d4a00a8c98e2268c724c994cee3cd8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिएटिव लोगों के लिए अच्‍छा व्‍यवसाय: कला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह व्यवसाय एक बेहतर विकल्प है। केवल मोमबत्ती बनाना ही नहीं, बल्कि मोमबत्ती सजाने का भी आजकल काफी प्रचलन है। मिट्टी के छोटे-छोटे मोम वाले दीये तरह-तरह से रंगों से सजाए जाते हैं। सफेद मोमबत्तियों को रंग कर उन्‍हें रंगबिरंगा बनाया जाता है। कीप में रंग भर कर मोमबत्ती पर मेहंदी के डिजाइन बनाए जाते हैं। कहने का आशय यह है कि अगर आप क्रिएटिव हैं, तो डिजाइनर कैंडल के फील्‍ड में बहुत अच्‍छा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcd39737207e97312483e96896f865f83edde47c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लक्ष्य के प्रति ईमानदारी : काउंसिलिंग के दौरान मेरे पास बड़ी संख्या में ऐसे सवाल आते हैं, जिनमें आइएएस बनने की इच्छा प्रकट की गई होती है और इसके लिए समुचित मार्गदर्शन करने का आग्रह होता है। कुछ का कहना होता है कि आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने के कारण वे कोचिंग का खर्च वहन नहीं कर सकते, जबकि कुछ संसाधनों की कमी और तैयारी के लिए उपयुक्त माहौल न होने की शिकायत करते हैं। दरअसल, इस तरह की बातें अक्सर वही करते हैं, जो दूसरों को देखकर, उनसे प्रेरित होकर आइएएस बनने का सपना देखने लगते हैं। उन्हें लगता है कि संसाधन न होना या कम होना या फिर कोचिंग न कर पाना ही उनके रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट है। वास्तव में ऐसा हरगिज नहीं है। दरअसल, यदि आप खुद के प्रति ईमानदार हैं। सूझबूझ के साथ अपने बारे में निर्णय लेने में समर्थ हैं, तो आप शायद ही कोई बहाना बनाएंगे। संसाधनों की कमी को दोष देने के बजाय आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते ढूंढ़ ही लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..921fe5989f1bfc51c9d0e5b89883f65152e47752 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्रा। Bihar Politics बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव बेहद प्रासंगिक हैं। पक्ष और विपक्ष, दोनों को ही उनकी जरूरत रहती है। इस समय लालू बीमार हैं और दिल्ली में बेटी मीसा के घर पर हैं। इस बीच दो बार स्क्रीन पर उनका चेहरा झांका तो बीमार ही दिखाई पड़ा, लेकिन तीन दिन पहले जारी उनकी एक तस्वीर ने यह धारणा बदल दी। तस्वीर में उनका चेहरा पहले जैसा दिख रहा था। तस्वीर के बाहर आते ही उनके बिहार आने की संभावना भी बढ़ गई है। हालांकि कब तक, यह सवाल अभी अनुत्तरित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffc3e5aff98316e4d11beb7c48540ded9c293257 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66088.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway Freight Facility from Old Coach : रेलवे अब यात्री ढोने वाले पुराने कोचों से माल की ढुलाई करेगा। इससे रेलवे की आय बढ़ेगी और व्यापारी भी कम किराए में माल की ढुलाई करा सकेंगे। मुरादाबाद रेल मंडल में रामपुर व बरेली से पैकेट बंद खाद्य सामग्री को पश्चिम बंगाल भेजने की योजना है। कोरोना संक्रमण के बाद रेलवे ने अधिक से अधिक माल ढुलाई करानी शुरू कर दी है। छोटे से छोटे व्यापारियों तक से माल ढुलाई कराने के लिए प्रत्येक मंडल में व्यापार विकास यूनिट बनाई गई है। यूनिट के अधिकारी लगातार व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं। जिससे लगातार माल ढुलाई में वृद्धि हो रही है। + +मुरादाबाद रेल मंडल से होकर प्रतिदिन औसत 160 मालगाड़ी देश के विभिन्न जगहों के ल‍िए जाती हैं। माल ढुलाई बढ़ने के बाद खाली कोच की समस्या उत्पन्न हो गई है। दूसरी ओर रेलवे ने 15 साल से अधिक पुराने कोच को धीरे-धीरे हटाना भी शुरू कर दिया है। इसके स्थान पर आधुनिक सुविधा वाला कोच ट्रेनों में लगाया जा रहा है। रेलवे ने माल ढुलाई में बोगी की कमी की समस्या से निपटने के लिए खाली पड़े यात्री कोच से माल ढुलाई कराने की योजना तैयार की है। इस कोच से चावल-गेहूं से स्थान पर पैकेट बंद खाद्य पदार्थों को भेजा जाएगा। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा पर रुद्रपुर में कई बड़ी फैक्ट्रियां हैं, फैक्ट्री संचालक ट्रक द्वारा रामपुर तक माल भेजते हैं। रामपुर से मालगाड़ी द्वारा पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों को माल भेजा जाता है। नई व्यवस्था के बाद व्यापारियों को कम क‍िराए में माल की ढुलाई की सुविधा उपलब्ध होगी। मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन ने बताया कि पुराने कोच से यात्रियों को नहीं ले जाया जा रहा है। खाली कोच से माल ढुलाई कराने के लिए रामपुर व बरेली के कारोबारियों से वार्ता की गई है। इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए खाली कोच की व्यवस्था की गई है। कई व्यापारियों के माल को एकत्रित कर 15 से 20 कोच वाला ट्रेन बनाकर भेजा जाएगा। इसके अलावा व्यापारियों की सुविधा के लिए मालगोदाम में सुधार करने जैसा काम किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..124fcb08acde841509cc80fcf5dd4da72c71d05a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66091.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +वाशिंगटन, एएनआइ। मौजूदा वक्‍त में हमारी धरती कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इसमें जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या है। इसके पीछे मानवीय गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि धरती तेजी से बदल रही है। यदि समय रहते नहीं चेते और उचित कदम नहीं उठाए गए तो वर्ष 2500 तक हमारी धरती काफी बदल जाएगी। यह चिंता अंतरराष्ट्रीय विज्ञानियों के एक दल ने जताई है। अध्ययन के आधार पर उन्होंने यह सलाह दी है कि वर्ष 2100 तक जलवायु अनुमान को नहीं रोका जाना चाहिए जब तक कि कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में उल्लेखनीय रूप से गिरावट नहीं आती है। + +भारत हो जाएगा बेहद गर्म।वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि ग्लोबल वार्मिग यूं ही जारी रहती है तो वर्ष 2500 तक अमेजन बंजर, अमेरिका का मध्य पश्चिमी क्षेत्र ट्रापिकल (ऊष्णकटिबंधीय) और भारत बेहद गर्म हो जाएगा। ग्लोबल चेंज बायोलाजी नामक जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन भविष्य की ऐसी धरती के बारे में बताता है जो बिल्कुल अलग होगी। + +दुनिया में होंगे बड़े बदलाव।एलेना के मुताबिक यदि हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहते हैं और कार्बन उत्सर्जन बढ़ता रहता है तो दुनिया में कई जगह नाटकीय रूप से बदलाव देखने को मिलेंगे। नए अध्ययन में हमने वायुमंडलीय ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता के आधार पर 2500 की स्थितियों को अनुमान लगाया है। यानी ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता निम्न, मध्यम या उच्च होने की स्थिति में धरती कैसी होगी इसके बारे में अनुमान लगाया गया है। + +ये दिख सकते हैं बदलाव।शोधकर्ताओं के मुताबिक यदि हम पेरिस समझौते के लक्ष्य को हासिल करने में असफल रहते हैं और वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस से अधिक की बढ़ोतरी होती है तो हमें कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। मसलन, सब्जियों व अन्य फसलों के लिए उपयुक्त क्षेत्र ध्रुवों की ओर बढ़ सकता है। साथ की कुछ फसलों के लिए उपयुक्त क्षेत्र में कमी भी आ सकती है। अमेजन बेसिन जैसे पारिस्थितिक तंत्र से समृद्ध क्षेत्र बंजर हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49d23f8baf39cf75d7cc9d02f426ead3ef53f274 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66093.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बढ़ गए मौत के मामले।डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि महामारी ने टीबी उन्मूलन के प्रयासों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। 2010 में टीबी के कारण करीब 15 लाख लोगों ने जान गंवा दी। 2019 के मुकाबले मरने वालों की संख्या बढ़ी है। एक दशक से ज्यादा समय में पहली बार टीबी से मरने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3e55c587d65bb1df20fc115596cf2436956eff0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: कानपुर का अनोखा मंदिर; जहां विराजमान हैं दशानन, दशहरा पर ही मिलते दर्शन। संध्याकाल में रावण के पुतला दहन के पहले इस मंदिर के दरवाजे एक साल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। करीब 126 साल पहले महाराज गुरू प्रसाद शुक्ल ने इसका निर्माण कराया था। स्थानीय लोगों के अनुसार रावण प्रकांड पंडित होने के साथ साथ भगवान शिव का परम भक्त था। इसलिए शक्ति के प्रहरी के रूप में यहां कैलाश मंदिर परिसर में रावण का मंदिर बनाया गया। वर्ष में एक बार दशहरा पर्व के अवसर पर मंदिर में साफ सफाई कर दशानन का विधि विधान से पूजन अर्चन किया जाता है। भक्ति दूर-दूर से आता है लंकापति रावण के दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं। मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के अहंकार का नाश होता है और भी सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं। भक्तों में मान्यता है कि दशानन की आरती के समय नीलकंठ के दर्शन भक्तों का होते हैं। सुबह से ही मंदिर में सरसों के तेल का दीया और तरोई के पुष्प भक्तों द्वारा अर्पित किए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba5e7a7edb546ede59a51edb6070daf64bad893d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66096.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। एक के बाद एक कई सफलताओं के बीच द्वारका सेक्टर-2 स्थित महालक्ष्मी अपार्टमेंट निवासी धनंजय रमन के खाते में अब एक और नई सफलता जोड़ गई है। धनंजय ने जेईई एडवांस परीक्षा में अखिल भारतीय रैंकिग (आल इंडिया रैंकिंग) में दूसरा और दिल्ली में प्रथम स्थान प्राप्त कर एक बार फिर अपने माता-पिता व गुरुजन काे गौरवान्वित महसूस कराया है। रमन ने बताया कि मेरे लक्ष्य हमेशा से जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर आइआइटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस विषय में दाखिला लेना था। जहां तक रैंकिंग की बात है, मुझे उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि रैंक अच्छी हो या बुरी इस पर मैंने कभी उस पर ध्यान केंद्रित ही नहीं किया। पर हां मेरे माता-पिता व गुरुजन मेरी रैंक से काफी खुश है। मुझे याद है जेईई मेन्स परीक्षा में मेरी 146 रैंक की जानकारी मिलने के बाद ये लोग काफी दुखी हो गए थे, क्योंकि उन्हें मुझसे अच्छी रैंक की उम्मीद थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4692930534f0e55e1ba8031e72fe86c59d480a19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कृषि विज्ञानियों का कहना है कि चालू रबी सीजन में समय से बोआई होने की उम्मीद है। इससे विभिन्न फसलों की उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। खरीफ सीजन में जहां 15.10 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार का अनुमान लगाया गया है, जबकि रबी सीजन में इस बार 15.58 करोड़ टन खाद्यान्न पैदावार हो सकती है। मानसून इस बार अपने निर्धारित समय से एक पखवाड़ा यानी 15 दिन देर से लौटा है। हरियाणा के करनाल स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ व्हीट एंड बार्ले रिसर्च के निदेशक डा. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मानसून की अच्छी बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी के साथ मौसम में भी आ‌र्द्रता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1802d34612d764f3ac0a736d867bfb58c9b59b05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, बायोलाजिकल ई कंपनी के टीके के अभी दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी द्वारा नवंबर के अंत तक परीक्षण संबंधी पूरा डाटा भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के पास जमा करने की उम्मीद है। उसके बाद विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) उस पर विचार करेगी। एसईसी की सिफारिश के आधार पर ही डीसीजीआइ वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे सकता है। इस प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय लग सकता है। जबकि सरकार ने 31 दिसंबर तक 18 साल से अधिक के सभी लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। जाहिर है उसके बाद बायोलाजिकल ई के टीके की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f74237227349effacb48a8663389e95fca52b80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोमांच उत्पन्न करते हैं प्रसंग: सीता स्वयंवर में जब रावण शिव धनुष को उठाने के लिए बढ़ते हैं तो दहाड़ते हुए बाणासुर मंच पर प्रवेश करते हैं। रावण को रोकने का प्रयास करते हैं। इस दौरान रावण-बाणासुर वाक् युद्ध होता है। दहाड़ते रावण-बाणासुर के संवाद को देखकर दर्शक रोमांच से भर उठते हैं। स्वयंवर में ही जब प्रभु श्रीराम धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते हैं और धनुष टूट जाता है। जानकी जी वरमाला उनके गले में डाल देती हैं, हर किसी के चेहर पर अपार खुशी का संचार होता है, लेकिन जैसे ही भगवान परशुराम राज दरबार में प्रवेश करते हैं। उनकी गर्जना सुन दर्शक भी कुछ पल के लिए सहम जाते हैं। यहां की लीला का आकर्षण का केंद्र सीता स्वयंवर ही होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c9610511542d867e4c91279cb4681418241feaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरा चेहरा प्रादेशिक सम्प्रभुता के नाम पर आतंक फैलाने वाले संगठनों का है, इनमें प्रमुख पूर से असम में उल्फा, बोडो, एन.डी.,एफ.बी. आदि, त्रिपुरा में एन.एल.एफ.टी., ए.टी.टी.एफ. आदि, नागालैंड में एन.एस.सी.एन., एन.एन.सी. आदि,मेघालय में ए.एन.वी.सी., अरुणाचल प्रदेश में यू.एल.एफ.ए.पी., मणिपुर में पी.एल.ए., यू.एन.एल.एफ. आदि तथा तमिलनाडु में तमिल आतंकवादी संगठन लिट्टे सक्रिय है। कुछ संगठन सामाजिक आर्थिक शोषण के नाम पर लोगों को आतंकवादी घटनाओं के लिए संगठित करते हैं। यह आतंकवाद का तीसरा चेहरा है। नक्सलवाद की समस्या इसी के तहत खड़ी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..812efd5fc8e8068b165de1fe8636746361e6671f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक्सपर्ट की ये है राय।साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि अगर हमें साइबर ठगी से बचना है तो पहले हमें ये मानना होगा कि हम सुरक्षित नहीं हैं। मोबाइल या किसी डिवाइस पर अपनी संवेदनशील जानकारी सेव करके न रखें। कोशिश करें अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएं। अपने डिवाइस का बैकअप जरूर रखें। ऐप डाउनलोड करते समय सावधानी रखें। अनावश्यक वेबसाइट पर न जाएं। सावधान रहित, सतर्क रहित और जागरूक रहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a61fa7f7f62593d79691ea3590a78f6887711c4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विवेक तिवारी। हर साल हम रावण का पुतला जला कर बुराई के प्रतीक को खत्म करने का संदेश देते हैं। लेकिन खाने पीने की चीजों में मिलावट समाज में फैली एक ऐसी बुराई है जो लगातार बढ़ रही है। कुछ मुनाफाखोर अपने फायदे के लिए आम लोगों की सेहत से खेल रहे हैं। इस बुराई को खत्म करने के लिए सरकार को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। वहीं लोगों की जागरूकता से भी इस समस्या पर लगाम लगाई जा सकती है। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में  65,000 सैंपलों की जांच में से लगभग 20,000 सैंपल फेल हो गए। वहीं 2016-17 में 99,000 सैंपल की जांच करने पर लगभग 24,000 सैंपल फेल हो गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..725053842465faf78ba7b7424cf9c21767054bef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66108.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खास बात यह है कि यहां रावण के पुतले नहीं बनाए जाते, बल्कि डेढ़ सौ साल पहले बनाए गए सीमेंटे के बुत पर बाकायदा पेंट किया जाता है और उसे खूबसूरत रूप दिया जाता है। इस स्थान पर लगातार पूजा करने वाले अनिल दुबे की माने तो उनके पूर्वज हकीम बीरबल दास ने दो विवाह किए थे, लेकिन उन्हें औलाद नहीं हुई। दुखी होकर उन्होंने संन्यास ले लिया। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक संत से हुई, जिन्होंने उन्हें श्री रामलीला का आयोजन करने और परिवार के साथ जीवन बिताने के लिए प्रेरित किया। संत की बात मानकर वह परिवार में लौट आए और दशहरे के दिन उन्हें पुत्र रत्न प्राप्त हुआ। उसी पुत्र ने बड़े होकर 1833 में पायल में श्री राम मंदिर का निर्माण करवाया और रावण के प्रति उनकी आस्था ने 25 फीट का बुत बनाने को प्रेरित किया। रावण का पक्का बुत बनाने की एक खास वजह यह थी कि भविष्य में आने वाली पीढ़ी भी रावण की पूजा करती रहे। उसी परंपरा के तहत यहां रावण फूंका नहीं, बल्कि पूजा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1388fc5e0f10fc2955c82076e167fce7dee271a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घुसपैठ की इन खबरों के बाद खुफिया एजेंसियां और प्रशासनिक अमला अलर्ट हो गया है। वैसे पहले भी चमोली जिले के बाराहोती स्थित ‘नो मैंस लैंड’ में चीनी सैनिकों के घुसपैठ की खबरें आती रही हैं, लेकिन इस बार मामला अत्यंत गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि चीनी सैनिक इस इलाके में आए, घूमे, सिगरेट और अन्य चीनी सामानों के रैपर भी फेक गए। यह भी उल्लेखनीय है कि बाराहोती में एक ऐसा चारागाह है जिसे लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद बना हुआ है। यह चारागाह 60 वर्ग किमी इलाके में फैला हुआ है जिसमें दोनों देशों के चरवाहे समय-समय पर आते जाते रहते हैं। फिलहाल इस इलाके में पेट्रोलिंग नहीं की जाती है। वैसे स्थानीय प्रशासन की टीमें समय-समय पर इस क्षेत्र का मुआयना करती रहती हैं। इस इलाके में पिछले कुछ दशकों से दोनों देशों के बीच यह नीति चली आ रही है कि पेट्रोलिंग की कोई टीम वहां नहीं जाएगी। दोनों देशों के बीच यहां पर सीमाओं के रेखांकन को लेकर अस्पष्टता है जिसके चलते अक्सर इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92b65a6cbbd9fd865aed93744eb45d55d5cdff3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Dussehra 2021; कानपुर के अतिप्रचाचीन मंदिर में हुआ दशानन का पूजन, नीलकंठ के दर्शन को उमड़े भक्त।ब्राह्मण स्वरूप में तैयार किया जाता रावण का पुतला: दिल्ली आनंद विहार निवासी प्रकाश बोरवणकर वर्ष 1989 से यहां रावण, मेघनाद का पुतला बना रहे हैं। वह दिल्ली के आनंद विहार रेलवे आफीसर्स क्लब के मैनेजर हैं। प्रकाश बोरवणकर बताते हैं। कई जगहों पर उन्होंने देखा था कि रावण के सिर पर गधे का सिर लगाया जाता है। पुतला दहन होते ही लोग पुतले पर पत्थर मारते थे। उनका कहना था कि रावण विद्वान था। इस लिए वह हमेशा रावण का पुतला ब्राह्मण स्वरूप का ही तैयार करते हैं। अन्य रामलीला के आयोजनों से अलग पुतला रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f599d4beb5c924db2c1e9faa8fd8f01c4d9c7ab2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66113.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, जालंधर। Dussehra Special Tradition Jalandhar देश भर में दशहरा पर रावण दहन को लेकर तरह-तरह की परंपराएं प्रचलित हैं। हालांकि जालंधर में दशहरा का महिलाओं और बच्चों को एक विशेष कारण से इंतजार रहता है। उन्हें तो वर्ष में केवल इसी दिन मां महाकाली के दर्शन करने का अवसर जो मिलता है। सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर में स्थित प्राचीन महाकाली मंदिर की पहली मंजिल पर स्थित मां महाकाली का दीदार महिलाएं व बच्चे केवल दशहरा के दिन ही कर सकते हैं। यह परंपरा वर्षों पुरानी है। इसे लेकर शुक्रवार को दिन भर मंदिर में महिलाओं व बच्चों की पंक्ति लगी रही। ।यह परंपरा मंदिर के निर्माण के समय से चली आ रही है। मंदिर कमेटी के सदस्य व पूर्व विधायक केडी भंडारी बताते हैं कि बाबा मोहनी के निर्देश पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। उनके फैसले के बाद महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। + +मोहनी बाबा ने तपस्या करने के बाद करवाया था मंदिर का निर्माण।मंदिर के सेवादार अशोक सोबती बताते हैं कि ट्रस्ट महाकाली मंदिर का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। बताया जाता है कि इस मंदिर में महाराज रणजीत सिंह भी मां के दर्शन करने आए थे। इस मंदिर में कई दशक पूर्व मोहनी बाबा तपस्या के लिए पहुंचे तो यहां पर मां के दर्शन प्राप्त करने के बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया। कहतै हैं कि तपस्या के दौरान उन्होंने किसी भी नारी को अपने समीप नहीं आने दिया। यहीं कारण रहा कि मंदिर के निर्माण के साथ ही इसमें महिलाओं के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66119.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66119.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52e5ccfc472c6a3ffb9179c307306bf6609bce19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66119.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस सिस्टम के द्वारा बीएसएनएल सरकारी योजनाओं का प्रचार करने और जनता की राय लेगा। जिसके द्वारा यह पता चल जाएगा कि शहरी क्षेत्रों में सफाई किस तरह हो रही है। किसानों को क‍ितनी सुविधा म‍िल रही है। इसकी जानकारी की जाएगी।  सरकारी या प्राइवेट कंपनी के प्रचार के लिए भी इसका उपयोग क‍िया जा सकता है। आवेदन करने वाले सरकारी या प्राइवेट कंपनी से प्रचार का एक काल का 50 पैसे और राय की जानकारी के लिए एक काल का 1.50 रुपये ल‍िया जाएगा। बीएसएनएल के उप महाप्रबंधक बीके शर्मा ने बताया कि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए राजनी‍तिक दलों या सरकारी विभाग या प्राइवेट कंपनियों को जिला मुख्यालय के बीएसएनएल कार्यालय में संपर्क करना पड़ेगा। इस सुविधा का मुख्य सर्वर चंडीगढ़ में स्थापित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07935fd06796d1093fc6ea7f60b6e8ae54e78e76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. सुशील कुमार सिंह। चीन के वादे हों या इरादे दोनों पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता। दरअसल चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अमन-चैन की बहाली का इरादा रखता ही नहीं है। कोरोना काल में जब दुनिया स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रही थी तब वह पिछले साल अप्रैल-मई में अपनी कुटिल चाल पूर्वी लद्दाख की ओर चल चुका था जो अभी भी नासूर बना हुआ है। हालिया घटना से पहले जून 2017 में डोकलाम विवाद 75 दिनों तक चला जिसे लेकर जापान, अमेरिका, इजराइल व फ्रांस समेत तमाम देश भारत के पक्ष में खड़े थे और अंतत: चीन को पीछे हटना पड़ा था। हालांकि डोकलाम विवाद को पूरी तरह समाप्त अभी भी नहीं समझा जा सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..abb3550df59d9038243e86d4d6397585f221ecec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Dussehra Tragedy FLASHBACK दशहरा में रावण के पुतला दहन की परंपरा पुरानी है। पटना के गांधी मैदान में सैकड़ों साल से होता आ रहा यह कायक्रम कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus Infection) के कारण दो सालों से बंद है। पिछले साल यह कार्यक्रम नहीं हुआ तो इस साल इसका आयोजन प्रतीकात्‍मक रूप से अन्‍यत्र किया जा रहा है। वैसे, जब भी दशहरा में रावण दहन की बात होती है, पटना के गांधी मैदान में साल 2014 में हुआ वो हादसा (Patna Gandhi Maidan Stampede) बरबस याद आ जाता है, जिसमें कार्यक्रम के बाद शाम में लौटती भीड़ की भगदड़ ने 42 लोगों की जान ले ली थी। दशहरा में रावण दहन के हीं दौरान अमृतसर में भी भीड़ ट्रेन की चपेट में आ गई थी (Amritsar Train Accident)। उस हादसे में पांच दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यह इत्‍तफाक हीं है कि उक्‍त दोनों हादसे शुक्रवार के दिन हुए थे और यह महज संयोग है कि आज भी दशहरा शुक्रवार को हीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4df8f7bfbec8fd5fc9bf262f9e3d25a216e06d32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66125.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जापानी कूटनीति एवं सुरक्षा नीतियों की निरंतरता सुनिश्चित करते हुए विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री में कोई बदलाव नहीं किया गया है। किशिदा चीन के साथ बढ़ते तनाव पर अमेरिका के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। किशिदा चीन एवं परमाणु शक्ति संपन्न उत्तर कोरिया का मुकाबला करने के लिए कुछ हद तक एशिया, यूरोप और ब्रिटेन में समान विचारधारा वाले लोकतंत्र के साथ मजबूत जापान-अमेरिका सुरक्षा संबंधों और साझेदारी का समर्थन करते हैं। + +भारत को पोखरण-2 परमाणु परीक्षण के समय 1998 में जापान से काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन पिछले 23 वर्षो में भारत-जापान संबंधों में काफी प्रगति हुई है। दोनों देश जी-4 समूह के सदस्य हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए एक दूसरे की दावेदारी का समर्थन करते हैं। किशिदा ने विदेश मंत्री रहते हुए जापानी विदेश नीति में भारत को पर्याप्त महत्व दिया था। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या किशिदा के प्रधानमंत्री बनने पर भावी सालाना शिखर सम्मेलन शीघ्र आयोजित होंगे? किशिदा भारत के साथ रिश्तों को विशेष महत्व देते हैं, फिर भी भावी शिखर सम्मेलन में विलंब होने की संभावना है। भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2019 और 2020 में नहीं हो पाया। हाल ही में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में द्विपक्षीय बैठक हुई, लेकिन शिखर सम्मेलन का आयोजन नहीं हो पाया है। अब नए प्रधानमंत्री पद ग्रहण करते ही चुनाव की प्रक्रिया में व्यस्त हो गए हैं। ऐसे में चुनाव पूर्व उनके भारत आने की संभावना कम ही है। + +जापानी प्रधानमंत्री किशिदा चीन की बढ़ती ताकत और हिंद महासागर को लेकर बन रहे गठबंधन में जापान की भूमिका को लेकर अत्यंत गंभीर हैं। स्पष्ट है कि इन सभी क्षेत्रों में किशिदा भारत से सहयोग में वृद्धि करना चाहेंगे। भारत और जापान दोनों के लिए चीन एक साझा चुनौती रहा है। पिछले कुछ वर्षो में दक्षिण चीन सागर, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में चीन की आक्रामकता में वृद्धि अन्य देशों के लिए चिंता का विषय रही है। यही कारण है कि जो बाइडन के नेतृत्व में क्वाड के सदस्य देश भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया पहले से अभी अधिक सक्रिय हो गए हैं। क्वाड प्लस में इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों की रूचि बढ़ी है। इसके साथ ही हाल में अमेरिका ने ‘आकस’ का गठन किया, जिसमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और आस्ट्रेलिया शामिल है। इस समूह की स्थापना के बाद अमेरिका ने पिछली सदी के छठे दशक के बाद पहली बार परमाणु पनडुब्बी की तकनीक आस्ट्रेलिया को प्रदान की है। इससे क्वाड के सदस्य के रूप में हिंद प्रशांत क्षेत्र में आस्ट्रेलिया की ताकत में वृद्धि होगी, जो अंतत: चीन के विरुद्ध शक्ति संतुलन स्थापित करेगा। इसी तरह मलक्का जलडमरूमध्य में भी जापान, भारत और आस्ट्रेलिया चीन पर पर्याप्त दबाव बना सकेंगे। जापान विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वहीं भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। यही कारण है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री किशिदा दोनों मानते हैं कि 21वीं सदी में एशिया का भविष्य भारत और जापान ही तय करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb8b4e5809bd40b83f5e8ca77269f58efd2bc014 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66127.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर भगवान राम ने दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अधिकांश जगह पर रावण का विशाल पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के कुछ जनपद ऐसे भी हैं जहां पर रावण का मंदिर है और विजयादशमी के दिन रावण की पूजा की जाती है। + +शक्ति के भक्त के रूप में यहां रावण की प्रतिमा स्थापित की गई। लंकेश के दर्शन को यहां दूर- दूर से श्रद्धालु आते हैं। भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हैं और फिर दशानन का अभिषेक व महाआरती की जाती है। इस मंदिर में सुहागिनें तरोई का पुष्प अर्पित कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। मां भक्त मंडल के संयोजक केके तिवारी का कहना है कि मंदिर में दशानन की 10 सिर वाली प्रतिमा है। दशानन का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। सरसों के तेल का दीपक जलाया कर आरोग्यता, बल , बुद्धि का वरदान मांगा जाता है। यहां कानपुर ही नहीं बल्कि उन्नाव, कानपुर देहात के साथ ही फतेहपुर जिलों से लोग दशानन का पूजन करने आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..858ba6f6bd2b1b4857eb2dfff08d06a015611102 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66128.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्पेशल सेल के अधिकारियों का मानना है कि अशरफ की गिरफ्तारी के बाद से उसके साथी भूमिगत हो गए हैं। उनकी पहचान और धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि अशरफ के पुरानी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के इलाकों में कई साथी हो सकते हैं। चूकी यह प्रारंभिक पूछताछ है ऐसे में उसके बताए सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। + +पूछताछ में आतंकी ने बताया कि उसके विदेश जाने का खास मकसद था। वह वहां पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के अधिकारियों से मिलने गया था। उसने वहां पर जम्मू कश्मीर, दिल्ली सहित कई राज्यों के शहरों की जानकारी और अन्य इनपुट दिए थे। वह अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण जगहों की फोटो, वीडियो व कुछ नक्शे भी लेकर गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e96ae34bc7bb454b3d8a0b5f7dc9d68e1e17c7c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66129.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मगध और आम्रपाली कोल ब्लाक का क्षेत्र इसका उदाहरण है। यहां कोयले असर खनन और ढुलाई पर पड़ता है। कई बार पथराव से लेकर पुलिस फायरिंग तक की नौबत आई है। सुलह के बाद कुछ दिनों तक स्थिति सामान्य रहती है, लेकिन धीरे-धीरे फिर से परेशानी खड़ी हो जाती है। इसका स्थायी निदान खोजना आवश्यक है, क्योंकि विद्युत उत्पादक संयंत्रों को मांग के मुताबिक ईंधन की आपूर्ति नहीं होने का विपरीत असर बिजली आपूर्ति पर पड़ेगा और बिजली मांग के अनुरूप नहीं मिली तो देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र इसका स्थानी समाधान निकालने की पहल करे तो स्थिति सामान्य होते देर नहीं लगेगी। + +सबको साधने की कोशिश : लंबी कवायद के बाद झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन बीस सूत्री कमेटियों में अपनी-अपनी हिस्सेदारी को लेकर नतीजे पर पहुंच गया है। ये कमेटियां राज्य स्तर से लेकर जिला और प्रखंड स्तर पर गठित होंगी। इनका काम विकास योजनाओं की देखरेख और उसका निर्धारण है। सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों घटक दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद में पदों का बंटवारा होगा। सबसे बड़ा दल होने के नाते झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में 55 प्रतिशत पद आएंगे, जबकि 40 प्रतिशत पद कांग्रेसियों को मिलेंगे। सबसे कम हिस्सेदारी महज पांच प्रतिशत राष्ट्रीय जनता दल को मिलेगी, क्योंकि विधानसभा में राजद का महज एक विधायक है। लंबी मशक्कत के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन सीटों की हिस्सेदारी तय कर पाया है, हालांकि इसे लेकर सबसे अधिक दबाव कांग्रेस की ओर से बनाया गया। इस साल के आरंभ में ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बैठक कर इसकी आवश्यकता बताई थी। कमेटियों के गठन से निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागदारी का अहसास होगा। एक अनुमान के मुताबिक तीनों दलों के ढाई हजार कार्यकर्ताओं को पद मिलेगा। इससे सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दलों के कार्यकर्ताओं में नए सिरे से जोश भरा जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..392a78b032bb1a1bda32d23b663e38e996c76f83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66130.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दशहरा पर्व आश्विन मास, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाते हैं। पंचांग के अनुसार इस वर्ष दशमी तिथि 15 अक्टूबर को है। भगवान श्रीराम ने विजयी दशमी पर ही बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था, मां दुर्गा ने भी इसी दिन महिसासुर का वध किया था। विद्यार्थी, लेखक और ज्ञान प्रदाता विजयी दशमी पर अपनी लेखनी (कलम) का पूजन शस्त्र रूप में कर समाज को उद्देश्यपूर्ण दिशा प्रदान का संकल्प लेते हैं। + +यह है शुभ मुहूर्त।ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया कि दशहरा पर चंद्रमा, स्वयं के श्रवण नक्षत्र में रहेगा। इस नक्षत्र की देवी ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती हैं। इसलिए विजय मुहूर्त में दशहरा पूजन से मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। दशमी तिथि पर मकर राशि में तीन ग्रहों की युति बन रही है। पंचांग अनुसार दोपहर दो बजकर दो मिनट से दोपहर दो बजकर 48 मिनट तक विजय मुहूर्त योग होगा। दशमी तिथि, शुभ कार्यों के लिए उत्तम है, यह गुरुवार शाम छह बजकर 52 मिनट से शुक्रवार शाम छह बजकर दो मिनट तक रहेगी। वहीं अपर्णा पूजा मुहूर्त दोपहर एक बजकर 16 मिनट से तीसरे पहर तीन बजकर 34 मिनट तक रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0db5fd44e35deb5f6d64112cf8456a5dd6c54636 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66132.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। APJ Abdul Kalam Birth Anniversary 2021 आजादी के 75वें वर्ष में देश जब अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में भारत को स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डा. एपीजे कलाम को याद करना स्वाभाविक है। उनके नेतृत्व में देश अग्नि और पृथ्वी जैसी उन्नत मिसाइलों को स्वदेशी तकनीक से बनाने में सक्षम हो सका। ।शिक्षक, प्रख्यात वैज्ञानिक, मिसाइल मैन, देश के राष्ट्रपति एवं भारत के ‘रत्न’ डा. एपीजे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि सपने देखो, सपने देखोगे, तभी वे सच होंगे। खुद को भी वह एक शिक्षक के रूप में याद किया जाना पसंद करते थे। युवाओं से उनकी विशेष अपेक्षाएं थीं कि वे कुछ अलग सोचें, नया करने, खोजने व आविष्कार करने का साहस रखें, अनजान राहों को परखें, यात्राएं करें, समस्याओं का समाधान निकालें। वे भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल विकास कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ता थे। इसी कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है। उन्होंने देश के महत्वपूर्ण संगठनों डीआरडीओ और इसरो को आगे बढ़ाने में प्रमुख जिम्मेदारी भी संभाली थी। + +मछुआरा परिवार में जन्म : एपीजे कलाम अर्थात अवुल पकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुस्लिम मछुआरा परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलआब्दीन एक नाविक थे और मां गृहिणी। पिता की आर्थिक मदद के लिए स्कूल से तीन किमी.दूर रामेश्वरम रोड रेलवे स्टेशन से समाचार पत्र लेकर उसका वितरण करने जाते थे। उनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम पंचायत एलीमेंट्री स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी से 1957 में एयरोनाटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। जब कलाम पांचवीं में थे, तो स्कूल के शिक्षक शिव सुब्रमानिया अय्यर बच्चों को पक्षियों के उड़ने के सिद्धांत के बारे में बता रहे थे, पर किसी को समझ में नहीं आया। तब वह उन्हें लेकर समंदर किनारे गए और उन्हें दिखाया कि कैसे पक्षी 10, 20 एवं 30 के झुंड में उड़ान भरते हैं। जब वे पंखों को फड़फड़ाते हैं, तो उन्हें लिफ्ट मिलती है और वे उड़ जाते हैं। इस पर एक बच्चे ने प्रश्न किया कि उनका इंजन कहां होता है और ऊर्जा कहां से मिलती है? शिक्षक ने जवाब दिया कि पक्षी अपनी इच्छाशक्ति से उड़ान भरते हैं। इस क्लास ने बालक कलाम के पर गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने निश्चय कर लिया कि आगे चलकर वे एयरोनाटिक्स में ही शिक्षा हासिल करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66133.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c058b188a31bc33017bc4c3d5089519d48e7b3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66133.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बदहाली पर आंसू बहा रहा घोगा-कत्लुपुर रोड। घोगा-कत्लूपुर रोड पर रास्ता पूरी तरह जर्जर हो चुका है। सिंघु बार्डर बंद होने के बाद यहां से भी वाहनों का आवागमन होता है। ये रास्ता अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बारिश के दौरान तो यहां से पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार तो वाहन भी फंस जाते हैं, जिसे क्रेन की मदद से निकाला जाता है। यही रास्ता है जो ओलिंपिक पदक विजेता के गांव नाहरा को जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..edd7abe0f92f2f073b5b9079e174136234daf67f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में ठंड के दौरान वायु प्रदूषण से अब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) निपटेगा। अपने परंपरागत शेड्यूल के मुताबिक शुक्रवार से इसके प्रविधान लागू हो गए हैं। यह आगामी 15 मार्च तक प्रभावी रहेगा। प्लान में चार अलग-अलग चरणों के तहत वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रविधान हैं। हालांकि, 17-18 को हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना के मद्देनजर अभी सप्ताह भर प्रदूषण नियंत्रण में ही रहने के आसार हैं। इसलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, निगरानी टीमों के गठन और अन्य ठोस कदमों को लेकर अगले कुछ दिनों में बैठक करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f76e0503b5a70cfceaeaaa84809da82b1c608f5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66138.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1877 में शुरु हुई थी रामलीला : परेड मैदान में रामलीला की शुरुआत 145 वर्ष पूर्व हुई थी। वर्ष 1877 में महाराज प्रयाग नारायण तिवारी, लाला शिव प्रसाद खत्री और रायबहादुर लाला विशंभरनाथ अग्रवाल ने रामलीला का मंचन शुरू करने के लिए अंग्रेजों से अनुमति मांगी थी।काफी सोच विचार के बाद अंग्रेजों ने रामलीला मंचन की अनुमति दे दी। रामलीला की शुरूआत हुई तो अंग्रेजों को भी आमंत्रित किया गया। अंग्रेजों को रामलीला का मंचन इतना अच्छा लगा कि उन्होंने परेड मैदान पर अग्रिम वर्षों के लिए रामलीला मंचन की अनुमति प्रदान कर दी। यहां अंग्रेज सैनिक परेड करते थे इसलिए इस मैदान का नाम परेड पड़ गया।श्री रामलीला सोसाइटी के प्रधानमंत्री कमल किशोर अग्रवाल बताते हैं कि उसी दौरान रायबहादुर लाला विशंभरनाथ अग्रवाल, बाबू विक्रमाजीत सिंह व अन्य सहयोगियों ने परेड रामलीला सोसाइटी गठित की। धीरे-धीरे परेड में होने वाली रामलीला ने विशिष्ट पहचान बना ली। पांच वर्ष तक कमेटी के अध्यक्ष रहने के बाद महाराज प्रयाग नारायण तिवारी ने कमेटी को सार्वजनिक रूप प्रदान किया और पदमुक्त हो गए। उनके द्वारा दिए गए रामलीला के विभिन्न मुखौटे, चांदी का सिंहासन और हनुमान का मुकुट आज भी परेड रामलीला सोसाइटी में हैं। इन्हें प्रत्येक वर्ष रामलीला के समय निकाला जाता है।महाराज प्रयाग नारायन शिवाला के प्रबंधक अभिनव तिवारी ने बताया कि आज भी उनके परिवार का एक सदस्य मुकुट पूजन करता है जिसके बाद रामलीला मंचन की शुरूआत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2604c0353c334cf794db720983235196e79c80e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66139.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्मशान घाट पर लोगों को किया प्रेरित।मनोज सेंगर कहते हैं कि रूढ़वादी समय में देहदान के लिए लोगों को प्रेरित करना सबसे कठिन काम है। इस काम के लिए मैंने श्मशान घाट को ही चुना क्योंकि जब व्यक्ति किसी के अंतिम संस्कार में घाट पर आता है तो उसके मन में एक पल के लिए सामाजिक विरक्ति और सत्कर्म करने का ख्याल जरूर आता है। लोगों को प्रेरित करने के लिए यह पल सबसे मुफीद रहता है और लोग मेरी बातों को सुनकर प्रेरित भी हो जाते हैं। जब किसी से सत्कर्म के बारे में पूछो तो वह निरुत्तर हो जाता है, ऐसे में उसे देहदान को सबसे बड़ा सत्कर्म समझाना आसान होता है। क्योंकि एक शरीर जब मेडिकल कालेज को दान में मिलता है, तो दो नेत्रहीनों को रोशनी मिल जाती है, किसी जरूरतमंद रोगी को किडनी मिलने जान बचती है, इसके अलावा कई अंग ऐसे होते हैं जो किसी न किसी तरह से दूसरों के काम आकर उसे नया जीवन दे जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de529f878e684144273429d6a5d2e2cc16b5c255 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66142.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। चंदन की लकड़ी, तेल, इत्र और इसके अन्य उत्पादों की बढ़ती घरेलू और वैश्विक मांग को देखते हुए इसके पौधारोपण के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। चंदन उत्पाद के अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की हिस्सेदारी 80 फीसद तक है। लेकिन हाल के वर्षों में इस कारोबार में आस्ट्रेलिया के कड़ी चुनौती मिलने लगी है। बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए सरकार ने चंदन के अधिक से अधिक पौधे लगाने को प्रोत्साहन देना शुरू किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76950c9892c3e831b328fd89d0140dfced6fe7a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीएमसी ने किया विरोध।तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह राज्य के अधिकारों का 'अतिक्रमण' और देश के संघीय ढांचे पर हमला है। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा- हम इस फैसले का विरोध करते हैं। यह राज्य के अधिकारों में अतिक्रमण है। राज्य सरकार को बिना बताए ही सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र में विस्तार करने की तुरंत क्या जरूरत पड़ी। यदि बीएसएफ को कहीं पर तलाशी लेनी है तो वह राज्य पुलिस के साथ मिलकर कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..193942646f491ecac6e78efbc834aebea3160f3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जौनपुर [आनंद स्वरूप चतुर्वेदी]। असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है विजयदशमी। भगवान श्रीराम की रावण पर विजय का पर्व है दशहरा। हमारे देश ने भी 75 साल पहले अभिमान, अत्याचार और असत्य से भरे ब्रिटिश शासन पर जीत हासिल की थी। आजादी मिली थी हमें। स्वाधीनता संग्राम की तमाम गाथाएं हैैं, अमर कहानियां हैैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक गांव की रामलीला ऐसी है जो आज भी आजादी की मनौती के रूप में 74 साल से अनवरत जारी है। यह रामलीला है कबूलपुर गांव की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43f6d458e11b04ab7e4baa3c965823d1d48b97e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66145.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अपने फैसले में सहज हों।हम सभी की परिस्थितियां अलग होती हैं जो बात आपके दोस्त या स्वजनों के लिए सही हो, यह जरूरी नहीं कि आपके लिए भी वह सही साबित हो। इसलिए अपनी परिस्थितियों के अनुसार ही सही-गलत का निर्णय लेना ठीक होता है। किसी बात के लिए हामी भरने या इन्कार करने से पहले गहराई से यह विचार करें कि अपनी उस प्रतिक्रिया में आप कितनी सहज हैं। अगर दूसरों के लिए कोई बात सहजता से स्वीकार कर पाना मुमकिन है, पर आप उसमें सहज महसूस नहीं करतीं तो इन्कार कर दें। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। + +इन्कार के हों अपने तर्क।किसी बात के लिए इन्कार के पीछे आपके अपने कारण होने चाहिए। हामी भरने या इन्कार करने से आप पर क्या असर पड़ेगा, इसे लेकर स्पष्ट होना जरूरी है। आपके इन्कार की वजह भी वही बात होनी चाहिए। अपने इन्कार के लिए किसी और व्यक्ति को आधार न बनाएं। हो सकता है कि इन्कार के कारण आपको आलोचनाओं का सामना करना पड़े। अगर ऐसा होता है तो आपको व्यथित नहीं होना चाहिए। + +प्रतिक्रिया से न हों परेशान।एक बार फैसला लेने के बाद उस पर सामने वाले की प्रतिक्रिया को लेकर बिल्कुल परेशान न हों। अगर आप अपने आफिस की व्यस्तता के कारण दूसरे शहर में आयोजित सहेली की शादी की सालगिरह की पार्टी में शिरकत करने में असमर्थ हैं तो उसे इस बारे में बता दें। हो सकता है कि आपकी सहेली को आपकी बात सुनकर अप्रिय महसूस हो। इन्कार करने के पीछे आपके अपने कारण हैं, उन वजहों को गिनवाते हुए सामने वाले की प्रतिक्रिया बदलने की कोशिश न करें, क्योंकि उनके मन में उठने वाले भावों को एकाएक बदल पाना आपके लिए संभव नहीं होगा। हो सकता है कि बाद में बात-बात पर इसके लिए उलाहना भी मिले, पर उससे आपको विचलित नहीं होना चाहिए। आपको पता है कि आपने सही फैसला लिया और यही बात सबसे महत्वपूर्ण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66146.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66146.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54200ee3015ec682a2b1932e0d9e1a605fbff559 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66146.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। Dussehra 2021 विजय दशमी पर 15 अक्टूबर को भारत के कोने- कोने में लंकाधिराज रावण के पुतले का दहन होगा। असत्य पर सत्य की जीत के रूप में उत्सव मनाया जाएगा और मेलों का आयोजन भी होगा, लेकिन शहर का एक ऐसा भी स्थान है जहां रावण के पुतले का दहन नहीं बल्कि पूजन होगा। यह स्थान है कैलाश मंदिर शिवाला। यहां शिव और शक्ति के मंदिर के बीच में ही दशानन का भी मंदिर है। यह मंदिर माता छिन्नमस्ता के गेट पर ही रावण का मंदिर है। विजय दशमी के दिन सुबह श्रृंगार और पूजन के साथ ही दूध, दही, घृत, शहद, चंदन, गंगा जल आदि अभिषेक किया जाएगा। + +स्व. गुरु प्रसाद शुक्ला ने डेढ़ सौ वर्ष पहले मंदिरों की स्थापना कराई थी। तब उन्होंने मां छिन्नमस्ता का मंदिर और कैलाश मंदिर की स्थापना कराई थी। मंदिर में मां छिन्नमस्ता के साथ ही मां काली, मां तारा , षोडशी, भैरवी, भुनेश्वरी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला महाविद्या के साथ ही दुर्गा जी, जया, विजया, भद्रकाली , अन्नपूर्णा, नारायणी, यशोविद्या, ब्रह्माणी, पार्वती, श्री विद्या, देवसेना, जगतधात्री आदि देवियां यहां विराजमान हैं। शक्ति के भक्त के रूप में यहां रावण की प्रतिमा स्थापित की गई। लंकेश के दर्शन को यहां दूर- दूर से श्रद्धालु आते हैं। भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हैं और फिर दशानन का अभिषेक और महाआरती की जाती है। सुहागिनें इस मंदिर में तरोई का पुष्प अर्पित कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। मां भक्त मंडल के संयोजक केके तिवारी का कहना है कि मंदिर में दशानन की 10 सिर वाली प्रतिमा है। दशानन का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। सरसों के तेल का दीपक जलाया कर आरोग्यता, बल , बुद्धि का वरदान मांगा जाता है। पहले तो नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को छिन्नमस्ता मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते थे, लेकिन अब इन तिथियों पर मंदिर प्रबंधन ही भगवती का पूजन करता है। यहां कानपुर ही नहीं बल्कि उन्नाव, कानपुर देहात, फतेहपुर आदि जिलों से लोग दशानन का पूजन करने आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..640cfedce86119cf79259aef80f5ba4582cb9ea7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में गौती की परफॉर्मेंस।साल 2011 में एमएस धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब जीता। आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में टीम इंडिया का सामना श्रीलंका से हुआ। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 276 रन बनाए। इसके जवाब में भारतीय टीम को वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के रूप में दो झटके लगे, लेकिन गौतम गंभीर तब तक क्रीज पर डटे रहे जब तक देशवासियों को जीत की महक नहीं आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66149.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b75f5c2f952439cf7eea21b9cffad3dc7705d8ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66149.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। मां सिद्धिदात्री, नाम से ही स्पष्ट है, सब कुछ संतानों और समाज को देने वाली स्त्री। अपने अनुभव, ज्ञान और दर्शन से दिशा प्रदान करने वाली महिलाओं में मां के इस स्वरूप के दर्शन होते हैं। रोहिणी सेक्टर आठ स्थित सर्वोदय कोएड विद्यालय की उप प्रधानाचार्य भारती कालरा मां के इस स्वरूप का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने जरूरतमंद छात्रों की मदद कर गुरु-शिष्य के बीच ऐसा रिश्ता स्थापित किया है जो वाकई प्रेरणादायक है। 23 साल से बतौर शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत भारती न सिर्फ अपने ज्ञान और अनुभव से छात्रों को बेहतर नागरिक बनने के लिए मार्गदर्शित कर रही हैं, बल्कि वे उनकी जरूरतों का भी ध्यान रखते हुए उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचा रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनके दिए गए योगदान के लिए दिल्ली सरकार ने उन्हें वर्ष 2021 में राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित भी किया है। + +स्मार्टफोन की कमी से कम बच्चे ही आनलाइन कक्षा से जुड़ते थे।स्कूल के समक्ष ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती थी बोर्ड के छात्रों की पढ़ाई सुनिश्चित कराना, क्योंकि स्मार्टफोन न होने से 10वीं और 12वीं के केवल 30 फीसद छात्र ही आनलाइन कक्षा में जुड़ते थे। इस बीच एक दिन एक छात्र स्कूल आया और उसने कहा, ‘मैडम मैं मोबाइल नहीं खरीद सकता, मेरे पापा की कोरोना महामारी के दौरान नौकरी चली गई है।’।कुल 321 स्मार्टफोन छात्रों को दिए।छात्रों के जाने के बाद मैंने निर्णय लिया कि चाहे खुद के रुपये से स्मार्टफोन खरीद कर छात्रों को देने पड़े, लेकिन अब उनकी शिक्षा में वो किसी भी तरह की रुकावट नहीं आने देंगी। उन्होंने रिश्तेदारों व परिवार के लोगों से सहायता मांगी। फिर क्या था उनकी पहल रंग लाई। बच्चों की पढ़ाई खराब होने से बचाने के लिए किसी ने एक फोन तो किसी ने दो फोन भेज दिए। इस तरह कुल 321 स्मार्टफोन छात्रों को दिए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db7f4fe2f4dc5a4024c632519eefab832bd37de1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66150.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ईको फ्रेंडली होगा प्लांट : योजना को अलग-अलग उप-विधाओं के संयोजन, परीक्षण, रखरखाव और प्रतिस्थापन के लिए माड्यूलर फैशन में डिजाइन किया जाएगा। यह प्लांट गंधहीन होगा। उत्सर्जन और शोर सीमा मानदंडों के अनुरूप होगी। संयंत्र एक सुंदर वातावरण से घिरा होगा। साथ ही , हानिकारक पदार्थों के निर्वहन को रोकने के लिए कचरा लीचेट उपचार प्रणाली (जमीन में गड्ढा खोदकर निस्तारण करने की विधि) से गुजरेगा। इसके अलावा , मानव जोखिम सीमित रहेगा, क्योंकि इसके संचालन और रखरखाव में स्थापित मशीनें स्वचालित होंगी। एनटीपीसी ने दादरी चरण- 1 में एक डेमो व पायलट टारफेक्शन प्लांट स्थापित किया है। + +नहीं चले बिजली बनाने के तीन प्लांट: नगर के विभिन्न इलाकों में 10 छोटे प्लांटों को स्थापित करने का प्रस्ताव भी तैयार हुआ था। सीएसआर फंड से इनकी स्थापना होनी थी, जो रसोई के कचरे से बिजली बनाने का प्लांट था, लेकिन प्रस्तावित 10 प्लांट के सापेक्ष अब तक तीन प्लांट ही स्थापित हुए हैं। इनमें एक पहाडिय़ा मंडी, दूसरा भवनिया पोखरी और तीसरा प्लांट आइडीएच कालोनी में है। हालांकि अभी तीनों प्लांटों का संचालन नहीं हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4400d1cf6a343ed2f45bd81a2da38d671445743 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +झोपड़पट्टी में रहने वाले मासूमों को कांवेंट शिक्षा का संकल्प लेने वाली शालिनी ने अब उनके माताओं को रोजगार से जोड़ा है। गरीबों के घर की लड़कियां शिक्षित तो जाएं इसकी मंशा के चलते संस्था की ओर से लड़कियों को शिक्षित करने की प्राथमिकता होती है। सिटिजन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के माध्यम से वह प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी देती हैं जिससे प्रशिक्षण के बाद उन्हें कहीं और भी काम करने का अवसर मिले। प्रशिक्षण पूरी तरह से निश्शुल्क् होता है। कृष्णानगर के भगवती विहार में प्रतिमाओं को बनाने का कार्य चल रहा है। महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए 300 महिलाओं का समूह बनाया गया है जहां अगरबत्ती बनाने से लेकर गाय के गोबर से क्वायल और हवन सामग्री समेत कई घरेलू उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शालिनी सिंह ने बताया कि पति विकास सिंह के सहयोग और परिवार की प्रेरणा से वह गरीबों के लिए कुछ कर पा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb88e99d32f6649a5c9d395e869b57c3462bc64b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुल्लू, कमलेश वर्मा। International Kullu Dussehra, आयोध्या से कुल्लू लाए गए भगवान रघुनाथ जी का देवभूमि कुल्लू से भी अटूट व गहरा नाता है। कुल्लू दशहरा का इतिहास साढ़े तीन सौ वर्ष से अधिक पुराना है। दशहरा के आयोजन के पीछे भी एक रोचक घटना का वर्णन मिलता है। इसका आयोजन 17वीं सदी में कुल्लू के राजा जगत सिंह के शासनकाल में आरंभ हुआ। राजा जगत सिंह ने वर्ष 1637 से 1662 ईस्वी तक शासन किया। उस समय कुल्लू रियासत की राजधानी नग्गर हुआ करती थी। कहा जाता है कि राजा जगत सिंह के शासनकाल में मणिकर्ण घाटी के गांव टिप्परी में एक गरीब ब्राह्मण दुर्गादत्त रहता था। उस गरीब ब्राह्मण ने राजा जगत सिंह की किसी गलतफहमी के कारण आत्मदाह कर लिया। गरीब ब्राह्मण के इस आत्मदाह का दोष राजा जगत सिंह को लगा। इससे राजा जगत सिंह को भारी ग्लानि हुई और इस दोष के कारण राजा को एक असाध्य रोग भी हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d632ca4f26d7b3cac01fee1d9c61512ff44b97d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66158.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भोपाल , जेएनएन । समूचे देश में जहां दशहरे के पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाता हैं, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में एक परिवार ऐसा भी है जो रावण का दहन नही बल्कि रावण को अपना आराध्य मानकर दशानंद की पूजा करता हैं। शहरभर में दशहरे पर 15 अक्टूबर रावण दहन किया जाएगा। लेकिन शहर के मध्यक्षेत्र स्थित परदेशीपुरा में लोग रावण को प्रकांड विद्वान मानकर पूजन करेंगे। पूजन होगा शहर के एक मात्र रावण मन्दिर में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6f672ebb1ccc81b883fcda03cee8aef6319654e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66159.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति वाली दिलली में एकाएक बिजली संकट की चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, कोयला संकट के मद्देनजर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ही नहीं, भाजपा और कांग्रेस भी एक दूसरे पर हमलावर हो गई हैं। विडंबना यह कि दिल्ली में कोई थर्मल प्लांट है ही नहीं। जो प्लांट एनसीआर में हैं, प्रदूषण की समस्या के चलते उन्हें भी बंद कराने की मांग कई साल से उठ रही है। बावजूद इसके पिछले कई दिनो से नेता आरोप प्रत्यारोप में उलझे हैं। हैरत की बात यह कि नेताओं का यह मुद्दा जनता के भी गले नहीं उतर रहा। जहां तहां लोग चर्चा कर रहे हैं कि न दिल्ली में बिजली संकट है और न ही किसी कटौती के आसार हैं। तब फिर नेता यह हाय तौबा क्यों मचा रहे हैं? बहुत से लोग तो चुटकी लेने में भी पीछे नहीं हैं कि इसे ही राजनीतिक रोटियां सेंकना कहते हैं जनाब। + +एक बार फिर जोड़ने का जरिया बनी 'बाबर आंटी'।स्व. ताजदार बाबर ने दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष रहते हुए तो कांग्रेसियों को जोड़कर रखा ही, निधन के बाद भी वे छोटे-बड़े सभी नेताओं को एकजुट करने का माध्यम बनीं। उनकी स्मृति में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ तो वहां काफी नेता उन्हें अपनी पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। प्रदेश प्रभारी एवं सांसद शक्ति ¨सह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर, पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल, रमेश कुमार, एआइसीसी सचिव सीपी मित्तल, पूर्व मंत्री हारून युसुफ, पूर्व महापौर फरहाद सूरी एवं प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन सहित अनेक नेता मौजूद रहे। सुभाष चोपड़ा ने तो उन्हें अपने परिवार का सदस्य बताया। ज्यादातर कांग्रेसी उन्हें बाबर आंटी कहकर बुलाते थे। अनिल चौधरी ने तो सभा में आए कांग्रेसियों से भी यही उम्मीद जताई कि स्व. बाबर की शिक्षाओं और आदर्शों को मानते हुए उनके बताए रास्ते पर चलें और पार्टी को मजबूत बनाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89984cd0ab9d56d43ad9c723b52b5d8f813d69fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6616.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कौन होंगे मेहमान.. सोनी टीवी द्वारा जारी किए गए वीडियो में इस बात की जानकारी भी दे दी गई है कि शो में आने वाले शुरुआती मेहमान कौन होंगे। प्रोमो के मुताबिक कपिल के शो में अक्षय कुमार अपनी 'बेल बॉटम' टीम के साथ, अजय देवगन अपनी 'भुज' की टीम के साथ नज़र आएंगे। वहीं इनके अलावा शत्रुघ्न सिन्हा और धर्मेंद्र भी शो का हिस्सा बनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..298e4c5aa95623d9e23cfc27e2f42c73cbcc6d18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्सर्जन उपनिवेशवाद का झूठे आंकड़ों का खेल।अमीर देशों ने पिछले 200 साल में किस तरह से उत्सर्जन फैलाकर दुनिया को संकट में डाला है, यह तथ्य छिपा नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि इनमें से कई देश अब उत्सर्जन नियंत्रित करने के झूठे आंकड़े दिखा रहे हैं। इन देशों ने किसी बेहतर तकनीक के जरिये उत्सर्जन कम नहीं किया है, बल्कि ज्यादा उत्सर्जन वाले कारखाने विकासशील देशों में स्थापित कर दिए हैं। उदाहरण के तौर पर, ब्रिटेन में कपड़ों या बिल्डिंग मैटेरियल पर होने वाला उत्सर्जन जस का तस है। इनका उत्पादन किसी दूसरे देश में हो रहा है। इसी को उत्सर्जन उपनिवेशवाद नाम दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d89893f4620fd8c84d4a60ae33579d72dd46ec38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। 'विकास पुरुष' ने जिस खाई को पाटकर 'इंजीनियर साहब' के लिए रास्ता बनाया था, वो खाई फिर गहरी होती जा रही है। रास्ते में दरार भी पड़ने लगी हैं। ऐसी परिस्थितियों में 'जनहित' के लिए तय किया सफर मुश्किल भरा साबित हो रहा है। 'सदन' में मंगलवार को हुए हंगामे ने यह साबित भी कर दिया। 'सदन' तो सड़क, सफाई, पानी और पथ प्रकाश की मुश्किलें आसान करने के लिए जुटा था, लेकिन मुद्दा कुछ और ही छिड़ गया। 'सदन' के सदस्यों का प्रस्ताव 'इंजीनियर साहब' को नहीं भाया। उनकी आपत्ति जायज थी। घूमने-फिरने की स्वीकृति सदस्यों के लिए थी, परिवार के लिए नहीं। मगर, सदस्यों को कौन समझाए। मंच पर बैठे 'मुखिया' सदस्यों के आगे पहले ही हथियार डाल चुके थे। उन्हें मौन देख 'इंजीनियर साहब' खुद को असहज महसूस करने लगे। फिर क्या था, सदस्यों के व्यवहार से तमतमाए 'इंजीनियर साहब' सदन बीच में ही छाेड़कर चले गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efcaa0268df5d07581bc410ab7bb27c0841c4159 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  कोरोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मधु पुंढीर जब घर-घर जाकर मरीजों की स्क्रीनिंग करने जाया करती थीं। तब लाेग उन्हें देखकर दरवाजे बंद कर लिया करते थे। गली में लोग उनके पास तक आने से डरते थे। इसके बावजूद वह अपने फर्ज से डिगी नहीं। मरीजों की कोविड की जांच कराने और अस्पताल पहुंचाने के लिए वह निरंतर जुटी रहीं। ये कहानी अकेली मधु पुंढीर की नहीं है। उन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकर्ता की है जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर ड्यूटी की। अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटीं। दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तो ड्यूटी के दौरान कोरोना से जान भी चली गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3edb0b6dce40c34401377eaa1b78944556f8c0f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66171.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +संजय श्रीवास्तव। Global Warming इस वर्ष जिन विज्ञानियों को भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा, वे भौतिकी की अलग अलग शाखाओं से जुड़े हुए हैं। परंतु जिस बिंदु पर जाकर वे मिलते हैं वह है हमारा पर्यावरण, जलवायु और उसकी गंभीरतम समस्या ग्लोबल वार्मिग। इस वर्ष के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिए चुने गए स्युकुरो मनाबे, क्लास हेसलमैन और जियोर्जियो पैरिसी ने अलग अलग काम करके जो गणितीय पैरामीटर पर आधारित भौतिकी माडल तैयार किया, उनकी सहायता से जलवायु परिवर्तन के घटनाक्रमों का पूर्वानुमान और सटीक हो गया। + +जलवायु की गुत्थी समझना आसान नहीं। जलवायु कई गतिमान कारकों और बहुत से जटिल प्रणालियों से मिलकर बनता है। इसके चलते मौसम की सटीक भविष्यवाणी तो फिर भी कुछ मुमकिन है, पर जलवायु के व्यवहार की किसी भी भविष्यवाणी को यह स्थिति अत्यंत कठिन बना देती है। ऐसे में जिनसे यह पता चले कि प्रकृति कैसे काम करती है, ऐसे मानकों को आंकड़ों और गणितीय सूत्रों में बदलकर तैयार किए गए भौतिकीय प्रारूपों की सहायता से ही अब तक जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी समस्या से लड़ने की राह खोजी गई है। ये बेहद सूक्ष्म गणनाओं से युक्त और अत्यंत सटीक हैं। भौतिकी के आधार पर तैयार क्लाइमेट माडल से ही तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन पर नजर रखना संभव हुआ और यह जानना भी कि धरती का तापमान कितनी तेजी से बढ़ रहा है और इसकी वजह से समुद्र के जलस्तर वृद्धि के अलावा दूसरे तमाम प्राकृतिक कुप्रभाव आगामी दशकों में हमें कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं। भावी पीढ़ियों के लिए यह साफ संदेश है कि हमें इन लक्ष्यों को पाना ही होगा और इसके लिए अब काम करना ही होगा। + +90 वर्ष से अधिक उम्र के जियोर्जियो पैरिसी का बयान महज अवसर विशेष पर दिया गया सामान्य उद्गार नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे निहितार्थ हैं, इसमें चेतावनी और चिंताएं छिपी हुई हैं। दशकों पहले इन विज्ञानियों ने धरती के गरमाने के कारकों के बारे में चेताया था कि इनको नियंत्रित न किया गया तो किस दर से कितने समय में किस स्तर की क्या क्या तबाही मच सकती है? मनाबे ने अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर 1967 में यह साबित किया था कि कार्बन डाइआक्साइड के उत्सर्जन और धरती के गरमाने का सीधा संबंध है। लगभग साढ़े चार दशक पहले ग्लोबल वार्मिग की प्रक्रिया पहली बार विस्तार से प्रस्तुत हुई और जलवायु का भौतिकीय माडल बना जो आज के अति उन्नत माडलों का आधार है। + +मनाबे की खोज के 10 साल बाद हेसलमैन ने भी मौसम और जलवायु को एक साथ जोड़ने वाला माडल बनाकर इस सवाल का जवाब दिया कि मौसम के अनियंत्रित होने के बावजूद जलवायु माडल विश्वसनीय कैसे हो सकते हैं। वर्ष 1979 में पैरिसी ने एक बड़ी कामयाबी पाई, जब उन्होंने मिश्रधातु स्पिन ग्लास पर प्रयोग किया। उन्होंने स्पिन ग्लास को धरती के जटिल जलवायु व्यवहार के सूक्ष्म जगत के रूप में देखा और उसकी तुलना उन्होंने परमाणु और ग्रहों के पैमाने पर की तो वहां भी अराजक और अनियंत्रित व्यवहार दिखा जो संयोग से नियंत्रित प्रतीत होता था। उन्होंने एक गहन भौतिकी और गणितीय माडल तैयार किया जिससे जटिल प्रणालियों को समझना आसान हुआ। कई साल लगाने के बाद इसे गणितीय रूप से समझाने का एक तरीका मिला। वर्ष 2015 में ब्रिटेन की ‘कार्बन ब्रीफ’ नामक एक आनलाइन प्रकाशन संस्था जो मौसम विज्ञान और उससे जुड़े पहलुओं पर रिपोर्ट प्रकाशित करती है उसने ग्लोबल वार्मिग के लिए तीन प्रमुख खलनायकों में सबसे प्रमुख कार्बन डाइआक्साइड को माना था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c071a3e1fedf6dc7019cb4bbf6bf230726262c4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66173.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। इस बार रामनवमी और विजयादशमी के बाद वीकेंड पड़ने से एक साथ चार छुट्टियां मिलेंगी। ऐसे में मसूरी और नैनीताल में पर्यटकों का हुजूम उमड़ना तय है। इस कड़ी में यहां 70 फीसद होटल-गेस्ट हाउस बुक भी हो चुके हैं। इससे होटल, रेस्टोरेंट संचालकों के साथ पर्यटक स्थलों के दुकानदार खासे उत्साहित हैं। पर्यटकों का हुजूम उमड़ने पर हर बार की तरह मसूरी-नैनीताल में जाम का झाम भी रहेगा। इसको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। भीड़ और यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम का दावा किया जा रहा है। + +बुकिंग का आंकड़ा 100 फीसद पर पहुंचने की संभावना।गुरुवार तक यहां होटल-गेस्ट हाउस में बुकिंग का आंकड़ा 100 फीसद पर पहुंचने की संभावना है। इसको देखते हुए मसूरी कोतवाली पुलिस भी यातायात के सुचारू संचालन के लिए व्यवस्था बनाने में जुटी है। मसूरी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक गिरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि छुट्टियों में मसूरी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल के रूप में दो प्लाटून पीएसी, दस ट्रैफिक कांस्टेबल, दो हाक व एक क्रेन की मांग की गई है। साथ ही दो दिन के लिए एमडीडीए की पार्किंग पुलिस को देने का आग्रह किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66176.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28418d4bfbae23fc2994dbfb3e9f67d6dd41e9a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66176.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राशन दुकानदारों के द्वारा लंबे समय से कमीशन बढ़ाने की मांग की जा रही है। सरकार दो रुपये गेहूं व तीन रुपये चावल बेचकर राशन दुकानदारों को अधिक कमीशन नहीं दे सकती है। सरकार ने फिलहाल राशन दुकानदारों की आय बढ़ाने के लिए बिजली के बिल जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराई है। दुकानदार राशन वितरण करने वाली प्वाइंट आफ सेल्स मशीन के माध्यम से बिजली का बिल जमा करता है, इसके बदले में प्रत्येक बिल पर न्यूनतम पांच रुपये कमीशन मिलता है। सरकार ने सभी प्रकार की सरकारी सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदन करने को जनसुविधा केंद्र (सीएससी) की स्थापना की है। आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड बनाने, जमीन का नक्शा निकालने जैसी 73 प्रकार की सुविधा के लिए सीएससी से आवेदन करना पड़ता है। प्रत्येक काम के लिए सरकार ने मामूली शुल्क निर्धारित कर रखा है। इसकी अधिकांश राश‍ि सीएससी संचालक को म‍िलती है। सरकार ने राशन दुकानों पर सीएससी सुविधा उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। राशन दुकानदारों को प्वाइंट आफ सेल्स मशीन के स्थान पर छोटा कंप्‍यूटर दिया जाएगा। यह डिजिटल सेवा पोर्टल (डीसीपी) से जुड़ी होगी। राशन लेने वाले व्यक्ति इसके स्क्रीन पर अंगूठा लगाएंगे और राशन मिल जाएगा। राशन दुकानदार इस सिस्टम के माध्यम से आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, जाति, आय निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए लोगों का आवेदन करेंगे। आवेदन पूरा होते ही सिस्टम आवेदक से कितना शुल्क लिया जाएगा, इसकी जानकारी उपलब्ध कराएगा। इससे राशन दुकानदारों की आय बढ़ेगी और सुबह से शाम तक राशन की दुकानें खुली भी रहेंगी। अगले वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल 2022 से यह सुविधा शुरू की जानी प्रस्तावित है। जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि राशन दुकानों को सरकार बहुद्देशीय बनाने की योजना है। राशन वितरण के साथ आधार कार्ड, आदि बनाने के लिए ‌आवेदन करने की सुविधा होगी। इससे गांव के लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी और प्रत्येक दिन राशन दुकानें खुले होने से राशन लेने के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c7b7885b3145cbb3a70f9f23672ad669a844e81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66178.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अगर आपको किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालाब देखना है तो अलीगढ़ आ जाइए। सासनी गेट चौराहे से दो किमी दूर आगरा हाईवे(एनएच-509) पर पेट्रोल पंप के आपको ये नजारा देखने को मिल जाएगा। बिन बारिश के हाइवे ताल तलैया बना हुआ है। जबकि यह टोल रोड है और वाहन स्वामी मडराक टोल पर भुगतान कर गुजरते हैं। हाईवे के हालत इतने खराब हैं कि राहगीर जान हथेली पर रखकर गुजरते हैं। 15 दिन से ये स्थिति बनी हुई है। इस और न तो जन प्रतिनिधियों का ध्यान है और न अफसरों का। अधिकारी भी उन्हें सबकुछ अच्छा बताकर अपने नंबर बढ़ा लेते हैं। जनता की परेशानी से उन्हें कोई सरोकार नहीं। यह स्थिति तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनहित के मामलों को तुरंत निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं। + +आगरा रोड पर यह हैं हालात।आगरा हाईवे व्यस्तम मार्ग है। यहां से आगरा, हाथरस, मुरादाबाद, बरेली, मथुरा के लिए वाहन गुजरते हैं। पेट्रोल पंप के पास जहां मार्ग पर पानी भरा हुआ है वहां शेखर सर्राफ मेमोरियल हास्पिटल व तीन बड़े गेस्ट हाउस हैं। मरीजों का इस मार्ग पर आना जाना रहता है। इसके बावजूद इस मार्ग पर पूरे साल जलभराव की स्थिति बनी रहती है। दिक्कत ये है कि आसपास की कालोनियों का पानी हाईवे पर आता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का नाला तो है, मगर पानी निकासी न होने के कारण ओवरफ्लो होता जाता है। इसके चलते हाईवे पर पानी भर जाता है। जलभराव के चलते मार्ग पर गड्ढे भी होने लगे हैं, जिससे करोड़ों रुपये की लागत से बना हाईवे भी क्षतिग्रस्त होने लगा है। ज्ञान महाविद्यालय डिग्री कालेज, डीपीएस आदि स्कूल-कालेजों के लिए बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां से गुजरते हैं। हर कोई इससे परेशान है। + +डीएम को भी किया गुमराह।डीएम सेल्वा कुमारी जे ने आगरा हाईवे का एक महीने पहले निरीक्षण किया था। वो भी हाईवे पर जलभराव देखकर हैरान रह गई थीं। एनएचएआई, नगर निगम के अधिकारियों को उन्होंने जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए निर्देशित भी किया था, मगर अधिकारियों ने मिट्टी और गिट्टी डलवाकर गुमराह कर दिया। बता दिया कि सबकुछ ठीक है, मगर स्थिति और अधिक भयानक हो गई है। + +तो फिर समस्या का नहीं होगा समाधान।एनएचएआई और नगर निगम एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हैं। इनके बीच तालमेल न होने का खामियाजा जनता भुगत रही है। बड़ा सवाल है कि क्या विभागों के बीच में फंसे मामले का कोई हल नहीं निकलता है? विभाग जनप्रतिनिधि और डीएम की भी बात नहीं सुनते हैं?।गुरुवार को मौके पर जाऊंगा। समस्या का निस्तारण भी कराऊंगा। यदि किसी भी विभाग ने इसमें लापरवाही बरती तो सीधे सीएम से शिकायत की जाएगी। जनता काफी परेशान हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66180.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66180.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5779b7bb36b2c8b8150759ecbac6c3550b81f04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66180.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले ढाई दशक में देश का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से बदल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 100 लाख करोड़ रुपये का गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का अनावरण किया। इस मास्टर प्लान में 1,200 से अधिक औद्योगिक क्लस्टर और दो रक्षा कारिडोर शामिल हैं जिन्हें परिवहन के विभिन्न साधनों से जोड़ा जाएगा। फिलहाल पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में बुनियादी ढांचे से जुड़ी उन परियोजनाओं को शामिल किया गया है जिन्हें वर्ष 2024-25 तक पूरा किया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8bdc1d5a4b91a7dbba78825563af51d55922e44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66186.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तभी से ये हाथी दिल्ली चिड़ियाघर में अकेला रहता है। इस प्रजाति के हाथी आराम से करीब 60 सालों तक जी लेते हैं। ऐसे में शंकर के लिए मादा साथी की तलाश के लिए जिम्बाब्वे, नामीबिया, बोत्सवाना और साउथ अफ्रीका के चिड़ियाघरों से संपर्क किया जा रहा है, जहां इस प्रजाति के हाथी पाय जाते हैं। इसके अलावा दो एशियाई हाथी भी हैं, जो एक साथ एक ही बाड़े में रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..422cfb065a148f4727e9e3f5c2a6b72bb5603162 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66188.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हिसार, जगदीश त्रिपाठी। अपनी आंखों के तारे के नाम के कारण सपना चौधरी और उनके पति वीर साहू राष्ट्रवादियों की आंखों का तारा बन गए हैं। सपना चौधरी और वीर साहू ने विवाह किया तो किसी को पता नहीं चला, जब दोनों के घर में नया मेहमान आया तब जानकारी हुई कि सपना और वीर साहू विवाह कर चुके हैं। उसके पहले तक दोनों के प्रेम संबंधों के बारे में भी कम लोगों को ही जानकारी थी। ।संभव है कि दोनों के कुछ निकटस्थ लोग जानते रहे हों, लेकिन आम जन इससे अनभिज्ञ ही था। बेटे के जन्म के बाद सपना ने स्पष्ट किया कि दोनों के विवाह पर कोई समारोह-कार्यक्रम कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए नहीं आयोजित किया गया। बेटे के जन्म के बाद यह तो सबको पता चल गया कि उनके आंगन में बेटे की किलकारी गूंज रही है, लेकिन बेटे का नाम फिर भी सार्वजनिक नहीं हुआ था। उसका नाम अब सार्वजनिक हुआ है। दोनों ने अपने बेटे का नाम भारत के महान सम्राट योद्धा पोरस के नाम पर रखा है। नामकरण की घोषणा वीडियो क्लिप के माध्यम से की गई और उस वीडियो क्लिप ने राष्ट्रवादियों का दिल जीत लिया। । अपने बेटे के नाम को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं सपना चौधरी और वीर साहू। फाइल ।जब बेटा ठुमक-ठुमक चलने लगा तो पांच अक्टूबर को उसकी पहली वर्षगांठ पर दोनों की तरफ से जारी उस वीडियो में उनका बच्चा दिखता है, सपना और वीर साहू भी दिखते हैं, पार्श्व में प्रतिध्वनित होता है-जब जब कोई विशेष आत्मा इस धरती पर आई है, उसने खलबली मचाई है, मुझे यकीन है तू आम नहीं है, तू आम घर में है, लेकिन तू आम नहीं है। दुनिया की नजरें बुरी हैं, इसलिए सरेआम नहीं है। हम तो एक जरिया थे, तू इस माटी का लाल है। तू उस कौम का हिस्सा है जिसने तैमूर से लेकर सिकंदर तक को थामा है, इसलिए मैं तेरा नाम ‘पोरस’ रखता हूं, तेरे जन्मदिन पर पूरे जहान को बधाई है। यह आवाज वीर साहू की है। वीडियो अपलोड होने के बाद देशभर के दक्षिणपंथी उसे वायरल करने लगे। इसका बड़ा कारण यह था कि करीना कपूर ने अपने बड़े बेटे का नाम तैमूर रखा है और छोटे बेटे का नाम जहांगीर या जेह रखा है। अब भारतीय परंपरा के अनुसार देखा जाए तो करीना कपूर भी हरियाणा की हैं। उनके पति सैफ अली खान हरियाणा (गुरुग्राम) की पटौदी रियासत के नवाब हैं। सपना तो खैर हरियाणा की हैं हीं। सपना और वीर ने अपने बेटे का नाम पोरस रखा और जिस अंदाज में उसे पेश किया, उसके कारण लोगों ने यहां तक कह दिया कि यह करीना कपूर को सालिड जवाब है। ।हांसी (हिसार) के रहने वाले वीर साहू सिंगर भी हैं और एक्टर भी, हरियाणा में वह बहुत लोकप्रिय हैं। हिसार के एक जमींदार परिवार के वीर चार साल पहले अपने एलबम रसूख वाला जाट से चर्चा में आए थे और तब से हरियाणवी संगीत जगत में छाए हुए हैं। भले ही किसी को पता न रहा हो, लेकिन वीर और सपना की छोटी सी लवस्टोरी बेटे के जन्म के लगभग चार साल पहले से चल रही थी। इसी बीच 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने सपना को उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से हेमा मालिनी के विरोध में चुनाव लड़ाना चाहा। सपना मान भी गईं। ।कांग्रेसियों ने दावा किया कि उन्होंने तत्कालीन उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के सामने कांग्रेस की सदस्यता भी ले ली है, लेकिन कांग्रेस ने वहां से अपने एक अन्य नेता महेश पाठक को चुनाव मैदान में उतार दिया। दूसरी तरफ सपना ने सफाई दी कि उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली थी। यद्यपि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने सपना का कांग्रेस सदस्यता फार्म सार्वजनिक कर दिया। कांग्रेस का कहना था कि सपना ने सदस्यता फार्म में अपनी उम्र 23 वर्ष लिखी थी। लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 25 की उम्र होना आवश्यक है, इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया गया। कांग्रेस जिस समय सपना को लेकर वाद-प्रतिवाद कर रही थी, उस समय दिल्ली से सांसद और भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी ने सपना को भाजपा के साथ आने के लिए मना लिया। + +भले ही सपना ने भाजपा की सदस्यता नहीं ली, लेकिन उन्होंने कई भाजपा प्रत्याशियों का प्रचार किया। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में जब आंदोलन शुरू हुआ तो उनके पति वीर साहू भी धरनास्थल पर पहुंचे। आंदोलन को समर्थन दिया। दो बार धरनास्थल से लाइव वीडियो जारी किए, लेकिन बाद में दूर हो गए। वह कोरोना संक्रमण की पहली लहर के चरम का दौर था। ।[प्रभारी, हरियाणा स्टेट डेस्क]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da055175ac988058db2725a54005567ba01fd1ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66189.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। फतवे और फरमानों की बंदिशों से निकलकर मुस्लिम समाज की सोच अब करवट ले रही है। अर्से पुरानी कुप्रथा को 'तीन तलाक' देकर आधी आबादी ने बुर्के की ओट से भाजपा को निहारना पहले ही शुरू कर दिया। अब सरकार से मिले आवास, रसोई गैस, बिजली कनेक्शन, अनुदान आदि को 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' की नीति से जोड़कर जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की चर्चा शुरू की है, उन्हें पार्टी के रणनीतिकार 'मोदी-फाइड' मुस्लिम मान रहे हैं। इन्हीं के सहारे अल्पसंख्यक वर्ग के प्रभाव वाली सौ सीटों के समीकरण साधने की तैयारी है। + +यूपी मिशन 2022 की तैयारी में जुटी भाजपा जीत दोहराने के लिए समीकरणों पर पैनी नजर जमाए है। रणनीति एक-एक विधानसभा क्षेत्र के लिए है, लेकिन इस बार पार्टी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी कमल खिलाने की आस लगाई है। दरअसल, यह उम्मीद विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की उस सूची ने जगाई है, जिसमें बिना भेदभाव के इस इस वर्ग को प्रधानमंत्री आवास योजना से आवास, मुख्यमंत्री आवास योजना के आवास, उज्जवला योजना से गैस, सौभाग्य योजना से बिजली कनेक्शन, छात्रों को छात्रवृत्ति और 51-51 हजार रुपये शादी अनुदान मिला है। मदरसों का आधुनिकीकरण हुआ है। + +भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह दावा करते हैं कि मोदी-योगी सरकार ने हर योजना बिना भेदभाव के लागू की है। उसी का परिणाम है कि लगभग हर योजना में 30-35 फीसद लाभार्थी अल्पसंख्यक वर्ग के हैं। इसी आधार पर अब भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तय कर उसकी जिम्मेदारी अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी है। + +भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि लगभग सौ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों का अधिक प्रभाव है। मुस्लिम बहुल करीब 40 हजार बूथ हैं। इनके लिए रणनीति बनाते हुए तय किया है कि यहां अल्पसंख्यक बुद्धिजीवी सम्मेलन और युवा सम्मेलन कर केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे। छोटे-छोटे समूहों में लाभार्थियों से संवाद होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 1918 मंडलों तक अल्पसंख्यक मोर्चा की 21-21 सदस्यीय टीम बना दी गई है। 80 फीसद बूथों पर मोर्चा का संगठन तैनात है। जल्द ही हर बूथ पर मोर्चाबंदी हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2c87699880f8f831256c0ca037c10ae83323842 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66193.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ अंशू दीक्षित। लखनऊ विकास प्राधिकरण में तेरह भूखंड घोटाल करने वाले निलंबित बाबू पवन कुमार ने एक और बाबू का नाम लिया था। संबंधित बाबू ही राम किशोर तिवारी और फैय्याज से मिलकर भूखंडों के फर्जी प्रपत्र तैयार करवाता था। इसके बाद गोमती नगर भूखंडों की रजिस्ट्री कराने का काम जेल में बंद पवन कुमार कराते थे। + +इस पूरे खेल का खुलासा पूछताछ में पवन बाबू ने पुलिस के सामने खुलकर किया था। वहीं गोमती नगर पुलिस तेरह मुकदमों को दर्ज तो शुक्रवार को कर लिया था, लेकिन चार दिन बाद भी किसी तह तक नहीं पहुंच सकी है। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। हालांकि नवंबर 2020 से जो भी मामले गोमती नगर थाने में लविप्रा ने दर्ज कराए, उनकी विवेचना की रफ्तार इतनी सुस्त हैं कि आज तक दर्ज हुए दो दर्जन से अधिक मुकदमों में एक भी सफलता पुलिस को नहीं मिली। उधर उपाध्यक्ष ने जब निलंबन पत्र थमाया तो आरोपी के चेहरे पर न तो चिंता थी और न कोई गलतियों का पछतावा। सुकून से निलंबन पत्र शर्ट की ऊपरी जेब रखकर अफसरों के सवालों का जवाब देता रहा। पुलिस को शुक्रवार देर रात जब थाने ले जाया गया तो पवन ने पुलिस को बताया कि उसे अभी एक एक भूखंड की रजिस्ट्री कराने पर पचास हजार से एक लाख रुपये ही मिला था। कुल पांच से छह लाख रुपये ही आया था। नवरात्रि में बड़ी रकम आनी बाकी थी। इन भूखंडों को नवरात्रि में बेचने की तैयारी थी। मौके पर राम किशोर तिवारी और फैय्याज खरीददारों को भूखंड दिखाने के लिए मौके पर ले जाकर दिखाते थे। मास्टरमाइड दूसरा बाबू भूखंडों के प्रपत्र तैयार करवाने में मदद करता था और अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाने में भी। इसके अलावा संबंधित पार्टी को कोई शक न हो तो उसके लिए पहले उन भूखंडों को बेचेने की तैयारी थी, जो लविप्रा के कम्प्यूटर पर चढ़े थे। ऐसे भूखंडों की संख्या नौ थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7125c96bed895320eea751d0d86e689d1c187b8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे होगा चयन: सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए ओएमआर आधारित लिखित परीक्षा जहां 16 जनवरी 2022 को आगरा, अयोध्या, बरेली, गोरखपुर, झांसी, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी व लखनऊ मे होगी। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की मेरिट बनेगी। मेरिट के आधार पर स्कूल में बच्चों का साक्षात्कार एक पैनल लेगा। साक्षात्कार में सफल आवेदकों का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। साक्षात्कार और मेडिकल की प्रक्रिया पांच से 15 फरवरी 2022 तक पूरी होगी। अंतिम रिजल्ट 25 फरवरी तक आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fc9379aa29ebd8c1449ba1b474495187e39c833 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66196.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। खेतों में पराली जलाने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का असर पर दिखने लगा है। कृषि विभाग की ओर से कराए गए मृदा परीक्षण में पौधों की हरियाली बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाला सल्फर ही गायब होने लगा है। जांच के बाद आए परिणाम के आधार पर कृषि विभाग ने पराली न जलाने की अपील किसानों से की गई। जैविक खाद का प्रयोग करने और पराली को खेत में ही जुताई कर छोड़कर पोषक तत्वों की कमी पूरी करने की गुजारिश की है। + +लखनऊ के ब्लाकों में कराए गए मृदा परीक्षण से यह बात सामने आइ है कि अधिक उत्पादन के चक्कर में रासायनिक उर्वरकों के अत्याधिक प्रयोग से न केवल पैदावार, बल्कि लोगों की सेहत भी बिगाड़ रही है। अगर समय रहते किसानों ने इन उर्वरकों का प्रयोग बंद नहीं किया तो यह मिट्टी पूरी तरह पौधों की अच्छी पैदावार के बजाय उसकी सेहत बिगाड़ देगी।लखनऊ के क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला की ओर से काकोरी ब्लाक में वर्ष वर्ष 2019-2020 में किए गए मिट्टी के परीक्षण में सल्फर की मात्रा न्यूनतम स्तर पर पाई गई। सल्फर कम होने से पौधों की पत्त्तियों के साथ ही उसकी टहनियां पीले रंग में बदल जाएगी। इसके साथ ही धीरे-धीरे पत्तियां सफेद होती जाएंगी। सल्फर की कमी से पौधों की बढ़त तो कम होगी ही साथ ही नई पत्तियां भी नहीं निकलतीं। नई पत्तियां न आने पर उनकी हरियाली गायब हो जाती है। यहां सल्फर की मात्रा दस पीपीएम से कम हो गई है, जो कम से कम 15 पीपीएम होनी चाहिए। केवल काकोरी ही नहीं बल्कि माल, मलिहाबाद और चिनहट ब्लॉक में भी यहां की मिट्टी में सल्फर की मात्रा न्यूनतम स्तर के करीब पहुंच गई है। इन तीनों ब्लाकों में मिट्टी में सल्फर की मात्रा दस पीपीएम के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। इसको लेकर कृषि विभाग की ओर से अलर्ट भी जारी किया गया है। विभाग ने किसानों को रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग कम करने की सलाह दी है। + +ऐसे बढ़ेगी मिट्टी में सल्फर की मात्रा।काकोरी के अलावा चिनहट, माल और मलिहाबाद के किसानों को सलाह दी गई है कि किसान मिट्टी में जिप्सम का प्रयोग करें। गोबर से बनी खाद का प्रयोग करने के साथ ही हरी खाद भी मिट्टी की सेहत सुधार देगी। कीटनाशकों के साथ ही रासायनिक उर्वरकों का किसान कम से कम प्रयोग करें। इसके अलावा मिट्टी का समय-समय पर परीक्षण कराते हैं। पराली जलाने से बचें जिससे मिट्टी में पाए जाने वाले जैविक कीटनाशक को बचाया जा सके। उप कृष निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि काकोरी समेत जिन ब्लाकों में सल्फर की मात्रा कम हो रही है वहां के किसानों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। यहां के किसान जैविक खाद का प्रयोग करके मिट्टी की सेहत खराब होने से बचा सकते हैं। विभाग की ओर से समय-समय पर शिविर लगाकर मृदा परीक्षण की जानकारी दी जाती है। पोषक तत्वों की कमी चिंता का विषय है।पराली जलाने से बचें। जलाते हुए पाए जाने पर एक हजार से लेकर पांच हजार तक का जुर्माना भी किसानों को देना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5469f7564d5170ea2cdabeab9418fc7c2f97809b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66197.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अयोध्या, [रघुवरशरण]। गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में गुरु ग्रंथ साहब के प्रति अनन्य अनुराग अर्पित है। अगहन शुक्ल पंचमी यानी गुरु तेगबहादुर के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में यहां प्रतिवर्ष गुरुग्रंथ साहब का शताधिक पाठ होता है। यह परंपरा सदियों पुरानी है। यह गुरुद्वारा ऐतिहासिक है। सन् 1500 में प्रथम गुरु नानकदेव हरिद्वार से जगन्नाथपुरी जाते हुए रामनगरी पहुंचे और सरयू तट स्थित ब्रह्मा जी के तपस्थान पर धूनी रमाई, जहां कालांतर में यह गुरुद्वारा विकसित हुआ। सन् 1668 में आसाम से आनंदपुर जाते हुए नवम गुरु तेगबहादुर भी इस स्थल पर आए और 48 घंटे तक अखंड तप किया। जाते समय यहां के ब्राह्मण सेवक को यादगार स्वरूप वे अपनी खड़ाऊं भेंट कर गए। यह खड़ाऊं आज भी गुरुद्वारा में संरक्षित है। + +चार साल बाद यानी सन् 1672 में पटना से आनंदपुर साहब जाते समय दशम गुरु गोविंद सिंह बाल्यावस्था में मां गुजरीदेवी एवं मामा कृपाल सिंह के साथ यहां आए। इसके बाद एक सदी से अधिक तक यह स्थल गुमनामी का शिकार रहा। सन् 1785 में बाबा गुलाब सिंह ने इस ऐतिहासिक स्थल को प्रतिष्ठित किया और निशान साहब की स्थापना की। सन् 1846 में उनके उत्तराधिकारी बाबा शत्रुजीत सिंह ने गुरुद्वारा का निर्माण कराया। इसी के साथ ही सिख परंपरा के अनुरूप आयोजनों की श्रृंखला भी शुरू हुई। विशेष रूप से जिन तीन गुरुओं के यहां चरण पड़े थे, उनके प्रकाश पर्व पर विशेष आयोजन होते रहे। + +1919 में तीसरे महंत जसवंत सिंह के समय गुरुद्वारा का रजिस्ट्रेशन कराया गया। स्थानीय सिख श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार अगहन शुक्ल पंचमी को गुरुद्वारा में नवम गुरु का बलिदान दिवस सालाना जलसे के रूप में मनाया जाने लगा। तभी से यहां अनिवार्य रूप से गुरु ग्रंथ साहब के अखंड पाठ की परंपरा शुरू हुई। यह परंपरा ग्रंथ साहब के अखंड पाठ की लड़ी के रूप में समृद्ध होती गई। लड़ी का क्रम शुरू में एक से पांच पाठ तक पहुंचा। कालांतर में लड़ी में अखंड पाठ की संख्या 11, 21, 51, 81 तक पहुंची और सवा दशक पूर्व लड़ी में शताधिक अखंड पाठ शामिल हुआ। इस वर्ष यह संख्या 121 पाठ तक जा पहुंची। पाठ में बाहर के नौ रागी और चार स्थानीय रागी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b06ffc0bb51e64625185cfe8502b1ffda9665c54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रूही दोसानी का ये सपना हुआ सच।हाल ही में आमिर खान ने रूही दोसानी का एक बड़ा सपना तब सच किया, जब उन्होंने उनके साथ बैसाखी का जश्न मनाया। आमिर खान ने सिर्फ रूही को ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार को अपने घर पर आमंत्रित किया और बैसाखी का जश्न मनाया। रूही जोकि कनाडा में अपने परिवार के साथ रहती हैं, वह भी सात-समंदर पार अपने पसंदीदा सितारे से मिलने के लिए और उनके साथ सोलर न्यू ईयर और हार्वेस्ट फेस्टिवल सेलिब्रेट करने के लिए अपने परिवार के साथ इंडिया आईं। आमिर खान को देखने के बाद न सिर्फ रूही की इच्छा पूरी हुई बल्कि उनके परिवार के लोग भी फूले नहीं समा रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd69993d79b605972e00e1690d6ceae568fee2fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66205.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राहुल चौहान]। Delhi University Admission: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के लिए छात्रों की दौड़ के पीछे की कई वजह हैं। इनमें शिक्षा के क्षेत्र में डीयू के पास समृद्ध विरासत का होना प्रमुख कारणों में से एक है। हालांकि दाखिले के लिए छात्रों को दूसरे अच्छे विकल्प मिलने से डीयू पर दाखिले का दबाव कम होगा। यह निश्चित रूप से आने वाले समय में संभव है। दाखिले के लिए छात्रों की पहली पसंद डीयू होने की पहली वजह डीयू का पाठ्यक्रम अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में हमेशा से काफी अच्छा रहा है। डीयू के पाठ्यक्रम को यहां विभिन्न विषयों में मर्मज्ञ रहे प्राध्यापकों द्वारा तैयार किया गया है। + +दूसरा कारण डीयू का अध्यापक वर्ग काफी ऊंचे दर्जे का है। हम किसी भी विषय को उठाकर देख लें। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में डीयू ने भारत की अगुवाई की है। चाहे इतिहास हो, अंग्रेजी हो या मनोविज्ञान या फिर अर्थशास्त्र। सभी विषयों में यहां एक से बढ़कर एक दिग्गज शिक्षक रहे। वही पाठ्यक्रम बनाया करते थे। उन्हीं के पढ़ाए हुए छात्र आगे शिक्षक बनते थे। इस तरह शिक्षा के क्षेत्र में डीयू का दबदबा बढ़ता चला गया। अगर भौतिक विज्ञान की बात करें तो यहां डीएस कोठारी जैसे अध्यापक रहे। जो देश के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक थे। उन्होंने ही डीयू में भौतिक विज्ञान का विभाग बनाया। उस जमाने में देश का कोई भी शोध संस्थान डीयू के भौतिक विज्ञान विभाग की टक्कर का नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a3aaa24e6038c7992681893412a9687affb991a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली विश्वविद्यालय के मामले में हाल ही में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर अनेक जटिलताएं सामने आई हैं। 97 और 98 फीसद अंक प्राप्त करने के बावजूद मनचाहा कालेज तथा विषय नहीं मिल पा रहे हैं और पहले ही कट आफ में सीटें भर जा रही है। यह एक बड़ी समस्या है जो छात्रों के भीतर अवसाद और कुंठा पैदा करने वाला है। कुछ विशेष बोर्डों में छात्रों के बेहतर प्रदर्शन के चलते अन्य बोर्डों के छात्र मनचाहे विषयों में दाखिला नहीं ले सकें हैं। इससे दिल्ली विश्वविद्यालय से निजी विश्वविद्यालयों की ओर छात्रों का पलायन हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bc1c3ecedc1df49ac6514d6b7be7cd0f3e2366d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66208.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। International Kullu Dussehra, दशहरा उत्सव में शिरकत करने राज परिवार की दादी माता हिडिम्बा कुल्लू जाने के लिए तैयार हो गई हैं। माता हिडिम्‍बा के दशहरा ग्राउंड में पहुंचने पर ही मेले का आगाज होगा और भगवान रघुनाथ की रथयात्रा शुरू होगी। मंगलवार को नवरात्र के छठे दिन कारकुनों द्वारा माता हिडिम्बा का रथ सजाया गया। ऋषि मनु व माता हिडिम्बा के भंडार से माता का सज्जो सामान कारकूनों द्वारा देव विधि से मनु मंदिर लाया गया। मंदिर में माता का रथ तैयार किया गया। इस दौरन मनाली गांव के सैकड़ों देवलू माता का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचे। माता के गूर, पुजारी व कारदार ने देव विधि अनुसार कार्य कर रथ को देर शाम माता हिडिम्बा के ढूंगरी दरबार लाया। + +दूसरे नवरात्र में कला वीर व छठे नवरात्र में दानी देवता की विधिवत पूजा की गई। कारकूनों व देव प्रतिनिधियों द्वारा जप पाठ व हवन भी किया गया। कारदार रघुवीर नेगी ने बताया वीरवार को माता हिडिम्बा दशहरे में भाग लेने के लिए कुल्लू रवाना होंगी। भगवान रघुनाथ जी की छड़ी माता हिडिम्बा को लेने के लिए रामशिला नामक स्थान पर लाई जाएगी। रामशिला से  शुक्रवार को माता भगवान रघुनाथ के मंदिर से प्रस्थान करेंगी। + +माता हिडिम्बा का कुल्लू दशहरे में रहता में विशेष महत्व।माता हिडिम्बा की दशहरे में अहम भूमिका रहती है। माता को राजघराने की दादी कहा जाता है। कुल्लू दशहरा देवी हिडिम्बा के आगमन से शुरू होता है। पहले दिन देवी हिडिम्बा का रथ कुल्लू के राजमहल में प्रवेश करता है और यहां माता की पूजा के बाद रघुनाथ भगवान को भी ढालपुर में लाया जाता है। माता अगले सात दिन तक अपने अस्थायी शिविर में ही रहती हैं और लंका दहन के बाद ही अपने देवालय लौटती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66210.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d68874de227b959d1b2f26849b2e3c77ea58a2ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66210.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जनपद अलीगढ़ के पिसावा का चामुंडा माता का मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है, कुंवर गुलबीर सिंह के बाग में चामुंडा मां ने एक पिंडी के रूप में भक्तों को दर्शन दिए थे, तब से ही मां की भक्तों पर अपार कृपा बनी हुई है। पिसावा क्षेत्र के गांव के अलावा दिल्ली, खुर्जा, अलीगढ़, हाथरस आदि स्थानों से लोग आज भी मां के दरबार में आकर माथा टेकते हैं और सभी भक्तों की मन्नतें भी यहां आने के बाद पूरी होती हैं। + +मंदिर का इतिहास।जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर पिसावा रोडवेज बस स्टैंड के पीछे कुंवर गुलवीर सिंह के आम के बाग के एक कोने पर चामुंडा मां एक पिंडी के रूप में सैकड़ों वर्ष पहले प्रकट हुई थी। लोगों को जब मां के प्रकट होने की जानकारी हुई तो पूजा अर्चना शुरू कर दी गई। पहले एक छोटा मंदिर बनाया गया। उसके बाद जब लोगों की मन्नतें पूरी होने लगी तो वहां पर चामुंडा मां के अलावा मां काली, मां संतोषी, शिव परिवार आदि मंदिरों की स्थापना भी भक्तगणों द्वारा कराई गई। आज यहां पर एक भव्य मंदिर है तथा हर दिन सैकड़ों भक्त यहां पूजा अर्चना को आते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66211.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc8cb230d2a5f6c512679d1fa5b9f2d412299025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिवंगत किसान के पोते और पौत्रवधु को डीसी रेट पर नौकरी दे दी गई। एसडीएम का तबादला करके उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी। चूंकि हरियाणा में चुनाव नहीं होने हैं इसलिए किसी और प्रदेश की सरकार ने मुआवजा देने की कोई घोषणा नहीं की, लेकिन ऐसा उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी कांड में नहीं हुआ। सवाल पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा करने का नहीं है। सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 50-50 लाख रुपये का जो एलान किया, उसका अर्थ क्या है? क्या उनके अपने प्रदेश में कोई किसान ऐसा नहीं है, जो मुआवजे के लिए सरकार से आग्रह नहीं कर रहा है? मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इन सवालों का कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30bf81b00d5e2348746c019c914a230ea3d31684 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरविंद मिश्र। स्काटलैंड का ग्लासगो शहर दुनिया भर के पर्यावरण और ऊर्जा प्रतिनिधियों की मेजबानी को तैयार है। इस महीने के अंतिम सप्ताह में बंदरगाहों के इस शहर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन ‘काप-26’ का आयोजन होने जा रहा है। इसमें मानवीय जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले ऊर्जा संसाधन एवं परियोजनाएं चर्चा के केंद्र में रहेंगी। वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य को दिशा देने वाले इस महाआयोजन से ठीक पहले भारत और चीन समेत यूरोपीय देशों से ऊर्जा संसाधनों में असंतुलन की आहट सुनाई दे रही है। भारत में यह कोयला संकट के रूप में है तो यूरोपीय देश प्राकृतिक गैस की किल्लत से जूझ रहे हैं। दुनिया भर में ऊर्जा संसाधनों के संकट की हालिया वजह भले ही परिस्थितिजन्य हो, पर कुछ ही ऊर्जा स्नेतों पर बढ़ती निर्भरता भविष्य के लिए बड़ी चेतावनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f392fe21039c1e176bbc5260a1835cedc6583c93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66214.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ लाख प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल अपनी जरूरतों के लिए सिर्फ सरकार पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। सरकारी व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक, सामग्री, उपकरण जैसी अन्य आवश्यकताएं निजी क्षेत्र भी पूरी कराएगा। स्कूलों को सिर्फ संबंधित पोर्टल पर लागइन करके जरूरतें अपलोड करना होगा। पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के स्कूल-कालेजों में ज्ञान व कौशल की मांग पूरा कराएंगे। + +प्रदेश के प्राथमिक व माध्यमिक राजकीय व एडेड कालेजों में सुविधाओं की कमी है। यह जरूर है कि सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों का भवन संवारा है और राजकीय माध्यमिक कालेजों को धन देने जा रही है। इसके बाद भी पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल सामग्री आदि की कमी है। इस योजना से विद्यालयों की वर्षों पुरानी जरूरतें पूरी होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..926f0ed54f71ab1b0610a7a85d4eeb22770ad8ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66216.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) के लिए कांग्रेस (Congress) ने अपने स्‍टार प्रचारकों की सूची में कन्‍हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को भी जगह दी है। उधर, तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के स्‍टार प्रचारकों में शामिल हैं। ऐसे में अब यह निश्‍चित है कि कन्हैया और तेजस्वी आमने-सामने आएंगे। यह बिहार के दोनों युवा नेताओं की अग्निपरीक्षा होगी। कन्‍हैया के चुनाव प्रचार से भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) के खिलाफ कांग्रेस की ताकत बढ़ेगी तो आरजेडी भी मुश्किल में पड़ेगा। इसका असर तेजस्‍वी पर भी पड़ेगा। इससे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का परेशान होना तय है। + +यह भी पढ़ें: Tejaswi-Kanhaiya बिहार विधानसभा उपचुनाव 2021 में होंगे आमने-सामने, मजा आएगा..बहुत मजा आएगा..।कांग्रेस के स्‍टार प्रचारकों में कन्‍हैया कुमार भी शामिल ।कांग्रेस ने मंगलवार को बिहार विधानसभा उपचुनाव के लिए स्‍टार प्रचारकों की जो सूची जारी की है, उसमें कन्हैया कुमार शामिल हैं। इस सूची में लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार व पूर्व सांसद व बालीवुड स्टार शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हैं। सूची में तारिक अनवर, भक्त चरण दास, मदन मोहन झा, अजित शर्मा, निखिल कुमार, अखिलेश सिंह, डा.अनिल शर्मा आदि बड़े नाम भी हैं। हालांकि, सबसे अधिक चर्चा कन्हैया कुमार की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fa886446b5067dff307ab65570c99edbbca02d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस देश में सबसे ज्यादा कोयले पर निर्भरता।डाटा के मुताबिक दुनिया में बोत्सवाना वह देश है जो बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर सबसे ज्यादा निर्भर है। इस दक्षिण अफ्रीकी देश में करीब-करीब संपूर्ण बिजली उत्पादन कोयले से ही होता है। वहीं बाल्कन रिपब्लिक देश कोसोवा में 95 फीसद बिजली उत्पादन कोल प्लांट से होता है। पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी यूरोप के कई देश कोयले पर निर्भर टॉप-10 देशों में शामिल हैं। वहीं मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका भी ऊर्जा के लिए इसी विकल्प से काम चला रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fef85c6f35cb642b8e6e48295a54df596c46fe66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6622.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एशा देओल ने अपने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत साल 2001 में फिल्म कोई मेरे दिल से पूछे से की थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया था, लेकिन साल 2011 के बाद एशा देओल ने फिल्मों से दूसरी बना ली। अब उन्होंने फिल्मों से दूरी बनाने को लेकर कहा है कि वह अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त हो गई थीं। एशा देओल ने यह बात अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कही है। + +एशा देओल ने कहा, यह मेरी परिस्थिति थी। मैं भरत तख्तानी (एक्ट्रेस के पति) के साथ घर बसाना चाहती थी और एक परिवार शुरू करना चाहती थी। मैं बस प्यार में पड़ गई और खुश रह रही थी। फिर मैं परिवार के रास्ते पर गई, और जब आपके बच्चे बहुत छोटे होते हैं, तो हर चीज पर सही ध्यान देना होता है। आपको सही समय पर सही चीजें करनी होती हैं।' अभिनेत्री के अनुसार एक महिला को खुद को सैटल करना और परिवार बनाना सबसे जरूरी काम होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..802ea57e483aa1542990bbc4bd1d621d1e619f5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66220.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छिपा रहा मामला : दोनों विकास प्राधिकरणों ने अपना संशोधित गजट जारी कर गांव को छोड़ दिया। 12 साल तक किसी भी प्राधिकरण ने इन ओवरलैप गांव की सुध नहीं ली। अब पिछले दिनों अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने महायोजना 2031 पर काम करना शुरू कर दिया है। इसमें 2008 में शामिल किए गए नए दायरे को भी शामिल किया गया है। ऐसे में खैर क्षेत्र के यह 13 गांव भी शामिल हुए। जब प्राधिकरण ने इन गांव का सर्वे शुरू किया तो जानकारी हुई कि यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण भी इन गांव को गजट जारी हो चुका है। इसके चलते नई महायोजना के कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। + +मंडलायुक्त ने लिखा पत्र ।मंडलायुक्त गौरव दयाल की तरफ से इसके लिए वहां के अफसरों को एक पत्र लिखा गया है। इसमें इन गांव को एडीए के लिए छोड़ने की मांग की गई है। वहीं, पिछले दिनों यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण की भी एक बैठक हुई। इसमें यहां से सहायक अभियंता वेद प्रकाश सिंह भी शामिल हुए थे। इस बैठक में वहां के बोर्ड ने भी इन गांव को एडीए के लिए छोड़ने पर सहमति दी है। इस पर एडीए अफसरों का तर्क है कि एडीए ने एक साल पहले ही इन गांव का बजट कर दिया था, लेकिन उधर से एक साल बाद गजट हुआ है। ऐसे में यहां के प्राधिकरण की इसमें कोई चूक नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c93bc91cca5195131d3ddfd020a473f7f1132ed5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाद में बढ़ेगी प्लांट की क्षमता।अभी बरसाना में प्लांट बनने के बाद इसका विस्तार भी किया जाएगा। श्रीमाता जी गोशाला के सचिव सुनील सिंह कहते हैं कि भविष्य में प्लांट की क्षमता और बढ़ेगी, तब हम ब्रज की अन्य गोशाला से भी गोबर खरीदेंगे। इससे दूसरी गोशालाओं को भी गोबर की अच्छी कीमत मिलेगी। इससे गोशाला और गोवंश की स्थिति में भी सुधार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0a0fee20ab6238d78ccebe83d7524f1a7e98d5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66223.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आइएपीएसएम की अध्यक्ष डा. सुनीला गर्ग ने कहा कि देश में करीब 96 करोड़ डोज टीका लगा चुका है। जिसमें से करीब 11 करोड़ डोज कोवैक्सीन की लगी है। देश में करीब 18 साल से कम उम्र के बच्चों की आबादी करीब 39 करोड़ बच्चे हैं। इन सभी बच्चों के टीकाकरण के लिए 78 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। इसलिए सभी बच्चों को जल्दी टीका लगा पाना आसान नहीं होगा। वैस भी 18 साल से अधिक उम्र के करीब 93 करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए अभी 90 करोड़ डोज टीके की जरूरत है। + +कोवैक्सीन के ट्रायल में शामिल रहे एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के विशेषज्ञ डा. संजय राय ने कहा कि ट्रायल में बच्चों के लिए भी टीका की डोज वयस्कों के बराबर रखी गई थी। लेकिन बच्चों का टीकाकरण शुरू होने पर यह देखना जरूरी है कि किन बच्चों को इसकी ज्यादा जरूरत है। वैसे भी सीरो सर्वे यह साबित हो चुका है कि देश में करीब 27 करोड़ बच्चों को कोरोना का संक्रमण हुआ लेकिन किसी को पता नहीं चला, क्योंकि उनमें बीमारी ज्यादा नहीं गंभीर होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00d2f94367af972d6b90701051109a505fd8ebec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66226.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदर्शनकारी इस बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौछार का इस्तेमाल किया जिससे मनोज तिवारी व कई अन्य कार्यकर्ता गिर गए, जिससे उन्हें चोट आई है। उन सभी को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले सोमवार की शाम मनोज तिवारी भलस्वा डेरी पहुंचे थे और छठ पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ रायशुमारी भी की थी। उन्होंने घाटों पर छठ पर्व मनाने के दौरान कोविड के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए लोगों को 7 संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा था कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा छठ पूजा पर पाबंदी से हैरान हूं। जब सभी भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों को अनुमति दी जा रही है तो इस पर रोक क्यों लगाई गई है। ।ये भी पढ़ें- Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने फिर कहा संघर्ष से समाधान तक जारी रहेगा आंदोलन, पढ़िए और क्या कहा?।ये भी पढ़ें- कुमार विश्वास ने बताया कि संस्कृत में भषण और भाषण के बीच क्या है अंतर, आप भी जानें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37b479f1f39a085edd3c15c9cddfd2eb3e29f030 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़ , राज्‍य ब्‍यूरो। Exclusive Interview : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को उम्मीद है कि किसान संगठनों के 10 माह से चल रहे आंदोलन का जल्द निपटारा हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठन अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का मानना है कि यदि किसान संगठनों को इन तीनों कृषि कानूनों में कुछ बदलाव की जरूरत महसूस होती है तो केंद्र सरकार उसे मानने के लिये तैयार है, मगर इसके लिए दोनों पक्षों में संवाद जरूरी है। इस प्रक्रिया में कुछ कदम सरकार आगे बढ़ा रही है तो कुछ कदम किसान संगठनों को भी बढ़ाने चाहिये। किसान संगठनों के आंदोलन, दिल्ली में लगातार आवाजाही और ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश-।तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के आंदोलन को दस माह हो गये, लेकिन समस्या जस की तस बरकरार है। आखिर इस आंदोलन का अंत क्या है?।- केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के पक्ष में हैं। उन्हें फायदा पहुंचाते हैं। इनका विरोध वाजिब नहीं है। वैसे तो इन कानूनों का मसला सीधे तौर पर केंद्र सरकार से जुड़ा है। हमारा यानी राज्य सरकार का इसमें कोई रोल नहीं है, लेकिन अगर किसान संगठनों के अग्रणी लोग हमें केंद्र के साथ बातचीत करने के लिए कहेंगे तो हम इसके लिए तैयार हैं। हम केंद्र तक किसान संगठनों की बातचीत की पेशकश पहुंचा देंगे। केंद्रीय मंत्री भी इस आंदोलन का हल निकालने के लिए प्रयासरत हैं। उनकी किसान संगठनों के साथ बातचीत चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..933d485476788d06f8aeff715169461cbcc4a25d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता । कोरोना की दूसरी लहर में हालात इतने भी भयावह नहीं होते, जितने हुए। वजह, जिस समय आफत दस्तक दे रही थी, उस समय तंत्र जांच और उपचार के लिए जरूरी इंतजाम नहीं हुए। अधिकारी इंतजार करते रहे कि जरूरत के हिसाब से संसाधन बढ़ाएंगे। फिर क्या हुआ, यह बताने की अब जरूरत नहीं। यही हाल, डेंगू और बुखार को लेकर हैं। महामारी जैसी स्थिति पैदा होने लगी है। जिस तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं, उस तेजी से अस्पतालों में संसाधन बढ़ाने पर जोर नहीं है। हालात ये हैं कि अस्पतालों में हाउसफुल की स्थिति पैदा होने लगी है। जिला अस्पताल व दीनदयाल चिकित्सालय से मरीज लौटाए जाने लगे हैं। जबकि, पीकू वार्डों में भी अब बुखार के रोगी भर्ती किए जा रहे हैं। यदि जल्द ही ठोस रणनीति नहीं बनाई तो कोरोना काल की तरह अस्पतालों में मारामारी मचेगी। स्वास्थ्य विभाग को अब अलर्ट हो जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66234.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13a323c40d8bf54260231ee7353ec0b15626c7de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66234.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। एथिकल हैंकिंग आज के समय की बड़ी मांग है। कोरोना काल के बाद वर्क फ्राम होम, वर्चुअल मीटिंग्स, आनलाइन लर्निंग या डिजिटल लेन-देन जैसी गतिविधियां अब पहले से कई गुना बढ़ गई हैं। इससे घर बैठे काम करना और सेवाएं हासिल करना जितना आसान हुआ है, उतना ही आनलाइन फ्राड का खतरा भी बढ़ा। देश और दुनिया में सक्रिय साइबर हैकर जहां गलत इरादों से और कंपनियों व लोगों को ठगने के लिए आनलाइन साधनों का इस्तेमाल करते हैं, वहीं इनसे बचने-बचाने के लिए एथिकल हैकर्स की सेवाएं ली जाती हैं, जो अपनी हैकिंग स्किल्स का सदुपयोग कर संस्थानों के नेटवर्क, उनके सिस्टम और इंफार्मेशन की सुरक्षा और उनकी देखरेख का काम करते हैं। यदि आप भी इसमें दिलचस्पी रखते हैं, तो अपनी स्किल निखार कर तेजी से बढ़ते इस फील्ड में खुद को एक्सपर्ट के रूप में आगे बढ़ा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1563d6a74c2bbf975cead6d0413aad140271864 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलका आर्य। Mental Disorder News बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट द स्टेट आफ द वल्र्डस चिल्ड्रन-2021 में उस सच्चाई को दुनिया के सामने रखा है जिसे नजरअंदाज करने की एक आम प्रवृत्ति हमारे चारों ओर पाई जाती है। दुनिया के 21 देशों में 15-19 आयुवर्ग के आठ करोड़ 60 लाख किशोर और 10-14 आयुवर्ग के आठ करोड़ किशोर किसी न किसी प्रकार की मानसिक विकृति से ग्रस्त हैं। 15-19 आयुवर्ग की लड़कियों में आत्महत्या मौत के सबसे आम तीन कारणों में से एक है। इसी आयुवर्ग के लड़कों में यह मौत के सबसे आम चार कारणों में से एक है। वैश्विक स्तर पर 10-19 आयुवर्ग का हर सातवां किशोर नैदानिक मानसिक विकृति वाली जिंदगी जी रहा है। इनमें ऐसे किशोरों की संख्या सबसे अधिक दक्षिण एशिया में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..606ae6665bba3752df19e0b5bbca808557d6615e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66239.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। पर्यटक अक्सर उन्हीं स्थलों का रुख करते हैं, जो अक्सर जाने-पहचाने होते हैं। मगर, इनके अलावा भी कई पर्यटक स्थल ऐसे हैं, जिन्हें पहचान तो नहीं मिल पाई मगर वह बेहद खूबसूरत हैं। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऋषिकेश से करीब 30 किमी दूर टिहरी जनपद के आगराखाल के समीप ऐसा ही एक खूबसूरत पर्यटक स्थल कसमोली गांव है। यहां से आप 360 डिग्री में प्रकृति के नजारों को देख सकते हैं। + +यहां है पर्यटन की अपार संभावनाएं।स्थानीय निवासी तथा होटल व पर्यटन व्यवसायी वीरेंद्र कंडारी बताते हैं कि पर्यटन काल में कई विदेशी पर्यटक यहां सूर्योदय व सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए पहुंचते हैं। यदि इस जगह को प्रचार-पसार मिले तो यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं बन सकती हैं। जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी एसएस यादव ने बताया कि कसमोली गांव को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66240.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20ce7890dc4141850731687a04ad6aedb74341da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66240.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। विश्वभर में अर्थराइटिस (गठिया) सबसे सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इस बीमारी के प्रति लोगों में उतनी जागरूकता नहीं है, जितनी हृदय रोगों या डायबिटीज को लेकर है। लोगों को अर्थराइटिस के बारे में जागरूक करने, बचाव के उपाय और उपचार के विकल्पों के बारे में जानकारी देने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड अर्थराइटिस डे’ मनाया जाता है। अर्थराइटिस से बचाव भी आपके हाथ में है और इससे ग्रसित होने पर तुरंत जांच और समय रहते उपचार कराने के पश्चात सामान्य जीवन जीना भी। + +बचने के उपाय।रूमैटाइड अर्थराइटिस: रूमैटाइड अर्थराइटिस में जोड़ों के आसपास के ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसके कारण मांसपेशियां और लिगामेंट्स भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। शुरुआती स्टेज में यह शरीर के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन बाद में बड़े जोड़ जैसे कंधे, कूल्हे और घुटने भी इससे प्रभावित हो जाते हैं। रूमैटाइड अर्थराइटिस स्थायी दिव्यांगता का कारण भी बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52e51bb7330dd95ba4121ac475dc706e99c1cfe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66244.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रिजवान अंसारी। Child Malnutrition News कुपोषण भारत समेत तमाम विकासशील देशों के लिए बड़ी समस्या है। देश के कुछ राज्यों में बाल कुपोषण की स्थिति गंभीर है। इसके खात्मे के लिए 1995 में मिड-डे मील योजना की शुरुआत की गई थी। अब इसका नाम बदलकर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण) कर दिया है। इसके जरिये अगले पांच साल में कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। इसमें केंद्र सरकार करीब 54 हजार करोड़ रुपये, जबकि राज्य सरकारें 31 हजार करोड़ रुपये का योगदान देंगी। केंद्र सरकार खाद्यान्न पर लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च भी वहन करेगी। + +इसके अलावा स्कूलों में पोषाहार उद्यान को भी बढ़ावा देने की योजना है। इन उद्यानों का मकसद छात्रों को अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करना है। इसमें आकांक्षी जिलों और एनीमिया ग्रस्त बच्चों को पूरक पोषण देने का भी प्रविधान है। अब तक केंद्र सरकार गेहूं, चावल, दाल और सब्जियों के लिए ही राशि आवंटित करती थी। अब अगर राज्य सरकारें चाहें तो मेनू में दूध या अंडे जैसे किसी भी घटक को जोड़ सकती हैं। केंद्र सरकार राज्यों से स्कूलों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये राशि उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी। अब तक मिड-डे मील के लिए राज्यों को केंद्र धन आवंटित करता था जिसमें अपने हिस्से की राशि को जोड़कर राज्य सरकारें जिला और तहसील स्तर पर योजना प्राधिकरण को भेजती थीं। इसमें केंद्र सरकार का दखल नहीं होता था, लेकिन अब केंद्र सरकार का पूरा दखल रहेगा। केंद्र सरकार का सोच सकारात्मक है। इससे इस योजना को बेहतर दिशा मिल सकती है। बच्चों में कुपोषण को दूर करने की दिशा में इसे गेमचेंजर के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि इसके समक्ष चुनौतियां भी कम नहीं हैं। इसकी वजह है कि ढाई दशक पुरानी मिड-डे मील योजना को समय के साथ लोकप्रियता तो मिली, पर सही मायने में इसके मकसदों को हासिल करने में हम अभी तक नाकाम रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcd14261c1b7f29f4a2533026b07d54af2e75c2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66245.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फतेहगंज को मिनी पाठा के रूप में जाना जाता है। यहां रोजगार के नाम पर खेती ही एकमात्र साधन है लेकिन ये भी सबके पास सुलभ नहीं है। यहां के विषम हालात में फतेहगंज निवासी रामभवन गुप्ता की पत्नी मीरा ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर वर्ष 2016-17 में शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। महिला सदस्यों के साथ प्रशिक्षण लेकर दो वर्ष पहले वर्ष 2019 में कोरोना के शुरुआती काल में साबुन बनाने का काम श़ुरू किया था। इसके लिए उन्होंने 20 हजार रुपये का ऋण बैैंक से लिया था। प्रेरणा नाम से साबुन तैयार किया। मांग बढ़ी तो रोजगार भी चमक उठा। महज दो साल में मीरा व साथी महिलाओं को स्वावलंबन की राह मिल गई है। मीरा बताती हैं कि पहले घर खर्च चलाना मुश्किल था,लेकिन अब गृहस्थी की गाड़ी आराम से चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d027f224034ebe2a079358f63f8899a5786692ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66246.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मलेरिया वैक्सीन आने से भारत समेत पूरी दुनिया में मलेरिया के खिलाफ मुहिम को एक नई ताकत मिली है। वर्ष 2020 में आई वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के दौरान विश्व भर में 22 करोड़ 90 लाख लोग मलेरिया की चपेट में आए, जिनमें 4 लाख 9 हजार रोगियों की मौत हो गई। मृतकों में दो लाख 74 हजार पांच साल से कम उम्र के बच्चों की थी। मलेरिया असल में एक परजीवी है, जो रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है और उन्हें नष्ट करके अपनी संख्या बढ़ाता है। इसके बाद मलेरिया पीड़ितों को काटने वाले मच्छर दूसरों में भी मलेरिया फैलाते हैं। मच्छरों की 460 प्रजातियों में से करीब 100 ऐसी हैं, जो इंसानों में मलेरिया संक्रमण फैला सकती हैं। मच्छर के काटने के बाद शरीर में पैरासाइट प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम संक्रमण फैलता है। + +हालांकि, हाल के वर्षों में स्थिति सुधरी है। अब मलेरिया की वैक्सीन से उम्मीद जगी है कि इस बीमारी को मात देने में मदद मिलेगी। मलेरिया का कारगर इलाज तलाशने की कोशिश पिछले 80 सालों से चल रही थी। करीब 60 साल से वैक्सीन डेवलपमेंट पर रिसर्च जारी है, लेकिन पिछली सदी के नौवें दशक के दशक में यह बात सामने आई कि मलेरिया के मच्छर के प्रोटीन से वैक्सीन बनाई जा सकती है। तब से अब तक लगातार कोशिशें जारी थीं, लेकिन 2019 में कई दौर के ट्रायल के बाद यह साफ हो पाया कि मलेरिया की वैक्सीन कारगर है, जिसे अब मान्यता मिल चुकी है। वैक्सीन लगने के बाद शरीर में मलेरिया संक्रमण का असर बहुत कम हो जाएगा। वैक्सीन लगने के बाद मलेरिया से लड़ने की क्षमता करीब 77 प्रतिशत हो जाएगी। उम्मीद है कि इस वैक्सीन के आने के बाद मलेरिया से होने वाली मौतों पर अंकुश लग सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18f6bc26de8540638d56015f1ddb1e4fe8a0ba6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66249.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत में अशराफ मुसलमानों के शासन काल में भी जातिगत भेदभाव था। उस समय शासन व्यवस्था में निकाबत नामक एक विभाग हुआ करता था, जो शासन-प्रशासन में नियुक्ति के लिए जाति एवं नस्ल की जांच करता था और पहले से नियुक्त लोगों की भी पड़ताल करता था। अल्तमस ने भारतीय मूल के 33 मुसलमानों को इस आधार पर बर्खास्त कर दिया था कि उनका संबंध उच्च वर्ग यानी अशराफ वर्ग से नहीं था। इसी तरह बलबन ने निचले स्तर के भारतीय मूल के मुसलमानों को सरकारी पदों से बर्खास्त करते हुए कहा था कि मैं जब निम्न परिवार के किसी सदस्य को देखता हूं तो मेरा खून खौलने लगता है। बादशाह अकबर ने कसाई और मछुआरों के लिए राजकीय आदेश जारी किया था कि उनके घरों को आम आबादी से अलग कर दिया जाए और जो लोग इस जाति से मेलजोल रखें, उनसे जुर्माना वसूला जाए। अकबर के राज में अगर निम्न श्रेणी का व्यक्ति किसी उच्च श्रेणी के किसी व्यक्ति को अपशब्द कहता था तो उस पर कहीं अधिक अर्थदंड लगाया जाता था। अंतिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर ने नवाब सैयद हामिद को 500 लोगों की एक सेना तैयार करने का आदेश यह कहते हुए दिया था कि उसमें केवल शेख, सैयद, पठान आदि उच्च जाति के मुसलमान ही होने चाहिए। इस हकीकत से अनजान पिछड़ी जाति के मुस्लिम आज भी यह समझते हैं कि उनके लोग भारत के शासक थे। + +आज के मुस्लिम समाज को देखें तो स्पष्ट रूप से आदिवासी (वन-गूजर, भील, सेपिया, बकरवाल) दलित (मेहतर, भक्को, नट, धोबी, हलालखोर, गोरकन) और पिछड़ी जातियां (धुनकर, डफाली, तेली, बुनकर, कोरी) दिखती हैं। समय-समय पर गठित आयोगों यथा काका कालेलकर आयोग, मंडल आयोग, रंगनाथ मिश्र आयोग और सच्चर समिति ने मुस्लिम समाज में जातिगत विभेद को स्वीकार किया। मंडल आयोग लागू होने के बाद से ही मुस्लिम पिछड़ी जातियों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिला। इस करण पसमांदा मुसलमानों की स्थिति में पहले की अपेक्षा सुधार दिखाई पड़ रहा है। इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारों ने मुस्लिम समाज में सामाजिक न्याय को स्थापित करने का प्रयास कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया। इसकी किसी इस्लामी राष्ट्र में नजीर नहीं मिलती। हैरत की बात यह है कि मुस्लिम नेतृत्व ने सामाजिक न्याय की इस परिकल्पना की सर्वथा उपेक्षा की। उनके द्वारा संचालित संस्थाओं जैसे मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, जमाते इस्लामी, जमीयतुल उलेमा, मिल्ली काउंसिल, मजलिसे मशावरत, वक्फ बोर्ड, बड़े स्तर के मदरसे, इमारते शरिया आदि में आदिवासी, दलित और पिछड़े मुसलमानों की भागीदारी लगभग शून्य है। इससे पता चलता है कि मुस्लिम नेतृत्व अपने समाज में सामाजिक न्याय के प्रति कितना उदासीन है। उक्त सभी मुस्लिम संस्थाएं स्वघोषित शासक वर्गीय यानी अशराफ मुसलमानों द्वारा संचालित हैं। मुस्लिम समाज का नेतृत्व करने वाला यह अभिजात्य अशराफ वर्ग अपने समाज में सामाजिक न्याय के प्रश्न पर खामोश ही नहीं रहता, बल्कि उसकी अनदेखी भी करता है। सवाल है कि मुस्लिम समाज में जातिगत विभेद से इन्कार पर किसके हित सध रहे हैं? इस इन्कार से यही प्रतीत होता है कि अशराफ मुसलमान अपनी सामंती मानसिकता से आज भी बाहर नहीं निकल पाया है और पिछड़े मुसलमानों को सेवक के रूप में ही बनाए रखना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1042a7e507fcb3514ea7047e6b4727012c61a248 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66250.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैथल, [सुरेंद्र सैनी]। मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। मजरूह सुल्तानपुरी का ये शेर याद होगा। कुछ ऐसा ही कारवां देखने को मिल रहा है कैथल में। कैथल के छोटे से गांव सिरसल में महिलाएं अब आत्‍मनिर्भर हो रही हैं। इन महिलाओं ने पुराने कपड़ों से मूल्‍यवान दरियां बनानी शुरू की। अब इसकी डिमांड दूर-दूर तक है। पढ़ें ये खास रिपोर्ट। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49f810f3030ea8fdbdb70b76e5cae40a7584b24e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रास मेंटरशिप प्रोग्राम होगा लांच।फस्र्ट के सीईओ निखिल अग्रवाल ने बताया कि दोनों देशों में गो टू मार्केट रणनीति पर स्टार्टअप्स को सलाह देने के लिए तीन माह का क्रास मेंटरशिप प्रोग्राम लांच करेंगे। सर्वोत्तम विधियों और प्रक्रियाओं को सीखने व लागू करने के लिए स्टार्टअप कनेक्ट मीट का आयोजन किया जाएगा। एमओयू का प्राथमिक उद्देश्य स्टार्टअप वीजा और साफ्ट-लैंङ्क्षडग प्रोग्राम, बिजनेस एडवाइजरी, निवेशकों और उद्योग के साथ संपर्क स्थापित कराना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8faefbadfbd8ebc19e814611df9331beb729be95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, कहा जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए अगले 25 दिन अहम होने जा रहे हैं, क्योंकि पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हो सकता है। दरअसल, हर साल अक्टूबर महीने में धान की फसल की कटाई के दौरान पंजाब और हरियाणा के किसान अपने खेतों में पराली जलाते हैं। पिछले एक-दो साल के दौरान इसमें कमी आई है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब करने में पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली भी जिम्मेदार है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0329e1a9d548571fb112dff32c0e2a4fcf5f3880 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66260.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व की कई बैठकें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर हो चुकी हैं। सोमवार को फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में बैठक बुलाई। उनके साथ राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रभारी बनाए गए केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे। यहां से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के अलावा संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66262.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66262.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6d4e8741d3ca4987ae23b2d952d999fe455eff1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66262.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। कोयले की आपूर्ति प्रभावित होने से उत्तर भारत के कई राज्यों में अब भी बिजली संकट गहराया हुआ है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश व बिहार में स्थिति ज्यादा खराब है। राजस्थान में भी हालात बिगड़ गए थे, मगर अब वहां स्थिति सुधर रही है। हरियाणा, झारखंड व हिमाचल प्रदेश में अभी किसी प्रकार की समस्या नहीं है। + +बिहार को अभी औसतन 5800 से 6000 मेगावाट बिजली की जरूरत है, मगर सोमवार 5200 मेगावाट की आपूर्ति हुई। राज्य के अर्धशहरी व ग्रामीण इलाकों में छह से आठ घंटे तक लोडशेडिंग करना पड़ा। मध्य प्रदेश के संजय गांधी ताप विद्युत संयंत्र बिरसिंहपुर पाली में 210 मेगावाट की एक और यूनिट सोमवार को बंद हो गई। इससे पहले इसी संयंत्र की दो नंबर यूनिट रविवार रात बंद हो गई थी। यह यूनिट भी 210 मेगावाट उत्पादन की थी। प्रदेश में बिजली की कमी के चलते सोमवार को प्रदेश सरकार ने 242 मेगावाट बिजली ओवर ड्रा की। पंजाब में अलग-अलग जिलों में सोमवार को दिन में दो से पांच घंटे तक बिजली सप्लाई बाधित रही। निजी थर्मल प्लांटों में केवल डेढ़ दिन के लिए कोयला शेष है। प्रदेश में करीब चार हजार मेगावाट बिजली की कमी है। आम उपभोक्ताओं व औद्योगिक क्षेत्र पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। उत्तराखंड में घोषित बिजली कटौती की कोई अवधि निर्धारित नहीं है। छत्तीसगढ़ को रोजाना 6,210 टन कोयला कम मिल रहा है। इससे संयंत्रों में कोयला का स्टाक (भंडारण) कम हो गया है। इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ा है। नियमानुसार संयंत्रों में पांच दिन का कोयला होना चाहिए, लेकिन मड़वा को छोड़कर बाकी संयंत्रों में चार दिन से कम का कोयला बचा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को आलाधिकारियों के साथ बैठक लेकर स्थिति की समीक्षा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24b5fb4e2fff726d9fb65e80f2acbd843e8c78ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66264.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर अंधेरे में क्‍यों डूबा चीन ?।देखिए, चीन में ऊर्जा संकट के लिए वह खुद से ही जिम्‍मेदार है। ऐसा नहीं कि चीन में कोयला का उत्‍पादन बंद हो गया है या चीन की खदानों में कोयला खत्‍म हो गया है। दरअसल, चीन अपनी ऊर्जा संयंत्रों के लिए आस्‍ट्रेलिया से बड़ी तादाद में कोयला लेता था, लेकिन आकस के गठन के बाद दोनों देशों के बीच दूरी बढ़ी। आस्‍ट्रेलिया और अमेरिका की नजदीकी चीन को नागवार गुजरी। चीन की कम्‍युनिस्‍ट सरकार ने आस्‍ट्रेलिया से कोयले की आपूर्ति बंद कर दी। चीन सरकार ने यह फैसला अचानक से लिया और आस्‍ट्रेलिया से कोयले की आपूर्ति तत्‍काल बंद कर दी गई। इसका असर चीन में कोयले से चलने वाले संयंत्रों पर पड़ा। कोयला पर निर्भर चीनी संयंत्र बंद होने लगे। इसका सीधा असर ऊर्जा उत्‍पादन पर पड़ा। आकस, दरअसल आस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका का एक सुरक्षा गठबंधन है, ज‍िसे चीन अपने खिलाफ मानता है। आकस के गठन के बाद चीन ने आस्‍ट्रेलिया से अपने संबंधों को तोड़ने के क्रम में यह कदम उठाया। चीन ने आस्‍ट्रेलिया से कोयला लेना बंद कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75987fd8f7ea65b1e21c2afedfb3a2158a336238 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मास्को, एजेंसी। रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी ने बताया कि उन्हें एक आयोग ने उग्रवादी और आतंकी घोषित कर दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धुर आलोचक नवलनी जेल में बंद हैं। नवलनी ने इंस्टाग्राम के जरिये कहा कि उन्हें आयोग की ओर से समन किया गया था। आयोग ने सर्वसम्मिति से उनको यह दर्जा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा को कुचला गया है। वह इस समय पैरोल उल्लंघन के लिए ढाई वर्ष जेल की सजा काट रहे हैं। नवलनी ने कहा कि वह इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि उनके फरार होने का खतरा नहीं माना जाएगा। अब रात में गार्ड बार-बार जांच नहीं करेंगे। अपने वकील की मदद से किए गए पोस्ट में नवलनी ने कहा, 'बस इतना है कि अब मैं एक आतंकवादी हूं।' ।इसके पूर्व रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आतंकी संगठनों के सदस्यों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए थे। इस कदम के द्वारा जेल में बंद क्रेमलिन के धुर आलोचक नवलनी के साथियों को इस साल होने वाले संसदीय चुनाव से अलग किया गया था। रूस में नवलनी की बढ़ती लोकप्रियता से पुतिन की चिंता बढ़ गई थी। यही कारण है कि रूस में होने वाले संसदीय चुनाव में उनके समर्थकों को संसद में प्रवेश से रोकना उनकी बड़ी प्राथमिकता थी। इस कानून के पारित हो जाने के बाद अब नवलनी के समर्थकों का संसद में प्रवेश रुक जाएगा। इसके दो महीने पूर्व पुतिन ने संविधान में एक बड़ा संशोधन किया था। इसकी विपक्ष ने काफी निंदा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b469cd49ff7a9262c293b256863c97a3c5786d36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रोस्टेट कैंसर : उम्र बढऩे के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार में बदलाव आ सकता है। प्रोस्टेट कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता है। प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और फिर पूरी प्रोस्टेट ग्रंथि में फैल जाता है। विकसित होने की गति के आधार पर प्रोस्टेट कैंसर को दो भागों में बांटा जा सकता है। पहला, एग्रेसिव या फास्ट ग्रोइंग और दूसरा, नान-एग्रेसिव या स्लो ग्रोइंग। नान-एग्रेसिव या स्लो ग्रोइंग बहुत धीमी गति से विकसित होता है, जबकि एग्रेसिव या फास्ट ग्रोइंग बहुत तेजी से विकसित होता है और कई बार शरीर के दूसरे भागों में भी फैल जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ae753b4b64cb215a308d96e596cadbd816f9de1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66269.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। जाको राखे साईंया मार सके न कोई...यह कहावत सच साबित कर दिखाई है सुदामापुरी के रहने वाले रवि ने। गत वर्ष फरवरी में दिल्ली का उत्तर पूर्वी जिला दंगे की आग में झुलस रहा था, उसी दंगे में दंगाईयों ने रवि को घेरकर तलवार से हमला कर दिया। उनके पेट में दो गोलियां मार दी। रवि सड़क पर गिरकर दर्द से कराहने लगे, मदद की गुहार लगाने लगे। उस वक्त जगह-जगह आगजनी हो रही थी। काफी देर बाद उन तक मदद पहुंची और उन्हें जीटीबी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दो महीने तक कोमा में रहने के बाद जब उन्हें होश आया तो वह अपनी एक किड़नी गंवा चुके थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09de2b8b7759d846cfe35178669b3d8d309a8e29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66272.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +  1990 और उसके बाद के वर्षो में उठाए गए सुधार के कदम परिवर्तनकारी रहे हैं। इनसे बड़े वंचित वर्ग को ऊपर उठने में मदद मिली। इनसे मध्यम आय वर्ग को भी आगे बढ़ने में सहायता मिली। इसके बाद, पिछले दशक के सुधारों ने विकास को गति दी और सतत प्रगति का रास्ता खोला। मध्यम आय वर्ग जो मूलत: उपभोक्ता वर्ग भी है, वह ऐसा जीवन जी रहा है, जिसकी 20 साल पहले कल्पना नहीं की जा सकती थी। 10 प्रतिशत धनी लोग पश्चिमी देशों के नागरिकों जैसा जीवन जी रहे हैं। सामाजिक समरसता से लेकर स्वास्थ्य तक कई अन्य मोर्चे पर भी सकारात्मक असर दिखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a518b8210aa3be25b0caf62406786b746b1a015 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से आधिकारिक तौर पर मंजूरी मिलने से भारतीय सेना के सभी 10 हिस्सों जिसमें आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स व मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कॉर्प्स आदि शामिल हैं, जिनमें महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन मिल पाएगा। अब तक अधिकतर महिलाओं की भर्ती सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत होती थी, लेकिन अब उन्हें स्थायी कमीशन मिलेगा। जिसके मायने हैं कि महिला सैन्य अधिकारी भी पुरुषों के समान ही तब तक अपने पद पर कार्यरत रहेंगी जब तक वह रिटायर नहीं हो जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1478987e7fac2da8d58e1ac0218645ba764e88c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [कुमार संजय]। दिल के लिए खतरनाक माना जाने वाला ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है, जो पैंक्रियाज का भी दुश्मन साबित हो सकता है। नार्थ इंडिया का ऐसा पहला मामला संजय गांधी पीजीआइ में देखने को मिला है। उड़ीसा की रहने वाली चार साल की बच्ची छह महीनों से बार -बार पेट में दर्द और उल्टी की परेशानी के साथ संजय गांधी पीजीआइ के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में पहुंची। तमाम परीक्षण में देखा गया कि पीलिया, पेट में चोट या नशीली दवाओं के सेवन का कोई इतिहास नहीं था। रक्त की जांच में बच्‍ची का ट्राइग्लिसराइड लेवल काफी बढ़ा हुआ था। एसजीपीजीआइ के डॉक्‍टरों का ये शोध को इंडियन जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक ने व्हाइट सीरम ए क्लू टू डायगनोस ऑफ एक्यूट रिकरेंट पैक्रिएटाइटिस विषय पर पब्लिश हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4584be66eea6eb4bc30d04f1ef79143e07381571 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl कार्तिक आर्यन ने एक बार फिर एक डांस वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया हैl इस बार वह माधुरी दीक्षित के सुपरहिट गाने चोली के पीछे क्या है पर डांस कर रहे हैंl उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया हैl कार्तिक आर्यन सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl।कार्तिक आर्यन के पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी पसंद किए जाते हैंl वीडियो में कार्तिक आर्यन के अलावा कोरियोग्राफर पियूष भगत और शाजिया शाम भी डांस कर रहे हैl 1990 के दशक के सुपरहिट गाने पर तीनों डांस कर रहे हैंl कार्तिक आर्यन ने येलो कलर की ट्रेक पैंट और ग्रे कलर की स्वेट शर्ट पहन रखी हैl वह कुल और कैजुअल नजर आ रहे हैंl।वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, 'वी कुक, पीपल कुक लेकिन इस तरह हम डांस करते हैंl कुककुक चैलेंजl' इसपर कई फैंस ने प्रतिक्रिया भी दी हैl कार्तिक आर्यन जल्द कई फिल्मों में नजर आने वाले हैंl इनमें भूल भुलैया 2, धमाका, फ्रेडी और कैप्टन इंडिया शामिल हैl कार्तिक आर्यन फिल्म अभिनेता हैl वह कई फिल्मों में नजर आ चुके हैंl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैंl।कार्तिक आर्यन का अफेयर सारा अली खान के साथ थाl दोनों को कई अवसर पर साथ देखा गया थाl हालांकि बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया था।सारा खाली खान ने पिता सैफ अली खान के सामने करण जौहर से कॉफी विद करण पर कहा था कि वह कार्तिक आर्यन को पसंद करती हैंl दोनों की पहली बार मीटिंग रणवीर सिंह ने कराई थीl दोनों एक अवॉर्ड शो में पहुंचे थे। इसके बाद उन दोनों को कई अवसर पर साथ देखा गयाl कार्तिक आर्यन ने हाल ही में करण जौहर की फिल्म दोस्ताना 2 छोड़ दी हैl इस फिल्म में जाह्नवी कपूर की अहम भूमिका थीl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acbb29a7548e6bfb3c0ee0746948a0e1bb22933c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +युवाओं के लिए हो रहा बदलाव: समय के साथ सबकुछ बदल रहा है। इसी के चलते मिट्टी के बने कुकर, गिलास के साथ ही डिनर सेट भी प्रदर्शनी में आया है। जयपुर की डिजाइनर शाल और राजस्थानी लुक का समावेश है। जूट के बने गहने महिलाओं के आकर्षण का केंद्र है। 16 अक्टूबर तक प्रदर्शनी में युवाओं के लिए किए गए बदलाव की झलक नजर आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37b2e30c39c34730219ab93ca2c78db8e0aef4b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना काल में अप्रैल, मई और जून में व्यापार ठप था। जुलाई से सितंबर तक दस से 20 फीसद बढ़ा था लेकिन, पितृ पक्ष बीतते ही नवरात्र लगने पर 40 से 60 फीसद तक कारोबार बढ़ा है। सबसे ज्यादा 60 फीसद तक सराफा बाजार बढ़ने की बात कारोबारी कह रहे हैं। यही नहीं, सोने के दाम कम होने से इस समय सहालग के लिए सोने की चूड़ी, पैंडेंट, हार, मंगल सूत्र, अंगूठी, पायल, टीका से लेकर गहना बिक रहा है। थोड़ा सा झटका बर्तन व्यापारियों को महंगाई ने दिया है। स्टील, पीतल, एल्यूमीनियम, कापर में बीते दो महीने में तेजी आई है। अभी लोग महंगाई घटने का इंतजार कर रहे हैं। सहालग को देखते हुए इन दिनों 50 से 60 फीसद कारोबार बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन, त्योहारी सीजन में 30 फीसद बर्तन कारोबार बढ़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66284.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64b35525c102cb2ae90fa2b5da95b70f7b72e910 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66284.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टिकट के लिए गणेश परिक्रमा।निगम चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों के ऐसे कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ रही है जो चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है। ऐसा भी अब खूब देखा जा रहा है कि पार्टी के मुखिया या अन्य प्रमुख नेता जब इलाके में पहुंचते हैं तो वे वहां भी उनके आगे-पीछे घूम रहे होते हैं। आम आदमी पार्टी में भी ऐसा माहौल दिखाई दे रहा है। जबकि पार्टी प्रमुख यह स्पष्ट कर चुके हैं कि चमचागिरी से टिकट के लिए प्रयास न करें, बल्कि अपने इलाके में समाज के लिए इतना काम कर दें कि पार्टी स्वयं उनके पास टिकट देने के लिए पहुंच जाए। मगर टिकट की चाहत कार्यकर्ताओं को शांत होकर बैठने नहीं दे रही है। बार- बार दौड़ भाग कर रहे हैं। पार्टी मुख्यालय की बाहरी दीवार इन दिनों ऐसे कार्यकर्ताओं के पोस्टरों से भरी पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f132461df4508e785e43321d0cdc959aab7961f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अतुल कोठारी। स्वतंत्रता-प्राप्ति के उपरांत देश की शिक्षा-व्यवस्था के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियां थीं। सबसे बड़ी चुनौती तो यह थी कि आखिर हम अपनी शिक्षा-व्यवस्था के सुधार की शुरुआत कहां से करें? प्रारंभिक दृष्टि से देश के नागरिकों को साक्षर करना, समाज के सभी वर्गो तक शिक्षा का पहुंचना, देश का चतुर्दिक विकास हो सके, इसके लिए व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों को स्थापित करना एवं अंग्रजों की शिक्षा-व्यवस्था में आधारभूत परिवर्तन करके उसे भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना एक बड़ी चुनौती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd16477adba2bf28396486bbb675d7f1e8316941 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66291.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। Internet Shutdown एक वक्त था जब तकनीक की ओर हम तभी देखते थे, जब किसी जरूरी और जटिल काम में मशीनी सहयोग की जरूरत होती थी। वह दौर ज्यादातर मामलों में मेहनत के कार्यो से संबंधित था, लेकिन कंप्यूटर-इंटरनेट आदि तकनीकी इंतजामों ने ये परिभाषाएं काफी बदल दीं। अब सिर्फ कामकाज नहीं, बल्कि मनोरंजन और समय काटने के प्रबंधों के तौर पर भी तकनीकी उपकरणों और माध्यमों की जरूरत है। यह जरूरत कितनी अहम, उपयोगी और बड़ी है-इसका एक अहसास दुनिया को हाल में कुछ हद तक तब हुआ, जब फेसबुक, उसके अन्य सहयोगी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म यानी वाट्सएप और इंस्टाग्राम छह घंटों के लिए ठप पड़ गए। + +इंटरनेट मीडिया के ये मंच चूंकि मनोरंजन के अलावा कामकाजी दुनिया को सजीव बनाए रखने के टूल के तौर पर भी विकसित हो गए हैं, इसलिए इनका ठप होना पूरे विश्व के लिए एक अहम खबर बन गई। यह चिंता भी मुखर हुई कि क्या इंटरनेट के इन संचार माध्यमों पर हमारी इतनी अधिक निर्भरता कहीं से भी ठीक है। कहीं ऐसा तो नहीं कि फेसबुक जिसे एक तकनीकी व्यवधान बता रहा है, उसके पीछे कोई बड़ी साजिश काम कर रही है?।सर्वर ने बिगाड़ी फेसबुक की चाल : जैसे-जैसे इंटरनेट का साम्राज्य विस्तृत होता जा रहा है, भारी बोझ के कारण अचानक किसी दिन उसके ढह जाने की आशंकाएं भी उसी मात्र में बढ़ती जा रही हैं। यदि फेसबुक और उससे संबंधित अन्य इंटरनेट मीडिया मंचों की बात करें तो इनका बंद होना कोई अनोखी घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है, जब सर्वर बैठ जाने के चलते फेसबुक आदि पर लोग कई घंटों तक कोई कामकाज नहीं कर सके। दो साल पहले तीन जुलाई, 2019 को फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सएप आठ घंटों के लिए ठप पड़ गए थे। इनके कई फीचर काम नहीं कर रहे थे। फेसबुक ने कहा था कि उसे समस्या के बारे में पता है और उसे दुरुस्त कर लिया जाएगा। आठ घंटों की मेहनत के बाद समस्या सुलझा ली गई, लेकिन यह रहस्य ही बना रहा कि आखिर एक साथ इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म क्यों ध्वस्त होते नजर आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a358f52c0ba8d3f96e4cc0347e0a9b18d749cbcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शुरुआती दिनों में निगम 15 सीटर बस चलाएगा। लेकिन पर्यटकों की आमद बढ़ने पर बड़ी बस सेवा भी शुरू करेगा। अटल टनल रोहतांग के बनने के बाद लाहुल घाटी 12 महीने मनाली से जुड़ गई है। निगम की यह बस सुबह साढ़े आठ बजे मनाली से चलेगी और दिनभर जनजातीय क्षेत्रों का भ्रमण कर शाम को सात बजे मनाली पहुंचेगी। पर्यटन निगम की इस बस सेवा से पर्यटकों को एक दिन ओर मनाली ठहरने का मौका मिल जाएगा। + +यह भी पढ़ें: हिमाचल पर्यटन निगम के पांच होटलों में परोसी जाएगी स्पेशल नवरात्र थाली, शक्तिपीठों के पास की गई व्‍यवस्‍था।मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा शिमला आने वाले अधिकतर पर्यटक जब हमसे मनाली के रोहतांग टनल को निहारने की बात करते हैं तो हमें बहुत खुशी मिलती है। अटल टनल बनने से दुनिया को शीत मरुस्थल निहारने का मौका मिला है। यह बस सेवा अटल टनल सहित शीत मरुस्थल लाहुल घाटी को निहारने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e67b452f528756c9975bf188335d8c900355d02d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66294.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रो. तपन कुमार शांडिल्य। लोकनायक जयप्रकाश नारायण यानी जेपी एक महान चिंतक एवं दूरदर्शी राजनीतिज्ञ थे। आधुनिक भारत के उन प्रमुख व्यक्तियों में वे एक थे, जिन्होंने भारत की राजनीति को गहन रूप से प्रभावित किया है। गांधी जी ने देश को आजादी दिलाने तथा नेहरू ने आधुनिक भारत की आधारशिला रखने का काम किया था। जयप्रकाश नारायण ने भारत में न्यायपूर्ण सामाजिक व्यवस्था की स्थापना के लिए संघर्ष किया। उनके मौलिक विचार आज भी अपने देश की ज्वलंत सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक समस्याओं के समाधान के लिए प्रासंगिक हैं। + +विकेंद्रित ढांचा अधिकांशत: मालिक-मजदूर का या सहकारी किस्म का होगा। इस प्रकार यह क्षेत्र न तो नौकरशाही प्रधान और न ही शोषण प्रधान होगा। केंद्रीय क्षेत्र की अपेक्षा चाहे वह सार्वजनिक हो या निजी, अधिक समतामूलक भी होगा। जयप्रकाश नारायण की सोच थी कि भारत जैसे गरीब देश में आर्थिक विकास का लक्ष्य विकेंद्रित अर्थव्यवस्था होना आवश्यक है। मानव जीवन और उसके विकास के लिए कृषि एवं उद्योग का विकास होना आवश्यक है। उनका कहना था कि उद्योग के प्रश्न पर मानव के संपूर्ण जीवन की दृष्टि से विचार करना चाहिए। उद्योग मनुष्य के लिए हैं, मनुष्य उद्योग के लिए नहीं। जयप्रकाश नारायण ने गांव को आर्थिक दृष्टि से मजबूत होना आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि गांव एक प्राथमिक और प्रत्यक्ष समुदाय है, जहां लोगों को वस्तुत: आमने-सामने रहना पड़ता है और एक-दूसरे के सुख-दुख का भागीदार होना पड़ता है। + +जयप्रकाश नारायण ने कहा कि राज्य पद्धति का आधार स्वाधिकार प्राप्त, आत्मनिर्भर एवं नगर-ग्रामीण स्थानीय समुदाय होंगे। ग्राम पंचायतों की स्थापना कर तथा सामुदायिक विकास जैसे कार्यक्रम अपनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की वकालत उन्होंने की था। स्थानीय समुदाय का विकास इस ढंग से होना चाहिए कि वह छोटे-मोटे कल्याणकारी राज्य का रूप ग्रहण कर सके। विपन्न और आवश्यकताग्रस्त लोगों की सहायता समुदाय का सबसे पहला कार्य होगा। समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को चाहे वह कहीं रहता हो अपनी आय का एक अंश समुदाय द्वारा संचालित प्राथमिक सामाजिक सेवाओं के लिए देना होगा। समुदाय में रहने वाले प्रत्येक परिवार को अपने कल्याण के लिए कार्य करते समय अन्य परिवारों के कल्याण की बात भी ध्यान में रखनी होगी?।समुदाय की कल्याण कामना और हित साधन गांव के आर्थिक साधनों और गतिविधियों का प्रथम लक्ष्य होना चाहिए। जयप्रकाश के नजर में सामुदायिक विकास होना चाहिए। उनका कहना था कि ग्राम उद्योगों का विकास किया जा रहा है, उनको बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन उनका एकमात्र उद्देश्य बेकारी दूर करना और ग्रामीणों का जीवन स्तर उठाना है, लेकिन आज जयप्रकाश का जो सपना था वह पूरा नहीं हो सका। स्पष्ट हो चुका है कि ग्राम पंचायतों की स्थापना के पीछे जो उद्देश्य था वह पूरा नहीं हो पाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7cc208305ea4c09b772a396429b188a368cb810 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आदिशक्ति मां भवानी का छठवां रूप कात्यायनी का है। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार नवरात्रि के षष्ठम दिन मां कात्‍यायनी की पूजा और आराधना होती है। इनकी आराधना से भक्त का हर काम सरल एवं सुगम होता है। चन्द्रहास नामक तलवार के प्रभाव से जिनका हाथ चमक रहा है, श्रेष्ठ सिंह जिनका वाहन है, ऐसी असुर संहारकारिणी देवी कात्यायनी सभी का कल्याण करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66296.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66296.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e9c524999234c47eb5b93cc4f23cfd770537517 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66296.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस मशीन में पराली को संभालने और खेत को जोतने के लिए छोटे-छोटे ब्लेड, बीज-खाद डालने वाला सिस्टम, नई किस्म के डिस्क फाले व बीज को मिट्टी से ढकने वाले रोलर लगे हुए हैं, जो पराली के थोड़े हिस्से को मिटटी में मिलाते हैं, जबकि बाकी बची पराली को मिट्टी की सतह के ऊपर बिछा देते हैं। मशीन के साथ बीजी गई गेहूं की पैदावार हैप्पी सीडर की तुलना में बराबर और सुपर सीडर के मुकाबले ज्यादा होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1f1d6606f2d056253ac8aee6bf23f8f91dde752 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66297.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Chief Minister incentive scheme : जिले के 32 ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत पुरस्कार लेने के लिए आवेदन किया है। इस योजना के माध्यम से जिले में सबसे अच्छा काम करने वाले ग्राम प्रधानों को पुरस्कार मिलेगा। पुरस्कार के लिए चयनित ग्राम पंचायतों को तीन से 12 लाख रुपये मिलने हैं। मूल्यांकन के दौरान स्वच्छता में सबसे ज्यादा बीस अंक मिलने हैं। योजना में शामिल होने के लिए आवेदन हमारा पंचायत पोर्टल पर कर दिए गए हैं। + +जिले में हैं 643 ग्राम पंचायतें : मुरादाबाद जनपद में 643 ग्राम पंचायतें हैं। पुरस्कार के लिए ग्राम पंचायतों को 2020-21 में होने वाले कामों का ब्‍योरा आनलाइन हमारी पंचायत पोर्टल पर अपडेट हुआ है। अगस्त तक हमारा पंचायत पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करके डाटा लोड करने वाली ग्राम पंचायतों को ही योजना में शामिल किया गया है। मुरादाबाद में 32 ग्राम पंचायतों ने अपने प्रपत्रों को आवेदन के साथ आनलाइन अपलोड कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f2ba6faf7a094867cacda9e1691642c29fc4a3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66298.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्‍कंदमाता के स्वरूप की कथा।देवी पुराण के अनुसार तारकासुर नाम का एक असुर था। उसने कठोर तप करके ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि उसका अन्त यदि हो तो महादेव से उत्पन्न पुत्र से ही हो। तारकासुर ने सोचा कि महादेव तो कभी विवाह करेंगे नहीं और न ही उनके पुत्र होगा। इसलिए वह अजर अमर हो जायेगा। तारकासुर ने आतंक मचाना शुरू कर दिया। त्रिलोक पर अधिकार कर लिया। समस्त देवगणों ने महादेव से विवाह करने का अनुरोध किया। महादेव ने पार्वती से विवाह किया। तब स्कंदकुमार का जन्म हुआ और उन्होंने तारकासुर का अन्त कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c69cde8de970353a037793b55934b7579b5b594a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध के कड़े प्रविधानों के बावजूद यह बड़ी चुनौती बनी हुई है। इससे निपटने के लिए रेलवे 42 स्टेशनों पर रीयूजेबल और बायोडिग्रेडेबल स्पिटून (पीकदान) की वेंडिंग मशीनें या कियोस्क लगा रहा है ताकि स्टेशन चमाचम रहें। इन पीकदान में बीज भी होंगे। लिहाजा इन्हें फेंकने पर इनमें मौजूद बीजों से पौधे उग सकेंगे और हरियाली बढ़ेगी। मालूम हो कि 'दैनिक जागरण' ने सबसे पहले 14 दिसंबर, 2020 को ही बता दिया था कि रेलवे इस तरह का कदम उठाने जा रहा है। + +अभी लगता है थूकने पर 500 रुपये जुर्माना।रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इससे सभी यात्रियों खासकर बुजुर्गो को काफी सुविधा होगी। इसके अलावा यात्री रेलवे परिसरों में थूकने के प्रति हतोत्साहित होंगे। मालूम हो कि अभी रेलवे परिसर में थूकने पर 500 रुपये जुर्माने का प्रविधान है। 'ईजीस्पिट' की सह-संस्थापक ऋतु मल्होत्रा ने बताया कि इसे आप मिट्टी या कीचड़ कहीं भी फेंक सकते हैं, चूंकि यह बायोडिग्रेडेबल है तो इनमें मौजूद बीजों से पौधे उगने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..644e45f906827393c408eebf23afe602f39b24d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। सफदरजंग एनक्लेव में रहने वाली शाइना उप्पल (11 वर्ष) को पढ़ाई के साथ ही गिटार बजाना और फाेटाेग्राफी करना काफी पसंद है। शाइना कार्मेल कान्वेंट स्कूल, चाणक्यपुरी में छठी क्लास में पढ़ती हैं। कोरोना महामारी के कारण पिछले करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद होने के कारण पढ़ाई आनलाइन चल रही है। शाइना ने इस समय का सदुपयोग करते हुए अपने दोनों शौक पूरे किए। डेढ़ साल की मेहनत अब रंग ला रही है। उनकी खींची हुई तस्वीरें लोगों को खूब पसंद आ रही हैं। अब कालोनी व स्कूल के लोग उन्हें एक बाल फोटोग्राफर के रूप में पहचानने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7931127ebf87d7469ecada38a1c3d856850c18ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66311.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे खराब होने की शिकायतें मिली हैं। इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। ।अमित गुप्ता, चेयरमैन आगरा स्मार्ट सिटी प्रा. लि.।फतेहाबाद रोड पर बनेगा भव्य द्वार।आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इनर रिंग रोड से फतेहाबाद रोड के मध्य भव्य द्वार बनाया जाएगा। 20 फीट तक ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी। यह कार्य जल्द शुरू होगा। स्मार्ट सिटी के एक अधिकारी ने बताया कि रोड के दोनों तरफ पांच-पांच मीटर ऊंचे पत्थर के खंभे होंगे। इसमें भारतीय संस्कृति को उकेरा जाएगा। इन खंभों के दोनों साइड ग्रीन बेल्ट विकसित की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0148a7bfadd16938185d759f68f0cb05d7a5d15a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मान्यताओं में मां है धरती।बहुत दिन नहीं बीते जब इस बात पर राष्ट्रीय बहस छिड़ी थी कि वंदे मातरम् का नारा क्या सांप्रदायिक है? आप सभी को याद होगा किस प्रकार अनेक लोगों ने भारत माता की जयकार करने से न सिर्फ इन्कार किया अपितु इस पर आपत्ति भी जताई थी और इन नारों को सांप्रदायिक तक करार दिया था। भारत माता की जय और वंदे मातरम् दोनों का अभिप्राय एक ही है। वंदे मातरम् का अर्थ है- ‘मैं अपनी मां का वंदन करता हूं।’ हिंदू जीवन दर्शन के सभी पंथ, मतावलंबी, विश्वासों में धरती को मां माना गया है। सबसे पुरानी परंपरा जो जनजातीय लोक विश्वासों में मिलती है, वहां धरती को मां कहकर पुकारा गया है क्योंकि धरती उदारता से सब कुछ देती है। ऐसी संस्कृति जो भूखंड को मां से गुरुतर मानती हो, वहां मातृभूमि को माता मानना चकित नहीं करता। यहां ऐतिहासिक पौराणिक संदर्भों पर दृष्टि डालते हैं- आदिकाल से ही पृथ्वी को मातृभूमि की संज्ञा दी गई है। भारतीय अनुभूति में पृथ्वी आदरणीय बताई गई है, इसीलिए पृथ्वी को माता कहा गया। महाभारत के यक्ष प्रश्नों में यह अनुभूति होती है। यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा था कि आकाश से भी ऊंचा क्या है और पृथ्वी से भी भारी क्या है? युधिष्ठिर ने बताया कि पिता आकाश से ऊंचा है और माता पृथ्वी से भी भारी है। हम उनके अंश हैं। अथर्ववेद में कहा गया है कि ‘माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या:’ अर्थात- भूमि मेरी माता है और मैं उसका पुत्र हूं। यजुर्वेद में भी कहा गया है- ‘नमो मात्रे पृथिव्ये, नमो मात्रे पृथिव्या:’ अर्थात-माता पृथ्वी (मातृभूमि) को नमस्कार है, मातृभूमि को नमस्कार है। वाल्मीकि रामायण में भगवान राम कहते हैं, ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात- जननी और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22917bf04e86a6758e15329ed0d865b6c49d752e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66314.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +नई दिल्ली [सीमा झा]। जो उम्र आजाद पंछी की तरह उड़ान भरने की थी, उन पंखों को जबरन समेटना पड़ गया। देश की युवाशक्ति जिनके कंधों पर इसे आगे ले जाने का भार है, वह महामारी के दलदल से निकलने की कोशिश में जुटा है। हाल ही में यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोरोना के बाद 14-24 तक की उम्र के युवाओं की मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ा है। उससे भी गंभीर बात यह है कि बच्चों व युवाओं की मानसिक सेहत को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस लापरवाही के परिणाम आगे चलकर उनकी जिंदगी के लिए घातक हो सकते हैं। + +कब मिलेगी मुझे इन खयालों से आजादी!।प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे 21 वर्षीय प्रणव शुक्ला कहते हैं,‘इन दिनों हर चीज से उकताहट होने लगी है। आखिर कब तक बंदिशें प्राकृतिक खुशी दे सकती हैं!’ वहीं, 12वीं के छात्र कृश मिश्रा अपनी दोनों बड़ी बहनों के साथ घर पर ही बैडमिंटन खेल लेते हैं। पहले महीने में एक बार बाहर खाना खाने परिवार रेस्तरां जाता था पर अब सब बंद है। घर पर ही रेस्तारां ‘क्रिएट’ कर लेते हैं। लेकिन क्या वह इससे खुश हैं!कृश कहते हैं, ‘मजबूरी में भी खुशी होती है क्या, पर हम इसमें भी तलाश रहे हैं खुशी।‘।आइए गढ़ लें नयी कहानी।खुशी की यह ‘खोज’ जारी है। पर यह यकीनन निराशा में डूबकर पूरी नहीं हो सकती। आइएमएस बीएचयू के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर संजय गुप्ता के मुताबिक, ‘युवाओं में इतनी क्षमता व ऊर्जा होती है कि वे हर मुश्किल से निकल सकते हैं, बड़ों की भी जिम्मेदारी ले सकते हैं। पर इससे पहले खुद में उत्साह जगाना होगा, अपनी मानसिक सेहत पर ध्यान देकर इस निराशा से निकलना ही होगा।‘।वहीं, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर आयोजित वेबिनार के दौरान वरिष्ठ मनोचिकित्सक समीर पारिख ने कहा था कि हमारा यह दौर भी एक कहानी बनने वाला है। पर यह हमारे बच्‍चों, युवाओं को तय करना है कि वे अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को कैसी कहानी सुना सकते हैं। वह कैसी होनी चाहिए, हर हाल में उम्मीद बनाए रखने वाली या निराश करने वाली!।आगे की सोचते चलें।खेलों के महाकुंभ टोक्यो ओलिंपिक का समापन बहुत पहले हो गया पर रह गयी ढेरों अनमोल यादें और जीवन में हमेशा काम आने वाले सबक। जैसे 41 साल बाद भारतीय हॉकी टीम की सेमीफाइनल में पहुंचने की खुशी हार के बाद झटके में खत्म हो गयी। पूरा देश निराशा में डूब गया था। पर भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह ने मैच के बाद जो कहा, वह युवाओं को बुरी स्थिति से निकलने व आगे बढ़ने का मंत्र बन गया। + +हार के बाद उन्होंने कहा था कि यह एक कठिन समय है लेकिन अब हमारा सारा ध्यान कांस्य पदक लेने पर होना चाहिए। उन्हें मेडल लेना ही है। सचमुच उनकी यह दृढ़ता रंग लायी और उनकी टीम ने देश को कांस्य पदक दिला दिया। टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा कि हार से निराश होना स्वाभाविक है लेकिन रोने से ज्यादा आगे पदक हासिल करने के मौके पर विचार करना है। जरा विचार कर देखें, यदि भारतीय हॉकी टीम ने आगे की सोच नहीं रखी होती तो क्या वे पदक अपने साथ ला पाते!।बीमारी समझेंगे, तो चीजें आसान होंगी।फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के मनोचिकित्सा विभाग के अध्‍यक्ष मनु तिवारी कहते हैं, 'अभिभावक इसलिए भी अधिक परेशान होते हैं क्‍योंकि उन्‍हें लगता है बच्‍चों की समस्‍या उनकी वजह से है या बच्चा ही ठीक नहीं। जबकि बचपन में मानसिक सेहत संबंधी समस्‍या का आना अधिकांशतया आनुवांशिक भी हो सकता है।' डॉक्‍टर मनु के मुताबिक, बच्‍चों की असामान्‍य हरकतों या व्‍यवहार के कारण अभिभावक परेशान तो होते हैं लेकिन इसके लिए ठोस उपाय नहीं करते। वे अपने स्‍तर पर प्रयास जरूर करें, लेकिन सबसे अधिक जरूरी है कि आप इसे एक बीमारी मानकर ही चलें और उचित इलाज के लिए चिकित्‍सक से संपर्क जरूर करें। बच्‍चों के व्‍यवहारजनित लक्षणों के आधार पर चिकित्‍सक वैज्ञानिक तरीके से दवा भी देते हैं और उचित सलाह देकर समाधान भी करते हैं। + +एक अकेला थक जाएगा।परिस्थिति जब चुनौतीपूर्ण हो तो चिंता होना स्वाभाविक है। पर कठिनाइयां ही तो आपको आगे बढ़ाती हैं। इन दिनों तमाम तरह की चुनौतियां पैदा हो रही हैं। किसी की नौकरी चली गयी, परिवार पर अचानक आर्थिक संकट आ गया, घर के किसी सदस्य को कोरोना के कारण खो दिया आदि। ऐसे में क्या करें, युवा अक्सर पूछते हैं। मैं कहूंगा हिंदुस्तान के युवाओं का जज्बा तो बहुत मजबूत है। बस वह खुद से कहते रहें कि मेरा हौसला जब तक जिंदा है कठिनाइयां मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं। + +हां, यह सही है कि आप जब अनपेक्षित कुछ सामना करते हैं तो परेशानी अधिक होती है। दरअसल, आप उसके लिए तैयार नहीं रहते हैं। पर यह दौर ऐसा है कि परेशानियां आएंगी ही। यदि अकेले इस युद्ध से लड़ेंगे तो थकान होगी, तनाव बढ़ेगा, यह तय है। इसलिए भावनात्मक सपोर्ट हमेशा तैयार रखें। घर में, मित्रों आदि से अपनी बांडिंग और मजबूत बनाएं, आप देखेंगे मुश्किलें बड़ी भले हों पर आप उनसे भी बड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48fe6c5f7c8e8c4b0d58c5296f898e5e0601baaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66318.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मृत्युंजय तिवारी। लव जिहाद और पंचायत चुनाव इस समय देश के कई ग्रामीण इलाकों में ज्वलंत मुद्दे बने हुए हैं। इन्हीं मुद्दों से जुड़े तथ्य को कथ्य में पिरोकर लेखक सर्वेश तिवारी 'श्रीमुख' ने अपने उपन्यास 'परत' को आकार दिया है। इसमें लव जिहाद और मुखिया के चुनाव के समानांतर कई कहानियां चलती हैं, जो ग्रामीण परिवेश से पाठक का परिचय कराती जाती हैं। लेखक ने ग्रामीण जीवन को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया है। उपन्यास का कथानक दो सहेलियों श्रद्धा और शिल्पी की कहानी पर केंद्रित है। दोनों का व्यक्तिगत जीवन सामान्य सा होता है, लेकिन शिल्पी की एक गलती उसके साथ-साथ उसके पूरे परिवार को तहस-नहस कर देती है। + +यह पुस्तक एक पिता की विवशता और उसकी जिम्मेदारियों के बीच चलने वाले द्वंद्व को भी उभारती है। गांव में होने वाला पंचायत चुनाव इस कहानी की अहम कड़ी है, जो बताती है कि सरपंच के चुनाव में किस तरह एक ही घर में दो पार्टियों के समर्थक उभर आते हैं। इस प्रकार जाने-अनजाने में घर के बाहर की राजनीति घरेलू रिश्तों के समीकरण बिगाड़ देती है। कहानी बताती है कि किस तरह से चुनाव में आरक्षण लागू होने के बाद भी अरविंद मुखिया जी सामंतवाद को जीवित रखने का हरसंभव प्रयास करते हैंं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c593b33b4dae76cc6a44223f84d6a02ed253149 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6632.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिनेत्री ने अपने पोस्ट में लिखा, 'बीती रात मुझे इंस्टाग्राम की तरफ से एक अलर्ट आया कि चीन में कोई मेरा अकाउंट हैक करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह अलर्ट अचानक ही गायब हो गया और मैंने तालिबान के बारे में जितनी भी स्टोरी डाली थी वह सब भी गायब हो गई। मेरा अकाउंट अचानक ही दिखना बंद हो गया। जिसके बाद मैंने इंस्टाग्राम टीम के लोगों को फोन किया और मेरा अकाउंट सक्रिय हुआ।'।कंगना रनोट ने पोस्ट में आगे लिखा, 'जब भी मैं कुछ स्टोरी लिखने की कोशिश कर रही हूं, मुझे अपना अकाउंट बार-बार बंद करके दोबारा स्टार्ट करना पड़ रहा था। मैं स्टोरी डालने के लिए अपनी बहन का फोन इस्तेमाल कर रही हूं, क्योंकि उसके मोबाइल में भी मेरा अकाउंट खुला है। यह अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी साजिश है। बहुत ही अविश्वसनीय है'। सोशल मीडिया पर कंगना रनोट का यह पोस्ट वायरल हो रहा है। + +अभिनेत्री के फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनके इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कंगना रनोट के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही फिल्म थलाइवी में नजर आने वाली हैं। इसके अलावा कंगना ने हाल ही में बुडापेस्ट में अपनी फिल्म धाकड़ की शूटिंग पूरी की है और हाल ही में इसकी रैप अप पार्टी रखी थी। कंगना ने इस पार्टी में शामिल होने के लिए ट्रांस्पेरेंट ब्रालेट और सफेद पेंट्स पहनी और इसकी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर कीं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0b7ac8d244b887f0de5e17a37099e0be71b4379 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66320.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कवि सम्मेलन से शुरू हुआ आंदोलन।बलिदान की यह गर्वीली कहानी वर्ष 1857 की है। हुआ यूं था कि जानवरों वाली चर्बी के कारतूसों को मुंह से काटने की बाध्यता के कारण अंग्रेज सेना में भर्ती भारतीय सैनिकों में आक्रोश पलने लगा था। अंतत: मेरठ छावनी में अमर क्रांतिकारी मंगल पांडेय ने इसके खिलाफ विद्रोह कर अंग्रेजों पर गोली चला दी। इस आरोप में मंगल पांडेय को फांसी दे दी गई। इस घटना का असर यह हुआ कि मेरठ, लखनऊ, दिल्ली, जबलपुर समेत देश की कई छावनियों में असंतोष की आग भड़क गई। इसी दौरान गोंडवाना के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नेतृत्व में आस-पास के मालगुजारों का जुटना शुरू हुआ। लोगों को आंदोलन से जोड़ने के लिए जगह-जगह कवि सम्मेलनों का आयोजन कर देशप्रेम से ओत-प्रोत कविताओं का वाचन व संगीत सभाएं आयोजित की जाने लगीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbc0592c3aaed90a15509ddffb8ed9483c1ef7d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +25 हजार मास्क बनाए ।सरकार की पहल पर स्वयं सहायता समूह की हुनरमंद महिलाओं को सबसे पहले जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया। इसमें राघव स्वयं सहायता समूह की कोषाध्यक्ष प्रतिमा शर्मा भी शामिल हुईं। इन्होंने पूरे कार्य को बारीकी से समझा। इसके बाद गांव जाकर समूह से जुड़ी 30 अन्य महिलाओं को भी काम की बारीकी सिखाई। यहीं पर फिर सभी महिलाएं इस काम में जुट गईं। चंद दिनों में ही इन्होंने 25 हजार से अधिक मास्क तैयार कर दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ace693a939b39f86d7e1ba7b785cfe1ef9fca4ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66324.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [विनीता/अंशु]। 'उड़ान','दिव्य दृष्टि' और 'बाल वीर रिटर्न' टीवी धारावाहिकों से करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री अमिका शेल कई वेब सीरीज़ और फिल्म 'लक्ष्मी' में भी अभिनय कर चुकी हैं। उन्होंने बताआ कि कैसे उन्होंने मेडिटेशन के ज़रिये अपने मन में छिपी नकारात्मक भावनाओं को दूर किया। वह कहती हैं, ‘बचपन से ही मैं बहुत।शांत और शर्मीले स्वभाव की थी। दोस्तों की संख्या सीमित थी। अकेले गुमसुम-सी बैठी रहती थी। इस वजह से छोटी-छोटी बातों के बारे में बहुत ज्य़ादा सोचा करती थी। हर बात पर पर बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था। मन अशांत रहता था। व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने के कारण मम्मी मुझे हमारे फैमिली डाक्टर के पास लेकर गईं। + +सप्ताहंत में वालंटियरिंग करती हूं। पौधे लगाती हूं। इससे जो निराशा आ गई थी, वह दूर होने लगी। अब तो बाहर फिर से।टूर्नामेंट्स खेलना शुरू हो गया है। ध्याना की मानें, तो हमें कभी भी परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए और न ही उसके सामने घुटने टेकने चाहिए। कठिन समय आया है, तो सामान्य दिन भी लौटेंगे। हमें सिर्फ धैर्य रखना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d69eb6aa68c3fd2e84ce5d3e9bcb8dcc1d13d5a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्वी निगम की तरफ से एक टेंडर निकाला गया है। इसमें निजी एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं जो इस साइट पर 50 लाख टन कूड़े का निस्तारण कर सके। इसके साथ इनर्ट वेस्ट को भी खपाए और निगम को 10 एकड़ जमीन कूड़ा मुक्त करके दे दे। निगम के अधिकारियों को उम्मीद है कि यह कदम कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लक्ष्य तक पहुंचाने में काफी कारगर साबित होगी। निगम ने दिसंबर, 2024 तक इस पहाड़ को जमीन में मिलाने का लक्ष्य रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66334.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66334.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45dfd90fb4c54b28cd460567d43989472f054608 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66334.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [आरती तिवारी]। काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल Ram Prasad Bismil को गोरखपुर जेल में 19 दिसंबर, 1927 को सुबह छह बजे फांसी दी गई थी। फांसी के तीन दिन पहले ही उन्होंने अपनी आत्मकथा का आखिरी अध्याय पूरा किया था। कुल 30 वर्ष के जीवन में 11 वर्ष क्रांति को समर्पित करने वाले रामप्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा का अंश... मैं प्राण त्यागते समय निराश नहीं हूं कि हम लोगों के बलिदान व्यर्थ गए। मेरा तो विश्वास है कि हम लोगोंकी छिपी हुई आहों का ही यह नतीजा हुआ कि लार्ड बर्कनहेड के दिमाग में परमात्मा ने एक विचार उपस्थित किया कि हिंदुस्तान के हिंदू-मुस्लिम झगड़ों का लाभ उठाओ और भारतवर्ष की जंजीरें और कस दो। गए थे रोजा छोड़ने, नमाज गले पड़ गई। ।भारतवर्ष के प्रत्येक विख्यात राजनैतिक दल ने-और हिंदुओं के तो लगभग सभी तथा मुसलमानों के भी अधिकतर नेताओं ने-एक स्वर होकर रायल कमीशन की नियुक्ति तथा उसके सदस्यों के विरुद्ध घोर विरोध किया है और अगली कांग्रेस (मद्रास) पर सब राजनैतिक दल के नेता तर्था हिंदू-मुसलमान एक होने जा रहे हैं। वायसराय ने जब हम काकोरी के मृत्युदंड वालों की दया-प्रार्थना अस्वीकार की थी, उसी समय मैंने श्रीयुत मोहनलाल जी को पत्र लिखा कि हिंदुस्तानी नेताओं को तथा हिंदू-मुसलमानों को अगली कांग्रेस पर एकत्रित हो हम लोगों की याद मनानी चाहिए। सरकार ने अशफाकउल्ला को रामप्रसाद का दाहिना हाथ करार दिया। अशफाकउल्ला कट्टर मुसलमान होकर पक्के आर्य-समाजी रामप्रसाद के क्रांतिकारी दल के संबंध में यदि दाहिना हाथ बन सकते हैं, तब क्या भारतवर्ष की स्वतंत्रता के नाम पर हिंदु-मुसलमान अपने निजी छोटे-छोटे फायदों का ख्याल न करके आपस में एक नहीं हो सकते? ।परमात्मा ने मेरी पुकार सुन ली और मेरी इच्छा पूरी होती दिखाई देती है। मैं तो अपना कार्य कर चुका। मैंने मुसलमानों में से एक नवयुवक निकालकर भारतवासियों को दिखला दिया, जो सब परीक्षाओं में पूर्णतया उत्तीर्ण हुआ। अब किसी को यह कहने का साहस न होना चाहिए कि मुसलमानों पर विश्वास न करना चाहिए। पहला तर्जुबा था, जो पूरी तौर से कामयाब हुआ। अब देशवासियों से यही प्रार्थना है कि वे हम लोगों के फांसी पर चढ़ने से जरा भी दुखित हुए हों, तो उन्हें यही शिक्षा लेनी चाहिए कि हिंदू-मुसलमान तथा सब राजनैतिक दल एक होकर कांग्रेस को अपना प्रतिनिधि मानें। जो कांग्रेस तय करे, उसे सब पूरी तौर से मानें और उस पर अमल करें। ऐसा करने के बाद वह दिन बहुत दूर न होगा जबकि अंग्रेजी सरकार को भारतवासियों की मांग के सामने सिर झुकाना पड़े और यदि ऐसा करेंगे तब तो स्वराज्य कुछ दूर नहीं। क्योंकि फिर तो भारतवासियों को काम करने का पूरा मौका मिल जाएगार। ।हिंदू-मुस्लिम एकता ही हम लोगों की मददगार तथा अंतिम इच्छा है, चाहे वह कितनी कठिनता से क्यों न प्राप्त हो। जो मैं कह रहा हूं वही श्री अशफाकउल्ला खां वारसी का भी मत है, क्योंकि अपील के समय हम दोनों लखनऊ जेल में फांसी की कोठरियों में आमने-सामने कई दिन तक रहे थे। आपस में हर तरह की बातें हुई थीं। गिरफ्तारी के बाद से हम लोगों की सजा बढ़ने तक श्री अशफाकउल्ला खां की बड़ी भारी उत्कट इच्छा यही थी कि वही एक बार मुझसे मिल लेते, जो परमात्मा ने पूरी कर दी। श्री अशफाकउल्ला खां तो अंग्रेजी सरकार से दया-प्रार्थना करने पर राजी ही न थे। उनका तो अटल विश्वास यही था कि खुदाबंद करीम के अलावा किसी दूसरे से दया-प्रार्थना न करनी चाहिए, परंतु मेरे विशेष आग्रह से ही उन्होंने सरकार से दया-प्रार्थना की थी। इसका दोषी मैं ही हूं, जो मैंने अपने प्रेम के पवित्र अधिकारों का उपयोग करके श्री अशफाकउल्ला खां को दृढ़ निश्चय से विचलित किया। मैंने एक पत्र द्वारा अपनी भूल स्वीकार करते हुए भ्रातृ-द्वितीया के अवसर पर गोरखपुर जेल से श्री अशफाक को पत्र लिखकर क्षमा-प्रार्थना की थी। ।परमात्मा जाने वह पत्र उनके हाथों तक पहुंचा भी या नहीं। खैर! परमात्मा की ऐसी ही इच्छा थी कि हम लोगों को फांसी दी जाए, भारतवासियों के जले हुए दिलों पर नमक पड़े, वे बिलबिला उठें और हमारी आत्माएं उनके कार्य को देखकर सुखी हों। जब हम नवीन शरीर धारण करके देश-सेवा में योग देने को उद्यत हों, उस समय तक भारतवर्ष की राजनीतिक स्थिति पूर्णतया सुधरी हुई हो। जनसाधारण का अधिक भाग सुशिक्षित हो जाए। ग्रामीण लोग भी अपने कर्तव्य समझने लग जाएं। प्रिवी-कौंसिल में अपील भिजवाने का तात्पर्य यह था कि मृत्यु-दंड उपयुक्त नहीं क्योंकि न जाने किसकी गोली से आदमी मारा गया। अगर डकैती डालने की जिम्मेदारी के ख्याल से मृत्यु-दंड दिया गया तो चीफ कोर्ट के फैसले के अनुसार भी मैं ही डकैतियों का जिम्मेदार तथा नेता था और प्रांत का नेता भी मैं ही था। अतएव मृत्युदंड तो अकेला मुझे ही मिलना चाहिए था। अन्य तीन को फांसी नहीं देनी चाहिए थी। ।मैं विलायती न्यायालय की भी परीक्षा करके स्वदेशवासियों के लिए उदाहरण छोड़ना चाहता था कि यदि कोई राजनीतिक अभियोग चले तो वे कभी भूलकर भी किसी अंग्रेजी अदालत का विश्वास न करे। तबीयत आए तो जोरदार बयान दें। अन्यथा मेरी तो यही राय है कि अंग्रेजी अदालत के सामने न तो कभी कोई बयान दें और न कोई सफाई पेश करें। काकोरी षड्यंत्र के अभियोग से शिक्षा प्राप्त कर लें। अंत में फांसी पा रहा हूं। मैं नवयुवकों से फिर भी नम्र निवेदन करता हूं कि जब तक भारतवासियों की अधिक संख्या सुशिक्षित न हो जाए, जब तक उन्हें कर्तव्य-अकर्तव्य का ज्ञान न हो जाए, तब तक वे भूलकर भी किसी प्रकार के क्रांतिकारी षड्यंत्रों में भाग न लें। यदि देश-सेवा की इच्छा हो तो खुले आंदोलनों द्वारा यथाशक्ति कार्य करें, अन्यथा उनका बलिदान उपयोगी न होगा। दूसरे प्रकार से इससे अधिक देश-सेवा हो सकती है, जो ज्यादा उपयोगी सिद्ध होगी। देशवासियों से यही अंतिम विनय है कि जो कुछ करें, सब मिलकर करें और सब देश की भलाई के लिए करें। इसी से सबका भला होगा। ।-...मरते ‘बिस्मिल’, ‘रोशन’, ‘लहरी’, ‘अशफाक’ अत्याचार से। होंगे पैदा सैकड़ों इनके रुधिर की धार से।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2547f87830bd2d8a1129b55817b4761de677a6d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए आदिल ने कहा लोगों को आर्ट और अश्लीलता में फर्क समझ नहीं आता ये हास्यास्पद है। एक्टर ने कहा, ‘मुझे कुछ दिन पहले ही गूगल अलर्ट के जरिए इस ट्रेंड के बारे में पता चला। मुझे लगता है राधिका को ट्रोल करना बहुत ही हास्यास्पद है, बेकार में इसे बड़ा बनाया जा रहा है। मैं इन चीज़ों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता। मुझे लगता है कि ऐसी चीजों पर जवाब देने का एक ही तरीका है कि इन पर जवाब ही न दिया जाए। लोगों को आर्ट और अश्लीलता में फर्क समझ नहीं आता। लोग अब भी आर्ट पर सवाल करते हैं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0cc0e06dad870fa7c19bbdce9bfb25d00f4c8ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को ट्रैक पर लाने के लिए पार्टी नेतृत्व के सियासी विजन की खामियों की ओर जिस बेबाकी से इशारा किया, उसने कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में भी हैरानी और हलचल बढ़ा दी। पीके ने ट्वीट किया, 'लखीमपुर खीरी घटना के आधार पर जो लोग देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेतृत्व में विपक्ष के त्वरित पुनरुद्धार की उम्मीद पाल रहे हैं, वे खुद को बड़ी निराशा के लिए तैयार कर रहे हैं। दुर्भाग्य है कि सबसे पुरानी पार्टी की गहरी जड़ें जमा चुकी समस्याओं और संगठनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है।' लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कांग्रेस सियासी रूप से बेहद आक्रामक तेवर दिखा रही है और प्रियंका गांधी वाड्रा इसकी अगुआई कर रही हैं। प्रियंका की गिरफ्तारी ने भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को अचानक सियासी केंद्र बिंदु में ला दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66343.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c91ed446c33d955cb2ee7ce6bd4e9f7c26eee77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66343.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 10 महीने से दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर जारी किसानों का प्रदर्शन अब पूरी तरह से प्रतीकात्मक रह गया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि किसान आंदोलन का केंद्र अब पूरी तरह से यूपी के लखीमपुरी खीरी जिले में शिफ्ट हो गया है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर पर सन्नाटा पसरा है तो किसानों के मुद्दे पर टेलीविजन चैनलों पर हंगामा हो रहा है। स्थिति यह बन गई है कि किसानों के मुद्दे पर धमकी देने के साथ पागल तक कहने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ff93cfa0e58084bf5a220f022763f310e44537d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवरात्र में मां की आराधना करते तेजप्रताप। ट्विटर।तेजप्रताप के इस प्रलाप पर तेजस्वी ने यह कहकर विराम लगाने की कोशिश की कि लालू को कोई बंधक नहीं बना सकता। आरोप की गंभीरता को देखते हुए कार्यकर्ताओं की बैठक में वचरुअली लालू का भाषण कराया गया, जिसमें उन्होंने पटना अभी तक न आ पाने का कारण डाक्टर की हिदायत बताया। अब कहा जा रहा है कि तारापुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में लालू जाएंगे और सभा भी करेंगे। तेजस्वी ऐसा करके एक तीर से दो निशाने लगा रहे हैं। उनको लगता है कि एक तो इससे कार्यकर्ताओं में जोश पैदा होगा और दूसरे लंबे अर्से से बीमारी की हालत में जेल में बंद लालू को सामने लाने से सहानुभूति भी मिल सकती है। पिछले चुनाव में जंगलराज के नारे से डर कर लालू की तस्वीर तक पोस्टर से हटा देने वाले तेजस्वी इस चुनाव में इस नारे की हकीकत भी परखना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f6e341f07dd112d96e679f218261c49b0e732be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ध्यान रखने वाली आवश्यक बातें।अभ्यास पर दें ध्यान: किसी भी परीक्षा में सफल होने का मुख्य आधार होता है नियमित अभ्यास। फंडामेंटल रूल्स पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ उसके यूजेज पर भी फोकस करना होगा। इसके लिए नियमित अभ्यास करना जरूरी है। साथ ही, निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रश्‍नों को हल करने का अभ्यास उपयोगी हो सकता है। इसके लिए बाजार में उपलब्ध प्रामाणिक पुस्तकों की मदद ले सकते हैं। ।जरूरी है समय प्रबंधन: चूंकि दो घंटे यानी 120 मिनट में 200 प्रश्‍नों को हल करना है, इसलिए समय का प्रबंधन बहुत जरूरी है। परीक्षा कक्ष में समय का सही प्रबंधन कर सकें, इसके लिए अभ्यास के दौरान भी समय के प्रबंधन पर ध्यान दें। जिस प्रश्‍न के उत्तर आप जानते हैं, उसे सबसे पहले हल करें और कोशिश करें कि इसे औसत से भी कम समय में हल कर लें। लेकिन इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि उत्तर अनुमान के आधार पर न दें, क्योंकि इसमें निगेटिव मार्किंग है। हर गलत उत्तर के लिए एक-चौथाई अंक अर्थात 0.25 अंक काट लिए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84f3d93e176053320f1f6d7d5fbcfd37a939b4a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परिचय।दिल्ली विश्वविद्यालय पीजीडीएवी कालेज की पूर्व प्रोफेसर डा. रुक्मिणी का जन्म 1956 में मेरठ में हुआ। 1978 में शादी के बाद दिल्ली आ गईं। मेरठ कालेज से ही इन्होंने बीए व एमए की पढ़ाई की। दिल्ली विवि से एमफिल और पीएचडी करने के बाद 1990 में पीजीडीएवी सांध्य कालेज में लेक्चरार की नौकरी लग गई। 2020 में सेवानिवृत्त हुईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0db3f018b5e0a518b21f5a690a1d92dbeff48b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह के चाकलेट में सामग्री की पूरी शुद्धता होती है। जैसा फ्लेवर चाहें, वह ऐड करा सकते हैं। अपने मन मुताबिक उसे डिजाइन या कस्‍टमाइज करा सकते हैं। खासकर बच्‍चे ऐसे चाकलेट बहुत पसंद करते हैं, क्‍योंकि स्‍वाद के साथ-साथ ये एबीसीडी जैसे अल्‍फाबेट के आकार में होते हैं या फिर इन पर कोई इमेज छपी होती है, जो उन्‍हें काफी आकर्षित करती है, जबकि बाजारों में बिकने वाले चाकलेट की गुणवत्ता और उसकी हाइजीन को लेकर मन में संदेह रहता है। खासतौर से कोरोना संकट के बाद साफ सफाई पर ज्‍यादा ध्‍यान दिये जाने से अब लोग होममेड चाकलेट खाना ही ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि बड़े शहरों से लेकर छोटे शहरों और कस्‍बों में भी देसी तरीके से चाकलेट बनाने और उसे बेचने का बिजनेस तेजी से फलफूल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4053449718783a76378bedcd29888a0f7c22639 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरुण श्रीवास्तव। जब दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था पिछले करीब बीस महीने से कोविड के कारण लड़खड़ाई हुई है, ऐसे में भारत सरकार के अथक प्रयासों और देश के लोगों से मिलने वाले सहयोग के चलते हमारा देश तमाम मोर्चों पर मिसाल के रूप में उभरा है। इससे न केवल अर्थव्यवस्था काफी हद तक पटरी पर आ रही है, बल्कि अनुशासन बनाए रखते हुए जनजीवन भी सामान्य होने की राह पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a1d8c4226453b964de4a30b53667067654d9d06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाजपत नगर में रहने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडित विट्ठल चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों को घर वापसी करा और उनकी छीनी गई संपत्ति का दावा करने के लिए शुरू की गई मुहिम से कट्टरपंथी बौखला गए हैं। वो नहीं चाहते कि विस्थापित कश्मीरी पंडित अपनी पुरानी संपत्तियों पर दावा करें और उन्हें संपत्तियों से कब्जा छोड़ना पड़े। इसलिए हिंदुओं को गैर मुस्लिमों को चुन-चुन कर मार रहे हैं। जिससे एक बार फिर 1990 जैसा माहौल बने और बचे हुए कश्मीरी पंडित भी यहां से पलायन कर जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ca0148d11c9bf259b3ab4c37af783f8d9f7019e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6636.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह बात रिया चक्रवर्ती ने सोशल मीडिया के जरिए कही है। वह अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से काफी सुर्खियों में रहती हैं। रिया चक्रवर्ती अपने फैंस के लिए अक्सर खास तस्वीरें और वीडियो भी साझा करती रहती हैं। अब उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी पर एक पोस्ट साझा किया है। इस पोस्ट में उन्होंने अपने के समय को कलयुग और बुरा दौर बताया है। + +फिल्म चेहरे में रिया चक्रवर्ती के साथ दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन, इमार हाशमी, अनु कपूर, क्रिस्टल डिसूज़ा, रघुबीर यादव, सिद्धांत कपूर और धृतिमान चटर्जी अहमर किरदारों में नजर आएंगे। आपको बता दें, चेहरे 9 अप्रैल को सिनेमाघरों में आने वाली थी, मगर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के जोर पकड़ने के बाद सिनेमाघर बंद होने लगे और चेहरे की रिलीज स्थगित कर दी गयी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66362.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66362.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1580c87ca881e01a6dbd53a4fe2d1e7700e0b973 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66362.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नि:संदेह आजादी के तत्काल बाद जब भारत का निजी क्षेत्र पर्याप्त सक्षम नहीं था, तब तो इसका थोड़ा-बहुत औचित्य था कि सरकार बड़े उद्योगों को खुद चलाए, लेकिन धीरे-धीरे इस जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने की जो आवश्यकता थी, उसकी पूर्ति नहीं की गई। इससे भी खराब बात यह हुई कि सरकार छोटे-छोटे उद्योग और यहां तक कि होटल भी चलाने लगी। टाटा समूह के लिए यह जहां एक सुखद क्षण है कि एयर इंडिया फिर से उसके हाथों में आ गई वहीं उसे घाटे से उबारना एक चुनौती भी है। उम्मीद है कि वह इस चुनौती का सामना करने में सक्षम साबित होगी। यह उम्मीद इसलिए की जा रही है, क्योंकि एक तो टाटा को अपनी पुरानी कंपनी वापस मिल रही है और दूसरे उसके पास एयरलाइन कंपनियों के संचालन का अच्छा-खासा अनुभव है। विस्तारा और एयर एशिया में उसकी हिस्सेदारी है। एक तरह से टाटा के पास अब तीन एयरलाइन कंपनियां हो गई हैं। यह भविष्य बताएगा कि टाटा प्रबंधन कैसे एयर इंडिया को फिर से पटरी पर लाता है, लेकिन यह संतोषजनक है कि सरकार ने इस कंपनी के कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखने का आश्वासन दिया है। उसे इस आश्वासन पर इसलिए खरा उतरना होगा, क्योंकि इससे ही वह घाटे वाले अपने अन्य उपक्रमों का निजीकरण आसानी से कर पाएगी। इस मामले में यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी सरकारी उपक्रम के घाटे में डूबने के पहले ही उसका निजीकरण करना बेहतर होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efcdca03ce729765ef229c75f42fc287f8f0f87f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66364.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लाोधा : खैरेश्वर धाम स्थित गोशाला की 110 गोवंश की क्षमता है, लेकिन यहां पर महज 310 गोवंश ही हैं। तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण ङ्क्षसह ने इसका शुभारंभ किया था। शुरुआत में 900 गोवंश थे, लेकिन धीमी-धीमी इनकी संख्या कम होती चली गई। यहां के तमाम पशु बाहर घूमते हैं। इसी तरह ताजपुर रसूलपुर में 30 गोवंश की क्षमता वाली गोशाला में महज दो गया हैं।जबकि, यहां से इससे अधिक बजट पशुपालन विभाग से लिया जाता है। + +चंडौस : ब्लाक के ऊमरी की गोशाला में इस समय 165 गोवंश हैं। बीते माह भेजे गए रिकासर्ड में इनकी संख्या 185थी। गोशाला में चारे पानी की व्यवस्था तो ठीक है,लेकिन धूप एवं बारिश के बचाव हेतु पर्याप्त टिन शेड नहीं है । जल निकासी का प्रबंध न होने के चलते सामान्य बारिश में भी गाय को कीचड़ में रहना पड़ता है। ग्राम प्रधान ने इसको लेकर एसडीएम को अवगत करा दिया है। यहां की नगला पदम गोशाला में 82 गोवेश हैं। जबकि, यहां रिकार्ड में 113 गोवंश दर्ज हैं। गाय ज्वार के खड़े पेड़ खाने को मजबूर हैं। तमाम गोवंश बीमार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66367.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95071dfe3f16cedf43d4cb4a6cedd66b4674d389 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66367.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लोग प्यार से गूगल मास्टर बुलाते हैं ।चीजों को जानने के लिए हमेशा जिज्ञासु रहने वाला हितेन अपने माता-पिता से हमेशा सवाल पूछता है और वह उसके जवाब देने में जुटे रहते हैं। कई बार उसके सवाल न केवल माता-पिता बल्कि शिक्षकों को भी हैरानी में डाल देते हैं। लोग उसे गूगल मास्टर भी कहकर बुलाते हैं। हाल ही में हितेन से मुलाकात के बाद उसकी प्रतिभा से प्रभावित होकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उसे सम्मानित करने की बात की है। + +शिव तांडव जुबानी है याद।कन्हैया नगर निवासी हितेन केजी का छात्र है। उसके पिता पंकज कौशिक भी अतिथि शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही जिज्ञासु हितेन अपने देश के राज्यों के शहरों के नाम फटाफट सुना देता है। पिता ने बताया कि हितेन को शिव तांडव जुबानी याद है और वह दाे मिनट 15 सेकंड में इसे सुना देता है। उन्होंने बताया कि साढ़े तीन वर्ष की आयु में वह उसे लेकर मंदिर जाते थे तब वह मंदिर में होने वाले भजनों को याद कर लेता था। इसी वर्ष उसका दाखिला स्कूल में कराया गया है लेकिन कोरोना की वजह से स्कूल बंद है और वह अभी तक स्कूल नहीं जा सका है। गुलाबी बाग स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में नामांकन किया गया है। फिलहाल उसके लिए घर में ही स्टडी रूप तैयार किया गया है। + +कई क्षेत्रों की जानकारी ।हितेन को सौरमंडल, आकाशगंगा, महाद्धीप, महासागर के नाम याद हैं। विश्व के 70 से अधिक देश के नाम और उनकी राजधानी के नाम कंठस्थ है। उसे अलग-अलग देशों के राष्ट्रपति के नाम भी याद हैं। इसके साथ ही उनकी करेंसी और झंडे की भी जानकारी है। वह संसार की सबसे छोटी और सबसे छोटी चीज के बारे में बता सकता है। भारत के संविधान और मौलिक अधिकारों के बारे में जानते हैं। साथ ही पड़ोसी देश और उसकी राजधानी के अलावा देश के राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम भी पता हैं। अब तक हुए देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भी याद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9aeb6cc8ab34b2eb2cc29f64c98a13568737c9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुक्रवार सुबह के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के पास 80 लाख, बिहार के पास 61 लाख, हरियाणा के पास 16 लाख, पंजाब के पास 7.6 लाख, दिल्ली के पास 13 लाख, मध्यप्रदेश के पास 72 लाख, छत्तीसगढ़ के बाद 18 लाख, झारखंड के पास 22 लाख, जम्मू-कश्मीर के पास 5.76 लाख, हिमाचल प्रदेश के पास तीन लाख, राजस्थान के पास 31 लाख, पश्चिम बंगाल के पास 40 लाख, महाराष्ट्र के पास 68 लाख और तमिलनाडु के पास 33 लाख डोज उपलब्ध थीं। जो गति है उसमें औसतन राज्यों के पास एक महीने से ज्यादा का टीका मौजूद है। जैसे मध्य प्रदेश में अक्टूबर में प्रतिदिन टीकाकरण की रफ्तार महज 1.4 लाख है। इस रफ्तार से 72 लाख डोज खत्म होने में डेढ़ महीने से अधिक लग जाएंगे। इसी तरह से प्रतिदिन एक लाख डोज के टीकाकरण के साथ झारखंड के पास 22 दिनों का स्टाक जमा हो गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अन्य राज्यों की हालात भी कमोवेश ऐसी ही है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि प्रतिदिन 80 लाख से उपर डोज लगें लेकिन राज्यों की सुस्ती चिंताजनक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96371d6fbaad36196b76985889bfa22835240e55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्मी हस्तियों को पसंद आ रहा अलीगढ़ का झूमर।अलीगढ़ के झूमर की दुनियाभर में चमक है। देशी-विदेशी सेवन व फाइव स्टार होटल, गुरुद्वारा, मंदिर व प्राचीन दरगाहों में फैंसी लाइट व झूमर लग रहे हैं। फिल्मी हस्तियों की यह पसंद रहा है। आज भी यह झूमर स्टूडियों में अलीगढ़ की शान बने हुए हैं। फिल्म शोले, जुगनू, नूर जहां, आलम आला जैसी तमाम फिल्मों में दिखाए जाने वाले झूमरों का अलीगढ़ में ही निर्माण हुआ है। फिरोजाबाद की नामचीन कांच के उत्पादन तैयार करने वाली कंपनियों के हुनर भी साझा है। अलीगढ़ में यह झूमर चार लाख रुपये तक का तैयार हुआ है। 10 मीटर के झूमर में नौ घेरे (चक्र) तक बनाए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..600be89ce7126a5e55f71662b0fd2ad3dff5bad4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम इन दिनों अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों लाइफ को लेकर काफी चर्चा में है। यामी ने कुछ महीने पहले ही ‘उरी’ डायरक्टर आदित्य धार से शादी की है। वहीं एक्ट्रेस जल्द ही सैफ अली ख़ान संग मल्टी स्टारर फिल्म ‘भूत पुलिस’ में नज़र आने वाली हैं। हाल ही में यामी ने भूत पुलिस का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर शेयर किया है इसके साथ ही एक्ट्रेस ने अपनी पहचान में एक बदलाव भी कर लिया है। ।दरअसल, अब तक आप जिस यामी को गौतम के सरनेम के साथ जानते थे, अब उन्होंने अपना सरनेम बदल दिया है। यामी ने ट्रेलर रिलीज़ करने के साथ ही अपना सरनेम भी अपडेट कर 'यामी गौतम धार' दिया है जो कि उनके पति का सरनेम है। वैसे यामी से पहले सोनम कपूर, प्रियंका चोपड़ा, करीना कपूर जैसी फेमस एक्ट्रेसेज़ भी अपने नाम के आगे अपने पति का सरनेम जोड़ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ea03d311a9f7c414355d50551491fee1f7123ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्यों में बिहार पुलिस में महिलाओं की सबसे ज्यादा 25.3 फीसदी की हिस्सेदारी है। बिहार पुलिस में नागरिक पुलिस, जिला सशस्त्र रिजर्व, विशेष सशस्त्र पुलिस और भारत रिजर्व बटालियन आते हैं। बिहार के बाद हिमाचल प्रदेश का नंबर है, जहां महिलाओं की हिस्सेदारी 19.15 फीसदी है। इसके बाद चंडीगढ़ में 18.78 फीसदी और तमिलनाडु में 18.5 फीसदी है। जम्मू और कश्मीर पुलिस में महिलाओं की सबसे कम 3.31 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके बाद तेलंगाना 5.11 फीसदी की हिस्सेदारी है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह आंकड़ा 1 जनवरी, 2020 तक के आकलन के आधार पर है। रिपोर्ट के अनुसार एनआईए में कुल 37 महिलाएं है जो कि उसकी कुल संख्या का 4.64 प्रतिशत है। वहीं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में कुल संख्या में 475 महिलाएं है जो कि कुल तादाद का 7.96 प्रतिशत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7a700859543a8aa3a65d94982f2ca32f162d6c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राममंदिर पर फैसला आने के बाद अयोध्या के विकास के लिए बन रही योजनाओं में भव्य अयोध्या ग्रीन फील्ड टाउनशिप अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह टाउनशिप अयोध्या के उपनगर के तौर पर होगी। टाउनशिप में स्थान पाने के लिए देश-दुनिया की संस्थाएं प्रयासरत हैं। कर्नाटक सरकार ने अपना राज्य अतिथि गृह बनाने के लिए प्रस्ताव दिया है। कर्नाटक सरकार के प्रतिनिधि भव्य अयोध्या टाउनशिप की भूमि का स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके हैं। यही नहीं कई देशों के कई नामी संस्थान भी भव्य अयोध्या में भूमि पाने के लिए अपना प्रार्थनापत्र उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण को प्रस्तुत कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..707f70a47d56b57dfd04a3885865c35d1dddf487 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। दिव्यांग होना अभिशाप नहीं है। ऐसे लोग भी न सिर्फ सपने देख सकते हैं, बल्कि उन्हें पा भी सकते हैं। जरूरत है तो बस उनमें आत्मविश्वास जगाने की। इस काम को अभिभावकों से बेहतर कोई नहीं कर सकता। केंद्रीय विद्यालय नंबर वन में नई आशा नामक पहल की शुरुआत करते हुए यह बातें केबीसी-13 की पहली करोड़पति हिमानी बुंदेला ने कहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a215640726220fb30d06eb481f9fdc9ef4ba538 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66385.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। India v/s Newzealand Test Match ग्रीनपार्क में 25 से 29 नवंबर तक भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले टेस्ट मैच के सभी कार्य 20 दिनों में पूरे किए जाएंगे। वहीं मैच में डिजिटल स्कोर बोर्ड लगाया जाएगा। शहर के साथ आसपास के जिलों में भी टिकट काउंटर सेंटर खोले जाएंगे। स्टेडियम के सुंदरीकरण के साथ दर्शक दीर्घा, मीडिया बाक्स का काम तेजी से कराया जाएगा। कोरोना के चलते 50 फीसद दर्शक क्षमता पर मैच का आयोजन कराया जा सकता है। ये बातें ग्रीनपार्क स्टेडियम का निरीक्षण करने पहुंचे उप्र क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने कहीं। ।उन्होंने सभी को सामंजस्य बनाकर मैच से पूर्व सभी तैयारियों को पूरा करने की बात कही। मुख्य स्टेडियम में टूट-फूट और टिन शेड की दुर्दशा को 20 दिनों में सही कने के लिए निर्देशित किया। दर्शक दीर्घा का सुंदरीकरण भी अतिरिक्त मैन पावर को बढ़ाकर करने को कहा। इस अवसर पर उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के सीओओ दीपक शर्मा, अनिल कामथान, आशू मल्होत्रा, तालिब खान, पिच क्यूरेटर शिवकुमार, रवि, बिंदा व श्रेयांश कार्तिकेय उपस्थित रहे। ।बीसीसीआइ के नियमों से होगा टेस्ट मैच: यूपीसीए के निदेशक इंचार्ज रियासत अली के साथ पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह कहा कि बीसीसीआइ की गाइडलाइन के मुताबिक टेस्ट मैच का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दर्शक क्षमता पर निर्णय लिया जाएगा। अभी तक 50 फीसद दर्शक क्षमता पर मैच कराने की योजना है। ।पांच होटल खिलाडिय़ों के लिए बुक: एसोसिएशन द्वारा शहर में पांच होटलों का बुक किया जा चुका है, जिनमें खिलाडिय़ों के रुकने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं क्रिकेट प्रेमियों के लिए आनलाइन व आफलाइन टिकट की व्यवस्था रहेगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10dbb0be4d02359055953a885e1838eb29c8bb7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + एक ओटीटी प्लेटफार्म कंपनी से करार हुआ है। हम उनके दर्शकों के लिए सीधे रामलीला का प्रसारण दे रहे हैं। इसी तरह कई डीटीएच कंपनियां, धार्मिक चैनल और बड़ी केबल कंपनियों से भी करार किया है, जो सीधे दर्शक तक रामलीला का प्रसारण पहुंचा रहे हैं। इससे उन्हें बहुत बड़ा दर्शक वर्ग मिला है। इलेक्ट्रानिक मीडिया यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव प्रसारण हो रहा है। इस तरह हम हजारों लोग तक पहुंच गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b4f5c6547b1cb7e4ad12d8e9eed600ab143bc73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंदिर की विशेषता।पथवारी मंदिर पर क्षेत्र का एक मात्र बैभव लक्ष्मी मैया का मंदिर भी है। मंदिर के शिखर हर ध्वज पताका फहरती है। अंदर काफी अच्छी नक्काशी की गई है। मंदिर पर अनुसूचित जाति के पुजारी हैं। मंदिर सामाजिक समरसता की मिसाल है। नवरात्र में यहां नौ दिन तक मेला लगता है और हर दिन भक्तों को मैया के अलग रूप के दर्शन कराए जाते हैं। यहां पर मां का छप्पन भोग लगाने की परंपरा है। भोग लगाने वाले भक्तों की भीड़ लगी रहती है। मंदिर के अंदर शीशे की नक्काशी की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb8ee329737440aabc5ba59375411a31f5dcde80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66392.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। द्वितीय विश्व युद्ध हो या फिर पाकिस्तान से युद्ध। हर मोर्चे में आगरा एयरफोर्स स्टेशन खरा उतरा है। दुश्मनों को धूल चटाई है और जीत की राह प्रशस्त की है। इस स्टेशन की ताकत और भी बढ़ने जा रही है। आने वाले समय में यहां कई नए विमान तैनात किए जाएंगे। इसमें फाइटर प्लेन भी शामिल हो सकते हैं। यही नहीं, स्टेशन में अमेरिकी विमान सी-130 जे के खरीद की पटकथा लिखी गई थी। सबसे पहले इसी स्टेशन में विमानों का प्रदर्शन किया गया था। पहले चरण में छह विमान खरीदे गए थे, जबकि ग्वालियर के आसपास पहला विमान हादसा ग्रस्त हुआ था। एयरफोर्स स्टेशन ने विमानों के आपातकालीन लैंडिंग के लिए स्थल भी चिन्हित कर लिए हैं। यह स्थल आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे पर उन्नाव में बांगरमऊ के पास है। यमुना एक्सप्रेेस वे पर भी लड़ाकू विमान टेक आफ कर ट्रायल कर चुके हैं, लेकिन यहां एयरस्ट्रिप नहीं है। + +हवा में विमानों को दिया जा सकता है ईंधन ।आगरा एयरफोर्स स्टेशन में आइएल-78 विमान भी है। तेलवाहक श्रेणी का यह विमान एक साथ तीन फाइटर प्लेन को हवा में ईंधन देने की क्षमता रखता है, जबकि किसी भी विमान में 500 से 600 लीटर प्रति मिनट के हिसाब से ईंधन भर सकता है। पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक के समय भारतीय लड़ाकू विमानों को हवा में ही ईधन की सप्‍लाई मुहैया कराने को आगरा एयरफोर्स स्‍टेशन से ईधन लेकर विमान भेजे गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66394.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d7a87ac329d2317c8b8be218fbb603c262d3759 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66394.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंबाला, [दीपक बहल]। AirForce Day: पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले गुलाम कश्मीर के बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाक के हमले की कोशिश विफल कर दी गई थी। इसमें अंबाला एयरबेस पर तैनात स्‍कवाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल की अहम भूमिका थी। एयर स्‍ट्राइक के बाद 27 फरवरी 2019 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के भारतीय वायुसीमा में प्रवेश कर हमला करने के मंसूबों को अंबाला एयरबेस पर तैनात मिंटी अग्रवाल की सतर्कता से फेल कर दिया था। उस दौरान मिंटी अंबाला एयरबेस पर बतौर फ्लाइट कंट्रोलर थीं। बालकोट एयर स्ट्राइक के अगले ही दिन पाकिस्तान की एयरफोर्स ने भारतीय क्षेत्र में हमले की साजिश तैयार की, जो पूरी तरह से फेल हो गया। मिंटी अग्रवाल पहली महिला सैन्य अधिकारी हैं जिनको युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81e15d22239b241c51d8c1e711c2b67b506b5575 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66395.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्यपाल की टिप्पणी पर झामुमो और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्णय राज्य के आदिवासियों के हित में है और वह अपने कर्तव्य व अधिकार क्षेत्र को बेहतर ढंग से समझते हैं। मतलब साफ है, जैसे-जैसे यह मामला बढ़ेगा, राज्य में टकराव के साथ-साथ कटुता भी बढ़ेगी। झारखंड की राजनीति आदिवासी तबके के इर्द-गिर्द घूमती है। इसकी बड़ी वजह विधानसभा की कुल 81 सीटों में से 28 विधानसभा क्षेत्रों का अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होना भी है। + +आशंका जताई जा रही है कि नई परिस्थितियों में इस मुद्दे पर राजभवन और गठबंधन सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है। राज्यपाल ने कहा है कि वह टीएसी के गठन को लेकर कानूनी परामर्श ले रहे हैं। जाहिर है, इस मामले में राजभवन अपनी भूमिका स्पष्ट करेगा तो टीएसी को फिर से गठित करने की नौबत आ सकती है। राजभवन के इस रुख से झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार असहज है। पूरे प्रकरण पर राजनीतिक बयानबाजी भी आरंभ हो गई है। सत्ता पक्ष ने दलील दी है कि टीएसी के गठन में राज्यपाल की अनुमति आवश्यक नहीं है। इस बाबत पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ का हवाला दिया जा रहा है, जहां पूर्व में भाजपा की रमन सिंह सरकार ने इस व्यवस्था को लागू किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ee60f2fb0cbfa227fc4af3948f061c277d402eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्र की सुरक्षा में अहम भूमिका : वायुसेना भारतीय सशस्त्र बलों की अहम इकाई है। विभिन्न युद्धों में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वायुसेना का मुख्य उद्देश्य देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा करना और किसी देश से टकराव की स्थिति में हवाई हमलों को अंजाम देना होता है। पाकिस्तान और चीन से युद्ध में भारतीय वायुसेना की भूमिका उल्लेखनीय रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0890e0efeae7f2d9c2130219a0a1864bb8661fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस पृष्ठभूमि में जब 2015 में दादरी स्थित अखलाक की भीड़ ने दुर्भाग्यपूर्ण हत्या कर दी थी और मीडिया की दिनोंदिन उग्र रिपोर्टिग और टीवी-बहस ने देश की छवि को असहिष्णु और मुस्लिम विरोधी बनाने का प्रयास किया था, तब वह कुनबा इसका या तो समर्थन कर रहा था या फिर उस पर सुविधाजनक रूप से चुप था। ऐसा ही मनगढ़ंत विमर्श 2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या मामले और 2018 के कोरेगांव हिंसा में भी बनाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b897e49ee5028e3461d7fea2be41c1218649038a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66406.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुछ माह बाद ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा सरकार जहां विकास और कानून व्यवस्था के नाम पर फिर प्रचंड बहुमत लाने का दावा कर रही है वहीं विपक्ष कोई भी ऐसा मुद्दा नहीं छोड़ रहा, जिस पर सरकार को घेरा जा सके। उन्नाव दुष्कर्म कांड, उभ्भा नरसंहार और हाथरस दुष्कर्म कांड को विपक्ष ने जोरशोर से उठाया। विपक्ष के बीच की इस प्रतिस्पर्धा में कभी सपा मुखिया अखिलेश यादव तो कभी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा आगे निकलती दिखीं। कोरोना संक्रमण की महामारी आने के बाद वक्त के साथ यह सभी प्रकरण दब गए। हां, कृषि कानून विरोधी आंदोलन जरूर दिल्ली बार्डर पर अब तक चल रहा है। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा प्रदेश के अन्य किसी हिस्से में इसका असर नजर नहीं आया। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने किसानों का मन टटोला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना मूल्य 25 रुपये बढ़ाकर विपक्ष के पाले से किसानों को अपनी ओर लाने का प्रयास किया। + +फिर भी कई घंटों से हिरासत में वक्त गुजारते हुए कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी को आस रही कि वह इस दबी राख को कुरेदकर भी सरकार के लिए आंच बढ़ा सकती हैं। इसीलिए उनका साथ देने के लिए राहुल के साथ छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री भी आ पहुंचे हैैं। दोनों मुख्यमंत्रियों ने पचास-पचास लाख रुपये मुआवजे की भी घोषणा कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति कार्ड खेला है। दूसरी ओर सपा प्रमुख अखिलेश यादव व बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के गुरुवार को खीरी जाने की तैयारी से साफ है कि दूसरे विपक्षी दल भी किसानों से जुड़े इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कोई कसर छोड़ने वाले नहीं है। आप अपने स्तर से कोशिशों में जुटी ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f420d2a0f4fc4cd8d2be973ccb0a532482bbdd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66407.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गुरप्रेम लहरी, बठिंडा।  जिले की बेटी रितिका मित्तल ने लक्ष्य हासिल करने के लिए अपनी जिंदगी में काफी कठिनाइयों का सामना किया लेकिन कभी पीछे नहीं हटी। जिले की बेटी ने नागालैंड में अकेली रहकर अपने दम पर हुनर का लोहा मनवाया है। रितिका ने नागालैंड़ में पेड़ की छाल से ऐसा कपड़ा तैयार करके दिखाया जो एक सौ साल से भी ज्यादा समय तक चल सकता है। + +असंभव से संभव तक की यात्रा।मुंबई में टेक्सटाइल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2009 में रितिका नागालैंड़ चली गईं। उसके साथ उनकी दो मुंबई बेस्ड सहेलियां भी थी लेकिन वह वहां ज्यादा देर तक नहीं रह पाईं और लौट गईं। उन्होंने रितिका को भी वापस लौटने की सलाह दी। लेकिन वह नहीं मानी और इसके बाद और ज्यादा हिम्मत से लक्ष्य पाने को डट गईं। रितिका जिस नागा परिवार के घर पर रह रही थी, उन्होंने उसे अपनी बेटी के तौर पर अडाप्ट कर लिया था। एक बार वह काफी बीमार पड़ गई तो उसकी संभाल नागा परिवार ने ही की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66409.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e87d604cf5112fc69c154cd12fea47bf51bc771 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66409.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता । नवरात्र में हर तरफ देवी मां की गूंज होगी। भक्ति के रस में सब डूब जाएंगे। देवी मां की प्रतिमा की स्थापना होगी। मां के जयकारों से पूरा देश गूंज उठेगा। गुरुवार को प्रथम नवरात्र के दिन मंदिर की स्थापना होगी। जगह-जगह मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी। इसलिए श्री गंगा सेवा समिति के पदाधिकारियों ने तय किया है कि वह प्रतिमा को गंगा में बहाने से रोकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d21cbac5d5ce1114ad0befc219fbf14b3696ab9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66411.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना वायरस के संक्रमण काल में पिछले वर्ष रामलीला कमेटी द्वारा रामलीला का मंचन नहीं किया जा सका था। उत्तर भारत में अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध राम बरात व जनकपुरी का आयोजन भी नहीं हो सका था। कमेटी ने रामलीला व राम बरात का आनलाइन प्रसारण किया था। इस बार भी प्रशासन ने कमेटी को कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते रामलीला के मंचन की अनुमति प्रदान नहीं की, जिसके बाद कमेटी ने आयोजन को स्थगित कर दिया था। अब कमेटी ने पिछले वर्ष की तरह रामलीला का आनलाइन प्रसारण शुक्रवार से करने का निर्णय लिया है। रामलीला कमेटी के मंत्री राजीव अग्रवाल ने बताया कि रामलीला कमेटी के यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम के साथ ही वाट्सएप ग्रुपों में रामलीला के लिंक शेयर किए जाएंगे। इससे श्रद्धालु प्रभु की लीलाओं का दर्शन घर बैठे कर सकेंगे। + + मन:कामेश्वर मंदिर में आज से होगी रामलीला।मन:कामेश्वर मंदिर के मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि मंदिर परिसर स्थित श्रीनाथ जी के दरबार में रामलीला का मंंचन वृंदावन की मंडली गुरुवार शाम से करेगी। शाम पांच से 7:30 बजे तक मंचन होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में मन:कामेश्वर मंदिर व रामलीला कमेटी में मतभेद होने पर मंदिर के महंत को रामलीला के कार्यों में भाग लेने से रोक दिया गया था। तब से मठ प्रतिवर्ष श्री बाल रामलीला का आयोजन नेपाल के जनकपुर से मंडली बुलाकर कर रहा है। पिछले वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लीला का आयोजन नहीं हो सका था। इस वर्ष उप्र सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने पर मंचन कराया जा रहा है। इसका इंटरनेट मीडिया के माध्यम से श्री मन:कामेश्वर मंदिर के फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वाट्सएप पर प्रसारण किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72fb98a6af820d5403849c9310dcde96f1467960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र। MP Politics ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके समर्थकों के कांग्रेस छोड़ने के बाद भी मध्य प्रदेश में पार्टी में असंतोष गहराता ही जा रहा है। 2018 में जिस राज्य में भाजपा को हराकर सत्ता की सीढ़ी चढ़ी कांग्रेस इतने कम समय में आंतरिक झंझावातों से घिर जाएगी किसी ने सोचा नहीं था। कमल नाथ एवं दिग्विजय की जुगलबंदी में अधिकतर बड़े नेता खुद को हाशिये पर महसूस कर रहे हैं। वे संकेतों में तथा खुलकर भी बता रहे हैं कि किस तरह कांग्रेस कमल नाथ के घेरे में सिमट गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df138252c27572dbc0c88aea197826d4402bd3e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66416.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जीवन का हिस्सा बन गए चिप्स : हमारी जेब में मौजूद स्मार्टफोन से लेकर इंटरनेट को संचालित करने वाले विशाल डाटा केंद्रों, इलेक्ट्रिक स्कूटर से लेकर हाइपरसोनिक विमान तक, पेसमेकर से लेकर मौसम की भविष्यवाणी करने वाले सुपर कंप्यूटर तक सेमीकंडक्टर के बिना अधूरे हैं। अमेरिका में विज्ञानियों ने 1947 में पहला सिलिकान ट्रांजिस्टर बनाया था। इससे पहले कंप्यूटिंग मशीनें वैक्यूम ट्यूबों द्वारा परफार्म करती थीं, जो न सिर्फ धीमी, बल्कि भारी भी होती थीं, लेकिन सिलिकान ने सब कुछ बदल दिया। सिलिकान के ट्रांजिस्टर काफी छोटे होते हैं, जिन्हें माइक्रोचिप पर आसानी से फिट किया जा सकता है। अगर सेमीकंडक्टर न हो तो आज की स्थिति में कम्युनिकेशन, हेल्थकेयर, मिलिट्री सिस्टम, ट्रांसपोर्टेशन, क्लीन एनर्जी, गैजेट्स का उपयोग करना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, पहले भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस बनते थे, लेकिन वे आज की तरह स्मार्ट नहीं होते थे। चिप की वजह से डिवाइस छोटे और स्मार्ट हो गए हैं। सेमीकंडक्टर डाट ओआरजी के मुताबिक, आज दुनिया भर में दैनिक उपयोग में 100 बिलियन से अधिक इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e7b1d9235b0e7760d9eacbfd2f502605666e814 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी हादसे पर संयुक्त किसान मोर्चा जल्द बेहद कड़ा फैसला लेगा। प्रदेश सरकार पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि सरकार गलतफहमी को छोड़कर लखीमपुर नरसंहार के दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी करे। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए उन्होंने ये बातें कही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbc186fd71b32fdd86a3f4b2c7454a58cfdd27b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66419.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्कूल-कालेज में विशेष सावधानी की जरूरत: अनलाक के बाद बच्चों के स्कूल-कालेज खुलने लगे हैं और यह अच्छी पहल है। दुनिया के अधिकांश देशों में बिना टीकाकरण के स्कूलों को खोला जा चुका है, क्योंकि यह बच्चों के भविष्य से जुड़ा सवाल है। डेढ़ साल से अधिक समय से स्कूल-कालेज बंद होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई बच्चा एक महीने स्कूल नहीं जाता है तो वह पढ़ाई में दो महीने पीछे रह जाता है। विज्ञानियों का यह भी मानना है कि वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में काफी एक्सपोजर हुआ है और उनमें एंटीबाडी लेवल्स मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd2178d2cc9cd8f1f915fcf1282154a18bac325f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाहरुख ख़ान की लाडली बेटी सुहाना ख़ान इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर स्टार किड्स में से एक हैं। सुहाना की हॉट एंड बोल्ड फोटोज़ आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं, इतना ही नहीं इंस्टाग्राम पर भी सुहाना के अच्छे खासे फॉलोअर्स हैं जो उन्हें काफी पसंद करते है। सुहाना ने भले ही अब तक बॉलीवुड में डेब्यू नहीं किया है, लेकिन लोगों के बीच वो उतनी ही फेमस हैं जितनी कोई हीरोइन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fffe637b6556989748aee2323d8fba4aac1fb6c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66420.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, अजय श्रीवास्तव। सस्ते और टिकाऊ दरवाजे, पार्क और पार्किंग में बनाई गई फर्श से भूगर्भ में जा रहा पानी और कभी अनुपयोगी मानी जा रही सामग्रियों से तैयार हो रही ब्रिक। भूजल बचाने से लेकर कूड़ा प्रबंधन और निर्माण की नई तकनीक को देखना है तो इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नया शहरी भारत कांफ्रेंस एवं एक्सपो में आना होगा। आयोजन का गुरुवार को अंतिम दिन है और हर कोई इस आयोजन में शामिल हो सकता है। यहां हर स्टाल पर हुनर ही हुनर नजर आ रहा है। + +केरल कुओं से भर रहा धरती की गगरी: भरपूर पानी होने के बाद भी केरल को भविष्य की चिंता सताने लगी है। बारिश का पानी समुद्र में न चला जाए, इसलिए वहां घर-घर में कुएं को जल संचयन का केंद्र बनाया गया है। बारिश के पानी को बचाने के लिए यहां के वैज्ञानिकों ने कम खर्चीली योजना को अपनाया है। बारिश के पानी को बचाने के लिए इंटरलाकिंग टाइल्स लगाने से पहले बालू और मौरंग की गहरी लेेयर बनाई जाती है। इस लेयर के नीचे एक मोटी पालीथिन बिछाई जाती है। इसे ऐसे बिछाया जाता है कि बारिश का पानी छनकर पालीथीन में ठहर जाए। इस पालीथिन का लेबल इस तरह से रखा जाता है, जिससे पानी का बहाव किसी न किसी कुएं में हो जाए। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नया शहरी भारत कांफ्रेंस एवं एक्सपो में केरल से आए विशेषज्ञों ने भूजल बचाने की विधि बताई। कोच्चि के मॉडल का भी प्रदर्शन हो रहा है। विशेषज्ञ राहुल और मधावन ने बताया कि केरल में बारिश तो पर्याप्त होती है, लेकिन भूमि में पानी नहीं पहुंच पा रहा था। अब बारिश का पानी कुओं में पहुंचाने की सरल योजना बनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63bb1fcee8baa7fd797cd5666a1f41ab5e97bbf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लगातार 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस फिलहाल बुरे दौर से गुजर रही है। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी नेता इस कदर निराश हैं कि वे विरक्ति की राह भी चलने को तैयार दिखाई दे रहे हैं। इसकी बानगी भी देखने को मिल रही है। हैरत की बात यह भी है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में 6 महीने से कुछ ज्यादा का ही वक्त बचा है और कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे और भी बुरे हाल में पहुंचती नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d02fd0f6c37024a75eab756d198023037401e8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। अपनी शिक्षा और मेहनत के बल पर बेटियां हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर रही हैं। ये अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व कर न सिर्फ अपने अभिभावकों, बल्कि देश का भी मान बढ़ा रही हैं। दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा पूर्णिमा तिवारी भी इन्हीं में से एक हैं। पूर्णिमा संयुक्त राष्ट्र की तरफ से पोलैंड के केटोवाइस शहर में छह से 10 दिसंबर के बीच आयोजित होने वाले 16वें यूनाइटेड नेशंस गवर्नेंस फोरम, 2021 में बतौर युवा राजदूत भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff2db8943c4f994da0db520b04dcace966f9b262 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के मशहूर और दिग्गज गीतकार गुलजार का जन्म 18 अगस्त 1934 में दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था, जोकि अब पाकिस्तान में है। गुलजार न केवल शानदार गीतकार हैं, बल्कि बेहतरीन संवाद और पटकथा लेखक से लेकर एक अच्छे निर्देशक भी हैं। उन्होंने अपने काम से हिंदी सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10889135af50491e9e6e8ea5940b5527c8515a12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66431.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कमल कोहली, अमृतसर। शरीर पर लाल और सिल्वर गोटे वाला चोला..., सिर पर टोपी..., हाथ में छड़ी और पांवों में छम्म-छम्म घुंघरूओं की आवाज...। यह स्वरूप धर लंगूर बने बच्चों ने ढोल की थाप पर जय श्री राम, जय हनुमान के जयकारे बुलंद किए। वीरवार सुबह पहले नवरात्र को श्री दुर्ग्याणा तीर्थ के बड़ा हनुमान मंदिर में भक्तों की भीड़ के बीच यह नजारा देखने को मिल रहा है। सुबह लंगूरी बाणा धारण करने वाले बच्चों ने पवित्र सरोवर में स्नान किया और फिर विधिवत पूजन के साथ बाणा धारण किया। बड़ा हनुमान मंदिर में जाकर माथा टेका और उसके बाद मंदिर के प्रांगण में ढोल की थाप पर परिवार सहित खूब झूमे। मेले में इस बार पांच हजार बच्चे लंगूर बने हैं। + +बच्चों और माता-पिता को करना पड़ता है कठिन नियमों का पालन।श्री दुर्ग्याणा तीर्थ स्थित श्री बड़ा हनुमान मंदिर में लंगूर बनाने की प्रथा सदियों पुरानी है। पूरे भारते में यह एकमात्र ऐसा तीर्थ है, जहां बच्चों को लंगूर बनाने की प्रथा है। नवरात्र में शुरु होने वाले लंगूर मेला दशहरा तक चलता है। इसमें लंगूर बनने वाला बच्चा तथा उनके माता-पिता को कठिन नियमों की पालना करते हुए प्रात: व सायं श्री बड़ा हनुमान मंदिर में नतमस्तक होने के लिए आना पड़ता है। इस बार मेले में पांच हजार बच्चें लंगूर बने है। श्री दुर्गयाणा मंदिर में अश्विन मास के नवरात्र में संतान प्राप्ति की कामना करने वाले दंपती श्री बड़ा हनुमान मंदिर में मन्नत मांग कर जाते हैं कि जब हमारे घर संतान की प्राप्ति होगी तब हम लाल चोला पहनाकर लंगूर बनाकर मंदिर में माथा टिकाने आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46537ac16d63f55411a4acffd20e86870f8058c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66432.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। भ्रष्ट निकाय की मुहर लगे प्राधिकरण की कारगुजारियों के जो चिट्ठे खुलने शुरू हुए तो खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बिल्डरों को उनकी मर्जी की सुविधाएं देने के लिए नियम-शर्त सब ताक पर रख दिए गए। वर्ष 2009 से 2012 के बीच दोनों प्राधिकरणों के तत्कालीन सीईओ मोहिंदर सिंह और ओएसडी यशपाल सिंह ने जहां बिल्डरों को भूखंड आवंटन में भारी रियायत देकर अनुचित लाभ पहुंचाया, वहीं नियमों में बदलाव कर प्राधिकरण को आर्थिक क्षति भी पहुंचाई। पहले मात्र 10 फीसद धनराशि पर बिल्डरों को भूखंड आवंटित कर दिए। बाद में भूखंडों पर स्वीकृत मानचित्र से अधिक फ्लैट बनाने के लिए फ्लोर एरिया रेसियों (एफएआर) भी दे दिया। बिल्डरों ने एफएआर खरीदकर अतिरिक्त फ्लैट बनाकर उन्हें बेच दिया। इससे उन्हें करोड़ों की मोटी कमाई हुई, लेकिन एफएआर के बदले प्राधिकरण को दी जाने वाली धनराशि का भुगतान नहीं किया। नियम-शर्तों के मुताबिक तीन माह के अंदर सारी धनराशि का भुगतान करना था। ऐसा नहीं करने पर एएफआर स्वत: निरस्त हो जाएगा, लेकिन एक किस्त के बाद बिल्डर ने पैसा नहीं दिया और प्राधिकरण ने नोटिस भी नहीं भेजा। इस समय अंतराल में तकरीबन प्राधिकरण को तीन हजार करोड़ का चूना लगा, बिल्डरों को फायदा पहुंचाया गया। + +हैरत की बात यह है कि जिन बिल्डरों पर पर्चेजेबल एफएआर की धनराशि पांच करोड़ से अधिक बनी, उन्होंने सिर्फ पहली किस्त की अदायगी की। उनमें से कुछ गिने-चुने बिल्डरों को छोड़कर बाकी ने शेष तीन किस्तों का भुगतान ही नहीं किया। बढ़े एफएआर के बाद पहले से बने टावरों में कई-कई मंजिल फ्लैट और बना दिए गए। जहां पहले 14 से 15 मंजिल फ्लैट बने थे, वहीं पर्चेजेबल एफएआर के बाद 25 से 30 मंजिल फ्लैट बन गए। बिल्डरों ने अतिरिक्त फ्लैटों को बेचकर अरबों की मोटी कमाई की। प्राधिकरण अधिकारियों ने कभी अपने पैसै की वसूली के लिए चिंता नहीं की। बिल्डरों को औपचारिकता के लिए नोटिस भेजकर इतिश्री कर ली गई, लेकिन प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। इसका लाभ उठाते हुए बिल्डरों ने किस्तों की अदायगी आज तक नहीं की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5e000d7e9ba3919775a607ae85e6257822a9076 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66433.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उच्च न्यायालयों में कम महिला जजों के होने का एक मुख्य कारण बड़ी संख्या में प्रैक्टिस करने वाली अच्छी महिला अधिवक्ताओं/वकीलों का नहीं होना है। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में कुल 403 पुरुष वरिष्ठ अधिवक्ताओं की तुलना में केवल 17 महिलाएं ही हैं। इसी प्रकार दिल्ली उच्च न्यायालय में 229 पुरुषों के मुकाबले केवल आठ वरिष्ठ महिला अधिवक्ता और बांबे उच्च न्यायालय में 157 पुरुषों के मुकाबले केवल छह वरिष्ठ महिला अधिवक्ता हैं। देश में 17 लाख वकीलों में से केवल 15 फीसद महिलाएं है और बार काउंसिल में निर्वाचित प्रतिनिधियों में वे केवल दो फीसद हैं। साफ है कि पुरुष अधिवक्ताओं/वकीलों की तुलना में महिला अधिवक्ताओं की संख्या काफी कम है। हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दी जाती है। जब वरिष्ठ महिला वकीलों की संख्या काफी कम होगी तो अधिक महिलाओं के न्यायाधीश बनने की संभावना भी कम से कम रहती है। और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति ही अक्सर सुप्रीम कोर्ट में होती है। ऐसे में अगर हमारे पास उच्च न्यायालयों में अच्छी महिला न्यायाधीश ही नहीं होंगी तो सुप्रीम कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व बेहतर नहीं हो सकता है। + +अच्छी बात है कि दूसरे तमाम क्षेत्रों की तरह ही न्यायिक व्यवस्था में भी महिलाएं अपनी जगह बनाने की कोशिशों में जुटी हैं। इस वजह से महिलाओं का प्रतिनिधित्व निचली अदालतों में कुछ बेहतर रहा है, जहां वर्ष 2017 तक 28 प्रतिशत महिलाएं जज थीं। प्रवेश परीक्षा के माध्यम से भर्ती की पद्धति के कारण अधिकाधिक महिलाएं निचली अदालतों में प्रवेश करती हैं। दरअसल उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में कोलेजियम के तहत होने वाली जजों की सीधी नियुक्ति में महिलाओं के आरक्षण के लिए अभी तक कोई नियम या कानून नहीं बनने की वजह से देश की आधी आबादी का न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व बहुत कम है। समय की मांग है कि केंद्र सरकार एनजेएसी यानी राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को नए सिरे से गठित करने की पहल करे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cabb1ef48a45030c6a02ab4c0706c05e13c1159 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवरात्रि हवन की सरल विधि।सबसे पहले अपनी नियमित पूजा कर लें फिर हवन की तैयारी करें। हवनकुंड वेदी को साफ करें। कुण्ड का लेपन गोबर जल आदि से करें। फिर आम की चौकोर लकड़ी हवन के लिए लगा लें। नीचे में कपूर रखकर जला दें। अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो चारों ओर समिधाएं लगाएं। हवनकुंड की अग्नि प्रज्जवलित हो जाए तो पहले घी की आहुतियां दी जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6644.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6644.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12a3b8dd1ecf707c2a191bb5a32537761a442873 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6644.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड की हदों से निकलकर ख़ुद को ग्लोबल स्टार के रूप में स्थापित कर चुकीं प्रियंका चोपड़ा ने अब एक नई ज़िम्मेदारी कुबूल की है। उन्हें MAMI मुंबई फ़िल्म फेस्टिवल का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। प्रियंका ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के ज़रिए देते हुए कहा कि वो भारतीय सिनेमा को विश्व पटल पर लेकर जाएंगी। प्रियंका ने दीपिका पादुकोण की जगह ली है, जिन्होंने अप्रैल में यह पद छोड़ दिया था। + +प्रियंका को मामी (Mumbai Academy Of The Moving Image) के बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ ने एक स्वर से चुना। इस बोर्ड में नीता अम्बानी, अनुपमा चोपड़ा, अजय बिजली, आनंद महिंद्रा, फ़रहान अख़्तर, ईशा अम्बानी, कबीर ख़ान, कौस्तुभ धावसे, किरण राव, राणा दग्गूबटी, रितेश देशमुख, रोहन सिप्पी, सिद्धार्थ रॉय कपूर, विक्रमादित्य मोटवाने, विशाल भारद्वाज और ज़ोया अख़्तर शामिल हैं। ।प्रियंका चोपड़ा ने विख्यात फ़िल्ममेकर मार्टिन स्कोर्सेस की एक कोट के साथ अपनी बात शुरू की- अब हमें पहले से कहीं अधिक एक-दूसरे के साथ बात करने की ज़रूरत है और हम किस तरह दुनिया देखते हैं, यह समझने की ज़रूरत है। इसके लिए सिनेमा सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। ।प्रियंका ने लिखा- इस विचार के साथ मैं नयी भूमिका निभाने के लिए तैयार हूं... जियो मामी फ़िल्म फेस्टिवल की चेयरपर्सन। भारत का अग्रणी फ़िल्म फेस्टिवल। एक सोच रखने वाले लोगों की एक बेहतरीन टीम के साथ काम करते हुए, हम इस फेस्टिवल को नई रचनात्मकता के साथ नया रूप दे रहे हैं। यह ज़ोरदार बदलाव पिछले दो सालों में दुनिया जिस तरह बदली है, उसके अनुरूप होंगे। इस नये अध्याय के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं। ।छह महीने चलेगा फ़िल्म फेस्टिवल। इसके साथ पोस्ट किये गये वीडियो में प्रियंका कहती हैं कि अगर भारतीय सिनेमा को पेश करने के लिए एक शो-केस बनाया है तो मैं तैयार हूं। इसी भावना के साथ मैं जियो मामी मुंबई फ़िल्म फेस्टिवल की चेयरपर्सन की ज़िम्मेदारी ले रही हूं। मैं हमेशा इस बात को मानती रही हूं कि भारत के हर हिस्से में सिनेमा के पास ऐसा बहुत कुछ है, जो विश्व सिनेमा को दिया जा सकता है। मैंने ख़ुद के लिए यह मिशन बनाया है। जब मैंने अपनी प्रोडक्शन कम्पनी पर्पल पेबल्स शुरू की थी तो उसका यही उद्देश्य था। अब इसे मैं इस मिशन का विस्तार करने और आगे ले जाने की कोशिश करूंगी। इस फेस्टिवल को दुनिया के मौजूदा बदलावों के अनुरूप बदला जा रहा है। भारतीय और विश्व सिनेमा के संगम को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b615d69061ef1372d8417c0cf6c318d9d075f54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66440.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +श्री हनुमान जी की प्रतिमा के पास पूजा-अर्चना में शामिल होते लंगूर बने बच्‍चे। (जागरण अर्काइव)।श्री दुर्ग्‍याणा तीर्थ के श्री बड़ा हनुमान मंदिर में कल से शुरू होगा श्री लंगूर मेला।इस लंगूर मेले के लिए श्री दुर्ग्‍याणा तीर्थ कमेटी द्वारा व्‍यापक प्रबंध किए गए हैं। लंगूर मेले के प्रथम दिन आज श्री दुर्ग्‍याणा तीर्थ परिसर में बने बाहरी कंपलेक्स में 100 पंडितों का इंतजाम किया गया है जहां पर लंगूर बनने वाले बच्चों के माता-पिता द्वारा पंडितों से पूजा अर्चना करवाई जाएंगी। + +श्री लंगूर मेले में शामिल होते श्रद्धालु। (जागरण अर्काइव)।मंदिर का इतिहास।श्री दुर्ग्‍याणा तीर्थ परिसर के नजदीक श्री बड़ा हनुमान मंदिर स्थित है। यह मंदिर श्री रामायण काल का बताया जाता है। मंदिर में श्री हनुमान जी की बैठी हुई अवस्था की प्रतिमा है। मान्यता है कि यह प्रतिमा श्री हनुमान जी ने स्वयं बनाई थी। लव कुश ने जब भगवान श्री राम की सेना के साथ युद्ध किया था, तब लवकुश ने इसी मंदिर में श्री हनुमान जी को वट वृक्ष से बांध दिया था। यह वटवृक्ष आज भी मंदिर में सुशोभित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b835ba84a85f45d9cff428b06ade15df42d0c27c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। बीआरडी मेडिकल कालेज के एनेस्थीसिया विभाग की रेजीडेंट डा. श्रीष्मा एचएस ने आपरेशन के बाद होने वाले तेज दर्द से मरीजों को निजात दिलाने के लिए 44 मरीजों पर शोध किया है। इसमें बच्चेदानी के आपरेशन वाली महिलाओं को शामिल किया गया। जुलाई 2020 से जुलाई 2021 तक हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि आपरेशन से पूर्व एनेस्थीसिया देने के साथ ही मरीजों को दर्द की दवा, स्टेरायड के साथ दी जाए तो उन्हें तेज व बेचैन करने वाले दर्द से निजात मिल सकती है। इस शोध को गत दो अक्टूबर को वाराणसी में आयोजित स्टेट कांफ्रेंस में दूसरा स्थान व सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ है। कांफ्रेंस में पूरे प्रदेश से 75 शोध पेपर प्रस्तुत किए गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..028643ebc150660b28a9c3339dc0c76ee819aa0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। चीन के बढ़ते खतरे के बीच भारत को इस साल एस-400 मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी शुरू हो जाएगी। भारतीय वायु सेना प्रमुख ने इसकी पुष्टि की है। उधर, रूसी अधिकारियों ने कहा है कि यह डील पहले से तय समय के अनुसार अपने निर्धारित ट्रैक पर चल रही है। हालांकि, रूस के साथ इस रक्षा सौदे का अमेरिका विरोध करता रहा है। एस-400 डील को लेकर अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंधों की धमकी दी है। ऐसे में भारत की विदेश नीति के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वह अपनी रूस की इस डील के साथ अमेरिका से अपने संबंधों को मधुर बनाए रखे। क्‍या है इस मिसाइल की खूबियां। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d58739d1e01640ed7a3e1f49a263d86a51269fd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मालूम हो कि सोनू सूद ने कोरोना संक्रमण के समय सबसे आगे आकर लोगों की मदद की थी। उन्होंने परेशान लोगों को अपने घर तक पहुंचाने के लिए बस का इंतजाम किया, जो बस से नहीं जा सकते थे उनके लिए हवाई जहाज तक से टिकट बुक कराकर उनके घर भेजा था। उस समय उन्होंने लोगों की मदद का जो सिलसिला शुरू किया था वो आज भी जारी है। कुछ दिन पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से उनके घर और आफिस पर छापा मारा गया था जिसकी तमाम आलोचनाएं हुई थी। उसके बाद सोनू ने सामने आकर इस मामले में भी अपनी सफाई दी थी। खैर अब उन्होंने बालीवुड के अपने साथी शाह रूख खान के बेटे आर्यन को भी हौसला दिया और मदद की है। ।ये भी पढ़ें- छठ पूजा की अनुमति न मिलने से दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल व मिथिला के लोग ऐसे करेंगे सरकार का विरोध।दशकों पुरानी रामलीला मंचन में इंटरनेट मीडिया ने भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका, जानिए इस बार कैसे दिया योगदान।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05d318f21178768b1dade444e07020657372c180 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, स्टेट टीम। बिहार एक गरीब प्रदेश है। बड़े उद्यमियों और कारोबारियों से उम्मीद लगाए हुए हैं कि वे निवेश करेंगे तो बिहारी अपने घर-आंगन में रहकर मेहनत की बदौलत राष्ट्र की मजबूती में योगदान करेंगे। भौगोलिक स्थिति को देखें तो उत्तर में पड़ोसी देश नेपाल और देश के पश्चिमी राज्यों की नदियां उफनाने पर अपना सारा गुबार बिहार पर निकालती हैं। इस कारण बिहार का आधा भूभाग बाढ़ की चपेट में रहता है। राज्य की करोड़ों जनता हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलती है। घर-बार गिरने और फसलें तबाह होने पर महीनों शरणार्थी शिविरों में रहने की मजबूरी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c985573c75a68a4e89660c14cf8863160368a8c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली महेश शुक्ल। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री का पूजन होता है। मां शैलपुत्री यानी एक ऐसी पुत्री जो अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और लक्ष्य के प्रति समर्पण से माता-पिता को गौरवान्वित करती है। विपरीत परिस्थितियों से न घबराने वाली बेटी जो असंभव को भी अभीष्ट बनाकर प्राप्त कर लेती है। मां के इसी स्वरूप का दर्शन कराती हैं भारत की पहली पैरालंपिक डबल मेडलिस्ट अवनि लेखरा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7df78c8136ba40599a319fdb024616441c885eb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण टीम। जब हम अधिकारों की बात करते हैं तो हमारे लिए अपने कर्तव्य का पालन करना भी जरूरी हो जाता है। यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि कर्तव्य के पालन से ही किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के परिप्रेक्ष्य में यह बात काफी अहम हो जाती है। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन के अधिकार की बात तो कर रहे हैं, लेकिन इससे लोगों को हो रही परेशानी को लेकर अपने कर्तव्य से मुंह मोड़े हुए हैं। अधिकारों के नाम पर इस तरह मनमानी की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वह भी तब जबकि यह प्रदर्शन विकास की राह में रोड़ा बन गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9aff6c4b8ea83ae26bb072a71955b540f335546 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुवाई से पहले करें प्रयोग।खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए जिप्सम प्रयोग फसल की बुवाई से पहले करना चाहिए। खेत को जरूरत के अनुसार गहरी जुताई कर तैयार करने के बाद ही उसमें जिप्सम का बुरकाव करते हैं। दलहनी फसल में 15 किग्रा और सामन्य फसल में 10-15 किग्रा प्रति हैक्टेयर कैल्शियम कैल्शियम प्रति हैक्टेयर भूमि से लेती है। इससे जमीन की क्षारीयता कम होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b58456921cc427d434b299d1753eb5ac1bdb4e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पीड़ित व्यक्ति मस्तिष्क में फाग की तरह महसूस करने लगता है, जिससे यादें धुंधली पड़ने लगती हैं। यह कई मरीजों में कोरोना से ठीक होने के बाद तीन से छह माह तक रह सकता है। बाद में यह धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। कोरोना से ठीक हुए लोगों में ब्रेन फागिंग व याददाश्त खोने की परेशानी का असल कारण अभी पता नहीं है, लेकिन कोरोना के गंभीर संक्रमण के कारण आक्सीजन की कमी होने से हाइपोक्सिया होता है। इस वजह से मस्तिष्क में भी आक्सीजन की कमी होती है। इससे मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है और कार्यक्षमता प्रभावित होती है। कुछ मरीजों के मस्तिष्क में ब्लड क्लाट की समस्या होती है। इसके साथ ही स्ट्रोक के मामले भी देखे गए हैं। इसके अलावा मस्तिष्क के अंदर सूजन (ब्रेन इंसेफेलाइटिस) के मामले भी देखे जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25ddd7d7291c9a991959968edd3d199b1dab1838 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वस्त्र एवं परिधान विभाग की प्रो. रितु पांडेय ने रेशे को जल्दी बनाने के लिए एनजाइम, एथिलीन डायमिनेटेट्राएसेटिक एसिड, सेलुलोसिक जेल समेत कई तरह के जैविक पदार्थाें का उपयोग किया। यह अलसी के डंठल को पानी में भिगोने के दौरान की जाती है। एनजाइम से 18 घंटे, एथिलीन डायमिनेटेट्राएसेटिक एसिड से 16 से 20 घंटे और सेलुलोसिक जेल से चार घंटे में तैयार हो गया। पानी में पांच फीसद सेलुलोसिक जेल स्प्रे के माध्यम से डाला गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f61202773acb69d23396cb4bbe658da821aeac50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काबूल, एजेंसी। यूनिसेफ ने चेतावनी देते हुए कहा है अफगानिस्‍तान में लाखों बच्‍चों को मानवीय मदद की सख्‍त जरूरत है। यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तालिबान के कब्‍जे के बाद सहायता देने वाली एजेंसियों के देश छोड़ने के कारण इन नौनिहालों की मुश्किलें और बढ़ गई है। खास बात यह है कि ये बच्‍चे पहले से ही मानवीय और विदेशी सहायता पर आश्रित थे। बता दें कि अफगानिस्‍तान में तालिबान के नियंत्रण और सरकार के गठन के बाद स्थिति बदतर होती जा रही है। देश में भोजन और पानी की बुनियादी जरूरतों की कमी के चलते कई लोग भुखमरी के शिकार हो गए हैं। देश की एक बड़ी तादाद भूखमरी से जूझ रही है। खासकर देश में बच्‍चों की स्थिति दयनीय हो गई है। अफगानिस्‍तान में मानवीय संकट उत्‍पन्‍न हो गया है। आइए जानते हैं क‍ि यून‍िसेफ की चौंकाने वाली रिपोर्ट क्‍या है। ।10 लाख बच्‍चे हो सकते हैं भूखमरी का शिकार।विश्‍व बैंक ने फंडिंग पर लगाई रोक ।बता दें कि अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश को दी जाने वाली विदेशी सहायता रोक दी गई है। तालिबान शासन के बाद विश्‍व बैंक ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली सहयोग राशि और करोड़ों की फंडिंग पर रोक लगा दी है। विश्व बैंक ने अफगानिस्‍तान में 2002 से अब तक करीब 5.3 बिलियन डालर खर्च किया है। अफगानिस्‍तान में विश्‍व बैंक की 27 परियोजनाएं चल रही हैं। पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी तालिबान को किसी तरह की सहायता देने से मना कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea640b8aca100126a46843411cd7840bc2126157 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66469.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अर्थात यह समग्र विश्व शक्ति के द्वारा सृजित होकर शक्ति से ही पालित होता हुआ प्रलयावस्था में शक्ति में ही समाहित हो जाता है। शक्ति के बिना किसी देवत्त्व का देवत्व भी प्रभावी नही होता। स्वयं भगवान विष्णु की महिमा एवं शिव का शिवत्व भी इसीलिए है क्यों कि शक्ति स्वरूपा मां लक्ष्मी एवं माता पार्वती ने उनका वरण कर रखा है। इसीलिए तो भगवती की स्तुति में स्वयं आदि शंकराचार्य जी ने कहा है कि हे भवानी! चिता भस्म से विभूषित, गले मे सर्प की माला धारण किये, जटाधारी, श्मशानवासी, कपाली, भूत-प्रेतों के स्वामी एवं दिगम्बर स्वरूप होते हए भी भगवान शिव को त्रिलोक ईश्वर के रूप में इसीलिए पूजता है क्योंकि आपने (पार्वती ने) उनका हाथ पकडकर रखा है। और यह शाश्वत स्वरूप में विराजमान शक्ति इस जगत में आदिशक्ति जगन्माता के रूप में विख्यात है। + +शक्तिहीन मनुष्य का कहीं भी आदर नहीं किया जाता है। ध्रुव तथा प्रहलाद भी भक्ति की शक्ति के कारण ही पूजित हैं । गोपिकाएँ प्रेमशक्ति के कारण ही जगत् में पूजनीय हुईं। हनुमान् तथा भीष्म की ब्रह्मचर्यशक्ति; वाल्मीकि तथा व्यास की कवित्वशक्ति; भीम तथा अर्जुन की पराक्रमशक्ति; हरिश्चन्द्र तथा युधिष्ठिर की सत्यशक्ति और शिवाजी तथा राणाप्रताप की वीरशक्ति ही इन महात्माओं के प्रति श्रद्धा-समादर अर्पित करने के लिये सभी लोगों को प्रेरणा प्रदान करती है। सभी जगह शक्ति की ही प्रधानता है। इसलिये प्रकारान्तर से कहा जा सकता है कि 'सम्पूर्ण विश्व महाशक्ति का ही विलास है।' श्रीमद्देवीभागवत में भगवती स्वयं उदघोष करती है 'सर्व खल्विदमेवाह नान्यदरित सनातनम्।' अर्थात् समस्त जगत् मैं ही हूँ, मेरे अतिरिक्त अन्य कुछ भी सनातन तत्त्व एवं परम सत्य नहीं है। इस प्रकार की शक्ति सम्पन्ना देवी की आराधना भक्त गण अहर्निश करते रहते हैं परन्तु कालः शुभक्रिया योग्यो मुहूर्तोभिधीयते के अनुसार देवी आराधना हेतु कुछ काल विशेष भी वर्णित है जिसमें सामान्य की अपेक्षा अनंत गुणित फल की प्राप्ति होती है। इस देवी आराधना के शुभ काल को शास्त्रों में नवरात्र शब्द से प्रतिपादित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0001da68d0213c764932330b055a4d128807fac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66470.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अर्थव्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकार के निर्णयों से व्यापार करने में आसानी, प्रत्यक्ष करों में सुधार, कौशल विकास के जरिये रोजगार की उपलब्धता, बुनियादी ढांचे पर हो रहे खर्च से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के पूरे संकेत मिल रहे हैं। एक रोचक तथ्य यह है कि तमाम संकटों के बावजूद हमारे देश की युवा पीढ़ी आशावादी नजर आई। एक सर्वे में भी इस बात का जिक्र है कि कोविड महामारी के कारण हम सबसे खराब स्थिति से गुजर चुके हैं, लेकिन अब चीजों को सुधरने में वक्त लगेगा। आशावादी भारतीयों के कारण ही सरकार द्वारा समय समय पर किए गए सिलसिलेवार उपायों और नीतिगत सुधारों के कारण आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। जो संकेत मिल रहा है उसी के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 2021-22 के लिए 9.5 प्रतिशत की विकास दर के अनुमान को बरकरार रखा है। + +भारत के आर्थिक विकास की सूई अब छोटे शहरों की ओर घूम रही है। सरकार ऐसे जिलों की पहचान कर चुकी है जो विकास की दृष्टि से पिछड़े हुए हैं। जब पिछड़े जिले विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे तो निश्चित तौर पर देश के आर्थिक विकास में इनकी भूमिका बढ़ेगी और बड़ी संख्या में युवा जो रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं वह पलायन भी कम होगा। छोटे शहरों के विकास से जब लोगों को रोजगार मिलेगा तो उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ेगी। जिन उत्पादों की आज केवल बड़े शहरों में मांग बढ़ी हुई है उन उत्पादों को अब छोटे शहरों के उपभोक्ता भी आसानी से खरीद सकेंगे। सरकार की मेक इन इंडिया की जो पहल है वह भी भारत की आर्थिक समृद्धि के लिए एक बड़ा कदम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2513969fdfc59fd3bf85080780a50fb6a0423ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66471.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां जहरीला आकाश है : वायु अब अपने साथ आक्सीजन के साथ-साथ बीमारियां और मौत भी ढो रही है। स्वास्थ्य पत्रिका द लैंसेट में प्रकाशित प्लेनेटरी हेल्थ रिपोर्ट-2020 के मुताबिक 2019 में भारत में सिर्फ वायु प्रदूषण से 17 लाख मौतें हुईं, जो उस वर्ष देश में होने वाली कुल मौतों की 18 फीसद थी। पिछले दो दशक में भारत में वायु प्रदूषण 42 फीसद तक बढ़े हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 84 फीसद भारतीय उन इलाकों में रह रहे हैं, जहां वायु प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से ऊपर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf37cb14471842b1f704b9eb95e1366f4b21dbba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66473.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सिर्फ एक ड्राफ्ट बनाकर और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के साथ कुछ बैठकें करके ही इस बाबत अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली है। सोसायटी फार इंडोर एन्वायरमेंट (एसआइई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में इनडोर प्रदूषण को लेकर करीब 108 अध्ययन हो चुके हैं। 54 फीसद शहरी, 17 फीसद ग्रामीण एवं 29 फीसद अध्ययन शहरी-ग्रामीण क्षेत्र में किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जहां इसकी सबसे बड़ी वजह प्रदूषित ईंधन और खाना बनाने के तौर तरीके हैं वहीं शहरी क्षेत्र में घरों में मच्छर भगाने की अगरबत्ती जलाना, पूजा के लिए धूप-अगरबत्ती लगाना, एसी, झाड़ू मारना व खाना बनाना जैसी अनेक चीजें इनडोर प्रदूषण की वजहों में शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..baebc1d1da2cc0ab2e336b72c46aa86278331173 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66481.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शहरों के बीच रेलवे की भूमि व कालोनियों का होगा विकास। रेलवे बोर्ड ने आरएलडीए के माध्यम से गोरखपुर सहित देशभर के प्रमुख शहरों के बीच स्थित रेलवे की खाली भूमि और कालोनियों के अलावा स्टेशनों, स्कूलों, स्टेडियमों और अस्पतालों के विकास की योजना तैयार की है। इसमें कामर्शियल साइट्स, कालोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और मल्टी फंक्शनल कम्प्लेक्स शामिल हैं। भारतीय रेलवे के पास देश भर में लगभग 43000 हेक्टेयर खाली भूमि है। जिसमें 84 रेलवे कालोनी के पुनर्विकास परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है। + +रेलवे बोर्ड द्वारा गोरखपुर में रेलवे की खाली पड़ी भूमि को विकसित करने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के प्रस्ताव पर रेल भूमि विकास प्राधिकरण को आगे की कार्यवाही आरंभ करने की अनुमति दे दी गई है। इससे रेलवे की खाली पड़ी भूमि का बेहतर विकास हो सकेगा, जिसका लाभ क्षेत्र के लोगों को मिलेगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..189f108beee06c65d636a4592c9d2c2c3f49576e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66483.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एक और खास बात यह कि इस परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र अपनी सुविधानुसार सिर्फ एक सैनिक स्‍कूल में दाखिले के लिए ही आवेदन कर सकते हैं। आल इंडिया सैनिक स्‍कूल्‍स एंट्रेंस एग्‍जाम के लिए आवेदन पत्र आमतौर पर अक्‍टूबर से नवंबर माह के दौरान भरे जाते हैं और इसकी परीक्षा जनवरी माह के दौरान होती है। परीक्षा के लिए आवेदन पत्र सिर्फ आनलाइन माध्‍यम से भरे जाते हैं। + +छठी कक्षा का पेपर पैटर्न: छठी और नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए होनी वाली एआइएसएसईई परीक्षा पेपर और पेंसिल के माध्‍यम से होती है। स्‍टूडेंट्स को ओएमआर एंसर शीट पर प्रश्‍नों के जवाब भरने होते हैं। पेपर में सभी प्रश्‍न मल्‍टीपल च्‍वाइस के आते हैं। छठी कक्षा के पेपर में मैथ्‍स (50 प्रश्‍न), इंटेलिजेंस (25 प्रश्‍न), लैंग्‍वेज (25 प्रश्‍न), जनरल नालेज (25 प्रश्‍न) के रूप में कुछ चार सेक्‍शंस होते हैं। पेपर में सभी सेक्‍शंस से कुल 125 प्रश्‍न पूछे जाते हैं। मैथ्‍स में प्रत्‍येक प्रश्‍न तीन अंकों का होता है यानी हर प्रश्‍न के सही जवाब देने पर आपको तीन अंक मिलेंगे। वहीं, इंटेलिजेंस, लैंग्‍वेज और जनरल नालेज के प्रत्‍येक प्रश्‍न दो अंकों के होते हैं। इस तरह यह पूरी परीक्षा 300 अंकों की होती है। पेपर अवधि 150 मिनट है। छठी कक्षा के लिए होने वाला पेपर आप हिंदी या अंग्रेजी किसी भी माध्‍यम से दे सकते हैं। चाहें तो यह परीक्षा बंगाली, गुजराती, कन्‍नड़, मराठी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, उड़िया, असमिया और ऊर्दू भाषा में भी दे सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a5c5ddff618fcfa3710dca460b80495beab5af0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायु सेना: प्रशिक्षण के बाद एनडीए कैडेट को वायु सेना में सबसे पहले फ्लाइंग आफिसर के रूप में नियुक्ति मिलती है। बाद में अपनी वरिष्‍ठता के क्रम में ये फ्लाइट लेफ्टिनेंट, स्‍क्‍वाड्रन लीडर, विंग कमांडर, ग्रुप कैप्‍टन, एयर कामोडोर, एयर वाइस मार्शल, एयर मार्शल तथा एयर चीफ मार्शल जैसे पदों से उच्‍च वेतन के साथ रिटायर होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66486.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46d27a94eae42d03c9e5ba5a5b841b34e864f585 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66486.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, बस्तर संभाग में बीते दो साल में हालात में काफी परिवर्तन आया है। एक दशक पहले नक्सल दहशत से बीजापुर जिले के तर्रेम, नारायणपुर के कोहकामेटा व सोनपुर जैसे जो थाने बंद हो गए थे वह अब फिर से खुल गए हैं। फोर्स ने अंदरूनी इलाकों में पकड़ मजबूत करने के लिए करीब 120 कैंप खोले हैं। जंगल में बसे गांवों तक फोर्स के कैंपों की मदद से सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राशन दुकान आदि सुविधाएं पहुंच रही है। जैसे-जैसे फोर्स अंदर बढ़ रही है नक्सली पीछे हट रहे हैं। आइजी ने सुदूर इलाकों के 32 कैंपों का चयन किया है जो विकास केंद्र के तौर पर काम करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c529fb31cfb4e91e48c215fcfcff3bd44241584 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66489.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रात्रि 8:07 बजे निकलेगा चांद : आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि 24 अक्टूबर को चतुर्थी शाम 5:45 बजे से 6:59 बजे तक पूजन का शुभ मुहूर्त है। इस बार करवा चौथ में चांद का पूजन विशेष फलदायी होगा। चंद्रमा का पूजन स्त्रियों के लिए पति और बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। करवाचौथ का पूजन चंद्रोदय के पहले करना उत्तम होगा। चंद्रोदय रात 8.07 बजे होगा। इससे पहले प्रदोष बेला में 7.30 बजे तक पूजन कर सकते हैं। चतुर्थी 23 को सुबह 3:01 बजे से शुरू होकर 25 अक्टूबर को 5:43 बजे तक रहेगी। + +करवे की टोटी से आता है जाड़ा : आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि मान्यता है कि धातु से बने करवे से चौथ का पूजन करना फलदायी होता है, लेकिन यथा शक्ति मिट्टी के करवे से पूजन भी किया जा सकता है। इस दिन के बाद से ही ठंड शुरू हो जाती है। कहा जाता है कि करवे की टोटी से ही जाड़ा निकलता है और धीरे-धीरे वातावरण में ठंड का एहसास बढ़ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b29910ced79892e45d92acfc6a21cab1c77a4883 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विजिलेंस जांच में आएंगे और भी कई नाम ।इस मामले में अब विजिलेंस की टीम भी जांच करेगी। पत्रावलियों की जांच होगी। बयान दर्ज किए जाएंगे एक दूसरे को आमने सामने बैठाकर जांच की जाएगी। जाहिर है कई और नामों का पर्दाफाश हो सकता है। इस दौरान कहां-कहां नियम तोड़े गए किन-किन अधिकारियों के हस्ताक्षर किसके दबाव या आर्थिक लाभ के लिए किए गए, सब कुछ पूछा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2dd29e4f8110a55aeda75302984aec39e68afed3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66496.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या, रघुवरशरण। राम मंदिर के साथ उत्तर एवं दक्षिण भारत का सांस्कृतिक जुड़ाव परिपुष्ट हो रहा है। रामजन्मभूमि पर जहां उत्तर भारत की प्रतिनिधि मंदिर निर्माण कला नागर शैली में भव्य राम मंदिर का निर्माण किसी से छिपा नहीं है, वहीं रामजन्मभूमि के कुछ ही फासले पर दक्षिण भारत की प्रतिनिधि मंदिर निर्माण कला द्रविड़ शैली में मंदिर निर्माण अंतिम स्पर्श पा रहा है। इस मंदिर का नाम श्रीरामलला देवस्थानम है और इसका निर्माण प्रख्यात कथाव्यास एवं रामानुजीय परंपरा के शीर्ष आचार्य जगद्गुरु डॉ. राघवाचार्य करा रहे हैं। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व करीब एक एकड़ परिसर में रामलला देवस्थानम का शिलान्यास रामलला की विशेष प्रार्थना के साथ किया कि देवस्थानम का निर्माण पूर्ण होते-होते रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा और आज न केवल देवस्थानम का निर्माण पूर्ण होने को है, बल्कि डा राघवाचार्य की विशेष प्रार्थना भी फलीभूत हो उठी है। + +भगवान और भक्त का संबंध: देवस्थानम के निर्माता डा राघवाचार्य के अनुसार उत्तर एवं दक्षिण का सांस्कृतिक संबंध आत्मा और परमात्मा की तरह अविच्छिन्न है। उत्तर में भगवान का जन्म हुआ और दक्षिण में भक्ति का। भक्ति भगवान बिना नहीं रह सकती और भगवान भक्ति के बिना नहीं रह सकते। यह सनातन समीकरण श्रीराम के जीवन से लेकर दक्षिण से आने वाले भक्ति की परंपरा के आचार्यों से भी सतत प्रवाहमान रहा है और राम मंदिर निर्माण के साथ यह विरासत कहीं अधिक वैभव के साथ आगे बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c4ed43264d064ce0c781a15e764303eb7463f2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्याम भोजवानी ने कहा कि लोग पहले ही महंगाई और महामारी से जूझ रहे हैं। कारोबार ठप है। इस स्थिति में अगर कोई हादसा हो जाए तो परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। सरकार व प्रशासन आंखें मूंदकर बैठे हैं। नगर निगम के कंटेनरों में गंदगी के अंबार हैं। डा. अरुन सिंह ने कहा कि नगर निगम को सफाई की उचित व्यवस्था करानी चाहिए। इन दिनों वायरल फीवर व डेंगू का प्रकोप है। गंदगी में मच्छर पनप रहे हैं। लाेगों ने नगर निगम व प्रशासन से सड़कों को बनवाने की मांग की। दीपक गुप्ता, अशोक डेमला, अतुल गुप्ता, दीपक सोनकर, मनोज कुमार ने गड्ढे भरने में सहयोग किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eb78712ba66b7e7825e67d1e02e23eebc23a8b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केजीएफ चैप्टर 2 ने इस साल की एक और मोस्ट अवेटेड फिल्म आरआरआर को भी रफ्तार के मामले में पीछे छोड़ दिया है, जिसने 200 करोड़ का पड़ाव पार करने में 13 दिन लिये थे। लेकिन, क्या आपको पता है कि केजीएफ नाम के इस तूफान को हिंदी बेल्ट में कौन लेकर आया था? ।केजीएफ फ्रेंचाइजी को हिंदी दर्शकों के बीच लाने का श्रेय एक्ट्रेस रवीना टंडन के पति अनिल थडानी को जाता है, जो एक जाने-माने फिल्म वितरक हैं। रवीना ने केजीएफ 2 में एक पावरफुल राजनेता का किरदार भी निभाया है। केजीएफ चैप्टर 1 और चैप्टर 2 को उत्तर भारत में फरहान अख्तर की कम्पनी एक्सेल एंटरटेनमें ने प्रस्तुत किया है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्म के लीड एक्टर यश को एक्सेल एंटरटेनमेंट तक लाने वाले अनिल थडानी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fd333214a714c24f3739e8acce0cc60a2d1497e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि रिया कपूर और करण बूलानी एक दूसरे को करीब 12 सालों से डेट कर रहे थे। दोनों की पहली मुलाकात फिल्म 'आयशा' के सेट पर हुई थी। रिया कपूर इस फिल्म का निर्माण कर रही थीं और करण इस फिल्म में सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रहे थे। इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा। रिया ने कभी भी अपने रिलेशनशिप को छुपाकर नहीं रखा। वो सोशल मीडिया के जरिए अपनी और करण की कई तस्वीरें शेयर करती रहती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dd0041f4ba8e2e5a551e704c086bf9267ce4af5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, डा. विजय अग्रवाल। यदि आप दस अक्टूबर को होने वाली सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में बैठने जा रहे हैं, तो गौतम बुद्ध के इन कालजयी शब्दों को व्यवहार में लाने का यह आदर्शतम समय है। उनके शब्द थे, ‘वीणा के तारों को इतना मत कसो कि वे टूट ही जायें।‘।आपको पूर्वाह्न के 120 मिनट में 100 प्रश्नों के उत्तर देने हैं। 120 मिनट के अंतराल के बाद फिर से 120 मिनट में 80 प्रश्नों को हल करना है। यह कार्य आपसे एक जबरदस्त किस्म के शारीरिक एवं मानसिक संतुलन की मांग करता है, जबकि अधिकांश युवा इन्हीं दिनों स्वयं को रात-दिन कड़ी मेहनत में लगाकर इससे समझौता कर बैठते हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव आपके परफार्मेंस पर पड़ता है। इसलिए अब आपकी नीति होनी चाहिए कि ‘जो तैयारी होनी थी, हो चुकी। अब कुछ विशेष होने वाला नहीं है। बेहतर होगा कि मैं अपने शरीर को ठीक रखूं, हल्का भोजन लूं और अपनी नींद में कोई कटौती न करूं।‘ अब आप अपनी तैयारी के बारे में सोचना बिल्कुल बंद कर दें। न तो अपनी तैयारी के बारे में किसी को कुछ बतायें और न ही किसी की तैयारी के बारे में उससे कुछ पूछें। यह सोचकर खुश रहें कि ‘जो होगा, देखा जायेगा।‘ हां, नियमित तौर पर विषयों को थोड़ा-बहुत दोहराने का काम जरूर करते रहें। इससे आत्मविश्वास को बनाये रखने में मदद मिलती है। जैसे ही आप परीक्षा हाल में जाकर अपने लिये निर्धारित कुर्सी पर बैठते हैं, आपकी साधना शुरू हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b53aad78060faa0540e2a3f5fd71c0fe7fcfff62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66503.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, स्टेट टीम। एक शिक्षित समाज के लिए शिक्षा और शिक्षा के लिए जरूरी है शिक्षण संस्थान। इन संस्थानों में शिक्षा का बेहतर माहौल हो, इसके लिए अहम है सुरक्षित और मजबूत भवन। यही सब कारण हैं कि अभिभावक भी बच्चे को सुरक्षित परिवेश में ही शिक्षा दिलाना चाहते हैं। सभी सरकारें स्कूल भवनों पर विशेष ध्यान देती हैं। अगर कहीं पर भवन इत्यादि में कोई कमी दिखती है तो उसे पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया जाता है और उसे गिरा दिया जाता है। + +इस तरह के प्रयास से लोगों में सकारात्मक संदेश जाता है। लोगों को यह विश्वास होता है कि स्कूल में उनका बच्चा सुरक्षित है। स्थानीय स्तर पर भी स्कूल प्रबंधन समितियों को बच्चों की सुरक्षा के बारे में मंथन करना चाहिए। अगर कहीं कोई कमी दिखती है तो उसे तत्काल दूर कर लिया जाना चाहिए। कहा भी जाता है कि शिक्षा पर किया गया निवेश संबंधित देश-समाज को कई गुना रिटर्न देता है। वहीं दूसरी ओर हम सभी को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सुरक्षित माहौल में ही बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए हरसंभव उपाय होने चाहिए, ताकि अभिभावकों के मन में उनके प्रति किसी भी प्रकार की चिंता नहीं रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc314ff539ef1b4f4d60ed581f90b250b694838d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66507.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्तमान में इसके लिए जिस प्रक्रिया का पालन किया जाता है उसमें अगर रोगी में कोई जटिलता विकसित हो जाए तो जिस बात से समस्या उत्पन्न हुई उसे मालूम करना कठिन हो जाता है। रोगी के साथ जो तमाम दस्तावेज रखे जाते हैं, उनमें समीक्षा व व्याख्या के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं होती है। रोग के वास्तविक कारण की समीक्षा न कर पाना डाक्टरों व सिविल सोसाइटी के लिए चिंता का विषय है। गौरतलब है कि सितंबर 2018 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने डाक्टरों को आदेश दिया था कि वह दवाओं का नुस्खा कागज पर नहीं, बल्कि डिजिटली देंगे ताकि नुस्खे की त्रुटियों से बचा जा सके। अब लगता है कि आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के लांच होने से इस दिशा में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। + +विशेषज्ञों का कहना है कि अगर डाक्टरों, नर्सों व तकनीशियनों को कागज कलम की जगह स्मार्ट डिजिटल टूल्स उपलब्ध करा दिए जाएंगे तो हेल्थकेयर में रुग्णता व मृत्यु दर में काफी कमी आएगी, हेल्थकेयर उपलब्धता में जबरदस्त सुधार होगा खर्चे में भी काफी कमी आएगी। आज डाक्टरों के लिए यह बहुत कठिन है कि रोगी का सही इलाज करने के लिए सारा मेडिकल डाटा हासिल कर सकें। संभावित मानवीय चूक होने के डर से डाक्टरों पर जबरदस्त दबाव रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42dab542299c5097a480c644bab821aa13fb1a64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66508.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मानसून की विदाई की बेला में फिलहाल भले ही राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों के लोग उमस भरी गर्मी का एहसास कर रहे हों, लेकिन जल्द ही उन्हें इससे राहत मिल जाएगी। सप्ताह भर में ही सुबह और शाम के समय सर्दी की आहट आने लगेगी। कुलमिलाकर 15 अक्टूबर से पहले ही दिल्ली-एनसीआर के लोगों को हल्की सर्दी महसूस शुरू होने लगेगी। अक्टूबर मध्य के बाद तापमान भी सामान्य से नीचे जाते रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि ठीकठाक सर्दी के लिए अभी अगले माह का इंतजार करना होगा। + +बंगाल की खाड़ी के वजह से दिल्ली-एनसीआर में गर्माहट। मौसम विभाग के मुताबिक, अभी हवा पूर्वी, दक्षिणी पूर्वी, दक्षिणी पश्चिमी चल रही है और यह बंगाल की खाड़ी से आ रही है और इसमें थोड़ी गर्माहट भी रहती है। इसके नमूना भी दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने सोमवार को दिन में महसूस किया। सोमवार दोपहर में ठीकठाक उमस भरी गर्मी लोगों को महसूस हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84a9886c8043f7f8fd631a116b345b1a6e92083a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66512.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अरविंद कुमार सिंह। किसान रेल में आलू लादने में हुई देरी के कारण पूवरेत्तर रेलवे द्वारा एक व्यापारी से जुर्माना वसूलने से सवाल रेलवे पर भी खड़ा होता है। अगर कोई व्यक्ति छह घंटे देरी से रेलवे स्टेशन पहुंचेगा तो क्या ट्रेन उसके लिए इंतजार करेगी। इसी तरह माल ढुलाई में भी अगर कोई सामान देरी से लेकर पहुंचता है तो फिर टाइम टेबल से चलने वाली ट्रेन उसका कितनी देर तक इंतजार करेगी। सवाल यह भी है कि भारत सरकार की ओर से आधे माल भाड़े की छूट पर चलने वाली किसान रेल जिसमें किसानों या उत्पादकों के सामान की ढुलाई होनी है, उसमें व्यापारी का माल कैसे ढोया जा रहा है। + +वर्तमान मामला किसान रेल से संबधित है जिसका संचालन एक समय-सारणी के तहत चुनिंदा रेलमार्गो पर हो रहा है। शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को नियत समय के भीतर गंतव्य तक पहुंचाना इसका लक्ष्य है। वर्ष 2020-21 के बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत किसान रेल चलाने की घोषणा हुई थी, लेकिन निजी कंपनियों ने खास दिलचस्पी नहीं ली, लिहाजा सरकार को ही चलाना पड़ा। इसमें थोड़ी तेजी तब आई जब भारत सरकार ने किराये में 50 फीसद सब्सिडी की व्यवस्था की। भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणालियों में है। इसने जहां देश को एक सूत्र में जोड़ा वहीं बाजारों को उत्पादन केंद्रों, बंदरगाहों आदि से जोड़ा। खाद्य सुरक्षा की मजबूती में भी रेलवे की अहम भूमिका है। देशभर में माल ढुलाई में भारतीय रेल की महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन यह खुद लेटलतीफी का शिकार बनी हुई है। इसकी तेजस जैसी ट्रेन ही अपवाद है जिसके लेट होने पर यात्रियों को सीमित मुआवजे की व्यवस्था की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66514.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fdd73837438a2715d3b3d3d74dd9a652d602ecf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66514.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शारदीय नवरात्र को लेकर बाजार में खरीदारी।शारदीय नवरात्र को लेकर बाजार में रौनक दिखने लगी है। लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी गई है। चहल पहल के कारण बाजार में कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। ग्राहक बड़ी मात्रा में मेवे की खरीदारी कर रहे है। रावतपाड़ा में मेवे के थोक कारोबारी किशन कुमार, बेलनगंज में गोविंद पंसारी फर्म के मालिक दीपक अग्रवाल, अंधा पंसारी फर्म के मालिक त्रिलोकी नाथ, बीएम प्रोविजन स्टोर के मालिक विक्रम अग्रवाल की मानें तो प्रति किलो बादाम गिरी कैलिफोर्निया 155 रुपये, काजू 150-200 रुपये, किशोरी पिस्ता 200, मुनक्का 100-150 रुपये, अंजीर 200 रुपये, छुआरा 75 रुपये, पिस्ता ईरान 200 रुपये, अफगानी किशमिश 50 रुपये, खुबानी 140 रुपये, कागजी बादाम 50 रुपये सस्ता हुआ है। उन्होंने बताया कि मूंगफली की पैदावार इस बार कम होने के कारण इनके भाव में तेजी है। मखाना व हींग के दाम में कोई गिरावट नहीं आई है। अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह मे मेवे के दाम के ओर गिरावट की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc3b245da4bd3abb740170463e7bba243ca2a03a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में हरित घर अभियान पर संघ ने अब खास फोकस किया है। हालांकि, अखिल भारतीय स्तर पर यह अभियान पिछले साल लांच किया गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसकी रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई थी। अब इसे तेज किया जा रहा है। संघ की पर्यावरण गतिविधि के उत्तराखंड संयोजक एवं सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डा आरबीएस रावत ने बताया कि उत्तराखंड के सभी जिलों में संघ के स्वयंसेवकों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण से जुड़े व्यक्तियों को पर्यावरण प्रहरी बनाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9230173814c005409be071703ff164bb7096a826 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66520.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत सरकार वहां के कई जिलों में कुल 50 हजार भवनों का कर रही निर्माण।पड़ोसी देश के आर्थिक संकट को देखते हुए भारत उसे ज्यादा करेंसी स्वैप की सुविधा भी दे सकता है। पहले भी श्रीलंका को 40 करोड़ डालर की राशि के बराबर करेंसी स्वैप करने की सुविधा दी थी। श्रीलंका एक अरब डालर की सुविधा मांग रहा है। बहरहाल, भारत की मदद से तैयार किए जा रहे इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट (आइएचपी) के तहत निर्मित 1,235 मकानों को पिछले दो दिनों में विदेश सचिव श्रृंगला ने वहां के अधिकारियों को सौंपा। 1,372 करोड़ रुपये की लागत से भारत सरकार वहां के कई जिलों में कुल 50 हजार भवनों का निर्माण कर रही है। इसके अलावा भारत की मदद से श्रीलंका के 25 जिलों के ग्रामीण इलाकों में अलग से माडल विलेज हाउ¨सग प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है जिसके तहत वावुनिया जिले में काम पूरा हो गया है। इसे भी श्रीलंका के स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया गया। भारत सरकार की मदद से तैयार वडा सेंट्रल लेडीज कालेज का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा कैंडी जिले में सरस्वती सेंट्रल कालेज का भी उद्घाटन किया गया है, इसे भी भारत की मदद से ही तैयार किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbf811f7fa8838cfce40c647787abcf97a28c079 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, (रमेश म‍िश्र)। तमाम सैन्‍य वार्ताओं के बावजूद पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव  कायम है। चीन लगातार भारत के खिलाफ सीमा पर अपनी रणनीति बनाने में जुटा है। एलएसी पर वह सामरिक रणनीति की तैयारी के साथ निगरानी तंत्र को भी मजबूत कर रहा है। इस रणनीति में चीन ने अब पाक को भी शामिल कर लिया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन ने पाक सेना के अधिकारियों को सीमा के थ‍िएटर कमांडर के मुख्‍यालय में तैनात किया है। बीजिंग और इस्‍लामााबाद के बीच खुफ‍िया सूचनाओं को साझा करने के करार के बाद चीनी सेना ने यह कदम उठाया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्‍या चीन एक और युद्ध की तैयारी कर रहा है। क्‍या उसकी योजना किसी नए जंग की है। भारत ने चीन की सामरिक रणनीति को काटने की क्‍या योजना बनाई है। आइए जानते हैं कि इन प्रमुख मसलों पर प्रोफेसर हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में निदेशक, अध्ययन और सामरिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख) की राय। ।एलएसी के बहाने क्‍या चीन किसी युद्ध की तैयारी कर रहा है ?।नहीं, मेरी दृष्टि में वह भारत के साथ सैन्‍य संघर्ष में नहीं पड़ना चाहता। हालांकि, सीमा विवाद को लेकर चीन का भारत के साथ संघर्ष कायम है, लेकिन यह किसी बड़ी जंग में बदलता नहीं दिख रहा है। अंतरराष्‍ट्रीय फलक में अभी चीन कई अन्‍य समस्‍याओं में बुरी तरह से उलझा हुआ है। दूसरे, कोरोना महामारी के बाद से किसी देश के ऐसे हालात नहीं है कि वह किसी से जंग करे। तीसरे, अमेरिका ने जिस तरह से चीन को उसके घर में ही घेरा है, उससे उसकी हालत पतली हो चुकी है। वह पूरी तरह से विचलित हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c30c4d34597f118c6b7f71ee586289887331420f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरविंद शर्मा। Bihar Politics लालू परिवार (Lalu Family) में दो भाइयों का शीतयुद्ध अब प्रत्यक्ष युद्ध में बदलता दिख रहा है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख को दिल्ली में बंधक (Hostage) बनाए जाने का आरोप लगाकर तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने संकेत कर दिया है कि वह अब पर्दे में रहकर नहीं, बल्कि सामने आकर लड़ने (Direct Fight) की तैयारी कर चुके हैं। आरोप इशारों में लगाए गए हैं, लेकिन संकेत साफ है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और मीसा भारती (Misa Bharti) मुख्य निशाने पर हैं। सुलह के लिए उन्होंने पहले पांच गांव की मांग की थी। नहीं मिला तो राजनीतिक उत्तराधिकार की लड़ाई निर्णायक दौर में पहुंच गई है। ।अब स्वयं ही अर्जुन बनना चाहते हैं तेज प्रताप ।तेजस्वी को कभी अर्जुन (Arjun) और स्वयं को श्रीकृष्ण (Srikrishna) बताने वाले तेज प्रताप की प्राथमिकता बदल गई है। अब तेजस्वी को नहीं, बल्कि स्वयं ही अर्जुन बनना चाहते हैं। इसी मकसद से उन्होंने छात्र आरजेडी के समानांतर अपना संगठन भी बनाया। नाम दिया- छात्र जनशक्ति परिषद। राजनीतिक दल की तरह ही इसका निबंधन भी कराया है। सिंबल तय किया। हर कदम पर आरजेडी से मुकाबला भी कर रहे हैं। ।हर कदम पर आरजेडी से कर रहे मुकाबला।तेजस्वी ने जब आरजेडी नेताओं और कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर लगाया तो तेज प्रताप ने भी देर नहीं की। उन्होंने भी अपने संगठन की कार्यशाला लगा दी। अपना अलग संविधान भी बनाया। यानी हर स्तर पर आरजेडी से मुकाबला तथा अपने भाई को चुनौती। सिंबल को लेकर भी विवाद हो चुका है। तेज प्रताप ने अपने संगठन के लिए हाथ में लालटेन सिंबल तय किया। यह आरजेडी की लालटेन से मिलता-जुलता था। विवाद हुआ। आरजेडी की ओर से ऐतराज जताया गया तो बदल कर बांसुरी कर लिया। ।आरजेडी से दूर होते जा रहे लालू के बड़े लाल ।तेज प्रताप ने आरजेडी के सहयोगी के रूप में काम कर रहे दो संगठनों धर्मनिरपेक्ष स्वयंसेवक संघ (DSS) और यदुवंशी सेना (Yaduvanshi Sena) का विलय भी अपने संगठन में करा लिया है। इसे भी महज संयोग नहीं कहा जा सकता है कि तेजस्वी ने डाक्टरों से संवाद का आयोजन किया तो तेज प्रताप की तरफ से बयान आया कि उनका संगठन बिहार के बाहर भी यूपी एवं झारखंड में डाक्टरों को जोड़ने की पहल करेगा। संकेत साफ है कि लालू के बड़े लाल तेज प्रताप आरजेडी से धीरे-धीरे दूर होते चले जा रहे हैं। ।अपने नहीं दे रहे साथ, मीसा से भी बढ़ी दूरी ।तेज प्रताप के आरोप बता रहे हैं कि जिस महाभारत की ओर वह बढ़ रहे हैं, उसमें उनके अपने भी साथ नहीं रह गए हैं। पहले माना जाता था कि तेज प्रताप को मीसा भारती का साथ मिला हुआ है, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से तेज प्रताप संगठन से दूर होते चले गए, उससे मीसा भारती ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। अब तेज प्रताप अकेले खड़े हैं। एक दिन पहले उन्होंने लालू को दिल्ली में बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया था। जाहिर है, लालू अभी दिल्ली में मीसा भारती के सरकारी आवास में हैं। तेज प्रताप ने संकेतों में मीसा भारती को भी कठघरे में खड़ा किया है। हालात बता रहे कि मीसा से भी उनकी दूरी बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac8b928db31a586b741c02aa6b439a92b4273f24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66527.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एक दिन घर की साफ-सफाई के दौरान भारी वजन उठाने की वजह से कमर दर्द और तेज हो गया। तकलीफ इतनी बढ़ गई कि वह चार-पांच मिनट से ज्यादा चल नहीं पा रहे थे और न ही खड़े हो पा रहे थे। हालत यह थी कि कमर दर्द के साथ उनके दोनों पैरों में सुन्नपन, झनझनाहट, जलन, खिंचाव और भारीपन महसूस होने लगा। ये लक्षण स्लिप डिस्क की वजह से सियाटिका के होते हैं। स्लिप डिस्क की बीमारी कई अन्य समस्याओं का भी कारण बनती है। + +माइक्रोडिस्सेक्टोमी तकनीक की विशेषताएं।डाक्टर से परामर्श लेने पर जांच में पता चला कि उनकी कमर में (एल4 व एल5) नस दबी हुई है। डाक्टर ने उन्हें एक नई तकनीक माइक्रोडिस्सेक्टोमी से आपरेशन करवाकर दबी हुई नस को खोलने की सलाह दी, जिससे उनकी तकलीफ हमेशा के लिए दूर हो सके। आपरेशन का नाम सुनते ही अनिल घबरा गए। उनके मन में पारंपरिक सर्जरी वाली तकलीफ भरी बातें चलने लगीं। डाक्टर ने उनके मन से भय निकालने के लिए कुछ ऐसे लोगों से मिलवाया जो इस नवीनतम तकनीक से आपरेशन करवाकर स्वस्थ हो चुके थे। अब अनिल भी आपरेशन कराकर स्वस्थ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ba14da41b9f4c455bc9413cde72a935bd343e4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हेयर मास्टर व स्टाइल फिएस्टा इवेंट्स ने कन्या भ्रूण हत्या को समर्पित इस ताज इंडिया फैशन रनवे का आयोजन किया था। इसमें शहर के 20 प्रतिभाशाली लोगों को एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और विशिष्ट अतिथि पूरन डावर, डा. हिमांशु यादव, अनुज राठौर, राहुल राठौर ने उन्हें स्मृति चिह्न और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ca65b19966a095d85ce777efe0433a5124ab3e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66530.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। चुनावी बिसात अभी बिछी नहीं, कांग्रेस दांव चलने का दम जुटा ही रही है कि इधर उसके पत्ते बिखरते जा रहे हैं। उपेक्षा की टीस से बेचैन पुराने कांग्रेसी मौका मिलते ही उस 'हाथ' को झटककर जा रहे हैं, जिसने उन्हें बढ़ाया और बदले में उस हाथ को खींचकर आगे बढ़ाने के लिए इन नेताओं ने भी जीवन खपा दिया। नेतृत्व की बेफिक्री का ही परिणाम है कि दशकों-पीढ़ियों से जो कांग्रेस के अपने थे, वह मुंह फेरकर चले जा रहे हैं और जो दूसरे दलों से आए थे, उनका भी भरोसा यहां जम न सका। यह सब उस चुनाव के पहले हो रहा है, जिसमें प्रियंका वाड्रा के रूप में गांधी खानदान की साख दांव पर लगी है। + +अभी चार दिन का लखनऊ प्रवास कर प्रियंका वाड्रा शुक्रवार को दिल्ली लौटी हैं। वह संगठन की ही रणनीति यहां बनाती रहीं और इसी दौरान बुंदेलखंड के पुराने स्थापित कांग्रेसी पार्टी छोड़ने की तैयारी में जुटे थे। पार्टी डैमेज कंट्रोल नहीं कर सकी और शुक्रवार को पूर्व विधायक व प्रियंका की सलाहकार समिति के सदस्य विनोद चतुर्वेदी, पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी, महोबा के पुराने कांग्रेसी खानदान के मनोज तिवारी सपा में शामिल हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66531.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66531.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3fdc51d054e16ad2221fb956233767726847aea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66531.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बघेल और गहलोत की सार्वजनिक बयानबाजी साफ तौर पर कांग्रेस नेतृत्व के लिए संदेश।बघेल ने शनिवार को साफ कह दिया कि छत्तीसगढ़ पंजाब नहीं है। वहीं, गहलोत ने सचिन पायलट पर परोक्ष निशाना साधते हुए स्पष्ट कहा कि राजस्थान की राजनीति से वह अभी कहीं जाने वाले नहीं हैं और अगले 15-20 साल राज्य में जमे रहेंगे। बघेल और गहलोत की यह सार्वजनिक बयानबाजी साफ तौर पर कांग्रेस नेतृत्व के लिए भी संदेश है कि इन दोनों राज्यों में पंजाब जैसी सियासी कसरत की कोई गुंजाइश नहीं है। इससे साफ है कि कांग्रेस के ये दोनों मुख्यमंत्री पंजाब में सिद्धू के इस्तीफा प्रकरण से बैकफुट पर दिख रहे पार्टी हाईकमान को अपने राज्यों में फ्रंटफुट पर आने का कोई मौका नहीं देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67f050b7eaea033ddad23739c4ecb59db06ae549 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66536.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केरल की केस स्टडी : सतर्कता में ढील कैसे संकट को जन्म देती है, इसे समझने के लिए केरल किसी केस स्टडी जैसा है। दूसरी लहर की भयावहता के बाद देशभर में संक्रमण गिरने के साथ ही केरल में भी मामले कम होने लगे थे। जुलाई में राज्य में दैनिक मामले 15 से 20 हजार के आसपास आने लगे थे। उसी समय राज्य सरकार ने बकरीद के लिए प्रतिबंधों में ढील का एलान कर दिया। नतीजा यह हुआ कि राज्य में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे। ओणम के उत्सवी माहौल ने इसे और गति दी। देशभर में दैनिक संक्रमण के आधे से ज्यादा मामले अकेले केरल से आने लगे। अगस्त के आखिर तक दैनिक मामले फिर 30 हजार को छू गए। यह ट्रेंड सीख देने वाला है। हमें समझना होगा कि अक्टूबर-नवंबर का त्योहारी सीजन हमें परेशान करने वाले दिसंबर से न मिलवाए। + +अचानक आया था उछाल, रह गए थे सब अवाक, सारे संसाधन और उपाय साबित हुए नाकाफी : पहली लहर में दैनिक संक्रमण के मामले एक लाख के पीक तक पहुंचे थे। हालांकि सरकार और समाज के साझा प्रयासों ने इस पर लगाम लगाई और इस साल फरवरी आते-आते मामले 10 हजार के निचले स्तर तक आ गए। यही वह बिंदु था, जब हमें थोड़ी और सतर्कता बरतने की जरूरत थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। लाकडाउन की ऊब से निकले लोग मामले कम होते ही एकदम से बेपरवाह हो गए। इसका दुष्परिणाम हमें दूसरी लहर के रूप में भोगना पड़ा। यह पहली से कहीं ज्यादा घातक सिद्ध हुई। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..564757294ca8fa876e81a2a0de0de5fb328f97bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमारी उत्सवधर्मिता के प्रतीक हैं। तमाम विशेषज्ञ इसी बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर अगले एक महीने हम संयम और सतर्कता से बिता ले गए तो महामारी पर विजय पाने से हमें कोई नहीं रोक सकता। ये हमारा अंतिम लिटमस टेस्ट है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया भी त्योहारी सीजन से जुड़ी यह चिंता जाहिर कर चुके हैं। ये चिंता गैरजायज भी नहीं है। अतीत में केरल का उदाहरण हम सबके सामने है। उत्सव को हम मनाएं। अपनी खुशियों को एक दूसरे से जरूर बांटे, लेकिन सजगता और सतर्कता से किनारा न करें। हमारा यह महीने भर का संयम कोरोना महामारी के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15024fbad0467c09b9bc50b43d1d7bde4b7a2ac8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एलस्टाम व बाम्बार्डियर के स्टाफ ने उतारे कोच : मेट्रो के तीन कोच सड़क मार्ग से पालीटेक्किनक डिपो पहुंचे तो उन्हें उतारने के लिए एलस्टाम और बाम्बार्डियर की टीमें कानपुर बुलाई गईं। बाम्बार्डियर को कोच बनाने का अनुबंध मिला था, लेकिन बाद में एलस्टाम ने उस कंपनी को खरीद लिया था। इनकी पूरी टीम कोच उतारने की प्रक्रिया में सुबह से जुट गई और कुछ ही देर में क्रेन को बोगी पर फिट करके कोच ट्रैक पर उतार दिए गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66540.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84fc0c21b28cdd891beb4e5dab937455b4359ed2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66540.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नकली श्रंग भस्म की आशंका ।प्रभागीय निदेशक ने बताया कि पृथम दृष्टया इगलास में श्रंग भस्म बनाने के लिए हिरन के सींग इस्तेमाल होने का कोई सबूत नहीं मिला है। न तो सींग मिला है और न बाल और अन्य अवशेष दिखे। केवल श्रंग भस्म का रेपर चस्पा है। ऐसे में जरूरी नहीं कि यह असली श्रंग भस्म हो। आयुष विभाग ने सैंपल जांच को भेजे हैं। यदि रिपोर्ट में हिरन के सींग की पुष्टि होती तो वन विभाग जांच शुरु करेगा। इस बात की पड़ताल की जाएगी कि दवा निर्माता फर्म ने श्रंग भस्म के लिए हिरन के सींग कहां से खरीदे या लिए। यदि श्रंग भस्म में हिरन सींग नहीं पाया जाता तो दवा नकली मानी जाएगी। तब आयुष विभाग विभागीय नियमों के अनुसार कार्रवाई करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bbc84231b50038ab0a48f3b3332b250aab45019 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संगमरमर की बनी है दो मंजिल ।कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1193 ई. में प्रारंभ करवाया गया था। ऐबक ने केवल प्रथम मंजिल तक इसे बनवाया। इसके बाद अन्य तीन मंजिल उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश द्वारा बनवाई गई। फिरोजशाह तुगलक के शासन के दौरान इसके ऊपर दो मंजिल और बनवाई गई। इन दोनों मंजिलों का निर्माण उसने संगमरमर से करवाया था। जबकि पहली से चौथी मंजिल तक बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हुआ था। हालांकि तुगलक द्वारा बनवाई गई दोनो मंजिलों में से ऊपरी मंजिल 1368 ई. में नष्ट हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66543.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..533140c6f00fae742fa8704056324b6ce4edaa2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार की इस मुहिम के साथ हर नागरिक को अपना दायित्व समझना होगा और टीकाकरण करवाना होगा। दूसरा, मास्क लगाना और हाथों को सैनिटाइज करना न भूलें। कोरोना संक्रमण का कहर कम हुआ हो या टीकाकरण हो चुका हो, लेकिन मास्क लगाना और हाथों को बार-बार सैनिटाइज करना न भूलें। खास तौर पर जब त्योहार के मौके पर सार्वजनिक स्थलों, मंदिर, बाजार और बस-ट्रेन में भीड़ उमड़ रही है तो मास्क बचाव का एक बड़ा जरिया है, इसे हमेशा पहनें। तीसरा है, बंद कमरों की बजाय खुले स्थानों में रहें और एक साथ ज्यादा लोग एकत्रित न हों। तमाम शोधों से यह स्पष्ट हो गया कि कोरोना संक्रमण बंद कमरों में ज्यादा प्रभावी होता है। खुले स्थानों पर इसका असर कम हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7042abc91afaf7f0c1a1e408b20febf6859611b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उसके बाद यहां का सबसे बड़ा उत्सव आया चार जुलाई यानी अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस। बड़ी भीड़ का एक साथ उत्सव मनाना और ज्यादा संक्रामक डेल्टा वैरिएंट्स के कांबिनेशन की वजह से तीसरी लहर आई। नतीजा यह हुआ कि अगस्त से आज तक यहां दैनिक संक्रमण के मामले एक लाख आ रहे हैं और कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या सात लाख के दुखद आंकड़े को छू गई है। यह 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू में हुई मौतों से भी ज्यादा है। अभी भी यहां की अमूमन 30 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ऐसी है, जिसने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है। एंटी वैक्सर्स मूवमेंट और वैक्सीन से जुड़े दुष्प्रचारों ने यहां टीकाकरण की गति बहुत धीमी कर दी है। यही वजह है कि यहां तीसरी लहर अभी तक नहीं थमी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66547.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a39d5872d81494f7d0523311f9e21a528ee355ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66547.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अवधेश माहेश्वरी। भारतीय दूरसंचार सेवा के एक अधिकारी ने लगभग 15 साल पहले भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) छोड़कर मल्टीनेशनल कंपनी का करियर के लिए चयन किया। फैसला चौंकाने वाला था। वजह थी कि नवरत्न बीएसएनएल अपने विज्ञापन की टैगलाइन के अनुरूप ‘कनेक्टिंग इंडिया’ की भूमिका में थी। परंतु युवा अधिकारी दृढ़ थे कि कंपनी का लंबे समय चलना मुश्किल होगा, क्योंकि यह संचार क्षेत्र की बदलती जरूरतों के मुताबिक नई योजनाओं पर कार्य नहीं कर रही। लालफीताशाही और भ्रष्टाचार नीचे तक फैल चुका है। वह जब यह बता रहे थे तब लग रहा था कि करियर की तेज रफ्तार में वह गलत अनुमान लगा रहे हैं। परंतु वह जो सोच रहे थे, वही सही था। + +बीएसएनएल को बचाने की अब बड़ी जरूरत वोडा-आइडिया के संकट ने भी बताई है। व्यापक देनदारी और नेटवर्क के कुशल संचालन के लिए नकदी प्रवाह न होने के चलते वोडा-आइडिया प्रबंधन ने सरकार को अपने शेयर मुफ्त में देने की पेशकश कर दी। भविष्य के हालात का अनुमान लगाकर ही देश की दूसरी बड़ी संचार कंपनी एयरटेल के सुनील मित्तल प्रतिद्वंद्वी कंपनी के पक्ष में सामने आए। सरकार से कहा कि वह वोडा-आइडिया को बचाए। यह जरूरी इसलिए भी था कि वोडा-आइडिया की इतनी बड़ी ग्राहक संख्या है कि वह पिछले कुछ समय में गिरावट के बावजूद इतनी है कि सिर्फ दो कंपनियों का नेटवर्क उसे संभालने की स्थिति में नहीं है। + +अब वह गेमिंग और दूसरी कंपनियों के अधिग्रहण के लिए आगे बढ़ रहे हैं। यह रास्ता बीएसएनएल को भी अपनाना होगा, लेकिन पहली जरूरत यही होगी कि सरकार बीएसएनएल के रिवाइवल प्लान पर तेजी से आगे बढ़े। इसके लिए संचार क्षेत्र के कुशल पेशेवरों के हाथों में कंपनी की कमान सौंप उन्हें पूरी छूट दे। ऐसे पेशेवरों की देश में कमी नहीं है, आखिर वह दुनिया की कई दिग्गज संचार कंपनियों का नेतृत्व संभाल रहे हैं। यदि बीएसएनएल अच्छा करेगी तो निश्चित रूप से भविष्य में फिर रत्न ही बनेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c20b8dc4a95b1f925db3f892dc2d936038ff334e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिरोजाबाद का समोसा भी खास।सुहागनगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद का समोसा भी खास है। यहां लोग सुबह से ही समोसे पसंद करते हैं। हितैषी नाम के हल्‍वाई के यहां सुबह से समोसे बनने शुरू हो जाते हैं और लोग इसे नाश्‍ते में सब्‍जी या चटनी के साथ खाते हैं। वहीं फिरोजाबाद में ही एक हल्‍वाई द्वारा छोटे आकार के ऐसे समोसे बनाए जा रहे हैं, जिन्‍हें महीनों तक चलाया जा सकता है। इसमें भरे जाने वाले आलू को इतना ज्‍यादा सेका जाता है कि उसके खराब होने की गुंजाइश की खत्‍म हो जाए। जिस तरह से इलाहाबाद मसालेदार समोसे होते हैं, उतने ही छोटे आकार ये आलू भरा समोसा होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b75863c608a1b41dc87d03bcb80dded8f6660d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी शादी की तस्वीरों को रिया कपूर लगातार सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं। इन तस्वीरों को साझा करते हुए वह अपने और करण के रिश्ते के बारे में भी खुलकर बोल रही हैं। रिया कपूर ने अब अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर पति करण के साथ शादी की कई खास तस्वीरें साझा की है। इस तस्वीरों के साझा करते हुए रिया कपूर ने खास पोस्ट लिखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec9fbaa67e3ff35b78107c75b5da24e413676d35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66550.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +समाजवादी पार्टी की सरकार पर राजनीतिक हमले के प्रमुख हथियारों में महिला सुरक्षा का विषय प्रमुख रहा है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद कानून-व्यवस्था का मसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एजेंडे में जहां सबसे ऊपर रहा, वहीं महिला सुरक्षा इसका पैमाना बन गई। इस दिशा में गत वर्ष शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस को बलरामपुर जिले में स्थित शक्ति पीठ से ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत मील का पत्थर माना जाता है। अब इसमें एक नया अध्याय जुड़ गया है। + +पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत स्वावलंबन के नए अध्याय की शुरुआत की। बुधवार को मिशन शक्ति के तीसरे चरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने ‘निर्भया : एक पहल’ अभियान का शुभारंभ किया। इस शुरुआत के कई अर्थ और संदर्भ हैं। इसके अंतर्गत महिलाओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। अब इस प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिए सरकार तीन माह के अंदर ऋण भी दिलाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44cb592392cc866c8446f1b7d799fef1ce8be498 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लगातार दूसरे साल डीयू में पूरी दाखिला प्रक्रिया आनलाइन है? डीयू सरीखे संस्थान के लिए आनलाइन दाखिले क्या बेहतर हैं?।-डीयू बहुत पहले से आनलाइन दाखिले की योजना बना रहा था। कोरोना के चलते गत वर्ष जल्दबाजी में इसे अपनाना पड़ा, लेकिन अब हम इसमें परिपक्व हो गए हैं। पढ़ाई से लेकर परीक्षाएं तक आनलाइन हो रही हैं। डीयू केंद्रीय विवि हैं, जिसमें देश के कोने-कोने से छात्र दाखिला लेते हैं। पहले छात्र को दाखिले के लिए दिल्ली आना पड़ता था, कालेजों का चक्कर लगाना पड़ता था। यदि दाखिले में कोई कमी रह गई तो कमरा किराये पर लेकर कुछ दिन रहना भी पड़ता था, लेकिन अब छात्र अपने घर में बैठकर आसानी से दाखिला ले सकता है। प्रक्रिया काफी सरल हो गई है। यह छात्रों के हित में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..567d2d3286c563100d667c373e673c8c6d2d756c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बताया जाता है कि नई पार्टी बनाने को लेकर वह अपने करीबी नेताओं और समर्थकाें के साथ विचार-विमर्श में जुटे हुए हैं। पिछले दिनों खबर आई थी कि वह पंजाब विकास पार्टी के नाम से नया दल बनाएंगे। अब यह भी पता चल रहा है कि कुछ और नाम पर भी‍ विचार हो रहा है। इसके साथ ही कैप्‍टन के नजदीकी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्‍यमंत्री 2022 में होनेवाले पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर तीसरा मोर्चा भी बनाने की तैयारी में हैं। ।इसके साथ ही बड़ा सवाल है कि यदि कैप्‍टन तीसरा मोर्चा बनाएंगे तो उसमें कौन-कौन से दल या गुट शामिल हो सकते हैं। सियासी विश्‍लेषकों का कहना है कि यह देखना दिलचस्‍प होगा कि क्‍या कैप्‍टन की नई पार्टी या मोर्चा का भारतीय जनता पार्टी से जुड़ाव होगा, यदि होगा तो उसका क्‍या स्‍वरूप होगा। विश्‍लेषकों का कहना है कि कैप्‍टन की भले ही भाजपा नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है, लेकिन उनका भाजपा के साथ खुलकर जाना आसान नहीं है। क्‍योंकि किसान आंदोलन को कैप्‍टन अमरिंदर का समर्थन मिलता रहा है और भाजपा के नेता इसको लेकर उन पर आरोप लगाते रहे हैं। पंजाब में किसान जिस तरह से भाजपा का विरोध करते रहे हैं उससे इसमें शक है कि कैप्‍टन जैसे सियासत के मंझे खिलाड़ी उसके साथ सीधे जाने का जोखिम उठाएंगे। ऐसे में एक सूरत यह भी हो सकती है कि कैप्‍टन की अहम भूमिका से किसान संगठनों व केंद्र सरकार में कृषि कानूनों को लेकर समझौता हो और फिर कैप्‍टन व भाजपा का गठजोड़ बने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66557.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da5238fa485ae1cc88bb1fea7652f9fce76bbc6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66557.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +20 फुट होगा रावण का पुतला।इस बार रावण का पुतला 20 फुट लंबा होगा। पुतला बनाने वाले दानपुर के अशफाक ने बताया कि तैयारी शुरू कर दी गई है। रावण का पुतला भले ही छोटा होगा, मगर भव्य बनेगा। पुतले की आंखों से अंगारे निकलेंगे। रावण ठहाके भी लगाएगा। अशफाक ने बताया कि 15 अक्टूबर को रावण दहन के दिन आतिशबाजी का नजारा देखते ही बनेगा। ऐसी आतिशबाजी की व्यवस्था की गई है, जो सभी को आकर्षित करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..477016f1bd1a488b186d51a013f70287a0292ad9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Handicapped Ration Card Facility : राशनकार्ड जारी करने में दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। जनसेवा केंद्र संचालक प्रत्येक आवेदनकर्ता पूरा ब्योरा अपने पास रखेंगे। अगर किसी भी आवेदक से संचालकों ने निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि वसूली गई तो उसके खिलाफ जिलाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जाएगी। ।सरकार द्वारा राशनकार्ड बनाने के लिए नया शासनादेश लागू किया गया है। जिसमें दिव्यांगों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। जनसेवा केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन के बाद दिव्यांग राशनकार्ड के लिए इधर-उधर नहीं भटकेंगे। तीन दिन के भीतर ही उनका आवेदन पत्र जांच के लिए डीएसओ द्वारा संबंधित निकायों या ब्लाक कार्यालय में भेज दिया जाएगा। प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगों को राशनकार्ड जारी किया जाएगा। अब तक अन्य लोगों की तरह ही दिव्यांग भी आवेदन करते थे और उनकी जांच आदि का कार्य होता था लेकिन, नई व्यवस्था में सरकार ने उनको तवज्जो दी है। इतना ही नहीं जनसेवा केंद्र संचालकों को लेकर भी सरकार गंभीर है।  कहा है कि संचालक राशनकार्ड के लिए आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का ब्योरा रखेंगे। आवेदन की निर्धारित फीस ही आवेदक से वसूली जाएगी। यदि इससे अधिक किसी ने वसूली तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। इसके लिए सरकार ने डीएम को उत्तरदायी ठहराया है। ।जनसेवा केंद्र संचालकों द्वारा आवेदनकर्ताओं से अधिक वसूली न की जाए, इसके लिए ई-डिस्ट्रिक मैनेजर को भी लगाया जाएगा। डीएम के निर्देश पर ही अगली कार्रवाई होगी। दिव्यांगों के राशनकार्ड तेजी के साथ बनाए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35465b16fb3f9df9c63abbffde3c2e64e369d85e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66560.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सेवायोजन विभाग की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालय और डा.एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों को भेजे गए पत्र में सेवायोजन कार्यालय के पोर्टल पर पंजीयन के साथ की करियर काउंसिलिंग कराने के लिए कहा गया है। इंटर कालेज के छात्रों के साथ ही सेवायोजकों (नौकरी देने वाली सरकारी, अर्द्ध सरकारी व निजी संस्थान) को भी विभाग के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी को भी पत्र भेजा है। भर्ती की सूचना न देने वाली संस्थानों पर रिक्तियों का अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 के तहत कार्रवाई का भी प्रावधान है। छात्रों के साथ ही नौकरी देने वाली संस्थाएं सेवायोजन विभाग के पोर्टल (सेवायोजन.यूपी.एनआइसी.इन) पर आनलाइन पंजीयन करा सकती हैं। कोरोना काल के समापन के साथ ही काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी। जिला सेवायोजन अधिकारी प्रीति चंद्रा ने बताया कि कोरोना काल में आनलाइन काउंसिलिंग चल रही है। कोरोना काल समाप्त होते ही कालेजों व स्कूलों में शिविर लगाए जाएंगे। हर जिले के जिला सेवायोजन अधिकारी को अपने जिले में काउंसिलिंग करानी होगी। + +लखनऊ में कार्यालयों पर एक नजर।सेवायोजन के सहायक निदेशक, अरुण कुमार भारती ने बताया कि जिले की सभी शिक्षण संस्थानों करियर काउंसिलिंग के साथ ही पंजीयन के लिए पत्र भेजा गया है। जिलाधिकारी के माध्यम से सरकारी, अर्द्धसरकारी और संविदाभर्ती करने वाली कंपनियों को भी पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने का निर्देश देने देने के लिए पत्र भेजा गया है। कोरोना संक्रमण के समापन के साथ ही इसकी शुरुआत की जाएगी। आनलाइन काउंसिलिंग चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ead7bd80ee65ba3de194edcf55c33f580d4c9219 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एएनआइ/ आनलाइन डेस्क। Cruise Drug Party : देश की राजनीतिक राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में रेव पार्टियां होना कोई नई बात नहीं है। इन दोनों जगहों पर अक्सर ऐसे आयोजन होते ही रहते हैं। खबरें भी सामने आती रहती है। रविवार को एक बार फिर ऐसी ही एक पार्टी की कहानी सामने आ गई। मुंबई की एनसीबी ने Cordelia कंपनी के एक क्रूज पर आयोजित इस पार्टी में खुद शामिल होकर इसका भंडाफोड़ किया। ।#WATCH | Narcotics Control Bureau (NCB) detained at least 10 persons during a raid conducted at a party being held on a cruise in Mumbai yesterday ।(Visuals from outside NCB office) pic.twitter.com/yxe2zWfFmI।एनसीबी ने पार्टी में शामिल लोगों को पकड़कर जब उनसे पूछताछ की और उनकी पहचान पूछी तो कुछ नामचीन नाम भी सामने आ गए। ऐसे नामों के सामने आने के बाद देशभर में खबरें वायरल हो गई। इस खबर के सबसे अधिक वायरल होने के पीछे जो सबसे बड़ा नाम सामने आया वो है सुपरस्टार बालीवुड अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान का। आर्यन की वजह से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में चंद मिनटों में ही ये खबर फैल गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d774eef6d883e936056673b681c95e21352123dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फतेहपुर सीकरी में लाल बलुआ पत्थरों का बना हुआ समोसा महल है। यह महल तिकोने आकार में बना है, जिसके चलते इसका नाम समोसा महल हो गया। लंबे समय से उपेक्षा और समय की मार के चलते महल के छज्जे, तोड़े, फर्श, पानदासा (बार्डर) आदि के पत्थर खराब हो चुके हैं। खराब हो चुके पत्थरों की जगह नए पत्थर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही प्वाइंटिंग (टीप) का काम किया जाएगा। स्मारक के संरक्षण पर 17 लाख रुपये व्यय होंगे। एएसआइ ने इसके लिए टेंडर कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66568.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66568.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..415f05d297ace0d95171dba775d05b11bc4d8456 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66568.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। शंधाई सहयोग संगठन की एंटी टेरर एक्‍सरसाइज पाकिस्‍तान में होगी। इसमें भारत भी हिस्‍सा ले रहा है। खास बात यह है कि यह एंटी टेरर एक्‍सरसाइज ऐसे समय हो रही है, जब भारत के संगठन के सदस्‍य देशों पाकिस्‍तान और चीन के साथ तनावपूर्ण रिश्‍ते चल रहे हैं। इस तनाव के चलते पहले इसमें भारत की हिस्‍सेदारी को लेकर संशय बना हुआ था। ऐसे में यह जिज्ञासा लोगों के जेहन में हो रही होगी कि आखिर एससीओ क्‍या है ? इसका गठन कब हुआ ? इसका मकसद क्‍या है ? भारत को इससे क्‍या हासिल होगा ?। शुरुआत में शंघाई फाइव के नाम से जाना जाता था संगठन ।दरअसल, वर्ष 1996 में शंघाई में हुई बैठक में चीन रूस, कजाकिस्‍तान, किर्गिस्‍तान और ताजिकिस्‍तान आपस में एक दूसरे के नस्‍लीय और धार्मिक तनावों से निपटने के लिए सहयोग करने पर राजी हुए थे। तब इसे शंघाई फाइव के नाम से जाना जाता था। हालांकि, एससीओ का जन्‍म 15 जून, 2001 को हुआ, तब चीन, रूस और चार मध्य एशियाई देशों कजाकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना की और नस्लीय और धार्मिक चरमपंथ से निबटने और व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए समझौता किया। + +एक बड़े प्रभावी संगठन के रूप में हुआ उदय ।1996 में शंघाई इनीशिएटिव के तौर पर जब इसकी शुरुआत हुई थी तब सिर्फ इसका एकमात्र उद्देश्‍य यह था कि मध्‍य एशिया के नए आजाद हुए देशों के साथ लगती रूस और चीन की सीमाओं पर तनाव को कैसे रोक जाए। धीरे-धीरे सीमाओं में सुधार और उसके निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की गई। शंघाई में यह मकसद स‍िर्फ तीन साल में ही हासिल कर लिया गया। इसके चलते इसे बड़ा प्रभावी संगठन माना जाने लगा। अपना उद्देश्‍य हासिल करने के बाद इसमें उज्‍बेकिस्‍तान को जोड़ा गया। वर्ष 2001 में एक नए संस्‍थान की तरह शंघाई को-आपरेशन आर्गनाइजेशन का गठन हुआ। ।2001 में ऊर्जा आपूर्ति और आतंकवाद बना प्रमुख एजेंडा ।वर्ष 2001 में इस संगठन के उद्देश्‍यों में बदलाव आया। इस संगठन का लक्ष्‍य सदस्‍य देशों के बीच ऊर्जा आपूर्ति से जुड़े मसलों पर ध्‍यान देने के साथ आतंकवाद के खिलाफ संयुक्‍त रूप से लड़ना बन गया। स्‍थापना के बाद से ही इन मुद्दों की प्रासंगिकता आज तक बनी हुई है। संगठन के शिखर सम्‍मेलन में इन पर लगातार वार्ता होती है। गत वर्ष के शिखर सम्‍मेलन में यह तय किया गया था कि आतंकवाद से लड़ने के लिए तीन साल का एक्‍शन प्‍लान बनाए जाए। ।एससीओ और भारत।बदतर होते भारत-पाक संबंध ।खास बात यह है कि एससीओ एक्सरसाइज ऐसे समय में हो रही है, जब फरवरी में दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम समझौते पर पहुंचने के बावजूद भारत-पाकिस्तान संबंध खराब से बदतर होते जा रहे हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी कमांडरों पर पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने का आरोप लगाया है। इस हफ्ते की शुरुआत में सेना ने नियंत्रण रेखा के उरी सेक्टर में एक मुठभेड़ के बाद एक पाकिस्तानी आतंकवादी को हिरासत में लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78260c741b2882302aabef100277d8948f879c34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीनियर खिलाड़ियों से प्रेरणा।हाकी के लिए प्रसिद्ध हरियाणा के शाहाबाद से ताल्लुक रखते हैं युवा खिलाड़ी दीपक, जो आठ वर्ष की आयु से हाकी खेल रहे हैं। 2019 में इन्होंने जूनियर नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था। इन दिनों वह अक्टूबर में होने जा रही नेशनल चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटे हैं। बताते हैं दीपक, ‘मैं बचपन से ही घर के आसपास ग्राउंड में लड़के-लड़कियों को खेलते देखा करता था। उनके अलावा सरदारा सिंह, सुरेंद्र कौर, रितू रानी दीदी जैसी खिलाड़ियों से भी खेलने की प्रेरणा मिली। आज उनके क्लब से जुड़कर न सिर्फ अपने खेल को तराश रहा हूं, बल्कि साथ-साथ पढ़ाई भी कर रहा हूं। रोजाना सुबह पांच से सात बजे एवं शाम को चार से सात बजे मैदान पर कोच हर्ष शर्मा की निगरानी में अभ्यास करता हूं। कोच से खेल की बारीकियां एवं तकनीकी जानकारियां सीखने को मिलती हैं।‘ दीपक के अलावा उनकी बहन भी हाकी की खिलाड़ी हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पहले एवं दूसरे सीजन में हरियाणा के लिए गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। हालांकि भाई-बहनों की इस सफलता के पीछे न सिर्फ उनकी अपनी मेहनत, बल्कि मां की बड़ी भूमिका रही। कहते हैं दीपक,‘पिता जी राइस मिल में काम करते हैं। वे चाहते थे कि बच्चे खेल से अधिक पढ़ाई पर ध्यान दें। इसलिए शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आईं। लेकिन मां ने सब संभाल लिया, क्योंकि वह समझती हैं कि कैसे अब खेल में भी भविष्य को चमकदार बनाया जा सकता है।‘।कबड्डी में है स्वर्णिम भविष्य।गुरुग्राम के युवा कबड्डी खिलाड़ी एवं २०१९ के नेशनल गेम्स में कांस्य पदक विजेता हरियाणा टीम के सदस्य रहे विपुल कहते हैं कि पहले स्पोर्ट्स में उतने अवसर नहीं थे। जाब सिक्योरिटी नहीं थी। इनाम जैसा कोई कांसेप्ट नहीं था। स्पांसर्स नहीं होते थे। अभिभावक डरते थे कि उनका बच्चा खेलने के कारण कहीं ज्यादा चोटिल न हो जाए या फिर खेलों की वजह उसका उसका करियर न खराब हो जाए। इसलिए वे खेल की बजाय पढ़ाई पर जोर देते थे। लेकिन आज हर सेक्टर में संभावनाएं हैं। राज्य सरकारें एवं सरकारी कंपनियां भी खिलाड़ियों को पर्याप्त अवसर दे रही हैं। इससे अभिभावकों की मानसिकता में बदलाव आया है। ओलिंपिक्स एवं वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में उम्दा प्रदर्शन करने वाले या पदक विजेता खिलाड़ियों को अच्छी-खासी इनामी राशि एवं अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। विगत सात वर्षों से कबड्डी खेल रहे विपुल इस समय मास्टर्स करने के साथ ही २०२२ में होने वाले एशियन गेम्स की तैयारी भी कर रहे हैं। कहते हैं, ‘मेरे पिता खुद एक कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं। वह साथ में अभ्यास करने से लेकर खेल की छोटी-बड़ी बारीकियों से अवगत कराते रहते थे। उनके अलावा, स्कूल के शिक्षकों एवं साई-सेंटर फार एक्सीलेंस के प्रशिक्षकों से बहुत कुछ सीखने को मिला। उससे आत्मविश्वास आया। क्योंकि जब हम खेलना शुरू करते हैं, तो संघर्ष के साथ काफी मेहनत करनी पड़ती है। आखिर में वह हमारी सफलता का आधार बनता है।‘।हर तरफ बढ़ी जागरूकता।टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाकी खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बाद से बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों में भी नया जोश देखने को मिल रहा है। वे हाकी में संभावनाओं को देखते हुए बेटों के साथ बेटियों को भी खेलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। दरअसल, पहले हाकी, कबड्डी, खो-खो जैसे खेलों का टीवी पर लाइव प्रसारण कम ही होता था। इससे अधिक लोग टूर्नामेंट्स नहीं देख पाते थे। आज टेलीविजन के अलावा इंटरनेट मीडिया पर तमाम खेलों की चर्चा हो रही है। बच्चे-युवा जागरूक हो रहे हैं। मैं मानती हूं कि किसी भी खिलाड़ी के आगे बढ़ने में सही प्रशिक्षण के साथ अभिभावकों का समर्थन बहुत अहम होता है। मुझे भाई ने हाकी से जोड़ा। आगे चलकर पति एवं सास का साथ मिला। दोनों खुद भी हाकी खिलाड़ी रहे हैं और आज कोच की भूमिका रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ec0138328ceff245a96b5bbdd24ec223a598fd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मूल्यांकन के लिए निर्धारित किए गए हैं पांच बिंदु।शिक्षकों के मूल्यांकन के लिए पांच बिंदु निर्धारित किए गए है। पहला टाइम मैनेजमेंट है। इसमें यह देखा जाएगा कि शिक्षक कक्षा में समय से पहुंचते हैं या नहीं। दूसरे बिंदु में छात्र इस बात का मूल्यांकन करेंगे कि शिक्षक का कंटेंट मैनेजमेंट कैसा है। वह विषय से जुड़े कितना अतिरिक्त तथ्य छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं। डिलिवरी मैनेजमेंट में यह देखा जाएगा कि शिक्षक अपनी बात को बेहतर ढंग से छात्र तक रख पा रहे हैं कि नहीं। समस्या निस्तारण चौथा पहलू होगा, इसमें यह देखा जाएगा कि छात्र की अध्ययन से जुड़ी समस्या का निस्तारण शिक्षक कितनी तत्परता से कर रहे हैं या उसे कितना तवज्जो दे रहे हैं। पांचवां व अंतिम बिंदु मानवता से जुड़ा है। इसमें छात्र इस आधार पर मूल्यांकन करेगा कि उनके शिक्षक छात्रों की सहायता के लिए किस हद तक तत्पर रहते हैं। जिस शिक्षक को छात्र 6्र0 फीसद से अधिक अंक देंगे, वह मानक पर खरा पाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f953515dfbc2f9fd0174830b80287a84d062379 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66585.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। मिथिलांचल में हर तीज त्योहार, शादी, मुंडन जैसे अवसरों पर रंगोली के रूप में बनाई जाने वाली मधुबनी चित्रकला आज धीरे-धीरे आधुनिक रूप में कपड़ो, दीवारों व कागज पर उतर आई है। जी हां, इसी चित्रकला से पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रहने वाली अंबिका देवी ने खुद की पहचान तो बनाई, साथ ही दिल्ली से लेकर मधुबनी जिले की सैकड़ों महिलाओं रोजगार के अवसर भी दिए। अंबिका कहती हैं कि मधुबनी चित्रकला उनकी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। इसे उन्होंने कहीं से सीखा नहीं, बल्कि बचपन से ही अपनी दादी, नानी और मां को देखकर विरासत में पाया है। + +उन्होंने बताया कि मधुबनी कला में पांच विशिष्ट शैली जैसे भर्णी, कच्छनी, तांत्रिक, गोदा और कोहबर शामिल हैं। इसमें दस विष्णु भगवान की मूरत वाली चित्रकारी सबसे खास है, जिसे बेटी की शादी में मां बनाती है और बेटी की विदाई में उसके साथ ससुराल भेजती है। वह पेपर, लकड़ी, कपड़े, दीवार और मिट्टी के बर्तनों पर मधुबनी चित्रकारी करती हैं। साथ ही आर्डर मिलने पर जीन्स और लेदर बैग आदि पर भी चित्रकारी करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8720bed927c5a8510c88c7fe3ac2ce4eb98922f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66587.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राजीव शुक्ला, धनबाद। मैं बेजान हूं, निष्प्राण हूं। मगर अपनी कोख में मौजूद कोयले से पूरे देश को रोशन करता हूं। हां, मैं झारखंड का झरिया शहर हूं। मगर, जान लें कि बेहद भाग्यशाली भी हूं। मुझे गर्व है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपनी गोद में आश्रय देने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं उस ब्लैंक चेक का साक्षी हूं, जो झरिया के दानवीर रामजस अग्रवाल ने महात्मा गांधी को श्रद्धा के साथ भेंट किया था। अपने भाव व भंगिमाओं को व्यक्त करने की क्षमता होती तो मैं बेशक झूमकर नाचता, गाता और इतराता। वे लम्हे जिनमें बापू का सानिध्य मिला, पल पल मुझे याद है। बेशक भूमिगत कोयले में लगी आग से मैं जल रहा हूं, आज नहीं तो कल आग मुझे राख कर देगी। मगर बापू के कदम मुझे अमर कर गए। मैं देश की धरोहर बन गया। + +झरिया में महात्मा गांधी का स्वागत करते रामजस अग्रवाल ।बात सन 1922 की है।आइए मुझसे सुनिए, बापू के आगमन की कहानी। बात सन 1922 की है। हमारे आंगन लक्ष्मीनिया मोड़ पर दानवीर रामजस अग्रवाल की हवेली थी। आजादी की जंग चल रही थी। साबरमती के संत इसके नायक थे। देश का हर शख्स महात्मा की सादगी और आदर्शों का कायल था। सत्य और अहिंसा के इस पुजारी को देखने की चाह सभी को थी। उस समय क्या मालूम था कि मुझे उनके दर्शन होंगे, उनकी चरणों की धूल लेने का सौभाग्य मिलेगा। दरअसल, बिहार के गया में 1922 के दिसंबर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन होना था। बापू को बापू को रकम का इंतजाम करना था। देशबंधु चितरंजन दास ने उनको बताया कि झरिया के सेठ रामजस अग्रवाला से मदद मिल सकती है। दोनों झरिया आए। ।रामजस अग्रवाल ( फाइल फोटो)। ।बापू ने सेठ जी को बताया कि कुछ रकम की जरूरत।झरिया को आज भी याद है। सेठ जी की हवेली गुलजार थी। इस बीच शोर मचा। बापू आ गए। महात्मा के दर्शन हो रहे थे। धोती और लकुटी धारण करने वाले राष्ट्रपिता साक्षात सामने थे। अपने भाग्य पर मैं भी इतरा उठा। बापू ने सेठ रामजस को बताया कुछ रकम की जरूरत है। सेठ भी परेशान, महात्मा गांधी खुद आए हैं। कितनी राशि दें। बस ब्लैंक चेक दे दिया। बाद में उसमें 50 हजार की रकम भरी गई। मैं गर्वोक्ति से भर उठा। अपनी किस्मत पर, इन अनमोल लम्हों का गवाह बन। सेठजी के जीवन पर साहित्यकार बनखंडी मिश्रा ने पुस्तक भी लिखी है। + +सदाकत आश्रम के लिए मिली थी बापू को मदद।साहित्यकार बनखंडी मिश्रा बताते हैं कि बिहार के सदाकत आश्रम में बिहार विद्यापीठ विद्यालय की स्थापना हुई थी। उसके उद्घाटन के लिए संचालक बैरिस्टर मजहरुल हक ने महात्मा गांधी को बताया। उस समय भी कोयलांचल के दानवीर रामजस ने 50 हजार व कतरास के पीके राय ने दस हजार रुपये की मदद की थी। ।तीन बार झरिया आए महात्मा गांधी।अहिंसा के पुजारी का तीन बार झरिया आगमन हुआ। पहली बार पांच जनवरी 1922, दूसरी बार 12 जनवरी 1927 व तीसरी बार 28 अप्रैल 1934 को उनका यहां आना हुआ। बापू ने यहां के लोगों को देश की एकजुटता के लिए संघर्ष का संदेश दिया था, वह भी अहिंसा के मार्ग पर चलकर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ce55190ce292c4d4f7f6af79fa4e0e0f2ccd672 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66588.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अफगानिस्‍तान में बेनकाब हुआ पाक ।प्रो. पंत ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद अफगानिस्‍तान में जो खेल हुआ उससे पाकिस्‍तान बेनकाब हुआ है। वह अमेरिका से लगातार झूठ बोलता रहा है कि उसने अपने देश में किसी आतंकी संगठनों को शरण नहीं दिया है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी सैनिकों के जाते ही आखिर पाक तालिबान की मदद में क्‍यों और कैसे कूद गया। सारे आतंकी संगठन अचानक सक्रिय हो गए। यह इस बात के प्रमाण हैं कि अमेरिका और अफगान युद्ध के दौरान पाक तालिबान को संरक्षण दे रहा था। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान खुफ‍िया एजेंसी आइएसआइ का एकमात्र अघोषित एजेंडा ही यही है। अब अमेरिका पाकिस्‍तान के इस खेल को अच्‍छी तरह से जान गया है। + +आखिर क्‍या कहा जनरल मार्क ने ।अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद दुनिया पर एक नया संकट मंडरा रहा है। अमेरिकी आर्मी के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ जनरल मार्क मिले के मुताबिक अब अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का असर पाकिस्तान और उसके परमाणु बमों पर पड़ सकता है। जनरल मार्क ने यह बयान सीनेट की आर्म्ड सर्विस कमेटी के सामने दिया। जनरल मिले ने कहा कि हमारा अनुमान था कि अगर अमेरिकी फौज की वापसी बहुत तेजी से होगी तो इससे क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा तेजी से बढ़ेगा। इससे पाकिस्तान और उसके एटमी हथियारों पर खतरा बढ़ जाएगा। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के चीफ जनरल फ्रेंक मैकेंजी ने कहा कि पाकिस्‍तान और तालिबान के गहरे संबंध रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि लेकिन अब मुझे लगता है कि इन संबंधों में इसलिए बदलाव आएगा क्योंकि तालिबान अफगानिस्तान की हुकूमत पर काबिज हो चुका है। उनके संबंध बिगड़ेंगे, क्योंकि तालिबान अब अपनी शर्तों पर बातचीत करेगा और अपने हित देखेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5951ff5af4483c4a31aeb2f0f9394b27d35e798e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66590.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटियाला पंजाब का पहला जिला बन गया है, जहां पुलिस ने ऐसी अनूठी पहल की है। अब तक 30 शार्ट मूवी बनाई जा चुकी हैं। पटियाला पुलिस की टीम ने इन फिल्मों के माध्यम से घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ व साइबर क्राइम पर कड़ा प्रहार किया है। इसके अलावा पतंग की चाइनीज डोर के खतरे, मास्क पहनने का महत्व, ट्रैफिक नियमों का पालन, पुलिस भर्ती का महत्व, पुलिस भर्ती में ठगी से बचाव, पुलिस में लड़कियों की भर्ती, किडनैपिंग से बच्चों का बचाव, लूटपाट से बचने के लिए सावधानी और पुलिस ड्यूटी का महत्व जैसे विषयों पर भी शार्ट मूवी बनाई गई हैं। इनमें ज्यादातर कलाकार पुलिसकर्मी या उनके परिवार के लोग ही हैं। आने वाले दिनों में यह टीम त्योहारों के दौरान सावधानी विषय पर फिल्म बनाएगी। + +कैसे आया आइडिया।कोरोना के कारण जब मार्च, 2020 में लाकडाउन व कर्फ्यू लागू हुआ था तो इसके बाद घरेलू हिंसा की घटनाएं अचानक बढ़ने लगीं। पुलिस कंट्रोल रूम में ऐसी शिकायतों के लगातार फोन आने लगे। पुलिस ने महसूस किया कि लोगों को इस विषय पर जागरूक करना बहुत जरूरी है। सिपाही वरिंदर सिंह ने वीडियो के माध्यम से लोगों तक संदेश पहुंचाने का सुझाव दिया। तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मंदीप सिंह सिद्धू ने इसकी मंजूरी दे दी। वरिंदर सिंह ने घरेलू हिंसा न सहने और न करने की अपील का तीन मिनट का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर दिया। पहले ही वीडियो को करीब दस लाख लोगों ने देखा। करीब पांच हजार लोगों इसे शेयर किया और पुलिस की तारीफ की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66594.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66594.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7126f1b2751d8b734ffcfc9cf14ae192f3ec132 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66594.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल बन रहा है। पंजाब में चुनाव से पहले कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बदल दिया और जिसके कारण बदला वही प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा देकर फजीहत करा बैठा। बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा अपनी सीट पर लगी है। वोट पड़ चुके हैं और आज नतीजा आना है। ऐसे राजनीतिक माहौल में बिहार भी शांत नहीं है। यहां भी सभी अपने-अपने दांव चलने में लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव में मुद्दे छीनने की होड़ लगी है तो लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा पारस और भतीजे चिराग में चुनाव चिन्ह बंगले को लेकर लड़ाई तेज हो चली है। कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ कांग्रेस की बंशी बजाने चल दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c302287b6ba2e082d39abcd7ae865a3aabe12f3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66595.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जगदीश त्रिपाठी, पानीपत। Haryana Politics बीते विधानसभा चुनावों के पहले से ही हरियाणा में यह चर्चा होती रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस से अलग होकर नया दल बनाएंगे। कारण यह था कि हुड्डा प्रदेश की राजनीति में किसी अन्य नेता का हस्तक्षेप नहीं चाहते। इसलिए उनके समर्थक समय समय पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से यह मांग करते रहे कि उन्हें उसी तरह फ्रीहैंड किया जाए जैसे पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को किया गया है। सोनिया गांधी ऐसा नहीं चाहती थीं। वह तो कैप्टन अमरिंदर पर भी अंकुश लगाना चाहती थीं, लेकिन पंजाब कांग्रेस में कैप्टन को चुनौती देने वाला कोई नहीं मिल रहा था। उनकी तलाश पूरी की भाजपा से आयातित किए गए नवजोत सिंह सिद्धू ने। + +सिद्धू ने ऐसी स्थितियां उत्पन्न कर दीं कि अमरिंदर कांग्रेस को अलविदा कहने पर विवश हो गए। सोनिया ने स्पष्ट कह दिया-आइएम सारी अमरिंदर। लेकिन हुड्डा के लिए सोनिया को सारी बोलना फिलवक्त संभव नहीं लगता। यद्यपि हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और हुड्डा के बीच जो संग्राम चल रहा है, उसे देखते हुए यह स्पष्ट है कि हुड्डा को असहज करने पर गंभीरता से काम चल रहा है। हुड्डा इसे समझते हैं। इसलिए वह अपनी रणनीति भी उसी के अनुरूप बनाते हैं। कई मुकदमे ऐसे हैं जिसमें सोनिया को अपने परिवार को बचाने के लिए हुड्डा का सपोर्ट जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dba92ad66cab418469ac099052e1386a200c3710 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, यशा माथुर। Gandhi Jayanti 2021 महात्मा गांधी महान बने, देशवासियों के लिए भगवान बने, राष्ट्रपिता कहलाए, शांति और आजादी के दूत बने तो क्या वे इतनी उपलब्धियां सिर्फ और सिर्फ अपने दम पर हासिल कर पाए या फिर कोई उनके साथ मजबूत सहारा बनकर सालों साल खड़ा रहा? उनके सत्याग्रह, समर्पण और त्याग में बराबर का सहभागी बना? उनके साथ बचपन में ही एक नाम जुड़ गया था कस्तूर का, जो कस्तूरबा के नाम से उनके हर कदम की साथी बनीं। उनके हर फैसले को बा ने स्वीकारा। पति के प्रति पूरी तरह समíपत कस्तूरबा के सहयोग के बिना गांधी जी का अपने मिशन में सफल हो पाना किंचित संभव न था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05cdb57cee049cbbc350ed98bfcb3fef7b95cb98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सतीश सिंह। कोरोना महामारी के बावजूद राजकोषीय घाटे में सुधार आ रहा है। चालू वित्त वर्ष में सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत रखने का है, जिसे सरकार हासिल भी कर सकती है। पिछले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत रहा था। राजकोषीय घाटे में सुधार आने का कारण चालू वित्त वर्ष में ज्यादा राजस्व का संग्रहित होना है। सरकार चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान का 37 प्रतिशत राजस्व संग्रहित कर चुकी है, वहीं विगत साल सरकार बजट अनुमान का केवल 11 प्रतिशत राजस्व ही संग्रहित कर पाई थी। इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भी सरकार ने बजट अनुमान का सिर्फ 20 प्रतिशत राजस्व ही संग्रहित किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d502a096d467bd5461f35d0946e4b81b1d7c18a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी जानें।यह भी पढ़ेंः Delhi Metro New Timing: ग्रीन लाइन पर मेट्रो परिचालन के समय में बदलाव, यात्रा करने से पहले जान लें Timing।जानिये- चंद्र ग्रहण लगने के पीछे की कहानी।समुद्र मंथन के दौरान अमृत पान के लिए स्वर्भानु नामक एक दैत्य ने छल किया। भेष बदलकर अमृत पान करने की कोशिश की थी। इस दौरान चंद्रमा और सूर्य की स्वर्भानु पर नजर पड़ गई थी।  चंद्रमा और सूर्य से जानकारी मिली तो भगवान विष्णु ने अपने सुर्दशन चक्र से इस दैत्य का सिर धड़ से अलग कर दिया। मान्यता है कि अमृत की कुछ बंदू गले से नीचे उतरने के कारण ये दो दैत्य बन गए और अमर हो गए। कहा जाता है कि सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ केतु के नाम से जाना गया। अपना बदला लेने के लिए कभी ये सूर्य तो कभी चंद्रमा पर परोक्ष रूप से हमला करते हैं। फिर ऐसी स्थितियां बनती हैं, जिसे चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66603.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7c4d551fed23d6ed528a836a6e52987f0c45b54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66603.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धरमिंदर सिंह, बस्सी पठाना (फतेहगढ़ साहिब)। हाल ही में मुख्यमंत्री बने चरणजीत सिंह चन्नी का निराला अंदाज उनकी लोकप्रियता बढ़ा रहा है। चन्नी के अपने अंदाज में काम करने की प्रशंसा सोशल मीडिया पर आम हो रही है। बड़े भाई के इस अंदाज में छोटे भाई डा. मनोहर सिंह भी रंग गए हैं। चन्नी के सीएम बनने के बाद डा. मनोहर सिंह ने बस्सी पठाना क्षेत्र में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। सीएम भाई के अंदाज में ही लोगों से मिल रहे हैं। कहीं बुजुर्गों को गले लगाकर उनका दुख बंटा रहे हैं तो कहीं बुजुर्गों के पांव छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं। युवाओं में इतना क्रेज है कि सीएम के छोटे भाई के आटोग्राफ लिए जा रहे हैं। इन गतिविधियों के साथ ही डा. मनोहर सिंह की जल्द ही सियासत में आने की चर्चाएं तेज हो गई हैं और तो और इंटरनेट मीडिया पर विभिन्न पार्टियों के संभावित प्रत्याशियों की तस्वीरें लगाकर यह पूछा जा रहा है कि बस्सी पठाना का आने वाले विधायक कौन होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8706f8f5c9c218075ccdf5011b3ed476e6ca1acf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66606.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गुंजन कुमार सिंह। विगत वर्ष के प्रश्‍नों के विश्लेषण से आपको परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्‍नों के स्तर का पता चल ही चुका होगा। साथ ही इससे भी अवगत हो चुके होंगे कि परीक्षा के लिए कौन-सा टापिक सबसे ज्‍यादा महत्वपूर्ण है। अब इस आधार पर अपनी तैयारी को अंतिम रूप दें। चूंकि परीक्षा आरंभ होने में ज्यादा समय नहीं रह गया है, इसलिए आपको कोई भी नया टापिक पढ़ने से बचना चाहिए। नये टापिक्स को पढ़ने के बजाय उन टापिक्स पर विशेष ध्यान दें जो आपके विश्लेषण के अनुसार अतिमहत्वपूर्ण है। ऐसे टापिक्स से जुड़े प्रश्‍नों की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। + +दुविधा से बचें: यदि किसी महत्वपूर्ण टापिक पर संशय है और इसकी संख्या कम है, तो उन पर उलझने और समय गंवाने के बजाय आगे बढ़ने का प्रयास करें और यदि ऐसे टापिक्स की संख्या अधिक है, तो इनकी उपेक्षा भारी पड़ सकती है। इस संशय को खत्म करने के लिए मानक पुस्‍तकों का सहारा ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए वीडियो ट्यूटोरियल की मदद लेना अधिक समझदारी होगी। बैंक परीक्षा की तैयारी से संबंधित वीडियो यूट्यूब पर भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा कई वेबसाइटों पर इस तरह के वीडियो उपलब्ध हैं। इस तरह के अधिकांश ट्यूटोरियल मुफ्त में उपलब्ध हैं। इनकी मदद से अपने संशय को आसानी से दूर कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfd1246e761428edceab79c233c144f71e6c2232 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66609.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत के युवा हमेशा महात्मा गांधी के चिंतन के केंद्र में होते थे। यही कारण था कि जब देश भ्रमण के क्रम में किसी स्थान पर जाते थे, तो लोगों खासकर युवाओं के भीतर अपनी बातों से अद्भुत साहस भरने का काम करते थे, ताकि वे भयरहित होकर अंग्रेजों के अत्याचारों का सामना कर सकें। वे युवाओं से रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा करते थे। उनका मानना था कि युवा अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, ताकि समाज और देश को उसका समुचित लाभ मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..911a3d4edb62788c556986abe91e6538988b131d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66616.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +3. धन को व्यक्ति स्वामित्व के संदर्भ में केंद्रित न करें।रामेंद्र सिंह, आईआईएम कलकत्ता के मार्केटिंग के प्रोफेसर के मुताबिक गांधीवादी मूल्य आज की आधुनिक प्रबंधन प्रथाओं में भी बहुत प्रासंगिक हैं। उदाहरण के लिए, ट्रस्टीशिप की अवधारणा इस बात का समर्थन करती है कि धन को व्यक्तिगत स्वामित्व के संदर्भ में कभी भी केंद्रित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे लोगों के कल्याण और कल्याण के उद्देश्य को सक्षम करने के साधन के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। इसी तरह, "हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त लेकिन हर किसी के लालच के लिए पर्याप्त नहीं" की गांधीवादी धारणा आधुनिक समय की वेस्टन कांसेप्ट ऑफ सस्टनेबिलिटी की उत्पत्ति है। इसी तरह, सत्य और अहिंसा के गांधीवादी मूल्यों का तात्पर्य है कि स्टेकहोल्डर के प्रतिरोध या गुस्से को संभालने के लिए अधिक स्वीकार्य और सिविल तरीकों पर फोकस करना चाहिए। यह ईमानदार प्रक्रिया, समावेशी मूल्य प्रणाली और विश्वसनीय चीजों को सामने लाने से संभव है। + +4. सर्वोदय की भावना से सबकी तरक्की हो सकेगी।प्रोफेसर गिरीश, आईआईएम, लखनऊ (डायवर्सिटी और इनक्लूजन में इसे पढ़ाते हैं) बताते हैं कि सत्य और अहिंसा गांधीजी के प्रमुख दर्शन हैं। प्रबंधन शिक्षा को सर्वोदय - सार्वभौमिक प्रगति पर ध्यान देना चाहिए। इससे सभी स्टेकहोल्डर की प्रगति सुनिश्चित हो सकेगी। गांधी जी कहते थे सर्वोदय ऐसी समाज की रचना चाहता है जिसमें वर्ण, वर्ग, धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर किसी समुदाय का न तो संहार हो और न ही बहिष्कार हो। ऐसा समाज जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और समूह को अपने सर्वांगीण विकास का साधन और अवसर मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..714cdeeb439d7114c8ef1a9fc60815bb47c267ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नंगे पांव कानपुर की धरती पर उतरे थे गांधी।प्रताप प्रेस के सहयोगी दशरथ प्रसाद द्विवेदी उन्हें कानपुर सेंट्रल से प्रताप प्रेस तक लाए थे। दशरथ प्रसाद लिखते हैं कि गांधीजी उस समय तीसरे दर्जे मे सफर करते थे और नंगे पैर रहते थे। सर पर एक काठियावाड़ी ढंग की पगड़ी बांधा करते थे और एक चौबन्दी पहना करते थे। उनके कंधे पर खादी का एक झोला टंगा था। भरी हुई एक स्पेशल ट्रेन से वह रात आठ बजे कानपुर उतरे थे। अपने साथी शिव नारायण के साथ उन्होंने काफी मुश्किल से गांधीजी को ढूंढा था। खादी का झोला लेने की बहुत कोशिश की लेकिन गांधीजी ने उसे नहीं दिया। जिसके बाद उन्हें तांगे से प्रताप प्रेस तक लाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be7fbb48953fad8530103acfbc7ea9ce27547875 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6662.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'शेरशाह' की जमकर तारीफ हो रही है। यह फिल्म कारगिल युद्ध के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की बायोपिक है। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने विक्रम बत्रा का किरदार अदा किया है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहे हैं। लेकिन अब फिल्म 'शेरशाह' में विक्रम बत्रा के किरदार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। + +शब्बीर बॉक्सवाला ने कहा, 'सलमान खान ने मुझे अप्रोच किया जब मैं विक्रम बत्रा की बायोपिक के लिए जंगल पिक्चर्स से संपर्क किया था। वह शेरशाह से आयुष शर्मा का डेब्यू करवाने वाले थे और वह इसको लेकर मेरे साझेदार बनना चाहते थे।' शब्बीर बॉक्सवाला के अनुसार, हालांकि, तब तक सिद्धार्थ की ओर से परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता की भूमिका निभाने के विचार पर उनके परिवार से 'सर्वसम्मति से समर्थन' किया और सिद्धार्थ मल्होत्रा और विक्रम बत्रा के परिवार के बीच पहले से ही बात हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66620.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66620.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddf352c69536b2b22b37bf90b3d9025b4a3f879d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66620.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हो चुका है नुकसान। 26 नवंबर 2020 से चल रहा प्रदर्शन अब तक दिल्ली की सीमाओं के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों को 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचा चुका है। हालत यह है कि सिंघु, टीकरी व गाजीपुर बार्डर के आसपास चल रही औद्योगिक इकाइयों में से करीब 15 फीसद बंद हो चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e63d23cbc1614604fbcf5032b0a3865913daca18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में कोरोना रोधी वैक्सीन लेने वालों को अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सर्टिफिकेट मिल सकेगा। इसके लिए कोविन प्लेटफार्म में नया विकल्प दिया गया है, जिसमें वे वैक्सीन सर्टिफिकेट पर अपने जन्म की तारीख जोड़ सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट के मानकों में जन्म की तारीख को अनिवार्य किया गया है। अभी कोविन प्लेटफार्म से जारी होने वाले सर्टिफिकेट में जन्म की तारीख का प्रविधान नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b23cf8ed4b6e27ab17b39d063cd23384240bacfa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या मोदी सरकार-2 चीन को सीधा संदेश दे रही है ?।क्‍या भारत को अपनी सीमा पर आधारभूत संरचना का विस्‍तार करना चाहिए ? ।बिल्‍कुल, जिस तरह से चीन भारत से लगी सीमा के पास बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। भारत को भी अपनी उतनी ही तेजी से काम करना चाहिए। मोदी सरकार-2 इस दिशा में सही काम कर रही है। चीन की यह तैयारी अभी की नहीं है। चीन बीते दो दशकों से एलएसी के समीप आधारभूत ढांचे को तैयार कर रहा है। उसने पूरी सीमा को हवाई पट्टियों से जोड़ने का काम भी किया है। इन हवाई पट्ट‍ियों से उसके लड़ाकू विमान और हेलीकाप्‍टर उड़ान भर सकते हैं। इतना ही नहीं चीन ने भारत से लगी सीमा पर सैनिकों की संख्‍या में भारी इजाफा किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लाइन आफ एक्‍चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर 50 हजार अतिरिक्‍त सैनिक तैनात किए हैं। इस मामले में चीन को संयम से काम लेना चाहिए, वरना हालात बिगड़ सकते हैं। ।दोनों देशों के संबंधों को सामान्‍य करने में कमांडर स्‍तर की वार्ता कितनी कामयाब है ? ।दरअसल, चीन ने भारत के प्रति जो धारणा 1950 के दशक में बनाई थी। संयोग या दुर्योग से वह आज भी उस पर कायम है। चीन का यह समझना होगा कि सेना के कमांडरों के स्‍तर पर होने वाली वार्ता बेशक वह जारी रखे, लेकिन उसे व्‍यहारिक कदम भी उठाने होंगे। अब भारत और चीन के रिश्‍ते इस कदर खराब हो गए हैं कि कमांडर स्‍तर की वार्ता से बहुत कुछ हासिल या सुलझने वाल नहीं है। अलबत्‍ता भारत ने एलएसी पर चीन के प्रति जो रणनीति अपनाई है, उसका प्रभाव दिखेगा। ।पूर्वी लद्दाख में सैन्‍य संघर्ष से तल्‍ख हुए रिश्‍ते ।पिछले वर्ष चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के साथ दोनों देशों के बीच संबंध काफी तल्‍ख हुए हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने भारतीय सेना के साथ संघर्ष किया। इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई। चीन ने काफी दिनों बाद चुप्‍पी तोड़ते हुए यह कबूल किया था कि इस संघर्ष में चार सैनिक मारे गए थे। हालांकि, भारत का दावा था कि उसके कई सैनिक इस संघर्ष में मारे गए थे। चीन लगातार एलएसी पर तनाव की स्थिति बनाए हुए है। आए दिन वह अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का उल्‍लंघन करते हुए भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..432300439fdddd94d3156461cf44f9f0bd911f6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। भारत ने इजरायल से 4 हेरोन मार्क-2 ड्रोन खरीदा है। हालांक‍ि, भारत पहले से ही हेरोन ड्रोन का इस्‍तेमाल करता रहा है, लेकिन यह ड्रोन अपग्रेड वर्जन का है। खास बात यह है कि इस ड्रोन में लेजर गाइडेड बम और मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। चीन के बढ़ते टेंशन के बीच भारतीय सेना ने अपनी तैयारी को पुख्‍ता करना शुरू कर दिया है। यह माना जा रहा है कि भारत इस इजरायली ड्रोन को लद्दाख में तैनात करेगा। बता दें कि ड्रोन विमान को लेकर भारत-इजरायल के बीच समझौता हुआ था। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से यह ड्रोन भारत को नहीं मिल नहीं पाए थे। अब अगले दो से तीन महीने में इजरायल दो और हेरोन मार्क 2 ड्रोन विमान दे सकता है। दो अन्‍य ड्रोन विमान साल के अंत तक मिल सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर इस ड्रोन से चीन क्‍यों घबड़ाया हुआ है। क्‍या है इस ड्रोन की खूबियां। ।ड्रोन की खूबियां।बता दें कि भारतीय सुरक्षाबल ऐसे हथियारों की खरीद में जुटे हैं, जो चीन के साथ चल रहे संघर्ष में उनकी मदद कर सकते हैं। अन्य छोटे या मिनी ड्रोन अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं, जिन्हें बटालियन स्तर पर सैनिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। हाथ से चलाए जाने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किसी विशेष स्थान या क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने या उस स्थान की निगरानी के लिए किया जाएगा। वहीं, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के लिए एक अमेरिकी कंपनी से लीज पर दो प्रीडेटर ड्रोन लिए हैं। इन ड्रोन की तैनाती पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b4c5d5e38eb31a5581807ac62b1597e887b5c12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नरमू ने पीएनएम में महाप्रबंधक के समक्ष उठाया था मामला।मजदूर यूनियन ने 24 सितंबर को महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी के साथ आयोजित स्थाई वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में स्टेशन मास्टरों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था। यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त ने यातायात निरीक्षकों पर आरोप लगाया था कि वे स्टेशन मास्टरों के ओवर टाइम भत्ता पर अपना हस्ताक्षर नहीं कर रहे। जिससे उनके भत्ते का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में स्टेशन मास्टरों में आक्रोश है, वे ओवरटाइम नहीं करना चाह हे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f10c31ac67fe8d7e14bd1bfb3e1e51cab48260e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Indian Railways: अब ट्रेनों में भी यात्री कैमरे की नजर में रहेंगे। यात्री पूरी तरह सुरक्षित तो होंगे ही, छेड़खानी, छिनैती, चोरी, लूट, पाकेटमारी, जहरखुरानी और चेन स्नेचिंग आदि की घटनाओं पर भी पूरी तरह से अंकुश लगेगा। रेलवे स्टेशनों की तरह नए अति आधुनिक लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) एसी कोचों में भी सीसी कैमरे लगने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00a93662445dbc8589e715d293fea862215c9e48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इन दिनों भारत का सबसे करीबी देश अफगानिस्तान मुश्किल दौर से गुजर रहा है। पूरे देश को तालिबान ने अपने कब्जा में कर लिया है। आलम यह है कि वहां की आम जनता देश छोड़-छोड़कर भाग रही है। अफगानिस्तान से हर रोज दिल देहला देने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। वहीं भारत की कई हस्तियां अफगानिस्तान के इन हालातों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66630.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40dd3ed32edbabf208b382682dcb032d272c7931 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66630.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पलवल [कुलवीर चौहान]। अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजी शासन से भारत को मुक्त कराने के संघर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (बापू) ने देशभर में दौरे किए थे और विभिन्न आंदोलनों की नींव रखी थी। आजादी की इस लड़ाई में राष्ट्रपिता के इस संषर्घमय सफर के गवाह पलवल जिले के लोग भी बने थे। इतिहास के अनुसार, दमनकारी रौलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह करने पर राष्ट्रपिता को दस अप्रैल 1919 को पलवल रेलवे स्टेशन पर ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। + +डा राजेन्द्र प्रसाद ने किया था गांधी घर का उद्घाटन।असावटी गांव के बुजुर्गों के मुताबिक बापू को असावटी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर पलवल रेलवे स्टेशन पर लाया गया था। इस दौरान महात्मका गांधी ने असावटी गांव में ग्रामीणों से मुलाकात की थी और सत्याग्रह में भाग लेने का आह्वान किया था। यहीं पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 30 अक्टूबर 1957 को राष्ट्रपिता की याद में असावटी गांव में गांधी घर का उद्घाटन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48646b70857678e43f46ed0b8273f5a540f0a156 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साठ से अधिक प्रजातियां मिली। कुंड के पास हुए सर्वेक्षण में लगभग 60 प्रजातियों की तितलियां मिली है। जंगल एवं जंगली जीवों व कीट-पतंगों की दुनिया को निकट से देखने व समझने में सदैव आगे रहे रेवाड़ी के वनमंडल अधिकारी सुंदर सांभरिया आए दिन अपनी टीम के साथ यहां आते रहे हैं। हमने तितलियों से जुड़ी अपनी जिज्ञासा उन्हीं के सामने प्रकट की तो मानो उनके भी मन की मुराद पूरी हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ecec855e42b1ed2e373e8ad1577e44e61ecdc0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66637.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लातेहार जिले के सलैया जंगल में नक्सलियों के खिलाफ सर्च आपरेशन चलाते जवान। जागरण।राज्य में 2016 में उग्रवादी हिंसा की 195 घटनाएं हुई थीं। इनमें 61 मामले निदरेष लोगों की हत्या के थे। पिछले वर्ष 2020 में 125 नक्सली घटनाएं हुईं, जिनमें 28 नागरिकों की हत्या हुई। इस दौरान कुल 715 उग्रवादी गिरफ्तार किए गए। वहीं मुठभेड़ में पुलिस और सुरक्षा बलों ने 18 उग्रवादियों को मार गिराया। अलग राज्य बनने के बाद से अब तक नक्सलियों से मुठभेड़ में 450 से अधिक पुलिस अधिकारियों और जवान शहीद हो चुके हैं। राज्य में अब मुख्य रूप से पारसनाथ पहाड़, बूढ़ा पहाड़, सरायकेला, खूंटी, चाईबासा, कोल्हान क्षेत्र तथा बिहार सीमा के कुछ इलाकों तक नक्सली सीमित हो गए हैं। सारंडा एवं बूढ़ा पहाड़ का इलाका बड़े नक्सलियों का गढ़ है। इसकी मुख्य वजह है यहां से दूसरे राज्यों की सीमा का सटना। झारखंड पुलिस की दबिश पर नक्सली बिना किसी परेशानी के छत्तीसगढ़, ओडिशा, बंगाल सीमा में प्रवेश कर जाते हैं और उन राज्यों में दबाव बढ़ने पर झारखंड में आ जाते हैं। + +फिलहाल झारखंड में मुख्य रूप से पांच नक्सली संगठन सुरक्षाबलों को चुनौती दे रहे हैं। इनमें भाकपा माओवादी, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया (पीएलएफआइ), तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी), झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) और झारखंड प्रस्तुति कमेटी (जेपीसी) शामिल हैं। जेपीसी को छोड़, शेष चार संगठन के 115 हार्डकोर नक्सलियों-उग्रवादियों के खिलाफ राज्य सरकार ने एक लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक का इनाम रखा है, जिनकी तलाश जारी है। नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण नीति का रास्ता भी नक्सलियों-उग्रवादियों के लिए छोड़ रखा है, ताकि राज्य से नक्सल समस्या का समाधान हो सके। इसी वर्ष जुलाई में 15 लाख के इनामी बुद्धेश्वर उरांव एवं दस लाख के इनामी शनिचर सुरीन को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद पुलिस का मनोबल बढ़ा हुआ है। दो दर्जन से अधिक बड़े इनामी नक्सलियों ने पिछले तीन साल में या तो आत्मसमर्पण कर दिया अथवा गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिससे इन राष्ट्रविरोधी तत्वों का मनोबल गिरा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20c8a2ff4ee4cad94c7e110a7fa8cf6e8f62e49b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66638.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [कुंदन तिवारी]। सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान मामले में एसआइटी सोमवार तक रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है। इसके संकेत नोएडा प्राधिकरण से मिलने लगे हैं। एसआइटी ने रिपोर्ट की फाइनल ड्राफ्टिंग शुरू कर दी है। साक्ष्यों को प्रमाणित करने के लिए प्राधिकरण से दो शीर्ष अधिकारियों को लखनऊ बुलाया गया है, ये अधिकारी रविवार तक एसआइटी के साथ मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार दोपहर बाद आनन-फानन में एसआइटी सदस्यों से कुछ फाइलों के साथ नोएडा प्राधिकरण के दो शीर्ष अधिकारियों को लखनऊ मुख्यालय तलब किया गया। दोनों अधिकारियों को उन दस्तावेजों की पुष्टि करनी है व उसे प्रमाणित कर जांच रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत करना है। ।यह इसलिए किया गया है ताकि वे यह न कहें कि यह दस्तावेज गलत है या हमारे पास मौजूद नहीं है। अब तक प्रस्तुत दस्तावेज को प्रमाणित करने के बाद एसआइटी की जांच में नियोजन विभाग के दो मुख्य वास्तुविद और एक नियोजन अधिकारी के नाम की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा कई अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी हैं जिनके नाम अनियमितताओं में शामिल हैं। उनके नाम को लेकर दस्तावेजों को तैयार करने और उसको प्रमाणित करने की प्रक्रिया चल रही है। ।बताया जा रहा है कि 12 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने वाली है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावरों के ध्वस्तीकरण का आदेश 31 अगस्त को दिया गया था। इसके बाद शासन ने पूरे प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई के लिए दो सितंबर को एसआइटी गठित की थी। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। ।एसआइटी ने छह सितंबर को प्राधिकरण कार्यालय पर डेरा डाला था। स्थलीय निरीक्षण करने और कुछ दस्तावेजों को लेकर एसआइटी के शीर्ष अधिकारी नौ सितंबर को प्राधिकरण कार्यालय से रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने लखनऊ से कुछ कर्मचारियों को ड्राफ्टिंग के लिए प्राधिकरण बुलवाया था। इसके बाद एसआइटी ने जांच रिपोर्ट को प्रस्तुत करके लिए कुछ दिन का समय और मांगा था। वहीं स्थलीय निरीक्षण के बाद मामले का ड्रोन सर्वे और थ्री डी सेटेलाइट सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। ।इसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने दस घंटे का ड्रोन सर्वे कराया और उसका पूरा वीडियो, फोटो, थ्री-डी इमेज तैयार करा रिपोर्ट एसआइटी के पास भेजवा दी। इसी के आधार पर कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने 2004 से 2017 तक प्राधिकरण में बड़ा खेल किया और बिल्डरों को लाभ पहुंचाया। इसी रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि प्राधिकरण की सात हजार वर्ग मीटर अविकसित ग्रीन बेल्ट भी अवैध तरीके से बिल्डरों को सौंपी गई। ।इन बिंदुओं पर तैयार हुई रिपोर्ट ।एसआइटी ने अपनी जांच की शुरुआत सुपरटेक को आवंटित की गई जमीन और रिवाइज प्लान के साथ की है। नो¨टग में 20 जून 2005 से लेकर दो मार्च 2012 तक, यानी पहले रिवाइज प्लान से लेकर तीसरे रिवाइज प्लान तक टावर के निर्माण के लिए पास किए गए मानचित्र, भूखंड का क्षेत्रफल, कवर्ड एरिया, अनुमानित एफएआर, परचेजेबल एफएआर व सेट बैक की अलग-अलग जानकारी लेकर ड्राफ्ट तैयार किया। + +फैसले में कार्रवाई का आदेश भी था शामिल ।शीर्ष अदालत के फैसले से पहले वर्ष 2014 में जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों टावरों को लेकर आदेश दिया था। उसी समय न्यायालय ने आदेश में इन टावर को मंजूरी देने में बरती गई अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद आज तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। ।एक सप्ताह की रिपोर्ट में लगा एक माह का समय ।मुख्यमंत्री ने एसआइटी को आदेश दिया कि एक सप्ताह के अंदर पूरी कर रिपोर्ट दें। दूसरी ओर, एसआइटी ने चार सप्ताह से अधिक का समय लगा दिया है, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई है। हालांकि अब संकेत मिले हैं कि फाइनल ड्राफ्टिंग का काम पूरा किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66639.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c78413d6fdcd73ad01ed4ab4d85ab00c59d8bbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 27 वर्षों में इस बार देश के लिए सितंबर दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला माह साबित हुआ है। इस महीने में 223 मिमी (29 तारीख तक) यानी 34 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि मासिक सामान्य बारिश का औसत 166.6 मिमी है। देश में सितंबर के दौरान अब तक दर्ज की गई 1994 की बारिश के बाद इस बार इस माह में ज्यादा बारिश हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..109d788fdaf085d9597d08799630331513d40128 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6664.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं इस शो का जो प्रोमो सामने आया है उसमें अनन्या ये कहते हुए नज़र आती हैं कि जब किसी में इतनी नफ़रत इतना ज़हर भरा है तो उसका जवाब प्यार होना चाहिए। ये जवाब अनन्या ने उस कमेंट पर दिया जिसमें उन्हें फेक पांडे कहा गया था। इसके बाद वह कहती हैं कि मैं जैसी हो 100 फीसदी ऐसी ही हूं। वहीं एक यूजर ने अनन्या के पूछा कि शादी क्यों नहीं कर रही हैं। यूजर के इस कमेंट पर उन्होंने चौंकते हुए कहा, 30 साल में पूछना, अभी नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..502ac0d0a27654ee4b8a83273a69ae15691aca31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66642.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Navratri Weight Loss TIPS नवरात्र के दिनों की गिनती वर्ष के सबसे शुभ दिनों में की जाती है। नवरात्र को बहुत ही शुभ समय माना जाता है। नवरात्र से ही त्योहारों की शुरुआत भी हो जाती है और हवा में भी उत्सवों की महक आने लगती है। नवरात्र का समय अपने वजन को नियंत्रित करने का भी होता है। बहुत से लोग इस दौरान व्रत रखते हैं, लेकिन हममें से बहुत कम लोग ही अपना वजन नियंत्रित कर पाते हैं। + +नवरात्र के दिनों में आप अपने शरीर को डिटाक्सीफाई कर सकती हैं। इसके साथ ही अपने सपनों के आकार में आने का भी यह सही समय होता है। छोटी-छोटी बातों का पालन करके और पौष्टिक आहार ग्रहण करके आप नवरात्र के दिनों में बिना किन्हीं खास उपायों के आसानी से कम से कम चार-पांच किलो वजन कम कर सकती हैं। उपवास के दौरान संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर चीजें ग्रहण करते हुए आसानी से वजन कम किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..013ae1e20110dcf1f0589dcdc88d44780acc43be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, शशांक शेखर भारद्वाज। भारत में स्वादिष्ट लजीज व्यंजनों की बहार है। कुरकुरी, करारी और मसालेदार आलू भुजिया का नाम सुनकर मुंह में पानी आना लाजमी है। चाय, चाट-चाट पापड़ी हो या भेलपुरी और मैगी सभी के साथ मिलकर ये स्वाद बढ़ा देती है। इसीलिए ये हर उम्र के लोगों की पसंद बनी है। इस चाहत को हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवॢसटी (एचबीटीयू) के फूड टेक्नोलाजी विभाग के विशेषज्ञों ने नया स्वाद दिया है। यहां आलू की तरह अरबी की भुजिया बनाई गई है। पौष्टिकता से भरपूर ये भुजिया सेहत का खजाना संजोए है। विश्वविद्यालय ने इसकी तकनीक पेटेंट करा ली है। ये शोध दि पेटेंट आफिस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbeab97ed546651c50e470cac1e59604487d8550 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Congress: पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस को छोड़ने के बयान ने पंजाब के कांग्रेसियों में चिंता पैदा कर दी है। कई वरिष्‍ठ नेताओं को चरणजीत सिंह सरकार के लिए भी खतरे का अंदेशा है। इन नेताओं का मानना है कि कहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ दो दर्जन विधायक न चले जाएं। यदि ऐसी नौबत आती है तो पंजाब में सरकार के गिरने और राष्ट्रपति राज लगने का खतरा पैदा हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66647.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a34b1d73e22379acd9574dbbc87e1c68c7639b0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार यूं तो दावा करती है कि वह इस डाटा की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध कर रही है, लेकिन किसी सर्वर पर जमा किए जाने वाले सरकारी डाटा में सेंध लगाना अब कई हैकरों की नजर में सबसे आसान काम है। आधार कार्ड के जुड़े डाटा पर हाथ साफ करने की कोशिशों के बारे में पहले भी कई दावे किए गए हैं, जिनसे सरकार ने हमेशा इन्कार किया है, पर इन आशंकाओं को आज भी साइबर विशेषज्ञ पूरी तरह खारिज नहीं कर पाते हैं। व्यक्तिगत तौर पर सेहत से जुड़े रिकार्ड जब तक एक व्यक्ति के पास हैं, तब तक कोई खतरा नहीं, लेकिन जैसे ही वह रिकार्ड किसी साझा सर्वर पर पहुंचता है तो ये सारी आशंकाएं सिर के बल खड़ी हो जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58932aa8cbde2471ccbdb91f458e1d4f460b84e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66649.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विवेक तिवारी। Flying car in India: आपको गुड़गांव या नोएडा से दिल्ली जाने या वहां से वापस आने में घंटों जाम में बताने पड़ते हैं। तो आपके लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उड़ने वाली कार के जरिए इस तरह की छोटी दूरियां बिना किसी जाम के कुछ ही मिनटों में पूरी कर सकेंगे। हाल ही में भारत के कुछ युवाओं की स्टार्टअप टीम विनाटा एयरोमोबिलिटी ने हाइब्रिड फ्लाइंग कार तैयार की है। इसे आने वाले समय में पूरी दुनिया में शहरों में ट्रांसपोर्ट के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी ने हाल ही में अपनी हाइब्रिड फ्लाइंग कार का प्रोटोटाइप केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिखाया। उन्होंने इसे एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार आने वाले समय में आम लोगों और मेडिकल इमरजेंसी सर्विसेज में एक जगह से दूसरी जगह जल्द से जल्द पहुंचाने में काफी उपयोगी साबित होगा। आपको ये हाइब्रिड फ्लाइंग कार कब मिल सकेगी, कैसे चलेगी, इससे सफर में कितना खर्च आएगा इस तरह के कई सवाल आपके मन में होगे। आइये कंपनी के सीईओ, योगेश रामनाथन (Yogesh Ramanathan) से जानते हैं आपके सभी सवालों के जवाब। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66653.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c59164eb256bb5edb3f73d41f4c3802dc226550f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुजुर्गों से अच्छा व्यवहार करने का संकल्प लें : डाक्‍टर ईशान्‍य ।डाक्टर ईशान्य ने बताया कि बहुत से बुजुर्ग घर के परिजनों के रवैये की वजह से मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इसलिए वह खुद को परिवार और समाज से कटा हुआ महसूस करते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को आज आत्म मंथन करना चाहिए ताकि वह अपनी पिछली गलतियों को स्वीकार करते हुए अपने बुजुर्गों से अच्छा व्यवहार करने का संकल्प ले सकें। इसके साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में बढ़ती उम्र व मानसिक तनाव के चलते अमूमन 65 साल की उम्र के बाद ज़्यादातर बुजुर्गों के व्यवहार में बड़ा बदलाव होता है। इसी समय उन्हें परिवार के प्यार की जरूरत होती है। यह बदलाव अल्जाइमर्स-डिमेंशिया के कारण होता है। इस बीमारी के लक्षण बुजुर्गों के हाव-भाव से पहचाने जा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि लक्षण को पहचानें व लक्षण नजर आएं जल्द से जल्द चिकित्सक से परामर्श लें ताकि परिवार के बुजुर्ग के स्वास्थ को स्वस्थ रखा जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f1293543827b251aa4ea040c28a94b12c6de7bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सपा ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में कश्यप समाज के मतदाताओं को रिझाने के लिए कश्यप स्वाभिमान यात्रा भी निकालने की तैयारी की है। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप इस यात्रा की शुरुआत नौ अक्टूबर को बुलंदशहर से करेंगे। गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बागपत, शामली व सहारनपुर होते हुए 10 दिनों की यात्रा का समापन मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में 18 अक्टूबर को होगा। इसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल होंगे। सपा की नजर कश्यप समाज पर इसलिए जा टिकी है, क्योंकि पिछड़ी जातियों में उनकी हिस्सेदारी करीब चार फीसद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b412c45b16fcb9568f4a4212c2342032307d1719 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66662.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेता राकेश टिकैत ने मीडिया हाउस को लेकर दिए गए बयान पर बृहस्पतिवार को सफाई दी। उन्होंने अपने बयान में कहा कि उन्होंने मीडिया हाउसों को लेकर कोई भी गलत बयान नहीं दिया है बल्कि कुछ मीडिया हाउसों ने उनके बयान को ही गलत तरीके से दिखाया और फैलाया है। उन्होंने कहा कि यदि उनके द्वारा दिए गए पूरे बयान को देखा जाए तो चीजें साफ हो जाती है मगर कुछ मीडिया हाउसों ने पूरे बयान को न दिखाकर बल्कि उसके कुछ अंश ही दिखाए जिसकी वजह से ये भ्रम पैदा हुआ है। उनके बयान का इस्तेमाल करके मीडिया के साथ उनके संबंधों को भी खराब किया जा रहा है जबकि उन्होंने किसी मीडिया हाउस को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। + +#WATCH दिल्ली की सरकार (केंद्र सरकार) ने कानून बनाकर आधा देश बेच दिया, मध्य प्रदेश की मंडियां बेच दीं। छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं रहेगा। सबलोग साथ दो। अगला टारगेट मीडिया हाउस है। आपको बचना है तो साथ दो नहीं तो आप भी गए: रायपुर में किसान नेता राकेश टिकैत pic.twitter.com/7JeCHvSJkU।एक बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि बुधवार को मैंने जो कुछ कहा था उसका अर्थ गलत निकाया गया, मैंने जिस परिप्रेक्ष्य में ये चीजें कही थी मेरा उससे मतलब केंद्र सरकार से था। मैंने कहा था कि जैसे केंद्र सरकार कानून लाकर किसानों को निशाना बना रही है उसी तरह से वो अगला कोई कानून लेकर आएगी जिसमें मीडिया को निशाना बनाया जाएगा। मैंने मीडिया के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा है, मेरे 46 सेकंड के बयान को तोड़ मरोड़ कर और आधा अधूरा दिखाया जा रहा है जिससे ये भ्रम फैला है। ।I'd said something y'day which was misinterpreted. I actually meant that the next target of Centre is media houses. We've never said anything against media: BKU leader Rakesh Tikait's explanation on his previous statement (29.09) pic.twitter.com/XxRqZTJLMF।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88378ad4aa64c22c9143cf6a9d0f850f4aaa2285 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66664.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट के बाद अब गैंगस्टरों के बीच फिलहाल इंटरनेट मीडिया पर साइलेंट वार चल रही है। फेसबुक और इंस्टाग्राम के पेजों पर दोनों गैंगों के समर्थक एक दूसरे को देख लेने, भुगत लेने और तमाम तरह की शेरों शायरी से डराने और दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। फेसबुक पेज पर गोगी मान ग्रुप लिखकर सर्च करने से तीन से चार आइडी दिख जाती है, इसमें गोगी मान ग्रुप में लेटेस्ट पोस्ट की जा रही है। जितेंद्र मान उर्फ गोगी की कोर्ट में हत्या हो जाने के बाद इसी ग्रुप पर पोस्ट किया गया कि शुरूआत तुमने की थी कत्म हम करेंगे, वेट एंड वॉच। इसके बाद गैंगस्टर लारेंस विश्नोई, अशोक प्रधान, फज्जे भाई को हैशटैग करते हुए लिखा गया है कि बदला जरूर होगा। + +उधर टिल्लू ताजपुरिया के नाम से बने एकाउंट में भी लेटेस्ट पोस्ट देखी जा सकती है। कोर्ट में गोगी की हत्या हो जाने के बाद इस पेज पर नितिन उर्फ राहुल उर्फ लाला और जयदीप उर्फ जग्गी की मौत पर दुख प्रकट किया गया है। टिल्लू का यह एकाउंट साल 2016 में बना दिख रहा है, इस पर 1119 फालोवर्स है। 4994 फ्रेंड है। इस पेज पर टिल्लू की तरफ से लिखा गया है कि ताजपुरिया कंपनी है। टिल्लू के इस एकाउंट पर ये भी लिखा है कि यहां टके-टके में बिकती है दुनिया मगर यार नहीं मिलते बाजार में। ये पोस्ट दो दिन पहले यानि 28 सितंबर को की गई है इसमें दो फोटो भी लगाई गई है जिसमें से एक फोटो नितिन की है और दूसरे टिल्लू की दिखाई गई है। इसके अलावा एक गोगी भाईचारा के नाम से भी ग्रुप बना हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6af98ecb6e8dd2b119805999099a70aa2cc03621 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [रमाशरण अवस्थी]। सूर्यकुंड को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए वास्तुविदों की राय भी ली जा रही है। सूर्यकुंड के पुनर्विकास के लिए सरकार की ओर से 20 करोड़ रुपये बजट का भी प्रविधान कर दिया गया है। सूर्यकुंड के पुनर्विकास को लेकर यूं तो लखनऊ के स्काईलाइन आर्किटेक्ट को चयनित किया गया है, लेकिन विकास का बेहतर मॉडल प्राप्त करने के लिए प्राधिकरण ने लखनऊ के मशहूर वास्तुविद राजेश अग्रवाल से भी राय ली है। बुधवार को प्राधिकरण के वित्त एवं लेखाधिकारी आरपी ङ्क्षसह के साथ राजेश अग्रवाल ने सूर्य कुंड का स्थलीय निरीक्षण किया। आरपी ङ्क्षसह ने उन्हें सूर्यकुंड की पौराणिकता के साथ ही इसके विकास को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं से भी अवगत कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b62c2d52f0844e5d8f0369c4e17ef83daf969853 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66670.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [अंशू दीक्षित]। आपका मकान अगर 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर है तो लविप्रा द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के तहत वाणिज्यिक गतिविधियां कर सकेंगे। यह एक बड़ा फैसला लखनऊ विकास प्राधिकरण आगामी बोर्ड मीटिंग में लाने जा रहा है। अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो हजारों अवैध निर्माण वैध हो जाएंगे और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। बोर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे शासन स्तर से भी मंजूरी ली जा जाएगी। उधर आवासीय कालोनी में वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ने से उन लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है, जिन्होंने नियोजित कालोनी में नियोजित तरीके से जीवन यापन करने के उद्देश्य से प्राधिकरण की योजना में आवंटन कराया था। + +दशहरे से पहले होने वाली बोर्ड मीटिंग में नादान महल रोड स्थित पार्किंग को नगर निगम को हैंडओवर करने और उत्तर प्रदेश विकास अधिनियम मुख्य मार्ग मरम्मत अनुरक्षण मॉडल (उपविधि 2021) संबंधी प्रस्ताव भी लाया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक दस प्रस्ताव बोर्ड मीटिंग में रखे जाएंगे। वर्तमान में उन्हें संकलित करने का काम चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d85ccc5b8de6299f56f6acd1ea5432d329c732c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। एक माह के अंदर वाराणसी को मां अन्नपूर्णा मिल जाएंगी। हिंदुओं की आस्था का प्रतीक मां अन्नपूर्णा की इस मूर्ति को करीब 108 साल पहले वाराणसी से चोरी कर लिया गया था। इस मूर्ति को अब उसी मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि गत दिनों पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) के एक अधिकारी ने मां अन्नपूर्णा मूर्ति के बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से पूछ लिया था, उसके बाद से इस मूर्ति को लाए जाने की कोशिश तेज हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..331127578e402f04482884e9c5d7d39872524e14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66672.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बतौर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर का पूरा सपोर्ट आंदोलन को था। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व से खफा कैप्टन अमरिंदर ने देश के गृह मंत्री अमित शाह से भेंट क्या की, आंदोलनकारी नेताओं के चेहरे लटक गए। कैप्टन के मुख्यमंत्री न रहने पर आंदोलन पंजाब में प्रभावी रह पाएगा या नहीं इसमें संदेह। वैसे भी पंजाब के आंदोलनकारी हरियाणा में ही धरना दे रहे थे। + +नरेश टिकैत के स्टिंग आपरेशन के बाद टिकैत बंधु कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसके बाद से हरियाणा के लोग यह कहने लगे हैं कि पांच वर्ष पहले उत्तर प्रदेश से यशपाल मलिक ने यहां आकर आग लगवा दी थी। अब वही राकेश टिकैत कर रहे हैं। वैसे भी राकेश टिकैत को आंदोलनकारियों का एक बड़ा वर्ग नापसंद करता है, क्योंकि वह इंडियन नेशनल लोकदल प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के करीबी हैं। इसे हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक टिकैत को गंभीरता से नहीं लेते। गुरनाम चढ़ूनी पंजाब में चुनाव लड़ने की बात कहकर संयुक्त किसान मोर्चे में ही अलग-थलग पड़ चुके हैं। यद्यपि वह मन ही मन प्रसन्न हो सकते हैं कि हरियाणा में उनकी चौधर को चुनौती देने आए राकेश टिकैत एक्सपोज हो चुके हैं। योगेंद्र यादव का न कोई आधार था न है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bcd56ae9494e7b59808575b40ec357231ca73ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश भर की ट्रेनों को उत्तराखंड जाने के लिए मुख्य रेल मार्ग से लक्सर तक आना पड़ता है। लक्सर से अलग रेल लाइन है, जो हरिद्वार, देहारदून योगनगरी तक जाती है। योगनगरी से कर्ण प्रयाग तक रेल मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। देश के किसी भी कोने से कर्ण प्रयाग जाने वाली ट्रेनों को लक्सर होकर जाना पड़ेगा। ट्रेन यात्रा के लिए लक्सर को उत्तराखंड का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। रेल प्रशासन ने बाधा रहित यात्रा के लिए ऐथल से हरिद्वार तक दोहरीकरण का काम पूरा कर लिया है, लेकिन लक्सर यार्ड को उच्चीकृत नहीं किया है और लक्सर यार्ड से एथल तक सिंगल लाइन है। इसके कारण सहारनपुर से उत्तराखंड और मुरादाबाद से उत्तराखंड जाने वली और उत्तराखंड से इन मार्गों पर आने वाली ट्रेनों को बीच रास्ते में रोका जाता है। लक्सर से हरिद्वार तक की दूरी 27 किलोमीटर है, बीच रास्ते में ट्रेनें रुकने से 40 से 50 मिनट का समय लगता है। बिना रुके ट्रेनें चलने पर 30 मिनट से कम समय में लक्सर से हरिद्वार पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। उत्तर रेलवे मुख्यालय ने उत्तराखंड जाने वाली ट्रेनों को बाधा रहित चलाने के लिए लक्सर यार्ड को उच्चीकृत करने व लक्सर से ऐथल तक दोहरी लाइन की अनुमति दी है। उत्तर रेलवे के इंजीनियिरंग विभाग की निर्माण इकाई ने काम शुरू कर दिया है। यह काम मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। हरिद्वार से रायवाला होकर योगनगरी तक सिंगल लाइन है। चारधाम रेल मार्ग पर ट्रेनों को बाधा रहित चलाने के लिए इस मार्ग के दोहरीकरण के लिए सर्वे दिल्ली की टीम द्वारा किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0329ab2876a4b2a8c4304e2250f21ead93087e0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +औद्योगिक विकास के नजरिये से देखें तो राज्य में देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिले ही उद्योगों के लिए जाने जाते हैं। शेष जिलों में छिटपुट रूप से ही उद्योग हैं और वे भी मैदानी क्षेत्रों में ही। पर्वतीय जिले तो एक प्रकार से उद्योगविहीन ही हैं। ऐसा नहीं कि पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग चढ़ाने के लिए कसरत न हुई हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d787baeff7f1140f9b0017a8f2db5ef9d3e592dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। बेबी ताज के नाम से दुनियाभर में पहचान रखने वाले एत्माद्दौला में गुरुवार को बेबी केयर व फीडिंग रूम का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया। एत्माद्दौला आगरा का पांचवां स्मारक है, जहां महिलाओं के लिए यह सुविधा शुरू की गई है। इससे पूर्व ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी व सिकंदरा में मातृत्व का सम्मान करते हुए यह सुविधा शुरू की जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री ने आगरा किला में एएसआइ द्वारा आगरा के स्मारकों पर बनवाई गई डाक्यूमेंट्री भी लांच की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c69723e0bdfeff81ae5dca26cc5a29214f2c87e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66682.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + यहां पर इन ऐतिहासिक इमारतों की हैं प्रतिकृतियां।पार्क में कुतुबमीनार, ताजमहल, चारमीनार, गेटवे आफ इंडिया, कोर्णाक मंदिर, खजुराहो मंदिर, नालंदा मोनूमेंट्स, मैसूर पैलेस, मीनाक्षी मंदिर, हवामहल, हंपी, विक्टोरिया मेमोरियल, सांची स्तूप, गोल गुंबद, अजंता एलोरा की गुफाएं, मोहब्बत मकबरा-जूनागढ़ किला की प्रतिकृतियां यहां बनाई गई हैं। इसके अलावा बद्रीनाथ, द्वारिका, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम की प्रतिकृतियां भी यहां बनाई गई हैं। ये प्रतिकृतियां निगम स्टोर में बेकार पड़े कबाड़ जैसे कि पुराने वाहन, पंखे, लोहे की छड़ें, नट बोल्ट आदि द्वारा निर्मित की गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..451bdc6f9ecfe21095e777d3c8061592606934c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब युवा कांग्रेस से भी जोर पकड़ने लगी प्रदेश कांग्रेस की खटपट। देश में ज्यादातर राजनीतिक दल एक दूसरे से लड़ते हैं, वो भी मुद्दों पर। लेकिन कांग्रेस के नेता शुरू से आपस में ही लड़ते रहे हैं, वह भी अहम की लड़ाई। अब दिल्ली में ही देख लीजिए, प्रदेश कांग्रेस में मुठ्ठी भर नेता ही सक्रिय रह गए हैं, ज्यादातर ने कन्नी काट रखी है। प्रदेश नेतृत्व के साथ किसी ही बनती ही नहीं। अब यह लड़ाई युवा कांग्रेस के साथ भी जोर पकड़ने लगी है। आलम यह हो गया है कि प्रदेश कांग्रेस और भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से एक दूसरे की शिकायत करने का दौर भी चल निकला है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी का दर्द है कि युवा कांग्रेस उन्हें अपने कार्यक्रमों में नहीं बुलाती जबकि युवा कांग्रेस की ओर से चौधरी के व्यवहार की शिकायत की गई है। कभी कभी तो लगता है कि देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कहीं अहम की लड़ाई में अपना वजूद ही न गंवा बैठे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66687.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c4579a707173eba50409af766eb42e26a37fc63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66687.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरुण अशेष। Kannaiya Kumar News बिहार में कांग्रेस (Bihar Congress) के लिए यह बड़ा अजीब संकट है। बड़े नाम वाले नेता आते हैं। चुनाव जीत गए तो टिकते भी हैं, लेकिन हारे तो पार्टी को यह खबर भी नहीं लगती है कि कहां चले गए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) से कांग्रेस (Congress) में आए कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को लेकर भी यही सवाल पूछा जा रहा है कि कब तक टिकेंगे। हालांकि, दूसरे नेताओं की तुलना में कन्हैया को लेकर थोड़ा इत्मीनान का भाव है। इसलिए कि कांग्रेस के पास अच्छे वक्ता की कमी थी। कन्हैया को लग रहा था कि सीपीआइ उनके कद लायक संगठन नहीं है। दोनों एक-दूसरे की भरपाई कर सकते हैं। यह भी कि कन्हैया संसदीय राजनीति के शुरुआती दौर में हैं। इससे पहले जो नेता कांग्रेस में आए, चले गए या सुस्त बैठे हैं, चुनावी राजनीति के आजमाए चेहरा रहे हैं। ।शत्रुघ्न सिन्हा और शेखर सुमन।अभिनेता शेखर सुमन (Shekhar Suman) 2014 के चुनाव में पटना साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार बने थे। खूब तामझाम हुआ था। हार के बाद प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम (Sadaquat Ashram) का मुंह नहीं देखा। उसके पांच साल बाद बड़े फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) आए। 2019 में पटना साहिब से चुनाव लड़े। हारने के बाद भी साल भर सक्रिय रहे। साल भर बाद हुए विधानसभा चुनाव में पुत्र को कांग्रेस का टिकट दिलवाया। उसके बाद कांग्रेसी और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों एक-दूसरे को भूलने लगे। ।और भी कई चेहरे हैं गायब।भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रहे उदय सिंह पप्पू खुद को खानदानी कांग्रेसी बता कर 2019 में दाखिल हुए। चुनाव हारे और सदाकत आश्रम का रास्ता भूल गए। बाहुबली निर्दलीय विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) की पत्नी नीलिमा सिंह मुंगेर से चुनाव लड़ी थीं। चुनाव में अनंत सिंह सक्रिय रहे। परिणाम निकलने के साथ ही दोनों का रूख बदल गया। कांग्रेस में दोनों की सक्रियता नजर नहीं आ रही है। हां, दूसरे दलों से आए नेताओं में अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। वे राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) से आए और कांग्रेस में टिक गए। प्रतिबद्धता को देखते हुए ही कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। ।हार के डर से भी हुए अलग।आरजेडी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) होते हुए कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम की सक्रियता नहीं देखी जा रही है। उनके भतीजे राजेश राम स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार का पिछला चुनाव (2015) कांग्रेस टिकट पर जीते थे, लेकिन पार्टी की अच्छी संभावना नहीं देखते हुए जेडीयू में शामिल हो गए हैं। पूर्व मंत्री रमई राम (Ramai Ram) को भी कांग्रेसी ठीक मान रहे हैं। वे 2009 में कांग्रेस के टिकट पर गोपालगंज से लोकसभा का चुनाव लड़े। उन्होंने भी वही किया। चुनाव परिणाम के बाद कभी कांग्रेस कार्यालय नहीं आए। साल भर बाद जेडीयू के टिकट पर विधानसभा पहुंच गए। । कन्‍हैया को लेकर बोली कांग्रेस।कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा (Prem Chandra Mishra) कहते हैं कि कई नेता आए और गए। जहां तक कन्हैया कुमार का सवाल है, हम उम्मीद करते हैं कि वे पार्टी में बने रहेंगे। कन्हैया अच्छे वक्ता हैं। धर्मनिरपेक्ष पृष्ठभूमि से आए हैं। कांग्रेस में उनका सम्मान करेगी। इससे पहले जो नेता आकर चले गए हैं, उनका उद्देश्य सीमित था। वे टिकट के लिए ही पार्टी में शामिल हुए थे। कन्हैया के साथ यह पक्ष नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0001c25a8661bf1f5f253ae3ac127312e5a9ec7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डाक्‍टर की सलाह के बिना एंटीबायटिक दवा नहीं लेनी चाहिए। बुखार कई तरह के होते हैं। सिर्फ बैक्टीरियल इंफेक्शन में एंटीबायटिक कारगर होती है, जबकि वायरल इंफेक्शन में यह काम नहीं करेगी। ऐसे में डॉक्टर भी पहले पैरासीटामोल लिखते हैं, फिर लक्षणों और जांच के आधार पर एंटीबायटिक तय करते हैं। मरीज खुद से एंटीबायटिक दवा लेंगे तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..450604ed9241c03173a854ca65dc2edd70cbc487 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साइबर सुरक्षा स्थापित करने के लिए अधिकांश उपकरण और प्रौद्योगिकी दूसरे देशों से लिए गए हैं। इसलिए ये सिस्टम किसी अन्य की तरह ही साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील हैं। वहीं ओपेन सिस्टम और इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रकचर पर साइबर अटैक का खतरा बढ़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40b43555192d5243d84548521bd72dfc0b50626e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66691.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Navjot Singh Sidhu Inside Story: नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पद से इस्तीफा क्यों दिया? इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिल सका हालांकि उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो डालकर अपनी नाराजगी के कारण बताने की कोशिश की है जिसमें वह एडवोकेट जनरल (एजी) एपीएस देयोल और डीजीपी के रूप में इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति पर अंगुली उठा रहे हैं। लेकिन, सवाल उठता है कि अचानक से ऐसा क्यों हुआ? दरअसल इसे सिद्धू की कांग्रेस खास हाईकमान नृपर दबाव डालने की राजनीति माना जा रहा है। + +नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान पर दबाव के लिए ठोकी ताली।अंदर की बात यह है कि नवजोत सिद्धू सबसे सीनियर आईपीएस अफसर एस.चट्टोपाध्याय को डीजीपी लगाना चाहते थे और इसमें उनका साथ उनके प्रमुख रणनीतिक सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा दे रहे थे जो कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा उन्हें डीजीपी नहीं बनाने की वजह से नाराज हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6af3f8cfb58b5b5a13e5f07a693f5496261adef0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, आनलाइन डेस्‍क। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की आज शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्‍य की सियासत गर्मा गई। इस मुलाकात के बाद पंजाब के सियासी गलियारे में कयासबाजी तेज हो गई। इन सबके बीच बड़ा सवाल उठ रहा है कि कैप्‍टन का अगला कदम क्‍या होगा। दूसरी ओर, पंजाब की राजनीति में किसान आंदोलन के कारण‍ विराेध का सामने कर रही भाजपा को इससे राज्‍य में बड़ी राहत मिलने की उम्‍मीद है। यदि कैप्‍टन भाजपा के करीब आते हैं तो 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सियासी समीकरण काफी बदल जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f431e2a219f9a887c5cfdb887903fb6cb9a63531 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पूरे उत्तर प्रदेश में माहौल बनाने के लिए कमर कस ली है। संगठन की कमान प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह संभाले हैं तो चुनावी रणनीति के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ सहप्रभारी के रूप में केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर चुनाव प्रबंधन संभाल रहे हैं। बाकी छह सह प्रभारियों को क्षेत्रीय चुनाव प्रभारी बनाया गया है। पिछले दिनों यह सभी दिग्गज कई दौर की बैठकें करने के बाद चुनाव अभियान की रूपरेखा तय कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31ffc4d58be688061c52d64211eec00dfb3d5388 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी सीनेट में पेश इस बिल से पाकिस्‍तान बेचैन है। दरअसल, सीनेट में यह बिल रिपब्लिकन पार्टी के 22 सीनेटर्स ने पेश किया है। यह बिल अफगानिस्‍तान में अमेरिका के आतंकवाद निरोधी अभियान और उसकी जवाबदेही के लेकर है। इस विधेयक  की आंच सीधे पाकिस्‍तान पर आ रही है, क्‍योंकि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान शासन में पाक की सक्रियता बढ़ गई है। इस बिल से पाकिस्‍तान ति‍लमिलाया हुआ है। उसने इसको लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। उसने कहा कि पाक को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। ।अफगानिस्‍तान में पाकिस्‍तान की भूमिका की स्‍वतंत्र जांच की मांग ।अमेरिका के सामने ऐसे गिड़गिड़ाया पाकिस्‍तान ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3e7f320da9c4a34c094e78b0e086d08e1abe7fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। पीढ़ियों से चला आ रहा रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले बनाने का कारोबार अब हाशिए पर आ खड़ा हुआ है। एक समय था जब दशहरे के नजदीक आते ही नजफगढ़ रोड के किनारे बसे तितारपुर गांव में हलचल तेज हो जाती थी। सड़क किनारे कहीं रावण का सिर नजर आता था, तो कहीं मुकुट तो कहीं शरीर। अपने वाहन की रफ्तार को धीमा कर लोग इस पल को तस्वीर के माध्यम से फोन में कैद करते हुए नजर आते थे, पर अब ऐसा नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2afa574b4b14a833fd424044e86029e4fc290821 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +झारखंड में नक्सलवाद दशकों से एक बड़ी समस्या रही है। नक्सली राज्य के विकास में बाधक बनते रहे हैं। कई बड़े नक्सलियों ने हाल के दिनों में आत्मसमर्पण किया है, वहीं कई मारे गए या गिरफ्तार हुए। हालांकि अभी भी नक्सली रह-रह कर सिर उठाते रहते हैं। इसलिए नक्सली समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने तक इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी होगी। राज्य के विकास के लिए उद्योगीकरण को बढ़ावा देना जरूरी है। उद्योगपतियों को यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि उन्हें यहां भयमुक्त वातावरण मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66705.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66705.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52ffc41954078c2ee15218f429653040b088a242 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66705.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने हार्ट डिसीज के कारण गिनाए ।विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक इसकी मौत की वजह हमारा रहन-सहन, खान-पान और जीवन शैली है। अस्‍वास्‍थ्‍यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू सेवन और अल्‍कोहल के अधिक सेवन से यह समस्‍या दिनों दिन बड़ी होती जा रही है। संगठन का सुझाव है कि तंबाकू के सेवन बंद करने और खानपान में नमक की मात्रा कम करने और फल-हरी सब्जियों के नियमित खाने से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। फ‍िजिकल सक्रियता से भी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ।क्‍या है साइलंट हार्ट अटैक के लक्षण ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04045d06279dc4fbe394d39706f860c0aa4419be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी प्रकार डीजल जेनसेट भी बंद होने चाहिए। दिल्ली में 24 घंटे बिजली उपलब्ध होने के कारण जेनसेट की उपयोगिता अधिक नहीं है, लेकिन एनसीआर में ये आज भी बड़े पैमाने पर चल रहे हैं। बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहतर नहीं होने से जनता को जेनसेट का प्रदूषण भी झेलना पड़ रहा है। इन पर रोक लगनी अत्यावश्यक है। हमने दिल्ली में पटाखों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन अगर पड़ोसी राज्यों में पटाखे बेचने और जलाने की छूट दी जाती है तो प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के लोग वहां से पटाखे खरीदेंगे। इसलिए सभी राज्यों में पटाखों की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c577ec162fbfd6f63ba6b070b5fc67dcd3b574e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66710.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे इस बार गांधी जयंती पर कुछ विशेष करने जा रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ट्रेन से कब-कब और कहां तक सफर किया इसकी जानकारी जुटाई गई है। आजादी के पहले अधिकांश आंदोलनकारी ट्रेनें से सफर करते थे, लेकिन अंग्रेज इसको रिकार्ड में नहीं रखते थे। महात्मा गांधी के कुछ ट्रेन यात्रा की जानकारी तो है, लेकिन अधिकांश यात्रा के बारे में जानकारी नहीं है। स्टेशन मास्टरों से स्टेशन डायरी की तलाश करने का आदेश दिया। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी द्वारा लिखित डायरी व पुस्तक का भी अध्ययन करना शुरू किया। इसके बाद ये तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने अफ्रीका से लौटने के तुरंत बाद मुंबई से हरिद्वार तक ट्रेन से सफर किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed37b4cdd71abbe0285254f376f60751418c9a25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66712.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदीश त्रिपाठी। Haryana Politics पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह लंबे समय कांग्रेस में रहे। सात वर्ष पहले भाजपा में आए और अब वह संकेत दे रहे हैं कि भाजपा से उनका मोहभंग हो चुका है। पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के साथ मंच साझा करते हुए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर जो कटाक्ष किया, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उनके मन में छटपटाहट है। माना जा रहा कि बेटे बृजेंद्र को केंद्र सरकार में मंत्री न बनवा पाने से बीरेंद्र सिंह व्यथित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8470865b01dabb4be675f31c4e92d77155294bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66714.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Railway GM Inspection : उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने निरीक्षण के बाद डीआरएम आफिस में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि फिलहाल एक्सप्रेस ट्रेनों में कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति मिलेगी। सोनकपुर ओवरब्रिज के निरीक्षण करने के बाद महाप्रबंधक मुरादाबाद स्टेशन पहुंचे, यहां कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता को लेकर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। इसके बाद प्लेटफार्म  एक पर निरीक्षण शुरू किया। आरपीएफ थाने नजदीक कुछ पत्ते प्लेटफार्म पर गिरे हुए मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67813e8d43b3dfcbcdc33ec56083dcfbd06fc9be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66715.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में कोरोना वायरस संक्रमण लगभग खत्‍म ही हो चुका है। गतिविधियां सामान्‍य हो चुकी हैं। इधर सूबे में योगी सरकार ने मंगलवार को ही खुले स्‍थान पर होने वालीं शादियों में मेहमानों की संख्‍या पर से लिमिट खत्‍म की है। इसके बाद आगरा के पांच सितारा से लेकर तीन सितारा होटल तक तैयार हैं। वेडिंग डेस्टिनेशन सिटी आगरा में ज‍िधर देखो उधर ही रौनक नजर आ रही है। यहां के अमूमन सभी बड़ी होटल व व‍िवाह मंडप नवंबर-दिसंबर में शादियों के लिए बुक हैं। सहालग में यहां शहनाई बजेगी और करीब 40 हजार द‍िल एक-दूजे के हो जाएंगे। + +सात अरब के कारोबार की उम्‍मीद ।मार्च 2020 लाॅकडाउन के बाद से वेडिंग इंडस्ट्री ही नही बाजार की भी रंगत फीकी पड़ी हुई थी। पिछले और इस साल अब तक सहालग में यह बाजार ठंडा ही रहा। कोरोना संक्रमण की तेज होती रफ्तार से लोगों ने शादी में मेहमान बनने से दूरी बना ली थी। इसका सीधा असर वेडिंग इंडस्ट्री पर दिखाई द‍िया। जिन घरों में शादियां थी, उन्होंने अपना बजट आधे से भी कम कर दिया। यही कारण है कि व‍िगत सहालग के दौरान रद्द होने वाली बुकिंग 85 फीसद तक पहुंच गई है। अप्रैल माह के सहालग में आगरा के अलावा मंडल में आने वाले फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज, मथुरा, भौगांव, टूंडला, शिकोहाबाद आदि शहरों में वेडिंग इंडस्ट्री को एक हजार करोड़ में से साढ़े सात सौ करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। डेकोरेटर, इवेंट मैनेजर, कैटरर्स आदि संचालकों के खर्चे तक नहीं निकल पा रहे थे। 50 और 100 मेहमानों की क्षमता वाले कई मैरिज होमों में दूल्हा-दुल्हन के परिजनों के अलावा बाहर के एक-दो लोग ही दिखाई द‍िए। आगरा मंडल में डेकोरेशन का कारोबार 300, कैटरर्स का 200 करोड,।इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को 250 करोड का कारोबार प्रभाव‍ित हुआ। बाजार पर भी इसका असर पडा। अब शासन के नए आदेश से इस इंडस्ट्री को राहत म‍िली है। सराफा कारोबार‍ियोें को सहालग में करीब 200 करोड के कारोबार की उम्‍मीद है जबक‍ि अन्‍य को पांच अरब के कारोबार की उम्‍मीद है। उत्तर प्रदेश वेडिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के समन्‍वयक मनीष अग्रवाल का कहना है क‍ि वेडिंग इंडस्ट्री बडी राहत म‍िली है। आगरा के बाजारों में करीब सात अरब के काराेबार की उम्‍मीद है। यूपी वेडिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संरक्षण संजय अग्रवाल, होटल क्रिस्टल सरोवर प्रीमियर फतेहाबाद रोड के महाप्रबंधक व‍िवेक महाजन व इवेंटट्रिक्स इवेंट कंपनी की प्रबंध न‍िदेशक श‍िखा जैन का कहना है क‍ि बाजार में कारोबार बढ रहा है। सहालग तक यह कारोबार करीब सात अरब का होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20f85dcce6bf017618d7ec6e4680e2a81f13fa83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बार 50-60 फीसद पाजिटिव मरीजों में नहीं गिर रहे प्लेटलेट्स।विशेषज्ञों के अनुसार जेई व डेंगू भाई-भाई हैं। दोनों एक ही ग्रुप के हैं। यदि किसी को कोई भी बीमारी हो जाए तो उसके खिलाफ शरीर में एंटीबाडी बन जाती है, जो पुन: उस बीमारी के बैक्टीरिया या वायरस से सुरक्षित करती है। लेकिन डेंगू में इसका उल्टा होता है। यदि किसी को दोबारा डेंगू हो गया तो एंटीबाडी उसे सुरक्षित नहीं करती बल्कि डेंगू की गंभीरता बढ़ जाती है। लेकिन जेई की एंटीबाडी व टीका डेंगू से सुरक्षित करता है। लंबे समय से यह जापानी इंसेफ्लाइटिस का क्षेत्र है। बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं। लोगों के भीतर उसकी एंटीबाडी है। साथ ही जेई का टीका भी बड़ी संख्या में लोगों को लग चुका है। इसकी वजह से भी डेंगू कमजोर हो सकता है। इस वायरस में किस तरह का म्यूटेशन हुआ है और वह कितना कमजोर हुआ है, यह तो शोध का विषय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66718.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66718.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f03203ef6296b92643454ba916e15eb13584c7b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66718.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाशिंगटन, प्रेट्र। चीन अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के तहत कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। उसने 100 से ज्यादा देशों को सड़क, रेलवे, पावर प्लांट, पोर्ट और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए फंड दिया है। निश्चित तौर पर वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस पहल से व्यापक लाभ का अनुमान है। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि चीन से मदद पा रहे देशों की जीडीपी 3.4 फीसद तक बढ़ सकती है। हालांकि चीन की यह पहल केवल सकारात्मक नतीजे नहीं ला रही है। ।चीन को नहीं सताती दूसरों की चिंता : पिछले चार दशक में चीन का तेज विकास दुनिया में प्रदूषण का बड़ा कारण रहा है। अपने देश पर इससे पड़ रहे दुष्प्रभावों को देखते हुए चीन ने 2060 तक अपनी अर्थव्यवस्था को कार्बन न्यूट्रल (कार्बन उत्सर्जन नहीं करने वाला) बनाने का लक्ष्य तय किया है, लेकिन अन्य देशों में अपने निवेश को लेकर चीन ने ऐसी कोई रणनीति नहीं बनाई है। वर्ल्ड बैंक की तुलना में चीन की वित्तपोषित परियोजनाओं ने 2008 से 2019 के दौरान ज्यादा खतरा पैदा किया है। + +परियोजनाओं की विविधता और खतरे : अध्ययन के दौरान चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक आफ चाइना द्वारा वित्तपोषित 594 परियोजनाओं का आकलन किया गया। इसमें 2008 से 2019 के बीच परियोजना क्षेत्रों में हुए बदलावों को केंद्र में रखा गया। इस अवधि में इन बैंकों ने 93 देशों में 462 अरब डालर से ज्यादा की फंडिंग के करार किए। यह इसी अवधि में वर्ल्ड बैंक द्वारा किए गए विभिन्न करार के लगभग बराबर है। चौंकाने वाली बात यह है कि चीन के इन दोनों बैंकों ने जिन परियोजनाओं में पैसा लगाया है, उनमें आधे से ज्यादा संभावित संरक्षित क्षेत्रों में हैं। + +विशेष संरक्षण की जरूरत : वर्ल्ड बैंक की इकाई इंटरनेशनल फाइनेंस कारपोरेशन के मुताबिक, इन क्षेत्रों को विशेष सुरक्षा और संरक्षण की जरूरत है। तिहाई परियोजनाएं मौजूदा संरक्षित क्षेत्रों में हैं और चौथाई परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनमें जमीन के मालिकाना हक पर स्थानीय लोगों से विवाद है। जीवों की संकटग्रस्त प्रजातियों पर सबसे ज्यादा खतरा दक्षिण अमेरिका, मध्य अफ्रीका और दक्षिणपूर्व एशिया में है। बेनिन, बोलीविया और मंगोलिया में चीन द्वारा वित्तपोषित सभी परियोजनाएं मौजूदा संरक्षित या संभावित संरक्षित क्षेत्रों में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49a9cf6294009813e07ee1c764f2bc2bf235a4ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पुलिस को किया गया अलर्ट। गोगी और टिल्लू गिरोह के बीच गैंगवार छिड़ने की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस भी अलर्ट कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि गोगी गिरोह के बदमाशों ने बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर खून-खराबे की योजना बनाई है। इस बीच इस तरह की पोस्ट वायरल होने के बाद पुलिस आयुक्त ने सभी थानों की पुलिस को सतर्क रहने के लिए बोल दिया है। यही नहीं आयुक्त ने यह भी कहा है कि दोनों गिरोह के जो भी बदमाश बाहर हैं। उन्हें दबोचकर जल्द हवालात में पहुंचाया जाए। दोनों गिरोह के शूटरों पर विशेष नजर रखने के लिए कहा गया है। ।ये भी पढ़ें- दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से छलनी हो रहे लोगों के फेफड़े, हर साल केवल योजनाएं बना रही सरकार, पढ़िए डिटेल रिपोर्ट।ये भी पढ़ें- Indian Railway: दिल्ली से शामली जाना हुआ आसान, जानिए किस दिन से मिलेगी विशेष सुविधा।ये भी पढ़ें- रिसर्च में आया सामने कोयला संयंत्र से दिल्ली-एनसीआर के लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर, उठाना होगा ये कदम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c5f4a4d94eb4bd5d2f3a69f03bf2be4961512a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6672.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के कॉमेडी किंग के नाम से मशहूर निर्माता- निर्देशक डेविड धवन आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। डेविड धवन के जन्मदिन पर उन्हें पूरी फिल्म इंडस्ट्री से शुभकामनाएं मिल रही हैं। इसी बीच डेविड धवन को उनके बेटे वरुण धवन ने खास अंदाज में जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। वरुण धवन ने एक अपने पिता के बर्थडे पर एक स्पेशल वीडियो शेयर किया है। जिसके जरिए उन्होंने अपने पिता बधाई दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad376dd357cd319887500078d431c2d909325c0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके पहले कि हम इस मुद्दे पर विचार करें यह जानना आवश्यक है कि इन कृत्यों को रोकने के लिए कौन सा विधिक ढांचा कार्यरत है। बाल विवाह प्रतिषेध कानून-2006 में बाल विवाह परिभाषित है। इसमें ऐसे विवाह को बाल विवाह कहा गया है जिसमें दोनों ही पक्ष बाल्यावस्था में हैं। अर्थात जिसमें लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लड़की की आयु 18 वर्ष से कम है। इस कानून की धारा-तीन में बाल विवाह को शून्य घोषित कराने का विकल्प पक्षकारों के पास उपलब्ध है। इसकी वैधता के विषय पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने लज्जा देवी बनाम राज्य (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली)-2012 मामले में इस कानून में बाल विवाह को शून्य घोषित नहीं किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया था। इसी प्रकार उच्चतम न्यायालय ने भी इंडिपेंडेंट थाट बनाम भारत संघ-2017 मामले में यह कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि 2006 के कानून में बाल विवाह का हालांकि प्रतिषेध है और इसे अपराध कहा गया है, लेकिन इसे शून्य नहीं किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17ddc361984d0484444def80d3c6b2506b246855 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ कई मंचों पर डेंगू और वायरल बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी तैयारी और दुरुस्त व्यवस्थाओं का दावा कर चुके हैं। जबकि आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में मरीजों की खून की जांच के लिए सीरिंज तक उपलब्ध नहीं है। स्थिति यह है कि मरीजों को अपनी जांच के लिए सीरिंज तक बाजार से खुद खरीदनी पड़ रही है। जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में तीमारदार अपने घर से मरीजों के लिए पंखा लेकर आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bfa9ae93b084b9bdafd31dfa27715ca8f79e020 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66725.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गुरुग्राम, जेएनएन। आमतौर पर हमारा दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। ब्रैडीकार्डिया जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में जब हृदय सिकुड़ता है तो हर सिकुडऩ के साथ वह शरीर को पर्याप्त आक्सीजन युक्त रक्त पंप नहीं कर पाता है। ऐसा हृदय की विद्युत प्रणाली में किसी गड़बड़ी के कारण हो सकता है, जिसका अर्थ यह है कि हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर ठीक से काम नहीं कर रहा है या हृदय के विद्युत मार्ग में कोई रुकावट आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66726.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66726.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c84fca8a67c6c970027d753e2a3a6ad6c2c6594 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66726.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हृदय रोग लक्षण।इन बातों का रखें खयाल।डा. डीके गुप्ता (फेलिक्स अस्पताल, नोएडा) का कहना है कि हृदय संबंधित दिक्कत पहले 60 साल की उम्र के बाद होती थी, लेकिन बढ़ते तनाव, धूमपान और बदली हुई जीवन शैली युवाओं के दिल को बीमार कर रही है। रही-सही कसर देर रात तक जागने, फास्ट-फूड ने पूरी कर दी है। ।वहीं, डा अजय कौल (चेयरमैन, हार्ट एंड वास्क्युलर इंस्टीट्यूट, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा) के मुताबिक,कोरोना वायरस की वजह से हृदय की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके चलते उन लोगों में भी हृदय संबंधी समस्याएं देखी गई हैं जो वायरस की चपेट में आने से पहले तक किसी भी तरह के हृदय विकारों से पीड़ित नहीं थे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18b2b51477147ccc5d642b6d19c19670b6cfe499 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, मुकेश मेहरा। World Heart Day 2021, पांच जिलों मंडी, कुल्लू, लाहुल स्पीति, बिलासपुर, हमीरपुर के दिल के मरीजों का इलाज नेरचौक मेडिकल कालेज में बिना हृदय रोग विशेषज्ञ हो रहा है। मेडिसिन विभाग की टीम हृदय रोगियों को राहत पहुंचा रही है। रोज 25 से 30 मरीज दिल की बीमारी के पहुंचते हैं। इनमें तीन से चार गंभीर होते हैं। अधिकतर का मुख्य कारण धूमपान और बंद कमरों में रहना सामने आता है। इनमें पुरुषों की संख्या अधिक है। नेरचौक मेडिकल कालेज में वर्तमान समय में ईको, टीएमटी, पूरी तकनीक से लैस आइसीयू व 12 बेड का सीसीयू वार्ड है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2be47a37a0409e349cbc2da3eb41a4d48e3d2303 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, जेएनएन। Navjot Singh Sidhu Time Line : नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफे से पार्टी में भूचाल आ गया है। पंजाब कांग्रेस से लेकर राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व तक हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश अध्‍यक्ष बनने से लेकर उनके इस्‍तीफा देने तक के 72 दिन पंजाब कांग्रेस के लिए 'तूफानी' रहे हैं। सिद्धू के तेवर और आक्रामक रवैये के कारण कांग्रेस हाईकमान भी इस दौरान सांसद में रही। सिद्धू ने अपने तेवर और रणनीति से कैप्‍टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्‍गज नेता के खिलाफ बगावत कराई और उनको सीएम पद से हटाने में भी सफल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fed793d2bf95395dccd929a213c77849de625845 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोलन, भूपेंद्र ठाकुर। भारत में अब लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कोरोना के उपचार में दुनिया की सबसे अधिक प्रभावशाली मानी जा रही स्पूतनिक-वी के तीस लाख डोज पेनेसिया बायोटेक द्वारा तैयार किए जा चुकी है। कंपनी द्वारा एक अरब वैक्सीन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। पेनेसीया बायाटेक पहली भारतीय कंपनी है जिसे स्पूतनिक वी के उत्पादन की अनुमति मिली है। रशियन डायरेक्ट ईनवेस्टमेंट फंड के माध्यम से कंपनी ने रूस से स्पूतनिक वी का एपीआई मंगवाया था। सीडीएल लैब कसौली में सफल ट्रायल के बाद कंपनी ने उत्पादन शुरू कर दिया था। अब तक कंपनी द्वारा तीस लाख वैक्सीन तैयार की जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9872af23ddadb3cc3337b7a13ec1d70e0ffc1d16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शकील व पीके की अहम भूमिका ।कन्‍हैया को कांग्रेस में लाने में बिहार के विधायक शकील अहमद (Shakeel Ahmad) की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन के दौरान दोनों नेताओं को साथ घूमते देखा जाता था। कन्‍हैया को राहुल गांधी तक पहुंचाने में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की भी बड़ी भूमिका रही। प्रशांत किशोर (PK) की सलाह के अनुसार राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं। कन्‍हैया ने प्रशांत किशोर के साथ दो बार राहुल गांधी से मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि कन्हैया को कांग्रेस में शामिल करने में जौनपुर के पूर्व विधायक मो. नदीम जावेद (Md. Nadeem Zaved) की भी अहम भूमिका रही। ।यूपी चुनाव में उपयाेग करेगी पार्टी ।माना जा रहा है कि कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में कन्‍हैया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ बड़े चेहरे के रूप में खड़ा करेगी। कांग्रेस कन्हैया का उपयोग उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में भी करना चाहती है। ।बिहार में बनेंगे पार्टी के खेवनहार ।कांग्रेस कन्‍हैया में बिहार में पार्टी का खेवनहार भी देख रही है। बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार में केवल एक सीट मिली थी। विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election) पर नजर डाले तो फरवरी 2005 के चुनाव में कांग्रेस को 10 तो अक्टूबर 2005 में नौ सीटें मिलीं थीं। साल 2010 के विधानसभा चुनाव में तो पार्टी को केवल चार सीटें मिलीं थेी। 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (Mahagathbandhan) में रहते हुए कांग्रेस 27 सीटें जीतने में सफल रही थी, लेकिन साल 2020 में महागठबंधन में रहने के बाद भी 19 सीटों पर ठहर गई। कभी बिहार में अपने बल पर शासन कर चुकी कांग्रेस के लिए यह निराश करने वाली स्थिति है। ।कन्‍हैया को भी थी कांग्रेस की जरूरत।कन्‍हैया की जरूरत कांग्रेस को थी तो कन्‍हैया को भी एक बड़े सियासी प्‍लेटफार्म की कम जरूरत नहीं थी। सीपीआइ में धीरे-धीरे हाशिए पर चले गए कन्‍हैया को अब लगने लगा था कि वहां उनका भविष्‍य नहीं है। सीपीआइ ने उन्‍हें बीते लोकसभा चुनाव में बेगूसराय में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के खिलाफ खड़ा किया। उस चुनाव में कन्‍हैया 4.22 लाख वोटों के बड़े अंतर से पराजित हो गए। लोकसभा चुनाव में हार के बाद सीपीआइ में कन्‍हैया का पहले वाला कद नहीं रहा। बिहार में सीपीआइ के प्रदेश सचिव सत्यनारायण के निधन के बाद से पार्टी का एक गुट उनके खिलाफ हो गया था। रही-सही कसर तब पूरी हो गई, जब सीपीआइ की हैदराबाद में हुई राष्‍ट्रीय समिति की बैठक में कन्‍हैया के खिलाफ अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर निंदा प्रस्‍ताव पारित किया गया। बिहार में सीपीआइ का घटता जनाधार भी कन्हैया की सियासी महत्वाकांक्षाओं के पूरे होने में बाधा बन रहा था। ।...और कन्‍हैया ने थामा कांग्रेस का हाथ ।इसके बाद कन्‍हैया का पार्टी छोड़ना केवल वक्‍त की बात रह गया था। हालांकि, पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय अंत-अंत तक खारिज करते रहे। हालांकि, सियासी कयास सच साबित हुए और कन्‍हैया ने कांग्रेस का हाथ थाम हीं लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66733.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66733.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7212658f5ac99164ba735b1d184902737e4187d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66733.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व में कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (भाकपा) से जुड़े छात्र नेता कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। जबकि गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी तकनीकी कारणों से पार्टी में शामिल तो नहीं हुए लेकिन कांग्रेस के मंच से ही पार्टी को समर्थन की बात कही। वहीं, कन्हैया के भाकपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी महासचिव डी.राजा ने कहा कि कन्हैया कुमार ने खुद को भाकपा से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के साथ सच्चे नहीं थे। राजा ने कहा कि उन्होंने खुद को पार्टी से निकाल दिया। कन्हैया के पार्टी में आने से बहुत पहले से भाकपा मौजूद थी और उनके जाने के बाद भी बनी रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..173ed6d642bca5140290e2e547d954ef1fb0d3ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, देहरादून। Chardham Yatra 2021 चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में सरकार संशोधन करने जा रही है। इस बारे में बुधवार को शासन आदेश जारी कर सकता है। इसके तहत देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से जारी ई-पास धारकों के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की बाध्यता हटाई जाएगी। इससे यात्रियों को एक ही जगह पंजीकरण कराना होगा। अब तक उन्हें दो पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ रहा है। दूसरी ओर, सरकार चार धामों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के लिए डाटा जुटाकर उच्च न्यायालय में पैरवी की तैयारी में जुटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f6150196b736f02bb8360eaa55f5977e117e095 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। जर्मनी में आम चुनाव के बाद अब यह सवाल उठने लगे हैं कि सत्‍ता की चाबी किसके पास होगी। एंजेला मर्केल के बाद क्‍या कोई महिला इस पद पर आसीन होगी या यह कुर्सी किसी और को मिलेगी। फ‍िलहाल चांसलर की दौड़ में तीन प्रमुख उम्‍मीदवार हैं। इसमें ग्रींस पार्टी ने चांसलर पद के लिए एक महिला उम्‍मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि, सभी उम्‍मीदवारों के समक्ष एक जैसी चुनौती और मुश्किलें हैं। हम आपको चांसलर पद के लिए तीन प्रमुख प्रत्‍याशियों के बारे में बताएंगे । इसके साथ चीन, रूस और भारत के प्रति उनके रुझानों के बारे में भी प्रकाश डालेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3805b8f10ecfac9ecb5ecf6a0d21ed99657c717c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एनडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस योजना को लागू कर दिया गया है। 52 हजार संपत्तियों को यह डीडीएन नंबर दिया गया है। गूगल मैप पर इस पते को डालकर उक्त पते पर पहुंचा जा सकता है। यह एक देश में एक पता देने की योजना को लागू करने में मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले समय में सभी निकायों को यह व्यवस्था लागू करनी होगी। हालांकि इसकी शुरुआत केवल स्मार्ट सिटी से की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..880f9832e0acfd8a4c2eaea17895770566d03549 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66738.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[चेतन देशपांडे]। पिछले कुछ वर्षों से हर तरह के कारोबार को डिजिटल मार्केटिंग के जरिए आगे बढ़ाने का चलन तेजी से बढ़ा है। कोरोना काल में इसमें और उछाल आ गई है। हर तरह के उत्‍पादों और सेवाओं का इंटरनेट के माध्‍यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें, तो भारत जैसी दुनिया की दूसरी विशाल आबादी वाले देश में हर उद्योग को कुशल डिजिटल मार्केटर्स की जरूरत लगातार बढ़ रही है। कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवा आवश्यक कौशल सीखकर और अपडेट रहकर इस क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ा सकते हैं...।कोरोना महामारी के बाद से बहुत सारे नये उद्योग अब डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग कर रहे हैं, बल्कि पहले से कहीं ज्‍यादा पैसे डिजिटल मार्केटिंग और इस तरह के ऐड में निवेश कर रहे हैं। परंपरागत मार्केटिंग की तुलना में आनलाइन मार्केटिंग को काफी असरदार भी देखा जा रहा है। क्‍योंकि लोगों के बीच डिजिटल चैनल्‍स और इंटरनेट मीडिया का दखल और प्रभाव काफी बढ़ गया है। शायद ही कोई हो जो सुबह उठकर वाट्सएप या फेसबुक न देखता हो या दिन के समय इस पर एक्टिव न रहते हों। दरअसल, मार्केटिंग का मकसद ही यही होता है कि ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक अपने बिजनेस की जानकारी पहुंचाई जाए। ऐसे में आफलाइन और आनलाइन मार्केटिंग साथ में किये जाने से बिजनेस में कहीं ज्यादा मुनाफा देखा जा रहा है। यही वजह है कि बड़ी संख्‍या में छोटी-बड़ी सभी तरह की कंपनियां कम समय में अपने टारगेट ग्राहकों तक पहुंचने के लिए डिजिटल मार्केटिंग में रुचि ले रही हैं। इसीलिए हर कंपनी और उद्योग को अपने उत्पादों या सेवाओं के लिए डिजिटल मार्केटिंग के विशेषज्ञों की जरूरत पड़ रही है। + +क्‍या है डिजिटल मार्केटिंग। डिजिटल मार्केटिंग को ही आनलाइन मार्केटिंग या इंटरनेट मार्केटिंग भी कहते हैं। इस तरह की मार्केटिंग का मतलब है इंटरनेट मीडिया (वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि) के जरिए उत्‍पादों और सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना। परंपरागत मार्केटिंग में जहां बैनर, होर्डिंग, साइनबोर्ड आदि के जरिए उत्‍पाद और सेवाओं के प्रचार-प्रसार किये जाते हैं, वहीं डिजिटल मार्केटिंग में मुख्‍य रूप से गूगल सर्च, वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, ईमेल और वेबसाइट्स का इस्‍तेमाल किया जाता है। + +असीमित संभावनाएं। माना जा रहा है कि अगले दो तीन साल में कंपनियों का डिजिटल ऐड खर्च भी बढ़कर लगभग उतना ही हो जाएगा, जितना अभी प्रिंट ऐड पर वे खर्च कर रही हैं। यही कारण है कि नौकरियों के लिहाज से भी इस फील्‍ड में असीमित संभावनाएं देखी जा रही हैं। वैसे, भी कोरोना महामारी के बाद आनलाइन गतिविधियां बढ़ने से इस तरह की मार्केटिंग पर काफी जोर दिया जा रहा है। तकरीबन हर कंपनी के अपने आनलाइन प्‍लेटफारर्म्स, एप्‍स और वेबसाइट हैं, जिसके लिए कंपनियां अपने ब्रांड (प्रोडक्‍ट/सर्विसेज) को प्रमोट करने के लिए डिजिटल मीडिया मार्केटर, सोशल मीडिया मैनेजर जैसे पदों के लिए नियुक्तियां भी करने लगी हैं। माना जा रहा है कि जिस तेजी से पिछले एक डेढ साल में तमाम कंपनियां आनलाइन बिजनेस में आई हैं और लगातार आ रही हैं, उससे कुशल डिजिटल मार्केटर्स की जरूरत लगातार बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c106fe7aed02fbf6c5508eb6d0adc91277cef90e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सलमान ख़ान की सुपरहिट फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ की एक्ट्रेस भाग्यश्री इंडस्ट्री की जानीमानी एक्ट्रेस हैं। भाग्यश्री ने 1989 में सलमान ख़ान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ से ही बॉलीवुड में डेब्यू किया था इसके बाद एक्ट्रेस ने कन्नड़, बंगाली, मराठी फिल्मों में भी काम किया। फिल्मों के अलावा भाग्यश्री सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी फोटोज़ और वीडियो अक्सर इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66745.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d6e47427ed50c04b0cccbcff76ffdc6eae39ae0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66745.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अमित गोयल। ग्राहकों को उपयोगी वित्‍तीय सलाह देने के लिए इन दिनों फाइनेंशियल एडवाइजर की काफी मांग देखी जा रही है। ऐसे प्रोफेशनल्‍स की हर कंपनी के एकाउंट्स विभाग में आवश्‍यकता होती है। दरअसल, वित्‍तीय मामलों में ज्यादातर आंकड़ों का खेल होता है। इसलिए एक अच्छा फाइनेंशियल एडवाइजर बनने के लिए जरूरी है कि आपको फाइनेंस की भाषा की अच्छी समझ हो। जो अपने ग्राहकों को अच्छी सर्विस, वित्‍तीय राय और सही गाइड कर सके। ये कई तरह की सर्विस देते हैं, जैसे कि इंवेस्‍टमेंट मैनेजमेंट, इनकम टैक्स या एस्टेट प्लानिंग आदि। फाइनेंशियल एडवाइजर को फाइनेंशियल प्लानर भी कहा जाता है। फाइनेंस सेक्टर में हो रहे विकास के कारण आज इस क्षेत्र में करियर की काफी बेहतर संभावनाएं बन रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3a0d77f33ee0e06c1081932a18b60961089023c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66746.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या करें, क्‍या न करें: आइये, हम यहां कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में जानते हैं। शुरुआत करते हैं सबसे महत्वपूर्ण दो बातों से। पहला, यह कि जैसे ही आपको पेपर मिलता है, हल करना शुरू कर दें। पेपर कैसा आया है, यह जानने में एक पल का भी वक्त बर्बाद न करें। दूसरा, यह कि पेपर को तीन चरणों में हल करना अधिक लाभदायक पाया गया है। इससे आपका मस्तिष्क स्वयं को भन्‍नाने से बचा लेता है, जो यहां बहुत जरूरी होता है :।अंत में यह कि जो प्रश्‍न समझ में ही नहीं आ रहे हैं, उन्हें बिल्कुल भी समय न दें और न ही निराश हों। चारों विकल्पों वाले एवं अत्यंत जटिल प्रश्‍नों को छोड़ देने की नीति अपनाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69cdff9c326aa00fb78b714d16533427741f3437 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66747.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। Special Status to Bihar Politics संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) और बाद में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की केंद्र सरकारों के इनकार के बावजूद विशेष राज्य का दर्जा (Special Status to Bihar) बिहार की राजनीति (Bihar Politics) का मुद्दा बना रहेगा। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और योजना व विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (Bihendra Prasad yadav) ने कहा है कि उनकी पार्टी अब इस मांग पर जोर नहीं देगी। खास बात यह है कि बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का पुराना मुद्दा था। केंद्र सरकार ने जब साल 2014 में विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया था, तब इसके विरोध में मुख्यमंत्री आवास (CM House) के बाहर जेडीयू के नेताओं व मंत्रियों ने पांच मिनट तक थाली पीटा था। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) व विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कह दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यह महागठबंधन (Mahagathbandhan) का मुख्य मुद्दा रहेगा। + +तेजस्‍वी यादव ने कही यह बात । तेजस्‍वी ने ट्वीट किया है कि 2024 में अगर महागठबंधन (Grand Alliance) बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतता है तो जो भी प्रधानमंत्री (PM) होंगे, स्वयं पटना आकर राज्‍य को विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा करेंगे। मालूम हो कि तेजस्वी जिस महागठबंधन की बात कह रहे हैं, उसके प्रमुख घटक कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार ने आठ साल पहले ही इस मांग को खारिज कर दिया था। तेजस्वी ने कहा है कि हम नीति, सिद्धांत, सरोकार, विचार और वादे पर अडिग रहते हैं। हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी है। हम जो कहते है वह करते हैं। जाे पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिला पाए वो मुख्यमंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्या दिला पाएंगे? क्या यही 40 में से 39 सांसदों वाला डबल इंजन है? मैंने पहले ही कहा था कि नीतीश कुमार थक चुके हैं। अब तो उनकी पार्टी भी थक चुकी है। + +मांग पर जेडीयू ने की थी पहल। खास बात यह है कि विशेष दर्जे की मांग के लिए जेडीयू सबसे अधिक मुखर रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार और लगभग हरेक प्लेटफार्म पर इस मांग को उठाते रहे। राज्य विभाजन के समय आरजेडी ने भी इस मांग को जोर से उठाया था, लेकिन 2004 में केंद्र में गठित यूपीए सरकार में शामिल होने के साथ ही पार्टी का यह मुद्दा गौण हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1032f8e92b02acb26f7037b39308bb08d356c71b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66752.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंडी, हंसराज सैनी। Mandi By Election 2021, 69 साल में मंडी संसदीय क्षेत्र में दूसरी बार उपचुनाव हो रहा है। इससे पहले 2013 में उपचुनाव हुआ था। प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने यह सीट छोड़ी थी। उपचुनाव में वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह करीब 1.39 लाख मतों से विजयी हुई थी। वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उस समय भाजपा प्रत्याशी थे, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद अब दोबारा उपचुनाव हो रहा है। इस संसदीय क्षेत्र से कई अजीब संयोग जुड़े हुए हैं। क्षेत्रफल के लिहाज से देश के दूसरे बड़े संसदीय क्षेत्र मंडी से ही लोकतंत्र के चुनावी पर्व का आगाज हुआ था। + +1989 में यहां भाजपा के महेश्वर सिंह विजयी हुए। केंद्र में भाजपा के समर्थन से वीपी सिंह की सरकार बनी थी। 1991 के चुनाव में महेश्वर सिंह का शिकस्त देकर पंडित सुखराम फिर से संसद में पहुंचे। 1996 में पंडित सुखराम दोबारा विजयी रहे। केंद्र में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी। लेकिन बहुमत न होने पर वाजपेयी सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई थी। इन्हीं 13 दिनों में यहां का सांसद विपक्ष में बैठा था। इसके बाद केंद्र में कांग्रेस के समर्थन से देवगौड़ा सरकार बनी। 1998 व 1999 में भाजपा के महेश्वर सिंह यहां से विजयी हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5bca77f5cea06b7e9dec295890a5e049559a062 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66754.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यह सुविधा चल रही है। इसके साथ ही पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार टर्मिनल सहित अन्य स्टेशनों पर यह सेवा शुरू करने की तैयारी है। इसी तरह से डिब्रूगढ़ राजधानी, चेन्नई राजधानी और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली महामना एक्सप्रेस में यह सुविधा शुरू की गई है। इसके परिणाम को देखकर दिल्ली मंडल में प्राथमिक रखरखाव वाली 57 ट्रेनों में इसे शुरू करने की तैयारी है। + +कोरोना के कारण घर से बिस्तर लेकर करना पड़ रहा सफर।कोरोना संक्रमण के दौर में रेल यात्रियों को घर से बिस्तर लेकर सफर करना पड़ रहा है। जल्द ही इससे मुक्ति मिलेगी। दिल्ली रेल मंडल ने यात्रा के दौरान यात्रियों को चादर, कंबल व तकिया के साथ ही कोरोना से बचाव के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री उपलब्ध कराने का फैसला किया है। हालांकि, इसके लिए यात्रियों को शुल्क देना होगा। + +पहले बिस्तर व तौलिया देने की थी सुविधा।राजधानी व हमसफर सहित अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों के वातानुकूलित कोच में सफर करने वाले यात्रियों को रेलवे की ओर से बिस्तर व तौलिया उपलब्ध कराया जाता था। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अब यह सेवा बंद कर दी गई है। इस वजह से यात्रियों को अपने घर से चादर व कंबल लेकर सफर करना पड़ता है। इससे यात्रियों को परेशानी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66759.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f8a4255b55c6760540226bc10e1c386dac6b8ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66759.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोषण की मात्रा और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान रखने के लिए ऐसा किया गया है। भोजन की व्यवस्था के अलावा किताबें और ड्रेस को लेकर भी अभिभावकों को चिंता नहीं करनी पड़ती। सरकार की ओर से ड्रेस और किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। अब जो सबसे जरूरी है, वह स्कूल का माहौल। सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन का माहौल सुधरे, इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। अव्यवस्था, अनुशासन और संसाधनों की कमी को लेकर सरकारी स्कूलों की आलोचना होती है। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए कमी है तो इच्छाशक्ति की। स्कूल के प्रबंधन का कार्य देख रहे लोग अगर ईमानदारी से सोचें, तो बदलाव आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8af506dcf16731b1d2d06e6f7a33ac58517661db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66760.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धरोधरों की यह सबसे बड़ी संख्या। किसी देश द्वारा प्रधानमंत्री को लौटाई जाने वाली धरोहरों की यह सबसे बड़ी संख्या है। इनमें अधिकतर विभिन्न धर्मो से संबंधित 10वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी के दौरान की हैं। मूर्तियों की सूची में 10वीं शताब्दी के बलुआ पत्थर की मूर्तियों से लेकर कांस्य की बनीं नटराज की मूर्तियां के अलावा 2000 ईसा पूर्व की तांबे से बनी मानवकृति भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87f2088e7aac957d0e81b7fa63e8f0cea1440f5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66764.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +काजा, जसवंत ठाकुर। Khemenger Glacier Trek, हिमाचल प्रदेश में जनजातीय जिला लाहुल-स्‍पीति की पिन वैली में खमिंगर ग्‍लेशियर में फंसे लोगों को निकालना आसान नहीं है। इन्‍होंने जो ट्रैक चुना है वह बेहद खतरनाक है। यहां के स्‍थानीय लोग भी इस तरफ जाने से कतराते हैं। यहां तक की लोकल ट्रैकर ने भी इस ओर रुख नहीं किया। भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन बंगाल की ओर से ट्रैकिंग पर निकले दल ने प्रदेश के सबसे जोखिमभरे बातल खमिंगर ट्रैक को चयनित कर आफत मोड़ ली। ट्रैकिंग से जुड़े बहुत से लोगों व अधिकतर स्थानीय लोगों को इस ट्रैक का नाम तक पता नहीं है। + +जानकारी के अनुसार 1959 में अंग्रेज दल ने इस ट्रैक पर सफल ट्रैकिंग की थी। हालांकि भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन बंगाल ने अपनी ओर से पूरी सावधानी व आधुनिक उपकरणों व गाइडों की मदद से ट्रैक को फतह करने के प्रयास किए हैं। लेकिन चोटी पर पहुंचने के बाद दो ट्रैकर की तबीयत खराब हो जाने और मौसम के तेबर बदलने के कारण यह दल दिक्कत में फंसा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bbce871e21076bead9b0fa3ba630d041fb4bf03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66766.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हम आपको भारत को बांटने नहीं देंगे। अभी बीते शनिवार को ममता को रोम यात्र की केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने कहा-आप (केंद्र) मुङो रोक नहीं सकते। मैं विदेश जाने के लिए उत्सुक नहीं हूं। इसका संबंध राष्ट्र के सम्मान से था। आप (पीएम मोदी) हिंदुओं की बात करते हैं, मैं भी एक हिंदू महिला हूं। आपने मुङो अनुमति क्यों नहीं दी? आप ईष्र्या करते हैं। भारत में ‘तालिबानी’ भाजपा नहीं चल सकती। + +बंगाल में अभी मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में तो जाति-धर्म, तुष्टीकरण, जय श्रीराम, जय बांग्ला और पाकिस्तान की भी खूब बातें हुई थीं। भाजपा और तृणमूल के नेता एक-दूसरे पर तुष्टीकरण, पाकिस्तान, जय श्रीराम को लेकर हमला बोल रहे थे, परंतु अब पांच माह बाद हो रहे उपचुनाव में ‘तालिबान’ की एंट्री हो गई है और नेता इस शब्द का इस्तेमाल अपने-अपने हिसाब से खूब कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले त्रिपुरा में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कथित हमलों को लेकर तृणमूल नेताओं ने बिप्लव देब सरकार को ‘तालिबानी’ बता दिया, वहीं बंगाल में भाजपा बार-बार ममता पर तालिबानी शासन चलाने का आरोप लगाती रही है। हालांकि तालिबान शब्द पूरी तरह से नया नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38f5e75e460ef3df107c932e7a728e4dd3dc3c28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66767.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्ञानेंद्र रावत। यह कटु सत्य है कि मरणोत्तर जीवन की अनुभूतियां संस्कारों के प्रभाव की ही प्रतिच्छाया होती हैं, इसलिए जिससे आत्मीयता का संस्कार अंकित हो उसकी भावनाओं पर लोकस्थ जीव प्रभावित होते हैं। कहा भी गया है कि मुक्त आत्माओं एवं पितरों के प्रति मनुष्य को वैसा ही श्रद्धाभाव रखना चाहिए जैसा देवों, प्रजापतियों तथा परमसत्ता के प्रति रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee2799af19b1388c474509fd8100b24408da9893 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66772.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहले की तकनीक से अलग।विस्फोटक पॉली-नाइट्रोएरोमैटिक यौगिकों का विश्लेषण आमतौर पर परिष्कृत उपकरणों में प्रयुक्त तकनीकों द्वारा किया जा सकता है। अपराध विज्ञान प्रयोगशालाओं या कब्जे से मुक्त कराए गए सैन्य स्थलों में त्वरित निर्णय लेने अथवा उग्रवादियों के पास मौजूद विस्फोटकों का पता लगाने के लिए अक्सर सरल, कम लागत वाली तकनीक की आवश्यकता होती है। साथ ही यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि जिनकी प्रकृति गैर – विनाशकारी हो। नाइट्रोएरोमैटिक रसायनों (एनएसी) की गैर-विनाशकारी पहचान करना एक कठिन कार्य है। जबकि पहले के अध्ययन ज्यादातर फोटो-ल्यूमिनसेंट गुणधर्म पर आधारित होते हैं। गुणों के आधार पर पता लगाने से विस्फोटकों को तलाश निकालने में सक्षम सरल कहीं भी ले जाए जा सकने योग्य ऐसा उपकरण बनाने में सहायता मिलती है। इसमें एक एलईडी की मदद से परिणाम देखे जा सकते हैं। + +ऐसे किया निर्माण।इस तरह की कमियों को दूर करने के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एक स्वायत्त संस्थान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान (इंस्टीटयूट ऑफ़ एडवांस्ड, स्टडी इन साइंस एंड टेक्नॉलोजी), गुवाहाटी के डॉ नीलोत्पल सेन सरमा के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने परत दर परत विकसित की है (एलबीएल) पॉलीमर डिटेक्टर विकसित किया है जिसमें दो कार्बनिक पॉलिमर होते हैं – पहला, पॉली-2-विनाइल पाइरीडीन जिसमें एक्रिलोनिट्राइल (पी2वीपी –सीओ- एएन) होता है और दूसरा, हेक्सेन (पीसीएचएमएएसएच) के साथ कोलेस्ट्रॉल मेथाक्राइलेट का को-पॉलीसल्फोन होता है जो कुछ सेकंड के भीतर एनएसी वाष्प की बहुत कम सांद्रता की उपस्थिति में किसी एसी सर्किट में प्रतिरोध आने से पर भारी परिवर्तन से गुजरता है। इस टीम ने इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) , भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस नई प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa5b2560236fe5d41f47b75f0ffb6711e256bec7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66773.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । सुनने में भले थोड़ा अटपटा लगे, लेकिन है यह सच। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सड़क निर्माण में एक बड़ी लापरवाही का पर्दाफाश हुआ है। गंगीरी क्षेत्र में विधायक व सांसद ने जिस सड़क के निर्माण की स्वीकृति कराई थी, विभाग ने उस पर काम शुरू न करकर दूसरी जगह पर निर्माण कार्य शुरू कर डाला। जबकि, कागजों से लेकर शिलान्यास बोर्ड तक में उसी स्वीकृत सड़क का नाम लिखा हुआ है। अब छर्रा विधायक रवेंद्र पाल सिंह व क्षेत्रीय जनता की आपत्ति पर विभाग ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। वहीं, डीएम के आदेश पर नक्शे का संशोधित प्रस्ताव शासन में भेजा गया है। + +निर्माण पर लगी रोक।पिछले दिनों ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इस सड़क पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया हैं, लेकिन स्वीकृति व शिलान्यास बोर्ड में जिस जगह से निर्माण कार्य शुरू दिखाया गया है, वहां से काम न करके दूसरी सड़क हुसेपुर देहमाफी से रतरोई वाया बूढ़ागांव पर काम शुरू कर दिया। क्षेत्रीय लोगों ने क्षेत्रीय विधायक रवेंद्र पाल सिंह से इसकी आपत्ति की। उनका तर्क था कि जब स्वीकृति में गंगीरी निकट धर्मकांटे से सड़क का निर्माण शुरू दिखाया गया है तो दूसरी सड़क पर कार्य क्यों हो रहा है। क्षेत्रीय विधायक ने डीएम सेल्वा कुमारी जे के संज्ञान में पूरा मामला डाला। इस पर अब निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4174f8c0667d07aafcb7dfe58a15b8971a8134c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66777.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की रफ्तार बनाए रखने के लिए वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण 'स्वच्छ सर्वेक्षण-2022' सोमवार से शुरू हो गया। इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार जिला स्तरीय रैंकिंग की जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में छोटे शहरों और कस्बों को भी शामिल किया गया है। + +करोड़ों नागरिक इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। यह लगातार मजबूत हो रहा है। प्रधानमंत्री एक अक्टूबर को स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) 2.0 और अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 की शुरुआत करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी अभियान को सुगमतापूर्वक अंजाम देने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में पिछले साल मूल्यांकन के लिए तैनात विश्लेषणकर्ताओं की संख्या दोगुनी से अधिक होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..178fd8d200c77c297c2c45567326ed0dc92118e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने सोमवार को 'भारत बंद' रखा। इस दौरान किसानों ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किए। बंद सुबह छह बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक चलता रहा। भारत बंद का पूरे देश से मिला जुला असर देखने को मिला है। किसानों के संगठनों द्वारा कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 1 सहित दिल्ली को हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों से जोड़ने वाली सड़कों पर सैकड़ों किसान बैठ गए। सड़कों को जाम कर दिया। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आइये तस्वीरों के जरिए देखते हैं देश के अलग-अलग हिस्सों में किस तरह का रहा भारत बंद का असर...।बेंगलुरु में किसान, विभिन्न कन्नड़ संगठनों के कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियन के सदस्य केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ  'भारत बंद' के दौरान ट्रैक्टर में चढ़कर नारे लगाते हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23d666d62e8c49b5c49cfb9c460a685e1d1868ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66785.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यही कारण है कि गूगल को इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा हथियार भी कहा जाता है। स्थान, मौसम, देश-दुनिया तथा स्थानीय स्तर की तमाम खबरों सहित गूगल हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारियों का खजाना समेटे रहता है। गूगल तमाम जानकारियों का पिटारा एक क्लिक में ही खोलकर सामने रख देता है।पिछले कुछ वर्षो में गूगल ने अपना दायरा बहुत बढ़ा दिया है। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि गूगल पर अब किसी भी प्रश्न का उत्तर दो-चार नहीं, बल्कि 150 से भी अधिक भाषाओं में तलाशा जा सकता है। गूगल दुनियाभर के 190 से भी अधिक देशों को अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। + +आज की दुनिया में गूगल के बिना लोगों के बेहतर जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। गूगल स्वयं को अपडेट रखने के लिए प्रतिदिन कुछ न कुछ नया करता रहता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये गूगल हमारी तमाम पसंद-नापसंद तक की जानकारी हासिल कर रहा है। गूगल अब न केवल हमें सभी प्रकार की जानकारियों से अपडेट रखता है, बल्कि हमारे हमराज की भूमिका में भी तेजी से उभर रहा है। दरअसल अब गूगल यह भी जानता है कि हम किस समय कहां हैं और क्या कर रहे हैं। गूगल आज न केवल दुनिया का सबसे बड़ा सर्चइंजन है, बल्कि आज यह कंपनी आपरेटिंग सिस्टम से लेकर मोबाइल डिवाइस तक बना रही है।यह भी जान लें कि गूगल काम कैसे करता है? यूआरएल की मदद से हम इंटरनेट पर कुछ भी सर्च कर सकते हैं, लेकिन अगर यूआरएल नहीं हो तो सर्चइंजन की जरूरत पड़ती है। सर्चइंजन हमारे द्वारा दिए गए की-वर्ड्स के जरिये हमें अपेक्षित जानकारी या वेबसाइट तक पहुंचाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43da9f24c0c2482266ef07e9cf6fa50bf4abe1c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। Germany election 2021 : जर्मनी में आम चुनाव पर भारत समेत दुनिया की नजरें टिकी है। इस बार जर्मनी में हो रहे चुनाव बेहद खास है। यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्‍योंकि 16 वर्षों तक जर्मनी की सत्‍ता में रहीं चांसलर एंजेला मर्केल की विदाई हो रही है। एंजेला ने साफ कर दिया है कि वह इस बार चांसलर की दौड़ से बाहर हैं। चांसलर का नाम आते ही आप दुविधा में होंगे कि आखिर जर्मनी में किस तरह की शासन व्‍यवस्‍था है ? जर्मनी में क्‍या अन्‍य देशों की तरह राष्‍ट्रपति या प्रधानमंत्री का पद नहीं होता है ? आज हम आपको जर्मनी चुनाव की बारीकियों के साथ चांसलर के बारे में बताएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..250c360bccc042129539d04f35a6a22eeede0b20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्र सरकार का जोर निजीकरण करने और फायदे वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, एयरपोर्ट को बेचने, रिजर्व बैंक से लाभांश बढ़ाने जैसे कदमों पर है। लेकिन राज्य सरकारों के पास यह विकल्प भी नहीं होता है। इन वादों को पूरा करने के अलावा राजनीतिक दल मतदाताओं को उपहार, पैसा और शराब बांटने में भी सार्वजनिक संपत्ति का उपयोग करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26015e519f709aef3c93e23dcea3d3e9c95a4d77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब इसका समाधान निकालते हुए ऐसे यात्राियों का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग की वेबसाइट पर ही करने की व्यवस्था की जा रही है। देश भर के श्रद्धालुओं को अधिक संख्या में चारधाम के दर्शन कराने के लिए सरकार हाईकोर्ट में दस्तक देने की तैयारी में है। दरअसल, हाईकोर्ट ने चारों धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की जो संख्या तय की है, सरकार उसमें बढ़ोतरी चाहती है। साफ तौर पर इसके पीछे सरकार की मंशा प्रदेश के साथ ही स्थानीय निवासियों की आर्थिकी बढ़ाने की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..824a431badbb94a5b3b8ad50694200fc2e4c9deb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौजूदा वक्त में गंभीर मामलों में आरोपित दागी जनप्रतिनिधियों के दोषी सिद्ध होने पर सदस्यता जाने तथा अगले छह वर्षो तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य सिद्ध होने का प्रविधान है। लेकिन दागियों के संबंध में यह दंडात्मक व्यवस्था आसानी से लागू हो गई हो, ऐसा भी नहीं है। वर्ष 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसले के तहत दागी सांसदों के दोषी सिद्ध होने पर सदस्यता खो देने की व्यवस्था का एलान किया था, जिसको पलटने के लिए तत्कालीन संप्रग सरकार अध्यादेश ले आई। मगर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इस अध्यादेश को पुनíवचार के लिए जब सरकार को वापस कर दिया और जनता के बीच से भी विरोध की आवाजें उठने लगीं तो संप्रग सरकार को अपनी भूल का अहसास हुआ। फिर राहुल गांधी द्वारा सरेआम इस अध्यादेश को ‘बकवास’ बताने का नाटक हुआ और सरकार ने अध्यादेश वापस ले लिया तथा सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय लागू हो गया। मगर इस पूरे प्रकरण ने दागियों को लेकर तत्कालीन कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के लगाव को जगजाहिर कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..727360667659f061128f83900d536afa2e1d667d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक टीले पर गुप्त काल के बाद का पुरातात्विक स्थल खोज निकाला है। यह स्थल बदायूं जिले में गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित गांव खेड़ा जलालपुर में है। इसे खोजने में दिल्ली नगर निगम के उन अभियंता संजीव सिंह ने एएसआइ की मदद की है, जिन्होंने दिल्ली में पिछले साल हुमायूं के मकबरा परिसर में मुगल शहजादे दाराशिकोह की संभावित कब्र को खोजने में मदद की थी। एएसआइ की टीम बदायूं के इस पुरातात्विक स्थल का दौरा कर चुकी है। ।एएसआइ ने प्रथम दृष्टया इसे गुप्त काल के बाद के समय का पाया है, जिसे सातवीं-आठवीं शताब्दी का माना जा रहा है। एएसआइ की यहां खोदाई कराने की योजना है और इस स्थल को वह सूचीबद्ध भी करेगा। पिछले महीने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के सहायक अभियंता संजीव सिंह इस गांव में अपनी नानी के यहां गए थे। वहां गांव के लोगों ने उन्हें इस स्थल के बारे में जानकारी दी। वह इस स्थल पर गए। वहां चारों ओर बिखरे हुए एक हिंदू मंदिर की मूर्तियों के दो सिर, एक टूटा हुआ हाथ, प्राचीन ईट और अवशेष देखकर हैरान रह गए। सिंह ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के मेरठ सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद डीबी गणनायक को मामले की सूचना दी। ।राजस्व रिकार्ड से निकाला जा रहा जमीन का ब्योरा ।गणनायक का कहना है कि एएसआइ की टीम खेड़ा जलालपुर और अन्य गांवों का सर्वेक्षण करने गई थी। वहां जो पुरातात्विक अवशेष मिले हैं, वे गुप्त काल के बाद के हैं, जो आज से करीब 1300-1400 साल पुराने हैं। वहां काफी समृद्ध पुरातात्विक स्थल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि स्थल गांव के बीच में है और भूमि की स्थिति अज्ञात है। हम राजस्व रिकार्ड से जमीन के ब्योरे का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस स्थल को सूचीबद्ध किया जाएगा। ।पुरातात्विक दृष्टि से समृद्ध स्थान रहा है बदायूं ।प्रसिद्ध पुरातत्वविद डा. बीआर मणि कहते हैं कि बदायूं पुरातात्विक दृष्टि से एक समृद्ध स्थान रहा है। यह महाभारत की द्रौपदी की जन्मस्थली प्राचीन पांचाल का हिस्सा था। दिल्ली सल्तनत के मामलुक वंश के शासन के दौरान बदायूं ने एक विशेष महत्व प्राप्त किया, क्योंकि यह सुल्तान इल्तुतमिश का सबसे पसंदीदा स्थान था। उन्होंने कहा कि खेड़ा जलालपुर पुरातात्विक स्थल सातवीं से दसवीं शताब्दी से और पहले का भी हो सकता है। जब तक स्थल पर खोदाई नहीं होती है, यह नहीं कह सकते कि जमीन के नीचे क्या है। ।लोगों की आस्था का केंद्र है पुरातात्विक स्थल ।हमारे बदायूं संवाददाता कमलेश शर्मा ने खेड़ा जलालपुर में जाकर ग्रामीणों से बात की तो पता चला कि यह पुरातात्विक स्थल उन लोगों की आस्था का केंद्र है। आइए जानते हैं कि किसने क्या कहा? ।गांव के बाहर प्राचीन टीला है। यहां हर साल भैरो बाबा का हवन होता है। 18 सितंबर को हवन के बाद टेंट लगाने के लिए गड्ढा किया जा रहा था तब शिवलिंग निकले हैं। मटकी में राख और रेत मिली है। प्राचीन जगह है, इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।-ध्यानपाल, प्रधान, खेड़ा जलालपुर।बचपन से ही इस टीले को देखते आ रहे हैं। वर्षो से गांव के बाहर टीले पर हर साल पूजा-अर्चना होती रही है। भैरो बाबा के प्रति गांव के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम पिछले दिनों यहां आई थी। जांच पड़ताल की बात बताई जा रही है। इस जगह को सुरक्षित किए जाने की जरूरत है। ।-अरब सिंह, ग्रामीण जलालपुर ।खेड़ा जलालपुर गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम के आने की तो कोई जानकारी नहीं है, लेकिन गांव के कुछ लोगों के अवैध कब्जा करने की शिकायत मिली है। इसे देखते हुए थानाध्यक्ष को जांच के आदेश दिए हैं। कोई भी निर्माण किए जाने पर रोक लगा दी गई है। जांच में जो भी तथ्य आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02c5b71694ac974ee1e651720e35b9385d97fbb2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66803.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या की सुनियोजित साजिश रची गई थी। यही नहीं इसके लिए गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ने न सिर्फ पूरी योजना तैयार की थी, बल्कि प्लान ए और बी भी तैयार किया था, जिसमें हमलावरों के जज के सामने सरेंडर करने से लेकर फरार होने तक की स्कि्रप्ट लिखी गई थी। यही नहीं स्कि्रप्ट के मुताबिक सलाखों के पीछे से टिल्लू हमलावरों को आनलाइन निर्देश दे रहा था। सूत्र बताते हैं कि हमले के समय भी टिल्लू जयदीप और राहुल के साथ ही कोर्ट के बाहर खड़े अपने साथियों क संपर्क में था। उसके कहने पर ही कोर्ट के बाहर खड़े बदमाश कार लेकर फरार हुए थे। ।सूत्रों के मुताबिक उमंग और विनय ने पूछताछ में जो जानकारी दी है, उससे दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए हैं। दरअसल, गोगी को ठिकाने लगाने की योजना टिल्लू व उसके खेमें में शामिल कुख्यात नीरज बवाना, सुनील राठी, भावरिया, राहुल काला व नवीन बाली आदि गैंगस्टरों ने की थी। गोगी को कोर्ट रूम में ही मारने के लिए इन लोगों ने दो स्तर पर प्लान बनाया था। इसके तहत ही गोगी बदमाशों को हर पल निर्देश दे रहा था। हमलावरों की जान बचाने के लिए भी टिल्लू ने दो तरह के प्लान बनाए थे, हालांकि उसमें वह सफल नहीं रहा। बदमाशों पर कोई शक न करे, इसके लिए कार पर अधिवक्ता का स्टिकर भी बदमाशों ने लगाया था। ।ये था प्लान 'ए' ।गोगी के प्लान 'ए' के मुताबिक जयदीप और राहुल जाटव उर्फ नितिन को कोर्ट में गोगी की हत्या करने के बाद बाहर आना था। वहीं, उमंग और विनय से कार लेकर कोर्ट के बाहर खड़े रहने के लिए कहा गया था। इन दोनों को हमलावरों को कार में लेकर भागना था। इस बीच काले कोट पेंट में ही उसके जो अन्य साथी कोर्ट परिसर मंे मौजूद थे। उन्हें हवाई फायरिंग कर सुरक्षाकर्मियों को गुमराह करना था, ताकि हमलावर आसानी से भाग सकें। ।ये था प्लान 'बी' ।टिल्लू व उसके साथियों ने जयदीप और राहुल की जान बचाने के लिए प्लान बी भी तैयार किया था। इसके मुताबिक इन दोनों से कहा गया था कि यदि गोगी की हत्या के बाद भागना संभव न हो सके तो तत्काल हथियार फेंककर जज के सामने सरेंडर कर दें। हालांकि, दोनों हमलावरों को इस योजना को अंजाम देने का मौका नहीं मिला और सुरक्षाकर्मी की गोली का शिकार हो गए। इसकी सूचना जैसे ही टिल्लू को मिली। उसने तत्काल साथियों को कोर्ट से भाग जाने का निर्देश दिया और सभी वहां खिसक गए। ।गैंगस्टर के आगे फेल रहा पुलिस का खुफिया तंत्र ।गोगी हत्याकांड से यह साफ हो गया है कि दिल्ली पुलिस की हाईटेक तकनीक को गैंगस्टर हर स्तर पर भेदने में कामयाब हो रहे हैं। यही नहीं पांच दिन तक टिल्लू और उसके साथी रोहिणी कोर्ट की रेकी करने के साथ ही वारदात को अंजाम देने की योजना पर काम करते रहे। इन्हें टिल्लू जेल से ही फोन पर दिशा-निर्देश देता रहा, लेकिन दिल्ली पुलिस के खुफिया नेटवर्क को इसकी भनक तक नहीं लगी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि हाई सिक्योरिटी सेल में बंद टिल्लू को मोबाइल कहां से मिला। इससे जेलकर्मी भी संदेह के घेरे में आ रहे हैं। यह अलग बात है कि हमलावरों को तत्काल मौत के घाट उतारने को लेकर दिल्ली पुलिस अपनी पीठ ठोक रही है। ।गेट नंबर चार के बाहर भी खड़ा था शूटर ।टिल्लू जेल से घंटों लाइव आपरेशन चलाता रहा। उमंग व विनय से पूछताछ में पता चला कि राहुल व जयदीप जब कोर्ट के गेट नंबर चार पर पहुंचे तब पहले से वहां नेपाली मूल का टिल्लू का एक शूटर खड़ा था। तीनों साथ में कोर्ट परिसर में घुस गए। तीनों को छोड़कर उमंग और विनय कार लेकर कोर्ट की पार्किंग में चले गए। कुछ देर बाद नेपाली कोर्ट से लौटकर कार के पास आ गया। उसके कपड़े वकील की तरह नहीं दिख रहे थे, इसलिए उसे वापस भेज दिया गया था। ।ये भी पढ़ें- जानिए सुरक्षा में किन कमियों की वजह से रोहिणी कोर्ट के रूम नंबर 207 तक पहुंच गए थे दोनों हमलावर, दिया वारदात को अंजाम ।ये भी पढ़ें- पढ़िए कुमार विश्वास क्यों बोले किसी के शव पर पत्रकारिता (तथाकथित) पहली बार नहीं कूदी है ।ये भी पढ़ें- Kisan Andolan: जानिए राकेश टिकैत कृषि कानून के बाद अब किन दो और मोर्चों पर भी सरकार से लड़ाई की कर रहे तैयारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e8fb479e89e7aeb82739eb5b5382e3416872e14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66807.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। पहले मानसून के देरी से आने, फिर रिकार्डतोड़ बारिश और अब इसकी वापसी में भी करीब दो सप्ताह का विलंब होने से इस बार हर कोई हैरान है। इस सीजन की बारिश जहां 46 साल का रिकार्ड तोड़ गई वहीं सितंबर की बारिश 121 सालों का रिकार्ड तोड़ने को है। हालांकि बारिश सभी जगह एक जैसी नहीं हो रही। क्या है इस तरह की बारिश होने का कारण और क्या कृषि जगत के लिए यह किसी खतरे का संकेत है? क्या अत्यधिक बारिश सर्दी के जल्दी आगमन का संकेत है? इन सभी सवालों को लेकर संजीव गुप्ता ने मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्रा से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :।अच्छी बारिश को क्या सर्दियों की जल्द दस्तक का संकेत माना जा सकता है? और क्या उम्मीद कर सकते हैं कि इस बार अच्छी ठंड पड़ेगी?।अभी इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा। फिलहाल तो पूरी तरह से मानसून ही खत्म नहीं हुआ है। हवाओं की दिशा बदलने में भी समय है। लिहाजा, सर्दियों के आगमन पर बाद में ही कुछ कहा जा सकेगा। अलबत्ता, अक्टूबर के उत्तरार्ध में तापमान गिरने लगेगा। नवंबर में सर्दी का अहसास होने लगेगा। कंपकंपाती सर्दी दिसंबर, जनवरी औैर फरवरी में पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e52657595b343f1f804918af73fcfa54439dc4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरविंद शर्मा, पटना: वामपंथी नेता कन्हैया कुमार का भाकपा से दूर होते जाने और कांग्रेस की राह पकड़ने के कई कारण हैं। सबसे बड़ी वजह बिहार में भाकपा का छोटा होता दायरा और कन्हैया की सियासी महत्वाकांक्षा है। दूसरे दलों में उनकी ताकझांक करीब वर्ष भर पहले उसी दिन से शुरू हो गया था, जब उनके व्यवहार के चलते हैदराबाद में डी राजा की उपस्थिति में भाकपा की राष्ट्रीय कमेटी ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था। भाकपा में इसे बड़ी सजा मानी जाती है। रही-सही कसर बेगूसराय के भाकपा नेताओं की उपेक्षा ने पूरी कर दी। ।भाकपा के स्थानीय नेताओं से कन्हैया की कभी नहीं बनी। दो हफ्ते पहले बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में पार्टी के एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था, लेकिन आखिरी वक्त में कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया, जिसकी सूचना उन्हें नहीं दी गई। इससे दिल्ली से अपनी टीम के साथ बेगूसराय पहुंचे कन्हैया भड़क गए। भाकपा से मोहभंग होने की यह तात्कालिक वजह बनी। हालांकि इसके पहले से ही निर्णायक मूड में आते जा रहे कन्हैया को कांग्रेस की ओर से लगातार आमंत्रण मिल रहा था। दो बार राहुल गांधी से भी मुलाकात हो चुकी थी। वैसे तो पिछले वर्ष नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद भी उनके जदयू में जाने की चर्चा होने लगी थी। ।सत्यनारायण ने बढ़ाया था आगे।कन्हैया को लोकसभा चुनाव के पहले बिहार भाकपा के तत्कालीन सचिव सत्यनारायण सिंह ने आगे बढ़ाया था। उन्हीं के समय में कन्हैया को भाकपा की केंद्रीय समिति का सदस्य बनाया गया। कम उम्र के बावजूद यह बड़ी उपलब्धि थी। कोरोना के चलते सत्यनारायण सिंह के निधन के बाद कन्हैया पार्टी में अलग-थलग पड़ने लगे। स्थानीय नेताओं से रिश्ते खराब होते गए। हालांकि दल बदलने की खबरों को भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय खारिज करते हैं, परंतु हालात बता रहे कि वह पार्टी की पहुंच से काफी दूर निकल गए हैं। ।शकील कर रहे कांग्रेस में लाने की पहल ।सूत्रों के मुताबिक भाकपा से अलग-थलग चल रहे कन्हैया को कांग्रेस में लाने का जिम्मा विधायक शकील अहमद खान निभा रहे हैं। कन्हैया से उनका गहरा लगाव है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन में भी शकील बिहार में कन्हैया के साथ घूम रहे थे। कहा जा रहा है कि कांग्रेस में शामिल होने की बेताबी कन्हैया को नहीं है, लेकिन यूपी में चुनाव को देखते हुए कांग्रेस को जल्दी है। प्रशांत किशोर की सलाह पर राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं। उसमें कन्हैया की भूमिका अहम हो सकती है। यूपी चुनाव के बाद उन्हें बिहार में उतारा जा सकता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d6e347ec1b579e5d50093e4243bb836231ffcee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66811.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कैलाश बिश्नोई। यह विडंबना है कि देशवासी अपने ही देश में अपनी भाषाओं में सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालयों में न्याय की गुहार नहीं लगा सकते हैं। वर्तमान प्रविधानों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों की न्यायिक प्रक्रियाओं में (कुछ राज्यों के उच्च न्यायालय को छोड़कर) समूची प्रक्रिया अंग्रेजी में ही होती है। हमारे देश में ऊपरी अदालतों की भाषा को लेकर अनेक अवसरों पर सवाल उठते रहे हैं कि यह आम आदमी की समझ से परे है। कई दफा यह मांग उठी कि उच्च अदालतों में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी मुकदमे दायर करने और फैसले सुनाने का प्रविधान होना चाहिए। लेकिन इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। + +जब तमाम सरकारी कार्यालयों में हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कामकाज पर जोर दिया जाता है, तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की भाषा आम आदमी की भाषा क्यों नहीं बन सकती? जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की 43 प्रतिशत आबादी हिंदी को अपनी प्रथम भाषा के तौर पर स्वीकार करती है और 30 प्रतिशत से ज्यादा लोग हिंदी को द्वितीय वरीयता देते हुए अपनी क्षेत्रीय भाषाओं को प्रथम भाषा मानते हैं। वहीं अंग्रेजी को अपनी प्रथम भाषा मानने वाले लोग कुल जनसंख्या का 0.2 प्रतिशत हैं। ऐसे में देश की उच्च न्यायिक प्रक्रिया में अंग्रेजी का अनिवार्य होना एवं अन्य सभी भारतीय भाषाओं का कानूनी तौर पर प्रतिबंधित होना बेहद अप्रासंगिक एवं अतार्किक प्रतीत होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ed6d9be821c0c7f8e2fd59b1c28cf9610f84172 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सूर सरोवर पक्षी विहार: सूर सरोवर पक्षी विहार वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा संरक्षित है। यहां बनी झील मानव निर्मित है। इसे गर्मियों में आगरा को पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया था। यहां करीब 80 प्रजातियों के पक्षी मिलते हैं, जो झील व जमीन पर रहते हैं। झील में करीब 60 प्रजाति की मछलियां हैं। यहां अक्टूबर से मार्च तक बार हेडेड गूज, फ्लेमिंगो, पेलिकन, स्पून बिल, कूट, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, ग्रे क्रेस्टेड ग्रेब, ब्लैक टेल्ड गोविट, शावलर, ग्रे लेग गूज, कामन ग्रीन शेंक, कारमोरेंट, कामन सैंडपाइपर, कांगो डक, व्हिसलिग टील, ब्लैक नेक्ड स्टार्क का कलरव सुनाई देता है। पिछले वर्ष नवंबर में इसे रामसर साइट घोषित किया गया था। यहां प्राकृतिक पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdbadce4c7462d60146142fe77e71ef3620f4818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/मनीष कुमार। भारत और भारतीय, दोनों हैकर्स के निशाने पर हैं। चीन और अमेरिका समेत दुनिया भर के कई बड़े देश भारत की अभेद्य साइबर सुरक्षा चक्र को भेदने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इससे भारत की सुरक्षा, लोगों-सरकार का डाटा और पैसा खतरे में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई कई रिपोर्ट्स, सरकारी और विभिन्न एजेंसियों से संबद्ध साइबर एक्सपर्ट्स इस बात की पुष्टि करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66820.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..216adae91f20d7befd323b15076e0745f77d45ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66820.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न विषयों पर जिस प्रभावशाली ढंग से अपनी बात रखी, उससे उन्होंने न केवल खुद को दुनिया की चिंता करने वाले राजनेता के रूप में चित्रित किया, बल्कि भारत के बढ़ते हुए कद को भी रेखांकित किया। इस मंच से एक ओर जहां उन्होंने दुनिया को भारत की कामयाबी की कहानी बयान की, वहीं दूसरी ओर कोविड महामारी के इस दौर में भारत के योगदान को भी स्पष्ट किया। उनके वक्तव्य ने यह साफ किया कि भारत अपने हितों के साथ दुनिया के हितों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने न केवल कोरोना रोधी टीकों के निर्यात का आश्वासन दिया, बल्कि टीका निर्माता कंपनियों को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, ताकि दुनिया के गरीब देशों को जल्द से जल्द टीका उपलब्ध हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cf8d78402fa4d649bc420090596584eeb32be6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुल्लू मनाली व लाहुल स्पीति में बर्फ से भरे पहाड़ व झरने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। प्रकृति प्रेमियों और रोमांच पसंद लोगों के लिए यहां घूमने की बहुत सी जगह हैं। बर्फ से ढके पहाड़, ब्यास, पार्वती व चंद्र भागा नदियां, घाटियां, अदभुत नजारे पर्यटकों को रुकने में मजबूर कर रहे हैं। देश-विदेश के पर्यटकों के लिए छुट्टी बिताने की कुल्लू मनाली व लाहुल स्पीति बेहद मशहूर जगह बन गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8ac97afb915f3f44e2bd00a3b9a73501437c789 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार बदलना चाहती है हालात।शोध को बढ़ावा देने में जुटी केंद्र सरकार इस क्षेत्र की मौजूदा तस्‍वीर को बदलना चाहती है। फिलहाल इसका जिम्मा शोध कार्यों को नई ऊंचाई देने के लिए प्रस्तावित नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) को सौंपा गया है जो अब उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर इसे गति देगा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक एनआरएफ के गठन का पूरा ढांचा तैयार हो गया है, जल्द ही यह अपना काम भी शुरू कर देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15a851631240651adfb8746f885dad7ce982a454 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66826.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे दो कारणों से अक्सर चर्चा में होते हैं। पहली बात कि विदेश में वह ज्यादा से ज्यादा वक्त औपचारिक वार्ताओं और लोगों से मिलने जुलने में लगाते हैं और दूसरी कि लंबी और थकाऊ यात्रा का निशान उनके चेहरे पर नहीं होता है। वापस आते ही वह कामकाज में जुट जाते हैं। सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसका राज प्रधानमंत्री का व्यस्त कार्यक्रम होता है। प्रधानमंत्री मोदी इसका ध्यान रखते हैं कि उनके हर दौरे में बिना अवकाश ज्यादा से ज्यादा बैठकें शामिल हों। + +अमेरिका में 65 घंटे के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ने बीस बैठकें की। 22 सितंबर को वह दिल्ली से अमेरिका के रवाना हुए थे और फ्लाइट के अंदर ही अधिकारियों के साथ दो बैठकें की। 23 की सुबह होटल में फिर से तीन बैठकें हुईं। उसी दिन कई बड़ी कंपनियों के सीईओ के साथ भी भारत में निवेश को लेकर बैठकें की और उसके बाद अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और फिर जापानी और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ वार्ता हुई। अधिकारियों के अनुसार 24 सितंबर को ही प्रधानमंत्री ने भारतीय अधिकारियों के साथ चार अन्य बैठकें की। + +प्रधानमंत्री बनने से पहले भी करते रहे हैं ऐसा।सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी दरअसल अपनी दिनचर्या से ही थकान मिटाने की राह निकालते हैं। इतनी व्यस्तता रखते हैं कि जेट लैग के लिए कोई स्थान न हो। दरअसल यह उनकी बहुत पुरानी आदत है। सूत्रों के अनुसार आज से लगभग 30 साल पहले भी जब वह अमेरिका जाते थे तो कार्यक्रम कुछ इस तरह बनाते थे कि घूमने फिरने और कामकाज के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले। रात का वक्त अगर यात्रा में गुजरे तो ज्यादा अच्छा क्योंकि होटल में व्यर्थ पैसा नहीं देना होगा और समय की भी बचत होगी। दरअसल प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके लगभग सभी दौरों में यह दिखता रहा है। ऐसा भी हुआ है कि तीन चार देशों की एक साथ यात्रा में वह तीन चार रात ही होटलों में गुजारते हैं और बाकी का वक्त फ्लाइट में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b0d884885f63c4da69c06530be8c16ddf549d50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66827.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। क्वाड देशों के प्रमुखों की दो दिन पहले की बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ तकनीक की बात जिस जोरदार तरीके से रखी थी उसका अन्य तीनों सदस्य देशों के प्रमुखों ने ना सिर्फ स्वागत किया, बल्कि बाद में क्वाड की तरफ से तकनीकी विकास, डिजाइन, गवर्नेस व इसके इस्तेमाल पर एजेंडा भी जारी कर दिया गया। भारत, अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया की यह संयुक्त कोशिश 5जी से लेकर सभी अत्याधुनिक तकनीक बाजार में चीन के दबदबे को खत्म कर साझा इस्तेमाल के लिए ऐसी तकनीक को विकसित करने की है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा दे और किसी देश के लिए आर्थिक या उसकी सार्वभौमिकता के लिए खतरा पैदा नहीं करे। + +न्यायसंगत व्यवस्था विकसित करेंगे क्‍वाड देश ।क्वाड देशों ने तकनीक से जुड़े हार्डवेयर, साफ्टवेयर या सर्विस की सप्लाई चेन को भी विविधता से भरा बनाने की सहमति दी है। साथ ही तकनीक सोल्यूशंस के क्षेत्र में ज्यादा खुला व प्रतिस्पर्धी माहौल बनाने की भी सहमति बनी है। किस तकनीक को अपनाना है या किस कंपनी को तकनीक से जुड़ा कांट्रैक्ट देना है, इसको लेकर उक्त चारों देश एक पारदर्शी व न्यायसंगत व्यवस्था विकसित करेंगे। + +चीनी उत्‍पादों पर संदेह  ।पिछले वर्ष से भारत, अमेरिका व कई दूसरे लोकतांत्रिक देशों ने चीन की संवेदनशील तकनीक अपनाने को लेकर कड़ा रवैया अपनाना शुरू किया है। चीन की हर बड़ी तकनीकी कंपनी के पीछे चीन की सत्ता या उसकी सेना से जुड़े संगठनों का हाथ होने से दूसरे देशों में उसके उत्पादों व सेवाओं को लेकर संदेह पैदा हो गया है। हाल के महीनों में हम देख रहे हैं कि चीन की सरकार स्वयं अपनी कुछ तकनीकी कंपनियों को दबाने का काम कर रही है। ।यह भी पढ़ें- चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ क्वाड का रोडमैप तैयार, जानें इसके मायने।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..973dd39e1ef2f9e6d180cfa5a2257983f1064d54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66828.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। Quad Summit 2021: चीन की बढ़ती चुनौती को देखते हुए क्वाड शिखर वार्ता भारतीय हितों के लिहाज से बेहद सफल और सकारात्‍मक रही। यह श‍िखर सम्‍मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। शिखर वार्ता में अमेर‍िकी राष्‍ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात भारत के लिए आर्थिक और रक्षा संबंधों के ल‍िहाज से बेहद उपयोगी साबित हुई। क्वाड के नेताओं ने चीन के खिलाफ अपने संसाधनों को एकजुट करके एक-दूसरे की मदद करने पर सकारात्‍मक माहौल में चर्चा की। खास बात यह है कि भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में जो बात इशारों में कही वह क्वाड शिखर वार्ता में खुलकर रखी। आइए जानते हैं कि इस शिखर वार्ता में क्‍या रहा खास। इसे लेकर क्‍यों तिलमिलाया चीन। किन मामलों में ऐतिहासिक रही शिखर वार्ता। + +2- सैन्‍य अभ्‍यास: चीन को कराएंगे ताकत का एहसास ।क्वाड के सदस्‍य देश जल्‍द ही मालाबार अभ्‍यास के जरिए एकजुट होने की तैयारी में हैं। क्वाड शिखर वार्ता में इस बात पर आम सहमति बनी है। इस सैन्‍य अभ्‍यास में भारत, जापान, अमेरिका के अलावा अब आस्‍ट्रेलिया भी हिस्‍सा लेगा। यह सैन्‍य अभ्‍यास इस साल जापान के समीप प्रशांत महासागर में होगा। यह चीन के लिए चिंता का व‍िषय बना हुआ है। इस सैन्‍य अभ्‍यास का मकसद सीधे तौर पर सामरिक रूप से चीन को घेरना है। सैन्‍य अभ्‍यास के जरिए क्वाड के सदस्‍य देश अपनी सामरिक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे और हिंद प्रशांत क्षेत्र में मिल रही चुनौती की रणनीति तैयारी करेंगे। ।3- नौसेना की तैयारी: सामरिक रणनीति से चिंतित हुआ चीन ।क्वाड शिखर वार्ता में चीन का नाम लिए बगैर उसे चौतरफा घेरने की रणनीति बनने पर विमर्श हुआ। क्वाड में शामिल चार देशों- अमेरिका, जापान, भारत और आस्‍ट्रेलिया ने अपनी नौसेना का विस्‍तार करने पर राजी हुए। आस्‍ट्रेलिया को अमेरिका द्वारा दी जा रही परमाणु पनडुब्‍बी को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। इसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को घेरना है। इस बैठक में हिंद और प्रशांत क्षेत्र में समान विचार वाले देशों जैसे वियतनाम, इंडोनेशिया आदि के साथ लाने पर भी विचार किया गया। अमेरिका ने ब्रिटेन और आस्‍ट्रेलिया के साथ मिलकर एक महागठबंधन आकस बनाया है। इस सैन्‍य गठबंधन का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के किसी भी दुस्‍साहस का करारा जवाब देना है। बता दें कि चीन की नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38cc85747da19ae373b4bc41ac50988f07d5a05f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +A- क्वाड शिखर वार्ता में आतंकवाद और अफगानिस्‍ता बना एजेंडा ।1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा कूटनीतिक उपलब्धियों के लिहाज से बेहद अहम कहा जा सकता है। मोदी की सफल कूटनीति के कारण ही क्वाड शिखर सम्‍मेलन में पहली बार अफगानिस्‍तान और आतंकवाद के एजेंडे को शामिल किया गया। अंतरराष्‍ट्रीय मंच में मोदी कूटनीति की यह बड़ी जीत है। क्वाड शिखर सम्‍मेलन में भारत ने अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद भारतीय हितों की चिंताओं को खुलकर सामने रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d8bcebcbabeb9f9da1dbc14c71d7187915b7f7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6683.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +त्वाडा कुत्ता टॉमी पर किया डांस.. ।रविवार को जब शहनाज़ और सिड फिर से बिग बॉस के मंच पर पहुंचे तो दोनों की पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। स्टेज पर शहनाज़ का चर्चित डायलॉग, 'साड्डा कुत्ता कुत्ता, त्वाडा कुत्ता टॉमी' प्ले किया गया और इस पर करण जौहर, सिद्धार्थ और शहनाज़ ने मिलकर डांस किया। ।A post shared by Voot (@voot)।आपको बता दें कि शहनाज़ और सिद्दार्थ बिग बॉस 13 की चर्चित जोड़ी हैं। दोनों की देस्ती ने इस घर में काफी सुर्खियां बटोरी थीं। सिड बिग बॉस 13 के विनर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c83918ad39bb6e946731987b846fe0491d713d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन चार दिनों में लांच होगा रामनगरी का पोर्टल: विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह एवं सचिव डॉ. संजीव कुमार की निगरानी में पोर्टल पर डाटा फीडिंग का कार्य चल रहा है। पोर्टल तैयार होने के बाद इसे मुख्य सचिव आरके तिवारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उनके रिव्यू के बाद इस वेब पोर्टल की लॉचिंग होगी। तीन-चार दिनों के भीतर इस पोर्टल को लांच करने की तैयारी है। पोर्टल पर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, आवास विकास परिषद, पावर कार्पोरेशन, रेलवे, एयरपोर्ट सहित अन्य विभाग और उनकी परियोजनाओं का विवरण अपलोड किया जा रहा है। पोर्टल पर योजनाओं के नाम से लेकर आरंभ से पूर्ण होने तक की तिथि, बजट आदि जानकारी दी जाएगी। पोर्टल को विकसित करने में प्राधिकरण सचिव के सुझाव काफी अहम रहे हैं। इस ग्लोबल व्यवस्था में कंसल्टेंट कंपनी ईवाई ने भी सहयोग किया है। प्राधिकरण के सचिव डॉ. संजीव कुमार कहते हैं कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार अपनी पारदर्शी नीति पर चलते हुए रामनगरी का विकास भी पारदर्शिता के साथ करा रही है। विकास प्राधिकरण की ओर से तैयार कराई जा रही वेबसाइट इस निष्पक्षता का प्रमाण है। डैशबोर्ड को जल्द से जल्द समग्र बनाने के लिए तेजी से कार्य हो रहा है जिससे राममंदिर से जुड़ी सभी परियोजनाओं को समग्र रूप से एक प्‍लेटफार्म पर देखा जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da06f0afee54e1bb6f9130601ba7356758547f51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, नीरज मिश्र। रोड इंजीनियरिंग की खामियों का ही असर है कि राजधानी के मार्गों से अब तक ब्लैक स्पॉट की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। करीब सात साल से सड़क सुरक्षा सेल काम कर रही है लेकिन लोगों की जिंदगी छीनने वाले शहर के 46 मौत के मुहानों में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है। परिवहन विभाग की कैलेंडर वर्ष 2020 की जो सूची है उनमें बीते वर्ष शहर में 1115 हादसे हुए जिसमें 483 लोगों ने अपनी जान गंवाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fb98d7eb2776b75af1b714f94ee0321c2814fa9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। Punjab New Ministers List: पंजाब मंत्रिमंडल का गठन हो गया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा व ओपी सोनी पहले ही शपथ ले चुके हैं। दोनों उपमुख्यमंत्री होंगे। आज नए चेहरों में डा. राजकुमार वेरका, संगत सिंह गिलजियां, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, परगट सिंह, काका रणदीप सिंह, गुरप्रीत कोटली व राणा गुरजीत ने शपथ ली। इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल रहे सबसे वरिष्ठ मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा, मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, अरुणा चौधरी, रजिया सुल्ताना, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु को भी चन्नी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। आइए जानते हैं सीएम व उनके मंत्रियों के राजनीतिक सफर के बारे में...।मुख्यमंत्री: चरणजीत सिंह चन्नी।15 मार्च 1963 को जन्मे चरणजीत सिंह चन्नी खरड़ नगर परिषद में तीन बार पार्षद रहे। दो बार वह मेयर बने। वर्ष 2007 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर 2012 व 2017 में लगातार जीत दर्ज की और कैप्टन मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहे। कैप्टन के इस्तीफे के बाद चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..abe835b77ab0432ac1d5e4f013629ef5195e1209 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा ने ताजनगरी के कारोबारियों को नई उम्मीद बंधाई है। उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा दिखाए गए सकारात्मक रुख से भारत-अमेरिका के बीच संबंधों के एक नए युग की शुरुआत होगी। दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ेगा, जिसका लाभ दोनों देशों के कारोबारियों को होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6abeab8e371a5a6b12175e1524da0b0d324ba4c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। रामनगरी के विकास में पौराणिकता को सहेजते हुए आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। रामनगरी के कुंडों का इतिहास क्यूआर कोड में समेटने की योजना बनाई गई है। इसकी शुरूआत नमामि गंगे योजना के तहत पुनर्जीवित किए जाने वाले आठ कुंडों के विकास में देखने को मिलेगी। वैदिक विधि से इन कुंडों का जीर्णोद्धार किया जाएगा, वहीं प्रत्येक कुंड का अलग-अलग क्यूआर कोड भी जनरेट करने की तैयारी है। योजना साकार हुई तो रामनगरी में पहली बार किसी पौराणिक जलस्रोत का इतिहास क्यूआर कोड में उपलब्ध होगा। यह प्रयोग सफल होने पर भविष्य में अन्य कुंडों के विकास में भी यह देखने को मिल सकता है। कुंडों के पास क्यूआर कोड के बोर्ड लगाए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d21fd9871f8d10b30021e34c86cc46e84c567b21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66840.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। एशिया रग्बी अंडर-18 गर्ल्स रग्बी सेवन्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम को मजबूत बनाने में दिल्ली की तीन खिलाड़ियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारतीय महिला अंडर-18 रग्बी टीम की इन तीन खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि जहां चाह होती है वहां राह बन ही जाती है। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से ताल्लुख रखने वाली इन खिलाड़ियों के नाम नंदिनी, गोमती और टीम की कप्तान अंशिका है। + +विषम परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करते हुए उपलब्धियों को प्राप्त किया। इस सफलता में उनके माता-पिता का भी भरपूर सहयोग है जिन्होंने बेटियों को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हर जतन किए। अब इनका सपना है कि वह ओलिंपिक में भी इसी तरह पदक हासिल करें और देश का गौरव बढ़ाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a878cc7385e1dde7fb7caaf36de231e55c4f7c45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66841.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कन्हैया झा। वर्तमान में मनुष्य स्वयं को भौतिकवादी परिवेश में घिरा हुआ पाता है। साथ ही उसका दायरा अपने और अपने परिवार के इर्द-गिर्द सिमटता जा रहा है। उपभोक्तावाद की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच आज की पीढ़ी में सही-गलत, सत्य-असत्य, नैतिकता-अनैतिकता, सदाचार-दुराचार आदि को जानने और समझने की क्षमता कम होती जा रही है। विविधताओं को भिन्नता यानी भेद समझा जा रहा है। ऐसे में मानवीय संवेदनाएं बिखर न जाएं, इसकी हम सभी को चिंता करनी होगी। इस लिहाज से इस पुस्तक की विषय-वस्तु सार्थक कही जा सकती है, जिसमें लेखक ने अपने अनुभवों से नई पीढ़ी को कुशल व्यक्तित्व निर्माण के साथ-साथ स्वार्थ से नि:स्वार्थ यानी समाज और राष्ट्र की ओर बढ़ाने का बेहतर प्रयत्न किया है। + +आज देश-समाज में युवाओं के समक्ष व्यावहारिक जीवन में जिस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं, उसे ध्यान में रखते हुए लेखक ने खासतौर पर उनके लिए ही यह पुस्तक लिखी है। युवा पीढ़ी का प्रेरित होना और सही दिशा में ऊर्जावान होना किसी राष्ट्र की उन्नति के लिए सर्वाधिक आवश्यक कारक है। पुस्तक में लेखक ने स्वयं के जीवन में घटित घटनाओं से प्राप्त सबक को कुशलता से संजोया है। पुस्तक में औसतन डेढ़ से दो पृष्ठों के छोटे-छोटे 77 अध्याय हैं, जिनके आरंभ में दी गई सूक्तियां बहुत ही व्यावहारिक और प्रेरणास्पद हैं। मसलन- स्वयं द्वारा निर्धारित दायित्व का निर्धारण सबसे कठिन काम है, क्योंकि भटकाव इसका मूल कारण है, फिर भी दृढ़ इच्छाशक्ति से यह सरल हो सकता है। व्यक्तित्व का विकास सदैव समूह में ही होता है, यह निजता का अथवा व्यक्तिगत विषय कदापि नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6517f0b7fd940f61c13208d76a39325bb8bcf86c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66843.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। आज विश्व नदी दिवस है। सितंबर के चौथे रविवार को जनता को नदियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व नदी दिवस मनाया जाता है। आगरा में आधा दर्जन से अधिक नदियां हैं। इनमें चंबल को छाेड़ दें तो यमुना और करबन अत्यधिक प्रदूषित हो चुकी हैं और अन्य नदियां बरसाती बनकर रह गई हैं। इससे यहां जल संकट गहराता जा रहा है। आगरा की प्यास बुझाने को बुलंदशहर से पाइपलाइन डालकर गंगाजल लाना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e927219ad8375ff70c2c78c086589460cd6dca60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कृषि कानून के साथ ही अब दो और मोर्चों पर सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू करने की घोषणा कर दी है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक काले कृषि कानून को वापस नहीं लिया है, अब यूनियन कृषि कानून के साथ ही गन्ने और बिजली के मुद्दे पर भी मोर्चेबंदी करेगी। इसी के साथ उन्होंने ये भी ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का रेट सवा चार सौ रुपये से कम मंजूर नहीं किया जाएगा। सरकार ने 370 रुपये का वादा साढ़े चार साल पहले अपने घोषणा पत्र में किया था, अब उसके हिसाब से इसमें महंगाई को और जोड़ ले सरकार। इसके बाद रेट तय करे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a2f81b86995c7e8e10c70a707cd84893130a453 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जागरण संवाददाता। ब्रज क्षेत्र से सटे अलीगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां द्वापरयुग से जुड़े पौराणिक स्थल हैं तो त्रेतायुग का विशाल सरोवर है, जो अलीगढ़ की धरती को पुण्य करता है। भोजताल रमणीय स्थल के रुप में है। हालांकि, इन स्थलों को पर्यटन के रुप में विकसित नहीं किया गया, वरना यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..483c81f12633c4d16d8dd0b378a02c9eb50cc96b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंद्रा बंदरगाह पर हेरोइन की बड़ी खेप पकड़े जाने से यह भी स्पष्ट होता है कि तालिबान अपने वित्तीय स्रोतों के लिए एक बार फिर अफीम की तस्करी का सहारा ले रहा है और इसमें पाकिस्तान उसकी मदद कर रहा है। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि जहां अफगानिस्तान में अफीम की बड़े पैमाने पर खेती होती है, वहीं उससे हेरोइन बनाने का काम पाकिस्तान में आइएसआइ के संरक्षण में होता है। वहीं से उसे दुनिया के दूसरे देशों में भेजा जाता है। जाहिर है कि तालिबान और आइएसआइ की मिलीभगत से ही नशीले पदार्थो का काला कारोबार दुनिया भर में हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..428b7829482a555a42ceb684758de50f92dfa04e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +5 मार्च, 1931 को हुए गांधी-इरविन समझौते के बाद सुखदेव ने गांधी जी के नाम ‘एक खुली चिट्ठी’ लिखी थी, जो आपने पिछले अंक में पढ़ी। उस पत्र के जवाब में गांधी जी ने यह खत लिखा था, जो हिंदी नवजीवन’ में प्रकाशित हुआ... ।‘अनेकों में से एक’ का लिखा हुआ पत्र स्वर्गीय सुखदेव का है। श्री सुखदेव भगत सिंह के साथी थे। यह पत्र उनकी मृत्यु के बाद मुझे दिया गया था। समयाभाव के कारण मैं इसे जल्द ही प्रकाशित न कर सका। बिना किसी परिवर्तन के ही वह अन्यत्र दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9272e45396b741e241a493c61b08e6042726b000 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66854.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नरेंद्र गिरि जैसी पैठ टेढ़ी खीर ।दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि इतने बड़े साम्राज्य का संचालन चुटकियों में यूं ही नहीं करते थे। उन्होंने दरअसल साधु, संन्यासियों से लेकर सत्ता और विपक्षी दलों में भी गहरी पैठ बनाई थी। नामी गिरामी नेताओं, न्यायिक पेशे में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों से उनका आत्मीय संबंध था। यही वजह थी कि महंत नरेंद्र गिरि सभी के चहेते थे और प्रभाव ऐसा था कि मठ व अखाड़े की संपत्ति पर किसी की गिद्ध दृष्टि तक नहीं पड़ सकती थी। संपत्ति के रखरखाव और सुरक्षा का सवाल तो दूर, नए मुखिया के लिए इस तरह की सामाजिक जमीन मजबूती से बनाना ही बड़ी बात होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2014a8afa388bdfe7d664937a4e917ac41d3036 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66858.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, प्रकाश भारद्वाज। World Tourism Day, हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में बेशक पर्यटन की कमर टूट गई हो, लेेकिन लाकडाउन के खुलते ही पर्यटकों की आमद बढऩे से इसने पंख फैलाना शुरू कर दिए हैं। राज्य के होटल कारोबारी तो प्रभावित हुए, अन्य राज्यों में पर्यटन इकाईयों में काम करने वाले युवा भी बेरोजगार होकर घर लौटे। इस दौरान राज्य सरकार की सबवेंशन स्कीम पर्यटन क्षेत्र के लिए सहारा बनी। सरकार ने धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ अब साहसिक पर्यटन सहित जल क्रीड़ाओं को भी बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया है। ।पर्यटन उद्योग को दिया सहारा।राज्य सरकार ने कोरोना की पहली लहर से प्रभावित हुए पर्यटन उद्योग को सहारा देने के लिए आर्थिक सहायता का प्रविधान किया था। होटलों के वार्षिक टर्नओवर के आधार पर उन्हें बैंकों से विशेष कर्ज की सुविधा प्रदान की गई। दो जुलाई, 2020 को सरकार ने सबवेंशन स्कीम घोषित की थी। जिसके तहत प्रदेश के सैकड़ों होटल मालिकों ने कर्ज उठाया था। इसके तहत 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता था। ।पर्यटकों की घटती-बढ़ती संख्या।राज्य में हैं 4500 होटल ।राज्य में 4500 होटलों का आधारभूत ढांचा विकसित है। राज्य सरकार ने 2008 में ग्रामीण क्षेत्रों को भी पर्यटन से जोडऩे के लिए होम स्टे योजना शुरू की थी। जिसके तहत 2400 होम स्टे इकाइयां हैं। + +क्‍या कहते हैं पर्यटन विभाग ।राज्य पर्यटन एवं उड्डयन विभाग के निदेशक अमित कश्यप का कहना है कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान पर्यटन कारोबारियों को हुए नुकसान से उबारने के लिए सरकार ने कार्यशील पूंजी प्राप्त करने के लिए सबवेंशन योजना शुरू की। इस योजना के माध्यम से होटल कारोबारियों को बैंकों से कर्ज के रूप में आर्थिक सहायता का प्रविधान किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2004349e6030227b452f94f9293e92a2cf953c1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमृता सिंह से सैफ अली खान को दो बच्चे अभिनेत्री सारा अली खान और बेटे इब्राहीम हुए, लेकिन फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि दोनों के बीच दूरियां आनी शुरू हो गईं। उन दिनों सैफ अली खान की किसी इटली की मॉडल रोजा से अफेयर की खबरें भी आती रहती थीं। 2004 में सैफ और अमृता के बीच तलाक हो गया। वहीं फिल्म 'एलओसी कारगिल' और 'ओमकारा' के बाद दोनों फिल्म 'टशन' की शूटिंग कर रहे थे और इस बीच ही दोनों एक-दूसरे के करीब आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66862.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ed51cb0a8aae91aa988375bb77b060ee3e25fd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरविंद शर्मा। Caste Census in Bihar Politics विभिन्न जातियों की आबादी जानने के लिए बिहार के तमाम राजनीतिक दल बेताब हैं। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने खुद को अलग रखा है, मगर वोट बैंक के प्रभावित होने के डर से वह भी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से परहेज कर रही है। बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के हालिया कदम के बाद राजनीतिक दलों में खलबली है। अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे जनता दल यूनाइटेड (JDU) को फैसला लेने के लिए राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) ने तीन दिनों का अल्टीमेटम देकर असमंजस में डाल दिया है। वोट बैंक में इजाफा के लिए इसे बेहतर मुद्दा मानकर अन्य दल भी जल्दी में हैं। ।आंदोलन की तैयारी में महागठबंधन के घटक दल।आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन (Mahagathbandhan) के घटक दल इस मुद्दे पर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। एलान हो चुका है। जाहिर है, इसका श्रेय वह किसी और को नहीं लेने देना चाहते है। इससे साफ है कि आने वाले समय में यह मुद्दा जोर पकड़ सकता है। बिहार में अभी चुनाव नहीं है, लेकिन लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने अपने इस अभियान में यूपी के समाजवादी पार्टी समेत कुछ अन्य दलों को भी शामिल कर लिया है। ।बिहार के बाहर भी आंदोलन फैलाने की कोशिश।आंदोलन की आग को बिहार के बाहर भी फैलाने की कोशिश की जा रही है। तेजस्वी यादव ने इसी नीयत से देश भर के विभिन्न दलों के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना पर समर्थन मांगा है। ।सीएम नीतीश के साथ खड़े एनडीए के घटक दल ।हैरानी इस बात पर है कि बिहार में बीजेपी के समर्थन से सरकार चला रहे राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के तमाम दल भी चाहते हैं कि जातियों के आधार पर जनगणना कराई जाए। केंद्र अगर तैयार नहीं होता है तो राज्य सरकार अपने खर्चे पर कराए। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कोटे से 11 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) का हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) भी इस मुद्दे पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात के दौरान बिहार की 10 पार्टियों के शीर्ष नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ थे। ।वोटरों में पहुंच बढ़ाने का माध्यम मान रहे लालू।जातिगत जनगणना को लालू प्रसाद यादव 2010 से ही वोटरों में पहुंच बढ़ाने का माध्यम मान रहे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने इसे जोर-शोर से उठाया भी था। बीजेपी को भी वोट बचाने की चिंता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए जब 23 अगस्त को बिहार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा था, तब उसमें बीजेपी ने भी अपने एक मंत्री जनक राम को प्रतिनिधि के रूप में भेजा था। विधानसभा और विधान परिषद में भी सबने एक स्वर से जातिगत जनगणना का समर्थन किया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88d946284be6e53116e7d9b1bb25dcf85a0144c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66863.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्वाड का व्यापक एजेंडा।चीन के लिए राह बहुत ही मुश्किल।चाहे देशों के हिसाब से ढांचागत विकास करने की बात हो या 5जी व दूसरी अत्याधुनिक तकनीक को सुरक्षित बनाने के लिए संयुक्त अभियान की बात हो, क्वाड का संकेत साफ है कि चीन के लिए राह बहुत ही मुश्किल है। सबसे अहम संकेत यह है कि क्वाड एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से काम करेगा और भविष्य में इसके फलक का विस्तार हिंद-प्रशांत क्षेत्र से बाहर भी होगा। + +जताई यह प्रतिबद्धता ।चारों देशों ने कहा है कि वे हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने के लिए दोगुनी मेहनत करेंगे। यहां ऐसी व्यवस्था की जाएगी जहां कोई देश किसी दूसरे पर दबाव नहीं बना सके, जहां अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन हो, यहां सभी देशों को उड़ान व समुद्री जहाजों की आवाजाही की आजादी हो व सभी देशों की भौगोलिक संप्रभुता की रक्षा हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..958d0f5eade23dd1eaa0d5cc1a689e52cc32c67c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैशोर्य की पहली दहलीज लांघकर जब उदयशंकर युवावस्था में पहुंचे तो उन्हें नृत्य कला की दक्षता की ओर ले जा रही वीथिका अचानक ही एक दूसरी दिशा की ओर मुड़ गई। सन 1917 का दौर था जब उदयशंकर ने खुद को बंबई के ख्यातनामा कला संस्थान सर जेजे स्कूल आफ आर्ट्स की कला दीर्घाओं में कैनवास पर तूलिका से जीवन के विविध बिंबों में अपनी ही धड़कनों के रंग भरते पाया। 1920 तक उदय की रंगों में डूबी कूंची लंदन के रायल कालेज आफ आर्ट्स के प्रसिद्धि फलक उनके सशक्त हस्ताक्षर अंकित कर चुकी थी। अंतरराष्ट्रीय सम्मानों की उपलब्धियों से उन्हें महिमामंडित कर चुकी थी। हालांकि उस वक्त भी उदय का नृत्य अभ्यास छूटा नहीं था, या यूं कहें कि बनारसी नूपुरों की झनकार का क्रम अभी तक टूटा नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6687.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08bfdf3b3162d50a9b8d9b8e6cedaa6379ab51c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6687.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल 15 अगस्त को राज कौशल हर साल अपना जन्मदिन मनाया करते थे। इस साल यदि राज कौशल होते तो अपना 50वां जन्मदिन मना रहे होते। लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था। पति के निधन के बाद मंदिरा बेदी ने आज के दिन उन्हें याद किया है। मंदिरा ने सोशल मीडिया पर पति के साथ एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर के साथ उन्होंने पति को याद करते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी हैं। + +बता दें कि राज कौशल का निधन 30 जून को कार्डियक अरेस्ट के चलते हुआ था। मंदिरा बेदी के पति की उम्र महज 49 साल थी। वो भी एक मशहूर एडफिल्म मेकर थे उन्होंने 'शादी का लड्डू' और 'प्यार में कभी कभी' जौसी फिल्मों का निर्देशन भी किया था। मंदिरा बेदी और राज कौशल के दो बच्चे भी हैं एक बेटी तारा और बड़ा बेटा वीर। बेटी तारा को मंदिरा और राज नेबीते साल गोद लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8ee702faee9813ab499404be8655d89a00d5d38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66870.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उच्च न्यायालय ने बदरीनाथ, केदारनााथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए प्रतिदिन यात्रियों की अधिकतम संख्या निर्धारित की हुई है। बावजूद इसके धामों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इससे काफी कम है। सेमवाल ने बताया कि कई श्रद्धालु पंजीकरण तो करा रहे हैं, लेकिन पहुंच नहीं रहे हैं। दूसरी ओर कई यात्री ऐसे हैं जिनका पंजीकरण तो है, लेकिन ई-पास नहीं बन पाया है। यात्रा पड़ाव पर चेकिंग के दौरान ऐसे यात्रियों पुलिस से नोकझोंक भी हो रही है। इसी के मद्देनजर मौके पर ही आफलाइन पास जारी करने का निर्णय लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d8fd9f7524c0c17cb1fb558bf41a7a5680ae12b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस कंपनी पर अमेरिका में ईरान के साथ व्यापारिक सौदों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप है। हुआवे ने प्रतिबंध के बावजूद ईरान को उपकरण बेचे थे। मामला हल होने के बाद वह एयर चाइना के प्लेन से हुआवे के मुख्यालय शेनझेन के लिए रवाना हो गईं। मेंग की इस मामले में सहमति के बाद भी अभी अमेरिका में हुआवे के खिलाफ मामला चलता रहेगा। माना जा रहा है यह मसला चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच पिछले दिनों हुई वार्ता के बाद सुलझा है। वार्ता के बाद दोनों ही नेताओं ने सार्वजनिक तनाव के मामलों को खत्म करने का संकेत दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e431546f2ef27ec97e96fd3340178f370bd1243 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + 2- वर्ष 2002 में भारत-अमेरिका के बीच हुआ अहम करार ।उन्‍होंने कहा कि इस कड़ी में वर्ष 2002 में भारत के तत्‍कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस का अमेरिका का दौरा काफी अहम रहा। इस दौरे में भारत और अमेरिका के बीच एक अहम करार हुआ था। दोनों देशों के बीच तकनीकी संबंधी जानकारी का आदान-प्रदान पर करार हुआ था। दोनों देशों के बीच इस करार के तहत तकनीक संबंधी जानकारी को गोपनीय रखने की शर्त भी शामिल थी। इस संधि की बुनियाद पर आगे चलकर भारत को अमेरिका से हथ‍ियार खरीदने में आसानी हुई। + +6- भारतीय अमेरिकी लोगों की अग्रणी भूमिका।उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों में भारतीय अमेरिकी लोगों की अग्रणी भूमिका रही है। अमेरिका की राजनीति में भारतीय अमेरिकी लोगों की प्रभावशाली भूमिका रही है। वह एक महत्‍वपूर्ण वोट बैंक के रूप में उभर कर सामने आए हैं। अमेरिका में उनकी बड़ी आबादी के अलावा वह काफी शिक्षित और बेहद अमीर हैं। इस वक्‍त 50 लाख से ऊपर भारतीय अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ हैं। भारतीय अमेरिकी पैरवी का ध्‍यान भारत की समस्याओं की ओर झुका है। अप्रवासन कानून के संबंध में, भारतीय प्रवासियों ने यू.एस की 1965 अप्रवासन नीति में भारतीयों के लिए अप्रवासन कानूनों के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं की प्रशंसा करके भारतीय अमेरिकी लोगों की राजनीतिक भागीदारी पर प्रकाश डाला था। इसके बाद अमेरिकी राजनीति में भारतीय अमे‍रिकी का प्रभाव बढ़ रहा है। ।भारत-US के बीच अहम समझौते।2002: सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा।2008: भारत-अमेरिका परमाणु समझौता ।2016: लाजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम आफ एग्रीमेंट ।2017: भारत-अमेरिका सामरिक उर्जा भागीदारी ।2018: संचार संगतता और सुरक्षा समझौता ।2019: आतंकवाद विरोध पर द्विपक्षीय संयुक्त कार्यदल की बैठक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d76e722b46090d401435bc06d66baf1521d7c0b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चौटाला ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, जनता दल यू के महासचिव केसी त्यागी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अलावा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को जींद की रैली में आमंत्रित किया है। नीतीश स्वयं तो नहीं पहुंचेंगे, लेकिन उनके प्रतिनिधि केसी त्यागी रैली में शिरकत करेंगे। रैली में शामिल होने वाले इन नेताओं की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखें तो अधिकतर के सामने भाजपा के विरुद्ध तीसरे मोर्चे का गठन करने से ज्यादा अपना खुद का कुनबा बचाए रखने की बड़ी चुनौती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58a177023e31dbd4f61d655a90d44278c3d00ac2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, संजीव जैन। प‍िछले एक महीने से महंगाई की आग में खौल रही सरसों के नखरे सोयाबीन ने कम कर द‍िए हैं। सोयाबीन की नई बेहतर फसल आने व वायदा बाजार एनसीडीईएक्‍स पर अक्‍टूबर माह का भाव 5880 रुपये प्रति क्विंटल होने से सरसों के दाम शन‍िवार को 9900 रुपये प्रति क्विंटल से ख‍िसकर 8000 रुपये पर आ गए हैं। सरसों के तेल पर भी इसका असर पडा है। थोक भाव 188 प्रत‍ि लीटर से घटकर 182 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। हालात यही रहे तो सरसों के तेल के दाम में और ग‍िरावट आ सकती है। ।आगरा आयल मिल के प्रबंध न‍िदेशक कुमार कष्‍ण गोपाल, कारोबारी ब्रजमोहन अग्रवाल व द‍िनेश गोयल के अनुसार सरसों का तेल थोक में 25 स‍ितंबर 2021 यानी शन‍िवार को 180 से 182 रुपये प्रति लीटर रहा। र‍िटेल बाजार में यह भाव 190 रुपये प्रति लीटर तक है। 15 जून 2021 को सरसों के तेल के दाम थोक में 145 रुपये प्रत‍ि लीटर रहे लेक‍िन मंडी में मांग के सापेक्ष सरसों की आवक कम होने के कारण तेल के दाम बढने लगे। 13 अगस्‍त 2021 को सरसों के तेल का दाम थोक में 152 से 155 रूुपये प्रत‍ि लीटर था, जो इसके बाद लगातार बढ़ रहा था। उन्‍होंने बताया क‍ि आगरा में सरसों की दो बडी मंडी खेरागढ़ मेंं कागारौल रोड व किरावली मंडी है। यह दोनों मंडी शन‍िवार को बंद रही पर शुक्रवार को भाव 8000 रुपये पर बंद हुए। कागारौल मंडी के सच‍िव वीरेन्‍द्र स‍िंंह के अनुसार शन‍िवार को मंडी बंद रही। शुक्रवार को मात्र 4 टन सरसों की आवक हुई तो अगस्‍त माह में सामाान्‍यतया प्रत‍ि‍द‍िन 10 से 17 टन रोज आवक रही है। कमोवेश यही हालत क‍िरावली मंडी की है। उन्‍होेंने बताया क‍ि सरसों की कम आवक के चलते सरसों तेल महंगा होने की बात से इंकार नही क‍िया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..194e503da2a5dad900079a731417dcf5d2d98750 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6688.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के गलियारों से एक बुरी खबर आई है। मशहूर संगीतकार दिवंगत खय्याम साहब की पत्नी जगजीत कौर का निधन हो गया है। जगजीत कौर का रविवार की सुबह यानी 15 अगस्त के दिन देहांत हो गया। जगजीत कौर लंबे वक्त से बीमार थीं जिसके बाद उन्होंने आज 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। जगजीत कौर के निधन से बॉलीवुड के गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। + +बात करें जगजीत कौर के वर्कफ्रंट की तो उन्होंने कई गानों को अपनी आवाज दी थी। जगजीत ने 1964 में रिलीज हुई फिल्म 'शगुन' के गाने 'तुम अपना रंजो-गम, अपनी परेशानी मुझे दे दो' को आवाज दी थी। ये गाना उस समय में काफी हिट हुआ था। वहीं फिल्म बाजार का 'देख लो आज हम को जी भर के', 1961 में रिलीज हुई फिल्म शोला और शबनम का गाना 'पहले तो आंख मिलाना' को भी अपनी आवाज दे चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34070fe7622aa45dc2b08103f2506ca30c18ebd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बाहरी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए गैंगवार में दिल्ली-हरियाणा का बड़ा गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी मारा गया, लेकिन इस हत्याकांड को लेकर कई तरह की कहानियां मीडिया में तैर रही हैं। कहा जा रहा है कि सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और गैंगवार में मारे गए जितेंद्र मान उर्फ गोगी में दोस्ती थी, लेकिन वर्ष 2010 में छात्र संघ चुनाव के दौरान अनबन हो गई। कुछ समय बाद यह अनबन इस कदर दुश्मनी में तब्दील हुई कि गैंगवार में 20 से अधिक लोगों की जान चली गई। कहा जा रहा है कि ।गोगी की हत्या में टिल्लू का हाथ !।इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस गैंगवार और हत्या के पीछे जितेंद्र मान उर्फ गोगी के खास रहे टिल्लू ताजपुरिया का हाथ है। पता चला है कि जितेंद्र मान और सुनील मान के बीच 2010 में एक छात्र संघ चुनाव के दौरान जंग शुरू हुई। इसके बाद दोनोें गैंग के लोगों ने एक-दूसरे के लोगों की हत्या की।जितेंद्र मान उर्फ गोगी को रोहिणी कोर्ट में गोलियों से भून देना, इसी गैंगवार को हिस्सा था। ऐसे में खतरा अब टिल्लू ताजपुरिया पर भी मंडरा रहा है। ।जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद दिल्ली और हरियाया के कुछ हिस्सों में अब  टिल्लू ताजपुरिया गैंग का आतंक बढ़ने का खतरा है। दरअसल, जून 2018 में बुराड़ी में टिल्लू गैंग से हुई गैंगवार में 4 लोग मारे गए हैं। नरेला में अक्टूबर 2019 में आम आदमी पार्टी के नेता वीरेंद्र मान उर्फ कालू की 26 गोलियां मार कर जान ली। ।मंडावली जेल में सुरक्षा कड़ी।दिल्ली-एनसीआर के कुख्यात गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या में सुनील उर्फ टिल्लू गिरोह के बदमाशों का नाम आते ही तिहाड़ जेल प्रशासन की निगाहें मंडोली जेल परिसर पर जा टिकी हैं। मंडोली जेल परिसर में ही हाई सिक्योरिटी वार्ड में गिरोह का सरगना टिल्लू ताजपुरिया बंद है। शुक्रवार दोपहर बाद से इस वार्ड की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। शनिवार को भी जेल में कड़ी सुरक्षा देखी गई। उधर, जेल सूत्रों का कहना है कि भले ही जितेंद्र मान उर्फ गोली की हत्या जेल परिसर में नहीं हुई है, लेकिन इस तरह के मामले के बाद जेल में भी तनाव बढ़ जाता है। तनाव भरे माहौल के बीच सुरक्षा को लेकर कहीं कोई चूक नहीं हो, इस बात के लिए जेल महानिदेशक की ओर से अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद तमाम कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था पर चौबीस घंटे निगाह रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0f382491f39cc434eb486cbd702c29fb21ab364 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, राज्य ब्यूरो। Medical Device Park, हिमाचल प्रदेश समेत चार राज्यों में मेडिकल उपकरण पार्क लगाने को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व तमिलनाडु में मेडिकल डिवाइस पार्क खुलेंगे। इन चार पार्क के निर्माण के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे और केंद्र व राज्य के सहयोग से इन मेडिकल उपकरण पार्क को विकसित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के स्थापित होने से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें पांच हजार करोड़ का निवेश होगा और इससे 20 हजार करोड़ का कारोबार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e496bb40f9ccbab2a74138f21185b3641a44ab39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएएस की परीक्षा पास करके क्षेत्र का नाम किया रोशन।उधर, झगड़ोली के कमल शर्मा सुपुत्र सुभाष चंद शर्मा ने शुक्रवार को घोषित आइएएस की परीक्षा पास करके क्षेत्र का नाम रोशन किया है उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में यह मुकाम हासिल किया पेशे से इंजीनियर कमल शर्मा ग्राम झगड़ोली में एक किसान परिवार में जन्म लेकर यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अपनी 12वीं की परीक्षा यदुवंशी शिक्षा निकेतन से तथा एनआइटी सिलचर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता गुरुजनों तथा ग्राम वासियों को दिया। उन्होंने गांव के पहले आइएएस प्रथम कोशिक से प्रेरणा ग्रहण करके मुकाम हासिल किया आइएएस की परीक्षा में उन्होंने 659वां रैंक हासिल किया। उनको बधाई देने वालों में नरेंद्र कौशिक डीइटीसी, प्रवक्ता महेश कुमार शर्मा, मदन मोहन कौशिक ताराचंद शर्मा सुंदरलाल शर्मा अमित शर्मा सुमित शर्मा विष्णु भगवान शर्मा प्रमुख रहे उन्होंने कमल शर्मा को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66885.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8de5ca3a7aa9f57cace6b62529f4a1a18173925d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66885.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाशिंगटन पहुंच गए हैं। अमेरिका के विभिन्न शहरों में बसे आगरावासियों को अब अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटें खुलने की आस बंधी है, जिससे वो दो साल बाद अपनों से मिल सकेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण काल में अंतरराष्‍ट्रीय फ्लाइट्स बंद होने के बाद भारतीय अपने वतन में होने वाले किसी भी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने नहीं आ पा रहे हैं और न ही यहां से उनके परिजन उनसे मिलने के लिए जा पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c91ee0c4f55b3356231aebd0bc8fe3972fc1e4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शातिर गोगी नहीं करता था मोबाइल का इस्तेमाल।पुलिस को उसकी लोकेशन का पता न चल सके इसके लिए वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था। बदमाशों ने फर्जी नाम से अपने कई फेसबुक अकाउंट बना रखे थे। उस पर वे समय-समय पर हथियार के साथ अपना फोटो पोस्ट करते थे, ताकि विरोधी गिरोह को उनकी ताकत का पता चलता रहे। गोगी की गिनती दिल्ली के टाप-5 बदमाशों में थी। उसके जितना ही कुख्यात नीतू दाबोदिया को स्पेशल सेल दस साल पहले मुठभेड़ में मार चुकी है, जबकि गैंगस्टर नीरज बवानिया और सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया जेल में हैं। गोगी पिछले छह वर्षों से काफी सक्रिय था। गिरफ्तारी से पहले स्पेशल सेल ने उस पर मकोका भी लगा दिया था, ताकि लंबे समय तक वह जेल से नहीं निकल पाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7792120c66389f0c9871692fc827bfd548f5ab51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। टेलीविजन धारावाहिक 'कहीं तो होगा' में सूजल का किरदार निभाकर राजीव खंडेलवार ने घर- घर में अपनी पहचान बना ली थी। जिसके बाद राजीव खंडेलवाल ने बॉलीवुड की ओर रुख कर लिया। हालांकि उनका करियर कुछ खास सफल नहीं रहा। बॉलीवुड में पहचान बनाने के चक्कर में उन्होंने टेलीविजन से भी दूरी बना ली। हालांकि उनकी फैन फॉलोइंग अब भी उसी तरह से बरकरार है। अब राजीव खंडेलवाल के फैंस उन्हें Bigg Boss में देखना चाहते हैं। अपने प्रशंसकों की इस चाहत पर राजीव ने खुद जवाब भी दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dba985c65738ee539c5d7106e3c2f79ff7cdf98b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66891.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमन अग्रवाल। Success Mantra ‘पेड़ काटने के पूर्व कुल्हाड़ी की धार देखने की आवश्यकता होती है। इसलिए जब आठ घंटे में पेड़ काटना हो, तो छह घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाने पर सफलता प्राप्‍त होने के अवसर बढ़ जाते हैं।' मशहूर उद्योगपति रतन टाटा की यह बात आज के समय में एक सफल प्रोफेशनल लाइफ के लिए बिल्कुल फिट बैठती है। ऐसा इसलिए कि कोरोना काल में प्रोफेशनल लाइफ में सफल होने और बेस्ट परफार्मर बनने के पैमाने में काफी बदलाव आ गया है। + +अब वह वक्‍त नहीं रहा, जब आप सफलता के लिए घंटों काम में जुटे रहते थे, रात-दिन एक कर देते थे, खून पसीना बहाते थे, फिर भी अंत में सफलता बस आपको छूकर चली जाती थी। इसका मतलब यह भी नहीं है कि आपको अब मेहनत करने की जरूरत नहीं है, लेकिन कड़ी मेहनत का मतलब 24 घंटे काम को लेकर जूझते रहना नहीं है, बल्कि बदलते वक्‍त के साथ काम करने के तरीके में बदलाव लाने के साथ-साथ तकनीक के सही इस्तेमाल की जरूरत है। आम भाषा में अगर कहें तो अब हार्ड वर्क से नहीं, बल्कि स्मार्ट वर्क से क्वालिटी आउटपुट देने का समय है। आज के समय में हर कंपनी अपने कर्मचारियों से यही उम्मीद करती है कि वे कम समय में बेहतर परिणाम दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca284fb0ae3814c402eed0a156a1cd28724c74ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66892.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आज भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, जिसकी 62 फीसद से अधिक आबादी कामकाजी आयु वर्ग (15-59 वर्ष) का है और हमारी कुल आबादी का 54 फीसद से अधिक हिस्‍सा 25 वर्ष से कम आयु का है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2022 तक भारत में जनसंख्या की औसत आयु 29 वर्ष होगी, जबकि संयुक्‍त राज्य अमेरिका में 40 वर्ष, यूरोप में 46 वर्ष और जापान में 47 वर्ष होगी। इस तरह से देखा जाए तो युवा आबादी की दृष्टि से भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे आगे होगा। परंतु आज का युवा तेजी से बेचैन होता जा रहा है और विषमताओं को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहा है। किसी न किसी रूप में चुनौतियां हर समय होती हैं, लेकिन किसी भी विपरीत स्थिति के बाद युवाओं को अपने हालात का मूल्यांकन कर यह तय करना चाहिए कि इनमें से किन चीजों को वे नियंत्रित कर सकते हैं। फिर उन्हीं चीजों पर फोकस करना चाहिए, जिन्हें वे नियंत्रित कर सकते हैं। साथ ही मौजूद संसाधनों और विकल्पों की भी पूरी जानकारी रखनी चाहिए। + +कौशल राजधानी की ओर कदम: अपनी युवा आबादी के साथ भारत दुनिया की कौशल राजधानी बन सकता है और बनना भी चाहिए। एक अत्यधिक कुशल और उत्पादक कार्यबल विकसित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम नई शिक्षा नीति (एनईपी) की घोषणा है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है। भारत सरकार द्वारा जिस 'मेक इन इंडिया', 'स्किल इंडिया' व ‘वोकल फार लोकल' जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत हुई है, उससे देश में निवेश, निर्माण तथा नये रोजगार सृजन को बल मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d555d50d6a909dbad7d458472799f16df78b5225 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रखर के पिता केदार सिंह सीआरपीएफ के सेवानिवृत इंस्पेक्टर हैं तो मां सविता देवी सैदनगर ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल पैगा में प्रधानाध्यपिका हैं। प्रखर शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। बचपन से ही वह दयावती मोदी अकेडमी रामपुर में पढ़े। 2015 में उन्होंने 12वीं परीक्षा में जिला टाप किया। इसके बाद 2019 में आइआइटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। पिछले साल सिविल सेवा की तैयारी के लिए कोचिंग करने का इरादा किया, लेकिन कोरोना काल में लाकडाउन लगने के कारण बाहर नहीं जा सके। घर पर रहकर ही सिविल सेवा की तैयारी की। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। अप्रैल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का रिजल्ट आया तो उसमें 19वीं रैंक हासिल की। कोरोना महामारी की वजह से पीसीएस की ट्रेनिंग भी शुरू नहीं हो सकी। अब 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। लेकिन, इससे पहले ही शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग का रिजल्ट आ गया। इसमें भी प्रखर ने देशभर में 29वीं रैंक हासिल की है। प्रखर का कहना है कि उन्होंने घर पर रहकर ही तैयारी की। लगातार 14 घंटे पढ़ाई की। किताबों के साथ ही इंटरनेट का भी फायदा उठाया। यूपीएससी की परीक्षा में उनका विषय इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66895.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..714158f7a7cefc6a6e9149709864fb3878a6e8d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66895.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। अब भले दिल्ली में दरवाजों का इतिहास चुनिंदा दरवाजों में सिमट कर रह गया है। लेकिन कभी शाहजहांनाबाद के 14 के अलावे दिल्ली 52 द्वार में थी। इतिहास के पन्नों में उनके बनने की कहानियां और नामों के पीछे के तर्क हैं लेकिन अब वे दरवाजे केवल इतिहास के अलावा कुछ नहीं हैं। अब जो ऐतिहासिक धरोहर बची है उसे संरक्षित करने की कोशिशें हो रही हैं। इससे उम्मीद जगती है कि इतिहास के गर्भ से और दरवाजे भी मिलें। फिलवक्त दिल्ली गेट, अजमेरी गेट, तुर्कमान गेट, लाहौरी गेट (अब सिर्फ नाम का दरवाजा), त्रिपोलिया गेट, शेरशाह गेट को पुनर्जीवित करने में पुरातत्व विभाग जुटा है। सबरंग के इस अंक में दरवाजों के इतिहास से रूबरू करा रही हैं प्रियंका दुबे मेहता :।शाहजहांनाबाद के चौदह दरवाजों के अलावा शहर में 52 दरवाजे होते थे। जो शाहजहांनाबाद के पहले, तो कुछ बाद के शासकों द्वारा बनाए गए थे। इतिहासकार सोहेल हाशमी का कहना है कि दिल्ली दरवाजे से शुरू करें तो घड़ी की सुई की दिशा में चलने पर दिल्ली दरवाजे के बाद तुर्कमान दरवाजा, अजमेरी दरवाजा, लाहौरी दरवाजा, काबुली दरवाजा, बदरौ दरवाजा (बद-गंदा, रौ- नाला, बाद में मोरी गेट कहलाया।) कश्मीरी, निगमबोध, केला घाट, बेला घाट, पत्थरघटी, पानी, राजघाट दरवाजा पड़ते हैं। यह सब जमुना(यमुना) की तरफ खुलते थे। बाद में 1911 में कलकत्ता(अब कोलकाता) के दिल्ली आए अंग्रेजों ने एक कलकत्ता दरवाजा जोड़ा था जो हनुमान मंदिर के पास, जमुना बाजार में था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d601f052d5c33b7bf1cf5934e13fc4586c8dd8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66897.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का फोकस बूथ पर होगा। पार्टी के आक्रामक चुनाव अभियान के केंद्र में मोदी-योगी होंगे। चुनाव से पहले पार्टी कई विशेष अभियानों के जरिये घर-घर दस्तक देकर केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाएगी। अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान भाजपा की सत्ता में वापसी की तैयारियों की थाह लेकर पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार शाम दिल्ली लौट गए जहां वह शीर्ष नेतृत्व को समीक्षा के निष्कर्षों की जानकारी देंगे। + +वापसी से पहले शुक्रवार को धर्मेंद्र प्रधान ने प्रदेश संगठन के नेताओं के साथ चुनावी तैयारियों की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू किये गए सेवा-समर्पण अभियान, बूथ विजय अभियान, प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन सहित मौजूदा कार्यक्रमों और आगामी कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। चुनावी तैयारियों में सबसे ज्यादा जोर बूथ प्रबंधन पर होगा। पार्टी की ओर से संचालित किये जा रहे बूथ विजय अभियान, पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति और सम्मेलनों के साथ ही 26 से दो अक्तूबर के बीच प्रस्तावित जनसंपर्क अभियान को धारदार बनाने के तौर-तरीके पर मंथन हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a72470dde49d218faf6b286fa344720b22d1543 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संक्रमण फैलने के बाद रेलवे ने 22 मार्च 2020 से देश भर में सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था। कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद रेलवे ने एक जून 20 में सीम‍ित संख्या में स्पेशल ट्रेनों को चलाना शुरू किया था। इसका नंबर शून्य से शुरू होता है, इसका किराया सामान्य ट्रेनों से 15 फीसद अधिक रखा गया। रेलवे ने  अक्टूबर 2020 से देश भर में पांच सौ स्पेशल, क्लोन, एसी स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। इन ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनें के किराए से 15 से 50 फीसद तक अधिक है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद मार्च 2021 से ट्रेनों की संख्या कम कर दी गई थी। जून 2021 से कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद सभी एक्सप्रेस, मेल ट्रेनों का संचालन स्पेशल, एसी स्पेशल व क्लोन ट्रेन के नाम से शुरू कर दिया है। कुछ पैसेंजर ट्रेनें चलाईं गईं। पैसेंजर ट्रेनों का किराया एक्सप्रेस की बराबर है। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद नियमित ट्रेनें चलाने की मांग यात्रियों द्वारा की जा रही है। ।रेलवे ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 जून 2022 तक स्पेशल, क्लोन व नियमित ट्रेनें ही चलेंगी। एक जुलाई के बाद नियमित ट्रेनें चलााईं जा सकती हैं। इसके साथ ही रेलवे स्पेशल, क्लोन, एसी स्पेशल ट्रेनों का अस्थायी टाइम टेबिल बना रहा है। इसके लिए टाइम टेबिल बनाने वाले टीम को दिल्ली बुलाया गया है। अस्थायी समय सारणी 30 जून 2022 तक लागू रहेगी। वरिष्ठ परिवहन प्रबंधक (टाइम टेबिल) कविता अग्रवाल ने 22 सितंबर को पत्र जारी किया है कि एक जुलाई से दिल्ली-टनकपुर के बीच चलने वाली पूर्णगिरी एक्सप्रेस का नंबर बदलकर 1203-12036 और दिल्ली-कोटद्वार के बीच चलने वाली सिद्धबली जनशताब्दी का नंबर 12037-12038 हो जाएगा। वर्तमान में दोनों ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनों के नंबर से चलती हैं। नियमित ट्रेनें चलते ही दोनों ट्रेनों का नंबर बदल कर शताब्दी वाला हो जाएगा। जिसके बाद में किराया भी बढ़ जाएगा प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि स्पेशल, क्लोन ट्रेनों का टाइम टेबिल तैयार किया जा रहा है, उम्मीद है कि पहली अक्टूबर से लागू हो जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bad5cb4c7292b407c908064143acf6e22a823b9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर फिल्म 83 और थलैवी के निर्माता विष्णु वर्धन इंदुरी ने 'आजाद हिंद' नामक फिल्मों की फ्रेंचाइजी बनाने की घोषणा की हैl इसके माध्यम से वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी लेकिन इतिहास में खो गए अनकहे योद्धा की कहानी बताएंगेl आजाद हिंद फ्रेंचाइजी के अंतर्गत पहली फिल्म वीरांगना दुर्गा देवी पर आधारित होगीl।दुर्गा देवी स्वतंत्रता सेनानी थीl जिनसे भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद भी प्रभावित थेl दुर्गा देवी की भूमिका के लिए निर्माता किसी ए लिस्ट अभिनेत्री की खोज कर रहे हैंl दुर्गावती देवी दुर्गा भाभी के नाम से इतिहास में अमर हैl उन्होंने अदम्य साहस और शक्ति का प्रदर्शन किया थाl उन्होंने ब्रिटिश राज से लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थीl उन्होंने भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर कई क्रांतिकारी गतिविधियों को भाग लिया थाl।Celebrating 75th Year of Indian Independence, Our next Feature Film Franchise titled #AzadHind as a tribute to the Unsung Heroes of Indian Independence Fight who are lost in history. @vishinduri @Brindaprasad1 @vibri_media #DurgawatiDevi pic.twitter.com/OFIQeFWsJt।दुर्गावती देवी को ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस ब्यूरो MI5 'अग्नि ऑफ इंडिया' कहता थाl भारत की स्वतंत्रता के बाद दुर्गावती देवी ने साधारण नागरिक की तरह गाजियाबाद में गुमनाम जिंदगी जीना पसंद कियाl उन्होंने गरीब बच्चों के लिए स्कूल शुरू किएl दुर्गावती देवी का निधन गाजियाबाद में 1999 में 92 वर्ष की आयु में हो गयाl इस दमदार भूमिका को निभाने के लिए निर्माता किसी बड़ी अभिनेत्री के नाम की चर्चा कर रहे हैंl इस फिल्म को लेकर और भी कई घोषणाएं होगी लेकिन अभी वह शुरुआती दौर में हैl भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अमर बलिदानियों को 75 वें स्वतंत्रता के अवसर पर ऐसा कर श्रद्धांजलि देने का प्रयास किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a34812db68805d1a72cc0e1738d43735c6b1320e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66900.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लेकिन जगमोहन जुटे रहे, पुराने किले में लोग लकड़ी की टालें और कोयला डिपो चलाते थे, उन्हेंं हटाया गया। डीडीए के उपाध्यक्ष बने तो दिल्ली में ग्रुप हाउसिंग स्कीम लांच की गईं, मयूर विहार और वसंत कुंज जैसे इलाके बने। लोगों को मदनगीर, दक्षिणपुरी और त्रिलोकपुरी में बसाया गया। दिल्ली में हाउसिंग योजना देखकर तो मार्गेट थैचर तक ने इंदिरा गांधी को लिखकर तारीफ की थी। + +हर किसी के लिए रहे खास।तभी तो जिसे इंदिरा गांधी ने सबसे युवा उपराज्यपाल बनाया, पद्मश्री दिया। भाजपा ने नई दिल्ली से राजेश खन्ना के खिलाफ टिकट दिया, फिर काका यानी राजेश खन्ना को 58000 वोट से हराया और दो बार आरके धवन को भी। अटल जी ने केंद्रीय मंत्री बनाया, मोदी जी ने पद्म विभूषण दिया। कश्मीर के दो बार राज्यपाल रहे, गोवा दमन-दीव के भी, वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की स्थापना हो, बेनजीर भुट्टो का बयान कि 'जगमोहन को भागमोहन बना देंगे' या फिर कश्मीर में उनके पहुंचते ही फारुख अब्दुल्ला का इस्तीफा, से ही आप समझ सकते हैं कि जगमोहन से क्यों लोग परेशान थे। तभी तो 370 हटाने के बाद जिन प्रमुख व्यक्तियों से अमित शाह दिल्ली में मिले, उनमें जगमोहन भी थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d0a101d1348926c36cb25ecadb411125a602f6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]।  अगर आप कुछ ठान लें और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता है। यह साबित कर दिखाया है दक्षिण दिल्ली इलाके के कालकाजी के गिरी नगर निवासी ममता यादव ने। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के फाइनल परिणाम 2020 में ममता यादव ने पांचवीं रैंक हासिल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ed217192f6b8f832800b7b1bcd93dc3999e32fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंकिता जैन ने 'जागरण' को फोन पर बताया कि उन्होंने दिल्ली के विक्टोरिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 10वीं की परीक्षा 91.6 फीसद और 12वीं की परीक्षा 94 फीसद से पास की। दिल्ली टेक्नीकल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। जब वह कक्षा आठ में थीं, पापा तभी से उन्हें आइएएस अफसर बनने के लिए प्रेरित करते थे। कहते थे कि कलक्टर बनना है। और, देखो कि आज मुझे कामयाबी मिल गई। अंकिता ने बताया कि चौथे प्रयास में ये सफलता पाई है। वह 2017 से यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98e4bd88cfdfc1f5334db2728486737686e3bfd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [आलोक शर्मा]। रेलवे स्टेशन पर कुली कई बार यात्रियों का सामान उठाने का मनमाना किराया वसूल करते हैं। इसको लेकर अक्सर वाद विवाद भी होता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यात्रियों को मोबाइल एप पर कुली मिलेंगे और संख्या व वजन के हिसाब से किराया भी तय होगा। स्टेशन पर पहुंचकर यात्रियों को कुली नहीं ढूंढना होगा क्योंकि एप पर ही यह सुविधा आनलाइन मिल जाएगी जिसके बाद स्टेशन पर कुली खुद आपको ढूंढ लेगा। उत्तर रेलवे इस पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। अगले कुछ माह में ये सेवा देश भर में शुरू की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d1d42f753ca4e684f12dc93160d0a6a64a74bea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66905.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आज जब हम स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि वो कौन लोग थे जिन्होंने हिंदुस्तान को परतंत्र बनाए रखने के लिए दर्जनों युद्ध लड़े। जब मुगलों की सत्ता कमजोर होने लगी थी तो शाह आलम द्वितीय ने मिर्जा नजफ खां को अपना सेनापति बनाया था। मिर्जा नजफ खान ने मुगलों की सत्ता को फिर से स्थापित करने के लिए सेना को संगठित किया और दिल्ली के आसपास कई युद्ध लड़े। उसने जाट राजा नवल सिंह की सेना के साथ मैदानगढ़ी पर कब्जा करने के लिए युद्ध किया था। इस युद्ध में नजफ खान बुरी तरह से घायल हुआ लेकिन मैदानगढ़ी पर कब्जा करने में उसको कामयाबी हासिल हुई। नजफ खां यहीं नहीं रुका था उसने दिल्ली से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर रामगढ़ के किले पर कब्जे के लिए भी उस पर चढ़ाई की और कई दिनों के युद्ध के बाद उस पर कब्जा कर लिया। उसने रामगढ़ के किले पर कब्जा करने के बाद उसका नाम बदलकर अलीगढ़ कर दिया। तब से अलीगढ़ उसी के नाम से जाना जाता है। + +मिर्जा नजफ खान बहुत शातिर सैनिक था और वो जानता था कि साम्राज्य को बढ़ाने और उसको कायम रखने के लिए किन किन विधियों का उपयोग करना चाहिए। मुगल सल्तनत को दिल्ली में मजबूती देने के लिए उसने जासूसी का एक पूरा तंत्र विकसित किया था। उसके पास महल के अंदर की हर गतिविधि की जानकारी होती थी। यहां तक कि वो शाह आलम द्वितीय के हरम पर भी नजर रखता था। वो अपने विरोधियों को निबटाने के लिए खुफिया जानकारियों का उपयोग करता था। उसके जासूस आम जनता पर भी नजर रखते थे ताकि किसी तरह की विद्रोही गतिविधि से निबटा जा सके। नजफ खान को इस बात के लिए याद किया जाना चाहिए कि उसने दिल्ली के आसपास हुए स्थानीय विद्रोह को नाकाम किया, उसको रोका ताकि मुगलों का राज कायम रह सके। विदेशी आक्रांताओं को मदद और मजबूती देने वाले नजफ खान नाम पर स्वाधीन भारत में सड़क होना सालता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d86779517e29f8fc98f91dd87e561c2b8839fcd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66906.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) का पूर्वानुमान है कि शनिवार को भी बादल छाए रहेंगे। हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 33 और 25 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। यूं मौसम विभाग ने 30 सितंबर तक मानसून की सक्रियता ऐसे ही बने रहने का पूर्वानुमान दिया है। शनिवार और रविवार के लिए यलो जबकि महीने के बाकी दिनों के लिए ग्रीन अलर्ट जारी किया है। + +दिल्ली में कहां कितनी हुई बारिश (सुबह साढ़े आठ बजे तक और साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक)।एनसीआर की हवा संतोषजनक श्रेणी में बरकरार। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को भी एनसीआर में सभी जगह की हवा संतोषजनक श्रेणी में बरकरार रही। सफर इंडिया का कहना है कि बारिश की संभावना के मद्देनजर अभी सप्ताह भर वायु प्रदूषण में अधिक बदलाव की संभावना भी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8cf09216250fb35e9ec747eb423314238814e06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोर्ट की कार्यवाही के बीच हुई गोलबारी से मची भगदड़।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही चल रही थी। वकीलों सहित अन्य लोग अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठे थे। इन्हीं के बीच वकील के वेश में हमलावर भी आकर बैठ गए और दूसरे वकीलों के साथ बात करने लगे। इसी बीच अचानक से गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हुई तो कोर्ट रूम में भगदड़ मच गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66908.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66908.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bcccc8ffea70383374a6d0ff8247b56ff4f5815 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66908.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +23 मार्च 1986 को चौधरी देवीलाल ने जींद के हुडा ग्राउंड में समस्त हरियाणा सम्मेलन रैली करके न्याय युद्ध की शुरुआत की थी। उस रैली में हरियाणा की राजनीति में नया इतिहास रच दिया था। पूरे हरियाणा से लाखों की संख्या में लोग रैली में पहुंचे थे। पुराने समय के बुजुर्ग बताते हैं कि जब रैली खत्म हुई, उस समय भी जींद आने वाले लोगों की 20 किलोमीटर तक लाइन लगी हुई थी। लाखों लोग जींद शहर में थे और लाखों लोग रास्तों में फंसे हुए थे। + +देवीलाल के पोते अजय चौटाला और पड़पोते दुष्‍यंत चौटाला ने अपनी नई जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली थी। अब छोटे पोते अभय चौटाला की अगुआई में इनेलो आगे बढ़ रहk है। विधानसभा चुनाव में बेशक इनेलो एक सीट पर सिमट गई थी, लेकिन अभय पूरे आत्मविश्वास के साथ कहते हैं कि अगले चुनाव में प्रदेश की सियासी तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। इनेलो के कार्यकर्ता बहकावे में आकर दूसरी पार्टी में चले गए थे, अब वे दोबारा इनेलो में वापस आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4152d7869e9b70bdb3e7f85e69c4f41659818536 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Unique Invention in Kanpur  राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) की तकनीक से आइसक्रीम, चाकलेट, कन्फेक्शनरी, बेकरी समेत अन्य मीठे पदार्थ, दवाएं, सुगंध उद्योग, पशुओं के चारे, साफ सफाई के उत्पाद सस्ते हो सकते हैं। यहां के विशेषज्ञों ने गन्ने की खोई से वैनिलिन तैयार की है। इसका उपयोग वैनिला के फ्लेवरिंग एजेंट (स्वाद) के रूप में किया जाता है। । अब तक वैनिलिन का खपत वेनिला बीन से प्राप्त होती थी, लेकिन इसकी अधिक कीमत की वजह से मौजूदा समय में पेट्रोकेमिकल, बायोमास और लिग्निन से तैयार किया जा रहा है। गन्ने की खोई में 17 से 25 फीसद लिग्निन होता है। तकनीक को पेटेंट कराया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया जारी है। इसको दी शुगर टेक्नोलाजिस्ट एसोसिएशन आफ इंडिया के आगामी वार्षिक सम्मेलन में देश- विदेश के चीनी निर्माताओं के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ।निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि वेनिला बीन के अर्क से मिलने वाला वैनिलिन बेहद महंगा होता है। इसकी कीमत केसर के बाद दूसरे नंबर पर आती है। देश विदेश में वैनिलिन की बढ़ती मांग को देखते हुए अन्य स्रोतों से हासिल किया जा रहा है। संस्थान के कार्बनिक रसायन विभाग के डा. विष्णु प्रभाकर, डा. चित्रा यादव, ममता शुक्ला और अन्य सदस्यों ने दो साल की मेहनत से खोई से वैनिलिन तैयार किया। खोई में सेल्यूलोज, हेमी सेल्युलोज के अलावा लिग्निन होता है। इसको तैयार रासायनिक प्रक्रिया के बाद किया जाता है। ।खोई की कीमत दो रुपये प्रति किलोग्राम : प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि खोई की कीमत दो से ढाई रुपये प्रति किलोग्राम होती है। एक किलोग्राम वैनिलिन के उत्पादन में 400 किलोग्राम खोई की आवश्यकता पड़ती है। इसकी कीमत 800 से 1000 रुपये रहती है। एक किलोग्राम लिग्निन आधारित वैनिलिन का रेट साढ़े सात से 15 हजार रुपये प्रति किलोग्राम है। चीनी मिलें इसके उत्पादन से अतिरिक्त लाभ कमा सकती हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69c1963f1b0e1a8a102bdf5e716e3a5f39312638 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66917.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जापान अगले वर्ष से बड़े पैमाने पर भारत के प्रशिक्षित श्रमिकों को बुलाना शुरू करेगा। दोनों देशों के बीच कुछ वर्ष पहले इस बारे में समझौता हुआ था जिसके तहत जापान भारत में खास तौर पर प्रशिक्षित किए गए एक लाख पेशेवरों को अपने यहां रोजगार पर रखेगा। इस बात की जानकारी जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने वाशिंगगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में दी। दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी। उनके बीच वैसे तीन बार टेलीफोन पर बातचीत हुई है। इसमें द्विपक्षीय रिश्तों के सभी आयामों पर काफी गहराई से वार्ता हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..397d3103675e4c4eac555f69b8fda2c450cd4185 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। वर्ष 2019 में पीएम उज्जवला योजना को बंद कर दिया गया था। तब तक आगरा में 2.40 लाख कार्ड धारकों को कनेक्शन दिया गया था। उज्ज्वला योजना और उज्जवला एक्सटेंशन के तहत पात्रों का चयन हुआ था। अब दूसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन आगरा में योजना को संस्तुति का इंतजार है। प्रवासी के लिए उज्जवला कनेक्शन देने की शुरुआत हो गई है। वहीं अन्य आवेदकों का ई-केवाईसी अनिवार्य है, जिसकी प्रक्रिया कराई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dc20d227060cd961dfaf9b2c8813538d3c5c137 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन/वाराणसी,  जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और क्वाड नेताओं को वाराणसी में निर्मित अनोखा उपहार दिया। एक आयोजन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उनके दादा, पीवी गोपालन से संबंधित पुरानी सूचनाओं की एक प्रति लकड़ी के हस्तशिल्प के फ्रेम में भेंट की। पीवी गोपालन देश के एक वरिष्ठ और सम्मानित सरकारी अधिकारी थे जिन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28da60bdf7a3141d03b2cfc23bfe1321d266aa3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66923.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चेन्नमा का जन्म 23 अक्टूबर 1778 ई. में काकतीय राजवंश में कर्नाटक राज्य के बेलगावी जिले के काकती ग्राम में हुआ था। पिता धूलप्पा एवं माता पद्मावती ने उनका पालन पोषण राजकुल के युवराज की भांति किया। छोटी सी आयु में ही चेन्नमा घुड़सवारी, तलवारबाजी एवं तीरंदाजी के साथ-साथ युद्ध कौशल में भी निपुण हो गईं। महज 15 वर्ष की आयु में ही उनके द्वारा ग्रामीणों को बचाने के लिए बाघ का शिकार किया गया। इस साहसिक कार्य से प्रभावित होकर कित्तूर राज्य के राजा मल्लसर्ज देसाई ने चेन्नमा से विवाह का प्रस्ताव उनके पिता के पास भेजा। प्रस्ताव स्वीकृति के पश्चात उनका विवाह राजा मल्लसर्ज से हुआ और इस तरह चेन्नमा कित्तूर की रानी बन गईं। राजा मल्लसर्ज राज्य के शासन संबंधी कार्यों में भी रानी की राय लिया करते थे। कुछ समय पश्चात चेन्नमा ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम रुद्रसर्ज रखा गया। + +डाक्ट्रिन आफ लैप्स नीति के तहत अंग्रेज कित्तूर साम्राज्य को हड़पने के लिए अपनी योजना बनाने लगे, किंतु रानी चेन्नमा अंग्रेजों की धूर्ततापूर्ण चालों से भलीभांति परिचित थीं। उन्होंने समय न गंवाते हुए बड़ी रानी रुद्रम्मा के पुत्र शिवलिंगप्पा को गोद लेकर सिंहासन पर बिठा दिया और नवनियुक्त राजा तथा साम्राज्य की संरक्षिका के रूप में कार्य करने लगीं। अंग्रेजों को यह बात नागवार गुजरी और लार्ड एलफिंस्टन ने दत्तक पुत्र शिवलिंगप्पा को राजा की मान्यता देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही रानी चेन्नमा को आत्मसमर्पण करके कित्तूर का अंग्रेजी साम्राज्य में विलय करने को कहा। इसके प्रत्युत्तर में चेन्नमा ने लार्ड एलफिंस्टन को स्पष्ट शब्दों में संदेश भिजवाया कि जब तक मेरे शरीर में रक्त की एक भी बूंद शेष है। कित्तूर साम्राज्य को अंग्रेजी दासता की बेडिय़ों में जकडऩे नहीं दूंगी। राज्य के उत्तराधिकारी का निर्णय राज्य का आंतरिक विषय है। कंपनी सरकार इसमें हस्तक्षेप न करे तो बेहतर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39ba0a9d2ee96440aaa0bcab18114eabb03bd4ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66925.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उसके बाद दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी पर गए बदमाश इरफान उर्फ छेनू पहलवान पर चार युवकों ने कोर्ट में जानलेवा हमला किया था। इस हमले में सिपाही की मौत हो गई तथा छेनू गंभीर रूप से घायल हुआ है। हालांकि चारों आरोपी पुलिस ने पकड़ लिए हैं, लेकिन इस हमले के पीछे दो साल पहले अमरोहा में हुई गैंगवार को माना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8971460f22a0c2d0e68171da22ec88191567e2e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Air Pollution News प्रदूषण की बढ़ती समस्या से दुनिया हलकान है। सिर्फ वायु प्रदूषण से हर साल लाखों लोगों की असमय मौत हो जाती है। दुनिया के कीमती मानव संसाधन को बचाने के लिए 16 साल बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायु प्रदूषण के मानकों में बदलाव किया है। नए मानकों के अनुसार दुनिया का कोई भी देश प्रदूषण के आदर्श पैमाने पर खरा नहीं उतरता। अपने नए दिशानिर्देश में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए और गंभीर होने को कहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को रोका जा सके। ।भयावह।नाइट्रोजन डाईआक्साइड गैसीय प्रदूषक।बड़ा खतरा।ऐसे कम कर सकते हैं उत्सर्जन।पीएम 2.5 के मानकों में किए बदलाव।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66928.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..897541fd047c34f0b53d7ce2cbb490d021770f0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66928.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Captain Amrinder Singh VS Congress: पंजाब कांग्रेस की कलह शांत करते-करते पार्टी का राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व खुद विवाद में फंस गया है। कांग्रेस में अब 'गुस्‍सा और अपमान' पर जंग छिड़ गई है। पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता की राजनीति और गुस्‍से पर दी गई नसीहत पर कांग्रेस आलाकमान पर ही पलटवार कर दिया है। कैप्‍टन ने कांग्रेस नेतृत्‍व से सवाल किया है- राजनीति में गुस्‍से के लिए जगह नहीं है तो क्‍या जलालत के लिए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ff862bd1c988074741a2e0369bcf5d93f48ffee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66931.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर हाईस्कूल और कनिष्ठ तृतीय श्रेणी के कर्मचारी के पद पर इंटरमीडिएट शैक्षिक योग्यता के आधार पर भर्ती की जाती है। लेकिन गैंगमैन जैसे पद पर स्नातक पास उम्मीदवार आवेदन करते हैं, जिसका चयन भी हो जाता है। इसी तरह से कनिष्ठ लिपिक, सहायक चालक के पद पर इंटर या समकक्ष योग्यता की आवश्यकता होती है। स्नातक की उपाधि वाले गैंगमैन रेलवे लाइन की मरम्मत के काम में रुचि नहीं रखते हैं, इससे रेलवे का काम प्रभावित होता है। दूसरी ओर मालगाड़ी की लगातार संख्या बढ़ाने के लिए गार्ड की कमी हो गई है। पिछले दिनों सहायक चालक से गार्ड की ड्यूटी कराने के आदेश जारी क‍िए गए थे। इसका रेल कर्मचारियों ने विरोध भी किया था। रेल प्रशासन ने शैक्षिक योग्यता के आधार पर सामान्य विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन क‍िया था। इसमें स्नातक पास चतुर्थ व कनिष्ठ रेल कर्मचारी को गार्ड बनाने का मौका दिया था। रेलवे में गार्ड बनाने के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक होती है। गार्ड सुपरवाइजर ग्रेड के कर्मचारी होते हैं। + +यह भी पढ़ें :-।Railway Bonsai Plantman : यू-ट्यूब ने रेलवे गार्ड को बना दिया बोनसाई पौधामैन, 10 साल में 70 से अधिक पौधे क‍िए तैयार।सीएमओ के वरिष्ठ लिपिक ने र‍िटायर कर्मी से मांगी 60 हजार की र‍िश्‍वत, वीडियो वायरल होने के बाद मुकदमा दर्ज।Todays Horoscope 24 September 2021 : मेष और मिथुन राशि के लोगों का आज हो सकता है विवाद।मुकदमेबाजी में फंसे अब्दुल्ला की विधायक निधि के 2.38 करोड़ रुपये, व‍िकास कार्यों पर नहीं हो पाया खर्च।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66933.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b082502ddcc03e94c07cbc3d8533334ce32ae94f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66933.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब हो सकता है कि यह वर्ग कांग्रेस से छिटककर भाजपा या आम आदमी पार्टी के पाले में आ जाए। हालांकि हमेशा ही पंजाब की सत्ता में जट्ट सिख समुदाय के काबिज रहने से राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा जरूर बनाया था। दलितों को बड़े पदों पर बैठाने की बात कहकर जातीय ध्रुवीकरण करने की कोशिश की गई थी। इस मुद्दे को बार-बार उछाला जाता रहा है कि किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाए। यही कारण है कि पिछले चुनाव में अकाली दल और भाजपा ने चुनाव जीतने पर किसी दलित को डिप्टी मुख्यमंत्री बनाने का एलान किया था। इसकी वजह रही है कि पंजाब में दलित सबसे बड़ा तबका है, लेकिन वहां की सत्ता में दलितों को कुछ खास लाभ नहीं मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d151ce3f8ca93f0dd16559d622a81dd2171dcb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66938.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संवाद सूत्र, फाजिल्का। भले ही 1965 के भारत-पाक युद्ध को 45 साल बीत चुके हैं लेकिन फाजिल्का के लोग इस लड़ाई को हमेशा याद करते हैं। देश के बहादुर सैनिकों ने फाजिल्का पर कब्जा जमा चुके दुश्मन पर कड़े प्रहार करके उसे पीछे धकेल दिया था। शहादत का जाम पीकर फाजिल्का को उसके कब्जे से मुक्त करवाया था। 3 सितंबर, 1965 को युद्ध की शुरुआती हुई थी। 20 दिन बाद आज ही के दिन यानी 23 सितंबर, 1965 को युद्ध विराम की घोषणा की गई थी। + +इस भयानक युद्ध में भारतीय सैना ने दुश्मनों को बुरी तरह पराजित करके विजय पाई थी। फाजिल्का सैक्टर में भी 3 सितंबर 1965 की शाम पाकिस्तानी सेना ने हवाई हमला कर दिया था। रात में दुश्मन ने अंतरराष्ट्रीय सुलेमानकी-सादकी चौकी के अलावा अन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया था। सीमावर्ती गांव खानपुर व चाननवाला में कब्जा करने से पहले ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। पाकिस्तानी सेना ने उनके मकान ध्वस्त कर दिए और उनका समान, ईंटें यहां तक कि पेड़ों को भी काटकर ले गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..830ab15f0404b177b9ac228a9e10cec418dadf8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66939.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत में 1872 में अंग्रेजों ने जनगणना की शुरुआत की, लेकिन जाति आधारित जनगणना सिर्फ और सिर्फ एक बार 1931 में ही हुई थी। अंग्रेज जिस तरह भारत को तोड़ने का कुचक्र रच रहे थे, कोई शक नहीं कि जाति जनगणना के विचार के पीछे भी देश तोड़ने की ही मंशा थी। इस तथ्य को आजादी के बाद सरदार पटेल ने भी समझा। आजादी के बाद जब 1951 की जनगणना की तैयारी हो रही थी, तब भी जाति आधारित जनगणना की मांग उठी थी, लेकिन पटेल ने इसे यह कहते हुए नामंजूर कर दिया था कि ऐसा करने से भारत का सामाजिक ताना-बाना टूट जाएगा। यहां यह भी याद किया जाना चाहिए कि दूसरा विश्व युद्ध होने की वजह से साल 1941 में जनगणना हुई ही नहीं थी। + +मंडल आयोग के हिसाब से केंद्रीय सूची में पिछड़ी जातियों की संख्या 2633 है, लेकिन आरक्षण लागू होने के इतने दिनों बाद भी इस सूची में एक हजार से अधिक जातियां ऐसी हैं जिनके लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि जाति जनगणना के खिलाफ अब छोटी जातियां सामने आने लगी हैं। बिहार के माली समाज ने विरोध करते हुए कहा है कि अगर जातिगत जनगणना हुई तो कम जनसंख्या वाली पिछड़ी जातियों को और नुकसान उठाना पड़ेगा। होगा कि जिस जाति के लोगों की संख्या ज्यादा होगी, लोकतंत्र की आधुनिक परिपाटी के मुताबिक वह खुद को और ताकतवर महसूस करने लगेगी और आरक्षित संसाधनों पर ताकत से कब्जा करेगी। बेशक आज के दौर के हिसाब से सवर्ण जातियां भले ही पिछड़े और अनुसूचित वर्ग के निशाने पर हैं, लेकिन असलियत यह है कि हर जाति अपने से कमजोर जाति के खिलाफ ताकत का प्रदर्शन कर रही है। राजनीतिक, आíथक और सामाजिक हकों पर अपनी ताकत के हिसाब दावेदारी कर रही है। जातिगत जनगणना की मांग उसी दावेदारी का परोक्ष समर्थन है, लेकिन जानबूझकर या फिर अनजाने में इस तथ्य को राजनीतिक दल समझ नहीं रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66940.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1a2d7357a8139037fb95bed284b4895311783f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66940.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर। कदे पवे ना किसे ते बुरे वक्तां दी मार,  जिस दा है नईं कोई सहारा, ओसदी आपां लैणी सार, दसवंध मेरे वीरो लोड़वंदा लेखे लाओ...। बाबा नानक दे नाम जपो, किरत करो, वंड छको... सिद्धांत नूं अपनाओ। इन उपदेशों का अपने जीवन में अनुसरण कर राजबीर सिंह ने करीब 22 साल पहले मानवता की सेवा का संकल्प लिया था। पेशे से वह रिक्शा चालक समाज के लोगों के लिए मिसाल हैं। भगत पूरन सिंह मानवता अवार्ड पाने वाले राजबीर सिंह ने अपने रिक्शे पर एक गुरु की गोलक (डोनेशन बाक्स) लगाई हुई है। उसमें वह अपनी कमाई से दसवंध निकाल कर गुरु की गोलक में अर्पित करते हैं। इसके जरिये वह जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। किसी को वह राशन पहुंचा रहे हैं तो किसी की मेडिकल सेवा करते हैं। उन्हें लिखने का भी शौक है। वह रोजाना के अपने अनुभव कागज पर उतारते हैं। उनके जीवन के अनुभवों को सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। वह पिछले 22 साल से रिक्शा चलाते हुए समाजसेवा कर रहे हैं। + +'रिक्शे ते चलदी जिंदगी' पुस्तक लिखी।छेहरटा में घन्नूपुर काले क्षेत्र के रहने वाले 45 वर्षीय राजबीर ने रिक्शे पर पैडल मारने के दौरान अपने अनुभवों को संजोकर 'रिक्शे ते चलदी जिंदगी' नामक किताब भी लिख दी। इसमें 14 लघु कहानियां दर्ज हैं। यह किताब वर्ष 2017 में उस समय आइजी रहे कुंवर विजय प्रताप सिंह और आंख रोग विशेषज्ञ स्व. डा. दलजीत सिंह ने विरसा विहार में एक समारोह में रिलीज की थी। पिछले 22 साल से वह रिक्शा चला रहे हैं और तब से ही वह समाजसेवा भी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfd38eaf1b743d3158467611d18d6cf8a719b927 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66941.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूजर फ्रेंडली है नए पोर्टल का मकसद।इनकम टैक्स रिटर्न के प्रोसेसिंग को 63 दिनों से घटाकर एक दिन करने के लिए पुराने ई-फाइलिंग पोर्टल को बदलने और नए ई-फाइलिंग पोर्टल को विकसित करने के लिए इंफोसिस को  4,200 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। नए पोर्टल का मकसद पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाना और रिफंड में तेजी लाना है।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8024bd3262bce7a340448ef25d764738d63f89ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरस‍िया]। रेलवे की नौकरी के बाद खेलने का मौका नहीं मिला तो निजाम ने पर्यावरण से जुड़ने के लिए यू ट्यूब देखना शुरू कर दिया और बोनसाई पौधामैन बन गया। 10 साल में 70 से अधिक बोनसाई पौधा तैयार कर चुके हैं। इतना ही नहीं लोगों को कलम कर पौधा तैयार कर वितरण भी करते हैं। ।निजाम को बचपन से ही क्रिकेट खोलने का शौक था, उसके जुनून ने उसे राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना दिया। वर्ष 2003 में सीनियर कूच बिहार ट्राॅफी खेला। आफर मिलने पर निजाम ने 2005 रेलवे में नौकरी शुरू कर दी। शुरुआत में रेलवे प्रशासन ने निजाम को क्रिकेट खेलने का मौका दिया, उसके बाद तो ड्यूटी करानी शुरू कर दी। समय नहीं मिलने से निजाम का खेलना बंद हो गया। इसके बाद निजाम खिन्न रहने लगे। इसके बाद पर्यावरण से जुड़ने के लिए यू ट्यूब देखना शुरू क‍िया। यू ट्यूब से पेड़ पौधे की जानकारी एकत्रित की और पौधे के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया। निजाम की रुच‍ि बोनसाई पौधे की और बढ़ी। इसके बाद बोनसाई पौधा तैयार करना शुरू कर दिया। पेड़ पौधा लगाने के लिए रेल प्रशासन से अनुरोध कर क्वार्टर आवंटित करा लिया। लाइनपार स्थिति क्वार्टर को हरा भरना करना शुरू कर दिया। रेलवे में गार्ड की नौकरी करने वाले निजाम ने 10  साल में 70 से अधिक बोनसाई पौधा तैयार किया है। इसमें आम, लीची, अमरुद, बादाम, बरगद, जैसे बोनसाई पौधे शामिल है। इसके अलावा क्वार्टर की खाली जमीन पर फूल के साथ कई प्रकार के पौधे लगाए। ड्यूटी से आने के बाद सबसे पहले पौधे की देखभाल करते हैं। उसके बाद खाना खाते हैं। पौधे की देखभाल के लिए प्रत्येक माह वेतन से 10 हजार रुपये खर्च करते हैं। आसपास के लोगों को पेड़ पौधा लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अलावा पेड़ व पौधे की कलम तैयार करते हैं और लोगों फ्री में पौधा वितरण करते हैं। निजाम कहते हैं क‍ि गार्ड की नौकरी कठिन है। घर के निकलने के बाद कई बार 24 घंटे के बाद लौटते हैं, कोई पौधा सूख नहीं जाए, इसका इंतजाम करते हैं, तभी ड्यूटी पर जाते हैं। ड्यूटी आने पर पौधे की देखभाल करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a89f1f3d2f6a1c89af5d88f71a0cb5b5e3aea37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66945.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कालेज के डेंगू वार्ड में निजी अस्पताल से दो साल के बच्चे को रेफर किया गया, उसे आरडीपी चढ़ाई गई थी। डेंगू से ठीक होने के बाद प्लेटलेट्स की जांच कराई गई लेकिन काउंट नहीं बढ़ रहे हैं। ।केस टू - 25 साल के बल्केश्वर निवासी मरीज का डेंगू का इलाज चला, इलाज के दौरान प्लेटलेट्स चढ़ाए गए। अब 10 दिन बाद भी प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार से अधिक नहीं हुए हैं। ।आगरा में इस समय डेंगू डी-2 स्‍ट्रेन के मरीजों के इलाज में प्लेटलेट्स हौव्वा बन गया है। ऐसे में प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से नीचे पहुंचते ही मरीजों में कई रैंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) और सिंगल डोनर एफरेसिस प्लेटलेट्स (एसडीपी, जंबो पैक) चढ़ाए जा रहे हैं। इससे एलोइम्युनाइजेशन की समस्या होने लगी है। डेंगू से ठीक होने के बाद भी प्लेटलेट्स का स्तर सामान्य (1 .50 से 4 लाख प्रति क्यूबिक मिलीलीटर) नहीं हो रहा है। डेंगू के मरीज में तीसरे से पांचवें दिन के बीच में प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार से नीचे पहुंच जाते हैं। सातवें दिन के बाद प्लेटलेट्स काउंट स्वत: बढ़ने लगते हैं और 10 से 15 दिन में सामान्य हो जाते हैं। मगर, डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने और मरीजों की मौत होने के बाद 50 हजार से कम काउंट होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाए जा रहे हैं। ।सरोजनी नायडू मेडिकल कालेज के डेंगू के नोडल अधिकारी डा. मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि ज्यादा प्लेटलेट्स चढ़ाने से एलोइम्युनाइजेशन हो रहा है। इसमें शरीर में प्लेटलेट्स के खिलाफ एंटीबाडीज बन जाती हैं और शरीर में स्वत प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसे सही होने में 20 से 30 दिन तक लग सकते हैं। इस तरह के केस बढ़ने लगे हैं। + +सात से 10 दिन में शरीर में खत्म हो जाती हैं प्लेटलेट्स ।एसएन के पैथोलाजी विभाग के डा. हरेंद्र कुमार ने बताया कि प्लेटलेट्स की हाफ लाइफ सात से 10 दिन होती है। हर रोज प्लेटलेट्स बनती हैं, सात से 10 दिन में यह खत्म हो जाती हैं। प्लेटलेट्स खून का थक्का जमाती हैं। इसलिए रक्तस्राव नहीं हो रहा है तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98ba7f9fd3c6a20d339ff90f6b977b5e16516893 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66947.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। भारतीय तकनीक का डंका अब विदेशी धरती पर भी बजने लगा है। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का पहला मेड इन इंडिया विमान मारीशस के आसमान में उड़ान भरने जा रहा है। इसके लिए मारीशस सरकार के साथ एचएएल ने करार किया है। एचएएल अब डोर्नियर विमान का सिविल वर्जन बहुत जल्द मारीशस सरकार को देगा। भारतीय उच्चायुक्त और मारीशस के विदेश मंत्री ने मिलकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। यह वायुयान बेहद खास है और अपने क्षेत्र का अत्याधुनिक तकनीक वाला है। एचएएल अबतक मारीशस सरकार को तीन विमान दे चुका है। + +छह माह पहले उतारा था सिविल वर्जन।एचएएल ने पिछले माह ही डोर्नियर के सिविल वर्जन को बाजार में उतारा था। इसके लिए डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन) ने भी अनुमति लाइसेंस जारी कर दिया था। इसके बाद 19 सीटर इस विमान की मांग मारीशस सरकार की ओर से की गई थी। इसी क्रम में एचएएल कानपुर टीएडी के महाप्रबंधक अपूर्व राय और ओम कुमार दबीदिन, गृह मंत्रालय सचिव व मारीशस सरकार के बीच 10 सितंबर को डोर्नियर की आपूर्ति के लिए समझौता हुआ था। मारीशस में भारतीय उच्चायुक्त नंदिनी के सिंगला और मारीशस के विदेश मंत्री एलन गानू ने सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e003f4b41aa32ebfbb777bb5fc7eb3dabc4429b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66948.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदूषण मुक्त हरित आवागमन के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) ने दिल्ली में करीब 200 किलोमीटर लंबे समर्पित साइकिल-वाक ट्रैक तैयार करने की योजना बनाई है। योजना का मकसद दिल्ली वासियों को सुरक्षित व खुशी से साइकिल चलाने की अनुमति देना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पांच चरणों में बांटा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66949.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66949.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..226861b2e8cca19f2490d96669e5c1f4cc376da4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66949.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के करोड़ों लोगों के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर बड़ी राहत की खबर आ रही है। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन (Pradhan Mantri Digital Health Mission) दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश लागू होगा। इसके तहत लोगों के डिजिटल हेल्थ आइडी कार्ड बनाए जाएंगे। इस हेल्थ आइडी कार्ड के जरिये लोगों का इलाज आसान और सुलभा हो सकेगा। इस हेल्थ कार्ड में हर वह जानकारी महैया होगी, जो व्यक्ति के इलाज को आसान बनाएगी। मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, आगामी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महत्वाकांक्षी स्कीम की घोषणा करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..add93a0306c6302369257ad97d998fae2b4d19cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योजना के विस्तार की जरूरत।आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने के अवसर पर नेशनल हेल्थ अथारिटी ने इसकी कमियों को दूर कर बेहतर बनाने के लिए तीन दिन का विचार-विमर्श कार्यक्रम रखा है। आरोग्य मंथन के नाम से चलने वाले इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पाल ने योजना के विस्तार की जरूरत बताई लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि मौजूदा लाभार्थियों तक ही इस योजना का लाभ नहीं पहुंच रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40d013d7241c4a4fc0b7549f257091d695d62972 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैक्‍सीन है बचाव में मददगार ।अमेरिका में सीडीसी के आंकड़े बताते हैं कि कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से भी सुरक्षा प्रदान करती हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट कहती है कि 12 साल और उससे ज्‍यादा उम्र के बच्चों में जो COVID-19 रोधी टीकाकरण के पात्र हैं... जुलाई में अस्पताल में भर्ती होने की साप्ताहिक दर उन लोगों की तुलना में 10 गुना अधिक थी जिन्‍होंने टीका नहीं लगवाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b21b6a8eda6f0986d1c14309c9e9f1c4ea1801c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनीपत [डीपी आर्य]। हरियाणवी में शार्ट वीडियो बनाकर अमित आंतिल देश-दुनिया में छा गए हैं। गांव-देहात की खूबियों को बयां करती हरियाणवी बोली वाले उनके वीडियो विदेशों तक में पसंद किए जा रहे हैं। अमित आंतिल इन कविताओं को खुद लिखते हैं। उनमें गांवों की तुलना शहरों से करते हैं। शहरों के सापेक्ष गांवों की खूबियों को अलग अंदाज में प्रस्तुत करते हैं। इनको देखने-सुनने वाले गांवों की वादियों में खो जाते हैं। सोनीपत के गांव दीपालपुर के रहने वाले अमित इससे पहले दो फिल्मों में काम कर चुके हैं। उनकी अन्य पांच फिल्में जल्द ही आने वाली हैं। उनकी हरियाणवी कविताओं को दुनिया के पांच देशों में बसे भारतीयों से अच्छा रेस्पांस मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca6bc3ac5df985446c96c78d0c88a19662edccd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विगत कुछ वर्षों से मैं आज के दिन को “दिनकर दिन” के रूप में मनाता रहा हूँ।आइए इस वर्ष श्राद्ध पक्ष में तर्पण के माध्यम से हिंदी साहित्य के इस परम पावन प्रकाश स्तंभ की प्रदक्षिणा करते हुए अपने शब्द पूर्वज को अपना कृतज्ञ प्रणाम प्रेषित करें और आलोकित हों 🇮🇳🙏🏻https://t.co/hfMLtFIMJl।कुलपति भी रहे ।रामधारी सिंह दिनकर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के छठे कुलपति भी हुए। वे 10 जनवरी 1964 से तीन मई 1965 तक टीएमबीयू में कुलपति के पद पर रहे थे। छोटे कार्यकाल के बाद भी राष्ट्रकवि का भागलपुर से गहरा लगाव था। वे गोलाघाट स्थित छावनी कोठी में रहते थे। अब भी उनकी कई यादें वहां हैं। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने दिनकर परिसर स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा का जीर्णोद्धार कराया। प्रतिमा स्थल को 'दिनकर वाटिका' के रूप में विकसित कराया। जहां कई पेड़-पौंधों के अलावा फूल लगाए गए हैं। उनकी प्रतिमा परीक्षा भवन की तरफ मुड़ी हुई थी। जिसे ठीक कराया गया। अब यह प्रतिमा और उसका परिसर 19 साल बाद सही दशा में है। ।ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के अगुआ रहे राकेश सिंह टिकैत पर छपकर आ गई किताब।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f995114035ac7c12ea0020f4bfc83ff48d15152d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Ration distribution in Moradabad : अब राशनकार्ड धारकों को आधे माह का खाद्यान्न फ्री में मिलेगा और आधे माह का खाद्यान्न रियायती दर पर खरीदना पड़ेगा। जिले में मंगलवार से राशन वितरण शुरू हो चुका है। अंत्‍योदय कार्ड धारकों को रियायती दर पर तीन किलो चीनी भी दी जाएगी। ।कोरोना संक्रमण के बाद केंद्र सरकार ने माह में दो बार खाद्यान्न वितरण करने के आदेश द‍िए थे। केंद्र व प्रदेश सरकार ने मिलकर दोनों बार फ्री में खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की थी। प्रदेश सरकार ने अब फ्री में राशन वितरण की व्यवस्था समाप्त कर दी है। नई व्यवस्था के बाद प्रथम चरण का राशन फ्री में मिलेगा, जबकि दूसरे चरण में दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल मिलेगा। एक यूनिट पर तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल दिया जाएगा। दूसरे चरण का राशन वितरण जिले में 30 सितंबर तक किया जाएगा। राशन कार्ड धारकों को इस बार गेहूं व चावल की कीमत देनी पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने अंत्‍योदय कार्ड धारकों को 18 रुपये प्रति किलो की दर से तीन किलो चीनी म‍िलेगी। जिले में 30 हजार अंत्‍योदय कार्ड धारक हैं। गैर अंत्‍योदय कार्ड धारकों की संख्या 5.35 लाख है। इन्‍हें केवल गेहूं व चावल ही मिलेगा। जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि दूसरे चरण का राशन वितरण शुरू हो चुका है। कार्ड धारकों को इस बार दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल दिया जाएगा। अंत्‍योदय कार्ड धारकों को 18 रुपये किलो की दर से तीन किलो चीनी का वितरण किया जाएगा। ।यह भी पढ़ें :-।शादी के ल‍िए अजीब फरमाइश, बारात‍ियों के ल‍िए मांगी प्रत‍िबंंधित मांस की दावत, इन्‍कार पर तोड़ द‍िया र‍िश्‍ता।सम्‍भल में असदुद्दीन ओवैसी के पोस्‍टर पर व‍िवाद, ल‍िखा-गाज‍ियों की धरती, भाजपाई बोले-नहीं बदल सकता इत‍िहास।PM Modi Focus on Railways : प्रधानमंत्री की न‍िगरानी में हो रहे रेलवे के ये चार कार्य, रोजाना भेजी जा रही र‍िपोर्ट।Todays Horoscope 23 September 2021 : कन्‍या राश‍ि के लोगों को आज हो सकता है आर्थिक नुकसान, यहां पढ़ें आज का राश‍िफल।सांसद आजम खां को झटका, बेटे अब्दुल्ला की याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खार‍िज, फिर कोर्ट जाएंगे नवेद।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89bbb6a1ebb853f6991d57ecec2a2ef5589d77a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66963.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांगी, कृष्‍ण चंद राणा। Himachal Tribal Area Pangi, हिमाचल प्रदेश जिला चंबा में जनजातीय क्षेत्र पांगी का शेष राज्‍य से संपर्क कट गया है। साच पास में ताजा हिमपात से जिला चंबा के विकास खंड पांगी के लिए आवाजाही ठप हो गई है। बुधवार देर शाम को पांगी में मौसम खराब होने से अचानक आई तापमान में गिरावट के बाद चोटियों पर हिमपात शुरू हो गया। पांगी के निचले क्षेत्र में बारिश हो रही है। एक और लोग इस बारिश को बिजाई के लिए लाभदायक मान रहे हैं। दूसरी ओर अगर बर्फबारी ज्‍यादा होती है तो लगी हुई फसलों बागवानी और कृषि को नुकसान हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0563c8b7992699137aae1fbc7be5aff698960740 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार की ओर से इस सिलसिले में प्रयास किए जा रहे हैं। उसकी पहल का ही नतीजा है कि केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत प्रदेश में सात हेली सेवाओं को मंजूरी दी है। इसके साथ ही भविष्य में एक दर्जन से ज्यादा हेलीपोर्ट बनाने की तैयारी है। राज्य में हेलीपैड तो हैं, मगर हेलीपोर्ट नहीं हैं। हेलीपोर्ट एक प्रकार से मिनी एयरपोर्ट का काम करते हैं। इस तरह की सुविधाओं का विकास होने से पर्यटकों, श्रद्धालुओं, उद्यमियों को लाभ मिलेगा। यह पहल राज्य के विकास में मददगार साबित होगी। सरकार को चाहिए कि वह पूरी गंभीरता के साथ इसे आगे बढ़ाए, ताकि आगे कदम बढ़ाकर कदम पीछे खींचने की नौबत न आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c5d65cac32924da149e72e4dc9cb0dd53dcf799 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम अक्‍सर सरकारी सुविधाओं की आलोचना करते हैं जो गलत है।प्राय: यह देखने में आता है कि हम अपने देश में व्याप्त सरकारी सुविधाओं की आलोचना करते हैं। सरकारी तंत्र को बुरा भला कहते हैं। अपने देश को दूसरे अन्य देशों की तुलना में तौलते हैं। क्या कभी किसी ने सोचा है कि देश के विकास में उनका क्या योगदान है? क्या आपको मिली सुविधाओं का सम्मान आप करते हैं? ये भी नहीं जानते कि किसी व्यक्ति की ओर से दिया जा रहा टैक्स उन्हीं की सुविधाओं पर खर्च होता है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि क्या लोग ईमानदारी से टैक्स भरते हैं? इसलिए सार्वजनिक संपत्ति का प्रयोग हमको अपनी संपत्ति समझकर करना चाहिए। किसी भी अच्छी चीज की शुरुआत हमें खुद से ही करनी चाहिए। आज की पीढ़ी को इसका ज्ञान देना चाहिए। इससे हमारा देश भी विकसित देशों में गिना जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9154023b5799510f383bfba102bb87cbb14be663 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66970.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सफर इंडिया द्वारा दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और पुणे महानगरों में सभी स्नोतों से पीएम 2.5 के उत्सर्जन का आकलन किया गया। इसमें सामने आया कि दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 77, अहमदाबाद में 57, मुंबई में 45 और पुणे में 30 गीगाग्राम प्रतिवर्ष है। सफर इंडिया के परियोजना निदेशक डाक्टर गुरफान बेग के मुताबिक, शहरीकरण के कारण उच्च आबादी घनत्व प्रदूषण का आधारभूत कारण है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चारों महानगरों में पीएम 2.5 उत्सर्जन को प्रभावित करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66977.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6f1f2df287b615404787cb0f0fe9a43210ea6fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66977.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कांग्रेस की दिल्ली इकाई में वरिष्ठ नेता ही अलग-थलग नहीं पड़े बल्कि उपाध्यक्ष भी उपेक्षा के शिकार हैं। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी के साथ ज्यादातर उपाध्यक्षों का कोई तालमेल नहीं है। कहने को इनकी नियुक्ति भी पार्टी हाइकमान ने ही की है, लेकिन इन्हें पार्टी की गतिविधियों के बारे में कुछ पता नहीं होता। प्रदेश कार्यालय की सियासत से दूर कोई नगर निगम की राजनीति कर रहा है तो कोई दलित समाज का झंडा उठाए हुए है और कोई अपने संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने में लगा है। भरोसे की डोर भी इतनी कच्ची है कि आमतौर पर उपाध्यक्षों की किसी भी गतिविधि में अध्यक्ष नहीं रहते तो अध्यक्ष की अनुपस्थिति में प्रदेश की बागडोर भी उपाध्यक्ष नहीं बल्कि अध्यक्ष महोदय के कुछ वफादार पूर्व विधायक संभालते हैं। स्थिति यह हो गई है कि उपाध्यक्षों को यह तक पता नहीं होता कि पार्टी में चल क्या रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e3a1a0208e4bfc9e8dde64176b397c15b83a0ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहाड़ी राज्य हिमाचल में पैदा होने वाली जड़ी बूटी व्यर्थ नहीं होगी, ब्लकि उससे कई रोगों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में मदद मिलेगी। प्रदेश में आंवला, बहेड़ा, अश्वगंधा, हरड़, सतबरी सहित अन्य कई हर्बल उत्पादों का उत्पादन होता है। वहीं प्रदेश के जंगलों में भी बेशकीमती जड़ी बूटियां पाई जाती हैं, जिसका उपयोग कई गंभीर बीमारियों के लिए तैयार होने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों में होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f551cb64af71ba4aa86e3d309c48cd64e4dd1d58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66982.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएसआइ की निगरानी में अफीम से हेरोइन बनाने का काम।उन्होंने कहा कि असल में अफगानिस्तान में उत्पादित अफीम को पाकिस्तान लाया जाता है। पाकिस्तान के भीतर आइएसआइ की निगरानी में अफीम से हेरोइन बनाने का काम संगठित रूप में किया जाता है और वहां से उसे दुनिया के दूसरे देशों में सप्लाई की जाती है। पकड़े जाने की स्थिति में सीधे तौर पर आइएसआइ का नाम नहीं आकर तालिबान को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9704247bb3a419d4f93b69431cb1ac48626063ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिका ने दोस्‍तों को दोस्‍ती निभाने की दी गारंटी ।प्रो. पंत ने कहा कि बाइडन ने साफ किया कि वह अपने म‍ित्रों के साथ खड़ा है। उन्‍होंने कहा कि इस भाषण में बाइडन ने उस शंका को भी दूर करने की कोशिश की वह मित्रों का साथ नहीं देता। बाइडन का यह बयान इस लिहाज से उपयोगी है, क्‍योंकि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद चीन ने ताइवान को लेकर तंज कसा था। चीन ने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा था कि अफगानिस्‍तान की तरह वह ताइवान को भी धोखा देगा। बाइडन की यह नीति भारत समेत तमाम अमेरिकी मित्र राष्‍ट्रों के लिए काफी शुभ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f98046b158d4ca81de45c99d2d8ed56aa821c8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66988.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [अभिषेक सिंह]। खेल-खेल में बच्चे बहुत सहजता से सीखते हैं। सांप-सीढ़ी और लूडो जैसे खेलों में मजा आ जाता है, चाहे बोर्ड पर खेलो या मोबाइल पर। आज के जमाने के वीडियो गेम के बीच भी इन खेलों की जगह कम नहीं है। इस खेल की विशेषता और प्रसिद्धि ही तो है कि इसे बच्चों को शिक्षित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बच्चों को यौन उपीड़न के खिलाफ शिक्षित करना जितना जरूरी है, उतना ही चुनौतीपूर्ण है उन्हें यह बातें समझाने का तरीका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74e6dccec41e847b6b694920db49949a2f017956 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6699.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +करीना कपूर खान ने हाल ही में अंग्रेजी मैगजीन हिंदुस्तान टाइम की मैगजीन ब्रंच से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी निजी जिंदगी को लेकर ढेर सारी बातें कीं। करीना कपूर ने अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी को लेकर भी बातें कीं। उन्होंने बताया है कि बेटे जेह और तैमूर अली खान को लेकर कहा, 'छह महीने में तैमूर को बहुत सारे नए चेहरे पसंद नहीं थे, लेकिन जेह सहज लगता है'। + +करीना कपूर ने आगे कहा, 'तैमूर के अंदर सैफ की पर्सनालिटी ज्यादा है, और जेह एक अद्भुत मिश्रण की तरह लगता है। तैमूर धनुर्धर राशि वाला है। इसलिए वह रचनात्मक है, उसे कला, रंग और ड्राइंग पसंद है, उसे खोज करना पसंद है और हर चीज के बारे में क्या जानना है। जेह मीन राशि के हैं... देखते हैं कि उसकी किस चीज में रूचि होती है।' करीना कपूर खान से पूछा गया कि वह किस तरह की मां बनेंगी ?।इस पर अभिनेत्री कहती हैं, 'मैं चाहती हूं कि मेरे दोनों बेटे पूरी तरह गेनटेलमैन हैं, मैं चाहती हूं कि लोग उन्हें कहें कि वह काफी अच्छे शिक्षित और दयालु हैं। मुझे लगता है कि मेरा काम अच्छा हो रहा है। मैं नहीं चाहती कि वह दोनों फिल्मी सितारे बनें। मुझे खुशी होगी अगर टिम आता है और मुझसे कहता है कि मैं कुछ और करना चाहता हूं। यह मेरे लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना हो सकता है। यह उसकी पसंद है। मैं अपने लड़कों के साथ खड़ी रहना चाहती हूं और उनका समर्थन करना चाहता हूं।'।इसके अलावा करीना कपूर खान ने अपने दोनों बेटों को लेकर और भी कई बड़ी बात बोली है। आपको बता दें कि हाल ही में सैफ और करीना को पहली बार अपने छोटे बेटे जेह के साथ मुंबई में स्पॉट किया गया है। कई सेलिब्रिटी जर्नलिस्ट ने सैफ और करीना के छोटे बेटे की पहली तस्वीरें और वीडियो शेयर की हैं। जिनमें सैफ करीना के छोटे नवाब अपने पिता की गोद में नजर आ रहे हैं। जेह भी तैमूर की तरह ही बेहद क्यूट हैं। इन तस्वीरों को देख हर कोई जेह की तारीफ कर रहा है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd99155b59106c840097819537f378d5130ad6de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चारधाम यात्रा में भी जो अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है, उसके पीछे भी ध्येय यही है कि कोरोना दोबारा पैर न पसारे। खासकर मास्क और दो गज की दूरी से तो कतई समझौता नहीं किया जा सकता। लेकिन कुछ गैरजिम्मेदार व्यक्तियों के कारण चारधाम यात्रा में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। इस पर कड़ाई से नियंत्रण पाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा यात्रा के दौरान कोविड टीकाकरण पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिए। ताकि माहौल सकारात्मक बना रहे। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इन सारे पहलुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए आगे बढ़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_66999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_66999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6436779583bc57e63f348d34682cb724ce096f91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_66999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्लोबल टेंडर की प्रक्रिया में देश और विदेशी कंपनियां भी हिस्सा ले सकेंगी। दो माह के भीतर ही फिल्म सिटी का निर्माण करने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। तीन चरणों में डिवेलप होने वाली फिल्म सिटी का निर्माण करने वाली कंपनी का चयन 31 दिसंबर तक किया जाएगा। फिल्म सिटी का निर्माण करने वाली कंपनी के साथ 40 साल का एग्रीमेंट होगा। कंपनी को लीज के बजाय लाइसेंस दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b46fd26a92daef898db9c216f32f2e1b54a6f50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता अभय देओल की रग्बी पर आधिरित फिल्म 'जंगल क्राई' रिलीज के लिए पूरी तरह तैयार है और जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। ये फिल्म ओडिशा के 12 अनाथ और गरीब आदिवासी बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है। जो रग्बी जैसे गेम के लिए ट्रेनिंग लेते हैं, जिसके बारे में उन्होंने कभी सुना तक नहीं है। इसके साथ ही वे 2007 में यूके में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जूनियर रग्बी टूर्नामेंट में खेलने के लिए भी जाते हैं। फिल्म 'जंगल क्राई' इन बच्चों के स्ट्रगल और आगे बढ़ने की जोश भरी एक सच्ची कहानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f534d2793833a23b15a0e54b50d245308ac55bcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेमीकंडक्टर को जिन उत्पादों का दिल कहा जाता है, उनमें स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटाप, टैबलेट, स्मार्ट डिवाइसेज, आधुनिक वाहन, घरेलू इलेक्ट्रानिक उपकरण, जीवनरक्षक फार्मा उपकरण, एटीएम, डाटा सेंटर आदि प्रमुख हैं। चूंकि सेमीकंडक्टर की सप्लाई बाधित है, लिहाजा कंपनियों को इसके लिए या तो ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ रही हैं या देरी के चलते सामानों के उत्पादन में विलंब हो रहा है। इस कारण कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें भी बढ़ा दी हैं। कारों की कीमतों के बढ़ने के लिए भी सेमीकंडक्टर की कमी को एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। ज्यादातर कार कंपनियां इसका बोझ उपभोक्ताओं यानी खरीदारों पर डाल रही हैं। हालांकि ग्राहक ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं, लेकिन सेमीकंडक्टर की आपूíत का संकट इतना गहरा है कि यह आने वाले वक्त में कार इंडस्ट्री के वैश्विक कारोबार को 110 अरब डालर यानी करीब आठ हजार करोड़ रुपये की चपत लगा सकता है। फैक्टियों में सेमीकंडक्टर के इंतजार में खड़ी कारों से यह नुकसान और भी बढ़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6143c93f4053e6ebfa7a7b9238e9603c970e3b72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कुछ महीने पहले भारत कोरोना के टीके की कमी से जूझ रहा था। हालात ऐसे थे कि टीका लगवाने के लिए स्लाट मिलना मुश्किल हो रहा था। उस दौरान कई टेक कंपनियों ने एप बनाकर स्लाट खोजने में लोगों की मदद की थी। आज यह तस्वीर बदल गई है। देश में रोजाना 80-90 लाख टीके लग रहे हैं। अधिकारियों को भरोसा है कि दिसंबर तक पूरी वयस्क आबादी को टीका लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a303fbc027c0f00c92f6fce7f4fcddc8c99f0fcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण टीम। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के बार्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों के किसानों का प्रदर्शन जारी है। वहीं, बीते तकरीबन 10 महीने से दिल्ली-एनसीआर का जनजीवन इतना प्रभावित हो चुका है कि लोगों को सुबह दफ्तर के लिए भी निकलना हो तो आधे घंटे का अतिरिक्त समय लेकर निकलते हैं क्यों? क्योंकि, दिल्ली के चारों तरफ बार्डर पर बैठे प्रदर्शनकारियों के कारण रास्ते ब्लाक हैं, इधर-उधर बनाए गए जुगाड़ू, वैकल्पिक रास्तों से होकर जाना पड़ता है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को ही ले लीजिए, जिस दिन से इसका उद्घाटन हुआ है, तभी से प्रदर्शनकारियों ने डेरा जमा रखा है, बताइए-जनता को क्या लाभ हो रहा है? लोग यदि नोएडा, गाजियाबाद से दिल्ली जाते हैं तो उन्हें आज भी वैकल्पिक मार्ग से ही जाना पड़ता है। यूपी गेट, गाजीपुर बार्डर, सिंघु बार्डर सभी जगह यही स्थिति है। ईंधन और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b37e784e6b996c267adcbbd162e671f16259d870 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67012.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गत वर्ष 15 अगस्त को ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की थी। इसके लिए देश के उन 272 जिलों को चुना गया, जहां सबसे ज्यादा लोग नशे की चपेट में हैं। उनमें नौ जिले असम के भी हैं। दरअसल असम की भौगोलिक स्थिति अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों के लिए मुफीद रही है। ड्रग्स तस्करी के लिए दुनिया भर में कुख्यात ‘गोल्डन ट्रायंगल’ (म्यांमार, लाओस और थाइलैंड के बीच का इलाका) से नजदीक होने के कारण असम तस्करों के निशाने पर रहता है। वे असम को म्यांमार और शेष भारत के बीच एक कारिडोर के रूप में इस्तेमाल करने की फिराक में रहते हैं। ऐसी सूचना है कि प्रतिबंधित ड्रग्स की खेप मणिपुर और मिजोरम के रास्ते असम लाई जाती है। फिर यहां से दूसरे राज्यों में भेजी जाती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रग्स तस्करी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है, क्योंकि यह पूवरेत्तर में अलगाववादी संगठनों की फंडिंग का भी मुख्य स्रोत है। ड्रग्स तस्करी से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा अलगाववाद की आग को भड़काने में खर्च किया जा रहा है। + +ड्रग्स एंड क्राइम पर संयुक्त राष्ट्र (यूएनओडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल वैश्विक अफीम उत्पादन में अफगानिस्तान का योगदान 85 प्रतिशत था। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने देश में ड्रग्स तस्करी बढ़ने की आशंका जताई है। इसका अर्थ है कि देश के पूवरेत्तर और पश्चिमोत्तर दोनों छोर अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करों और राष्ट्र विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं। सुकून देने वाली बात यही है कि इस चुनौती से निपटने के लिए हमारे पास मोदी जी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी के रूप में दृढ़ इच्छाशक्ति वाला निर्णायक नेतृत्व मौजूद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c61831b648945a2d7dcfd75963fb431da7077777 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67014.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। हिमालयी राज्य उत्तराखंड की विकास की उम्मीदों को कर्ज के बोझ ने दबाना शुरू कर दिया है। कोरोना की मार से पैदा तंगहाली के बीच राज्य पर कर्ज बढ़कर 73,478 करोड़ हो चुका है। विषम परिस्थितियों में ढांचागत विकास की ज्यादा लागत की चुनौती से निपटने को लिये जाने वाले कर्ज राशि का बड़ा हिस्सा कर्ज और उसका ब्याज की देनदारी पर खर्च हो रहा है। बीते साल ही कर्ज के ब्याज के रूप में 5475 करोड़ की बड़ी रकम राज्य को चुकानी पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46bce1ad83b19c8f18e6d4347cbd4db657469025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्‍क। चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी शुक्रवार को अमेरिका में राष्‍ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करेंगे। 24 सितंबर को अमेरिका में भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की होने वाली शिखर वार्ता क्वाड के इतिहास का एक अहम अध्‍याय होगा। खास बात यह है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति की यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका ने आस्‍ट्रेलिया के साथ परमाणु पनडुब्‍बी और टामहाक मिसाइलों का ऐतिहासिक आकस समझौता किया है। अमेरिका ने चीन की आक्रामकता को लगाम लगाने के लिए आस्‍ट्रेलिया के साथ बड़ा समझौता किया है। इससे दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागीरी पर अंकुश लगेगा। ।ऐतिहासिक होगा क्वाड का यह श‍िखर सम्‍मेलन।क्वाड का यह श‍िखर सम्‍मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। कोरोना महामारी के बीच क्वाड के सदस्‍य देशों के शीर्ष नेताओं की आपस में होने वाली यह आमने-सामने की पहली मुलाकात होगी। यह उम्‍मीद की जा रही है कि इस वर्ष मार्च में क्वाड नेताओं की वर्चुअल बैठक में जिन मुद्दों को लेकर सहमति बनी थी उन पर विस्तार से आगामी बैठक में चर्चा होगी। ।आर्थिक और रक्षा संबंधों के ल‍िहाज से बेहद उपयोगी ।क्वाड शिखर वार्ता में बाइडन और मोदी की यह मुलाकात भारत के लिए आर्थिक और रक्षा संबंधों के ल‍िहाज से बेहद उपयोगी साबित होगी। यह उम्‍मीद की जा रही है कि क्वाड के नेता चीन के खिलाफ अपने संसाधनों को एकजुट करके एक-दूसरे की मदद करने पर चर्चा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के साप्ताहिक कार्यक्रम के अनुसार 24 सितंबर, शुक्रवार को ही बाइडन प्रधानमंत्री मोदी, जापानी पीएम सुगा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन के साथ वाइट हाउस में पहली बार व्यक्तिगत रूप से क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी करेंगे। ।चीन निर्मित वैक्‍सीन को मिलेगी बड़ी टक्‍कर।इस बैठक में भारतीय कंपनियों को अमेरिकी कंपनी जानसन एंड जानसन की कोरोना वैक्‍सीन की एक अरब डोज डोज बनाने की इजाजत मिल सकती है। इसके अलावा क्वाड देशों ने सेमी कंडक्‍टर की सुरक्षित सप्‍लाइ के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है। इस बारे में भी क्वाड बैठक में ऐलान हो सकता है। इससे चीन को कड़ी टक्‍कर मिल सकती है जो अपनी दोयम दर्जे की वैक्‍सीन से दुनिया में प्रभाव बढ़ाने में जुटा हुआ है। अब दुनिया के कई देशों के समक्ष भारत चीन का विकल्‍प बन सकता है। अमेरिका की रणनीति यह है कि हिंद प्रशांत हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 33 देशों को सबसे पहले वैक्‍सीन का निर्यात होगा ताकि चीन के प्रभाव को सीमित किया जा सके। ।क्वाड शिखर वार्ता के अन्‍य बड़े लक्ष्‍य  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3385d07e597b66c34b1dd43e04af272367d35be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67018.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[पंकज अग्रवाल]। इंजीनियरिंग कोर्स में जो थ्योरेटिकल पार्ट है, उसे तो आनलाइन आसानी से पढ़ाया जा सकता है, पर जो विषय पूरी तरह प्रैक्टिकल ओरिएंटेड हैं, उन्हें आनलाइन चलाना मुश्किल है। आनलाइन भी उन लोगों के लिए है, जो सेल्फ लर्नर हैं। पढ़ने का मतलब सिर्फ कहीं एडमिशन ले लेना नहीं होता, बल्कि पूरी तरह से नॉलेज लेना होता है। आफलाइन के दौरान बच्चे एक-दूसरे से मिलते हैं, बातें करते हैं, टीचर से इंटरैक्शन करते हैं, आमने-सामने उनसे अपनी शंकाओं का समाधान हासिल करते हैं। बच्चे दूसरे बच्चों को देखकर उनके साथ पढ़कर मोटिवेट होते हैं। कॉलेज कैंपस में बच्चे पढ़ने के साथ एंटरटेनमेंट भी करते हैं। खेल गतिविधियों में भी सक्रियता से हिस्सा लेते हैं। ऐसे में पढ़ाई को लेकर उनका उत्साह बना रहता है। मेरा मानना है कि आफलाइन वाला काम आनलाइन नहीं हो सकता, वरना वांछित आउटपुट नहीं हासिल होगा। अगर आइआइटी की बात करें, तो वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट सेल्फ लर्नर होते हैं। वे खुद से मोटिवेट होते हैं। मेरे खयाल से आनलाइन को सहायक प्लेटफार्म के रूप में देखा जाना चाहिए। इसे पूरी तरह लागू करना व्यावहारिक नहीं हो सकता। हां, कुछ कोर्स/विषय बेशक आनलाइन हो सकते हैं, होने भी चाहिए। + +बदलते समय में नौकरियों की स्थिति।कोरोना काल के दौरान देश और दुनिया की तमाम कंपनियों में नौकरियों की संख्या में कमी देखी गई, लेकिन अब इसमें फिर से सुधार दिख रहा है। जहां तक कमी की बात है, तो मेरा मानना है कि स्किल्ड फ्रेशर्स के लिए कभी कोई कमी नहीं रही है। कोरोना काल में भी ज्यादातर नौकरियां हायर पैकेज वाले लोगों की गई हैं। मैं अपने संस्थान में प्लेसमेंट की बात करूं, तो मैंने तो यही पाया है कि कोरोना में फ्रेशर्स को कहीं अधिक और बेहतर प्लेसमेंट मिला। + +हिंदी में कोर्स के फायदे।हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में कोर्स संचालित करने की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। जिन बच्चों की अंग्रेजी कमजोर है या जो हिंदीभाषी पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके लिए यह निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। ऐसे बच्चों को हिंदी में पढ़ाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन चूंकि इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी विषयों की किताबें और शब्दावली ज्यादातर अंग्रेजी में होती है, इसलिए हम ऐसे बच्चों को अंग्रेजी सीखने और सुधारने के लिए प्रेरित भी करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b0c6284c792370233c77ad4e39174c983deae00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67019.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विवेक तिवारी। World alzheimer's day 2021 : कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने के बाद आपको एकाग्रता की कमी, भूलने की दिक्कत और याद्दाश्त कमजोर होने जैसी मुश्किलें महसूस हो रही हैं तो आपको तुंरत किसी मनो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वरना आपकी ये मुश्किलें डिमेंशिया या अलजाइमर जैसी बीमारी का रूप ले सकती हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सेस के हेल्थ साइंस सेंटर के विशेषज्ञ इस बात पर पर रिसर्च कर रहे हैं कि कोविड के बाद एकाग्रता की कमी, भूलने की दिक्कत और याददाश्त कमजोर होने जैसी बीमारियां क्या अलजाइमर के प्राथमिक लक्षण हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सेस के हेल्थ साइंस सेंटर में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. गेब्रियल डी इरॉस्किन और उनके साथियों ने अपनी रिसर्च में पाया कि COVID-19 दिमाग के ओलफेक्ट्री बल्ब वाले हिस्से को नुकसान पहुंचाता है। इसी के चलते मरीज की सूंघने और महसूस करने की क्षमता पर असर पड़ता है। कोविड के चलते दिमाम को पहुंचने वाले नुकसान के चलते मरीजों में अल्जाइमर जैसी बीमारी का खतना बढ़ जाता है। + +डॉ. गेब्रियल डी इरॉस्किन के मुताबिक रिसर्च में पाया गया कि COVID-19 के ऐसे मरीज जिनकी उम्र 60 से 70 साल के बीच थी उनमें अल्जाइमर के मामले तेजी से बढ़े हैं। ये परिणाम काफी डराने वाले हैं। उन्होंने बताया कि 60 साल से ज्यादा के लोगों में पाया गया कि वो लोगों के नाम, जगह, फोन नम्बर और भाषा जैसी चीजें भूल रहे हैं। कई बार वो बोलते हुए शब्द भूल जाते हैं। ये सभी लक्षण अलजाइमर के प्राथमिक लक्षण हैं। गौरतलब है कि हाल ही में अल्जाइमर एसोसिएशन इंटरनेशनल कांफ्रेंस के दौरान दुनिया भर के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने COVID-19 के दिमाग पर होने वाले प्रभावों के चलते Alzheimer के बढ़ते खतरे के बारे में आगाह किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2528ec8248e43b63f59021a2fb91dd16e140bef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टेलीफोन वार्ता पर जोर: चीन में 600 दिनों से किसी विदेश नेता का दौरा नहीं हुआ है। खासकर ऐसा विदेशी नेता जिसका चिनफ‍िंग से मिलने का कार्यक्रम हो। कहा जा रहा है कि स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से चीन के राष्‍ट्रपति फोन पर ही अधिक वार्ता कर रहे हैं। इस अवधि में उन्‍होंने रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन,जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल समेत 60 राष्‍ट्राध्‍यक्षों से टेलीफोन पर वार्ता कर चुके हैं। ।बैठकों में वर्चुअल भागीदारी: इस वर्ष चीनी राष्‍ट्रपति ने दर्जनों अंतरराष्‍ट्रीय बैठकों में हिस्‍सा लिया है। हालांकि, इस दौरान उनकी सभी बैठकें वर्चुअल ही हुई हैं। इतना ही नहीं 9 सितंबर को ब्रिक्‍स देशों की बैठक में भी उन्‍होंने वर्चुअल ही भाग लिया। ।बैठकें अकारण स्‍थगित: राष्‍ट्रपति चिनफ‍िंग चीन में अमेरिकी विदेश मंत्री सिंगापुर के प्रधानमंत्री और डेनिश के पीएम के साथ बैठकों को बिना कारण बताए स्‍थगित कर चुके हैं। । पैर लड़खड़ाने के संकेत: मार्च, 2019 में चिनफ‍िंग के इटली मोनाको और फ्रांस दौरे में गार्ड आफ आनर के दौरान चीनी राष्‍ट्रपति लड़खड़ाते हुए नजर आए थे। उस दौरान वह फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति मैक्रों के साथ वार्ता के दौरान बैठते समय कुर्सी के हत्‍थे का सहारा लेते दिखे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7ebbfab934733cc8c2f2cf898ee6cb5b951973f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67029.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बंगाल की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज होने के बाद से उत्साहित मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्षी एकता पर जोर दे रही हैं। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में मिली जीत के महज दो माह बाद ही वह दिल्ली गईं और विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं के साथ बैठक की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभी से विपक्ष को लामबंद होना होगा। इसका असर संसद के मानसून सत्र में दिखाई दिया, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित रखा। + +दरअसल, तृणमूल के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में पिछले शुक्रवार को एक लेख छपा, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सफल नहीं रहे और नरेन्द्र मोदी का एकमात्र विकल्प ममता बनर्जी ही हैं। लेख में पार्टी के लोकसभा सदस्य सुदीप बंद्योपाध्याय समेत कई वरिष्ठ नेताओं के बयान हैं। बंद दरवाजों के पीछे हुई तृणमूल की बैठक में नेताओं ने कहा कि विपक्ष के खेमे में कांग्रेस का होना जरूरी है, लेकिन राहुल गांधी कई मौकों के बाद भी नरेन्द्र मोदी के विकल्प के रूप में नहीं उभर पाए। तृणमूल ममता को मोदी के विकल्प के रूप में पेश करते हुए अभियान चलाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने पुत्र राहुल को फिर से स्थापित करने में जुटी हुई हैं। गांधी परिवार के बेहद करीबी कांग्रेसी नेता उन्हें फिर से लांच करने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e8e8a6fec9f3abc5214dd7c91d898c3bf2827d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67030.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हडडी व सींग के काम के लिए सम्भल की पहचान यूपी ही नही देश तथा विदेश में भी है। यहां के कारीगरों ने नक्कासी के जरिए सम्भल को पहचान दिला दी है। यहां बटन का सबसे ज्यादा कारोबार होता है। ब्लैक बफैलो के बटन की कीमत जहां 300 से 1000 रुपये किलोग्राम है, वहीं कलरफुल बटन विदेश में 2000 से 3000 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है। बटन खरीदने के बाद बॉयर इनको मशीनों के जरिए फिनिश कराकर दोगुने से तीन गुने दाम में बेच देते थे। जो लाभ यहां के कारोबारी को मिलना चाहिए था वह उन्हें नहीं मिलता था। जबकि बटन को बनाने, हडडी को घींसने सहित अन्य काम में कारीगर खुद की जान को भी जोखिम में डालते हैं। सरकार ने जब कामन फैसिलिटी सेंटर की मंजूरी दी तो यहां के कारोबारियों की उम्मीदो को पंख लग गए। शासन ने मंडल में तीन कामन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) को मंजूरी दी तो सम्भल में भी इसमे शामिल था। कार्यदायी संस्था हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन को बनाया। नौ करोड़ की मंजूरी में भवन के लिए सरकार पैसा देगी जबकि शेष एसोसिएशन लगाएगा।  इटली से बोनाइटी कंपनी की बटन तराशने वाली मशीन आएगी। मशीन लगने के बाद बटन यहीं तराशे जाएंगे। + +किलो नहीं पीस के हिसाब से बिकेगा : अभी तक बटन किलो के भाव में बिकता था। मशीन लगने के बाद बटन फिनिश होंगे तो यह पीस के हिसाब से बिकेंगे। बटन कारोबारी अब्दुल बाकी कहते हैं कि अब तक जो बटन बिकते थे। वह कारोबारी सम्भल से किलो का भाव लेते हैं और पीस के हिसाब से अमेरिका, जर्मनी, जापान, इंग्लैंड व अरब देशों में बेचते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67031.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27e79002f116f486aab994add9cbc8f1be8eeece --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67031.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एनटीयू स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर और इस स्टडी के लीड ऑर्थर वांग  लिपो के मुताबिक मशीन लर्निंग तकनीक के जरिए हमारी टीम ने खास स्क्रीनिंग मॉडल डेवलप किया है। इस तकनीक के जरिए सिर्फ आंखों की तस्वीर से बीमारी का पता लगाया जा सकता है। इस तकनीक के इस्तेमाल पर  ophthalmologists की जरूरत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। अब तक  ophthalmologists आंखों का प्रेशर कई तरह से नाप कर इस बीमारी का पता लगाते थे। + +लीड ऑर्थर वांग लिपो के मुताबिक इस  एआई तकनीक के जरिए मिले परिणाम जबरदस्त थे। हालांकि हम और ज्यादा मरीजों पर इस तकनीक का इस्तेमाल कर  algorithm को और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे इस मॉडल ने साबित कर दिया है AI तकनीक का अलग अलग बीमारियों की पहचान और उनकी जांच में बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। ये काफी सस्ता भी होगा। ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में इस तकनीक का बहुत फायदा मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0e1982ccd47332b3360c2081c82e039e6eaa723 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67032.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-मुकुल, महावीर नगर ।द्वारका सेक्टर सात में यह समस्या देखी जाती है। यहां डीडीए के खाली प्लाट में कूड़ा जमा रहता है और इसमें आग लगा दी जाती है। कई बार शिकायत की गई। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति होती है। ।-रवि जेटली, द्वारका।भरत विहार इलाके में पूर्व में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। कई बार अग्निशमन विभाग को फोन कर दमकल की गाड़ी को बुलाना पड़ा है। जो लोग दोषी होते हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bad498d3f813c27e3ad6db861ab84a8f51f20fe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे ट्रेंड प्रोफेशनल्स आने वाले समय में ड्रोंस के अनेक विभागों में अपनी सेवाएं देते देखे जाएंगे। ज्‍यादातर कंपनियां ऐसे प्रोफेशनल्‍स को अपने यहां नियुक्‍त करने पर जोर देंगी। आने वाले कुछ वर्षों में इस तरह की जॉब बहुत आसानी से लिंक्‍डइन, फेसबुक या किसी रोबोटिक्स या ड्रोन कंपनी के करियर पेज पेज पर आपको खूब देखने को मिलेंगी। फिलहाल, ड्रोन में स्‍पेशलाइजेशन हासिल करने वालों की अभी डिफेंस इंडस्‍ट्री और मैन्‍युफैक्‍चरिंग इंडस्‍ट्री में सबसे अधिक मांग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b38403f4d892dcf221c416881b913d6a0675ab1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67035.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फ्रंट आफिस का कार्यक्षेत्र: फ्रंट आफिस व्यवसाय से जुड़ा शब्द है जो किसी कंपनी के उस विभाग को इंगित करता है जो ग्राहकों के सीधे संपर्क में आता है। इसमें मार्केटिंग, सेल्स और सर्विस से जुड़े लोग भी शामिल होते हैं। जहां तक होटल इंडस्ट्री का सवाल है, तो इसमें फ्रंट आफिस होटल में आने वाले अतिथियों का स्वागत करता है, उनसे मिलता है, उनका उचित अभिवादन करता है, उनका रिजर्वेशन करता है, उनके चेकइन और चेकआउट की व्यवस्था देखता है, सुरक्षा विभाग व अन्य को चाबियां सौंपता है व वापस लेता है, अतिथियों को संदेश देता है और रुपये-पैसे का हिसाब-किताब करता है। + +अतिथियों की सेवा सर्वोपरि: फ्रंट आफिस हर उस काम को करने में तत्पर होता है, जिससे ग्राहकों यानी अतिथियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, उन्हें हर तरह से संतुष्‍ट किया जा सके। होटल के मानकों का पालन करते हुए अपनी सेवा से संतुष्‍ट करने में फ्रंट आफिस अपनी उपयोगिता साबित करता है। इस विभाग के लिए एक प्रबंधक नियुक्‍त होता है, जो फ्रंट आफिस आपरेशन को देखता है और पूरे बिजनेस प्लान के अनुसार हर काम व्यवस्थित रखता है। वह सुनिश्चित करता है कि होटल में आने वालों को यथासंभव सबसे अच्छी सर्विस दी जा सके। वह फ्रंट आफिस का अगुआ होने के नाते वहां से दी जाने वाली सेवाओं में किसी कोताही की गुंजाइश को खत्म करता है, साफ-सफाई का ध्यान रखता है, मुस्कुराते हुए अतिथियों का स्वागत करता है और उन्हें यह एहसास कराने की कोशिश करता है कि वे सही होटल में हैं जहां उनका सबसे अच्छा खयाल रखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e299b8c1c8b989c957cfb912efa0b7cca23bdcde --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनीषा गर्ग, नई दिल्‍ली। घुटनों के जोड़ों में दर्द की समस्या से राजस्थान के अलवर निवासी अजय शर्मा (42) इतने ग्रस्त थे कि उन्हें सीढ़ियां चढ़ने, बस में चढ़ने, नीचे बैठने तक में परेशानी होती थी। शुरुआत में उन्होंने एक माह तक चिकित्सा विशेषज्ञ से ऐलोपेथिक दवाइयां ली। पर हर बाद दवा लेने के दो-तीन घंटे बाद दवा का असर खत्म होने पर दर्द दोबारा शुरू हो जाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23a0cfb351e92ed05c1ede67b8bbeaf01900b69d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67044.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. राजन झा। अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से वापसी अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए एक ऐतिहासिक दौर है। लंबे समय से चली आ रही एक ध्रुवीय व्यवस्था में ‘विश्व शांति’ और ‘मानवाधिकार’ की सुरक्षा के लिए अमेरिका द्वारा एकतरफा सैन्य कार्रवाई ने विश्व व्यवस्था (वर्ल्ड ऑर्डर) में कमोबेश स्थायित्व बना रखा था। तालिबान की सत्ता में वापसी ने वर्ल्ड ऑर्डर के इस स्थायित्व को चुनौती दी है। + +वैश्विक परिस्थितियों के लिहाज से देखा जाए तो मध्य एशिया वह ऐतिहासिक क्षेत्र रहा है जो आमतौर पर यह निर्धारित करता है कि दुनिया को कौन नियंत्रित करेगा। एक ऐसा क्षेत्र जिसके लिए अमेरिका ने पूर्व सोवियत संघ के साथ प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लड़ाई लड़ी थी। देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ‘महाशक्ति’ को मुख्यत: दो बिंदुओं के आधार पर पारिभाषित किया जाता है। पहला, महाशक्ति वह है जिसका ‘वैश्विक’ प्रभाव होता है और उसका आधिपत्य दुनिया के हर कोने में हो। दुनिया के अन्य देश इस महाशक्ति को मान्यता भी देते हों। दूसरा, जो दुनिया के हर क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने की क्षमता रखता हो। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका ने अपने इस आधिपत्य को दुनिया के हर क्षेत्र में बनाए रखा। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं था, जहां अमेरिकी सेना की उपस्थिति नहीं थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..071f6f88718da0b5fdd1b4cbd8a20fc073c0f2ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67045.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +देवेंद्रराज सुथार। हाल में सरकार द्वारा प्रस्तुत अखिल भारतीय ऋण एवं निवेश सर्वेक्षण-2019 की रिपोर्ट ने एक बार फिर देश में लगातार बढ़ती आर्थिक असमानता की ओर ध्यान खींचा है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 फीसद अमीरों के पास शहरी क्षेत्र में 55.7 फीसद संपत्ति है, जबकि शीर्ष 10 फीसद ग्रामीण आबादी के पास करीब 132 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। ग्रामीण आबादी के 50 प्रतिशत गरीब लोगों के पास कुल संपत्ति का केवल 10 फीसद हिस्सा है, शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत आबादी के पास केवल 6.2 फीसद हिस्सा है। + +जनवरी-दिसंबर 2019 के बीच किए गए इस सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के पास 274 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जिसमें से करीब 140 करोड़ रुपये की संपत्ति 10 फीसद अमीरों के पास है। हमारे देश में करोड़पतियों की संख्या हर साल बढ़ रही है और आंकड़े बताते हैं कि देश में गरीबी भी उसी स्तर पर बढ़ रही है। वर्ष 2003 में एक सर्वेक्षण के अनुसार देश में करोड़पतियों की संख्या 61 हजार थी, 2004 में यह बढ़कर 70 हजार हो गई। वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2020 तक भारत में एक लाख करोड़पति हैं। इसके साथ ही यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2025 तक भारत में करोड़पतियों की संख्या 30 लाख हो जाएगी। ब्रिटेन के दार्शनिक जान लाक जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार के अतिरिक्त संपत्ति के अधिकार को भी मानव के विकास के लिए अपरिहार्य समझते थे। आज उनके सोच की अभिव्यक्ति के स्पष्ट दर्शन होते हैं। + +समाज के प्राकृतिक संसाधनों के विशाल भाग का केवल मुट्ठी भर लोगों का मालिक बन जाना पूरे समाज के लिए भयानक खतरे की घंटी बन रहा है। इसलिए व्यापक समाज हित में अमीरी रेखा का बनाया जाना आज समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है। इसलिए न्याय के आधार पर औसत सीमा तक संपत्ति रखने का अधिकार हर नागरिक का मूलभूत संपत्ति अधिकार होना चाहिए और उससे अधिक संपत्ति पर कर लगाया जाना चाहिए।(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74ce1d3c6954850bbed38a09f063079d2547a1d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67048.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +आखिर यह एक तथ्य है कि अमेरिका सरीखे देशों ने दुनिया को टीके उपलब्ध कराने के बजाय उनकी जमाखोरी करना बेहतर समझा। टीकों के मामले में न केवल संकीर्ण राजनीति की जा रही है, बल्कि दूसरे देशों के नागरिकों के आवागमन में अनावश्यक बाधाएं भी खड़ी की जा रही हैं। इसका ताजा उदाहरण है ब्रिटेन सरकार का यह फैसला कि भारत में कोविशील्ड टीका लेने वालों को टीका नहीं लगा हुआ माना जाएगा। + +यह फैसला इसलिए विचित्र और हास्यास्पद है, क्योकि कोविशील्ड ब्रिटेन में ही तैयार किया गया है और भारत में उसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की ओर से किया जा रहा है। ब्रिटेन में इसी टीके को एस्ट्राजेनिका नाम से जाना जाता है। किसी के लिए भी समझना कठिन है कि अलग-अलग नाम वाले एक ही टीके के मामले में दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है? इस पर हैरानी नहीं कि ब्रिटेन के इस फैसले को एक तरह के नस्लवाद के रूप में देखा जा रहा है। + +ब्रिटेन जैसा रवैया कुछ अन्य देशों ने भी अपना रखा है। ऐसे देश दूसरे देशों के टीकों को मान्यता देने में आनाकानी कर रहे हैं। जब कोशिश इसकी होनी चाहिए कि कोई भी कोविड रोधी टीका लेने वालों के लिए आवागमन सुगम बनाया जाए, तब इसके ठीक विपरीत काम किया जा रहा है। ऐसा करके एक प्रकार से विश्व अर्थव्यवस्था को गति देने में बाधाएं ही खड़ी की जा रही हैं। + +कोरोना रोधी टीकों के मामले में विभिन्न देशों की ओर से अपनाए गए दोहरे रवैये के खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन को सक्रिय होना चाहिए था, लेकिन कोई नहीं जानता कि वह अपेक्षित भूमिका का निर्वाह क्यों नहीं कर पा रहा है? इससे खराब बात और कोई नहीं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन न तो कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने में सक्रिय हो पाया और न ही टीकों के मामले में विभिन्न देशों के भेदभाव भरे रवैये को दूर करने में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ddc8f74f3afec549de0269aef471b27853651d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इस बार सर्दियों में राजधानी दिल्ली को गैस चैंबर नहीं बनने देने के लिए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग पुख्ता तैयारी कर रहा है। पहली बार एनसीआर के कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट) भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) ने जरूरत के अनुसार बिजली वितरण कंपनियों को वैकल्पिक प्रबंध करने का दिया निर्देश भी जारी कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45b1652092ee04bac40d6ba160fef1115b98aa6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6706.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस घटना से आहत होकर मधु ने अपने एक फेसबुक पोस्ट पर लिखा - 'भगवान सब कुछ देख रहा है। मुझे अपमानित करने के लिए इस वीडियो को कुछ लोगों ने वायरल कर दिया। मुझे इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि बिहार के कुछ लोग इतनी गिरी हुई हरकत भी कर सकते हैं।'।त्रिशाकर मधु का ये वीडियो वायरल होने के बाद कई लोग उनको ट्रोल करते हुए कह रहे हैं कि त्रिशाकर ने इस वीडियो को खुद ही जानबुझकर शेयर किया ताकि उनको पब्लिसिटी मिल सके। ।इसके बाद त्रिशाकर ने एक और पोस्ट को फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा - "आप सभी लोग कह रहे हैं कि मैंने इस वीडियो को बनाया। हां मैंने इस वीडियो को बनाया था। पर मुझे पता नहीं था कि कोई दूसरा व्यक्ति मुझे अपमानित करने के लिए मेरे इस वीडियो को लीक कर देगा।" इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट को शेयर करते हुए कहा कि भोजपुरी इंडस्ट्री में कोई भी शरीफ नहीं है। + +बता दें कि त्रिशाकर भोजपुरी एक्ट्रेस होने के साथ साथ त्रिशाकर मधु एक शानदार डांसर भी हैं। त्रिशाकर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वहां वे अपनी जिंदगी से जुड़ा काफी कुछ फैन्स के साथ शेयर करती हैं। फिलहाल त्रिशाकर का ये प्राइवेट वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। एक्ट्रेस एख के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर इसपर सफाई दे रही हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..634485741e75382b29a69933843d43e6df55165e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67060.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने का बड़ा फैसला करने के अगले ही दिन कांग्रेस हाईकमान ने महाराष्ट्र की इकलौती राज्यसभा सीट का उम्मीदवार तय करने में भी अपना ही सिक्का चलाया। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की प्रभारी रजनी पाटिल को राज्यसभा चुनाव के लिए सोमवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस फैसले ने पार्टी के असंतुष्ट खेमे के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की फिलहाल राज्यसभा में लौटने की गुंजाइश खत्म कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59d3d900f6a1be1e3e9477c33626d7f7666cb7ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67062.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अगस्त माह में स्वैच्छिक रक्तदान में बेहतर योगदान देने वाली स्वयंसेवी संस्थानों के साथ रक्तदान विषय पर निबंध एवं क्विज प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया। इसके अलावा एचआइवी-एड्स के संक्रमण की रोकथाम में बेहतर कार्य करनेवाले एनजीओ को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर।जेएसएसीएस के परियोजना निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह,एसएस पासवान भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में स्वैच्छिक रक्तदान में सहभागिता निभाने वाले कुल 37 स्वयंसेवी संस्थानों, सात टीआई एनजीओ और निबंध एवं क्विज प्रतियोगिता में सफल कुल 25 स्कूल-कॉलेजों छात्रों को सम्मानित किया गया। + +मिल्क बैंक क्या होता है।मिल्क बैंक में नवजात शिशुओं के लिए मां का सुरक्षित दूध स्टोर किया जाता है। इसकी मदद से उन नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराया जाता है जिनकी अपनी मां किसी कारणवश स्तनपान करा पाने में असमर्थ हैं। मिल्क बैंक में दो तरह की महिलाएं दूध दान करती है, पहली स्वेच्छा से और दूसरी वे माताएं जो अपने बच्चों को दूध नहीं पिला सकतीं। दुनियाभर में कई देशों में ऐसे बैंक खोले जा रहे हैं। ह्यूमन मिल्क बैंक का दूध बच्चों में होने वाले संक्रमण के खतरे को कम करने में मददगार साबित होता है और बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..093429dd2d8d6e7e3de7c4e073255a9e4d8a0830 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67068.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में सिर्फ शिक्षकों की ही कमी नहीं है, बल्कि 600 से अधिक विद्यालय किराए के मकानों या फिर जर्जर भवनों में जैसे-तैसे संचालित हैं। अब ऐसे विद्यालयों को अपना भवन देने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद से विद्यालय के लिए भूमि मांगेगा। जमीन मिलने पर केंद्र या फिर राज्य सरकार से धन आवंटित कराकर निर्माण कराया जाएगा। + +उत्तर प्रदेश सरकार ने आपरेशन कायाकल्प चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों का रूप-रंग बदल दिया है। ये विद्यालय भवन व साजसज्जा में कांवेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। गांवों या फिर कस्बों में छात्र-छात्राएं सीमित विकल्प होने की वजह से आसानी से बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में पहुंच जाते हैं लेकिन, शहरों में विकल्प अधिक होने से बच्चों के नामांकन में कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। भवन व शिक्षकों की उपलब्धता दोनों मोर्चों पर परिषदीय विद्यालय बहुत पीछे हैं। लखनऊ में ही 45 विद्यालय शिक्षकविहीन हैं और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की तादाद भी अच्छी खासी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f8900d0a667eacc60f196685f4f876be75b79d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। Indian v/s New Zealand Test Match ग्रीनपार्क स्टेडियम में पांच वर्ष पहले भारतीय टीम ने 500वां टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के साथ खेला था। उसके बाद से चल रहा क्रिकेट प्रेमियों का इंतजार नवंबर में खत्म हो सकता है। 25 से 29 नवंबर के बीच यहां एक बार फिर न्यूजीलैंड की टीम से टेस्ट मैच प्रस्तावित है। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में अब तक 22 टेस्ट, 14 एकदिवसीय, एक टी-20,चार आइपीएल मुकाबले हो चुके हैं। पहली बार ग्रीनपार्क में जनवरी 1952 में इंग्लैंड से टेस्ट मैच की शुरुआत हुई थी। यहां वर्ष 2016 में न्यूजीलैंड बनाम भारत का अंतिम टेस्ट खेला गया था। इसमें भारत ने अश्विन की शानदार गेंदबाजी के बूते न्यूजीलैंड को 197 रनों से शिकस्त दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9856d3e2280a20d0c4ffeb51f5f03917aa6ac3a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। Punjab New CM: चरणजीत सिंह चन्‍नी की ताजपोशी के बाद पंजाब कांग्रेस में नए समीकरण बनने की संभावना है। इस पर विपक्षी दलों की अभी से नजरें जम गई हैं। पंजाब कांग्रेस की कलह में विपक्षी दल अपनी अपनी संभावनाएं तलाशने लगे हैं। इन दलों की नजरें अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के अगले कदम पर भी है। पंजाब कांग्रेस में बनने-बिगड़ने वाले समीकरणों का राज्‍य की सियासत पर बड़ा असर पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67073.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fc4d46b3f9009310c1f705a9e09658f0c6b4dea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67073.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ब्रजबिहारी। पिछले हफ्ते के दो राजनीतिक घटनाक्रमों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी ही वास्तव में ‘पार्टी विद डिफरेंस’ है। पहली घटना गुजरात में हुई, जहां भाजपा ने न सिर्फ मुख्यमंत्री बदल दिया, बल्कि देश के इतिहास में संभवत: पहली बार पूरा का पूरा मंत्रिमंडल नए चेहरों से भर दिया। परिवार की तरह ही पार्टी में थोड़ी कुनमुनाहट हुई, लेकिन फिर सब अपने काम में जुट गए। दूसरा घटनाक्रम पंजाब में हुआ, जहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री को मजबूरी में त्यागपत्र देना पड़ा और उसके बाद मीडिया में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के जो उद्गार सामने आए, उसने पार्टी की छीछालेदर कर दी। लेकिन सबसे ज्यादा सटीक टिप्पणी तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी और उनका इंटरनेट मीडिया अकाउंट देख रहे लोकेश शर्मा ने इन शब्दों में की, ‘मजबूत को मजबूर किया जाए, मामूली को मगरूर किया जाए, जब बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए।’ ।अपने ट्वीट के कारण कांग्रेस के इस नेता को भले ही इस्तीफा देना पड़ गया हो, लेकिन उनका नाम पार्टी को पटरी पर लाने के लिए बलिदान देने वालों की सूची में दर्ज किया जाना चाहिए। इस समय कांग्रेस को अधिकाधिक संख्या में ऐसे ही नेताओं की जरूरत है। दुख की बात है कि पार्टी में इस श्रेणी का नेतृत्व तेजी से विलुप्त होता जा रहा है। समय-समय पर पार्टी में आवाज उठाते रहने वाले गुलाम नबी आजाद जैसे ‘जी-23’ के नेता हों या फिर शशि थरूर जैसे सांसद, पार्टी में ऐसे लोगों की संख्या गिनती की रह गई है। + +पंजाब के घटनाक्रम के संदर्भ में शशि थरूर का पार्टी में स्थायी नेतृत्व की मांग करना समीचीन है, लेकिन पार्टी है कि तदर्थवाद के चंगुल से निकलना ही नहीं चाहती है। पंजाब के घटनाक्रम से एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस में सत्ता का केंद्र बदल रहा है। उन्हें विश्वास में लिए बिना कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर नाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह के फोन करने पर सोनिया गांधी का ‘आइ एम सारी, अमरिंदर’ कहना पूरी कहानी बयान कर रहा है। कांग्रेस में सोनिया के बजाय अब सबकुछ राहुल और प्रियंका वाड्रा के इशारे पर हो रहा है। + +राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा राजस्थान और छत्तीसगढ़ की भी हो रही है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उन्हें चुनौती दे रहे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच हालिया दिल्ली दौरे के बाद संघर्षविराम नजर आ रहा है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि आग अभी पूरी तरह से बुझी नहीं है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाईकमान के बार-बार के निर्देश के बावजूद मंत्रिमंडल में विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां नहीं कर रहे हैं। सरकार के पौने तीन साल बीत चुके हैं। सचिन पायलट गुट का धैर्य कभी भी जवाब दे सकता है। उनके समर्थकों को यह बेजा नहीं लगता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सारी मेहनत सचिन ने की, लेकिन मुकुट गहलोत के सिर सज गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61a685fc3969c42ed02c65470cd7c773a1de13df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67077.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लालजी जायसवाल। न्यायालयों के कार्यभार को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के टिब्यूनल यानी अधिकरणों की बड़ी भूमिका होती है। लेकिन देखा जा रहा है कि देशभर में अधिकरण धीरे-धीरे गैर-कार्यात्मक होते जा रहे हैं। अधिकरणों में रिक्तियों को भरने में विफलता का सीधा सा मतलब कम लोगों पर अधिक भार का होना है। एक लंबे अरसे से इस बात को महसूस किया जा रहा है कि न्यायाधिकरणों में पीठासीन अधिकारियों तथा न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की भारी कमी रही है। + +सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में ही केंद्र सरकार को कहा था कि वह एक ‘नेशनल टिब्यूनल कमीशन’ बनाए जो न्यायाधिकरणों में नियुक्ति और उनके कामकाज के लिए एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करे और उसकी प्रशासनिक आवश्यकताओं का ध्यान रखे। लेकिन लगभग दस महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले पर केंद्र सरकार की ओर से कुछ विशेष कार्य नहीं किया गया। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के अधिकरणों में खाली पड़े पदों को भरने के मामले में सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f6ff93c3937369e50da07ce2ef02a5fbd4734a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67078.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आशीष सिंह]। राजधानी में स्कूल, कोचिंग संस्थान और कुछ कालेज खुल गए हैं। ऐसे में पुरानी दिल्ली स्थित नई सड़क के पुस्तक बाजार का व्यवसाय पटरी पर लौट रहा है। बाजार में छात्र किताबों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। इससे बाजार में पुस्तक प्रेमियों की भीड़ बढ़ रही है। खरीदारों को देखकर दुकानदारों के चेहरे पर रौनक नजर आ रही है। दुकानदारों ने बताया कि शिक्षण संस्थान खुलने से व्यापार रफ्तार पकड़ रहा है। नई सड़क बुक सेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष स्वर्ण सहगल ने बताया कि पहले से 10 प्रतिशत ग्राहकी बढ़ी है। ।उन्होंने कहा कि स्कूल व कालेज को पूरी क्षमता के साथ खोल देना चाहिए। हमारा व्यापार पूरी तरह से स्कूल-कालेजों पर निर्भर करता है। यहां किताबों की 120 दुकानें हैं। उन्होंने बताया कि अभी छोटी कक्षाओं की पुस्तकें नहीं बिक पा रही हैं। ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं और कालेजों की पुस्तक लेने खरीदार आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम यही चाहते हैं कि जो भी बाजार में आए कोरोना नियमों का अच्छी तरह पालन करे। दिल्ली स्टेशनरी एसोसिएशन के सचिव विकास गुप्ता ने बताया कि कई दुकानें बंद पड़ गई थीं, वह भी अब खुलने लगी हैं। स्कूल-कालेज खुलने से दुकानदारों में आस जगी है। लोग घरों से खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले जैसे काम में अभी थोड़ा समय लगेगा। ।दुकानदार सचिन गुप्ता ने बताया कि अभी काम पहले जैसा नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे ग्राहक बाजार में पहुंच रहे हैं। हमें इससे बहुत राहत है। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले दिनों में काम बढ़ने उम्मीद है। आनलाइन शिक्षा ने हमारे व्यवसाय को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि हमें दुकान का बिजली का बिल देना पड़ता है और हेल्पर्स को भी वेतन देना होता है। कोरोना ने हमारा बहुत नुकसान किया है। इस बाजार में प्रतियोगी परीक्षाओं और स्कूल-कालेज की पुस्तकें सस्ते दामों में मिलती हैं, जिससे छात्र यहां दूर-दूर से पुस्तकों की खरीदारी करने आते हैं। ।पालम से प्रतियोगिता परीक्षा की किताबें खरीदने आए राजन ने बताया कि यहां अक्सर वे किताबें खरीदने आते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से अब आए हैं। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान खुल गए हैं, जिसमें आफलाइन पढ़ने के लिए किताबें चाहिए। वहीं, पीएचडी के छात्र सुहेल ने कहा कि मैं अपने और छोटे भाई के लिए किताब खरीदने आया हूं। अब सबका वैक्सीनेशन भी हो रहा है और सब कुछ खुल चुका है तो छात्रों को भी पूरी तरह से आफलाइन कक्षा में बैठने की अनुमति मिलनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..406c18a12385887c7204f13b314ce821ee096725 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67082.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. महेश परिमल। हमारी संवेदनाएं बहुत काम की होती हैं। संवेदनाओं की यह यात्रा जीवन के हर क्षेत्र में होती है। जिस तरह से दिल से दिल के तार जुड़ते हैं, वैसे ही संवेदनाएं भी संवेदनाओं से मेल-मिलाप करती हैं। घर में मां जब भी भोजन बनाती हैं, वह सदैव रुचिकर और स्वादिष्ट होता ही है, क्योंकि वह भोजन बनाते समय स्वयं को झोंक देती हैं। यही बात घर के अन्य सदस्यों के बनाए भोजन में कई बार नहीं होती। लोग किन हालात में भोजन तैयार करते हैं, भोजन का स्वाद भी उसी पर निर्भर करता है। घर में विवाद हो, उसके बाद भोजन बने तो वह भोजन कभी भी रुचिकर या स्वादिष्ट नहीं होगा, क्योंकि उस समय मन में बुरे विचारों का भाव होगा, जो भोजन में अनायास ही चला जाएगा। इस तरह से विचार और संवेदनाएं अपना काम करती हैं। + +इसे यदि धर्म की दृष्टि से देखें तो स्पष्ट होगा कि भोजन की दो देवियां हैं। मां अन्नपूर्णा और मां शीतला। भोजन बनाने की प्रक्रिया अपनेआप में पूजा है। पूजा जब भी की जाती है, प्रफुल्लित मन से। तभी ईश्वर प्रसाद ग्रहण करेंगे और तभी वह मनुष्यों के खाने लायक होगा। आपने महसूस किया होगा कि एक ही सामग्री और विधि अपनाने पर भी दो लोगों का खाना एक जैसा नहीं बनता है। वास्तव में भोजन में केवल स्थूल ही नहीं, सूक्ष्म सामग्री का भी समावेश होता है। इसे सामान्य मनुष्य भावना की तरह समझ सकता है। जैसी भावना रखते हुए भोजन बनाया जाएगा, वैसा ही उसका स्वाद आएगा और वैसा ही व्यक्ति पर प्रभाव पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4018ff5363287cff0e393d0fb22b901065e9df0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +30 साल पहले हुई मुलाकात ।संगीतकार रवींद्र जैन ने 30 साल पहले अलीगढ़ के अतुल जैन की फिल्मी हस्तियों से मुलाकात कराई थी। तब से अलीगढ़ के पुल हैंडल फिल्मी व टीवी दुनिया में छाए हुए है। कई फिल्म व सीरियलों में यहां के डिजाइनर पुल हैंडल के सीन शूट किए गए हैं। ।कलाकृतियों की मांग ।दीवार पर सजाने के लिए पीतल की कलाकृतियों की खूब मांग है। ड्राइंग रूम में टेबल पर रखे जाने वाली यूरोपियन फिगर की खास डिजाइन भी तैयार की गई हैं। टीवी सीरियल में आर्टवेयर उत्पाद की खास मांग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecbe1603ad17256bd114bbaab1a61b756b6fc763 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67086.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हर्ष वी पंत। मार्च में वर्चुअल प्लेटफार्म पर हुई बैठक के छह महीने के भीतर क्वाड फिर सक्रिय हो गया है। वाशिंगटन में चारों देशों के प्रमुख मिलेंगे और साझा चिंताओं पर चर्चा होगी। साथ ही चीन को भी संकेत मिलेगा कि जिस क्वाड को वह पानी का बुलबुला कह रहा था, वह आज कहीं अधिक महत्वाकांक्षी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। जहां मार्च की बैठक ने इस समूह का एजेंडा सामने रखा था, वहीं इस बार की बैठक ठोस तरीके से कदम बढ़ाने का जरिया बनेगी। + +चार लोकतांत्रिक देशों (भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका) के समूह यानी क्वाड ने 2004 में सुनामी के समय मानवीय सहायता कार्यों के लिए साथ मिलकर काम शुरू किया था। जापान के प्रधानमंत्री एबी शिंजो की पहल और अमेरिका की सक्रियता से 2007 में चारों देशों ने पहली बार मालाबार नौसैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया था। चीन ने इसका कड़ा विरोध किया और चीन से अपने संबंधों को देखते हुए आस्ट्रेलिया इससे पीछे हट गया। इस तरह क्वाड 1.0 कोई खास नतीजा नहीं दे पाया। + +क्वाड 2.0 नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था के तहत मुक्त हिंंदू-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना चाहता है। आतंकवाद, साइबर हमले और समुद्री क्षेत्र से जुड़े सुरक्षा के मसले प्राथमिकता में हैं। कोरोना काल में क्वाड ने वचरुअल प्लेटफार्म के जरिये बैठक की और महामारी से निपटने को बेहतर गठजोड़ के लिए वियतनाम, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया को भी जोड़ा। मार्च, 2021 में हुए क्वाड सम्मेलन ने इसे नया रूप दिया। अपने पहले साझा बयान में चारों देशों के नेताओं ने मुक्त हिंदू-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक मूल्यों पर भी क्वाड का जोर रहा। मार्च, 2018 में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने क्वाड को पानी का बुलबुला कहा था, जो समय के साथ मिट जाएगा। ऐसा हुआ नहीं। बल्कि जैसे-जैसे चीन की विदेश नीति गैर जिम्मेदार होती गई, क्वाड मजबूत होता गया। अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने पद संभालने के दो महीने से भी कम समय में पहली बहुपक्षीय चर्चा के तौर पर क्वाड को प्राथमिकता दी। असल में चीन की नीतियां ही इस नए क्षेत्रीय गठजोड़ का कारण बनीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c118f9fe3a11947d781e100456f6dd0de9ad9fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी [प्रमोद यादव]। यह सनातन धर्म की विशेषता है कि अपने पूर्वजों और दिवंगत स्वजनों को स्मरण करने के लिए एक पूरा पखवारा ही पितृपक्ष के नाम से निर्धारित किया गया है। शास्त्र कहते हैं कि इस पक्ष में पितरों का स्मरण, तर्पण आदि करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। उनकी पुण्यतिथियों पर गरीबों,लाचारों को अन्न,वस्त्र आदि का दान करने से घर में सुख समृद्धि आती है। वैसे तो दैनंदिन पूजा में भी पितरों के तर्पण का विधान है पर जो लोग यह नहीं कर पाते हैं वे पितृपक्ष में अवश्य ही करते हैं । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc1ce3557ce07b2ddcc3d3f34f047ebb7e27bd6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम बात कर रहे हैं थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष रही श्रीमती एनी वुड बेसेंट की, जिन्होंने महामना मदन मोहन मालवीय के साथ मिलकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और काशी में महिलाओं की शिक्षा के लिए भी अनेक स्कूल कालेज खड़े किए। उन महान पुण्यात्मा की आज 20 सितंबर को पुण्यतिथि है। आयरलैंड से भारत तक के सफर में बदल गया कलेवर भारत से खासा लगाव रखने वाली श्रीमती बेसेंट का जन्म 01 अक्टूबर 1847 को ब्रिटेन में हुआ था। जब वह पांच वर्ष की थीं तभी चिकित्सक पिता का निधन हो गया। उनकी मां आयरलैंड की थीं। मेरियट के संरक्षण में फ्रांस और जर्मनी आदि अनेक देशों में उनका जीवन बीता और शिक्षा-दीक्षा हुई। युवा होने पर एक पादरी युवक रेवरेंड फ्रैंक से उनका विवाह तो हुआ लेकिन वैचारिक मतभेद के चलते 1873 में उन्होंने तलाक ले लिया। उनके दोनों बच्चे कोर्ट के आदेश से पिता के पास रह गए। इससे इसाइयत, बाइबिल और ब्रिटेन के कानून से उनका हृदय टूट गया। भारतीय थियोसोफिकल सोसाइटी के एक सदस्य से परिचय होने पर 1893 में वह मद्रास पहुंचीं। ।यहां आने के बाद उन्होंने पूरे देश का भ्रमण कर भारतीय समाज को देखा। ब्रिटिश हुकूमत की क्रूरता का एहसास किया। भारतीयों के हित के लिए संघर्ष करने की जिद पाली और मरते दम तक भारतीयता के कलेवर को जिया। काशी में हिंदू धर्म-शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था दृढ़ से दृढ़तर होती चली गई।महात्मा गांधी ने दिया बसंत नाम भारत और भारतीयता के प्रति एनी वुड बेसेंट के गहरे लगाव को देखते हुए महात्मा गांधी ने उनको हिंदी में बसंत नाम दिया। इस प्रकार वह बेसेंट से बसंत हो गईं। उनके ही नाम पर वाराणसी में दो बसंत कन्या महाविद्यालय स्थापित हैं।काशी के लिए योगदान काशी में लंबे समय तक वह रहीं और यहां शिक्षा के प्रसार में जुट गईं। यहीं उन्होंने 1898 में में सेंट्रल हिंदू कालेज की स्थापना की, जो बाद में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना का बीज बना। महामना मालवीय के साथ मिलकर उन्होंने बीएचयू की स्थापना में अप्रतिम योगदान दिया। 20 सितंबर को 1933 को मद्रास में उनका निधन हो गया। हिंदू धर्म में उनकी आस्था थी लिहाजा मां गंगा के आंचल में ही उनकी अस्थियां प्रवाहित की गईं।भागवतगीता का किया अंग्रेजी अनुवाद वह समाज सुधारक होने के साथ एक लेखिका भी थीं। भगवद्गीता से लगाव था जिसका उन्होंने अंग्रेजी-अनुवाद भी किया। पहले विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1914 में एनी ने साप्ताहिक समाचार पत्र ‘कामनविल’ की स्थापना की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f4720f2ffc393c7aab78c8ae7c46c989ee8c84d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन के ज्यादातर जानकार भारत को क्वाड की सबसे कमजोर कड़ी मानते हैं। दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में भारत का दखल केवल राजनयिक और सार्वजनिक राय पर आधारित है। हालांकि उनका यह भी मानना है कि क्वाड का विकास भारत के रुख पर निर्भर करेगा और भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करने में क्वाड महत्वपूर्ण हो सकता है। साथ ही चीन यह भी मानता है कि वह भारत और जापान दोनों के साथ सामान्य संबंधों को मजबूत कर सकता है, क्योंकि दोनों ही देश चीन से रणनीतिक टकराव को असहनीय बोझ मानते हैं। ऐसे में अभी यह कहना संभव नहीं है कि क्वाड चीन के विस्तारवादी रुख पर लगाम लगाने में कितना कारगर हो पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c800d5d4cfeea76e7d5e4d4d06e205ac4bfb807d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों का पत्र पढ़कर आंखें हो गईं नम।मां और पापा अब आप दोनों आजाद हो, आप दोनों लोगों पर अब दो बच्चों की जिम्मेदारी नहीं है। हम दोनों यह कदम नहीं उठाना चाहते थे, लेकिन हालात ऐसे हैं कि यह कदम उठाना पड़ रहा है। आप दोनों से विनती है कि हम लोगों के जाने के बाद अब आप दोनों आपस में झगड़ा न करना...। यह पत्र पढ़कर लालाराम और सावित्री परेशान हो गए तो पड़ोसियों की आंखों से आंसू आ गए। दंपती और पड़ोसी भी 15 वर्षीय बेटी प्रिया और 14 वर्षीय बेटे नैतिक को तलाशने के लिए घर से निकल पड़े। रिश्तेदारी व दोस्तों के यहां तलाशने के बाद रात 10 बजे दंपती ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। कल्याणपुर थाना प्रभारी वीर सिंह ने बताया कि बच्चों की तलाश में पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3391867bf859de500ac31919fe80b4713584fcd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोलन, संवाद सहयोगी। Mushroom Business, कोरोनाकाल में काम धंधे बंद हो गए तो मशरूम सिटी सोलन के युवा निशांत गाजटा ने लाखों रुपये में बिकने वाली कोर्डिसेप्स मशरूम उगा दी। कड़ी मेहनत से निशांत ने सोलन के कोटलानाला में स्थापित अपनी निजी लैब में इस मशरूम को उगाने में सफलता हासिल की है। चंबाघाट स्थित खुंब अनुसंधान निदेशालय ने तीन वर्ष पूर्व इस मशरूम को उगाने की तकनीक विकसित की थी। निदेशालय के अनुसार देश में करीब 100 लोग ही इसका उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन निशांत ने इसे स्वयं की लैब में तैयार कर मिसाल पेश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67095.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a7337e2cd6c0fc3925e63590f9208ece5c1d060 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67095.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने इस संरक्षण कार्य का विरोध करते हुए तत्कालीन संस्कृति मंत्री को पत्र लिखा था तथा एएसआइ की तत्कालीन महानिदेशक से मुलाकात की थी। उनका विरोध इस स्मारक के औरंगजेब के राजतिलक से जुड़ने के कारण था। उनका कहना था कि लाखों हिन्दुओं को बेवजह मौत के घाट उतार देने वाले औरंगजेब को एएसआइ महिमामंडित कर रहा है। उस समय एएसआइ के अधिकारियों ने काम बंद करने का आश्वासन दिया था, बाद में कोरोना के चलते यह काम बंद हो गया था जो बाद में शुरू नहीं हुआ। अब इसके संरक्षण की योजना एएसआइ ने त्याग दी है। + +शीश महल को शाहजहां ने अपनी बेगम अइज्जुन्निसा के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि यहां उनकी बेगम और उनकी सहेलियां झूला झूलने आती थीं। इस महल के बीचोंबीच पानी की नहर हुआ करती थी। यहां एक जलाशय बना था, जो एक बड़े से कुएं से जुड़ा हुआ था। महल के इस हिस्से से पानी नीचे कुएं में तेजी से जाता था, जिससे यहां के करीब 27 छोटे-छोटे कुएं में लगे फव्वारे चलते थे। महल से थोड़ी ही दूर में बाग और झूला बांधने के लिए बड़े-बड़े पत्थर आज भी देखे जा सकते हैं। बड़े फव्वारे के दोनों ओर एक-एक कमरा है, जिसमें खूबसूरत चित्रकारी देखी जा सकती है। बेल बूटियों को लाल-हरे रंगों में खूबसूरती से गढ़ा गया है, शीश महल के ऊपर पानी के झरने के दोनों तरफ एक एक कमरा भी बना हुआ है। इसी के पास छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं, जिसमें कभी हाथियों के ठहरने का इंतजाम किया जाता था। कहा जाता है कि यहां एक सुरंग भी होती थी, जो लालकिले तक जाती थी। सन 1658 के आसपास इस महल को औरंगजेब देहाती गृह के रूप में प्रयोग करता था। इसी महल के अहाते में औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक कराया था। इस बात का उल्लेख यूरोपीय यात्री बरनियर और काट्रो ने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..023f906a00f34eac77b0e7d33670db954b2874a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67096.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैंसर के खतरे को ऐसे कम करें : तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें, शराब का सेवन न करें, कम वसा वाला भोजन करें, सब्जी, फलों और सभी अनाज का उपयोग अधिक करें, नियमित व्यायाम करें। ।कैंसर से बचाएंगी ये चीजें : नियमित पत्तेदार सब्जियाें का सेवन करें, मौसमी फलों का सेवन करें,  ड्राइ फ्रूट्स का इस्तेमाल करें,  शक्कर, प्रोसेस्ड, पैक्ड और जंकफूड से परहेज करें, महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग लंबे समय तक न करें, वातावरण में फैल रहे प्रदूषण से बचने के उपाय करें, बाहर मास्क लगाकर ही निकलें, नियमित सात से आठ घंटे की नींद लें, नियमित 45 मिनट की एक्सरसाइज-योग जरूर करें। ।कैंसर के लक्षण और कारण : धूमपान, आरामतलब जीवनशैली, गलत खानपान और मोटापा, अल्ट्रावायलेट किरणें, इंफेक्शन, आनुवांशिक कारण, मरीज के पेशाब में बदलाव, गले में खराश, खाना निगलने में कठिनाई, शरीर के मस्सों, तिल के रंग व आकार में बदलाव, मरीज का अचानक वजन बढ़ना व घटना शुरू हो जाना, ज्यादा थकान, उल्टी, बार-बार, बुखार व बीमार पड़ते हैं तो कैंसर विशेषज्ञ से परामर्श लेंं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98d5c6db41841a6da26bcd45f4d1cffbe7bbccd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों को पुलिस संबंधी मदद के लिए जागरूक किया गया।बेहतर जनसंवाद और जागरूकता कार्यक्रम के तहत लगी चौपाल में लोगों को पुलिस संबंधी मदद के लिए 112, 1098 नंबर का प्रचार-प्रसार किया गया। इसके अलावा चौकी इंचार्ज, थानेदार व सीओ के सीयूजी नंबरों की भी जानकारी लोगों को दी गई। नागरिकों को अपराध व अपराधियों से जुड़ी किसी भी जानकारी को पुलिस को समय से उपलब्ध कराने की अपील की गई। एसएसपी के निर्देश पर एक पखवाड़े बाद लगी चौपाल में सीओ स्तर के अधिकारियों से लेकर थाना व चौकी प्रभारी तक शामिल हुए। कुछ जगह जमीन पर फर्श बिछाकर तो कहीं चारपाई पर तो कुछ जगह कुर्सी- मेज डालकर चौपाल लगाई गई। चौपाल में महिला, किशोरवय बच्चों को बुलाकर उनसे सीधा संवाद कायम किया गया। चौपाल पर ही इलाके में अपराध करने वाले गुंडे, हिस्ट्रीशीटरों, माफिया, अवैध शराब, गांजा बेचने वाले व अवैध असलाह की तस्करी करने वालों की जानकारी की गई। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि आमजन के बीच बेहतर संवाद कायम करने के लिए जिले में 75 स्थानों पर चौपाल कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इनमें 253 शिकायतें दर्ज हुईं। पुलिस से जुड़ी 43 शिकायतों का मौके पर ही निपटारा करा दिया गया। शेष शिकायतें नाली, खरंजे आदि को लेकर थीं। इसके लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया गया है, ताकि समस्याओं का स्थायी समाधान निकल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8294972b407297b4be1c83eca0e59a05bb80106b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +24 घंटे तक नजर बनाए रही आम आदमी पार्टी। दरअसल,  पंजाब में राजनीतिक हालात कांग्रेस के अंदर बदले हैं। कांग्रेस ने अपना मुख्यमंत्री बदल दिया है। अब चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में इसका नफा-नुकसान कांग्रेस को लगाना चाहिए, मगर आम आदमी पार्टी पिछले 24 घंटे से पंजाब पर नजरें गड़ाए हुए थी। AAP के दिल्ली में बैठे नेता वहां के हालात पर नजरें गड़ाए हुए थे। उनकी नजर इस पर थी कि वहां का मुख्यमंत्री कौन बन रहा है और उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या है?।वहीं, कांग्रेस की ओर से किस के पंजाब में मुख्यमंत्री बनाए जाने पर वहां की राजनीति पर कितना असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री बनने वाला किस बिरादरी का होगा। मगर अब कांग्रेस ने पंजाब में दलित चेहरे को आगे बढ़ाकर मुख्यमंत्री बना दिया है। इससे नफा-नुकसान का आंकलन कर रही AAP को अब नए सिरे से सोचना पड़ेगा। क्योंकि आम आदमी पार्टी भी पंजाब की सत्ता में आने के लिए तैयारी में लगी है। इससे पहले कांग्रेस में चल रही कलह के चलते AAP को अधिक उम्मीद थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81430c5f1129c571ced16bb0acfa8ce65d9447b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [सौरभ शुक्ला]। Terrorists in UP: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एटीएस द्वारा लखनऊ के मवैया प्रेमवतीनगर से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकी आमिर जावेद के रिश्तेदार हुमेदुर रहमान की ससुराल में एक सफेद रंग की कार मिल गई है। इस कार से आतंकी असलहों की सप्लाई करते थे। आतंक फैलाने के लिए इसी कार से आमिर और उसका रिश्तेदार हुमेदुर अपने साथियों को असलहे पहुंचाते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4fe44edcf7673d7343a7a91e221e45681a89df8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीबीआइ को राज्यों में जांच की अनुमति देने के लिए करना होगा संविधान में संशोधन।सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीबीआइ राज्य की सहमति के बगैर भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर सकती है। राज्यों के सहमति वापस लेने से सीबीआइ वहां जांच नहीं कर सकती। केंद्र के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है, जिससे वह राज्यों में सीबीआइ को जांच करने का आदेश दे सके। इस पर वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी कहते हैं कि केंद्र को शक्ति देने के लिए दिल्ली स्पेशल पुलिस स्टैब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन करना पड़ेगा या संविधान में संशोधन करना होगा। वैसे संघीय ढांचे के आधार पर संविधान संशोधन को भी चुनौती दी जा सकती है। हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसआर सिंह लंबे समय से सीबीआइ के दुरुपयोग की बात कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec099278fbd2d675e4b39a5e4e8d6f91bf46f097 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की घेरेबंदी के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सूबे की सत्ता की कप्तानी छीनने में सबसे निर्णायक भूमिका कुछ समय पहले तक उनके ही सलाहकार रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की है। समझा जाता है कि पंजाब के सियासी मिजाज का आकलन कर पीके की टीम ने पिछले कुछ समय के दौरान तीन अलग-अलग सर्वे रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46bcf28f1e0272f95fadb7ccb91a8490d5128bd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67104.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांदा, [जागरण स्पेशल]। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। वह खुद-ब-खुद अपना रास्ता तलाश कर मंजिल की तरफ बढ़ ही जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मवई गांव के किसान के बेटे अभिषेक तोमर ने। हरफनमौला क्रिकेट खिलाड़ी अभिषेक का चयन उत्तर प्रदेश अंडर-19 क्रिकेट टीम में हुआ है। वह लेफ्ट आर्म स्पिनर (आर्थोडेक्स गेंदबाज) के रूप में अपना जलवा दिखाएंगे। जिले के लिए यह पहली बड़ी उपलब्धि है।  ।पिछड़े बुंदेलखंड में मेधा की कमी नहीं है। बांदा सदर तहसील के मवई गांव निवासी रामबरन सिंह तोमर किसान हैं। उन्होंने अपनी संतानों को तराशने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके तीन बेटों में अभिषेक तीसरे नंबर के हैं। शुरू से ही उनका क्रिकेट के प्रति लगाव रहा। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आयोजित अंडर-19 के ट्रायल में अभिषेक को टीम में चुन लिया गया है। अब वह आगे होने वाले मैचों के लिए अभिषेक 19 सितंबर को मोहाली के लिए रवाना होंगे। अंडर-19 टीम में अच्छा प्रदर्शन करने पर अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी वह चुने जा सकते हैं। वह गेंदबाजी के साथ ही बैटिंग में जलवा दिखाते हैं। वर्ष 2017-18  और 2018-19 में अंडर-16 उत्तर प्रदेश की टीम में खेल चुके हैं। अंडर-16 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर इनका चयन नेशनल क्रिकेट एकेडमी के लिए भी हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be1e6c306d51493dfef53d34b34ca8a04a2ab59a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गलती सुधारने की कवायद ।अब डेढ़ साल बाद लैंसेट ने उससे उलट ओपन लेटर छापकर अपनी गलती को सुधारने की कोशिश की है। आस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के निकोलई पेट्रोवस्की ने कहा, 'यह भले देखने में छोटा कदम लगे, लेकिन 18 महीने तक खारिज करते-करते अब वायरस की उत्पत्ति की खुली जांच की पैरवी बड़ी बात है। लैंसेट जैसी अग्रणी पत्रिका का ऐसे विज्ञानियों का लेख छापना यह दिखाता है कि हमने इस डेढ़ साल में कितना सफर तय किया। अभी बहुत सफर बाकी है।'।डब्ल्यूएचओ ने भी की है जांच की पैरवी।चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पहली संयुक्त जांच में वायरस के प्रयोगशाला में बने होने की बात को खारिज किया गया था, लेकिन डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एदनम ने कहा था कि लैब लीक समेत सभी अवधारणाएं अस्तित्व में हैं। उन्होंने दोबारा जांच की पैरवी की थी। इसमें अंतरराष्ट्रीय विज्ञानियों की टीम को वुहान लैब में बिना रोक-टोक खुलकर जांच के लिए चीन से अनुमति देने को कहा गया था। हालांकि चीन ने डब्ल्यूएचओ पर दंभी होने का आरोप लगाते हुए दोबारा जांच की अनुमति से इन्कार कर दिया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..190228cb77136f9dda8a32009eb124ce4bd6587f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67107.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, [संजीव रंजन]। रांची से 40 किलोमीटर दूर स्थित और अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध जोन्हा जलप्रपात के झरने में कभी भगवान बुद्ध ने स्नान किया था। खुद में अनुपम सौंदर्य और अपार ऊर्जा समेटे इस झरने की श्वेत धवल जलधारा 150 फीट की ऊंचाई से निरंतर प्रवाहित होने के क्रम में रोज दो बार 19 साल की तीरंदाज सावित्री के संघर्ष, जुनून और बुलंद इरादे को कई वर्षों से करीब से महसूस करती है। यहां की सीढ़‍ियों पर भी सामान्य सी दिखने वाली सावित्री के जज्बे ने गहरी छाप छोड़ी है। तीरंदाजी का अभ्यास करने घर से प्रशिक्षण केंद्र जाने के क्रम में इस तीरंदाज को झरने के निचले हिस्से से ऊपर सड़क तक आने में अपनी साइकिल को सिर व कंधे पर उठाकर 735 सीढ़‍ियां चढ़नी होती हैं। शाम को घर वापस लौटते वक्त सीढ़‍ियां उतरने में भी यही प्रक्रिया दोहराई जाती है। ।कठिनाई से नहीं डिगी ।जोन्हा के पास ही स्थित कोनारडीह गांव की रहनेवाली सावित्री हर दिन झरने से होकर गुजरती हैं। झरने के इस पार सावित्री का गांव है और 10 किलोमीटर दूर उस पार जोन्हा तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र। साइकिल चलाकर झरने की सीढ़‍ियाें को पार नहीं किया जा सकता, इसलिए साइकिल ऊपर उठाकर यह सफर तय करना सावित्री की मजबूरी है। सीढ़‍ियाें की यात्रा तय करने की बाद वह साइकिल चलाकर आगे लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं। + +सेंटर पहुंचने में लगते हैं दो घंटे ।क्षमता, आत्मविश्वास, मेहनत और लगन से भरपूर झारखंड की प्रतिभाएं कभी भी संसाधनों की मोहताज नहीं रही। खेल के क्षेत्र में तो संकल्प के बूते यहां की प्रतिभाओं ने लगातार अपने-दम-खम का लोहा मनवाया है। ऐसी ही प्रतिभाओं में सावित्री भी शुमार है। वह पांच बहनों में सबसे छोटी हैं। सावित्री बताती हैं कि कई बार वह खाली पेट ही अभ्यास करने के लिए घर से चल देती हैं। सेंटर पहुंचने में दो घंटे लगते हैं। इसलिए घर से काफी पहले निकलना पड़ता है। सावित्री चैंपियन बनने के साथ नौकरी भी करना चाहती हैं, ताकि परिवार के भरण-पोषण में माता-पिता का सहयोग कर सकें और अन्य भाई-बहनों की भी मदद कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0334b55a3ebe52e878a644aeb145c56b9db2cf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67108.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मदन लाल ढींगरा को नहीं मिला वास्‍तविक सम्‍मान।संस्था के अध्यक्ष जतन चौधरी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में ऐसे भी कई सिपाही थे, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए पर वह आजाद भारत में वह स्थान प्राप्त नहीं कर पाए जो बाकी क्रांतिकारियों को हासिल हुआ। इनमें से ही एक हैं पराधीन भारत के ज्वलंत क्रांतिकारी एक मदन लाल ढींगरा। उन्हें अंग्रेज अफसर कर्ज़न वाईली की हत्या के आरोप में फांसी पर लटका दिया गया था। इस देशभक्त को दफन होने के लिए देश की धरती भी नसीब नहीं हुई थी पर देश आज भी इस युवा क्रांतिकारी को याद करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbc048e1c66f605d0fdee0bc1abdbdd8f1d3fbc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + ब्यूरोक्रेसी की आड़ में 2017 के चुनावी वायदों पर डाला पर्दा।कांग्रेस ने 12 सितंबर 2020 को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के महासचिव हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया। रावत ने पंजाब का चार्च लेते ही सबसे पहले एक साल से अलग-थलग पड़े नवजोत सिंह सिद्धू को सक्रिय किया। पंजाब के सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को पता था कि सिद्धू ही हैं जो कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। सिद्धू कांग्रेस के एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के कप्तान हैं। उनके कप्तान तो राहुल गांधी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3aa314a2554ae6c723e1a2ae580b7c1b2c38c519 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खोदाई में मिले 2800 साल प्राचीन साक्ष्य ।भारतीय पुरातत्व विभाग के लखनऊ कार्यालय की टीम ने ऐतिहासिकता जानने के लिए जाजमऊ के टीले की खोदाई कराई तो 2800 साल पुराने साक्ष्य मिले थे। कहा जाता है कि यहां पर मौर्य काल से लेकर मुगल काल तक शासन के साक्ष्य दफन हैं। राजा ययाति का किला वर्ष 1968 में तब चर्चा में आया था जब पुराना गंगा पुल बनाने के लिए खोदाई की गई। हजारों साल पुराने अवशेष मिलने पर पुरातत्व विभाग ने टीले को संरक्षित कर दिया था। इसकी देखरेख के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदारी दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2cceda1f7a4fa7434929c12ee7da4ca9f575e875 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: किसान नेता राकेश टिकैत केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार किसानों के हित के लिए अब तक कई बार कई घोषणाएं कर चुकी है इसके अलावा उनको फसल पर दी जाने वाली एमएसपी में भी बढ़ोतरी कर चुकी है मगर राकेश टिकैत सरकार से किसी तरह से संतुष्ट होते नहीं दिखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9488e9c86375333cfb4758eabc5514d6d0f05371 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67114.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +[संजय गुप्त] : पिछले दिनों तमिलनाडु विधानसभा ने इस आशय का प्रस्ताव पारित किया कि राज्य मेडिकल और डेंटल कालेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा नीट से बाहर हो जाएगा। तमिलनाडु सरकार ने यह कह कर नीट का विरोध किया कि इस परीक्षा में बैठने वाले अधिकतर छात्र शहरी क्षेत्रों से आते हैं और जब वे डाक्टर बनते हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में जाने में आनाकानी करते हैं। तमिलनाडु में नीट के असर का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी भी बनी थी, जिसने यह इंगित किया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या गिर रही है। इस कमेटी का यह भी कहना था कि अगर कुछ साल और नीट की व्यवस्था लागू रही तो राज्य में स्वास्थ्य ढांचा चरमरा जाएगा और ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों के लिए डाक्टर कम पड़ने लगेंगे। + +नीट के मामले में यह भी सामने आया कि इस परीक्षा में बैठने वाले कुछ छात्रों की जगह कोई और परीक्षा दे रहे थे। ऐसे मामले अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी देखने को मिलते रहे हैं। जब ऐसा होता है तो परीक्षाओं की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजित होने के पक्ष में तमाम तर्क हैं। सबसे बड़ा यह है कि एक ही परीक्षा के जरिये छात्रों को देश भर के कालेजों में दाखिला मिल जाता है और उन्हें अलग-अलग परीक्षा देकर समय और संसाधन नहीं जाया करना पड़ता, लेकिन इन परीक्षाओं में जिस तरह अनुचित साधनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है अथवा प्रश्न पत्र लीक कराए जा रहे हैं, वह ठीक नहीं। + +अपने देश में इंजीनियरिंग हो या मेडिकल या फिर एमबीए, इनकी सीटें 10वीं-12वीं में पढ़ने वाले छात्रों की तुलना में बहुत कम हैं। यही स्थिति विश्वविद्यालयों की सीटों की भी है। दिल्ली सरीखे विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के लिए कटआफ अंक 100 प्रतिशत तक पहुंच रहे हैं। यह एक बहुत बड़ी विडंबना है। उच्च शिक्षा के लिए बेहतर कालेजों में दाखिला पाने के लिए छात्र जी जान लगा देते हैं। वे अपने अभिभावकों के मार्गदर्शन में बचपन में ही यह ठान लेते हैं कि आगे चलकर उन्हें क्या बनना है। इनमें से जिन छात्रों को बेहतर कालेजों में दाखिला नहीं मिल पाता, उनमें से कई विदेश के विश्वविद्यालयों में दाखिला ले लेते हैं। इससे न केवल विदेशी मुद्रा की हानि होती है, बल्कि तमाम मेधावी छात्र वापस लौट कर नहीं आते। वे विदेश में ही नौकरियां या बिजनेस करने लगते हैं। यह स्थिति हाल-फिलहाल बदलती हुई नहीं दिखती। + +विश्वविद्यालयों या फिर मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रबंधन के शिक्षण संस्थानों में दाखिला पाने की होड़ छात्रों के लिए तनाव का भी कारण बनती है। वे एक मशीन की तरह प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के लिए जी जान से जुटे रहते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने की जो होड़ है, वह छात्रों पर अत्यधिक मानसिक दबाव बना रही है। कई छात्र इस दबाव को सहन नहीं कर पाते और कुछ तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यह स्थिति भारत के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fa02cecd4bb842db579ee26bf7c9f8774928bb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई स्‍तर पर सिंगल यूज प्‍लास्‍टिक पर अंकुश लगाने का बना प्‍लान।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए 2019 में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम छेड़ने का एलान किया था। इसके बाद कई स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर अंकुश के लिए प्लान बनाया गया। अब जिले में भी इसकी शुरुआत हो गई है। डीएम सेल्वा कुमारी जे की ओर से पिछले दिनों एक आदेश जारी हुआ था। सभी ग्राम पंचायतों में अभियान शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार से जिले में इसकी शुरुआत हो गई है। इसमें सफाई कर्मी गांव-गांव जाकर सिंगल यूज प्लास्टिक का कचरा एकत्रित कर रहे हैं। लोगों में जन जागरुकता लाने के प्रयास हो रहे हैं। ब्लाक स्तरीय अफसरों को भी निगरानी के लिए लगाया गया है। 30 सितंबर तक यह अभियान चलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98e4ea29e7d964e954bfddc125a058c056d8ada4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67117.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमेरिका और फ्रांस के संबंध किस प्रकार के हैं ?।अमेर‍िका और फ्रांस की दोस्‍ती काफी गाढ़ी है। यह दोस्‍ती काफी पुरानी है। 18वीं सदी की क्रांति के दौरान दोनों देश एक दूसरे के निकट आए, तब से दोनों के संबंध काफी प्रगाढ़ हैं। सबमरीन डील रद होने के बाद पहली बार फ्रांस ने अपने सबसे पुराने सहयोगी अमेरिका के साथ संबंधों में तल्‍खी देखी गई है। इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। + +क्‍या इस घटना का चीन से कोई लिंक है ?।इस पूरे घटनाक्रम का चीन से गहरा लिंक है। देख‍िए, नाटो की उत्‍पत्ति ऐसे समय हुई, जब शीत युद्ध का दौर था। पश्चिमी देशों और अमेरिका ने पूर्व सोवयित संघ को नियंत्रित करने के लिए इस संगठन को बनाया था। यही कारण है कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद इस संगठन पर सवाल उठने लगे थे। सरल शब्‍दों में समझें कि 21वीं सदी की दुनिया में तेजी से बदलाव आया है। दुनिया में शक्ति संतुलन में बड़ा फेरबदल हुआ है। चीन अमेरिका का प्रबल प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर कर सामने आया है। इससे अमेरिका के समक्ष एक नई चुनौती खड़ी हुई है। अब अमेरिका उन देशों के साथ एक मजबूत संगठन बनाना चाहता है, जिनका चीन से टकराव है या चीन उन देशों के समक्ष सामरिक चुनौती पेश कर रहा है। ऐसे में अमेर‍िका को नाटो से ज्‍यादा उन देशों की ज्‍यादा जरूरत है, जो चीन के खिलाफ फ‍िट बैठ रहे हो। अमेरिका की आस्‍ट्रेलिया और भारत के प्रति दिलचस्‍पी की प्रमुख वजह चीन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb53580025e4675045dc2e14828f1dcb1c8aac7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। Captain Vs Sidhu: पिछले लगभग पांच वर्ष में पंजाब कांग्रेस में बहुत कुछ बदल गया। नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह की इच्छा के विपरीत पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में आए थे। पिछला चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में ही लड़ा गया और पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। पार्टी ने इसका पूरा श्रेय कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया। नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन की कैबिनेट में शामिल हुए और स्थानीय निकाय मंत्री रहे, लेकिन कुछ समय बाद ही सिद्धू कैप्टन के लिए चुनौती बनने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e4eb0d2af829cecdce20e17804980da0a25055b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पार्टी के जानकारों का कहना है कि विपश्यना से लौट आने के बाद सीएम लगातार दूसरे राज्यों के दौरे पर निकलेंगे। पांच राज्यों में दौरा कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगे। जनसभाओं व रोड शो के जरिये सीएम का लोगों से सीधे संवाद कराने की भी पार्टी की योजना है। सभी राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में आप अपने उम्मीदवार उतारेगी और विकास संबंधी मुद्दों पर चुनाव लड़ने जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14bd652bf850ab2c1bd93f112e084fdfb9eac8d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। रविवार को भाद्रपद माह, शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता है कि जिसके अंत और आदि का पता न हो, उसे अनंत कहते हैं, अर्थात वे स्वयं श्रीहरि हैं। इस दिन घरों में भगवान विष्णु के स्वरूप अनंत का पूजन होगा। साथ ही भक्त घरों में विराजमान प्रथम पूज्य भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन भी करेंगे। साथ ही जैन धर्म के दसलक्षण पर्व का समापन भी होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af38676b524ec9407b88d28800b8876422f9fd7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67127.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। वर्ष 2020 में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पाबंदियों से सिसकते रहे आगरा के लेदर फुटवियर निर्यात कारोबार की गाड़ी पटरी पर लौटती नजर आ रही है। काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो अप्रैल से जुलाई की अवधि में 995 करोड़ रुपये का जूता निर्यात हुआ। पिछले वर्ष इस अवधि में 627 करोड़ रुपये का ही जूता निर्यात हुआ था। लेदर फुटवियर निर्यात से कोरोना का ग्रहण छंट रहा है। लेदर फुटवियर के लिए दुनियाभर में जाना जाने वाला आगरा अब नान-लेदर फुटवियर का भी निर्यात कर रहा है। 2019 की अपेक्षा 2021 में नान-लेदर फुटवियर का निर्यात कई गुना बढ़ा है। + +एक ही कैटेगरी में रखे जाएं लेदर और टेक्सटाइल।सीएलई के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से दिल्ली में मुलाकात की। वित्त मंत्री से लेदर निर्यात की स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही लेदर और टैक्सटाइल को एक ही कैटेगरी में रखने की मांग की गई, जिससे कि टैक्सटाइल इंडस्ट्री के समान लेदर इंडस्ट्री को भी योजनाओं का लाभ मिल सके। इससे दोनों इंडस्ट्री एक साथ ग्रो कर सकेंगी। प्रतिनिधिमंडल में सीएलई के चेयरमैन संजय लीखा, उपाध्यक्ष आरके जालान और नोर्दर्न रीजन के चेयरमैन पूरन डावर शामिल थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c97ac7ed566e729d67c790d18864860246c1a778 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/चंडीगढ़, एजेंसियां। कांग्रेस का पंजाब संकट इस साल जुलाई में शुरू हुआ, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह के कड़े प्रतिरोध के बावजूद नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया। उसके बाद नवजोत सिद्धू के कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से तीखे झगड़े से शुरू हो गए। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पूरी तरह से सिद्धू के साथ रहे। उन्हीं के इशारे पर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान भी सौंपी गई थी। राहुल और प्रियंका का मानना है कि युवाओं के हाथ में कांग्रेस की कमान आनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04359b3db1bfca07191643d3756a240756f5e9da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिलहाल इस स्कीम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भिखारियों से मुक्त बनाने के लिए चुने गए दिल्ली सहित देश के 10 बड़े शहरों में लागू करने की तैयारी है। इसके लिए इन सभी शहरों में भिखारियों की सही संख्या का पता लगाने के लिए सर्वे कराया गया है। नौ शहरों के सर्वे का काम पूरा हो गया है। अकेले दिल्ली में ही 20 हजार से ज्यादा इनकी संख्या मिली है। इनमें महिला और बच्चे भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f3927b83f3e6ea93a3ee65ad282833dc3a89f40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67140.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +यह साल 2021 है, जब 1586 पदों में 596 पर महिलाएं काबिज हुईं। इसमें बिहार सरकार की भी बड़ी भूमिका रही, जिसमें आधी आबादी को सशक्त करने की परिकल्पना के साथ महिलाओं के लिए 35 फीसद का आरक्षण भी तय किया गया, पर उससे भी आगे बढ़कर इन लोगों ने 37 फीसद पदों पर कब्जा जमा लिया। यह यूं ही नहीं था, हर एक की सफलता के साथ प्रेरक कहानी जुड़ी है। + +मां के साथ सोफिया- जागरण।सोफिया के सपनों पर नहीं लगी बंदिश: यह बदलाव की नई बयार है कि आज बेटियां कानून की रखवाली के लिए बेखौफ निकल पड़ी हैं। छह बहनों व दो भाइयों के बीच सबसे छोटी सोफिया कैमूर जिले के कुदरा की रहने वाली हैं। पिता मो. सलीम अंसारी का 2016 में इंतकाल हुआ तो जैसे सोफिया के सपने टूटने लगे, पर फैक्ट्री में काम करने वाले बड़े भाई मो. सलील अंसारी ने संबल दिया। यह बदलते समाज की सोच थी, जहां बहन के सपनों पर बंदिश नहीं लगी। सोफिया कहती हैं, गृह प्रखंड के ही सरकारी स्कूल-कालेज में पढ़ाई की। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, किसी बड़े शहर में जाने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी। वर्ष 2010 में नौवीं कक्षा में थी तो सरकार की बेटियों के लिए योजना के तहत साइकिल मिल गई। स्कूल का सफर आसान हो गया। वर्ष 2011 में प्रथम श्रेणी में मैट्रिक पास करने पर सरकार से दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिली। इसके बाद मुड़कर नहीं देखा, आज दारोगा भी बन गई। + +रंजना गुप्ता व पूजा गुप्ता पिता उदय कृष्ण व माता विमला गुप्ता के साथ- जागरण।बढ़ाया पिता का मान: बेशक परिवार में चाहत एक बेटे की रही और घर में बेटियां ही बेटियां हो गईं, लेकिन बेटियों ने समाज की लीक को तोड़ा। उन पर जल्दी से जल्दी विवाह के लिए दबाव बना, लेकिन उन्होंने अपने आजाद वजूद को चुना। रिटायर बैंक मैनेजर उदय कृष्ण और विमला गुप्ता के परिवार की झोली में ईश्वर ने पांच बेटियां डाल दीं, लेकिन आज पटना के आशियाना नगर के निकट बैंक आफ इंडिया हाउसिंग कालोनी स्थित उनके घर की रौनक देखते ही बनती है। इनकी दो बेटियां रंजना गुप्ता व पूजा गुप्ता एक साथ दारोगा बनीं। रंजना पांच बहनों में तीसरे नंबर पर और पूजा सबसे छोटी हैं। सबसे बड़ी बहन सुरभि की शादी हो गई है, वह मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में काउंसलर हैं। दूसरी बहन वंदना गुप्ता पटना के गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षक और तीसरी बहन रूपा गुप्ता भुवनेश्वर से शिक्षण में पीएचडी कर रही हैं। रंजना कहती हैं, वह थाने में प्रताड़ना की शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं को बताएंगी और समझाएंगी कि वे अपनी शक्ति को पहचानें। + +निधि व प्रगति- जागरण आर्काइव।रूढ़ियों को तोड़ बनाई राह: आत्मसम्मान के साथ-साथ खड़ी इन युवतियों की कहानियां न केवल परिवर्तन का एक बड़ा संदेश देती हैं, बल्कि इनके हौसले और जज्बे के आगे हजारों लोग नतमस्तक हो जाते हैं। बेगूसराय से 12 किलोमीटर दूर बाघा गांव की निधि ने उन रूढ़ियों को तोड़ा, जिनके साथ समाज चलता आया है। वह बताती हैं कि जब 13-14 साल की हुई तो पढ़ाई की नहीं, बल्कि दो बड़ी बहनों की तरह उनकी भी जल्दी से जल्दी शादी की बात होने लगी। किसी तरह परिवार को मनाया। घर से चार-पांच किमी. दूर विष्णुपुर गांव के उमर गल्र्स हाईस्कूल में दाखिले व आने-जाने में काफी बाधा आई। रोजाना पैदल आना-जाना संभव नहीं था तो पिता से साइकिल के लिए आग्रह किया। पिता नहीं माने तो मां के जरिए उन्हेंं राजी करवाया। वर्ष 1997 में आठवीं कक्षा में थी तब साइकिल दिलाई गई। खास बात यह इस तरह वह गांव में साइकिल चलाने वाली पहली लड़की बन गईं। हालांकि समाज के ताने भी सुनने पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f560e601c05eaace8ac9d04aac26869c90fe1dba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67141.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[डा. मुरलीधर चांदनीवाला]। ऋग्वेद में एक प्रार्थना मिलती है-‘उदित होती हुई उषा, बहती हुई नदियां, सुस्थिर पर्वत और पितृगण सदैव हमारी रक्षा करें।’ यह प्रार्थना वैदिक संस्कृति में पितरों की भूमिका को रेखांकित करती है। वैदिक ऋषि अपनी परंपरा में पितरों की उपस्थिति को अनुभव करते हैं, वे बार-बार उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। वैदिक मान्यता के अनुसार हमारे सामाजिक संस्कार, विचार, मर्यादाएं, भौतिक व आध्यात्मिक उत्तराधिकार पितरों पर ही निर्भर हैं। इसलिए उनसे की गई प्रार्थना हमें विरासत के प्रति जागृत करती है। + +चेतनाओं में अवस्थित।पितरों ने समय-समय पर रूढ़ियां तोड़ीं और जड़ता के विरुद्ध आवाज उठाई। वैदिक ऋषि बताते हैं कि हमारे पितृगण उच्चतर चेतना में लीन हैं। वे हमारी चेतना में देवताओं की तरह अवस्थित हैं। वे हमारी पुकार सुनते हुए हमारी रक्षा भी करते हैं। पितरों के बारे में वैदिक मान्यता है कि वे निरंतर हमारी प्राणिक चेतना का प्रक्षालन करते हुए उसे दिव्य प्रकाश की तरंगों से जोड़ने का उपक्रम करते रहते हैं। उनकी सूक्ष्म सत्ता हमारा पथ-प्रदर्शन करती है और हमें देव-सोपानों पर आरोहण के लिए तैयार भी करती है। + +दिव्य जीवन के ज्ञान पुंज।श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान ने कहा है कि ‘मैं पितरों में अर्यमा हूं’। अर्यमा द्वादश आदित्यों में से एक हैं और द्युलोक में हम सब लोगों के प्रकाशवान पूर्वज प्रतिनिधि हैं। अर्यमा मनुष्य की प्रकाश-यात्रा के अग्रणी नेता की भांति दिखाई देते हैं। वे द्युलोक में स्थित हैं, तो स्वाभाविक रूप से मित्र, वरुण, भग, पूषा, सविता और विष्णु जैसे व्यापक प्रभुत्व वाले देवताओं के साथ उनका होना हमें देवत्व के लिए जगाता है और इस बात के लिए भी आश्वस्त करता है कि मनुष्य की यात्रा पृथ्वीलोक से द्युलोक तक की है और वही गंतव्य है। ऋग्वेद के प्रसिद्ध पितरसूक्त (10.15) प्रार्थना हमारे भीतर प्रकाश की ऊर्जा भरती है। वेदों में पितरों का आह्वान उसी तरह किया गया है, जैसा इंद्र, अग्नि, मरुत आदि देवों का किया गया। वे प्रभात की अरुण रश्मियों पर बैठकर आते हैं और हमारे भयमुक्त जीवन का आधार बनाकर मानसिक शांति के प्रहरी बन आस-पास मौजूद रहते हैं। इसीलिए वेदों में हमारे जीवन का परितोष पितरों पर ही निर्भर बताया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74e948653e28cf1848fe44dbe1915bbfddfc011d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67142.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चिंता से हुए मुक्त।खरीफ सीजन में इस बार किसान कहीं अतिवृष्टि से तो कहीं कीट प्रकोप से फसल बर्बाद होने के कारण परेशान हैं लेकिन विनोद शाह इन परेशानियों से मुक्त हैं। वह कहते हैं कि खेत में तालाब बनाने से आसपास के खेतों में जलभराव नहीं हुआ। वहीं, जैविक खाद के उपयोग से सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक जैसी बीमारियां निस्प्रभावी रहीं। जिसकी वजह से उनके खेत की फसल अन्य किसानों की फसल से बेहतर है। बताते हैं कि सोयाबीन के पौधे साढ़े तीन फीट ऊंचे हो गए हैं। फलियों में दाने का भराव भी अच्छा है। जिसका फायदा अधिक पैदावार के रूप में होगा। + +तालाब से की धान की सिंचाई।धान की फसल के लिए सबसे अधिक पानी की जरूरत होती है। यही वजह है कि किसान बिना निजी जलस्रोत के धान की फसल नहीं लगाते। विनोद शाह के खेत में पानी का स्रोत नहीं था। उन्होंने जून माह में ही बारिश का पानी जमा करने के लिए एक तालाब बना लिया। दो दिन की बारिश में यह तालाब लबालब हो जाता है। शाह ने 60 गुणा 60 फीट के एक खेत में करीब पांच फीट गहरी खोदाई कराई। बारिश का पानी इसमें संजो लिया। इसी से वह धान की फसल के साथ अन्य फसल की सिंचाई भी पंप लगाकर करते रहे। जब-जब बारिश होती, उनका यह तालाब फिर लबालब हो जाता। इस तरह उनकी सिंचाई की जरूरत पूरी होती रहती। शाह ने पहली बार 12 बीघा में धान की फसल लगाई है। जिसकी पूरी सिंचाई तालाब के पानी से ही हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec2cdde6feaf5380d5bf368cf89dd31ed52194af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा.विवेक बिंद्रा। कठिनाइयां और चुनौतियां व्यक्ति के व्यक्तित्व में हमेशा ही निखार लाने का काम करती हैं, लेकिन उन चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए अच्छे कौशल की भी आवश्यकता होती है। जब आपके भीतर अच्छ कौशल मौजूद होगा, तो आप किसी भी परिस्थिति से पार पाने में सक्षम हो सकते हैं। स्किलसेट के बल पर ही हर स्टूडेंट, एम्पलायी और एंटरप्रेन्‍योर भविष्य में सामने आने वाले कठिन से कठिन हालात पर जीत हासिल कर अपने गुणों से दूसरे लोगों को भी प्रेरित करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8649046a99a390c3b10ae0f63032a3297762a1dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67151.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कई हैं रोचक पहलू।आज के समय में इतिहास के अनेक रोचक पहलू हैं। खास बात यह है कि तमाम सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थानों में इसकी पढ़ाई की सुविधा भी उपलब्ध है। युवा अपनी पसंद के अनुसार, विशेषज्ञता के लिए पुरातत्व विज्ञान, एंथ्रोपोलाजी, जियोलाजी, विजुअल आर्ट, म्यूजियोलाजी आदि क्षेत्रों का चयन कर सकते हैं। वे चाहें, तो कार्बन डेटिंग, खनन, कंजर्वेशन आदि को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। दरअसल, भारत के समृद्धशाली इतिहास को जानना एवं समझना काफी रुचिकर है। यहां की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों को तलाशने और उन्हें समुचित तरीके से संरक्षित करने के लिए विशेषज्ञों के साथ प्रशिक्षित पेशेवरों की भी आवश्यकता पड़ती है। इसलिए इतिहास में स्नातक या परास्नातक करने वालों को देश के प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास के अलावा समकालीन एवं विश्व के अलग-अलग राष्ट्रों के इतिहास से भी परिचित कराया जाता है। उन्हें पुरातत्व विज्ञान, संग्रहालय विज्ञान, क्यूरेशन, कंजर्वेशन आदि की भी जानकारी दी जाती है। + +संग्रहालय विज्ञान में संभावनाएं।प्राचीन अवशेषों एवं सामग्रियों को सुरक्षित रखकर संग्रहालय मानव इतिहास, संस्कृति और धर्म आदि की रक्षा में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। देश में ऐसे कई संग्रहालय हैं। राष्ट्रीय महत्व के ये संग्रहालय आज न सिर्फ पुरातत्वविदों, कंजर्वेटर्स, इतिहासकारों, बल्कि दुनिया भर के शोधाíथयों के लिए शोध का प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। संबंधित कोर्स करने और विशेषज्ञता हासिल करने के उपरांत आपको संग्रहालय निदेशक, क्यूरेटर, एग्जिबिशन डिजाइनर अथवा कंजर्वेशन स्पेशलिस्ट जैसे पदों पर काम करने का अवसर मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67152.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a6092ee55d539dbdd7537246b4ea18601054857 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67152.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने एक अहम फैसले में दिल्ली में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली नान बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हुए सरकार को एक सप्ताह के भीतर ऐसे प्लास्टिक के सारे भंडार को जब्त करने का आदेश देते हुए कहा था कि दिल्ली में अगर किसी व्यक्ति के पास से प्रतिबंधित प्लास्टिक बरामद होते हैं तो उसे पर्यावरण क्षतिपूíत के रूप में पांच हजार रुपये की राशि भरनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52a921be195738c2b79f77724ab2688f2bf9953b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसा नहीं है कि कार्रवाई होती नहीं है। विशेष निगरानी इकाई की सबसे बड़ी उपलब्धि एक रिटायर डीजी नारायण मिश्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई है। वर्ष 2007 में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोध की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। न्यायालय के आदेश से उनकी एक करोड़ 34 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई। उनके मकान में सरकारी स्कूल खोल दिया गया। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी शिवशंकर वर्मा की संपत्ति का भी अधिग्रहण किया गया था। लेकिन ये सख्त नतीजे इतने कम हैं कि भ्रष्टाचारियों के दिल में खौफ पैदा नहीं कर पाते हैं। विशेष निगरानी इकाइयों के केस भी अदालतों में कम ही टिक पाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04d911289009b429ea844a0ac3112c974f0c99ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज के दौर में स्‍वभाव का महत्‍व आसानी से समझा जा सकता है। यही जीवन का गुरु मंत्र भी है। अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज्‍यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान देना चाहिए। आपका जीवन अपने लिए आनंददायक और दूसरों के लिए अविस्मरणीय व प्रेरणादायक बन जाएगा। अब इसके बाद दोनों मित्रों को तनिक भी संदेह नहीं रहा कि जीवन में किसका महत्त्व अधिक है। इसलिए हम सभी को अपने सभी मिलने वालों से मधुर व्यवहार करना चाहिए। अगर आप खुद अच्छे नहीं हैं, तो किसी और से अच्छे होने की आशा कैसे कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9822ce1cda20c3b1d22f9c60d4ca88ff5cc563de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरावली पर्वत माला में पाषाणकाल के भित्तिचित्र और औजारों के प्रमाण पर हमने पिछले अंकों में विस्तार से रोशनी डाली ही थी। आज उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए शोधकर्ताओं को मिले लौह युग के प्रमाणों की यात्र पर ले चलते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलाजी (मानव विज्ञान) विभाग के शोधकर्ता शैलेश बैसला दो वर्षो से फरीदाबाद के कुछ गांवों से गुजरती अरावली माला पर काम कर रहे हैं। पाषाणकाल के भित्तिचित्र और औजार की खोज को राज्य पुरातत्व विभाग ने भी प्रमाणित किया था और राज्य पुरातत्व और संग्रहालय विभाग की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्य ने कहा था कि यह खोज बिलकुल अलग है। शैलेश ने इस पर काम किया है और महत्वपूर्ण शोध है, इसका संरक्षण किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67160.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83503b558de9893b8433003db3cf57439182e30a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67160.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत में कोविड के दौरान गरीब, कमजोर वर्ग, किसानों और अन्य जरूरतमंदों के वित्तीय समावेशन के लिए जनधन, आधार और मोबाइल (जैम) ने असाधारण एवं सराहनीय भूमिका निभाई है। जैम के कारण देश का आम आदमी डिजिटल दुनिया से जुड़ गया है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनधन योजना के सात साल पूरे होने के अवसर उसे किसान, कमजोर एवं वंचित वर्ग के अनगिनत भारतीयों के लिए वित्तीय समावेशन और गरिमापूर्ण जीवन के साथ-साथ सशक्तीकरण सुनिश्चित करने वाली योजना बताया। जीरो बैंक बैलेंस के साथ ही इससे बैंकिंग, आवश्यकता आधारित कर्ज, बीमा, पेंशन, जैसी सुविधाओं तक आम लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित की गई है। जनधन के अंतर्गत सात वर्षो के दौरान अगस्त 2021 तक करीब 43.04 करोड़ खाते हो गए, जिनमें 1.46 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इसमें 86 प्रतिशत यानी करीब 36.86 करोड़ खाते सक्रिय हैं, जिनमें औसत जमा 3,398 रुपये है। यह राशि अगस्त, 2015 की तुलना में 2.7 गुना बढ़ी है। बड़ी संख्या में जनधन खातों के सक्रिय रहने और औसत जमा में वृद्धि का मतलब है कि खातों के उपयोग और खाताधारकों में बचत की आदत बढ़ रही हैं। देश ही नहीं दुनिया में यह अनुभव किया जा रहा है कि जनधन योजना के माध्यम से सरकार ने आक्रामक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम चलाया है। इससे सरकार वंचित वर्ग, छोटे किसानों और गरीबों की मदद करने में सफल रही है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत ही इस साल अगस्त तक 11.37 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 1.58 लाख करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48b0b2111ae4838cc273bc2bd28881ba3f1fbe50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67162.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएचबीटी कई वर्ष से बांस पर शोध कर रहा है। बांस की कई प्रजातियां तैयार करने के लिए मशहूर इस संस्थान में 10 वर्ष पहले बांस का संग्रहालय बना था। इसमें दरवाजे, खिड़कियां, फर्श और छत सब बांस का है। यह आज भी वैसा ही लगता है जैसे शुरुआती दौर में था। इसे हाउस आफ बैंबू कहते हैं। विज्ञानियों के अनुसार बांस की मदद से कपड़ा, लकड़ी की टाइल, शैंपू, प्लाई बोर्ड सहित कई पदार्थ तैयार किए जा सकते हैं। इस दिशा में कई देशों में कार्य हो भी चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe3fe61c574135e960ec8d4a6be33dbd7becfadc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई दिनोंदिन नया मुकाम हासिल कर रही है। अब तक 79.95 करोड़ से अधिक कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की खुराकें दी जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश ने शुक्रवार को एक दिन में 2.50 करोड़ से अधिक कोविड रोधी टीके लगाकर कीर्तिमान बनाया। इसके साथ ही भारत ने टीकाकरण अभियान में यूरोप महाद्वीप को भी पीछे छोड़ दिया है। आइए जानें देश में कोरोना महामारी के खिलाफ कैसे बढ़ता गया सुरक्षा का दायरा और टीकाकरण के मामले में दुनिया में किस पायदान पर खड़ा है भारत...।मौजूदा स्थिति।ऐसे हुई थी अभियान की शुरुआत।ऐसे बढ़ता गया टीकाकरण का दायरा।दुनिया में किस पायदान पर भारत ।आबादी के प्रतिशत के आधार पर टीकाकरण में दुनिया में अव्वल देश संयुक्त अरब अमीरात है। वहीं आबादी की संख्या के आधार पर टीकाकरण के मामले में भारत दूसरे स्थान पर मौजूद है। चीन में एक अरब से ज्‍यादा लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया गया है जो उसकी 1.4 अरब आबादी का करीब 72 फीसद है। आबादी की संख्‍या के हिसाब से सर्वाधिक टीकाकरण वाले देश में चीन पहले नंबर पर है। दूसरे स्‍थान पर भारत और तीसरे पायदान पर अमेरिका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56b68bf70d6de88f5bb7d7f958f605258d104abe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपी में यह है लक्ष्‍य ।केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश की 20 फीसद वयस्क आबादी को कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं। यही नहीं 62 फीसद लोगों को कम से कम एक खुराक मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कम से कम 50 फीसद लोगों को कोविड रोधी वैक्‍सीन की एक खुराक लग चुकी है। सूत्रों ने बताया कि चुनाव के पहले राज्‍य की पूरी आबादी को कम से कम एक खुराक दिए जाने का लक्ष्य है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a63ee22fb7ef3beea2216b2fc5c9fd166491b17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। देश के युवाओं के कौशल विकास में पढ़ाई भी-कमाई भी, नया मंत्र होगा। इसके लिए इसी सत्र से देश के 5000 शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थाओं में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि इसके तहत पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ-साथ पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं को भी कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। शुक्रवार को विश्वकर्मा दिवस पर आयोजित कौशलाचार्य पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति में छात्रों के कौशल विकास पर विशेष जोर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ed7742bf23dd77c20e18bcd53f0448b726dacc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67171.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आम आदमी पार्टी ने सरकार बनने पर मुफ्त व सस्ती बिजली देने की पहल की है तो समाजवादी पार्टी भी ऐसा कर सकती है। माना जा रहा है कि चुनाव आते-आते भाजपा सहित दूसरे दल भी मुफ्त व सस्ती बिजली देने का वादा कर सकते हैं। सूबे में अभी किसी को मुफ्त तो नहीं लेकिन किसानों व बीपीएल परिवारों को सस्ती दरों पर बिजली दी जा रही है। छूट के एवज में सरकार अभी तकरीबन 11 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी कंपनियों को दे रही है। + +गुरुवार को जिस तरह मुफ्त बिजली देने की बात 'आप' ने की है, उसे अमल में लाने के लिए लगभग 24 हजार करोड़ रुपये और सब्सिडी चाहिए होगी। इसमें 300 यूनिट बिजली 2.50 करोड़ लाइफ लाइन व घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त में देने के एवज में सरकार पर 22 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। इसी तरह 13 लाख किसानों के ट्यूबवेल को मुफ्त बिजली के लिए 1845 करोड़ रुपये चाहिए होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af5cd0e49d1d93ce6a10d2280599f33f08df692b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67173.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी के जल्द बदले जाएंगे ब्रेल लिपि बोर्ड।अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि स्मारकों में 2014 से ब्रेल लिपि बोर्ड लगने शुरू हए थे। इस लिपि को प्रिंट करने की कुछ सीमाएं हैं। एल्यूमिनियम की पतली शीट पर ही ब्रेल लिपि को प्रिंट कर सकते हैं। क्योंकि उभरे हुए अक्षर होते हैं, जो समय के साथ डैमेज हो गए हैं। समय-समय पर संज्ञान में आने पर बदला जाता है। ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी के बोर्ड प्रिंटिंग स्टेज पर हैं। जल्द ही बदले जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d063b6d16adfa9bdca9c48f87af9d3a053468647 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-मुझे लगता है कि यूएई आपको बार-बार बुला रहा है, पिछले साल आप यहां आए थे और खेल नहीं सके थे मगर इस बार तो खेलना ही पड़ेगा?।जी बिल्कुल, टीम का माहौल काफी अच्छा है और हमारी टीम में बायें हाथ के खिलाड़ी सैम बिलिंग्स, मोईन अली, रवींद्र जडेजा और मैं खुद हूं, इसके बाद शीर्ष क्रम में रुतुराज गायकवाड़, फाफ डु प्लेसिस और अंबाती रायुडू भी हैं। तो मेरे विचार से टीम काफी मजबूत नजर आ रही है। दुबई में विकेट स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार होंगे। ऐसे में हमारी कोशिश रहेगी की मध्य क्रम में शानदार बल्लेबाजी करके अपने हाथ में विकेट बचाकर रखे। जिससे अंत में बड़े-बड़े शाट लगाकर एक अच्छा स्कोर खड़ा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67175.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67175.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1079dac628b5cf43b7678232b7e38f77b350e65f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67175.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लगातार तीन बार सत्ता का स्वाद चखने वाली दिल्ली कांग्रेस की पिछले 6 साल से हालत बहुत पतली है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में शून्य पर सिमटने वालीं कांग्रेस पार्टी में शीर्ष नेताओं से लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है। बावजूद इसके कुछ नेता हकीकत से कोसों दूर अपने कार्यकर्ताओं का झूठा ही सही, लेकिन उत्साह बढ़ाने का काम करते रहते हैं, लेकिन कभी-कभार स्थितियां हास्यास्पद हो जाती हैं। ताजा मामला दिल्ली कांग्रेस की एक नामी नेता से जुड़ा है और यह रोचक वाकया हुआ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव की मौजूदगी में हुआ। ।आईना दिखाना पड़ गया भारी, पर न हुआ एहसास।हुआ यूं कि जिला चांदनी चौक कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई तो उसमें पार्टी नेता अलका लांबा भी मंचासीन थीं। चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र से ही पूर्व विधायक होने के नाते उन्हें कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का मौका भी मिला। मैडम माइक पर आईं तो उन नेताओं से खासी नाराज नजर आईं जो पहले पार्टी छोड़ जाते हैं और बाद में वापस आकर फिर से टिकट की दावेदारी करने लगते हैं। उन्होंने जिला पर्यवेक्षक हरियाणा से विधायक चिरंजीव राव की उपस्थिति में कहा कि ऐसे नेताओं को कतई टिकट नहीं मिलनी चाहिए। बता दें कि चिरंजीव राव बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। + +होंठों पर मुस्कुराहट छोड़ गया अलका लांबा का बयान।खैर मैडम अलका लांबा का यह वक्तव्य सुनते ही ज्यादातर नेता-कार्यकर्ता एक-दूसरे की तरफ देखने लगे। कुछ तो बुदबुदाए भी.. अरे भाई, यह तो खुद ही पार्टी छोड़कर चली गई थीं। बाद में वापस आईं तो सोनिया मैडम से अपनी टिकट भी पक्का करवा लाईं। अब नियम कायदा तो छोटे-बड़े सभी के लिए एक जैसा ही होना चाहिए न। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67176.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e89007b66f24ea254c174a09bdf1660a61ad282 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67176.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। जब दैनिक जागरण ने नौ सितंबर को सबसे पहले यह लिखा कि अक्टूबर नवंबर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होने वाला टी-20 विश्व कप विराट कोहली का इस फार्मेट में कप्तान के तौर पर आखिरी विश्व कप हो सकता है और इसको लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल (बीसीसीआइ) के पदाधिकारियों की बैठक में चर्चा हुई है तो सबने आधिकारिक तौर पर इसको नकारा लेकिन अब बीसीसीआइ ने भी मान लिया कि छह महीने से टीम इंडिया के भविष्य पर चर्चा हो रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5845e628674562e74e32b36dba3d2a9a065f7855 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67178.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उल्लेखनीय है कि बंगाल में बच्चों में अज्ञात बुखार की वजह आरएस वायरस को बताया गया है। बुखार फैलते ही स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत विशेषज्ञ कमेटी बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। परंतु जिस रफ्तार से बच्चे बीमार हो रहे हैं ऐसे में बंगाल के उत्तरी जिलों के अस्पतालों में हालात अच्छे नहीं हैं। यह बात कहते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय से एक टीम भेजने की अपील की है। इस मामले में पीड़ितों की जानकारी छिपाने का आरोप सरकार पर लग रहा है। + +सुवेंदु का कहना है कि बंगाल प्रशासन भवानीपुर उपचुनाव में व्यस्त है, क्योंकि यह उनकी प्राथमिकता है। इसलिए वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह करते हैं कि हमारे बच्चों को बचाने के लिए बंगाल स्वास्थ्य विभाग की सहायता करें और तुरंत विशेषज्ञों की एक केंद्रीय टीम भेजे। बंगाल के स्वास्थ्य सचिव से भी आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल के उत्तरी जिलों से आने वाली चिंताजनक खबरों पर ध्यान दें, जहां 750 से अधिक बच्चों को तेज बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों के साथ अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की जानकारी ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b1667887f94fd3d5467d000ba9ed35566815797 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने ही दिग्गज को भूले दिल्ली के कांग्रेसी।पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ पार्टी नेता आस्कर फर्नांडिस जब जीवित थे तो कई बार प्रदेश कार्यालय आए। विभिन्न चुनावों में उन्होंने दिल्ली के प्रत्याशियों की मदद भी की। लेकिन जब वे अंतिम सफर पर निकले तो किसी न उनके लिए श्रद्धांजलि के दो शब्द भी नहीं कहे। भारतीय युवा कांग्रेस कार्यालय में जहां उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा गया वहीं युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी और प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व पदाधिकारी ओमप्रकाश बिधूड़ी के संक्षिप्त वक्तव्य के अलावा कहीं से उन्हें स्मरण किए जाने की जानकारी नहीं मिली। बहुत से कांग्रेसियों में यह चर्चा का विषय भी रहा कि जो नेता अपने दिग्गज तक को याद नहीं रखते, उनसे कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है! पार्टी नेताओं का यही रवैया उन्हें न केवल जनता बल्कि कार्यकर्ताओं से भी दूर करता जा रहा है। काश, कोई इनकी सोच बदल पाए!।नहीं छोड़ रहे मठाधीशी।दिल्ली कांग्रेस के अधिकांश वरिष्ठ नेता- चाहे वे पूर्व विधायक हों या पूर्व सांसद, प्रदेश कार्यालय से दूरी बनाकर चल रहे हैं। न संगठन के लिए कुछ कर रहे हैं और न ही नगर निगम चुनाव के लिए उनका कोई योगदान नजर आ रहा है। विडंबना यह कि सक्रिय न रहते हुए भी अपने- अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपनी मठाधीशी बनाए रखना चाहते हैं। अगर संगठन की ओर से वहां किसी और को जिम्मेदारी दे दी जाए या फिर कार्यकर्ताओं संग बैठक भी रख ली जाए तो ये नेता ऐसे हंगामा करते हैं कि जैसे संबंधित सीट इनकी पैतृक है और वहां किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। प्रदेश स्तर से यह शिकायत शीर्ष स्तर तक की जा चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। प्रदेश नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के बीच बनी इस खाई का खामियाजा कार्यकर्ता भुगत रहे हैं। किसी को कोई सियासी भविष्य नजर नहीं आ रहा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cc31dec62dfef7501aa536996025f25f2771294 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67181.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुनीता मिश्रा। वैसे तो देश के कई राज्यों में महिलाओं के लिए स्थितियां बुरी हैं, लेकिन राजस्थान में उनकी स्थिति बद से भी बदतर है। यह कोई सियासी बयान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों का सार है। इसमें राजस्थान को महिलाओं और बच्चियों के लिए सर्वाधिक असुरक्षित माना गया है। वर्ष 2020 में देश में दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए हैं। राज्य में 1,279 नाबालिगों का दुष्कर्म का शिकार होना स्थिति की भयावहता को दर्शाता है। दुष्कर्म के आंकड़ों को समग्रता में देखा जाए तो यही प्रतीत होता है कि प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में दुष्कर्म के मामलों में यहां 25.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c6ce8ecdac3c5acdb03e76ac682920e9e4dadb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। भारत की सनातन संस्कृति अपने वैदिक दर्शन से पूरे विश्व को आलोकित कर रही है। वैदिक दर्शन का प्रभाव सात समंदर पार रह रहे लोगों को भी यहां आने पर मजबूर कर रहा है। कानपुर के करौली धाम स्थित आश्रम में चेक गणराज्य से आए 10 लोग वेद व दर्शन के सार को समझकर लाभान्वित हो रहे हैं। 15 दिनों तक यहीं पर रुककर हवन-पूजन व अन्य अनुष्ठानों से पितरों की आत्मा तृप्त करने और उनकी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। पूर्णिमा के दिन ये लोग गुरुदीक्षा लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73868faac05eee6de3c059862dab32f9c213ce36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। Bridge Collapsed in Ranchi इस तस्वीर को गौर से देखिए। इसमें कुछ नया नहीं है, लेकिन ये हमें कचोटती है। नासूर बन चुके भ्रष्टाचार को बयां करने वाली ऐसी तस्वीरें हर वर्ष बारिश में समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती हैं। आकंठ भ्रष्ट हो चुके सिस्टम और इसके जिम्मेदारों के प्रति ऐसी तस्वीरें हिकारत का भाव भी पैदा करती हैं। बावजूद इसके धरातल पर बहुत कुछ नहीं बदलता है। हम कुछ दिन जिम्मेदारों को कोसते हैं और फिर अपने में मगन हो जाते हैं। तब तक, जब तक कोई ऐसा ही वाकया दोबारा सुर्खियों में नहीं आ जाता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a5afe10d789a81b9c4e9bba7f283c5c63428f69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें हाल ही में जाह्नवी कपूर ने मां श्रीदेवी के 58वां जन्मदिन पर उन्हें याद किया। इस मौके पर जाह्नवी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट मां के साथ की एक तस्वीर शेयर की थी। ये तस्वीर जाह्नवी के बचपन की हैं। जिसमें वो अपनी मां के साथ बेहद खुश नजर आ रही हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए जान्हवी ने कैप्शन में लिखा, 'हैप्पी बर्थडे मम्मा। मैं आपको बहुत मिस करती हूं। सबकुछ आपके लिए ही है, हमेशा, हर दिन। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc30ef260646542f58b96c332a39bc3fdfe818fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67192.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्पष्ट है कि नए चेहरों वाली सरकार के सामने एक साथ दो चुनौतियां होंगी। एक तो सरकार का कामकाज प्रभावी ढंग से चलाना और दूसरे, भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल तैयार करना। नए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के सामने एक चुनौती यह भी होगी कि शासन के कामकाज में नौकरशाही न हावी होने पाए। हालांकि, नए मंत्रियों के चयन में जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है, लेकिन कुछ ऐसे लोग छूट गए हो सकते हैं, जो मंत्री बनने की इच्छा रखते हों। जो भी हो, भाजपा की प्रयोगशाला कहे जाने वाले गुजरात में एक नया प्रयोग हुआ है। + +इस प्रयोग की सफलता-विफलता का निर्धारण भविष्य करेगा, लेकिन इसमें दोराय नहीं कि भारत में राजनीति से रिटायर होने की कोई परंपरा विकसित नहीं हो पाई है। यह परंपरा विकसित होनी चाहिए, क्योंकि इससे ही राजनीति में बदलाव की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी और इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता कि भारतीय राजनीति में बदलाव और सुधार की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..367df007d1350080c58f50a5a3e5fef4b99fed0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहद जितना अमृत, डंक उतना ही जहरीला।मधुमक्खियों का शहद जितना मीठा होता है, डंक उतना ही जहरीला होता है। डंक मारने पर शरीर में फार्मिक अम्ल होता है। अगर हजारों मधुमक्खियां हमला करती है तो इंसानी शरीर में बड़ी मात्रा में फार्मिक अम्ल प्रवेश कर जाता है। इससे असहनीय पीड़ा होती है। आइएमए के अध्यक्ष डाक्टर विद्या भूषण का कहना है कि मधुमक्खियों के डंक में ऐसा जहर होता है, जिससे शरीर में संक्रमण हो जाता है। यह अंगों को प्रभावित करता है। रक्तचाप कम हो जाता है। हृदयाघात से मौत की आशंका बढ़ जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..041b60a05af1b8fda03895a8e19252e4a19f2e39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2019 में साउथ ईस्ट एशिया रीजन में डायबिटीज पर स्वास्थ्य खर्च करीब 8.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर आया। हालांकि माना जा रहा है कि इस रीजन में आने वाले दशकों में डायबिटीज पर हेल्थ खर्च बढ़ेगा। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार 2030 में डायबिटीज पर खर्च 10.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2045 में 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13de1ae098b9a0f6c292d63b442804f9cab8b817 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम है आशिकाना।ऐ दिल कहीं से उनको ऐसे में ढूंढ़ लाना।ये रात ये खामोशी, ये ख्व़ाब से नजारे।जुगनू हैं या जमीं पर उतरे हुए हैं तारें।बेख़ाब मेरी आंखें, मदहोश है जमाना।कमाल अमरोही का लिखा यह गीत उन चुनिंदा शायरी में शुमार है, जिसे लोग आज भी पढ़ना और सुनाना पसंद करते हैं। पूरा गीत बरसात के मौसम की बानगी पेश करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6c8dc613680adadcef21d6cd94b23739af7a484 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67196.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय प्रांगण में कुछ फासले पर थे और उनसे मुखातिब होने के पूर्व नजर भूमि की सतह पर उभर रही एक विशद-विस्तीर्ण चट्टान पर जाकर ठहर जा रही थी। हालांकि अगले पल यह समझते देर नहीं लगी कि यह चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट में तैयार हो रही राम मंदिर की नींव है और जिसे शिलाओं के चूर्ण, बारीक शिलाखंडों और सीमेंट के मिश्रण से कृत्रिम चट्टान के रूप में ढाला गया है। यह चट्टान 12 से 14 मीटर तक ऊंची है। हालांकि अभी यह नींव आगे के निर्माण के लिए तैयार नहीं हुई है। + +चंपतराय ने मंदिर निर्माण की गति को लेकर भी आश्वस्त किया। कहा, बरसात और मौसम की अन्यान्य प्रतिकूलता के बावजूद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया अपेक्षित गति से आगे बढ़ रही है। निर्माण की प्रक्रिया में सहयोगी कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशंसित करते हुए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव कहते हैं, नींव के निर्माण में दो-दो, तीन-तीन शिफ्टों में लगातार चौबीसो घंटे काम चलता रहा है और आगे भी निर्माण की ऐसी ही गति बनी रहेगी। इस दौरान तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, एक अन्य सदस्य एवं निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास, विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एल एंड टी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद मेहता एवं टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद शुक्ल भी मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4d5f3f87003ce7531b3e439b0c68d7a93f65291 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67197.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीए में मिला स्वर्ण पदक।मां स्वर्ण कुमारी देवी लेखन कार्य में लगी रहती थीं। इसलिए सरला देवी का बचपन दासियों की देखरेख में ही बीता। उन्होंने अपनी आत्मकथा जिबोनेर झरापाता में लिखा है कि जब 13 साल की उम्र में बेथुन कालेज की प्रवेश परीक्षा मे सर्वोच्च अंक पाकर दाखिला पाया तो घर के लोग उनकी ओर मुखातिब हुए। इसके बाद बीए में सर्वोच्च अंक पाकर पद्मावती स्वर्ण पदक भी पाया। + +विवाह के बाद भी मां की पत्रिका में करती थीं मदद।मां स्वर्ण कुमारी द्वारा संपादित पत्रिका भारती से वह बचपन से ही जुड़ गई थीं। भारती पत्रिका को ठाकुर बाड़ी की सीमारेखा से बाहर निकालने का श्रेय भी सरला देवी को ही जाता है। विवाह के बाद भी वह पंजाब से इस पत्रिका के संपादन और संचालन के लिए कलकत्ता (अब कोलकाता) आती रहती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fef8fe3bb48150790d4265316660c1edbf3570f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67198.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यह है मामला।जिले में कुल 1350 सरकारी राशन की दुकान हैं। हर महीने से इनसे करीब साढ़े छह लाख कार्ड धारक राशन लेते हैं। कोरोना काल में सरकार अब तक हर महीने मुफ्त में दो बार राशन दे रही थीं। हालांकि, सितंबर से अब एक बार मुफ्त तो दूसरी बार सस्ते दामों में राशन दिया जा रहा है। सस्ते राशन की कीमत दो रुपये प्रति किलो गेहूं व तीन रुपये प्रति किलो चावल है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारक को प्रति यूनिट पांच किलो राशन (तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल) मिलता है। इसी तरह अंत्योदय कार्ड धारक को एक मुश्त 35 किलो ( 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल ) मिलते हैं। + +जांच में पर्दाफाश। अब पिछले दिनों शासन स्तर से राशन कार्ड के जांच के आदेश हुए थे। इस पर जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने जिले की सभी तहसीलों में टीमें लगाकर जांच कराई गई। अब यह सर्वे पूरा हो गया है। इसमें करीब 15 हजार से अधिक कार्ड धारक अपात्र मिले हैं। प्रशासन की तरफ से इन कार्ड को निरस्त करने के आदेश हो गए हैं। + +चौकानें वाले तथ्य।प्रशासन की जांच में काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में दर्जनों लोग ऐसे मिले हैं, जिनकी कई महीने पहले मौत हो चुकी हैं, लेकिन इसके बाद राशन जारी हो रहा था। इसके साथ ही तमाम ऐसे हैं, जो पात्रता के मानकों से बाहर हैं, लेकिन फिर भी राशन ले रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो महीने राशन लेने नहीं आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c56e290de33c611f7477537b4dd9550569e1e8ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, एएनआइ। कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) उच्च अनुपात में गर्भवती महिलाओं को संक्रमित कर सकता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपने अध्ययन में पाया है कि कोरोना संक्रमित महिलाओं को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक यह गर्भवती महिलाओं में गंभीर कोविड-19 संक्रमण के प्रतिकूल परिणामों पर ICMR द्वारा जारी किया गया पहला अध्ययन था। ICMR ने महाराष्ट्र में गर्भवती महिलाओं पर सरकारी संस्थानों और अस्पतालों के सहयोग से यह अध्ययन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52810c564a8288676bab57eb223d0366d1d17353 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_672.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी ने अपने बॉयफ्रेंड केएल राहुल को बर्थडे पर बड़े रोमांटिक अंदाज में विश किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक कोजी सी फोटो शेयर कर प्यारा सा मेसेज भी शेयर किया। इस तरह अथिया ने इंस्टाग्राम पर मोनोक्रोम तस्वीरें पोस्ट कर राहुल का 30वां बर्थडे और खुशनुमा बना दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0792fe00705b3aae8e5064ccad99ef650bfb2c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वन्य जीवों के लिए सुविधा।यह एशिया का पहला व दुनिया का दूसरा एक्सप्रेस-वे होगा जिसमें वन्यजीवों की आवाजाही की सुविधा के लिए पशु हवाई पुल (ओवरपास) की सुविधा होगी। दो आठ लेन की सुरंग भी होगी। इनमें से पहली मुकुंदरा अभयारण्य के नीचे से चार किलोमीटर लंबी बनाई जा रही है। दूसरी सुरंग माथेरान पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) में भी चार किलोमीटर लंबी सुरंग होगी। इनके अलावा भी कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67204.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67204.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8af875e1cbc3705de423c2e3f58118748ffdd62b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67204.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उसे हर दिन कालेज करीब 6 से 7 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। जबकि घर में एकमात्र बाइक होने के कारण उसे पिता चलाते थे। कई बार बाइक मांगने पर पिता ने इंकार कर दिया था। इसके बाद उसने देखा कि लॉकडाउन में महंगाई काफी तेजी से बढ़ी है। खासकर पेट्रोल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मध्यम वर्गीय एवं गरीब परिवार के लिए पेट्रोल का खर्च निकालना बेहद मुश्किल हो रहा था। इसी को देखते हुए उसने इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने का सपना देखा। + +झारखंड के सिमडेगा में इंटर के छात्र रामकृष्ण का प्रयास खूब सुर्खियां बटोर रहा। पिता ने बाइक देने से मना किया तो उसने इलेक्ट्रिक साइकल बना दी। पॉकेट मनी व ट्यूशन पढ़ाकर उन्होंने इसका खर्च निकाला।@JagranNews @JharkhandCMO #ElectricCycle।पढ़ें पूरी खबर-https://t.co/Q3siRnaTzl pic.twitter.com/fblqc7Sttm। फिर उसने साइकिल खरीदी और उसे इलेक्ट्रिक से जोड़ने के लिए यूट्यूब एवं इंटरनेट से जानकारियां जुटाईं। जरूरी उपकरण ऑनलाइन एवं ऑफलाइन के माध्यम से मंगवाए। इसके बाद करीब 45 दिन की मेहनत से अपने साइकिल को इलेक्ट्रिक रूप में परिवर्तित किया। साइकिल में मोटर, बैटरी, एक्सिलरेटर, हॉर्न और चार्जर, वायर आदि लगाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..939c3865fcf0a55006b0c36d197cbe46be389224 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। गुरु द्रोणाचार्य ने तो एकलव्य को अपना शिष्य नहीं बनाया था, लेकिन एकलव्य ने गुरु भक्ति नहीं छोड़ी। जंगल में गुरु द्रोण की प्रतिमा के समक्ष ही उसने धनुर्विद्या का अभ्यास कर स्वयं को निखारा था। एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में जिमनास्टिक का प्रशिक्षण पा रहे प्रयागराज के जिमनास्ट प्रणव मिश्रा और प्रणव कुशवाह ने तो गुरु के लिए घर और शहर ही छोड़ दिया। नहीं छोड़ा तो गुरु का साथ और सानिध्य। 10 वर्षों की कठोर साधना के बाद उन्होंने अपने गुरु को गुरु दक्षिणा दी है। उनका चयन पांचवीं सेंट्रल साउथ एशियाई चैंपियनशिप के लिए भारतीय जूनियर टीम में हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a34a4f56161b83e8fa40517a688c54e0b74ea05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भू-संरक्षण विभाग के राजगढ़ कार्यलय की ओर से इस गांव के किसानों के आग्रह पर वर्ष 2017-18 में मौके पर जाकर गांव के निकट पड़ेन्द नाले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सामुदायिक जल भंडारण  (चेक डैम) का निर्माण किया गया। इस चेक डैम में नाले का पानी एकत्र किया गया व इस पानी को खेतों के पास पाइपों से ले जाकर टैंक निर्माण कर भंडारण करने की योजना बनाई। इसका निर्माण  किसान विकास संघ जगास के माध्यम से किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..552dbbd9c18e86901135e93515f4a5c12a3d6cd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67213.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिक्षा सहित सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रोत्साहन दिए जाने का ही नतीजा है कि महिलाएं जागरूक हुई हैं और नेतृत्व के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही हैं। त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित सदस्यों का उत्तरदायित्व सीधे जनता के प्रति है, न कि प्रशासन या शासन के प्रति। उनका सशक्त, जागरूक एवं सक्रिय होना पंचायती राज की अवधारणा के लिए जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि वे शिक्षित होने के साथ ही साफ-सुथरी छवि के हों। + +मतदाताओं की भूमिका सिर्फ वोट देने मात्र से समाप्त नहीं हो जाती। महत्वपूर्ण यह भी है कि वे ग्राम सभा की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी बातों को रखें। साथ ही निर्वाचित प्रतिनिधि के माध्यम से ग्राम पंचायत की बैठकों में अपनी समस्याओं को उठाएं। निगरानी समिति के गठन में भाग लेकर स्वयं ग्राम पंचायत के कार्यो पर नजर रखें तथा समस्त योजनाओं को ठीक ढंग से लागू करवाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50989c72f378fc653d731f4b42443d860a1ec328 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल दिल्ली में बृहस्पतिवार दोपहर तक 1159.4 मिमी बारिश दर्ज हुई है, जो 1964 के बाद से सबसे अधिक और अभी तक की तीसरी सबसे बड़ी बारिश है। साथ ही, दिल्ली में सितंबर में हुई बारिश ने 400 मिमी के आंकड़े को भी पार कर लिया है। मालूम हो कि बृहस्पतिवार दोपहर तक 404 मिमी दर्ज की जा चुकी है। सितंबर माह में बारिश का आल टाइम रिकार्ड 1944 में 417.3 मिमी का है। हैरत की बात यह कि 2019 में पूरे मानसून के दौरान ही दिल्ली में 404 मिमी बारिश रिकार्ड हुई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक यह दिल्ली से हटेगा, तब तक यह दिल्ली में अब तक का दूसरा सबसे गर्म मानसून बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1463879e570bf3034a5bd4d80835795278fc6e97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि राव इंद्रजीत सिंह ने दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे में आ रही बाधाओं को लेकर अनेकों बार उनके सामने मांगी थी। उनकी मांग पर मानेसर एलिवेटेड फ्लाईओवर, बिलासपुर चौक फ्लाईओवर , बावल चौक फ्लाईओवर , मसानी बैराज पर 2 लाइन अतिरिक्त निर्माण सहित धारूहेड़ा बाईपास जैसी महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी गई है। इन सभी योजनाओं के लिए टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfa83f50b88989027f0abaf2d62b3cf8b6d83edf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्व खाद्य संगठन, (संयुक्त राष्ट्र संघ) के पूर्व मुख्य तकनीकी सलाहकार एवं परियोजना प्रबंधक डा. राम चेत चौधरी कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के साथ ही ओजोन की परत को नुकसान पहुंचाने का सीधा असर फसलों पर पड़ता है। ओजोन के प्रभाव के चलते पौधे की पत्तियों में बनने वाली बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। साथ ही पत्तों में टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ ही आने वाले समय के लिए ज्यादा प्रतिरोध वाली प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ae44267c45744cc71c0ed411c8f8336a6cd3a06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67220.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics क्‍या जनता दल यूनाइटेड (JDU) की इच्‍छा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) चिराग पासवान (Chirag Paswan) को राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल मानती है? ऐसा हम नहीं, बीजेपी के नेताओं के बयानों से जाहिर होता है। बीजेपी नेता या तो चिराग पासवान को एनडीए का हिस्‍सा बता रहे हैं या इस मुद्दे पर मौन साध ले रहे हैं। ऐसे में खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान (Hanuman of PM Narendra Modi) बताने वाले चिराग पासवान के एनडीए में रहने को लेकर बीजेपी की नरम नीति से सस्‍पेंस कायम है। + +चिराग को ले स्‍पष्‍ट नहीं हो रही बीजेपी की नीति। चिराग पासवान के संबंध में बिहार बीजेपी की स्‍पष्‍ट नीति सामने नहीं आ रही है। हाल ही में बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नीरज सिंह बबलू (Niraj Singh Bablu) ने चिराग पासवान को एनडीए का हिस्‍सा कहा था। फिर, बीेजपी के प्रदेश अध्‍यक्ष डा. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) ने पूछने पर चिराग पासवान के एनडीए में होने को लेकर स्‍पष्‍ट नहीं कहा। अब एक बार फिर बिहार सरकार के बीजेपी कोटे के मंत्री जीवेश कुमार (Jeevesh Kumar) ने कहा है कि एलजेपी नेता चिराग पासवान अभी भी एनडीए का हिस्सा हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b421902b84a5390b7662c33e500ca044bfe8d39d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवनीत शर्मा। नमस्कार! आज देश के प्रथम नागरिक के मेजबान के रूप में प्रफुल्लित मुझ हिमाचल प्रदेश की हवाओं में गर्व के झोंके हैं। पूर्ण राज्य के रूप में 50 साल पूरे करने की संतुष्टि है और चिंताएं वही हैं जो एक 50 वर्ष के अधेड़ की होती हैं। यह वर्ष पूर्ण राज्यत्व की स्वर्णिम जयंती का वर्ष है। कार्यक्रम तो सालभर चलेंगे, लेकिन आज का दिन इसलिए खास है, क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिमला आएंगे। मेरी विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। वैसे तो राष्ट्रपति आते रहते हैं, क्योंकि उनका एक आवास यहां भी है जिसे सब रिट्रीट के नाम से जानते हैं। लेकिन इस बार वह होटल में ठहरेंगे। जो हो, उनका आना इसलिए खास है, क्योंकि अवसर खास है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b3179146a5e92844ffe3c0047c79b129c54be91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67222.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, चंद्रशेखर दीक्षित। हर वर्ष लाखों की संख्या में पौधारोपण हो रहा है। फिर भी ब्रज में हरियाली का क्षेत्रफल घट रहा है। इसकी पुष्टि देहरादून के वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई सर्वे रिपोर्ट में भी की गई है। इसलिए अब ब्रज में पौधारोपण का तरीका बदला जा रहा है। यहां पर विकास के नाम पर भी हरियाली का कटान अधिक हो रहा है। इसके लिए अब जापान की तर्ज पर (मियावाकी पद्धति) के आधार पर पौधारोपण किया जाएगा। वर्ष 2022-23 में करीब 33 लाख पौधों का जिले में रोपण किया जाएगा। इसके लिए वन अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। + +विकास के नाम पर हरियाली का कटान हो रहा है। वन क्षेत्र में भी कमी दर्ज की जा रही है। ऐसे में अधिक से अधिक पौधा लगाना भी वन विभाग के लिए एक चुनौती है। अब शासन ने ब्रज क्षेत्र में जापान की तर्ज पर पौधारोपण कराए जाने का निर्णय लिया है। जापान में मियावाकी पद्धति पर पौधारोपण होता है, उसी तरह से अब वन अधिकारी ब्रज में पौधारोपण करेंगे। पौधारोपण के बाद बायो फेंसिंग की जाएगी, जिस पर होने वाला खर्चा मनरेगा के तहत किया जाएगा। + +यह है मियावाकी पद्धति।मियावाकी पद्धति एक जापानी वनीकरण विधि है। इसमें पौधों को कम दूरी पर लगाया जाता है। पौधे सूर्य का प्रकाश प्राप्त कर ऊपर की ओर वृद्धि करते हैं। पद्धति के अनुसार पौधों के तीन प्रजातियों की सूची तैयार की जाती है। जिनकी ऊंचाई पेड़ बनने पर अलग-अलग होती है। जैसे कि एक पेड़ खजूर का लगाया जाएगा, तो दूसरा पेड़ नीम, शीशम आदि का होगा। वहीं तीसरा पौधा किसी भी तरह की फुलवारी का हो सकता है। इसमें खास बात यह रहती है कि एक पेड़ ऊंचाई वाला तथा दूसरा कम ऊंचाई वाला तथा तीसरा घनी छायादार पौधा चुना जाता है। इन तीनों पौधों को थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल पर लगाया जाता है। यक प्रक्रिया दो से तीन सप्ताह में पूरी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14b84703ec45ef9e7657cbcce1047b46b340e524 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67223.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + बरसात की समाप्ति, अन्न पूजा और पशुओं की खरीद फरोख्त।75 वर्षीय बुजुर्ग प्रीतम चंद, 79 वर्षीय बिचित्र सिंह बताते हैं इस उत्सव को मनाने के पीछे एक धारणा यह है कि प्राचीन समय में बरसात के मौसम में लोग दवाएं उपलब्ध न होने के कारण कई बीमारियों व प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो जाते थे तथा जो लोग बच जाते थे वे अपने आप को भाग्यशाली समझते थे तथा बरसात के बाद पड़ने वाले इस उत्सव को खुशी खुशी मनाते थे। तब से लेकर आज तक इस उत्सव को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। सायर का पर्व अनाज पूजा और बैलों की खरीद-फरोख्त के लिए मशहूर है। कृषि से जुड़ा यह पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि शहरों में भी धूमधाम के साथ  मनाया जाता है। बरसात के मौसम के बाद खेतों में फसलों के पकने और सर्दियों के लिए चारे की व्यवस्था किसान और पशु पालक सायर के त्योहार के बाद ही करते हैं। + +अब नहीं सुनाई देती बच्चो के पैसे खेलने की खनक।एक समय था जब सायर पर्व का आगमन का पता गांव के बच्चों के पैसे खेलने के पता चल जाता था लेकिन अब अधिकतर बच्चे इस खेल से भी अनजान हैं। सायर पर्व के आने से एक हफ्ते पहले बच्चे एक पैसों का खेल जिसमें सबका एक-एक सिक्का शामिल होता था खेलते थे। सायर पर्व के दिन सिक्कों की जगह अखरोटों से खेलते थे। लेकिन अब इक्का दुक्का बच्चे ही इस पर्व का महत्व व इस खेल को जानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cebc3234e085c2ad3a50114b68cecc8424fcdf34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67225.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [नवनीत श्रीवास्तव]। रामनगरी में छह अक्टूबर से होने वाली रामलीला बालीवुड के सितारों के साथ वस्त्रों के लिहाज से भी विशेष होगी। रामलीला के लिए भगवान राम, माता सीता और रावण के वस्त्र भी ऐसे स्थानों पर तैयार किए जा रहे हैं, जो स्वयं में आध्यात्मिक ऊर्जा के चेतना पुंज के तौर पर स्थापित हैं। रामलीला में भगवान राम अपनी ससुराल में तैयार हो रहे वस्त्र पहनेंगे तो रावण श्रीलंका में बने कपड़ों में नजर आएंगे। रामलीला के लिए भगवान राम के शाही वस्त्र नेपाल के जनकपुर में बनाए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..299cb34caa19dac3c69f6dacfa6c28a3eb09a4ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भूजल का क्षय : अत्यधिक दोहन के कारण दिल्ली के कई क्षेत्रों में भूजल स्तर घटकर 20 से 30 मीटर नीचे जा चुका है। कुछ क्षेत्रों में तो भूजल में नाइट्रेट की मात्र 1000 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक पाई गई है। लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्रों में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर की निर्धारित सीमा से अधिक है। ज्यादातर क्षेत्रों की भूजल में अत्यधिक लवणता है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80db5b6ccf8fa9b154ff6bd94ca3e0c976a3ac5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पुलिस की ओर से छह आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनके और साथियों की तलाश में देश के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी से यही पता चलता है कि उनका नेटवर्क कहीं अधिक फैला हुआ था। गिरफ्तार किए गए आतंकियों का मकसद त्योहारों के मौके पर भीड़ वाले स्थानों में विस्फोट करना और कुछ नेताओं को निशाना बनाना भी था। दिल्ली पुलिस के हाथ लगे आतंकियों के सभी साथियों की गिरफ्तारी जरूरी है, क्योंकि तभी उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने और आतंकी हमलों के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c238f52d7bebf0378faa994e735164aec12af3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार की अवज्ञा के मामले बढ़े: पिछले साल सरकारी आदेश के उल्लंघन के मामलों में उछाल आया। 2020 में ऐसे कुल 6,12,179 मामले दर्ज किए गए। 2019 में इनकी संख्या मात्र 29,469 थी। कोरोना महामारी से जुड़े कई प्रतिबंध इन मामलों में बढ़ोतरी का अहम कारण रहे। बहुत से मामले इन्हीं प्रतिबंधों के उल्लंघन के कारण दर्ज किए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47f6bbddd580aadd19acef72753e8f557018a840 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े।- सर्दी जुकाम के मरीज- 3540।- दो सप्ताह से अधिक खांसी वाले मरीज- 217।- खांसी के बल्गम में खून आने वाले मरीज- 52।- जिन लोगों का वजन कम हो रहा- 30।- सांस लेने में तकलीफ के मरीज- 79।- बेहोशी के साथ बड़बड़ाना के मरीज- नौ।- बुखार के साथ ठंड लगना के मरीज- 101।- बुखार के साथ पेट में दर्द के मरीज- 34।- बुखार के साथ उल्टी के मरीज- 25।- बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते वाले मरीज- 11।- बुखार के साथ रक्तस्राव- एक।फतेहपुरसीकरी और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा बुखार के मरीज।एसीएमओ डा. संजीव बर्मन ने बताया कि फतेहपुरसीकरी और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा वायरल के मरीज मिल रहे हैं। यहां 518 लोगों के एंटीजन टेस्ट कराए गए। स्क्रीनिंग में सात में लक्षण मिले। अस्पताल में जांच कराने पर वे नेगेटिव मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9471690dcd38a513613bcb22d0980529fb840943 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67232.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आज से 20 साल पहले निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाबजूद स्वास्थ्य बीमा आम आदमी के लिए हितकर साबित नही हुआ। इसके मूल में एकरूपता का अभाव है। मसलन निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में प्रीमियम की समरूपता न होना। आयुष्मान 918 बीमारी पैकेज का प्रविधान करता है, मगर डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी बुखार जैसी कई बीमारियों के लिए आयुष्मान कोई व्यवस्था नहीं करता। कैंसर जैसी बीमारी के लिए लोगों को अपनी हेल्थ पालिसी में कैंसर टाप अप कराने पड़ते हैं। + +सरकार ने आयुष्मान भारत पर बड़ी रकम खर्च की है, मगर उसमें विसंगतियां हैं। सबसे पहले ओपीडी और भर्ती के प्रविधान को समाप्त करना होगा। सार्वभौमिक बीमा की अवधारणा के अनुरूप सभी बीमारियों के इलाज को बीमा का हिस्सा बनाना होगा। ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस में यही है। इससे बीमारियों को बार-बार अधिसूचित करने का झंझट नहीं रहेगा। साथ ही देश के हर स्वास्थ्य संस्थान को इसके अनिवार्य दायरे में लाना चाहिए ताकि बीमित व्यक्ति को बीमारी की स्थिति में उपचार के लिए अधिसूचित अस्पताल के लिए न भटकना पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67234.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10f6d998f26f1029470c512e6d5c7a26df5a53c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67234.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सीएम के हाथों होगा विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण।बारिश के कारण शहर की कई सड़कें खराब हो गई हैं तो कई में गड्ढे हो गए हैं। नालियां भी कई जगह टूट गई हैं। जलभराव के बाद कई इलाकों में नाले व नालियों की जरूरत महसूस की गई थी। इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने पहले ही पार्षदों से विकास कार्यों का प्रस्ताव मांगा था। साथ ही अभियंताओं को सर्वे कर जरूरी कार्यों का पूरा प्रस्ताव देने को कहा था। + +नगर निगम प्रशासन आयोजन की तैयारी में जुटा।नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि महेसरा में 11 करोड़ 43 लाख 42 हजार रुपये की लागत से इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन और डिपो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 20 सितंबर तक कार्यों को पूरा करने की अंतिम तिथि तय की गई है। अफसरों को उम्मीद है कि जल्द ही सभी कार्य पूरे करा लिए जाएंगे। राज्य स्मार्ट सिटी में शामिल गोरखपुर में इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के कार्य शुरू हो गए हैं। नगर निगम के जोन पांच के कार्यालय भवन का राप्तीनगर स्थित डाक्टर्स एन्क्लेव में भूमि पूजन भी जल्द कराया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..469d97548d6a83790ea1815a79033e61fac21007 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं पंजाब से।पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल ही ढील दिखने लगी थी। जिसके चलते अकेले पंजाब में वर्ष 2020-21 में वर्ष 2019-20 के मुकाबले करीब 44 फीसद ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट की गई थीं। यह स्थिति तब है जब केंद्र सरकार पराली जलाने पर रोकथाम के लिए इन राज्यों में करीब 22 सौ करोड़ रुपये उपकरण और दूसरे संसाधन मुहैया कराने पर खर्च कर चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af6c1546b6fe20998f1f3b7c024ccfd8a1d5267c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67242.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +परिषदीय विद्यालयों की कक्षा छह की पुस्तक में यह गलती शिक्षकों ने पकड़ी है। कक्षा छह की पुस्तक 'पृथ्वी और हमारा जीवन' में बृहस्पति व शनि के उपग्रहों की संख्या मौजूदा समय के हिसाब गलत है। इसे बेसिक शिक्षा विभाग ने भी स्वीकार किया है। अब शिक्षकों को गू्गल से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। किताब में पहला पाठ हमारा सौर मंडल का है। इसमें आकाशीय पिंड, खगोलीय पिंड, सौरमंडल, सूर्य, ग्रह, उपग्रह, पृथ्वी, चंद्रमा, उल्का  पिंड समेत पूरे ब्रह्माांड के बारे में जानकारी है। + +इसी पाठ में सौरमंडल के ग्रहों की तुलनात्मक तालिका भी दी गई है। इसमें सभी ग्रहों के नाम और उनके उपग्रहों की संख्या भी है। उपग्रहों में बृहस्पति के 69 और शनि के 62 उपग्रह बताए गए हैं। इस वक्त बृहस्पति के 79 व शनि के 82 उपग्रह हो गए हैं। किताब में दिए आंकड़े वर्ष 2018 के हैं और किताब का प्रकाशन वर्ष 2021-22 का दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f00853f7dd7e1887c2884058099899bc4546062c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन विश्वविद्यालयों को स्थापित करने में किया सहयोग।- गोरखपुर विश्वविद्यालय स्वतंत्रता मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में स्थापित होने वाला पहला विश्वविद्यालय है। इसकी नींव 1 मई 1950 को पड़ी, तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने इसका शिलान्यास किया। अगस्त 1956 में विधानसभा से गोरखपुर विश्वविद्यालय अधिनियम पारित हुआ। 11 अप्रैल 1957 को बीएन झा पहले कुलपति बने। 1997 में इसका नाम दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय रख दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc045b3873bfe0df9a4330b750bffe1633b986e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67248.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विरोध के नाम पर अराजकता पंजाब ही नहीं, दिल्ली समेत पूरा देश देखता आ रहा है और अब किसान संगठन आंदोलन जिंदा रखने के लिए कहीं न कहीं निरंकुशता की ओर बढ़ रहे हैं। राजनीतिक दलों के लिए ‘चुनाव संहिता’ जारी कर रहे हैं। उनकी दलील है कि किसान राजनीतिक दलों की रैलियों में जाने लगे तो उनके धरनों में भीड़ कम हो जाएगी। खेत में काम करने वाला आम किसान इस आंदोलन में अब कितना है या नहीं है, यह कहने की बात नहीं है। आंदोलन को ढलान पर देख संगठनों को भीड़ इकट्ठा करने के लिए इस तरह के एलान करने पड़ रहे हैं कि नेता रैलियां या कार्यक्रम न करें। लोकतंत्र के लिए यह अच्छी बात नहीं कि बाकियों के लिए जनसंपर्क तक पर कथित तौर पर रोक लगा दी जाए और खुद रास्ता रोकें, संस्थान बंद करवाएं, रेल ट्रैक पर जमे रहें। + +अब सियासी दलों की समझ में नहीं आ रहा कि वे करें तो क्या? वे खुद एक दलदल में फंस गए लगते हैं। राजनीतिक दलों की यह बात सही है कि जनता के बीच जाना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, जिसे छीना नहीं जा सकता, पर अफसोस की बात यही है कि इस अधिकार के प्रयोग से पहले उन्हें किसान संगठनों के दरबार में हाजिर होना पड़ रहा है। आज अगर पंजाब में राजनीतिक दल किसान संगठनों के आगे गिड़गिड़ाने जैसी स्थिति में हैं तो इसके कारण हैं। इसके लिए ये राजनीतिक दल ही जिम्मेदार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67254.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67254.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e65fffc25cf7e1fa7ec7f4238057509990915fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67254.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, अरुण श्रीवास्तव। किशोरों-युवाओं को अक्सर इस बात को लेकर दुविधा होती है कि भविष्य में बेहतर करियर के लिए उनके लिए क्या पढ़ना ठीक होगा। अक्सर उनकी रुचि जिस क्षेत्र में होती है, उससे जुड़ा कोर्स करने के बजाय उन्हें वह पढ़ना पड़ता है, जो उनके माता-पिता चाहते हैं। ऐसे में अभिभावकों को यह समझना होगा कि पसंद का क्षेत्र न होने के कारण उनका बच्चा उसमें बेहतर प्रदर्शन शायद न कर पाए। इसी से जुड़े पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे हैं हमारे काउंसलर...।बीटेक (सीएसई) थर्ड सेमेस्टर का छात्र हूं। मेरी प्रारंभ से ही मैथ्स में रुचि रही है। मेरे माता-पिता चिकित्सक हैं। ऐसे में क्या मेरा इंजीनियरिंग व कंप्यूटर फील्ड में जाना गलत निर्णय है? क्या मुझे भी अपने परिवार की तरह चिकित्सा के क्षेत्र को ही चुनना चाहिए था? क्या मेरा भविष्य चिकित्सा के क्षेत्र में ही अधिक उज्जवल होता? कृपया मार्गदर्शन करें। + +-मनु, बुलंदशहर, ईमेल से।यदि आपकी रुचि चिकित्सा क्षेत्र में नहीं है, तो मुझे नहीं लगता कि इस बात को लेकर आपको परेशान होने की जरूरत है। आप खुद को अपनी पसंद के क्षेत्र में कहीं बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं। जिस क्षेत्र में काम करके आपको खुशी मिल सकती है, उसमें आगे लगातार उत्साह के साथ काम कर सकते हैं। जरूरत हो, तो इस बारे में अपने माता-पिता को भी आश्वस्त करने का प्रयास करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4173e6b9208982d9535950ab12839c66f724670 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। डेंगू के बढ़ते केस आगरा में अब तक कोई घातक तेवर नहीं दिखा पाए हैं, लेकिन संक्रमण फैला तो व्यवस्था चरमरा सकती है। पिछले सालों में डेंगू के संक्रमण का काल अक्तूबर रहा है। वर्ष 2016 में सबसे ज्यादा डेंगू के 329 केस मिले थे। इस साल डेंगू के केस अगस्त में ही बढ़ने शुरू हो गए हैं। अगले दो माह तक संक्रमण बढ़ने की आशंका है। बता दें कि बुधवार सुबह तक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 31 मरीज डेंगू के मिल चुके हैं। सरकारी आंकड़े तो सामने आ ही रहे हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में मिले कई मरीजों की रिपोर्ट सामने नहीं आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5f6b7ad18472e33af7cf2a5fb66b2d7131a2c0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे तो मतांतरण का धंधा पूरी दुनिया में चल रहा है, लेकिन अफ्रीका और एशिया के गरीब देश किस्म-किस्म के गैर सरकारी संगठनों के निशाने पर खास तौर से हैं। इनमें से बड़ी संख्या उनकी है, जो दूसरे मत-मजहब वालों को अपने मजहब में लाने को प्रतिबद्ध हैं। इनका मानना है कि लोगों का भला तभी होगा, जब वे मजहब विशेष के अनुयायी बनेंगे। जाहिर है कि ऐसे ज्यादातर संगठन ईसाइयत या इस्लाम से जुड़े हैं, क्योंकि इन्हीं दोनों मजहब के धर्म प्रचारक इस मानसिकता से लैस हैं कि केवल उनका मार्ग ही असली या फिर एकमात्र ऐसा मार्ग है, जिस पर चलकर ईश्वर को पाया जा सकता है या फिर जन्नत को हासिल किया जा सकता है। ये संगठन-समूह इस सनक से ग्रस्त हैं कि सारी दुनिया को अपने मजहब का अनुयायी बनाना है। इन संगठन-समूहों को कई देशों की सरकारें भी संरक्षण देने के साथ आर्थिक सहायता भी देती हैं। यदि कोई देश ऐसे संगठन-समूहों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो वहां धार्मिक स्वतंत्रता के खतरे में होने का झूठा प्रचार किया जाता है। इस काम में तथाकथित मानवाधिकार संगठन भी भागीदार बनते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b720a0ac600be5dfc943191b7fae80e132894b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीएमओ ने लिया संज्ञान।पीएमओ ने इस पर संज्ञान लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद मंत्रालय ने 16 अगस्त को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वन महकमों को आदेश जारी किए वे जवां हो चुके पेड़ों को ट्री गार्ड की जकडऩ से मुक्त करने के लिए कार्रवाई करें। इस क्रम में 25 अगस्त को उत्तर प्रदेश में वहां के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने मुख्य वन संरक्षकों, वन संरक्षकों व क्षेत्रीय निदेशकों को ऐसे पेड़ों को लोहे की जालियों की जकड़न से मुक्त करने के निर्देश जारी कर दिए। वहां यह मुहिम शुरू की जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8d6ae22b22d2a402f8927780f3133a42935b68c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा। वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा भी रेवाड़ी रैली से ही जोर पकड़ा था। ऐसा इसलिए भी हुआ, क्योंकि मोदी ने अपनी पहली रैली पूर्व सैनिकों व अर्धसैनिकों से संवाद के लिए रखी थी। इसे नाम भी पूर्व सैनिक रैली दिया गया था। रेवाड़ी ने तब बाद में उतनी बड़ी रैली नहीं देखी है। यह इसी रैली में उठाए मोदी के मुद्दे का परिणाम था, जिसके चलते केंद्र सरकार ने वन रेंक वन पेंशन का नियम लागू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67267.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..668fb9250f3a65a7482b88664517fad76b642dcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67267.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दैनिक जागरण ने पहले ही बताया था कि बीसीसीआइ इस बार एक राज्य एक आइपीएल टीम के फार्मूले के साथ उतरेगा और यही कारण है कि प्रस्तावित शहरों में पुणे का नाम नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र में पहले से ही मुंबई इंडियंस टीम है। अगर एक राज्य, एक टीम का फार्मूला नहीं लगाया जाता तो फिर आरपी संजीव गोयनका ग्रुप पुणे के लिए बोली लगाता। यह ग्रुप पहले भी राइजिंग पुणे सुपरजाइंट टीम को दो साल तक रख चुका है। + +आइपीएल की संचालन परिषद ने 2022 सत्र से दो नई टीमों के लिए निविदा प्रक्रिया के जरिये बोली आमंत्रित की है। कोई भी इच्छुक पक्ष जो बोली जमा कराना चाहता है उसे निविदा आमंत्रण खरीदना होगा। हालांकि निविदा आमंत्रण में लिखित पात्रता को पूरा करने वाले और अन्य नियमों और शर्तो को पूरा करने वाले बोली के पात्र होंगे। स्पष्ट किया जाता है कि सिर्फ निविदा आमंत्रण को खरीदने से कोई व्यक्ति बोली लगाने का पात्र नहीं होगा। कई लोगों ने निविदा आमंत्रण खरीद भी लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d464daa2be749b73dbdf8728f3aa87c1062416d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67268.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के बीच गठित क्वाड गठबंधन के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन 24 सितंबर को होने जा रहा है। इसके पहले मार्च 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अध्यक्षता में भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा की वर्चुअल बैठक हुई थी। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी अगले हफ्ते अमेरिका रवाना होंगे। बैठक में क्वाड के गठन के मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति को लेकर साझा रणनीति पर तो चर्चा होगी ही, कोरोना के खिलाफ सहयोग और अफगानिस्तान का मुद्दा भी काफी अहम होगा। + +23 सितंबर को होगी मोदी-बाइडन की पहली द्विपक्षीय वार्ता ।पीएम मोदी की यह अमेरिका यात्रा कई मायने में महत्वपूर्ण होगी। इस दौरान 23 सितंबर को उनकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है। मोदी की आस्ट्रेलिया के पीएम मारीसन के साथ भी 23 सितंबर को द्विपक्षीय बैठक होने को लेकर दोनों देशों के बीच विमर्श चल रहा है। फरवरी 2020 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय बैठक के बाद से दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तरीय बैठक नहीं हो पाई है। मोदी और बाइडन के बीच टेलीफोन पर ही कुछ मिनटों के लिए वार्ता हुई है और वह भी सीमित मुद्दों पर। ऐसे में बाइडन के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ रिश्तों की दिशा तय करने में उनकी मोदी के साथ होने वाली बैठक काफी अहम होगी। + +पीएम मोदी ने सितंबर 2019 में अमेरिका की यात्रा की थी।दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच यह सहमति है कि शीर्ष नेताओं के बीच आमने-सामने की बैठक में अब ज्यादा देरी नहीं होनी चाहिए। पीएम मोदी ने सितंबर 2019 में अमेरिका की यात्रा की थी। तब उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के साथ ह्यूस्टन शहर में हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित किया था। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 25 सितंबर, 2021 को पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सालाना अधिवेशन को भी संबोधित करेंगे। उनकी कुछ दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ भी बैठक होगी। बहरहाल, पूरी यात्रा के दौरान क्वाड सम्मेलन सबसे अहम रहने वाला है। । चारों नेता 12 मार्च को हुई वर्चुअल बैठक के फैसले की समीक्षा करेंगे।विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि चारों नेता 12 मार्च, 2021 को हुई वर्चुअल बैठक के दौरान लिए गए फैसले की समीक्षा करेंगे। खास तौर पर कोरोना टीकाकरण को लेकर किस तरह से आगे बढ़ा जाए, इसकी समीक्षा होगी। चारों देशों के बीच कोरोना महामारी को नष्ट करने के लिए ¨हद प्रशांत क्षेत्र के देशों को वैक्सीनेशन में मदद देने की रणनीति बनी है। इसके लिए अमेरिका पैसा दे रहा है, जापान तकनीकी मदद दे रहा है, जबकि भारत में वैक्सीन का निर्माण होना है। यह कार्यक्रम वर्ष 2022 से लागू किया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..619c7e6ed6a5b83076119e980aaeeb97908358c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67269.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इन उत्पादों का भी होता है निर्यात।गोरखपुर में तैयार कूलर, पंखा एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पाद भी बाहर जाते हैं। इसके साथ ही डिस्पोजल सिङ्क्षरज, फुटवियर, सरिया, पीएफ मीटर, लिक्विड आक्सीजन, सैनिटाइजर, सोडियम हाइपोक्लोराइड, लकड़ी के फर्नीचर, प्लाईवुड, केमिकल्स एवं डाई, गीता प्रेस की पुस्तकें भी दूसरे देश में भेजी जाती हैं। इनमें से अधिकतर उत्पाद सीधे नेपाल भेजे जाते हैं। + +गोरखपुर में औद्योगिक इकाई लगाने को बढ़ी है उद्यमियों की रुचि।माहौल बदलने के बाद गोरखपुर में औद्योगिक इकाई लगाने के लिए उद्यमियों की रुचि बढ़ी है। गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों से जुड़े और बाहर रहकर व्यवसाय करने वाले कई लोग गीडा प्रबंधन के संपर्क में हैं। करीब एक साल पहले 68 भूखंड वहां आवंटित हुए थे, जिसमें से 30 फीसद लोग बाहर से आ रहे हैं। मुंबई में रहने वाले उद्यमी रवींद्र जायसवाल 50 करोड़ की लागत से इकाई लगाने जा रहे हैं। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में रेडीमेड गारमेंट शामिल होने के बाद यहां बनाए जा रहे गारमेंट पार्क में भी बाहर के दो दर्जन से अधिक उद्यमियों ने आवेदन किया है। इसमें कोलकाता, लुधियाना व मुंबई के लोग शामिल हैं। एक उद्यमी निर्यात के लिए रेडीमेड गारमेंट तैयार इकाई लगाने जा रहे हैं। कोरोना काल में बाहर से लौटकर आए कई प्रवासी कामगारों ने भी छोटी-छोटी इकाइयां लगाने के लिए ऋण के लिए आवेदन किया है। गोरखपुर में करीब 40 हजार से अधिक प्रवासी कामगार आए थे। आदित्य बिड़ला समूह भी यहां पेंट की इकाई लगाने के लिए बातचीत कर रही है। + +पिछले कुछ वर्षों से गोरखपुर में औद्योगिक दृष्टि से सकारात्मक एवं उत्साहजनक माहौल बना है। यहां तैयार उत्पाद दूसरे प्रदेशों में तो जा ही रहे हैं। विदेश में भी भेजे जा रहे हैं। गोरखपुर रेडीमेड गारमेंट का हब बन रहा है और बाहर के कई लोग यहां औद्योगिक इकाई लगाने जा रहे हैं। - एसके अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष चैंबर आफ इंडस्ट्रीज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9736a8b73a6e3beb94c12036b7e7a9a236e68ee2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जब अफगानिस्तान में भारत की अंतरिम सरकार बनाई तो अग्रेज बौखला गए। उनकी हाथरस रियासत की संपत्ति पर अधिकार जमा लिया और राजा को बेदखल कर दिया। इसके खिलाफ राजा के बेटे प्रेम प्रताप सिंह ने आवाज उठाई। अंग्रेजों ने इस शर्त पर संपत्ति लौटाई कि राजा का इस पर कोई हक नहीं होगा। देश आजाद होने के बाद इस पर संसद में बहस हुई तब राजा को संपत्ति पर पुन: अधिकार मिल सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18f7b50ec7bb945e2586dd48db01e6a90a806075 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67272.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अफगानिस्‍तान प्रकरण का क्वाड देशों की बैठक पर क्‍या होगा असर ?।जाहिर तौर पर अफगानिस्‍तान और सऊदी अरब प्रकरण का असर क्वाड देशों की बैठक पर पड़ेगा। अमेरिकी सैनिकों की हटने के बाद अफगानिस्‍तान में चीन की सक्रियता ने अमेरिका के समक्ष एक नई चुनौती पैदा की है। खासकर तब जब क्वाड का गठन चीन की रणनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए किया गया हो। इस संगठन मे शामिल आस्‍ट्रेलिया, जापान और भारत के समक्ष अब एक नया संकट खड़ा हुआ है। हमें लगता है कि सबसे बड़ा संकट तो भरोसे का है। अब मामला चाहे प्रशांत क्षेत्र के विकास और स्थिरता का हो या दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्‍व का, ये चुनौतियां अब बड़ी हुई हैं। अमेरिका के समक्ष ताइवान को लेकर भी नया संकट उत्‍पन्‍न हुआ है। + +क्वाड देशों की बैठक में अमेरिका के समक्ष क्‍या होगी बड़ी चुनौती ?।क्वाड देशों की बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत अफगानिस्‍तान में अपने हितों को लेकर बड़ा संघर्ष कर रहा है। चीन और पाकिस्‍तान मिलकर अफगानिस्‍तान में भारत के खिलाफ रणनीति बना सकते हैं। ऐसे में अफगानिस्‍तान में भारतीय हितों की सुरक्षा करना भारत के लिए बड़ी चुनौती होगी। उधर, बाइडन प्रशासन पूर्व में कह चुका है कि पूरी दुनिया में भारत उसका सर्वश्रेष्‍ठ मित्र है। ऐसे में उसे अपनी कथनी और करनी में फर्क करना होगा। अमेरिका को भारत का यह भरोसा जीतना होगा। अफगानिस्‍तान में उसे भारतीय हितों के लिए खड़ा होना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्वाड देशों की उपयोगिता और प्रासंगिता पर भी सवाल खड़े होंगे। उन्‍होंने कहा आस्‍ट्र‍ेलिया, जापान और ताइवान को भी यह विश्‍वास दिलाना होगा कि वह रणनीतिक रूप से इन देशों के साथ खड़ा है। वह मुसिबत के समय उनका साथ निभाएगा। + +अफगानिस्‍तान से अमेरिका सैन्‍य वापसी को आप किस रूप में देखते हैं ?।अफगानिस्‍तान प्रकरण के चलते अंतरराष्‍ट्रीय परिदृश्‍य में तेजी से बदलाव हुआ है। इस बदलाव के लिए काफी हद तक बाइडन प्रशासन की रणनीति जिम्‍मेदार है। उन्‍होंने कहा कि यह सत्‍य है कि अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्‍तान से जाना था। यह फैसला पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में ही तय हो गया है। ट्रंप के कार्यकाल तक सब ठीक चल रहा था, अमेरिका अफगानिस्‍तान से सम्‍मानजनक ढंग से निकलने का रास्‍ता भी निकाल रहा था। हालांकि, अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के बाद निवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति भी अपने पूर्ववर्ती के फैसले से सहमत थे, लेकिन अमेरिका ने जिस हड़बड़ी में सेना की वापसी का फैसला लिया। वह अटपटा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27251aca7675febab1366ca7860fe01fbcc87670 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्पाद निर्माता कंपनी के प्रोडक्ट लांचिंग अधिकारी से जनसंपर्क यानी पीआर अधिकारी की बैठक हुई। उसने पत्रकारों की सूची मांगी, पहले से तैयार सूची बहुराष्ट्रीय कंपनी के अधिकारी के सामने प्रस्तुत की गई, जिसमें ज्यादातर अंग्रेजी अखबारों के पत्रकारों के नाम थे। बहुराष्ट्रीय कंपनी के अधिकारी को कुछ और चाहिए था। उसने पीआर कंपनी के अधिकारी से पूछा कि इस लिस्ट में भाषाई विशेषकर हिंदी प्रकाशनों के पत्रकारों के नाम क्यों नहीं हैं? पीआर कंपनी वाले के लिए यह नया अनुभव था। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी अब तक सिर्फ अंग्रेजी प्रकाशनों के पत्रकारों की मांग करते थे, इस वजह से वह चौंक उठा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0aa1a3ee966499412a5bf1770ea74591076a42f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67274.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कई ऐसे खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए खेले हैं, जिनका जन्म भारत के बाहर हुआ है। ऐसे एक या दो नहीं, बल्कि दर्जनों खिलाड़ी हैं, लेकिन एक ही ऐसा खिलाड़ी है, जिसने टीम इंडिया के लिए 100 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले हैं। ये खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि पूर्व भारतीय आलराउंडर रोबिन सिंह हैं, जो आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। रोबिन का जन्म आज ही के दिन 1963 में त्रिनिदाद में हुआ था। + +अपने माता-पिता के साथ कम उम्र में ही रोबिन सिंह त्रिनिदाद से भारत आ गए थे। उन्होंने 1981-82 के रणजी ट्राफी सीजन के दौरान तमिलनाडु के साथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने अपना वनडे डेब्यू 11 मार्च 1989 को पोर्ट आफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। रोबिन ने 1998 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना एकमात्र टेस्ट मैच खेला था। पदार्पण वाला मैच ही उनके लिए आखिरी टेस्ट साबित हुआ था। उनका घरेलू क्रिकेट में रिकार्ड काफी अच्छा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67275.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d527a8086d7a3386b81f3ebe23b5f00b3f853cf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67275.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नौकरी और लाटरी से लेकर अन्य प्रलोभन देकर साइबर ठग लोगों को रोजाना निशाना बना रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के साइबर थानों में दर्ज मामलों के तहत साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई के 57 करोड़ रुपये से अधिक लूट चुके हैं, जबकि कई ऐसे मामले भी होते हैं, जिनमें पीड़ित व्यक्ति थाने तक पहुंचता ही नहीं है। यानी ठगी की वास्तविक रकम का आंकड़ा और बड़ा है। अब आप सावधानी व सतर्कता से अपनी गाढ़ी कमाई लुटने से बचा जरूर सकते हैं। इसके लिए किसी अजनबी नंबर से आई काल को रिसीव करने के दौरान बातचीत में पूरी सतर्कता बरतें और बैंक संबंधी कोई जानकारी किसी से कतई साझा न करें। किसी वेबसाइट पर भी बैंक से जुड़ी जानकारियां साझा करने से पहले सौ बार सोच समझकर ही कदम बढ़ाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c66fb10fa17c574b781f066787ebf746128fbb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67276.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि घाव इससे पहले की नासूर बने, उसका समय रहते इलाज कर दिया जाए। वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के अंदरखाने से रघुबर दास को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग जोर पकड़ती रही। रघुबर दास के व्यवहार और कार्यशैली से आहत पार्टी के स्थानीय नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से शिकायतें की थीं। यहां तक कहा गया कि रघुबर के नेतृत्व में चुनाव में जाना खतरे से खाली नहीं होगा। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने शिकायतों को नजरअंदाज करते हुए रघुबर दास के ही नेतृत्व में चुनाव में जाना पसंद किया। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे रहे रघुबर दास खुद पार्टी के बागी सरयू राय से तो हारे ही, भाजपा भी सत्ता गंवा बैठी। इस प्रकार पार्टी को स्थानीय नेताओं के सटीक फीडबैक को नजरअंदाज करना पड़ा भारी पड़ा था। + +झारखंड की चूक के बाद दूसरे किसी राज्य में खतरे की घंटी बजते ही पार्टी एक्शन मोड में आ जाती है। असम में जब सर्बानंद सोनोवाल सफल होते नहीं दिखे तो पार्टी ने अपेक्षाकृत लोकप्रिय और हार्डलाइनर माने जाने वाले हिमंता बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय किया। इसी तरह उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की लोकप्रियता में लगातार गिरावट आने की खबरें सामने आईं। स्थानीय नेताओं के फीडबैक के आधार पर भाजपा को यह भी भनक लग गई कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे पर पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल नहीं कर सकती तो पार्टी नेतृत्व ने बिना समय गंवाए उन्हें हटाने का निर्णय ले लिया। आखिरकार मार्च 2021 में त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत भी कुछ छाप नहीं छोड़ पाए और उन्हें भी पांच महीने से भी कम समय में हटना पड़ा। यह अलग बात है कि तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के पीछे छह महीने में विधानसभा सदस्य न बन पाने से उत्पन्न संवैधानिक संकट का हवाला दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61573e9891d181486d938d225d1aef5ea2ca882a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67277.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के लिए जो पाठ्यक्रम बना, उसमें डा. रमेश पोखरियाल निशंक की कविता भी सम्मिलित की गई। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री निशंक उस समय केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे। पाठ्यक्रम बनाने वाली समिति के संयोजक डा. पुनीत बिसारिया थे और उनकी भी अनेक पुस्तकें व ग्रंथ पाठ्यक्रम में स्थान पा गए। जैसे, प्राचीन हिंदी काव्य, अर्वाचीन हिंदी काव्य, काव्य वैभव, काव्य मंजूषा, शोध कैसे करें, भारतीय सिनेमा का सफरनामा, प्रकीर्ण विविधा, निबंध निकष, निबंध संग्रह। क्या यह गलत है? कुछ अधिकारी और साहित्यकार कहते हैं कि तकनीकी दृष्टि से तो गलत नहीं, परंतु नैतिक तौर पर यह ठीक नहीं कि अपने ही संयोजन वाले पाठ्यक्रमों में अपनी ही किताबें चलवा दी जाएं। समिति में तीन और सदस्य थे जिनमें से एक ने प्रस्ताव दिया और वह स्वीकार भी हो गया। + +...और स्वयं पुनीत बिसारिया क्या कहते हैं? उनका उत्तर था, 'मैं तो केवल संयोजक था समिति का। यदि समिति ने मेरी किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने लायक समझा तो कर दिया। इसमें मैं क्या कर सकता हूं। जनवरी 2021 में सरकारी वेबसाइट पर सारी सामग्री डालकर एक महीने तक लोगों से सुझाव मांगे गए थे, पर तब तो कोई बोला नहीं ...निशंक जी को शामिल करने का कारण यह था कि देशप्रेम पर उनकी ही रचना थी।' डा. बिसारिया का एक और उत्तर था- 'अब इसके लिए मैं क्या करूं कि पंद्रह वर्षों से कोई ढंग का शोध प्रबंध नहीं छपा।'।शिक्षामंत्री डा. दिनेश शर्मा जी, आपके द्वारा गठित विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम निर्धारण समिति के संयोजक का यह उत्तर विचारणीय है कि गत डेढ़ दशकों में शोध प्रबंध के क्षेत्र में स्तरीय लेखन नहीं हुआ। कौन दोषी है इसके लिए? विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा का अर्थ उच्च स्तरीय शोधकार्य होता है, न कि बीए एमए की पढ़ाई। डा. बिसारिया की इस बात को नवयुग कालेज में बंद किए गए एमए हिंदी के स्ववित्त पोषित कोर्स से जोड़कर देखेंगे तो स्थितियां बड़ी विषम दिखाई देंगी। इसलिए दोषी आपका विभाग है जो हिंदी को रोजगार सृजन से नहीं जोड़ सका।स्वतंत्रता के बाद हिंदी को जिस एकपक्षीय वैचारिक जड़ता ने जकड़ लिया था, उससे मुक्ति का मार्ग अब भी प्रशस्त नहीं हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a5f846ef5f3d3d0cbd004901494a471cdc031b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Hindi Diwas 2021: देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने हिंदी दिवस के मौके पर देश भर के लोगों को अशेष बधाइयां और देर सारी शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर इस संबंध में एक ट्वीट भी किया है। सभी जानते हैं कि देश में हिंदी भाषी कवियों में कुछ गिने चुने लोग शामिल हैं जिसमें कुमार विश्वास की अपनी अलग ही पहचान है। कुमार विश्वास हिंदी कविता कहने के मामले में अपनी एक अलग ही पहचान रखते हैं। शायद यही वजह है कि जब भी कहीं कवि सम्मेलन का आयोजन होता है और उनके आने की सूचना होती है तो दूर-दूर से लोग उनकी कविता को सुनने के लिए सम्मेलन में पहुंचते हैं। इसी के साथ उन्होंने एक दूसरे ट्वीट को रिटवीट किया जिसमें लिखा कि एक रूसी युवा का भारत और हिंदी प्रेम आप भी देख सकते हैं। रूसी युवा कुमार विश्वास की ही पुरानी और फेमस कविता कोई दीवाना पढ़ता हुआ दिखाई देता है। वो काफी पसंद की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6606276bd2fd9edc0acd0c473e98e31647c7e31a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Spinal Disease डिस्क का प्रमुख कार्य कमर या रीढ़ पर पड़ने वाले भार को संभालना है। रीढ़ में लचीलेपन और गतिशीलता की स्थितियां इंटर वर्टिब्रल डिस्क पर निर्भर हैं। इसीलिए इसमें पड़ने वाले लगातार दबाव के कारण इसके कमजोर होने की प्रक्रिया कहीं ज्यादा तेजी से होती है। शरीर के अन्य जोड़ों की तुलना में इंटर वर्टिब्रल डिस्क 15 से 20 साल पहले ही क्षतिग्रस्त हो सकती है। जानें क्‍या कहते है दिल्ली के मशहूर स्पाइन सर्जन डॉ. सुदीप जैन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a71ad6b769ae25cefa7927fd7c6c99066b54abdc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67285.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। फेसबुक के जरिए सात फेरों में बंधा एक रिश्ता टूटने की कगार पर है। महिला थाने में युवती ने अपने पति व सास पर दहेज के लिए उत्पीडऩ, मारपीट करने और कोल्डरिंक में दवा मिलाकर गर्भपात कराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस आरोपों की जांच में जुटी है। युवती के फेसबुक पेज की पुरानी चैट व अन्य रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं। + +नवंबर 2020 में रीति रिवाज से युवती ने आरोपित से शादी कर ली। आरोप है कि इसके बाद सास ने दहेज में स्काॢपयो कार की मांग शुरू कर दी। विरोध पर पति ने भी मारपीट शुरू कर दी और तलाक देने की धमकी देने लगा। दो अगस्त को मायकेवालों ने आकर उन्हेंं समझाने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने और बेइज्जत करके उसे भी घर से निकाल दिया। इसके बाद पीडि़ता ने मायकेवालों को जानकारी दी और पुलिस से गुहार लगाई। एडीसीपी साउथ डा. अनिल कुमार ने बताया कि महिला की तहरीर के मुताबिक मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bbfc2c80ab5afbeef5c9fbc82324671f6058f64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल, मुगलों की शान के गवाह रहे आगरा किला, मुगलों की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी समेत अन्य स्मारकों का इतिहास अब दृष्टि दिव्यांग भी जान सकेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के आगरा सर्किल ने ब्रेल लिपि में पुस्तक "आगरा के प्रमुख स्मारक' तैयार कराई है। पुस्तक को हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार कराया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4962e3fafb683a3ec64cd6d6ec9926f670e19f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67289.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण से बातचीत में फोन पर भावुक होकर पंकज कुमार के भाई संदीप ने कहा कि इस घटना ने उन्हें सदमे में डाल दिया है क्योंकि पंकज का मतलब उनके लिए सब कुछ था। संदीप ने कहा कि पंकज को मुख्य रसोइया और मुख्य अधिकारी के साथ समुद्री लुटेरों ने पकड़ लिया था। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से उनके बारे में कोई अपडेट नहीं है। उन्होंने सूचित किया है कि गैबान अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f17f58c29c13b91624ba6d1f6614b0d43b6ffcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67291.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, जेएनएन। ब्रजभूमि की छटा पर आज श्रद्धा नतमस्तक तो भक्ति नृत्य करती नजर आई। दुनिया भर का वैभव मानो बरसाना में आकर सिमट गया। आखिर ब्रजभूमि की महारानी राधारानी जन्म लेने वाली थीं। ब्रजभूमि की परंपरा में यह खासियत है कि यहां हर साल राधा कृष्ण जन्म लेते हैं और धार्मिक मान्यता इसे नित्य लीला से परिभाषित करती है। सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक राधे के जयकारों से बरसाना गूंजता रहा। तड़के अभिषेक के साथ ही उमड़ी भीड़ शाम तक बनी रही। जन्म के बाद महारानी का दूध से अभिषेक किया गया। + +बरसाना में आज हर तरफ इस तरह भीड़ नजर आ रही है। ।मंगलवार सुबह चार बजे बरसाना स्थित मंदिर के गर्भ ग्रह में घंटे घडियाल बज उठे। भक्त राधारानी के जयकारे लगा रहे थे। समूचा मंदिर राधारानी के जयकारों से गुंजायमान होता रहा। जन्म के साथ ब्रजाचार्य नारायन भट्ट द्वारा प्राकट्य विग्रह को चांदी की चौकी में विराजमान किया गया। मंदिर के सेवायत परिवारों के आचार्य वेद मंत्रों का उच्चारण करने लगे। मूल नक्षत्र में जन्मी राधारानी का लगातार एक घंटेे तक अभिषेक चला। दूध, दही, शहद, गाय का घी, इत्र, बूरा, 27 पेड़ों की पत्तियां, 27 जगह की रज, 27 कुओं का जल, सप्त अनाज, सात मेवा, सात फल से बारी-बारी से बृषभान नंदनी के विग्रह का अभिषेक किया। आचार्यों ने वेद मंत्रों के साथ नवग्रह देवताओं का आह्वान किया। अंत में यमुनाजल सहित सात नदियों के जल से स्नान कराया गया। श्रृद्धालु पुष्पों की बारिश करते रहे। इससे पूर्व रात्रि तीन बजे से मंगल बधाइयों का गायन किया गया। इसमें दाई, मान, सवासनी, नाइन, नामकरण लीलाओं के पदों का प्रस्तुतिकरण किया गया। राधा जन्म को देखकर श्रृद्धालु बरसाने वाली की जय, बृषभान नंदनी की जय जयकार करने लगे। कृष्ण की आल्हादिनी शक्ति के धराधाम पर अवतरित होने की खुशी में नंदगांव से लोग दूसरे दिन भी बधाई लेकर पहुंचे। + +बृषभान जी को लाली के जन्म की बधाई देने के बाद यह लोग बृषभानोत्सव में जमकर थिरके। श्रद्धालु अपनी आराध्या का गुणगान अपने-अपने अंदाज में कर रहे थे। जिधर भी नजर घुमाकर देखा जाता, उधर से राधा नाम का गुणगान होता सुनाई देता। नंदगांव और बरसाना वासियों ने बधाई पद प्रस्तुत किए। भक्तों ने गहवरवन की परिक्रमा, फूलगली, रंगीली गली, टांटिया मोहल्ला, मैन बाजार, थाना मार्ग, सांकरी खोर, चिकसौली होकर लगाई। भक्तों ने परिक्रमा के दौरान सीताराम मंदिर, गोपालजी मंदिर, राधारस मंदिर, जयपुर मंदिर, मानगढ़, मोरकुटी, दानगढ़, लाड़लीजी मंदिर, महीभानजी मंदिर, अष्टसखी मंदिर, बृषभानजी मंदिरों के दर्शन किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8407add55dbf9807e497929fa8c2ac3ff4ca8c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67292.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लालबाग के क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक अरुण कुमार भारती ने बताया कि पहली बार आफलाइन मेला कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के साथ लगाया जाएगा। पांच कंपनियों की ओर से 18 से 40 वर्ष के बीच के कक्षा आठ से इंटर पास बेरोगारों के लिए मेला लगेगा। 10 हजार रुपये प्रतिमाह से 18500 रुपये प्रतिमाह तक वेतन मिलेगा। सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगार आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 430 पदों के लिए 16 सितंबर को लालबाग स्थित कार्यालय परिसर में साक्षात्कार होगा। मास्क और सैनिटाइजर के बिना अभ्यर्थियों का परिसर में प्रवेश नहीं होगा। अपने सभी दस्तावेजों के साथ अभ्यर्थी सुबह 10:30 बजे तक कार्यालय परिसर में जरूर आ जाएं। + +ऐसे कराएं पंजीयन: यदि आपने पंजीयन नहीं कराया है तो आवेदन से पहले पंजीसन कराएं और फिर इसी वेबसाइट से सीधे आवेदन कर दें। सेवायोजन विभाग की वेबसाइट sewayojan.up.nic.in पर कोई की युवा बेरोजगार अपना पंजीयन करा सकता है। कुशल प्रवासी मजदूर भी इसी पर अपना आनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के दौरान जरूरी दस्तावेज और अन्य जानकारियां भी आनलाइन वेबसाइट पर मिल जाएंगी। इसी साइट के माध्यम से सेवामित्र एप भी अपलोड किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28414b75b0a548c614b26479252163718dc532bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजादी के तत्काल बाद जिस जज्बे के साथ इस देश ने राजभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार किया था और यह सपना देखा था कि हिंदी अगले 10- 20 वर्षो में समस्त भारत की संपर्क भाषा, राजभाषा और उससे आगे बढ़कर राष्ट्रभाषा के रूप में विकसित होगी, वह स्वप्न अब भी अधूरा है। सामान्यत: सिद्धांत है कि जो भाषा बाजार में चलती है वही अंतत: राज और समाज की भाषा बनती है, लेकिन हिंदी और भारतीय भाषाओं के साथ इसका उलटा हो रहा है। देश की आर्थिक गतिविधियों के संचालन में विशेषत: खुदरा व्यापार में हिंदी और भारतीय भाषाएं अपरिहार्य हैं, पर समाज के संचालन और राजकाज की भाषा के रूप में इनकी भूमिका अब भी सीमित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4637d768078c0a7ef5ac563c5a7fd01c2cf16fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +असल में मोनालिसा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमे वह साईकिल चलाने की कोशिश कर रही हैं। वीडियो में आप देख सकते हैं कि इस दौरान कई बार मोनालिसा बैलेंस करने की कोशिश करती हैं लेकिन बार -बार बैलेंस बिगड़ जाता है। मोनालिसा ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, 'बहुत कठिन है ।' मोनालिसा का यह वीडियो पोस्ट होते ही सोशल मीडिया पर ऐसा वायरल हुआ कि उनके फैंस के साथ—साथ ट्रोल्स भी एक्टिव हो गए । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c5b8aab075a9f82c60a2ac560a3a739a0e329c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बारिश का पानी पाइप के अंदर ही फिल्टर हो जाता है, इसलिए अलग से फिल्टर प्रणाली या हार्वेस्टिंग पिट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। पारंपरिक वर्षा जल संग्रहण प्रणाली बनाने में 75 हजार से एक लाख रुपये तक का खर्च आता है। वहीं, यह प्रणाली मात्र 16 हजार रुपये में तैयार हो जाती है। वर्षा जल संग्रहण को बढावा देने के लिए जल बोर्ड ने दिल्ली के सभी जिलों में 12 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए हैं। इससे लोगों को तकनीकी सहायता मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67301.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67301.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4d2f46b77990f35377145579e7d08dfb61aab61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67301.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +Congratulations India! 🇮🇳।PM @NarendraModi के सबका साथ, सबका प्रयास के मंत्र के साथ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान निरंतर नए आयाम गढ़ रहा है। #AazadiKaAmritMahotsav यानि आज़ादी के 75वें वर्ष में देश ने 75 करोड़ टीकाकरण के आँकड़े को पार कर लिया है।#SabkoVaccineMuftVaccine pic.twitter.com/BEDmQZQsY7।छह राज्‍यों में सभी वयस्‍कों को लग चुकी पहली डोज ।हैशटैग सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन और हैशटैग आजादी का अमृत महोत्सव के साथ स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, 'भारत को बधाई! आजादी के 75वें साल में देश ने 75 करोड़ टीका लगाने का आंकड़ा पार कर लिया है।' अब तक छह राज्यों-सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली, लद्दाख और लक्षद्वीप में सभी वयस्क लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन की पहली डोज दे दी गई है। + +WHO ने सराहा ।विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी डब्‍ल्‍यूएचओ ने भी कोविड रोधी टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए भारत सरकार को बधाई दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा कि भारत ने तेजी से टीकाकरण करते हुए केवल 13 दिनों में 10 करोड़ खुराक लोगों को लगाने का काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67303.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48d3df36404bdcaf1caa6c3b64f5d11394865c5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67303.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांच महीने से दी जा रही ट्रेनिंग ।इस सफर में इसाकमैन के अलावा भूविज्ञानी स्यान प्रोक्टर, हेली आर्सेनेक्स और एयरोस्पेस डाटा इंजीनियर क्रिस सेंब्रोस्की सवार होंगे। हेली बोन कैंसर को मात दे चुके हैं और बाद में सेंट ज्यूड में फिजीशियन असिस्टेंट बन गए। चारों यात्रियों को पांच महीने से इस सफर के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87c8299ccc6490769efb9eef30188b2c53cbd335 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, प्रेट्र। Indian Railways News: निजी क्षेत्र के लिए रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के अपने माडल अनुबंध दस्तावेज में रेलवे ने कई बदलाव किए हैं। इसमें छूट की अवधि को 60 साल से घटाकर 35-40 साल कर दिया गया है। आम तौर पर छूट की अवधि वह समय होता है जो सरकार निजी क्षेत्र को परियोजना के निर्माण, संचालन और फिर हस्तांतरित करने के लिए देती है। + +इसी तरह, रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली लगाने वाली निजी कंपनियों को मुआवजा दिया जाएगा अगर रेलवे स्टेशन विकास शुल्क के भुगतान में हफ्तेभर से ज्यादा का विलंब करता है। हाल ही में रेल मंत्रालय, आरएलडीए और इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन (आइआरएसडीसी) ने पीपीपी मोड में स्टेशन विकास के लिए एमसीए को अंतिम रूप देने के संबंध में विभिन्न पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47334a4f055cb87c74909c53341e6fe978dba8aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67306.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जंगल में इस कारण कम होती है आयु। शेर, चीता, तेंदुआ, बाघ औसतन जंगल में 19 बार प्रयास के बाद शिकार को मार गिराने में सफल होते हैं। इस चक्कर में उन्हेंं कई-कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता है। शिकार करने के बाद वह कई दिनों तक वही बासी मांस खाते रहते हैं। उसमें कीड़े तक पड़ जाते हैं। दूषित भोजन करने से भी वह बीमार पड़ जाते हैं। कई बार शिकार के दौरान वह घायल भी हो जाते हैं। उन्हेंं जंगल में कोई उपचार भी नहीं मिलता है। इन सब कारणों से उनकी आयु घटती है। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डा.योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि कई बार वन्यजीव जिस जानवर का शिकार करते हैं, वह पहले से बीमार होते हैं। खराब मांस खाने से उनके शरीर में टेप वर्म जैसे परजीवी प्रवेश कर जाते हैं और उनकी आयु घटती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9effaddd35c9d372ad38bea5a544d1cf695fede2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काबुल/जेनेवा, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की प्रमुख मिशेल बाचेलेत ने कहा है कि तालिबान ने महिलाओं के मामले में अपने वादों को पूरा नहीं किया है। उन्होंने मानवाधिकार परिषद को बताया कि तालिबान के कब्जे के बाद उसके द्वारा की गई बातों से जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। तालिबान के शासन में महिलाएं, अल्पसंख्यक, जातीय और धार्मिक समुदाय अपने अधिकारों के प्रति चिंतित हैं। पिछले तीन सप्ताह के तालिबान के कार्य निराश करने वाले हैं। तालिबान ने कहा था कि वह महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा, लेकिन ऐसा हकीकत में नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने पूर्व सुरक्षा अधिकारियों और कर्मचारियों को आम माफी के वादे को भी पूरा नहीं किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1c0287e5bb5554cb014e829acbf8a9dce27500e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +त्रिस्तरीय व्यवस्था के तहत दी जा रही शिक्षा।आल इंडिया संताल बैंक इम्प्लाइज वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव राम हरि बास्के बताते हैं कि सोसाइटी द्वारा गांवों का चयन ग्रामीणों की इच्छाशक्ति को देखकर किया जाता है। उसके बाद यह पता लगाया जाता है कि वहां कितने शिक्षित बेरोजगार हैं और आदिवासी समाज के बच्चों की संख्या कितनी है, जो स्कूलों में पढ़ रहे हैं। ग्रामीण जब अपने बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की शिक्षा के लिए राजी होते हैं, तो फिर शिक्षित युवाओं व बच्चों से बातचीत की जाती है। ये लोग आनलाइन क्लास से जुड़ते हैं। प्रत्येक माह बच्चों का टेस्ट लिया जाता है। इसका फीडबैक युवाओं से लिया जाता है। उसके ग्रामीणों व अभिभावकों से दूरभाष पर जानकारी ली जाती है कि आपका बच्चा पढ़ रहा है कि नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9da0529502e039ecf0732a66cfe47722cea08213 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6731.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जाह्नवी कपूर सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl जाह्नवी कपूर ने बॉलीवुड के कई कलाकारों के साथ काम किया हैl वहीं रणवीर सिंह जल्द फिल्म 83 में नजर आएंगेl इस फिल्म में उन्होंने कपिल देव की भूमिका निभाई हैl इस फिल्म में उनके अलावा दीपिका पादुकोण की भी अहम भूमिका हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84614627faffb9bd98323828d9a62eb3360e8bf2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67310.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पांच बहनों व एक भाई के परिवार में पिता जूते बनाकर घर का खर्च जैसे तैसे चलाते थे। पिता का सहारा बनने के लिए सिलाई केंद्र में काम सीखा। इससे थोड़ी कमाई तो शुरू हुई, लेकिन घर के हालात नहीं बदले। इसी बीच, उनकी शादी हो गई। पति के साथ मिलकर छोटे-मोटे काम करती रहीं। इसके बाद तीन बच्चों की जिम्मेदारी भी आ गई। चरणजीत कौर कहती हैं, 'मैंने घर में पड़े बेकार कपड़ों से बैग बनाने शुरू किए। फिर गांव व शहर की दुकानों पर जाकर बैग दिखाती। दुकानदार डिमांड करने लगे तो मैंने यही काम शुरू कर दिया। + +ग्रुप की ओर से बनाए बैग। जागरण।36 डिजाइन वाले 36 साइज के बैग।चरणजीत कौर अपने सेल्फ हेल्प ग्रुप में 36 डिजाइन वाले 36 बैग तैयार कर रही हैं। इसकी कीमत 50 रुपये से 1200 रुपये तक है। चरणजीत कौर ने बताया कि उनके पास कुछ आठ सिलाई मशीनें हैं। वे जींस, काटन, मैटी, जूट, लेदर व नार्मल कपड़े के बैग तैयार करती हैं, जिन्हें लुधियाना व चंडीगढ़ में लगने वाली प्रदर्शनियों, किसान मेलों में प्रदर्शनी लगाकर बेचती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fb3e439ff9115504b165a8185e24188cbee1f5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67311.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय तिवारी, बटाला/गुरदासपुर। प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी की बरात रूपी विशाल नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में और पांच प्यारों की अध्यक्षता में सुल्तानपुर लोधी के बेर साहिब से रविवार देर रात लगभग चार बजे बटाला के गुरुद्वारा श्री डेहरा साहिब पहुंची। श्री गुरु नानक नानक देव जी और माता सुलखनी के बटाला में हुए 534वें वार्षिक विवाह पर्व में देश-विदेश से करीब डेढ़ लाख संगत माथा टेकने के लिए शामिल हुई। हर तरफ सतनाम वाहेगुरु और धन-धन गुरु नानक के जयकारे लगते रहे। संगत का सैलाब पूरा दिन और देर रात तक सड़कों पर जुटा रहा। + +बटाला में बरात के स्वागत के लिए हर तरफ स्वागती गेट और लोगों का हुजूम देखने लायक था। रविवार देर रात बटाला में बरात में शामिल संगत को श्री गुरुद्वारा सतकरतारियां में विश्राम के लिए ठहराया गया। बरात रूपी विशाल नगर कीर्तन गुरुद्वारा डेहरा साहिब में ठहरा। सोमवार को बाबे की शादी में शामिल होने के लिए लोग सुबह 5 बजे से ही जुटने शुरू हो गए थे जबकि नगर कीर्तन शुरू करने का समय गुरुद्वारा डेरा साहिब से आठ बजे दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b1b4b96d102b1033a2e94684e70200acf92e88e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67312.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केंद्रीय नेतृत्व की मजबूती का संकेत ।गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी पांच साल में अपनी धमक ही नहीं जमा पाए। इन सभी बदलावों में एक बात और काबिलेगौर रही कि कहीं भी कोई असंतोष नहीं पनपा। कर्नाटक जैसे राज्य में भी बहुत शांति के साथ सत्ता का हस्तांतरण हो गया और हर स्थान पर पार्टी एकजुट है। जाहिर तौर पर यह केंद्रीय नेतृत्व की मजबूती का संकेत देता है। इसलिए भी क्योंकि गुजरात में अब चुनाव को बहुत लंबा वक्त नहीं है। उत्तराखंड तो चुनाव के मुहाने पर ही खड़ा है। + +हर राज्य के नेतृत्व के लिए यह संदेश।सामान्यतया ऐसे वक्त में बदलाव से हर पार्टी बचती रही है लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे भी कर दिया। सूत्रों के अनुसार, हर राज्य के नेतृत्व के लिए यह संदेश है कि उन्हें काम करना भी पड़ेगा और काम करते दिखना भी पड़ेगा। पिछले दिनों जातिगत समीकरण पर भी तेज काम होता देखा गया है। कर्नाटक में पार्टी ने फिर से लिंगायत के हाथ ही कमान दी है। गुजरात में पाटीदार फिर से सरदार हुआ। यह संकेत भी अहम है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71968c5bb4e921fe5ce6e39390480296cc442dee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67313.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हृदयनारायण दीक्षित। इस समय समस्त विश्व और मानवता आतंक की वापसी से भयाक्रांत है। भय की यह भावना अफगानिस्तान में तालिबान के पुन: उभार से उपजी है। यूं तो दुनिया में कई आतंकी संगठन हैं और उनका एक ही एजेंडा है हिंसा एवं रक्तपात, परंतु तालिबान का मामला कई मायनों में अलग है। यह संभवत: पहला मामला है जब किसी आतंकी धड़े ने पूरा का पूरा एक देश ही हड़प लिया हो। अमेरिका ने बीस साल पहले जिस आतंकी धड़े के खिलाफ मुहिम छेड़कर उसे सत्ता से बेदखल किया था। वही फिर से सत्ता पर काबिज है। समय की सुई फिर से वहीं अटक गई है। तालिबान 21वीं सदी के आधुनिक विश्व में सातवीं सदी की कट्टरपंथी पुरातन विचारधारा लादना चाहता है। उसके प्रवक्ता का कहना है कि औरतों का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना है। तालिबान राज में महिलाएं रो रही हैं। मानवता फफक रही है। हिंसा और रक्तपात के बावजूद विश्व बिरादरी मौन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67315.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b642342500890668092a86e23c8ed5fffd6f0df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67315.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आरपी पांडेय को ऐसे मिली खेती की जानकारी ।करीब डेढ़ साल पहले केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीआइएमएपी), लखनऊ की वर्चुअल मीटिंग में सब रजिस्ट्रार को औषधीय पौधों की खेती के बारे में जानकारी मिली थी। कृषि विज्ञानी शैलेंद्र डांगी व भूपेंद्र सिंह का परामर्श तथा सहयोग लेकर उन्होंने अकरकरा की खेती शुरू की। कहते हैैं मां परंपरागत खेती पर जोर देती थीं। वह जब गुजर गईं तो लगा कि प्रयोग कर लेना चाहिए। उन्होंने आसपास के गांवों के किसानों को भी प्रेरित किया। उपज फायदे की लगी तो इस साल यमुनापार में करीब सौ बीघे में इसकी खेती की गई है। + +इसकी खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर मुफीद मौसम ।अकरकरा की खेती अक्टूबर-नवंबर में होती है। आरपी पांडेय बताते हैैं कि उन्होंने एक बीघे के लिए तीन किलो बीज लिया था। बीज कई वैराइटी के हैैं जिनकी कीमत 500-1500 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। एक बीघे में तीन ट्राली गोबर की खाद डलवाई थी। बोआई से पहले बीजों को गोमूत्र से 12 घंटे उपचारित कराया, इससे रोग नहीं लगा। इस औषधीय पौधे से जुड़ी खास बात यह है कि इसके लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। रबी के सीजन यानी सर्दी के मौसम में फसल हो जाती है। खाद का इस्तेमाल बहुत कम होता है। अकरकरा की जड़ पांच माह में खोदाई लायक हो जाती है। एक बीघे में तीन से चार कुंतल तक जड़ और करीब 20 किलो बीज प्राप्त होता है। बाजार में जड़ों की कीमत लगभग 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f620ad7165f4a77de44ee198677500931a33c798 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67318.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बटाला, गुरदासपुर [सुनील थानेवालिया]। श्री गुरुनानक देव जी के विवाह की रस्में बटाला स्थित गुरुद्वारा श्री कंध साहिब में निभाई गई थीं। इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे में उनसे जुड़ी कई निशानियां मौजूद हैं। इनमें से सबसे प्रमुख है, वह कच्ची दीवार (कंध) जिसके पास बैठ कर गुरुजी ने विवाह की रस्में पूरी की थीं। बताया जाता है कि गुरु जी की सालियों ने मजाक करने के लिए गुरु जी को एक कच्ची दीवार के पास बिठा दिया, ताकि उनका शाही लिबास खराब हो जाए। वहां मौजूद एक बुजुर्ग महिला ने गुरु जी से कहा कि बेटा दीवार गिर सकती है, इसलिए वहां से उठ जाएं। इस पर गुरु जी ने दीवार को हाथ लगाकर मुस्कुराते हुए कहा, माता जी यह दीवार युगों-युगों तक नहीं गिरेगी और वैसा ही हुआ। यह दीवार आज भी सुरक्षित है। + +यह भी पढ़ें-  Punjab Corona Cases Update : पंजाब में 33 नए कोरोना पाजिटिव मिले, लुधियाना में सबसे ज्यादा 9 केस आए।18 दिसंबर, 1956 को गुरुद्वारे की दर्शनी डियोढ़ी का नींव पत्थर संत हरनाम सिंह नौशहरा मज्झा सिंह वालों ने रखा। गुरु नानक के ससुराल वालों का घर अब गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब के नाम से जाना जाता है। यहां आने वाली संगत दीवार के सामने नतमस्तक होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67319.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fabf7863a330e9e2044e65a173ed0e5d261d31a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67319.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। महामारी की दूसरी लहर के भयावह मंजर को देख चुकी भारतीय आंखें आज तीसरी लहर की आशंका के बीच अगर जीत के आत्मविश्वास से लबरेज हैं तो इसका श्रेय सरकार से लेकर समाज तक को जाता है। भारतीयों में झलक रहे गर्व के इस एहसास के पीछे तेज गति से हो रहा टीकाकरण है। याद कीजिए, 16 जनवरी, 2021 की स्थिति, जब देश ने टीकाकरण शुरू किया था। + +टीके की कमी, कीमतों का अंतर और आपूर्ति को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच कड़वी टकराहट जैसी संस्थागत चुनौतियों के साथ सामाजिक जागरूकता की कमी लक्ष्य को पाने में बड़ी बाधा दिख रही थी। प्रमुख विपक्षी दलों के आक्षेप, लोकतांत्रिक खूबियों के स्याह पक्ष जैसी बाधाएं टीकाकरण से जुड़ी हर एक कड़ी को हतोत्साहित कर रही थी। इन सबके बीच केंद्र सरकार नियामक संस्थाओं की सलाह-मशविरा के साथ चुपचाप आगे बढ़ती गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37580972dbce4ce9c61ef1bfa3db4917cfc266cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67322.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कृषि विज्ञान विषय से स्नातक या डिप्लोमाधारी बेरोजगारों की टेंशन दूर करने का कार्य एग्री जंक्शन करेगा। सरकार ने इस वर्ष इसका जिलेवार टारगेट बढ़ाने के साथ ही अनुदान में भी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक, कीटनाशक और आधुनिक कृषि यंत्रों के लिए किसानों को काफी भटकना पड़ता है। एक दुकान पर बीज मिलता है तो कीटनाशक के लिए उसे दूसरी दुकान के चक्कर लगाने पड़ते हैं। कृषि यंत्रों के लिए उसे काफी दूर जाना पड़ता है। उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए कृषि विभाग ने स्वावलंबन योजना के तहत एग्री जंक्शन के नाम से ब्लाकों में दुकान खोलने और 18 से 40 वर्ष तक कृषि या रसायन विज्ञान के बेरोजगारों को स्वरोजगार देने का निर्णय लिया है। कोरोना संक्रमण के चलते लगी रोक एक बार फिर हट गई है। जिलेवार टारगेट का निर्धारण किया गया है। लखनऊ समेत सूबे में एक हजार एग्री जंक्शन खोलकर युवाओं को स्वरोजगार देने की तैयारी है। + +अनुदानित बीज और खाद का मिलेगा लाइसेंस: वन स्टाप कम एग्री जंक्शन के नाम से ब्लाक स्तर पर खुलने वाली दुकानों के संचालन के लिए बीज, खाद कीटनाशक, कृषि यंत्रों की बिक्री का लाइसेंस दिया जाएगा। सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान के साथ उत्पाद यहां मिलेगा। सामान्य वर्ग के लिए 18 से 40 वर्ष तक की आयु सीमा रखी गई है जबकि महिलाओं और अनुसूचित जाति के लिए अधिकतम उम्र 45 वर्ष रखी गई है। इच्छुक बेरोजगार नजदीकी विकास खंड या फिर जिला कृषि अधिकारी या उप कृषि निदेशक कार्यालय में योग्यता प्रमाण पत्र के साथ आवेदन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..661eb7ad45128af67d382d3095e246faebf5648e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निवेशकों को इसके झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई खोने के लिए तैयार रहना चाहिए। अब भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा है कि यह कोई मुद्दा नहीं, इसे एक अलग संपत्ति वर्ग (एसेट क्लास) मानना चाहिए। दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी में जब हर रोज निवेश बढ़ रहा है तो निश्चित रूप से यह तय होना ही चाहिए कि इसका मूल्य क्या है? इसे किस वर्ग में रखकर डील किया जाए?।क्रिप्टोकरेंसी ही क्यों? कागजी मुद्रा के मूल्य पर एडम स्मिथ ने कहा था कि किसी भी मुद्रा का सामान खरीदने के अलावा कोई दूसरा उपयोग नहीं है। परंतु सिर्फ ऐसा नहीं कहा जा सकता। एक अच्छी मुद्रा के लिए जरूरी है कि वह सही तरीके से लेन-देन की क्षमता तो रखती ही हो साथ ही उसका एक सही भंडारण मूल्य भी हो। लेन-देन में मुश्किल न आए। डालर जैसी कागजी मुद्रा में यह क्षमता रही है, परंतु पिछले कुछ वर्षो में जिस तरह अमेरिकी सरकार ने अतिरिक्त मुद्रा की छपाई की है, उसने इसका अवमूल्यन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a90d643724713950e3a1253c6333b76ad1b765a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67328.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अजय कुमार राय। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस दौरान हम सब वर्तमान की समस्याओं के समाधान अतीत में जाकर खोजने का प्रयास कर रहे हैं। राज खन्ना की पुस्तक 'आजादी के पहले, आजादी के बाद' भी पाठक को अतीत में ले जाती है और इतिहास की घटनाओं की पड़ताल कर उन वजहों की तलाश करती है, जिनके कारण वर्तमान में सामाजिक व नैतिक पतन हुआ। + +पुस्तक तीन अध्यायों में बंटी हुई है- 'आजादी की अलख', 'जो भुला दिए गए' और 'आजाद भारत'। आजादी की लड़ाई के नायक होने के नाते सबसे अधिक सवाल-जवाब महात्मा गांधी से ही जुड़े हैं। पहले अध्याय में चौराचौरी की घटना के बाद असहयोग आंदोलन की वापसी, क्रांतिकारियों के रास्ते से उनकी असहमति, सरदार भगत सिंह की फांसी रोकने की आधी-अधूरी कोशिशें, सुभाष चंद्र बोस से उनके तल्ख रिश्ते, जिन्ना से उनकी मुलाकातें तथा विभाजन रोकने में नाकामी और उसके बाद के घटनाक्रम में उनकी भूमिका का जिक्र किया गया है। इसके अलावा कश्मीर समस्या, रजवाड़ों का विलय, विभाजन की त्रासदी आदि विषयों से जुड़े कई अछूते पहलुओं को भी उठाया गया है, जो इतिहास की किताबों में छूट गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b65a4da4c7c30f3b01a05068a1b8119089ecde8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67330.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। विज्ञान की प्रतिष्ठित पत्रिका लैंसेट की सितंबर में छपी रिपोर्ट में सामने आया है कि मौजूदा टीके कोरोना से लड़ने में कारगर हैं। रिपोर्ट में ब्रिटेन में तकरीबन 20 लाख पूर्ण या आंशिक रूप से टीका लगवा चुके लोगों में कोरोना के ब्रेकथ्रू इंफेक्शंस और लक्षणों का विश्लेषण किया गया। पाया गया कि मौजूदा टीके न केवल कोरोना संक्रमण से बचाते हैं, बल्कि संक्रमित लोगों में लक्षणों को भी नियंत्रित करते हैं। वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 0.2 फीसद लोगो में ही संक्रमण पाया गया और उनमें भी अधिकांश में बहुत मामूली लक्षण देखे गए। यह अध्ययन इस लिहाज से भी हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में सबसे ज्यादा लगाई गई कोविशील्ड वैक्सीन और ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका एक ही हैं। इजरायल में भी वैक्सीनेटेड लोगो में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन पर की गई रिसर्च में ऐसे ही नतीजे मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f45a6e20d4f7b141ef77f57b0988e54ce0c98fb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67331.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल रेल संचालन पर केंद्रित उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए एक हालिया फैसले में रेलवे द्वारा संबंधित यात्री को मुआवजा देने की बात कही है, जिसमें ट्रेन के गंतव्य तक पहुंचने में करीब चार घंटे की देरी के कारण यात्री की आगे की फ्लाइट छूट गई थी। यात्री को हुए आर्थिक नुकसान और मानसिक प्रताड़ना का भी मुआवजा न्यायालय ने उसको देने का निर्णय सुनाया। इस फैसले का रेल कर्मचारियों और रेल प्रशासन पर गहरा असर पड़ेगा। हमें इन तथ्यों को भी समझना चाहिए कि ट्रेन संचालन में देरी की वजह को रेल प्रशासन उच्चतम न्यायालय को समझा पाया या नहीं। + +देखा जाए तो बीते कल में अक्सर छिपा होता है आज की समस्याओं का हल। दरअसल 19वीं शताब्दी में भारत में रेल पटरियों को बिछाने की शुरुआत हुई थी। ब्रिटिश राज ‘क्राउन’ के फंड से राजकीय रेल परिवहन व्यवस्था बना रहा था। जैसाकि हम जानते हैं इंग्लैंड में कानून व्यवस्था लिखित कम, दायित्व बोध पर आधारित ज्यादा है। भारत में रेल व्यवस्था और रेल यात्री के बीच के रिश्ते की बारीकियां तय होती हैं संविधान, कानून (रेलवे एक्ट), नियम, टिब्यूनल आदि के द्वारा। टिकट खरीदने के बाद यात्र शुरू करना और गंतव्य तक पहुंचना, इसकी समग्र समीक्षा के लिए अनेक संस्थागत नियमावली पढ़नी पड़ेगी। ऐसे में उच्चतम न्यायालय के वर्तमान निर्णय का असर इस पूरे नियम-कानून के जंजाल पर पड़ेगा, इसलिए दायित्व-बोध को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक संबंधित संस्था के कार्यक्षेत्र को परिमार्जति करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9021a4c667e8b1adab624f8ec6d0d96361f05949 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैक्सीन की उपयोगिता को लेकर अब कोई संशय नहीं है। यह विश्व स्तर पर प्रमाणित हो चुका है कि कोरोना संक्रमण की भयावहता को थामने, मृत्युदर को कम करने में वैक्सीन कारगर है। कोरोना की तीसरी लहर के बीच विदेश में भी जहां-जहां भी केस बढ़ रहे हैं, वहां टीकाकरण की दर कम है। ऐसे में भारत में टीकाकरण को लेकर रोज नए रिकार्ड बन रहे हैं। हम एक दिन में उतने टीके लगा रहे हैं, जितनी शायद कई देशों की आबादी भी नहीं है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक न जाने कितने दुर्गम स्थलों को पार करते हुए स्वास्थ्यकर्मी टीकाकरण करने के लिए पहुंच रहे हैं। दुनिया इसे एक केस स्टडी के तौर पर देख रही है कि हमने भौगोलिक बाधाओं को पार करने के साथ-साथ सामाजिक विषमताओं पर सफलता हासिल की है। एक बड़े वर्ग को जागरूक किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd1cff955036151595c980267c896863043ceddb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67333.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संक्रमण के दौर में पढ़ाई एवं परीक्षा आनलाइन हो रही है। कालेज को किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा?। - चूंकि कोरोना के चलते उच्च शिक्षण संस्थान बंद थे। कालेज परिसर में कक्षाएं नहीं चल सकती थीं। ऐसे में आनलाइन पढ़ाई ही एकमात्र तरीका था। ऐसे में ‘डिजिटल डिवाइड’ एक बड़ी समस्या थी। कुछ के पास कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल था, तो कुछ के पास इन सुविधाओं का अभाव था। कुछ के पास ये सब चीजें थीं, लेकिन उनके इस्तेमाल करने की सही जानकारी का अभाव था। छात्रओं की इन सभी परेशानियों व शिकायतों को कालेज ने तकनीकी कर्मचारियों के माध्यम से दूर किया। वहीं डीयू ने भी शिकायत प्रबंधन की एक प्रभावी प्रणाली प्रदान की थी। इससे भी छात्रों को आनलाइन पढ़ाई में काफी राहत मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53d1acc34ddda57678bcfd9930d1402618dedf58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67335.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाशिंगटन, एएनआइ। मूंगफली के फायदे के बारे में बहुत सारी बातें सामने आ चुकी हैं। अब एक नए अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग रोजाना औसतन चार-पांच मूंगफली खाते हैं, उन्हें मूंगफली नहीं खाने वालों की तुलना में हृदय रोग का खतरा कम होता है। अध्ययन का यह निष्कर्ष अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के जर्नल स्ट्रोक में प्रकाशित हुआ है। + +कैसे किया अध्ययन।शोधकर्ताओं ने जापान पब्लिक हेल्थ सेंटर में दर्ज लोगों के डाटा का विश्लेषण किया। इसमें 45 से 74 साल के 74,000 लोगों को शामिल किया गया। इन लोगों की जीवनशैली का एक व्यापक सर्वे किया गया, जिसमें उनसे भरवाई गई प्रश्नावली में मूंगफली खाने के बारे में सवाल पूछे गए थे। इसके बाद करीब 15 वर्षो तक उनका फालोअप किया गया। इनमें से किन लोगों को स्ट्रोक और इस्केमिक हार्ट डिजीज हुआ, यह जानने के लिए पड़ोस के 78 अस्पतालों को अध्ययन में शामिल किया गया। साथ ही प्रश्नावली के आधार पर धूमपान, डाइट तथा शराब पीने के कारण होने वाले जोखिमों को भी समायोजित किया गया। + +क्या आया निष्कर्ष।मेडिकल रिकार्ड के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया कि फालोअप समयावधि के दौरान 3,599 लोगों को स्ट्रोक (2,223 को इस्केमिक और 1,376 को हेमरैजिक) हुआ और इस्केमिक हार्ट अटैक के 849 मामले सामने आए। इन लोगों को मूंगफली खाने के आधार पर लोगों को वर्गीकृत किया गया। इनमें प्रतिदिन एक भी मूंगफली नहीं खाने से लेकर कम से 4-5 नग (फलियां) मूंगफली खाने वालों की तुलना की गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि बिल्कुल ही मूंगफली नहीं खाने वालों की तुलना में जिन लोगों ने 4-5 नग मूंगफली फलियां खाईं, उनमें।1. इस्केमिक स्ट्रोक का जोखिम 20 फीसद कम था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67336.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1673961ea8381048cc03187d6433ba78203c2a5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67336.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। ताजगंज के तेलीपाड़ा निवासी अशरफ सिद्दीकी करीब एक दशक से पच्चीकारी का काम कर रहे थे। कोरोना काल में हुए लाकडाउन ने उनकी नौकरी छीन ली। हुनरमंद होने के बावजूद वो आनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी में नौकरी करने को बाध्य हैं। अशरफ कहते हैं कि अगर नौकरी नहीं करता तो भूखों मर जाता। कम पढ़ा-लिखा होने से अच्छी नौकरी मुझे नहीं मिलती। इसी तरह ताजगंज के तांगा स्टैंड निवासी इमरान डेढ़ वर्ष पूर्व तक पच्चीकारी किया करते थे। डेढ़ वर्ष से कोरोना काल में उनका पुश्तैनी काम बंद पड़ा हुआ है। इन दिनों वो ताज पूर्वी गेट स्थित एक हैंडीक्राफ्ट शोरूम में नौकरी करने को मजबूर हैं। इमरान कहते हैं कि हुनरमंद हूं तो क्या हुआ। दो वक्त की रोटी के लिए कुछ न कुछ काम तो करना ही पड़ेगा। + +मुगल शहंशाह शाहजहां ने ताजमहल की तामीर करने वाले जिन कारीगरों को ताजगंज में आबाद किया था, आज उनके वंशज पुश्तैनी काम छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। पच्चीकारी के उनके हुनर को देख विदेशी अचरज किया करते थे, कोरोना काल में काम ठप होने से उनके समक्ष रोजी-राेटी का संकट है। इसके चलते कोई आनलाइन फूड डिलीवरी कर रहा है तो कोई हैंडीक्राफ्ट शोरूम में नौकरी कर गुजर-बसर करने को मजबूर है। + +ताजमहल का निर्माण वर्ष 1632 से 1648 के मध्य हुआ था। ताजमहल का निर्माण करने वाले कारीगरों और खूबसूरत पच्चीकारी करने वाले शिल्पियों के लिए शाहजहां ने ताजगंज बसाया था। उन कारीगरों के वंशज आज भी यहां रह रहे हैं और परंपरागत पच्चीकारी के काम से जुड़े हुए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लगी पाबंदियों से उनके समक्ष आजीविका का संकट विकराल होता जा रहा है। पच्चीकारी का सामान आगरा आने वाले विदेशी पर्यटकों द्वारा अधिक खरीदा जाता है। मार्च, 2020 से इंटरनेशनल फ्लाइट व टूरिस्ट वीजा सर्विस पर रोक लगे होने से विदेशी पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं। वहीं, शोरूम व एंपोरियम में पुराना माल बचा हुआ रखा है। इससे पच्चीकारों को बिल्कुल काम नहीं मिल पा रहा है। उन्हें जीविकोपार्जन के लिए दूसरे काम-धंधों का रुख करना पड़ रहा है। + +कभी 70 हजार हुआ करते थे शिल्पी।आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के अध्यक्ष प्रहलाद अग्रवाल ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व तक हैंडीक्राफ्ट कारोबार में करीब 70 हजार शिल्पी काम किया करते थे। कोरोना काल से पूर्व करीब 35 हजार शिल्पी थे। कोरोना काल में काम पूरी तरह ठप है और मजबूरी में शिल्पी पुश्तैनी काम को छोड़कर दूसरे काम-धंधे या नौकरी करने पर मजबूर हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84db1a98b0b605dd452c90c193e9d76d91be672e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67342.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपर परिवहन आयुक्त वीके सोनकिया ने बताया कि राजधानी समेत प्रदेश के सभी संभागों से परिवहन अधिकारियों ने बस पर आने वाली सीट का खर्च निकालकर मुख्यालय भेज दिया है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। 30 सितंबर इसकी अंतिम तिथि है। तय अवधि में किराए की दर तय कर इसे व्यवसायिक शिक्षा समिति को भेज दिया जाएगा। वही इस पर अंतिम निर्णय लेगी। निर्देश जारी होते ही संभागों को किराया तय होने की जानकारी भेज दी जाएगी जिससे वह अपने संभागों के स्कूलों में इसका क्रियान्वयन करा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acdbfdf2cef6dccac2e21134a3323086caccc9e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को दूसरे दिन सांसद राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने रखा। इसे राष्ट्रीय संयोजक अभिषेक यादव, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कुनाल सहरावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा सहित 200 से अधिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने पारित किया। ।साथ ही देशभर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने का भी प्रस्ताव पास हुआ। इसके जरिये एनएसयूआइ तमाम प्रदेशों में छात्रों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम में तमाम प्रदेशों से आए कार्यकर्ताओं ने अपने कार्यों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से प्रस्तुत किया और भविष्य की रूपरेखा तैयार की। कार्यकारिणी के दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने पहुंचकर देशभर से आए एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। ।कार्यक्रम में पवन खेड़ा, नितिन राउत, रागिनी नायक, इमरान प्रतापगढ़ी, सचिन राव, रोहन गुप्ता, श्रीनिवास बीवी और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी शामिल रहे। इस दौरान चौधरी ने कहा कि दिल्ली निगम चुनाव में इस बार एनएसयूआइ के युवाओं को भी टिकट देंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक एनएसयूआइ के पांच रायसीना रोड स्थित राष्ट्रीय कार्यालय पर संपन्न हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad55f207e768ec9ddd3ea2f020ef6caa841c263e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरक्षा एजेंसियों ने ह्यूमन इंटेलीजेंस पर जोर देना शुरू किया।पिछले कुछ महीनों में देखा गया था कि आतंकियों ने इंटरनेट मीडिया और इलेक्ट्रानिक सामान का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया था और वे व्यक्तिगत रूप से मिलकर आतंकी साजिश रच रहे थे। इसके मद्देनजर एजेंसियों ने ह्यूमन इंटेलीजेंस पर जोर देना शुरू किया। ह्यूमन इंटेलीजेंस से मिली सटीक सूचनाओं की बदौलत ही जुलाई व अगस्त में बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराने में सफलता मिली है। इसी तरह पाकिस्तान से लगती सीमा और नियंत्रण रेखा पर जवानों की तैनाती के साथ-साथ इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का पूरा प्रबंध कर दिया गया है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में अफगान प्रशिक्षित आतंकियों के गुलाम कश्मीर के लांच पैड पर पहुंचने की खुफिया जानकारी के बावजूद उनके घाटी में घुसने की पुष्टि नहीं हो सकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddb8fb031d767879b9378d7d27f7cfecf4365538 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एएनआइ। आईआरसीटीसी अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक और विश्व स्तरीय लाउंज खोलने की तैयारी में है, जल्द ही इसकी सुविधा यहां आने वाले यात्रियों को मिल पाएगी। आइआरसीटीसी ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। इस विश्वस्तरीय लाउंज में यात्रियों को हर वो सुविधा मिलेगी जो वो सोच सकते हैं। नहाने के पानी से लेकर बफे सिस्टम में खाने तक सारी चीजें उपलब्ध होंगी। मगर इसके लिए उनको घंटे के हिसाब से पैसे अदा करने होंगे। हम आपको बता रहे हैं कि इस विश्वस्तरीय लांच में आपको किस सुविधा के लिए कितने रुपये अदा करने होंगे। ।एग्जीक्यूटिव लाउंज की दरें इस प्रकार हैं, प्रारंभिक 2 घंटे के लिए प्रवेश शुल्क: रु.200/- प्रति व्यक्ति। प्रवेश शुल्क में शामिल सेवाएं:-।1. दो घंटे रुकना।2. मुफ्त वाई-फाई।3. शीतल पेय (चाय, कॉफी, शरबत)।4. समाचार पत्र और पत्रिका पढ़ना।5. ट्रेन सूचना प्रदर्शन और घोषणा।6. टीवी।7. शौचालय और मूत्रालय ।प्रति व्यक्ति भोजन :- ।1. बुफे नाश्ता:- रु.190/- ।2. बुफे नाश्ता शाकाहारी। : - 240/- रुपये ।3. बुफे लंच:- 325/- रुपये ।4. बुफे लंच एन. वेज। :- रु 360/- ।5. बुफे डिनर:- 325/- रुपये ।6. बुफे डिनर एन. वेज। :- 360/- रुपये ।7. चाय (नाश्ता) :- 210/- रुपये।- प्रारंभिक 2 घंटे के बाद प्रत्येक अतिरिक्त घंटे या उसके भाग के लिए: रु. 70/प्रति व्यक्ति देना होगा। ।- वॉश एंड चेंज: रु.200/- प्रति व्यक्ति (स्नान किट)। शेविंग किट का शुल्क रु.25/- अतिरिक्त (डेंटल किट) ।कामर्शियल हब ।1. इंटरनेट के साथ कंप्यूटर का उपयोग - रु.70/- (30 मिनट)।2. इंटरनेट उपयोग के साथ कंप्यूटर का उपयोग - रु.135/- (01 घंटा)।3. प्रिंटआउट (बी एंड डब्ल्यू) - रु.15/- प्रति पेज।4. फोटोकॉपी- रु.15/- प्रति पेज।5. स्कैनिंग- रु.15/- प्रति पेज।अन्य सुविधाएं।1. डीलक्स विश्राम सुइट: रु.510/- (02 घंटे)।2. अतिरिक्त घंटे (डीलक्स विश्राम सुइट): रु.258/- प्रति घंटा।3. एसपीए सेवाएं (मालिश चेयर): रु.198/- (30 मिनट)।4. फ्रोपकॉर्न मूवी डाउनलोडिंग: रु.65/- प्रति मूवी/वीडियो।5. इंटरनेट ज़ोन और इंफोटेनमेंट ज़ोन: रु.132/- (08 से 15 मिनट)।कैसे कर पाएंगे एग्जीक्यूटिव लाउंट में प्रवेश।आपको एग्जीक्यूटिव लाउंज में जाते समय सरकार द्वारा जारी एक फोटो पहचान प्रमाण- जैसे पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि और वैध ट्रेन टिकट या तो आरक्षित या अनारक्षित साथ रखना होगा। इसके अलावा एग्जीक्यूटिव लाउंज में सभी वीज़ा/मास्टर/मेस्ट्रो डेबिट/क्रेडिट कार्ड स्वीकार किए जाएंगे। ।इसके अलावा आइआरसीटीसी की ओर से आगरा, जयपुर, सियालदह, मदुरै, अहमदाबाद में संचालित किया जा रहा है। इसमें तीन फीट तक के बच्चों के लिए शुल्क मुफ़्त है। 3 फीट से अधिक ऊंचाई वाले किसी भी व्यक्ति को व्यक्ति माना जाएगा और लागू शुल्क लिया जाएगा। यदि कोई यात्री इसके बारे में रेलवे की हेल्पलाइन नंबर पर कुछ पता करना चाहता है तो वो 139 पर उपलब्ध है। इसके लिए आपको अपने मोबाइल पर "लाउंज" को 139 पर एसएमएस भेजना है उसके बाद वहां से आपको जानकारी मिल जाएगी। ।ये भी पढ़ें- Delhi New Excise Policy: नई आबकारी नीति 2021-22 को दी मंजूरी, खुदरा बिक्री करने वाले विक्रेताओं को मिली छूट।ये भी पढ़ें- अब शिरोमणि अकाली दल कृषि कानून के विरोध में गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद भवन तक करेगा मार्च, जानिए अन्य डिटेल।ये भी पढ़ें- दिल्ली से मेरठ तक आरआरटीएस के स्टेशनों में गाजियाबाद स्टेशन होगा सबसे खास, जानिए स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाएं।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a45d0f85695f76da62fc5f36c0379ff5f27a1541 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब चीन पर पूरी तरह से फोकस करेगा अमेरिका ।अमेरिका ने 2019 में तैनात किए थे ये हथियार।महाविनाशक हथियार से लैस होगी अमेरिकी सेना ।चीन के खिलाफ अपनी सैन्‍य रणनीति के तहत अमेरिका 100 बिलियन डालर की परमाणु मिसाइल खरीद रहा है। अमेरिका का यह महा विनाशक हथियार है। इस मिसाइल की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से लगभग 20 गुना अधिक है। यह मिसाइल अमेरिका से लांच होने के बाद चीन की बीजिंग को पल भर में बर्बाद करने की क्षमता रखता है। अत्याधुनिक तकनीकी से बनी गाइडेड सिस्टम के कारण 10000 किलोमीटर की यात्रा करने के बावजूद अपने लक्ष्‍य को भेदने में सक्षम है। अमेरिकी वायुसेना ने इस मिसाइल की 600 यूनिट के लिए ऑर्डर देने का प्लान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67354.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7abceb04e2c91f3ac51f2f26ea543cb17fb5f24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शंघाई में शिक्षा प्राधिकरण 'रिवर्स गेयर' लगाया ।शंघाई में शिक्षा प्राधिकरण के अंग्रेजी की परीक्षा नहीं कराने के फैसले से दुनिया की ओर खुलेपन से बढ़ने वाले चीन ने 'रिवर्स गेयर' लगा लिया है। या दूसरे शब्दों में कहा जाए तो चीन ने अपने 1950 के दौर के घातक औद्योगिक अभियान को पीछे की ओर धकेल दिया है। पिछले साल ही चीन के शिक्षा प्राधिकरण ने प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में विदेशी पाठ्य पुस्तकों का पठन-पाठन बंद करा दिया था। सरकार के एक सलाहकार ने अब देश के कालेजों की सालाना प्रवेश परीक्षा में भी अंग्रेजी का इम्तिहान बंद करा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfdee3a9c77622be5c44593ea35486b728631821 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। रांगेय राघव हिंदी साहित्य के ऐसे दैदीप्यमान नक्षत्र हैं, जिनकी हिंदी साहित्य की सेवा को दुनिया भुला नहीं सकती। महज 39 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले रांगेय ने मात्र 14 वर्ष की उम्र में लेखन कार्य प्रारंभ कर दिया था। रांगेय राघव, जब 11वीं कक्षा में पढ़ते थे, तभी उनका उपन्यास 'घरौंदा' आ गया था। विश्वभर में अपनी कलम की धाक जमाकर उन्होंने उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, आलोचक, नाटककार, कवि और इतिहासवेत्ता के रूप में पहचान बनाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..040c3b54d60641aa2a1adaae4f36b8b4e3f733fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67356.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शांता कुमार का जन्म 12 सितंबर 1934 को हुआ था। उनके पिता का नाम जगन्नाथ शर्मा और उनकी माता का नाम कौशल्या देवी था। उनका विवाह संतोष शैलजा देवी के साथ हुआ। शांता कुमार दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने पंच के चुनाव से राजनीति की शुरुआत की थी। शांता कुमार ने 1963 में पहली बार गढ़जमूला पंचायत से जीत दर्ज की थी। उसके बाद वह पंचायत समिति के भवारना से सदस्य नियुक्त किए गए। बाद में वे 1965 से 1970 तक कांगड़ा जिला परिषद के अध्यक्ष भी रहे। 1977 में वह पहली बार हिमाचल प्रदेश के गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। 1985 में वे राज्य असेंबली चुनाव हार गए। 1986 से 1990 तक वह राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने। फरवरी 1990 में इनको पालमपुर और सुलह निर्वाचन क्षेत्रों से जीत मिली तथा भारतीय जनता पार्टी के नेता चुने गए। वे दोबारा 5 मार्च 1990 से 25 दिसंबर,1992 मुख्यमंत्री के पद पर रहे। 1993 में उन्होंने सुलह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, किंतु पराजित हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a35d81e84a18a03b56972b892a3669ff27488e9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67358.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोनीपत [डीपी आर्य]। लाकडाउन में शिक्षिका मां की नौकरी छूटी और पिता का कारोबार ठप हुआ तो 16 साल की साम्या ने पतवार संभाल ली। कक्षा 11 की छात्रा ने घर से ही केक बनाने का काम शुरू किया तो जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई। कठिन दौर में यू-ट्यूब से सीखे गए बेटी के हुनर ने परिवार को विकट स्थिति से उबार लिया। आजकल होम मेड केक लोगों को पसंद आ रहा है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और वाट्सएप से उनको आर्डर मिल रहे हैं। रात में केक बनाने और दिन में डिलीवरी ब्वाय से सप्लाई कराकर अभी तक वह केवल शहर के आर्डर ही स्वीकार कर रही हैं। वहीं लड़कियों के लिए प्रेरणा बनीं मां-बेटी आनलाइन केक बनाना भी सिखा रही हैं। + +जहां चाह-वहां राह की कहावत को साकार किया है जीवन नगर में आंध्रा बैंक वाली गली में किराए के मकान में रहने वाली साम्या ने। साम्या की कहानी शुरू होती है 2020 के लाकडाउन से। छंटनी के नाम पर स्कूल से उनकी शिक्षिका मां ऋतु अरोड़ा को अवकाश पर भेज दिया गया तो जूतों के बड़े कारोबारी उसके पिता आशीष अरोड़ा को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..402b8f57d7840bf1a3671a467e22d4d184186c07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67360.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। चौथी कक्षा में पढ़ने वाली चंडीगढ़ की रितवी कौशिक टीवी और यू-ट्यूब पर कहानियां देखती-सुनती थीं। वहीं से उन्हें प्रेरणा मिली कि क्यों न कहानियां सुनायी जाएं? उन्होंने कुछ स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया, जहां से उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली। रितवी के कहानी कहने की शैली को दपसंद किया गया। इसके बाद तो उन्होंने फेसबुक के माध्यम से भारत की पौराणिक, पंचतंत्र से जुड़ी कहानियां एवं जातक कथाएं सुनानी शुरू कीं। बताती हैं रितवी, ‘मुझे किताबें पढ़ने का शौक रहा है। + +प्रेरक कहानियां बढ़ाती हैं आत्मविश्वास : पुणे की स्टोरी टेलर सोनी लांबा द्विवेदी ने बताया कि किताबों में रुचि होने के कारण मैंने स्टोरीटेलिंग शुरू की। आनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद ‘स्टोरी कट्टा’ नाम से अपना यू-ट्यूब चैनल शुरू किया है। मैं बच्चों को प्रेरक कहानियां सुनाने में विश्वास करती हूं, क्योंकि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। मैंने देखा है कि कैसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, स्वामी विवेकानंद आदि से जुड़ी प्रेरक कहानियों को सुनने के बाद बच्चों का दृष्टिकोण बदलता है। कहानियों से उन्हें नये शब्दों के बारे में भी जानने को मिलता है। वे अपने देश की विविध संस्कृति, नैतिक मूल्यों के बारे में जान पाते हैं। बच्चों से यही कहना चाहूंगी कि हिंदी से कतई डरने या खुद को हीन समझने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सीखने की चाह होनी चाहिए। हिंदी में महापुरुषों की जीवनी से संबंधित अनेक पुस्तकें हैं। पौराणिक कथाओं की किताबें हैं। अब तो कई आनलाइन मंचों पर भी हिंदी में कहानियां उपलब्ध हैं, जिन्हें स्टोरीटेलर्स अपने-अपने तरीके से बच्चों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..972105e58658063ea8abb2aaca05a647e99156aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +त्‍योहारी पर होती थी आभूषणों की सप्‍लाई।महाराष्‍ट्र तथा देश के अन्‍य प्रांतों में इस त्‍योहारी सीजन में आभूषणों की आगरा से बड़े पैमाने पर सप्‍लाई होती थी। गणेश चतुर्थी पर महाराष्‍ट्र तो नवरात्र में गुजरात में चांदी के आभूषण गणेश जी एवं मां दुर्गा को अर्पित किए जाने के अलावा युवतियां भी पहनने के लिए खरीदती थीं। गुजरात का गरबा तो खास है लेकिन काेरोना संक्रमण के चलते पंडाल न सजने से गरबा पर भी रोक लगी है, इसके लिए अब आभूषण खरीदे नहीं जा रहे हैं। सीधा असर आगरा के कारोबारियों पर आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2b50636b6c37a4a52d8d25683d9f0cbc58ce445 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्थिति पर गौर करें तो जलभराव को लेकर दिल्ली में इस बार अधिक समस्या हुई है। पिछली बार जलभराव वाले 147 स्थान चिह्न्ति किए गए थे, जबकि इस साल कुछ नए प्वाइंट भी जुड़ गए हैं। पिछली बार तीनों नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नालों की सफाई पर करोड़ों की राशि खर्च किए हैं। लोक निर्माण विभाग के पास 1259 किलोमीटर सड़कें हैं। इन सड़कों के दोनों ओर नाले हैं। विभाग नालों की सफाई मानसून के आने से पहले तो करता ही है, यह कार्य अब साल भर जारी रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8545539477790e556550e2f375736344709133c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का त्यागपत्र इसलिए अप्रत्याशित है, क्योंकि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कहीं कोई व्यापक चर्चा नहीं थी। स्पष्ट है कि आम जनता ही नहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए भी यह समझना कठिन होगा कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि विजय रूपाणी को इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा? यह सवाल इसलिए और भी सिर उठाए हुए है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में करीब 15 महीने की ही देर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6df456de5fc78a4b3a10cf3a91fb7e09230180cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रियंका वाड्रा के दो दिवसीय दौरे की खबर के बाद कांग्रेसी स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं। पार्टी प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने प्रियंका का दो दिवसीय दौरा प्रस्तावित होने की पुष्टि की है। उन्‍होंने बताया कि 12 सितंबर को राष्ट्रीय महासचिव यहां आ रही हैं। वे कुछ क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों से मुलाकात भी करेंगी। वे 13 सितंबर को भुएमऊ गेस्ट हाउस में पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10336ce42079e6768bd9fb919dfe2c990eb03bd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रह रह कर क्वाड पर टीका-टिप्पणी करने वाले चीन को शनिवार को भारत और आस्ट्रेलिया ने खरी-खरी सुना डाली कि उसे इस गठबंधन को लेकर गलबयानी नहीं करनी चाहिए। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने तो दो टूक यह सीख दे डाली है कि क्वाड ही भविष्य है जबकि आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरिस पायने ने क्वाड को एक रचनात्मक गठबंधन करार दिया है जो ऐसी वैश्विक व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहा है जो सभी के लिए सही हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccddebc4ac073b181912ca39856f9938bfe43e71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67374.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पिछले महीने की 15 तारीख को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान की कथनी और करनी में जिस तरह का फर्क सामने आ रहा है उसे देखते हुए दुनिया के तमाम देशों की तरह भारत की चिंता भी खुल कर सामने आने लगी है। तालिबान की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संकेत नहीं मिलने और नई सरकार में महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों की अनदेखी पर भारत ने विश्व बिरादरी से अफगानिस्तान के मुद्दे पर एकजुट होने को कहा है। भारत ने यह भी संकेत दिया है कि तालिबान के साथ उसने संपर्क स्थापित किया है लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं कि वह मूल्यों से समझौता कर तालिबान की सरकार को मान्यता देने में जल्दबाजी करेगा। + +अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से गठित सरकार में दूसरे समुदायों व महिलाओं की भागीदारी नहीं मिलने को भारत ने लगातार दूसरे दिन उठाया है। एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय राजदूत ने तालिबान की व्यवस्था को समग्र नहीं होने व बिखराव पैदा करने वाला करार दिया था। भारत ने पूर्व में तालिबान से आधिकारिक तौर पर बात करने का तथ्य कुछ दिन पहले रखा था लेकिन माना जा रहा है कि तालिबान पर पाकिस्तान का भारी दबाव है। यही वजह है कि जिस तालिबानी नेता मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से भारतीय राजदूत ने बात की थी उन्हें तालिबान सरकार में खास स्थान नहीं दिया गया है। तालिबान ने यह स्वीकार नहीं किया है कि उसकी भारत से बात हुई है। शनिवार को भारतीय विदेश मंत्री ने जिस तरह से विश्व समुदाय से अपील की है वह भारत के भावी रणनीति का संकेतक है। + +हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी हुई चर्चा।टू प्लस टू व्यवस्था के तहत पहली बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पीटर डटन भी मौजूद थे। दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्री मंत्रियों की पहले ही अलग-अलग द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर बैठक हो चुकी थी। उसके बाद शनिवार को संयुक्त बैठक हुई। बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र के हालात और इसे सभी देशों के लिए समान अवसर वाला व मुक्त बनाने के लिए किए जाने वाले बहुपक्षीय प्रयासों को लेकर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री सिंह ने कहा भी कि भारत व आस्ट्रेलिया के वृहत रणनीतिक साझेदारी में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। रक्षा क्षेत्र में व्यापक सहयोग का एक रोडमैप भी तैयार हो रहा है जिसको लेकर चर्चा हुई है। आस्ट्रेलिया ने अपने यहां भारत से सैन्य डिप्लोमेसी बढ़ाने का आग्रह किया है यानी भारत वहां के अपने उच्चायोग में ज्यादा सैन्य अधिकारियों की नियुक्ति कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c36a23dc8a5ad5c49f9f9a9ef4021095a9726dff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67375.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +20 राज्यों में 400 रीसाइक्लर नियुक्त।ई-कचरे के निस्तारण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 20 राज्यों में 400 रीसाइक्लर नियुक्त किए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, ओडिशा, कर्नाटक, बंगाल व जम्मू-कश्मीर आदि राज्य व केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..294b0f84aaa3f0e6e92c28f247d11004e5bf2a63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67377.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बलराम शर्मा, नर्मदापुरम। बूढ़ी हो चुकी गायों व गोवंश का लालन-पालन इन दिनों देश की चिंता में शामिल है। देश की इस चिंता को अपने अनूठे चिंतन से मध्य प्रदेश के दो नगरों ने नई दिशा दी है। नर्मदापुरम और बालाघाट जिले में ऐसा नवाचार किया जा रहा है कि यहां बूढ़ी गायों को भी रोजगार का जरिया बनाकर उन्हें उपयोगी साबित कर दिया गया है। + +पहला प्रयोग मप्र की राजधानी भोपाल के समीप स्थित नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले की तहसील बाबई में हुआ है। समाजसेवी नीलेश यादव व अनिल अग्रवाल से जब बेसहारा और बूढ़ी गायों को सड़क पर भटकते और कत्लखाने जाते न देखा गया, तो उन्होंने इन्हें पालने का अनूठा आइडिया निकाला। उन्होंने बाबई के नजदीक स्थित गांव आंचलखेड़ा के 20 गोपालकों को अपने अभियान से जोड़ा और गाय को बेचने के बजाय घर पर ही रखकर पालने की शर्त पर प्रतिदिन गाय के लिए चारा व परिवार में उपयोग के लिए आधा लीटर दूध निशुल्क देने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..718e2fab897c9257b9667fb5e98706669a3d1c8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सदर बाजार के शहजादी मंडी निवासी संदीप अग्रवाल इंडिया राइजिंग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने घर में लगे एडेनियम के पौधे को ही गणेश जी का स्वरूप देकर विराजमान किया है। संदीप अग्रवाल ने बताया कि दो-तीन वर्ष पूर्व वो नर्सरी गए थे। वहां एडेनियम का पौधा पसंद आने पर वो उसे घर ले आए। इस बार गणेश चतुर्थी से पूर्व पौधे को देखने के बाद उन्हें विचार आया कि क्यों न पौधे को ही गणेश जी का स्वरूप प्रदान किया जाए। पौधे की एक डाल गणेश जी की सूंड़ की तरह नजर आ रही थी। उन्होंने पौधे को ही गणेश जी का स्वरूप प्रदान करने को उसे वस्त्र धारण कराए। ब्रज क्षेत्र में होने से उन्होंने पौधे को मोर मुकुट धारण कराया और उसके हाथों में बांसुरी भी पकड़ाई। पौधे को उन्होंने गणेश चतुर्थी पर घर में विराजमान किया। संदीप अग्रवाल ने बताया कि एडेनियम के पौधे से बने गणेश जी पूरी तरह से ईको फ्रेंडली हैं। लोग गणेश चतुर्थी पर प्लास्टर आफ पेरिस व खड़िया से बनी गणेश जी की प्रतिमाएं लाकर घर में विराजमान कर देते हैं। बाद में जब उसे विसर्जित करते हैं तो वो नदियों को प्रदूषित करती हैं। लोगों को मिट्टी की प्रतिमाएं लाकर उनकी स्थापना घरों में करनी चाहिए। घर में ही उनका विसर्जन करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67382.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67382.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee08768354757e747011c79baf5dfe58e869d9a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67382.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरु जी की शादी बटाला में माता सुलखनी जी से हुई थी। गुरु जी सुल्तान पुर लोधी से अपने निवास अस्थान से बरात लेकर बटाला गए थे, उसी दिन की महत्ता के मद्देनजर गुरु जी के विवाह पूर्व को धूमधाम व श्रदा से मनाया जाता है। आज शाम को करीब साढ़े छह बजे बटाला की संगत सुल्तानपुर लोधी से विवाह के लिए शगुन देने और बारात के रूप में नगर कीर्तन लेने के लिए सुल्तानपुर लोधी पहुंचेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dfa364061766974416b7658f24623035274b409 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Crops MSP:  फसलों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) में वृद्धि का सबये अधिक फायदा किसानों को होता है। पिछले कुछ सालों में इन दो राज्‍यों के किसानों की आय बढ़ गई है। हालांकि यह भी हकीकत है कि खेती पर लागत भी बढ़ी है। कई साल पहले हुए एक सर्वें में खुलासा हुआ था कि आय के मामले में पंजाब एवं हरियाणा के किसान देश में सबसे आगे हैं। वैसे, ताजा सर्वे से वर्तमान स्थिति का पता चलेगा। ।आठ साल पहले हुए सर्वे में पंजाब के किसानों की आय सबसे अधिक, हरियाणा के किसान दूसरे नंबर पर।केंद्र सरकार के सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने करीब आठ साल पहले 2012-13 में जुलाई से जून माह के बीच एक सर्वे कराया था, जिसमें पंजाब और हरियाणा के किसानों की आय सबसे अधिक आंकी गई थी। पंजाब के किसानों की औसत मासिक आमदनी 18 हजार 59 रुपये और हरियाणा के किसानों की मासिक आमदनी 14 हजार 434 रुपये थी। उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों का नंबर काफी नीचे था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67386.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67386.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a8fcec67bb9ddca0a46152e3e54f892fb540786 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67386.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके अलावा कोई और रिक्शा चालक रिक्शा चलाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चांदनी चौक में पुनर्विकास का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। रविवार को मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल विकास कार्यो का उद्घाटन करेंगे। जिला प्रशासन के साथ-साथ उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भी इसकी तैयारियां कर ली हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि चांदनी चौक के सुंदरीकरण के बाद से अब केवल पैदल चलने वाले लोग ही सड़क पर चल सकेंगे। सड़क पर दोनों ओर गेट लगा दिए गए हैं, जो बंद रहेंगे। इससे वाहन चालक अंदर नहीं सकेंगे और पैदल घूमने आए पर्यटकों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5995af477ee37688b6a397a92bddab0206147acc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67389.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पर्यटन प्रोत्साहन और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ताजमहल के पास से लायन सफारी तक बाईसकिल हाईवे विकसित कराया था। 207 किमी लंबा यह बाईसकिल हाईवे 133 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले 26 नवंबर 2016 को शुभारंभ किया गया था। वर्तमान में धांधुपुरा के आसपास इस पर दर्जनों अतिक्रमण हो गए हैं। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली ईंटों के चट्टे लगा दिए हैं। जगह-जगह बालू और गिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। जल निकासी न होने से जगह-जगह जलभराव होने के कारण यह कीचड़ से ढक गया है। लगभग चार साल में ही यह बाइसकिल हाईवे पूरी तरह से बदहाल हो चुका है। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान का कहना है कि इस बाईसकिल हाईवे का कभी प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। इसके चलते पर्यटक इस बाईसकिल हाईवे पर रोमांच से भरे सफर के बारे में जान ही नहीं सके। इस बाईसकिल हाईवे पर 92 गांव पड़ते हैं। यदि इसका प्रचार-प्रसार किया जाता तो पर्यटक इसका लाभ उठा पाते। इस बाईसकिल हाईवे की देखरेख की जरूरत है। पर्यटन प्रहरी संस्था के अध्यक्ष सुमित उपाध्याय का कहना है कि आगरा से इटावा के बीच इसका सफर काफी रोमांच भरा है। चंबल के नजारे काफी लुभावने वाले हैं। इस बाईसकिल हाईवे के प्रोत्साहन की जरूरत है। + +येाजना का उद्देश्य।रोमांच प्रेमी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बाईसकिल हाईवे विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य था कि पर्यटक ताजमहल का दीदार करने के बाद साइकिल से चंबल के बेहड़ के नजारे देखते हुए इटावा स्थित लायन सफारी तक पहुंचे। रास्ते में ग्रामीण परिवेश को देख सके। मगर, सपा सरकार जाने के बाद इस ट्रैक की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6739.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41ca6692a5cc817b15fa645e1643db8ff9dd763d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक यूज़र्स ने लिखा कि आपको ट्रांस्पेरेंट ब्रा बनने की क्या ज़रूरत थी। सफेद रंग की बेहतर और गरिमामयी दिखती। एक अन्य यूज़र ने लिखा कि जब आपने अपनी इमेज एक सभ्य सनातन महिला की बनायी है तो इस सबकी क्या ज़रूरत है। दो चेहरे किसी के भी ख़राब होते हैं। एक और यूज़र ने लिखा कि इस तरह की तस्वीरें नहीं पोस्ट करनी चाहिए, क्योंकि आप रोल मॉडल हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67390.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67390.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7ec8b17a15856be5e552f7b35ad2e34212fde61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67390.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बरादर के पासपोर्ट-आइडी कार्ड वायरल।खामा न्‍यूज की यह खबर सोशल म‍ीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें बरादर के पासपोर्ट-आइडी कार्ड वायरल हो रहे हैं। इस न्‍यूज एजेंसी का दावा है कि तब यह दस्‍तावेज अफगानिस्‍तान की खुफ‍िया एजेंसी एनडीएस ने ही लीक किए थे। अफगानिस्‍तान में तालिबान राज के बाद एक बार फ‍िर यह मामला तूल पकड़ रहा है। यह आइडी 10 जुलाई, 2014 को जारी किया गया था। इसमें बरादर का जन्‍म 1963 बताया गया है। इस पर पाक के रजिस्ट्रार जनरल के हस्‍ताक्षर हैं। गौर करने की बात यह है कि यह आइडी कार्ड और पासपोर्ट एक ही दिन जारी किए गए हैं। हालांकि, तकनीकी तौर पर इसकी प्रक्रिया में कुछ दिन लग जाते हैं। ।क्वेटा शूरा के दावे सही निकले ।अफगानिस्‍तान में तालिबान कब्जे के पूर्व अफगान सरकारों ने हमेशा कहा कि तालिबान के तमाम बड़े नेता पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। क्वेटा में बैठे तालिबानी नेता अफगानिस्तान में हिंसा कराते हैं। इन नेताओं की जमात को ही ‘क्वेटा शूरा’ यानी क्वेटा की समिति कहा जाता है। हालांकि, इन आरोपों से पाकिस्तान इनकार करता रहा है। तालिबान सरगना हिब्तुल्लाह अखुंदजादा और बाकी कुछ नेता भी लंबे वक्त तक पाकिस्तान में शरण लिए हुए थे। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद सभी पाक‍िस्‍तान से अफगानिस्‍तान लौट आए हैं। इन तालिबानी नेताओं का परिवार भी पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं। बरादर को 2010 में कराची में गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन फौज ने बाद में चुपचाप उसे रिहा कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f95cf06b4fa219124c8fd135837b91c7e769e0ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंश्योरेंस इंफॉर्मेशन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार मैन-मेड डिजास्टर की कैटेगरी में आए इस हमले में 25 बिलियन डॉलर के इंश्योरेंस की क्षति हुई थी। अगर दुनिया के बड़े हादसों की बात करें तो यह आठवां सबसे महंगा इंश्योरेंस का हर्जाना है। लेकिन यहां पर यह बात ध्यान रखने की है शीर्ष 10 महंगे हर्जानों में शेष नौ नेचुरल डिजास्टर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12a3b6c4f5c02a2ac63dcd8d9480df56e41d9ffb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर इमारत को ऐतिहासिक रुचि से देखा।पहली बार जहां स्वामी जी रुके थे, सेठ श्यामल दास की वह हवेली रोशनआरा रोड पर थी, जहां अब सवरेदय बाल विद्यालय है। स्वामी जी दो बार दिल्ली आए, पहली बार उन्हें कोई पहचानता नहीं था, दूसरी बार इतना जाना पहचाना चेहरा बन गए थे कि हर कोई मिलने के लिए उतावला था। उनकी ये पहली यात्रा जनवरी 1891 में हुई यानी शिकागो भाषण से दो साल पहले। वह मेरठ से अकेले दिल्ली आए थे, हिमालय से लौटकर मेरठ में महीनों अपने गुरुभाई स्वामी अखंडानंद व बाकी मंडली के साथ रुके थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e7f16fb6d54263b26c43665b8ab449defd2cb72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लड़की कहती है कि अंग्रेजी में उसे ढूंढ़ने की क्या जरूरत है, अब तो वह किसी भी सामान को हिंदी में भी तलाश करके मंगा सकती हैं। इसी तरह का एक दिलचस्प मामला मेरी एक सहयोगी ने भी साझा किया। उनके किचन में काम आने वाला चिमटा टूट गया था। वह उन्हें कहीं मिल नहीं रहा था। आखिर उन्हें भी उसे ई-कामर्स साइट से मंगाने का विचार आया, पर मुश्किल उसके अंग्रेजी नाम को लेकर थी। लेकिन उक्त विज्ञापन का ध्यान आने के बाद जब उन्होंने हिंदी में ‘चिमटा’ लिखकर तलाशा, तो उन्हें वह तमाम तरह के चिमटे दिख गए। फिर उसमें अपनी पसंद का चिमटा उन्होंने घर बैठे मंगा लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43e8ee32aa95da9eb0a699be512eae6071129475 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67397.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गत वर्ष पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया और इसी के साथ ही रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में नित्य वृद्धि होती गई। इसके बाद रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या हजारों में जा पहुंची है। इस वर्ष मार्च-अप्रैल से कोरोना संकट फिर गहराने के साथ दर्शनार्थियों की संख्या यदि तीन अंकों तक सिमटी, तो जुलाई-अगस्त से यह संख्या पुन: हजारों में जा पहुंची है। इस महती प्रकल्प का संयोजन कर रहे पूर्व आइपीएस अधिकारी एवं महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के अनुसार राम रसोई में मिलने वाला प्रसाद पूड़ी, कचौड़ी, खीर, कम से कम दो प्रकार की सब्जी, अरहर की दाल, पापड़ आदि कई व्यंजनों से युक्त स्वादिष्ट भोजन के रूप में सुनिश्चित किया गया है। इस समय रोज करीब साढ़े पांच हजार लोग भोजन करते हैं सप्ताहांंत में यह संख्या दस हजार तक पहुंच जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60a486ebc01366d800abf79ff21abd13f1db9dc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67400.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली में पौधे लगाए जाते रहे हैं, साल दर साल बराबर लगाए जा रहे हैं। अच्छी बात है। लेकिन हमने कभी ये सोचा क्या कि यहां की आबोहवा में यह पनप नहीं पाते। कभी देखरेख के अभाव में मुरझा जाते हैं तो कभी पौधारोपण अभियान अज्ञानता और अनभिज्ञता की बलि चढ़ जाते हैं। प्रदीप कृष्ण का कहना है कि दिल्ली को हरा भरा बनाना है तो केवल अधाधुंध पौधारोपण से काम नहीं चलेगा। दिल्ली की पारिस्थितिकी को समझना होगा। यहां की मिट्टी में मिले कणों को परखना होगा, इसे करीब से जानना होगा। यहां की हवा का रुख देखना होगा, इतिहास की गलतियों को सुधारना होगा। अपनी स्थानीय वनस्पतियों को पहचानना होगा। + +थोड़ी अलग है जलवायु। दिल्ली, समुद्र तल से 200 मीटर ऊंचाई पर है। यहां पर अमूमन 32 बरसाती दिन होते हैं और हर वर्ष तकरीबन 60 सेमी बरसात होती है। ऐसे में जलवायु भी बहुत ज्यादा सहायक नहीं साबित होती हर पौधों के लिए। 'ट्रीज आफ दिल्ली' में प्रदीप कृष्ण ने लिखा है कि दिल्ली की हवा हानिकारक गैसों और कणों से भरी हुई है। यहां के जंगलों में प्राकृतिक जंगलों की तरह पोषक तत्वों युक्त मृत पत्तियों का मलबा नहीं होता। जंगलों में यह पत्तियां मिट्टी को हर सीजन में उपजाऊ बनाती हैं। यहां की भूमि कठोर है और इसको कुछ भी भेद नहीं सकता। जमीन के नीचे का जलस्तर प्रतिवर्ष कम होता जा रहा है। ऐसे में इन परिस्थितियों को देखते हुए हरित क्षेत्र बढ़ाने पर काम करने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b1fe4ffb20db05f5fb4a90d7716d10dec1af39d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67401.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। अगर आपका सपना कारपोरेट दुनिया में अपनी पहचान बनाते हुए तरक्की करने का है, तो यहां पर सिर्फ एक भाषा की जानकारी से बहुत ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाएंगे। ऐसे में अगर आप अपनी भाषा के साथ-साथ कुछ अन्य भाषाओं की भी अच्छी जानकारी रखते हैं, तो केवल देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी अपने लिए अवसर के द्वार खोल सकते हैं। अगर जाब में रहते हुए नई भाषा सीखने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो कोई बात नहीं। आजकल बहुत से ऐसे आनलाइन प्लेटफार्म हैं, जहां जाब करते हुए भी आसानी से इन्हें सीख सकते हैं। मेमराइज, रोसेटा स्टोन, ड्यूलिंगो जैसे प्लेटफार्म की मदद से न केवल अंग्रेजी, बल्कि जर्मन, जैपनीज, चाइनीज, फ्रेंच, कोरियन, इटैलियन, रशियन, अरबी आदि जैसी विदेशी भाषाओं पर अपनी पकड़ को मजूबत बना सकते हैं। अच्छी बात यह है कि यहां पर फ्री और पेड दोनों ही तरीकों से विदेशी भाषा की बुनियादी बातों को सीखा जा सकता है...।मेमराइज।विदेशी भाषा सीखने के लिहाज से यह कापी लोकप्रिय प्लेटफार्म है। इससे भाषा सीखने वाले करीब छह करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। इसकी मदद से इंग्लिश, अरबी, जर्मन, जैपनीज, चाइनीज, फ्रेंच, कोरियन, इटैलियन, रशियन जैसी करीब 23 विदेशी भाषाओं पर अपनी पकड़ मजबूत बना सकते हैं। इस प्लेटफार्म की खास बात यह है कि यहां पर विदेशी भाषा को सिखाने के लिए अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें अलग-अलग भाषाओं से जुड़ी बहुत सारी कैटेगरीज दी गई हैं, जिसे मैम्स कहा जाता है। मैम्स में याददाश्त बढ़ाने वाले टिप्स, वीडियो, फोटो आदि के इस्तेमाल से शब्दों को याद रखने में मदद मिलती है। साथ ही, भाषा को सिखाने के लिए साइंस, फन और कम्युनिटी की मदद भी ली जाती है। यहां सिखाने का तरीका ऐसा है कि आप चीजों को अपनी दैनिक लाइफ में बड़ी आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे उसे याद रखना भी आसान होगा। इसमें अलग-अलग सेक्शन हैं। अगर आप रशियन भाषा सीखना चाहते हैं, तो बेसिक से शुरुआत करना बेहतर होगा। इसमें इस भाषा से संबंधित वोकेबुलरी, ग्रामर, वर्ब्स, फ्रेज आदि मिल जाएंगे। इसमें जो भाषा सीख रहे हैं, वहां के स्थानीय लोगों की तरह बोलने पर ज्यादा फोकस किया जाता है। यह वेब, आइओएस और एंड्रायड के लिए उपलब्ध है। + +रोसेटा स्टोन।इस प्लेटफार्म की मदद से आप 25 विदेशी भाषाओं में अपनी रुचि की भाषा सीख सकते हैं, इनमें इंग्लिश, फ्रेंच, इटैलियन, जर्मन, चाइनीज, अरबिक, डच, फिलिपीनो, ग्रीक, जैपनीज, कोरियन, पर्शियन, पोलिश, रशियन आदि शामिल हैं। इसे दैनिक दिनचर्या को ध्यान में रखकर डेवलप किया गया है। यहां लैंग्वेज प्रैक्टिस और कंवर्सेशन में हिस्सा ले सकते हैं। यहां पर फ्रेजबुक है, जो नई भाषा को सीखने में आपकी मदद करेगा। अच्छी बात है कि यहां से आडियो लेसंस को डाउनलोड कर उसे आफलाइन भी सुन सकते हैं। जो भाषा सीख रहे हैं, उससे जुड़ी स्टोरीज भी यहां पढ़ने को मिलेंगी, ताकि नये-नये शब्दों की सीख सकें। इसमें दिया गया फीचर स्थानीय लोगों की तरह उच्चारण करने में मदद करेगा। इसके अलावा, लाइव ट्यूटरिंग में रियल टाइम में स्थानीय भाषा के जानकार आपकी मदद करेंगे। इस प्लेटफार्म को आप वेब, एंड्रायड और आइओएस के जरिए एक्सेस कर सकते हैं। + +ड्यूलिंगो।अगर आप कोई ऐसी भाषा सीखना चाहते हैं, जिसके बारे में आपको कुछ भी मालूम नहीं है, तो फिर ड्यूलिंग को ट्राई कीजिए। यह बेहद सिंपल प्लेटफार्म है। यहां सीखने के लिए 30 से अधिक विदेशी भाषाएं उपलब्ध हैं। इंग्लिश के अलावा, फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, स्पेनिश, आइरिश, डच आदि को शामिल किया गया है। इसकी खास बात यह है कि यहां पर लेसंस छोटे-छोटे हैं, इसलिए इसे सीखना आसान होगा। आप स्पेनिश सीखना चाहते हैं, तो इसकी बेसिक से शुरुआत कर कर सकते हैं। यहां लेसंस को पढ़ और सुन सकते हैं। साथ ही, लेसंस को अलग-अलग भाषा में ट्रांसलेट करने का विकल्प भी हैं। जैसे-जैसे आप सीखते जाएंगे, लेवल बढ़ता चला जाएगा। भाषा सीखने के लिए यह आपको प्रोत्साहित करेगा और नियमित रूप से रिमाइंडर भी देगा। इसे एंड्रायड, आइओएस और वेब के जरिए भी एक्सेस कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..844844f79d0f255bb5b93215071f63fcc29074df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67402.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कर्ज लेकर बेटी की आंखों के इलाज के लिए चेन्‍नई गए ।रमाशंकर के दो बेटे आदेश गिरि व धनंजय गिरि हैं। दोनों मजदूरी करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। आदेश की तीन संतान में श्रद्धा दूसरे नंबर की है। वर्ष 2018 में जब वह दो साल की थी तभी उसकी आंखों में गांठ पड़ गई। पहले स्वजन आस-पास के चिकित्सकों से उसका इलाज कराते रहे। लाभ नहीं दिखने पर वह पिछले साल नवंबर में उसे चित्रकूट ले गए। वहां से भी कुछ खास लाभ नहीं हुआ। बेटी की आंख में रोशनी लाने के लिए पिता आदेश दर-दर भटका। कर्ज पर पैसे लेकर बिटिया को जनवरी 2021 में चेन्नई तक ले गए। वहां चिकित्सकों ने उसकी आंखों की जांच की तो इलाज में काफी खर्च बताया। यह सुनकर स्वजन परेशान हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb39a4fef99cd3516c473869f8cf92d419ed7d44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67404.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कश्मीरी सेब का नाम सुनते ही एक अलग स्वाद मुंह में आता है। सितंबर के प्रथम सप्ताह से कश्मीर के सेब की आवक शुरू हो गई थी, लेकिन शुरुआत में हल्की क्वालिटी का सेब आ रहा था, जिसमें बब्बू गोसा, छोटी अमरीकन सम्मिलित थी। अब मंडी में कश्मीर डिलीशियस की आवक शुरू हो गई है, जो सबसे बेहतरीन क्वालिटी है। छह ट्रक सेब प्रतिदिन कश्मीर से आ रहा है, जिसमें चार ट्रक कश्मीर डिलीशियस के हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2504a234a7e21051ddcd78c8d444df56afa74090 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67407.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुगलकाल के इतिहास पर लिखते हुए भारतीय इतिहासकारों ने बाबरनामा, हुमायूंनामा और अकबरनामा को आधार बनाकर लिखा। ये सब आत्मकथाएं या जीवनियां थीं। इनका स्त्रोत के तौर पर उपयोग किया जा सकता था लेकिन इसको इतिहास लेखन का आधार बनाने से इतिहास दोषपूर्ण हो गया। कालखंड विशेष का समग्र मूल्यांकन नहीं हो पाया। परिणाम यह हुआ कि हमारे देश पर आक्रमण करने वाले, हजारों लोगों का कत्ल कर अपने सल्तनत की स्थापना करने वालों, देश की सांस्कृतिक परंपराओं को नष्ट करने वालों के प्रति उदारता का भाव पैदा होने लगा। इसी उदारता की वजह से मुगल आक्रांता हुमायूं के नाम से सड़क और मुहल्ला बना दिया गया। + +अपने पिता की मौत के बाद जब हुमायूं दिल्ली की गद्दी पर बैठा था तो कई युद्धों के बावजूद सल्तनत नहीं बचा सका था। शेरशाह सूरी से हारने के बाद वो फारस भाग गया था। कई वर्षों बाद फारस के सैनिकों के साथ उसने फिर से दिल्ली सल्तनत पर कब्जा किया। जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने भले ही हिंदुस्तान में मुगल सल्तनत की स्थापना की लेकिन उसके बेटे हुमायूं ने सांस्कृतिक सल्तनत का बीजारोपण किया। जब हुमायूं दूसरी बार दिल्ली की गद्दी पर बैठा तब उसने भारत में फारसी कलाओं को बढ़ाना आरंभ किया। उसने फारसी वास्तुकला, चित्रकला, स्थापत्य कला आदि को प्राथमिकता देना आरंभ किया। इसके लिए फारस के वास्तुविद, चित्रकार आदि हिंदुस्तान बुलाए गए। ये हुमायूं का हिंदुस्तान पर सांस्कृतिक हमला था। समय के साथ मुगल सल्तनत का भले ही अंत हो गया लेकिन जिस सांस्कृतिक सल्तनत की स्थापना हुमायूं ने की थी वो अब भी हमारे देश में चल रही है। आज भी मुगल जायका से लेकर मुगल स्थापत्य कला और मुगल चित्रकला तक जीवित हैं, रहें, पर उस आक्रांता के नाम पर सड़क का नाम क्यों है जिसने भारत की संस्कृति को बदलने का काम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3eb49986315c59fbcb1c5f495b69ee063934ef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67412.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. यूजेन वर्नोफ 19वीं सदी के मध्य यूरोप में प्राच्यविद्या के प्रतिष्ठित आचार्य रहे। वर्नोफ ने ही मैक्समूलर को संस्कृत पढ़ाई तथा उन्हें वैदिक वांग्मय पर गहन शोध के लिए प्रेरित किया। मैक्समूलर ने तीन दशक से भी अधिक समय वेदों पर अध्ययन और शोध किया। जब उनका भाष्य प्रकाशित हुआ तो यूरोप, अमेरिका और भारत का विद्वत वर्ग चमत्कृत हो उठा। यह पश्चिम में वैदिक ज्ञान की ‘दिग्विजय यात्र’ थी। यह संपूर्ण यूरोप में वैदिक ज्ञान के प्रति आए पुनर्जागरण का उत्कर्ष था। मैक्समूलर वैदिक ज्ञान के उपासक तथा अनन्य भारत प्रेमी थे। भारत से बाहर जन्म लेकर मां भारती की महती सेवा करने वाले महान मनीषी थे। उनकी मेधा से प्रभावित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने यथार्थ ही कहा था कि महर्षि सायण की आत्मा ही जर्मनी में मैक्समूलर के रूप में अवतरित हुई, क्योंकि समकालीन युग में वह वेदों के महानतम भाष्यकार हैं। मैक्समूलर का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने तुलनात्मक भाषाविज्ञान तथा धर्मो के तुलनात्मक अध्ययन की परंपरा शुरू की। भारत और भारतीय संस्कृति से उनके अनुराग की अभिव्यक्ति इन्हीं शब्दों में समझी जा सकती है, ‘भारत आधुनिक विश्व का आध्यात्मिक पूर्वज है और जिस देश ने राम और कृष्ण को जन्म दिया, उसे गुलाम बनाना महापाप है।’ मैक्समूलर ने भारत को कई प्रकार से गौरवान्वित किया। उन्होंने भारतीय साहित्य, दर्शन, धर्मग्रंथों की 50 से अधिक खंडों में ग्रंथमाला प्रकाशित की। ‘इंडिया: व्हाट इट कैन टीच अस’ नामक पुस्तक में वह बताते हैं कि विश्व भारतवर्ष से क्या-क्या सीख सकता है?।वैदिक ज्ञान का आज संपूर्ण विश्व पर बहुआयामी प्रभाव पड़ा है। आधुनिक जीवन का शायद ही कोई आयाम हो जिसमें भारतवर्ष ने योगदान नहीं किया। वस्तुत: तुलनात्मक भाषाविज्ञान के अध्ययन से जो तथ्य स्थापित हुए, उनसे पूर्वाग्रही यूरोपीय विद्वानों की जड़ता समाप्त हुई। ये यही मानते थे कि फलस्तीन और यूनान से प्राचीन कोई देश नहीं और हिब्रू से प्राचीन कोई भाषा नहीं है। बाइबल के अनुसार सृष्टि 4000 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं है। इस स्थापना के आलोक में वेदों के काल-निर्णय में यूरोपीय विद्वानों को बड़ी कठिनाई हुई, जो उन्हें ईसा से 2000 वर्ष पूर्व से आगे ले जाने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं थे। हालांकि हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खोदाई से उनके भ्रम टूटे और वे यह मानने को बाध्य हुए कि सृष्टि का इतिहास 4000 वर्ष से बहुत पुराना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33c53f70437fdcea5640f48f7d40492af40094c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67417.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + महाशक्ति का तालिबान के आगे घुटने टेकने से गया गलत संदेश ।प्रो. पंत का मानना है कि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से तालिबान ही नहीं, बल्कि दुनिया में अन्‍य आतंकवादी संगठनों के मनोबल पर अनुकूल असर पड़ा है। उन्‍होंने कहा जिस तरह से अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्‍तान की धरती को छोड़ा है, उसमें उसका पराजय का भाव दिखता है। एक महाशक्ति का तालिबान के आगे घुटने टेकना दुनिया भर के आतंकवादियों के लिए अच्‍छा संदेश गया है। इससे उनके हौसले बुलंद हुए हैं। उन्‍होंने कहा अमेरिका को नीचा दिखाने के लिए चीन और पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान में जो खेल खेला है उसके भविष्‍य में दूरगामी परिणाम होंगे। उन्‍होंने कहा कि चीन और पाकिस्‍तान भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं हैं। + + जम्‍मू-कश्‍मीर के आतंकवादी संगठनों ने भी तालिबान को किया सपोर्ट । उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ कुछ ऐसे आतंकवादी संगठनों ने तालिबान की मदद की है, जिनके तार सीधे जम्‍मू-कश्‍मीर से जुड़ते हैं। पंत ने कहा कि लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद जैसे आतंकवादी संगठनों ने तालिबान की मदद की है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि तालिबान इस सहयोग के बदले में उनकी क्‍या मदद करता है। अब इन आतंकवादी संगठनों पर केवल पाकिस्‍तान की ही नहीं बल्कि तालिबान का भी बड़ा प्रभाव रहेगा। यानी जम्‍मू कश्‍मीर की शांति में तालिबान का बड़ा रोल हो सकता है। हालांकि, तालिबान ने अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी के समक्ष कहा है कि वह अपनी धरती का उपयोग अन्‍य देशों के खिलाफ नहीं होने देगा। अब यह देखना अहम होगा कि वह अपनी कथनी और करनी में कितना फर्क करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7232153420b9b770365fc7e49ae939b2850b89b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंद्रमा की इस मुस्कुराहट को समझते हुए भगवान श्री गणेश ने क्रोध में आकर चंद्रमा को श्राप दे दिया। जिसके तहत चंद्रमा में अपनी खूबसूरती को खो दिया। भगवान श्री गणेश की महिमा को देखते हुए तथा अपनी भूल का अहसास होने पर चंद्रमा ने भगवान गणेश से क्षमा मांगी। इस पर भगवान श्री गणेश ने उन्हें माफ तो कर दिया लेकिन साथ ही श्री गणेश चतुर्थी पर चांद का दीदार करने वालों को दंड का प्रावधान निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करने वालों को यह दंड भुगतना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30d1f3ff2bca9bf84c8409a55a179a51475e16f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67419.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग हुई तो दुश्मन मुल्क की फौज खेमकरण पार करके भारतीय क्षेत्र में दाखिल होकर तबाही मचा रही थी। इस दौरान भारतीय सेना के जांबाज हवलदार वीर अब्दुल हमीद ने अपनी जान पर खेलते हुए दुश्मन मुल्क की फौज के सात पेटन टैंकों को एक-एक करके गन माउनटेड जीप से तबाह कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी फौज को वापस लौटना पड़ा। बहादुर हवलदार वीर अब्दुल हमीद ने अपने प्राणों की आहूति देकर एक अनूठी शौर्य गाथा पेश की थी। मरणोपरांत उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया था। + +1 जुलाई 1933 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर क्षेत्र में पैदा हुए वीर अब्दुल हमीद 20 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हुए थे। 1965 की जंग में पाकिस्तान के पास अमेरिकन पेटन टैंक थे। पाक की फौज जब खेमकरण क्षेत्र पर काबिज हो रही थी तो गांव आसल उताड़ में तैनात वीर अब्दुल हमीद को गन माउनटेड जीप के साथ जंग के मैदान में उतारा गया था। वीर अब्दुल हमीद ने एक-एक करके पाक के सात पेटन टैंक उड़ा दिए थे। + +गौर हो कि 1954 में भारतीय सेना की सातवीं ग्रेनेडियर रेजमेंट में भर्ती हुए वीर अब्दुल हमीद जब दस वर्ष की सेना सेवाओं के दौरान छुट्टी पर गांव आए थे। जिस बीच हालात तनावपूर्ण बन गए और वीर अब्दुल हमीद छुट्टी छोड़कर ड्यूटी पर चले गए थे। तरनतारन जिले के खेमकरण सेक्टर के गांव आसल उताड़ में आठ सितंबर की सुबह पाकिस्तान के पेटन टैंक देखे गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d8d56b2f9d3f54c519bc647599e9cc57636019f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इशान को है छठ मइया का आशीर्वाद। पटना में अपने आवास पर बेटे की उपलब्धि पर परिवार व आस-पड़ोस के लोगों के साथ जश्न मना रहीं मां सुचित्रा ने कहा कि इशान के पास छठ मइया का आशीर्वाद है। मैं स्वयं छठ व्रत करती हूं। मां ने कहा, 'अपनी मेहनत और छठ मइया के आशीर्वाद से वह अंडर-19 विश्व कप टीम का कप्तान बना। अब छठ मइया उसे सीनियर विश्व कप में भी कामयाब बनाएंगी।' पिता प्रणव पांडेय को उम्मीद है कि इशान भारतीय टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे। प्रणव ने बताया कि आइपीएल के दौरान दुबई में इशान ने खूब रन बनाए थे। बोले, '19 सितंबर से दुबई में ही शुरू हो रहे आइपीएल के मुकाबले में उसे मैच अभ्यास मिलेगा, जिसका फायदा उसे विश्व कप में होगा।'।क्रिकेट के कारण स्कूल से निकाले गए। पढ़ाई में कमजोर इशान को मां से डांट मिलती थी। क्रिकेट के कारण उन्‍हें स्कूल से निकाल दिया गया। ऐसे में राज किशन ने छोटे भाई के लिए अपने क्रिकेट करियर को त्याग दिया। राज ने बताया कि, इशान में सीखने की ललक बचपन से ही थी। इशान गेंदबाजी को छोड़ अन्य किसी भी मूमिका में शानदार प्रदर्शन कर सकता है। इसका फायदा भारत को होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47708ebdbb7962f0b1f9e847df81a975ff336cba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भवानीपुर सीट पर उपचुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। इस सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वकील प्रियंका टिबरीवाल को उतारने का फैसला किया है। भाजपा ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर भवानीपुर सीट से उम्मीदवार के रूप में प्रियंका के नाम की घोषणा की। वैसे पहले से उनके नाम की चर्चा चल रही थी। प्रियंका बंगाल हिंसा पीड़ितों का केस लड़ रही हैं। ममता के मुकाबले प्रियंका को उतारकर भाजपा ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह मुख्यमंत्री को कड़ी टक्कर देने जा रही है। साथ ही महिला के खिलाफ महिला उम्मीदवार को ही उतारकर भाजपा ने बड़ा दांव चला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..391c0bbce4dc2cbba2a6d2aec23f4399779cc6d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अजय दुबे। 21 अगस्त को शमसाबाद के हुमायुपर गांव में एक युवक कमरे में बंद हो गया, गले में फांसी का फंदा डाल लिया। पुलिस ने युवक से बात की, उसकी समस्या सुनी। वह गले से फंदा निकाल कर कमरे से बाहर आ गया और जान बच गई। ।केस टू- मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के मनोचिकित्सक के पास एक सितंबर को एक छात्र का फोन आया, उसने बताया कि वह बहुत तनाव में है। उसकी काउंसिलिंग की गई, वह खुदकुशी करने जा रहा था। काउंसिलिंग करने से वह बच गया। ।समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की तरह से खुदकुशी के विचार आते हैं। उस समय खुदकुशी करने वाले से बात कर ली जाए तो कुछ देर बाद ही विचार थम जाते हैं और खुदकुशी करने से रोका जा सकता है। शुक्रवार को विश्व खुदकुशी (आत्महत्या) रोकथाम दिवस पर मनोचिकित्सकों ने लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है, क्‍योंकि कोरोना काल में खुदकुशी के मामले बढे़ हैं। वहीं, खुदकुशी करने वालों में 70 फीसद 19 से 40 साल के युवा है। इन्हें खुदकुशी करने से रोका जा सकता है। ।पढ़ाई, महिला और पुरुष मित्र, व्यापार और परिवार की समस्याओं से परेशान युवक के दिलों-दिमाग में खुदकुशी करने का विचार आता है। ये लोग स्वजनों को संकेते देते हैं, इंटरनेट मीडिया पर निराशाजनक पोस्ट डालते हैं। यह विचार 10 मिनट तक रहता है, इस दौरान कुछ रासायनिक बदलाव होते हैं और खुदकुशी करने का कदम उठा लेते हैं। ऐसे में अपने स्वजन, मित्र, मनोचिकित्सक और जिस व्यक्ति पर भरोसा है वह बात करने लगे तो खुदकुशी के विचार शांत हो जाते हैं। इस तरह मनोचिकित्सक और स्वजन जान बचा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f167c187b0d16db8b279b75f8540c65e6732f10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरविंद केजरीवाल से प्रभावित हो रहे कांग्रेसी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली की जनता ही नहीं, प्रदेश कांग्रेस के नेता भी खासे प्रभावित नजर आ रहे हैं। ऊपर से भले ही वे आम आदमी सरकार का विरोध करते रहें, लेकिन अंदरखाते उनके राजनीतिक तौर तरीके उन्हें भी लुभा रहे हैं। यही वजह है कि हाल ही में जब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष और पांचों उपाध्यक्षों को मुलाकात के लिए बुलाया तो एक उपाध्यक्ष ने साफगोई से यह सब बयां भी कर दिया। इन जनाब ने तो पार्टी की विचारधारा को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। इनका कहना था कि आम आदमी पार्टी सुपीमो अरविंद केजरीवाल की छवि किसी एक वर्ग विशेष से जुड़ी नहीं है। इसीलिए उन्हें हिन्दू भी वोट देता है और मुस्लिम भी। जबकि कांग्रेस से हिन्दू वोटर दूर हो गया है, इसलिए हमें अपनी सोच और विचारधारा बदलनी चाहिए। मौन साधे अन्य नेता भी इससे सहमत नजर आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca411f2ffa5ef9f5b0cb7b75ca26f84a64bde25b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विवेक तिवारी। पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां की बैटरी को चार्ज करने में लगने वाला समय आज भी कार खरीदारों के सामने चिंता की बात है। लेकिन ये चिंता अब ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी। जल्द ही बाजार में आने वाली नई इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी को मात्र पांच मिनट में चार्ज किया जा सकेगा। इजराइल की कंपनी स्टोर डॉट ने आधुनिक तकनीक के तैयार की गई खास तरह की लिथियम आयन बैटरियां पेश की हैं जिन्हें मात्र पांच मिनट में ही चार्ज किया जा सकेगा। आने वाले समय में इस तरह की बैटरियां इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लग कर आ सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbfad2ebd3c30e15db52c2ecfe8e7205b7f75804 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, विकाश गौड़। बड़े आश्चर्य की बात है कि जिस खिलाड़ी ने कभी भारत के लिए एक मैच भी नहीं खेला, उसके नाम पर देश का सबसे बड़ा घरेलू टूर्नामेंट यानी रणजी ट्राफी खेली जाती है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ द्वारा हर सीजन में रणजी ट्राफी नाम से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेली जाती है, जिसमें तीन दर्जन से ज्यादा टीमें भाग लेती हैं। इस ट्राफी का नाम उस खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है, जिसने जीवनभर इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली। ऐसे में आप सोच रहें होंगे कि ये शर्म की बात है, लेकिन ये शर्म की बात नहीं, बल्कि गर्व की बात है कि रणजी ट्राफी का नाम एक ऐसे क्रिकेटर के नाम पर है, जिसने भले ही इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली, लेकिन भारत देश का नाम रोशन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed1a3d91be09f7abff7a4e3d9bf6ad82ff8763a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. मोनिका शर्मा। Suicide Prevention Day 2021 लोगों के जीवन में जानलेवा परिस्थितियों को समझने और उनके प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही 11 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष इसके लिए एक विषय भी तय किया जाता है। इस साल का विषय है ‘कार्रवाई के माध्यम से आशा का सृजन’, जिसका सीधा-सा अर्थ है कि समाज, परिवार या परिवेश में मौजूद हर व्यक्ति ऐसे लोगों को अपना समय और सहायता देने का सोच और संवेदनशीलता अपनाकर जीवन सहेजने में मददगार बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7624921b50c51943d773f049ab18d67d992d7141 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उसी दौरान पूरे देश का ध्यान प्रवासी एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की समस्याओं की ओर गया। रोजगार खो चुके श्रमिकों की मदद के लिए सरकार ने कई कदम उठाए। अलग अलग राज्यों की सरकारों ने घर लौटे प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण व पुन: रोजगार की व्यवस्था की। इन सब कदमों को उठाए जाने के लिए योजना बनाने में एक प्रमुख समस्या का सामना सरकारी एवं तमाम गैर-सरकारी एजेंसियों ने किया। दरअसल असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों के संबंध में आंकड़े कहीं भी एक जगह पर उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि कुछ श्रमिक कल्याण बोर्ड एवं राज्यों के संबंधित कल्याण बोर्ड के पास कुछ क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों की जानकारी उपलब्ध है। परंतु उपरोक्त समस्या के संदर्भ में एक ‘एकीकृत डाटाबेस’ की जरूरत महसूस की गई, जिसके जरिये असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b8ec15645ca14e2d5095ad06067f02ba5d05df3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनको सिक्के प्रेमी और घुमने आए पर्यटक खरीदते हैं। 40 सालों से पुराने सिक्के बेच रहे दुकानदार राम सुख तिवारी ने बताया कि उनके पास चांदी, तांबे, पीतल के सिक्के हैं, जिनकी बाजार में कीमत काफी है। ये सिक्के मुंबई व कोलकाता से आते हैं। किसी के पास पुराने सिक्के होते हैं, तो वह इन्हें बेच देते हैं। उन्होंने बताया कई बार नकली सिक्के भी आ जाते हैं। इससे बचने के लिए सिक्कों की परख होना जरुरी है। ।लाल किले से फतेहपुरी रोड की ओर जा रही सड़क के किनारे बैठे दुकानदार नकुल ने बताया कि मेरे पास सोने के भी सिक्के हैं, लेकिन उन्हें बाजार नहीं लाते अगर कोई ग्राहक ऑर्डर देता है तो लाते हैं। उनके पास आना, धेले, पाइ, टका, अठ्ठनी व चवन्नी आदि सिक्के हैं। उन्होंने हाल ही में रानी विक्टोरिया का सिक्का चार सौ रुपये में बेचा। वह बताते हैं कि हर सिक्के की कहानी अलग है, जिससे कि उनकी कीमत भी अगल-अगल है। उनके पास पांच रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक के सिक्के उपलब्ध हैं। करीब 35 वर्षों से सिक्के बेचने का काम करने वाले प्रमोद कहते हैं कि अब इस काम में उतने पैसे नहीं बचते, जिससे घर चल सकें। लोग आते हैं और फोटो खिचकर चले जाते हैं। ऐसे में कटे-फटे नोटों को बदलने की एवज में कुछ कमाई कर लेते हैं। ।मयूर विहार से सिक्के लेने आए छात्र दीपक ने बताया कि उन्हें पुराने सिक्के को जमा करने का शौक है, इसलिए इस बाजार में आना अच्छा लगता है। उन्हें यहां वो सिक्के भी मिल जाते हैं, जो कहीं और ढूढ़ने पर नहीं मिलते हैं। उनके साथ पहली बार सिक्के की दुकान पर आए केशव ने बताया कि इन्हें देखकर वे उस दौर का अंदाजा लगा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c09fcea00f1b9bdd53386b114db82de0bdfd6f37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67442.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। अभिनेता सोनू सूद फिल्मों में भले ही विलेन के रोल करते हो मगर हकीकत में वो सभी के दिलों पर राज करते हैं। उनको कुछ लोग आज भी मसीहा कहते हैं तो कुछ लोग पूजा करते हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में सोनू सूद ने किस तरह से लोगों की मदद की उसे पूरी दुनिया ने देखा और माना भी। उनकी देखादेखी ही लोगों ने ऐसे पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए बीड़ा भी उठाया था जिसकी वजह से लाखों लोगों की मदद हो सकी। मुंबई में रहने वाले लाखों लोग सोनू सूद को शायद ही कभी भूल पाए क्योंकि उनको उनके घर पहुंचाने के लिए तमाम इंतजाम सोनू ने ही किए थे। वो आज भी हमेशा किसी की भी मदद के लिए तैयार रहते हैं। + +अब उनके एक प्रशंसक सोनू सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर एक ट्वीट किया, उसमें उन्होंने सोनू सूद को टैग किया। सोनू सिंह ने लिखा कि सर कोई एक मूवी भी रिलीज कर दो, बोर हो रहा हूं घर में बैठे-बैठे। सोनू सिंह के इस ट्वीट पर सोनू सूद ने रिप्लाई किया। उन्होंने अपने मददगार वाली इमेज को बरकरार रखते हुए रिप्लाई किया कि किसी की मदद करके टाइम पास कर ले दोस्त, फिल्में फिर कभी देख लेना, उनके इस ट्वीट को सैकड़ों लोगों ने पसंद किया और उसे रिट्वीट भी किया। + +एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये पूरी तरह से साफ कर दिया था कि उनका राजनीति में फिलहाल न तो आने का कोई मन है ना ही वो इस ओर सोचते हैं। साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने अभी तो इस बारे में कुछ सोचा तक नहीं है। वहीं, लोग सोनू सूद के जवाब को 'हां-ना' दोनों ही रूप में देखने लगे। लोगों को कहना है कि सोनू सूद जिस तरह से समाज सेवा के क्षेत्र में जिस तरह से अपनी अलग पहचान बना चुके हैं, उन्हें राजनीति में भी आना चाहिए। सोनू भले ही खुद से राजनीति में आने से इनकार कर रहे हो मगर जिन लोगों की सोनू ने मदद की है उनकी भी इच्छा है कि ऐसे लोग राजनीति में आए और लोगों की सेवा करें। उनको एक मंच मिल जाएगा और लोगों की मदद हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d436c63861ca42be40d291203c671a5763d12d7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस दौरान मनोचिकित्सकों के पास समाधान के लिए पहुंचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। कोरोना के कारण तमाम लोगों की नौकरियां चली गईं, रोजगार, कारोबार बंद हो जाने से परिवार चलाने का संकट पैदा हो गया। इससे उपजे तनाव से भी मानसिक दिक्कतें उत्पन्न हुईं। तनाव, अवसाद बढ़ने के कारण नकारात्मक विचार आने स्वाभाविक हैं। इस दौरान अवसाद के मरीजों में करीब 40 फीसद का इजाफा हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..223ec0a0567358ccc8400c9290863d14f13b14a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(विवेक राव), मेरठ। पेट्रोल की बढ़ती कीमत और ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए हर कोई सुलभ और सस्ते विकल्प की चाह में है। इसे ध्यान में रखते हुए बीटेक के दो छात्रों ने एक ऐसी ई-साइकिल तैयार की है जो 35 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलती है। ई-साइकिल चार्ज करने के बाद 25 से 30 किलोमीटर तक सफर कर सकते हैं। साथ ही इसे पैडल से भी चला सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ffb35b21291c5db02791b3af153a59c8c300c2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67448.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रयागराज, जागरण संवाददता। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) इलाहाबाद ने अनोखा शोध किया है। अगर इस शोध के दावे सही हुए तो चिकित्‍सा विज्ञान में क्रांति ही ला देगा। ट्रिपल आइटी में इंसान के सूंघने की क्षमता पर अहम शोध किया गया है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि भविष्य में यह शोध काफी कारगर साबित होगा। इससे बीमारियों का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। यह शोध आक्सफोर्ड के न्यूक्लियर एसिड रिसर्च जर्नल के सितंबर के अंक में प्रकाशित हुआ है। + + संस्‍थान के सिस्‍टम बायोलाजी ग्रुप के प्रोफेसर के निर्देशन में शोध हुआ।भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के सिस्टम बायोलाजी ग्रुप के प्रोफेसर प्रीतिश भारद्वाज के निर्देशन में शोध छात्रा अंजू ने यह शोध किया है। शोध में कहा गया है कि हर जानवर एक-दूसरे को सूंघकर उसके प्रति आकर्षित होते हैं। इसके अलावा दृष्टिबाधित लोगों में भी सूंघने की क्षमता अधिक होती है। वह इसके जरिए ही आसपास के माहौल को परख लेता है। यदि कोई व्यक्ति देखने में सक्षम है और सूंघने की क्षमता अच्छी नहीं है तो वह अपने आसपास की चीजों को बेहतर ढंग से नहीं समझा सकता है। सूंघने की क्षमता पर देश के तमाम शैक्षणिक संस्थान शोध भी कर रहे हैं। अब ट्रिपलआइटी ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। + +शोध छात्रा अंजू के शोध में किया गया यह दावा ।फिलहाल अभी तक शोध किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है। हालांकि शोध में दावा किया गया है कि भौतिक और रासायनिक गुणों के साथ गंध, गंधक और गंध रहित यौगिकों पर अध्ययन किया गया। इसके बाद वांछित गंध वाले रासायनिक यौगिकों का पता लगाया गया। प्रोफेसर प्रीतिश बताते हैं कि हजारों गंध केवल नौ गंध से ही बनी है। इसका प्रयोग कई जगहों पर किया जा सकता है। वह बताते हैं कि डायबिटिक पर इसका काम चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..133de41c53d5b8512f08cc1891bcbb008fabe1c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67449.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भाजपा ने जिस तरह से इन मुद्दों पर खासकर नमाज कक्ष के आवंटन को लेकर आंदोलन छेड़ दिया, उससे भी कांग्रेस दबाव में है। कांग्रेस के अंदर भी अब विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। कांग्रेसी विधायक व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कह रहे हैं कि विधानसभा भवन में आवंटित कमरा नमाज कक्ष नहीं, बल्कि सभी धर्मो के लोगों के लिए प्रार्थना कक्ष है और वह खुद भी उसमें जाकर प्रार्थना करेंगे। मानसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ जैसे मुखर रहे, उससे इस मुद्दे पर टकराव बढ़ेगा। + +राज्य विधानसभा भवन में नमाज कक्ष आवंटित करने के विरोध में प्रदर्शन करते भाजपा के विधायक। फाइल।विधानसभा का मानसून सत्र नमाज कक्ष की भेंट चढ़ गया। पूरे सत्र में किसी भी मुद्दे पर कोई सार्थक बहस नहीं हो सकी। भारी हंगामे के बावजूद सत्ता पक्ष ने कुछ महत्वपूर्ण विधेयक जरूर पास करवा लिए हैं। इसके लिए वह अपनी पीठ थपथपा सकती है, लेकिन भाजपा विधायकों के विधानसभा के बाहर भजन-कीर्तन और अंदर हनुमान चालीसा के पाठ से ये सवाल तो उठना शुरू हो ही गया है कि क्या नमाज कक्ष आवंटन का विधानसभा अध्यक्ष का आदेश संविधान सम्मत है?।क्या विधानसभा में किसी संप्रदाय विशेष के लिए इबादत की व्यवस्था की जा सकती है? विधानसभा सावर्जनिक भवन है और क्या वहां ऐसा करना उचित है? विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें नमाज कक्ष के आवंटन आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा परिसर में किसी धर्म विशेष के लिए कक्ष आवंटित करना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। याचिका में 42वें संविधान संशोधन का हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि विधानसभा भवन जनता के पैसों से बना है, ऐसे में वहां किसी धर्म विशेष के लिए कक्ष आवंटित करना असंवैधानिक है। इस बीच भाजपा के प्रबल विरोध को देखते हुए एक सवर्दलीय समिति भी बना दी गई है, जो यह तय करेगी कि विधानसभा भवन में नमाज कक्ष होना चाहिए या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bbb5f3668cfb7d5b1cea2a2c41dba3cc287789f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महात्मा बुद्ध से जुड़ी साइट पहले हुई थी संरक्षित।बिल्सड़ में स्थित महात्मा बुद्ध से संबंधित दूसरी साइट को गुप्त काल से संबंधित साइट से पहले वर्ष 1920 में संरक्षित स्थल घोषित किया गया था। इसका प्रीलिमिनरी नोटिफिकेशन 25 नवंबर और फाइनल नोटिफिकेशन 27 दिसंबर को किया गया था। यह बड़ा टीला दो भागों बिल्सड़ पचैया और बिल्सड़ पूर्वा में बंटा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a65dbe3be0774a73c32356574422a799febd2546 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों को कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए आगाह करना इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि एक तो स्कूल-कालेज खुलने लगे हैं और दूसरे, त्योहारों का सिलसिला शुरू होने वाला है। वास्तव में कोरोना संक्रमण से बचे रहने के उपायों को अपनाने और आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों को बल देने के बीच संतुलन बैठाने की आवश्यकता है। इस आवश्यकता की पूíत तभी संभव है, जब आम लोग जरूरी सतर्कता बरतने के साथ टीका लगवाने में प्राथमिकता का परिचय देंगे। जिन लोगों ने अभी टीके की पहली खुराक भी नहीं ली, उन्हें तो अवश्य ही ऐसा करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d80788fe96c274574437e9c5155d734f6c038c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67454.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमेरिका को लेकर ऐसी आशंकाएं निराधार नहीं हैं। बाइडन ने अफगानिस्तान को जिस तरह आतंकियों को तश्तरी में परोस कर दे दिया, वह अंतरराष्ट्रीय जिहादी मुहिम के लिए एक बड़ी जीत है। यह भी एक दुर्योग है कि बाइडन के सत्ता संभालने के कुछ ही महीनों के भीतर आतंकियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया। ऐसे में निश्चित है कि यह बाइडन की आखिरी भूल नहीं साबित होगी। राष्ट्रपति बनने से पहले बाइडन कई अहम पदों पर रहे हैं। उस दौरान उनके सहयोगी रहे तमाम लोग उनकी नीतियों और फैसलों को लेकर सवाल उठा चुके हैं। वे अब सही साबित हो रहे हैं। + +जहां तक अलकायदा का सवाल है तो काबुल पर कब्जे के बाद से तालिबान के प्रवक्ता ने उसके खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। उलटे उसने यहां तक कहा कि अमेरिका में 9-11 हमले में लादेन की संलिप्तता के कोई सुबूत नहीं। जो लोग तालिबान और अलकायदा को जुदा समझते हैं, उनके लिए यह एक दृष्टांत है। अक्टूबर 2015 में जनरल जान एफ कैंपबेल के नेतृत्व में अमेरिकी सेनाओं ने दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान में अलकायदा के सबसे बड़े आतंकी ठिकाने का पता लगाया था जो करीब 30 वर्ग मील के दायरे में फैला हुआ था। मालूम पड़ा कि वहां अलकायदा और तालिबान के रंगरूट एक साथ प्रशिक्षण लेने के अलावा उसका साथ में संचालन कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bccf2723fd472ea46e15dd7b8e2fc1ba46828d5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा की बढ़त रोकने के लिए बसपा भी कमर कसकर अयोध्या की ओर दौड़ लगा चुकी है। 23 जुलाई को शीर्ष बसपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य सतीश मिश्र ने रामनगरी के मुहाने पर न केवल ब्राह्मण सम्मेलन के माध्यम से रामलला के प्रति सरोकार ज्ञापित किया, बल्कि रामलला के सम्मुख श्रद्धावनत होकर उन्होंने स्वयं को भाजपा नेतृत्व से बड़ा रामभक्त बताने का प्रयास किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3eb3b92b9528e355af5d63c944549a41e4989678 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। NIRF Ranking 2021 शिक्षा, शोध और तकनीक के दम पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रिसर्च फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ)-2021 में एक पायदान की छलांग लगाई है। संस्थान को ओवरआल कैटेगरी में पांचवां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल छठवीं रैंकिंग थी। आइआइटी निदेशक प्रो.अभय करंदीकर व अन्य अधिकारियों ने छात्रों और फैकल्टी को बधाई दी है। ।शिक्षा मंत्रालय की ओर से गुरुवार को एनआइआरएफ-2021 जारी की गई। इसमें देश भर के विश्वविद्यालय, तकनीक, चिकित्सा, प्रबंधन, ला, शोध समेत अन्य संस्थानों की रैंकिंग की  जानकारी है। ओवरआल कैटेगरी में सबसे ऊपर आइआइटी मद्रास है। उसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस, आइआइटी मुंबई, आइआइटी दिल्ली, आइआइटी कानपुर, आइआइटी खडग़पुर, आइआइटी रुड़की, आइआइटी गुवाहटी आदि क्रमवार हैं। मैनेजमेंट कैटेगरी में प्रदेश में आइआइटी कानपुर सबसे ऊपर है। ।प्रदेश में ओवरआल कैटेगरी की स्थिति: ओवरआल कैटेगरी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की 10वीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की 18वीं, आइआइटी बीएचयू की 28वीं, एमिटी यूनिवर्सिटी की 43वीं, किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की 60वीं, शिव नादर यूनिवर्सिटी की 84वीं, मोतीलाल नेहरू इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी की 88वीं रैंक आई है। ।HBTU रेस से बाहर: इस वर्ष एनआइआरएफ की रैंकिंग में हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) अपनी जगह नहीं बना सका है। 2020 में विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग संस्थानों की कैटेगरी में 166 वां स्थान हासिल हुआ था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dc40c3c9d4627c79f04ed5d1a7b206f3677b476 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67461.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [सीमा झा]। बदल रहा है भारत, इस बदलाव की वाहक बनी हैं वे महिलाएं जिनका नजरिया चौंकाता है, जिनके सपने अंधियारे को चीरकर रोशनी बिखेर रहे हैं। रोमांचित करने वाली और हर हाल में उठ खड़े होने की आस जगा देने वाली है इनकी कहानी। हम बात कर रहे हैं सीआइआइ यानी भारतीय उद्योग संघ द्वारा हाल में पुरस्कृत महिलाओं की, जो समाज के उस तबके से आती हैं, जिन्हेंं पिछड़ा और असहाय समझा जाता है, लेकिन वे अब ऐसी मान्यताओं और पूर्वाग्रहों को धता बताकर न केवल अपनी राह में आने वाली बाधाओं से पार पा चुकी हैं, बल्कि अपने जैसी अन्य महिलाओं को भी आगे बढऩे में सहयोग करते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता को बखूबी साबित कर रही हैं। ।कहते हैं सच्चाई की कड़वाहट से लडऩे का हुनर भी तभी पैदा होता है, जब जिंदगी अपने विद्रूप रूप में सामने होती है। मुसहर समुदाय से आने वाली रीता कौशिक ने कभी नहीं सोचा था कि वह अपने परिवार में औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने वाली पहली महिला बन जाएंगी और हाशिए पर रहने वाले, गरीबी और भुखमरी झेलने को अभिशप्त समाज को अपने दम पर नई राह दिखा सकेंगी। आज वह अपनी संस्था के जरिए मुसहर समाज की शिक्षा और जागरूकता के लिए काम कर रही हैं। उनकी संस्था की पहुंच 112 ग्राम पंचायतों तक है। सरकारी और निजी संगठनों के साथ मिलकर वह देश ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाओं के साथ भी काम कर रही हैं। वह 25 हजार से अधिक बच्चों के जीवन में शिक्षा की अलख जगा रही हैं। उनकी कहानी 23 साल पुरानी है। संघर्ष और तमाम जिल्लतों को सहते हुए बड़ी हुई हैं रीता। घर पर छोटे भाई-बहनों की संरक्षिका रहने वाली बच्ची की पढऩे की इच्छा तब बाहर आई, जब वह रोजाना भाई के स्कूल के बाहर उसका इंतजार करते थक जाती थी। फिर उसने उसी स्कूल के शिक्षक से पिछली बेंच पर बैठने और अपने लिए एक स्लेट देने की गुहार लगाई। बात बन गई और वह भी पढऩे लगी। स्कूल की हर परीक्षा में अव्वल रही। हालांकि दलित होने के कारण उन्हें भेदभाव भी खूब झेलना पड़ा, लेकिन वह हार कहां मानने वाली थीं। रिक्शा चालक दलित पिता को अचानक बच्ची की शादी की चिंता सताने लगी और एक दिन रीता को न चाहते हुए बाल विवाह के लिए हामी भरनी पड़ी, पर विदाई के अगले ही दिन वह मायके वापस आ गईं। मन में पढऩे का जुनून लिए वह जीवन में कुछ करना चाहती थीं। अपनी इच्छा को पिता से साझा किया। पिता को उनकी अदम्य इच्छा के आगे झुकना पड़ा, पर कुछ ही समय बाद पैसे की कमी दीवार बनकर खड़ी हो गई। रीता ने इस चुनौती का भी बखूबी सामना किया। खुद को इस काबिल बनाया जिससे कि छोटी नौकरी भी मिल जाए ताकि मिलने वाले पैसे से पढ़ाई जारी रहे। उन्होंने बीएससी किया और जीवन की बागडोर अपने हाथ में थाम ली। आगे चलकर पुनॢववाह किया। अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर आज वह दलित समाज और अपने समुदाय के विकास के लिए कई काम कर रही हैं। उनके अधिकारों के लिए उन्हेंं सजग करते हुए बता रही हैं कि जीवन में वास्तविक उजाला तभी आता है जब शिक्षा की रोशनी जलाई जाए। रीता के कारण आज न केवल उनके समुदाय की परेशानियां कम हो रही हैं, बल्कि बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ उस समाज की बच्चियां भी आवाज उठाने का साहस कर पा रही हैं। + +कभी स्कूल नहीं गईं धापू देवी, लेकिन जीवन की पाठशाला की वह एक श्रेष्ठ विद्यार्थी रहीं। 15 साल पहले वह घूंघट छोड़ बाहर निकलीं तो यह हालात की मजबूरी थी। पति के काम में हाथ बंटाना था। छह बेटियों और एक बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने और जीवनयापन के लिए काम करना ही था। भले लोगों ने उपहास उड़ाया, लेकिन उन्होंने सोलर कुकर और वाटर कूलर बनाने वाली इकाई में काम किया। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलााकर काम किया तो पता चला कि हम महिलाएं किसी से कम नहीं, पर जिंदगी कभी सीधी रेखा में कहां चलती है। वर्ष 2013 में पति का देहांत हो गया और धापू देवी के जीवन से जैसे धूप चली गई। रिश्तेदारों ने कहा कि कम से कम एक साल तक घर में ही रहें, लेकिन धापू अधिक समय तक इन बाधाओं को नहीं स्वीकार कर सकीं। अपने पुराने सहकॢमयों की प्रेरणा से महज एक माह बाद ही वह काम पर लौट गईं। इसी बीच उनकी एक साल की बेटी जब बहुत बीमार हुई और किसी तरह का इलाज काम नहीं आ रहा था तो आखिर में उसे बचाने में काम आया घर में रखा अमृत चूरन। यह एक पौष्टिक चूरन था जिसे धापू खुद बनाती थीं। जीवन जब अंधियारे में था तो इसी घटना ने उनके मन में उम्मीद की किरण जगा दी। धापू को चूरन बनाने का आइडिया यहीं से आया। उन्होंने सोचा कि राजस्थान में जहां एनीमिया और कुपोषण की समस्या बहुत अधिक है, क्यों न वह इसी दिशा में अपना काम शुरू करें। बच्चों की अकेले परवरिश करते हुए और इस नए काम के बीच तालमेल बिठाते हुए उनका संघर्ष रंग लाने लगा। आज उनके साथ 15 समॢपत महिलाएं काम कर रही हैं। उनका उत्पाद सुपर 5 के नाम से लोकप्रिय है। यह उत्पाद राजस्थान के करीब 40 गांवों में पहुंच चुका है। 20 हजार बच्चों और 4000 महिलाओं को कुपोषण से लडऩे में मदद कर रहा है उनके द्वारा बनाया गया चूरन। अगले कुछ सालों में वह दूसरे राज्यों में भी अपने चूरन को पहुंचाना चाहती हैं। पढ़-लिख न पाने वाली धूपा देवी के बच्चे आज न केवल अच्छी शिक्षा पा चुके हैं, बल्कि वित्तीय रूप से भी आत्मनिर्भर हैं। बेटा मैकेनिकल इंजीनियर है तो बेटी नर्स। छोटी बेटी कोडिंग सीख रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f174540cc81cc7f3b65a69f0993c639200950d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67462.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रीना डंडरियाल, रुड़की। Earthquake Resistant House: देश में भूकंपरोधी मकान बनाने की दिशा में हुए एक शोध ने संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। सीस्मिक जोन-पांच वाले क्षेत्र में ईंट की जगह थर्माकोल का इस्तेमाल कर बनाया गया चार मंजिला भवन भी अब भूकंप से सुरक्षित रह सकता है। सीस्मिक जोन पांच को भूकंप के लिहाज से सबसे खतरनाक क्षेत्र माना जाता है और यहां आठ से नौ रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकंप आ सकते हैं। इस तकनीक से बनने वाला भवन भूकंपरोधी होने के साथ ही काफी कम समय में तैयार हो जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के शोधार्थी व जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली की फैकल्टी द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई है। + +यह भी पढ़ें- Himalaya Diwas: हिमालय वोटर होता तो उसे भी नसीब होती 'गंगा'।लैब में किया परीक्षण।आइआइटी रुड़की के भूकंप अभियांत्रिकी परिसर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के कोष से लैब तैयार की गई है। शोधार्थी आदिल ने बताया कि थर्माकोल से बने भवन का माडल तैयार करके इस लैब में उसका परीक्षण किया गया। तैयार माडल पर धीरे-धीरे लोड बढ़ाया गया। पता चला कि इस तकनीक से बनाया गया चार मंजिला भवन भी अति तीव्र भूकंप से सुरक्षित रह सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6dfc7eddfff4ed6663e8e32984d8e48f6f5d7cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्यारोपण की प्रक्रिया बिल्कुल तपस्या की तरह है। इसमें करीब दो-ढाई माह का समय लग जाता है। एक घटनाक्रम याद आता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में रग्बी का स्टेडियम बनना था। इसके लिए चयनित स्थान पर कुछ पुराने पेड़ भी थे। यहां के छात्रों-शिक्षकों की भावनाएं भी इससे जुड़ी थीं। विरोध और सहयोग दोनों सुर थे। लिहाजा इन पेड़ों को घर के किसी बुजुर्ग की भांति ट्रीट किया गया। जड़ से निकालने से लेकर जिस वाहन में लेकर उसे जाना है, उसमें कैसे रखना है, कैसे आगे बढ़ना है, ताकि वृक्ष को किसी तरह का नुकसान नहीं हो, फिर उसमें कैसे कितनी जूट की बोरी लगानी है, कब और किस प्रकार से संबंधित रसायनों का छिड़काव करना है आदि प्रक्रिया में दो माह से ज्यादा लग जाता है। हमारी पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को लेकर फिक्रमंदी कितनी सजग है इसकी हकीकत तो हमारा निष्क्रिय वृक्ष प्राधिकरण स्वयं बयां करता है, जिसने प्रत्यारोपण के लिए चिंतन-मंथन तो बहुत दूर, वर्ष 1994 में अपने गठन के बाद से अब तक महज आठ बैठकें ही आयोजित कर सका है। कमोबेश ऐसे ही हालात वन संरक्षण विभाग के हैं जहां आप विकास योजना की अर्जी तो लगा सकते हैं, लेकिन यदि आपको किसी पेड़ को बचाने की चिंता है तो आपकी शिकायत सुनने वाला वहां कोई नहीं है। यह जरूरी है कि समय का पहिया आधुनिकता और विकास को साथ लिए आगे बढ़े, लेकिन उस राह में जहां भी पेड़ आएंगे, उनके लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करनी ही होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67472.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfaa9d335d3254eb32acc390494e16c4cf1b8a49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67472.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया के दिल में चांदनी चौक बसता था। भगवान के कपड़े भी यहीं से मुंबई जाते थे। कुछ दिन पहले ही विशेष मसाले यहां से मुंबई भेजे गए थे। अक्षय कुमार के परिवार से जुड़े व पड़ोसी छत्ता मदन गोपाल निवासी कालू शर्मा बताते हैं कि चांदनी चौक के लोग थोड़ा चटपटा खाते हैं। वे यहां से जहां भी जाते हैं, अपना स्वाद साथ लेकर जाते हैं। अरुणा भाटिया ने मुंबई में 77 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके बेटे अक्षय कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। वे कुछ दिनों से बीमार थीं। उनकी बीमारी से यहां के लोग चिंतित थे। उनके निधन की खबर ने उन्हें मर्माहत कर दिया, क्योंकि यहां के लोगों के दिलों में उनके लिए खास जगह है। ।यहां के लोग उन्हें जरूरतमंदों की हर वक्त मदद करने वाली, व्यवहार कुशल और धार्मिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेने वाली महिला के तौर पर याद करते हैं। कालू बताते हैं कि अक्षय कुमार को समाज सेवा तथा देश के प्रति लगाव के गुण मां से मिले हैं। यहां के लोगों के मुताबिक वर्ष 1947 में बंटवारे के समय अरुणा भाटिया का परिवार जम्मू-कश्मीर से चांदनी चौक आया था। छत्ता मदन गोपाल इलाके में आज भी उनकी हवेली है, जिसका नंबर 1180 है। यहां उनके भाई और उनका परिवार रहता है। उनके निधन पर परिवार मुंबई चला गया है। वे पांच भाई और दो बहनों में दूसरे नंबर पर थीं। उनके दो भाई अब भी दिल्ली में रहते हैं, जबकि बाकी मुंबई में रहते हैं। अक्षय कुमार अपने ननिहाल में पले-बढ़े हैं। ।उन्होंने यहीं से फिल्मी दुनिया में जाने का सपना देखा। उनके नाना की खारी बावली में सोडा वाटर की दुकान थी। अरुणा की शादी खारी बावली के सामने स्थित लक्ष्मी नारायण की धर्मशाला में हरिओम भाटिया से हुई थी। उनका लंबा समय चांदनी चौक में बीता। बेटे के फिल्मी जगत में चमकने के साथ वे मुंबई चली गई थीं, लेकिन वर्ष 2015 में मां के रहने तक वे नियमित अतंराल पर यहां आती रहती थीं। यहां के लोगों से उनका जुड़ाव बना हुआ था। वे फोन के माध्यम से यहां के लोगों का हालचाल लेती रहती थीं। किनारी बाजार निवासी आत्म अग्रवाल कहते हैं कि उन्हें बेटे अक्षय कुमार और बेटी अल्का के साथ गुरुद्वारा जाते अक्सर देखा जाता था। + +ये भी पढ़ें- केंद्र सरकार की इस घोषणा को सबसे बड़ा मजाक बता रहे किसान नेता राकेश टिकैत, जानें क्या है डिटेल?।ये भी पढ़ें- ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली में चिन्हित किए जलभराव वाले कुल 113 स्थान, आप भी जानें उनके नाम।ये भी पढ़ें- बायोमेडिकल वेस्ट को खत्म करने के लिए डीपीसीसी लगाएगी दो नए प्लांट, जानिए क्या बनाई गई है नीति।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60ab016a1052b00ef853ac8c64182635f40747fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67475.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्‍या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। ईश्वर सभी के तारणहार हैं। त्रेतायुग में भगवान राम ने अहिल्या का उद्धार किया तो द्वापर में भगवान कृष्ण कंस की दासी कुब्जा और पूतना के तारणहार बने। सबके बंधन काटने वाले भगवान राम और कृष्ण कलयुग में स्वयं अपने उद्धार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह परेशानी ईश्वर के स्वरूप में उन देव प्रतिमाओं को उठानी पड़ रही है, जो थाने के मालखाने में बंद हैं। इनके शरीर पर चंदन का लेप नहीं होता न ही श्रृंगार के लिए पुष्प और हार ही मिलता है। भोग की भी व्यवस्था नहीं है। बरामद हुई इन देव प्रतिमाओं के मुकदमों का निस्तारण भी पुलिस नहीं करा सकी है। लंबे जनांदोलन और कानूनी संघर्ष के बाद रामलला को उनका उचित स्थान तो मिल गया, लेकिन पुलिस थानों के मालखाने में मौजूद राम और कृष्ण की प्रतिमाएं अपने मुक्त होने का इंतजार कर रही हैं। + +मालखानों में बंद दस प्रतिमाएं।प्रतिमाओं की सेवा का नहीं कोई निर्देश ।एसएसपी शैलेश पांडेय का कहना है कि हि‍ंदू धर्म में मूर्ति पूजा का एक अगल विधान है। खंडित मूर्तियों की पूजा नहीं होती है। प्राणप्रतिष्ठा के बाद गर्भगृह में स्थापित होने पर प्रतिमाओं की पूजा होती है। बरामद हुई मूर्तियां प्राय: खंडित होती हैं। फिलहाल मालखाने में रखी गई बरामद मूर्तियों के पूजापाठ की कोई गाइड लाइन नहीं है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67476.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb474abac22573af6643ae90add8ef9eecae8d9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2001 में हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमलों के बाद अमेरिका ने जिस तालिबान के विरुद्ध युद्ध की शुरुआत की थी, वह 20 वर्षो बाद उसी तालिबान के हाथों अफगान के भविष्य को तथा आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध को अधर में छोड़कर चला गया। तालिबान की वापसी से भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकियों के हौसले बुलंद हैं। पिछले दिनों अलकायदा आतंकियों ने ‘इस्लामी भूमि’ को मुक्त करने के लिए ‘वैश्विक जिहाद’ का आह्वान किया। तालिबान तथा अन्य आतंकी संगठनों ने भारत, मध्य एशिया के देशों, रूस तथा दक्षिण एशिया के अन्य देशों में अलगाववाद और चरमपंथ को फिर से शुरू करने की योजना बनाई है तथा इसका केंद्र अफगान बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2005a2b64ae4174874907cd54c2277da5e1c386c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67477.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। Himalaya Diwas हिमालय को भी खुद के लिए एक गंगा चाहिए। विकास की ये गंगा भावनाओं में नहीं बहती, बल्कि हकीकत की कठोर चट्टानों को काटकर और उसमें राह बनाकर ही निकल सकती है, ताकि उसके हृदय में वास करने वालों के जीवन की कठिनाइयों को तारा जा सके। ये गंगा अगर सिर्फ भावनाओं में ही बहती और सच को बरगला पाती तो यकीन मानिए सियासी दलों के एजेंडे में शीर्ष पर होती। हिमालय का खुद वोटर नहीं बनना ही, उसके सामने मौजूद चुनौतियों के आड़े आ गया है। देश की संस्कृति और सभ्यता का यह भाग्य विधाता खुद बगैर नीति और नियोजन के घिसटने को मजबूर है। + +हिमालय की आवाज सुनो।अपने अंचल में सबकुछ समेटने वाला यह क्षेत्र इस बात के लिए तरस गया है कि उसकी आवाज सुनी जाए। विरल आबादी वाले हिमालय के संरक्षण के लिए आज तक ठोस नीति सामने नहीं आ सकी है। राजनीतिक पार्टियों ने हिमालय के नाम पर हर सुख भोगने की कोशिश तो की, लेकिन उसके जख्मों पर मरहम लगाने के लिए अब तक कुछ नहीं किया जा सका। इसी वजह से हिमालय विकास के मोर्चे पर इंच-इंच जूझने को मजबूर है। 2019 में मसूरी में 11 हिमालयी राज्यों के कान्क्लेव में मुद्दों की फेहरिस्त तैयार की गई थी। सियासी दलों का एजेंडा इन मुद्दों से अब तक अनजान ही बना हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..054a146fe2ca585f97a8b1f9bf3941d842c875ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67480.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। राजधानी दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में दिल्ली सरकार देश के बंटवारे पर आधारित संग्रहालय बना रही है। यहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह की आवाज में बंटवारे का दर्द सुनाई देगा। वहीं भारत में अमेरिकी राजदूत अतुल केशप के दादा-दादी का ताला-चाबी व जस्टिस फाली एस. नरीमन की दादी की साड़ी भी प्रदर्शित की जाएगी। अगले साल जनवरी तक संग्रहालय के शुरू करने की योजना है। यह संग्रहालय बंटवारे के आगे की भी कहानी कहेगा कि उस त्रासदी को झेलने के बाद कई लोग अपनी मेहनत से कामयाब हुए। यहां ऐसे ही लोगों की ओरल हिस्ट्री देखने और सुनने को मिलेगी। यहां पर 100 के आर्टिकल प्रदर्शित किए जाएंगे। जिनमें दस्तावेज, पत्र, शार्ट फिल्में भी शामिल होंगी। + +लिखा जाएगा बंटवारे का 'इतिहास'।उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने चीजें दान में दी हैं या देंगे, उनके परिवार के बारे में इतिहास भी यहां लिखा जाएगा। संग्रहालय को भारत में अमेरिका के राजदूत अतुल केशप ने एक ताला और चाबी दान की है। यह ताला चाबी उनके दादा चौधरी भवानी दास अरोड़ा और दादी छिंको बाई सचदेवा से संबंधित है। बंटवारा होने से पहले 1947 में उनके दादा मुजफ्फरगढ़, जिला मुल्तान के पास अपने गांव विष्णुपुरा में रहते थे। वहां से ट्रंक में कुछ सामान लेकर भागे थे। उसी में यह ताला लगा था। 1947 से 1955 तक उनके दादा पानीपत के माडल टाउन में अपना मकान बना कर रहे। अतुल केशप ने कुछ दिन पहले दारा शिकोह के पुस्तकालय रहे इस इमारत का दौरा किया, जहां संग्रहालय बनना है। यहां उन्होंने संग्रहालय की सह- संस्थापक मल्लिका अहलूवालिया को ताला-चाबी सौंपा। इसी तरह जस्टिस फाली एस नरीमन ने अपनी दादी की साड़ी दान करने का भरोसा दिया है। नीमराना के होटल कारोबारी अमन नाथ ने अपने पिता का वह सूटकेस देने की बात कही है जो उनके पिता पाकिस्तान से भागते समय साथ लेकर आए थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac90b9961d7c80e30ef452a10a566fe1e7614cac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67484.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. अनिल प्रकाश जोशी। आज से करीब पांच करोड़ साल पहले जब यूरेशियाई प्लेट और ग्रेटर इंडिया आपस में टकराए तो इस देश की सबसे सुंदर आकृति ने जन्म लिया, वो था हिमालय। वैसे भी जब भी भारत का विवरण आता है, इस महान पर्वत को नकारा नहीं जा सकता। जब हिमालय का निर्माण हुआ, तब टेथीज सागर बन चुका था। इस सागर की गोद में ही हिमालय पनपा। आज देश के परिदृश्य को सबसे बेहतर और सुंदर हिमालय ही बनाता है। इस देश के लिए हिमालय के योगदान में हवा, मिट्टी, पानी, जंगल ही नहीं आते बल्कि ये दुनिया में देश की पहचान को अलग-थलग बनाकर रखता है। + +जीवन और ज्ञान का केंद्र : भारत की सीमा से खड़ा हिमालय मात्र इसकी रक्षा के लिए पहचान नहीं बनाता बल्कि इस देश को पनपाने में हिमालय की एक बहुत बड़ी भूमिका रही है। वैसे भी दुनिया में ये ढेर सारी जीव प्रजातियों का घर है। भारत के इतिहास की दो सबसे पुरानी व बड़ी नदियां ब्रह्मपुत्र व सिंधु कैलास पर्वत के उद्गम के साथ ही जन्मीं। ये नदियां हिमालय के पूर्वी व पश्चिमी छोर से यात्रा कर सागर में विलीन हो जाती हैं। इस बीच ये हिमालय के जनजीवन, मिट्टी व वनों को तर करती हैं। बात वनों की हुई है तो जानना जरूरी है कि देश के एक तिहाई वन यहां मौजूद हैं। करीब 41 फीसद भूमि यहां वनों को समर्पित है। इतना ही नहीं, दुनिया मे कई तरह की संस्कृतियां और संस्कार इसी से पनपे हैं। साधु-संतों की तपस्या का गढ़ भी हिमालय ही रहा। सभी तरह के मतों-पंथों के महान साधकों ने हिमालय में ही वास किया है। वन्य संस्कृति यहीं पनपी है। ज्ञान-विज्ञान का स्रोत भी यहां रहा और मोक्ष प्राप्ति के रास्ते भी यही से निकलते हैं। भारत देश को दुनिया की दृष्टि में आध्यात्मिक गुरू बनाने के पीछे हिमालय का भी योगदान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..665a00b6980a7b7a225b722da07ec5a5681e44c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिरकार तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार बना ली, लेकिन यह जिस रूप में सामने आई, उससे दुनिया को उस पर भरोसा होना संभव नहीं। यह सरकार न तो समावेशी है और न ही ऐसी कि खुद अफगान लोग उससे भले की उम्मीद कर सकें। इस सरकार में न तो अल्पसंख्यक हैं और न ही महिलाएं। इसमें तालिबान के विभिन्न गुटों का वर्चस्व है और वह भी खासतौर पर पश्तूनों का। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि इसमें तमाम नेता ऐसे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अमेरिका की ओर से घोषित आतंकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67486.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b1622b06638b540b34e4f31bb0c8d40b1b70790 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67486.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीच में व्रत नहीं छोड़ना चाहिए। करवा चौथ से सख्त नियमों वाले हरतालिका तीज के व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखती हैं। अगर महिला ने व्रत शुरू कर दिया है तो कठिनाई के बावजूद बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।जब एक बार सुहागिन हरतालिका तीज का व्रत शुरू कर दे तो प्रत्येक वर्ष यह व्रत रखे। + +शिव, पार्वती और गणेश की करें पूजा। महिलाएं रेत या काली मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा बनाकर पूजा करें तो अधिक लाभदायी होता है। पूजा के दौरान महिलाओं को चाहिए कि वे पूजा स्थल को खूबसूरत फूलों से सजाएं और एक चौकी भी रखें। फूल ताजे होने चाहिए और फूलों को अच्छी तरह धोने के बाद पूजा करें। पूजा करने से पूर्व महिलाएं केले के पत्ते बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, केले के पत्ते हर तरह की पूजा में शुभ माने जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67487.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67487.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..204544628ebf2364ef2eee92b002ae0f4d215aaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67487.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर किसानों को भड़काने के लग रहे आरोप। फाइल।पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आंदोलनकारियों को भड़काने, उनका राजनीतिक दोहन करने और किसानों को केंद्र के साथ बिना शर्त वार्ता के लिए नहीं जाने देने के खुले आरोप मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लगाए। इसी तरह के आरोप उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भी हैं। आंदोलनकारियों पर करीब 1,200 करोड़ रुपये का चंदा तक इकट्ठा करने के आरोप लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4dbf4c800c97e9ccdebceaa45dced91870f03b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67488.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मारुति ने आइएमटी में पसंद की जगह, कारें और मोटर साइकिल साथ-साथ बनेंगी।मारुति करीब 800 एकड़ जमीन में अपनी कारें बनाएगी, जबकि 100 एकड़ जमीन में सुजुकी की मोटरसाइकिलें बनाई जाएंगी। प्लांट एक ही होगा, लेकिन उसमें कारों के साथ-साथ मोटरसाइकिलें भी बनेंगी। मारुति प्रबंधन ने यह भी साफ कर दिया है कि वह मानेसर प्लांट को कहीं शिफ्ट नहीं करने जा रही है। उद्योग मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी इस बात को कह चुके हैं। खरखौदा में सरकार के पास आइएमटी में करीब तीन हजार एकड़ जगह है। यहां सरकार ने 14 हजार रुपये प्रति स्कवायर मीटर का रेट निकाला हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7122b45f66825a3b07474fa6f560a2446c534036 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6749.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कंगना रनोट भी हो रहीं ट्रेंड।एक तरफ़ राधिका आप्टे के ख़िलाफ़ बहिष्कार का ट्रेंड चलाया जा रहा है। वहीं, कंगना रनोट भी ट्विटर पर ना होने के बावजूद ट्रेंड हो रही हैं। ।Yeah this is #KanganaRanaut who is trending on top in India because of her latest fashionable look. pic.twitter.com/0DT3Zqr8zf।वजह है उनकी लेटेस्ट सेंसुअस फोटोज़, जो कंगना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हैं। इन फोटोज़ में कंगना ब्रालेट पहने हुए नज़र आ रही हैं। तस्वीरें बुडापेस्ट की हैं, जहां कंगना ने अपनी फ़िल्म धाकड़ की शूटिंग पूरी की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67491.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67491.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b00f509d05cefa3a76652c572177f9f27ae7954 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67491.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, अरुण अशेष। Bihar Politics दबंग और सज्जन? किसी एक व्यक्ति में इन दोनों परस्पर विरोधी प्रवृति का समावेश दुर्लभ होता है। कांग्रेस के दिग्गज रहे सदानंद सिंह (Sadanand Singh) इन दोनों प्रवृतियों को एक साथ जीते थे। वह तबीयत से लड़ते थे। उतनी ही संजीदगी से किसी के साथ अपनापन भी दिखाते थे। उनका व्यवहार सामने वाले पात्र पर निर्भर होता था। ब्रदर और भाई साहब-यह उनका प्रिय संबोधन था। वे पूरी उम्र कांग्रसी रहे, लेकिन चुनाव जीतने के लिए पार्टी पर निर्भर नहीं रहे। उन्‍होंने बिहार की कहलगांव सीट (Kahalgaon Assembly Seat) पर रिकार्ड नौ बार अपने दम पर जीत हासिल की। विधानसभा अध्‍यक्ष, मंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष सहित कई महत्‍वपूर्ण पदों पर भी रहे। + +संतुलित ढंग से किया विधानसभा का संचालन । सदानंद सिंह जब विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे तो तटस्थ रहे। 2000-2005 के बीच वे विधानसभा अध्यक्ष थे। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) की सरकार कांग्रेस और वाम दलों के सहारे ढुलमुल चाल से चल रही थी। विपक्ष मजबूत था। उस कठिन दौर में उन्होंने सदन का संचालन बेहद संतुलित ढंग से किया। सदन में मारपीट की कभी नौबत नहीं आई। बहुत स्नेह से और आंखें तरेर कर भी उन्होंने पांच साल तक विधानसभा का संचालन किया। ब्रदर और भाई साहब-यह उनका प्रिय संबोधन था। अपने से कम उम्र के लोगों को भी वे ब्रदर या भाई साहब कहते।चुनाव जीतने के लिए पार्टी पर नहीं रहे निर्भर । वे जन्मजात कांग्रेसी थे, लेकिन चुनाव जीतने के लिए कभी कांग्रेस पर निर्भर नहीं रहे। 1977 में भी कहलगांव से चुनाव जीते, जब पूरे देश में और राज्य में भी कांग्रेस विरोधी लहर चल रही थी। 1985 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीत कर कांग्रेस को चुनौती भी दी। मगर, दूसरे दल में नहीं गए। चुनाव जीत कर फिर कांग्रेस में लौट आए। + +कई पदों पर रहे, निभाई यादगार भूमिकाएं । विधायक, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधायक दल के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उनकी भूमिकाएं यादगार रहेंगी। सभी राजनीतिक दलों से उनके रिश्ते बेहतर थे। दलीय सीमा उनकी दोस्ती में कभी बाधक नहीं बनी। कांग्रेस के बड़े नेताओं के अलावा आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी उनकी नजदीकी थी। तीन साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहलगांव की यात्रा पर थे तो उन्‍हें सदानंद सिंह ने घर आने का आमंत्रण दिया। नीतीश उनके घर गए। उन दिनों यह चर्चा भी जोरों से हुई कि सदानंद अपना राजनीतिक घर बदल देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अंतत: सदानंद कांग्रेस में ही रहे। कांग्रेसी रहते हुए उन्होंने आखिरी सांस भी ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67492.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67492.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae0972a85d84379b5bce3f4c23201ac38901de2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67492.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्य ब्यूरो, देहरादून। Pressure Politics उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के अंदर एक दबाव समूह आकार लेता नजर आ रहा है। पिछले सात वर्षों के दौरान कांग्रेस से भाजपा में आए नेता, जिनमें धामी सरकार के पांच मंत्री और कई विधायक शामिल हैं, अब जिस तरह की एकजुटता का दावा कर रहे हैं, उससे तो ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। पार्टी के अंदर एक अलग समूह के वजूद में होने की स्वीकारोक्ति स्वयं कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ ने की। माना जा रहा है कि ठीक चुनाव से पहले विधायकों का यह गुट पार्टी पर दबाव बनाकर अपने सुरक्षित भविष्य की गारंटी चाहता है। + +यह भी पढ़ें- Former CM TS Rawat: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा जल्द सौंप सकती है अहम जिम्मेदारी।लगभग तीन सप्ताह पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तीन दिनी प्रवास पर उत्तराखंड आए। उस समय पार्टी ने साफ कर दिया कि जो विधायक परफार्मेंस के पैमाने पर खरा नहीं उतरेंगे, उनका टिकट काटा भी जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस पृष्ठभूमि के विधायकों को कहीं न कहीं इस तरह का भय सता रहा है कि भाजपा इस बार शायद उन्हें प्रत्याशी न बनाए। पांच साल पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने पर तो उनसे किया गया वादा पार्टी ने निभाया, मगर यह कमिटमेंट आगे भी कायम रहे, ये नेता इस बात की गारंटी चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67493.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67493.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4f272d7dced75ed158c89bcf7ee8c7a9f9f4096 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67493.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत के पास बल्लेबाजों के रूप में रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव हैं, जबकि विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में रिषभ पंत और इशान किशन जैसे नाम है। तेज गेंदबाजी आलराउंडर हार्दिक पांड्या होंगे, जो मैच में चार ओवर कराने के लिए फिट हो गए हैं। स्पिन आलराउंडर्स में रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल का नाम है, जबकि स्पिनर के तौर पर आर अश्विनत, वरुण चक्रवर्ती और राहुल चाहर हैं। तेज गेंदबाजी विभाग में जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार होंगे। वहीं, रिजर्व के तौर पर बल्लेबाज श्रेयस अय्यर, आलराउंडर शार्दुल ठाकुर और तेज गेंदबाज दीपक चाहर होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61e11c3792987dc90000a0936af7962a8f9fd0e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या रहे परिणाम।डा. आलिशा ने बताया कि ग्रुप-ए के मरीजों को 21 दिन तक तीन ग्राम हरिद्र चूर्ण व 500 ग्राम पिपली चूर्ण का मिश्रण दिन में दो बार खाने से आधे घंटे पहले दिया गया। जबकि ग्रुप-बी के मरीजों को 500 एमजी (मायस्थेनिया ग्रेविस) चंद्रप्रभा वटी व 500 ग्राम पिपली चूर्ण का मिश्रण दिन में दो बार खाने से आधे घंटे पहले दिया गया। इस बीच पहले दिन, सातवें दिन, 14वें दिन व 21वें दिन मरीज के स्वास्थ्य और दवा के सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों की जांच की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c5523e38b498b8cc94d40373e0895791f52ce6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार में ISI की झलक ।राकेश सूद कहते हैं कि यह अब स्पष्ट हो गया है कि नई तालिबान सरकार पुरानी तालिबान 1.0 जैसी ही है। इस पर पाकिस्‍तानी खुफि‍या एजेंसी आईएसआई की उंगलियों के निशान हैं। मीरा शंकर जिन्होंने 2009 और 2011 के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया... वह कहती हैं कि अभी इंतजार करना होगा और देखना होगा कि अफगानिस्‍तान में भारत के संदर्भ में क्‍या घटनाक्रम हो रहे हैं। भारत को लेकर तालिबान की नीतियां और शर्तें कैसी रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bcc12d2656659a62d2d9e76bb26f3a6681873c51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें- Himalaya Diwas 2021: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले, हिमालय बचाने को हिमालय से परे सोचें।स्थानीय संसाधनों का इस तरह से उपयोग करने की जरूरत है, जिससे आजीविका के साधन विकसित होने के साथ ही संसाधनों का संरक्षण भी हो। इस दिशा में नवीन तकनीकी का समावेश कर कुटीर उद्योग धंधे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस तरह के प्रयासों से हिमालयी क्षेत्र के निवासियों की आर्थिकी तो संवरेगी ही, वहां की पारिस्थितिकी भी महफूज रहेगी। साथ ही वे हिमालय के संरक्षण में अपना योगदान देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33809aa2135bbe00bdc1f676808cebd5eb0601f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया के दिल में चांदनी चौक बसता था। बात चाहे यहां के स्वाद की हो या भगवान के कपड़ों की, यहीं से मुंबई जाता था। कुछ दिन पहले ही विशेष मसाले यहां से मुंबई भेजे गए थे। अक्षय कुमार के परिवार से जुड़े व पड़ोसी छत्ता मदन गोपाल निवासी कालू शर्मा बताते हैं कि चांदनी चौक के लोग थोड़ा चटपटा खाते हैं। वह यहां से जहां भी जाते हैं, अपना स्वाद साथ लेकर जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ece34a69ac7c3e395d2e609ef12ba48c217de12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67502.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को स्थानीय रंग देने की कोशिश में पाक।वैसे तो पाकिस्तान की ओर से आतंकियों की घुसपैठ की नई कोशिश को अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने से जोड़ कर देखा जा रहा है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि स्थानीय युवाओं के आतंकी संगठनों में भर्ती होने में आई कमी इसकी मुख्य वजह है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले एक दशक में घाटी में आतंकवाद का एक खास पैटर्न रहा है। इसके तहत पाकिस्तान लगातार कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या को 200 से 250 के बीच बनाए रखता था, जिनमें स्थानीय और विदेशी दोनों आतंकी होते थे। लेकिन भारत की ओर से 2017 में सर्जिकल, 2019 में एयर स्ट्राइक और एफएटीएफ की निगरानी सूची में जाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी रणनीति बदली और स्थानीय आतंकियों की संख्या बढ़ाने की कोशिश में जुट गया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को स्थानीय रंग देने के लिए जम्मू-कश्मीर रेसिस्टेंस फोर्स के नाम से नया आतंकी संगठन भी दिखाने की कोशिश की गई। 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद उसे इसमें कामयाबी भी मिलती दिखी और 2020 में 200 से अधिक स्थानीय युवाओं ने आतंक का रास्ता चुन लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7d3d9f09a9fc9ab718a2ddd377321aa23f601d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67507.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव। Career Related Question स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपने लक्ष्य के प्रति खुद को किस तरह प्रेरित करें। कैसे वे कामयाबी की राह पर आगे बढ़ें। इसके लिए उन्‍हें क्‍या करना चाहिए? काउंसलर कालम के तहत वरिष्ठ करियर काउंसलर अरुण श्रीवास्तव स्टूडेंट्स के पढ़ाई और करियर को लेकर इन्‍हीं सवालों के जवाब देकर उनके मन की उलझन सुलझा रहे हैं...।अपने ड्रीम कॉलेज के रूप में मैं आइआइटी मद्रास जैसी किसी आइआइटी से पढ़ना चाहती हूं। अभी मैं बारहवीं में पढ़ रही हूं। महामारी के दौरान मानसिक और शारीरिक कारणों से मेरे लक्ष्य में कुछ बाधा आई है। मैं यह जानना चाहती हूं कि मैं अपने लक्ष्य के प्रति खुद को किस तरह प्रेरित करूं। + +-अर्चना पांडेय, ईमेल से।जहां तक कोविड महामारी की बात है, इससे भारत सहित पूरी दुनिया के लोग प्रभावित हुए हैं। यह बात भी सही है कि युवाओं की पढ़ाई इससे कहीं ज्यादा प्रभावित हुई है। इसलिए आप इस बात को लेकर परेशान न हों कि कोविड के कारण समस्या सिर्फ आपको हुई है। इंसान की यही खूबी है कि जब भी कोई चुनौती आती है, वह उसका समाधान ढूंढ़ने का प्रयास करता है और इसमें सफल भी रहता है। सबसे पहले आप खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रखने का प्रयास करें। खुश और प्रेरित रहने को अपनी आदत में शामिल करें। आपके घर-परिवार में और आसपास खुश रहने के तमाम कारण हर दिन मौजूद रहते हैं। प्रकृति को भी देखें और उससे सीखें कि कैसे हर तरह के मौसम में वह खिलती-मुस्कुराती रहती है। जहां तक अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरित होने की बात है, तो आप इसके प्रति अपने भीतर जुनून पैदा करें, ताकि सोते-जागते आपको सिर्फ वही दिखाई दे। इसके अलावा, महापुरुषों की जीवनियां, उनके विचार पढ़कर भी खुद को प्रेरित करने का उपक्रम करते रहें। अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए खुद को लोगों की मदद से, उनकी खुशियों से भी जोड़ें रहें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और ऊर्जा भी मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b3de1c21074dcfd9920eb1eb04a767cc0df3eee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में सड़क पर वाहनों के चलने से उड़ रही धूल वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। 80 फीसद धूल कणों (पीएम10) और 63 फीसद अति सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) के उत्सर्जन का स्रोत सड़क की धूल ही है। 85 फीसद नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड, 42 फीसद कार्बन मोनोआक्साइड और 18 फीसद सल्फर डाइ-आक्साइड का उत्सर्जन वाहनजनित प्रदूषण से हो रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), कानपुर द्वारा ताजनगरी में की गई सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी से यह जानकारी सामने आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba696c3767e95e9857e0b60f99bd895d49066b44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। Bengal Politics बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में हुई हिंसा में जानें गईं, महिलाओं की अस्मत लूटी गई, लोगों को बेघर होने के लिए मजबूर होना पड़ा। बंगाल में चुनावी हिंसा कोई नई बात नहीं है यह तो दशकों से चली आ रही है। परंतु, यहां विपक्ष में रहने पर हर दल हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं, लेकिन जैसे ही सत्ता मिल जाती है तो वही हिंसा को चुनाव जीतने व वोट के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करने लगते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14f62f86472a018c9f740f2489858f47bc0c2889 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में शाहरुख खान की एक शर्टलेस तस्वीर काफी सुर्खियों में रही है। ये फोटोशूट शाहरुख ने बॉलीवुड के फैमस सेलेब्रिटी फोटोग्राफर डब्बू रतनानी के लिए कराया था जिसकी तस्वीर डब्बू ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर शेयर की थी। इस फोटो में शाहरुख खान शर्टलेस होकर अपनी शानदार बॉडी फ्लॉन्ट कर रहे हैं। इस ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में शाहरुख की हेयरस्टाइल और बढ़ी हुई दाढ़ी उनके इस लुक को और भी शानदार बना रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d78274c6982a72d2c03dbc9598331cff117a9a41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति के सदस्य अनिल घनवट का इससे दुखी होना स्वाभाविक है कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस समिति की रपट का संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को चिट्ठी लिखकर न केवल इस रपट का संज्ञान लिए जाने की मांग की है, बल्कि यह भी अनुरोध किया है कि उसे सार्वजनिक किया जाए। कायदे से सुप्रीम कोर्ट को अपने स्तर पर ही ऐसा करना चाहिए था, क्योंकि खुद उसी ने इस समिति का गठन किया था। कोई नहीं जानता कि तय समय में रपट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए जाने के बाद भी उसका संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा है? इस देरी का एक दुष्परिणाम तो यह है कि तीनों कृषि कानून लंबित पड़े हुए हैं और दूसरे, किसान संगठन अपनी सक्रियता बढ़ाते चले जा रहे हैं। उनके साथ ही कई विपक्षी दल भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। वास्तव में इसी कारण किसान संगठनों की गतिविधियां बढ़ती हुई दिख रही हैं। अब तो यह भी साफ है कि उनका आंदोलन पूरी तौर पर राजनीतिक रूप ले चुका है। वे पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। इसी कारण वे न केवल नई-नई जगहों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि पुराने धरना स्थलों पर भीड़ बढ़ाकर अपनी ताकत का परिचय दे रहे हैं। इसमें हर्ज नहीं, लेकिन समस्या यह है कि उनके धरने लोगों को तंग करने का काम कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e087ba349d530fe51d84235e8de9830b22e52cd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बवाना में दिसंबर से शुरू होगा फैक्टियों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए पहला संयंत्र।डीपीसीसी रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक दिल्ली में इस खतरनाक कचरे के ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोजल की कोई सुविधा (टीएसडीएफ) नहीं है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बवाना में इस खतरनाक कचरे का निस्तारण करने के लिए दिल्ली का पहला टीएसडीएफ संयंत्र लगाया जा रहा है। दिल्ली राज्य औद्यौगिक एवं ढांचागत विकास निगम ने मेसर्स तमिलनाडु वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड को संयंत्र तैयार करने का टेंडर भी जारी कर दिया है। बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके में इसी साल दिसंबर से फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए पहला संयंत्र शुरू हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93b854942bc5b7d19df1789a55ddfbe6d636098e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक काटजू। पाकिस्तान की मदद से तालिबान ने अफगान गणराज्य के विरुद्ध जंग जीत ली। पंजशीर में कड़ा प्रतिरोध झेलने के बाद भी अफगानिस्तान के करीब-करीब सभी हिस्सों पर उसका कब्जा हो गया है। जब तक गैर-पश्तून लोग विद्रोह नहीं करते तब तक तालिबान के इस वर्चस्व को कोई चुनौती मिलने से रही। फिलहाल गैर-पश्तूनों की ओर से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। वहीं, तालिबान अब स्थायित्व की तलाश में है। इसका पहला चरण तो ऐसी सरकार बनाना है, जिसे अफगान जनता और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से स्वीकार्यता मिल जाए। काबुल पर कब्जा किए हुए तीन हफ्ते गुजरने के बाद भी तालिबान नेताओं के आंतरिक मतभेद और कबीलाई प्रतिद्वंद्विता सरकार गठन की राह में बड़ी बाधा बने हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93acfe1201d5ccea99f2c39639bccba442ff1fb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले की अपेक्षा कम हैं बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर।शिल्पी दिनेश ने बताया कि पिछले वर्ष बड़ी प्रतिमाओं के आर्डर नहीं मिले थे। छोटी प्रतिमाएं बनाई थीं, वो भी नहीं बिकी थीं। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा बड़ी प्रतिमाएं बनाने के कुछ आर्डर मिले हैं। हालांकि, वर्ष 2019 की अपेक्षा आर्डर कम ही हैं। विघ्नहर्ता हमारी विघ्न हरेंगे। वहीं, शिल्पी अंबालाल ने बताया कि पिछले वर्ष बड़ी प्रतिमाएं नहीं बिकी थीं। इस बार छोटी प्रतिमाएं ही बनाई हैं। उम्मीद है कि इस बार ग्राहक आएंगे और बिक्री होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7c28e08452b9a5bc412a8bf3a663b15309e1bef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली किराना कमेटी के महासचिव ललित कुमार ने कहा कि अफगानिस्तान संकट के कारण वैश्विक स्तर पर सूखे मेवे के दाम में अनिश्चितता का माहौल है। रोहिणी से खरीदारी करने आए अजय ने बताया कि वह अपनी दुकान के लिए मेवों कि खरीदारी यहीं से करते हैं, लेकिन इस बार दाम बढ़ जाने के कारण वह कम खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया मेवों के महंगे होने से लोग भी कम आ रहे हैं। खरीदार पारस ने बताया कि दाम ऐसे ही बढ़ते गए तो इन्हें कुछ समय के लिए खाना बंद करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..876370928bda6a6a57691cdd8719184eddeb1d06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के जजों को बताया है कि उन्हें फैसला कैसे लिखना चाहिए और फैसले में क्या-क्या जरूरी तत्व होने चाहिए। मंगलवार को एक मामले में दिए फैसले में जजों को फैसला लिखने का तरीका सिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक कला है। इसमें कुशलता के साथ कानून और तर्क शामिल होता है। फैसला तर्कसंगत, सटीक और स्पष्ट होना चाहिए। मुकदमा करने वाले पक्षकारों को जरूर मालूम होना चाहिए कि उन्हें अंतिम राहत के तौर पर क्या मिला है?।इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद करते हुए यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के बलिया के एक मामले में हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा पाए स्वामीनाथ यादव, सुरेंद्र कुमार पांडेय, झींगुर भार, और विक्रम यादव की अपील पर जमानत देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को रद करते हुए यह फैसला सुनाया है। मृतक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अभियुक्तों को जमानत दिए जाने को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने जमानत देने में भारी भूल की है। अदालत ने सभी की जमानत रद करते हुए अभियुक्तों को आगे की सजा भुगतने के लिए तत्काल समर्पण करने का आदेश दिया है। अभियुक्तों के समर्पण नहीं करने पर चारों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2e13aa10dc5d4fbae6fad338102cc112503fd06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67529.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, संजय मिश्र। सचिन पायलट को जन्म दिन के मौके पर बधाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी मगर इसकी खुशी कांग्रेस के सियासी खेमे में नजर आई। राजस्थान समेत कई राज्यों में अंदरूनी उठापटक से जूझ रही कांग्रेस, गहलोत के इस बधाई संदेश में पायलट के साथ उनके रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की शुरुआत मान रही है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि शिष्टाचार संवाद का शुरू हुआ सिलसिला जल्द ही राजस्थान की सत्ता और संगठन में पायलट समर्थकों को शामिल करने की ओर बढ़ेगा। वैसे सचिन पायलट ने भी जन्मदिन के मौके पर जयपुर में समर्थकों की बड़ी भीड़ जुटाकर गहलोत ही नहीं कांग्रेस नेतृत्व को भी अपनी राजनीतिक ताकत का अहसास करा दिया। + +राजस्थान की सरकार और संगठन में पायलट गुट के विधायकों-नेताओं को जगह दिलाने के कई महीने से प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के सामने सबसे मुश्किल चुनौती यह आ रही थी कि गहलोत और पायलट के बीच आपस में कोई सीधा संवाद नहीं हो रहा था। पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रमों में एक मंच पर होते हुए भी दोनों के बीच दूरियां साफ नजर आ रही थीं। कोरोना की दूसरी लहर के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने अब तक दिल्ली का दौरा नहीं किया और इसकी वजह से पार्टी आलाकमान सीधे उनसे इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कर पा रहा था। तभी अगस्त के मध्य में राज्य के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अजय माकन के साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को हाईकमान ने विशेष रूप से गहलोत से बात कर पायलट समर्थकों को मंत्रिमडल में शामिल करने की राह बनाने की कोशिश की। + +इसी बीच गहलोत के दिल की बीमारी सामने आ गई और एंजियोप्लास्टी के बाद वे इन दिनों स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। गहलोत की सेहत में आई इस बाधा के बाद जहां पायलट समर्थकों की बेचैनी बढ़ी तो हाईकमान की चिंता में भी इजाफा हुआ। इसकी वजह यह थी कि गहलोत अपने सियासी पत्ते खोलना तो दूर पायलट से संवाद भी नहीं कर रहे थे। मगर मंगलवार को गहलोत ने बकायदा ट्विटर पर पायलट को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की। इसीलिए गहलोत की बधाई को कांग्रेस के रणनीतिकार सूबे में पार्टी की अंदरूनी सियासत को दुरुस्त करने के साथ नई शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री के तैयार होने के संकेत के रूप में देख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23d786b215f1d3a8df33d7524f6806a80d91979f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67533.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। जापान में मौजूदा प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के पद से हटने के ऐलान के बाद देश में एक राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या सुगा का पीएम पद से हटने का असर देश के विकास और जापानी अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ेगा। सुगा ने ऐसे समय पीएम पद से हटने की घोषणा की है, जब वैश्विक राजनीति में काफी उथल-पुथल मची हुई है। जापान का धनिष्‍ठ मित्र और सहयोगी अमेरिका भी मुश्किल दौर से गुजर रहा है। अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना के हटने के बाद राष्‍ट्रपति बाइडन की किरकिरी हुई। अमेरिका के महाशक्ति होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस घटना के बाद चीन ने भी अपने पड़ोसियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में यह सवाल काफी अहम हो जाता है। आखिर इन सब मसलों पर क्‍या है विशेषज्ञों की राय। ।सुगा के हटने के  बाद जापान की विदेश नीति और अर्थव्‍यस्‍था पर क्‍या होगा असर ।ओपिनियन पोल के नतीजों में टैरो कोनो आगे ।जापान में टीकाकरण मामलों के कैबिनेट मंत्री टैरो कोनो देश के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए लोगों की पहली पसंद हैं। यह खुलासा सोमवार को जारी ओपिनियन पोल के नतीजों में हुआ। वह पद छोड़ने जा रहे निवर्तमान प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के संभावित उत्तराधिकारी में सबसे प्रबल दावेदारों में से एक हैं। कोनो (58 वर्षीय) ने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं जो जापान की राजनीति में शायद ही देखने को मिलता है जिस पर बुजुर्ग नेताओं का दबदबा है। उनके प्रशंसकों में युवा हैं जिनसे वह सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद करते हैं। उन्होंने देश के विदेश और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी निभाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c40a09e242aeaceca1f3600664d44f22fb15e8a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इसे विडंबना कहें या जन जागरूकता का अभाव.. लेकिन आधे से अधिक भारतीय परिवार अभी भी पारंपरिक ठोस ईंधन का इस्तेमाल जारी रखे हुए हैं। काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) द्वारा जारी एक अध्ययन चौंकाने वाले तथ्य सामने रखता है। इस अध्ययन के अनुसार 70 फीसद से ज्यादा भारतीय परिवार खाना पकाने के प्राथमिक ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल करते हैं और 85 फीसद परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन भी है। बावजूद इसके 54 फीसद भारतीय परिवारों ने पारंपरिक ठोस ईंधन का उपयोग अभी भी नियमित रूप से जारी रखा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67535.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e56b17edeca25451384cd4e389803f4bfcce818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67535.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगे की रणनीति।1. पहले पेपर की तैयारी को फाइनल टच देने के लिए शिक्षा मनोविज्ञान, शिक्षण तकनीकी एवं शैक्षिक शोध संबंधी पुस्तकों का आपने जो अध्ययन किया है, उसे फिर रिवाइज कर लें। इसके अलावा, हाईस्कूल स्तर की गणित, रीजनिंग एबिलिटी टेस्‍ट तथा समसामयिक घटनाओं पर भी एक नजर डाल लें। अद्यतन समसामयिक घटनाओं से अपडेट रहने के लिए विश्वसनीय दैनिक समाचार पत्र का नियमित अवलोकन करते रहें। + +2. दूसरे पेपर के लिए चुने गए विषय के पाठ्यक्रम का अभी विस्‍तार से अध्‍ययन करने का समय नहीं है। आपने स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अपने चयनित विषय की पढ़ी गई पुस्तकों के महत्वपूर्ण तथ्यों और बिंदुओं का जो भी नोट्स बनाया है, उसे ही फिर से दोहराएं। अगर कोई महत्‍वपूर्ण टॉपिक आपको सही से क्लियर नहीं है, तो इसके लिए इंटरनेट और यूट्यूब की भी मदद ले सकते हैं। + +RIP Aruna Bhatia: एक्टर अक्षय कुमार की मां का दिल्ली से था खास रिश्ता, मुंबई जाकर भी खत्म नहीं हुआ चांदनी चौक से जुड़ाव।3. यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.nta.ac.in/Quiz) पर माक टेस्‍ट की प्रैक्टिस के लिए सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। एग्‍जाम तक रोजाना इसकी और माडल पेपर्स की प्रैक्टिस करें। इससे स्‍पीड में सुधार आएगा और आपको अपनी तैयारी को भी परखने में आसानी होगी। इसके अलावा, बीते वर्षों के नेट/जेआरएफ के प्रश्‍नपत्रों को भी नियमित रूप से हल करें। गूगल प्‍ले स्‍टोर पर यूजीसी नेट की तैयारी के लिए तमाम अच्‍छी रेटिंग वाले एप्‍स भी उपलब्‍ध हैं, स्‍मार्ट तैयारी के लिए इनकी भी मदद ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25c2d0cb8b39cbcdab5cccb4ccce9c25978cf71c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67536.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। NEET-UG 2021 आगामी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (नीट) परीक्षा अब से तीन दिन बाद यानी 12 सितंबर को है। ऐसे में एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा आयोजित इस अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के लिए यह सप्‍ताह बहुत महत्वपूर्ण है। नीट एक अलग तरह की परीक्षा है। यहां आप सिर्फ और सिर्फ अपने प्रदर्शन के बूते देश के मेडिकल कालेजों में सीट हासिल नहीं कर सकते। इसके लिए आपको अपना अपेक्षाकृत संपूर्ण प्रदर्शन दिखाना होगा। फिलहाल, स्‍टूडेंट अभी एग्‍जाम तक यहा बताए गए उपायों पर ही अपना ध्‍यान केंद्रित करें:।आनलाइन माक टेस्ट का अभ्‍यास: जैसा कि कहा गया है कि प्रैक्टिस ही आपको परफेक्‍ट बनाता है। अच्‍छी प्रैक्टिस ही आपको इस परीक्षा में कामयाबी दिला सकती है। भले ही नीट पेपर और पेन के माध्‍यम से होना है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि आनलाइन टेस्ट प्लेटफॉर्म इस परीक्षा में भी आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं। ये आपको अपनी ताकत और कमजोरियों का विश्‍लेषण करने में मदद तो करते ही हैं, साथ ही इससे रियल टाइम में अच्छी तैयारी भी हो जाती है। समय रहते अपनी गलतियों और कमजोरियों को दूर कर लेने से आसानी से कामयाबी तक पहुंचा जा सकता है। इसलिए आप सभी अभी प्रतिदिन कम से कम एक माक टेस्ट का अभ्‍यास अवश्‍य करें। एग्‍जाम तक ऐसा लगातार करते रहें। इससे एक तो आपको अपनी गति को बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह आपको केंद्रित भी रखेगा। + +मजबूत मनोबल के साथ निरंतरता: अगले कुछ दिनों तक जब तक कि आप अपने लक्ष्‍य तक न पहुंच जाएं, पूरे मनोबल के साथ अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में निरंतरता बनाए रखें। वैसे भी, काम और जीवन दोनों जगह सफलता की कुंजी वास्तव में मजबूत शुरुआत नहीं, बल्कि मजबूत बने रहने में है। इसलिए नीट की तैयारी आपने जिस उत्साह के साथ शुरू की है, उसे परीक्षा समाप्‍त होने तक बनाए रखें, क्‍योंकि केवल आपकी इच्छाशक्ति और आपके आत्म-अनुशासन से ही आपकी सफलता तय होती है। यह सप्‍ताह सबसे महत्वपूर्ण है। इसका समझदारी से उपयोग करें। + +एनसीईआरटी की पुस्‍तकों पर जोर: एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें नीट में सफलता की कुंजी मानी जाती हैं। आपको बता दें कि नीट में पूछे गए 85-90 फीसद प्रश्‍न एनसीईआरटी की तर्ज पर ही आते हैं। इसलिए, इस अंतिम सप्‍ताह बचे हुए समय में आपको एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को अच्छी तरह से एक बार अवश्‍य रिवाइज कर लेना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5393db57749e63ded716df6550152e30ecab5bfa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67537.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +धीरेंद्र पाठक, नई दिल्‍ली। आइआइटीज के विभिन्‍न प्रोग्राम्‍स में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली जेईई एडवांस्‍ड-2021 परीक्षा आगामी 3 अक्‍टूबर को होनी है। इस परीक्षा के लिए अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे स्‍टूडेंट्स के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। आइये जानें, इस बचे हुए समय में जेईई एडवांस्‍ड की आसान और स्मार्ट यारी के टिप्‍स...।जेईई एडवांस्‍ड के लिए 2 पेपर होंगे।जेईई एडवांस्‍ड के लिए दो पेपर होंगे। पेपर्स में 12वीं स्‍तर के फिजिक्‍स, केमिस्‍ट्री तथा मैथ्‍स से प्रश्‍न पूछे जाते हैं। इस परीक्षा का पहला पेपर 3 अक्‍टूबर (रविवार) को सुबह नौ से 12 बजे तक तथा दूसरा पेपर उसी दिन दोपहर ढाई से साढ़े पांच बचे तक होगा। यह परीक्षा कंप्‍यूटर बेस्‍ड टेस्‍ट (सीबीटी) माध्‍यम से होती है। वहीं, अगर तैयारी की बात करें, तो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे सभी गंभीर स्‍टूडेंट अब तक प्रश्‍नपत्र के सिलेबस को एक बार अच्‍छी तरह से रिवाइज कर चुके होंगे। ऐसे में अब उन्‍हें कुछ स्‍मार्ट रणनीति को फालो करते हुए आगे की फाइनल तैयारी करनी चाहिए। + +फालो करें ये टिप्‍स। अभी के लिए आप परीक्षा से पहले तक का स्डी प्‍लान निर्धारित कर लें। इसी स्‍टडी प्‍लान के अनुसार एक तय समय पर हर विषय को रिवाइज करने पर ध्‍यान दें। ऐसा आप परीक्षा तक रोजाना करें और अपने समय का पूरा का पूरा सदुपयोग करें। अभी तक आपने जो भी पढ़ा है, उसे रिवाइज करते समय रटने के बजाय उसके कान्‍सेप्‍ट को समझकर याद करने की कोशिश करें। मैथ्‍स और न्‍यूमेरिकल से जुड़े टापिक्‍स का अधिक से अधिक अभ्‍यास करें। अंतिम दिनों की इस तैयारी में और परीक्षा में अच्‍छा स्‍कोर हासिल करने में ये टिप्‍स आपके काफी काम आएंगे। + +सुबह उठकर पढ़ें।तैयारी कर रहे स्‍टूडेंट्स को इस समय कुछ और बेसिक चीजों को ध्‍यान में रखने की जरूरत है, जैसे कि देर तक जागकर पढ़ने के बजाय सुबह जल्‍दी उठकर पढ़ें, क्योंकि इस समय आपका दिमाग टापिक के कान्‍सेप्‍ट को समझ कर आसानी से याद रख पाता है। यह समय एकाग्रता के लिहाज से भी अच्‍छा होता है। इसलिए इस समय के दौरान आपको भौतिकी और रसायन विज्ञान पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इन विषयों के थ्योरी और एप्लिकेशंस के सवालों को हल करने के लिए ज़्यादा एकाग्रता की ज़रूरत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..311678a2effada44e1b20d7378395b009177fd60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67538.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। डाक विभाग के लिए निवेश लाने वाले अधिकृत एजेंटों के कमीशन से 10 पैसा (फीसद) मांगने के लिए मामले में सहायक पोस्ट मास्टर मनोज सक्सेना को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दूसरे सहायक पोस्ट मास्टर जेपी यादव और लिपिक प्रदीप राव को भी काउंटर से हटा दिया है। तीनों नवयुग मार्केट स्थित प्रधान डाकघर में तैनात हैं। + +हुआ था वीडियो वायरल।मनोज सक्सेना एक वायरल वीडियो में एजेंट एवं राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ के जिलाध्यक्ष डीएन झा से यह कहते कैद हुए थे कि 10 पैसा दिए बिना डाक विभाग में काम नहीं करा पाओगे। जेपी यादव ने भी उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया था और वीडियो में प्रदीप राव की आवाज कैद थी, कि चेक जमा नहीं कर रहे हैं। वीडियो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायत की गई थी। + +बाकी दोनों पर भी कार्रवाई जल्द।गाजियाबाद मंडल के निदेशक डाक सेवाएं, सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने वीडियो देख डाकघर के वरिष्ठ पोस्ट मास्टर मनोज कुमार को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। मनोज कुमार ने प्राथमिक जांच के बाद मनोज सक्सेना को निलंबित कर जेपी यादव व प्रदीप को अन्य कार्यालयी कार्यों में लगा दिया है। सुनील कुमार का कहना है कि जेपी यादव व प्रदीप के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई जल्द हो सकती है। + +दैनिक जागरण की खबर का हुआ असर।दैनिक जागरण ने चार सितंबर के अंक में डाक विभाग के एजेंटों पर 10 पैसे की मार शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी। दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए डाक विभाग ने मनोज सक्सेना को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है। यह जांच गाजियाबाद डाक विभाग के सहायक अधीक्षक कौशल सिंह को दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f94c41ae818fc75265081a5e7fbfa4423fe1b9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. अश्विनी महाजन। China API Industry भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है। दुनिया के अधिकांश देशों में भारतीय दवा निर्यात की जाती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षो से भारत के दवा उद्योग पर चीन का ऐसा साया पड़ा है कि उसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। कारण यह है कि दवा उद्योग की सप्लाई चेन पर चीन लगभग काबिज हो गया है। वर्ष 2000 से पूर्व भारत दवा उद्योग की सप्लाई चेन का अग्रणी देश था और देश में बने एपीआइ यानी एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स की दुनियाभर में मांग थी। वर्ष 2000 के बाद भारत दुनिया के लिए तैयार दवाओं का स्रोत तो बना रहा, लेकिन एपीआइ और मध्यवर्ती सामग्रियों का निर्माण भारत से खिसकते हुए चीन के हाथों में पहुंच गया और भारत समेत पूरा विश्व चीनी एपीआइ पर निर्भर हो गया। यह चीन की सोची समझी चाल थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ce9c0984b77a157b4ae5b83430a05fffe8e226f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समूह का गठन कर चुकी महिलाओं को एक स्थान पर एकत्र कर उन्हें ग्राम संगठन के फायदे बताए जा रहे हैं। झांसी की महिलाओं का कहना है कि अभी तक हम बजट के अभाव में कोई बड़ा कार्य नहीं कर पाते हैं। जब पांच से सात समूह एकत्रित होकर कार्य करेंगे, तो माल भी अधिक बनेगा। बजट भी अधिक एकत्रित होगा। उसका लाभ भी अधिक मिलेगा। भविष्य में ग्राम संगठन क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) के लिए भी आवेदन कर सकेगा। भविष्य में समूहों के माध्यम से बड़े स्तर पर कार्य किया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..096710aa20a1b8ee08a32a6950afec210abb30f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहा जा रहा है कि इनकी कीमत की तुलना में सुविधाएं बेहद कम थी और इनके फ्लैट में रूम और बाथरूम-किचन के साइज भी लोगों को पसंद नहीं आए। वहीं, प्राइवेट बिल्डर इससे भी कम कीमत में अच्छे फ्लैट दे रहे हैं। ऐसे में आवंटियों ने डीडीए को ये फ्लैट वापस कर दिए हैं और प्राइवेट बिल्डर से आशियाना खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। डीडीए से जुड़े एक अधिकारी की मानें तो विभाग के फ्लैटों की ज्यादा कीमत होने की वजह से ही लोगों ने सरेंडर करना मुनासिब समझा है। वहीं, प्राइवेट बिल्डर कम कीमत में सारी सुविधाओं से लैस फ्लैट दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8fb3537906d73d1ecce53522e479507944085bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामभक्त हनुमंतलाल के प्रति विशेष अनुराग रखने वाले शिफूमी रामनगरी में पर्यटन की आत्मा के तौर पर जानी जाने वाली राम की पैड़ी के पुनरुद्धार में लगी संस्था मोजार्टो के वह महत्वपूर्ण अंग हैं। फ्रांस में स्ट्रासबर्ग के रहने वाले शिफूमी अभी महज 34 वर्ष के हैं, लेकिन पौराणिक कथाओं से किसी देश की संस्कृति को समझने में वह माहिर हैं। 2006 से एक टैटू आर्टिस्ट के रूप में करिअर शुरू करने वाले शिफूमी का सनातन संस्कृति से लगाव उनके लैपटाप के वालपेपर पर शेरावाली के दर्शन के साथ प्रकट हो जाता है। वह कहते हैं कि शेरावाली के दर्शन से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जबकि हनुमानजी से समर्पण एवं शक्ति मिलने का एहसास होता है। शिफूमी सात वर्षों तक कंबोडिया में भी रहे, जहां उन्हें रामायण के किरदारों को जानने का मौका मिला। इसके बाद मन में राम बसे तो फ्रांसीसी में अनूदित रामायण पढ़ डाली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e4fdf4532a9598ed1aea55e8e89832b6053c7f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काबुल, एजेंसी। पूरी दुनिया इस बात को जानती है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान की राह को आसान बनाने का काम पाकिस्‍तान ने किया है। तालिबान आतंकियों को ट्रेनिंग देने से लेकर उनके लिए फंड जुटाने और उन्‍हें हथियारों की सप्‍लाई तक में पाकिस्‍तान सबसे आगे रहा है। हालांकि, अमेरिका की तरफ से कुछ दिन पहले ही कहा गया था कि पाकिस्‍तान और तालिबान के गठजोड़ का उनके पास में कोई सुबूत नहीं है। उन्‍होंने ये भी कहा था कि इस बात का भी कोई सुबूत सामने नहीं आया है कि तालिबान में पाकिस्‍तान के आतंकी शामिल रहे हैं। लेकिन, उनके इस दावे और पाकिस्‍तान की कलई वहां की मशहूर लाल मस्जिद के पूर्व मौलाना अब्‍दुल अजीज ने खोलकर रख दी है। यही वजह है कि दो दिनों से पूरी दुनिया की मीडिया में लाल मस्जिद सुर्खियों में छाई हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c10a13bb5431ef0fe8af7e4534efe0cf6645da44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. योगेश सिंह। NEP-2020 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अनेक राज्य धीरे धीरे आगे बढ़ रहे हैं और इसे लागू करने में जुटे हैं। देखा जाए तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को यह विश्वास दिलाती है कि देश पूरी तरह से उनके और उनके हौसलों के साथ है। जिस एआइ यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रोग्राम को अभी लांच किया गया है, वह भी हमारे युवाओं के भविष्य निर्माण में मददगार साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..049ffda3b87cc182e55e7fd2e1a700be4401709e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67553.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन की मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में उमड़ी भीड़ को देखकर किसान नेताओं के चेहरे खिल गए हैं अब वो इसी भीड़ के माध्यम से इस महापंचायत में न पहुंचने वाले किसानों को भी जोड़ना चाहते हैं। इसके लिए यूनियन एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार करवा रहा है। इस फिल्म की सभी अधिकारिक इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी। यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर हैंडल से इसके बारे में जानकारी पोस्ट की है। उनकी ओर से पोस्ट की गई जानकारी के अनुसार मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 17 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन के सभी अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम की जाएगी। + +मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 17 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन के सभी अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम की जाएगी । pic.twitter.com/knR0xSXEFX।महापंचायत में संबोधन शुरू होने से पहले मंच से संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की। इससे पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की गई थी। लेकिन संयुक्‍त रूप से फैसले के बाद इसे बदल दिया गया फिर ये तय किया गया कि अब 27 सितंबर को ही बंद किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67e8049b488123b4de65d17e9fdbd0fb9a711d58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जलसा के बारे में बात करते हुए शेफाली शाह ने कहा, ‘मैं बहुत एक्साइटेड हूं कि मैं ‘जलसा’ का हिस्सा बनने जा रही हूं। यह बहुत ही अलग सोच वाली कहानी है। जब सुरेश ने पहली बार मुझे इसके बारे में बताया, तो मुझे लगा कि मुझे बस यह करनी है। मैं विद्या बालन जैसी बेहतरीन अदाकारा के साथ काम करने के लिए भी उत्साहित हूं, जिनके काम की मैं हमेशा से बहुत बड़ी प्रशंसक रही हूं’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56b5a9167467f92ebe198ba9733b0fb2ea8d58f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67560.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंजाब से आए बलकार सिंह का कहना था यूं तो पैरालिंपिक का प्रत्येक खिलाड़ी दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है लेकिन सुहास की कहानी ऐसी है जो देश ही नहीं पूरी दुनिया के युवाओं को प्रेरित करने के योग्य है। बलकार सिंह ने कहा कि जब वे अपने घर पहुंचेंगे तब अपने बेटे को कहेंगे कि वह एक बार गूगल कर सुहास के बारे में जाने और उनके पदचिन्हों पर चले और देश का नाम रोशन करे। + +Delhi Metro News: पढ़िये- एक साल बाद भी तकरीबन 3000 करोड़ के घाटे से क्यों नहीं उबर पा रही मेट्रो।DDA Flat News 2021: सामने आ गई असली वजह, आखिर लोग क्यों सरेंडर कर रहे हैं डीडीए के फ्लैट।यह भी पढ़ेंः मनीष सिसोदिया ने इशारो-इशारों में कसा भाजपा पर तंज, 'हम नाम बदलने में नहीं, तस्वीर बदलने में करते हैं विश्वास'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd17cf764a24339c889b57335b7dc65573e2d8f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बम बांधकर अपनी जान को अल्लाह के वख्त कर देते हैं हम ।अब्दुल अजीज ने कैमरे के समक्ष सवाल करते हुए कहा कि मुसलमानों में इतनी शक्ति है कि अपने ऊपर बम बांधकर अपनी जान को अल्लाह के वख्त कर देते हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि क्या किसी ईसाई में, किसी स्पेन वाले में, किसी हिंदू में, किसी सिख में इतनी हिम्मत है। तहरीक-ए-तालिबान, अलकायदा और जैश ए मोहम्मद से करीब संबंध रखने वाले लाल मस्जिद के इस मौलाना ने खौफनाक खुलासा करते हुए कहा कि मुसलमानों में तो इस वक्त लाखों की तादाद में ऐसे लोग मौजूद हैं। इसमें मर्द और महिलाएं भी शामिल हैं। मौलाना पूरी दुनिया को ही अफगानिस्तान बनाने को बेताब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8cd2c0f503b6293d0e1300dfae7601c0ba50c6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अजय कुमार शुक्ल, कुशीनगर। जिद से मिली जीत ने नौ साल की बच्ची को स्कूल जाने का मौका दिया तो वह 25 हजार से अधिक बालिकाओं की शिक्षा का सबब बन गई। आर्थिक तंगी का हवाला देकर घरवाले पढ़ाई में बाधा बने तो 12 सौ से अधिक बालिकाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर ला खड़ा किया। 37 साल पहले स्कूल जाने वाली गांव की पहली लड़की आज देश की उन चुनिंदा 15 महिलाओं में शामिल है, जिन्होंने हाशिये पर जिंदगी बिता रहे लोगों में शिक्षा की अलख जगाई है। इस सोच को हराया है कि पढ़ाई-लिखाई मुसहर-दलित बच्चियों के लिए नहीं होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6757.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bd4f3b88f8f84f6c1047a8f45a95c36e1e287e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6757.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने हाथ की एक तस्वीर साझा करते हुए, दीया ने लिखा था, "एलिजाबेथ स्टोन की व्याख्या करने के लिए, 'एक बच्चा पैदा करने के लिए हमेशा के लिए तय करना है कि आपका दिल आपके शरीर के बाहर घूम रहा है।' ये शब्द वैभव और मेरी भावनाओं को पूरी तरह से बताते हैं। हमारे दिल की धड़कन, हमारे बेटे अव्यान आज़ाद रेखी का जन्म 14 मई को हुआ था। समय से पहले पैदा होने के कारण अव्यान की देखभाल तब से नियोनेटल आईसीयू में नर्सों और डॉक्टरों ने की है।'।दिया ने आगे लिखा था,'मेरी प्रेग्नेंसी के दौरान अचानक सर्जरी हुई और बाद में गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन हुआ, जिसकी वजह से सेप्सिस का खतरा हो सकता था. शुक्र है, समय पर देखभाल और डाक्टर्स की वजह से इमरजेंसी सी-सेक्शन के जरिए हमारे बच्चे का सुरक्षित जन्म हुआ. इसी के साथ दिया ने उनके बच्चे की देखभाल के लिए डॉक्टर्स और नर्स का शुक्रिया अदा किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..548ff072050b508453ba0929a3d356985dfce413 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67574.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। आज से कुछ दशक बाद जब भारतीय विदेश नीति की समीक्षा की जाएगी, तो उसे अच्छा या खराब बताने वाली राय को आज उठाए गए हमारे कदम तय करेंगे। अफगानिस्तान में नई हुकूमत के साथ रिश्तों को लेकर भारत इसी कश्मकश से जूझ रहा है। रिश्तों की रस्म निभाई जाए या नहीं। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और अब सरकार बनाने के करीब पहुंचने के बाद उनके साथ रिश्तों को लेकर दुनिया दो खांचे में बंट गई है। एक इनको खुला समर्थन दे रहा है। दूसरा खेमा गुड़ तो खाने की बात कर रहा है, लेकिन गुलगुले से उसे परहेज है। यानी तालिबान सरकार से जुड़ना तो वे चाह रहे हैं, लेकिन उसे मान्यता देने पर हिचक बरकरार है। इन अनिश्चितताओं के बीच भारत को अफगानिस्तान से एक सधा और ठोस संबंध बनाने की चुनौती है। + +इतिहास की अपनी सबसे बड़ी हार के साथ दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका मैदान छोड़कर भाग चुका है, लेकिन क्लाशनिकोव की तड़तड़ाहट दक्षिण एशियाई देशों के लिए छोड़ गया। पाकिस्तान तालिबान का सबसे बड़ा हमदर्द रहा है। पाकिस्तान के बूते चीन भी अपनी जुगत साध रहा है। रूस भी भारत के साथ किए अपने वायदों से मुकरता दिख रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कहीं ये चारों देशों का कोई एक गठबंधन न बन जाए। तालिबान के सबसे हिमायती बन रहे ये देश भी सशंकित हैं। तालिबान की प्रवृत्ति और प्रकृति का इतिहास इन्हें भी असुरक्षित ही रख रहा है। ।इधर, अफगानिस्तान में सत्ता बदलाव का सूत्रधार रहा कतर दुनिया से अपील कर रहा है कि वे तालिबान को अलग-थलग न छोड़ें। द्विपक्षीय रिश्ते बनाए रखें, ऐसा न करने से अफगानिस्तान और बदहाली की तरफ बढ़ेगा। तालिबान खुद दावा कर रहा है कि उसकी कायापलट हो चुकी है और भारत से कारोबारी और राजनयिक रिश्तों को बनाए रखने की दुहाई दे रहा है। लेकिन उसकी वाणी और कर्म में साम्य नहीं दिखा। भारत अफगानिस्तान और वहां के नागरिकों के हित को पहली प्राथमिकता देता दिख रहा है। इस कश्मकश के बीच तालिबान सरकार के साथ भारत के संभावित रिश्तों की पड़ताल आज बड़ा मुद्दा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2d6be0fcd033a53b37995112700ddca819a7797 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अक्टूबर 2020 से धरना लगाकर स्टाेर के बाहर बैठे हैं किसान।स्टोर के बाहर किसान एक अक्टूबर 2020 से धरना लगाकर बैठे हैं। स्टोर बंद होने का सीधा असर यहां काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा उन लोगों पर पड़ेगा जोकि अपने व्यवसाय के लिए इस स्टोर पर निर्भर थे। बठिंडा में कंपनी का 50 हजार वर्गफुट का होलसेल स्टोर है। जहां से छोटे दुकानदार अपनी दुकानों के लिए सामान लेकर जाते थे, लेकिन किसानों के धरने के कारण स्टोर को करोड़ों रुपये का नुकसान होने के कारण इसे बंद करने का फैसला लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90783096c0e791f7babdae5ca5be11838d046e83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67578.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नगर निगम के 110 वार्ड में जीआइ सर्वे से भवनों का पता किया जा रहा है। नगर निगम के अभिलेखों में 5,75,238 संपत्तियां दर्ज हैं, जो सभी 110 वार्डों में हैं, जबकि सर्वे में 88 वार्डों में ही 6,20,100 संपत्तियों का पता चला है। इस हिसाब से 88 वार्डों में 44,862 संपत्तियों का कर निर्धारण करने में कर विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी विफल रहे हैं। + +निरीक्षकों से तेज है मोबाइल का मैसेज: ऐसा नहीं है कि लोग कर नहीं देना चाहते हैंं, लेकिन उन्हें बेवजह दौड़ाया जाता है। आपत्तियां लगा दी जाती हैं और मामला तय होने के बाद वहीं, भवन कर का निर्धारण कर दिया जाता है। भवन कर जमा न होने पर नगर निगम के अधिकारी राजस्व निरीक्षकों से लेकर कर अधीक्षक और जोनल अधिकारियों पर दबाव बनाता है, लेकिन कर वसूली तब तेज होती है, जब नगर निगम मोबाइल पर पंजीकृत भवन स्वामियों को भवन कर जमा करने का मैसेज करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f157f6467ff1bf0fc053847e008673db850e289 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, डा. राहुल सिंघई। फीरोजाबाद में मासूम बच्चों को शिकार बना रहे डेंगू के मच्छर के शिकारी मंगाए गए हैं। विशेष प्रजाति की मछलियां अब पानी में रहकर मच्छरों के लार्वा का शिकार करेंगी। इससे मच्छरों को पनपने से रोका जा सकेगा। मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इसकी पहल शुरू की है। वहीं नगर निगम ने इसके लिए बुखार और डेंगू प्रभावित क्षेत्रों के 50 स्थानों को चिन्हित किया है। इनमें मछलियां डलवाना शुरू कर दी गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46ed6b782e36fb72d6d5176876ce015eee8bbacd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत और तालिबान के बीच कोई सीधा संबंध नहीं रहा है। नए तालिबान में हक्कानी नेटवर्क भी जुड़ गया है, जिसने 2008 में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर काबुल में भारतीय दूतावास पर हमला किया था। भारत अचानक एक जटिल हालात में आ गया है। हालांकि एक अच्छी बात यह है कि अफगानिस्तान के लोगों के बीच भारत की बहुत अच्छी छवि है। भारत ने यहां के विकास में उल्लेखनीय योगदान किया है। पिछले साल ही यह लगने लगा था कि अफगानिस्तान की भ्रष्ट सरकार की जगह सत्ता पर तालिबान कब्जा कर लेगा। उसी समय से भारत और तालिबान के बीच कूटनीतिक मोर्चे पर बातचीत की अफवाहें उड़ने लगी थीं। 31 अगस्त को भारत और तालिबान में आधिकारिक वार्ता की खबर भी सामने आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9aa92fad03bde3419de9e597a2f64a59885f8ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकतंत्र से रखते हैं दूरी : ऐसे समूह खुद को जनता का प्रतिनिधि तो कहते हैं, लेकिन लोकतंत्र से दूरी रखते हैं। उन्हें चुनाव, विरोध प्रदर्शन और असहमति से खतरे का बोध होता है। चीन की सत्ता पर कब्जे के बाद माओ जेडांग ने बुद्धिजीवियों, पत्रकारों व कई अन्य को खुले मन से नई सरकार की आलोचना करने को कहा था। हालांकि बाद में उसने ऐसा करने वाले कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। ऐसे आतंकी संगठन अधिनायकवादी तरीके से सत्ता चलाते हैं, जिसमें सत्ता पर किसी व्यक्ति की पकड़ रहती है। ये संगठन किसी हाल में उस ताकत को गंवाना नहीं चाहते हैं, जिसे उन्होंने लंबी लड़ाई से हासिल किया है। शुरुआती दिनों में उनमें जनता से नकार दिए जाने, पुरानी सत्ता के समर्थकों के विद्रोह और अपने ही भीतर के विरोधियों का डर लगातार बना रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c07aa0e66409fb34d17e37505ee1a3a741bf7cba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संतोष पाठक। अब यह पूरी तरह से सुनिश्चित हो चुका है कि अफगानिस्तान पर तालिबान का लगभग पूरी तरह से नियंत्रण हो गया है और जल्द ही वे वहां अपनी सरकार बनाने जा रहे हैं। हालांकि पंजशीर जैसे एकाध प्रांत अभी तालिबान के कब्जे में नहीं आ सके हैं, इसके बावजूद यह तो निर्विवाद है कि अफगानिस्तान का भविष्य अब क्या होगा, इस बारे में कोई भी नहीं बता सकता है। इसलिए अपने भविष्य के संकट को देखते हुए तमाम अफगान नागरिक अपने देश से बाहर जाने की युक्ति में जुटे हुए हैं। इसका आरंभ तो उसी दिन से हो गया था जिस दिन अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर यह घोषणा की थी कि उसकी सेना अफगानिस्तान को छोड़ कर अब जल्द अपने देश लौट जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fef0af5b0f4da3e8a39f9d2f196d37546d380b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67589.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एएसआइ के दिल्ली, पटना, चंडीगढ़, शिमला व श्रीनगर मंडल में पिछले साल पूर्व वर्षों की अपेक्षा संरक्षण कार्य में कमी आई है, यही वजह है कि इस साल इन मंडलों का खर्च भी कम हुआ है। पुरातत्वविद इसे लेकर खासे चिंतित हैं। उनका मानना है कि स्मारकों के संरक्षण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए। यही नहीं, वे यह भी मानते हैं कि अब एएसआइ में स्मारकों के ढांचे पर ध्यान देने के बजाय, वहां बाग-बगीचे, चारदीवारी आदि बनाने का काम हो रहा है, जिसमें एएसआइ की तुलना में निजी कंपनियों द्वारा कई कई गुना अधिक राशि पीने के पानी की व्यवस्था व शौचालय आदि बनाने पर खर्च हो रही है। ।किस मंडल के तहत कितने स्मारकों में हुआ संरक्षण कार्य।देशभर में एएसआइ के कुल 3693 स्मारक हैं। इनमें से श्रीनगर मंडल में 2018-19 में 12, 19-20 में नौ और 2020-21 में पांच स्मारकों में संरक्षण कार्य हुआ है। पटना मंडल में 2018-19 में 29 स्मारकों में संरक्षण कार्य हुआ। इसके अगले साल 13 और पिछले साल नौ स्मारकों में काम हुआ। देहरादून मंडल में 43 स्मारकों में संरक्षण कार्य कराया गया है। दिल्ली में सबसे अधिक 174 स्मारक हैं, लेकिन तीन साल में मात्र 18 स्मारकों में संरक्षण का काम हुआ है। दिल्ली में स्मारकों पर खर्च होने वाली राशि में भी कमी आई है। वर्ष 2017 में जहां 37 करोड़ रुपये की राशि यहां खर्च हुई थी, वह 2020-21 में 24 करोड़ रुपये रह गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b13971f354ee93ec32fce736918a21cc48c192d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67590.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नार्थजोन में ये हैं राज्य।हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचलप्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ और राजस्थान शामिल हैं। इन राज्यों में वेद व अनवर विभिन्न क्षेत्रीय प्रतियोगिताएं कराकर प्रतिभाएं तलाशेंगे। प्रतियोगिताएं नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) के मानक के आधार पर ही हाेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67591.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b090659081edc350b5610811e6d33bf2f0a7f09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67591.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रांसपोर्ट यूनियन की मांग है कि तीन माह का समय और दिया जाए, क्योंकि कोरोना के चलते उनका नुकसान बहुत हुआ है ?।राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ा मुद्दा है। निगम इसके लिए अपने-अपने स्तर पर बहुत से कार्य कर रहा है। इसमें एक कार्य टोल नाकों को आरएफआइडी से लैस करना था। निगम ने इस पर बड़ा बजट खर्च किया है। हमारी कोशिश दिल्ली वालों को प्रदूषण से राहत देने की है। ट्रांसपोर्ट यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी, उन्होंने भी इसे लागू करने के लिए स्वीकृति दी है। जब वाहन चालक टोल से गुजरते हैं तो इसका भुगतान वह यात्रियों से लेते हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इस टैग को लगवाने में किसी को कोई दिक्कत होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67593.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9495370c137db5902bf9aa457d23f0849a1bee7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67593.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विपक्षी दल भी किसान संगठनों की मांग को दे रहे हवा।विडंबना यह है कि विपक्षी दल भी कृषि कानून वापस लेने की किसान संगठनों की मांग को हवा दे रहे हैं। इसके पीछे उनके अपने स्वार्थ हैं। वे सरकार के खिलाफ अपनी राजनीतिक लड़ाई किसान संगठनों के कंधों का सहारा लेकर लड़ रहे हैं। हालांकि, सरकार ने बार-बार यह कहा है कि वह कृषि कानूनों की कथित विसंगतियों और खामियों को दूर करने के लिए तैयार है, लेकिन किसान संगठन यह बताने के लिए आगे नहीं आ रहे कि उन्हें इन कानूनों के किन प्रविधानों पर आपत्ति है। वे कृषि कानूनों को सिरे से खारिज करने की जिद पकड़े हुए हैं। ऐसा करके वे एक तरह से अमीर किसानों और आढ़तियों की ही पैरवी कर रहे हैं। + +किसान हितों के नाम पर आढ़तियों की पैरवी।दरअसल, किसान हितों के नाम पर आढ़तियों की पैरवी करने वाले किसानों के हितैषी नहीं कहे जा सकते। वस्तुत: वे हैं भी नहीं और इसीलिए छोटे किसानों को संबल देने वाले कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया जा रहा है। कृषि कानूनों का विरोध वास्तव में छोटे किसानों के हितों पर कुठाराघात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6bdacc037db330c1f38efc5b8a1da143cff96dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67595.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना बताते हैं कि नार्दन ग्रिड की मांग पर ही प्रोजेक्ट में बिजली का उत्पादन किया जाता है। नार्दन ग्रिड से सामान्य तौर पर पिकिंग ऑवर (सुबह सात से दस बजे और शाम को सात से दस बजे) के मध्य बिजली की आपूर्ति की जाती है। सुबह और शाम इस अवधि में नार्दन ग्रिड की मांग औसतन चार से पांच मिलियन यूनिट रहती है। पांच मिनट के अलर्ट पर बिजली तैयार कर नार्दन ग्रिड को उपलब्ध कराई जाती है। दिन में कभी कभार जब भी नार्दन ग्रिड से बिजली की मांग आती है, उसे भी तत्काल पूरा कर दिया जाता है। हालांकि, प्रोजेक्ट को बिजली उत्पादन के लिए चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाता है। + +यह भी पढ़ें:- भूस्खलन की चेतावनी देने को अर्ली वार्निंग सिस्टम, IIT Roorkee के विज्ञानी इसपर कर रहे काम।प्यास भी बुझा रहा टिहरी बांध।बहुद्देश्यीय टिहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट में भले ही बिजली का उत्पादन कुल क्षमता के बराबर नहीं हो रहा है, लेकिन इसका जलाशय तीन राज्यों की प्यास बुझाने में मददगार साबित हो रहा है। उत्तराखंड के साथ ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश को यहां से रोजाना 102.20 करोड़ लीटर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। यही नहीं, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 2.7 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई भी कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1e04023c165e479c4ac3bee30e7a9aa27e3abe2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67596.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +केसी त्यागी। छले कई महीनों से देश में जातिगत जनगणना और आरक्षण के मुद्दे छाए हुए हैं। इस संबंध में गत दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सौहार्दपूर्ण माहौल में बात हुई। नीतीश कुमार ने पटना लौटने पर यह वक्तव्य दिया कि प्रधानमंत्री ने जातीय जनगणना की मांग को नकारा नहीं। इस पर भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा ने कभी जाति एवं जनगणना का विरोध नहीं किया है। यह सुखद है कि आज कम्युनिस्ट भी जातीय जनगणना के सवाल पर चिंता एवं विमर्श साझा कर रहे हैं। + +संसद में भी काफी समय बाद ऐसी सर्वमान्य एकता दिखी जब सभी राजनीतिक दलों के सांसदों ने एक मत होकर राज्यों को पिछड़ी जातियों को चिन्हित करने का अधिकार दिया। शीर्ष अदालत के एक निर्णय के बाद से ये अधिकार केंद्र के पास सुरक्षित थे। ऐसी एकता युद्ध या किसी बड़े राष्ट्रीय संकट जैसे असामान्य अवसरों पर ही दिखाई पड़ती है। इसके गहरे निहितार्थ हैं। इससे देश में जातिगत जनगणना की राह आसान होती नजर आ रही है। + +उन्होंने कहा है कि जातिगत जनगणना के द्वारा सिर्फ व्यक्तियों की गिनती वर्गो में नहीं होती है, बल्कि इसके द्वारा समाज की विभिन्न सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों का ब्योरा भी एकत्रित किया जाता है। इसके द्वारा उनकी शैक्षणिक स्थिति आदि के आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। जनसंख्या के लिए स्त्री-पुरुष प्रतिशत और प्रजनन दर दर्ज की जाती है। इन वर्गो के खेती कार्यो में लगे और भूमिहीन मजदूरों की तालिका तैयार होती है। यह पता लगाया जाता है कि वे किस प्रकार के मकानों में रहते हैं। उम्र, शिक्षा, व्यवसाय, परिवार की भाषा, धर्म, और संपत्ति के सभी आंकड़े भी जातिगत जनगणना में रिकार्ड किए जाते हैं। जातीय जनगणना से यह भी पता चलेगा कि कमजोर एवं वंचित समाज तक विकास की योजनाएं किस हद तक पहुंची हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67597.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4f16a1c1369595933d854dd3e78a4faa8ccb968 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी से पर्यटकों की दूरी बढ़ रही है। पूर्व में जहां ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों में से करीब 30 फीसद पर्यटक फतेहपुर सीकरी जाते थे, वहीं अब उनकी संख्या घटकर पांच फीसद भी नहीं रही है। इसकी मुख्य वजह खराब सड़कें, ट्रैफिक जाम, पर्यटन सुविधाओं के अभाव में पर्यटकों का दिन के दिन आगरा आकर वापस लौटना माना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53e985b715ecc3257b3f70262c37ffe8e5058d42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67598.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ब्रितानी और इस्लामी दस्युओं में एक अंतर और भी है। जहां 1947 में अंग्रेज भारत को कंगाल बनाकर उसे अपने मानसपुत्रों के हाथों में सौंप गए तो वहीं इस्लामी आक्रांताओं के मजहबी वंशजों का अखंड भारत के एक तिहाई से अधिक भू-भाग (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) पर आज भी कब्जा है, जहां इसकी मूल संस्कृति, उसकी संतति और सनातन जीवनमूल्य-लोकतंत्र, बहुलतावाद और पंथनिरपेक्षता के लिए कोई स्थान नहीं है। बीते दिनों अफगानिस्तान में गिने-चुने शेष हिंदू-सिखों का पलायन उसी विषाक्त श्रृंखला का एक भाग है। + +इस्लामी आक्रांताओं और स्थानीय लोगों में संघर्ष क्या केवल सत्ता और अहंकार के कारण था? क्या इस कलह का कोई सांस्कृतिक या मजहबी आयाम नहीं था? कहते हैं कि मुस्लिम शासकों के दरबार में हिंदू तो हिंदू-सिख सम्राटों की राजसभाओं में मुस्लिम सैनिक/कर्मचारी थे। इसकी पुष्टि के लिए अकबर के प्रधान सेनापति मानसिंह-प्रथम, मुहम्मद आदिल शाह के मंत्री हेमचंद्र विक्रमादित्य उर्फ हेमू से लेकर महाराणा प्रताप की सेना में हकीम खां सूरी और मराठा साम्राज्य में दौलत खान आदि मुस्लिमों का उदाहरण दिया जाता है। यदि इस कुतर्क को भी आधार बनाएं तो अंग्रेजों के लिए लड़ने वाले सैनिक, उनके कर्मचारी/अधिकारी और क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकाने वाले कौन थे? सभी अधिकांश जन्म से भारतीय थे। दूसरी ओर भगिनी निवेदिता, एनी बेसेंट और सीएफ एंड्रयूज आदि यूरोपीय नागरिक भी भारतीय स्वतंत्रता के पक्षधर थे। क्या इस आधार पर कहा जा सकता है कि स्वतंत्रता का संघर्ष स्वाभिमान और स्वाधीनता के लिए नहीं, अपितु केवल सत्ता हेतु था?।ब्रितानियों का प्रारंभिक लक्ष्य साम्राज्य का विस्तार और भारतीय संपदा को लूटना था, किंतु 1813 में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के चार्टर में विवादित अनुच्छेद जोड़कर ब्रितानी पादरियों और ईसाई मिशनरियों द्वारा भारतीयों के मतांतरण में सभी प्रकार की मदद देने का प्रविधान भी कर लिया। अपने शासन को शाश्वत बनाने के लिए अंग्रेजों ने कुटिल ‘बांटो और राज करो’ की नीति अपनाई और इतिहास को विकृत कर समाज को बांटने का काम किया। इस चिंतन से स्वतंत्र भारत का एक वर्ग आज भी जकड़ा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb85136913043a292a002e84ff425cf45ae40730 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपी के बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षा विभाग ने रविवार को जिलों में अलग तरह से शिक्षक दिवस मनवाया। इन विभागों की ओर से हर जिले में 75-75 शिक्षकों व पांच-पांच प्रशिक्षकों यानी प्रदेश के 17,250 गुरुओं को सम्मानित किया गया। स्क्रीनिंग, साक्षात्कार व शिक्षक की शिक्षण सामग्री आदि देखने की जगह उनके प्रदर्शन को ही आधार बनाया गया, यानी उस विद्यालय का रिजल्ट और शिक्षक के विषय के रिजल्ट को चयन में वरीयता दी गई। इतना ही संबंधित शिक्षक की छवि की भी चिंता की गई है, ताकि सम्मान पर सवाल न उठे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_676.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_676.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d18ede0ac360459d3af46143f2f9980a28bbe66c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_676.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Shooting is going to start soon! pic.twitter.com/WEXxe5MkRB।केआरके के ऐलान के साथ ही सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई। लोगों ने इनकी जमकर खिल्ली उड़ानी शुरू कर दी। एक ने लिखा, 'कोविड से भी बड़े वायरस की जरूरत नहीं दुनिया को #देशद्रोही2।'।COVID se bade virus ki jarurat nahiye duniya ko #deshdrohi2 pic.twitter.com/3r8ndpLdUw।Thanks @kamaalrkhan .।Bollywood is deliberately failing in producing comedy movies.।I'm happy that you took initiative in giving one to audience. We will surely watch it on YouTube if we get some time.।Meanwhile audience after seeing this post pic.twitter.com/xt3IEVSR4b।RIP all pan Indian movie records, biggest movie star of whole solar system is finally coming to bring back the glorious day of Bollywood. Full support to you suar I mean sir🤟 pic.twitter.com/Lf2C41H9K7।pic.twitter.com/hYNkxeS0Ad।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0f8c3040b5373a6bc218aa0087a7e7f10aa4de1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6760.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आमिर तो अपना मास्क गले में लटका लेते हैं, मगर कियारा का मास्क उनके इयर रिंग्स में फंस जाता है। कियारा काफ़ी कोशिश करती हैं, पर मास्क नहीं निकाल पाती हैं। आमिर की नज़र मास्क से जूझती कियारा पर पड़ती है। फिर इशारों में पूछते हैं कि क्या कियारा को मदद चाहिए? कियारा मुस्कुराते हुए आमिर के पास आती हैं और आमिर उनके मास्क की डोरी को इयर रिंग्स में से निकालने की कोशिश करने लगते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d1db787ee197797ab1910e77cb8155e4c0d7293 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन कंपनियों की निविदाओं का मूल्यांकन चल रहा है। अगले हफ्ते तक इनमें से एक कंपनी को तय कर लिया जाएगा। इसके बाद ईटीएम (ई-टिकटिंग मशीन) की चरणवार आपूर्ति शुरू हो जाएगी। पहले चरण में लखनऊ और गाजियाबाद क्षेत्र में ईटीएम भेजी जाएंगी। 90 दिन में इन दोनों क्षेत्रों के बेड़े के हिसाब से मशीनें पूरी होनी हैं। छह माह में प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में इनकी आपूर्ति की जाएगी। करीब 13,500 मशीनें आनी हैं। परिचालकों के हाथों में आने वाली ये मशीनें सभी तरह के कार्ड पढ़ सकेंगी। परिवहन निगम बोर्ड ने इस पर पहले ही मुहर लगा दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67605.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e31870151fd315c9149f89593a2242d3d2c2d10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अध्‍यक्ष सोनिया लेकिन बैठकें राहुल के आवास पर ।दरअसल राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि सभी फैसले और बैठकें राहुल गांधी के आवास पर हो रही हैं। यह उनको पार्टी के सर्वोच्च नेता के तौर पर काबिज होने की ओर इशारा करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जी-23 गुट के कई नेताओं को पार्टी की विभिन्न समितियों में समायोजित किया गया था लेकिन इन्‍हें परामर्श प्रक्रियाओं में शामिल नहीं किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f42cdcb2fa5a7705a9cb326e8b1ca331ffe04cc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अदालतों को सुनवाई का अधिकार ।स्पीकर के क्षेत्राधिकार पर वरिष्ठ वकील और पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी कहते हैं कि स्पीकर भी संविधान के हिसाब से ही काम करेगा। वह मनमानी नहीं कर सकता। वह संविधान से बंधा होता है और संविधान के दायरे में रह कर ही काम करेगा। नमाज कक्ष आवंटित करने पर रोहतगी का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसा होने से दूसरे वर्ग भी इसी तरह की मांग रखेंगे। इस मामले में दखल देने के कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर वह कहते हैं कि वैसे तो इस तरह के मामले कोर्ट-कचहरी में नही जाने चाहिए, लेकिन अगर मामला कोर्ट में जाता है तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को उस पर सुनवाई करने का अधिकार है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8900ab0f0cc437409cb220d397c62a6540f726cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67611.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लगातार लेक्चर लेते हुए अचानक सिर में दर्द महसूस हुआ तो टीचर से यह बताने में भी कोई झिझक नहीं होती अब। वहीं, लैपटाप या फोन में अचानक आ गई खराबी तो टीचर की तरफ से उसे कुछ देर की छूट है। किसी को पढऩे का मन नहीं है तो दोस्तों के साथ थोड़ी गपशप करते हुए पढ़ाई की छूट है। और तो और, किसी छात्र की तबीयत ठीक नहीं तो परिवार के सदस्यों की तरह ही शिक्षकों का दुलार उसे झट से सहज कर देता है। भले ही स्क्रीन की दीवार खड़ी है दोनों के बीच लेकिन यह रिश्ता है दिल से दिल तक का। आज आनलाइन कक्षाओं में ज्ञान की अविरल धारा के साथ-साथ बह रही है स्नेह की नदी भी। शिक्षकों और छात्रों ने महीनों की कोशिशों और तमाम उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए कायम कर लिया है बड़ा ही मीठा रिश्ता। विशेषज्ञों के मुताबिक, आपसी समझदारी और संवाद से बना यह खूबसूरत रिश्ता पूरी तरह सामान्य दौर लौटने पर वरदान से कम नहीं होगा। + +कायम रहे यह संवाद।ग्याहरवीं की छात्रा दृष्टि सिंह कहती हैं, ‘बड़ा मजा आता था जब हम नियत समय लिंक ज्वाइन करते और एक दूसरी दुनिया में झट से पहुंच जाते। मेरा छोटा भाई तो कक्षा बंद होने के बाद रोने लगता।’ नोएडा के एक निजी स्कूल की अंग्रेजी की शिक्षिका पलक भारद्वाज कहती हैं, ‘यह एक नया अनुभव है। जो कुछ साल बाद होना था, शिक्षा में वह क्रांति अभी आ गयी है। छात्र तकनीक के साथ इतने रम गए हैं कि हम उन्हें भले ही पढ़ाते हैं पर वे भी हमें खूब सिखा रहे हैं।’ पलक भारद्वाज के मुताबिक, आनलाइन कक्षाओं में सबसे अच्छी बात जो निकल कर आई, वह है आपसी संवाद। इसके लिए टीचर को जहां अपने बाडी लैंग्वेज पर काम करना होता है वहीं छात्र भी पहले की अपेक्षा अब काफी कंफर्ट महसूस करते हैं। पलक आगे कहती हैं, ‘छोटे बच्चों की इतनी कहानियां होती हैं कि वे पढ़ाते वक्त भी उन कहानियों को पाठ से जोड़कर खूब बातें करते हैं। यह सब सचमुच अनूठा है।'।पढ़ाई में मजा आता है।आनलाइन कक्षा का दौर जब नया था तो दसवीं के छात्र कृश झा ने उसे काफी मनोरंजक पाया। पर अचानक उसे लगा कि उसकी पढ़ाई थोड़ी अस्त-व्यस्त हो गयी। आज तो इसकी आदत हो गयी है और सबसे अच्छी बात टीचर बन गए हैं अच्छे दोस्त। कृश कहते हैं,  ‘पढ़ाई की बात करें तो यह जब आफलाइन थी तो हम कक्षा में कभी भी कुछ पूछ सकते थे लेकिन अब समय के पाबंद रहना होता है। पर मुझे लगता है दूसरी बात और बेहतर हुई है, मैं टीचर से कभी भी बात कर सकता हूं, उनसे अपनी बात शेयर कर सकता हूं।’ इस तरह, बेहतर संवाद होने से टीचर से कंफर्ट लेवल बढ़ा है तो छात्रों ने अपनी तरफ से खूब कोशिश की है। वे जान गए हैं कि उनके टीचर का स्वभाव कैसा है और वे क्या पसंद करते हैं आदि। वहीं दृष्टि सिंह के मुताबिक, अब वे टीचर के साथ इतनी कंफर्ट हो गयी हैं कि कोई भी त्योहार हो, कपड़ों के रंग और डिजाइन पर भी बात कर लेती हैं। दृष्टि के मुताबिक, जब टीचर घर परिवार के बारे में पूछती हैं तो इससे जुड़ाव और बेहतर होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95927189e833f18fb17d6da79a4d4cfe606638ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67616.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनका कहना है।डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई को भी सुचारु रखा जाएगा। विद्यार्थियों की सहभागिता से संचारी रोगों की रोकथाम व इनसे बचाव का अभियान भी विद्यालयों में चलाया जाएगा। प्रधानाचार्यों से कहा गया है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे अभियान भी चलता रहे और पढ़ाई भी प्रभावित न हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33f0023a49d12845ee58bf02dd3c62bec99c1f5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67619.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [यह अंश शचींद्र नाथ बक्शी की संस्मरण पुस्तक ‘मेरा फरारी जीवन’ से लिया गया है]। मुझे जब लखनऊ सेंट्रल जेल लाया गया, उस वक्त अशफाकउल्ला खां सेशन सुपुर्द हो चुके थे। पर मेरे आने पर उनका मुकदमा स्थगित कर दिया गया और जल्दी से जल्दी मुझे सेशन सुपुर्द किए जाने की तैयारी होने लगी, जिससे सेशन जज के सामने हम दोनों के मुकदमों की साथ-साथ सुनवाई हो सके। उस समय काकोरी केस के अन्य कैदी लखनऊ जिला जेल में रखे गए थे और उनका मुकदमा अलग चल रहा था। हम दोनों को उस मुख्य मुकदमे में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि हम बहुत देर से गिरफ्तार हुए थे और हमें शामिल करने पर दोबारा सारे मुकदमे को नए सिरे से चालू करना पड़ता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da9bd05675d94e5ec300692525bcf89678183ddb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल करीना कपूर खान ने हाल ही में अपनी किताब 'करीना कपूर खान्स प्रेग्नेंसी बाइबल' लॉन्च की है। इस किताब में उन्होंने अपने छोटे बेटे जेह के पूरे नाम का खुलासा किया है। जब तक लोगों को ‘जे’ नाम पता था तब तक सी को कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन जहांगीर नाम सामने आती ही सोशल मीडिया पर एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया है और एक्ट्रेस को ट्रोल किया जा रहा है। इस हंगामे पर अब तक सैफ और करीना ने चुप्पी साध रखी थी, लेकिन अब एक्ट्रेस ने अपनी चुप्पी तोड़ी दी और आखिरकार अपनी बात रखी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d70060607064668179f05fa98a2035d5bc36da89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किया क्रांति का शंखनाद।शूरवीर आदिवासी क्रांतिकारी बुधु भगत का पूरा जीवन राष्ट्र की अस्मिता और समाज के उत्थान के लिए समर्पित था। 1831 में उन्होंने सिंहभूम क्षेत्र में कोल विद्रोह का नेतृत्व किया। कोल विद्रोह सिर्फ आदिवासियों का विद्रोह नहीं था। यह अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता का भी आंदोलन था। यह संगठित कोल विद्रोह रांची, सिंहभूम, हजारीबाग, पलामू तथा मानभूम के पश्चिमी क्षेत्रों में फैला। इस प्रकार 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले ही बुधु भगत ने देश की आजादी का शंखनाद कर दिया था। उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए 1832 में लरका विद्रोह का नेतृत्व किया। यह आंदोलन सोनपुर, तमाड़ एवं बंदगांव के मुंडा मानकियों का आंदोलन न होकर छोटानागपुर की जनता का आंदोलन बन गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f18c5145dd8e28c8f9210ac27dd0a1ce2e6d0af0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राहुल सिंह]। यू ही नहीं देशभर में दिल्ली पुलिस को दिल की पुलिस कहा जाता है। दरअसल समय-समय पर पुलिस के अधिकारी और उसके जवान ऐसा नेक काम करते रहते हैं, जिससे वह लोगों का दिल जीत लेते हैं। ऐसा ही काम दिल्ली पुलिस का एक सिपाही इन दिनों लाल किले की प्राचीर में कर रहा है, जो पार्किंग के अंदर गरीब, असहाय और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को शिक्षा दे रहा है। वह रोजाना 50 से अधिक बच्चों के अंदर शिक्षा की अलख जगा रहा है। इसके अलावा वह दिन में अपनी ड्यूटी कर वर्दी का फर्ज भी पूरी तरह से निभाते हैं। वहीं उत्सवों के दौरान बच्चों को उपहार भी देते हैं, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27a58d18faa19cb6471b7931f1a324483c328f6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67631.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कालेज सब बंद हो गए थे। ऐसे प्रतिकूल हालात में भी शिक्षा को सुचारू रूप से जारी रखना अध्यापकों के लिए बड़ी चुनौती थी। ऐसे में मंगोलपुरी स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में पीजीटी रसायन विज्ञान के शिक्षक शैलेंद्र कुमार ने सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए छात्रों तक ज्ञान का उजियारा पहुंचाने का रास्ता खोजा और देश भर के चार लाख से भी अधिक छात्रों को घर बैठे शिक्षित किया। शैलेंद्र के मुताबिक सरकारी स्कूलों में आने वाले बच्चों की आर्थिक पृष्भूमि बेहतर नहीं होती। उनके पास आनलाइन पढ़ाई के लिए संसाधन भी नहीं होते हैं। ऐसे में वह विभिन्न तरह के प्रयोग कर उन्हें शिक्षित कर रहे हैं। + +वाट्सएप पर 80 हजार से अधिक छात्रों को किया शिक्षित।शैलेंद्र 23 साल से शिक्षक के तौर पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वो एक मेंटर शिक्षक भी रहे हैं। ऐसे में वो जिस भी स्कूल में जाते थे वहां के शिक्षकों को लेकर एक वाट्सएप ग्रुप बना लेते है। लाकडाउन के दौरान वो 50 से अधिक वाट्सएप ग्रुप से जुड़े थे। इन ग्रुपों में चार हजार से अधिक शिक्षक जुड़े हुए हैं। शैलेंद्र इन ग्रुपों पर अपनी एक्टिविटी का वीडियो बना कर भेजते हैं। जिसे शिक्षक आगे छात्रों के ग्रुप पर साझा करते हैं। जिसके बाद छात्र उन वीडियों को देखकर घर पर ही सीख कर प्रयोग करते हैं और अपने शिक्षकों को वापस बना कर भेजते हैं। शैलेंद्र बताते हैं कि उनका मकसद प्रमुखता से उन बच्चों को वीडियों भेजना होता है जो आनलाइन कक्षा नहीं ले पाते हैं। उनके मुताबिक उनकी बनाई वीडियो 70 से 80 हजार छात्रों तक वाट्सएप के माध्यम से पहुंची हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cf7315b0071266aa894df944b115415c4702bbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सफर की शुरूआत से ही अव्यवस्था।केएमपी और केजीपी के लिए दो जगह पलवल व सोनीपत के पास कुंडली में जंक्शन हैं। इन दोनों जगह भारी वाहनों का जमावड़ा इतना अधिक होने लगा है कि अन्य वाहन चालक जाम के चलते परेशान हो जाते हैं। भारी वाहनों के यहां रुकने के पीछे का कारण यह है कि इन जंक्शन पर ही जनसुविधाएं उपलब्ध हैं। इसलिए एक्सप्रेस वे का सफर शुरू या खत्म करते समय भारी वाहन इन जंक्शन पर जरूर रुकते हैं। जंक्शन के आसपास पेट्रोल पंप पर भी भारी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। दोनों एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के नाम पर गश्त वाहन और एंबुलेंस की सुविधा है। 1033 हेल्पलाइन नंबर पर काल करने पर आपातकाल में इनकी सुविधा आधे घंटे में मिलती है क्योंकि इन्हें टोल बैरियर से पहुंचने इतना समय अवश्य लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2cc0d064281679d0a204257995d9bd1d3a3d220f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, नवनीत शर्मा। भारतीय इतिहास के कई पन्ने अंधेरे में रहे या फिर लिखे ही नहीं गए। इस संदर्भ में लोकगीत रोशनी का कार्य करते हैं। इनकी तकनीक, शिल्प या अभिव्यक्ति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संदेश एक ही है। भारतभूमि की जड़ों को सींचते लोकगीतों में राष्ट्रभावना का परिचय कराता नवनीत शर्मा का आलेख...।कविता या अन्य साहित्यिक कृति में कोई भी कालखंड जितना स्पष्ट दिखता है उतना किसी ऐसे आलेख में नहीं, जो इतिहास बताने का दावा करे। इस संदर्भ में लोकगीत रोशनी का कार्य करते हैं। ऐसी रोशनी जो उस कालखंड पर गिराए गए अंधेरे को चीरते हुए सत्य का सूरज दिखाए। परिवेश में किसी गीत का लोकगीत हो जाना उपलब्धि होती है। किसी ने गीत लिखा और वह लोकगीत जैसा प्रसिद्ध हो गया तो समझें कि लोक ने स्वयं को पा लिया। लोक इसलिए सुग्राह्य और सुपाच्य होता है क्योेंकि उसमें सब रस होते हैं और एक रस राष्ट्रवाद का होता है ...जाहिर है जब बात राष्ट्र चेतना से जुड़ेगी तो वह किसी प्रदेश या अंचल तक सीमित नहीं रहेगी। यही कारण है कि स्वाधीनता के प्रति तड़प, गुलामी से बचने की जो छटपटाहट है वह डोगरी से लेकर बंगाली और पहाड़ी हिमाचली से लेकर भोजपुरी या मैथिली में भी एक सी है। तकनीक, शिल्प या अभिव्यक्ति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संदेश एक ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08bfcd7be40db2aec692e1bcaba203f60a940bb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह पूरी प्रक्रिया हर उस मरीज के साथ अपनाई जाती है जो लावारिस स्थिति में घूमते मिलते हैं और पुलिस के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में भेजे जाते हैं। इन मरीजों के घर का पता लगाने के लिए संस्थान की टीम शेरलॉक होम्स बन जाती है। मतलब, क़ड़ी से कड़ी जोड़ी जाती है। मरीज कहां मिला, उसके कपड़े, उसके सामान, उससे सवाल आदि के आधार पर उसके घर तक पहुंचते हैं। पिछले दो सालों में ऐसे ही 30 मरीजों के स्वजनों तक संस्थान पहुंचा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a9044e8c6f782276c9eec0a94f10e6f1559817c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67645.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद [सोनू राणा]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (टीकरी, शाहजहांपर, सिंघु और गाजीपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन 9 महीने बाद भी जारी है।  उधर, दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर दुकानदार दो वर्ष से बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। पहले कोरोना संक्रमण की वजह से दुकानें बंद रहीं और अब सिंघु बार्डर पर कब्जा करके बैठे पंजाब के कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की वजह से। अड़ियल रवैया अपनाकर नौ माह से लोगों के रास्ते में बाधक बनकर बैठे प्रदर्शनकारियों की वजह से दुकानदारों व उनके परिवार के सामने खाने के भी लाले पड़ने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bac9ddfbc4380c7e263d500a5839b972022e0e35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान में होगी महापंचायत। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान में आयोजित किसान महापंचायत में देशभर के हजारों किसान जुटेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की इस महापंचायत पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार के साथ विपक्षी दलों तक  भी नजर रहेगी। ।शामिल होंगे 300 से ज्यादा किसान संगठन। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित इस महापंचायत में देशभर के किसान संगठनों के जुटने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि इस महापंचायत में समूचे देश के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल होंगे। इस महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के संगठन प्रमुख रूप से शामिल होंगे। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के अलावा दक्षिण भारत के कई राज्यों के किसान संगठन भी इसमें आएंगे, लेकिन यह दावा गलत भी हो सकता है।  संयुक्त किसान मोर्चा की मानें तो यूपी में आयोजित इस महापंचायत में पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों के नेता हजारों किसानों के साथ शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d648a47932f0adb95bab9b44d7625b8279627767 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67649.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +निशाने पर पुरानी सत्ता के समर्थक।ये समूह उन सभी बड़े पदों पर नियंत्रण की कोशिश करते हैं, जहां पुरानी सत्ता के समर्थक हो सकते हैं। कई बार इसके लिए आतंकी समूह हिंसा का भी सहारा लेते हैं। माओ ने सबसे पहले गांवों के जमींदारों की ताकत छीनी थी। ये जमींदार दक्षिणपंथी माने जाते थे। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को मार डाला गया था। एक अनुमान के मुताबिक, माओ ने 20 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। + +क्‍यूबा में हुआ था लाखों का विस्‍थापन।सन 1959 में क्यूबा में भी सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद विद्रोहियों ने पिछली सरकार के शुभचिंतक माने जाने वाले मध्यम एवं उच्च वर्ग वालों को दुश्मन की तरह माना था। करीब ढाई लाख लोगों को देश छोड़कर भागना पड़ा था। तालिबान का कहना है कि वह अफगानिस्तान में ऐसा नहीं करेगा। वह देश के पढ़े-लिखे वर्ग के साथ मिलकर काम करेगा। + +कभी-कभी दिखे हैं कुछ अलग उदाहरण।सन 1986 में युगांडा की सत्ता पर कब्जा करने वाले विद्रोहियों ने पिछली सरकार के समर्थकों को माफी दे दी थी। इसी तरह 1991 में इथियोपिया पर कब्जा करने वाले आतंकियों ने अपने आप को जनता का प्रतिनिधि साबित करने के लिए पूरे देश में शांति एवं स्थायित्व के लिए समितियां गठित की थीं। 1994 में रवांडा में सत्ता पाने वाले तुत्सी लड़ाकों के समूह ने भी शांति और सबको साथ लेकर चलने का भरोसा दिलाया था। इन तीनों ने दिखावे के लिए ही सही लेकिन चुनाव कराए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68039fc43d7b78b999320d9ec954db615a92cb87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67651.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीमा पर सीज फायर की सहमति बनने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार की जो गुंजाइश बनी थी, वह अब खत्म होती प्रतीत हो रही है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जो क्षेत्रीय व वैश्विक हालात बने हैं, उसमें पाकिस्तान के भारत विरोधी रवैये के और बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं। अब नए सिरे से पाकिस्तान की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर न सिर्फ कश्मीर को हवा देने की भरपूर कोशिश होगी बल्कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को भड़काने की कोशिशों में भी इजाफा हो सकता है। + +भारत के खिलाफ पाक बना सकता है रणनीति ।पाकिस्तान पहले ही चीन और तालिबान के बीच मध्यस्थता कर चुका है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अभी तक इमरान को टेलीफोन नहीं किया है, लेकिन अमेरिका और पाकिस्तान के बीच अफगानिस्तान को लेकर लगातार बातचीत चल रही है। अफगानिस्तान में मिली कूटनीतिक जीत और वैश्विक अहमियत के माहौल को इस्लामाबाद भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की रणनीति अपना सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6eb04e3689f9b9795b91fee7f40423aa29b768ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67654.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। अधिकतम तीन वर्ष की सेवा की शर्तों पर बीएचयू के अवैतनिक कुलपति बने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (जन्म-5 सितंबर,1888, देहांत-17 अप्रैल, 1975) का मन महामना की बगिया में कुछ ऐसा रमा कि नौ वर्ष कब बीत गए उन्हें पता ही न चला। इस दरम्यान मुश्किल दौर का भी सामना उन्होंने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पदचिन्हों पर चलते हुए किया। + +इन शर्तों के साथ बने थे कुलपति : डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुलपति बनने की पहल तब शुरू होती है जब लगभग 20 वर्ष तक कुलपति रहे महामना मदन मोहन मालवीय अस्वस्थ होने पर बीएचयू की कमान किसी बड़े विद्वान को देना चाहते थे। उन्होंने जब डा. राधाकृष्णन को 1936 में डाक्टरेट की मानद उपाधि दी थी तो उनके ज्ञान व दर्शन कौशल को परख लिया था। महामना मदन मोहन मालवीय अगस्त 1939 में कलकत्ता विश्वविद्यालय पहुंचे थे, जहां डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्रोफेसर थे। जब उनको बीएचयू का कुलपति बनने का प्रस्ताव दिया तो तैयार नहीं हुए। महामना ने अनुनय की तो अधिकतम तीन वर्ष और सप्ताह में सिर्फ तीन दिन सेवा की शर्तों पर हामी भरी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..716da36a93cf9522ceab73c3591b9ee9c69fb693 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण काल में युवाओें को घर बैठे पंजीयन, साक्षात्कार और नौकरी देने वाले सेवायोजन विभाग अब आपको घर बैठे, बिजली, टीवी, फ्रिज व ब्यूटीशियन व मोटर मैकेनिक भी उपलब्ध कराएगा। बस आपको सेवामित्र एप पोर्टल या टोलफ्री नंबर पर काल करना होगा। कोरोना काल में पहली बार घर युवाओं को घर बैठे आनलाइन आवेदन के साथ ही फोन पर साक्षात्कार देने का अवसर दिया गया। वहीं अब प्रदेश के युवाओं के साथ ही अब कोरोना संक्रमण काल में रोजमर्रा का काम करने वाले कुशल कारीगरों को भी काम देने की पहल शुरू हुई है। संक्रमण काल में बाहर से आए ऐसे कुशल श्रमिकों को सेवामित्र एप sewamitra.up.nic.in के माध्यम से रोजगार से जोड़ा गया। इससे पहले पिछले महीने रोजगार मेला लगाकर युवाओं को नौकरी दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d816579679b953deec7f9ba31b0246437f657b75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67658.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। कोरोना के कारण लोग अब घर बैठे कमाई का मौका ढूंढने लगे हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि घर बैठे अच्छी कमाई हो, तो फिर बहुत सारे ऐसे फ्रीलांस प्लेटफार्म है, जो आपको रिमोट तरीके से कार्य करने का अवसर देते हैं। इन प्लेटफार्म पर प्रोजेक्ट के आधार पर पेमेंट किया जाता है। अगर आप स्किल्ड हैं, तो यहां पर और बेहतर मौके मिल सकते हैं...।क्विगिग: फ्रीलांस कार्य की तलाश करने वालों के लिए क्विगिग (quigig.com) एक अच्छा प्लेटफार्म हो सकता है। आपको बता दें कि इस प्लेटफार्म से आप आनलाइन और आफलाइन दोनों ही तरह के प्रोजेक्ट को हासिल कर सकते हैं। हालांकि यहां से प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए आपको पहले क्विच्वाइस के लिए रजिस्टर करना होगा और फिर अपना प्रोफाइल तैयार करना होगा। एकाउंट सेटअप करने के बाद प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए अप्लाई करना होगा। अगर प्रोजेक्ट आपके प्रोफाइल से मैच करता है, तो फिर कार्य हासिल करने में परेशानी नहीं आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdff991e0521d240ae59c8b0fd2922ce96f35f88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67660.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिव्यांगजनों का उपहास उड़ाने और उनके खिलाफ असभ्य भाषा का इस्तेमाल आम है। घर हो या बाहर उनको सहानुभूति मिलती है, पर सहयोग नहीं। समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो उन्हें आश्रित इंसान के रूप में ही देखते हैं। जबकि दिव्यांगजन भी हमारे समाज का ही हिस्सा हैं। समझना मुश्किल नहीं कि भारत में जब आम खिलाड़ियों के लिए संघर्षपूर्ण स्थितियां हैं तो शारीरिक अशक्तता से जूझ रहे इन चेहरों के सामने कितनी मुश्किलें आती होंगी। ऐसे में मेडल जीतने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को राज्य सरकारों द्वारा इनाम देना सराहनीय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a8185a80c5a7bc025ff07b305f4112f35e80606 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67662.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [विष्णु शर्मा]। दिल्ली यूनीवर्सिटी को साल भर भी नहीं हुआ था कि व्यय में कटौती के लिए बनी ‘इंचकेप रिट्रेचमेंट कमेटी’ ने यूनीवर्सिटी को चलाए रखने के लिए सरकार को दोबारा सोचने की सिफारिश की।  जुड़े अधिकारियों पर तो मानो गाज ही गिर पड़ी, कुलपति डा. हरि सिंह गौर ने रास्ता निकाला, इस सिफारिश के खिलाफ मेमोरेंडम तो जारी किया ही, सेंट्रल असेंबली के सदस्य होने के नाते 19 मार्च 1923 को असेंबली में फिर बहस करवाई और दिल्ली यूनीवर्सिटी को जारी रखने का प्रस्ताव निर्विरोध पास करवा दिया। + +बात 1857 की है। क्रांति के बाद अंग्रेज दिल्ली से नाराज थे, 1858 के एक्ट से तीन यूनीवर्सिटी खुलीं, कलकत्ता (कोलकाता), मद्रास और बम्बई (मुंबई) में लेकिन दिल्ली में नहीं। दिल्ली के छात्र अलीगढ़ या लाहौर जाते थे। इलाहाबाद (प्रयागराज) से लाहौर तक कोई सरकारी यूनीवर्सिटी नहीं थी। 1881 में सेंट स्टीफेंस कालेज और 1899 में हिंदू कालेज शुरू हुआ, दोनों पंजाब यूनीवर्सिटी से संबद्ध थे। दोनों ही चांदनी चौक में थे, फिर दोनों ही कश्मीरी गेट इलाके में चले गए। बाद में वर्तमान जगहों पर आए। सेंट स्टीफेंस के पास कैंब्रिज मिशन का फंड था, लेकिन हिंदू कालेज के लिए सनातनी धर्म सभा इतना फंड नहीं दे पाती थी। इधर राजधानी दिल्ली आने के बाद अंग्रेजी शिक्षा विभाग ने सैद्धांतिक तौर पर तय कर लिया था कि एक ऐसी जगह आरक्षित होगी, जहां सारे बड़े शैक्षिक संस्थान आसपास हों। एक सरकारी कालेज हो, जो बाद में यूनीवर्सिटी बने। लाला केदारनाथ ने अनुमति के बाद 85000 रुपये इकट्ठा किए, इस तरह रामजस कालेज 1917 में अस्तित्व में आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56dd2ab5e66aeee98eb538f768937f248d248d21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67665.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भूमकाल आंदोलन की बुनियाद वर्ष 1891 में पड़ी जब अंग्रेजों ने बस्तर के तत्कालीन राजा रूद्र प्रताप देव के चाचा कालेंद्र सिंह को दीवान पद से हटा दिया। रूद्र प्रताप देव अंग्रेजों के प्रति समíपत राजा थे, लेकिन दीवान के रूप में प्रशासन का जिम्मा उनके चाचा कालेंद्र सिंह के पास था और वे इसे बेहतर ढंग से निभाते भी थे। आदिवासी समाज में उनकी अच्छी लोकप्रियता थी। ऐसे में कालेंद्र सिंह को दीवान पद से हटाकर पंडा बैजनाथ को बस्तर का प्रशासन सौंपा जाना आदिवासियों को पसंद नहीं आया। अति तब हो गई जब बैजनाथ के काल में अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार शुरू कर दिए गए। जंगल बचाने के नाम पर आदिवासियों को उनके ही जंगलों से दूर किया जाने लगा। साथ ही उनके मतांतरण का प्रयास भी किया जाने लगा। ऐसी स्थिति में, कालेंद्र सिंह ने सूत्रधार की भूमिका निभाते हुए आदिवासियों को संगठित किया और गुंडाधुर के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरुद्ध सशस्त्र भूमकाल आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई। + +जगदलपुर के लिए चली अंग्रेज सेना को रास्ते में कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा, तब जाकर वो जगदलपुर पहुंच पाई। इस बीच अंग्रेजों को आभास हो गया था कि गुंडाधुर के कुशल नेतृत्व में लड़ रहे आंदोलनकारियों से सीधे लड़कर पार पाना आसान नहीं है, इसलिए उन्होंने छल की रणनीति अपनाते हुए आदिवासियों से बातचीत का नाटक किया। अंग्रेज सेना के कप्तान ने हाथ में मिट्टी लेकर कसम खाई कि आदिवासी लड़ाई जीत गए हैं और शासन का कामकाज उनके अनुसार ही चलेगा। भोले-भाले आदिवासी कुटिल अंग्रेजों की चाल नहीं समझ पाए और मिट्टी की कसम के झांसे में आ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..871f50fa0e7707d9c90e710cded0c6ac6ba06916 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनंत विजय। आज संपूर्ण राष्ट्र अपनी स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है। हम अपने उन पुरखों को याद कर रहे हैं जिन्होंने देश की स्वाधीनता के लिए बलिदान किया। हम अपने उन क्रांतिवीरों का भी स्मरण कर रहे हैं जिन्होंने अपने देश को गुलामी बेड़ियों से मुक्त करवाने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी। आज स्वाधीन राष्ट्र के सामने अवसर है कि वो अपने उन वीर सपूतों को ना केवल याद करें बल्कि आनेवाली पीढ़ियों के सामने भी उनकी वीरता की कहानी को बताएं। ये सभी भारतीयों का सामूहिक दायित्व है। इन बलिदानियों का स्मरण करने में किसी तरह की दलगत राजनीति या विचाराधारा आड़े नहीं आनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db31d8a7e477cc160b8474dc2fd24fc3cebf2058 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। केवल दिल्ली के नाम पर ही विविध मत नहीं रहे हैं बल्कि यहां पर बने छोटे बड़े गांवों के नामों पर भी आक्रांताओं ने समय-समय पर अपने निशान छोड़े और लकीर की फकीर बनी दिल्ली उन नामों के बोझ को सालों बाद तक ढोती रही। इतिहास के पन्नों में जिन नामों को पढ़ते हुए मन घृणा, क्रोध से भर जाता है, उन्हीं नामों की सड़कों पर चलने को मजबूर होते हैं, उन्हीं नामों के इलाकों में रहते हैं और अपनी पहचान के तौर पर उन्हें ही अनचाहे भी लेकर चलते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b1458b3f138ba0045aadbe90896e4bbf959c685 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों के लिए ‘अनंत विद्या’ अभियान: तेजपुर (असम) के यूसीआइ फाउंडेशन के संस्थापक रोहन पांडेय ने बताया कि मैं पेशे से एक होटेलियर हूं। लेकिन एक दिन जब सड़क पर रहने वाले बच्चों की जिंदगी को देखा, तो लगा कि उनके लिए कुछ करना चाहिए। इसके बाद हमने अपने यूसीआइ फाउंडेशन के बैनर तले ‘अनंत विद्या’ नाम से एक अभियान शुरू किया, जिसके अंतर्गत हम फिलहाल 80 बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों के 30 से 35 लोग स्टूडेंट्स वालंटियर के तौर पर पढ़ाने में सहयोग देते हैं। इनमें से कुछ वालंटियर्स ने खुद अपने पुराने स्मार्टफोन बच्चों को दिए हैं, ताकि पढ़ाने में सहूलियत हो। अभियान के लिए फंड्स की व्यवस्था क्राउड फंडिंग से की गई है। इसके अलावा, दोस्तों व समाज से भी सहयोग मिला है। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जो बच्चे पहले नशा करते थे या भिक्षावृत्ति में संलग्न थे, वे अब पढ़ाई कर रहे हैं। हमारी कोशिश रहती है कि इनका दाखिला स्कूल में कराएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..897172a3ea1073cf0285e628bf5ceb31524211d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म के माध्यम से देख सकेंगे दिल्ली विधानसभा के 109 साल का इतिहास। दिल्ली विधानसभा से जुड़ा 109 साल का इतिहास अब एक फिल्म के माध्यम से देख सकेंगे। इस फिल्म को नेहरू तारामंडल की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इसके तहत एक थियेटर तैयार किया जाएगा। इसमें फिल्म चलेगी। एक घंटे की फिल्म में 1912 में देश की राजधानी को कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली लाए जाने से लेकर अब तक का इतिहास दिखाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक फिल्म में मुख्य फोकस स्वतंत्रता आंदोलन में किसी न किसी रूप में अपना योगदान देने वाले बलिदानियों पर ही केंद्रित रहेगा। दिल्ली विधानसभा के दोनों एमएलए लांज में उन भारतीय नेताओं की फोटो भी लगेगी, जो ब्रिटिश हुकूमत के समय नेशनल पार्लियामेंट के सदस्य थे। ये वे लोग थे, जो विधानसभा के माध्यम से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे। इन लोगों में मोती लाल नेहरू, पंडित मदन मोहन मालवीय, बिट्ठल भाई पटेल व तेज बहादुर सप्रू जैसे नाम शामिल हैं। दिल्ली विधानसभा ने लोकसभा से भारतीय नेताओं की सूची मांगी थी। इसमें से अभी तक 23 नेताओं की सूची मिली है । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67676.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67676.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9efc183d59423310eb8006edc331b5eec2ee894f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67676.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2. वृक्षासन।इसके नाम से ही पता चल रहा है कि वृक्ष जैसा आसन। इसमें शरीर वृक्ष की स्थिति में आ जाता है। आप खुद को विशाल महसूस करते हैं। आपके अंदर ये आसन संतुलन लाता है। आपकी सहनशक्ति बढ़ाता है। दिल के रोगियों के लिए यह आसन महत्‍वपूर्ण है। इस आसन को करने से टखने, जांघे और पसलियां मजबूत होती हैं। छाती खुलती है। चिकित्‍सक भी इस आसन को करने की सलाह देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a18f51c7125f9e56eb6a5d7881b7ba5e3caaf90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67677.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंजाब में थम नहीं रही कलह ।पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आगे का सियासी भविष्य तैयार करने की योजना के तहत हाईकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को भारी मशक्कत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तो बना दिया लेकिन सिद्धू अपनी निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को जिस रफ्तार से बाउंड्री के पार पहुंचाने के अंदाज में दिख रहे हैं वह अब नेतृत्व के लिए ही चुनौती बन गया है। सिद्धू के रुख ने पंजाब में संगठन पर पकड़ बनाने की नेतृत्व की कसरत को डांवाडोल कर दिया है क्योंकि वे तो हाईकमान के अंकुश को मानने के लिए तैयार नहीं दिख रहे। + +केरल में बदलाव के प्रयोग से फूटा विद्रोह।कांग्रेस के दूसरे मजबूत गढ़ केरल में भी पार्टी नेतृत्व ने बड़ी तेजी से तीन महीने पहले के सुधाकरण को प्रदेश अध्यक्ष तो वीडी सतीशन को विपक्ष का नया नेता नियुक्त कर ओमेन चांडी और रमेश चेन्निथला जैसे दिग्गजों को झटका दिया। प्रदेश नेतृत्व के लिए हाईकमान की पसंद के इस बदलाव की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि पिछले हफ्ते हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भी यही फार्मूला अपनाया गया। इसको लेकर केरल कांग्रेस में घमासान का आलम यह है कि सूबे के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है तो कई चेतावनी दे रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस का यह बदलाव चाहे हाईकमान के हाथ को मजबूत बनाए मगर केरल की सियासी जमीन पर पार्टी के आधार को अभी नुकसान पहुंचाती दिख रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ceeece5d44a78e9191f2e0a588ef30a8e7f6289 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वन की आग की चिंता से आया विचार। विश्वविद्यालय के बेसिक साइंस विभाग की अध्यक्ष डा. निवेदिता शर्मा इस परियोजना की मुख्य अन्वेषक हैं। अनुसंधान कार्य में रिसर्च एसोसिएट डा. निशा शर्मा ने भी साथ दिया। डा. निवेदिता ने बताया कि वह दो साल से इस पर शोध कर रही हैं। वनों की आग की घटनाओं से चिंतित होकर उन्हेंं शोध की प्रेरणा मिली, क्योंकि वनों की आग का एक बड़ा कारण नीचे गिरी चीड़ की पत्तियां भी हैं। उनका कहना है कि वह पेट्रोलियम पदार्थों के दोहन विषय पर भी कई कार्यशालाओं में भाग ले चुकी हैं, वहां से भी काफी प्रेरणा मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e9eebb1b04686f967fa77ac2f4aeb72b50393f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67683.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह भी पढ़ें-Cash Card Meter: लुधियाना के वेस्ट एरिया की स्मार्ट कालोनियों में Powercom लगाएगी कैश कार्ड मीटर।पंजाब की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होगा।उन्होंने बताया कि बैठकों में अलग-अलग विचारधारा वाले किसान मिले। अगर आंदोलन ऐसे ही चलता रहा को पंजाब की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होगा। दूसरे राज्यों से आकर कोई भी पंजाब में इंडस्ट्री नहीं लगाएगा। एक इंडस्ट्री आने से कई रोजगार के अवसर खुलते हैं। किसानों से बात जारी रखेंगे। उम्मीद है परिणाम भी निकलेंगे। किसान नेता हरजिंदर सिंह ने कहा कि हम अपनी मांग पर कायम हैं। धरना जारी रहेगा। + +यह भी पढ़ें-Power Crisis In Punjab: पंजाब में फिर छाएगा बिजली संकट, थर्मल प्लांटों में चार दिन नहीं हाेगी कोयले की सप्लाई।शेलर मालिक बोले, बढ़ेगा आर्थिक संकट।करीब 150 से ज्यादा शेलर मालिक इस प्लांट से जुड़े हैं, जो किसानों से सीधे धान खरीद कर प्लांट को देते हैं। उन्हें धान सीजन की चिंता सता रही है। शेलर मालिकों का कहना है कि अगर कोई नतीजा नहीं निकला और साइलो प्लांट शुरू न हुआ तो बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। इसका प्रभाव सभी पर पड़ेगा। ।पहले शेलर मालिक सैकड़ों गांव में जाकर धान की खरीद करते थे और प्राइवेट मार्केट के अलावा साइलो प्रोजेक्ट को तीन से चार टन बासमती चावल तैयार कर देते थे। फिरोजपुर, फरीदकोट, जलालाबाद, फाजिल्का, गुरुहरसहाय, कपूरथला, तरनतारन और अमृतसर के कई गांवों से धान खरीदा जाता था। इस बार कम ही धान खरीदेंगे, किसानों को बाकी धान मंडियों में ही बेचना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff8d232b5f04d331138517fdf12a29d95b48e402 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देहरादून, स्टेट ब्यूरो। विषम भूगोल वाले उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं चिंता का सबब बनी हुई हैं। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। इसी साल जून तक प्रदेश में 773 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 350 दुर्घटनाएं तो अकेले पर्वतीय क्षेत्र की हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा के तमाम दावों के बावजूद हादसों की रोकथाम को सिस्टम कितना सक्रिय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89d00b77313b888ddaae3c634318c48c12d93f4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इस बार अगस्त में दिल्ली की हवा ही खराब नहीं रही बल्कि मौसम ने भी कई उतार चढ़ाव देखे। सावन का महीना सूखा- सूखा सा गया तो तापमान में इजाफा देखने को मिला। बारिश सामान्य स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई। मौसम विज्ञानी इसके लिए सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन को ही बड़ा कारण मान रहे हैं। जून से सितंबर तक मानसून के चार महीनों में जुलाई और अगस्त सर्वाधिक बारिश वाले माह होते हैं। लेकिन इस बार यह मिथक टूट गया। अगस्त में सामान्य बारिश भी नहीं हुई। होनी चाहिए थी 247.7 मिमी जबकि हुई 214.5 मिमी यानी 13 फीसद कम। बादल भी पूरे महीने में महज 10 दिन ही बरसे। माह का पहला पखवाड़ा तो बिल्कुल सूखा सा गया। मानसून दो बार ब्रेक पर रहा। ।एक बार 10 दिनों के लिए, जबकि दूसरी बार चार से पांच दिनों के लिए। 21 अगस्त को बारिश ने 14 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। 138.8 मिमी बारिश अगस्त में 24 घंटे की सर्वाधिक और 1961 के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। बारिश का माह होने के कारण अगस्त में तापमान ज्यादा नहीं जाता, गर्मी के तेवर भी थोड़ा नरम ही रहते हैं, लेकिन इस बार ऐसा भी नहीं हुआ। माह का औसत अधिकतम तापमान है 34.1 डिग्री सेल्सियस जबकि इस बार 0.5 डिग्री ज्यादा 34.6 डिग्री सेल्सियस रहा। 18 और 19 अगस्त को तो यह पिछले एक दशक का रिकार्ड तोड़ते हुए 38.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसी तरह माह का औसत न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस है, जबकि इस साल 0.4 डिग्री ज्यादा 26.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। 21 अगस्त को माह का सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी आर के जैनामणि बताते हैं कि इस साल बंगाल की खाड़ी से उठने वाली पूर्वी हवाओं और नमी से बनने वाला सिस्टम कमजोर रहा। पिछले साल ऐसे पांच सिस्टम बने थे, जबकि इस बार केवल दो ही बने। इसलिए इस बार अगस्त में मानसून हल्का रहा और बारिश भी कम दर्ज की गई। वहीं स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि पूरे देश में मौसम और मानसून का ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। स्थिति यह हो गई है कि मौसम चक्र भी बदलने लगा है और उसका स्वरूप भी। पिछले कुछ वर्षों में बारिश के दिन भले कम हो गए हों लेकिन कम समय में भी वर्षा अधिक हो रही है। पहले 100 मिमी बारिश तीन से चार दिनों में होती थी। अब हमें केवल पांच-छह घंटों में इतनी वर्षा मिल रही है। ।1 अगस्त में अधिकतम तापमान ।- दो और तीन तारीख को सामान्य से कम रहा ।- सात, 12, 13, 14, 15, 20, 24, 26, 27 और 28 को सामान्य से अधिक रहा ।- 16, 17, 18 और 19 को सामान्य से कहीं अधिक दर्ज किया गया ।- शेष दिन सामान्य स्तर के आसपास रहा ।आल टाइम रिकार्ड ।42 डिग्री सेल्सियस (12 अगस्त 1987)।----।- अगस्त में न्यूनतम तापमान ।- एक, नौ, 10, 21 और 22 तारीख को सामान्य से कम रहा ।- शेष दिन सामान्य स्तर के आसपास रहा ।आल टाइम रिकार्ड : 21.2 डिग्री सेल्सियस (23 अगस्त 1965)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45389c1fd96cccd7668c059bb228aca6d9901c97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। आंदोलन के नाम पर कुछ लोगों की अराजकता का दुष्परिणाम है कि लुधियाना के लाजिस्टिक पार्क के बाद अब फिरोजपुर का साइलो भी बंद हो गया है। यह अजीब मनमानी है कि कुछ किसान ऐसे संस्थानों के बाहर कई माह से डटे हुए हैं और कामकाज नहीं होने दे रहे। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि ऐसा करके कुछ किसान केवल उस संस्थान व पंजाब की आर्थिकी को ही नुकसान नहीं पहुंचा रहे, बल्कि इसका खामियाजा राज्य के ही कई किसानों व उद्यमियों को भी भुगतना पड़ रहा है। जिस तरह लुधियाना का लाजिस्टिक पार्क बंद होने से वहां कार्यरत कई युवा बेरोजगार हो गए थे उसी तरह फिरोजपुर का साइलो बंद होने से भी अनेक श्रमिकों का कामकाज छिन गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..612bf420991f47c359cb9f872f8390eab2226411 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67690.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली / जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों राजस्थान की राजधानी जयपुर के समीप गलता की पहाडि़यों में बने विपश्यना केंद्र में साधना कर रहे हैं। केजरीवाल की ध्यान साधना का गुरुवार को चौथा दिन था। वह सात सितंबर तक यहीं रहेंगे। साधना के दौरान वह किसी से नहीं मिल रहे हैं। मोबाइल, अखबार, टेलीविजन और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहकर वह केवल साधना में लीन हैं। + +क्या है दिनचर्या ।केंद्र के नियमों के तहत प्रत्येक साधक को सुबह चार से छह बजे तक साधना कक्ष में पहुंचना होता है। वहां साधना के बाद करीब एक घंटे में स्नान और नाश्ता करना होता है। नाश्ते में मोठ, उबली हुई सब्जियां, चने, नींबू का रस व ग्रीन टी उपलब्ध कराई जाती है। इसके बाद सुबह सात से साढ़े सात बजे साधना कक्ष में पहुंचकर साधक को फिर ध्यान करना होता है। दोपहर भोजन का समय 12:30 से दो बजे के बीच करना होता है। भोजन पूरी तरह साधारण होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a5f14b8716c4ab1a6075209b81021bb89bdc443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोचने की बात यह है कि अगर सरकार किसी क्षेत्र से पैसा नहीं कमा पा रही है तो निजी क्षेत्र उससे पैसा कैसे कमा लेगा? जाहिर है इसमें कुछ न कुछ गलत या अनैतिक तरीका अवश्य अपनाया जाएगा यानी सरकार आने वाले दिनों में निजी क्षेत्र की इन गतिविधियों से आंख मूंदेगी। अगर सरकार निजी क्षेत्रों की इन मनमानियों पर लगाम लगाने की कोशिश करेगी तो पलटकर कहा जाएगा, फिर आप स्वयं ही इसे चलाइए। ऐसे में सरकार के पास निजी निवेशकों पर लगाम कसने का नैतिक बल नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c481cc0c815286ce296945831a80eddab0f88678 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। एमबी रोड पर वाहन चालकों को जाम से बचाने के लिए जिस पुलप्रहलादपुर अंडरपास को बनाया गया था, आज वही अंडरपास एनसीआर के यात्रियों के लिए मुसीबत बना हुआ है। जरा सी बारिश में ही इस अंडरपास में तीन फीट तक पानी भर जाता है। हर बारिश के बाद यह अंडरपास चार-पांच दिन के लिए बंद हो जाता है। मंगलवार को हुई बारिश के बाद से ही यह अंडरपास एक बार फिर बंद कर दिया गया है। इससे लाखों लोग परेशान हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68bea89410901cac6a860a4155546000cbe24fdc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67693.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्षेत्र बजाजा कमेटी की स्थापना 136 वर्ष पूर्व चार सितंबर, 1885 (भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी) को हुई थी। उस समय इसका दायरा बहुत सीमित था, लेकिन उद्देश्य बहुत बड़ा था। शहर के थोक व फुटकर कपड़ा व्यापारियों व उनसे जुड़े लोगों ने यह संगठन बनाया था। कमेटी के अध्यक्ष अशोक गोयल ने बताया कि कमेटी की स्थापना से जुड़ा एक प्रकरण है। कमेटी की स्थापना से पूर्व कफन आदि सामग्री की दुकान जामा मस्जिद के नीचे थी। एक कपड़ा व्यवसायी स्वजन की मृत्यु होने पर कफन खरीदने गए। उन्होंने दुकानदार से सही मूल्य लगाने को कहा। दुकानदार ने बेशर्मी से कहा कि अगली बार आओगे तो सही मूल्य लगा लूंगा। यह शब्द उन्हें चुभ गए। उन्होंने संकल्प लिया कि संपूर्ण नगर में कोई भी उसकी दुकान पर कफन खरीदने नहीं आएगा। दुकानदार सामान्य दर से 10 गुना अधिक वसूल रहा है। आहत कपड़ा व्यवसायी ने क्षेत्र बजाजा कमेटी की स्थापना की। खालसा गली, रावतपाड़ा में क्षेत्र बजाजा भवन बनवाया। नगर में डुगडुगी पिटवाई कि दाह संस्कार सामग्री क्षेत्र बजाजा कमेटी के भवन पर लागत मूल्य पर उपलब्ध है। + +यह काम कर रही है समिति।श्मशान घाट पर दाह संस्कार सामग्री: ताजगंज का श्मशान घाट सैकड़ों वर्ष पुराना है, परंतु यह सुव्यवस्थित नहीं था। कमेटी द्वारा यहां दाह संस्कार की सभी सामग्री लकड़ी, लौद, राल, चीनी आदि लागत मूल्य पर उपलब्ध कराई जाती है। यहां लकड़ी बाजार से 40 फीसद तक सस्ती मिलती है। ताजगंज मोक्षधाम पर कार्य करने वाले भाइयों को हरिश्चंद्र कहा जाता है। आज के दौर में जो लकड़ी व्यवस्थित कर चिता नहीं बना पाते, वह कमेटी द्वारा निर्धारित राशि देकर इनसे चिता बनवाते हैं। कमेटी के प्रयासों के चलते ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रशासन द्वारा मोक्षधाम का सुंदरीकरण समय-समय पर किया जाता रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..212dccec66396c53e4daede31ec6a08639c1c075 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +थर्मल (ताप विद्युत) पावर प्लांट की उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट है, लेकिन इन दिनों उत्पादन दो हजार मेगावाट के आसपास हो पा रहा है। हाइड्रो पावर प्लांट से 2435 मेगावाट क्षमता के सापेक्ष करीब 300 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। रीवा अल्ट्रा सोलर प्लांट से 260 मेगावाट के आसपास बिजली मिल रही है। प्रदेश में बिजली के मामले में एक बड़ा बोझ पावर पर्चेज एग्रीमेंट (पीपीए) है। इस एग्रीमेंट के तहत सरकार ने निजी क्षेत्र की बिजली कंपनियों से अनुबंध कर रखा है कि उनसे निश्चित मेगावाट तक बिजली खरीदी जाएगी। निश्चित मात्र में बिजली नहीं खरीदने पर भी एक निश्चित राशि बिजली कंपनियों को दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b05b6ef6682c471e9f6de3217f737a432960fbf5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67696.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस दौरान राहुल ने खुद नहीं के बराबर बोलकर प्रदेश नेतृत्व के इन छहों नेताओं काे सुनने और उनका आकलन करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने इनसे पूछा कि नगर निगम चुनाव को लेकर आपका रोडमैप क्या है और विधानसभा चुनाव में चार फीसद मतों पर सिमटी कांग्रेस को आगे किस तरह बढ़ाया जाएगा। लेकिन शीर्ष नेतृत्व के सवालों का सटीक जवाब देने के बजाए प्रदेश नेतृत्व ने अपना ही राग अलापना शुरू कर दिया। + +अनिल चौधरी का कहना था कि उन्हें दिल्ली में केवल तीन वरिष्ठ नेताओं का ही सहयोग मिल रहा है। ये तीन नेता पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, डा नरेंद्र नाथ और पूर्व विधायक हरिशंकर गुप्ता बताए जा रहे हैं। चौधरी की इस शिकायत के बाद उन नेताओं के माथे पर भी बल पड़ गए हैं जो अक्सर प्रदेश कार्यालय आ रहे हैं और सक्रिय भी हैं। प्रदेश नेतृत्व ने यह कहने से भी गुरेज नहीं किया कि दिल्ली में भाजपा के पास जहां मजबूत संगठन है वहीं आम आदमी पार्टी के पास चेहरा है। जबकि कांग्रेस के पास कुछ भी नहीं है। + +प्रदेश उपाध्यक्ष जयकिशन का कहना था कि दिल्ली से एआइसीसी महासचिव और सचिव बनाए गए नेता प्रदेश कांग्रेस के लिए कुछ भी काम नहीं कर रहे। उन्हें भी घर से निकालना बहुत जरूरी है। जयकिशन की यह शिकायत भी अब गले की फांस बन रही है। कारण, महासचिव जहां केवल एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन हैं वहीं सचिव भी मनीष चतरथ, देवेंद्र यादव, तरुण कुमार, सीपी मित्तल और रोहित चौधरी इत्यादि गिनती के ही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..256d05978e653f0a48788a70b92fe56e00f594e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67698.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रो. लल्लन प्रसाद। हमारे देश में आधारभूत संरचनाओं में निवेश करते हुए उन्हें विकसित किए जाने और उनकी क्षमता व उत्पादकता बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। लेकिन संबंधित पेशेवरों की व्यापक कमी के साथ धनाभाव सरकारों के लिए इस दिशा में सक्षम कदम उठाने के लिए बड़ी बाधा के रूप में सामने आई है। लिहाजा केंद्र सरकार ने इसके लिए एक प्रारूप तैयार किया है जिसके तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिये देशभर में मौजूद तमाम आधारभूत संरचनाओं को विकसित करते हुए उनकी उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। हाल ही में इसकी घोषणा करते हुए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय मौद्रीकरण योजना का नाम दिया है। + +इस राष्ट्रीय योजना में भागीदारी के लिए कंपनियों को अग्रिम भुगतान करना पड़ेगा। योजना के अंतर्गत चुनी हुई सड़कें, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, शिपयार्ड, स्पोर्ट्स स्टेडियम, वेयरहाउस, खदानें, पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन, पावर ट्रांसमिशन लाइंस और गैस पाइपलाइन जैसे प्रोजेक्ट्स होंगे जिनका निर्माण कार्य अधिकांशतया हो चुका है, और जिन्हें ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट कहा जाता है। अब उन्हें चलाने का जिम्मा साङो में निजी कंपनियों को दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fd9458b749077b4cd70504dd80e8fbcc5fe4424 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67699.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आवागमन करने वाले भारी वाहनों के दबाव से दिल्ली को मुक्त करने के उद्देश्य से बने ईस्टर्न (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और वेस्टर्न (कुंडली-मानेसर-पलवल) पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से एनसीआर के प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी सुगम नहीं हो पाई है। इन एक्सप्रेस-वे को शुरू हुए तीन साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रमुख शहरों से इसकी कनेक्टिविटी बेहतर बनाने की दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई है। दोनों एक्सप्रेस-वे तक पहुंचने से पहले ही वाहन चालक पुरानी बदहाल सड़कों के सफर में थक जाते हैं। + +ये दोनों एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद जिलों को कुछ दूरी तय करने पर सीधे तौर पर छूते हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर पलवल से मानेसर तक 53 किलोमीटर मार्ग का लोकार्पण अप्रैल 2016 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। 27 मई 2018 को केजीपी का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बागपत रैली में किया और केएमपी के बकाया 83 किलोमीटर मार्ग का लोकार्पण प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 2018 को सोहना रैली से किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6770.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6770.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddecd576b35a4b8153ee6c32b10174a52883ed4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6770.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl यशराज फिल्म के सर्वेसर्वा आदित्य चोपड़ा की पत्नी रानी मुखर्जी ने इस वर्ष 31 मार्च को मुंबई के खार वेस्ट में एक नया अपार्टमेंट खरीदने का मन बनाया थाl अब इस संपत्ति की रजिस्ट्री 15 जुलाई को की गई हैl यह अपार्टमेंट 22 वें फ्लोर पर हैl यह 1485 स्क्वायर फीट कारपेट एरिया का हैl इसमें दो पार्किंग भी शामिल हैl कहा जा रहा है कि रानी मुखर्जी ने अपार्टमेंट 7.12 करोड़ रुपए में खरीदा हैl इस बिल्डिंग से समुद्र का विहंगम दृश्य भी देखा जा सकता हैl।इसी कांप्लेक्स में टाइगर श्रॉफ की गर्लफ्रेंड दिशा पाटनी ने भी 5.95 करोड़ रुपए का घर खरीदा हैl उन्होंने घर की रजिस्ट्री करा ली हैl उनका घर 16 फ्लोर पर हैl दोनों जल्द पड़ोसी बन जाएंगेl इतना ही नहीं, क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और कृणाल पांड्या ने भी इस बिल्डिंग में अपार्टमेंट खरीदा हैl।रानी मुखर्जी जल्द मिसेस चैटर्जी वर्सेस नॉर्वे में नजर आएंगीl इस फिल्म के बारे में कहा गया था कि रानी मुखर्जी ने इस भूमिका के लिए कड़ी परिश्रम की हैl फिल्म की शूटिंग के लिए वह महीने भर देश के बाहर रहेंगीl वह इस फिल्म की शूटिंग के लिए को लेकर उत्सुक हैंl रानी मुखर्जी ने आदित्य चोपड़ा से शादी कर ली हैंl दोनों को एक बेटी भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0021ddaa07a33cee6af55ab50c6a1443e06abf9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीवीसी बकाये के भुगतान का मसला इस सरकार के गठन के समय से ही केंद्र और राज्य के बीच बड़ा मुद्दा बना हुआ है। शुरुआत में कई आग्रह के बाद डीवीसी ने चेताया था कि अगर उसका बकाया भुगतान नहीं किया जाता है तो वह बिजली आपूर्ति ठप कर देगी। उन्होंने एक-दो बार ऐसा किया भी। राज्य के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में डीवीसी से बिजली की आपूर्ति होती है। हर बार राज्य सरकार के आश्वासन के बाद बिजली बहाल हो गई, लेकिन बकाया भुगतान का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। ऐसी स्थिति में करीब 10 महीने पहले केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के भारतीय रिजर्व बैंक खाते से पहली किस्त के रूप में 1417 करोड़ रुपये काट लिए थे। इसके बाद काफी हो-हल्ला मचा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6680f4b4aa4ff93d6f34c31ed592bea9aa825375 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। समाज में तेजी से बदलाव आ रहा है। लोग जरा-जरा सी बात पर दुश्‍मनी मान बैठते हैं और ऐसे में बदला लेने या सबक सिखाने के इरादे से कानूनी कार्रवाई करने से नहीं चूकते। अक्‍सर देखने में आ रहा है कि लोग आपसी मतभेद में एक दूसरे के खिलाफ झूठी एफआईआर लिखवा देते हैं। ऐसे मामलों में जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, वे पुलिस और कोर्ट के कानूनी झंझटों में फंस जाते हैं और उनका धन, समय और जीवन बर्बादी की कगार पर चल पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसी झूठी शिकायतों के खिलाफ आप कार्रवाई कर खुद को खुद बचा सकते हैं। भारतीय संविधान में भारतीय दंड संहिता की धारा 482, ऐसा ही एक कानून है, जिसके उपयोग से आप ऐसे झंझटों से बच सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5d04cd592fe3a0523d5bf63ac101b4c91b04377 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67706.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले हाईस्कूल पास के लिए मेगा रोजगार मेला नौ व 10 सितंबर को लखनऊ के अलीगंज स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान परिसर में लगेगा। 18 से 28 वर्ष आयु वाले आइटीआइ में 60 फीसद अंक प्राप्त युवा मेले में हिस्सा ले सकते हैं। पहले दिन फिटर, मैकेनिक व्हीकल, डीजल मैकेनिक, वेल्डर, पेंटर जनरल और आटो बाडी की परीक्षा होगी। 10 सितंबर को इलेक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रानिक्स, मशीनिस्ट , ग्राइंडर व टर्नर की परीक्षा व साक्षात्कार होगा। प्लेसमेंट प्रभारी एमए खान ने बताया कि टाटा कंपनी की ओर से लगने वाला मेला आफलाइन होगा। प्रशिक्षण के दौरान कंपनी की ओर से 10,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय के साथ प्लांट तक आवागमन की सुविधा दी जाएगी। + +दो गज दूरी और मास्क होगा जरूरी: कोरोना संक्रमण के चलते नौकरी के लिए आ रहे आवेदकों को मास्क लगाना और दो गज दूरी बनाए रखना जरूरी होगा। अलीगंज के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य आरएन त्रिपाठी ने बताया अधिक से अधिक आइटीआइ पास को नौकरी मिल सके इसके लिए यह मेगा रोजगार मेला लगाया जा रहा है। इंटरव्‍यू के समय अपने सभी योग्यता के मूल दस्तावेजों व उनकी फोटो कापी और आधारकार्ड व फोटो के साथ सुबह 9:30 बजे परिसर में आना होगा। बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ऐेसे लोगों को ही शामिल किया जाएगा जो 90 दिनों के अंदर कंपनी की ओर से आयोजित मेले में भाग नहीं लिए होंगे। + +भीड़ पर रहेगा प्रतिबंध: संयुक्त निदेशक प्रशिक्षण एससी तिवारी ने बताया कि पदों की संख्या कंपनी की ओर से निर्धारित न होने से भीड़ होने की संभावना है। इसके लिए सुरक्षा के विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए अनुदेशकों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। युवाओं को कोविड प्रोटोकाल का पालन करने व भीड़ से दूर रहने की हिदायद दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65e706d0dfc39cf633283610f5a8dcb11f5e5f4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिरोजपुर, [संजय वर्मा]। Punjab Adani Silo Closure: किसानों की जिद के कारण फिरोजपुर के वां गांव में अदाणी ग्रुप का साइलो प्लांट बंद होने से 400 श्रमिक तो बेरोजगार हो ही चुके हैं, लेकिन अब किसान व शेलर मालिक भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं रहेंगे। आगामी सीजन में उन्हें धान बेचने में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनका ढुलाई व बारदाने का खर्च बढ़ जाएगा। इस साइलो प्लांट में चावल का भंडारण किया जाता है। इसकी क्षमता सात हजार टन है। वर्ष 2018 में शुरू हुए प्लांट पर 700 करोड़ रुपये की लागत आई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..688fc52d335004bd0eb737ff29dd6ecad1233eed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कार्यशाला में सितंबर 1990 से ही मंदिर के लिए शिलाओं की तराशी चल रही थी। हालांकि गत कुछ वर्षों से यहां शिलाओं की तराशी बंद है। इस साल की शुरुआत से मंदिर के लिए नींव की खोदाई शुरू होने के साथ शिलाओं का आंकलन किया गया, तो स्पष्ट हुआ कि करीब 60 हजार घन फीट पत्थर की तराशी हुई है, जबकि प्रस्तावित मंदिर में कुल चार लाख घन फीट शिलाएं प्रयुक्त होनी हैं। मंदिर की आधारभूमि के लिए भी चार लाख घन फीट तराशी गई शिलाओं की जरूरत पड़ेगी। हालांकि मंदिर में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं की तराशी के मुकाबले आधारभूमि की शिलाओं की तराशी में न के बराबर बारीकी बरतनी पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..402c07dc129c9bf9d93d0cb753154e6b4823a8a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl अजय देवगन की भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया शुक्रवार को डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो रही हैl इस अवसर पर अजय देवगन की बेटी न्यासा मां काजोल और भाई युग के साथ फिल्म के प्रीमियर पर पहुंची थीl अजय देवगन की बेटी न्यासा देवगन फिल्म देखने के बाद काफी उत्साहित नजर आ रही थीl वह डांस करते हुए बाहर निकल रही थीl इस अवसर पर पपराजी ने उन्हें स्पॉट किया हैl वह डांस करती हुई नजर आ रही थीl।न्यासा ने ब्लू कलर का शॉर्ट ड्रेस पहन रखा थाl इसके साथ उन्होंने मैचिंग मास्क पहन रखा थाl फोटोग्राफर्स ने न्यासा को बिल्डिंग से बाहर निकलते और डांस करते हुए देखाl कैमरा देखने के बाद न्यासा ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन भी कियाl।भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया में अजय देवगन, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फतेही और शरद केलकर की अहम भूमिका हैl न्यासा इन दिनों ब्रेक पर हैl वह सिंगापुर में पढ़ाई कर रही हैंl उनके फैन अकाउंट पर अक्सर उनकी तस्वीरें और वीडियो शेयर होती हैl कोरोना महामारी के दौरान न्यासा परिवार के साथ थीl उन्होंने सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किया थाl एक वीडियो में उन्होंने लिखा था, 'मेरा पूरा ध्यान रखा जा रहा हैl' न्यासा देवगन फिल्मों में काम नहीं करेंगीl काजोल से जब इस बारे में पूछा गया थाl तब उन्होंने साफ शब्दों में मना कर दिया था। भुज द प्राइड ऑफ इंडिया 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित हैl इस फिल्म को लेकर अजय देवगन बहुत उत्साहित हैंl फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली गई थीl अब यह रिलीज होने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7ba380ab38172cb572ca680c90cb46f4cdcb1a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67714.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पिछले कई वर्षो में हिंदी की कहानियां छोटे शहरों से निकल कर आ रही हैं, फिल्मों की कहानियां देसज हुई हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की कहानियों पर फिल्में बनने लगी हैं। जाहिर है वहां की भाषा और क्षेत्रीय शब्दावली संवाद में आने लगी हैं। हिंदी के जो नए लेखक हैं वे हिंदी इलाकों से आ रहे हैं, उनकी पकड़ हिंदी भाषा पर अधिक है। मैं कई बार अपनी स्क्रिप्ट इन लेखकों में से किसी एक को भेजता हूं और उनकी राय लेता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27a19288966340c96c38449de21d2581befd14dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67715.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन अभी कोरोना प्रोटोकाल को लेकर सख्त है और बिना तरीके से मास्क पहने मेट्रो कैंपस में घूमने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। जब से मेट्रो चलनी शुरू हुई है उसके बाद से ही नियमों का पालन न करने वाले यात्रियों को जुर्माना देना पड़ रहा है चाहे वो कोई भी हो। अब तक हजारों लोग मेट्रो के फ्लाइंग स्कवायड को जुर्माने की राशि अदा कर चुके हैं। दो दिन पहले इसी तरह का एक नया मामला सामने आया। इसमें एक नाबालिग ने पहले तो मास्क न लगाने का जुर्माना अदा कर दिया मगर जब उससे कैंपस को गंदा करने के लिए दूसरे जुर्माने की मांग की गई तो वो बिफर गया, उसने जुर्माना देने से मना कर दिया। + +I payed the fine . And when my hands were trembling I spilled momoswithsauce on the floor.The officer asked me to pick it up ।,I obliged and then he asked me to clear sauce or else pay another fine.This was sheer misuse of power and harassing a minor .@OfficialDMRC https://t.co/F6FotHHBUG pic.twitter.com/E49Vwb9hhP।मनन जैन नामक एक मेट्रो यात्री ने अपने ट्विटर एकाउंट पर इस पूरे मामले को लेकर पोस्ट किया है। जिसमें उसने खुद लिखा है कि वो आइएनए मेट्रो स्टेशन के कैंपस में थे, उन्होंने एक क्योस्क से मोमोज खरीदे और वो क्योस्क से 30 मीटर की ूदूरी पर मास्क नीचे करके मोमोज खा रहे थे, इसी दौरान मेट्रो का एक अधिकारी वहां पहुंचा और मास्क न लगाने पर दो हजार रुपये(2000 रुपये) का जुर्माना लगा दिया। मनन जैन जुर्माना लगाए जाने से घबरा गए मगर फिर किसी तरह से उन्होंने जुर्माने की रकम अदा की। ।जुर्माने की रकम अदा करने के बाद उनका हाथ कांपने लगा और उनके हाथ में मौजूद मोमोज और उसकी चटनी वहां पर गिर गए। इस पर अधिकारी ने कहा कि इसे साफ करो वरना एक और जुर्माना अदा करना होगा, दुबारा जुर्माना लगाए जाने की बात सुनकर मनन और घबरा गए। अधिकारी ने ये भी कहा कि यदि जुर्माना नहीं दिया तो कोर्ट में जुर्माना भरना पड़ेगा। फिर किसी तरह से वो वहां से निकल पाए। मनन ने ट्वीट करते हुए कहा ये सत्ता का सरासर दुरूपयोग है। + +I absolutely agree to it and respect the law of the land . However , is it okay to penalize a person eating with his mask down , with , food purchased from a kiosk situated 20 mts. Away.।Is it fine to use metro guards to capture evidence ? @OfficialDMRC https://t.co/pG1hCJ7ULw।वहां से निकलने के बाद मनन ने इस पूरे घटनाक्रम को अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर पोस्ट किया, साथ ही मेट्रो की आफिशियल आइडी को टैग भी किया। इसके बाद मेट्रो की ओर से मनन को उसका जवाब भी दिया गया, लिखा गया कि यदि आपको जुर्माना लगाए जाने पर कोई आपत्ति है तो आप आइएनए मेट्रो स्टेशन पर तैनात अधिकारी से जाकर मिल सकते हैं उनके सामने अपनी बात रख सकते हैं। ।ये भी पढ़ें- जानिए क्यों राकेश टिकैत ने फिर लिया चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का नाम और कहा कि किसान को भीख नहीं उसका हक चाहिए ।ये भी पढ़ें- जानिए नई दिल्ली-पटना के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल के तेजस की नई रैक में क्या-क्या हैं खूबियां।ये भी पढ़ें- बरसात ने दिल्ली-एनसीआर में जमीन पर बढ़ाई मुसीबत मगर आसमान किया साफ, जानिए कितना सुधर गया एयर इंडेक्स।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74bc600c05f10c4936a06572963c914d5ebb1287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदानंद सिंह के बयान के बाद उलझा मामला। मामला आरजेडी के बिहार प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह के बयान के बाद उलझा। उन्‍होंने आरएसएस की तुलना तालिबान से कर दी। तालिबान को केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक संस्‍कृति करार देते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि ऐसे लोग भारत में भी रहते हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि आरएसएस भारत का तालिबान (RSS Taliban of India) है। आरएसएस के लोग दाढ़ी काटते हैं, चूड़ी बेचने और पंचर बनाने वालों को बेवजह पीटते हैं। ऐसी शक्तियों के खिलाफ लालू प्रसाद यादव ने लड़ाई की है। आज लालू को अरबपतियों और धार्मिक उन्‍मादियों के खिलाफ स्‍टैंड लेने व लालकृष्‍ण आडवाणी को गिरफ्तार करने की सजा दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67718.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67718.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e4b51d7ab65915df696c8410b43857d41f82ab6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67718.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +साइड लोअर बर्थ की बनावट में बदलाव।इस ट्रेन के सेकंड व थर्ड एसी के कोच में साइड लोअर बर्थ की बनावट में भी बदलाव किया गया है। यह सीट सिंगल पीस बेड के रूप में दिख रही है। साथ ही ट्रेन की अपर बर्थ तक पहुंचने के लिए सुविधाजनक व्यवस्था की गई है। इसी के साथ ट्रेन में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट दिया गया है। सभी कोचों में एयर स्प्रिंग सस्पेंशन भी होगा। + +आधुनिक और सुविधाजनक हैं ट्रेन की बोगियां ।तेजस के आधुनिक कोच प्लग इनडोर प्रणालीयुक्त है। सभी इंट्री गेट सेंट्रलाइज्ड रूप से कंट्रोल होंगे। जब इस कंट्रोल से ट्रेन के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे तभी ट्रेन आगे बढ़ेगी। इस ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे व कोच में दो एलसीडी लगाए गए हैं, इस एलसीडी से ट्रेन में बैठे यात्रियों को यात्रा संबंधी महत्वपूर्ण सूचनाएं जैसे अगला स्टेशन, दूरी, आने-जाने के समय की जानकारी मिलती रहेगी। एक और खासियत ये है कि इस ट्रेन में खिड़कियों में पर्दे की जगह रोलर ब्लाइंड (इंटीरियर पीवीसी फिल्म) लगाए गए हैं, इनसे यहां पर सफाई करने में भी आसानी होगी। ट्रेन में बैठने वाले यहां वहां कूड़ा न फेंके इसके लिए सभी कंपार्टमेंट में डस्टबिन रखे गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2998eb55b9e715e40a1dfd4d043df1a64c2cd7c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। रिंग रोड के आइटीओ इलाके में डब्ल्यूएचओ इमारत के पास हो रहे भारी जलभराव से मुक्ति के लिए लोक निर्माण विभाग ने योजना तैयार कर ली है। इस समस्या के हल के लिए पानी भरने वाले स्थान के पास ढाई लाख लीटर पानी की क्षमता वाला भूमिगत टैंक बनेगा। बारिश होने पर यहां का पानी इस टैंक में डाला जाएगा। इसके बाद टैंक से निकालकर यमुना तक पहुंचाया जाएगा। इस तरह रिंग रोड के इस प्वाइंट पर जलभराव की समस्या का समाधान किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग और यातायात पुलिस के सर्वे में इस बार सड़कों पर जलभराव वाले अतिसंवेदनशील 147 प्वाइंट पाए गए हैं। उनमें रिंग रोड का डब्ल्यूएचओ प्वाइंट भी शामिल है। ।मगर, यह प्वाइंट इस बार इतनी बड़ी समस्या बन गया है कि इसने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का तनाव बढ़ा दिया है। यहां पर इस बार पानी इतना भर रहा है कि भारी बारिश होने पर सुबह से लेकर शाम तक जाम लग रहा है। इस प्वाइंट पर लोक निर्माण विभाग ने पहले से ही चार डीजल पंप लगे हुए हैं। कुछ समय पहले ही बिजली वाले पावरफुल दो पंप और लगाए गए हैं, मगर पानी इतना हो जा रहा है कि इसे निकालने में कई कई घंटे लग जा रहे हैं। ।लोक निर्माण विभाग के अनुसार पानी बढ़ने का कारण पुरानी दिल्ली से आ रही सीवर लाइन का यहां ओवरफ्लो हो जाना भी है। यहां पर सीवर लाइन के मेनहोल ओवरफ्लो हो रहे हैं। यह सीवर लाइन डब्ल्यूएचओ से 500 मीटर आगे तक ही जाती है, जहां से अभी तक पानी सीधे यमुना में डाला जा रहा था। मगर अब सीवर लाइन के अंत में जल बोर्ड ने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगा दिया है। इसे शोधित कर पानी यमुना में डाला जा रहा है। प्लांट लगने के बाद सीवर के पानी का बहाव कम हुआ है। ।इससे बारिश होने पर अतिरिक्त पानी यहां ओवरफ्लो हो जाता है। डब्ल्यूएचओ प्वाइंट पर मेन होल से पानी ओवरफ्लो होने की समस्या पिछले साल से बढ़ी है। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग डब्ल्यूएचओ के पास दूसरी लेन में ग्रीन एरिया में टैंक बनाएगा। इसके लिए अगले माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद इसे बनाने का काम शुरू होगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यहां के जलभराव को दूर करने के लिए यही एक रास्ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67726.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67726.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b31433841245087a121facef49dea45eb7e55713 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67726.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तृणमूल ने कांग्रेस व वामपंथियों की इसी दलबदल की राजनीति के सहारे ही कमर तोड़ दी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक साल पहले तक तृणमूल में वरिष्ठ मंत्री व नेता रहे सुवेंदु अधिकारी जो अभी भाजपा विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं उनका कहना है कि पिछले दस वर्षो में लालच-पुलिस अन्य तरह से डरा-धमका कर तृणमूल ने करीब 50 विधायकों का दलबदल कराया है। खैर, दलबदल की सियासत हर राज्य में होती है, इसे लेकर अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता। परंतु एक बात सबसे बड़ी यह कि यह दलबदलु नेता अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए आम जनता के विश्वास और भरोसे को बार-बार तोड़ रहे हैं। यह नहीं होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..113ee7c71062f50488aeb7919887d076b37b63ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांगड़ा, नवनीत शर्मा। यह कोई सैकड़ों वर्ष पुरानी बात नहीं है कि एक युवा अमेरिकी मिशनरी हिमाचल पहुंचे। उन्होंने यहां के जलवायु को सेब के उपयुक्त पाया। आए तो ईसाई धर्म का प्रचार करने थे, लेकिन भारत का स्पर्श पाकर सनातन धर्म अपनाया और सेमुअल इवान स्टोक्स से सत्यानंद स्टोक्स हो गए। उन्होंने भारत को सेब ही नहीं, स्वयं को भी दे दिया। नाम, पहचान और धर्म भी। वह अकेले अमेरिकी थे जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिए जेल गए। उन्हें जिन कई कारणों से याद किया जाता है, उनमें से एक अहम कारण है सेब बागवानी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5385ad704d886a76cd9737268e8a99b5b2a27914 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67729.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सचिन श्रीधर। अपना राजनीतिक वजूद बनाए रखने के लिए शायद विपक्ष के जरूरी हो गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के हर कदम की आलोचना की जाए। केंद्र सरकार को निरंतर विवादों के कठघरे में खड़ा करने के प्रयासों की कड़ी में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है, ऐतिहासिक जलियांवाला बाग के शहादत स्मारक का जीर्णोद्धार। दरअसल केंद्र सरकार ने जलियांवाला बाग स्मारक को नया स्वरूप प्रदान किया है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को किया था। + +याद रहे कि अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर द्वारा किए गए एक अभूतपूर्व और हिंसक हमले में महिलाओं और बच्चों सहित एक हजार से अधिक भारतीयों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। फिर भी पंजाब में पंजाब के लोगों ने ब्रिटिश राज का विरोध करना बंद नहीं किया। स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के लोगों के अभूतपूर्व योगदान, उनके अकल्पनीय बलिदान और औपनिवेशिक बंधनों से मुक्ति पाने के लिए उनके अद्भुत समर्पण को नई पीढ़ी तक पहुंचाना, दुनिया को अपने शहीदों की बेजोड़ वीरता से परिचित कराना क्या किसी भी देश या समुदाय के लिए पाप के समान है। यह तो किसी भी देश और उसके नागरिकों के लिए गौरव की बात है कि वह अपने शहीदों को निरंतर याद करता रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e83f2aa1f071391a5b9c2b8b16165d64433517f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6773.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस तस्वीर के साथ उन्होंने दावा किया गया है कि यह तस्वीर द शर्लिन चोपड़ा ऐप के पहले शूट के वक्त की है। हालांकि, शर्लिन चोपड़ा को यह तस्वीर साझा करना भारी पड़ गया है। कई सोशल मीडिया यूजर्स उनकी इस तस्वीर में राज कुंद्रा की तस्वीर को एडिट और फोटोशॉप्ड की गई तस्वीर बता रहे हैं। जिसके चलते शर्लिन चोपड़ा को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। + +sandy_verma79 नाम के यूजर ने शर्लिन चोपड़ा की तस्वीर पर कमेंट कर लिखा, 'अच्छी एडिटिंग।' ayesha.ahmed7 लिखती हैं, 'क्या दीदी पब्लिसिटी के लिए अब कुछ भी करोंगी क्या, फोटोशॉप्ड है ये फोटो।' biznoryo ने लिखा, 'यह फोटोशॉप है, और हमने आपकी पिछली तस्वीरें देखी हैं...! इस तस्वीर में आप बेहद असहज लग रही हैं...!।इनके अलावा और भी कई सोशल मीडिया यूजर्स ने शर्लिन चोपड़ा की राज कुंद्रा के साथ की तस्वीर को फोटोशॉप्ड बताया है। गौरतलब है कि बुधवार को शर्लिन चोपड़ा ने इस तस्वीर को साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, '29 मार्च, 2019 का दिन था। आर्म्सप्राइम द्वारा आयोजित 'द शर्लिन चोपड़ा' ऐप का पहला कंटेंट शूट होने जा रहा था। मेरे लिए यह एक नया अनुभव था, क्योंकि पहले कभी किसी ऐप के साथ मैं जुड़ी नहीं थी। उम्मीद और जोश का माहौल था।'।आपको बता दें, शर्लिन चोपड़ा ने 8 अगस्त को एएनआई को बताया था कि मार्च में राज कुंद्रा ने उनसे फिल्म बनाने के लिए सम्पर्क किया था और एक कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया था। शर्लिन ने कहा कि राज कुंद्रा ऐप में फैशन, फिटनेस और ग्लैमरस वीडियो रखना चाहते थे। शुरुआत में यह ग्लैमरस था, लेकिन फिर सेमी न्यूड और न्यूड होता चला गया। शूटिंग के दौरान वो मुझे प्रेरित करते थे और कहते थे शिल्पा को उनके वीडियोज पसंद आ रहे हैं। शर्लिन ने कहा कि सबसे पहले वह ही महाराष्ट्र साइबर सेल के पास गयी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb1a0a9096f764a49281667d1a38e903462e2fa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बुकलेट की मदद से कांग्रेस परिवारवाद और वंशवाद को लेकर भाजपा को कठघरे में खड़ा करेगी। वह लोगों को बताएगी कि उस पर लगाया जा रहा परिवारवाद का आरोप झूठा है, क्योंकि आजादी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष रहे आचार्य जेबी कृपलानी, पट्टाभि सीतारमैया, पुरषोत्तम दास टंडन, उच्छंगराय नवल शंकर ढेबर, नीलम संजीव रेड्डी, के.कामराज, एस.निजलिंगप्पा, जगजीवन राम, शंकरदयाल शर्मा, देवकांत बरुआ, पीवी नरसिंहा राव और सीताराम केसरी नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के लोग थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54b0d16219ef12f916b526f5bf7c3ac9727d5a06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आवंटियों के हितों के मद्देनजर बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने मई 2016 में उत्तर प्रदेश भू-संपदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम संबंधी अधिसूचना जारी की थी। हालांकि, राज्य में योगी सरकार के बनने के बाद रेरा ने प्रभावी ढंग से काम करना शुरू किया। 26 जुलाई 2017 को रेरा की वेबसाइट शुरू हुई तो बिल्डरों की मनमानी की शिकायतें तेजी से आने लगीं। उत्तर प्रदेश में बिल्डरों से आवंटी किस कदर परेशान हैं, इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि देशभर में आने वाली कुल शिकायतों में एक-तिहाई से अधिक 37 फीसद यहीं की होती हैं। इनमें भी 75 फीसद शिकायतें एनसीआर से जुड़े रियल एस्टेट से संबंधित प्रोजेक्ट के आवंटियों की होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22983519829a8b0d63ae0d69fc1e32db2dca1073 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Happy Birthday Ishant Sharma: भारतीय टीम अपनी स्पिन गेंदबाजी के लिए जानी जाती रही है, लेकिन कुछ तेज गेंदबाज भी ऐसे रहे हैं, जिन्होंने टीम इंडिया के लिए विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ने का काम किया है। उन्हीं तेज गेंदबाजों में इशांत शर्मा का नाम भी शामिल है, जो भारत के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाजों की सूची में शामिल हैं। ऐसे हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उन्होंने इसके लिए काफी मेहनत की है और तेज गेंदबाजी की दुनिया में अपना नाम कमाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c2f2f8a1065de8962d3b0e782f01012583a5d66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई दिक्कतों का समाधान: आज देश में बिजली का मनमाना और अनाप-शनाप बिल एक बड़ी समस्या है। दूसरी तरफ कई उपभोक्ताओं द्वारा समय पर बिलों का भुगतान नहीं करने से बिजली कंपनियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अभी पूरे देश में लगभग हर महीने बिजली के बिल जेरनेट करने की व्यवस्था है। इसके लिए अधिकतर जगहों पर आउटसोर्सिंग की मदद ली जाती है। इस व्यवस्था में कई कमियां विद्यमान हैं। अक्सर देखने में आता है कि कई जगहों पर ठीक से रीडिंग नहीं होती या फिर कई जगहों पर कई महीनों तक रीडिंग नहीं की जाती। ऐसे में जब बिल बहुत अधिक हो जाता है, तो उसे जमा भरने में आनकानी करने लगते हैं और बिजली चोरी के तौर-तरीके सोचने लगते हैं। प्री-पेड स्मार्ट मीटर योजना से इस परेशानी से निजात मिलेगी। यही नहीं, स्मार्ट मीटर लगने के बाद लो वोल्टेज की समस्या दूर होने के साथ निर्बाध बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी तथा स्मार्ट प्री-पेड मीटरों का निर्माण करने से युवाओं के लिए कौशलपूर्ण रोजगार भी सृजित होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20acc4595798e848ff42b617cfb8e4c7703f2ba2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-टोक्यो पैरालिंपिक के लिए आपकी तैयारी कैसी थी?।--रियो में मुझे छठे स्थान से संतोष करना पड़ा था। इसके बाद मैंने कोच निकितेन की देखरेख में पूरे पांच साल यूक्रेन में ट्रेनिंग की। कोच मुझे पूर्व से जानते थे, जिसका फायदा हुआ। ।-पदक किसे समर्पित करेंगे और क्यों?।-मैं अपना पदक देश और मेरे दादा त्रिवेणी राय को समर्पित करूंगा। भारत का प्रतिनिधित्व करना और तिरंगे को लहराना मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य है। मैं आज अपने पैरों पर खड़ा हूं तो अपनी मां व दादा की बदौलत। पोलियो के दौरान मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में दादा ने मेरे लिए दिन-रात एक कर दी थी। काश वह आज जिंदा होते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b300707f70449c2c65320db15f85f1db141b1317 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राकेट चैट प्लेटफार्म पर अपनी पहचान को छिपाए रखना आसान ।दरअसल, राकेट चैट प्लेटफार्म को बनाया ही इस तरह गया है कि इस पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखना सुरक्षा एजेंसियों के लिए मुश्किल हो रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राकेट चैट एक ओपन सोर्स प्लेटफार्म है। इसके उपयोग के लिए किसी व्यक्ति को पहले पंजीकरण करना अनिवार्य नहीं होता। इससे आतंकियों के लिए अपनी पहचान को छिपाए रखना आसान हो जाता है। इसके साथ ही अन्य प्लेटफार्म की तरह इस पर मौजूद डाटा के स्टोरेज के लिए कोई केंद्रीय प्रणाली नहीं है। इस प्लेटफार्म को प्राइवेट या क्लोज्ड सर्वर पर चलाया जा सकता है। निजी या क्लोज्ड सर्वर पर चलने के कारण इसमें होने वाली किसी भी बातचीत या शेयर किए गए किसी भी डाटा की जानकारी आनलाइन मिलना असंभव हो जाता है, जो आतंकी संगठनों के लिए मुफीद साबित हो रहा है। युवाओं में धार्मिक कट्टरता फैलाने के लिए तैयार दुष्प्रचार सामग्री को इसी प्लेटफार्म के माध्यम से विभिन्न देशों में संपर्को को भेजा जाता है, जो इसे स्थानीय युवाओं के बीच वितरित करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4ef98c85e4309285914d66662d5444f592cb9e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पचोखर गांव निवासी गिल्ला प्रजापति का बेटा आज करीब 45 वर्ष का हो गया है। गिल्ला ने बताया कि अब से 12 साल पहले वह गांव के लड़कों के साथ केवल बनियान पहनकर साइकिल से नरैनी गया था, उसके बाद से कुछ पता नहीं चला। फरवरी 2009 से हर जगह तलाश की। कई साल बीते तो बेटे के सकुशल लौटने को लेकर सभी लोग निराश हो चुके थे। ।पहुंची थी एलआइयू टीम, की थी जांच : पूर्व प्रधान लवकुश त्रिपाठी ने बताया कि इसी वर्ष मई माह में एलआइयू की टीम गांव आई थी। पाकिस्तान के प्रमुख सचिव का पत्र दिखाया था। बताया था कि रामबहादुर पाकिस्तान की जेल में बंद है। वहां से उसके चाल-चलन की जानकारी मांगी गई थी। जिसके बाबत टीम ने स्वजन के अलावा ग्रामीणों से पूछताछ की थी। तहसीलदार सुशील सिंह से जानकारी ली। घर वालों के बयान लिए गए और एफीडेविट लिया गया था। पिता व छोटे भाई मैकू ने अपने बयान में पूरी बात बताई थी। ।तीन साल रहा लाहौर की जेल में : पूर्व प्रधान लवकुश के मुताबिक दिखाए गए पत्र से पता चला था कि उसे पाकिस्तान में सात साल की सजा हुई थी, इस दौरान वह तीन साल लाहौर की जेल में भी रहा था। ।तीन माह बाद चली गई  पत्नी, बिगड़ गई मानसिक हालत : पिता गिल्ला ने  बताया कि बेटा पहले बिल्कुल ठीक था। वह लोग भूमिहीन हैं। बटाई पर खेती-किसानी कर परिवार का भरणपोषण करते हैं। रामबहादुर भी खेती किसानी करता था। उसकी मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के तीरतपुराव निवासी गेंदा से शादी की थी। बहू तीन माह बाद ही छोड़कर चली गई। उसके बाद बेटे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ।कांस्टेबल के साथ स्वजन को बुलाया है अमृतसर प्रशासन ने  बेटे की रिहाई और जल्द घर आने की बात सुन मां कुसमा केवल आंसू बहाती रहीं, यह खुशी के आंसू सबकी आंख नम कर रहे थे। मैकू ने बताया कि अमृतसर से आए फोन पर कहा गया था कि किसी कांस्टेबल को लेकर आ जाएं और रामबहादुर को ले जाएं। साथ में जिला प्रशासन का पत्र भी ले जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..014ca08435f08af728f07dba0bda24da8ad51a2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67749.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुष्यंत कुमार का जन्म एक सितंबर 1933 को बिजनौर के गांव राजपुर नवादा में जमींदार परिवार में हुआ था। पिता चौधरी भगवत सहाय शायरी के शौकीन थे और मां रामकिशोरी बातचीत में अलंकारिक भाषा का प्रयोग करती थीं। दुष्यंत की प्रारंभिक पढ़ाई गांव की पाठशाला में हुई। 1948 में उन्होंने नहटौर से हाईस्कूल कर 1950 में चंदौसी मुरादाबाद के एसएम कालेज से इंटरमीडिएट किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए और हिंदी साहित्य में एमए किया। 30 नवंबर 1949 को सहारनपुर की राजेश्वरी कौशिक से उनका विवाह हुआ। ।सुमित्रानंदन पंत को मानते थे द्रोणाचार्य।दुष्यंत ने किरतपुर के एक विद्यालय से अध्यापक की नौकरी शुरू की। बाद में दिल्ली आकाशवाणी में हिंदी वार्ता विभाग में बतौर स्क्रिप्ट राइटर काम किया। 1960 में दुष्यंत का भोपाल तबादला हुआ और आखिरी समय तक भोपाल ही उनकी कर्मस्थली रहा। छायावादी कवि सुमित्रनंदन पंत को उन्होंने द्रोणाचार्य और खुद को एकलव्य माना। इन्हीं से प्रेरित होकर अपना उपनाम ‘परदेशी’ रखा। विवाह के समय निमंत्रण पत्र पर भी दुष्यंत कुमार त्यागी ‘परदेशी’ नाम छपवाया गया। प्रयागराज में उनकी मित्रता कथाकार कमलेश्वर और मार्कंडेय से हुई। 44 साल की उम्र में 30 दिसंबर 1975 की रात हार्टअटैक के चलते वह दुनिया को अलविदा कह गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e129c0cc9af03507a318f137f0a3f38c0fa3c8e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67750.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंतर सिर्फ यह है कि वैक्सीन जहां अल्फा-बीटा वैरिएंट पर 70 फीसद प्रभावी है, वहीं डेल्टा प्लस से यह 55 फीसद ही सुरक्षा देती है। ऐसे में केरल या महाराष्ट्र के संक्रमित दूसरे राज्यों में जाकर अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं, लेकिन तीसरी लहर तभी आएगी जब खुद में बदलाव कर वायरस अधिक संक्रामक रूप में सामने आएगा। इसलिए कोरोना पर चल रहे सभी शोधों की रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। + +तीसरी लहर रोकने के जरूरी उपाय।गंभीरता को कम करते टीके के दो डोज: वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले भले ही संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित न हों, लेकिन यह तय है कि उनमें गंभीर लक्षणों की मात्रा एक पायदान कम हो जाती है। इसके कारण वेंटिलेटर में भर्ती होने वाले मरीज आक्सीजन बेड और आक्सीजन बेड तक पहुंचने वाले घर पर ही स्वस्थ हो सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार दो डोज लेने वाले 10 फीसद लोग न केवल कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी बीमार कर सकते हैं। इनमें से तीन फीसद को ही हास्पिटल में भर्ती करना पड़ता है। इनमें भी महज 0.4 फीसद की ही मृत्यु होने की आशंका होती है। ऐसे में खुद को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए समय पर दोनों डोज जरूर लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..edd3c07b0ef3652589a2981cb486e2578bc3f62a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदीश त्रिपाठी, हिसार। करनाल के बसताड़ा टोल प्रकरण पर तीनों कृषि सुधार कानून विरोधी आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद मनोहर बने रहने वाले मुख्यमंत्री पहली बार लाल हैं। होना भी चाहिए, क्योंकि आंदोलनकारी अराजकता की हद कर चुके हैं। रेखांकित कर लें कि अराजकता के पीछे प्रमुख कारण हरियाणा में आंदोलन के दो प्रमुख चेहरे राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बीच हरियाणा के आंदोलनकारियों के नेतृत्व को लेकर छिड़ी जंग भी है। दोनों एक दूसरे के प्रति मुखर भले न हों, लेकिन अपनी भड़ास जरूर जाहिर कर देते हैं। इस बार चढ़ूनी केंद्र में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c716d2c24ee7e71aa2cd78bef985a8bd05bdedb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67756.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, रितिका मिश्रा। स्कूलों को खोला जाना निश्चित रूप से न केवल राजधानी दिल्ली के लिए आवश्यक है, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए यह महत्वपूर्ण है। जब दुनिया में कोरोना अपने चरम पर था, तब भी कई देशों के लिए स्कूल और पढ़ाई प्राथमिकता में शुमार था। डेनमार्क और नीदरलैंड जैसे देशों ने तो बहुत कम वक्त के लिए ही स्कूल बंद किए थे। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश के निर्माण की नींव स्कूल और स्कूली शिक्षा से ही संभव है। माना कि तेजी से बदलते समय को देखते हुए शिक्षा के स्वरूप में बदलाव जरूरी है। भविष्य में हमें एक मिश्रित व्यवस्था से आगे बढ़ना होगा। + +किताबी ज्ञान ही नहीं जीवन कौशल का भी पढ़ते हैं पाठ : हमारे नीति निर्धारकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तकनीकी-शिक्षा तथा व्यावसायिक-शिक्षा की दूरदर्शी सोच को शामिल किया। यही वजह है कि महामारी को भी भारतीय सोच और लगन के आगे हथियार डालने पड़े और एक नवाचार के साथ राष्ट्र अपने नौनिहालों को शिक्षित-प्रशिक्षित करने निकल पड़ा। अब धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है। बाजार, पार्क और शापिंग माल सब खुल चुके हैं। जब सब कुछ सामान्य हो गया है तो फिर स्कूल खोलने में क्या दिक्कत है। डेढ़ साल से अधिक हो गए बच्चे स्कूल नहीं गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af8541f2b1b57edc163635498f1e1bda216d8a08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67758.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। गर्दन व कमर दर्द को लोग अक्सर सामान्य दर्द समझकर नजरअंदाज करते रहते हैं, लेकिन ऐसा करना सेहत पर भारी पड़ सकता है। दरअसल, टीबी की बीमारी रीढ़ को भी कमजोर कर रही है। एम्स के अध्ययन में पता चला है कि रीढ़ में टीबी के संक्रमण से युवा अधिक पीडि़त हो रहे हैं। रीढ़ में टीबी के संक्रमण से पीडि़त हर दूसरा मरीज युवा है। खास तौर पर 21 से 30 साल के उम्र के युवा इस बीमारी की चपेट में अधिक आ रहे हैं। हाल ही में एम्स के डाक्टरों का यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल (एशियन स्पाइन जर्नल) में प्रकाशित हुआ है। + +इस अध्ययन में शामिल डाक्टर कहते हैं कि यदि कमर, पीठ व गर्दन में लंबे समय तक दर्द हो तो यह टीबी का लक्षण भी हो सकता है। एम्स के आर्थोपेडिक विभाग के डाक्टरों ने टीबी की बीमारी से ग्रस्त 1652 मरीजों पर यह अध्ययन किया। जिसमें एक तिहाई (33 फीसद) मरीजों की उम्र 21 से 30 के बीच पाई गई। वहीं 17.8 फीसद मरीजों की उम्र 31 से 40 वर्ष थी। इस लिहाज से रीढ़ में टीबी के संक्रमण से पीडि़त मरीजों में 51.1 फीसद युवा थे। काफी मरीज ऐसे थे जिन्हें सिर्फ कमर या गर्दन में दर्द के अलावा कोई अन्य लक्षण नहीं था। अध्ययन में पाया गया कि रीढ़ में टीबी का संक्रमण होने के बाद बीमारी की जांच करीब साढ़े चार माह बाद हुई। इस वजह से बीमारी की पहचान देर से हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..162766f44ef0164fc0d3127df9ee848021aee947 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67761.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Mosquito News दुनियाभर में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियां हर साल हजारों लोगों की जान ले लेती हैं। यही कारण है कि प्रशासन ने दवा के छिड़काव से लेकर कई तरह के बचाव के उपायों का प्रबंधन किया है। हालांकि इस संबंध में लोकल सर्किल्स के एक सर्वेक्षण में चौंकाने वाली बात सामने आई है। + +देश के 352 जिलों में 38 हजार से ज्यादा लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में 70 फीसद ने बताया कि उनके यहां नगर निगमों और पंचायतों ने कभी छिड़काव ही नहीं किया या साल में बमुश्किल एक या दो बार किया। निश्चित तौर पर यह चिंताजनक बात है। सर्वेक्षण में मच्छरों से बचाव के तौर-तरीकों पर भी कई बातें सामने आई हैं। यह स्थिति तब है जब दुनिया मच्छरजनित रोगों से कराह रही है और भारत को इससे बड़ा प्रभावित देश माना जाता रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f18dc06df94fdb344104b0d976251721874e8e2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली के स्कूल।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के बाद दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से फिर से खुलेंगे। 1 सितंबर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा घोषित दिशानिर्देशों में प्रति कक्षा केवल 50 फीसद छात्रों को अनुमति दी गई है। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर अनिवार्य थर्मल स्क्रीनिंग और वैकल्पिक बैठने की व्यवस्था को शामिल किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cb3bda96469e9296ac320c3828750591d1a7842 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। गोयनका हेल्थ केयर वेटरन बैडमिंटन लीग के लिए मंगलवार को खिलाड़ियों की नीलामी हुई। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की बोदला-बिचपुरी रोड स्थित मुख्य शाखा में खिलाड़ियों की बोली लगाई गई, जिसमें अमन पांडेय सबसे महंगे खिलाड़ी बने। डेजलर्स वारियर्स ने 8800 रुपये की बोली लगाकर उन्हें अपनी टीम से जोड़ा। दूसरे महंगे खिलाड़ी टोरक्वीन्स हीरोज के आकाश कालरा रहे, उनकी बोली सात हजार रुपये की लगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10c8fea54791de12b95a671ae060557df0a7d856 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67769.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(संतोष शुक्ला) मेरठ। आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान में गोमूत्र को तमाम गुणधर्मो वाला रसायन बताया गया है। अगर प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों और योग का भी सहारा मिल जाए तो सेहत का कायाकल्प हो जाता है। मेरठ-बागपत मार्ग पर पांचली खुर्द गांव स्थित 1969 में स्थापित महात्मा जगदीश्वरानंद आरोग्याश्रम में इसी पद्धति से कैंसर सहित कई बीमारियों का इलाज किया जाता है। गोवा, गुजरात, बिहार समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों से मरीज इलाज करा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39fb9eea2a9420867af3e2a47b7f8889304902f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Feet Up With The Stars Season 3 ने सारा से पूछा गया क्या तैमूर आपको ‘गोल’ कहकर पुकारते हैं?इस पर सारा ने जवाब दिया, ‘उसने मुझे एक बार गोल कहा था और ये बहुत मज़ाकिया था। लेकिन उसने मुझे देखकर गोल नहीं कहा था वो उसने ऐसे ही बोल दिया था। मुझे नहीं लगता वो मेरी बॉडी शेमिंग कर रहा था’। आपको बता दें कि सारा अली खान सैफ और अमृता सिंह की बेटी हैं। अमृता और सैफ के तलाक बाद सारा और उनके छोटे भाई इब्राहिम अली खान मां के साथ रहते हैं। वहीं करीना कपूर, सैफ, तैमूर और उनके छोटे बेटे जहांगीर एक साथ रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d943f362b5b2fbeb465a0468b06a90f332ef3bf9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सिर्फ एक दिन में हुई दिल्ली में दो तिहाई वर्षा।वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो राजधानी दिल्ली में इस साल अगस्त में सिर्फ 10 दिन ही बारिश हुई है। यह सात वर्षों में सबसे कम है, जो औसत 247 मिमी से भी कम 214.5 मिमी है। इसमें से भी लगभग दो तिहाई वर्षा (138.8 मिमी) सिर्फ एक दिन यानी 21 अगस्त को दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों ने वर्षा के इस असमान वितरण के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d3eb0a144976d010d61e459ff77672b12bf5aca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67773.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वालों के मुताबिक, अयोध्या, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती में भी दस फीसद तक राजभर समाज के वोटर हैं। यही कारण रहा कि भाजपा ने वर्ष 2017 के चुनाव में राजभर समाज का मजबूत प्रतिनिधित्व कर रहे सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर से हाथ मिलाया और आठ सीटें दीं जिसमें सुभासपा चार जीतने में कामयाब रही। ओम प्रकाश मंत्री बने, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पिछड़े को सौंपने की मांग के सहित सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराजगी दिखाने पर योगी सरकार से बर्खास्त कर दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29d9ee12bf9d17d2fe4487a6a993dc180a1db11b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67774.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहले इन बच्चों को लगेगा टीका।शुरुआती दौर में पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को टीका लग सकता है। डाक्टर कहते हैं कि सभी बच्चों को टीका लगाने की अभी जरूरत नहीं है। एम्स सहित देश के छह अस्पताल में दो से 18 साल की उम्र के 375 बच्चों को कोवैक्सीन की दोनों डोज टीका देने के बाद उसके प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डा. संजय राय के नेतृत्व में यह ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट सितंबर में ही आने की उम्मीद है। लेकिन, माता-पिता को स्कूल खुलने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। + +तेजी से हो रहा टीकाकरण।अब काफी लोगों को टीका लग चुका है और तेजी से टीकाकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जायकोव-डी टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। यह टीका जल्दी लगाना शुरू हो जाएगा, जो 12 साल से अधिक उम्र के पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को भी लगेगा। इसके बाद अक्टूबर के अंत तक कोवैक्सीन का टीका भी बच्चों के लिए आ जाएगा। तब दो साल से 18 साल के उन सभी बच्चों को टीका लगाने का काम शुरू हो जाएगा जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। क्योंकि पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को संक्रमण होने पर समस्या हो सकती है। फिलहाल हर बच्चे को टीका लगाना प्रमुखता नहीं है। अभी बड़े लोगों को ही टीका लगाना प्रमुखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea65e9b79edabecf6eee0c1819324c2312ffef42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आइएसकेपी) की सक्रियता और उसमें बड़ी संख्या में भारतीय आतंकियों की मौजूदगी भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता का सबब बन गया है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार अफगानिस्तान में आइएसकेपी से जुड़े लगभग 200 भारतीय आतंकी हैं, जिनमें कई महिलाएं भी हैं। शायद यही कारण है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान में आइएस की सक्रियता के खतरे के प्रति आगाह किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfda499f171bfb093352ee5ff3742ba691cffe1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला के बड़े संस्थान ।सोलन जिला जिला ने मशरूम उत्पादन में देश भर में अपनी पहचान बनाई। चंबाघाट स्थित मशरूम अनुसंधान निदेशालय ने देश को मशरूम उत्पादन करना सिखाया है। इसी प्रकार डा. वाईएस परमार विवि नौणी भी देश का एक मात्र औद्योनिकी एवं वानिकी विवि है। भारतीय वन्य प्राणी सर्वेक्षण विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय भी सोलन में ही हैं। सोलन जिला ने शिक्षा हब के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। जिला भर में 12 निजी विवि हैं जहां पर वर्तमान में देश भर में करीब एक लाख से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07e8df35b8c57218262a2e76b4ec90bcdd72144a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67780.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आईएआरआई से तैयार 10 लाइन पर चल रहा आठ जिलों में परीक्षण।कालानमक की खेती के लिए किसान आमतौर पर कालानमक तीन, कालानमक 101, कालानमक 102, कालानमक किरन प्रजातियाें का प्रयोग करते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के प्रभारी डा.एसके तोमर का कहना है कि इसमें कालानमक किरन का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल के करीब है। ।अन्य प्रजातियों का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 35 क्विंटल भी नहीं है। इसमें फसल के नुकसान होने का खतरा भी अधिक रहता है। ऐसे में किसान इसकी बुवाई कम करना चाहता है। उत्पादन की समस्या को ध्यान में रखकर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली(आईएआरआई) ने अपने पूसा फार्म में सात वर्षों में कालानमक में जेनेटिक परिवर्तन के बाद दस लाइन(परीक्षणशील प्रजातियां) तैयार की हैं। ।इन ज‍िलों में चल रहा है परीक्षण ।इन लाइनों का अब गोरखपुर, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, देवरिया, मराजगंज जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों पर दो गुणे पांच मीटर के प्लाट पर इसका परीक्षण चल रहा है। परीक्षण सफल होने के बाइ इन लाइनों को प्रजाति की संज्ञा दे दी जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के प्रभारी का कहना है कि दिल्ली में इसका प्रयोग सफल रहा है। दिल्ली में इसके नतीजे भी अच्छे रहे हैं। बस्ती में पिछले वर्ष भी इसका परीक्षण हुआ था। परिणाम अच्छा रहा है। इस बार एक साथ आठ जिलों में इसका परीक्षण चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd69a8a49c16dd41263acb350bd0dc9ba0d1b06f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67781.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +काबुल, एजेंसी।19वीं सदी से ही अफगानिस्‍तान महाशक्तियों के लिए कूटनीति का अड्डा रहा है। 19वीं सदी के प्रारंभ में यहां ब्रिटेन की सेना की मौजुदगी थी। 20वीं सदी में रूसी सेना और 21वीं सदी में अफगानिस्‍तान अमेरिका का सैन्‍य ठिकाना बना। यह संयोग रहा कि हर बार शुरुआती जीत के बाद अंतत: तीनों महाशक्तियों को अफगानिस्‍तान में मात खानी पड़ी। आखिर अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबानी लड़कों के पास कैसे अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस हो गए। एक अनुमान के मुताबिक इस समय तालिबान के पास तुर्की से अधिक सैन्‍य उपकरण मौजूद हैं। । अफगानिस्तान में 8,84,311 आधुनिक सैन्य उपकरण छोड़ आया अमेरिका ।वर्ष 1989 में अफगानिस्‍तान में रूसी सेना की वापसी के बाद पहले यहां के मुजाहिद्दीन और बाद में तालिबानी लड़ाके रूसी AK 47 के साथ T-55 टैंकों पर सवार नजर आते थे। 2021 में अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबानी लड़ाके अमेरिकी बख्तरबंद फौजी गाड़ी हमवी पर अमेरिका में ही बनी M16 रायफल के साथ नजर आ रहे हैं। फोर्ब्स के मुताबिक अमेरिका अफगानिस्तान में 8,84,311 आधुनिक सैन्य उपकरण छोड़ आया है। इनमें M16 रायफल, M4 कार्बाइन, 82 mm मोर्टार लॉन्चर जैसे इंफेंट्री हथियारों के साथ सैन्य वाहन, ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर, A29 लड़ाकू विमान, नाइट विजन, कम्युनिकेशन और सर्विलांस में इस्तेमाल होने वाले उपकरण शामिल हैं। फोर्ब्स ने यह आंकड़ा अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के डिपार्टमेंट लॉजिस्टिक्स एजेंसी (DLA) के डेटाबेस को स्टडी कर इकट्‌ठा किया है। + + बाइडन प्रशासन ने ऑडिट रिपोर्ट वेबसाइट से हटाई।गौरतलब है कि बाइडन प्रशासन अफगानिस्तान के लिए खरीदे गए हथियार और सैन्य उपकरणों की ऑडिट रिपोर्ट्स को छुपा रहा है। फोर्ब्स डॉट कॉम के मुताबिक इस संबंध में दो महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स को सरकारी वेबसाइट्स से गायब कर दिया गया है। अमेरिका में सरकारी खर्च से जुड़े वॉच डॉग ओपन द बुक्स डॉट कॉम ने यह दोनों रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d3737ecaaf7bebe221f59b7013d3fcb5c58c90a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनकी अपनी शान और खूबियां हैं। जब वह इनकी खूबियों के बारे में लोगों को बताते हैं तो उनका सीना चौड़ा हो जाता है। जगदीप सिंह ने बताया कि उनका पूरा परिवार घोड़ों का शौकीन है। उन्होंने धूरकोट में बाकायदा स्टड फार्म बनाया हुआ है। उनके पास करीब 15 घोड़े और घोड़ियां हैं। सिकंदर और नवाब उनकी शान हैं। उन्होंने बताया कि सिकंदर को डेढ़ महीना पहले उन्होंने गुजरात से 65 लाख में खरीदा था। सिकंदर का पिता रोहतगड़ के राजघराने का घोड़ा था। इसी तरह नवाब की भी अलग नवाबी शान है। नवाब का पिता ‘नाग’ अब तक के जाने माने घोड़ों में से एक है, जिसकी कीमत ढाई करोड़ रुपये है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3251336490f1e6d7fcfd4a233a72c83324e6a678 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जैविक खाद बनाना भी सीखा।जवान सूरज कुमार, मुकेश कुमार वर्मा व प्रकाश कुमार ओझा ने बताया कि उन्होंने गोबर, पेड़ों की पत्तियों, मवेशियों के मल-मूत्र आदि के मिश्रण से जैविक खाद बनाने का तरीका भी सीखा है। कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव का तरीका, सिंचाई का उचित समय, उन्न्त बीज की पहचान और उसे तैयार करने आदि के बारे में भी जानकारी हासिल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c126e5fbd673b90543ab68c28ba52baaa2c42443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फतेहपुर, जेएनएन। कुदरत भी तरह-तरह के इम्तिहान लेती है, पहले अपनों से दूर कराती है और फिर मिलन के लिए भी कड़ियां जोड़ देती है। कुछ ऐसी ही घटना फतेहपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के पहरवापुर गांव में सामने आई है। परिवार से बिछड़ा एक बेटा मिला तो मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली। मां-बेटे के बिछड़ने और मिलन की दास्तां भी बड़ी ही दिलचस्प है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9500d47f207a4fefc8304a62ca2def5d20d46f6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67787.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिवम कश्येप, दिल्लीह, ईमेल से।टोक्योक ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा द्वारा जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने के बाद देश के युवाओं का उनसे प्रेरित होकर एथलेटिक्स में आगे बढ़ने का सपना देखना स्वामभाविक है। यह अच्छी बात है कि आप खुद को जैवलिन थ्रो में आगे बढ़ाना चाहते हैं और ओलिंपिक में खेलने की इच्छा रखते हैं। आप देश की राजधानी दिल्ली में हैं, जहां हर तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। आपको अपने प्रदर्शन के आधार पर किसी अच्छेर संस्था न/कोच की मदद लेने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही, लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए अपने भीतर कामयाबी की जिद और जुनून पैदा करें। देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के प्रदर्शन से संबंधित वीडियो देखें, उनसे सीखें। अपनी कमियों, कमजोरियों को दूर करने पर ध्याेन दें। शारीरिक के साथ-साथ मानसिक मजबूती पर भी जमकर काम करें। ।मैंने बारहवीं पीसीबी से किया है। फार्मेसी, एग्रीकल्च्र या पैरामेडिकल में से सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए मेरे लिए क्या बेस्ट होगा, जिससे ग्रेजुएशन के बाद जॉब मिल सके?।पारुल, ईमेल से।स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता और खासकर कोविड के चलते फार्मेसी और पैरामेडिकल सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एग्रीकल्चर सेक्ट‍र में भी युवाओं व प्रगतिशील किसानों की पहल और सरकारी प्रोत्साेहन से लगातार नये इनोवेशन हो रहे हैं, जिससे नयी और अधिक उपज वाली फसलों-फलों-सब्जियों आदि के उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि, इनमें से किसी सेक्टर में जाने से पहले आपको अपनी पसंद/रुचि को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। किसी और से प्रभावित न हों, अपने मन की सुनें। दुविधा हो, तो अगले कुछ दिनों/हफ्तों तक खुद की पसंद को समझने की कोशिश करें। इस बारे में स्वजन से भी सलाह-मशविरा करें। अच्छी तरह विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लें और किसी क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले उससे संबंधित स्किल को जानने-निखारने पर पर्याप्त ध्यान दें। बदलते दौर के अनुसार कौशल सीखने पर ध्यान देंगी, तो जॉब भी जल्दी मिलेगी और आगे तरक्की के अवसर भी मिलते रहेंगे। + +मैंने इसी वर्ष राजनीतिशास्त्र से एमए किया है। आगे मुझे यूजीसी नेट/जेआरएफ एग्जाम देना है। कृपया इसके लाभ को समझाएं। मुझे आगे पीएचडी करनी है। ।आर्यन प्रजापति, बस्ती, ईमेल से।यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट ) क्वालिफाई कर लेने के बाद आपको विश्वविद्यालयों/कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर/प्रवक्ताल पद के लिए आवेदन की पात्रता मिल जाती है। इसके आधार पर आप देशभर में कहीं भी आवेदन कर सकते हैं। जहां तक जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) की बात है, तो इसके तहत आपको रिसर्च करने के लिए यूजीसी की तरफ से आकर्षक मासिक फेलोशिप मिलती है। जेआरएफ की अवधि तीन साल तक की हो सकती है। जेआरएफ क्वालिफाई करने के बाद किसी भी केंद्रीय/राज्य विवि या संबंद्ध कालेज में रिसर्च के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जेआरएफ क्लीयर करने वाले अभ्यर्थी नेट क्वालिफाई भी माने जाते हैं। इसके आधार पर आप रिसर्च के साथ-साथ असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1d2722f02cd340eadbba0fdb6a680efb37bfe60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67790.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है आनलाइन टीचिंग : आनलाइन टीचिंग इंटरनेट के माध्यम से की जाती है। कोरोना काल में स्‍कूल-कॉलेज बंद होने से आनलाइन प्‍लेटफार्म उन्‍हें पढ़ाई को निर्बाध रूप से जारी रखने में सबसे अधिक सहायक बना। इंटरनेट कनेक्शन वाला कोई भी व्यक्‍ति इस माध्‍यम में अध्‍ययन-अध्‍यापन कार्य कर सकता है, क्‍योंकि इस माध्‍यम में कंप्‍यूटर, लैपटाप या मोबाइल पर ही आडियो-वीडियो, मैसेजिंग प्लेटफार्म और ईमेल के जरिये ही बच्‍चों को पढ़ाया जाता है। इसलिए आनलाइन पढ़ाने के लिए आपको कंप्यूटर, इंटरनेट और कैमरे के साथ सहज होना आवश्‍यक है। इसके लिए आडियो-वीडियो मेकिंग/एडिटिंग, पावरपाइंट प्रेजेंटेशन जैसी डिजिटल तकनीकों की भी जानकारी होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca0d67f3c9d20ad307d526e1eb71f7312306ce0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काबुल, एजेंसी। अफगानिस्‍तान में दो दशक चले लंबे युद्ध के बाद 31 अगस्‍त को अमेरिकी सेना पूरी तरह से वापस हो गई। जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने बताया कि अमेरिका लगभग 1,23,000 नागरिकों को अफगानिस्‍तान से बाहर निकालने में कामयाब रहा। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान समर्थक बलों में जश्‍न का माहौल है। इस बीच तालिबान ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्‍तान में अमेरिकी शिकस्‍त दूसरे हमलावरों और हमारी आने वाली नस्‍लों के लिए एक सबक है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने काबुल से आखिरी अमेरिकी विमान के रवाना होने के कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट की रनवे पर से कहा कि यह दुनिया के लिए भी एक सबक है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा यह जीत अफगानिस्‍तान को मुबारक हो। उन्‍होंने कहा कि ये फतह हम सब की है। अफगानिस्‍तान में तालिबान शासन के साथ कैसे होंगे भारत के‍ रिश्‍ते। क्‍या तालिबान और भारत के मध्‍य रूस कर सकता है मदद। ।तालिबान पर क्‍या होगी भारत की रणनीति ।तालिबान ने दिए सकारात्‍मक संदेश ।उधर, भारत को लेकर तालिबान से सकारात्‍मक संकेत मिल रहे हैं। तालिबान नेतृत्‍व के एक सदस्‍य ने कतर में कहा कि भारत इस उपमहाद्वीप के लिए बेहद अहम है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान चाहता है कि भारत के साथ अफगानिस्‍तान के सांस्‍कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और व्‍यापारिक रिश्‍ते अतीत की तरह बने रहे। तालिबान का यह बयान भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है। तालिबान के दोहा कार्यालय के उप प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजइ की ओर से पश्तो ज़ुबान में जारी किए गए इस वीडियो मैसेज को अपने संगठन के सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर शनिवार को शेयर किया गया था। यह वीडियो अफगानिस्‍तान के मिल्ली टीवी चैनल पर भी प्रसारित हुआ है। ।तीन देशों के दूतावास पर नहीं रहा असर ।अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्‍जा होने के बाद भारत समेत अधिकतर देशों ने वहां से अपने दूतावास कर्मचारियों को बाहर निकलना शुरू कर दिया है। इस वक्‍त अफगानिस्‍तान में महज तीन देशों ने (रूस, चीन और पाकिस्‍तान) अपने दूतावास खोल रखे हैं। चीन की तरह तालिबान ने रूस को यह भरोसा दिया है कि वह अफगानिस्‍तान की धरती का इस्‍तेमाल अपने पड़ोसियों पर हमला करने नहीं देगा। उधर, पाकिस्‍तान की स्थिति थोड़ी भिन्‍न है। पाकिस्तान पर हमेशा से तालिबान का साथ देने का आरोप खुद अफगान की गनी सरकार लगाती रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b53816e980d3e88fe588014cf075b691b42b2aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67792.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोनीपत [दीपक गिजवाल]। नाहरी गांव इन दिनों ओलिंपियन पहलवान रवि दहिया की वजह से प्रसिद्धी पा ही रहा है। अब यहां के एक देसी छोरे ने हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री का नई संजीवनी दी है। दरअसल नाहरी गांव के युवा विजेता दहिया अपनी फिल्म के जरिए टूटते परिवार के दर्द को उकेर रहे है। उनके द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म 'दरारें' ओटीटी स्पेस एमएक्स प्लेयर पर खूब वाहवाही लूट रही है। इसी महीने रिलीज हुई फिल्म की सराहना हरियाणा से संबंध रखने वाले और बालीवुड के जाने-माने एक्टर यशपाल शर्मा भी कर चुके है। + +पीछे छूटते रिश्तों व लुप्त होती संस्कृति से लोगों को रूबरू करवाऊं। उसके बाद विदेश मंत्राालय की नौकरी छोड़ दी और फिल्म के जरिए ये कार्य करने की सोची। इसका परिणाम है दरारें जैसी फिल्म बन पाई। इससे पहले 8 मिनट की एक शाार्ट फिल्म'टेक केयर'बना चुके है। जो यूरोप के लिस्बन फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई थी। इसके अलावा हरियाणवी स्टार अंजलि राघव के साथ एक वीडियो सांग बना चुके है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f35454985983a6e9f35ccd49965d040506079ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67794.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नार्को टेररिज्म ऐसी संकल्पना है जिसे ‘आतंकवाद के प्रकार’ और ‘आतंकवाद के साधन’ दोनों श्रेणी में रखा जा सकता है। प्रारंभ में दक्षिण अमेरिका में मादक पदार्थो के अवैध व्यापार से संबद्ध आतंकवाद के परिप्रेक्ष्य में प्रयुक्त यह शब्द अब विश्वभर में आतंकी गुटों और गतिविधियों से संबद्ध हो गया है। नार्को टेररिज्म दो आपराधिक गतिविधियों मादक पदार्थ के अवैध व्यापार और आतंकी हिंसा को संयोजित करता है। यह आतंकी संगठनों को उनकी गतिविधियों के लिए राशि जुटाने में सहायता करता है। अफगान में तालिबान के आने पर नार्को टेररिज्म के खतरे में कैसे अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, इसे समझने के लिए आवश्यक है कि तालिबानी अर्थव्यवस्था की अफीम पर निर्भरता को समझा जाए। + +भारत पर मंडराता खतरा : अफगान में होने वाली अफीम से जो हेरोइन बनाई जाती है, उसका एक बड़ा हिस्सा यूरोप और भारत में पहुंचता है। अमेरिकी ड्रग इंफोर्समेंट एजेंसी के मुताबिक अमेरिका में हेरोइन आपूर्ति का महज एक प्रतिशत हिस्सा अफगान से पहुंचता है, वहां अधिकांश हिस्सा मैक्सिको से पहुंचता है। वर्तमान में पाकिस्तान भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में पाकिस्तान भी नार्को टेररिज्म में तालिबान को सहयोग प्रदान कर रहा है। यही कारण है कि भारत में नार्को टेररिज्म के खतरे को लेकर खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है और सभी एंटी नारकोटिक्स एजेंसियां सतर्क हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2e288788bf66ba738eebd17713d189f4847fe12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67799.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुराने की होगी आनलाइन पढ़ाई: पुराने विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी। 58 ट्रेडों के करीब दो लाख पुराने विद्यार्थी होते हैं। उनकी पढ़ाई की प्रक्रिया आनलाइन होगी। लखनऊ पालीटेक्निक के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह ने बतायाकि प्राविधिक शिक्षा परिषद के निर्देश पर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। हीवेट पॉलीटेक्निक के डॉ.यूसी वाजपेयी व गोविंद बल्लभ पंत राजकीय पॉलीटेक्नक के प्रधानाचार्य ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लिंक दे दिया गया है। राजकीय व महिला राजकीय पॉलीटेक्निक समेत सभी 150 सरकारी 19 सहायता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाई शुरू हो गई है। निजी संस्थान भी पढ़ाई कराने की तैयारी में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6390b12f289c780e4480ad49c28b91547e67e47c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस खास तोहफे के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए अनुष्का ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है और 'जयेशभाई जोरदार' की तरफ से भेजे गए गिफ्ट और लेटर के बारे में बताया है। पोस्ट को शेयर करते हुए अनुष्का ने कैप्शन में लिखा, "जयेशभाई जोरदार के बिना खुशबू के साबुन और खास खत ने उत्साहित कर दिया है। यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि कल क्या पता चलेगा।"।वहीं जयेशभाई जोरदार के रूप में रणवीर ने अनुष्का को भेजे गए खत में प्रवीणगढ़ में अपने जीवन के बारे में बातया है। पत्र में हिंदी में लिखा है, “आदरणीय अनुष्का, यह बिना खुशबू का साबुन हमारे प्रवीणगढ़ का एक उन्नत आविष्कार है। हमारी बेटियों और बहुओं को सिर्फ इसी से नहाने की इजाजत है। ऐसा क्यों है? ये हमारे में नहीं पूछते।"।जयेशभाई जोरदार ने आगे लिखा, "मैं आपको यहां जरूर बुलाता लेकिन हमारा टोल नाका पार करते ही आपको घूंघट प्रथा का पालन करना पड़ेगा। फिर कुछ नही दिखेगा। बेहतर होगा कि मैं आपको प्रवीणगढ़ के जीवन की एक झलक भेजूं। जिसे आप सपरिवार आपकी मर्जी अनुसार अनुभव कर सकें। अभी के लिए यह पारंपरिक साबुन भेज रहा हूं। आपका, जयेशभाई जोरदार।”।रणवीर की फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' यश राज फिल्म्स के बैनर तले बन रही है। जिसे दिव्यांग ठक्कर निर्देशित कर रहे हैं। 'जयेशभाई जोरदार' इस साल 13 मई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67802.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..671dfec71adc698d9f489ae7ca35445cae9287b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अविनाश मोहंती। इंटरगवर्नमेंटल पैनल आन क्लाइमेट चेंज (आइपीसीसी) की नई रिपोर्ट ने जलवायु संकट के बारे में हमारे डर को सही साबित किया है। पेरिस समझौते में खींची गई 1.5 डिग्री सेल्सियस वार्मिंग यानी तापन की सीमा पहले के अनुमान के मुकाबले काफी नजदीक है और अब हमारे पास अपनी धरती को संकट से बचाने के लिए निर्णायक विकल्प ही हैं। धरती ज्यादा गर्म होने पर सूखे की बारंबारता में वृद्धि होने के साथ गर्म हवाओं के चलने और चक्रवाती तूफान की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। पिछले कुछ सप्ताह में दुनिया भर से सामने आई खबरों ने दिखाया है कि मौसम संबंधी घटनाएं लाखों लोगों को व्यापक रूप से प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में भारत भी इसकी चपेट में आ चुका है, लिहाजा हमें इससे बचने की तैयारी अभी से ही शुरू करनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf8b4a050467eac83468b209067d7c4930b1b7be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67803.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2010 में हुआ था गठन।जनमंच का गठन वर्ष 2010 में जाड़ी संस्था के अध्यक्ष द्वारिका सेमवाल ने किया, जिसका उद्देश्य प्रभावितों की मदद और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। इस मंच में उत्तकराशी के कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्त्ता जुड़े हैं। 2010, 2012, 2013 और आराकोट की आपदा में भी सक्रिय रूप में आपदा प्रबंधन जनमंच फ्रंट लाइन में दिखा। सबसे खास बात ये भी है कि इस मंच का सिस्टम के साथ बेहतर समन्वय है। जिससे समस्या का समाधान और त्वरित मदद भी पहुंच जाती है। + +पुल की तरह किया काम।जनमंच के संरक्षक गोपाल थपलियाल व कमलेश गुरुरानी कहते हैं कि लॉकडाउन और कोविड कर्फ्यू के दौरान गांव के किसानों के उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में जनमंच एक लिफ्ट की तरह काम किया। इस बार साढ़े तीन लाख रुपये से अधिक की सब्जी और आडू पुलम की बिक्री करवायी। गांव तक बीज खाद पहुंचाया गया। जनमंच ने जिला प्रशासन और आमजन के बीच एक पुल का काम किया है। जनमंच का एक वाट्सएप ग्रुप है । जिसमें प्रत्येक दिन के कामों की अपडेट होती है। जहां पर किसी भी प्रकार के सहयोग, राहत आदि की आवश्यकता होती है एक बार जब वो ग्रुप में आती है उसका समाधान उसी वक्त हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67804.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7b0b7c766573c32764eab88acc92724dec187cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67804.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +16 बीमारियों की पहचान करने में सहायक।यह फेफड़े के कैंसर के साथ फेफड़े से जुड़ी 16 बीमारियों की पहचान कर सकता है। आर्यन ने बताया कि जब कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाए तो फेफड़ों के तरल पदार्थ में आए बदलाव के विषय में जांच करके हम कोरोना संक्रमण का ज्यादा आसानी से पता लगा सकते हैं। इस तकनीक की मदद से अस्पतालों में भी टेस्टिंग की जा सकेगी। इसके लिए किसी विशेष लैब की जरूरत नहीं होगी, बस उस मरीज के एक्सरे की आवश्यकता होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb32d61f15507dfaf3cf900afd293665f961b8de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67807.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। पैरालिंपिक में विश्व रिकार्ड 68.55 मीटर दूरी पर भला फेंककर स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित अंतिल के कोच नवल सिंह का मानना है कि सुमित ने अपने खेल स्तर को बढाने के लिए पैरा एथलीट नहीं, बल्कि सामान्य एथलीट नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह के साथ स्पर्धा करते पैरा जगत का सर्वश्रेष्ठ मुकाम हासिल किया। इतना ही नहीं, उन्होंने पहले ही भारत में आयोजित इंडियन ग्रांप्रि में विश्व रिकार्ड तोड़ दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1104f347ce3c8727920a3dc664b36496338975fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67808.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। वर्क फ्रॉम होम कल्‍चर के दौरान युवा आजकल ज्‍यादातर समय कंप्‍यूटर टेबल और चेयर पर ही बिता रहे हैं। ऐसे में ज्‍यादा समय तक लगातार बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी में दर्द होने की समस्‍या भी आम होती जा रही है। लोग सर्जरी से घबराते हैं और इसी वजह से डॉक्‍टर के पास जाने से बचते हैं। लेकिन इसका भी हल आ गया है, अब बिना सर्जरी रीढ़ की हड्डी के दर्द से राहत पाई जा सकती है। फ्लुओरोस्कोपी गाइडेड पेन इंटरवेंशन्स तकनीक आपको इस समस्‍या से निजात दिला सकती है। + +एक मेडिकल कांफ्रेंस में भाग लेने आगरा पहुंचे जयपुर के चिकित्‍सक डा. संजीव शर्मा ने बताया कि युवाओं में स्पाइन के दर्द संबंधित समस्याओं में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। इसके अलावा अचानक वजन उठाने से या उम्र बढ़ने के कारण कमर के छल्ले खिसकना, नस दबना या कमर के जोड़ों में दबाव या सूजन की समस्या देखी जाती है। इसके इलाज में दवाओं या फिजियोथेरेपी से इलाज लेने पर भी, इसमें किसी तरह का फायदा नहीं मिलता तो अब तक मरीज के पास सर्जरी का ही विकल्प बचता था और स्पाइन सर्जरी में जटिलताओं के कारण मरीजों में इसे लेकर काफी डर रहता है। लेकिन अब इस समस्या के इलाज के रूप में फ्लुओरोस्कोपी गाइडेड स्पाइन इंटरवेंशन्स ट्रीटमेंट आ गया है, जो सर्जरी की अपेक्षा काफी सुरक्षित भी है और बिना किसी चीरे- टांके के, मात्र एक निडिल व कैथेटर के जरिये पूरा किया जा सकता है। स्पाइन में दर्द के उपचार के ये विकल्प हाल ही कुछ वर्षों में विकसित हुए हैं और यूएस-एफडीए से अप्रूव्ड भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f706b664ac89f082c325ae5f413ec6080c9b191a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67810.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। तीन दिन के लांग वीकेंड में 65 हजार से अधिक पर्यटकों ने धवल संगमरमरी ताजमहल का दीदार किया। शनिवार व रविवार के बाद सोमवार को भी पर्यटकों की भीड़ उमड़ी। 19 हजार से अधिक पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे। इससे दुकानदारों के चेहरे भी खिले नजर आए। इधर अक्‍टूबर से आगरा में टूरिस्‍ट सीजन की शुरुआत हो जाएगी। अंतरराष्‍ट्रीय फ्लाइट्स बंद रहने से विदेशी पर्यटकों के आने की तो उम्‍मीद कम है लेकिन देसी टूरिस्‍ट भरपूर आ सकतेे हैं। ।तीन दिवसीय लांग वीकेंड की शुरुआत शनिवार से हुई थी। शनिवार को 19936 और रविवार को 26252 पर्यटकों ने ताजमहल देखा था। सोमवार को जन्माष्टमी का अवकाश होने से सुबह से ही पर्यटक ताजमहल पहुंचना शुरू हो गए थे। स्मारक के पश्चिमी गेट पर दिनभर लाइन लगी रही। यहां लाइन नीम तिराहा तक पहुंच गई थी, जिससे पर्यटकों को प्रवेश के लिए इंतजार करना पड़ा। सोमवार को 19730 पर्यटकों ने ताजमहल देखा, जिनमें 70 विदेशी शामिल थे। तीन दिन में 65218 पर्यटकों ने ताजमहल देखा। + +स्मारकों पर पर्यटकों की स्थिति।स्मारक, शनिवार, रविवार, सोमवार।ताजमहल, 19936, 26252, 19730।आगरा किला, 4105, 5219, 3845।फतेहपुर सीकरी, 408, 1155, 557।सिकंदरा, 603, 1096, 844।एत्माद्दौला, 226, 496, 324।मेहताब बाग, 170, 326, 301।रामबाग, 75, 140, 115।मरियम टाम्ब, 35, 55, 31।राष्ट्र हिंदू परिषद ने किया प्रदर्शन।भगवान श्रीकृष्ण के वेश में शनिवार को ताजमहल पहुंचे पर्यटक को स्मारक में प्रवेश नहीं दिया गया था। राष्ट्र हिंदू परिषद भारत ने सोमवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। ताजमहल पश्चिमी गेट पर प्रदर्शन करने जा रहे संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को अमरूद का टीला पार्किंग से पहले ही पुलिस ने रोक लिया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ने कहा कि किसी भी भगवाधारी और भगवान के वेश में कलाकार का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। ताजगंज थाना प्रभारी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो संगठन के कार्यकर्ता राधा-कृष्ण के वेश में स्मारक में प्रवेश करेंगे। पर्यटक को रोकने वालों पर कार्रवाई नहीं होने पर ताजमहल में ताला लगा देंगे। प्रदर्शन में विजय, अजय चित्तौड़िया, भूपेंद्र गौर, अमित कुलश्रेष्ठ, कमल सूर्यवंशी, ओम पाराशर, कपिल व्यास, वेदांश शर्मा, संगीता, नितिन गौतम, मोनू राजपूत, जीतू ठाकुर, सागर वर्मा, राहुल शर्मा, अरुण मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb5c1774e3c727353120905c7cf93e33850cff4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67811.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +और भी बहुत कुछ लगा है आतंकियों के हाथ: लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टर के इस्तेमाल में तालिबान आतंकी कितने सक्षम और दक्ष हैं, इस पर तो सवाल उठ सकता है, लेकिन नवीनतम बंदूकों व राइफलों का इस्तेमाल आतंकी बखूबी जानते हैं और अफगानिस्तान में इनकी भरमार है। विभिन्न रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 से 16 के बीच अमेरिका ने अफगान सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़े पैमाने पर हथियार पहुंचाए थे। इनमें 3.58 लाख विभिन्न प्रकार की राइफल, 64 हजार से ज्यादा मशीनगन, 25 हजार से ज्यादा ग्रेनेड लांचर और 22 हजार से ज्यादा हमवी (हर तरह के इलाके में चलने में सक्षम गाड़ियां) शामिल हैं। 2017 में 20 हजार एम-16 राइफल भी अमेरिका ने दिए थे। इसके बाद के वर्षो में भी कई हथियार और वाहन आदि की आपूर्ति अमेरिका ने की थी। + +क्या कर सकते हैं आतंकी?: अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के पूर्व सलाहकार जोनाथन स्क्रोडन का कहना है कि लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टर पर कब्जा कर लेना आसान है, लेकिन आतंकियों के लिए इनका इस्तेमाल आसान नहीं होगा। किसी भी वायुसेना को तकनीशियनों की पूरी टीम की जरूरत पड़ती है। रिपेयरिंग से लेकर बहुत से काम होते हैं। इनकी देखभाल में ज्यादातर निजी कांट्रेक्टर थे, जो तालिबान के कब्जे से पहले ही निकल गए थे। हालांकि खतरे से पूरी तरह इन्कार नहीं किया जा सकता है। आतंकियों के हाथ में ऐसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का होना चिंता बढ़ाने वाला है। तकनीशियनों की टीम तैयार कर लेना आतंकियों के लिए बहुत असंभव भी नहीं है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d1cac04d4476c04467bc993c70bdeb9dc74ccaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/नोएडा [लोकेश चौहान]। एक बार आपको लगेगा कि यह महंगा है, लेकिन यकीन मानिए, यह महंगा नहीं सस्ता है। बात जब ई-व्हीकल की हो तो चार पहिया वाहन आपको महंगा तो मिलेगा, लेकिन प्रतिदिन के खर्च, मेंटेनेंस और रनिंग कास्ट पेट्रोल और डीजल कार से सस्ती है। साथ ही पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है। इन वाहनों से न तो धुआं और न ही गैस निकलती है। इसके अलावे इंजन न होने के कारण ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता है। ई बाइक, पेट्रोल बाइक की कीमत से 30 फीसद सस्ती हैं। इनकी कीमत कम होने के साथ खर्च भी कम है। बस आप इसे सुपर बाइक की तरह दौड़ा नहीं सकेंगे, जिससे आप दुर्घटना के शिकार होने से भी बचेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3067b950da96411be9f306122d6c1fd73e44be9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आलमबाग के रामनगर में भी पूजन को लेकर तैयारियां चल रही हैं, लेकिन प्रशासन की अनुमति के बाद ही आयोजन होंगे। संयोजक उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यदि प्रशासन अनुमति नहीं देगा तो इको फ्रेंडली प्रतिमा घर में स्थापित करके पूजन करेंगे। बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश नहीं होगा। चौक के उमेश पाटिल का कहना है कि प्रशासन की अनुमित का इंतजार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdd96a3c62693034ae32bc2918a5cf0a0bf773f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोरोना टीकाकरण की बढ़ी रफ्तार ने समय से पहले संपूर्ण टीकाकरण की उम्मीद बढ़ा दी है। सोमवार तक देश में वैक्सीन की 64 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। 31 दिसंबर तक 94 करोड़ वयस्कों को कुल 188 करोड़ डोज उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को उम्मीद है कि वैक्सीन की बढ़ी सप्लाई से इस लक्ष्य को समय से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा। समय से पहले टीकाकरण के लक्ष्य के हासिल करने के पीछे अगस्त महीने में वैक्सीन की बढ़ी हुई सप्लाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6cace3acdeeb3afc685f99310356b133aa63992 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67825.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर देहात, [जागरण स्पेशल]। Janmashtami 2021 भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही मथुरा में कंस की कैद से उन्हें तुरंत मुक्ति मिल गई थी। इसी तरह शिवली थाने में 19 बरस से 'कैदÓ कान्हा को भी जन्माष्टमी पर मुक्ति मिलती है। बस एक दिन के लिए, अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए। इस दिन पुलिसकर्मी पूजन करने के बाद उन्हें फिर मालखाने में कैद कर देते हैं। पूजन में आसपास के लोग भी दर्शन को आते हैं। सोमवार को भी भगवान की रिहाई हुई। उन्हेें बाहर निकाला गया और विधिवत उनका पूजन हुआ। ।जन्माष्टमी पर पूजन के लिए बाहर आते भगवान: प्रति वर्ष जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है। वह बलराम व राधाजी संग बाहर आते हैं। मालखाने से पुलिसकर्मी उन्हेंं बाहर निकालते हैं। इसके बाद स्नान कराने के बाद नए वस्त्र पहनाकर श्रृंगार कर उनका पूजन किया जाता है। पूजन में सर्वराकार का परिवार शामिल होकर भोग लगाता है। थाना प्रभारी आमोद कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमे में चोरी का माल दर्ज होने के कारण मूर्तियों को मालखाने में ही रखा गया है। श्रद्धाभाव से जन्माष्टमी पर पूजन कर प्रसाद वितरण कर वापस दोबारा से इन्हेंं अंदर रख दिया जाता है। सोमवार को भी स्नान व पूजन कराया गया। + +यह भी पढ़ें : प्रकट हुए श्रीकृष्ण, कानपुर में इस्कान से जेके मंदिर तक गोपाल नाम की गूंज।यह है रहस्य: मंदिर से गायब होकर श्रीकृष्ण के कैद में पहुंचने की घटना वर्ष 2002 में हुई। शिवली में 12 मार्च को मंदिर से श्रीकृष्ण, राधा और बलराम की तीन बड़ी, दो छोटी अष्टधातु की मूॢतयां चोरी हो गई थीं। मंदिर के सर्वराकार आलोक दत्त ने शिवली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस टीम ने सुराग लगाना शुरू किया। मुखबिर की मदद से एक सप्ताह में ही चोर को पकड़कर मूर्तियां बरामद कर ली थीं। बस उसी के बाद से ये अष्टधातु की मूॢतयां थाने के मालखाने में कैद हो गईं जो कि आज तक हैं। सर्वराकार कहते हैं, कानूनी दांवपेंच में मामला फंसा है, बाकी प्रभु की लीला व मर्जी है। वैसे पुलिस के पास इन मूर्तियों की सुरक्षा है, इसलिए थोड़ा निश्चिंत भी हैैं।  ।यह भी पढ़ें :  शिवाला में हुआ पूजन, देखें-जेके मंदिर का Video और इस्कान मंदिर में Online Live Telecast।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77e08e88770c7a7341113c8f0f162b88ee2bb4e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67826.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेरे विचार से मैंने अपने पक्ष को काफी स्पष्ट कर दिया है। हां, एक बात मैं तुम्हें खास तौर पर बताना चाहता हूं कि बावजूद क्रांतिकारी विचारों के हम नैतिकता संबंधी सभी सामाजिक धारणाओं को नहीं अपना सके। क्रांतिकारी बातें करके इस कमजोरी को बहुत सरलता से छिपाया जा सकता है, लेकिन वास्तविक जीवन में हम तुरंत ही थर-थर कांपना शुरू कर देते हैं। + +मैं तुमसे अर्ज करूंगा कि यह कमजोरी त्याग दो। अपने मन में बिना कोई गलत भावना लाए अत्यंत नम्रतापूर्वक क्या मैं तुमसे आग्रह कर सकता हूं कि तुममें जो अति आदर्शवाद है उसे थोड़ा-सा कम कर दो। जो पीछे रहेंगे और मेरी-जैसी बीमारी का शिकार होंगे, उनसे बेरुखी का व्यवहार न करना, झिड़ककर उनके दुख-दर्दों को न बढ़ाना, क्योंकि उनको तुम्हारी हमदर्दी की जरूरत है। क्या मैं यह आशा रखूं कि तुम किसी विशेष व्यक्ति के प्रति खुंदक रखने के बजाय उनसे हमदर्दी रखोगे, उनको इसकी बहुत जरूरत है। तुम तब तक इन बातों को नहीं समझ सकते जब तक कि स्वयं इस चीज का शिकार न बनो, लेकिन मैं यह सब कुछ क्यों लिख रहा हूं? दरअसल मैं अपनी बातें स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं। मैंने अपना दिल खोल दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97ede14e1fbc6f17fcd7f2a9c372ed248a87c4d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67827.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टी पर हर घर नन्हें श्री कृष्ण का जन्म होगा। 30 अगस्त को मध्यरात्रि में जन्म के साथ ही 16 कलाओं में निपुण भगवान श्रीकृष्ण 64 कलाओं में दक्षता का वरदान देते हैं। आचार्य कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि श्रीकृष्ण सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे ओर द्वंद युद्ध के माहिर थे। उनके पास कई अस्त्र और शस्त्र थे। उनके धनुष का नाम सारंग था। उनके खड्ग का नाम नंदक गदा का नाम कौमौदकी और शंख का नाम पांचजञ्य था, जो गुलाबी रंग का था। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि श्रीकृष्ण के पास जो रथ था उसका नाम जैत्र दूसरे का नाम गरुढ़ध्वज था। भगवान श्री कृष्ण ने पूतना, शकटासुर, नरकासुर, कंस, जरासंध, शिशुपाल व पौड्रक आदि असुरों का वध किया था। कालिया नाग बाणासुर को युद्ध में हराया था। श्री कृष्ण ने बचपन से आलौकिक लीलाएं दिखाकर सबको चकित कर दिया। श्री कृष्ण सोलह कला के अवतार माने गए हैं। लखनऊ के ठाकुरद्वारों में भगवान की विशेष पूजा होती है। + +श्रीकृष्ण भगवान की 16 कलाएं।जन्माष्टमी ऐसे करें पूजन, मिलेगा लाभ: आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मध्यरात्रि 12 बजे से स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान श्री कृष्ण को घंटा और शंख ध्वनि करते हुए पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को यज्ञोपवीत धारण कराएं । चंदन और अक्षत चढाएं, पुष्प और इत्र चढ़ाएं। धूप, दीप दिखाए और तुलसी, मक्खन, मिश्री , पंजीरी और नैवैद्य का भोग व ऋतुफल चढ़ाए। लौंग , इलायची व पान अर्पित करें। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण के मंत्र जप या स्त्रोत का पाठ करें और कपूर से आरती करें और सुख-समृद्धि व मनोकामना की प्रार्थना करें। अंत में पूजन में जाने अनजाने में हुए गल्तियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c81eb1e11dc227036a8739d6791ae9925c18895 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67828.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुभाष चंद्र, श्री मुक्तसर साहिब। पंजाब के लिए नशा एक बड़ी समस्या रहा है। क्या गांव, क्या शहर युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जकड़ती जा रही थी, लेकिन एक गांव के युवाओं ने अपनी इच्छाशक्ति से नशे के दानव को टक्कर देने की ठानी और आखिरकार गांव को नशामुक्त बनाने में सफल रहे। हौसले और एकजुटता की यह मिसाल है पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के कोटली अबलू गांव की जहां पचास युवाओं की टोली ने करिश्मा कर दिखाया है। ये युवा अब पूरे पंजाब को नशेे दानव को पराजित करने की राह दिखा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67321884fa9de9819adda9ca1b546bde1603cbaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67829.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमित धवन, भिवानी। कोरोना संक्रमण के चलते लघु चिड़ियाघर बंद है। लघु चिड़ियाघर में आए शेरों को अभी शहरवासी नहीं देख पा रहे हैं, लेकिन चिड़ियाघर के कर्मचारी उनकी देखभाल में जुटे हैं। शेरों को हर रोज सात-सात किलोग्राम चिकन दिया जा रहा है। नर और दो मादा शेरों को अलग-अलग बाड़े में रखा गया है। हर रोज चिकन खाने वाले इन शेरों को मांस पाचन के लिए मंगलवार को व्रत करवाया जाएगा। कोरोना के चलते शेरों को फ्रेश चिकन दिया जा रहा है। + +नर-मादा को रखा गया है अलग।चिड़ियाघर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने नर और मादा शेरों को अलग-अलग रखा है। उनको मीट भी अलग-अलग डाला जाता है। पिंजरे में जाने के बाद हर रोज सुबह उनके पिंजरे को साफ किया जाता है। शेर गर्मी में पिंजरे में रहे और वहां पानी की दिक्कत न हो इसको लेकर उसमें ही पानी की टंकी बनाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5886cc66fe9c0c7021140dca74a3653cfd3d49d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बार अहीरवाल क्षेत्र की बड़ी घटना उन्हीं की लोकसभा से भूपेंद्र यादव का कैबिनेट मंत्री बनना और इसके बाद जनआशीर्वाद यात्रा निकालना रहा है। सूत्रों के अनुसार राव इंद्रजीत सिंह रैलियों के माध्यम से अब अपनी शक्ति दिखाएंगे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि पटौदा गांव के लोगों ने उन्हें शहीदी दिवस पर आमंत्रित किया है। यह सामान्य सी बात है, मगर राजनीतिक हलकों में इसे असामान्य माना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9bef3ee5ce0233806e6b20d83badda46e934e86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंदन में भी स्वदेशी मन।कभी-कभी जिंदगी में कुछ पल ऐसे आते हैं जो पूरा जीवन बदल देते हैं। ढींगरा के जीवन में ऐसा ही दिन मई 1907 में आया, जब लंदन की सड़कों पर घूमते-घूमते एक दिन मदन लाल इंडिया हाउस पहुंच गए। उस समय भारत की दुर्दशा पर वीर सावरकर का भाषण चल रहा था। भारत से लंदन पढ़ने आए विद्यार्थी इसे बड़े गौर से सुन रहे थे। मदन लाल भी पीछे जाकर बैठ गए। वह सावरकर के भाषण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भी भारतीय छात्रों के साथ इंडिया हाउस में रहने का संकल्प ले लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22ae6c4969b156f5657d6ca3e839a7d5de60a441 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। बरो मुखिया, खांडरा, नाहरी, खुड्डन, नोगपोक काकचिंग, मीठापुर, शाहबाद...ये गांव नहीं प्रतिभाओं की खादानें हैं, जहां से ऐसे-ऐसे हीरे-जवाहरात निकलते हैं, जिनसे भारत माता का सिर दमकता है। हो सकता है कि इनमें से आपने कुछ के नाम सुने हों और कुछ नहीं, लेकिन जब मैं यहां पर जन्म लेने वाली हस्तियों के नाम बताऊंगा तो आपको सब समझ आ जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67834.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67834.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4fa9d3281739053485ba64d27fca0d6f88a93a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67834.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुल मिलाकर इस जल्दबाजी का नतीजा यह हुआ कि लगभग बिना किसी खास चुनौती के तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया। निराश अफगान सेना ने अच्छे खासे आधुनिक असलहे तालिबान के हाथों में दे दिए। भारत ने अब तक तालिबान से निश्चित दूरी बनाकर रखी है और यह सही भी है। 1995 से 2001 के बीच पिछली बार अफगानिस्तान में सत्ता के दौरान तालिबान के अत्याचार कोई भूला नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8282a142700e6b4415905a4c40e2e0f4ba03d0e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। पैसे की बढ़ती चाहत में रिश्ते भुलाए जा रहे हैं। अलीगढ़ में पुलिस के आंकड़े यही बता रहे हैं। पिछले आठ महीनों के दौरान जिले में 78 हत्या की वारदातें हुईं हैं। इनमें से 35 लोगों की हत्या के आरोपित उन्हीं के स्वजन हैं। हाल के दिनों में कई घटनाएं ऐसी हुईं जिसने लोगों को दहला दिया। हत्या की इन गुत्थियों को सुलझाने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। मामलों का राज खुला तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। कई मामलों में अपने ही गुनाहगार निकले। अपने ही खून ने रिश्तों का कत्ल कर दिया। इन घटनाओं में दौलत हथियाने की खातिर अपने ही अपनों का खून बहाने से पीछे नहीं रहे। ऐसी ही घटनाओं पर रिंकू शर्मा की रिपोर्ट...।केस 01।क्वार्सी क्षेत्र के सरोज नगर में 22 फरवरी को सराफा कारोबारी कुलदीप वर्मा की पत्नी कंचन वर्मा की हत्या कर दी गई। हत्यारा उनका ही बेटा योगेश वर्मा, उसकी पत्नी व दोस्त निकले। वे करीब एक करोड़ रुपये की नकदी व जेवरात लूटकर ले गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92dac17636227e9e59c4ce198c252f3189eb4370 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6784.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस बार में खुद सारा अली खान अपने इंटरव्यूज में बोलती रहती हैं। उन्होंने एक निर्माता-निर्देशक करण जौहर के चैट शो कॉफी विद करण में खुलासा किया था कि वह करीना कपूर को क्या कहकर बुलाती हैं। इस दौरान सारा ने अपनी और करीना की बॉन्डिंग पर चर्चा करते हुए बताया, 'करीना खुद भी इस मामले में बहुत क्लीयर थीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि देखो तुम्हारे पास शानदार मां हैं। मैं चाहती हूं कि हम दोस्त बनकर रहें’। सारा ने आगे बताया कि ‘पापा नहीं चाहते थे कि मैं करीना को कभी भी छोटी मां कहूं क्योंकि वह करीना को असहज महसूस नहीं करवाना चाहते थे’। + +इसके बाद सारा अली खान ने बताया ‘मैं पहले बहुत कन्फ्यूज़न में थी कि मैं उन्हें क्या बुलाऊं? करीना? या आंटी? तो पापा ने कहा ‘तुम्हें उसे आंटी कहने की कोई ज़रूरत नहीं है। पापा ने मुझे वॉर्न किया कि वो नहीं चाहते कि मैं करीना कपूर को आंटी कहकर बुलाऊं। इसलिए मैं उन्हें ‘K’ या करीना कहकर ही बुलाती हूं’। करीना कपूर और सारा अली खान को अक्सर साथ भी देखा जाता है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a495619f70b4b4eb951d5711e7659e551628b555 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. उमा सिंह। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि तालिबान की जीत गुलामी की बेड़ियां टूटने जैसा है। यह बयान पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा संदेश है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तालिबान के नेतृत्व में अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान का कैसा संबंध रहेगा। फिलहाल तालिबान की जीत भारत ही नहीं, पूरे क्षेत्र के लिए झटका है। भारत और अफगानिस्तान के बीच ऐतिहासिक और मजबूत द्विपक्षीय संबंध रहे हैं। राजनीतिक स्तर पर देखें तो इन संबंधों की नींव जनवरी, 1950 में ही पड़ गई थी, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और भारत में अफगानिस्तान के अंबेसडर मुहम्मद नजीबुल्ला ने पांच साल की मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbcf84d4128c5f85603493b01e5e0d65e84c3858 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। एक सितंबर से कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल खोले जा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को स्कूल तो भेजना चाहते हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य को लेकर भी खासे सशंकित हैं। सरकार का स्कूल खोलने का फैसला कितना उचित है, क्या चुनौतियां आएंगी और स्कूलों में शारीरिक दूरी का पालन कैसे कराया जा सकेगा। इन तमाम मुद्दों पर आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन (AIPA) के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल से रीतिका मिश्रा ने बातचीत की है। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:।कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूल खोले जाने के निर्णय को आप कितना उचित मानते हैं ?।- स्कूल खोलना जरूरी था। स्कूल खोलने में देरी से पहले ही बच्चों की पढ़ाई को बहुत नुकसान हो चुका है। आज स्कूल न खोले जाने के नुकसान को लेकर बहुत से रिसर्च हमारे पास मौजूद हैं। न जाने कितने बच्चे मानसिक परेशानियों को झेल रहे हैं। बहुत से बच्चे तो स्कूली व्यवस्था से ही बाहर हो गए हैं और अपने गृह नगर भी लौट चुके हैं। इन्हें फिर से स्कूली व्यवस्था में लाना मुश्किल होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..096d1b9a24ac37f2dca33c862372cf0a673fe423 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl एक के पॉप फैन लड़की की तुलना लोगों ने सारा अली खान से करनी शुरू की हैl अब इस लकड़ी ने इसपर एक मजेदार वीडियो शेयर किया हैl सारा अली खान की तरह दिखने वाली लड़की पार्क यिज भारत से नहीं हैl उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर इस बात की पुष्टि की हैl हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया हैl इसमें सारा अली खान से तुलना किए जाने पर उन्होंने अपनी बात रखी हैl।पार्क यिज ने यह वीडियो शेयर किया हैl वीडियो शेयर करने के साथ उन्होंने लिखा है, 'एक ही प्रश्न कई बार पूछे जाने वाले पर उत्तर दे रही हूंl' इसमें लिखा हुआ है, 'क्या आप सारा अली खान है?' इसपर पार्क कहती है, 'जी हां यह उनका के पॉप अकाउंट हैl' इसके साथ उन्होंने लिखा है, 'मैं किस कलाकार की तरह दिखती हूं? मैं नहीं जानती थी कि सारा अली खान कौन हैl जब पिछले वर्ष मुझे कई सारे कमेंट मिलने लगे कि मैं उनकी तरह दिखती हूंl यह मुझे परेशान नहीं करताl मुझे लगता है लोग हमारी तुलना इसलिए करते हैं क्योंकि हमारे आइब्रो और नाक में समानता हैl मुझे नहीं लगता कि हम समान हैं लेकिन मैं समझ सकती हूंl'।इसपर प्रतिक्रिया देते हुए एक व्यक्ति ने लिखा है, 'मैंने पहली बार आपको देखा तो मुझे लगा सारा अली खान के पॉप पर क्या कर रही हैl' वहीं एक अन्य ने लिखा, 'मजेदार बात यह है कि यह अभी आया है जब टीवी पर सारा अली खान का गाना चल रहा हैl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'सारा कैसी हैं आप?'।सारा अली खान सैफ अली खान की बेटी हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैl सारा अली खान ने कई फिल्मों में काम किया हैl सारा अली खान का अफेयर कार्तिक आर्यन के साथ थाl हालांकि बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया। सारा अली खान फिल्म अभिनेत्री हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4493b5be1c5e3d5048d862f1d0f0b7462baf75f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. विकास सिंह। देश का बुनियादी ढांचा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए पूरक का काम करने के साथ ही विकास को पूर्ण संतुलित करता है। संपन्न और पिछड़ों का आपसी संयोजन करने के साथ ही यह उत्पादकता को समग्रता में बढ़ाने के अलावा समानता तथा अवसर की स्थिति, विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल व रोजगार एवं आजीविका के अवसरों तक सभी की पहुंच को सुनिश्चित करता है। ग्रामीण अवसंरचना से जुड़ी परियोजनाओं का लक्ष्य भले ही अब तक बिखरा हो, लेकिन नीति निर्माताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये गांव केंद्रित छोटी और बिखरी हुई परियोजनाएं नीतिगत हैं, क्योंकि वे विकास की गति को तेजी प्रदान कर सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2207bcdfecc1c207ecb22dbac79d5a897b7d4444 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जलियांवाला बाग की गैलरी देखते पर्यटक। (जागरण)।पर्यटक गैलरियों में जाकर इस घटना के इतिहास और शहीदों के बारे में जानकारी लेते हैं। अंग्रेजों ने किस तरह निहत्थे लोगों पर क्रूरता दिखाई और सैकड़ों लोगों को शहीद कर दिया, यह सब देख कई लोगों की आंखें भी नम हो जाती हैं। हालांकि, बहुत लोगों ने पहले भी बाग को पहले भी देखा हुआ था, मगर रेनोवेशन के बाद हुए बदलाव और वहां पर बढ़ी सुविधाओं से पर्यटकों को काफी अच्छा लग रहा है । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..612f8e85d281b5ade30e3317e1dbed52936f1194 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67853.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत में कृष्ण से जुड़ने के कारण ही गाय आयु, आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक बनता है। उसमें देवत्व की भावना कृषि और शिल्प प्रधान संपूर्ण भारत राष्ट्र की भावना है। गोवर्धन धारण करने के लिए कृष्ण के गोपाल बनने और ग्वाल बालों के साथ ही गोवंश की रक्षा के संकल्प की भावना है। गायों से अधिक सामीप्य भला कृष्ण का और किसे मिला? राधा और गोपियों का आधा समय मान-मनुहार में बीतता था तो आधा समय कृष्ण के वियोग में। वे गायें ही थीं जो अपनी खुरों से धूल उड़ा-उड़ा कर कृष्ण को रजमय बना देती थीं तो कृष्ण भी अपनी लकुटी से घेर कर उन्हें एक जगह इकट्ठा करते थे। कान्हा को अपने पीछे दौड़ाने का सुख गायों के अलावा भला और कौन पा सका? उन्हीं गायों के गोरस से लेकर गोमय तक पर यदि कृष्ण रीझते रहे और राधा को रिझाते रहे तो आश्चर्य कैसा?।नदियों के संरक्षण का संदेश : भारत की कृषक संस्कृति के साथ पर्यावरण सुरक्षा की प्राचीनतम वैज्ञानिकता के साथ भी कृष्ण जुड़ते हैं। काशी में रामलीला के साथ कृष्ण की बाल लीला नाग नथैया का उत्सव भी गंगा की बीच धारा में मनाए जाने की परंपरा है। पहले सोचती थी कि काशी उत्सव प्रिया नगरी है, शायद इसलिए। परंतु मां गंगा के संदर्भ में जब विचार करना शुरू किया तो प्रतीकार्थ खुलते गए। कृष्ण बना कोई बालक गंगा में कूदता है और कुछ क्षणों में ही एक कृत्रिम सहस्त्रफण वाले कालिया नाग के सिर पर खड़े होकर बांसुरी बजाते हुए जल के ऊपर प्रकट होता है। हजारों की संख्या में घाटों पर उपस्थित लीला प्रेमी इस दृश्य को अपनी आंखों में बसाते हैं और हर हर महादेव के जयकारे से गंगा का घाट गूंज उठता है। आस्था और विश्वास के साथ प्रतिवर्ष गंगा में होती आ रही है यह लीला। कृष्ण का नदी में कूदना और कालिया नाग को नाथ कर उसके सहस्त्रफण पर नाचना एक प्रतीकात्मक बिंब है जिसे आधुनिक युग में भी सभी को समझना पड़ेगा। + +दरअसल नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए महापुरुषों द्वारा आगे आने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा है। कृष्ण उसके प्रतिनिधि हैं। प्रतिवर्ष उस परंपरा को उत्सव रूप में दोहरा कर हम अपने दायित्व से विरत न होने का भाव हृदय में भरते हैं। कृष्ण यमुना से जुड़ते हैं। यमुना के बहाने सभी नदियों को प्रदूषण मुक्ति के उद्देश्य से जुड़ते हैं। हमें सभी नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए उसी प्रकार के नाग नथैया की आवश्यकता है। नाग नथैया यानी नदियों में गिरने वाले हजारों नाग के समान जहरीले जल वाले नाले। यदि नदियों में इन नालों का गिरना रोक दिया जाए तो बहुत हद तक नदियां प्रदूषण से मुक्त हो सकेंगीं। शायद कृष्ण के बहाने हम किसी भी प्रकार के सामाजिक विष के हरण करने की एक सूक्ष्म चेतना से भर जाते हैं- चाहे वह किसी पूतना जैसे विषैले षड्यंत्र से मासूम बच्चों को बचा लेने का उपक्रम हो या फिर यमुना जैसी नदियों में रहने वाले विषैले प्रदूषण कारक। क्या हम समझने को तैयार हैं?।[अध्येता, भारतीय संस्कृति]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6be4fd8cbace7d58c37e30cf29b5811fbbfc7f52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67857.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मानसिक स्वास्थ्य प्रमुख पहलू: जिन बच्चों ने इस महामारी में अपने माता-पिता को खोया है उन बच्चों को खाना-पानी देने के अलावा उनकी मानसिक स्वस्थता को बनाए रखना बेहद जरूरी हो जाता है। मुंबई की मनोचिकित्सक डा. अंजलि छाबरिया इस मुश्किल को सुलझाने में लगी हैं। वह कहती हैं, अनाथ बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का खयाल रख रहे सरकार के सलाहकारों को हमने प्रशिक्षित किया है। इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी के कई मनोचिकित्सक इस काम से जुड़े हैं और हम इन बच्चों के साथ काम कर उन्हें मानसिक रूप से बिल्कुल ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही अगर किसी बच्चे को बाल चिकित्सक या किसी थेरेपी की जरूरत है, वहां भी मदद कर रहे हैं। इसमें महाराष्ट्र सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग अच्छा काम कर रहा है। इससे जुड़े कर्मचारी और अधिकारी बच्चों के पास जाकर उनकी मदद कर रहे हैं। + +गोद लेने के लिए हैं नियम: गुरुग्राम के बड फाउंडेशन की संस्थापक दिव्या वैष्णव ने बताया कि थोड़े दिन के लिए देखभाल करना ठीक है। रिश्तेदार कुछ समय के लिए देख लें तो ठीक हैं, लेकिन स्थायी देखभाल करने के लिए बच्चे को जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सूचित करना होगा। गोद लेने की प्रक्रिया सेंट्रल एडाप्शन रिसर्च एजेंसी (कारा) के द्वारा ही होगी। इसकी वेबसाइट पर सारे नियम स्पष्ट रूप से अंकित हैं। कोई भी संस्था काम कर रही हो उसे भी पास के पुलिस थाने या चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) या बाल कल्याण समिति को सूचना देनी होगी। वे ही अंतिम निर्णय लेंगे साथ ही बच्चे की उम्र और विशेष जरूरतों के मुताबिक उसकी व्यवस्था की जाएगी। बाल कल्याण समिति उचित जांच-परख के बाद किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम (जेजे एक्ट) के तहत बच्चे को शेल्टर होम भेजेगी। अगर कोई रिश्तेदार बच्चे को ले जाना चाहे तो उन्हेंं सोशल इनवेस्टिगेटिंग रिपोर्ट देनी होती है। हम भी ऐसा बच्चा मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित कर देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4399ab8fdbda269332145cb08f5a0826d5ed381b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67859.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + हरियाणा के हर ब्लाक में लागू होगी वन ब्लाक-वन प्रोडेक्ट योजना, इस पर चल रहा काम।हरियाणा को उसकी बेहतरीन हस्तकला और हथकरघा कार्निवाल के लिए भी जाना जाता है। फरीदाबाद व गुरुग्राम का आटो उद्योग, कैथल की फिरनी, रोहतक की रेवड़ी व गजक, अंबाला का साइंस उद्योग और यमुनानगर का प्लाईवुड उद्योग ऐसे क्षेत्र हैं, जहां बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। हरियाणा में 140 ब्लाक हैं। + +प्रदेश सरकार हर ब्लाक के हिसाब से कम से कम एक ऐसे प्रोडेक्ट को चिन्हित करेगी, जो उस ब्लाक में तैयार होता है या उसकी वहां पहचान है। ऐसे 140 प्रोडेक्ट को चिन्हित करने के बाद सरकार उन्हें हर लिहाज से प्रोत्साहित करेगी। एमएसएमई विभाग से जुड़े अधिकारियों को धरातल पर जाकर ब्लाकवार एक-एक प्रोडेक्ट की पहचान कर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कह दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea9b1fe3eafb54aa4e7d3c634c3cdf487f2c241d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67860.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेदवेदेव, मरे और ज्वेरेव चुनौती देने के लिए तैयार।जोकोविक इस साल भलें ही एक भी ग्रैंडस्लैम मैच ना हारे हो लेकिन जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने टोक्यो ओलिंपिक सेमीफाइनल में हराकर उनका गोल्डन स्लैम का सपना तोड़ा था। ओलिंपिक में ज्वेरेव ने पहले सेट में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए जोकोविक को 1-6, 6-3, 6-1 से हराया था। इसके बाद जोकोविक कांस्य पदक के मैच में भी पाब्लो कोरेनो बुस्ता से हार गए थे। इस तरह गोल्डन स्लैम का (एक ही साल के चारो ग्रैंडस्लैम खिताब और उसी वर्ष ओलिंपिक में स्वर्ण पदक) सपना तोड़ने के बाद एलेक्जेंडर ज्वेरेव, डेनिल मेदवेदेव और एंडी मरे जैसे खिलाड़ी उनके 21वें ग्रैंडस्लैम के सपने को भी तोड़ने के लिए पूरा दमखम लगा देंगे। + +-नौ आस्ट्रेलियन ओपन, छह विंबलडन, दो फ्रेंच ओपन और तीन बार यूएस ओपन जीत चुके हैं जोकोविक।-20 ग्रैंडस्लैम अभी तक बिग थ्री कहे जाने वाले तीनों खिलाड़ी नोवाक जोकोविक, रोजर फेडरर, और राफेल नडाल के नाम हैं।-52 सालों से कोई भी टेनिस खिलाड़ी एक कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंड स्लैम अपने नाम नहीं कर पाया है, इससे पहले 1969 और 1962 में एक साल के चारो ग्रैंडस्लैम राड लेवर ने जीते थे।सानिया और क्रिस्टीना की जोड़ी रही उप विजेता।क्लेवलैंड (अमेरिका), प्रेट्र : भारत की अनुभवी टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और अमेरिका की उनकी जोड़ीदार क्रिस्टीना मैकहाल फाइनल में शुको आयोमा और एना शिबाहारा की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ शिकस्त के साथ डब्ल्यूटीए 250 टेनिस प्रतियोगिता में उप विजेता रहे। सानिया और क्रिस्टीना को फाइनल में जापान की जोड़ी के खिलाफ एक घंटे और 24 मिनट में 5-7 3-6 से शिकस्त झेलनी पड़ी। सत्र के पहले फाइनल में जगह बनाने के लिए सानिया को 180 रैंकिंग अंक और तीन हजार डालर (करीब दो लाक्ष रुपये) की राशि मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24e84f599387613d38da282f9acdd917abc250c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67863.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कानपुर, जेएनएन। नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...गूंज और राधा-माधव के जयकारों के बीच आज घर-घर में बधाई गूंजेगी। कन्हाई के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा। शंखनाद के साथ प्रभु की महाआरती होगी और छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते इस्कान और जेके मंदिर में जन्मोत्सव का आनलाइन प्रसारण किया जाएगा। अन्य मंदिरों में भी आयोजन होंगे। + +इस्कान में 1008 पकवानों का लगेगा भोग : मैनावती मार्ग स्थित इस्कान मंदिर में 125 चांदी के कलशों से राधा-माधव का महाअभिषेक किया जाएगा। इसका इंटरनेट मीडिया के विभिन्न माध्यमों से ऑनलाइन प्रसारण होगा। भक्त इस्कान कानपुर सर्च कर यूट्यूब, फेसबुक आदि पर दर्शन-पूजन देख सकेंगे। मीडिया प्रभारी कुर्मावतार दास ने बताया कि राधा-माधव का दो से तीन बार शृंगार व छह बार महाआरती होगी। 1008 पकवानों का भोग लगाया जाएगा। उत्सव के लिए मंदिर को विशेष प्रकार के फूलों से सजाया गया है। + +जेके मंदिर में एलईडी से भक्त करेंगे नंदलाल के दर्शन : जेके मंदिर में भी भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा। मंदिर के मुख्य द्वारों पर एलईडी लगाई जाएगी। इसी के जरिए भक्त उत्सव में शरीक हो सकेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने छठी उत्सव तक भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। यहां भी भव्य सजावट की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1c3c958d66340a390bcbef4fa74eabb382499e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67864.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अफगानिस्‍तान में हो सकते हैं सत्‍ता के दो केंद्र ।प्रो. हर्ष पंत ने कहा कि अफगानिस्‍तान में जो हालात हैं, उसमें अमेरिका पंजशीर को मान्‍यता दे सकता है। अगर अमेरिका ऐसा करता है तो अफगानिस्‍तान में सत्‍ता में दो केंद्र बन सकते हैं। इससे तालिबान को अफगानिस्‍तान में पंजशीर से बड़ी चुनौती मिल सकती है। उन्‍होंने कहा कि काबुल में अमेरिकी सैनिक पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है और तालिबान ने 31 अगस्‍त की डेडलाइन घोषित कर रखी है, ऐसे में अमेरिकी प्रशासन पर पंजशीर को सुरक्षित स्‍थान देने की मान्‍यता का दबाव बन सकता है। उधर, पंजशीर को सुरक्ष‍ित क्षेत्र के रूप में मान्‍यता देने की मांग अमेरिकी सीनेट में भी उठने लगी है। कुछ सीनेटरों का कहना है कि अमेरिका को रेजिस्टेंस फोर्स के कुछ नेताओं को भी मान्यता देनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b73d3f8880d7a97c25e156e776e3f2a2a38537d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान में तालिबान ने समावेशी कार्यवाहक सरकार के गठन को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। इसमें क्षेत्रीय ताकतवर नेताओं को भी शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार तालिबान शूरा (परामर्श समिति) के एक सदस्य ने बताया है कि अफगानिस्तान में जल्द ही कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाएगा। इसमें तालिबान कमांडरों के साथ ही देश के जातीय और आदिवासी पृष्ठभूमि वाले नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4311a997a539f35d2dfe9520d1498234f8aec50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67867.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अच्छेलाल वर्मा, रायसेन। विकास की तेज रफ्तार में हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। पर्यावरण असंतुलन के चलते तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद अधिकांश लोग चेत नहीं रहे। पेड़ काटने का सिलसिला जारी है। ऐसे में संतोष कुशवाहा उम्मीद की एक किरण जगाते हैं। बचपन में पेड़ काटने के अपराधबोध से ग्रस्त मध्य प्रदेश के रायसेन निवासी संतोष कुशवाहा इसका प्रायश्चित कर रहे हैं। वह काटे गए पेड़ों का पश्चाताप पिछले 20 साल से पौधे रोपकर और निशुल्क पौध बांटकर पूरा कर रहे हैं, ताकि वर्तमान और आगे की पीढ़ी को पेड़ों का महत्व पता चल सके। + +दफ्तर के बाद बन जाते पर्यावरण प्रहरी।पर्यावरण प्रहरी की भूमिका निभा रहे 55 वर्षीय कुशवाहा तहसील कार्यालय में तृतीय वर्ग कर्मचारी हैं। दफ्तर का काम निपटाने के बाद शेष समय वह पौधे तैयार करने और रोपित करने करने में देते हैं। वह बताते हैं कि इस कार्य में किसी से कोई सहयोग नहीं लेते। अपनी आय से ही जरूरी सामग्री खरीदते हैं और घर पर ही बनाई गई छोटी सी नर्सरी में पौधे तैयार करते हैं। प्रतिदिन सुबह शहर की खाली पड़ी जमीन पर और सड़क किनारे पौधे लगाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। + +ईंधन के लिए काटे थे पेड़।संतोष ने बताया कि 12-14 साल के थे तो परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। चूल्हे पर भोजन पकाने के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी-कंडों की आवश्यकता होती थी। माता-पिता के पास इतना पैसा नहीं था कि बाजार से ईंधन के लिए लकडिय़ां खरीद सकें। बचपन में पिताजी के साथ जंगल से सूखी लकड़ी एकत्र करने जाता था। जब पिता अस्वस्थ हुए तो मुझे जंगल लकड़ी काटने जाना पड़ा। वह कुल्हाड़ी लेकर जंगल गए और पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। उन्होंने लगभग पांच साल तक ईंधन की व्यवस्था के रूप में जंगल से पेड़ काटकर लकड़ी एकत्र करने का काम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e6edbb6a0789afc8c5bac06e5de0d1cc88c9e24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl काजल अग्रवाल फिल्म अभिनेत्री हैंl उन्होंने हाल ही में शादी कर ली हैl अब हरियाली तीज के अवसर पर उन्होंने अपनी तस्वीरें शेयर की हैl इसमें वह परिवार के साथ हरियाली तीज मनाते नजर आ रही हैंl काजल अग्रवाल के हाथ पर मेहंदी भी लगी हुई हैl।काजल अग्रवाल सलवार सूट पहने नजर आ रही हैl साथ ही उन्होंने इअरिंग और नेकलेस भी पहन रखा हैl वह लाल गुलाब का मांग टीका भी लगाए नजर आ रही हैंl उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों के साथ फोटो भी खिंचाई हैंl इस महीने काजल अग्रवाल की शादी को 1 वर्ष पूरा हो जाएगाl।पिछले वर्ष 30 अगस्त को उन्होंने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में ब्वॉयफ्रेंड गौतम किचलू के साथ शादी कर ली थीl इस अवसर पर परिवार और खास मेहमान ही उपस्थित थेl इसके पीछे कोरोनावायरस से जुड़ा लॉकडाउन थाl काजल अग्रवाल और गौतम किचलू ने शादी के बाद दक्षिण मुंबई के घर में रहते हैl इसके बाद दोनों हनीमून मनाने मालदीव चले गए थेl काजल अग्रवाल को पिछली बार जॉन अब्राहम के फिल्म मुंबई सागा में देखा गया थाl अब वह जल्द उमा नामक फिल्म में नजर आएंगीl इस फिल्म का निर्देशन तथागत सिन्हा ने किया हैl।काजल अग्रवाल ने सिंघम और स्पेशल 26 कैसी फिल्मों में काम किया हैl वह अक्षय कुमार और अजय देवगन के साथ काम कर चुकी हैl काजल दक्षिण भारत की भी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैl वह दक्षिण भारत में भी काफी लोकप्रिय हैl काजल अग्रवाल ने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती है जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। काजल अग्रवाल की शादी हिंदू परंपरा के अनुसार हुई थीl काजल अग्रवाल और गौतम किचलू अक्सर एक दूसरे के साथ नजर आते हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..825ef1616c1a6dac67127e0c77190239bffa8e71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐेसे कराएं पंजीयन: जिला सेवायोजन अधिकारी प्रीति चंद्रा ने बताया कि कोई भी युवा बेरोजगार सेवायोजन कार्यालय में अपना पंजीयन करा सकता है। सेवायोजन विभाग की वेबसाइट sewayojan.up.nic.in पर जाकर घर बैठे पंजीयन हो जाता है। हाईस्कूल के अंकपत्र प्रमाण पत्र के साथ ही योग्यता के सभी दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करना होगा। अपलोड होने के साथ ही आपका पंजीयन नंबर व कार्ड आनलाइन खुल जाएगा जिसका प्रिंट निकाल सकते हैं। आप अपने पंजीयन नंबर के आधार पर रिक्तियों की संख्या व नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67873.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7028549b90ab5c3efd9e28153e8a96bb64db9ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पद्मभूषण सम्मानित ध्यानचंद की किस्मत भारतीय सेना में आकर बदली, जहां से उनको थोड़ी बहुत कमाई होती थी, लेकिन ये कमाई भी कुछ खास नहीं होती थी। यहां तक कि सेना का शेड्यूल बहुत टाइट होता है। ऐसे में उनको हाकी की प्रैक्टिस करने में समय नहीं मिल पाता था। यही वजह थी कि वे हर रोज चांदनी यानी चांद की रोशनी का इंतजार करते थे। चांद जब अपने शबाब पर होता था तो हाकी का ये जादूगर अपने प्रैक्टिस किया करता था, क्योंकि उस समय फ्लडलाइट्स का जमाना नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8bc315e9d44a959aef1b094af8542565140f598 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67874.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राहुल को सौंपी रिपोर्ट ।पंजाब कांग्रेस के मौजूदा विवाद पर पार्टी हाईकमान का रुख जानने के बाद हरीश रावत जल्द ही चंडीगढ़ जाएंगे ताकि दो गुटों में विभाजित प्रदेश कांग्रेस के बीच फिर से सुलह कराई जा सके। पंजाब कांग्रेस के घमासान को लेकर हरीश रावत ने शनिवार को राहुल गांधी के साथ चर्चा की। बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने एक रिपोर्ट भी सौंपी। + +ऐसे होगी समाधान निकालने की कोशिश ।इसमें कैप्टन के खिलाफ आवाज उठा रहे विधायकों से जुड़े मामलों के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू के हालिया विवादित बयानों और उनके सलाहकारों से संबंधित मुद्दे शामिल थे। इस बैठक के बाद रावत ने कहा कि वे अगले दो तीन दिनों में पंजाब के नेताओं से चर्चा के लिए चंडीगढ जाएंगे। इस दौरान रावत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से अलग-अलग बातचीत कर मौजूदा उठापटक का समाधान निकालेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f5c20089397971c59200de0606f7e8da758a8a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनुपाल शर्मा, जालंधर। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में एक स्व. सुरजीत सिंह की याद को हमेशा जीवित रखने के लिए सुरजीत हाकी अकादमी और स्टेडियम बनाया गया है। पंजाब से एक और 'सुरजीत' निकले, इसके लिए पीसीएस अधिकारी इकबाल सिंह ने अपनी रिटायर्ड जिंदगी हाकी को समर्पित कर दी है। इकबाल सिंह बड़े गर्व से बताते हैं कि हाल ही में अकादमी ने 125 दिनों तक चलने वाले हाकी कोचिंग कैंप का समापन किया। यहां हर खिलाड़ी को भीगे हुए बादाम (लगभग 3 क्विंटल) सहित सर्वश्रेष्ठ आहार दिया गया। इस शिविर को अब पूरे भारत में 'बादामां वाला कैंप' के रूप में जाना जाता है। अकादमी ने खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके मिसाल कायम की है। ।रिटायर्ड पीसीएस अफसर इकबाल सिंह ने हाकी को समर्पित किया जीवन।हाकी को बढ़ावा देने और नवोदित खिलाड़ियों के बीच नए "सुरजीत" का पता लगाने को सुरजीत हाकी अकादमी में इकबाल सिंह ने कोविड-19 महामारी के दौरान 5 खिलाड़ियों के साथ अपनी प्रशिक्षण गतिविधियों की शुरुआत की। आज युवा खिलाड़ियों की संख्या 250 से अधिक जा पहुंची है। 14 और 19 वर्ष से कम आयु के खिलाड़ियों को द्रोणाचार्य अवॉर्डी ओलंपियन राजिंदर सिंह अकादमी के मुख्य कोच, दविंदर सिंह, यादविंदर सिंह जॉनी, अवतार सिंह पिंका (सभी कोच) जैसे विशेषज्ञ प्रशिक्षण दे रहे हैं। अकादमी सभी खिलाड़ियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देती है। बच्चों को हाकी उपकरण भी निःशुल्क दिए जाते हैं। इकबाल सिंह सूरज उगने से पहले हाकी स्टिक लेकर स्टेडियम पहुंच जाते हैं और दिन ढले ट्रेनिंग गतिविधि खत्म होने के बाद ही लौटते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76d234e00f3c0175d42e948bb884eb0108dad401 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जितेंद्र उपाध्याय। जाके पैर न फटे बेवाइ वो क्या जाने पीर पराई...। यह कहावत नक्खास के एमडी शुक्ला इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा.हरिनारायण उपाध्याय पर बिल्कुल सटीक बैठती है। आर्थिंग तंगी में पढ़ाई के साथ गरीबों के बच्चों को घर जाकर पढ़ाने की उनकी ललक ने उन्हें आम से खास बना दिया। घमंड से दूर जमीन से जुड़े रहने की उनकी इस प्रवृत्ति का नजीता यह रहा किउन्हें प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ राज्य शिक्षक पुरस्कार दिया जा चुका है। समय का चक्र कुछ ऐसा है कि 31 अगस्त का सेवानिवृत्त के बाद उन्हें पुरस्कार प्राप्त करने का मौका मिलेगा जिसका उन्हें कोई मलाल भले ही न हो, लेकिन सेवा में रहते पुरस्कार पाने की तमन्ना जरूर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5aa86006c4c24f6ea6b9d9ade179b68054d91281 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स के डा. आरपी सेंटर (डा. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र) में चिकित्सा सामानों की खरीद में करीब आठ करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। विभागीय आडिट में मामला पकड़ जाने पर एम्स प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू कराई। जांच में अनियमितता पाए जाने पर एम्स प्रशासन ने आरपी सेंटर के जनरल स्टोर के वरिष्ठ प्रशासनिक सहायक व जूनियर प्रशासनिक सहायक को 10 दिन पहले निलंबित कर दिया है। वहीं लेखा अधिकारी सहित कई कर्मचारियों को हटाकर दूसरे सेंटर में स्थानांतरित कर दिया है। एम्स प्रशासन ने मामले की पुष्टि की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36ef10c546c8c3ff95cbaace679d4a9963846a9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वो कहते थे कि कुश्ती लड़कियों का खेल नहीं है। लेकिन, ये उनके पिता की ही जिद थी कि समाज के ताने सुनने के बाद भी उन्होंने कुश्ती में प्रशिक्षण दिलवाया। वहीं, सिमरन अपनी सफलता का श्रेय चंदगीराम अखाड़ा के संचालक जगदीश कालीरमन और साई (स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया) के चीफ कोच सहदेव सिंह बालियान, कोच दीपक चहार और कोच विजय कुमार को देती हैं। वो कहती हैं कि उन्हें कुश्ती के दांव-पेंच सिखाने और इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए इन सभी ने ही हर कदम पर उनका सहयोग किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d41a791f5a8cccaa899265eacc4d28cd2362155 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमृतसर, जागरण संवाददाता। Jallianwala Bagh: शहीदों का स्‍थल जलियांवाला बाग नए रूप रंग में आम लोगों के लिए आज सुबह से लोगों के लिए खुल गया है। कल प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा इसका वर्चुअल उद्घाटन करने के बार रात में इसकी छटा मनमाेह रही थी। पूरा जलियांवाला बाग सुंदर तरीके से रोशन हो रहा था, मानो शहादत गौरवान्वित हो रही है। आज सुबह से लोग देश की आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वाले सैनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4cac5911b3426603c6aab43499b67f5c4a1de66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67889.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौलाना हसरत मोहानी का श्रीकृष्ण से अकीदत (श्रद्धा) का अंदाजा उनकी शायरी से लगाया जा सकता है। वे अक्सर मथुरा भी जाया करते थे। उन्होंने 'मन तो से प्रीत लगाई कान्हाई, काहू और की सूरत अब काहे को आई... जैसे पंक्तियां लिखकर कन्हैया से अपनी प्रीत का परिचय दिया है। सफीपुर स्थित खानकाह सफविया के सूफी बुजुर्गों ने भी श्रीकृष्ण पर कविताएं लिखकर गंगा-जमुनी तहजीब में मिठास घोलने का काम किया है। हजरत खादिम शाह सफी मोहम्मदी ने 'मनमोहन मोरे मन मा बसत है, ढूंढ फिरी जग सारा री... रचना के माध्यम से मनमोहन के मन में बसने की बात कही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..641edc441bd12ea2e475007692777a97ea86f03e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 में जैवलिन थ्रो खेल में भारत को स्वर्ण पदक जिताने वाले सूबेदार नीरज चोपड़ा की जीवनी पर फिल्म बनाने की मांग सोशल मीडिया पर उठी हैl अब एक फैन में अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी को लेकर एक फिल्म की कहानी लिखी है जोकि नीरज चोपड़ा के जीवन से प्रेरित हैl इस कहानी को जमकर शेयर किया जा रहा हैl।नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक जीतने के बाद से सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैंl उन्होंने इतिहास रचते हुए पहला ट्रैक और फील्ड गोल्ड मेडल ओलंपिक जीता हैl अब उनकी बायोपिक बनाने की मांग सोशल मीडिया पर उठ रही हैl खास बात यह है कि इस फिल्म में उनकी भूमिका निभाने के लिए अक्षय कुमार को लेने की मांग की जा रही हैl।टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से नीरज चोपड़ा की जमकर सराहना की जा रही हैl अब लोग चाहते हैं कि उनकी जीवनी पर फिल्म बने हैंl इतना ही नहीं, फैंस चाहते हैं कि अक्षय कुमार इस फिल्म में अहम भूमिका निभायेl फेसबुक पर एक स्क्रिप्ट वायरल हो रही हैl इसमें कियारा आडवाणी और अक्षय कुमार को लेकर नीरज चोपड़ा की जीवनी बनाने की बात कहीं जा रही हैl एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा है, 'नीरज चोपड़ा की बायोपिक यह रहीl' इसके साथ उन्होंने फिल्म की पूरी कहानी बताई हैl।अक्षय कुमार ने नीरज चोपड़ा की भूमिका निभाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैl उन्होंने कहा है, 'नीरज चोपड़ा बहुत अच्छे दिखते हैं अगर कोई मेरी बायोपिक करेगा तो वह नीरज चोपड़ा हैl' नीरज चोपड़ा पूरे भारत में एक स्टार की तरह उभरे हैंl वह दो बॉलीवुड कलाकारों को इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैंl इनमें से एक अक्षय कुमार हैंl अक्षय कुमार फिल्म अभिनेता हैl उन्होंने कई फिल्मों में अहम भूमिका निभाई हैl उनकी भूमिकाएं काफी पसंद की गई हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3aa29d7a8ac4a0f959a9cec786a8a2eb0e21c6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67892.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1936 में पहली बार ओलिंपिक टीम के कप्तान भी दिल्ली में ही बने थे। हाकी फेडरेशन की मीटिंग अप्रैल 1936 में यहीं हुई, तीन नामों पर चर्चा हुई जफर, मसूद और ध्यानचंद। जफर ने ध्यानचंद के नाम पर सहमति जता दी। बाद में ध्यानचंद को अखबारों से पता चला कि प्रेसीडेंट कुंवर जगदीश प्रसाद ने खुद कप्तान के तौर पर उनके नाम का ऐलान किया है। हालांकि बाद में मसूद ने अपनी किताब में लिखा था, कि ‘हमारे प्रेसीडेंट ने कभी भी ना मुङो हाकी खेलते देखा था और ना ध्यानचंद को’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02c4f70af0596f8fbcad551a79639f16670d46c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67897.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तमाल वृक्ष का है विशेष महत्व।कन्हैयास्थान इस्कॉन मंदिर से सटे उत्तर दिशा में कई तमाल के वृक्ष है जिनका धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्व है। कहते है तमाल वृक्ष भगवान श्रीकृष्ण के रंग का होता है और यह वृक्ष वहीं होते है जहां भगवान श्रीकृष्ण की लीला हुई हो अथवा उनका आगमन हुआ हो। इस वृक्ष का यहां होना भी भगवान श्रीकृष्ण की यह लीला स्थली होने का प्रमाण देती है। इसी तमाल वृक्ष के नीचे ही श्री चैतन्य महाप्रभु ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य रूप का दर्शन किए थे। देश-विदेश से आनेवाले कृष्णभक्त इस वृक्ष को काफी महत्व देते है और यहां 108 बार वृक्ष की परिक्रमा करते है। इसके महत्वों का जानने पर क्षेत्रीय विधायक अनंत कुमार ओझा ने चुनाव जीतने के बाद ही इस वृक्ष के चहुंओर घेराबंदी व सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जिससे यह स्थल और भी अधिक सुंदर व आकर्षक हो गए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9e868d8d4f39954584e5a904c6b8df3224e523d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Quality Apple, हर दिन एक सेब खाने से डाक्टर की जरूरत नहीं रहती है, यह कहावत कीटनाशकों और कलर के लिए ईथर के स्प्रे ने समाप्त कर दी है। कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग और कलर के लिए ईथर के स्प्रे और कोल्ड स्टोरेज का सेब लोगों के लिवर को खराब कर रहा है। यह अलग बात है कि प्राकृतिक तौर पर उगाया गया सेब स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। किसी भी तरह का प्रिजर्वेटिव या केमिकल लिवर को सबसे अधिक प्रभवित करता है। प्रदेश में उत्पादित होने वाले सेब में से 40 से 60 फीसद सेब पर ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में कलर के लिए बागवान ईथर का स्प्रे कर रहे हैं। यह कलर स्प्रे सेब की शेल्फ लाइफ को घटाने के साथ उसके स्वाद को छीनता है और सेब के पौधों पर कई तरह के रोगों का कारण बन रहा है। विशेषज्ञ इस तरह के स्प्रे को पूरी तरह से नकार रहे हैं और सेब के पौधों के लिए खतरानाक बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5b7902333714fd14a9b4ce0699feffbfbb123f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67900.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस निर्णय में न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को निर्देशित किया है कि एक मोबाइल एप बना कर दागी या आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों की पूरी सूचना उपलब्ध कराए। शीर्ष न्यायालय ने यह भी संकेत दिया है कि ऐसे सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ भी बनाई जा सकती है। न्यायालय ने 2020 में पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन एवं अन्य बनाम भारत संघ मामले में राजनीति के अपराधीकरण और अपराधियों के राजनीतिकरण पर रोक लगाने के लिए विस्तृत निर्देश दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d08e256a60cae890f74afb34fe0ce14337d4ba0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार की राजनीति में सोमवार का दिन अलग था। जातिगत जनगणना के मुद्दे की छतरी तले सारे राजनीतिक दल साथ खड़े थे। अगुआ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे और उनके साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित दस दलों के नेता थे। मौका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात का था। मुलाकात के बाद बाहर निकलने पर बिहारी नेताओं के चेहरों पर छाई मुस्कान और मुंह से फूटे बोल बता रहे थे कि मुलाकात बढ़िया रही। चुनाव के समय एक-दूसरे पर हमलावर नीतीश और तेजस्वी की केमिस्ट्री तो देखने लायक थी। एक-दूसरे की तारीफ करते दोनों नहीं अघा रहे थे। नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी बात सुनी है और इन्कार नहीं किया है। तेजस्वी ने यह कहकर इसे और हवा दी कि यह केवल बिहार की मांग नहीं है। यह पूरे देश की मांग है। अब चर्चा तेज है कि अगर इस प्रतिनिधिमंडल को निराशा हाथ लगी तो क्या होगा? स्वाभाविक है कि आंदोलन की रूपरेखा बनेगी। तेजस्वी आंदोलन की राह जा सकते हैं, पर मोदी विरोधी सभी दलों की निगाहें नीतीश पर होंगी, क्योंकि एनडीए के साथ होते हुए भी वे इस मामले में खुलकर सामने आए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddc323eafa63bc4c426303489adf951cfc5fea41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67905.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह हो रहा है बदलाव: इस प्रणाली को विकसित करने वाले शोधकर्ताओं के मुताबिक, बढ़ते तापमान के कारण पिछले चार दशकों में आर्कटिक का समुद्री बर्फ क्षेत्र आधा रह गया है। यह नुकसान ग्रेट ब्रिटेन के आकार के लगभग 25 गुना क्षेत्र के बराबर है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बदलाव का असर दुनिया भर देखने को मिलेगा। यही वजह थी कि हम एक बेहतर पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करना चाहते थे, ताकि और सटीकता से भावी परिवर्तन का अनुमान लगाकर उचित कदम उठाए जा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebdedb77aaac214e0728d570a38da6ebad128733 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67906.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। दिल्ली को हमने दिल से जिया है। बचपन की वो शरारतें, दोस्तों के साथ हुड़दंग, पड़ोसियों के घर के बाहर लगे पेड़ से पपीता और अमरूद तोड़कर खाना आज भी नहीं भूला हूं। तिमारपुर में मेरा बचपन बीता है। उन दिनों वहां खूब खाली जगह थी। यमुना के किनारे बसे होने के कारण यहां चारो ओर हरियाली रहती थी। तब झुग्गी बस्तियां नहीं थीं, सिर्फ सरकारी आवास ही थे। + +श्याम लाल कालेज के नाम से लगता था डर । नार्थ कैंपस से यमुनापार के कालेज में जाना मेरे लिए एक अलग अनुभव था। श्याम लाल कालेज का माहौल नार्थ कैंपस से बिल्कुल अलग था। शिक्षक हों या छात्र सभी दबंग होते थे। जब मैं वहां पढ़ाने गया, तब कालेज में समाजवादी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ये दो गुट बनने लगे थे। शिक्षकों के साथ छात्र भी इसमें शामिल हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c44d7b63285d8a1160e83343946e5e654a976f3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [नीरज मिश्र]। रफ्तार ने इस साल भी हादसों में सबसे ज्यादा जान ली है। वर्ष 2019 की तुलना में भले ही मौत का आंकड़ा कम रहा हो लेकिन साल 2020 में सबसे ज्यादा 7,356 व्यक्तियों की जान ओवरस्पीडिंग और फर्राटा भरने की वजह से हुई है। इस साल इसका प्रतिशत तकरीबन 37.6 रहा। जबकि बीते वर्ष जान गंवाने वालों की संख्या 37.4 फीसद थी। इस साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 54 फीसद लोगों की जान मामूली सी दिखने वाली वजह रफ्तार, मोबाइल फोन के इस्तेमाल और ड्रंकन ड्राइविंग के कारण हुई हैं। वाहनों की ओवरस्पीडिंग में करीब 37.6 फीसद, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन के बात करने पर 9.4 प्रतिशत और ड्रंकन ड्राइविंग में 7.0 प्रतिशत लोगों ने अपनी जान गंवाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a840b06ab0d3dff2c48ee3c1d088963c1afb7039 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप किसान हैं और जमीन ऊसर होने से उत्पादन की कमी को लेकर परेशान हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की केंद्रीय अनुसंधान के क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ की ओर से हलो मिक्स नाम से एक नया फार्मूला तैयार किया गया है। इसका प्रयोग ऊसर जमीन में जिप्सम के स्थान पर किया जा सकेगा। कम समय में जहां ऊसर भूमि में कमी आएगी तो दूसरी ओर उत्पादन में 10 से 15 फीसद का इजाफा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8cc882af0806811835aa399a41eb7d5bfb60bc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बिग बॉस ओटीटी अपने शुरुआत से ही विवादों में हैl अब दिव्या अग्रवाल और प्रतीक सहजपाल में एक बार फिर लड़ाई हो गई हैl बिग बॉस शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैंl यह डेढ़ महीने तक ओटीटी पर आने वाला हैl इसके बाद इसे टीवी पर दर्शाया जाएगाl हालांकि यह अभी से घर वालों के लिए युद्ध का मैदान बन गया हैl।दिव्या अग्रवाल और प्रतीक सहजपाल एक-दूसरे से जमकर तू-तू मैं-मैं कर रहे हैंl दोनों एक-दूसरे को रियालिटी शो के पहले जानते हैंl इसके चलते उनकी लड़ाई इस शो में भी बनी हुई हैl दोनों की लड़ाई गहरी होती जा रही हैl हालिया एपिसोड में दिव्या अग्रवाल को रोते हुए देखा जा सकता हैl वह प्रतीक सहजपाल के बर्ताव से दुखी नजर आ रही हैl।After watching this I can say #priyanksharma did right।Over acting queen #DivyaAgarwal।pic.twitter.com/p3ujPTp4Lz।दिव्या शमिता शेट्टी, जीशान खान और करणनाथ से से बात करती हैंl वह कहती है, 'वह मुझे घूरता रहता है जो कि मुझे अच्छा नहीं लगताl मेरे तीन मुस्टंडे भाई घर पर बैठकर देख रहे हैं और उनका कितना खून खौल रहा होगाl मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा हैl मैं यह बताना चाहती हूं कि भले ही वह लोग नहीं है लेकिन मैं इसे सबक सिखा सकती हूंl' जब करण उन्हें संभालने का प्रयास करते हैंl वह कहती है, 'बहुत ही गलत बात है, वरुण दुखी हो रहा होगा कि वह घर पर क्या कर रहा है और वरुण उसे अच्छी तरह से जानता है, रग रग से वाकिफ हैl उसका कितना दिमाग खराब हो रहा होगाl'।Which contestant do you like after today's episode??।RETWEET FOR #DivyaAgarwal।LIKE FOR #PratikSehajpal #BiggBossOTT #BiggBoss15।pic.twitter.com/DMdWNW74Pd।दिव्या अग्रवाल और प्रतीक सहजपाल की लड़ाई की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया हैl दिव्या अग्रवाल और प्रतीक सहजपाल की पहले दिन से लड़ाई चल रही हैl दोनों में किचन की ड्यूटी को लेकर भी लड़ाई हो गई थीl दोनों ने इसके बाद एक-दूसरे को परेशान करना शुरू कर दिया थाl प्रतीक और दिव्या में फिर लड़ाई हुई हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d0c133354aa6a3f96b90bbe93b9695fabeb2ec2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जीतने वाला कोई अलग काम नहीं करता।सोनी टीवी के फेसबुक लाइव शो में हिमानी कह रही हैं कि वो जीवन में एक ही बात सोचती और जीवन में अपनाती हैं कि जीतने वाला कोई अलग काम नहीं करता, वो हर काम अपने तरीके से करता है। शो में अमिताभ बच्चन के सामने हाट सीट पर बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके जीवन का यह अब तक का सबसे यादगार पल है। केबीसी के सेट पर पहुंचने के बाद उन्हें लगा कि कहीं सपना तो नहीं देख रही हूं। वहां जाकर मुझे और मेरे माता-पिता को जो सम्मान मिला, वो करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं मिलता। फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में वो काफी नर्वस थीं। उनकाे पता था कि उनके साथ जो नौ प्रतिभागी थे, उनके पास उनसे ज्यादा लर्निंस सोर्स थे। वो कंप्यूटर स्क्रीन पर देखकर जवाब दे सकते थे, मगर उनके मन में केवल एक ही बात चल रही थी कि उनके पास खोने को कुछ नहीं है। यहां से या तो जीतकर जाऊंगी या फिर कुछ सीखकर। इसी सोच ने उनकी मदद की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce7453a98bdf93b5d38a9d8687e644a7f9863f8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोले जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय ने एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की है। इसमें कोरोना नियमों का सख्ती से पालन कराए जाने के साथ ही कक्षा में क्षमता के 50 फीसद छात्र ही बुलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए रोटेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके साथ बच्चे पाठ्य सामग्री भी साझा नहीं कर सकेंगे। निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसओपी तैयार करने के लिए एक संयुक्त कमेटी बनाई गई थी और एसओपी को कोरोना के सभी नियमों को देखते हुए ही तैयार किया गया है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने अभी तक एसओपी को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e98e2dbde8ede6b2729cbc5c59aae0faa5612945 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67917.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +टांडा (कांगड़ा), तरसेम सैनी। Himachal Hockey Players, न खेल मैदान, न कोच। खेलों के लिए आधारभूत ढांचा तक नहीं। प्रदेश में सिर्फ एक स्पोट्रस हास्टल के सहारे हाकी में लड़कियों का नसीब बदलने की कोशिश हो रही है। हिमाचल में महिला हाकी की यही कहानी है। दावे तो प्रदेशभर में खेलों को प्रोत्साहित करने के हो रहे हैैं। कैंप के जरिये खिलाडिय़ों को तराशने का दम भरा जा रहा है, लेकिन धरातल पर प्रयास शून्य हैं। प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में ही लड़कियों को हाकी सिखाने वाला कोई नहीं है। स्कूलों में भी खेल गतिविधियां न के बराबर हैं। लगभग दो साल से कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद ही हैं। हिमाचल में हाकी की दुर्दशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार बार नेशनल खेलने वाली हाकी खिलाड़ी रिया व रश्मि से हाकी स्टिक छूट गई है। वे भारतीय हाकी टीम का हिस्सा बन सकें उन्हें इसका प्रशिक्षण देने वाला कोई नहीं है। रिया स्पोट्र्स हास्टल माजरा में हाकी की बारीकियां सीखती थीं, लेकिन पिता की मौत के बाद हास्टल छूट गया। + +शिक्षा विभाग का सिर्फ एक हास्टल व कोच।ऊना जिले के एक स्कूल में कार्यरत शारीरिक शिक्षा शिक्षक (डीपी) अनूप बताते हैं कि स्कूलों में वालीबाल, कबड्डी, हैंडबाल, बैडमिंटन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है। ब्लाक, फिर जिला व राज्यस्तर पर टीमें भेजी जाती हैं। हाकी भी सिखाई जाती है। लड़कियों को प्रोफेशनल हाकी की कोचिंग के लिए प्रदेश में कोई मैदान, कोच के संबंध में पूछने पर वह चुप हो गए। फिर बोले शिक्षा विभाग का स्पोट्र्स हास्टल माजरा (सिरमौर) में है वहां लड़कियों को हाकी सिखाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4255dcb30986287834556683364a879eeaf585cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67918.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +घर-घर जगाई क्रांति की अलख: दिल्ली आने पर सत्यवती पहले पहल कपड़ा मिल के मजदूरों की समस्या से वाकिफ हुईं और उनकी जिंदगी को नजदीक से जाना। धीरे-धीरे सामाजिक आंदोलनों की पृष्ठभूमि तैयार हुई। कांग्रेस में रहकर कांग्रेस महिला समाज और कांग्रेस सेवा दल जैसे संगठन खड़े किए। बाद में वह कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की संस्थापक सदस्य भी बनीं और उन्होंने दिल्ली के कपड़ा मिलों के श्रमिकों को विशेषकर महिला श्रमिकों को राजनीतिक रूप से जागरूक करने का काम किया। उनके भाषणों को सुनकर हिंदू कालेज और इंद्रप्रस्थ कालेज की छात्राएं और अन्य महिलाएं भी स्वतंत्रता आंदोलन में शरीक होने के लिए प्रेरित हुईं। स्वतंत्रता आंदोलन में फिर चाहे वह नमक सत्याग्रह हो या सविनय अवज्ञा आंदोलन, दिल्ली में उसके समर्थन में प्रतिरोध की जमीन आम महिलाओं के साथ मिलकर सत्यवती ने ही तैयार की। इस संदर्भ में दिल्ली अभिलेखागार विभाग के निदेशक संजय गर्ग कहते हैं कि सविनय अवज्ञा आंदोलन छह अप्रैल 1930 में शुरू हुआ। महात्मा गांधी जी ने दांडी से आंदोलन का सूत्रपात किया। आंदोलन के लक्ष्यों में नमक कानून का उल्लंघन कर स्वयं नमक का निर्माण करना, महिलाओं द्वारा शराब, अफीम और विदेशी कपड़े की दुकानों पर जाकर धरना देने एवं विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आदि शामिल था। दिल्ली में बहन सत्यवती ने आंदोलन को धार देने का काम किया। वह न दिन देखतीं न रात। घर-घर जाकर महिलाओं से मिलतीं और उन्हेंं आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करतीं। इसका असर यह हुआ कि महिलाएं पहली बार आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल हुईं। + +खुद बनाया नमक: सत्यवती ने महिलाओं के साथ मिलकर शाहदरा में नमक बनाया और करीब 10 दिन तक नमक के पैकेट लोगों में बांटे गए। पुलिस ने इन्हेंं पकड़कर दो साल के लिए जेल भेज दिया। वर्ष 1931 में जब गांधी-इरविन समझौता हुआ तो बहन सत्यवती को जेल से रिहा किया गया, लेकिन आंदोलन के दौरान बहन सत्यवती के नेतृत्व में पहली बार जिस तरह हजारों की तादाद में महिलाएं शराब की दुकानों के बाहर विरोध करने आईं और नमक कानून तोड़ा वो दिल्ली के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। बहन सत्यवती से प्रभावित होकर हिंदू और इंद्रप्रस्थ कालेज की छात्रों ने अनोखी पहल की। छात्राओं ने बस्तियों में जाकर शादीशुदा महिलाओं की भी टीम बनाई ताकि वे अन्य महिलाओं को भी आंदोलन के लिए प्रेरित कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7b9fa029c9a83038f51fd0cb53ddbe609eddbc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Kinnaur and Kashmiri Apple: हिमाचल में सेब की मिठास को लालच खा रहा है। सेब को सबसे पहले बाजार में बेचने की होड़ में इसकी गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग से लगातार बढ़ रहे तापमान, ज्यादा मुनाफे के चक्कर में समय से पूर्व तुड़ान और कलर स्प्रे इसकी खुशबू व स्वाद को फीका कर रहा है। सेब तोडऩे के बाद 10 से 15 दिन के बाद उसमें मौजूद स्टार्च शुगर में तबदील हो जाता है। इसके बाद ही इससे खुशबू आती है और स्वाद बेहतर होता है। बाजार में अधिक दाम लेने के लिए बागवान कई तरह की स्प्रे कर रहे हैं। इससे फसल जल्द इस्तेमाल न होने पर सड़ जाती है। हालांकि सेब को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है, बशर्ते उसका समय पर तुड़ान हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3e0ba40b29b00da86855f2aed76644af2adc416 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67921.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनोज कुमार, छेहरटा (अमृतसर)। Pakistani Landlord Families Migrate to India धर्म, गंगा और जनेऊ के लिए पाकिस्तान में जमीन-जायदाद और जमींदारी तक छोड़ दी। बात सिर्फ इतनी हुई कि 1947 में पाकिस्तान में रुकने वाले इन लोगों को अपने बुजुर्गों की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने के लिए भारत आने को लंबा इंतजार करना पड़ा था। धर्म के लिए वे वर्ष 1956 में सबकुछ छोड़कर पाकिस्तान से भारत आ गए। यह कहानी है यहां खंडवाला की पशौरी कॉलोनी में रहने वाले 300 से ज्यादा परिवारों की। कई परिवार जालंधर और लुधियाना के खन्ना में बसे हैं। 65 साल बाद भी इन्होंने अपनी संस्कृति और विरासत को जिंदा रखा है। आज भी घरों में मातृभाषा हिंदको बोली जाती है। + +जमींदार परिवार की खुशहाल जिंदगी।डॉ. चंदन ने बताया कि जमींदार होने के नाते उनके परिवार पाकिस्तान में बेहद खुशहाल जिंदगी जी रहे थे। मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें बहुत प्यार करते थे। एक-दूसरे को शादियों और अन्य पारिवारिक समारोहों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। भारत आते समय वे गुरुद्वारा साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब और मंदिर से गीता, रामायण और अन्य धार्मिक पुस्तकें मर्यादा के साथ लेकर आए थे। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बेहद प्यार और भावनात्मक माहौल में उन्हें अलविदा कहा। यहां आकर उन्होंने कॉलोनी में मंदिर और गुरुद्वारा साहिब का निर्माण करवाया। उन्होंने कहा कि कालोनी में हिंदू-सिख परिवार एक-दूसरे के साथ प्यार से रहते हैं। गुर पर्ब और अन्य त्योहार एकसाथ मनाए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99e558681d0e12da054f02c90097d839c878a172 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67923.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले विज का आक्सीजन लेवल कम हो गया था, जिस कारण उपचार के लिए उन्हें पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती कराना पड़ा। अब आक्सीजन लेवल तो ठीक हो चुका है, लेकिन विज के फेफड़ों में सूजन आ गई है। विज अगले दो से तीन दिनों तक डाक्टरों की निगरानी में रहेंगे। सूजन कम होने की स्थिति में विज को इस शर्त के साथ पीजीआइ से छुट्टी दी जाएगी कि वह घर पर कुछ दिन आराम करेंगे। लेकिन विज से बातचीत के बाद ऐसा महसूस नहीं होता कि वह आराम करने वाले हैं। + +एक महीने तक आक्सीजन लगाकर दफ्तर आते रहे विज।अनिल विज पीजीआइ चंडीगढ़ से पहले दो बार उपचाराधीन रह चुके हैं। कोरोना होने पर उन्हें पहले पीजीआइ रोहतक और उसके बाद मेदांता अस्पताल गुरुग्राम में भर्ती कराया गया था। करीब एक महीने तक आक्सीजन पाइप के साथ अनिल विज अपने कार्यालय में आते रहे। एक बार तो वह विधानसभा भी पाइप के साथ आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b2f8739e61f92bd43b13d12704a0124e8e4f0a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लेखिका मीनाक्षी जैन की पुस्‍तक का लोकार्पण समारोह ।समाजसेवी व लेखिका मीनाक्षी जैन की नई पुस्तक 'गीता कृष्ण की-सिद्धांत कर्म का' का लोकार्पण समारोह 28 अगस्त को जीटी रोड स्थित होटल आभा ग्रैंड में आयोजित होगा। इसमें मुख्य आकर्षण महाभारत में श्रीकृष्ण का किरदार निभाकर घर-घर मशहूर हुए अभिनेता व पूर्व सांसद नितीश भारद्वाज रहेंगे, वहीं पुस्तक का लोकार्पण भी करेंगे। मीनाक्षी जैन ने बताया कि क्योंकि मेरी पुस्तक भागवत गीता का ही सरल ङ्क्षहदी भाषा में अनुवाद है। वहीं, गीता, जो भगवान कृष्ण द्वारा महाभारत के युद्ध में अपनों को सामने देखकर विचलित हुए अर्जुन को दिए उपदेशों का सार है। मुख्य अतिथि सांसद सतीश गौतम रहेंगे। एएमयू कुलपति समेत अनेक हस्तियां शामिल होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..887670055b6673298f78dfa63ac5c745635c2984 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67925.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से कक्षा-1 से कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए खुलेंगे स्कूल ।उत्तर प्रदेश में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल 16 अगस्त को ही खोल दिए गए थे। 24 अगस्त से कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के स्कूल खोले जाने के निर्देश दे दिए गए थे। वहीं, अब उत्तर प्रदेश में एक सितंबर से अब कक्षा-1 से कक्षा 5  तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने का आदेश है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a61003acdfe9ea3130332ff8657eabb133ebff78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ठीक सात वर्ष पहले प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की गई थी ताकि देश में वित्तीय समावेश का काम पूरा हो सके। पिछले सात वर्षो में इस क्षेत्र में काफी हद तक सफलता भी मिली है और अब सरकार जनधन खाताधारकों को आगे की सुविधा देने की तैयारी में है। इस मौके पर वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के सचिव देबाशीष पाण्डा से दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता राजीव कुमार ने बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :।प्रश्न: प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 43 करोड़ से अधिक लोगों को खाते खोले जा चुके हैं, वित्तीय समावेश को पूरा करने के लिए अगली योजना क्या है?।उत्तर: वित्तीय समावेश एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके तहत हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी वयस्क बैंक खाते के बिना नहीं रह जाए। खाते खोलने के बाद सभी को सस्ता बीमा, पेंशन एवं अन्य वित्तीय उत्पाद उपलब्ध कराना हमारा अगला लक्ष्य है। अभी भी अटल पेंशन योजना व अन्य स्कीम के जरिये यह कोशिश की जा रही है। लेकिन हम इसका दायरा बढ़ाना चाहते हैं और इसे डिजिटल तरीके से अंजाम देने की योजना तैयार की जा रही है। वित्तीय समावेश की सफलता इस बात से भी समझी जा सकती है कि आज देश में 140 करोड़ सक्रिय बचत खाते हैं। इनमें से 62 करोड़ खाते बैंक सेविंग बैंक डिपोजिट (बीएसबीडी) श्रेणी के हैं। इन 62 करोड़ में 43 करोड़ से अधिक जन-धन खाते हैं। जनधन खातों में 55 फीसद खाते महिलाओं के हैं और 67 फीसद खाते ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में खोले गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67929.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67929.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dffede8c01c2ed76ba00b209184f856aaaec519e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67929.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, नीलू रंजन। जम्मू-कश्मीर के सभी अहम ठिकाने एंटी ड्रोन तकनीक से लैस हो गए हैं। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एंटी ड्रोन तकनीक लगने के बाद पिछले एक महीने में सीमा पार से आने वाले दो दर्जन से अधिक ड्रोन को मार गिराया गया है। इसके पहले पिछले एक साल में भारत सीमा पार से खोदी गई लगभग डेढ़ दर्जन सुरंगों को खोजकर बंद कर चुका है। ।सभी संवेदनशील ठिकानों को एंटी ड्रोन तकनीक से लैस कर सुरक्षित किया गया ।राष्ट्रीय सुरक्षा का संवेदनशील मामला होने के कारण सुरक्षा एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में लगाए गए ड्रोन तकनीक के बारे में विस्तार से बताने से बच रही हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बार तकनीक या उसे लगाने वाले कंपनी का नाम उजागर होने के बाद घुसपैठ करने वाले ड्रोन की तकनीक में भी आसानी से बदलाव किया जा सकता है। ताकि वह एंटी ड्रोन तकनीक को चकमा देने में सफल हो सकते हैं। यह अहम है कि सभी संवेदनशील ठिकानों को एंटी ड्रोन तकनीक से लैस कर सुरक्षित कर दिया गया है। यह तकनीक ड्रोन को पहचाने और एजेंसियों को अलर्ट करने में कारगर साबित हो रही है। इसकी बदौलत ही पिछले एक महीने में दो दर्जन से अधिक ड्रोन को मार गिराने में सफलता मिली है। ।सुरक्षा बलों ने सिर्फ एक महीने में दो दर्जन ड्रोन मार गिराए ।वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ एक महीने में दो दर्जन ड्रोन मार गिराने से साफ है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियार और पैसे पहुंचाने में कितने बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल कर रहा था। उन्होंने कहा कि इसके पहले इक्का-दुक्का ड्रोन देखे जाने और मार गिराए जाने की घटनाएं सामने आईं थी, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में ड्रोन के मार्फत हथियारों और पैसे की डिलेवरी हो रही है, इसका अंदाजा नहीं था। दरअसल सीमा पर सख्ती के कारण घुसपैठ में आ रही दिक्कतों को देखते हुए पाकिस्तान ने सुरंगों के सहारे आतंकियों के साथ-साथ हथियार और पैसे भेजने का काम शुरू किया। ।डेढ़ दर्जन से अधिक सुरंगों का पता लगाकर बंद किया ।पिछले साल दिसंबर में ऐसे कुछ सुरंगों का पता चलने के बाद सीमा पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया और साथ ही अत्याधुनिक तकनीक की मदद भी ली गई। परिणामस्वरूप में सीमा के आरपार लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक सुरंगों का पता लगाने और उन्हें बंद करने में सफलता मिली। सुरंगों के बंद होने के बाद पाकिस्तान हथियारों व पैसे की आपूर्ति के लिए पूरी तरह से ड्रोन पर निर्भर हो गया था। अब भारत ने इसका तोड़ भी खोज निकाला है। 27 जून को जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमले में सुरक्षा प्रणाली में बड़ी खामी को उजागर कर दिया था। उस समय आतंक से लैस जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील ठिकानों पर एंटी ड्रोन तकनीक नहीं लगाए जाने के कारण सुरक्षा एजेंसियों को आलोचना झेलनी पड़ी थी। इसके बाद सरकार ने तत्काल ड्रोन तकनीक लगाने का फैसला किया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संवेदनशील ठिकानों के साथ-साथ भारत-पाक की अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर भी कई स्थानों पर एंटी ड्रोन तकनीक लगाया गया है। नियंत्रण रेखा पर अन्य स्थानों को भी धीरे-धीरे इस तकनीक से लैस किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbb938ed29b1723207f61e6339080b55aca60d1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिकारियों ने बताया कि यह उपकरण 20 फुट चौड़ी गली में ले जाया जा सकता है। आग या किसी आपदा के समय इनके इस्तेमाल से न सिर्फ काल रिस्पांस टाइम कम हुआ है, बल्कि 15 मीटर तक की ऊंची इमारतों में सहायता जल्दी पहुंचाने में सहूलियत हुई है। ।30 से 40 लाख में तैयार किया गया है यह उपकरण ।अधिकारियों ने बताया कि विभाग के पास पहले से 70 और 40 मीटर ऊंचाई तक काम करने वाली छह विदेशी गाडि़यां हैं। ये महंगी हैं और खराब होने पर इन्हें ठीक करने के लिए विदेश से इंजीनियर बुलाने पड़ते हैं। वहीं दूसरी तरफ घनी आबादी वाले इलाके में इन गाडि़यों से आग पर काबू पाना आसान नहीं होता। इन गाडि़यों की कीमत आठ से 10 करोड़ रुपये तक है। वहीं मिनी एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म वाली गाडि़या 30 से 40 लाख रुपये की लागत में तैयार कराई गई हैं। ।आग लगने की रोजाना औसतन 70 काल ।अधिकारियों के मुताबिक राजधानी में आग लगने की रोजाना औसतन 70 काल आती हैं। इनमें अधिकतर काल ऐसे क्षेत्रों की होती जहां पर संकरी गलियां व घनी आबादी वाला क्षेत्र होता है। ऐसे में मिनी एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म वाली गाडि़यों से यहां पर आसानी से आग पर काबू पाया जा सकता है। ।विभाग के पास उपलब्ध संसाधन ।- दमकल की लगभग 250 साधारण गाडि़यां ।- 40 मीटर ऊंचाई तक काम करने वाली चार गाडि़यां ।- 70 मीटर ऊंचाई तक काम करने वाली दो गाडि़यां ।- चार नए मिनी एरियल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म ।- आग पर काबू पाने में मदद के लिए एक ड्रोन।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67940.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11f00dfa29dff3dfd0d9b9917e5c7785cb358969 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67940.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के निलंबित पुलिस अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो सख्त टिप्पणी की है, वह भारत में पुलिस अधिकारियों के राजनीतिकरण के बढ़ते चलन की तरफ इशारा करती है। राज्य की व्यवस्था संभालने में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) व भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। हालांकि कई बार यही वरिष्ठ अधिकारी दायित्वों को भूल किसी खास राजनीतिक दल से गलबहियां कर लेते हैं। कालांतर में या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर या फिर रिटायरमेंट के बाद ऐसे अधिकारी उस राजनीतिक दल से सीधे जुड़ जाते हैं। कई राज्यों में ऐसे उदाहरण हैं। इसके लिए पुलिस सुधार न लागू होना भी कारण है। आइए इस चलन को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के आलोक में समझें:।उत्तर प्रदेश: कई ने पहनी खादी।आखिर आइपीएस-राजनेता गठजोड़ का कारण क्या है: पुलिस के कामकाज में राजनीतिक दखल की बात नई नहीं है। पुलिस विभाग आज भी गुजरे जमाने के बनाए नियमों, प्रविधानों पर चल रहा है। पुलिस सुधारों को कई बार प्रयास किया गया, लेकिन चंद राज्यों को छोड़ किसी ने भी इन सुधारों को लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। पुलिस-सुधार के प्रयासों की लंबी कड़ी में धर्मवीर आयोग, विधि आयोग, मलिमथ समिति, पद्मनाभैया समिति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, सोली सोराबजी समिति तथा सबसे महत्वपूर्ण प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ-2006 मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश हैं। विधि विशेषज्ञ सोली सोराबजी ने एक माडल पुलिस एक्ट का प्रारूप 2006 में तैयार किया था। हालांकि यह भी लागू नहीं हो सका। पुलिस में राजनीतिक दखल और जनता के प्रति जवाबदेही को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस को बेहद अहम माना जाता है। प्रदेश के पुलिस प्रमुख से लेकर थाना प्रभारी तक की एक स्थान पर लंबी नियु्क्ति का न करने का अहम निर्देश भी ताक पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38ac8a8a7072d23c384e2134725f43361157e13a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67941.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डीआइसीजीसी अधिनियम, 1961 में यह संशोधन इसलिए किया गया है, ताकि जमाकर्ताओं में अपने धन की सुरक्षा के बारे में विश्वास पैदा किया जा सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अधिनियम में संशोधन की घोषणा एक फरवरी 2021 को आम बजट के दौरान की थी। उन्होंने कहा था कि अभी दबाव वाले बैंकों के जमाकर्ताओं को अपनी बीमित राशि और अन्य दावे पाने में एक दशक तक लग जाते हैं, लेकिन इस कानून को अमलीजामा पहनाने के बाद संकटग्रस्त बैंक के जमाकर्ताओं को 90 दिनों में अपनी जमा रकम मिल जाएगी। वर्ष 2019 के दौरान पंजाब एवं महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) समेत 23 सहकारी बैंक संकट में आ गए थे, जिसके कारण जमाकर्ताओं को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा था। अब इस संशोधन का तत्काल लाभ इन सहकारी बैंकों के ग्राहकों को मिलेगा। दरअसल पीएमसी बैंक के डूबने के बाद लाखों की संख्या में इस बैंक के ग्राहकों को वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ा था। अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बैंक पर लगाई गई सभी पाबंदियों को नहीं हटाया है। पीएमसी संकट के बाद डीआइसीजीसी द्वारा बैंकों के जमाकर्ताओं को दिए जा रहे एक लाख रुपये के बीमा कवर को बढ़ाने की मांग की जा रही थी। + +समग्रता में देखा जाए तो भारत में बैंक विफलता के मामले अभी बहुत कम ही संख्या में सामने आए हैं। ऐसे में डीआइसीजीसी को बहुत ही कम दावों का निपटारा करना पड़ा है। भारत के बैंकों में 1993 से एक लाख रुपये प्रति जमाकर्ता के हिसाब से एक निश्चित किस्त की दर पर बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन यहां अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुसार बैंक के जोखिम रेटिंग को बीमा किस्त से जोड़ने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। बीमा किस्त की दर को तार्किक बनाने के लिए आज जरूरत इस बात की है कि बैंकों को पूंजी की पर्याप्त उपलब्धता, ऋण की गुणवत्ता और गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के आधार पर जोखिम श्रेणी में वर्गीकृत किया जाए और फिर इनके आधार पर बीमा किस्त की अलग-अलग दर निर्धारित की जाए। ऐसा करने से उच्च जोखिम श्रेणी वाले बैंक को ज्यादा बीमा किस्त देना होगा। जाहिर तौर पर ज्यादा बीमा किस्त देने वाले बैंक अपने खर्च में कटौती करने के लिए बीमा किस्त की दर को कम करना चाहेंगे और इसके लिए वे योजनाबद्ध तरीके से अपने जोखिम के कारकों को शिथिल करने या खत्म करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdc9d362017b6334f445594d25760976f253094c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67942.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। गुणों की खान सेब का नाम आते ही मुंह में एक अलग ही स्वाद आ जाता है। इन दिनों सिकंदरा फल एवं सब्जी मंडी में हिमाचल सेब की सुर्खिया बिखरी हुई है। प्रतिदिन 10 से 12 ट्रक आगरा आ रहे हैं, जिससे आस-पास के जिलों तक सप्लाई जाती है। हिमाचल के सेब की आमद सितंबर के मध्य तक चलेगी, इससे पहले ही कश्मीरी सेब की आवक शुरू हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e458ade3dcaf7b06bb1bd27eb388b1c6d87ac2cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67943.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बल्लेबाजी की तकनीक से लेकर उनका टेम्प्रामेंट, क्लास, फार्म, स्टाइल और शाट्स सलेक्शन इतने बेमिसाल थे कि इस पर डाक्यूमेंट्री बने तो दुनियाभर के अवार्ड अपनी झोली में डाल दे। 1928 से लेकर 1948 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले सर डान ब्रैडमैन ने अपने 20 साल के इंटरनेशनल करियर में कई ऐसे करिश्मे दिखाए, जिनके बारे में आज भी चर्चा होती है और हमेशा होती रहेगी। आज भी जब बात बल्लेबाजी की होती है तो सबसे पहला नाम क्रिकेट के 'Don' का ही आता है। + +1928 में इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का आगाज करने वाले सर डान ब्रैडमैन ने कुल 52 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 6996 रन बनाए। इन 52 टेस्ट मैचों में उनके बल्ले से 29 शतक और 13 अर्धशतक भी निकले, लेकिन इन आकंड़ों पर जरा पैनी नजर चलाएंगे तो देख पाएंगे कि आखिरी इतने कम मैचों में इतने ज्यादा शतक और इतने ज्यादा रन शायद पहली बार आपको देखने को मिल रहें होंगे। इतना ही नहीं, इन शतकों में 12 दोहरे शतक भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfd7f628e92b7f57002671ed542a2645832aeb5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67947.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विक्रम बनेटा, रोहतक। पोस्ट कोविड सिंड्रोम में अब एक और विचित्र बीमारी सामने आई है। रिकवर हो चुके लोगों की सूंघने की शक्ति कमजोर हो रही है। वायरस व्यक्ति के ओल्फैक्ट्री न्यूरान से छेड़छाड़ कर रहा है। इसससे हफ्तों गंध नहीं आती या फिर गलत गंध का संदेश दिमाग तक पहुंच रहा है। बीमारी ऐसी है कि अच्छी-बुरी गंध की पहचान मरीज नहीं कर पा रहा है। प्याज की गंध किसी सड़े हुए अंडे की तरह आने की शिकायत लेकर चिकित्सकों के पास लोग पहुंच रहे हैं। कोविड-19 से पहले बेहद कम केस इस तरह के मिलते थे। + +छह सप्ताह तक चलती है एसआरटी।स्मैल रिट्रेनिंग थैरेपी, मरीजों की गंध वापस लाने में कारगर है। इसमें मरीजों को तेज गंध वाली वस्तुओं को सुंघाया जाता है। विशेष तरह की अलग-अलग डिब्बों में चार प्रकार के तेज गंध वाले पदार्थों को बंद किया जाता है। मरीजों को दिन में दो बार 20-20 सेकेंड के लिए डिब्बे में बंद पदार्थों को सूंघना होता है। यह सिलसिला करीब छह सप्ताह तक चलता है। कोविड से पहले एसआरटी की जरूरत कुछ केस में वायरल इंफेक्शन और ब्रेन इंजरी, अल्जाइमर जैसे रोगों से पीड़ितों को पड़ती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67949.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67949.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3af5267b604b7deb86acbd7764d929b753f0465 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67949.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विजय गाहल्याण, पानीपत। टोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पानीपत के खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा देश की चर्चित हस्ती हो गए हैं। सात अगस्त के बाद से हर किसी की जुबान पर उन्हीं का नाम है। उन्हें नाम, शोहरत व पैसा भी खूब मिला है, लेकिन उनकी दिनचर्या बदल गई है। व्यस्तता इतनी हो गई है कि उन्हें ठीक से खाने व सोने का समय भी नहीं मिल पा रहा है। सुबह से देर रात कर हर रोज 15 से 20 कार्यक्रमों में शिरकत करनी पड़ रही है। मोबाइल से दूर बना रखी है। मोबाइल सुनने व बात करवाने के लिए मैनेजर अमन शाह हैं। + +2019 में कोहनी का हुआ था आपरेशन, नौ महीने अभ्यास से दूर रहे थे।2019 में नीरज की कोहनी का आपरेशन हुआ था। हाथ कमजोर हो गया था। तब वह नौ महीने तक अभ्यास नहीं कर पाए थे। तब उन्हें खेल पाने की चिंता हो गई थी। नीरज ने इंटरनेट मीडिया पर 2019 की कोहनी के आपरेशन और मेडल जीतने के बाद की फोटो डालकर लिखा है कि डाक्टर, कोच व फिजियो का आभारी हूं, जिनके साथ से वह चोट से उबर कर देश के लिए ओलिंपिक का मेडल ला पाया हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a91974b6dc7a7c37274ec6496af5bdec33e013e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67951.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। दिल्ली में कोरोना का संक्रमण इस समय भले ही न्यूनतम है, मगर दिल्ली सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुट गई है। अब सरकार ने सरकारी अस्पतालों में हर बेड पर आक्सीजन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इस कार्य को लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। विभाग इस कार्य को शुरू करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि एक से डेढ़ माह के अंदर सभी बेड पर आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन से लेकर सिस्टम तक तैयार कर दिया जाएगा। + +सभी बेड के लिए आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। अभी तक 30 से अधिक आक्सीजन प्लांट लोक निर्माण विभाग की ओर से सभी सरकारी अस्पतालों में लगाए जा चुके हैं। अभी यह प्रक्रिया चल रही है। अस्पतालों में आक्सीजन टैंक भी लगाए जाने की तैयारी है। जहां पर केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित कोटे की दूसरे राज्यों से मिलने वाली आक्सीजन को स्टोर किया जा सकेगा। दिल्ली में सरकार के 33 अस्पताल हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकारी अस्पतालों को लेकर अनुभव इस का रहा है कि बेड उपलब्ध थे, मगर आक्सीजन नहीं थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b651972f058e51589e14fb747e2c61e09132c1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, हंसराज सैनी। Mandi HP Rock Salt Mines, देश की जनता जल्द मंडी जिले के द्रंग के चट्टानी नमक का स्वाद चखेगी। हिंदुस्तान साल्टस लिमिटेड (एचएसएल) ने द्रंग, गुम्मा व मैगल में तीन रिफाइनरी स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है। प्रथम चरण में साल के अंत तक द्रंग व मैगल में दो रिफाइनरी स्थापित होगी। सौर व वैक्यूम वाष्पीकरण विधि से खाने योग्य नमक तैयार होगा। द्वितीय चरण में गुम्मा में रिफाइनरी लगेगी। एचएसएल की इस पहल से मंडी संसदीय क्षेत्र के सदस्य रहे स्वर्गीय रामस्वरूप शर्मा का सपना साकार होने की उम्मीद बंध गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d579db66148f15cc89d2434e7bdad3d726f2dfc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुवार को राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर रामनगरी का जायजा लेने पहुंचे एसएसपी शैलेश पांडेय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यातायात डायवर्जन भी किया जाएगा, जिसकी सूचना मीडिया के माध्यम से लोगों को जल्द ही पहुंचा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति की त्रिस्तीय सुरक्षा का खाका तैयार किया गया है। अद्र्धसैनिक बल, पीएसी और पुलिस के अतिरिक्त खुफिया एजेंसियां भी निगरानी में तैनात रहेंंगी। राष्ट्रपति के आवागमन वाले सभी मार्गाें पर सीसीटीवी कैमरे सक्रिय कर दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be14618a73cbe377ec769f1dedd88b56559d534c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67955.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत के झंडाबरदार ये चार मंत्री कभी उनके करीबी रहे हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि 17 में से ये चार मंत्री ही विद्रोही हो गए? जब से कैप्टन अमरिंदर सिंह सोनिया गांधी से मिलकर आए हैं, तभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। यह भी चर्चा गरम रही है कि तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया और चरनजीत सिंह चन्नी का मंत्री पद छिन सकता है। वजह कैप्टन से उनकी दूरी बढ़ना भी है तो बतौर मंत्री उनकी परफार्मेस भी तोली जा रही है। आइए जानते हैं चारों की परफार्मेस और कैप्टन से दूरी की वजह। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82dbaf58dd09f5954fd4f7449e3ef16317141c55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बसपा, भाजपा और सपा को 'चोर-चोर मौसेरे भाई' साबित करने के अपने इस अभियान को कांग्रेस नियोजित तरीके से आगे बढ़ाने में जुटी है। कांग्रेस ने इसके लिए 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?' नाम से बुकलेट छपवायी है। अखबारों में छपी खबरों की कटिंग, फोटो, सारणियों और कैरिकेचर से सुसज्जित 20 पन्नों की इस बुकलेट में पार्टी ने तीनों दलों की सरकारों की 'कारगुजारियां' उजागर करने की कोशिश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c78fa69f7d806e822a867b2a02f62fc8c19e707 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्नाव, [ब्रजेश शुक्ल]। History of Miyaganj in Unnao वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां जनसभा में कहा था कि अगर सरकार बनी तो मियागंज का नाम बदलकर मायागंज कर दूंगा। सरकार बनने के चार वर्ष बाद क्षेत्रीय विधायक बंबालाल दिवाकर ने 31 जुलाई को डीएम को पत्र लिखा। उन्होंने पूर्व के नाम का जिक्र करते हुए मियागंज का नाम बदलकर मायागंज या भोपतखेड़ा करने की मांग की। डीएम ने मंगलवार 24 अगस्त को मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने का प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज को भेज दिया। ।वर्ष 1771 में बदला गया था नाम: जिस मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने की कवायद शुरू हुई है। उसका नाम दस्तावेजों में पहली बार वर्ष 1771 में नाम बदला गया था। 250 साल पहले अवध के नवाब असरफुद्दौला के वित्तमंत्री मंगलामुखी (किन्नर) मियां अलमास अली खान ने इसका नाम मियागंज रखा था। पहले इसे भोपतपुर के नाम से जाना जाता था। विकिपीडिया पर इसका जिक्र है। सहायक जिला सूचना अधिकारी नवप्रभात रंजन ने बताया कि विकिपीडिया ने उन्नाव एनआइसी (नेशनल इंफार्मेशन सेंटर) को लिंक किया है। इसकी सूचनाएं सही होती हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसे फीड नहीं किया जाता है। ।ग्राम पंचायत में ही ब्लाक और सीएचसी: मियागंज ग्राम पंचायत में ही ब्लाक मुख्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व अन्य सभी सुविधाएं हैं। ग्राम पंचायत का नाम बदलते ही पूरे ब्लाक का नाम मायागंज हो जाएगा। ।यह भी पढ़ें: UP में अलीगढ़ और मैनपुरी के बाद इस जगह का भी बदला जा सकता है नाम, डीएम ने भेजा प्रस्ताव।अंग्रेज कर्नल लांस की किताब फोर्टी डेट में है विवरण: मियागंज के बुजुर्ग साबिर अली अंसारी ने बताया कि यह गांव असरफुद्दौला नवाब लखनऊ के नजदीकी मियां अलमास अली खान ने बसाया था। इसके पहले मियागंज का नाम भोपतपुर था। मियागंज में 52 गुर्ज (गुंबद) व 53 कुएं थे, जिनको अंग्रेज ने 40 दिन में नष्ट कर सके थे। इसी पर अंग्रेज कर्नल लांस ने एक किताब लिखी है, जिसका नाम फोर्टी डेज इन अवध है, जिसमें मियागंज का पूरा विवरण है। ।इनका ये है कहना: पूर्व प्रधानाचार्य विवेकानन्द इंटर कालेज मियागंज ऊषा अवस्थी कहती हैं कि हम सब ग्रामवासी ग्राम प्रधान के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं। मियागंज के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मियागंज का पहले नाम सरंबा निवासी भोपत सिंह के नाम पर इसका नाम भोपतपुर था, लेकिन लखनऊ के नवाब असरफुद्दौला के नजदीकी मिया इलमास ने इसका नाम मियागंज रख दिया था जो हम लोगों ने पढ़ा है। ।मियागंज की विशेषताएं।आंकड़ों में मियागंज।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6796.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbb15e8cc8378f2be308fc27ba61ddb7ecbbc2f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6796.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl बॉलीवुड में पिछले कई वर्षों से भारतीय सेना के शौर्य पर आधारित कई फिल्में बन चुकी हैंl इन फिल्मों को काफी पसंद किया गया हैl बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों ने महिला जासूस की भूमिका बहुत अच्छे से निभाई हैl इनमें आलिया भट्ट और ताप्सी पन्नू का भी नाम शामिल हैl अब एक नया नाम नोरा फतेही का भी जुड़ गया हैl इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं की बॉलीवुड की किन अभिनेत्रियों ने किन फिल्मों में जासूस की भूमिका निभाई हैl।आलिया भट्ट राजी में ।आलिया भट्ट फिल्म राजी में नजर आई थीl यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई थीl यह फिल्म 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित थीl इस फिल्म में आलिया भट्ट ने महिला जासूस की भूमिका निभाई थी जो पाकिस्तान जाकर भारत के लिए जासूसी करती हैl।बेबी में तापसी पन्नू ।तापसी पन्नू ने फिल्म बेबी में अहम भूमिका निभाई थीl इस फिल्म के बाद उन्होंने नाम शबाना नामक फिल्म में भी काम किया थाl तापसी ने इस फिल्म में काफी अहम भूमिका निभाई थी जो दर्शकों को काफी पसंद आई थीl।भुज द प्राइड ऑफ इंडिया में नोरा फतेही।भुज द प्राइड ऑफ इंडिया फिल्म जल्द रिलीज होने वाली हैl यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित हैl इस फिल्म में नोरा फतेही हीना रहमान की भूमिका निभा रही हैl जो आर्मी की एक अंडरकवर ऑफिसर होती हैं और वह महिला जासूस की भूमिका निभाती हैl यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आएगीl।नोरा फतेही फिल्म अभिनेत्री हैंl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय है। नोरा फतेही डांसर एक्टर हैl वह कई फिल्मों में शानदार गानों पर डांस कर चुकी हैl जिन्हें काफी पसंद किया गया थाl नोरा फतेही बॉलीवुड के कई कलाकारों के साथ काम कर चुकी हैl वह जल्द अजय देवगन के साथ फिल्म में नजर आएंगीl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..983d8eef3d8f444aa429978f75ec79f0fbf11ffe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67961.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बर्फ से ढकी हिमालय क्षेत्र की पहाड़ियाँ। यहां वर्षों पुराने ग्‍लेशियर के पिघलने से कई झीलें बन गई हैं, जो कभी भी बड़ा खतरा बन सकती हैं। लिहाज़ा इनकी लगातार निगरानी की जा रही है।@JagranNews @mygovhimachal @hp_tourism #HimalayanGlaciers pic.twitter.com/qZossf8frm।हिमालयी क्षेत्र में बनी झीलों का विज्ञानी पांच वर्ष से अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन ने दौरान सामने आया है कि ग्लेशियर पिघलने से हिमाचल की नदियों में पानी की मात्र में तीन से चार फीसद तक वृद्धि हुई है। आने वाले वर्षो में पानी की मात्र में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। + +पर्यटन गतिविधियों से बढ़ेगा तापमान।क्या इन झीलों पर पर्यटन गतिविधियां शुरू की जा सकती हैैं, विज्ञानी इससे इन्कार करते हैैं। क्योंकि एक तो बर्फीले क्षेत्रों में होने के कारण इन झीलों तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। दूसरा इन क्षेत्रों में लोगों के जाने से तापमान बढ़ेगा और ग्लेशियर पिघलने में और तेजी आएगी। ।हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सदस्य सचिव निशांत ठाकुर बताते हैं हिमालयी क्षेत्र में बनी झीलों को तीन अलग कैटेगिरी में बांटा गया है। इसी आधार पर इनकी निगरानी की जा रही है। देखा जा रहा है कि इन झीलों से क्षेत्र में क्या परिवर्तन आ रहा है। pic.twitter.com/5CWOsbLYvA।हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सदस्य सचिव निशांत ठाकुर ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियर पिघलने से बनी झीलों की निगरानी की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि इन झीलों से क्षेत्र में क्या परिवर्तन आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06dd1a66135b12cec4d674dc181470b05328bab1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67964.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। डीएसजीएमसी चुनाव में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और जग आसरा गुरु ओट (जागो) को नकारात्मक चुनाव प्रचार का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। संगत के बीच गलत धारणा बनी, जिससे दोनों ही पार्टियों का कमेटी की सत्ता हासिल करने का सपना टूट गया। संगत के बीच सक्रिय रहने वाले नेताओं की कमी भी इन दलों को मतदाताओं से दूर ले गई, स्थिति यह थी कि इनके उम्मीदवार पहले ही कई सीटों पर बहुत कमजोर माने जा रहे थे। वर्ष 2013 से शिअद दिल्ली (सरना) डीएसजीएमसी की सत्ता से दूर है। पिछले चुनाव की तुलना में इसकी सीटें जरूर बढ़ीं, लेकिन सत्ता में वापसी का इंतजार अब और लंबा हो गया है। बता दें कि परमजीत सिंह सरना शिअद दिल्ली (सरना) के अध्यक्ष हैं और वह डीएसजीएमसी के अध्यक्ष रह चुके हैं। + +इस चुनाव में सिखों से जुड़े मुद्दों से ज्यादा भ्रष्टाचार का हो हल्ला था। शिअद सरना और जागो के नेता डीएसजीएमसी की सत्ता संभाल रहे शिअद बादल के नेताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे थे। यही नहीं, वे कोरोना काल के दौरान कमेटी द्वारा किए जा रहे मानवता के काम की आलोचना करने में भी पीछे नहीं रहे, जिससे आम संगत के बीच इन्हें लेकर गलत धारणा बनी। + +शिअद बादल के नेताओं ने किया सकारात्मक प्रचार।शिअद बादल के नेता मतदाताओं के बीच यह बात प्रचारित करने में सफल रहे कि विरोधी दल अदालत का सहारा लेकर चुनाव टलवाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इससे भी विरोधियों को नुकसान उठाना पड़ा। कश्मीर में सिख युवती को अगवा कर जबरन निकाह कराने के मामले में पीड़िता को कमेटी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सहायता का भी सरना ने विरोध किया। इसके साथ ही बाला साहिब अस्पताल परिसर में डायलिसिस केंद्र और कोरोना अस्पताल का भी उन्होंने विरोध किया। भ्रष्टाचार के मामले को जरूरत से ज्यादा उछाला गया। इससे संगत में नाराजगी बढ़ी और इसकी झलक चुनाव परिणाम में देखने को मिली। + +जागो के अध्यक्ष जीके पर भी भ्रष्टाचार के आरोप ।जागो के अध्यक्ष जीके पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इसका खामियाजा भी उनकी पार्टी को उठाना पड़ा है। पर्दे के पीछे से भाजपा से मिले सहयोग के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। शिअद बादल की तुलना में जनता के बीच शिअद सरना व जागो के अधिकांश उम्मीदवारों की क्षेत्र में सक्रियता भी कम थी, इसलिए वे मतदाताओं को अपने साथ लाने में विफल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc82921c27c4a02ffe042a4f4ec7ce8c5d2503b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67965.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी के प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दक्षिणी निगम ई-साइकिल की सुविधा देगा। इसका उद्देश्य लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी की मांग को पूरा करना है। इसके लिए निगम ने दक्षिणी 82 स्थानों को चिन्हित किया है। जहां पर यह सुविधा मिलेगी, इसके लिए निगम ने फिलहाल निविदा मांगी है। निगम को ज्यादा मासिक लाइसेंस फीस के बदले जो भी संस्था या एजेंसी निविदा में हिस्सा लेगी उसको यह कार्य दिया जाएगा। निगम को उम्मीद है कि यह सुविधा लोगों को मिलेगी तो इससे लोग सार्वजनिक परिवहन को उपयोग करने पर ज्यादा जोर देंगे। ।दक्षिणी निगम के लाभकारी परियोजना विभाग के उपायुक्त प्रेम शंकर झा ने बताया कि राजधानी में हर वर्ष सर्दी में प्रदूषण की समस्या देखी जाती है। कई दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब स्थिति में होता है। इस प्रदूषण के कई कारण है उनमें से एक कारण निजी वाहनों से होना वाला प्रदूषण भी है। अगर, सभी लोग मेट्रो या बस का उपयोग करें और निजी वाहनों का उपयोग कम कर दें तो प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए निगम ने ई-साइकिल, साइकिल और ई-बाइक जैसी परियोजना पर काम करना शुरू किया है। ।उन्होंने बताया कि अगर लोगों के घरों के आस-पास ई-साइकिल की सुविधा होगी तो लोग मेट्रो व बस का उपयोग करने को तरजीह देंगे, क्योंकि वर्तमान में उन्हें ई-रिक्शा या फिर अन्य साधनों का उपयोग मेट्रो स्टेशन या बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए करना पड़ता है। अगर लोगों को सार्वजनिक परिवहन तक ई-साइकिल जैसी सुविधा मिल जाती है तो लोगों का रुझान निश्चित रूप से सार्वजनिक परिवहन की ओर बढ़ेगा। ।एनडीएमसी ने भी शुरू कर रखी है ई-बाइक ।नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने भी विभिन्न स्थानों पर ई-बाइक की सुविधा दे रखी है। एनडीएमसी से सटा हुआ इलाका दक्षिणी निगम का भी है। अगर, यहां पर भी एनडीएमसी में ई-बाइक सेवा का संचालन करने वाली कंपनी भी आ जाती है तो दोनों इलाकों में ई-बाइक के जरिये आ सकेंगे। इससे सार्वजनिक परिवहन पर भी बोझ कम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67967.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67967.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89c473f884302d2feda62fa31660c7d6ee047b64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67967.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानून वापसी तक आंदोलन नहीं होगा खत्म।धरना प्रदर्शन के 9 महीने पूरे होने पर किसानों का कहना है कि  देश के किसान एकजुट होकर तीन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। चाहे आंदोलन को कितने भी  साल बीत जाएं, लेकिन जब तक तीन कानून वापस नहीं होंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं बनेगा तब तक आंदोलनकारी किसान घर वापस नहीं जाएंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d674eca108553e50462fffe881479621c57e61c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांदा, [जान्हवी द्विवेदी]। जिंदगी में कुछ अलग करने की ठान लें तो फिर हालात बदलते देर नहीं लगती, कुछ ऐसा ही बुंदेलखंड की महिलाओं ने भी किया है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण की ऐसी मिसाल पेश की है, जो दूसरी महिलाओं के प्रेरणादायी है। सरकारी मदद मिली तो समूह के तहत बुंदेली प्रेरणा दाल उत्पादन इकाई गठित कर अरहर दाल बनानी शुरू कर दी और अपनी मुफलिसी को दूर किया। यह महिलाएं नरैनी क्षेत्र के चार गांवों की हैं, जिन्होंने सवा साल पहले सीएलएफ (संकुल स्तरीय संघ) से दो लाख का कर्ज लेकर कम समय में 10 लाख का सालाना टर्नओवर शुरू कर दिया है। अब गुणवत्ता उनके ब्रांड की पहचान बन गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..337e951a74a6539d498529abf833ab40b04438ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67970.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बहुत जोरदार होती है सूंघने की क्षमता।डा श्रीनिवास बताते हैं कि कुत्तों की सूंघने की क्षमता बहुत जोरदार होती है। इसलिए कुत्ते अपने इलाके में टॉयलेट करते हैं और उसकी गंध से पहचानते हैं कि वह इलाका उन्हीं का है। इसमें आने वाले कुत्ते को इसलिए भगाते हैं क्योंकि किसी अन्य को अपने इलाके में आने नहीं देना चाहते। इसलिए आप देखते होंगे कि जब भी कोई अपनी कार-बाइक खड़ी करता है तो कुत्ते उस गाड़ी पर पेशाब जरूर कर देते हैं। जब गाड़ी चलती है और दूसरे कुत्ते के इलाके से निकलती है तो उस इलाके के कुत्ते इस गंध को सूंघ लेते हैं और उन्हें लगता है कि किसी दूसरे इलाके का कुत्ता उनके इलाके में आया है। इसलिए कुत्ते गाड़ी पर भौंकते हैं। ।हादसों की वजह भी बन रहे आवारा कुत्ते।गली-मुहल्लों से लेकर शहर की मुख्य सड़कों पर उत्पात मचाने वाले आवारा कुत्ते लगातार हादसों की वजह भी बन रहे हैं। झुंड में मौजूद कुत्ते पैदल चलने वालों और बाइक सवारों पर अचानक से झपट्टा मार देते हैं, खासकर रात में। ऐसे में बाइक सवार हादसे का शिकार हो जाते हैं। दो दिन पहले ही सिटी सेंटर के पास रात में गुजर रहे दो बाइक सवार कुत्तों की वजह से हादसे का शिकार होकर जख्मी हो गए थे। बाइक सवार जबतक संभल पाते कुत्ते ने उन्हें काट लिया। एसएनएमएमसीएच अस्पताल के ताजा आंकड़ों के अनुसार हर दिन लगभग 70 मामले कुत्ते के काटने के पहुंच रहे हैं। एसएनएमएमसीएच के एंटी रेबीज वैक्सीन सेंटर की मानें तो जुलाई माह में ही 18 से 28 जुलाई यानी दस दिन में 602 लोगों को कुत्ते काटने के बाद वैक्सीन दी गई थी। + +कुत्ता दिवस का इतिहास।देश-दुनिया में आज ( गुरुवार, 26 अगस्त) को अंतरराष्ट्रीय कुत्ता दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 26 अगस्त को मनाया जाने वाले इस दिन का उद्देश्य वफादार चार पैर वाले दोस्तों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना और उन्हें गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। अमेरिका में 2004 में इस दिन को पेट लाईफस्टाइल एक्सपर्ट और कोलीन पेज नाम पशु बचाव एडवोकेट द्वारा राष्ट्रीय कुत्ता दिवस के रूप में स्थापित किया गया था। इसी के बाद से कुत्ता दिवस मनाने का प्रचलन चल पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b4b7443db19540d417eb9155e0bf5cd4100de7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67971.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इंदौर, संजय मिश्र। किसी भी व्यवसाय के विकास के लिए कर्ज एक बड़ा जरिया है। व्यवसाय में विस्तार के बड़े सपने देखना है तो बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थाओं से कर्ज की गारंटी भी होनी चाहिए। प्रचलित तथ्य है कि यह गारंटी मिलती है साख से। यदि साख न हो तो कोई भी संस्था कर्ज के रूप में फूटी कौड़ी भी नहीं देना चाहेगी। + +सुधार कार्यक्रमों में बिजली की व्यवस्था को भी शामिल किया गया है। सरकार किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए अनुदान के तौर पर बड़ी राशि हर साल देती है। इसके अलावा, नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और कर संरचना को दुरुस्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता करों को कलेक्टर गाइडलाइन से जोड़ने का निर्णय नगरीय विकास एवं आवास विभाग ले चुका है। नियमों का मसौदा भी तैयार हो गया है। इससे नगरीय निकायों का राजस्व संग्रह बढ़ जाएगा, जिससे रखरखाव एवं विकास के खर्चो के लिए उनकी सरकार पर निर्भरता कम होगी। दूसरा सरकार निकायों पर व्यय होने वाले धन को दूसरे कार्यो पर लगा सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0915917d8da6cd53cb72d9a03c2b804f72ec6f18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67972.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [राजीव शर्मा ]। पंजाब का प्रमुख औद्योगिक शहर लुधियाना देश के प्रदूषित शहरों में शुमार है। प्रदूषण कम करने के लिए सरकार, एनजीओ व समाजसेवी संगठन जहां अहम भूमिका निभा रहे हैं, वहीं औद्योगिक इकाइयां भी अब सोलर पावर एवं सोलर तकनीक को अपना रही हैं। महंगे पेट्रो उत्पादों के कारण भी उद्यमियों का फोकस अब सोलर पावर पर है। सोलर पावर से जहां प्रदूषण घटेगा, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उद्यमी ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट पर भी काम कर रहे हैं। + +लुधियाना में सराभा नगर में प्लेवे स्कूल के परिसर में लगे सोलर पैनल। (जागरण)।सोलर पावर अपनाकर उद्योग ईको फ्रेंडली बन रहे हैं। शहर में प्रमुख औद्योगिक घरानों हीरो, एवन, रालसन, ओसवाल, वर्धमान, ईस्टमैन समेत कई अन्य उद्योग भी सोलर पावर को अपनाने लगे हैं। शिक्षण संस्थानों एवं घरों पर भी अब सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। बायलर में अभी डीजल, फर्नेस आयल, पेट कोट एवं धान के छिलके को फ्यूल के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। इससे प्रदूषण अधिक होता है। अब विकल्प के तौर पर सोलर सिस्टम अपनाया जा रहा है। अभी इसकी संख्या काफी कम है। सोलर पैनल लगाने से प्रदूषण भी कम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..285484b323a2f8cd290736d5ce6f7b5d5959891d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समय के साथ बदलता गया सिनेमा का स्‍वरूप।समय के साथ सिनेमा का स्‍वरूप भी बदलता गया। एक समय था लोग ब्‍लैक एंड व्‍हाइट फिल्‍में बड़े़े चाव से देखते थे। उस दौर की फिल्‍में ऐसी बनती थी कि स्‍क्रीन के सामने से हटने की इच्‍छा नहीं होती थी। आज की फिल्‍मों में वो बातें नहीं रहीं। आज आधुनिक तकनीक से फिल्‍में बन रही हैं। ।प्रो शिवाजी सरकार ने ओटीटी के फायदे पर नुकसान बताए।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभाग के डीन एन्ड डायरेक्टर प्रो. शिवाजी सरकार ने ओटीटी के फायदे और नुकसान बताए। आज का सिनेमा तकनीकी पर आधारित है। भुवन शोम जैसी फ़िल्म मील का पत्थर है। संचालन कृपा अरोरा में किया। आभार विभाग अध्यक्ष मनीषा उपाध्याय ने व्यक्त किया। वेबिनार में शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दौरान प्रो. उल्लास गुरूदास, प्रो. असगर अली अंसारी, डॉ. सैयद दानिश, डॉ. संतोष कुमार गौतम, डॉ. दीपमाला, डॉ. वाई पी गौड़, मयंक जैन आदि मौजूद थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4bb712bc03a269552319a21e2591994488223a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उल्लेखनीय है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराध गंभीर और जघन्य प्रकृति के समझे जाते हैं। ऐसे में बड़ी चिंता का विषय यह भी है कि बिहार विधानसभा में 54 विधायक ऐसे हैं, जो इस तरह के गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इसके बाद केरल में ऐसे 42 विधायक हैं। एडीआर ने अपनी नई रिपोर्ट में चार केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों में 35 मंत्रियों, जिन्होंने आपराधिक मामलों की सूचना दी है, उनका भी उल्लेख किया है। एडीआर की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब कुछ ही दिनों पूर्व सर्वोच्च न्यायालय राजनीति के अपराधीकरण पर सख्त टिप्पणी कर चुका है। न्यायालय ने पूर्व में आपराधिक छवि वाले नेताओं के रिकार्ड का चुनाव में पर्दाफाश करने का आदेश दिया था। अपने आदेश की अवमानना पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था, ‘राजनीतिक व्यवस्था के अपराधीकरण का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है। इसकी शुद्धता के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को कानून निर्माता बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। किंतु हमारे हाथ बंधे हैं। हम सरकार के आरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं कर सकते। हम केवल कानून बनाने वालों से अपील कर सकते हैं।’।यह टिप्पणी राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले माननीयों की बढ़ती संख्या पर सर्वोच्च न्यायालय की चिंता को स्पष्ट रूप में अभिव्यक्त करती है। पहले भी कई अवसरों पर राजनीति को आपराधिक प्रवृत्ति वाले नेताओं से मुक्त करने की मांग उठी है। यह केवल तब संभव है जब राजनीतिक दल इसमें रुचि लेंगे। प्राय: चुनावों के समय टिकट वितरण का आधार चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार ही होते हैं और लगभग सभी राजनीतिक दल इसी परिपाटी पर चुनाव लड़ते हैं। ऐसे में चुनावों में आपराधिक छवि वाले नेताओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है और राजनीति में स्वच्छ छवि वाले नेताओं के लिए अवसर सीमित होते जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63e83e58db13d4319b937c641ca55e4b02cf0e95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, मेरठ। कोरोना वायरस से बचाने और वायरस को मारने की क्षमता रखने वाला प्रो-लार्वा एंटी वायरल मास्क देशभर में मुहैया होने जा रहा है। मेरठ की कंपनी विवेक कोहली इंटरप्राइजेज इसे उपलब्ध कराएगी। दावे के अनुसार एंटी पैथोलेजिक नैनोटेक्नोलाजी ‘विरियोन’ की परत से सुसज्जित यह मास्क सात घंटे तक कोरोना वायरस से बचाने के साथ ही संपर्क में आने वाले वायरस को मारने में सक्षम है। मेडिसिनल केमिस्ट्री रिसर्च में करीब 25 सालों का अनुभव रखने वाले यूके के डा. गैरेथ केव ने इसे विकसित किया है। इसमें नैनोटेक्नोलाजी की तकनीकी और कापर से सुसज्जित परत तैयार की गई है जिसके संपर्क में आते ही कोविड वायरस निष्क्रिय होकर नष्ट हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1f5f6f0c83040cea0f9638706dd73e0150b578e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6798.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स का सामना कर रही हैं। अभिनेत्री को उनके छोटे बेटे के नाम की वजह से ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल करीना कपूर खान ने हाल ही में अपनी किताब 'करीना कपूर खान्स प्रेग्नेंसी बाइबल' को लॉन्च किया है। इस किताब में उन्होंने अपने छोटे बेटे जेह के पूरे नाम का खुलासा किया है। + +अभिनेत्री की किताब के अनुसार उनके छोटे बेटे का नाम 'जहांगीर' है। इस नाम का खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया पर करीना कपूर और उनके पति अभिनेता सैफ अली खान को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। बेटे की नाम की वजह से करीना को ट्रोल करने पर अब अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने करीना के बेटे के नाम का मजाक बनाने वालों को करारा जवाब दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c7c55c94fc94e00b6d8efed40300870b81fd083 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चट्टानें गिरने का यह है मुख्‍य कारण ।बिलासपुर जिला में चट्टानों के गिरने का मुख्य कारण पानी की निकासी सही नहीं होना भी है। हालांकि चट्टानों के गिरने की सूचना देने के लिए विभिन्न स्थानों पर चेतावनी सूचना बोर्ड लगाए हैं। जिला में चट्टानों के गिरने को रोकने से लेकर अभी तक कोई नीति नहीं बन पाई है, लेकिन अब प्रशासन ने चट्टानों के गिरने के कारण लगने वाले जाम से छुटकारा पाने के लिए जगह-जगह पर जेसीबी तैनात की हैं, ताकि रास्तों को खोलने में अधिक समय न लग सके। वहीं करयालग में करीब तीन वर्ष पूर्व लोगों के मकान जमींदोज हो गए थे। इसके बाद सरकार ने लोगों के रहने के लिए जमीन प्रदान की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4587187961b139742cdf6602699c293ed317afaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67985.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बदल रही कूटनीति ।हालांकि इस आशय की खबरें पहले कई स्रोतों से आई हैं कि कतर की राजधानी दोहा में कुछ महीने पहले भारतीय दल की तालिबान के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई थी। कतर के विदेश मंत्री के अफगानिस्तान शांति वार्ता मामलों में सलाहकार मुतलाक बिन माजेद अल-कहतानी ने ही यह जानकारी दी थी। अल-कहतानी छह अगस्त, 2021 को भी भारत के दौरे पर आए थे और यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर व दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। भारत आधिकारिक तौर पर इस तरह की मुलाकात से इन्कार करता रहा है। + +चीन की काट के लिए रणनीति में बदलाव जरूरी ।भारत ने तालिबान को लेकर अपने रवैये में बदलाव का संकेत तब दिया है जब चीन तालिबान के साथ आधिकारिक वार्ता का दौर शुरू कर चुका है। बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन सरकार के राजनयिक और तालिबान के बीच बातचीत शुरू हो चुकी है। चीन के विदेश मंत्री वांग ई की भी इस महीने की शुरुआत में तालिबान के सभी प्रमुख नेताओं के साथ बैठक हुई थी। + +क्‍या चाहता है चीन ।चीन सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि वह अफगानिस्तान सरकार के साथ अपनी चीन पाकिस्तान इकोनामिक कारिडोर (सीपीईसी) को आगे बढ़ाना चाहेगा। असल में 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद ज्यादातर देशों ने अपने दूतावास बंद कर दिए हैं और अपने राजनयिक वापस बुला लिए हैं, लेकिन चीन, पाकिस्तान व रूस के दूतावास बकायदा चल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b301af6c23af111747178e464ede86f51edd488 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + शशांक शेखर भारद्वाज, कानपुर। सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' का चिट्टी तो आपको याद ही होगा। पलक झपकते गोलियों की बौछार करने में माहिर। अब इस फिल्मी कहानी को हकीकत का जामा पहनाया है भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के विज्ञानियों ने। इनका बनाया रोबोट आने वाले समय में सरहद की निगहबानी के साथ ही देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के मंसूबों पर पानी फेर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0333da40fe124188333a0d793a55c0d72f55909 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67995.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि रात में कभी-कभी उनकी सांसें रुक-रुक के चलती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो समझिए आप स्लीप एपनिया के शिकार हैं। स्लीप एपनिया एक गंभीर स्थिति है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह एक स्लीप डिस्ऑर्डर है, जिसमें सांस रुकती और शुरू होती है। अगर आप नींद में तेज आवाज के साथ खर्राटे लेते हैं और रात में पूरी नींद लेने के पश्चात भी थका हुआ महसूस करते हैं तो आप स्लीप एपनिया के शिकार हो सकते हैं। स्लीप एपनिया के कारण गंभीर हृदय रोग और दूसरी स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए। + +कम होने लगता है रक्त में आक्सीजन का स्तर: खर्राटे लेना एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह स्लीप एप्निया का संकेत हो सकता है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसमें सांस के रुककर चलने के कारण रक्त में आक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिन लोगों को स्लीप एपनिया हो वे खर्राटे लें या जो खर्राटे लेते हैं, उन्हें स्लीप एपनिया हो। अगर सात-आठ घंटे सोने के बाद भी अत्यधिक थकान और उनींदेपन से पीड़ित हैं तो आप स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cb53aa271302cfbdb23a3b6c9e7da1420aac095 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Janmashtami Date and Time श्रावण मास के बाद भाद्रपद मास की अष्टमी का बड़ा महत्व है। इस दिन को प्रभु श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। नंदलाल के भक्तों को जन्माष्टमी का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को मनाया जाना है। अष्टमी की शुरुआत 29 अगस्त को रात 11:25 बजे से होगी और इसकी समाप्ति 31 अगस्त को 01:59 बजे पर होगी। रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ 30 अगस्त को सुबह 06.39 बजे पर होगा और इसकी समाप्ति 31 अगस्त को सुबह 09.44 बजे होगी। कोरोना संकट के चलते कानपुर के प्रसिद्ध इस्कान और जेके मंदिर में कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन होगा।शहर में भव्य रूप से होने वाले आयोजन इस बार सीमित व चुनिंदा भक्तों की उपस्थिति में संपन्न किए जाएंगे। ।व्रत नियम और पूजा विधि: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपवास से पहले रात को हल्का भोजन करें। अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर गोपाल जी का ध्यान करें। भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री और नारियल की बनी मिठाई का भोग लगाएं। फिर हाथ में जल, पुष्प, गंध लेकर ''ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये, श्रीकृष्ण जन्माष्टनी व्रतमहं करिष्ये'' मंत्र का जाप करें। रात 12 बजे भगवान के जन्म के समय श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करें। उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार करें। भगवान को चंदन का तिलक कर भोग लगाएं। तत्पश्चात भगवान की दीपक और अगरबत्ती से आरती उतारें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_67998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_67998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..108ccb69e75bb51b1fb4d5cfc18f79a3c3bf4c76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_67998.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, चंद्रशेखर दीक्षित। ब्रजवासियों को बंदरों के उत्पात से जल्द निजात मिल जाएगी। मंकी रेस्क्यू सेंटर के वन विभाग के प्रस्ताव को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) नई दिल्ली ने हरी झंडी दे दी है। अब जल्द ही मथुरा में जमीन तलाश कर इस पर रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। सेंटर की अनुमानित लागत करीब सौ करोड़ रुपये होगी। इससे पहले सीजेडए की टीम सेंटर के लिए चिन्हित जमीन देख अपनी मुहर लगाएगी। + +पूरे जिले में बंदरों का आतंक है। खासकर मथुरा-वृंदावन में स्थिति और भी खराब है। बंदरों के आतंक से स्थानीय निवासी भी परेशान हैं और बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी। सांसद हेमामालिनी ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाया था। इसके बाद वन विभाग ने सीजेएड को मंकी रेस्क्यू सेंटर के निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा। इस पर सीजेएड ने अपनी सहमति दे दी है। सब कुछ ठीक होने के बाद भी रेस्क्यू सेंटर बनने में काम शुरू होने के बाद कम से कम तीन वर्ष का समय लगेगा। + +33 हेक्टेयर जमीन में होगा रेस्क्यू सेंटर का निर्माण।सेंटर के लिए 33 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। इसके लिए वन विभाग ने फरह, चौमुहां और बलदेव विकास खंड में जमीन देख ली है। लेकिन जमीन को लेकर अंतिम मुहर सीजेएड की टीम लेगी। अभी उसके आने का इंतजार है। वन अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसके लिए वेटेरिनरी विश्वविद्यालय, पंडित दीनदयाल धाम, वाइल्ड लाइफ एसओएस ने आर्थिक सहयोग करने की बात कही है। इस रेस्क्यू सेंटर में जिले से बंदर पकड़कर रखे जाएंगे। यहां उनके लिए अस्पताल बनेगा और नसबंदी की व्यवस्था भी की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b02995b101800831f149530e4d49bd08796e61c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कंगना रनोट इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'धाकड़' को लेकर छाई हुई हैं। फिल्म के पहले ट्रेलर रिलीज से ही एक्ट्रेस के एक्शन की जमकर तारीफ हो रही हैं। इस बीच गुरूवार को फिल्म का दूसरा ट्रेलर भी जारी कर दिया गया। जिसने 'धाकड़' की चर्चाओं को और तेजी दे दी है। अब तो कंगना से बैर रखने वाले बॉलीवुड ने भी उनकी तारीफ करनी शुरू कर दी है। हाल ही बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान ने धाकड़ की तारीफ की थी। अब उनके बाद फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा ने भी कंगना की दिल खोलकर प्रशंसा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c10497281179d5e90136f91f7788e3130cc6cf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68004.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंतिम चरण में है रोबोट बनाने का काम।आइआइटी कानपुर और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के संयुक्त प्रयास से रोबोट बनाने का काम अंतिम चरणों में है। इसे कैमरे, कई तरह के सेंसर, एलईडी-एलडीआर, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस किया गया है, जिससे फसल की फोटो और वीडियो लेकर भेज सकेगा। रोबोट मौके पर ही रिपोर्ट तैयार करके आनलाइन जारी कर देगा। आइआइटी के विशेषज्ञों ने सीएसए के विशेषज्ञों से खेत और फसल की संपूर्ण जानकारी साझा करने के बाद रोबोट तैयार कर रहे हैं। + +आइआइटी के प्रो. बिशाख भट्टाचार्य और सीएसए के संयुक्त निदेशक शोध प्रो. एस विश्वास मिलकर करीब दो साल से खेतों और फसलों की निगरानी करने वाले रोबोट पर काम कर रहे हैं। इसका डिजाइन छोटे बच्चे की तरह से किया गया है, जिससे की खेतों की मेड़ और क्वारियों पर आसानी से जा सकेगा। विशेषज्ञ इसमें फल और फली को तोड़ने वाली तकनीक को भी इंस्टाल कर रहे हैं। प्रो. एस विश्ववास ने बताया कि रोबोट पर काम जारी है। आलू पर सबसे पहले काम किया जाएगा। यह अपने आप में अलग तरीके का रहेगा। अक्टूबर से ट्रायल होने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68005.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e2d4f4c378370b849c7058b5d63420c921db75d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये विलायती कीकर की भांति आसानी से तेजी से फैलते जाते हैं। और तो और न हींग लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा आए। मतलब न पानी देना पड़ता है और न खाद। हां, इनके नाम पर मोटा बजट जरूर मिल जाता है। सूची में वनस्पति पेड़ भी होते हैं जो सिर्फ कागजों में होते हैं, जमीन पर नहीं। आखिर एक ढांचाभर क्यों बनकर रह गया है वन संरक्षण विभाग? इस जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? वृक्ष संरक्षण नीति को अमल में क्यों नहीं लाया जाता?।कई माह की प्रक्रिया है प्रत्यारोपण।विदेश में वृक्ष प्रत्यारोपण कई माह की प्रक्रिया का होता है जबकि हमारे यहां सीधे काटकर ट्रक या टेंपों में लादा और दूसरी जगह गड्ढा खोदकर लगा दिया। इस तरह प्रत्यारोपण नहीं होता है। हर पेड़ के लिए हर जगह की मिट्टी भी अनुकूल नहीं होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..511361b6a282f90a2b80e61b878db6b0522dce8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68009.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। बात चाहे प्रत्यारोपित पेड़ों के सूखने की हो या फिर काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के तौर पर किए गए पौधारोपण में गड़बड़झाले की.. इसके लिए सीधे तौर पर सिस्टम जिम्मेदार है। दरअसल सरकारी तंत्र के लिए वृक्षों का संरक्षण कभी भी प्राथमिकता में नहीं रहा। कहने को दिल्ली में भी वन विभाग जरूर है, लेकिन न तो उसके पास पर्याप्त स्टाफ है और न ही इसके लिए जरूरी व्यवस्था। ऐसा लगता है कि इस विभाग का गठन ही इसलिए किया गया है ताकि विकास कार्यो में कहीं कोई अड़चन न आए। + +किसी प्रोजेक्ट के लिए वन विभाग के पास पेड़ काटने का आवेदन आता है तो कायदे से विभाग का स्टाफ मौका मुआयना करने के लिए होना चाहिए। लेकिन स्टाफ की कमी से यह भी ईमानदारी पूर्वक संभव नहीं हो पाता। फारेस्ट गार्ड की अनुशंसा पर ही अनुमति दे दी जाती है। अब काटे जाने वाले पेड़ किन प्रजाति के हैं, उनके बदले में जो पेड़ लगाए जा रहे हैं, वह कौन कौन सी प्रजाति के हैं तथा बाद में उनकी देखभाल की क्या व्यवस्था रहेगी, इस पर भी सब गड़बड़झाला रहता है। यही वजह है कि बाद में आधे से ज्यादा पौधे सूख जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8c9b1f58db9cec591d48e93322a5658150ec1b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देवेंद्रराज सुथार। युद्ध, आतंकवादी हमले और दंगे हमें निरंतर याद दिलाते रहते हैं कि हम एक अशांत समय में रह रहे हैं। अतीत में अनेक चिंतकों ने शांति को नकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। इसमें जर्मन दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे और इटली के समाज-सिद्धांतकार विलफ्रेडो परेटो का प्रमुख स्थान है। फ्रेडरिक नीत्शे ने जहां संघर्ष को सभ्यता की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने वाला कारक बताया है तो वहीं विलफ्रेडो परेटो ने शक्ति को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का मार्ग बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..114d656ffef3c568ac176c8d93538e70d4c6049d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनीति में बाबूजी को मांगे राम ही लेकर आए।ऐसा बताया जाता है कि राजनीति में कल्याण सिंह को मांगेराम ही लेकर आए थे। उन्होंने ही कहा था कि नौकरी छोड़कर जनसंघ की तरफ से चुनाव लड़ जाओ। इसलिए कल्याण सिंह ने 1962 में शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और चुनावी मैदान में उतर आएं। उस समय खेती-बाड़ी कोई बहुत आय का साधन नहीं हुआ करती थी। जिन परिवारों में नौकरी मिल जाया करती थी तो उन्हें आर्थिक संबल मिल जाया करता था, ऐसे समय में कल्याण सिंह ने नौकरी छोड़कर राजनीति को चुना था। पूर्व प्रवक्ता चौधरी ऋषिपाल सिंह ने बताया कि 1962 के चुनाव में वह साइकिल से प्रचार किया करते थे, उस समय उनके पास पैसे भी नहीं होते थे। लोग चंदा करके मदद किया करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d84444205eae16b92f07b7bd2049b8dd60cff7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(संतोष शुक्ल) मेरठ। गंगा की लहरों पर डाल्फिन की उछलकूद बढ़ाने के लिए वन विभाग ने बड़ा प्रोजेक्ट बनाया है। मेरठ में देश का पहला ब्री¨डग सेंटर बनाने की तैयारी है, जहां पैदा होने वाली डाल्फिनों को गंगा में छोड़ा जाएगा। मानसून के बाद सितंबर-अक्टूबर में नदी में पानी घटने पर सर्वे शुरू होगा। बता दें कि बिहार के भागलपुर में डाल्फिन का रेस्क्यू व संरक्षण केंद्र बना हैं, लेकिन प्रजनन केंद्र नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..110cb96a768a83d0ee07ad5331e5475d739df46b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योग और ध्यान से मिलेगा लाभ: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को किसी भी अधिक श्रम वाले व्यायाम से बचना चाहिए। शरीर को क्रियाशील रखने के लिए घर के छोटे-छोटे काम करें, इससे सेहत अच्छी रहेगी। किसी भी काम को अंजाम देने में जल्दबाजी से बचें। योग और ध्यान सुबह और शाम नियमित रूप से करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..025f3db59c890d775ee6c9287b0156eec852762b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68018.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बता दें कि, 2020 में कश्मीर घाटी में भारतीय सेना के साथ पुनीत का जुड़ाव शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने हर साल उरी, हजीनार, त्रेहगाम और बारामूला में स्थित आर्मी गुडविल स्कूल और अधिक स्कूलों को जोड़ने की प्रतिबद्धता के साथ आर्थिक रूप से समर्थन करने के लिए सहयोग किया है। उन्होंने कोविड की विनाशकारी दूसरी लहर के दौरान भारतीय सेना को 30 से अधिक ऑक्सीजन कंसनट्रेटर उपलब्ध कराए थे। + +पुनीत बालन स्टूडियोज द्वारा निर्मित इस एल्‍बम में सौरभ भालेराव और जसराज जोशी ने म्यूजिक कंपोज़ किया है। वहीं, क्षितिज पटवर्धन के लिरिक्स और वसीम खान, इकबाल हुसैन, शाह जफर की आवाज़ ने इस गाने में चार चांद लगा दिया है। खास तौर पर प्रियंका बर्वे, जसराज जोशी और आनंदी जोशी द्वारा वोकली रूप से समर्थित कश्मीर के बहुत ही प्रसिद्ध 21 वर्षीय रबाब खिलाड़ी अदनान मंजूर के साथ इसे पेश किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd15b5f322279002319c8e276119b8ce38445648 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68019.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कृषि और चिकित्सा के लिए उपयोगी हैं बनाए गए ड्रोन।विद्यार्थियों ने जो ड्रोन बनाए हैं, वह तीन प्रकार के हैं। पहला क्वार्डकाप्टर ड्रोन है जो चार रोटर की मदद से उड़ सकता है। इस ड्रोन का उपयोग सर्विलांस के लिए किया जा सकता है। दूसरे हेक्साकाप्टर ड्रोन का इस्तेमाल आपातकाल में चिकित्सीय सहायता पहुंचाने एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में भोजन-पानी मुहैया कराने में किया जा सकता है। इस ड्रोन में चार रोटर लगाए गए हैं। इसकी स्थिरता एवं भार उठाने की क्षमता क्वार्डकाप्टर की तुलना में अधिक होती है। तीसरे प्रकार का ड्रोन एडवांस एक्स-8 ड्रोन बहुउद्देश्यीय है। यह ड्रोन आठ रोटर की मदद से उड़ता है। इसका उपयोग कृषि एवं चिकित्सा क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में किया जा सकता है। इससे आडियो-वीडियो का लाइव ट्रांसमिशन भी किया जा सकता है। छात्रों को इस कार्य में प्रो. एसके सोनी और डा. राजन मिश्रा के अलावा सह अन्वेषक के रूप में प्रो. बृजेश कुमार और डा. प्रभाकर तिवारी का भी मार्गदर्शन मिला है। ड्राेन बनाने वाले विद्यार्थियों में हर्ष सिंघल, हरिओम तिवारी, अग्निवेश पांडेय, समृद्धि कुमारी, सगुफ्ता, शाश्वत पटेल, गौरव माथुर, रुचि पांडेय, सौरभ सोनी आदि शामिल हैं। + +ड्रोन पर शोध और अध्ययन को लेकर विद्यार्थियों का उत्साह सराहनीय है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस कार्य में उन्हें हरसंभव मदद की जा रही है। लैब कार्यरत है। पूरी कोशिश है कि ड्रोन पर अध्ययन के लिए छात्रों को जल्द से जल्द सेंटर आफ एक्सिलेंस की सुविधा मुहैया करा दी जाए। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6802.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5700511eb54fc14167a3bab49e1f33ac7a90933 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म बेलबॉटम 19 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है। कोरोना वायरस पैनडेमिक की दूसरी लहर के बाद यह पहली बड़ी बॉलीवुड फ़िल्म है, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म को गच्चा देकर सीधे सिनेमाघरों में पहुंच रही है। इस फ़िल्म पर दर्शकों के साथ ट्रेड की नज़रें भी टिकी हैं, क्योंकि बेलबॉटम के बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शंस से महामारी के दौर में दर्शकों के रुझान का पता चलेगा। अक्षय इन दिनों अपनी टीम के साथ सोशल मीडिया में फ़िल्म के प्रमोशंस में जुटे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68020.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71f83d0a8614957fc9bf9f7ff335fa4de4c6852c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68020.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आशा कुमारी के बाद प्रदेश मामलों का प्रभारी बनने से लग रहा था कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की आंतरिक कलह को वह शांत कर देंगे और कांग्रेस एक बार फिर 2022 में सत्ता में लौट सकती है, लेकिन आज स्थिति उन हालातों से बिल्कुल विपरीत हो गई जो सितंबर 2020 में थे, जब हरीश रावत को पंजाब मामलों का प्रभारी बनाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c818d1351a4951a10d5f44e4f768e7129f4c6b28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68022.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मानसून के बार-बार ब्रेक लेने से अब इसके सामान्य रहने की आस भी टूट गई है। स्काईमेट वेदर के नए आकलन के अनुसार बदली परिस्थितियों में मानसून देश भर में सामान्य से कम ही रहेगा। पहले कहा गया था कि यह 103 फीसद तक रहेगा, लेकिन अब इसके 94 फीसद ही रहने की संभावना है। अगस्त समाप्त होने को है और सितंबर में भी अधिक बारिश होने के आसार नहीं हैं। + + दिल्ली-एनसीआर में बारिश सामान्य रहने की उम्मीद।दिल्ली-एनसीआर में मानसून की बारिश सामान्य ही रहने की उम्मीद है। इस बार दक्षिणी पश्चिमी मानसून की शुरुआत समय से ही हुई थी। दीर्घावधि औसत वर्षा (एलपीए) के 110 फीसद पर जून के अंत में अच्छी बारिश भी देखने को मिली। लेकिन जुलाई में 11 दिन के अंतराल की वजह से बारिश की शुरुआत कमजोर रही। इसीलिए जुलाई का अंत 93 फीसद एलपीए यानी सामान्य से कम बारिश के साथ हुआ। । पहले 103 फीसद, जबकि अब 94 फीसद ही रहने के आसार।स्काईमेट ने जून और जुलाई में क्रमश: 106 और 97 फीसद एलपीए का पूर्वानुमान लगाया था। इसके विपरीत 110 और 93 फीसद एलपीए के साथ बारिश समाप्त हुई। मानसून ने पहला ब्रेक जुलाई में और दूसरा अगस्त के पहले पखवाड़े में लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88d8ca52586f42ac31bc452c0f653e1351f2b6b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68025.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनोज श्रीवास्तव, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल स्थित श्योपुर जिले की कुछ आदिवासी महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखी है। वे अब अपनी कंपनी का संचालन कर रही हैं। स्वाभिमान के साथ जड़ी-बूटियों का चूर्ण बनाती हैं और आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को आपूर्ति करती हैं। इनकी कंपनी का टर्नओवर सालाना एक करोड़ रुपये पहुंच गया है। अब उनका मुनाफा करीब दोगुना हो गया है। इन महिलाओं की कंपनी का नाम है सहरिया महिला लघु वनोपज संग्रहण प्रोड्यूसर लिमिटेड। इस कंपनी से छह हजार महिलाएं जुड़ी हैं, जो अपने परिवार की आर्थिक दिक्कतें दूर कर रही हैं। + +फुटकर व्यापार में मिलते थे कम पैसे।श्योपुर जिले में जड़ी-बूटी खरीदने के लिए 48 कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं। यहां कमीशन के आधार पर महिलाएं ही जड़ी-बूटी खरीदती हैं और उनकी छंटाई कर गोदाम भेजती हैं, जहां फिर से छंटनी कर श्रेष्ठतम जड़ी-बूटी का चूर्ण बनाकर पैक किया जाता है। कंपनी की डायरेक्टर जमुना आदिवासी कहती हैं, पहले स्थानीय व्यापारी चूर्ण 50 से 70 रुपये प्रतिकिलो में लेते थे, अब बड़ी कंपनियां प्रति किलो 100 से 150 रुपये देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..016aeedc601a8e91b8c8eff6079ddd9100e08cdd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेजस्वी के भविष्य की शर्त पर कोई रियायत नहीं । तेज प्रताप को उम्मीद थी कि रक्षा बंधन के दिन लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav), राबड़ी देवी (Rabri Devi) और मीसा भारती (Misa Bharti) मिल बैठकर विवाद को सलटा देंगे। तेजस्वी को समझा देंगे कि तेज को भी थोड़ा अधिकार मिले। यह नहीं हुआ। दोनों भाई अलग-अलग समय पर मीसा भारती के यहां पहुंचे। कोई बात नहीं हुई। उल्टे उन्हें बता दिया गया कि अपनी उटपटांग हरकतों के जरिए तेजस्वी यादव की संभावनाओं को कम न करें। तेजस्वी के भविष्य की शर्त पर तेज प्रताप को कोई रियायत नहीं दी जा सकती है। पार्टी में सम्मान से रहना है तो संविधान का पालन करें। खुद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी तेज प्रताप की नोटिस नहीं ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eab346584947c7d297f7f2675c5f5f07086d351f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर उपचार।एपिडेमियोलाजिस्ट डा. राज विक्रम का कहना है कि जो लोग डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए साइकिलिंग एक बेहतर उपचार है। इससे शरीर से पसीना बाहर निकलता है जिससे विषैले तत्व भी बाहर हो जाते हैं। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि साइकिलिंग से पहले भरपूर पानी पीयें। टाइप-1 डायबिटीज के रोगियों को कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों का सेवन साइकिलिंग के बाद जरूर करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1aba05871c0c0d6343187f145dd9e8428ed48822 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68028.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हर सीट पर बैठने की अनुमति का मतलब यह है कि मेट्रो अभी भी सिर्फ 20% क्षमता पर चल रही है। भीड़भाड़ रोकने के लिए पीक ऑवर के दौरान यात्रा करने से बचें I pic.twitter.com/4r0vvY1ZYM।दिल्ली मेट्रो में फिलहाल सिर्फ 50 फीसद यात्री कर रहे हैं सफर ।मेट्रो में अभी खड़े होकर सफर करने का प्रविधान नहीं है। खड़े होकर सफर करने पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा चालान किया जा रहा है। मेट्रो में कुछ दिन पहले ही सभी सीटों पर बैठकर सफर करने की इजाजत दी गई है, इससे पहले एक सीट छोड़कर लोग बैठ रहे थे। मेट्रो की सीट क्षमता करीब 50 है, जबकि सामान्य तौर पर एक कोच में करीब 300 यात्रियों के सफर करने की क्षमता है। + +कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने पर लग रहा 200 रुपये फाइन ।दिल्ली मेट्रो स्टेशन और ट्रेन में यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी का नियम तोड़ने और मास्क नहीं पहनने पर लोगों के ऊपर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। यह अलग बात है कि मास्क नहीं लगाने और शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने पर बाकी दिल्ली में 2000 रुपये का फाइन लगाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cbe71244a031b4c047867c93c41ddc81104c3e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। देश जब आजाद हुआ था, तो न ही हमारे पास आज की तरह अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजने की क्षमता थी और न ही परमाणु तकनीक थी। आयुर्वेद में भारतीय भौगोलिक क्षेत्र में व्याप्त छह ऋतुओं, यथा शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद एवं हेमंत के अनुरूप आचरण का निर्देश दिया गया है। इन सभी ऋतुओं में हवा, धूप एवं अन्य प्राकृतिक कारकों के क्या गुण होंगे, मानव शरीर पर इनका क्या अच्छा या बुरा प्रभाव होने की संभावना होगी और इनसे कैसे बचा जा सकता है, इन सबका विस्तृत विवरण आयुर्वेद की संहिताओं यथा चरक संहिता, सुश्रुत संहिता एवं अष्टांग संग्रह में उपलब्ध है। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इन्हीं आयुर्वेदीय सिद्धांतों का अनुपालन सुनिश्चित कर समस्त भारतीय निरोगी जीवन व्यतीत करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4158da81ef04d858d2048bc2dd603eb00414daf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68032.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, अमृतसर। अमृतसर में तारां वाला पुल के साथ अंग्रेजों के समय में तैयार किए गए हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट को अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टूरिस्ट स्पाट के तौर पर विकसित किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट के सुंदरीकरण पर 6.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। टूरिस्टों को पता चलेगा कि पुराने समय में किस तरह बिजली पैदा कर शहर में इसकी सप्लाई दी जाती थी। इस प्रोजेक्ट का नाम अपर बारी दोआब कनाल (यूबीडीसी) है। स्मार्ट सिटी के सीईओ एमएस जग्गी ने बताया कि टेंडर लग चुके हैं और जल्द ही इस पर काम शुरु हो जाएगा ताकि इसे जल्द आम लोगों व बाहर से आने वाले टूरिस्ट के लिए खोल जा सके। ।यह बनेगा इस प्रोजेक्ट में ।पूरे प्रोजेक्ट को बहुत ही अच्छे तरीके से डिजाइन किया जा रहा है। ताकि बाहर से आने वाले लोग यहां पर घूम सकें और स्थानीय लोग भी सैर करने के अलावा पिकनिक आदि भी मना सकें। इसके लिए यहां पर वाहनों की पार्किंग बनाई जानी है। इसके साथ सैर करने के लिए बकायदा ट्रैक बनाया जाएगा। यहां पर आने वाले टूरिस्टों के रिफ्रेशमेंट के लिए फूड शाप भी बनाई जाएंगी। जोकि दुकानों और खोखे आदि रहेंगे। बच्चों के खेलनें के लिए पार्क को डेवलप किया जाए। जिसमें झूले आदि लगाएं जाएंगे। इसके साथ ही ओपन जिम भी बनाए जाने की योजना है। इसके अलावा रास्तों पर फूलों की क्यारियां बनाई जाएंगी। फूलों के सुंदर बगीचे को डेवलप किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d079b33af4ec8306b8341f1a29b4366a7106a9b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नाराज हैं व्यापारी।हजरतगंज ट्रेड एसोसिएशन के प्रेसीडेंट किशन चंद्र बम्बानी का कहना है कि अगर लंबी दूरी तक ऊंचे डिवाइडर बनाए जाएंगे तो हजरतगंज में शापिंग करने का मजा ही खत्म हो जाएगा और ग्राहकों की संख्या भी कम हो जाएगी। लोग सड़क को इधर से उधर कैसे पार करेंगे, जबकि कहीं कहीं पर सड़क के सामने आमने प्रमुख प्रतिष्ठान हैं। वह इसका विरोध दर्ज करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac3861c187dd6c2838f71ccbce0960bf9f97b28c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68039.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंकज चतुर्वेदी। एक बार फिर उम्मीद जगी है कि देश के लिए लाइलाज नासूर बन रहे एक बड़े पर्यावरणीय संकट का निदान हो जाएगा। अगले साल 15 अगस्त तक पूरे देश में प्रयोग होने वाली प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर नियमों के तहत पाबंदी की घोषणा सरकार ने की है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर दो चरणों में पाबंदी लगेगी। पहला चरण जनवरी 2022 से शुरू होगा जिसमें प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे व कैंडी स्टिक बंद होंगी और फिर जुलाई 2022 से प्लेट, कप, ग्लास, कटलरी, पैकिंग फिल्म्स, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट आदि चीजों के उत्पादन व इस्मेमाल पर पाबंदी लग जाएगी। + +यदि वास्तव में बाजार में पालीथीन का विकल्प तलाशना है तो पुराने कपड़े के थैले बनवाना एकमात्र विकल्प है। इससे कई लोगों को विकल्प मिलता है, पालीथीन निर्माण की छोटी-छोटी इकाई लगने से लोगों को कपड़े के थैले बनाने का, उसके व्यापार में लगे लोगों को उसे दुकानदार तक पहुंचाने का और आम लोगों के सामने लाने-ले जाने का। यह सच है कि जिस तरह पालीथीन की मांग है उतनी कपड़े के थैले की नहीं होगी। चूंकि थैला कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन कपड़े के थैले की कीमत, उत्पादन की गति पालीथीन की भांति तेज नहीं होगी। सबसे बड़ी दिक्कत है दूध और जूस जैसे द्रव पदार्थो आदि के व्यापार की। इसके लिए एल्युमिनियम या अन्य मिश्रित धातु के कंटेनर बनाए जा सकते हैं जिनमें विविध प्रकार के खाद्य पदार्थो की पैकिंग की जा सकती है। सबसे बड़ी बात घर से बर्तन ले जाने की आदत फिर से लौट आए तो खाने का स्वाद, उसकी गुणवत्ता, दोनों ही बनी रहेगी। आजकल बाजार माईक्रोवेव में गरम करने लायक एयरटाइट बर्तनों से पटा पड़ा है, ऐसे कई साल तक इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को भी विकल्प के तौर पर विचार किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56bd0ee3a39a57269ddb5c274f8cb708754486de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68040.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आकाश हेल्थकेयर के मेडिसिन विभाग की विशेषज्ञ डा. परिणीता कौर ने कहा कि पिछले साल अस्पतालों में कोरोना के मरीज ही ज्यादा देखे जा रहे थे। कोरोना का संक्रमण होने के डर से टीबी के मरीज भी अस्पताल जाने से घबरा रहे थे। चिंता की बात यह है कि हाल के दिनों में टीबी के ऐसे मरीज अधिक देखे गए हैं, जिनमें टीबी का संक्रमण फेफड़े के अलावा पेट, मस्तिष्क या शरीर के दूसरे अंगों में भी फैल चुका था। ऐसी स्थिति में इलाज थोड़ा मुश्किल होता है और दवा लंबे समय तक चलती है। 20 से 25 साल के युवा व बच्चे भी टीबी की बीमारी के साथ पहुंच रहे हैं। + +इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि बच्चे लंबे समय से घर में हैं, खेलकूद बंद है और जंक फूड अधिक खा रहे हैं। इस वजह से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हुई है और बीमार होने पर सही समय पर डाक्टर से दिखाया नहीं गया। कई बार लंबे समय तक बुखार होने पर टाइफाइड समझकर इलाज किया जाता है। लेकिन, बाद में टीबी की बीमारी गंभीर हो जाती है। इसलिए 10 दिन से अधिक बुखार होने पर टीबी की कल्चर जांच जरूर करानी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e5f106d5659a5d1897a16416c712a3864f45e45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68044.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में सरकार हालिया जारी स्क्रैपेज नीति से कई उद्देश्य पूरे करना चाह रही है। इस नीति का मकसद न केवल वायु प्रदूषण को कम करना है, बल्कि यह भारत की जलवायु प्रतिबद्धता की राह को भी आसान बनाएगा और इससे ईंधन की क्षमता बेहतर होगी। सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ ही यह आटो, स्टील व इलेक्ट्रानिक उद्योगों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। फिलहाल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की कोई नीति नहीं है और यह क्षेत्र ज्यादातर असंगठित ही है। इस नीति में सरकार द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की तर्ज पर वाहनों को स्क्रैप करने के लिए केंद्र खोलने की भी बात की गई है जिससे स्क्रैपिंग करते वक्त पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो और यह सेक्टर बेहतर तरीके से संगठित हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68046.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..005e4df1a5d4470758e8fcfb5439961345852c18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68046.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। साप्ताहिक बंदी खत्म होने के बाद शनिवार व रविवार को ताजनगरी में स्मारक खुलने लगे हैं। ताजमहल का रात्रि दर्शन भी शुरू हो चुका है। इससे वीकेंड टूरिज्म शुरू होने की उम्मीद जगी है, लेकिन ताजनगरी के पर्यटन कारोबार के लिए इतना ही काफी नहीं है। संकट से इसे उबारने के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा सर्विस को शुरू करने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d003046122e448fa0516cd07674538cad284270 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जागरण स्पेशल। कोरोना संक्रमण काल में बच्चों के लिए शुरू हुई आनलाइन पढ़ाई का सबसे खराब असर उनकी आंखों पर पड़ा है। अधिकांश बच्चों में इस दौरान आंखों में सूखेपन अर्थात ड्राई आइ की समस्या उत्पन्न हुई है। लंबे समय तक स्क्रीन को देखने व पढ़ाई के चलते आंखों में चुभन, जलन, लालिमा, थकान की समस्या आ रही है। डिजिटल स्क्रीन पर लंबे समय तक बने रहने के कारण पलके कम झपकती हैं, जिसके कारण इस प्रकार की समस्या पैदा हो रही है। ।ऐसे होती ड्राई आंखों की जांच।जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डा. परवेज खान के मुताबिेक इससे आंखों में सिकुडऩ और जलन होती है। इसका पता लगाने के लिए स्क्रिमर और टीवीयूटी टेस्ट किया जाता है। इसमें एक स्ट्रिप्स को पलक के नीचे रखकर ड्राई आंख की जांच की जाती है। आंखों में ल्यूब्रिकेशन के लिए डाक्टरी सलाह पर ड्राप का उपयोग कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75869f080546f7051b8950065ae4650f6c560488 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनजतीय जिला लाहुल स्पीति में भूस्खलन की तुलना में हिमस्खलन का खतरा अधिक है। लेकिन मनाली लेह मार्ग पर बीआरओ के लिए बरसात में भूस्खलन हमेशा चुनौती देता रहा है। 2009 से शुरू हुए सड़क के डबललेन निर्माण के बाद भूस्खलन से हालात खराब हुए हैं। मनाली लेह मार्ग के गुलाबा, राहलाफाल, मढ़ी, बंता मोड़, राहनीनाला, दोहरनी नाला, ग्राम्फू, दालंग, मुलिंग, छुरपक, बिलिंग, गेमुर, दारचा, पटसेउ, जिंगजिंगबार, सुरजताल, पटसेउ व सरचू के बीच भारी भूस्खलन होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01dbdd527c47537ab7959d78318684e808ce0bc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के बीता वक्त काफी मुश्किलों भरा रहा। धीरे-धीरे एक बार फिर से अब रिया अपनी लाइफ को नॉर्मल करने की जुगत में लगी हुईं हैं। वह पूरी कोशिश कर रही हैं कि उनकी लाइफ पहले की तरह ही पटरी पर आ जाए। वहीं इन दिनों रिया सोशल मीडिया पर फिर से एक्टिव हो गई हैं। हाल ही जहां रिया ने अपनी योगा करते हुए और बुक पढ़ते हुए तस्वीर शेयर की थी। वहीं अब उनकी एक और तस्वीर काफी चर्चा में आई है। इस तस्वीर में लंबे समय के बाद एक बार फिर उनका ग्लैमरस अवतार देख फैंस काफी खुश नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a687aef23503cd54df3c49ad8101fb4a816e66f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा और अकाली दल के तीखे हमले, माली बोले; यह मेरे निजी विचार ।वहीं, माली ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्टों को अपनी निजी राय बताया है। सोमवार को सिद्धू ने अपने आवास पर सलाहकारों माली व डा. गर्ग के साथ बैठक की। लेकिन, चार घंटे तक बैठक के बाद सिद्धू ने इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत पंजाब आएंगे। वह सिद्धू को अनुशासन की नसीहत दे सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dfed10f74df90491bf48437d7b70ce9756cde95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +...इसलिए होता है महिला कुश्ती का आयोजन: ग्रामीण रामधनी कुशवाह से जब इस महिलाओं के दंगल के बारे में जानकारी जुटाई तो उन्होंने कहा कि हमारे पिता बताया करते थे कि अंग्रेजी हुकूमत में उनकी फौज ने यहां के लोगो पर बड़ा अत्याचार किया था। लोग अंग्रेजी फौज के जुल्म से गांव के लोग परेशान थे। पुरुष अपने घरों में नहीं रह पाते थे तभी महिलाओं ने अपनी हिफाजत के लिए कुश्ती के दावपेंच सीखे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि व रिटायर्ड बैंक मैनेजर नाथूराम ने बताया कि इस प्रथा की शुरुआत गांव के पुराने बाजार मैदान से की गई थी। ।परंपरागत तरीके से होता है आयोजन: मुस्करा विकासखंड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में सोमवार को सुंदर परिधान व सिर में कजली खप्पर लिए महिलाओं ने गांव की परिक्रमा करते हुए कजली का विसर्जन किया। जगह-जगह पर बुंदेली लोक संस्कृति के कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। कहीं झूलों में झूलती महिलाएं, कहीं आल्हा गायन तो कहीं दंगल के आयोजनों ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। ।केशर ने विमल को दी पटखनी: दंगल की शुरुआत निवादा की ग्राम प्रधान गिरजा देवी ने गणेश पूजन कर कराई। इसके बाद शुरू हुए दंगल में बन्दो देवी ने सुशील को हरा दिया। केशर व विमल की कुश्ती में केशर जीतीं। मीरा ने गौरी को, अनुसुइया ने मुलिया को, रामबाई ने रामकली को पटखनी दी तो वहीं,  कल्ली व रानी साहू के बीच हुई कुश्ती में कल्ली ने जीत दर्ज की। इसके अलावा चार दर्जन से अधिक कुश्तियां खेली गईं। ग्राम प्रधान गिरजा देवी ने दंगल में भाग लेने वाली महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68057.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68057.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca5b2a5791bd0d167029b2879e7a9e91061cf525 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68057.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पेड़ों की कटाई पर घर में होती थी चर्चा।दोनों भाई घर में माता-पिता को आपसी चर्चा में यह चिंता जताते सुनते थे कि लोग पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं, लेकिन बदले में एक भी पौधा नहीं लगा रहे हैं। यही स्थिति रही तो हरियाली उजड़ जाएगी। उनकी ये बातें कोमल और बाल मन को छू गईं। दोनों ने प्रण लिया कि वे पौधे लगाएंगे और उन्हें बचाएंगे भी। + +लगाते हैं फलदार पौधे ।इसके बाद दोनों ने गांव के तालाब किनारे खाली जमीन पर आम, अमरूद, कटहल, नीम, बेल, जामुन, शरीफा (सीताफल), बादाम, आंवला, करौंदा और गुलमोहर के पौधे लगाए। इन पौधों की देखरेख और सुरक्षा भी मिलकर करते रहे। उनके पौधों को मवेशी चर न लें या कोई नुकसान नहीं पहुंचाए, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से कांटेदार पौधों का घेरा लगाया। साथ ही, नियमित रूप से सींचने और खाद डालने का काम भी अपने जेब खर्च के पैसों किया। उनकी तीन साल की मेहनत रंग लाई। उनके लगाए पौधों में से 35 पेड़ बनकर हरियाली बिखेर रहे हैं। दोनों भाइयों ने इस साल पर्यावरण दिवस पर भी 15 पौधे लगाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1107713b6751ff210c2ae7cc3049b0017a860c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68059.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंच पर पहुंचते ही भावुक हुए बाबूजी।बात दो जनवरी 2017 की है। अलीगढ़ के डीएस कालेज में पुस्कालय के उद्घाटन समारोह में कल्याण सिंह आए थे। उस समय वो राजस्थान के राज्यपाल थे। समारोह के मंच पर पहुंचते ही भावुक हो गए। बोले, सिर्फ दीवारों पर रंग-रोगन है, मगर कालेज की ईंटें वही हैं। एक-एक ईंट में उनकी यादें छिपी हुई हैं, क्योंकि उन्होंने इसी कालेज से बीए किया था। रंग-रोगन से यादें तो नहीं बदलतीं। राज्यपाल के रूप में अलीगढ़ में बाबूजी का यह पहला बड़ा कार्यक्रम था। उनके सैकड़ों मिलने वाले और शुभचिंतक मौजूद थे। मंच से उतरते ही मीडिया ने उन्हेंं घेर लिया। राम मंदिर निर्माण संबंधी सवाल पर बोले, अयोध्या में हरहाल में राममंदिर बनेगा। यह लाखों लोगों की आस्था का विषय है। यह सुन हर कोई चौक गया था। राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर आसीन होने के बाद भी बेहिचक राम मंदिर निर्माण के बारे में बोल गए थे। यह बयान पलभर में सुुुुुुुर्खियों में आ गया। इसकी उन्होंने परवाह नहीं की। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए एक क्या 10 सरकारें भी कुर्बान करनी पड़ी तो वो तैयार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c392023fd4a6260dd34ff67b5bce8e006acf96e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68060.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +युद्ध की भनक लगने पर आए थे आल्हा ऊदल: आल्हा गायक वंशगोपाल यादव व इतिहासकार डा. एलसी अनुरागी बताते हैं कि आल्हा-ऊदल की गैरमौजूदगी में राजकुमारी चंद्रावल ने हाथों में तलवार लेकर सखियों के साथ जौहर दिखा पृथ्वीराज का डटकर मुकाबला किया। निष्कासित किए गए आल्हा ऊदल को भनक लगी तो वह भी साधु वेश में यहां आए और चौहान सेना का डटकर मुकाबला किया। भीषण युद्ध में राजकुमार अभई मारा गया। अंत में चंदेल सेनाओं ने चौहान सेना को धूल चटाकर घुटने टेकने को मजबूर कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c99908d7281635e949970adf26ec2040a014ca6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोदी सरकार ने फिर मल्टी-मोडल व्यवस्था पर जोर दिया। सड़क, बंदरगाह, रेल, एयरपोर्ट और जलमार्ग के क्षेत्र में प्रगति ही नहीं, व्यवस्था की सुगमता भी उल्लेखनीय है। इस समय देशभर में मल्टी-मोडल इन्फ्रास्ट्रक्चर का फ्रेम बनाना समय की जरूरत है। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद इस दिशा में कदम सही तरह से बढ़े तो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत अहम हिस्सेदारी हासिल कर सकता है। इससे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, लाखों रोजगार सृजित होंगे और उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे आर्थिक विकास तेज होगा। इससे समृद्ध भारत का निर्माण करने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e042f7d709325347481ac91eca6366edac7c8332 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसमें वर्णित दांवपेच और पर्दे के पीछे की कहानियां सुन-समझकर यह महसूस होता है कि किसी देश को अपनी खुफिया एजेंसियों पर खर्च को लेकर कोई गुरेज नहीं होना चाहिए। यह पुस्तक इन एजेंसियों और उनके कामकाज के तौर-तरीकों पर रोशनी डालते हुए उनके बारे में सोचने पर मजबूर करती है। पुस्तक में उल्लिखित घटनाएं और उनकी तारीख वास्तविक हैं, जिन्हें कोई भी जागरूक पाठक स्वयं पकड़ लेगा और खोजी पाठक गूगल से तलाश लेगा। भारत को एक उभरती हुई महाशक्ति बनने के मार्ग में चीन किस प्रकार कांटे बिछा रहा है, उसके लिए किन साजिशों का सहारा ले रहा है, उन्हें समझाने के लिहाज से यह पुस्तक अपने उद्देश्य में सफल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68074.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bcbb2034ecc554b372941fa4debc86ded7c241a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68074.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। Caste Census in India जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग को लेकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सोमवार को हुई मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। मुख्‍यमंत्री के नेतृत्‍व में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित पक्ष-विपक्ष के विभिन्‍न दलों के 11 नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुलाकात के सकारात्मक परिणाम की आशा व्‍यक्‍त की है। खास बात यह है कि बिहार के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। ।जातीय जनगणना की मांग को अस्‍वीकृत कर चुकी है केंद्र सरकार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार जातीय जनगणना की मांग को अस्‍वीकृत कर चुकी है, लेकिन बिहार में सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU), हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) एवं विकासशील इनसान पार्टी (VIP) जातीय जनगणना के समर्थन में हैं। इस मुद्दे पर एनडीए के ये घटक दल विपक्ष के साथ खड़े हैं। यूं कहें कि बिहार में जातीय जनगणना की मांग को लेकर बीजेपी को  छोड़ सत्‍ता पक्ष व विपक्ष का सुर एक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe269ccd16c6fdcedea63053268d0f1cffbe4378 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमानी बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही टीवी पर आने का शौक था। नौ वर्ष से वह केबीसी में शामिल होने का सपना देखती थीं। वह स्वजन से कहती थीं कि वह केबीसी में जाएंगी और अमिताभ बच्चन से मिलेंगी। वह स्वजन व पारिवारिक दोस्तों के साथ घर पर ही केबीसी खेलती थीं और अमिताभ बच्चन की भूमिका निभाती थीं। परिवार में पिता विजय सिंह बुंदेला, मां सरोज बुंदेला, बहन चेतना सिंह बुंदेला, भावना बुंदेला, पूजा बुंदेला और भाई रोहित सिंह बुंदेला हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da6637d18a2a532c517337ad508e81f12266df34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68086.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +'सिंह सूरमा' नाम से दूसरी फिल्म में दिखेगा व्हील चेयर से खेल राज्य मंत्री तक का सफर।ओलिंपिक खेलों में हरियाणवी खिलाडि़यों द्वारा दिखाए गए दमखम से उत्साहित खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह ने रविवार को 'सिंह सूरमा' का पोस्टर साझा किया, जिसमें एक तरफ व्हील चेयर का फोटो है तो दूसरी तरफ खेल राज्य मंत्री की कुर्सी। बीच में संदीप सिंह खुद खड़े हैं। इस फिल्म के प्रोड्यूसर भी दीपक सिंह हैं, जिन्होंने सूरमा बनाई थी। + +इंटरनेशनल डेब्यू करने के दो साल बाद 2006 में व‌र्ल्ड कप के लिए नेशनल टीम से जुड़ने के लिए संदीप ट्रेन से सफर कर रहे थे। दो दिन बाद ही संदीप को व‌र्ल्ड कप के लिए अफ्रीका रवाना होना था, मगर उससे पहले ही ट्रेन में गलती से चली बंदूक की गोली उन्हें लग गई, जिस वजह से वह पैरालाइज हो गए और एक साल तक व्हीलचेयर पर रहे। उस समय संदीप सिर्फ 20 साल के थे। इस हादसे के बाद न सिर्फ संदीप ठीक हुए, बल्कि उन्होंने खुद को टीम इंडिया में फिर से स्थापित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fe52e096da8c5b29f9b098dee2ccd8b616714a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68088.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिता देवीलाल के साथ शुरू की राजनीति, पांच बार सीएम रहे, राज चलाने में कभी बाधा नहीं रही कम पढ़ाई।देवीलाल ने दो बार तो उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने पांच बार हरियाणा की सत्ता संभाली। अपनी जिंदगी के 86 बसंत देख चुके चौटाला के यूं तो सुíखयों में रहने की कई वजह हैं, लेकिन इस बार चौटाला अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई को लेकर सबसे ज्यादा सुर्खियों में आए हैं। एक जनवरी 1936 को जन्मे चौटाला को उनके पिताजी ओम कहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33e236efd51831dafed23154acce322c02eb34fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रक्षाबंधन पर प्रीतनगर में मंजीत कौर के घर लौटी खुशियां।नौ साल की उम्र में परिवार से बिछुड़ गया मनप्रीत सिंह उर्फ लाडी रक्षाबंधन पर अपनी 4 बहनों को मिला। 14 साल बाद अचानक अपने लाडले को सामने खड़ा देख मां मनजीत कौर की आंखों से आंसुओं का समंदर बह निकला। उन्‍होंने लाडी को सीने से लगा लिया, अपने हाथों के खीर खिलाई। अपनी ससुराल में रह रही बहन काजल को भाई के वापस लौटने की सूचना मिली तो धल्लेके के गांव से भाई को राखी बांधने भागी-भागी पहुंची।  अन्‍य बहनों ने भी भाई को सीने से लगा लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23b75d95d083323253123c818d5e7a671cef7c84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे शुरू होगी कार्रवाई ।साथ ही यह भी बताना होगा कि उसकी पुश्तैनी संपत्ति किस गांव, जिले या तहसील में है। शिकायत दर्ज कराने के बाद संबंधित जिले का जिलाधिकारी खुद ईमेल या फोन पर शिकायतकर्ता से संपर्क करेगा और उन्हें वापस दिलाने के लिए कार्रवाई शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि बहुत सारे मामलों में संपत्ति पिता, दादा, परदादा या अन्य रिश्तेदार के नाम पर हो सकती है। पोर्टल में यह जानकारी देने की भी सुविधा दी गई है। निजी संपत्ति के साथ-साथ पोर्टल पर धार्मिक व सामुदायिक संपत्तियों के जबरन कब्जे की शिकायत भी कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bad6dbf34f8003d7b7229780fcfa0e3f4246c29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। सिसकियां और सुबकियां रात को भिगो चुकी थीं। अब यह भोर कुछ ऐसे दृश्य दिखाने के लिए थी, जो राजनीति की कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनने वाले थे। पूर्वज यानी कल्याण सिंह यह सिखाकर विदा हुए कि राजनीतिक जीवन कैसे जिया जाए, तो उनकी मृत्यु पर उनके सियासी वंशज यानी भाजपा के दिग्गज नेताओं ने यह बता दिया कि रिश्तों की रस्म कैसे निभाई जाती है। अंतिम विदाई में भाजपा ने 'बाबूजी' को भावनाओं का ऐसा पावन सूत्र बांध दिया कि अब इस विदाई के बाद भी जुदाई की कोई गुंजाइश नहीं रह गई और यह 'रक्षाबंधन' भी लंबे समय तक भुलाया न जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21fa5c32ba4406c3af690fc094f83911cc48c79d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। रक्षाबंधन के मौके पर पूरे देश में अनेक लोगों ने अपने-अपने अंदाज में तमाम तरह से शुभकामनाएं दी। कवि कुमार विश्वास ने इंटरनेट मीडिया ट्विटर एकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि एक बहन जितना सुरक्षित अपने भाई के साथ महसूस करती है उतना अपने पति के साथ भी नहीं करती है। रामायण की कुछ पक्तियों को उदघृत करते हुए उन्होंने बड़े ही सरल तरीके से इसको समझाने का प्रयास भी किया। उन्होंने वीडियो में अपनी 15 साल की बेटी के उस सवाल का भी जिक्र किया जिसमें उसने अपने पिता कुमार विश्वास से माता सीता और भगवान राम को लेकर सवाल पूछा था । ।तृण धरि ओट कहत बैदेही…❤️।ऊर्जा सत्र के इस अंश में प्रसंगवश वह कथा भी है जो भाई-बहन के रिश्ते में बसे अटूट विश्वास का सबसे सुंदर प्रतीक है ! ईश्वर सभी बहनों को भाई के रूप में ऐसा ही अविचल भरोसा दे। #रक्षाबंधन की अनेक शुभकामनाएँ ❤️🙏🏻https://t.co/NWAhsGiS5k।इस वीडियो में उन्होंने शहजहां और उनकी सबसे खूबसूरत पत्नी के बारे में भी बताया है। ताजमहल को बनाने वालों को हाथ कटवा दिए गए जिससे वो दुबारा उस जैसा न बना सकें। इसको जानकर बहुत दुख हुआ। जिन लोगों ने पत्थर काटकर मूर्तियां बनाई उनको मजबूर कर दिया गया। प्रेम के प्रतीक के कई उदाहरण भरे पड़े हैं। भगवान राम भी प्रेम के अद्भूत उदाहरण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec96b0684910dff8f3d30097cc057ae0817249d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अनंत विजय]। पृथ्वीराज चौहान से बुरी तरह शिकस्त खाने के बाद मुहम्मद गौरी का लश्कर खैबर के दर्रे में दाखिल हुआ तो पराजित बादशाह को एक दीनदार नौजवान हिंदुस्तान की तरफ आता दिखाई दिया। बादशाह ने उस नौजवान को हाथ के इशारे से रोककर पूछा कि तू हिंदुस्तान किसलिए जा रहा है। नौजवान ने दृढ़ संकल्प का सहारा लेते हुए कहा कि मैं वहां इस्लाम फैलाने जा रहा हूं। बादशाह ने कहा कि पहले हमलोगों की हालत पर निगाह डाल और ये बात भी समझ ले कि हमलोग भी वहां इस्लाम के प्रचार के लिए गए थे लेकिन उनलोगों ने हिंदुस्तान से भागने पर मजबूर कर दिया। नौजवान ने फकीराना मुस्कुराहट होठों पर बिखेरते हुए कहा आपलोग वहां तलवार लेकर इस्लाम फैलाने गए थे इसलिए नाकाम और नामुराद लौटना पड़ रहा है। मेरे हाथों में सिर्फ कलामे इलाही है और दिल में इंसानियत का जज्बा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71c8fda63fdbdba8d58f6a8c153001c23706fced --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_681.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार सिनेमा थियेटर के कैशियर निमेश कडकिया आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। निमेश की शिकायत के मुताबिक, अन्य गार्ड्स ने कर्मचारियों को बताया कि चार लोग सीटों पर कब्जा कर रहे हैं। टिकट चेकर कादर कुरैशी और राकेश बारिया ने चारों आरोपियों को उनकी मूल सीट पर जाने को कहा था, लेकिन उन्होंने तोड़फोड़ और मारपीट शुरू कर दी। + +निमेश कडकिया ने अपने एफआईआर में लिखा, 'चारों आरोपियों ने दो टिकट चेकर्स के साथ मारपीट शुरू कर दी और फिर थिएटर की 17 फीट 3डी स्क्रीन में तोड़फोड़ की, जिसकी कीमत 3,50,000 रुपये थी। उन्होंने शो के समय फिल्म की स्क्रीनिंग में भी गड़बड़ी की। आरोपियों ने घर के एग्जिट गेट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिसकी कीमत 50,000 रुपये है।'।वाडी पुलिस स्टेशन ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बात करें फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 की तो यह फिल्म भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर साबित हो रही है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस कमाई के कई नए इतिहास रच दिए हैं। केजीएफ चैप्टर वीकेंड में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। तो वहीं महज चार दिनों में यश की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 ने दुनियाभर में 500 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac702e574848c73a017975b26b9eb0bd50df2b15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68104.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। वेस्ट ज्योति नगर में नीरज मित्तल चैरिटेबल ट्रस्ट महिला सशक्तीकरण पर कार्य कर रही है। संस्था महिला व बच्चियों को शिक्षा व स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष मनीष ने बताया कि उनकी संस्था वेस्ट ज्योति नगर व आसपास के क्षेत्र में रहने वाली जरूरतंद महिलाओंव बच्चियों के लिए विभिन्न निश्शुल्क शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाती है। शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही उन्होंने पुस्तकालय की शुरुआत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b592b1cf329b94abdff647a0eb50ce6a514b7b5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68106.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शहर की दुश्‍वारियों से परिचित थे बाबू जी।पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहे शहर की दुश्वारियों से कल्याण सिंह भलीभांति परिचित थे। घनी आबादी में प्रदूषण फैला रही फैक्ट्रियों को प्रशासन हटा नहीं पा रहा था। उस दौर में सासनीगेट, पला रोड, भुजपुरा, ऊपरकोट, जयगंज समेत शहर के दर्जनभर आवासीय क्षेत्रों में स्थापित छोटी-बड़ी 145 फैक्ट्रियों को प्रदूषित इकाई घोषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हेंं तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए थे। तब बाबूजी ने शहरवासियों को प्रदूषण से बचाने और यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए तालानगरी को विकसित करने पर जोर दिया। रामघाट रोड पर ताला नगरी स्थापित कर तमाम फैक्ट्रियां शिफ्ट की गईं। हालांकि, अभी भी कई फैक्ट्रियां घनी आबादी वाले क्षेत्र में संचालित हैं, जिन्हेंं प्रशासन शिफ्ट नहीं करा सका है। + +बनाए गए दो सेक्टर।तालानगरी में औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने के लिए दो सेक्टर बनाए गए। इनमें कुल 1380 प्लाट आवंटित हैं, जो पांच सौ वर्गमीटर से लेकर पांच हजार वर्गमीटर तक के हैं। तालानगरी को बिजली घर, बड़े पार्क, वाटरहेड टैंक, धर्मकांटा आदि सुविधाओं से सुसज्जित किया गया। उद्यमियों को शहर न जाना पड़े, इसके लिए आवासीय सेक्टर में भी 1385 प्लाट हैं। इनमें तीन से चार सोसायटी के लिए भी भूमि आवंटित की गई। रेजीडेंस सेक्टर में एक गेस्ट हाउस, पेट्रोल पंप व हास्पिटल के लिए भी जगह है। मगर इन सुविधाओं को अब तक मुहैया नहीं कराया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5ac99324f3eb678899b76dc1b4fd7ac7ea08abb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली/ रेवाड़ी [अमित सैनी]। दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित शहाजहांपुर-खेड़ा बार्डर पर आठ महीनों से कृषि कानून विरोधियों का डेरा है। कृषि कानून विरोधियों का यह विरोध आठ माह से उन लोगों के लिए नासूर बन गया है जिनको हाईवे पर यात्रा करनी होती है। हर दिन हजारों की तादाद में वाहन हाईवे पर से गुजरते हैं, लेकिन हाईवे बंद होने के चलते उनको घंटों जाम में फंसना पड़ता है। हाईवे रोककर बैठे आंदोलनकारियों को उनकी इस समस्या से कोई लेना देना नहीं है। हाईवे जाम का असर यह रहा कि जिले की तमाम वो छोटी सड़कें जो हाईवे से जुड़ती हैं भारी वाहनों के आवागमन के कारण पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं। ।सिर्फ एक तरफ चल रही सर्विस लेन ।दिसंबर से आंदोलनकारियों ने शाहजहांपुर-खेड़ा बार्डर पर डेरा डाला हुआ है। हाईवे पर राजस्थान की सीमा में करीब दो किमी तक उन्होंने अपने टेंट लगाए हुए हैं। लोगों के तमाम आग्रह के बावजूद आंदोलनकारी राजस्थान सीमा में हाईवे की सड़क रोककर ही बैठे हैं। हाईवे पर आलम यह है कि सिर्फ दिल्ली से जयपुर की ओर जाने वाली सर्विस लेन ही खुली है। जयपुर की ओर से आने वाले वाहनों के लिए तो कोई रास्ता ही खाली नहीं है। ऐसे में वाहन चालकों को कई-कई घंटे जाम में फंसना पड़ रहा है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सफर करना किसी सजा से कम साबित नहीं हो रहा है। ।यूं समझिए किस-किस तरह से रूट बदलकर निकल रहा ट्रैफिक ।दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों का रूट ।- धारूहेड़ा से भिवाड़ी जा रहे 75 फीट रोड से अलवर मेगा हाईवे होते हुए निकाला जा रहा है ट्रैफिक।- कसौला चौक से कोट कासिम व किशनगढ़ होते हुए ततारपुर चौराहे व कोटपूतली के रास्ते। ।- हाईवे पर सर्विस लेन से भी जा सकते हैं लेकिन हर समय कई किमी लंबा जाम रहता है। ।जयपुर से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों का रूट:-।- कोटा होते हुए भाड़ावास रोड पर निकल रहा ट्रैफिक।- बहरोड़ से नारनौल होते हुए।- बहरोड़ से कुंड होते हुए ।हाईवे जाम के कारण पूरी तरह से जर्जर हुए यह सड़क मार्ग ।हाईवे जाम होने के कारण ग्रामीण रूटों के संपर्क मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। भाड़ावास रोड से मोहनपुर ओढ़ी मार्ग, भाड़ावास से आनंदपुर होते हुए एनएच 48 तक जाने वाला मार्ग, ।भाड़ावास-सुलखा मार्ग पूरी तरह से बदहाल हो चुके हैं। इस मार्ग में इतने बड़े गड्ढे बन गए हैं कि पता ही नहीं चलता सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों में सड़क। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b02fa6e82cf778f0097a666a1522a91c60abc176 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केरल के बारे में कहा जा रहा है कि वहां बकरीद के अवसर पर लगातार तीन दिनों का अवकाश घोषित कर दिया गया। उक्त तीन दिनों में जो सामाजिक दूरी नहीं बरती गई और मास्क के उपयोग से बचा गया होगा, उसने भी स्थिति को फिर बेकाबू करने में मदद की। ऐसे ही मौकों के लिए लगभग छह महीने एक हाईकोर्ट ने कहा था कि त्योहार एक साल बाद फिर आ जाएंगे, लेकिन अच्छी-भली जिंदगी को महामारी के खतरे में डालने से बचा जाना चाहिए। ।कोविड-19 के टीके लगवाने को लेकर भारत में भारी उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन अखबारों में आ रहीं तस्वीरें चिंताजनक हैं। लोग बड़ी-बड़ी कतारों में तो खड़े दिखाई पड़ते हैं, मगर उनके मुंह से मास्क लगभग गायब है और सामाजिक दूरी के नियम का पालन भी नहीं किया गया है।सभी जिम्मेदारियों को सरकारों के हवाले करके उक्त महामारी से उबरने का विचार भी करना अपने को अंधेरी सुरंग में धकेलने जैसा होगा। ।इस संबंध में इजरायल का उदाहरण बड़ा अनुकरणीय हो सकता है। दूसरी लहर के आते ही वहां के लोगों ने सरकार और डाक्टर्स की सलाह का भरपूर ध्यान रखा। देखते ही देखते यह देश लगभग पूरी तरह से कोविडमुक्त हो गया। इससे उत्साहित होकर वहां के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यानहू ने सभी कामकाज प्रारंभ करने की घोषणा कर दी, साथ ही खुद मास्क हटाकर लोगों का भी आह्वान किया कि वे भी मास्क हटा दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fafb268820c95d385e83c1a77b6cd4782ce2e0e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68112.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [मनु शर्मा]। बचत करने का सलीका अचानक आने वाली तकलीफों से जूझने में मदद करता है। कहना गलत न होगा कि बचत करने की यह आदत महिलाओं में बड़ी सहजता से उतर जाती है। अब कल (23 अगस्त) से शुरू हो रहे शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के पिछले सीजन की विजेता महिलाओं का उदाहरण ही ले लीजिए। आज ये महिला विजेता उस जीत की बदौलत गौरवान्वित तो महसूस करती ही हैं, साथ ही अपने आस-पास सामाजिक सोच में बदलाव लाने में भी जीत की उस राशि का इस्तेमाल कर रही हैं। + +वे बताती हैं, ‘मेरा सपना था कि हमारे गांव में स्थित ऐतिहासिक मंदिर का अच्छे से जीर्णोद्धार कराऊं। कोरोना के कारण बीच में काम रुका, अब मंदिर परिसर का निर्माण कार्य फिर शुरू हो गया है। इसके अलावा जहां मैं बच्चों के लिए खाना बनाती हूं, वहां रसोई को भी व्यवस्थित कर लिया है।’।मां को बचाया कैंसर से। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर निवासी अनूपा दास की मां कई साल से कैंसर से जूझ रहीं थीं। शो जीतने के बाद अनूपा ने सबसे पहले मां का मुंबई के अस्पताल में इलाज कराया और उन्हें कैंसर से बचाया। स्कूल शिक्षिका अनूपा कहती हैं, ‘मेरे शो जीतने के बाद स्कूल के बच्चों में भी आत्मविश्वास बढ़ा। + +मैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके से हूं, वहां बेटियों की शिक्षा को लेकर आज भी बहुत दिक्कतें हैं। उनके लिए अब हरसंभव मदद कर रही हूं। आज कई लड़कियां मुझसे केबीसी की तैयारी के लिए पूछती हैं तो मेरा एक ही जवाब होता है- जीवन के अनुभव की किताब और अखबार को जितना पढ़ोगे, उतना ही सफल होगे। मुझे भी तैयारी के लिए अखबार से बहुत मदद मिली थी। बचपन से ही अखबार पढ़ने की आदत केबीसी के सवालों का जवाब देने में बहुत मददगार साबित हुई।’।शुरू कराए बैंक खाते। जमशेदपुर की अनामिका की कहानी भी सामाजिक सरोकार से जुड़ी है। अनामिका वर्ष 2017 के सीजन में जीती थीं। वे बताती हैं, ‘मैं जरूरतमंद बच्चों के लिए एनजीओ चलाती हूं। उसके संचालन के लिए आर्थिक मदद की जरूरत थी। ललक काम आई और केबीसी से जीती हुई राशि को भविष्य के लिए निवेश करना तय किया। इसके लिए एनजीओ के माध्यम से 1,000 महिलाओं के बैंक में खाते खुलवाए और सभी के खाते में कुछ-कुछ राशि डाली गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e564d2295e87b37e116efc17ffaadf0d5a46276f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनारायण सिंह, अलीगढ़ । राखी के धागों में त्याग और समर्पण की भावना छिपी होती है। भाई के लिए अपार प्रेम होता है। इसलिए बहनें अपने भाइयों की खुशियों के लिए हर संघर्ष करने को तैयार रहती हैं। मुश्किलों से दो-दो हाथ करने से भी कभी घबराती नहीं हैं। जनकपुरी निवासी डा. अंकुर अग्रवाल की कहानी भी कुछ ऐसी है। पिता की मौत के बाद उनकी दोनों बहनों ने पूरे परिवार को संभाल लिया। भाई को एमबीबीएस कराया, पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। डा. अंकुर कहते हैं कि दोनों बहनों की बदौलत आज वो इस मुकाम पर पहुंचे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ff5920c62c8f1f190e4adc23c6027ed1c964bf4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68114.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत सांस्कृतिक राष्ट्र है। जीवन के सभी आयामों में भारत की प्रतिष्ठा है। विश्व भी शाश्वत जीवन की सीख लेने के लिए भारतभूमि की ओर देखता है। ऋग्वेद के रचनाकाल से भी पुरानी इस राष्ट्र की अनुभूति पर बहुत कुछ गर्व करने लायक है। हृदय नारायण दीक्षित बता रहे हैं कि आज जब हम स्वाधीनता के 75वें वर्ष में प्रविष्ट होकर अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो यह समय आत्म चिंतन के आह्वान और इतिहास बोध जागृत करने का भी है...।भारत एक सतत् उत्सव है। दिव्य अनुभूति, यथार्थ प्रतीति। सो आनंददायी महोत्सव। संप्रति भारत ब्रिटिश सत्ता से स्वतंत्र होने के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है। ये 75 वर्ष विचारणीय हैं। स्वाधीनता की प्राप्ति के पहले का इतिहास पौरुष पराक्रम स्मरणीय है। इसके बीज भारत की सनातन संस्कृति में है। पूर्वजों ने इस बीज का सतत् पोषण किया है। बीज से पौध और पौध से फल तक श्रम कौशल वरेण्य है। इसी पौरुष पराक्रम का अमृतफल है स्वाधीनता का अमृत महोत्सव। भारत आनंद क्षेत्र है, लेकिन यहां एक के बाद एक विदेशी आक्रमण होते रहे। कुछेक विद्वतजन प्रश्न करते रहे हैं कि भारत बार-बार पराधीन क्यों हो जाता है? ।यूरोप और यूरोपीय विचार के समर्थक कहते रहे कि भारत के लोग स्वतंत्रप्रिय नहीं हैं, इसलिए विदेशी हमलों के सामने पराजित होते रहे हैं, लेकिन यह धारणा सही नहीं है। बंकिमचंद्र ने भी इस धारणा का प्रतिकार किया है। उनका प्रश्न है कि अंग्रेजों ने भारत पर अपना राज्य कैसे कायम किया? भारतवासियों के एक वर्ग ने अंग्रेजों की मदद की, अंग्रेजों की देसी सेना में भारतवासी भी थे, लेकिन यहां होने वाले सभी विदेशी हमलों के प्रतिरोध का भी इतिहास है। अमृत महोत्सव इतिहास के प्रश्नों पर आत्म विवेचना का समय है। + +उपलब्ध विविध आयामी दर्शन।भारत को एक राष्ट्र न मानने वाले कहते रहे कि भारत को अंग्रेजों ने राष्ट्र बनाया। सच यह है कि भारत दुनिया का प्राचीनतम राष्ट्र है। अथर्ववेद (12.1.45) में तत्कालीन समाज व राष्ट्र का सुंदर वर्णन है, ‘अनेक आस्थाओं व भाषाओं वाले लोग एक परिवार की तरह यहां रहते हैं।’ महाभारत (भीष्म पर्व) में है, ‘भारत में आर्य, किरात सिद्ध, वैदेह, ताम्र लिप्तक म्लेच्छ, द्रविण केरल मूषिक वनवासिक आदि रहते हैं। वे विशाल गंगा, सिंधु, सरस्वती नदियों का जल पीते हैं।’ यहां जनसमूहों के नाम अलग हैं, लेकिन अन्न-जल एक है। ।माक्र्सवादी चिंतक डा. रामविलास शर्मा ने ‘भारतीय नवजागरण और यूरोप’ में लिखा है- ‘अथर्ववेद और महाभारत में अनेक जातियों के राष्ट्र का जैसा वर्णन है, वैसा अन्यत्र नहीं। इसलिए राष्ट्र निर्माण में भारत को विश्व का मार्गदर्शक मानना चाहिए।’ यहां प्रकृति के प्रपंचों के प्रति अतिरिक्त जिज्ञासा थी। सो विविध आयामी दर्शन का जन्म हुआ। भारत सनातन है। सदा से है। दुनिया के अन्य देशों को राष्ट्र राज्य कहने का चलन यूरोप के पुनर्जागरणकाल में हुआ, लेकिन भारत 5,000 साल प्राचीन अनुभूति है। राष्ट्र की अनुभूति ऋग्वेद के रचनाकाल से भी पुरानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2ac4eebf9af78de049be124752c5ed0bdeb0c1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीएम मोदी और सीपी से मदद की गुहार।27 हजार रुपये प्रति माह का वेतन पाने वाले सुशील कुमार यह सोच-सोच कर रो रहे हैं कि उनकी बेटी की जान बचाने के लिए वह उसके इलाज के लिए करोड़ों रुपये कहां से लाएं। उनकी बिटिया ने प्रधानमंत्री से वीडियो के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है। इसके साथ ही सुशील ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी मदद की गुहार लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..712a7e227427ac6a9ea6175db0878db3a493fa3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सानवी की इस उपलब्धि से जहां स्कूल में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, वहीं माता पिता भी बेटी की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं और गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। प्राचार्या जेके सिद्धू जी ने इस कीर्तिमान के लिए प्रतिभाशाली छात्रा सानवी को शुभकामनाएं दी। सानवी ने जनवरी 2021 में इस दिशा में अभ्यास शुरू किया, जब वह यूकेजी में थी। तब उसकी अध्यापिका मीनू नैय्यर ने सानवी के संज्ञानात्मक कौशल और तीव्र स्मरण क्षमता को पहचानते हुए उसे प्रेरित किया। इसके परिणाम स्वरूप सानवी अपने लक्ष्य को भेदकर कर यह कीर्तिमान स्थापित कर पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac966ed33ebfe97234b46602f3a134ab40b6c6c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68121.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [मोहम्मद दाऊद खान]। देश के विभाजन के समय पाकिस्तान के सिंध स्थित भागवान झूलेलाल के मंदिर में प्रज्ज्वलित अखंड ज्योति 1947 में ग्वालियर फिर वहां से 1948 में कानपुर आई। सिंधी समाज के उद्धव दास फानूस में रखकर ज्योति को लेकर यहां आए थे। पहले उन्होंने पी रोड स्थित वनखंडेश्वर मंदिर के पास कमरे में इस ज्योति को रखा और पीरोड रामबाग स्थित श्री भगवान झूलेलाल मंदिर बना तो उसमें ज्योति स्थापित की गई। तभी से यह ज्योति मंदिर में जल रही है और दूर- दूर से श्रद्धालु इसके दर्शन पूजन को यहां आते हैं। 25 अगस्त को मंदिर के पट खुलेंगे और भक्तों को इस ज्योति के दर्शन होंगे। + +सिंधी समुदाय का चालिहा महोत्सव चल रहा है। चालीस दिन बीतने के बाद पीरोड स्थित भगवान झूलेलाल मंदिर में अखंड ज्योति के पट खुलेंगे और श्रद्धालु दर्शन करेंगे। मंदिर में स्थापित अखंड ज्योति वर्ष 1948 से निरंतर प्रज्ज्वलित है। ज्योति कि सेवा श्री झूलेलाल अखंड ज्योति ट्रस्ट के पदाधिकारी करते हैं। अखंड ज्योति की वजह से पीरोड स्थित भगवान झूलेलाल मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का मुख्य केंद्र भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..688c1622ad137d28754b406b83d3985b59bef070 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68123.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दिल्ली की आरुषि एवं अक्षय ने भी 2015 में ‘फिटपास’कंपनी की स्थापना की थी, जो आज देश के 17 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है। इनके प्लेटफार्म से लोग घर बैठे जिम या फिटनेस सेंटर से जुड़ सकते हैं। एप की मदद से न्यूट्रिशनिस्ट एवं अन्य विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं। कंपनी की सह-संस्थापक आरुषि वर्मा बताती हैं, ‘हम दोनों फिटनेस पसंद रहे हैं। लेकिन जब हमने महसूस किया कि आम मध्यवर्गीय परिवारों के बजट में जिम या फिटनेस स्टूडियो की सेवाएं लेना आसान नहीं है। तब हमने स्थानीय जिम संचालकों से बात की और एक नई शुरुआत हुई। मेरे ऊपर कोई घरेलू जिम्मेदारी नहीं थी। इसलिए नौकरी करते हुए जो 8-10 लाख रुपये की बचत हुई थी, उसे स्टार्टअप में लगा दिया। शुरुआत में सिर्फ पांच लोगों की टीम थी। टेक्नोलाजी को संभालने की जिम्मेदारी भाई अक्षय ने संभाल ली थी। मैंने आपरेशन देखा। हमने खर्चे को सीमित रखा और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए आगे बढ़ते रहे।'।उद्देश्य के साथ, मिलकर कर रहे कारोबार।बेंगलुरु के विनय करीब दस वर्षों से एफएमसीजी क्षेत्र में कार्यरत थे। एक दिन ट्रेकिंग के दौरान उन्हें पश्चिमी घाट इलाके के स्वादिष्ट व्यंजन चखने को मिले। उनके मन में विचार आया कि एक कारीगर इतनी मेहनत से स्वाद वाली मिठाई बना रहा है, लेकिन वह शहरों या बड़े बाजार तक क्यों नहीं पहुंच पा रही? इसके बाद 2018 में उन्होंने ‘गो देसी’ नाम से स्टार्टअप की नींव रखी, जिसमें उनकी पार्टनर बनीं बहन रक्षा। विनय बताते हैं,‘शुरुआत के तीन महीने मैंने अकेले काम किया। लेकिन जब टीम बनाने का समय आया, तो रक्षा में एक विश्वसनीय पार्टनर दिखाई दिया। उनमें काफी परिपक्वता है। + +इसके अलावा, हम दोनों की अपनी-अपनी विशेषताएं भी हैं। मेरे पास जहां सेल्स,डिस्ट्रीब्यूशन एवं मार्केटिंग का अनुभव रहा है, वहीं रक्षा को सामाजिक एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्य की बेहतर समझ एवं जानकारी है। वह जानती हैं कि ग्रामीण समुदाय या स्वयं सहायता समूह के साथ कैसे काम किया जाता है। ऐसे में हम दोनों ने साथ मिलकर देश के ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों के कारीगरों को प्रोत्साहित करने एवं उनकी बनाई मिठाइयों, नमकीन आदि को शहरी वर्ग तक पहुंचाने का निर्णय लिया।‘ रक्षा की मानें, तो अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत होने के बावजूद बिजनेस करने का हमारा उद्देश्य एक था। आज ये देश के 22 राज्यों में आठ हजार से अधिक आउटलेट्स पर मिठाइयां पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा,आनलाइन डिलिवरी भी की जाती है। इन्होंने कर्नाटक के ग्रामीण इलाके में दो यूनिट स्थापित किए हैं,जहां 150 के करीब स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिला है। वे स्वच्छता एवं गुणवत्ता का खयाल रखते हुए मिठाइयों, इमली, नींबू की कैंडीज इत्यादि की पैकेजिंग आदि करती हैं। + + इनोवेशन से लगाव के कारण साथ में हुई शुरुआत।दिल्ली के अर्णव किशोर एवं आयुषि किशोर दोनों को इनोवेशन करना पसंद है। अर्णव को लगता है कि उनकी बहन आयुषि तत्काल निर्णय लेने में सक्षम हैं और काफी दृढ़ निश्चयी भी। किसी भी बिजनेस के लिए ये दोनों गुण बहुत कारगर होते हैं। दूसरी ओर, आयुषि मानती हैं कि उनके भाई अच्छी तरह जांचने-पऱखने के बाद अंतिम निर्णय तक पहुंचते हैं। इसलिए 2015 में पढ़ाई पूरी करने के बाद ही दोनों ने ‘फायर बोल्ट’ नाम से कंपनी लांच कर दी। यह शुद्ध देसी वियरेबल, गेमिंग एवं आडियो ब्रांड है जो कई प्रकार के आडियो, फिटनेस एवं फैशन प्रोडक्ट्स तैयार करता है। आयुषि बताती हैं, भाई-बहन होने के नाते हम दोनों के अनुभव एवं चुनौतियां समान रही हैं। हम दोनों एक-दूसरे की जिम्मेदारियों को साझा करते हैं। हमें एहसास था कि देश में आडियो एवं वियरेबल स्पेस अधिक विकसित नहीं है, जबकि उसके विकास की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके बाद ही हमने कंपनी शुरू की। बीते वर्षों में ढेरों प्रोडक्ट्स (स्मार्टवाच, ब्लूटूथ ईयरफोन्स, ट्रू वायरलेस ईयरबड्स, ब्लूटूथ स्पीकर्स आदि लांच किए हैं। आज देश के 750 से अधिक शहरों में हमारी उपस्थिति है। अमेजन पर हमारे स्मार्टवाच की अच्छी मांग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c17de07cf9b732905c0174c36bed0905fedfe30d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संतोष शर्मा, अलीगढ़ । राजनीति के क्षितिज पर पताका फहराने वाले कल्याण सिंह के जीवन में कई ऐसे मोड़ भी आए जिन्होंने विचलित तो किया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हर मुसीबत में कल्याण सीना ताने खड़े रहे। वर्ष 1982 उनके राजनीतिक जीवन के लिए सबसे अहम साबित हुआ। तब अटल बिहारी बाजपेयी के एक निर्णय ने उनके भविष्य की नींव रख दी थी। प्रदेश अध्यक्ष माधव प्रसाद त्रिपाठी के निधन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कल्याण सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। यह एक ऐसा निर्णय था जिससे कल्याण सिंह के राजनीति की तस्वीर ही बदल गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e77b36dc3f29e1edd4396421fca8e0b8aed5d7d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनसंघ में बनाई अलग पहचान।कल्याण सिंह ने जनसंघ में अलग पहचान बनाई थी। 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी ने अतरौली के केएमवी इंटर कालेज में सभा को संबोधित किया था। यह ऐतिहासिक सभा थी। कल्याण सिंह ने इसमें काफी मेहनत की थी। यहां से उनका कद राष्ट्रीय स्तर पर उठने लगा था। वे राष्ट्रवादी विचारधारा के पक्षधर थे। इमरजेंसी के समय 21 माह जेल में रहे थे। वर्ष 1991 में भाजपा से प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। यहां से कल्याण सिंह ने कुशल प्रशासक के रूप में एक नई पहचान बनाई। हालांकि, छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद से उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी। इससे उनकी पहचान कट्टर हिंदूवादी नेता के रूप में बनकर उभरी। पूरे देश में वे चॢचत हो गए थे। 1997 में दोबारा मुख्यमंत्री बने। 1999 तक वो मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन में काफी उतार-चढ़ाव रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3e36e9a64f59b85f6874ac94fcea7aefb53078c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68126.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कौन है हक्कानी गुट।इस समूह का गठन जलालुद्दीन हक्कानी ने किया था। उसने पिछली सदी में सोवियत संघ के कब्जे वाले दिनों में जिहादी नायक के रूप में ख्याति हासिल की थी। उस समय, वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए का एसेट (खास गुर्गा) माना जाता था। पाकिस्तान से उसे भरपूर पैसा और असलहे मिलते थे। उस संघर्ष के दौरान और सोवियत फौजों की वापसी के बाद जलालुद्दीन हक्कानी ने ओसामा बिन लादेन सहित कई विदेशी जिहादियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। + +कई बड़े हमलों को अंजाम दिया।हक्कानी नेटवर्क को पिछले दो दशकों के दौरान अफगानिस्तान में हुए कुछ सबसे घातक और सबसे चौंकाने वाले हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने इस गुट को प्रतिबंधित कर रखा है। इसे आत्मघाती हमलावरों के लिए ज्यादा जाना जाता है। कारों और ट्रकों में भारी मात्रा में विस्फोटक भर ड्राइवर सहित सैन्य प्रतिष्ठान और दूतावासों की इमारतों को निशाना बनाना उसके बाएं हाथ का खेल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b841ab927d6859041bebfec5b678e3d959e9e035 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68127.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस बार बेहतर स्थिति में तालिबान ।तालिबान ने ढाई दशक पहले जब अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया था तब वह सोवियत संघ की सेना और अमेरिकी समर्थन से तैयार मुजाहिदीनों के बीच लड़ाई में बर्बाद के कगार पर था। वैसे आर्थिक दृष्टिकोण से अभी भी अफगानिस्तान की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। वहां चाहे जिसकी भी सरकार बने उसे देश चलाने के लिए आवश्यक आर्थिक संसाधनों की भारी कमी का सामना करना होगा। इसके बावजूद हालात पहले के मुकाबले काफी बेहतर हैं। + +अफगानिस्‍तान में बड़ा खनिज भंडार ।एक अनुमान के मुताबिक अफगानिस्तान के पास तांबा, सोना, बाक्साइट, लौह-अयस्क, जिंक, सल्फर, कोबाल्ट आदि का बड़ा भंडार है। मोटे तौर पर इनका बाजार मूल्य 3,000 अरब डालर लगाया जाता है। माना जाता है कि अफगानिस्तान में कच्चे तेल का भी बड़ा भंडार हो सकता है क्योंकि इसके पड़ोसी देश ईरान व ताजिकिस्तान में भी बड़े क्रूड व गैस भंडार हैं। अब यह अलग बात होगी कि तालिबान मानसिकता से इनका दोहन किया जा सकेगा या नहीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb33eec1eb96400b776b2e0aa449d3cc61a01c15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उधर, भाजपा के रंग में पूरी तरह से रंग चुके सिरसा जिले के पार्टी अध्यक्ष आदित्य चौटाला का दावा है कि देवीलाल के असली वारिस वह हैं। देवीलाल के परिवार में उनकी विरासत को लेकर चल रही खींचतान से जहां इन राजनीतिक पार्टियों का वजूद कायम है, वहीं भाजपा परदे के पीछे रहकर पूरे खेल का फायदा उठाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4b0ea9dc3adc8f96fee7031418c8a1b1d106f24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68129.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पानीपत, जेएनएन। टोक्‍यो ओलिंपिक में खेलने गए खिलाडि़यों से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने आवास में मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने नाश्‍ते के दौरान खिलाडि़यों से लंबी चर्चा की। पीएम ने जैवलिन थ्राेअर गोल्‍ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा से उनके प्रदर्शन के बारे में पूछा। साथ ही उनका पसंदीदा व्‍यंजन चूरमा भी मंगवाया। उन्‍होंने नीरज से कहा, ये तुम्‍हारा चूरमा तुम्‍हें बहुत परेशान करने वाला है। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जीवन से जुड़ी याद साझा की। + +दरअसल सोमवार यानी 16 अगस्‍त को प्रधानमंत्री आवास पर सभी खिलाड़ी नाश्‍ता कर रहे थे। नीरज चोपड़ा से बातें करते हुए उनके लिए चूरमा मंगवाया। पीएम ने नीरज के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि 'लेकिन ये तुम्‍हारा चूरमा तुम्‍हें परेशान करने वाला है मान लो। आज मैं एक घटना सुनाता हूं तुम्‍हे। वैसे आज अटल जी की पुण्‍य तिथि भी है। अटल जी किसी परिवार में भोजन करने गए थे। बाद में मीडिया वाले भी वहां पहुंच गए। वहां अटल जी ने भोजन करने के बाद कहा कि गुलाब जामुन बहुत अच्‍छे थे। वो खबर पूरे देश में छप गई। + +नीरज चोपड़ा से खूब किए सवाल-जवाब।पीएम मोदी ने नीरज चोपड़ा से सवाल-जवाब किए। पीएम मोदी ने कहा, जीत से सरप्राइज था। जब तुमने सेकेंड बार थ्रो किया तो तुम विक्‍ट्री के मूड में आ गए। ये कैसे संभव हुआ। नीरज ने कहा कि काफी समय से ट्रेनिंग कर रहा। ट्रेनिंग से कांफिडेंस आ जाता है। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि विजय तुम्‍हारे सर पर नहीं चढ़ती और पराजय तुम्‍हारे मन में नहीं बैठता। कुछ तो है ऐसा। नीरज ने कहा, खेल में अपना बेस्‍ट देना होता है। कोशिश करता हूं कि दूसरे के प्रदर्शन की तरफ ध्‍यान न देकर अपने प्रदर्शन पर ध्‍यान देता रहूं। इसके बाद पीएम ने पूछा चूरमा खाया कि नहीं, अभी नहीं खाया होगा। इसके बाद चूरमा मंगवाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68131.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68131.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18c4cd020c5811717944902a8671193c315f9c85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68131.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जी हां, आपको ये बात जानकर हैरानी होगी। पर यह बात सौ फीसद सही है। वर्तमान में तालिबान में सेकेंड इन कमांड और प्रमुख वार्ताकार शेरू अस्सी के दशक में देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) का कैडेट रहा है। अकादमी में डेढ़ साल की प्री मिलिट्री ट्रेनिंग पूरी करने के बाद यह वर्ष 1982 में पास आउट होकर अफगान नेशनल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb255e354ae788199992452f41aabd362d0ffbdd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68132.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर शहर समेत सभी जगह रक्षाबंधन का पर्व शहर में उल्लास संग मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश के मुताबिक रक्षाबंधन का गजकेसरी व शोभन योग लगभग 492 वर्षों के बाद पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर सुबह से शाम 5.32 बजे तक शुभ मुर्हूत रहेगा। इस मुहुर्त में बहनें भगवान गणेश को रक्षासूत्र अर्पित करने के बाद हल्दी-चूना मिश्रित तिलक करके भाइयाें की कलाई पर बाधेंगी तो बहुत कल्याणकारी होगा। भाइयों पर आने वाले सभी संकट गणपति हर लेंगे और सुख-सफलता का आशीष प्रदान करेंगे। उन्हाेंने बताया कि गजकेसरी व शोभन विशेष रूप से कल्याणकारी होता है। हल्दी व चूने का तिलक करने से आयु में वृद्धि होती है। + +उन्होंने बताया कि बहनें रक्षा बंधन पर्व बनाने से पहले भगवान गणेश, शिव व विष्णु भगवान को अर्पित कर पवित्र त्यौहार को मनाए तो उनके लिए शुभ फल की प्राप्ति होगी। शहर में कई स्थानों पर सामूहिक रक्षाबंधन व समाजसेवी संस्थाओं द्वारा रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता रहा है। जो इस बार कोविड संक्रमण के चलते सीमित रूप से मनाया जाएगा। शहर के मंदिरों में इस बार रक्षाबंधन पर्व को लेकर मंदिर प्रबंधन द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भगवान को अर्पित करने के लिए भक्तों को सीमित संख्या में प्रवेश देने और पूजन करने की अनुमति रहेगी। घंटाघर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर, बाबा आनंदेश्वर मंदिर, जागेश्वर मंदिर, बिठूर व अन्य प्रमुख मंदिरों में भक्तों सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66cafaf0b2fcd2180298839887772f6600db164d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68142.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2000 में जेफ बेजोस ने ‘ब्लू ओरिजिन’ नाम से अपनी स्पेस कंपनी की शुरुआत की और पिछले महीने 20 जुलाई, 2021 को वह अपने छोटे भाई और दो अन्य लोगों के साथ पहली बार स्पेस में होकर वापस आये। हमारे जीवन में भी लक्ष्य का महत्त्व वैसे ही है, जैसे आप किसी अनजान शहर में हों और कोई पता ढूंढ़ना चाहते हों तो आप क्या करते हैं? आप जीपीएस का सहारा लेते हैं। जब आप अपना डेस्टिनेशन जीपीएस में डालते हैं, तो वह आपको वहां तक पहुंचने के रास्ते और माध्यम बताता है और आप लक्ष्य तक पहुंचते हैं। इसी तरह हम अगर जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो लक्ष्य का निर्धारण जितनी जल्दी कर लेंगे, उतना ही बेहतर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68146.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68146.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0eef0d89f783fc3e345a154c5391b5d7aebd9610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68146.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्ष 2001 में युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की औसत वृद्धि दर दो प्रतिशत से भी कम रही है। यह वर्ष 2008, वर्ष 2009 और 2020 में नकारात्मक रही। कोविड महामारी के प्रकोप के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक रूप से साढ़े तीन प्रतिशत तक नकारात्मक रही जो पिछली सदी के तीसरे दशक की आर्थिक मंदी के बाद सबसे अधिक है। इस आर्थिक संकट के बावजूद अमेरिका के रक्षा बजट में कोई कटौती नहीं होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिकी साम्राज्यवाद को दुनिया में कोई चुनौती नहीं मिल सके। + +बाइडन प्रशासन ने चीन विरोधी नीतियों को जारी रखा है, जिससे साबित होता है कि न तो तनाव अस्थायी था और न ही ट्रंप के चीन विरोधी पूर्वाग्रह का परिणाम था। चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियों से अमेरिका चिंतित है। ट्रंप युग के प्रतिबंधों के बाद रूस और चीन के साथ ईरान की बढ़ती निकटता ने बाइडन प्रशासन के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। अफगानिस्तान को लेकर चीन और पाकिस्तान की बढ़ती निकटता ने अमेरिका को फौरी तौर पर सोचने को मजबूर किया है। लिहाजा अमेरिका को अपने साम्राज्यवादी युद्ध को समेटना पहली प्राथमिकता है। अफगानिस्तान इस दिशा में पहला बड़ा कदम कहा जा सकता है। चीन अभी अफगानिस्तान में आर्थिक रूप से ही सीमित है, पर भविष्य में इसकी सामरिक व भू-राजनीतिक सक्रियता बढ़ सकती है। शिनजियांग की समस्या इसका एक प्रमुख कारण है। पाकिस्तान के साथ स्थायी शत्रुता से भारत पर इसका गंभीर परिणाम हो सकता है। ऐसे में भारत को अमेरिकी छाया से बाहर निकल स्वतंत्र अफगान नीति तय करनी होगी। अफगान के साथ संबंध को द्विपक्षीय बनाना होगा। चीन के साथ विवादों के मद्देनजर भारत को रूस व ईरान के साथ मिलकर अपने संबंध मजबूत करने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f113dfb20bed9ab678cecfaf0f044b4b24025138 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68147.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तेजी से बढ़ता सेक्‍टर: विभिन्न रोगों के इलाज में काम आने वाली औषधियों के निर्माण, स्टोरेज और डाक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार दवाओं के वितरण से जुड़े विज्ञान को फार्मेसी कहते हैं। मेडिकल के क्षेत्र में हर दिन जिस तरह की नई खोज हो रही है, उसमें फार्मेसी का अहम रोल है। यही वजह है कि पिछले तीन दशकों के दौरान फार्मेसी के जानकार औषधि अनुसंधान और उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आइए जानते हैं फार्मेसी का कोर्स करके आप किस-किस रूप में एक आकर्षक करियर बना सकते हैं:।फार्मासिस्‍ट: देखा जाए तो यह पारंपरिक और सदाबहार नौकरी है। सरकारी व निजी अस्‍पतालों, नर्सिंग होम्स, हेल्थकेयर सेंटर्स आदि में इनकी अनिवार्य जरूरत होती है। डाक्टर के प्रिस्क्रिप्शन को समझ कर उसके अनुसार सही दवा देने के काम काम फार्मासिस्ट ही करते हैं। डाक्टर की बात और पर्चे को ठीक से न समझ पाने के कारण प्राय: ये मरीज या तीमारदार को दवाओं के सेवन के बारे में अच्छी तरह समझाते भी हैं। दवाओं की दुकान खोलने के लिए भी एक फार्मासिस्ट के रूप में समुचित प्राधिकारी से लाइसेंस होना चाहिए। यह लाइसेंस उसे ही मिलता है, जो किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से फार्मेसी का कोर्स किया होता है। + +क्‍वालिटी कंट्रोल एसोसिएट: फार्मा इंडस्‍ट्री में इस विशेषज्ञता वाले प्रोफेशनल्स की भी काफी मांग देखी जा रही है। फार्मास्‍युटिकल से लेकर सभी तरह के मेडिकल डिवाइसेज के प्रोडक्‍शन/ मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स में गुणवत्‍ता मानकों को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रोफेशनल्‍स की सेवाएं ली जाती हैं। बीफार्मा में ग्रेजुएशन करके प्रोडक्‍शन एवं क्‍वालिटी कंट्रोल एसोसिएट के तौर पर करियर शुरू किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..612a6f20e0db1d6a8e195dec895aa8c574304881 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विष्णु शर्मा]। वर्ष 1981 की बात है, दिल्ली में गुटनिरपेक्ष देशों के संगठन के मुखिया क्यूबा के फिदेल कास्त्रो ने प्रस्ताव रखा कि अफगानिस्तान से सारे विदेशी सैनिक बाहर निकाले जाएं, लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव पर वोट ही नहीं किया। तब हम सोवियत संघ के साथ थे, जिसकी सेनाएं वहां घुसी पड़ी थीं, फिर अमेरिका के साथ थे, जिसकी सेनाएं अफगानिस्तान छोड़ गई हैं। इससे अफगानी शरणार्थी कम ही भारत आ पाए, लेकिन आए जरूर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68149.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffcceeb9528f729a9cb9e0a47fa79689e418b22b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेजी से बढ़ेगी टीकाकरण की रफ्तार ।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टीकाकरण के ये आंकड़े जुलाई में ही पूरे हो जाते, लेकिन भारत बायोटेक के बेंगलुरु इकाई में गड़बड़ी के कारण वैक्सीन की सप्लाई बाधित हुई। इसके बावजूद जुलाई में 13.45 करोड़ डोज लगाई गईं और अगस्त के 19 दिनों में 10.20 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त के अंत या सितंबर तक भारत बायोटेक की बेंगलुरु इकाई में उत्पादन शुरू हो जाएगा और उसके बाद टीकाकरण की रफ्तार और तेजी से बढ़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05ff1505fec939436aff9df7d771250971c62c59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूजास्थल बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति ने बयान देकर कहा कि मंदिर में अब कोई भी शा‌र्ट्स या जींस पहनकर नहीं आ सकेगा। ऐसे लोगों पर की एंट्री वर्जित रहेगी। शारदा प्रजापति ने बताया कि कई श्रद्धालुओं की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके चलते यह फैसला किया गया है। धर्म की मर्यादा एवं संस्कृति का पालन करवाने के लिए फैसला लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6c44e7f4f3d68aafa0180b1a1262917312d2233 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपना देश ही कनाडा है। बस काम करने वाला चाहिए। घूमना मेरा शौक है। इलाके के कई युवाओं को इससे रोजगार मिला है। कुछ और युवा भी प्रेरित हो रहे हैं। अब वे भी अपने देश में ही रहकर किस्मत की लकीरों को बदलना चाहते हैं। मेरी युवाओं से अपील है कि मेहनत करें और विदेश जाने का मोह छोड़कर अपने देश में ही नई इबारत लिखें। अब कनाडा जाऊंगा, लेकिन परिवार के साथ घूमने के लिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68163.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f188fc4fa85d706e8a754347410bbaeb7eab3d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68163.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घातक हो सकता है मच्छर का काटना: मच्छर जनित बीमारियों में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है और यह मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने पर होती है, लेकिन इसमें सबसे घातक संक्रमण डेंगू का होता है। मच्छरों के संक्रमण से होने वाली किसी भी बीमारी में खतरा तब और बढ़ जाता है, जब व्यक्ति टीबी, एड्स व कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला होता है। मच्छरों पर यह चर्चा अभी इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि 20 अगस्त 1897 में डा. रोनाल्ड रास ने इस बात का पता लगाया था कि मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। तब से इस दिन को विश्व मच्छर दिवस के तौर पर मनाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..393a574c2c8ac09d82989ee9929a2d7e42b2bb9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अता मुहम्मद नूर।जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख और बल्ख प्रांत के पूर्व गवर्नर अता मुहम्मद नूर भी तालिबान के खिलाफ मोर्चा संभाले लोगों में शामिल हैं। जब 1996 में तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाली तो उन्होंने अहमद शाह मसूद के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा तैयार किया था। अभी बल्ख प्रांत पर तालिबान के कब्जे के बाद से माना जा रहा है कि वह ताजिकिस्तान के इलाके में चले गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..033bec980b686fcca6a1edc8eaa2ca1f2eb313c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन में सिर्फ दो दिन शेष हैं। बाजारों में युवतियां और महिलाएं भाइयों के लिए जहां राखी खरीद रही हैं तो भाई भी अपनी बहनों के लिए तोहफे खरीद रहे हैं। बहन और भाई तोहफे में देने के लिए मास्क, सैनिटाइजर और फेस शील्ड की किट ले रहे हैं। बाजार में उपलब्ध तोहफों, नए ट्रेंड पर नजर डालती यह रिपोर्ट...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3b5c6a46401ae238cc4a615d62a3fe752fa6454 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। रह रहकर गोलियों की आवाजें सुनाई देती हैं। परिवार के लोग अफगानिस्तान में परेशान हैं और हम यहां। ये बताते हुए अफगानिस्तानी छात्रों की आंखें नम हो गई। करीब 20 अफगानी छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में एकत्र हुए थे। कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी ने अफगानी छात्रों को मिलने के लिए बुलाया था। डीयू ने छात्रों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। ।सता रही भविष्य की चिंता ।डीयू में अंतिम वर्ष में 150 छात्र पढ़ते हैं। कुल 20 छात्र डीयू कुलपति से मिलने पहुंचे थे। स्नातक छात्र एहसान कहते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। हमें पता चला है कि तालिबानी घर-घर की तलाशी ले रहे हैं। भविष्य में क्या होगा, ये कहना बहुत मुश्किल है। फिलहाल तो अफगानिस्तान नाजुक दौर से गुजर रहा है। शहरों में गोलियों की आवाजें रुक-रुक सुनाई दे रही हैं। ।किराया देने में दिक्कत ।अब्दुल हसन बताते हैं कि बहुत से छात्रों को घर से आर्थिक मदद की दरकार रहती है। जुलाई में तो घरवालों ने किसी तरह पैसे भेज दिए लेकिन अब हालात बदतर हो चुके हैं। नौकरियां छूट चुकी है। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। बैं¨कग सिस्टम भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है। ऐसे में घर वाले चाहकर भी पैसे नहीं भेज सकते। बहुत से छात्रों को इस महीने से कमरे का किराया और अन्य खर्चों के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी। ।......।डीयू ने इस समय काफी मदद की है। बोनाफाइड सर्टिफिकेट समेत अन्य मदद के लिए आगे आया है। वीजा की अवधि एक साल बढ़ा दी गई है। फिक्र बस इतनी है कि पढ़ाई खत्म होने के बाद क्या होगा? अफगानिस्तान के हालात जाने लायक नहीं है। करीमा, एम अंतिम वर्ष की छात्रा।----------।छात्रों को फेलोशिप मिल जाए तो बेहतर रहेगा। छात्र बहुत परेशान है, सरकार को वीजा की अवधि बढ़ाना चाहिए। विवि ने मिलने के लिए बुलाया है, यह एक अच्छा कदम है। ।स्नातक छात्र।-----------।छात्रों की मुख्य मांगे ।-वीजा अवधि बढ़ाई जाए। ।-फेलोशिप मिले। ।-आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए पहल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67fc21e381395bd9342ea5c4a6379c5027706708 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। अरावली के वन क्षेत्र को लेकर विवाद पर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखेगी। सरकार शीर्ष अदालत में पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए)-1900 में वन क्षेत्र की बाबत किए संशोधन कानून को ही लागू करवाना चाहती है। राज्य सरकार ने 27 फरवरी 2019 को विधानसभा में विधेयक लाकर पीएलपीए-1900 में संशोधन प्रस्ताव पारित कराया था। अब यह कानून भी बन गया है मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाई हुई है। फरीदाबाद के सूरजकुंड रोड स्थित कांत एन्क्लेव और अब खोरी बस्ती में हुई तोड़फोड़ के बाद हरियाणा सरकार के पास तर्क है कि यदि पीएलपीए-1900 के 120 साल पुराने कानून की धारा दो,तीन, चार, पांच और छह में संशोधन को लागू नहीं किया गया तो फिर राज्य में 10945 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ऐसा है जिस पर सामान्य खेती भी नहीं हो सकती। ।असल में 18 अगस्त 1992 को जारी एक अधिसूचना के बाद पीएलपीए-1900 में परिभाषित वन क्षेत्र में शिवालिक का 29,682 हेक्टेयर क्षेत्र, अरावली में गुरुग्राम का 6869 और फरीदाबाद का 4227 हेक्टेयर क्षेत्र ऐसा है, जिस पर गैर वानिकी कार्य नहीं हो सकता। राज्य सरकार चाहती है कि शीर्ष अदालत इस रोक को हटा ले तो वन क्षेत्र में हुए निर्माणों को नियमित किया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई अगस्त के अंतिम सप्ताह में होगी। 23 जुलाई को शीर्ष अदालत ने 19 अगस्त तक वन क्षेत्र के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। ।बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस संचालकों की याचिका पर आएगा अहम निर्णय ।शीर्ष अदालत ने खोरी बस्ती में हुई तोड़फोड़ के मामले के साथ ही बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस संचालकों की याचिका पर भी सुनवाई एक साथ करना सुनिश्चित किया है। इससे यह माना जा रहा है कि राज्य सरकार के पक्ष के बाद बैंक्वेट हाल और फार्म हाउस संचालकों की याचिका पर जो निर्णय आएगा, वह अहम होगा। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र भी शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इसमें भी यह मुद्दा उठाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d42c3735f1e54994088c12831c1e81dfdd42a03b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6817.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +शरद केलकर जल्द ही अभिनेता मनीष पॉल के पोस्टकार्ड में नजर आने वाले हैं। इस शो से जु़ड़ा मनीष पॉल ने एक वीडियो अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया है। इस वीडियो में शरद केलकर अपनी निजी जिंदगी के साथ फिल्मी करियर पर बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वह वीडियो में बताते हैं कि कैसे उन्हें अपनी जिंदगी में आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ा। + +वीडियो में वह बताते हैं कि एक समय था जब उनके पास बैंक खाते में एक रुपया तक नहीं बचा था। वीडियो में शरद केलकर कहते हैं, 'लोग हमारे काम पर विचार करते हैं और यह अच्छा या बुरा हो सकता है। लेकिन संघर्ष पर किसी का ध्यान नहीं देता है। आप दिल्ली से आए हैं ना? मैं ग्वालियर से आया हूं। लोग सोचते हैं कि हम दोनों के पास मर्सिडीज है, हम अच्छे कपड़े पहनते हैं और अपने बालों को अच्छे से संवारते हैं। वह बैकस्टोरी नहीं जानते।'।शरद केलकर वीडियो में आगे कहते हैं, 'मैं अपनी जिंदगी में क्रेडिट कार्ड के कर्जे में था। एक समय ऐसा भी आया है। मेरे पास कोई बैंक बैलेंस नहीं था। इतने सारे देनदारियां थीं। मुझे कर्ज चुकाना था और मेरा क्रेडिट कार्ड भी बंद हो गया था।' इसके अलावा शरद केलकर ने अपने करियर और संघर्ष को लेकर और भी ढेर सारी बातें की हैं। बात करें शरद केलकर के वर्कफ्रंट की तो वह अपनी कई प्रोजेक्ट्स को लेकर सुर्खियों में हैं। + +वह जल्द ही अजय देवगन की फिल्म भुज- द प्राइड ऑफ़ इंडिया में शरद केलकर एक अहम किरदार में दिखने वाले हैं। इसके अलावा एनिमेशन सीरीज द लीजेंड ऑफ़ हनुमान 2 में शरद केलकर नैरेटर यानी सूत्रधार की भूमिका में नजर आएंगे। इस सीरीज में रामायण के अमर किरदार हनुमान की कहानियां दिखायी जाती हैं। इसका दूसरा सीजन 6 अगस्त को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुआ है। वहीं फिल्म भुज- द प्राइड ऑफ़ इंडिया 13 अगस्त को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c3bf607a4067ef30be15ac670de7c2c4b9af8e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महामारियों का इतिहास भी यही बताता है कि वह इंसान के मानसिक स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है। उसके अल्पकालिक व दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते हैं। कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाई गई तालाबंदी, सामाजिक दूरी, घर से दफ्तर का काम, स्कूल-कालेज का बंद होना, महानगरों से पलायन, आíथक अनिश्चितता, 24 घंटे घरों में रहना, रिश्तेदारों से नहीं मिल पाना आदि कारणों ने मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff0eb8a021a8b284d8c48c65f414f4cd015ff80e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिकंदरा के आवास विकास कालाेने सेक्टर छह निवासी कृष्ण मुरारी मिश्र 15 वर्ष पहले हेड कांस्टेबल पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके दो बच्चे हैं। दोनों प्राइवेट नौकरी करते हैं। कोरोना संक्रमण के समय वह भी छूट गई। 24 हजार रुपये पेंशन से वे परिवार का खर्च चला रहे थे। 16 दिसंबर 2020 को अचानक गिरने से उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई। उनके पास इलाज को रुपयों का इंतजाम नहीं था।वकौल कृष्ण मुरारी उन्होंने अपने इलाज के लिए एक रिश्तेदार से पचास हजार रुपये उधार लिए। इसके बाद निजी हास्पिटल में उनका इलाज हो सका। 50308 रुपये का लिखा-पढ़ी में खर्चा हुआ। इसके बिल और डाक्टर के पर्चे समेत फाइल तैयार करके चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ते के लिए उन्होंने पुलिस कार्यालय में जनवरी 2021 में जमा करा दी। पंद्रह दिन बाद फाइल यहां से सीएमओ आफिस पहुंची। यहां से आपत्ति लगाकर फाइल अप्रैल 2021 में पुलिस आफिस भेज दी गई। फाइल में पर्चे पर डाक्टर की मोहर और भर्ती करते समय एचसीपी की हालत का जिक्र न होने पर आपत्ति लगाई गई थी। पुलिस आफिस में वापस आने के बाद फाइल रखी रही। वे जब पता करने गए तो पता चला। एचसीपी ने ये दोनों कमियां दूर कराने के बाद फाइल दोबारा जमा करा दी। इसके बाद भी अब तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ।उन्होंने पुलिस आफिस जाकर पता किया तो वहां से क्लर्क ने बताया कि उनकी फाइल अभी सीएमओ आफिस से वापस नहीं आई है। सीएमओ आफिस में पता किया गया तो वहां से कहा जा रहा है कि फाइल 14 जुलाई को पुलिस आफिस भेज दी गई है। अब उनकी फाइल ही नहीं मिल रही है। सेवानिवृत्त एचसीपी अब दोनों आफिसों के बीच चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा। उनका कहना है कि मैंने कभी रिश्वत न ली थी और न ही दी है।अगर मैं इस फाइल को स्वीकृत कराने को सुविधा शुल्क दे देता तो अब तक रुपयों का भुगतान हो गया होता। कृष्ण मुरारी अकेले परेशान नहीं हैं। ऐसे तमाम पेंशनर इन आफिसों के चक्कर लगा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68175.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68175.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..363eea975d52f5ce29c8ffb98477a58651cf8bfb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68175.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +झारखंड में खनिज की बहुलता के कारण फेरियस सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट, अल्युमीनियम हाइड्रोक्साइड, जिंक आक्साइड आदि दवा के निर्माण की काफी संभावनाएं हैं। यहां वार्षिक तौर पर 52 हजार टन लघु वनोपजों का उत्पादन होता है। इनमें अर्जुन छाल, आंवला, सर्पगंधा, कालमेघ, सोना छाल, सतावर आदि शामिल हैं। राज्य में वर्तमान में फार्मा के सब सेक्टर से संबंधित 90 इकाइयां कार्यरत हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के सहयोग से पीएमएफएमई की झारखंड में शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत राज्य के 15 उत्पादों का चयन किया गया है। इसके जरिये छोटी-छोटी फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना में निवेश करने के इच्छुक लोगों को भी 10 लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा। राज्य में ऐसी इकाइयों की संख्या 5900 तक हो सकती है। इस प्रकार हर जिले में औसतन 250 छोटे उद्यमियों अथवा स्वयं सहायता समूहों की मदद की जा सकेगी। निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार 110 करोड़ रुपये भी खर्च करेगी। इससे संबंधित प्रस्ताव भी जल्द ही कैबिनेट में आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db6af1f64467b04235c54ec5cb0f1b8bbe5f1b06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68177.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिले में 72 हजार हेक्टेयर में आलू की फसल होती है। फरवरी में खोदाई के बाद अधिकतर किसान फसल को भंडारित कर देते हैं। दिल्ली सहित दक्षिण भारत की मंडियों में आगरा के आलू की मांग सर्वाधिक होती है। फिलहाल 250 से 300 ट्रक आलू रोज बाहर की मंडियों में जा रहा है, लेकिन इसकी मांग धीरे-धीरे घटने वाली है। कर्नाटक के हासन की फसल बंपर हुई है, लेकिन बारिश से खोदाई प्रभावित होने के कारण बाजार में आने में देरी हुई। दिल्ली मंडी में हासन की आवक भरपूर होते ही बाहर की मंडियों में आगरा की मांग घट जाएगी। इसलिए किसानों को नियमित निकासी का सुझाव शीतगृह संचालक दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4827f29390fa79ec7d7c96a716ff12c63839403e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68178.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +डा. विजय कुमार सिंह। वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से वैश्विक भू-राजनीति जैसे मुद्दों में भारी बदलाव आया है, लेकिन यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की वर्तमान संरचना भी वर्ष 1945-46 की भू-राजनीतिक परिस्थितियों का प्रतिनिधित्व करती हुई नजर आती है। जब यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी तब उसके चार्टर पर दस्तखत करने वाले सिर्फ 50 देश थे। आज उनकी संख्या 193 हो गई है, लेकिन उसकी संरचना में खास बदलाव नहीं आया है। कहा जा सकता कि आज जो सुरक्षा परिषद है वह उस भू-राजनीतिक परिस्थिति का प्रतिनिधित्व करती है जो द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में थी। + +संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से कई देश इसमें शामिल हुए हैं, इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद नए देशों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने में असफल रहा है। आज भी दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका जैसे महाद्वीप का एक भी देश संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य नहीं है। एशिया जैसे बड़े महाद्वीप का भी प्रतिनिधित्व उसके महत्व के अनुरूप नहीं है। बीते दशकों में विश्व की आर्थिकी व राजनीति का स्वरूप बहुत बदल गया है और विकासशील देशों की संख्या तेजी से बढ़ी है, किंतु स्थायी सुरक्षा परिषद में केवल एक देश ही विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व करता है। + +भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। ऐसा ही ब्राजील के साथ है। जापान विकसित देश है और जर्मनी यूरोप का सबसे समृद्ध राष्ट्र है। परंतु इनमें से कोई भी सुरक्षा परिषद में नहीं है। ऐसे में यह कह सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं है और चुनौतियों का समाधान करने में असमर्थ है। वैश्विक बिरादरी के समक्ष नए मुद्दे मसलन पर्यावरण, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और शरणार्थी समस्या इत्यादि ज्यादा प्रासंगिक हो गए हैं। अत: यूएन तथा इसकी सुरक्षा परिषद की संरचना और कार्यशैली में भी बदलाव होना बेहद जरूरी है। कोविड महामारी को 21वीं सदी में मानवता का सबसे बड़ा संकट माना जा रहा है। लेकिन संकट के इस वैश्विक परिदृश्य में जिस प्रकार संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन का असफल नेतृत्व दिखा, वह वाकई चिंताजनक है। इसमें कोई शक नहीं कि संयुक्त राष्ट्र कोरोना वायरस के वैश्विक संकट पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में असमर्थ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa785e67095aee4b6789f7e990fab82a753661b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6818.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला हमेशा ही अपनी जबरदस्त स्टाइल और ड्रेसिंग सेंस के लिए जानी जाती हैं। उर्वशी का स्टाइल उनके फैंस को इस इतना भात है कि वह देखते ही देखते वालयर हो जाता है। वह एक्टिंग के साथ ही सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। आए दिन उर्वशी अपनी सीज़लिंग और ग्लैमरस तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। उनकी अदाएं हमेशा ही फैंस को दीवाना बनाती हैं। इसी बीच उर्वशी ने अपनी कुछ बेहद ही हॉट तस्वीर शेयर की हैं। इन तस्वीरों में वह पूल में बिकिनी पहने आग लगाती नजर आ रही हैं। वहीं उनके साथ अरब के सुपरस्टार मोहमद रमजान भी पूल में नजर आ रहे हैं। इस दौरान की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। + +इसके अलावा उर्वशी ने अपनी एक और तस्वीर शेयर की हैं जिसमें वह पिंक कलर का मिनी स्कर्ट पहने नजर आ रही हैं। इस तस्वीर में उनका लुक काफी ग्लैमरस नजर आ रहा है। इस दौरान उन्होंने लाइट मेकअप किया हुआ है, जो उन पर काफी अच्छा लग रहा है। इस फोटो को शेयर करते हुए उर्वशी ने कैप्शन में लिखा है, 'PUNCH ???? ME IN THE HEART....HARD'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68180.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68180.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5b6f377e9a3fe9bd8f2edb1118c711845b8f0f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68180.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शोर बाजार, काबुल, में पैदा होने वाली सावी बताती हैं कि उनके पिता शेर सिंह और माता बेबी कौर अभी भी करता परवान गुरुद्वारा साहिब में दिन काट रहे हैं। गुरुद्वारा साहिब में खाने पीने की पूरी व्यवस्था है, लेकिन सभी दहशत में हैं। फिलहाल अफगानी सिख करता परवान गुरुद्वारा और मनसा सिंह गुरुद्वारा में ही हैं। उनके माता पिता को कब भारत आने वाली फ्लाइट में टिकट मिलती है, वह उसका वह इंतजार कर रहे हैं। सावी के अनुसार कनाडा और अमेरिका ने भी अपने वतन में उन्हें पनाह देने की बात कही है, अब अफगानिस्तान से रिश्तेदार आ जाते हैं तभी कुछ कहा जा सकता है कि उनका अगला घर कहां होगा। फिलहाल अफगानिस्तान से आ रहे लोग नई दिल्ली में रुकेंगे। + +तालिबान लड़ाकें गुरुद्वारा साहिब पहुंचे।सावी के माता पिता ने फोन पर बताया कि पहले इस गुरुद्वारा साहिब में अफगान सेना के दस जवान सिखों की सुरक्षा के लिए तैनात थे, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद वह सैनिक गुरुद्वारा साहिब छोड़ चले गए। उसके बाद तालिबान के लड़ाकों ने आकर गुरुद्वारा साहिब का जायजा लिया और उन्हें आश्वासन देते रहे कि वह बिना किसी डर के यहां रहें। उनकी सुरक्षा तालिबान करेगा, लेकिन इसके बावजूद सिखों में दहशत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70edc75ec8384de3d2fc95a7bc8e4a200773534b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68181.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ठीक ढाई दशक पूर्व का वो गौरवशाली दिन आज भी टीम के मुख्य प्रशिक्षक सरकार तलवाड़ के मन मस्तिष्क पर उसी तरह से अंकित है। भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम अध्याय के दिन की पूर्व संध्या पर सरकार तलवाड़ ने इन सुनहरी यादों को बखूबी याद किया। रितेंद्र सोढ़ी के नेतृत्व में भारतीय टीम इंग्लैंड पहुंची थी। टीम के उप कप्तान मोहम्मद कैफ थे और इस टीम में फरीदाबाद के ईशान गंडा भी शामिल थे। + +पहले मैच में दी थी मेजबान इंग्लैंड को शिकस्त ।सरकार तलवाड़ ने बताया कि हमारी टीम जब इंग्लैंड पहुंची, तो हमें बड़े हल्के में लिया जा रहा था, पर पहले ही मैच में मेजबान इंग्लैंड को एक विकेट से रोमांचक शिकस्त देकर सभी को चौंका दिया। इस जीत से टीम के हौसले बढ़ गए थे। टीम को अंतिम ओवर में 11 रन चाहिए थे, तब ईशान गंडा ने छक्का जड़ कर भारतीय टीम को अविश्वसनीय जीत दिलाई थी। ग्रुप ए में शामिल भारतीय टीम ने बाद में वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे व कनाडा को हरा कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..906eb8ab06fb8a6ccd8dde8a696d7172f8609e44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68182.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, यशपाल चौहान। हाथ से जीडी और एफआआर दर्ज करने का दौर अब खत्म हो गया। थाने के मुंशियों के हाथ में अब कलम के बजाय कंप्यूटर का की बाेर्ड है। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) के तहत आनलाइन पुलिसिंग की जा रही है।इसी के तहत यूपी काप एप जारी किया। इस पर एफआइआर देखनेसे लेकर अन्य तमाम सुविधाएं आम आदमी के लिए दी गई हैं। मगर, थानों से आनलाइन अपडेट होने के बाद भी एप पर डाटा अपडेट नहीं हो पा रहा है। + +सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट में थाने का पूरा कामकाज आनलाइन कर दिया गया। थाने की जनरल डायरी (जीडी), मुकदमों की विवेचना की केस डायरी से लेकर एफआइआर तक आनलाइन दर्ज करने को कहा गया।देश के सभी थानों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया, जिससे अपराध और अपराधियों की ट्रैकिंग आसानी से हो सके।मगर, सर्वर पर अत्यधिक लोड को देखते हुए इस प्रोजेक्ट के तहत आनलाइन के साथ-साथ आफलाइन विकल्प भी दिया गया। आफलाइन जीडी में एंट्री करने, एफआइआर दर्ज करने और केस डायरी के पर्चे काटने के बाद इन्हें आनलाइन करना होता है।अधिकतम थाने वाले आनलाइन के बजाय इसमें आफलाइन विकल्प ही चुन रहे हैं।बाद में इसे सर्वर पर सिंक करा दिया जाता है, जिसके बाद डाटा आनलाइन हो जाता है। कई थानों डाटा सिंक कराए जाने के बाद भी यूपी काप एप पर एफआइआर अपडेट नहीं दिख रही हैं।जबकि कुछ थाने यूपी कॉप एप पर भी अपडेट चल रहे हैं।कई थानों में एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन एप पर पंद्रह दिन पुरानी एफआइआर दिखाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e194fd4f39ae576901a5bd37be0f39a0f043497 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68183.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +आगरा, जेएनएन। 'करन-अर्जुन' तो लगभग सभी ने देखी है। पुनर्जन्‍म पर आधारित ये फिल्‍म हिट रही थी। विज्ञान और तकनीक का दौर है। पुनर्जन्‍म की कथाएं सभी ने सुनी हैं लेकिन विज्ञान की कसौटी पर इन बातों को अक्‍सर नकार दिया जाता है। मैनपुरी में आठ साल के बच्‍चे की दास्‍तां जब सुनेंगे तो यकीन हो जाएगा कि ये कोरा अंधविश्‍वास नहीं है, इस तरह की घटनाएं होती हैं। यहां आठ साल पहले नहर में डूबने से मृत बालक ने पूर्व जन्म के माता-पिता को पहचाना तो देखने वाले दंग रह गए। आठ साल पहले अपने बेटे को खोने वाले दंपती की आंखों से आंसू टपकने लगे। बच्‍चे चंद्रवीर ने जैसे ही कहा कि वो उनका बेटा रोहित है, दंपती ने उसे बांहों में भर लिया। + +पुनर्जन्‍म में चंद्रवीर के माता, पिता और बहन। ।छह साल की उम्र से आने की कह रहा था।पिता रामनरेश ने बताया कि चंद्रवीर का जन्म 30 जून 2013 को हुआ। दो वर्ष की उम्र में ही वो बोलने लगा। तभी नगला सलेही का नाम लेने लगा था। छह साल की उम्र में चंद्रवीर नगला सलेही जाने की जिद करने लगा। वो अक्सर अपने पूर्व जन्म की घटना सुनाता था। बाल हठ देख गुरुवार तीसरे पहर चंद्रवीर को लेकर नगला सलेही पहुंच गए। + +शिक्षक को देखते ही छू लिए पैर।प्रमोद कुमार के घर भीड़ देखकर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र यादव भी आ गए। उन्हें देखते ही चंद्रवीर ने गुरुजी कहते हुए उनके पैर छू लिए। इतना ही नहीं, चंद्रवीर ने गांव के अन्य लोगों को भी पहचान कर उनके नाम बताए। उसने विद्यालय पहुंचकर अपना क्लास रूम भी पहचान लिया। + +चंद्रवीर और पूर्व जन्‍म का रोहित। ।नगला सलेही में रुकना चाहता था चंद्रवीर।चंद्रवीर ने कुछ दिन अपने पूर्व जन्म के माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जताई। प्रमोद और उनकी पत्नी भी चंद्रवीर को कुछ दिन अपने साथ रखना चाहती थीं। लेकिन चंद्रवीर के पिता रामनरेश इसके लिए तैयार नहीं थे। गांव के लोगों के समझाने पर रामनरेश ने वादा किया कि वह बेटे को समय-समय पर यहां लाते रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe45845dc20a79c3e72467c2b5333c64cac66d80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़ , [वैभव शर्मा]। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का चंडीगढ़ से खास कनेक्शन है। सचिन ने अपने टेस्ट करियर अंतिम टेस्ट मैच होम ग्राउंड वानखेड़े स्टेडियम (मुंबई) में खेला था, लेकिन कम ही लोग यह जानते हैं कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपना घरेलू टेस्ट डेब्यू चंडीगढ़ में किया था। सेक्टर-16 स्थित क्रिकेट स्टेडियम में मास्टर ब्लास्टर सचिन ने घरेलू टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। उस समय सचिन 17 साल के थे। इससे पहले सचिन से दूसरे देशों के खिलाफ उन्हीं की सरजमीं पर खेल चुके थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbf04c36d8caaf362ae857bc3b7d278ef3514b67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उदाहरण के तौर पर पहली डोज लगने के बाद एंटी बाडी लेवल 60 फीसद था तो दूसरी डोज लगने के तीन माह बाद यह 46 फीसद पाया गया। हालांकि एंटी बाडी का यह लेवल भी कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है, पर रिसर्च टीम का मानना है कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद एंटी बाडी का लेवल इतना नीचे आना संकेत है कि एक साल बाद बूस्टर डोज यानी तीसरी डोज लगवानी पड़ सकती है। अब नौंवें और बारहवें महीने भी इन स्वास्थ्य कर्मियों का एंटी बाडी टेस्ट किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24fc466eb23d951756e6c34ccca4d5a0d1d8c663 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68189.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में रह रहे अफगानी छात्रों को परिवार की चिंता सता रही है। ये इंटरनेट मीडिया के जरिये अपने परिवार की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। आइआइटी रुड़की में पीएचडी व पीजी पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले अफगानिस्तान के छात्रों की कुल संख्या 58 है। इनमें से 31 छात्रों ने इस साल प्रथम सेमेस्टर में दाखिला लिया था। इस समय पीएचडी और पीजी पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले सात अफगानी छात्र संस्थान के कैंपस में मौजूद हैं। + +तालिबान का समर्थन करने वाले पछताएंगे : तूर।अफगानिस्तान में भारत के कार्यवाहक राजदूत रहे आजाद सिंह तूर ने तालिबान की कार्रवाई का समर्थन करने वालों को आडे़ हाथ लिया है। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि तालिबान की कार्रवाई को उचित बता रहे लोगों को कुछ ही दिन में सच्चाई का पता चल जाएगा और वे पछताएंगे। तालिबान की सोच पुराने कबीलों की तरह है। वह किसी दूसरे की आजादी बिल्कुल सहन नहीं करते हैं। महिलाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। तूर ने कहा कि तालिबान से अलकायदा जैसे संगठनों को निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा। आतंकी हमले बढ़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d196d1d192b75618e5c35002223f1258a9ad81ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी प्रकाशन।सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी लखनऊ और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने भी परीक्षण के बाद इस शोध पर मुहर लगा दी है। नीदरलैंड के रिसर्च जर्नल 'एल्सवीयर' के साथ ही चीन के रिसर्च जर्नल में भी इसके प्रकाशन से शोध को अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ced7e8d62db1ccf9b6fb4d358dbb6277c248747 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +  - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल ही में आपकी मुलाकात हुई है। उनके साथ मुलाकात कर कैसा महसूस हुआ?।- प्रधानमंत्री जी ने मुझे प्यार और आशीर्वाद दिया। उनका साथ मुझे हमेशा याद रहेगा। ऐसा ही स्नेह मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी से प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और आशीर्वाद मुझे आगे बढ़ने का साहस देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f700170cf1d4851158eb3e1b2757d670e17558a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्नैपसीड।फोटो एडिटिंग के लिए यह भी बेहतरीन टूल है। फोटो के हिसाब से टूल्स और फिल्टर्स का इस्तेमाल कर पाएंगे। इसमें क्राप, रोटेट, व्हाइट बैलेंस, ब्रश, हीलिंग, विगनेट, टेक्स्ट, लेंस ब्लर, टोनल कंट्रास्ट, एचडीआर स्कैप, फेस पोज, फेस इनहांस, ब्लैक ऐंड व्हाइट आदि जैसे टूल्स भी मिलेंगे। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d058d51467b7c67c8d3d2732ae95af1d31ed100 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68201.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस समय देश में रेल कोच फैक्ट्री (RCF) कपूरथला के अलावा चेन्नई और रायबरेली में ही तीन औद्योगिक इकाइयां हैं, जहां रेल डिब्बों का निर्माण होता है। हर कोच फैक्ट्री में अब सिर्फ स्टेनलेस स्टील वाले एलएचबी कोच का ही निर्माण होता है। इनमें सालाना आठ से नौ हजार कोच बन रहे हैं, लेकिन अगर स्टेनलेस स्टील के रेट में इस तरह इजाफा होता रहा, तो आने वाले समय में कोचों के उत्पादन कम हो सकता है। भारतीय रेलवे को कलपुर्जों की सप्लाई करने वाली देश की तमाम औद्योगिक इकाइयों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोहे की तरह स्टेनलेस स्टील के टेंडरों में प्राइस वेरिएशन क्लाज लागू न होने की वजह से रेलवे सप्लायरों को नुकसान हो रहा है। + +60 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़े दाम।304 ग्रेड वाले स्टील की कीमत पिछले ढाई माह में 185 रुपये से बढ़ कर 245 रुपये प्रति किलो हो गई है, जबकि 409 ग्रेड वाले स्टील की कीमत 90 से बढ़कर 123 रुपये तक पहुंच गई है, लेकिन टेंडर के समय स्टील का रेट करीब 25 से 30 फीसद कम था। अब सप्लायरों को सप्लाई बढ़े हुए रेट पर देनी पड़ रही है। अगर वह समय पर सप्लाई नहीं देंगे तो उनका रिकार्ड खराब होगा और आगे से टेंडर लेने में दिक्कत होगी। इस वजह से तमाम सप्लायर मजबूरन घाटा खाकर सप्लाई सुनिश्चित बनाने में लगे हैं। उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांग स्वीकार कर ले तो रेलवे पर आधारित सैकड़ों उद्योग बच सकते हैं। + +वेरिएशन का प्रविधान जोड़ा जाए।चैंबर्स आफ कामर्स पंजाब के सदस्य पीएस सिद्धू एवं सुरेश जैन ने सरकार से मांग की है कि लोहे की तरह स्टील के कलपुर्जों की सप्लाई में भी प्राइस वैरिएशन का प्रविधान जोड़ा जाए, ताकि सप्लायरों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके। हालांकि, RCF के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एवं सेक्रेटरी टू जीएम बलदेव राज का कहना है कि यह करार का हिस्सा है। करार के समय टेंडर में लिखा होता है, उसी हिसाब से भुगतान होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c2c8b2eca97ebfd25c19a6d48c31ca6618b89ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बकौल होतम पाल ने बताया कि 1969 में पिंजौर से अपने एक मित्र से कांधारी अनार का एक पौधा लेकर आए थे। पहली बार उन्‍होंने आठ रुपये किलो अनार बेचा था। इसके बाद आज कुल्लू जिला को प्रदेश का सबसे बड़ा अनार उत्पादक के रूप में जाना जाता है। होतम पाल 1995 में शिक्षा विभाग के बीपीओ पद से सेवानिवृत हुए हैं, इन्हें जाने माने समाजसेवी के रूप में भी जाना जाता है। इनकी हिम्मत, उत्साह की वजह से थरास गांव को हिमाचल का अग्रणी गांव के रूप में जाना जाता है। शुरू में बहुत सी कठिनाइयां आईं, लेकिन आज वह उन्‍नत बागवान हैं। वह प्रदेश के कई लोगों को मुफ्त में अनार के पौधे प्रदान कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d313726ee7dff3dd74d2306fa204385a3ec8812f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क।  ICC T20 World Cup 2021 के पूरे कार्यक्रम की घोषणा आइसीसी ने कर दी है और अब सभी टीमें का एलान भी जल्द हो जाएगा। न्यूजीलैंड के बाद आस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने अपनी टीम का एलान कर दिया है। वहीं, भारतीय टीम के चयन में सबसे ज्यादा मुश्किल कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री और चयनकर्ताओं को होने वाली है, क्योंकि कुछ ऐसे स्थान हैं, जिसके लिए कई खिलाड़ी दावेदार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e07e7628443e6d3c25b5828e24cd185b50b8a82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68207.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +देखा जाए तो तालिबान ने जिस अनुरोध के स्वर में भारत से अफगानिस्तान में चल रही अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहा है और इसके लिए आम जनता का वास्ता दिया है, उससे साफ पता चलता है कि कबीलाई आक्रामकता के कारण उसने सत्ता भले आसानी से हासिल कर ली हो, लेकिन अफगानिस्तान को नए सिरे से खड़ा करना इतना आसान नहीं है। अगर हमने तालिबान पर अपने अनुमानित निष्कर्षों के आधार पर अफगानिस्तान को पूरी तरह से छोड़ दिया यानी अपने डिप्लोमेटिक मिशन को वहां खत्म कर दिया तो हमारे नुकसान के साथ ही इससे पाकिस्तान को फायदा होगा। वह हमें अफगानिस्तान के भगोड़े नेताओं खासकर राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ जोड़कर दिखाने की कोशिश करेगा, जिनके बारे में कहा जाता है कि वो अफगानिस्तान का बहुत सारा धन लेकर चंपत हो गए हैं। इससे हमारी छवि को ऐतिहासिक धक्का लगेगा। + +अफगानिस्तान के बहुत से लोग भागकर भारत आना चाहते हैं और जो भारत में हैं वो भी इस सच्चाई की तस्दीक करते हैं कि भारत और भारतीय लोग अफगानिस्तान के वास्तविक हितैषी हैं। लेकिन एक बार हमने काबुल से भारतीय मिशन को पूरी तरह से बंद कर दिया तो हम अपनी छवि को पाकिस्तान द्वारा मनमानी गढ़ने के लिए छोड़ देंगे। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान से भागते ही न सिर्फ खुद को, बल्कि अफगानिस्तान की पुरानी सरकार व उसके तमाम सहयोगियों को भी सवालिया घेरे में खड़ा कर दिया है। लोगों को अहसास होने लगा है कि जिस तरह से अफगानिस्तान के सत्तारूढ़ नेता संकट के समय भागे हैं, उससे पता चलता है कि वो अफगानिस्तान के हितैषी नहीं हैं और उनके ये निष्कर्ष किसी हद तक उन देशों पर भी चस्पा होते हैं, जो पिछली सरकार को समर्थन कर रहे थे, जिनमें भारत भी एक था। + +अब जबकि पिछली सरकार के मुखिया और कई दूसरे नेता अफगानिस्तान को मझधार में छोड़कर भाग गए हैं, ऐसे में भारत का पूरी तरह से अफगानिस्तान को छोड़ देना उन्हीं भगौड़े के पाले में खड़ा करेगा। हमें इस बात को भी ध्यान रखना चाहिए कि अफगानिस्तान समेत एशिया के ज्यादातर मुस्लिम देशों में अमेरिका और यूरोपीय देशों की छवि अच्छी नहीं है, जबकि भारत इन सभी देशों में सम्मान का पात्र है। इसलिए हमें महज अमेरिका के साथ दोस्ती निभाने के लिए अपनी इस ऐतिहासिक छवि का नुकसान नहीं करना चाहिए। साथ ही, पाकिस्तान और चीन के द्वारा भविष्य में भारत को अफगान विरोधी के रूप में दुष्प्रचारित करने से रोकने के लिए भी भारत को अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति बनाए रखनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68210.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed537be13e69adb529cc9c38ab8b973d5343213d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68210.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, यशा माथुर।नीरज चोपड़ा की 'स्वर्ण यात्रा' में उनका लगातार प्रयास करते रहना उनके आत्मविश्वास और मेहनत को दर्शाता है। वह कई बार हारे भी, यहां तक कि उनकी दाहिनी कलाई में जब चोट लगी तो एक बार उन्हें लगा कि अब क्या वह अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे? लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा। लगातार कोशिश करते रहे। चाहे असफलता मिली लेकिन विश्वास को नहीं टूटने दिया। उन्होंने इस डर का सामना किया और आगे निकले। अगर आप डर के सामने रुक गए तो निराशा ही हाथ लगेगी लेकिन अगर डर से आगे एक कदम भी बढ़ा लिया तो आप दस कदम आगे चले जाएंगे। + +गिव-अप नहीं करना है।नीरज जो अपना सर्वश्रेष्ठ देने की बात करते हैं तो इससे सफलता मिलती ही मिलती है लेकिन अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए सबसे पहले कोशिश करनी पड़ती है। कोशिश करते-करते आपको असफलता भी मिल सकती है लेकिन आपको छोडऩा नहीं है बल्कि अपनी कोशिशें लगातार करते रहनी हैं। बेस्ट देना सिर्फ एक कदम नहीं है बल्कि बार-बार गिरकर उठना, अपने उद्देश्य को लेकर डटे रहना जैसी चीजें होती हैं। वह सालों की मेहनत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68215.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68215.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a9dcd96ae16468bb08b3d5055fb6250986b7bab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68215.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटोग्राफी डे का इतिहास ।वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाने के पीछे की कहानी सैकड़ों साल पुरानी है। आज से करीब 181 साल पहले घटी एक घटना के बाद से ही ये दिन मनाया जाता है। इसकी शुरुआत फ्रांस में 9 जनवरी, 1839 से शुरू हुई थी। उस वक्त डॉगोरोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। इस प्रक्रिया का आविष्कार फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने किया था। 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की थी और इसका पेटेंट प्राप्त किया था। इसी दिन की याद में वर्ल्ड फोटोग्राफी डे यानी विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13e8dd715c492dd74a2f30f6f04c00e8e8bdf488 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68218.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सोनू राणा]। दिल्ली, हरियाणा व पंजाब में नवंबर-दिसंबर में काफी पराली जलाई जाती है, जिस वजह से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। लोगों को भी सांस लेने में परेशानी होती है। इस समस्या का समाधान नरेला विधानसभा क्षेत्र के तिगीपुर गांव के एक किसान ने निकाला है। हालांकि इसके लिए कुछ मशीनों की जरूरत होती है, जिसके लिए किसान ने दिल्ली सरकार से मदद की गुहार लगाई है। किसान का दावा है कि अगर सरकार की ओर से हर गांव को यह मशीन उपलब्ध करवा दी जाए तो कोई किसान पराली नहीं जलाएगा। तिगीपुर गांव के किसान पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि पराली से जैविक खाद बनाई जा सकती है। वह पहले भी 30 एकड़ खेत की पराली से खाद बना चुके हैं। पराली से बनी खाद से फसल भी अच्छी होती है। ।गहलोत ने बताया कि धान की कटाई के बाद खेत में धान के अवशेष बच जाते हैं, आमतौर पर किसान इसे जलाते हैं जिसे पराली जलाना कहा जाता है। इसी तरह की एक एकड़ खेत में करीब 15 क्विंटल पराली होती है। खाद बनाने के लिए पराली को इकट्ठा कर खेत में एक तरफ दो फिट की चौड़ाई में रख दिया जाता है। इसके ऊपर ताजा गोबर की खाद डाल दी जाती है। इसके बाद खरपतवार या किसानों के खेतों में खराब हुई सब्जियां या मंडियों में सड़ी हुई सब्जियां डाली जाती हैं। एक लेयर होने के बाद फिर से पराली, गोबर खाद व खराब सब्जियां डाल दी जाती हैं। ऐसा करके इसे छह से सात फिट तक ऊंचा कर दिया जाता है। नमी के लिए इस पर पानी का छिड़काव किया जाता है। 40 से 45 दिनों के दौरान पांच से छह बार पानी का छिड़काव करने के बाद पांच से छह बार टर्निंग मशीन से मिक्स किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तरह 45 दिन में करीब 30 एकड़ खेत की पराली से चार एकड़ खेत के लिए जैविक खाद तैयार हो जाती है। + +सरकार से की मशीनें उपलब्ध करवाने की मांग।किसान गहलोत ने बताया कि दिल्ली के किसानों के पास इस तरीके से पराली से जैविक खाद बनाने के उपकरण नहीं हैं। उपकरण महंगे आते हैं, किसान इसे खरीद नहीं सकते। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हर दो गांव के साथ एक रेक मशीन, एक बे¨लग मशीन व एक टर्निंग मशीन उपलब्ध करवा दे या इसे खरीदने में सब्सिडी दे तो किसान इसे आसानी से खरीद सकेंगे और पराली भी नहीं जलाएंगे। ।उन्होंने बताया कि धान काटने के बाद जो अवशेष बच जाते हैं उसे रेक मशीन की मदद से जमीन से पूरी तरह उखाड़ कर निकाल दिया जाता है। इसके बाद बेलिंग मशीन की मदद से इसे इकट्ठा कर इसकी गठरी बना दी जाती है। उन्होंने बताया कि टर्निंग मशीन से पराली, गोबर खाद व खरपतवार के ढेर को मिक्स कर दिया जाता है। हाथों से यह करना कठिन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71e94afa17c856dd9ac06647ca443a3deae66ef5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6822.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने जेवलिन थ्रो में यह गोल्ड मेडल हासिल कर भारत का नाम रोशन किया है। उनकी इस जीत पर पूरे देश में खुशी की लहर है। आम से लेकर खास तक, हर कोई नीरज चोपड़ा को इस ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दे रहा है। उनकी जीत को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट भी वायरल हुईं। उनमें से एक पोस्ट अक्षय कुमार को लेकर भी रही। + +दरअसल टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा की जीत के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा होने लगी कि उनकी बायोपिक बनती है तो उसमें अक्षय कुमार उनकी भूमिका अदा करेंगे। वहीं दूसरी ओर अक्षय कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर अभिनेता की कोई बायोपिक बनती हैं तो नीरज चोपड़ा उसमें काम करें। क्योंकि वह भी गुड लुकिंग हैं। अब अक्षय कुमार के इस बयान पर केआरके (कमाल आर खान) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। + +खुद को फिल्म क्रिटिक्स बताने वाले केआरके अक्सर फिल्मी सितारों के लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं और उन पर निशाना भी साधते रहते हैं। अब उन्होंने अक्षय कुमार को लेकर अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'अक्षय कुमार ने कहा- मेरी बायोपिक में नीरज चोपड़ा निभाएं मेरा रोल। अक्की भाई यह एक अच्छा विचार है। कम से कम लोगों को तो पता चल ही जाएगा कि कनाडई बनने के लिए आपने भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ दी। और आपने कनाडा मैं कितना माल पार किया, और कैसे किया? मैं पहला शो देखूंगा भाई।'।सोशल मीडिया पर अक्षय कुमार के लिए किया केआरके का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। अभिनेता के फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनके ट्वीट पर कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। गौरतलब है कि केआरके अक्सर फिल्मी सितारों और उनकी फिल्मों की आलोचना करने की वजह से चर्चा में रहते हैं। हालांकि उन्हें बहुत बार ट्रोलर्स का भी सामना करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04453edac3c142696a1d62571e7508e261c2c062 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68221.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल मिलता है।सरकारी गल्ले की दुकानों पर कार्ड धारकों को सस्ते दामों में राशन दिया जाता है। कोरोना से पहले महीने में एक बार राशन बंटता था। इसमें पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को पांच किलो प्रति यूनिट व अंत्योदय कार्ड धारकों को एक मुश्त 35 किलो राशन मिलता है। दो रुपये प्रति किलो गेहूं व तीन रुपये प्रति किलो चावल की कीमत निर्धारित है। अब कोरोना काल में सरकार महीने में दो बार मुफ्त राशन बांट रही है। इसमें एक बार केंद्र तो दूसरी बार प्रदेश सरकार राशन देती है। + +पकड़ा गया फर्जीवाड़ा।पिछले दिनों सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए आय प्रमाण पत्र अनिवार्यता कर दी है। इसमें देहात क्षेत्र में अधिकतम दो लाख व शहरी क्षेत्र में तीन लाख तक सालना आय का मानक निर्धारित है, लेकिन प्रदेश में बड़े स्तर पर अपात्र राशन पा रहे हैं। अब पिछले दिनों शासन स्तर से ही ऐसे ही 63991 संदिग्ध कार्ड धारक चिह्नित किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f2ad97bc0bf2093a5430ce707d674aecb882379 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैरियाट्रिक सर्जरी की प्रक्रिया: अगर किसी का बीएमआई 32.5 है और उसमें टाइप 2 डायबिटीज, स्लीप एप्निया या हाई ब्लडप्रेशर की समस्या है तो वह बैरियाट्रिक सर्जरी करा सकता है। बीएमआई और मरीज की जरूरतों के आधार पर, एंडोस्कोपिक /लेप्रोस्कोपिक /रोबोटिक सर्जरी आफर की जाती है। जब थोड़ा वजन कम करने की बात आती है तो एंडोस्कोपिक सर्जरी को प्राथमिकता दी जाती है और अगर केस गंभीर हुआ तो रोबोटिक सर्जरी की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4dd9595cfd901b66ea934e005d9235f8fd9d57d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68225.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +महिला कांग्रेस को फिर मिला नया मुद्दा।एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये की वृद्धि ने दिल्ली महिला कांग्रेस को फिर नया मुद्दा दे दिया। प्रदेश महिला अध्यक्ष अमृता धवन को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, विरोध मार्च निकालने की तैयारी में जुट पड़ीं। आनन फानन में प्ले कार्ड एवं कुछ खाली सिलेंडर मंगाए और महिला कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गईं केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के आवास पर। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष नेटा डिसूजा को भी बुला लिया गया। कुछ देर नारेबाजी की, मोदी सरकार को भला बुरा कहा और फोटो सेशन करा विरोध पूरा किया। सियासत में चर्चित रहने के लिए आखिर यह सब करना ही पड़ता है। महिला कांग्रेस तो वैसे भी मुददा लपकने को तैयार ही बैठी रहती है। हालांकि इस बात के लिए महिला कांग्रेस की तारीफ की भी जा सकती है कि जितने कम समय में वह सक्रिय होती है, उतनी जल्दी प्रदेश कांग्रेस कभी नहीं हो पाती। + +हरियाणा के नेताजी ने संभाली 'दिल्ली' की कमान।कोई बड़ा निर्णय तो कांग्रेस आलाकमान ले नहीं पा रहा, लेकिन नगर निगम चुनावों को लेकर कुछ हद तक ¨चता जरूर नजर आने लगी है। इसी चिंता का परिणाम है कि प्रदेश इकाई के सभी 14 जिलों की कमान हरियाणा के 14 विधायकों को सौंप दी गई है। जिला पर्यवेक्षक के रूप में इन सभी ने अपनी जिम्मेदारी भी संभाल ली है। यह सभी विधायक अपने- अपने जिले की रिपोर्ट तैयार कर ऊपर देंगे, जिसमें जिले की कमजोरी और मजबूती बताने के साथ-साथ संभावित उम्मीदवारों के नामों का जिक्र भी रहेगा। हालांकि कुछ स्थानीय नेताओं को हरियाणा के इन विधायकों से वैचारिक परेशानी भी है, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे। वैसे इन विधायकों को दिल्ली की कमान सौंपने के पीछे दांव-पेच यह भी है कि हरियाणा के साथ दिल्ली वासियों का मेलजोल काफी अच्छा है। यह मेलजोल पार्टी को चुनाव में वोट दिलाने में भी मददगार हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d33ccf74e77a8f9ed095586d43a9a91e2ff74b06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68226.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उरई, जेएनएन। ऐतिहासिक व पौराणिक नगर कालपी में कई ऐसे स्थान है जिनके बारे में जानकार लोग आश्चर्य चकित रह जाते हैं इन स्थानों पर अलग अलग किवदंतियां प्रचलित है जो बेहद रोमांचकारी व दिलचस्प हैं, जिन्हें सुनते ही उनके विषय में जानने की जिज्ञासा और प्रबल हो जाती है नगर का ऐसा ही एक स्थान है लंका मीनार जहां पर भाई बहन आदि रिश्तों के लोग साथ चढऩे पर पति पत्नी हो जाते है । + +रावण का पूरा परिवार सहित संसार के सारे देवी देवता स्थापित हैं लंका मीनार परिसर : लंका मीनार की देखरेख करने वाले विवेक निगम बताते हैं कि लंका मीनार परिसर में रावण के पूरे परिवार के लोगों की मूर्तियां स्थापित हैं। रामचरित मानस के अयोध्याकाण्ड में जितने भी देवी देवताओं का वर्णन मिलता है सभी के चित्र लंका मीनार में स्थापित है वहीं रावण की विशाल काय प्रतिमा के सन्मुख चित्रगुप्त का मंदिर है। इस मंदिर को कुछ इस तरीके से बनाया गया है कि 12 मास 24 घंटे रावण की दृष्टि शिवलिंग पर पड़ती है इसी मंदिर मे संसार के सभी देवी देवता की प्रतिमा स्थापित है।कौड़ी, केसर, शीप, दाल, गुड़ आदि के मिश्रण से हुआ था निर्माण : विवेक कुमार निगम बताते हैं कि इस मीनार का निर्माण कौड़ी, केसर, शीप, उर्द की दाल, गुड़ और चूने आदि का प्रयोग करके कराया गया था। इसका निर्माण कारीगर अजीम ने किया था। लंका मीनार की लंबाई लगभग 30 मीटर है, जिसमें सात घुमावदार मोड़ हैं। वहीं लंका मीनार परिसर में रावण का पूरे परिवार का चित्रण है, जिसमें सौ फीट के कुंभकर्ण व 65 फीट ऊंचे मेघनाद की प्रतिमाएं विराजमान हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfdab12a61d5aea87499f1e488a47aa0cc3a5bb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिका से आता है 90 फीसद बादाम ।कारेाबारियों का तर्क है कि अफगानिस्तान में स्थिति सामान्य होने के बाद मेवाें की कीमतों में भी स्थिरता आ सकती है। इसमें कुछ वक्त लग सकता है। भारत में कश्मीर में थोड़ा बहुत बादाम पैदा किया जा रहा है, लेकिन वह हरा ही बाजार में बिक जाता है। इसके अलावा बादाम गिरी को अमेरिका और आस्ट्रेलिया से आयात किया जाता है। गुलबंदी बादाम की गिरी अफगानिस्तान से आयात की जा रही है। उद्यमियों के अनुसार मांग का करीब नब्बे फीसद तक बादाम अमेरिका से ही आता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..064c3e0c4944f97a0aaafdf59a51080b496ade5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68229.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत में रह रहे अफगान शरणार्थियों को अपना व अपने देश का भविष्य अधर में दिख रहा है। उनका कहना है कि तालिबान के कब्जे के बाद उनकी वतन वापसी की बची हुई उम्मीद भी टूट गई। अफगान शरणार्थियों ने बताया कि 19 अगस्त यानि बृहस्पतिवार को वह अपने वतन का 102वां स्वतंत्रता दिवस मनाने वाले थे लेकिन तालिबान ने उनके देश को फिर से गुलामी की जंजीरों में जकड़ लिया है। + +अफगानिस्तान में फंसे अपने परिजनों को वहां सुरक्षित निकालने व विश्व समुदाय से वहां शांति बहाली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बुधवार को सैकड़ों अफगानी शरणार्थी जमा हुए। इस अवसर पर कुछ बच्चे अपने देश का राष्ट्रगान प्रस्तुत कर रहे थे। राष्ट्रगान गाते-गाते बच्चों की आंखें छलक उठीं। अपने वतन को याद कर भावुक हुए कक्षा छह के छात्र यूसुफ ने बताया कि तालिबान के आतंक के कारण उनके पिता को पूरे परिवार के साथ छह साल पहले देश छोड़ना पड़ा था। वहीं, आर्मिला व सना ने बताया कि तालिबानी आतंकियों ने उनके परिजनों की हत्या कर दी दी थी। उसके बाद वे रिश्तेदारों के साथ दिल्ली आ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff50a09d49b7b952ea2e394ad1d1be17d8cf1221 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68232.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। PM Narendra Modi, Vande Bharat Express: 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 75 वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा कर पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के लोगों की उम्मीदें भी जगा दी हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यमार्ग बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा लगभग (425 किमी) पर भी वंदे भारत एक्सप्रेस फर्राटा भर सकती है। यह ट्रैक भी राजधानी जैसी ट्रेनें चलने लायक बन गया है। जिसपर वंदे भारत ही नहीं शताब्दी और दूरंतो भी 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती हैं। दैनिक जागरण इस रूट पर राजधानी चलाने की मांग को लेकर लगातार अभियान चला रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68234.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..786c4baf35aaf6576acfb404ec21533863517c9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68234.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा/लखनऊ [मोहम्मद बिलाल]। देशभर में छोटे लोहिया नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र के जन्मदिन पर समाजवादी पार्टी द्वारा निकाली गई साइकिल यात्रा में 30 किलोमीटर साइकिल चलाने वाले नोएडा के 12 वर्षीय छात्र ब्रायन अवाना खूब चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav, former Chief Minister of Uttar Pradesh and National President of Samajwadi Party) ने प्रोत्साहित किया। अखिलेश यादव ने लखनऊ में मुलाकात के दौरान ब्रायन अवाना की जमकर सराहना की। उन्होंने ब्रायन से यह भी कहा कि वह अपना हौसला इसी तरह बरकरार रखें और भविष्य में भी साइकिल चलाते रहें।  अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता राहुल अवाना, दिनेश अवाना, निशांत कहराना और सक्षम अवाना भी मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e93c965ea361b754e701639c2562ff8f40287b30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसी भी भारतीय को गर्व से भर देने के लिए काफी था। सोमवार को इसमें एक छवि और जुड़ गई, भारतीय कप्तान विराट कोहली की। जोस बटलर का विकेट गिरने के बाद वह बालकनी की तरफ दौड़े और दर्शकों को यह इशारा किया कि यहां पर भारतीय टीम अब दूसरा टेस्ट लगभग जीत चुकी है। भारत ने 151 रन की जीत के साथ पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त ले ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68240.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..feb601f3bf56d52144858a80051166d11572d513 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सत्ताधारी भाजपा की ताकत का अहसास प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को है, इसीलिए चुनाव प्रचार से ज्यादा ध्यान रणनीति बनाने पर दिया जा रहा है। रणनीति के मोर्चे पर काम कर रहे बुजुर्गवार हरीश रावत इसका खुलासा करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। वह स्पष्ट कर रहे हैं कि मोदी की राष्ट्रीयता का मुकाबला इस बार पार्टी उत्तराखंडियत से करेगी। जाहिर है कि बचे हुए पांच-छह महीनों में कांग्रेस राज्य के जमीनी मुद्दों को गरमाएगी। भाजपा को राष्ट्रीय मुद्दों पर घेरने या उनका जवाब देने के बजाय स्थानीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। मतदाताओं का ध्यान राज्य के विकास एवं समस्याओं के साथ ही उत्तराखंडियों की भावनाओं से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित करने की कोशिशें अभी से की जाने लगी हैं। राज्य में भू-कानून को सख्त करने, राजधानी गैरसैंण, स्थानीय उपज, महिलाओं की स्थिति, देवस्थानम बोर्ड जैसे मुद्दों को हवा दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68241.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd0160902eb5d211ac481aade0cb3fee4bf8b2db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68241.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरियाणा में उनकी चर्चा न होने का कारण यह भी था कि भाजपा ने राजस्थान से ही उन्हें राज्यसभा में भेजा था। उनका लालन-पालन, पढ़ाई-लिखाई अजमेर में हुई, जहां उनके पिता रहते थे। अजमेर में ही वह भाजपा से जुड़े। हालांकि बाद में वह कुछ दिनों के लिए गुरुग्राम लौटे और भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बने, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के कारण अपनी भूमिका हरियाणा में नहीं रेखांकित कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..825374f1ce7367c05603ff9814c0df80acfbfba2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68242.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने से वहां की राजधानी सहित पूरे देश में कोहराम मचा है। लोग तालिबान से जान बचाकर भाग रहे हैं। काबुल हवाई अड्डे पर मचा कोहराम देख दुनिया भर के लोग हैरान हैं। दूसरी ओर, अफगानिस्तान के छह गुरुद्वारों में से केवल एक गुरुद्वारा साहिब खुला हुआ है। यहां पर भी तालिबान के लड़ाके सोमवार को पहुंच गए। उन्होंने यहां शरण लिए सिखों को आश्वासन दिया कि उन्हें जानी तौर पर कोई खतरा नहीं है। बावजूद इसके सिखों को उनके वादे  पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। यहां फंसे लोगों में लुधियाने में रह रहे अफगानिस्तानियों के भी स्वजन हैं। + +गुरुद्वारा के बाहर सफेद झंडा लहराने को कहा।हालांकि तालिबान ने यह भी फरमान सुनाया कि गुरुद्वारा साहिब के बाहर सफेद रंग का झंडा लहराया जाए ताकि तालिबान लड़ाकों को पता चल जाए कि सिख उनकी शरण में है। इसके बावजूद सिखों को अपनी जान की चिंता है। उन्हें तालिबान पर भरोसा नहीं है। वहां रहते सिख खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सिखों ने तालिबान पर यकीन न करने की बात कहते गुहार लगाई है कि उनको कनाडा या अमेरिका में बुला लिया जाए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए अफगानिस्तान से बाहर निकालने में मदद की गुहार लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..806e9ce7603cf42cdc1cbcd59c1160d8fb2decb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन दर्जन से अधिक विद्यार्थी एनआइटी और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कर रहे पढ़ाई।तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है और घरों में सर्च अभियान चला रहे हैं। ऐसे में भारत में नौकरी करने वाले और पढ़ने वाले अफगानियों को अपनों की चिंता सता रही है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अलग-अलग विषयों में करीब डेढ़ दर्जन विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। करीब इतने ही एनआइटी कुरुक्षेत्र में पढ़ रहे हैं। अफगानिस्तान के विद्यार्थियों को अपनी खुद के साथ परिवार की चिंता सता रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1543bc6162f19bb13d36e8edcfc42c2cd738b2ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6825.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नतीजा यह हुआ कि दिल चाहता है युवा दर्शकों के साथ अपना रिश्ता कायम करने में सफल रही और फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर सुपरहिट साबित हुई। इस फ़िल्म के साथ इंडस्ट्री को एक बेहतरीन निर्देशक, निर्माता और सफल बैनर मिला। दिल चाहता है के साथ फ़रहान अख़्तर ने भी इंडस्ट्री में बतौर फ़िल्ममेकर 20 सालों का सफ़र पूरा कर लिया है। + +इस फ़िल्म के साथ उनके बैनर एक्सेल एटंरटेनमेंट की उम्र भी 20 साल हो गयी है, जिसकी शुरुआत फ़रहान और रितेश सिधवानी ने की थी और अपनी पहली फ़िल्म का निर्माण भी इसी बैनर तले किया था। ज़ाहिर है कि फ़रहान और रितेश के लिए यह बेहद ख़ास मौक़ा है। 20 साल के इस सफ़र में एक्सेल इंडस्ट्री ने कई कामयाब और चर्चित फ़िल्मों का निर्माण किया, जिन्हें क्रिटिक्स ने भी सराहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5da3d8fe56c7bd181229432463c641a7108b0ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68250.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। महिलाओं व बच्चियों के साथ हो रहे अपराध में कमी न आना, दो बातों की ओर इशारा करता है। पहला महिलाओं के प्रति आज भी समाज की मानसिकता नहीं बदली है और दूसरा कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जिस स्तर पर काम होना चाहिए था, वह अब भी नहीं हो रहा है। सुरक्षा देने के लिए नियम-कायदे तो बनाए गए हैं, लेकिन इन पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पा रहा है। + +एक और पहलू यह भी है कि महिलाएं और बच्चियां अपने साथ हुए र्दुव्‍यवहार को न तो स्वजन और न ही पुलिस को बताती हैं। सोचने वाली बात है कि कई मामलों में महिलाएं अपने साथ हुए र्दुव्‍यवहार पर स्वजन से अगर चर्चा भी करती हैं तो स्वजन लोकलाज के डर से अपने तक ही सीमित रख लेते हैं। ऐसे में पीड़िताओं को न्याय नहीं मिल पाता है और आरोपितों को ऐसे जघन्य अपराध करने में शह मिलती है। समाज को नजरिया बदलने की जरूरत है। + +तफ्तीश और सुबूत जुटाने में तेजी से हो काम : सरकार को भी इस दिशा में व्यापक व कठोर कदम उठाने की जरूरत है। हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें बच्चियों के साथ गलत हुआ। कई मामलों में पीड़िताओं की हत्या तक कर दी गई। इन मामलों की अभी जांच की जा रही है। कई मामलों में देखा गया है कि सूचना समय पर पुलिस तक पहुंचने पर आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी होती है। देखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस ऐसे मामलों की तफ्तीश कितनी जल्द करती है। यदि पुलिस द्वारा मामलों की जांच तेजी से की जाए, अदालत में मजबूत सुबूत पेश किए जाएं तो निश्चित ही पीड़िताओं को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी। विश्वास भी बढ़ेगा। ऐसा अमूमन मामलों में होता है कि यदि जांच लंबी चलती है तो इससे पीड़िताओं को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे आरोपितों के कहीं न कहीं बरी होने की संभावना बन जाती है। सबसे जरूरी यही है कि पुलिस की जांच में और अदालत के ट्रायल में तेजी लाई जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9894652e277e99d8ada90eeadf124e2e1b376963 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। महिला सुरक्षा एक ऐसा विषय है जिसपर लोग बात तो करना चाहते हैं लेकिन केवल तभी जब देश में कोई जघन्य घटना घटती है। बीते दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं घटी जिन्होंने सबको झकझोर कर रख दिया, लेकिन आज आप देखिए फिर से शांति है, फिर से महिला सुरक्षा की बात कहीं दबकर रह गई है। मैंने दो बार आमरण अनशन किया, इस मांग को लेकर की देश में यदि किसी छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म होता है तो आरोपी को हर हालत में फांसी की सजा होनी चाहिए। मेरा पहला अनशन 10 दिन चला और मेरे अनशन के 10वें दिन पर केंद्र सरकार कानून में संशोधन लेकर आई और ये कानून बनाया की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अपराधियों को फांसी की सजा दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb488f1d0f48414359cc4130d05a53a0dd2025d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68253.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तेजी से बढ़ता सेक्‍टर: इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आइबीईएफ) के मुताबिक, भारतीय फार्मा सेक्‍टर पूरी दुनिया में तमाम तरह के करीब 50 फीसद वैक्‍सीन अकेले निर्यात करता है। रेमडेसिविर और अन्‍य जीवनरक्षक दवाओं सहित सैकड़ों तरह की दवाओं को भारत सहित दुनिया के तमाम देशों को निर्यात किया जाता रहा है। जेनरिक दवाओं का भी यह विश्‍व में सबसे बड़ा निर्यातक है। इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वित्‍त वर्ष 2020-21 में भारत का कुल फार्मा बाजार 41 अरब डालर का था, जिसमें साढ़े चौबीस अरब डालर का निर्यात हुआ था। महामारी के प्रभाव को देखते हुए जैसे-जैसे दवाओं की जरूरत और बढ़ती जा रहीहै, माना जा रहा है कि आगे आने वाले सालों में इसमें और ज्‍यादा इजाफा होगा। एक अनुमान के अनुसार, 2024 तक यह कारोबार 65 अरब डालर और 2030 तक 130 अरब डालर तक पहुंच सकता है। देश के फार्मा इंडस्‍ट्री में आई तेजी के कारण इस समय प्रत्‍यक्ष और परोक्ष रूप से इसमें करीब 27 लाख लोगों के लिए रोजगार के मौके सृजित हुए हैं। + +ड्रग इंस्‍पेक्‍टर: फार्मेसी कोर्स करके ड्रग इंस्‍पेक्‍टर भी बन सकते हैं। फार्मा कंपनियों से बनने के बाद जब दवाएं बाजार में आती हैं, तो यही ड्रग इंस्‍पेक्‍टर दवाओं की गुणवत्‍ता, उसकी उपयोगिता और सेफ्टी को सुनिश्चित करने का काम करते हैं। ड्रग इंस्‍पेक्‍टर को मेडिसिन और मेडिसिन से जुड़े कानूनों की अच्‍छी जानकारी होती है। दवाओं में साल्‍ट के कंबिनेशन और उसके टेस्टिंग की भी इन्‍हें समझ होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4872682de6fba87afa9f9400144847141215ea57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज सच्चाई यह है कि भारत ऊर्जा के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं है। जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल-डीजल) के रूप में सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए ही हमें हर साल करीब 12 लाख करोड़ रुपये आयात में झोंकने पड़ते हैं। इसके बावजूद जनता को वाजिब कीमत पर पेट्रोल-डीजल उपलब्ध कराने में कठिनाई होती है। इन दिनों पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश के ज्यादातर राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी हैं। इसके बावजूद सरकारें पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने को लेकर असमर्थता प्रकट कर रही हैं। हाल के कुछ वर्षो में जिस सौर ऊर्जा की बातें जोरशोर से हुई हैं, उसका एक पहलू यह है कि इसके जरूरी सौर पैनल और संबंधित तकनीक के लिए अभी भी हम विदेश पर निर्भर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91a594274e4d66b6aa10fafcca715e6cd4f26cf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दक्षिण दिल्ली स्थित रिंग रोड पर बने लाजपत नगर फ्लाईओवर के नीचे जहां अब तक गंदगी के ढेर के बीच बेसहारा पशु घूमते हुए दिखाई देते थे। वहां, अब बच्चे बैडमिंटन, वालीबाल और स्क्वाश खेलते नजर आएंगे। दरअसल, पीडब्ल्यूडी की ओर से यहां पर बैडमिंटन कोर्ट, वालीबाल व स्क्वाश कोर्ट बनाया जा रहा है। परियोजना पूरी होने के बाद आसपास की कालोनियों में रहने वाले लोगों को खेलने की काफी सुविधा हो जाएगी। यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो गया है। तीन माह में सभी कोर्ट तैयार कर दिए जाएंगे। पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही सुंदर पार्क भी बनाया जाएगा, जिसमें ओपन जिम लगाया जाएगा। बच्चों के खेलने के लिए झूले भी लगाए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c290ed29d021a51d2e7ca5e45df50c9e4bff7ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68259.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि यह बात सही है कि दो या तीन बार फेल हो जाने के बाद कई लोग फिर से टेस्ट के लिए नहीं आते हैं। यह बात उनकी जानकारी में आई है। वह कहते हैं कि अगर वे लोग वाहन चला रहे हैं तो लाइसेंस तो बनवा ही रहे होंगे। दिल्ली से नहीं बन पा रहा है तो कहीं और से बनवा रहे होंगे। + +सराय काले खां में किराये पर भी मिल जाती है कार।सराय काले खां ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट के लिए किराये पर कार भी उपलब्ध कराई जा रही है। यहि किसी के पास कार नहीं है तो वह 250 रुपये देकर कार किराये पर ले सकेगा और अपना टेस्ट दे सकता है। कोरोना काल में कुछ समय के लिए अथारिटियों के बंद रहने से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66d237965e3dcfd9477186c0c97621632edf6a8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68260.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबका रखा गया है ध्यान। बताया जा रहा है कि फ्लैटों की कीमत इस अनुपात में रखी जाएगी कि निम्न मध्यमवर्गीय या एकल परिवार वाले भी आसानी से बैंक लोन लेकर अपना आवास खरीद सकें। डीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सस्ते आवास के लिए मास्टर प्लान में प्रविधान रखने के साथ-साथ प्लाट भी उसी के अनुरूप काटे जा रहे हैं। सोसायटी की ऊंचाई और एक प्लाट में फ्लैटों की संख्या के प्रारूप को योजना विभाग की ओर से अंतिम रूप दिया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc0a6e786a73e40d85cd18cb5a6994736426dfa9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्लामाबाद, एजेंसी। अफगानिस्तान में तालिबान के स्थापित होते ही अब पाकिस्तान अपने यहां सक्रिय आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को लेकर चिंतित हो गया है। टीटीपी अब तक अफगानिस्तान में तालिबान की मदद कर रहा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शेख राशिद ने कहा कि तालिबान से इस संबंध में बात की गई है। उनसे कहा गया है कि वे अफगानिस्तान की धरती को टीटीपी की गतिविधियों का ठिकाना न बनने दे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..356870f2cc9ad7c9b841a81afd5d55b168de58de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [राजन कैंथ]। अफानिस्‍तान में त‍ालिबान के दोबारा कब्‍जे के बाद अफरातफरी के बीच काफी संख्‍या में भारतीय भी फंसे हुए हैं। इनमें 24 लुधियाना के लोग भी हैं। इन लोगों ने काबुल के गुरुद्वारा साहिब में शरण ले रखी है। मिली सूचना के अनुसार गुरुद्वारा साहिब में करीब 200 भारतीयों ने शरण ले रखी है। इन लोगों को भारतीय फ्लाइट का इंतजार है।  ।दहशत में फंसे ये लोग वापस घर आना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है। उन्हें उम्मीद है कि मंगलवार शाम तक भारतीय सरकार की ओर से उन्हें फ्लाइट मुहैया कराई जा सकती है, जिससे वे वापस स्वदेश लौट सकेंगे। उनका कहना है कि वहां डर का माहौल है। सभी बाजार बंद हैं। न्यू शिवपुरी के संतोख नगर निवासी शेर सिंह एवं उनकी पत्‍नी बेबी कौर भी काबुल में फंसे हुए हैं। उनके बच्चे लुधियाना में हैं। वे वहां पर कारोबार के सिलसिले में आते-जाते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68267.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecca26537b8873d6802102918a0dfb280698b2f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68267.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। प्राय: ऐसा देखने को मिलता है जब पुलिस किसी गलती पर इंटरनेट मीडिया पर सवालों के बाण चलने लगते हैं, लेकिन वही पुलिस कभी-कभी अपने किसी कार्य से लाेगों के दिल-दिमाग पर अपनी अमिट छाप छोड़ देती है। ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है कानपुर जहां बच्ची की सूझबूझ और पुलिस की तत्परता ने एक युवक की जिंदगी बचा ली। गौरतलब है कि यह पूरा वाकया महज सात से दस मिनट के अंदर हुआ। घटना के बाद से ही पुलिस की तत्परता चहुंओर प्रशंसा का पात्र बनी हुई है। ।बच्ची ने कही थी यह बात: हेलो पुलिस अंकल मेरे बाबा पापा को गाली देते हैं और रोज झगड़ा करते हैं। जिससे परेशान होकर मेरे पापा आत्महत्या करने जा रहे हैं। प्लीज मेरे पापा को बचा लीजिये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d734b1f4f8520484078299260be289c22708e1eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68270.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सूत्रों की मानें तो आइजीआइ एयरपोर्ट पर इस सिस्टम की जरूरत लंबे समय से महसूस की जाती रही है। लेकिन अतिसंवदेनशील जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला किए जाने की घटना के बाद यह जरूरत अब अनिवार्य जरूरत बन चुकी है। यह जरूरत इसलिए भी अनिवार्य जरूरत बन चुकी है क्योंकि आइजीआइ एयरपोर्ट से न केवल नागरिक विमानों का बल्कि सैन्य विमानों का भी संचालन होता है। + +सूत्रों का कहना है कि बड़े आकार के ड्रोन पर तो इंसान अपनी आंखों से भी नजर रख सकता है लेकिन समस्या लघु आकार के ड्रोन को लेकर सामने आती है। कई बार दुश्मन गलत इरादे से ऐसे ड्रोन का सहारा लेते हैं जिनका वजन 250 ग्राम से भी कम होता है। नैनो व माइक्रो कहे जाने वाले ये ड्रोन आकार में भी काफी छोटे होते हैं। + +इसे देखते हुए एयरपोर्ट या इसके आसपास के इलाके में ड्रोन की उड़ान पर प्रतिबंध लगाया जाता है। एंटी ड्रोन सिस्टम का काम ड्रोन के नजर आते ही नियंत्रण कक्ष को इसकी सूचना देना और इसे निष्क्रिय करना होता है। इसे निष्क्रिय करने के लिए इसपर कुछ ऐसी किरणों की बौछार की जाती है जिससे इसका संपर्क इसके नियंत्रणकर्ता से टूट जाता है, जिसके बाद यह जमीन पर गिर जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78a2f92816406fe61bf1704d2bcbc83aeae728fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68271.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमृतसर, [हरीश शर्मा]। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पंजाब से करोड़ों रुपये का कारोबार रुक गया है और ड्राई फ्रूट का ट्रेड रुक गया है। पंजाब में अफगानिस्‍तान से आपूर्ति प्रभा‍व‍ित होने से ड्राई फ्रूट के रेट में करीब दोगुने की वृद्धि हो गई है। वैसे, उम्मीद यही जताई जा रही है कि भले ही तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है, मगर व्यापार लता रहेगा। वैसे, व्यापार पूरी तरह से ट्रैक पर कब आएगा, इस बात को लेकर स्थानीय व्यापारी चितिंत है। अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट भारत में आयात होता है। ड्राई फ्रूट यहीं से देश के अन्य हिस्सों को सप्लाई भी होता है।  अफगानिस्‍तान से व्यापार पूरी तरह से बंद हो गया है और ड्राई फ्रूट की सप्लाई नहीं हो पा रही है। + +अमृतसर की मजीठ मंडी के कारोबारी सिमर लुगानी। (जागरण)।अमृतसर में थोक ड्राई फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मेहरा ने बताया कि अफगानिस्तान के व्यापारियों को इस बात का डर है कि कहीं तालिबानी आतंकी बैंक ही न लूट लें। इससे उनका नुकसान हो सकता है। वहीं, कई व्यापारी आर्डर बुक करवाकर एडवांस भेज चुके हैं। उन्हें अब डर सता रहा है कि कहीं उनके करोड़ों रुपये न डूब जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a1caafabcf836104f97082a9e65edbb8f7c32db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से वहां पर भारत सरकार का भी बड़ा नुकसान हो सकता है। अफगानिस्तान की कोई समुद्री सीमा नहीं है, ऐसे में यहां से ज्यादा उत्पादों का निर्यात वाया दुबई किया जाता है। भारत से अफगानिस्तान को ज्यादातर इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण, चीनी, आयरन एवं स्टील के उत्पाद, एल्यूमिनियम, दवाएं, तंबाकू, तिलहन, अनाज, रेडिमेड गारमेंट्स, होजरी, हैंड टूल्स इत्यादि का निर्यात किया जाता है। फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि अफगानिस्तान को करीब 20 करोड़ रुपये मूल्य के हैंड टूल्स का निर्यात लुधियाना से किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6c6d35dffbc1f32d98300979ba6657da111d140 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68276.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, रणविजय सिंह। वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के कारण पिछले करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। संचार की अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से आनलाइन पढ़ाई जारी है, लेकिन शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हर जगह यह सुविधा एक समान नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरों में भी गरीब परिवार के बच्चों के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वे आनलाइन पढ़ाई कर सकें। इसलिए कोरोना ने बच्चों के बौद्धिक विकास पर भी आघात किया है। अब जल्द बच्चों का टीकाकरण शुरू करने की बात कही जा रही है। यह सही है कि टीका लगने पर बच्चे कोरोना से सुरक्षित होंगे, लेकिन टीकाकरण वैज्ञानिक साक्ष्यों व उपलब्ध संसाधन के आधार पर ही आगे बढ़ना चाहिए। यदि बच्चों के माता-पिता, शिक्षक सहित सभी कर्मचारी टीका ले चुके होंगे तो ज्यादातर बच्चे कोरोना से सुरक्षित रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd14f5203c2636133a665591182d329a905f58e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि विचारधारा व सोच में आए इस बदलाव को लेकर माकपाइयों के दावे और तर्क भी गौर करने वाले हैं, क्योंकि इनके अब तक के विचार राष्ट्रवाद से कोसों दूर रहे हैं। माकपा की केंद्रीय समिति ने नौ अगस्त को विज्ञप्ति जारी कर दावा किया कि ‘भारत के विचार’ यानी ‘आइडिया आफ इंडिया’ खतरे में है, इसीलिए माकपा स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर एक साल तक कार्यक्रम आयोजित करेगी। इसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से विभाजित होकर 1964 में बनी माकपा के नेताओं ने पहली बार रविवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभर में पार्टी के सभी कार्यालयों में तिरंगे का ध्वजारोहण किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68279.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b62e17ce8f1b0c09eb652ab9f45cea12a2f31f9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम अपने कैंपस में फंसे हैं। हमने कंपनी को पहले ही त्यागपत्र सौंप दिए थे। तब प्रबंधकों ने सुरक्षा की बात कहकर हमें रोक दिया, लेकिन अब उनके भी हाथ खड़े हैं। रविवार रात को भी कैंपस के बाहर फायरिंग हुई। शर्त लगाई गई है कि हथियार जमा करवाने के बाद बस मिलेगी। अगर हम हथियार दे भी दें लेकिन उन पर भरोसा कैसे करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b523f2613c7f293c3413fb581891060ca4795054 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, लुधियाना। Bread prices Hike: आम आदमी की जरूरत ब्रेड पर भी महंगाई का रंग चढ़ गया है। ब्रेड की कीमतों में पांच रुपये का इजाफा किया गया है। पहले ही लोग महंगाई की मार से परेशान हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। दो माह पहले दूध की कीमतों में भी दो से तीन रुपये प्रति किलो का उछाल आया था, इसके अलावा आवश्यक वस्तुएं भी लगातार महंगी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68282.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68282.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46c7d167bb4ae1936e9ed2a12f09f8c8931c41b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68282.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, मनु त्यागी। दिल्ली कैंट के नांगल इलाके में नौ वर्षीय बच्ची की मौत के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने अदालत में कहा, ‘अब तक जांच में ऐसा सुबूत नहीं मिल सका है जिससे पुष्टि की जा सके कि हत्या से पहले दुष्कर्म किया गया था।’ अब इसे क्या कहेंगे? राजनेता तो पहले ही निष्कर्ष पर पहुंच चुके थे। हो-हल्ला अपने चरम पर पहुंचा। दिल्ली का राजनीतिक माहौल इसी पर केंद्रित हो गया। बच्ची की मौत से अधिक राजनेताओं के लिए यह महत्वपूर्ण रहा कि इसमें दुष्कर्म के घटनाक्रम को जोड़ा जाए। कुल मिलाकर जितनी संवेदनशीलता से इस विषय पर बात होनी चाहिए उतनी ही लापरवाही की पराकाष्ठा पार करने की होड़ होती रही। ये पराकाष्ठा राजनीति की रोटी सेकने की होती है। जातीय समीकरण बैठाकर वोट खींचने की होती है। ऐसे जघन्य अपराध हर दिन होते हैं। हर राज्य में होते हैं। लेकिन क्या वाकई किसी भी राजनीतिक दल के लिए ऐसा करना शोभनीय है कि किसी की बेटी की जान चली जाती है और हम वहां जाकर शोक संवेदना प्रकट करने की आड़ में राजनीतिक माहौल बनाते हैं। + +क्या हमने ऐसा कोई मामला सुना कि गरीब या दलित वर्ग से जुड़े दुष्कर्म, हत्या के मामले का सच सामने आ सका हो? वो भी किसी राजनेता के प्रयास से? वाकई किसी नेता ने बच्ची को न्याय दिलाने को अपने वोट बैंक की चिंता के चश्मे से नहीं, बल्कि उसके प्रति संवेदना से देखा हो? ऐसे मामले देशभर में महज अपवाद के तौर पर मिल सकते हैं। देश में हर दिन 80 से अधिक दुष्कर्म के मामले होते हैं। किसी एक जगह भी आवाज नहीं उठती। इस प्रकार से संवेदनहीनता की पराकाष्ठा भी टूट जाती हैं। जिस तरह के ढकोसले, कथित धरने, इंटरनेट मीडिया पर संवेदना जताने की तस्वीरें साझा की गईं, क्या ऐसा करने से पीड़ित वर्ग को न्याय मिल जाएगा। मतलब नेता कानून भी भूल गए। ऐसा पहले भी हो चुका है। + +राहुल गांधी देश में लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, अध्यक्ष भी रहे हैं। उनसे तो ऐसी अपेक्षा कतई नहीं की जाती कि पीड़िता के पिता को गले लगाते हुए ऐसी घिनौनी राजनीति करें। क्या वे कानून भी भूल गए। बाद में भले ट्विटर ने अदालत में मामला पहुंचने पर उनका ट्वीट हटा दिया गया, लेकिन यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पास्को) अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन उन्होंने किया है। इतना ही नहीं, वे अपने ट्वीट में लिखते हैं कि ये पीड़िता के पिता और मां हैं। क्या इससे न्याय मिलेगा?हाथरस से लेकर राजस्थान और अब दिल्ली कैंट तक तमाम ऐसे उदाहरण हैं जहां मामले को सिर्फ हवा दी गई, हो हल्ला हुआ न्याय नहीं। और इस शोर में न्याय की असल बात दबकर रह गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8224b82d373a8f2e969ce0291d5c6d28a4242a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68286.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, अरविंद शर्मा। Lalu Prasad Yadav News बिहार में लालू-राबड़ी परिवार (Lalu-Rabri Family) से जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) का रिश्ता निर्णायक दौर में पहुंच गया है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) कार्यालय से वास्ता खत्म किए हुए आठ दिन बीत गए। मनाने-समझाने के सारे प्रयास अभी तक विफल साबित हुए हैं। लालू के करीबियों में जगदानंद सिंह पहले व्यक्ति नहीं हैं, जिन्हें उनके बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के बयानों से धक्का लगा है। इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) और आरजेडी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे (Ramchandra Purvey) पर भी तेज प्रताप के बयानों की गाज गिर चुकी है। रघुवंश तो इतने व्यथित हुए कि अपने आखिरी क्षणों में अस्पताल से ही लालू का साथ छोड़ने का एलान कर दिया था। फिर भी तेज प्रताप की जुबान रुकी नहीं, ठहरी नहीं। नतीजतन पुत्र के प्रति मोह से लालू के अपने लगातार बिछुड़ते जा रहे हैं। + + तेज प्रताप के कारण टूटा दरोगा प्रसाद राय परिवार से रिश्‍ता । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय (Daroga Prasad Rai) के घराने से लालू परिवार का रिश्ता खत्म होने की वजह भी तेज प्रताप ही बने। तेज प्रताप की शादी दरोगा प्रसाद की पौत्री ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) के साथ हुई थी। छह महीने के भीतर ही मामला तलाक (Tej Pratap Yadav Divorcs) तक पहुंच गया। अभी अदालत में लंबित है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी तेज प्रताप ने आरजेडी के अधिकृत दो प्रत्याशियों के खिलाफ लालू-राबड़ी मोर्चा बनाकर प्रत्याशी उतार दिए थे। प्रचार भी किया था। जहानाबाद में आरजेडी के प्रत्याशी सुरेंद्र यादव को महज एक हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा था। तेज प्रताप ने प्रत्याशी नहीं दिया होता तो उक्त सीट आरजेडी के कब्जे में होती। + +अब जगदानंद सिंह हुए नाराज, मनाने में खुद जुटे लालू यादव ।आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में 15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष ही तिरंगा फहराते रहे हैं, लेकिन इस बार जगदानंद सिंह ने इसकी परवाह भी नहीं की। 15 अगस्त को नहीं आए। किसी को अधिकृत भी नहीं किया। गंभीरता को देखकर लालू प्रसाद यादव ने मामले को अपने हाथ में लिया है। अब वह खुद समझाने में जुटे हैं। सूचना है कि लालू ने उनसे खुद बात की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5de6659c2bdf70a419706c8368dbf31b0761e6f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरिल्ला वार से शुरुआत की ।53 वर्षीय मुल्ला बरादर का जन्म अफगानिस्तान के उरुजान प्रांत के वीटमाक गांव में हुआ है। 1980 में सोवियत संघ के खिलाफ उसने अमेरिकी मदद से अपने प्रांत में गुरिल्ला वार से अपने सैन्य जीवन की शुरुआत की थी।तालिबान का पूर्व सरगना मुल्ला मोहम्मद ओमर उसका साला था और दोनों की जोड़ी ने सोवियत रूस की सेना की वापसी के बाद तालिबान को ठोस रूस देने और उसे समूचे अफगानिस्तान में एक व्यवस्था के तहत लाने में अहम भूमिका निभाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afaca3cc7dc0ac97d01443379ba5d9bdd0a85a6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68288.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि निगम को इस समय पार्किंग की जरूरत भी है और राजस्व भी बढ़ाना है। ऐसे में निगम चार और स्थानों पर गांधी मैदान की तर्ज पर पार्किंग कम शापिंग कांप्लेक्स बनाने की योजना पर काम कर रहा है। विभाग ने इससे जुड़ा प्रस्ताव स्थायी समिति के अध्यक्ष के समक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि चारों स्थानों पर पार्किंग की बहुत मांग है। ऐसे में इन्हें जल्द बनाना जरूरी है। वर्तमान में फंड की अनुपलब्धता की वजह से निगम की पार्किंग स्थल की जमीनों को पट्टे पर देकर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश चल रही है। + +निगम को मिलेगी 75 फीसद पार्किंग। पार्किंग कम शापिंग कांप्लेक्स बहुमंजिला होगा। इसमें व्यावसायिक केंद्र स्थापित होंगे, साथ ही पार्किंग भी बनेगी। जिन निजी कंपनी को निगम स्थान उपलब्ध कराएगा उनसे कांप्लेक्स बनवाने के एवज में एकमुश्त राशि तो लेगा ही, बल्कि पार्किंग की कुल क्षमता का 75 फीसद भी निगम अपने कब्जे में लेगा। बाद में निगम इन पार्किंग को ठेकेदारों के माध्यम से चलाएगा। इससे मासिक राजस्व भी प्राप्त होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ced680debb8164e5f15807f551353a777c62d04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68291.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाई-भतीजे के घर आएंगे भूपेंद्र।भूपेंद्र यादव का 17 अगस्त को रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले में स्वागत होगा। इसी दिन भूपेंद्र शाम को राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 19 अगस्त को भिवाड़ी से जयपुर और 20 अगस्त को जयपुर से अजमेर तक यात्र रहेगी। 17 अगस्त को भूपेंद्र रेवाड़ी में अपने चचेरे भाई डा. ईश्वर यादव के घर पहुंचेंगे। यहां वह डा. ईश्वर व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक रघु यादव व डा. योगेंद्र यादव के साथ कुछ पल बिताएंगे। भतीजे सृजन, शैलेश्वर व एकलव्य भी अगवानी करेंगे। भूपेंद्र के आगमन की खास उत्सुकता है। डा. ईश्वर के पिता रामकंवर यादव व भूपेंद्र यादव के पिता कदम सिंह यादव अजमेर में रेलवे कर्मचारी थे। डा. ईश्वर व भूपेंद्र सहित सभी भाइयों की पढ़ाई अजमेर में हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fe2943c1a526cfddcf464ce5c366d4662beb560 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68292.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूट्यूब पर छाई हुई हैं निता।निता का यूट्यूब पर 'निता शिलीमकर' नाम से एक चैनल है, जहां वो अपना ब्‍लॉग भी बनाती हैं। वहीं, इंस्टाग्राम पर उनके 5.1 मिलियन फॉलोवर्स और यूट्यूब पर 833k सब्सक्राइबर्स हैं। अपनी दर्शकों के लिए वे जल्‍द ही नया सांग रिलीज करने की तैयारी में हैं और उसी के लिए लोकेशन की तलाश चल रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9250a0089c5ea57dc9172a771893e0715b676600 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [राजेश भट्ट]। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां रहने वाले हिंदू और सिखों ने अब मंदिरों और गुरुद्वारों की शरण ली है। वे बुरी तरह सहमे हुए हैं। किसी भी समय कुछ भी हो सकता है। अफगानिस्तान के श्योर शहर में रहने वाले जोगिंदर सिंह, मेहर सिंह समेत कई परिवार पिछले 7 दिन से गुरुद्वारा मनसा सिंह में शरण लिए हुए हैं। वहां से वर्ष 2012 में भारत आए शमी सिंह लुधियाना में रहते हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जब उन्होंने अपने दोस्त जोगिंदर सिंह व मेहर सिंह को फोन किया तो उन्होंने तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए खौफनाक हालात की दस्तां सुनाई। + +श्योर बाजार में हिंदू और सिखों के कई परिवार।शमी सिंह ने बताया कि श्योर बाजार में कई सिख व हिंदू धर्म के लोग मसाले व पनसारी का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और सिखों पर पहले ही वहां अत्याचार हो रहे थे और अब तो उनका वहां पर जीना मुश्किल हो जाएगा। वर्ष 2012 में श्योर से ही 40 के करीब परिवार लुधियाना आकर बस गए थे। उन्होंने कहा कि उस समय भी वहां पर भले ही अमेरिका की फौज थी लेकिन अत्याचार काफी ज्यादा थे। जो लोग वहां फंसे हैं, वो उस समय भारत नहीं आ पाए। अब हालात ऐसे नहीं हैं कि वो वहां से निकल सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68296.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68296.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64b2f6b943e3074486aac8ba91f1873ba178bbd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68296.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केदार दत्‍त, देहरादून। जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड के जंगलों में एक बार फिर आर्किड की दुर्लभ प्रजाति मिली है। 'सिफलान्थेरा इरेक्टा वर आब्लिांसओिलाटा' नामक आर्किड की इस प्रजाति को वन विभाग की अनुसंधान विंग ने चमोली जिले के मंडल क्षेत्र में बांज-बुरांस के जंगलों में खोजा। देश में पहली बार यह आर्किड प्रजाति पाई गई है। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआइ) ने भी इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता देते हुए देश की वनस्पतियों की सूची में शामिल कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ee8794964de754d8c944eaf81d657f7c034065d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहम्मद की पत्नी नजीफा ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के नाम पर उनके सारे गहने उतरवा लिए गए। जांच के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने गहने वापस ही नहीं किए। जो पैसे लेकर वह आए थे, वह सब इलाज पर खत्म हो गया। अब परिवार के पास मकान का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। काबुल से आए इमरान ने बताया कि उनके पिता अमेरिकी सेना के साथ ट्रांसलेटर का काम करते थे। उन्होंने कहा कि तालिबानी अपने विरोधियों को न कभी भूलते हैं और न ही माफ करते हैं। इसलिए अब वह अपने वतन गए तो वे उन्हें मार देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48f989ba479a4c6a8385b98b28f40a785b2d62a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68298.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कालेज आफ एग्रीकल्चर में पीएचडी कर रहे तीस वर्षीय अहमद मुसाबर कहते हैं कि उनका परिवार उत्तरी अफगानिस्तान में हैं। परिवार में माता-पिता, भाई-बहन हैं। जब से तालिबान अफगानिस्तान में हावी हुआ, एक के बाद एक इलाके अपने कब्जे में ले रहा है। तब से उनकी रातों की नींद उड़ गई है। अल्लाह का शुक्र है कि परिवार सलामत है लेकिन वहां हालात बेहद खराब हैं। परिवार से हर घंटे बात हो रही है। लेकिन जब भी कभी फोन का नेटवर्क नहीं मिलता या परिवार वाले फोन नहीं उठाते तो बेचैनी बढ़ जाती है। वहां कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा है। तालिबान ने फरमान जारी कर रखा है कि कोई भी घर से बाहर नहीं निकलेगा। वे वहां कुछ लोगों को तालाश रह है। मुल्क लौटने की बात पर अहमद ने कहा कि फिलहाल वह अफगानिस्तान नहीं लौटना चाहते। अब वहां उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है। + +भाई बहनों ने तालिबान से बचने को खुद को छिपाया।एग्रोनॉमी में पीएचडी कर रहे नूर अली नूरी ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे मुल्क के हालात इतने खराब होंगे। तालिबान अफगानिस्तान पर कब कर लेगा। पिछले महीने तक तक तो वहां सब सामान्य था लेकिन आज दहशत हैं। जहां उनका परिवार रहता है, वहां भी तालिबानी पहुंच चुके हैं। परिवार काबुल के नजदीक खैर खाना में रहता है। चार भाई और तीन बहनों ने तालिबानियों से बचने के लिए खुद को किसी जगह पर छिपा रखा है। हर तरफ हथियारों से लैस तालिबानी घूम रहे हैं। वे गोलियां बरसा रहे हैं। परिवार से हर घंटे बात हो रही है, वे बहुत सहमे हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27137247bc85a50a9eb2d639c6dda45ba3d23753 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68299.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लाल किले से दिए अपने भाषण में जहां तमाम महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, वहीं सबसे ख़ास रही राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की घोषणा। इसके अंतर्गत भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का नया वैश्विक केंद्र बनाने के प्रयास होंगे। इसी के साथ उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र बनाने का लक्ष्य भी तय किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e00cce6192e3f847268f0bd53d94f64943849d9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सप्ताह में दो दिन टैंकर लेकर निकलते हैं।हिमांशु और उनकी टीम सप्ताह में दो दिन पानीपत का टैंकर लेकर निकलती है। जहां-जहां पौधे लगाए होते हैं, वहां पर पानी देते हैं। किसी पौधे को पनी के अभाव में सूखने नहीं देने की ठानी है। सेक्टरों में रहने वाले परिवार एक्टिवा और कार पर पानी लेकर आते हैं। जहां पौधा रोपा होता है, वहां पानी देते हैं। कई जगहों पर ट्री गार्ड भी लगवाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68302.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68302.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75e69376fbc21d902fbcb2c52fe1a4f527f5f650 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68302.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बदलाव समझना होगा आसान। आइसर के विज्ञानी डा. पंकज कुमार ने बताया कि इस माडल के जरिये मौसम में हो रहे बदलाव को समझना आसान होगा। साथ ही, यह माडल विभिन्न मौसमी पैमानों को समझने में भी मदद करेगा। शोध के दौरान विज्ञानियों ने पाया कि हाल के कुछ साल में गर्मी में तापमान में अपेक्षाकृत वृद्धि देखने को मिली है। + +उत्तर भारत में कम दिखता बढ़े तापमान का असर ।विज्ञानी पंकज कुमार कहते हैं कि उत्तर भारत में गर्मी के दौरान तापमान में हाल के दशकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसका कारण है कि उत्तर भारत में वातावरण में हीट डोम टाइप का एक स्ट्रक्चर बनता है, इसे हवा पार नहीं करती है और अवरुद्ध हो जाती है। एक ब्लाकिंग एरिया भी बनता है। इस कारण उत्तर भारत में तापमान में ज्यादा वृद्धि होती है। हालांकि इस वृद्धि का असर कम महसूस होता है। दक्षिण भारत में तापमान में वृद्धि तो होती है, लेकिन वहां नमी ज्यादा होती है, क्योंकि समुद्र है। इस कारण वहां चिपचपी गर्मी पड़ती है और इसका असर लोगों पर ज्यादा होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68303.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f2f454ff94ab91f74a18f437b1b6883f291d6bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68303.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राशिद खान और मुहम्मद नबी अभी लंदन में द हंड्रेड लीग में खेल रहे हैं और अफगानिस्तान में गहराते संकट के बीच ये दोनों खिलाड़ी लंदन से सीधा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए रवाना हो सकते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के एक अधिकारी ने बताया कि राशिद और नबी इस समय द हंड्रेड खेल रहे हैं। इसके बाद अफगानिस्तान को श्रीलंका से सीरीज खेलनी है, लेकिन अब उम्मीद है कि ये दोनों उस सीरीज में नहीं खेलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f2a2ebe89f46737dd6989613e28816a88f7b3df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संभव है कि आप राबर्ट गेट्स के नाम से उतने परिचित न हों। दरअसल गेट्स अमेरिका के रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने दशकों तक शीर्ष अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए में भी अपनी सेवाएं दीं। उनकी काबिलियत से प्रभावित होकर रिपब्लिकन राष्ट्रपति जार्ज वाकर बुश ने उन्हें अपने प्रशासन में रक्षा मंत्री बनाया। राबर्ट गेट्स पर यह भरोसे का ही प्रतीक था कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद राष्ट्रपति बने डेमोक्रेट बराक ओबामा ने भी उन्हें रक्षा मंत्री के पद पर बनाए रखा। स्वाभाविक है कि अमेरिकी सार्वजनिक जीवन में लंबे समय तक सक्रिय रहे गेट्स के पास बहुत व्यापक अनुभव रहा है। इसी अनुभव के आधार पर उन्होंने अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के बारे में वर्ष 2014 में लिखा था कि ‘पिछले चार दशकों के दौरान विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रत्येक महत्वपूर्ण मसले पर बाइडन का रुख बुरी तरह नाकाम साबित हुआ।’।इस समय अफगानिस्तान में जो परिदृश्य उभर रहा है वह बाइडन को लेकर गेट्स के इसी आकलन पर पूरी मुखरता के साथ मुहर लगाता है। अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को वापस बुलाने की हड़बड़ी ने न केवल कई दशकों तक अशांत रहने वाले अफगान के भविष्य को अधर एवं अनिश्चितता में डाल दिया, बल्कि इस घटनाक्रम ने एशिया समेत पूरी दुनिया को अस्थिर बनाने के साथ ही विश्व शांति के समक्ष जोखिम भी पैदा कर दिया है। साथ ही, इस घटनाक्रम ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। वह भी ऐसे समय में जब अमेरिका को चीन की चुनौती का कोई कारगर तोड़ निकालना है। + +इस पूरे घटनाक्रम में राहत की बात यही रही कि तालिबान ने काबुल में घुसने से पहले ही राजधानी के बाशिंदों को आश्वस्त कर दिया था कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि शहर पर हमला नहीं किया जाएगा। हालांकि शहरवासियों को ऐसा ही भरोसा अफगान सरकार में विदेश एवं आंतरिक मामलों के मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाक्वाल ने भी एक वीडियो संदेश के माध्यम से दिया था कि सरकार अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काबुल की रक्षा करेगी, लेकिन उनका यह दावा भी भोथरा ही साबित हुआ। तालिबान ने अब काबुल में भी लंगर डाल लिया है। सत्ता एक तरह से उसके शिकंजे में है। बस उसे स्वरूप देना शेष रह गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23ab3b91ce8d1df6f24f61802284bcdac329c1a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप पालीटेक्निक की प्रवेश परीक्षा देने जा रहे हैं और अपने मूल दस्तावेजों के खोने के डर से परेशान हैं तो आपकी यह परेशानी दूर होने वाली है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से सभी अभ्यर्थियों के लिए डिजिटल लाकर बनाने की तैयारी की जा रही है। इस महीने के अंत तक 4.40 लाख अभ्यर्थियों का डिजिटल लॉकर बन जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98cdc9f7cec5d3b535c003f109f0ec9615bcb11a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। श्रीमद्भगवद्गीता की रचना संभवतः ईसवी पूर्व 300 और 300 ईसवी के मध्य में हुई। भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट रूप से कहा--मैं ही बलिदान और बलि तथा वरदान और पवित्र पौधा हूं। मैं ही पवित्र शब्द, पवित्र भोजन, पवित्र अग्नि और अग्नि को समर्पित वस्तु भी हूं। मैं ही ब्रह्माण्ड का रचयिता और ईश्वर का स्रोत भी हूं। मैं अमर हूं और मृत्यु भी जो कुछ है, वह मैं ही हूं और जो नहीं है, वह भी मैं ही हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76e591282480074cab5d81c4505957409b2f5efd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68311.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। मनाली के प्रीणी वासी आज भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्य तिथि मना रहे हैं। वाजपेयी मनाली को अपना दूसरा घर मानते थे इस कारण उनका मनाली से गहरा नाता रहा है। ग्राम कमेटी प्रीणी ने आज अपने मुखिया को श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया। अटल बिहारी वाजपेयी 1968 में पहली बार मनाली आए थे। मनाली की वादियों से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने मनाली को अपना दूसरा घर बना लिया। जीवनभर राजनीति में सक्रिय रहने वाले अटल 1992 के बाद मनाली के ही होकर रह गए। + +17 साल का हो गया अटल द्वारा लगाया देवदार का पौधा।अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रीणी गांव में 2004 में देवदार का पौधा रोपा था, जो आज 17 साल का हो गया है। गांव वासी इसे अटल जी की याद के रूप में देखते हैं व इसकी पूरी देखभाल करते हैं। स्कूल के प्रांगण में लगा यह पौधा हर विद्यार्थी को अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाता रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c887d803581f984b54cf145bb8e8895fb9a571b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। New Haryana DGP: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (Haryana DGP) के पद पर वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार अग्रवाल (पीके अग्रवाल) की नियुक्ति के मामले में प्रदेश सरकार हर तरह के विवाद से दूर रही। इसके साथ ही मनोहरलाल सरकार ने इस नियुक्ति से पिछले दिनों के विवादों को भी खत्म कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a11380e88bfa5acf9156528c4918e99b5e8dfdcd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68313.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिथिलांचल को जोड़ने को कोसी महासेतु का निर्माण। बाजपेयी ने मिथिलांचल के लिए एक और बड़ा काम किया। साल 1934 के विनाशकारी भूकंप के दाैरान मिथिलांचल के दरभंगा-मधुबनी और सहरसा-सुपौल अलग-अलग दो भागों में बंट गए थे। दरभंगा से सहरसा-सुपौल जाने के लिए  जानकी एक्सप्रेस ट्रेन से रात भर का लंबा सफर करना पड़ता था। वाजपेयी ने दो भागों में बंटे मिथिलांचल के लिए कोसी महासेतु (Koshi Mahasetu) के निर्माण का फैसला लिया। इससे मिथिलांचल का एकीकरण हुआ। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (East-West Corridor) के तहत बनी फोरलेन सड़क ने विकास के रास्ते भी खोल दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68315.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0baa1b568adb01fe0d36b386bff428f334e8d89d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68315.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। देश में सबसे अधिक बोली जाने वाले हिंदी भाषा के विकास में एक और नया अध्याय जुडऩे जा रहा है। हिंदी पत्रकारिता को एक नया मुकाम देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पत्रकारिता को तराशने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके पीछे मंशा यह है कि इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं को किताबों के साथ ही प्रैक्टिकल और बदलते समय में पत्रकारिता के नए आयामों की जानकारी हो सके। हिंदी पत्रकारिता को नई उड़ान देने की जिम्मेदारी सूबे में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय को मिली है। + +ऐसे दिखेगी फिल्में:  आंबेडकर विवि द्वारा बनाई गई फिल्मों को सीईसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके माध्यम से विद्यार्थी आनलाइन फिल्मों को देखने के साथ ही उसे अपलोड भी कर सकेंगे। पत्रकारिता के विविध क्षेत्रों के अनुसार उनका नामकरण किया जाएगा। कुलपति प्रो.संजय सिंह ने बताया कि मीडिया सेंटर में हिंदी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्में बनाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68316.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a0eeaffbb7aba05441a6e909d593d4b86c0f1c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ेंः DSGMC Elections Result: डीएसजीपीसी चुनाव में बड़ा उलटफेर, अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा चुनाव हारे।यह भी पढ़ेंः Afghanistan Taliban Crisis: कवि कुमार विश्वास ने कुछ इस अंदाज में दुनिया भर के नेताओं को लगाई लताड़, UNO और USA पर भी कसा तंज।Weather & Rain ALERT! बारिश के लिए लोगों को करना होगा 3 दिन का इंतजार, IMD ने की ताजा भविष्यवाणी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5bc7d7c73d95ba3aefc3b9d2d95c8e72c562e29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68317.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बताया जा रहा है कि यदि अक्टूबर के अंत तक दिल्ली की 10 रूटों पर 100 नई इलेक्ट्रिक फीडर बसों का परिचालन शुरू हो भी जाए तो तब भी मेट्रो फीडर बस सेवा के बेड़े का विस्तार नहीं हो पाएगा, क्योंकि डीएमआरसी के सूत्र बताते हैं कि 174 पुरानी फीडर बसों को सड़क से हटाने की तैयारी है। यही वजह है कि इन बसों का दोबारा परिचालन शुरू करने को लेकर डीएमआरसी अभी ज्यादा गंभीर नहीं है। हालांकि, डीएमआरसी ने पुरानी बसों को सड़क से हटाए जाने की तैयारी से इनकार किया है। + +दरअसल, पिछले साल कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर 174 मेट्रो फीडर बसों का परिचालन बंद कर दिया गया था। तब से इन बसों का दोबारा परिचालन शुरू नहीं हुआ। इनमें से करीब करीब 20 बसें 10 साल पुरानी व 154 बसें करीब सात साल पुरानी हैं। इन बसों के परिचालन की जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को दी गई थी। फिलहाल परिचालन बंद होने से संचालक एजेंसी का अनुबंध अभी लंबित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f60e75cc60d1f23aef93611adebb619391c378a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। टॉफी और चॉकलेट्स तो बच्‍चों को हमेशा से पसंद हैं। पहले के जमाने में माता पिता नियंत्रण रखते थे लेकिन अब तो फरमाइश हुई नहीं कि तुरंत पूरी हो गई। फास्‍ट फूड के इस दौर में बच्‍चों के दांतों में मजबूती नहीं आ पा रही। ज्‍यादातर माता पिता अपने बच्‍चों को डाक्‍टर के पास लेकर पहुंचते हैं कि इसके दांत में कीड़ा लग गया है या दांत टेढ़े आ रहे हैं। मुंह में से स्‍मैल आती है। इस तरह की दिक्‍कतों को देखभाल से दूर किया जा सकता है। ।दरअसल बच्चों में दांत निकलने से पहले, उनके मसूड़ों और जीभ की साफ-सफाई का ध्यान देना जरूरी है। इससे बच्चों के दांत और मसूड़े स्वस्थ रहेंगे। आगरा में डेंटिस्‍ट डा. नेहा सक्‍सेना के मुताबिक बच्चे के संपूर्ण सेहत को सुनिश्चित करने के लिए उसके दांतों की देखभाल (Tooth Care for Babies in hindi) के लिए ये टिप्‍स अपनाए जा सकते हैं-।Dental Care For kids: छोटे बच्चों के दांतों की देखभाल ठीक से ना करें, तो उनके दांतों में कीड़े जल्दी लग जाते हैं। एक से तीन साल के बच्चे खुद से अपने दांतों की देखभाल नहीं कर सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को ही उनकी दांतों की साफ-सफाई का ख्याल रखना होगा। बच्चों की ओरल हेल्थ (Kids Oral Health) का ख्याल आपको उनके दांत निकलने के बाद से ही शुरू कर देना चाहिए। दांत निकलने से पहले, उनके मसूड़ों और जीभ की भी साफ-सफाई का ध्यान देना जरूरी है। इससे बच्चों के दांत और मसूड़े स्वस्थ रहेंगे। उनमें जर्म्स, कैविटी नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68319.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d53f843ddff8ba08c74ec799da524af5f7233d62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68319.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, मेरठ। आजादी का जो जश्न आज हम मना रहे हैं उसकी नींव 10 मई 1857 को पड़ी थी। इस दिन मेरठ के विक्टोरिया पार्क में क्रांति की ज्‍वाला यहीं से फूटी थी। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ यहीं से ऐलान हो चुका था। सैनिकों और क्रांतिकारियों का गुस्सा अंग्रेजी हुकूमत पर कहर बनकर टूटा। वजह थी नौ मई 1857 को अंग्रेजों द्वारा 85 सिपाहियों का किया गया कोर्ट मार्शल। इतिहासकार बतातें है कि इसी दिन की क्रांति ने आजादी के लिए पूरे देश में जंग की विगुल बजा दी थी। यहां की क्रांति पूरे देश में आग की तरह फैल गई थी। खासकर युवाओं में आजादी की लौ सी दौड़ी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0c0f9ba04dab19b809b4a5ba942fec7de508378 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये उन दिनों की बात है जब जेल में कोई कैदी मर जाता था तो जेल का जमादार उसकी टांग पकड़कर बिना किसी रहम के घसीटते हुए उसके कपड़े उतारकर पत्थरों के नीचे दबा दिया जाता था। न तो कब्र नसीब होती थी और न ही अंतिम संस्कार कर अग्नि दी जाती। अगर इस्लाम धर्म में आत्महत्या जायज होती तो ऐसे जीने से मर जाना बेहतर होता। ये शब्द खैराबाद के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना अल्लामा फजले हक के थे जिसका उल्लेख फारसी भाषा में लिखी पुस्तक अस्सूरतुल हदिया में किया गया है। पुस्तक अंडमान के सेलुलर जेल में 1858 से 1861 के बीच लिखी गई। मौलाना अल्लामा फजले हक खैराबादी ने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर मौत को गले लगा लिया। 20 जुलाई 1797 को खैराबाद के मियां सराय में मौलाना फजल इमाम के घर जन्मे अल्लामा दर्शन शास्त्र के विद्वान थे। दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश पद को भी उन्होंने सुशोभित किया। उनकी पुस्तकें विश्व के अनेक विश्वविद्यालय में आज भी पढ़ाई जाती हैं। पूर्वज ईरान के थे। बाद में वह भारत आ गए। बदायूं हरगांव और अंत में खैराबाद में बस गए। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी का राज्य स्थापित हो चुका था। अंग्रेजों द्वारा कारतूसों में गाय व सुअर की चर्बी मिलाकर ङ्क्षहदु-मुसलमान का धर्म भ्रष्ट कर उनको जबरन ईसाई बनाया जाता था। अंग्रेजों ने अत्याचार की सारी सीमाएं पार कर दी थीं, इंसानों को बेरहमी से कत्ल किया जा रहा था। मस्जिद फतेहपुरी से किले के दरवाजे तक पेड़ों में लाशें लटक रही थीं। यह ह्नदय विदारक दृश्य देखकर अल्लामा का दिल दहल गया और मुस्लिम कौम का सरपरस्त होने के नाते फतवा जारी कर दिया जिसके बाद अंग्रेजों ने अल्लामा को पकड़ लिया। चार मार्च 1859 को जस्टिस थरबर्न ने उनकी जायदाद की और काला पानी की सजा सुनाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af375f8f98541df6bce970707f63833ab3b5ce62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रोडवेज प्रशासन उत्तराखंड की सीमा पर बिलासपुर के पास बस अड्डा बनाने जा रहा है। जिस पर 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके बाद यहां से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। रामपुर से नैनीताल मार्ग पर उत्तर प्रदेश का आखरी बड़ा कस्बा बिलासपुर है। यहां की आबादी तीन लाख से अधिक है। यहां से उत्तराखंड की सीमा दो किलोमीटर बाद शुरू हो जाती है। ।बिलासपुर से उत्तराखंड, मुरादाबाद, दिल्ली आदि जगहों के लिए काफी संख्या में यात्री मिलते हैं। उसके बाद भी यहां कोई बस अड्डा नहीं है। इससे यात्रियों को बाहर से आने वाली बसों का इंतजार सड़क के किनारे करना पड़ता है। स्थानीय लोगों की ओर से लंबे समय से बस अड्डा बनाने व बिलासपुर से दिल्ली आदि के लिए बसें चलाने की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री के आदेश पर रामपुर जिला प्रशासन ने उत्तराखंड की सीमा के पास बस अड्डा बनाने के लिए एक एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल जैन ने बताया कि जिला प्रशासन से बस अड्डा के लिए जमीन मिल गई है। यहां 50 लाख रुपये खर्च कर बस अड्डा का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें यात्रियों के बैठने के लिए स्थान, बस खड़ी होने के लिए शेड, यात्रियों की सुविधा के लिए पानी, शौचालय, कैंटीन आदि की सुुविधा उपलब्ध होगी। बस अड्डा बनने में दो साल का समय लग सकता है। बस अड्डा बनाने के बाद बिलासपुर से दिल्ली आदि के लिए बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। ।यह भी पढ़ें :-।स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान ही भूल गए मुरादाबाद के सपा सांसद डॉ. एसटी हसन, वीडियो वायरल।MDA News : स्वतंत्रता दिवस पर भी सामान ढोने में जुटे रहे कर्मचारी, नया मुरादाबाद में शिफ्ट होने लगा एमडीए कार्यालय।शादी का झांसा देकर युवती से बनाए शारीरिक संबंध, गर्भवती होने पर तोड़ ल‍िया र‍िश्‍ता, पंचायत में भी नहीं सुलझा मामला।रकबा सुधार के लिए किसान से डेढ़ लाख रुपये की घूस मांगने पर लेखपाल निलंबित, बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी ने की कार्रवाई।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac3d16bdfc252d1edb6a2599ff4017b67ea00256 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अफगानिस्‍तान सरकार बैकफुट पर आई।तालिबान के आक्रामक रुख को देखते हुए अफगानिस्‍तान सरकार बैकफुट पर आ गई है। दोहा में तालिबानियों के साथ वार्ता में अधिकारियों ने हिंसा खत्‍म करने के लिए एक समझौते का प्रस्‍ताव दिया है। एफपी न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक देश में शांति और स्थिरता के लिए अफगानिस्‍तान की सरकार अब तालिबान को सत्‍ता में साझेदारी बनाना चाहती है, ताकि तालिबान जंग खत्‍म कर दें। आइए जानते हैं कि आखिर एक सप्‍ताह में तालिबान ने किन राज्‍यों की राजधानी पर किया कब्‍जा। ।क्‍यों विवश हुई अफगान सरकार ।काबुल पर कब्जे में लग सकते हैं तीन महीने।बता दें कि तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान के 10वें राज्य की राजधानी गजनी पर कब्जा कर लिया। यहां के गवर्नर ऑफिस, पुलिस हेडक्वार्टर और जेल पर अब सरकार का नियंत्रण नहीं है। अब उन पर तालिबान के आतंकियों का कब्जा है। अमेरिका सहित कई देशों के विशेषज्ञ मानकर चल रहे थे कि तालिबान को काबुल कब्जाने में 3 से 6 महीने का समय लग सकता है, लेकिन उनके दावे गलत साबित होते नजर आ रहे हैं। गजनी और काबुल की दूरी महज 150 किलोमीटर है। गजनी राज्य परिषद के प्रमुख नसीर अहमद फकीरी ने बताया कि गजनी प्रोविंस के कुछ शहरों में तालिबान और अफगान सेना के बीच झड़प जारी है। हालांकि उन्‍होंने कहा ज्यादातर हिस्सा आतंकियों की गिरफ्त में आ चुका है। तालिबान भी गजनी पर कब्जे का ऐलान कर चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50a910e51cecbef6a21c1e679202c01b15a2a60c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आदर्श कुमार तिवारी, सासाराम। स्वावलंबन के साथ गांव-समाज और देश की मजबूती में योगदान। भारत के भविष्य की परिकल्पना करते हुए स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को यही संदेश दिया था। आज यह दिख रहा है, जब युवा शक्ति विभिन्न क्षेत्रों में अलग सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इन्हीं में एक अर्णव वत्स भी हैं, जो न्यूजीलैंड में एक अच्छी नौकरी छोड़ गांव लौट आए और अब मछली पालन कर रहे हैं। शुरुआती दौर में ही 50-60 लाख रुपये सालाना आय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी युवाओं से बात करते हुए यही कहते हैं, औरों को रोजगार देने वाले बनें। इससे प्रभावित होकर अर्णव ने अपने देश लौटने का फैसला कर लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13f92f05e3f994c6c7d013a5e4a7c1f52a235c1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68329.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा [धनश्याम पाल]। संजय नवादा गौतमबुद्धनगर जिले में पिछले कई सालों से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने की मुहिम छेड़े हुए हैं। वह तकरीबन सालभर जिले में जगह-जगह पौधे लगाने और लोगों को उसकी देखभाल के प्रति प्रेरित करते रहते हैं। गौतमबुद्धनगर जिले ग्रेटर नोएडा सदर तहसील के गांव नवादा निवासी संजय नवादा अध्यक्ष (पर्यावरण संरक्षण समिति) भी हैं। वह कहते हैं- 'प्रकृति के तत्वों से खिलवाड़ मानव जीवन के लिए उचित नहीं है। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के साथ हम जलाशयों का संरक्षण कर अपने आसपास की आबोहवा शुद्ध बना सकते हैं। यह पर्यावरण के हित में होगा और आने वाली पीढ़ियों के एक तोहफे के तौर पर होगा। हरियाली से प्रेम प्रत्येक मनुष्य को होना चाहिए। व्यस्त जीवन के बाद भी हम स्वयं फुलवारी, हरियाली तैयार करने में रुचि रखते हैं। इसके लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं। शुद्ध पर्यावरण से संक्रामक बीमारियों के फैलने की गुंजाइश बहुत कम रहती है।'।अब लोगों के साथ प्रशासन से भी मिलने लगा सहयोग।संजय नवादा का कहना है कि पहले लोग पर्यावरण के प्रति उदासीन रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे जागरूकता आ रही है। इसी कड़ी में अब शासन प्रशासन का भी सहयोग मिलने लगा है। प्राधिकरण सीईओ से टीगार्ड व पौधा मुहैया कराया गया था। जिसे घर-घर सभी के सहयोग से रोपण कर परवरिश की शपथ ली गई है। पिछले दिनों बिलासपुर कस्बा सहित 21 गांवों में 55 सौ पौधा रोपण किया गया है। इसी के साथ चुनौती भी बढ़ गई है, क्योंकि रोपे गए पौधों का संरक्षण भी बड़ी जिम्मेदारी है। दरअसल, देखभाल के अभाव में ज्यादातर पौधे ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाते। ऐसे में लोगों से मेरा अनुरोध है कि लोग पौधे लगाएं तो उनकी तब तक देखभाल करें जबतक कि वे बड़ी नहीं हो जाएं। + +गिलोय भी स्वास्थ्य के लिए अमृत समान।संजय नवादा तुलसी और गिलोय के पौधे घर-घर वितरण करने के साथ पीपल का पौधा लगाने की अपील भी करते रहे हैं। लोगों को पेड़ लगाने के प्रति प्रेरित करने वाले संजय नवादा कहते हैं कि तुलसी और पीपल ऐसे पौधे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। इसके साथ-साथ गिलोय भी स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है। पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष संजय नवादा अभी तक काफी घरों में तुलसी-गिलोय के पौधा भेंट कर चुके हैं। इसी के साथ संजय नवादा कोरोना संक्रमण के दौर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी और गिलोय का काढ़ा बनाकर सेवन करने की भी सलाह दे रहे थे। उनका कहना है कि जब तक कोरोना वायरस है, यह अभियान जारी रहेगा। + +पर्यावरण संरक्षण का संकल्प।संजय नवादा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्होंने संकल्प लिया है कि वह घर-घर में तुलसी और गिलोय व जंगल में पीपल पौधा को लगवाएंगे। इसके लिए वह लोगों को तुलसी-गिलोय के पौधे वितरित कर रहे हैं। खास बात यह है कि अधिकांश घरों में वह स्वयं जाकर पौधे नि:शुल्क भेंट करते हैं। जिन्हें पौधा भेंट करते हैं उन्हें भी संकल्प दिलाते हैं कि वह दूसरों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। संजय नवादा का कहना है कि घर में हमेशा तुलसी और गिलोय को संरक्षित रखने के साथ लोगों को पीपल का पौधा लगाने के लिए भी जागरूक किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3db6b340d2f422e400b326f132b49f66bf48e547 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +‘2010 में एक दिन हम अपनी बालकनी में खड़े हुए थे तो हमने देखा कि हमारे घर के सामने करीब 14 टावर लगे हुए हैं उस वक्त हमें इनके बारे में जानकारी हीं थी। फिर एक दिन हमने एक मैग्जीन में रेडिएशन के बारे में एक स्टडी देखी। मैं ये पढ़कर थोड़ा डर गई, उसके बाद मैंने हैदराबाद की एक एंजेसी से इस बारे में संपर्क किया। उन्होंने अपने मीटर से मेरे घर पर उन टॉवर से आने वाले रेडिएशन को चेक किया जो की हाई थी। उन्होंने मुझे इस पर रिपोर्ट भी भेजी थी जिसमें साफ लिखा था कि ये रेडिएशन बहुत नुकसानदायक हैं। इनका असर इंसान के सोनी की क्षमता, याद्दाश्त, सिर दर्द जैसे की चीज़ों पर पड़ सकता है'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..656cea48e6441d9137f8630ed5997161bb78be20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68333.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +23 साल की उम्र में देश के लिए खाई तीन गोलियां ।संजय कुमार चार व पांच जुलाई को कारगिल में मस्को वैली प्वाइंट पर फ्लैट टॉप पर 11 साथियों के साथ तैनात थे। यहां दुश्मन ऊपर पहाड़ी से हमला कर रहा था। इस टीम में 11 साथियों में से दो शहीद हो चुके थे, जबकि आठ गंभीर रूप से घायल थे। संजय कुमार भी अपनी राइफल के साथ दुश्मनों का कड़ा मुकाबला कर रहे थे, लेकिन एक समय ऐसा आया कि संजय कुमार की राइफल में गोलियां खत्म हो गई। इस बीच संजय कुमार को भी तीन गोलियां लगी, इनमें दो उनकी टांगों में और एक गोली पीठ में लगी। संजय कुमार घायल हो चुके थे। ऐसी स्थिति में गम्भीरता को देखते हुए राइफल मैन संजय कुमार ने तय किया कि उस ठिकाने को अचानक हमले से खामोश करा दिया जाए। इस इरादे से संजय ने अचानक ही उस जगह हमला करके आमने-सामने की मुठभेड़ में तीन दुश्मन सैनिकों को मार गिराया और उसी जोश में गोलाबारी करते हुए दूसरे ठिकाने की ओर बढ़े। संजय इस मुठभेड़ में खुद भी लहू लुहान हो गए थे, लेकिन अपनी ओर से बेपरवाह वो दुश्मन पर टूट पड़े। अचानक हुए हमले से दुश्मन बौखला कर भाग खड़ा हुआ और इस भगदड़ में दुश्मन अपनी यूनीवर्सल मशीनगन भी छोड़ गए। संजय कुमार ने वो गन भी हथियाई और उससे दुश्मन का ही सफाया शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68334.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68334.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5ee474d49c8eeba4ba5290b17ecb876d38eb6ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68334.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अशोक कुमार, गुरदासपुर। युवाओं के आंखों का पानी सूख रहा है। उनकी आंखों में पानी नाम की कोई चीज नहीं है। चौकिए..नहीं। हम ताने नहीं मार रहे, बल्कि शहर के नेत्र विशेषज्ञों के पास ऐसे युवा काफी तादाद में पहुंच रहे हैं जिनकी आंखें ड्राई हो गई हैं। यानी की उन्हें ड्राई आइ की शिकायत हो गई है। ड्राई आइ का मतलब वैसी आंख से है, जिसमें आंसू ग्रंथिया पर्याप्त आंसू का निर्माण नहीं कर पातीं। आंखों के विशेषज्ञों के अनुसार यह समस्या अधिक होने पर आखों की सतह को नुकसान पहुंच सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68336.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..232265df2132be7482b49d35289a913e756883fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68336.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शनिवार की देर रात शयन आरती के बाद बाबा शयन के लिए चले गए और इसके बाद बाबा दरबार में सुबह मंगला आरती की तैयारी शुरू की गई तो बाबा का श्रृंगार तिरंगे में करने की तैयारी शुरू की गई। सुबह मंगला आरती के लिए बाबा दरबार खुला तो पूजा के दौरान झांकी सजी और हर हर महादेव के साथ बाबा दरबार का कोना कोना गूंज उठा। फूल और पत्‍तों से बाबा दरबार की अनोखी सजावट की गई। वहीं बाबा को तिरंगे रंग में रंगने के लिए सफेद नारंगी फूलों का प्रयोग किया गया जबकि हरे रंग के लिए पत्तियों का प्रयोग कर बाबा को भी स्‍वतंत्रता दिवस समारोह के लिए विशेष श्रृंगार किया गया। ।सुबह मंगला आरती के लिए पहुंचे भक्‍त बाबा को तिरंगे रंग में रंगा देखकर आह्लादित नजर आए। बाबा दरबार में हर-हर महादेव के साथ ही भारत माता की जय के नारे भी गूंजे। सुबह बाबा का तिरंगा श्रृंगार देखकर भक्‍त मुदित नजर आए। बाबा का यह स्‍वरुप देखकर इंटरनेट मीडिया में भी बाबा का यह स्‍वरुप छाया रहा। बाबा दरबार के मुख्‍य अर्चक आचार्य श्रीकांत मिश्र ने बताया कि आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश के मौके पर बाबा का तिरंगे फूल और पत्तियों से श्रृ्ंंगार का निर्णय लिया गया था। उसी क्रम में बाबा का सुबह तिरंगा श्रृंगार किया गया है। ।बाबा दरबार में सजाई गई तिरंगा झांकी : भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराकर विशेष अभिषेक कराया गया। उसके बाद बाबा की तिरंगा झांकी सजाई गई। मंगलाआरती के बाद बाबा के इस विशेष श्रृंगार झांकी के दर्शन के लिए बाबा का झांकी दर्शन द्वार आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण बाबा दरबार में सुबह से ही आस्थावानों की भीड़ भी उमड़ी। भक्त परिवार के साथ बाबा का दर्शन-पूजन करने पहुंचे तो भोर से दोपहर तक बाबा दरबार में भक्तों की कतार उमड़ी रही। दर्शन के दौरान कोविड-19 के गाइड लाइन का अनुपालन किया गया। बिना मास्क के किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37e0e8a8ad271207268f156e396fb856b87af51b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68337.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मूल्यों की रक्षा को जागा जनजीवन।यूरोपीय शक्तियों के विरुद्ध भारतीय प्रतिरोध विश्व इतिहास में अनूठा उदाहरण है। यह बहुमुखी प्रयास था जिसमें एक ओर विदेशी आक्रमण का सशस्त्र प्रतिकार किया जा रहा था तो दूसरी ओर समाज को शक्तिशाली बनाने के लिये इसमें आई विकृतियों को दूर कर सामाजिक पुनर्रचना का काम जारी था। देशी रियासतों के राजा जहां अंग्रेजों का अपनी शक्ति भर प्रतिकार कर रहे थे, वहीं अपने सहज-सरल जीवन में अंग्रेजों के हस्तक्षेप और जीवनमूल्यों पर हमले के विरुद्ध स्थान-स्थान पर जनजातीय समाज उठ खड़ा हुआ। अपने मूल्यों की रक्षा के लिए जाग उठे इन लोगों का अंग्रेजों ने क्रूरतापूर्वक नरसंहार किया किंतु वे संघर्ष से पीछे नहीं हटे। 1857 में हुआ देशव्यापी स्वातंत्र्य समर इसका ही फलितार्थ था जिसमें लाखों लोगों ने बलिदान दिया। + +सींची गईं सांस्कृतिक जड़ें।भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने के प्रयासों को विफल करने के लिए कार्शी ंहदू विश्वविद्यालय, शांति निकेतन, गुजरात विद्यापीठ, एमडीर्टी ंहदू कालेज तिरुनेलवेल्ली, कर्वे शिक्षण संस्था व डेक्कन एजूकेशन सोसाइटी तथा गुरुकुल कांगड़ी जैसे संस्थान उठ खड़े हुए और छात्र-युवाओं में देशभक्ति का ज्वार जगाने लगे। प्रफुल्लचंद्र राय और जगदीश चंद्र बसु जैसे वैज्ञानिकों ने जहां अपनी प्रतिभा को भारत के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया वहीं नंदलाल बोस, अवनींद्रनाथ ठाकुर और दादा साहब फाल्के जैसे कलाकार तथा माखनलाल चतुर्वेदी सहित प्राय: सभी राष्ट्रीय नेता पत्रकारिता के माध्यम से जनजागरण में जुटे थे। अपनी कलाओं के माध्यम से देश को जगा रहे थे। महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद आदि अनेक मनीषियों की आध्यात्मिक प्रेरणा इन सबके पथप्रदर्शक के रूप में कार्यरत थी। बंगाल में राजनारायण बोस द्वार्रा ंहदू मेलों का आयोजन, महाराष्ट्र में लोकमान्य तिलक द्वारा गणेशोत्सव और शिवाजी उत्सव जैसे सार्वजनिक कार्यक्रम जहां भारत की सांस्कृतिक जड़ों को सींच रहे थे वहीं ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे समाज सुधारक महिला शिक्षा और समाज के वंचित वर्ग को सशक्त करने के रचनात्मक अभियान में जुटे थे। डा. अंबेडकर ने समाज को संगठित होने और सामाजिक समानता पाने के लिए संघर्ष करने का मार्ग दिखाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fd6d1e323d53f7080aaff2396ad807b96f15129 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर (शिवा अवस्थी)। आज श्रावण मास की शुक्ल सप्तमी है। सनातन संस्कृति के लिए अहम यह वो तिथि है, जब रामत्व के महाकवि तुलसीदास जी ने यमुना के तट पर पिता आत्माराम दुबे और मां हुलसी के घर जन्म लिया जो चित्रकूट-कौशांबी की सीमा राजापुर कस्बे में है। उनके जन्म को लेकर दोहा है- 'पंद्रह सौ चौवन विसे, कालिंदी के तीर, श्रावण शुक्ला सप्तमी तुलसी धरयो शरीर। तुलसीदास के महाकाव्य रामचरितमानस ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की गाथा को घर-घर तक पहुंचाया। तुलसी जन्म कुटीर, जहां करीब एक सप्ताह पहले से तुलसी जयंती को लेकर माहौल गुलजार है। शनिवार दोपहर से कीर्तन शुरू हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c84a3f33e23dd8b5303617d326c3a240ea78f6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68341.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्य मार्ग बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा (लगभग 425 किमी) 110 से 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार लायक बनने के बाद भी उपेक्षित है। राजधानी जैसी ट्रेनों के चलने लायक बनने के बाद भी गोरखपुर-बस्ती मंडल के दो करोड़ से अधिक की आबादी रेल मंत्रालय का मुंह देख रही है। शायद, रामायण और बौद्ध सर्किट के प्रमुख केंद्र से वंदेभारत, शताब्दी और दूरंतो ही चलने लगे। लेकिन यात्री प्रधान होने के बाद भी रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर रेलवे के इस महत्वपूर्ण मार्ग की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। जिस मार्ग के सिर्फ गोरखपुर जंक्शन से से सामान्य दिनों में लगभग डेढ लाख लोग आवागमन करते हैं। + +रेल मंत्रालय का मुंह देख रही गोरखपुर-बस्ती मंडल की दो करोड़ से अधिक की आबादी।ऐसे में अब ढेरों सवाल भी उठने लगे हैं। जब बनारस से प्रयागराज तक वंदे भारत और वाराणसी से छपरा तक राजधानी चल सकती है तो बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा रेलमार्ग पर क्यों नहीं। दरअसल, उपेक्षा के चलते ही धार्मिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन से समृद्ध गुरु गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर आज तक यातायात की दृष्टि से मजबूत नहीं हो पाई। फिलहाल राजधानी समेत देश की प्रमुख ट्रेनों को चलाने की दैनिक जागरण की मुहिम हमें चाहिए राजधानी में पूर्वांचल के जनप्रतिनिधि और उद्यमी भी जुड़ गए हैं। दैनिक जागरण के साथ उनकी भी आवाज पूर्वांचल की जनता से जुड़ी समस्याओं के लिए उठने लगी है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन भी ट्रैक मजबूत कर रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65314c1c13f7d1f711fc9806b57bb9dddfe6ef74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68342.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [राजीव सक्सेना]। हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, लेकिन आज भी हमारे देश पर कब्जा कर उस पर राज करने वाले अंग्रेज अफसरों के नाम पर शहर के तमाम मोहल्ले आजादी की हमारी खुशियों पर कहीं ना कहीं जहरीले तीर की तरह चुभते हैं। लाटूश रोड, हालसी रोड, मूलंगज, बेकनगंज जैसे मोहल्लों और सड़कों से गुजरते समय अंग्रेजों की गुलामी की यातनाएं लोगों के जेहन में आ जाती हैं, जिन्हें अपने बुजुर्गों से सुना है। ये नाम हमारे मन को कचोटते हैं लेकिन इतने वर्षों के बाद भी इन नामों को आज तक बदला नहीं जा सका है। हालांकि लोग इनके लिए भी अब जागरूक हो रहे हैं और आवाज भी उठ रही है कि इन नामों को अब बदल दिया जाना चाहिए। ।मोलंगज से हो गया मूलगंज।शहर में परेड से सेंट्रल स्टेशन जाना हो तो परेड मोहल्ले का नाम ही अंग्रेजों की देन है। यहां मैदान में अंग्रेजों की सेना की परेड होती थी। इसीलिए इसका नाम परेड हुआ। मूलगंज चौराहा से घंटाघर चौराहा के बीच हालसी रोड है। यह सड़क अंग्रेज कलक्टर एस हालसी के नाम पर बनाई गई है। इस सड़क के दोनों और थोक बाजार हैं। यह शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है। जहां से यह सड़क शुरू होती है, वहां मूलगंज चौराहा है और इसके साथ ही मूलगंज मोहल्ला भी है। इस मोहल्ले को अंग्रेज कलक्टर एचडी मोल ने बनवाया था। मोलगंज से नाम बदलते-बदलते मूलगंज हो गया। ।लेफ्टीनेंट गवर्नर जेम्स लाटूश के नाम हो गई रोड।मूलगंज चौराहे से जुड़ी लाटूश रोड का नाम संयुक्त प्रांत के लेफ्टीनेंट गवर्नर सर जेम्स लाटूश के नाम पर रखा गया। अंग्रेजों के समय से इस सड़क का नाम आज तक लाटूश रोड ही है। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। 1857 से पहले बहुत सी फौजी कंपनियां कानपुर में ठहरती थीं। इनमें से बंगाल इंफेंट्री सबसे महत्वपूर्ण माना जाता था। इन्हें गिलिसेज भी कहा जाता था। इसी गिलिसेज के नाम से ही यहां गिलिस बाजार नाम हुआ। ।कूपरगंज आज है कोपरगंज।नवाबगंज में आज भी कंपनी बाग है। 1847 में अंग्रेजों की सेनाएं यहां आकर रुकी थीं तो उसे कंपनी की सेना कहा जाता था। इसलिए इस जगह को कंपनी बाग का नाम दिया गया। कूपर एलेन के नाम पर बसे कूपर गंज को आज कोपरगंज कहा जाता है। ।इनके नाम बदले गए।हूलागंज किसी समय ह्वीलर गंज कहा जाता था। यह नाम सर ह्यू ह्वीलर की स्मृति में पड़ा था। बाद में भारतीयों ने अपने सेनापति हुलास सिंह के नाम पर इसे हूलागंज कर दिया। इसी तरह 1866 में कलक्टर विलियम स्टर्लिंग हेलसी ने कलक्टरगंज बसाया। हालांकि इसका नाम नगर निगम की लिखापढ़ी में अयोध्या नगरी हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68343.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8953d992f14dbb6f29c39bf2d61e34caaefb48db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68343.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। आगरा में एक चौराहा ऐसा भी है जहां पिछले 1399 दिन से हर रोज तिरंगा फहराया जाता है। कोरोना काल में भी यह क्रम नहीं टूटा। अजीत नगर बाजार कमेटी के सेल्फी पोइंट पर 15 मिनट के इस कार्यक्रम में हर रोज एक नया अतिथि होता है। इस कार्यक्रम में हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं। राष्ट्रगान के दौरान यहां यातायात थम सा जाता है। + +नहीं होता अतिथि का इंतजार।बाजार कमेटी के पदाधिकारी ध्वजारोहण के लिए रोज शहर के एक अलग क्षेत्र से नए अतिथि को आमंत्रित करते हैं। कार्यक्रम सुबह पौने दस बजे शुरू होता है। अतिथि को तय समय से आने में पांच मिनट की भी देरी हो जाए तो कमेटी के पदाधिकारी विकल्प के रूप में अन्य अतिथि से ध्वजारोहण करवा लेते हैं। पूर्व एसएसपी अमित पाठक भी ध्वजारोहण से चूक गए थे। इस बार 15 अगस्त के दिन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन रनवीर बनर्जी को ध्वजारोहण के लिए आमंत्रित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22f45a47265c6320f3f81cbe3784fabe9dd9a085 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, संदीप शर्मा। गांव में सिर्फ आठवीं तक का विद्यालय था। हाईस्कूल के लिए 15 किमी दूर जाना पड़ता था। लड़के तो कैसे भी चले जाते, लेकिन लड़कियों की पढ़ाई छूट जाती थी। गांव में हाईस्कूल बनाने की स्वीकृति मिली, लेकिन जमीन न मिलने पर प्रस्ताव वापस होने के हालात बन गए। ऐसे में नंदापुरा के ग्रामीण साहब सिंह ने अपनी जमीन दान में देकर अशिक्षा से आजादी दिलाने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम बढा़या। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fd1ad11562e80f9ced0deb42bcab8c5e714a85c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68345.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वह आजादी की प्रतीक तो है साथ ही बंटवारे का जीवंत गवाह भी। इसलिए जब उनसे आजादी का जिक्र किया जाता है तो वह सीधे 1947 और उसके बाद के वर्षों में पहुंच जाती हैं। क्योंकि, वर्षों तक उनके आस-पास का माहौल ही ऐसा था। जहां आजादी की बातें कम जख्मों का जिक्र ज्यादा होता था। इसके साथ ही वह 74 सालों में हर क्षेत्र में देश की तरक्की से खुश भी हैं। उनके पुत्र भारत आहूजा कहते हैं कि वह अमेरिका व ब्रिटेन जैसे देशों में नहीं गई है, इसलिए वह देश के विकास की तुलना बाकि मुल्कों से नहीं कर सकती है, लेकिन सब कुछ खोने के बाद उन्होंने जो पाया है, वह उससे खुश है। उसी निगाह से वह देश को भी देखती हैं। + +उनका पूरा जीवन आजादी के हर दिन की गवाह है। जिसे उनकी कहानियों में किस्सागोई नहीं है, बल्कि हकीकत है, जो आसपास के लोग अक्सर सुनते रहते हैं और शरीर को थर्रा देने वाली स्थिति में ले चले जाते हैं। कैसे उनका अभावों और दुखों में दिल्ली और हरियाणा के रोहतक में उनका बचपन और किशोरवस्था गुजरी और शादी के बाद जब वह फिर दोबारा दिल्ली आई तो उनके पास क्या था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f45e52237ed427e2fea234a172879867c881449 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर का नर्वल कस्बा साधारण होते हुए भी असाधारण है क्योंकि यह विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा नामक झंडागीत के रचयिता पद्मश्री श्याम लाल गुप्त पार्षद की जन्मभूमि तो महान क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की कर्मभूमि है। नर्वल वह पवित्र भूमि है जिसकी रज को महात्मा गांधी ने खुद यहां आकर अपने माथे पर लगाया था। यह चंद्रशेखर आजाद व सरदार भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों का ठिकाना हुआ करती थी। खादी व स्वदेशी की मुहिम को यहां धार दी जाती थी। रघुपति राघव राजाराम की धुन पर चरखे से सूत की कताई होती थी तो इंकलाब जिंदाबाद के उद्घोष के साथ क्रांति का बिगुल फूंका जाता था। ।नर्वल में 1929 में गणेश शंकर विद्यार्थी ने सेवा आश्रम की स्थापना की थी। सेवा आश्रम आजादी के आंदोलन में सत्याग्रहियों व क्रांतिकारियों दोनों विचारधारा वालों का आंगन बन चुका था। यहां से खादी व स्वदेशी का विस्तार दो सौ से अधिक गांवों तक था। सेवा आश्रम में क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। नर्वल में जन्मे श्याम लाल गुप्त पार्षद 1921 में गणेश शंकर विद्यार्थी के संपर्क में आकर स्वतंत्रता के आंदोलन में कूद पड़े थे। ।1924 में जब स्वाधीनता आंदोलन ने तेजी पकड़े था तब महात्मा गांधी की प्रेरणा से पार्षद जी ने झंडागीत की रचना की थी। बापू 23 दिसंबर 1925 को जब कानपुर आए तो यहां पर आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्षद जी ने उनके समक्ष विजयी विश्व तिरंगा प्यारा नामक अपने गीत को प्रस्तुत किया। बापू की मौजूदगी में ही इसे झंडागीत की मान्यता दी गई। कानपुर के कांग्रेस सम्मेलन में ही पहली बार ध्वजारोहण के दौरान सामूहिक रूप से इसका गान किया गया। इसके बाद 15 अगस्त 1952 को पार्षद जी ने लालकिला से इसेे राष्ट्र को समर्पित किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82816fdd22cb5371e17cb1837a2356581c8450de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68347.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। गणतंत्र दिवस की कड़वी यादें भुला देश की शान लालकिला अब स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। कृषि कानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान लालकिला में गत 26 जनवरी को जो तोड़फोड़ की थी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने स्वतंत्रता दिवस पर इसे ठीक करा लिया है। दर्द भुलाकर लालकिला अब स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने को तैयार है। अब इसे इंतजार है राष्ट्रीय आयोजन का, जब अनेक विभूतियां यहां एकत्रित होंगी। प्रधानमंत्री यहां आकर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। + +बता दें कि उस दौरान तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी उस समय मौके पर पहुंचकर घटना पर दुख व्यक्त किया था। इस मामले की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ ) ने गृह मंत्रलय को सौंपी थी। हालांकि गुंबद से निकाले गए दोनों कलश उपद्रवी ले जा नहीं पाए थे। वे कुछ दिन बाद लालकिला परिसर में रखे मिल गए थे। अब सभी तरह की तोड़फोड़ एएसआइ ने ठीक करा ली है। टर्नस्टाइल गेट ठीक करा लिए हैं। लाइटें व सीसीटीवी ठीक हो चुके हैं। निकाले गए दोनों कलश भी कुशल कारीगरों से लगवा दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ce62b08c839c7a2736d5c311bcd5d94d973334a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [प्रवीण तिवारी]। पांच सदी के बाद शनिवार को ऐसा मौका आया, जब रामलला जन्मस्थान की शाम सात सुरों से सजी। चांदी के हि‍ंडोले पर विराजमान रामलला का दरबार भक्ति की गागर से निकले गीतों से सजा। जैसे-जैसे झूलन गीतों की प्रस्तुति आगे बढ़ी वैसे-वैसे पूरा परिसर विरासत के गौरवगान पर इतराता नजर आया और रामलला के तो कहने ही क्या...। भक्ति, संस्कृति और परंपरा को समाहित किए गीतों पर श्रोता कभी आनंद में डूबते नजर आए तो कभी अपने रामलला को विनयावनत हो प्रणाम करते दिखे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7f8aaf9eda63aaebd5bd0e7f856c8ef518521f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपदा में अवसर, टेक्सटाइल के फुलावटी उत्पादों को भारत से मंगाने लगे, दो हजार करोड़ का कारोबार बढ़ेगा।दरअसल, भारत से न्यूयार्क तक 40 फीट के एक कंटेनर का किराया 12 हजार डालर तक पड़ रहा है। इसी कंटेनर का किराया चीन से न्यूयार्क तक 22 हजार डालर हो गया है। अमेरिका के खरीदार भारत के टेक्सटाइल निर्यातकों को ईमेल करके कह रहे हैं, वे चीन से माल खरीदते थे। क्या आप हमें माल उपलब्ध करा सकते हैं, क्योंकि भारत से उत्पाद मंगाने पर उन्हें एक कंटेनर पर सीधे तौर पर साढ़े सात लाख बच रहे हैं। रोजाना सौ कंटेनर भी मंगाते हैं तो साढ़े सात करोड़ की बचत होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5929834c81f531a3df20ca1c084594e20d3a850 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करीब सौ लोगों की टीम मिठाइयां बनाने लगी है। दो सौ से ज्यादा चीनी के कट्टे रखे हुए हैं। तीस से ज्यादा गैस सिलेंडर मंगा लिए गए हैं। मिठाई बनाते हुए हलवाई भी खुद पर गर्व करते हुए कहते हैं, उनका भी नाम हो गया। क्योंकि जब-जब नीरज का नाम आएगा, तब-तब वे कहेंगे कि नीरज के स्वागत में मिठाई तो हमने ही बनाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..429e361f5fb3db45c86a05cbea7eebd108d10447 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68352.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब्दुल जलील करते थे देखभाल : दुर्लभ कृति के जनक अब्दुल जलील जीवन पर्यंत नक्शे को लेकर फिक्रमंद रहे। सेवानिवृत्ति के बाद भी समय-समय पर नक्शा की देखभाल करते थे। इसके संरक्षण को लेकर प्रयासरत रहे। उनकी मौत के बाद कुछ दिनों तक मदरसा प्रबंधन ने भी इस निशानी को अक्षुण रखने की कवायद की। हालांकि प्रशासनिक मदद न मिलने की वजह से बाद मदरसा प्रबंधन भी बेपरवाह हो गया। इसकी वजह से अखंड भारत के इस दुर्लभ नक्शे में अब दरारें पड़ने लगी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..450f38cf601b499a71905a1d32d2a1593f1f5c43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार और संगठन दोनों के प्रधान थे। 10 महीने पहले उन्होंने संगठन के प्रत्यक्ष नेतृत्व से खुद को अलग कर लिया और विश्वस्त समङो जाने वाले रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) को संगठन का उत्तराधिकारी बनाते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। सब ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन केंद्र में मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद घटनाक्रम बदलने लगा। जदयू की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह दोनों की दावेदारी थी, लेकिन मंत्री पद केवल आरसीपी के हाथ लगा। भरपाई के लिए ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। नीतीश कुमार कहते हैं कि ललन सिंह को अध्यक्ष बनाने की पेशकश खुद आरसीपी ने ही की थी। जबकि आरसीपी के करीबियों का दावा है कि उनकी इच्छा दोनों पदों पर रहने की थी। यह अलग बात है कि आरसीपी ने कभी अपनी इस इच्छा का सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन नहीं किया। केंद्र में मंत्री बनने के तुरंत बाद उनका सार्वजनिक बयान यही आया कि जब कहा जाएगा, वह अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे। किसी के मन में क्या है, इसके बारे में ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। 31 जुलाई को जब नई दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय पद का हस्तांतरण हो रहा था तो आरसीपी खुश ही नजर आ रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fc2fa72f9eed4d02e9d09c40b216ca6007a6994 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68356.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सिर मुंडाते ही पड़े ओले।नवजोत सिंह सिद्धू ने इतिहास बनाया है। सिद्धू पहले ऐसे प्रदेश प्रधान बन गए हैं, जिन्होंने अपने लिए चार सलाहकार नियुक्त किए। इससे पहले कांग्रेस ने सिद्धू के साथ चार कार्यकारी प्रधान लगाए थे। सलाहकार नियुक्त करने के साथ ही सिद्धू को एक झटका भी लग गया क्योंकि एक सलाहकार पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने सलाहकार लगने से मना कर दिया है। कारण कुछ भी हो लेकिन यहां सिर मुंडाते ही ओले पड़े वाली कहावत बिल्कुल फिट बैठती है। बात पते की यह है कि सिद्धू ने बतौर स्थानीय निकाय मंत्री अपने जिस ओएसडी डा. अमर सिंह को हटाया था, उसे ही अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया है। सलाहकारों में सांसद डा. अमर सिंह को शामिल करके बाकी के सात सांसदों को संदेश दे दिया है कि वह तो सांसद को अपना सलाहकार लगा सकते हैैं। क्योंकि अभी तक पंजाब का कोई भी सांसद सिद्धू के साथ नहीं चल रहा है। + +बदले-बदले नजर आते हैं सरकार।नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में प्रदेश कांग्रेस की कमान आने के बाद भले ही जमीनी स्तर पर बहुत कुछ न बदला हो, लेकिन कुछ मंत्रियों व विधायकों के हाव-भाव बदल गए हैं। अब उनके बोलने में रौब दिखाई दे रहा है। कुछ मंत्री तो अपनेआप को सुपर सीनियर मानने लगे हैं। इसके पीछे का कारण बड़ा स्पष्ट है, क्योंकि इन मंत्रियों ने नए प्रधान के साथ मिलकर वह कर डाला जो कि पंजाब कांग्रेस में शायद अब तक कभी नहीं हुआ। इन मंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री को बदलने की बात उठ रही है। हाईकमान से मुख्यमंत्री की शिकायत की जा रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने राजनीतिक करियर के दौरान कभी इतने असहज नहीं हुए, जितना इन दिनों हो रहे हैं। बात पते की यह है कि अगर एक गुट मुख्यमंत्री को असहज कर सकता है तो घमंड आना तो लाजिमी है। बात पावर की जो है। + +चुनावी चाय चढ़ गई भट्ठी पर।मनप्रीत बादल ने अपनी चुनावी चाय भट्ठी पर चढ़ा दी है। बतौर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल से पंजाब सरकार के मुलाजिम खासे नाराज हैं। नाराजगी की वजह है कि वित्तमंत्री सरकारी मुलाजिमों के लिए सरकारी खजाना नहीं खोल रहे हैं। वित्तमंत्री भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि अगर वह सारा कुछ ही सरकारी मुलाजिमों को दे देंगे तो पंजाब के 98 फीसद लोगों को क्या देंगे। मुलाजिमों की नाराजगी की परवाह किए बगैर मनप्रीत ने बठिंडा में अपनी चुनावी चाय भट्ठी पर चढ़ा दी है। संयोग भी ऐसा कि चाय वाले की दुकान का नाम भी उनके बेटे अर्जुन के नाम पर है। बात पते की यह है कि मनप्रीत की चुनावी चाय की मिठास का पता तो अब 2022 में ही चलेगा, लेकिन कभी चाय वाले के यहां चाय बनाना तो कभी बास्केटबाल खेलना लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन ही जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2ccd5a51cfc240dbf3e9a2f05eb5f3c49e0c8d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68357.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1949 में बनी पाकिस्‍तानी फिल्‍म 'फेरे'।भारत विभाजन के करीब दो साल बाद 1949 में पाकिस्‍तानी फिल्‍मकारों ने फिल्‍म 'फेरे' का निर्माण किया। संभवत: बंटवारे के बाद यह पाकिस्‍तान की पहली फिल्‍म थी। कहा जाता है कि उस समय 65 हजार रुपये में बनी 'फेरे' पाकिस्‍तान की पहली ऐसी फिल्‍म थी जिसने सिल्‍वर जुबली मनाई। इस फिल्‍म के मुख्‍य किरदारों में स्‍वर्ण लता और नजीर थे। स्‍वर्ण लता के बारे में कहा जाता है कि वह सिख परिवार से थीं, जो बाद में इस्‍लाम कबूल कर सईदा बन गईं। हालांकि इससे पहले 7 अगस्त, 1948 को रिलीज हुई फिल्‍म 'तेरी याद' को पहली पाकिस्‍तानी फिल्‍म कहा जाता है। दाउद चंद द्वारा निर्मित इस फिल्‍म में दिलीप कुमार के छोटे भाई नासिर खान और आशा ने मुख्‍य भूमिका निभाई थी। कहा जाता है कि ये दोनों फिल्‍में भारत-पाक विभाजन पर आधारित थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c00778c1996ccd8320e44cd62a351360c53680a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68360.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना ही नहीं सभी तीर्थों का भांजा कहे जाने वाले आगरा के बटेश्वर से कृष्ण कन्हैया का गहरा नाता रहा है। यमुना नदी के तट पर बसे इस तीर्थ स्थल की महाभारत काल में भी मुख्य भूमिका रही है। कुंती व कर्ण ने यहां प्रवास किया था, वहीं पांडवों ने अज्ञातवास का कुछ समय यहां बिताया था। श्रीकृष्ण के पितामह ने अपनी राजधानी भी शौरीपुर को बनाया था। + +...तो फिर शौरीपुर में जन्म लेते कान्हा।देवकी की विदाई के समय अगर आकाशवाणी नहीं हुई होती तो भगवान श्रीकृष्ण शायद शौरीपुर में जन्म लेते, जो उनके पितामह की राजधानी थी। वासुदेव जब मथुरा से शौरीपुर देवकी की विदा करा कर लौट रहे थे, उस समय अचानक आसमान ने भविष्यवाणी हुई थी, जिसे सुन कर कंस पहले तो अचरज में पड़ गया। भय के कारण बहन देवकी व बहनोई वासुदेव को मथुरा की कारागार में डाल दिया। अगर ऐसा नहीं होता तो शायद भगवान कृष्ण का जन्म शौरीपुर में ही होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d44fa4cf2ae8125128c83a015a00cb2256f63802 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हंसराज के पास उस समय कोई सुविधा नहीं थी। वे छोटे बच्चों को अभ्यास कराते हैं और पहलवान की प्रतिभा पहचानकर पांच साल के बाद उसे आगामी ट्रेनिंग के लिए अपने गुरु महाबली सतपाल के पास दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में छोड़ आते हैं। 25 साल में हंसराज 100 से अधिक पहलवान तैयार कर चुके हैं जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है। इनमें से 22 पहलवान ऐसे हैं जो राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और ओलिंपिक तक पहुंचे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c9f854b98ec1f1663e7e8fa7692ef011943cbac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68364.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पूर्वी दिल्ली, रितु राणा। इस बार आजादी को सेलेब्रिटी फूड आर्टस्टि इंदर देव के स्टाइल में तिरंगा पास्ता के कहते हैं कि तिरंगा पास्ता खाकर आप देशभक्ति से सराबोर हो जाएंगे। इसके लिए आपको पेन्ने पास्ता, पेस्टो सास, ओरेंज चिली और टमाटर सास, पनीर सास, परमेसान पनीर, तुलसी के पत्ते, तेल, नमक, सफेद मिर्च की जरूरत पड़ेगी। इतनी सारी चीजें जरूर लगेंगी लेकिन डिश को तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा सिर्फ 30 मिनट में ये डिश तैयार हो जाएगी। यह मात्र तीस मिनट में बनकर तैयार हो जाएगा। + +सबसे पहले पास्ता उबालें और उबलने के बाद उसे ठंडा होने के लिए रख दें। पास्ता को तीन भागों में बांट लें। अब एक पैन में तेल डालें और उसमें पास्ता को फ्राई कर लें। अब एक प्लेट लें और उसमें पास्ता का एक भाग लेकर ओरेंज टमाटर सास मिलाएं। इसे सबसे ऊपर रख दें, अब दूसरा भाग लेकर उसमें पनीर सास मिलाएं और बीच में रख दें। अंत में तीसरा भाग लेकर पेस्टो सास पास्ता को सबसे नीचे रख दें। अब पास्ता को परमेसान पनीर और तुलसी के पत्ते से सजाकर परोस दें। हो गया..तिरंगा पास्ता तैयार। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09fc98950d5ac6cad62dcee0ff471d3382887657 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +औद्योगिक इकाईयों में प्रशिक्षण के बाद वहीं मिलेगा रोजगार : राजकीय आइटीआइ के प्रशिक्षार्थियों को पहली बार आन-जाब-ट्रेनि‍ंग का लाभ मिलने से बड़ा बदलाव आया है। मार्च 2022 तक प्रदेश के राजकीय आइटीआइ के 10 हजार प्रशिक्षार्थियों को उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाना है। उद्योगों से समन्वय और उसमें सहभागिता करते हुए 14356 प्रशिक्षार्थियों को ड्यूल सिस्टम आफ ट्रेनि‍ंग के तहत उद्योगों में शाप-फ्लोर पर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इससे प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण के बाद इन्हीं औद्योगिक इकाईयों में रोजगार मिल जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68367.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd33814a65e2c6daf12e7f6f18b061e447ada30e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68367.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खोज एवं बचाव अभियान के चौथे दिन शनिवार को बचाव राहत कार्य सुबह 4 बजे से शुरू कर दिया गया। शनिवार को दोपहर तक तीन और शव बरामद किए गए हैं। मृतकों की संख्या 20 तक पहुंच गई है। निकाले गए शवों में दो पुरुष और एक महिला का शव है, जिन्हें सीएचसी भावानगर पहुंचाया जा रहा है। पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थरों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है, जिस कारण स्थानीय प्रशासन ने लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0642edc723fbe5aed088d095b0ee77bba4e27361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनका दर्द देखिए।हरदासी खेड़ा के सोमेश्वर विहार निवासी।रवि वर्मा 18 मार्च से सीवर सफाई कराने की शिकायत दर्ज करा रहे हैं। यह शिकायत एप 1076 पर दर्ज कराते हैं। शिकायत करने के बाद शुएज कंपनी से फोन आता है लेकिन सीवर की सफाई नहीं हो पाई। सुपरवाइजर आशुतोष श्रीवास्तव आश्वासन ही दे रहे हैं और बड़े अधिकारी कुछ सुनते नहीं है। रवि कहते हैं कि 18 मार्च के बाद से यही सुनते आ रहे हैं कि सीवर की सफाई हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56ed90d11c4d4c0e9d3333c9dda6901393e76b8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [सोनू राणा]। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान एक समय ऐसा आया था जब अस्पतालों में बिस्तर भर गए थे, लोग आक्सीजन के लिए दो-तीन दिन तक लाइन में लगे रहते थे। रेमडेसिविर जैसी दवा, आक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की कालाबाजारी हो रही थी। दिल्ली के हर कोने से लोगों के मरने की खबरें आ रही थी। अपनों ने ही अपनों से दूरी बना ली थी। ऐसे में नांगल ठाकरान निवासी डा विकास ठाकरान के भरोसे ग्रामीणों ने घरों को ही छाटा अस्पताल बना दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..365dad47cdadee7b355cefeba87ae35639e1162b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रेटर नोएडा [मनीष तिवारी]। छोटी उम्र में बड़ा नाम और बड़ा काम। यही पहचान है विश्व जूनियर गोल्फ चैंपियन अर्जुन भाटी की। कोरोना काल में अर्जुन ने देश व समाज के प्रति जिम्मेदारी समझते हुए इंटरनेट मीडिया पर सैकड़ों किलोमीटर दूर संक्रमण से जूझ रहे मरीजों की मदद कर एक मिसाल कायम की है। 17 साल के अर्जुन ने दूसरी लहर के दौरान लगभग डेढ़ माह तक देश के विभिन्न हिस्सों के 600 से अधिक अनजान लोगों तक मदद पहुंचा कर उनकी जान बचाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a4fa84b841c4cbaa613e4f2e3279f8dbddb903a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68373.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। 15 अगस्त हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है और इस बार का यह दिन तो और ही विशेष है, क्योंकि भारत अपनी आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश कर रहा है। स्वतंत्रता दिवस का यह दिन उन बलिदानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने खून से देश के भविष्य को सींचा है। स्वतंत्रता के संघर्ष की गाथा उन महिलाओं के जिक्र और उनके बलिदानों के बिना अधूरी है जिन्होंने अपना सर्वस्व आजादी के लिए न्यौछावर कर दिया। + +आजादी की लड़ाई में महिलाओं ने घर से बाहर निकलकर प्रदर्शन किया, धरनों की अगुवाई की, ब्रिटिश पुलिस से दो-दो हाथ किए, उनकी अत्याचारी आंखों में आंख डालकर देखा, पर डिगी नहीं, झुकी नहीं। भारतीय स्वतंत्रता का संघर्ष ग्रंथ महिलाओं की वीरता के प्रसंगों के बिना अधूरा है। इस बार स्वतंत्रता दिवस पर हमें उन असंख्य, अनाम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करना होगा जिन्होंने देश के लिए त्याग, तपस्या और बलिदान की पराकाष्ठा को पार किया। बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4613837748efae508bd885076eda201144f29c61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68375.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंदिर की नींव की निचली सतह एक लाख 20 हजार क्षेत्रफल में है। इस सतह की लंबाई चार सौ फीट तथा चौड़ाई तीन सौ फीट थी, जो ऊपरी सतह तक आते आते 360 फीट लंबी तथा 235 फीट ही बचेगी। इससे पहले निचली सतह के संपूर्ण क्षेत्रफल में 36 फीट नीचे तक खोदाई कर मलबा निकाला गया। फिर पूरे क्षेत्र में नींव फिलि‍ंग का कार्य शुरू किया गया। अब तक 32 लेयर ढाली जा चुकी हैं। कुल 44-45 लेयर ढाली जानी है। एक लेयर 12 इंच मोटी है, इस पर बाइब्रो रोलर चला कर इसको दो इंच दबाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93e75d3751309a997eeeb14fd8742fbf9a336798 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68376.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. ब्रजेश कुमार तिवारी। हर किसी के अंदर कोई न कोई टैलेंट जरूर होता है, चाहे वह पढ़ाई में हो या फिर खेल में। खेलों में अवसर असीमित और ब्राइट फ्यूचर है। इसमें ढेर सारे करियर विकल्‍प भी हैं। युवा मैदान में एक पेशेवर खिलाड़ी या कोच बनकर या फिर मैदान से बाहर खिलाड़ियों के सहयोगी या खेल प्रबंधन क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। टोक्‍यो ओलिंपिक में भारतीय युवाओं के बेहतर प्रदर्शन के बाद उन्‍हें केंद्र और राज्‍य सरकारों से आकर्षक इनाम और नौकरियों तक के आफर किए जा रहे हैं। इससे खेलों में करियर बनाने की चाह रखने वाले किशोरों-युवाओं को और प्रोत्‍साहन मिलेगा। आइए जानें, खुद को इस दिशा में कैसे आगे बढ़ाएं...।खेल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। खेल के मैदान में ही हम हार-जीत का सबक लेकर स्वस्थ मानसिकता का विकास कर सकते हैं। हजारों वर्ष पूर्व हमारे ऋषि-मुनियों ने योगासनों के महत्व को समझा तथा उसे जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। उपनिषद में लिखा है 'शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्' अर्थात शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल तथा व्यायाम प्रमुख साधन है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि खुले मैदानों में खेलने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे मानवीय मूल्यों का विकास होता है। साथ ही, खेलों द्वारा सामूहिक चेतना का भी विकास होता है। इसलिए कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। दरअसल, खेल हमें खेलने की प्रक्रिया में बहुत कुछ सिखाते हैं, जो हमारे शारीरिक, मानसिक और व्यक्‍तिगत विकास में एक आवश्यक कारक के रूप में कार्य करता है। यह हमें समय प्रबंधन, नेतृत्व, कान्फिडेंस बिल्डिंग, गलतियों से सीखने, जिम्मेदारी लेने, टीम वर्क, चुनौतीपूर्ण अधिकार और उत्साह व आत्मविश्‍वास जैसे मूल्यवान गुण सिखाता है। ये खेल के कुछ अमूर्त लाभ हैं, जो किताबों या आभासी गेमिंग उपकरणों में नहीं खोजे जा सकते हैं। + +ये कुछ ऐसे नाम हैं जिनका जिक्र आज हम अपने दैनिक जीवन में अक्सर करते हैं। वे कौन हैं? वे न तो आइएएस-पीसीएस हैं, न तो डाक्टर हैं और न ही इंजीनियर या वैज्ञानिक; वे तो सिर्फ खिलाड़ी हैं। हर कोई उनकी सराहना करता है और उनसे प्यार भी करता है, लेकिन हममें से कितने लोग उनके जैसा बनने का साहस जुटा पाते हैं? भारत के संदर्भ में, खेल आमतौर पर क्रिकेट से जुड़ा होता है, जहां ज्‍यादातर अभिभावक भेड़-चाल चलकर, बच्चों को सचिन बनाने में लगे होते हैं। वे नहीं सोचते कि महाराणा प्रताप के भाले से भी कोई नीरज चोपड़ा बनकर विश्‍व में छा सकता है। अधिकतर छात्र ऐसा सोचते हैं कि परीक्षा में सर्वोच्च अंक लाने से जीवन में आगे सफलता ही सफलता मिलेगी, जबकि सच्चाई ऐसी नहीं है। आज जब कैंपस प्‍लेसमेंट्स में बड़ी-बड़ी कंपनियां युवाओं को अपनी कंपनी के लिए चुनने आती हैं, तो कालेज का टापर भी सेलेक्ट नहीं होता है, जिसका सबसे बड़ा कारण है पर्सनैलिटी का ओवरआल विकास न होना जो की सिर्फ और सिर्फ खेलों की मदद से ही हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bd4dbfbcfdd26a46bb1d074e88b043d11fc27ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68378.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रो. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता। अखंड भारत में आज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका आते हैं। इसे सांस्कृतिक भारत भी कहा जाता है। भारत का सबसे बड़ा विभाजन 15 अगस्त, 1947 को हुआ। इसलिए 14 अगस्त अखंड भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है। जब अखंड भारत की बात होती है, तो भारत की अखंडता के ध्वजवाहक रहे महर्षि अरविंद के कार्यो एवं विचारों को याद करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। + +दरअसल भोपाल रियासत ने पहले संप्रभु एवं स्वतंत्र रहने की घोषणा की थी। वहां एक मुस्लिम नवाब हमीदुल्ला खान अधिसंख्यक हिंदू आबादी पर शासन करता था। उसने माउंटबेटन को लिखा कि वह एक स्वतंत्र रियासत चाहता है, किंतु माउंटबेटन ने उससे कहा कि कोई भी शासक अपने नजदीकी अधिराज्य से भाग नहीं सकता है। जुलाई 1947 तक जब अधिकांश राजाओं ने भारत में शामिल होने का निर्णय लिया तो अंतत: भोपाल के नवाब ने भी विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। इसी प्रकार गुजरात में स्थित एक रियासत जूनागढ़ की अधिकांश जनसंख्या हिंदू एवं शासक मुस्लिम था। 15 सितंबर, 1947 को वहां का नवाब मुहम्मद महाबत खानजी ने पाकिस्तान में शामिल होने का फैसला किया। उसने तर्क दिया कि जूनागढ़ समुद्र द्वारा पाकिस्तान से जुड़ा है। तत्कालीन भारत सरकार मानती थी कि यदि जूनागढ़ को पाकिस्तान में शामिल होने की अनुमति दे दी गई तो सांप्रदायिक दंगे और भयावह रूप धारण कर लेंगे। साथ ही बहुसंख्यक हिंदू जनसंख्या, जो कि 80 प्रतिशत है, इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी। इस कारण भारत सरकार ने जनमत संग्रह से विलय के मुद्दे के समाधान का प्रस्ताव रखा। फरवरी, 1948 में जनमत संग्रह कराया गया, जो सर्वसम्मति से भारत में विलय के पक्ष में गया। + +हैदराबाद सबसे बड़ी एवं समृद्ध रियासत थी, जो दक्कन पठार के अधिकांश भाग को कवर करती थी। इसकी अधिसंख्यक आबादी हिंदू थी, जिस पर एक मुस्लिम शासक निजाम मीर उस्मान अली शासन करता था। उसने भारत में शामिल होने से मना कर दिया था। उसने जिन्ना से मदद का आश्वासन प्राप्त किया था। परिस्थितियां तब भयावह हो गईं, जब सशस्त्र कट्टरपंथियों ने हैदराबाद की हिंदू प्रजा के खिलाफ हिंसक वारदातें शुरू कर दीं। 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सैनिकों को हैदराबाद भेजा गया। चार दिन तक चले सशस्त्र संघर्ष के बाद हैदराबाद भारत का अभिन्न अंग बन गया। बाद में नेहरू की तुष्टीकरण वाली नीति के कारण निजाम के आत्मसमर्पण पर उसे पुरस्कृत करते हुए हैदराबाद राज्य का गवर्नर बनाया गया। नेहरू की तुष्टीकरण वाली नीति के कारण ही आगे चल कर इन रियासतों को जोड़ने के क्रम में देश के भीतर कुछ नए प्रविधान, कुछ नए कानून बनाए गए। जैसे अनुच्छेद 370, जो बाद में देश के लिए अभिशाप साबित हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34f168469e413b36365b842df0c46e96b91e5870 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जलवायू परिवर्तन भी बड़ा कारण। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डा. एम महापात्रा बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में मौसम और मानसून का ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। रिकार्डतोड़ गर्मी, बारिश और सर्दी की घटनाएं सामने आ रही हैं। स्थिति यह हो गई है कि मौसम चक्र भी बदलने लगा है और उसका स्वरूप भी। या तो उस मौसम का असर बहुत कम होता है या फिर बहुत ज्यादा। यह स्थिति सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन का ही असर है कि पिछले कुछ वर्षों में बारिश के दिन भले कम हो गए हों लेकिन कम समय में भी वर्षा अधिक हो रही है। पहले 100 मिमी बारिश तीन से चार दिनों में होती थी। अब हमें केवल पांच-छह घंटों में इतनी वर्षा मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73fa85fca6415a368f2a4576aa36b051a313715b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68383.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +डा. संजय वर्मा। इस बारे में अरसे से कहा जा रहा है कि हमारी यह धरती और इसका पूरा पर्यावरण औद्योगिक क्रांति के डेढ़ सौ बरस में ही इतना ज्यादा बदल गया कि वैसा कुछ पृथ्वी पर जीवन के विकास के हजारों साल लंबे इतिहास में कभी नहीं हुआ। इसका अहसास करीब 50 वर्ष पहले ही विज्ञानियों को हो गया था। इसकी एक गवाही करीब चार दशक पूर्व जेनेवा में आयोजित पहले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (क्लाइमेट कान्फ्रेंस) में मिली थी, जिसमें जुटे विज्ञानियों ने जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे तमाम बदलावों पर चिंता जताई थी। दो साल पहले कुछ वैसी ही चिंता दुनियाभर के 11,258 विज्ञानियों ने यह कहते हुए प्रकट की है कि अगर जल्द ही जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई तो इंसान के विलुप्त होने तक का खतरा पैदा हो सकता है, क्योंकि जलवायु आपातकाल (क्लाइमेट इमरजेंसी) का वक्त आ गया है। + +विज्ञान के एक जर्नल ‘बायोसाइंस’ द्वारा भारत समेत दुनिया के 153 देशों के 11,258 विज्ञानियों के बीच कराए गए शोध अध्ययन में कहा गया था कि पिछले 40 वर्षो में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन और आबादी बढ़ने के साथ पृथ्वी के संसाधनों के अतिशय दोहन, जंगलों के कटने की रफ्तार बढ़ने, ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने और मौसम के पैटर्न में बदलाव से हालात सच में क्लाइमेट इमरजेंसी वाले हो गए हैं। अब आइपीसीसी की रिपोर्ट कह रही है कि बढ़ते तापमान से दुनिया भर में मौसम से जुड़ी और भी भीषण आपदाएं आएंगी। + +सच तो यह है कि दुनिया पहले ही बढ़ते जलस्तर, बर्फ की चादरों के पिघलने और मौसम के अतिशय व्यवहार (एक्सट्रीम वेदर कंडीशंस) जैसे बड़े और अपरिवर्तनीय बदलाव ङोल रही है। अब खतरा यह है कि पर्यावरण सुधारने और उसे बचाने की कोई बड़ी कोशिश नहीं होने की स्थिति में पृथ्वी की सतह का औसत तापमान वर्ष 2030 तक ही डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाए। पहले के अनुमानों में बताया गया था कि यह बदलाव वर्ष 2040 तक होगा, लेकिन जिस तरह से धरती को गर्माने की प्रवृत्तियां तेज रफ्तार से बढ़ रही हैं, उन्हें देखते हुए ये आशंकाएं एक दशक पहले ही घटित होने लगेंगी। इतना ही नहीं, मौसम और पर्यावरण संबंधी जो परिवर्तन अभी हम देख रहे हैं, वे रफ्तार पकड़ते हुए अगले कुछ सौ वर्षो या संभवत: कई हजार साल तक जारी रह सकते हैं। आइपीसीसी की नई रिपोर्ट कई मायनों में प्रासंगिक है। एक तो यह इस साल नवंबर में ग्लासगो में होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी (क्लाइमेट चेंज कान्फ्रेंस आफ द पार्टीज) के सिलसिले में बदलती जलवायु का अंदाजा लेने वाली वर्ष 2013 के बाद पहली बड़ी रिपोर्ट है। इसमें पूरी मानवता के लिए खतरा पैदा करने वाले कारकों और बदलावों का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण किया गया है। इसलिए इसे नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..564d18a3e8828d86bf75782e7b4b67d4727903e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला। यहां के जालंधर रोड स्थित गांव मंसूरवाल दोनां के किसान गुरचरण सिंह इन दिनों परेशान हैँ। दरअसल, उनकी 11 साल की बेटी शिवानी का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है, क्योंकि उसकी उंगलियों के निशान बायोमीट्रिक में नहीं आ रहे हैं। जन्म से ही उसके दोनों हाथों में चार-चार उंगलियां हैं और कुछ विकृत भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68390.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68390.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3391f1b3c860b3b273d64fa833fb61faa4480a00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68390.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जालंधर,  [मनोज त्रिपाठी] ।  Navjot Singh Sidhu vs Punjab CM Capt Amrinder Singh: पंजाब कांग्रेस में कलह की आग फिर तेज हो गई है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह अैार पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घमासान फिर जोरों पर है। सिद्धू के बाद अब उनके सलाहकारों ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमले शुरू कर दिए हैं। सिद्धू के सलाहकार नियुक्त किए गए मालविंदर माली ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। माली ने कैप्टन पर आरोप लगाया  कि वह पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एजेंडा लागू कर रहे हैं। + +इससे पहले माली ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की बुधवार को प्रधानमंत्री व मंगलवार को अमित शाह के साथ हुई बैठकें करने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने शाह के साथ पांच किसान नेताओं की बात की है और मंदिरों पर हमले की आशंका जताई है। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैबिनेट में बदलाव का प्रपोजल लेकर गए कैप्टन को सलाह दी थी कि वह पंजाब में सिद्धू के साथ मिलकर काम करें। परंतु कैप्टन ने अपना एजेंडा मोदी और शाह को दे दिया। + +माली ने कहा कि कैप्टन, मोदी और अमित शाह की तिकड़ी से सावधान रहने की जरूरत है। यह पंजाबियों और किसानों के लिए सांप्रदायिक तनाव, डर और आतंक खतरे की घंटी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में अ‌र्द्धसैनिक बलों की 25 कंपनियों की तैनाती मांगी है। इसका खर्च भी पंजाब सरकार को उठाना पड़ सकता है। इससे कर्ज में डूबे पंजाब पर और आर्थिक बोझ बढ़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b20d53fca19b115f3b36e2fa0fb960d6836827c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68391.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कमल किशोर, जालंधर। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद लौटे जालंधर के चारों खिलाड़ियों- कप्तान मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, वरुण कुमार व हार्दिक सिंह का जालंधर पहुंचने पर स्वागत करने वालों में एक खास शख्स भी शामिल था। तीरथ सिंह। पेशे से ढोली (ढोल वादक) तीरथ कप्तान मनप्रीत सिंह के क्लासमेट रह चुके हैं। दोनों ने पांचवीं तक एक साथ पढ़ाई की थी। जहां  शहर वासियों ने हाकी स्टार्स को सिर आंखों पर बिठाया, वहीं तीरथ सिंह की खुशी का भी ठिकाना नहीं था। बचपन के दोस्त की कामयाबी पर वे फूले नहीं समां रहे थे। वह रोड शो के आगे ढोल बजाते हुए चल रहे थे। ।तीरथ सिंह ने शहर के बीएसए्फ चौक से कप्तान मनप्रीत सिंह के मिट्ठापुर स्थित घर चक ढोल बजाकर खुशी जाहिर की। तीर्थ ने बताा कि वग पदक विजेता टीम को चीयर करने गए थे। कप्तान मनप्रीत और वह स्कूल के दोस्त थे। मनप्रीत पांचवीं कक्षा के बाद प्राइवेट स्कूल में दाखिला ले लिया। उन्होंने हाकी में करियर बनाया और मैंने म्यूजिक में। तीर्थ कहा कि अगस्त में 2 बार वे मिट्ठापुर में ढोल बजा चुके है। 5 अगस्त को जब टीम ने कांस्य पदक जीता था तब और अब खिलाड़ी मिट्ठापुर में घर पहुंचने पर। + +पदक जीतने पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा।तीरथ ने कहा कि मनप्रीत भाई ने पदक जीता है। इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है। तीर्थ सिंह बताते हैं कि जब मनप्रीत जालंधर पहुंचने वाले थे, ‌वह दिन स्पेशल था। इसलिए वह अपनी साथी ढोली सूरज कल्याण को साथ लेकर आए। मनप्रीत शानदार इंसान हैं। विनम्रता से बोलते है। हर किसी को आदर देते है। + +सफलता हासिल करने के बाद भी मनप्रीत दोस्तों के दोस्त।उन्होंने कहा कि चाहे मनप्रीत हाकी की ऊंचाईयों तक पहुंच गए हैं लेकिन वह दोस्तों के दोस्त हैं। जब जालंधर पहुंचे तो हंसकर मिले। यही दुआ है कि वर्ष 2024 में पेरिस होने वाले ओलंपिक में मनप्रीत की कप्तानी में टीम स्वर्ण पदक जीतकर आए। ढोली सूरज कल्याण ने बताया कि खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता हूं। तीर्थ सिंह के साथ आकर खिलाड़ियों का स्वागत ढोल के साथ किया है। सूरज ने कहा कि मिट्ठापुर के लड़कों ने देश के साथ-साथ गांव का नाम रोशन कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49fc741e1b3dc555abbe7836155aad1426702528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + स्वतंत्रता दिवस पर 75 पंछियों को किया पिंजरे से आजाद।स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलब्ध में शाहबाद डेरी की झुग्गियों के बच्चों ने 75 पंछियों को पिंजरे से आजाद किया। पुनर्वासित बस्तियों में रह रहे इन बच्चों द्वारा स्वतंत्रता दिवस को अनूठे तरीके से मनाए जाने की चर्चा हर तरफ हो रही है। गैर सरकारी संस्था की मदद से शुक्रवार को इन बच्चों ने पिंजरे में कैद 75 पंछियों को अपने हाथों से आजाद किया। इस मौके पर संस्था की ओर से बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी, गीत-नृत्य की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। ।आयोजक के अनुसार आजादी के 75वीं वर्षगांठ को उन्होंने इस मानवीय अंदाज में मनाने का निर्णय लिया ताकि लोग जीवों की आजादी को महत्व दे सकें। सुभाषिका संस्था के अनुसार बच्चों के बीच शिक्षा और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया। इस दौरान बच्चों को यह संदेश दिया गया कि खुले गगन में उड़ने की आजादी समाज को यह सीख देता है कि महज घर की शोभा बढ़ाने के नाम पर पंछियों को पिंजरे में कैद करना उचित नहीं। इस मौके पर जहान खुराना, दिव्य कोहली व अन्य मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38e8870410837f1aec37307f1fd0aaf93edaae0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रियंका सिंह, जालंधर। क्या आप जानते हैं, पूरी दुनिया में हर साल 13 अगस्त को इंटरनेशनल लेफ्ट हेंडर्स डे मनाया जाता है। ये वह लोग हैं जो अपना हर काम लेफ्ट हैंड से करते हैं। लेफ्ट हैंडर्स के लिए कई तरह की बातें प्रचलित हैं। जैसे के यह लोग भाग्यशाली होते हैं। कुछ इसे अशुभ भी मानते हैं। अगर किसी के घर में कोई बच्चा लेफ्ट हैंडर होता है पूरा परिवार उसे गलत हाथ बताता है। सच यह है कि यह कोई अवगुण नहीं है। प्राकृतिक रूप से कुछ लोग लेफ्ट हैंडर्स होते हैं। आप शायद नहीं जानते होंगे अभिनेता अमिताभ बच्चन, भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, मदर टेरेसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी शख्सियतें लेफ्ट हैंडर हैं। ।मैं कोई भी काम फुर्ती से करती हूंः मंजू।जालंधर की राष्ट्रीय खिलाड़ी मंजू बताती है कि वह भी लेफ्ट हेंडर हैं। उनका कहना है कि वह हर काम बड़ी फुर्ती से करती हूं। चाहे पढ़ाई का काम हो या फिर खेलकूद। मैं हमेशा सबसे आगे रहती हूं। मुझे कभी भी बाएं हाथ से काम करने में कोई परेशानी नहीं आई। इसका लाभ मुझे खेल में भी बहुत मिला। वह कहती हैं कि जो लोग लेफ्ट हैंडर्स होते हैं, वे दाएं दिमाग से सोचते हैं। लेफ्ट हैंडर किसी भी काम में दिमाग का उपयोग ज्यादा करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_684.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3887ccb44b90d482335f73e6de856beee9809732 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_684.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली में शुरू होगी एनिमल की शूटिंग।हाल ही में खबरें आईं थीं कि अभिनेता जल्द ही संदीप रेड्डी वांग के निर्देशन में बन रही फिल्म एनिमल के फर्स्ट शेड्यूल की शूटिंग शुरू करने वाले हैं। एनिमल के फर्स्ट शेड्यूल की 22 अप्रैल से हिमाचल प्रदेश के मनाली में दो दिवसीय शेड्यूल की शूटिंग करेंगे और इसके बाद वो मुंबई में एक हफ्ते लंबा शूट करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4b532c8a22f80d21d4fb81d3d82bbe685e97136 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महेश बाबू का जन्म 9 अगस्त 1975 को चेन्नई में हुआ था। महेश बाबू ने बाल कलाकार के रूप में महज छह साल की उम्र में ही फिल्मों में कदम रख दिया था। जिसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया और दर्शकों का दिल जीता। महेश बाबू ने बॉलीवुड अभिनेत्री और मिस इंडिया नम्रता शिरोडकर के साथ शादी की है। जिसकी वजह से उनका बॉलीवुड से गहरा नाता है। नम्रता और महेश बाबू की लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2312803774ff3bc9f9e268b1f73e4b462cbed654 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68400.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फाइनेंस कंपनी छोड़ खोला स्टोर। नेहरू एन्कलेव निवासी गौरव कौशिक ने एमबीए करने के बाद फाइनेंस कंपनी ज्वाइन की। मथुरा के ब्रांच मैनेजर थे, अच्छी खासी नौकरी और वेतन था, लेकिन लाकडाउन में काम प्रभावित होने से आय आधी, तनाव दोगुना हो गया। असर स्वास्थ्य पर पड़ा, तो हास्पिटल में भर्ती होने की नौबत आ गई। ऐसे में परिवार के प्रोत्साहन से उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर अपना डिपार्टमेंटल स्टोर खोलकर नई शुरुआत की। अब खुद के लिए मेहनत करते है, जो धीरे-धीरे रंग दिखा रही है। + +नौकरी की अनिश्चितता ने बदला मन।रामबाग निवासी अनूप शर्मा ने एमबीए करने बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी को बतौर सेल्स सुपरवाइजर ज्वाइन किया। वेतन ठीकठाक था, लेकिन अनिश्चितता बहुत थी। लाकडाउन की परिस्थितियों ने उन्हें मजबूर कर दिया, तो उन्होंने निर्णय लेने में देर नहीं की। सूरजभान की बगीचा में रिटेल शाप खोलकर शुरुआत की। थोड़ी मुश्किलें भी आयीं, लेकिन बाद में बात बन गई। उनका कहना है कि नौकरी में एकमुश्त वेतन का मोह था, लेकिन अनिश्चितता ने उन्हें मन बदलने के लिए मजबूत कर दिया, अपने निर्णय से वह संतुष्ट हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c2b783ac89da9eb5b8690cd464b043136864e53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68404.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना ने तेजी से सब कुछ बदला : साहित्य और कला को समर्पित प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से आनलाइन आयोजित कलम कार्यक्रम की संचालिका अपरा ने सहज संवाद के जरिए सत्र को आगे बढ़ाया। चेतन ने साफ किया कि साहित्य में भी बदलाव स्वाभाविक है। कोरोना काल में चीजें और तेजी से बदली हैं। पहले लव स्टोरीज लिखी जा रही थीं, अब क्राइम और सस्पेंस के प्रति रोमांच बढ़ा है। जिसने बदलाव को स्वीकार नहीं किया, वो कहीं ठहर जाता है। + +बालीवुड ने मुङो बहुत दिया।चेतन की कहानियों पर हिंदी फिल्में बनाई गईं, जिसमें कई ब्लाकबस्टर भी रहीं। वो मानते हैं कि स्ट्रगल तो है, लेकिन बालीवुड ने उनकी पहचान का दायरा बहुत बड़ा कर दिया। फिलहाल हालीवुड के लिए कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। कहा कि उनकी ज्यादातर कहानियों में भगवान कृष्ण के नाम का कोई न कोई पात्र जरूर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5f20b5b206a44bfeffb1a4a1aebfdd331600c93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +औरैया, [जागरण स्पेशल]। National Youth Day 2021 बचपन से ही पेड़-पौधों से लगाव और उनकी देखभाल के साथ ही पर्यावरण प्रेम नेहा कुशवाहा की जिंदगी का हिस्सा बनता गया। पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए उन्होंने अनूठे प्रयास किए। शादी-ब्याह जैसे कार्यक्रमों के साथ ही धार्मिक आयोजनों में पौधे लगाने वालीं नेहा ने न जाने कितने लोगों को जागरूक कर पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा। पर्यावरण से नेहा के इस नेह के चलते उन्हें राष्ट्रीय युवा पुरस्कार दिया गया है। प्रदेश से चयनित एकमात्र प्रतिभागी नेहा को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सम्मान समारोह में केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने वर्ष 2017-18 के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया। ।गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर व्यक्तिगत  श्रेणियों में कुल 22 राष्ट्रीय युवा पुरस्कार पाने वालों में प्रदेश से सिर्फ एक नाम औरैया जिले की दिबियापुर निवासी नेहा का रहा। नेहा ने बताया कि पिता राघवेंद्र सिंह कुशवाहा ने पर्यावरण की दिशा में किए गए कार्यों में बड़ा सहयोग किया। बचपन से ही पौधा लगाकर उनकी देखभाल करना उनका शौक था। जैसे-जैसे वह समझदार होती गईं, उनमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती गई। बाद में उन्होंने विवाह और धार्मिक कार्यक्रमों में भी सम्मिलित होकर लोगों को पौधारोपण करने को कहा और पौधे वितरित करने लगीं। बता दें, 2017-18 के लिए कुल 14 पुरस्कार दिए गए। इनमें व्यक्तिगत श्रेणी में 10 व संगठन श्रेणी में चार पुरस्कार शामिल हैं। 2018-19 के लिए कुल आठ पुरस्कार दिए गए। इनमेंं से व्यक्तिगत श्रेणी में सात और संगठन श्रेणी में एक पुरस्कार शामिल है। पुरस्कार में एक पदक, प्रमाणपत्र और एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68409.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fedcf5d6aaf74dee330257b9412ac4fa2bdcacf6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68409.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गीता भट्ट। केरल की एक वरिष्ठ नन सिस्टर लूसी ने अपनी साथी नन के साथ एक बिशप द्वारा किए दुष्कर्म के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया। इसके बाद सिस्टर लूसी को वेटिकन की अनुमति से ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने और पुस्तक प्रकाशित करने जैसे कारण बताकर, चर्च की अवज्ञा करने के लिए न केवल बर्खास्त कर दिया गया, बल्कि चर्च द्वारा संचालित विद्यालय में शिक्षिका के रूप में प्राप्त वेतन से भी वंचित कर दिया गया। देश की 75वीं स्वतंत्रता दिवस की बेला पर न केवल एक नन, बल्कि एक पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश भी एक भारतीय महिला के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है। इस राष्ट्र की सामूहिक चेतना को अंतरावलोकन कर समाज में समान अधिकारों को बहाल करने का आह्वान करना होगा, जो हमारी विरासत के साथ संविधान में भी निहित है। + +वैवाहिक जीवन में तलाक एक असंभव विकल्प था। बदलते सामाजिक परिप्रेक्ष्य में महिलाओं ने विवाह में अलग होने का वैध अधिकार दिए जाने की मांग वर्ष 1930 में ही उठाई थी। भारत की संसद ने वर्ष 1950 के बाद हिंदू कोड बिल के द्वारा हिंदू महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए। इस संदर्भ में 19वीं और 20वीं सदी में प्रतिक्रियावादी ताकतों को दरकिनार करते हुए सामाजिक परिवर्तनों ने भारतीय समाज को रूढ़िवाद से मुक्त किया। संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत किए गए संवैधानिक प्रविधान सभी भारतीय नागरिकों को समानता के अधिकार, भेदभाव और शोषण से संरक्षण प्रदान करते हैं। विडंबना यह है कि हमारा संविधान अभी भी सिस्टर लूसी जैसी महिलाओं के नागरिक अधिकारों की रक्षा करने में सक्षम नहीं है। भारतीय संदर्भ में एक पंथनिरपेक्ष राज्य सर्वधर्म समभाव का पालन करता है, परंतु सभी समुदायों की महिलाओं को समान कानूनी सुरक्षा प्रदान करने में शासन की सीमाएं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26d2a74692ff7eafa570a45a6655e64e654c4829 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आंख में लाली या संक्रमण के लक्षण पर ही लिया जाएगा आंसू का सैैंपल। मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग में आंखों लाली की समस्या लेकर आए मरीजों की फंगस जांच के लिए आंसू माइक्रोबायोलाजी विभाग में भेजे गए थे। फंगस के संकेत नहीं मिले तो विभाग ने उनकी आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच की। 60 में से 20 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई। खास बात यह है कि इन सभी सीटी वैल्यू 25 से नीचे थी, अर्थात उनमें वायरस लोड अधिक था। इस घटना ने शोध का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। यह जांच उन मरीजों की हुई थी जिनकी आंख में लक्षण थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e305dc4719d85a655cfab26c77404d7ecf391b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक बड़ी समस्या उन लोगों की भी है, जो इंटरनेट का उपयोग नहीं कर पाते हैं, क्या वे इन सेवाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे?। -ऐसा नहीं है। उनके लिए भी बहुत आसान है। वे लोग हेल्पलाइन नंबर 1076 पर फोन करेंगे। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था के तहत कर्मचारी उनके घर पर आएगा। वह घर पर ही संबंधित व्यक्ति का आवेदन कराएगा। वह आवेदन भी करा देगा और इससे संबंधित कोई और कार्य होगा तो उसे भी आनलाइन करा देगा। इस तरह इंटरनेट का उपयोग न कर पाने वाले भी आसानी से इन सेवाओं का लाभ ले पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f595800ed412a0d8cdd6c328afb9bd6ae293aeb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68414.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्यायधानी के दो युवाओं के प्रयास से बढ़ी समाज में जागरूकता।पुलिस एक ओर जहां अपराधियों को सलाखों के पीछे ले जाते हैं लेकिन, यहां स्थिति एकदम विपरीत है। पुलिस सांपों को सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ रहे हैं। स्नेक रेस्क्यू करने वाले किशोर का मानना है कि जब पुलिस के जवान सांपों को बचाने के साथ आसपास के लोगों को समझाइश देते हैं तो समाज में उसका व्यापक असर होता है। पुलिस को देखकर गांव व जंगल के लोग सांप को मारने से कतराने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70ed4cd962fad58e421b6adf88a00b46c5f1bd63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68416.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में शुक्रवार को रामलला चांदी के झूले में विराजेंगे। रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार हो गया है और सावन शुक्ल पंचमी यानी शुक्रवार (13 अगस्त) को वैकल्पिक गर्भगृह में उनका झूला पड़ेगा, जिस पर रामलला सहित चारों भाइयों का विग्रह स्थापित कर झुलाया जाएगा। ।रामलला का झूलनोत्सव सावन की पूॢणमा यानी 22 अगस्त तक चलेगा। रामलला को पहले से ही प्रत्येक वर्ष सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी से लेकर पूॢणमा तक झूले पर झुलाया जाता रहा है, किंतु वह झूला लकड़ी का था। इस बार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार कराया है। 21 किलो चांदी से बने झूले पर रामलला के विराजमान होते ही मंदिर में दिखेगी झूलन उत्सव की धूम दिखाई पडऩे लगेगी। + +रामलला के दरबार 493 वर्ष बाद झूलन उत्सव की धूम देखने को मिलेगी। रामलला के लिए 21 किलो चांदी का 5 फुट ऊंचा झूला बनवाया गया है। श्रीराम तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी का झूला रामलला के लिए बनवाया गया है। इस झूलोत्सव की शुरुआत पंचमी से होगी। अयोध्या के सभी मंदिरों में तीज से ही झूलन उत्सव की शुरुआत हो जाती है, लेकिन राम मंदर में पंचमी से झूलन उत्सव की परंपरा है। श्रावण झूलोत्सव की परंपरा के तहत श्रीराम लला झूले पर पंचमी को विराजमान होते हैं। इस दौरान उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0145b8d49e756da703a7117c04d30959871cf38b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68417.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [दयानंद शर्मा]। हरियाणा में अजीब मामला सामने आया है और यह चर्चा का विषय बन गया है। दुल्हन 34 साल की, दूल्हा 30 साल का और दोनों की 11 साल की एक बच्ची भी है, फिर भी उनकी शादी अवैध है। उनकी शादी को कानूनी मान्यता नहीं मिल रही है और इसमें अजीबो-गरीब पेंच फंस गया है। विवाह पंजीकरण अधिकारी ने इस विवाह को रजिस्टर करने से इन्कार कर दिया है। उसने वजह बताई कि जब दूल्हे की शादी हुई थी, तब उसकी उम्र शादी के योग्य नहीं थी। यानी दूल्हा नाबालिग था। + +पंजीकरण अधिकारी ने विवाह पीजकृत करने से किया इन्कार, कहा शादी के समय आयु 21 साल से थी कम।यह एक रोचक मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा है। करनाल के इंद्री के इस दंपती ने विवाह पंजीकरण अधिकारी के आदेश को रद कर उनके विवाह को पंजीकृत करने के निर्देश देने की मांग की है। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार, करनाल के डीसी समेत इंद्री के तहसीलदार सह विवाह पंजीकरण अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e4c4d395e42a398368ea9a23bac3bc965244f7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूजीसी ने देश के 374 जिलों को किया है चिह्नित, इनमें उत्तर प्रदेश के भी 41 जिले हैं शामिल।शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों को चिह्नित करने का यह काम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने किया है। इन जिलों को जिन प्रमुख मानकों के आधार पर चुना गया है उनमें सकल नामांकन दर का राष्ट्रीय औसत से कम होना, जिले की 18 से 23 वर्ष की कुल जनसंख्या में महाविद्यालयों का अनुपात और प्रति महाविद्यालय के औसत नामांकन शामिल हैं। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश के 41 जिले शामिल हैं। वहीं बिहार के 25 जिले, मध्य प्रदेश के 39 जिले, पंजाब के 13 जिले और झारखंड के 12 जिले शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..690f6e3f5378f44e3bb0f26f705406b797b9f0c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कमेटी बनाकर कोयला कारोबारियों से लेवी वसूल रहे थे नक्सली।केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 16 फरवरी 2018 को चतरा के टंडवा में उग्रवादियों द्वारा कमेटी बनाकर की जा रही लेवी वसूली मामले का अनुसंधान शुरू किया था। एनआइए ने गृह विभाग को बताया है कि चतरा जिले के टंडवा थाने में 11 जनवरी 2016 नक्सल व आर्म्‍स एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप था कि क्षेत्र में सीसीएल की आम्रपाली व मगध कोयला परियोजना में उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के सहयोग से एक स्थानीय ग्रुप ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर और व्यवसायियों से लेवी वसूलता है। ।इनमें टीएसपीसी के गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ ब्रजेश गंझू, मुकेश गंझू, कोहराम, आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू, अनिश्चय गंझू, भीखन गंझू, दीपू सिंह उर्फ भीखन तथा बिंदू गंझू को आरोपित किया गया था। इसके बाद छापेमारी में 11 जनवरी 2016 को चतरा जिले के टंडवा स्थित मसिलांग गांव निवासी एक उग्रवादी विनोद कुमार गंझू के घर से लेवी के 91 लाख 75 हजार 890 रुपये नकद बरामद हुए थे। विनोद कुमार गंझू मगध आपरेि‍टंग कमेटी का अध्यक्ष था। ।इसके बाद टंडवा के विंगलेट निवासी प्रदीप राम के आवास से पुलिस ने 57 लाख, 57 हजार 710 रुपये जब्त किए थे। अनुसंधान के बाद चतरा पुलिस ने 10 मार्च 2016 को गिरफ्तार आरोपित विनोद कुमार गंझू, मुनेश गंझू, बिरबल गंझू, प्रदीप राम और बिंदू गंझू के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। एनआइए ने अनुसंधान के क्रम में अब तक दो पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें फरार गोपाल सिंह भोक्ता सहित 21 आरोपित किए गए हैं। एनआइए ने छानबीन के क्रम में ही अनलॉफुल एक्टिविटीज अधिनियम में मिली शक्तियों के आधार पर लेवी-रंगदारी से बनाई गई इस अचल संपत्ति को जब्त किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e578b28978b883837ae70e5f75ba59ed9b9b9a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामनगर, त्रिलोक रावत : World Elephant Day 2021 : बाघों के लिए प्रसिद्ध कार्बेट नेशनल पार्क में हाथियों का भी अपना एक अलग संसार है। जंगली हाथियों के साथ-साथ पालतू हाथियों का कार्बेट की जैव विविधता में बड़ा योगदान है। कार्बेट में भले ही 1226 जंगली हाथी मौजूद है लेकिन यहां के पालतू 11 हाथी बाघों की सुरक्षा की सबसे अहम कड़ी हैं। जंगल की सुरक्षा इन्हीं पालतू एवं प्रशिक्षित हाथियों की गश्त के बूते होती है। इनमें आशा, अलबेली, पवनपरी, लक्षमा, गोमती, सोनाकली, कपिला, कंचभा, तुंगा, गंगा, शिवगंगे मादा हाथियों के बीच रामा, गजराज, भीष्मा, करना व सावन नर हाथी शामिल है। दो अगस्त को चौथे साल में प्रवेश कर चुके सावन को छोड़कर सभी हाथी प्रशिक्षित है। कार्बेट प्रशासन ने अब सावन को भी प्रशिक्षण देने की शुरुआत कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14d8f9952529ffb570e8d7edd9d2a0abbceded03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6843.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म एक्ट्रेस सनी लियोनी इन दिनों अपनी अपकमिंग तमिल फिल्म ‘शेरो’ की शूटिंग कर रही हैं। शूटिंग के दौरान सनी अक्सर बिहाइन्द सीन वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। जो काफी मज़ेदार होते हैं। शूटिंग के दौरान सनी बहुत मस्ती करती हैं और ये उनके वीडियोज़ में साफ नज़र आता है। अब हाल ही में एक्ट्रेस ने अपने इंस्टा पर एक फनी वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वो डाइट चीट करती दिख रही हैं। इस दौरान सनी के चेहरे पर चोट के निशान दिख रहे हैं, लेकिन घबराइए मत ये चोट के निशान असली नहीं हैं बल्कि बनाए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a86d4263cfe28c15df4a6d06d83215b4d8111e63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़ , [कैलाश नाथ]। Punjab Congress: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कैबिनेट फेरबदल की मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे में खलबली मच गई है। सिद्धू ने अपने करीबी मंत्रियों व विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक में यह फैसला किया गया कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) को लेकर विधायकों की बैठक बुलाई जाए। बताया जा रहा है कि सिद्धू खेमा अब कैप्‍टन अमरिंदर पर सीधा हमले की तैयारी में है और राज्‍य में मुख्‍यमंत्री बदलने की मांग भी उठा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d049d38d3591487955e21d9c8161824405cefb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उल्लेखनीय है कि सेना की सेवा के दौरान ही बीते पांच वर्षों का लगभग पूरा समय नीरज ने विदेश में प्रशिक्षण लेते हुए बिताया है। भारत में इस दौरान वह कम ही रहे। इस अवधि में नीरज को भाला फेंकने का प्रशिक्षण देने के लिए दुनिया के सबसे उत्कृष्ट और महंगे प्रशिक्षक क्लाउस बार्टोनिट्ज़, गैरी कैल्वर्ट, वर्नर डेनियल की सेवाएं ली गईं । कभी न टूटने वाला विश्व रिकार्ड बनाने वाले दुनिया के सबसे महंगे कोच जर्मनी के उवे हान को उनके प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। उवे हान 106 मीटर भाला फेंक कर न भूतो न भविष्यत बन चुके हैं। सेना ने सबसे बड़ा काम नीरज को मानसिक रूप से शक्तिशाली बनाने का किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f571f682f39f3015252e93225d0767e279c5e955 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68434.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। आगामी 16 से 20 अगस्त तक पांच दिन के दौरान हरियाणा और राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाने वाले होंगे। दोनों राज्यों की अहीरवाल बेल्ट में ही नहीं, बल्कि राजस्थान के  अजमेर तक केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के अभूतपूर्व अभिनंदन की राजनीतिक पिच तैयार है। पांच दिन के दौरान एक दर्जन से अधिक जनसभाओं के अलावा लगभग 100 जगहों पर भव्य स्वागत भी होगा। इस बीच हरियाणा के साथ राजस्थान में भी राजनीतिक हलचल तेज है और इसमें और इजाफा होने के आसार हैं। + +दिल्ली से 100 किमी दूर रेवाड़ी में भी होगी सभा।रेवाड़ी जिले में मसानी में जनसभा होगी। इसकी कमान हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव को सौंपी गई है। केंद्रीय मंत्री 17 को ही पचेरी बार्डर (राजस्थान) पहुंचेंगे। इसके बाद 19 अगस्त को भिवाड़ी से जयपुर व 20 अगस्त को जयपुर से अजमेर तक लगभग 10 जनसभाएं व 50 से अधिक स्थानों पर अभिनंदन कार्यक्रम होंगे। भूपेंद्र यादव राज्यों के मेडिकल कालेजों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित केंद्रीय कोटे की 15 फीसद सीटों का आरक्षण बढ़वाकर 27 फीसद करने जैसी ओबीसी से जुड़ी बड़ी उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10c64532bd47d454297d3dc821e717e9f5e3e8be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68435.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद में पांच लाख 86 हजार 387 पशु हैं। पशुपालन विभाग सभी पशुओं की टैगिंग कराने के लिए अभियान चला रहा है। इससे पशुओं के लिए चलने वाली योजनाओं का लाभ आनलाइन देने में सरकार को आसानी रहती है। इसके अलावा गर्मी और बरसात के मौसम में पशुओं में जानलेवा गलाघोटू बीमारी होने का खतरा बना रहता है। इस बीमारी से बचाव के लिए पशुपालन विभाग पशुओं का टीकाकरण करा रहा है। जिले को पशुओं के टीकाकरण के लिए एक लाख 74 हजार गलाघोटू बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन मिली है। यह पशुओं की गणना के मुताबिक पर्याप्त नहीं है। हाल ही में और वैक्सीन मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है। इसकी वजह से अभियान बीच में ही रुकने की संभावना है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी प्रेम सिंह ने बताया कि अभियान चलाकर पशुओं का टीकाकरण कराया जा रहा है। हमारी टीमें लगी हुई हैं। जिले में करीब 70 हजार पशुओं का टीकाकरण हो चुका है। जितनी वैक्सीन हमें मिली है, इतने पशुओं को टीका लगवाने की कोशिश कर रहे हैं। बाकी बाद में आएगी तो पशुओं का टीकाकरण कराया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70dcac732278a036f3df95e4ad0fbe8d1a5e0db1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंदिर की विशेषता ।सिद्धेश्वर महादेव मंदिर सासनी रोड पर स्थित है दूरदराज आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है मंदिर परिसर भी काफी बड़ा है तथा मार्ग पर छायादार वृक्ष लगे हुए हैं। मंदिर प्रांगण में हवन कुंड भी है, जहां सोमवार को हवन किया जाता है। भक्तगण इसमें शामिल होकर मनोकामना पूर्ण करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea90bc3ed2288daa5e6e24a27efe7c77f3f18c51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68441.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हमीरपुर, जेएनएन। किसी ने कहा है कि मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है... इन पंक्तियों को सच साबित कर दिखाया है, जिले के कुड़ौरा गांव की हाईस्कूल पास अंजनी और बांकी निवासी बीटीसी का प्रशिक्षण ले चुकीं उमाकांती ने। उनके प्रयास से बुंदेलखंड में बीते 10 वर्षों से फेल चल रहीं दुग्ध समितियों के स्थान पर बलिनी दुग्ध उत्पादन कंपनी के लिए नई समितियां बनीं और हजारों की संख्या में महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के जरिए जुड़कर आर्थिक रूप से समृद्ध हुईं। दो साल में ही कंपनी एक अरब रुपये की हो गई है। + +अंजनी व उमाकांती खुद पशुपालन कर दुग्ध उत्पादन के काम से जुड़ी थीं। इसीलिए शुरुआत में सर्वे के दौरान ही पात्रता के आधार पर उनका चयन बोर्ड आफ डायरेक्टर के पद पर किया गया। इसके बाद उनके अथक प्रयास से कंपनी ने यह मुकाम हासिल किया। सबसे बड़ी बात ये है कि बीते 10 वर्षों में क्षेत्र में तमाम दुग्ध समितियां निष्क्रिय हो गईं, लेकिन इन दोनों और समूह की महिलाओं के प्रयास से नई समितियां बनने के साथ लाभ भी कमा रहीं हैं। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में जहां एक ओर रोजगार के अभाव में जबरदस्त पलायन की समस्या से है, वहीं दूसरी ओर इसी क्षेत्र के करीब 613 गांवों की 24 हजार से अधिक महिलाएं दूध उत्पादन के काम से जुड़कर आत्मनिर्भर हुई हैं। + +बुंदेलखंड में 65 हजार लीटर दूध संग्रह।महिलाएं बलिनी के नाम से घी का भी उत्पादन करती हैं। दूध मदर डेयरी भेजती हैं। बुंदेलखंड के सातों जिलों में संचालित कंपनी के एक अरब में 88 करोड़ रुपये पशुपालन कर रही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बांटा गया है। बुंदेलखंड में 65 हजार 213 लीटर दूध संग्रह किया जा रहा है। हमीरपुर में राठ और पौथिया गांव में 10 हजार लीटर की बल्क मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a47a00cc2facd58eeaaa8af69bf581865efc89e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68442.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। जगदंबा प्रसाद मिश्र 'हितैषी' ने वर्ष 1916 में यह कविता लिखते समय शायद यही सोचा होगा, लेकिन अफसोस कि चमरौला के शहीदों का स्मारक उपेक्षा का शिकार है। शहीदों के नाम का शिलापट्ट टूट गया है। शहीद स्थल की सुध लेने वाला कोई नहीं है। + +अगस्त क्रांति में आगरा में देश की आजादी की लड़ाई शहर से देहात तक लड़ी गई थी। 14 अगस्त, 1942 को बरहन स्टेशन फूंक दिया गया था। 28 अगस्त को रक्षाबंधन था। पं. सीताराम गर्ग और श्रीराम आभीर के नेतृत्व में चमरौला रेलवे स्टेशन पर हमला बोला गया। यहां मुखबिरी होने की वजह से पहले से ही पुलिस तैनात थी। किशनलाल स्वर्णकार ने स्टेशन के दफ्तर में कैरोसिन छिड़ककर आग लगाने को दियासलाई जलाई ही थी कि पुलिस के एक जवान ने निशाना साधकर गोली चला दी। किशनलाल की उंगलियां उड़ गईं। पुलिस की फायरिंग में साहब सिंह, खजान सिंह, सोरन सिंह शहीद हो गए। सीताराम गर्ग, किशनलाल, सोहनलाल गुप्ता, प्यारेलाल, डूमर सिंह, बाबूराम घायल हुए। सभी शहीद 19-20 वर्ष के थे। अंग्रेजों ने शहीदों के शवों की शिनाख्त कराने का प्रयास किया, लेकिन जान-बूझकर लोगों ने पहचान नहीं की। शहीदों की पत्नियों ने भी सुहाग चिह्न नहीं उतारे, जिससे कोई पहचान नहीं पाए। घायलों ने छुपकर अपना उपचार कराया। बरहन और चमरौला पर सरकार ने 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया था, जिसे आजादी के बाद भारत सरकार ने माफ किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..253589739e050863e5e2b94b4050efa2c977ccd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68445.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +युवा कांग्रेस ने मारी बाजी। दिल्ली कांग्रेस अपना जनाधार तो पहले खो ही चुकी थी, अब शायद आलाकमान के भरोसे से भी हाथ धो बैठी है। भरोसे का ही संकट है कि राहुल गांधी राजधानी में कोई भी गतिविधि करने के लिए भारतीय युवा कांग्रेस (आइवाइसी) को साथ लेते हैं, प्रदेश कांग्रेस को नहीं। अब संसद सत्र के दौरान की ही गतिविधियों को देख लीजिए। चाहे राहुल की ट्रैक्टर रैली हो या साइकिल यात्रा और चाहे जंतर-मंतर पर कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन का समर्थन। पार्टी का हर एजेंडा युवा कांग्रेस के सहयोग से ही क्रियान्वित किया गया। प्रदेश कांग्रेस का तो न कहीं कोई नेता नजर आया और न ही इस इकाई का नाम। यह चर्चा भी जोरों पर है कि राहुल का विश्वास आइवाइसी अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी पर ज्यादा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि श्रीनिवास की सक्रियता काबिलेतारीफ है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के लिए भी यह स्थिति गंभीर ¨चता का विषय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..465ead8412be4dce9ee2dfe87e0e3006dc7089d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तथ्यों के आलोक में देखा जाए तो ओबीसी के हित में बड़े और प्रभावी कदम उठाने में कांग्रेस की सरकार विफल रही है या अधिक रुचि नहीं दिखाई। सदन में दिखावे के लिए इस बिल के समर्थन में आना अपने आप में हास्यास्पद है। हालांकि यह सुखद है और इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए कि कम से कम समाज के किसी भी वर्ग के हित के लिए विपक्ष सरकार के सहयोग में खड़ा हुआ और संसदीय परंपरा के आदर्शो का सम्मान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de1aa50cf4b842f55c5d45ea39e10ea43a581ce3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वस्तु                 पहले                  अब         वजन।चाय                 500                610            एक किग्रा।बिस्किट             55                60              एक पैकेट।बादाम              600                950             एक किग्रा।गिरावट के बाद फिर बढ़े सरसों तेल व रिफाइंड के दाम : सरसों के तेल में बीच में गिरावट आने से थोड़ी राहत मिली थी। लेकिन, अब फिर से इसके दामों में उछाल आया है। 175 रुपये किग्रा तक ब्रांडेड तेल पहुंच गया है। रिफाइंड के दाम भी 145 से 155 रुपये तक बढ़ गए हैं। एक साल पहले ब्रांडेड सरसों का तेल 95 से 100 रुपये किग्रा तक मिलता था। छह महीने में 75 रुपये तक दाम बढ़े। इसी तरह रिफाइंड भी 95 रुपये से बढ़कर छह महीने में 155 रुपये किग्रा तक पहुंच गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72666f4f24473a6ba9a597a7fc56bb8de3fe5600 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68451.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनेक राज्यों ने तो स्थानीय स्वशासन के सहयोग से कोरोना महामारी के संक्रमण को विभिन्न प्रकार की कार्ययोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर नियंत्रित किया हैं। जैसे महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश में ‘मेरा गांव कोरोनामुक्त’ जैसे संकल्पित अभियान से पंचायतों का सदुपयोग पूरे देश में नजीर बना तो कोरोना के दौरान ‘काशी माडल’ की पूरे देश में सराहना हुई जिसमें वाराणसी में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए तैयार रणनीति में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ‘माइक्रो कंटेनमेंट जोन नीति’ अपनाकर ‘जहां बीमार वहीं उपचार’ की व्यवस्था से पंचायतों का सहयोग सुनिश्चित कर महामारी को नियंत्रित किया गया। उल्लेखनीय है कि काशी माडल में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट के समावेश के साथ जनसहभागिता की बड़ी भूमिका रही है। व्यापक नजरिये से देखा जाए तो ढाई लाख से अधिक पंचायतों के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्र है जो स्थानीय सरकार द्वारा कोविड महामारी से लड़ रहा है। यह हमारे देश में शक्तियों के विकेंद्रीकरण और संघवाद का सबसे नायाब उदाहरण हैं। + +हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू से ही स्थानीय स्वशासन को स्वावलंबी, सुदृढ़, सक्षम और सशक्त करने की तरफ अनेक कदम उठाए हैं। साथ ही नियमन और निगरानी तंत्र को भी अधिक पारदर्शी और सबल बनाया गया है। वर्ष 2015 में पंचायती राज मंत्रलय में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) की शुरुआत करने के साथ साथ 14वें और 15वें वित्त आयोग की ग्राम विकास अनुदान राशि को बढ़ाने की अनुशंसा पर भी अमल करना, बेहतर प्रबंधन, नियमन, निगरानी और पारदर्शिता को बनाने के लिए ग्राम सभाओं की प्रगति रिपोर्ट, लाभार्थियों की सूची और तमाम विकास कार्यों जैसे मनरेगा, खाद्य सुरक्षा, सड़क, बिजली और अन्य कार्यों आदि की वार्षकि रिपोर्ट को आनलाइन कर जनता के लिए सुगम बनाना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज मिशन, स्वामित्व योजना की शुरुआत और ई-गवर्नेस की दिशा में पंचायतों को जोड़ते हुए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल एवं आडिट आनलाइन एप्लीकेशन को लांच किया गया। इससे ग्राम पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ साथ जागरूकता, सुशासन और जवाबदेही का भाव पैदा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe5aafc6a8cfbb9e523dc6310743c24c0e63398d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68455.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +इंदौर, संजय मिश्र। मध्य प्रदेश में मिलावटी (जहरीली) शराब बेचने वालों का अंजाम तय कर दिया गया है। विधानसभा ने इस अपराध के विभिन्न प्रकारों को परिभाषित करते हुए सजा का स्तर फांसी तक तय कर दिया है। यह किसी से छुपा नहीं है कि राज्य में लंबे समय से चल रहा मिलावटी शराब का धंधा समय-समय पर जानलेवा साबित हुआ। पिछले डेढ़ साल में ही मिलावटी शराब से हुई 39 लोगों की मौत ने उनके स्वजनों को दुख तो दिया ही, सरकारी तंत्र पर भी सवाल खड़े किए। उज्जैन में 14 अक्टूबर 2020 को 12 लोगों की मौत हुई थी। विपक्षी दलों ने सरकार को जमकर घेरा। मुरैना जिले में 11 जनवरी 2021 को हुई घटना ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। हालांकि सरकार ने सख्ती दिखाते हुए मुरैना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया था। + +जनजातीय समुदाय को जरूरत भर के लिए शराब बनाने की छूट का भी धंधेबाज अपने लिए अवसर की तरह उपयोग करते हैं। यही कारण है कच्ची भट्टियों में उबलते मौत के सामान पर नकेल कसने की मांग समय-समय पर उठती रही है। सियासत का रंग भी कई बार चढ़ा। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कुछ माह पूर्व ही प्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा उठाकर अपनी ही पार्टी को असमंजस में डाल दिया था। हालांकि चरणबद्ध आंदोलन करने की उनकी घोषणा किसी अंजाम तक नहीं पहुंची, लेकिन सरकार को इस समस्या की गंभीरता का अंदाजा हो गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि हम नशाबंदी के पक्ष में हैं। किसी भी प्रकार का नशा घातक होता है। उनकी स्वीकारोक्ति के बावजूद शराब से राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व का मोह छोड़ना आसान नहीं था। फिर भी सरकार ने इस समस्या से निपटने की नए ढंग से तैयारी की है। कड़े प्रविधानों के साथ सरकार द्वारा बनाया गया मध्य प्रदेश आबकारी संशोधन विधेयक 2021 विधानसभा से पारित हो गया है। राज्यपाल का हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। + +मध्य प्रदेश ने विधेयक प्रस्तुत करने से पूर्व उत्तर प्रदेश में लागू कानून का भी अध्ययन किया और अलग-अलग प्रकार के अपराधों में सजा तय की। उत्तर प्रदेश में किसी की मौत होने या हालत गंभीर होने पर आरोपितों के लिए मौत या उम्र कैद की सजा का प्रविधान है। ऐसी ही व्यवस्था पंजाब में भी है, लेकिन मध्य प्रदेश ने अपने कानून में किसी भी प्रकार की शारीरिक क्षति को बेहतर तरीके से परिभाषित किया है। इसके तहत मिलावटी शराब के सेवन से मृत्यु के मामले में आरोपित के विरुद्ध बार-बार दोषसिद्ध होता है तो उसे मृत्युदंड की सजा और कम से कम बीस लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। + +मादक द्रव्य में हानिकारक या अन्य मिलावट करने पर जुर्माना न्यूनतम तीन सौ रुपये के स्थान पर तीस हजार और अधिकतम दो हजार की जगह दो लाख रुपये होगा। आबकारी विभाग या पुलिस की जांच में बाधा पहुंचाने या उन पर हमला करने पर दो की जगह अब तीन साल का कारावास होगा। इस प्रविधान से यह अपराध गैर जमानती हो जाएगा। पहली बार मिलावटी शराब मिलने के अपराध से जुड़े मामलों में कारावास दो माह की जगह न्यूनतम छह माह और जुर्माना एक लाख रुपये से कम नहीं होगा। मिलावटी शराब से शारीरिक क्षति (जैसे आंखों की रोशनी जाना आदि) होने पर न्यूनतम चार माह की जगह दो वर्ष और अधिकतम आठ वर्ष के कारावास के साथ न्यूनतम दो लाख रुपये का जुर्माना होगा। मिलावटी शराब के सेवन से मृत्यु होने पर न्यूनतम दो वर्ष की जगह दस वर्ष और अधिकतम आजीवन कारावास व न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68456.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f8133ea5f2d86efcdfda9bf2310474e3754ddb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इन कारकों पर अंकुश लगाना फिलहाल संभव नहीं होता दिख रहा। लिहाजा, स्टेबिलिटी मैपिंग कराकर ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना जरूरी है। जिससे इन क्षेत्रों में भारी निर्माण से बचा जा सके और जहां निर्माण चल रहा है, वहां अधिक सावधानी बरती जा सके। डा. विक्रम गुप्ता ने बताया कि धर्मशाला में किए गए अध्ययन की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसे जल्द वाडिया संस्थान के निदेशक समेत केंद्र सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2efe0094fad17da29443259e2cd2c2c775a51086 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना काल मे सेंधा नमक की बढ़ी है उपयोगिता : कोरोना काल में लोगों ने अधिक मात्रा में खाना शुरू किया है। इसकी बिक्री तीन से चार गुना बढ़ी है। पूर्वांचल समेत बिहार व झारखंड के कई जिलों में भी भेज जाता है। विशेश्वरनाथ व गोला दीनानाथ की मंडियों से पूरे क्षेत्र को कवर किया जाता है। खड़ा ईरानी नमक 16 रुपये प्रतिकिलो है। यही 50 किलो की बोरी 800 रुपये में बिक रही है। सेंधा नमक में मिनरल की मात्रा अच्छी होती है। आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक सेंधा नमक में आयरन, फास्फोरस, मैगनीज समेत 64-65 प्रकार के मिनरल्स पाए जाते हैं। ये सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16152a510c8ab54e06a1d45d4642ac82fdb9922f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अंबुज उपाध्याय। पीएम उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण को मंगलवार को हरी झंडी दिखा दी गई है। पीएम ने महोबा से इसकी शुरुआत की है, लेकिन आगरा के आवेदकों को अभी इंतजार करना होगा। आगरा में कुल हाउस होल्ड पर एलपीजी कनेक्शन, 100 फीसद का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इसलिए अभी जिले को योजना शुरू करने के लिए संस्तुति का इंतजार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0974fae6aff086de2772600c4241e15538b17c61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साढ़े पांच हजार वर्ग किलोमीटर फैला है क्षेत्र।उत्तराखंड में हाथियों का वास स्थल 5405.07 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जो कि दो राष्ट्रीय उद्यान, एक अभ्यारण और 13 वन प्रभागों के साथ ही 14 प्रशासनिक वन प्रभागों के तहत आता है। यहां हाथियों के लिए शिवालिक पहाडिय़ों की तलहटी और वाह्य हिमालयी क्षेत्र अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5408cb5ff517fb0151a107c223b7bdbd85c0b00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में टोक्यो ओलंपिक्स में गोल्ड जीतकर भारत का सिर गर्व से ऊंचा करने वाले नीरज चोपड़ा आज देश के हीरो बन चुके हैं। सोशल मीडिया पर तीन दिन से सिर्फ नीरज चोपड़ा ही छाए हुए हैं। लाखों लड़कियों के वो क्रश बन चुके हैं, और करोड़ों लोग हैं जिनके अंदर नीरज ने एक अलग जज़्बा पैदा कर दिया है। नीरज के तमाम तरह के वीडियो और फोटोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक नीरज पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उनकी सराहना कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f5259e4d3fc80282b5df6059b702edba70e2e5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भ्रूण का समय पूरा करना और फिर जन्म लेना दुर्लभ।इस तरह के मामले लाखों में एक सामने आते हैं। इसमें भ्रूण का समय पूरा करना और फिर जन्म लेना दुर्लभ है। दरअसल बच्चेदानी में छेद या अन्य किसी कारण से भ्रूण आंतों के पास चिपक जाता है। अगर रक्त की आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं है तो भ्रूण जीवित रह जाता है। इस मामले में भी संभवत: ऐसा ही हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9a80942df6154ee913b929acef796a2b0ec5f20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई राज्‍यों ने खुद को अलग किया।किसानों को उनकी खेती के जोखिम से बचाने के लिए रक्षा कवच के रूप में सरकार ने जोर-शोर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी। इसमें किसानों को न्यूनतम प्रीमियम भुगतान के साथ कई और रियायतें दी गई। इसके बावजूद आधा दर्जन से अधिक राज्यों ने इससे खुद को अलग कर लिया है। पंजाब वर्ष 2016 में इस योजना की शुरुआत से ही इससे अलग रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d31a90b7d42b317afcaeb8aa3c8eb048f3974c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फ्रांस ने समुद्री सुरक्षा का मुद्दा उठाया ।फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ले ड्रियन इस बात पर भी जोर दिया कि समुद्री स्थानों की सुरक्षा में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान शामिल है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में यूरोपीय संघ की रणनीति का फ्रांस समर्थन करता है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने समुद्री सुरक्षा को बहुपक्षवाद की एक प्रमुख परीक्षा बताते हुए अधिक से अधिक वैश्विक बिरादरी से लामबंदी की अपील की। ड्रियन ने इस बात पर भी जोर दिया कि समुद्री स्थानों की सुरक्षा में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान शामिल है। अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को समुद्री डकैती, संगठित अपराध और नशीली दवाओं और नकली उत्पादों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए सभी आवश्यक उपायों अपनाना चाहिए। ।भारत ने रखा अपना पक्ष, नाखुश हुआ चीन ।उधर, भारत का भी यह मानना है कि हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के अनुरूप ही आचार संहिता लागू होनी चाहिए। इसी माह 5 अगस्त को वर्चुअल आयोजित हुए 11वें आसियान सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री ने दक्षिण चीन सागर में अपने समुद्री सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन द्वारा तैयार की जा रही आचार संहिता के मसौदे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा था कि दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता पूरी तरह से यूएनसीएलओएस 1982 के अनुरूप लागू होनी चाहिए। विभिन्न देशों के वैध अधिकारों और हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालना चाहिए और चर्चाओं में एकपक्षीय नहीं होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db246d3a2c3f4ea3269e28e274cac084af6cbadd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरक्षा परिषद के पांच स्‍थायी सदस्य ।अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन पांच स्थायी सदस्य हैं। सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश हैं, जिन्हें स्थायी और अस्थायी सदस्यता प्रदान की गई है। स्थायी सदस्यों के पास वीटो पावर होता है। स्थायी सदस्य इसका इस्तेमाल कर किसी भी प्रस्ताव को पास होने से रोक सकते हैं। इनके अलावा सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। इन अस्थायी सदस्यों का चयन क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। अफ्रीका और एशियाई देशों से पांच पूर्वी यूरोपीय देशों से एक लेटिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों से दो और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य दो देशों का चयन किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..353d01fb0a2e84963e162ee22c1068c2985c1f3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6847.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म सत्यकाम में डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी के साथ काम कर चुके धर्मेंद्र ने खुलासा किया कि उन्होंने आनंद की स्क्रप्ट फ्लाइट में सुनी थीं। और बताया कि वो इस फिल्म में काम करना चाहते थे। हालांकि, जब उन्हें पता चला कि राजेश खन्ना को फिल्म में कास्ट किया गया है, तो उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए ऋषिकेश मुखर्जी को कॉल भी किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76eb90cdeb28b2b19931fd62e2503bd8dd9f4923 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68470.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका और चीन के तनाव के मध्‍य अमेर‍िकी नौसेना दुनिया के सबसे आधुनिक एयरक्राफ्ट करियर यूएसएस गोल्‍ड के पास तीसरी बार बड़ा विस्‍फोट किया है। यह धमाका इतना जबरदस्‍त था कि समुद्र के आस-पास का इलाका हिल गया। समुद्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्‍टर पैमाने पर 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। आखिर अमेरिकी नौसेना ने तीसरी बार इतना बड़ा विस्‍फोट क्‍यों किया। इस धमाके के पीछे अमेरिका क्‍या मकसद है। धमाके की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार समुद्र में 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। + +चीन और रूसी नौसेना को दे रहा है चुनौती ।प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि यह विस्‍फोट अमेरिका के समुद्री जंग की तैयारी का एक प्रस्‍तुतिकरण है। उन्‍होंने कहा कि ज‍िस तरह से दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन अपने प्रभुत्‍व का प्रयास कर रहा है। काला सागर में रूस से चुनौती मिल रही है। ऐसे में अमेरिका का यह कदम प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष चीन और रूस के समक्ष अपनी नौसेना की शक्ति का प्रदर्शन है। अमेरिका इस तरह के परीक्षण करके चीन और रूस पर समान रूप से दबाव बना रहा है। अमेरिकी नौसेना के इस शक्ति प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि यदि उसके समुद्री हितों में कहीं भी कोई रोड़ा बनता है तो उसे अमेरिका के इन बड़े विस्‍फोटों से गुजरना होगा। + + 40000 पाउंड  का था विस्फोटक।इस दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर 40000 पाउंड (18000 किलोग्राम) के बम का विस्फोट करवाया गया। अमेरिकी नौसेना ने बताया कि उसका तीसरा विस्फोट फ्लोरिडा के पास सेंट ऑगस्टीन बीच के पास किया गया। विस्फोट के कारण जहाज पर कोई हताहत नहीं हुआ और मामूली मेंटीनेंस के बाद शॉक से पैदा हुई परेशानियों को दूर किया जा सकता है। यूएसएस गेराल्ड ऑर फोर्ड के कमांडिंग ऑफिसर ने कहा कि इसने अनुमान से कम नुकसान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cca46291977b53d3fe67136307dfa13ab9df5a15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68471.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीरज के पिता सतीश बताते हैं कि बचपन में नीरज मोटा था। तब उन्होंने भाई सुरेंद्र और भीम से बात की। तब सुरेंद्र भतीजे नीरज को पानीपत के माडल टाउन में एक जिम में ले आए। शिवाजी स्टेडियम भी पास ही था। वहां भी नीरज को ले गए। वहां खेल रहे खिलाड़ियों और कोच से बात की। पहले तो चार महीने तक नीरज को ट्रैक पर खूब दौड़ाया गया। यहां पर भाला फेंकना सिखाते थे जितेंद्र जागलान। उनके साथ ही थे खिलाड़ी जयवीर। खिलाड़ियों को किस खेल की तरफ जाना चाहिए, ये दोनों इसकी जांच करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68472.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..389e4f48c34aa044bbdbd67ccba7efa7be4748aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68472.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुरुआत हो सही: इम्युनिटी मजबूत करने के लिए जागने-सोने का समय तय करें। आयु के अनुसार एक से तीन गिलास गुनगुना पानी घूट-घूटकर पीएं। निवृत्त होने के बाद काढ़ा अथवा तुलसी, अदरख की चाय का सेवन करें। स्वाद के लिए थोड़ा गुड़ मिला सकते हैं। यह सेहत के लिए फायदेमंद खुराक है। अब योग व हल्का व्यायाम करें। हर सदस्य प्रात:कालीन करीब 20-30 मिनट धूप अवश्य ले। सूर्य की रोशनी से शरीर में विटामिन-डी का निर्माण होता है। इससे सेरोटोनिन तथा मेलोटोनिन हार्मोन उत्सर्जित होते हैं। हड्डियां मजबूत होती हैं, रक्त कोशिकाओं व इम्युनिटी का संवर्धन होता है। रात में सोने से पूर्व सभी सदस्य गर्म दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..653292394d0a2d4bdaeec613553eaff4d21e4220 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68473.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किन्नौर में हाईवे पर एक जगह नहीं, बल्कि काफी लंबे हिस्‍से पर मलबा गिरा। इस कारण एक या दो नहीं, बल्कि पांच से छह वाहन दब गए। बरसात के मौसम में अक्सर हिमाचल में पहाड़ दरकने से गहरे जख्‍म मिलते रहे हैं। चार साल पहले जिला मंडी के कोटरोपी का हादसा हो या अन्‍य भूस्‍खलन, हर बार मलबे के ढेर जख्‍म देते आए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9bf87e3b9694ceeca1a1a7c7fe7ce0b7344a9f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68474.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वार्ड बनवाने से लेकर इलाज करने तक जुटे रहे।अमृतसर में पहला केस 19 मार्च, 2020 को रिपोर्ट हुआ था। डा. मदन मोहन कहते हैं, इसके तत्काल बाद हमारी टीमें अलर्ट पर आ गईं। एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन, अटारी बार्डर पर हमारी टीमें लगातार जुट गईं। शहर में लगातार कोरोना मरीज रिपोर्ट होने लगे। 100 से 200 और फिर हजार। इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड् बनवाना बड़ी चुनौती थी। हमने तेजी से काम शुरू किया। मरीजों को दवा, खाना व उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa949b4d3a0744d4d0d5fc1afa050a717d592c02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68475.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गाजियाबाद [दीपा शर्मा] । युद्ध छिड़ गया है मैं जा रहा हूं। हो सकता है लौटकर न आऊं। अपने दम पर जीना, परिवार को संभालना। कभी किसी के सहारे मत रहना। माता-पिता का ख्याल रखना। यह शहीद लांस नायक रतन सिंह के अपनी पत्नी से कहे गए आखिरी शब्द थे। पति से किया वादा निभाते हुए शहीद लांस नायक रतन सिंह की वीर वधु लीलावती ने कभी किसी का सहारा नहीं लिया। अपने दम पर परिवार को संभाला और बेटे को पढ़ा लिखाकर सीमा शुल्क अधिकारी बनाया। महज 25 साल की उम्र में ही लीलावती के पति लांस नायक रतन सिंह 1971 के पाकिस्तान से युद्ध में देश के लिए वीरता से लड़ते हुए शहीद हो गए। उस समय लीलावती 22 साल की थी और उनका बेटा केवल डेढ़ साल का था। + +बेटे को आर्मी हॉस्टल में छोड़ निकल पड़ी थीं जिम्मेदारी उठाने।वीर वधु लीलावती बताती हैं कि उनका बेटा संजय केवल डेढ़ साल का था और घर पर केवल बुजुर्ग सास पनवेश्वरी देवी और ससुर रिशाल सिंह थे। जो मदद नहीं कर सकते थे। घर की पूरी जिम्मेदारी कंधों पर आ गई थी। दूसरे शहर में जाकर पैसा कमाने के बारे में सोचा, लेकिन इतने छोटे बेटे को साथ ले जाकर वह कुछ नहीं कर सकती थी। इसलिए बेटे को आर्मी के हॉस्टल में छोड़ दिया और काम करने के लिए पंजाब चली गईं। लीलावती ने बताया कि पहली बार घर से अकेले काम के लिए निकली थी। ट्रेन में रास्ते भर रोती रही। एक साल में बेटे से मिलने हॉस्टल आईं तो बेटे को नहलाया खाना खिलाया और फिर सोता हुआ छोड़कर चली गई। दूसरी बार जब मिलने आई तो बेटा उन्हें भूल गया था। इसी दौरान उन्हें एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई थी तो बेटे को साथ रखकर ही वह नौकरी करने लगीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efa9e07410777a50cf39d3569d3b160f9f3b5bcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68477.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कौन मेरी हिम्मत बढ़ाएगा ।पिता के निधन के बाद वंदना पहली बार घर आई। उन्होंने कहा कि निधन के बाद पहली बार घर जा रही हूं, उनके बिना घर को देख पता नहीं कैसे खुद को संभाल पाऊंगी। कहा कि पिता हर बात में उसकी हौसला-अफजाई करते थे, उसकी हिम्मत बढ़ाते थे। हर असफलता पर निराश नहीं होने देते थे, दोगुने उत्साह के साथ सफलता के लड़ने, खेलने को प्रेरित करते थे। मैंने हमेशा उनमें, मेरे लिए खुद से ज्यादा जोश और हिम्मत देखी। उनके जाने के बाद अब मुझे वह हिम्मत और जोश कौन देगा, असफलता पर मेरी पीठ थपथपाकर मुझे दोबारा उठकर सफलता के लिए कौन मेरी हिम्मत बढ़ाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0195dd5a55b65185800e988cd45044155a26dcb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Video: किन्‍नौर में हाईवे पर पहाड़ दरका, यात्रियों से भरी HRTC बस समेत छह वाहन मलबे में दबे।इनके साथ ही एक ट्रक भी मलबे की चपेट में आया है, इसमें भी 5 लोग हो सकते हैं, इसी तरह से अन्य महान नेवी दो से चार लोग बताए जा रहे हैं। फिलहाल घटनास्थल उपमंडल मुख्‍यालय से 62 किलोमीटर दूर होने के कारण प्रशासन को पहुंचने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..704baaf4e9e56d8dc9b10a73ba01f7042a8c044b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर के मंदिरों में रोजाना दो टन से ज्यादा फूल चढ़ाए जाते हैं। यह फूल बाद में फेंक दिए जाते हैं। फूल से अगरबत्ती और अन्य सुगंधित उत्पादन बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। इसे देखते हुए कमिश्नर रवि कुमार एनजी की पहल पर केएफपीएल ने शहर में काम करने की इच्‍छा जताई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e30b0023c86cab4782c487fce216e34bcb11eaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस फिल्म में इन दोनों के अलावा अमिताभ बच्चन, डिंपल कपाड़िया, मौनी रॉय और नागार्जुन की भी अहम भूमिका है। आलिया भट्ट इसके अलावा आरआरआर में भी नजर आएंगी। वहीं वह फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी और डार्लिंग में भी नजर आने वाली है। बीते दिनों फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी का टीजर और पोस्टर रिलीज हुआ था, जिसको अभिनेत्री के दर्शकों ने खूब पसंद किया था।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68482.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..815855a955535baf509054be564b9da10b212d37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68482.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +झरिया (धनबाद), [गोविंद नाथ शर्मा]। धनबाद के बैंक मोड़ में रहने वाली 45 वर्षीय अनिता अग्रवाल डेढ़ दशक से दिव्यांग व मंदबुद्धि बच्चों का भविष्य संवारने में जुटी हैं। इस काम से उनकी भावनाएं जुड़ी हैं। उन्होंने इसकी पीड़ा को करीब से देखा-समझा और झेला है। मंदबुद्धि होने की वजह से जब उनके बेटे को पढ़ाई में मुश्किलें आईं तो उन्होंने इस तरह के तमाम बच्चों की चिंता शुरू कर दी। अब वह स्कूल खोलकर इन बच्चों के शिक्षण-प्रशिक्षण में जुटी हैं। + +कई वर्षों तक यहां बच्चों को उन्‍होंने अपने खर्च से ही शिक्षण-प्रशिक्षण दिया। वर्ष 2018 में बीसीसीएल के सीएमडी अजय सिंह एक कार्यक्रम में स्कूल पहुंचे। उन्‍होंने अनिता के जज्बे की तारीफ की। इसके बाद जगजीवन नगर धनबाद में बीसीसीएल की ओर से स्कूल के लिए एक भवन दिया। अभी स्कूल में लगभग 150 मंदबुद्धि, विकलांग, नेत्रहीन और दिव्यांग बच्चे निश्शुल्क पढ़ रहे हैं। स्कूल सरकार से संबद्ध भी हो गया है। कोरोना काल में भी लगभग 50 बच्चे ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f48ab73bea36c9c247fc4cd20d21fd5a915d5fc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। अक्सर हमें पुलाव बिरयानी की प्लेट में तेजपत्ता नजर आता है जिसे हम बड़े करीने से किनारे कर देते हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉ कविता गोयल के अनुसार तेजपत्ता बहुत चमत्कारी औषधि है। इसका पेड़ 25 फुट तक ऊंचा होता है और इस पर पीले रंग के फूल लगते हैं। इसमें रासायनिक खोज करने पर तीन तरह के तेल पाए गए हैं। उतपत्त तेल, यूजीनाल और आइसो यूजीनाल। इसे हिन्दी में तेजपात्ता और संस्कृत में तमालपत्र कहते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Cinnamomum tamala कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17cff2c89ea3e65ac7ad6ab868e3554c6d4e5163 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68489.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, स्टेट ब्यूरो। झारखंड जनजातीय बहुल राज्य है। इस समुदाय की सांस्कृतिक पहचान, अपेक्षा और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर ही बिहार का विभाजन कर इस अलग राज्य का निर्माण किया गया था। जब अलग राज्य की मांग की जा रही थी तब पहले वृहद झारखंड की कल्पना की गई थी, जिसमें झारखंड के पड़ोसी राज्यों के जनजातीय बहुल जिले भी शुमार थे। + +तकनीकी जटिलता के कारण यह संभव नहीं हो पाया। आरंभ से ही जनजातीय समुदाय कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करता रहा। रोजगार के लिए पलायन, कुपोषण, अशिक्षा समेत अन्य चुनौतियां आज भी इस समुदाय के समक्ष हैं। हालांकि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से धीरे-धीरे उनके जीवन में बदलाव आ रहा है, लेकिन अन्य समुदायों की अपेक्षा अभी भी जनजातीय समुदाय पीछे है। आदिवासियों के उत्थान के लिए अभी बड़े पैमाने पर कार्य करने की आवश्यकता है। जनजातीय समुदाय की कम होती आबादी चिंताजनक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf9110d8b3dafd61642e8118e1ee2ccc3eae5ae0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68490.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल भाजपा के राष्ट्रवाद से टक्कर लेने के लिए माकपा की केंद्रीय कमेटी ने इस बार 15 अगस्त को देशभर के पार्टी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया है। अब तक माकपा मानव श्रृंखला सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित कर गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस मानती थी, पर पार्टी कार्यालयों में तिरंगा झंडा नहीं फहराया जाता था। वहां कम्युनिस्टों का लाल झंडा लहराता था। यही वजह थी कि पार्टी के अंदर बार-बार सवाल उठाया जाता था कि क्या अभी तक माकपा के लिए यह आजादी झूठी है? अजादी के 75वें साल सीताराम येचुरी की पार्टी ने सोच और मानसिकता बदली है। कन्नूर में होने वाली आगामी पार्टी कांग्रेस से पहले माकपा केंद्रीय समिति की बैठक में इस बार अभूतपूर्व प्रस्ताव पारित कर माकपा के सभी कार्यालयों में स्वतंत्रता दिवस मनाने और राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया। यह माकपा ही नहीं वामपंथियों के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है। + +आखिर माकपा में यह परिवर्तन इतने वर्षो के बाद क्यों आया है? इस पर कामरेडों के तर्क तो अलग-अलग हैं, लेकिन उनके सार को समङों तो उनका मानना है कि जिस तरह से भाजपा ने राष्ट्रवाद के जरिये देशवासियों को प्रभावित किया है, उससे मुकाबले के लिए रणनीति में परिवर्तन जरूरी है और इसी नीति के तहत यह निर्णय लिया गया है। सवाल है कि माकपा के विचार व नीति बदलने में इतना वक्त क्यों लगा? क्योंकि 34 वर्षो तक बंगाल पर राज करने वाली माकपा आज यहां अस्तित्व संकट से जूझ रही है। राष्ट्रवाद को लेकर माकपा नेता और क्या-क्या करते हैं और इसका उन्हें कितना फायदा मिला, यह वक्त बताएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc2ef4b1c3be422645698baf631fe0ca0cb779c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने की मांग वर्षो से हो रही है, पर इसके पक्ष में अगर लोग खड़े होते हैं तो विपक्ष में भी उतना ही सशक्त तर्क दिया जाता है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2018 में घोषणा की थी कि आगामी जनगणना में वह पिछड़ी जातियों की गणना कराएगी। यह जानना रोचक होगा कि जो पार्टियां, नेता और एक्टिविस्ट इस समय जाति की गणना कराने की मांग कर रहे हैं, वे तब कई किंतु-परंतु के साथ इसका विरोध करने लगे थे। वे मांग करने लगे कि नए सिरे से जातीय जनगणना कराने के बजाय यूपीए सरकार ने जातियों की जो गणना कराई थी, मोदी सरकार पहले उसे जारी करे। दरअसल इन पार्टयिों और नेताओं का भय भाजपा के पिछड़ा वर्ग से संबंधित कार्यो को लेकर था। मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का कानून संसद से पारित करा दिया था। पूर्व की सरकारों ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की सोची भी नहीं और मोदी ने कैसे कर दिया? यह प्रश्न इन सब नेताओं के दिमाग को मथ रहा था। उनको लग रहा था कि मोदी सरकार ने यदि पिछड़ी जातियों की जनगणना करा दी तो वे लोग इसके सियासी लाभ से वंचित हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..faf9f449824a7359e109945d8f9810fac2a18eaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतिहासकार अनूप शुक्ला बताते हैं कि जब सैनिक निरंकुश हुए तो उन्हें रोकने के लिए जनरल हैवलाक ने प्रोवोस्ट मास्टर नियुक्त किया। उसे स्पष्ट आदेश दिया कि अगर कोई सैनिक लूटमार करता दिखाई दे तो उसे उसी वक्त यूनिफार्म में ही फांसी पर चढ़ा दिया जाए।इसके बाद सैनिकों की अराजकता पर लगाम लगी। 25 जुलाई 1857 को हैवलाक कर्नल नील को कानपुर का प्रशासन सौंपकर लखनऊ चला गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2076a6290af7d63128940c674e02eec34e266571 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्‍होंने कहा क‍ि रेलवे में 25 साल से कार्य कर रहे है। अभी तक रेल कारखाना में काम किया है। कई रेल मंडल में यांत्रिक अभियंता के पद पर कार्य कर चुके हैं। रेलवे बोर्ड में मालगाड़ी के रख-रखाव करने वाले विभाग में काम किया है। उत्तर रेलवे और मंडल रेल प्रबंधक के पद पर पहली बार काम करने का मौका मिला है। पूर्व डीआरएम से मंडल के बारे में जानकारी ली। कहा क‍ि रेलवे के मानक के अनुसार संरक्षा, सुरक्षा व समय पालन के आधार पर ट्रेनों का संचालन कराया जाएगा। स्टेशनों पर उपलब्ध यात्री सुविधाओं को ठीक तरह से संचालित कराने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर पूर्व मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश भी उपस्थित थे। पूर्व डीआरएम ने दो साल की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि मुरादाबाद रेल मंडल में पुराने व जर्जर रेललाइनों को बदलने का काम किया गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 11 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं थीं, जो घटकर अब तीन पर पहुंच गईं हैं। ट्रेनों की औसत गति बढ़ी है। मंडल में डिजिटल इंडिया के तहत कई काम किए गए हैं। मुरादाबाद माॅडल को भारतीय रेलवे में अन्य जगहों पर अपनाया जा रहा है। इसमें स्काडा, रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम और शाहजहांपुर रोलर।प्रमुख है। मंडल के विकास के लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने बेहतर काम किया है। इस अवसर एडीआरएम (इंफ्रा) एनएन सिंह, एडीआरएम (ओपी) एमएस मीना, सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा, प्रवर मंडल अधीक्षण अभियंता (जी) नीरज कुमार, डीसीएम गौरव दीक्षित भी उपस्थित थे।  ।​​​​​यह भी पढ़ें :-।Road Accident : मुरादाबाद के मूंढापांडे में डबल डेकर बस खाई में पलटी, 20 घायल, पांच की हालत गंभीर।सुप्रीम कोर्ट से जमानत मंजूर होने के बाद भी Azam Khan और उनके बेटे अब्दुल्ला की रिहाई संभव नहीं।Moradabad Health News : मौसम बदलने के साथ बच्चों को हो रहा वायरल इंफेक्शन, बड़े भी बरतें सावधानी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cfeb8d5a8a46a33010a45018f22178e2df14f43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक स्वर्ण पदक जीतकर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। वह सोना जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं। करीब 37 साल पहले आगरा के फतेहाबाद ब्लाक के छोटे से गांव अई के रहने वाले सरनाम सिंह ने वर्ष 1984 में नेपाल में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों (पूर्व सैफ गेम्स) ने भाले से स्वर्ण पदक पर निशाना साधा था। सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी सरनाम सिंह कहते हैं गांवों में रहने वाले बच्चों में अंतराष्ट्रीय स्पर्धाओं में सोना जीतने की क्षमता है। उनकी प्रतिभा तराशने की जरूरत है। वह गांवों से ऐसे बच्चों को खोजने की मुहिम चलाकर उन्हें प्रशिक्षण देंगे। जिससे चंबल के बीहड़ से नीरज की तरह सोना जीतने वाले खिलाड़ी निकलें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d69ae85ccf3226b88602d45ea37adeab37b3901f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से फैन्स का दिल जीतने के बाद प्रियंका चोपड़ा इन दिनों हॉलीवुड में अपने अभिनय का लोहा मनवा रही हैं। वह एक के बाद एक बड़े प्रोजेक्ट्स में काम कर रही हैं। प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ प्रियंका चोपड़ा अपनी निजी जिंदगी को भी बड़ी ही खूबसूरती से बैलेंस करती हैं। साल 2018 में निक जोनस से शादी के बाद प्रियंका लॉस एंजेलिस में ही सेटल हैं और वह अक्सर निक जोनस के साथ रोमांटिक तस्वीरें शेयर करती हैं। हाल ही में ईस्टर सेलिब्रेशन के मौके पर प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस का रोमांटिक अंदाज फैन्स को देखने को मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f286f5fa874f9c789f422e0ca4c6b148fb86b211 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। जंग-ए-आजादी का साक्षी आगरा के पास बरहन का रेलवे स्टेशन भी रहा है। गोरों के आतंक का जवाब देने को आजादी के दीवानों ने बरहन स्टेशन को फूंक दिया था। टेलीफोन के तार काटकर संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप कर दी गई थी। इस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आजादी की ज्‍वाला गांवों में भी किस कदर तक जल रही थी। ।भारत की आजादी में अगस्त क्रांति के नाम से प्रसिद्ध अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है। महात्मा गांधी के आह्वान पर पूरा देश आंदोलन में कूद पड़ा था। 10 अगस्त को आगरा में चुंगी मैदान में युवा परशुराम के पुलिस की गोलीबारी में शहीद होने से अगस्त क्रांति की जो ज्वाला धधकी, वह आगे जाकर दावानल बन गई। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ गांवों में भी विरोध की चिंगारी सुलग रही थी। आंदोलन में बरहन रेलवे स्टेशन पर संचार व्यवस्था ठप करने की रणनीति बनाई गई। 14 अगस्त, 1942 को ब्रिटश हुकुमत का जवाब देने को एक हजार से अधिक ग्रामीण बरहन रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गए। आठ-दस टुकड़ियों में बंटकर उन्होंने स्टेशन पर धावा बोल दिया। स्टेशन को आग लगा दी गई और यह धूं-धूं कर जल उठा। टेलीफोन के तार काटकर संचार व्यवस्था ठप कर दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbbf9e2f2c7cbff1fe3a3a62ff6a3716cdc51f15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। हाड़तोड़ मेहनत और अनुकूल मौसम में ही अन्नदाता खेती में मुनाफा कमा सकता है, यह धारणा अब टूट रही है। मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन बेमौसम भी फसल उगाकर लाभ लिया जा सकता है। प्याज को ही ले लीजिए...। रबी की फसल में इसका उत्पादन होता रहा है, अब यूपी में बारिश के मौसम यानी खरीफ में भी प्याज बोया जा रहा है। उद्यान विभाग ने पहली बार खरीफ के लिए जिलों में प्याज का लक्ष्य तय किया है। किसान इस खेती में रुचि लें, इसके लिए बीज में अनुदान भी दिया गया है। इस कदम से प्याज के भाव कम होने के साथ दूसरे राज्यों से आपूर्ति की निर्भरता भी घटेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c88089038c7d5f60b4aeda2b37ae9b14d9435938 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68503.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजब प्रेम की गजब कहानी चरितार्थ करता यह बेमेल प्रेमी जोड़ा जब हाई कोर्ट पंहुचा तो इस शादी को संदिग्ध मानते हुए हाई कोर्ट के जज चौक गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने तुरंत एसपी पलवल को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश पिछली तारीख पर दिए थे। पति-पत्नी दोनों ने अपनी जान को खतरा बताते हुए हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8780fdc0304975d2073931f0e75f475e6a62a09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68504.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अयोध्या, संवाद सूत्र। व‍िवाद‍ित ढांचे के पक्षकार रहे मो. इकबाल अंसारी ने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया देखने की इच्‍छा जताई है। इकबाल ने कहा, नौ नवंबर 2019 को सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के साथ सदा-सर्वदा के लिए विवाद खत्म हो गया और अब मैं भी राम मंदिर की ओर उसी श्रद्धा से देख रहा हूं, जिस श्रद्धा से पूरा देश देख रहा है। आस्था का यह केंद्र किस तरह निर्मित हो रहा है, इसे भी देखने की उत्सुकता स्वाभाविक है। इकबाल और उनके वालिद मरहूम हाशिम अंसारी भले ही मस्जिद के पक्षकार थे, पर अदालत के बाहर पिता-पुत्र की यह जोड़ी अति सहिष्णु अयोध्यावासी और साधु-संतों से अच्‍छे रिश्तों के लिए पहचानी जाती है। अदालत का फैसला आने के पूर्व से ही हाशिम और उनके बाद इकबाल रामलला के पक्ष में आदर-अनुराग अर्पित करते रहे। + +रामचंद्रदास परमहंस को दी श्रद्धांजलि : सरयू के संत तुलसीदास घाट स्थित मंदिर आंदोलन के पर्याय रहे रामचंद्रदास परमहंस की समाधि पर पुण्य तिथि की पूर्व बेला पर मो. इकबाल अंसारी ने भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, वे मंदिर की लड़ाई तो लड़ते रहे, पर मुस्लिमों के प्रति उनके मन में जरा भी भेद-भाव नहीं था और यही सच्‍चा संतत्व है। एक सच्‍चे संत को सभी मत-मजहब के लोग आदर देते हैं और परमहंस इस आदर के अधिकारी हैं। + +रामलला के दर्शन मार्ग पर खोला गया झरोखा : अब श्रद्धालु राम मंदिर निर्माण का कार्य आसानी से देख सकेंगे। इसके लिए रामलला के दर्शन पथ पर मंदिर के निर्माण स्थल (पश्चिम दिशा) की ओर की दीवार को तोड़कर बड़ा झरोखा खोला गया है। इसमें ग्रिल लगाई जा रही है। फिलहाल यह झरोखा लगभग दस फीट लंबे व पांच फीट ऊंचा है। जल्दी ही इसे बढ़ाकर 30 फीट लंबा किया जाना है। सोमवार को श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर गर्भगृह की ओर बढ़ते हुए पूरे मंदिर निर्माण का दर्शन किया। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपतराय ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए लोगों से साझा की है। उन्होंने सूचित किया है कि अस्थाई मंदिर के दर्शन मार्ग पर यह व्यवस्था की गई है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। झरोखे से निर्माण कार्य को भी देखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c6f41ac625052fb9a7559288a85ea4ca57b9ec8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68505.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विनीत तोमर, रोहतक। 15 अगस्त 1947, देश के इतिहास में यह दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। चार दिन बाद पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाएगा, लेकिन आज हम आपको जिले में रहने वाले एक ऐसे परिवार से रूबरू कराएंगे, जिसके कई सदस्य 16 साल से भारत में रहने के बाद भी पाकिस्तानी होने का दंश झेल रहे हैं। यह परिवार ऐसा है जिसमें पति-पत्नी और छोटा बेटा तो हिंदुस्तानी हैं, लेकिन बड़ा बेटा, बेटी और दो बहनें अब भी पाकिस्तानी हैं। इन्हें अभी तक नागरिकता नहीं मिली है। यहां बात कर रहे हैं कि मदीना गांव में रहने वाले फुलचंद के परिवार की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cb7c6449cc02582ed75d7b9f3a3de0c64536786 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68506.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अक्टूबर के अंत तक 10 रूटों पर 100 मेट्रो फीडर ई-बसों की मिलेगी सुविधा।डीएमआरसी अक्टूबर के अंत तक चरणबद्ध तरीके से दिल्ली में 10 रूटों पर 100 मेट्रो फीडर ई-बसों का परिचालन करेगा। इसका मकसद मेट्रो स्टेशन से गंतव्य तक लास्ट माइल कनेक्टिविटी बेहतर करना है। इन बसों में 24 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी और 14 मेट्रो स्टेशनों तक आवागमन की सुविधा बेहतर हो जाएगी। + +अत्याधुनिक सिस्टम से लैस होंगी बसें।डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि यह अत्याधुनिक बसें सीसीटीवी कैमरा व जीपीएस सिस्टम से लैस होंगी। इसलिए यात्रियों को बस के अंदर हर बस स्टैंड की सूचना भी मिल सकेगी। बसों को दिव्यांग व बुजुर्गों के अनुकूल बनाया गया है। इसलिए रैंप के जरिये व्हील चेयर से वे बस में सवार हो सकें। शास्त्री पार्क व मजलिस पार्क में इन बसों के लिए डिपो बनाया गया है। उन डिपो में बसों की निगरानी के लिए केंद्र भी स्थापित किया गया है। इस निगरानी केंद्र से परिचालन के दौरान बसों पर नजर रखी जा सकेगी। इन बसों में दूरी के अनुसार 10 से 25 रुपये किराया निर्धारित किया गया है। इन फीडर बसों के चार्जिंग के लिए 2.5 मेगावाट बिजली का कनेक्शन दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68514.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb30121db8a14906f3b28eccabe6139dea1bb8db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68514.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन।  छर्रा के ग्राम सुनपहर में सोमवार को दिल को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है। मानवता और एक मां की ममता को शर्मसार करने वाली घटना को जिसने भी देखा, उसका दिल दहल गया। गांव के बाहर खेत में थैले में रखी मिली एक नवजात बच्ची को गांव के ही दंपति ने गोद ले लिया है। गांव में हर कोई उस मां को कोस रहा है जिसने भी यह कदम उठाया है। जहां एक ओर सरकारें बेटियों को लेकर गंभीर बनी हुई है और लगातार बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा देते हुए उनके भविष्य को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। वहीं समाज में ऐसी घटनाएं लोगों को द्रवित कर देती हैं। + +पशुओं का गोबर खेतों में डालने गयी महिला की पड़ी नजर ।सोमवार को अपरान्ह गांव की एक महिला रोजाना की तरह जंगल में रोजाना की तरह पशुओं का गाेबर डालने गई थी। जैसे ही गांबर को डालकर वह वापस मुडी तो अचानक कहीं से उसे एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। महिला ने इधर उधर देखा तो पास के ही अरहर के एक खेत में घुस गई। वहीं एक थैला पडा हुआ था। डरते डरते उसने हिलते हुए उस थैले को पलटा और खोल कर देखा तो उसमें एक नवजात बच्चा रो रहा था। बच्चा के शरीर पर प्रसव के अंग लगे हुए थे और उस पर कुछ चींटियां दौड रही थी। घबरा कर महिला ने आनन फानन में गांव पहुंचकर लोगों को इसकी खबर दी। नवजात बच्ची मिलने की खबर सुनकर ग्रामीण मौके की ओर दौड पडे। उन्हीं में गांव के ही युवक राजाबाबू ने बच्ची को उठा कर कपडे से साफ किया और गोद लेने की इच्छा जताई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2967e5d1b62dd22b438ef56f49136a34514b73f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जाएं वीर अनेक.. कवि माखनलाल चतुर्वेदी की इन पंक्तियां को सुन हर देशवासी का रोम रोम पुलकित हो जाता है। कारगिल युद्ध के वीर योद्धा कर्नल गुरप्रीत सिंह की बहादुरी भी युवाओं में नया जोश भरती है। मेजर रैंक पर रहते हुए जम्मू-कश्मीर रायफल्स रेजिमेंट के इस वीर योद्धा ने टीम का उत्साह बढ़ाते हुए बहादुरी के साथ दुश्मनों का सामना किया था और आपरेशन विजय के बाद गन हिल की चोटी पर तिरंगा लहराया था। गुरप्रीत सिंह को युद्ध में उनके योगदान के लिए सेना मेडल (गैलेंट्री) से सम्मानित किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..565ae38fa8a887d11c99c397e1a3c71390dec0a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +माता पार्वती बनीं भगवान शिव की अर्धांगिनी।शिव पुराण के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक कठिन तप किया, फिर भी उनकी मनोकामना पूर्ण नहीं हुई। उन्होंने अपने 108वें जन्म में इसी व्रत के प्रभाव से भगवान शिव को प्रसन्न करने में सफल रहीं। भगवान शिव ने माता पार्वती के व्रत से प्रसन्न होकर उनको अपनी अर्धांगिनी बनाया। हरियाली तीज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और शाम को होने वाली पूजा के दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार की वस्तुएं तथा भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9682a0c59750e63c7ad6dcf95702f2a2f4e390c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +#NewProfilePic pic.twitter.com/HC8N9Guu4M।इससे पहले जब उन्होंने अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदली थी तो लोग कह रहे थे कि ये तस्वीर बदलने के पीछे का कारण समझ से परे हैं मगर अब जब उन्होंने पुराना लुक धारण करते हुए फोटो लगाई है तो वो किसान नेता नजर आने लगे हैं। इससे पहले उन्होंने महान क्रांतिकारी मंगल पांडे की जन्म जयंती पर उन्हें नमन किया उसके बाद अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दी थी। 21 जुलाई को फोटो बदले जाने के बाद उनकी नई प्रोफाइल पिक्चर को 600 से अधिक लोगों ने रिट्वीट भी किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..284cd92a71b366441d873972796db472af46a2a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68521.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पं. विष्णु नारायण भातखंडे ने वकालत की पढ़ाई की, लेकिन संगीत में अत्याधिक रुचि होने के कारण सितार व गायन भी सीखा। पं. भातखंडे पारसी गायनोत्तेजक मंडली से जुड़े, जिसमें लगभग सभी बड़े महाराष्ट्रियन कलाकार शामिल थे, यहां उन्होंने धु्रपद व ख्याल भी सीखे। उस समय गायन सीखने-सिखाने के लिए विभिन्न घराने स्थापित थे। घराने में जन्म लेने वाले वंशज या घराने के विद्यार्थी को ही संगीत की शिक्षा प्राप्त हो सकती थी। पं. भातखंडे ने जन साधारण में संगीत शिक्षा सुलभ कराने के लिए संगीत सम्मेलन कर संगीतज्ञों से मशविरा किया, जिसके फलस्वरूप 1926 में राय उमानाथ बली के सहयोग से लखनऊ में तत्कालीन गर्वनर के नाम से मैरिस म्यूजिक कालेज (वर्तमान में भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विवि) की स्थापना की गई। संस्थागत शिक्षा प्रणाली में सगीत विषय शामिल होने से संगीत के प्रति रुचि जागृत हुई। + +भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विवि के गायन विभाग की अध्यक्ष प्रो. सृष्टि माथुर ने बताया कि पहले संगीत शिक्षा मौखिक परंपरा द्वारा दी जाती थी, पं. भातखंडे ने विभिन्न बंदिशों और रागों को लिखने और सीखने के लिए अपनी स्वरलिपि पद्धति विकसित की, जो सरल थी। पं. भातखंडे ने संगीत शिक्षण विधि को सरल बनाने के लिए थाट पद्धति विकसित की, जिसमें रागों का 10 थाटों के अंतर्गत वर्गीकरण किया गया। थाट और स्वरलिपि पद्धति के कारण भारतीय राग संगीत सर्वसुलभ हो गया। इसकी वजह से ही संगीतज्ञों में एक नियमबद्ध प्रणाली से गाने-बजाने की योग्यता पैदा हुई। विभिन्न घरानों के संगीतज्ञों से पं. भातखंडे ने असंख्य बंदिशें प्राप्त कीं और उन्हें क्रमिक पुस्तक मालिका (छह भागों) में लिखा। इस तरह जो बंदिशें सिर्फ घरानों तक सीमित थीं, वे अब सुलभ हो गईं। साथ ही, स्वरलिपि पद्धति विकसित हो जाने के कारण उनको याद रखना भी आसान हो गया। भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय में पंडित भातखंडे की पद्धति से ही शिक्षण प्रदान करते हैं, जो सबके लिए सरल और सुलभ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3d9fd8205bf14081e431d8d0b90a6776d5349c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जन्मदिन की बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर जन्मदिवस की बधाई देते हुए उनके लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। वहीं, पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब में लिखा- धन्यवाद आदरणीय प्रधानमंत्री जी। इसके अलावा सूबे के राज्यपाल रमेश बैस ने भी सीएम को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि ईश्वर आपको सदा स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाए रखें, ताकि आप जनसेवा के कार्यों में निरंतर लगे रहें। बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन का आज 46 वां जन्मदिन है। ।सीएम हेमंत ने पीएम मोदी को लेकर किया था ऐसा ट्वीट, खूब हुआ था वायरल।गौरतलब है कि एक मौका ऐसा आया था जब झारखंड के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी की एक तरफा बात को लेकर उनपर तंज कसा था। यह ट्वीट इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस ट्वीट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पीएम नरेंद्र मोदी और उनके बीच फोन पर हुए संवाद को एकतरफा करार देते हुए। लिखा था कि आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f62688d2b18a6bd4675fecb987acf7dcef84797b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68523.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही महंगाई दर में इजाफा होने के बावजूद रेपो दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। अभी वैश्विक स्तर पर महंगाई दर में वृद्धि हो रही है। फिर भी, विश्व के अधिकांश देशों में नीतिगत दरों में कटौती नहीं की जा रही है। अमेरिका में फेड दर, जो भारत के रेपो दर के समान है, मार्च 2020 से ही 0.25 प्रतिशत के स्तर पर बना हुआ है। ब्रिटेन में भी वहां का रेपो दर जनवरी 2020 में 0.75 प्रतिशत था और अभी भी यह 0.1 प्रतिशत है। इसमें मामूली बढ़ोतरी की गई है। यूरो जोन में वहां का रेपो दर वर्ष 2016 से ही शून्य प्रतिशत के स्तर पर बना हुआ है। + +महंगाई बढ़ने का एक बड़ा कारण ‘बेस इफेक्ट’ भी है। दो डाटा बिंदुओं के बीच तुलना के लिए अलग अलग संदर्भ बिंदु चुनने के कारण तुलना के परिणाम पर पड़ने वाले प्रभाव को बेस इफेक्ट कहा जाता है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने 21 जुलाई को जारी अपने आíथक परिदृश्य में महंगाई का एक कारक बेस इफेक्ट को माना था। मई, 2021 में मुद्रास्फीति दर बढ़कर 6.3 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि जून में इसमें मामूली गिरावट आई और यह 6.26 प्रतिशत के स्तर पर आ गई। जून में हुई पिछली मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सीपीआइ के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था और जुलाई से सितंबर 2021 के दौरान इसके 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। चूंकि पिछली मौद्रिक समीक्षा के दौरान भी महंगाई दर ज्यादा थी, इसलिए उस समय भी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97cd5bbbe336a70e07c5c866f19fd6c901b328f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68524.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Shravan Ashtami Navratri Online Registration, जिला कांगड़ा के प्रमुख शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी, श्री बज्रेश्वरी देवी व चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रशासन ने दी है। लेकिन श्रावण अष्टमी मेलों के दूसरे दिन भी कम ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे। हालांकि जिला प्रशासन ने टेंपल विजिट डाट एचपी डाट इन लिंक तैयार किया है। इस लिंक पर निर्धारित प्रपत्र पर श्रद्धालु को दर्शनों की तिथि सहित अपना विस्तृत ब्यौरा भर कर भेजेंगे। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा आनलाइन ही मैसेज के माध्यम से संबंधित श्रद्धालु को दर्शनों की तिथि तथा समय इत्यादि के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। + +प्रशासन की ओर से दूसरे नवरात्र पर भी बिना कोविड रिपोर्ट व वैक्‍सीनेशन सर्टिफ‍िकेट के पहुंचे श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया गया। हिमाचल पंजाब के बैरियर पर भी जांच की जा रही है। लेकिन कुछ लोग मुख्‍य मार्ग की बजाय संपर्क मार्गों के माध्‍यम से हिमाचल में प्रवेश कर रहे हैं। ये लोग एंट्री तो पा ले रहे हैं, लेकिन आनलाइन पंजीकरण या दर्शन पर्ची बनाने के दौरान पकड़ में आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ad534ad670c2c4d9e52c203db2b1bc14a57db15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अतुल कनक। टोक्यो ओलिंपिक के दौरान भारतीयों के चेहरे उस समय खुशी से खिल उठे जब नीरज चोपड़ा ने अपनी साधना, प्रतिभा और प्रतिबद्धता के दम पर भाला फेंक प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाल दिया। ओलिंपिक मुकाबले आसान नहीं होते। उनमें विजेता होना किसी भी देश के लिए उत्सव की बात होती है। पदक से चूक गई मेरी काम और महिला हाकी टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को भी उत्सवी माहौल में सराहा गया है। हर उपलब्धि और हर बेहतर प्रदर्शन को सराहा ही जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2656ce02ba4cf8382616ee75a84c7f50a58cc14c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। पिछले माह दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए आयोग गठित करने की घोषणा की थी। सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीशों वाला यह आयोग कुछ दिनों में जांच शुरू करेगा। परंतु अभी से ही यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या इस कथित राजनीतिक जासूसी में आयोग के हाथ कुछ ठोस सबूत लगेंगे या नहीं? इस सवाल की खास वजह है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a79c787aa60e1b6d3f99b1ba34be2822dcca7338 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेल प्रशासन ने बाहर से सफाई कर्मचारी को बुलाकर प्लेटफार्म की सफाई करानी शुरू कर दी थी। इसके बाद दूसरी लहर अप्रैल 21 से शुरू हो गई, जिसका प्रकोप मई 21 तक रहा। इस दौरान काफी कम संख्या में ट्रेनों का संचालन किया गया। ट्रेनें कम होने से मैनुअल सिस्टम से सफाई कराने पर काम चल जा रहा था। कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद रेल प्रशासन ने 95 फीसद ट्रेनों का संचालन शुरू कर द‍िया है। इससे यात्रियों की संख्या बढ़ी है। इससे प्लेटफार्मों व आदि स्थानों पर ठीक तरह से सफाई नहीं हो पा रही है। रेलवे लाइन के नीचे काफी गंदगी रहती है। मंडल रेल प्रशासन ने फिर से मशीन द्वारा सफाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। मुरादाबाद रेल मंडल के मुरादाबाद व हरदोई स्टेशन पर मशीन द्वारा सफाई की निविदा आमंत्रित की गई है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में मशीन द्वारा प्लेटफार्म व स्टेशन परिसर की सफाई शुरू हो जाएगी। इसके बाद मंडल के अन्य स्टेशनों पर भी सफाई के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि मुरादाबाद व हरदोई रेलवे स्टेशन पर मशीन द्वारा सफाई कराने की व्यवस्था शीघ्र शुरू हो जाएगी। सफाई करने वाले कंपनी का चयन किया जा रहा है। इसके बाद दोनों स्टेशन पहले की तरह साफ द‍िखाई देंगे। ।यह भी पढ़ें :-।शर्मनाक : पैसे के ल‍िए अपनी पत्‍नी को कर द‍िया दोस्‍तों के हवाले, एक साल पहले ही क‍िया था प्रेम‍ व‍िवाह।आतंकवाद‍ियों के पोस्‍टर में सम्‍भल के शरजील अख्‍तर का भी नाम, सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ाई सतर्कता।हत्या के मामले में 16 साल से फरार चल रहा मुरादाबाद का बदमाश बिहार के कटिहार से गिरफ्तार।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54904f3aabf1977d6337c6e13f775cdd5b0f1740 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रीनयनादेवी (बिलासपुर), जागरण संवाददाता। Nayna Devi Shaktipeeth, हिमाचल प्रदेश का प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्रीनयना देवी मंदिर पंजाब से सटे बिलासपुर जिले में है। शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियों पर स्थित भव्य मंदिर है। यह देवी के 51 शक्ति पीठों में शामिल है। वर्तमान में उत्तर भारत की नौ देवी यात्रा में नयना देवी का छठा दर्शन होता है, वैष्णो देवी से शुरू होने वाली नौ देवी यात्रा में मां चामुंडा देवी, मां बज्रेश्‍वरी देवी, मां ज्वालामुखी, मां चिंतपूर्णी देवी, मां नयना देवी, मां मनसा देवी, मां कालका देवी, मां शाकंभरी देवी सहारनपुर शामिल हैं। नयना देवी हिंदूओं के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41411b9a33d8b164bdc919696686518254e247e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या बदला, क्या बदलेगा : रियो में हुए पिछले खेलों में भारत की तरफ से केवल 20 खिलाड़ियों ने क्वार्टर फाइनल और उससे आगे प्रवेश किया था, जिनमें पुरुष हाकी टीम भी शामिल थी। इसके मुकाबले टोक्यो में 55 खिलाड़ियों का इस स्तर तक पहुंचना बताता है कि हमारे खिलाड़ियों की पदक के पास जाने की क्षमता बढ़ी है। कम से कम दस ऐसी स्पर्धाएं हैं जिनमें भारत का प्रदर्शन विश्वस्तरीय रहा। यह व्यापकता गौर करने लायक है। इसका सरल मतलब है कि हमने इन खेलों में ओलिंपिक के लिए न केवल क्वालीफाई किया, बल्कि अपनी उपस्थिति भी महसूस कराई। सात पदक इतिहास में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है, लेकिन इससे भी ऊपर लड़ने की क्षमता अधिक प्रभावशाली है। सुधार और क्षमता में वृद्धि सबसे अधिक हाकी में आनंद और राहत पहुंचाने वाली है। पतन को कोसते 35 साल बीते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a8996e1bf372268fae99981bac895c9830a98fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68530.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डीटीटीडीसी टीकरी बार्डर के अलावा लोक निर्माण विभाग की ही सड़क पर आने वाले कापसहेड़ा और अप्सरा बार्डर के सौंदर्यीकरण पर भी काम शुरू करने की तैयारी कर रहा है। सभी प्रवेश द्वारों को 200 मीटर तक सुंदर बनाया जाना है। पहले और दूसरे चरण को मिलाकर दिल्ली के कुल 12 जगहों पर प्रवेश द्वारों को सुंदर बनाने का काम किया जाएगा। दिल्ली सरकार राजधानी के बड़े प्रवेश द्वारों के सौंदर्यीकरण की योजना पर काम कर रही है। इससे दिल्ली में प्रवेश करते ही सुखद अनुभूति होगी। प्रवेश द्वारों के 200 मीटर तक दिल्ली की विरासत और इसकी खासियत को दर्शाया जाएगा। + +दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में दिल्ली के प्रवेश द्वारों को सुंदर बनाने के लिए योजना शामिल की थी। इसके लिए पहले चरण में गुरुग्राम बार्डर, टिकरी कलां बार्डर, गाजीपुर बार्डर, अप्सरा बार्डर और आनंद विहार बार्डर पर प्रवेश द्वारों को सुंदर बनाया जाना था। पहले चरण में पांच और दूसरे चरण में सात अन्य जगहों पर द्वारों को खूबसूरत बनाने का काम शुरू होना था। इन सभी प्रवेश द्वारों के सुंदरीकरण पर दिल्ली सरकार ने 25 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा था। लेकिन दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन द्वारा योजना में कुछ ¨बदुओं पर एतराज जताने और कोरोना महामारी के चलते इस परियोजना में देरी हो गई है। डीटीटीडीसी को पांच बार अपने मूल प्रस्ताव में बदलाव कर डीयूएसी को भेजना पड़ा, तब जाकर इसे मंजूरी मिल पाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68532.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9816f3a45c06279f9e06c6c33dd693e82c398a29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68532.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लालू के समर्थकों ने तेजस्‍वी को मान लिया नेता ।तेज प्रताप यादव आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े पुत्र हैं। व्यवहारिक तौर पर छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर सौंप दी गई है। बस, औपचारिक घोषणा बाकी है। 2019 के लोकसभा और 2020 के विधानसभा चुनावों में आरजेडी के टिकटों के बंटवारे में मुख्य भूमिका तेजस्वी यादव ने ही निभाई। विधानसभा चुनाव में आरजेडी की 75 सीटों पर जीत हुई। अब लालू प्रसाद यादव के समर्थकों ने तेजस्वी यादव को नेता मान लिया है। + +समर्थकों को रास नहीं आ रही आरसीपी की विदाई । जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से आरसीपी सिंह (RCP Singh) की विदाई उनके समर्थकों को रास नहीं आ रही है। उनकी तकलीफ नए अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के स्वागत में जुटी भारी भीड़ से और बढ़ गई है। वे भीड़ का जवाब बड़ी भीड़ से देना चाहते हैं। ललन सिंह कह रहे हैं कि वे समता पार्टी (Samata Party) के उन कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेंगे, जो किसी वजह से शिथिल पड़ गए हैं। यह घोषणा जेडीयू के उन नेताओं के मन में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है, जो बाद में जुड़े और पुराने को दरकिनार कर संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठ गए हैं। इतना ही नहीं, टिकटों के बंटवारे में भी नए लोगों को तरजीह दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..590120e085d85c113685dc70e920ef3c75e642a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68536.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खास बात यह है कि हर आवेदन के निस्तारण का निर्धारित समय होगा और बाकायदा उच्च स्तरीय निगरानी भी होगी। अधिकारी ने आगे बताया कि दिल्ली पर्यटन के पास अभी भी भारतीय और विदेशी फिल्मकारों की ओर से शू¨टग के लिए काफी प्रस्ताव आते रहते हैं। बहुत से फिल्म निर्माता तो यहां की लालफीताशाही से दुखी होकर किसी अन्य राज्य का रुख भी कर लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c35772e3686ef3ea917609d78a0325bd2dc54c45 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68537.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। आजादी के गुमनाम नायकों की कहानी और संवैधानिक मूल्य अब सिर्फ किताबों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। दिल्ली सरकार ने एक सभ्य समाज का निर्माण करने के लिए उसे छात्रों के जीवन में भी उतारने की तैयारी कर ली है। दरअसल, राजधानी के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए इस सत्र ही देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरूआत होने जा रही है। शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 15 अगस्त को इस पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। + +गतिविधि आधारित होगा पाठ्यक्रम। शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक ये पाठ्यक्रम बाकी विषयों से बिल्कुल अलग होगा। छात्रों में देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना पैदा करने और उन्हें जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम केवल गतिविधि आधारित ही होगा। इसमें छात्रों से समय-समय पर कुछ विषयों पर सर्वेक्षण भी कराया जाएगा। वहीं, पाठ्यक्रम सरल भाषा में छात्रों में उन मूल्यों और विचारों को स्थापित करेगा जो राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले सक्रिय और प्रतिबद्ध नागरिक बनाने में सहायक हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..212c7249673de964c91b22ed4994e066837c801f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। यूपी के सिद्धार्थ नगर के शोहरतगढ़ तहसील के औंदही कला में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली डोज कोविशील्ड की और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई थी। इसका प्रभाव जानने के लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के निर्देश पर क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) ने 18 लोगों नमूने लेकर जांच के लिए भेजा था। जांच नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) पुणे में हुई। रिपोर्ट आ चुकी है। यह पता चल चुका है कि इनमें एंटीबाडी पर्याप्त बनी है। लेकिन एंटीबाडी कब तक बनी रहेगी, इसकी जांच के लिए 90 दिन, 180 दिन व 365 दिन पर भी नमूने लिए जाएंगे। 90 दिन में अभी 35 दिन शेष हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8379a8cf249ab724ba7863d53f54ad5d5cde2d91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिलीप सिन्हा, गिरिडीह। World Tribal Day 2021 झारखंड लोकसेवा आयोग की पहली आदिवासी महिला सदस्य गिरिडीह निवासी डा. अनिमा हांसदा। राजनीति विज्ञान व संताली भाषा में स्नातकोत्तर अनिमा ने बचपन से ही शिक्षा का महत्व समझ लिया था। संताली भाषा से भी गजब का लगाव। सो, इसे अपनी जिंदगी का सार बना लिया। रांची के गोस्सनर कालेज में संताली भाषा विभाग की प्रमुख डा. अनिता अब बच्चों को संताली भाषा विज्ञान के गूढ़ रहस्य से परिचित करा रही हैं। एक ही संदेश देती हैं कि इस सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखना। आज पूरा आदिवासी समाज इस बेटी पर गर्व कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68543.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3c56e6a386a795a778adfe02f637d914db37f47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है बर्फी की खासियत।बिरजू बर्फी वाले की बर्फी की एक खास बात यह है कि यह सिर्फ दूध से बनती है। इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं की जाती। जैसे कि अन्य लोग जो बर्फी बना कर भेज रहे हैं वह अधिक मात्रा में चीनी डालते हैं इसके साथ ही और भी कई पदार्थ डालते हैं। लेकिन, यहां पर 1 किलो बर्फी बनाने के लिए 5 किलो दूध का इस्तेमाल होता है और उसमें सिर्फ 100 ग्राम चीनी डालते हैं। इस बर्फी को व्रत रखने वाले लोग खूब पसंद करते हैं। जैसे कि अभी जो लोग सोमवार व्रत रख रहे हैं वह यहां से खाने के लिए बर्फी लेकर जाते हैं। विदेशों से जो भी एनआरआइ यहां आते हैं वह जाते समय इनकी दुकान से अधिक मात्रा में बर्फी पैक करवा कर ले कर जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68547.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a24b3848ab3a0ab333b873707020ea5622a1825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय जायसवाल]। अपनी नाव में बिठा कर गंगा पार कराने के लिए केवट ने प्रभु राम के चरण धोए थे, लेकिन आज राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि सभी दल उसी निषाद समाज की मान-मनौव्वल में लगे हैं कि चुनावी नैया पार हो जाए। इस समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे दल यह संदेश दे चुके हैं कि सियासी पतवार उनके हाथ में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db037b9a580e9d8c53b72068900f17378c1759a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस सना शेख ने जब से बॉलीवुड छोड़ शादी की है तब से ही खबरों छाई हुईं हैं। सना ने अपने लिए आध्यात्म का रास्ता चुना है वो चकाचौंध से दूर रहना चाहतीं हैं पर क्या करें अपने आपको सोशल मीडिया से दूर नहीं रख पाती। पिछले दिनों सना पति के साथ घूमने निकली तो लगे हाथ एक वीडियो भी शेयर कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d048d173ae627c1bfcbea6362e6fa15a220c94c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भदोही, जेएनएन। औराई कोतवाली क्षेत्र के जयरामपुर में सांप के हमले से अपने मालिक को बचाने के लिए पालतू कुत्ते ने अपनी जान गवां दी, लेकिन मालिक तक नहीं पहुंचने दी। रविवार की रात मुख्य गेट पर चौकीदार के साथ पालतू जर्मन शेफर्ड प्रजाति के कुत्ते शेरू और कोको भी मुस्तैद थे। इसी बीच मुख्य गेट से जहरीला सांप घर में घुसने लगा तो दोनों ही कुत्‍ते अलर्ट हो गए। इस दौरान शेरू और कोको की नजर उस पर पड़ते ही भौंकना शुरू कर दिया, इसके बाद चौकीदार ने गौर किया तो उसके होश उड़ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7da265a8591cc175b9cd1a3510da64cb7444660 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीज पंजाब का एक प्रसिद्ध त्योहार है जिसे शादी शुदा लड़कियां अपने मायके में जाकर सावन के महीने में अपनी सखियों के साथ मिलकर मनाती थी। तीज के कुछ महीने पहले से ही सभी लड़कियां एक दूसरे के घर जमा होती थी और तीज में पहनने वाले हर पोशाक को अपने हाथों से तैयार करती थी। इस तरीके सन में प्यार भी बना रहता था। मगर अब ना लड़कियां मायके जाती हैं ना पेड़ों के नीचे तीज मनाया जाता है, क्योंकि गांव से शादी कर वह शहर में बस गई है और यहां के रीति रिवाज के अनुसार ही तीज मना रही हैं। शहर में महिलाओं के कई गिनती में किट्टी ग्रुप बने हुए हैं जो तीज कार्यक्रम रेस्टोरेंट क्लब में आयोजित करते हैं। इसमें शामिल होने के लिए महिलाओं से पैसे लिए जाते हैं। आज के तीज में केवल दिखावा रह गया है अपनापन और प्यार खत्म हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9328cf6e55c278475b549706e0a73c824d35b812 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रवीण गुगनानी। भारतीय दलित और जनजातीय समाज में इन दिनों एक शब्द चलाया जा रहा है- मूल निवासी दिवस। दरअसल नौ अगस्त मूलत: पश्चिम के तथाकथित बुद्धिजीवी और प्रगतिशील समाज द्वारा किए गए बर्बर नरसंहार का दिन है, जिसे उसी पीड़ित व दमित जनजातीय समाज द्वारा गौरव दिवस रूप में मनवा लेने का षड्यंत्र है यह। आश्चर्य यह है कि पश्चिम जगत अपने विमर्श गढ़ लेने में माहिर छद्म बुद्धिजीवियों के भरोसे जनजातीय समाज के नरसंहार के इस दिन को जनजातीय समाज द्वारा ही गौरव दिवस के रूप में मनवाने के आपराधिक अभियान में सफल भी होता दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68557.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d70e0bde48bbbc5cef5d047c74b440dbfdfa8e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68557.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +25 दिसंबर 2020 को प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासकों को ग्राम पंचायतों के खजाने की चाबी सौंप दी थी। उन्होंने खजाने की चाबी आते ही धड़ाधड़ भुगतान करने शुरू कर दिए। एक-एक दिन में ब्लाकों में लाखों का भुगतान हो गया। कुंदरकी, बिलारी और मूंढापांडे ब्लाक में सबसे अधिक धनराशि ग्राम निधि के खातों से निकाली गई। मुख्यमंत्री तक इस मामले की शिकायत हुई है। आरोप है कि प्रशासकों की तैनाती के दौरान सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले ब्लाकों के गांवों से 32 करो़ड़ से अधिक की धनराशि ग्राम निधि के खातों से निकली। जबकि कोरोना में कामकाज पूरी तरह से बंद चल रहे थे। सीडीओ ने बताया कि जिन प्रशासकों ने अपने कार्यकाल में 25 लाख रुपये से कर्म खर्च किए हैं, उनकी भी जांच कराई जाएगी। डीपीआरओ ने जांच के लिए कमेटी बना दी है। इसके लिए हर ब्लाक से दस ग्राम पंचायतों को लिया जाएगा। जांच के दौरान दोषी पाए जाने वाले आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी। + +जिन ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की तैनाती के दाैरान 25 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हुए थे। ऐसे दस गांवों की जिला स्तरीय अधिकारियों से जांच कराई गई। आठ ग्राम पंचायतों की जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट का पूर्ण अध्ययन करने के बाद ही इस पर फैसला होगा। जांच में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5777b85c048ed698cdd11974376ee8f93b628021 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये रहे अनुभव।1- करीब 2 माह पहले स्ट्रेस लेवल इंडीकेटर पर अंगूठा रखा तो रेड लाइट जलने लगी। उस वक्त एग्जाम का प्रेशर था, इसलिए थोड़ा टेंशन में था। इंडीकेटर ने उस प्रेशर को बखूबी भांपा। इसके बाद मैं तनावमुक्त होने की कोशिश करने लगा। -करुणव वर्मा, निवासी फीरोजाबाद, बीटेक छात्र।2- डेढ़ माह पहले असित के घर निमंत्रण देने गया तो वहां इस उपकरण पर तनाव मापा। उसमें कलरफुल लाइट जलने लगी। दो लोग और आए, जिन्होंने अंगूठा रखा तो रेड लाइट जली। उन्होंने बताया कि डाक्टर के यहां से आ रहे हैं, ब्लडप्रेशर बढ़ा है। -संदीप कुमार, निवासी गढ़ी नवाब न्यामत खां फर्रुखाबाद।-अभी तो हम लोग चेहरे, दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर से ही तनाव का आकलन करते थे लेकिन ये मशीन तो अंगूठा रखने मात्र से मानसिक स्थिति बता रही है। ये बेहतर है। इस संबंध में छात्र से बात करेंगे ताकि चिकित्सा क्षेत्र में कैसे इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। -डा. आरती लालचंदानी, पूर्व प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर।-मानसिक तनाव का सीधा संबंध न्यूरो से होता है लेकिन त्वचा के संपर्क में आने के बाद यह उपकरण मानसिक तनाव बता रहा है। ऐसे में ये बेहतर काम करेगा। इसके जरिए लोगों को अवसाद में जाने से पहले ही रोका जा सकेगा। -डॉ. राजकुमार, पूर्व कुलपति उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, इटावा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68561.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68561.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0db60319861389704d260169c4eb510bdda9576c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68561.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. अमृत कुल्लू। जब कभी आदिवासियों के विकास की बात होती है तब यह कहा जाता है कि आदिवासी संस्कृति में बदलाव कर उन्हें विकास की धारा से जोड़ा जा सकता है। ऐसे विचार आदिवासी विकास और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य से हमें भटका रहे हैं। वास्तव में आदिवासी संस्कृति के विस्तार से ही आत्मनिर्भरता का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e373a927711033be398de747c67aa76724550122 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन।  आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों की शहादत से अलीगढ़ की माटी भी धन्य हुई। यहां की माटी वीरता व साहस के अनेक किस्सेे हैं। 1857 की क्रांति की चिंगारी अलीगढ़ में भी फूटी थी। अचलताल के पास के रहने वाले वीर सपूत नारायण पंडित ने देश के लिए प्राण न्योछावर कर दिए थे। क्रांतिकारियों के शहर में ऐसे तमाम अड्डे थे, जहां से उनके संदेश का आदान-प्रदान होता था। उस दौर में कुआं व प्याऊ ऐसे संसाधन थे, जहां जुटने वाली भीड़ पर गोरे भी आपत्ति नहीं कर सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55834c084b540a911c4e11294fc6937705f4f105 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68563.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[भरत झुनझुनवाला] इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता कि आजादी के बाद देश और लोगों का आर्थिक स्तर सुधरा है। और इस सुधार में सरकारी जनकल्याण योजनाओं की प्रभावी भूमिका है। सरकारी योजनाओं की सामान्य कार्यप्रणाली इस तरह से समझिए। टीबी के मरीजों के लिए सरकार दवा देना चाहती है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग इन दवाओं को खरीदता है जिसमें कमीशन लेने की आशंका को कोई खारिज नहीं कर सकता है। इसके बाद सरकारीकर्मी इन दवाओं को विभाग से लेकर उन्हें ब्लैक में बेच सकते है। यदि दवा मरीज तक पहुंच भी गई तो वह भी उस दवा को बेच सकता है। रुपी वाउचर प्रणाली के तहत सरकार दवा की रकम को निर्धारित बैंक में जमा करा देगी। दवा को किन दुकानों से खरीदा जा सकता है यह निर्धारित कर देगी। इसके बाद मरीज के फोन पर एक कोड भेजेगी। मरीज उस कोड को अपनी मनपसंद दुकान को दिखाकर उससे दवा प्राप्त कर सकता है। अंत में दुकानदार उस कोड को बैंक को देकर उस दवा को प्राप्त कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cf6c5e48137c8906c5cde82b2ee014867fe3213 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शैलेन्द्र गोदियाल, उत्तरकाशी। Mahamari se azadi कोरोना महामारी से बचाव में टीका बेहद अहम माना जा रहा है। पर्वतीय इलाकों के दुर्गम गांवों में टीकाकरण आआसान नहीं है। श्वेता और सोनम रावत जैसी स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डाल लोगों को टीका लगा रही हैं। कहीं जंगली जामवरों का डर तो कहीं भूस्खलन में फंसने का, लेकिन इनके उत्साह में कमी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b35fb2daa9c752b5a4f929b50b4d370ed942f67d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68566.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारतीयों के प्रवेश पर सख्त हुए नियम ।वर्ष 1902 में एक अंग्रेज अधिकारी मिस्टर स्मडले अपने भारतीय मित्र के साथ मेमोरियल गार्डन पहुंचे थे। सोसाइटी के सदस्यों ने विवाद किया जो काफी बढ़ गया। इसके बाद मेमोरियल गार्डन में प्रवेश के नियम सख्त कर दिए गए। नियम के मुताबिक उस समय भारतीयों को यहां जाने के लिए कलक्टर और जज से अनुमति लेनी होनी थी। खद्दरधारी और गांधी टोपी पहनकर जाना मना था। + +कांग्रेस दल ने बिना अनुमति किया था प्रवेश ।वर्ष 1925 में कांग्रेस का अधिवेशन कानपुर में आयोजित हुआ। 27 दिसंबर की सुबह कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने यहां बिना अनुमति प्रवेश किया। गार्ड बुक में लिखा कि पहरेदार के मना करने पर भी हम लोग भारतीय वेशभूषा में गार्डन तक गए। इसके नीचे एमपी डा. रदरफोर्ड, बंगाल के एमएलए टीसी गोस्वामी, एनसी चंदर, नील निरंजन सरकार, विधानचंद्र राय, राय हरेंद्रनाथ चौधरी और पंजाब के एमएलए दीवान चमन लाल के हस्ताक्षर थे। जानकारी के बाद तलहका मच गया था। लेजिस्टलेटिव कौंसिल में सवाल जवाब हुए थे। वर्ष 1938 में मेमोरियल गार्डन में प्रवेश पर दो आना शुल्क रखा गया। इसके बाद भी भारतीय मेमोरियल वेल के घेरे में नहीं जा सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a2e9995334706e1489e669a9448a9c9a44c0a3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनीपत, जागरण संवाददाता। ओलिंपिक में कांस्य जीत कर देशवासियों को गर्वित करने वाले पहलवान बजरंग पूनिया सोमवार देर रात तक स्वदेश लौटेंगे। खेलप्रेमी उनके स्वागत की तैयारियों जुटे है। बजरंग से मिलने के लिए मां ओम प्यारी भी बेहद उतावली हैं। उन्होंने कहा कि बजरंग को चूरमा और आलू के परांठे बहुत पसंद हैं। उन्होंने पूरी तैयारी कर रखी है। आते ही वो अपने लाडले को चूरमा और परांठे खिलाएंगी। वहीं, बजरंग के भाई हरेंद्र पूनिया, नवीन पूनिया व साथी पहलवान स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं। रविवार को दिन भर बजरंग के घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। लोगों ने उनके पिता बलवान सिंह व भाई हरेंद्र को शुभकामनाएं दीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9c1189ef9df01516c5a2a8a5af8f0e383d096a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दो बेटियों के बाद तीसरी हुई तो पड़ोसी ने परवरिश का जिम्मा उठाया।गुरुनगरी की नवीं आबादी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला के घर तीसरी बेटी की किलकारियां गूंजीं। चाह तो बेटे की थी, पर भगवान ने उनकी झोली में पुन: बेटी दी। ईश्वर की रजा में राजी होकर परिवार ने तीसरी बेटी भी स्वीकार कर ली, लेकिन पड़ोस में रहने वाली महिला ने तीसरी बेटी को गोद लेने की इच्छा जाहिर की तो परिवार ने बच्ची उनको सौंप दी। एक माह तक बच्ची की परवरिश पड़ोसी महिला ने की, लेकिन बच्ची को जन्म देने वाली महिला अब उसे लौटाने को कह रही है। गोद लेने वाली महिला बच्ची को लौटाने से इन्कार कर रही है। बहरहाल, मामला पुलिस के पास है और पुलिस भी पशोपेश में है कि आखिर क्या करे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6779130283b2cc93a18208e598de1f79d73192b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68571.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सभा ने कोरोना की पहली लहर के दौरान लगातार दो माह तक सपरून में गुरुद्वारा के बाहर लंगर लगाया। यह लंगर प्रतिदिन सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक चलता था। इस दौरान प्रतिदिन दो से तीन हजार लोग भोजन करने के लिए आते थे। इनमें अधिकतर ऐसे जरूरतमंद परिवार थे जो यहीं भोजन करते थे। लंगर पर प्रतिदिन 25 से 30 हजार रुपये तक का खर्च आ रहा था। जब सभा ने यह पुण्य कार्य शुरू किया तो शहर के कई समाजसेवी, दुकानदार आगे आए और आर्थिक सहायता प्रदान करने लगे। किसी ने राशन दान किया तो किसी ने सब्जी आदि गुरुद्वारा में दान करनी शुरू कर दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f585cc1774e1d76bfe0cadd82c3227b4931401d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एनसीआरबी के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म का खतरा 44 फीसद तक बढ़ गया है। 2010 से 2019 के बीच भारत में दुष्कर्म के कुल 3,13,289 के मामले दर्ज हुए हैं। इससे देश में महिलाओं की वर्तमान स्थिति को देखा जा सकता है। हाल में दुष्कर्म की घटनाओं पर गौर करें तो इसमें एक बात नई दिख रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71df0a463b050fca0026b4928389ec1f26265f96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68574.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उदाहरण के तौर पर, हाशिए पर जी रहे किसानों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाता है। कर्ज माफी से गरीबों की कीमत पर धनी किसान लाभान्वित होते हैं। प्रवासी मजदूरों को सब्सिडी वाला राशन नहीं मिल पाता है। मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं बमुश्किल ही कहीं उपलब्ध होती हैं। न्यूनतम वेतन से मजदूरों को कोई लाभ नहीं होता। गरीब बच्चों के हिस्से का दूध कहीं और इस्तेमाल हो जाता है। नि:शुल्क प्राइमरी शिक्षा में बच्चे पढ़ने नहीं, बल्कि मिड डे मील लेने पहुंचते हैं। मुफ्त टीकाकरण की योजनाओं का लाभ भी कम लोगों को ही होता है। + +असल लाभार्थी को मिलेगा लाभ: ई-रुपी वाउचर जिस व्यक्ति और जिस काम के लिए जारी होगा, उसी के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। इसमें लाभार्थी के पास बैंक खाता होना भी जरूरी नहीं है। यह लाभार्थी और लाभ देने वाले के बीच की कड़ी होगा। इससे उन 20 करोड़ भारतीयों तक जन कल्याण की योजनाएं पहुंचाना संभव होगा, जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। यह व्यवहारवादी अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ता कदम है, जिसमें आर्थिक नीतियों के मनोवैज्ञानिक प्रभावों का भी ध्यान रखा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68575.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bc641773310b2b8c994b934463e1cd64ce7cada --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68575.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चित्रकूट, [हेमराज कश्यप]। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में कोल, मवासी और गोंड जनजाति की हजारों आबादी आयुर्वेद की संजीवनी का प्राचीन ज्ञान खुद में सहेजे है, जो इसे जन-जन तक पहुंचाने में मददगार बन सकती है। विंध्य पर्वतमाला से सटे गांवों में रहने वाले कोल आदिवासी इंसान से लेकर जानवरों की बीमारियां ठीक करने में इनका इस्तेमाल अब भी कर रहे हैं। आज विश्व आदिवासी दिवस पर एक बार फिर उनकी विशेषता की चर्चा हर जुबान पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d3d472c07a8b446ddabcc8f784d40cd47135b75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68576.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मैरीकॉम बनना चाहती थी रितु, हालात ने बना दिया दिहाड़ीदार मजदूर ।चार साल पहले तक रितु भी मैरीकॉम की तरह बॉक्सिंग में नाम कमाना चाहती थी, लेकिन आज वह चंडीगढ़ के सेक्टर - 22 की पार्किंग में आते -जाते वाहनों की पार्किंग पर्चियां काट रही हैं।  रितु ने बॉक्सिंग में ही नहीं रेसलिंग (कुश्‍ती) औऱ वॉलीबॉल में भी स्कूल नेशनल गेम में खेला है। वर्ष 2017 में रिक्शा चलाने वाले पिता बीमार पड़े, तो परिवार सड़क पर आ गया।  ।चंडीगढ़ के सेक्‍टर 22 की पार्किंग में पर्चियां काटतीं जूनियर महिला बॉक्‍सर रितू। (जागरण)।रिक्‍शाचालक पिता बीमार हुए तो खेल छोड़कर पार्किंग में काम करने को हुई मजबूर।रितु ने बताया कि वह चार भाई-बहन हैं और पिताजी रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पाल रहे थे।वह कहती हैं, शुगर बढ़ने से पिता को मोतियाबिंद हुआ और हम दो बड़े भाई-बहन का स्कूल छूट गया। छोटे भाई अभी भी स्कूल जाते हैं। मैंने पहले लेबर का काम किया और मेरे बड़े भाई ने कुकिंग का। इससे घर का गुजरा चलने लगा और अभी पार्किंग में पर्ची कटाने का काम करती हूं। यहां से रोजाना काम के हिसाब से मुझे 350 रुपये दिहाड़ी मिल जाती है। + +अपने सर्टिफिकेट दिखातीं जूनियर महिला खिलाड़ी रितू। (जागरण)।बॉक्सिंग, वॉलीबॉल व रेसलिंग में नेशनल खेल चुकी है, नेशनल स्‍कूल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता ब्रांज ।इतना ही नहीं वर्ष 2016 में तेलंगाना में आयोजित 62 वीं स्कूल नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में  रितू ने ब्रांज मेडल जीता था। इसके अलावा कर्नाटक में आय़ोजित  59वीं स्कूल नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप- 2013-14 में और  मध्यप्रदेश में आय़ोजित 61वीं नेशनल स्कूल रेसलिंग 2015 में चंडीगढ़ की टीम का प्रतिनिधित्व किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f30ac939e00615544fb95e67e843dd5d2e494d99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गिरकर उठने वाला ही है चैंपियन।रेस के दौरान जब हर कोई जीतने के लिए दौड़ रहा हो, उस दौड़ में गिर जाने भर से ही सारी हिम्मत हार जाती है। ऐसे में सच्चा खिलाड़ी वो है जो भले ही गिर जाए मगर गिरकर उठ खड़ा हो तब वो चैंपियन होता है। ऐसा ही हुआ 10,000 मीटर दौड़ के प्रतिभागी पैट्रिक टायरनेन के साथ जो अंतिम पायदान से मात्र 50 मीटर दूर ही गिर गए। इतनी लंबी और थका देने वाली इस रेस में गिरे पैट्रिक ने वहीं हिम्मत नहीं हारी, बल्कि वे उठे और रेस पूरी की। आखिर सच्चे खिलाड़ी यही तो करते हैं। भले ही वे गिर गए, पर उन्होंने अपने अब तक के ट्रैक और फील्ड सेशन का रिकॉर्ड बेस्ट टाइम दर्ज कर लिया। शेष खिलाड़ियों और दर्शकों को खेल पूरा करने की सीख दी सो अलग! इसी तरह 800 मीटर दौड़ में अमेरिकी खिलाड़ी इसाइया जेवेट और बोस्तवाना के नाइजेल एमास आपस में लड़खड़ाकर गिर गए। बिना किसी द्वेष के न सिर्फ दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को उठने में मदद की, बल्कि एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए रेस पूरी भी की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0936e4e575b3db212c49cf04b259bd92483635c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68579.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मीथेन वातावरण में सिर्फ 9 साल तक ही मौजूद रहती है, मगर इसमें ऊष्मा बढ़ाने की ताकत कार्बन डाइऑक्साइड के मुकाबले 28 गुना ज्यादा होती है। जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में रविवार को जारी आइपीसीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि पहली बार कम समय तक अस्तित्व में रहने वाली ग्रीन हाउस गैसों की जलवायु संकट को बढ़ावा देने में अहम भूमिका पर एक अध्याय को शामिल किया जाएगा। ऐसे में, क्योंकि कृषि, अपशिष्ट तथा कोयला खनन मीथेन उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोत हैं, मीथेन की भूमिका पर चर्चा दिलचस्प और जरूरी हो जाती है। + +वैश्विक तापीकरण के लगभग एक चौथाई हिस्से के लिए जिम्मेदार होने के बावजूद नीति निर्धारकों ने मीथेन गैस के उत्सर्जन को काफी हद तक अनदेखा किया है। मगर आईपीसीसी की इस रिपोर्ट में मीथेन पर आधारित नए विज्ञान को भी शामिल किया गया है। इसमें इस तथ्य को खोजा गया है कि किस तरह इस तेजी से बढ़ते हुए उत्सर्जन को कम करके हम वर्ष 2040 के दशक तक वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 0.3 डिग्री सेल्सियस तक कम कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f2cc4fdd586b7766b4483181dd1d06000ae774d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सारा अली खान ने मनीष मल्होत्रा को 'मम्मी' कहकर पुकारा हैl मनीष मल्होत्रा लोकप्रिय फैशन डिजाइनर हैl दरअसल सारा अली खान अपनी मां अमृता सिंह के साथ मनीष मल्होत्रा के घर खाना खाने पहुंची थीl इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने मनीष मल्होत्रा को 'मम्मी' कहकर पुकारा हैl।मनीष मल्होत्रा सारा अली खान समेत बॉलीवुड के कई कलाकारों के कपड़े कई अवसर पर डिजाइन कर चुके हैंl हाल ही में मनीष मल्होत्रा ने जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर को भी खाने पर बुलाया थाl अब मनीष मल्होत्रा ने सारा अली खान और उनकी मां अमृता सिंह को बुलाया हैl सारा अली खान ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर भी शेयर की हैl उन्होंने मनीष मल्होत्रा का आभार प्रकट कियाl उन्होंने डिनर की तस्वीरें भी शेयर की हैl उनके साथ स्टाइलिश अमी पटेल भी नजर आई हैl।सारा अली खान ने मनीष मल्होत्रा को मम्मी कहकर पुकारा हैl उन्होंने लिखा है, 'अच्छे खाने के लिए धन्यवादl बहुत अच्छी शाम थीl' इसके साथ उन्होंने इसे मनीष मल्होत्रा को भी टैग किया हैl फोटो में मनीष मल्होत्रा उनकी मां अमृता सिंह और स्टाइलिश एमी पटेल नजर आ रही हैंl सारा अली खान ने सफेद शर्ट पहन रखी हैl एक अन्य फोटो में दाल, सब्जी, रोटी और चावल देखा जा सकता हैl उन्होंने लिखा है, 'इस खाने की मम्मी मनीष मल्होत्रा हैl' मनीष मल्होत्रा इसके पहले बॉलीवुड के कई कलाकारों को खाने पर बुला चुके हैंl इनमें करीना कपूर, करिश्मा कपूर, मलाइका अरोड़ा और अमृता अरोड़ा जैसे कलाकार शामिल हैl।सारा अली खान को पिछली बार फिल्म कुली नंबर वन में देखा गया थाl वह वरुण धवन के साथ नजर आई थीl अब वह जल्द अतरंगी रे में नजर आएंगीl इस फिल्म में उनके अलावा अक्षय कुमार और धनुष की अहम भूमिका होगीl सारा अली खान फिल्म अभिनेत्री हैंl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैंl उनका अफेयर कार्तिक आर्यन के साथ थाl हालांकि बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया थाl दोनों की जोड़ी आज भी काफी लोकप्रिय हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68580.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ee86357d96f051a4fbafa77d2e0e07729cc78e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिंक लाइन पर भी बिना चालक के चलेगी मेट्रो।अक्टूबर तक पिंक लाइन पर भी चालक के बगैर मेट्रो रफ्तार भरने लगेगी। मजेंटा व पिंक लाइन पर इस तकनीक का पहली बार इस्तेमाल हुआ है। इसलिए शुरुआत में इन दोनों कारिडोर की मेट्रो में चालक नियुक्त किए गए। मौजूदा समय में मेट्रो में करीब तीन हजार स्टेशन कंट्रोलर व चालक हैं। इससे इन दोनों नए कारिडोर पर भी मजेंटा लाइन व पिंक लाइन के पुराने कारिडोर की तरह संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) सिग्नल सिस्टम का इस्तेमाल होगा। वहीं एरोसिटी से तुगलकाबाद के बीच निर्माणाधीन सिल्वर लाइन पर भी इसी तकनीक का इस्तेमाल होगा। ।यलो लाइन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को।डीएमआरसी ने हाल ही में यलो लाइन पर परिचालन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को सौंप दी है। निजी एजेंसी ने अपने 150 कर्मचारी नियुक्त भी कर दिए हैं। यलो लाइन के बाद फेज एक व फेज दो के अन्य कारिडोर पर भी परिचालन की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को सौंपने की तैयारी है। इससे उन मेट्रो लाइनों पर नियुक्त कर्मचारियों को ही फेज चार के कारिडोर पर नियुक्त किया जाएगा। अलग से कर्मचारी नियुक्त नहीं किए जाएंगे। ।फेज चार में निर्माणाधीन कारिडोर ।एरोसिटी-तुगलकाबाद- 23.62 किलोमीटर ।जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम- 28.92 किलोमीटर ।मौजपुर-मजलिस पार्क- 12.58 किलोमीटर ।ये भी पढ़ें- पांच रिश्तेदारों ने फिल्मी तर्ज पर बनाई स्पेशल-26, ज्वेलरों को बनाते थे शिकार, पढ़िए ठगों की पूरी कहानी ।ये भी पढ़ें- अब हरियाणा के सांसद केंद्र सरकार से करेंगे राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रोत्साहन नीति बनाने की मांग, जानिए क्या है हरियाणा की खेल नीति।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ed9a0701b513e510ae895740fd7e557787814f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68582.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुबह से जुटती थी टीम।राजेश बताते हैं कि उस समय कोरोना चरम पर था। सड़कें सन्नाटे के आगोश में थीं। इसलिए सभी सदस्यों को नहीं बुलाया जाता था। नौ बजे तक 500 भोजन के पैकेट तैयार हो जाते थे। उन्हें लोडर में रखकर हाईवे की ओर टीम निकलती थी। कहीं भी कोई भूखा मिलता, उसे भोजन का पैकेट, पानी की बोतल देती थी। साथ में बिस्किट, नमकीन भी रखा गया था, जिसे छोटे बच्चों को दिया जा सके। शहर में बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, मंदिर आदि पर भी टीम पहुंचती थीं। दोपहर तीन बजे तक भोजन बांटा जाता था। + +आर्थिक मदद भी की।राजेश बताते हैं कि बिहार का एक मजदूर परिवार खेरेश्वरधाम के निकट हाईवे पर मिला। भोजन के पैकेट देख बच्चे को गोद में लिए दौड़ पड़ा। उस समय हमारे पास पांच पैकेट ही थे। पैकेट पाते ही मजदूर, उसकी पत्नी और तीन बच्चे भोजन करने लगे। मुझे महसूस हुआ कि यह भोजन उनके लिए पर्याप्त नहीं है। फिर उन्हें लोडर में बिठाकर जिला अस्पताल तक लाए। यहां खाना खिलवाया। पैसे दिए और खाने-पीने का सामान देकर उन्हें हाईवे पर जहां से बस मिलती थी, वहां तक छुड़वाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68583.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe7adbf15da7f9eeadc220f8793018cc6b9f9997 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार प्रशांत किशोर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। कैप्टन ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने पीके का इस्तीफा उसी दिन स्वीकार कर लिया था। अब कैप्टन की अगली रणनीति क्या होगी? अभी इस बारे में राजनीतिक पंडित मौन हैं। दरअसल, कैप्टन खुद इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि अगला चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा जाएगा या नहीं? पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को मिलने के बाद पार्टी की अंदरूनी राजनीति बदली है। पार्टी में सीधे-सीधे दो ध्रुव बन चुके हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की चुनावी रणनीति अब पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के कारण उलझी नजर आ रही है। ।बता दें, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने पांच माह के अपने कार्यकाल के दौरान पीके न तो पंजाब, न राज्य सरकार और न ही मुख्यमंत्री कैप्टन के काम आए। कैप्टन ने 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त किया था। इस साल एक मार्च को नियुक्त हुए पीके को कैबिनेट रैंक दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f510ab2e4452176e8bc7712db75443920f1b0616 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीरज को तो सोना जीतना ही था, अब भी उसमें दम। सिद्धार्थनगर के बांसी निवासी और यूथ कामनवेल्थ गेम्स-2008 में रिकार्ड के साथ सोना जीतने वाले जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) खिलाड़ी कृष्णानंद त्रिपाठी का कहना है कि नीरज चोपड़ा को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक तो जीतना ही था। नीरज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.07 मीटर रहा है, जबकि स्वर्ण पदक के लिए उन्होंने 87.58 मीटर तक भाला फेंका। नीरज ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनमें असीम संभावनाएं हैं। बहुत दम है। वह और पदक लाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5be9ce4d340968204d8b593e58de7e00176106b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मेरी पंचायत मेरा अधिकार जन सेवाएं हमारे द्वारा अभियान के तहत स्वतंत्रता दिवस के दिन ग्राम पंचायतें भी सिटीजन चार्टर लागू करेंगी। लेकिन, मंडल में मुरादाबाद फैसिलिटेटेर की फीडिंग करने में सबसे पीछे है। रामपुर, अमरोहा में फैसिलिटेटर की फीडिंग 100 परसेंट की जा चुकी है। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने इस पर नाराजगी जताते हुए 15 अगस्त तक ग्राम सभाओं की बैठक कराते हुए सिटीजन चार्टर का प्रकाशन प्रत्येक ग्राम पंचायत में कराने की हिदायत दी है। कहा है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b062c902d047e7d432f99f71836290de2cb0ead --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। सरकारी स्तर पर हरित क्षेत्र बढ़ाने के दावे भले ही किए जाते रहे हों, लेकिन बहुत बार पौधारोपण कागजों में ही कर दिया जाता है। शायद इसीलिए झारखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन घनत्व घट रहा है। इसी वजह से इन राज्यों के वन क्षेत्र में कार्बन अवशोषण क्षमता भी घट रही है। हालांकि, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल में कार्बन सोखने की क्षमता में इजाफा दर्ज किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07ba2472866ba30cbbd33f07985ed08f6df34d9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यावरण में आ रहे बदलाव का असर आम लोगों के जीवन पर भी पडऩे लगा है। विकास के नाम पर हरियाली को नष्ट करने में कोई संकोच भी नहीं किया जा रहा है। बावजूद इसके पर्यावरण को लेकर कुछ लोग संजीदा हैं, लेकिन पौधों और उनके लगाने के समय की जानकारी के अभाव में वह पौधरोपण नहीं कर पाते। आम, अमरूद, कटहल, नींबू व आंवला की बागों को लगाने से पहले किसानों की इसकी सही जानकारी नहीं होती। किसान भी उद्यान विभाग के अधिकारियों के पास जाने में संकोच करते हैं। उद्यान विभाग ने इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए विशेषज्ञों की मोबाइल पाठशाला शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है जहां हरियाली बढ़ाने के गुर सिखाए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bdb1e7df628ea62a96720a1aa689431022f10c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68590.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रूस और अमेरिका ने अफगान‍िस्‍तान के ताजा हालात पर चिंता जताई ।उधर, रूस और अमेरिका ने अफगानिस्‍तान के ताजा हालात पर चिंता जताई है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की अफगानिस्‍तान के लिए विशेष दूत डेबोरा ल्योंस ने तालिबान के राजनीतिक समाधान के वादे पर सवाल उठाते हुए सुरक्षा परिषद में कहा है कि युद्ध अब एक खतरनाक और विनाशकारी स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यहां के हालात सीरिया और या कुछ दशक पहले के सारायेवो की याद दिला रहा है। वहीं संयुक्त राष्ट्र में रूस के दूत वासिली नेबेनजिया ने कहा कि अफगानिस्‍तान के युद्ध में घिर जाने का ख़तरा अब वास्तविक लग रहा है। ।तालिबान के निशाने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, अधिकारियों, जजों व नेता।हाल के दिनों में तालिबान ने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, अधिकारियों, जजों और नेताओं की हत्‍या की है। ये सभी अफगानिस्‍तान की उदारवादी इस्‍लामी सरकार को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह माना जा रहा है कि लोग तालिबान विरोध की सभी आवाजों को खत्‍म कर देना चाहता है। तालिबान ने जुमे की नमाज के दौरान मेनापाल की हत्‍या की है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइस ने कहा कि मेनापाल एक युवा थे, जो दुश्मनों के प्रॉपेगैंडा के खिलाफ एक चट्टान की तरह खड़े थे। वो अफगानिस्‍तान सरकार सरकार के प्रमुख समर्थक थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68591.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64ac2f9267c570c6f013998639404fb812257bc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68591.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शत्रुघ्न सिंह, सिकंदरा कोरोना महामारी से मोर्चा लेने में पहली पंक्ति में चिकित्सा क्षेत्र के लोग रहे। उन्होंने खतरे की परवाह न करते हुए मरीजों का ख्याल रखा। दूसरी लहर के दौरान राजपुर पीएचसी के प्रभारी डाक्टर डीके सिंह लोगों का इलाज करते हुए खुद भी संक्रमित हो गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। महामारी की 'जंग' से खुद जूझे और जीते। स्वस्थ होने के बाद फिर अस्पताल आकर अपने कर्तव्य पथ पर डट गए। । डाक्टर डीके सिंह ने अपने सहयोगियों संग कोरोना काम में जमकर मेहनत की। रोजाना लोगों के सैंपल लेना उसे सुरक्षित कराके मुख्यालय भिजवाने का काम बखूबी उन्होंने निभाया। अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ ही उस समय फैले बुखार पीड़ितों को घर गांव जाकर भी दवा दी और इलाज किया। कोरोना मरीजों को वह फोन पर भी परामर्श देते व हिम्मत बंधाते साथ ही घर जाकर उनके स्वजन से बात कर सुनिश्चित करते कि दवा पर्याप्त है और सेहत सही है। इसी दौरान दूसरी लहर में 26 अप्रैल को वह खुद संक्रमित हो गए। इसके बाद होम आइसोलेट हो गए। खुद को अंदर से मजबूत रखा और सही देखभाल व लोगों की दुआ से वह जल्द स्वस्थ होकर 10 मई से फिर ड्यूटी पर आ गए। इसके बाद फिर उन्होंने कोरोना व बाकी मरीजों की सेवा शुरू कर दी। वह कहते हैं कि डाक्टर का सबसे बड़ा धर्म है मरीज की सेवा व उसकी जान बचाना। कोरोना काल में तो हर तबके ने साथ दिया और मजबूती दिखाई, ऐसे में हमें भी उनसे साहस मिला। वह लोगों से कहते हैं कि सुरक्षा नियम का पालन करें साथ ही वैक्सीन जरूर लगवाएं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68594.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68594.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..692e5e70092b8d5fc37af2395b6d23ee718c7191 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68594.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ अंशू दीक्षित। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) अपनी कार्यप्रणाली से हमेशा चर्चा में रहा है, इस बार जनता क्वार्टर 400 वर्ग फिट से 3200 वर्ग फिट देने का मामला सामने आया है। पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने नियमों को दरकिनार करते हुए शारदा नगर स्थित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस या जनता क्वार्टर) के बदले पहले गोमती नगर विस्तार में साढ़े बारह सौ वर्ग फीट का भूखंड दिया, लेकिन मिसिंग होने के कारण कार्नर का (3/512 विकल्प खंड) 3200 वर्ग फिट आवंटित करने की संस्तुति दे दी। यह भूखंड कार्नर होने के कारण 3500 वर्ग फिट का है। नियम के अनुसार पूर्व उपाध्यक्ष इडब्ल्यूएस से सिर्फ एक कैटेगरी ऊपर ही भूखंड उसी योजना में दे सकते थे, शारदा नगर में भूखंड उससे बड़ा उपलब्ध न होने पर दूसरी योजना में, लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए अधिकारों का गलत प्रयोग किया। अब लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी सभी पंद्रह भूखंड की जांच कराने जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61a0058ac698c59565cdb46964a9911089a6fca2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68595.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। Tokyo Olympic 2020 ओलिंपिक का खुमार अब सोना चांदी और कांसा आने के बाद देश में चरम पर है। पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर खेलो इंंडिया और खेलों को बढ़ावा देने का असर अब मेडल आने के साथ साफ नजर आने लगा है। लंबे समय बाद हॉकी में आंलिंपिक कांसा आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी मुदित है। दरअसर काशी के खिलाड़ी ललित उपाध्‍याय भी हॉकी टीम में शामिल थे। शनिवार को नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में गोल्‍ड क्‍या जीता मानो काशी भी खेलों के परिणाम जानकार झूम उठी। कभी यही उल्‍लास और उत्‍साह क्रिकेट में नजर आता था। होटल रेस्‍टोरेंट में खिलाड़ि‍यों के नाम से डिस और जायका भी क्रिकेट की खुमारी में झूम उठती थी। अब ओलिंपिंक के लिए भी ऐसा ही एक पहल वाराणसी के फूड स्‍टार्टअप कारोबारी शरद श्रीवास्‍तव ने किया है। ।ओलिंपिक में लंबे समय बाद मेडल की झड़ी लगने की खुशी को अपने कारोबार में शरद श्रीवास्‍तव ने उतारा है। उन्‍होंने अपने हर खिलाड़ी कस्‍टमर को जहां अब फूड डिलीवरी पर छूट का फैसला लिया है वहीं अपने फूड डिलीवरी को ओलिंपिक के खिलाड़‍ियों को समर्पित किया है। बताते हैं कि देश का नाम रोशन करने वालों के लिए कुछ भी हो सके समझिए जीवन सफल है। बाजार कारोबार क्रिकेट फुटबॉल को ही समर्पित रहता है। लेकिन, ओलिंपिक में जाने वाले अनाम चेहरों ने हमको जो गर्व करने का पल दिया है उसका कोई मोल नहीं। टोक्‍यो में उनके प्रयासों ने काशी को भी खुश और गर्वित होने का मौका दिया है ऐसे में खिलाड़‍ियों के हित में कुछ करने का जज्‍बा अगर पेशे से हो सके तो वह सौभाग्‍य मानते हैं। ।खेल के नाम पर जायका : संडे स्‍पेशल जायके में ओलिंपिक दही बड़ा, पुनिया मिक्‍सवेज, चोपड़ा हांडी पनीर, बॉक्‍सर राइस आदि नामों के साथ फूड डिलीवरी कस्‍टमर को दी गई। बताया कि इसके अलावा भी अन्‍य खिलाड़‍ियों के नाम से जायकों को घर घर पहुंचाया जाएगा। वहीं उनके ग्राहकों ने भी ओलिंपिक खेलों में भारत के धुरंधर खिलाड़‍ियों के जीत का स्‍वाद चखने के बाद लजीज जायकों से संडे सेलिब्रेट करने का मूड बनाया तो शरद ने भी उनको निराश नहीं किया। बताया कि ओलिंपिक थीम को लेकर कस्‍टमर भी काफी खुश हैं और डिमांड भी खूब कर रहे हैं।       ।शरद ने जागरण से बातचीत में बताया कि वाराणसी के ललित उपाध्‍याय ने हॉकी में काशी की खेल परंपरा का निर्वहन कर अपनी स्टिक का जादू दिखाया है। उनके वाराणसी आने पर उनके लिए स्‍पेशल जायका पेश करने की वह तैयारी कर रहे हैं। बताते हैं कि ललित के आने का इंतजार है, फ‍िर जायके का दावत भी होगा और खेल की बातों संग खेलों का उल्‍लास भी साझा किया जाएगा। बताते चलें कि शरद श्रीवास्‍तव पीएम के स्‍वच्‍छ भारत अभियान से प्रेरित होकर अपने बनाए जायके की होम डिलीवरी पॉलीथिन की जगह मिट्टी के मटके में करते हैं। मिट्टी की सोंधी खुश्‍बू संग उनके स्‍टार्टअप परियोजना के वाराणसी में काफी फैन हैं। शहर भर में मटके में भोजन आपूर्ति करने वाले शरद अपने फूड डिलीवरी के साथ एक पौधा भी साथ में ग्राह‍कों को गमले में लगाने के लिए फ्री भेजते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d0a4bca8f60bc477525456fe991e49c65b6839f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68598.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कन्हैया झा। सिनेमा एक ऐसा माध्यम है, जिसका आकर्षण बहुत लोगों में होता है। आप अपने आसपास देखेंगे तो कई लोग आपको यह कहते हुए मिलेंगे कि उनके पास एक कहानी है, जिस पर बहुत बढिय़ा फिल्म बन सकती है। दरअसल हर लेखक की यह इच्छा होती है कि वह ऐसी फिल्म लिखे, जिस पर उसे गर्व हो। लेकिन फिल्म लेखन जैसी तकनीकी और सुनियोजित क्राफ्ट वाली भाषा और लेखन शैली में दक्षता प्राप्त करने के लिए आपको प्रशिक्षण की आवश्यकता भी होगी। ऐसे में इस पुस्तक के लेखकद्वय रामकुमार सिंह और सत्यांशु सिंह ने प्रयास किया है कि लेखकों को हिंदी फिल्म लेखन के बेहतर गुर सिखाए जा सकें। + +यह किताब सिनेमा के एक सहयोगी पेशेवर के रूप में फिल्म-लेखक के कामकाज का चरणबद्ध तरीके से किया गया विवरण प्रस्तुत करती है। फिल्म का अपना एक तौर-तरीका होता है, जिसके दायरे में रहकर ही फिल्म-लेखक को काम करना पड़ता है। इसलिए एक हद तक अपनी स्वायत्त भूमिका रखने के बावजूद उसे अपना काम करते हुए निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, कैमरा-निर्देेशक आदि अनेक सहयोगी पेशेवरों के साथ संगति का ध्यान रखना पड़ता है। + +फिल्म लेखन जिस हद तक एक कला है, उसी हद तक शिल्प और तकनीक भी है। एक सफल फिल्म लेखक बनने के लिए जितनी जरूरत प्रतिभा की होती है, उतनी ही जरूरत परिश्रम, कौशल, अनुशासन और समन्वय की भी होती है। फिल्म लेखन के विविध आयामों मसलन आइडिया, शोध, किरदार, कहानी, थीम, दृश्य, संवाद, पहला प्रारूप, पुनर्लेखन आदि तथ्यों पर इसमें विस्तार से चर्चा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1eff595de054bb6d940bda1775bc3e6ab821aec5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_686.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + Entertainment Latest News Today LIVE: बॉक्स ऑफिस पर केजीएफ चैप्टर 2 का तूफान अब सुनामी बन चुका है। ये फिल्म सिनेमा इतिहास में कई ऐसे नए चैप्टर लिख रही है, जिसके आगे निकल पाना किसी भी दूसरी फिल्म के लिए लगभग नामुमकिन होगा। पहले दो दिन में ही वर्ल्डवाइड 270 करोड़ की कमाई कर लेने वाली ये फिल्म, रविवार तक 500 करोड़ के पार निकलती नजर आ रही है। तो वहीं आलिया भट्ट और रणबीर कपूर ने अपनी शादी की रिसेप्शन पार्टी दी। इस पार्टी में करण जौहर, गौरी खान, मलाइका अरोड़ सेमत कई सितरों ने शिरकत की। दूसरी तरफ वरुण धवन का उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन ना करने के चलते, चालान कट गया। + +Entertainment Latest News Today LIVE: बॉक्स ऑफिस पर केजीएफ चैप्टर 2 का तूफान अब सुनामी बन चुका है। ये फिल्म सिनेमा इतिहास में कई ऐसे नए चैप्टर लिख रही है, जिसके आगे निकल पाना किसी भी दूसरी फिल्म के लिए लगभग नामुमकिन होगा। पहले दो दिन में ही वर्ल्डवाइड 270 करोड़ की कमाई कर लेने वाली ये फिल्म, रविवार तक 500 करोड़ के पार निकलती नजर आ रही है। तो वहीं आलिया भट्ट और रणबीर कपूर ने अपनी शादी की रिसेप्शन पार्टी दी। इस पार्टी में करण जौहर, गौरी खान, मलाइका अरोड़ सेमत कई सितरों ने शिरकत की। दूसरी तरफ वरुण धवन का उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन ना करने के चलते, चालान कट गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68600.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68600.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..250b83eedbcfba5304e9f466436813cc388a6a12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68600.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। ओलिंपिक में भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा की स्वर्णिम विजय के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर छाया- 'फेंक जहां तक भाला जाए...। शहर के दिवंगत कवि वाहिद अली 'वाहिद ने कारगिल युद्ध के दौरान यह कविता लिखी थी। इस कविता की पंक्तियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तियों ने इंटरनेट मीडिया पर बधाई संदेश लिखा। + +वाहिद अली 'वाहिद की इस कविता के साथ ही इंटरनेट मीडिया को उनका रचना संसार भी याद आया, जिसमें देश हमेशा प्रथम रहा। वाहिद अली 'वाहिद ने राष्ट्रीय एकता एवं धार्मिक सद्भाव की कविताओं से विशेष पहचान बनाई। गीत, गजल, छंदों, मुक्तकों से बहुआयामी सृजन तथा संगीत नाटकों की रचना की। कोरोना की दूसरी लहर ने एक अद्भुत रचनाकार को हमसे छीन लिया, पर उनकी कलम ने जो नायाब रचा, वह हमेशा इसी तरह याद किया जाता रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68603.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae9298e7edef8f459c7a8410eec1457209f241a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68603.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इतिहास।जब महर्षि दधीचि का दाह संस्कार हो रहा था, तब उनकी पत्नी तीन वर्ष के बालक को पीपल वृक्ष के कोटर में रखकर सती हो गईं। देवर्षि नारद वहां पहुंचे तो बालक ने अपना परिचय पूछा। नारद ने बताया कि तुम महर्षि दधीचि के पुत्र हो। उनकी मौत शनिदेव की महादशा के कारण हुई थी। नारद ने पीपल के पत्तों और गोदों को खाकर जीने वाले बालक का नाम पिप्पलाद रखा। पिप्पलाद की तपस्या पर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा। पिप्पलाद ने अपनी दृष्टि से किसी भी वस्तु को जलाने की शक्ति मांगी। वर मिला तो पिप्पलाद ने शनि देव काे भस्म करना शुरू कर दिया। ब्रह्मा जी के आग्रह पर पिप्पलाद ने शनिदेव को छोड़ने के एवज में दो वर मांगे। एक जन्म से 16 वर्ष तक किसी भी बालक की कुंडली में शनि का स्थान नहीं होगा। मुझ अनाथ को शरण पीपल वृक्ष ने दी है। अतः जो भी व्यक्ति सूर्योदय के पूर्व पीपल पर जल चढ़ाएगा, उस पर शनि की महादशा का असर नहीं होगा।। + +विशेषता ।मंदिर में शिव परिवार है। मंदिर में पूजा-अर्चना करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव दूर होते हैं। महादेव कभी भक्तों को निराश नहीं करते हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी महादेव के दर्शन करने आते हैं। यहां सावन मास में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं। सुबह -शाम नियमित पूजन करने वालों की संख्या भी खासी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c6ca2c6d7dc04ee0f3645895eff95a50b97f22b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68604.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। योग एक प्राचीन प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, जो व्यक्ति को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले कर जाती है और व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से विकास करती है। हम सभी अनंत शक्ति के स्वामी है और इस शक्ति के रहस्य से परिचित कराने की कला योग विज्ञान में निहित है। योग की मुख्य बात यह है कि यह मन और मस्तिष्क को स्थिर रखता है। कुछ ऐसा ही मानना है अंकुर एन्क्लेव निवासी योगाचार्य राकेश यादव का। + +योगाचार्य राकेश यादव ने बताया कि सात वर्ष पहले उन्होंने दिल्ली के भारतीय विद्या भवन से योग विधियों का कोर्स किया। पढ़ाई के बाद अपने दोस्तों के साथ क्षेत्र में आसपास के इलाकों में लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नि:शुल्क एक्यूप्रेशर थेरेपी, षट्कर्म आसन, सूत्र नेति क्रिया व कुंजल क्रिया से इलाज कर शरीर की तमाम बीमारियों से मुक्त करने का प्रयास करते है। उन्होंने बताया कि एक्यूप्रेशर थेरेपी के माध्यम से शरीर की उंगलियों पर धीरे-धीरे दबाव देकर किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को राहत पहुंचाई जाती है। एक्यूप्रेशर सभी बाधाओं और रुकावट को रोकता है और शरीर के अंदर ऊर्जा का संचार करता है। + +दिव्यांगों के लिए भी लाभदायक है योग। राकेश ने बताया कि योगाभ्यास से दिव्यांगों के शारीरिक और मानसिक विकास में यह योगासन लाभदायक है। इसमें स्कंद चालन, ताड़ आसन, मंडूक आसन, बटर फ्लाई, कटिचक्कर, प्राणायाम का अभ्यास कराया जाता है। इससे शरीर के निरोग बनाएं रखने में भी मदद मिलती है। योगाचार्य ने बताया कि जो भी जरुरतमंद इंसान उनके पास इलाज के लिए आता है वह उसकी मुफ्त में मदद करते हैं और योग के जरिए इलाज से लोगों को राहत भी मिलती है। ।बता दें कि पिछले कुछ सालों में लोग योग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। योग के जरिए लोग बीमारी पर काबू पा रहे हैं। जिनको कोई बीमारी नही है उनके लिए भी योग फायदेमंद है। शहरी लोग योग पर विशेषतौर पर ध्यान दे रहे हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9d4c01b798bace4b2509f01ac9c56414826fd10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68606.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, आलोक शर्मा। भारत की आजादी का इतिहास भारतीयों की देशभक्ति, त्याग व बलिदान की अमिट कहानियों से भरा पड़ा है, लेकिन सत्तीचौरा घाट और बीबीघर की घटना इस इतिहास के दो ऐसे अध्याय हैं जिस पर इतिहासकारों को सवाल उठाने का अवसर मिल ही जाता है। भले ही यह घटनाएं भय और आक्रोश में की गई हों। बीबीघर की घटना भी ऐसी ही थी। कानपुर पर दोबारा कब्जा करने के बाद अंग्रेजों ने इसे ढहा दिया था। + +उधर, 15 जुलाई 1857 को जनरल हैवलाक सेना के साथ कानपुर पहुंचा तो क्रांतिकारियों के पैर उखडऩे लगे। 17 जुलाई 1857 को अंग्रेजी फौजों ने कानपुर पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। नाना साहब 16 जुलाई की रात में ही कानपुर से पलायन कर गए। इसी रात बेगम हुसैनी खानम ने कई जल्लाद बुलाए और बीबीघर में बंद अंग्रेजों का कत्ल करा दिया। सभी के शव अहाते के कुएं मे डलवा दिए गए। इसके बाद अंग्रेजों ने बीबीघर को ढहा दिया और कुएं को पाट दिया। वर्तमान में यहां तात्याटोपे की प्रतिमा स्थापित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..826e807106521e72dc03ba3de938436545034831 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68608.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। त्याेहार से पहले काजू और बादाम की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। थोक मंडी में काजू 700 तो बादाम 750 (रेगुलर दाना) रुपये की शुरुआती कीमत पर बिक रहा है, जबकि पि‍छले वर्ष अगस्त में काजू 620 तथा बादाम 590 रुपये किलो था। दूसरी तरफ अफगानिस्तान में अस्थिरता के कारण अंजीर, मुनक्का एवं कंधारी किशमिश के दाम भी आठ से दस फीसद तक बढ़ गए हैं। नुकसान के डर से वहां के बड़े कारोबारी माल भेजने से कतरा रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो सि‍तंबर-अक्टूबर तक सूखे मेवे की कीमत में और उछाल आ सकता है। + +इसल‍िए बढ़ा भाव।पूरी दुनिया में बादाम की आपूर्ति अमेरिका के कैलीफाेनिया से होती है। इस वर्ष वहां बादाम की फसल 30 फीसद तक कम हुई है। इसका सीधा असर बादाम की आपूर्ति पर पड़ा है। यही वजह है कि डेढ़ माह में बादाम की कीमतों में प्रति किलो 125 रुपये की तेजी आई है। मांग में कमी के चलते पिछले वर्ष अक्टूबर-नवंबर में बादाम के कीमतों में बड़ी गिरावट आई थी, लेकिन जून के अंतिम सप्ताह से बादाम के साथ काजू के दाम भी चढ़ने लगे। साहबगंज में सूखे मेवे के थोक कारोबारी कृष्ण कुमार ने बताया कि बाजार में मंदी के बावजूद काजू-बादाम के भाव में तेजी बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e74b471201fcea6d0e828e48f481fa83e175a4c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68613.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लगातार घाटे के चलते किसानों का खेती से मोह भंग होने लगा है। ऐसे में जिले के कुछ प्रगतिशील किसान परंपरागत खेती से हटकर नकदी फसलें उगाने लगे हैं, जो उनके लिए फायदेमंद साबित हो रही है। कई किसान खेती को व्यावसायिक रूप देकर गेहूं, धान, गन्ने और बागवानी से भी आगे सतावर-अकरकरा की खेती कर रहे हैं। सतावर-अकरकरा का प्रयोग औषधि के रूप में होता है। सतावर एक प्राकृतिक और गुणकारी औषधि है। इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाएं बनाने में किया जाता है। पेट के मर्जों, महिलाओं से संबंधित रोगों के इलाज करने, पुरुषों के कामदोषों को दूर करने की अचूक औषधि है। इसके अलावा भी कई दवाएं बनाने में काम आती है। ऐसी ही अकरकरा भी कई तरह की दवा बनाने में काम आती है। जब से हरिद्वार में पतंजलि योग पीठ खुला है, तब से सतावर की मांग काफी बढ़ गई है। इसके चलते इस बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्र के किसान बड़े पैमाने पर सतावर-अकरकरा की खेती कर आमदनी बढ़ा रहे हैं। पतंजलि योग पीठ से जुड़े लोग किसानों को औषधीय खेती के लिए जागरूक कर रहे हैं, बल्कि इसके फायदे भी गिना रहे हैं। गेहूं, धान और गन्ने आदि की फसलों के मुकाबले अधिक मुनाफे के चलते किसानों का रुझान भी इस ओर बढ़ने लगा है। दो साल में तैयार होने वाली सतावर  की फसल कम लागत में किसानों के लिए अधिक मुनाफा देने वाली फसल साबित हो रही है, जिसके चलते जनपद के सैदनगर ब्लाक के जटपुरा, मंसूरपुर, जिठनिया, देवरनिया, अजीमनगर, पाइंदानगर आदि गांवों के दर्जनों किसान दवा की खेती में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। देवरनियां शुमाली किसान अरशद अली का कहना है कि अपने एक एकड़ खेत में सतावर लगाई थी। दो साल में फसल तैयार होती है। एक एकड़ में चालीस से क्विंटल पैदावार हो जाती है। जिसे कंपनी के लोग खेत से ही खरीद कर ले जाते है। तैयार फसल चार हजार रुपये क्विंटल तक बिक जाती है। दो साल में करीब 16 लाख की फसल हो जाती है। जबकि छह लाख रुपये का खर्च आ जाता है। इस तरह दो साल में दस लाख रुपये की आय हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44de759e8df1f130a2197bc17dc1dbdf097e3124 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संतोष शुक्ल, मेरठ। खेल जगत की सुर्खियां बन चुके भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा की क्षमता को अन्नू रानी के पूर्व कोच काशीनाथ ने निखारा था। नीरज ने पटियाला में 2015 से 2017 तक काशीनाथ के पास रहकर ट्रेनिंग की, और यहीं पर पहली बार 80 मीटर की दूरी को पार किया। टोकियो जाने से पहले नीरज ने पुणो में अपने पूर्व कोच से आशीर्वाद लिया था। + +ओलिंपिक में स्वर्ण पर भाजपाइयों ने मनाया जश्न। ओलिंपिक में स्वर्णिम जीत का रंग ऐसा चढ़ा कि भाजपाइयों ने अपनी मीटिंग के बीच नीरज चोपड़ा की जीत का जश्न मना लिया। क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने इसे अब तक किसी भारतीय द्वारा ओलिंपिक में किया गया महानतम प्रदर्शन बताया। युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुखविंदर सोम के नेतृत्व में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल का धन्यवाद समारोह आयोजित हुआ। मोहित बेनीवाल नवनियुक्त युवा मोर्चा पदाधिकारियों को आगामी चुनावों के लिए रिचार्ज कर रहे थे, कि इसी बीच नीरज के गोल्ड जीतने की सूचना आ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe08a6509ec8112466f7aff9f9c0ee7bd9541084 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68616.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेनों में चार माह पहले आरक्षण टिकट कराने की सुविधा है। इसके कारण दुर्गा पूजा से लेकर दीपावली व छठ पूजा तक अधिकांश ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में सफर करने की अनुमति नहीं होती है। नवरात्र शुरू होते ही मां के दर्शन के लिए भक्‍त शक्ति पीठ जाना शुरू कर देते हैं। सबसे अधिक यात्री वैष्णो देवी, कामाख्या, विंध्याचल, नैना देवी आदि स्थान को जाते हैं। स्कूल-कालेज बंद होने से बड़ी संख्या में यात्री तीर्थ स्थान के साथ पर्यटन स्थल पर जाते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लोग पिछले दो साल से घर में कैद होकर रह गए हैं। अब कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अधिकांश ट्रेनें चलनी शुरू हो गईं हैं। ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ी है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन ने (आइआरसीटीसी) नवरात्र में आर्थिक मजबूती लाने की तैयाारी शुरू कर दी है। नवरात्र शुरू होने के साथ तीर्थ यात्रा ट्रेन, भारत दर्शन ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। देश के विभिन्न कोने से तीर्थयात्रा ट्रेन चलाने की योजना है। इसमें शक्ति पीठ के साथ अन्य तीर्थ स्थान के ल‍िए ट्रेनें चलाई जानी हैं। इसके अलावा पर्यटन करने के लिए भारत दर्शन ट्रेन चलाई जाएगी। इस ट्रेन में पैकेज के आधार पर किराया लिया जाएगा। उदाहरण के लिए स्लीपर क्लास के लिए तीन दिन और चार रात के लिए 5670 रुपये न्यूनतम किराया होगा। एसी कोच में सफर करने वालों के ल‍िए पांच दिन और छह रात के लिए न्यूनतम 24 हजार प्रति व्यक्ति किराया होगा। पैकेज किराया में यात्रियों को ट्रेन व टैक्सी का किराया, होटल में ठहरने व खाने का खर्च के साथ गाइड का खर्च भी शामिल होगा। आइआरसीटीसी ने देश भर में 50 तीर्थ यात्रा व पर्यटन ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है। जनसंपर्क अधिकारी एके झा ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए नवरात्र से तीर्थ व पर्यटन स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना है। आइआरसीटीसी बोर्ड की स्वीकृति मिलते ही पर्यटन व तीर्थ स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की जाएगी।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b082547b843b33f03cc0b24d137b222d4689a635 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक में नीरज चोपडा़ ने इतना लंबा भाला फेंका कि देश को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड दिलवा दिया। विजेता पोडियम पर कदम रखकर उन्होंने जैसे ही गोल्ड मेडल प्राप्त किया तो राष्ट्रगान की धुन बजने पर हर भारतीय खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। शहरवासियों ने उनकी जीत पर जोरदार जश्न मनाया। हर ओर तिरंगा लहराकर मिठाइयां बांटी और ढोल की थाप पर सभी नाचते-गाते नजर आए। लोगों का कहना था कि इस पल का उन्हें लंबे समय से इंतजार था। इस बार जो टीम ओलिंपिक में गई है, उसने शानदार प्रदर्शन कर अपनी मेहनत को मेडल में तब्दील किया, लेकिन नीरज चोपडा़ ने देश को ऐसी खुशी दी है, जो सालों तक याद की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59c903ada260ddadf60ae2a248014a30d848574a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68622.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +साथ ही जो खिलाड़ी अच्छा खेले मगर देश के लिए कोई मेडल हासिल नहीं कर पाए कुमार ने उनको भी शुभकामनाएं जरूर दी। सभी को उम्मीद थी कि कुश्ती, हाकी या अन्य कुछ खेलों में भारत को स्वर्ण पदक जरूर मिलेगा मगर ऐसा हो न सका। इस बार भारत को स्वर्ण पदक ऐसे खेल में मिला जिसको लेकर बहुत अधिक चर्चा नहीं की जा रही थी। खैर हरियाणा के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक प्रतियोगिता में देश के लिए स्वर्ण पदक लाकर एक अलग ही इतिहास रच दिया। + +Delhi Unlock के बाद केजरीवाल सरकार ने दी लाखों छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत, सोमवार से मिलेगी ये खास छूट।भाला फेंक प्रतियोगिता से पहले नीरज चोपड़ा का उत्साहवर्धन करते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा था कि तू भी है राणा का वंशज फेंक जहाँ तक भाला जाए। दोनों तरफ़ लिखा हो भारत, सिक्का वही उछाला जाए…! (स्व० वाहिद अली वाहिद), उसके बाद पहलवान बजरंग पुनिया के ब्रांच मेडल जीतने पर न्यूज एजेंसी एएनआइ की एक पोस्ट को रिट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि बोल बजरंग बली की जय, जिंदाबाद प्यारे। + +बोल बजरंग बली की जय 💪🏼❤️❤️🇮🇳👍।ज़िंदाबाद प्यारे @BajrangPunia 😍🤗 https://t.co/8ULeivfctE।इसके बाद जब नीरज चोपड़ा ने भालाफेंक में गोल्ड मेडल जीत लिया तो फिर उन्होंने ट्वीट किया और लिखा कि आँखों में आँसू और पाँवों में नृत्य Red heartFlag of IndiaFolded hands।कलेजे से लग जा सोने जैसी सूरत-सीरत-ताक़त-हिम्मत वाले यार, नीरज चोपड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b4b878fd6148ffac0e39d70bee34d88f997b738 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68623.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बहादुरगढ़, [ प्रदीप भारद्धाज]। Kisan Andolan Latest News Update: केंद्रीय कृषि कानूनाें के खिलाफ टिकरी और सिंघू बार्डर पर चल रहा किसान संगठनों का आंदोलन बिखराव के कगार पर पहुंच गया है। लगभग आठ महीने से चल रहे आंदोलन में किसान संगठनों और किसान नेताओं के बीच टकराव अब खुलेआम सामने आ गया है। संयुक्‍त किसान मोर्चा में नेताओं के टकराव के कारण टूट शुरू हो गई है। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्‍त मोर्चा से किनारा कर लिया है और मोर्चा से अलग होने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही उन्‍होंने किसान नेताओं योगेंद्र यादव और शिवकुमार कक्‍का पर निशाना साधा है। संयुक्‍त किसान मोर्चा ने पंजाब के चार संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की है। + +शिवकुमार कक्‍का के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल उठाया।उन्‍होंने कहा कि तानाशाही चल रही है, जिसको हम इसलिए बर्दाश्त कर रहे हैं कि ताकि आंदोलन व संयुक्त किसान मोर्चा न टूटे। चढूनी ने शिवकुमार कक्का का नाम लेते हुए कहा कि मेरे ऊपर उन्होंने आरोप लगाए थे। जब हमने शिकायत की तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, मोर्च के नेता केवल टरकाते रहे। टोहाना मामले को भी इसी तरह दबाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f62a44b8d2977ae1a824cc685b4774635f3c4fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68624.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +80 किलो से घटाया वजन, दौड़ लगाने में आलस करते थे।वर्ष 2011 में नीरज का वजन था 80 किलो। दौड़ने में दिक्कत होती थी। चाचा सुरेंद्र कुमार पहले उन्हें मतलौडा के एक जिम में ले गए। वहां भी शरीर फिट नहीं हुआ तो शिवाजी स्टेडियम में जैवलिन थ्रोअर व फिटनेस ट्रेनर माडल टाउन के शांति नगर जितेंद्र जागलान के पास ले आए। जागलान ने दौड़ लगवाकर देखी। नीरज हांफने लगे। इसके बाद यहीं पर जैवलिन की ट्रेनिंग करने वाले बिंझौल के जयवीर सिंह उर्फ मोनू व जितेंद्र ने जैवलिन थमा दी। + +नीरज ने भाला फेंका तो काफी दूर गया। दोनों ने इसी खेल को खेलने के लिए प्रेरित किया। नीरज ने ठान लिया था कि इसी खेल में कुछ कर गुजरना है। जितेंद्र ने छह महीने में नीरज का वजन 80 से घटवाकर 60 किलो ला दिया। उन्होंने बताया कि लंबी दौड़ लगाने में नीरज आलस करते थे। बाकि की ट्रेनिंग में वह साथ खिलाड़ियों से अव्वल रहते थे। शरीर फिट हो गया तो नीरज भी हिट हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69af1d36c9de07737ac5ebb01f520e4670ceedf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +23 मार्च 1942 को स्टेफार्ड क्रिप्स का ‘क्रिप्स मिशन’ भी दिल्ली आया, 27 मार्च को उनकी गांधी जी के साथ बैठक हुई। चार अप्रैल को गांधी जी दिल्ली से निकल गए और ये तय हो गया कि बात बनने वाली नहीं। 14 जुलाई को वर्धा में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने ब्रिटिश सरकार से पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित किया, लेकिन कांग्रेस बंट गई, राजगोपालाचारी पार्टी छोड़ गए, पं. नेहरू और मौलाना आजाद भी शुरू में राजी नहीं थे। लेकिन गांधी जी कुछ अलग ही मूड में थे, आठ अगस्त को मुंबई में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ के नारे के साथ भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया और अगली सुबह तक पूरे देश के ज्यादातर बड़े नेता जेल में थे। दिल्ली में भी कोई बड़ा नेता अगुवाई के लिए नहीं था। बिरला और दिल्ली काटन मिल के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। कर्मचारी का जत्था कनाट सर्कस में घुस गया, हालात इतने खराब थे कि अंग्रेजी सेना को स्टैंड बाई पर रखने के लिए बोल दिया गया। शहर के कई हिस्सों में जुलूस निकाला गया। 12 अगस्त को पहाड़गंज में एक पोस्ट आफिस में जमकर तोड़फोड़ हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a08dac396bd68d44d22bc3caef62ff40c39775f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68631.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन सबसे खराब।केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें राज्य सरकार की नरवा योजना की जानकारी दी है। जल संचयन के लिए यह अच्छी योजना है। गौरतलब है कि नरवा योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार प्राकृतिक जलस्त्रोतों का संरक्षण कर रही है। मिशन का पैसा खर्च नहीं कर पा रही राज्य सरकारएक सवाल के जवाब में शेखावत ने छत्तीसगढ़ के प्रदर्शन पर अफसोस जताते हुए कहा कि हर घर तक पानी पहुंचाने के मामले में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन सबसे खराब है। पिछले साल दिए गए पैसे को छत्तीसगढ़ सरकार खर्च नहीं कर पाई है। इस बार 1900 करोड़ में 400 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f6bfb25d282171ecbd34ca1d6e3f15032711117 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68633.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस्‍लामाबाद, एजेंसी। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जो बाइडन ने अभी तक पाक‍िस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को फोन नहीं किया है, जबकि भारत समेत दुनिया के कई राष्‍ट्राध्‍यक्षों से उनकी कई बार वार्ता हो चुकी है। अब यह दर्द पाकिस्‍तानी नेताओं के बयानों में भी दिखने लगी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल में पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सलाहकार मोईद यूसुफ ने इसको लेकर अपना दर्द बयां किया था। अब पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी अपना ताजा दर्द बयां किया है। विदेश मंत्री ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा है कि पाकिस्‍तान से दूर जाने पर अमेरिका को भारी नुकसान होगा। + + पाक विदेश मंत्री ने बयां किया अपना दर्द ।पाक विदेश मंत्री ने कहा है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति को पाकिस्‍तान को वह दर्जा देना चाहिए, जिसका वह असल में हकदार है। उन्‍होंने इस क्रम में कहा कि अमेरिका हमसे मदद की उम्‍मीद करता है। कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्‍तान मसले पर अमेरिका चाहता है कि पाकिस्‍तान तालिबान को रोकने में उसकी मदद करे। उन्‍होंने कहा कि लेकिन अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन अभी तक इस मामले में इमरान खान से कोई बात नहीं की है। जियो न्‍यूज से वार्ता के दौरान कुरैशी ने कहा कि इस्‍लामाबाद को बाइडन के फोन की प्रतिक्षा है। उन्‍होंने कहा कि अभी तक बाइडन ने पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कोई वार्ता नहीं की हे। कुरैशी ने कहा कि अगर अमेरिका पाकिस्‍तान से छुटकारा पाना चाहता है तो इससे अमेरिका को ही नुकसान होगा। ।अमेरिका और पाक के हितों में समानता को गिनाया ।कुरैशी ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि ऐसी तस्वीर पेश की गई है कि पाकिस्तान और अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव है। हालांकि, उन्‍होंने अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी भी किया, लेकिन कुरैशी ने यह भरोसा भी जताया कि पाकिस्तान और अमेरिका की विभिन्न मुद्दों पर एक जैसी सोच है। उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में अमेरिका और पाकिस्‍तान के एक हित हैं। अमेरिका अफगानिस्तान में स्थिरता चाहता है और पाकिस्‍तान भी यही चाहता है। अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता, और हमारा भी यही मत है। विदेश मंत्री ने कहा कि वाशिंगटन भी वैश्विक संवाद के आधार पर शांति चाहता है और हमारा देश भी यही चाहता है। तालिबान और अफगान नेताओं को एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए और अपने भविष्य के बारे में फैसला करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f929cb599a11f8ffda19f136d32f935b41179b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना महामारी आने के करीब दो साल पहले ही सूरा ने बंजर भूमि पर बड़े पैमाने पर पौधारोपण कर आक्सीजन बाग लगाने का विचार किया। इस बाबत उन्होंने गांव के सरपंचों से बात की और योजना का पूरा खाका तैयार किया। वर्ष 2018 में गांव चटिया से इसकी शुरुआत हुई और आज सोनीपत जिले के गांव फतेहपुर, छतेहरा, सांदल, बली, भठगांव, भैंसवाल, कामी, राजपुर, जागसी, बीधल, जुआं, बली कुतुबपुर, ठरू उल्देपुर में आक्सीजन बाग लग चुके हैं। ये बाग एक एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक में फैले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3237dec511704f1769f5eaf17c376599e36aabf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68638.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +151 फीट के भजन मुद्रा में दिखेंगे हनुमान : भूतल पर पुराने हनुमान जी का मंदिर रहेगा जहां श्रद्धालु बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करेंगे तो प्रथम तल पर हनुमान जी आशीर्वाद मुद्रा में नजर आएंगे। प्रथम तल से गोमती नदी के किनारे जाने के लिए सीढिय़ां बनाने का कार्य पूरा हो गया है। भूतल से 151 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा 30 टन की है। राजधानी में अपनी तरह के इस इकलौती प्रतिमा गोमती के किनारे नजर आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13174d5b94ad0a3c819aaa0586b726bfce070616 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68640.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप बेरोजगार हैं और नौकरी के बजाय स्वरोजगार करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से आपको 10 लाख तक की आर्थिक मदद दिलाई जाएगी साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद में 15 से 25 फीसद मार्जिन मनी के रूप में अनुदान भी दिया जाएगा। इसके ल‍िए कक्षा आठ पास होना जरूरी है।  योजनांतर्गत उद्योग व सेवा क्षेत्र की परियोजना स्थापित करने हेतु इच्छुक व्यक्ति वेबसाइट www.pmegpeportal आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68641.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9a23d5c37c56b2cad1cef9e1bf6b544c25ab8fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। भारत और अमेरिका कई दशकों से आतंकवाद के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे हुए हैं। दोनों देशों को इस अभियान की कीमत भी चुकानी पड़ी है। इसके चलते दोनों देशों के कई प्रतिष्‍ठान आतंकियों के निशाने पर रहते हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसकी चर्चा का आज क्‍या तुक है। जी हां, आज के दिन आतंकियों ने अमेरिका के खिलाफ बड़ी घटना को अंजाम दिया था। इस धमाके की गूंज वाशिंगटन तक पहुंची थी। इन दो घटनाओं से पूरा अमेरिका दहल गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c49643f574c64e3fb67e244503f72d1b22f5db4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। इधर मेल-मुलाकातों का सिलसिला तेज है। सामान्य सी दिखने वाली सियासी चोले में लिपटी मुलाकातें। मोदी विरोधी तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुटे ओमप्रकाश चौटाला से नीतीश कुमार की मुलाकात। लालू की मुलाकात मुलायम और शरद यादव से। मोदी और योगी से ‘हम’ के संतोष मांझी की मुलाकात। सब बेहद सामान्य सी मुलाकातें, लेकिन हर मुलाकात के अपने सियासी मायने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fc2c16f8adf9661891332c40118891b45a6a795 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68645.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों को विस्थापित करने पर मेट्रो इस भूमि पर काम शुरू कर पाया और तेजी से काम कर इस खंड को तैयार किया गया। अब इस खंड के जुड़ जाने से पिंक लाइन के पूरे रूट पर मेट्रो सफर सुगम हो गया है और यह कोरिडोर दिल्ली मेट्रो का सबसे बड़ा कॉरिडोर बन गया है। इससे पूर्वी दिल्ली से दक्षिण पूर्वी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली के कई इलाके मेट्रो के इस एक ही कॉरिडोर से जुड़ गए हैं। यही नहीं, चौथे चरण में इस कॉरिडोर को मजलिस पार्क से आगे बढ़ाकर मौजपुर तक ले जाया जाना है, जिसपर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके पूरा हो जाने पर यह मेट्रो का पहला रिंग कॉरिडोर बन जाएगा, जो राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e50931eb770730ce35a2f743b8f4663d1e47c98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68649.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, यशा माथुर। महिलाएं प्राय: अपनी मानसिक सेहत को आसानी से अनदेखा कर देती हैं। इस बारे में सोचती तक नहीं हैं, जानती तक नहीं हैं। कोई उन्हें बताता भी नहीं कि उनका मन नहीं लग रहा है तो क्यों? नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो क्यों? उन्हें नींद नहीं आ रही तो क्यों? किसी से बात करने की इच्छा नहीं है तो क्यों? वे तनाव की बात कर रही हैं तो क्यों?।आश्चर्य की बात है कि वे अपनी शारीरिक सेहत की तो फिर भी सोच लेती हैं, लेकिन मानसिक सेहत की बिल्कुल नहीं, जबकि उन्हें इसके प्रति कहीं ज्यादा जागरूक होना होगा और समझना होगा कि खुद को पूरी तरह से स्वस्थ रखने के लिए उनका मानसिक रूप से दुरुस्त रहना कितना आवश्यक है। अगर उन्हें मानसिक सेहत खराब होने के जरा से भी लक्षण दिखाई देते हैं तो घरेलू इलाज छोड़कर समय से इसके उपाय करें या फिर विशेषज्ञ चिकित्सक की मदद लें और समुचित इलाज से अपनी इच्छाशक्ति के साथ दिमाग को शांत कर लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf36107ec89e35038ffa985f8cce606340d8ce72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना महामारी की तीसरी लहर की तैयारियां चल रही हैं। दूसरी लहर के दौरान आपने निजी अस्पतालों के लिए कानून लाने की बात कही थी? यह बात कब सिरे चढ़ेगी?।-कोरोना की दूसरी लहर से बहुत कुछ सीख मिली है। यह सीख से सबक लेते हुए सरकारी स्तर पर तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। निजी व सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है। दूसरी लहर के दौरान निजी अस्पतालों द्वारा मनमाने ढ़ंग से वसूले बिल की जांच की जा रही है। राज्य सरकार को निजी अस्पतालों पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए। मैं यह बात संगठन व सरकार स्तर पर कह चुका हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..800237bdefbfd2ce0b7d04009a70d8cc70d21ad2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हैंडलूम का विकल्प नहीं : हाईटेक मशीनों में बनने वाला कपड़ा हैंडलूम पर बन सकता है पर हैंडलूम पर बनने वाला हर कपड़ा मशीनों से बनना संभव नहीं। विदेशी बायर मशीनों से तैयार फैब्रिक और डिजायन को हैंडलूम पर बनाने की मांग करते हैं। 2015 में उनके जिस ज्योमेटिकल पाइल डिजायन को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था उसे पहले डोबी और जैकार्ड मशीनों से बनाया था। एक विदेशी बायर ने तैयार करने को कहा। उन्होंने दो-ढ़ाई महीने की मेहनत के बाद स्वनिíमत टूल से हथकरघा में परिवर्तन कर खुद कपड़ा बनाया। सामान्य हैंडलूम में जहां एक ताना होता है लेकिन इसे बनाने में 22 ताने लगाने पड़े थे। यह डिजायन विदेशों में खूब पसंद किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..016e4dc30222489e3b878d9e9fb6b471aa132fbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. अश्विनी महाजन। भारत के अत्यंत पिछड़े हुए कुछ राज्यों (बिहार, मध्य प्रदेश, असम, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को उनके नाम के पहले वर्ण को मिलाकर ‘बीमारू’ राज्य कहा जाता रहा है। इन राज्यों की प्रतिव्यक्ति आय तो कम थी ही, मानव विकास के संकेतकों की दृष्टि से भी इनकी गिनती पिछड़े राज्यों में होती थी। समय बदला, इन राज्यों में भी आर्थिक विकास के प्रयास हुए और उनकी विकास दर भी बेहतर हो गई। उनके मानव विकास संकेतकों में भी सुधार होने लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..797557fa7c499a6e57763974d08ba8c8d3b6f610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68654.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फैक्‍ट्री में काम करते हैं सुधीर।पला रोड निवासी सुधीर कुमार शर्मा जेल रोड स्थित एक फैक्ट्री में काम करते हैं। 12वीं तक उन्होंने पढ़ाई की है। वो बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें पौधे लगाने का शौक था, मगर पढ़ाई के दौरान उन्हें मौका नहीं मिल सका। बचपन की इस कसक को हर समय पूरा करने की कोशिश किया करते थे। वो साइकिल से प्रतिदिन फैक्ट्री जाते थे। मन में ख्याल आता था कि पौधे लगाए कहां जाएं, जिससे वो पनप सकें। क्योंकि मामूली नौकरी में वो पौधे तो खरीद सकते थे, मगर उनकी सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड आदि नहीं ले सकते थे। दो साल पहले वह साइकिल से जीटी रोड की तरफ निकल रहे थे, तभी उन्हें पनेठी की तरफ अलीनगर के पास कुछ ट्री-गार्ड दिखाई दिए। उसमें पौधे सूख गए थे। उन्होंने उन्हीं ट्री गार्डों में पौधे लगाने का निर्णय लिया। हर रोज चार-पांच पौधे लगाने शुरू कर दिए। एक महीने में हाईवे के किनारे 100 से अधिक पौधे लगा दिए। मगर, वहां पानी की कोई सुविधा नहीं थी। + +सुबह पांच बजे निकलते हैं।सुबह आठ बजे फैक्ट्री जाना पड़ता है। इसलिए वह प्रतिदिन सुबह पांच बजे पानी देने के लिए निकलते हैं। पानी देने के साथ पौधों की देखरेख भी करते हैं। 7:30 बजे घर लौटने के बाद ड्यूटी पर चले जाते हैं। वह कहते हैं कि इन पौधों के बड़े होने से उनका हौसला बढ़ा है, वो 200 पौधे और लगाएंगे, उनकी भी उसी तरह से देखरेख करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d17533e4fbe26fbcf6e1c6325cd30dbbc2ef8e67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परसेल (शाहपुर), तरसेम सैनी। तमन्ना है देश के लिए खेलने की। मेडल जीतने की, लेकिन पिता की मौत ने सारे सपने तोड़ दिए। अब गरीबी की बेडिय़ों ने जकड़ रखा है। स्पोटर्स हास्टल भी छूट गया। कोचिंग व रहना तो मुफ्त था, लेकिन पहाड़ जैसी चुनौती थी सिरमौर व धर्मशाला आने-जाने की। किराये के भी पैसों का जुगाड़ नहीं हो पाया। मां मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर तीन बेटियों को पढ़ा रही हैं। चौथी बेटी की हाल ही में शादी हो गई है। यह दास्तां है शाहपुर हलके की प्रेई पंचायत के परसेल गांव की नेशनल हाकी खिलाड़ी रिया व रश्मि की। गरीबी रेखा के नीचे के (बीपीएल) परिवार से संबंध रखने वाली हाकी खिलाड़ी 20 वर्षीय रिया व 17 वर्षीय रश्मि चार बार नेशनल खेल चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bd386624490ce0828bdce61b46eb72768dcc98b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68657.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[मिलन सिन्हा] मनुष्य की हार तब होती है, जब वह खुद पर यकीन करना छोड़ देता है। वास्तविकता यह है कि आप जैसा दूसरा कोई नहीं है। आप किसी का कापी-पेस्ट वर्जन नहीं हैं। आप में असीम क्षमताएं हैं, केवल उनका समुचित उपयोग किया जाना शेष है। इस तथ्य को अच्छी तरह जान लें और मान लें तो एक अच्छी शुरुआत स्वत: हो जाएगी। दरअसल, अपनी क्षमताओं को जो पहचान लेगा और उसके अनुरूप काम करने लगेगा, सफलता का साथ उसे हमेशा मिलता रहेगा। + +एक और दिलचस्प बात। संघर्ष और सफलता दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं और करीब-करीब साथ ही चलते हैं। अगर हम दुनिया के किसी भी सफलतम व्यक्ति का इतिहास उठाकर देखें तो पायेंगे कि उन्होंने जीवन में संघर्ष का मार्ग कभी नहीं छोड़ा और न ही कभी असफलता से घबराए। कहने का अर्थ यह है कि यदि आप असफलता से बिना डरे, संघर्ष का दामन थामे रहें तो सफलता ज्यादा दिनों तक आपसे दूर नहीं रह सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..520b5292a39386156fe70046c640e33cb371232d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68658.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। देश की आजादी में कानपुर के क्रांतिकारियों को अप्रीतम योगदान रहा है। कानपुर शहर आज भी क्रांति की यादें सजाेए हुए हैं। इसी में से एक सवादा कोठी, जीटी रोड पर सीओडी पुल के पास बनी इस कोठी का 1857 की क्रांति से पहले अपना ही महत्व था। आजादी से पहले यह कोठी कानपुर का सर्किट हाउस थी। अवध के नवाब, वजीर और अंग्रेजी सरकार के मातहत जब भी कानपुर आते तो यहां रुकते थे। कोठी राजनीतिक भेंट करने वालों का भी गढ़ थी। + +अवध के वजीर नवाब मोतमुद्दौला आगामीर को वर्ष 1830 में अंग्रेजों ने पदमुक्त कर दिया था। इसके बाद उन्होंने कानपुर की सवादा कोठी को अपना ठिकाना बनाया। वर्ष 1832 में जब लार्ड विलियम बैंटिंग भारत आए तो उन्होंने भी इसी कोठी में अवध के नवाब नसीरुद्दीन हैदर से मुलाकात की थी। वर्ष 1837 में लार्ड आकलैंड जब कानपुर आए तो सवादा कोठी मे ठहरे और सूबेदार तालाब पर लखनऊ के नवाब मुहम्मद अली शाह से मुलाकात की थी। 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोही सैनिकों ने अपनी गतिविधियां शुरू कीं तब सवादा कोठी पर छह जून से 17 जुलाई तक क्रांतिकारियों का कब्जा रहा। नाना साहब पेशवा ने इसी कोठी को ही अपना मुख्यालय बनाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a14ea3f5706fc96826254c8f752dd3a18d47017 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68660.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। विजन डाक्युमेंट में शामिल किए गए प्रधानमंत्री के सुझावों के मुताबिक अवधपुरी रामरज की चमक से आलोकित होगी। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं, जल्द ही रामनगरी भगवान विष्णु को प्रिय पीत वर्ण की कांति से शोभायमान होगी। गत 26 जून को अयोध्या के विकास को लेकर बनी योजनाओं की वर्चुअल समीक्षा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ अहम सुझाव दिए थे। अयोध्या के विजन डाक्युमेंट में शामिल किए गए प्रधानमंत्री के सुझाव के अनुसार नगर के भवनों को एकरूपता प्रदान करने की भी योजना है। माना जाता है कि पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय है। पीत वर्ण की मिट्टी को इसीलिए रामरज कहा जाता है। अब इस रंग का उपयोग विष्णु के अवतार भगवान राम की नगरी को नवरंग देने के लिए किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93d10051fbedf2e38a47104b3ae7c1246cb000d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68665.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएननएन। एक सफल लीडर अपनी टीम के लिए प्रिय होता है। वह न केवल सहयोगियों की मन:स्थिति को समझते हुए उनकी हर परेशानी का समाधान सुझाता है, बल्कि बड़ी आसानी से उनसे बेहतर प्रदर्शन भी करा लेता है। आइए जानें, कैसे बढ़ें प्रभावी नेतृत्वकर्ता बनने की राह पर... लीडरशिप की क्वालिटी किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाती है। एक अच्‍छा लीडर अपनी टीम, एम्पलायी और अपने लोगों का हमेशा प्रिय होता है, क्योंकि वह अपने लोगों की मन:स्थिति को समझते हुए उनकी हर परेशानी का सही समाधान भी निकालता है। + +अच्छी लीडरशिप के गुणों वाला लीडर व्यवसायिक तौर उन्नति करता है और युवाओं के लिए एक मिसाल भी कायम करता है। लेकिन कोई भी युवा, एम्पलायी या सामान्य व्यक्ति लीडरशिप के उन बेहतरीन गुणों को अपने अंदर विकसित कैसे कर सकता है? आइए जानें, उन तीन लीडरशिप स्किल्स के बारे में, जो किसी भी व्यक्ति में लीडरशिप के गुणों को विकसित करने में मददगार हो सकते हैं…।1. कम्‍युनिकेशन के महत्‍वपूर्ण गुण: साहस और विचारों के बीच कम्‍युनिकेशन सबसे ज्यादा अहम भूमिका निभाता है। लेकिन यह तभी सफल हो पाता है, जब उसे अपनाने वाला व्यक्ति कम्‍युनिकेशन के सभी गुणों को भली प्रकार से समझता हो यानी हमें कभी-कभी सामने वाले व्यक्ति की कुछ अनकही बातों को भी सुनना और समझना पड़ता है। ऐसे में प्रभावी कम्‍युनिकेटर या वक्‍ता वही होगा, जो धैर्य से पूरा वर्णन सुनेगा और फिर विस्तार से सभी जिज्ञासाओं को दूर करेगा। वार्तालाप के बीच में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करेगा। दरअसल, जब दो व्यक्ति एक साथ बोलते हैं, तो इससे कम्‍युनिकेशन में समस्या होती है। लेकिन जब एक व्यक्ति सुनता है और दूसरा बोलता है, तो बड़ी आसानी से किसी भी परेशानी के समाधान को तलाश लिया जाता है और सभी सवालों के जवाब भी पा लिये जाते हैं। कारोबारी दृष्टि से इस गुण की व्याख्या अगर की जाए तो यह काफी महत्वपूर्ण गुण है, जिसे युवाओं को अपने भीतर शामिल करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5f0dabccbde2c13aa4e993f61da30d8c5b57ed5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68666.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फतेहपुर, जेएनएन। सभी गांव मजरों को संपर्क मार्गों से जोडऩे के दावे तो बहुत किए जाते हैं, लेकिन जब इस तरह का कोई चित्र सामने आता है कि स्वजन  कंधों पर मरीज को चारपाई से अस्पताल तक पहुंचाने की स्थिति आज भी है तो मन विचलित हो जाता है। ब्लाक के सरकंडी के मजरे बबुआ का डेरा का ऐसा वीडियो  वायरल हुआ तो एक बार फिर यमुना कटरी की बदहाली पर सवाल खड़े होने लगे। हालांकि जागरण डाॅट कॉम वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। ।यह है पूरा मामला: असोथर विकास खंड क्षेत्र के सरकंडी के मजरे बबुआ का डेरा में बेटन उर्फ सुखराज केवट की पत्नी शिवकली (महतारी) फिसलकर गिर गईं, जिससे उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया। बारिश के महीने में  इस मजरे में चार पहिया वाहन किसी भी स्थिति में नहीं पहुंच पाते। ऐसे में एंबुलेंस भी पहुंचना मुमकिन नहीं था। आखिर 58 वर्षीय शिवकली के पांच पुत्रों ने मां को चारपाई पर लेकर चल दिए। पुत्र रामचंद्र, जयचंद्र, राममिलन, राजू व छोटेलाल ने बताया कि मां को चंदिया तक चारपाई में ले गए, चंदिया गांव से करीब तीन किमी है। इसके बाद यहां से प्राइवेट वाहन से शहर मुख्यालय लेकर गए। ।जल्द संपर्क मार्ग से जोड़ा जाएगा: सरकंडी की प्रधान पुष्पा द्विवेदी ने कहा कि जल्द ही गांव के सभी मजरों को संपर्क मार्गों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि  गांव में 385 मजरे हैं, जिनमें से 280 मजरों को संपर्क मार्ग से जोड़ दिया गया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f268f5d52a74685c004af577ccbeb36a27cf264 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68667.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कमल किशोर, जालंधर। टोक्यो में ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम द्वारा कांस्य पदक पर मुहर लगने से हाकी की तस्वीर बदलेगी। साथ ही खिलाड़ियों की तकदीर बदलने के साथ-साथ कंपोजिट हाकी निर्माताओं का कारोबार में बढ़ोतरी होनी भी तय है। अब फिर बच्चे बल्ला पकड़ने की बजाए हॉकी स्टिक पकड़ते दिखाई देंगे। नए भारत के साथ हॉकी स्टिक का स्वरूप भी बदल रहा है। अब लकड़ी से तैयार हाकी स्टिक की जगह कंपोजिट हॉकी स्टिक ले रही है। पहले पंजाब की इंडस्ट्री पाकिस्तान से कंपोजिट हाकी मंगवाती थी। पहले खिलाड़ी पाकिस्तान में तैयार हॉकी से खेलते थे। लेकिन अब उन्होंने जालंधर में तैयार कंपोजिट हॉकी थाम ली है। + +पाकिस्तान कंपोजिट हाकी स्टिक को टक्कर अल्फा हाकी इंडस्ट्री ने दी। वर्ष 2010 में अपना पहला यूनिट लेदर कांप्लेक्स में लगाया। राज्य में कुल 4 मेन कंपोजिट हाकी तैयार करने वाले यूनिट हैं, जिसमें अल्फा, रक्षक स्पोर्ट्स, फ्लैश व एसएनएस हैं। चारों यूनिट देश के साथ-साथ यूरोपियन देशों में हॉकी एक्सपोर्ट करते हैं। यूनिट प्रति वर्ष 80,000 से अधिक हॉकी तैयार कर रहे हैं। राज्य में कुल मिलाकर छोटे-बड़े 8 यूनिट हैं, जो प्रति वर्ष करीब 30 करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं। + +ऐसे बनती है कंपोजिट हॉकी ।कार्बन व फाइबर को मिलाकर हीट वाली मशीन में डाला जाता है। मशीन में हाकी शेप की डाई बनी होती है। बीस से तीस मिनट तक रखने के बाद मशीन से हॉकी को बाहर निकाला जाता है। फिर उसे फर्निश किया जाता है। हॉकी का भार 500 से 550 ग्राम के बीच होता है। लकड़ी की हॉकी से बाल लगने के बाद स्पीड 80 से 90 किमी प्रति घंटा तक रहती थी। कंपोजिट हॉकी से बाल लगने के बाद स्पीड 140 से 150 से निकलती है। ।अल्फा हाकी इंडस्ट्री ने खोला पहला यूनिट।पाकिस्तान की कंपोजिट हॉकी को टक्कर अल्फा हाकी इंडस्ट्री ने जालंधर में यूनिट लगाकर दिया। इंडस्ट्री में तैयार होने वाली हॉकी अंतरराष्ट्रीय मानदंड पर खरी उतर रही है। इंडस्ट्री रोजाना 150 से 200 हॉकी तैयार कर रही है। क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..426efdbd4aac45795b0095ba1c667664ca187974 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68669.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंबाला, [दीपक बहल]। रेलवे में अब पार्सल के लिए भी 120 दिन पहले एडवांस बुकिंग हो सकेंगी। ट्रांसपोर्ट कारोबार रेलवे से जोडऩे की पहल करते बल्क (थोक) में रेलगाडिय़ों में पार्सल ले जाने वाले कारोबारियों वास्त छूट के लिए अलग-अलग स्लैब तैयार की गई है। चार टन या अधिक पर 25 फीसद और 10 टन या अधिक पर 50 फीसद तक भाड़े में छूट होगी। + +कारोबारियों को मिलेगा लाभ : सीनियर डीसीएम विवेक शर्मा।अंबाला मंडल के सीनियर डीसीएम (फ्रेट) विवेक शर्मा कहा कि कारोबारियों को राहत देने के लिए रेल मंत्रालय ने बीच-बीच में योजनाएं शुरू कर रहा है। एडवांस पार्सल बल्क बुकिंग से रेलवे का राजस्व बढ़ेगा, जबकि इस में कारोबारियों को भाड़े में छूट भी मिलेगी। पचास फीसद तक छूट देने का प्रावधान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57087e36177de8c229fdf4f929421fab34378158 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68672.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश में वन विभाग की 171 नर्सरी हैं। इनमें हर साल करीब छह करोड़ पौधे तैयार किए जाते हैं। इन्हें जुलाई माह में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रोपा जाता है। इन पौधों को तैयार करने के लिए करीब आठ करोड़ पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल होता है। पौधे लगाते समय ये पॉलीथिन रिसाइकल करने के बजाय निकाल कर फेंक दी जाती हैं, जिससे भूमि प्रदूषण होता है। इसे लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दो साल पहले पौधे तैयार करने में पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी, पर प्रदेश में इसका विकल्प नहीं तलाशा जा सका था। ।ये होता है रूट ट्रेनर। यह उम्दा किस्म के प्लास्टिक से बनाई गई ट्रे होती है। इसमें गिलास जैसे कई ट्रेनर होते हैं। इनमें थोड़ी मिट्टी, खाद और बीज डालकर पौधे तैयार किए जाते हैं। इसमें छह से 10 इंच के पौधे भी रोपने लायक हो जाते हैं। ट्रे को पौधारोपण की जगह ले जाकर मिट्टी सहित पौधे को निकालकर रोपा जाता है। 10 से 15 साल तक काम आएंगे रूट ट्रेनर अधिकारियों के मुताबिक रूट ट्रेनर का पर्यावरण को साफ रखने में तो योगदान रहेगा ही। इससे सरकार को बचत भी होगी। दरअसल, पॉलीथिन का एक बार इस्तेमाल होता है। लाखों पॉलीथिन तो ऐसी निकलती हैं, जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, पर रूट ट्रेनर अच्छे प्लास्टिक से निर्मित होते हैं। इन्हें 10 से 15 साल तक उपयोग किया जा सकता है। इनके उपयोग से करोड़ों की संख्या में पॉलीथिन बैग खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e486cdccdad10aadab1ee912709a8c94189bdcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर भारत के जोर देने के बीच अमेरिका ने कहा कि वह स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए आम सहमति बनाने का समर्थन करता है। हालांकि, अमेरिका का कहना है इससे परिषद की प्रभावकारिता या क्षमता कम और इसमें वीटो में परिवर्तन या उसका विस्तार नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि भारत की लंबे समय से मांग रही है कि सुरक्षा परिषद में विस्तार होना चाहिए। कई मुल्कों ने भारत को इसका सदस्य बनाने की बात भी कही है। ।भारत के साथ काम करने को लेकर प्रमुखता देता है अमेरिका ।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास होने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता समेत संयुक्त राष्ट्र में भारत के साथ काम करने को लेकर प्रमुखता देता है। प्राइस ने कहा कि हम स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यों के लिए सुरक्षा परिषद के मामूली विस्तार के लिए सहमति बनाने का समर्थन करते हैं। बशर्ते इसकी प्रभावकारिता या क्षमता कम न हो और इसमें वीटो में परिवर्तन या उसका विस्तार न हो। ।भारत को स्थायी सदस्य बनाने पर क्या बोले प्राइस ।ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या बाइडेन प्रशासन भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने के इच्‍छुक हैं। इस सवाल पर प्रवक्‍ता प्राइस ने कहा कि हमारा मानना है कि सुरक्षा परिषद में ऐसा सुधार होना चाहिए, जिसमें सभी का प्रतिनिधित्व हो और जो अमेरिका तथा संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के हित में प्रासंगिक हो। उन्‍होंने कहा कि हम आगामी हफ्तों में सुरक्षा परिषद के संदर्भ में भारत के साथ निकटता से काम करने के अवसर को लेकर काफी उत्साहित हैं। ।सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य ।बता दें कि सुरक्षा परिषद में लंबे समय से अटके सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रयासों में भारत की अग्रणी भूमिका रही है। भारत को संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्य के तौर पर जगह मिलनी चाहिए। अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य देश हैं। ये पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं तथा ये देश किसी भी प्रस्ताव पर वीटो कर सकते हैं। सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..875b75d274dccb969be9a71795ac5da8b138c2c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68674.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +योगेश शर्मा, नई दिल्ली। अगर आप विराट कोहली के हाव-भाव से परिचित हैं तो यह बताने की जरूरत नहीं कि खिलाड़ी जीतने और हारने पर किस तरह की प्रतिक्रियाएं देते हैं लेकिन टोक्यो में रजत पदक जीतने वाले पहलवान रवि दहिया न जीतने पर बहुत ज्यादा खुश होते हैं और न ही हारने पर दुखी। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में उनके साथी उन्हें शांत तूफान के नाम से बुलाते हैं। + +सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान रवि कुमार दहिया ने कहा, "मैं रजत के लिए टोक्यो नहीं आया था। इससे मुझे संतुष्टि नहीं मिलेगी। शायद इस बार मैं रजत का ही हकदार था क्योंकि विपक्षी पहलवान बेहतर था। उसकी शैली बहुत अच्छी थी। मैं अपने हिसाब से कुश्ती नहीं लड़ पाया। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर सकता हूं। उसने बहुत चतुरता से कुश्ती लड़ी।"।कोच प्रवीण बोले, बेटा हंस भी ले।रवि 12 साल की उम्र में सोनीपत के गांव नाहरी से निकलकर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम आए। रवि के मौजूदा कोच प्रवीण दहिया ने बताया, "उन्हें स्टेडियम में एक छोटा सा कमरा मिला हुआ था और उनके साथ दो पहलवान और भी थे। पहलवानों की कुल संख्या के अनुसार यहां पर कमरे दिए जाते हैं। हालांकि अब उन्हें अलग कमरा मिल जाएगा क्योंकि उन्होंने ओलिंपिक में पदक जीता है। वह हमेशा से शांत ही रहता है। जब वह मिट्टी की कुश्ती में भी लड़ता था तब भी शांत रहता था। हम बोलते थे कि बेटा थोड़ा हंसना भी सीख ले।"।रवि जब छत्रसाल आए थे तब से वह अपने गुरु सतपाल और पूर्व कोच वीरेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करते रहे। टोक्यो ओलिंपिक से कुछ महीने पहले वीरेंद्र का छत्रसाल से ट्रांसफर हो गया, लेकिन रवि छत्रसाल में ही रहे। फिर वह सतपाल, दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और कोच प्रवीण दहिया के साथ अभ्यास करते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dff44605c8c436ac765a51d05a4a7f47713a91ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जटिल रोगों पर होगा शोध:।एसएमआरटी के लिए संस्थान ने बिल्डिंग का नक्शा और माडल तैयार करा लिया है। एसएमआरटी में 500 बेड के अस्पताल के साथ ही अलग से रिसर्च विंग बनाई जाएगी। देश ही नहीं, विदेश के कई अस्पतालों का माडल तैयार करने वाली कंपनी को इसकी जिम्मेदारी मिली है। एसएमआरटी का शिलान्यास नवंबर में कराने की तैयारी है। इसकी कमेटी का गठन कर लिया गया है, जिसमें प्रतिष्ठित लोगों को शामिल किया गया है। जटिलतम रोगों पर यहां शोध किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1348b5180ddc42f664561f08ec2faff188c8a6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैभव शर्मा, हिसार। भारतीय नस्लों के कुत्ते विदेशी नस्लों के कुत्तों से कमतर नहीं हैं। दक्षिण भारत में पाया जाने वाले चिप्पीपराई नस्ल का कुत्ता कोरोना वायरस काे सूंघकर पता लगाने में सक्षम है। अगर देसी नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षण देकर बढ़ावा दिया जाए तो यह सेना, रेस्क्यू ऑपरेशन और पुलिस की मदद विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में अधिक अच्छे से कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b753973f68a8297c8eced4d92d7fed8b0c20c41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, दिलीप शर्मा। ब्रितानियां हुकूमत की जड़ें हिला देने वाले मैनपुरी षड्यंत्र कांड के सूत्रधारों में रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां भी शामिल थे। उन्होंने मैनपुरी के कोसमा में अपना ठिकाना बना रखा था। यहीं से बढ़कर संगठन का दायरा राजस्थान तक पहुंच गया था। पांच हजार से अधिक क्रांतकारियों की फौज तैयार कर ली गई थी। हथियार और गोला-बारूद भी जुटाया जा रहा था। योजना अंग्रेजों से सीधे युद्ध लड़ने की थी। परंतु गद्दारों की गद्दारी ने आजादी की लड़ाई के इतिहास की इस मुहिम को नाकाम कर दिया। कोसमा में बना वह घर आज भी लोगों को स्वाधीनता के संघर्ष की याद दिलाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8403e7c6a78b5c99dbfd2c19ddabc74304079cb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68680.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के जालंधर जिले में दिव्य ग्राम नाम का एक गांव है। हालांकि यह गांव किसी सरकारी रिकॉर्ड में ही नहीं है, फिर भी इस गांव की पंचायत के नाम पर पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड ने 13वें और 14वें वित्त आयोग, एमपी लैड, मनरेगा आदि के फंड जारी किए। यह अजब मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंचा है। मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। ।जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब की मुख्य सचिव सहित पंचायत विभाग, जालंधर के डीसी और अन्य सभी प्रतिवादी पक्षों को सात सितंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। हाई कोर्ट ने यह नोटिस नूरमहल के पूरन सिंह और गुरनाम सिंह द्वारा दायर याचिका पर किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68687.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1faf365e730d433ce8f469b3103157a10503d259 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68687.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लिम्का बुक आफ वर्ल्ड और इंडिया बुक में भी दर्ज है रिकार्ड।बता दें कि राजपुरा के ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक का नाम लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड और इंडिया बुक में भी दर्ज है। जिसके चलते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। ।यह भी पढ़ें-  पंजाब: इस स्कूल में नन्हें हाथों में किताबों की बजाए पकड़वाए जाते हैं झाड़ू, ग्राउंड साफ करते बच्चों की वीडियो वायरल।यह भी पढ़ें- Tokyo Olympics 2020 : दो गोल करने वाली गुरजीत कौर की दादी बोली- हारने का दुख नहीं, पोती पर गर्व।यह भी पढ़ें- पंजाब के शरीर से जुड़े सोहणा-मोहणा की नौकरी में आई बाधा, अब सिटी स्‍कैन पर पेंच, मेडिकल बोर्ड पसोपेश में।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f42db6804a6481d318446a4f4ee878475e27cdce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68689.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, तनु गुप्‍ता। शिव ही शंकर, महेश, रुद्र, महाकाल, भैरव आदि है। त्रिदेवों में से एक महेश को ही भगवान शिव या शंकर भी कहा जाता है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार वेदों में रुद्रों का जिक्र है। कहते हैं कि उन्हीं में से एक महाकाल हैं। दूसरे तारा, तीसरे बाल भुवनेश, चौथे षोडश श्रीविद्येश, पांचवें भैरव, छठें छिन्नमस्तक, सातवें द्यूमवान, आठवें बगलामुख, नौवें मातंग, दसवें कमल। अन्य जगह पर रुद्रों के नाम:- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शम्भू, चण्ड तथा भव का उल्लेख मिलता है। + +जानिए क्‍या हैं शिव, शंकर, महादेव।शिव का नाम शंकर के साथ जोड़ा जाता है। लोग कहते हैं– शिव, शंकर, भोलेनाथ। इस तरह अनजाने ही कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम बताते हैं। असल में, दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। शिव ने सृष्टि की स्थापना, पालना और विलय के लिए क्रमश: ब्रह्मा, विष्णु और महेश (महेश भी शंकर का ही नाम है) नामक तीन सूक्ष्म देवताओं की रचना की। इस तरह शिव ब्रह्मांड के रचयिता हुए और शंकर उनकी एक रचना। भगवान शिव को इसीलिए महादेव भी कहा जाता है। इसके अलावा शिव को 108 दूसरे नामों से भी जाना और पूजा जाता है। इन अवतारों के अलावा शिव के दुर्वासा, हनुमान, महेश, वृषभ, पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनतर्क, द्विज, अश्वत्थामा, किरात और नतेश्वर आदि अवतारों का उल्लेख भी 'शिव पुराण' में है। + +शिव- भैरव।भैरव भी कई हुए हैं जिसमें से काल भैरव और बटुक भैरव दो प्रमुख हैं। माना जाता है कि महेष (नंदी) और महाकाल शिव के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शिव की पंचायत के सदस्य हैं। वैदिक काल के रुद्र और उनके अन्य स्वरूप तथा जीवन दर्शन को पुराणों में विस्तार मिला। वेद जिन्हें रुद्र कहते हैं, पुराण उन्हें शंकर और महेश कहते हैं। वराह काल के पूर्व के कालों में भी शिव थे। उन कालों की शिव की गाथा अलग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1334169cd9dcd86383b6e3de252add03484037e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह के किरदारों को चुनने को लेकर हिना कहती हैं, ‘मुझमें परफार्मेंस दिखाने की लालसा है। जब अभिनय की बात आती है तो ग्लैमरस होना या अच्छे कपड़े, मेकअप होना जरूरी नहीं है। कंटेंट और परफार्मेंस अच्छी होनी चाहिए। यह फिल्म कश्मीर में वास्तविक लोकेशंस पर शूट हुई है। मेरा जन्म कश्मीर में हुआ है, इसलिए मैं वहां से बहुत ज्यादा कनेक्ट कर पाती हूं, वहां की भाषा बोल लेती हूं।’।इस फिल्म में फरीदा जलाल के साथ काम करने के अनुभवों को लेकर हिना कहती हैं, ‘वह सेट पर एक बच्चे की तरह मेरा खयाल रखती थीं। उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा। फिल्म और डिजिटल प्लेटफार्म पर काम करने की जो चुनौतियां मेरे सामने हैं, वे उन किरदारों में ढलने को लेकर हैं। लाइनें याद करना मेरे लिए कभी मुश्किल नहीं रहा।’।अपनी आगामी फिल्म ‘कंट्री आफ ब्लाइंड’ को लेकर हिना कहती हैं, ‘इस फिल्म को हम कान फिल्म फेस्टिवल तक लेकर जाना चाहते थे, लेकिन महामारी के चलते संभव नहीं हो पाया। जहां से मैं आई हूं, वहां से मेरे ऐसे ही कदम मुझे आगे लेकर जाएंगे। छोटे-छोटे काम, फेस्टिवल वाली फिल्में कर रही हूं, ताकि लोग मुझे मेरे समग्र काम से जानें, न कि मेरे किसी एक किरदार से।’ ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eaf7101156f7dd9ab78d5cdc1802cbbca3392a10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68691.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमृतसर, [नितिन धीमान]। पंजाब के अद्भूत भाइयों की जाेड़ी सोहणा-मोहणा ने अपने जोश और जज्‍बे से जीवन की हर बाधा को अब तक पार किया है। बचपन में माता-पिता के ठुकराने के बाद अमृतसर के पिगलवाड़ा ने उनको अपनाया और पालने-पोसने से लेकर जीवन में मुकाम हासिल करने में उनकी हरसंभव मदद की। दोनों ने अद्भूत जज्‍बा दिखाते हुए कौशल हासिल किया और तकनीकी शिक्षा प्राप्‍त की। इलेक्ट्रिकल डिप्‍लोमा हासिल कर अब पावरकाम में जेई की नौकरी के लिए आवेदन किया। लेकिन, इसमें आई बाधा दूर नहीं हो पा रही है। उनको दिव्‍यांगता प्रमाण पत्र देने को लेकर अब सिटी स्‍कैन पर मामला उलझ गया है। + +मेडिकल बोर्ड ने सीटी स्कैन करके ही डिसएबिलिटी चेक करने की बात कही।शरीर से जुड़े सोहणा-मोहणा का दिव्यांगता प्रमाण पत्र न बन पाना उनकी नौकरी में बाधा बन गया है। 18 वर्ष के हो चुके सोहणा-मोहणा ने पंजाब पावरकाम में जेई के पद पर आवेदन किया था। पिंगलवाड़ा संस्था उनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी बनवाना चाहती है। इसके लिए सरकारी मेडिकल कालेज अमृतसर में पांच डाक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। इस बोर्ड ने कहा है कि दोनों की दिव्‍यांगता की जांच के लिए अब सिटी स्‍कैन करवाने की जरूरत है। दूसरी ओर, पिंगलवाड़ा ने इससे इन्‍कार कर दिया है। इससे मेडिकल बोर्ड पसोपेश में पड़ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c877065bec1daef616fe4f126b36841fd174bee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/बल्लभगढ़ [सुभाष डागर]। गांव अटाली वीर जवानों को मातूभूमि की रक्षा के लिए सेना में भेजने के लिए विख्यात है। यहां के संदीप कालीरमन ने पुलवामा में आतंकवादियों के सर्चिंग अभियान के दौरान अपनी शहादत दी, वहीं इसी गांव के जवान बीरक सिंह ने कश्मीर में आतंकवादी सर्च अभियान के दौरान 28 गोली दाग कर तीन आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। ऐसे जांबाज सूरमा के जज्बे काे हर देशभक्त सलाम करता है। उन्हें इस बहादुरी के लिए तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष शंकरराय चौधरी सेना मैडल लगाकर सम्मानित कर चुके हैं। बीरक सिंह के तीन बेटे भी सेना में हैं और एक मर्चेंट नेवी में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68695.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d19e34b9bf7a437cb843a31288f21ca6d96394a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68695.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। यूपी के आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तरह विकसित किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को प्ले स्कूल की तरह खेल- खेल में पढ़ाने के लिए व्यवस्था की जा रही है, यहां बच्चों के बैठने की व्यवस्था अच्छी तरह से होगी। सभी केंद्रों पर पानी के अलावा बिजली का कनेक्शन भी लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff28de5a012c422c0a6163acfd7f08397d66f8f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइडन चाहते थे कि तुर्की काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा करे। एदरेगन ने संकेत दिया कि इसके लिए वे सैद्धांतिक रूप से तैयार हैं, पर उनकी अपनी भी कुछ शर्ते होंगी। इन शर्तो पर बातचीत चल रही है। पहली शर्त यह है कि तुर्की ने नाटो गठबंधन का सदस्य होते हुए भी नाटो के नियमों की अवेहलना करते हुए, जुलाई 2019 में रूस से एस 400 नामक जो मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली खरीदी है, उस कारण अमेरिकी संसद द्वारा उस पर थोपे गए प्रतिबंध हटाए जाएं। दूसरी मुख्य शर्त के बारे में अरब मीडिया में कहा जा रहा है कि एदरेगन अपने नहीं, भाड़े के ऐसे सैनिक काबुल भेजना चाहते हैं जिनके लिए पैसा अमेरिका को देना होगा। ये सैनिक संभवत: सीरिया के ऐसे जिहादी होंगे जिन्हें तुर्की उत्तरी सीरिया में कुर्दो से लड़ने के लिए इस्तेमाल करता रहा है। तुर्की इन भाड़े के टट्टुओं के लिए अमेरिका से प्रति व्यक्ति तीन हजार डालर मासिक चाहता है। नाटो के यूरोपीय सदस्य देश चाहते हैं कि चाहे जैसे भी हो, इस बला से छुटकारा मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_687.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_687.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..982e10f8e1a74e060685c1e48c6804b5ec705ae2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_687.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन फिल्मों में भी आएंगी नजर।वहीं, बात अगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्द ही सिद्धार्थ सेन गुप्ता के निर्देशन में बनी फिल्म 'गुड लक जेरी' में नजर आने वाली हैं। ये एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है, फिल्म को आनंद एल राय प्रोड्यूस किया है। इसके अलावा वो करण जौहर की फिल्म 'दोस्ताना 2' में भी नजर आने वाली हैं। ये फिल्म साल 2008 में आई अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम की फिल्म 'दोस्ताना' का सीक्वल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0df3b0d344eed1b08d072f974485547011e9acc6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये मैच सालों तक याद रहेगा : एनके गौतम । साई सेंटर के पूर्व हाकी कोच एनके गौतम ने कहा कि ये जबदस्त मैच था। दो 2.0 से पिछड़ने के बाद टीम ने दूसरे क्वार्टर में जबरदस्त वापसी की।चार मिनट के अंदर तीन 3 गोल दागना खिलाड़ियों की ताकत और प्रतिभा को दर्शाता है। कुछ मैच को छोड़ कर टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया। टीम छाप छोड़ने में कामयाब रही। टीम मैच बेशक ही हार गई हो, दिल जीत ले गई। कई बार चीजे भाग्य पर भी निर्भर होती होती है। शायद आज भाग्य टीम के साथ नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb5055b42d7b826b1d813c1816b406d8df788d63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68701.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सहारनपुर में हर-हर महादेव के जयकारों के बीच जलाभिषेक । श्रावण मास की शिवरात्रि को मंदिरों में सुबह सवेरे से ही पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक शुरू हो गया था हर हर महादेव बम बम भोले के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया कई मंदिरों में हिंदू संगठनों द्वारा गंगाजल के टैंकर श्रद्धालुओं के लिए मंगाए गए थे। शुक्रवार की सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था प्राचीन सिद्ध पीठ श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर मैं मंदिर कमेटी द्वारा जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। सुबह 3.30 बजे पूजा-अर्चना व आरती के बाद 4 बजे से यहां जलाभिषेक शुरू हुआ भोले बाबा के जलाभिषेक के लिए हरिद्वार से गंगाजल के तीन टैंकर नगर निगम बजरंग दल राष्ट्रीय हिंदू महासभा के द्वारा की गई जिससे भक्तों ने गंगाजल लेकर भगवान भोले का अभिषेक किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3ffe47347db32dcfa6e4063065f7871c01d27cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाली संरक्षित इमारतों की जानकारी के लिए अब विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरुरत नहीं है। घर बैठे निगम की वेबसाइट पर ग्लोरीयस हैरिटेज ई-बुक के जरिए मिल जाएगी। इसके लिए दक्षिणी निगम कड़ी मेहनत की है। न केवल इन संरक्षित स्थानों का निरीक्षण किया है बल्कि ऐतिहासिक जानकारी भी जुटाई गई है। निगम के अनुसार उनके क्षेत्र में 475 संरक्षित इमारतें हैं जिनमें से 108 को पहले संस्करण में शामिल किया गया है। पुस्तक का उपराज्यपाल अनिल बैजल, महापौर मुकेश सुर्यान ने इसका लोकापर्ण किया। अगले दो संस्करण में सभी संरक्षित इमारतों को शामिल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08bc68d838107e845de7701cdbeda32544a539aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक के पहले दिन ही मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में 49 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। उन्होंने अपने प्रदर्शन से साबित किया कि देश की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। ताजनगरी में वेटलिफ्टिंग के खिलाड़ी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। यहां वेट की प्लेट टूटी हैं और एक ही राड है। ऐसे में खिलाड़ी वेट लिफ्ट करें भी तो कैसे? स्टेट लेवल तक तो वो किसी तरह अच्छा प्रदर्शन कर शहर का मान बढ़ा रहे हैं, लेकिन नेशनल लेवल पर बात नहीं पा रही है। उन्हें सुविधाएं मिलें तो वो भी देश के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68705.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68705.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bcdb11ee9745fed0bbacdbb7462c10e8c1bee265 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68705.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों का आरक्षण बढ़ाने को लेकर राजनीतिक सरगर्मी एकाएक बढ़ गई है। खुद को ओबीसी जातियों का मसीहा साबित करने में हर दल दूसरे से बाजी मारने की जुगत में जुट गया है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सभी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद तो इसे जोर-शोर से उठा ही रहे हैं, भाजपा और सहयोगी आजसू भी इस संवेदनशील मसले पर खुद को पिछड़ने नहीं देना चाह रहे। कांग्रेस, आजसू सहित अन्य कुछ दलों ने जातिगत मतगणना के लिए भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c54f0f7aa1e617c9a922232288d7533f527fdc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत की कोशिश रही है कि अफगानिस्तान में समाज निर्माण बाहरी ताकतों के दबाव में नहीं, बल्कि उनके द्वारा स्वाभाविक रूप से बनाया जाए। कभी रूस और कभी अमेरिका तो कभी अन्य देश अपने निहित स्वार्थ के जरिये कैसे किसी देश में युद्ध की स्थिति पैदा कर देते हैं, अफगानिस्तान इसका ज्वलंत उदाहरण है। बांग्लादेश एक अलग उदाहरण है। हालांकि हिंसा और आतंक का दौर लोगों की सोच से बदलना शुरू हुआ। आज बांग्लादेश दक्षिण एशिया के अन्य देशों से ज्यादा रफ्तार से प्रगति कर रहा है। पाकिस्तान की नियति डूबने की है। उसका उन्माद अशांति और खून खराबे में अटका हुआ है। यही करण है कि पाकिस्तान में आतंकवाद की जितनी घटनाएं होती हैं, उतनी कहीं और नहीं होती। उसका नुकसान भी उसे ही ङोलना पड़ता है। वहीं सच्चाई यह है कि तालिबान की जीत को पाकिस्तान विजय के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा देखने का कारण भी है। तालिबान को पोषित और संचालित करने का काम पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर हुआ है। यहां तक 2020 का ‘दोहा पीस डील’ भी पाकिस्तान के कारण सफल हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e35f82b4262c2b7ee946fd8fd81ec2636c8bb5a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68708.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में आबोहवा को नुकसान पहुंचा रहे विलायती कीकर सहित अन्य हानिकारक विदेशी पेड़-पौधों की अब खैर नहीं है। इन पौधों से छुटकारा पाने की दिशा में केंद्र सरकार ने हाल ही में एक विशेष कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट में इन सभी हानिकारक पेड़-पौधों से वनस्पति और जलवायु बचाने के लिए रिपोर्ट और कार्ययोजना दोनों तैयार करेगी। + +जल व जमीन ही नहीं जानवरों का भी दुश्मन है विलायती कीकर।विलायती कीकर धरती और जल का ही नहीं बल्कि इंसान और बेजुबानों जानवरों का भी बड़ा दुश्मन है। एनसीआर में बहुतायात में मिलने के कारण यह आबोहवा में ही घुलकर दिल्लीवासियों को श्वास और एलर्जी सरीखी बीमारियों का शिकार बना रहा है। यह और इसी प्रजाति के अन्य पेड़- पौधे इलेलोपैथी नाम का रसायन छोड़ते हैं। यह रसायन आसपास किसी अन्य वनस्पति के पेड़-पौधे को पनपने ही नहीं देते। इस रसायन से जमीन की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित होती है और भूजल का स्तर भी नीचे चला जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..834fb2176a916f173fcb4d08cd54bcae6ba6b633 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। जिले में एक ऐसा टेलीफोन एक्सचेंज है, जहां पांच साल से एक भी टेलीफोन का कनेक्शन नहीं है और लगातार चल रहा है। जिले में 32 ऐसे एक्सचेंज है, जहां 10 से कम टेलीफोन के कनेक्शन हैं। हालात ये हैं क‍ि जिले में टेलीफोन उपभोक्ताओं से 32 लाख रुपये का मासिक राजस्व मिलता है और बिजली के बिल पर ही बीएसएनएल को प्रत्येक माह 50 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसके बावजूद टेलीफोन एक्सचेंज को बंद नहीं किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d077c817eeac7e59bc4103398e81b34a65fa5a5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68710.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संवाद सहयोगी, मसूरी। Olympic Tokyo खेलों का महाकुंभ यानी ओलिंपिक टोक्यो (जापान) में चल रहा है। ओलिंपिक में जब हाकी की बात होती है तो मसूरीवासियों के चेहरे की रौनक बढ़ जाती है। इसकी वाजिब वजह है। वर्ष 1928 से 1936 तक लगातार तीन ओलिंपिक में स्वर्ण पदक कब्जाने वाली भारतीय टीम में दस खिलाड़ी मसूरी से थे। इनमें से छह खिलाड़ी मसूरी के सेंट जार्ज कालेज तो चार खिलाड़ी ओकग्रोव स्कूल के पूर्व छात्र थे। + +एम्सटर्डम ओलिंपिक, वर्ष 1928।ओलिंपिक में पहली बार भारतीय हाकी टीम ने 1928 में एम्सटर्डम ओलिंपिक में भाग लिया। इस टीम में मसूरी के पांच खिलाड़ी जार्ज मार्टिन, एमए गेटली, डब्ल्यूजेजी कलिन (सभी सेंट जार्ज कालेज) और आरजे एलन व एरिक पिन्नीगर (ओकग्रोव स्कूल) थे। नीदरलैंड में हुए इसी ओलिंपिक से भारतीय हाकी खिलाड़ि‍यों ने स्वर्णिम इतिहास लिखना शुरू किया। इस प्रतियोगिता में भारतीय हाकी टीम ने कुल 28 गोल किए, लेकिन खुद एक भी गोल नहीं खाया। भारत ने आस्ट्रिया को 6-0 से, बेल्जियम को 9-0 से, डेनमार्क को 5-0 से, स्विट्जरलैंड को 5-0 से और फाइनल में मेजबान नीदरलैंड को 3-0 से धूल चटाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..592f54c36eefab6cc112b02d37725ae6c7605f94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68712.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फर्रुखाबाद, जेएनएन। Flood in UP बाढ़ ने कटरी क्षेत्र के गांवों के ग्रामीणों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विवाह आदि आयोजनों तक की भी तस्वीर बदल गई है। बाढ़ के पानी से घिरे एक गांव से बरात की रवानगी हुई। इन हालात में दूल्हे के लिए न तो घोड़ी काम आती, न ही कार। ऐसे में नाव पर ही बरात निकली। खुद की इस नाव की पतवार दूल्हे के बड़े भाई ने संभाल रखी थी। ।तहसील सदर क्षेत्र के गांव पंखियन की मढ़ैया निवासी जुबैर की बरात गुरुवार सुबह शमसाबाद के लिए रवाना हुई। उनका पूरा गांव इन दिनों बाढ़ के पानी से घिरा है। इस कारण जुबैर स्वजन के साथ कुछ दूर पैदल चले और पुलिया पर लगाई नाव पर सवार होकर नाले से होते हुए गांव बिलावलपुर की पुलिया पर आए। उनके साथ मां अलीमा बेगम, बहन नसीमा, खुशीमा, काजमा और बुआ राजबानो एवं कुछ रिश्तेदार थे। बड़े भाई गुलाम मोहम्मद ने पतवार संभाली। उन्होंने बरातियों को लाने के लिए दो चक्कर लगाए। अन्य नावें भी लगाई गई थीं। अलीमा बेगम ने बताया कि उनके पास दो नाव व एक स्टीमर हैं। पुत्र की शादी शमसाबाद निवासी अबरे हसन की पुत्री तरमीन से होनी है। नाव बिलावलपुर पुलिया पर छोड़कर वे लोग बस व अन्य वाहन से जा रहे हैं। शाम को इन्हीं नाव से घर वापस जाएंगे। उनके घर में भी पानी भरा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6b8f4ee693d989f3a1a93612f73326189b855dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68715.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। अगस्त का पहला सप्ताह यूं भले ही सूखा सूखा सा लग रहा हो, लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के आंकड़े तो कुछ और ही कह रहे हैं।  मौसम विभाग ने अगस्त महीने में दिल्ली में सामान्य बारिश 95 से 106 फीसद होने की भविष्यवाणी की है।  कुलमिलाकर मानसून की मेबरबानी से पूरे अगस्त महीने लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिलती रहेगी। वहीं, दिल्ली में 13 जुलाई को मानसून के आने के बावजूद 19 वर्षों में सबसे अधिक देरी हुई और राजधानी दिल्ली में जुलाई महीने में बारिश के 16 दिन दर्ज किए गए जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। ।मौसम विभाग की मानें तो देश की राजधानी दिल्ली के चार जिलों में इस बार मानसून के दौरान रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। इन आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के चार जिलों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है, जबकि तीन जिलों में अब तक अधिक वर्षा दर्ज हुई है। जानकारी के मुताबिक एक जून से लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में 149.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य यानी 332.2 से काफी कम है। जहां तक समूची दिल्ली की बात है तो इस बार 40 फीसद अधिक बारिश हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76baf60c7bde81b696348be45c3b5418fea7f04e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68717.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पढ़ाई में मेधावी होने के साथ पटनायक खेलों में भी अव्वल थे। खेलों में उन्हें हाकी सबसे ज्यादा पसंद था। शायद हाकी के खेल के प्रति इसी प्यार के चलते उन्होंने आर्थिक तंगी से जूझ रही भारतीय पुरुष और महिला हाकी टीम को करीब चार साल पहले स्पांसर (आर्थिक संरक्षण देने) करने का निर्णय लिया। इस लिहाज से हाकी टीम को आगे बढ़ाने और ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2cf80cfafda4e8a2475c9d190b14eb2394772efc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68719.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली मेट्रो की सबसे लंबी पिंक लाइन का उद्घाटन शुक्रवार 6 अगस्त को हो जाएगा। उसके बाद त्रिलोकपुरी संजय झील - मयूर विहार पॉकेट 1 सेक्शन को आमजन के सफर के लिए खोल दिया जाएगा। इसका औपचारिक उद्घाटन 6 अगस्त को सुबह केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे। इसके बाद इस पिंक लाइन शुक्रवार को दोपहर 3 बजे यात्री सेवाओं के लिए खोल दिया जाएगा। डीएमआरसी ने अपने इंटरनेट मीडिया हैंडल ट्विटर पर इसके बारे में विस्तार से जानकारी भी दी है। ।The Trilokpuri Sanjay Lake - Mayur Vihar Pocket 1 section of Pink Line will be opened for passenger services at 3 pm on 6th August, 2021 (Friday). pic.twitter.com/ecLeDk9jPQ।पिंक लाइन होगा मेट्रो का सबसे बड़ा कारिडोर ।इस नई लाइन की एक खासियत और है। ये 59 किलोमीटर की लंबी सीधी लाइन है। त्रिलोकपुरी-मयूर विहार पाकेट एक के बीच मेट्रो का परिचालन शुरू होने से पिंक लाइन दिल्ली मेट्रो का सबसे बड़ा कारिडोर बन जाएगा। इस लाइन के शुरू हो जाने के बाद शिव विहार से मजलिस पार्क तक सीधी मेट्रो सेवा उपलब्ध हो जाएगी। इससे यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा। + +तकनीकी निरीक्षण के बाद मिली मंजूरी ।23 जुलाई को मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने कारिडोर का तकनीकी निरीक्षण करने के बाद उसी दिन परिचालन के लिए मंजूरी दे दी थी। पिंक लाइन आनंद विहार रेलवे स्टेशन, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के अलावा साउथ एक्सटेंशन, लाजपत नगर मार्केट व आइएनए को जोड़ती है। इसलिए पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, साउथ एक्सटेशन, लाजपत नगर मार्केट व आइएनए पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके अलावा दक्षिणी दिल्ली के इलाकों से आनंद विहार रेलवे स्टेशन पहुंचना आसान हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fad4d70a227cd0b06e79a0b931c1e9cd0b9bac6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिनय के साथ निर्देशन में भी सक्रिय हैं शेफाली शाह। शार्ट फिल्म ‘समडे’ के बाद उनकी दूसरी शार्ट फिल्म ‘हैप्पी बर्थडे मम्मीजी’ भी यू ट्यूब पर रिलीज हो चुकी है। अभिनय के साथ ही लेखन व निर्देशन में उतरने की वजह व अन्य मुद्दों पर उनसे प्रियंका सिंह की बातचीत के अंश...।आपकी कहानियों में ज्यादातर महिलाओं की खुशी और आजादी को लेकर बातें होती हैं। इन्हें लिखने की प्रेरणा कहां से मिलती है?।मैं वही लिखती हूं, जो मेरे दिल में आता है, जो चीजें मैं अपने आस-पास देखती हूं, महसूस करती हूं, उसके बारे में लिखती हूं। मैं कभी यह सोचकर लिखने नहीं बैठती कि मुझे दो घंटे बैठकर कुछ लिखना है। मैं प्लान करके बैठूंगी तो मुझसे कुछ नहीं हो पाएगा। जिसके बारे में मैं खुद महसूस नहीं करती हूं, वह न लिख पाऊंगी, न उसमें अभिनय कर पाऊंगी, न ही निर्देशन हो पाएगा। ‘हैप्पी बर्थडे मम्मीजी’ की कहानी हर महिला की कहानी है। यह कहानी बताती है कि अपनी जिदंगी का जश्न कैसे मनाना है यह आपके हाथों में है। पहला जो विचार होता है, उसे पेपर पर उतार देती हूं। जब फिल्म पर काम शुरू होता है, तब उसकी स्क्रीनप्ले के मुताबिक चीजें करनी पड़ती हैं। + +क्या छुट्टियों पर जाने के बाद इन रिश्तों के बारे में सोचना बंद कर देती हैं?।नहीं, ऐसा नहीं होता। देखा जाए तो दिमाग को इन चीजों से स्विच आफ -आन करना चाहिए, लेकिन मैं नहीं कर पाती हूं। मैं दुनिया के किसी भी कोने में रहूं, मुझे यह जानना होता है कि मेरे घर पर क्या हो रहा है, मेरी सास ने अपनी दवाएं और इंजेक्शन लिए या नहीं। बच्चों ने वक्त पर खाना खाया या नहीं, उनकी जिंदगी में सब ठीक चल रहा है या नहीं, पति ठीक हैं, उनका काम कैसा चल रहा है। घर में वाशिंग मशीन भी खराब होगी तो उसे रिपेयर करने वाले का नंबर भी मेरे पास होगा। मैं पूरी तरह से स्विच आफ नहीं कर पाती हूं। स्विच आफ तभी हो पाता है, जब मैं सेट पर होती हूं। तब मेरा फोन आफ होता है और मैं सिर्फ काम के बारे में सोचती हूं, लेकिन घर पर अगर कुछ हुआ हो तो वे बातें मेरे दिमाग में चलती ही रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1730d80472d27a6973a79b1039348137098f3f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68720.txt @@ -0,0 +1,6 @@ + हृदयानंद गिरि, दुर्गापुर। कोरोना से बचाव के लिए देश-दुनिया में हो रहे प्रयोगों के बीच बंगाल की 12वीं कक्षा की छात्रा दिगंतिका बसु का इनोवेशन खास है। पूर्व बर्द्धमान जिले के मेमारी की रहने वाली इस 17 वर्षीय छात्रा ने ऐसा मास्क बनाया है, जो न सिर्फ कोरोना वायरस को हमारे शरीर में जाने से रोकता है, बल्कि उसे बाहर ही नष्ट कर डालता है। सर्च इंजन गूगल ने इस मास्क को इनोवेशन कैटेगरी में अपने आनलाइन म्यूजियम में स्थान दिया है। अभी तक बाजार में ऐसे मास्क ही उपलब्ध हैं, जो हमारे मुंह और नाक को ढककर वायरस को भीतर जाने से रोकते हैं। दिगंतिका का मास्क वायरस को नष्ट भी करता है। इस मास्क को पहनने वाला व्यक्ति यदि पहले से कोरोना पीड़ि‍त है तो सांस के जरिये बाहर आने वाले वायरस भी मास्क तक पहुंचते ही नष्ट हो जाएंगे। + +राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना।दिगंतिका एकमात्र भारतीय है, जिसके मास्क को विशिष्ट मानते हुए गूगल ने इनोवेशन कैटेगरी में अपने आनलाइन म्यूजियम में स्थान दिया है। दुनिया भर से केवल 10 इनोवेशन ही इसके लिए चुने गए हैं। आनलाइन म्यूजियम में मास्क की तस्वीर लगाई गई है। गूगल ने मास्क के विवरण में दिगंतिका को भविष्य का विज्ञानी बताते हुए शुभकामना दी है। इस मास्क की केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भी प्रशंसा की है। साथ ही, ऐसे मास्क तैयार करने के लिए छात्रा से चर्चा भी की है। + +राष्ट्रपति के हाथों भी पुरस्कृत।दिगंतिका का सपना भविष्य में विज्ञानी बनना है। जब वह कक्षा चार में थी तब स्कूल में साइंस प्रोजेक्ट के तहत मोबाइल की बैटरी को चार्ज करने का प्रोजेक्ट बनाया था। नौवीं कक्षा में उसने डस्ट कलेक्टिंग अटैचमेंट फार ड्रिल मशीन बनाई थी। इसके लिए उसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डा. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड दिया था। कोरोना वायरस को मारने वाली वाटर गन भी बनाई। रीजनल साइंस सेंटर भोपाल ने इस इनोवेशन के लिए पिछले साल (वर्ष 2020 में) दिगंतिका को सम्मानित किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e535199541300e6c142d72d027c5ac5d4f287af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [आलोक शर्मा]। देश की आजादी के लिए 1857 में क्रांति का बिगुल पूरे देश में बज रहा था। इस कड़ी में 300 अंग्रेजों की मौत का गवाह बनकर सत्तीचौरा घाट इतिहास के पन्नों में अमर हो गया। विद्रोही सिपाहियों की गोलियों से छलनी अंग्रेजों के रक्त से यह घाट लाल हो गया था। इस घटना के बाद अंग्रेजों ने इसे मैस्कर घाट का नाम दिया और आजाद भारत में यह नानाराव घाट हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1dbc01e5b5050bfa31ca23029ec35f7b9d55779 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68725.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सामने आए सकारात्मक परिणाम ।इलाज शुरू होने से पूर्व और बाद में सभी मरीजों की एसजीआरक्यू (सेंट जार्ज रेस्पिरेटरी प्रश्नावली) पर स्वास्थ्य का आंकलन किया गया। यह श्वास रोग के लक्षणों के आंकलन के लिए विश्वभर में मान्यता प्राप्त प्रश्नावली है। एसजीआरक्यू के माध्यम से किए गए आंकलन के मुताबिक ग्रुप-ए के मरीजाें में 10.4 फीसद और ग्रुप-बी के मरीजों में 12.46 फीसद सुधार देखा गया। वहीं 16 मापदंडों पर आधारित प्रकृतिस्थापन, आयुर्वेद में अच्छे स्वास्थ्य का आंकलन करने की एक पद्धति है जिसके अनुसार ग्रुप-ए के मरीजों में 13.13 फीसद और वहीं ग्रुप-बी में 19.83 फीसद बेहतर सुधार देखा गया है। इलाज के बाद ग्रुप-ए के मरीजों की पाचन शक्ति में 12 फीसद और ग्रुप-बी के मरीजों में 27.3 फीसद सुधार दर्ज किया गया। ठीक इसी प्रकार ग्रुप-ए के मरीजों की आवाज में 3.45 फीसद और ग्रुप-बी के मरीजों में 9.38 फीसद सुधार देखने को मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89f38f6fedc19ced741307da9e7e98f225397aa0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामजन्मभूमि के लिए मध्ययुगीन तौर-तरीकों के अनुरूप सतत युद्ध हुए और लाखों रामभक्तों ने बलिदान दिया। ...तो रामजन्मभूमि की बिसात पर ब्रिटिश हुक्मरान भी अपनी सुविधा के हिसाब से मोहरे चलते रहे, कि‍ंतु रामभक्तों के लिए न्याय मृग मरीचिका ही बना रहा। 1947 में देश की आजादी के साथ रामजन्मभूमि की आजादी की भी आकांक्षा ने नई करवट ली, कि‍ंतु यह आकांक्षा कोर्ट-कचहरी में उलझ कर घुटती रही। साढ़े तीन दशक पूर्व विहिप ने इस आकांक्षा को जनांदोलन के रूप में रोशन किया। यह आंदोलन अनेक निर्णायक पड़ावों से गुजरा और आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अनेक रामभक्तों ने प्राणों की आहुति दी। हालांकि यह अभियान भी अंजाम तक पहुंचने से पूर्व ही ठिठक गया और दारोमदार उसी न्यायिक प्रक्रिया पर आकर टिक गया। अंतत: न्यायालय से न्याय पाने का चिर अपेक्षित सूत्र सफल हुआ। रामभक्तों ने न्यायालय के प्रति आभार ज्ञापित करने के साथ इसे श्रीराम की ही कृपा-कृति के रूप में शिरोधार्य किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..219f4319352d69ce24e860333acc00fcd17128e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भिक्षावृत्ति की पृष्ठभूमि में बेरोजगारी और निर्धनता की अहम भूमिका है। इसलिए देश में उत्पादन के साधनों को बढ़ाना होगा। योजनाओं के माध्यम से ऐसी व्यवस्था करनी होगी, ताकि हर कुशल और अकुशल श्रमिक को नौकरी मिल सके। शहरों और महानगरों में गुप्त तरीके से काम करने वाली कई ऐसी संस्थाएं हैं, जो बच्चों को पकड़कर, पीटकर, धमकाकर या अपंग बनाकर बेवजह भीख मंगवाती हैं। ऐसे संगठनों का पता लगाया जाना चाहिए और ऐसे संगठन चलाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56c33c17fd0b39f4e3801375fabef267572c0291 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68737.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यशा माथुर। देश की सीमाओं पर तैनात शूरवीर सैनिक जब दुश्मनों की गोलियां खाता है और गंभीर रूप से घायल होने के बाद अपने किसी अंग के बेकार होने की खबर सुनता है तो उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है, इसके बावजूद उसका फौजी जज्बा उसे गर्व से जिंदगी आगे बढ़ाने का रास्ता दिखाता है। आज वह कहते हैं कोरोना है तो क्या, चुनौतियां किसके सामने नहीं आतीं, हमें अपनी जिजीविषा से इतना मजबूत होना है कि समस्याएं घुटने टेक दें। मुश्किलों के बावजूद हमें बस चलते ही जाना है ...।युद्धक्षेत्र में घायल होने के बाद चिकित्सकों को मेरा जीवन बचाने के लिए मेरी एक टांग काटने की जरूरत महसूस हुई। डाक्‍टर हिम्मत जुटा रहे थे कि 24 साल के युवा फौजी को कैसे बताएं कि उसका पैर काटना पड़ेगा? जब उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा, आपकी जिंदगी बचाने के लिए हमें आपकी टांग काटनी पड़ेगी तो मैंने उन्‍हें जवाब दिया कि सर, आपको जो भी ठीक लगता है कीजिए क्योंकि मैं जान रहा हूं कि पैर में कुछ भी नहीं बचा है। इस तरह से मेरी जिंदगी बदल गई। बेशक एक कमी आ गई, लेकिन मैंने इसे स्वीकारा। क्योंकि जीवन में तरक्की करने और शांत रहने के लिए नियम है कि आपको अपनी हकीकत को स्वीकार करना ही है। आप अमीर हैं, गरीब हैं, काले हैं, गोरे हैं, छोटे हैं, मोटे हैं, आपके पास कुछ कमी है, आपने अपने अंग को खोया है या परिवार के प्रिय सदस्य को खोया है, ये सब हमारी जिंदगी की हकीकतें हैं, जब तक आप इन्हें नकारते रहेंगे, आपके जीवन में खलबली रहेगी, अशांति रहेगी और कहीं न कहीं तनाव रहेगा। इसलिए सबसे पहला मंत्र है कि जो जैसा है, अच्छा है, उसे गले लगाइए। इससे आपको शांति मिलेगी। अगर इस महामारी में आपने कुछ खोया है तो उसे स्वीकार कीजिए। आप इंसान हैं। सब आपके बस में नहीं है। यह बात आपको स्वीकार कर लेनी चाहिए। मेरी बदली हुई जिंदगी में पहला कदम था स्वीकार्यता। अगर टांग कट चुकी है, तो टांग कटने के पहले ही मेरे दिमाग में यह बात आ चुकी थी कि यह तो कटेगी। जब तक आप हकीकत को स्वीकार नहीं करेंगे तब तक आप भ्रम में रहेंगे। + +रुकना नहीं है कभी: यह सही है कि दिव्यांगता में काफी चुनौतियां सामने आती हैं लेकिन हर कोई जिंदगी में चुनौतियों का सामना करता है। जिसे ड्राइविंग नहीं आती उसके सामने वाहन चलाना चुनौती है। जिसे कुछ पकाना नहीं आता उसके लिए खाना बनाना एक चुनौती है। जिसे बौद्धिक दिव्यांगता है उसके लिए वह भी चुनौती है। चुनौती तो चुनौती है। हर इंसान के सामने अलग-अलग चुनौतियां हैं। अब आपको इन चुनौतियों का सामना करना है और इनसे जीतना है। यह आपका सोच है। सोचने की शक्ति सभी के पास है। लेकिन अगर आप नकारेंगे तो इससे कोई फायदा नहीं है। इस दुनिया में कोई भी नहीं कह सकता कि मैं सबसे बढिय़ा हूं। लेकिन मैं इस बात को गर्व से बोलता हूं कि मैं सबसे भाग्यशाली हूं। क्योंकि यह सोच पर निर्भर करता है। मुझे लगता है कि मुझे जिंदगी में चुनौतियां मिलीं ही इसलिए हैं ताकि मैं ऊपर उठ सकूं। मैं वह विशेष व्यक्ति हूं जिसे ईश्वर ऊपर उठाना चाहते थे। मेरी एनजीओ का एंथम है 'आइ माइट बी स्लो, बट आइ विल कीप माई फ्लो। आइ वांट्स टाप, एंड आइ रीच द टाप'। इसका मतलब यही है कि जिंदगी में चलते रहना है। मैं रूकूंगा कभी नहीं। जब तक सर्वोत्तम ऊंचाई नहीं पा लूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c83a963cf0fb6b77e5a7aea922d43246e020b98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68738.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में तलवारबाजी का प्रशिक्षण खिलाड़ियों को दिया जाता है। यहां तलवारबाजी का हाल काफी छोटा है। इसमें तलवारबाजी के लिए एक ही प्लेटफार्म है, जिस पर एक ही मैच हो सकता है। पिछले वर्ष कोरोना काल में स्टेडियम के छह माह से अधिक समय तक बंद रहने से तलवारबाजी के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में व्यवधान तो आया ही कोच की तैनाती भी नहीं हो सकी। इस वर्ष भी कोच की तैनाती नहीं हुई है। तलवारबाजी का हाल बंद है और खिलाड़ी घर में अभ्यास कर स्वयं को फिट रख रहे हैं। तलवारबाजी संघ के सचिव रीनेश मित्तल ने बताया कि आगरा में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले तलवारबाजी के खिलाड़ियों ने निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया है। कोरोना काल में प्रतियोगिताएं नहीं होने से प्रभाव पड़ा है। खिलाड़ियों को चुनौतीपूर्ण माहौल नहीं मिल पा रहा है। + +तकनीकी खेल में कोच जरूरी।एकलव्य स्टेडियम में तलवारबाजी की कोच रहीं भाग्यश्री सिंह का कहना है खिलाड़ियों के सही प्रशिक्षण के लिए कोचिंग स्टाफ का हाेना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह इंडीविजुअल और तकनीकी खेल है। वीडियो काल पर या अभ्यास की वीडियो देखकर हम खिलाड़ी की गलतियों को ही दूर करा सकते हैं। खेल में सुधार कोच ही ला सकता है। भाग्यश्री वर्ष 2018 में फिनलैंड में हुए सेटेलाइट वर्ल्ड कप, वर्ष 2019 में जार्डन में हुई एशियन जूनियर फेंसिंग चैंपियनशिप और मार्च, 2021 में फेंसिंग वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की कोच रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7538314092a61bce3612e16f54164ac4f797edd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी को रविवार को एयरपोर्ट पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। जिसके चलते अभिनेत्री गुस्सा में आ गईं और एयरलाइंस कंपनी को खरी-खोटी सुनाई है। दरअसल हुमा कुरैशी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म बेल बॉटम को लेकर सुर्खियों में हैं। वह फिल्म का जोर-शोर से प्रमोशन भी कर रही हैं। ऐसे में हुमा कुरैशी को फिल्म के प्रमोशन के लिए सफर करना पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dce4fa29174cea5c9d6f5af95e5e94db68572de2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शायद यही कारण है कि लोगों में एकाकीपन और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। शहरों व महानगरों में रहने वाले अधिकांश शिक्षित लोगों ने अपने आस-पड़ोस से अनभिज्ञ स्वयं को समाज से अलग कर लिया है। पढ़ा-लिखा होने का यह मतलब तो नहीं कि आप समाज से दूरी बना लें? हम अगर समाज में रहते हुए एक दूसरे से नहीं मिलेंगे, तो कहीं न कहीं हम अपनी मनुष्यता को खो देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29375f18271ddba0ae58cdfb62fd7f97fbbdb562 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ओलिंपिक के इतिहास की सबसे सफल पुरुष हॉकी टीम अगर कोई है तो वो भारत है। भले ही इस खेल में भारत पिछले चार दशक में एक भी पदक नहीं जीत पाया हो, लेकिन फिर भी भारत की बादशाहत कायम रही है। भारत ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में पदक जीतकर ये साबित कर दिया है कि पुरुषों की हॉकी के खेल का असली बादशाह भारत ही है, क्योंकि सबसे ज्यादा ओलिंपिक पदक जीतने का रिकॉर्ड भारत के नाम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc9a166279adfdc6a46e4ea77016e607ee5ed90d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, मुकेश मेहरा। Growing Off Season Vegetables, अगर मेहनत दिल से हो तो मिट्टी भी सोना उगलती है। सुंदरनगर के पलोहटा के किसान संजय कुमार ने यह कहावत सार्थक की है। विदेश में नौकरी छोड़ने के बाद अपने पुश्तैनी कृषि के व्यवसाय को अपनाकर आज उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां पर उनको केंद्र सरकार ने राष्ट्रस्तरीय पंडित दीन दयाल अंत्योदय कृषि पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया। संजय कुमार एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाकर कृषि के साथ पशुपालन भी अपनाया है। दुग्ध उत्पादन और भेड़ बकरियों से भी यह आय अर्जित करते हैं। इनके पास चार पॉलीहाउस और 10 बीघा जमीन है। एक महीने में संजय 50 से 60 हजार रुपये मुनाफा आसानी से कमाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9744a8b7509e991d5ced78ac3e47a2835dc83a2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68746.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +‘लोकल सर्कल्स’ द्वारा 24 राज्यों के 294 जिलों में किए गए सर्वे में सामने आया है कि 67 फीसद अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में हैं। जबकि आनलाइन शिक्षा के पक्ष में महज 19 फीसद अभिभावक हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आनलाइन शिक्षा व्यवस्थित न होने से अभिभावकों द्वारा स्वीकार नहीं की जा रही है। हालांकि आनलाइन शिक्षा की जद्दोजहद के लिए समय समय पर अलग अलग दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में शिक्षा मंत्रलय ने घर-आधारित शिक्षण में माता-पिता की भागीदारी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें आनलाइन शिक्षा के समय अभिभावकों को बच्चों के सहयोग के लिए बताया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d72f615cc3e1c83501ec5ca26f80367d8eaacdd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68749.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। ट्रेन संचालन से जुड़े रेल कर्मियों के हाथों से अब वाॅकी-टाॅकी गायब होने वाला है। इसके स्थान पर बाधारह‍ित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा उपलब्‍ध कराई जाएगी। इससे कर्मचारी आपस में बात कर पाएंगे और वीडियो कालिंग भी कर सकेंगे। रेल प्रशासन जल्‍द ही मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा की शुरुआत करने जा रहा है। + +रेलवे ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को आपस में संपर्क स्थापित करने के लिए वाॅकी टाॅकी उपलब्ध कराता है। वाॅकी-टाॅकी सिस्टम में केवल ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारी ही वार्ता कर सकते हैं, इसमें कोई बाहरी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। लाइन व्यस्त होने की कोई समस्या नहीं होती है। इसलिए ट्रेन व मालगाड़ी के चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर, पानी भरने वाले कर्मचारी, ट्रेन की लाइट ठीक करने वाले कर्मचारी, ट्रेन की सुरक्षा को तैनात आरपीएफ के जवानों को वाॅकी-टाॅकी दी जाती है। इससे सूचना लीक होने का खतरा नहीं होता है। वाॅकी-टाॅकी में जब कोई एक कर्मचारी बोलता है तो कोई अन्य कर्मचारी नहीं बोल सकता है। पहले कर्मचारी के बोलना बंद होेने पर ही दूसरा कर्मचारी जवाब देता है। रेलवे को वॉकी-टाॅकी चलाने के लिए संचार मंत्रालय से फ्रीक्वेंसी बैंड लेना पड़ता है और उसके सालाना किराया का भुगतान करना पड़ता है। रेलवे ने वाॅकी टाॅकी को बंद कर आधुनिक संचार सिस्टम ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मियों को देने की योजना तैयार की है। इसके लिए लांग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा की शुरुआत की जा रही है। इस सिस्टम में भी बाहरी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। एक साथ कई कर्मचारी आपस में वार्ता कर सकते हैं। इसके द्वारा कर्मचारी वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर कई कर्मचारी आपस में वीडियो कांफ्रेंसिंग भी कर सकते हैं। इसके द्वारा आपस में डाटा भी भेज सकता है। इसमें नेटवर्क गायब और लाइन व्यक्त होने की कोई समस्या नहीं होगी। रेलवे मंत्रालय ने देश भर में इस सिस्टम को लगाने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस योजना को पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए रेलवे ने सात सौ मेगाहटर्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में पांच मेगाहटर्ज स्पेक्ट्रम लेने की मंजूरी दी है। मुरादाबाद रेल मंडल में वर्तमान में लगभग तीन हजार से अधिक वाॅकी-टाॅकी हैं। मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार सेवा शुरू होने पर यहां के कर्मचारियों को वाॅकी-टाॅकी के स्थान पर मोबाइल दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bedbdd6479239f49eeb2a75747ca3d97ecafdd7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +24 घंटे तक हर वाहन पर नजर रखेगा नया सिस्टम, सात दिन तक किसी भी गाड़ी का रिकार्ड होगा सुरक्षित।हाईवे पर लगा यह सिस्टम 24 घंटे काम करेगा और अभी इसमें सात दिन तक का रिकार्ड होगा। सात दिन तक कोई भी वाहन इस नाके से गुजरेगा तो वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरा में उसका नंबर रिकार्ड में सेव हो जाएगा। दूसरी तरफ इसकी बड़ी खूबी यह है कि यदि चोरी हुआ वाहन इस सिस्टम वाले नाके से गुजरेगा तो वहां पर सिस्टम से अलार्म बजने लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80b09ae89d2c82d2935e58d747dd6f8f3accba0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68753.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। किसी और की खीज किसी और पर उतारना। पाकिस्तान सरकार की कूटनीति का यही हाल है। अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को तवज्जो देने से इनकार कर दिया है। छह महीने बीत जाने के बावजूद राष्ट्रपति बाइडन ने आश्वासन देने के बावजूद पीएम खान को फोन नहीं किया है। रही सही कसर पिछले दिनों तब पूरी हो गई जब अमेरिका के दौरे पर गये पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोइद युसूफ से वहां के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने मुलाकात तक नहीं की। + +भारत के खिलाफ शुरू किया प्रोपगंडा।जब पाक के मीडिया एवं वहां के इंटरनेट मीडिया ने इसे पीएम की बड़ी असफलता के दौर पर गिनाया तो उनकी सरकार ने वही किया जो पूर्व में पाक की सरकारें करती रही हैं। यानी ध्यान भटकाने के लिए भारत पर आरोप लगाने का काम। बुधवार को पाकिस्तान के सूचना व प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन, विदेश मत्री शाह मेहमूद कुरैशी और एनएसए मोईद युसूफ ने एक साथ भारत के खिलाफ प्रोपगंडा शुरू किया। + +आवाम का ध्‍यान भटकाने को नया शिगूफा।आधार बनाया गया कि पाकिस्तान सरकार ने दिल्ली के कुछ विदेशी पत्रकारों को गुलाम कश्मीर की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन भारत सरकार ने उसकी मंजूरी नहीं दी। इन सभी पत्रकारों को पांच अगस्त, 2021 को पाक अधिकृत कश्मीर के नए संसदीय सत्र की शुरुआत में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। इन सभी को वाघा बार्डर के जरिए पाकिस्तान में प्रवेश करना था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ed1e3515f497ebc6351bb95bddc005c5076b221 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लगा एक साल का वक्त ।श्रीनगर शहर के लालबाजार इलाके के रहने वाले 49 वर्षीय दस्तकार मकबूल जान को कपड़े की चादर पर श्रीनगर शहर की तस्वीर बनाने में एक साल का वक्त लगा। उनका दावा है कि ऐसा करने वाले वह वादी के पहले दस्तकार हैं। अक्सर पेपरमाशी कागज या गत्ते पर की जाती है। उन्होंने इसे कपड़े की चादर पर किया है। दैनिक जागरण के साथ बातचीत में मकबूल जान ने कहा कि उन्हें यह विचार एक म्यूजियम में आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af37f7acc53788ce4ede0d469704ff59ffc6a723 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सड़कों के मजबूत संजाल के साथ सबसे बड़ी सौगात हर घर जल योजना है। सरकार का दावा है कि दिसंबर तक हर घर तक पाइप लाइन से पानी पहुंचने लगेगा। इसकी खुशी झांसी के बबीना ब्लाक स्थित बुढ़पुरा गांव निवासी मुन्ना के मुंह से सुन सकते हैं। वह कहते हैं कि कभी सोचा ही नहीं था कि शहरों की तरह हमारे घर में भी पानी पहुंचेगा। रवि राजपूत भी उनकी बात का समर्थन करते हैं कि सिर्फ भाजपा सरकार ने सोचा तो पानी मिलने जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68757.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdb1c654972dbebde1ae60ec5e0c39c84cbd61fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68757.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुशल कोठियाल। पंजाब कांग्रेस की सांगठनिक समस्या का हल निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (हरदा) पर पंजाब का ऐसा रंग चढ़ा कि उन्होंने गृह राज्य (उत्तराखंड) में भी नए अध्यक्ष को चार-चार कार्यकारी अध्यक्षों से लदवा दिया। साथ में दस प्रांतीय प्रवक्ता भी नियुक्त किए गए हैं। यह जरूरत थी या मजबूरी, कांग्रेस में भी विमर्श का बिंदु बना हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..616b37d0170a9669b17d23ec16aff86639f63ea2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में तमाम खेलों में खेल रहे खिलाड़ी इतिहास रच रहे हैं। बुधवार को कई खेलों में खिलाड़ियों ने पदक हासिल किए और देश का नाम रोशन किया। इसी कड़ी में देश की बेटी लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक जीता हैl उनके इस पदक जीतने की जानकारी मिलने के बाद इंटरनेट मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया। हर फील्ड के जाने-माने लोगों ने उन्हें बधाई देकर उनका उत्साहवर्धन किया। इनमें फिल्मी हस्तियां, लेखक और कवि आदि शामिल रहे। लवलीना बोरगोहेन बॉक्सर है और वह अभी मात्र 23 वर्ष की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0491d399041331edc9fcc25455ebcd2f42518ba0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68760.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसानों से कई बार लगाई गुहार, प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं।अदाणी लाजिस्टिक्‍स पार्क के बंद होने से 400 से ज्यादा युवा बेरोजगार हो चुके हैं, जबकि सरकार को अब तक 700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। उद्योगों के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी 33 फीसद तक बढ़ गया है। दूसरी तरफ आठ माह से बंद इस पार्क के कारण आयातकों और निर्यातकों का करोड़ों रुपये का माल अंदर फंस गया है। किसान गेट पर धरना लगाकर बैठे है। कई बार अपील के बाद भी वे हटने को तैयार नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b9713c065374ce99a1761f4cd860c2efee5f08d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68764.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Into the Final! RAVI KUMAR Dahiya 🔥।Only 2nd Indian wrestler to be in #Olympics final. #Tokyo2020 pic.twitter.com/sXabaFzUsm।ओलिंपिक जैसे बड़े मंच पर इतना मुश्किल दांव लगाना और जीत हासिल करना किसी चैंपियन का ही खेल हो सकता है। स्कोर मैच खत्म होने के बाद 7-9 से कजाकिस्तान के हक में था, लेकिन एक दांव विक्ट्री बाय फॉल ने रवि को फाइनल का टिकट दिला दिया। शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखने के बाद भी इस तरह से हारने पर विरोधी पहलवान मैच पर रोते अफसोस करते नजर आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac01f814211cb5c868af1736827c649f2adf3671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68767.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Career In Data Science डाटा साइंस आज के समय में करियर का सबसे अधिक डिमांडिंग विषय है। ऐसा इसलिए कि स्‍मार्टफोन और इंटरनेट मीडिया के आ जाने से डाटा की खपत कई गुना बढ़ गई है। यह डाटा आज हर जगह है। कंपनियों के लिए यह एक सार्वभौमिक मुद्रा है। कंपनियां इसी डाटा के जरिये ग्राहकों की मांग एवं उनकी पसंद आदि को आसानी से समझ पा रही हैं। डाटा (न्यूमेरिकल, टेक्स्ट, वीडियो, आडियो आदि) को इकट्ठा करने की प्रक्रिया ही डाटा साइंस कहलाती है। इसे ही डाटा एनालिटिक्‍स भी कहते हैं। डाटा साइंस के तहत मुख्‍य रूप से स्‍टोरिंग, प्रोसेसिंग, डिस्‍क्राइबिंग तथा माडलिंग जैसे चार तरह के कार्य होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7380e3604e74a2cf1a50c7910abfcf5ece5b7b00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जटिल है खत्म करने की प्रक्रिया।बिना काटे कीकर को खत्म करने की प्रक्रिया काफी जटिल है। पहले कीकर के पेड़ की टहनियों को काटकर कैनोपी बनाकर इसकी छाया खत्म की जाती है। फिर इसके आसपास देशज पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। जब ये पौधे बड़े हो जाते हैं तो इनकी छाया से कीकर की ठूंठ को सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती है, जिससे वह धीरे-धीरे सूख जाता है। कैनोपी बनाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि इस दौरान सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिलती है जिससे पौधों की ग्रोथ कम होती है। एक बार जहां पर कीकर समाप्त हो जाता है तो उसके आसपास कीकर के नए पौधे दोबारा नहीं उगने दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f79e90c39c0249c141a87232ede575c56d59ace --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि बीते कुछ सालों में दिल्ली सरकार और केंद्रीय सरकारी एजेंसियों ने प्रयास किए हैं। कीकर को हटाकर बायोडायर्विसटी पार्कों में देशज और उपयोगी पौधे लगाए हैं। फिर भी अपेक्षित सफलता मिलती नहीं दिख रही है। चिंताजनक यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समय से दिल्ली को विलायती कीकर से मुक्ति दिलाने की बात होती रही है, लेकिन कई वर्षों बाद भी आज तक इसमें सफलता नहीं मिल सकी है। सवाल यही है कि आखिर विलायती कीकर को दिल्ली से खत्म करने के लिए अब तक कोई ठोस योजना क्यों नहीं बन सकी? वन्य कानून के तहत कीकर को संरक्षण क्यों मिला हुआ है?।केमिकल्स पहुंचाता है नुकसान: कीकर मैक्सिको मूल का पेड़ है। इससे एलीलो केमिकल्स निकलता है, जिससे देशज पेड़-पौधों के लिए नुकसानदायक होता है। यही कारण है कि जहां भी कीकर के पेड़ों की संख्या ज्यादा हो जाती है वहां देशज पेड़-पौधे नहीं उग पाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bdd948ef5891069762b4e1cab8dc3ae6198b5dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्येक विभाग की अपनी प्राथमिकताएं: वर्किंग प्लान बनाकर इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए काम किया जा सकता है, लेकिन विभिन्न सरकारी विभागों मेंतालमेल नहीं होने से ऐसा भी नहीं हो पाता। प्रत्येक सरकारी विभाग की प्राथमिकताएं भी अलग हैं और व्यस्तताएं भी। ऐसे में कोई एक विभाग योजना बना भी लेता है तो उसे दूसरे का सहयोग नहीं मिल पाता। कीकर के मामले में भी यही हो रहा है। समस्या पर गंभीरता से विचार किया जाए तो दिल्ली में रिज एरिया चार हिस्सों में बंटा हुआ है। नार्दर्न रिज, सदर्न रिज, सेंट्रल रिज और सदर्न-सेंट्रल रिज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d70560383d8da2625f505278d881af537c40851a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पृथ्वी की चाल पर लगी है नजर: पृथ्वी अपनी धुरी पर लगातार घूम रही है, साथ ही एक कक्षा में चलते हुए लगातार सूर्य की परिक्रमा भी कर रही है। असल में भूविज्ञान के हिसाब से देखें तो 500 साल बहुत कम समय है। हजारों साल में धरती के झुकाव और उसकी कक्षा में थोड़ा बदलाव होता है। यह बदलाव सूर्य से इसकी दूरी को प्रभावित करता है, जिससे यहां जीवन खत्म हो सकता है। फिलहाल कई हजार साल तक विज्ञानियों को ऐसे किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ddfde5ba30ec6af0b1b6a6f73a8bb6c3f89a419 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68779.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. परमार का जन्म 4 अगस्त 1906 को चन्हालग गांव में उर्दू व फारसी के विद्धान व कला संस्कृति के संरक्षक भंडारी शिवानंद के घर हुआ था। परमार के पिता सिरमौर रियासत के दो राजाओं के दीवान रहे थे। वे शिक्षा के महत्व को समझते थे। इसलिए उन्होंने यशवंत को उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी शिक्षा के लिए पिता ने जमीन जायदाद गिरवी रख दी थी। + +यशवंत सिंह ने 1922 में मैट्रिक व 1926 में लाहौर के प्रसिद्ध सीसीएम कॉलेज से स्नातक के बाद 1928 में लखनऊ के कैनिंग कॉलेज में प्रवेश किया और वहां से एमए और एलएलबी किया। 1944 में ‘सोशियो इकोनोमिक बैकर्ल्‍ड ऑफ हिमालयन पोलिएंडरी’ विषय पर लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की। इसके बाद हिमाचल विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की। डॉ. परमार 1930 से 1937 तक सिरमौर रियासत के सब जज व 1941 में सिरमौर रियासत के सेशन जज रहे। 1943 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17aba2b734e16ef6f5eed78bc40598a7d18bc23a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68780.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पर क्या पेगासस दुनिया का पहला ऐसा निगरानी साफ्टवेयर या टूल है, जो फोन हैक करके जासूसी कर सकता है? दुनिया में गुप्तचरी शासन व्यवस्था या राजकाज के संचालन की सबसे प्राचीन रीति है। हालांकि बीते दशकों में इसके कई इलेक्ट्रानिक रास्ते खुल गए हैं। इसमें भी ज्यादा समस्या दुश्मन देशों द्वारा विविध तरीकों से कराई जाने वाली जासूसी है। पिछले ही वर्ष भारत सरकार ने पबजी, शेयरइट सरीखे चीन के दर्जनों मोबाइल गेम्स और एप्लिकेशंस पर इसी आरोप के तहत प्रतिबंध लगाया था कि ये भारतीय नागरिकों की जासूसी कर जरूरी डाटा चीनी कंपनियों और चीन सरकार के हवाले कर रहे हैं। + +यह आशंका वर्ष 2017 में भी उठी थी। तब इंटेलीजेंस ब्यूरो के हवाले से यह आशंका जताई गई कि चीन के 40 से ज्यादा एप्लिकेशन हमारे स्मार्टफोन को हैक कर सकते हैं। इस आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों को सलाह दी गई थी कि वे वीचैट, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज, ट्रू-कालर और शेयरइट आदि एप्स को अपने स्मार्टफोन से हटा दें। माना गया था कि ये एप्लिकेशन असल में चीन की तरफ से विकसित किए गए जासूसी के एप हैं और इनकी मदद से जो भी सूचनाएं, फोटो, फिल्में एक-दूसरे से साझा की जाती हैं, उनकी जानकारी चीन के सर्वरों तक पहुंच जाती है। एप्स ही नहीं, कई स्मार्टफोन को भी हमारी सरकार संदेह के घेरे में ले चुकी है। अगस्त 2017 में केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन बनाने वाली चीन समेत कई अन्य देशों की 21 कंपनियों को इस बारे में नोटिस जारी किया था। सरकार ने संदेह जताया था कि ओप्पो, वीवो, शाओमी और जियोनी के स्मार्टफोन के जरिये चीनी खुफिया एजेंसियां भारतीय ग्राहकों की पर्सनल जानकारियां चुरा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e221d371a596e13b2866266a34a2bb840c0b158e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के डा. रविशंकर को मिली है कार्न बायोडीजल बनाने में सफलता। डा. रविशंकर ने कार्न आयल बायोडीजल बनाने के लिए ट्रांसएस्टरीफिकेशन पद्धति का इस्तेमाल किया है। यह पद्धति आयल में मौजूद इस्टर ग्रुप को एल्कोहल ग्रुप में बदलने के लिए अपनाई जाती है। वह बताते हैं कि बायोडीजल के बहुत से गुण परंपरागत डीजल की तरह ही होते हैं। डीजल मूलतः कार्बन और हाइड्रोजन कंपाउंड से बनता है। बायोडीजल मे कार्बन, हाइड्रोजन और आक्सीजन होते हैं। इसमें मौजूद आक्सीजन कार्बन और हाइड्रोजन को जलाने का काम करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2589de17d8ce8a4cea75e900ee7ccc3c84f67416 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68786.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने मंगलवार को केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक विधायकों के वेतन और भत्तों में कुल 66 फीसद बढ़ोतरी को मंजूरी दी। अब दिल्ली के विधायकों को 12 हजार की जगह 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन के तौर पर मिलेंगे। इसके साथ ही तमाम भत्तों को जोड़ लिया जाए तो अभी के 54 हजार की जगह विधायकों को 90 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। हालांकि, दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली के विधायकों को देश में सबसे कम वेतन मिल रहा है और बीते 10 वर्ष से वेतन नहीं बढ़ा है। + +दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से दिल्ली के विधायकों को अन्य राज्यों के विधायकों के बराबर 54,000 रुपये वेतन देने का प्रस्ताव दिया था। इसके अलावा दिल्ली सरकार का कहना है कि कई राज्य अपने विधायकों को हाउस रेंट, ऑफिस रेंट, कर्मचारियों का खर्च, कार्यालय के उपकरण खरीदने के लिए भत्ता, उपयोग के लिए वाहन, चालक भत्ता आदि देते हैं, लेकिन दिल्ली के विधायक इन सुविधाओं व भत्तों से वंचित हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने दावा किया कि दिल्ली के विधायकों के वेतन व भत्तों में वृद्धि का प्रस्ताव पिछले पांच वर्ष से गृह मंत्रलय के पास लंबित था। लंबे विचार के बाद गृह मंत्रालय ने बढ़ोतरी प्रस्ताव को 90 हजार रुपये प्रतिमाह तक सीमित करने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक, नेता प्रतिपक्ष के वेतन वृद्धि प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब यह मसौदा गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..734c41c700a56058d23a1efc9c16287884645538 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6879.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कंगना रनोट सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस के लिए खास तस्वीरें और वीडियो भी साझा करती रहती हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी पर तिरंगे की रौशनी में रंगे लाल चौक की तस्वीरों को साझा किया है। पहली तस्वीर के साथ कंगना रनोट ने अपने कैप्शन में लिखा, 'साफ संदेश, सिर्फ कश्मीर ही नहीं कश्मीर के बहन-भाई, सब जनता हमारी है, जय हिंद' । + +वहीं लाल चौक की दूसरी तस्वीर में कंगना रनोट ने लिखा, 'धर्म किसी भी देश की पहचान नहीं बन सकता, केवल राष्ट्रीयवाद बन सकता है।' सोशल मीडिया पर कंगना रनोट के यह दोनों पोस्ट्स तेजी से वायरल हो रहे हैं। अभिनेत्री के कई फैंस और तमाम सोशल मीडिया यूजर्स उनकी पोस्ट को पसंद कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इससे पहले कंगना रनोट पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शबाना आजमी की मुलाकात की आलोचना करनी की वजह से चर्चा में थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdecaea28cd8f11c3017d15e47cd5c3089e4335e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68790.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जगदीश त्रिपाठी, हिसार। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर भोजन करना चर्चा का विषय है। नीतीश कुमार स्वयं चौटाला के आवास पर पहुंचे थे। अब भोजन हुआ होगा तो बात भी हुई होगी। जाहिर है कि पारिवारिक बातें तो हुई होंगी, लेकिन कुछ ऐसी राजनीतिक बातें भी हुई होंगी, दोनों ने बाजरे और धान के भाव पर तो चर्चा नहीं ही की होगी। लेकिन राजनीति की बात हुई भी होगी तो क्या हुई होगी, दोनों अपने अपने प्रदेश में एक-दूसरे को मदद कर सकेंगे, ऐसा लगता तो नहीं है। फिर मोदी से बैर लेकर नीतीश कुमार चौटाला से क्यों जुड़ेंगे? बिहार में जाट मतदाता हैं नहीं, जिन पर चौटाला प्रभाव डाल सकते हों। चौटाला को भी कोई फायदा नीतीश नहीं पहुंचा पाएंगे, क्योंकि बिहार में उनकी स्वजातीय कुर्मी मतदाताओं पर पकड़ है, लेकिन हरियाणा में कुर्मी नहीं हैं। + +कुछ तो मजबूरियां रहीं होगी।इंटरनेट मीडिया पर अब भाजपा के पक्ष में बैटिंग करने वालों में एक अति आक्रामक नाम और जुड़ गया है, हेमंत सिंह फौगाट का। दिलचस्प यह भी कि हेमंत भाजपा नेता नहीं हैं। अभी दस-पंद्रह दिन पहले तक जबरदस्त कांग्रेसी होते थे। हुड्डा के घनघोर समर्थक, लेकिन इधर न जाने क्या हुआ किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री मोदी की जय जयकार करने लगे। हेमंत नेता भले न हों. लेकिन हरियाणा में इंटरनेट मीडिया की जानी मानी पर्सनाल्टी हैं। जब तक हुड्डा के लिए घनघोर बैटिंग कर रहे थे, तब तक वह हुड्डा के विरोधियों के निशाने पर थे। अब भाजपा के विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं, लेकिन हिसार के रहने वाले हेमंत को फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वह टाकिंग प्वाइंट पहले भी थे, अब भी हैं। हेमंत ने पाला क्यों बदला, पता नहीं- लेकिन कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी, वरना यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a36ee54020214993309851ae9ab11b3350f2c43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चला स्टार्च और नमक के घोल का जादू । गर्मी के मौसम में हवा जितनी नम होती है, उमस उतनी ही अधिक बेचैन करने वाली होती है। बीएचयू के महिला महाविद्यालय की भौतिक विज्ञानी प्रो. नीलम श्रीवास्तव की अगुआई में शोध टीम ने स्टार्च (स्वाद व गंध रहित पाली सैकेराइड कार्बोहाइड्रेट) और नमक (सोडियम आयोडाइड पर क्लोरेट, सोडियम क्लोराइड और मैग्नीशियम क्लोराइड में कोई एक) को घोलकर जेली तैयार की जो हवा में मौजूद नमी को सोख लेती है। स्टार्च के प्रमुख स्रोत आलू, गेहूं, मक्का, अरारोट, ब्राउन राइस आदि होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68793.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc113b1cdfc05a9beaeb6ec15f9b859c2893472d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68793.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिनेवा, एजेंसी। दुनिया में कोरोना महामारी का असर देश के सामाजिक और आर्थिक तानेबाने पर ही नहींं, बल्कि इसका प्रभाव नौनिहालों पर भी पड़ा है। कोरोना प्रतिबंधों के चलते दुनिया के अधिकतर मुल्‍कों में शिक्षण संस्‍थान बंद रहे। इसका असर बच्‍चों की शिक्षा व्‍यवस्‍था पर पड़ा है। कोरोना महामारी के चलते दुनिया के करीब 15.60 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इनमें से करीब 2.5 करोड़ बच्चे कभी स्कूल नहीं लौट पाएंगे। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यह आशंका जताई है। गुटेरस ने सोशल मीडिया पर कहा क‍ि कोरोना काल में दुनिया शिक्षा के संकट से गुजर रही है। कोरोना प्रसार को रोकने के लिए स्कूल बंद हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे में हमें डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। ऐसी व्यवस्था विकसित करनी होगी, जो भविष्य में बच्चों की शिक्षा के काम आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db50551553d21a606bf484e6fef513d8f4d6d43b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। मंगलवार को सीबीएसई ने 10 वीं क्लास के बच्चों के परीक्षा परिणाम घोषित किए किए। यूपी के गाजीपुर के कुमार विश्वास सिंह ने भी सीबीएसई की 10 वीं की परीक्षा में टाप किया और 100 फीसद अंक हासिल किए। एक न्यूज चैनल की वेबसाइट पर इस सूचना को ट्वीट भी किया गया। इस बच्चे का नाम कुमार विश्वास सिंह है। कुमार विश्वास ने चैनल के इस ट्वीट को देखा तो उन्होंने मजाकिया लहजे में इस सूचना को रिट्वीट किया और लिखा आप मुझे भी बधाई दे सकते हैं, इसी के साथ टाप करने वाले छात्र कुमार विश्वास सिंह का नाम भी लिखा है। कुमार विश्वास के ट्विटर हैंडल पर ये ट्वीट मौजूद भी है। ।इसके बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने गई शटलर पीवी सिंधु को भी बधाई दी। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा “आज भारत सिंधु में उमड़ा अनोखा ज्वार है, देख ले संसार नारी शक्ति का अवतार है। इसके बाद उन्होंने समाजसेवक कैलाश सत्यार्थी के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए भी बधाई दी, दरअसल कैलाश सत्यर्थी ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने दो लड़कियों की फोटो ट्वीट की थी। ।कैलाश सत्यर्थी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि मेरी दो बेटियों- हमारी राष्ट्रीय बाल महापंचायत की अध्यक्ष ललिता ने 96 प्रतिशत और उपाध्यक्ष चंपा ने बोर्ड परीक्षाओं में 81 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, की उल्लेखनीय उपलब्धियों से बेहद गौरवान्वित और खुश हैं। बाल श्रम से मुक्त दोनों ही बाल शोषण के खिलाफ प्रबल सेनानी हैं। उनके इस ट्वीट पर कुमार ने लिखा था कि भाईसाहब आपका सम्मान और दोनों बच्चों को खूब बधाई। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78be9b9e1f2ad7ef576c659fa68d923fef37c8c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मां का टीकाकरण: कोविड से बचाव के लिए नवजात शिशुओं की मां के टीकाकरण में कोई खतरा नहीं है। इसी प्रकार गर्भवती स्त्रियों को भी टीका अवश्य लगवाना चाहिए। टीकाकरण के जरिए मां कोविड से सुरक्षित रहेगी तो शिशु भी संक्रमण से मुक्त रह सकेगा। शिशु का कोविड टीकाकरण संभव नहींहै, लेकिन मां के दूध से प्राप्त होने वाली एंटीबाडीज से उसे रोगों से लड़ने की ताकत अवश्य मिलती है। यदि मां को कोरोना संक्रमण हुआ हो तो इलाज के दौरान उसके शरीर में वायरस से लड़ने वाली एंटीबाडीज निर्मित होती हैं। यही एंटीबाडीज मां के दूध के जरिए शिशु तक पहुंचती हैं। टीकाकरण के कुछ समय बाद मांएं शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10cd83dee28424d05ca52a2099bc3511a59cc3ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Ranbir Kapoor Alia Bhatt Wedding: बॉलीवुड हैंडसम हंक रणबीर कपूर हमेशा-हमेशा के लिए इंडस्ट्री की सबसे क्यूट एक्ट्रेस आलिया भट्ट के हो चुके हैं। बीते 14 अप्रैल को दोनों की शादी की सभी रस्में रणबीर को घर यानी वास्तु अपार्टमेंट में पूरी हुईं। इस खास मौके पर बॉलीवुड के तमाम सितारे शामिल हुए हैं। शादी में करिश्मा कपूर, अयान मुखर्जी, करण जौहर, करीना कपूर खान ने जमकर मस्ती की। वहीं शादी के बाद रणबीर-अलिया की रिसेप्शन पार्टी भी काफी चर्चा में रही है। पार्टी में मिस्टर और मिसेज कपूर के लुक को फैंस ने काफी पसंद किया। हर किसी ने रणबीर और आलिया को शादी में खास तोहफा दिया। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में अगर किसी का तोहफा है तो वो है बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का। जो खास होने के साथ काफी कीमती भी है। आइए जानते हैं क्या है वो...।बॉलीवुडलाइफ की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार रणबीर कपूर को कई साल तक डेट कर चुकी दीपिका पादुकोण ने उन्हें एक बेहद कीमती तोहफा ​भिजवाया है। रिपोर्ट की मानें तो दीपिका ने रणबीर-आलिया को तकरीबन 15 लाख की घड़ी गिफ्ट की है। वहीं दीपिका के पति एक्टर रणवीर सिंन ने एक बाइक तोहफे के रूप में दी है। वहीं कटरीना कैफ की बात करें तो रणबीर के साथ उनका नाम भी काफी सुर्खियों में रहा था। कटरीना ने 14.5 लाख रुपये का एक खूबसूरत प्लेटिनम ब्रेसलेट गिफ्ट किया है। अब अगर तोहफे की बात चल ही रही है तो बता दें कि रणबीर की बहन यानी करीना कपूर ने अपनी नई नवेली भाभी को 3.1 लाख रुपये का डायमंड सेट गिफ्ट किया है। वहीं रणबीर के साथ काम कर चुकी एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने आलिया को मनीष मल्होत्रा द्वारा डिजाइन की हुई एक खूबसूरत ड्रेस दी है। इसकी कीमत 1.6 लाख है। इस क्यूट कपल को गिफ्ट देने वालों की लिस्ट काफ लंबी है। इस लिस्ट में सिद्धार्थ मल्होत्रा, वरूण धवन, प्रियंका चोपड़ा जैसे सितारे शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..846f2da6410e4ed2652d30ed10577968361417ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68801.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway signal detector device : मुरादाबाद रेल मंडल के एक इंजीनियर द्वारा तैयार रियल टाइम मानीटरिंग सिस्टम (आरटीएमएस) रेलवे का अंग बनने जा रहा है। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीसीएसओ) ने मंडल रेल प्रशासन से सिस्टम मांगा है। सिस्टम 24 घंटे पहले रेलवे कंट्रोल रूम को एसएमएस भेज देगा। रेलवे की तकनीकी टीम सिग्नल को खराब होने से पहले ही ठीक कर लेगी। यह सिस्टम हाईस्पीड ट्रेन चलाने में सहायक साबित होगा। + +सिस्टम में अंतर : यार्ड में लगे सिग्नल में भूमिगत केबिल की खराबी या फिर बरसात में पानी चले जाने या कट जाने पर खराबी का पता चलता है। इसको रेलवे की टीम पता चलने पर ठीक करती है। सिस्टम में सिग्नल के बल्व की रोशनी कम होने, मोटर के धीरे-धीरे घूमने की जानकारी सिस्टम 24 घंटे पहले देगा। इससे सिग्नल को खराब होने से पहले ही ठीक किया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b94073f517c1a76749c4643c8177c7c6c448017a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68803.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय परिवारों में तुलसी के पौधे को अति आवश्यक रूप से रखा जाता है। धार्मिक महत्व के साथ ये पौधा औषधिये गुणाें से भरपूर होता है। लेकिन अक्सर लोगों की ये समस्या होती है कि उनके घर में तुलसी का पौधा पनपता नहीं है। बार− बार सूख जाता है या पत्तियां झड़ जाती हैं। जबकि तुलसी हर मौसम में हरी भरी रहनी चाहिए। तुलसी का पौधा सूखना शुभ नहीं माना जा सकता है। अगर आपके साथ भी ये परेशानी आ रही है तो आपके लिए गार्डन विशेषज्ञ अनीता यादव के ये टिप्स फायदेमंद साबित होंगे। + +तुलसी के पौधे को पानी देते समय रखें ध्यान।तुलसी के पौधे में पहली बार में ठीक से पानी डाल लीजिए, लेकिन इसके बाद आप उसे मिट्टी गीली रहने तक छोड़ दीजिए। सर्दियों में तो आप 4-5 दिन में एक बार भी पानी डाल सकती हैं। इसके अलावा, बरसात में तो भूल ही जाएं। बारिश के मौसम की ये समस्या होती है कि तुलसी का पौधा उसमें बहुत जल्दी सड़ने लगता है। इसका ध्यान रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2891f09420c7dbb97fa15e5ebfee3385e60ebfd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68805.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। गुड्स मार्शलिंग कानपुर (जीएमसी) यार्ड से टूंडला के बीच पहली मालगाड़ी बिना गार्ड के डिवाइस से चलाई गई और उत्तर मध्य रेलवे का यह प्रयोग सफल रहा। अब रेलवे ने 900 मालगाडिय़ों के लिए ईओटीटी (एंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री) डिवाइस बनाने का आर्डर बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप को दिया है। 200 लोको पायलटों का प्रशिक्षण आनलाइन शुरू कर दिया गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल की 344 मालगाडिय़ां जल्द ही इस डिवाइस से दौड़ेंगी। + +जरूरत से आधी है गार्ड की संख्या ।उत्तर मध्य रेलवे में गार्ड की संख्या दो हजार होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह संख्या 1020 है। कानपुर परिक्षेत्र में यह संख्या 58 है जो जरूरत के हिसाब से आधी है। ईओटीटी डिवाइस जहां गार्ड की कमी से निपटने में सहायक होगी, वहीं रेलवे के लिए आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2615722f011b1142ced309ac95501ce4bde5bb3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68807.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। अगर हमने यूं ही संयम, एहतियात और सजगता बरती तो इस माह के अंत तक देश में रोजाना आने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या घटकर करीब 22 हजार रह जाएगी। यह अनुमान आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों ने गणितीय माडल सूत्र के आधार पर लगाया है। आइआइटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम पिछले करीब डेढ़ साल से कोरोना संक्रमितों और संक्रमण की रफ्तार पर काम कर रही है। उन्होंने गणितीय माडल से अब तक सटीक आकलन किया है। + +उनका कहना है कि देश में नए मामलों की रफ्तार घटी है। जिन लोगों को संक्रमण हो भी रहा है, वह स्वस्थ हो रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि शारीरिक दूरी व मास्क अनिवार्यता की अनदेखी की और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद न किया तो संक्रमण की यथास्थिति बनी रहने, बल्कि बढऩे का भी अंदेशा है। फिलहाल रोजाना 40 से 41 हजार मामले सामने आ रहे हैैं। ।हर्ड इम्युनिटी, टीकाकरण बने ढाल।आइआइटी के विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना टीकाकरण व पूर्व में संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हुए लोगों की संख्या को देखकर कह सकते हैैं कि लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों में दूसरी लहर के दौरान काफी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे। उनके अंदर एंडीबाडी तैयार हो गई है, जबकि टीकाकरण भी रक्षा करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a50bfc6a7ce8b779ced2ba43ecd23d4a13750e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68809.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सवा सौ साल के ओलिंपिक इतिहास में हमारा सफर ऐसा नहीं रहा जिस पर गर्व किया जा सके। हम आजाद भारत में कभी भी पदक तालिका में 20 से ऊपर नहीं जा पाए, शायद इस बार भी यह परंपरा न टूटे, तो जाहिर है खेलों के आखिर में इस बात पर विलाप होना तय है कि जन और धन में जब हम संसार के बहुतेरे देशों से बहुत आगे हैं तो पदकों के मामले में इतने पीछे क्यों? यह हर चार साल बाद की एक रूदाली रस्म है। इसका सुर भी समान है, खेल की संस्कृति, सामाजिकता, सरकार की खेलनीति, खेल सुविधाओं की अपर्याप्तता, खेलों में राजनीति और क्रिकेट जैसे खेलों को बढ़ावा देने जैसे परंपरागत राग गाए जाएंगे। जिसका कोई असर अगले चार वर्षो में नहीं होगा। + +आजकल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और अभ्यास के दौरान उनकी खास तरह की रिकॉर्डिंग बताती है कि उनके मांसपेशियों को कितना बल और चाहिए व उनका डाइट प्लान कैसे बदला जाए, उनका ट्रेनिंग शिड्यूल कैसा रखा जाए, कितने समय में प्रदर्शन कितना सुधर सकता है। वीयरेबल टेक्नोलाजी, आग्युमेंटेड रियलिटी और थ्रीडी माडलिंग के जरिये खिलाड़ी की शारीरिक क्षमता को आंकते हुए प्रतिस्पर्धा के मुताबिक खिलाड़ी उसमें आपेक्षिक में बढ़ोतरी करता है और चोटों से बचा रहता है। साफ है कि खेल संसार में तकनीक उसके नियमों, आयोजनों सहित खेल के प्रदर्शन और परिणाम को भी प्रभावित कर रहा है। मशीनें और तकनीक मानवीय क्षमता को उसके उच्चतम बिंदु पर पहुंचने में सहायता कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3048248bef1e22e8ecfcb9afd3c82801f5e5e351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68811.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे करेगा काम।डॉ. प्रवीण कुमार मडुरी ने बताया कि एडवांस पॉलिस्टर से बना यह छाता छोटे-छोटे पोल पर लगेगा। उदाहरण के तौर पर कोई फसल है जो 45 डिग्री तापमान तक गर्मी झेल सकती है। इससे अधिक तापमान में वह जल जाती है। छाते में लगी डिवाइस में पहले से तापमान फीड कर दिया जाएगा। तापमान के बढ़ते ही छाता खुल जाएगा और छाते के अंदर तापमान फसल के मुताबिक बना रहेगा। + +पॉलिस्टर इस तरह का बना है, जिससे धूप तो पहुंचेगी, लेकिन उसकी गर्मी अधिक नहीं होगी। इसी तरह उदाहरण के तौर कोई फसल के लिए अधिकतम बारिश 100 मिलीलीटर उपयुक्त है। जैसे ही बारिश 102 मिलीलीटर से अधिक होगी तभी ये छाता खुल जाएगा। छाते में एक पोल लगा होगा, जिसके माध्यम से पानी भूजल स्तर पर लगे टैंक में चला जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71bc290e7ca91fae51537b0f184be6930eb46192 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68813.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव (Kuldeep Srivastava, head of the Regional Forecast Center of the Indian Meteorological Department) ने बताया कि अगस्त में दिल्ली में सामान्य बारिश होने की संभावना है। यह लंबी अवधि के औसत का 95 से 106 फीसद होगा। इस दौरान पूरे देश में मासिक वर्षा सामान्य (लंबी अवधि के औसत का 94 से 106 फीसद) रहने की संभावना है। स्थानीय वितरण से पता चलता है कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18e72d754ba6de8f4852e35370477744d2e679c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाई कोर्ट ने जांच के दिए आदेश, एसपी पलवल को जांच के दिए आदेश।दोनों ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि व विवाह कर एक साथ रहते हैं, लेकिन उनको परिजनों से जान को खतरा है। इसलिए हाई कोर्ट उनकी सुरक्षा के आदेश जारी करे। हाई कोर्ट के जस्टिस जेएस पूरी ने मामले में संदेह जताते हुए कहा कि इस मामले में कुछ छिपाया जा रहा है। कैसे एक 19 साल की लड़की 67 साल के पुरुष से विवाह कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कई चीज स्पष्ट नहीं है। मसलन क्या यह पुरुष का पहला विवाह है या एक से ज्यादा। हो सकता है कि इस मामले में लड़की पर कोई दबाव हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f647dd58043add131ab77ac93a89488ae7723ce3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, बजरंग जिला झज्जर के अंतर्गत आने वाले गांव खुड्डन से ताल्लुक रखते हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी पिता बलवान ने बेटे में कुश्ती का भविष्य देखा। परिवार ने भी अपने इस लाडले के लिए हर सुख की कुर्बानी दी। हालात यह थे कि चोट जिंदगी की हो या खेल के मैदान की, बजरंग ने भी हार नहीं मानी। परिवार के आशीर्वाद और भाई के समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6799c64236cbc63ef0a31fb79dd5e0c39893910d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Tokyo Olympics 2020 'टीम का हौसला बुलंद है। सभी खिलाड़ी एकजुट होकर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उम्मीद ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास है कि टीम ओलिंपिक पदक के साथ ही भारत वापस आएगी।' आस्ट्रेलिया के साथ मैच जीतने के बाद फोन पर हरिद्वार अपने स्वजन से बातचीत में भारतीय टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने यह बात कही। आस्ट्रेलिया के साथ मैच जीतकर भारतीय टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद वंदना के घर में जश्न मनाया गया। आसपास के लोग वंदना के स्वजन को बधाई देने उनके घर पहुंचे। टीम के पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने से उत्साहित वंदना की मां सोरण देवी ने बातचीत में कहा कि अब उनका बस एक ही सपना है कि बेटी ओलिंपिक में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करे और पिता को श्रद्धांजलि दे। ।कभी हाकी स्टिक और जूते खरीदने के नहीं थे पैसे ।शापिंग करना भले ही अब वंदना का शौक है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब इनके पास अपनी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए भी पैसा नहीं होते थे। यहां तक की वह हाकी स्टिक और जूते तक नहीं खरीद पाती थीं। हास्टल की छुट्टी होने पर जब सभी लड़कियां अपने घर चली जाती थीं, लेकिन वंदना के पास पैसे नहीं होते थे और वह अकेले ही हास्टल में रहती थीं। बकौल वंदना इस दौरान हमेशा ही कोच पूनम लता ने उनकी मदद की। ।बेटी को मिला मां और पिता का साथ ।रोशनाबाद में एक साधारण से परिवार में जन्मीं वंदना कटारिया के पिता नाहर सिंह ने भेल से सेवानिवृत्त होकर दूध का व्यवसाय शुरू किया था। उनकी सरपरस्ती में वंदना कटारिया ने रोशनाबाद से हाकी की यात्रा शुरू की। उस वक्त गांव में वंदना के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ उनका भी मजाक उड़ाया था। पिता नाहर ङ्क्षसह और माता सोरण देवी ने इसकी परवाह न करते हुए वंदना के सपने को साकार करने के लिए हर कदम पर उसकी सहायता की। ।पिता की इच्छा थी कि वंदना जीते ओलिंपिक में स्वर्ण ।वंदना के पिता नाहर सिंह की इच्छा थी कि बेटी ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा बनें। पिता के इस सपने को साकार करने के लिए भारतीय टीम के कैंप में वंदना ने अपनी तैयारियों के लिए जी-जान एक कर दी थी। तैयारियों के दौरान पिता की मृत्यु का समाचार उसे मिला। असमंजस की स्थिति यह कि एक तरफ मन कह रहा था कि पिता के अंतिम दर्शन के साथ अंतिम विदाई देने को घर जाना है, दूसरी तरफ पिता के सपने को साकार करने की ख्वाहिश। ऐसे समय में वंदना के भाई पंकज व मां सोरण देवी ने संबल प्रदान किया। मां सोरण देवी का कहना है कि हमने वंदना से कहा कि जिस उद्देश्य की कामना को लेकर मेहनत कर रही हो पहले उसे पूरा करो, पिता का आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa2bdb063d29ba448ffa9e0518aae9bfe57444c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68828.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। कोरोना महामारी के उत्‍पत्ति को लेकर एक बार फ‍िर चीन की चर्चा जोरों पर है। इस बार अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस वायरस की उत्‍पत्ति चीन में हुई थी। बता दें कि इसके पहले अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कोरोना की उत्‍पत्ति को लेकर चीन को कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ष्‍ट्रपति जो बाइडन भी ट्रंप के स्‍टैंड पर कायम रहे। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की टीम कोरोना की उत्‍पत्ति को लेकर चीन के वुहान का दौरा कर चुकी है। जाहिर है कि इस रिपोर्ट से चीन को मिर्ची लगी होगी। + + अमेरिकी रिपब्लिकन का दावा कोरोना की उत्‍पत्ति चीन का वुहान लैब । अमेरिकी रिपब्लिकन द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी को जन्म देने वाले कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति चीन का वुहान लैब है। इस मुद्दे को लेकर पिछले साल से ही बहस हो रही है। खास बात यह है कि इस रिपोर्ट में इस बात को खारिज कर दिया गया है कि ये वायरस मीट बाजार में सामने आया। इसमें कहा गया है कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि यह सितंबर से पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था, जबकि कई महीने बाद दुनिया ने इस बीमारी पर ध्यान देना शुरू किया। ।वुहान मीट बाजार से नहीं हुई उत्‍पत्ति ।रिपोर्ट में कहा गया है कि अब हम मानते हैं कि वुहान मीट बाजार को स्रोत के रूप में पूरी तरह से खारिज करने का समय आ गया है। हम यह भी मानते हैं कि सबूत इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि वायरस से लीक हुआ और ऐसा 12 सितंबर, 2019 से कुछ समय पहले हुआ। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के शीर्ष रिपब्लिकन और टेक्सास के 10 वें कांग्रेस जिले के प्रतिनिधि माइक मैककॉल ने पैनल के रिपब्लिकन कर्मचारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट जारी की। साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस के उत्‍पत्ति की द्विदलीय जांच का आह्वान किया। ।वुहान लैब में सुरक्षा प्रोटोकॉल के ठीक इंतजाम नहीं।रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि वुहान लैब में सुरक्षा प्रोटोकॉल के ठीक इंतजाम नहीं थे। जुलाई, 2019 में वेस्ट ट्रीटमेंट सिस्टम के लिए 1.5 मिलियन डॉलर की मांग की गई. इसमें कहा गया है कि वुहान लैब में चीनी वैज्ञानिक इंसानों को संक्रमित करने के लिए कोरोना वायरस को बदलने के लिए काम कर रहे थे। इस तरह के हेरफेर को छिपाया जा सकता था। वुहान लैब को अमेरिका और चीनी सरकार दोनों से भारी फंडिंग मिल रही थी। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फौसी ने भी वुहान लैब को हजारों डॉलर की फंडिंग दी जाने की बात को स्वीकार किया है। ।बाइडन ने भी एजेंसियों को वायरस की उत्‍पत्ति का पता लगाने का जिम्मा सौंपा ।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्‍पत्ति का पता लगाने का जिम्मा सौंपा है। मैककॉल की रिपोर्ट इस प्रयास के बिल्कुल समानांतर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिकों ने भी वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर जांच की और इसके लिए उन्होंने वुहान शहर का दौरा किया था। वुहान वही शहर है, जहां दिसंबर 2019 में कोविड का पहला मामला सामने आया था। संगठन के मुताबिक वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ और जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंचा था। हालांकि, अमेरिका इस रिपोर्ट को लेकर संशय में था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06ab08ae786a5a42bd24a279ad476ad54bd059c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68829.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह सिर्फ सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा।प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा। कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है, तो वह कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रुपी सुनिश्चित करेगा कि जिस मकसद से कोई मदद दी जा रही है, वह उसी के लिए प्रयुक्त होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि लक्षित सेवा के मद में ही पैसा खर्च हो। फिलहाल ई-रुपी की शुरुआत जरूरतमंदों को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन देकर की गई है। ई-वाउचर के माध्यम से कोई भी संस्था या कारपोरेट हाउस अपने कर्मचारियों या अन्य जरूरतमंदों को निजी अस्पतालों में कोरोना की वैक्सीन का भुगतान ई-रूपी देकर कर सकता है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही इसे टीबी और गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की योजना के लिए कर सकता है। । नई व्यवस्था से की जा सकेगी भुगतान की निगरानी।फिलहाल टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए हर महीने सरकार मदद मुहैया कराती है। लेकिन बैंक खाते में जाने वाली इस राशि का इस्तेमाल पौष्टिक आहार के लिए किया जा रहा है या नहीं, इसकी निगरानी की कोई प्रणाली नहीं है। यही स्थिति गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की भी है। ई-रुपी से भुगतान की स्थिति में यह सुनिश्चित हो जाएगा कि उसका इस्तेमाल पौष्टिक आहार खरीदने के लिए ही किया गया है। + +आयुष्मान भारत योजना को इससे जोड़ेगा स्वास्थ्य मंत्रालय।स्वास्थ्य मंत्रालय देश के लगभग 50 करोड़ गरीबों को साल में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त और कैशलेस इलाज मुहैया कराने की आयुष्मान भारत योजना को भी ई-रुपी से जोड़ने की तैयारी में है। अभी तक गरीबों के इलाज का बिल अस्पताल सरकार को भेजता है और सरकार उसका पेमेंट करती है। लेकिन ई-रुपी वाउचर से लाभार्थी खुद अपना इलाज करा सकता है और वेरीफिकेशन कोड से इसकी पुष्टि होने के बाद तत्काल अस्पताल को उसका पेमेंट हो जाएगा। ।ई-रुपी वाउचर लांच।इस तरह काम करेगा ई-रुपी।ई-रुपी किसी खास उद्देश्य के लिए किसी को पैसा देने के एक डिजिटल डिलिवरी के रूप में काम करेगा। जिसे भी यह पैसा दिया जाएगा, उसके मोबाइल पर एक एसएमएस आएगा या फिर स्मार्ट फोन की स्थिति में क्यूआर कोड आएगा। लाभार्थी इस एसएमएस या क्यूआर कोड के माध्यम से उस सेवा का लाभ ले सकता है। उसे सिर्फ सेवा देने वाले को एसएमएस या क्यूआर कोड दिखाना होगा। प्रणाली को फुलप्रूफ बनाने के लिए वेरीफिकेशन कोड का प्रविधान किया गया है। भुगतान के वक्त लाभार्थी के मोबाइल पर यह कोड भेजा जाएगा। उसके सत्यापन के बाद ही सेवा देने वाले के खाते में पैसा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b736c8c9d186f46729147519f284db8d9ceec827 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में एंट्री के साथ ही और स्टारडम मिलते ही सेलेब्स का लुक पूरी तरह से बदल जाता है। ऐसे में जब सेलेब्स की सक्सेस के बाद उनकी पुरानी तस्वीरें सामने आती हैं तो उन्हें पहचान पाना मुश्किल होता है। हाल ही में एक अभिनेता ने अपने स्कूल के दिनों की तस्वीर फैंस के साथ शेयर की है। इस तस्वीर में उन्हें पहचान पाना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। क्या आप इस तस्वीर को देख पहचान पाए कि ये अभिनेता कौन है?।नहीं पहचान पाए! तो हम आपको बताते हैं... ये अभिनेता कोई और नहीं फिल्म 'आशिका 2' राहुल जयकर यानी कि आदित्य रॉय कपूर हैं। ये तस्वीर आदित्य के स्कूल के दिनों की है जिसमें उनका लुक इस समय से बेहद अलग है। तस्वीर में आदित्य को पहचान पाना मुश्कल है। इस तस्वीर में आदित्य अपने टीन-एज में हैं। उन्होंने कूल टी- शर्ट पहनी हुई है। हालांकि आदित्य के बालों में कोई बदलाव नहीं है। उनके बाल आज भी कर्ली ही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d324a93b3c4aa7f28f511ced92976d3f1dad1dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68830.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि दिसंबर से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के हजारों घरों में पेयजल की सप्लाई शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए तैयारियां पूरी हैं। पचास फीसद से अधिक प्लांटों में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जल जीवन मिशन के तहत 32 परियोजनाओं में कुल 467 पाइप पेयजल योजनाओं का काम तेजी से चल रहा है। इनमें से 43 सतही जल आधारित योजनाएं और 424 भूजल पर आधारित हैं। इन योजनाओं से 3823 राजस्व गांवों की कुल 7268705 आबादी के लिए 1195265 नल कनेक्शन की व्यवस्था की जा रही है। कुल 1195265 घरों में शुद्ध पानी की आपूर्ति होगी। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के सात जिलों की 40 तहसील, 68 विकासखंड और 2608 ग्राम पंचायतों को लाभ मिलेगा। + +तेजी से चल रहा पाइप बिछाने और कनेक्शन देने का काम : राज्य पेजयल स्वच्छता मिशन के इंजीनियरिंग कंसलटेंट बृजेंद्र कुमार लटोरिया ने बताया कि झांसी के मऊरानीपुर तहसील के बुखारा गांव में पूर्वा ग्राम समूह पेजयल योजना के तहत पहाड़ी डैम से पानी लिया जा रहा है। बुंदेलखंड के सात जिलों में डब्ल्यूटीपी से जल का शोधन कर पानी की सप्लाई की जाएगी। सप्लाई में प्रेशर होगा। तेजी से पाइप लाइनों के बिछाने और कनेक्शन देने का काम किया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट जल जीवन मिशन, नमामि गंगे, रूरल डेवलपमेंट एंड वाटर सप्लाई पंकज सिंह ने बताया कि बुढ़पुरा ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के तहत इंटेक वेल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीडब्ल्यूआर और ओवरहैड टैंक जोन वार बन रहे हैं। 14 टंकियां बन गई हैं। माताटीला बांध से पानी लिया जाएगा। पाइप लाइनों को बिछाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c7d12104a9ea7a789789b89a081ae0bf2286f42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लक्ष्मीबाई कालेज छात्रों व आम लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले जायकों का स्वाद चखाएगा। इसके लिए मिनी बस को किचन में तब्दील किया गया है। मेन्यू में विभिन्न राज्यों के जायके ही शामिल होंगे। खाना केले के पत्ते और मिट्टी के बर्तन में परोसा जाएगा। खाने वालों को देसी जायके के लाभ भी बताए जाएंगे। इसे परंपरा नाम दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64799182d45574885774f6037ccc3a76d386c9f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग के बीच इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में रसायन विज्ञान विभाग के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में आठ ऐसे रासायनिक यौगिकों को खोज निकाला गया है जो वायरस के संक्रमण से लड़ने में कारगर साबित होंगे। प्रयोगशाला में कंप्यूटरीकृत परीक्षण के बाद जैविक परीक्षण के लिए इसे बेल्जियम के रेगा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल रिसर्च भेज गया है। वहां से सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद इसके पेटेंट के लिए भारत सरकार द्वारा प्राधिकृत संस्था में आवेदन किया जाएगा। यह अहम शोध फ्रांस के प्रतिष्ठित जर्नल आफ बायोमालीक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनमिक्स के जुलाई 2021 के अंक में प्रकाशित हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88c3131cfc7456b51d009621e24b718b6ebf8d5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68835.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/ गाजियाबाद [अभिषेक सिंह]। कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी फौज को भारतीय सैनिकों ने ऐसे परास्त किया कि दुश्मन उस दिन को याद कर आज भी थर्राता है। इन जांबाज सैनिकों में से एक शहीद लांस नायक ओमप्रकाश सिंह भी थे। वह बचपन में बंदूक से खेलने के शौकीन थे। बड़े हुए तो देशसेवा के लिए भारतीय सेना में भर्ती हुए। बुलंदशहर के खैरपुर में जन्मे ओमप्रकाश सिंह भारतीय सेना ज्वाइन करने के बाद राजपूताना राइफल सेकेंड के सदस्य बने। उनकी तैनाती जम्मू में हुई। जहां उनका सामना नापाक इरादों से भारत में घुसने वाले आतंकवादियों से हुआ। घर के अंदर चोरों की तरह छिपकर बैठे आतंकवादियों को कई बार उन्होंने ऐसा सबक सिखाया कि उनको शरण देने वाले दोबारा ऐसी हिम्मत न कर सके। + +राजकुमारी ने बताया कि बेटे के जन्म को छह माह ही हुए थे कि तभी कारगिल युद्ध शुरू हुआ। इसमें ओमप्रकाश सिंह ने अपने सर्वोच्च पराक्रम का प्रदर्शन कर पाकिस्तानी फौज के रास्ते की वह रुकावट बने, जिसे दुश्मन कभी पार नहीं कर सके। उन्होंने 15 जून 1999 को अपने साथियों के साथ तोलोलिंग द्रास सेक्टर पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर विजय प्राप्त की। इसके बाद 29 जून 1999 को नवल हिल पर पाकिस्तानी फौज को खदेडकर तिरंगा फहराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5417c6f453fadaeb35ea74d10cf2740f829f001c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ेंः यहां लीजिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले जायकों का स्वाद, शलजम के लड्डू का मजा ही कुछ और है। दूध उबलकर गिरा तो मां की क्रुरता आई सामने, मासूम बच्चों को निर्दयता से पीटा।ये भी पढ़ें- जानिए राजधानी में किस महकमे ने अपनाई इलेक्ट्रिक वाहन पालिसी, बदल दिए सारे वाहन ।ये भी पढ़ें- कवि कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को कुछ इस अंदाज में दी मित्रता दिवस की शुभकामनाएं, आप भी देखें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4a3f2d1f299beb2b06e84142ed3a55957886f01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिता के अंतिम दर्शनों से ऊपर उनके सपने को रखा । वंदना कटारिया के पिता का हाल ही में निधन हो गया। वंदना उस वक्त बंगलुरू में टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों में जुटी हुई थी। तब उन्हें पिता के अंतिम दर्शन के लिए जाना था, लेकिन पिता का सपना था कि बेटी ओलंपिक में स्वर्ण जीते और उनके इस सपने को पूरा करने के लिए कटारिया पिता के अंतिम दर्शन को नहीं गई और अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। कटारिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में शानदार प्रदर्शन कर पिता को श्रद्धांजलि दी है। वंदना के पिता की 30 मई को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e92429bdb9d91aa70ba0a1253bb017f92e721177 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ेंः यहां लीजिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले जायकों का स्वाद, शलजम के लड्डू का मजा ही कुछ और है। दूध उबलकर गिरा तो मां की क्रुरता आई सामने, मासूम बच्चों को निर्दयता से पीटा।ये भी पढ़ें- एक दोस्ती ने बदल दी देश की राजनीति की दशा और दिशा, वीडियो में देखिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का यादगार साथ ।ये भी पढ़ें- Delhi Cyber Crime: बाहरी राज्यों के साइबर ठग अलग-अलग तरीके से राजधानी के लोगों को बना रहे शिकार ।ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस अब अपने हर जिले में इन खास नेत्रों से भी अपराधियों पर रखेगी नजर, जानिए क्या है ये।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b20b121bb722a7fd26ca0652fcc5ea8082ba9300 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। साउथ इंडियन फिल्मों के मशहूर अभिनेता विजय की फिल्मों का इंतजार ना केवल साउथ की ऑडियंस होता है बल्कि हिंदी सिनेमा के दर्शकों को भी बेसब्रीस से रहता है। हाल ही में विजय ने अपने जन्मदिन के मौके पर अपनी आगामी फिल्म Beast का पोस्टर रिलीज कर उसके नाम की घोषणा की थी। तभी से इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। अब इस फिल्म में थलापति विजय के साथ एक और अभिनेता की एंट्री हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6704d99844854684a8bc9c10316bf28ead36f65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68841.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. अनिल प्रकाश जोशी। अब हिमालय के लोग बारिश का स्वागत नहीं कर पाते। उत्तराखंड हो, हिमाचल प्रदेश या जम्मू-कश्मीर अथवा लद्दाख, पश्चिमी हिमालय के सभी पर्वतीय राज्य बादल फटने के दुष्परिणाम झेल रहे हैं। पिछले दो दशक से पहाड़ के लोग सावन को शापित होता देख रहे हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में लगभग पांच जगहों पर बादल फटने के कारण बड़े नुकसानों की खबरें आईं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बादल फटने से जीवन बड़े संकट में जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..279be66e626179aa6f5e677421b0891723e86343 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। तकनीक के मामले में देशभर में सबसे मजबूत मानी जाने वाली दिल्ली पुलिस अब आसमान से भी अपराधियों पर नजर रखेगी। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने राजधानी के हर जिले में ड्रोन से निगरानी करने का निर्णय लिया है। फिलहाल, पायलट प्रोजेक्ट के तहत 18 लाख रुपये में दो अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे गए हैं, जिन्हें 'नेत्र' नाम दिया गया है। योजना के मुताबिक जल्द ही 15 ड्रोन और खरीदे जाएंगे। ।दरअसल, देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली बेहद संवेदनशील है। यहां आतंकी हमले का खतरा तो हमेशा रहता ही है। इसके साथ ही धरना प्रदर्शन व अन्य आंदोलन के चलते आए दिन बवाल होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में सुबूतों के अभाव में अपराधियों पर शिकंजा कसने में पुलिस को परेशानी होती है। इसे देखते हुए पुलिस ने ड्रोन खरीदने का निर्णय लिया है। इससे आसानी से आसमान से पुलिस संदिग्धों पर नजर रख सकेगी। इसके संचालन के लिए सात पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। ।सिंघु और गाजीपुर बार्डर के अलावा जंतर-मंतर पर पुलिस द्वारा इनका ट्रायल भी किया जा रहा है। किराये पर लिए जाते थे अब तक ड्रोन पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अब तक दिल्ली पुलिस के पास अपना कोई ड्रोन नहीं था। धरना-प्रदर्शन या बड़े आंदोलन के समय निगरानी के लिए पुलिस किराये पर ड्रोन लाती थी। इसके लिए प्रतिदिन 25 हजार रुपये किराया देना पड़ता था। इसके अलावा ये ड्रोन पुलिस की जरूरत के मुताबिक कवरेज भी नहीं कर पाते थे। ।ड्रोन से यह होगा फायदा ।ड्रोन के माध्यम से किसी भी घटना की वीडियोग्राफी कर संदिग्धों की आसानी से पहचान की जा सकेगी। ऐसे में बलवा या दंगे जैसे मामलों में अपराधियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य जुटाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बड़े कार्यक्रमों के दौरान आपराधिक तत्वों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। ।ये है खासियत ।= ये ड्रोन जीपीएस और हाई डाइमेंशन कैमरे से लैस हैं, जिससे अधिक दूरी का वीडियो बनाया जा सकेगा ।= एक से दो किलोमीटर की ऊंचाई पर 30 से 40 मिनट तक हवा में रह कर लाइव फोटो व वीडियो को रिकार्ड कर कंट्रोल रूम में भेजने की क्षमता है ।= एक से डेढ़ किलो तक वजन उठा सकेगा ।= पांच किलोमीटर की दूरी तक नजर रख सकता है ।= 360 डिग्री घूमने वाला कैमरा लगा है, जो चारो तरफ नजर रखेगा ।= एक बार प्रोग्रामिंग करने पर खुद ही पांच किलोमीटर के दायरे की पेट्रोलिंग करेगा ।= बैटरी खत्म होने की स्थिति आने से पहले मूल स्थान पर लौट आएगा ।= उड़ान के दौरान रिमोट से संपर्क नहीं होने की स्थिति में जहां से उड़ा था, वहीं पर आकर लैंड होगा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..348f475477a5e0dee577812f27a94d7eb3159a71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकृति के आंगन का यह मनभावन दृश्य देख मन बरबस ही मधुर गान गा उठता है। इसीलिए वर्षा ऋतु गीतों की ऋतु कही जाती है। यूं तो पावस के गीत चार महीने तक गाए जाते हैं किंतु इनमें सावन का महीना विशेष है। क्योंकि सावन प्रेम का मनभावन महीना है और गीत-संगीत प्रेम की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति है। इनमें भी लोकगीत हमारी आत्मा के स्वर हैं, जो हर श्रोता के मन को रस से सराबोर कर देते हैं। इसीलिए लोक ने सावन के हर क्षण के आनंद को गीतों में पिरोकर प्रेम और आनंद के इस भाव को स्थायी बना दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34bcaed37fb6975ef21bea63e348c8edd8133405 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविवार को 'दैनिक जागरण' से विशेष वार्ता में ओलिंपियन जगबीर सिंह ने यह बात कही। उन्होंने वर्ष 1988 और 1992 के ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। जगबीर ने कहा कि भारतीय पुरुष हाकी टीम का चार दशक बाद ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचना बहुत ही खुशी की बात है। हाकी में भारत के नाम सर्वाधिक ओलिंपिक पदक हैं। दो बार स्वर्ण पदकों की हैट्रिक भी है। वर्ष 1928, 1932, 1936, 1948, 1952 और 1956 में भारतीय टीम ने ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे। जगबीर सिंह ने कहा कि सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ मुकाबला मुश्किल होगा। अच्छे मनोबल और आत्मविश्वास के साथ खेल रही भारतीय टीम कुछ भी कर सकती है। क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारत को पेनल्टी कार्नर नहीं मिले, जो हमारी मजबूती है। यह बेल्जियम के खिलाफ निर्णायक साबित होंगे। हालांकि, जिस तरह क्वार्टर फाइनल में खिलाड़ियों ने फील्ड गोल्ड किए, अगर वो वैसा ही कर सके तो लाजबाव रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..abc5bd643d3ba4904b90bc9055e991785c27cb25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68851.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जहां तक उच्च शिक्षा में सुझाए गए बदलावों की बात है, उसके मूल में बहु-अनुशासनिकता प्रमुख है। यानी अब कला, विज्ञान और वाणिज्य जैसी खांचों में बंटी शिक्षा की बजाय युवक के समग्र विकास पर आधारित उदार और लचीली शिक्षा होगी। अब विज्ञान का विद्यार्थी संगीत भी पढ़ पायेगा। साहित्य का विद्यार्थी भी प्रौद्योगिकी सीख पायेगा। यह काम इतना आसान नहीं है। इसके लिए पहले शिक्षकों को अपने मन के भीतर की जंजीरों को तोड़ना होगा, तभी कुछ कामयाबी मिल पाएगी। कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने अंतर-अनुशासनिक विषय पढ़ाने शुरू किये हैं, लेकिन अभी तक उसका खास फायदा नही मिला है क्योंकि शिक्षकों ने ही इसे खुलकर नहीं अपनाया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षा संस्थानों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप खुद को बदलने के निर्देश दिये हैं, लेकिन अभी संस्थाएं इस पर चर्चाएं ही कर रही हैं। + +शिक्षा को और ज्यादा रोजगारोन्मुखी और कौशल केंद्रित बनाने के लिए कालेज शिक्षा के अलग-अलग चरणों से बाहर निकलने और पुन: प्रविष्ट होने की छूट देने को कहा गया है। कुछ विश्वविद्यालयों ने इसकी शुरुआत की है लेकिन अभी वह बेहद अपरिपक्व है, क्योंकि उसके लिए प्रत्येक वर्ष के पाठ्यक्रम को अपने आप में परिपूर्ण बनाना होगा, तभी बाहर निकल कर छात्र को उसके बल पर कोई रोजगार मिल पायेगा। इसी से जुड़ा हुआ बिंदु अकादमिक क्रेडिट बैंक का भी है ताकि बाहर निकलने वाले की पढ़ाई बेकार न जाये और पुन: लौटने पर उसे अपनी पुरानी पढ़ाई का फायदा मिल सके। प्रधानमंत्री ने इसका लोकार्पण तो कर दिया है, लेकिन उसका फायदा तभी हो पायेगा, जब विश्वविद्यालय अपनी स्नातक स्तरीय पढ़ाई की पुनर्रचना करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf5a210d474c9ccc1bd091d4b0f719986118d795 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाई कोर्ट की जरूरी नसीहत : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शनिवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान जो नसीहत दी है, वह जरूरी और मौजूदा दौर में बेहद प्रासंगिक है। हाई कोर्ट ने कहा है कि संविधान प्रत्येक बालिग नागरिक को अपनी मर्जी से धर्म अपनाने और पसंद का विवाह करने की स्वतंत्रता देता है। इस पर कोई वैधानिक रोक नहीं है। कोर्ट ने यह नसीहत दी कि विवाह के लिए धर्म बदलना शून्य व स्वीकार्य नहीं हो सकता। कोर्ट ने याद दिलाया कि बहुसंख्यकों (बहुल नागरिकों) के धर्म बदलने से देश कमजोर होता है। साथ ही इससे विघटनकारी शक्तियों को लाभ मिलता है। इतिहास गवाह है कि हम बंटे, देश पर आक्रमण हुआ और हम गुलाम हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d39a0a3ab8586c5421c859b00cb58e942cb7bec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68854.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। वैक्सीन मां और बच्चे दोनों के लिए ही सुरक्षित है। गर्भवतियों के साथ ही अब स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद बनने वाली जो एंटीबाडी मां के शरीर में बनती है, वो बच्चों तक भी पहुंचती है। विश्व स्तनपान सप्ताह पर वैक्सीन और स्तनपान को लेकर बनी भ्रांतियों को दूर करने के लिए शहर की स्त्री रोग विशेषज्ञों से बात की। + +स्तनपान कराने वाली महिलाएं बेझिझक वैक्सीन लगवाएं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। स्तनपान कराने वाली मां का टीकाकरण प्रसव के बाद कभी भी किया जा सकता है। वैक्सीन लेने के बाद अगर बुखार आता है, दर्द और थकान की शिकायत होती है तो भी घबराने की जरूरत नहीं। अगर दो दिन तक भी बुखार न उतरे, तब चिकित्सक से संपर्क करें।- डा. रेखा गुप्ता, सीएमएस, लेडी लायल अस्पताल।गाइडलाइंस में भी आया है कि वैक्सीन मां और बच्चे दोनों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। गर्भवती महिलाएं व स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। वैक्सीन के बाद बुखार आना सामान्य है, उसमें घबराएं नहीं। विदेशों में तो स्तनपान कराने वाली महिलाओं से बच्चों में एंटीबाडी पहुंच रही हैं, यह स्टडी में साबित हो चुका है। भारत में महिलाओं को जागरूक होना होगा।- डा. रूचिका गर्ग, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एसएन मेडिकल कालेज।छह माह होते ही शुरू करें पूरक आहार।जिला सामुदायिक प्रोग्राम मैनेजर डॉ. विजय सिंह ने बताया कि जिन बच्चों की उम्र छह माह की हो चुकी है उनकी माताएं पूरक आहार शुरू कर सकती हैं और इसके साथ मां का दूध जारी रखें। छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को घर पर बना तरल और ऊपरी आहार दो से तीन चम्मच देना है। धीरे-धीरे इसकी मात्रा और विविधता बढ़ानी चाहिए। साफ हाथों से पकाया साफ खाना ही बच्चे को खिलाना चाहिए। व्यावसायिक शिशु आहार जैसे डिब्बा बंद दूध, बोतल का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। माताएं हर माह बच्चे को वजन करा कर मातृ सुरक्षा एवं कार्ड में अंकित करवाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9c95c18b88927f9a66e80c6b5467e1abc474293 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +असम और मिजोरम के मध्य सीमा पर बीते 26 जुलाई को अचानक हुआ विवाद उग्र होकर खूनी खेल में बदल गया था। इस खूनी खेल में दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच लाठी-डंडे चले और गोलीबारी भी हुई। यह घटना असम के कछार जिले की सीमा पर हुई। इस तनावपूर्ण स्थिति से पहले असम राइफल्स ने 22 जून को दो व्यक्तियों को पकड़ा और म्यांमार से तस्करी कर लाए जा रहे युद्ध संबंधी सामग्री का एक बड़ा जखीरा बरामद किया। 26 जुलाई की घटना के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए तथा एक-दूसरे के पुलिस बल को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। इतना किए जाने के बाद दोनों मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से अविलंब हस्तक्षेप का अनुरोध किया। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने असम की पुलिस पर लाठीचार्ज करने तथा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के आरोप लगाए। वहीं असम की पुलिस ने यह बताया कि मिजोरम की तरफ से भारी संख्या में आए बदमाशों ने पथराव करते हुए अधिकारियों पर भी हमले किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e53542dc43d8c8a8f464c84594f61264828c2791 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। शहर काे स्मार्ट बनाने के नाम पर नगर निगम ने करोड़ाें रुपये की मशीनें व अन्य संसाधन तो खरीद लिए, लेकिन इनका उपयोग अब तक न हो सका। फिर इन्हें खरीदा ही क्यों गया, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। कूड़ा उठाने के वाहनों की खरीद भी खूब हुई, इनमें से आधे ही संचालित हैं। बाकी वर्कशाप, या फिर सेवा भवन में खड़े रहते हैं। वहीं, जिन संसाधनाें की अधिक आवश्यकता थी, उनका इंतजाम नहीं कराया गया। नवागत नगर आयुक्त गौरांग राठी के सामने ये मुद्​दा उठाया गया तो उन्होंने कहा कि संसाधनों का इंस्तेमाल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f8ede84eeaaebbc110349bd41a76be30460f1dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभी हमारे देश में ऐसी व्यवस्था कम ही हो पाई है, जहां मां का दूध फ्रिज करके रखा जाता है। ऐसी माताएं भी नहीं हैं, जो अपने दूध को मिल्क बैंक में देती हों। हां दूसरों के बच्चों को अपना दूध पिलाने की परंपरा अवश्य है। पर यह परंपरा केवल उन माताओं तक ही सीमित है जो गरीबी से त्रस्त होकर केवल धन कमाने के लिए ऐसा कर रही हैं। माताएं यह न भूलें कि वे अपनी संतान को एक वर्ष तक अपना दूध पिलाकर उसका भविष्य संवार रही हैं, उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर रही हैं और उसे सबल बना रही हैं, भविष्य में विषमताओं से जूझने के लिए। अंत में उन माताओं को प्रणाम, जो आज भी अपने दूध पर संतान का अधिकार समझती हैं, उसे दूध पिलाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01ec2ae98ce8a6b48d77d5d2b10a73f3288228f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68863.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस संबंध में अयूब का पूरा लेख पढ़कर केरल की कम्युनिस्ट सरकार की आंखें खुल जानी चाहिए, लेकिन वह तो कुछ देखना ही नहीं चाहती है। भारत को अस्थिर करने के लिए कश्मीर में पिछले कई दशकों से छद्म युद्ध लड़ रहा पाकिस्तान किसी भी सूरत में तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता पर बिठाना चाहता है। उसके नापाक इरादों को पूरा करने के लिए यह जरूरी है। इसलिए उसने भारत के साथ दिखावे के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है और वहां से सेना हटाकर उन्हें उत्तरी सीमा पर तालिबानियों की मदद में तैनात कर दिया है और भारत में लगातार ड्रोन भेज-भेजकर उसे उलझाए हुए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9742251b7a5ee5ead4b2299171cac60c4b4ce307 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68865.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में काम धंधे ठप होने के का प्रभाव जमीन की खरीद और बिक्री पर भी पड़ा है। सामान्य दिनों की तुलना में रजिस्ट्री कम होने के कारण प्रशासन ने इस बार भी सर्किल रेट में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। लगातार दूसरे साल सर्किल रेट में वृद्धि नहीं की जा रही है। इससे लोगों को वर्ष 2019-20 के सर्किल रेट पर ही रजिस्ट्री कराने का मौका मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d0a01529d8085037faf32fd4f6fa7a2809b1a08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार शनिवार तक आगरा में कोरोना के 25724 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 25259 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इन स्वस्थ हो चुके मरीजों में से लगभग 150 मरीज ऐसे हैं, जिनके फेंफड़े 60 से 70 फीसद तक प्रभावित हुए हैं। वे न तो घर के ही काम कर पा रहे हैं और न ही नौकरी पर जा पा रहे हैं। एसएन मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के डा. अजीत चाहर ने बताया कि मरीजों का लगातार फालोअप लिया जा रहा है। इसी दौरान यह जानकारी मिली। डा. चाहर का कहना है कि कोरोना वायरस से फेंफड़ों में परिवर्तन हुआ। फेंफड़ों के ऊतकों और थैलियों को इस वायरस ने बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसीलिए सांस संबंधी परेशानियां लंबे समय तक परेशान कर रही हैं। आक्सीजन का अब भी सहारा लेने वालों में तीन से चार चिकित्सक भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e833828402a4b70e339a6ef55042c35878d9d26a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68869.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्थान शनि मंदिर: दोपहर 12:15 मिनट का वक्त। बस संख्या यूपी45 एटी-2826 शनि मंदिर पर आती है। कुछ देर बाद सामने बने होटल और दूर खड़े लोगों को इशारे से बुलाया जाता है। लोग कम किराए की लालच में अपनी जान जोखिम में डालकर सवार हो जाते हैं। एक-एक कर करीब घंटेभर में सवारियां भरकर बस गंतव्य की ओर रवाना हो जाती है। + +जैसे ही जुटती है भीड़ पहुंच जाती है बस: अनधिकृत संचालन करने वालों ने यहां पर लोगों की डयूटी लगा रखी है। जैसे ही पर्याप्त सवारियां होने की सूचना मिलती है। कर्मचारी फोन से संपर्क कर तत्काल गाड़ी बुलवा लेता है और कुछ देर में ही बस सवारियां लेकर रफूचक्कर हो जाती हैं। कम किराया बता जल्दी पहुंचाने की बात कहकर यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाली डग्गामार बसों का खुलेआम संचालन रविवार को भी धड़ल्ले से होते दिखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fac217cde0dbf46db7b5140ec2e5d5a11b15dc3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68870.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलिस अधिकारी का कहना है कि जो आरोपित अभी गिरफ्तार नहीं किए गए हैं उनकी गिरफ्तारी के बाद पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा। आरोप पत्र में कहा गया है कि सुशील का माडल टाउन दो स्थित पत्नी सावी के नाम वाले विवादित फ्लैट में सागर व उसके दोस्तों द्वारा हिस्सा मांगने को लेकर ही झगड़े की शुरूआत हुई थी। इसके बाद में कई अन्य मसले पर भी इनके बीच विवाद बढ़ता चला गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45f245737b726408d4039c1acc32064540437c3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68871.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जातिगत सम‍ीकरण हल करने पर भी जोर ।नीतीश कुमार जहां खुद मुख्यमंत्री हैं। जदयू के प्रदेश संगठन की कमान वशिष्ठ नारायण सिंह की जगह उमेश कुशवाहा के हाथों में दी गई थी। अब पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद अगड़ी जाति से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को सौंपी गई। भाजपा ने चुनाव से पहले संजय जायसवाल के हाथों संगठन की कमान दी थी और उपमुख्यमंत्री पद पर अति पिछड़ी जाति की रेणु देवी और ओबीसी से आने वाले तारकिशोर प्रसाद को बिठाया था। + +यही वजह है कि आने वाले दिनों में हर दल की ओर से छोटे दलों को अपनी ओर खींचने की ज्यादा कोशिश होगी। जदयू संगठन में हुआ नेतृत्व परिवर्तन भी इसी लिहाज से देखा जा रहा है। बताने की जरूरत नहीं है कि बिहार चुनाव से पहले जदयू से बागी हुए नेता जीतन राम मांझी की वापसी हो गई थी। बाद में कभी राजग तो कभी संप्रग में छलांग लगाते रहे उपेंद्र कुशवाहा भी जदयू के हिस्सा हो गए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..543911f94d672f7bfe070a6ba25e3fc9db9d1f21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। केंद्र सरकार का टीकाकरण पर खास ध्यान है। जुलाई माह में 13 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है। दरअसल कोरोना महामारी से युद्ध में टीका एक अहम हथियार बनकर सामने आया है। दैनिक जागरण द्वारा झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में की गई एक पड़ताल के मुताबिक, बीते कुछ समय में इस महामारी से संक्रमित होने वालों में अधिकांश वह लोग हैं जिन्होंने टीके की एक भी डोज नहीं ली है। टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है। इससे साफ है कि टीका लगवाना कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने का एक कारगर उपाय है। + +झारखंड: टीका न लगवाने वाले 89 फीसद को हुआ संक्रमण। झारखंड में अभी 270 संक्रमित मरीज हैं, इनमें से 89 फीसद मरीजों ने टीका नहीं लगवाया है। जागरण ने संक्रमित मरीजों का हाल लिया तो पाया कि महज 11 फीसद लोगों ने ही टीके की पहली डोज ली है। दोनों डोज लेनेवाले गिने-चुने लोग संक्रमित हुए। जिसने एक डोज भी ली है, उसे भी गंभीर संक्रमण नहीं हुआ। महज तीन फीसद संक्रमित ऐसे रहे, जिन्होंने दोनों डोज लगवाई हैं। इनमें एक फीसद से भी कम को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। शेष होम आइसोलेशन में हैं। ।विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिक से अधिक टीकाकरण से ही हम सुरक्षित हो सकते हैं। झारखंड में सबसे अधिक 49 संक्रमित रांची में मिले जिसमें केवल पांच ने ही टीके की पहली डोज ली थी। दूसरी डोज इनमें से किसी को भी नहीं लगी थी। गढ़वा जिले में पिछले हफ्ते चेन्नई से लौटा एक मजदूर संक्रमित था। लापरवाही से 19 लोग संक्रमित हो गए। इनमें किसी ने टीका नहीं लगवाया था। ।बिहार: केवल 14 फीसद ऐसे मरीज जिन्होंने दोनों डोज लीं ।बिहार के आंकड़ें भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि टीका कोरोना से बचाव का कवच है। बिहार में इस वक्त कुल एक्टिव केस 456 हैं जिसमें 170 यानी 37.28 फीसद ने टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई है। इसमें से 220 यानी 48.24 फीसद पहली डोज लगवा चुके हैं। कुल 456 संक्रमितों में महज 66 यानी 14.47 फीसद लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। ।कानपुर: कोरोना के कुल 36 एक्टिव केस। कानपुर में वर्तमान में कोरोना के कुल 36 एक्टिव केस हैं। इनमें कोई अस्पताल में भर्ती नहीं है। गुरुवार को यहां कोरोना के 30 संक्रमित मिले थे। चार का पूर्ण टीकाकरण होने और दो को सिंगल डोज लगे होने की जानकारी मिली है। ।झारखंड के स्वास्थ्य विभाग राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाक्टर अजीत प्रसाद ने बताया कि ऐसे लोग संक्रमित कम हुए, जिन्होंने टीके की एक या दोनों डोज ले ली थी। दोनों डोज लेनेवाले संक्रमित भी हुए तो गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए। तीसरी लहर से बचाव में टीकाकरण, मास्क तथा शारीरिक दूरी का अनुपालन हथियार बनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45c2d863783d009e4e06d5f0890a1068d434ce00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68874.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। अर्जुन सोरेन ने कर्ज लेकर पांच बीघा जमीन पर लगी हरी सब्जी की खेती की। फसल तैयार हो जाती तो अच्छा मुनाफा होता। माथे से कर्ज का बोझ भी उतरता और घर-बाड़ी चलाने में मदद मिलती। लेकिन जंगली हाथियों के झुंड ने पूरी खेती को रौंदकर तहस-नहस कर दिया। गौरांग कर्मकार की भी पीड़ा यही है। हाथियों के झुंड ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। अब माथे पर घर चलाने की चिंता और कर्ज उतारने का बोझ है। + +बंगाल की सीमा से सटे झारखंड के घाटशिला के किसान जंगली हाथियों के उत्पात से ज्यादा परेशान हैं। घाटशिला के अलावा राज्य के 10 से अधिक जिलों में हाथी उत्पात मचा रहे हैं। झारखंड में हाथियों का आतंक बढ़ने की एक बड़ी वजह बंगाल है। दरअसल, बंगाल ने अपने इलाके में हाथियों के प्रवेश को बंद करने के लिए गड्ढे खोद दिए हैं। अपने प्राकृतिक गलियारे (एलिफैंट कारिडोर) से छेड़छाड़ के कारण जंगली हाथियों का गुस्सा किसानों पर उतरता है। ।खासकर धान की उपज होते ही हाथियों के झुंड की दस्तक से किसानों की रात की नींद गायब हो जाती है। रात भर जागकर वे मेहनत से उपजाई धान की फसल की पहरेदारी करते हैं, फिर भी वे इसकी रक्षा नहीं कर पाते। काॅरिडोर में ट्रेंच काटना एक बात हुई, अगर किसी दूसरे रास्ते से हाथी झारखंड से बंगाल चला जाए तो मेदिनीपुर वन रेंज के कर्मचारी अपने इलाके से हाथियों को तत्काल खदेड़ कर झारखंड पहुंचा देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94f84424568e6270c69cc881ea48ad92060e36fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68878.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुमार अजय, वाराणसी। इस कहानी की शुरुआत कोई दो दशक पहले हुई। मध्य प्रदेश के खंडवा निवासी गाडे परिवार के बुजुर्ग मुखिया का देहावसान हो गया। अंतिम गृह स्नान के लिए घर के आंगन में जब पार्थिव शरीर को वस्त्रों से मुक्त किया जाने लगा तो वहीं मौजूद दिवंगत के मासूम पौत्र प्रशांत गाडे के मन में बाल जिज्ञासा उभरी कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? पिता बोले-बेटा, जहां दादा जी जा रहे हैं, वहां कोई कुछ नहीं ले जा पाता। इस कठोर सत्य की जड़ें बालक प्रशांत गाडे के अंतस में गहराई तक बैठ गईं। उनके उत्कंठित मन ने 'लेकर नहीं जा सकते तो क्यों न दुनिया को कुछ देकर जाएं' का जज्बाती फलसफा गढ़ा। प्रशांत आज स्वनिर्मित रोबोटिक हैंड (स्वचलित हाथ) का आरोपण कर हजारों दिव्यांगों को बाहुबली बना रहे हैं। असली नायक का मान पा रहे हैं। + +तीन लाख के जर्मन रोबोटिक हैंड को दस हजार में बना रहे।जर्मन तकनीक से ढाई से तीन लाख रुपये में बनने वाले रोबोटिक हाथ में बदलाव किया और इसके निर्माण को महज दस-बारह हजार के खर्च में समेटकर प्रशांत ने अपना कौशल सिद्ध कर दिखाया। इन हाथों से दिव्यांग खाना खा सकते हैं, वजन उठा सकते हैं, कंप्यूटर और बाइक भी चला सकते हैं। बिजली से एक घंटे चार्ज करने के बाद एक हाथ 48 घंटे तक काम करता है। हालांकि जर्मन रोबोटिक हैंड को चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3b0d4ea33839ce019ced4ee94a2db1d2723277c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद आम लोगों के लिए एक मसीहा की तरह हैं। सोनू सूद ने कोरोना काल में लोगों की तकलीफ को समझते हुए उनकी मदद की। जिसके चलते हर कोई उनके गुणगान गा रहा है। सोनू सूद इन दिनों जो भी करते हैं वो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है। हाल ही में सोनू सूद ने कश्मीर के श्रीनगर में एक सड़क किनारे दुकान लगाने वाले शख्स से चप्पल खरीदी। उनका ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df73fce9bfa381f904f29625c8353915ef53f611 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतिहास।मुगल बादशाह अकबर ने पूरे देश को सद्भावना का संदेश दिया था। अकबर के शासनकाल में आमेर के राजा मानसिंह युद्ध के लिए अफगानिस्तान गए थे। वहां अटक पहाड़ी पर भ्रमण कर रहे थे, तभी उन्हें एक शिवलिंग मिला। उन्होंने उसे लाकर आगरा के एक वीरान स्थल पर स्थापित करा दिया। मंदिर के आसपास रावल राजपूत रहते थे, इसलिए इसका नाम रावली महादेव मंदिर पड़ गया। कालांतर में मंदिर परिसर का विस्तार हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89efbdba26944801c812a9deb7267321b4580ad4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/मोदीनगर [अनिल त्यागी]। मेजर आशाराम त्यागी का नाम आते ही हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। बचपन से ही आशाराम तेज तर्रार, स्फूर्तिवान, निडर थे। परिवार के साथ बाहर के लोग भी उनके अंदर की प्रतिभा को पहचानते थे और कहते थे कि एक दिन आशाराम परिवार का नाम रोशन करेंगे। अंत में हुआ भी यही। दो जनवरी 1939 को फतेहपुर जैसे छोटे गांव में पैदा हुए आशाराम त्यागी महज 20 साल की उम्र में 1959 में सेना में भर्ती हो गए। उनके पिता का नाम सगुवा सिंह था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97160b98b1e4a16014538682b005489c5a835846 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके माध्यम से आपदा के समय कई जरूरतमंदों को पुलिस ने मदद पहुंचाने का काम किया था। हालांकि फ्रेंडशिप डे के दिन ट्वीट की गई फोटो में कमिश्नरेट ने यूपी पुलिस के आदर्श वाक्य - 'आपकी सेवा में सदैव तत्पर' को सार्थक करने का प्रयास किया। ।पुलिस ने दिया यह संदेश: कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट ने ट्वीट की गई फोटो में लिखा कि - "प्रॉब्लम हो कोई...अपने 'दोस्त' 112 को भूल नहीं जाना रे!" इसके अलावा ट्वीट में लिखा गया है कि आपका वो दोस्त जो हमेशा कॉल उठाए इसलिए इसको #BhulNahiJanaRe।Aapka woh dost jo hamesha call uthaye...Isliye isko #BhulNahiJanaRe#HappyFriendshipDay #FriendshipDay2021 pic.twitter.com/mF33QeNwF0।इस तरह आप भी कर सकते हैं कानपुर पुलिस की मदद: ट्रैफिक लाइट का अनुपालन कराने के लिए पुलिस ने कानपुर शहर के कुछ चौराहों को स्मार्ट चौराहे के रूप में विकसित किया था। इनमें बड़ा चौराहा, परेड, लाल इमली, ईदगाह, फजलगंज, विजय नगर, चावला और नंदलाल चौराहे का नाम शामिल था। स्टॉप लाइन पर रुकने के बाद वाहनों के इंजन बंदकर आप भी कानपुर पुलिस की मदद कर सकते हैं। हालांकि आपके इस प्रयास से न केवल पुलिस को मदद को मिलेगी बल्कि शहर काे स्मार्ट बनाने में भी आपका योगदान होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4945d0d118ea70b091305cfd8f14a64c38db6e77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) के अलीगढ़ चैप्टर के गठन के साथ ही काम करने का रोड मेप तैयार किया है। अलीगढ़ निर्मित ताला-हार्डवेयर, आर्टवेयर व अन्य उत्पादनों पर मेड इन अलीगढ़ की मोहर लगेगी। इसका प्रस्ताव परित हो गया है। सरकार उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक निगम से आस्थान विकसित न कराकर उद्यमियों के समूहों को इंडस्ट्रीज क्षेत्र विकसित करने के लिए अधिकृत करें। सरकार इंन्फ्राष्ट्रेक्चर दे, तकनीक व उत्पादन की गुणवत्ता मैन्युफैक्चर्स खुद विकसित करेंगे। इस प्रस्ताव पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने सहमति जताई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c636bdc1bf6862122e26f70ae082e0dff95b8354 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित तिवारी। कल्पना व्यक्ति को ईश्वर की ओर से मिली सबसे बड़ी पूंजी है। यही कल्पना कई बार जीवन में बहुत से अनुत्तरित लगने वाले प्रश्नों के उत्तर भी सहज रूप से सामने रख देती है। 'अश्वत्थामा' और 'इंद्र' जैसे उपन्यास लिख चुके आशुतोष गर्ग ने इस बार 'कल्कि : दसवें अवतार का उदय' नाम से किताब लिखी है। इसमें उन्होंने धर्म और विज्ञान के तार जोड़े हैं। उनके बेटे अत्रि गर्ग ने भी इसका सह-लेखन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68890.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71912575367916a16fa98377dd01e4ae31672091 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहली बार होने वाले अपनी तरह के इस पहले आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिला प्रशासन को सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने और प्रभारी मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों का बुलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। 31 अगस्त तक आवेदन करने वाले सभी छात्रों (नवीनीकरण कराने वाले विद्यार्थी) को दो अक्टूबर को शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा। एक जिले में 200 से 300 छात्रों को समारोह में शरीरिक दूरी व कोरोना नियमों के तहत बुलाया जाएगा, लेकिन आवेदन करने वाले पात्र सभी छात्रों के खाते में आनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा। पहली बार नए आवेदन करने वाले छात्रों को 26 जनवरी को दुबारा होने वाले समारोह के साथ भुगतान सीधे खाते में भेजा जाएगा। पहली बार होने वाले समारोह को सफल बनाने के लिए हर जिले को विभाग की ओर से एक लाख रुपये का अतिरिक्त बजट भी दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c83dfa23a216e7f54d709398a55404342eb821ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चेतन आनंद की फिल्म 'हकीकत' युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी पहली हिंदी फिल्म मानी जाती है। इस फिल्म में चीन की धोखाधड़ी को रेखांकित किया गया है और भारतीय मानस पर चीन के धोखे के असर को भी संवादों के जरिए दिखाया गया। समीर चोपड़ा ने अपनी इस किताब में इतिहासकारों के हवाले से यह कहा है कि किसी भी देश का जनमानस जब जख्मी होता है तो देशभक्ति की भावना प्रबल होती है। फिल्म 'हकीकत' को उन्होंने इसी आईने में देखा है। 'हकीकत' फिल्म का एक गाना 'अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो' बेहद लोकप्रिय हुआ था। चेतन आनंद की एक और फिल्म 'हिन्दुस्तान की कसम' को भी लेखक ने अपनी इस पुस्तक में परखा है। यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 'ऑपरेशन कैक्टस लिली' को केंद्र में रखकर बनाई गई थी। लेखक ने अपनी पुस्तक में जे. ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'आक्रमण' को भी शामिल किया है। उनका मानना है कि 'आक्रमण' और 'हिंदुस्तान की कसम' में फिल्मकार सार्थक राजनीतिक संदर्भ देने में चूक गए। अपनी इस पुस्तक में समीर चोपड़ा ने फिल्म 'बार्डर', 'एलओसी कारगिल', 'लक्ष्य', 'विजेता' और 'द गाजी अटैक' का विस्तार से विश्लेषण किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..613c8dc6b5d0627d7a78ce2c4c70ed7f0e3f5f9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68892.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। HappyFriendshipDay- आज फ्रेंडशिप डे है। फ्रेंडशिप डे दोस्तों के लिए खास दिन है, जो भारत में हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस साल भी देश में ये 01 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस दिन दोस्त एक दूसरे से मिलते हैं और खुलकर इस खास दिन को मनाते हैं, बधाईयां देते हैं, पार्टी करते हैं और पूरे दिन फ्रेंडशिप डे का लुत्फ भी उठाते हैं। वैसे तो आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस 30 जुलाई को मनाया जाता है, भारत और बांग्लादेश जैसे कई देश इसे अगस्त के पहले रविवार को मनाते हैं। + +जाने माने कवि कुमार विश्वास ने भी इस दिन को अपने मित्रों को समर्पित करते हुए मनाया, उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट टि्वटर पर मित्रता दिवस पर कुल तीन पोस्टें की। एक में उन्होंने फ्रेंडशिप डे पर सुदामा और कृष्ण का जिक्र किया, दूसरी में एक कविता पोस्ट की और तीसरे में अपने 44 सेकंड के एक वीडियो को रिट्वीट किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a280d8c0961efbd35be2edb543526b942354fba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68893.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: किसान नेता राकेश टिकैत ने अब गाजीपुर बार्डर यूपी गेट से हरियाणा के किसानों से एक नई अपील की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र है। सभी हरियाणा के किसानों से मेरी अपील है कि तिरंगे के सम्मान में 15 अगस्त को देखते हुए कोई भी किसान साथी इस यात्रा का विरोध ना करें। हरियाणा में कार्यक्रम चले हुए हैं उनको करते रहे। + +हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र है। सभी हरियाणा के किसानों से मेरी अपील है कि तिरंगे के सम्मान में 15 अगस्त को देखते हुए कोई भी किसान साथी इस यात्रा का विरोध ना करें ।हरियाणा में कार्यक्रम चले हुए हैं उनको करते रहे।#FarmersProtest pic.twitter.com/zmHyM78bDp।वीडियो संदेश में राकेश टिकैत ने कहा कि जो उपद्रवी हैं वो इस यात्रा में हमारे ही भेष में आएंगे, तिरंगा यात्रा का विरोध करेंगे।उसके बाद हमें ही बदनाम करेंगे। यदि कोई भी किसान तिरंगा हाथ में ले रहा हैं तो वो उसका सम्मान करें। हम अपनी तिरंगा यात्रा निकालेंगे और मजबूती के साथ निकालेंगे। ट्रैक्टर के साथ निकालेंगे। + +मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर बीते 8 माह से किसान धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके धरने को खत्म करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है मगर कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है। इस बीच संसद के मानसून सत्र में भी किसान विरोध करने के लिए जंतर मंतर पर जाकर किसान संसद लगा रहे हैं। उनके एक विरोध का तरीका ये भी है। इससे पहले कई बार भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ये भी कह चुके हैं कि जब तक कानून वापसी नहीं होगी तब तक धरना दे रहे किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी। वो विरोध करते रहेंगे। ।ये भी पढ़ें- Happy Friendship Day: कुमार विश्वास ने किस तरह अलग-अलग अंदाज में दी बधाई, आप भी पढ़िए ।ये भी पढ़ें- इंटरनेट मीडिया पर खुलेआम धमकी देता था काला जठेड़ी, पढ़िए फेसबुक पर डाली गई कुछ पोस्टें ।ये भी पढ़ें- जानिए सात लाख के इनामी काला जठेड़ी ने सबसे पहले किस वारदात को दिया था अंजाम फिर बढ़ता गया गुनाहों का ग्राफ।ये भी पढ़ें- Indian Railways: दिल्ली रेल मंडल पूरी तरह से हो जाएगा डीजल मुक्त, जानिए क्या हो रही तैयारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99f4fec7aa821cd1d53638f9dcfca17ad008794b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68896.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यहां पर बता दें कि राजस्थान की लेडी डॉन कही जाने वाली अनुराधा चौधरी की तरह सोनू पंजाबन के भी कई प्रेमी रहे हैं। यहां तक कि सोनू पंजाबन ने तो आधिकारिक और गैरआधिकारिक रूप से कुल चार शादियां की, लेकिन दुर्भाग्य से सभी पति एनकाउंटर में मारे गए। यहां पर बता दें कि खूबसूरत अदाओं के बल पर पुलिस प्रशासन को भी चकमा देने वाली सोनू पंजाबन को कोई विष कन्या बुलाता है तो कोई हुश्न की शहजादी। यहां पर बता दें कि 10 महीने में 20 से अधिक हत्याओं को अंजाम देने वाले गैंगस्टर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने शुक्रवार रात को जबकि उसकी गर्लफ्रेंड अनुराधा को कुछ घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से सोनू पंजाबन भी चर्चा में है। + +प्रेमियों के अपराध में संलिप्त होने की वजह से हत्या में नाम जुड़ने के बाद रोहतक (हरियाणा) के नामी गैंगस्टर विजय से सोनू पंजाबन ने लव मैरिज की थी। यह शादी अन्य लोगों की जानकारी में नहीं आई, लेकिन इसे सोनू पंजाबन की चारों शादियों में शुमार किया जाता है। बताया जाता है कि गैंगस्टर विजय खूंखार हिस्ट्रीशीटर श्री प्रकाश शुक्ला का करीबी था, जिसका 1998 में यूपी के गाजियाबाद में एनकाउंटर हुआ था। सोनू पंजाबन की किस्मत यहां भी खराब निकली उत्तर प्रदेश विशेष जांच दल (UP STF) ने विजय को हापुड़ में मार दिया। कहा जाता है कि सोनू पंजाबन ने सहारे के लिए अशोक बंटी नाम का एक अपराधी से भी शादी की थी और अशोक ने ही सोनू को देहव्यापार के धंधे में उतारा था। कुछ सालों बाद दिल्ली पुलिस ने अशोक बंटी को भी एक एनकाउंटर में मार दिया। इसके बाद सोनू पंजाबन खुद ही अपने बूते देह व्यापार के धंधे में उतर गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a73fead870f1611d060b52c536a2d23df1ee466 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68898.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। ऐसा ही एक परिणाम जुलाई के मौसम को लेकर सामने आया है। एक अध्ययन के मुताबिक जुलाई के न्यूनतम तापमान में औसत से एक डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसा इस वर्ष ही नहीं बल्कि बीते चार वर्ष की जुलाई से हो रहा है। इसका परिणाम यह है कि जुलाई की रातें गर्म हो गई हैं। + +लगातार चार वर्ष में औसत से अधिक रिकार्ड हुआ जुलाई का न्यूनतम तापमान।अध्ययनकर्ता मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के मुताबिक जुलाई का औसत न्यूनतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस है जबकि बीते चार वर्ष से यह 26.1 से लेकर 26.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया जा रहा है। इस वर्ष भी जुलाई में न्यूनतम तापमान का औसत आंकड़ा 26.7 डिग्री सेल्सियस रहा। 2018 की जुलाई 26.9 डिग्री, 2019 में 26.3 डिग्री और 2020 में यह 26.1 डिग्री सेल्सियस सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। मौसम विज्ञानी के अनुसार इसकी वजह सूर्य की गर्मी का वायु प्रदूषण की वजह से जमीन पर पहुंचने के बाद वापस न लौटना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bafbcf8b0d27b7b0e02ea98379307cff06fde40d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [राकेश कुमार सिंह]। शातिर गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी की तलाश में स्पेशल सेल की 30 सदस्यीय टीम ने छह माह में नौ राज्यों की खाक छानी। इन सभी राज्यों में उसकी गर्लफ्रैंड अनुराधा भी उसके साथ ही रही और हर बार दोनों पुलिस को चकमा देकर पहले ही फरार हो जाते थे। यही नहीं पकड़े जाने से पहले तीन बार तो पुलिस के पहुंचने से कुछ ही देर पहले उसने ठिकाने को छोड़ दिया था। ।हालांकि, इस बार उसे सहारनपुर के यमुनानगर हाइवे स्थित अमानत ढाबे से गर्लफ्रेंड अनुराधा के साथ दबोच लिया गया। जठेड़ी के पास से उसकी पसंदीदा चाइनीज पिस्टल और अनुराधा के पास से किसी अन्य के नाम की लाइसेंसी रिवाल्वर बरामद हुई।जठेड़ी पर दिल्ली में 15 मामले दर्ज हैं जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी समेत अन्य राज्यों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। अनुराधा पर राजस्थान में 14 मामले दर्ज हैं। ।स्पेशल सेल ने ऐसे बिछाया जाल ।तिहाड़ जेल में बंद 600 शूटरों की फौज वाले गैंगस्टर बिश्नोई को मकोका में गिरफ्तार करने के बाद सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने जब उसे रिमांड पर लेकर जठेड़ी के बारे में पूछताछ की थी, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। इस पर विश्नोई की 20 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद उसे तिहाड़ भेज दिया गया। यहां उसे एक मोबाइल उपलब्ध करा दिया गया। उम्मीद के मुताबिक विश्नोई ने मोबाइल मिलते ही गिरोह के सदस्यों से बात करनी शुरू कर दी। इस बीच उसने जठेड़ी के बेहद करीबी के जरिये उससे बात की तब जाकर पता चला कि जठेड़ी उत्तराखंड में छिपा हुआ है। ।स्पेशल सेल ने एक महीने तक बिश्नोई के फोन काल्स पर नजर रखी। बदल लिया था हुलिया 15 दिनों तक पीछा करने के दौरान कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में वह अनुराधा के साथ नजर आया। इसके साथ ही उसने अपना हुलिया पूरी तरह से बदल लिया था। इस बीच उनसे तीन गाडि़यां बदली। शुक्रवार को वह क्रेटा से ढाबे पर पहुंचा था। स्पेशल सेल की 30 सदस्यीय टीम लगातार उसका पीछा कर रही थी। टीम ने नौ राज्यों में करीब दस हजार किमी का सफर तय किया। इस बीच वह गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड में छिपता रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7dc7ad29185dacac69e1b740cf9d16556fa717e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। KGF Chapter 2 Box Office Collection Day 4: 'केजीएफ चैप्टर 2' भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर साबित हो रही है। इस फिल्म ने जो किया वो अब तक के इतिहास में कोई नहीं कर पाया। केजीएफ 1 के पहले हिन्दी बेल्ट में तो कम से कम लोग यश के नाम से वाकिफ नहीं थे, पर अब ये एक्टर किसी ज़लज़ले की तरह आया और बॉक्स ऑफिस को उड़ा ले गया। केजीएफ वीकेंड में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। तो वहीं महज चार दिनों में यश की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 ने दुनियाभर में 500 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68904.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a944b8b179c25184e1a466e724000dad3cee6cb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68904.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। महामारी में अपने अभिभावकों को गंवाने वाली बेटियों की शादी पर काेरोना का ग्रहण नहीं लगेगा। सात फेरों के लिए बढ़ने वाले कदमों की राह में आर्थिक बेड़ियां रोड़ा नही बन सकेंगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों की मदद के बाद सरकार अब बालिग बेटियों के परिवारों की मदद को आगे आई है। जिन बेटियों की शादी तय हो चुकी थी। इस दौरान उनके माता-पिता में किसी एक की कोरोना से मौत हो गई है। इन परिवारों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत एक लाख एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82ba0174973be9dfd92868734a5d356e2dc5016d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68910.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उस वक्त गांव में वंदना के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ उनका भी मजाक उड़ाया था। वंदना को ताने सुनने पड़े, लेकिन पिता का मजबूत हाथ उनके सिर पर हमेशा रहा। इसने वंदना को आगे बढ़ने की हिम्मत दी और वो अपने सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाती गई। फिर मां सोरण देवी ने भी लोगों की बातों की परवाह नहीं की और वंदना के सपने को साकार करने के लिए उसके हर कदम में उसका साथ देने लगीं। + +लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं वंदना । वंदना ने हाकी की शुरुआत रोशनाबाद से ही की। क्षेत्र में खेलों को लेकर मजबूत सुविधाएं नहीं थी, जिसकी वजह से वंदना को अपने सपने को साकार करने के लिए कई तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ा। खेल का मैदान नहीं मिला न खेलने को साथी तो वंदना ने शुरुआती दौर में लड़कों के साथ ही प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। हालांकि, इसके लिए उन्हें और परिवार को कई बातें भी सुननी पड़ी। पर, उन्होंने इसकी परवाह नहीं की और वो धीरे-धीरे वो अपने खेल को निखारती गईं। फिर उन्होंने अपने खेल को मजबूती देने के लिए प्रोफेशनल तौर पर मेरठ से शुरुआत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9115370be7ca305f6fc8951974bbf375157b7a5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68911.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, डा. राकेश राय। Munshi Prem Chand Birth Anniversary 2021: कथा सम्राट प्रेमचंद पर जितना अधिकार बनारस का है, उतना ही गोरखपुर का भी। ऐसा इसलिए कि दो चरणो में अपनी गोरखपुर रिहाइश के दौरान वह यहां पढ़े भी और पढ़ाए भी। अगर यह कहा जाए कि साल 1892 से चार वर्ष के पहले प्रवास के दौरान ही इस महान कथाकार के कथा साहित्य की नींव पड़ी तो गलत नहीं होगा। इसका पुख्ता प्रमाण मुंशी जी की पहली कहानी 'मेरी पहली रचना' है, जिसे उन्होंने अपने मामा के चरित्र को ध्यान में रखकर यहीं लिखी। + +ईदगाह, नमक का दारोगा, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा पर है गोरखपुर की छाप। मशहूर उपन्यास 'सेवा सदन' जैसा उपन्यास भले ही बनारस की पृष्ठभूमि पर रचा गया है लेकिन उसकी पटकथा गोरखपुर से अनुप्रमाणित है, इसकी पुष्टि गोरखपुर विवि के हिंदी विभाग के आचार्य और प्रेमचंद साहित्य संस्थान के सचिव प्रो. राजेश मल्ल भी करते हैं। इस पुष्टि के पक्ष में प्रो. मल्ल का कहना है कि नार्मल स्कूल जहां प्रेमचंद का आवास था, वहां से कुछ ही दूरी पर उन दिनों बसंतपुर में नर्तकियों की बस्ती थी। ऐसे में इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि उपन्यास की पात्र सुमन को कथा सम्राट ने इसी बस्ती से तलाशा होगा, संदर्भ भले ही बनारस का हो। + +गोरखपुर से म‍िली 'दो बैलों की कथा'।साहित्यकार रवींद्र श्रीवास्तव जुगानी का दावा है कि मुंशी जी ने 'नमक का दारोगा' में जिस ईमानदार दारोगा वंशीधर को अपनी कहानी का मुख्य पात्र बनाया है कि वह और कोई नहीं वहीं पांडेय जी है, जो उन दिनों राप्ती नदी पर बने पीपा के पुल पर बताैर नमक का दारोगा तैनात थे और उनकी ईमानदारी की चर्चा पूरे इलाके में थी। इसी तरह 'दो बैलों की कथा' के दो बैल कहीं और के नहीं, राउत पाठशाला के पीछे उन दिनों मौजूद कांजी हाउस के थे। राउत पाठशाला और प्रेमचंद के आवास के बीच महज एक सड़क का फर्क था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68912.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41ad431c6140c48082ae044e08c252d6aaf9ab78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब्त कर लिया था गांव।नरहरपुर के राजा हरिप्रसाद सिंह, सतासी रुद्रपुर के राजा उदित नारायण सिंह, कुंवर सिंह के चचेरे भाई हरिकृष्ण सिंह, पांडेयपार, चिल्लूपार, शाहपुर के इनायत अली इस युद्ध में शामिल हुए। दक्षिण पूर्व के तीन सैनिकगढ़ पैना, नरहरपुर, सतासी के बीच बेहतर तालमेल था। अयोध्या सिंह, अजरायल सिंह, बिजाधर सिंह, माधव सिंह, देवीदयाल सिंह, डोमन सिंह, तिलक सिंह, ठाकुर सिंह के विश्वस्त सहयोगी थे। अंग्रेजों ने पूरे इलाके में कब्जा कर लिया। कमिश्नर के आदेश पर 23 अगस्त 1858 को पहले 16 फिर आठ और गांवो को पैना से जब्त कर मझौली को दे दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f4e5baeb0ada85bb281b7678376173339101959 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +25 साल की कमलप्रीत कौर का जन्म पंजाब के पटियाला में हुई था। पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली इस खिलाड़ी ने ओलिपिक में पूरे देश का नाम रोशन किया है। बचपन में पढ़ाई लिखाई में औसत रहने वाली कमलप्रीत का ध्यान खेल की तरफ था। उनकी दिलचस्पी पढ़ाई में कम देख शारीरिक शिक्षा कोच ने एथलेटिक्स की तरफ ध्यान देने की सलाह दी। साल 2012 में उन्होंने एथलेटिक्स में भाग लिया और पहली स्टेट मीट में उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68914.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3396913611aed1f929c161c0cd84b0d9487a7169 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनवरी, 2021 में यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बना ।जनवरी, 2021 में दो वर्षो के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का दो वर्षो के लिए अस्थायी सदस्य बनने के बाद जिस वक्त का भारत इंतजार कर रहा था वह अब आने वाला है। भारत अपनी तैयारियों को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विदेश सचिव श्रृंगला हाल ही में न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय का दौरा करके आए हैं। इस दौरान श्रृंगला ने उन देशों के प्रतिनिधियों से खास तौर पर मुलाकात की जिनकी मदद की दरकार भारत को अपनी अध्यक्षता के दौरान विभिन्न मुद्दों पर होगी। उन्होंने भारत के महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार देश फ्रांस की अध्यक्षता में लीबिया पर हुई बैठक में भाग लेकर फ्रांस के साथ अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस के साथ अलग से मुलाकात की और भारत की अध्यक्षता में उठाये जाने वाले मुद्दों के बारे में खास तौर पर चर्चा की। ।श्रृंगला ने अमेरिका में ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री से मुलाकात।विदेश मंत्री की हाल ही में हुई मास्को यात्रा के दौरान रूस के विदेश मंत्री के साथ भारतीय एजेंडे पर बात हुई है। ब्रिटेन के साथ भी भारत इस बारे में कूटनीतिक संपर्क में है। श्रृंगला ने अमेरिका में ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री से मुलाकात की थी। अगले हफ्ते जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिकेन के बीच की बैठक में भी यह एक अहम मुद्दा रहेगा। यूएनएससी के स्थायी सदस्यों में सिर्फ चीन ही ऐसा देश है जिसके साथ भारत ने इस बारे में अभी तक विमर्श नहीं किया है। अगस्त, 2021 में विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश सचिव की अमेरिका यात्रा की भी पूरी संभावना है। ये दोनों भारत के हितों को प्रभावित करने वाली बैठकों की अहमियत के मुताबिक वहां शिरकत करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d34edfb998d8e6178c62c19fb9f56f4ff7b28fcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन गांवों के किसानों ने अपनाई यह तकनीक।श्योपुर जिले के सोईंकला क्षेत्र के चिमलका, बगडुआ, कांचरमूली और जावदेश्वर क्षेत्र के गांवों में करीब पचास से अधिक किसानों ने यह तकनीक खेत खाली करने के लिए अपनाई। बलजिंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, गुरदीप सिंह, सरबजीत सिंह, मुख्त्यार सिंह, सुखदेव सिंह, हर्षदीप सिंह देवीमेला, सुल्तान मीणा, भगत मीणा, कर्म सिंह, गुलाब सिंह, राजेश सिंह सहित 50 से ज्यादा किसान बोरवेल के माध्यम से पानी भूगर्भ में पहुंचा रहे हैैैं। अधिकांश किसान सिख समुदाय से जुड़े हैं और करीब 10-15 साल पहले पंजाब से इस इलाके में खेत खरीदकर यहीं बस गए। इन्होंने यहां खेती में कई नवाचार किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c14dcb1413210e02d596fbc75b3a48e91402414 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, हिसार। कहते हैं कि ब्रिटेन की महारानी बिक्टोरिया अपनी सुंदरता बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से नहाती थी। मगर वैज्ञानिक दृष्टि से यह साबित नहीं हुआ है कि गधी का दूध कितना फायदेमंद होता है। ऐसे में देश में पहली बार हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) में गधी के दूध पर शोध शुरू किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40e28727212a3301d15fe50f7425f2b009ffb59b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट संकेत दे चुके हैं कि उन्हेंं अभी अपने मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं करना है, लेकिन हरियाणा भाजपा के नेता लगातार शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं । संसद भवन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके नए कार्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह राज्य के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला और सांसद रमेश कौशिक ने अलग से मुलाकात की। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने भी राव इंद्रजीत सिंह से मुलाक़ात की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a84f762a5069866976aa7d43af01b6ba5400d681 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68923.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सर्वेक्षण में खर्च किए छह लाख: सरकार की ओर से जारी किए गए छह करोड़ में पौने चार करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। उसमे सर्वेक्षण में छह लाख, किसानों को प्रोत्साहित करने में करीब एक लाख, शाकभाजी उत्पादन के लिए बीज व पालीहाउस बनाने में पौने तीन करोड़ और करीब चार करोड़ किसानों को प्रशिक्षण व सर्वेक्षण में खर्च किया गया। वर्तमान जिला उद्यान अधिकारी की ओर से पिछले वर्ष बजे करीब दो करोड़ भी वापस कर दिया गया। निदेशक डा.आरके तोमर ने बताया कि योजना के तहत किसानों का चयन किया गया है और उन्हें प्रशिक्षण देने का कार्य पूरा हो गया है। इस वर्ष योजना को अमली जामा पहनाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a3497885f5404ae31e2e43d8b2e3f40952e2db6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68925.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिंतामणि के कहने पर निकाली फिरदौस पत्रिका।इंडियन प्रेस के मालिक चिंतामणि घोष ने 1908 में प्रेमचंद को प्रयागराज आमंत्रित किया। उन दिनों प्रेमचंद कानपुर में रह रहे थे। सरस्वती पत्रिका के सह-संपादक अनुपम परिहार बताते हैं कि चिंतामणि चाहते थे कि उनके प्रेस से एक उर्दू पत्रिका प्रकाशित हो। उन्होंने जब अपनी इच्छा प्रेमचंद के समक्ष रखी तो वे खुशी से तैयार हो गए। चिंतामणि घोष ने जानना चाहा कि पत्रिका का नाम क्या होगा? प्रेमचंद ने उस उर्दू पत्र का नाम 'फिरदौस' तय किया और इसके संपादन के लिए मान गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cd91533b025acf91b0d612652f098bbcb8b5c7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देहरादून जू।देहरादून से तकरीबन आठ किलोमीटर मसूरी रोड पर देहरादून-जू हर किसी को भाता है। यहां दो सींग वाले हिरण, मोर, गुलदार, उल्लू, मगरमच्छ, और विभिन्न प्रजातियों की चिड़ि‍या देखने को मिल सकती है। यहां आने वाले सभी प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग की तरह प्रतीत होता हैं। यहा की सुंदरता समय बिताने के लिए बहुत ही अनमोल है। वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध यह स्थान शहर के व्यस्त जीवन से दूर रहने और आराम करने के लिए एक शानदार पर्यटक स्थल है। यह फोटोग्राफी, पिकनिक, शांत वातावरण और दर्शनीय स्थलों के लिए बहुत खास माना जाता है। यहां पर सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक प्रवेश मिल सकता है। ।टपकेश्वर मंदिर।शहर के केंद्र से लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर गढ़ी कैंट में स्थित ऐतिहासिक टपकेश्वर मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित टपकेश्वर मंदिर एक गुफा मंदिर हैं और यह मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यह श्रद्धेय मंदिर तमसा नदी के किनारे स्थित है जो कि इसे एक अद्वितीय पवित्रता प्रदान करता है। मंदिर शिव लिंग मंदिर के मुख्य परिसर में निहित है और शिवलिंग पर लगातार छत से पानी टपकते रहता है जिसे देखने के लिए लोगो की लम्बी भीड़ लगी रहती हैं। माना जाता हैं की इस गुफा को गुरु द्रोणाचार्य ने बसाया था जो द्रोण गुफा के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां ब्रह्मुहूर्त से शाम साढ़े छह बजे होने वाली आरती तक जलाभिषेक और दर्शन किए जा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d1af996a6975007953a2ae5b2a48a9e05ca820b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68927.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली यूनिवर्सिटी खामोश दीवारें हैं। मौन हैं क्लास रूम। मैदान में सन्नाटा है। गुमसुम हैं कैंटीन के चाय और समोसा। कभी चटख रंगों के पोस्टर से सजी रहने वाली दीवारें उदासी से भरी हैं। अब कोई इन पर नई बात नहीं कहता। नया नोटिस एक नए रूप, आकार में दमखम नहीं भरता। पोस्टर नहीं चिपकते। हो-हल्ला तो दो साल से मानो मौन साधना में है। उन छात्रों से पूछो जरा उन पर क्या गुजरी है जिन्होंने बड़े सपने को पूरा करने के लिए यहां दाखिला लिया। डीयू में दाखिला मतलब आपका स्टेटस सिंबल तो बनता है। नार्थ कैंपस में दाखिला हो जाए तो कहना ही क्या? छात्र के पांव कुछ दिन तो उत्साह के मारे जमीं से दो फीट ऊपर ही रहते हैं। लेकिन दो साल से ये सब कोरोना महामारी के अंधेरे में विलुप्त हो गया। पिछले वर्ष दाखिला लेने वाले छात्र दूसरे वर्ष में आ गए लेकिन कालेज की शक्ल तक नहीं देखी। जिस कैंपस में आने को, यहां की चकाचौंध में जीने को उतावले थे। अब तो घर बैठे ही क्लास चलती हैं, पढ़ाई होती है। न कोई क्लास में वेलकम और न कोई फ्रेशर पार्टी। उफ, ये कोरोना कैसी रूखी सूखी क्लास का टाइम आ गया। लेडी श्रीराम कालेज की छात्रा उज्जैन की रागिनी जैन का कहना है कि उन्होंने ग्यारहवीं कक्षा से ही बड़े ख्वाब सजाए थे कि वे डीयू जाएंगी और वहां के विस्तार से अपने भविष्य को आकार देंगी लेकिन पूरा सत्र ऐसे ही निकल गया और वे घर पर बैठकर केवल विषयों के अध्ययन से अधिक कुछ नहीं कर पाईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fb6cac8c347cdf26f24df962854e84b78c7b5df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंडिया टुडे से बात करते हुए शर्लिन ने बताया कि मुझे नहीं पता कि मैं अपना बयान कहां से शुरू और कहां खत्म करूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं किसी ऐसे स्कैंडल में फंसूंगी । शर्लिन ने कहा कि जब मैं राज से मिली थी तो मुझे लगा था कि मेरी जिंदगी बदल जाएगी। मुझे बड़ा ब्रेक मिलेगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि शिल्पा शेट्टी का पति मुझसे गलत चीजें करवाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8afa9a0227d1e9b52f3a7b5c53a673cc832b2363 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68930.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। भले ही आज हर हाथ में मोबाइल हो.. उसमें टाइम देखने का फीचर हो, लेकिन जो बात घड़ी में है, वो मोबाइल में कहां। घड़ी ऐसी एक्सेसरीज है जो आपकी पर्सनैलिटी को और भी आकर्षक बना देती है। तभी तो घड़ी के प्रति आज भी लोगों में आकर्षण बरकरार है। चांदनी चौक में पैकार्ड वाच कंपनी की दुकान पर पहुंचते ही घड़ी के शौकीनों की भीड़ देख आपको इस बात का एहसास हो जाएगा। यहां एक से बढ़कर एक एंटीक और लेटेस्ट घड़ियों की चमक आपकी आंखों में कुछ इस तरह रच-बस जाएगी कि उसे खरीदे बिना नहीं रह पाएंगे। 79 वर्ष पुरानी इस दुकान पर हाथ और दीवार घड़ी का बेहतरीन कलेक्शन उपलब्ध है। + +पैकार्ड गाड़ी से प्रभावित होकर रखा नाम। दुकान के मालिक अनवर शाहिद के मुताबिक वर्ष 1942 में उनके दादा शेख मुहम्मद शफी ने ग्रेट बिटिश वाच कंपनी नाम से यह दुकान शुरू की थी। इस नाम के पीछे का कारण बाताते हुए कहते हैं चूंकि उस समय अंग्रेजी शासन था तो दादा जी को लगा इस नाम से दुकान खूब चलेगी, इसलिए यह नाम रख दिया। लेकिन 1947 में जब देश आजाद हुआ तो उन्होंने दुकान का नाम बदलकर पैकार्ड वाच कंपनी रख दिया। + +50 एंटीक घड़ियां बढ़ा रही दुकान की शोभा। अगर घर में एंटीक घड़ी लगाने का शौक रखते हैं तो यहां आपको सैंडोज, फेवेर ल्यूबा व वेस्टेंड की एंटीक वाल क्लाक, अलार्म टाइम पीस क्लाक और रिस्ट वाच सहित करीब 50 एंटीक घड़ियां मिलेंगी। ये 1950 से 1980 के दशक के बीच खूब चलती थीं। अब इनकी ब्रांड कीमत कम जरूर हो गई है, लेकिन पुराने लोग आज भी इन्हें पसंद करते हैं। महज तीन से चार हजार में ये घड़ियां उपलब्ध हो जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..082aacf5345e6525d8dd3e165b8d1827a9a10a76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनजाने आए साथ, बढ़ाया मदद का हाथ : इसमें दो मत नहीं कि कोरोना काल में बच्चों ने अपनी क्रिएटिविटी को नया आयाम दिया। लेकिन ऐसे प्लेटफार्म कम ही रहे, जहां वे अपनी क्रिएटिविटी, आइडियाज, इनोवेशंस को शेयर कर सकें। अन्वी त्यागी एवं साची गुप्ता ने जरूर ‘वी हेल्प आवरसेल्वस’ (डब्ल्यूएचओ) प्लेटफार्म शुरू किया, जहां बच्चे-किशोर वीडियोज के जरिये अपना हुनर (कुकिंग, कोडिंग, आर्ट, फिल्ममेकिंग) दिखा सकते हैं। अन्वी कहती हैं कि हम हर बच्चे को एक मौका देना चाहते हैं जिससे वे अपनी पसंद की स्किल सबके साथ साझा कर सकें। इससे अन्य बच्चे भी अपनी रचनात्मकता को तलाशने के लिए प्रेरित होंगे। चेन्नई के आठवीं कक्षा के स्टूडेंट वेदांत भी एक-जैसी रुटीन को फालो करते-करते बोर हो गए थे। एक दिन उन्हें ‘टीच इंग्लिश इनिशिएटिव’ अभियान की जानकारी मिली। उन्होंने अपने दोस्तों से भी इस बारे में बात की और फिर एक अनूठी शुरुआत हो गई। वेदांत बताते हैं, हम कुछ दोस्त हफ्ते में एक या दो दिन ऐसे बच्चों को फोन करते हैं, जिनकी अंग्रेजी कमजोर होती है या उन्हें नहीं आती है। इससे पढ़ाने के साथ-साथ नये बच्चों को जानने का भी मौका मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f211616c906aefb38af83ec6dea82877b80466f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68939.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । हर घर में भरपूर जलापूर्ति की योजनाएं धरातल पर तो आ गईं, लेकिन इनका लाभ चुनिंदा इलाके ही उठा पा रहे हैं। बहुत से क्षेत्र अभी भी इनसे अछूते हैं। वाटर लाइन बिछाकर कनेक्शन दे दिए गए, लेकिन नलों से एक बूंद पानी नहीं टपका। जहां जलापूर्ति हो रही है, वहां लोग जल निगम पर निर्भर हैं। कहीं वाटर लाइन क्षतिग्रस्त है तो कहीं आपरेटर न होने से ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। बिजली गुल होने से भी जलापूर्ति बाधित रहती है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए नगर आयुक्त रहे प्रेम रंजन सिंह ने ''''मिनी ट्यूबवेल'''' प्रोजेक्ट पर मुहर लगाकर अनोखी पहल की है। तबादले से पहले ही उन्होंने टेंडर भी निकाल दिया। प्रत्येक वार्ड में एक मिनी ट्यूबवेल लगेगा, जहां पानी की टंकी भी होगी। बिजली चली जाए तो टंकी से पानी भरा जा सकता है। ऐसे 100 ट्यूबवेल लगने हैं। + +छह करोड़ का प्रोजेक्ट।मिनी ट्यूबवेल का प्रोजेक्ट करीब छह करोड़ रुपये का है। एक ट्यूबवेल में छह लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पिछले ही दिनों इसका टेंडर निकाला गया है। ट्यूबवेल स्थापित कराने के लिए नगर निगम जमीन भी उपलब्ध कराएगा। पुराने शहर को प्राथमिकता दी जाएगी। ये योजना सफल रही तो पेयजल की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। ।शहर में पेयजल आपूर्ति।- 13 लाख की आबादी है शहर में।- 225 एमएलडी पानी की है डिमांड।- 100 एमएलडी पानी की नलकूपों से आपूर्ति।- 80 एमएलडी पानी हैंडपंप व सबमर्सिबल से।- 140 नलकूप हैं पेयजल आपूर्ति के लिए।- 43 हजार नलकूप लगे हैं शहर में।- 65 हजार घरों में हैं पेयजल कनेक्शन।- 40 नलकूप अमृत याेजना के तहत बनवाए गए।- 19 नलकूप बिजली कनेक्शन न होने से बंद पड़े ।इनका कहना है।मिनी ट्यूबवेल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। टेंडर निकाले गए हैं। इस प्रोजेक्ट से पेयजल की समस्या काफी हद तक दूर होगी। ।अनवर ख्वाजा, जीएम जल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b134c41c31c4df1b4dc37222647302879568779 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68943.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[रजित मेहता] जब हम समय की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करते हैं तो कभी-कभी हमारे पास पूरे दम-खम से उस चुनौती का सामना करने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं होता है। किसी भी कीमत पर लड़ना और जीतना ही एकमात्र विकल्प होता है। कोविड महामारी के खिलाफ युद्ध के दौरान भारत भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर रहा है। कोविड के खिलाफ भारत द्वारा अपनाई गई रणनीति ने चाहे बेहतर परिणाम दिए हों, लेकिन वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट अभी भी बरकरार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e143eee8e26ce521715bed9975f3c5ac8a0f835 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68944.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[अंशु सिंह]। बैंकों की लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से गुजरने के बजाय ग्राहकों को न्यूनतम दर एवं आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रजत गांधी ने अपने दो अन्य सह-संस्थापकों के साथ मिलकर आनलाइन पीयर टु पीयर लेंडिंग प्लेटफार्म 'फेयरसेंट' की नींव रखी थी। यह देश का पहला लेंडिंग प्लेटफार्म है, जिसे आरबीआइ द्वारा एनबीएफसी-पीटुपी लाइसेंस प्राप्त है। 2020-21 के वित्तीय वर्ष में प्लेटफार्म से करीब 1945 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। इससे पहले के वित्तीय वर्ष में करीब 920 करोड़ रुपये के लोन का वितरण किया गया था। एक मार्केटर,स्ट्रेटेजिस्ट एवं ब्रांड बिल्डर के तौर पर 20 से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाले कंपनी के सीईओ रजत कहते हैं कि कोरोना काल चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन पीटुपी लेंडिंग प्लेटफार्म्स ने 12 से 14 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। मैं मानता हूं कि हमें बड़ा एवं सकारात्मक सोचने के साथ-साथ हमेशा कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना चाहिए। + +निजी अनुभवों से आइडिया।रजत कहते हैं कि पीटुपी का आइडिया कुछ निजी अनुभवों से आया। मेरे एक सहयोगी अलग-अलग दोस्तों से छोटे कर्ज लिया करते थे। एक बार उन्हें मोटरसाइकिल खरीदनी थी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट डालकर दोस्तों एवं परिवारवालों से आर्थिक मदद मांगी। एक हफ्ते में ही वह अपनी मोटरसाइकिल से आफिस आने लगे। इस तरह की कई अन्य घटनाओं एवं मेरे पूर्व के अनुभवों ने फेयरसेंट की नींव रखने में मदद की। 2011 में जब आइडिया पर काम करना शुरू किया, तब पीटुपी फाइनेंस के लिए इकोसिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं हुआ था। हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियां थीं। बिजनेस को स्केलेबल बनाना और विश्वसनीयता कायम करना। लोगों की क्रेडिट हिस्ट्री को जानने या परखने के लिए कोई क्रेडिबल ब्यूरो डेटा नहीं था। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट के विकल्प भी नहीं थे। दो साल लगे। फिर अपने सह-संस्थापक एवं कंपनी के सीओओ विनय मैथ्यू एवं नितिन गुप्ता के साथ मिलकर हमने कंपनी में निवेश किया। इसके बाद प्रोडक्ट को बनाने में करीब एक वर्ष लगे और आखिरकार 2014 में हमने इसे लांच किया। ।स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में विश्वास।भारत में बहुत बड़ा क्रेडिट गैप है। यहां एक बड़ी आबादी आज भी बैंकों का फायदा या तो बिल्कुल ही नहीं या फिर बहुत कम उठा पा रही है। ऐसे में पीटुपी लेंडिंग प्लेटफार्म ग्राहकों को आकर्षक रिटर्न देने के साथ ही विविध पोर्टफोलियो बनाने में मदद करते हैं। रजत की मानें, तो मांग एवं आपूर्ति को जोड़ते हुए इनकी कंपनी ने निवेश के लिए लोगों को वैकल्पिक माध्यम दिया है। इससे लघु एवं मध्यम उद्यमियों के साथ ही पर्सनल लोन आसानी से मिल पा रहे हैं। वह कहते हैं, यह सच है कि पीटुपी लेंडिंग स्पेस में अनेक आनलाइन प्लेटफार्म हैं। लेकिन आरबीआइ द्वारा सभी पीटुपी आनलाइन कंपनियों को एनबीएफसी-पीटुपी में रजिस्ट्रेशन कराने की अनिवार्यता से सही कंपनी ही सर्वाइव कर पाएगी। मैं मानता हूं कि किसी भी सेक्टर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का होना अच्छा है। बाजार में जितने अधिक प्लेयर्स होंगे, उतनी इसके प्रति जागरूकता आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f2e0507d4a2df55ca6f43069b147dd26eeb460a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68946.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सतकुइयां।रामबाग की उत्तरी दिशा में यमुना किनारे एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारक सतकुइयां है। यहां जहांगीर के दरबारी बुलंद खां का बाग था, जो उसके नाम पर ही बुलंद बाग के नाम से जाना गया। यहां यमुना की धारा में घुमाव होने से वाटर लिफ्टिंग सिस्टम बनाया गया था। रहट के माध्यम से यमुना का पानी उठाकर उसे जल प्रणाली के माध्यम से यमुना किनारे बने बागों तक पहुंचाया जाता था। जल प्रणाली के अवशेष आज भी मौजूद हैं। वर्षों की उपेक्षा, दीवाराें से ईंटें निकलने की वजह से सतकुइयां नष्ट होने के कगार पर पहुंच गया था। पिछले वर्ष एएसआइ ने यहां संरक्षण कार्य कराया। दीवारों से निकली ईंटों को दोबारा लगाई गईं। स्मारक के प्राचीन स्वरूप को बहाल करते हुए उसे संरक्षित किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00688f762cc9022aa129554d10849236c2d9e19b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68947.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +असल में मंडल की धारा से निकली राजनीतिक पार्टियां जातीय जनगणना में संभावना देख रही हैं। उन्हें लग रहा है कि राम मंदिर निर्माण आंदोलन के चलते मंडल की राजनीति में आए बिखराव को फिर एक बार पुराने माडल पर लाने में इससे मदद मिलेगी। यह हो पाएगा या नहीं इसके बारे में फिलहाल कोई राय नहीं बनाई जा सकती है, फिर भी इन दलों के लिए यह मुद्दा अर्थहीन नहीं है। इसमें उन्हें लंबी लड़ाई की गुंजाइश दिख रही है। राजनीतिक दल नए सिरे से गोलबंदी की संभावना देख रहे हैं। ऐसी ही संभावना तलाशने बिहार विधानसभा चुनाव में चार सीटें लाकर राज्य सरकार में भागीदार वीआइपी (विकासशील इंसान पार्टी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश चुनाव पर निगाहें लगा बैठे हैं। उन्होंने निषाद वोटों की गोलबंदी के लिए फूलनदेवी की प्रतिमा लगावाने की घोषणा कर दी। हालांकि लगने से पहले ही उनकी सारी मूर्तियां प्रशासन ने जब्त कर लीं और मंत्री मुकेश सहनी को वाराणसी हवाई अड्डे पर ही रोक कर कोलकाता रवाना कर दिया। इससे वे बहुत खिसियाए हुए हैं। इतने खिसियाए कि एनडीए विधायक दल की बैठक में भी अपनी टीम सहित शामिल नहीं हुए। वे एनडीए में उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं और मंत्री पद भी नहीं छोड़ना चाहते। दरअसल उनका प्रयास है कि उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत दिखा भाजपा से गठबंधन कर कुछ सीटें हासिल कर पाएं। फिलहाल भाजपा भाव देती नहीं दिख रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccc8cb81f7a3c238dc96dc03f54d951be6c52d03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68948.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जब वह प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर एसएलवी 3 का प्रक्षेपण करने के लिए सात वर्षों से अथक प्रयास कर रहे थे और अंततः 1979 में वह घडी भी आ गई, जब इस उपग्रह का प्रक्षेपण होना था। यह हमारा अंतरिक्ष में पहला प्रयास था, जब प्रक्रिया शुरू हुई तो पहले चरण में सब कुछ ठीक था। सब सांस रोकर इसको देख रहे थे। तभी दूसरे चरण में उपग्रह नियंत्रण से बाहर हो गया। 317 सेकंड के बाद पूरा ढांचा समुंद्र में गिर गया। पूरी टीम पर जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा। ये पल सबके लिए सदमे से कम नहीं थे। उस दिन एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। + +संगठन के अध्यक्ष प्रोफेसर सतीश धवन ने स्‍वयं पत्रकारों के सभी प्रश्‍नों के उत्तर पूरे आत्मविश्वास के साथ दिए और कहा कि ये अभियान बहुत जटिल होते हैं और हम इसकी पूरी जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या कमी रह गई और आने वाले एक वर्ष के अंदर हम पुन: इसका सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करेंगे। उनकी बातों ने टीम के अंदर एक नया आत्मविश्‍वास भर दिया। 18 जुलाई, 1980 को प्रक्षेपण की घड़ी आ गई और इस बार हम सफल हुए। यह भारत का अंतरिक्ष में पहला कदम था। इस कामयाबी से भारत अंतरिक्ष में उपस्थित विश्‍व के थोड़े से देशों में शामिल हो गया था। इस बार भी प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन था और प्रोफेसर धवन ने इस बार माइक मेरे आगे कर दिया और मुझे सारे जवाब देने दिए। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुझे लीडरशिप का सबसे बड़ा सबक सीखने को मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c4965d991b1232938ee6e4dcdd6c07a9214d1a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68950.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे होगी खरीद।आइजीएल किसानों से बाजार मूल्य के हिसाब से अनाज खरीदेगा। एथेनाल प्लांट स्थापित होने के बाद व्यापारी एवं क्रय केंद्रों के अलावा किसानों को तीसरा विकल्प भी मिल जाएगा। किसानों का खराब अनाज भी एथेनाल बनाने के लिए प्रयोग किया जाएगा। इसलिए उन्हें खराब अनाज की ङ्क्षचता करने की भी जरूरत नहीं होगी। एक तरह से कृषि के क्षेत्र में इससे बड़ा बदलाव आ सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eef46ab21d3530c128da66f46c99a47979e394bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के एक साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि, 'जब हंसी-खुशी से पढ़ाई होगी तो कामयाबी तय है।... राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति देश के युवा वर्ग के सोच के अनुरूप है। 21वीं सदी के युवाओं को एक्‍सपोजर चाहिए। वे शिक्षा के पुराने बंधनों और पिंजरों से मुक्‍त होना चाहते हैं।' इस मौके पर प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़ी दस नई पहल की। इसमें 'आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस फार आल' भी, जिसके तहत शिक्षा प्राप्‍ति के सभी चरणों में छात्रों को एआइ से संबंधित कोर्स करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e8d52f942fc4a5388533915cfd9beb99af3a044 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आईएएसएस पोट्सडैम जर्मनी के रिसर्च ग्रुप लीडर डॉक्टर महेस्वर रूपाखेटी ने कहा कि दुनिया के अनेक हिस्सों में साफ हवा में सांस लेना एक लग्जरी की तरह है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम 100 फीसद प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। मौजूदा हालात ऐसे हैं कि वायु प्रदूषण से जुड़ी चीजों को बहुत संकीर्ण तरीके से परिभाषित किया जा रहा है और हम इस मुद्दे पर सामान्य समझ को नजरअंदाज कर रहे हैं। इन रेखांकित प्रक्रियाओं को समझना जरूरी है कि हम इस हालत में किस वजह से पहुंचे या किन-किन कारकों ने असर डाला। हम दक्षिण एशिया में ऊर्जा रूपांतरण के बारे में बात करते हैं। यह किस प्रकार से वायु प्रदूषण से तथा स्वास्थ्य प्रभावों से जुड़ा है। जलवायु और कृषि नीति का क्या मामला है और वे किससे किस तरह से जुड़े हुए हैं। इस तरह के रेखांकित तथ्य आमतौर पर विमर्श से गायब रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37f1f2369abca67d093397740f39b409d51d23c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीएसई के सस्टेनेबल सिटीज प्रोग्राम की अर्बन लैब टीम के प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी कहते हैं, विश्लेषण से पता चलता है कि सर्दियों के महीनों में भी ओजोन मानकों को पूरा नहीं करने वाले दिनों की संख्या बढ़ने लगी है, जिससे सर्दियों का स्माग और अधिक जहरीला हो गया है। मूल्यांकन में जुलाई 2018 और जुलाई 2021 के बीच विभिन्न मौसमों - गर्मी (मार्च-जून), सर्दी (अक्टूबर-फरवरी) और मानसून (जुलाई-सितंबर) के दौरान रुझानों का पता लगाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02fabf84dd4dc92d880775e2e9158e5600177594 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रैंक 2-। चिकित्सक बनने की कर रहीं तैयारी।श्याम नगर निवासी व जिले में दूसरा स्थान लाने वाली अनुष्का जुनेजा ने बताया कि वे चिकित्सक बन लोगों की सेवा करना चाहती हैं। कोरोना काल मेें चिकित्सकों की भूमिका देख वे दृढ़संकल्पित हो गई हैं। एमबीबीएस की तैयारी कर रही हैं। पिता विनोद जुनेजा की क्वार्सी चौराहे पर ओपी इलेक्ट्रानिक्स के नाम से प्रतिष्ठान है। माता मीनू जुनेजा ग्रहणी हैं। बड़ी बहन आरुषी जुनेजा एमबीए की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों के आशीर्वाद को दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea875978c9a0aeb65142138f68870813acdff6df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68958.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोंडा, [रमन मिश्र]। आइए आपको एक ऐसे शख्स से मिलाते हैं, जिसके मन में गांवों से बीमारी के खात्मे का जुनून है। इसके लिए वह कुछ अलग पहल कर रहे हैं। बहराइच के कैसरगंज के निवासी डा. महताब लखनऊ में एक चिकित्सा संस्थान (फातिमा) में कार्यरत हैं। वह हर रविवार को गांव में ओपीडी चलाते हैं। यहां पर निश्शुल्क इलाज के साथ ही गांवों में लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं। गांव के वह पहले डॉक्टर हैं, इसलिए उन्हें यहां के लोगों से बेहद लगाव है। हार्ट, शुगर तथा अन्य बीमारियों की दवा फ्री देते हैं। + +गोंडा के कर्नलगंज से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कैसरगंज निवासी डा. महताब खान की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट हुकुम सि‍ंह इंटर कालेज से किया। एमबीबीएस व एमडी उन्होंने कि‍ंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ से किया। फेलोशिप उन्होंने अमेरिका के हावर्ड यूनिवर्सिटी से किया। इसके बाद वापस लखनऊ आकर उन्होंने लखनऊ के फातिमा हॉस्पिटल में कार्य शुरू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99687900d0d5373bb84850769daff0a478d7734a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे बनाते हैं शिकार।ठग नाम के साथ रिश्तों का संबोधन लगाते हुए झांसा देते हैं कि वह उनके किसी रिश्तेदार के पति या भाई हैं। बताया जाता है कि किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण वह अपने बैंक खाते में किसी से राशि नहीं ले पा रहे हैं, आप अपना खाता नंबर दे दें। यदि व्यक्ति झांसे में आ जाता है तो उसके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाती है। बाद में उनसे किसी और खाते में यह राशि जमा करवा ली जाती है। राज्य साइबर सेल के पास ऐसे कई मामले आ चुके हैं। खाते में जमा होने वाली राशि भी असामान्य या बड़ी नहीं होती, इसलिए बैंकों को भी शक नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99fb3bf0800cdc3225460b13bc07d2f997d4e9c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68962.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइएएस बनना चाहते हैं दिव्यांश: डीपीएस बर्रा के छात्र दिव्यांश सचान को मानविकी वर्ग 99.4 फीसद अंक मिले। जूही कला (बर्रा) निवासी दिव्यांश ने बताया कि उसने परीक्षाओं से पहले रोजाना छह से सात घंटे तक पढ़ाई कर अपनी ठोस तैयारी की। दिव्यांश के पिता पंकज सचान व माता रेखा सचान सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं। पढ़ाई के अलावा दिव्यांश को डांस करना खूब भाता है। उनका कहना है कि मैं आइएएस बनना चाहता हूं, और देशसेवा करना चाहता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4a86a5dd95d6d97d6eee8426a6f8f72e2114ff8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68964.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शशांक शेखर भारद्वाज, कानपुर। देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बनकर उभरे ड्रोन की तकनीक से सेना के प्रशिक्षु अधिकारी रूबरू होंगे। वह रोबोटिक्स, ड्रोन, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत अन्य तकनीक में दक्ष होकर संचालन और डिजाइनिंग करना सीखेंगे। उन्हेंं पारंगत करने का जिम्मा आइआइटियंस संभालेंगे। इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के छात्रों की संस्था यूनिट आफ साइंस एंड एजूकेशनल डेवलपमेंट (यूनिसेड) और इंडियन मिलिट्री अकादमी के बीच करार हो चुका है। यह प्रशिक्षण आइआइटी कानपुर, दिल्ली, गुवाहाटी, रुड़की के विशेषज्ञ देंगे। + +माहौल बिगाडऩे वाले अराजकतत्व और आतंकी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में आतंकी साजिश व हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है। जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला किया गया। इसको देखते हुए सेना में अहम जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार किए जा रहे युवाओं के विशेष प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है। उन्हेंं ड्रोन के संचालन, उनको पहचानने और कार्यप्रणाली की जानकारी दी जाएगी। इस प्रशिक्षु अधिकारियों की मदद के लिए रोबोट भी तैयार किए जाएंगे। यह मेटल डिटेक्टर की तरह काम करके बारूदी सुरंग और अन्य तरह के बम को खोजने में मदद करेंगे। इसके लिए इंडियन मिलिट्री अकादमी में रोबोटिक्स और ड्रोन के लिए अत्याधुनिक लैब विकसित की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd5cce75e9d37cd0b624cb343db0c1f7c357b633 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68965.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इटावा, [गौरव डुडेजा]। Etawah Safari Latest News काले मृग (एंटीलोप) व चीतल (स्पॉटेड डियर) को इटावा सफारी पार्क का माहौल खूब रास आया है। यहां सुरक्षा और भोजन की प्रचुरता की वजह से इनकी वंशबेल बीते पांच साल में तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2016 में डियर सफारी के शुभारंभ पर यहां 20-20 काले मृग व चीतल लाए गए थे। अब काले मृग 77 व चीतल 50 हो चुके हैैं। सफारी में डियर की उछलकूद देखने के लिए खासी संख्या में दर्शक आ रहे हैैं। इन वन्यजीवों की संख्या के साथ पर्यटक बढऩे से सफारी के अधिकारी उत्साहित हैैं। ।सफारी पार्क में 10 नर और 10 मादा काले मृग और इतने ही चीतल को कानपुर और लखनऊ चिडिय़ाघर से लाया गया था। उसके बाद से पांच सालों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी। मादा काला मृग व चीतल गर्भधारण के बाद साढ़े पांच माह में बच्चों को जन्म देती है। यही कारण है कि इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। सफारी पार्क में हिरनों की सबसे बड़ी प्रजाति सांभर की संख्या भी अब 13 हो गई है। इन्हेंं भी वर्ष 2016 में जब लाया गया था तो इनकी संख्या 9 थी। इनका गर्भाधारण काल साढ़े आठ माह का होता है। + +शेड्यूल-1 श्रेणी के जानवर हैं: काला मृग व चीतल केंद्र सरकार के वन्यजीव अधिनियम 1971 के अंतर्गत शेड्यूल-1 श्रेणी के वन्यजीव हैं। ये खुले मैदानों में रहते हैं जिसके कारण इनका शिकार हो जाता है। सर्वाधिक चीते ही इनका शिकार करते हैैं, इसलिए केंद्र सरकार ने इन्हेंं संरक्षित करने के लिए शेड्यूल-1श्रेणी में रखा है। इटावा सफारी पार्क में इनको संरक्षण के उद्देश्य से लाया गया है। काले मृग को कृष्ण मृग भी कहा जाता है और यह अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। इनका शिकार भी प्रतिबंधित है। ।इनका ये है कहना: ।इटावा सफारी पार्क में काले मृग व चीतल की संख्या बढ़ोत्तरी सुखद है। इसका प्रमुख कारण इन्हेंं पर्याप्त भोजन व सुरक्षा मिलना है। संरक्षण होने के कारण इनके गर्भाधान में कोई व्यवधान नहीं आता है। संख्या बढऩे पर इन्हेंं देश के अन्य चिडिय़ाघरों में भी भेजा जाता है। - अरुण कुमार सिंह, उपनिदेशक इटावा सफारी पार्क।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68966.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c970f8a3f51c5d016edd2b0223e1ca57b6fd14d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68966.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल और डिजिटलाइजेशन के दौर में साइबर अपराध भी बढ़ने लगा है। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों की जमा पूंजी को पार कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस के त्वरित कार्रवाई करने के साथ ही लोगों का सतर्क रहना भी जरूरी है। इसलिए अब पुलिस पब्लिक की मदद से साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसेगी। एडीजी राजीव कृष्ण ने इसके लिए जोन स्तर पर जन जागरूकता अभियान शुरू कराया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22c0e3a14753ceecdba6e9adb1d302d33a4c9b97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68968.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आनलाइन डेस्क, देहरादून। Happy Friendship Day 2021 घूमने का शौक भला किसे नहीं होता। दोस्तों का साथ हो और मौसम सुहावना इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है। आपके मन में भी अक्सर ख्याल आता होगा कि झटपट बैग पैक किया जाए और निकल पड़ें एक लंबे सफर पर दोस्तों संग। तो अब अपने मन की सुन लीजिए और चले आइए उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में सुकून और रोमांच के पल बिताने को। यहां कई ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं, जो न सिर्फ आपकी थकान को मिटाएंगे, बल्कि जिंदगी जीने के असल मायने भी बताएंगे। + +भारत के स्विटजरलैंड नाम से मशहूर कौसानी बेस्ट च्वाइस । विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और भारत के स्विटजरलैंड नाम से मशहूर कौसानी भी एक खूबसूरत स्थल है घूमने के लिए। ये प्रकृति प्रेमी, ट्रैकिंग करने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। ये खूबसूरत हिल स्टेशन बागेश्वर जिले में 6075 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर बसा है। मनमोहक पहाड़ियों और पर्वतों के अलावा कौसानी आश्रमों, मंदिरों और चाय के बगानों के लिए भी जाना जाता है। अनाशक्ति आश्रम यहां का एक प्रसिद्ध आश्रम है, जहां महात्मा गांधी कुछ दिन के लिए रुके थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..696dc14fc24ee56669dd68a0f62921c17303c88d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी तरह वीरवार को भी सुरेश कुमार ने अनुसूचित जाति से संबंधित मांगों को पूरा करने के लिए बैठक की। इधर, सिद्धू ने 30 जुलाई को दोपहर ढाई बजे पार्टी के अनुसूचित जाति से संबंधित विधायकों की बैठक बुला ली। हालांकि इससे पहले कि मीटिंग होती, शाम को मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में एससी वेलफेयर बिल लाने को मंजूरी दे दी। एक के बाद एक उठाए जा रहे ऐसे कदमों को कैप्टन और नवजोत सिद्धू के बीच वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। जहां सिद्धू मुद्दों को लगातार उठा रहे हैं, वहीं कैप्टन समय रहते उन मुद्दों को छीनने का काम कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35a5e77a1ae20a58a119980ea0f23f0d9efb789f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68972.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [अरविंद कुमार द्विवेदी]। प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए सेंट्रल रिज को विलायती कीकर से मुक्त करने की योजना बनाई गई है। सेंट्रल रिज के तहत आने वाले बुद्धा जयंती पार्क, तालकटोरा स्टेडियम व दिल्ली कैंट के बड़े क्षेत्र को चरणबद्ध तरीके से कीकर मुक्त किया जाना है। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति व डीडीए की बायोडायवर्सिटी पार्क परियोजना के प्रभारी प्रो. सीआर बाबू के नेतृत्व में दिल्ली के अन्य बायोडायवर्सिटी पार्कों में भी यह काम किया जा रहा है, लेकिन राजधानी की कालोनियों व गांवों के पार्कों और हरित क्षेत्रों में फैले कीकर पर किसी का ध्यान नहीं है। यहां से कीकर हटाने के लिए न तो कोई योजना चल रही है और न ही स्थानीय लोग इन्हें हटा सकते हैं। ।कानूनी मजबूरियों और जटिल प्रक्रिया के कारण बायोडायवर्सिटी पार्कों से भी कीकर को पूरी तरह से खत्म होने में अभी कई साल लग सकते हैं। ग्रेटर कैलाश के जहांपनाह सिटी फारेस्ट, कालकाजी स्थित हंसराज सेठी उद्यान, ओखला स्थित डीडीए की भूमि, तुगलकाबाद फोर्ट का इलाका, एमबी रोड पर लालकुआं व प्रेमनगर आदि इलाके कीकर से भरे पड़े हैं। हालांकि, जहांपनाह सिटी फारेस्ट व हंसराज सेठी उद्यान में देशज पेड़-पौधे लगाकर चरणबद्ध तरीके से कीकर को हटाया जा रहा है, लेकिन कालोनियों व गांवों के आरडब्ल्यूए पदाधिकारी निगम व वन विभाग से कीकर हटाने के संबंध में शिकायत भी करते हैं तो उन्हें नियम-कानून का हवाला देकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। ।कानूनी संरक्षण बन रहा कीकर उन्मूलन में बाधा ।बायोडायवर्सिटी पार्कों में कीकर उन्मूलन के लिए काम कर रहे पारिस्थितिकी विज्ञानियों का कहना है कि कीकर को काटने या पूरी तरह से हटाने में सबसे बड़ी बाधा ट्री एक्ट है। सभी पेड़ों की तरह कीकर को भी इस एक्ट में कानूनी संरक्षण प्राप्त है। कीकर को काटने या हटाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होती है। वहीं, बिना काटे कीकर को हटाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। दक्षिणी दिल्ली के उप वन संरक्षक अमित आनंद ने बताया कि पहले कीकर के पेड़ की टहनियों को काटकर कैनोपी बनाकर इसकी छाया खत्म की जाती है। ।फिर इसके आसपास देशज पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। जब ये बड़े हो जाते हैं तो इनकी छाया में कीकर की ठूंठ को सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती है, जिससे वह धीरे-धीरे सूख जाता है। इसके तहत सिर्फ उन्हीं टहनियों को काटा जाता है, जिनकी मोटाई दस सेंटीमीटर तक होती है। वहीं, इसके आसपास कीकर के नए पौधे नहीं उगने दिए जाते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा वक्त लग जाता है। कीकर उन्मूलन प्रोजेक्ट के तहत ट्री अथारिटी के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। ।विलायती कीकर के यह हैं नुकसान ।देशज पेड़ों की जड़ें पानी को ऊपर खींचती हैं, जिससे भूजल स्तर ऊपर उठता है, जबकि कीकर की जड़ें बहुत गहरे तक जाकर पानी सोख लेती हैं। इससे कीकर के आसपास की जमीन का भूजल स्तर और गिरता जाता है। यह देशज पेड़ों की अपेक्षा अधिक पानी सोखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95e75bf381bf6b27f5b9e774c95d332873de987c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हाल के महीनों में सार्स-कोव-2 संक्रमण में निरंतर वृद्धि देखी गई है। इस साल अप्रैल और मई में हफ्ते दर हफ्ते इस क्षेत्र में 20 लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए। कुछ क्षेत्रों में तो टेस्ट पाजिटिविटी दर 40 फीसद से भी अधिक पाई गई। कई सदस्य देशों में कोरोना के गंभीर वैरिएंट मिले हैं और संभव है कि संक्रमण तेजी से बढ़ने में इनकी भी भूमिका हो। पूरी दुनिया इस समय कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में नाजुक क्षण पर है। कोई देश सुरक्षित नहीं है। सब खतरे की जद में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfe1c7e01a2540b9cdefbd218ef40c067288779f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68974.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। देश व विदेश में विभिन्न संस्थाओं के शोध में यह बात सामने आई है कि ओ तथा ओ पाजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगों पर कोरोना का असर कम रहा है। लेकिन गोरखपुर में इसके ठीक उल्टे परिणाम देखने को मिले हैं। जिन कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, उनमें सबसे ज्यादा लोग पाजिटिव ब्लड ग्रुप थे और उसमें भी सबसे अधिक संख्या ओ पाजिटिव ब्लड ग्रुप वालों की थी। 30 मृतकों में से 29 पाजिटिव ब्लड ग्रुप के थे। निगेटिव ब्लड ग्रुप के केवल एक व्यक्ति की मौत हुई। + +आठ जून से 23 जुलाई तक 47 संक्रमितों की मौत।बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में आठ जून से 23 जुलाई तक 47 संक्रमितों की मौत हुई। इसमें से 30 मरीजों के खून का नमूना कालेज प्रशासन ने उनका ब्लड ग्रुप जांच करने के लिए लिया था। सर्वाधिक 10 मौत ओ पाजिटिव ब्लड ग्रुप वालों की थी। ए पाजिटिव व बी पाजिटिव ब्लड ग्रुप के आठ-आठ मरीजों ने दम तोड़ा। एबी पाजिटिव ब्लड ग्रुप के तीन मरीजों की मौत हुई। एक मात्र संक्रमित बी निगेटिव था, जो कोरोना से जंग हार गया। + +अब भर्ती होने वाले सभी मरीजों के लिए जाएंगे ब्लड नमूने।कोरोना संक्रमितों के ब्लड ग्रुप पर पूरी दुनिया में हो रहे शोध को देखते हुए कालेज प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब जो भी संक्रमित भर्ती होंगे, उनके ब्लड के नमूने लिए जाएंगे। ताकि संक्रमण का सबसे ज्यादा असर किस ब्लड ग्रुप के लोगों पर पड़ रहा है। इसका अध्ययन किया जा सके। साथ ही पूर्व में कोरोना वार्ड में उन मरीजों के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं, जो गंभीर रूप से बीमार थे और उनकी ब्लड से संबंधित कुछ जांचें की गई थीं। इससे पता चल सकेगा कि उनका ब्लड ग्रुप क्या था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0256ece458e571e3e9b1252213f6e2414ec7ec99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वामपंथियों के लिए बंगाल में दोहरी परेशानी है। एक तरफ कांग्रेस की तृणमूल से बढ़ती नजदीकी है तो दूसरी ओर समाप्त हो चुका जनाधार है। ऐसे में माकपा किस ओर जाए इसे लेकर परेशान है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के बाद अपने रुख में बदलाव करते हुए माकपा ने संकेत दिया है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से लड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने को भी तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbeff86e7de9fcf64e967f78d6ceedd9b1d3296c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीके ने बचाईं कर्ई जिंदगियां: अमेरिका में 16.3 करोड़ लोगों को टीके की दोनों डोज लग चुकी है। 65 साल से ज्यादा उम्र के करीब 90 फीसद को कम से कम एक डोज लग चुकी है। एक आकलन के आधार पर टीकाकरण के दम पर वहां जून के आखिर तक 2,79,000 लोगों की जान बची और 12.5 लाख लोगों को अस्पताल नहीं जाना पड़ा। मई में अमेरिका में 18 हजार से ज्यादा जानें गईं, जिनमें से दोनों डोज ले चुके लोगों की संख्या मात्र 150 थी। इंग्लैंड में टीके के कारण 30,300 लोगों की जान बचने का अनुमान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08510036f71a755d15a6fd4589ef0990cf4c9183 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68981.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पीयूष द्विवेदी। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से एक दिन पूर्व केंद्र सरकार द्वारा एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें 33 दलों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट किया था कि सरकार सदन में हर मुद्दे पर स्वस्थ चर्चा के लिए तैयार है और सदन को सुचारु ढंग से चलाने के लिए उन्हें सभी दलों का सहयोग चाहिए। इस बैठक के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि मार्च में संसद का बजट सत्र निर्धारित समय से तेरह दिन पूर्व ही समाप्त हो जाने के चलते जो कार्य लंबित रह गए थे, उन सबकी भरपाई भी इस मानसून सत्र में हो जाएगी, लेकिन यह सत्र शुरू होने के बाद से जो नजारा दिखाई दे रहा है, वह बेहद शर्मनाक है। + +मानसून सत्र को एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इस दौरान शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो जब विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित न करनी पड़ी हो। सत्र के पहले दिन भारतीय संसद की परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विस्तारित मंत्रिपरिषद के नए सदस्यों से सदन का परिचय करवाना था, लेकिन विपक्षी सांसदों ने संसदीय परंपरा की भी परवाह न करते हुए ऐसा हंगामा किया कि सरकार के नए मंत्रियों का परिचय नहीं हो पाया और बिना इसके ही सदन की कार्यवाही आगे बढ़ानी पड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..106510129d987853d3598538301deedce6c42f6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68982.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मानसून के दौरान देश में भारी बारिश तथा बाढ़ आने, बादल फटने और भूस्खलन से देश के विभिन्न क्षेत्रों में तबाही का यह सिलसिला डरावना और चिंताजनक है। दुख की बात है कि मानसून के दौरान देश का एक बड़ा हिस्सा पहले बाढ़ का कहर ङोलता है और फिर बाढ़ के पानी के उतरने के पश्चात भिन्न-भिन्न बीमारियों से जूझता है। जब तक जन-जीवन पटरी पर आता है तब तक एक और बाढ़ का समय आ चुका होता है। और कहानी फिर स्वयं को दोहराती है। नदी का जल उफान के समय जब जल वाहिकाओं को तोड़ता हुआ मानव बस्ती और आसपास की जमीन को चपेट में लेता है तो इसी को बाढ़ की स्थिति कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bdb2b281269ed7c8420a82cecd3838b7a80d356 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68983.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिअद बादल मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी है। पार्टी अब तक कमेटी के कामकाज को प्रचारित करने के साथ ही विरोधी दलों के नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है। अब स्थिति पलट गई है। कमेटी के फंड के दुरुपयोग के आरोप में मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद पिछले दिनों लुक आउट नोटिस जारी हो गया है। इससे शिअद बादल के नेता बचाव की मुद्रा में हैं। दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और जग आसरा गुरु ओट (जागो) के नेता हमलावर हैं। + +शिअद दिल्ली (सरना) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना का कहना है कि डीएसजीएमसी के इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार के आरोप में अध्यक्ष के विदेश जाने पर पाबंदी लगाई गई है। इन्हें अब अध्यक्ष पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को इनसे इस्तीफा देने के लिए बोलना चाहिए। इस मामले में शिअद बादल की चुप्पी भी हैरान करने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..180dbc3eb54598047b97b77d5fc175c244675f20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा में एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में बैडमिंटन हाल बना हुआ है। यहां प्रतिदिन सुबह-शाम खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। सरकार एक ओर तो खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की बात करती है, लेकिन स्टेडियम में पिछले सत्र से बैडमिंटन का कोच नहीं है। पिछले सत्र में कोच की तैनाती नहीं हो सकी थी। इस सत्र में बैडमिंटन कोच शुभा गुप्ता की तैनाती स्टेडियम में की गई थी, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। स्टेडियम प्रशासन ने खेल निदेशालय को इससे अवगत करा दिया है। जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष विनोद सीतलानी ने बताया कि उन्होंने चीन में गांवों में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बने हुए देखे थे। यहां शहर में भी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स नहीं हैं। ऐसे में हम चीन की बराबरी कैसे कर सकते हैं। हमें इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने के साथ स्कूल लेवल से ही प्रतिभा संपन्न खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित करना होगा। सरकार इस ओर ध्यान दे तो हम क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी आगे बढ़ सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68986.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c93fbc27927bea5dbed9a41e6a62c19b6a45f746 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68986.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, श्रीलंका के खिलाफ जब भारतीय टीम तीन मैचों की टी20 सीरीज के आखिरी मुकाबले में कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेलने उतरेगी तो ये भारतीय टीम का टी20 विश्व कप 2021 से पहले आखिरी सीमित ओवरों का मैच होगा। इसके बाद इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के बाद भारतीय खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल 2021 के बाकी बचे सत्र के मैच खेलने के लिए संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में एकजुट होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..497c076094d7b79d8d2247680131205e9d46b858 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, जालंधर। मानसून की दस्तक के साथ ही गर्मी से भले ही राहत मिलती है लेकिन बारिश की बूंटों के साथ ही बीमारियों के पनपने के रास्ते भी खुल जाते हैं। बरसात के दिनों में नमी का स्तर बढ़ने की वजह से फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। पाचन प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। इस दौरान सावधानी बरतना ही सबसे बड़ा परहेज है। सावधानी हटी तो ठंडा मौसम और नमी से भरा वातावरण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। बैक्टीरिया का प्रसार और फंगल के कारण कई तरह के संक्रमण और बीमारियां हो सकती हैं। फ्लू से लेकर डेंगू तक कई ऐसी बीमारियां हैं जो मानसून के समय ही अपना सर उठाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8106c8e916ec7ae99e518565dee97ee99e3b2013 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68988.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, गोहाना (सोनीपत)। कारगिल युद्ध में लांस नायक सुखबीर सिंह द्रास सेक्टर में तैनात थे। जून, 1999 में इस सेक्टर में भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों में भयंकर युद्ध हुआ था। पाकिस्तानी सैनिक घात लगाकर हमले कर रहे थे। 13 जून को पाकिस्तानी सैनिकों ने फायरिंग कर दी थी। सुखबीर सिंह ने साथियों को बचाने के लिए तत्काल जवाबी फायरिंग शुरू की और पाक सैनिकों की तरफ दौड़ पड़े थे। उसी दौरान उनके सीने में गाली लगी और घायल हो गए। घायल होने के वे बावजूद लड़ते रहे थे और पाकिस्तानी सैनिकों को पीठ दिखाकर भागने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में देश के लिए शहादत दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e759ae95edf2de6236009e2b69b490f24914c75e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68990.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिर्फ नौ माह की थी बेटी । जिस समय राजेंद्र सिंह शहीद हुए, उस समय उनकी इकलौती बेटी विजय यादव मात्र नौ माह की थी। शहीद की वीरांगना, भाई महेंद्र सिंह व परिवार के लोगों ने विजय यादव को खूब पढ़ाया। विजय ने एमए-बीएड तक पढ़ाई की। उनका विवाह महावीर चक्र विजेता गांव गोकलगढ़ निवासी चमन सिंह यादव के भाई दलीप सिंह से हुआ। राजेंद्र सिंह के पिता श्यालू सिंह को भी प्रथम विश्व युद्ध में विक्टोरिया कमीशन से अलंकृत किया गया था। गांव के सरकारी स्कूल व मुख्य द्वार का नाम शहीद राजेंद्र सिंह के नाम पर रखा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..124375f0e50ddcb93d3c670ad87bf8a8fa1ac36b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताजनगरी में छोटे-बड़े सैंकड़ों किटी क्लब हैं। कुछ किटी क्लब मोहल्ले, कालोनी और सोसायटी वाले हैं तो कुछ में सदस्यों की संख्या 100 से ज्यादा हैं। पिछले साल मार्च से सितंबर तक सभी किटी क्लबों ने अपनी गतिविधियों पर विराम लगा दिया था। इस दौरान सभी क्लबों ने आनलाइन सक्रियता बढ़ाई। कई क्लबों ने कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने के लिए वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर साझा किए। अनलाक में गतिविधियां काफी एहतियात के साथ शुरू की गईं जो दूसरी लहर में फिर बंद हो गईं। किटी क्लबों की पार्टियां अभी नहीं हो रही हैं। किटी क्लब कोरोना की संभावित तीसरी लहर आने और गुजर जाने का इंतजार कर रहे हैं। ।प्रीटि वुमेन क्लब की संचालिका चंचल गुप्ता ने बताया कि हम अपने सदस्यों की संख्या का निर्धारण करेंगे। अभी हमारे ग्रुप में 60 सदस्य हैं, पर अब हम नए सदस्यों को जोड़ने से पहले विचार करेंगे। सितंबर के बाद ही गतिविधियां शुरू होंगी। उसमें भी सिर्फ वही सदस्य आएंगी, जो वैक्सीन लगवा चुकी होंगी। जो सदस्य बीमार होगी, उसे किसी भी कार्यक्रम में आने की अनुमति नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94ad84ea635f39a90a9139ac72f1e64919c5adca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, स्टेट ब्यूरो। पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक हुई तो थी तालमेल बिठाकर काम करने को लेकर, लेकिन दोनों के बीच खिंचाव जगजाहिर हो गया। सिद्धू ने बैठक करके एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की मगर फिर अपनी आदत के मुताबिक बैठक के एकदम बाद ट्विटर पर वह पत्र जारी कर दिया जो उन्होंने कैप्टन को दिया है। चारों कार्यकारी अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री के कार्यालय में जाकर बैठक करके उन्होंने हाईकमान को यह संदेश तो दे दिया कि वह सरकार से सामंजस्य बिठाने का प्रयत्न कर रहे हैं, साथ ही कैप्टन पर दबाव बनाने की कोशिश भी कर डाली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_68999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_68999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e933931daed1a6567d442aa82d2b79fbaf98515 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_68999.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, जागरण संवादददाता। जायरीन 10 अगस्त से उमरा कर सकेंगे। सऊदी अरब हुकूमत ने उमरा करने की अनुमति दे दी है। कोरोना संक्रमण के चलते प‍िछले वर्ष मार्च से ही उमरा करने पर रोक थी। भारत से जाने वाले जायरीन को 14 दिन क्वारंटीन रहना होगा। इससे यात्रा 15 दिनों से बढ़कर एक माह और खर्च भी दोगुना हो जाएगा। आमतौर पर एक व्यक्ति के उमरा करने पर 60 से 75 हजार रुपये तक का खर्च आता था। + +गोरखपुर-बस्ती मंडल से हर साल उमरा पर जाते हैं 12 हजार जायरीन। उमरा करना अनिवार्य नहीं है बल्कि स्वैच्छिक है। उमरा के लिए समय की कोई बाध्यता नहीं है। हज के मुकाबले उमरा करना काफी सस्ता होता है, इसलिए हर साल बड़ी संख्या में लोग उमरा करने जाते हैं। इसके लिए वीजा म‍िलना शुरू हाे गया है। इस यात्रा के लिए वीजा आवेदन के साथ वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र की प्रति लगाना अनिवार्य होगा। कोरोना की वजह से पिछले वर्ष की तरह इस बार भी भारतीयों को हज पर जाने का मौका नहीं मिला। ऐसे में वे मोर्हरम के महीने उमरा करने की तैयारी कर रहे हैं। हर साल गोरखपुर-बस्ती मंडल से करीब 12 हजार जायरीन उमरा करने सऊदी अरब जाते हैं। + +दोगुना हो जाएगा खर्च।ट्रेवल एजेंसी संचालक मोहम्मद माज ने बताया कि हर साल बड़ी संख्या में लोग उमरा पर जाते हैं। वहां जाने वालों में ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा होती है जो हज का खर्च (करीब तीन लाख रुपये) उठा सकने में सक्षम नहीं होते। 15 दिन क्वारंटीन रहने की शर्त की वजह से खर्च करीब-करीब दोगुना हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e791797fc7155e2b672a4ce3d4717facfa9e6a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रणवीर सिंह की फिल्म 'जायेशभाई जोरदार' आज 13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है। फिल्म में भ्रूण हत्या के समाजिक मुद्दे को कॉमेडी के साथ दिखाने की कोशिश की गई है। रिलीज से पहले रणवीर सिंह प्रामोशन में जोर शोर से जुटे हुए थे, लेकिन उनका स्टारडम शायद इस बार दर्शकों को इंप्रेस नहीं कर पाया क्योकि फिल्म को मिली जुली प्रतिक्रियां मिल रही हैं। अगर आप भी फिल्म को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो 'जायेशभाई जोरदार' का ट्विटर रिव्यू यहां जरूर पड़ लें। + +फिल्म के फर्स्ट और सेकेंड हाफ के बारे में बताते हुए एक यूजर ने लिखा, 'जयेशभाई जोरदार देखी मैंने और यह ईमानदारी से एक बहुत ही जबरदस्त अनुभव है, अच्छा फर्स्ट हाफ और बहुत ही उबाऊ सेकेंड हाफ के साथ! रणवीर ने कुछ दृश्यों में हद से भी ज्यादा बेहतर परफॉर्मेंस दी, सिद्धि की भूमिका निभाने वाली लड़की इस फिल्म की सबसे अच्छी बात है।'।Done with #JayeshbhaiJordaar and it is honestly a very underwhelming experience, Good first half with a very boring second half! Ranveer went way too much Over the top in some scenes,the girl who played Siddhi is the best thing about this movie.।STRICTLY AVERAGE at max, 2.5/5⭐️।एक और यूजर ने फिल्म में रणवीर की बेटी के किरदार में नजर आने वाली कलाकार की तारीफ की और कहा, 'सच कहूं तो जयेशभाई से ज्यादा जोरदार अभिनय उनकी बेटी ने की है .. वह फिल्म की स्टार हैं ...'।To be frank.. Jayesh bhai se jyada Jordaar acting unki beti ne ki hai.. She is the star of the movie... @RanveerOfficial #JayeshbhaiJordaar pic.twitter.com/GMDUse1qjn।एक अन्य यूजर ने कहा, 'जयेशभाई जोदार में रणवीर शानदार हैं। भूमिका को अविश्वसनीय रूप से अच्छी तरह से चित्रित किया है, उनकी बॉडीलैंग्वेज, किरदार की बारीकियों और टोन, सब कुछ कमाल का है। लेकिन इस तरह की आला फिल्म में अपना समय बर्बाद कर रहे हैं जो बेहद ही आम है किसी को अपनी ओर खींचने के लिए।'।@RanveerOfficial is brilliant in #JayeshbhaiJordaar . Portrays the role incredibly well , his body language , nuances of the characters and the tone , everything is phenomenal . But wasting his time in such niche film that too average one would affect his pull for sure.।वहीं फिल्म ट्रेड एनालिस्ट और क्रिटिक सुमित कदेल ने जयेशभाई जोदार के लिए रणवीर की तारीफ की लेकिन स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन से ज्यादा खुश नजर नहीं आए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'कन्या भ्रूण हत्या के मुद्दे पर आधारित जेजे एक बेहद उबाऊ फिल्म है, जो अपनी कहानी में मनोरंजन और हास्य प्रदान करने में विफल है। रणवीर सिंह का अभिनय अच्छा है लेकिन वह नीरस पटकथा और निर्देशन से ऊपर नहीं उठ सके।'।#JayeshbhaiJordaar ⭐️🌟 ( 1.5)।Based on the issue of female foeticide JJ is a extremely boring film which fails to provide entertainment & humor in its narrative. #Ranveersingh act is decent but he couldn’t rise above the monotonous script & direction.।SURE SHOT DISASTER. pic.twitter.com/8krJ2GoWJZ।जयेशभाई जोरदार’ की बात करें तो यह यश राज फिल्म्स के बैनर तले बनी है। जिसका निर्देशन दिव्यांग ठक्कर ने किया है। इस फिल्म में रणवीर सिंह के साथ शालिनी पांडे उनकी पत्नी की भूमिका में है। इनके अवाला बोमन ईरानी और रत्ना पाठक भी मुख्य भूमिकाओं में हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0357396cb0fc9e860ed7b3cb57a1347921a2975e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_690.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री ललिता पवार फिल्मों में हमेशा से अपनी अलग और खास एक्टिंग के लिए जानी जाती थीं। हिंदी सिनेमा में जब भी दमदार खलनायिका की बात होती है तो आज भी ललिता पवार का नाम लिया जाता है। उन्होंने कई फिल्मों में खलनायिका का किरदार निभाया था, जिसे पर्दे पर काफी पसंद किया गया था। इतना ही नहीं फिल्मों के अलावा छोटे पर्दे के सदाबहार पौराणिक सीरियल रामायण में भी ललिता पवार ने काम किया था। + +साल 1942 में रिलीज हुई फिल्म 'जंग-ए-आजादी' के सेट से उनके को-एक्टर भगवान दादा को ललिता को एक थप्पड़ मारना था, लेकिन वह थप्पड़ काफी जोर लग गया। जिसके बाद ललिता पवार का चेहरा और बायी आंख खराब हो गई थी। तीन साल इलाज होने के बाद भी सुधार नहीं हुआ।  इसके बाद वह नायिका से खलनायिका के किरदार में ढल गईं। उन्होंने 1944 में फिल्म रामशास्त्री में गुस्‍सैल सास की भूमिका निभाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4f282429106c59133d0f31e225f853939dbafc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69003.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, मेरठ। हेपेटाइटिस के अधिकांश मामले अचानक रक्त की जांच कराने या किसी अन्य समस्या की जांच कराने पर सामने आते हैं। हेपेटाइटिस-बी व सी खासतौर पर साइलेंट किलर की तरह लिवर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। कई बार इससे बीमार मरीज की हालत बिगड़ने पर ही इनका पता चलता है। मेडिकल कालेज की हेपेटाइटिस ओपीडी में मेरठ के आसपास के कुछ इलाकों से आने वाले मरीजों में हेपेटाइटिस-बी व सी के सामान्य से कुछ अधिक मामले हैं। ऐसे में इसे लेकर सतर्कता बरतनी जरूरी है। + +हेपेटाइटिस बीमारी की अनभिज्ञता खत्म करने के लिए हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. अरविंद कुमार का कहना है कि लिवर शरीर के सबसे अहम अंगों में एक है। हेपेटाइटिस दूषित खानपान और असुरक्षित व्यवहार जैसे हेपेटाइटिस ग्रसित द्वारा इस्तेमाल की हुई सुई-ब्लेड, कैंची प्रयोग आदि से सबसे ज्यादा खतरा रहता है। हेपेटाइटिस बी व सी असुरक्षित व्यवहार की वजह से होता है। इसे ग्रामीण लोग काला पीलिया के नाम से जानते हैं। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस एक्यूट और क्रानिक दो प्रकार का होता है। एक्यूट हेपेटाइटिस पीलिया की तरह होकर कुछ समय बाद ठीक हो जाता है, लेकिन क्रानिक हेपेटाइटिस मरीज को लंबे समय तक प्रभावित करता है। अगर समय रहते इसका पता न चले तो सिरोसिस व कैंसर तक होने की आशंका रहती है। पीलिया के लक्षण दिखाए देने पर फौरन चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि अधिकांश मामले एसिम्टोमैटिक होने से मरीज इस समस्या से अनजान रहता है। ऐसे में बीमारी का दायरा और बढ़ने से मरीज की समस्या बढ़ जाती है। हेपेटाइटिस के लक्षण जैसे भूख कम होना, थोड़ा काम करने पर ही थकान महसूस होना, आंखों में पीलापन, त्वचा में पीलापन आदि से इसे पहचानें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92079787d68ba3c3afd19390f8bf72b9c7a25c7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69008.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राहुल सिंह]। नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) इलाके में लगातार हरियाली कम हो रही है। इसको लेकर अधिकारी अब चिंतित है। जल्द ही एक सर्वे शुरू कर पेड़ों के कम होने का पता लगाया जाएगा कि आखिर लुटियंस दिल्ली में क्यों पेड़ों की संख्या कम हो रही है। साथ ही विरासत वाले 300 पेड़ भी कम हुए हैं, जिसके बारे के कारणों का अध्ययन भी एनडीएमसी करेगी। अधिकारियों के मुताबिक पिछले छह वर्षों में लगभग 300 विरासत पेड़ों सहित कुल 1,813 पेड़ों की संख्या कम हुई है। इसके कारण राष्ट्रीय राजधानी के इस इलाके की हरियाली अब कम हो रही है। ।अधिकारियों ने शुरूआती जांच में पाया है कि कंक्रीट के जंगल बढ़ने, बार-बार सड़क काटने, दीमक और मिट्टी के प्रकार (रेतीली बजरी मिट्टी) के कारण पेड़ उखाड़ रहे हैं। एनडीएमसी क्षेत्र केंद्रीय मंत्री और सांसदों के अलावा कई शीर्ष उद्योगपतियों के घर हैं, जहां वह रहते हैं। इसके अलावा मंत्रालयों के भवन, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के आवास भी बने हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, लुटियंस की दिल्ली में प्रति वर्ष 250 से अधिक पेड़ गिर रहे हैं। 2015 से इस क्षेत्र ने अब तक 1,813 पेड़ खो दिए हैं। + +एनडीएमसी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2021-22 के बीच 1,813 पेड़ों में से लगभग 300 विरासत पेड़ भी नष्ट हो गए हैं।इनमें 60 से अधिक नीम के पेड़ के साथ गुलमोहर, पीपल व पिलखन समेत अन्य प्रकार के पेड़ हैं। एनडीएमसी ने जाकिर हुसैन रोड स्थित संरक्षित पिलखन, अब्दुल कलाम रोड व पृथ्वीराज रोड स्थित नीम का पेड़ समेत अन्य मार्गों पर स्थित कई विरासती पेड़ को इन वर्षों में खोया है। ।अधिकारियों को चिंता है कि एनडीएमसी क्षेत्र में प्रति वर्ष लगभग 250 पेड़ कम हो रहे हैं। जो एक बड़ी संख्या है। एनडीएमसी जल्द ही पेड़ों के इतनी तेजी से गिरने के पीछे सटीक वजह का पता लगाने के लिए गिरे और मृत पेड़ों की जांच करने के लिए अभ्यास शुरू करेगी। ताकि बाकि पेड़ों को बचाते हुए हरियाली को बढ़ाया जा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69b1d2109f69f54f6bcfa94f3790155b3928762f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुमार विश्वास आमतौर पर अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर से हमेशा ही संदेश देते रहते हैं। कोरोनाकाल के दौरान भी उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में विश्वास कोविड केयर सेंटर के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति, सेनिटाइजर व मास्क की उपलब्धता के बारे में काफी जानकारियां दी और वो समय-समय पर अपने समर्थकों की तस्वीरें भी शेयर करते रहते थे। कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी एक छोटी प्रशंसक की भी फोटो शेयर की थी, वो बच्ची कुमार विश्वास के कवि सम्मेलन में मौजूद थी। वो उनकी कविता का आनंद ले रही थी, उसके बाद वो उसके पास पहुंचे और बैठकर उनका अभिवादन भी किया। उनकी ये फोटो भी काफी पसंद की गई थी। ।कुछ दिन पहले ही कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर हैंडल पर कारगिल के शहीदों को नमन करते हुए एक कविता पोस्ट की थी। उन्होंने अपने फेसबुक पर पहले ये कविता शेयर की थी, उसके बाद उन्होंने उसे ट्विटर हैडंल से भी उसे ट्वीट किया। लगभग 12 मिनट के इस वीडियो को हजारों लोगों ने देखा था, वीडियो देखने के दौरान सामने बैठी कुछ महिलाओं और युवतियों की आंखों में आंसू भी आ गए। शहीदों पर लिखी इस कविता के दौरान कुमार विश्वास ने मंच से नैनीताल के एक शहीद की कहानी भी शेयर की थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05cdac1263afa42a969ace233b29b63f96d77001 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभइनेता कार्तिक आर्यन इन दिनों काफी व्यस्त चल रहे हैं। कार्तिक आर्यन हाल ही के दिनों में कई फिल्मों की लगातार घोषणा की है। जिसके बाद कार्तिक का चर्चा में भी बने हुए हैं। हाल ही में कुछ दिन पहले कार्तिक की फिल्म 'फ्रैडी' की घोषणा की गई है। अब इस फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो गई है। कार्तिक ने फिल्म के शूटिंग सेट से इसकी तस्वीर शेयर की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6244670c99aba8a2139f5ca2eb4cd1f4a3584a69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहानी संग्रह औरत को लेकर खूब हो हल्‍ला मचा।दरअसल, दिल्ली की सैर में मुस्लिम महिला अपने शौहर के साथ दिल्ली सैर का ऐलान करती हैं। ‘पर्दे के पीछे में’ औरतों को अय्यासी का सामान समझने वालों को लानत दी गई। जो लोगों को पसंद नहीं आई। लेकिन, रसीद जहां इन फतवों से नहीं डरीं। फिर,पुन (पुण्य़) नामक कहानी पर भी बैन लगा। 1937 में पहला कहानी संग्रह ‘औरत’ आया। इसे लेकर भी खूब हो-हल्ला मचा। रसीद जहां ने तमाम कहानी और नाटक लिखे, इसमें ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ गुस्सा और इसे बदलने की जिद्दोजहद दिखाई दी। अंगारे समेत कई किताबों पर पाबंदी लगी। प्रगतिशील लेखक संघ की संस्थापक संघ डा. नमिता ने बताया कि डाक्टरी के बाद रसीद जहां प्रगतिशील लेखन आंदोलन से जुड़ गईं, जिसमें उस समय के तमाम बड़े साहित्यकार व लेखक जुड़े हुए थे। 1934 में प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना हुई। रसीद जहां इसकी संस्थापक सदस्य थीं। 1936 में रसीद जहां ने लखनऊ में संघ का सम्मान समारोह कराया। इसमें सरोजिनी नायडू व मुंशी प्रेमचंद ने भी शिरकत की। 16 दिन की हड़ताल, वे मार्क्सवादी आंदोलन से भी जुड़ीं। वर्ष 1948 में रेलवे यूनियन की हड़ताल में शामिल होने पर वे गिरफ्तार हुईं। कैंसर की मरीज थीं। जेल में 16 दिन की लंबी भूख हड़ताल से सेहत बिगड़ गई। 29 जुलाई, 1952 को मास्को में इंतकाल हो गया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1436ebf60e7b1dbe3514007fa89c460a6369e605 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के समाधान के साथ ही नीति निर्माताओं की मदद के लिए आइआइटी में चंद्रकांता केसवन सेंटर फार एनर्जी पालिसी एंड क्लाइमेट साल्यूशंस की स्थापना होगी। इसका उद्देश्य दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी और नीतिगत समाधान का विकास करना रहेगा। इसे पुरातन छात्र सुधाकर केसवन की मां के नाम पर तैयार किया जाएगा। उन्होंने सेंटर के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डालर के सहयोग का आश्वासन दिया है। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने केंद्र के बनने को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण संबंधित समस्याओं के लिए और बेहतर काम किया जा सकेगा। सुधाकर केसवन 1976 बैच के एल्युमिनाई हैं। उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है। केंद्र के गठन के लिए संस्थान के अधिकारियों और एल्युमिनाई के बीच 15 जुलाई को करार हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7c4cab34729decbbacfaf8e3ec36cabcb7c381c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, दूसरे राज्यों से ज्यादातर निराश्रित माताएं जिंदगी के आखिरी पड़ाव में वृंदावन आ गईं। यहां पांच आश्रय सदनों में करीब 550 निराश्रित माताएं हैं। यहां के आश्रय सदनों में ही रहकर उन्हें सरकार से वृद्धावस्था पेंशन मिलती है और आश्रय सदन में ही रहने और खाने का इंतजाम है। कुछ माताएं मास्क और ठाकुर जी की पोशाक तैयार करती हैं। इसके लिए उन्हें निश्चित मेहनताना मिलता है। दशकों से कान्हा के घर में रह रहीं इन माताओं की अपने कान्हा से ऐसी प्रीत लगी है कि अब वह अपने गांव नहीं जाना चाहतीं। बीते दिनों पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वृंदावन आदि स्थानों पर रह रहीं निराश्रित माताओं को बंगाल में पुनर्वासित करने का ऐलान किया था। 20 जुलाई को केंद्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने वृंदावन आकर आश्रय सदनों का निरीक्षण किया। यहां कहा कि वह केंद्र को पत्र लिखेंगी कि सभी राज्यों में शेल्टर होम बनाकर निराश्रित माताओं को वहां पुनर्वासित किया जाए। ये बात सुन माताएं विचलित हो गईं। वह तो कान्हा का दर छोड़कर कहीं जाना ही नहीं जाना चाहती है। वह तो सुबह-शाम भजन कीर्तन कर ही जीवन यापन करना चाहती हैं। ओडिशा की सुशीला बाई कई वर्षों से यहां रह रही हैं। कहती हैं कि यहां तो कृष्ण की भक्ति करनी है। भले ही यहां नमक से रोटी खा लूंगी। गांव में कोई कुछ भी देगा तो भी अपने कान्हा को छोड़कर नहीं जाऊंगी। पश्चिम बंगाल के नवद्वीप मायापुर निवासी अनीता बाई कहती हैं कि अब इस उम्र में वृंदावन छोड़कर भला कहां जाऊंगी। अब तो कृष्ण की भक्ति में मन लग गया है, सुविधा तो वहां भी नहीं। यहां जो भी सुविधा हैं, बहुत अच्छी हैं। झारखंड की कुटी जिला की देवंती देवी कहती हैं कि अब न तो गांव में मेरा कोई घर है और न ही परिवार में कोई बचा। अब तो कृष्ण की भक्ति ही जीवन का आखिरी सहारा है। ओडिशा की ही पुष्प देवी भी इन्हीं माताओं में शामिल हैं। कहती हैं कि वृंदावन जैसा तीर्थ छोड़कर अब कहीं नहीं जाना । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd95b5ffa0b461355a2da3b735dc6598aa2773e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा संचालित अखिल भारतीय बाघ गणना वर्ष 2018 के अनुसार कुल 173 बाघ हैं। इनमें से बाघों की अधिकांश आबादी पीलीभीत तथा दुधवा टाइगर रिजर्व में विचरण करती है। जैसे एक अवयस्क बाघ जिसको सर्वप्रथम किशनपुर वन्य जीव विहार में पाया गया था। यह बाघ कुछ समय बाद दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में देखा गया। किशनपुर वन्य जीव विहार तथा दुधवा राष्ट्रीय उद्यान आपस में 30 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इसी तरह दुधवा-कतíनयाघाट जैविक गलियारा विगत वर्षो में कई बार गैंडों के द्वारा प्रयोग किया गया है। उत्तर प्रदेश में कृषि भूमि से होकर वन्यजीवों का यह आवागमन दीर्घकालीन वन्य जीव संरक्षण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f899c714ad1ff2fcf8d535f3093f1d5c2da49c5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + देश-विदेश के व्यापारी आते थे खरीब बेच करने।मुगलकाल में इसे बाजार-ए-मुसक्कफ (ढका हुआ बाजार) कहते थे। जहां देश-विदेश से उत्कृष्ट सामान बेचने व्यापारी आते थे। इनके खरीदार भी कोई आम लोग नहीं बल्कि शाही परिवार की महिलाएं और युवतियां होती थी। आजादी के बाद इस बाजार का रखरखाव दिल्ली नगर निगम करता था। वर्ष 2006 से यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधीन आ गया। एक मंजिला यह बाजार करीब 230 फीट लंबा और 13 फीट चौड़ा है। अष्टकोणीय आकार के इस बाजार में 16 गुंबद हैं। इसे यह मौजूदा आकार और रंग रूप अंग्रेजों ने कोई 130 पहले दी है। दो साल पहले एएसआइ ने इसके मुगलिया रूप को निखारा है। यह देखने में काफी आकर्षक है, लेकिन नियमित बंदी से फिलहाल बेजार है। खास बात कि राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कोई एक सप्ताह तथा स्वतंत्रता दिवस पर करीब 15 दिनों के लिए यह बाजार प्रतिवर्ष बंद होता है। लालकिला की प्राचीर से प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69024.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb7c56233761f9f61f40b72a46d7a53d551bcfed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69024.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखीमपुर, [हरीश श्रीवास्तव]। उत्तराखंड व मध्यप्रदेश की तर्ज पर दुधवा टाइगर रिजर्व में भी पूरे साल पर्यटकों को घुमाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कार्य योजना बनने व क्षेत्र का निर्धारण होने के बाद उसे शासन को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही सैलानियों को जंगल सफारी कराई जाएगी। + +क्या कहते हैं जिम्मेदार: मुख्य वन संरक्षक व दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि कोर जोन में पूरे साल सैलानियों को भ्रमण नहीं कराया जा सकता है। यह राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण के निर्देशों के खिलाफ है। बफरजोन में भ्रमण कराया जा सकता है। इसके लिए दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में भी संभावना तलाश की जा रही है और उसकी कार्ययोजना बनाने पर काम चल रहा है। जल्द ही उसे तैयार कर शासन को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..febcc71d7be05c3f951e8dac86eb1c92bdc3f5a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ जितेंद्र उपाध्याय। पुरानी तकनीकी को आधुनिकता का रंग देकर युवकों को स्मार्ट मैकेनिक बनाने की पहल शुरू हो गई है। कर्मशाला में हथौड़ी और पेचकस के साथ राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में पढऩे वाले प्रशिक्षु अब एसी लगे स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ेंगे। राजधानी के चारबाग राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में स्मार्ट क्लास रूम में युवा आधुनिक पढ़ाई भी करने लगे हैं। लखनऊ के साथ ही प्रदेश में आगरा, वाराणसी और गोरखपुर में भी इसकी स्थापना की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e564d9aba3ed317b44aa67a1847c2049c0cd5818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69029.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, हिसार/बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा आंदोलन अब नौंवे महीने में प्रवेश कर गया है। एक समय था जब आंदोलन में पकवानों की बहार थी। कहीं गुलाब जामुन, कहीं हलवा, कहीं खीर तो कहीं जलेबी पकती थी। मगर अब यहां पर मददगारों का इंतजार है। आंदोलन के बीच पंजाब की पिन्नी (मिठाई) भी खूब चलती थी। वहां के गांवों में भारी मात्रा में खोये से पिन्नी तैयार की जाती थी और फिर आंदोलन स्थल पर पहुंचाई जाती थी। हरियाणा के गांवों से भी कभी खीर तो कभी हलवा तैयार करके लाया जाता था। जलेबी तो कई तंबुओं में आंदोलन के बीच ही पकती थी। + +जिन लोगों में पंजाब से पिन्नी तैयार करके यहां बांटने का जोश था, अब वे कहीं नजर नहीं आते। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला यहां आए तो लड्डू लेकर आए थे, मगर आंदोलन के बीच अब पहले की तरह रोजाना कोई भी यहां इस तरह की चीजों की मदद के लिए नहीं आते। जाहिर है कि ऐसे में बहुत से लोग यहां से वापस घरों को लौट गए और अब बुलाने से भी नहीं आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a25fecf97b98b30386e14172da753b6e4f7d1afc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69032.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करना जनता का संवैधानिक अधिकार है, इसे छीना नहीं जा सकता। लेकिन इसकी सीमाएं अवश्य तय की जा सकती हैं। अगर यह विरोध प्रदर्शन दूसरों की स्वतंत्रता का हनन कर रहा हो तो उस दिशा में कुछ सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं। यहां पर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों की ही भूमिका महत्वपूर्ण बन जाती है। हमारा संविधान सभी नागरिकों को बिना किसी हथियार शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का अधिकार देता है। यह सही है कि राष्ट्रीय राजधानी के केंद्रीय इलाके में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देना बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19656490092cab009d8652845773e4556e7b6a72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69039.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंचकूला, अनुराग अग्रवाल। अराजक तत्व कभी किसी के नहीं होते। तीनों कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पिछले आठ माह से चल रहे आंदोलन में यह बात कई बार सच साबित हो चुकी है। इन आंदोलनकारियों ने हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके 87 साल के इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को भी नहीं बख्शा। चौटाला कृषि कानूनों का विरोध कर रहे इन आंदोलनकारियों को अपना समर्थन देने जींद के खटकड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे थे। वहां सतबीर पहलवान नाम के एक आदमी ने चौटाला पर उस समय पैर में डोगा (छड़ी) मारने का आरोप जड़ा जब चौटाला को बोलने के लिए माइक नहीं दिया गया। + +जींद के खटकड़ा टोल पर चौटाला और सतबीर पहलवान के बीच संवाद का जो वीडियो वायरल हुआ, वह सारी कहानी कह रहा है। चौटाला अपने पोते करण और सहायक के साथ खड़े हैं। शोर-शराबा चल रहा है। एक पतला-दुबला आदमी जिसका नाम सतबीर पहलवान बताया जाता है, वह बार-बार तुनक कर चौटाला पर हाथ फेंक रहा है। चौटाला उसे बात सुनने के लिए कहते हैं, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं होता। चौटाला माइक मांगते हैं। नहीं दिया जाता। कुछ घंटों के बाद सतबीर पहलवान का एक बयान आता है कि चौटाला ने उसके पैर में डोगा (छड़ी) मारी। इस घटनाक्रम का कोई न तो आडियो है और न ही वीडियो है। अगले दिन सतबीर पहलवान की कुछ राजनीतिज्ञों के साथ मंच साझा करते हुए फोटो वायरल होती है। यह फोटो भी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है। इस फोटो के आधार पर सतबीर पहलवान को कोई पुराना लोकदली, कोई जजपाई तो कोई कांग्रेसी बता रहा है। बहरहाल सच्चाई कुछ भी हो, लेकिन आंदोलन में ऐसी अराजकता कतई उचित नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69043.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee0f561ef0d17e7cbab874faa9eaf44316edd320 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69043.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस मामले में अपनी इमिग्रेशन पालिसी में कोई सख्ती न बरतने की बात की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फ्राड तो लोगों के जागरूक होने पर ही रोके जा सकते हैं। जस्टिन ट्रूडो के इमिग्रेशन नियमों को सख्त न करने के पीछे कारण और हैं। पिछले कुछ वर्षो से एक और बड़ा बदलाव देखने में आया है। पहले पंजाब से ग्रेजुएट होकर नौकरी की तलाश में युवा विदेश जाते थे। लेकिन अब बारहवीं के बाद ही स्टडी वीजा पर जाने वालों की संख्या बढ़ रही है। यही कारण है कि पंजाब में डिग्री कालेजों में सीटें खाली रह जाती हैं। हालांकि पंजाब से विदेश जाने का ट्रेंड नया नहीं है। पिछली सदी के आठवें दशक में वे लोग विदेश जाते थे जिनके पास खेती योग्य जमीनें नहीं थीं या फिर बहुत कम थीं। राज्य के दोआबा क्षेत्र से इसी कारण लोगों में विदेश जाने का ट्रेंड बहुत रहा। उन्हीं दिनों पंजाब में जमीनों का कंसोलिडेशन हुआ। तय हुआ कि 16 एकड़ से ज्यादा जमीन किसी एक व्यक्ति के पास नहीं रह सकेगी। बड़े-बड़े जागीरदारों से जमीनें लेकर भूमिहीन लोगों में भी बांटी गईं। अब पांच दशक बाद जब यही परिवार अपनी तीसरी पीढ़ी में प्रवेश कर गए हैं तो 16 एकड़ जमीन वाले लोगों के पास मात्र तीन से चार एकड़ जमीनें ही बची हैं, जो किसी भी तरह एक परिवार को पालने के लिए काफी नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bb70a6e292d3f69b7eb0087f9d2ee7c96cfd5ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69044.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्ष 2025 तक ये पांच लाख बच्चों तक क्वालिटी एजुकेशन पहुंचाने का इरादा रखते हैं। वह मानते हैं कि कोविड के बाद की दुनिया में शिक्षा का एक मिश्रित रूप देखने को मिलेगा, जिसमें आफलाइन के साथ आनलाइन लर्निंग को भी उतनी ही प्राथमिकता दी जाएगी। स्वयं को पहले एक शिक्षक और फिर एक उद्यमी मानने वाले बायजू अपनी कंपनी को दुनिया का शीर्ष एजुकेशन ब्रांड बनाना चाहते हैं। + +-इस दौरान बायजू द्वारा किस प्रकार की पहल की गई? ।कोविड के कारण जब स्कूलों एवं शैक्षिक संस्थानों को अस्थायी तौर पर बंद करना पड़ा, तब हमारी कोशिश रही कि बच्चों की शिक्षा अनवरत जारी रख सकें। हमने एप के लिए कंटेंट तैयार किया, जो निश्‍शुल्क था। हमने ‘बायजू क्लासेज’ लांच किए, जो एक आनलाइन ट्यूटरिंग प्रोग्राम है। इनके अलावा, हमने मराठी, मलयालम, बांग्ला, कन्नड़ भाषा में प्रोग्राम लांच किए। हमने सोशल स्टडीज को भी अपने लर्निंग प्रोग्राम में शामिल किया। ‘बायजू एजुकेशन फार आल’ इनिशिएटिव के जरिये हम शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करना चाहते हैं, ताकि समाज के गरीब तबके के लाखों बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सके। ‘गिव प्रोग्राम’ के अंतर्गत हम लोगों को उनके पुराने स्मार्ट डिवाइसेज दान देने के लिए प्रेरित करते हैं। उन डिवाइसेज को रिफर्बिश्ड करने के बाद उसमें बायजू के कंटेंट को अपलोड किया जाता है और इन्‍हें उन बच्चों में वितरित कर दिया जाता है, जिनके पास आनलाइन एजुकेशन प्राप्त करने की सुविधा नहीं है। इस तरह हम वर्ष 2025 तक 5 लाख बच्चों तक पहुंचने का इरादा रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69052.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69052.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49ee264a5930269f7b0239040891a746ff9d7697 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69052.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली पुलिस में हुए बड़े उलटफेर के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्‍ली का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है। गुजरात काडर के आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को रिटायरमेंट से तीन दिन पहले यह जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है। बता दें कि गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया। गृह मंत्रालय (एमएचए) के आदेश के मुताबिक, फिलहाल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत अस्थाना तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे। गौरतलब है कि 1984 बैच के IPS अफसर राकेश अस्थाना अब तक बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल थे। उन्हें पुलिस कमिश्नर बनाए जाने के बाद आईटीबीपी के डायरेक्टर जनरल एस.एस. देसवाल को बीएसएफ के डीजी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। + +1. तेज तर्रार अफसरों में गिने जाते हैं राकेश अस्थाना।गौरतलब है कि सीबीआइ और बीएसएफ के महानिदेशक रहे राकेश की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है। उन्होंने 2002 के गोधरा दंगे और फिर 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट की भी जांच की। आसाराम बापू से जुड़े दुष्कर्म मामले की जांच में भी वह शामिल रहे थे। + +2. लालू प्रसाद यादव से 6 घंटे की थी पूछताछ।बिहार में हुए चारा घोटाले की जांच सीबीआइ के एसपी रहते हुए उनके नेतृत्व में की गई थी। इस मामले की जांच के बाद अस्थाना ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 1996 में चार्जशीट दायर की थी। 1997 में लालू पहली बार इस मामले में गिरफ्तार हुए थे। वहीं, सीबीआइ में रहते हुए राकेश अस्थाना बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाले की वजह से पहली बार सुर्खियों में आए थे। वर्ष 1996 में उन्होंने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले मामले में चार्जशीट दायर की थी। इस केस में उन्होंने वर्ष 1997 में लालू प्रसाद यादव से 6 घंटे पूछताछ की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5dbdd377021f68176a9e9304f2470a16741f003a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में जिन खेलाें में भारत को पदक की आस है, उनमें मुक्केबाजी प्रमुख है। अब तक ओलिंपिक में विजेंद्र सिंह (2008) और एमसी मैरीकाम (2012) ही कांस्य पदक जीत सके हैं। इस बार मुक्केबाजों से अधिक पदकों की उम्मीद देश को है। देश के नौ मुक्केबाज एमसी मैरीकाम, लवलीना बोरगोहेन, पूजा रानी, सिमरनजीत कौर, अमित पंघाल, मनीष कौशिक, विकास कृष्ण, आशीष कुमार, सतीश कुमार ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आगरा के मुक्केबाजों का मुक्का राष्ट्रीय स्तर पर तो पदक दिला रहा है, लेकिन उससे आगे खिलाड़ी नहीं बढ़ पा रहे हैं। संसाधनों का अभाव तो है ही, चयन प्रकिया में पारदर्शिता नहीं होने की वजह से खिलाड़ी भेदभाव का भी शिकार होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e467e44dc776837867eed0cb590c277d7594e31d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69054.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आइआइटी कानपुर के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम ने सूत्र माडल के माध्यम से जो आकलन किया है, उसके मुताबिक वर्तमान के वैरिएंट की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है और नए मामले आना भी कुछ कम हो गए हैं। केरल और महाराष्ट्र में संक्रमण की रफ्तार घट-बढ़ सकती है। उत्तर के राज्यों में लगभग हर्ड इम्युनिटी आ गई है, इससे केस कम आ रहे हैं। मौजूदा समय में संक्रमण दर घटकर करीब 30 हजार प्रतिदिन आ गई है। + +बता दें, प्रो. मणींद्र अग्रवाल गणितीय माडल सूत्र के माध्यम से पिछले डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण की रफ्तार, संक्रमित मामलों का आकलन कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट अब तक सही साबित हुई है। उन्होंने देश के साथ ही कई राज्यों व शहरों में संक्रमण की स्टडी की है। उनके बनाए पोर्टल से किसी भी शहर में संक्रमण की स्थिति का आकलन हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6884832431d7ca78155baa2c189169e51c6c2e23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69055.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चौटाला अपने पिता स्व. देवीलाल की जयंती पर हरियाणा में बड़ी राजनीतिक रैली कर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी जान फूंकने वाले हैं। कई बार ऐसे मौके आए, जब इनेलो को संघर्ष के दौर का सामना करना पड़ा, लेकिन हर बार पार्टी फिर से मजबूती के साथ खड़ी दिखाई दी। चौटाला की रणनीति भाजपा विरोधी सभी दलों को ताऊ देवीलाल के जन्मदिवस कार्यक्रम के मंच पर लाकर उनकी मौजूदगी में थ्रंड फ्रंट का ऐलान कराने की है। पहले भी ताऊ देवीलाल की जयंती पर होने वाली रैलियों में उनके पुराने साथी शामिल होते रहे हैं। कांग्रेस इस फ्रंट का हिस्सा होगी या नहीं? इस सवाल पर चौटाला कहते हैं कि हर उस राजनीतिक दल के लिए इस फ्रंट में दरवाजे खुले हैं, जो भाजपा को सत्ता से बाहर देखना चाहते हैं। + +इनेलो से अलग होकर अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी को चौटाला हालांकि खास भाव नहीं देते। वह अपने पोते दुष्यंत चौटाला के भाजपा के साथ जाने के फैसले पर भी हैरान हैं, लेकिन साथ ही कहते हैं कि यदि किसी को अपनी गलती का अहसास होता है और वह अपने घर इनेलो में लौटना चाहता है तो इस पर विचार किया जा सकता है। जजपा के थर्ड फ्रंट में शामिल होने से जुड़े सवाल पर भी चौटाला की यही राय है। उनका कहना है कि केंद्र व हरियाणा की भाजपा सरकार में शामिल साझीदार अब अपनी गलती पर पछता रहे हैं। धीरे-धीरे यह लोग छिटकने लगे हैं। कुछ दिन बाद ऐसा दौर आएगा कि सरकार टूट जाएगी और मध्यावधि चुनाव होंगे। तब थर्ड फ्रंट और इनेलो की सत्ता में वापसी हो सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69057.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69057.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b9e3b9473ffea5b6aeffd1172ad996a3aa386ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69057.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । ग्राम पंचायत के विकास का केंद्र बिंदु कहे जाने वाले पंचायत भवन भी अब समय से साथ स्मार्ट होने का जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इन्हें मिनी सचिवालय के रूप में तब्दील करने का फैसला लिया है। जिले की कई ग्राम पंचायतों में इसके लिए काम भी शुरू हो गया है। अब पंचायत से जुड़ा हर छोटा-बड़ा काम इन्हीं सचिवालय में पूरा होगा। सचिव व प्रधान भी पंचायत सहायकों के साथ इन्हीं में बैठेंगे। एक सचिवालय पर निर्माण कार्य के अलावा सुविधाओं से उपकरण खरीदने के लिए 1.75 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। पूरे जिले में कुल 15 करोड़ की धनराशि इसी पर खर्च हो रही है। + +लोगों को मिलेगा फायदा ।पंचायत भवनों के मिनी सचिवालय में तब्दील होने का सबसे बड़ा फायदा स्थानीय लोगों को मिलेगा। खतौनी, जाति, आय, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब उन्हें तहसील व ब्लाक के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सभी काम इन्हीं मिनी सचिवालय में हुआ करेंगे। आधार कार्ड, पैन कार्ड व मतदाता फोटो पहचान पत्र भी यहीं बनेंगे। पेंशन, छात्रवृत्ति से जुड़े काम निपटाए जाएंगे। मिनी बैंक भी इन्हीं सचिवालयों में संचालित होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d81f69781562edb0cac134260df864733f301f9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69059.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान और अर्जुन अवार्डी संजीव बालियान ने खेल करियर की शुरुआत क्रिकेट से की थी। क्रिकेट का जुनून उनपर सिर चढ़कर बोलता था। उनका कबड्डी में आना एक इत्तेफाक रहा। गांव में ही एक बार कबड्डी का अभ्यास किया, जिसे देखकर उनके ताऊ के लड़के बिजेंद्र बालियान ने उन्हें कभी क्रिकेट का बल्ला नहीं थामने दिया। स्कूल कबड्डी से भारतीय टीम की कप्तानी तक के सफर और एशियन कप से वर्ल्ड कप कबड्डी में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में उन्होंने महत्पूर्ण भूमिका निभाई। उनसे हुई विशेष वार्ता के प्रमुख अंश...।आप मूलरूप से मुजफ्फरनगर जिले के गांव मुंडभर से हैं और बचपन में आप स्थानीय स्तर के टूर्नामेंट में खूब क्रिकेट खेले। फिर कबड्डी में कैसे आए?।हां, यह बात बिल्कुल सही है मैंने क्रिकेट से ही खेल की शुरूआत की थी। गांव की जूनियर टीम में ही रहकर बल्लेबाजी करता था। गांव में कबड्डी भी खेली जाती थी। मेरे ताऊ के बेटे बिजेंद्र बालियान कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी थें। एक बार मैं उनके साथ कबड्डी का अभ्यास करने लगा। मेरी फुर्ती देख क्रिकेट बंद कराया। कभी क्रिकेट खेलने जाता तो वह मैदान में पहुंचकर स्टंप उखाड़ देते। फिर मेरे साथी खिलाड़ी ही मुझे यह कहकर कबड्डी खेलने भेज देते। उनके सानिध्य में बस कबड्डी ही खेला। + + खेलों में परिवार की क्या भूमिका रही। क्या आपके माता-पिता ने आपको खेल में आगे बढ़ाया ?।मेरे पिता मांगेराम बालियान काफी सख्त मिजाज रहे। खेलने के नाम पर गुस्सा होते थे। वह घर के बाहर ही गांव के अन्य लोगों के साथ बैठते थे। उस समय खेलने के लिए घर के पीछे की दीवार या छत से कूदकर जाना पड़ता था। पिताजी की मार का हमेशा डर रहता था। इस बीच घर आकर मां से पूछते थे तो वह झूठ बोलकर पिताजी की डांट से बचाती थीं। + +प्रमुख उपलब्धियां।कभी न भूलने वाला यादगार पल।भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान रहे संजीव बालियान को खेल जीवन के सबसे अनमोल पल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी खेल उपलब्धियों पर पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम ने वर्ष 2004 में अपने हाथों से अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था। यह उनके जीवन का सबसे यादगार पल था। उन जैसा सादा मिजाज उच्च पद पर आसीन व्यक्ति पहली बार देखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63f4d85997dcefca077cd767190ee2353c8a6bda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69060.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वह कारगिल के तुरतक (गांव) सेक्टर में मेजर अतुल के नेतृत्व में टीम का हिस्सा बने। इस दौरान उन्हें सबसे ऊंचे प्वाइंट 5810 पर रोप (रस्सी) लगाने की जिम्मेदारी मिली थी। वह कहते हैं कि चट्टानों के बीच रोप लगाने से पहले यह तय किया गया कि दिन में ही सुरंग क्षेत्र को हटाया जाए। इसकी जिम्मेदारी भी राजेंद्र सिंह और एक अन्य फौजी को दी गई। 29 अगस्त 1999 को रास्ता साफ करने के लिए वह जत्थे के साथ आगे बढ़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e96061c12ef53a7f5e2d246a713f3b0cf4be67b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूरिया की तय मात्रा से ज्यादा इस्तेमाल घातक । पौधों के विकास के लिए नाइट्रोजन जरूरी है। यूरिया इसका प्रमुख स्रोत है, जिसमें 46 फीसद नाइट्रोजन होता है। खेतों में पड़ते ही एक-दो दिनों में फसलें तेजी से गहरे हरे रंग की हो जाती हैं। मगर तय मात्रा से ज्यादा इस्तेमाल का असर उल्टा पड़ सकता है। ऐसा नहीं कि किसान अज्ञानता में यूरिया डाल रहे हैं। दाम के मुताबिक खेतों की जरूरत पूरी की जा रही है। पहले डीएपी सस्ती थी तो उसे दिया जाने लगा। अब यूरिया सस्ती हुई तो उसे भी बेतहाशा डाला जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c617349b5031bc16d33e5a34baee87a26b095798 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(पीएचडी छात्र आशुतोष पांडेय की फाइल फोटो) ।आइआइटी ने भी बनाई थी बैंडेज ।इससे पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के पीएचडी के पूर्व छात्र डा. तुषार देशपांडे ने माइक्रोपोरस इलस्टोमरिक थिन से बैंडेज तैयार की थी। इसकी खासियत यह है कि इस पर कोई तरल पदार्थ नहीं टिकता है। इसके अलावा इस बैंडेज को ऐसे बनाया गया है जिससे घाव पर वेंटिलेशन होता रहे और जल्दी सूखे। इसमें घाव अन्य पट्टियों की तुलना में जल्दी ठीक होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea07dcfed75bc32e4c482ed4affcd0320bebd1ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6907.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शमिता ने इंस्टाग्राम स्टोरी में यह प्रेरणादायी पोस्ट लिखी, जिसके मुताबिक़ अपने दिल में मौजूद विवेक की सुनो, दिमाग में मौजूद फ़िक्र की नहीं। इसके साथ उन्होंने लिखा- एक बहुत ही मुबारक सुबह। वैसे तो शमिता की यह पोस्ट किसी भी परिस्थिति में प्रेरक है, मगर मौजूदा हालात में इस पोस्ट की प्रासंगिकता अधिक हो गयी है। इस पोस्ट में शमिता ने अपनी सुबह को ब्लेस्ड यानी मुबारक लिखा है, इसको लेकर भी कयास लगाये जा रहे हैं। + +वहीं, राज ने सेशंस कोर्ट में मजिस्ट्रेट कोर्ट के ज़मानत ना देने के फ़ैसले को चुनौती दी है, जिस पर 10 अगस्त को सुनवाई होनी है। शिल्पा शेट्टी ने भी बॉम्बे हाई कोर्ट में कुछ मीडिया संस्थानों पर मान-हानि का दावा किया था, जिस पर हाई कोर्ट ने उनके निजता के अधिकार को सपोर्ट करते हुए मीडिया रिपोर्ट्स पर ब्लैंकेट बैन लगाने से इनकार कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..812c62e367934f860c2beccc9b4dd25f265893a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69070.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बक्सर, अरुण विक्रांत। अब न वादी है, न प्रतिवादी। वह सिनेमा हॉल भी नहीं, जिसको लेकर मुकदमा चला। लेकिन, 62 साल बाद भी तारीख पर तारीख पड़ रही है। बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडलीय कोर्ट का यह मामला चर्चा में है। इसके पैरवीकारों ने 20 वर्ष तक तो मुकदमे को खींचा, फिर अदालत आना-जाना छोड़ दिया। बक्‍सर अनुमंडलीय न्यायालय के एक अधिवक्ता बताते हैं कि साल 1959 में ही इस मामले में हाइकोर्ट से स्थगनादेश के कारण निचली अदालत सुनवाई बंद भी नहीं कर सकती है। ।कोर्ट ने दिया यथास्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश।यह मुकदमा उस समय का है, जब वर्तमान भोजपुर, बक्सर, भभुआ और रोहतास को मिलाकर एक जिला हुआ करता था शाहाबाद। उस जमाने में पूरे बक्सर जिले में इकलौता सिनेमा हॉल हुआ करता था, जिसका नाम था तुलसी टॉकीज। इसके मालिक थे बद्री प्रसाद जायसवाल। वे अब इस दुनिया में नहीं हैं। बम्बई (अब मुंबई) की फिल्म वितरक कंपनी गाउमंट काली प्राइवेट लिमिटेड के साथ लेनदेन को लेकर कुछ विवाद हुआ। कंपनी ने बाम्बे हाईकोर्ट की शरण ली। 24 नवंबर 1958 को न्यायाधीश न्यायमूर्ति केटी देसाई ने तुलसी टॉकीज में लगा कंपनी का प्रोजेक्टर और लाइट आदि लौटाने का आदेश दिया। 60 हजार रुपये भी दिए जाने थे। इसका अनुपालन कराने के लिए कंपनी के वकील आदेश लेने को शाहाबाद की स्थानीय अदालत पहुंचे। इस पर सिनेमा हॉल के मालिक ने मोहलत देने की मांग करते हुए उनका पक्ष भी सुने जाने का आग्रह किया। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया। ।अब बक्‍सर के सब जज- 2 की अदालत में है मामला ।इस बीच बद्री प्रसाद ने पटना हाईकोर्ट में अपील कर कहा कि उनका पक्ष नहीं सुना गया था, जिस पर स्थगनादेश निर्गत कर दिया गया। फिर यह मामला आरा कोर्ट में चलने लगा। बक्सर जिला बना तो वहां स्थानांतरित हो गया। कुछ साल पहले डुमरांव में अनुमंडलीय दीवानी न्यायालय बनने के बाद मुकदमा वहां की अदालत में चला गया। बीते 26 जुलाई को इसकी तारीख पड़ी थी। इस समय यह मुकदमा सब जज- 2 की अदालत में न्यायाधीश शाहयार मोहम्मद अफजल के अधीन है। ।पैरवीकारों ने 20 वर्ष के बाद छोड़ दिया आना-जाना ।कोर्ट में दर्ज कार्यवाही के अनुसार, मुकदमा के बाद 20 वर्षों तक दोनों पक्ष सक्रिय रहे थे। इसके बाद पैरवीकारों ने आना छोड़ दिया। रिकार्ड के अनुसार, तुलसी टॉकीज की तरफ से अधिवक्ता कुंज बिहारी सिन्हा व गाउमंट काली प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अधिवक्ता शंकर प्रसाद पैरवी कर रहे थे। वे दोनों भी नहीं रहे, फिर कोई पैरवीकार भी नहीं आया। + +हाइकोर्ट से स्थगनादेश, बंद नहीं हो सकती सुनवाई।अनुमंडलीय न्यायालय के वरीय अधिवक्ता सइदुल आजम और सुनील तिवारी कहते हैं कि इस मुकदमे को अबतक समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन 1959 में ही हाइकोर्ट से स्थगनादेश निर्गत होने के कारण निचली अदालत सुनवाई बंद नहीं कर सकती। इसी वजह से प्रक्रिया के तहत तारीख पर तारीख पड़ रही है। ।पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता आरके शुक्ला बताते हैं कि इस मामले को कोर्ट के संज्ञान में लाना होगा कि इसमें अब कोई पक्षकार नहीं हैं। ।पहले जहां था सिनेमा हॉल, वहां अब वहां खड़ा माल।तुलसी टॉकीज की जगह अब मॉल बन चुका है। स्थानीय लोग बताते हैं कि बद्री प्रसाद जायसवाल के निधन के बाद तुलसी टॉकीज बिक गया और उसकी जगह शीला सिनेमा हाल ने ले ली। बद्री प्रसाद का परिवार डुमरांव से चला गया। बाद में नए मालिक ने सिनेमा हाल को तुड़वाकर वहां मॉल बना दिया। बहरहाल, मामला चल रहा है। ।देश की विभिन्‍न अदालतों में करोड़ों मामले लंबित।नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड के अनुसार, तीन करोड़ 91 लाख से ज्यादा मामले देश की विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। इनमें अकेले बिहार में 33 लाख से ज्यादा मामले न्यायिक प्रक्रिया में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ca27e7ab88045067861022144fdde96b3fc54b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69072.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मानसा की इस वीडियो क्लिप के सामने आने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि जब मानसा ने भिंडरावाला के बारे में भी कुछ नहीं कहा तो उन्हें क्यों निलंबित किया गया, इसे स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए। और यदि उन्होंने भिंडरावाला के बारे में कुछ कहा भी, जिससे अब मुकर रहे हैं तो भिंडरावाला क्या देश के लिए शहीद हुए थे, जिससे उनको शहीद माना जाए। उन्होंने देशद्रोह किया था। सरकार ने कार्रवाई की और मारे गए। इस तरह तो हर आतंकी शहीद हो जाएगा। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं पर या तो खालिस्तान समर्थक हावी हैं या फिर मोर्चा के नेताओं को खालिस्तान समर्थकों से सहानुभूति है। पहले भी धरनास्थल पर भिंडरावाला के पोस्टर लगते रहे हैं। + +मानसा की अपनी यूनियन पंजाब किसान यूनियन है। वामपंथी विचारधारा के हैं। अब तक बहुत कम लोग उनके नाम को जानते थे। एक बात और संयुक्त किसान मोर्चे के मौन के निहितार्थ भी सबको पता है।यदि मानसा पर भिंडरावाला की टिप्पणी करने को कारण बताया जाता है तो संयुक्त किसान मोर्चे के नेता खुद फंस जाएंगे और ऐसा करके वे अलगाववादियों से मिलीभगत के आरोप स्वीकार कर लेंगे, जिसपर  अभी तक वे लीपापोती करते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69073.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b114f8f5e4c7efbd26c2b774ca6105bad100557 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69073.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोका रोबोटिक्स ने अब तक दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरला और गुजरात की सरकारों के अलवा वहां के निजी अस्पतालों को यह वेंटिलेटर सप्लाई किए है। इसके अलावा इन प्रदेशों के प्राइवेट हास्पिटल में भी इन वेंटिलेटर की काफी डिमांड बढ़ती जा रही है। नोका रोबोटिक्‍स के फाउंडर निखिल कुरेले ने बताया, हम लोगों इस समय पूरी तरह भारत में ही इन वेंटिलेटर की डिमांड पूरी करने में लगे है। कोरोना की तीसरी लहर से पहले हम लोग हर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतना चाहते है। अब तक हम लोगों ने नेपाल के साथ साथ दो अन्य साउथ एशियन देशों को अपने वेंटिलेटर के आर्डर पूरे किए है। जिनकी संख्या 2000 के ऊपर थी। नेपाल को हमने अब तक 800 वेंटिलेटर दिये है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..741ee17262dbdfb3c7ace0d75ac4255dd4888eff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें: बारिश के दिनों में मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया पनपते हैं। इस मौसम में साग व हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से दूर रहना लाभकारी है। दरअसल इस मौसम में पत्तेदार सब्जियों में बेहद सूक्ष्म कृमि की मौजूदगी की वजह से ऐेसा करने की सलाह दी जाती है। कई बार सब्जियों को ठीक से न धोए जाने के कारण वे आहार के साथ शरीर में पहुंचकर आपको बीमार बना सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4670dc0286642081fd54397f28fe033ea0db68cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69078.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जितेंद्र पाण्डेय। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो पूर्वांचल को आने वाले वर्षों में बाढ़ की समस्या से निजात मिल जाएगी। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप स‍िंंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जलकुंडी परियोजना की फाइल सौंपने वाले हैं। इस परियोजना पर काम हुआ तो सिद्धार्थनगर सहित करीब दर्जनभर जिलों को बाढ़ की समस्या से मुक्ति तो मिल जाएगी। इस क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था भी सुधर जाएगी। + +क्या है जलकुंडी परियोजना ।पूर्वांचल में प्रतिवर्ष लाखों हेक्टेयर फसल बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है। इससे छुटकारा दिलाने के लिए अंग्रेजों के द्वारा वर्ष 1935 में जलकुंडी परियोजना तैयार की गई थी । इस परियोजना के तहत नेपाल के भालूबांग के पास 56 मीटर और नलौरी के पास 163 मीटर ऊंचा बांध बनाने के साथ गहरा कुंड बनाकर पानी को स्टोर किया जाना था। इस कुंड में राप्ती और उसकी सहायक नदी झिरमुख, खोला सहित कई नदियों के जल को एकत्रित किया जाना था। वहां डैम बनाकर बिजली का उत्पादन होता। इससे नेपाल सहित पूर्वांचल की विद्युत व्यवस्था सुधर जाती और सिद्धार्थनगर सहित बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, संतकबीरनगर सहित करीब दर्जन भर जिले को बाढ़ छुटकारा मिल जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1afed7583648fd653b9cfe07a4eef2f41cf39fce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, प्रेट्र। हाल में दुनियाभर में मौसम का अप्रत्याशित रुख देखने को मिला है। कनाडा में लू, उत्तरी अमेरिका में जंगलों में आग, जर्मनी व चीन में बाढ़ की खबरें आ रही हैं। लोग मौसम के ऐसे रुख से हतप्रभ हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि मौसम में इस बदलाव के लिए जलवायु परिवर्तन कहां तक जिम्मेदार है। अमेरिका की कोलोरैडो स्टेट यूनिवर्सिटी के एटमास्फेरिक साइंस के प्रोफेसर स्काट र्डेंनग ने इस संबंध में कई पहलुओं की पड़ताल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8244171c7ec90c52ee782f4eb88868ffbe542b0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एटीएस ने पिछले दिनों लखनऊ में मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन को गिरफ्तार कर उनके घरों से कुकर बम व अन्य विस्फोटक बरामद किए थे। बाद में शकील, मुस्तकीम व जैद की गिरफ्तारी हुई थी। एटीएस ने पांचों को रिमांड पर लिया था, जिसमें से शकील, मुस्तकीम व जैद की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद उन्हेंं जेल भेजा चुका है, जबकि मिनहाज व मसीरुद्दीन की रिमांड अवधि अभी तीन दिन बाकी है। एटीएस सूत्रों ने पहले यही संकेत दिए थे कि आतंकियों को कानपुर नहीं लाया जाएगा, मगर मिनहाज के जले हुए मोबाइल से कई नए सुराग मिले हैं। इससे कुछ संदिग्धों को लेकर एटीएस का शक और पक्का हुआ है। मिनहाज का कानपुर से करीबी संबंध रहा है, लेकिन उसने 11 दिनों में कानपुर से जुड़ा कुछ खास नहीं उगला है। माना जा रहा है कि उसे बाकी बचे तीन दिनों में कानपुर लाया जा सकता है। संदिग्धों से आमना-सामना भी कराया जा सकता है। उसे जाजमऊ, चकेरी, मछरिया, बेगमपुरवा आदि स्थानों पर लेकर एटीएस जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2789040f8b15a5aae28594c131c9493a641b6ff5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगाें की मदद में रहते हैं आगे ।न्यू राजेंद्र नगर निवासी राम सारस्वत विवेकानंद कालेज से इलेक्ट्रिक में डिप्लोमा कर रहे हैं। सेवाकार्य के प्रति वो सदैव समर्पित रहते हैं। राम सारस्वत गरीबों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं। कोरोना के समय वो गरीबों को भोजन पहुंचाने का कार्य करते थे। शहर में निकल जाया करते थे, जो लोग भूखे होते थे, उन्हें भोजन की व्यवस्था कराते थे। सामाजिक मुद्दों पर हमेशा आगे रहते हैं। पक्षियों को गर्मी के दिनों में दाना-पानी डालने, घायल पशुओं के इलाज आदि की व्यवस्था करते हैं। क्षेत्र में कभी भी किसी को समस्या आती है तो राम सारस्वत सबसे आगे निकलकर आते हैं। वो कहते हैं कि पढ़ाई के साथ भी हम सेवा कार्य कर सकते हैं। वो कहते हैं कि आगे कारोबार शुरू करने की तैयारी है, मगर सेवाकार्य को वो नहीं छोड़ेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e5a28333c647d4603f36127eb66ea6c2490055c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69082.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लालजी जायसवाल। पिछले दिनों एक मामले पर टिप्पणी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह इस तथ्य की समीक्षा करेगा कि कार्यपालिका के दायरे में आने वाले कोविड प्रबंधन से जुड़े मामलों में अदालतें किस सीमा तक हस्तक्षेप कर सकती हैं। बहरहाल, संविधान में भाग चार के अनुच्छेद 50 में कार्यपालिका से न्यायपालिका को पृथक करते हुए दोनों के बीच के फर्क को विश्लेषित किया गया है। यानी कार्यपालिका और न्यायपालिका, दोनों ही एक-दूसरे की सीमाओं का सम्मान करेंगे और उसमें हस्तक्षेप से बचेंगे। लेकिन यह मामला नीति निदेशक तत्व में आता है, इसलिए इसका पालन करना कर्तव्य तो है, परंतु बाध्यकारी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69083.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69083.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b0980294d3ad2dac15ce3880852eb7d5f6db363 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69083.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, इसके पहले दिन यानी सोमवार को व्यस्त समय में स्टेशनों के बाहर से लेकर मेट्रो ट्रेनों के अंदर तक अव्यवस्था दिखी। स्टेशन के बाहर यात्रियों को 30 मिनट से लेकर एक घंटे तक लाइन में खड़ा होना पड़ा। इससे यात्रियों को परेशानी भी हुई। वहीं सुबह में मेट्रो के अंदर भी काफी भीड़ रही और यात्रियों ने खड़े होकर सफर किया। इस वजह से शारीरिक दूरी के नियम धरे रहे गए। ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31014f636e222c3343409abbf1e9b5b69bfb7060 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69084.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आकर्षक लाइट से जगमग रहेगा विज्ञान संकाय।प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से जारी टेंडर के मुताबिक विज्ञान संकाय में सिंथेटिक टेनिस, बास्केटबाल और बालीवाल कोर्ट के पास सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, उन्नत पथ भी होगा। संकाय को रोशनी से जगमग करने के लिए सोलर लाइट लगाई जाएगी। पेड़ों के आसपास बैठने के लिए भी व्यवस्था रहेगी। + +बोले, प्रयागराज के कमिश्‍नर । प्रयागराज के कमिश्‍नर संजय गोयल कहते हैं कि खासतौर से युवाओं के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे वह अंततराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को निखारने में कामयाबी हासिल कर सकेंगे। इस प्लेटफार्म से उम्मीद तो यह भी जताई जा रही है कि भविष्य में युवा खेल जगत से ढेर सारे पदक लेकर आएंगे। । इविवि की पीआरओ ने कहा । इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय की पीआरओ डाक्‍टर जया कपूर कहती हैं कि विश्वविद्यालय को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई आधुनिक खेल सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। इससे खिलाडिय़ों को अभ्यास करने का बेहतर माहौल मिलेगा। प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी अपना लोहा मनवाने के साथ पदकों पर कब्जा कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbb23ef89ef79a1ba4133e91d956cdeb77ab0b80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण।ये रॉक पेंटिंग्‍स विदेशी पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण हैं। हालांकि दिल्‍ली के टूर ऑपरेटर्स फतेहपुरसीकरी को जल्‍दबाजी में घुमाते हैं क्‍योंकि उनको पर्यटकों को एक ही दिन में आगरा भ्रमण कराकर रात को वापस दिल्‍ली के होटल में ले जाना होता है, लेकिन जो पर्यटक बिना किसी ऑपरेटर की सहायता से यहां पहुंचते हैं। वे गाइड की मदद से पहाडि़यों पर बनी इन पेंटिंग्‍स को देखने जरूर जाते हैं। यदि इन पेटिंग्‍स का पर्याप्‍त प्रचार प्रसार हो तो पर्यटकों के लिए ये एक नया आकर्षण साबित हो सकता है, जैसे भोपाल के पास भीम बेटिका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b123b9ffa48ddc0d5adbf830053fdca597599505 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69089.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + समझना होगा राजनेताओं व देवीलाल, चौटाला और अभय के बीच अंतर।कई किसान नेताओं का कहना है कि किसान संगठनों के आंदोलनकारी ताऊ देवीलाल, उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला और उनके भी बेटे अभय सिंह चौटाला के भाव को समझ नहीं पाए। किसी भी समर्थन देने वाले व्यक्ति का ऐसा विरोध कहीं से वाजिब नहीं है। चौटाला पिछले दिनों गाजीपुर बार्डर पर भी गए थे। वहां उन्हें बड़े मंच पर भले ही न बैठाया गया हो, लेकिन भाकियू नेता राकेश टिकैत उनके साथ पूरे समय रहे। ।टिकैत ने बड़े चौटाला को पूरा सम्मान दिया। उनके साथ अलग तंबू में बैठकर प्रेस कान्फ्रेंस भी की। दूसरी तरफ ऐसे आंदोलनकारी भी हैं, जिनकी अराजक होने की कोई सीमा नहीं है। कम से कम चौटाला के बुजुर्ग होने का ख्याल करते हुए उन्हें राम-राम करने के लिए माइक तो दिया ही जा सकता था। + +वीडियो में सब कुछ मगर डंडा मारने वाला सीन कहां गायब हो गया।जींद के खटकडा टोल पर चौटाला और सतबीर पहलवान के बीच संवाद का जो वीडियो वायरल हुआ, वह सारी कहानी कह रहा है। चौटाला अपने पोते करण और सहायक के साथ आराम से खड़े हैं। शोर-शराबा चल रहा है। एक पतला-दुबला आदमी जिसका नाम सतबीर पहलवान बताया जाता है, वह बार-बार तुनक कर चौटाला पर हाथ फेंक रहा है। चौटाला उसे बात सुनने के लिए कहते हैं, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं होता। ।चौटाला माइक मांगते हैं। नहीं दिया जाता। आखिरकार थोड़ा मायूस और थोड़ा गुस्सा होते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। फिर अपने माइक से लोगों को राम-राम करते हैं। वीडियो में यही घटनाक्रम है। कुछ घंटों के बाद सतबीर पहलवान का एक बयान आता है कि चौटाला ने उसके पैर में डोगा (छड़ी) मारी। वह चौटाला को नमस्ते करने गया था। इस घटनाक्रम का कोई न तो आडियो है और न ही वीडियो है। ।चौटाला इस आरोप से दुखी और गुस्से में हैं। अगले दिन सतबीर पहलवान की कुछ राजनीतिज्ञों के साथ मंच साझा करते हुए फोटो वायरल होती है। यह फोटो भी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है। इस फोटो के आधार पर सतबीर पहलवान को कोई पुराना लोकदली, कोई जजपाई तो कोई कांग्रेसी बता रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67d81426154c72e1328c9065ea754ae54bf4d20c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है मामला।गुलरिहा की रहने वाली 27 वर्षीय युवती के पिता फर्रुखाबाद में नौकरी करते थे। पढ़ाई के दौरान युवती की दोस्ती फर्रुखाबाद के रहने वाले ट्रांसजेंडर पूजा से हो गयी। जिसके बाद दोनों के बीच नजदीकी बढ़ गई। ट्रांसजेंडर ने खुद को लड़का बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। दस्तावेज में अपना नाम अंकित कराने के बाद दोनों ने एक माह पहले गुरुग्राम के एक मंदिर में शादी कर ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eba79274da13c4a2740404dcdda7e5a921c8ac15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। उड़न सिख मिल्खा सिंह का ओलिंपिक में किसी भारतीय एथलीट को पदक जीतते हुए देखने का ख्वाब अधूरा ही रह गया। मिल्खा सिंह तो किसी भारतीय खिलाड़ी को पदक जीतते हुए देखना चाहते थे, लेकिन आगरा तो ओलिंपिक गेम्स में प्रतिनिधित्व को भी तरस रहा है। वर्ष 2016 के रियो ओलिंपिक में आगरा के एथलीट अंकित शर्मा ने भाग लिया था, लेकिन टोक्यो ओलिंपिक में आगरा का कोई खिलाड़ी या कोच नहीं है। आगरा में संसाधनों के अभाव में खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, जबकि पूर्व में चार दशक पहले तक आगरा के एथलीट एशियन गेम्स में पदक जीत चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d4525b182cf74f0bb57dfdd5a2fa5b87632d6e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण डिटिजल डेस्क। 'न खुदा ही मिला, न विसाल-ए-सनम, न इधर के रहे न उधर के रहे' उर्दू का यह मशहूर शेर पिछले 8 महीने से चल रहे किसान आंदोलन पर पूरा सटीक बैठता है। पूरी तरह भटकाव की राह पर चल पड़ा किसान आंदोलन 200 दिन बाद अपनी दिशा ही भूल गया है और किसान आंदोलन की दशा तो जग जाहिर हो चुकी है। गणतंत्र दिवस पर लाल किला हिंसा, एक युवती से दुष्कर्म से लेकर टीकरी बॉर्डर पर एक शख्स को जिंदा जलाने जैसे दाग किसान आंदोलन पर लग चुके हैं। किसान आंदोलन के दामन पर लगे दाग इस कदर गाढ़े हो गए हैं कि इन्हें साफ करना नामुमकिन है। सच बात तो यह है कि नाम कमाने से ज्यादा देशभर में अब किसान आंदोलन बदनाम हो गया है। अब आम जनता भी समझ नहीं पा रही है कि जब केंद्र सरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को स्थगित कर चुकी है तो आखिर किसान प्रदर्शनकारी जिद क्यों किए हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7c0d7af5793bc2763ff86ecd1cfc710f8dfc72b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69098.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस्‍लामाबाद, एजेंसी। प्रतिवर्ष 26 जुलाई को देश में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। कारगिल के इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान की सेना अपना लोहा मनवाया था। इसमें पाकिस्‍तान पराजित हुआ था। भारतीय सेना के इस जीत को जीत को आज 22 वर्ष पूरे हो गए। दोनों देशों के बीच इस युद्ध को पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन सेना प्रमुख पवरेश मुशर्रफ अंजाम दिया था। खास बात यह है कि पाक‍िस्‍तान के तत्‍कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इस संघर्ष से अंत तक अंजान थे, लेकिन अपनी सत्‍ता को बचाने के लिए वह अमेरिका से मदद मांगने गए थे। हालांकि, अमेरिका के तत्‍कालीन राष्‍ट्रप‍ति बिल क्लिंटन ने उन्‍हें किसी तरह की मदद से इन्‍कार कर दिया था। क्लिंटन ने कहा था कि पाकिस्‍तान को अपनी सेना हटानी होगी। इतना ही नहीं पाक‍िस्‍तान के दोस्‍त चीन ने भी मदद से इन्‍कार कर दिया था। ।युद्ध के दौरान उनकी यात्रा के दो मकसद।प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि भारत-पाक युद्ध के दौरान शरीफ ने अमेरिका का दौरा किया था। उनकी इस यात्रा का मकसद युद्ध के दौरान कूटनीतिक मदद हासिल करना था। शरीफ ने अमेरिका को भारत के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया था। शरीफ अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान क्लिंटन से मुलाकात की थी। जाह‍िर है कि युद्ध के दौरान उनकी यात्रा के दो मकसद थे। पहला इस युद्ध में अमेरिका का रुख जानने की कोशिश कर रहे थे। दूसरे, वह इस अवसर की तलाश में थे कि भारत के खिलाफ अमेरिका को खड़ा किया जा सके। + +अमेरिका में कई घंटे राष्‍ट्रपति क्लिंटन के साथ बिताए।इतना ही नहीं शरीफ ने अमेरिका में कई घंटे राष्‍ट्रपति क्लिंटन के साथ बिताए थे। प्रो. पंत ने कहा कि शरीफ चाहते थे कि इस युद्ध में अमेरिका पाक का साथ दे, लेकिन वह अपने मिशन में असफल रहे। उस वक्‍त क्लिंटन ने शरीफ से साफ कह दिया था कि पहले पाकिस्तान को करगिल में पीछे हटना होगा। उसके बाद ही कोई और बातचीत होगी। पहले ही भारतीय सेना के तेवरों से पाकिस्तान लगभग पस्त हो चुका था। अमेरिका के सामने सबसे बड़ा प्रश्न था कि कहीं यह युद्ध परमाणु युद्ध में न बदल जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b6cc7040bbf84ff552b8e388e75af4103bc1fda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सिद्दीकी और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी ने मुंबई के ताज होटल में इस साल इफ्तार की पार्टी दी। इसमें हर बार की तरह इस बार भी शाह रुख खान और सलमान खान स्पेशल गेस्ट रहे। कोरोना काल के बाद ये पहली बार है कि जब बाबा सद्दीकी के यहां इफ्तार पार्टी में सितारों का जमावड़ा लगा हो। इस समारोह में बॉलीवुड के साथ-साथ छोटे पर्दे के सेलेब्स ने भी शिरकत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe94a92c9da7b858d537d631e31fed4051d1efa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69100.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अगस्त से नवंबर के बीच आ सकती है अगली लहर।अनुमान है कि अगस्त से नवंबर, 2021 के बीच अगली लहर आ सकती है। कुछ लोग इन अनुमानों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्हें इस बात पर आश्चर्य होता है कि अनुमान अलग-अलग क्यों हैं। इसकी वजह यह है कि कोई यह नहीं बता सकता है कि नया वैरिएंट कब उभरेगा। अगर नया वैरिएंट उभर आया और लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो अगस्त में ही तीसरी लहर आ सकती है। सीरो सर्वे के नतीजों से अति आत्मविश्वास में आने की जरूरत नहीं है कि लोग सुरक्षा के उपाय करना छोड़ दें। संवेदनशील लोगों में संक्रमण और बीमारी का खतरा बना रहता है। ज्यादा संक्रामक वैरिएंट के आने से ऐसे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें एंटीबाडी है। कुछ लोग निष्कर्ष निकाल रहे हैं कि भारत हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहा है। हमें समझना होगा कि ज्यादा संक्रामक वैरिएंट होने पर हर्ड इम्युनिटी का थ्रेसहोल्ड भी बढ़ जाता है। फिलहाल हर्ड इम्युनिटी के लिए 85 फीसद से ज्यादा लोगों में एंटीबाडी की जरूरत है और हम इससे दूर हैं। + +सीरो सर्वे से बच्चों को लेकर भरोसा बढ़ाने वाली बात आई सामने ।सवाल है कि हमें क्या करना चाहिए? जवाब है कि जब तक दुनिया में महामारी चल रही है, हमें अपने और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए मास्क, शारीरिक दूरी और हाथ धोने की आदत को अपनाए रहना होगा, साथ ही टीका लगवाना होगा। सीरो सर्वे से बच्चों को लेकर भरोसा बढ़ाने वाली बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि बच्चों में भी बड़ों की तरह ही सीरोप्रिवेलेंस पाया गया। बच्चों में अन्य की तुलना में बीमारी के गंभीर होने की आशंका कम रहती है। इसकी वजह है कि उनके फेफड़े में वह रिसेप्टर पूरी तरह विकसित नहीं होता है, जो वायरस को फैलने में मदद करता है। इनसे हमें यह पता चलता है कि अगली किसी लहर में बच्चों पर कोई अतिरिक्त खतरा नहीं है। राज्यों के प्रशासन को राष्ट्रीय सर्वे के साथ राज्य एवं स्थानीय स्तर पर सर्वे के आंकड़ों को आधार बनाकर टीकाकरण और अन्य कदमों पर विचार करना चाहिए। जरूरत पड़े तो कुछ चुनिंदा जिलों में अलग से सीरो सर्वे कराया जा सकता है। शहरों और गांवों में सीरो प्रिवेलेंस एक जैसा ही पाया गया। इस आंकड़े का इस्तेमाल सही अनुमान लगाने और देश में मौत के असल आंकड़ों के आकलन में किया जा सकता है। + +इस लड़ाई में टीकाकरण कराते हुए और मास्क पहनकर लोग अपना योगदान दे सकते हैं। तकनीक के जानकार लोग विज्ञान आधारित प्रमाण जुटाएं और नीति निर्माता सही योजनाएं बनाकर भूमिका निभाएं। अभी संभलने की जरूरत है। कम से कम 60 से 70 फीसद वयस्क आबादी को टीके की एक डोज लगाने और फिर दूसरी डोज की गति बढ़ाकर महामारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9012ec85d3b137f94d08c39bade42de9e5d744c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अफगान सेना की ओर से कंधार में आतंकियों पर बरसाए बम।अफगानिस्तान पर तालिबान के लगातार बढ़ते दबदबे को देखते हुए अमेरिका फिर सक्रिय हो गया है। उसने अफगान सरकार को सैन्य कार्रवाई में मदद का भरोसा दिलाया है। काबुल में तैनात अमेरिकी सेना के जनरल केनेथ एफ मैकेंजी ने कहा है कि तालिबान के ठिकानों पर उनके हवाई हमले जारी रहेंगे। इसका असर कंधार में दिखने लगा, जहां अमेरिकी विमानों ने कमजोर पड़ती अफगान सेना के पक्ष में आतंकियों पर बम बरसाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22bc617ab97e29a0480e3834e095ee881354d6d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तार जोड़कर बनाया संपर्क: कैप्टन आदित्य मिश्र का जन्म फातिमा अस्पताल में हुआ था। उनके पिता ले. जनरल जीएस मिश्र की कई जगह तैनाती हुई। इसलिए कैप्टन आदित्य मिश्र देश के कई शहरों में पढ़ाई के बाद आठ जून 1996 को भारतीय सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में अधिकारी बने। सिग्नल कोर के अधिकारी कैप्टन आदित्य मिश्र 19 जून 1999 को अपनी यूनिट लद्दाख स्काउट के साथ बटालिक सेक्टर पहुंचे। उन्होंने प्वाइंट 5203 को दुश्मनों के कब्जे से मुक्त कराया। टीम वापस अपने बेस पर पहुंची, लेकिन कब्जे में लिए गए बंकर में संचार लाइन का नेटवर्क बिछाना जरूरी था। वह दोबारा संचार नेटवर्क बिछाने गए। वहां उनका दुश्मनों से आमना-सामना हुआ, जहां दुश्मन से मोर्चा लेते हुए वह शहीद हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3d8f779d704e5890bd9a281c041eaa93f68176b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिकंदर ने करवाया था निर्माण ।प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ विश्व विजेता सिकंदर के समय 326 ईसा पूर्व बनाया गया था। सिकंदर जब पंजाब पहुंचा और पंजाब में प्रवेश करने से पूर्व वह मीरथल नामक गांव में अपने पांच हजार सैनिक लेकर खुले मैदान में विश्राम करने लगा। यहां उसने देखा कि एक फकीर शिवलिंग की पूजा में व्यस्त था। सिकंदर ने फकीर से कहा कि वह उनके साथ यूनान चलें, वह उन्हें दुनिया का हर ऐशवर्य देंगे। फकीर ने सिकंदर की बात को अन्नसुना करते हुए कहा आप थोड़ा पीछे हट जाएं और सूर्य का प्रकाश मेरे तक आने दें। फकीर की इस बात से प्रभावित होकर सिकंदर ने टिल्ले पर काठगढ़ महादेव का मंदिर बनाने के लिए भूमि को समतल करवाया और चारदीवारी बनवाई। यहां ब्यास नदी की और अष्टकोणीय चबूतरे बनवाए जो आज भी यहां है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5983a88373762b0932d26e2df90bdce6d03f0a54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6911.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl धर्मेंद्र एक बार बताया था कि फिल्म शोले में अमिताभ बच्चन को जय की भूमिका में लेने के लिए उन्होंने निर्माता से कहा थाl शोले एक लोकप्रिय फिल्म हैl इस फिल्म में जय की भूमिका पहले शत्रुघ्न सिन्हा निभाने वाले थेl हालांकि कई कारणों के बाद यह भूमिका अमिताभ बच्चन को दी गईl इसके पीछे एक कारण धर्मेंद्र का अमिताभ बच्चन के पक्ष में बात रखना भी थाl।एक इंटरव्यू में धर्मेंद्र ने यह माना कि उन्होंने अमिताभ बच्चन को लिए बात की थीl उन्होंने यह भी कहा कि वह सार्वजनिक तौर पर इस बारे में बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अमिताभ बच्चन ने इसके लिए उनका आभार व्यक्त किया हैl।धर्मेंद्र से जब पूछा गया कि क्या यह बात सही हैl तब वे कहते है, 'मैंने कभी इस बारे में बात नहीं है लेकिन अमिताभ ने कहना शुरू कर दिया हैl इसलिए मैं बता रहा हूंl जी हांl मैंने उनकी सहायता की थीl वह मेरे पास आते थेl पहले यह भूमिका शत्रुघ्न सिन्हा को मिलने वाली थीl' धर्मेंद्र ने यह भी कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा ने उनसे पूछा था कि उन्होंने अमिताभ बच्चन का नाम क्यों लियाl इसपर उन्होंने कहा था, 'यार कुछ समझ नहीं आताl वह पहले आया, सोचा चलो बेचारे को दे दोl'।रमेश सिप्पी पहले शत्रुघ्न सिन्हा को लेना चाहते थे लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा बहुत बड़े कलाकार थेl तीन बड़े कलाकारों को एक फिल्म में लेने का अर्थ यह था कि तीनों की भी इगो पर समान रूप से ध्यान देनाl रमेश सिप्पी ने मुंबई टू गोवा और आनंद देखी थी और वह अमिताभ की प्रतिभा से संतुष्ट थेl इसके अलावा अमिताभ ने धर्मेंद्र से अपने लिए बात करने के लिए भी कहा थाl इसके चलते अमिताभ बच्चन को बतौर जय ले लिया गया थाl फिल्म शोले के कारण अमिताभ बच्चन का करियर चल निकला थाl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69110.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13c89e21fab83c346f1a8676d7aa0595bde9d4dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69110.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [कुमार संजय]। असुरक्षित सर्जरी, किसी भी डॉक्टर से दांत उखडवाना और सड़क पर बैठे नाई से दाढ़ी बनवाना लिवर को बीमार करने वाले हेपेटाइटिस सी के संक्रमण का सबसे बड़ा कारण इसके साथ टैटू बनवाना, संक्रमित खून चढना और नशे की सुई लेना भी कारण है। प्रदेश में हेपेटाइटिस सी वायरस के संक्रमण का कारण जानने के लिए शोध हुआ जिसमें 25 से अधिक जिलों को हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त 310 मरीजों पर शोध किया गया। 50.3 फीसदी पुरुष और 49.7 महिलाएं थी। इसमें सबसे अधिक मरीज लखनऊ, सीतापुर उन्नाव जिलों से शामिल हुए शोध को हाल में ही जर्नल आफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर ने स्वीकार किया है। इसके साथ किस टाइप के जीनोम वाले सी वायरस से संक्रमित थे यह भी देखा गया। देखा गया कि सभी संक्रमित में एसजीओटी, एसजीपीटी, एल्कलाइन फॉस्फेट का स्तर बढा था। रिपोर्ट का कहना है कि लोगों को बचाव के लिए जागरूक करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..968b6fabe8926f83a4fbae5486e364827b49b72f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली/ नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। ‘देशभक्तों से ही देश की शान है। देशभक्तों से ही देश का मान है। हम उस देश के फूल हैं यारों, जिस देश का नाम हिंदुस्तान हैं।’ कुछ इन्हीं भावनाओं को साथ लेकर डाक्टर मेजर बीपी सिंह दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर बने युद्धस्थल पर साढ़े चार माह तक डटे रहे थे। देश की सुरक्षा जवानों की अग्रिम पंक्ति करती है। इन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सकों की टीम रहती है। तीन माह के लिए पोस्टिंग के बावजूद उन्होंने साढ़े चार माह का समय वहां गुजारा था। उस समय उनके ब्रिगेडियर वहां पहुंचे, लेकिन मौसम खराब होने से रात में वहीं रुकना पड़ा। उस दौरान उन्हें तैनाती से अधिक समय तक वहां रुकने की बात पता लगी, तो वह डा. मेजर बीपी सिंह को अपने साथ हेलीकाप्टर से वापस लेकर आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28941ad8e02cfd6cf377ae316b207a668cffaac1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। ब्रिटेन ने कोरोना महामारी से संबंधित लगभग सभी पाबंदियां हटा दी हैं। जर्मनी ने टीका लगवा चुके लोगों को बिना क्वारंटाइन यात्र की अनुमति दे दी है। इटली में अब मास्क लगाना अनिवार्य नहीं रहा और सिंगापुर में सभी माल खोल दिए गए हैं। ये सब डेढ़ साल से कोरोना महामारी के डर में जी रही दुनिया की जीत की ओर बढ़ते कदमों का कुछ उदाहरण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05b9d2f8183c89798794026ed008911fe0b9da09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सावन आते ही पेड़ों पर पड़ जाते थे झूले।आज से 30 वर्ष पहले सावन आते ही गांवों में पेड़ों पर झूले पड़ जाया करते थे। महिलाएं अपनी सखियों के साथ झूूले पर पेंग मारा करतीं थीं। खासकर जिन युवती की शादी की पहली साल होती थी उन्हें सावन का खास इंतजार रहता था। सावन के महीने में मायके से संदेशा आता था, युवती खुशी से झूम उठती थी। फिर मायके में अपनी सखियों के साथ झूले पर पेंग मारा करतीं थीं। गीत-मल्हार से मन मोहित हो उठता था। चारों ओर हरियाली नजर आती थी। हरियाली तीज पर्व पर तो मानों चारों ओर खुशियां झूम उठती थी। गांव की ओर बढ़ते ही पेड़ों पर झूले दिखाई देते थे। ग्रामीण आराम करते थे। गीतों से मानों पूरा गांव झूम उठता था। मगर, अब धीरे-धीरे परंपराएं समाप्त होती जा रही हैं। पेड़ कट गए, बाग बगीचे दिखते नहीं, गांवों में भी पेड़ों की संख्या कम हो गई, इसलिए अब झूले दिखाई नहीं देते। शहरों में तो शोरगुल ने गीतों को छीन लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69119.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69119.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc28aedab1f8709e4bd42bee6c29c5279ae60aa9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69119.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सन्नी कुमार। बीते दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने फिर इस मांग को उठाया कि लाल किले का नाम बदलकर ‘नेताजी फोर्ट’ कर दिया जाए। अपनी बात की पुष्टि के लिए उन्होंने इस बात को भी जोड़ा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी इस आशय की मांग की थी, किंतु तत्कालीन नेहरू सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। + +वस्तुत: जिस प्रकार लाल किला सदियों से शक्ति एवं प्रभुसत्ता का प्रतीक बना रहा, उसी तरह नेताजी की छवि भी एक ऐसे ही सशक्त व्यक्ति की रही है। वो नेताजी ही थे जिन्होंने अंग्रेजी सत्ता को उनके ही तरीकों से चुनौती दी। इस प्रकार सत्ता के प्रतीक रहे लाल किले और नेताजी के बीच एक स्पष्ट संबंध जुड़ता है। अगर इस नामांतरण को ‘मुगल- गैर मुगल’ की संकिर्णता में न देखकर राष्ट्रीय इमारत को नया अर्थ देने की व्यापकता में देखा जाए तो नेताजी फोर्ट एक सुसंगत अर्थ रखता है। सबसे बढ़कर यह कि लाल किला किसी मुगल शासक के नाम पर नहीं है और न ही यह किसी धाíमक पहचान को धारण करता है, लाल बलुआ पत्थर से बने होने के कारण इसे लाल किला कहा जाता है। इसलिए यह नामांतरण किसी सांस्कृतिक पहचान से विरोध नहीं रखता है। + +सत्ता के केंद्र के रूप में लाल किला एक प्रतीकात्मक महत्व रखता है। यह धारणा इस बात से भी पुष्ट हो जाती है कि अंग्रेजों ने लाल किले के इस प्रतीकात्मक महत्व को नष्ट करने की हरसंभव कोशिश की। वर्ष 1911 में जब दिल्ली दरबार का आयोजन हुआ तब महारानी विक्टोरिया ने लाल किले से ही इसकी ऐतिहासिक घोषणा की थी और जब देश आजाद हुआ तो नेहरू ने लाल किले को ही ध्वजारोहण के लिए चुना। तब से यह परंपरा चली आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83f3b89716905cce39da9fb362455fdd3113fdbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राम से दुराव का नाता समाजवादी पार्टी भी नहीं रखना चाहती। हां, वह राम के पहले कृष्ण को याद कर खुद को अलग दिखाना चाहती है। ब्राह्मण वोट इस पार्टी को भी चाहिए। इसलिए इसने पहले ही परशुराम की प्रतिमा स्थापित कराने का वादा कर रखा है। समाजवादी पार्टी के मौजूदा मुखिया अखिलेश यादव बीते दिनों चित्रकूट सहित कई मंदिरों में जा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0da4a9a8424aab4794407e2c370759005e063684 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। कहते हैं अगर लगन है तो आसमान को भी पाना मुश्किल नहीं है.., कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिल्हौर में रहने वाले परचून दुकानदार के बेटे ने...। बिल्हौर में रहने वाला आकाश अब अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी पीएचडी करेंगे और उन्हें सालाना लाखों की स्कॉलरशिप भी मिलेगी। उनकी इस सफलता न सिर्फ परिवार में बेहद खुशी बल्कि परिचतों ने भी बधाइयों का तांता लगा दिया है। ।बिल्हौर इंटर कालेज में शिक्षक और कांग्रेसी नेता रहे सुरेश चंद्र अवस्थी के बड़े बेटे प्रदीप अवस्थी ककवन रोड पर परचून की दुकान चलाते हैं और मुनीश्वर अवस्थी नगर में रहते हैं। उनके बेटे आकाश अवस्थी का अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय से संबद्ध कुलेन कालेज आफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर सांइस ट्रेड में पीएचडी के लिए चयन हुआ है। आकाश ने बताया कि बिल्हौर में कक्षा आठ तक शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद रामबाग कानपुर में बुआ के घर पर रहकर कक्षा नौ से इंटर तक जय नरायन विद्या मंदिर कालेज में पढ़ाई की। तमिलनाडु के मदुरई में कालासलिंगम विश्वविद्यालय में कंप्यूटर सांइस से बीटेक किया। बीटेक करने के दौरान कालेज की ओर से आइआइटी कानपुर, भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में रिसर्च वर्क किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa0cc6117c5e100cdc408afa683a76d257a014c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. विकास सिंह। इसी माह केंद्रीय मंत्रिमंडल में किए गए विस्तार के साथ ही एक सहकारिता मंत्रलय का गठन चर्चा में है। हमारे देश में आज सहकारी क्षेत्र को मजबूत समर्थन की जरूरत है। सहकारिता वास्तव में ग्रामीण परिदृश्य में सर्वव्यापी है। भारत की अधिकांश ग्रामीण अर्थव्यवस्था सहकारिता से प्रभावित होती है और किसी न किसी रूप में लगभग हर ग्रामीण जीवन को प्रभावित करती है। ग्रामीण परिवेश में यह ‘जीवन की सुगमता’ के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। हालांकि इसका योगदान कुछ क्षेत्रों में अधिक प्रभावी नहीं रहा है, यहां तक कि इस कारण से कुछ क्षेत्रों में एक प्रकार से ह्रास ही हुआ। विडंबना यह है कि राज्य इस क्षेत्र पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि इसे पोषण के साथ एक मजबूत रीढ़ और अभिनव दिमाग की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0de87327e3ef8232fca4dd455b3111abb435cd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69126.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी ने सुनील को बहुत प्रोत्साहित किया। अपने काम और अच्छे व्यवहार की बदौलत सुनील राजभवन में सभी का चहेता बन गया। यहां नौकरी करते हुए उसे करीब दो साल पूरे होने वाले हैं। पूर्व राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य भी राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में सुनील को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित कर चुके हैं। + +दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए करेंगे काम।हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का कहना है कि सुनील कुमार एक संघर्षशील, कर्मठ व कुशल कर्मचारी है। सुनील से मैंने बात की है। उसने बड़ी-बड़ी कठिनाइयों और परिस्थितियों को पार करते हुए कला और रोजगार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। यूं कह सकते हैं कि सुनील युवा पीढ़ी के साथ-साथ तमाम उन दिव्यांग लोगों के लिए प्रेरणा है, जो आगे बढ़ना चाहते हैं। मेरा प्रयास रहेगा कि हरियाणा रेडक्रास सोसायटी, राज्य बाल कल्याण परिषद, वाणी एवं श्रवण निशक्त जनकल्याण सोसायटी जैसी संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को हर वंचित व दिव्यांग व्यक्ति तक पहुंचाया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19119e58e2c56e7e8c3760bc054cc16c58ba4366 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [प्रवीन कौशिक]। दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे की अलाइमेंट के बीच मास्टर प्लान-2031 के तहत विकसित होने वाले तीन सेक्टर आ रहे हैं। एक्सप्रेस-वे से तीनों सेक्टरों की पूरी प्लानिंग गड़बड़ा रही है। मतलब ये सेक्टर दो हिस्सों में एक्सप्रेस-वे के दाएं-बाएं बंट जाएंगे। इसे लेकर नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी चिंतित हैं। अलाइमेंट को लेकर अब नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी जल्द भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों से मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92be6afb7510da728a7af2f0f2740c01128c1675 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पनीर चौराहा ।कर्नलगंज इलाके में यह प्रसिद्ध चौराहा स्थित है। इस चौराहे के आसपास पनीर की कई प्राचीन समय से दुकानें हैं। मशहूर लस्‍सी की भी दुकान यहीं है। इसी के नाम पर इस चौराहे का नाम पनीर चौराहा हो गया। पास ही इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय भी है। इससे विश्‍वविद्यालय के छात्रों से भी यह चौराहा गुलजार रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4ab3155798a07c58fc3693540322a583629169a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69136.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। सरोजनीनगर के लालचंद्र उद्यान विभाग के माध्यम से ट्रैक्टर खरीदना चाहते थे। उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में अनुदान के लिए आवेदन भी भर दिया। अनुदान स्वीकृत ही नहीं हुआ था कि विभाग की ओर से अनुदान में कटौती करने का निर्णय ले लिया गया। डेढ़ लाख रुपये मिलने वाला अनुदान घटकर एक लाख कर दिया गया। अब वह अतिरिक्त जमीन के कागजात लगाकर लोन लेना पड़ेगा। अकेले यह परेशानी एक किसान की नहीं बल्कि काकोरी के राकेश कुमार , कमलेश व रामप्यारी समेत कई किसानों की है जो अनुदान कम होने से परेशान हैं। + +उद्यान विभाग के माध्यम से ट्रैक्टर खरीदने पर किसानों को अनुदान देने का प्रावधान है। 20 एचपी तक टैक्टर की खरीद पर सामान्य व अनुसूचित जाति को अभी तक डेढ़ लाख रुपये अनुदान मिलता था, लेकिन इस वर्ष सामान्य के लिए 75 हजार और अनुसूचित जाति के लिए एक लाख कर दिया गया। इसके साथ ही आठ एचपी के पावर टीलर पर अनुदान को 50 से घटाकर 40 हजार कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa93318336024dfc0d4ae5688e7c386ed967ed90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69137.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ सौरभ शुक्ला। यूपी और एमपी में बाढ़ आपदा को लेकर एनडीआरएफ ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। आपदा से राहत एवं बचाव के लिए दोनों प्रदेशों में 18 टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों को तीन भागों में बांटा गया है। टीमों ने गंगा, घाघरा और अन्य नदियों के कटरी इलाके में बोट से रेकी कर पूरी योजना तैयार कर ली है। कि किस इलाके में बाढ़ आने पर वहां कैसे राहत एवं बचाव कार्य करना है। इसके लिए एनडीआरएफ 11वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा की शासन स्तर पर बैठक भी हो गई है। टीमों के पास अत्याधुनिक उपकरणों से साथ तैयार हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ आपदा से बचाव के लिए पूरी योजना की जानकारी भी अधिकारियों से ले ली है। इसके लिए टीमें जनपदों में जागरुकता अभियान भी चलाएंगी। इन टीमों पर यूपी के 57 और एमपी के 52 जिलों का प्रभार है। जहां बाढ़ आपदा अधिक होती है। + +यहां तैनात की गई टीमें: कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मानसून सीजन शुरू हो गया है। इस कारण बाढ़ आपदा से बचाव के लिए श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर में एक-एक टीम और लखनऊ, गोरखपुर और भोपाल में दो-दो टीमों को तैनात कर दिया गया है। अन्य टीमें अत्याधुनिक बोट और उपकरणों के साथ मुख्यालय में तैयार बैठी हैं। जरूरत पड़ने पर कभी भी, कहीं भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए जा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2a543227cae20b530ef3e92c9d0a63fa9de0b59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69139.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अदालत ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी का किया था गठन ।अतिक्रमण हटाने और रास्ते मे आड़े आ रहे ईडीएमसी टोल बूथ, ईडीएमसी पोस्ट और प्रीपेड बूथ को भी 20 मीटर आगे स्थानांतरित करने की बात की गई है। कमेटी की यह रिपोर्ट गाजियाबाद के जिलाधिकारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट मामले में 29 जुलाई को सुनवाई करेगा।सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद के कौशांबी में ट्रैफिक जाम की समस्या उठाने वाले मामले में सुनवाई करते हुए 24 मार्च को दिल्ली और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की नौ सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कोर्ट ने कमेटी से समग्र ट्रैफिक प्लान तैयार कर पेश करने को कहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7b84c5399f4ff987c996da394fe4b3daa571adb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69140.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक नजर में नई रेल लाइन।लंबाई - 240 किमी।लागत- 4940 करोड़।क्रासिंग स्टेशन- 16।हाल्ट स्टेशन - 12।बड़े पुल - 32।छोटे पुल - 86।खलीलाबाद से बहराइच नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि का प्लान तैयार किया जा रहा है। चिन्हित भूमि के सत्यापन के लिए संबंधित जिला प्रशासन को दिया जा रहा है। इस परियोजना के क्रियान्वयन से जहां क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। जनपदों के विकास को नई रफ्तार मिलेगी। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6a903333de7c4834ef83043de3172417a5f8988 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69141.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीमित संख्या में होंगे रुद्राभिषेक: संक्रमण के चलते सीमित संख्या में रुद्राभिषेक होंगे। ऐसे में श्रद्धालु रुद्रभिषेक के लिए पहले समय लेना होगा। समय के बाद ही आप रुद्राभिषेक के लिए आ सकते हैं। एक परिवार को रुद्राभिषेक में शामिल होने की सुविधा होगी। श्रद्धालुओं को भी परेशानी से बचने के लिए पहले से ही समय लेने की अपील की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c27768c6896714eb2d872d8e0f2fe817705d8ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतिहास: मंदिर की स्थापना की सही तिथि के बारे में तो जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि कानपुर के लाला छेदीलाल अग्रवाल ने पौने दो सौ साल पहले शिवलिंग की स्थापना की थी। सिद्धपीठ के रूप में स्थापित मंदिर में सभी शुभ कार्य करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते थे। श्रद्धालुओं ने ही मिलकर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। अयोध्या के संत नृत्यगोपाल दास ने यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर का उद्घाटन किया था। मंदिर में भगवान शिव के सभी 12 स्वरूप श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचते हैं। हर स्वरूप उनके मूल स्वरूप के समान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e96f66fd9a6c89033b7be94b8f1fcf36c1b9bc51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रपति भवन ने इस अवसर पर ट्विटर पर एक ई-बुक जारी की, जिसमें राष्ट्रपति कोविन्द के चौथे साल के कार्यकाल की गतिविधियों का उल्लेख है। ई-बुक के अनुसार, राष्ट्रपति कोविन्द ने 13 राज्यों व दो केंद्रशासित प्रदेशों का दौरा किया और इन यात्राओं के दौरान 780 लोगों से मुलाकात की। संविधान के संरक्षक के रूप में राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों व भारत के मुख्य न्यायाधीश को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। केंद्र के 43 व राज्यों के 20 विधेयकों को स्वीकृति दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7adb90b536ac80d67896f8cf92055a10f267015e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69148.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। किसान नेता राकेश टिकैत समय-समय पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहते हैं और अपने अंदाज में धमकाते भी रहते हैं। नई धमकी के तहत अब उन्होंने कहा कि किसान संसद से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे। राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से ये लाइनें ट्वीट की हैं। मालूम हो कि संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान संसद के पास जंतर मंतर पर अपनी किसान संसद चला रहे हैं। + +किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 8 माह से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं। इनके प्रदर्शन से अब तक कई करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। केंद्र सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद भी अब तक इनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। किसान इन कानूनों को खत्म करने पर अड़े हुए हैं जबकि केंद्र सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बातचीत करके इसका हल निकालने के लिए तैयार हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पहले ही कह चुके हैं कि किसानों से बातचीत के लिए दरवाजा हमेशा ही खुला हुआ है, वो जब चाहे बातचीत के लिए आ सकते हैं। बैठकर बातचीत से आपत्तियों को निपटाया जा सकता है। इस तरह से सड़क पर बैठने से किसी समस्या का हल नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec2a85a00d15f1ea1e9ad6c17d8ce62c54cfa4cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6915.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के चर्चित निर्देशक विष्णु वर्धन अब शेरशाह से हिंदी सिनेमा में अपनी निर्देशकीय पारी शुरू कर रहे हैं। शेरशाह, कारगिल युद्ध में शहीद हुए परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की बायोपिक फ़िल्म है। विष्णु अपनी पहली हिंदी फ़िल्म को लेकर ख़ासे उत्साहित हैं, मगर हिंदी सिनेमा से उनका ताल्लुक नया नहीं है। कम ही लोग जानते होंगे कि विष्णु ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाह रुख़ ख़ान के साथ भी काम किया है और यह उनकी आख़िरी हिंदी फ़िल्म थी। ।दरअसल, विष्णु ने निर्देशक बनने से पहले कई साल तक जाने-माने फ़िल्मकार संतोष सिवन को असिस्ट किया था और उसी दौरान उन्होंने अशोका में एक किरदार निभाया था। 2001 में आयी इस फ़िल्म में शाह रुख़ ख़ान सम्राट अशोक के किरदार में थे। करीना कपूर ख़ान ने फ़िल्म में फीमेल लीड रोल निभाया था। वहीं, ऋषिता भट्ट, अजीत कुमार, राहुल देव और डैनी जैसे कलाकार स्टार कास्ट का हिस्सा थे। इसका निर्माण गौरी ख़ान और जूही चावला ने किया था। + +जागरण डॉटकॉम से बातचीत में शेरशाह के ज़रिए हिंदी फ़िल्मों में बतौर निर्देशक डेब्यू पर विष्णु ने कहा- मैं तेलुगु भाषी हूं। चेन्नई में पला-बढ़ा हूं और काम मैंने मुंबई में किया। मेरी आख़िरी फ़िल्म शाह रुख़ ख़ान के साथ अशोका है। उन दिनों चार बंगला में रहता था। विष्णु ने अशोका के अलावा ऋतिक रोशन और करिश्मा कपूर की फ़िल्म फ़िज़ा में भी काम किया था। इस फ़िल्म का निर्देशन खालिद मोहम्मद ने किया था, जबकि संतोष सिवन की सिनेमैटोग्राफी थी। + +स्वतंत्र निर्देशक के तौर पर विष्णु की पहली फ़िल्म कुरुम्बु है, जो तमिल भाषा में आयी थी। यह फ़िल्म 2003 में रिलीज़ हुई थी। विष्णु ने अभिनय की शुरुआत मणि रत्नम की फ़िल्म अंजली से की थी, जिसमें उन्होंने बाल कलाकार के तौर पर काम किया था। ।विष्णु कहते हैं- ''सिनेमा में मेरा पहला एक्सपोज़र मणि रत्नम के साथ अंजली के ज़रिए हुआ था। मैं बाल कलाकारों में से एक था। उस वक़्त मैं फ़िल्म निर्माण की प्रक्रिया की ओर आकर्षित हुआ था। कैमरे के सामने अभिनय करना मेरे लिए मुश्किल नहीं था। उसके बाद मेरे पास कई फ़िल्म आयीं, जिनमें अभिनय करना था, लेकिन मुझे 'बिहाइंड द सींस' क्या हो रहा है, उसमें अधिक मज़ा आता था। मैंने फोटोग्राफी में स्पेशलाइज़ेशन किया है तो इसलिए मैंने वो चुना। यह असल में ख़ुद को पहचानने जैसा है। यह उस तरह नहीं है कि एक्टिंग अच्छी कर लेते हो तो एक्टिंग में ही जाओ।'' शेरशाह 12 अगस्त को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हो रही है। विष्णु का पूरा इंटरव्यू आप नीचे दिये गये लिंक को क्लिक करके पढ़ सकते हैं-।यह भी पढ़ें: Shershaah Interview: '12 हज़ार फुट की ऊंचाई पर पहली बार शूट हुई कोई फ़िल्म'- निर्देशक विष्णु वर्धन।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8983fcf8f0dfb199c6946450d50bf4f987829ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि 2017 में पंजाब के किसानों व श्रमिकों से कर्ज माफी के वादे को पूरा करने के लिए कैप्टन सरकार ने आरडीएफ के एक्ट में संशोधन करते हुए प्रविधान किया था कि कर्ज माफी पर इसे खर्च किया जा सकता है। साथ ही आरडीएफ व मार्केट फीस दो-दो फीसद से बढ़ाकर तीन-तीन फीसद कर दिया है। इस राशि को बैंकों के पास गिरवी करके सरकार ने 6000 करोड़ रुपये का लोन लिया, जिसमें से 4650 करोड़ रुपये पांच एकड़ भूमि वाले किसानों का दो -दो लाख तक का कर्ज माफ कर दिया। श्रमिकों का कर्ज माफ करने का भी सरकार ने एलान कर दिया है। 20 अगस्त को राज्य स्तरीय कार्यक्रम रखकर इसे श्रमिकों को सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cc3caf7ed36d3fdaf227bf2f02d9086206ba7c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[मुकुल व्यास] यदि पारलौकिक दुनिया में सचमुच जीवन है तो मुमकिन है कि वहां के प्राणियों की नजर हमारे ऊपर हो। खगोल विज्ञानियों ने निकटवर्ती तारा प्रणालियों की सूची तैयार की है जहां परिक्रमारत ग्रहों पर रहने वाले प्राणी पृथ्वी पर जीवन देखने के लिए सर्वोत्तम स्थिति में हैं। विज्ञानियों ने हमारे ब्रह्मांडीय पड़ोस में 1,715 तारा प्रणालियों की पहचान की है जहां से पारलौकिक पर्यवेक्षक पृथ्वी पर नजर रख रहे होंगे। हो सकता है कि उन्होंने पिछले 5,000 वर्षो के दौरान पृथ्वी को सूरज के सामने से गुजरते हुए देख लिया हो। जो तारा प्रणालियां सूरज के सम्मुख पृथ्वी के पारगमन का पर्यवेक्षण करने की सही स्थिति में हैं, उनमें से 46 तारा प्रणालियों के ग्रह हमारे इतने करीब हैं कि वे मानव के अस्तित्व के संकेत ग्रहण कर सकते हैं। ये संकेत रेडियो और टीवी प्रसारणों के हैं, जिनकी शुरुआत करीब 100 साल पहले हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88be5f5e0722f702990da737b6893ba9c6d536fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69159.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिंग रोड से सरकारी सामान उड़ाने वाले चोर दो तरह के हैं। पहली श्रेणी के चोर सब-वे से इलेक्टिक आइटम जैसे एलईडी, बिजली की केबल, स्विच बोर्ड, लैंपहेड व लोहे की ग्रिल आदि चुराकर ले जाते हैं और कबाड़ में बेच देते हैं। इनमें ज्यादातर शराबी व नशेड़ी हैं। वहीं, दूसरी श्रेणी के चोर हैं, जो बीएमडब्ल्यू व मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारों से आकर महंगे पौधे चोरी करते हैं। गार्ड या कोई स्टाफ उन्हें मना करता है तो ये लोग बहस करते और ऊंची पहुंच की धौंस जमाते हैं। हाल ही में बीएमडब्ल्यू कार से आई एक महिला ने फुटपाथ से पौधा उखाड़कर गाड़ी में रखा, मौके पर मौजूद आर्किटेक्ट ने विरोध किया तो वह बहस करने लगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69163.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c55e73eb8143560ed8b15541f14d52af00bfea2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69163.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पदभार ग्रहण समारोह में पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का अंदाज। (जागरण)।नवजोत सिंह सिद्धू के व्यवहार से हैरान व असहज नजर आए मंत्री।वहां बैठे मंत्री व अन्य नेता सिद्धू के इस व्यवहार से हैरान और असहज नजर आए। सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों कुलजीत नागरा, सुखमिंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और संगत सिंह गिलजियां ने भी जिम्मेदारी संभाली। सिद्धू ने कैप्‍टन पर एक बार फिर अपने अंदाज में हमला बोला और कहा, 'मसला प्रधानगी का नहीं है। मसला यह है कि किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं। मसला यह है कि ईटीटी शिक्षक, डाक्टर, बस ड्राइवर, कंडक्टर धरना दे रहे है। मसला यह है कि मेरे गुरु की बेअदबी हुई है। जिस दिन मेरे गुरु का इंसाफ होगा, उस दिन समझूंगा पंजाब का कार्यकर्ता जिंदा है।'।समारोह में पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्टल का आशीर्वाद लेते नवजोत सिंह सिद्धू। (जागरण)।खास बिंदु।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31fe64e74dc7ed6d036d37c75b29550c5ed27572 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69164.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दूसरा सोमवार, दो अगस्त : इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और कृतिका नक्षत्र लगेगा। कृतिका के स्वामी अग्निदेव हैं। इसे सूर्य का नक्षत्र भी कहा जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य उत्तम फलदायक होते हैं। इस योग और नक्षत्र के संयोग में महादेव का अभिषेक करने से व्यवसाय और नौकरी में तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है। + +चौथा सोमवार, 16 अगस्त : चौथे सोमवार को अनुराधा नक्षत्र और ब्रह्मा योग का विशेष संयोग बन रहा है। अनुराधा नक्षत्र में चार या छह तारे रथ के आकार के होते हैं। ब्रह्म योग ब्राह्मणों द्वारा किए जाने वाले कार्यों (जिन्हेंं ब्राह्म कर्म कहा जाता है) के लिए विशेष माना गया है। संन्यास, निर्वाण और मोक्ष दीक्षा के लिए यह योग उपर्युक्त माना गया है। इस नक्षत्र और योग में शिव का पूजन करने से कचहरी में चल रहे मुकदमे से मुक्ति मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69165.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69165.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f06bc6917edef1769b966f0a671eb5c752364c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69165.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आलोक मिश्र। जातिगत जनगणना को लेकर भले ही राजनीतिक दलों के मत अलग-अलग हों, लेकिन वर्तमान में जातिगत राजनीति का ही बोलबाला है। सत्ता प्राप्ति के लिए जातिगत समीकरणों पर ही ज्यादा भरोसा किया जाता है। इसलिए जातिगत राजनीति से उपजे नेताओं और उनके द्वारा गठित राजनीतिक दलों में उत्तराधिकारी अधिकतर परिवार से उपजते हैं। जहां ऐसा नहीं होता वहां उत्तराधिकार का संकट हमेशा ही बना रहता है, क्योंकि नेतृत्व के नीचे कोई बेल पनपने ही नहीं पाती। बिहार में जदयू (जनता दल यूनाइटेड) फिलहाल ऐसी ही दुविधा से ग्रस्त है, जिसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर माथापच्ची जारी है। + +आइएएस रहे आरसीपी, कुर्मी वोटबैंक की राजनीति करने वाले नीतीश के 23 साल पुराने सहयोगी हैं, उनके गृह जिले नालंदा से हैं, इसलिए सबसे ज्यादा भरोसा उन्हीं पर किया। अब आरसीपी सिंह केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। जदयू की एक व्यक्ति, एक पद की नीति के अनुसार आरसीपी चूंकि एक ही पद पर रह सकते हैं इसलिए उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ेगा। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत में बुलाई जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नए अध्यक्ष पर निर्णय हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4861a61e89cc2680f8afc5f558dd501cbe0e7215 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69166.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +तैयार किए कोरोना योद्धा ।कोरोना काल में दिल्ली पुलिस ने 'युवा' योजना के तहत एक हजार से अधिक युवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य कर्मी का प्रशिक्षण देकर बेहतर रोजगार मुहैया कराया है। इनमें अधिकतर ऐसे युवा हैं, जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है। कुछ ऐसे भी हैं, जो आर्थिक जरूरतों, गलत संगत के कारण भटककर अपराध की राह पर चले गए थे। इस वर्ष अब तक 1,049 युवक व युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है। इनमें 130 युवाओं को रोजगार भी मुहैया कराया गया है। + +पुलिस ने किया अस्पतालों-लैब से संपर्क।युवा पहल से जुड़े पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में बहुत भयावह हालात देखे। पूरा स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया था। स्वास्थ्यकर्मियों की कमी का संकट था। तब उसी समय इस मोर्चे को संभालने की जिम्मेदारी ली। अब अगस्त माह के अंत तक तीसरी लहर के आने की भी आशंका जताई जा रही है। ऐसे में पिछली चुनौतियों से सबक लेकर आगे बढऩा है। + +इन युवाओं को अस्पतालों से जोड़ने के लिए हमने अपने ही स्तर पर निजी अस्पतालों व पैथालाजी लैब से संपर्क किया। उन्हें इसके लिए तैयार किया और प्रशिक्षण का महाअभियान शुरू हुआ। इसके लिए 10वीं और 12वीं पास बेरोजगार युवाओं को तलाशा गया। चेन स्नैचिंग, झपटमारी जैसे अपराध करने वालों की भी मानसिक स्थिति को हमने समझा और उनके अपराध के कारणों का आकलन करते हुए सामाजिक सरोकार के साथ रोजगार से जोड़ा। इसके बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। दिल्ली में अभी 23 प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5422ea89efeb32a30e3146c9dadddc80b882ba7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69170.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अपने स्‍पेश प्रोगाम को लेकर अमेजन फाउंडर जेफ बेजोस और ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन को बड़ा झटका लगा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि अमेरिका ने एस्ट्रोनॉट की व्याख्या वाले नियमों को बहुत सख्‍त कर दिया है। न्यू फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए)के नए नियम के मुताबिक एस्ट्रोनॉट कहलाने के लिए व्यक्ति को फ्लाइट क्रू का हिस्सा होना अनिवार्य है। इसके अलावा अंतरिक्ष उड़ान सुरक्षा में उसे योगदान देना चाहिए। इस नियम के मुताबिक जेफ बेजोस और रिचर्ड ब्रैनसन अमेरिकी सरकार की नजर में एस्ट्रोनॉट नहीं हैं। इस नियम से बेजोस और ब्रैनसन के ड्रीम प्रोजेक्‍ट को बड़ा झटका लगा है। + +अमेरिका में एस्ट्रोनॉट विंग बनने की शर्त ।एफएए के प्रवक्ता कहा कि फिलहाल उन्हें इस तरह का कोई भी अनुरोध नहीं मिला है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका में दो तरीके से एस्ट्रोनॉट का तमगा मिलता है। इसमें सेना और नासा के जरिए एस्ट्रोनॉट बनना शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि पहली बार एस्ट्रोनॉट विंग्स अंतरिक्ष यात्री एलन शेपर्ड जूनियर और वर्जिल ग्रिसोम को 1960 के दशक की शुरुआत में मर्क्यूरी सेवन कार्यक्रम में उनकी भागीदारी के लिए दिया गया था। प्रवक्‍ता ने अपने बयान में कहा कि ये बदलाव विंग्स योजना को कमर्शियल स्पेस फ्लाइट के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा के लिए अपनी भूमिका को और अधिक बढ़ाता है। एफएए ने कहा जिन लोगों को लगता है कि उन्हें कमर्शियल विंग के तहत एस्ट्रोनॉट विंग नामांकित करना चाहिए, उन्हें खुद का नॉमिनेशन करने की जरूरत है। ।बेजोस और ब्रैनसन ने भरी थी अंतरिक्ष के लिए उड़ान।गौरतलब है कि अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस ने 20 जुलाई को ब्लू ऑरिजन रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। उनकी यात्रा 11 मिनट की रही और उनके साथ अंतरिक्ष की इस सैर पर तीन अन्य लोग भी शामिल थे। बेजोस ने कहा कि ये दिन अब तक का उनका सबसे अच्छा दिन रहा है। वहीं, ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन 11 जुलाई को अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। ब्रैनसन (70) के साथ पांच और लोग करीब 53 मील की ऊंचाई (88 किलोमीटर) पर अंतरिक्ष के छोर पर पहुंचे। वहां तीन से चार मिनट तक भारहीनता महसूस करने और धरती का नजारा देखने के बाद वापस लौट आए थे। ।स्पेस में इंडस्ट्रीज स्थापित करना चाहते है बेजोस।हालांकि, बेजोश के इस अंतरिक्ष मिशन की लागत को लेकर निंदा हो रही है। यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि इतनी सी ट्रिप के लिए इतने पैसे खर्च करना कितना उचित है। इस निंदा के बाद बेजोस ने कहा कि उनका यह मिशन एकदम सही है। यह भविष्‍य के लिए है। उन्‍होंने कहा, वह आगे चलकर स्पेस में इंडस्ट्रीज स्थापित करना चाहते हैं, जिससे धरती का पर्यावरण खराब न हो। बता दें कि डेलीमेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेजोस के इस 10 मिनट के सफर में अरबों रुपये खर्च हुए। केवल 10 मिनट में 5.5 अरब डॉलर यानी कम से कम 40 हजार करोड़ की लागत आई है। इस पर हर मिनट 4 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस मिशन की कीमत से पता चलता है कि क्यों दुनिया के अरबपति ही इस तरह का कारनामा कर सकते हैं। इस फ्लाइट पर जेफ के साथ उनके भाई मार्क और एविएशन एक्सपर्ट वॉली फंक भी गई थीं। इन तीनों के अलावा चौथी सीट के लिए टिकट की नीलामी की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5652510f7842de770cd9b22dcaf2ab8e2c775419 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के बीच एक खतरनाक और जानलेवा कैंडिडा ऑरिस के मामले सामने आए हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक कैंडिडा ऑरिस संक्रमण वाले तीन में से एक से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। सीडीसी ने इस फंगस को एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य खतरा करार दिया है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि डलास क्षेत्र के दो अस्पतालों और वाशिंगटन डीसी के एक नर्सिंग होम ने इस लाइलाज फंगस के मामलों की जानकारी दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6a0c270dce7e1d723db6a4e6cded74c8e85bc75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि जागरूकता के अभाव में ग्रामीण इलाकों में लोग कोरोना रोधी टीका नहीं लगवा रहे हैं। कुछ महीने पहले यूपी के बाराबंकी जिले में तो एक गांव के सभी लोग कोरोना का टीका लगवाने से बचने के लिए नदी में कूद गए। ।कोरोना का एक संक्रमित मिला, एक मरीज हुआ स्वस्थ। सोनीपत जिले में शुक्रवार को एक और कोरोना संक्रमित मिला है जबकि एक मरीज ठीक भी हुआ है। जिले में अब तक 47,445 संक्रमित मिल चुके हैं जिनमें से 47,181 ठीक हो चुके हैं। हालांकि, 254 की मौत भी हो गई, जबकि अभी 10 एक्टिव केस हैं। उनमें से आठ मरीज होम आइसोलेशन में हैं। जिले में शुक्रवार को 1,342 की रिपोर्ट आई जिसमें से एक कोरोना संक्रमित मिला है। यह कुल जांच का 0.08 फीसद है। जुलाई में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से घटे हैं। जब कोरोना चरम पर था तो कोरोना संक्रमण की दर 50 फीसद तक पहुंच गई थी। अब जुलाई में छह बार ऐसा भी हो चुका है। एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। वहीं, राहत की बात यह है कि जुलाई में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है। जिले के अस्पतालों में 550 बेड, 350 आक्सीजन बेड, 50 आइसीयू व 50 वेंटीलेटर बेड की व्यवस्था है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3e005b5306e42055c65451598b9cc54bcfabd51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 20 सालों की दिल्ली के लिए राजधानी दिल्ली के लोग सभी ज्वलंत मुद्दों का स्थायी समाधान चाहते हैं। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने भले ही मास्टर प्लान 2041 में पर्यावरण, उज्ज्वल अर्थव्यवस्था, स्वच्छ ईधन के साथ परिवहन की तेज रफ्तार पर जोर दिया है, लेकिन दिल्ली के लोग इसमें कुछ और बदलाव चाहते हैं। इसके लिए अब तक 3949 लोग डीडीए की वेबसाइट एवं ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से सुझाव एवं आपत्ति भेज चुके हैं। नौ जून को डीडीए ने मास्टर प्लान 2041 के ड्राफ्ट को जनता के सुझाव व आपत्तियां प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर डाला था। इसी कड़ी में लोग अपने सुझाव भेज रहे हैं। इसमें ज्यादातर लोगों ने आवासीय क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम एवं पार्किंग की समस्या के समाधान की बात कही है। लोगों ने मिक्स लैंड यूज स्ट्रीट के प्रविधान को भी स्पष्ट करने एवं इसकी समीक्षा किए जाने की इच्छा जताई है। मिक्स लैंड यूज स्ट्रीट के प्रविधान को लेकर लोग उलझन में रहते हैं, इसलिए इसमें स्पष्टता आनी चाहिए। इसके अलावा बिगड़ती आबोहवा को लेकर भी दिल्ली वाले चिंतित दिखाई दे रहे हैं। इसीलिए उन्होंने वायु व ध्वनि प्रदूषण के मुद्दों का भी हल निकालने का सुझाव दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56da9f156d440ea2c57f66144d65abfe2b83bf38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69183.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिवप्रकाश। उत्तर प्रदेश सरकार नई जनसंख्या नीति (2021-2030) लेकर आई है। इसके उद्देश्यों को घोषित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति से संसाधनों की आपूर्ति, जनसंख्या विस्फोट में रोकथाम, मूलभूत सुविधाओं मसलन रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य का जन सामान्य तक सहज वितरण हो पाएगा। वर्ष 1968 में पाल आर एहरिच ने अपने शोध पत्र ‘द पापुलेशन बम’ में जनसंख्या विस्फोट को अनियंत्रित कैंसर के समान बताया है। अधिक जनसंख्या गरीबी, पर्यावरण में क्षरण एवं राजनीतिक अस्थिरता पैदा करती है। साथ ही बेरोजगारी व अपराधों में वृद्धि का कारण भी बनती है। + +ऐसा नहीं है कि ज्यादा जनसंख्या से केवल उन्हीं चीजों पर बोझ बढ़ रहा है जो सरकार की तरफ से दी जानी हैं। प्राकृतिक संसाधनों की बात करें तो भोजन, पानी, ईंधन आदि की चुनौती भी देश के सामने बड़ी होती जा रही है। सामाजिक असमानता का दायरा भी देश में बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक राजनीतिक पार्टी चुनाव घोषणा पत्र जारी करते समय रोजगार देने का वायदा करती है, लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाती। कारण रोजगार सृजन सीमित है। लिहाजा बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि के कारण इनका समन्वय ही नहीं हो पाता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d8728951aa8a23a8cbbfb313f587f810a5c1ed1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) से मिलने पहुंची पुरंदेश्वरी संगठन और सरकार दोनों के कामकाज से संतुष्ट हैं। पुरंदेश्वरी मानती हैं कि हरियाणा में संगठन धरातल पर काम कर रहा है और सरकार अंत्योदय की भावना से ओतप्रोत होकर हर जरूरतमंद के चेहरे पर खुशी लाने के लक्ष्य को पूरा कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a39328877b672cde8a2dfeaaf28d0e152459f08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69186.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। देश की लोकप्रिय कैशबैक एवं कूपन साइट है गो पैसा डाट काम, जो आनलाइन खरीदारी (ई-कामर्स, ट्रैवल संबंधी एवं अन्य) पर अतिरिक्त कैशबैक आफर करती है यानी कंपनी आनलाइन ब्रांड्स से मिलने वाले कमीशन का 80 से 90 फीसद कैशबैक के रूप में सीधे ग्राहकों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देती है। इस प्लेटफार्म से एक हजार से अधिक ब्रांड्स जुड़े हैं, जिनमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, अजियो, वनएमजी, मेकमाई टिप, मामाअर्थ, मैन कंपनी शामिल हैं। अब तक इसएप के पांच लाख से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। कंपनी की सह-संस्थापक एवं मार्केटिंग हेड अंकिता जैन कहती हैं कि जब हम कोई नई शुरुआत करते हैं, तो रास्ते में बहुत सारी बाधाएं आती हैं। उन्हें सकारात्मक रूप में लेना चाहिए, क्योंकि वही एक दिन सफलता की सीढ़ी बनती है। इन दिनों महामारी के दौरान भी हमें नये सिरे से अपनी रणनीति पर काम करना पड़ा। इसलिए युवाओं से कहना चाहूंगी कि जोखिम से डरे नहीं। + +अंकिता सूरत (गुजरात) में जन्मीं और पली-बढ़ी हैं। संयुक्त परिवार था इनका। दादी चाहती थीं कि शादी हो जाए और वह अपने घर की जिम्मेदारी संभालें। इस दौरान इन्होंने वीएनएसजी यूनिवर्सटिी से मार्केटिंग में एमबीए किया। हालांकि, वह रेडियो जाकी बनना चाहती थीं। पढ़ाई के साथ-साथ कई रेडियो स्टेशंस पर अपने सपने को पूरा करने की कोशिश भी की। पहले इंटर्न के रूप में काम किया और फिर एक एफएम रेडियो में रेडियो जाकी भी बनीं। अंकिता बताती हैं, ‘मुङो अपने सपने को पूरा करने का अवसर मिला। लेकिन कुछ अपना करने, नया बनाने का आकर्षण भी हमेशा से रहा है। इसी ने उद्यमिता की ओर जाने के लिए प्रेरित किया, जो शादी के बाद संभव हो सका। मैंने अपने पति अमन (जिनकी फाइनेंस पृष्ठभूमि है) के साथ कुछ आइडियाज पर विचार-विमर्श किया। हमने देखा था कि भारतीय कैसे बचत को लेकर गंभीर होते हैं। लेकिन तब देश में कैशबैक का कांसेप्ट नहीं आया था। अमन ने ब्रिटेन में इस पर काम किया था और फिर 2012 में ‘गोपैसा’ की शुरुआत हुई।’।कठिन रहे शुरुआती दौर: शुरुआती दो साल अंकिता एवं इनकी टीम के लिए बेहद कठिन रहे। वह कहती हैं, ‘मैं सिर्फ 23 वर्ष की थी। लोग मुङो गंभीरता से नहीं लेते थे। मुङो काफी मेहनत करनी पड़ी। हालांकि समय के साथ अब यह मार्केट ग्रो कर रहा है। रोजाना दो से तीन हजार यूजर्स हमारे प्लेटफार्म से जुड़ते हैं। विगत वर्षो में 50 करोड़ रुपये से अधिक का कैशबैक दिया है। कई शीर्ष आनलाइन रिटेलर्स का दावा है कि इससे उनके बिजनेस को 12 से 20 फीसदी तक का फायदा हुआ है।’ अंकिता इंटरनेट मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग की मदद से कई सफल मार्केटिंग अभियान चला चुकी हैं, जिसका फायदा कंपनी को हुआ है और वह अपनी एक पैठ बना सका है। + +छोटे शहरों में भरा है टैलेंट: अंकिता की मानें, तो अब तक के सफर में इन्होंने यही सीखा है कि बड़े संस्थानों की डिग्री वालों की नियुक्ति के पीछे न भागें। टियर 2 एवं 3 शहरों में अच्छी योग्यता रखने वाले बहुतेरे काबिल युवा हैं, जिनमें न सिर्फ जुनून है, बल्कि आगे बढ़कर अपने लक्ष्य को हासिल करने की भूख भी है। हमारे सबसे वरिष्ठ टेक सहयोगी किसी शीर्ष संस्थान से नहीं हैं, लेकिन वे अपनी विशेषज्ञता वाले क्षेत्र में किसी के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, उन्हें परास्त कर सकते हैं। कह सकते हैं कि मेरी टीम, मेरी सबसे बड़ी मोटिवेशन है, जो निरंतर मुङो सहयोग देती है। मुङो बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करती है, ताकि हम साथ में विकास करें और नई ऊंचाइयों को छू सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..897f1bbeffbaa52150e127cfd6a9d99640b32911 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोंदपुर बनेहड़ा (ऊना), गुरदेव कुमार। Teacher Grow Vegetable In School, कोरोना काल में शिक्षक बच्चों को आनलाइन शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ इस समय का सदुपयोग करने की सीख भी दे रहे हैं। वैश्विक महामारी के चलते शिक्षण संस्थान करीब डेढ़ वर्ष से बंद हैं। बच्चों की चहल-पहल न होने से कई स्कूल परिसर वीरान पड़े हैं। अधिकांश स्कूलों के परिसरों में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। ऐसे में जिला ऊना की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कड्ड के प्रधानाचार्य दिलबाग सिंह राणा ने शिक्षकों की मदद से स्कूल की खाली पड़ी दो कनाल भूमि में अरबी उगाई है। स्कूल खुलने पर इसे बच्चों को मिड-डे मील में परोसने की तैयारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d21bbeac2bec8249055cc1fbead4635f9a1f7960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। देश में बढ़ते साइबर हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा चक्र मजबूत किया जा रहा है। आइआइटी के विशेषज्ञ स्टार्टअप और शोध के दम पर अपराधियों की चाल को बेकार करने की तैयारी में हैं। इसकी शुरुआत हो गई है। इसमें ड्रोन से हमले, कंप्यूटर में सेंधमारी, दस्तावेजों से छेड़छाड़, सरकारी और निजी संस्थानों की वेबसाइट हैकिंग आदि को रोकने पर काम किया जाएगा। ।संस्थान के साइबर सिक्योरिटी एंड साइबर सिक्योरिटी आफ साइबर फिजिकल सिस्टम (सीथ्रीआइ) की ओर से 13 स्टार्टअप और 25 रिसर्च एंड डेवलपमेंट कार्यक्रम को शुक्रवार को लांच किया गया। इनका चयन कठिन प्रक्रिया के बाद हुआ। सीथ्रीआइ के परियोजना निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से तकनीक को विकसित किया जाएगा। संस्थान के विशेषज्ञ की देखरेख में साइबर हमलों को रोकने का मजबूत सुरक्षाचक्र तैयार होगा। सह परियोजना निदेशक प्रो. संदीप शुक्ला ने बताया कि हैकर ईमेल, फेसबुक और अन्य इंटरनेट मीडिया के अकाउंट को हैक करके तरह-तरह के अपराध कर रहे हैं। आधार नंबर, पैनकार्ड नंबर और क्रेडिट कार्ड के नंबर पूछकर रुपये उड़ाने का खेल पहले से चल रहा है, लेकिन अब किसी भी संस्थान के कंप्यूटर सिस्टम और मानीटरिंग सिस्टम को हैक करने के मामले सामने आ रहे हैं। ।शातिर अपराधी ड्रोन के कंट्रोल से सिस्टम को नियंत्रण में कर सकते हैं। सिस्टम पर कई तरह के खतरनाक वायरस भेजे जाते हैं। सीईओ डा. निखिल अग्रवाल ने बताया कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट का कार्यक्रम कई अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ चलाया जाएगा। डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के सचिव डा. आशुतोष शर्मा, साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड के सचिव प्रो. संदीप वर्मा, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. एआर हरिश समेत अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69190.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69190.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57ab36c459767c279c23d5ad76751b2662da012a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69190.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अरुण श्रीवास्तव। उम्र 38 वर्ष। तीन बच्चों की मां। छह बार की विश्व चैंपियन। वर्तमान विश्व रैंकिंग तीन। 2012 के लंदन ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता। संभवत: आप समझ गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां, यह सब मणिपुर की महिला मुक्केबाज एमसी मेरी कोम के बारे में है। लेकिन खास बात यह है कि इतना कुछ हासिल कर लेने के बावजूद उनका सपना इस ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर अपना और अपने देश का नाम रौशन करने का है। यही कारण है कि इस उम्र में भी मुक्केबाजी के रिंग में उतरने के उनके जज्बे में जरा भी कमी नहीं आई है। उन्हें अपनी क्षमता और प्रदर्शन पर पूरा भरोसा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e01863a921dd9e07759505aedf0f187adf8244b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69191.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिव विहार से मजलिस पार्क तक जाने वाली पिंक लाइन पर पड़ने वाले मात्र 290 मीटर के त्रिलोकपुरी से मयूर विहार पॉकेट-एक के इस खंड को अब तक मेट्रो से नहीं जोड़ा जा सका था। मेट्रो लाइन के बीच में आ रहे रिहायशी मकानों के कारण कई साल से यह स्थिति बनी हुई थी, लेकिन जब गतिरोध दूर हुआ तो डीएमआरसी ने बिना किसी देरी के इस खंड को जोड़ दिया। इस खंड पर मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाने के बाद उत्तरी दिल्ली से नोएडा तक आना-जाना आसान हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54220ca3bda7888b45ca14c36cb5604fa2e1d010 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69192.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पहली बार लगाए गए पूर्ण लॉकडाउन के दौरान तो स्‍कूल की फीस में कोई रियायत नहीं दी। दूसरी लहर के दौरान घरों में बैठकर चल रही ऑनलाइन पढ़ाई में जरूर सरकारी स्‍तर से राहत दी गई कि स्‍कूल अन्‍य मदों में पैसा नहीं वसूल सकते। लेकिन आगरा के स्‍कूल, शासन के इस आदेश को मानने को तैयार नहीं हैं। फीस अब भी पहले के समान ही मांगी जा रही है। लाइब्रेरी फीस, एक्टिविटी फीस, कंप्‍यूटर लैब फीस, आइडी कार्ड और कैलेंडर फीस जैसे मदों में अभिभावकों से पैसा मांगा जा रहा है। डीएम आगरा ने भी शासन के आदेश के अनुपालन में आदेश जारी कर दिया लेकिन उसके बावजूद अभिभावकों को कोई राहत नहीं दी जा रही है। अभिभावक अधिकारियों के पास चक्‍कर लगा रहे हैं कि सर, काम धंधा चौपट पड़ा है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल, टैब और डाटा के मद में पैसा भी खर्च कर रहे हैं, ऐसे में स्‍कूल की फीस कहां पूरी दे पाएंगे, लेकिन सुनवाई किसी स्‍तर पर नहीं हो पा रही। आइए जानते हैं अभिभावकों का दर्द...।केस वन।बाग मुजफ्फफर खां निवासी मनोज सिंह की दो बेटियां पास के ही कान्वेंट स्कूल में पढ़ती हैं। कोरोना काल में स्कूल फीस जमा नहीं कर पाए, तो स्कूल ने बेटियों को आनलाइन ग्रुप से निकाल दिया, फीस माफी का प्रार्थना-पत्र भी नहीं लिया। डीआइओएस और कमिश्नर से शिकायत की है। + +पापा चला रहा है आंदोलन।प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएसन (पापा) के दीपक सरीन का कहना है कि स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं, जबकि विभागीय अनदेखी उनका हौसला तोड़ रही है। संस्था ने डीआइओएस से 41 स्कूलों की शिकायत की थी, उसके बाद 36 स्कूलों की लिस्ट और अभिभावकों के प्रार्थना पत्र डीएम को सौंपे। 56 स्कूलों की शिकायत जिला शुल्क व नियामक समिति से की। हालांकि समिति ने शिकायत पर स्कूलों को नोटिस जारी किए, लेकिन जवाब क्या आया? उन्हें आज तक नहीं पता। संस्था अब तक 450 से ज्यादा प्रार्थना-पत्र दे चुकी है, लेकिन समाधान कोई नहीं निकला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e21476cceefb7483033f8eaf36f5b0dd39bcf9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69194.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [विष्णु शर्मा]। अभिनेता मनोज कुमार। उम्र 83 वर्ष। भारत-पाकिस्तान के दो-दो शहरों से दिलचस्प तरीके से जुड़ी हैं। जिस जगह ओसामा मारा गया, उसी ऐबटाबाद में वो पैदा हुए, बंटवारे के वक्त खून की होली के बीच वो वारिस शाह के शहर जंडियाला शेरखान से दिल्ली आए, किंग्जवे कैंप की हडसन लेन के रिफ्यूजी कैंप में पनाह मिली। खास बात ये रही मोहब्बत और एक्टिंग दोनों ही दिल्ली में सिने घरों में परवान चढ़ीं। + +दिल्ली में ही मिली प्रेमिका।दिल्ली ने ही उनको प्रेमिका भी दी, शशि, जो सिरसा की थीं, उन दिनों पुरानी दिल्ली में रह रही थीं। वहीं स्नातक में मनोज एक दोस्त के घर पढ़ने जाते थे तो शशि को देखा। और उस तारीख को फिर कभी नहीं भूले। छह जून 1954 कई दिनों तक कोई बात नहीं हुई, लेकिन पसंद करने लगे थे। फिर दोस्तों ने दोनों को मिलाने के लिए आडियन सिनेमा में फिल्म देखी, 'उडऩखटोला' दोनों ही मूवीज के शौकीन निकले, दोस्ती हुई, पांच साल तक अफेयर चला, कई फिल्में साथ देखीं, शादी भी हुई। मनोज के घरवाले राजी थे, शशि के भाई और मां खिलाफ थे, शशि अपने टेरेस पर आ जाती थीं और मनोज गली से उनके दर्शन किया करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42c918a6e38615a6ea6edfa0d2e3c93b9e473e62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69195.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अभिजीत। जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में प्रभावी कानून बनाए जाने के लिए पिछले कुछ समय से देशभर में चर्चा तेज हो चुकी है। उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है। हालांकि यह मसला अब सामाजिक समस्या से अधिक एक राजनीतिक समस्या के रूप में उभर चुका है, लेकिन हमारे सीमित संसाधनों पर पड़ने वाले इसके व्यावहारिक पक्ष को देखा जाना ज्यादा जरूरी है। + +दरअसल 18वीं सदी में ही प्रख्यात अर्थशास्त्री माल्थस ने जनसंख्या वृद्धि को संसाधनों और उनकी उपलब्धता से जोड़ कर देखते हुए इसे इंसान के लिए सर्वाधिक जरूरी खाद्य आपूíत के संदर्भ में जनसंख्या वृद्धि का पहला सिद्धांत प्रतिपादित किया। माल्थस का मानना था कि अगर हमारी जनसंख्या खाद्य आपूíत की उपलब्धता के अनुपात में तेजी से बढ़ती है और यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो उपलब्ध खाद्य आपूíत व जनसंख्या के बीच असंतुलन पैदा होगा जिससे खाद्यान्न संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। + +हालांकि बाद के समय में कुछ अर्थशास्त्रियों ने पूर्वी एशिया के विकास को प्रजनन नियंत्रण से नहीं, बल्कि जनसांख्यिकीय लाभांश से जोड़ते हुए उस समय की युवा आबादी को आíथक विकास का कारण माना। जनसांख्यिकीय लाभांश उस आíथक विकास को कहते हैं जो किसी भी देश में काम करने वाले आयु वर्ग के लोगों और उन पर आश्रित लोगों का अनुपात अधिक होने पर मिलता है। उस समय भारत में भी स्थिति और सोच विश्व के अन्य हिस्सों के जैसी ही थी। भारत में भी खाद्यान्न संकट था और हम भी अपने भोजन के लिए विदेशी मदद पर निर्भर थे। पिछली सदी के सातवें और आठवें दशक में भारत में भी जनसंख्या को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए, लेकिन दुर्भाग्य से यह मसला राजनीतिक व धाíमक बन गया। वहीं लगभग इसी दौर में खेती के क्षेत्र में हुई हरित क्रांति ने देश में खाद्य सुरक्षा और खेती से होने वाले लाभ को बढ़ा दिया। खाद्य सुरक्षा ने आबादी को लेकर उपजी चिंता को दूर कर दिया और यह मसला चर्चा से बाहर हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..590182ad9bd80bfce56ae284eb7e6016417db325 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69197.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जागरण संवाददाता। श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर को भव्यता प्रदान करने के लिए वाराणसी में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक हजार वर्ग फीट की जमीन दी है। इसके बदले मंदिर प्रशासन ने भी बांसफाटक क्षेत्र में एक हजार वर्ग फीट की जमीन अंजुमन इंतजामिया मसाजिद को सौंपी है। श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण में इसे ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है। लंबी बातचीत के बाद दोनों पक्ष इस निर्णय पर पहुंच सके हैं। आर्टिकल 31 में निहित एक्सचेंज आफ प्रापर्टी के तहत ही दोनों संपत्तियों का हस्तांतरण शुक्रवार को हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc27b0804dda3ba755a5fbf772c8aed1fa00f35f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मृणाल ने एजेंसी को बताया, मैं बहुत ही बेशर्मी से जाकर ऑडिशन देती थीं और तब तक नहीं वापस नहीं आती थी, जब तक मेरा टेक नहीं लिया जाता था। मैं बहुत ही रीगीड थी और आज भी हूं। वहीं, उन्होंने कहा, वो हॉलीवुड की दिग्गज स्टार मेरिल स्ट्रीप को अपनी प्रेरणा मानती हैं। वो हैं जो अभी भी काम कर रही हैं और ऐसा ही लक्ष्य में अपने लिए निर्धारित करना चाहती हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac65ea658025f8fcc1c9f28e24388eee74990693 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टी पार्टी में बैठे सिद्धू, कैप्टन व हरीश रावत। ।क्या अंदर सचमुच ऐसा था, जैसा दिखाया गया। ऐसा बिल्कुल नहीं था। मुख्यमंत्री जैसे ही पंजाब भवन पहुंचे तो नवजोत सिद्धू उन्हें सिर्फ नमस्कार कहकर लौट गए। वह विधायकों के साथ बात करने लगे और वापस लौट गए। जब मुख्यमंत्री ने उनके बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि सिद्धू वापस चले गए हैं। कैप्टन अमरिंदर के सहयोगियों ने इस बारे में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से पूछा तो उन्होंने बताया कि सिद्धू नीचे समारोह में हैं, लेकिन जब उन्हें पता चला कि सिद्धू लौट गए हैं तो रावत खासे नाराज दिखे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e44de5356417db8686dd3276707a075126d19cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69201.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश में परंपरागत पुराने तालाबों व जलाशयों के पानी से खेती में सिंचाई होती है, लेकिन देखरेख और रखरखाव के अभाव में इनकी हालत बहुत अच्छी नहीं है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने इन जलाशयों व तालाबों की हालिया गणना कराई, जिसके तहत पता चला कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 5,16,303 तालाब व जलाशय हैं। लोकसभा में पूछे एक लिखित सवाल के जवाब में मंत्रालय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि 53 हजार से अधिक जलाशयों की हालत बुरी है। ज्यादातर की सफाई न होने से उनमें गाद भरी हुई है, जिसमें या तो पानी नहीं है और है तो बहुत कम। ये सिंचाई के काम नहीं आ पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..debbfbb63edf327b9c63e5b17f700faf45a66fa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य राम जी बताते हैं कि इंसान को आध्यात्मिकता का ज्ञान अपने गुरु से ही प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति श्रद्धा तथा ध्यान लगाने का दिन है। जिस गुरु ने ज्ञान का मार्ग प्रशस्त किया है, उसकी लगन रोज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस को समर्पित गुरु पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69204.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69204.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5ab2071b797bf612db412e63c74097bbb02af4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69204.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मध्य प्रदेश विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की दूसरी बटालियन ग्वालियर में पदस्थ आरक्षक गिरीश शर्मा बताते हैं कि 2013 बैच के जवानों को 2018 में मुरैना जिले में कड़ी धूप में ड्यूटी करनी पड़ी थी। आसपास छांव के लिए कोई पेड़ नहीं था। इससे पेड़ों का महत्व समझ में आया। जब ये साथी ग्वालियर लौटे तो तय किया कि एक ऐसा समूह बनाया जाए जिसके माध्यम से पौधे रोपे जाएं। गिरीश कहते हैं, उन्हें और साथियों को मालूम था कि हाल-फिलहाल तो नहीं लेकिन कुछ वर्ष बाद ये पौधे पेड़ बनकर सुकून देंगे। इसी विचार के साथ नवजीवन सहायतार्थ फोर्स का गठन हुआ। इसमें 2013 बैच के प्रदेश भर के आरक्षक जुड़े। अब एक दर्जन से ज्यादा सब इंस्पेक्टर, वन विभाग के कर्मचारी और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी जुड़ चुके हैं। समूह के माध्यम से किए जाने वाले कार्यो को सभी साथी इंटरनेट मीडिया पर अपलोड भी करते हैं। भुवनेश्वर, जयपुर और दूसरे शहरों के जवान भी जुड़ गए। ये लोग प्रशिक्षण के दौरान संपर्क में आए थे। ये भी अपने राज्यों में पौधे रोपने का कार्य कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..490178f258e9d6f22249f769b795b6e228c95005 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69205.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गुणा-भाग तेज हो गया है। बसपा फिर से ब्राह्मणों को साधने की कोशिश में जुटी है तो भाजपा के सहयोगी के रूप में आरपीआइ प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले उत्तर प्रदेश के हर जिले में अनुसूचित जाति के मतदाताओं को राजग की ओर मोड़ने में जुटेंगे। पार्टी ने प्रदेशभर में बहुजन कल्याण यात्रा निकालने का फैसला लिया है, जो 26 सितंबर से गाजियाबाद से शुरू होगी और 26 नवंबर को संविधान दिवस के दिन लखनऊ में समाप्त होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10c3f399b65cdd042c48ae2567d51b7a05c31ed9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69209.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राजेंद्र शर्मा, विदिशा। आधुनिक दौर में मौसम का मिजाज जानने के लिए उपग्रह से लेकर तमाम उपकरणों का सहारा लिया जाता है लेकिन, मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में किसान आज भी भारत की पुरातन संस्कृति पर भरोसा करते हैं। यहां हर गुरु पूणिर्मा पर हवाओं के रुख से आने वाले मौसम की भविष्यवाणी की जाती है। जिले में पिछले 80 वर्षो से यह परंपरा चल रही है। इस बार रूठे मानसून और मौसम विभाग की सही न होती भविष्यवाणियों के बीच किसानों की उम्मीदें गुरुपूर्णिमा पर होने वाली भविष्यवाणी पर टिकी हैं। + +विदिशा शहर के मध्य में स्थित करीब 100 फिट ऊंची लुहांगी की पहाड़ी पर शहर के धर्माधिकारी रहे परिवार की तीसरी पीढ़ी आज भी हर साल गुरुपूर्णिमा पर शाम के समय वायु परीक्षण की पंरपरा को निभा रही है। वराह मिहिर पद्धति से गणना कर अच्छी या सामान्य बारिश तथा उपज की पैदावार की भविष्यवाणी की जाती है। किसानों को भी बेसब्री से इसका इंतजार रहता है। + +हालांकि, मौसम विज्ञानी इस भविष्यवाणी को विज्ञान सम्मत नीं मानते हैं, लेकिन किसानों का कहना है कि यह भविष्यवाणी सटीक बैठती है, इसलिए वे इस पर भरोसा करते हैं। तीन पीढ़ियों से एक ही परिवार कर रहा वायु परीक्षण:इस वायु परीक्षण की शुरुआत करीब 80 साल पहले संस्कृत के प्रकांड विद्वान और धर्माधिकारी की उपाधि प्राप्त पंडित उमाशंकर शास्त्री ने की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69210.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fa87a4fb32f9fae466d76b9b7edda7589fb84b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69210.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे काम करती है डिवाइस: शिवा, नीरज व शरद पांडेय ने बताया कि एलपीजी स्मोक डिटेक्टर डिवाइस के लग जाने से, जैसे ही गैस लीक होती है तो डिवाइस में लगे स्मोक सेंसर के चलते बीप की आवाज आने लगती है। इसके बाद बीप की आवाज तब तक आती रहती है, जब तक गैस लीक होती है। सिलिंडर का नाब बंद करते ही बीप की आवाज भी बंद हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d6547989cb866d2a3cf31926376d89984cca88c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69212.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जनरल जिया उल हक ने 1982 में भारत को अस्थिर करने की नीति के तहत ‘आपरेशन टोपैक’ लांच किया जिसकी कमान आइएसआइ को सौंप दी गई। उसने अफगानिस्तान के जिहाद को कश्मीर में लांच किया तथा इनकी योजना में भारत के टुकड़े टुकड़े करना शामिल था। इसने जिहादियों की फौज तैयार करने के साथ ही अफगानिस्तान तथा गुलाम कश्मीर में इन्हें प्रशिक्षित किया। कुल मिलाकर पाकिस्तान अपने इतिहास से सीख नहीं लेता है तथा पुन: वही गलतियां दोहराता रहा है। पहले वह अमेरिका, आइएसआइ तथा सेना के सहारे देश चलाता था। अब वह चीन की गोद में बैठ चुका है। वह लोकतंत्र एवं सैन्य शासन की खिचड़ी बनकर रीढ़विहीन, परजीवी की भांति हाथ में कटोरा लिए चीन के तलवे चाट रहा है। कुटिल चीन जल्द ही अपने ऋण जाल में फंसा कर उसे भी निगल जाएगा। + +परिणामस्वरूप पूरे अफगानिस्तान पर इस्लामिक कट्टरपंथी जिहादी मानसिकता के सुन्नी तालिबानी शासन की स्थापना मुल्ला उमर के नेतृत्व में 1996 में हो गई। इस तालिबान आंदोलन को पाकिस्तान, सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात ने मान्यता प्रदान की थी। आज के परिवेश में अफगानिस्तान सरकार और सेना का तालिबान के हाथों हार जाना विश्व में आतंकवादियों के मनोबल को बढ़ाने का कार्य करेगा। इसलिए प्रत्येक दशा में अमेरिका, भारत, चीन और अन्य शक्तियों को अफगानिस्तान की सेना का हाथ मजबूत करना चाहिए। उन्हें अत्याधुनिक हथियार मसलन ड्रोन, सर्जकिल स्ट्राइक हेतु हवाई युद्धक विमान तथा अन्य सटीक संघातक हथियार देने की अत्यंत आवश्यकता है, ताकि तालिबान को हर हाल में रोका जा सके। भारत को ज्यादा से ज्यादा स्वनिíमत हथियारों को अफगानिस्तान भेजकर अपने दोहरे हित साधन का कार्य करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe2167ea491d7268eb84997dc49e097df8f562ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विनेश फोगाट।2016 रियो ओलंपिक में घुटने की चोट से विनेश फोगाट के पदक जीतने का सपना टूट गया था। इस चोट से वह काफी मायूस हो गई थीं और उस समय उनकी आखों से आंसू तक आ गए थे। ऐसे में दर्द को दिल में दबाकर विनेश ने हार नहीं मानी और चोट ठीक होने के बाद सर्वश्रेष्ठ लय हासिल करते हुए कुश्ती के अखाड़े में कदम रखा। यही कारण है कि इस साल कुश्ती में अभी तक उन्हें कोई भी खिलाड़ी हरा नहीं सकी है और लगभग हर एक टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतते हुए विनेश ने ओलंपिक में प्रवेश किया। इससे साफ नजर आता है कि शानदार लय में नजर आने वाली विनेश भारत को पदक दिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..336be58d4fe961d8069056f9343cb4338e94823d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Tokyo Olympics 2020 में 11 हजार से ज्यादा एथलीट हिस्सा लेने वाले हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके बारे में कहा जा सकता है कि वे स्वर्ण पदक के दावेदार हैं। ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि टोक्यो ओलंपिक में कड़ी प्रतिस्पर्धा हर खेलों में देखने को मिलेगी। एक से एक धुरंधर खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में खेलने वाला है, लेकिन इन खेलों के शुरू होने से पहले हम चार ऐसे खिलाड़ियों के बारे में आपका बता रहे हैं, जो ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल हासिल कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5877f7d8a95c2ae1279120ab5b52ccbd9e00054f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस अनोखी घटना के बाद प्रभावित इलाके में खेतों का नजारा। इस घटना ने आसपास के लोगों को डरा दिया है। उन्हें डर है कि कहीं अचानक उनके घर या कारोबार तले भी ऐसे ही जमीन न उठने लगे। वहीं किसानों को अपनी फसल की भी चिंता सात रही है। @JagranNews @cmohry pic.twitter.com/4LCnnkSfc3।यह है विशेषज्ञ की राय ।सीएसएसआरआइ के निदेशक डा. पीसी शर्मा ने कहा कि घटनाक्रम के वास्तविक तथ्यों की मौके पर जांच की जाएगी। प्राथमिक पहलूओं पर गौर किया जाए तो यह जमीन में रेजिड्यू यानि किसी विशेष प्रकार के तत्वों की अधिकता के कारण मिथेन गैस बनने से संभव हो सकता है। संस्थान की टीम शुक्रवार को मौके पर जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5de20aa1ceef49ded838275de3fe3303bdbb7515 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Delhi Metro Preparation for Tokyo Olympic 2021- दिल्ली मेट्रो ने भी टोक्यो ओलंपिक के लिए खास तरह से तैयारी की है। खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के साथ ही आम लोगों को भी इससे जोड़ने के लिए कुछ प्रमुख स्टेशनों पर काम किया गया है। मेट्रो ने अपने कुछ स्टेशनों पर ऐसे खास सेल्फी पाइंट बनाए हैं। मेट्रो में सफर करने वाले यात्री यहां पर आकर अपने परिवार के साथ इस जगह पर सेल्फी ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da6f5ebf24f63b7c0d66e312f0b9776e4f7a6d46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Driverless Metro In Delhi: दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) की पूरी पिंक लाइन पर अगले सप्ताह मेट्रो ट्रेनें रफ्तार भरना शुरू कर देंगीं। पिंक लाइन के अंतर्गत त्रिलोकपुरी-मयूर विहार पॉकेट एक कॉरिडोर पर सुरक्षा मानकों की जांच का काम बाकी है, जो जल्द पूरा हो जाएगा। मंजूरी के बाद इस कॉरिडोर पर अगले कुछ दिनों में परिचालन शुरू हो जाएगा। डीएमआरसी के अधिकारियों के मुताबिक, सितंबर तक पिंक लाइन पर भी दिल्ली मेट्रो बगैर चालक के रफ्तार भरेगी। फिलहाल सिर्फ मजेंटा लाइन पर बगैर चालक के मेट्रो ट्रेन रफ्तार भरती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fec1dcd8d5c183bab3929518899ae413c5ceaa7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69224.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन सिलेंडर, कंसंट्रेटर, रेमडेसिवियर, बेड, आइसीयू और कुछ अन्य चीजों को लेकर किस तरह से मारामारी थी ये किसी से छिपा नहीं है। पूरी दुनिया ने देश में उस समय के माहौल को देखा और महसूस किया। उसी के बाद विदेशों से भी तमाम तरह की मेडिकल सुविधाएं देश को मुहैया कराई गई। अब एक रिपोर्ट को लेकर फिर से बवाल मचा हुआ है। अब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ा मुद्दा बनी आक्सीजन फिर से राजनीति का केंद्र बन गई है। ।इस मामले में कवि कुमार विश्वास ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया और कहा कि मुझे सरकारों-नेताओं की बेशर्मी का दुख नहीं है। उस संवेदनहीनता का तो दीर्घकालिक निजी अनुभव है। मुझे कष्ट उन हज़ारों फ़ोन करने वालों की ख़ामोशी का है जो उन कठिन दिनों में सिलेंडर/कन्सन्ट्रेटर की एक मिनट की देरी पर दस कॉल करते थे। नागरिकों की बेचैनी का मर जाना लोकतंत्र का शोकपर्व है। + +राजनीति से बाज नहीं आ रहे विपक्षी दल ।पात्रा ने कहा कि विपक्षी दल इस संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं। अगर केंद्र दखल देना शुरू करे तो आरोप लगाते हैं कि उनके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप हो रहा है। मौत के आंकड़े राज्य भेज रहे हैं लेकिन सवाल केंद्र से पूछा जा रहा है। केंद्र की ओर से मदद देने के बावजूद दिल्ली सरकार आक्सीजन की आपूर्ति में चूकी। यह तथ्य है कि उस समय अस्पतालों की ओर से दिल्ली सरकार को काल किए जा रहे थे लेकिन वह समय से आक्सीजन नहीं पहुंचा पा रही थी। बता दें कि स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में स्पष्ट कहा था कि किसी भी प्रदेश ने केंद्र को यह नहीं बताया कि किसी की मौत आक्सीजन की कमी से हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c69cfcf176e0b242f35c7f999542913b18437cbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69225.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले दिल्ली के गैर सरकारी संगठन टाक्सिक लिंक के नए अध्ययन में सामने आया है कि प्लास्टिक और माइक्रोप्लास्टिक से गंगा का जल तेजी से प्रदूषित हो रहा है। बृहस्पतिवार को जारी किए गए ‘गंगा नदी के किनारे माइक्रोप्लास्टिक का मात्रात्मक विश्लेषण’ नामक इस अध्ययन में सामने आया है कि हरिद्वार, कानपुर और वाराणसी में गंगा जल के सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है। ।अध्ययन के मुताबिक प्लास्टिक उत्पादों की सर्वाधिक मात्र वाराणसी में पाई गई है। नदी के किनारे कई शहरों से गैर-शोधित सीवेज, औद्योगिक कचरा और प्लास्टिक से नदी में भारी मात्र में प्रदूषक तत्व मिल रहे हैं। प्लास्टिक उत्पादों व कचरे को नदी में छोड़ या फेंक दिया जाता है। यह प्लास्टिक धीरे-धीरे अति सूक्ष्म कणों में बदलकर नदी की तलहटी में बैठ जाता है। + +हरिद्वार, कानपुर और वाराणसी में नदी से पानी के नमूने एकत्रित कर गोवा में राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआइओ) के सहयोग से इनकी जांच की गई। ।परिणाम दर्शाते हैं कि गंगा जल में माइक्रोप्लास्टिक के तौर पर भी 40 प्रकार के अलग-अलग पालिमर मौजूद हैं। तीनों स्थानों में ईवीओएच, पलीएसिटिलीन, पीआइपी, पीवीसी और पीवीएएल जैसे रेजिन भारी मात्र में मौजूद थे। वाराणसी और कानपुर में एकदम छोटे-छोटे दाने देखे गए, जबकि हरिद्वार में कोई दाना नहीं पाया गया। एनआइओ के प्रमुख अनुसंधानकर्ता डा. महुआ साहा ने बताया कि वाराणसी और कानपुर की तुलना में हरिद्वार में गंगा जल में माइक्रोप्लास्टिक की संख्या सबसे कम 1.30 से 0.518 तक माइक्रोप्लास्टिक प्रति घन मीटर थी। ।भविष्य को देखते हुए जलीय जीवन पर प्लास्टिक के खतरे से निपटने की अत्यंत जरूरत है। उद्योग, सरकार, नागरिक समाज संगठनों सहित विभिन्न दावेदारों को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में सुधार और बाद में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण में कमी के लिए हाथ मिलाने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c9fbb82404998649dbc269ec02e7024e2cb9825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार बस में सफर को और सुविधाजनक बनाने जा रही है। ई-टिकटिंग के बाद भविष्य में बोलकर रूट नंबर, बस आने के समय सहित बस स्टैंड आदि की जानकारी जुटाई जा सकेगी। दिल्ली में पिछले वर्ष ई-टिकट की शुरुआत हुई की गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, ऑडियो फीचर जुड़ने के बाद यात्रियों को सफर के दौरान नया अनुभव मिलेगा। इसके साथ ही यह भी जानकारी मिलेगी कि किस रूट पर यात्री ज्यादा सफर कर रहे हैं। इसके बाद जिस रूट पर ज्यादा यात्री होंगे, वहां बसों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। चार्टर ऐप की मदद से ई-टिकट खरीदकर अब तक 40 से 50 लाख यात्री सफर कर चुके हैं। कोरोना के चलते अभी बसों में सीमित यात्रियों को सफर की अनुमति है। इससे रोजाना 35-40 हजार यात्री ई-टिकट से सफर कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ce0d759bfb722f3852a4da7fd0468c13c26f32d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौतम बाली। महामारी के दौरान कंपनियों, सरकारों और संस्थानों को तेजी से बदलते समय में खुद को ढालते देखा गया है। जिस तरह से परिचालन का तरीका आफलाइन से आनलाइन, आफिस से घर, केंद्रीकृत से विकेंद्रीकृत हुआ है, उसमें उद्योगों में भीतरी और बाहरी दोनों स्तर पर बदलाव हुए हैं। भारत की डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने भी इन तमाम बदलावों का सामना किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dac205564bdb6db69bb67fea96f321d5e41abef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69230.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। सत्य, अहिंसा और सादगी के बल पर महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाने में जो योगदान किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। नरमदल के नायक के रूप में जहां एक ओर उनकी अलग पहचान थी तो दूसरी गरम दल के क्रांतिकारी नेताओं में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की छवि ऐसी बनी की युवा उनकी ओर खिंचे चले आए। 26 दिसंबर से 30 दिसंबर 1916 के बीच लखनऊ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक महात्मा गांधी के साथ लखनऊ आए थे। लालबाग में उनकी प्रतिमा स्थापित है। + +काकोरी कांड के क्रांतिकारी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामकृष्ण खत्री के पुत्र उदय खत्री ने बताया कि 26 दिसंबर से 30 दिसंबर 1916 तक लखनऊ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में वह शामिल हुए थे। स्वतंत्रा संग्राम की आंधी चल रही थी। नरम और गरम दल के बीच अंदरूनी मनमुटाव धधक रहा था, इसी बीच क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का यहां आना अंदर की ज्वाला को बाहर निकालने जैसा साबित हुआ। महात्मा गांधी के साथ कार से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को ले जाने की तैयारी चल रही थी तो युवा क्रांतिकारी व गरम दल के पैरोकार राम प्रसाद बिस्मिल ने युवाओं के साथ मिलकर कार पंचर कर दी और उनको ले जाने के लिए अलग से बग्घी का इंतजाम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69234.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0375745fa552e8941995dea12b59f5ee3cfd289 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69234.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत को अपने पूर्व के घोषित अफगान नियंत्रित, अफगानी स्वामित्व और अफगान नेतृत्व के संकल्प पर कायम रहना चाहिए। अफगानिस्तान की व्यापक और दीर्घकालिक शांति की कुंजी इसी फॉर्मूला के तहत संभव है। अफगानिस्तान में चाहे किसी भी गुट की सरकार बने, हमें उनके साथ राजनीतिक संबंध मजबूत करते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03c298df354c3311db455eccaf8b8157e5033a05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69239.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। जर्मनी और चीन में बाढ़ के कारण तबाही मची हुई है। यह तबाही दरअसल याद दिला रही है कि जलवायु परिवर्तन दुनियाभर में मौसम में अप्रत्याशित बदलाव का कारण बन रहा है। जलवायु परिवर्तन के चलते ही बिजली गिरने, बादल फटने, जंगलों में आग लगने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। सरकारों को समझना होगा कि विकास के नाम पर उठाए जा रहे बहुत से कदम ही विनाश का कारण बन रहे हैं। चीन की बाढ़ इसका बड़ा उदाहरण है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ के लिए कई बांध और निर्माण कार्य भी जिम्मेदार हैं। फिलहाल हजारों लोग बाढ़ में फंसे हैं। + +अमेरिका में दावानल का कहर।जलवायु परिवर्तन का एक विकराल रूप संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के ओरेगन राज्‍य के जंगलों में लगी आग की शक्‍ल में भी नजर आ रहा है। इसे अमेरिका की सबसे भयावह आग बताया जा रहा है। यह आग अभी तक लॉस एंजिल्‍स जितने बड़े क्षेत्र को झुलसा चुकी है। हजारों लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। छह जुलाई से लगी यह आग लगातार फैल रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते गर्म, शुष्क मौसम का खतरा बढ़ जाता है जिससे जंगल में आग लगने की आशंका बढ़ जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef3fd201a6b209be775fe149fc4a0c2eb151f6e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69242.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोंडा जिले के कटरा से फैजाबाद जंक्शन तक उन्होंने स्पेशल ट्रेन से यात्रा की थी। उस वक्त अटल जी की अगवानी में रहे एक स्थानीय रेल अधिकारी ने बताया कि जीआइसी रेलवे क्रासि‍ंग के पास ट्रेन से उनके उतरने के लिए 36 मीटर लंबा एक अस्थायी प्लेटफार्म भी बनाया गया था, जहां से उतरने के बाद वह सड़क मार्ग से हवाई पट्टी गए थे। 17 वर्ष बाद अब रेलवे को राष्ट्रपति के स्वागत का अवसर प्राप्त होने का संकेत मिला है। राष्ट्रपति के अगस्त के अंतिम सप्ताह में रामनगरी आने की संभावना है। अभी तक 29 अगस्त को राष्ट्रपति के यहां पहुंचने की उम्मीद है। इसी तिथि पर रामनगरी में दो दिवसीय रामायण कान्क्लेव भी आरंभ होना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bdd4fa1fc48da3c5d867d89591f340e4beb4964 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69246.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखीमपुर [हरीश श्रीवास्तव]। पड़ोसी मुल्क नेपाल के कस्बा धनगढ़ी में भारतीय नकली नोटों का प्रचलन फिर से बढऩे लगा है। सीमा सील होने के बाद भी तस्करी जारी है और उसी के आड़ में नकली नोटों का प्रचलन भी बढ़ रहा है। नेपाल पुलिस की खुफिया इकाई भारतीय नोटों के सप्लायरों को खोजने में लग गई है। दो साल पहले दो लोगों को नेपाल पुलिस ने नकली भारतीय मुद्रा से सोने की खरीदारी करने के प्रयास में गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपित लखीमपुर के निवासी थे। नेपाल पुलिस अब उनके संपर्को को तलाश रही है। + +नेपाल में भारतीय मुद्रा के बड़े नोटों के उपयोग पर रोक है लेकिन, तस्कर व भारतीय पर्यटक बड़े नोटों का ही प्रयोग करते हैं। इस समय सीमा सील होने के कारण पर्यटकों का आवागमन तो बंद है लेकिन तस्करी जारी है। तस्करी के आड़ में नकली भारतीय नोटों का प्रचलन भी नेपाल में बढ़ रहा है। खासकर दो हजार के भारतीय नोट नेपाल में अधिक चल रहे हैं और दो हजार के ही नकली नोट भी प्रचलन में हैं। इस बात को लेकर नेपाल पुलिस की खुफिया इकाई सतर्क हो गई है और उसने पुराने आरोपितों के संपर्को को खंगालना शुरू कर दिया है। दरअसल नेपाल पुलिस ने कुछ दिन पहले एक तस्कर को पकड़ा था उसके कब्जे से तस्करी के कोई माल बरामद नही हुआ ता पर उसके पास से भारतीय मुद्रा बरामद हुई थी। बरामद भारतीय मुद्रा दो हजार के नोट के रुप में थी। मामला तस्कर से संबंधित होने पर माल न मिलने के कारण कही दर्ज नहीं किया गया लेकिन, बाद में पता चला कि तस्कर से जो भारतीय मुद्रा बरामद हुई थी वह नकली थी। उसके बाद नेपाल पुलिस का माथा ठनका और गोपनीय रूप से मामले की पड़ताल की गई तो तस्करों के बीच नकली नोटों के प्रचलन की बात सामने आई। इसके बाद अब उसकी जांच की जा रही है। + +भारतीय अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में यह मुद्दा नेपाल की तरफ से उठाया भी जा सकता है। नेपाल पुलिस की खुफिया इकाई दो साल पहले धनगढ़ी में पकड़े गए लखीमपुर के दो लोगों के पुराने संपर्को की खोजबीन कर रही है। गौरतलब है कि दो साल पहले गौरीफंटा बार्डर से नेपाल गए दो सिख युवकों ने धनगढ़ी में एक सोने चांदी की दुकान से करीब एक लाख रुपये के आभूषण खरीदे और भुगतान में नए नोटों की गड्डी दुकानदार को दिया था। जैसे ही दोनों सिख युवक खरीददारी करके हटे वैसे ही दुकानदार ने नोटों को बैंक में भेजकर उनकी परख कराई तो नोटों के नकली होने का पता चल गया था। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी थी। पुलिस ने भंसार पर लगे बैरियर पर पर दोनो को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उनके पास से 40 हजार रुपये के और नकली नोट भी बरामद किए थे। पकड़े गए दोनों सिख युवक लखीमपुर के निवासी थे। नेपाल पुलिस अब नकली भारतीय मुद्रा का फिर से प्रचलन बढऩे पर दोनों आरोपितों के संपर्को को तलाशने में जुट गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c42e10afb173b6b52a08d127151c910c2be387ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69248.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अजय दुबे। मां बनाने वाले हार्मोन (एस्ट्रोजन) ने कोरोना से महिलाओं की जान बचा ली। कोरोना संक्रमित पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मौत कम हुई। एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कालेज में 720 कोरोना संक्रमित मरीजों पर हुए अध्ययन में सामने आया है कि एस्ट्रोजन हार्मोन ने कोरोना वायरस के रिसेप्टर को ब्लाक कर दिया। इससे जिन महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक था, उनकी जान बच गई। यही वजह है कि स्‍तनपान करने वाले शिशु भी यदि कोविड संक्रमित हुए तो सुरक्षित रहे। + +रजोनिवृत्ति के बाद संक्रमित होने पर महिलाओं की मौत ज्यादा।स्टडी में महिलाओं के दो ग्रुप बनाए गए। एक ग्रुप में जिन महिलाओं के पीरियड आ रहे थे और मां बन सकती थीं। दूसरे ग्रुप में जिन महिलाओं के पीरियड बंद (रजोनिवृत्ति, मीनोपाज) हो गए। रजोनिवृत्ति में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इसलिए कोरोना संक्रमित 108 रजोनिवृत्त महिलाओं में से 17 (15.07 फीसद) की मौत हुई, जबकि दूसरे ग्रुप की 185 महिलाओं में से 16 (8.64 फीसद) की मौत हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c98f7b22afbd8c1307a11c9181b1f7661d068818 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आनलाइन डेस्‍क। बिहार की सियासत (Bihar Politics) से जुड़ी इस बड़ी खबर के लिए 31 जुलाई तक इंतजार करना पड़ेगा। हम बात कर रहे हैं सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अगले अध्‍यक्ष (JDU National President) की घोषणा की। वर्तमान अध्‍यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उनकी जह किसी और को अध्‍यक्ष बनाया जाना तय है। दौड़ (Race) में उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) व ललन सिंह (Lalan Singh) के नाम आगे चल रहे हैं। अब देखना यह है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर जेडीयू में 'लव-कुश समीकरण' को मजबूत करते हैं या ललन सिंह को मौका देकर अपनी सोशल इंजीजियरिंग (Social Engineering) में अगड़ों (Forward Class) को साधते हैं। ।जेडीयू में महत्‍वपूर्ण पदों पर 'लव-कुश' प्रभुत्‍व ।जेडीयू में सरकार से लेकर संगठन तक देखें तो मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से ही वर्तमान अध्‍यक्ष व हाल ही में कैबिनेट मंत्री बने आरसीपी सिंह भी आते हैं। दोनों कुर्मी (Kurmi) समाज से हैं। नए अध्यक्ष की दाैड़ में शामिल उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्‍यक्ष हैं। वे कोइरी (Koiri) समाज से हैं। पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) भी कोइरी समाज से हैं। स्‍पष्‍ट है कि जेडीयू में महत्‍वपूर्ण पदों पर 'लव-कुश समीकरण' को साधने की कोशिश की गई है। हालांकि, इससे अन्‍य जातीय समीकरणों को साधने की सोशल इंजीनियरिंग का सवाल जरूर खड़ा हो गया है। ।मजबूत दिख रही है ललन सिंह की दावेदारी  ।मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी में 'लव-कुश' प्रभुत्‍व को देखते हुए नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का पद उपेंद्र कुशवाहा को देने से असंतोष से वाकिफ हैं। ऐसे में अगर उनको अध्यक्ष बनाया जाता है तो काेइरी समाज से आने वाले प्रदेश जेडीयू अध्‍यक्ष उमेश कुशवाहा को हटाया जा सकता है। उमेश कुशवाहा को नहीं हटाए जाने की स्थिति में 'लव-कुश' से हटकर कोई और बड़ा नाम राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के रूप में समाने आ सकता है। पार्टी में ललन सिंह, विजय चौधरी व संजय झा जैसे ऐसे कुछ बड़े नाम हैं, लेकिन इनमें से विजय चौधरी व संजय झा बिहार सरकार में मंत्री हैं। 'एक व्‍यक्ति एक पद' के सिद्धांत को देखें तो वे दौड़ से बाहर हैं। ऐसे में ललन सिंह की दावेदारी मजबूत होती दिखती है। पहले प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ललन सिंह न केवल नीतीश कुमार के विश्‍वासपात्र रहे हैं, बल्कि उनके पास संगठन चलाने का लंबा अनुभव भी है। ।उपेंद्र कुशवाहा भी अध्‍यक्ष की दौड़ में शामिल ।उपेंद्र कुशवाहा की बात करें तो नीतीश कुमार ने अपने इस पुराने सहयोगी को फिर साथ लाया है। मकसद पार्टी को मजबूती देना है। जेडीयू में आने के तीन महीने के अंदर ही वे पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्‍यक्ष हैं। उन्हें विधान पार्षद भी बना दिया गया है। और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में भी शामिल माना जा रहा है। जेडीयू में आने के पहले वे राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उपेंद्र कुशवाहा के पास भी संगठन चलाने का लंबा अनुभव है। हालांकि, उनके अध्‍यक्ष बनने पर पार्टी के पुराने बड़े नेताओं में असंतोष से इनकार नहीं किया जा सकता है। वे पार्टी में अभी नए हैं। जहां तक उपेंद्र कुशवाहा की बात है, उन्‍होंने खुद को अध्‍यक्ष पद की दौड़ से अलग बताया है। ।जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का इंतजार।बहरहाल, तमाम कयासों के बीच यह बात तय है कि जो मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार चाहेग, वही होगा। इसके लिए 31 जुलाई को दिल्ली में होने जा रही जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का इंतजार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69ec114e98674e08d4d3272833fa8636f80220e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [संजीव कुमार मिश्र]। जामिया मिल्लिया इस्लामिया और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने लाकडाउन (मार्च से मई 2020) के दौरान यमुना के सतह के जल का अध्ययन किया। शोधार्थियों ने पल्ला, सूरघाट (डाउनस्ट्रीम वजीराबाद बैराज), आइटीओ घाट, निजामुद्दीन, आगरा कैनाल(ओखला बैराज), खजूरी पलटून पुल, कुदशिया घाट, आगरा कैनाल, शाहदरा ड्रेन (डाउनस्ट्रीम ओखला बैराज) पर यमुना जल का अध्ययन किया। प्रयोगशालाओं में परीक्षण के बाद शोधार्थियों ने पाया कि जल में प्रदूषण का स्तर घटा। इसके पीछे बड़ी वजह जल की अधिकाधिक उपलब्धता, औद्योगिक इकाइयों का बंद होना बताया गया है। ।अध्ययन समय लाकडाउन ।-22 मार्च से 30 मई तक के दौरान अध्ययन किया गया। ।- लाकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद थी। ।-रेल, बस, हवाई परिवहन बंद था। ।-दिल्ली के विभिन्न बाजार बंद थे। ।ये मापा गया ।- केमिकल आक्सीजन डिमांड(सीओडी) ।- बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड(बीओडी) ।- डिजाल्व आक्सीजन(डीओ) ।- टोटल डिजाल्व सालिड (टीडीएस) ।- इलेक्टि्रकल कंडक्टिविटी (ईसी) ।- पीएच (पावर आफ हाइड्रोजन) ।- तापमान ।प्रदूषण मापने के प्रमुख पैरामीटर ।पीएच -लाकडाउन के दौरान पीएच 7.24 से 8.06 के बीच मापा गया। औसत वैल्यू 7.26 थी। जबकि लाकडाउन से पहले सीपीसीबी की रिपोर्ट में यह 8.7 तक बताया गया था। लाकडाउन के दौरान सूरघाट पर सर्वाधिक हाइड्रोजन इंडेक्स यानी कि पीएच 8.6 रिकार्ड किया गया। जबकि सबसे कम 7.24 खजूरी पलटून पुल पर मापा गया। जल का पीएच वैल्यू यह इंगित करता है कि जल कठोर है या मृदु। डिजाल्व आक्सीजन (डीओ) जल में आक्सीजन का एक लेवल होता है। जब हानिकारक रसायनों की मात्रा अधिक हो जाती है तो डीओ लेवल कम हो जाता है। ।दरअसल, यह जल में घुलित आक्सीजन की वह मात्रा है जो जलीय जीवों को श्वसन के लिए आवश्यक होती है। जब जल में डीओ की मात्रा 8 मिलीग्राम प्रति लीटर है तो ऐसे जल को संदूषित कहते हैं। जब मात्रा 4 से कम हो जाती है तो अत्यधिक प्रदूषित कहा जाता है। लाकडाउन के दौरान पल्ला घाट पर यमुना के जल में डीओ की मात्रा 8.3 मिलीग्राम, आइटीओ पर 4.1, निजामुद्दीन 3.5 मिलीग्राम, आगरा कैनाल पर 4.2, आगरा कैनाल (ओखला) पर 4 मिलीग्राम पाया गया। ।बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) यह आक्सीजन की वह मात्रा है जो जल में कार्बनिक पदार्थों के जैव रासायनिक अपघटन के लिए आवश्यक होती है। बीओडी लेवल में असंतुलन जलीय जीव जंतुओं के लिए खतरे की घंटी है। बीओडी की मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। लाकडाउन से पहले शोध वाले स्थानों पर बीओडी लेवल 3 मिलीग्राम से ज्यादा था। शोध में पाया गया कि लाकडाउन के दौरान शाहदरा ड्रेन के पास यमुना जल में बीओडी लेवल में 66 फीसद तक की गिरावट देखी गई। इसी तरह सूरघाट और आगरा कैनाल ओखला पर लाकडाउन से पहले के मुकाबले क्रमश: 27 और 33 फीसद गिरावट रिकार्ड की गई। हालांकि लाकडाउन के दौरान भी यह कहीं पर तय मात्रा से कम नहीं पाया गया, कमी जरुर पायी गई। ।शोध के परिणाम ।- पल्ला--लाकडाउन में पानी नहाने लायक था। पीएच लेवल 7.8 था। ।-सूरघाट--यहां पर भी पानी नहाने लायक था। ।- आइटीओ घाट--यमुना जल में प्रदूषण के विभिन्न मापको पर 21 फीसद की कमी दर्ज की गई। ।-निजामुद्दीन--यमुना जल में प्रदूषण स्तर 20 फीसद कम हुआ। ।-आगरा कैनाल (ओखला बैराज)--यहां शोधार्थियों ने प्रदूषण मापने के विभिन्न पैमानों को परखने के बाद 33 फीसद तक की कमी की बात कही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69252.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69252.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8d476247db1d5ea4d9b290cfd190f8e1f9d1bbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69252.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कहावत ये है कि रिकॉर्ड टूटन के लिए बनते हैं, लेकिन मुथैया मुरलीधरन का ये रिकॉर्ड टूट जरूर सकता है, लेकिन आने वाले कुछ सालों में ऐसा संभव नहीं है। यहां तक कि अगले एक दशक तक मुथैया मुरलीधरन का ये रिकॉर्ड अटूट रह सकता है। श्रीलंकाई टीम के उस्ताद स्पिनर कहे जाने वाले मुरलीधरन ने गाले में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम भारत के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की। + +मुरलीधरन के 800 विकेट लेने की स्थिति एक हॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी थी। मुरली को टेस्ट मैच में 8 विकेट चाहिए थे और वे सात विकेट ले चुके थे। ऐसे में 800 विकेट के इस मुकाम तक पहुंचने के लिए केवल एक विकेट की जरूरत थी। उधर, दूसरी पारी में भारत पहले ही नौ विकेट को चुका था। ऐसे में कौतुहल मचा हुआ था कि क्या मुरली 800 विकेट तक पहुंच पाएंगे या नहीं, क्योंकि इस दिग्गज ने सीरीज शुरू होने से पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह पहले टेस्ट के बाद संन्यास ले लेंगे। + +आखिरकार, वह क्षण आया जब मुरली ने भारतीय नंबर ग्यारह के बल्लेबाज प्रज्ञान ओझा की ऑफ स्टंप के ठीक बाहर एक गेंद फेंकी, जो तेजी से घूमी और इस पर ओझा ने बल्ला चला दिया और गेंद महेला जयवर्धने के हाथों में चली गई और वे कैच आउट हो गए। मुरली खुशी से झूम उठे, क्योंकि पूरी श्रीलंकाई क्रिकेट टीम उनको एक साथ गले लगाने और दिग्गज को बधाई देने के लिए आई थी। पूरा स्टेडियम पटाखों की आवाज से गूंज उठा और प्रशंसकों ने एक आखिरी बार अपने हीरो की जय-जयकार की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..972aab4ec06b57bfd6741fa7dd3b3e19e2bbbc29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69253.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +साकार नहीं हो सका नाइट बाजार का ख्वाब।वित्तीय वर्ष 2013-14 आगरा में सदर बाजार को नाइट बाजार के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव था। केंद्र सरकार ने करीब 2.5 करोड़ रुपये की योजना के लिए पैसा भी जारी कर दिया था। वर्ष 2014 में सत्ता परिवर्तन हो गया। काम शुरू न हो पाने पर पैसा वापस चला गया। इसके बाद नाइट बाजार के लिए कोई खास प्रयास ही नहीं हुए। + +आगरा किला में बंद है साउंड एंड लाइट शो।आगरा किला में पूर्व में प्रतिदिन शाम को साउंड एंड लाइट शो का आयोजन होता था। हिंदी व अंग्रेजी भाषा में होने वाले साउंड शो की क्वालिटी सही थी। शो के लिए आगरा किला में लगाई गईं लाइटें भी खराब होती जा रही थीं। एक अप्रैल, 2019 से साउंड एंड लाइट शो बंद पड़ा है। प्राे-पुअर टूरिज्म डवलपमेंट प्रोजेक्ट में करीब 12 करोड़ रुपये से इसके अपग्रेडेशन की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..759aa1543beb8205879fa8cd838a77f43309c2ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69255.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, बठिंडा। सेंट्रल यूनिवर्सिटी व महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर ने एक ऐसा केमिकल इजाद किया है जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में इस्तेमाल हो सकेगा। इस पर बहुत कम खर्च आएगा। इसके इस्तेमाल से न केवल कंसंट्रेटर की कीमत काफी कम हो जाएगी बल्कि बिजली के उपयोग की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे में यह लोगों की जिंदगी बचाने के साथ-साथ ईको फ्रेंडली भी रहेगा। + +कोरोना काल में हेल्थ सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित।महाराजा रंजीत सिंह पीटीयू के कुलपति डाॅ.बूटा सिंह व केंद्रीय यूनिवर्सिटी के डीन डाॅ. वीके गर्ग ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि कोरोना काल में हेल्थ सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसके चलते दोनों यूनिवर्सिटीज के एमओयू के चलते दोनों ही यूनिवर्सिटीज ने मिलकर ऐसे केमिकल की शोध की है जो कोरोना की संभावित तीसरी लहर में लोगों की जिंदगी सस्ते में बचा सकेगा। डाॅ.बूटा सिंह ने बताया कि एमआरएस पीटीयू की कैमिस्ट्री की प्रो. मीनू व केंद्रीय यूनिवर्सिटी के प्रो. नगिंदर बाबू ने प्रेशर सेविंग एग्जासिंटग टेक्नोलॉजी के तहत इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69258.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07c7243a742ab43809575423cbc4d94fed6d063e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69258.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानून से आगे समाज की भी अहम भूमिका है। दोनों पक्षों के मान्य संगठनों और व्यक्तियों को मिल-बैठकर विचार करना चाहिए कि यह राष्ट्र और समाज विरोधी समस्या किस तरह मिटाई जा सकती है। लव जिहाद मध्य प्रदेश समेत सभी राज्यों में सामाजिक सद्भाव के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहा है। इससे पहले कि हालात पूरी तरह बेकाबू हो जाएं, समाज और सरकार को मिल-जुलकर इसे नियंत्रित कर लेना चाहिए। सिर्फ मध्य प्रदेश के संदर्भ में देखें तो यह इसलिए भी जरूरी है, ताकि यह प्रदेश बेटियों के लिए सर्वाधिक सुरक्षित प्रदेश के रूप में यशस्वी बना रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a26e22469b69e3ded633df89ac0d0be41254692 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69260.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी, किसी न किसी प्रकार की आलोचना का सामना करता है। हां, कुछ उसे सकारात्मक तरीके से ग्रहण करते हैं। वहीं, बहुत से लोग उससे अंदर तक आहत हो जाते हैं। आलोचनाओं को स्वयं में समाना या उन्हें सहजता से स्वीकार करना आसान नहीं होता। लेकिन जब हम ऐसा करते हैं, तो अपनी कमी एवं कमजोरियों की जंजीरों को तोड़ बाहर निकलते हैं। आगे बढ़ते हैं। राजस्थान के राजसमंद जिले के छोटे से गांव काबड़ा की भावना जाट देश की पहली महिला रेस वाकर हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। इनकी यह यात्रा चुनौतियों एवं आलोचनाओं से अछूती नहीं रही है। उनका शार्ट पहनकर अभ्यास करना गांववासियों को तनिक भी सुहाता नहीं था। वह उन्हें अभ्यास करने से रोकते थे और लड़कियों की तरह गृहकार्य में हाथ बंटाने को कहते थे। लेकिन भावना ने सभी बातों को नजरअंदाज करते हुए अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा। सुबह तीन बजे उठकर अभ्यास करतीं। मैच के लिए जूते नहीं होते, तो साथी खिलाड़ियों से मांगकर काम चलाया करतीं। आज सभी को उन पर गर्व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40cb9cb5e240d223e351a25ee012a6e1818db3ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69261.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसके लिए जल्द ही पूरी दिल्ली में करीब 560 दुकानों का चयन किया जाएगा। दुकानों से राशन वितरण करने को लेकर विभाग के मुख्यालय में आला अधिकारियों एवं दुकानदारों की यूनियन के बीच मंगलवार को एक बैठक भी हुई थी। मालूम हो कि राशन समय पर न पहुंच पाना भी शिक्षकों के लिए गले की हड्डी बन गया था, जिसका कारण राशन वितरण एवं राशन सप्लाई में देरी के साथ ही सॉफ्टवेयर में आने वाली विभिन्न प्रकार की दिक्कतें भी थीं। + +बताया जाता है कि नॉन पीडीएस श्रेणी का राशन लेने के लिए किसी प्रकार के दस्तावेज होने की अनिवार्यता भी नहीं होगी। अगर किसी के पास आधार कार्ड तो वो उसकी जानकारी दे सकता है। लेकिन अगर किसी के पास कोई भी दस्तावेज न हो तो भी उसे राशन दिया जाएगा। ऐसे में दुकानदार को उसका नाम पता नोट कर यह रिकॉर्ड जरूर रखना होगा कि राशन कितने लोगों को बांटा गया है और उनकी डिटेल क्या है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71ec3eab114a0bc70eff23953f07c101ff20df75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69266.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +99 फीसद लोगों को नहीं होगा पता कि आज हमारे तिरंगे का है जन्मदिन। देश में 88 जगह शान से लहरा रहे 205 फ़ीट तिरंगे की आवाज बने धनबाद के कर्नल जेके सिंह। तिरंगे की शान का बखान करने के लिए कर्नल के वॉइसओवर का हुआ इस्तेमाल। @PMOIndia @HemantSorenJMM @purnimaasingh @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/ZuQprHKX5u। देश के 88 जगहों पर शान से लहरा रहा 205 फीट का तिरंगा।धनबाद के कर्नल जेके सिंह ने इस तिरंगे का बखान करते हुए हमें इससे रूबरू करवाया है। या यूं कह लें कर्नल आज तिरंगे की आवाज बनकर देश के 88 जगह पर इसकी शान में कसीदे पढ़ रहे हैं। देश के 88 जगह पर 205 फीट का तिरंगा मेरी शान से लहरा रहा है। हर जगह कुछ मिनट की धुन सुनाई देती है, जिसमें कर्नल जेके सिंह का वॉइस ओवर का इस्तेमाल किया गया है। हिंदी और अंग्रेजी में कर्नल बड़े शान से बताते हैं कि हमारे तिरंगे का जन्म कब हुआ और इसके पीछे की कहानी क्या है। कर्नल जेके सिंह पिछले दो दशक से तिरंगे के सम्मान में कार्य कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69267.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b1e09f73da80f046dc5faefd2dc5694467e0964 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69267.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। प्रमुख दालों की कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए सरकार ने थोक कारोबारियों को राहत दी है। अब 31 अक्टूबर तक स्टाक की सीमा सिर्फ अरहर, उड़द, चना और मसूर दाल पर लागू होगी। थोक व्यापारियों के लिए स्टाक की सीमा 500 टन होगी, लेकिन कोई भी एक दाल 200 टन से अधिक नहीं रख सकेंगे। फुटकर विक्रेता पांच टन से ज्यादा का भंडारण नहीं कर सकेंगे। मिलों के लिए स्टाक की सीमा छह माह का उत्पादन या 50 फीसद की स्थापित क्षमता (जो भी अधिक हो) रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75a72271194e5251e683e40ba82b7c8f373948ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69269.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धौलपुर में सरमथुरा रोड निवासी डा. निखिल बंसल का सदर क्षेत्र में डेंटल क्लीनिक था। अक्टूबर 2017 में वे घर जाने के लिए मधु नगर के पास वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी बोलेरे गाड़ी से आए बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया था।स्वजन ने 10 लाख रुपये की फिरौती देकर उन्हें मुक्त करा लिया था। इसके बाद पुलिस ने धौलपुर निवासी बदन सिंह समेत आठ बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसमें धौलपुर के दस्यु केशव गुर्जर को भी वांछित किया गया था। मगर, पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई। पुलिस सूत्रों के अनुसार केशव का बीहड़ में राज चलता है। उसके पास पकड़ पहुंचने के बाद बिना फिरौती के पकड़ छूटना मुश्किल है। बदन सिंह पहले उसी के लिए करियर का काम करता था। अब वह खुद भी अपहरण कर फिरौती वसूलने लगा है। इस बार उसने बीच शहर से डाक्टर का अपहरण कर लिया। फिरौती वसूलने की तैयारी कर रहे थे।मगर,पुलिस की सक्रियता के चलते उनके गैंग में शामिल एक बदमाश निबोहरा निवासी पवन व महाराष्ट्र के गोंडिया निवासी युवती संध्या पुलिस के हाथ लग गई।इसके बाद बदन सिंह बीहड़ में ही पकड़ छोड़कर फरार हो गया था।एडीजी राजीव कृष्ण ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। तभी से पुलिस बदन सिंह और उसके साथियों की तलाश में लगी थी। + +युवती को ठिकाने लगाने की थी योजना। धौलपुर के बसई डांग निवासी बदन सिंह ने महाराष्ट्र के गोंडिया निवासी संध्या को अपने जाल में फंसा लिया था। रुपयों के लालच में वह भी उसके साथ गैंग में काम कर रही थी। डा. उमाकांत गुप्ता को उसी ने फोन करके बुलाया था। इसके बाद ही उनका अपहरण किया गया। संध्या और बदन सिंह गैंग का एक बदमाश पवन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। ।चार दिन में दो बड़े एनकाउंटर । आगरा में पिछले दिनों दो बड़ी वारदातें हुई थीं। दोनों ही वारदातों में पुलिस ने तत्परता दिखाई।17 जुलाई को मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी की कमला नगर शाखा में करोड़ों की डकैती डालकर भाग रहे बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। इसमें फीरोजाबाद के बदमाश मनीष पांडेय और निर्दोष ढेर हो गए थे।बुधवार देर रात पुलिस की चिकित्सक का अपहरण करने वाले एक लाख रुपये के इनामी बदन सिंह गैंग से मुठभेड़ हो गई। बदन सिंह और उसका साथी अक्षय राठौर ढेर हो गए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fb2524f1e8d5cdc158e5640d409c8c84937e882 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6927.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इंडस्ट्री के फेमस डायरेक्टर और प्रोड्यूसर इस हफ्ते सिंगिंग रिएलिटी शो इंडियन आइडल 12 में नज़र आने वाले हैं। सोनी टीवी ने अपने अपकमिंग एपिसोड के कुछ प्रोमो इंस्टाग्राम पर रिलीज़ कर दिए जिनमें करण जौहर कंटेस्टेंट्स की गायकी सुनकर मंत्रमुग्ध होते दिख रहे हैं। वहीं इस दौरान करण ने शो के होस्ट आदित्य नारायण के पापा यानी उदित नारायण को लेकर एक मज़ेदार किस्सा भी सुनाया। प्रोमो में करण सभी कंटेस्टेंट्स की खूब तारीफ करते दिख रहे हैं। इसके बाद करण कहते हैं मैं आदित्य के पापा के बारे में एक किस्सा सुनना चहूंगा। + +करण बताते दें कि एक बार उदित नारायण ने उनकी फिल्म ‘कुछ कुछ होता है का टाइटल ट्रैक गाने से मना कर दिया था। ये गाना शाहरुख खान पर फिल्माया है, और शाहरुख की वजह से ही उदित ने गाना गाने से मना कर दिया था। हालांकि बाद में उदित ने ये गाना गाया था जो की काफी हिट भी रहा, लेकिन सिंगर के मना करने के पीछे बड़ी दिलचस्प वजह थी। ।करण बताते हैं, ‘उदित नारायण ‘कुछ कुछ होत है का टाइटल’ ट्रेक गाने के लिए आए तो उन्हें पता चला कि ये गाना शाहरुख ख़ान के लिए है। ये सुनकर उन्होंने गाना गाने से मना कर दिया। मैंने उनसे पूछा कि आप क्यों नहीं गा सकते। इस पर उदित ने जवाब दिया कि मैंने वो पिंक वाली शर्ट नहीं पहनी है। मैं जब भी शाहरुख के लिए गाता हूं पिंक वाली शर्ट पहनता हूं। पिंक वाली शर्ट घिस चुकी है उसका कलर भी जा चुक है लेकिन मैं वही शर्ट पहनकर शाहरुख के लिए गाना गाऊंगा। फिर वो घर वापस गए और वही शर्ट पहनकर आए और गाना गाया’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9919e02d58758dfffc055de6c9cdf619cafc47a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि यमुना को प्रदूषण मुक्त करने को हजारों करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। बीते वर्ष लाकडाउन के दौरान जब कुदरत को बिना दखलंदाजी के काम करने का मौका मिला तो कुछ ही दिनों में यमुना की सेहत ।पीएच स्तर नियंत्रण में। लाकडाउन के दौरान पीएच 7.24 से 8.06 के बीच मापा गया। जबकि औसत मान 7.26 रहा, जबकि लाकडाउन से पहले सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक यह 8.7 तक था। लाकडाउन के दौरान सूरघाट पर सर्वाधिक पीएच 8.6 रिकार्ड किया गया, जबकि सबसे कम 7.24 खजूरी पुल पर मापा गया। जल का पीएच मान यह इंगित करता है कि जल कठोर कितना अम्लीय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49880cb835c6fcd9a6e80173f3b44c1a03b5788c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन । ट्रामा सेंटर यानि सड़क व अन्य हादसों में घायल मरीजों के समुचित इलाज की सुविधा वाला केंद्र। यह अलग बात है कि ट्रामा सेंटर के नाम पर अधिकतर अस्पतालों में ड्रामा ही चल रहा है। जिस तरह थियेटर के कलाकार अलग-अलग किरदार बदलते रहते हैं। उसी तरह कथित ट्रामा सेंटरों में मरीज के आते ही वार्ड ब्वाय व ओटी टेक्नीशियन डाक्टर बन जाते हैं। महिला स्वीपर एप्रन पहनकर सपोर्टिंग स्टाफ में शामिल हो जाती है। रिसेप्शन पर बैठे लड़के-लड़कियां तक एप्रन पहनकर पैरा मेडिकल स्टाफ की भूमिका में दिखने लगते हैं। कुछ जगह डाक्टर व स्टाफ मिल भी जाएं तो वहां सुविधा नहीं होती। दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को क्वार्सी-एटा बाईपास, एटा चुंगी, धनीपुर मंडी क्षेत्र के अस्पतालों में संचालित ट्रामा सेंटरों की पड़ताल की तो ऐसे ही अजब-गजब किरदार सामने आए। दो से तीन कमरों या बड़े हाल में केबिन बनाकर संचालित कथित ट्रामा सेंटरों में मरीजों के जीवन को खतरा भी कम नहीं। ऐसे ट्रामा सेंटरों की हकीकत सामने लाने के लिए दैनिक जागरण ने ‘ट्रामा का ड्रामा’ अभियान शुरू किया है। पेश है पहली किस्त...।अनट्रेंड स्टाफ, एंबुलेंस तक नहीं।जागरण टीम सबसे पहले क्वार्सी स्थित लीलावती हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर पहुंची। इसे क्वालीफाइड डाक्टरों द्वारा संचालित किया जा रहा था। लेकिन, बाहर कोई एंबुलेंस नजर नहीं आई। टीम कयामपुर मोड़ स्थित हार्दिक हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर पर पहुंची। बाहर 10 स्थानों पर ट्रामा सेंटर का नाम प्रमुखता से दर्शाया गया था। अंदर पहुंचने पर कुछ कर्मचारी बिना एप्रन के इधर से उधर टहलते नजर आए। कुछ कर्मचारी रिसेप्शन पर बैठे हुए थे। टीम ने एक कर्मचारी को पास बुलाकर डाक्टर साहब और उनका नाम पूछा तो वह सकपका गया। बोला, नए डाक्टर आए हैं अभी, इसलिए मुझे नाम नहीं पता। अभी हैं नहीं, कोई मरीज हो तो ले आएं, उन्हें बुला लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e448398f73a669abb17b3bc7b10db346a5288c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69272.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई मौकों पर ब्यूरोक्रेट्स का साथ देते नजर आए कैप्टन।अंतर्कलह बढ़ा तो पार्टी हाईकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। कमेटी के गठन के साथ ही मंत्रियों और विधायकों को ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ भड़ास निकालने का मौका मिल गया। सिंचाई मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया सहित कुछ मंत्रियों और विधायकों ने तो कैप्टन के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d6ee3c3def6de84796e054cb99a52893e4f29a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टिहरी झील में 800 करोड़ की लागत से पर्यटन विकास के कार्य होने हैं। इसके लिए बीते माह कार्यदायी संस्था वैपकोस की टीम ने झील का निरीक्षण किया था और अब डीपीआर बनानी शुरू कर दी है। योजना के तहत प्रतापनगर वासियों की सुविधा के लिए टिहरी झील में टिपरी रोपवे का विकास भी किया जाएगा। फिलहाल इस रोपवे में सामान्य डिब्बा लगाया गया है। लेकिन, योजना के तहत डिब्बे में काफी हाउस और बेहतर फर्नीचर रखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f7e1a657be8d5b94e76997efacee6e4849de68c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार ने इस दिशा में कई लगातार प्रयास भी शुरू किए।आमदनी को दोगुना करने के लिए सरकार ने इस दिशा में कई लगातार प्रयास भी शुरू कर दिए। वर्ष 2013-14 में कृषि का बजट जहां मात्र 21,933 करोड़ रुपये था, वह वर्ष 2020-21 में 5.5 गुना बढ़कर 1,23,018 करोड़ रुपये पहुंच गया। सरकार का पूरा दबाव उत्पादकता के साथ पैदावार बढ़ाने और आमदनी में वृद्धि पर रहा। इसके लिए वर्ष 2018 में ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 50 फीसद की वृद्धि घोषित कर दी गई। दलहन का एमएसपी 95.93 गुना और तिलहनी फसलों का 10.80 गुना बढा दिया गया। देश के हर क्षेत्र के किसानों को नकद सहायता के रूप में उसके बैंक खाते में सालाना 6,000 रुपये पीएम-किसान सम्मान निधि से दिया जाने लगा। फसलों को आपदाओं से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 23 करोड़ किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से 7.6 करोड़ किसानों को उनकी फसलों के मुआवजे के रूप में 17,000 करोड़ रुपये प्रीमियम के मुकाबले 91,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4e948b65c19eaec721b2869107ee68faf1b5ab8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69276.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Congress Dispute: कांग्रेस हाईकमान ने भले ही फायर ब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का अध्यक्ष बना दिया हो लेकिन उसे अब चिंता है कि वह और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह साथ कैसे लाएं। दोनों नेताओं में चल रहे शक्ति प्रदर्शन से दो खेमों में बंट गई पंजाब कांग्रेस को एक बनाए रखना हाईकमान के लिए चुनौती है। ऐसे में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दोनों ध्रुवों की दूरियां घटाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। + + कैप्टन व सिद्धू दोनों के करीबी पीके को मिल सकता है यह टास्क।प्रशांत किशोर 2017 से कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी रहे हैं। पिछले चुनाव में प्रशांत ने ही अमरिंदर के लिए रणनीति बनाई थी। यह माना जाता है कि प्रशांत इसके साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू के भी करीबी हैं। हाल ही में राहुल गांधी की अगुआई में जिस बैठक में सिद्धू को अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया था, उसमें भी प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक उस बैठक में पीके का भी यही सुझाव था कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंपी जा सकती है और अमरिंदर के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए। उनका मत था कि दोनों मिलकर चुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगा सकते हैं। + +कांग्रेस हाईकमान पहले ही इस फार्मूले पर काम कर रही थी और आखिर उसने किया भी वही। लेकिन, सिद्धू को अध्यक्ष बनाते ही उनके व अमरिंदर के बीच खाई और बढ़ती नजर आ रही है। सिद्धू ने अभी तक न तो कैप्टन से मुलाकात की है और न ही कैप्टन ने उन्हें बधाई तक दी है। कैप्टन इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब तक सिद्धू उनके व सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर माफी नहीं मांगते, तब तक वह उनसे नहीं मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dd75af975df36af95292c5b445b8a64163b4b07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [अरविंद कुमार द्विवेदी]। सराय कालेखां से डीएनडी लूप होते हुए आश्रम आने वाले नए मार्ग का बुधवार को पीडब्ल्यूडी की ओर से ट्रायल किया गया। सुबह करीब तीन घंटे के ट्रायल के बाद इस मार्ग को फिर से बंद कर दिया गया है। अभी इस मार्ग पर और काम किया जाना है। एक सप्ताह के अंदर इस मार्ग के चालू हो जाने की उम्मीद है। दरअसल, रिंग रोड पर आश्रम फ्लाइओवर एक्सटेंशन का निर्माण कार्य चल रहा है। अब यहां पर सड़क के बीच में काम होना है जिसके लिए उसकी बैरिकेडिंग की जाएगी। ।इसीलिए आरश्रम व बारापुला के बीच दोनों ओर 13-13 मीटर चौड़ी यानी तीन-तीन लेन की नई सड़क बनाई जा रही है। इस सड़क के बन जाने से आश्रम व सराय कालेखां आने-जाने वाले लोगों को जाम से काफी राहत मिल जाएगी। नोएडा आने-जाने वाले लोगों को भी इससे फायदा होगा।पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रायल के बाद अब इसमें रह गई कमियों को पूरा किया जाएगा। जल्द ही दूसरी ओर की सड़क का भी ट्रायल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfb990883b802bec6c303b8df2c29537a5c2b124 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहली बार वर्ष 2020 में विदेश गया लंगड़ा आम : एपीडा के सहायक महाप्रबंधक सीबी सिंह बताते हैं कि पहली बार मई 2020 में बनारसी लंगड़ा आम को दुबई और लंदन भेजा गया था। उसके बाद से इसके मांग में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। प्रचार प्रसार बढ़ने से घरेलू बाजार में भी इसकी मांग बढ़ी है। इससे अब किसानों का मनोबल भी बढ़ा है। उनको उनकी लागत का अच्छा मूल्य प्राप्त हो रहा है। आम के इस प्रजाति का जीआई में पंजीकरण के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। विपरीत मौसम के बावजूद भी इस वर्ष किसानों ने दो टन आम निर्यात किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c15cc42c8e14d3c58e13c036cf59868b1a1db51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। पेगासस का मतलब ग्रीक मायथोलाजी में पंखों वाला घोड़ा होता है। इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नोलाजीज ने भी इसी पर अपने स्पाई साफ्टवेयर का नाम रखा है। देश में कई पत्रकारों, नेताओं और प्रसिद्ध लोगों के मोबाइल से डाटा चोरी के आरोपों को लेकर पेगासस स्पाईवेयर एक बार फिर चर्चा में है। यह साफ्टवेयर पहली बार 2019 में उस समय चर्चा में आया था जब कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के वाट्सएप से डाटा चोरी होने की रिपोर्ट सामने आई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a2c53f7c6c09231280a00fdc06b53df20545997 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69283.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जगदीश त्रिपाठी। तीनों कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को एक तरफ हरियाणा के ही किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (मान) के प्रदेश अध्यक्ष गुणीप्रकाश ने चुनौती दे दी है, वहीं आंदोलन के नेता खुद भी कई गुटों में बंट गए हैं। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला धरनास्थलों पर पहुंचने लगे हैं। उनका जोरदार स्वागत हो रहा है। राकेश टिकैत उनका स्वागत कर रहे हैं, हालांकि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने राजनीतिक दलों के नेताओं से दूरी बनाए रखने की बात कहते रहे हैं, लेकिन टिकैत उसकी उपेक्षा कर रहे हैं। + +चढ़ूनी का कहना था कि किसानों के सहयोग से चौधरी भजनलाल की सरकार आई, उस सरकार में भी किसान पीड़ित हुए। भजनलाल का विरोध कर चौधरी बंसीलाल की सरकार बनाई। बंसीलाल की सरकार में भी किसानों का उत्पीड़न हुआ। बंसीलाल के बाद चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की सरकार बनवाई तो उस सरकार में भी किसानों पर गोलियां चलीं। संयुक्त किसान मोर्चे के किसी नेता ने चढ़ूनी के तर्कों पर तो कोई जवाब नहीं दिया, उन्हें निलंबित जरूर कर दिया। इससे हरियाणा के किसान संगठन क्षुब्ध हो गए हैं। उनका कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चे के लोग हरियाणा के किसान नेताओं के सुझाव सिरे से खारिज कर देते हैं। यह नहीं चलेगा। उनका आरोप है कि किसान मोर्चा की बैठक में हरियाणा की तरफ से दिए जाने वाले सभी सुझावों को निरस्त कर दिया जाता है। + +संयुक्त किसान मोर्चा एक ही तरह की गलती करने वाले तीन नेताओं को दंडित करने के लिए अलग-अलग मापदंड अपनाता है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने की घोषणा की तो उस बयान को वापस लेने के लिए की बात कहकर माफ कर दिया गया। दो अन्य किसान नेताओं युद्धवीर सिंह सहरावत और योगेंद्र यादव ने भाजपा नेता रहे निर्दलीय विधायक विधायक सोमवीर सांगवान को योजनाबद्ध रूप से संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल करने के लिए बुलाया। इसका विरोध हुआ। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चे ने दोनों को निलंबित करने के लिए कमेटी बनाने की बात कह दी। उनका निलंबन आज तक नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69284.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01e9a4b0c3e4bd9ee303a0991523254996edad98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69284.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अब देश के सांसदों से मदद मांगी है। एक ट्वीट के माध्यम से उन्होंने कहा कि अब किसान ये देखेगा कि जो सांसद किसानों की मदद करने की बात कह रहे हैं वो संसद में उनकी आवाज को कितनी मजबूती के साथ उठाते हैं। अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि देश के किसानों ने सांसदों को एक पीपुल्स व्हिप जारी किया है, इस व्हिपका पालन कितने सांसद करते हैं इस पर देश के करोड़ों किसानों की नजर है, किसानों को समर्थन करने वाले दल संसद में किसानों की आवाज को कैसे उठाते हैं इस पर किसान की नजर है। इसके बाद उन्होंने हैशटैग किसान आंदोलन संसद तक भी किया है। + +इससे पहले केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के बोल बिगड़ चुके हैं। दोनों नेता अब सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दोनों किसान नेताओं के बीते कुछ दिनों के बयान जानने के बाद ऐसा लग रहा है कि अब ये केंद्र सरकार से आमने-सामने की लड़ाई लड़ने जैसा मन बना चुके हैं, इसी वजह से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत तो यहां तक बोल गए कि लगता है अब देश में युद्ध होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..394e74afcc84fc788c628f6f4d31c8e22f3e458f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69287.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। बारिश होगी तो एक-एक बूंद जल संचयन करेंगे। बात अच्छी है। कानों को, मन को, जल संरक्षण सरोकार को और जनहित की जरूरत को सुहाती है। लेकिन यदि एक-एक बूंद बचाने की बात थी तो सोमवार को दिल्ली में जब लंबे इंतजार के बाद महज 12 घंटे बारिश हुई तो हर सड़क नाला क्यों बनी हुई थी? हर गली नाली क्यों बनी हुई थी? अंडरपास जलभराव में विलुप्त क्यों हो गया था? इसकी वजह एक ही रही कि बरसात होने पर बरसाती मेंढक की तरह नए वादे निकल आते हैं कि हम विश्वस्तरीय ड्रेनेज सिस्टम तैयार करेंगे। और जो पुराने वादे थे वो बरसात के जलभराव में बहे जा रहे हैं। + +अभी और दुरुस्त करनी होगी व्यवस्था। दिल्ली-एनसीआर में रोजाना लोग पानी की कमी से जूझते हैं। जितनी जरूरत है उतनी जलापूर्ति नहीं हो पाती है। भूजल स्तर भी साल दर साल नीचे जा रहा है, लेकिन इस स्थिति को सुधारने की सारी कवायदें कागजों तक ही सिमट कर रह गई हैं। हर साल मानसून के दौरान बारिश का पानी सड़कों और नालों में बह कर बर्बाद हो जाता है। इन्हें संजोने, भूजल रीचार्ज करने और री-साइकिल कर पीने के उपयोग में लाने के लिए योजनाएं बनाई गईं, लेकिन परिणाम आज भी सिफर ही है। क्या हैं पेयजल के स्रोत, वर्षा जल संग्रह की क्या है व्यवस्था, क्या हैं नियम जानेंगे आंकड़ों की जुबानी:।ये हैं नियम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6f52ce07e0adb06f69b11ad031f3854b572e025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69289.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फर्जी एक्‍सचेंज से कम पैसे में करा रहे थे बात  ।गिरफ्तार आरोपितों अनिल चौधरी और सुशील चौधरी ने पूछताछ में बताया कि वे सस्ती दर पर विदेशों में बात कराते थे। बिहार के अधिसंख्य लोग खाड़ी देशों (Gulf Countries) में रोजगार के लिए रहते हैं, इसलिए वहां के कॉल ज्यादा हैं। यह कॉल बिहार में सिवान, छपरा, गोपालगंज जैसे जिलों में डायवर्ट किए जाते थे। फर्जी एक्सचेंज के माध्यम से विदेश से कॉल करने वाले लोगों की कम पैसे में बात हो जाती थी। ऐसे में आरोपितों को जितना भी पैसा मिलता था वह लाभ ही होता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbf10ae712cc6dd9f0250e7e17ac35a594965d07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बने कोरोना संस्कृति: कोरोना संस्कृति से अर्थ है कि बीते करीब डेढ़ साल में हर किसी में साफ-सफाई, पौष्टिक भोजन और मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बरतने को लेकर जो आदतें विकसित हुई हैं, उनका लगातार पालन न सिर्फ कोरोना, बल्कि अन्य संक्रमणों से भी रक्षा कर सकता है। इसके प्रति सरकार को न केवल सख्त रुख अपनाना चाहिए, बल्कि उस तरह से सुविधाएं भी मुहैया करानी चाहिए। एक बार कोरोना संस्कृति पूरी तरह विकसित हो गई तो सरकार को न तो लाकडाउन या कोरोना कफ्र्यू लगाने की जरूरत पड़ेगी और न ही कोरोना संक्रमण का इतना खतरा रहेगा। कोरोना की दूसरी लहर के खतरनाक परिणामों के बाद भी जो लोग सबक नहीं सीख रहे, उन्हें सख्त संदेश देकर इसका अनुपालन कराया जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3af067638cc1c75aa3f79037e29078d2e86fbbc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69292.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गाजियाबाद, [आयुष गंगवार]। भगवान परशुराम की भांति योगी आदित्यनाथ प्रदेश से अत्याचारियों का सफाया कर रहे हैं। यही वजह है कि सूबे की जनता इस बार भी भारी बहुमत के साथ भाजपा को दोबारा जिताएगी। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी का, जो पदभार संभालने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। गाजियाबाद में बुधवार सुबह दैनिक जागरण से बातचीत में प्रांशु ने कहा कि योगी सरकार ने चार लाख लोगों को नौकरी दी है, जबकि पूर्व की सरकारें वर्ग विशेष का ही भला करती थीं। + +गोरखपुर-गाजियाबाद में एक समान विद्युत आपूर्ति।विपक्ष पर हमला बोलते हुए प्रांशु ने कहा कि प्रदेश में आज सभी वर्ग एक समान हैं। सबका साथ, सबका विकास की तर्ज पर योजनाओं का लाभ सभी को मिल रहा है। सपा सरकार में सिर्फ इटावा में बिजली पर्याप्त रहती थी तो वहीं आज गोरखपुर से लेकर गाजियाबाद तक एक समान विद्युत आपूर्ति मिल रही है। पश्चिम में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के चलते भाजपा को आगामी चुनाव में नुकसान से इन्कार करते हुए कहा कि गन्ना और गेहूं का रिकार्ड भुगतान हुआ है। किसान खुश है। महज कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69296.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69296.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3a32efd711bb764b0e7e88afc004f0af6945104 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69296.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद रेल मंडल को मिनी फ्रेट कारीडोर बनाने के लिए वित्तीय वर्ष में 2018-19 के बजट में मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली रेल मार्ग को दोहरीकरण की स्वीकृति दी थी। इस काम को तेजी से कराने के उद्देश्य से वर्ष 2020 में इस मार्ग पर दिल्ली की टीम द्वारा सर्वे किया जाना था। कोरोना संक्रमण फैलने और लाकडाउन के कारण सर्वे शुरू नहीं हो पाया। ट्रेनों का संचालन बंद होने से रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो जाने के बाद फिर से काफी ट्रेनों को बंद करना पड़ा। चारधाम रेल मार्ग से बेस स्टेशन योगनगरी तक दोहरीलाइन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए हरिद्वार से ऋषिकेश तक सर्वे किया जाना है। इसके अलावा बरेली से रोजा तक तीसरी लाइन का सर्वे प्रस्तावित है। इससे अधिक से अधिक मालगाड़ी चलाई जा सकें। कोरोना संक्रमण में ट्रेनों का संचालन बंद होने से रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। किसी प्रस्तावित कार्य को शुरू करने के लिए पहले सर्वे कार्य कराया जाए, इसको लेकर रेलवे बोर्ड के अधिशासी निदेशक परियोजना ने 31 मार्च को बैठक बुलाई गई थी। इसमें मुरादाबाद-चन्दौसी-बरेली दोहरीकरण का सर्वे का काम स्थगित कर दिया है। बजट की व्यवस्था होने के बाद सर्वे का कार्य कराया जाएगा। इसके कारण से यह कार्य पिछड़ गया है। बैठक में मुरादाबाद रेल मंडल का हरिद्वार-रायवाला-ऋषिकेश तक दोहरीकरण व बरेली-रोजा के तीसरी लाइन का सर्वे करने का फैसला लिया है। दिल्ली की टीम ने सोमवार से हरिद्वार-रायवाला-ऋषिकेश रेल मार्ग का सर्वे शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इसके बाद बरेली-रोजा का सर्वे किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर योजना का विस्तृत रिपोर्ट बनाया जाएगा, उसके बाद निर्माण कार्य शुरू करने की स्वीकृति दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..125d20ebee8ebd2548ef871fab85f3883f0b8269 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभय कुमार ‘अभय’। अगर धुआं दिखाई दे रहा है तो आग भी कहीं अवश्य लगी होगी। इसलिए इस खबर को सिरे से खारिज करना उचित नहीं होगा कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिये प्रमुख हस्तियों की जासूसी की गई थी। खबरों में बताया जा रहा है कि एक मिस काल देकर स्पाईवेयर को टार्गेटेड स्मार्टफोन में इनस्टाल कर दिया जाता है, जिसके बाद संबंधित व्यक्ति का पूरा डाटा, उसकी बातचीत, वह कहां आता जाता है आदि की जासूसी करना आसान हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13a78118e46328095bfa0d68f02b637dfd827e4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिशा पाटनी के वर्क फ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही 'एक विलेन 2' में नजर आएंगी। इस फिल्म में उनके साथ अर्जुन कपूर, जॉन अब्राहम और तारा सूतारिया अहम किरदारों में दिखाई देंगे। इसके बाद वह सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ 'योद्धा' में काम करती हुई नजर आएंगी। इसके अलावा यह भी खबर आ रही है कि दिशा अल्लू अर्जुन की सुपरहिट फिल्म 'पुष्पा' के दूसरे भाग 'पुष्पा 2' में आइटम सॉन्ग करती नजर आएंगीं। जो सामंथा रूथ प्रभु के 'ऊं अंटावा' जितना ही धमाकेदार होगा।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67d280e269fb37ff3e0778a2f36de8ab9e4c9d87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69300.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रमोद भार्गव। डिजिटल साफ्टवेयर पेगासस के जरिये अनेक देशों की सरकारें अपने नागरिकों, विरोधियों व अन्य संदिग्धों की जासूसी करवाती रही हैं। दुनिया की 16 मीडिया संस्थानों ने मिलकर इस कथित तथ्य का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इसके नतीजे पश्चिम के कई प्रमुख अखबारों समेत मीडिया पोर्टल पर जारी किए गए हैं। इनमें 40 भारतीयों के नाम भी बताए जा रहे हैं, जिनमें सभी नामीगिरामी हस्तियां हैं। यदि वास्तव में इन हस्तियों के मोबाइल फोन टेप किए जा रहे थे, तो इसकी सच्चाई जानने के लिए इन लोगों को अपने फोन फारेंसिक जांच के लिए देने होंगे। इस तथ्य का पर्दाफाश होने से संसद से सड़क तक बेचैनी जरूर है, लेकिन इसके परिणाम किसी अंजाम तक पहुंच पाएंगे इसमें संदेह है। + +आज लगभग पूरी दुनिया में नीतियां कुछ इस तरह बनाई जा रही हैं कि नागरिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करें। दूसरी तरफ इंटरनेट मीडिया ऐसा ठिकाना है, जिसे व्यक्ति निजी जिज्ञासा पूíत के लिए उपयोग करता है। इस दौरान की गई बातचीत पेगासस साफ्टवेयर ही नहीं, कई ऐसे अन्य साफ्टवेयर भी हैं जो व्यक्ति की सभी गतिविधियों का क्लोन तैयार कर लेने में सक्षम हैं। इसकी खासियत है कि इसके प्रोग्राम को किसी स्मार्टफोन में डाल दिया जाए तो यह हैकर का काम करने लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b5bba810df947dd6c2c1f6990be738a5684ae83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जो किसी की जिंदगी में पहली बार होता है उसे याद रखा जाता है। ऐसा ही कुछ भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए दूसरे वनडे मैच के दौरान देखने को मिला। इस मुकाबले में पांच चीजें ऐसी हुईं, जो पहली बार देखने को मिली। कप्तान से लेकर कोच और बल्लेबाजों से लेकर गेंदबाज सभी ने पहली-पहली बार कुछ चीजें कीं, जो उनके लिए यादगार साबित हुईं। इस मैच को भारत ने 3 विकेट से जीतकर सीरीज भी 2-0 से अपने नाम कर ली। + +दरअसल, श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए दूसरे वनडे मैच में भुवनेश्वर कुमार ने लंबे समय के बाद पहली बार नो बॉल फेंकी। सूर्यकुमार यादव ने अपने वनडे इंटरनेशनल करियर का पहला अर्धशतक जड़ा। ऐसा ही कुछ दीपक चाहर के साथ हुआ। वहीं, कप्तान शिखर धवन के नाम भी एक खास उपलब्धि दर्ज हो गई और ऐसा होते-होते भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ ने भी पहली बार बतौर कोच सीरीज जीत ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1fade4acc00b5b8da2cccd1928cf576dcac8e43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69306.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अव्यवस्था और जाम की स्थिति रही।हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष डाक्टर सिराज कुरैशी ने बताया कि बाजार मेटाडोर खड़ी होने के चलते जाम की स्थिति रही। बाजार से मंटोला और नाई की मंडी थानों की सीमा लगती है। इसके बावजूद पुलिस वहां मौजूद नहीं थी। इसके चलते बाजार में अव्यवस्था रही। लोगों को जाम में फंसना पड़ा। + +बजट बकरों की रही डिमांड।कोरोना वायरस संक्रमण काल के चलते लोगों का रोजगार बीते डेढ़ साल से प्रभावित चला आ रहा है। इसके चलते बाजार में इस ज्‍यादा बजट बकरों की ही डिमांड ज्‍यादा देखने को मिली। इस बार महंगे बकरों के खरीददार नहीं मिलेे। वहीं 10 से 15 हजार रुपये के बीच की कीमत के बकरों की खूब बिक्री हो रही है। दो साल पहले तक महंगे बकरों की खूब मांग रहती थी। ज्यादातर लोग 20 से 30 हजार रुपये तक कीमत के बकरे खरीदते थे। जबकि 10 से 15 हजार रुपये कीमत वाले बकरों के खरीददार कम ही मिलते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f706126165f325e052b90adc94e382bc60ba3750 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69308.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। रामलीला मैदान के साथ लगते हनुमान वाटिका मंदिर की गोशाला मंगलवार को ऐतिहासिक पल की गवाह बनी। मंगलवार को यहां मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के पदाधिकारियों ने विधिविधान पूर्वक गो दान किया। दान से पहले मंत्रोच्चार के साथ गाय की आरती की गईं और उसे रोली लगाई गई। बकरीद पर गाय की कुर्बानी की जगह उसे मां मानकर दान करने और उसका सम्मान करने के संदेश के साथ हुए कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी ने गोशाला की गायों को गुड़ और चारा खिलाकर प्यार से उनपर हाथ फेरा। इससे गोशाला के लोग अभिभूत दिखे और गाय का दूध पिलाकर सभी का स्वागत किया। + +यूपी में भी हुआ गो-दान।मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस प्रयास का असर पूरे देश में दिख रहा है। सोमवार को ही अधिवक्ता सिराज कुरैशी के नेतृत्व में गो दान हुआ। इसी तरह, उत्तर प्रदेश समेत देशभर में दस स्थानों पर भी गो दान कार्यक्रम किया जा रहा है। बकरीद पर बृहस्पतिवार को देशभर में एक हजार से अधिक स्थानों पर गायों को गुड़-चना खिलाकर उनके प्रति प्रेम व सम्मान प्रदर्शित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मंच अपनी स्थापना के साथ से ही गायों के प्रति मुस्लिम समाज को जागरूक करने का काम कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92de63f67b5314c15896a0539602cefbe6b95315 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अधिकारी ने कहा, '2021-22 के अंत तक हमारे पास 806 एसी थ्री टीयर इकोनोमी क्लास कोच होंगे। हमारी सभी कोच फैक्टि्रयां इन कोचों का एक साथ निर्माण करने का काम करेंगी। रेलवे भविष्य के लिए तैयार है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि सभी नागरिकों को पहले से ज्यादा बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके।'।नए कोच में मिलेंगी ये सुविधाएं।हर कोच में एक विस्तृत और एक दिव्यांग अनुकूल टायलेट प्रवेश द्वार होगा। यह एक नई पहल है। यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए डिजाइन में कई सुधार किए गए हैं। ऐसे सुधारों में हर बर्थ के लिए अलग-अलग वेंट मुहैया कराने को ध्यान रखते हुए एसी डक्टिंग को रीडिजाइन किया गया है। इसके अलावा कोच में सीट और बर्थों के माडुलर डिजाइन में भी सुधार किया गया है। स्नैक टेबल को दो तरह से मोड़ा जा सकेगा और वाटर बोतल, मोबाइल फोन एवं पत्रिकाएं रखने के लिए जगह भी होगी। हर बर्थ के लिए अलग-अलग रीडिंग लाइट और मोबाइल चार्जिग प्वाइंट उपलब्ध होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d82ffe2022c4946a2b02fd75c346b9b907d68f42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6931.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ​बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा अश्लील फ़िल्म रैकेट को लेकर लगातार चर्चा में बनें हुए हैं। राज अश्लील फिल्म मामले को लेकर 19 जुलाई से जेल में हैं। इस केस में पुलिस को कई अहम सबूत भी मिल चुके हैं। वहीं अब अश्लील केस में बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा का भी नाम लगातार चर्चा में आ रहा है। शर्लिन ने राज कुंद्रा के ऊपर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। शर्लिन लगातार सोशल मीडिया पर राज कुंद्रा को लेकर कई खुलासे करती नजर आ रही हैं। वहीं अब मुंबई क्राइम ब्रांच एक बार फिर शर्लिन चोपड़ा से पूछताछ करने वाली है। इसके लिए एक्ट्रेस को पुलिस द्वारा समन भेज दिया गया है। + +शर्लिन चोपड़ा पहले से पुलिस पहले भी अश्लील फिल्म मामले में पूछताछ कर चुकी है। वहीं एक बार फिर से उनसे सवाल-जवाब के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच ने उन्हें समन भेजा है। पहले भी शर्लिन अपने जारी किए गए वीडियो में इस बात का खुलासा कर चुकी हैं कि उन्होंने इस केस में सबसे पहले पुलिस को अपना बयाना दर्ज कराया था। यहां तक कि उन्होंने खुद इस केसा में कई जरूरी जानकारियां पुलिस की दी है। अब राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से मुंबई क्राइम ब्रांच शर्लिन चोपड़ा से पूछताछ करने वाली है। ।न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक, मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने शर्लिन चोपड़ा को समन भेजा है। सा​थ ही उनसे इस पूछताछ के लिए पेश होने को लिए कहा है, यानी आज शर्लिन चोपड़ा को क्राइम ब्रांच के सामने पेश होना होगा। + +आपको बता दें कि शर्लिन चोपड़ा ने हाल ही में राज कुंद्रा पर कई आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, राज कुंद्रा ने ही उन्हें एडल्ट फिल्मों के बिजनेस में धकेला है। शर्लिन को राज ने ही एडल्ट कंटेंट वाली फिल्मों में काम करने को कहा था। पहले एक रोल ऑफर किया गया फिर बाद में एडल्ट कंटेंट बनाने को कहा। इसके बाद उन्हें राज ने अपने हॉटशॉट एप के लिए शूट करने के लिए कहा था। हालांकि इसके लिए शर्लिन चोपड़ा के अनुसार उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69315.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c1d88dd14fc1866a46a694a621060cfd0638098 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69315.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडल रेलवे अस्पताल में बड़ी बीमारी की इलाज की सुविधा नहीं है। ऐसे में बीमार कर्मचारी या उसके परिवार वालों को इलाज कराने के लिए मुरादाबाद के प्राइवेट अस्पताल या दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में भेजा जाता है। वर्तमान में एम्स या पीजीआई जैसे बड़े अस्पताल में इलाज कराने की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। मंडल रेल प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश से करार किया है, इसके बाद रेलवे कर्मचारियों को फ्री में इलाज की सुविधा म‍िल सकेगी। मंडल रेल प्रशासन की ओर से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. जगदीश चंद्रा और एम्स के डायरेक्टर प्रोफेसर डा. रविकांत के साथ करार हुआ। एम्स ऋषिकेश में मुरादाबाद रेल मंडल के कर्मचारी, उसके परिवार वालों का फ्री में इलाज किया जाएगा। यहां उनके ल‍िए बेड भी आरक्षित होंगे। बड़े से बड़े ऑपरेशन भी एम्स में क‍िए जाएंगे। डा. जगदीश चंद्रा ने बताया कि मुरादाबाद रेल मंडल के अलावा देश के अन्य मंडल के कर्मचारी व उसके परिवार वाले भी इलाज करा सकते हैं। एम्स में इलाज कराने वाले को रेलवे अस्पताल मुरादाबाद से रेफर कराना होगा। कर्मचारियों के इलाज करने में आने वाला खर्च रेल प्रशासन द्वारा उठाया जाएगा। एम्स ऋषिकेश में रेल कर्मचारियों के लिए अलग काउंटर खोला जाएगा। एम्स के चिकित्सक टेली मेड‍िस‍िन द्वारा रेलवे के डाक्टर को सलाह देकर रोगियों को इलाज की सुविधा उपलब्‍ध कराएंगे। दूसरे रेल मंडल के कर्मचारियों को एम्स ऋषिकेश में इलाज कराने के लिए मुरादाबाद रेलवे अस्पताल से रेफर कराना होगा। ।​​​​​यह भी पढ़ें :-।Scholarship Scam : छात्रों के फर्जी आधार कार्ड बनाकर छात्रवृत्ति डकारने वाले गिरोह का भंडाफोड़।Indian Railways : एडीजी के सामने इंसास राइफल नहीं खोल पाया जीआरपी का स‍िपाही, एडीजी बोले-व्‍यवस्‍था ठीक नहीं।रामपुर शहर व‍िधायक डाॅ. तजीन फात्मा ने उठाए सवाल, कहा-आजम खां को साज‍िशन अस्‍पताल से क‍िया ड‍िस्‍चार्ज।मुरादाबाद में गैंगस्टर बन गया ग्राम प्रधान, भगतपुर थाना प्रभारी समेत चार लाइनहाजिर, यहां पढ़ें पूरा मामला।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02c43654f912c396723731ad4b9f3a0b092a66b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69317.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लंदन, एजेंसी। हिंद महासागर में ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ अपने स्ट्राइक ग्रुप के साथ दाखिल हो चुका है। हिंद महासागर में एलिजाबेथ को देख चीन की बेचैनी बढ़ गई है। ब्रिटिश एयरक्राफ्ट करियर के साथ डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट, पनडुब्बी और माइन स्वीपर जहाजों का पूरा बेड़ा मौजूद है। यह पहली बार हुआ है कि ब्रिटेन ने हिंद महासागर में अपने सबसे बड़े युद्ध पोत की तैनाती की है। यह एयरक्राफ्ट करियर भारतीय नौसेना के साथ इस इलाके में युद्धाभ्‍यास भी करेगा। इसके बाद यह दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और जापान की नौ सेना के साथ भी युद्धाभ्‍यास करने की योजना है। ब्रिटेन के इस कृत्‍य से चीन की दिक्‍कतें बढ़ गई है। हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में यह युद्धाभ्‍यास की तैयारी तब शुरू हो रही है, जब चीन इस क्षेत्र में तेजी से अपनी नौसैनिक ताकत बढ़ाना चाहता है। + +जंगी हथियारों से लैस है कैरियर ।कई मुद्दों पर चीन और ब्रिटेन के बीच टकराव बढ़ा ।ब्रिटेन और चीन के बीच हांगकांग को लेकर सबसे ज्यादा तनाव है। इसके अलावा उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों का दमन, दक्षिण चीन सागर में दादागीरी, ताइवान पर कब्जे की कोशिश जैसे मुद्दों को लेकर भी ब्रिटेन और चीन में तनाव चरम पर हैं। चीन के राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर भी ब्रिटेन खफा है। चीन राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के जरिए लोकतंत्र समर्थकों और आंदोलन को कुचल रहा है। उसने हांगकांग पर जबरन इस कानून को थोपा है। हांगकांग में इस कानून के बाद ब्रिटेन ने यहां के निवासियों को अपने देश की नागरिकता देने का ऐलान किया हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf813ee37902b2ad0958151a3ef95918cdcf4fc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महराष्ट्र से गुजरात तक का किया भ्रमण।खेती में कुछ नया करने की चाहत लेकर निकले डा.सर्वेश ने महाराष्ट्र से गुजरात तक का भ्रमण किया। वे कहते हैं कि पहले एलोवेरा की खेती का प्लान बनाया, लेकिन बाजार मिलने में परेशानियां थी। महाराष्ट्र के जलगांव और गुजरात के अहमदाबाद में केले की खेती देखी। इसके बाद मप्र के बुराहनपुर भी गए। पूर्वी यूपी में केले की खेती होती थी। सब जगह से जानकारी लेने के बाद केला की खेती करना तय किया। आज मैं अपनी खेती से खुश हूं। मेरे खेत में तीसरी बार केला लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6932.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5fd2be67ea7b73abc25b81750c7f9be069c037c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6932.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सिंगर और रैपर हनी सिंह आजकल अपनी पत्नी शालिनी तलवार के साथ विवादों के चलते सुर्खियों में हैं। शालिनी ने हनी सिंह पर घरेलू हिंसा समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही अपने लिए हर्जाने के तौर पर 10 करोड़ रुपए की मांग भी की है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब इस केस में एक और चौंकाने वाला बयान सामने आया है। शालिनी ने अपने ससुर पर खुद को गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया है। + +गलत तरीके से छूता था ससुर।शालिनी तलवार ने अपने बयान में हनी सिंह पर चीटिंग करने का आरोप तो लगाया ही है साथ ही ससुर को लेकर भी एक बड़ा खुलासा किया। शालिनी ने बताया कि जब वो कपड़े बदलती थीं तो कभी-कभी नशे की हालत में उनके ससुर उनके कमरे में घुस जाया करते थे और उन्हें गलत तरीके से छूते थे। हनी सिंह के लिए शालिनी का कहना है कि उनके अन्य महिलाओं के साथ भी संबंध थे और वो एल्कोहल और ड्रग्स के एडिक्ट भी हैं। + +शालिनी ने मांगा 5 लाख महीना।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शालिनी ने कोर्ट से अपील की है कि हनी सिंह दिल्ली में उनके किराए पर लिए फ्लैट के लिए हर महीने 5 लाख रुपए का इंतजाम करें, ताकि वो अपनी अपनी मां के बजाए खुद पर निर्भर होकर रह सकें। इसके अलावा शालिनी ने हनी सिंह को साझा गृहस्थी किसी को बेचने या तीसरे शख्स को इसमें शामिल करने से रोक की भी मांग की है। + +हनी सिंह करता था मार-पीट।शालिनी ने यह भी कहा कि उनके साथ हनी सिंह ने हनीमून के दौरान भी मारपीट की थी। जब वो मॉरीशस अपने हनीमून के लिए गए थे तो हनी सिंह का व्यवहार कुछ बदला-बदला नजर आ रहा था। लेकिन जब मैंने उनसे सवाल किया तो उन्होंने मुझपर चिल्लाए। ।बात दें कि हनी की शादी के बारे में कम ही लोग जानते थे। हनी सिंह और शालिनी तलवार ने 20 साल की दोस्ती को प्यार में बदला था। इन दोनों ने साल 2011 में शादी की थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69323.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f245017386739e6d093c4179fd7e54e19e4d6e8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69323.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। राजनीति में कुर्सी ही सबसे अहम है। इसके लिए नेता कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। इसके प्रमाण आए दिन मिलते हैं। इस समय बंगाल में कुर्सी का खेल खूब दिख रहा है। पिछले एक दशक से बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावों को लेकर कभी जल्दबाजी में नहीं रहीं, लेकिन इस बार विधानसभा उपचुनाव को लेकर बेचैन हैं। विधानसभा चुनाव संपन्न हुए अभी महज सवा दो महीने ही हुए हैं, लेकिन वह तुरंत उपचुनाव चाहती हैं। पिछले गुरुवार को तृणमूल का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल विधानसभा की खाली सीटों पर उपचुनाव तत्काल कराने की मांग करते हुए नई दिल्ली स्थित केंद्रीय चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंच गया। + +नई दिल्ली में पिछले गुरुवार को केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद चुनाव आयोग के दफ्तर से बाहर निकलते तृणमूल कांग्रेस के नेता। इंटरनेट मीडिया।विधानसभा चुनाव से पहले ही बंगाल में भी कोरोना महामारी तेज हो गई तो ममता ने सवाल उठाया था कि कोरोना काल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं? इस मुद्दे पर उन्होंने चुनाव आयोग से लेकर केंद्र सरकार तक पर निशाना साधा था। इसके बाद जब वह जीत गईं और मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लीं तो उन्होंने तत्काल बंगाल में लाकडाउन लगा दिया, जो कुछ रियायतों के साथ अब भी जारी है। अब ममता कह रही हैं कि उनकी सरकार ने निर्वाचन आयोग को सूचित कर दिया है कि वह राज्य में कुछ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने के लिए तैयार है, क्योंकि उन क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। दरअसल निर्वाचन आयोग ने यह जानना चाहा था कि क्या बंगाल दो रिक्त राज्यसभा की सीटों पर चुनाव कराने के लिए तैयार है, जिसके जवाब में मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया था कि राज्य कोरोना नियमों का पालन करते हुए इसके लिए भी तैयार है। ममता का कहना है कि बंगाल में कोरोना संक्रमण दर घटकर 1.5 फीसद रह गई है। यह स्थिति उपचुनाव कराने के लिए अनुकूल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..761fd3edde4f731aa3d593f43e8c5d8f38d7e25c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69324.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। किसी भी व्यक्ति का परिधान उसके पूरे व्यक्तित्व का द्योतक तो होता ही है, लेकिन यह ड्रेस यदि संस्थागत रूप से तय की जाती है, तो पहचान भी बन जाती है। इसी नजरिये से पुलिस और टैफिक विभाग की यूनिफार्म भी अलग-अलग हैं और अधिकारी एवं कर्मचारी दोनों के लिए पहनना अनिवार्य है। अधिवक्ताओं का काला कोट और डाक्टरों का सफेद कोट भी उनकी पहचान सुनिश्चित कर देता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने कर्मचारियों के लिए गरिमामय परिधान की अपेक्षा की है, तो इसके पीछे निहित भावना को समझने की जरूरत है। निश्चित रूप से इसके पीछे यही उद्देश्य है कि उप्र सचिवालय में कर्मचारियों की भीड़ में सदन के कर्मी अलग और विशिष्ट दिखाई दें। + +विधानसभा अध्यक्ष ने कर्मचारियों से जींस, टीशर्ट जैसे परिधान न पहनने की अपेक्षा इसलिए भी की है, ताकि कर्मियों में अनुशासन की प्रवृत्ति जागे। गरिमामय परिधान व्यक्ति के आचरण को भी प्रभावित करता है, जिसका असर विधानसभा सचिवालय के कार्यों में सीधे तौर पर देखने को मिलेगा। विधानसभा सचिवालय में कर्मचारियों की संख्या वैसे तो अधिक नहीं होती, लेकिन उनके जरिये यह एक बड़ा संदेश देने का प्रयास जरूर है। यह संदेश है मनमानी पर नियंत्रण। अचरज की बात है कि विधानसभा सचिवालय के कर्मचारी यूनिफार्म भत्ता तो लेते थे, लेकिन अधिकांश लोग उसे पहनकर कार्यालय नहीं आते थे। उन पर नकेल कसे जाने के बाद सरकार से अन्य मदों में भत्ता लेकर मनमानी करने वाले कार्मिकों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ddf214f2d232303ab1ff5823ef88e33ab28d77f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगर, अमित दीक्षित। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार सख्त है। आगरा मंडल के चार जिलों आगरा, फीरोजाबाद, मथुरा और मैनपुरी में सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर एक माह के भीतर 14645 शिकायतें पहुंचीं। इन शिकायतों को लेकर सभी जिलों के प्रशासन ने विशेष अभियान चलाया। 13464 शिकायतों का निस्तारण करते हुए 2717 हेक्टेअर जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। इसमें सबसे अधिक जमीन मथुरा में 1466 हेक्टेअर है। वहीं 159 शिकायतें लंबित हैं। 9 हेक्टेअर के आसपास जमीन पर कब्जा नहीं हट सका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac11472f56589a54fea0723c99943d165178b5c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद, [अभिषेक सिंह]। बारिश होने से सोमवार को दोपहर पौने दो बजे भले ही तापमान में गिरावट आ गई, लेकिन कलक्ट्रेट में माहौल गर्म था। यहां भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अम्बावता व प्रदेश अध्यक्ष सचिन की अगुआई में संगठन से जुड़े पदाधिकारी कृषि कानून के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। ।नारेबाजी का शोर कार्यालय में बैठकर दो बजे होने वाली वीडियो कान्फ्रेंसिंग की तैयारी कर रहे जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के कानों में पड़ी, तो उन्होंने संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को बुलवाया। उन्हें कार्यालय में बैठाकर कृषि कानून के मुद्दे की विरोध की वजह पूछी। जागरूक होने के बजाय प्रदर्शनकारियों को कृषि कानून के मुद्दे पर भ्रमित देख जिलाधिकारी ने तसल्ली से उनके एक-एक सवाल का जवाब दिया, तो वे 50 मिनट में ही निरुत्तर हो गए। ।2:40 बजे स्थानीय समस्याओं का समाधान कराने और केंद्र सरकार तक ज्ञापन पहुंचाने की बात कहकर वापस लौट गए। आइए, बताते हैं डीएम ने प्रदर्शनकारियों को कैसे किया निरुत्तर..।प्रदर्शनकारी: कृषि कानून किसान विरोधी है। ।जिलाधिकारी : नए कृषि कानून से सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर किसानों की आय बढ़ाने की तैयारी में है। ऐसा होता है तो कृषि कानून में बुराई क्या है। ।प्रदर्शनकारी: किसानों को फसल का दाम ठीक नहीं मिल पाता और मंडी बंद होने पर किसानों को फसल बेचने में परेशानी होगी। ।जिलाधिकारी: मंडी को इसलिए बनाया गया था कि किसानों का उनकी फसल का ज्यादा दाम मिले। किसान उत्पाद लेकर मंडी जाएं और वहां बोली लगाकर आढ़ती उसे खरीदें। अब ऐसा नहीं होता है। एजेंटों के जरिए खरीद होती है। इससे किसानों को उत्पाद का सही दाम नहीं मिल पाता है। नए कृषि कानून से इस समस्या का समाधान होगा। खेत से ही किसान की फसल बिक जाएगी। जो किसान चाहें वे मंडी लाकर भी बेच सकते हैं। ।प्रदर्शनकारी: कृषि कानून अच्छे हैं तो देश के किसान धरने पर क्यों बैठे हैं। ।जिलाधिकारी: कुछ संगठन या विरोध कर रहे लोग ही किसान नहीं है। देश की 70 फीसद आबादी जीविकापार्जन के लिए खेती पर निर्भर है। मेरे पिता भी किसान हैं। विश्वास न हो तो अयोध्या में जाकर देख लो वे 75 साल की उम्र में भी खेती करते हैं। दिन में किसी खेत की मेड़ पर खडे़ दिखेंगे। सरकार किसानों के लिए गलत पालिसी लाकर खुद का नुकसान क्यों करेगी। ।प्रदर्शनकारी: पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जाता है। गली में बाइक चलाते वक्त हेलमेट न लगाने पर चालान कर दिया जाता है, जबकि खुद पुलिसवाले हेलमेट नहीं लगाते। ।जिलाधिकारी: सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक में पता चलता है कि हेलमेट न लगाने से कितने लोगों की जान गई है। इसलिए हेलमेट लगाना अनिवार्य है। खुद ही सबको हेलमेट लगाकर ही दोपहिया वाहन चलाना चाहिए। पुलिसकर्मी हेलमेट नहीं पहनते तो गलती करते हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होती है। ।प्रदर्शनकारी: लोनी में जलभराव की समस्या हैं, बिजली विभाग में भ्रष्टाचार है। ।जिलाधिकारी: लोनी में जलभराव की समस्या का समाधान कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। बेहटा नहर की सफाई कराई जा रही है। जलनिकासी की व्यवस्था बनाने के लिए मानक संस्था की मदद ली जाएगी। इसके लिए नगरपालिका परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। रही बात बिजली विभाग में भ्रष्टाचार की, तो उस पर कार्रवाई होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..912226c842ff15b18da6de1bbf2bc7cfa2846297 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69329.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। त्रिलोकपुरी स्थित संजय झील पार्क के एक छोर में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक नर्सरी की शुरुआत की है। प्राधिकरण की इस पौधशाला में अन्य निजी नर्सियों के मुकाबले सीमित दाम में पर्यावरण प्रेमी पौधे खरीद सकते है। उद्यान विभाग ने प्रत्येक पौधे के हिसाब से दाम की सूची तैयार की है जो अन्य नर्सियों से मिले वाले पौधे से कुछ कम है। उद्यान विभाग केंचुआ से उच्च पौष्टिक तत्व वाली खाद तैयार कर रहा है जो लोगों को मात्र दस रुपये किलो दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a79b5dacb2e93e9c262a51e7fac4448eb2890f52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69335.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 2020 में पहली बार इस दिशा में देशभर के लिए गाइडलाइंस जारी की थी। 12 पृष्ठों की ‘गाइडलाइंस फार एन्वायरमेंटल मैनेजमेंट आफ डेयरी फार्म एंड गोशाला’ में इनके पर्यावरणीय प्रबंधन, मलमूत्र के यथोचित निष्पादन, इनकी साफ-सफाई व बेहतर रखरखाव को अनिवार्य किया गया था। अब महज एक साल के भीतर ही सीपीसीबी ने संशोधित गाइडलाइंस जारी की हैं। इसी सप्ताह जारी की गई यह गाइडलाइंस अब 51 पृष्ठों की है। + +नियम-कायदों का पालन ईमानदारी से हो सके, इसके लिए स्थानीय निकायों और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोडरें की भूमिका को भी और सख्त किया गया है। अब हर छमाही में दो डेयरी फार्म और दो गोशालाओं का आडिट अनिवार्य किया गया है। हर डेयरी व गोशाला सरकारी स्तर पर पंजीकृत हो, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। सीपीसीब़ी के अधिकारी ने बताया कि संशोधित गाइडलाइंस में एनजीटी के कुछ आदेशों और विभिन्न माध्यमों प्राप्त आपत्तियों एवं सुझाव शामिल किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83f545d208df7aedde0551cc14c1fa199358e313 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने बताया कि एकेडमी में दो फ्लोर बनकर तैयार हो चुके हैं, तीसरे फ्लोर पर काम चल रहा है। एकेडमी में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के खिलाड़ी अभ्यास कर सकेंगे। वर्तमान में आगरा के 67 बच्चे शहर से बाहर अन्य जिलों में रहकर कुश्ती सीख रहे हैं। एकेडमी शुरू होने के बाद उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1992859326d02cdb1c061a06155272353c18acb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69339.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तालिबान को लेकर भारत की आशंका सच साबित हो रही है। अफगानिस्तान से जो सूचनाएं आ रही हैं उससे यह बात पता चली है कि तालिबान के साथ वहां अफगानी सेना और जनता पर हमला करने वालों में पाकिस्तान में पनाह पाए 21 आतंकी संगठनों के सदस्य भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना शुरू कर दिया है। इन सूचनाओं से भारत की चिंता भी बढ़ी है क्योंकि जिन आतंकी संगठनों के तालिबान के साथ शामिल होने की बात हो रही है वे सभी भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। इन संगठनों का तालिबान के साथ युद्धरत होना, कश्मीर को लेकर भारत की सुरक्षा चिंताओं को भी बढ़ा रहा है। + +अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी ताशकंद में कनेक्टिविटी पर हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा था कि पाकिस्तान से 10 हजार आतंकियों ने अफगानिस्तान में तालिबान की मदद के लिए घुसपैठ की है। अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट किया है कि तालिबान के गिरोह में अलकायदा, इस्लामिक संगठन और लश्कर के आतंकी पूरी तरह से शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7076addc60375d24f7044f6e5a14e00489742e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बढ़ी औषधीय पौधों की मांग।कोरोना वायरस से बचने और संक्रमण होने पर उससे जल्दी ठीक होने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी चाहिए। ऐसे में सरकार पिछले काफी समय से लेागों को रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरुक कर रही है। ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने औषधीय पौधों काे भी अपनी जीवन चर्या में इस्तमाल करना शुरू कर दिया है। इसी कारण औषधीय पौधों की मांग भी बढ़ने लगी हैं। गिलोय, पिपली, लेमन ग्रास, परिजात, एलोवेरा, तुलसी रामा व श्यामा, मीठी नीम, अश्वगंधा, काल मेध, सतावर, सहजन जैसे कई पौधों की मांग बढ़ गयी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd21b25e4b06528a94391a2f6440bf66ec75553d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69342.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि आम भारतीय लैपटाप और डेस्कटाप के लिए एंटी वायरस पैक लेते हैं या वायरस से बचने का अन्य उपाय करते हैं, लेकिन मोबाइल फोन के लिए ऐसा नहीं करते। जबकि आजकल के अधिकतर मोबाइल फोन लैपटाप और डेस्कटाप से अधिक शक्तिशाली होते हैं। ऐसे में मोबाइल फोन भी पूरी तरह से मालवेयर हमलावर के निशाने पर हैं। + + क्या है बचने का तरीका।आइटी विशेषज्ञ वकील पवन दुग्गल कहते हैं, मोबाइल फोन की सुरक्षा को जीवन जीने की शैली का हिस्सा बनाना होगा। जागरूकता और सतर्कता से ही इस प्रकार की जालसाजी से बचा जा सकता है। नियमित तौर पर फोन को फार्मेट करते रहें। संवेदनशील डाटा को फोन में रखने से बचे। एसबीआइ के चेयरमैन डीके खरे भी मानते हैं कि सतर्क रहकर ही साइबर हमले से बचा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69343.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..563af381398e989f8468f2a978fd85db7d83a377 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69343.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। पिछले महीने प्रेसिडेंशियल ट्रेन से दिल्ली से कानपुर और फिर कानपुर से लखनऊ तक की यात्रा के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द जल्द फिर से शहर आ सकते हैं। इस बार राष्ट्रपति लखनऊ से अयोध्या तक प्रेसिडेंशियल ट्रेन से सफर कर सकते हैं। राष्ट्रपति का अगस्त माह में तीन दिन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर रेलवे सहित कई विभागों के बीच तैयारियां शुरू हो गई हैं। + +राष्ट्रपति का संभावित कार्यक्रम 27 से 29 अगस्त तक है। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राष्ट्रपति इस बार लखनऊ से अयोध्या की ट्रेन की यात्रा कर सकते हैं। राष्ट्रपति भवन से उनकी यात्रा को लेकर सूचना दी गई है। हालांकि अभी कार्यक्रम अधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। संभावित कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति विशेष विमान से 27 अगस्त को लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आएंगे। यहां से राष्ट्रपति अगले दिन 28 अगस्त को गोरखपुर जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32cb234e2a064546ca5920abd0aba1a505b2a58b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर और आसपास के जिलों में सबसे ज्यादा आनलाइन फ्राड। साइबर अपराधी आनलाइन के जरिए होने वाले हर ट्रांजैक्शन पर ठगी का जाल बुनते है, जो इसमें फंसता है उसके खाते से पैसे खाली हो जाते है। गोरखपुर और आसपास के जिलों में साइबर अपराधी सबसे ज्यादा आनलाइन फ्राड को अंजाम देते है। इनमें फोन नंबर, खाता, बंद करने की धमकी देने लोगों से बैंक खाते की डिटेल लेकर पैसे निकाल लेते हैं। एटीएम कार्ड बदलकर जालसाजी करने का मामला भी तेजी से बढ़ा है। एक जनवरी 2020 से अब तक गोरखपुर जोन में साइबर अपराध के 2510 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। 1842 मामले एटीएम और बैंक फ्राड के हैं।जिसमें साइबर सेल की टीम 40 लाख रुपये से अधिक पीडि़त के खाते में वापस करा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbb3daa5ad29009e51b5a4f669a2fc8106cd0948 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69345.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली ऑनलाइन डेस्‍क। हाल में तालिबान ने कहा है कि चीन को अफगानिस्‍तान दोस्‍त मानता है। तालिबान ने कहा है कि वह चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा। इसके अलावा चीन के निवेश की सुरक्षा का भी वादा किया है। तालिबान का यह बयान ऐसे वक्‍त आया, जब अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव से चीन चिंतित है। तालिबान के इस बयान से चीन ने जरूर राहत की सांस ली होगी। अमेरिकी सेना के हटने के बाद से तालिबान ने अफगानिस्‍तान के आधे से अधिक हिस्‍से पर कब्‍जा कर चुका है। अफगानिस्‍तान में तालिबान और अफगान सैनिकों के बीच अभी भी सत्‍ता संघर्ष की जंग जारी है। आखिर अफगानिस्‍तान में चीन की क्‍या है बड़ी चिंता। तालिबान के प्रभुत्‍व से हो क्‍यों है चिंतित। + + ड्रैगन की बड़ी चिंताएं ।तालिबान प्रवक्ता के बयान से गदगद हुआ चीन।हाल ही में चीन की चिंता को दूर करते हुए तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा था कि चीन अफगानिस्तान का दोस्त है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान बीजिंग से बातचीत की उम्मीद करता है। सुहैल ने कहा कि तालिबान चीन के उइगर लड़ाकों को शिनजियांग से अपने देश में नहीं घुसने देगा, जोकि पहले अफगानिस्तान में शरण लेते रहे हैं। तालिबान अलकायदा और दूसरे आतंकी समूहों को भी वहां संचालन से रोकेगा। सुहैल ने हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा कि हम कई बार चीन जा चुके हैं और हमारा रिश्ता उनके साथ अच्छा है। चीन एक दोस्ताना देश है और हम अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास के लिए इसका स्वागत करते हैं। उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान में यदि उनका निवेश है तो निश्चत तौर पर हम इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a4f067ca6b63b4736db4875135a73425572d01d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69348.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जेएनएन। इस बार सावन माह 25 जुलाई रविवार से 22 अगस्त रविवार तक रहेगा। श्रावण मास रविवार से प्रारंभ होकर रविवार को ही इस बार खत्म हो रहा है। भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास में व्रत दर्शन पूजन और शिव की आराधना से सभी मनोरथ पूरे होंगे। भारतीय संस्कृत में सनातन धर्म में भगवान शिव की विशेष महिमा मानी गई है। 33 कोटि देवी देवताओं में भगवान शिव ही देवाधिदेव महादेव की उपमा से अलंकृत हैं। श्रावण मास भगवान शिव जी को समर्पित है। शिवालय सर्वत्र प्रतिष्ठित हैं, जिनके दर्शन मात्र से अलौकिक शांति की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की अर्चना के लिए श्रावण मास अति विशिष्ट माना गया है। मनभावन सावन मास में चार सोमवार पड़ रहा है। सावन के सभी सोमवार पर भगवान शिव का विशेष पूजन अनुष्‍ठान और व्रत करने से आराधना विशेष रूप से फलित होती है। + +ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि धर्म शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा विष्णु महेश त्रिदेव में शिव संपूर्ण सृष्टि के पालनहार एवं मृत्यु हरने वाले देवता माने गए हैं। 33 कोटि देवी देवताओं में भगवान शिव ही देवाधिदेव महादेव की उपमा से अलंकृत हैंं। जिनके दर्शन पूजन अर्चना एवं व्रत से संग जीवन में सर्व संकटों के निवारण के साथ अभीष्ट की प्राप्ति होती है। शिवजी की महिमा में मास के सभी सोमवार त्रयोदशी एवं चतुर्दशी को व्रत उपवास रखकर रुद्राभिषेक करके विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करके समस्त सुखों की प्राप्त की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6b372505f2a6c8f3541cb035fd4ad9653d73c33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69352.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दी, अब उन्होंने अपनी किसान नेता वाली हरी टोपी को उतार दिया है और नई फोटो अपलोड की है। उनकी इस फोटो को बदलने के पीछे का कारण समझ नहीं आ रहा है मगर लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। सोमवार की सुबह इंटरनेट मीडिया ट्विटर के अपने एकाउंट पर प्रोफाइल फोटो बदलने के एक घंटे बाद उन्होंने महान क्रांतिकारी मंगल पांडे की जन्म जयंती पर उन्हें नमन भी किया। उनकी नई प्रोफाइल फोटो को 600 से अधिक लोगों ने रिट्वीट किया और हजारों लोग उसे लाइक कर चुके हैं। सैकड़ों लोग इस पर अपना कमेंट भी कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bf2f6e568864aa14ad73ff4b64cd33a2145212c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69357.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पूनम मुतरेजा। देश की विशाल आबादी लंबे समय से सवालों के घेरे में है। कई लोग जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानूनी कदम जरूरी मानते हैं। फिलहाल नियंत्रण जितना ही जरूरी है, जनसंख्या का नियोजन। हमारी बड़ी आबादी युवा है। दुनियाभर में आटोमेशन के रूप में सामने आ रही चुनौती के बीच युवाओं को विकास का वाहक बनाने की जरूरत है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत की आबादी में चौथाई हिस्सा 10 से 19 साल की उम्र के लोगों का है। यह बड़ी युवा आबादी आर्थिक विकास में योगदान देने में सक्षम है, बशर्ते नीतियों में इस पर ध्यान दिया जाए। + +व्यवस्थागत खामियों को भी दूर करने की जरूरत।जनसंख्या नियोजन के लिहाज से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और नेशनल अप्रेंटिसशिप स्कीम जैसी योजनाएं अच्छा प्रयास हैं। व्यवस्थागत खामियों को भी दूर करने की जरूरत है। प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर के बीच संबंध स्थापित करना होगा, ताकि रोजगार कर रहे लोगों का प्रतिशत बढ़े। रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में भी लगातार प्रयास करने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं कि युवाओं को आत्मविश्वास और कौशल से परिपूर्ण करने के बहुत से लाभ हैं। साथ ही इसमें चूकने से भारी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8de57b9a4436855680da8c79876b38d437698bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाने में भले ही हाईकमान ने पृष्ठभूमि को नजरंदाज किया हो, लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष बनाने में पार्टी ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है। फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस विधायक कुलजीत सिंह नागरा को छोड़ दिया जाए तो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए शेष तीनों कांग्रेस नेता ऐसे हैं जिनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69359.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af3e34fea57bd1a467872f489dde7878e2088888 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69359.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक और अच्छी बात हुई है कि खिलाडि़यों के संपर्क में रहने के लिए ज्यादा से ज्यादा कोशिशें की जा रही हैं और उन्हें अपने गेम पर फोकस, कड़ी मेहनत और खुद को अच्छे से तैयार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मैं कह सकती हूं कि सिस्टम हर साल बेहतर होता जा रहा है। इसलिए खिलाडि़यों को अब बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69361.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3e5da27040d40e5fe8826eab2b3163f66bca947 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69361.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विश्व की सबसे प्राचीनतम आबाद नगरी काशी धर्म और शिक्षा के साथ ही संस्कृत की भी जननी मानी जाती है। इसीलिए इसके बनारस नाम को पुनर्जीवित करने या नए गौरवपूर्ण अहसास से जोड़ने के लिए रेलवे ने पहल की है। मंडुआडीह रेलवे स्टेशन में नए बोर्ड लगाए जा चुके हैं। रेलवे स्टेशन पर लगाए गए इन बोर्डो पर संस्कृत में बनारस: लिखा गया है। प्लेटफार्मो पर बनारस: के बोर्ड हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में भी लिखे गए हैं। बनारस बाबा विश्वनाथ की नगरी होने के कारण भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिणी राज्यों से ही नहीं विदेश के भक्त भी यहां आकर रमे रहते हैं। आध्यात्मिक मार्ग की तलाश में हजारों विदेशी भक्त प्रतिदिन काशी में रमे रहते हैं। घाटों पर इनका विचरण कौतूहल पैदा करता है। अब यहां आने वाले यात्रियों का जब शिव की नगरी के एक नए गौरव से परिचय होता है तो वह नई अनुभूति लेकर जा रहे हैं। + +गरिमा के अनुरूप पोशाक : शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर ड्रेस कोड लागू करने की अलग-अलग मंशा से पहले भी पहल हुई हैं, लेकिन यह कहकर तुरंत एक वर्ग आपत्ति शुरू कर देता है कि पहनने-ओढ़ने के चयन में आजादी होनी चाहिए। कभी कभी यह आपत्ति या आलोचना इतनी मुखर हो जाती है कि कोई भी आदेश या तो पूरी तरह वापस ले लिया जाता है या फिर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। ऐसी ही खुसफुसाहट इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों/ अधिकारियों में है। कारण है, एक आदेश जिसमें कहा गया है कि सचिवालय के कर्मचारी अब जींस-टीशर्ट में कार्यालय नहीं आएंगे। इसके स्थान पर गरिमापूर्ण पोशाक में ही कार्यालय आएंगे। इसी बात पर खुसफुसाहटें शुरू हुई हैं। हालांकि इस विषय पर विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित का तर्क काबिले गौर है। विधानसभा के सभी कर्मचारियों को यूनिफार्म मिलती है या यूं कहें यूनिफार्म का भत्ता मिलता है। जोर न देने से कर्मचारियों ने यूनिफार्म पहनने की आदत ही नहीं डाली और भूल गए। अब जब संज्ञान लिया गया है तो फौरी दिक्कत होना स्वाभाविक है। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि अधिकारियों व कर्मचारियों को उन्हें दी गई यूनिफार्म ही पहन कर कार्यालय आना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8eed29c4f125bad903cba8a2cb9a6a1ffb3a83e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ठगों के पास नहीं पहुंच पाती रकम ।दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के डीसीपी अन्येश राय का कहना है कि ठगी की शिकायत मिलते ही सबसे पहले संबंधित बैंक व वालेट (जिसमें ठगी का पैसा भेजा जा रहा है) को अलर्ट संदेश भेजा जाता है। इसके अलावा जिस बैंक से पैसे भेजे जा रहे हैं, उसे भी अलर्ट संदेश भेज दिया जाता है। इससे पैसों को ठगों तक पहुंचने से पहले ही रोक लिया जाता है। वहीं यदि पैसे ठगो के बैंक व वालेट में चले गए हैं, तो उसे फ्रीज कर दिया जाता है। ।अधिकारी ने बताया कि अभी हाल ही में एम्स के डाक्टर चेतन कुमार के साथ ऐसी ही एक घटना हुई थी। उनके खाते से करीब सवा चार लाख रुपये ठग लिए गए थे। हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत मिलने के बाद करीब सवा तीन लाख रुपये ठगों तक पहुंचने से रोक लिए गए। ।इन राज्यों में संचालित हो रहा हेल्पलाइन नंबर ।हेल्पलाइन नंबर को एक अप्रैल को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ में लांच किया गया था। अच्छे परिणाम आने के बाद अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, दमन दीव और दादर नगर हवेली व दो अन्य राज्यों में भी इसे लांच किया गया है। अन्य राज्यों में भी संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69367.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82dcabb723f398f63e781f65aaad07e74d84842b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69367.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एनटीडी वायरस के स्पाइक प्रोटीन का वह हिस्सा भी है, जो बार-बार म्यूटेट होता है। ये म्यूटेशन वायरस के उन वैरिएंट में होता रहता है जिन्हें वैरियंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। ये वैरिएंट हमारे इम्यून सिस्टम को चकमा देते रहते हैं और इसकी वजह यह है कि ये हमारे इम्यून सिस्टम के सबसे सशक्त एंटीबॉडी के इर्दगिर्द म्यूटेट हो सकते हैं। इस अध्ययन का कहना है कि वायरस और हमारे इम्यून सिस्टम के बीच एक निरंतर संघर्ष चल रहा है। हम एक मजबूत इम्यून रिस्पांस से उसे निष्प्रभावी करने की कोशिश करते हैं जबकि वायरस हमारे इम्यून रिस्पांस के इर्दगिर्द परिवíतत हो कर अपनी ताकत का इजहार करता है। कोरोना वायरस द्वारा प्रतिरोध की तमाम कोशिशों के बावजूद हमारे रक्त में घूमने वाली 40 प्रतिशत एंटीबॉडी स्पाइक प्रोटीन की डंडी को निशाना बनाती है। इसे एस2सबयूनिट भी कहा जाता है। वायरस का यह हिस्सा आसानी से परिवíतत नहीं होता। इसका यह अर्थ भी हुआ कि हमारी वर्तमान वैक्सीन वायरस के एस2सबयूनिट हिस्से को लक्षित करके एंटीबॉडी उत्पन्न करने में सफल हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..070ef63ba1f0a166e9c925ed9c64c1608730cd51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. महेश परिमल। कहा जाता है कि देश के 20 प्रतिशत गरीबों के लिए सरकार है, 20 प्रतिशत अमीरों को महंगाई से कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता। इसके बाद बचे 60 प्रतिशत मध्यमवर्गीय लोग। यही वर्ग सबसे अधिक टैक्स सरकार को देता है। आज महंगाई से यही वर्ग सबसे अधिक त्रस्त है। सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए, जिसे वे अपने लिए राहत मानें। जब से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं, तब से कृषि उत्पादों पर उसका असर हुआ है। पूरे देश में सड़क मार्ग से माल की ढुलाई होती है, इससे जुड़े सभी संस्थानों ने अपने बाजार भाव बढ़ा दिए हैं। यही हाल दूसरे उपभोक्ता वस्तुओं का भी है। इसके अलावा कई ऐसे भी क्षेत्र हैं, जो कीमतों में वृद्धि की राह देखते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a36da8b25969b4b7b7cd69a16f0b7c41cbe52a11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69370.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आटोमेशन के सभी कार्य क्षेत्रों में प्रवेश करने से उत्पादन, गुणवत्ता, क्षमता में बढ़ोतरी एवं समय की बचत हो रही है। इसलिए टेक्नोलाजी और आटोमेशन को अपनाना जरूरी हो गया है। वहीं इसका सीधा दुष्प्रभाव मजदूरों की संख्या पर पड़ा है। इस बढ़ती जनसंख्या और आधुनिकीकरण ने माइग्रेशन को बढ़ावा दिया है, जिसके फलस्वरूप हम तेजी से शहरीकरण होता हुआ देख रहे हैं। दूसरी तरफ बेरोजगारी भी बढ़ रही है। + +एक जिम्मेदार सरकार के लिए अपने देशवासियों को रोजगार दिलाना बहुत महत्वपूर्ण है और वर्तमान सरकार ने इसके लिए बहुत सी अहम योजनाएं और पालिसी अपनाई हैं। ‘टू चाइल्ड पालिसी’ भी ऐसा ही कदम है, जिस पर आगे बढ़ने की जरूरत है, जिससे जनसंख्या को नियंत्रित करके उसकी आवश्यकता को पूरा किया जा सके। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम 2018 के अनुसार जहां दक्षिणी पश्चिमी राज्यों में प्रजनन दर (टीएफआर) 2.1 है, वहीं उत्तर प्रदेश व बिहार जैसे राज्यों में टीएफआर 2.9 और 3.2 है। हालांकि पिछले वर्षो की तुलना में टीएफआर में लगातार कमी हो रही है। परंतु अभी भी कुछ दंपती दो से ज्यादा बच्चों को जन्म दे रहे हैं। विशेष तौर पर वे दंपती जिन्होंने सिर्फ लड़कियों को जन्म दिया है। पापुलेशन स्टडीज में प्रकाशित पेपर के अनुसार स्वास्थ्य और उपचार की मांग में अब लड़के-लड़की में महत्वपूर्ण अंतर नहीं है, परंतु ‘पुत्र वरीयता’ की जड़ें अभी भी गहरी पैठ बनाए हुए हैं। 27 साल पहले पीएनडीटी एक्ट लागू होने के बाद भी इस पर रोक नहीं लग पाई। + +वर्तमान सरकार ने कई सराहनीय कदम उठाए हैं, पर सरकार के साथ समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि हम सब मिलकर एक सुरक्षित समाज का निर्माण करें और हर रोजगार में कुछ प्रतिशत लड़कियों के लिए आरक्षित रहें। आधुनिकता, आटोमेशन और उच्च प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल करते हुए हम सरकारी योजनाओं और स्कीम में हिस्सा लें जिससे कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर समाज का निर्माण हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26a9f02f222595d76ec55fa4b2796acbfb58a23b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीआरडी के माइक्रोबायोलाजी विभाग ने किया केस हिस्ट्री का अध्ययन।ये तथ्य बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्ययन में पता चला है। सलाह दी गई है कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए होने वाली रीयल टाइम पालीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच के साथ ही सी-रियेक्टिव प्रोटीन (सीआरपी), सीरम फेरिटिन, डी-डाइमर (ब्लड क्लाटिंग की स्थिति) व सीरम लैक्टोज डिहाइड्रोजिनेज (एलडीएच) जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराया जाए। नौ दिन बाद दोबारा जांच कराई जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4adfc7fcb29f1ff641c1f0408c516656b6901a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुर्लभ होते हैं इस प्रकार के मामले : मामले की जानकारी देते हुए पशु चिकित्सक बीबी सिंह ने बताया कि कुत्तों को आसानी से ब्लड नहीं चढ़ाया जा सकता है। जब डोनर और रिसीवर के ब्लड की सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) जांच पूरी हो जाती है, इसके बाद ही ब्लड चढ़ाया जाता है। अगर किसी के ब्लड में इंफेक्शन होता है तो ब्लड नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कुत्ते के जीवन में केवल एक बार ही ब्लड चढ़ाया जा सकता है। इंडिया में दूसरी बार ब्लड चढ़ाने की सुविधा नहीं। वहीं प्रत्येक कुत्ते का ब्लड मैच भी नहीं करता है। बहुत कम ही ऐसे मामले हाेते हैं, जब कुत्ते को ब्लड चढ़ाने की स्थिति सामने आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c14e513df71428da83bb5c0865710dce9dd73bd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोनों देशों की दोस्ती की मिसाल देता है सलमा बांध : 42 मेगावाट का यह बांध अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में बना है। 2016 में इस हाइड्रोपावर और इरिगेशन प्रोजेक्ट का उद्घाटन हुआ था। इसे अफगान-भारत मैत्री बांध के नाम से भी जानते हैं। पिछले कई हफ्तों में इसके आसपास तालिबान लगातार हमले कर रहा है, जिसमें कई सुरक्षाबलों की भी मौत हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..622391bf40ea60669683efaf50ee27240da50156 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69375.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ईद-उल-अजहा के अब दो दिन ही रह गए हैं। ऐसे में पशु व्यापारी बकरों को लेकर आ रहे हैं। इनमें कई दिन वह महंगे बकरे लेकर आए थे। मगर, उनके खरीददार नहीं मिलने पर अब 10 से 15 हजार रुपये कीमत वाले बकरे लेकर आ रहे हैं। हिंदुस्तानी बिरादरी के रष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर सिराज कुरैशी ने बताया कि इस बार बजट वाले बकरों को लोग ज्यादा खरीद रहे हैं। इसके पीछे कारण लोगों का काम-धंधा ठप होना है। लोगों की आमदनी कम हुई है, इसलिए वह महंगे बकरों को नहीं खरीद रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0afa0d4eff1b4712605dcfa806b629687b6b5e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69377.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिकेट के मैदान में अपने छक्‍कों के लिए मशहूर रहे सिद्धू ने राजनीति में हैट्रिक बनाया और अमृतसर से लगातार तीन बार लोकसभा चुनाव जीते। सिद्धू के बारे में खास बात यह है कि क्रिकेट में भी उनका अपने कप्‍तान से विवाद हुआ और इस कारण अचानक संन्‍यास ले लिया और अब राजनीति के कैप्‍टन से भी उनका विवाद हुआ और मंत्री पद छोड़कर 'सियासी संन्‍यास' पर चले गए। फिर क्रिकेट मैदान में रिटायरमेंट से लौटे और अब सियासत में भी जोरदार 'कमबैक' किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be7afd3f58b7f9d6dd1d95e1f935f2cc9ee709c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69378.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डा. खुशबू गुप्ता। भाषा एक माध्यम होता है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने विचारों को, किसी भी विषय का ज्ञान, उसकी योग्यता और अपनी समझ को अभिव्यक्त करता है। यह योग्य, विकसित और बौद्धिक कहलाने, समृद्धशाली, अभिजात होने का मानदंड नहीं है, बल्कि भाषा व्यक्ति की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। किसी भी राष्ट्र की संस्कृति, परंपरा उसके अतीत की संपदा है जो उसे श्रेष्ठ बनाती है। भाषा न केवल संस्कृति, ज्ञान, परंपरा का संवहन करती है, बल्कि विकास की प्रक्रिया में सहयोग भी करती है। + +इसी संदर्भ में यदि भाषा व्यक्ति की बौद्धिकता और उसकी योग्यता पर ही प्रश्न चिन्ह लगाए तो बहुत चिंताजनक और दुखद है। बीते दिनों नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। एक तरफ जहां मंत्रिमंडल का आकार बढ़ा कर नए चेहरों को शामिल किया गया, वहीं सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखते हुए अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ जैसे डाक्टर, इंजीनियर, कानून और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले सदस्यों को वरीयता दी गई। गौरतलब है कि इन सभी नए सदस्यों में भारत के नए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया के कुछ पुराने ट्वीट को लेकर इंटरनेट मीडिया पर उनकी अंग्रेजी का बहुत मजाक बनाया गया जो दुखद है। भारतवर्ष एक ऐसा राष्ट्र है जहां विविध भाषा, वेश-भूषा, संस्कृति, धर्म को समाहित किए हुए है। विविधता में एकता, इसकी मूल विशेषता के रूप में परिलक्षित होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69380.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a8f92548bfed08e68e1250e9ad3f43dd5c6cd6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69380.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस अध्ययन के लेखक अदिति राठौड़ और गुफरान बेग ने बताया कि यह केवल ब्लैक कार्बन है, जो बायोमास जलने के दौरान उत्सर्जित होता है और वायरस को ले जाता है। वरिष्ठ विज्ञानीऔर सफर इंडिया के संस्थापक-परियोजना निदेशक बेग ने बताया, नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण से दिल्ली सबसे बुरी तरह प्रभावित थी। हालांकि जब न्यूनतम मृत्यु के साथ लगभग छह महीने के बाद स्थिति सामान्य हो रही थी, तो अचानक संक्रमण की संख्या में 10 गुना वृद्धि के साथ एक उलटफेर का सामना करना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45463373e2a00810893ca8e69b6a40a61d159217 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69384.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि रविवार को मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम में ही सक्रिय रही। इससे भिवाड़ी, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, और झज्जर इत्यादि जगहों पर तो भारी बारिश हुई, लेकिन दिल्ली में कहीं बूंदाबांदी और कहीं हल्की बारिश तक मामला सिमट गया। पलावत के अनुसार दिल्ली में भी हालांकि बारिश वाले बादल तो बने हुए थे, लेकिन उनमें ज्यादा मजबूती नहीं थी। इसीलिए अच्छी बारिश भी नहीं हो पाई। + +#WATCH | Rain lashes parts of Delhi, visuals from Janpath Road and Ferozshah Road pic.twitter.com/wjEzgx69yc।इससे पहले एक बार फिर रविवार को भी मौसम विभाग का पूर्वानुमान पूरी तरह से गलत साबित हुआ। अनुमान था भारी बारिश का, आरेंज अलर्ट भी था, लेकिन दिन भर इंतजार करने के बाद शाम को कुछ इलाकों में बूंदाबांदी और कुछ में हल्की बारिश ही होकर रह गई। रविवार को सूरज की तपिश तो थोड़ा हल्की जरूर रही। सूरज और बादलों के बीच लुकाछिपी भी दिन भर चलती रही। लेकिन इससे उमस कम नहीं हुई। दिल्ली वासी बार बार घर के बाहर निकलकर आसमान की ओर देखते रहे कि बारिश होगी भी या नहीं। ज्यादातर ने भारी बारिश बारिश की आशंका के चलते अपना कोई कार्यक्रम भी नहीं बनाया। बाद में बादल थोड़ा बहुत बरसे भी तो निराश ही करके गए। + +मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 36.4 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 28.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 61 से 81 फीसद रहा। जहां तक बारिश का सवाल है तो शाम साढ़े पांच बजे तक सफदरजंग और लोधी रोड पर बूंदाबांदी, पालम में 7.6 मिमी, पीतमपुरा में 0.5 मिमी और स्पोर्टस काम्प्लेक्स में एक मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को भी बादल छाए रहेंगे। हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने का पूर्वानुमान है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 32 और 25 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a50f7945b367e0c0f72f9818e0868b1f0473600 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69385.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन।  ‘आंसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा, जहां प्रेम का चर्चा होगा, मेरा नाम लिया जाएगा।’ जी हां, ये पक्तियां प्रसिद्ध गीतकार व महाकवि गोपाल दास नीरज ने अपनी जीवित रहते हुए लिखी और सच ही लिखीं। कविता में जब भी प्रेम और सौंदर्य, दर्द और घुटन और अध्यात्म और दर्शन की बात होती है तो नीरज की ये भावनाएं साफ परिलक्षित हो जाती हैं। नीरज ने अपने गीतों के माध्यम से न केवल गीत विधा को पुनस्र्थापित किया, बल्कि उसे ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी महारत न केवल गीतों में थी, बल्कि गजल, हाइकू, दोहा व गद्य में भी खूब अपनी बात कही। वे हिंदी के सिद्ध कवि थे तो उर्दू के मुकाबिल शायर भी। सरस भाषा में रहस्यमयी बात की। 19 जुलाई 2018 को काव्य जगत के सिद्ध पुरुष नीरज इस दुनिया को अलविदा कह गए। अफसोस, उनकी यादों को संजोने के लिए जो कार्य होने थे, वे नहीं हो पाए। + +गीतोंं और कविताओं से हासिल की लोकप्रियता ।गोपालदास नीरज, जिन्होंने अपने गीतों और कविता से जो लोकप्रियता हासिल की, शायद ही किसी दूसरे कवि को मिली। अफसोस की बात ये है कि उनके जीवित रहते या मरणोपरांत कोई स्मारिका या ग्रंथ नहीं निकल पाई। जनकपुरी स्थित वह आवास, जहां वे अंतिम समय तक रहे, उसे संग्रहालय बनाने की बात हुई, वह भी नहीं हुआ। उनसे जुड़े रहे लोगों ने स्मारक बनाने की बात भी कही, जिसमें नीरज की किताबें व उनसे जुड़ा सामान रखा जाता। यह योजना भी एक कदम नहीं बढ़ पाई। उनकी याद में साहित्य अकादमी बनाने का वायदा भी धुंधला पड़ गया है। नीरज, जिन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए 1970, 1971 व 1972 में लगातार फिल्म फेयर अवार्ड मिले। यशभारती, विश्व उर्दू परिषद पुरस्कार, पद्मश्री, पद्मभूषण जैसे सम्मान मिले। 2015 में 21 लाख रुपये का प्रतिष्ठित साहित्य शिरोमणि सम्मान भी मिला। पूरे देश ने नीरज की प्रतिभा को सराहा और नमन किया, मगर अपने ही शहर में मरणोपरांत उनकी यादों को जीवंत रखने के लिए कुछ नहीं किया गया। नीरज की पुण्यतिथि पर इस बार कोई पहल हो, ऐसा कौन नहीं चाहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..293a2a89dae3651ec89012bc11a7d9a5f0a9fe76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69387.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। कोरोना काल में फ्लाइट निरस्त होने का असर आम के एक्सपोर्ट पर इस बार साफ नजर आ रहा है। विदेश भेजे जाने वाले आम के निर्यात में इस साल जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। जहां बीते तीन वर्ष से एक्सपोर्ट में लगातार बढ़ोत्तरी बनी हुई थी वह इस बार घटकर अब तक महज एक तिहाई रह गई है। जुलाई माह के अंत तक आम का एक्सपोर्ट थम जाता है। ऐसे में बमुश्किल पिछले वर्ष की तुलना में आधे आम का ही एक्सपोर्ट हो पाएगा। + +बीते साल 2018 में 96.8 मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई थी। उसके बाद 2019 में 120 और 2020 में करीब 121 मीट्रिक टन आम का एक्सपोर्ट किया गया था। इस बार यह सिमट कर करीब 30 एमटी रह गया है। यानी करीब 91 मीट्रिक टन कम रह गया है। अधिकारियों की मानें तो इस माह के अंत तक करीब 50 मीट्रिक टन का एक्सपोर्ट आंकड़ा छुआ जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..926a96b70edf225995d0548e39a69c417a764044 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कन्नौज, [जागरण स्पेशल]। कराटे की विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय काता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, इसमें भारत को प्रथम स्थान मिला। इसमें इत्रनगरी के योगेंद्र शर्मा स्वर्ण पदक जीतकर पूरे देश का मान बढ़ाया है, जबकि देवाशीष ने रजत और ध्रुव ने कांस्य पदक जीत कर नाम रोशन किया है। ।कराटे कोच एवं इंटरनेशनल स्पोट््र्स एंड कराटे फेडरेशन आफ उत्तर प्रदेश की कोषाध्यक्ष सुनीति शर्मा ने बताया कि 10 व 11 जुलाई 2021 को इंटरनेशनल स्पोट््र्स एंड कराटे फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा वर्चुअल इंटरनेशनल कराटे कांता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत, बांग्लादेश, नेपाल, बियतनाम, उज्बेकिस्तान के खिलाडिय़ों ने प्रतिभाग किया था। कांता की वीडियो बनाकर निर्णायक मंडल को भेजा था। निर्णायक मंडल ने परिणाम घोषित किया, जिसमें भारत प्रथम स्थान, नेपाल दूसरे, वियतनाम तीसरे, बांग्लादेश चौथे एवं उ•ा्बेकिस्तान ने पांचवां स्थान प्राप्त किया। कन्नौज जनपद के योगेंद्र कुमार शर्मा ने गोल्ड मेडल, देवाशीष ने सिल्वर मेडल तथा ध्रुव को ब्राउंज मेडल मिला है। गोल्ड मेडल मिलने पर एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों व परिवार के लोगों ने बधाई दी। योगेंद्र ने बताया कि कराटे की यह सबसे कठिन प्रतियोगिता है, जिसमें उन्होने अपने कई सालों की मेहनत व लगन से यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने बताया कि युवाओं को इस दिशा में आगे आना चाहिए, तभी अपने जिले व देश का नाम रोशन होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..756bdfd194d554282b955cd27085efdea19345b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69391.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +[प्रणव सिरोही] पिछली सदी के नौवें दशक के आखिर का समय भारत के लिए बहुत उथल-पुथल भरा रहा। मंडल-कमंडल से लेकर आर्थिक फिसलन के उस उलझन भरे दौर के विषय में जिज्ञासा स्वाभाविक है। ऐसे में पत्रकार एवं संपादक रहे संतोष भारतीय ने अपनी सद्यप्रकाशित पुस्तक -वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं- के माध्यम से उस दौर के एक सजीव चित्रण का प्रयास किया है। चूंकि लेखक स्वयं उस समय की तमाम घटनाओं के साक्षी रहे तो उनकी कलम से निकले हुए शब्द आकर्षण अवश्य पैदा करते हैं। पुस्तक में एक पत्रकार-संपादक के रूप में भारतीय और उस कालखंड से जुड़े अन्य किरदारों की कहानी समांतर रूप से चलती है। अपने रविवार के दिनों से लेकर चौथी दुनिया की स्थापना और इस दौरान पल-प्रतिपल बदलते घटनाक्रम पर भारतीय ने बेबाकी से लिखा है। + +पुस्तक की शुरुआत ही -भविष्य के दो प्रधानमंत्रियों की अंतरंग मुलाकात- जैसे दिलचस्प पाठ से हुई है, जिसमें लेखक -मारुति ओमनी- कार में वीपी सिंह को चंद्रशेखर के भोंडसी स्थित आश्रम ले जाते हैं। यह मुलाकात एक नए भविष्य की आधारशिला रखने का निमित्त बनती है। इसी तरह उन्होंने बोफोर्स से लेकर जनमोर्चा के गठन, अमिताभ बच्चन के इस्तीफे के बाद हुए इलाहाबाद उपचुनाव, राम जन्मभूमि, चंद्रशेखर सरकार के गठन और उस दौरान कांग्रेस की उठापटक जैसे तमाम पहलुओं को छुआ है। साथ ही धीरूभाई अंबानी, अमिताभ बच्चन, रेखा और मोरारजी देसाई से लेकर रामकृष्ण हेगड़े जैसे दिग्गजों को भी एक-एक अध्याय समर्पित किया है। + +लेखक ने अपने पत्रकार साथियों एमजे अकबर, सुरेंद्र प्रताप सिंह, विनोद दुआ और उदयन शर्मा आदि के साथ जुड़े प्रसंग भी साझा किए हैं। मसलन दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले -न्यूज लाइन- कार्यक्रम के लिए कैसे विनोद दुआ उनकी रपट के लिए रात भर संपादन की मशक्कत किया करते थे और बाद में उन्हेंं गोभी के पकौड़े खिलाने ले जाते थे। अपनी खबरों के प्रभाव से मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे को भी वह बहुत गर्व से बताते हैं। कमल मोरारका से पहली मुलाकात और उसी में -चौथी दुनिया- की तुरत-फुरत बनी योजना और जल्द ही उसके लांच की पार्टी का भी वह दिलचस्प उल्लेख करते हैं कि उसमें कौन-कौन शामिल हुए और किसे सबसे ज्यादा खुशी मिली। + +वीपी सिंह और चंद्रशेखर को लेकर लेखक के मन में निस्संदेह एक नरम कोना अवश्य है। उनकी लेखनी से तो यह झलकता ही है, वह इन शब्दों में अपनी मंशा भी स्पष्ट कर देते हैं, -इतिहास कभी बेहद निर्मम हो जाता है। यदि उसने वीपी सिंह और चंद्रशेखर को दो साल भी सत्ता में रहने दिया होता तो शायद देश का इतिहास कुछ और होता।- इस महिमामंडन में कुछ अतिरेक तब लगने लगता है, जब वीपी सिंह की तुलना वह -गौतम बुद्ध- से करने लगते हैं। वहीं इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के लिए अनुकूल और राजीव गांधी के लिए प्रतिकूल भावनाएं प्रदर्शित करने को लेकर भी कुछ भ्रम की स्थिति बनती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f65e7d0f7ae75bbd4ec214062e251a299d26f35c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69392.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर ने 2009 में फ्रेंच ओपन जीतकर अगासी की बराबरी कर ली और फिर विंबलडन जीतकर सबसे अधिक ग्रैंडस्लैम जीतने के मामले में संप्रास से आगे निकल गए। वर्ष 2010 में राफेल नडाल और वर्ष 2016 में नोवाक जोकोविक ने भी अपने करियर में चारों ग्रैंडस्लैम जीतकर फेडरर की बराबरी कर ली। सर्वाधिक 20 ग्रैंडस्लैम का जो रिकॉर्ड फेडरर ने 2018 में बनाया था, उसकी बराबरी भी स्पेनिश नडाल ने 2020 और सर्बियाई जोकोविक ने पिछले सप्ताह की। + +खेलों की दुनिया में कीर्तिमान समय के साथ हमेशा और बेहतर होते जाते हैं। यह मानवता की प्रगति का प्रतीक है। हालांकि जब ऐसी विलक्षण उपलब्धियां महज कुछ समय के अंतराल में एक नहीं, बल्कि तीन-तीन खिलाडि़यों द्वारा प्राप्त कर ली जाती हैं तो प्रशंसकों का अचंभित एवं रोमांचित होना स्वाभाविक है। तुलना करना सच में अवांछित है, लेकिन हम उसका मोह नहीं त्याग पाते। अलग-अलग पीढि़यों की तुलना व्यर्थ है, किंतु यहां तो हम तीन समकालीन खिलाडि़यों पर चर्चा कर रहे हैं। खेल में हमेशा विज्ञान जैसी सटीकता नहीं होती। उसमें कलात्मकता और सौंदर्य का समावेश होता है इसीलिए कोई स्पष्ट उत्तर पाना कठिन माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07e88895078af56670c714b070dc48a364f587c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंबी है सफल प्रशिक्षुओं की फेहरिस्त। अमरीश ने पांच व 10 हजार मीटर में 2008 बीजिंग ओलिंपिक गेम्स में हिस्सा लेने वाले धावक सुरेंद्र सिंह, मैराथन ओलिंपियन नितेंद्र सिंह रावत, साउथ एशियन गोल्ड मेडलिस्ट ओम प्रकाश, तीन हजार मीटर व मैराथन धावक इलम सिंह आदि को प्रशिक्षण दिया है। वर्ष 2015 में अमरीश को तीनों सेनाओं का चीफ कोच नियुक्त किया गया। वर्ष 2018 में अमरीश के मार्गदर्शन में मंजीत ने एशियन गेम्स में 36 साल बाद स्वर्ण पदक जीता था। इनके अलावा अविनाश सांवले, शंकर लाल स्वामी, जय वीर, राकेश स्वामी और मेरठ की पारुल चौधरी भी अमरीश के मार्गदर्शन में ही प्रशिक्षण ले रही हैं। 2019 में एशियन चैंपियनशिप दोहा में अविनाश ने रजत जीता और पारुल ने पांच हजार मीटर में कांस्य जीता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a168c953a8b9941885abd2489f1cb892c3660b26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेल प्रशासन रेल मार्ग से माल ढुलाई बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए मंडल स्तर पर बिजनेस डवलपमेंट यूनिट का गठन करने के साथ अधिकारी तैनात किए गए हैं। यूनिट के अधिकारी व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं और माल ढुलाई में आने वाली समस्याओं की जानकारी करते हैं। व्यापारियों की सबसे अधिक शिकायत रहती है कि मालगोदाम की सड़कें काफी जर्जर हैं। जिससे मालगोदाम से माल पहुंचाने या लाने में परेशानी होती है। बरसात के मौसम में सड़क तालाब बन जाती है। मालगोदाम में अधिक ट्रक चलने से सड़क टूट जाती है। दूसरी ओर देश भर में पुराने स्लीपर व रेललाइन को बदलने का काम किया जा रहा है। पुराने रेललाइन को स्क्रैप में बेच दिया जाता है। सीमेंट से बने स्लीपर बेकार हो जाते हैं। रेलवे प्रशासन ने पुराने स्लीपर से मालगोदाम की सड़के बनाने जा रहा है। स्लीपर को मालगोदाम की सड़कों पर बिछा दिया जाएगा और उसके सीमेंट का मसाला डालकर बराबर कर दिया जाएगा। स्लीपर काफी मजबूत होता है। भारी ट्रक गुजरने के बाद भी नहीं टूटेगा। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि मंडल भर की मालगोदाम की जर्जर सड़क को पुराने स्लीपर द्वारा बनाया जाएगा। लगातार ट्रक चलने के बाद भी सड़क नहीं टूटेगी। रेल प्रशासन को कम खर्च में मबजूबत सड़क का निर्माण कराएगा। ।​​​​​यह भी पढ़ें :-।Murder : सवा करोड़ की संपत्ति के ल‍िए जीजा ने साले को मार डाला, पुलिस के श‍िकंजे में आरोप‍ित, जांच जारी।UP Police : फर्जीवाड़े से हास‍िल की पुलिस की नौकरी, पत‍ि ने भी द‍िया साथ, महिला सिपाही निलंबित।Rampur Nawab Family : नवाब खानदान के संपत्ति बंटवारे में अब फिर से दाखिल होगी आपत्ति।Corona Vaccination in Moradabad : केंद्र पर पहुंचकर बोला व्‍यक्ति-प‍िता की तो छह साल पहले मौत हो चुकी है, फ‍िर टीका क‍िसे लगा द‍िया।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..878e40a81e5e267fa0b2cd55e259cb590a639dcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उधर किसान नेता और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने इंटरनेट मीडिया पर कुछ समाचार पत्रों की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा कि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करे अन्यथा नतीज़े भुगतने के लिए तैयार रहे। इससे पहले राकेश टिकैत ने 22 जुलाई को संसद भवन पर प्रदर्शन के लिए पोस्टर जारी करके एक बार फिर से दिल्ली पुलिस और सरकार को सुरक्षा के लिए तैयारी पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। किसान संसद भवन तक न पहुंचे इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9267c1f5cf7177cb0ec198e494691cb4bc7a415b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +32 फीसद अधिक बारिश उत्तरी जिले में हुई है 12 फीसद अधिक बारिश उत्तर पश्चिमी जिले में हुई है 97.6 मिलीमीटर है ।दिल्ली में एक से 16 जुलाई के बीच सामान्य बारिश का आंकड़ा ।112.4 मिलीमीटर बारिश एक से 16 जुलाई के बीच हो चुकी है ।38 से 94 फीसद तक कम बारिश दिल्ली के सभी जिलों में 13 तारीख तक हुई थी ।ये है तकनीकी पेच ।दरअसल, मौसम विभाग का कार्यालय सफदरजंग में है और वहीं की बेधशाला (आब्जर्वेटरी) के तापमान और बारिश के आंकड़े को दिल्ली का आंकड़ा बताकर जारी किया जाता है, जबकि हकीकत में यह आंकड़ा समूची दिल्ली की स्थिति बयां नहीं करता है। ।- 27 जून है दिल्ली में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख ।- 16 दिन की देरी से इस बार 13 जुलाई को दिल्ली में मानसून ने दी दस्तक ।- एक से 16 जुलाई के मध्य हुई बारिश की स्थिति (मिमी में) जिला बारिश हुई सामान्य बारिश फीसद ।पूर्वी 74.9 177.8 ।-58 नई दिल्ली 122.1 146.3 ।-17 उत्तरी 209.9 158.4 ।-32 उत्तर पूर्वी 77.4 177.8 ।-56 उत्तर पश्चिमी 150.8 134.5 ।-12 दक्षिणी 41.8 177.8 ।-77 दक्षिणी पश्चिमी 69.6 188.9 ।-63 पश्चिमी 125.0 188.2 -34।----नोट : मध्य जिले की बेधशाला में तकनीकी खराबी आ जाने से वहां का आंकड़ा नहीं मिल पाया।=============================== ।इस बार मानसून की दस्तक काफी देर से हुई। मौसमी गतिविधियों और स्थानीय कारकों के कारण अब सभी जगह एक जैसी बारिश भी नहीं होती। जहां कंक्रीट का जंगल ज्यादा है, वहां बारिश अपेक्षाकृत कम होती है, जबकि जहां हरियाली अच्छी है, वहां बारिश भी अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। आने वाले दिनों में सभी जगह अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान है। ।-महेश पलावत, उपाध्यक्ष, स्काईमेट वेदर प्रादेशिक मौसम विभाग दिल्ली के मुताबिक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f555543d21ff45c66764d646679c697f5c352da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69402.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +न्यायाधीश बनने की जिद के चलते कार्ति ने गुजराती बोलना व लिखना सीखा। कीर्ति ने इंजीनियरिंग की हुई है और बहुराष्ट्रीय कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थी। किसी रिश्तेदार के कहने पर उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई शुरू की। नौकरी और पढ़ाई दोनों अच्छी रही थी, लेकिन वकालत में रुचि बढ़ने के साथ ही नौकरी छोड़ दी और पढ़ाई को पूरा समय देने लगी। + +वकालत पूरी करने के बाद दो वर्षों से न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही थी। मई वर्ष 2019 में परीक्षा में बैठने का आवेदन किया था। इसके बाद नवंबर में प्री और 2020 जनवरी में मेंस हुई थी। जुलाई में मेंस का परिणाम घोषित किया गया था। कोरोना संक्रमण की वजह से इस वर्ष एक अप्रैल 2021 में साक्षात्कार हुआ और अभी हाल ही में परिणाम जारी हुआ है। कीर्ति ने अपनी सफलता को श्रेय पिता डा. अनूप कुमार और मां संतोष कुमारी को दिया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69405.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8eca761138e0e0d08e179baa30e2df15b83b3df5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आर सी सिन्हा, देवघर। टीकाकरण की शुरुआत जब ग्रामीण स्तर पर हुई तो देवीपुर प्रखंड की भोजपुर पंचायत में भी यह शुरू हुआ। एक समय वह था जब इस पंचायत के गांव पथरचपटी और खरकुंआ के ग्रामीणों ने टीका का नाम सुनते ही इसका विरोध कर दिया था। साफ कह दिया था कि टीका लेकर मरना नहीं है। आज न सिर्फ इन दोनों गांवों के शत प्रतिशत ग्रामीणों ने टीका ले लिया है, बल्कि पंचायत के अन्य तीन राजस्व गांवों भोजपुर, खरिक और तीलजोड़ी में भी पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। इस तरह कोरोना की तीसरी लहर आने से पूर्व भोजपुर झारखंड की पहली पंचायत बन गई है, जहां के 18 वर्ष से अधिक आयु के एक-एक ग्रामीण का टीकाकरण हो चुका है। पंचायत की मुखिया आशा शर्मा ने इस आशय का प्रमाणपत्र भी बीडीओ अभय कुमार को सौंप दिया है। इस पंचायत की आबादी तकरीबन 3500 है। पंचायत के कुछ ऐसे लोग जो बाहर हैं, उनकी गणना इसमें नहीं की गई है। दैनिक जागरण का 'यस फार वैक्सीनÓ अभियान भी देवघर की जनता को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने में सहायक साबित हुआ। ।उपायुक्त ने दिया 'सुरक्षित गांव हमर गांव' का नारा ।शत प्रतिशत टीकाकरण की परिकल्पना के साथ देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने देवघर जिले के लिए 'सुरक्षित गांव हमर गांवÓ का नारा दिया। उन्होंने जो परिकल्पना की, उसके लिए तैयार रोड मैप पर चलकर यह लक्ष्य हासिल किया। उनकी इस परिकल्पना में वाट््सएप ग्रुप बनाकर एक-एक लोगों को जोडऩा, उनसे निरंतर संवाद करना तथा टीका के लिए उन्हें प्रेरित करना था। इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के सहयोग से टीका को लेकर ग्रामीणों मेें फैली तरह-तरह की भ्रातियों को दूर करने के लिए कई माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया। टोला तक में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए उन्होंने माइक्रो प्लान तैयार किया। कई बार ऐसा भी हुआ, जब कीचड़ की वजह से गाड़ी सुदूर क्षेत्रों में नहीं पहुंची तो बीडीओ अभय कुमार पंचायत प्रतिनिधियों की बाइक पर सवार होकर लोगों को जागरूक करने पहुंच गए। पेड़ के नीचे बैठकर चौपाल लगाते और लोगों को समझाते। खुद उपायुक्त ने भी कई मौके पर ऐसा किया। ।तब ग्रामीणों ने घेर लिया था टीम को ।शुरुआत में पथरचपटी गांव में जब जागरूकता टीम पहुंची, लोगों ने उसे घेर लिया। बीडीओ को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को भेजकर माहौल शांत कराया। पंचायत सेवक सौरभ बताते हैं कि खरकुंआ गांव में जब पहली बार टीका देने टीम पहुंची तो एक भी लोगों ने टीका नहीं लिया। मुखिया आशा शर्मा ने कहा कि लगभग एक महीने तक उन्होंने गांव के एक-एक घर में दस्तक दी। तीन वर्ग किलोमीटर में फैली इस पंचायत में जहां भी जाती, सब कहते- हम सबके बदले ही आप ही टीका ले लो। हमलोगों को मरना नहीं है। बाद में जब लोगों ने टीके का महत्व समझा तो परिणाम सबके सामने है। ।संभावित तीसरी लहर आने से पहले देवघर को पूरी तरह सुरक्षित करना है। सौ प्रतिशत टीका लेने में अभी देवीपुर की भोजपुर पंचायत नंबर वन बनी है। यह उपलब्धि पूरी टीम वर्क से हुआ है। अब एक-एक कर सभी पंचायतों के लोग पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर दुनिया को यह संदेश देंगे कि झारखंड टीका लेने में सबसे आगे है। ।-मंजूनाथ भजंत्री, उपायुक्त देवघर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69409.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6b441e76c5f3aad69fb9750018324b2a3503e27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69409.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +सत्येन ओझा, मोगा। स्वभाव में खुद्दारी और खुद पर भरोसा हो तो जीवन में किसी की मदद की जरूरत नहीं होती। ऐसी ही मिसाल मोगा के 101 साल के बुजुर्ग हरबंस सिंह ने कायम की है। वे अब भी रोजाना धूप हो या फिर बारिश मोगा के अमृतसर रोड पर आलू-प्याज की रेहड़ी लगाकर जीवन यापन कर रहे हैैं। मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया तो उन्होंने डीसी संदीप हंस के माध्यम से बुजुर्ग को बुलाकर पूछा कि उन्हें किसी मदद की जरूरत है तो बताएं। ये उम्र आराम की है। सरकार आपकी सहायता करेगी। इस सवाल पर बुजुर्ग हरबंस सिंह ने कहा कि ईश्वर का दिया सब कुछ है। मुझे कुछ नहीं चाहिए। + +बुजुर्ग हरबंस सिंह से पहले डीसी, फिर तहसीलदार करुन थपरियान और बाद में एसडीएम सतवंत सिंह ने भी पूछा कि क्या उन्हें किसी सहायता की जरूरत है। हरबंस ने विनम्रता से एक ही जवाब दिया कि ईश्वर का दिया सब कुछ है। बाद में डीसी संदीप हंस ने काफी आत्मीयता से परिवार के हालात पूछे और बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहते हैं कि अगर उन्हें किसी मदद की जरूरत है तो सरकार देगी। बच्चे की पढ़ाई या फिर कुछ और। लेकिन बुजुर्ग की रग-रग में खुद्दारी थी। हर बार हाथ जोड़कर मदद ठुकरा दी। + +आजादी के समय 26 साल के थे, आधार कार्ड भी खो गया।अमृतसर रोड पर स्थित दशमेश नगर की गली नंबर छह निवासी हरबंस सिंह बताते हैं कि उन्हें बस इतना याद है कि जब भारत को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी, तब वे 26 साल के थे। उनका आधार कार्ड बना था, लेकिन कुछ महीने पहले खो गया है। उनका बड़ा बेटा मंगत सिंह ई-रिक्शा चलाता है। उसके दो बच्चे बेटी निशा व बेटा सहज पढ़ रहे हैं। एक फल विक्रेता बेटे की कुछ साल पहले हादसे में मौत हो गई थी। उसके भी दो बच्चे पढ़ रहे हैं। पूरा परिवार साथ रहता है। बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैैं। + +स्वस्थ रहने के लिए ही लगाते हैैं रेहड़ी।हरबंस सिंह ने बताया कि हर सुबह चार बजे उठकर नित नेम के बाद मंडी जाकर प्याज व आलू खरीदते हैैं। सुबह-शाम रेहड़ी लगाकर बेचते हैं। वे आज भी लगातार काम कर रहे हैैं, इसलिए स्वस्थ हैं। जिंदा भी हैं। जिस दिन काम करना छोड़ देंगे, जिंदा नहीं रह पाएंगे। सेहत ठीक नहीं रहेगी। परिवार में कोई आर्थिक तंगी नहीं है। सिर्फ खुद को स्वस्थ रखने के लिए ही वे हर दिन रेहड़ी लगाते हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69410.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69410.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f38fc99ca680706fb071c6343dd2dcca49e9799 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69410.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। दुबग्गा चौराहे से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर हिंदू अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर का बोर्ड देखकर हमारी टीम रुक जाती है। बाहर कुछ मरीज ई रिक्शा में बैठे हैं। छोटे से काम्प्लेक्स से कुछ सीढ़ियां उतरकर अंदर नीचे हाल में कुर्सी पर बैठी महिला कर्मचारी से मैंने सवाल किया..डाक्टर साहब हैं, जवाब मिला नहीं, अभी आ रहे होंगे आप काम बताइए..कहा दिखाना है.. तो जवाब मिला इंतजार करना होगा। + +टीम ट्रामा सेंटर का हाल देख ही रही थी कि एक महिला कर्मी ने डा. आरिफ को फोन मिला दिया। कर्मचारी ने फोन पकड़ा दिया। डाक्टर साहब बोले बताइये..बताया गया कि दैनिक जागरण से हूं, आपके ट्रामा सेंटर पर आया हूं, मगर यहां कोई डाक्टर या स्टाफ नहीं है। ऐसे में इमरजेंसी में कोई मरीज आ जाए तो आप कैसे उसका इलाज करेंगे। डाक्टर साहब बोले, आपको इससे क्या लेना देना है, कोई मरीज आएगा तो मैं देख लूंगा.. सवाल किया गया.. मान लीजिए मेरे साथ कोई मरीज है तो आप कैसे इलाज करेंगे.. कोई इलाज की सुविधा नही है तो फिर ट्रामा सेंटर का बोर्ड क्यों लगा रखा है..इस पर डाक्टर साहब नाराज हो गए बोले.आप अपना काम कीजिए..जाइए जहां शिकायत करनी है कर दीजिए। इतना कहकर डाक्टर आरिफ ने फोन काट दिया। रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि डाक्टर साहब एरा में प्रैक्टिस भी करते हैं। + +टीम दुबग्गा-काकोरी रोड पर ही माही ट्रामा सेंटर पहुंची। यहां भी डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नजर नहीं आया। अंदर दिनेश यादव मिले जिन्होंने खुद को बीएएमएस बताया। पूछा गया कि यहां ट्रामा सेंटर की तो कोई सुविधा और संसाधन नहीं है, इस पर दिनेश ने कहा कि इसका जवाब तो आपको डाक्टर यदुनाथ से ही मिलेगा। यहीं पास में मेड स्टार अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर के काउंटर पर मौजूद कर्मचारी ने बताया कि चार आइसीयू बेड सहित 12 बेड हैं। शुक्रवार को दैनिक जागरण ने करीब 80 ट्रामा सेंटर की पड़ताल की जिनमें ट्रामा के नाम पर खेल चल रहा है। + +ये हैं ट्रामा सेंटर के मानक।हरदोई रोड पर दो-तीन कमरों में धड़ल्ले से चल रहे ट्रामा सेंटर।सरकारी चिकित्सा संसाधनों पर बढ़ते बोझ और लंबे इंतजार का फायदा उठाने की नीयत से ट्रामा सेंटरों की बाढ़ सी आ गई है। शहर से जुड़े हर राजमार्ग से लेकर गली मुहल्लों तक दो-तीन कमरों के मकान में तथाकथित ट्रामा सेंटर संचालित हैं। मानक दरकिनार करके शहर में करीब चार सौ ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। एंबुलेंस माफिया से लेकर पैथोलॉजी के गठजोड़ पर फलफूल रहे लूट के धंधे की चपेट में आने के बाद मरीजों को जेवर और जमीन तक बेचने पर मजबूर होना पड़ता है। खामोश सिस्टम की नाक के नीचे चल रहे ट्रामा के ड्रामे की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a0abbbdb2f148e364f65f47c27d86a725c8f010 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उप्र शासन ने प्रदेश, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने पर उनके गांव व मुहल्ले की सड़क बनाने का एलान यूं ही नहीं किया है। खिलाड़ियों से सरकार का सिर भी गौरव से ऊंचा उठता है। लेकिन, जब सरकार से ही कोच न मिले तो यह गौरव आखिर कैसे मिलेगा। स्थिति ये है कि अब एक भी कोच सोनकपुर स्टेडियम में नहीं बचा है। सोनकपुर स्टेडियम में अब स्वयं ही खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। लेकिन, इस साल जिन खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है। उनको सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रहीं हैं। करीब 300 खिलाड़ी सोनकपुर स्टेडियम में पंजीकृत हैं। कोरोना महामारी के बाद स्टेडियम खुला तो चहल-पहल शुरू हो गई। लेकिन, कोच के बिना खेलों की नर्सरी को सींचने वाले ही नहीं तो खेलों की नन्हीं पौध सूखना लाजमी है। दो साल पहले आठ खेल सोनकपुर स्टडियम में होते थे। इनमें हाकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, बास्केटबाल, बाक्सिंग, एथलेटिक्स, कुश्ती, कबड्डी, जूडो, हैंडबाल के शिविर होते थे। लेकिन, अबकी बार एक भी शिविर नहीं मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6baa0a62170b0aa64c8b3eb6017ebf87a842325 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69416.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गेहूं के बेकरी प्रॉडक्‍ट्स।खंदारी पर रहने वाली अंकिता मेहरोत्रा अपने घर पर गेंहू से बने बेकरी उत्पाद बनाती हैं। ब्रेड, बन, पिज्जा बेस सब कुछ गेंहू से बनाती हैं। अंकिता बताती हैं कि बेटा कोटा पढ़ने गया तो उसका खान-पान गड़बड़ा गया। मां होने के नाते चिंता हुई तो घर से ही बन, ब्रेड और सब्जी की ग्रेवी बनाकर ले जाने लगी। कोरोना काल में बेटा घर आ गया तो सोचा कि घर से ही काम शुरू कर दूं। अब गेंहू के साथ ग्लूटन फ्री उत्पाद भी बना रही हैं। अब उन्होंने खास इम्यूनिटी ब्रेड भी बनाई है, जिसमें सभी तरह के बीज, हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च आदि हैं। सेहत के प्रति जागरूक लोगों को उनके उत्पाद खासे पसंद आ रहे हैं और खूब आर्डर भी आते हैं। अगस्त के बाद अंकिता अपने उत्पादों को बाजार में उतारेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ee6cacbb3ccccf95159ddc4d9e3716d8363b394 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। नगर निगमों के चुनाव में कुछ माह शेष रह गए हैं। अगले साल अप्रैल में चुनाव होने हैं। सभी पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा के सामने चौथी बार निगमों पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है और इसे ध्यान में रखकर रणनीति बनाई जा रही है। सबसे ज्यादा जोर बूथ प्रबंधन पर है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मजबूत बूथ से ही निगम चुनाव में जीत की राह आसान होगी। इसे ध्यान में रखकर बूथ समितियों के गठन के साथ ही बूथों के वर्गीकरण का काम चल रहा है। चार श्रेणी में इन्हें विभाजित करके चुनावी रणनीति बनाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53ca5278e042495da5305a3ae3e49255147bb381 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69419.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रभारियों के लिए हरियाणा की धरती खासी उपजाऊ रही है। हरियाणा के प्रभारी रहते हुए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने न केवल बुलंदियों का छुआ, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पैठ भी बनाई है। हरियाणा के प्रभारी रह चुके करीब एक दर्जन नेता ऐसे हैं, जो विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक बने हैं। हरियाणा भाजपा के प्रभारी पद का दायित्व संभाल चुके नरेंद्र मोदी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। हाल ही में भाजपा की सह प्रभारी अन्नपूर्णा देवी को केंद्र सरकार में राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69423.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7724c9e0564acce2fe248bbb2ed1b3cbe1e26384 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69423.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +4. देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। संबंधित अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुल 8 रनवे होंगे। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट की शुरुआत दो रनवे से होगी। इसके बाद जरूरत के हिसाब से यात्रियों की संख्या में इजाफा होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर रनवे की संख्या बढ़ाई जाएगी। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 1 करोड़ 20 लाख सालाना यात्री जेवर एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं का उपयोग करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a046769504702f5b383a5c4fcddd0bf6c9504d55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रक्षा संबंधों में अहम पड़ाव।इस हेलीकाप्टर सौदे के हकीकत में तब्दील होने पर खुशी का इजहार करते हुए संधू ने कहा कि मल्टी रोल आल वेदर हेलीकाप्टर का भारतीय नौसेना में शामिल होना भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में बेहद अहम पड़ाव है। इसके बाद संधू ने ट्वीट कर कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती आसमान छू रही है। भारत-अमेरिका का द्विपक्षीय रक्षा कारोबार पिछले कुछ सालों में 20 अरब डालर पहुंच गया है। भारत करीब 2.4 अरब डालर की लागत से 24 एमएच-60आर हेलीकाप्टर खरीद रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52799d2e3e0b753323b034eb3fc8904e40ce7ea0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय पांडेय, सागर। मनुष्य यदि चाह ले तो आसमान में भी सुराख कर दे, पत्थर को सोना बना दे। मध्य प्रदेश के सागर जिले के आदिवासी गांव मरामाधौ के ग्रामीणों ने अपने श्रम से यह चरितार्थ भी किया। जिस गांव में बूंद-बूंद पानी के लिए लोग मोहताज हुआ करते थे, पथरीली बंजर जमीन होने से खेती का कोई साधन नहीं था। दूसरे गांवों में मजदूरी करना ग्रामीणों की मजबूरी थी। आज उसी गांव में भरपूर पानी है, खेती के लिए हर परिवार के पास पर्याप्त जमीन है और अब मजदूरी उनकी मजबूरी नहीं है। यह सब ग्रामीणों की एकजुटता और सामूहिक श्रम से संभव हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33e106fe7082fc4c0ac6a5c13cdaf5743e2669ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +व्यापारी भी हैं परेशान।यशोदा नगर निवासी राकेश के मुताबिक उन्हें पिछले वर्ष दाखिल किए गए रिटर्न नहीं मिल पा रहे हैं, उनके टैक्स सलाहकार भी इन्हें डाउनलोड नहीं कर पा रहे क्योंकि ई-फाइलिंग पोर्टल से वे डाउनलोड नहीं हो पा रहे थे। अब लोन लेना है तो बैंक रिटर्न भी मांग रहे हैं। फिलहाल कुछ दिनों के लिए योजना टाल दी है। अब पोर्टल ठीक हो जाए तो फिर प्रयास करेंगे। यह सिर्फ उनकी समस्या नहीं है। इसी तरह की समस्या बहुत से लोगों की है। इनमें व्यापारी भी शामिल हैं। एक्सप्रेस रोड के रोशन गुप्ता के मुताबिक वह खुद रिटर्न डाउनलोड ना होने से परेशान रहे हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर के मुताबिक पोर्टल से रिटर्न डाउनलोड नहीं हो पा रहे हैं। जिनको भी इस समय किसी भी काम से अपने पिछले वर्षों के रिटर्न की जरूरत है, उन्हें रिटर्न नहीं मिल पा रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..862855e8f4e17126e6683f4704e973b60ea5f012 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69432.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। आम के इस सीजन में आम स्लाइस, आम रस और मैंगो शेक का स्वाद तो बहुत ले लिया क्यों न अब आम का स्वाद नए अंदाज में लिया जाए। वह भी मिठाई और केक के रूप में। वैसे तो आम का हर स्वाद लाजवाब है। तभी तो इसे फलों का राजा कहते हैं। गर्मी शुरू होते ही बच्चे-बड़े सभी आम का इंतजार करने लगते हैं। बाजार में इन दिनों लंगड़ा, दशहरी, चौसा कई तरह के आम खूब मिल रहे हैं। मैंगो फेस्टिवल भी शुरू होने वाला है, तो आप बस अपना पसंदीदा आम घर लेकर आएं और हम आपको बताते हैं कि कैसे आप बर्फी और केक तैयार कर आम के नए स्वाद का आनंद ले सकते हैं। + +रसीला आम बर्फी। सिगनम होटल एंड रिजोर्ट में फूड एंड बेवरेज विभाग के कारपोरेट डायरेक्टर सेलेब्रिटी फूड आर्टिस्ट इंदर देव कहते हैं कि आम और बेसन के मिक्सचर से बर्फी बनाने में थोड़ा समय जरूर लगता है, पर इतनी लजीज बर्फी बनती है कि उसे खाने के बाद पेट भले ही भर जाए, मन नहीं भरेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे आप एक हफ्ते तक फ्रिज में स्टोर कर रख भी सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37e3e73d90b225d62efac73be0be735386da5dec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69435.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +शाम सहगल, जालंधर। व्यापारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले तीन महीने कोरोना महामारी के कारण चरणों में लॉकडाउन झेल रहे व्पायापरियों को अब चतुर्मास को लेकर चिंता सताने लगी है। सनातन धर्म अनुसार किसी भी तरह का शुभ कार्य करने के लिए केवल 3 दिन शेष बचे हैं। इसके बाद मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। कारण, 20 जुलाई के बाद चतुर्मास शुरू हो जाएगा, जो 14 नवंबर तक चलेगा। चतुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस अवधि में विवाह आदि पर भी पूरी तरह से बंदिश रहती है। इस कारण मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। पंजाब सरकार ने दुकानें खोलने को हाल में ही राहत दी थी लेकिन चुतर्मास के कारण अगले 4 महीने कारोबार पटरी पर लौटना मुश्किल रहेगा। + +प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ बताते हैं कि चतुर्मास देवताओं का शयन करने का समय होता है। इस अवधि में भगवान श्री हरि योग निंद्रा में विश्राम करते हैं। यह अवधि 14 नवंबर तक है। 14 नवंबर को ही देवोत्थानी एकादशी के बाद शुभ कार्य किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में चतुर्मास के दौरान किसी भी शुभ कार्य को अंजाम नहीं दिया जाता। लंबे अर्से के बाद इस वर्ष आधी जुलाई, अगस्त, सितंबर तथा अक्टूबर महीने में विवाह को लेकर कोई भी शुभ लग्न नहीं है।इस तरह लोगों को मांगलिक कार्य के लिए 4 महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। + +व्यापारियों के माथे पर खींची चिंता की लकीरें।कोरोना महामारी के चलते पिछले कई महीने से सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया था। इस कारण कारोबार भारी मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहीं अब सरकार द्वारा कारोबार को लेकर राहत देने के बाद व्यापारियों की आस जगी थी, जो शुभ कार्यों पर विराम लगते हैं फिर से निराशा में बदल गई है। इस बारे में धवन ज्वेलर्स के कुलभूषण धवन बताते हैं कि चतुर्मास के दौरान कोई भी शुभ मुहूर्त ना होने से कारोबार का प्रभावित होना तय है। कपड़ा कारोबारी प्रदीप छाबड़ा बताते हैं कि कोरोना महामारी तथा गर्मी के कारण पहले से ही कारोबार मंदा चल रहा है। ऊपर से चतुर्मास के कारण लोग फिर से खरीदारी करने में परहेज करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69437.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d866978bcb9b120b5d428c0b74d9447122465246 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का नया ठौर अब जनपथ होटल है। किलोमीटर के हिसाब से देखें तो पहले वाले पते से महज दो किमी दूर। लेकिन इमारत के नजरिए से देखें तो यह दूरी लंबी दिखती है, जिसे पाटने में आइजीएनसीए जी जान से जुटा है। भला एक होटल में सांस्कृतिक केंद्र कैसे..लेकिन जब दर्शक यहां आएंगे तो यकीनन उनकी धारणा बदल जाएगी। एक अगस्त से केंद्र दर्शकों की आगवानी के लिए तैयार है। प्रवेश द्वार पर हाथियों की प्रतिमाएं स्वागत करेंगी तो केंद्र में प्रवेश करते ही भरत मुनि की प्रतिमा श्रद्धा भाव जागृत करती है। आइजीएनसीए के ऐतिहासिक सफर का यह महज एक पड़ाव है। जामनगर हाउस में अंतरराष्ट्रीय स्तर की इमारत बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही सांस्कृतिक दुनिया का नया अवतार नजर आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..101b7f97ddb81417cebd634e26a2bc29d2882a2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69441.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनिल झा। आज दुनियाभर में इस विषय पर गहनता से चिंतन हो रहा है कि जनसंख्या संसाधन है या समस्या। निश्चित रूप से यह गंभीर चिंतन का विषय है, खासकर भारत के संदर्भ में तो यह बेहद गंभीर मामला है। इस बारे में हमें इजरायल से बहुत कुछ सीखना चाहिए। इजरायल में भूमि बहुत ज्यादा नहीं है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह देश हरियाणा से भी छोटा है। लेकिन वहां की आबादी लगभग 90 लाख है। वैज्ञानिक शोध, कृषि उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण, शक्तिशाली सैन्य बल, स्वास्थ्य सुविधाएं, व्यवस्थित यातायात, शानदार पुलिसिंग जैसी व्यवस्थाएं इजरायल को प्रगतिशील बनाने का माद्दा रखती हैं। + +क्या भारत में हम कभी ऐसी कल्पना कर सकते हैं? कई बुद्धिजीवी कह सकते हैं भारत जैसे विशाल देश और विशाल जनसंख्या के कारण हम इजरायल से इसकी तुलना नहीं कर सकते, लेकिन हम यह तो मानते ही हैं कि देश की आबादी या परिवार की संख्या अगर छोटी, शिक्षित और व्यवस्थित हो तो वह देश और परिवार अत्यधिक तरक्की करता है। हम यह भी जानते हैं कि विश्व की कुल भूमि का भारत में मात्र ढाई प्रतिशत है और जनसंख्या लगभग विश्व की कुल आबादी का 18 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। भारत में अत्यधिक तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण शहरों पर दबाव बढ़ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1696fb964ed74afa876d861fd5a0680fad928500 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69442.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन ।  बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले प्रधानाध्यापकों को अब मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाया जाएगा। ये व्यवस्था कक्षा एक से आठवीं तक के उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के लिए होगी जो स्कूल कंपाेजिट विद्यालयों में तब्दील किए गए हैं। कंपाेजिट विद्यालयों में एक ही परिसर में संचालित प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं। इसलिए यहां प्रबंधन को महत्वपूर्ण मानते हुए ये कदम उठाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee13a3c991a693e45780854aafb06f772dd3dcf7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस योजना का उद्देश्य भारतीय रक्षा और वैमानिकी क्षेत्र के लिए नई स्वदेशी तथा अभिनव प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास को सरल बनाना है। इसकी सफलता से अल्प समय सीमा में उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। यह रक्षा एवं वैमानिकी जरूरतों के बारे में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग के पार्टनर इनक्यूबेटर सहित अन्य प्रौद्योगिकी केंद्रों के साथ संवाद करेगा। इसके अलावा, यह विभाग संभावित प्रौद्योगिकियों और संस्थाओं को शार्टलिस्ट करने तथा रक्षा एवं वैमानिकी सेटअप पर उनकी उपयोगिता व प्रभाव के संदर्भ में प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का मूल्यांकन करेगा। रक्षा क्षेत्र की अन्य गतिविधियों में पायलटों को सक्षम बनाने के उद्देश्य से निर्धारित नवाचार विधियों का उपयोग करके उनका वित्तपोषण करना है। इसके साथ ही प्रमुख नवीन प्रौद्योगिकियों के बारे में सुरक्षा बलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करके उपयुक्त सहायता के साथ रक्षा प्रतिष्ठानों में उनको अपनाए जाने को प्रोत्साहित किया जाना शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f33b302162b4e6004ff136fffb0e7126d07b527 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, फीचर डेस्क। आजकल नौकरियों को सर्च करना पहले की तुलना में आसान हो गया है। कई ऐसे एप्स हैं, जो आपको नई नौकरियों को सर्च करने में मदद करेंगे। ये आपकी प्रोफेशनल प्रोफाइल से मैच करती नई जाब ओपनिंग की जानकारी देते रहेंगे। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही एप्लीकेशंस के बारे में...।लिंक्डइन जॉब सर्च।लिंक्डइन केवल प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट ही नहीं है, बल्कि यह जॉब सर्च करने का एक अच्छा जरिया बना गया है। अच्छी बात यह है कि यह लोकेशन के आधार पर आपको नई जाब ओपनिंग्स की जानकारी नोटिफिकेशन के जरिए आटोमैटिकली भेजता रहता है। साथ ही, यहां पर लिंक्डइन प्रोफाइल के जरिए ही अप्लाई करने की सुविधा दी गई है। अगर आप चाहें, तो जाब सर्च को कंपनी के नाम, जाब पोजिशन आदि के आधार पर भी फिल्टर कर सकते हैं। इसके अलावा, यह आपके प्रोफाइल से मैच करते हुई नई जाब ओपनिंग्स की जानकारी भी देता है। कंपनी का दावा है कि वह जाब सर्च के दौरान यूजर्स की प्राइवेसी का खयाल भी रखता है। इस एप्लीकेशन को एंड्रायड और आइओएस डिवाइस के लिए डाउनलोड कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1280434206ab10f6ab76685b9155b3e9904574d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेवायोजन विभाग की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालय और डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों को भेजे गए पत्र में सेवायोजन कार्यालय के पोर्टल पर पंजीयन के साथ की करियर काउंसिलिंग कराने के लिए कहा गया है। इंटर कालेज के छात्रों के साथ ही सेवायोजकों (नौकरी देने वाली सरकारी, अद्र्ध सरकारी व निजी संस्थान) को भी विभाग के पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी को भी पत्र भेजा है। भर्ती की सूचना न देने वाली संस्थानों पर रिक्तियों का अनिवार्य अधिसूचन अधिनियम-1959 के तहत कार्रवाई का भी प्रावधान है। छात्रों के साथ ही नौकरी देने वाली संस्थाएं सेवायोजन विभाग के पोर्टल (सेवायोजन.यूपी.एनआइसी.इन) पर ऑनलाइन पंजीयन करा सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5209fc22ea21f723d18c110528930377910feb21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69453.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +निरंकार सिंह। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति को जारी कर दिया है। इस नीति के तहत जनसंख्या नियंत्रण का फार्मूला तैयार किया गया है। राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार ड्राफ्ट में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़ी सिफारिशों की वकालत की गई है। माना जा रहा है कि इसे सख्ती से लागू करने के लिए विधि आयोग की कुछ सिफारिशों को भी मंजूरी मिल सकती है। + +ड्राफ्ट में कहा गया है कि दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति का राशन कार्ड चार सदस्यों तक सीमित होगा और वह किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा। कानून लागू होने के सालभर के भीतर सभी सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय निकाय चुनाव में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को एक शपथपत्र देना होगा कि वे नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे। यह शपथपत्र देने के बाद अगर वह तीसरा बच्चा पैदा करते हैं तो इसके प्रारूप में सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति रोकने और बर्खास्त करने तक की सिफारिश की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5aaad7fff2f60ec387e6d52ea89ccdaea025adb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महेश पलावत (उपाध्यक्ष, स्काईमेट वेदर) के मुताबिक, इस बार मानसून की दस्तक काफी देर से हुई। मौसमी गतिविधियों और स्थानीय कारकों के कारण अब सभी जगह एक जैसी बारिश भी नहीं होती। जहां कंक्रीट का जंगल ज्यादा है वहां बारिश अपेक्षाकृत कम होती है जबकि जहां हरियाली अच्छी है, वहां बारिश भी अपेक्षाकृत ज्यादा होती है। आने वाले दिनों में सभी जगह अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान है। ।Jewar International Airport: जानिये- इसकी लागत, खासियत के साथ और भी कई अहम जानकारियां।यह भी पढ़ेंः जानिए घर पर आम की बर्फी और केक बनाने का तरीका, खाएंगे तो अन्य मिठाइयों का स्वाद भूल जाएंगे।7th Pay Commission 2021 : दिल्ली-NCR के केंद्रीय कर्मचारियों को भी राहत, डीए बढ़ा तो सैलरी में भी होगा इजाफा।Delhi Metro के एक कदम से मेट्रो यात्रियों का सफर हो जाएगा आसान, UP-हरियाणा को भी होगा लाभ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e19cb8a6f14f6163141295c5e192c4c894b7d85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69458.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कुमार विश्वास कविता की दुनिया में एक जाना माना नाम है, उनकी कई कविताएं लोगों की जुबान पर हैं। ऐसी कविताओं को लोग कभी सुनना और गुनगुनाना पसंद करते हैं। विश्वास की कई कविताओं पर लोगों ने मीम भी बनाए हैं। ये मीम भी इंटरनेट की दुनिया में काफी वायरल हैं। इन दिनों कवि सम्मेलन नामक एक ट्विटर हैंडल से ऐसा ही एक ट्वीट वायरल है। इस ट्वीट में कुमार विश्वास की एक प्रसिद्ध कविता पर एक युवती अपने एक्सप्रेशन दिखाते हुए नजर आती है। 13 सेकंड के इस वीडियो को अब तक हजारों लोग देख चुके हैं, सैकड़ों लोग इसे रिट्वीट कर चुके हैं। + +11 out of 10 😂😂👍🥳 https://t.co/fBzPzbcOQH।इससे पहले भी कुमार विश्वास अपनी कई वीडियो को हैशटैग किए जाने पर इसी तरह से रोचक जवाब देते रहे हैं। कुछ दिन पहले इसी तरह से एक वीडियो ट्वीट करते हुए कुमार को टैग किया गया था जिसमें उनके कवि सम्मेलन के दौरान दो बच्चियां सामने मंच पर दिखाई देती है वीडियो में पीछे कवि कुमार विश्वास अपनी यही कविता पढ़ते हुए सुनाई देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..640ac9c032ab8418544ba1c753061d4793ae50fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनोवेशन को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ।राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद से ही केंद्र सरकार लगातार शोध और इनोवेशन को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। शिक्षा मंत्रालय के इस कदम को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने शुक्रवार को इससे जुड़ी योजना को हरी झंडी दिखाई है। इसके तहत शुरुआत में देशभर के करीब 50 हजार शिक्षकों को इनोवेशन एंबेसडर से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें अकेले उत्तर प्रदेश से साढे़ छह हजार शिक्षक शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98379a3f03e15c174038f522cfe0ded515646294 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6946.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज़ाहिर है लारा को ये लुक देने के लिए उनके मेकअप आर्टिस्ट ने काफी मेहनत की होगी। मेकओवर का वीडियो अब ख़ुद एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस वीडियो में साफ नज़र आ रहा है कि मेकअप आर्टिस्ट कितनी बारीकी से उनके लुक पर ध्यान दे रहे हैं और मेकअप कर रहे हैं। इस दौरान एक्ट्रेस पूरी टीम के साथ काफी बातें करती दिख रही हैं और अपनी टीम इसका पूरी श्रेय दे रही हैं। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..332502e1109eb804a77757acb3467b257fdde587 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गहरा नाता था एएमयू से ।सीइसी के डायरेक्टर प्रो. एफएस शीरानी ने बताया कि सुरेखा के पिता प्रो. विनीत वर्मा ने दो शादी की थीं। पहली बीवी से उनको बेटी बदर हुई। बदर ने एएमयू से बीएससी करने के बाद एमबीबीएस भी किया। बदर के साथ फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने शादी की थी। सुरेखा की मां एएमयू में जर्मन भाषा की शिक्षिका थीं। इनका परिवार तार बंगले में रहता था। सुरेखा सीकरी की बड़ी बहन फूलवती थीं। छात्र जीवन में ये वीमेंस कालेज में प्ले किया करतीं थीं। नसीरुद्दीन शाह भी उनके साथ प्ले किया करते थे। अंग्रेजी विभाग की शिक्षिका प्रो. जायदा जैदी और एजूकेशन डिपार्टमेंट में तैनात उनकी बहन प्रो. शाजिदा जैदी इन्हें प्ले सिखाती थीं। जो पूर्व कुलपति कर्नल वसीर हुसैन जैदी की बेटी थीं। दिल्ली के नेशनल स्कूल आफ ड्रामा की टीम नुमाइश मैदान में प्ले करने आती थीं। कैनेडी हाल जब बना था तब भी यह टीम प्ले करने एएमयू आई थी। लोकल कलाकर के रूप में सुरेखा सीकरी आदि ने कार्यक्रम में भाग लिया था। दिल्ली की टीम को एएमयू छात्र-छात्राओं की कला खूब भाई। उन्होंने सुरेखा समेत अन्य को नेशनल स्कूल आफ ड्रामा ज्वाइन करने की सलाह दी। इसके बाद सुरेखा दिल्ली चली गई और अपने अभिनय से सभी को दीवाना बना लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0256232ec9e625bc3e6f75cb67fbced8bd2a2a2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + हत्या से दो दिन पूर्व पिता से की थी बात। जामिया कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने इसे पत्रकारिता और जामिया बिरादरी के लिए एक बड़ी क्षति बताया। इस दुखद घटना की खबर मिलते ही उन्होंने दानिश के पिता प्रो. अख्तर सिद्दीकी से बात की। उन्होंने बताया कि दानिश ने दो दिन पहले उन से बात की थी और अफगानिस्तान में वह जो काम कर रहा था, उसके बारे में चर्चा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fff7d874afc618ecf210e214a86b2866bc7d696c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, न्यूज डेस्क: अफगानिस्तान में तालिबान और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष को कवर करते हुए भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की शुक्रवार को जान चली गई। दानिश, अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रायटर्स से जुड़े हुए थे और वो अफगानिस्ताचन की ताजा गतिविधियों को लेकर कवरेज के लिए कुछ दिनों से वहीं पर थे। वो दो हफ्ते पहले अफगानिस्तान के लिए रवाना हुए थे और तब से कंधार की स्थिति को लगातार कवर कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8da6a24edd9b01c3fd7052a737859606b1cf4cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। India tour of Sri Lanka 2021: भारतीय क्रिकेट टीम शिखर धवन की कप्तानी में श्रीलंका दौरे पर गई है। इस दौरे पर श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम पहले तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलेगी और इसके खत्म होने के बाद टी20 मैचों की सीरीज खेली जाएगी। शिखर धवन पहली बार वनडे सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी करने जा रहे हैं। धवन को काफी इंतजार के बाद टीम इंडिया का कप्तान सिर्फ श्रीलंका दौरे के लिए बनाया गया है क्योंकि टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली इंग्लैंड दौरे पर गए हुए हैं। धवन को लंबे इंतजार के बाद भारतीय वनडे टीम की कप्तानी करने का मौका मिला है। ।142 मैचों के बाद धवन करेंगे वनडे टीम की कप्तानी।शिखर धवन को भारतीय वनडे टीम की कप्तानी 142 वनडे मैच खेलने के बाद मिला है। वनडे क्रिकेट में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा मैच खेलने के बाद कप्तानी मिलने के मामले में अनिल कुंबले पहले नंबर पर हैं। कुंबले ने जब अपने क्रिकेट करियर में भारत के लिए 217 मैच खेल लिए थे तब उन्हें वनडे टीम की कप्तानी करने का मौका मिला था। इस मामले में रोहित शर्मा दूसरे नंबर पर हैं जिन्हें 171 मैच खेलने के बाद भारतीय वनडे टीम की कप्तानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। ।शिखर धवन इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं जो 142 मैचों के बाद टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे तो वहीं सचिन तेंदुलकर ने 119 मैचों के बाद भारतीय वनडे टीम की कप्तानी की थी। विराट कोहली को 104 मैचों के बाद टीम इंडिया की वनडे टीम की कप्तानी मिली थी तो वहीं गंभीर को 100 मैचों के बाद ये अवसर प्राप्त हुआ था। राहुल द्रविड़ ने 138 मैचों के बाद वनडे में टीम इंडिया की अगुआई की थी तो सौरव गांगुली ने 111 मैचों के बाद भारतीय वनडे टीम की कमान संभाली थी। ।भारतीय कप्तान बनने से पहले सबसे ज्यादा वनडे मैच खेलने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट-।217 - अनिल कुंबले।171 - रोहित शर्मा।142 - शिखर धवन।138 - राहुल द्रविड़।129 - अजय जडेजा।119 - सचिन तेंदुलकर।111 - सौरव गांगुली।111 - के श्रीकांत।104 - विराट कोहली।100 - गौतम गंभीर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b62e9d387cb95f2be82bf170ed992c53343aa9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69471.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब के दो लाख 85 हजार खेत मजदूरों और भूमिहीन किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा करके राज्य सरकार ने एक और चुनावी कदम ही उठाया है। इससे पहले सरकार ने 5.64 लाख किसानों का 4,624 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। इनमें अधिकतम सीमा दो लाख रुपये तक थी। इस बार क्योंकि कर्जमाफी भूमिहीन किसानों और खेत मजदूरों की है तो जाहिर है कि यह कम कर्ज लेने वाले लोग हैं इसलिए इनके बीस हजार रुपये तक के कर्ज माफ होंगे। वह कर्ज जो इन्होंने सहकारी समितियों वगैरह से ले रखे हैं। इस तरह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने एक चुनावी वादे को पूरा करने की कोशिश की है। + +कांग्रेस के अंतर्कलह को दूर करने के लिए पार्टी हाईकमान की ओर से गठित कमेटी ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को 18 सूत्रीय एजेंडे पर चुनाव से पहले काम करने को कहा था। इनमें 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने के साथ ही पूर्व सरकार के समय में हुए बिजली समझौतों को रद करने के अलावा छोटे किसानों और खेत मजदूरों की कर्ज माफी का विषय भी था जिसे सरकार ने पूरा करके किसानों की हमदर्द होने का संदेश देने की कोशिश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69472.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69472.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d13aad2ed46c6b7a1ac9542a961a0d0fc7641e2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69472.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +(अमित तिवारी) मेरठ। यह पहला मौका है जब भारतीय महिला हाकी टीम ने लगातार दूसरे ओलिंपिक में क्वालीफाई किया है। टीम में शामिल कई खिलाड़ियों के पास रियो ओलिंपिक का अनुभव भी है। फारवर्ड खिलाड़ी मेरठ की वंदना कटारिया भी उनमें से एक हैं। विशेषज्ञों को मानना है कि वंदना का अनुभव टीम में शामिल युवा खिलाड़ियों में जोश भरेगा और भारतीय टीम मेडल लेकर लौटेगी। वंदना का कहना है कि टीम टोक्यो में इतिहास रचने के लिए तैयार है। + +दिल के बेहद करीब रहा है जर्मनी का प्रदर्शन। जर्मनी में 2013 में हुए जूनियर विश्व कप में भारतीय टीम को कांस्य पदक दिलाने में वंदना की अहम भूमिका थी। वंदना ने टूर्नामेंट के चार मैचों में पांच गोल दागकर अपनी काबिलियत साबित की थी। वंदना हमेशा कहती हैं कि उस जीत के बाद जब उनके पिता मीडिया के सामने खड़े हुए तो उनकी आंखों से आंसू बंद ही नहीं हो रहे थे। पिता की आंखों में खुशी के आंसू थे। ऐसा इसलिए क्योंकि परिवार में एकमात्र पिता नाहर सिंह ही थे जो वंदना के हाकी खेलने के पक्ष में थे। परिवार से छिपाकर लखनऊ हास्टल में प्रवेश दिलाने ले गए थे। करीब दो महीने पहले पिता के गुजर जाने से वंदना बेहद आहत हैं लेकिन उनमें पिता के सपने को पूरा करने का जज्बा अभी बाकी है। माता रोहण देवी सहित पूरा परिवार उन्हें इस सपने को पूरा करने को प्रेरित करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4efaff3b17e47e27e73c5a39175accb10498867d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। इंद्रपुरी जेजे कालोनी में अगर घूम गुजर रहे हैं और अगर आपको घरों के बाहर नील से भरी बोतलें गेट और दीवारों पर बंधी दिखें तो चौंकिये मत। दरअसल कालोनी के लोग कुत्तों द्वारा घरों के बाहर की जाने वाली गंदगी से बचने के लिए ये अनोखा तरीका अपना रहे हैं। लोगों का दावा है कि उनका ये तरीका इतना सफल हो रहा है कि अब कुत्ते घरों के बाहर गंदगी नहीं कर रहे हैं। हालांकि जब इस मामले में विशेषज्ञों से जानकारी ली गई तो उनका कहना है कि ये कोई प्रमाणित तरीका नहीं है, लेकिन इस पर संबंधित विभागों को शोध करने की जरूरत है, जिसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d12c0d0aae6e666ba177649159d16f037faf0d2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: फेरों से पहले दुल्हन ने शादी से किया इन्कार, कहा- काले लड़के के साथ नहीं रचाना ब्याह।प्रेमी ने बना रखे हैं कई आपत्तिजनक वीडियो: महिला ने बताया कि जिस युवक के लिए वह अपने पति का घर छोड़कर आ गई, वही उसकी जिंदगी तबाह  करने को आतुर है। प्रेम में युवक ने जो कहा महिला हर बात स्वीकार करती गई। महिला ने बताया कि युवक ने उसके कई आपत्तिजनक वीडियो भी बना लिए हैं। उसका प्रेमी वही वीडियो उसके खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करता है। जब भी वह शादी करने का दबाव बनाती और संबंध बनाने से इन्कार करती है तो वह वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल करने की धमकी देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69492.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69492.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..418e607407fffcfe3e91b686f48ed5549f7bef02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69492.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विवेक ओझा। एक ऐसे समय में जब तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के भूक्षेत्र के 85 प्रतिशत हिस्से पर अपने नियंत्रण का दावा किया जा रहा है, तब यह बात साफ हो गई है कि तालिबान जल्द से जल्द अफगानिस्तान में इस्लामिक शासन तंत्र की स्थापना के लिए आमादा है। ऐसे में भारत का चिंतित होना स्वाभाविक है। भारतीय नेतृत्व को दिख रहा है कि एक नॉन स्टेट एक्टर (आतंकी संगठन) स्टेट एक्टर बनने की कोशिश कर रहा है। + +तालिबान चाहता है कि वह अफगानिस्तान में 1996 से 2001 के दौर जैसा ही शासन करे और उसे दुनिया के देशों से अंतरराष्ट्रीय मान्यता और पहचान मिले ताकि वह अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार और उसके सैनिकों को एक झटके में उखाड़ फेंक अपने हिसाब से वहां का शासन चलाए। लेकिन भारत ने हाल ही में दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों के कांटैक्ट ग्रुप की बैठक में तालिबान पर अपना मत स्पष्ट किया है। इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा है कि भारत सहित दुनिया भर के देश हिंसा और बल प्रयोग के आधार पर किसी के द्वारा सत्ता पर कब्जे के विरुद्ध हैं और ऐसी गतिविधियां वैध नहीं हैं। + +भारत ने दुशांबे में एससीओ की मीटिंग में इस बात को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि काबुल के पड़ोसी आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खतरे का सामना न करें। भारत का पक्ष अभी भी यही है कि एक स्वतंत्र, तटस्थ, एकीकृत, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध अफगानिस्तान का निर्माण प्राथमिकता के तौर पर होना चाहिए। जिस तरह से पिछले कुछ माह में तालिबान की आक्रामकता अपने इस्लामिक एजेंडे को लेकर बढ़ी है, उससे भारत समेत दुनिया के कई देश चिंतित हो गए हैं। जो भी देश तालिबान के मंसूबों से आशंकाओं से भर उठे हैं, उन्हें ईरान और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में तालिबान के नियंत्रण क्षेत्रों से चिंता महसूस हो रही है। तालिबान ने ईरान और अफगानिस्तान बार्डर पर इस्लाम कलां हो या तुर्कमेनिस्तान अफगानिस्तान सीमा पर स्थित तोरघुंडी जिला हो, अफगानिस्तान का ताखर या हेरात हो, सभी को अपने कब्जे में कर लिया है। इस्लाम कलां सीमा चौकी ईरान और अफगानिस्तान के बीच होने वाले व्यापार का केंद्र भी है। यहां से अफगान सरकार को हर माह लगभग दो करोड़ डॉलर का राजस्व मिलता है, तोरघुंडी भी इसी तरह तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार की अहम कड़ी है। ताजिकिस्तान अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इस इलाके में भी तालिबान का प्रभाव बढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83894a68e69812da7036989428eaf38a2ec68658 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा की गई रिसर्च के आधार पर भारत में कोविड-19 लाकडाउन के दौरान सामने आए सांप और मानिटर लिजार्ड का साल 2018, 2019 और 2020 का प्रारंभिक मूल्यांकन किया गया। जिसमें पता चला कि 2020 में संस्था ने सबसे ज्यादा सांप रेस्क्यू किए। 2018 में कुल 339 सांप,2019 में 408 सांप रेस्क्यू किए गए। वहीं 2020 में ये आंकड़ा बढ़ कर 564 तक पहुंच गया। इन सभी रेस्क्यू किए सांपों में सबसे ज्यादा इंडियन रैट स्नेक (धामन), इंडियन राक पाइथन (अजगर), कामन वुल्फ स्नेक, कोबरा (नाग), कामन क्रेट और चेक्कर्ड कीलबैक (पानी वाला सांप) शामिल है। जानकारी के मुताबिक लाकडाउन में लोग अपने घरों में थे, उस समय जंगली जानवरों ने सबसे ज्यादा माइग्रेशन किया। जानवर अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों या आबादी वाले क्षेत्रों में आ गए। यही वजह है कि पिछले साल सबसे ज्यादा सांप रेस्क्यू किए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef4c2aff74461db029f49d48ad1008f48128fae9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानकारी के अनुसार पार्टी हाईकमान ने इन नामों की घोषणा से पहले कैप्टन को विश्वास में लेने का फैसला किया है। आमतौर पर कांग्रेस की यह रीति नहीं है चूंकि सिद्धू को प्रधान बनाने का कैप्टन ने विरोध किया था और वह पार्टी के कद्दावर नेता है। इसलिए पार्टी कैप्टन को पहले विश्वास में लेगी उसके बाद ही अधिकारिक रूप से नई कमेटी की घोषणा करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b160a86f814186d1ebeee7339afbeade052010fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। नेपाल में सत्ता परिवर्तन और नए प्रधानमंत्री के रूप में शेर बहादुर देउबा के कमान संभालने के बाद सीमा के दोनों तरफ लोगों में सकारात्मक संदेश गया है। संबंधों में प्रगाढ़ता की उम्मीद जगी है। भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। भारतीय बेटियों की शादी नेपाल में हुई है तो नेपाली बेटियां भी भारत में ब्याही हैं। बात चाहे बिहार से लगती सीमा की हो या फिर उत्तराखंड के भारत-नेपाल बार्डर की, केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री रहते तनाव का माहौल बन गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2372b56c3b10258427301ac9afb824a152e1476 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दया का नहीं कोई मोल : अगर हम कहते हैं कि पैसा तो हमारे पास है ही नहीं, दूसरों की मदद कैसे करें? तो हम गलत हैं। हम दान का चेक किसी एनजीओ में भेज देंगे तो एक या दो दिन खुश रहेंगे लेकिन अगर हम खुद सीधे किसी की मदद करेंगे तो उसके चेहरे की मुस्कुराहट हमें ज्यादा खुश करेगी। उनको पैसे नहीं चाहिए, हमारा समय, हमारा सहारा चाहिए। अगर आपके पास समय है तो उसे लोगों के हित में लगाइए। आप सुबह उठकर सोचते हैं कि आज एक भलाई का काम जरूर करूंगा तो इससे आप खुश रहेंगे। हमें बस यह सोचना है कि हम कैसे दूसरों के प्रति दया की भावना जगा सकते हैं। आधुनिक समाज में इस बात को समझ नहीं पा रहे। जब हम किसी के लिए काम करते हैं तो उसका फायदा उससे ज्यादा हमें होता है। यह मानव मनोविज्ञान है। इस महामारी ने बता दिया कि आप गरीब हैं, अमीर हैं, सफल हैं, असफल हैं, लेकिन महामारी के सामने सब बराबर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb7d28089032da098d022ccad3076517f0ee2610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निरीक्षण के दौरान पीएम ने पूछा कि कोरोना के दौरान किस तरह से उन्हें ट्रीटमेंट दिया जाएगा। जवाब में डा. अग्रवाल ने बताया कि अगर मां की हालत गंभीर है तो अस्पताल के होल्डिंग एरिया में रैपिड एंटीजन कराकर तत्काल इलाज की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें मदर केयर यूनिट और एनआइसीयू में शिफ्ट करने की व्यवस्था है। यदि कोविड रिपोर्ट पाजिटिव है तो उनकी व्यवस्था अलग से की गई है। इसके बाद प्रधानमंत्री वार्ड के ट्रायज एरिया की ओर बढ़े तो पीडियाट्रिक्स के ही डा. अंकुर सिंह से बातचीत कर वेंटिलेटर बेड के बारे में जानकारी ली। उन्होंने यह भी पूछा कि आप सभी लोगों वेंटिलेटर को ट्रेनिंग मिली है, तो डा. अंकुर ने बताया कि सभी स्टाफ वेंटिलेटर संचालन में काफी कुशल और प्रशिक्षित हैं। डा.अंकुर ने प्रधानमंत्री को बताया कि वार्ड में लगे इंटीग्रेटेड बेड से मां के परिवार को काफी सुविधाएं मिलेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0d8b65d3f16ef8dfab952b81e6034a17c995a1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69500.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को सात वर्षों से लगातार हर दौरे में तमाम सौगातें दे चुके हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री का 27 वां दौरा था। इस दौरान पीएम ने काशी को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है। इसमें शिलान्‍यास और लोकार्पण दोनों ही आयोजन शामिल थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराणों से भी पुरानी मानी जाने वाली नगरी को आधुनिक तेवर और कलेवर देकर काशी को क्‍योटो सरीखा बनाने की अपनी प्रतिबद्धता लगातार दोहराई है। दस बिंदुओं में जानिए कि गुरुवार को पीएम में आखिर क्‍या रहा खास- ।1- रुद्राक्ष से भव्‍य हुई काशी : पीएम ने बताया कि जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के समय यह परियोजना 12 दिसंबर 2015 को शुरू हुई और अब जनता को समर्पित है। पीएम ने बताया कि पुराणों में कहा गया है कि सबके हित के लिए सबके कल्‍याण के लिए आंसुओं से गिरा रुद्राक्ष है, उनकी अंश्रुबूंंद मानव प्रेम का प्रतीक है। रुद्राक्ष भी दुनिया को आपसी प्रेम कला संंस्‍कृति से जोड़ने का काम करेगा। काशी सबसे पुराना शहर है। सीर से सारनाथ ने सबकुछ संजोकर रखा है। ठुमरी, दादरा, ख्‍याल, कजरी, चैती जैसी बनारस की चर्चित विख्‍यात गायन शैलियां सारंगी पखावज शहनाई हो बनारस के रोम रोम से गीत संगीत कला झरती है। घाटों पर कलाएं विकसित हुईं। बनारस गीत संगीत और धर्म आध्‍यात्म विज्ञान का केंद्र है। कल्‍चरल इवेंट के लिए बनारस आइडियल लोकेशन है। लोग देश विदेश से आना चाहते हैं। सुविधा मिले तो कला जगत के लोग बनारस को प्राथमिकता देंगे। रुद्राक्ष इन्‍हीें को साकार करेगा और केंद्र बनेगा। + +2- काशी की कला को मिलेगा मंच : पीएम ने बताया कि इस सेंटर में 1200 लोगों के बैठने की सुविधा है, पार्किंग और दिव्‍यांगों के लिए सुविधा है। हैंडीक्राफ्ट और शिल्‍प को पहचान मिल रही है। कारोबारी गतिविधि भी बढ़ रही है। इसका उपयोग बिजनेस में किया जा सकता है। काशी का पूरा क्षेत्र साक्षात शिव हैं। सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है तो बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था। अब रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है तो शोभा बढ़ेगी। इसका पूरा उपयोग करना है। सांस्‍कृतिक सौंदर्य प्रतिभा को इससे जोड़ना है। भारत जापान को भी इससे मजबूती मिलेगी। महादेव के आशीर्वाद से काशी की पहचान यह केंद्र बनेगा। । 3- जापान का कीमती सहयोग : पीएम ने गुजरात में जापान की दो परियोजनाएं गार्डन और एकाडमी के पूरा होने के साथ ही हाईस्‍पीड रेल कारीडोर के साथ ही रुद्राक्ष के पूरा होने और रेलवे सहित तमाम सांस्‍कृति संबंधों का हवाला देकर जापान के सहयोग को याद किया। वहीं नई दिल्‍ली कोलकाता हाई स्‍पीड रेल कारीडोर का सर्वे भी चल रहा है उम्‍मीद है कि इसमें भी जापानी तकनीक की ट्रेन शिंकानशेन का ही प्रयोग किया जाए। पीएम ने इनपर कहा भी कि भविष्‍य की संभावनाओं का यह स्रोत है। अपने पन पर जापान से ऐसे ही सांस्‍कृतिक संबंध की रूपरेखा खींची थी। विकास के साथ दोनों देशों के रिश्‍तों में मिठास का अध्‍याय लिखा जा रहा है। + +4- बनारसी पने और आधुनिकता को सराहा : काशी के प्रबुद्ध जनों को पीएम ने संबोधित किया। बताया कि लंबे समय बाद आपके बीच आने का मौका मिला है। बनारस का मिजाज ऐसा है कि अरसा भले लंबा हो जाए लेकिन शहर मौका मिलने पर एक साथ रस भरकर दे देता है। काशी ने बुलाया तो एक साथ विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। महादेव के आशीर्वाद से काशीवासियों ने विकास की गंगा बहा दी है। सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास हुआ है। काशी का वैभव आधुनिक स्‍वरुप के अस्‍तित्‍व में आ रहा है। काशी के हर जन को उपलब्धियों पर पीएम ने जी भर कर बधाई दी। पीएम ने कहा कि बाबा की नगरी थमती और रुकती नहीं है। ...और इस स्‍वभाव को सिद्ध भी किया है। कोरोना में दुनिया ठहर गई तो काशी संयमित हुई अनुशासित हुई लेकिन स्रजन और विकास की धारा बहती रही। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी रचनात्‍मकता और गतिशीलता का परिणाम है। वहीं जापान के राजदूत और प्रतिनिधि मंडल के सारनाथ में दौरे की वजह से बुद्ध की धरती से भी जापान का जुड़ाव रुद्राक्ष के माध्‍यम से होने से जापानी लोगों के काशी आने की संभावनाएं भी बलवती हो रही हैं।  ।5- स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर जोर : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्‍सा और स्‍वास्‍थ्‍य की तैयारियों को लेकर आधुनिक मशीनों, लैब, आक्‍सीजन, बेड की उपलब्‍धता और कोरोना की दवाओं पर शोध को लेकर विशेषज्ञों से उनके अनुभवों पर बात कर तैयारियों की सराहना की। कोरोना की तीसरी लहर में बच्‍चों के लिए चल रही विशेष तैयारियों से भी पीएम इस दौरान अवगत हुए। वहीं मातृ शिशु स्‍वास्‍थ्‍य को समर्पित एमसीएच विंग की आधुनिक सुविधाओं का भी उन्‍होंने निरीक्षण किया। यहां पर सौ बेड का विशेष विंग महिला और शिशु स्‍वास्‍थ्‍य पर आधारित निर्मित किया गया है। इसी प्रकार का जिला अस्‍पताल में भी 50 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। इस प्रकार जिले में कुल 150 नए महिला-शिशु स्‍वास्‍थ्‍य पर आधारित बेड आधुनिक सुविधाओं के साथ सेवा देने के लिए तैयार हैं। वहीं पीएम ने इसे पूर्वांचल और पड़ोसी राज्‍यों के लिए चिकित्‍सा का हब बताकर काशी में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की महत्‍ता पर भी प्रकाश डाला।कोरोना काल में प्रदेश ने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है कि यूपी में हालत संंभलने लगा है। यूपी में सबसे अधिक टेस्टिंग हो रही है। यूपी पूरे देश में सबसे अधिक वैक्‍सीनेशन का राज्‍य है। सबको मुफ्त वैक्‍सीन मिल रही है। गरीब किसान नौजवान को फ्री वैक्‍सीन लगाई जा रही है। मेडकिल कालेज चार गुना हो चुका है। संंसाधनों में तेजी से इजाफा हो रहा है। बनारस में ही चौदह आक्‍सीजन प्‍लांट का लोकार्पण हुआ है। बच्‍चों के लिए विशेष आक्‍सीजन और आइसीयू विकसित करने का बीड़ा यूपी सरकार ने उठाया है। कोरोना की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का विशेष पैकेज घोषित किया है। ।6- काशी से पूर्वांचल की सुगम राह : सड़कों के जाल और पंचक्रोशी मार्ग सुधार से गांवों की स्थिति और पूर्वांचल में भी सुधार आएगा। गोदौलिया में मल्‍टीलेवर पार्किंग से किचकिच कम होगी। लहरतारा से चौकाघाट तक राहत मिलेगी। जन सुविधाओं का काम पूरा हो जाएगा। यूपी के किसी भी परिवार को परेशान नहीं होना पड़े इसलिए हर घर जल अभियान पर काम हो रहा है। रो रो सेवा और क्रूज बोट का संचालन होने से नदी के रास्‍ते भी काशी जुड़ी है और इससे पर्यटन में इजाफा होगा और नाविक साथियों को लाभ मिलेगा। डीजल से नावें सीएनसी में हो रही हैं। पर्यावरण और पर्यटन में लाभ होगा खर्च भी कम होगा। ।7- सुरक्षा की मजबूत कड़‍ियां : पीएम ने कहा कि सीसीटीवी सर्विलांस सिस्‍टम से अपराध पर निगरानी संभव हुई है। यूपी में माफ‍िया और आतंकवाद पर अब कानून का शिकंजा है। बहन बेटियों की सुरक्षा को लेकर मां बाप चिंता में थे वह हालात बदल गया है। बहन बेटियों पर आंख उठाने वाले कानून से बच नहीं पा रहे हैं। यूपी में सरकार आज भ्रष्‍टाचार और भाई भतीजावाद से नहीं विकास वाद से चल रहा है। आज अपराध में कमी का यूपी को लाभ मिल रहा है। अपराध में कमी आने से कारोबार में गति आई है और आखिरकार इसका लाभ लाभ जनता को मिल रहा है। ।8- रोजगार में इजाफा : पीएम ने कहा कि पुरातन वैभव की समृद्धि ज्ञान की गंगा से जुड़ी है। काशी के ज्ञान विज्ञान में विकास निरंतर जरूरी है। आधुनिक शिक्षा केंद्र युवाओं के लिए काशी की भूमिका को और मजबूत करेंगे। सीपैट सेंटर के लिए बधाई देता हूं। दुनिया के बड़े निवेशक आत्‍मनिर्भर भारत के महायज्ञ से जुड़ रहे हैं। यूपी इसमें अग्रणी होकर उभर रहा है। पहले यूपी में कारोबार मुश्किल था, आज मेक इन इंडिया में यूपी की भूमिका बढ़ी है। सड़क, रेल और हाइवे संपर्क में सुधार से जीवन आसान हो रहा है। कारोबार में भी इससे सहूलियत मिली है। यूपी को चौड़ी और आधुनिक सड़कों का काम तेजी से चल रहा है। डिफेंस कारीडोर, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, लिंक या गंगा एक्‍सप्रेस हो इससे यूपी के विकास को बुलंदी मिलेगी। इन पर गाड़‍ियां ही नहीं इनके इर्द गिर्द आत्‍मनिर्भर भारत के लिए औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भी बढ़ेंगे। इससे युवाओं को रोजगार का भी अवसर खूब मिलेगा। ।9- कृषि को ऊंची उड़ान : पीएम ने कहा कि कृषि आधारित उद्याेगोंं की भूमिका भी अब पूर्वांचल में बढ़ेगी। मंडियों को समृद्ध और विकल्‍प देना सरकार की प्राथमिकता है। कृषि से जुड़े कारोबार को लेकर काम लगातार चल रहा है। वाराणसी पूर्वांचल पेरिशेबल कार्गो सेंटर, राइस सेंटर, पैकेजिंग सब किसानों को लाभ मिल रहा है। बनारसी लंगड़ा यूरोप से खाड़ी तक मिठास फैला रहा है। क्षेत्र को एग्रो हब बनने में मदद मिलेगी। काशी में फल सब्‍जी निर्यात से सभी को लाभ मिलेगा। विकास कार्यों की लिस्‍ट लंबी है जल्‍दी खत्‍म नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41c67bf84031afab2bbae71758db20ca7026e7e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अधिक से अधिक नमूनों की जांच के आदेश।हालांकि, स्वास्थ्य विभाग को अधिक से अधिक नमूनों की जांच के भी आदेश दिए गए थे। ऐसे में सभीअफसरों की नजर इसी समय सीमा पर थी। बुधवार को भी जिले में कोई भी संक्रमित नहीं मिला। इसी के साथ सीएम की तरफ से की गई घोषणा का भी समय पूरा हो गया है। अब संभावना जताई जा रही है कि अलीगढ़ को जल्द ही पुरस्कार मिल सकता है। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि यह पूरे जिले के सहयोग के चलते हो पाया है। लगातार 12वें दिन भी जिले में कोई संक्रमित नहीं मिला है। हालांकि, मेरी जिले के सभी लोगों से अपील है कि अनिवार्य रूप से मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी का प्रयोग करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50b91f456f394009e27e0367c4c15196e491a2a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69502.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी, मुकेश मेहरा। जीवन में कुछ करने की ठानी हो तो राह कोई कठिन नहीं होती। सरकाघाट के अप्पर बरोट निवासी अजय कुमार ने यह साबित किया है। मल्टीनेशनल कंपनी वीडियोकॉन में कस्टमर सर्विस एग्जिक्यूटिव की नौकरी छोड़ कर घर पर शुरू किए मशरूम के काम ने आज उनको नई पहचान दिलाई है। 30 वर्षीय अजय ने ओएस्टर मशरूम तैयार कर जहां महीने में 50 हजार रुपये तक घर पर ही कमा रहे हैं, वहीं गांव के चार से पांच बेरोजगारों को भी इसका प्रशिक्षण देकर उनको रोजगार से जोड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..878584ea7beba149b632c85e69bd6a09973c6267 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69504.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रायबरेली, [अजय सि‍ंह]। कभी कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग रही अमेठी फतह करने के बाद भाजपा की तुलसी (केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी) दबे पांव रायबरेली में जड़ें जमा रहीं। वे हर मोर्चे पर यहां कांग्रेस की घेराबंदी करने में जुटी हैं। वे एक बार फिर कांग्रेस और इसकी मुखिया सोनिया गांधी पर भारी पड़ीं। उन्हें जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) अध्यक्ष बना दिया गया। कांग्रेस पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ में शुमार अमेठी में पहली बार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कदम रखा तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि सफल हो पाएंगी। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में वे पहली बार जनता के बीच गईं। नतीजा उनके पक्ष में नहीं आया। इसके बावजूद हार नहीं मानी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a653582c2db8c06844fcd975387df670fd810b74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69507.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अब देश में लोकतंत्र का हवाला दे रहे हैं। साथ ही ये भी कह रहे हैं कि लोकतांत्रिक देश में सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है लेकिन जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने अपने ट्विटर एकाउंट से ये दो लाइनें ट्वीट की हैं। उन्होंने लिखा है कि लोकतांत्रिक देश में सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है, लेकिन जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। लोगों का कहना है कि राकेश टिकैत ने यूपी गेट पर लाखों लोगों का रास्ता रोक रखा है, उनको वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ रहा है वो किस लोकतंत्र के तहत यहां रास्ता जाम किए हुए हैं। लोकतंत्र अपनी बात कहने की पूरी आजादी देता है मगर दूसरों को परेशान करने की नहीं। सात माह से लोग परेशानी झेल रहे हैं। वो किस तरह के लोकतंत्र की बात कह रहे हैं। + +लोकतांत्रिक देश में सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है, लेकिन जब तक सरकार मांगे पूरी नहीं करेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा .। #FarmersProtest।भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना जारी रहेगा। कृषि कानूनों को खत्म किए जाने के मुद्दे पर केंद्र बातचीत को तैयार नहीं है। इस वजह से इस बार जब संसद का मानसून सत्र शुरू होगा तो किसानों का एक दल 22 जुलाई को दिल्ली जाएंगा और वो संसद के बाहर धरना देकर बैठेगा। संसद के बाहर विरोध दर्ज कराने के लिए रोजाना 200 किसान वहां जाएंगे। किसानों से अपील की गई है कि वो 200 की संख्या में संसद तक विरोध दर्ज कराने के लिए तैयारी कर लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b7bb9171c4227f0ca7fcc497118d6fbbfa25139 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिल रहा योजनाओं का लाभ : जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद का कहना है कि रामपुर में अल्पसंख्यक आबादी 52 फीसद है। इसी कारण केंद्र सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ रामपुर को मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री नकवी भी रामपुर के विकास पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्हीं के प्रयास से रामपुर में 92 करोड़ की लागत से सांस्कृतिक सद्भाव मंडप बनने जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार धनराशि भी दे चुकी है। ।यह भी पढ़ें :-।Terrorists in UP : आतंक की राह पर न‍िकल रहे मुरादाबाद मंडल के युवक, खुफ‍िया एजेंस‍ियों की उड़ी नींद।Cartridge Scam : यूपी के चर्चित कारतूस घोटाले में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल तलब, 30 को होगी सुनवाई।युवक ने शादी करने के ल‍िए ल‍िया बड़ा फैसला, बहकावे में आकर क‍िया मतांतरण, 13 साल बाद भी है अकेला।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69509.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35b8694bb5784cdb209997fe5aed0b1ad05e39ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे दोनों बाते भी हो सकती हैं, क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि मनीष ग्रोवर को घेरने के पीछे एक निर्दलीय विधायक की साजिश है। वह विधायक भी कभी भाजपा के कार्यकर्ता होते थे। उनका काफी प्रभाव भी था और भाजपा के एक बड़े नेता को उनको वरदहस्त भी था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। टिकट उनके प्रतिस्पर्धी को मिल गया, हालांकि वह हार गया और निर्दलीय लड़े नेता जी जीत गए। उन्होंने भाजपा सरकार को समर्थन देने के बदले कैबिनेट में मंत्री पद की भी मांग की। नहीं मिला। शायद संचुक्त मोर्चे को यह बात भी पता चल चुकी हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb85345fcbf39090469e81a10a1f9dc6aab92d78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69510.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +संजय मिश्र। कोरोना संकट ने मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। सरकार के पास विकास एवं कल्याण के बड़े कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए धन नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कह चुके हैं कि सरकार का खजाना खाली है, लेकिन वह कोई भी जरूरी काम रुकने नहीं देंगे। वह बार-बार दोहरा रहे हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जरूरी राशि जुटाई जाएगी और कोई अन्य काम भी ठप नहीं होने पाएगा। विपक्ष सवाल उठा रहा है कि जब खजाने में धन ही नहीं है तो विकास एवं कल्याण के कार्यक्रम संचालित होंगे तो कैसे?।दरअसल, कोरोना संकट की वजह से राज्य में राजस्व संग्रह प्रभावित हुआ है, जिसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। यही वजह है कि सरकार सिर्फ उन्हीं कामों को आगे बढ़ा रही है जो बेहद जरूरी हैं और जो अर्थव्यवस्था को गति देने वाले हैं। चाहे किसानों के खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत दो-दो हजार रुपये जमा करना हो या फिर पथ विक्रेताओं को एक-एक हजार रुपये की आíथक सहायता देनी हो, सरकार ने इसके लिए जरूरी धनराशि का इंतजाम किया है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी प्रबंध किए गए हैं। ऑक्सीजन, रेमडेसिविर सहित चिकित्सा संबंधी व्यवस्था को सरकार ने प्रभावित नहीं होने दिया है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उपायों पर अब भी काम चल रहा है। लोक कल्याण के जरूरी कार्यो की गति भी सरकार बनाए रखना चाहती है, लेकिन यह सच है कि इसके लिए बड़े और कड़े निर्णय की जरूरत पड़ेगी। + +राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस समय राजस्व संग्रह बढ़ाना बेहद जरूरी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री लगातार मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर अतिरिक्त आय के उपायों पर जोर देने के लिए कह रहे हैं। प्रदेश पर ढाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो चुका है। कोरोना संकट को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार ने करीब 55 हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया था। केंद्र सरकार ने विषम परिस्थितियों को देखते हुए राज्य को सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में दो फीसद अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति दी थी। इसमें करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये बिना शर्त ऋण लेने की अनुमति मिली थी। शेष ऋण के लिए शर्तो को पूरा करना था, जिसे सरकार ने सबसे पहले पूरा किया है। इसमें ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ शुरू करने, बिजली वितरण व्यवस्था में सुधार आदि शामिल हैं। + +सरकार ने अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए ऐसी अनुपयोगी परिसंपत्तियों को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की है जिन पर अतिक्रमण है और सरकार को कोई राजस्व नहीं मिल रहा है। इसके तहत सड़क परिवहन निगम, राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक सहित कई विभागों की परिसंपत्तियों को नीलाम करने की कार्रवाई की जा रही है। लोक निर्माण विभाग करीब 500 करोड़ रुपये का प्रबंध अपने स्तर से कर रहा है। + +सरकार ने तय किया है कि विकास की गति सुधारने के लिए आíथक गतिविधियों को तेजी के साथ आगे बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री लगातार उन विभागों की समीक्षाएं कर रहे हैं जिनसे राजस्व प्राप्त होता है। राजस्व देने वाले विभागों की व्यवस्थाओं में सुधार करके आíथक गतिविधियों को बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। खनिज, आबकारी, वाणिज्यिक कर, ऊर्जा सहित कई विभागों में सुधार की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। आबकारी में कर चोरी को रोकने के लिए भी 2021-22 की नीति में प्रविधान किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..172ea4b9932cbf9b43094cae4c88e9286fd421a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश का आपदा प्रबंधन प्रस्ताव इतना प्रभावशाली था कि एक समय अन्य राज्यों से कहा गया था कि इससे सीख लें, इसे अपने यहां भी लागू करें। अब भी है जो बादल फटने, भूस्खलन होने और बर्फ को हटाने में दिखता है, लेकिन जब तक पूर्व आपदा प्रबंधन स्कूली पाठ्यक्रम के विषय के रूप में बचपन से नई पौध को नहीं समझाया जाएगा, तब तक कोई अपेक्षा करना बेमानी है। खड्डों में उतर कर सेल्फी लेने वाले अब भी हैं, जबकि कुछ वर्ष पहले ही तेलंगाना के इंजीनियरिंग के विद्याíथयों का ब्यास नदी में बह जाना इतनी छोटी घटना भी नहीं थी। रावी, ब्यास, सतलुज और यमुना के किनारे से ऐसी कितनी सूचनाएं बरसात के मौसम में विचलित करती हैं, इसका सरकारी आंकड़ा भी होता है। लेकिन अब भी भीड़ देखी जा सकती है। एक सर्वेक्षण यह भी हो जाए कि कितने राजमार्ग कई कस्बों से जब गुजरते हैं तो नाराजमार्ग प्रतीत होते हैं। एक सर्वेक्षण यह भी हो कि कितने घरों की नींव के पत्थर पानी को रोक कर जमे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29f10a53e5566b18625e940e834000481c188ee3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पहुंचकर शुरू की शूटिंग की तैयारी। क्रिकेट में भी उन्होंने जिला और मंडल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया। जबकि उनके पिता मरहूम इलियास अहमद और नाना भी शूटिंग का शौक रखते थे। भाई नजम अहमद भी शूटिंग में नेशनल खिलाड़ी हैं। इसलिए शूटिंग की ओर भी रुझान बढ़ने लगा। उच्च शिक्षा के लिए नई दिल्ली पहुंचे तो शूटिंग की तैयारी शुरू कर दी। पहले राष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग में नाम रोशन किया। 2003 में आइएसएसएफ की ओर से इटली के लोनाटो में हुए अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में उतरे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69514.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c033e92dae7a0c8fcfb885f578a1548134ad6ea2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69514.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने चिकित्सा उपकरणों व दवाओं के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ने के दौरान जिले में 25 दिन गुजारे। तब जाकर पुलिस टीम को सफलता मिली है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि नालंदा जिले के मैरा गांव व उसके आसपास के इलाके के अधिकतर युवा आनलाइन ठगी की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। वे सब मंहगी गाडि़यों में घूमते हैं। गिरफ्तार किए गए नाबालिग सहित चार आरोपितों में आरोपित मनोज महतो में इलाके में आनलाइन ठगी का प्रशिक्षण देने के लिए मशहूर हैं। ।मनोज को मैरा गांव में गुरुजी कह कर बुलाया जाता है। अधिकारी ने बताया नालंदा के गिरोह पंश्चिम बंगाल के कोलकाता, झारखंड के जामताड़ा जिले के कुछ गिरोह से जुड़े हुए हैं। क्योंकि ठगों के पास कोलकाता में पंजीकृत सिम कार्ड व फर्जी बैंक खोते मिले हैं। हालांकि बैंक खाते कोलकाता के अलावा दिल्ली, जामताड़ा, राजस्थान आदि राज्यों में पंजीकृत होते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc908110bf8fbc45485e21d9c2f78304d9f0ab05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवाब खानदान की रामपुर में 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। लंबे समय से इसकी बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। 31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई। उन्हें बंटवारा दिसंबर 2020 तक करना था, लेकिन कोरोना की वजह से अदालतें लंबे समय तक बंद रहीं और बंटवारे की प्रक्रिया भी लटक गई। इसके बाद छह माह का समय और दिया गया। यह अवधि भी 30 जून को पूरी हो गई। गुरुवार को जिला जज की अदालत में फिर सुनवाई हुई। उन्होंने वकीलों के सामने पार्टीशन स्कीम पेश की। ‌ इस मामले में 11 पक्षकारों की वकालत कर रहे पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि पार्टीशन स्कीम 172 पेज की है। इसकी प्रमाणित कॉपी लेने के बाद पता लगेगा कि किसके हिस्से में कौन सी संपत्ति आई है। जिला जज ने इस पर आपत्ति पेश करने के लिए भी 15 दिन का समय दिया है। अगर किसी को कोई आपत्ति होगी तो वह इस अवधि में अदालत में अपनी बात रखेगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान की पत्नी मेहरून्निसा बेगम पक्षकार हैं। उनकी संपत्ति को भारत सरकार के सहायक शत्रु संपत्ति अभिरक्षक ने शत्रु संपत्ति बताते हुए कोर्ट में जो प्रार्थना पत्र दिया था, उस पर बाद में फैसला होगा। मेहरून्निसा बेगम के हिस्से में करीब 300 करोड़ की संपत्ति आ रही है। इस मुकदमे में उनकी मां भी पक्षकार थी, लेकिन उनकी मौत हो चुकी है। इसलिए मां के हिस्से की संपत्ति भी मेहरून्निसा बेगम के हिस्से में आ रही है । इन दिनों में वह अमेरिका में रह रही हैं। वह रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान की बेटी हैं। ।यह भी पढ़ें :-।Terrorists in UP : आतंक की राह पर न‍िकल रहे मुरादाबाद मंडल के युवक, खुफ‍िया एजेंस‍ियों की उड़ी नींद।Cartridge Scam : यूपी के चर्चित कारतूस घोटाले में एसटीएफ के हेड कांस्टेबल तलब, 30 को होगी सुनवाई।मुरादाबाद में 50 लाख रुपये के मुआवजे के लिए बना दी फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट, जांच में खुल गई पोल।युवक ने शादी करने के ल‍िए ल‍िया बड़ा फैसला, बहकावे में आकर क‍िया मतांतरण, 13 साल बाद भी है अकेला।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f24518f2a6a69aaf0cda7920690201af2d54ecb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डिलारी निवासी एक महिला बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी। उनकी ड्यूटी सियाली खद्दर गांव में लगी थी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में उन्होंने काम भी किया। चार मई को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पांच मई को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सामान्य मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग में भी कोई रिकार्ड नहीं था। पति मुरादाबाद ट्रैफिक पुलिस में होमगार्ड के पद पर काम करते हैं। 50 लाख रुपये के मुआवजे के लिए उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग में फाइल लगा दी। कोरोना रिपोर्ट की जांच के लिए सीएमओ कार्यालय को फाइल भेजी गई। अधिकारियों ने विद्यावती की जानकारी कोविन पोर्टल पर चेक की तो कोई नाम नहीं मिला। कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर 420 का मामला बताते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने फाइल रुकवा दी। शायद ये उत्तर प्रदेश का पहला मामला होगा। जिसमें मुआवजे के लिए फर्जी रिपोर्ट लगाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..091018776c8a95fa7a6418748282297b0f5d1a13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई लोगों का तर्क है कि बड़ी आबादी को टीका लगने के बाद यह महामारी फ्लू जैसी ही बनकर रह जाएगी, जिसमें कोई गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ेगा और लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं रह जाएगी। महामारी विज्ञानी और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के जो हाइड इस सोच को गलत मानते हैं। उनका कहना है कि ऐसी सोच को समझदारी नहीं कह सकते हैं। इस महामारी से लड़ाई केवल लक्षणों के सामान्य होने तक सीमित नहीं है। इसके और भी दुष्प्रभावों को समझना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6d5ae1f77b2495937bf5fa3cdf693ad7f1c14f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69527.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोटाें के नकली होने की भी रही चर्चा: पसेमा गांव में कुएं से नोट निकलने की बात सामने आई तो लोगों में नोटों के नकली होने की भी चर्चा होने लगी। अधिकांश लोगों ने इस खबर काे सत्य मानने से इन्कार कर दिया था, लेकिन बच्चे और युवा नोट देखने की होड़ में तुरंत दौड़ पड़े। हालांकि कई लड़कों ने कुएं में नोट और मोबाइल दिखने की पुष्टि की। ।नोट लूटने की मची होड़: जैसे ही कुएं में नोट होने की अफवाह उड़ी तो काफी लोग केवल उस दृश्य को देखने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन अधिकांश ऐसे लोग भी थे जो लभेड़ के फलों के गुच्छे में गोंद लगाकर नोटों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। इस कार्य में बड़े, बच्चे और बूढ़े भी शामिल थे। ।यह है पूरा मामला: भीतरगांव चौकी इंचार्ज विनोद मिश्रा के मुताबिक भीतरगांव ब्लाक के पसेमा गांव में शिव मंदिर के प्रांगण में एक कुआं बना हुआ है। चूंकि मंदिर और कुएं के प्रति लोगों में गहरी आस्था है इसलिए शादियों के समय में मंदिर के साथ कुआं भी पूजा जाता है जिसके चलते यहां रुपये डाले गए होंगे। वही रुपये कुछ लड़कों को दिखे होंगे, जिसे निकालने में लोग जुट गए। हालांकि पुलिस को मामले के बारे में जैसे ही सूचना मिली टीम तत्काल पहुंची और ग्रामीणजनों से पूछताछ भी की। लेकिन रुपये निकलने की बात किसी ने स्वीकार नहीं की। ।मामले पर इनकी भी सुनिए: ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..374a2b0f478a3f8d978a2990681c2d82b540f1f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69529.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना की पहली लहर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रंटलाइन वर्करों के सम्मान में थाली बजवाई तो कांग्रेस को यह बिल्कुल नागवार गुजरी। मोदी ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने की बात कही तो वह भी कांग्रेसियों के गले नहीं उतरी। विडंबना देखिए, अब कांग्रेसी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही फॉलो करते नजर आ रहे हैं। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों के विरोध में दिल्ली महिला कांग्रेस ने प्रदर्शन किया तो उन्होंने पीएम की ही रचनात्मकता का अनुसरण किया। एक जगह सड़क के बीच रसोई सजाकर पकौड़े तले तो दूसरी जगह थाली बजाकर अपनी बात कही। खुद की रचनात्मकता के तौर पर कांग्रेसियों ने बैलगाड़ी का वही फार्मूला दोहराया जो सालों से चला आ रहा है। मतलब, रचनात्मकता में भी नयापन नहीं और झंडा उठाए रहते हैं विरोध का। हालांकि एक साथ एक सौ से अधिक जगहों पर प्रदर्शन के लिए महिला कांग्रेस बधाई की भी पात्र है। + +नहीं छूट रही आदत। कांग्रेस में आपसी गुटबाजी और हर मुददे को लेकर आलाकमान को चिटठी लिखकर शिकायत करने की प्रवृत्ति अब नई पीढ़ी के नेताओं की भी आदत बनती जा रही है। फिर वह चाहे राष्ट्रीय स्तर पर हो या प्रदेश स्तर पर और चाहे युवा कांग्रेस के स्तर पर। हाल ही में दिल्ली युवा कांग्रेस के चुनाव संपन्न हुए तो यहां भी विरोध के स्वर उठने लगे। युवा कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर चुनाव में धांधली की बात कही है। कहीं विजयी पदाधिकारियों की उम्र पर सवाल उठाया गया है और कहीं वोट डालने वालों के वोटर आइ कार्ड न होने पर। भारतीय युवा कांग्रेस की भूमिका भी कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। चुनाव परिणाम घोषित हो जाने के बावजूद कार्रवाई और सुधार करने का आग्रह भी किया गया है। कांग्रेसियों की इस पुरानी आदत को बदलना जरूरी है। कई बार बदलाव अच्छा होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a2fe80e60743f7893786d62beac660d7c9c4f48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फेमस रैपर हनी सिंह के नाम एक बार विवद में आ गया है। इसबार उनका कोई गाना नहीं बल्कि उनकी पत्नी शालिनी तलवार ने उनपर मारपीट के आरोप लगाए हैं। हालांकि हनी सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। कभी किसी गाने को लेकर तो कभी अपने ड्रग्स की लत के चलते हनी सिंह सुर्खियों में छाए ही रहते हैं। कंट्रोवर्सी और हनी सिंह का चोली दामन का साथ है...।'मैं हूं बलत्का*…' पर मचा था बवाल।हनी सिंह के गाने के बारे में कहा जाता है कि वो महिला विरोधी होते हैं ऐसे में साल 2013 में हनी सिंह ने एक सॉन्ग लॉन्च किया 'मैं हूं बलत्का*…' इस पर मानो पूरे देश में भूचाल ही आ गया। इस गाने के बोल के चलते हनी सिंह पर कई जगह केस दर्ज किए गए। उन पर बैन और गिरफ्तारी की मांग भी की गई थीं। हालांकि बाद में हनी सिंह ने सफाई दी कि ऐसा कोई गाना उन्होंने बनाया ही नहीं। तब से हनी सिंह के नाम पर महिला संगठनों की त्यौरियां चढ़ जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60b087e3ec761634c85d1f21140403906e144dd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। Tokyo Olympics: ओलिंपिक में पहली बार मुक्केबाजी की सुपर हैवीवेट कैटेगरी में (91 किलोग्राम से अधिक) भारत ने पदक की दावेदारी पेश की है। बाक्सर सतीश कुमार यादव से देश को बहुत उम्मीद है। उन्होंने इससे पहले कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का परचम लहराया है। सतीश एशियाड और कामनवेल्थ में पदक जीतकर अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं। टोक्यो ओलिंपिक के लिए सतीश जमकर मेहनत कर रहे हैं। उनके स्वजन ने सतीश के पदक जीतने की पक्की उम्मीद जताई है। क्षेत्र के गांव पचौता के किसान किरनपाल यादव के पुत्र सतीश यादव 2008 में सेना की कुमायूं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। सतीश के बड़े भाई भी सेना में थे। बचपन से ही सतीश का लगाव कबड्डी एवं बाक्सिंग से रहा। सेना के बाक्सिंग शिविर के दौरान उनके सर्किल सीओ की नजर उन पर पड़ी और यहीं से उनका बाक्सिंग का सफर शुरू हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..484a1e4d304de1d791cfb85fde5fe01888af9072 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। अपराधियों के डर से अक्सर कोर्ट पहुंचने से पहले ही गवाह मुकर जाता है, ऐसे में कोर्ट भी सुबूत के अभाव में अपराधियों को सजा नहीं सुना पाती है। लेकिन राज्य सरकार के निर्देश पर अब पुलिस गवाहों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी। शासन ने इसके लिए साक्षी सुरक्षा योजना संचालित कर रहा है। इस योजना का लाभ देने के लिए डीआइजी शलभ माथुर ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत गवाहों की सुरक्षा के लिए पुलिस गनर प्रदान करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc74c203c26c7fafb5f196a382dbc140c4c8a3f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले साल कोरोना महामारी के कारण सावन और फाल्गुन मास की कांवड़ यात्रा रद होने पर शिवभक्तों निराशा हुई थी। लेकिन, इस बार कोरोना का प्रकोप थमा तो योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा को हरी झंडी दे दी है। इतना ही नहीं ब्रजघाट गंगानगरी में इस बार कांवडिय़ों की संख्या पिछले सारे रिकार्ड तोड़ने की आशंका जताई जा रही है। बताते हैं कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लगाई गई रोक नहीं हट पाई है तो फिर हरिद्वार और गौमुख से कांवड़ लाने वाले कई लाख शिवभक्तों में अधिकांश ब्रजघाट गंगा से कांवड़ भरकर ले जाने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त भी जिन लोगों ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर कांवड़ लाकर भगवान भोले का जलाभिषेक करने का संकल्प लिया हुआ है। उन्हें पिछले साल कांवड़ लाने का अवसर नहीं मिल पाया था। जिसे इस बार सावन माह में पूरा करने का मौका मिलने से शिवभक्तों की भीड़ उमडऩे के कयास लगाए जा रहे हैं। इसलिए इस बार की कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराना पुलिस प्रशासन के सामने चुनौती रहेगी। इतना ही नहीं इस बार कोरोना के नियमों पर खास ध्यान देने की कवायद चल रही है। यही वजह है कि इस बार सुरक्षा कर दृष्टि से कांवड़ यात्रा मार्गों पर कोरोना हेल्प डेस्क बनवाई जाएंगी। जिन पर पुलिस व स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे। वह कोरोना नियमों का पाठ भी बनाएंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी टीम गठित की जाएंगी। जो न सिर्फ शिव भक्तों के स्वास्थ्य की देखभाल करेगी बल्कि बीमार होने पर कोरोना जांच कर लक्षण भी देखेंगी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्य प्वांइटों पर टीमों को तैनात किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..add462343099147f61d43954d12bebf86df4aa6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69541.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोएडा प्राधिकरण ’नया नोएडा’ के रूप में विशेष निवेश क्षेत्र दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआइआर) विकसित करने जा रहा है, जिसका मास्टर प्लान जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) यानी सेटेलाइट आधारित तैयार किया जाएगा। इसके लिए स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) कई अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी। + +नोएडा प्राधिकरण चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर मोहम्मद इंतियाक अहमद ने बताया कि जीआइएस आधारित मास्टर प्लान-2041 का ड्राफ्ट दस माह में पूरा किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) नई दिल्ली को दी गई है। दादरी नोएडा गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र जिसमें बुलंदशहर के 60 और गौतमबुद्ध नगर के 20 यानी कुल 80 गांव की 20 हेक्टेयर जमीन लैंड पूल कर बनाया जाएगा। इस पूरे क्षेत्र को जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग सेक्टर डिवाइड किए जाएंगे। इन सेक्टरों में जल, सीवर लाइन, ग्रीन बेल्ट, पार्क, सड़क (मीटर के हिसाब से) व भूखंडों की इमेज सेटेलाइट के जरिये ली जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e1d42abefd6248a71fe307ed0e93c9b10c5ec76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब ज्यों-ज्यों विधानसभा चुनाव पास आ रहे हैं, मुफ्त बिजली पर सियासत तेज हो रही है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस ही नहीं, बल्कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के भी निशाने पर है। सभी ने उसके दिल्ली मॉडल की ‘असलियत’ बताने की कोशिश की है। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में बिजली की दरें ही नहीं, फिक्स चार्ज भी देश भर में सबसे ज्यादा है। उद्योगों के लिए भी बिजली दरें ज्यादा हैं और गांवों के लोगों को सस्ती या मुफ्त बिजली नहीं दी जाती। कांग्रेस सरकार आप के इस चुनावी पैंतरे का तो बाखूबी जवाब दे रही है, लेकिन बिजली संकट और निजी थर्मल प्लांटों को लेकर हुए समझौतों के मसले पर उसके पास कोई ठोस तर्क नहीं है। संकट ऐसा है जैसा करीब एक दशक पहले तक होता था। घंटों बिजली काटी जा रही है। विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस की सरकार ने पावर सरप्लस स्टेट को पावर क्राइसिस स्टेट बना दिया है। सरकार शायद इसी मुगालते में रही कि उसके पास सरप्लस बिजली है। अगर उसका ध्यान इस ओर गया ही नहीं कि हर साल करीब 900 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ती जा रही है और उत्पादन या बाहर के राज्यों से बिजली लेने की क्षमता बढ़ नहीं रही है तो इसे उसकी अदूरदर्शिता और कुप्रबंधन ही कहा जाएगा। दूसरी ओर सरकार ने कई प्लांटों को बंद कर दिया। इससे बिजली उत्पादन में 25 फीसद की कमी आ गई। नतीजा बिजली का घोर संकट। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51ad024ab7c45342a0be06bcf10ff3a1e004674e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्नाव, जेएनएन। अक्सर आपने बच्चों को शादी की फोटोग्राफ्स देखते समय अपने मम्मी-पापा से सवाल करते सुना होगा कि हम कहां थे शादी में...। इस सवाल के जवाब में तरह-तरह बहाने बताकर मम्मी-डैडी बात को टाल देते हैं। लेकिन, उन्नाव में एक अनोखी शादी में बेटा अपने मां-पिता की शादी में न सिर्फ सहबाला बनकर सवार मौजूद रहा। जी हां, उन्नाव के गंजमुरादाबाद के गांव में 60 साल के दूल्हा और 55 साल की दुल्हन बनी दंपती ने शादी रचाई और उनका 13 साल का बेटा बराती बनकर बैंड बाजे पर डांस करता नजर आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6b4eea2f86d00ec4a695ea3010b5958810e8ec4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि प्राथमिक स्तर पर बिहार के अलावा देश के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश यूनेस्को द्वारा निर्धारित मानक का पालन करते हैं। यूनेस्को ने छात्र-शिक्षक के 40:1 अनुपात को आदर्श माना है। वहीं नई शिक्षा नीति-2020 में विद्यालयी शिक्षा के हरेक स्तर पर छात्र-शिक्षक के अनुपात को 30:1 करने का लक्ष्य घोषित किया गया है। इसे कई क्षेत्रों में 25:1 भी किया जाना है। 1937 में महात्मा गांधी ने यही सुझाव नई तालीम के संदर्भ में देते हुए कहा था कि किसी कक्षा में बच्चों की संख्या करीब 25 होनी चाहिए। इसे 30 से ज्यादा किसी भी हाल में होना नहीं चाहिए। बहरहाल छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करने का एकमात्र समाधान शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने पर निर्भर करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6efa3a5dc4983c8a7c5bdad3c5bdb226a9f7c85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्‍या, [रमाशरण अवस्थी]। Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर की आयु हजार वर्ष हो, इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फुलप्रूफ रणनीति तैयार की है। इस समय नींव फिलि‍ंग का कार्य चल रहा है। इसमें नींव की सतह को मजबूती प्रदान करने के लिए बर्फ का प्रयोग किया जा रहा है। नींव की सतह पर बर्फ या ठंडा पानी डाला जाता है, इसके बाद रोलर चलने से कंक्रीट युक्त सतह अत्यंत ठोस हो जाती है। यह तभी किया जाता है जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहता है। ठंडे पानी के लिए परिसर में ही चिलि‍ंग प्लांट लगाया गया है, जो छह डिग्री सेल्सियस तक ठंडा पानी देता है। आइआइटी चेन्नई की देखरेख में क्वालिटी कंट्रोल किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान ज्यादा होने पर कंक्रीट की संरचना में दरार आने का खतरा पैदा हो जाता है। नींव में प्रयुक्त हो रहे मटीरियल की मिक्सि‍ंग में भी ठंडे पानी का प्रयोग किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d348edd98b18838a3c160caee47307d0addb6cfa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69552.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +(अमित तिवारी) मेरठ। सौरभ चौधरी निशानेबाजी में खुद सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और उनके पीछे हाथ में पिस्टल थामे नई पौध भी खड़ी होती गई। साल 2018 के यूथ ओलिंपिक और एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद निशानेबाजी में सौरभ चौधरी सबसे कम आयु के उभरते हुए अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज बन चुके थे। बागपत के कलीना के निकट बिनौली में राइफल एसोसिएशन जोन में निशानेबाजी की साधना कर आगे बढ़े सौरभ अब उस क्षेत्र के हीरो बन चुके थे। अंतरराष्ट्रीय फलक पर पदक जीतने के बाद सौरभ राष्ट्रीय कैंपों में प्रशिक्षण करने लगे। + +दीवारें बयां कर रही सफलता की गाथा। सौरभ चौधरी के कमरे से लेकर उनके शूटिंग रेंज तक की दीवारें और अलमारी उनकी सफलता की गाथा बयां करती हैं। सौरभ को प्रदेश सरकार की ओर से लक्ष्मण पुरस्कार और केंद्र सरकार की ओर से अजरुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। कोविड संक्रमित होने और प्रतियोगिताओं के कारण अजरुन पुरस्कार की प्रतिमा अभी सौरभ राष्ट्रपति से ग्रहण नहीं कर सके हैं। अब संभवत: टोक्यो से लौटने के बाद लेने जाएंगे। + +घर में बनाई नई शूटिंग रेंज । दो कमरों के दरवाजों के बीच से दीवार तक 10 मीटर की रेंज बनाकर शूटिंग का अभ्यास करने वाले 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर सौरभ चौधरी ने साल 2018 के एशियन गेम्स में स्वर्ण जीत सभी को चौका दिया था। चौकना वाजिब इसलिए भी था, क्योंकि सौरभ ने ओलंपियन निशानेबाज को हराकर स्वर्ण जीता और इसकी उन्हें भनक तक नहीं थी। एशियाड के बाद सौरभ के लिए स्वजन ने कलीना स्थित घर में ही करीब 16 मीटर लंबे व आठ फुट चौड़े कमरे में नई शूटिंग रेंज बनाई और आधुनिक इलेक्ट्रानिक टारगेट लगाकर अभ्यास शुरू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d75d6556fe20b63adf76aae06fff63754e2bc78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69555.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कामगारों की जेब को भी खासी राहत।राजधानी में दूसरे राज्यों से आकर काम करने वालों को कम किराये पर घर मिलना काफी मुश्किल होता है, जिसकी वजह से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार ये कामगार दिल्ली में रह भी नहीं पाते हैं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों में रहकर दिल्ली में रोज काम करने आते हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए कि डीडीए की अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग काम्प्लेक्स बनाने की योजना इनके लिए लाभदायक साबित होगी और इससे इन कामगारों की जेब को भी खासी राहत मिलेगी। + +ये होंगे लाभ।केंद्र सरकार से अधिसूचित होने के बाद डीडीए को जल्द से जल्द इस योजना पर काम शुरू करना चाहिए, ताकि शीघ्र ही इसका लाभ अधिकाधिक लोगों को मिल सके। इसके साथ ही डीडीए को इस तरह की अन्य योजनाओं पर भी काम करना चाहिए, जिनसे प्रवासी कामगारों को उनके कार्यस्थल के आसपास ही किराये के मकान उपलब्ध कराए जा सकें। इससे कामगारों की उत्पादकता बढ़ाने में तो मदद मिलेगी ही, उन्हें कार्यस्थल तक आने-जाने में अपनी जेब भी कम ढीली करनी पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb4a11b33e9a03ca87b41512debcd99cb0de0cf0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश भर में कई ऐसे ऐसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल हैं, जिसकी सभी को जानकारी नहीं हैं। इसके कारण से वह प्रचलित नहीं हो पाया है। इसी तरह ऐसे धार्मिक स्थल सुनसान इलाके में हैं और वहां जाने के कोई साधान नहीं हैं। इसलिए यहां के बारे में लोगों को जानकारी नहीं हो पाती है। इन स्थल के आसपास आबादी भी होती है, यहां रहने वाले लोगों को मुख्य सड़क के पैदल जाना पड़ता है। रोडवेज द्वारा गांव-गांव तक बस सेवा की शुरुआत की योजना बनायी गई थी। ऐसे गांव या आबादी को चिह्नित करने के दौरान यह पता चला कि सुनसान स्थान पर ऐतिहासिक महत्व वाले स्थान हैं। इसकी जानकारी नहीं होने या बसों की सुविधा नहीं होने से वहां तक लोग पहुंच नहीं पाते हैं। रोडवेज प्रबंधन ऐसे ऐतिहासिक स्थल तक लोगों को पहुंचाने और उस स्थान को प्रचलित करने की योजना तैयार की है। पायलट प्रोजेक्ट मुरादाबाद मंडल के बिजनौर जिले से शुरू किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69561.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69561.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f2f02c12fd66e7df70f8d4c010cca5b2dd4412c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69561.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जनसंख्या वृद्धि हुई। लेकिन अब दंपती बच्चे नहीं चाहते हैं। जिन्होंने गर्भधारण कर लिया है, वे गर्भपात करा रहे हैं। तमाम लोग मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर खा रहे हैं। इसके साथ ही गर्भधारण न हो, इसके लिए परिवार नियोजन के विकल्पों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d18246795a9b77c947bee985021de21471144e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69562.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लोगों की यात्रा होगी सुरक्षित। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System) के लिए बनाई जा रही सुरंगों का व्यास 6.5 मीटर रखा जा रहा है। हालांकि देश के 15 से 20 शहरों में चल रही मेट्रो ट्रेन के कॉरिडोरों में अधिकतम 5.8 मीटर व्यास तक की सुरंगों का निर्माण किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि रैपिड रेल की गति सीमा 180 किलोमीटर प्रति घंटा और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति होने के कारण सुरंगों में शाक वेव्स (तेज कंपन वाली तरंगे) उत्पन्न होंगी। इस वजह से यात्रियों को हवा के दबाव में असुविधा उठानी पड़ सकती है। इसी असुविधा को कम करने के लिए सुरंगों का व्यास 6.5 मीटर करने का निर्णय लिया गया है। अधिक व्यास की सुरंगे हवा के उच्च दबाब को न्यूनतम करेगी और लोगों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगी। + +पढ़ेंः माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत, रोजाना चलेगी गतिमान व वंदे भारत एक्सप्रेस।वहीं, पुनीत वत्स (मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआर परिवहन निगम) का कहना है कि रैपिड रेल के सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए सभी संभव उपायों पर काम किया जा रहा है। इसके मद्देनजर रैपिड रेल की सुरंग का व्यास होगा 6.5 मीटर रखा जाएगा, साथ ही इसमें क्रास पास भी बनाए जांएगे। + +ये भी पढ़ेंः IN PICS Delhi Rain: बारिश में घुल गए प्रशासन के तमाम दावे, घरों में घुसा पानी; तालाब बनीं सड़कें।ये भी पढ़ें- जागरण एक्सक्लूसिव: पढ़िए ट्रेनों में किन्नर बनकर यात्रियों से वसूली करने वाली महिलाओं के गैंग की कहानी, किन्नर बनने की ली थी ट्रेनिंग ।ये भी पढ़ें- जानिए दिल्ली में रहने वाले करोड़ों लोगों को किस महकमे से है सबसे अधिक शिकायतें, सर्वे में आया सामने।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9485655b3463f70c6f0a3d834cc4595e10ddbfba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल गांधी के गुड बुक में रहने वाले नेता ही उठा रहे है अपनों पर उंगली।कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर हाईकोर्ट द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स (एसआइटी) को खारिज करने को लेकर कांग्रेस सरकार में उठा बवंडर नित नए मोड़ लेता जा रहा है। एसआइटी और एसआइटी की रिपोर्ट खारिज होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला। इस मोर्चे में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और प्रताप सिंह बाजवा सरीखे राज्य सभा सदस्य तक जुड़ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c70cb2501af9e565c339830f2fe000bb912deb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [आलोक मिश्र]। राजधानी लखनऊ में अलकायदा के दो आतंकी पकड़े जाने के बाद डीजीपी मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हैं। उनका मानना है कि आंतरिक सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है और एटीएस ने अच्छा काम किया है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर उनका मानना है कि छोटे अपराधों पर काबू किया जाना अधिक जरूरी है। वे कानून व्यवस्था पर बड़ा असर डालते हैं। तकनीक का अधिक उपयोग और साइबर थानों के विस्तार को अपनी प्राथमिकताओं में रखने वाले पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने दैनिक जागरण से विस्तार से चर्चा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..894b1e5a6edd329f94f26e4bdef46f9578b577a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69571.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भाजपा ने संकल्प पत्र में पांच वर्षों में 70 लाख रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने व कालेज में दाखिला लेने वाले सभी युवाओं को बगैर भेदभाव के लैपटाप देने का वादा किया था। राज्य के सभी युवाओं को कालेज में दाखिला लेने पर स्वामी विवेकानंद युवा इंटरनेट योजना के तहत मुफ्त इंटरनेट सुविधा देने के लिए भी कहा था। सपा जनता को यह बताएगी कि भाजपा संकल्प पत्र में किए गए वादें भूल गई है। पांच साल बाद प्रदेश की सत्ता में आने का ख्वाब देख रही सपा अब भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के बीच ले जाएगी। + +भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सपा सरकार के समय अपराधों की बढ़ती संख्या, महिलाओं पर अत्याचार, जमीनों पर कब्जे एवं प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये को सरकार बनने पर जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया था। अब सपा इन मुद्दों पर पलटवार करेगी। सपा यह बताएगी कि किस तरह पंचायत चुनाव में भाजपा के लोगों ने मनमानी की है। इसके लिए सपा वीडियो क्लिपिंग व अखबारों में छपी खबरों का सहारा लेगी। इनको लेकर सपा फिल्म भी बनाने जा रही है। इसे भी जनता के बीच दिखाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2467de186520925c9dd2266da693e8a18731ff6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69572.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +काबुल, एजेंसी। अफगानिस्‍तान में तालिबान के प्रभुत्‍व से गदगद पाक‍िस्‍तान को करारा झटका लगा है। अफगानिस्‍तान में मनमानी का ख्‍वाब देख रहे पाक के लिए यह जोरदार झटका है। उधर, भारत की कूटनीतिक पहल रंग लाई है। तहरीक-ए-तालिबान के इस बयान से भारत की कुछ चिंता जरूर कम हुई होगी। तालिबान ने भारत से निष्पक्ष रहने की अपेक्षा जताई है और अफगानिस्तान के लोगों का साथ देने की अपील की है, न कि किसी थोपी हुई सरकार का। तालिबान ने कहा हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान और अफगानिस्तान के संघर्ष में भारत निष्पक्ष रहेगा। ।तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन का पाक को दो टूक।तहरीक-ए-तालिबान अफगानिस्तान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दो टूक कहा है कि पाकिस्तान तालिबान पर तानाशाही नहीं चला सकता और न ही अपने विचारों को थोप सकता है। शाहीन ने भारत से इस मामले में निष्पक्ष रहने की अपेक्षा जताई है। सुहैल के इस बयान से अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के निकलने के बाद तालिबान के साथ मिलकर अपनी मनमानी करने का ख्वाब देख रहे पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। ।हम पर तानाशाही नहीं चला सकता पाक ।पाकिस्तान के जियोन्यूज को दिए एक साक्षात्‍कार के दौरान सुहैल से जब पूछा गया कि क्‍या तालिबान पाकिस्तान की नहीं सुनना चाहता। इस पर उन्‍होंने कहा कि हम आपस में भाईचारे का रिश्ता चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि पाक‍िस्‍तान शांति प्रक्रिया में हमारी मदद कर सकते हैं, लेकिन हम पर तानाशाही नहीं चला सकते। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान हम पर कोई विचार नहीं थोप सकता। यह अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के खिलाफ है। ।अफगानिस्तान की मिट्टी का इस्तेमाल कोई शख्स या संगठन नहीं कर सकेगा ।तालिबान प्रवक्‍ता ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की मिट्टी का इस्तेमाल किसी शख्स या संगठन को नहीं करने दिया जाएगा। तहरीक-ए-तालिबान ने कहा कि इस्लामिक एमिरेट की एक ही नीति है। तालिबान का यह बयान इसलिए खास है क्‍यों कि हाल में एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के साथ मिलकर अफगानिस्तान में जंग लड़ रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियां तालिबान के साथ अफगानिस्तान में भी सक्रिय हैं और पाकिस्तान के अंदर उसे ट्रेनिंग दे रही हैं। ऐसा ही सवाल अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति गनी ने किया था कि तालिबान की जंग देश के लिए है या किसी बाहरी के कहने पर चल रही है। ।भारत से निष्पक्षता की उम्मीद।तालिबान प्रवक्‍ता ने भारत के प्रतिनिधियों से मुलाकात का खंडन किया है। दरअसल, कुछ दिन पहले कतर के विशेष दूत ने दावा किया था कि भारतीय अधिकारियों ने दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की।उन्‍होंने यह उम्मीद जताई है कि तालिबान और अफगानिस्तान के संघर्ष में भारत निष्पक्ष रहेगा। वह किसी दबाव में नहीं आएगा। उन्होंने अफगानिस्‍तान सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं और मौजूदा सरकार जबरदस्ती आई हैं। ।भारत की क्‍या है चिंता ।गौरतलब है कि अमेरिका के अफगानिस्‍तान से हटने पर भारत समेत दुनियाभर में तालिबान राज को लेकर चिंता जताई जा रही है। भारत में इस बात को लेकर चिंता है कि कहीं तालिबान-पाकिस्‍तान-चीन की तिकड़ी जम्‍मू-कश्‍मीर में बड़ा संकट न बन जाए। यह तिकड़ी भारत की सुरक्षा और अफगानिस्‍तान में भारतीय निवेश के लिए बड़ा संकट उत्‍पन्‍न कर सकती है। + +तालिबान ने कहा चीन हमारा दोस्‍त ।एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने कहा है कि वह चीन को अफगानिस्तान का दोस्त मानता है। तालिबान ने कहा है कि वह शिनजियांग प्रांत में उइगर इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा। इसके अलावा चीन के निवेश की सुरक्षा का भी वादा किया है। तालिबान के इस बयान से चीन ने जरूर राहत की सांस ली होगी। अमेरिकी सेना के हटने के बाद से तालिबान ने अफगानिस्‍तान के आधे से अधिक हिस्‍से पर कब्‍जा कर चुका है। अफगानिस्‍तान में तालिबान और अफगान सैनिकों के बीच अभी भी सत्‍ता संघर्ष की जंग जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f31b41e89c7f4a4c5be83f39b1b5acccb29c92a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69573.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। Yashpal Sharma Dies : 1983 क्रिकेट विश्‍वकप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के अहम सदस्‍य यशपाल शर्मा नहीं रहे, लेकिन क्रिकेट के मैदान में उनकी शानदार बल्‍लेबाजी की यादें हमेशा रहेंगी। युवा यशपाल शर्मा अपनी बल्‍लेबाजी से दर्शकों को रोमांचित करने के साथ प्रतिद्वंद्वी टीम को भी अचंभित कर देते थे और विरोधी भी दाद दिए बिना नहीं रह पाते थे। एक बार वेस्‍टइंडीज के खिलाफ मैच में यशपाल के झन्‍नाटेदार छक्‍कों से महान क्रिकेटर सर विवियन रिचर्ड्स भी दंग रह गए थे और उनकी पीठ थपथपाई थी। + +यह  भी पढ़ें: Yashpal Sharma Memories : आखिर पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने बेटे को इंग्लैंड से चंद दिनों पहले क्यों बुलाया था वापस, जानें कारण।स्कूली क्रिकेट से पंजाब रणजी टीम तक यशपाल की कप्तानी में खेलने वाले सतीश मंगल पुरानी यादों को याद करते हुए कहते हैं, ‘यशपाल जब फ्रंटफुट पर जाकर झन्नाटेदार छक्के जड़ते थे, तो अच्छे-अच्छे गेंदबाज घबरा जाते थे। कालेज क्रिकेट के दौरान लुधियाना के गुरुनानक स्टेडियम में लगाए गए उनके छक्के स्टेडियम के बाहर ही गिरते थे।’।बेहतरीन एथलीट और तैराक थे यशपाल।क्रिकेट तो उनका जुनून था। बचपन से ही वह हमेशा क्रिकेट खेलते रहते थे। वह गवर्नमेंट कालेज के बेहतरीन एथलीट होने के साथ वाटर पोलो के खिलाड़ी थे। उन्हें फिटेस्ट मैन भी कहा जाता था। साथी खिलाड़ी सतीश मंगल बताते हैं, ‘हम गुरुनानक स्टेडियम में कड़ा अभ्यास करने के बाद अकसर स्टेडियम के पास ही स्थित यशपाल के घर आ जाते थे। हम चाय या ठंडा पीते रहते थे और वह लगातार स्किपिंग करते रहते थे। स्टेडियम से थक हार कर लौटने के बाद हमारी हिम्मत नहीं होती थी और वह लगातार रस्सी कूदते थे तथा जमीन पर उनका पसीना बहकर गिरता रहता था।’।लुधियाना रेलवे स्टेशन से पैदल जुलूस के साथ घर लौटा था विश्व विजेता खिलाड़ी।1983 में विश्व कप जीतने के बाद यशपाल शर्मा अपने घर पहुंचे थे। बड़ी संख्या में लोग ट्रेन पहुंचने से पहले ही स्टेशन पर जमा हो गए। स्टेशन के पास ही उनका घर था। लोग उन्हें हार मालाओं से लादकर उन्हें घर तक जुलूस की शक्ल में लेकर पहुंचे।  । यह भी पढ़ें: Yashpa Sharma Dies: लुधियाना से शुरू हुआ था पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का सफर, पहले ही मैच में खेली थी 260 रन की पारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bb4bf7c4f0a07d8573940e923bd7819fdc2b91d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69574.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कठिन परिस्थितियों में प्रियंका ने बनाई राह। 10 मार्च 1996 को जन्मी प्रियंका के पिता मदनपाल ने रोडवेज में कंडक्टर के तौर पर कार्यरत थे। 2010 तक प्रियंका जिमनास्टिक सहित अन्य खेलों में हिस्सा ले रही थी। 2010 में एथलेटिक्स कोच गौरव त्यागी ने प्रियंका को पैदल चाल इवेंट में हिस्सा लेने को प्रेरित किया। प्रदर्शन भी निखरने लगा तभी पिता की नौकरी छूट जाने के बाद प्रियंका का प्रशिक्षण भी छूट गया। कोच के मनाने पर परिवार ने भी हिम्मत जुटाई और प्रियंका को खेल में आगे बढ़ाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69575.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d467e6721040622ca3b4f2393379fc436f36af48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69575.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नसीम, भाई सईद अख्तर, उर्फ उमर अलमंडी।​​​​​यह भी पढ़ें :-।Terrorists in UP : खुफिया एजेंसियों के साथ पुलिस अलर्ट, मंडल के ज‍िलों में हो रही आतंक‍ियों के सहयोग‍ियों की तलाश।मुरादाबाद के सांसद डाॅ. एसटी हसन बोले-तीन बच्चों के लिए बनना चाहिए कानून, मुसलमान भी फेम‍िली प्लानिंग कर रहा है।बढ़ सकती हैं सांसद आजम खां के करीब‍ियों की मुश्किलें, जौहर ट्रस्ट को चंदा देने वालों को ईडी ने भेजा नोट‍िस।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2566cbb1e553600d86732e06093c8a6d8af3dddb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कीर्ति आजाद ने बताया, मुझे विश्व कप 1983 का पहला मैच याद है। हमारा सामना वेस्टइंडीज की मजबूत टीम से था। हमारे सामने तूफानी गेंदबाजों की फौज थी। लेकिन यशपाल ने अपनी रणनीति बनाई और हमने मैच में जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल में भी शानदार पारी खेली और बाब विलिस को छक्का जड़ने का काम किया। वह फिल्डिंग करते समय चुस्त रहते थे और जब भी स्टंप पर थ्रो करते थे तो उनका निशाना एकदम सटीक बैठता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80c7119bb738df073f087fd02834ed6022a1ed3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: युवा यशपाल शर्मा के झन्‍नाटेदार छक्‍कों से विवयन रिचर्ड्स भी रह गए थे दंग, जानें कैसे की थी धुनाई।लगभग चार साल पहले एक बार वह लुधियाना क्रिकेट अकादमी पहुंचे और कहा कि वह नियमित तौर पर यहां नहीं रह सकते, लेकिन वह समय-समय पर आकर अकादमी के बच्चों को ट्रेनिंग देंगे। वह चाहते थे कि जिस तरह मैं लुधियाना में पैदा होकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बना, उसी तरह अन्य बल्लेबाज भी आगे आएं। अकादमी के कुछ खिलाड़ियों से वह काफी प्रभावित भी हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46d2932c739abc6a17be4a4c5b8eaa9e93e23735 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69578.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय कुमार, रांची। कभी मतांतरण के काम में लगे पादरी राबर्ट सॉलोमन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा और संघ के अधिकारियों से मिले तो उनके प्रेम से इतने प्रभावित हुए कि स्वयं मतांतरित होकर डा. सुमन कुमार संघ के प्रचारक बन गए। संघ ने भी नया प्रयोग किया कि आरएसएस के विचारों को समझने के लिए इंडोनेशिया के जकार्ता से भेजे गए पादरी को अपनाने का निर्णय लिया और उस समय के प्रचारकों ने इन्हें इतना प्रेम दिया कि वे फिर भारत के ही होकर रह गए। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में आर्गेनिक रसायन में रिसर्च करने के दौरान ही वे पादरी बन चुके थे और मतांतरण के काम से इनका भारत के तमिलनाडु की राजधानी चेन्‍नई में आना-जाना 1982 से शुरू था। + +बुंदेलखंड के उरई जिला में संघ के संपर्क में आए : दैनिक जागरण से बातचीत में सुमन कुमार ने बताया कि वे सबसे पहले बुंदेलखंड के उरई जिला में संघ के संपर्क में आए। जहां मैंने आवास रखा था वहीं नजदीक में संघ की शाखा लगती थी। मैं शाखा पर जाने लगा। संघ की शाखा सभी वर्ग के लोगों के लिए शुरू से ही खुला है। स्वयंसेवकों के कामों को नजदीक से देखा। उस समय के उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक जयगोपालजी के संपर्क में आया। उनका बौद्धिक सुना। उसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह जो अभी उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं के संपर्क में आया। फिर संघ के प्रचारक ओंकार भावे जी, जो विहिप के संगठन मंत्री भी थे से संपर्क हुआ। मेरे सामने भाषा की समस्या थी। हिंदी आती नहीं थी। ओंकार भावे ने संघ की अंग्रेजी में पुस्तकें उपलब्ध कराई। स्वामी विवेकानंद की पुस्तकों को पढ़ा। फिर संघ के कामों को देखने के बाद मैंने तीन माह में ही मिशनरी को अपनी रिपोर्ट भेज दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..696e6e404c033844e2b95b38d7596a1e596752d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। हम प्रतिदिन किसी ना किसी नए कोरोना वैरिएंट का नाम सुनते हैं, जिससे ना केवल आम लोग बल्कि स्वास्थ्य अधिकारियों में भी चिंता बढ़ जाती है। वैरिएंट के नामों को लेकर भी लोगों के मन में बहुत से प्रश्न उठते हैं। खास बात यह है कि वैरिएंट का नामकरण ग्रीक भाषा के अक्षरों पर किया जाता है। आइए जानते हैं कि अब तक कितने वैरिएंट का नामकरण हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e270c024ffa9e026676a39abb497a9286167fccf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू।यशपाल ने 1978 और 1985 के बीच भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। मध्य क्रम के बल्लेबाज यशपाल ने 1978 में सियालकोट में पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय मैच में भारत के लिए डेब्यू किया। अगले साल उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। इस सीरीज में चार में से तीन टेस्ट खेले। बाद में इसी साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में उन्होंने पहला टेस्ट शतक जड़ा। कोलकाता में अगले टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 85 रनों की पारी खेली। उन्होंने टेस्ट में अगला शतक दो साल से अधिक समय बाद ठोका। चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 140 रनों का पारी खेली और गुंडप्पा विश्वनाथ के साथ 316 रन के रिकॉर्ड साझेदारी की। दोनों ने पूरे दिन बल्लेबाजी की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72031a12a88966fecece45fdc676ad957e5aa503 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69589.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कालोनी में रहने वाली कमला देवी ने बताया कि वह करीब 45 साल से यहां रहती हैं। आज भी वह पानी के लिए सिर पर बाल्टी और मटका लेकर घर से काफी दूर तक जाती हैं। बोरिंग सेंटर पर जाकर भी आधे से एक घंटे तक कतार में लग रही हैं। उनका कहना है कि बोरिंग का खारा पानी भरने के लिए भी वह रुपये दे रही हैं। 20 मीटर की कैन भरने के लिए उनसे पांच रुपये लिया जाता है जबकि मीठे पानी के लिए सप्ताह में एक बार टैंकर आता है, जिसे भरने के लिए भी 100 रुपये देने होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..848837ef78d6ae9dd9f5cb366d878e14b5b3cc88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6959.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl यो यो हनी सिंह की पत्नी शालिनी तलवार ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसाचार के मामले में शिकायत दर्ज कराई हैl यह खबर बड़ी तेजी से आग की तरफ फैली हैl यो यो हनी सिंह ऐसा नहीं है कि पहली बार विवादों में आए हैंl कुछ वर्ष पहले खबर आई थी कि यो यो हनी सिंह का शाहरुख खान के साथ विवाद हो गया हैl।खबरों के अनुसार शाहरुख खान ने यो यो हनी सिंह को टूर के दौरान दारू पीकर बुरा बर्ताव करने के आरोप में चांटा जड़ दिया थाl इसपर उनकी पत्नी शालिनी तलवार ने सफाई देते हुए कहा था कि यह सब गलत खबरें हैंl शालिनी ने यह भी कहा कि यो यो हनी सिंह शाहरुख खान का सम्मान करते हैं और शाहरुख खान भी हनी सिंह को अपने छोटे भाई की तरह मानते हैंl।शालिनी ने यह भी कहा कि शाहरुख खान ने यो यो हनी सिंह का बहुत समर्थन किया हैl यो यो हनी सिंह को देश से बाहर जाने से मना किया गया था क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं थीl इसके बावजूद वह शाहरुख खान के साथ गए थेl शालिनी ने यह भी कहा कि टूर के दौरान यो यो हनी सिंह काफी दवाई ले रहे थे और वह रिहर्सल के दौरान गिर गए थेl इसके चलते उनकी पीठ और सिर में चोट आई थीl यहीं कारण है कि वह टूर से घर वापस आ गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f041d8dbdd03ba84279fb2f9a2e2aad019c93f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69596.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। मानसून के आते ही देश के अलग-अलग हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। रविवार को विभिन्न राज्यों में इस प्राकृतिक आपदा से जहां लगभग 80 लोगों की मौत हो गई वहीं 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रदेश सरकारों की तरफ से मुआवजे के एलान के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद की घोषणा की है। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे आकाशीय बिजली इतनी बड़ी आपदा साबित हो रही है। + +इससे बचने के उपाय।बड़ी संख्या में होती हैं मौतें : बिजली गिरने से प्रत्येक वर्ष सैकड़ों लोग मारे जाते हैं। अकेले 2001 से 2018 के बीच प्राकृतिक आपदा से होने वाली कुल मौतों में से 40 फीसद जानें बिजली गिरने से गई हैं। 2005 के बाद से प्रत्येक साल बिजली गिरने से दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 2018 में प्राकृतिक आपदा से कुल 6,891 लोगों की मौत हुई। इनमें से 2,357 (34 फीसद) लोगों की जान आकाशीय बिजली के कारण गई। एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक आकाशीय बिजली गिरने से 1,619 लोगों की मौत हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb0a95714f54312ae46f68bcf30ac1eb88122e23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे बंगाल में विधान परिषद का इतिहास कुछ इस तरह रहा है। वर्ष 1935 के भारत सरकार के एक्ट में बंगाल को दो सदनों में बांटा गया, जिसमें विधान परिषद और विधानसभा शामिल थे। विधानसभा का कार्यकाल पांच साल और सदस्यों की संख्या 250 की गई थी, जबकि काउंसिल के सदस्यों की संख्या 63 से कम नहीं और 65 से ज्यादा नहीं हो सकती थी। हर तीन साल बाद एक-तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म होता था, परंतु आजादी के बाद 1952 में बंगाल में विधानसभा और विधान परिषद की व्यवस्था रखी गई। इसमें 51 सदस्यों वाले बंगाल विधान परिषद का गठन पांच जून, 1952 को किया गया और विधानसभा में सदस्यों की संख्या 240 थी, जिनमें एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो मनोनीत सदस्य शामिल थे। इसके बाद संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 21 मार्च, 1969 में बंगाल से विधान परिषद को खत्म कर दिया। बंगाल में यदि विधान परिषद गठित होगा तो नियमों के मुताबिक, 294 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में विधान परिषद के अधिकतम 98 सदस्य होंगे। यह विधानसभा में पहुंचने का पिछला दरवाजा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8671a05159e5e6e5aa9d5969fb9277d3eceb8e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_696.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना काल में लोगों की मदद कर रियल लाइफ हीरो बने सोनू सूद सोशल मीडिया पर फैंस के बीच खासे चर्चा में रहते हैं। अब रविवार को अभिनेता ने अपने पिता की बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर याद करते हुए एक इमोशनल मोस्ट साझा की है। अभिनेता अपने पिता के बर्थ एनिवर्सरी के खास मौके पर उनकी थ्रोबैक फोटो शेयर कर लिखा, जन्मदिन मुबारक हो।पापा। हां जैसे मैं हमेशा कहा करता था कि तुम्हारे बिना कोई जीवन नहीं है और ये मुझे अपने जीवन के हर पल का एहसास है। काश आप हमारा मार्गदर्शन करने के लिए हमारे आसपास होते। आप जहां भी हैं, वहां खुश रहें। हमारे साथ तब तक रहें, जब तक मैं तुम्हें फिर से न देलूं। आपकी हमेशा याद आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69600.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69600.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4624588115d0cddc37458def3c3bdec53fd5c460 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69600.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्तमान में यह बनी वजह : बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम की वजह से नम हवा दो से तीन किलोमीटर की ऊंचाई तक जा रही है, यह नम हवा जब ऊपर उठती है तो बादल बनते हैं और झमाझम बारिश होती है। इस समय उत्तर भारत में तीन किलोमीटर की ऊंचाई के ऊपर पछुआ हवा का भी जोर है। पांच किलोमीटर की ऊंचाई तक बह रही यह पछुआ हवा सूखी है। यानी इसमें नमी काफी कम है। इससे नम और शुष्क हवा के बीच उत्तर प्रदेश के ऊपर टकराव से बारिश हुई। इस टकराव से बादलों में जबरदस्त घर्षण से बिजली पैदा हुई, जिससे रविवार को उत्तर प्रदेश में कई जगह जन और पशु हानि हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69603.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e5b7453d961175863686aa775907eb7e0ecb29f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69603.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो से ढाई महीने तक सीजन।पूंडरी के हलवाई पवन ने बताया कि बताया कि दो-ढाई महीने चलने वाले इस फिरनी के सीजन में वे दिन-रात काम करके भी आर्डर पूरा नहीं कर पाते। उन्होंने बताया कि फिरनी का मिश्रण तैयार करने से लेकर इसे बनाने की प्रक्रिया बड़े ध्यान से की जाती है, तभी फिरनी की सही मिठास और स्वाद मिल पाता है। उन्होंने कहा कि फिरनी का स्वाद क्या बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी मिलकर उठाते है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7920c2eab3470532a2f962e996f5b6dc40be9063 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्षेत्र बजाजा कमेटी द्वारा संचालित ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह पर एक जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक 3999 और एक जनवरी, 2021 से 30 जून, 2021 तक 1924 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। डेढ़ वर्ष की अवधि में 5923 शवों का अंतिम संस्कार यहां किया गया। एक व्यक्ति के दाह संस्कार में करीब पांच कुंतल लकड़ी उपयोग में आती है। इसके चलते यहां डेढ़ वर्ष में ही करीब 30 हजार कुंतल लकड़ी को जलने से बचाया जा सका है। इसकी वजह विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के प्रति लोगों की बढ़ती सकारात्मक भावना है। इसके प्रचार-प्रसार को क्षेत्र बजाजा कमेटी के साथ ही पर्यावरण प्रेमी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5058ac3a547a005fda0b7509c0babe0594d8d3dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + - राज्य में बिजली चोरी बहुत पहले से हो रही है। लोग बिल तक नहीं भरते। बिजली के बिल माफी को लेकर बड़े-बड़े आंदोलन हो चुके। कोई सरकार वोट की खातिर इन बिजली चोरों पर हाथ तक नहीं रखती? ।- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने यह रिस्क लिया है। हम कुछ लोगों की खातिर पूरे प्रदेश के हितों की तो अनदेखी नहीं कर सकते। पिछली बार मार्च में हमने बिजली चोरों के विरुद्ध अभियान चलाया था। तब दो दिन में 2700 केस पकड़े थे। उस समय एक महीने में ही बिजली विभाग के राजस्व में 536 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। इस बार 4500 केस पकड़े गए हैं। इससे राजस्व राशि 500 से 600 करोड़ रुपये तक बढऩे की पूरी उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e82a7490d9bc6fd5238b2dee0e515d347f6c7df9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69610.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चित्रकूट, [जागरण स्पेशल]। RSS Meet in Chitrakoot उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सरहद के बीच फंसी प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट की मुक्ति के लिए संघ भी मुखर हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के अंतिम दिन चित्रकूट के विकास को लेकर चर्चा हुई। संघ ने पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने को लेकर भी मंथन किया। चित्रकूट को उसकी राजधानी बनाने पर जोर देने की बात सामने आई है। + +चित्रकूट को विकसित करने की हुई थी चर्चा: यहां शुरू हुई बैठक से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से मुलाकात की थी। इसमें जगद्गुरु ने चित्रकूट के विकास को लेकर चर्चा की थी। संघ प्रमुख से कहा था कि उप्र और मप्र की सीमा में चित्रकूट के बसे होने से विकास नहीं हो रहा है। इसको किसी एक प्रदेश में शामिल कर दिया जाए या पृथक बुंदेलखंड राज्य का निर्माण हो। नहीं तो केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाए। जगद्गुरु की इन बातों पर सोमवार को संघ की बैठक में गहनता से चर्चा हुई। क्षेत्र व प्रांत प्रचारकों ने सीमा बंधन में छटपटा रहे चित्रकूट को मुक्त करने की बात उठाई। सबसे पहले बुंदेलखंड राज्य का निर्माण कर चित्रकूट को राजधानी बनाने का प्रस्ताव आया। दूसरी ओर केंद्र शासित राज्य बनाने की भी बात उठी। ।यह भी पढ़ें: नाना जी देशमुख की कर्मस्थली नागपुर के बाद क्रस्स् के लिए चिंतन का दूसरा केंद्र बना 'चित्रकूट'।वेब सीरीज पर लगे रोक: तुलसीपीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्रदास ने ओवर द टाप मीडिया सेवाएं (ओटीटी) पर संतों और धार्मिक स्थलों की छवि धूमिल करने की साजिश पर सरसंघचालक मोहन भागवत का ध्यानाकर्षण कराया। संघ प्रमुख से वेब सीरीज पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पाताल लोक वेब सीरीज में चित्रकूट की छवि खराब करने की कोशिश की गई है, जबकि आश्रम की अयोध्या में शूटिंग हुई है। उसमें भी आपत्तिजनक सीन हैं। ऐसी सीरीज पर रोक लगनी चाहिए। इसपर संघ प्रमुख ने सहमति जताई। ।संघ एक रुपये प्रतिदिन लेगा गुरुदीक्षा: संघ की बैठक में अंतिम दिन यह भी निर्णय लिया गया है कि गुरुदीक्षा अब एक रुपये प्रतिदिन के हिसाब से साल में 365 रुपये ली जाएगी।  ।यह भी पढ़ें: चित्रकूट में स्वामी रामभद्राचार्य और महंत नरेंद्र गिरि ने जनसंख्या नीति पर की चर्चा, सरकार के फैसले का किया स्वागत।आरोग्यधाम में किया पौधारोपण: चित्रकूट में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, सह सरकार्यवाह  मुकुंद ने आरोग्यधाम परिसर में पौधारोपण किया। इस मौके पर दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव  अभय महाजन भी मौजूद रहे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c9c5d07aeeae55b863d97a712be54274a5e6897 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69613.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुछ अलग करने को छोड़ा लाखों का पैकेज ।नित्यानंद ने बताया कि आइआइटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद लाखों के पैकेज की नौकरी कर रहे थे, लेकिन कुछ अलग करना चाहते थे। कोरोना काल में बुनकरों की बदहाली पर नजर गई तो उनकी मदद के मकसद से डिजिटल पंचकार्ड मशीन बनाई। अभी पांच बुनकरों ने यह मशीन लगवाई हैै। एक मशीन की लागत करीब 80,000 रुपये आती है, जिसे बुनकरों को एक लाख में मुहैया करा रहे हैैं। सूक्ष्म, लघु व मध्यम मंत्रालय (एमएसएमई) से 12 लाख की मदद स्वीकृत हुई है, जो जल्द मिलेगी। + +प्रदेश के बाहर तैयार हो रहा बाजार :। पावरलूम में डिजिटल पंचकार्ड इंस्टाल कराने वाले बुनकर मुहम्मद यासीन बताते हैैं कि पहले बनारसी साड़ी की डिजाइन को बदलने के लिए हैंडलूम मशीन में हर बार नया पंचकार्ड लगाना पड़ता था। इसमें 15-20 दिन लगते और पैसा खर्च होता। सामान्य पंचकार्ड जगह काफी घेरता है और चलाने के लिए तीन-चार कारीगर चाहिए। डिजिटल पंचकार्ड से प्रदेश के बाहर बाजार तैयार हो रहा है। लोग मनपसंद डिजाइन ईमेल पर भेजते हैं और हम तय समय में बनारसी साड़ी और सूट बनाकर दे रहे हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e31bb39e243610fca112600a9202ae824af43af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नतीजा है कि लखनऊ से दो आतंकियों के पकड़े जाने से पहले एसटीएफ ने बीते दिनों लखनऊ में पीएफआइ कमांडर अंसद बदरुद्दीन व ट्रेनर फिरोज खान को गिरफ्तार कर देश को दहलाने की बड़ी साजिश को नाकाम किया था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ इंटरनेट मीडिया के जरिए प्रदेश के युवकों को सीधे निशाना बना रही हैं। आतंक के पांव जमाने के लिए जेहाद को हथियार बनाया जा रहा है। यह ट्रेंड पहले ही बड़े खतरे के रूप में सामने आ चुका है। + +बढ़ाई गई है सक्रियता : एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं। एटीएस व अन्य जांच एजेंसियों की मदद से सूबे में संदिग्धों की छानबीन का दायरा बढ़ाए जाने के साथ ही इंटरनेट मीडिया की निगरानी बढ़ाई गई है। आतंकी गतिविधियों की जांच के लिए सक्रियता बढ़ाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e42406c46ed03eb607656497148aaa8538a8f07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69616.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। राम मंदिर की आधारभूमि ग्रेनाइट से संरक्षित होगी। मंदिर की आधारभूमि को ग्रेनाइट से आच्छादित करने का मकसद मंदिर की नींव को पानी से बचाना है। मंदिर की आधारभूमि मुख्यतया चुनार के लाल पत्थर से निर्मित होनी है, किंतु लाल पत्थर पानी अवशोषित करने वाले माने जाते हैं और ऐसे में आधारभूमि के नीचे की नींव को पानी के स्राव से पूरी तरह बचाने के लिए ग्रेनाइट की दो-दो फीट मोटी तीन परत बिछाई जाएगी। इसी के साथ ही मंदिर की आधारभूमि से लेकर नींव की मजबूती का पुख्ता प्रबंध परिभाषित हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4477f30a8c26fe9c1a8e5d5ae1fea797d1fe8637 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(अमित तिवारी) मेरठ। Tokyo Olympics: चक्का फेंक में नए मीट रिकार्ड के साथ टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली मेरठ की बहू सीमा अंतिल चौथी बार ओलिंपिक गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं। इससे पहले सीमा वर्ष 2004 के एथेंस ओलिंपिक, 2012 के लंदन ओलिंपिक और 2016 के रियो ओलिंपिक में भी शिरकत कर चुकी हैं। फिलहाल मास्को में प्रशिक्षण ले रहीं सीमा के अनुसार इस बार उनके साथ पिछले तीन साल का निरंतर प्रशिक्षण है। पटियाला के प्रदर्शन के बाद भी उनके पास दो से तीन मीटर की अतिरिक्त थ्रो है जो उन्हें मेडल पोडियम तक पहुंचाने में सक्षम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3c1962d622f1158e2a04d563564888dd6009e58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 1980 के दशक में दोनों देशों के संबंधों को एक नई पहचान मिली।प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि अफगानिस्तान दक्षिण एशिया में भारत का अहम सहयोगी और दोस्‍त है। दोनों मुल्‍कों के मध्‍य द्विपक्षीय संबंध पारंपरिक रूप से मजबूत और दोस्ताना रहे हैं। दरअसल, 1980 के दशक में दोनों देशों के संबंधों को एक नई पहचान मिली, लेकिन 1990 के अफगान-गृहयुद्ध और वहां तालिबान के सत्ता में आने के बाद से भारत और अफगानिस्‍तान के संबंध कमजोर होते चले गए। दोनों देशों के संबंधों को एक बार फिर तब मजबूती मिली, जब 2001 में तालिबान सत्ता से बाहर हो गया। इसके बाद अफगानिस्तान के लिए भारत मानवीय और पुनर्निर्माण सहायता का सबसे बड़ा क्षेत्रीय प्रदाता बन गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03f902ea8d748f6c6890840f3b3a072ae8c32163 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69619.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। बैंक कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने बैंक कर्मियों को राहत देने वाला एक बड़ा फैसला लिया है। आरबीआइ ने आदेश दिया है कि जो बैंक कर्मी संवेदनशील पदों पर काम कर रहे हैं उन्हें हर साल कम से कम 10 दिन की सरप्राइज लीव यानी बिना बताए छुट्टी दी जाएगी। आरबीआइ का यह आदेश शेड्यूल कॉमर्शियल बैंक के अलावा ग्रामीण विकास बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक कर्मियों के लिए भी लागू होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69620.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69620.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97829e00a9fc9594356e8a07f755255d66a75ef6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69620.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोमवार को करीब 12 बजे डीआइजी शलभ माथुर ब्रजघाट पहुंचे। वहां पर उन्होंने गंगा घाट पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए दिशा निर्देश दिए कि कावड़ यात्रा के दौरान किसी तरह की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। घाटों पर पुलिसकर्मी मुस्तैद रहेंगे। इसके बाद वह स्थानीय थाने में पहुंचे। यहां पर उन्होंने कावड़ यात्रा के संदर्भ में रजिस्टर चेक किया। कावड़ यात्रा के दौरान कहां-कहां पर पुलिसकर्मी मुस्तैद किए जाएंगे। इसके बारे में भी जानकारी की। डीआइजी ने कहा कि कावड़ यात्रा के दौरान कोरोना से बचाव के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। हाईवे किनारे पर कोरोना हेल्प डेस्क बनाई जाएंगी। फोन पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसके लिए अभी से रूपरेखा तैयार की जा रही है। ।कांवड़ बेड़ों ने भी शुरू की तैयारी : कांवड़ यात्रा की श‍िव भक्‍तों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार वे धूमधाम से कावड़ लाने की तैयारी में है। इसके ल‍िए अभी से कमेट‍ियां बनने लगी हैं। अलग-अलग ज‍िम्‍मेदार‍ियां भी सौंपी जा रहीं हैं। वहीं दूसरी ओर शहर से लेकर देहात की दुकानों तक श‍िव भक्‍तों के ल‍िए अलग-अलग वैरायटी के कपड़े भी ब‍िकने शुरू हो गए हैं। श‍िवभक्‍तों ने जरूरी चीजों की अभी से खरीदारी शुरू कर दी है। + +यह भी पढ़ें :-।Honor Killing : मुरादाबाद में पिता-पुत्र ने मिलकर की युवती की हत्या, पुल से रामगंगा नदी में फेंका शव।Honor Killing : फोन पर प्रेमी से बोली युवती-मेरे बाबू मुझे क‍िसी तरह बचा लो, घर वाले मार डालेंगे।अब जनसेवा केंद्र में होगा आरटीओ आफिस का काम, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के ल‍िए आसानी से कर सकेंगे आवेदन।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..514b3b2cd986c5e91355d36c7bb65efe78769e69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69625.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जगदीश त्रिपाठी, हिसार। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में दिल्ली सीमा पर जो धरने दिए जा रहे हैं, उनमें हरियाणा का जाट समुदाय बड़ी संख्या में भागीदारी कर रहा था, लेकिन पंजाब के एक किसान संगठन के नेता ने बुजुर्ग ओमप्रकाश चौटाला को आंदोलन में मंच देने के सवाल पर नाराज कर दिया है। उगराहां ने इस प्रश्न पर तिरस्कार भरे अंदाज में कौन चौटाला?।ऐसा नहीं कि उगराहां को पता नहीं है कि ओमप्रकाश चौटाल कौन है? उन्हें पता है कि ओमप्रकाश चौटाला कौन हैं और उनका जितना जनाधार है, उसके सामने उगराहां क्या पंजाब के जितने भी कथित किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, सब मिलकर ओमप्रकाश चौटाला के जनाधार की, देश भर के किसानों के बीच उनकी लोकप्रियता की बराबरी नहीं कर सकते। रही बात आदोलन के मंच पर बुजुर्ग चौटाला को शिरकत न करने देने की तो इसे सलीके से भी कहा जा सकता था, लेकिन उगराहां ने जिस भाषा का उपयोग किया, वह आपत्तिजनक थी। उन्होंने ऐसा क्यों किया? इस समझने के लिए कोई बहुत शोध या अध्ययन की आवश्यकता नहीं है। + +बस केवल इतना करना होगा कि जब से आंदोलन आरंभ हुआ है, तब से उगराहां की यूनियन के समर्थकों के बयानों और भाषणों पर एक नजर डलाने की आवश्यकता भर है। यह उगराहां की ही यूनियन थी, जिसने टीकरी बार्डर पर गंभीर मुकदमों में जेल में बंद खालिद उमर, शरजील उस्मानी जैसे दर्जनों अलगाववादियों की रिहाई की मांग के पोस्टर से लगाए थे, जबकि उनकी इस मांग का कृषि कानूनों और किसानों से कोई लेना-देना नहीं था। इसके अतिरिक्त खालिस्तान समर्थकों का आंदोलनस्थलों पर जमावड़ा आम बात है। यहां तक कि पंजाब के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू तक यह कह चुके हैं कि आंदोलन पर आतंकी तत्त्व हावी हैं। + +उगराहां को पता है कि चौटाला या हुड्डा मंच पर आ जाएंगे तो उनकी बहुत मेहनत से सजाई गई महफिल वे लूट ले जाएंगे और उनके इरादों पर पानी फिर जाएगा। वे तो राकेश टिकैत के खिलाफ भी मजबूरी में नहीं बोल पाते, क्योंकि आंदोलन की उजड़ चुकी महफिल दोबारा जमी है तो राकेश टिकैत के ही कारण। इसीलिए धरनास्थलों से जितने भी प्रेस नोट जारी होते हैं, उनमें कहीं भी राकेश टिकैत का नाम नहीं होता। इसीलिए राकेश टिकैत सिंघु बार्डर या टीकरी बार्डर पर जाने से भी कतराते हैं, क्योंकि वहां अब जाट समुदाय के लोगों की भागीदारी नाममात्र रह गई है। हालांकि मध्य हरियाणा में कई टोल नाकों अब भी जो धरने चल रहे हैं, वे केवल जाट समुदाय के समर्थन से ही चल रहे हैं और राकेश टिकैत वहां समय-समय पर पहुंचते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4febcd3ee4e1c2d0bee4abe5eeb29cc12d254d9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मानव संपदा पोर्टल पर लोड होगी डिटेल।दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर माड्यूल के तहत मानव संपदा पोर्टल पर छात्रों के नाम, उनकी कक्षा, खाता संख्या, आधार कार्ड नंबर व अभिभावकों के खाता संख्या को अपलोड करना है। प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को अपने मोबाइल में खुद की आइडी से लागइन करके विद्यार्थियों का डाटा अपलोड करना है। मगर जिले के तमाम शिक्षक व शिक्षक नेताओं ने इस माड्यूल का विरोध शुरू कर दिया है। विभागीय आदेशों के क्रम में समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा जनपद अलीगढ़ के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत समस्त प्रधानाध्यापकों को प्रेरणा पोर्टल पर डीबीटी माड्यूल में छात्रों-अभिभावकों के बैंक खाते सहित अन्य विवरण की अपलोडिंग व अपडेटिंग प्रकिया 15 जुलाई तक पूर्ण करने के आदेश दिए गए हैं। उक्त प्रक्रिया को जनपद के समस्त प्रधानाध्यापकों को अपने मोबाइल फोन से अपनी आइडी से लागइन करके पूर्ण करना है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलामंत्री मुकेश कुमार सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि बहुत से प्रधानाध्यापक एंड्रायड फोन ढंग से नहीं चलाना जानते हैं। साथ ही बताया कि जो चलाना जानते हैं, उनके मोबाइल में साइट न खुलने के कारण डीबीटी की अपलोडिंग प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं। कहा कि संघ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांग करता है कि प्रत्येक ब्लाक की बीआरसी पर दो कंप्यूटर आपरेटर की व्यवस्था की जाए। प्रधानाध्यापकों को रोस्टर से सहयोग के लिए बुलाया जाए। जिससे प्रेरणा पोर्टल पर डीबीटी माड्यूल में छात्रों-अभिभावकों के बैंक खाते सहित विवरण समय पर अपलोड किए जा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e236067ca006e3ab535b1630413440ee696b1e16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनेक नामों वाली यमुना: पौराणिक इतिहासकार मनीष के गुप्ता बताते हैं कि विश्वकर्मा की पुत्री संध्या के गर्भ से उत्पन्न सूर्य की पुत्री यमुना है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यमुना असल में यमराज की बहन यमी है। कहते हैं, यमुना नदी का जल पहले साफ था जो बाद में कुछ नीला, कुछ काला हो गया, इसलिए इसे ‘काली गंगा’ भी कहा गया है। इसके अलावा इसका एक नाम असित भी है। असित एक ऋषि थे और माना जाता है कि सबसे पहले यमुना नदी को इन्होंने ही खोजा था। यमुना कालिंद पर्वत से निकली थी इसलिए उनका नाम कालिंदी भी पड़ गया था। प्रारंभ में यमुना का जल बिल्कुल स्वच्छ और नीले रंग का था, ऐसा कहा जाता है कि कृष्ण के प्रेम में वह सांवली हो गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..646f1b32d2d684ed5c92d2fcce3d1aa08875f27d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69632.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरा दक्षिणी दिल्ली थी जहां पढ़े लिखे और पैसे वाले रसूखदार लोग रहते थे और तीसरे सिरे पर मंगोलपुरी, अंबेडकर नगर, नजफगढ़ जैसे इलाके थे, जहां पिछड़े लोग रहते थे, वहां अपराध भी बहुत होता था। रोमांचित कर गया रंगीन टीवी का आगमन: आपको रंगीन टीवी से संबंधित एक रोचक किस्सा बताता हूं। 1982 की बात है। तब रंगीन टीवी आया ही था। उस समय मैं डीयू में पढ़ाई कर रहा था और ग्वायर हाल में रहता था। जब हमें पता चला कि कैंपस में रंगीन टीवी आया है हम सभी छात्र उसे देखने को उत्सुक थे। क्योंकि तब तक हम ब्लैक एंड व्हाइट टीवी देखने के अभ्यस्त थे। हमें विवि के इंटरनेशनल गेस्ट हाउस में बुलाकर टीवी दिखाया गया। वहां रंगीन टीवी देख हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था। ।सभी छात्र हास्टल के हाल में लगी कुर्सियों पर जाकर बैठ गए और टीवी चलने का बेसब्री से इंतजार करने लगे। जब टीवी चलने लगा तो ऐसा लगा जैसे अभी तक हमारी आंखों पर ब्लैक एंड व्हाइट चश्मा लगा था जो एकदम से हट गया। सब कहने लगे ये तो चमत्कार हो गया। छात्रों के चेहरे तब देखने लायक थे। ग्वायर हाल को दिल्ली विवि का सबसे अच्छा हास्टल माना जाता है। ।सौभाग्यशाली लोगों को ही वहां कमरा मिलता था। कमरे इतने बड़े होते थे कि दो-तीन लोग आराम से एक साथ रह सकते थे। कुछ दोस्त आधे पैसे देकर कमरा शेयर करने की गुजारिश भी करते थे। मैं तो बिना पैसे लिए दोस्तों को अपने साथ रख लेता था ताकि मौज-मस्ती कर सकूं। वो दिन भी क्या खबू थे। ।लेफ्ट का रंग चढ़ा तो सपनों की दुनिया में जीने लगे ।मेरी एमए की पढ़ाई डीयू से हुई है, लेकिन कुछ साल जेएनयू में भी रहा। दोनों के माहौल में जमीन आसमान का अंतर है। जेएनयू पूरा रेजिडेंशियल है, जबकि दिल्ली विवि में लोकल छात्र आते हैं। जेएनयू में कोई पाबंदी नहीं थी। सब खुले विचारों के थे। उस समय भी लड़के-लड़कियां एक दूसरे के हास्टल में बेरोक-टोक जाया करते थे। रहन सहन, बोलचाल, सोच-विचार सब में जेएनयू के छात्र बोल्ड थे। वहां पढ़ने के दौरान हम पर भी लेफ्ट का रंग चढ़ता गया। हम भी रूमानी दुनिया में जीने लगे। अपने खुले विचारों से देश को बदलने का सपना देखने लगे। ।एक ओर दिल्ली विवि में एबीवीपी और एनएसयूआइ की टक्कर रहती थी। वहीं जेएनयू में राइट और लेफ्ट की लड़ाई थी। वहां लेफ्ट का ही दबदबा था एबीवीपी का तो नामोनिशान तक नहीं था। अगर गलती से कोई एबीवीपी का दिख भी जाता तो छात्रों के कमेंट का उसे सामना करना पड़ता। सब उसे सत्तापरस्त कह कर चिढ़ाते थे। दिल्ली में बढ़ने लगा शरणाíथयों का दबदबा: बंटवारे के बाद पाकिस्तान से दिल्ली आए शरणाíथयों का एक ऐसा तबका था, जिनके पास रहने का ठिकाना तक नहीं था, लेकिन 1980 के आसपास सरकार ने सभी शरणाíथयों को दिल्ली में बसा दिया। उसके बाद ही दिल्ली में बाहर से आए लोगों का दबदबा बढ़ गया और जो दिल्ली के पुराने लोग थे वो पुरानी दिल्ली में सिमट गए। ।डीयू हकीकत, जेएनयू- परिचय।1961 में जन्मे पूर्व डीसीपी उदय सहाय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल आफ इकोनामिक्स से एमए की पढ़ाई की। फिर सिविल सíवसेज की परीक्षा देकर 1995 से 2003 तक दिल्ली के अलग-अलग जिलों में डीसीपी पद पर तैनात रहे। 2003 में प्रसार भारती में डिप्टी डायरेक्टर जनरल, दिल्ली सरकार के इंफारमेशन पब्लिसिटी विभाग में डायरेक्टर और स्पेशल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। 2010 में कामनवेल्थ खेल में अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल पद पर नियुक्त रहने के बाद 2011 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। अब लेखन में सक्रिय हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..765f4fe7dac5e2c304630194f750f51c2774ba11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस प्रोजेक्ट को लगाने के बाद महीने में 100 यूनिट बिजली पैदा होगी यानी रोजाना तीन से चार यूनिट। इससे छोटे घर का बिल तो एकदम आधा ही हो जाएगा। साथ ही बची बिजली को ग्रिड में देकर पैसा भी कमाया जा सकता है। सबसे बड़ी बात पांच साल में प्रोजेक्ट पर की गई पूरी इन्वेस्टमेंट वापस निकल आएगी। एक किलोवॉट के प्रोजेक्ट से एक पंखा, तीन लाइट जलाई जा सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f70b6dc68db2b7d199aef89b1487855df68c29b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2011 में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में आप पाएंगे कि मुंबई पहले, दिल्ली दूसरे, चेन्नई छठे, कोलकाता सातवें, लखनऊ 11वें और वाराणसी 30वें स्थान पर है। ब्रिटिश राजधानी बनते ही, दिल्ली को लेकर किस कदर आकर्षण बढ़ा है, इस आंकड़े से समङिाए, 1951 में भारतीय जनसंख्या में दिल्ली का हिस्सा 0.48 फीसद था, 2011 में ये बढ़कर 1.39 फीसद हो गया था। 1961 मे जब देश की जनसंख्या वृद्धि दर 21.64 फीसद थी, दिल्ली की 52.44 फीसद थी। तभी तो दिल्ली पिछली बार महानगरों में कोलकाता को तीसरे नंबर पर धकेलकर उसकी जगह पर कब्जा जमा चुकी थी। यूएन की वल्र्ड अरबनाइजेशन प्रास्पेक्टस रिपोर्ट में 2025 तक दिल्ली को दुनिया का तीसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर होने का अनुमान लगाया भी गया था। ।तेजी से शहरीकरण की ओर ।दिल्ली में शहरीकरण की रफ्तार काफी तेज है, 1991 में दिल्ली का शहरी हिस्सा जो 46.21 फीसद यानी 685.34 किमी था वो 2011 में बढ़कर 75.09 फीसद हो गया था, यानी 1113. 65 वर्ग किमी जबकि ग्रामीण दिल्ली का हिस्सा 53.59 फीसद से घटकर केवल 20 सालों के अंदर 24.91 फीसद ही रह गया। 1961 की जनगणना में दिल्ली में 300 गांव हुआ करते थे, जो 2001 में घटकर केवल 165 रह गए, 2011 में 112 ही रह गए थे। हालांकि 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली की केवल 2.5 फीसद आबादी ही ग्रामीण गिनी गई, बाकी शहरी ही थी जबकि 1901 में दिल्ली की 52.76 फीसद आबादी ही शहरी थी, लेकिन तब जनसंख्या केवल 4,58,819 ही थी। ।दिल्ली ने संयुक्त परिवार की प्रमुखता बनाए रखी है, इस आंकड़े से जानिए। पिछली दो जनगणनाओं में दिल्ली में छह-आठ सदस्यों वाले परिवार ही सबसे ज्यादा पाए गए, 2001 में ऐसे जहां 26.63 फीसद परिवार थे, वहीं 2011 में 25.60 फीसद थे। इससे ज्यादा सदस्यों वाले परिवार भी दिल्ली में 5.9 फीसद थे। ।अप्रवासियों की संख्या को लेकर 2001 की जनगणना से जो आंकड़े आए थे, दिल्ली वालों के लिए वो चौंकाने वाले थे कि कैसे यूपी से 43.13 फीसद, बिहार से 17.72 फीसद अप्रवासी थे, जबकि पंजाबी केवल 4.81 फीसद तक सिमट गए थे. जबकि 2001 के मुकाबले 2011 मैं ना केवल हिंदी बोलने वालों की संख्या 81.64 से 80.94 फीसद आ गई थी, और पंजाबी बोलने वालों की 7.94 से 7.14 फीसदी आ गई थी जबकि आसामी, बंगाली, गुजराती, मैथिली, बोडो, डोगरी आदि बोलने वालों की संख्या बढ़ी थी। वो तो 1931 में जाति आधारित जनगणना बंद हो गई, वरना उससे काफी दिलचस्प आंकड़े सामने आते। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e88ff068e353358ccfc4fe40fd07a872fdd62c1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कानून के समक्ष सब समान और सबके लिए समान कानून जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला हैं। कई बार कोई समान कानून नहीं होने का कुछ लोग अनुचित लाभ भी लेना चाहते हैं। हाल में दिल्ली हाई कोर्ट में आया तलाक का एक मामला कुछ ऐसा ही था। हिंदू रीति-रिवाज से शादी होने के बावजूद जब तलाक की बात आई, तो महिला ने यह दलील दी कि राजस्थान के जनजातीय मीणा समुदाय से होने के कारण उस पर हिंदू विवाह अधिनियम के प्रविधान लागू नहीं होते। अदालत ने महिला के तर्क को तो खारिज किया ही, देश में समान नागरिक संहिता की जरूरत को भी रेखांकित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ca214a5d564b22ee856ae1f938f4b394be9bfac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ इसी तरह का शोर भाजपा के सामाजिक समीकरणों के बिखरने का मचाया जा रहा था। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में प्रधानमंत्री सहित अब 15 मंत्री उत्तर प्रदेश कोटे से हो गए हैं। इस संख्यात्मक बढ़ोतरी के साथ देखा जाए तो इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और ब्राrाण समुदाय के प्रतिनिधित्व का घनत्व बढ़ाया गया है। यह घनत्व बढ़ाने के लिए ऐसा भी नहीं किया गया कि सिर्फ जाति देखकर ही जगह दे दी गई। खासतौर पर उत्तर प्रदेश के मामले में यह देखा गया है कि जिसे मंत्री बनाया जा रहा है, उसका जमीनी आधार क्या है, उसकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और काम करने के प्रति ललक क्या है, उसकी उम्र क्या है। यानी एक तरफ सामाजिक समीकरण साधे गए तो दूसरी तरफ नेतृत्व की दूसरी पांत विकसित करने का प्रयास भी हुआ। सबसे अहम नए मंत्रियों को शामिल करने से ठीक पहले जिस तरह दर्जन भर मंत्रियों से इस्तीफे मांग लिए गए, वह इन नए मंत्रियों को संदेश भी है कि उन्हें सिर्फ जातीय गान ही नहीं, मंत्रिमंडल में रहकर काम भी करना होगा और भविष्य में तभी उनकी बर्थ सुरक्षित रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34b946a6898a3e66912a32a2b7bfd70da1a6eb06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69645.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बाजारों में भीड़ प्रशासन के साथ देशवासियों की चिंता बढ़ा रही है। इसकी कैसे हो रोकथाम?।-दिल्ली पूरे देश का प्रमुख कारोबारी हब है। यहां दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में खरीदारी करने आते हैं। 300 से अधिक थोक व खुदरा बाजार हैं। निश्चित ही अन्य राज्यों से इतर यहां के कुछ थोक बाजारों में भीड़भाड़ दिखाई पड़ेगी, लेकिन इस भीड़ को व्यवस्थित करके बाजार की अर्थव्यवस्था को सुचारु रखा जा सकता है। इसके लिए सभी निकाय, प्रशासन और पुलिस को भी साथ आना होगा, तभी बात बनेगी। कोरोना संक्रमण से कोई एक वर्ग अकेले लड़ाई नहीं लड़ सकता है। + +तो आगे क्या होना चाहिए?।-इसमें प्रशासन, पुलिस व नगर निकाय की जिम्मेदारी तय करनी होगी। उन्हें भी समान रूप से जिम्मेदार बनाना होगा। अगर कहीं नियम टूट रहे हैं तो उसके लिए वह भी जिम्मेदार हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि बाजार या दुकान बंदी समस्या का हल नहीं है। मिलजुल कर व्यवस्था ऐसी बने, जिससे कोरोना नियमों का पालन करते हुए कारोबारी गतिविधियां चलती रहे। इसके लिए बाजारों में अधिक प्रशासन और पुलिस के लोगों की तैनाती करनी होगी। चालान की संख्या बढ़ानी होगी और जागरूकता अभियान पर जोर देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0901b55c762ca2ad8e729ddf3704d28596bcd0d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनिया के किसी वैश्विक मंच से जब भी तिब्बत की चर्चा छिड़ती है तो ड्रैगन दलाई लामा के गांव के रास्ते बंद करता नजर आता है। हर बार उत्तर पूर्व तिब्बत के ताकस्तेर स्थित उनके गांव में उनके स्वजनों पर निगरानी बढ़ा दी जाती है। स्वतंत्र तिब्बत के अहिंसक अभियान के सामने चीन की कुटिल योजना नए नए रूप में सामने आती रहती है। बीजिंग की बर्बरता ने तिब्बतियों की पहचान को कुचलने के लिए उनके धार्मिक जीवन से दलाई लामा की पहचान को जड़ से उखाड़ने की अगणित कोशिशें की है। पहले किसानों को यहां से शहरी क्षेत्रों में आधुनिक आवास और अवसर के नाम पर स्थानांतरित किया गया। फिर तिब्बती युवाओं के विवाह चीनियों संग कराए गए। इतना ही नहीं, तिब्बती जनमानस का दलाई लामा की धार्मिक शिक्षाओं में भाग लेने के लिए भारत यात्र को भी लगभग असंभव सा बनाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb3b25d9dda94c6a3decd1431173abb4919136bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69649.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। हाईस्कूल से लेकर इंटर पास 18 से 32 वर्ष आयु के सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों के लिए 15 जुलाई को आनलाइन रोजगार मेला लगेगा। साक्षात्कार के लिए बेरोजगारों को लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। 332 पदों के लिए लगने वाले मेले में नौकरी पाने वालों को 10500 से 11000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। जिला सेवायोजन अधिकारी प्रीति चंद्रा ने बताया कि युवाओं की आनलाइन काउंसिलिंग भी की जा रही है। इससे रोजगार व आगे की पढ़ाई में युवाओं को फायदा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48c7cd74b83efe12a9b05dcd3e3e379fec85a20a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। जब देश कोरोना की दूसरी लहर में भीषण संकट से गुजर रहा था। उसी दौरान मानवता के दुश्मन इस बड़ी आपदा को लूट का अवसर बनाने में जुटे थे। ताजा मामले में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान व डा. राम मनोहर लोहिया संस्थान में आरटीपीसीआर मशीन की खरीद में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। दोनों संस्थानों ने 17 लाख 70 हजार की मशीन को 26 लाख 78 हजार 600 प्रति नग की दर से खरीदी है। मामले की परत खुलने पर एसजीपीजीआइ ने नेशनल साइंटिफिक प्रमोटर्स(एनएसपी) नामक स्थानीय डीलर के भुगतान पर रोक लगा दी है। वहीं लोहिया संस्थान ने भी मामले की जांच कराने की बात कही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69653.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcb5cca7267029e3b8505bfc54effe6797388542 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार ने परिवहन विभागों को दलालों से मुक्त करने का प्रयास शुरू कर दिया है। वर्तमान में अधिकांश काम आनलाइन किया जा रहा है। कुछ ही काम परिवहन विभाग के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। परिवहन विभाग सभी प्रकार के आवेदन, शुल्क व टैक्स आनलाइन भरने की व्यवस्था करने जा रहा है। उसके बाद केवल स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को ही टेस्ट ड्राइव देने और वाहनों का फिटनेस कराने के लिए एक बार वाहन लेकर आरटीओ आफिस जाना पड़ेगा। शेष काम आनलाइन किया जाएगा। इस व्यवस्था के बंद हो जाने के बाद आनलाइन आवेदन करने व टैक्स जमा करने की जानकारी नहीं होने पर काफी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने इसके लिए प्रत्येक आरटीओ आफिस पर दो-दो जनसेवा केंद्र खोलने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार जनसेवा केंद्र किस एजेंसी द्वारा चलाई जानी है, यह भी तय कर दिया है। स्थानीय परिवहन विभाग के अधिकारी जिलाधिकारी से अनुमत‍ि लेकर नामित एजेंसी को जनसेवा केंद्र खोलने की अनुमत‍ि देंगे। परिवहन विभाग जनसेवा केंद्र खोलने के लिए स्थान उपलब्ध कराएगा, नामित एजेंसी को बिजली, कम्प्यूटर व इंटरनेट आदि की व्यवस्था करना होगा। ज‍िसे आनलाइन आवेदन करने नहीं आता है या टैक्स जमा नहीं कर सकते हैं, वह मामूली शुल्क देकर जनसेवा केंद्र में जाकर काम करा सकते हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) आरआर सोनी ने बताया कि परिवहन विभाग का सारा काम आनलाइन होगा। किसी को काम के ल‍िए परिवहन विभाग आने की आवश्यकता नहीं होगी। जो आनलाइन आवेदन नहीं कर सकता है, उसके लिए परिवहन विभाग में दो जनसेवा केंद्र खोला जाएगा। यहां लोग आनलाइन आवेदन व टैक्स जमा करा सकते हैं। 15 दिन के अंदर जनसेवा केंद्र शुरू किया जाना प्रस्तावित है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5122a878f9ea5bf6862a825cebf1abeed9849adc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, अनुराग मिश्र। अगर आप बारिश का मजा लेने के लिए बालकनी में खड़े हैैं और मोबाइल पर बात कर रहे हैैं तो सावधान, यह जानलेवा साबित हो सकता है। दरअसल, वज्रपात (बारिश के दौरान गिरने वाली बिजली) विद्युत सुचालक चीजों पर ही गिरती है। इस बिजली की क्षमता वेल्डिंग मशीन की बिजली से 100 गुना तक ज्यादा होती है। ये पल भर में झुलसा सकती है। विद्युत विभाग खास तौर पर इससे बचाव के लिए लाइटनिंग अरेस्टर (तडि़त चालक) का इस्तेमाल करता है, ताकि उपकरण ध्वस्त होने का खतरा नहीं रहे। ।कब बढ़ता है बिजली गिरने का खतरा : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय बताते हैैं कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसूनी हवा नम होती हैै, जबकि राजस्थान की ओर से आने वाली हवा शुष्क होती है। इनके मिलन से बादल बनते हैैं तो बारिश होती है, लेकिन इसमें वज्रपात का खतरा बढ़ जाता है। बारिश के समय बालकनी में मोबाइल से बात करना या लैपटाप पर काम करना जानलेवा हो सकता है। यह सभी विद्युत सुचालक हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d8f2747a2a8494b1074dbc74983c0742d2af8cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलग-अलग जोन में विकसित होगा इंडस्ट्रियल हब। डीएनजीआइआर कुल 210 वर्ग किमी (20 हजार हेक्टेयर) में फैला है, यहां भी प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्रियल हब को विकसित किया जाएगा। यहां प्रस्तावित सड़क, रेलवे लाइन सीधे डीएनजीआइआर को देश की आर्थिक राजधानी मुबंई से जोड़ेंगे। साथ ही कच्चा माल व मशीनरी के लिए कोलकाता व लुधियाना से शहर जुड़ जाएगा, जिससे निवेश के मार्ग बढ़ेंगे। बेहतर कनेक्टिविटी के साथ यहां किस तरह की इंडस्ट्री को ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सकता है। तीन अर्ली वार्ड प्रोजेक्ट को शहर के साथ कैसे जोड़ा जाएगा, जिससे निवेशकों को डीएनजीआइआर की ओर से आकर्षित किया जा सके, इस दिशा में काम किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb32eb3072c72bab4057f409f563fc64ccff7b55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69657.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शशिकांत तिवारी, भोपाल। कोरोना का संक्रमण ठीक होने के बाद अब तक शुगर, हार्ट, फंगस और मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन अब टीबी के केस भी आने लगे हैं। कोरोना ठीक होने के दो से तीन महीने बाद फेफड़े की टीबी के मामले सामने आ रहे हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से संबद्घ हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में हर दिन औसतन एक मरीज टीबी का बढ़ा हुआ संक्रमण लेकर आ रहा है। इनमें लगभग आधे 45 साल से कम उम्र के होते हैं। + +रोज आ रहे आठ से दस मरीज।इसी तरह से निजी डॉक्टरों की ओपीडी में भी रोज एक या दो मरीज पहुंच रहे हैं। शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों को मिला लें तो रोज आठ से दस मरीज टीबी के संक्रमण के साथ पहुंच रहे हैं। हमीदिया अस्पताल के छाती एवं श्वास रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेंद्र दवे के मुताबिक मरीजों की संख्या अभी और बढ़ सकती है क्योंकि लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कोरोना की वजह से काफी दिन तक कमजोर रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e324d9d1ba7b461c4a6eb4abd8f7a8967fd3dd76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरे शिक्षक हैं मुरैना जनपद के ।ऐसी ही कहानी है बंध का पुरा गांव के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक सतंजय मिश्रा की। उन्होंने बताया कि एक भी बच्चे की पढ़ाई कोरोना काल में नहीं छूटी। जिस तरह बच्चे स्कूल में पढ़ते थे, वैसे ही उन्हें घरों में जाकर पढ़ाया। इस दौरान कोई भी बच्चा या उनका स्वजन कोरोना संक्रमण का शिकार नहीं हुआ। संक्रमण से बचाव का हर तरीका पूरी सतर्कता से खुद अपनाया और बच्चों को भी जागरूक किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6966.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7113a52836844333fcdc0b4029495dcb0b8d9446 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6966.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लय में गाते सिद्धांत।बांबे बाजार स्थित गांगुली हाउस (बाद में गौरीकुंज), जहां बालक किशोर ने जन्म लिया था, आज बदहाल है। किशोर व उनके अग्रज अनूप कुमार ने इंदौर क्रिश्चियन कालेज में वर्ष 1946 में ग्रेजुएशन में प्रवेश लिया, जहां किशोर कुमार का प्रवेश पत्र आज भी सुरक्षित रखा है। हास्टल में उनके कमरा नंबर चार(जो आज बेहद जर्जर अवस्था में है) में पुस्तकों के साथ तबला, ढोलक व हारमोनियम भी रहते। रोज शाम को महफिल सजती और वे के.एल. सहगल के गीतों को हूबहू उन्हीं के अंदाज में गाते। टाकीज मे फिल्म देखने के बाद फिल्म के हीरो के संवाद उसी की शैली में सुनाते। दोस्तों के नाम उलटे करके बुलाना और गीत ‘दिल जलता है तो जलने दे’ को ‘लदि तालज है तो नेलज दे’ को उसी धुन में गाना उनकी कला का नमूना था। कालेज परिसर में इमली के वृक्ष तले बैठकर धुनों का सृजन करते और अर्थशास्त्र के सिद्धांत गा-गाकर याद करते थे। इसी दौरान देश आजाद हुआ तो किशोर और उनके साथियों ने हास्टल में गीत-संगीत व पूरी देशभक्ति के साथ स्वाधीनता दिवस मनाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c614f2e7ab107aeeb55068316fd85f7dc14a515 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69661.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मॉस्‍को, एजेंसी। ब्‍लैक सी में एक बार फ‍िर रूस और अमेरिका आमने-सामने हो सकते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन से जारी तनाव के मध्‍य रूसी नौसेना 25 जुलाई को काला सागर में सैन्य परेड करने जा रही है। इस सैन्‍य परेड में रूसी नौसेना के जंगी जहाज, परमाणु पनडुब्बियां, फ्रिगेट्स, मिसाइल बोट और लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस कदम से एक बार फ‍िर काला सागर में तनाव उत्‍पन्‍न हो सकता है। + + फिनलैंड की खाड़ी में रूसी नौसेना दिखाएगी अपनी ताकत । रूसी नौसेना की इस पहल के बीच रूस की बोरेई क्लास की परमाणु पनडुब्बी प्रिंस व्लादिमीर को फिनलैंड की खाड़ी में देखा गया है। यह पनडुब्बी अपने साथ 16 की संख्या में आर-30 बुलावा सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल से लैस है। हाल में फिनलैंड की खाड़ी में ऑस्कर-II क्लास की परमाणु शक्ति से चलने वाली क्रूज मिसाइल पनडुब्बी Orel (K-266) को भी देखा गया था। यह रूसी परमाणु पनडुब्बी भी एक साथ 96 ठिकानों पर परमाणु हमला करने में समर्थ है। इसके अलावा एक और परमाणु पनडुब्बी इस इलाके में गश्त कर रही है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब रूस ने बाल्टिक सागर इलाके में एक साथ तीन परमाणु पनडुब्बियों को तैनात किया है। + +25 जुलाई को ताकत दिखाएगी रूसी नौसेना।रूसी नौसेना ने इसके लिए एक खास स्‍थान का चयन किया है। यह परेड फिनलैंड की खाड़ी के किनारे बसे सेंट पीटर्सबर्ग नौसैनिक अड्डे पर 25 जुलाई को आयोजित होगा। बता दें कि सेंट पीटर्सबर्ग रूस के सबसे बड़े औद्योगिक शहरों में से एक है। यही वह स्‍थान है, जहां रूसी नौसेना की उत्तरी फ्लीट तैनात रहती है, जो यूरोप से लेकर आर्कटिक तक सुरक्षा की जिम्‍मेदारी संभालती है। रूस का ज्यादातर व्यापार भी सेंट पीटर्सबर्ग स्थित शिपयॉर्ड से ही किया जाता है। ।रूस ने एस-400 मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया।दो दिन पूर्व ही रूसी वायु सेना ने यूक्रेन से कब्जाए हुए क्रीमिया में एस-400 मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया था। रूसी के नौसेना ने बताया था कि वे इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम की ऑपरेशनल तैयारियों को जांच रहे हैं। नौसेना के काला सागर बेड़े के प्रवक्ता कैप्टन एलेक्सी रुलियोव ने बताया कि बेड़े के विमान और हेलीकॉप्टरों ने दक्षिणी सैन्य जिले के एयरफोर्स फॉर्मेशन के साथ यह युद्धाभ्यास किया। ।नाटो के वार्षिक युद्धाभ्यास चिढ़ा रूस ।बता दें कि ब्‍लैक सी के उत्तर पश्चिम हिस्से में अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो के वार्षिक युद्धाभ्यास सी ब्रिज से रूस चिढ़ा हुआ है। नाटो देश जानबूझकर रूस को उकसाने के लिए हर साल इसी इलाके में युद्धाभ्यास करते हैं। रूसी नौसेना के युद्धपोतों ने भी इस सैन्य अभ्यास पर करीबी निगाह रखी। इसमें रूस के विरोधी गुट के 32 देशों के लगभग 5,000 सैनिक और 32 युद्धपोत शामिल हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4de04ed19568827b97e75a0c59ff8bbdbf2a0a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69663.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। विकास के नाम पर जहां हरियाली पर आरा चलाया जा रहा है वहीं, दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाला किसान भी विकास की चकाचौंध में खोता जा रहा है। बिजली, पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के दाम में आई बढ़ोतरी ने उत्पादन लागत में बढ़ोतरी तो कर दी, लेकिन फसल का दाम उतना नहीं मिल पाता जितना उसकी लागत आई है। बढ़ती आबादी भी दिन पर दिन उपजाऊ भूमि को कम रही है। + +21 हजार से अधिक किसान सूची से बाहर।चिनहट के राधेलाल मल्हौर रोड पर 10 बीघे जमीन में गेहूं की खेती होती थी। लागत के हिसाब से फसल का मूल्य नहीं मिल पा रहा था तो खेत के आसपास विकास की आंधी चली तो उन्होंने भी अपनी जमीन का सौदा कर लिया। चिनहट ब्लाक के 21,073 किसान खेती से दूर हुए तो विभाग ने उन्हें किसान की सूची से बाहर कर दिया। + +राजधानी एक नजर।वर्षवार घटी उपजाऊ जमीन।लखनऊ मंडल उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कृषि भूमि पर अब भवन निर्माण होने लगा है। विकास के साथ ग्रामीण इलाके नगर निगम की सीमा में आने लगे हैं। चिनहट ब्लाक में अधिकतर इलाके विकसित हो गए हैं। राजधानी में 21,073 किसान अब नगर निगम की सीमा में आ गए हैं। ऐसे किसानों को कृषि लाभ से वंचित कर दिया गया है। विकास के साथ उपजाऊ भूमि रकबा भी कम हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ae6ec533f5a942ca26ed98ad13a3f315bb2a791 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाई व साथियों ने किया प्रेरित।अरविंद ने बताया कि जब वह सेना में भर्ती हुए, तो उनकी अच्छी लंबाई को देखते हुए सेना के अधिकारियों ने खेलों के प्रति उन्हें जागरूक किया। जिसके बाद साथी जवानों ने उन्हें प्रेरित किया। ऐसे में उन्होंने अपने सेना में कार्यरत भाई हरकेश से वार्ता की, तो उन्होंने अरविंद का हौसला बढ़ाया। साथ ही उन्होंने कैनोइंग के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शांति स्वरूप से वार्ता की। जिसके बाद उनका रूझान खेलों की तरफ हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0846cdd1c2a3067821878064b8c9351780247c78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69667.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विशाल पाठक, चंडीगढ़। पंजाब के गवर्नर एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने सेक्टर-29 के एक स्ट्रीट वेंडर की जज्बे को सराहा है। कोरोना टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए सेक्टर-29 के एक स्ट्रीट वेंडर ने जब वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को फ्री में एक प्लेट छोले-भटूरे देने का एलान कर दिया। तब प्रशासक बदनौर ने भी इस स्ट्रीट वेंडर का पोस्ट अपने टि्वटर अकाउंट पर शेयर कर लिया, ताकि लोग कम से कम एक स्ट्रीट वेंडर के जज्बे को देखकर ही टीकाकरण के लिए आगे आएं और कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को सफल बनाएं। + +कोरोना काे हराना है तो टीकाकरण जरूर कराएं ।Hats off to the spirit of #Chandigarh hawker! ।My heart filled with gratitude to see his bit of duty towards his country and the extent of awareness this man has favouring #vaccination and offering free #CholaeBhatura to all those who get vaccinated. pic.twitter.com/sGebF1nRSc।प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने अपने टि्वटर अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए शहर के आम जनता को टीकाकरण के लिए जागरूक करते हुए कहा कि अगर कोरोना महामारी को हराना है, तो हर वर्ग के लोगों को टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। टीकाकरण के जरिए कोरोना संक्रमण से जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके साथ ही प्रशासक ने लोगों को कोविड प्रोटोकाल नियमित तौर पर अपने हाथों को सेनिटाइज करने, घर से बाहर निकलते ही मुंह पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने को कहा। ।चंडीगढ़ में अब तक छह लाख के करीब होगा चुका है टीकाकरण।बीते 24 घंटे में 10 हजार के पार टीकाकरण दर्ज किया गया। महा टीकाकरण अभियान के तहत अब तक छह लाख से अधिक टीकाकरण हो चुका है। कुल 6,04,392 लोगों का टीकाकरण किया गया। बीते एक हफ्ते में रोजाना औसत 7,642 लोगों का टीकाकरण किया गया। 18 से 44 साल की उम्र के 5,269 लोगों ने टीकाकरण कराया।अब तक 6,04,392 लोग टीकाकरण करा चुके हैं। + +60 साल से अधिक उम्र के 82,791 लोग वैक्सीन की पहली डोज और 44,563 दूसरी डोज लगवा चुके हैं। शहर में 94 फीसद से अधिक हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर टीकाकरण करा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 27,120 हेल्थ केयर वर्करों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। 25,590 यानी 94.36 फीसद हेल्थ केयर वर्कर टीकाकरण करा चुके हैं। 24,390 फ्रंटलाइन वर्कर के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। 23,198 यानी 95.11 फीसद फ्रंटलाइन वर्कर टीकाकरण करा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df40943b28e062ca4457ee8c2277e785a7591cc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जालंधर, [शाम सहगल]। पंजाब में भीषण गर्मी व उमस के बीच सब्जियां झुलसने लगी हैं और इसके भाव आसमान छू रहे हैं। इसका कारण हालात यह हैं कि हरी सब्जियां आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई हैं। महज 20 दिनों में ही सब्जियों के दामों में दोगुना से भी अधिक का इजाफा हो चुका है। हालात यह है कि सब्जियों के साथ फ्री में मिलने वाली हरी धनिया भी अब 120 रुपये प्रति किलो बिक रही है। हरी मटर के भाव ने सेंचुरी मार ली है तो मशरूम 170 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ba68a10b3cc6ee03619eba57acdc84c862303eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद रेल मंडल का मुरादाबाद रेलवे स्टेशन चालक और गार्ड बदलने का प्रमुख स्टेशन है। वर्तमान में यहां से प्रत्येक दिन 95 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और चालक व गार्ड बदले जाते हैं। रेलवे के आंकड़े के अनुसार जून में 4983 मालगाड़ी मुरादाबाद से होकर विभिन्न स्थानों के लिए गुजरती थीं, सभी मालगाड़ियों के चालक और गार्ड यहां बदले जाते थे। प्रतिदिन औसत 170 मालगाड़ी गुजरती हैं, जो पिछले साल से 20.19 फीसद अधिक हैं। रेल प्रशासन ने सुरक्षित ट्रेन चलाने के लिए बाहर से आने वाले चालकों व गार्ड के विश्राम करने के लिए रनिंग रूम बनाया है। जहां चालक को आराम करने के लिए बिस्तर के साथ 24 घंटे खाना उपलब्ध कराया जाता  है। चालक या गार्ड कच्चा खाने का सामान देकर अपना खाना बनवा सकते हैं। रनिंग रूम में तैयार खाने के लिए तीन से पांच रुपये का भुगतान करना होता है। रेलवे ने सभी रनिंग रूम की व्यवस्था ठेकेदार को दे रखी हैं। इसलिए रेलवे रनिंग रूम के सभी स्वीकृति पद समाप्त कर दिए हैं। रेल मंडल मुख्यालय के रनिंग रूम के ठेका के लिए निविदा छह माह पहले आमंत्रित की जानी थीं। रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से समय से निविदा नहीं आमंत्रित हो पाईं। ठेका समाप्त हो जाने के बाद अन्य स्थानों से कर्मियों को लाकर रनिंग रूम में तैनात कर दिया है। इससे व्यवस्था गड़बड़ा गई। रनिंग रूम में सफाई ठीक से नहीं हो पा रही है और न ही बाहर से आने वाले चालकों को समय से खाना तक नहीं मिल पाता है। अधिकारियों की डर से चालक इसकी शिकायत भी नहीं करते हैं। नरमू के मंडल मंत्री राजेश चौबे ने बताया कि समय से रनिंग रूम के ठेके के लिए निविदा तक आमंत्रित नहीं की गई हैं। इससे बाहर से चालकों को समस्या का सामना करना पड़ता है। इस मामले को लेकर रेल प्रशासन से कई बार वार्ता कर चुके हैं, उसके बाद चालकों की सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17546c369d000bda5d31914c720aceb69e2795d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। दिल्ली में कांग्रेस के कद्दावर नेता व सीलमपुर से पांच बार विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद ने कहा है कि देश के मुस्लिम, हिंदुओं के वंशज हैं। जो लोग इस दावे को गलत मानते हैं, उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए। इतिहास को कोई चाहकर भी नहीं बदल सकता। इस देश में हिंदू-मुस्लिमों की कभी लड़ाई ही नहीं रही है, यह लड़ाई सिर्फ सियासत की देन है। चौधरी मतीन अहमद का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे, लेकिन उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया। आज भी वह राजपूत ही हैं। ।कोई व्यक्ति अपना धर्म बदल सकता है, लेकिन ताउम्र उसकी जाति वही रहती है। वह आज भी भगवान राम का सम्मान करते हैं। उनके कुछ पूर्वज अभी भी हिंदू हैं। देश में कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित साधने के लिए सांप्रदायिक मतभेद करवाती हैं। जब हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वज एक हैं तो लड़ाई किस बात की। उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब दिल्ली एनसीआर में मतांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है। उनका कहना है कि सत्य को कभी नकारा नहीं जा सकता। देश के ज्यादातर मुस्लिम वह हैं जो धर्म बदलकर हिंदू से मुस्लिम बने हैं। सबके डीएनए एक ही हैं। ।मां ब्राह्मण और पिता राजपूत थे मतीन अहमद ने बताया कि वह मूलरूप से मेरठ के टोडलपुर गांव के निवासी हैं। उनकी मां ब्राह्मण और पिता राजपूत परिवार से थे। कई वर्ष पहले गांव के लोगों ने आसपास के तीन गांव के लोगों के साथ मिलकर अपना धर्म बदल लिया और मुस्लिम हो गए थे। उनकी मां गंगा किनारे की हैं, उनके वंशजों ने रामायण से लेकर महाभारत तक पढ़ी हुई हैं। मुस्लिम बनकर हिंदुओं के साथ नहीं रखा कोई बैर मतीन का कहना है कि उन्हें अपने पूर्वजों का इतिहास मालूम है, जब वह विधायक बने उन्होंने हिंदू-मुस्लिम में कभी बैर नहीं किया। ।जितना काम मस्जिदों में किया, उतना ही मंदिरों के लिए भी। यहां तक की मेट्रो की वजह से शास्त्री पार्क स्थित श्यामगिरी मंदिर टूट रहा था, उस मंदिर को बचाने के लिए वह तीन दिन धरने पर बैठे थे। सब धर्म एक समान हैं, किसी धर्म में कोई बुराई नहीं होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69676.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69676.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8f17cbe3e2162df70a8726e2539eb830cf0cf0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69676.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्य अभियंता विद्युत वितरण निगम।विद्युत बिल बनने के बाद विभागों को भेज दिए जाते हैं। अधिक बकायेदार संबंधित विभागों के मुख्य कार्यालयों को भेजे गए हैं। इनमें से कई विभागों से बिल की तीन से छह माह में अदायगी होती है तो कुछ विभाग मार्च में बिल का पैसा चुकाते हैं। बकाया बिल वसूली के लिए भी विभागीय स्तर से कार्रवाई की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e5b8a8eab38e7f3f822d1ed52ed6bd3af58602d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [मेहंदी अशरफी]। कोरोना महामारी की पहली लहर में ढाई गुना अधिक संस्थागत प्रसव हुआ। 2020-21 में 42,641 सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रसव हुआ। 2021-22 के हालात ये हैं कि साल के छह माह बीत चुके हैं अभी सिर्फ 8,451 ही संस्थागत प्रसव हुए हैं। इसमें 1,911 सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल में 6540 प्रसव हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26a89942b8cbaed3191c20016a550e5f56b88ee1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69680.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +100 किसान परिवार भी जुड़े।किशोर राजपूत से करीब 100 किसान परिवार जुड़ चुके हैं। किसान अपनी उपज को बेचने और तकनीकी मदद के लिए उनके पास पहुंचते हैं। औषधीय खेती करने वाले किसानों से किशोर का बेहतर संपर्क कायम हो चुका है। खासकर तुलसी का उत्पादन करने वाले किसान इनसे सीधे जुड़े हैं। राज्य में ही कुछ कंपनियां तुलसी का अर्क बनाती हैं। इसके लिए सीधे किशोर से संपर्क करती हैं। + +महिला किसान ने शुरू की औषधिय खेती।राजनांदगांव की पदुमतरा निवासी आयुर्वेदिक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता इंदू महोबिया ने नौकरी से इस्तीफा देकर औषधिय खेती शुरू की है। इंदू ने बताया कि किशेार से मुलाकात हुई थी। उनसे नींबूघास के बारे में जानकारी ली। प्रेरित होकर उन्हीं से नींबूघास का बीज भी लिया और एक एकड़ में खेती शुरू की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10a60eb6c40a110a332bece62e10c191505b3eea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। इसे लेकर सरकार चिकित्सीय सेवाओं को मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी तरह अभिभावक भी अपने बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत बना रहे हैं, जिससे तीसरी लहर का सामना वे मजबूती से कर सकें। डाइटीशियनों और चिकित्सकों से डाइट चार्ट तैयार करवाए जा रहे हैं, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83d1cdcf53004f1e56e20aec59f6c441cecbf558 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरूकता के लिए लिख चुके तीन किताबें।रोहित मेहरा को किताबें पढ़ने का भी बहुत शौक है। वह गुलजार साहिब की शायरी, शिव कुमार बटालवी, जीके, इतिहास आदि को पढ़ना पसंद करते हैं। इसके अलावा खुद भी कभी-कभी कुछ न कुछ शायरी लिखते हैं। यही कारण है कि वह पिछले दो सालों में तीन किताबें लिख चुके हैं। बकौल रोहित मेहरा, अभी कुछ और किताबें लिखने पर भी काम हो रहा है। जल्द उन्हेंं पूरा करके रिलीज किया जाएगा। उनका मकसद पर्यावरण, बच्चों व अन्य कुछ सामाजिक मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7da8886ca70f45b234ea210e554824164cc2b887 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सभी चीजों का ध्यान रखे बिना नहीं मिल सकता है आयुर्वेद का लाभ। पूरी प्रणाली का ध्यान रखे बिना सिर्फ उसके एक पहलू पर काम करने की कोशिश बहुत फायदेमंद नहीं होती। एक समग्रतावादी प्रणाली का मतलब सिर्फ शरीर का संपूर्ण रूप में उपचार करना नहीं है। समग्रतावादी प्रणाली का मतलब जीवन का एक संपूर्ण रूप में उपचार करना है। जिसमें धरती, हम जो खाते हैं, जिस हवा में सांस लेते हैं, जो हम पीते हैं सब कुछ शामिल होते हैं। इन सब चीजों का ध्यान रखे बिना, आयुर्वेद का असली लाभ नहीं दिख सकता। अगर आयुर्वेद हमारे जीवन और हमारे समाज में एक जीवंत हकीकत बन जाता है, तो लोग देवताओं की तरह रह सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..224a652b0d43c172ab24b48c4aa0e8d8f7c27976 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69689.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, आगरा: फतेहपुर सीकरी में अरावली की पहाड़ियों में स्थित राॅक शेल्टर्स (शैलाश्रय) में बनी सात हजार वर्ष पुरानी राॅक पेंटिंग्स (शैैल चित्र) का संरक्षण किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा इसके लिए साइट प्लान और संरक्षण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे अनुमाेदन के लिए दिल्ली मुख्यालय भेजा जाएगा। + +सूचना का अधिकार में मिली जानकारी।राॅक शेल्टर्स के संरक्षण को पर्यावरण प्रेमी डा. देवाशीष भट्टाचार्य द्वारा काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे। डा. देवाशीष भट्टाचार्य ने एएसआइ के आगरा सर्किल से सूचना का अधिकार में राॅक शेल्टर्स के संरक्षण से संबंधित जानकारी मांगी थी। सात जुलाई को एएसआइ के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (उप-अधीक्षण पुरातत्वविद्) डा. विनय कुमार गुप्ता ने उन्हें अगवत कराया कि राॅक शेल्टर्स के संरक्षण का प्रस्ताव है। संरक्षण के लिए आवश्यक राजस्व रिकार्ड राजस्व विभाग से प्राप्त कर लिया गया है। सर्वेक्षण अनुभाग को साइट प्लान बनाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिससे कि संरक्षण प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन के लिए भेजा जा सके। संरक्षण प्रस्ताव तैयार करने के लिए भी निर्देश जारी किए जा चुके हैं। डा. भट्टाचार्य ने पिछले वर्ष दिल्ली जाकर तत्कालीन केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से मुलाकात की थी। एएसआइ ने दिसंबर में राॅक शेल्टर्स के संरक्षण से संबंधित प्रस्ताव दिल्ली मुख्यालय को भेजा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f63567dca5e3a22f397a86f3185789844d08f7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लाक                बीडीसी को मिल हेल्पर।मूंढापांडे               14।ठाकुरद्वारा          13।भगतपुर टांडा        20।छजलैट               18 ।यह भी पढें :-।सुहागरात पर पत‍ि की अजीब फरमाइश, सुबह होने पर टूट गया र‍िश्‍ता, नारी उत्थान केंद्र पहुंचा मामला।न‍िकाह के बाद पत्‍नी से कराना चाहता है देह व्‍यापार, व‍िरोध पर पत‍ि बोला-यहां तो सब चलता है, यह करना पड़ेगा।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d96dbe849d16b89258ace4a8fef7ed91ea9ca53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69691.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जालंधर , [प्रियंका सिंह]। Jalandhar Little Master : पंजाब के जालंधर का 11 साल का मेधांश सही मायने में नन्‍हे उस्‍ताद (Little Master) है। वह अपनी अद्भूत प्रतिभा से सभी को कायल बना रहा है। मेधांश की ख्‍याति पंजाब के साथ-साथ देश विदेश तक पहुंच गई है। वह अब तक 50 से अधिक साफ्टवेयर डवलप कर चुका है। उसकी अपनी कंपनी है और उसका वह सीईओ है। + +जिस उम्र में बच्चे खिलौनों के साथ खेलते हैं उस उम्र में उसने बड़ी कामयाबी प्राप्त की केवल 9 साल की उम्र में www.21stjune.com साफ्टवेयर बनाया। उसे वर्ल्ड योगा डे पर लांच किया गया। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा एक पर एक कई सॉफ्टवेयर बनाते गए। जिसमें www.coronafreeworld.com www.missionfateh.com , www.stayalertstaysafe.in , www.sgpcamritsar.org और MissionFateh.com की वेबसाइट को इन्होंने ही डिजाइन किया। इनके प्रचार के लिए एक वीडियो भी बनाई। ये प्रसिद्ध और प्रचलित साफ्टवेयर हैं जिन्‍होंने मेधांश को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। + +मेधांश को नन्‍ही उम्र में मिल चुके हैं कई सम्‍मान।एक सम्‍मान पत्र के साथ मेधांश कुमार गुप्‍ता। (फाइल फोटो)।मेधांश का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड जैसे अन्य कई रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। इसके बाद उसे ईएसीसी यूरोपियन एशिया चेंबर ऑफ कॉमर्स कंपनी ने बुलाया और सम्मानित किया। अब तक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, विजय सांपला, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, सांसद अनुराग ठाकुर, बीबी जागीर कौर, जालंधर के डीसी घनश्याम थोरी के साथ अन्य कई मंत्रियों से सम्मानित हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..635bf57abad811e79d8ab0909003ad64c2f07dbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। शहर में ऐसे अजीब चोरों का गैंग भी सक्रिय है, जो कार से मिट्टी चुरा रहा है। यह मिट्टी काफी कीमती होती है और महंगे दाम पर बिकती है। दरअसल, इसका पर्दा श्यामनगर में रहने वाले एक कार मालिक की शिकायत से उठा है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके ऐसे अजीब चोर गिरोह की तलाश शुरू कर दी है। संभव है कि शहर में दूसरे कार मालिक भी इस चोर गिरोह का शिकार हो चुके हों लेकिन अभी तक उन्हें पता नहीं चला हो। यदि आपके कार के साइलेंसर से तेज आवाज आनी शुरू हो गई तो सतर्क हो जाइए कहीं आप भी चोर गिरोह का शिकार तो नहीं हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c1f68bbf58c12a7074eabe510ba3d43fc0033b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69698.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चित्रकूट, जेएनएन। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के आमंत्रण पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को राम मंदिर निर्माण स्थल अयोध्या जाएंगे। उन्होंने राम मंदिर को लेकर राय के कहा कि यह ङ्क्षहदू आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। इसमे किसी प्रकार का विरोध अच्छा नहीं देता है। कोशिश यह होनी चाहिए कि निर्विरोध मंदिर का निर्माण हो। + +चित्रकूट प्रवास में चंपत राय साधु संतों के साथ बैठक की है और जगद्गुरु से मिले हैं। जगद्गुरु से उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्रदास ने बताया कि करीब एक घंटा की मुलाकात में राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हुई है। ुगरु जी ने कहा है कि मंदिर को लेकर अनर्गल चर्चा नहीं होनी चाहिए जो लोग मंदिर के विरोध में अनावश्यक चर्चा कर रहे हैं वह तथा कथित हिंदू हैं और अपने आप में जयचंद्र की तरह है जो हिंदू होने के बाद भी विरोध कर रहे है। सब का खंडन होना चाहिए। यह दुनिया में सबसे बड़ा आस्था का केंद्र होने जा रहा है। इसकी बिल्कुल से निर्विवाद बनाया जाना चाहिए। जवाब में चंपत राय ने सफाई दी कि ऐसी कोई बात नही हुई है ये लोग मंदिर मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। जो अपनी विचार धारा के विरोधी है उनकी राजनीति है। उन्होंने जगद्गुरु से कहा कि अयोध्या आकर मंदिर निर्माण को देखें। जिस पर गुरु जी ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए जुलाई के आखरी सप्ताह में अयोध्या आने की बात कही। + +राम माधव भी बैठक हुए शामिल : भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री रहे व वर्तमान में संघ के अखिल भारती टोली के सदस्य राम माधव भी बैठक में शामिल होने को चित्रकूट पहुंच गए हैं। अभी तक वह भाजपा के महामंत्री थे मार्च में संघ की नई कमेटी में इनकी वापसी हुई है। राम माधव भाजपा और आरएसएस के बीच सामंजस्य बिठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..edb7e33fd2d8efd8cf9d827741b22ecbac53e552 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Ranbir Alia Wedding: रणबीर कपूर ने हाल ही में आलिया भट्ट से शादी की हैl अब 2 दिन शादी का उत्सव मनाने के बाद वह काम पर लौट गए हैंl रणबीर कपूर 2 दिन शादी इंजॉय करने के बाद काम पर वापस लौट गए हैंl उन्होंने गुरुवार को अपने बांद्रा इलाके में स्थित घर पर आलिया भट्ट से शादी की हैl रविवार को उन्हें काम पर लौटते देखा गयाl ।रणबीर कपूर को पपराजी ने अंधेरी में स्पॉट किया।रणबीर कपूर को पपराजी ने सेट पर जाते हुए देखा और उनकी तस्वीरें खींची और बधाई दीl पपराजी ने रणबीर कपूर को अंधेरी में स्पॉट कियाl उन्होंने ब्लू प्लेट शर्ट पहन रखी थीl इसके अलावा उन्होंने ब्लैक कलर कैप और मास्क भी लगा रखा थाl पपराजी ने उन्हें शादी की बधाई दीl बधाई मिलने पर रणबीर कपूर थम्स अप का निशान दिखायाl रणबीर कपूर और आलिया भट्ट एक-दूसरे को 5 वर्षों से डेट कर रहे थेl दोनों ने 14 अप्रैल को परिवार और मित्रों की उपस्थिति में शादी कर ली हैl आलिया भट्ट ने शादी की तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77ffeb1b002e005d4fbe21d7ac80912a9da31671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कालेज और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे विज्ञान के छात्र अब खेतों में जाकर पढ़ाई के साथ ही कमाई भी कर सकेंगे। मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए सैंपल जुटाने और लैब में जांच के काम में इन छात्रों की मदद ली जाएगी। जिस गांव से सैंपल लिए जाएंगे, वहां उसी गांव के विद्यार्थियों को यह काम दिया जाएगा। किसान मित्रों की मदद से छात्रों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec52b341ee66227dc6cdb781e89cd7c7feeb6bd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक दिन पहले निगम की टीम से बहोना चौक पर ओवरफ्लो होते शहर के आधे हिस्से के सीवेज को बिना ट्रीटमेंट सेम नाले में छोड़े जाने के तथ्य को छुपा लिया था। दैनिक जागरण की टीम शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे से लेकर सुबह साढ़े दस बजे तक मौके पर मौजूद रही। इस दौरान डिप्लोजल के टैंक के अनधिकृत रूप से झाड़ियों के बीच लगाए करीब छह इंच मोटे पाइप से सीवेज सीधे सेम नाले में ऐसे गिर रहा था मानो ट्यूबवेल चल रहा हो। इस दौरान निगम के मुलाजिम वहां मौजूद थे, हमारी टीम ने उनसे छुपते छुपाते पूरे दृश्य को वीडियो क्लिप के रूप में कैमरे में कैद कर लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97853d23f5e1593243c9d21bf60f842ed7c8a62c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69706.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मृदा परीक्षण कार्ड बनाने की शुरुआत 2016 में हुई। उसके बाद से लखनऊ भर में करीब सवा दो लाख किसानों ने मृदा परीक्षण कार्ड बनवाया है। तीन साल में एक बार बनने वाले इस कार्ड की वजह से उत्पादन में 20 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि इस पहल ने गेहूं का उत्पादन 26 क्वींटल से बढ़कर करीब 32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गया है जबकि धान का उत्पादन 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गया है। एक हजार मीट्रिक टन यूरिया की खपत घटकर 900 मिट्रिक टन और डीएपी की खपत 900 मिट्रिक टन से घटकर 780 मिट्रिक टन हो गया है। इससे।परीक्षण से रासायनिक तत्वों की होती है जानकारी: जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला की ओर से मृदा परीक्षण किया जाता है। सल्फर, बोरान व कैल्शियम की मात्रा की जांच कर उनकी कमी को दूर किया जाता है। इनकी कमी से उत्पादन में गिरावट आती है। मिट्टी में सल्फर की मात्रा कम से कम 15 पीपीएम होनी चाहिए। किसानों को रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का कम से कम प्रयोग करना चाहिए।किसान मिट्टी में जिप्सम का अधिक से अधिक प्रयोग करने के साथ ही गोबर की खाद का प्रयोग करें। हरी खाद भी मिट्टी की सेहत सुधार देगी। मिट्टी में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक तत्वों में नत्रजन, फास्फेट और पोटाश की सही मात्रा की जानकारी हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bda70ba3abb1a399baaf0d77bf72652a5451477a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड व यूपी रोडवेज के अधिकारियों के बीच बातचीत होने के बाद रामनगर के लिए बस सेवा शुरू हो गई है। रामनगर से भी दिल्ली के लिए बसों का संचालन शुरू हो गया है। उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ।कोरोना संक्रमण के कारण नौ मई से छह जुलाई तक रोडवेज की बसों को प्रदेश के बाहर जाने व दूसरे प्रदेश से यूपी में बसों के आने पर रोक लगा दी गई थी। शासन के निर्देश के बाद सात जुलाई से यूपी की बसों को उत्तराखंड व दिल्ली जाने की अनुमत‍ि दे दी गई है। इस आदेश के बाद यूपी रोडवेज की बसें उत्तराखंड के देहरादून, काठगोदाम, हरिद्वार, कोटद्वार के लिए चलनी शुरू हो गईं हैं। इन स्थानों से बसें मुरादाबाद होकर यूपी के विभिन्न क्षेत्रों में जाने लगी हैं। गुरुवार को मुरादाबाद से रामनगर के ल‍िए बस चलाई गई। रामनगर के अधिकारियों ने रोडवेज की बसों को वापस कर दिया और कहा कि यूपी के बसों को उत्तराखंड आने की अनुमति नहीं हैं। शुक्रवार को यूपी व उत्तराखंड रोडवेज अधिकारियों की बीच वार्ता हुई और दोपहर से रामनगर के लिए बसों को चलाने की अनुमति मिल गई। रोडवेज प्रशासन ने पहले दिन मुरादाबाद से रामनगर के लिए दस बसों को चलाया। इसके साथ काशीपुर के लिए भी बसें चलनी शुरू हो गईं हैं। रामनगर से दिल्ली के लिए बसें चलनी शुरू हो गईं हैं। दूसरे दिन भी उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी व काठगोदाम जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक रही। उत्तराखंड रोडवेज की बसें हल्द्वानी, कांठगोदाम व टनकपुर से दिल्ली के ल‍िए चलने लगी हैं। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (पीतल नगरी) शिव बालक ने बताया कि उत्तराखंड के रामनगर डिपो के अधिकारियों से वार्ता की गई और यूपी के बसों को उत्तराखंड में चलाने के ल‍िए सरकार के आदेश की फोटो स्टेट भी उपलब्ध करा द‍िया गया। इसके बाद रामनगर के लिए बसों का संचालन शुरू हो गया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69711.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69711.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6355daa12ff0b3c35504b631c45cf97f66572839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69711.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बाल कल्याण एवं राष्ट्रीय पोषण मिशन की समीक्षा की। आयुष्मान भारत में गोल्डन कार्ड की खराब स्थिति पर प्रोग्राम मैनेजर डा. पीताम्बर सिंह को प्रगति बढ़ाने के लिए कहा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. डीके प्रेमी को गोल्डन कार्ड में विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। इसमें आशा कार्यकर्ता का सहयोग लेने का निर्देश दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को योजनाओं की प्रगति के लिए इन पैनल अस्पतालों की बैठक कराने के कहा। स्वास्थ्य सेवाओं में जिला मंडल से पीछे न रहें। परिवार नियोजन कार्यक्रम में प्रगति बढ़ाने के साथ ही जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप केन्द्र में दवाओं की उपलब्धता बनाए रखें। संस्थागत प्रसव में लक्ष्य के सापेक्ष 40 फीसद प्रगति, मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम में मात्र 17 फीसद प्रगति होने पर लक्ष्य के सापेक्ष कार्य करने के लिए कहा। कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराने पर जोर दिया। अधूरे निर्माण कार्यो की समीक्षा भी की। जल्दी निर्माण कार्य पूरा करने के लिए निर्देश दिए। इसमें सीडीओ आनंद वर्धन, सीएमओ डॉ. एमसी गर्ग, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. दीपक कुमार वर्मा आदि रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e70fd39b062e42eb248cb39bedebf4590cfd9d44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69712.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आर्य यहीं के निवासी थे।भारतीयों को उनकी वास्तविक पहचान से भटकाने की कोशिश देश में लंबे समय से होती आई है। अंग्रेजों द्वारा इतिहास में आर्य आक्रमण सिद्धांत के जरिये आर्यों को बाहरी साबित करने की जो कुचेष्टा की गई उसका निर्वाह आजाद भारत के वामपंथी इतिहासकारों ने भी किया। यह सिद्ध करने का प्रयास होता रहा है कि आर्य बाहर से आए और यहां के मूल निवासियों को खदेड़कर यहीं बस गए। लेकिन जब राखीगढ़ी के अवशेष सामने आए तो उन्होंने इन वामपंथी प्रपंचों को बेनकाब कर दिया। राखीगढ़ी से प्राप्त कंकाल के अवशेषों की जांच के आधार पर यह स्पष्ट हुआ है कि पिछले कम से कम बारह हजार साल से एशिया का जीन एक ही रहा है, अत: आर्य यहीं के निवासी थे। कई अन्य तथ्यों के भी सामने आने से नई अवधारणाएं सामने आईं। + +कहने का आशय यह है कि समय के साथ अलग-अलग संस्कृतियों के संपर्क व प्रभाव से भले ही देश की आबादी के एक हिस्से की जीवनशैली और पूजा-पद्धति में अंतर आ गया हो, परंतु इस देश के सभी निवासियों का मूल एक ही है। वे महाभारत काल में ‘भारत’ से संबोधित होते थे, आज उनकी पहचान भारतीय है और इसी पहचान के साथ देश को आगे बढ़ना है। मोहन भागवत ने अपने वक्तव्य में इसी पहचान द्वारा राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान किया है। जो लोग इससे सहमत नहीं हैं, वे कहीं न कहीं भारतीयता की भावना से ही असहमत हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69713.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69713.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49e7a7d73a60546573f414dfe2f4aba987656f1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69713.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +भारत तक सीमित नहीं मतांतरण के मामले।देखा जाए तो यह एक वैश्विक परिघटना के भारतीय पक्ष को दर्शाता है। कट्टरता का समर्थन और उसके अनुपालन के लिए आतंकवादी गतिविधियों और संगठनों में शामिल होने के उदाहरण विश्व के लगभग सभी देशों में मौजूद हैं। वर्ष 2015 में करीब 85 देशों के 30 हजार लोग आइएसआइएस में शामिल हुए। ‘द सूफन सेंटर’ की 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप से बड़ी संख्या में लोग लड़ाकों के रूप में आइएस में शामिल हुए। इनमें सबसे ज्यादा संख्या में मध्य एशिया से शामिल हुए। हालांकि, इस्लामिक देशों में सरकारें और बहुसंख्यक जनसंख्या आइएस के कट्टर, क्रूर और आतंकवादी तरीकों का पक्षधर नहीं है और स्वयं को इन प्रतिबंधित संगठनों से दूर ही रखना चाहते हैं। आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए यूरोप और अमेरिका जैसे महाद्वीपों में भी वर्ष 2001 के बाद से आकर्षण बढ़ता हुआ देखा जा सकता है। इन संगठनों में शामिल युवतियों को ‘जिहादी ब्राइड्स’ कहा जाता है। ऐसा देखा गया है कि अधिकांश युवतियों के आइएस में शामिल होने की मुख्य वजह प्रेम संबंध और विवाह से जुड़े हैं। + +कट्टरता का वैश्विक परिदृश्य।आकड़ों के आधार पर देखें तो यूरोप में बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड से सबसे बड़ी संख्या में वहां के नागरिक न केवल आइएस में शामिल हुए, बल्कि इस आतंकवादी संगठन से सहानुभूति रखने वाले लोगों की संख्या भी तुलनात्मक रूप से कहीं ज्यादा है। इस आतंकवादी संगठन से जुड़ने वाले लोगों की औसत उम्र यहां करीब 24 वर्ष है। इनमें इस्लामिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ ही इस्लाम में मतांतरित होने वाले लोग भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, मूल रूप से इस्लामिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की तुलना में मतांतरित लोगों में आइएस जैसे संगठनों को लेकर ज्यादा आकर्षण देखा गया है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर काउंटर टेररिज्म (आइसीसीटी) की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड से इस्लामिक स्टेट में शामिल विदेशी लड़ाकों का प्रतिशत क्रमश: आठ, 23, 12 और 16 प्रतिशत है। + +गौरतलब है कि यूरोप और अमेरिका में हुए अलग-अलग शोधयह बताते हैं कि पैदाइशी मुसलमानों की तुलना में मतांतरित मुस्लिमों में कट्टर प्रवृत्तियों की तरफ जाने की आशंका कहीं अधिक होती है और इसके कारण को मूलत: इस्लाम को सही तरह से न समझने, किसी विशेष आकर्षण के तहत इस्लाम अपनाने, कट्टर गतिविधियों से शीघ्र प्रभावित होने और अपने धर्म में अच्छे अनुभवों का न होना हो सकते हैं। ये सभी कारण या तो एक साथ या इनमें से कोई एक भी न केवल मतांतरण, परंतु कट्टरपंथ की ओर झुकाव और आतंकवादी गतिविधियों में परस्पर भागीदारी को भी सुनिश्चित करते हैं। + +इन जिहादी ब्राइड्स के अपने वतन वापसी का सबसे चर्चित मामला ब्रिटेन की शमीमा बेगम का है। शमीमा बेगम 15 साल की उम्र में आइएस में शामिल होने के लिए यूके से सीरिया गई और इसके बाद उसने इस्लाम में मतांतरित एक डच नागरिक से शादी कर ली। उसके तीन बच्चे हुए, लेकिन सभी की नवजात अवस्था में ही मृत्यु हो गई। करीब 21 साल की उम्र में वर्ष 2019 में जब उसने सीरिया से यूके वापसी की इच्छा जताई तो वहां के तत्कालीन रक्षा सचिव ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए उसकी नागरिकता समाप्त कर दी और इस प्रकार उसे वापसी की इजाजत नहीं दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d9285d410e087f30e19f0f74f4c7cb08e291891 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69714.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वायरस लाइक पार्टिकल (वीएलपी) को वैक्सीन के जरिए मनुष्य शरीर में भेजा जाएगाअ।दरअसल, कोरोना वायरस में डीआक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) व राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) नामक जेनेटिक मेटीरियल होता है। सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि कोई भी वायरस बिना जेनेटिक मेटीरियल के अधूरा है। यदि ये मेटीरियल वायरस में न हो तो यह इंसान को क्षति नहीं पहुंचा सकता। अमृतसर मेडिकल कालेज स्थित वायरल डिजीज रिसर्च लैब में वीपीएल पर शोध करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से स्वीकृति मांगी गई है। लैब के प्रोफेसरों ने सारा स्ट्रक्चर तैयार कर आइसीएमआर को भेजा है। + +कैसे बनेगी एंटीबॉडी।मेडिकल कालेज में तैयार किए जाने वाले वीएलपी की संरचना एवं आकार कोरोना वायरस जैसे ही होंगे। जैसे ही वैक्सीन के जरिए इन्हें मानव शरीर में भेजा जाएगा तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को आभास होगा कि कोरोना वायरस का अटैक हुआ है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता सक्रिय हो जाएगी और शरीर वीएलपी से लड़ना शुरू कर देगा। + +दिल्ली में होगा क्लिनिकल ट्रायल।कोरोना वायरस की तरह दिखने वाले वीएलपी से दुनिया भर में कई वैक्सीन तैयार की जा रही हैं। कई वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में पास भी हो चुकी हैं। कोविशील्ड व कोवैक्सीन भी इसी सिद्धांत पर आधारित है। वीएलपी के रूप में बूस्टर डोज लगाकर शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित की जाती है। अमृतसर में बनने वाले वीएलपी के क्लिनिकल ट्रायल दिल्ली में होंगे। इन्हें आइसीएमआर ही करवाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7286be802cbb9fbde3f8a3b202efb7b0de4973a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69715.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पेंटिंग के जुनून से मिली पहचान ।कैसा भी हुनर हो, वह बच्चों-किशोरों के आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देता है। फिर कितनी ही मुश्किल परिस्थिति क्यों न हो, बच्चे अपने जुनून को जीने से पीछे नहीं रहते। जैसे, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में पेंटिंग के लिए 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ प्राप्त करने वाले देहरादून के अनुराग रमोला को ही लें। अनुराग सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह अपने बड़े भाई के साथ एक ही कमरे में रहते थे। घर में न स्टैंड बोर्ड था, न अच्छे ब्रश और रंग। कभी बेड, तो कभी जमीन पर बैठकर अपनी कला को तराशते। लेकिन उसके माध्यम से इन्होंने अपने स्कूल, क्षेत्र व प्रदेश का नाम रोशन किया। अनुराग बताते हैं, ‘ परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण पेंटिंग के लिए बेहतर बोर्ड और महंगे कलर नहीं खरीद सकता था। लेकिन इसमें गहरी रुचि के कारण इसे छोड़ भी नहीं सकता था। पांचवीं कक्षा में केंद्रीय विद्यालय की ओर से आयोजित संभाग स्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला। उसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। इससे आत्मविश्वास बढ़ा। पिता चैत सिंह ने भी कुछ पैसे जुटाकर एक स्टैंड बोर्ड दिलाया। इसके बाद विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल होकर स्कूल,संभाग व राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त किए।‘ अनुराग 12वीं के बाद देहरादून में आर्ट गैलरी खोलना चाहते हैं, ताकि वे अब तक बनायी अपनी 160 पेंटिंग वहां प्रदर्शित कर सकें। इसमें उन्हें भी मौका दिया जाएगा, जो जगह न मिलने के कारण अपनी पेंटिंग प्रदर्शित नहीं कर पाते। + +एनएसडीसी-वाट्सएप डिजिटल स्किल एकेडमी देंगे प्रशिक्षण ।डिजिटल स्किल चैंपियनंस प्रोग्राम का उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे कि वे स्वरोजगार की ओर प्रेरित हों। इसके तहत स्कूल एवं कालेज के स्टूडेंट्स को डिजिटल सेफ्टी एवं आनलाइन प्राइवेसी जैसी स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें डिजिटल स्किल चैंपियंस का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह प्रोग्राम पांच राज्यों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं कर्नाटक) के करीब ५० कैंपस में शुरू किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..876732d5ec8a9602de9260a1a918d93d5036a9fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69721.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खुद को साबित करने की है चुनौती।भले ही हम सभी के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। फिर भी हमारी आखों में चमक बिखेरने वाले सपनों को पूरा करने की ताकत हमारे अंदर अभी भी है और उन्हें हमारे अलावा कोई और पूरा नहीं कर सकता। सबसे पहले हमें इसी बात को समझने की आज सबसे ज्यादा जरूरत है। यह सोचने के बजाय कि ‘यह नहीं होगा', हमें यह सोचना चाहिए कि यह कैसे होगा? हमें सबसे पहले अपनी मनोदशा को बदलना होगा, तभी हमारी परिस्थितियां बदलेंगी। कहीं से निकलने से लेकर, कहीं पर पहुंचने तक के सफर को तय करने के लिए हमें खुद को आत्मविश्‍वास से भरना होगा, क्योंकि सब कुछ हमारे आत्मविश्‍वास पर ही निर्भर करता है। परिस्थितियां चाहे कैसे भी क्यों न हों, हमें कठिन राह में भी आसान डगर बनानी होगी। + +जानें अपने सपने को।ऐसा कभी नहीं होता है कि किसी भी व्यक्‍ति का कोई सपना न हो। अपने सपनों को पूरा करना ज्यादा कठिन भी नहीं होता है। बस जरूरत होती है तो उसे पहचानने की। इसके लिए हमें अपने सपनों या ड्रीम की एक लिस्ट बनानी होगी। सभी सपनों को एक पेन की मदद से हमें अपनी डायरी में उकेरना होगा, विस्तार से समझना होगा कि हमें आखिर चाहिए क्या? और जो चाहिए, आखिर वह हासिल कैसे होगा? इन सब बातों पर गहनता के साथ विचार-विमर्श करना होगा। कुछ पन्नों पर हर एक ड्रीम को लिखना चाहिए और उसके बारे में कल्पना करनी होगी। फिर यहीं से मिलती है आगे बढ़ने की स्‍पष्‍टता। दरअसल, हमें अपने ड्रीम या लक्ष्य तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा मदद स्पष्‍टता ही करती है। इसलिए हमें आखिर करना क्या है? इस बात का निर्णय पहले लेना होगा और स्पष्‍ट होना होगा। जब इंसान अपने लक्ष्य के प्रति स्पष्‍ट हो जाता है, तो उसके पास किसी भी बाधा को पार करने का साहस और समाधान दोनों होते हैं। इसलिए कंफ्यूजन को दूर रखना होगा और लक्ष्य के प्रति एकाग्र और क्लीयर होना होगा, तभी सपनों को हकीकत बनाया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36e6cf99199deee32a1070854e1f9a51292bf99d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. अनिल सेठी। जीवन में बहुत से सफल लोगों के साथ मुझे काम करने और मिलने का मौका मिला। सफल लोगों की किताबें पढ़ीं। इन सभी से जो सीखने को मिला, वह था जीवन में सफलता के लिए दीर्घकालीन योजना का होना। हो सकता है कि सफलता की परिभाषा हर किसी की अलग हो। एक गरीब आदमी के लिए दो वक़्त का भोजन ही सफलता है। मेरी नजर में टाटा, बिड़ला, रिलायंस, मदर टेरेसा, कैलाश विद्यार्थी जैसे सभी सफल लोग हैं। मेरी सफलता की परिभाषा है कि आप जीवन में कितने अधिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..233971933dc4587aa94ff5f13d23ab56fe19eb40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीखते हुए बढ़े आगे।गगन की मानें, तो शुरू के कुछ महीने सीखने में ही लग गए। मार्केट को जाना-समझा। स्ट्रेटेजी पर कार्य किया। जब आत्मविश्वास बढ़ा, तो 2010 में अपनी कंपनी सनबार्न एनर्जी की नींव रखी। इसमें भारत समेत अमेरिका के निवेशकों ने पूंजी लगाई। वह बताते हैं, हमने मार्केट रिसर्च भी जारी रखा। इसी दौरान सोलर प्रोडक्ट्स की जरूरत का पता चला। हमने देखा कि सभी कंपनियां बड़े प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रही हैं, जबकि आम कस्टमर्स को उनकी जरूरत का सोलर प्रोडक्ट नहीं मिल पा रहा। इसके बाद ही सितंबर 2015 में हमने एक नया स्टार्टअप ‘माईसन’ लांच कर दिया, जो लोगों की हर छोटी-बड़ी ऊर्जा जरूरत को पूरा करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29cfd4118eb8546264fe1e4666d7b88c2eedd909 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69724.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +(संतोष शुक्ल), मेरठ। कोरोना वायरस ने मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता को तेजी से खत्म किया, जिससे ब्लैक फंगस जैसी बीमारी ने दर्जनों की जान ले ली। अब फंगस थम गया है, लेकिन पोस्ट कोविड मरीजों के लिए साइटोमेगलोवायरस यानी सीएमवी घातक बनकर उभरा है। यह वायरस भी कमजोर इम्युनिटी वालों पर हमला करता है। पेट दर्द, स्टूल में खून, थकान, बुखार, गले में खराश, सूजन और आने समेत कई अन्य लक्षण उभरते हैं। + +सुस्त पड़ा वायरस अब एक्टिव। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य का कहना है कि सीएमवी कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि यह ब्लैक फंगस की तरह मौकापरस्त हमलावर है, जो कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को निशाना बनाता है। हरपीज वर्ग का यह वायरस 40 साल से ज्यादा उम्र के 80 फीसद लोगों के शरीर में सुस्त पड़ा रहता है। कोरोना संक्रमण में गंभीर निमोनिया से ग्रसित और स्टेरायड की ओवरडोज लेने वाले मरीजों के लिए ब्लैक फंगस खतरा बना। अब सीएमवी भी घातक बन रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49102db79adf3eb7b84a12e06f5b11fbceda875a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69725.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लू भले कम चले या ज्यादा, या फिर न भी चले, लेकिन गर्मियों के मौसम में सान दर साल बढ़ती तपिश और उमस मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव अवश्य डाल रही है। कई तरह के रोगों का कारक बनने के साथ-साथ इसका सीधा असर कार्य क्षमता पर भी बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी क्लाईमेट ट्रेंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में 21 फीसद श्रम उत्पादकता इसी वजह से कम हो रही है। हर साल 12 से 66 दिन का कार्य कुछ इसी तरह की गर्मी की भेंट चढ़ जाता है। दिल्ली में ऐसे दिनों की संख्या 63 है। रिपोर्ट के मुताबिक गर्मियों में इंसानी शरीर पसीने से खुद को ठंडा करता है लेकिन उमस का स्तर बहुत ज्यादा हो तो पसीना काम नहीं करता। खतरनाक ओवरही¨टग का जोखिम भी पैदा हो जाता है। इसी गर्मी और उमस को नापने का एक पैमाना है वेट बल्ब टेंपरेचर जो इस बात का अनुमान लगाने में भी उपयोगी है कि मौसमी परिस्थितियां इंसानों के लिए सुरक्षित हैं या नहीं। इसे मापने के लिए थर्मोमीटर के बल्ब के चारों तरफ एक गीला कपड़ा लपेट दिया जाता है। यह उस न्यूनतम तापमान का प्रतिनिधित्व करता है जो आप पानी से वाष्पीकरण (जैसे पसीना निकलना) के जरिए कम कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69726.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69726.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30c85ca206647d2dadb3719b83917ad2252ac7e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69726.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत समाज कल्याण विभाग की मदद से नगर निगम सामूहिक विवाह का आयोजन करने जा रहा है। योजना का लाभ उठाने के लिए नगर निगम में आवेदन कर सकते हैं। शादी की सारी व्यवस्थाएं नगर निगम को ही करनी है। कोरोना संक्रमण के कम होने पर निगम का यह पहला बड़ा वैवाहिक समारोह होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5cbe7a0be59c11cab0d5a5d7226fac64d1c70be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ, (विवेक राव)। 2025 तक भारत को टीबीमुक्त करने की दिशा में नई संभावनाएं नजर आ रही हैं। अब मेरठ इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी (एमआइईटी) के फार्मेसी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अनुराग ने टीबी की एक नई दवा तैयार की है, जो महज दो महीने में टीबी की बीमारी खत्म कर देगी। दावा है कि ये दवा वर्तमान डोज से चार गुना कारगर होगी। दुष्प्रभाव भी कम होगा। इस दवा का चूहे पर सफल ट्रायल किया गया है। अब क्लीनिकल ट्रायल के लिए फार्मा कंपनी से बात चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16c21f066d12bc31b5245c70dfc08f12aa1585db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जलस्तर में 54.96 फीट की कमी दर्ज, जलस्तर 1535.24 फीट।बता दें कि इस समय जलस्तर 1535.24 फीट है जबकि पिछले साल आज के दिन जल स्तर 1590.20 फीट था। करीब एक सप्ताह में पहले पानी की आवक में लगभग करीब 25000 क्यूसेक तक की कमी आ चुकी थी। लेकिन पिछले दो दिन से हिमाचल में हुई बारिश के चलते आवक का ग्राफ 40118 क्यूसिक तक पहुंच गया है। पिछले साल आज के दिन पानी की आवक 42429 क्यूसिक थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a5686bd5b77c006f948d4f3349b694ba44a676f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साल भर शोध के बाद तैयार यह जैकेट यूनाइटेड स्टेट्स (यूएस) की संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट आफ जस्टिस (एनआइजे) के मानकों पर खरी है। दो-तीन मीटर से मारी गई एके-56 की गोली भी इसे भेद नहीं पाएगी और न ही गोली के निशान पड़ेंगे। भारतीय सेना के लिए इसका परीक्षण चल रहा है। कसौटी पर खरी उतरने के बाद सेना जल्द इस अत्याधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट का इस्तेमाल कर सकेगी। खास बात यह कि इस जैकेट की धमक विदेश तक पहुंच गई है। कई देशों ने सेना और पुलिस के लिए जैकेट का आर्डर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ff1b4a896dff45fb9a3ca716f683f97dd24ceb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69731.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। तहजीब के शहर-ए-लखनऊ का हर रंग निराला है। लक्ष्मण द्वारा बसाए गए इस शहर में जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर रथयात्रा की शुरुआत करीब 100 साल पहले हुई थी। चौक के रानी कटरा स्थित चारों धाम मंदिर के निर्माणकर्ता कुंदनलाल-कुंजबिहारी लाल ने यात्रा की शुरुआत की थी। यहां के निवासी विष्णु त्रिपाठी 'लंकेश' ने बताया कि छोटी काशी के स्वरूप इलाके में नजर आता है। चौपटिया के रानी कटरा में चारों धाम मंदिर निर्माण के पीछे कथानक है कि कुंज बिहारी लाल ऐसे लोगों को यात्रा की अनुभूति कराना चाहते थे जो आर्थिक तंगी या समय के अभाव में यात्रा नहीं कर पाते थे। मंदिर में रावण दरबार के अलावा चारों धाम मंदिर व स्वर्ग-नर्क का मंदिर भी मौजूद है। रामकुमार अग्रवाल ने इसका जीर्णोद्धार कराया और इसे विस्तार दिया। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिर परिसर में ही भगवान की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। श्री भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र को फूलों की पालकी में स्थापित किया जाता है। श्री शुभ संस्कार समिति के महामंत्री ऋद्धि किशोर ने बताया कि सुरक्षा के चलते यात्रा नहीं निकलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69733.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69733.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..513ef1d93f7477d53eed5b393effbb9fb03496db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69733.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राधिका कपूर, लुधियाना। टीवी कलाकार अभिनव शुक्ला से इन दिनों कौन परिचित नहीं हैं। लुधियाना का यह चर्चित चेहरा जहां रिएलिटी शो बिग बास-14 में भी भाग ले चुका है, वहीं इन दिनों एक बार फिर से चर्चा में है। लुधियाना के अभिनव शुक्ला इन दिनों खतरों के खिलाड़ी 11 का हिस्सा बन रहे हैं जिसकी शूटिंग दक्षिण अफ्रीका के केपटाऊन में हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ea1b990870f01879e33ed6c7b076121aeba2c02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69734.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तत्काल सुधार की जरूरत।सहकारी आंदोलन को समर्थन देकर युवाओं को रोजगार और वंचितों को जीवन यापन के साधन मुहैया कराए जा सकते हैं। लेकिन इस दिशा में सरकारी स्तर पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। सहकारिता क्षेत्र में सुधार की तत्काल जरूरत है, जिसके लिए कई कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। कई सहकारी संस्थानों की हैसियत मल्टीनेशनल कंपनियों से कम नहीं है, लेकिन उन पर काबिज सहकारी नेताओं ने उन्हें अपना साम्राज्य जैसा बना लिया है। + +निगरानी नहीं होने से पारदर्शिता का अभाव।मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सोसायटी एक्ट बनने के बाद ही देश में सहकारी क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियां स्थापित की गईं। इनमें केंद्रीय मदद भी ली गई, लेकिन अब उनमें सरकार की हिस्सेदारी धेले भर की भी नहीं है। सरकारी निगरानी नहीं होने से उनमें पारदर्शिता का अभाव है, जिससे इन कंपनियों के प्रबंधन में घूम फिरकर गिनती के वही लोग सर्वेसर्वा होते हैं। इनमें और सहकार सदस्यों को कभी स्थान प्राप्त नहीं होता। पूर्ववर्ती सरकारों में रहे राजनीतिक दलों के नेताओं के एक वर्ग के लिए यह दुधारू गाय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6ae9d9589c87d120b76bbe7d6594c52413a9bf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69738.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मॉस्‍को, एजेंसी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस और जार्जिया की यात्रा पर हैं। चीन के पक्‍के दोस्‍त के घर यानी रूस में विदेश मंत्री ने ड्रैगन को खरी-खरी सुनाई है। खास बात यह है कि भारतीय विदेश मंत्री ने यह बात तब कही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिब्‍बत के धार्मिक गुरु दलाई लामा को उनके जन्‍मदिन पर बधाई संदेश दिया है। यह बात चीन को जरूर अखरी होगी। प्रधानमंत्री मोदी के इस बधाई संदेश के सांकेत‍िक अर्थ निकाले जा रहे हैं। इसके बाद रूस में भारतीय विदेश मंत्री ने चीन को खरी-खरी सुनाई है। जानकार दोनों मामलों को एक कड़ी में जोड़कर इसे चीन के लिए एक सख्‍त संदेश के रूप में देख रहे हैं। + +विदेश मंत्री के भाषण के निहितार्थ । भारत-चीन सीमा विवाद पर दिया करारा जवाब ।1- भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ 45 वर्षों में पहली बार भारत का सीमा विवाद बढ़ा है। इतना ही नहीं सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष में लोगों की जान गई है। इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ा है। जयशंकर ने कहा कि गत 40 वर्षों में भारत-चीन के साथ संबंध स्थिर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि सीमा विवाद को लेकर दोनों के बीच थोड़ा बहुत तनाव जरूर रहा है, लेकिन रिश्‍ते ठीक रहे हैं। गत एक वर्ष में सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के रिश्‍ते तल्‍ख हुए हैं। यह चिंता का व‍िषय है। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट कहा कि चीन ने सीमा समझौते का सम्‍मान नहीं किया है। इसका गहरा असर दोनों देशों के बीच कायम भरोसे पर पड़ा है।2- उन्‍होंने कहा कि बीते 75 वर्षों में दुनिया की तस्‍वीर बदल गई है। विश्व में एक तरह की रीबैलेन्सिंग शुरू हुई है। उत्‍पादन के नए केंद्र बने हैं। मुल्‍कों ने अपनी शक्ति के साथ-साथ बाजार को बढ़ाया है। उन्‍होंने स्‍वीकार किया इसका चीन सबसे बड़ा उदाहरण है। विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि अपने इतिहास और शक्ति के कारण चीन बेहद अहम है। उसका आगे बढ़ना लाजमी है। उन्‍होंने कहा कि वक्‍त के साथ भारत भी खुद को उसी स्थिति में देखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94aa8bf389257330a54fd4bd7f8c14d67e6bb3c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69741.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ताकि हर घर-आंगन में हो हरियाली।जो लोग गोवंश चारा लेकर आते थे, उनके घर में भी एक दो गोवंश होते थे। वे आग्रह करते कि क्या हम गोबर भी दे सकते हैं। उनका आग्रह स्वीकार किया गया और उस गोबर का उपयोग खाद के रूप में करने का निर्णय हुआ। फिर एक नर्सरी की शुरुआत हुई, उसमें ऐसे पौधे उगाए जाने लगे जो घर में छतों पर या अन्य स्थानों पर लगाए जा सकें। ऐसे पौधे भी तैयार होने लगे और लोगों को वितरित होने लगे। + +कोरोना से लड़ने के लिए काढ़ा।सब ठीक चल रहा था। लेकिन, अचानक आपदा के रूप में कोरोना आ गया। शुरू में गोशाला के लोग थोड़ा असहज हुए, लेकिन फिर तय हुआ कि क्यों न रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला काढ़ा बनाया जाए। इसमें आजवाइन, खसखस, मुलेठी, दालचीनी, काली मिर्च, छोटी व बड़ी इलायची, बुलबन-फसा, तुलसी, गिलोय, सोंठ , सौंफ पड़ती है। कोरोना की दूसरी लहर में दस हजार से अधिक लोगों को काढ़े के निश्शुल्क पैकेट बांटे जा चुके हैं। जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. धर्मपाल पूनिया कहते हैं कि इस काढ़े की गुणवत्ता उत्कृष्ट है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a0a298b8edbb5d3fc5e482a547031b120b58248 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां। 2017 : एशियाई चैंपियनशिप, वाको, स्वर्ण पदक।2018 : आइएसएसएफ जूनियर विश्व कप, सुल : स्वर्ण पदक।2018 : एशियाई चैंपियनशिप, कुवैत : स्वर्ण पदक।2018 : एशियाई खेल, जकार्ता : स्वर्ण पदक।2018 : युवा ओलंपिक खेल, ब्यूनर्स आयरस : स्वर्ण पदक।2019 : आइएसएसएफ विश्व कप, दिल्ली : स्वर्ण पदक।2019 : आइएसएसएफ विश्व कप, म्यूनिख : स्वर्ण पदक।2019 : आइएसएसएफ विश्व कप, बीजिंग : स्वर्ण पदक।2021 : आइएसएसएफ विश्व कप, दिल्ली : स्वर्ण पदक ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..945338aa00291322cd2dab12757eea480ae08a28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धान की सीधी बुआई को लेकर पिछले एक वर्ष से हम लोग दिल्ली देहात के विभिन्न गांवों में किसानों को जागरूक करने में जुटे हैं। सीधी बुआई तकनीक समय की मांग है। किसानों को इसे अपनाना चाहिए। - डॉ. पीके गुप्ता, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा।श्रम की बचत।कृषि विज्ञान केंद्र उजवा के विज्ञानी डॉ. समरपाल सिंह बताते हैं कि धान की नर्सरी तैयार करने से लेकर खेत में रोपाई तक बड़ी संख्या में मजदूरों की जरूरत परंपरागत विधि में पड़ती है। आने वाले समय में दिल्ली व आसपास के राज्यों में कामगारों का संकट उत्पन्न होने की पूरी संभावना है। कोरोना महामारी के दौरान यह संकट और गहराया है। सीधी बुआई तकनीक में नर्सरी बनाने की जरूरत ही नहीं होती। इसके अलावा रोपाई के बजाय यहां बुआई होती है। बुआई का कार्य मशीन से किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfba1dc693a36323ff797dc517b5e0a35570f8d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69748.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। मूल से ज्यादा सूद प्यारा होता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला भी इसके अपवाद नहीं थे, लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं। अब उन्हेंं मूल के एक अंश से प्यार है तो दूसरे से विरोध। सूद के साथ भी यही है। वह अजय और उनके बेटों के विरोध में हैं तो अभय और उनके बेटे बुजुर्गवार की आंखों के तारे हैं। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जेल से रिहा होने के बाद जब अपने पिता स्व. देवीलाल के समाधि स्थल पर गए तो वहां मीडिया वालों ने उनसे करारे-करारे सवाल कर डाले। चौटाला ठहरे राजनीति के भीष्म पितामह। तब उन्होंने वार करते हुए यह नहीं देखा कि सामने उनके पोते हैं या जजपा के नेता। चौटाला बोले कि आने वाला समय बताएगा कि कौन कहां ठहरता है। यह बात अलग है कि दुष्यंत और दिग्विजय अपने दादा की कही गई किसी बात का बुरा नहीं मानते हैं। + +न मिला हाथ तो दीजिएगा साथ।पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन एक बार फिर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं। वह पंचकूला या कालका से विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं। हुड्डा और सैलजा के बीच चल रही आपसी तनातनी में उनको आशंका है कि कहीं कांग्रेस का हाथ उनके सिर से हट न जाए। इसलिए वह अपने को राजनीतिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो चंद्रमोहन विशुद्ध रूप से जनता के आदमी हैं। यह जनता के प्यार का ही असर है कि चंद्रमोहन की कमजोरियों को भी वह नजरअंदाज कर देती है। हाल ही में चंद्रमोहन की गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से अंबाला में मुलाकात हुई। विज से चंद्रमोहन की मुलाकात को राजनीतिक आशीर्वाद की आकांक्षा भी माना जा रहा है। वैसे भी यदि किसी को हाथ का साथ न मिले तो कमल का फूल भी बेहतर आप्शन हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1874fe2e468f3c059f932a7de4a111b2f041ce72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69749.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जब वे खुद ही चुनाव में उतरेंगे तो राजनीतिक दल ही उनके विरोध में उतर आएंगे और फिर उनकी मार्केट वैल्यू माइनस में चली जाएगी। लेकिन प्रश्न यह भी कि चढ़ूनी ने यह सुझाव दिया क्यों? और अभी क्यों दिया? दरअसल चढ़ूनी आंदोलन पर काबिज पंजाब के नेताओं से कहना चाहते हैं कि भले ही तुम पंजाब से यहां आकर धरने पर बैठकर खुद को नेता मान रहे हो, चुनाव लड़ो तो पता चला जाएगा, तुम्हें कितने किसानों का समर्थन प्राप्त है? बस इतना है कि चढ़ूनी ने यह बात सलीके से कही है। चढ़ूनी को इस बात का दुख है कि वह पिछले तीस वर्षों से हरियाणा स्वयंभू किसान नेता थे। + +यह बात अलग है कि चढ़ूनी जैसा महत्त्व चाहते थे, वैसा महत्त्व उन्हें नहीं मिला। कई बार तो उन्हें अपमानित भी होना पड़ा, जबकि आंदोलन में शामिल पंजाब के तमाम किसान संगठनों की अपेक्षा हरियाणा में उनका कद बड़ा है। पंजाब के कथित नेताओं का प्रभाव जहां जिले-तहसील तक सीमित है, वहीं चढ़ूनी का थोड़ा-बहुत प्रभाव कम से कम हरियाणा के पांच सात जिलों में है ही। आंदोलन में राकेश टिकैत की एंट्री के बाद पहले तो पंजाब के नेताओं ने उन्हें खूब भाव दिया, लेकिन बाद में वे टिकैत से भी कन्नी काटने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..934866d78bd9f1c839c7478260229944da1a26aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69756.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन किया। वहीं, कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को यूपी गेट पर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक सड़क के किनारे रसोई गैस सिलेंडर रखकर विरोध जताया। वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि एक अगस्त से सीमा के साथ प्रदेशभर में आंदोलन चलेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि 11 जुलाई से मंडलवार बैठक कर तैयारी होगी। एक अगस्त से प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा। + +प्रदर्शनकारियों में अनित कसाना, विनोद शर्मा, अंकुर शर्मा, बिरम शर्मा, जगदीश कुमार, धर्मपाल स्वामी, भिखारी प्रधान, सूबे राम मास्टर, गुरप्रीत सिंह, सुनील प्रधान, इंदरीश, देवेंद्र, अजीत, पंकज, राहुल भाटी, खुर्शीद, पर¨वदर अवाना, विपिन प्रधान, योगी नंबरदार, बबली भाटी, पवन, ललित, जयराम मुखिया, महेश खटाना, बलबीर अंबावता, शमशाद सैफी आदि शामिल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69757.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..846b68ce32e25967e6e4605129b1e18a83c340ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69757.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। मौसम का बदलना नया नहीं है। हमारी पृथ्वी इस मामले में अनूठी है कि इसके ज्यादातर हिस्सों में ऋतुओं का आना-जाना लगा रहता है। हालांकि कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां मौसम बमुश्किल बदलता है। कुछ इलाकों में सदा बर्फ जमी रहती है तो कुछ इलाके हमेशा सूरज की गर्मी से तपते रहते हैं। भारत जैसे ऊष्ण-कटिबंधीय देशों में गर्मी की अधिकता रहती है तो भी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूवरेत्तर राज्यों में मौसम ज्यादातर वक्त ठंडा और खुशगवार रहता है। हमारे देश के इन हिस्सों की तरह ही दुनिया के कुछ देश अपनी ठंड के लिए ज्यादा मशहूर रहे हैं, लेकिन ये खुशगवारी अब गुम हो रही है। जो इलाके बर्फ से ढके-छिपे रहते थे, अब वहां भी प्रचंड गर्मी अपना असर दिखा रही है। + +मानसून के जिस सीजन में बारिश की बौछारों से सराबोर रहने वाले हमारे देश का उत्तरी इलाका इस साल मध्य जून से लेकर जुलाई के शुरुआती हफ्ते में बुरी तरह तपता रहा है, वैसे ही कनाडा से लेकर फिनलैंड के उत्तरी आर्कटिक इलाके ऐतिहासिक उच्च तापमान की चपेट में आए हैं। इन मौसमी घटनाओं ने एक बार फिर आम लोगों, विज्ञानियों और पर्यावरणविदों के माथे पर पसीना ला दिया है। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की कठिन चुनौतियों को हम फिर अपने सामने उपस्थित देख रहे हैं और खुद से पूछ रहे हैं कि आखिर पारा कहां जाकर रुकेगा। + +खबर ये गर्म है : गर्मी को लेकर हाल की सूचनाओं पर गौर करें तो पता चलता है कि भारत की राजधानी दिल्ली में पहली जुलाई को बीते एक दशक का कीíतमान तापमान के मामले में बन गया। उस दिन पारा 43.1 डिग्री तक पहुंचा था। करीब एक दशक में इसे गर्मी का नया रिकॉर्ड मानकर दर्ज किया गया। यही हाल मानसून को तरसते देश के मध्य और उत्तरी राज्यों जैसे कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रहा। इन इलाकों में सामान्य से चार से छह डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान मध्य जून से जुलाई के आरंभ में दर्ज किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a05ce90dbc243df53e8dd428760eb84a0a9510e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शारदा शुक्ला। गुरु दत्त हिंदी सिनेमा का वह नाम हैं, जो ‘चौदहवीं के चांद’ की तरह फिल्माकाश पर दिखे तो कम समय के लिए, लेकिन उनकी चांदनी की ठंडक सिनेप्रेमियों को आज भी महसूस होती है। नौ जुलाई गुरु दत्त की जन्मतिथि होती है। जन्मतिथि पर किसी को याद करने की रवायत है तो चलिए याद करें उस चित्रों के चितेरे को, जिसने ‘प्यासा’ और ‘कागज के फूल’ जैसी कविताओं को सेल्यूलॉयड पर उतारा। गुरु दत्त हिंदी सिनेमा के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि उनकी फिल्मों को क्लासिक फिल्मों का दर्जा प्राप्त है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69759.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e884c0718cf03471992e835ffd976afa462fd7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69759.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Corona Delta Plus Variant: तीसरी लहर में देश के विभिन्न राज्यों में तबाही मचाने वाले कोरोना के सबसे खतरनाक स्वरूप डेल्टा प्लस ने दूसरी लहर में ही गोरखपुर में अपना प्रभाव दिखा दिया था। इस वैरिएंट के चलते गोरखपुर में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी, वहीं एक युवती ने इसे मात दे दी है। इस बीच देवरिया में डेल्टा वैरिएंट का एक और मामला सामने आया है। ।बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग ने 61 नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में भेजी थी। उसमें से 30 की रिपोर्ट बुधवार को आई तो हड़कंप मच गया। इसमें दो में डेल्टा प्लस, 27 में डेल्टा व एक में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f664e703eaa29d88bf8da1898e465653a65f871a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र किशोर। विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में जो हुआ या अभी भी हो रहा है, वैसा स्वतंत्र भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। क्या इससे पहले किसी मुख्यमंत्री ने इस देश के गृह मंत्री को सार्वजनिक रूप से गुंडा कहा? बिल्कुल नहीं, किंतु ममता ने ऐसा कहा। इससे पहले ममता ने 2016 में कोलकाता में सेना के अभ्यास पर सख्त एतराज जताया था। उससे लगा कि उनमें या तो अलगाववादी प्रवृत्ति उभर रही है या फिर मोदी सरकार के विरोध में उन्होंने अपना मानसिक संतुलन ही खो दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36f20b2f9e8d649bd099419b61efd96bc972763c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69773.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे की शुरुआत।योगेश ने बताया कि विश्व बैंक की एक रिपोर्ट आई थी कि पानी की कमी या बारिश नहीं होने से फसल बर्बाद होने के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं या खेती छोड़ रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2016 से काम करना शुरू किया। जर्मनी और चीन जैसे देशों के रिसर्च पेपर पढ़े। तीन साल की मेहनत के बाद पोटेशियम बेस्ड सेलूलोज और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के इस्तेमाल से खाद तैयार की। कई बार प्रयोग के बाद परिणाम यह मिला कि इस खाद से खेतों में पानी रोकने के साथ जमीन की उर्वरक क्षमता भी बढ़ जाती है। + +खोल ली खुद की कंपनी।योगेश के उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने के बाद छह कंपनियों ने उत्पाद को खरीदने की इच्छा जताई। फल विज्ञान से एमएससी में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके योगेश ने नेचर वाल बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड और नेचर वाल नेचुरल वाटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी स्थापित की है। 14 तरह की खाद बनाने वाली उनकी कंपनी का वार्षिक टर्न ओवर ढाई करोड़ रुपये पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि लगातार तीन महीने खाद डालकर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने में भी सफलता मिली है। यह खाद रोगों, कीटों से लड़ने के लिए पौधों में रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास भी करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87a82cb7bd5054ffa790a8939b80abbeab86823b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नए सूचना प्रसारण मंत्री के सामने सिनेमेटोग्राफ संशोधन बिल बड़ी चुनौती।सरकार की छवि को दुरुस्त करने के अलावा नए सूचना प्रसारण मंत्री के समक्ष ताजा बड़ा मसला सिनेमेटोग्राफ कानून में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ लगभग पूरे फिल्म उद्योग का लामबंद होना है। इस संशोधन के जरिये सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को प्रमाणपत्र देने के बाद भी सरकार को इसकी समीक्षा का अधिकार देने का प्रस्ताव है। फिल्म जगत इसे सिनेमा के नैरेटिव पर सरकारी नियंत्रण के प्रयास के रूप में देख रहा और इसलिए विरोध तेज है। इसी तरह डिजिटल मीडिया को आइटी कानून के सख्ती के दायरे में लाने के खिलाफ भी बड़े मीडिया संस्थानों के एतराजों का समाधान निकालना सूचना प्रसारण मंत्रालय की चुनौती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb9e6cd09727b0f1ae9c6d2040ae6880db020c51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2024 तक नीति को पूरी तरह से लागू करना है लक्ष्य।फिलहाल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की राह में जो बड़ी चुनौती है, उनमें इसे तय समय पर लागू करने के साथ राज्यों के साथ तालमेल के साथ आगे बढ़ने की भी है। यह इसलिए भी है, क्योंकि शिक्षा जैसा विषय समवर्ती सूची में है जिसमें राज्यों की भूमिका ज्यादा है। ऐसे में राज्यों को भी साथ लेकर चलना जरूरी होगा। वैसे भी देश के कई राज्यों में जिस तरह से अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकारें हैं, उनमें यह चुनौती और भी अहम हो जाती है। फिलहाल नीति के अमल को लेकर जो लक्ष्य तय किया है, उसमें 2024 तक नीति को पूरी तरह से लागू करना है। इनमें भी अगले दो सालों में इसके 70 फीसद लक्ष्यों को पूरा करना है। नीति के इस अमल में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में बड़े बदलाव होने हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b45b74b753279521cda888f49f1427902aafa8e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69779.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्या है नया नियम ।हर ज्वेलरी पर हालमार्किंग अनिवार्य करने के साथ इंटरनेट मार्किंग की व्यवस्था की गई है। पहले ज्वेलरी पर हालमार्किंग प्रक्रिया में चार प्रकार के लोगो (शुद्धता, बीआइएस, सेंटर व ज्वेलर्स) लगाए जाते थे। जबकि नए नियम में ज्वेलर्स जब हालमार्किंग के लिए सेंटर पर ज्वेलरी भेजता है तभी इंटरनेट माध्यम से हर एक ज्वेलरी का छह अंकों का विशेष एचयूआइडी कोड आता है, जिसे ज्वेलरी की जांच के बाद हालमार्किंग सेंटर केवल एक लोगो सोने की शुद्धता के साथ अंकित करता है। इस कोड के माध्यम से कहीं से भी पता किया जा सकता है इसे किस सेंटर से स्वीकृत किया गया है तथा किस ज्वेलर्स ने बेचा है। + +कैसे होती है गड़बड़ी ।हालमार्किंग को सोने की शुद्धता का पैमाना माना जाता है। लोग मार्किंग देखकर सोने की ज्वेलरी इसी विश्वास पर खरीदते हैं। पर इसमें भी गड़बड़ियां आम हैं। असल में मार्किंग की व्यवस्था हालमार्किंग सेंटर के जिम्मे हैं। इसके लिए बीआइएस ने हालमार्किंग सेंटर को लाइसेंस दे रखा है। हर ज्वेलरी की शुद्धता की जांच की एवज में ज्वेलर्स एक निश्चित शुल्क अदा करते हैं। वैसे, पहले मार्किंग की सारी व्यवस्था हालमार्किंग सेंटर तक ही थी। इनपर निगरानी की मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी। इसलिए शुद्धता और मार्किंग में हेराफेरी के साथ सेंटर व ज्वेलर्स के लोगो में भी फर्जीवाड़े की संभावना रहती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1b19b733355290deafa2aa93830db6afd9e7c5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69780.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मानकों के हिसाब से कुल 60 सदस्य हो सकते हैं, जबकि अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 53 ही हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह तो सीधे-सीधे खाली है। अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले इन सात सीटों पर नए मंत्री बनाकर किसी जाति वर्ग या क्षेत्र को प्रतिनिधित्व सरकार बिना किसी नुकसान की आशंका के, चुनावी रणनीति के तहत दे सकती है। + +सूत्रों का कहना है कि चुनाव को निकट देखते हुए किसी को नाराज न करने की सोच से यदि इन्हें मंत्रिमंडल से नहीं भी हटाया जाता है तो इसकी प्रबल संभावना है कि अगले विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट न दिया जाए। विवादों में रहे कुछ मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस तरह जितनी भी सीटें खाली होंगी, वहां क्षेत्रीय-जातीय संतुलन को देखते हुए ही समायोजन किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8167ab96667a4a065ef1693d3b04a81647053a86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब एक बार फिर कुमार विश्वास ने तीखी टिप्पणी की है। इस बार उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि वो भी तो यही कह रहे थे कि चुप रहो और मिल बांटकर खाओ, वो आगे कहते हैं कि मैंने कहा था कि जनता के बगीचे के आम हैं, खाने हैं तो अपने उगाओ, तब वो बोले, इसे(कुमार विश्वास) बाग से बाहर करो, वो आगे लिखते हैं कि अब वो जनता के पसीने से सीेंचे पेड़ों से तोड़कर साले-साढ़ू सहित खा रहे हैं, हम खुद अपने उगाकर खा रहे हैं। दोनों संतुष्ट हैं। कवि क्या कहना चाहते हैं इसे पढ़ने वाले बखूबी समझ सकते हैं। साथ ही ये भी जान सकते हैं कि कुमार का इशारा किसकी ओर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70297b226851531d32e68e6b893ec13b1af61aa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीमारी, उम्र या फ्रैक्चर के चलते जब घुटने के जोड़ों में दर्द होने लगता है तो घुटना प्रत्यापरोपण सर्जरी की जाती है। आस्टियो आर्थराइटिस की समस्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। इसके दीर्घकालिक समाधान के लिए मरीजों को प्राय: संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण (टोटल नी रिप्लेसमेंट) की सलाह दी जाती है। बिना टांके की तकनीक में घाव को ठीक करने के लिए स्किन ग्लू का उपयोग किया जाता है और इसमें टांका देने की जरूरत नहीं होती है। इस नई तकनीक से रोगियों को सर्जरी के बाद टांका हटवाने की प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाती है। इस प्रक्रिया में तकलीफ भी नहीं होती, बहुत खून भी नहीं निकलता और फालोअप की प्रक्रिया दर्द मुक्त होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6dd95d11aa8d69e5e9fbf80c19760be58a2d9fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69787.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खिलाड़ियों के लिए अनुप्रिया बनीं पसंदीदा सांसद : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चंदे के पैसों से देश-प्रदेश का नाम रोशन करने वाली पावर लिफ्टर निधि सिंह पटेल का भी पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने सहयोग किया। 25 लाख रुपये का सहयोग कर उसे विदेश भेजा। यही नहीं, उसके आने-जाने का टिकट भी कराया। इससे अनुप्रिया पटेल खिलाड़ियों के लिए पसंदीदा सांसद बन गईं। + +मीरजापुुर का सम्‍मान पहले : मीरजापुर वेब सीरीज में गाली गलौज और मारपीट को लेकर मीरजापुर की खराब हो रही छवि को लेकर उन्‍होंने राज्‍य से लेकर केंद्र सरकार तक अर्जी लगाकर मीरजापुर की छवि को बदनाम करने की साजिश के खिलाफ मोर्चा खोला था। ।भाजपा से नजदीकियां : अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल भाजपा के काफी करीब रहा है। पिछली सरकार में भी वह भाजपा में शामिल थीं। सुभासपा सरीखे छोटे दल के भाजपा से दूरी के बीच अपना दल ही भाजपा का बड़ा सहयोगी पूर्वांचल में है। ऐसे में यूपी में विधान सभा चुनाव के पूर्व अपना दल को साधने की भी संभावनाएं विपक्षी जता रहे हैं। ।युवा मंत्रियों में शुमार थीं सांसद अनुप्रिया पटेल : सांसद अनुप्रिया पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में शुमार थीं। भारत की सोलहवीं लोकसभा में सांसद बनी अनुप्रिया पटेल के प्रयास से जनपद को मेडिकल कालेज की सौगात मिली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के रूप में कार्य करते समय उन्होंने चिकित्सा विभाग में काफी बदलाव किया। पिता के निधन के बाद उनकी माता कृष्णा पटेल अपना दल पार्टी की अध्यक्ष बनीं, लेकिन कुछ विवादों के चलते उन्होंने मां से अलग होकर अपना दल (एस) का गठन किया। वर्तमान में वह पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cba378373131009503f398b860f33e89ef3a790 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[अमर सिंह राघव] बुलंदशहर। अभी तक आपने पैसा और प्रापर्टी संजोने वाले लोग देखे और सुने होंगे लेकिन यहां शहर की युदविहार कालोनी निवासी मोहम्मद शारिक डाक टिकट संग्रह के अनूठे दीवाने हैं। इनके डाक टिकट संग्रह में 120 से अधिक देशों के दुर्लभ डाक टिकट का खजाना है। डाक संग्रह को देखने के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8280d260993ed94156778b27985964d8f63619e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69789.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +जम्मू, ललित कुमार । धरती का सीना चीर कर पैदावार करने वाले जम्मू संभाग के किसानों को अब अपनी मेहनत की अच्छी कीमत पाने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जम्मू के यह किसान अब खेतों में केवल हल ही नहीं चलाएंगे, अपनी पैदावार की अच्छी कीमत पाने के लिए खुद ही उसकी पैकेजिंग व मार्केटिंग भी करेंगे और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसे बेचने में सक्षम भी होंगे। + +राजौरी के लंबेड़ी में 200 कनाल जमीन पर सात करोड़ रुपये की लागत से यह इंस्टीट्यूट तैयार हो रहा है। इस इंस्टीट्यूट के तैयार होने से जम्मू, रियासी, ऊधमपुर, राजौरी-पुंछ व अन्य जिलों के किसानों को फायदा होगा। गत दिनों कृषि विभाग के निदेशक केके शर्मा व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना ने इस इंस्टीट्यूट के लिए भूमि पूजन करने के साथ नींव पत्थर रखा। निर्माण के लिए पूरे इलाके को समतल कर दिया गया है और अब यहां जोरों-शोरों से निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है। इंस्टीट्यूट बनाने के लिए नाबार्ड ने फंडिंग की है। + +अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक देंगे प्रशिक्षण।किसानों को बेहतर बीज बनाने से लेकर खाद डालने व पैदावार बढ़ाने के गुर सिखाने के लिए इस इंस्टीट्यूट में राष्ट्रीय स्तर के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक भी प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए कृषि विभाग जम्मू ने हैदराबाद सरकार के साथ समझौता किया है। ये वैज्ञानिक पैदावार बढ़ाने के लिए हर क्षेत्र में उसकी क्षमता अनुसार की जाने वाली पैदावार बारे किसानों को प्रशिक्षित करेंगे। इंस्टीट्यूट में शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्व विद्यालय जम्मू के वैज्ञानिक नियमित प्रशिक्षण देंगे और उन्हें खेती में इस्तेमाल हो रही अत्याधुनिक तकनीकों से रूबरू करवाएंगे। + +छह महीने तक के होंगे कोर्स।इस इंस्टीट्यूट में एक दिन से लेकर छह महीने तक के विभिन्न कोर्स कराए जाएंगे। किसानों के लिए यह कोर्स पूरी तरह से मुफ्त होंगे जबकि डीलरों व कृषि विभाग के कर्मचारियों को ये कोर्स करने के लिए फीस चुकानी होगी। किसानों को यहां पर कुछ ऑनलाइन कोर्स भी कराए जाएंगे। इसमें फर्टीलाइजर कोर्स से लेकर पैकेजिंग कोर्स शामिल रहेंगे। फूड प्रोसेसिंग के गुर भी किसान इस इंस्टीट्यूट में सीख पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9627efe4bd4bc374a1c4100088c30a15a65668b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69790.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विपक्ष ही नहीं, पार्टी के ही विधायक, सांसद व प्रदेशाध्यक्ष भी उठा रहे सवाल।इसके साथ ही जाखड़ ने कहा था कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो इन समझौतों को रद किया जाएगा, लेकिन साढ़े चार साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि समझौतों को इस तरह रद नहीं किया जा सकता। इससे भविष्य में बड़े निवेशक सरकार पर विश्वास नहीं करेंगे। उन्होंने मार्च 2020 के बजट सत्र में समझौतों को गलत बताते हुए वादा किया था कि आने वाले सत्र में सरकार इस मुद्दे पर श्वेत पत्र लाएगी, लेकिन 15 माह से ज्यादा का समय बीतने के बावजूद सरकार ऐसा नहीं कर पाई। + +शिअद-भाजपा शासन के समय में हुए थे समझौते लेकिन तब बिजली कटों से मिल गई थी मुक्ति।ये समझौते शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के शासनकाल में हुए थे, लेकिन उस समय बिजली कटों से मुक्ति मिल गई थी। इसके साथ ही अभी तक लोगों को महंगी ही सही, लेकिन 24 घंटे बिजली मिल रही थी। इसलिए समझौतों का मुद्दा भी दब गया था। लेकिन, इस साल मानसून की देरी व कुछ प्लांटों के यूनिट बंद होने से उत्पन्न बिजली संकट ने इस मुद्दे को कैप्टन सरकार के गले की फांस बना दिया है। बिजली की मांग रिकार्ड 14500 मेगावाट को पार करने से समस्या बढ़ गई है जबकि राज्य में अभी बिजली की उपलब्धता 12000 से 13,500 हजार मेगावाट है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4596fe5d28196cadd2522c688b0a3f6781e42f62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीएलई ने बताया बढ़ा है निर्यात। सीएलई ने हाल में वर्ष 2020 और 2021 के मार्च-अप्रैल के तुलनात्मक आंकड़े जारी किए थे। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 2019-20 की अपेक्षा चर्म उत्पादों व जूते के निर्यात में 27.72 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। सीएलई ने वर्ष 2021 के अप्रैल-मई के आंकड़ों को उत्साहजनक माना है। इस अवधि में 641.72 मिलियन डालर का निर्यात हुआ, जबकि वर्ष 2020 में अप्रैल-मई में 146.79 मिलियन डालर का निर्यात हुआ था। वर्ष 2020 की अपेक्षा वर्ष 2021 के इन दो माह में निर्यात में 337.17 फीसद की वृद्धि हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e760850b855ae2946c08ffcd7785973a4bedc9ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब्‍दुला शेरवानी ने लिखी पटकथा।इस मुलाकात की पटकथा अब्दुला शेरवानी ने युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम रजा के साथ मिलकर लिखी थी। रालोद पिछले महीने एएमयू कैंपस में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा था। जिसमें दो हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल करने की रणनीति थी। मगर महामारी के चलते एएमयू इंतजामिया ने इस आयोजन के लिए अनुमति नहीं दी। इसका आयोजन अनूपशहर रोड स्थित एक होटल में किया गया था। बुधवार को एएमयू के वर्तमान व पूर्व छात्रों ने रालोद की सदस्यता ग्रहण कर शानदार आगाज तो किया है, मगर इसे अंजाम तक कैसे पहुंचाया जाएगा, यह रालोद हाईकमान पर निर्भर करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69796.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..474aa3e9839c90bd8a1599e997ce0cde15e202cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69796.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, [बिजेंद्र बंसल]। Haryana Cabinet Expansion 2021: केंद्र की मोदी सरकार के विस्‍तार के बाद अब हरियाणा की मनोहरलाल के नेतृत्‍व वाली भाजपा-जजपा मंत्रिमंडल में भी बदलाव की तैयारी है। इसकी सुगबुगाहट तो काफी दिनों से चल रही है, लेकिन अब फेरबदल जल्‍द होेने की संभावना है। मनोहरलाल कैबिनेट से कुछ दिग्‍गज मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है तो कई नए चेहरों को एंट्री मिलने की उम्‍मीद है। उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की पार्टी जजपा के कोटे से भी एक मंत्री बनेगा। + +दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को उनके कामकाज की कसौटी पर कसकर राज्यों के लिए भी नजीर पेश की है। इससे केंद्र की तरह अब हरियाणा मंत्रिमंडल में भी बड़े बदलाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह अपने मंत्रिमंडल से भी कई मंत्रियों की कामकाज के आधार पर छुट्टी और पदोन्नति कर सकते हैं। इसके लिए अब मनोहर लाल को पार्टी संगठन में सहमति बनाने में भी कोई कठिनाई नहीं आएगी। + +सीएम के व्यवस्था परिवर्तन अभियान में सहयोगी नहीं बन पाए मंत्रियों की छुट्टी करने का बना आधार।कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम होते ही जजपा ने चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक अपने हिस्से के एक मंत्रिपद के लिए भाजपा पर दबाव बनाया हुआ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंत्रिमंडल विस्तार को पिछले कई माह से टालते आ रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल मोदी की तरह अपने मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल करना चाहते हैं। वह कोरोना महामारी के दौरान मंत्रियों के कामकाज की प्रगति रिपोर्ट के आधार पर कुछ मंत्रियों को बदलना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2a92c2eec04e59ed7a219928d75103a482d5c5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। तान्या बैंस यह गौरव पाने वाली चंडीगढ़ जोन की पहली अफसर हैं। इस जोन में चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक का क्षेत्र आता है। इस युवा भारतीय राजस्व अधिकारी (आइआरएस) ने 1599.91 करोड़ के फर्जी बिलिंग के छह केस पकड़े और सौ से ज्यादा फर्जी कंपनियों को निरस्त किया। साथ ही 192 करोड़ की राजस्व चोरी बचाई। इसमें से 33 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करवाया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ca7625d3b9e67c07601aeb572233a8ab8436e43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69798.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार (98) का निधन बुधवार को हो गया। उनके द्वारा सिनेमा के पर्दे पर निभाए गए किरदार अमर हैं। इनमें से एक वर्ष 1960 में रिलीज हुई फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में निभाया गया सलीम का किरदार भी है। फिल्म के लिए निर्देशक के. आसिफ ने शीश महल की तर्ज पर भव्य सेट मोहन स्टूडियो, मुंबई में तैयार कराया था। इस गाने की शूटिंग पर ही 10 लाख रुपये खर्च हुए थे, जबकि उस समय इतनी रकम में पूरी फिल्म बन जाती थी। + +आगरा किला में बना शीश महल, मुगलकालीन हमाम है। शहंशाह शाहजहां ने इसका निर्माण वर्ष 1637 में अपने परिवार के सदस्यों के लिए तुर्की हमाम के रूप में कराया था। शाही परिवार की महिलाएं इसका उपयोग हमाम व परिधान कक्ष के रूप में करती थीं। इसकी तामीर को सीरिया से कांच मंगवाया गया था। शीश महल की दीवार, मेहराब व छत पर छोटे-छोटे शीशे जड़े हुए हैं। इससे जरा सी रोशनी होते ही पूरा कक्ष रोशन हो उठता है। शीश महल की इसी खासियत के चलते मुगल-ए-आजम के लिए के. आसिफ ने शीश महल का सेट तैयार कराया था। इसे बनने में दो वर्ष लगे थे। इसके लिए बेल्जियम से कांच मंगाया गया था। भव्य सेट में लगे शीशों में 'जब प्यार किया तो डरना क्या...' गाने पर नृत्य करतीं अभिनेत्री मधुबाला के अक्स को देखकर दर्शक शीश महल की चकाचौंध से विस्मित हाे गए थे। फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट थी, लेकिन इस गाने को टेक्निकलर में फिल्माया गया था। + +14 वर्ष में बनकर तैयार हुई थी फिल्म। देश की आजादी से पूर्व मुगल-ए-आजम की शूटिंग वर्ष 1946 में शुरू हो गई थी। बंटवारे के समय दंगे होने और पैसे के अभाव में फिल्म की शूटिंग बंद हो गई। तीन वर्ष तक शूटिंग बंद रही। वर्ष 1950 में शूटिंग दोबारा शुरू हुई। यह फिल्म पांच अगस्त, 1960 को रिलीज हुई थी। उस समय फिल्म करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनी थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e42d1787146aecb8dc74d1903b9073a3fe454839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69799.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गाजियाबाद, [आशुतोष गुप्ता]। लोनी पुलिस की गिरफ्त में आए मोबाइल टावरों से माडम चोरी कर नेटवर्क कार्ड चीन को सप्लाई करने वाला गिरोह एक चेन के रूप में काम कर रहा था। गिरोह में सभी सदस्यों की अलग-अलग जिम्मेदारियां बंटी हुई थी। माडम चोरी होने के बाद इसकी पहली बिक्री चार से पांच हजार रुपये से शुरु होती थी और बाद में लाखों रुपये में सौदा होता था। एसपी देहात डॉ. ईरज राजा ने बताया कि दरअसल मोबाइल टावर से माडम चोरी करने के बाद चोर इसे छोटे कबाड़ी लोनी के मुहम्मद सरफराज, कदीम को चार से पांच हजार रुपये में बेचते थे। ।मोबाइल टावरों से माडम टोरी ।कदीम व सरफराज इस माडम को 10 से 12 हजार की कीमत में दिल्ली में इलेक्ट्रानिक कबाड़ का बड़ा काम करने वाले जहांगीर आलम को बेच देते थे। जहांगीर आलम के गोदाम में इस माडम की असेंबली को तोड़ा जाता था। इसमें से इलेक्ट्रानिक सामान मदर बोर्ड, सर्किट, नेटवर्क कार्ड अलग-अलग एकत्र किया जाता था। माडम में से करीब पांच किलो एल्यूमीनियम, तांबा व कुछ मिलीग्राम सोना निकालकर उसे अलग बेचा जाता था। ।इसके साथ ही जहांगीर आलम कबाडि़यों से कंप्यूटर व मोबाइल भी एकत्र कर उनके रैम व मदर बोर्ड निकालकर एकत्र करता था। यह सभी सामान वह दिल्ली में मोबाइल का काम करने वाले सौरभ गुप्ता को बेचता था। यहां उसे एक नेटवर्क कार्ड की कीमत 1.90 लाख और माडम की कीमत साढ़े तीन लाख मिलती थी। सौरभ सभी सामानों को अलग-अलग एकत्र कर उन्हें कोरियर के माध्यम से चीन भेज देता था। पकड़े गए आरोपितों में कोई भी 10वीं से अधिक पढ़ा-लिखा नहीं है। ।एक टावर से कार्ड चोरी होने पर पांच हजार लोग होते थे परेशान ।पुलिस ने बताया कि जिओ कंपनी के अधिकारी जब पुलिस के संपर्क में आए तो उन्होंने बताया कि उनके ग्राहक टावर से माडम व नेटवर्क कार्ड चोरी होने के कारण बहुत दुखी हैं। एक मोबाइल टावर से करीब पांच हजार लोग जुड़े होते हैं। कार्ड चोरी होने के बाद सभी के मोबाइल फोन ठप हो जाते थे। जब तक टावर में नई डिवाइस नहीं लग जाती थी, तब तक सभी के फोन ठप रहते थे। न तो वह कॉल कर पाते थे और न ही इंटरनेट इस्तेमाल कर पाते थे। + +एनसीआर में 200 से अधिक टावरों से हुई चोरी ।दिल्ली एनसीआर में गिरोह 200 से अधिक मोबाइल टावरों में चोरी कर चुका है। गाजियाबाद में 38 एफआइआर हुई है। गाजियाबाद में लोनी, इंदिरापुरम, नंदग्राम, साहिबाबाद, ट्रानिका सिटी, खोड़ा समेत अन्य थाना क्षेत्रों में टावरों से चोरी हुई। इसके साथ ही पुलिस की जानकारी में विभिन्न जिलों व थानों में कई तहरीर संज्ञान में आई हैं। इन सभी पर काम चल रहा है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के अन्य गिरोह भी हो सकते हैं, इनकी तलाश की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b48db08e70f43f2aa902e5deaeaccc77a2b089c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन फिल्मों में भी आएंगी नजर।वहीं, बात अगर सारा अली खान के वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्द ही आदित्य धर के निर्देशन में बनने वाली फिल्म द इम्मोर्टल अश्वत्थामा में अभिनेता विक्की कौशल के साथ नजर आने वाली हैं। ये फिल्म महाभारत के योद्धा अश्वत्थामा पर आधरित होगी। इस फिल्म का निर्माण रॉनी स्क्रूवाला कर रहे हैं। इस फिल्म के जरिए दोनों एक दूसरे के साथ पहली बार स्क्रीन स्पेस साझा करने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bbe38b06e0780e203dc4748a48269b20b0e9d7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69800.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांस के औषधीय गुण।आर्थिक संबल भी।कभी भी, कहीं भी लगाएं बांस।बांस ऐसा पौधा है, जिसे न तो अधिक हवा-पानी की जरूरत है और न सूर्य की रोशनी की। पहले यह खेतों की मेड़, पशुशाला व ऊसर-बंजर भूमि पर भी लगाया जाता था, मगर अब इसकी खेती होने लगी है। यह सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाला पौधा है। वैसे तो किसी भी मौसम में इसकी रोपाई कर सकते हैं, फिर भी वर्षाकाल के प्रारंभ में इसे लगाना ठीक रहता है। आठ से 36 डिग्री सेल्सियस तापमान व 1270 मिमी वर्षा पर्याप्त होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69802.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40a1e6b8cb1efdf562a943fd23e73c6b147ed96f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69802.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज। कोरोना काल में मानवता के हित में विज्ञानियों ने बढ़-चढ़ कर नवोन्मेष किए हैं। ऐसी ही एक पहल इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में बायोकेमेस्ट्री विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर मुनीश पांडेय के निर्देशन में हुई है। उनकी टीम ने एंटी कोरोना थ्रीडी प्रिंटेड मास्क का डिजाइन तैयार किया है। डाक्टरों ने भी इसे सेहत के अनुकूल माना है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय के कोलकाता स्थित कंट्रोलर जनरल आफ पेटेंट्स डिजाइन एंड ट्रेडमार्क ने 20 साल के लिए इस मास्क के पेटेंट को मान्यता दी है। जल्द ही यह मास्क बाजार में सुलभ होगा। + +कोरोना की पहली लहर के दौरान मास्क लोगों की जरूरत बना और दूसरी लहर में अनिवार्यता। यह तथ्य भी सामने आया कि सामान्य मास्क पहनने से सांस फूलने की समस्या होती है। ऐसे लोग जो चश्मा लगाते हैं, उन्हें चश्मे के कांच पर मुंह से निकलने वाली भाप की परत परेशान करती है। डा. मुनीश बताते हैं कि इन्हीं समस्याओं को देखते हुए ऐसे मास्क पर काम शुरू हुआ जो बैक्टीरिया, वायरस और प्रदूषण से बचाए। इविवि में बायोकेमेस्ट्री डिपार्टमेंट की टीम ने आठ महीने की अवधि में एंटी कोरोना थ्रीडी प्रिंटेड मास्क की डिजाइन तैयार कर ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ca596198a932ae48301976f151c754fb5e788a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69807.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप बेरोजगार हैं और आपका पंजीयन सेवायोजन कार्यालय में है तो आपके लिए अच्छी खबर है। सेवायोजन विभाग के वेबपोर्टल पर 12000 मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपना पंजीयन कराया है। आपको घर बैठे ही आनलाइन नौकरी की जानकारी मिल जाएगी। श्रम व सेवायोजन विभाग तथा एनएचआरडीएन (राष्ट्रीय मानव संसाधन विकास नेटवर्क) के बीच सेवायोजन वेबपोर्टल के अनुबंध पत्र (एमओयू) पर बीते महीने हुए हस्ताक्षर के बाद एनएचआरडीएन में देशभर की 12000 मल्टीनेशनल कंपनियां पंजीकृत हो गईं हैं। कंपनियों में रिक्तियों की जानकारी सीधे सेवायोजन विभाग के वेबवोर्टल पर आएगी। बेरोजगार अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी के लिए आवेदन करेगा। इससे लखनऊ समेत प्रदेश के सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत 68 लाख बेरोजगारों में से 25 से 40 वर्ष के बीच के 20 लाख बेरोजगारों को लाभ होगा। + +पंजीकृत बेरोजगारों को ही मिलेगा लाभ :  सेवायोजन विभाग ने बेरोजगारों की संख्या का सही आंकलन करने के लिए बेरोजगारों को आनलाइन पंजीयन कराने की व्यवस्था और दुरुस्त की है। बेरोजगार सेवायोजन विभाग के पोर्टल सेवायोजन.यूपी.एनआइसी.काम पर आनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। वेबसाइट में नौकरी के मीनू पर जाकर आवेदन कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bc946d25b52e1dbaba72cf10e35862ff9d9fe3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। PM Modi Cabinet Expansion प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आज शाम हुए केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार (PM Modi Cabinet Expansion) का असर बिहार की राजनीति पर गहरा पड़ना तय माना जा रहा है। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से मंत्रिमंडल में पशुपति पारस (Pashupati Paras) को जगह दिए जाने के बीच बड़ा सवाल यह है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हनुमान' (Hanuman of PM Narendra Modi) चिराग पासवान (Chirag Paswan) का अगला कदम क्‍या होगा? ।क्‍या अपने 'राम' से भी नाउम्‍मीद हुए चिराग? ।विदित हो कि एलजेपी में रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की विरासत की जंग में पशुपति पारस सहित पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया है, जिसे लोकसभा (Lok Shabha) में बतौर एलजेपी मान्‍यता भी मिल चुकी है। इसके बाद चिराग पासवान ने उन सभी सांसदाें को पार्टी से निकालते हुए पार्टी संविधान का हवाला देकर लोकसभा अध्‍यक्ष (Lok Shabha Speaker) से आग्रह किया है कि वे पशुपति पारस गुट से एलजेपी की मान्‍यता वापस लें। चिराग ने यह कहा था कि अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल में पशुपति पारस गुट से किसी को बतौर एलजेपी सांसद शामिल किया जाता है, तो उन्‍हें इसपर आपत्ति होगी। चिराग ने कहा था कि उन्‍हें विश्‍वास है कि उनके राम (पीएम मोदी) अपने हनुमान (चिराग पासवान) का वध होते नहीं देखेंगे। हालांकि, वे यह भी कह चुके हैं कि भविष्‍य की राजनीति के लिए उनके विकल्‍प खुले हैं। ।पशुपति पारस बनाए गए कैबिनेट मंत्री।पशुपति पारस को प्रधानमंत्री आवास पर बुलाया गया था। इसके पहले उनकी गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी बातचीत की खबरें आईं थीं। इस बीच पशुपति पारस के आवास के बाहर मिठाइयां भी बांटी जाने लगीं। एलजेपी के पारस गुट के प्रवक्‍ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने पशुपति पारस के मंत्री पद की शपथ लेने की पुष्टि भी कर दी। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच चिराग पासवान फिलहाल मौन हैं। हां, उन्‍होंने दिल्‍ली हाईकोर्ट में पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए विरोध की शुरुआत जरूर कर दी है। ।बड़ा सवाल यह कि अब आगे क्‍या करेंगे चिराग? ।चिराग पासवान ने पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में एलजेपी सांसद के रूप में जगह दिए जाने का विरोध किया है।  इस बीच राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) उन्‍हें अपने पाले में करने की कोशिश में लगातार लगा हुआ है। आरजेडी ने अपने 25वें स्‍थापना दिवस समारोह के दौरान एलेजपी के संस्‍थापक रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि भी दी। ऐसे में सवाल यह है कि बीजेपी से पहले से निराश चिराग पासवान अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाउम्‍मीद होने की स्थिति में क्‍या करेंगे? ।खुले रखे विकल्‍प, पहले से देते रहे हैं बड़े संकेत।बीजेपी का साथ छोड़ने की स्थिति में चिराग क्‍या करेंगे, इसका संकेत वे पहले दे चुके हैं। हाल ही में उन्‍होंने एलजेपी पर अपना दावा करते हुए समर्थकों से अगले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की तैयारियों में अकेले जुट जाने को कहा था। यह भी संभव है कि वे आरजेडी के निमंत्रण को स्‍वीकार कर विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) के साथ अपना भविष्‍य तलाशें। उन्‍होंने अपने सभी विकल्‍प खुले जो रखे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2383d6e43f11a3fee3b77fc38c3d0c9abe536fb2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69811.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[अजय कुमार राय] कोई भी नई व्यवस्था अपने वास्तविक रूप में आने में समय लेती है। वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के साथ भी यही हो रहा है। एक जून, 2017 को अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार करते हुए देश में इसे लागू किया गया था। विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले सभी 17 प्रकार के करों-शुल्कों को खत्म कर एक देश-एक कर की व्यवस्था लाई गई थी। तब से चार साल बीत चुके हैं, कर की अलग-अलग दरों को छोड़ दें तो अब तक इसका अनुभव सही रहा है। इसमें दो मत नहीं कि जीएसटी व्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से एक संगठित रूप दे रही है। + +जीएसटी का दायरा बढ़े और इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके, इसके लिए इसमें कई स्तरों पर सुधार की गुंजाइश अभी बनी हुई है। अभी जीएसटी के पांच स्लैब हैं। इससे इसकी संरचना थोड़ी जटिल बनी हुई है। इन्हें कम कर दो या तीन किया जाना चाहिए। जैसे-12 और 18 प्रतिशत वाले स्लैब को मिलाकर एक ताíकक दर बनाई जा सकती है। इसके अलावा पेट्रोलियम, बिजली, रियल एस्टेट और शराब को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग लंबे समय से हो रही है। अब समय आ गया है कि जीएसटी परिषद इस पर गंभीरता से विचार करे। + +पूरे देश में इन पर समान रूप से कर लगाए जाने से इनकी कीमतों को लेकर विसंगति दूर होगी और वे सस्ते भी होंगे। इसके साथ-साथ जो राज्य जीएसटी संग्रह में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें केंद्र सरकार को कुछ बोनस देना चाहिए। तिमाही रिटर्न भरने और तिमाही पेमेंट की व्यवस्था लाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। उम्मीद है जैसे-जैसे सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी जीएसटी का दायरा बढ़ेगा। और फिर देश का टैक्स-जीडीपी अनुपात भी बढ़ेगा। अभी यह अनुपात 9.9 है, जो ओईसीडी (आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन) देशों के 34 प्रतिशत से काफी कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1060e92b6b704754f6a12aa90323a383e3a0f55d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांगुली का करियर।जून 1992 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले सौरव गांगुली ने 311 वनडे इंटरनेशनल मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने वनडे मैचों की 300 पारियों में 40 से ज्यादा की औसत से 11363 रन बनाए। इसमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि, शुरुआत के समय में वे मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते थे और करियर के आखिरी समय में उन्होंने टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी की थी। इन 311 मैचों की 171 पारियों में उन्होंने गेंदबाजी भी की और कुल 100 विकेट अपने नाम किए, जिसमें 2 फाइव विकेट हॉल भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4e12746f0fd12f7ab9b32f1cf52497e5531e917 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +''बिहाइंड द स्मोकस्क्रीन : सैटेलाइट डेटा'' नामक इस अध्ययन रिपोर्ट से पता चलता है कि यह वृद्धि और भी अधिक (146 फीसद) होती अगर मौसम की स्थिति 2020 के समान होती। अन्य भारतीय शहरों में भी एनओ 2 के स्तर में समान रूप से ¨चताजनक वृद्धि दर्ज की गई।अप्रैल 2021 की तुलना में मुंबई में एनओ 2 प्रदूषण 52 फीसद, बेंगलुरु में 90 फीसद, हैदराबाद में 69 फीसद, चेन्नई में 94 फीसद, कोलकाता में 11 फीसद, जयपुर में 47 फीसद और लखनऊ में 32 फीसद बढ़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..489394381e66ad511bdc13c163a82dac6471243f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69818.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारी भरकम मंत्रिमंडल में उम्मीदों के विपरीत हरियाणा की हिस्सेदारी कम हो गई है। संभावना जताई जा रही थी कि मंत्रिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह और सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल को शामिल किया जा सकता है। शाम होते-होते बीरेंद्र सिंह की सारी लाबिंग धरी रह गई और सुनीता दुग्गल की उम्मीद भी टूट गई। इतना ही नहीं  केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया का मंत्री पद भी छिन गया है। + +मोदी के जंबो मंत्रिमंडल में घटी हरियाणा की हिस्सेदारी।रतनलाल कटारिया अंबाला से सांसद हैं और दलित कोटे में मोदी कैबिनेट में हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। बताया जाता है कि रतनलाल कटारिया की परफारमेंस संतोषजनक नहीं थी। अपने दो साल के कार्यकाल में कटारिया खास नतीजे नहीं दे पाए। हालांकि कटारिया की विदाई की सिर्फ यही अकेली वजह नहीं है। भारी भरकम कैबिनेट में दूसरे राज्यों के सांसदों को एडजेस्ट करने की दृष्टि से भी कटारिया से कार्यभार वापस लिया गया है। पार्टी के प्रति उनकी वफादारी को देखते हुए भविष्य में उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbc0715b9d17d65773dd67dc3ddba35994c97430 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69819.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेरे मन में क्रिकेट से कहीं ज्यादा ललक दिलीप साहब को आमने सामने देखने की थी। मित्र राकेश निगम ने कहीं से पवेलियन पास का इंतजाम कर लिया और पहुंच गए हम लोग। पैड और ग्लब्स पहने हाथ में बल्ला लिए जब दिलीप साहब मैदान में उतरे तो खचाखच भरे स्टेडियम का माहौल याद करके अब भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उस दिन दिलीप साहब ने शानदार बैटिंग की थी। एक खिलाड़ी की मदद के लिए ये था अभिनय के बादशाह दिलीप कुमार का जज्बा। भरे मन से उस महान अभिनेता को सलाम और विनम्र श्रद्धांजलि। + +यह भी पढ़ें: Memories of Dilip Kumar: लखनवी खाने के शौकीन थे दिलीप कुमार, किचन में पहुंचकर शेफ को बताते थे कैसे पकाते हैं मटन ।दूरदर्शन केंद्र लखनऊ के प्रोग्राम प्रोड्यूसर विवेक शुक्ला ने बताया कि अवध फिल्मस के बैनर तले बन रहे देश के पहले भोजपुरी दूरदर्शन धारावाहिक "सांची पीरितिया" के मुहूर्त के लिए आए थे दिलीप कुमार। 15 फरवरी 1997 को शाहबाद (हरदोई) में हुआ था मुहूर्त।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69820.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7d065c9461c657b38366fb4a06033b82b88b8d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69820.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूसुफ चचा के नाम से जाने जाते : तारिक इब्राहिम ने बताया कि दिलीप कुमार को घर में सभी यूसुफ चचा के नाम से संबोधित किया करते थे। उन्हेंं घर का बना नॉनवेज पसंद था। उनके लिए स्पेशल कबाब, शीरमल आदि व्यंजन बनाए जाते थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हंसी ठिठोली करते थे। उन्हेंं खिंचाई करना भी पसंद था। पत्नी वासिया इब्राहिम और बच्चों को आशीर्वाद देकर जाते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69823.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69823.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfc8c080a1d40215dc30f5339829352820273df7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69823.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार से आप इस बात का भी अंदाजा लगा सकते हैं कि अगले एक-दो वर्षो में किन-किन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक तौर पर जो राज्य जितनी अहमियत रखता है उसे उसी हिसाब से कैबिनेट में तवज्जो दी गई है। इसके साथ ही केंद्र सरकार में बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की अभी तक की कम प्रतिनिधित्व की भरपाई भी की गई है। सरकार के लिए बेहद अहम राज्य उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव होने वाला है और कैबिनेट विस्तार में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व इसी राज्य से है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de7d862bc1e84302be4384cd60b2e6206c73019d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69824.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। राजस्थान के अजमेर में पले-बढ़े और गुरुग्राम जिले के गांव जमालपुर के मूल निवासी भूपेंद्र यादव का मंत्री बनना कई मायनों में अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेंद्र यादव को कैबिनेट मंत्री बनाकर बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साधारण कार्यकर्ता से केंद्रीय मंत्री बनने तक का उनका सफरनामा प्रेरक है। उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली, बल्कि परिश्रम के बल पर आसमान की ऊंची उड़ान भरी है। + +हरियाणा में चर्चित रहे हैं भूपेंद्र। भूपेंद्र यादव ने बेशक अधिकांश समय खुद को हरियाणा की राजनीति से अलग रखा है, मगर यहां के राजनीति गलियारों में चलने वाली चर्चाओं से वह कभी अलग नहीं हुए। पहली पारी में जब मनोहरलाल के विकल्प की बातें चली तब भूपेंद्र यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं भी कई दिन हवा में तैरती रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3c21383117ba016daa743c736cad7de0742606f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, जेएनएन। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की नींव के ऊपरी हिस्से (प्रतिष्ठान) के निर्माण में मिर्जापुर के पत्थर लगेंगे। इस पत्थर की पहली खेप बुधवार को रामनगरी पहुंच गई। इसमें 16 घन फीट माप के 30 पत्थर के टुकड़े हैं। प्रत्येक पत्थर चार फीट लंबा, दो-दो फीट ऊंचा व चौड़ा है। कुल 19 हजार पत्थर के पीस आने हैं। इन पत्थरों को मिर्जापुर से ट्रक से लाया गया। अपराह्न साढ़े तीन बजे श्रीराम अस्पताल के समीप स्थित श्री रामजन्म भूमि के द्वार पर पत्थर से भरा ट्रक पहुंचा तो संतों ने इसका स्वागत किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dd13b4f1a4516caff2fe15e7751d0c03734d8e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69827.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बिहार कांग्रेस में विधायकों की टूट की अटकलों और प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चाओं के बीच राहुल गांधी ने सूबे के तमाम वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ बुधवार को लंबी मंत्रणा की। इस बातचीत के दौरान राहुल ने बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने पर सूबे के नेताओं की राय जानी तो विधायकों के बीच पार्टी नेतृत्व के लिए भरोसा बढ़ाने वाली बातें की। सूबे के नेताओं के साथ राहुल गांधी की हुई बातचीत को देखते हुए बिहार कांग्रेस में बड़े बदलाव को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की संभावना जताई जा रही हैं। + +विधायकों को प्रेरित करने का प्रयास।बिहार में कांग्रेस के कई विधायकों के टूटकर जदयू में जाने की सियासी गलियारों में चल रही अटकलों पर विराम लगाने के प्रयास के तहत राहुल ने शाम को सूबे के सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ अपने आवास पर दूसरी बैठक की। इस दौरान राहुल ने सूबे में कांग्रेस के बेहतर भविष्य की संभावनाओं की बातों के साथ विधायकों को प्रेरित करने का प्रयास किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45c9efad7d3bf43853f5229bf504c9abdc53c86e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69828.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। मंत्री पद की दौड़ में शामिल दिल्ली के अन्य सांसदों को मीनाक्षी लेखी ने पीछे छोड़ दिया है। वह नरेंद्र मोदी की टीम में जगह बनाने में सफल रही हैं। इससे इनका सियासी कद भी बढ़ा है। दिल्ली की सियासत में इनकी अहमित बढ़ेगी। साथ ही इनके मंत्री बनने से पार्टी को एक मजबूत महिला और पंजाबी नेता की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। वह संसद से लेकर राजनीतिक गलियारे में पार्टी और केंद्र सरकार का पक्ष जोरदार तरीके से रखती हैं। माना जा रहा है कि इसी विशेषता की वजह से इन्हें मंत्री पद से नवाजा गया है। लोकसभा चुनाव से पहले राफेल को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके विरोध में मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी और राहुल गांधी को माफी मांगनी पड़ी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d77725f3e0393e329e481b6b2dd6b24bc35e5e33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं। सारा अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से भी सुर्खियों में बनी रहती हैं। अब हाल ही में सारा ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए सारा अपने मम्मी पापा यानी कि सैफ अली खान और अमृता सिंह से माफी मांगी है। चलिए बताते हैं सारा ने आखिर ऐसा किया क्या है जो उन्हें अपने मम्मी- पापा से माफी मांगना पड़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bd0bff03cb92b01092bf17d9385b7c5ac5f163d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इटावा, जेएनएन। Dilip Kumar Memories हर दिल अजीज फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ दो बार इटावा आए थे। यहां स्थित दरगाह वारसी से उनका आध्यात्मिक रिश्ता रहा। शादी के छह साल बाद तक कोई संतान नहीं होने पर अबुल शाह हसन वारसी दरगाह में आकर उन्होंने माथा टेककर दुआ मांगी थी। ।दरगाह अबुल हसन शाह वारसी मसोलियम ट्रस्ट के प्रबंधक व सचिव हनी वारसी बताते हैं, दिलीप कुमार और सायरा बानो पहली बार 1972 में दरगाह में पूरे दिन रहे थे। दूसरी बार 1975 में तीन दिवसीय उर्स के मौके पर आए और करीब डेढ़ दिन रुके थे। कटरा साहब खां स्थित दरगाह के बगल में रहने वाले इफ्तिखार मिर्जा बताते हैं, दरगाह सायरा बानो की मां मशहूर अदाकारा नसीम बानो का पीरखाना (गुरु का घर) है। उनके पीर (गुरु) महमूद शाह वारसी यहीं रहते थे। वह अपनी मां नसीम बानो के साथ भी कई बार दरगाह आईं। नसीम बानो ही दामाद दिलीप कुमार और बेटी सायरा को संतान को लेकर दुआ मांगने के लिए दरगाह पर लाई थीं। इफ्तिखार बताते हैं, उनके पिता मिर्जा इकबाल बेग से भी मां के साथ सायरा बानो मिल चुकी हैं। उनके मुताबिक, पूर्वज बताते थे कि सायरा की मां नसीम बानो इटावा के कबीरगंज मोहल्ले की थीं। कुछ लोग सायरा के यहीं पैदा होने की बात भी कहते हैं।  ।इटावा निवासी के. आसिफ की फिल्म से मिला बड़ा मुकाम: शायर नदीम अहमद खां कहते हैं कि दिलीप कुमार ने करिश्माई व्यक्तित्व के जादू से करोड़ों दिलों पर राज किया। वर्ष 1960 में के. आसिफ की फिल्म मुगल-ए-आजम ने उनके कद को और बड़ा कर दिया। के. आसिफ इटावा के कटरा पुर्दल खां मोहल्ले में पैदा हुए थे।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82ccbf33d1dc44fe5fa6efba8ed93c985cbd323f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Palm Oil Price In Gorakhpur: पाम आयल के आयात पर प्रतिबंध हटने से बाजार में एक बार फिर सस्ता नेपाली पाम आयल बकेगा। नेपाल में तैयार होने वाले करीब आठ कंपनियों के पाम आयल स्थानीय बाजार में बिकते थे, लेकिन पिछले वर्ष मई में सरकार ने पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध हटते ही पाम आयल के मूल्य में भारी गिरावट आई है। ।बीस जुलाई से बाजार में उपलब्ध होगा नेपाली पाम आयल ।नेपाली पाम आयल 20 जुलाई तक स्थानीय मंडी में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। नेपाली पाम के आयल भारत के बाजार में आने का रास्‍ता साफ होने के बाद माना जा रहा है क‍ि पाम आयल के मूल्‍य में आने वाले द‍िनों में भारी कमी आएगी। पाम आयल के आयात पर प्रतिबंध हटने से बाजार में एक बार फिर सस्ता नेपाली पाम आयल बकेगा। नेपाल में तैयार होने वाले करीब आठ कंपनियों के पाम आयल स्थानीय बाजार में बिकते थे, लेकिन पिछले वर्ष मई में सरकार ने पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। नेपाली पाम आयल 20 जुलाई तक स्थानीय मंडी में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7fd837c0e9861403d8f32c8b8900e13630f5389 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Indian Railways News: रेलवे स्टेशनों पर पहुंचते ही शातिर (सूचीबद्ध अपराधी) सीसी कैमरे से बच नहीं पाएंगे। वे कंट्रोल के जरिये रेलवे सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ जाएंगे। इसके लिए भारतीय रेलवे स्तर पर वीडियो सिर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) लगाए जा रहे हैं। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे के 16 सहित भारतीय रेलवे के 803 स्टेशनों पर यह सिस्टम लगाए जाने हैं। गोरखपुर में तो यह सिस्टम कार्य भी करने लगा है। आने वाले दिनों में ए1, ए, बी, सी, डी और ई श्रेणी के सभी स्टेशनों पर यह सिस्टम लग लाएगा। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे का यह सिस्टम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ।वीडियो सर्विलांस सिस्टम में लोड किए जाएंगे क्षेत्र के सूचीबद्ध अपराधी। फिलहाल रेलवे बोर्ड रेल कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (रेल टेल) के सहयोग से 47 स्टेशनों पर इस सिस्टम को लागू कर दिया है। वर्ष 2022 में शेष 756 स्टेशनों पर मार्च 2022 तक लागू करने का लक्ष्य है। रेलटेल ने भारतीय रेलवे के पांच हजार स्टेशनों पर उच्चीकृत सीसी कैमरे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रत्येक स्टेशनों पर 40-40 कैमरे लगाए जाएंगे। इस सिस्टम के लग जाने से रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता होगी। जहरखुरानी, चोरी, छिनैती और पाकेटमारी की घटनाओं पर अंकुश तो लगेगा ही स्टेशनों पर पहुंचने वाले शातिर भी पकड़े जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..019e19938859c52ddf0e713bcdf66b803265a928 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69835.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसा रहा है सक्रिय राजनीतिक जीवन, जानिए ।सक्रिय राजनीति में आने के बाद सुशील मोदी साल 1990 में पटना केंद्रीय विधानसभा (अब कुम्हार) से चुनाव जीता। उसी साल उन्हें बीजेपी बिहार विधानसभा दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। आगे 1996 से 2004 तक वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे। साल 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। साल 2005 में जब बिहार में लालू राज के अंत के बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में एनडीए की सरकार बनी, तो सुशील मोदी बिहार बीजेपी विधानमंडल पार्टी के नेता चुने गए। इसके बाद लोकसभा से इस्तीफा देकर उन्‍होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद वे फिर उपमुख्यमंत्री बने। इसके अगले चुनाव में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी, तब के दौर में उन्‍होंने राष्‍ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के खिलाफ मुहिम चलाकर घोटालों की कई फाइलें खुलवा दीं। इस तरह साल 2017 में वे बिहार में जेडीयू-आरजेडी की महागठबंधन सरकार के पतन के पीछे प्रमुख भूमिका में रहे। इसके पहले उन्होंने ही कई साल पहले पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर चारा घोटाला को उजागर कराया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fcf644623017d4b833a512ac7ae9926eab2b40b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। आनलाइन हाउस टैक्स का निर्धारण करना व उसे जमा करना और आसान हो गया है। अब आप खुद ही पासवर्ड तैयार कर सकेंगे और दो बार ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आने की झंझट से भी बच जाएंगे। अभी तक आनलाइन हाउस टैक्स का निर्धारण करने और जमा करने के छह स्टेप थे, जिसे घटाकर चार कर दिए गए। ऐसा भवन स्वामियों को राहत देने के लिए नगर निगम ने किया है। अभी तक नेशनल इंफारमेटिक सेंटर की तरफ से ही पासवर्ड बनाया जाता था और इसमें अधिक समय लगने और निश्चित अवधि बीत जाने के बाद फिर से पासवर्ड के लिए ओटीपी मंगाना पड़ता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de8a95813ced63e7d9a50946745939c693a01824 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69838.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +रांची, जासं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने सफलता के इतने झंडे गाड़े हैं कि उनका नाम ही सफलता का पर्याय बन चुका है। सपनों को सच में बदलने वाले इस महानतम खिलाड़ी से कोई भी संकल्प के बूते शीर्ष पर पहुंचने की प्रेरणा ले सकता है। रांची के राजकुमार माही कई बार कह चुके हैं कि दिल की आवाज सुनें और अपने सपने को पूरा करने में पूरी ताकत लगा दें तो सफलता आपके कदम चूमेगी। किक्रेट के क्षेत्र में महानतम उपलब्धियां हासिल कर चुके और युवाओं के आदर्श धौनी अब कई अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। + +किक्रेट की दुनिया में सफलता के रिकाॅर्ड तोड़ झंडे गाड़ने के साथ ही वह आर्गेनिक फार्मिंग और पशुपालन से लेकर अलग-अलग क्षेत्र की उपलब्धियों को लेकर भी चर्चा में हैं। बहुत जल्द वह अभिनय के क्षेत्र में भी हाथ आजमाने वाले हैं। हमेशा अपने दिल की आवाज सुनने वाले माही जिस किसी भी क्षेत्र में कदम रखते हैं, वहीं अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ते हैं। धौनी के फार्म हाउस की सब्जियां यहां से दुबई तक धूम मचा रही हैं। अपने फार्म हाउस में धौनी कड़कनाथ मुर्गे और अंडों का भी उत्पादन करते हैं। ।धौनी के डेयरी फार्म की गिर समेत अलग-अलग नस्ल की गायों का दूध भी धौनी के ब्रांड के साथ बाजार में अपनी खास धमक बना चुका है। धौनी ने बुधवार को रांची के सिमलिया में स्थित अपने फार्म हाउस में परिवार के लोगों और कुछ अन्य साथियों व शुभचिंतकों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। वहीं रांची समेत पूरे झारखंड में उनके प्रशंसकों ने अलग-अलग तरीके से कैप्टन कूल का जन्मदिन मनाया। इंटरनेट मीडिया पर भी उन्हें बधाई व शुभकामनाएं देने का तांता लगा रहा। इस मौके पर क्रिकेट प्रेमियों ने रांची के इस राजकुमार की शानदार उपलब्धियों को भी याद किया। + + वाहनों के शौकीन धौनी को जानवरों से भी है प्रेम।अलग-अलग तरह के नए-पुराने वाहनों के शौकीन धौनी को जानवरों से भी काफी प्रेम है। धौनी के फार्म हाउस व घर में अलग-अलग नस्ल के कई कुत्ते हैं। अक्सर उनकी पत्नी साक्षी और बेटी जीवा की उपस्थिति में धौनी कुत्तों के साथ बॉल खेलते भी नजर आते हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने चेतक नाम का एक घोड़ा भी खरीदा है। घोड़ा धौनी का अच्छा दोस्त बन चुका है। उनके करीबी मित्र बताते हैं, माही को ऐसी जिंदगी शुरू से पसंद थी। ताम-झाम से दूर, प्रकृति के करीब। हाल ही में धौनी ने अपनी पत्नी साक्षी को शादी की सालगि‍रह पर विंटेज कार उपहार में दी थी, जिसे साक्षी ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..069c6778497c74c4f9ac2d377e9347151ff33b23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवि के घटक संस्थान आइईटी में दो नवीन पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 से प्रारंभ किए जाने को हरी झंडी दी गई। इन दो पाठ्यक्रमों में एमटेक (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस एंड डाटा साइंस) एवं बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियर‍िंग (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस) शामिल है। बैठक में आइईटी में एक टेक्नोलाजी बिजिनेस इंक्यूबेटर की स्थापना पर सहमति दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb7924fb824a374c95c43afb82caaef768232676 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि बीते दिन ही शिल्पा शेट्टी ने राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद पहली बार मामले पर अपना बयान दिया है। उन्होंने लंबे से पोस्ट में अपने दिल की बहुत सारी बातें लिखीं। इस पोस्ट के जरिए शिल्पा ने लोगों से अपील की है कि मामले में किसी भी तरह झूठी बातें ना फैलाई जाएं। शिल्पा ने अपने इस पोस्ट में लिखा था कि वो इस मामले में अब तक चुप रही हैं और आगे भी चुप ही रहेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था और कानून पर पूरा भरोसा है। मामले में शिल्पा और उनके परिवार को जमकर ट्रोल किया जा रहा है ऐसे में अब कई बॉलीवुड सेलेब्स भी शिल्पा के समर्थन में एक- एक कर आगे आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13941efbedcdf7e3718b61295f9a51adf8fee555 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69842.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Moradabad Daughter CM Office Phone Help : कोरोना महामारी ने कई परिवारों को सुख-चैन छीन लिया। अपनों को खोने के बाद कुछ ऐसे नौनिहाल हैं, जिनके सिर से उनके मां और पिता का साया भी उठ गया है। ऐसे बच्चों की मदद करने का फैसला सरकार ने किया है। कुछ दिनों पहले एक नाबालिग बेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय में फोन करके अपने दर्द को बयां किया था। सीएम कार्यालय के अधिकारियों को नाबालिग बेटी ने बताया था, कि उसके माता-पिता नहीं है। घर टूटा पड़ा है। वहीं घर का दरवाजा भी नहीं है। ऐसे में शाम ढलते ही उसे अनजाने डर का सामना करना पड़ता है। 15 साल की इस किशोरी की बात सुनने के बाद सीएम कार्यालय के अफसर सक्रिय हो गए, और उन्होंने तत्काल जिलाधिकारी को फोन करके हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। शासन से निर्देश मिलते ही प्रशासन के अधिकारियों ने नाबालिग बेटी से संपर्क किया, और उसके घर की छत और फर्श बनवाने के साथ ही घर में दरवाजा लगवाने का काम किया। + +दिल्ली रोड स्थित लाइनपार इलाके में चाऊ की बस्ती में एक परिवार रहता है। मजदूरी करके माता-पिता इकलौती बेटी राखी को पढ़ाने-लिखाने का काम करते थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने इस परिवार को नहीं छोड़ा। बीते 25 अप्रैल माह कोरोना के चलते मां की मौत हो गई, वहीं ठीक एक माह बाद 29 मई पिता की भी मौत हो गई। माता-पिता का सिर से साया उठ जाने के बाद बेटी को सहारा देने के लिए कोई नहीं बचा था। ऐसे में बेटी के दूर के रिश्तेदार उसे मदद पहुंचाने का काम कर रहे थे। लेकिन रिश्तेदारों की मदद से बेटी का पेट तो भर रहा था, लेकिन घर में वह खुद को असुरक्षित महसूस कर रही थी। कुछ दिन पहले बेटी राखी ने एक मीडिया कर्मी की मदद से सीधे मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ के कार्यालय में फोन करके मदद मांगी। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह को फोन करके तत्काल मदद के निर्देश दिए थे। शासन से फोन के बाद जिलाधिकारी ने प्रोबेशन विभाग के अधिकारियों को भेजकर बाल सेवा योजना के तहत बेटी को चार हजार रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था को सुनिश्चित किया। इसके साथ ही डूडा की योजना के माध्यम से बेटी के घर की टूटी छत और फर्श का निर्माण कराने के साथ ही उसके घर में दरवाजा लगवाने का काम किया था। + +44 बच्चों को खर्च उठाएगी राज्य सरकार : जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 44 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता या पिता को कोरोना महामारी में खो दिया है। केवल दो बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मौत हुई है। इन सभी बच्चों को बाल सेवा योजना के तहत मदद प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही इन बच्चों को पढ़ाई के लिए लैबलेट भी प्रदान किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da803319fbcb7368384d9af94f38278d61c9493c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69843.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं यूपीटीए के अध्‍यक्ष भारत भूषण शर्मा ने बताया कि 60 के दशक में हुए आम चुनाव में वे मेरठ आए थे। और उन्‍होंने बुढ़ाना गेट के पास जिमखाना मैदान में आमसभा को संबोधिति किया था। भारत भूषण शर्मा कहते हैं कि वे उन दिनों कालेज में थे, और उनका बड़ा प्रशंसक थे। उनसे आम सभा के दौरान मुलाकाल आज भी मेरे जहन में हैं। वे बड़े आराम व हल्‍की आवाज में बात करते थे। सभा को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा था कि ''सुभाष चंद्र बोस के सेनापति जनरल शहनवाज को विजयी बनाकर यह एहसास कराएं कि वे उनके साथ हैं।''।अभिनय के संस्थान बन चुके दिलीप कुमार ने पूरीद आन के साथ अपनी समकालीन ही नहीं, वरन आने वाले दो-तीन पीढ़ियों के अभिनेताओं को भी प्रभावित किया। “शक्ति” में उनके साथ काम कर चुके बिग बी अमिताभ बच्चन हों या बालीवुड के बादशाह शाहरूख खान अभिनय के इस “मुगल-ए-आजम” को अपना आदर्श मानते हैं। फिल्मों के माध्यम से इस “इज्जतदार” अभिनेता की राष्ट्र सेवा को केंद्र सरकार ने पूरा सम्मान देते हुए पद्‍मभूषण्, दादा साहब फालके अवॉर्ड प्रदान करने के साथ-साथ राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया। + +हिन्दी सिनेमा के “जुगनू” को भारत के समान ही पाकिस्तान में भी लोकप्रिय होने के कारण वहां के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से नवाजा गया। कई सुपर स्टारों और मेगा स्टारों की बालीवुड में “दास्तान” कुछ ही वर्षों में खत्म हो गई, लेकिन दिलीप कुमार के अभियन की “मशाल” सदा जलती रहेगी। उनकी प्रतिभा का एक उदाहरण उन्हें आठ बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार मिलना भी है, यह आज भी यह कीर्तिमान है। “आदमी” “मुसाफिर” है और “विधाता” को जब मंजूर होता है जिन्दगी का “मेला” खत्म हो जाता है। सात जुलाई 2021 को यूसुफ साहब भी इस “दुनिया” को छोड़कर चले गए। उन्होंने छह दशक के फिल्मी सफर में साठ से भी कम फिल्मों में काम किया, लेकिन अपनी अदाकारी के कारण वह सदा “अमर” रहेंगे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53ab3c44c3a57d7f2e712556686b8b7dca6b74a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69847.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। गेंहू और चावल राशन की दुकानों में पैदा नहीं होते, न ही टमाटर, लौकी धनिया और केला जैसे फल व सब्जियां ठेले पर उगती है। अगली पीढ़ी को यह बताने के लिए लुटियंस दिल्ली की एक आरडब्ल्यूए अभिनव प्रयोग कर रही है। उसने कालोनी की पार्क में ही इनको उगाया है और इसके पैदा होने की प्रक्रिया से बच्चों को तसल्ली से परिचित करा रही है। आश्चर्य चकित बच्चें भी खेती की इस प्रक्रिया को ध्यान से समझने की कोशिश कर रहे हैं। ।यह मामला राष्ट्रपति भवन से थोड़ी दूर स्थित मंदिर मार्ग की है। यहां टाइप-तीन, सेक्टर-डी की कालोनी के छोटे से पार्क को आरडब्ल्यूए ने खेत में तब्दील कर दिया है। जिसमें कई तरह की सब्जियां और फल उगाई जा रही है तो औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं। इस कालोनी में रहने वाले लोग केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में तैनात हैं। इनके बच्चों ने खेती-किसानी नहीं देखी है। आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष जगदीश तोमर कहते हैं कि यह देखकर दुख होता है कि अधिकांश बच्चों को फसलों, सब्जियों और फल के पैदा होने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है। ।वह यह नहीं जानते हैं कि इनके पैदा होने की पूरी प्रक्रिया क्या है। यहां तक की वह पौधा और पत्तियों में भी अंतर नहीं कर पाते हैं। यह स्थिति कई बार बड़े लोगों की भी होती है, क्योंकि शहरी जीवन में उन्हें खेती की प्रक्रिया से रूबरू होने का मौका नहीं मिला है। कोई डेढ़ साल पहले इस तरह की खेती का विचार आया। इसके लिए उन्होंने बकायदा खेती का प्रशिक्षण लिया, बीज दूसरे राज्यों से लाए। अब आरडब्ल्यूए का पार्क फसलों से लहलहा रही है। मौजूदा समय में मक्का, मिर्च, केला, तोरई व लौकी लगी है। मक्के की बालियां निकल आई है। ।वह बताते हैं कि उन्हें खुद नहीं पता था कि मक्का कहां निकलता है। मंदिर मार्ग स्थित विभिन्न कालोनियों के आरडब्ल्यूए संगठनों के फेडरेशन डीआइजेड के अध्यक्ष प्रीतम धारीवाल बताते हैं कि यह प्रयोग लोगों में काफी लोकप्रिय हो रहा है। दूसरे कालोनियों के बच्चे भी अभिभावकों के साथ यह खेत देखने आ रहे हैं। ।खेती के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल ।इतना ही नहीं इस खेती में जैविक खाद का प्रयोग हो रहा है। इसके लिए कालोनी के पेड़-पौधों की पत्तियों को इकट्ठा किया जाता है तो घरों से निकले वाले खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है। इनको मिट्टी के नीचे दबाकर खाद बनाया जाता है। जिसका इस्तेमाल इस खेत के साथ कालोनी के लोग गमलों में लगाए गए पौधों के लिए करते हैं। ।हर्बल गार्डन बढ़ा रहा आयुर्वेद पर ज्ञान ।इस पार्क के एक कोने में हर्बल गार्डन भी बनाया गया है, जिसमें अजवाइन, एलोविरा, तुलसी, कढ़ी पत्ता व दर्दपात समेत अन्य औषधीय पौधे लगाए गए हैं। प्रीतम धारीवाल कहते हैं कि इस कोरोना काल ने औषधीय पौधों की अहमियत से परिचित कराया है। इस हर्बल गार्डन ने लोगों को काफी मदद पहुंचाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b68bc6bda9bfb23a9cacbf901093548d24475808 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटियाला, [गौरव सूद]। नालों की सफाई के लिए बड़ी मशीनों का इस्तेमाल तो आम बात है, लेकिन जड़ी-बूटियों के घोल से गंदे पानी की सफाई अपने आप में नया प्रयोग है। पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने खत्म हो रहे जल स्रोतों व जल संकट के समाधान के लिए 'नाला से नदी' परियोजना शुरू की है। इसके तहत पटियाला के भारत नगर व धामोमाजरा गांव से होकर गुजरने वाले नाले की सफाई का काम शुरू किया गया है। इसका जिम्मा पीपीसीबी ने चंडीगढ़ की इंपीरियम अर्थ एडवाइजर्स एलएलपी कंपनी को साैंपा है। कंपनी सफाई के लिए दिल्ली की एक अन्य कंपनी 'वैदिक सृजन' की ओर से तैयार किए गए 108 जड़ी बूटियों घोल का इस्तेमाल कर रही है, जिसे काउनामिक्स हर्बल कंसंट्रेट नाम दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b60d5d58f3b0621c22da84d5359cb377bfb10aed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के इस दौर में बच्चों का रूटीन टीकाकरण अभियान कुछ प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन इसे रुकने नहीं देना है, बल्कि इसे पहले की तरह ही प्रभावी ढंग से जारी रखना होगा। टीका बच्चों के जीवन का ऐसा सुरक्षा चक्र है, जिसे लगाने से वे टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, खसरा सहित कई घातक बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। इसलिए टीका जिंदगी बचाने के लिए विज्ञान की सबसे बड़ी खोज में से एक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..454e5e6c029961ab0038f26d4a46026c565e299e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69854.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। रामनगरी स्मार्ट सिटी की ओर तेजी से बढ़ रही है। नगर को व्यवस्थित बनाने में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम क्षेत्र के सभी भवनों का नए सिरे से डिजिटल डाटाबेस तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए पहली बार जियोग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) का उपयोग हो रहा है। सेटेलाइट से प्राप्त नगर निगम क्षेत्र के मानचित्र की मदद से भवनों का डोर-टू-डोर जीआइएस सर्वे आरंभ हो चुका है। सर्वे के बाद भवनों का डिजिटल डाटा नगर निगम के पास उपलब्ध होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97969f6c4a630c51b431ab8046edef11be7c0701 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रेटर नोएडा, [प्रवीण विक्रम सिंह] ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित शाहबेरी में 17 जुलाई 2018 को दो अवैध इमारतें गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। शाहबेरी कांड की सबसे बड़ी मछली सोंटी उर्फ सोनू पाठक का नाम तत्कालीन जिलाधिकारी के लिखित आदेश पर केस से निकाला गया था। केस डायरी में इसका जिक्र किया गया है। पुन: जांच के दौरान एक बार फिर से सोनू पाठक का नाम केस में शामिल कर उसके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है। धारा तीन सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, धारा सात सीएलए एक्ट व धोखाधड़ी का दोषी मानकर चार्जशीट दाखिल की गई है। ।बता दें कि शाहबेरी में बिना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से नक्शा पास कराए बिल्डरों ने अवैध इमारत तैयार कर दी। कुल 426 इमारतें शाहबेरी में बनाई गईं। प्रशासन की मिलीभगत से इमारतों का निर्माण हुआ और भोली भाली जनता फंस गई। दो कमरे का फ्लैट लोगों को 12 से 15 लाख में बिल्डरों ने बेचा। कम दाम में फ्लैट खरीदने के बाद जब लोगों ने वहां रहना शुरू किया तो 17 जुलाई 2018 को दो अवैध इमारतें पत्ते की तरह बिखर गईं। नौ लोगों की मलबे में दबने से मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और बिल्डरों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। ।86 एफआइआर, 35 करोड़ की संपत्ति जब्त ।कमिश्नरेट पुलिस शाहबेरी प्रकरण में शामिल आरोपित बिल्डरों की करीब 35 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है। कई अन्य बिल्डर पुलिस के रडार पर है। जल्द ही उनकी भी संपत्ति जब्त की जाएगी। ।सोनू के अलावा वतन गौड़ भी फंसा ।पुलिस ने पुन: जांच के दौरान गाजियाबाद के कौशांबी जयपुरिया हाउस निवासी सोनू पाठक के अलावा देवीपुरा कृष्णा नगर, बुलंदशहर निवासी वतन गौड़ के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की है। ।ऐसे हुआ था खेल ।वर्ष 2018 में एक्टिव इक्विपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सोंटी उर्फ सोनू पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मामले की जांच दारोगा रामपाल सिंह ने की। तत्कालीन जिलाधिकारी के लिखित पत्र पर एक्टिव इक्विपमेंट कंपनी का नाम केस से निकाल कर दिव्यांका होम्स के निदेशक दीपक त्यागी का नाम आरोप पत्र में दाखिल कर दिया गया। पुन: जांच के आदेश होने पर बिसरख कोतवाली के एसएसआइ ऋषि पाल कसाना ने सोनू पाठक व वतन के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c321a86a45e1c71001d69a383c10639cffb35cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद, आशुतोष गुप्ता। मतांतरण के खेल में गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ सनसनीखेज जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। प्रदेशों व जिलों में मतांतरण कराने के लिए बाकायदा नेटवर्क फैलाया गया था। चेन बनाकर जिलों व प्रदेशों में सदस्यों की नियुक्ति की गई थी। यह सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में मतांतरण के लिए लोगों को उकसाते थे और प्रचार करते थे। उमर गौतम इस नेटवर्क का सरगना है। इसके साथ ही उसके कई सहयोगी इस नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत रहते थे। ।उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत हरियाणा के अधिकांश जिलों में इनके प्रतिनिधि काम कर रहे थे। एजेंसियां सभी नेटवर्क को तस्दीक करने में जुटी हुई हैं। बड़ी संख्या में पुलिस व एजेंसियों के अधिकारी मतांतरण की चेन से जुड़े सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं। जांच में लगातार एजेंसियों को उपलब्धि मिल रही है। आरोपितों का केंद्र दिल्ली था, यहीं से सभी प्रदेशों व जिलों में फंडिंग की जाती थी। ।गाजियाबाद में सलीमुद्दीन के माध्यम से चल रहा था काम ।जांच में आया है कि गाजियाबाद में सलीमुद्दीन के माध्यम से मतांतरण का खेल चल रहा था। जिले का सारा काम सलीमुद्दीन तो संभाल ही रहा था लेकिन उमर गौतम स्वयं भी गाजियाबाद में मतांतरण के खेल को लीड कर रहा था। उसके मदरसे की एजेंसियों को जानकारी तो मिली है लेकिन अभी तक यह मदरसा एजेंसियों की पकड़ में नहीं आया है। इस दिशा में अभी काम जारी है। सलीमुद्दीन से मिली जानकारियों के आधार पर ही एजेंसियां उमर गौतम व मोहम्मद जहांगीर तक पहुंची थीं और इसके बाद ही गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d4d7ccb3c2600b0997c0bc08f85b9d9ac1868f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यमुना ने एक शहर के रूप में राजधानी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लगभग सभी ऐतिहासिक विवरणों में यमुना की सुंदरता का वर्णन मिलता है, पर आज का इतिहास भी तो वक्त अपनी किताब में दर्ज कर रहा है जो मैला आंचल सी इस यमुना को लिए मुखर सवालों के साथ हर किसी के समक्ष मौन जवाबों की भांति खड़ा है। सुंदर और मीठी यमुना के ऐतिहासिक पन्नों में काली यमुना का अध्याय जुड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..134e893798889405edb1060a50742dcc2aacfbe8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Indian Railways Doiwala Rail Route Yamunotri-Gangotri Tourism :  रेल प्रशासन ने यमुनोत्री व गंगोत्री तक पहुंचने वाले रेल मार्ग के सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया है। डोईवाला स्टेशन (देहरादून) से यह रेल मार्ग शुरू होगा। प्रदूषण मुक्त रेल मार्ग के लिए डीजल इंजन से ट्रेनों का संचालन नहीं किया जाएगा। रेलवे ने इसके ल‍िए तैयारी कर ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d499c65a0a1ca01b68dca9a835f9fe47c2ff786 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69867.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेजिडी किंग के निधन से दुखी हैं तौफीक ।70 के दशक में शुरू हुई यह कंपनी आज देश में ही नहीं विदेशों में भी व्यापार करती है। वह बीच-बीच में मुंबई सेवईं भेजते रहे। उनकी सेवईं की दिलीप कुमार खूब तारीफ करते थे। वह उनकी सेवईं के काफी मुरीद थे। तौफीक बताते हैं कि सुबह उन्हें पता चला कि अब दिलीप कुमार नहीं रहे। इस पर वह बेचैन हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a84572c4a17c787a37dabd1cbe33cb68ecab363 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69868.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्येक जिले व मंडल में होगी चार लोगों की टीम।प्रत्येक जिले व मंडल में चार लोगों की टीम बनाई जा रही है। एक प्रमुख व अन्य सह प्रमुख होंगे। इसी तरह से प्रत्येक शहरी केंद्र पर तीन लोगों की टीम तैयार की जाएगी। एक शहरी केंद्र में चार से पांच मतदान केंद्र होते हैं। जिला स्तरीय टीम का गठन हो गया है। जल्द ही मंडल व शहरी केंद्र की टीम बन जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8587a26dfeeaba37c3e956d956f1f711e736987e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी साल मार्च के आखिर में इंडिगो एयरलाइंस ने अहमदाबाद के साथ ही मुंबई, भोपाल और बंगलुरु के लिए अपनी सेवाएं शुरू की थीं। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई। बढ़ते कोरोना संक्रमण और घटती यात्रियों की संख्या को देखते हुए अप्रैल में अहमदाबाद, भोपाल और मुंबई फ्लाइट स्थगित कर दी गई थीं। सिर्फ बंगलुरु के लिए फ्लाइट संचालित हो रही थी। पर्यटन प्रहरी संस्था के अध्यक्ष सुमित उपाध्याय का कहना है कि पूर्व में आगरा और गोवा के बीच हवाई सेवा संचालित होती थी, इसे फिर से शुरू करने की जरूरत है। इससे आगरा के पर्यटन को काफी लाभ होगा। इसके साथ ही जयपुर के लिए भी हवाई सेवा शुरू होनी चाहिए। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान का कहना है कि फ्लाइट शुरू करने से ज्यादा जरूरी है कि उसके संचालन पर पूरा ध्यान दिया जाए। तभी पर्यटन को इसका लाभ मिलेगा। विगत सालों में कई रूटों पर हवाई सेवाएं शुरू की गईं लेकिन कुछ दिन संचालन के बाद इन्हें बंद कर दिया गया। फ्लाइट बंद होने के कारण ताजनगरी का पर्यटन कारोबार खासा प्रभावित हो रहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d04d3ce88ecb08fd96400e67543f5a269727da76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69874.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन।  अब युवा गांव में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। पंचायती राज विभाग ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है। पंचायतों में इसके तहत पुस्तकालय खोले जाएंगे। एक पुस्तकालय पर 10 लाख की धनराशि खर्च होगी। ग्राम निधि से इस बजट की पूर्ति होगी। पहले चरण में जिले की 400 पंचायतों में इन्हें विकसित करने की तैयारी हुई है। ब्लाक स्तर से इन गांव का चिन्हांकन किया जा रहा है। जल्द ही सभी का चिन्हांकन पूरा कर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। + +10 लाख की धनराशि होगी।अब इन इन पंचायतों का ब्लाक स्तर से चयन किया जा रहा है। जल्द ही सूची तैयार हो जाएगा। एक पुस्ताकलय के निर्माण पर करीब 10 लाख की धनराशि खर्च होगी। इसमें भवन के साथ ही छात्रों को बैठने के लिए कुर्सियां व किताबें भी मिला करेंगी। छात्र इनसे गांव में रहकर ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd0aff346783af438dc32da2e299d42005577787 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69875.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देहरादून, कुशल कोठियाल। पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें और भाजपा के इस कार्यकाल के तीसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं। युवा नेता के प्रदेश की कमान संभालने के साथ ही प्रदेशवासियों की उम्मीदों का जवान होना लाजिमी है। कोरोना से बेपटरी हुए विकास कार्य, शिक्षा, उद्योग और पर्यटन को चुनाव के लिए बचे सात महीनों में गति देना आसान नहीं। + +उत्तराखंड जैसे भौगोलिक विषमता वाले राज्य में नेता का युवा होना सकारात्मक बिंदु है, लेकिन यहां प्रशासनिक अनुभव के महत्व को भी नकारा नहीं जा सकता है। धामी पहली बार सरकार में कोई जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और वह भी सीधे मुख्यमंत्री की। उन्हें कैबिनेट में अच्छे तजुर्बेकार सहयोगी मिले हैं, वह इनका कितना सहयोग ले पाएंगे, इस बारे में किंतु-परंतु के बीच शुभकामना ही दी जा सकती है। हालांकि प्रशासनिक अनुभव न होने के बावजूद बड़ी जिम्मेदारी बखूबी निभाने वालों के कई उदाहरण देश-प्रदेश में मौजूद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b934eb3a722be111f71bc47c226a7ed92118157e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69878.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चौटाला सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पहुंचाएंगे। यह भाजपा के लिए फायदेमंद होगा, लेकिन चौटाला की सक्रियता से सबसे अधिक नुकसान उनके अपने ही पौत्र दुष्यंत चौटाला और उनके दल जननायक जनता पार्टी को होगा, ऐसा लोगों का अनुमान है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि दुष्यंत और उनकी पार्टी का जनाधार एकदम दरक जाएगा, क्योंकि छह सात महीने बाद दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी सजा पूरी कर आ जाएंगे और अपने पुत्र को मजबूत करने का हरसंभव प्रयास करेंगे। + +प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवतदयाल शर्मा के पुत्र स्वर्गीय राजेश शर्मा उनके आत्मीय व्यवहार के कारण इनेलो से जुड़े। दुर्भाग्यवश उनका निधन हो गया। उन्होंने मृत्यु से पहले अजय चौटाला को मैसेज किया था-आप जैसे प्यारे इन्सान दुनिया में बहुत कम हैं। इस घटना का उल्लेख केवल इसलिए कि ओमप्रकाश चौटाला की वापसी से भले ही दो चार पुराने लोग जो अन्य दलों में चले गए हैं, वापस आ जाएं, लेकिन अजय जब सक्रिय राजनीति में फिर से एंट्री करेंगे तो बहुत से मजबूत नेता जजपा का दामन थाम सकते हैं। फिर अजय की जो मोहक भाषण कला है, उसका लाभ भी जजपा को मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6909f65661239163807ef64b95111d48b37674b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69879.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतना ही नहीं, जब उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला तो वे उस मैच में भी रन आउट हुए। हालांकि, इस बार उनके रनों की संख्या में इजाफा था और वे 50 रन बनाकर न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में मार्टिन गप्टिल के थ्रो के चलते रन आउट हुए। 2004 में धौनी की शुरुआत भले ही रन आउट और शून्य के साथ हुई थी, लेकिन भारत ने जीत हासिल की थी और आखिरी मैच में उन्होंने फिफ्टी जड़ी, लेकिन भारत हार गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e780ea9d67d7f8d93393ca5d129cdd43239e1be8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि दिलीप कुमार काफी दिनों से कई तरह की शारीरिक समस्याओं के चलते मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती थे। इसके बाद बॉलीवुड सेलेब्स से लेकर उनके करोड़ों चाहने वालों तक उनके जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे थे। इस बीच इंटरनेट मीडिया पर दिलीप कुमार ने निधन की अफवाहें उड़ी थी और आखिकार अब यह अफवाह नहीं हकीकत है कि महान एक्टर दिलीप कुमार साहब इस दुनिया में नहीं रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f165e1e6ccba4d7190a720b684dd7e3d951a405 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Happy Birthday MS Dhoni: भारतीय टीम ने यूं तो साल 1983 में ही विश्व कप का खिताब कपिल देव की कप्तानी में जीत लिया था। कपिल देव की गिनती महान कप्तानों में की जाती है, लेकिन जैसे ही भारतीय क्रिकेट में धौनी युग आया तो कपिल देव की कप्तानी फीकी पड़ गई, क्योंकि एमएस धौनी ने अपनी कप्तानी में देश को एक के बाद कई खिताब दिलाए और देश को विश्व विजेता भी बना दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37d0b36b659be18da781d92c508475521c60410c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो सालों में सामने आए आत्महत्या के मामले।वर्ष        जान देने वाले किसान    श्रमिक।2018    5,763                        4,586।2019    5,957                        4,324।इन राज्यों में बढ़े आत्महत्या के मामले।रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसान के आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि देखी गई। वहीं, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा में कृषि श्रमिकों के आत्महत्या के मामले ज्यादा मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa2f90de36f68c1027056f61625b465d7224995e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69884.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद रेल मंडल के 12 स्टेशनों पर इस तरह की सिस्टम लगाने का लक्ष्य दिया गया था। अभी तक नौ स्टेशनों पर यह सिस्टम लगाया गया है। कोरोना संक्रमण फैलने के कारण रुड़की, नजीबाबाद, लक्सर में यह सिस्टम नहीं लगाया गया है। रेलटेल के वरिष्ठ प्रबंधक व जनसंपर्क अधिकारी सुचरिता प्रधान ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति की है। जिसमें कहा कि अभी तक यह सिस्टम देश भर के 813 स्टेशन पर लगाए गए हैं। 47 स्टेशनों पर लगाने का काम चल रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण उपकरण नहीं खरीदा गया है। मार्च 2022 तक 756 रेलवे स्टेशनों पर यह सिस्टम लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस सिस्टम से कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी टीवी पर स्टेशन का स्पष्ट वीडियो देख पाएंगे और संबंधित अधिकारी भी अपने मोबाइल पर इसे देख सकते हैं। यह सिस्टम यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाया जा रहा है। + +ब‍िहार से आने वाली ट्रेनें पहुंची लेट : बाढ़ आने से बिहार से आने वाली कई ट्रेनें मुरादाबाद देरी से पहुंचीं। बिहार के समस्तीपुर रेल मंडल के एक पुल के काफी नजदीक बाढ़ का पानी आ गया है। इससे ट्रेनों को बिहार में ही बदले मार्ग से चलाया जा रहा है। जिसके कारण रक्सौल से आनंद विहार जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस रात में निर्धारित समय से दो घंटे देरी से मुरादाबाद पहुंची। इसी तरह से मुजफ्फरपुर से आनंद विहार जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस भी सुबह निर्धारित समय से डेढ़ घंटे देरी से मुरादाबाद पहुंची। बाढ़ की स्थिति अभी भी है। जिससे आनंद विहार जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस को बदले मार्ग से चलाया गया है, यह ट्रेन बुधवार को देरी से आने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69887.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69887.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..316d37ff8cb11d9af0e4a2482baf5453e2e773ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69887.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल प्रियंका भी सक्रिय।गौरतलब है कि सुलह फार्मूले में एक विकल्प सिद्धू की उपमुख्यमंत्री के तौर पर सरकार में वापसी की थी मगर राहुल और प्रियंका के जरिये सियासी दांव चल रहे सिद्धू ने बाद में इसकी जगह संगठन में अहम भूमिका के लिए पेशबंदी शुरू कर दी। सिद्धू की वापसी का रास्ता बनाने के लिए ही सोनिया गांधी की कैप्टन से होने वाली मुलाकात के कुछ घंटे पहले राहुल ने दस जनपथ जाकर कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत की थी। प्रियंका भी सक्रिय रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69890.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06070e11390b234a7fe6019c079a8cb7c7cae872 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]। देश के सभी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के इंटीग्रेटेड अंडरग्रेजुएट लॉ प्रोग्राम्‍स में दाखिले के लिए आगामी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्‍ट (क्‍लैट-2021) 23 जुलाई को होगा। पहले यह परीक्षा बीते 13 जून को आयोजित होनी थी, लेकिन महामारी के संकट को देखते हुए यह टल गई थी। कंसोर्टियम आफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (https://consortiumofnlus.ac.in) यह प्रवेश परीक्षा कराएगी। देश की प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटीज से पढ़ाई के लिए छात्रों के बीच इस परीक्षा को लेकर बड़ा क्रेज देखा जाता है। बड़ी संख्‍या में छात्र हर साल इस परीक्षा में शामिल होते हैं। आइये जानते हैं कैसे करें क्‍लैट की स्‍मार्ट तैयारी और रिवीजन...।आफलाइन मोड से होगा क्‍लैट का आयोजन।अपडेट सूचना के अनुसार, आगामी क्‍लैट का आयोजन आफलाइन मोड से किया जाएगा। परीक्षार्थियों को पेन और पेपर के माध्‍यम से यह परीक्षा देनी होगी। इसलिए सभी परीक्षार्थियों को यह सलाह दी गई है कि वे परीक्षा तक कोविड से बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगवा लें, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण के खतरे से बचे रहें। जहां तक परीक्षा की तैयारी का सवाल है, तो निश्चित रूप से अब तक आप परीक्षा का पूरा सिलेबस कवर कर चुके होंगे। सिलेबस के तौर पर इस परीक्षा में पांच विषयों (इंग्लिश लैंग्‍वेज, करेंट अफेयर्स/जनरल नॉलेज, लीगल रीजनिंग, लाजिकल रीजनिंग तथा क्‍वांटिटेटिव टेक्निक) से प्रश्‍न पूछे जाते हैं। प्रत्‍येक प्रश्‍न एक अंक का होता है:।इंग्लिश लैंग्‍वेज। इस सेक्‍शन में 450 शब्‍दों के पैसेज (कॉम्प्रिहेंशन) आते हैं। ये पैसेज 12वीं कक्षा के स्‍तर के ही होते हैं, जो समसामयिक, ऐतिहासिक या किसी फिक्‍शन/नॉन फिक्‍शन जैसे किसी भी विषय से जुड़ा हो सकता है। बोर्ड परीक्षा की तरह इसमें भी पैसेज के नीचे कुछ प्रश्‍न दिये होते हैं, जिनका जवाब आपको पैसेज में से ही ढूंढकर देना होता है। लेकिन यह जरूरी है कि पैसेज को आप एक से दो बार ध्‍यानपूर्वक अवश्‍य पढ़ें, फिर ऐसे प्रश्‍नों का जवाब देने की कोशिश करें, अन्‍यथा जल्‍दबाजी में आपसे गलती हो सकती है। इसलिए पैसेज को अच्‍छी तरह समझकर उत्‍तर देने से गलती होने के चांसेज कम रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc47ebf4b5a44904be913b2623b7bf1b4ac9dcad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69891.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [धीरेंद्र पाठक]। यूजीसी नेट, सेट और पीएचडी धारक अब अपने लिए यूजीसी के एकेडमिक जॉब पोर्टल से आसानी से जॉब तलाश सकते हैं। पहले की तरह अब ऐसे स्‍टूडेंट्स को अलग-अलग विश्‍वविद्यालयों में जॉब तलाशने के लिए उनकी वेबसाइट पर भटकना नहीं पड़ेगा। इस जॉब पोर्टल पर अब देशभर के सभी कालेजों/विश्‍वविद्यालयों की टीचिंग वैकेंसी की जानकारी एक ही जगह मिलेगी। हाल ही में विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से इस संबंध में एक यह नया जॉब पोर्टल लांच किया गया है। आइए जानते हैं, कैसे इस नये पोर्टल का लाभ उठाकर अपने लिए कालेजों/ विश्‍वविद्यालयों में नई नौकरी तलाश सकते हैं...।किस वजहों से यूजीसी ने की यह पहल।यूजीसी की इस पहल के पीछे मूल उद्देश्‍य यही है कि नेट/सेट/पीएचडी धारकों के एकेडमिक प्रोफाइल को सभी यूनिवर्सिटीज/कालेज या दूसरे नियोक्‍ताओं के सामने लाया जा सके, जिससे उन्‍हें योग्‍य कैंडिडेट मिल सके और ऐसे स्‍टूडेंट्स को भी समय रहते इन शैक्षिक संस्‍थानों की रिक्तियों की जानकारी मिल सकें। ऐसे में इस जॉब पोर्टल का रोल यही है कि यहां कैंडिडेट्स रजिस्‍ट्रेशन के द्वारा अपने सब्‍जेक्‍ट के अनुसार आनलाइन प्रोफाइल बना सकते हैं। वहीं, नियोक्‍ताओं को इस पोर्टल से फायदा यह है कि उन्‍हें यहां एक ही जगह बड़ी संख्‍या में नेट , नेट/जेआरएफ, सेट और पीएचडी के एकेडमिक प्रोफाइल बड़ी संख्या में मिल जाएंगे, जिससे उन्‍हें सर्च करने में आसानी होगी। इसके अलावा, विश्वविद्यालय/कॉलेज यहां अपने संस्‍थानों की फैकल्‍टी स्‍टाफ संबंधी रिक्तियां भी पोस्‍ट कर सकेंगे, ताकि संबंधित कैंडिडेट रिक्तियों को देखकर उनके लिए आवेदन कर सकें। + +ऐसे करें पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन। जॉब पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन के लिए सबसे पहले यूजीसी की वेबसाइट पर जाएं। यहां होमपेज पर ऊपर दाहिनी तरफ जॉब्‍स का ऑप्‍शन मिलेगा। इस पर क्लिक करने के बाद जॉब पोर्टल से संबंधित विभिन्‍न जानकारियां दिख सकती हैं। यहीं पर रजिस्‍ट्रेशन का विकल्‍प भी दिया गया है। यहां पर रजिस्‍ट्रेशन से पहले कैंडिडेट को अपना लागइन करना होगा। इसके बाद रजिस्‍ट्रेशन कर सकेंगे। रजिस्‍ट्रेशन के अंतर्गत कैंडिडेट्स (नेट/नेट जेआरएफ/सेट/पीएचडी क्‍वालिफाइड) को अपना नाम, सब्‍जेक्‍ट, ईमेल एड्रेस, फोन नंबर आदि की डिटेल्‍स देनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6457960f6f4e7b9ba929b8c53225315206d8d5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69893.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जन्मतिथि पर विशेष।जन्म : 06 जुलाई 1901।मृत्यु : 23 जून 1953।प्रयागराज, अमलेंदु त्रिपाठी। राष्ट्रवादी विचारधारा के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) से अपने जीवनकाल में आत्मीय नाता रहा था। उनके अध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रणवानंद के चार प्रमुख आश्रमों में एक यहीं पर है, साथ ही यह जमीन वैचारिक दृष्टिकोण से उर्वरा थी। संगमनगरी में ही उन्होंने मिलने आए लोगों से कहा था-हम बनाएंगे सशक्त राष्ट्र। + +यहां समान विचारधारा के लोगों से की थी मुलाकात। जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 21 अक्टूबर 1951 को जनसंघ की स्थापना की। पहला राष्ट्रीय अधिवेशन 29 से 31 दिसंबर 1952 में कानपुर के फूलबाग में हुआ। यहीं डॉ. मुखर्जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष और पं. दीनदयाल उपाध्याय को महासचिव बनाया गया। अधिवेशन के तुरंत बाद उन्हें कलकत्ता (मौजूदा कोलकाता) जाना था लेकिन वह पं. दीनदयाल उपाध्याय को लेकर प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) आ गए। यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसी बनर्जी के निवास पर ठहरे और समान विचारधारा के लोगों से मिले। संगठन तथा कार्यकर्ताओं के लिए संसाधन जुटाने की कार्ययोजना बनाई। सभी से आग्रह किया कि एक राष्ट्र सशक्त राष्ट्र के लिए जो बन पड़े जरूर करें। कुछ नहीं तो संगठन के लिए कार्य करने वालों के ठहरने और भोजन की ही व्यवस्था करें। जनसंघ नेता स्व. पंडित हरिनाथ पांडेय से सुने गए वृत्तांत के आधार पर पं. देवीदत्त शुक्ल -पं. रामदत्त शुक्ल शोध संस्थान के सचिव व्रतशील शर्मा बताते हैं कि डा. मुखर्जी ने सभी को पं. दीनदयाल उपाध्याय से परिचित कराया और उनसे मुखातिब होते हुए कहा -'अब तुम्हें ही सब देखना है, तुम जनरल सेक्रेट्री हो आगे बढ़ो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69894.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69894.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22a03a657fcf02fa4652cbc069d9a1a75b4017ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69894.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगद्जननी ने की थी इन वृक्षों की प्रार्थना: रामकथा मर्मज्ञ जगद्गुरु रत्नेश प्रपन्नाचार्य के अनुसार मां सीता 11 महीने 14 दिन अशोक वाटिका में रह कर श्रीराम से पुनर्मिलन की साधना करती रहीं और इस दौरान वे वाटिका के वृक्षों से प्रार्थना करते हुए कहती हैं कि हे अशोक अपना नाम सार्थक करते हुए हमारा शोक दूर करो। ऐसे में कोई संदेह नहीं कि जगद्जननी जिस वृक्ष की प्रार्थना कर रही थीं, वह अत्यंत विशिष्ट था और उसका पूरी निष्ठा से संरक्षण भी होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb1bdbbd44421acacb2d0aa0addc5557611e9f5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69896.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उद्यमियों से ली जाएगी मददद : चाइल्ड केयर फंड में जिलाधिकारी के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों, सिटी मजिस्ट्रेट आदि को सदस्य बनाया जाएगा। मदद के धनराशि इकट्ठा करने के लिए संयुक्त खाता खुलेगा। इसमें कोई भी व्यक्ति मदद कर सकता है। मुरादाबाद में निर्यातकों की संख्या काफी है। यहां डीएम के प्रयास से गरीब बच्चों की मदद के लिए काफी धनराशि जमा हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5658e1485f0724e35bd0f1683e90110016976fa4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69897.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर।  एक एेसा विश्वविद्यालय जिसका विस्तार कोलकाता तक हुआ करता था। एेसा विश्वविद्यालय जिसके पूर्व छात्रों की सूची में मोती लाल नेहरू, ह्दयनाथ कुंजरू, शंकरदयाल शर्मा, गुलजारी लाल नंदा, चौधरी चरण सिंह, अटल बिहारी बाजपेयी, मुलायम सिंह यादव, अजीत डोभाल तक के नाम शामिल हैं। एेसा विश्वविद्यालय, जिससे गोरखपुर, बरेली, झांसी, मेरठ और कानपुर तक के विश्वविद्यालय बने। एेसे विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर कई काले धब्बे हैं। + +पूर्व कुलपति के खिलाफ चल रही है विजिलेंस जांच।विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. अरविंद दीक्षित के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है। आरोप है कि उन्होंने कमीशन के लिए विश्वविद्यालय के परिसरों में अनावश्यक निर्माण कार्य कराए थे। शिकायती पत्र में उनकी नियुक्ति के साथ ही उनके द्वारा की गईं संविदा नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए गए हैं। आरोपितों में एक प्रोफेसर, पूर्व प्रोफेसर और एक अधिकारी भी शामिल हैं। + +19 अधिकारियों के खिलाफ हुआ था मुकदमा।तीन साल पहले आंबेडकर विश्वविद्यालय के 19 अधिकारियों के खिलाफ भष्ट्राचार व वित्तीय अनियमितता का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें पूर्व कुलपति प्रो. डीएन जौहर, प्रो. मोहम्मद मुज्जमिल,वित्त अधिकारी राम पटेल सिंह, वित्त अधिकारी अमरचंद सिंह, कुलसचिव डीके पांडे, निदेशक गृह विज्ञान संस्थान भारती सिंह, इतिहास विभाग के लीडर अमित वर्मा, सहायक कुलसचिव परीक्षा अनिल कुमार शुक्ला, भौतिकी विभाग के रीडर बीपी सिंह, उप कुल सचिव परीक्षा प्रभात रंजन, डिप्टी रजिस्ट्रार वित्त महेंद्र कुमार, वेबमास्टर अनुज अवस्थी, कार्यवाहक वित्त अधिकारी बालजी यादव, गृह विज्ञान प्रवक्ता डा. अनीता चोपड़ा, वित्त अधिकारी राम सागर पांडे, निदेशक0 राघव नारायण, माइंड लॉजिस्टिक लिमिटेड बेंगलुरु के प्रोजेक्ट मैनेजर शैलेंद्र टंडन, मीनाक्षी मोहन और बालेश त्रिपाठी की खिलाफ शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से की गई थी। मामले का संज्ञान लेते हुए शासन द्वारा कार्रवाई की गई। हरीपर्वत थाने में 19 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42e095aab6b72e382c1588d5d1469599e88e1c33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69899.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। तीसरी लहर की आशंका के बीच यह मंत्र फिर से दोहराना आवश्यक हो गया है कि अच्छे और पौष्टिक आहार से ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनती है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता का अर्थ है अच्छी सेहत। यदि हम पोषक आहार ले रहे हैं और उसका पाचन ठीक से हो रहा है तो मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता का बनना तय है। शरीर का पूरा सिस्टम पाचन तंत्र से जुड़ा है। अत: हमें अपने आहार के साथ ही पाचन तंत्र पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि लिवर स्वस्थ रहेगा तो शरीर के सारे विषाक्त पदार्थो का निष्कासन आसान हो जाएगा। जब शरीर ऊर्जावान होता है तो कमजोरी, थकान और आलस्य की समस्या से मुक्ति मिलती है और यही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। + +शरीर को प्रदान करें इम्युनिटी का कवच: कोराना हो या कोई अन्य संक्रमण, इन सबसे हमें हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बचाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मजबूत इम्युनिटी कोविड-19 के संक्रमण से लड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। कोरोना की चपेट में अधिकांश वे लोग आए जो कहीं न कहीं हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित थे और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी। हमें अपने खानपान से इम्युनिटी मजबूत रखनी है, जिससे किसी भी संक्रमण से बचा जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ffc85175992f4cdabf4eb531496e09e6057a3e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुश्किल थे शुरूआती दिन।सोनम कपूर ने हाल ही में वोग को दिए इंटरव्यू में अपनी पहली प्रेग्नेंसी के बारे में बात करते हुए बताया कि शुरूआत के तीन महीने उनके लिए काफी कठिन थे। एक्ट्रेस ने कहा, "यह कठिन रहा है। हर कोई सिर्फ प्रेग्नेंसी को लेकर अच्छी बातें करता है, यह कोई नहीं बताता कि यह कितनी मुश्किल चीज होती है।" प्रेग्नेंसी के दौरान स्वस्थ रहने के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, "यदि आप अपने भीतर एक और जीवन को लाना चाहते हैं, तो आपको अपना सम्मान करना होगा।"।ऐसे की थी सोनम ने फैमिली प्लानिंग।सोनम ने इंटरव्यू में खुलासा किया कि कैसे उन्होंने पति आनंद आहूजा के साथ अपनी प्रेग्नेंसी को लेकर प्लानिंग की थी। दोनों ने फैसला किया था कि शादी के पहले दो साल दोनों एक-दूसरे का साथ एंजॉय करेंगे। सोनम ने कहा, "यह हमारे लिए एकदम सही समय था। इस मई में हमारी शादी को चार साल हो जाएंगे, हम सिर्फ दो साल के लिए एंजॉय करना चाहते थे और फिर हमने कोशिश करना शुरू किया और फिर यह काम कर गया। यह एक बहुत बड़ा आशीर्वाद है।"।साल 2018 में की थी शादी।सोनम कपूर ने साल 2018 में बिजनेसमैन आनंद आहूजा से शादी की थी। सोनम और आनंद ने कुछ खूबसूरत तस्वीरें शेयर करते हुए फैंस को अपने पहले बच्चे के आने की खुशी के बारे में बताया था। तस्वीर में सोनम पति आनंद आहूजा की गोद में लेटी हुई नजर आ रही थीं और अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट कर रही थीं। सोनम कपूर और उनके पति आनंद ने बेबी बंप पर हाथ रखा हुआ था। पोस्ट को शेयर करते हुए सोनम कपूर ने कैप्शन में लिखा था, 'चार हाथ। तुम्हारी सबसे अच्छी परवर‍िश के लिए जो हम कर सकते हैं। दो दिल। जो तुम्हारे साथ-साथ धड़केंगे, हमारा पर‍िवार, जो तुम पर प्यार बरसाएंगे और सपोर्ट करेंगे। हम तुम्हारा स्वागत करने के लिए अब और सब्र नहीं कर पा रहे हैं।'  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eeeeadcc47a72f98c534a0f7f53a0fdf3358abe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत काम करने की योजना बनाई है। इसके तहत दिल्ली में कोरोना संक्रमण की वृद्धि के दौरान रंग प्रणाली काम करेगी। इसके लिए अभी से योजना तैयार की गई है। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते ही माल और बाजारों में ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू किया जाएगा। हालात को काबू में करने के लिए दिल्ली मेट्रो का परिचालन भी बंद किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7751f49184157f846ebeb276289cf9be60ab9512 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुनियादी नियम न भूलें: दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखें। मास्क पहनें। हाथ सैनिटाइजर अथवा साबुन से साफ रखें। ।ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग: ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग सबसे जरूरी है, ताकि संक्रमित लोगों की तुरंत पहचान कर दूसरे लोगों में संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। अगर आपको थोड़ी सी भी आशंका हो तो तुरंत कोरोना की जांच कराएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69908.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69908.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8641481ae30f5477d96e18b9d19630dfb42d988 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69908.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुकुल श्रीवास्तव। इंटरनेट पर हमेशा वीडियो और चित्रों का राज रहा है। दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले जहां ध्वनियां यानी पॉडकास्ट तेजी से लोकप्रिय हो रहा था, भारत में वीडियो के प्रति दीवानगी बरकरार रही। कोरोना महामारी और वर्क फ्रॉम होम जैसी न्यू नार्मल चीजों ने काफी कुछ बदला है। इसी दौर में लोगों की इंटरनेट पर पसंद वीडियो के साथ साथ ध्वनियों ने भी जगह बनाई और पॉडकास्ट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। ऑडियो ओटीटी रिपोर्ट कंटार और वीटीआइओएन के अनुसार संगीत और पॉडकास्ट स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म जैसे स्पोटीफाई, गाना जियो सावन में मार्च 2020 में समय बिताने की संख्या में 42 प्रतिशत का इजाफा हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c041fc5ebaf8c074c20219868fa653871944680 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन दिनों बठिंडा में हिंदुस्तान पेट्रोलियम-लक्ष्मी मित्तल की रिफाइनरी लगाए जाने की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन संधू केवल इस बात पर ध्यान दे रहे थे कि 20000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के आने से किस-किस एरिया को डेवलप किया जा सकता है। उन्होंने स्टेट हाइवे को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में बनवाकर कई प्रोजेक्ट पूरे किए। जानकारों से राय लेकर बड़े प्रोजेक्ट बनाने के लिए उस काम को पूरा करने में जुट जाना उनकी आदत में शुमार है। इसी कारण वह जहां भी रहे हैं, अपने प्रोजेक्टों के लिए ही जाने जाते हैं। शायद इसी कारण उनका चयन नेशनल हाईवे अथारिटी के चेयरमैन के रूप में भी हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..285741bde10525d522b34a15886cf08d5853d8d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6991.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 2021 में दक्षिण भारतीय सिनेमा से ऐसी कई फ़िल्में आने वाली हैं, जिन्हें साउथ की भाषाओं के साथ हिंदी में भी रिलीज़ किया जा रहा है। इन्हीं में शामिल है तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की पुष्पा पार्ट-1, जो पहले अगस्त में रिलीज़ होने वाली थी, मगर अब फ़िल्म की रिलीज़ टाल दी गयी है। मेकर्स ने बताया कि फ़िल्म अब क्रिसमस पर रिलीज़ होगी। ।पुष्पा इस साल की बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में शामिल है। फ़िल्म में अल्लू अर्जुन के साथ रश्मिका मंदाना और फहद फासिल मुख्य भूमिकाओं में नज़र आएंगे। फ़िल्म का निर्देशन सुकुमार ने किया है, जबकि संगीत देवी श्रीप्रसाद का है। हाल ही में फ़िल्म के पहले गाने जागो जागो बकरे की घोषणा की गयी थी, जो हिंदी समेत पांच भाषाओं में 13 अगस्त को रिलीज़ किया जाएगा। बता दें, पहले फ़िल्म इसी दिन रिलीज़ होने वाली थी। + +फ़िल्म के निर्माता नवीन येरनेनी और वाई रवि शंकर ने बताया कि पुष्पा एक एक्शन से भरी कहानी है, जिसका पहला भाग इस साल क्रिसमस पर रिलीज़ किया जाएगा। हमें फ़िल्म को फैंस के बीच पहुंचाने के लिए उत्सुक हैं। फ़िल्म का अगला भाग 2022 में रिलीज़ किया जाएगा। ।पुष्पा में अल्लू पहली बार रश्मिका के साथ पर्दे पर नज़र आएंगे।  वैसे, रश्मिका हिंदी सिनेमा में सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ मिशन मजनूं और अमिताभ बच्चन के साथ गुडबाय में नज़र आएंगी। हालांकि, इन दोनों से पहले रश्मिका पुष्पा के ज़रिए हिंदी दर्शकों के बीच पहुंच चुकी होंगी। ।क्रिसमस पर पुष्पा पार्ट-1 का मुकाबला आमिर ख़ान की लाल सिंह चड्ढा से हो सकता है। आमिर ने हाल ही में फ़िल्म का आख़िरी शेड्यूल लद्दाख में पूरा किया है और फ़िल्म क्रिसमस पर रिलीज़ होने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a07627043f954384014469fa9bb83d8d6320e22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69911.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा को 235 सीटों वाली बड़ी जीत मिली थी। उनमें से सिर्फ चार बड़े दलों माकपा, भाकपा, आरएसपी और फारवर्ड ब्लाक को ही 227 सीटें मिली थीं। लेकिन इसके पांच साल बाद 2011 में वाममोर्चा 62 सीटों पर सिमट गया। चार बड़े सहयोगी दलों के खाते में महज 60 सीटें ही आईं। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल सिर्फ 32 सीटें ही जीत सके और डेढ़ दशक पहले तक ‘लाल दुर्ग’ कहे जाने वाले बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल शून्य पर आ गए। खुद को वाम विरोधी नेता के रूप में स्थापित करने के बाद ममता बनर्जी ने कहा था, ‘मैं नहीं चाहती कि कोई शून्य हो जाए। उन्होंने (वाम) खुद को भाजपा की ओर इतना धकेल दिया कि वे खुद एक साइनबोर्ड हो गए। भाजपा के बदले उन्हें (वाम) सीटें मिली होती तो कुछ बेहतर होता।’ दूसरी तरफ पुरजोर कोशिश के बावजूद इस बार भाजपा सत्ता में नहीं आ सकी, लेकिन 34 वर्षो तक शासन करने वाले वामपंथी दलों का सत्ता से बाहर होने के महज 10 साल के भीतर यह हाल कल्पना से परे है। यह शून्य उन सभी दलों व नेताओं के लिए एक सबक है जो चुनाव जीतने के बाद खुद को भाग्य विधाता मानने लगते हैं। ऐसे अहंकारियों का अंत ‘शून्य’ ही होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69912.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80acc4b94bcc06e9ad18cda741af60acbc8f9a27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69912.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[सुधीर कुमार] हाल में नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक 2020-21 जारी किया है। इसके जरिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा लक्षित सतत विकास लक्ष्य-2030 को हासिल करने की दिशा में भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति की निगरानी की जाती है। सूचकांक में लगातार तीसरे वर्ष केरल शीर्ष, जबकि बिहार, झारखंड और असम निचले पायदान पर हैं। + +आज सततपोषणीय या धारणीय या टिकाऊ विकास पर इसलिए बल दिया जा रहा है, क्योंकि आर्थिक उन्नति की उत्तरोत्तर प्रक्रिया में सामाजिक हाशियाकरण और क्षीण होते पर्यावरण का मुद्दा पीछे छूटता चला गया है। संसाधनों के असमान बंटवारे ने गरीबी और अमीरी की खाई को और अधिक विस्तृत किया है। पीढ़ी दर पीढ़ी उपलब्ध संसाधनों की मात्र क्रमश: घटती जा रही है। इन समस्याओं का समाधान सतत विकास की अवधारणा में निहित है, जिसकी जरूरत आज पूरी दुनिया में महसूस की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a9d602d66d5ab1c25c8b85c35f823902507d41e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69913.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि आतंकवाद का तंत्र बिहार के अन्य जिलों तक विस्तारित है। कई रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल इलाका आतंकियों के लिए सुरक्षित स्थान बन चुका है। नेपाल से सटे होने के कारण आतंकी इसे अपने लिए ज्यादा सुरक्षित क्षेत्र मानते रहे हैं। वर्ष 2000 में ही सीतामढ़ी से हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मकबूल और जाहिर को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2006 मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोटों के बाद मधुबनी के मोहम्मद कमाल को गिरफ्तार किया गया था जो सिमी का सदस्य था। मोतिहारी से इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल और अब्दुल असगर उर्फ हड्डी की गिरफ्तारी ने इस बात की पुष्टी कर दी कि बिहार दुर्दात आतंकियों का भी शरणस्थल बन चुका है। वर्ष 2008 दिल्ली विस्फोटों में मधुबनी के ही सलाउद्दीन की गिरफ्तारी हुई थी। दिल्ली विस्फोट मामले में 2009 में मधुबनी के आतंकी मदनी को भी दिल्ली में ही गिरफ्तार किया था। वर्ष 2011 में मधुबनी के अफजल और अहमद जमाली तथा दरभंगा के कतील सिद्दीकी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2012 में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट मामले में बिहार का मोहम्मद कफील अख्तर पकड़ा गया। वर्ष 2012 में ही दरभंगा के नदीम को दिल्ली विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था। + +दरभंगा में हालिया विस्फोट की जांच में अभी बहुत सारे तथ्य सामने आएंगे। संभव है पिछली आतंकी घटनाओं के भी कुछ नए तथ्य सामने आएं। निश्चित रूप से इनके आधार पर देश के स्तर पर कार्रवाई होगी। लेकिन बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन की भी जिम्मेदारी है कि पिछली घटनाओं की छानबीन में जो प्रमाण सामने आए तथा पुख्ता संदेश चिन्हित हुए उन सबकी एक बार समीक्षा हो। प्रदेश सरकार को केंद्र से समन्वय बनाते हुए अधिकार संपन्न टीम से किसी शीर्ष अधिकारी या न्यायाधीश की निगरानी में समग्र जांच कराकर सफाई अभियान चलाने पर विचार करना चाहिए। ऐसा नहीं करना प्रदेश की सुरक्षा के प्रति अपराध होगा और यह कभी भी हमारे लिए बड़े विध्वंस का कारण बन सकता है। इसके साथ इसमें समूचे देश के लिए तो ज्यादा सतर्क और चौकस रहने की चेतावनी है ही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7dea0f05f873f1d760ec8d8c3c46b0f205dea5d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69916.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार किसी सड़क को चमकाने का जिम्मा निजी कंपनी को देने की तैयारी हो रही है। चांदनी चौक मुख्य मार्ग की सफाई के साथ कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी जाएगी। यहीं नहीं उसके जिम्मे सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख भी होगी। निजी कंपनी का भुगतान लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा किया जाएगा। जिस सड़क की सफाई का जिम्मा निजी कंपनी को देने की तैयारी है, वह मोटर वाहन रहित (एनएमवी) मार्ग लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक 1.3 किमी लंबी है। इसका पुनर्विकास अंतिम चरण में है। कोशिश है कि 31 जुलाई तक सभी लंबित कामों को पूरा कर अगस्त में इसका उद्घाटन कर दिया जाए। इस मार्ग को आकर्षक लाल पत्थरों से नया रूप दिया गया है। इसपर आने-जाने वाले लोगों की सुविधा के लिए चार सार्वजनिक शौचालय भी बनाए जा रहे हैं। बता दें कि अभी तक चांदनी चौक मुख्य मार्ग के साथ ही पूरी पुरानी दिल्ली की सफाई व कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी उत्तरी दिल्ली नगर निगम की है। + +शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) की हाल ही में हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस संबंध में अधिकारियों को जल्द जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिए हैं। इस दिशा में पीडब्ल्यूडी ने कदम आगे बढ़ाते हुए निविदा प्रक्रिया पूरी कर रही है। सुविधा प्रबंधन कंपनियों से टेंडर मंगाए गए हैं। एसआरडीसी के नोडल अधिकारी नितीन पाणिग्रही ने कहा कि एक सप्ताह में जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर निजी कंपनी को यह काम सौंप दिया जाएगा। + +वैसे, एसआरडीसी इस मामले में ऐसे समय में कदम आगे बढ़ा रहा है जब शनिवार को कुछ देर की बारिश से ही इस सड़क का एक हिस्सा जलमग्न हो गया था। इसे लेकर इस परियोजना पर आम लोगों के साथ ही भाजपा द्वारा भी सवाल उठाए गए। हालांकि, चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने बीचबचाव करते हुए इस जलभराव का कारण गंदगी होने को बताते हुए कहा था कि सीवर के ऊपर लगी जालियों पर कूड़ा जमा था, जिसके कारण जलभराव हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83cb19535ee9deaf65d023332ac04d019b2211e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69917.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विजय गाहल्याण, पानीपत। यहां के नजदीकी बुआना लाखू गांव के 20 वर्षीय नवदीप की लंबाई महज चार फीट है, लेकिन वह अपनी काबिलियत से ऊंचे हो गए हैं। बचपन में कमजोर पैरों की वजह से लड़खड़ा कर गिर जाते थे। दोस्त साथ में खेलने भी नहीं देते थे। पहलवान पिता दलबीर सिंह ने बेटे की पीड़ा को समझा और कुश्ती का अभ्यास कराया। + +नवदीप ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और पैरा नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीते। तंज कसने वाले दोस्त अब उनके साथ खेलने में गर्व महसूस करने लगे। 2012 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी सम्मानित किया। कमर में दर्द हुआ तो कुश्ती छोड़ जैवलिन का अभ्यास शुरू किया और वे अब टोक्यो पैरोलांपिक में एफ-41 श्रेणी में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। + +वर्ष 2012 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नवदीप को सम्मानित करते हुए। फाइल फोटो।ओलंपिक में पदक जीतना लक्ष्य।नवदीप ने बताया कि जब-जब उसका आत्मविश्वास डगमगाया तब-तब पिता दलबीर और मां मुकेश रानी ने हौसला बढ़ाया। इसी वहज से सफलता भी मिली। उन्होंने बताया कि हर रोज सुबह व शाम चार-चार घंटे अभ्यास कर रहा है। तकनीक में सुधार करने के साथ-साथ विदेश थ्रोअर की वीडियो भी देखता हूं। उसका 43.78 मीटर बेस्ट थ्रो है। ओलंपिक में पदक जीतने का लक्ष्य कठिन है, लेकिन असंभव नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7797ae1c83732a2b347ce94e3937b0c11782747c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जांच में हुआ पर्दाफाश।शिकायत पर डीएम ने एसडीएम खैर को इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए। एसडीएम ने तहसील के नए व पुराने अभिलेखों की जांच की। इसमें सामने आया कि ग्राम पंचायत के सैकड़ों लोगों के पास पट्टा आवंटन का कोई रिकार्ड ही नहीं है, जबकि इन लोगों ने करीब 110 हेक्टेअर जमीन पर कब्जा कर रखा है। खतौनी में भी इनका नाम दर्ज कर दिया गया है। राजस्व अभिलेखों में मूल रिकार्ड इससे भिन्न है। एसडीएम ने इस पूरी रिपोर्ट को जिला स्तर पर भेजा। वहीं, दैनिक जागरण ने भी इस फर्जीवाड़ा को प्रमुखता से प्रकाशित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a35911baa7dd24bfe5a37f2a76256955d66d0dc6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिबानी दांडेकर ने कहा है कि वह फरहान अख्तर के साथ अपने रिश्ते को थोड़ा और आगे तक लेकर जाना चाहती है। फिलहाल उनके दिमाग में शादी का ख्याल नहीं है। शिबानी दांडेकर ने कहा, 'हर कोई मुझसे और फरहान से हमारी शादी के बारे में सवाल करते रहते हैं, लेकिन सच कहूं तो अभी तक यह मुद्दा हमारे बीच नहीं आया है। मैं सबसे यही कह रही हूं कि मैं यह सब सोचकर आप सभी को बता दूंगी। अभी ऐसा कुछ नहीं है।'।शिबानी दांडेकर ने खुलासा किया है लॉकडाउन के दौरान उन्होंने और फरहान अख्तर ने एक-दूसरे के काफी करीब से जाना है। उन्होंने कहा, 'मैं और फरहान मिलकर वर्कआउट करते हैं, फिल्में देखते हैं। हम अपने पेट (कुत्ता) के साथ भी काफी मस्ती करते हैं। मेरे और फरहान अख्तर के बीच कई चीजें एक समान है।' गौरतलब है कि फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर करीबी 3 साल से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b2449e137fd1c3718f95e2ca2bd284e54ff1e57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69920.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस में पंजाब का झगड़ा अभी सुलझा भी नहीं है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में पार्टी की उठापटक खुलेआम सड़क पर आ गई है। अंदरूनी गुटबाजी और उठापटक की कांग्रेस की यह सोप ओपेरा केवल पंजाब-हरियाणा ही नहीं बल्कि राजस्थान से कर्नाटक और गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक पार्टी हाईकमान को हलकान कर रहा है। सोप ओपेरा दरअसल टीवी पर चलने वाले लंबे धारावाहिकों को कहते हैं। + +पहले भी सफल रहे हैं हुड्डा ।कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर पार्टी के बहुमत विधायकों को हुड्डा पहले ही अपने पक्ष में गोलबंद कर चुके हैं। वैसे विधायकों को गोलबंद कर हुड्डा पहले ही अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को राज्यसभा सीट दिलवा कर दबाव के सहारे नेतृत्व से अपनी बात मनवाने का एक प्रयोग कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..866573ded9df155bee3a5fceae6a2b0291c4b6d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब भाजपा द्वारा जारी की पुस्‍तक का कवर पेज। ।किताब में प्रमुख तौर पर करतारपुर कारिडोर का निर्माण, 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों में कार्रवाई, कर मुक्त लंगर, आतंकवाद के दिनों में बनी ब्लैक लिस्ट से नामों को हटाना, सिख युवाओं को सशक्त बनाने जैसे 19 प्रमुख बिंदुओं पर फोकस किया गया है। किताब के कवर पेज पर करतारपुर कारिडोर के शुभारंभ के समय हुए आयोजन की तस्वीर को जगह दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6993.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b32f0f1ed3387a3ee16e283395373ebda2400ae9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6993.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस पैनडेमिक की दूसरी लहर शांत होने के बाद अक्षय कुमार ने अपनी फ़िल्म रक्षाबंधन की शूटिंग मुंबई में की। ख़ास बात यह है कि इस फ़िल्म के लिए दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक को मुंबई में रीक्रिएट किया गया, जहां अक्षय ने फ़िल्म के कुछ अहम हिस्सों की शूटिंग की। अब यह शेड्यूल पूरा होने के बाद अक्षय थोड़ा भावुक हो गये, क्योंकि चांदनी चौक की गलियों से उनका पुराना रिश्ता रहा है। साथ ही, आनंद एल राय के साथ काम करने के अनुभव को लेकर कहा कि वो बेहतर एक्टर बनकर निकले हैं। + +अक्षय ने दो तस्वीरें शेयर की हैं। एक में वो आनंद एल राय के साथ सेट पर चहलकदमी करते दिख रहे हैं। इस तस्वीर को मोनोक्रोम किया गया है। दूसरी तस्वीर रंगीन है, जिसमें एक स्कूटी पर अक्षय, आनंद और भूमि पेडनेकर के साथ हैं। इन तस्वीरों के साथ खिलाड़ी ने लिखा- ।''चांदनी चौक की इन गलियों में घूमना मैं पहले ही मिस करने लगा हूं। हालांकि, यह एक असली-सा दिखे वाला से सेट था... सुमित बसु, आपने इसे बिल्कुल असली बना दिया। मेरी शानदार को-स्टार भूमि, अपने टैलेंट से संतुलन बनाने के लिए शुक्रिया। और आनंद सर, आपके बारे में क्या कह सकता हूं, इसके अलावा कि आप एक जादूगर है और आज जब हम रक्षा बंधन का मुंबई शेड्यूल ख़त्म कर रहे हैं, मैं जानता हूं कि मैं एक बेहतर कलाकार बनकर सेट छोड़ रहा हूं।''।रक्षा बंधन को हिमांशु शर्मा और कनिका ढिल्लों ने लिखा है। फ़िल्म के सह-निर्माण में अक्षय की बहन अलका हीरानंदानी भी शामिल हैं। इसकी कहानी भाई-बहन के बीच प्यार पर आधारित है। अक्षय की बहनों के किरदार में सहेजमीन कौर, दीपिका खन्ना, सादिया खतीब और स्मृति श्रीकांत निभा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e00f2bd84bc2fa2a665cf257b4ab9f9aa226edab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामनगरी की ओर देख रही दुनिया: रामनगरी की ओर देश-दुनिया की नजर है। इसकी पुष्टि भव्य अयोध्या में स्थान पाने के लिए आने वाले आवदेनों से होती है। टाउनशिप में भूखंड प्राप्त करने के लिए देश-विदेश की 30 से अधिक नामी संस्थाओं ने इच्छा जाहिर की है। कर्नाटक अतिथि गृह के लिए वहां के अधिकारियों की टीम यहां दौरा भी कर चुकी है। अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आरपी सिंह कहते हैं कि वैदिक सिटी में ब्रह्म स्थान के लिए रूपरेख तय कर ली गई है। टाउनशिप के इस केंद्र बिंदु को बहुत ही सुंदर ढंग से विकसित किया जाएगा। पर्यावरण अनुकूल, सतत एवं स्मार्ट सिटी के रूप में इसकी पहचान होगी। ब्रह्मस्थान के क्षेत्रफल निर्धारण पर अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0753ab1b988739873b6aebe05df0cbb7a7c8536 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। तीसरी लहर की आशंका है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पीडियाट्रिक वार्ड की तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। 40 बेड बच्चों के लिए तैयार कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त तीमारदारों के ठहरने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पूरी बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए हैं। जिससे हर फ्लोर की पूरी रिकार्डिंग होती रहे। अस्पतालों में व्यवस्थाओं को बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्लान तैयार कराने के साथ ही काम तकरीबन पूरा कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69932.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99c26a42add6c3188caf8d1b4d98a32762d6187c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69932.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। सदर ब्लाक की ग्राम पंचायत सोनकपुर देहात उर्फ भोला सिंह की मिलक में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद तालाब की खोदाई नहीं हो सकी जबकि जल संरक्षण के लिए यह तालाब वरदान साबित हो सकता है। जिले में लगातार गिर रहे भूगर्भ जल को रोकने के लिए सरकार जल संरक्षण के नाम पर विभिन्न योजनाएं चला रही है। दूसरी ओर न्यायालयों द्वारा भी समय-समय पर जल संरक्षण को लेकर दिशा निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन, धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। + +शहर से सटी ग्राम पंचायत सोनकपुर देहात उर्फ भोला सिंह की मिलक में स्थित तालाब को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका विचाराधीन है। जिसमें 15 मई 2018 को हाईकोर्ट ने तालाब को साफ करने का आदेश पारित किया था। साथ ही तालाब की 200 मीटर भूमि जिस पर सरकार द्वारा सड़क के रूप में अतिक्रमण किया गया है, उसके स्थान पर किस और जगह पर तालाब खोदा जा सकता है। इसे लेकर भी डीएम से सुझाव मांगा था। लेकिन, 23 जनवरी 2020 तक भी तालाब साफ नहीं होने पर सरकार को तीन सप्ताह का अवसर देते हुए हाईकोर्ट ने 19 फरवरी 2020 को या उससे पहले तालाब साफ ना होने की स्थिति में डीएम मुरादाबाद को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का आदेश भी किया था। मगर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद आज तक इस तालाब को साफ नहीं किया गया है जबकि वर्षा ऋतु में इस तालाब को जल संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा दिनेश सिंह ने बताया कि तालाब को देखकर आगे की कार्रवाई करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69933.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddb105cfd46b030148b69a5be0465e9f3a8dc2e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69933.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक ने ऋण 12.66 फीसद किया। ऋण वितरण की बढ़ोतरी के साथ 16876 करोड़ तथा बैंक का कुल जमा 12.94 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 20487 करोड़ से ज्यादा हुआ है। बैंक का कुल लाभ 459 करोड़ से अधिक रहा। बैंक का व्यापार प्रति शाखा 19.83 करोड़ रुपये व्यापार प्रति स्टाफ 9.97 करोड़ तथा लाभ प्रति स्टाफ 6.38 लाख रहा। बैंक में जमा और ऋण वितरण में बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में बैंक का बिजनेस बढ़ाने में जो काम किया, उसको बैंक प्रशासन ने सराहा है। बैंक के चेयरमैन राकेश कुमार अरोड़ा ने बताया कि कोविड महामारी का सामना करने के लिए बैंक ने जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ दिया है। किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत वाहनों को ऋण वितरित करने में कोई कमी नहीं की और विभिन्न प्रकार की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराईं। उन्होंने कहा कि बैँक व्यापार वृद्धि के साथ-साथ ग्राहक सेवा को और बेहतर बनाने तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले ग्राहकों के लिए बैंक कार्य कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69934.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90a622590f0cc7c030315bd990dc27a3a03d7e9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69934.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, यशपाल चौहान। घर से बच्चे, बजुर्ग या महिला के लापता होने के बाद परिवार के सदस्यों का रहना मुश्किल हो जाता है। दरवाजे पर निगाहें और मोबाइल की हर काल पर कान होता है। लापता लोगों के तमाम स्वजन थककर घर बैठ गए हैं। रेंज के चारों जिलों से लापता 165 बच्चे अभी बेसुराग हैं। अब आइजी नवीन अरोरा ने ऐसे ही लोगों और बच्चों को घर वापस लाने के लिए आपरेशन तलाश शुरू किया है। इसमें लापता महिला और बुजुर्गों को भी तलाशा जाएगा। इसके लिए उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को एक माह का टारगेट दिया है। हर शनिवार को आइजी खुद इसकी समीक्षा करेंगे। + +आगरा रेंज के जनपद आगरा, मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद में अब तक 2266 लोग लापता हैं। इनमें 1156 महिलाएं और 165 बच्चे भी शामिल हैं। यह आंकड़ा डराने वाला है। लापता लोगों के इतने परिवार दर्द से गुजर रहे हैं। पहले अपने स्तर से जानकारी की, फिर पुलिस से शिकायत कर दी।कुछ दिन की तलाश के बाद पुलिस शांत बैठ गई। मगर, लापता और अपहृत बच्चों, महिलाओं और युवतियों के स्वजन अभी तक सभी संभावित स्थानों पर तलाश कर रहे हैं। आइजी ने एक जुलाई से 31 जुलाई तक रेंज के सभी थाना क्षेत्रों में लापता की तलाश को अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। हर शनिवार को वे खुद इसकी समीक्षा करेंगे। आइजी का कहना है कि लोगों के घरों में खुशियां लौटाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। जल्द ही इसके सार्थक परिणाम सामने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..488b5112ae0690560a9e9e611dddf5b8350b234f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'मुर्की गांव में जैविक खाद अधिक मात्रा में तैयार होती है। ये किसान अन्य गांवों के किसानों के लिए भी मिसाल पेश कर रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र की हर पंचायत में किसानों को प्रशिक्षण देकर इससे जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से लोगों को रोजगार गांव में देने का प्रयास किया जाएगा। सुरेश ने सबसे पहले यह काम शुरू किया। धीरे-धीरे वहां के कई किसान जुड़े और समृद्ध हुए।' -अशोक कुमार चोपड़ा, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सेन्‍हा, लोहरदगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d1ee14a12a784a781005ae90e01eaf023095812 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69939.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद, [शाहनवाज अली]। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग शारीरिक दूरी के साथ बार-बार हाथ धोने और हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल की सलाह दे रहा है। हैंड सैनिटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल त्वचा रोगों को बढ़ावा दे रहा है। बाजार में मानकों को ताक पर रखकर घटिया सैनिटाइजर की खुलेआम बिक्री हो रही है। सैनिटाइजर में अल्कोहल और खतरनाक रसायनों की अधिक मात्रा होने और इसके हाथों पर इस्तेमाल से त्वचा रोगियों की संख्या बढ़ी हैं। चिकित्सक संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को साबुन से धोने को सैनिटाइजर से ज्यादा सुरक्षित बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f066a8c9ead00ebeda89387871a6e97d250905b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में तेज गर्मी के साथ ही यहां का राजनीतिक पारा भी खूब चढ़ा हुआ है। प्रदेश के पांच बार सीएम रह चुके इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की तिहाड़ जेल से रिहाई ने इस राजनीतिक पारे को नई उंचाइयों पर पहुंचा दिया। चौटाला के हरियाणा की राजन‍ीति में जल्‍द सक्रिय होने की तैयारी के साथ ही कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के विधायकों की परेशानी बढ़ गई है। भाजपा के जाट नेताओं के लिए भी चुनौती पैदा हुई है। ।दरअसल, माना जा रहा है कि कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच चल रही तनातनी चौटाला की रिहाई की देन है। चौटाला के सक्रिय होने के साथ ही हरियाणा की राजनीति में नए राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना है। कांग्रेस, इनेलो और जजपा के बीच जहां जाट लीडरशिप को लेकर जबरदस्त द्वंद्व चल पड़ा है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा गैर जाटों के दम पर दूसरे दलों की इस लड़ाई का भरपूर लुत्फ उठा रही है। ।कांग्रेस, इनेलो और जजपा में जाट लीडरशिप काे लेकर जबरदस्‍त द्वंद्व।जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) भर्ती घोटाले में सजा काटने बाद इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला समय से पूर्व रिहाई के बाद हरियाणा में जछ सक्रिय होंगे। इससे हरियाणा की राजनीति और हुड्डा व दुष्‍यंत चौटाला सहित दिग्‍गज नेताओं में नई हलचल पैदा हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4cd7c88cddb15e8d729599be77f7822ed06c56e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69945.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ वर्ष पहले देश में शिक्षण संस्थानों को अवैध रूप से मान्यता देने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में एआइसीटीई के उपनिदेशक को गिरफ्तार किया गया था। स्पष्ट है कि शिक्षा जगत में भ्रष्टाचार को बढ़ाने में इस क्षेत्र से जुड़े कुछ अधिकारी और विभिन्न समितियों में स्थान प्राप्त कुछ शिक्षक भी अपनी भूमिका निभाते हैं। दरअसल कुछ निजी शिक्षण संस्थानों के मालिक प्रभावशाली लोग होते हैं इसलिए प्रशासन की ओर से इस मामले में जानबूझकर चुप्पी साध ली जाती है। ऐसे मामलों में जितने दोषी विश्वविद्यालयों के संचालक हैं उतने ही दोषी सरकार और उससे जुड़े अधिकारी भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86e1a2ed6e168af04d3b893b4d6f4641ef825aa2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69946.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। पांच अगस्त, 2019 को जब से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया गया और यह अमन व शांति के साथ विकास की राह का अनुगामी बना, तब से पाकिस्तान और उसके पोषित आतंकी समूहों की रातों की नींद और दिन का चैन गायब है। भारत और पाकिस्तान के बीच 3,323 किमी लंबी नियंत्रण रेखा है। सुरक्षा एजेंसियां इस रेखा पर घुसपैठ रोकने के लिए मुस्तैद रहती हैं। अगस्त, 2019 के बाद सुरक्षाबलों ने सीमापार से होने वाली घुसपैठ पर एक तरह से लगाम लगा दी। सुरंग के माध्यम से आतंकियों के घुसने की रणनीति सहित अन्य तरीके भी निगरानी की जद में आ गए। + +ड्रोन में दुनिया की तस्वीर को बदलने की ताकत : ड्रोन की उन्नत तकनीक कई तरह से दुनिया की तस्वीर बदलने की ताकत रखती है। प्रयोग की दृष्टि यह बहुत व्यापक है। अलग-अलग क्षेत्र में इसके इस्तेमाल की संभावनाओं पर एक नजर :।रक्षा क्षेत्र : युद्ध के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बहुत समय से हो रहा है। मौजूदा समय में छोटे-छोटे ड्रोन का प्रयोग सेनाएं नियमित तौर पर भी करने लगी हैं। दुनियाभर की सेनाएं इन पर निवेश बढ़ा रही हैं। भारत भी इस मामले में पीछे नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b334ed08077ce8bce3b0b2d54a6becbc8e8f1a60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69947.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमें समझना होगा कि आतंकियों ने काफी पहले से ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। इससे पहले भी कई देशों की सीमाओं पर ड्रोन से इस तरह के हमले होते रहे हैं। पंजाब की सीमा पर नशा तस्कर काफी पहले से ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। सेना ने कई बार इन हमलों को नाकाम भी किया है। बावजूद इसके अभी हमारे पास ड्रोन हमलों से निपटने के लिए सक्षम तकनीकी नहीं है। इस तरह के हमलों से निपटने में इजरायल एक्सपर्ट है। उसे उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है। हमें उसी की तरह ड्रोन हमलों से निपटने के लिए काम करना होगा। इतना ही नहीं, ऐसे हमले की कोशिश करने वालों पर भी इजरायल की तर्ज पर ही कार्रवाई की जरूरत है, ताकि दोषी संगठन या व्यक्ति दोबारा ऐसी हिमाकत न कर सकें। हमें ड्रोन हमलों से बचने के लिए अपनी रेडिया फ्रिक्वेंसी मजूबत करनी होगी, ताकि जहां से ड्रोन गाइड हो रहा हो, वहीं उसे रोका जा सके। ऑडियो फ्रिक्वेंसी मॉनिटरिंग के लिए रडार सिस्टम मजबूत करना होगा। हाइटेक नाइट विजन डिवाइस भी इस दिशा में अहम हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e69bfa03d5ebdbb0d7ff8d0b65760b1053f301e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69950.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंजाब में बिजली व्यवस्था दिल्ली से बेहतर कैसे है?। - यदि बिजली की दरों की बात करें तो दिल्ली में औसत बिजली दर 6.85 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि पंजाब में 4.62 रुपये है। दिल्ली में किसानों को बिजली बिल पर कोई छूट नहीं है, उनसे 5.02 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल वसूला जाता है, जबकि पंजाब में किसानों को मुफ्त बिजली मिल रही है। किसानों के यहां बिजली के मीटर ही नहीं लगे हैं और उनका बिल भी नहीं आता। इसी तरह दिल्ली की औद्योगिक इकाइयों को 10.69 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलती है, जबकि पंजाब में 6.10 रुपये। व्यावसायिक उपभोक्ताओं को यहां 12.38 रुपये प्रति यूनिट बिजली का भुगतान करना पड़ता है, वहीं पंजाब में 8.23 रुपये ही देने पड़ते हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को दिल्ली में 5.11 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है, पंजाब में यह दर 4.66 रुपये प्रति यूनिट है। जाहिर है कि अरविंद केजरीवाल केवल पंजाब की जनता को गुमराह कर रहे हैं। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। पहले यहां तो पंजाब जैसा माडल लागू करके दिखाएं। दिल्ली में व्यावसायिक और औद्योगिक श्रेणी में बिजली महंगी होने से कारोबार पिछड़ रहे हैं। + +मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पंजाब में सरकार बनने पर वह लोगों को तीन सौ यूनिट तक मुफ्त बिजली देंगे। क्या पंजाब के लोगों को यह लाभ नहीं मिलना चाहिए?। - पंजाब के लोगों को यह लाभ पहले से ही मिल रहा है और दिल्ली से कहीं ज्यादा मिल रहा है। वहां 22 लाख घरेलू उपभोक्ताओं जिनमें बीपीएल, अनुसूचित जाति-जनजाति और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार शामिल हैं, को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती है। यदि किसी का बिल इससे अधिक आता है तो 200 यूनिट तब भी मुफ्त ही रहती है, जबकि दिल्ली में 400 यूनिट से ऊपर बिल जाते ही पूरे बिल का भुगतान करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a14587e27cf41ae6c95c78471ef1b87be2953217 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोई संदेह नहीं कि दूसरी विनाशकारी लहर के बाद प्रदेश सरकार ने जिस तेजी से तीसरी लहर को नियंत्रित करने की तैयारी की है, उसकी तारीफ की जानी चाहिए, लेकिन इन तैयारियों का अपेक्षित परिणाम तभी निकल सकता है जब आम नागरिक और ग्रामीण अपनी भूमिका को पिछले अनुभवों के आधार पर आचरण में उतारें। पहली लहर के बाद जिस तरह लोग लापरवाह हुए थे, उसकी अपेक्षा इस बार लोग भी जागरूकता दिखा रहे हैं। बाजारों में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पा रहा। अब भी काफी संख्या में लोग मास्क को सही तरह से लगाने के प्रति सचेत नहीं दिख रहे। मास्क या तो ठोढ़ी या गर्दन पर अटका रहता है। सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने में भी व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं। आटो-टेम्पो और कम दूरी की बसों में शारीरिक दूरी का पालन तो कतई नहीं हो पा रहा। कुछ हद तक यह संसाधनों के अभाव की विवशता भी है, लेकिन ऐसी परिस्थिति में मास्क के सही उपयोग, खुद के सैनिटाइजेशन के साथ घर में दाखिल होने से पहले खुद को पहले पूरी तरह विसंक्रमित करने की प्रक्रिया में ढिलाई नहीं आनी चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन तैयारियों और हिदायतों के साथ यदि हम तीसरी लहर से मुकाबले के लिए मुस्तैद होंगे तो संभव है कि आशंकाओं पर विजय पायी जा सके। हालांकि सबसे महत्वपूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना और बच्चों के लिए टीके का सफल होना आवश्यक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..821325a4d73a829d2ea108387f580456f7f7fe2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुजरते वक्त के साथ समाज में महिलाओं के प्रति सोच बदलने की बात तो तमाम मंचों पर होती है, मगर समाज का सच कुछ और ही है। आज भी कहीं न कहीं महिलाओं के प्रति समानता की सोच का अभाव है। सवाल उठता है कि आखिर हमारे आस पास, समाज में इस तरह के शब्दों का उपयोग क्यों होता है? इन शब्दों के उपयोग को कैसे रोका जा सकता है? उनमें बदलाव लाने के क्या तरीके हो सकते हैं?।इन सभी पर ध्यान देते हुए इस अकादमिक सत्र से पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने एक एनजीओ ‘ब्रेक थ्रू’ के साथ मिलकर लिंग संवेदनशीलता आधारित एक कार्यक्रम शुरू किया है। वह यह कि छठी से आठवीं तक के अंग्रेजी, पंजाबी, सोशल सांइस आदि विषयों के पाठ्यक्रम में ही बदलाव करके लड़कों को शुरू से ही लड़कियों के प्रति आदर भाव वाले शब्दों का इस्तेमाल करना सिखाया जाए। यह कहानियों के माध्यम से हो सकता है, लेख आदि के माध्यम से हो सकता है। एक्टिविटी के माध्यम से किया जा सकता है। इसके लिए 4500 अध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया है। गर्मियों की छुट्टियों के बाद जैसे ही स्कूल खुलेंगे, प्रदेश के बच्चे इस नए पाठ्यक्रम से रूबरू होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4200ac9113ecc419aeae70976238ba727eaf511d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69955.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फरीदाबाद [प्रवीन कौशिक]। पर्यावरण संरक्षण और पेड़ों को संरक्षित करने के मकसद से प्रदेश सरकार द्वारा घोषित प्राण वायु देवता योजना को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया अपने जिले में शुरू हो गई है। पुराने पेड़ों के उचित रखरखाव की इस योजना के तहत 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ों की देखभाल करने वालों को प्रतिवर्ष 2,500 रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75984ee7b163f55d62322e289b1596d65b2b6aae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लेकिन रेलवे की मिलने वाली सुविधाएं और रियायतें नदारद हैं। आसपास कस्बों और गांवों से रोजाना गोरखपुर आने वाले नौकरीपेशा, व्यवसायी, किसानों और कामगारों को भी मासिक, त्रैमासिक, छमाही और वार्षिक सीजन टिकट (एमएसटी) भी स्पेशल ट्रेनों की भेंट चढ़ गया है। लोकल रूटों पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ी) में भी स्पेशल के नाम पर एक्सप्रेस के बराबर किराया देना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce0f9759d4e24586b69ea61aa5ef33391a0a5f29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोविड-19 के नियमों के तहत 50 फीसद दर्शक ही फिल्म देखेंगे। जिससे एक सीट को छोड़कर बैठने की व्यवस्था भी सिनेमा घरों में की गई है। बिना मास्क के एंट्री पर रोक रहेगी। साथ ही सैनिटाइजेशन, तापमान व आक्सीजन लेवल भी चेक किया जाएगा। सोनकपुर स्टेडियम में भी अब एथलीट दौड़ लगा सकेंगे, छोटे बच्चे भी मनोरंजन का लुत्फ उठा सकेंगे। स्टेडियम में छूने वाले खेलाें में कुश्ती, जूडो, कबड्डी खेल बंद रहेंगे। कोच न होने के कारण फिलहाल खिलाड़ी स्वयं ही अभ्यास करेंगे। कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियों ने जूनियर खिलाड़ियों को अभ्यास कराने का भी जिम्मा लिया है। ज‍िम, स्‍टेड‍ियम और स‍िनेमाघर खुलने से लोगों को राहत म‍िलेगी। काफी द‍िनों से लोग इनके खुलने का इंतजार कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d690a072af197486447c123ee3dd1b6f7fed40a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69961.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीजिंग, एजेंसी। ताइवान के मामले में चीन आक्रामक हो गया है और अब वह अमेरिका को सीधे देख लेने की धमकी दे रहा है। चीन ने अप्रत्‍यक्ष रूप से जंग की धमकी दी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि ताइवान हमारी मुख्य भूमि का हिस्सा है और अमेरिका इस मामले में हस्तक्षेप कर खतरा उठा रहा है। वांग ने अमेरिका और सहयोगी देशों की उनके देश के खिलाफ बन रही योजनाओं की भी आलोचना की। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की शीत युद्ध की मानसिकता से कोई जीत हासिल नहीं होगी, सिर्फ सपने ही देखे जा सकते हैं। + + अमेरिका ताइवान के मामले में जोखिम उठा रहा है।इस मानसिकता से बेहतर दुनिया का निर्माण तो असंभव ही है। अमेरिका ताइवान के मामले में जोखिम उठा रहा है। चीन के एकीकरण को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। ज्ञात हो कि चीन लंबे समय से ताइवान पर दावा करता रहा है। बीजिंग में नौवें विश्व शांति मंच के उद्घाटन समारोह में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका और सहयोगी देशों की हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए बनाई गई रणनीति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस रणनीति को कचरे के ढेर में डाल देना चाहिए। इसका कोई फायदा नहीं होने वाला। ।ताइवान के साथ सैन्य संपर्क बढ़ाने के खिलाफ चेतावनी दी।हाल में चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका को ताइवान के साथ सैन्य संपर्क बढ़ाने के खिलाफ चेतावनी दी थी। मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियान्ग ने कहा था कि चीन इस द्वीप-देश को जोड़ने में भरोसा रखता है और किसी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करता है। एक बयान में उन्होंने ताइवान से सभी सैन्य संबंध तोड़ने को कहा था। इससे पहले चीन जी-7 देशों की बैठक में ताइवान का मुद्दा उठाए जाने पर अमेरिका पर भड़का हुआ था। उन्‍होंने कहा कि चीन को फिर से एकीकृत करना एक ऐतिहासिक जरूरत है। इस प्रक्रिया को कोई रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि ताइवान स्ट्रेट में लोग शांति और स्थिरता चाहते हैं। ताइवान की आजादी का कोई फल नहीं है और उसके पीछे भागने का मतलब है जंग। रेन ने अमेरिका से उसकी वन-चाइना पॉलिसी का पालन करने के लिए कहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3639b2377fb3ebd816b5c9abbc46d86b4904873d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69963.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में पांच जुलाई (सोमवार) का दिन अहम है। करीब साढ़े तीन साल बाद राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पार्टी के 25वें स्‍थापना दिवस समारोह को संबोधित करेंगे। सोमवार को ही लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के दो-फाड़ होने के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की जयंती के अवसर पर आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) के माध्‍यम से अपने जनाधार की पुष्टि करेंगे। चिराग को अपने पाले में करने के लिए आरजेडी भी रामविलास पासवान की जयंती मना रहा है। बताया जाता है कि एलजेपी के विवाद पर चुप्‍पी साधे भारतीय जनता पार्टी (BJP) चिराग की यात्रा को मिले जनसमर्थन को आंक कर अपनी भावी रणनहति तय करेगी। अगर बीजेपी चिराग को समर्थन देती है तो इसपर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की कड़ी प्रतिक्रिया की भी आशंका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69967.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69967.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c68bb40a36b8a2b90145602eaf70c3a39531b6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69967.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि निजी अस्पतालों में यूं तो साफ-सफाई का खासा ख्याल रखा जाता है, पर अस्पताल का रसोईघर एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) के मानक अनुरूप हो इस पर खाद्य संरक्षा विभाग का विशेष जोर है। इसके लिए खाद्य संरक्षा विभाग ने "ईट राइट कैंपस' अभियान की शुरुआत की है, जिसमें दिल्ली के चार बड़े अस्पताल अभी तक जुड़े है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5372363f447a353c50735ca795936ffc06ac2832 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69968.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार को गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित मेवाड़ इंस्टिट्यूट में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के तत्कालीन सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिकार अहमद की पुस्तक का विमोचन किया। ख़्वाजा इफ़्तिख़ार अहमद की पुस्तक, “द मीटिंग ऑफ मिण्ड्स: अ ब्रिजिंग इनिशिएटिव” (वैचारिक समन्वय: एक व्यावहारिक पहल) समकालीन भारतीय राजनीतिक और गतिशीलता में प्रतिमान बदलाव के पीछे की सच्चाई को जानने के लिए वैचारिक मंथन द्वारा उपजा ऐसा ईमानदार प्रयास है जो उचित समय और उचित परिस्थितियों में किया गया है। + + प्रश्न- इस पुस्तक के विमोचन के बाद आप किस प्रकार के बदलाव की हवा मुस्लिम समाज में प्रतीत करते हैं?।जवाब- इस पुस्तक के आने के बाद यह बात तो जग ज़ाहिर हो गई है कि जो त्रुटियाँ मुस्लिम समाज को लेकर कांग्रेस, मुस्लिम व मुस्लिम संप्रदाय के स्वयंभू नेताओं के द्वारा घटित हैं, उन पर विचार विमर्श होगा। इस पुस्तक की एक विशेषता यह है कि इसको भारतीय समाज के सभी वर्ग के दिग्गजों का समर्थन प्राप्त है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस का विमोचन सरसंघ चालक श्री मोहन भागवत द्वारा किया जाना अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना से कम नहीं है। आशा करता हूँ की उनका संबोधन राष्ट्र व समाज को एक नई दिशा देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d2659ca739be741ff1ab063132d79bc39b844a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सोमराजन ने कहा, ड्राइवर के रूप में काम किया।सोमराजन ने कहा कि इस बार दूसरा पुरस्कार 30 लाख और तीसरा पुरस्कार 10 लाख दिरहम था। जैकपॉट लगने के बाद से सोमराजन के पास उसके मित्रों एवं प्रियजन के फोन लगातार आ रहे हैं। सोमराजन ने कहा, मैं 2008 से यहां हूं। मैंने दुबई टैक्सी और अन्य कंपनियों के साथ ड्राइवर के रूप में काम किया। पिछले साल मैंने एक कंपनी में ड्राइवर सह विक्रेता के रूप में काम किया, लेकिन वेतन कटने के कारण मेरे लिए जीवनयापन मुश्किल था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6997.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6997.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba0ac58cb277145e01f6ba7561d038fd1a99e15d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6997.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + वर्जिनिटी से जुड़े सवाल का ​दिया ये जवाब।अरबाज खान के इस इंटरव्यू के दौरान टाइगर श्रॉफ से उनकी वर्जिनिटी को लेकर भी सवाल पूछा। अरबाज ने टाइगर से पूछा क्या वो वर्जिन हैं? तो टाइगर श्रॉफ ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'देखो मैं सलमान भाई की तरह ही वर्जिन हूं।' टाइगर श्रॉफ के इस सवाल पर अरबाज खान जोर से हंसने लगते हैं। और इसी के साथ बातों-बातों में टाइगर ने वो बात कह दी जिसके बारे में सभी जानना चाहते थे। इस वीडियो को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं इसा पर कमेंट कर लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5736de0a1d2e84aa59fc28cf1dad635aa0ce5fae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69970.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों में अत्यधिक गर्मी ।हालांकि, अभी उत्तरी गोला‌र्द्ध के विभिन्न हिस्सों में जानलेवा गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। इस हफ्ते की शुरुआत में कनाडा और उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों में अत्यधिक गर्मी पड़ी है। वेंकूवर में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक पहुंच गया था। इसीतरह भारत के मैदानी इलाकों में लू-लपट से मौतेंहुई हैं। इस हफ्ते यहां अधिकांश जगह तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि पहाड़ी इलाकों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि आमतौर पर तटीय स्टेशनों पर 40 डिग्री और अन्य मैदानी इलाकों में 45 डिग्री सेल्सियस डिग्री तक तापमान देखा जाता है। इस शोध पत्र को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन, विज्ञानी कमलजीत रे, एसएस रे, आरके गिरी और एपी दिमरी को तैयार किया है। ।अमेरिका से लेकर कनाडा तक में भीषण गर्मी से हुई मौत।बता दें कि अमेरिका से लेकर कनाडा तक में भीषण गर्मी के कारण लोगों की जान जा रही है। ओरिगन, वाशिंगटन राज्य और कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सैकड़ों लोगों की मौत हुई और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या सभी की मौत लू की वजह से हुई है। अमेरिका में प्रशांत उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में मृतकों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। चिकित्साकर्मियों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है। इस क्षेत्र में 25 जून को भयंकर गर्मी पड़नी शुरू हुई है। ओरिगन राज्य में मृतकों कि संख्या कम से कम 95 पर पहुंच गई है। सबसे अधिक मौतें मुल्टनोमा काउंटी में हुईं। वाशिंगटन राज्य प्राधिकारियों ने लू के कारण करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d4fd7fe9f51650481da0126c25de9ceb085ff07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69971.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मृदुला की दादी-नानी फूल से साबुन बनाती थीं, यही सोचकर उन्होंने इसी को स्टार्ट-अप के शुरू करने का प्रयत्न किया। समस्या यह थी कि प्रोडक्ट तैयार करने के लिए फूल और दूध कहां से लाएं, ऐसे में उनके मन में मंदिर का विचार आया। कुछ मंदिरों में बात की और बात बन गई। इसके बाद चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एग्रीबिजनेस इन्क्यूबिशन सेंटर से जुड़कर उन्होंने कंपनी बनाई, प्रशिक्षण लिया। इसके बाद एचएयू ने उनके स्टार्ट को बढ़ावा देने के लिए 15 लाख रुपये की ग्रांट भी दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6dc92eaf6a540e485b93fc23725f21677c523c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69974.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या, [रघुवरशरण]। अगर पूछा जाए कि बजरंगबली को भोग में सबसे ज्यादा प्रिय क्या है तो सभी का उत्तर लड्डू ही होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में लड्डू के अलावा भी सुबह से रात तक हलवा, पूड़ी और खीर से लेकर दाल चावल तक का भोग प्रस्तुत किया जाता है। दर्शनार्थियों की ओर से हनुमानगढ़ी में विराजे बजरंगबली को साधारण लड्डू चढ़ाए जाने का विमर्श अपनी जगह है, कि‍ंतु हनुमानगढ़ी के प्रबंधन की ओर से हनुमान जी के नित्य भोग-राग की व्यवस्था राजसी है। आपको बताते हैं कि कब और क्या भोग उनको लगता है। + +श्रृंगार भोग : शीत ऋतु में सुबह 5:30 बजे और ग्रीष्म ऋतु में पांच बजे श्रृंगार आरती के बाद प्रथम भोग को श्रृंगार भोग के ही नाम से प्रस्तुत किया जाता है। इसमें देशी घी से निर्मित एक किलो इमरती प्रस्तुत की जाती है। ।राजभोग : मध्याह्न में लगने वाले राजभोग में प्रतिदिन दिन 36 किलो आटे से देशी घी में निर्मित पूड़ी, इसी मात्रा के अनुरूप देशी घी में पकी दो प्रकार की सब्जी, एक किलो दही और पान अर्पित किया जाता है। मंगलवार एवं शनिवार को राजभोग में देशी घी और सूजी से निर्मित पांच से 10 किलो तक हलुुवा भी शामिल किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad80e19d9514dfd39442e75b859c8821d1e7113c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69975.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसा नहीं कि हरियाणा में जो धरने चल रहे हैं, उनमें राकेश टिकैत का प्रभाव नहीं है। है और अन्य नेताओं जैसे गुरनाम चढ़ूनी, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल आदि से अधिक है, लेकिन धरनास्थलों के मंच उनके पास ही हैं, भले ही पंडाल में टिकैत समर्थकों का बोलबाला हो। पंजाब राकेश टिकैत के अलावा जो नेता हैं, उन्हें बुजुर्ग चौटाला से कोई एलर्जी हो, ऐसा नहीं है, लेकिन वे बुजुर्गवार को मंच पर बुलाते हैं तो यह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके समर्थकों को नागवार गुजरेगा। आंदोलन के नेताओं की तरफ से राजनीतिक दलों के नेताओं को मंच से दूर रखने की घोषणा के कारण ही आंदोलन को कांग्रेस के समर्थन देने बावजूद भूपेंद्र सिंह हुड्डा स्वयं कभी आंदोलन स्थल पर नहीं गए। + +अभी छब्बीस जून को आपातकाल की याद दिलाते हुए जब चढ़ूनी और योगेंद्र यादव के साथ कुछ लोगों ने पंचकूला में प्रदर्शन किया तो यह कांग्रेसियों को बहुत अखरा था। जाहिर है कि बुजुर्ग चौटाला का आंदोलन के मंच पर आना भी उन्हें अखरेगा और अभी तक जो कांग्रेस समर्थक या यों कहेंकि हुड्डा समर्थक उन्हें हर तरह से समर्थन दे रहे थे, वे आंदोलन का विरोध भले न करें, लेकिन साइलेंट मोड में चले जाएंगे। फिर आंदोलन के नेता किस मुंह से कहेंगे कि उनका आंदोलन राजनीतिक दलों से दूर है। वैसे भी राजनीतिक दलों से दूरी भी कहने की बात है। चढ़ूनी खुद चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी पत्नी आम आदमी पार्टी से लड़ चुकी हैं। योगेंद्र यादव आम आदमी पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद अपनी पार्टी बना चुके हैं। राकेश टिकैत भी राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और इन सबमें एक समानता यह भी है कि ये सभी चुनाव तो हारे ही, जमानत भी जब्त हुई है। खैर, यह अतीत की बात उनके सामने प्रश्न यह है कि अब किसके बगलगीर हों, चौटाला के या हुड्डा के। दोनों के हो नहीं सकते। चुनना किसी एक को ही पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69977.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3f009b2d2dfee9855e3923436fe51b844eff091 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69977.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15 जुलाई को किशोरियों की होगी टीबी की जांच । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत किशोरियों की टीबी की जांच के लिए 15 जुलाई को शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि मिशन शक्ति, आशा ज्योति केंद्र में आने वाली किशोरियों के लिए टीबी जांच शिविर 15 जुलाई को किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि कार्ड दो प्रकार के होते हैं। जिसमें भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकल्याण बोर्ड व उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड है। इसमें निर्माणधीन स्थल पर काम करने वाले मजदूरों के पास प्रमाण पत्र होना जरूरी है। जहां काम किया। वहां का मोबाइल नंबर देना होगा। पंजीकरण के लिए बैंक की पासबुक, आधार कार्ड व एक फोटो कापी की जरूरत होगी। उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के लिए आवेदकों के लिए राशन कार्ड भी देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_6998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_6998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19acbc5e486db5a7c87442a2b8b4f3a525ed7f77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_6998.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म अभिनेता गुलशन ग्रोवर सिनेमा जगत के सबसे खतरनाक विलेन की लिस्ट में शुमार किए जाते हैं। गुलशन ने फिल्मों में इतने नेगेटिव किरदार निभाए हैं कि लोग उन्हें बॉलीवुड के ‘बैडमेन’ के नाम से जानते हैं। लेकिन कोई है जिससे गुलशन ग्रोवर भी डर गए हैं। इतना ही नहीं एक्टर को डर है कि अगर उस शख्स ने फिल्मों में डॉन का किरदार निभाया तो उनका धंधा बंद हो जाएगा, इसलिए गुलशन ने उस खास शख्स से ये गुहार भी लगाई है कि वो फिल्मों में डॉन का किरदार न निभाएं। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन है जिससे गुलशन ग्रोवर डर गए हैं। तो वो शख्स कोई फिल्म अभिनेता नहीं बल्कि एक क्रिकेटर हैं, वो हैं एम.एस धोनी। + +इन फोटोज़ को गुलशन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है जिसके साथ एक्टर ने लिखा, ‘माही भाई शानदार लुक... प्लीज़ कोई भी डॉन का रोल एक्सेप्ट मत करना वरना वो मेरे धंधे पर लात होगी। पहले से ही मेरे तीन अजीज़ भाई संजय दत्त, सुनील शेट्टी और जैकी श्रॉफ मुझे इस बिजनेस से बाहर कर रहे हैं। आलिम ख़ान बैडमेन तुम्हारे पास आ रहा है’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66ee55819ddd6f3ac7b9133445a2d2f4e00f32ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69981.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी [उत्‍तम राय चौधरी]। सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में 7 करोड़ 33 लाख 66 हजार रुपये की लागत से निर्मित लाइट एंड साउंड सिस्टम तीन वर्षों के बाद पूरे गति से शुरू नही हो पाया। अब पर्यटन विभाग इस परिसर में पश्चिम की तरफ बने लाइट एंड साउंड की जगह बदल कर धमेख स्तूप के पास कर दिया है। तीन वर्षों में इसमें स्थान को लेकर फेरबदल होता रहा। + +इधर कोरोना काल में काम बन्द रहा तो अब दोबारा भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली में लाइट एंड साउंट शो का दौर शुरू हुआ है। दोबारा लाइट एंड साउंड शो शाम से शुरू होने के बाद अब पर्यटकों में भी उत्‍साह शुरू हो चुका है। सारनाथ खंडहर परिसर में आने वाले पर्यटक अब शाम होने का इंतजार करते हैं ताकि भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली आकर भगवान बुद्ध के जीवन के बारे में जान सकें। ।पर्यटन विभाग ने पुरातात्विक खंडहर परिसर में वर्ष 2016 से लाइट एंड साउंड सिस्टम का काम लोक निर्माण विभाग ने शुरू किया है। इस लाइट एंड साउंड के माध्यम से बुद्ध के जीवन वृत, ऐतिहासिक पहलुओं से पर्यटकों को रूबरू कराना था। इसी बीच प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने आनन फानन शो शुरू किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69989.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69989.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9e38b474629e80e39de73353b66d8b8fbd09410 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69989.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह किताब कई सवालों के जवाब तलाशते हुए आगे बढ़ती है। मसलन बेजोस ने अपने कारोबारी साम्राज्य की आधारशिला रखने के लिए किताबों के व्यापार को ही क्यों चुना? कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क या टैक्सस जैसे स्थापित व्यापारिक केंद्रों के तुलना में सिएटल से ही क्यों शुरुआत की? जैसे सफलता की हर कहानी किसी परीकथा जैसी होती है, उसी तर्ज पर अमेजन की कहानी भी कुछ वैसी ही प्रतीत होती है। जैसे कि बेजोस ने अमेजन का आगाज तब किया, जब वह वाल स्ट्रीट से लगभग विदाई लेने का मन बना चुके थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69993.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d93b05562dd59d60789ba7d1d4da2ec73190f82a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69993.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [निहाल सिंह]। देश की धड़कन लुटियंस दिल्ली की सड़कों से गुजरते हुए किसी घर के मुख्य दरवाजे पर लाल निशान दिखाई पड़े तो समझ लीजिए इसमें रहते लोग कूड़ा प्रबंधन को लेकर 'स्मार्ट' नहीं हैं। इस क्षेत्र को 'स्मार्ट सिटी' के तौर पर विकसित करने की कोशिश में जुटी नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लोगों को गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करने के प्रति सजग करने के लिए यह अभिनव प्रयोग शुरू किया है। इसके तहत ऐसे घरों के बाहर लाल स्टीकर चस्पा किया जा रहा है जो कूड़ा प्रबंधन को लेकर जागरूक नहीं हो रहे हैं। यही नहीं, कुछ दिन बाद भी यहां रहने वाले लोगों में बदलाव नहीं आता तो उनसे जुर्माना वसूलने की भी तैयारी है। ।इस तरह एक सप्ताह में कुल 160 संपत्तियों के बाहर लाल स्टीकर चस्पा किया गया है। एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर स्थान के लिए यह अभियान शुरू किया गया है, जो आगे भी जारी रहेगा। इसके तहत प्रत्येक घर की सात से आठ दिन निगरानी की जा रही है। जिस घर या कार्यालय से कूड़ा प्रबंधन में गड़बड़ी पाई जा रही है, उसकी दीवार या दरवाजे पर यह लाल स्टीकर लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस इलाके में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत देश के कई अति विशिष्ट लोगों के आवास भी हैं। इसके साथ ही तमाम देशों के उच्चायोग व दूतावास हैं। इसलिए भी यह क्षेत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी दिल के करीब हैं। ।उन्होंने वर्ष 2014 में गांधी जयंती (दो अक्टूबर) को इसी इलाके में स्थित मंदिर मार्ग पुलिस थाने में श्रमदान कर स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। पिछले वर्ष जारी स्वच्छता रैंकिंग में 10 लाख आबादी वाले शहरों में लुटियंस दिल्ली का तीसरा स्थान था, वह प्रथम स्थान पर आने की कोशिश में है। ।प्रतिदिन के हिसाब से लगाया जा सकता है जुर्माना ।दिल्ली के सभी निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन उप नियम-2017 लागू है। इसके तहत स्त्रोत पर ही कचरे के निस्तारण पर जोर के साथ प्रत्येक संपत्तिधारक को गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करके निकाय को देना है। ऐसा न करने पर जुर्माने का भी प्रविधान है। इस मामले में रिहायशी संपत्ति पर 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जा सकता है, वहीं पार्टी हाल व सामुदायिक भवनों पर यह पांच हजार रुपये प्रति दिन और गैर रिहायशी क्षेत्र के पांच हजार वर्ग मीटर की संपत्ति पर 500 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना है। ।इन इलाकों में लगाए गए हैं स्टीकर ।मोती बाग, लोधी एस्टेट, हेली लेन, बीके दत्त कालोनी, खान मार्केट, जोर मार्ग, काका नगर, गोल्फ ¨लक हाउस, महादेव लेन, जंतर-मंतर रोड ।280 टन प्रतिदिन एनडीएमसी क्षेत्र में निकलता है कूड़ा ।- 70 फीसद इसमें होता है सूखा कूड़ा ।- 30 फीसद होता है गीला कूड़ा ।- 50 हजार संपत्तियां एनडीएमसी क्षेत्र में हैंयह होता है गीला कचरा ।- रसोई का कचरा ।- सड़े फल व सब्जी ।- बचा हुआ भोजन ।- अंडे के छिलके ।- चिकन व मछली की हड्डियां ।- गंदा टिश्यू पेपर ।- पूजा के फूल ।- गिरी हुई पत्तियां ।यह होता है सूखा कचरा ।- प्लास्टिक व कांच की बोतलें ।- कागज कप व प्लेट ।- डिब्बे व पुराने कपड़े ।- चिप्स व टाफी के रैपर ।- दूध-दही के पैकेट ।- गत्ते के बाक्स-बाल व प्रसाधन सामग्री।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_69999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_69999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3270d21cce1e0c3c56183902908b8b562c48d53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_69999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चित्रकूट, [जागरण स्पेशल]। UP Vidhansabha Election 2022 भारत रत्न नानाजी देशमुख की कर्मस्थली चित्रकूट में नौ से 12 जुलाई तक देशभर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी जुटेंगे। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले हो रही संघ क्षेत्रीय व प्रांत प्रचारकों की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इसमें मतांतरण समेत प्रदेश में बीते दिनों हुए घटनाक्रमों पर मंथन हो सकता हैं। बैठक को लेकर मध्यप्रदेश की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने खुद चित्रकूट में डेरा डाल दिया है। खराब सड़कें ठीक कराई जा रही हैं। चित्रकूट के विकास को लेकर संतों से किए वादे जल्द पूरा करने की कवायद जारी है। ।सूत्रों के मुताबिक दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआइ) के आरोग्यधाम में होने वाली बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी और अखिल भारतीय स्तर के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। पहले दो दिन क्षेत्र प्रचारकों के साथ संघ के कामकाज की समीक्षा होगी और तीसरे दिन बैठक में प्रांत प्रचारक वर्चुअली शामिल होंगे। इसमें संघ आगे की कार्ययोजना बनाएगा। पदाधिकारी यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंत्रणा करेंगे। माना जा रहा है कि क्षेत्रीय व प्रांत प्रचारकों से चुनाव को लेकर यूपी की नब्ज भी टटोली जाएगी। सरकार के कामकाज का आकलन होगा। ।संतों की नाराजगी पर अभी से नजर: चित्रकूट का चौरासी कोस यूपी व एमपी में बंटा है। दोनों प्रदेशों ने चित्रकूट के विकास के लिए अलग-अलग खाका खींचा था। यूपी में तो काम दिख रहे हैं, लेकिन एमपी में स्थिति काफी खराब है। हालांकि मंदाकिनी को लेकर दोनों प्रदेश की सरकारें गंभीर नहीं है। माना जा रहा है कि संत-महंत बैठक के दौरान संघ पदाधिकारियों से नाराजगी जता सकते हैं। जिस पर अभी से नजर रखी जा रही है। ।अधूरे कामों के गति देने का प्रयास: यूपी को जोड़ने वाली एमपी की अधिकांश सड़कें ध्वस्त हैं। बैठक के पहले उनको ठीक करने का काम सतना जिला प्रशासन ने शुरू कर दिया है। मझगंवा एसडीएम पीएस त्रिपाठी बताते हैं कि बैठक की तैयारी संघ के पदाधिकारी खुद कर रहे हैं। सड़कों की मरम्मत प्रशासन करा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर चित्रकूट में हैं। सतना नगर निगम कमिश्नर तन्वी हुड्डा पहुंची हैं। पेयजल आपूर्ति व अन्य व्यवस्थाएं ठीक की जा रही हैैं। शनिवार को पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर तीन दिन रहकर चित्रकूट की विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे। अधूरे काम जल्द पूरे कराए जाएंगे।  ।केंद्रीय मंत्री लेंगे बैठक की तैयारियों का जायजा: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा.महेंद्र सिंह रविवार को आरोग्यधाम आएंगे। वे चित्रकूट के 'राम वनÓ में पौधारोपण का शुभारंभ करने आ रहे हैं। इस कार्यक्रम के बाद आरोग्यधाम जाएंगे और मंदाकिनी नदी की स्थिति देखेंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b8eac676c6d793fd8bb5db4b8a17d3e7ee54578 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Tiger Shroff Sister Krishna Shroff Bold Bikini Photos : बॉलीवुड के एक्शन हीरो टाइगर श्रॉफ की तरह ही उनकी ​बहन कृष्णा श्रॉफ भी हमेशा अपनी बोल्डनेस की वजह से सुर्खियों में बनीं रहती हैं। कृष्णा ने भले ही बॉलीवुड फिल्मों में डेब्यू न किया हो लेकिन वह फैन फॉलोइंग के मामले में इंडस्ट्री की बड़ी स्टार्स को टक्कर देती हैं। कृष्णा सोशल मीडिया पर एक्टिव होने के साथ ही अपनी हॉट एंड बोल्ड तस्वीरें फैंस के सथा शेयर करती रहती हैं। इसी बीच कृष्णा की सुपर बोल्ड फोटोज इंटरनेट पर आग लगा रही हैं। इन तस्वीरों को देखने से पहले आप अपना दिल थाम लें। यहां देखें तस्वीर...।कृष्णा श्रॉफ ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी बेहद ही बोल्ड तस्वीरें शेयर की हैं। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि कृष्णा समंदर किनारे रिलैक्स करती नजर आ रही हैं। इस दौरान कृष्णा ने ब्रालेट के साथ बेहद शॉर्ट स्कर्ट पहने पेड पर लेटी नजर आ रही हैं। इस लुक में जैकी श्रॉफ की बेटी कहर ढाती दिख रही हैं। कृष्णा की इस तस्वीर को फैंस काफी पंसद कर रहे हैं। वहीं इस पर कमेंट कर फैंस लगातार अपने रिएक्शन देते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d97c16d1d5bc52177be837ae5777cf17112b1a49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [अनंत विजय]। देश की फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे झंडाबरदार हैं जो किसी न किसी मसले पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की फिराक में रहते हैं। चाहे वो फिल्मी से जुड़ी संस्थाओं का विलय हो, ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म के लिए नियमन का मुद्दा हो या कुछ वर्ष पीछे जाएं तो असहिष्णुता का मामला हो या नागरिकता संशोधन कानून की बात हो । बॉलीवुड के कुछ चेहरे हस्ताक्षर अभियान से लेकर बयानबाजी तक में शामिल हो जाते हैं। इनमें से तो एक अभिनेत्री ऐसी भी हैं जिन्होंने इमरजेंसी के समर्थन में उस समय बयान भी दिया था। अब ये सब एक बार फिर से केंद्र सरकार को घेरने के लिए एकजुट नजर आ रहे हैं। ।मामला है सिनेमेटोग्राफी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन पर आम जनता की राय आमंत्रित की थी। मंत्रालय के इस कदम को इन सब ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर बयान और हस्ताक्षर अभियान आरंभ कर दिया। लेख लिखने लगे। अपने बयानों में और लेख से इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है जैसे सरकार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पंगु करना चाह रही है। कहा ये जा रहा है कि सरकार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाणित फिल्मों को जनता की शिकायत के बाद फिर से प्रमाणित करने का अधिकार अपने पास लेना चाहती है। कुछ लोग तो सुपर सेंसर जैसी बातें भी करने लगे हैं। ये सारी बातें आशंकाओं पर आधारित हैं, तथ्यों पर नहीं। अपने बयानों से लेकर लेख में वो अर्धसत्य का प्रदर्शन करके जनता को लगातार भ्रमित कर रहे हैं। ।सरकार के खिलाफ जो माहौल बनाया जा रहा है उसका आधार सिनेमैटोग्राफी एक्ट के अनुभाग छह के उपखंड एक में संशोधन है। इस प्रस्तावित संशोधन से फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए मिले प्रमाण-पत्र के पुनरीक्षण की शक्ति केंद्र सरकार को मिलती है। इसमें ये प्रस्तावित किया गया है कि केंद्र सरकार को ये अधिकार होगा कि वो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से सर्टिफाइड फिल्म को फिर से बोर्ड के चेयरमैन के पास पुनर्विचार के लिए भेज सकती है। जो लोग इस आधार पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं और सुपर सेंसर की बात उठा रहे हैं वो लोग इसके आगे की पंक्ति को नजरअंदाज कर रहे हैं। प्रस्तावित संशोधन में कहा गया है कि सरकार के पास अगर सिनेमेटौग्राफी एक्ट के खंड पांच बी (1) के उल्लंघन की शिकायत आती है उसके अंतर्गत ही सरकार ये कदम उठा सकती है। ।अब यहां ये जानना जरूरी है कि सिनेमैटोग्राफी एक्ट का खंड पांच बी(1) क्या है? इसके अनुसार अगर किसी भी फिल्म से या उसके किसी हिस्से से राष्ट्र की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और अन्य राष्ट्रों के संबंधों पर असर पड़ता है तो उसको सर्टिफाई नहीं किया जा सकता है। इसमें ही आगे उल्लेख है कि अगर किसी फिल्म से सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टता या नैतिकता या अदालत की अवमानना होती हो तो उसका प्रमाणन नहीं हो सकता है। प्रस्तावित संशोधन में इसको ही स्थापित करने की बात की जा रही है जो सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952 में पहले से मौजूद था। बाद में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाणित फिल्म को केंद्र सरकार पुनर्विचार के लिए बोर्ड को नहीं भेज सकती है। ।सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2000 के अपने एक फैसले में कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट अपने उसी फैसले में ये भी कहता है कि विधायिका किसी खास केस में न्यायिक या कार्यकारी आदेश को उचित कानून बनाकर इसको रद्द कर सकती है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय का तर्क है कि कई बार सरकार को ये शिकायत मिलती है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाणित फिल्म से भी सिनेमैटोग्राफी एक्ट के खंड पांच बी का उल्लंघन होता है, लिहाजा वो अपने पास किसी फिल्म के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए दिए जानेवाले प्रमाणपत्र को पुनर्विचार के लिए बोर्ड के चेयरमैन को भेजने का अधिकार रखना चाहती है। इस वजह से सिनेमैटोग्राफी एक्ट में बदलाव की आवश्यकता है। अगर समग्रता में इस पर विचार करें तो ये बात सामने आती है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय सिनेमैटोग्राफी एक्ट में संशोधन करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले की व्यवस्था को बहाल करना चाहती है। ।अगर ये संशोधन हो भी जाता है तो सुप्रीम कोर्ट का वो आदेश तो तब भी प्रभावी है कि सरकार किसी खास केस में ही अपनी इस शक्ति का प्रयोग कर सकती है। तो फिर इसमें तानाशाही जैसी बात या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात की बात कहां से आती है। जब से मामला सामने आया है तब से ये भी कहा जा रहा है कि 2016 में श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा है। बेनेगल कमेटी ने अपनी जो रिपोर्ट सौंपी थी उसकी सिफारिशों में बिंदु संख्या 5.2 में कमेटी सिनेमैटोग्राफी एक्ट के खंड 5 बी के उल्लंघन की बात करती है और स्पष्ट रूप से कहती है कि अगर इस खंड का उल्लंघन होता है तो किसी फिल्म को प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता है। ।बेनेगल कमेटी का गठन तब किया गया था जब अरुण जेटली सूचना और प्रसारण मंत्री थे। उस कमेटी में श्याम बेनेगल के अलावा कमल हासन, राकेश ओम प्रकाश मेहरा, गौतम घोष जैसे लोग शामिल थे। इनमें से कई तो भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के विरोधी माने जाते हैं, लेकिन उन्होंने भी पांच बी को हटाने की बात नहीं की। अब श्याम बेनेगल को भी ये प्रस्तावित संशोधन अर्थहीन लगता है। वो भी इसको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं। जनता को अर्धसत्य बताकर बरगलाने की कोशिश हो रही है। ।दरअसल अगर इस पूरे मामले पर समग्रता में तथ्यों के आधार पर विचार करें तो ये मुद्दा न तो सुपर सेंसर का है, न ही अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा है और न ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पंगु करने का है। अगर विचार ही करना है तो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के क्रियाकलापों में सुधार पर करना चाहिए। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को और शक्तिशाली और समयानुकूल बनाने की बात होनी चाहिए। अभी केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन और बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति सूचना और प्रसारण मंत्रालय करती है। अगस्त 2017 में मशहूर गीतकार प्रसून जोशी को बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था उसके साथ ही बोर्ड का भी पुनर्गठन हुआ था। प्रसून जोशी की अगुवाई में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने कई जटिल मसलों का हल निकाला। उनके पहले पहलाज निहलानी बोर्ड के चेयरमैन थे, हर दिन कोई न कोई विवाद होता था। प्रसून जोशी के आने के बाद सभी विवाद थम गए। ।अगर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन और सदस्य संजीदा होंगे तो इस बात की संभावना बहुत कम है कि सरकार किसी भी फिल्म के प्रमाण पत्र को पुनर्विचार के लिए बोर्ड को भेजे। इस बात की भी आवश्यकता है कि बोर्ड के क्षेत्रीय सदस्यों का चयन करते समय सावधानी बरती जाए। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को विस्तार की भी आवश्यकता है। फिल्मों की संख्या इतनी बढ़ गई है लेकिन बोर्ड में उसके अनुपात में सुविधाएं या कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई हैं। ।यह सब कुछ तभी संभव हो पाएगा जब 1952 के एक्ट में समय के अनुकूल बदलाव होगा। मनोरंजन की दुनिया का स्वरूप बहुत बदल गया है और बदलते समय के हिसाब से पूरे एक्ट में बदलाव पर विमर्श होना चाहिए। इस काम में सूचना और प्रसारण मंत्री को पहल करनी होगी। ये पहल तभी सफल हो पाएगी जब मंत्रालय में बैठे यथास्थिवाद के पैरोकारों को उचित स्थान पर भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6770d96d07cb207893e5ca298233ed6fcd2a698 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राेमांचक जीत की दर्ज।दो मई को पंचायत चुनाव परिणाम आए तो इसमें शुरुआत से ही प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी डा. सीवी सिंह ने विजय को कड़ी टक्कर दी। मतगणना के बीच में तो लगा कि अब इनके लिए जीत मुश्किल होगी, लेकिन अंत में किस्मत ने साथ दिया और कांटे की टक्कर में महज 671 वोटों से जीत दर्ज की। किस्मल का साथ आगे भी जारी रहा। भाजपा ने भी नामांकन वाले दिन ही इन्हें अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया। अब इसी किस्मत व मेहनत के सहारे इन्हें अध्यक्ष पर बाजी मार ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9837de71fd3aee176cd1cb3af160466142e48e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70002.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके लिए आर्केटेक्ट चुना गया था एडवर्ड डी स्टोन को, जिसने न्यूयार्क में म्यूजियम आफ माडर्न आर्ट, शिकागो यूनीवर्सिटी में केलर सेंटर, वाशिंगटन में जान एफ केनेडी सेंटर फार परफाॄमग आट्र्स जैसी बुलंद इमारतें डिजाइन की थीं। एडवर्ड को इस डिजाइन के लिए अमेरिकन इंस्टीट्यूट आफ आर्केटेक्ट्स का फस्र्ट आनर अवार्ड भी मिला था। चूंकि भारतीय परंपराओं का ध्यान रखते हुए एक माडर्न इमारत बनानी थी, सो एडवर्ड ने मंदिरों की तरह थोड़ा उठा हुआ पोडियम बनवाया। आगे की तरफ बने पूल और उस दौर के शानदार फव्वारों को आप ब्रिटिश पाथे की वीडियो रिपोर्ट में यूट्यूब पर देख सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8686a5502dd829082d6a106d364a5df64e3c619 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70003.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पार्टी सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के घटनाक्रमों पर करीबी निगाह रख रहे कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत से राज्य की चुनावी सियासत को लेकर बीते कुछ दिनों के भीतर कई बार चर्चा की है। साथ ही हाईकमान ने रावत को यह संकेत दे दिया है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी टीम की कमान उनके हाथों में सौंपी जा सकती है। बताया जाता है कि हरीश रावत ने भी उत्तराखंड की सियासत में लौटने की अपनी तैयारी करते हुए पंजाब के प्रभारी पद से मुक्त किए जाने की इच्छा हाईकमान को बता दी है। + +हरीश रावत को भेजा जाएगा राज्य की सियासत में।पुष्कर सिह धामी के चार महीने में भाजपा के तीसरे मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि इसमें अब संदेह की गुंजाइश ज्यादा नहीं है कि हरीश रावत को राज्य की सियासत में वापस भेजा जाएगा और हाईकमान उन्हें चुनावी चेहरा बनाने की घोषणा में बहुत देर नहीं करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28bf3a0fc93092fb6da525ca6e12b5a87299a9e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70004.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये तो अभी बानगी है।इसी तरह से मध्य प्रदेश की एक महिला को एक यूरोपीय व्यक्ति ने पहले आनलाइन दोस्ती का अनुरोध किया और इसे स्वीकार करने के बाद करोड़ों रुपये का गिफ्ट भेजने का झांसा देकर 59,507 रुपये ठग लिए। महिला की शिकायत के बाद एयरटेल पेमेंट बैंक से उसे पूरे पैसे वापस कराए गए। इसी तरह से राजस्थान के एक व्यक्ति को एयरटेल के लकी ड्रा में मोबाइल नंबर आने का झांसा देकर 47 हजार रुपये ठग लिए गए। हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत के बाद उसके पूरे पैसे वापस कराए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8dd9389a0bcd5ecd69af7cde22e97e849b662a75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। लाल पत्थरों से बने चांदनी चौक के मुख्य मार्ग पर इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट पर बैठकर जल्द ही  मुगलकालीन शहर के दीदार का मौका मिलेगा। हालांकि, यह सुविधा बुजुर्ग, बच्चों और पैदल चल सकने में असमर्थ लोगों को ही मिलेगी। शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) ने चांदनी चौक में गोल्फ कार्ट चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में 30 जून को यह बैठक हुई थी, जिसमें विकास कार्यों की समीक्षा के साथ आगे की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3eefbec6172a67358381e1d323587247994d4f97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70009.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेक इन इंडिया से मिली प्रेरणा। गाजियाबाद में रहने वाले कपिल मदान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान से प्रेरित होकर 2015 में आइटीओ पर पिज्जा का स्टाल लगाना शुरू किया था। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि बड़े-बड़े नेता व अभिनेता भी पिज्जा का स्वाद लेने लगे। उन्होंने अपने स्टाल पर एक नारा भी लिखा है स्वदेशी पिज्जा का स्वाद है ताजा, इम्युनिटी को कर दे ज्यादा। कपिल कहते हैं कोरोना काल में लोग इम्युनिटी से भरपूर खाने को ही तरजीह दे रहे हैं। लेकिन वह बहुत पहले से ही लोगों को स्वाद के साथ सेहत से भरपूर पिज्जा परोस रहे हैं। मूंग दाल से ज्यादा सुपाच्य और क्या हो सकता है। इसमें प्रोटीन, मिनरल और आयरन भरपूर मात्रा में मिलता है। इससे शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती है। + +पनीर, मशरूम और कार्न की स्टफिंग। पिज्जा तैयार करने का इनका तरीका भी बेहद खास है। ये बिल्कुल धीमी आंच पर पिज्जा सेकते हैं ताकि उसका पोषण बरकरार रहे। पारंपरिक स्वाद के लिए वे घर में पीसे हुए 18 तरह के मसाले का उपयोग करते हैं। इसके अलावा नमक, काली मिर्च, जीरा, धनिया से पिज्जा को देसी स्वाद देते हैं। यहां आप नार्मल पिज्जा में गाजर, प्याज, शिमला मिर्च, अदरक की स्टफिंग का स्वाद ले पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d53602d5c2d8d31a203dfe4c63298edae09f3e68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इससे पहले किम और लिएंडर की दो फोटोज़ वायरल हुई थीं। एक फोटो में दोनों ब्रेकफास्ट टेबल पर नज़र आ रहे थे और कैमरे की तरफ देखकर मुस्कुरा रहे थे। वहीं दूसरी फोटो में लिएंडर और किम समुद्र के किनारे खड़े थे। इस फोटो में लिएंडर ने किम को पकड़ हुआ था और दोनों एक दूसरे के साथ काफी कम्फर्टेबल दिख रहे थे। फोटो में दोनों के साथ ये डॉगी भी नज़र आ रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b807dac1feb87d398d2b136ed1e4f7de292615da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70014.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदीश त्रिपाठी, पानीपत। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हरियाणा में आंदोलन का चेहरे बने राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी की टिप्पणियों से हरियाणा के लोग आंदोलन से क्षुब्ध हो रहे हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन वाली हरियाणा सरकार के पक्ष में है, भले ही वह इसे स्वीकार न करे। गुरनाम चढ़ूनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पाकिस्तानी कहकर पंजाबी समुदाय को खफा कर दिया है तो उत्तर प्रदेश दिल्ली सीमा पर गाजीपुर बार्डर पर उत्तर प्रदेश भाजपा के सचिव राकेश वाल्मीकि का स्वागत में उमड़े भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला कर वाल्मीकि समुदाय के साथ ही सारे अनुसूचित समुदाय को भी क्षुब्ध कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce07d55759eddadf66a0b4048c2c8a58e155ec40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह जांच अवैध खनन से हुई कमाई से अर्जित की गई संपत्ति के बारे में की जा रही है। वर्ष 2006 से 2016 के बीच खनन से संपत्ति तैयार करने का भी आरोप है। अप्रैल 2021 में शासन के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान की तरफ से कराई जा रही जांच में पूर्व विधायक की संपत्तियां लखनऊ में ही होने का अंदेशा जताया गया है। मूल रूप से झांसी के थाना मोंठ के ग्राम बुढ़ावली और वर्तमान में 1033 शिवाजी नगर थाना नवाबाद झांसी निवासी पूर्व विधायक दीप नारायन सिंह यादव की संपत्तियों का पता लखनऊ नगर निगम भी कर रहा है। पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान आलोक कुमार शर्मा ने नगर निगम से जानकारी चाही है कि दीप नारायन सिंह यादव के नाम नगर निगम सीमा में कोई भवन है क्या? अगर है तो साल में कितना भवन कर जमा हो रहा है। नगर निगम ने अपने सभी आठ जोनों में पूर्व विधायक की संपत्तियों का पता करने में जुट गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ba7b2fe9484bc53db5026cb0dd1044c8bfbb8f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरदीप रंधावा, अमृतसर। पंजाब के लोग इस समय बिजली कटों से बेहाल हैं। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन सरकार को घेरते हुए कई ट्वीट किए हैं। हैरानी वाली बात यह है कि एक तरफ सिद्धू महंगी बिजली पर सरकार को घेर रहे हैं और दूसरी तरफ उन्होंने अपनी ही कोठी का अभी तक 8.67 लाख रुपये का बिजली बिल नहीं भरा है। इसकी दो जुलाई को आखिरी तारीख थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a6e506fe9cfd93bac69a451a73e105277979ad5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7002.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि इससे पहले सुनील ग्रोवर कई फिल्मों में काम कर चुके थे, लेकिन उन्हें असली पहचान 'द कपिल शर्मा शो' के 'गुत्थी' किरदार से मिली थी। सुनील ग्रोवर ने कपिल शर्मा के शो में लंबे समय तक 'गुत्थी' का किरदार किया था। बात करें सुनील ग्रोवर के फिल्मी करियर की तो उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1998 में फिल्म 'प्यार तो होना ही था' से की थी। इसके बाद सुनील ग्रोवर द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, मैं हूं ना, गजनी, जिला गाजियाबाद, गब्बर इज बैक, बागी और भारत में नजर आए हैं। वह वेब सीरीज तांडव और सनफ्लावर में भी काम कर चुके हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70020.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1efb6e186ee6350276be706cfbb8322f4b299e0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70020.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह भी पढ़ें: बेहिसाब जख्मों के साथ अब शांत है 'बिकरू', एक साल में काफी बदल गई गांव की तस्वीर।बिकरू कांड की मुख्य वजह जादेपुर निवासी राहुल तिवारी की ओर से विकास दुबे व अन्य के खिलाफ कराई गई एफआइआर थी, जिसको लेकर दबिश देने के लिए पुलिस टीम दो जुलाई 2020 की रात बिकरू पहुंची थी। असल में जादेपुर निवासी राहुल तिवारी की शादी पड़ोस के गांव मोहनी निवादा निवासी लल्लन शुक्ला की बेटी के साथ हुई थी। लल्लन की केवल तीन बेटियां हैं, जिसमें दो की शादी हो चुकी है। लल्लन के जीवन काल से उनका भांजा सुनील उनके साथ रहने लगा था। सुनील की शादी विकास दुबे के भतीजे शिवम दुबे की बहन से हुई थी। लल्लन की मृत्यु के बाद सुनील ने दावा किया कि मरने से पहले मामा उसे साढ़े छह बीघा जमीन दान में दे गए हैं। इसी आधार पर सुनील ने जमीन का बैनामा भी अपने नाम से करवा लिया था। राहुल तिवारी ने इस बैनामे को कोर्ट में चुनौती दी है। करोड़ों की कीमत वाली जमीन पर विकास दुबे की नीयत भी खराब हुई और यही बिकरू कांड की सबसे बड़ी वजह बन गई। राहुल के मुताबिक, अधिकारी चाहें तो उसकी जमीन का विवाद भी खत्म हो सकता है, मगर कोई सुनवाई ही नहीं कर रहा है। + +यह भी पढ़ें: अमर दुबे की पत्नी की जमानत पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला।यह था बिकरू कांड: दो जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में पुलिस ने विकास दुबे को पकडऩे के लिए उसके घर दबिश दी थी। उसने रास्ते में जेसीबी लगाकर पुलिसकर्मियों की घेराबंदी करके ताबड़तोड़ फायरिंग कर तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिस कर्मियों को शहीद कर दिया था। बाद में जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने विकास समेत छह लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया था, जबकि 37 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8f416dad3dda6c2729ca127c914f912cfe8ac22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70021.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाराणसी, मुहम्मद रईस। गलवन घाटी में तनाव और फिर कोरोना महामारी के घाव के चलते चीन को लेकर उपजा आक्रोश बनारस और चीन के बीच रेशमी रिश्ते की डोर तोड़ रहा है। इस पर सरकार द्वारा दस फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगाने और भारतीय रेशम बाजार में छूट के साथ भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो जाने से बुनकरों व कारोबारियों का चीनी रेशम से मोह भंग हो चुका है। इससे बनारस में चीन के रेशम का आयात लगभग बंद हो चला है। उसके स्थान पर अब करघे पर बेंगलुरु का स्वदेशी रेशम बनारसी साडिय़ों का रंग चटख कर रहा है। + +स्थानीय बुनकर मोहम्मद स्वालेह अंसारी कहते हैं, चीनी रेशम की तानी जरूर बेहतर होती है, जबकि बाने में इसका प्रयोग अच्छा नहीं माना जाता। वहीं बेंगलुरु के रेशम से तैयार वस्त्र छह महीना या साल भर रख कर भी बेचना पड़े तो गुणवत्ता बनी रहती है और पूरा दाम भी मिल जाता है। यह सबक कोरोना काल ने सिखा दिया है, जिसमें बड़ा स्टाक बुनकरों के कारखाने में या गद्दीदारों के गोदाम में रखा रह गया था। ऐसे में समझा जा सकता है कि बेंगलुरु के रेशम से बना उत्पाद ग्राहक के पास जाने के बाद भी लंबे समय तक बना रहेगा। + +कारखानों से गायब हो गया चीनी रेशम।रेशमी तागा संघ के सरंक्षक व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष मोहन लाल सरावगी आंकड़ों से स्पष्ट करते हैं कि चीन के रेशम की कीमत 4500 है जो ड्यूटी व अन्य खर्च मिलाकर 5100 रुपये प्रति किलोग्राम पड़ रहा है। वहीं वियतनाम के रेशम का भाव 4100 से 4400 रुपये प्रति किलोग्राम तक में मिल जा रहा है। इसलिए कोरोना काल में वियतनाम से 20 और बेंगलुरु से करीब 15 टन रेशम की आवक होती रही। अब हालात सामान्य हो रहे तो खपत 60 टन तक जाने की संभावना है। कोरोना काल से पहले तक बनारस में 250 टन रेशम की खपत थी, जिसमें 150 टन से अधिक चीनी रेशम ही होता था। अब सिल्क साडिय़ों में मिलावट के कारण खपत करीब 75 फीसद तक घट गई है, लेकिन चीन का रेशम कारखानों से लगभग गायब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a37c7883ccf6151639ad630fca344c18ba34b5f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70025.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या, [रघुवरशरण]। बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में विराजे हनुमान जी को स्वादिष्ट लड्डू का भोग लगाने की साध पूरी नहीं हो पा रही है। गत बुधवार को बासी लड्डू सड़क पर फेंके जाने के साथ यही बेचैनी परिभाषित हुई। इस सच्‍‍चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि हनुमानगढ़ी के संत और श्रद्धालु ही नहीं, प्रसाद बेचने वाले व्यापारी भी हनुमान जी को अच्‍छे से अच्‍‍छा लड्डू अर्पित करना चाहते हैं। हालांकि हकीकत इस चाहत के विपरीत है और हनुमान जी के हिस्से प्राय: साधारण लड्डू ही आते हैं। इसके पीछे हनुमानगढ़ी के सम्मुख सौ से अधिक लड्डू की दुकानों की आपसी प्रतिस्पद्र्धा है। + +अव्वल तो यह कि यहां आने वाले दर्शनार्थियों में से अधिकांश आस-पास की ग्रामीण और साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि वाले हैं और ऐसे दर्शनार्थियों की जेब प्राय: सस्ता लड्डू खोजती है। इस वर्ग के दर्शनार्थियों को ही ध्यान में रखकर डालडा अथवा औसत किस्म के रिफाइंड से सर्वाधिक लड्डू बनाए जाते हैं। इसकी दर आम तौर पर सौ रुपए प्रति किलो होती है, कि‍ंतु ग्राहक बचाए रखने की प्रतिस्पद्र्धा में यदि यदा-कदा इस श्रेणी का लड्डू 80 से 90 रुपए किलो तक बेचने की बाध्यता होती है और इसी के साथ इस साधारण किस्म के भी लड्डू की गुणवत्ता से समझौता करना पड़ता है। लागत न आ पाने की सूरत में व्यापारियों को बेसन की जगह मक्का के आटे का प्रयोग करना पड़ता है। हनुमान जी को चढऩे वाले देशी घी के लड्डू की कीमत तीन सौ से चार सौ रुपए प्रति किलो तक होती है। महंगा होने के कारण यह लड्डू कम बिकता है। हालांकि अपनी जेब की बजाय हनुमान जी की पसंद को वरीयता देने वाले श्रद्धालुओं की ऐसी पांत भी दिखती है, जो अनिवार्य रूप से देशी घी का ही लड्डू चढ़ाती है। ये लड्डू रामनगरी के प्रतिनिधि लड्डू के रूप में भी जाने जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68179b74ea7bfd578b4d5199b3d7c1e3a5ceefbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पड़ोसियों का है पुराना विवाद कई बार हो चुकी पंचायत : नौबस्ता थाना प्रभारी का कहना है कि संविदा केस्को कर्मी का कई बार आसपास के लोगों से विवाद हो चुका है। कई बार थाने में पंचायत भी लग चुकी है। वहां कुछ और भी हिंदू परिवार रहते हैं। उन पर कोई दवाब नहीं डालता। वहीं पास में ही विश्वनाथ के बड़े भाई राजीव गुप्ता रहते हैं। वह भी उसके खिलाफ हैं। उनसे भी कई बार विश्वनाथ की कहासुनी और विवाद हुआ है। विश्वनाथ तो अपने भाई से जान का खतरा बताता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..932883e66786639f2575ec6f91b1cc98fdfb4a85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्पेसएक्स दुनिया को अपने ‘स्टार लिंक’ प्रोजेक्ट से जोड़ना चाहती है, जो छोटी सेटेलाइटों का एक सिस्टम है। प्रोजेक्ट की पहली किस्त के तौर पर अमेरिकी क्षेत्र को कवर करने के लिए 60 सेटेलाइट को मई 2019 में छोड़ा जा चुका है। एशियाई देशों को ध्यान में रखकर भी पिछले दिनों सेटेलाइट छोड़े गए। अमेजन द्वारा भारत में हाई स्पीड सेटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को लाने की दौड़ में शामिल होने को वन-वेब और स्पेसएक्स के खिलाफ प्रतिस्पर्धा के नजरिए से देखा जा रहा है। अमेजन भारत में पहले से ही हाई स्पीड सेटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की योजना पर काम रहा है। इसके तहत अप्रैल 2019 में ‘प्रोजेक्ट कुइपर’ की नींव रखी गई थी। इसकी स्थापना तब ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एक बड़े ब्रॉडबैंड उपग्रह इंटरनेट समूह को तैनात करने के लिए की गई थी। उन्हीं दिनों अमेजन ने घोषणा की थी कि वह इस परियोजना में उपग्रह इंटरनेट समूह को तैनात करने के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश करते हुए कुल 3,236 सेटेलाइट लांच किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1598ffb9a503b4dcb80811a8665af739f56ff598 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70030.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इधर भाजपा कोटे के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के साथ भी खेल हो गया। उद्योग विहीन बिहार में जब महत्वहीन उद्योग विभाग उन्हें मिला तो वे उसे खड़ा करने की ठान बैठे। देशभर में अपने संबंधों के आधार पर तमाम उद्योगपतियों से संपर्क कर बिहार में लाने की कवायद करने लगे। इथेनाल उत्पादन का उनका पासा सही पड़ा और तमाम लोगों ने रुचि दिखाई। जब कवायद पूरी हो गई तो उन्हें लगा कि इसकी घोषणा की जाए। मंत्री जी ने शुक्रवार का दिन तय किया। लेकिन जब वो गुरुवार को मुंबई से पटना चलने को तैयार हुए, उसी समय बिहार में राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद की बैठक हो गई और उसमें 12,744 करोड़ रुपये के 99 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई, जिसमें अकेले 59 प्रस्ताव इथेनाल के हैं। इसके अतिरिक्त, तीन दिनों में नए मिले 87 प्रस्तावों की जानकारी भी सार्वजनिक कर दी गई। अब शाहनवाज हुसैन के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं बचा। इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चा है। कुछ इसे शाहनवाज की तेजी पर ब्रेक के रूप में देख रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं कि ये तो होना ही था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..488b5c06761ebbd7b6195324dd1ec56835071305 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70032.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, सुमित शर्मा। कोरोना की दूसरी लहर में आनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े थे। शातिरों ने जहां लोगों की आइडी हैक करके ठगी की, वहीं अनजान काल और फर्जी वेबसाइट के माध्यम से भी ठगी का शिकार बनाया। ऐसे में पुलिस ने अब लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। लोगों को साइबर की ए,बी,सी,डी सिखाने के लिए पुलिस ने विशेष पेंफ्लेट तैयार किए गए हैं। इसमें साइबर अपराध के बारे में जानकारी देने के साथ उससे बचने के उपाय भी बताए गए हैं।पेंफ्लेट को थानों पर लगाने के अलावा इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79855f6598d7d982d61a5c2311aac20d10064bcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक पुरानी कहावत है- पूत सपूत तो क्यों धन संचय, पूत कपूत तो क्यों धन संचय। कहने का आशय यह है कि अगर हम अपने बच्चों को सही समझ, सही संस्कार नहीं दे पा रहे, तो अन्य सब कुछ व्यर्थ है। आज महानगरों में माता-पिता दोनों जॉब करते हैं और बच्चों को अपना समय न दे पाने के बोझ से दबे होते हैं और उसके बदले बच्चों को पैसे या गैजेट्स आदि देकर अपने को अपराध बोध से मुक्त करने का प्रयास करते हैं। लेकिन यह भूल जाते हैं कि बचपन में अगर बच्चे को सही संस्कार न मिले, तो उसकी जीवन की बुनियाद ही गलत हो जाएगी। फिर उसके ऊपर बनने वाली बिल्डिंग में भी कभी मजबूती नहीं आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b40a8f237418fc6dbb56d5f366c0cee70d6557d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूके में सांसदों ने पहली बार जूम सॉफ्टवेयर के माध्यम से संसद सत्र का आयोजन किया। यह यूके में 700 से अधिक वर्षों में पहली बार हुआ है कि सांसद च्हाउस ऑफ कॉमंसज् में नहीं बैठे थे। कुल मिलाकर, महामारी ने हमें सिखा दिया कि जीवन में जो कुछ भी स्थिर है, वह बदल सकता है। कल तक हम आजाद घूमते थे पर आज कोई दरवाजे पर भी आ जाये तो डर लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e8b1d141d9f8571218666d5e3d8653f76586417 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे बिहार सरकार की मुआवजा नीति में एक बड़ी कमी चिंता पैदा करने वाली है। बिहार सरकार का निर्णय है कि अगर किसी बिहारवासी यानी बिहार के नागरिक की राज्य से बाहर मौत होती है, तो ऐसी दशा में बिहार सरकार उसे किसी प्रकार का मुआवजा नहीं देगी। सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण से मौत पर मिलने वाली चार लाख रुपये की मुआवजा राशि केवल उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी मौत बिहार के अस्पतालों या बिहार की सीमा के अंदर हुई हो। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बिहार का कोई व्यक्ति अपने राज्य से बाहर इलाज कराने के लिए क्यों जाता है? अगर वह बिहार में रहता और कोरोना से मौत होती तो उसके परिवार को मुआवजा जरूर मिलता। अगर कोई व्यक्ति इलाज के लिए राज्य से बाहर गया तो कहीं न कहीं यह बात साबित होती है कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था जर्जर थी। अब सवाल है कि इस जर्जर व्यवस्था के लिए सरकार जिम्मेदार है या वहां के नागरिक? अगर सरकार को जिम्मेदार माना जाए तो वह प्रत्येक व्यक्ति मुआवजे का हकदार है, जिसकी मौत बिहार राज्य से बाहर हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f967986efc909c04d812d6641e9b2dc5273eb43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर करने को दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए अभियान से शुक्रवार को पुलिस हरकत में आ गई। चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए शुक्रवार शाम को पुलिस ने शहर में अभियान चलाया। तीन स्थानों से पुलिस टीम ने छह बच्चों को रेस्क्यू किया। बाल कल्याण समिति के आदेश पर सभी बच्चों को आश्रय गृह में रखा गया है। शनिवार से इनकी काउंसलिंग की जाएगी। किसी गैंग से जुड़े निकलने पर गैंग संचालक पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ।शहर में एमजी रोड, माल रोड और बिजलीघर चौराहा पर बड़ी संख्या में बच्चे भीख मांगते हैं। दैनिक जागरण ने 20 जून के अंक से बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर करने को अभियान शुरू किया है। इस अभियान में शहर के तमाम लोग भी जुड़े। सभी ने संकल्प लिया कि वे बच्चों से भीख मंगवाने वाले गैंग को खत्म करने को दैनिक जागरण की मुहिम में साथ हैं। वे बच्चों को रुपये नहीं देंगे। उन्हें खाने पीने की वस्तुएं देंगे, जिससे गैंग को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा। दैनिक जागरण ने शहर के चौराहों पर सक्रिय गैंग की ओर पुलिस का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद एसएसपी मुनिराज जी. के निर्देश पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिक थाने की टीम ने कार्रवाई शुरू की। शुक्रवार शाम को टीम ने भगवान टाकीज चौराहा से एक बच्चा, बिजलीघर चौराहा से तीन बच्चे और सदर से दो बच्चे रेस्क्यू किए। सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। समिति के आदेश पर इनमें से चार बच्चों को राजकीय बाल गृह शिशु ओर दो बच्चों को खुला आश्रय गृह धनौली में रखा गया है। एसएसपी ने बताया कि अभी बच्चों की चाइल्ड लाइन की टीम से काउंसलिंग कराई जाएगी। वे किसी गैंग से संपर्क में तो नहीं थे। इस बिंदु पर भी जांच की जाएगी। अगर किसी गैंग से कनैक्शन निकलता है तो इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। रेस्क्यू करने वाली टीम में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने की प्रभारी कमर सुल्ताना, चाइल्ड लाइन की काेआर्डिनेटर रितु वर्मा व अन्य शामिल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c642210b9ae35dfb1ada94fa64f6d1b2dd91f7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70038.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। यातायात विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए कार्रवाई शुरू हो चुकी है। विभाग में बीते तीन सालों से तैनात होमगार्डों को हटाने के साथ ही चौराहे पर खड़े यातायात सिपाही की हर हरकत तीसरी आंख में कैद हो जाएगी। इसके लिए विभाग के अफसर चौराहे के सीसीटीवी का सहारा नहीं लेंगे। बल्कि उनकी वर्दी पर लगे बॉडी वार्न कैमरे में सब कुछ रिकार्ड हो जाएगा। यातायात विभाग के हेड कांस्टेबल के साथ ही टीएसआइ की वर्दी में इन बॉडी वार्न कैमरों को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। वर्दी में लगे इन छोटे कैमरे से सिपाही के साथ ही सामने खड़े व्यक्ति से बातचीत भी रिकार्ड हो जाएगी। मौजूदा समय में दस बॉडी वार्न कैमरों को यातायात विभाग के टीएसआइ और हेड कांस्टेबलों को बांट दिए गए हैं। जल्द ही और बॉडी वार्न कैमरों की खरीद भी की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9816f4a2179b4b17dea19a2ae19d83cde2cf3e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70040.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। दिल्ली में यमुना नदी के तटवर्ती इलाकों में इसके प्रदूषित पानी से उपजी सब्जियां उन लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा हैं, जो लगातार इनका सेवन कर रहे हैं। देखने में ये सब्जियां भले ही हरी, ताजी और चमकदार दिखती हों, लेकिन असल में इन सब्जियों को खाना कैंसर को न्योता देने के बराबर है। कई अध्ययन इस बात की तस्दीक कर चुके हैं कि यमुना खादर में उगने वाली सब्जियों में जहर घुला है, लेकिन इसकी रोकथाम व हालात में बदलाव की कोशिशें करने के बजाय सरकारी महकमे हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं, जिसकी वजह से यमुना में घुला जहर लोगों की थाली तक पहुंच रहा है। बता दें कि प्रदूषण और उसके नुकसान की हकीकत से वाकिफ होने के बाद भी यमुना खादर में बड़े स्तर पर सब्जियों की खेती की जाती है। यहां उगने वाली सब्जियां गाजीपुर सब्जी मंडी पहुंचती हैं, जहां से ये पूरे एनसीआर में पहुंचती हैं। + +डॉ. अंशुमान कुमार ने किया है अध्ययन।धर्मशिला नारायणा अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार ने इस संबंध में अध्ययन किया है। वह बताते हैं कि उन्होंने यमुना खादर के अलग-अलग स्थानों से मिट्टी और उसमें उगने वाली सब्जियों के नमूने लिए थे। जांच करने पर मिट्टी प्रदूषित पाई गई। उससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह पता चली कि उस जमीन में उग रहीं सब्जियां भी जहरीली थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47197e09c96b6cc98253cf5eff1d47b9870b704e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, लखनऊ : नई हवा है...नई सपा है...नारे के साथ अब समाजवादी पार्टी अपनी छवि बदलने की कोशिश में जुट गई है। इसी के तहत पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि कोरोना से निपटने में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह फेल हो गई है, वहीं, समाजवादी पार्टी समाज सेवा के लिए समर्पित है। पार्टी ने आपदा को अवसर में बदलकर 'मिशन 2022' की तैयारी भी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को समाज सेवा में पूरी तरह जुटने के साथ ही चार सूत्र संपर्क, संवाद, सहयोग व सहायता पर चलने के लिए कहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70042.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70042.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61f6851fed6286fae17f4e324bbbfe7fb1c72ad2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70042.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, [रवि धवन]। रसीला लीची स्‍वाद ही सेहत मे भी बेजोड़ है। इसके सही तरीके से सेवन से कई रोगों में राहत मिलती है। इसके पत्‍ते भी बहुत गुणकारी और कई रोगाें में फायदेमंद हैं। डाक्‍टरों का कहना है कि लीची को सही तरीके और मात्रा में खाने से डायबिटीज सहित कई रोगाें में राहत मिलती है। हरियाणा के यमुनानगर सहित कई क्षेत्रों में भी इस फल की खूब खेती होती है। ।पेड़ का रसगुल्ला लीची, पत्ते भी बड़े काम के, गले का दर्द होता है ठी।इन दिनों लीची खूब बिक रही है। लीची को पसंद करने वाले इसे 'पेड़ का रसगुल्ला' भी कहते हैं। गर्मी के मौसम में लीची खाने के बहुत फायदे हैं। डाक्‍टरों व डा‍यटिशियन के अनुसार, गठिया के दर्द, वात और पित्त दोष को लीची कम करती है। इसका वानस्पतिक नाम चाइनेन्सिस है। उर्दू में इसे लीचूर, उडि़या में लीसी, तमिल में इलाइची कहा जाता है। डाक्‍टरों के अनुसार, मधुमेह को नियंत्रण करने में ये फल सहायक है। इसके पत्ते भी काम हैं। इसके तने की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने पर मुंह के रोग में राहत मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1dffe437959e697d3d86512b2fcbf42c9b0255b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70044.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। Himachal Apple Economy, कोरोना काल में सुस्त पड़ी आर्थिकी की सेहत इस बार सेब सुधारेगा। हिमाचल में बेशक आंधी व ओलावृष्टि ने सेब की फसल को नुकसान पहुंचाया हो, लेकिन इस बार इसका कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। 2020-21 में करीब 3850 करोड़ रुपये का सेब कारोबार हुआ था। इस बार 1.62 लाख मीट्रिक टन अधिक सेब बाजार में पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल 4.81 लाख मीट्रिक टन यानी 20 किलोग्राम के हिसाब से 2.40 करोड़ सेब की पेटियां बाजार पहुंची थी। इस बार 6.43 लाख मीट्रिक टन यानी 3.21 करोड़ पेटियों का अनुमान है। यह अनुमान बागवानी विभाग की ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर लगाया है, जो जून में तैयार की गई है। + +मार्च-अप्रैल में 9.29 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का था अनुमान।बागवानी विभाग के मार्च-अप्रैल में किए सर्वेक्षण के आधार पर 9.29 लाख मीट्रिक टन सेब उत्पादन का अनुमान था। मई व जून में आंधी व ओलावृष्टि के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ। इसी का प्रभाव है कि 6.43 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होने का अनुमान है। इसमें से करीब एक लाख मीट्रिक टन सेब ऐसा है, जो ओलों के कारण दागी हो गया है। इसका नुकसान बागवानों को हो सकता है। इस सेब को न्यूनतम समर्थन मूल्य (8.50 रुपये प्रति किलो) पर भी नहीं जाता। ।टाइडमैन की पेटी 1400 से 2000 में बिकी।सेब की अगेती किस्मों में टाइडमैन इन दिनों 1400 से 2000 रुपये प्रति पेटी बिक रहा है, जबकि बीते वित्तीय वर्ष के दौरान टाइडमैन 1200 से 1800 रुपये तक बिका था। ऐसे में दाम के बेहतर मिलने का लाभ बागवानों को होगा। कोरोना काल के दौरान बीते वित्तीय वर्ष के दौरान सेब खरीदार कम संख्या में आ सके थे, जबकि इस बार कोरोना की दूसरी लहर समाप्ति की ओर है। ।नहीं प्रभावित होगा कारोबार ।निदेशक बागवान विभाग डा. जेपी शर्मा का कहना है इस सीजन में कोरोना के कारण सेब कारोबार प्रभावित नहीं होगा। जैसा बीते वर्ष था। इसलिए बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। ।इस बार दाम बेहतर ।प्रबंध निदेशक कृषि विपणन बोर्ड नरेश ठाकुर ने कहा सेब की टाइडमैन किस्म बाजार में आ गई है। 20 किलो की पेटी का औसत दाम 1400 रुपये मिल रहे हैं। बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार दाम बेहतर मिल रहे हैं। ।सेब का उत्पादन (मीट्रिक टन में) ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fe4d139c049486d36c4aaddbfed3bc7263fe575 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि पीडब्ल्यूडी शहर के 17 मंडलों में 1,260 किलोमीटर सड़क के साथ 2,050 किलोमीटर नालों का प्रबंधन करता है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार, लगभग 90 फीसद नालों की डी-सि¨ल्टग पूरी हो चुकी है, जिन्होंने कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण कुछ क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि हमने समय पर गाद निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण बीच में देरी हो गई। कोरोनो महामारी की दूसरी लहर के दौरान श्रमिकों की उपलब्धता कठिन हो गई, क्योंकि कई लोग अपने घर लौट गए। अधिकारी ने कहा कि कुछ ही इलाकों में गाद निकालने का काम किया जाना है और वह कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70046.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7533b3d36fab5ec3c2958574673d2f95c7b9ce84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70046.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। शहर की काशीराम आवास योजना एलमपुर के आवंटन में बड़ी धांधली हुई है। गरीबों के नाम से अमीरों ने आवास हथिया लिए हैं। अब अमीर इन अावासों को किराए पर उठा रहे हैं। ढाई-ढाई हजार रुपये के हिसाब किराया वसूला जा रहा है। वहीं, कुछ अपात्र आवंटी आवंटन के बाद आवास पर तालामारकर गायब हो गए हैं। कुछ लोगों ने मुफ्त के आवासों की दूसरों को बिक्र भी कर दी है। कार मालिक व एसी का खर्च उठाने वाले लोग भी अब यहां निवास कर रहे हैं। जबकि, हकीकत में जिन लोगों को जरूरत है, वह डूडा व एडीए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इनके पास कोई सिफारिशी न होने के चलते आवास नहीं मिल पा रहा है। + +बड़ी धांधली का पर्दाफाश।गुरुवार को दैनिक जागरण टीम इस कालोनी में ग्राउंड रिपोर्ट के लिए पहुंची। इसमें बड़ी धांधली सामने आई है। तमाम अमीर यहां गरीब बनकर रह रहे हैं। कई आवंटियों ने तो यहां पर बड़े-बड़े एसी लगा रखे हैं। वहीं, कुछ लोगों के घरों के बाहर लग्जरी गाड़ियां खड़ी हैं। बाइक व स्कूटी तो अमूमन हर घर में हैं। स्थानीय निवासी एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ आवंटियों ने जरूरत न होने के चलते इन आवासों को किराए पर उठा दिया है। वह लोगों से ढाई-ढाई हजार रुपये महीने वसूलते हैं। वहीं, कुछ लोगों ने एक से सवा लाख में बिक्री ही कर दी है। वहीं, कुछ भवन स्वामी आवंटन के बाद ताला डालकर लौटे ही नहीं हैं। इनमें अधिकतर लोगों को इन आवासों की जरूरत ही नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94359209656a61f85ae329e3658a19277bf33bf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70047.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के सुनियोजित विकास के कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों सहित अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नगरीय अवस्थापना को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने सभी परियोजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को लोकभवन में अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में कराए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। अफसरों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अयोध्या नगर निगम में सीवेज ट्रीटमेंट फैसिलिटी, सीवर लाइन तथा सीवर हाउस कनेक्शन की वर्तमान में उपलब्ध सुविधाओं तथा आवश्यकता के अंतर को पूर्ण करने के लिए डीपीआर दो चरणों में प्रस्तुत किये जाएंगे। + +प्रथम चरण में 150 किलोमीटर सीवर लाइन तथा 20 हजार घरों के लिए सीवर कनेक्शन का प्रस्ताव किया गया है। इसकी अनुमानित लागत 280 करोड़ रुपये है। द्वितीय चरण में सीवेज ट्रीटमेंट सुविधा, 191.48 किलोमीटर सीवर लाइन तथा 20,316 घरों के लिए सीवर कनेक्शन का प्रस्ताव है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 320 करोड़ रुपये है। नगर निगम क्षेत्र में सभी घरों तक वाटर सप्लाई कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 105 करोड़ रुपये की धनराशि से लगभग 20 हजार घरों को वाटर कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e42757f9901128a54a34387bbc32166d191745da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बीच विधानसभा की 28 सीटों पर उपचुनाव में कमल नाथ ने मोर्चा संभाला, लेकिन महज नौ सीटें हाथ में आने से कांग्रेस की सत्ता वापसी की संभावनाएं भी खत्म हो गई। इसके चलते नवंबर में एक बार फिर कहा जाने लगा कि कमल नाथ की दिल्ली वापसी हो सकती है। इसी बीच, 25 नवंबर,2020 को सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का निधन हो गया। वे पार्टी में राष्ट्रीय सियासत के साथ समन्वय के मामले भी देखते थे। इसके बाद से ही तय माना जाने लगा कि कमल नाथ को दिल्ली दरबार में ही बैठना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..693869ac90cd029a857a7f8f6857700d03c464b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सस्ती गैस मिले तो होगा समस्या का समाधान। राजधानी की जरूरत पूरी करने के लिए दिल्ली सरकार ने वर्ष 2012 में 45 सौ करोड़ की लागत से 15 सौ मेगावाट की क्षमता वाला बवाना बिजली संयंत्र बनाया था। इसमें कुल छह इकाई हैं, जिसमें से चार गैस से चलती है। इन चार इकाइयों के चलने से उत्पन्न होने वाले वाष्प से दो अन्य इकाइयां बिजली उत्पन्न करती हैं। प्रत्येक इकाई के लिए प्रतिदिन 1.4 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (एमएमएससीएमडी) प्राकृतिक गैस की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f38126a4c01d968a41f8c9164535b5f2bde64b86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70059.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला 16 वर्षीय क‍िशोर पुलिस द्वारा बीच रास्ते में ट्रेन से उतार लिए जाने पर परेशान द‍िखा। उसका कहना था क‍ि कटिहार जिले के कुछ क्षेत्र में गंगा व अन्य नदियों का पानी आ गया है। खेत डूब गए हैं। घर में खाने को कुछ नहीं हैं। परिवार में मां-बाप के अलावा छोटे भाई बहन हैं। पास के गांव का दुलाल शर्मा पंजाब में काम करता है। उसने कहा कि साथ चलो अमृतसर में किसी होटल या फैक्ट्री में काम दिला देंगे। इस पर क‍िशोर उसके साथ अमृतसर जाने के लिए ट्रेन में सवार हो गया। दुलाल शर्मा ने दोनों का टिकट भी कटाया था। गांव में बताया था कि आठ हजार रुपये तक प्रति माह का वेतन मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa06aadf12a7afac310e30b10c839af53acbc5b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7006.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल फिल्म के मेकर्स दर्शकों की बेसब्री को देखते हुए फिल्म का पहला गाना रिलीज करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इस बात की जानकारी खुद अल्लू अर्जुन ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। इस फिल्म का पहला गाना 'जागो जागो बकरे' 13 अगस्त को रिलीज किया जाएगा। इस गाने में फिल्म से अल्लू अर्जुन के किरदार से भी पर्दा उठेगा। ये दिल को छू लेने वाला गाना पांच भाषाओं में रिलीज किया जा रहा है। + +ये गाना पांच भाषाओं में म्यूज़िक कंपोजर देवी प्रसाद के जन्मदिन के मौके पर रिलीज किया जाएगा। इस गाने को हिंदी भषा में विशाल ददलानी ने, शिवम ने तेलुगु में, बेनी दयाल ने तमिल में, विजय प्रकाश ने कन्नड़ में, राहुल नांबियार ने मलयालम में गाया है। गाने के हिंदी बोल रकीब आलम ने, तेलुगु बोल चंद्रबोस ने, तमिल बोल विवेका ने, कन्नड़ बोल वरदराज चिक्काबल्लापुरा ने, और मलयालम बोल सिजू थूरूर जैसे प्रतिभाशाली लिरिसिस्ट ने लिखे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70067.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd934f65350d835b4a01742f93c927b21cbf7e5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70067.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजय जायसवाल, लखनऊ : UP Assembly Election 2022: परिस्थितियों के हिसाब से राजनीतिक रिश्ते बनाती-बिगाड़ती रहीं बसपा मुखिया मायावती के लिए अब रिश्तों का 'मायाजाल' ही चुनौती बन गया है। मन की कड़वाहट वह जानें, लेकिन भाजपा के प्रति तुलनात्मक रूप से नरम रहे उनके रुख ने इस धारणा को आधार जरूर दे दिया कि मायावती का झुकाव भाजपा के प्रति है। सपा इस धारणा को चुनावी मैदान तक ले जाने की जुगत में है, जबकि बसपा प्रमुख के लिए चुनौती दोहरी हो गई है। अव्वल तो संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना है। साथ ही भाजपा से दूरियां दिखाकर खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय का एकमुश्त वोट सपा के पाले में जाने से रोकना भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f854cb214a6140db9e8f203ea1db6deac23969f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70071.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना की पाबंदियों के चलते अभी तक राजनीतिक दलों की गतिविधियां सीमित थीं। कार्यक्रमों से लेकर बैठकों तक का आयोजन आनलाइन चल रहा है। झारखंड प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक भी इन्हीं पाबंदियों के बीच हो रही है। बैठक में प्रदेश में संगठनात्मक गतिविधियों का संचालन करने वाली टीम इस पर मंथन कर रही है कि राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार की घेराबंदी करने के लिए क्या रणनीति अपनाई जाए। तमाम मुद्दों को लेकर भाजपा बड़ा आंदोलन छेड़ने की रणनीति बना रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70073.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0afd4f5a7c58eb0ea8f7c1e31c173a4cb36b4ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70073.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीबीपुर निवासी मोहम्मद फारुख समृद्ध एवं जमीदार घराने के थे, वह वाराणसी में कोतवाल थे। उनके तीन पुत्र थे। सबसे बड़े मोहम्मद सुबहान टाइम्स आफ इंडिया के एडिटर थे थो दूसरे पुत्र ब्रिगेडियर उस्मान और तीसरे पुत्र मोहम्मद गुफरान भारतीय सैन्य अधिकारी थे। भारत पाक विभाजन के दौरान पाकिस्तान ने दोनों भाइयों को सेना में प्रोन्नत देने का लालच देकर पाक सेना में सम्मिलित होने का आमंत्रण दिया पर दोनों भाइयों ने इस आमंत्रण को एक सिरे से ठुकरा दिया। सुबहान एवं ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान दोनों ही अविवाहित थे। मोहम्मद गुफरान के पुत्र सलमान एवं सीमा पढ़ाई के लिए कनाडा गए तो वहीं के होकर रह गए। मोहम्मद गुफरान अपने अंतिम समय 1980 तक बीबीपुर ही रहे। उनके निधन के पश्चात पैतृक हवेली अब खंडहर हो चली है। इनके वंशजों ने बीबीपुर से नाता लगभग तोड़ दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4ddf47a35bf63daa615cb6e973d85417598d671 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70078.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह हमला एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में हुआ, जिसमें एक इमारत की छत को हानि पहुंची और वायु सेना के एक वारंट अफसर एवं एक वायु सैनिक को मामूली चोट लगी। इस हमले का निशाना शायद टेक्निकल एरिया में खड़े सेना के हेलीकाप्टर थे। ड्रोन से हमला बहुत ही सस्ता और सुरक्षित तरीका है। इसमें हमला करने वालों के लिए जोखिम न के बराबर होता है। अगर यह हमला सफल हो जाता तो हमारा अत्यधिक नुकसान होता, साथ ही देश की साख को भी धक्का लगता। यह हमला शायद छोटे ड्रोन से किया गया। इस तरह के ड्रोन आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाए जा सकते हैं और उनका रडार द्वारा पता लगाना बहुत ही मुश्किल होता है। इस हमले का अंजाम और भी भयानक हो सकता था, अगर ड्रोन उच्च क्षमता के विस्फोटकों से लैस होते। मेरा अनुमान है कि अगली बार विस्फोटक की मात्र और उसका प्रकार अलग होगा। अभी तो इस हमले में केवल दो ही ड्रोन इस्तेमाल किए गए। अगली बार शायद ज्यादा ड्रोन इस्तेमाल किए जाएं। + +यह देखा गया है कि कई बार ड्रोन अपने विस्फोटक के साथ ही लक्ष्य से टकरा जाते हैं। इसे हम कामीकाजे ड्रोन हमला भी कहते हैं। दूसरे महायुद्ध में जापानी पायलट्स अपने हवाईजहाज को पानी के बड़े-बड़े जहाजों में जानबूझकर क्रैश करा देते थे, ताकि वे हर हाल में नष्ट हो जाएं। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद जिस तरह शहर में लगातार ड्रोन मंडराते दिख रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि अगली बार पाकिस्तानी सीमा से लगे हवाईअड्डे जैसे श्रीनगर, उधमपुर, पठानकोट और अमृतसर निशाने पर हो सकते हैं। ड्रोन से आतंकी अपने साजो-सामान को बहुत आसानी से भेज सकते हैं। यह हमारे लिए खतरे की एक बड़ी घंटी है। इसकी अनदेखी नहीं कर सकते कि अतीत में ड्रोन के जरिये हथियार और नशीले पदार्थ भेजने की कोशिश की गई है। हमें तभी सतर्क हो जाना चाहिए था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dd7c0ccd93b1b3d55d7bba360c0d12120d13dbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें, करण देओल ने पल पल दिल के पास से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फ़िल्म का निर्देशन सनी देओल ने ख़ुद किया था। करण के साथ सहर बाम्बा ने भी बतौर लीड एक्ट्रेस डेब्यू किया था। करण अब होम प्रोडक्शन में बन रही फ़िल्म अपने 2 में दिखायी देंगे, जिसमें वो अपने दादा धर्मेंद्र, पिता सनी देओल और अंकल बॉबी देओल के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करेंगे। ।वैसे, अब करण के छोटे भाई राजवीर देओल भी बॉलीवुड में बतौर एक्टर पारी शुरू करने वाले हैं। राजवीर का डेब्यू राजश्री बैनर की फ़िल्म से होगा। इस फ़िल्म से सूरज बड़जात्या के बेटे अविनाश बड़जात्या निर्देशकीय पारी शुरू करेंगे। राजवीर देओल परिवार के पहले ऐसे एक्टर हैं, जिन्हें बाहर का बैनर लॉन्च कर रहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84b83f84f53ea01fafe1c4aec5b2651a259eecfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तृणमूल कांग्रेस किसी की परवाह नहीं कर रही है। वह दलबदल कानून से प्रभावित मुकुल राय को परंपराओं को तोड़ते हुए लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाने पर आमादा है। यह घटनाक्रम बंगाल की राजनीति, सत्ता-चरित्र, नेताओं के व्यक्तित्व को उजागर करने वाला है। सिविल सोसायटी की तथ्य खोजी समिति का निष्कर्ष है कि चुनाव बाद सुनियोजित हिंसा के चलते बंगाल के लोगों को पलायन कर असम और अन्य पड़ोसी राज्यों में शरण लेनी पड़ी है। इस समिति ने लोगों के घर जलाने, उनकी हत्याएं करने और महिलाओं से दुष्कर्म के मामलों का भी उल्लेख किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..254166245b22607fbdceee3f93761f020b42e3b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्यायमूर्ति एस.एस.जाधव एवं एन.आर.बोरकर की खंडपीठ ने गुरुवार को यह फैसला सुनाते हुए इसे एक नृशंस हत्याकांड करार दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अब्दुल रऊफ के बारे में जो कहा है, हमें उसमें कोई संदेह नहीं है। उसने बिना किसी कारण के गुलशन कुमार पर गोलियां बरसाईं और उनकी हत्या कर दी। रऊफ की गुलशन कुमार से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी। इसके बावजूद उसने नदीम सैफी एवं अबू सलेम के कहने पर यह काम किया, जोकि मृतक के साथ अपनी दुश्मनी अदा करना चाहते थे। बता दें कि नदीम सैफी एवं अबू सलेम, दोनों इस मामले में भगोड़े घोषित किए गए थे। सलेम को बाद में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया। वह अभी कई अन्य मामलों में जेल में है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की सराहना भी की। कोर्ट ने कहा कि हमें घटना के उन प्रत्यक्षदर्शियों की सराहना करनी होगी, जो न सिर्फ गुलशन कुमार के ड्राइवर के साथ उन्हें घायलावस्था में अस्पताल ले जाने में साथ रहे, बल्कि अदालत में बेहिचक सच्चाई बयान करने के लिए खड़े भी रहे। बता दें कि टी-सीरीज नामक कंपनी के संस्थापक गुलशन कुमार की 24 साल पहले 12 अगस्त, 1997 को अंधेरी पश्चिम में एक मंदिर से दर्शन करके निकलते ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94e84516944fbfb44d13189820ae7465a0932601 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, संवादसूत्र। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोवि‍ंददेव गिरि ने कहा है कि राम मंदिर के लिए भूमि खरीद की पूरी प्रक्रिया सौ प्रतिशत वैधानिक है और इसमें कानून की मर्यादा का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। जो लोग इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं, वह मंदिर निर्माण के विरोधी हैं और हम राम मंदिर निर्माण के विरोध की भावना सफल नहीं होने देंगे। गुरुवार को वह तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास एवं ट्रस्ट के सदस्य तथा अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र और दो अन्य सदस्य महंत दिनेंद्रदास एवं कामेश्वर चौपाल के साथ मणिरामदास जी की छावनी में मीडिया से मुखातिब थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff51796da1547d16d7cd8ffc4b2671311b82f76a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। यूरोपियन यूनियन की तरफ से डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट नियम को लेकर भारत ने जो कड़ा रुख अपनाया था उसका सकारात्मक असर होता दिख रहा है। भारत के रुख को देखते हुए नौ यूरोपीय देशों ने भारत निर्मित वैक्सीन कोविशील्ड को वीजा देने संबंधी दिशानिर्देश में शामिल कर लिया है। इसमें से सात यूरोपियन यूनियन (ईयू) के सदस्य हैं। एक देश एस्टोनिया ने भारत बायोटेक की तरफ से निर्मित कोवैक्सीन को भी वीजा देने संबंधी नियम में शामिल किया है। जानें इसके पीछे क्‍या रही है वजहें...।यह होगा फायदा।यूरोपियन यूनियन (ईयू) देशों की ओर से इस मंजूरी को देने का मतलब यह हुआ कि कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले भारतीय या किसी दूसरे देश के नागरिकों को इन देशों में आने जाने की सहूलियत होगी। इन देशों के नाम हैं स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, आस्टि्रया, जर्मनी, सोलेवानिया, ग्रीस, आयरलैंड, स्पेन व स्टोनिया। स्विट्जरलैंड हालांकि यूरोपियन यूनियन का हिस्सा नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e31967123e83bece686f3e1298d2fb007d163c32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबके प्रयास से किया प्रबंधन-डॉ.शंखवार: कोरोना यह दूसरी लहर बेहद आक्रामक थीइ। तनी बड़ी संख्या मेंमरीज अस्पताल पहुंच रहे थे। जिसका प्रबंधन वाकई बेहद कठिन कार्य था लेकिन सबके सहयोग से केजीएमयू जो कि प्रदेश का सबसे बड़ा कोविड हॉस्पिटल है, में प्रबंधन संभव हो सका। केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसएन शंखवार बताते हैं कि अप्रैल मई में जब संक्रमण अपनी पीक पर था बेड की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा था। लिंब सेंटर कोकोपीट अस्पताल बनाया गया था लेकिन मरीजों की संख्या को देखते हुए गांधी वार्ड, सर्जरी विभाग सहित कई अन्य विभागों को भी कोविड मरीजों के लिए कर दिया गया। सबसे बड़ी जिम्मेदारी डॉक्टरों, रेजीडेंट व नर्सिंग स्टाफ पर थी। इसके लिए एक पुल बनाया गया जिसके हिसाब से टीमें बनाकर ड्यूटी लगाई गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8f4e055dde0a6f6d21b8d5ffb1205790b7b7757 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7009.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। निल बटे सन्नाटा, बरेली की बर्फ़ी और पंगा जैसी फ़िल्मों से एक सुलझी हुई फ़िल्मकार की पहचान बनाने के बाद अश्विनी अय्यर तिवारी अब उपन्यासकार भी बन गयी हैं। अश्विनी का पहला उपन्यास मैपिंग लव स्टैंड्स पर आ चुका है। यह उपन्यास अंग्रेज़ी भाषा में हैं। अश्विनी चाहती हैं कि जल्द यह हिंदी में भी आए। एक फ़िल्मकार से उपन्यासकार तक पहुंचने की कहानी जानने के लिए जागरण डॉट कॉम के डिप्टी एडिटर मनोज वशिष्ठ ने अश्विनी से बात की। पेश है- ।मैपिंग लव किस तरह का नॉवल है?।रोमांटिक नॉवल है। एक लड़के और लड़की की कहानी है। उनकी अपनी-अपनी जर्नी भी है। मां-बाप के साथ उनकी रिलेशनशिप भी है। जैसे मैप (नक्शा) होता है। प्यार में आप कभी पीछे जाते हैं, कभी आगे जाते हैं। फिर टर्न ले लेते हैं। ज़िंदगी भी उसी तरह है। किसी रिलेशनशिप में आप आगे जाते हो। फिर लगता है कि रिलेशनशिप वर्क नहीं कर रहा तो पीछे आ जाते हो। ब्रेकअप भी होते हैं, लेकिन उसे कभी भूल नहीं पाते। सब दिमाग में ही रहता है। मैपिंग लव प्यार में पड़ने और माफ़ करने की कहानी है। + +नॉवल लिखने का पहला विचार कब आया? क्या निजी जीवन से प्रेरणा मिली?।एक स्टोरीटेलर के तौर पर आपको आइडिया कहीं से भी आ जाते हैं। हर कहानी आपकी निजी ज़िंदगी से जुड़ी नहीं रहती या किसी से प्रेरणा नहीं मिलती है। लेखक काफ़ी उत्सुक होते हैं और जब दिमाग में कोई आइडिया आता है, तो लगता है कि इस पर लिखा जाना चाहिए और जब एक प्लॉट पॉइंट मिल जाता है तो आप उसे आकार देते हो। फिर कैरेक्टर्स बनाये जाते हैं। नॉवल का लेखन एक यात्रा की तरह होता है। जैसे ही प्लॉट पॉइंट आया, मैं निकल पड़ी अपनी जर्नी में और अपनी कहानी को 'मैप' किया। + +मैपिंग लव लिखने की शुरुआत कैसे हुई?।तीन साल पहले यह स्टोरी लिखनी शुरू की थी। घर और काम की ज़िम्मेदारियों की वजह से किताब पीछे छूट गयी। मैं जहां जाती हूं, अपनी एक छोटी सी डायरी लेकर जाती हूं। धीरे-धीरे लिख रही थी। काफ़ी चैप्टर्स ख़त्म कर दिये थे मैंने और फिर पैनडेमिक हो गया। पैनडेेमिक में मेरे सामने दो विकल्प थे। अफ़सोस मनाते रहें या हम सकारात्मक बनकर दूसरों के लिए दुआ करें। वो सब दिमाग में रखकर मैंने लिखना शुरू किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22a447f9ab6d618bf42620e724cb9253d6982bd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70090.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बलिया, इंटरनेट डेस्‍क। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर का जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तर प्रदेश के जिला बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। बलिया जिले में आज भी उनके आवास पर समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण के दस्‍तावेजों के साथ ही लाइब्रेरी और संग्रहालय में इतिहास के दस्‍तावेज समाजवादी युग, आपातकाल के दस्‍तावेज भी सुरक्षित रखे गए हैं। ।आज भी सियायत के शोधार्थी और देश के दिग्‍गज नेताओं का आना जाना इस भवन में आम है। अतीत के सियासी संघर्षों की पूरी जीती जागती कहानियां यहां चंद्रशेखर के पत्रों के साथ ही उनके राजनीतिक गुरु रहे जेपी नारायण के यादों के साथ दर्ज हैं। बागी बलिया इसे यूं ही नहीं कहा जाता है। यहां से देश की सियासत का बड़ा आंदोलन उपजा था और उसके बाद देश में कांग्रेस सरकार को चुनौती भी देश में यहीं से मिलनी शुरू हुई थी। ।भारत सरकार की ओर से उनकी जीवनी भी प्रकाशिक हुई है जिसके अनुसार चंद्रशेखर 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे और सियास में लंबे संघर्षों का वह गवाह भी बने। चंद्र शेखर अपने छात्र जीवन से ही राजनीति की ओर आकर्षित थे और क्रांतिकारी उत्साह के साथ फायर ब्रांड आदर्शवादी के रूप में जाने जाते थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1950-51) से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद वह समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए। उन्हें आचार्य नरेंद्र देव के साथ बहुत निकटता से भी जुड़े होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस दौरान उन्हें बलिया की जिला प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का सचिव चुना गया। एक साल के भीतर ही उन्हें उप्र राज्य प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का संयुक्त सचिव चुना गया। 1955-56 में उन्होंने उप्र के महासचिव राज्य प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का पदभार तक संभाला। + +1962 में वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। वह जनवरी 1965 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए थे। 1967 में वह कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव चुने गए। संसद सदस्य के रूप में उन्होंने दलितों के हितों का समर्थन करने और तेजी से सामाजिक परिवर्तन के लिए नीतियों की वकालत करने में गहरी रुचि लेकर अपनी छाप छोड़ी । इस संदर्भ में जब उन्होंने राज्य संरक्षण के साथ एकाधिकार वाले घरानों के आय से अधिक विकास पर हमला किया तो वह सत्ता के केंद्रों के साथ संघर्ष में आ गए । + +वह निहित रुचि के खिलाफ लड़ाई में अपनी सजा, साहस और अखंडता के लिए ' युवा तुर्क ' नेता के रूप में आया था । उन्होंने 1969 में दिल्ली से प्रकाशित एक साप्ताहिक युवा भारतीय की स्थापना और संपादन किया। इसके संपादकीय में उस समय के सबसे उद्धृत लोगों में से एक होने का गौरव प्राप्त था। आपातकाल के दौरान (जून 1975 से मार्च 1977) युवा भारतीय को बंद करना पड़ा। फरवरी 1989 में इसका नियमित प्रकाशन फिर से शुरू हुआ । वह इसके संपादकीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51f8aa752237ec6fa8782799f677739ca758505f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70092.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बच्चों ने बताई ऑनलाइन शिक्षा की बाधा ।मोबाइल बैंक के इस कांसेप्ट को अमलीजामा पहनाने की घोषणा झारखंड के देवघर के डीसी ने की है। 22 एवं 24 जून को उपायुक्त ने गूगल मीट पर सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूल के 1800 बच्चों के साथ संवाद किया था। कई बच्चों ने उनसे कहा था कि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है, इसलिए आनलाइन क्लास नहीं कर पाते। आज भी दूसरे के सहयोग से जुड़े हैं। तब उन्होंने कहा था कि जिस तरह जरूरतमंदों के लिए अनाज बैंक खोला है, उसी तर्ज पर मोबाइल बैंक खुलेगा। ।मोबाइल देकर बनें मददगार।डीसी ने बताया कि मोबाइल बैंक के लिए दो नंबर जारी किए जा रहे हैं। वैसे लोग जो अपने शौक के लिए मोबाइल बदलते रहते हैं, नया खरीदकर पुराने को घर के कोने में छोड़ देते हैं, उनसे उम्मीदें हैं। उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की कि पुराना स्मार्टफोन एवं लैपटाप मोबाइल बैंक में देकर उन बच्चों के मददगार बन सकते हैं, जो स्मार्टफोन के बिना आनलाइन पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। मोबाइल बैंक के लिए जारी नंबर पर फोन कर अपना मोबाइल जमा कर सकते हैं और जरूरतमंद इसे प्राप्त कर सकते हैं। संपर्क के दो नंबर 7488485501 एवं 8210503650 होंगे। सुरक्षा के ख्याल से मोबाइल का पूरा डिटेल पुलिस को भी दिया जाएगा। इसका रिकार्ड प्रशासन के पास रहेगा। + +स्मार्टफोन नहीं होने से आनलाइन क्लास से वंचित बच्चों को मोबाइल बैंक से पुराना स्मार्ट फोन देेंगे। एक सप्ताह पहले देवघर के 1800 स्कूली बच्चों से गूगल मीट पर सीधा संवाद किया था कि उनको लाकडाउन में किस तरह पढ़ाई करनी चाहिए। कुछ बच्चों ने बताया था कि उनके पास मोबाइल नहीं है। तब बच्चों को आश्वासन दिया था कि स्मार्टफोन देंगे। हम अपील करते हैं कि आम जन पुराना स्मार्टफोन एवं लैपटाप जमा करें, ताकि किसी की जरूरत पूरी हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67261cd99e83abc3bc8a44454e158ddcc6dabe68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70093.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, प्रदीप चौरस‍िया। रेलवे ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए रेल कर्मियों के मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर 31 जुलाई तक रोक लगा दी है। इसके अलावा ट्रेनिंग स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। रेलवे कर्मचारी अब बिना मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स के ही ट्रेनों का संचालन करेंगे। ।रेल प्रशासन ने सुरक्षित ट्रेनों के संचालन के लिए नियम बनाए हुए हैं। दुर्घटना रोकने के लिए ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को प्रत्येक दो साल में चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। इसमें देखने व सुनने की शक्ति की विशेष रुप से जांच की जाती है। इसके अलावा अन्य परीक्षण भी किया जाता है। इसी तरह से एक साल पर रेल कर्मियों को ट्रेन संचालन के नियम की फ‍िर से जानकारी के लिए रिफ्रेशमेंट कोर्स कराया जाता है। जिससे कर्मचारी नियम के अनुसार ट्रेनों का संचालन कर सकें। रेलवे के नियम के अनुसार समय पूरा होते ही रेलवे कर्मियों को ट्रेन संचालन के कार्य से हटा दिया जाता है, कर्मियों का मेडिकल परीक्षण कराने व रिफ्रेशमेंट कोर्स कराने के बाद ट्रेन संचालन का कार्य कराया जाता है। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर जुलाई के मध्य से शुरू हो सकती है। रेलवे बोर्ड ने इसी संभावना को देखते हुए मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर रोक लगा दी है। 28 जुलाई को रेलवे बोर्ड के निदेशक विद्युत (चल स्टॉक) किशोर वैभव और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक (कर्मिक) रामकुमार शर्मा ने पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के कारण 31 जुलाई तक मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स पर रोक लगा दी गई है। इसके बिना भी कर्मियों से काम कराने का आदेश दिया है। इसी के साथ ट्रेनिंग स्कूल बंद कर दिया गया है। मेडिकल परीक्षण व रिफ्रेशमेंट कोर्स प्रमुख रूप से चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर, गेटमैन को द‍िया जाता है, इसके अलावा अन्य कर्मियों का मेडिकल परीक्षण किया जाता है। ।यह भी पढ़ें :-।तुम्हारी मां की तरह तुमको भी मारकर दफना दूंगा, नशे में नौकर ने बच्‍चों से कहा तो खुल गया मह‍िला की हत्‍या का राज।ड्राइविंग स्कूल में कराएं दाखिला, सरकारी नौकरी में मिलेगी वरीयता, लाइसेंस के ल‍िए नहीं देना होगा टेस्‍ट।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70095.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e230805648c16d9a7d13337a8222f2a509493ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70095.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जिला सिरमौर में इन दिनों लहसुन का दाम 70 से लेकर 100 रुपये प्रतिकिलो तक चल रहा है। जबकि बीते वर्ष किसानों को 50 से लेकर 170 रुपये प्रति किलो लहसुन के दाम प्राप्त हुए थे। किसानों ने लहसुन को स्टॉक कर लिया है, किसान अभी देश की मंडियों में लहसुन के दाम के उतार चढ़ाव को देख रहे हैं। जब लहसुन का दाम 100 रुपये से ऊपर जाएगा, तो किसान फसल को देश की मंडियों में भेज देंगे। + +भूपेंद्र ठाकुर ने बताया नगदी फसलों लहसुन, टमाटर व शिमला मिर्च में कीड़े मकोड़े कई बार फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके लिए समय समय पर कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव करना पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों से लहसुन का बीज भी महंगा मिल रहा है तथा कीटनाशक दवाइयां भी महंगाी हो गई हैं।  किसान दिन रात मेहनत कर फसल तैयार कर रहे हैं, मगर जब फसल के दाम कम होते हैं, तो किसानों को अपनी लागत भी पूरी नहीं मिलती है। वहीं कुछ समय तक फसल को स्टॉक रखकर बचाए रखना भी बड़ी चुनौती है, क्योंकि लहसुन के लिए हवादार बड़े हॉल की आवश्यकता होती है, ताकि लहसुन खराब न हो जाए। + +इसे एक सीमित अवधि तक सुखाने के बाद इसकी ग्रेडिंग कर इसे मंडियों में भेजने के लिए कट्टों में पैक कर दिया जाता है। लहसुन की 4 वैरायटी साइज के अनुसार तैयार की जाती हैं। जिला से लहसुन तमिलनाडु व कर्नाटक भेजा जाता है। जिला सिरमौर के लहसुन की सबसे अधिक मांग चेन्नई में रहती है। यहां से लहसुन बाहरी देशों में भी सप्लाई किया जाता है, जबकि टमाटर, शिमला मिर्च व फ्रांसबीन को दिल्ली, गाजियाबाद व देहरादून मंडियों में भेजा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7efe34e96d91400d6934b8bd635e767d1b73d472 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गैर जाट चेहरा भजनलाल होते थे तो समय काल और परिस्थिति के अनुसार जाट चेहरा देवीलाल, बंसीलाल, ओमप्रकाश चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा रहे। इनमें देवीलाल और उनके पुत्र ओमप्रकाश चौटाला गैरकांग्रेसी चेहरा रहे तो बंसीलाल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस का। इस समय जाट राजनीति तीन चेहरों, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र अभय चौटाला और पौत्र दुष्यंत चौटाला के इर्दगिर्द घूम रही है। लेकिन गैर जाट राजनीति के चेहरे की बात करें तो फिलवक्त केवल और केवल मनोहर लाल हैं। इसलिए भाजपा मानती है कि जितने अधिक कद्दावर जाट नेता एक दूसरे के विरुद्ध मैदान में होंगे, उतना ही उसका फायदे में रहना स्वाभाविक है। इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5647c9fe77c1626705c7feed31a0f677dc45999 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [हसीन शाह]। उत्तर प्रदेश के मोदीनगर के पतला गांव निवासी रजनीश कुमार इंजीनियर बन चुके थे। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे देशों में नौकरी की। इंग्लैंड में 30 लाख के पैकेज पर अच्छी नौकरी थी, लेकिन एक भारतीय के मन में अपने देश का मोह और गांव की छांव की हूक रहती ही है। रजनीश के साथ भी वही हुआ और वह अपने गांव लौट आए। गांव में रहकर ही मछली पालन की शुरुआत की, जिसके विषय में कुछ नहीं जानते थे। आज उनका अच्छा व्यवसाय है और मछली पालन के बारे में औरों को भी निःशुल्क प्रशिक्षित कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..138ca611bc62ff56d1b08ab758718f3d18833909 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमाचल के इतिहास में मुख्यमंत्रियों को कतिपय लोग ऐसे और इतने पसंद आए कि उन्होंने सेवाकाल तो पूरा मुख्यमंत्री के साथ ही काटा, वर्षो का सेवाविस्तार पाकर भी उन्हीं के साथ रहे। यह पुलिस की नई पौध में भरोसेमंद लोगों का संकट था या इनके भरोसे की दीवार इतनी मजबूत थी कि कोई फांद नहीं पाया। एक सुयोग्य सुरक्षा अधिकारी जानता है कि किस व्यक्ति को देखकर साहब प्रसन्न होंगे या अप्रसन्न होंगे। वह यह भी जानता है कि किसको कब, कैसे और कहां मिलवाना है। उसे यह भी पता है कि वह बेशक वीवीआइपी का सुरक्षा अधिकारी है, लेकिन जिले का एसपी उसका वरिष्ठ अधिकारी है। वह यह भी जानता है कि वीवीआइपी की किसी मुखमुद्रा का क्या संदेश है। आइएएस, आइपीएस हों या मुख्यमंत्री के सुरक्षा दस्ते से जुड़े लोग, उनका वास्तविक प्रशिक्षण तो इन साहबों के साथ या धरातल पर होता है, अकादमियों में केवल अकादमिक प्रशिक्षण ही मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ddbb26a81201f8d44178eb057fa468fa683d873 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र। मध्य प्रदेश में इन दिनों स्कूलों में फीस वसूली को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। स्कूलों के प्रबंधक चाहते हैं कि कोरोना काल के पूर्व की तरह ही छात्र-अभिभावक फीस देते रहें, जबकि अभिभावक सवाल कर रहे हैं कि जब एक साल से स्कूल खुले ही नहीं तो फीस किस बात के लिए दी जाए। इस बीच स्कूलों ने नए सत्र के नाम पर बीस से चालीस फीसद तक फीस बढ़ा दी है। सरकार का स्कूल शिक्षा विभाग इस विवाद में कोई स्पष्ट राय नहीं बना पा रहा है। कभी वह स्कूल प्रबंधकों की तरफ लुढ़कता दिखता है तो कभी अभिभावकों वाली बात कह देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73030235c2a40c973fd91ce13190b97de6c2451b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। डा. बिधान चंद्र राय के जन्म एवं निर्वाण दिवस, (1 जुलाई) को भारतीय चिकित्सक ‘चिकित्सक दिवस’ के रूप में मनाते हैं। प्रख्यात चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी, सफल राजनीतिज्ञ, समाजसेवी व पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री (1948 से 1962) रहे भारत रत्न डा. बिधान चंद्र राय मुख्यमंत्री रहते हुए भी प्रतिदिन रोगियों को निश्शुल्क देखते थे। इस सेवाभाव के कारण ही यह दिन उन्हें समर्पित किया गया। बीते कई महीनों से हम चिकित्सकों का ऐसा ही सेवाभाव तथा समर्पण देखते आ रहे हैं। ऐसे में उनके लिए यह समाज द्वारा शुक्रिया कहने का भी दिन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..267e8e3d29088e40b28f254a68cd1ce786bf1428 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70111.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +डॉ. संजय वर्मा। मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों हुआ इलाज-यह एक चर्चित कहावत है। इधर कोरोना वायरस से पैदा महामारी कोविड-19 के संदर्भ में कुछ ज्यादा ही सटीक बैठ रही है। पूरी दुनिया में एक ओर इसके टीकाकरण के अभियान रफ्तार पकड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ कोरोना के नए से नए स्वरूप (वैरिएंट्स) आम लोगों, विज्ञानियों, चिकित्सकों और सरकारों तक को चिंता में डाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि इलाज और टीकाकरण के प्रयासों के बीच कोरोना वायरस अपना रूप बदल रहा है। वायरसों के संदर्भ में इसे म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) कहते हैं। खतरा सिर्फ नए वैरिएंट सामने आने का नहीं है, बल्कि यह है कि अपने भाई-बंदों के मुकाबले ये नए रूप ज्यादा खतरनाक साबित न हों। इसलिए आशंकाओं का दौर जोरों पर है। तीसरी लहर का संकट आसन्न माना जा रहा है। हमारे ही देश में कहा जा रहा है कि कोरोना का नया रूप ‘डेल्टा प्लस’ तीसरी लहर का कारण बन सकता है। + +दावों के मुताबिक भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट (म्यूटेशन से पैदा हुआ नए किस्म का कोरोना वायरस) था। अब आठ से दस राज्यों में अपनी पहुंच बना चुका इसका नया संस्करण डेल्टा प्लस नई चिंताओं के केंद्र में है। कोई नहीं जानता कि ग्रीक वर्णमाला के आधार पर किए जा रहे कोरोना वायरस के नए रूपों के नामकरणों की यह सूची अभी कहां तक जाएगी। फिलहाल बात डेल्टा और लेम्डा तक पहुंच चुकी है। डेढ़ साल पहले दुनिया में जब कोरोना वायरस का प्रसार शुरू हुआ था तो उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी कोरोना के नए और खतरनाक वैरिएंट सामने आएंगे, पर इस संक्रमण की रफ्तार, संहारक क्षमता और रूप बदलने की प्रवृत्ति ने दुनिया और मेडिकल साइंस की अब तक तरक्की को सकते में डाल दिया है। + +संक्रमणों के पिछले तीन दशकों के इतिहास पर नजर डालें तो पता चल रहा है कि दुनिया में एक वायरस का खौफ थमता है और दूसरा कोई अन्य संक्रामक रोग कई गुना ज्यादा ताकत के साथ आ धमकता है। इस तरह दो सवाल पैदा होते हैं। एक, नए वायरस क्यों पैदा हो रहे हैं और क्या हमारे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के पास नए संक्रमणों को रोकने का कोई तरीका है? दो, वायरसों का म्यूटेशन क्यों होता है और उसे कैसे रोका जाए? करीब सौ साल पहले दुनिया में पेनिसिलिन के आविष्कार के साथ यह माना जाने लगा था कि मानव सभ्यता को अब संक्रामक रोगों से निजात पाने में कोई मुश्किल नहीं होगी, बल्कि यह राय बनी कि रोगाणुओं (विषाणुओं-जीवाणुओं) को अब अपनी मांद में चले जाना होगा, क्योंकि इंसान को इलाज की एक ऐसी मुकम्मल विधि मिल गई है, जिसमें रोग पनप ही नहीं सकते। स्कॉटिश चिकित्सक और माइक्रोबायोलॉजिस्ट अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने 1928 में पेनिसिलिन का आविष्कार करके संक्रामक रोगों से लड़ने और उन पर काबू पाने का जो रास्ता सुझाया था, वह चेचक, पोलियो, फ्लू सरीखे कई संक्रामक रोगों के टीके और दवाएं विकसित करने का जरिया बना। इस उपलब्धि के बावजूद समय के साथ साबित हुआ है कि मनुष्य ने संक्रमणों के खिलाफ जितने हथियार बनाए, वायरसों के नए रूपों ने सारे उपायों को बौना साबित कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b10878c30c4fa24893a24cf58256cd2ae14da4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ICC World Test Championship के 2021 के सत्र का समापन भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए फाइनल मुकाबले के साथ समाप्त हो गया है। अब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अगले सत्र की शुरुआत भारत और इंग्लैंड के बीच अगस्त से शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ होगी। इससे पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के 2021-23 सत्र का शेड्यूल सामने आ गया है, जिसके जरिए आप जान सकते हैं कि कौन सी टीम कितने मुकाबले खेलेगी और कौन सी टीम कितने मैचों की सीरीज में किस टीम से भिड़ने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ce324e5eeab58d56d56822b3b6da8cd81d2173e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +900 हेक्टेयर भूमि में हुई है आलू की बिजाई।इस बार लाहुल में आलू की बिजाई कम हुई है। कृषि विभाग के मुताबिक लाहुल-स्पीति जिले में 958 हेक्टेयर भूमि में आलू की खेती होती थी। इस बार करीब 900 हेक्टेयर भूमि में आलू की बिजाई हुई है। यहां आलू की कांट्रेक्ट फार्मिंग होती है। चिप्स बनाने वाली देश की नामी कंपनियां यहां के किसानों को आलू बीज उपलब्ध करवाती है। फसल तैयार होने पर कंपनियां आलू की खरीदारी भी करती हैं। शीत मरुस्थल में साल में एक फसल ही होती है। एक बीघा भूमि में आलू, गोभी, ब्रोकली, आइसबर्ग की खेती से आमतौर पर किसानों को सालाना अधिकतम एक लाख रुपये तक आय होती है। बीज, खाद व मजदूरों का खर्च निकाल किसानों की जेब में कुल 60,000 से 70,000 रुपये ही आतें हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a54668ec8b4b113ba45ab5969c669a478359cad0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नाना साहब व अंग्रेजों का हुआ था युद्ध।16 और 17 जुलाई को महाराजपुर के पास अंग्रेजों व नाना साहब की सेना के बीच युद्ध हुआ। 17 जुलाई को अंग्रेजों का कानपुर पर दोबारा कब्जा हो गया। क्रांतिकारियों ने अपना अभियान जारी रखा और 28 नवंबर 1857 को उन्होंने दोबारा कानपुर पर कब्जा कर लिया, लेकिन एक सप्ताह में ही अंग्रेजों के हाथों मात खानी पड़ी। 1857 की इसी क्रांति की याद में पर्यटन विभाग ने बिठूर में नाना साहब के महल क 2003-04 मे जीर्णोद्वार कराया है, जिससे पर्यटक आकर क्रांतिकारियों के बलिदान को याद कर सकें। यहां 1857 के सभी क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं लगी हैं। नाना साहब की बड़ी प्रतिमा के अलावा रानी लक्ष्मीबाई, अजीमुल्ला खान, तात्याटोपे की प्रतिमाएं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddcb41bb5703fab889cfbb9d0dbd51274e440f21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें, राज कुद्रा को अश्लील फ़िल्म बनाने और ऐप के ज़रिए उनका कारोबार करने के आरोप में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 19 जुलाई को गिरफ़्तार किया था। 20 जुलाई को पुलिस ने उन्हें मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था, जहां से 23 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। 23 जुलाई को अदालत ने राज और रायन की पुलिस कस्टडी बढ़ाकर 27 जुलाई तक कर दी। 27 जुलाई को दोनों आरोपियों को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। राज और रायन फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ।राज ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में ज़मानत के लिए अर्ज़ी डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज़ कर दिया था। इस बीच राज ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी गिरफ़्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। शनिवार को राज कुंद्रा के वकील ने अपना पक्ष रखा था और सोमवार को सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77ca4af82040b89603f827ad38acf88376328102 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। मानसून में हो रही देरी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर धान उत्पादक किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। नर्सरी तैयार होने के बाद कुछ किसानों ने रोपाई शुरू कर दी है। इसके लिए भरपूर पानी चाहिए। मगर इतना मिल नहीं पा रहा। बिजली आपूर्ति गड़बड़ाने से नलकूप नहीं चल पाते। नहर, रजवाहे भी सूख पड़े हैं। बिजली भी कभी सुबह तो कभी रात में आती है, तभी किसान खेतों में पानी भर लेते हैं। पानी के अभाव में धान की नर्सरी भी सूख रही हैं। मौसम विशेषज्ञ अगले दो-तीन दिन में तेज बारिश की बात कह रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65aae26a1b2123ca97e747194faa9cc26d200a5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा बने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, national spokesperson of Bharatiya Kisan Union) अपने बेबाक बयानों के साथ विवादित टिप्पणियों के लिए भी चर्चा में रहते हैं। विरोधी कुछ भी कहें लेकिन राकेश टिकैत का हर कथन और हर कृत्य मीडिया की सुर्खियों में रहता है। खासकर उनके बयान इंटरनेट मीडिया में हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। वह बोलते भी है ठेठ देशी अंदाज में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27819d57a432fb89ca536f9350d7112031e31559 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70124.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छात्रों के साथ अभिभावक भी असमंजस में। दिल्ली के लाखों छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक भी स्कूलों को खोलने या फिर बंद रखने को लेकर भ्रम की स्थिति में है। कुछ अभिभावक हैं, जो स्कूलों को खोलने के पक्ष में है, जबकि ज्यादातर अभिभावक मानते हैं कि जान है तो जहान है। उनका मानना है कि अगर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद हो सकती है तो स्कूलों खोलने का कोई औचित्य नहीं है। + +दिल्ली सरकार ने एलान किया है कि राजधानी में कोरोना के खतरे और प्रभाव के मद्देनजर स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे, लेकिन अनलॉइन पढ़ाई जारी रखी रहेगी।दिल्ली सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को जोड़ने की पहल है। दिल्ली सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण गतिविधियों के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद रहेंगे और ऑनलाइन माध्यम से छात्र अपने शिक्षक से जुड़े रहेंगे। ऑनलाइन माध्यम से ही बच्चों की पढ़ाई हो रही है। इससे उन्हें कई तरह की परेशानी भी हो रही है। इसको लेकर भी दिल्ली सरकार तैयारी में जुटी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c5723f245ce354f4128c11513c6f07e45e72e67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गरीब परिवारों की बेटियां हो रहीं गायब। गायब होने वाली चार नाबालिग लड़कियों और दो युवतियों में सभी का ताल्लुक गरीब परिवाराें से है। मेहनत-मजदूरी करने वाले परिवारों की बेटियों को निशाना बनाया जा रहा है। जिस 13 साल की बिटिया को अगवा कर पंजाब के अमृतसर में बंधक बनाकर रखा गया था, वह भी बागपत के गरीब परिवार की है। परिवार के लोग अब भी सकते में हैं और युवती सहमी हुई है। वहीं, आरोपित साहिल उर्फ कर्ण को पकड़ने पंजाब गई कुंडली थाने की पुलिस पांच दिन बाद खाली हाथ लौट आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8dd01f43871dbac90b60d24663ea75a8376d369 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70126.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +थ्यानमेन चौक पर चीन की नजर । तैयारियों के सिलसिले में कई इलाकों में आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। खासकर थ्यानमेन चौक के इलाके में आवाजाही पर पूरी तरह से रोक है। बता दें कि कुछ वर्षों पूर्व इस चौक पर लोकतंत्र समर्थकों ने व्‍यवस्‍था में बदलाव के लिए आंदोलन किया था। तब से यह चौक देश-विदेश के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बुधवार को इस चौक की ओर जाने वाले रास्तों को रोक दिया गया। यह रुकावट दो जुलाई तक बनी रहेगी।  गौरतलब है कि इसी चौक के नजदीक चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ त्से तुंग की समाधि है। इस चौक पर आयोजित होने वाले समारोह के लिए पीले रंग की कुर्सियों की कतारें लगाई जा रही हैं और बड़ी-बड़ी मशीनों से इंतजाम किए जा रहे हैं। थ्यानमेन चौक की तरह पूर्व शासकों के महलों और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले रास्ते भी रोक दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fdd7ba6904c0856800e023a3942dc6390ee505d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70127.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हर देश नियम बनाने के लिए स्‍वतंत्र।हालांकि यूनियन ने कल यह सफाई दी थी कि उसके ग्रीन पास संबंधी नियम में किसी वैक्सीन का नाम शामिल नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि कोई दूसरी वैक्सीन लेने वालों को वहां एंट्री की इजाजत नहीं होगी। ग्रीन पास के यूरोपियन यूनियन के भीतर सदस्य देशों के बीच आने जाने में सहूलियत करने के लिए यह रास्ता निकाला गया है। हर देश अलग से जिन लोगों को इंट्री देनी है या नहीं देनी है, इसका नियम बनाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन इसके बावजूद भारत निर्मित वैक्सीन लेने वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। + +पहली जुलाई से लागू होगा यह फ्रेमवर्क।डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट फ्रेमवर्क पहली जुलाई से लागू होने वाला है। इस फ्रेमवर्क में फाइजर, माडर्ना, एस्ट्राजेनेका जैसी वैक्सीन को शामिल किया गया है। इन सभी वैक्सीन को यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी (ईएमए) से स्वीकृति दी गई है। ये वैक्सीन लेने वालों को ईयू के भीतर आने-जाने की छूट होगी। भारत निर्मित वैक्सीन को ईएमए से मंजूरी नहीं मिली है। ईयू ने कहा था कि 28 जून, 2021 तक कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने उसके पास आवेदन ही नहीं किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0c4a35c180d8eb7b040a1e1cd8c3a46a075358d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन वैज्ञानिकों ने किया अध्‍ययन ।आइआइटी खड़गपुर के वास्तुशिल्प एवं क्षेत्रीय नियोजन और महासागर आभियांत्रिकी एवं नौवहन वास्तुशिल्प की संयुक्त टीम ने इस अध्ययन को मूर्त रूप दिया है। इस अध्ययन के लिए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत संचालित जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम (सीसीपी) ने भी सहयोग किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..396eb8f8d1978c1ad764b39a5e21db648a6cb144 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70129.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली [जागरण न्‍यूज नेटवर्क]। देश में टीकाकरण अभियान में तेजी आई है। साथ ही टीकाकरण के सापेक्ष में वैक्सीन की आपूर्ति न हो पाने से कई राज्यों में अभियान प्रभावित हुआ है। कई केंद्रों पर वैक्सीन खत्म होने के चलते लोगों को लौटना पड़ा। मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में यही स्थिति है। बंगाल सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए दावा किया कि बंगाल को छोटे राज्यों से भी कम वैक्सीन दी गई है। उनका आरोप है कि वैक्सीन की कमी के चलते राज्य में टीकाकरण अभियान प्रभावित हो रहा है। + +झारखंड में बंद रहे ज्यादातर केंद्र।झारखंड में वैक्सीन का स्टाक खत्म होने से कोरोना टीकाकरण पूरी तरह प्रभावित हुआ है। बुधवार को जिलों में बची-खुची ही वैक्सीन लग सकी। अधिसंख्य टीका केंद्र बंद रहे। को-विन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, शाम तक लगभग 15 हजार को ही टीका लग पाया था। वैक्सीन उपलब्ध होने पर यहां प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण हो रहा था। राज्य में वैक्सीन की अगली खेप कोविशील्ड के रूप में दो जुलाई को रांची पहुंचेगी। ऐसे में तीन जुलाई से टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से हो सकेगा। + +छत्तीसगढ़ में सिर्फ 900 कोविशील्ड मौजूद।छत्तीसगढ़ के राज्य टीकाकारण अधिकारी डा. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि जिलों में टीका वितरण करने के बाद राज्य के वैक्सीन भंडार गृह में सिर्फ 900 कोविशील्ड मौजूद है। हालांकि सभी जिलों को मिलाकर करीब दो लाख टीका उपलब्ध है। हालांकि कई केन्द्रों में टीका उपलब्ध ना होने से लोगों को लौटना पड़ रहा है। चार जुलाई तक करीब डेढ़ लाख वैक्सीन भेजने की जानकारी मिली है। वहीं महीने में 15 लाख टीका मिलने की बात है। + +राजस्थान में दो फीसद केंद्रों पर ही टीकाकरण।राजस्थान में कोरोना वैक्सीन की जरूरत के मुताबिक केंद्र सरकार से आपूíत नहीं होने के कारण बुधवार को कई वैक्सीनेशन सेंटर बुधवार को बंद रहे। करीब दो फीसद केंद्रों पर ही टीकाकरण हो सका। अशोक गहलोत सरकार का आरोप है कि राज्य में करीब 75 लाख लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है,जबकि केंद्र सरकार ने 65 लाख ही देना तय किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70133.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66e5d3d6449e420dd6db976cf2a8981c234c489c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70133.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: भारतीय किसान युनियन के नेता राकेश टिकैत बुधवार को एक बार फिर आक्रामक मुद्रा में नजर आए। इस बार उन्होंने पुलिस और बीजेपी दोनों को निशाने पर लिया, बोले अगर समझ नहीं आएगा तो जल्द इलाज बांध दिया जाएगा। टिकैत बोले पुलिस को अपना काम करना चाहिए मगर किसी का एजेंट नहीं बनना चाहिए। देखने में आ रहा है कि पुलिस बीजेपी की एजेंट बनकर काम कर रही है। यदि वो एजेंट बनकर काम करेगी तो उनका भी इलाज बांध दिया जाएगा। + +राकेश टिकैत ने कहा कि बीते तीन दिनों से बीजेपी के कार्यकर्ता यहां आ रहे हैं वो यहां पर क्या लेने के लिए आ रहे थे। वो यहां पर अपना झंडा लगाएंगे। बीजेपी के लोग धरना स्थल पर क्या लेने के लिए आते हैं। जिनको जाना है सड़क से जाएं हम नहीं रोक रहें। 300 आदमी को खड़े करके यहां नहीं आ सकते हैं। गुंडागर्दी की जा रही है। ऐसा नहीं चलेगा। किसान आंदोलन स्थल के पास कैसे झंडे लगाएंगे, आंदोलन पर कब्जा करेंगे। जब बीजेपी के वर्कर तीन दिनों से यहां आ रहे थे तो पुलिस क्या कर रही थी। पुलिस अपनी गुंडई छोड़ दें, किसी की वर्कर न बनें। क्या लेने आते हैं यहां पर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e382995216bec78c8dac00b84fd66c53dd0773a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70135.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। प्रकृति अपने आपमें अद्भुत है। इसे जितना जानने की कोशिश करेंगे उतनी जिज्ञासा बढ़ती जाएगी। प्रकृती की रचनाएं एक से बढ़कर एक हैं। अगर पक्षियों की बात करें तो इनके रंग तो आकर्षित करते ही हैं इनकी शारीरिक बनावटें भी अद्भुत होती हैं। यूरेशियन स्पून-बिल का रंग तो धवल सफेद होता है लेकिन इसकी चोंच चम्मच का आकार लिए होती है इसीलिए इसे स्पून-बिल कहते हैं। विश्व भर में इसकी अलग अलग प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत के दक्षिण में भी यह प्रजाति दिखती है। उत्तर भारत में मानसून के दौरान इसका आगमन होता है। आगरा के कीठम झील व मथुरा के जोधपुर झाल पर इसका आगमन होता है और यह सर्दियों तक यहां प्रजनक निवास पर रहता है। + +स्पून ( चम्मच) के आकार की चोंच के कारण कहते हैं स्पून बिल।यूरेशियन स्पूनबिल का वैज्ञानिक नाम प्लेटालिया ल्यूकोरोडिया है। इसे काॅमन स्पूनबिल भी कहते हैं। इसे आईबिस और स्पूनबिल के परिवार थ्रेस्कीओर्निथिडे में वर्गीकृत किया गया है। स्पून-बिल सफेद रंग का होता है और चोंच चम्मच के आकार की होती है। ब्रीडिंग प्लमेज के दौरान वयस्कों में नुकीले और झुके हुए पंखों की एक शिखा सिर पर विकसित हो जाती है और गर्दन और ब्रेस्ट के बीच व चोंच की नोक पर पीले रंग के धब्बे हो जाते हैं। झीलें, तालाब, नदी के डेल्टा, नहरें, दलदली झाड़ियों के साथ दलदल इसके प्राकृतिक हेविटाट हैं। लेकिन यह ताजा स्वच्छ व नमकीन पानी को अधिक पसंद करते हैं। स्पून-विल के भोजन में मेंढक, क्रस्टेशियंस , टैडपोल, छोटी मछली, जलीय कीड़े, शैवाल, झींगा व अकशेरूकीय जीवों के साथ कुछ जलीय वनस्पतियां भी शामिल हैं। यह जिग-जैग पद चालन करते हुए भोजन करते हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत यह भोजन को ढूंढकर अपनी चम्मच जैसी चोंच में पकड़े हुए जिग-जैग गति करते हुए चलते हैं जिससे इनका भोजन मेंढक, मछली पानी से धुल कर साफ हो जाता है । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b0c943f131bb4b88deb76b1fe086146cbb262be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रीगणेश का सर्वार्थ सिद्धि योग : वार-नक्षत्र का योग यह संयोग बनाता है। यथा सोमवार को श्रवण, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य व अनुराधा में से कोई एक मिले तो सर्वार्थ सिद्धि योग होगा। इसी तरह हर दिन कुछ निश्चित नक्षत्र के मेल से इसका योग बनता है। इसमें ठेका-पट्टा, व्यापार-नौकरी, भू-भवन, आभूषण क्रय-विक्रय किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9848f5a80506316384f08595d2d655ca92bae6fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। दुनिया को विनाश से बचाता लाल नीले चुस्त कपड़े पहने हवा में उडऩे वाला नायक 'सुपरमैन' 30 जून 1938 को पहली बार कॉमिक्स के पन्नों पर उतरा। देखते ही देखते यह बच्चों का हीरो बन गया। उस समय हर बच्चा मुसीबत के समय सुपरमैन बनने की कल्पना करता। युवाओं में भी इसका अलग ही आकर्षण होता। इस कॉमिक किरदार की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि यह तब सिल्वर स्क्रीन का भी जगमगाता सितारा बन गया। सुपरमैन का विचार अमेरिका के लेखक जेरी सीगल और आर्टिस्ट जो शुस्टर क्लीवलैंड का था। बाद में सीगल और शुस्टर ने सुपरमैन के कॉपीराइट्स डिटेक्टिव कॉमिक्स को बेच दिए, जो बाद में डीसी कॉमिक्स के नाम से प्रसिद्ध हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db7b48fed9e2067bbd79e160c2a35546d6f16009 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70139.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, मुस्लेमीन। कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अल्पसंख्यकों में फैले भ्रम और भ्रांति को दूर करने के लिए जमीयत उलमा ए हिंद ने रामपुर में मुहिम शुरू की है। जमीयत से जुड़े उलमा खुद वैक्सीन लगवाने के साथ ही दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। मस्जिदों के इमाम भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। मुस्लिम बस्तियों में कैंप लगने पर मस्जिदों से टीका लगवाने के लिए एलान किया जा रहा है। ।कोरोना के टीके को लेकर फैली अफवाहें व आशंकाएं दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने जान है तो जहान है अभियान चलाया है। इस अभियान की शुरुआत सप्ताहभर पहले ही केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रामपुर से की। रामपुर के मुसलमानों पर अब इस अभियान का असर नजर आने लगा है। उलमा भी कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9240c68f3fded3b45044a8ca654818ec4a18b87f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये भी पढ़ेंः आखिर किसान आंदोलन स्थल के पास से गायब क्यों हो रही लड़कियां? पंजाब से जुड़ रहा लिंक।Kisan Andolan: किसान नेता ने संयुक्त किसान मोर्चा से पूछा जिद से क्या मिलेगा?, प्रदर्शनकारियों की आ रही शिकायतें।Delhi Metro Grey Line: जुलाई में मिलेगा मेट्रो के यात्रियों को तोहफा, ढांसा बस स्टैंड तक कर सकेंगे सफर ।ये भी पढ़ेंः जानिए राकेश टिकैत तल्ख अंदाज में क्यों बोले पुलिस गुंडई छोड़ दे और किसी की वर्कर बनाकर काम न करें? ।विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में हुई हिंसा को लेकर फैक्ट फाइडिंग कमेटी की रिपोर्ट में हैरान कर देने वाले तथ्य उजागर, आप भी जानिए।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1db291621bc1131c8fbafd2666b679721dd71d39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मुरादाबाद रेल मंडल में मंगलवार से 99 फीसद रेल मार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी और ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। पहली बार बालामऊ-सीतापुर-उन्नाव रेल मार्ग पर भी इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी को चलाया गया। सितंबर तक चन्दौसी-अलीगढ़ के बीच भी इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा। इसके बाद कानपुर या पूर्वोत्तर राज्यों में जाने वाली मालगाड़ी को लखनऊ होकर नहीं चलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a59c45e8ce648f9b2da2cdf10bd48e9114b5b48b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अभियुक्त।1- विकास दुबे।2- राजाराम उर्फ प्रेमकुमार उर्फ प्रेमप्रकाश।3- अमर दुबे।4- प्रभात मिश्रा।5- प्रवीन शुक्ल उर्फ बउवन।6-अतुल दुबे।जेल भेजे गए आरोपित : बिकरू निवासी श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला उर्फ अखिलेश, शाशिकान्त पंडित उर्फ सोनू, रामू बाजपेयी, दयाशंकर अग्निहोत्री, गोपाल सैनी, उमाकांत उर्फ गुड्डन, बाल गोविंद, शिवम दुबे, धर्मेंद्र उर्फ हीरू, संजय की पत्नी क्षमा, अमर दुबे की पत्नी, दयाशंकर की पत्नी रेखा, संजय दुबे, उर्फ संजू, सुरेश वर्मा, धीरज उर्फ धीरू, शांति देवी, रमेश चंद्र, मनीष उर्फ वीर, शिवम उर्फ दलाल, नन्हे यादव, बबलू, राजेंद्र मिश्रा, विपुल दुबे, उमाशंकर। कांशीराम निवादा निवासी जहान यादव, सुज्जा निवादा निवासी राम सिंह, विष्णु पाल, वसेन निवासी शिव तिवारी, कंजती निवासी विमल प्रकाश, कढ़वा निवासी सुशील कुमार तिवारी, थाना शिवली के ग्राम कुखवा निवासी गुड्डन उर्फ अरविंद त्रिवेदी, नजीराबाद निवासी जयकांत वाजपेयी, आर्यनगर निवासी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्ब्लू, हापुड़़ निवासी कृष्ण कुमार शर्मा, मैथा निवासी राहुल पाल, कौशांबी के महेबा घाट निवासी विनय तिवारी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70149.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3bf8ec10295d61bb4a88655ca02991820c453cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [निशांत यादव]। जम्मू एयरपोर्ट पर हुए ड्रोन हमले जैसी नापाक साजिश से निपटने के लिए वायुसेना ने मोर्चा संभाला है। वायुसेना ने चीन से सटी उत्तराखंड की सीमा तक आसमान में नजर रखने वाले बीकेटी वायुसेना स्टेशन सहित मध्य वायुकमान के सभी वायुसेना स्टेशनों को अलर्ट किया है। मध्य वायुकमान के सभी वायुसेना स्टेशनों की सुरक्षा मेमौरा वायुसेना स्टेशन में लगे इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (आइएसीसीएस) और इसके राडार से होगी, जो हवा में ही दुश्मनों के ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcf6a498742cc71f277814ff4bf8efe90a11ede0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70150.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +30 जून 1969 को मतारा में जन्मे सनथ जयसूर्या ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत गेंदबाज के तौर पर की थी, लेकिन उनकी रूचि बल्लेबाजी में भी काफी ज्यादा थी। यही वजह थी कि उन्होंने टॉप ऑर्डर में खेलना शुरू कर दिया। हालांकि, मध्य क्रम से निकलकर टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी के लिए मौका मिलने से पहले उनको करीब पांच साल का इंतजार करना पड़ा। सनथ जयसूर्या ने साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था और साल 1993 में उनको ओपनर के तौर पर भेजा जाने लगा। यहां तक कि वे तब भी गेंदबाजी करते और कई बार अपने कोटे के सभी ओवर फेंकते थे। + +आज यानी 30 जून 2021 को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे सनथ जयसूर्या का योगदान साल 1996 में देश को वर्ल्ड कप का खिताब जिताने में भी रहा। भारत और पाकिस्तान की मेजबानी में खेले गए उस वर्ल्ड कप में सनथ जयसूर्या ने बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी अपना योगदान दिया था। उन्होंने 6 पारियों में 221 रन बनाए थे, जिसमें दो अर्धशतक शामिल थे। वहीं, बतौर लेफ्ट आर्म स्पिनर सनथ जयसूर्या ने सात बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था। उस टूर्नामेंट में श्रीलंका की तरफ से कई खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जिसकी बदौलत श्रीलंका पहला वनडे विश्व कप जीता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e641187577ab5de4bba801885b48c8d72fc4e478 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनीपुर ब्‍लाक के रोहिना सिंहपुर के तालाब की बदली सूरत।धनीपुर ब्लाक के रोहिना सिंहपुर में चार बीघा क्षेत्रफल में प्रमुख तालाब फैला है। कुछ साल पहले तक इस तालाब की हालात बेहद खराब थी। ऐसे में दो साल पहले इसके जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया। मनरेगा से ढाई लाख में बजट तैयार हुआ। इसमें पुरानी पोखर को नया रूप दिया गया। मिट्टी निकलवाकर तालाब को ढाई मीटर गहरा किया गया। चारों तरफ लोगों के बैठने के लिए पक्की रैंप का निर्माण किया गया। तालाब को डे्रनेज के लिए पाइप भी लगाए गए। सुरक्षा की द्रष्टि से कंटीले तारों की फेसिंग की गई। छायदार व फलदार पौधे लगाए गए। अब इस तालाब में पूरे साल पानी भरा रहता है। अब ग्राम पंचायत इसे मछली पालन के लिए पट्टे पर उठाने की तैयारी में हैं। इस तालाब के पानी के अनुकूल मछली की प्रजाति की मछलियां तय की जा रही हैं। वहीं, इस साल भी यहां पर 500 फलदार पौधे रोपने का लक्ष्य तय तय किया गया है। लोगों के बैठने के लिए रैंप भी बनाई जाएंगी।, ।इनका कहना है।बारिश व गांव के पानी की निकासी इसी तालाब में है और यही इसकी खासियत है। ये तालाब पूरे वर्ष पानी से लबालब रहता है। इसकी मरम्मत कराकर मछली पालन के लिए पट्टे पर देंगे। इसके अतिरिक्त धनीपुर के गांव सिसरोई, दुमहरा, जसरतपुर, कौंछोड, महमूदपुर और सिकंदरपुर मछुआ में भी 6 ऐसे तालाब इसी वर्ष दिसम्बर तक बनवायेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07d3b54a214853dde45416c383c669d8c36ea71b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70154.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डेयरी उद्योग में काम करने वाली महिलाएं टीकाकरण के प्रति जारी जागरूकता अभियान को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं अपने घरों में हरेक को स्वस्थ देखना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि घर में किसी के भी बीमार होने पर उस व्यक्ति की देखरेख की प्रमुख जिम्मेदारी महिला के कंधों पर ही आती है। लिहाजा महिलाएं खुद तो टीका लगवा ही रही हैं, इसके साथ घर के अन्य वयस्कों को भी लगवाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इसी तरह दाहोद जिले के आदिवासियों को समझाने के वास्ते स्थानीय शिक्षकों की मदद ली गई है। आज इन दोनों जिलों के आदिवासी टीका लगवाने में आगे हैं। दरअसल जिन आदिवासी इलाकों में टीकाकरण के प्रति उत्साह दर्शाने वाले आंकड़ें जारी हो रहे हैं, उनके पीछे की रणनीति उन जिलों के स्थानीय प्रशासन को बेहतर करने की राह दिखा सकती है, जो जिले इस मामले में पिछड़े हुए हैं। सुकमा के जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दिपेश चंद्राकर का कहना है कि आदिवासियों के साथ भावात्मक एवं सांस्कृतिक संबंध जताने के लिए टीकाकरण के लिए बुलाई जाने वाली सभाओं में आदिवासी मुखिया को सम्मानपूर्वक शाल भेंट की जाती है, फिर उन्हें टीकाकरण की जरूरत समझाई जाती है और टीकाकरण के पंजीकरण में मदद करने के लिए विशेष इंतजाम भी किए जाते हैं। + +मध्य प्रदेश के आदिवासी जिलों में आदिवासियों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करना, उनका भरोसा जीतना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 40 आदिवासी बहुल गांवों में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए वहां के प्रशासन ने बीते दिनों आदिवासी पुजारियों की मदद लेनी शुरू की। इसी तरह महाराष्ट्र के कोरकू जनजाति के बीच बोली जाने वाली कोरकू भाषा में कोविड-19 रोधी वैक्सीन के महत्व को समझाने वाले पांच वीडियो यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए। परिणामस्वरूप वहां टीकाकरण को लेकर आदिवासियों की शंकाएं कम होनी शुरू हो गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d8ed6618b4f80a2e865a0015fd65bb31f5676e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आयकर की धारा 206एबी एक जुलाई से लागू हो जाएगी। इस धारा के लागू होते ही जिन कारोबारियों, ठेकेदारों, कमीशन एजेंट ने दो वर्ष से रिटर्न फाइल नहीं किए हैं, उनका टीडीएस काटते समय जितनी भी टैक्स दर होगी, उसका दोगुना टीडीएस काटा जाएगा। इसमें एक और चीज है कि किसी भी तरह से यह पांच फीसद से नीचे नहीं होगा, यानी धारा 194क्यू के तहत 0.1 फीसद टैक्स काटा जाता है लेकिन उसका दोगुना 0.2 फीसद हुआ। इसलिए इसमें पांच फीसद टैक्स काटा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..653bf4b066c84205c6e4b35b19b78ef24d518819 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानें, किस साल कब शुरू हुई बस सेवा।2008 में 30 मई, 2009 में 13 जून, 2010 में 27 जून, 2011 में 17 जून, 2012 में 12 जून, 2013 में 03 जून, 2014 में 17 जून, 2015 में 02 जुलाई, 2016 में 06 जून, 2017 में 07 जून, 2018 में 23 मई, 2019 से 21 जून।2020 में कोरोना महामारी के कारण नहीं चल पाई थी व इस वर्ष पहली जुलाई को चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0e698e0adaeabec5809587211579a428ecdce90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। साइकिल चलाना इंसानों की सेहत के साथ साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। साइकिल के इस दोहरे महत्व को समझते हुए डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) की ओर से उपनगरी द्वारका में देश की सबसे बड़ी साइकिल ट्रैक परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। परियोजना के पहले चरण में प्रायोगिक स्तर पर अभी 16 किलोमीटर लंबे साइकिल ट्रेक का निर्माण कार्य चल रहा है। अच्छी बात यह है कि ट्रैक का करीब आधा हिस्सा बन भी चुका है। उम्मीद है कि आने वाले डेढ़ से दो महीने के भीतर यह ट्रैक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद इस ट्रैक का विस्तार उपनगरी के कोने कोने में किया जाएगा। द्वारका के सभी सेक्टरों से ट्रैक गुजारा जाएगा, जिसके नेटवर्क की पूरी लंबाई करीब 60 किलोमीटर होगी। इस लिहाज से यह देश का सबसे लंबा साइकिल ट्रैक होगा। अभी देश का सबसे लंबा साइकिल ट्रैक मुंबई में है जो करीब 39 किलोमीटर लंबा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0dc21c80d09ebfcc57f89efd903c81d6b98053f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70159.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण संवाददाता, मेरठ। वर्ल्‍ड रैंकिंग के आधार पर टोक्यो ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली जैवलिन थ्रोवर अन्नू रानी ओलंपिक में भारत की पहली महिला जैवलिन थ्रोवर बनने जा रही हैं। मेरठ की अंतरराष्ट्रीय एथलीट अन्नू का सफर मेरठ के गुरुकुल प्रभात आश्रम से शुरू हुआ था। साल 2009-10 में अन्नू ने यहीं से अपने खेल जीवन की शुरुआत की। शुरू में डिस्कस थ्रो, शाटपुट और जैवलिन का अभ्यास किया। बाद में जैवलिन में अन्नू का प्रदर्शन निखरता गया। इसी खेल में आगे बढ़ते हुए अन्नू ने उपलब्धियों की सीढ़ियां चढ़कर ओलंपिक तक पहुंची। + +बड़े भाई से मिली प्रेरणा।मेरठ के सरधना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव की रहने वाली अन्नू तीन बहन व दो भाइयों में सबसे छोटी हैं। सबसे बड़े भाई उपेंद्र कुमार भी पांच हजार मीटर के धावक रहे और विश्वविद्यालय स्तर तक खेले। बड़े भाई के साथ ही अन्नू ने भी खेल में रूचि दिखाई और उनके साथ सुबह चार बजे गांव में ही दौड़ना शुरू किया। अन्नू की खेल प्रतिभा को देखते हुए उपेंद्र उन्हें गुरुकुल प्रभात आश्रम ले गए। घर से करीब 20 किलोमीटर दूर होने के कारण अन्नू थ्रो का अभ्यास करने के लिए सप्ताह में तीन दिन गुरुकुल जाती थीं। खेल के प्रति रुझान देखकर किसान पिता अमरपाल सिंह और माता मुन्नी देवी ने भी प्रोत्साहित किया। गुरुकुल के आचार्य स्वामी विवेकानंद सरस्वती की मदद से आगे चलकर अन्नू को उपकरण भी मिले। श्री गांधी स्मारक इंटर कालेज दबथुआ से कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई के बाद गांव के ही डिग्री कालेज से स्नातक किया। + +अन्नू रानी से है पदक की है आशा।भाई उपेंद्र कुमार ने बड़ी स्पर्धा मिलने पर ही खिलाड़ियों का खेल निखरता है। उपेंद्र ने बताया कि अन्नू ने अभ्यास के दौरान 65 से 66 मीटर की तय की है। 15 मार्च को पटियाला में हुई सीनियर फेडरेशन कप में भी अन्नू ने 63.34 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक जीता था लेकिन ओलंपिक कोटे से थोड़ा सा पीछे रह गई थी। ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा देने वाले खिलाड़ी होंगे तो अन्नू का प्रदर्शन निखर कर सामने आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70161.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f38af7c9695ae8a13808161b874c59981a697b9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70161.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना संक्रमण के बाद देश के अधिकांश रेल जोन ने एक्सप्रेस के साथ पैसेंजर ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। उत्तर रेलवे मुख्यालय ने मंगलवार शाम को जोन भर में चलने वाली 30 पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन संचालित करने का आदेश जारी किया है। इसमें मुरादाबाद रेल मंडल की पांच जोड़ी पैसेंजर व सात जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जानी हैं। एक्सप्रेस ट्रेन में कंफर्म आरक्षण टिकट लेकर चलने की अनुमत‍ि होगी। जबकि पैसेंजर ट्रेन में जनरल टिकट लेकर यात्रा कर पाएंगे। जिस स्टेशन से पैसेंजर ट्रेनें गुजरेंगी, उन सभी स्टेशनों पर जनरल टिकट के लिए बुकिंग काउंटर खोलने के आदेश द‍िए गए हैं। + +चलने की वाली पैसेंजर ट्रेनों की सूची।मुरादाबाद-सहारनपुर पैसेंजर पहली जुलाई से।बरेली-दिल्ली पैसेंजर पहली जुलाई से।बालामऊ-शाहजहांपुर पैसेंजर पहली जुलाई से।सीतापुर-कानपुर दो जुलाई से।नजीबाबाद-गजरौला पैसेंजर एक जुलाई से।चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन की सूची।बरेली- एलटीटी एक्सप्रेस 10 जुलाई से।अमृतसर सहरसा एक्सप्रेस सात जुलाई से।जम्मूतवी-काठगोदाम गरीब रथ एक्सप्रेस 11 जुलाई से।जम्मूतवी-कानपुर एक्सप्रेस छह जुलाई से।कटरा-गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस 15 जुलाई से।आनंद विहार-मुजफ्फरपुर गरीब रथ एक्सप्रेस सात जुलाई से।अमृतसर-सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस सात जुलाई से।जम्मूतवी-बरौनी मोरध्वज एक्सप्रेस नौ जुलाई से।वाराणसी-आनंद विहार गरीब रथ एक्सप्रेस छह जुलाई से।अंबाला-बरौनी हरिहर एक्सप्रेस छह जुलाई से।अमृतसर-लालकुंआ एक्सप्रेस 10 जुलाई से।देहरादून-अमृतसर एक्सप्रेस पांच जुलाई से।बुजुर्ग की ट्रेन से कटकर मौत : अमरोहा के गजरौला में लापता हुए सिख समुदाय के एक वृद्ध की मुरादाबाद में ट्रेन से कटकर मौत हो गई। हादसे के बाद मुरादबाद में शिनाख्त न होने की वजह से उनका अंतिम संस्कार भी लावारिस के रूप में पुलिस द्वारा किया गया। इसकी जानकारी तब हुई। जब मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर स्थानीय पुलिस मुरादाबाद में पहुंची। बाद में इसकी जानकारी पुलिस ने स्वजन को दे दी है। बता दें कि चौपला पुलिस चौकी क्षेत्र के मुहल्ला लक्ष्मीनगर निवासी 70 वर्षीय अमरजीत सिंह नौ जून को लापता हुए थे। एक-दो दिन बाद स्वजन थाने पहुंचे और गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस व स्वजन उनकी तलाश में जुटे हुए थे। पुलिस ने उनकी मोबाइल लोकेशन ट्रेस की तो मुरादाबाद के थाना कटघर इलाके में रेलवे लाइन पर लोकेशन मिली। सोमवार को पुलिस लोकेशन के आधार पर पहुंची और आसपास के लोग व वहां की पुलिस को फ़ोटो दिखाकर जानकारी की तो पता चला कि 13 जून को इस व्यक्ति की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। शिनाख्त नहीं हो पाई थी। स्थानीय पुलिस मुताबिक वृद्ध ने खुदकुशी की है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11c803ced33f91a4f83b16b071bef47a5c8c29fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70162.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आंत में रहता है सीएमवी। अस्पताल के गैस्ट्रोलाजी विभाग के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि 30 से 70 वर्ष के बीच के ये पांच मरीज मल में रक्तस्नाव व पेट दर्द की परेशानी के इलाज के लिए पहुंचे थे। कोरोना से ठीक होने के 10 से 30 दिनों के बीच उन्हें यह दिक्कत शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि साइटोमेगालो वायरस करीब 80 फीसद लोगों की आंत में मौजूद होता है, लेकिन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उस वायरस को सक्रिय नहीं होने देती। इसलिए जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, उनमें इसका संक्रमण नहीं होता है। + +बायोप्सी और पीसीआर से संक्रमण का पता चला ।डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि उक्त मरीजों के खून की जांच में लिम्फोसाइट की संख्या काफी कम पाई गई। इसके बाद उनकी कोलोनोस्कोपी की गई तो आंत में जख्म पाए गए। उन जख्मों से टिश्यू लेकर बायोप्सी व पालीमरेस चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट किया गया तो सीएमवी संक्रमण का पता चला। वहीं, गैस्ट्रोलाजी विभाग के विशेषज्ञ डा. प्रवीण शर्मा ने कहा कि ऐसे मामलों में बीमारी की जल्द पहचान कर समय पर इलाज करने से मरीजों की जान बचाई जा सकती है। + +उधर, भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने मुंबई की दवा कंपनी सिप्ला को आपात उपयोग के लिए माडर्ना की कोरोनारोधी वैक्सीन के आयात की अनुमति दे दी है। कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक के बाद माडर्ना की वैक्सीन भारत में उपलब्ध होने वाली चौथी वैक्सीन होगी। सूत्रों ने बताया कि डीसीजीआइ ने सीमित उपयोग के लिए आयात की अनुमति दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eec9efbeec8fdb71e428541ae3e474e5ca0f64ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +28 हजार टीटीई भारतीय रेलवे के 17 जोन में हैं कार्यरत । आजादी के बाद से टिकट चेकिंग स्टाफ ने रनिंग स्टाफ का दर्जा दिए जाने को लेकर कई बार आंदोलन किया। वर्तमान में इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन के बैनर तले देशभर के टीटीई इस आंदोलन में शामिल हैं। उनकी मांग को जायज मानते हुए देश के 132 सांसदों ने समर्थन भी दिया। जिस पर दो साल पहले रेलवे बोर्ड ने एक कमेटी भी बनाई थी। इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर जल्द ही रनिंग स्टाफ का दर्जा वापस देने की मांग की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70165.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70165.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..663c508238afbbad9e51920391ce51369d2b4d1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70165.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर ब्‍लाक से मांगी जायगी रिपोर्ट।शासन के आदेश हैं शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के अलावा अन्य परिषदीय कर्मचारियों को वैक्सीनेशन कराना है। साथ ही विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी जागरूक कर उनका वैक्सीनेशन कराना है। हर ब्लाक से इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी। शिथिलता बरतने वालों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ff5cd850b6a696ad732f8c9f391261e63e25539 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर के कंपनी बाग में लगा एक आम का पेड़ आश्चर्य बना हुआ है। इसके पीछे वजह इस पेड़ पर लग रहे 121 प्रकार के आम हैं। पांच साल पहले कंपनी बाग में इस प्रयोग के बाद सफलता पाई गई। दरअसल सहारनपुर का आम पूरे देश में प्रख्यात है। यहां आम की पैदावार के साथ ही शोध कार्य भी होता है। मैंगो पैकिंग हाउस भी है। करीब पांच साल पहले कंपनी बाग में आम के एक पेड़ पर 121 किस्म के आम की कलम लगाने का प्रयोग किया। इसमें सफलता मिली। अब एक ही पेड़ पर 121 किस्म के आम लगते हैं। इस शोध के लिए 10 साल पुराने आम के पेड़ को चुना गया। इसमें 121 प्रजातियों के आमों की कलम बांधी गई। प्रयोग में सफलता मिली। अब पेड़ पर सभी शाखाओं पर विभिन्न प्रजातियों के आम लगते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6af77492d57798639e73bca8bc952fd1b6432782 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गृह मंत्रालय से वापस दिल्ली पुलिस में लौटने पर वह विशेष आयुक्त आर्थिक अपराध शाखा, इंटेलीजेंस व स्पेशल सेल में रहे। उसके बाद डीजीपी मिजोरम व फिर डीसीपी पुड़ुचेरी रहे। पिछले साल उनकी वापसी दिल्ली पुलिस में हुई। वह वर्तमान में विशेष आयुक्त विजिलेंस पद पर तैनात हैं। बालाजी को लंबे समय यानी मार्च 2024 तक दिल्ली पुलिस में काम करने का अवसर मिलेगा। इनसे पहले अमूल्य पटनायक को लंबे समय तक काम करने का मौका मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb951eb3430040ebe640b0c73d8441422b3209ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइआइटी में बने ड्रोन नहीं आएंगे रडार पर : आइआइटी में विभ्रम, सुदर्शन, काकरोच समेत अन्य ड्रोन तैयार हुए हैं। यह अत्यधिक ऊंचाई पर उड़ने के साथ ही सुरक्षित लैंडिंग में सक्षम हैं। इन ड्रोन को आपदा प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है। ये सíवलांस के लिए भी मुफीद हैं। इनमें अब और अत्याधुनिक तकनीक विकसित की जा रही है, जिससे ये दुश्मन के रडार पर न आ सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eab938687154614ffeb964afa09d81af5e310a02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। Haryana, Punjab & Chandigarh Weather: पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ में भीषण गर्मी पड़ रही है। साथ की लू के थपेड़ों से भी लोग परेशान हैं। अधिकांश स्थानों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। लोग आसमान की तरफ टकटकी लगाए हैं कि कब बारिश हो। साखकर किसान बारिश न आने के कारण चिंतित हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार फिलहाल भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून कमजोर पड़ गया है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4f2b56cd117f5abde2453a1cfe9aa159292f82d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70179.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के इतिहास के पन्नों में एक और इबारत दर्ज हो गई। स्टेशन अब दि रायल प्रेसिडेंसियल ट्रेन के 62 घंटे के पड़ाव का गवाह बन गया है। यह ऐतिहासिक पल सेंट्रल स्टेशन पर हमेशा याद किए जाएंगे। स्टेशन में 10 नंबर प्लेटफार्म पर खड़ी रही ट्रेन को लेकर रेलकर्मी भी गर्व का अनुभव कर रहे हैं। + +दि रायल प्रेसिडेंशियल देश की पहली ऐसी ट्रेन है, जिसमें फाइव स्टार जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। आधुनिक टेक्नोलाजी, सुरक्षा के उच्च स्तरीय मानकों से युक्त यह ट्रेन राजशाही सफर का सुखद अनुभव कराती है। राष्ट्रपति को लेकर ट्रेन 25 जून की रात 8:05 बजे कानपुर सेंट्रल आई और सोमवार 28 जून की सुबह 10:25 बजे उन्हें लेकर लखनऊ रवाना हो गई। इस दौरान ट्रेन यहां प्लेटफार्म नंबर 10 पर खड़ी रही। रविवार को न्यू कोचिंग कांप्लेक्स में ट्रेन का मेंटीनेंस भी किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6657c28fbc29d8519d17e2db205e43fe5f3f452d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70182.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यही कारण है कि कई नेताओं ने आंदोलन से दूरी बना ली है। कुछ ने घोषित रूप से तो कुछ ने अघोषित रूप से। जैसे भारतीय राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के वीरेंद्र मोहन सिंह (वीएम सिंह)। अघोषित रूप से आंदोलन से दूर रह रहे नेताओं में सबसे बड़ा नाम शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्का का। यद्यपि वह पारिवारिक कारणों का हवाला देते हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि अब आंदोलन में शामिल अराजक तत्त्वों की गतिविधियों से उनका मन खट्टा हो चुका है। रही बात इस समय आंदोलन के सबसे चर्चित चेहरे राकेश टिकैत की तो वह खुद ही राष्ट्रविरोधी तत्त्वों से नफरत करते हैं। यही कारण है कि वह अन्य नेताओं से अलग हटकर चल रहे हैं। वह किसान आंदोलन को तो चरम परिणिति पर तो पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन देश विरोधी और अराजक तत्त्वों की आंदोलन में भागीदारी भी उन्हें स्वीकार नहीं है। इसीलिए उन्होंने छब्बीस जून को संयुक्त किसान मोर्चे के राजभवनों के घेराव से खुद को दूर रखा। + +जब टिकैत नहीं गए तो उनके समर्थकों के जाने का प्रश्न ही नहीं था। इसीलिए चढ़ूनी और योगेंद्र यादव के नेतृत्व में पंचकूला में महज कुछ सौ लोग पहुंचे। यदि टिकैत उसमें शामिल होते तो संख्या इतनी होती कि भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता। चंडीगढ़ जहां हरियाणा का राजभवन है, वहां हरियाणा से लोग नहीं पहुंचे तो केवल इसीलिए कि हरियाणा के जो लोग आंदोलन में शामिल हैं, वे अपना नेता राकेश टिकैत को मानते हैं और राकेश टिकैत की तरह वे भी आंदोलन के तो पुरजोर समर्थन में हैं, लेकिन आंदोलन में शामिल राष्ट्रविरोधी तत्व उन्हें भी नागवार गुजरते हैं। अब ऐसे में गुरनाम चढ़ूनी और योगेंद्र यादव भले ही हरियाणा के हैं लेकिन हरियाणा के आंदोलनकारी उन्हें अपना नेता मानने से परहेज करते हैं और यदि गुणीप्रकाश का चैलेंज स्वीकार कर चढ़ूनी खालिस्तान मुर्दाबाद, भिंडरावाला मुर्दाबाद का नारा लगा दें तो उनकी बची खुची साख भी नहीं रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbb7e11f32d1f1ca07e1c7c8a9fbfd706a27d28d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70184.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तापस बनर्जी, धनबाद। कोरोना काल में एक बात तो साफ हो गई कि जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रही, उसने कोरोना पर विजय पाई। मधुमेह यानी डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को क्षीण कर देती है, जिससे कई विकार शरीर को चपेट में ले लेते हैं। इंसुलिन एक ऐसा पौधा है, जो डायबिटीज पर लगाम लगाने में काफी प्रभावी है। धनबाद के वनस्पति विज्ञानी आशुतोष कुमार मैढ़ बताते हैं कि इंसुलिन के पत्ते टाइप-2 डायबिटिज के मरीज के लिए बेहतरीन औषधि हैं। हालांकि, इस पौधे में इंसुलिन नहीं मिलता, न शरीर में यह इंसुलिन बनाता है बल्कि इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देते हैं। इससे उपापचय की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। औषधीय पौधा होने की वजह से शरीर पर भी साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है। + +गमले में भी कर सकते तैयार: ग्रामीणों व किसानों के लिए ये पौधे आमदनी का बड़ा जरिया भी हो सकते हैं। धनबाद के केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के विज्ञानी इलाके के किसानों को इसके पौधे तैयार करने का तरीका बता रहे हैं। विज्ञानी डा. डीबी सिंह ने बताया कि मिट्टी के गमले में भी इंसुलिन के पौधे लगा सकते हैं। इस पौधे को मधुमेह रोगी खूब तलाशते हैं। सिंफर ने इसकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण ई-बाजार पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने बताया कि गमले में लगे इंसुलिन के एक पौधे की कीमत 100 से 120 रुपये तक होती है। बड़े पौधे के गमले की कीमत 150 से 200 रुपये है। एक किसान अगर प्रतिदिन 10 पौधे का कारोबार कर ले तो अच्छी आय होगी। नर्सरी शुरू करने में 28 से 30 दिनों की मेहनत करनी होगी। एक बार काम शुरू होने के बाद इंसुलिन के नए पौधे खरीदने नहीं होंगे। उन्हीं पौधों से नर्सरी का विस्तार होता जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7d7c45a81031f16276476e6f8fbb4e3c163fa82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70185.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश में जो हालात पैदा कर दिए थे, वह बहुत डरावना था। सरकार और प्रशासन के हाथ-पांव फूल चुके थे तो आम जनता भी जान की चिंता कर इतनी उतावली हो उठी थी कि जरूरत न होते हुए भी चिकित्सा उपकरण, मेडिकल आक्सीजन और दवाइयों का स्टाक घर में रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी। कालाबाजारियों ने भी इसका खूब फायदा उठाया, लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने बहुत जल्द इस समस्या पर काबू पा लिया। बेहतर कोविड प्रबंधन से न केवल कालाबाजारियों पर अंकुश लगा, बल्कि चिकित्सा संसाधन भी सहजता से लोगों को सुलभ होने लगे। आज स्थिति यह है कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह से काबू में है। रिकवरी रेट ज्यादा है और पाजिटिविटी रेट अब 0.07 फीसद से भी कम हो चुका है, लेकिन अब तीसरी लहर की आशंका से एक बार फिर सरकार की नींद उड़ी हुई है। इसीलिए पहले जैसे हालात फिर न उत्पन्न हों, इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है। + +एक सवाल यह है कि एक तरफ जहां अगले वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने हैं, वहीं उसकी तैयारियों को तरजीह देने के बजाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चिंता कोरोना को लेकर ज्यादा क्यों झलक रही है? ऐसे सवालों के विश्लेषण पर कई बार इसके गहन अर्थ भी सामने आते हैं। जब जनता की जान जोखिम में हो फिर भी राजनेता राजनीति करने से बाज न आएं तो समझा जा सकता है कि उस राजनेता की सत्ता की लालसा कितनी प्रबल होगी। प्रदेश से इतर कई राज्यों में ऐसा देखने को मिला भी जहां कोरोना से निपटने के उपाय करने के बजाय ‘ब्लेम गेम’ की खिचड़ी ज्यादा पकी। नतीजतन बड़ी संख्या में आम जनता को असमय जान गंवानी पड़ी। जनता की जान की कीमत पर यह राजनीति देश में बहुत खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है, लेकिन एक संवेदनशील, सक्रिय और जनपक्षधर सरकार की सोच कुछ और ही होती है, जिसे जनता बखूबी समझती भी है। योगी सरकार ने इसी संवेदनशीलता और सक्रियता का परिचय दिया है। सरकार का मानना है कि टीकाकरण ही एक ऐसा अस्त्र है, जो कोरोना की बड़ी से बड़ी चुनौती को निस्तेज करेगा। इसीलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कराने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में बीते 21 जून से सभी जिलों में एक तिहाई ब्लाक को क्लस्टर में बांटकर टीकाकरण किया जा रहा है। और भी ज्यादा गहन पहुंच बनाने के लिए एक ब्लाक को चार से लेकर 12 क्लस्टर में विभाजित कर गांव-गांव टीमें टीकाकरण कर रही हैं। इतना ही नहीं, एक जुलाई से प्रतिदिन 10 लाख से 12 लाख तक वैक्सीन और फिर आगे 15 लाख वैक्सीन प्रतिदिन लगाए जाने का लक्ष्य है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75963a4b11f1cb8953b6a663ccfe7d894f1c08aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन चार रूटों पर चलती है महाराजा एक्सप्रेस : ।इतने में कीजिए सफर । यदि आप प्रेसिडेंशियल सुईट में सफर करना चाहते हैं तो छह रातों व सात दिन की यात्रा वाला द इंडियन स्पलेंडर पैकेज, द हेरिटेज आफ इंडिया और इतने ही दिन का इंडियन पैनोरमा का पैकेज आपको 18,06,420 रुपये का मिलेगा, जबकि चार दिन और तीन रातों वाला ट्रेजर्स आफ इंडिया का पैकेज 9.83 लाख रुपये का मिलेगा। इसी तरह दि इंडियन स्पलेंडर पैकेज में डीलक्स केबिन का पैकेज 4.55 लाख रुपये, जूनियर सुईट का 7.21 लाख रुपये और सुईट का 10.51 लाख रुपये है। हेरिटेज इंडिया व दि इंडियन पैनोरमा पैकेज के सफर के लिए डीलक्स सुईट का 4.83 लाख रुपये और जूनियर सुईट में 7.53 लाख व सुईट का 10.51 लाख रुपये देना होगा। ट्रेजर्स आफ इंडिया के तहत डीलक्स का 2.93 लाख रुपये, जूनियर सुईट 3.77 लाख रुपये, सुईट का 5.79 लाख रुपये का पैकेज मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39e0a8ddad6af20385334c6b90be157d20fad9c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70188.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भाजपा नेताओं का कहना है कि इस समय बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) को लेकर जो कुछ हो रहा है, उसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सही नहीं कहा जा सकता। पीएसी विधानसभा की सबसे महत्वपूर्ण समितियों में से एक है। इसका मुख्य काम सरकारी खर्चो के खातों की जांच करना है। जहां भी सार्वजनिक धन का व्यय होता है, वहां-वहां यह समिति जांच कर सकती है। 2016 से पहले तक इसका अध्यक्ष विपक्ष से होता था। विपक्षी दल की राय से स्पीकर पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त करते थे, परंतु 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद ममता सरकार ने यह परंपरा ही बदल दी। वह विपक्षी विधायक को तोड़कर पिछले दरवाजे से पीएसी के अध्यक्ष पद पर बैठा रही हैं। ऐसा करने से सरकार का कामकाज कभी पारदर्शी नहीं हो सकेगा। + +भाजपा का कहना है कि दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल राय के विधायक पद को निरस्त करने के लिए सुनवाई का दिन विधानसभा में तय हो चुका है। ऐसे में पीएसी जैसी महत्वपूर्ण समिति के जिम्मेदार पद पर उन्हें बैठाना अवैध और असंवैधानिक होगा। माकपा और कांग्रेस नेताओं का सवाल है कि जब मुकुल मुख्यमंत्री की मौजूदगी में तृणमूल में लौट चुके हैं तो फिर उन्हें भाजपा विधायक बताकर पीएससी के अध्यक्ष पद पर बैठाना कहां की नैतिकता है? पांच साल पहले इसी तरह से कांग्रेस की सिफारिश को ताक पर रखते हुए कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने मानस भुइयां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें पीएसी का अध्यक्ष बना दिया गया था। हालांकि तृणमूल का कहना है कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है और स्पीकर अंतिम निर्णय लेंगे, लेकिन जिस तरह से ममता ने मुकुल को समर्थन देने की बात सार्वजनिक रूप से कही है उसके बाद क्या होगा, यह सबको पता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..049f22a47e166c42800cf3955799041f6e5a3d11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन ।  कभी किसानों की फसलों में जलभराव की समस्या पैदा करने वाला रामपुर का तालाब अब स्थानीय लोगों के लिए पिकनिक प्वाइंट बन चुका है। यहां सुबह-शाम दर्जनों लोग बैंचों पर बैठकर आपस में बातचीत करते हैं। चारों तरफ बने चकरोड पर टहलते हैं। पेड़-पौधों के नीचे गर्मी में छांव का आनंद लेते हैं। बड़े बुजुर्गों के साथ बच्चे भी यहां पहुंचकर आनंद लेते हैं। अब प्रशासन अधिकारिक तौर पर इसे पिकनिक प्वाइंट घोषित करने की तैयारी में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58a61cfb2f015e098ce17bfb7eb598d26648c52d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70191.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। अनुच्छेद-370 को रद किए जाने के बाद से पाकिस्तान से लगती संवेदनशील सीमा पर 300 से अधिक ड्रोन या अज्ञात उड़ान वस्तुएं (यूएवी) देखी गई हैं। केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक पश्चिमी सीमा (मुख्य रूप से जम्मू और पंजाब) पर वर्ष 2019 में 167, पिछले साल 77 और अब तक 60 बार ड्रोन देखे गए हैं। बता दें कि रविवार को जम्मू के वायुसेना स्टेशन को निशाना बनाकर दो विस्फोट कराए गए थे। हालांकि इन हमलों में कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ इसे बड़े खतरे के तौर पर देख रहे हैं। शैतान पड़ोसी पाकिस्तान और चालाक चीन से मिल रही चुनौतियों के बीच देश की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए यह खतरे की घंटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44e3d68c5ab3f760c6a2ac2a8052b4e695a009ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह यात्रा 15 जुलाई से 25 जुलाई तक हर वर्ष होती है। हालांकि कुछ समय से श्रीखंड महादेव की यात्रा पर भक्त चोरी छिपे जा रहे हैं। ऐसे में लोग अपने फोटो इंटरनेट मीडिया में जारी कर रहे हैं। इसी आधार पर उपायुक्त कुल्लू ने संज्ञान लेकर इस पर पूर्णरूप से रोक लगा दी है। ऐसे में अब प्रशासन की ओर से बेस कैंप सिंहगाड में पुलिस जवानों को तैनात कर दिया है। हर वर्ष इस यात्रा में कई मौत भी होती हैं, इस लिहाज से भी बिना अनुमति के यात्रा पर जाने की पांबदी लगा दी है। इस दौरान कोई भी श्रद्धालु यात्रा पर जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e0dd442de4c2a0cf4d195aed5ebd34f9533570c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70197.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिंकू शर्मा, अलीगढ़। दबंगई दिखाने वालों के लिए बुरी खबर है। फिल्मी स्टाइल में सरेआम फायरिंग करना, मारपीट कर लोगों में दहशत फैलाना भारी पड़ेगा। ऐसे लोगों पर पुलिस अब 'गैंगवार' की तैयारी कर रही है। इस अभियान के तहत दबंगों को चिह्नित किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज, दुकानदार, आमजन के बयानों के आधार पर गैंगस्टर से लेकर जिला बदर व एनएसए तक की कार्रवाई की जाएगी। जिले में दबंगई की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ऐसा किया जा रहा है। कई मामले ऐसे हैैं, जिसकी पीडि़तों ने दबंगों के डर के चलते कहीं कोई शिकायत नहीं की। इसके लिए पुलिस ने एंटी क्राइम हेल्पलाइन नंबर 9454402817 जारी कर रखा है। जिस पर कोई भी व्यक्ति 24 घंटे शिकायत दर्ज करा सकता है। ऐसे व्यक्ति का नाम, पता पुलिस गोपनीय रखती है तो तत्काल एक्शन भी लेती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fe0a19b36d95faae97e7950c474530afee078d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70198.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर देहात, जेएनएन। President Ram Nath Kovind News राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के पैतृक गांव आने के बाद लोगों में उनसे मिलने के लिए जो ललक दिखी उसे देख राष्ट्रपति अभिभूत हो गए। इस पर उन्होंनें दोबारा परौंख आने का वादा दिया। राष्ट्रपति जैसा संवैधानिक पद संभालने के बाद राम नाथ कोविन्द पहली बार पैतृक गांव परौंख पहुंचे थे। इस दौरान कई ऐसे मौके आए जिनका अनुभव कर राष्ट्रपति दोबारा आने का वादा किए बिना रह नहीं पाए। अपनों के साथ पुरानी स्मृतियां जीवंत कर राष्ट्रपति का यह सफर उनके लिए यादगार बन गया। राष्ट्रपति यहां से जाते-जाते लोगों के मन में फिर मिलने की एक आस जगा गए। परौंख में अभी से दोबारा मिलने का सपना संजोने लगा है। गांव की गलियों व रहुनिया चौक पर हर जगह चर्चा हो रही कि आखिर अगला वर्ष कब आएगा और यह सुअवसर मिलेगा। ।चार वर्ष के इंतजार के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द रविवार को जन्मस्थली पहुंचे तो गांव का रोम रोम उनके अभिनंदन में लगा था। राष्ट्रपति यहां आकर पुरानी यादों में खो गए। यहां से जुड़ी कई बातों को मुख्यमंत्री व राज्यपाल को बताया। यहां से राष्ट्रपति चले तो गए, लेकिन अपने लोगों से दोबारा मिलने का वादा कर अगले वर्ष फिर से आने की बात कही। अब यही वादा यहां के लोगों के दिलोदिमाग में कौंध रहा है। ।क्या कहते हैं लोग: ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0777997aafbcd068826c105d46e31542a6932d90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। President Ram Nath Kovind Lucknow Visit राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द इन दिनों अपने यूपी प्रवास पर हैं। दि रॉयल प्रेसिडेंशियल एक्सप्रेस [The Royal Presidential Express]से दिल्ली-कानपुर आने के बाद राष्ट्रपति रेल यात्रा से काफी प्रभावित हुए। इसके लिए उन्होंने भारतीय रेल और रेल सेवा में सक्रिय अधिकारियों एवं अन्य कर्मियों की प्रशंसा की। साथ ही उन्हें शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं। इस पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11c35a385962ec7abfc12d30628d3d9a747cd0ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70200.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'सबको घर' मुहैया कराने की शहरी आवासीय परियोजनाएं शहरी श्रमिकों के पलायन रोकने में मददगार साबित होंगी। कोरोना काल के दौरान शहरी निकाय स्तर पर होने वाले निर्माण कार्यों की गति धीमी जरूर हुई लेकिन कहीं रोकी नहीं गई हैं। आने वाले समय में पलायन करने वाले श्रमिकों के लिए किराए के मकान बनाने की परियोजनाओं को भी ज्यादातर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने हाथोंहाथ लिया है। + +निवेश से यह होगा फायदा ।आवासीय परियोजनाओं में भारी निवेश से जहां अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा वहीं नई नौकरियां पैदा होंगी। शहरी विकास मंत्रालय ने इसके लिए विशेष तैयारियों को अंजाम दिया है। योजना के तहत अब तक शहरी गरीबों के लिए सवा करोड़ पक्के मकानों को बनाने की मंजूरी दे दी गई है, जिसमें से 80 लाख का निर्माण अंतिम दौर में है। + +7.35 लाख करोड़ का होना है निवेश ।प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत मंजूर घरों को तैयार करने के लिए केंद्र की हिस्सेदारी 1.81 लाख करोड़ रुपये है। इसमें कुल 7.35 लाख करोड़ रुपये का निवेश होना है। केंद्र सरकार की ओर से अब तक एक लाख करोड़ रुपये की मदद जारी की जा चुकी है। पिछले तीन वर्षों के दौरान 20,000 करोड़ रुपये की लागत से रियायती दर से तैयार होने वाले हाऊसिंग फंड का उपयोग किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b64ac3eed30828f84104c1aa55a35ba7300162a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7021.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साउथ सिनेमा की मशहूर और दिग्गज अभिनेत्री सामंथा अक्किनेनी इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। वह अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से भी आए दिन सुर्खियों में बनी रहती हैं। वह मशहूर अभिनेता अक्किनेनी नागा चैतन्य की पत्नी हैं। अब सामंथा अक्किनेनी बेहद खास वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना नाम बदल दिया है। + +सामंथा अक्किनेनी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। वह अपने फैंस के लिए खास तस्वीरें और वीडियो भी साझा करती रहती हैं। साथ ही अपनी जिंदगी से जुड़ी खास बातें भी वह सोशल मीडिया पर भी साझा करती रहती हैं। सामंथा अक्किनेनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नाम बदल लिया है। हालांकि उन्होंने फेसबुक पर अभी अपना नाम नहीं बदला है, लेकिन सामंथा अक्किनेनी ने ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट पर नाम बदलकर केवल 'S' कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70211.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2eebcf3a37f34da59d6b397a6c6dfb829d5c532f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15वें वित्त की 21-21 करोड़ रुपये से की दो ग्रांट शासन से मिली हैं। दोनों की 42 करोड़ रुपये धनराशि से रेन वाटर हार्वेस्टिंग, नाला टेपिंग, तालाब रिचार्ज, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट में सुविधाएं समेत ऐसे कामों पर धनराशि खर्च होगी जो सीधे जनता को नहीं दिखाई देते लेकिन, शहर के विकास में इनका अहम रोल है। लेकिन, अभी तक राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाले कामों के लिए धनराशि आवंटित किए जाते थे। वैज्ञानिक तरीके से जिन कामों पर मंथन होना चाहिए वह 15वें वित्त की बैठक में नहीं होता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74d3bf49d06fc0fe936c29747d1967df13f2c4ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बनारस का शीतल पेय है ठंडई : वाराणसी में भगवान शिव की नगरी में भांग और बादाम की ठंडई आम है। गर्मियों में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं और खासकर होली और शिवरात्रि पर कई जगह इसके लंगर लोगों को प्रसाद के रूप में भी दिए जाते हैं। घरों से लेकर प्रसिद्ध दुकानों तक ठंडई का जायका विश्‍व विख्‍यात है। पर्यटक भी बनारस आकर ठंडई का जायका लेना नहीं भूलते। कई पुरानी दुकानों में विविध प्रकार से ठंडई को दूध के साथ तैयार किया जाता है। ।पाकिस्‍तान से ठंडई का रिश्‍ता : भारत और पाकिस्‍तान दोनों ही देश आजादी से पहले एक थे। एक ही साझी विरासत और परंपरा के साथ ही खान पान भी एक ही था। पाकिस्‍तान के हिंदू बहुल सिंध इलाके में आज भी हिंंदू समुदाय शिवरात्रि और होली धूम धाम से मनाता है। वाराणसी के इतिहासकार मानते हैं कि साझी संस्‍कृति की वजह से संभव है कि बनारसी ठंडई पाकिस्‍तान में उर्दू और पंजाबी जुबान में सरदई या ठंडई का अपभ्रंश थाडल हो गया है। हालांकि मूलत: ठंडई बनारस या उत्‍तर भारत का ही शीतल पेय है। ।पाकिस्‍तानियों ने अमेरिकी दूतावास को दिया जवाब : पाकिस्‍तान में अमेरिकी दूतावास की ओर से सरदई या थाडल पर पोस्‍ट जारी होने के बाद पाकिस्‍तान के लोगों ने इस पेय को लेकर अपने विचार जाहिर करते हुए इसे पाकिस्‍तान में गर्मियों में अधिक पसंद किए जाने वाले पेय के तौर पर अपनी सहमति दी है। पाकिस्‍तान के सैयद कमाल हुसैन शाह ने इस पेय के चार अन्‍य पैकेज्‍ड और गिलास के साथ तस्‍वीरें पोस्‍ट की हैं। वहीं पाकिस्‍तानी शिराज खान ने इसे गरीब पाकिस्‍तानियों की व्हिस्‍की बताया है। वहीं मोइन इकबाल ने अमेरिकी की इस पोस्‍ट पर खिंचाई करते हुए लिखा है कि - एयरबेस खान फ‍िर भी नहीं देगा।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3eb2ec090185b155eebd37bbc29693d194e53c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70213.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इंद्रजीत सिंह को इतने मेडल जीतने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं मिली और घर चलाने के लिए रामपुरा फूल में पिता के साथ चाय बेचनी पड़ रही है। इंद्रजीत ने बताया कि नौकरी के लिए वह विधायक व कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ से भी करीब 20 बार मिल चुके हैं। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना से भी नौकरी की गुहार लगा चुके हैं। नौकरी के लिए मुख्यमंत्री हाउस में भी अर्जी दी हुई है, लेकिन अभी तक कहीं सुनवाई नहीं हुई। + +एशिया विजेता बनने पर उम्मीद थी कि दिन बहुरेंगे इंद्रजीत के पिता बलवंत सिंह ने बताया कि तीन बेटों में से दो बेटे पावर लिफ्टिंग ही करते हैं। इंद्रजीत से बड़ा बेटा हरदीप भी पावर लिफ्टिंग में नेशनल स्तर तक खेल चुका है। घर के हालात दोनों बेटों के खेलने के अनुकूल नहीं थे, इसलिए इंद्रजीत के खेल को जारी रखने के लिए बड़े बेटे हरदीप ने खेलना छोड़ दिया। इंद्रजीत जब एशियन विजेता बने तो उम्मीद थी कि अब परिवार के दिन बहुरेंगे। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70215.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70215.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..325a987dbc98c3829d7fdd27dbf899da929ea310 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70215.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्र सरकार ऐसी किसी नीति को लागू करने के हक में नहीं है। उसका तर्क है कि परिवार सीमित रखना किसी व्यक्ति का ऐच्छिक मसला है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि भारत की अभी जो कुल प्रजनन दर है वह आबादी का सिर्फ रिप्लेसमेंट कर पा रही है। लिहाजा 2050 में पीक पर जाने के बाद हमारी जनसांख्यिकीय की तस्वीर भी आज के चीन जैसी हो सकती है। ऐसे में भारतीय जनसांख्यिकीय के परिप्रेक्ष्य में दो बच्चा नीति की प्रासंगिकता की पड़ताल आज हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eacf6ea9162d47d1380e828bee798594fe9a616a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में बनी वैक्‍सीन को दुनिया के करीब 95 देशों में बतौर ग्रांट और कमर्शियल, दोनों ही तौर पर दिया गया है। इनमें एशिया और अफ्रीकी देशों के अलावा ब्रिटेन, यूक्रेन, ब्राजील भी शामिल है। भारत में अब तक कोविशील्‍ड के अलावा कोवैक्‍सीन और स्‍पूतनिक को लगाने की इजाजत सरकार की तरफ से मिल चुकी है। कोविशील्‍ड की ही बात करें तो 1 जनवरी 2021 को इसे ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की तरफ से इमरजेंसी दवा के तौर पर इस्‍तेमाल करने की मंजूरी दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6af52cd1d75d92d4c4fd02db515d541c91b132ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। महायोजना 2031 बनाए जाने के लिए मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने शहर के जिम्मेदार लोगों से सुझाव लेने के लिए पहल कर दी है। आज शाम चार बजे प्राधिकरण सभागार में उद्यमियों को सुझाव लेने के लिए बुलाया गया है। महायोजना बनाने वाली कंपनी के प्रतिनिधि प्रोजेक्टर के माध्यम से अब तक बनी महायोजना के बारे में उद्यमियों को जानकारी देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d01f01dfc5a317bc9bc859e41fdeab060eed673 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7022.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ के सेट पर न आने से शिल्पा को करीब 2 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। हालांकि एक्ट्रेस एक्ट्रेस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर शो छोड़ने का एलान नहीं किया है और ना ही मेकर्स की तरफ से ऐसा कोई अनाउंसमेंट हुआ है। लेकिन पिछले दो हफ्तों से शिल्पा शो में नज़र नहीं आई हैं उनकी जगह करिश्मा कपूर, जैनेलिया डिसूजा और रितेश देशमुख बतौर स्पेशल गेस्ट नज़र आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55f457b525c8967b42e6a1e889030f27efbc12b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70221.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। उत्‍तर प्रदेश में बीते छह माह में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर छोटी और बड़ी पार्टियों की सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच रविवार को एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्‍तर प्रदेश में पार्टी की ओर से सौ प्रत्‍याशियों को उतारने की घोषणा करके सियासी चर्चाओं को गरम कर दिया था। ठीक अगले दिन यूपी में उनके सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की ओर से ओवैसी के यूपी में सीटों के बंटवारे और खुद के लिए सौ सीटों के दावे का खंडन भी ट्वीट करके जारी कर दिया गया। ।ओम प्रकाश राजभर ने कहा : सोमवार को सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा कि - भागीदारी संकल्प मोर्चा में अभी सीटों को लेकर कोई फैसला नही हुआ है। मोर्चा तय करेगा सीट : मोर्चे में शामिल सभी घटक दलों में सीटों को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। 403 सीटों पर संगठन मजबूत करने का काम चल रहा है। यूपी में भाजपा को हराने के लिए जो भी पार्टी साथ आना चाहे उनका स्वागत है। + +सीटों के बंटवारे के दावे पर असमंजस : रविवार को एआइएमआइएम प्रमुख असद ओवैसी की ओर से वक्‍तव्‍य जारी कर उत्‍तर प्रदेश में सौ सीटों पर अपनी पार्टी की ओर से उम्‍मीदवार उतारने की जानकारी देकर सियासी चर्चाओं को बल दिया था। मगर सोमवार को यूपी में 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' में शामिल दूसरे दल सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने यूपी में अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं होने की जानकारी देकर ओवैसी के दावों का अगले दिन ही खंडन कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7ae056d5e8283ae1407c01c6f95ed758ce72196 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70222.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसे अन्य सामान्य फैसलों में नहीं रखा जा सकता। उत्तर प्रदेश में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक संपदा की बहुलता है, लेकिन आजादी के इतने वर्षो बाद भी आज तक इस पर उचित तरीके से ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि चाहे वह धार्मिक पर्यटक हों या प्राकृतिक सौंदर्य के प्रेमी या फिर ऐतिहासिक अभिरुचि के पर्यटक उत्तर प्रदेश में आकर कुछ ही स्थानों तक सीमित हो जाते हैं, जबकि प्रदेश के कोने-कोने में इसकी संभावनाएं बिखरी पड़ी हैं। इस संभावनाओं को वास्तविक रूप से पहचाना है योगी सरकार ने, इसलिए हर संभव संभावना तलाशी जा रही है। क्योंकि पर्यटकों की संख्या बढ़ने से न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि पर्यटन उद्योग बढ़ने से होटल से लेकर परिवहन तक तमाम तरह के उद्योग भी पनपेंगे। प्रदेश की आर्थिक समृद्धि का यह बहुत ही संभावनाशील क्षेत्र होते हुए भी अभी तक अछूता और उपेक्षित रहा है। सबसे पहले रामायण सर्किट योजना पर काम शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे आगे भी बढ़ रहा है, पर इससे इतर भी तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जहां विकास की आवश्यकता है। हालांकि इसकी शुरुआत ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गठन से कर दी गई थी, पर चित्रकूट और विंध्य धाम पर भी परिषद के गठन की जरूरत थी, जो अब पूरी होने जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92c08fa139b025882fe83f1e1eaf40eadfc68d13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70223.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसके साथ ही कई और कदम भी उठाने होंगे। अगर सरकार तकनीकी शिक्षा पर जोर देती और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा सभी के लिए उपलब्ध होती तो उत्तर प्रदेश की प्रजनन दर वर्ष 2015-16 में ही दो बच्चे के करीब आ जाती है। यह बात ठीक है कि सरकार ने हम दो हमारे दो के महत्व को जनता को समझाया है, लेकिन तकनीकी शिक्षा की कमी और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा सभी के लिए उपलब्ध नहीं होने तक जन्मदर को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। + +सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना को कड़ाई से लागू करना होगा, जिससे देश का युवा वर्ग तकनीकी ज्ञान से अछूता नहीं रहे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, लेकिन यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए जाने की आवश्यकता है। इन सुधारों के माध्यम से सरकार परिवार नियोजन के उस उद्देश्य को प्राप्त कर सकती है, जिसके लिए इसकी शुरुआत की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3493daef1ef9e696eaa977fc0545f99a4d13b67c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी लाइब्ररी में जीसी गाेयल। ।वह कहते हैं, 'मैं किसी व्यक्ति को गुरु नहीं बनाना चाहता था। क्योंकि कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं होता। आखिर में श्रीमद् भगवद् गीता को अपना गुरु धारण करने का संकल्प लिया।' अगले ही दिन से वह गीता प्रचार मिशन के साथ जुड़ गए। उन्होंने अपना पूरा जीवन इसी काम में लगा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaf5911713f4e9fc4b3fb1c0a00a8e576c375164 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वास्तव में देखा जाए तो पेड़ लगाना और हरियाली को सहेजना पूरी दुनिया के भविष्य को सहेजने जैसा है। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की चेतावनी है कि यदि पेड़ के घटने की रफ्तार इसी गति से जारी रही तो वर्ष 2050 तक विश्व मानचित्र से भारत के क्षेत्रफल के बराबर जंगल समाप्त हो जाएंगे। कुछ समय पहले आई नेचर जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिर्फ 35 अरब पेड़ हैं। अर्थात हमारे यहां एक व्यक्ति पर सिर्फ 28 पेड़ ही बचे हैं। बावजूद इसके नए पौधों को लगाने और उनकी देखभाल को लेकर हमारे यहां कोई गंभीरता नहीं दिखती। हालांकि कई बार इंसान की सांसों के लिए शुद्ध हवा देने वाले पौधे रोपे भी जाते हैं, लेकिन वे अकसर संरक्षण के अभाव में दम तोड़ देते हैं। हर वर्ष बरसात के मौसम में पेड़ लगाने की औपचारिकताएं तो खूब होती हैं, पर उन्हें सहेजने के प्रति अनदेखी का भाव आज भी हमारे समाज में कायम है। ऐसे में कोरोना संकट से मिले सबक के बाद तो पौधे लगाने और उन्हें हर हाल में बचाने को लेकर गंभीरता आवश्यक है। बीते डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण से जूझते हुए हम सेहत की संभाल से जुड़े कई पहलुओं पर गहराई से विचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में हम आज अपनी बुनियादी जीवनशैली में आए बदलावों को लेकर भी चिंतित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fc26c4ac5926b11a5731e59bde01a877cd65e09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। दिवंगत एक्ट्रेसी श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर भले ही अभी अपने करियर में बिज़ी हों और शादी करने के बारे में नहीं सोच रही हों, लेकिन एक्ट्रेस शादी कैसे शादी करेंगी इस बारे में उन्होंने सब सोच रखा है। बैचलर पार्टी से लेकर शादी के कॉस्ट्यूम और जगह तक, जाह्नवी ने सब कुछ प्लान कर रखा है कि क्या कैसे होगा और वो अपनी शादी में क्या पहनेंगी। इस बारे में उन्होंने खुलकर बताया भी है। जाह्नवी का कहना है कि वो एकदम सिंपल तरीके से शादी करेंगी और दो दिन में अपनी शादी निपटा देंगी। शादी के बाद रिसेप्शन होना चाहिए ये भी ज़रूरी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69ccbbbb3dfb8aa2c2973a2b2afd75b1bfd7a285 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +माना जा रहा है कि इस तरह सरकारें दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को कुछ सरकारी सुविधाओं और सब्सिडी से वंचित कर सकती हैं। इन दोनों ही राज्य सरकारों का रुख हैरान करने वाला नहीं है। इसकी वजह है कि ‘टू-चाइल्ड पॉलिसी’ भारत के करीब 11 राज्यों में पहले से ही लागू है। इन राज्यों में दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को कुछ सरकारी सुविधाओं और पंचायत से लेकर नगर पालिका के चुनाव लड़ने तक की इजाजत नहीं दी जाती है, लेकिन यहां पर सवाल है कि क्या भारत को अभी ऐसे किसी कानून की जरूरत है? यदि नहीं तो फिर इसे अपनी आबादी को नियंत्रित करने के लिए क्या करना चाहिए?।जनसंख्या वृद्धि की वजह : आंकड़ों से पता चलता है कि जनसंख्या और शिक्षा का बड़ा गहरा नाता है। ऐसे राज्यों की जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आई है, जिनकी साक्षरता दर ज्यादा है। सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले राज्य केरल की दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर महज 4.9 फीसद है, जबकि सबसे कम साक्षरता दर वाले राज्य बिहार की वृद्धि दर 25.1 फीसद है। इसी तरह स्कूली शिक्षा के आधार पर भी प्रति महिला बच्चों की संख्या में अंतर पाया जाता है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के मुताबिक बिना स्कूली शिक्षा वाली महिलाओं के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं, जबकि 12वीं या ज्यादा शिक्षा वाली महिलाओं के 1.7 बच्चे होते हैं। गरीबी भी बढ़ती जनसंख्या के लिए जिम्मेदार है। गरीब परिवारों में बच्चों की अधिकता देखी जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के मुताबिक गरीब महिलाओं के अमीर महिलाओं की तुलना में औसतन 1.7 अधिक बच्चे होते हैं। निर्धन महिलाओं की प्रजनन दर जहां 3.2 है, वहीं धनी महिलाओं में प्रजनन दर 1.5 पाई गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, बाल विवाह, महिलाओं की कमजोर सामाजिक स्थिति आदि भी कुछ ऐसे कारण हैं, जो देश की आबादी में बेतहाशा वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70236.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3c8926b5c6301a2bfa8d6acf7050c49c8b5e5f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस अध्ययन के तहत मार्च 2020 से नवंबर 2020 तक कोविड-19 मामलों को देखा गया, जबकि आधार वर्ष 2019 से राष्ट्रीय स्तर पर पीएम 2.5 उत्सर्जन भार का अनुमान लगाया गया था। मुंबई और पुणे का मूल्यांकन महाराष्ट्र में किया गया था। अध्ययन में पाया गया किपरिवहन और औद्योगिक गतिविधियों में दहन द्वारा भारी मात्रा में जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल, डीजल और कोयले का उपयोग करने वाले क्षेत्रों में भी कोविड-19 मामलों की संख्या अधिक होती है। मानव स्वास्थ्य और कोविड-19 पर वायु प्रदूषण के प्रभाव का भी समान संबंध था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd27a44a3b96f0beee3df9483811a7bc339c9a44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर जनपद में भी पीकू यानी पीडियाट्रिक आइसीयू तैयार किए जा रहे हैं। लेकिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में तैयार किए जा रहा पीडियाट्रिक आइसीयू (वार्ड) अपने आप में अनोखा होगा। इसे देखने पर ऐसा लगेगा कि जैसे अस्पताल नहीं, कोई प्ले स्कूल होे। दरअसल, इसे बच्चों को लुभाने के लिए दीवारों पर कार्टून कैरेक्टर्स के साथ फूल-पत्ती, तितली आदि की पेंटिंग उकेरकर आकर्षक बनाया जा रहा है। भविष्य में प्ले स्टेशन एरिया भी बनाने की योजना है, जिसमें बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के खेल-खिलौने व अन्य सामग्री भी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff674d3e29f190ce7784dafc839dfc026a091fe8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70242.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह भारत के आंतरिक मामलों में ताकझांक करने की आदत से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्‍तान को पहले अनुच्‍छेद-370 और 35A को लेकर मिर्ची लगी थी। पाकिस्‍तान एक बार फ‍िर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्‍मीर के नेताओं के साथ हुई बैठक को लेकर बेचैन है। अब एक बार फ‍िर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्‍मीर को लेकर अटपटे बयान दिए हैं। कुरैशी ने प्रधानमंत्री मोदी और कश्‍मीर नेताओं की बैठक को पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज का हिस्‍सा बताया है। उन्‍होंने कहा कि गुरुवार को मोदी की बैठक से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। । भारत के आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप करते हुए कहा कि नई दिल्ली में हुई बैठक एक ड्रामा है। कुरैशी ने कहा कि मेरे हिसाब से तो यह बैठक एक ड्रामे से ज्यादा कुछ नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि यह एक पब्लिक रिलेशन एक्सरसाइज थी। उन्‍होंने कहा कि इन चीजों से कुछ हासिल नहीं होने वाला। यह नाकामयाब और बेकार की कवायद है, क्योंकि इस तरह की चीजों से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d00874d43a69c05d5150d3f21bd6d6aafe66f0b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70245.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सैनिटाइजर में एल्‍कोहल की अधिक मात्रा और अन्‍स जीवाणु और विषाणुनाशी या‍ैगिकों का मिश्रण होता है। स्किन से संपर्क में आने पर जो जीवाणु या विषाणु चिपके रह जाते हैं उन पर यह सैनिटाइजर एक लेयर बनाकर उनको खत्‍म कर देता है। इसके साथ ही स्किन पूरी तरह जर्म्‍स से सुरक्षित हो जाती है। हालांकि, सैनिटाइजर जेल, और लिक्विड फार्म में आता है। जेल में ग्लिसरीन मिलाकर भी कई उत्‍पादक इसे बेच रहे हैं। इससे हाथ मुलायम बने रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e958a553f1090de368a63bc525f88451c87875c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70246.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। देश में एंटी ड्रोन तकनीक उपलब्ध होने के बावजूद जम्मू एयरबेस पर इसे नहीं लगाये जाने को सुरक्षा तैयारियों में बड़ी चूक माना जा रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई महानगरों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को इस तकनीक का इस्तेमाल कर संभावित ड्रोन हमले से सुरक्षित किया जा चुका है। लेकिन पाकिस्तान की सीमा से महज 14-15 किलोमीटर दूर जम्मू एयरबेस पर इसे अब तक नहीं लगाया जाना समझ से परे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39bca29cd7f978fbf913a0576f8baf535f8c2420 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीजिंग/वाशिंगटन, एजेंसी। ताइवान को लेकर एक बार फ‍िर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह ताइवान सैन्‍य संबंध तोड़ दे। चीन ने जोर देकर कहा कि ताइवान की आजादी मतलब होगा अमेरिका के साथ जंग। चीन मंत्रालय के प्रवक्‍ता रेन गुओकियान्‍ग ने कहा कि अमेरिका हमारे आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप नहीं करे। उन्‍होंने कहा कि चीन इस द्वीप देश को जोड़ने में भरोसा रखता है। वह ताइवान पर किसी बाहरी हस्‍तक्षेप का विरोध करता है। चीन ने अमेरिका से कहा है कि वह ताइवान से सभी तरह के सैन्‍य र‍िश्‍ते खत्‍म करे। इसके पूर्व चीन ने जी-7 देशों की बैठक में भी ताइवान का मुद्दा उठा था। सवाल यह है कि क्‍या हांगकांग के बाद चीन सच में अमेरिका से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है। आखिर क्‍या है उसकी रणनीति। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a02cd6e0b0ac15baf70c907ba09b5e5b765b46b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आपको बता दें कि इस फिल्म के अलावा इमरान की फिल्म ‘चेहरे’ भी रिलीज़ होने के लिए तैयार है, बस थिएटर खुलने का इंतजार है। फिल्म की रिलीज़ डेट भी अनाउंस कर दी गई थी,लेकिन कोविड की वजह से इसे आगे टाल दिया गया। ‘चेहरे’ में इमरान हाशमी अमिताभ बच्चन, रिया चक्रवर्ती, अन्नू कपूर और क्रिस्टल डिसूज़ा के साथ स्क्रीन शेयर करेंगे। वहीं इमरान हाशमी आखिरी बार मुंबई सागा में नजर आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e12f8c4cf4593e4e5918991783fa9240b5dd27c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कंक्रीट के जंगल में रहने वालों को हरियाली की अहमियत का भी अहसास है। वृक्ष धरा का भूषण हैं, करते दूर प्रदूषण हैं, वह इसे बखूबी समझ चुके हैं। रविवार को दैनिक जागरण के अभियान आओ रोपें अच्छे पौधे में शहर के अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अभियान के तहत सिकंदरा इंडस्ट्रीयल एरिया के गणपति क्लासिक सोसायटी और लोहामंडी के खतैना स्थित पारस पर्ल्स एक्सटेंशन सोशल वेलफेयर सोसायटी में पौधारोपण किया गया। अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने नए पौधे लगाने के साथ ही पुराने लगाए गए पौधों को उन्हें गोद लिया। इससे कि बागवां बन इन पौधों के पेड़ होने तक उनकी निरंतर देखभाल की जा सके। ।गणपति क्लासिक सोसायटी में 272 फ्लैट्स हैं। इनमें 250 परिवारों के करीब एक हजार सदस्य रहते हैं। साेसायटी में आम, जामुन, अमरूद, गुलमोहर आदि के छोटे-बड़े 600 से ज्यादा पेड़ हैं। रविवार को पेड़ों के इन परिवार में नीम, पीपल, बरगद अादि के दो दर्जन से ज्यादा नए पौधे शामिल हुए। सोसायटी के लोगों ने नए पौधे लगाने के साथ ही पुराने पौधों को भी गोद लिया है। इन पौधों की वह बड़़े होने तक देखभाल करेंगे, जब तक कि वह वृद्ध नहीं बन जाते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc6ceb27ddf93063a54a8e6f7260bf43514a328a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह होगा फायदा : जिले में पैक हाउस के जरिए मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, सम्भल व हापुड़ के किसान अपने खेत में उगाई सब्जी व फल देश और विदेश भेज सकेंगे। उनकी आमदनी कई गुना बढ़ जाएगी। यहां बता दें कि जिले में करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बाग हैं। कुल पैदावार में से करीब दो हजार मीट्रिक टन आम दूसरे राज्यों व विदेश में भेजा जाता है। खाड़ी देशों में अमरोहा आम खूब पसंद किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70262.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70262.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ef24732a45fb24ca4f0b29184edcd32964ed890 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70262.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगदीश त्रिपाठी, हिसार। राकेश टिकैत ने झज्जर में यह दावा कर कि वह हरियाणा के हैं, एक नया शिगूफा छेड़ दिया है। उनका कहना है कि हरियाणा में जो लोग उन्हें (राकेश टिकैत को) बाहरी बता रहे हैं, वे जान लें-मैं सोनीपत के मझाना गांव का हूं। अब उन्होंने मझाना कहा था या मल्हाना, लेकिन सोनीपत मे मझाना नाम का कोई गांव शायद नहीं है। मल्हाना गांव जरूर है, जहां जाट समुदाय के बालियान गोत्र के लोग रहते हैं। संभव है कि राकेश टिकैत इसी गांव की बात कर रहे हों, क्योंकि वह भी बालियान गोत्र के हैं। लेकिन यह तो तय है कि वह इस गांव के निवासी नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d69ca016ef4242ea1a2f1fb6a0284059f190e5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70263.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, उषा को बचपन से ही दौड़ने का शौक था, लेकिन गरीबी और अस्वस्थता ने उनके सपनों को लगभग चकनाचूर कर दिया। हालांकि, जैसे हर अंधेरी सुरंग के अंत में प्रकाश की एक किरण होती है, उषा की किस्मत ने तब बेहतरी के लिए एक मोड़ लिया जब उसे 250 रुपये की छात्रवृत्ति केरल सरकार से मिली। तब महिला खेल प्रभाग की स्थापना हुई थी। इन्हीं 250 रुपयों ने देश को उड़न परी दे दी। + +आपको जानकर हैरानी होगी कि एक छोटे से गांव पायोली की रहने वालीं पीटी उषा बचपन में बीमार रहती थीं, लेकिन स्कूल में उन्होंने एक दौड़ प्रतियोगिता में अपनी सीनियर को हरा दिया, जो स्कूल चैंपियन थी। उनकी इस प्रतिभा को ओम नांबियार ने तरासा था, जो हमेशा उनके निजी कोच के तौर पर साथ रहे। असल में पीटी उषा की परीक्षा बड़े मंच पर 1980 में हुई थी, जब उन्होंने कराची में नेशनल पाकिस्तान गेम्स में 100 और 200 मीटर की रेस जीती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de9340d0135459589664347c6a9848cafb0ac8dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ के लिए गौरव की बात। भारतीय एथलेटिक संघ के उपाध्यक्ष और भल्ला इंटरनेशनल के निदेशक आशुतोष भल्ला के अनुसार पूरे देश में केवल मेरठ की तीन कंपनियां ही टोक्यो ओलंपिक के लिए चयनित होना मेरठ के लिए गौरव की बात है। जालंधर में भी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी मेरठ की इन कंपनियों के उपकरणों में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33d22125c8983aaed8f5425a8d43683e0a633b3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70268.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसकी विषयवस्तु की सटीकता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि करीब 210 पृष्ठों की यह किताब 31 अध्याय समाहित किए हुए है। इससे स्पष्ट है कि लेखक अपने विचार को व्यापक विस्तार देते हुए भी उन्हें सारगर्भित तरीके से समझाने में सफल रहे हैं। अपने विषय की व्यापक भूमिका बांधने के बजाय उन्होंने सीधे बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कर लक्ष्य संधान किया। इसी कारण वह इतने विषयों को साधने में सफल रहे हैं। + +कई विवादित पहलुओं पर अपनी दृष्टि डाली।उन्होंने भारतीय इतिहास के कई विवादित पहलुओं पर अपनी दृष्टि डाली है। जैसे भारत में आर्यों के आगमन पर जारी शाश्वत बहस को लेकर वह अपना अभिमत रखते हैं। शायद इसी कारण आर्यों से जुड़ा अध्याय पुस्तक के सबसे लंबे पाठों में से एक है। इसके विपरीत सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर माइकल डैनिनो ने 'द लॉस्ट रीवर नाम से 368 पन्नों की जो किताब लिखी, उस मसले को समझाने में गोतिए ने मात्र तीन पृष्ठ ही खर्च किए हैं। संयोग है कि गोतिए और डैनिनो दोनों फ्रांसीसी मूल के हैं। ।गोतिए भारत में अश्व और अश्वारोहण से जुड़ी गुत्थी भी सुलझाते हैं।इसी कड़ी में गोतिए भारत में अश्व और अश्वारोहण से जुड़ी गुत्थी भी सुलझाते हैं। वहीं अशोक स्तंभ को भारत में धातुकर्म कौशल के प्रतीक के रूप में स्थापित करते हैं। इसी तरह वेदों को लेकर वह जर्मन विद्वान मैक्स मूलर की उस धारणा को ध्वस्त करते हैं, जिन्हें मूलर ने मात्र 1,500 वर्ष पुराना बताया, जबकि गोतिए प्रमाण देते हैं कि ये रचनाएं 5,000 वर्षों से भी अधिक प्राचीन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f066341847b4270d8f8e95bcd9eb46984aa9650e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70269.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल हैं कई।आंकड़ों के खेल में न फंसकर अगर वस्तुस्थिति को देखा जाए, तो सच यही है कि देश के लाखों बच्चों ने अपने माता-पिता, चाचा-चाची, दादा-दादी या नाना-नानी या दोस्तों को कोविड के कारण हमेशा के लिए खो दिया है। जो समर्थ परिवारों से हैं, उनकी चुनौतियां अलग प्रकार की हैं और जो समाज के निचले तबके से हैं, उनकी अलग। फिलहाल, पीएम केयर फंड से लेकर राज्य सरकार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों के पुनर्वास के लिए योजनाओं की घोषणा की है। कोविड संक्रमण के कारण निराश्रित हुए बच्चों की शिक्षा से लेकर उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकारों ने उठाई है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बच्चों का स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा। दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों को जहां राजकीय बाल गृह में रखा जाएगा, वहीं अवयस्क बच्चियों की देखभाल व पढ़ाई की व्यवस्था कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में की जाएगी। ऐसी बच्चियों की शादी के लिए सरकार ने सहायता राशि सुनिश्चित की है, लेकिन कुछ सवाल अब भी हैं, जिन पर संशय है। जैसे, अगर किसी बच्चे के पिता का पहले ही देहांत हो चुका हो और कोविड ने मां को भी छीन लिया हो, तो क्या ऐसे बच्चे इस श्रेणी में शामिल किए जाएंगे? दूसरा, अगर किसी बच्चे के पास कोविड से अभिभावकों की मृत्यु का सर्टिफिकेट नहीं होगा, तो क्या उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा? इस बारे में केंद्र व राज्य सरकारों के व्यावहारिक नजरिया अपनाना होगा, ताकि जरूरतमंद बच्चों को अपेक्षित सहायता मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1665698e7fe033a94075d8c25dd968e6ce89b09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70271.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +योगेश शर्मा, हाथरस । कहते हैं कि जल है तो कल है। इसलिए हमें आज की बूंद-बूंद बचानी चाहिए। इस पर शहर से ज्यादा गांव देहात में ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अब तो किसान भी सिंचाई में जल की एक एक बूंद बूंद सहेज रहे हैं। सिंचाई में पानी कम से कम खर्च हो इसका सिस्टम लगा रहे हैं। इन्हीं जागरूक किसानों में हैं सासनी ब्लाक के गांव लढ़ौटा के किसान चरन पाल सिंह। मगर पानी बचाने का तरीका जानना है तो इनसे सीखिए। + +90 फीसद अनुदान देती है सरकार।स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाने के लिए सामान्य किसानों को 80 व लघु व सीमांत किसानों को 90 फीसद अनुदान मिल रहा है। जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह के अनुसार औद्यानिक फसल में ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाने को 129 हेक्टेयर, स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए 218 हेक्टेयर व कृषि फसल के लिए पोर्टेबल स्प्रिंकलर, माइक्रोस्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर, रेनगन सिस्टम लगाने के लिए 260 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला है। जल संरक्षण के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वह अपनी फसलों पर यह सिस्टम लगा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cc701c35ca8941388bdf440e21fa8a624ce5d34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। भीषण गर्मी से जूझ रहे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को जल्द राहत नहीं मिलने वाली है। मानसून के दस्तक देने में भी तकरीबन एक सप्ताह का समय लग सकता है, ऐसे में लोगों को गर्मी और उमस का सामना करना पड़ेगा।  मौसम विभाग का कहना है कि पछुआ हवाओं ने मानसून का रास्ता रोक लिया है, जिससे बादलों की रफ्तार थमी है। इन क्षेत्रों में मानसून के पहुंचने में अभी एक सप्ताह का समय और लग सकता है। देश के पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर बाकी हिस्से में भी मानसून की रफ्तार थमी रहेगी। दक्षिण व पश्चिमी राज्यों में भी मानसून की बारिश जुलाई के पहले सप्ताह के बाद ही गति पकड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db9797d20186293a07d27e1d1e1632e54bfab1e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इटावा, [जागरण स्पेशल]। Groom refused marriage  एक लड़की का पिता अपने बेटी की शादी को लेकर कितना संवेदनशील होता है इसका अनुमान लगाना काफी कठिन है। बेटी की शादी में कोई कसर न रह जाए, कोई विघ्न पड़े और कोई बराती नाराज न हो ऐसी न जानें कितनी बातों को ध्यान में रखकर एक पिता अपने जीवन की सारी जमापूंजी बेटी की शादी में खर्च कर देता है। ...लेकिन जरा सोंचिए ! उसी पिता पर उस वक्त क्या बीतती होगी जब उसे पता चलता होगा कि वरमाला से पहले दूल्हा संबंध तोड़कर फरार हो गया। जी हां, ऐसा ही एक मामला इस बार उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से सामने आया है। जहां लड़की के पिता ने द्वार पर ही वरोठा (शादी से पहले स्वागत की रस्म) किया, सभी बरातियों को खाना खिलाया, लेकिन कुछ देर बाद उन्हें पता चला कि दूल्हा गायब है। अब इसके पीछे क्या वजह आइए जानते हैं:  ।ये है पूरा मामला: यह वाकया ऊसराहार थाना क्षेत्र के कुरखा गांव का है। यहां के एक परिवार ने अपनी लड़की की शादी कन्नौज के युवक के साथ तय की थी। लड़की के स्वजन ने 21 जून को ही लड़के के घर पहुंच कर दान दहेज के साथ लगन चढ़ाई थी। 24 जून को तय समय के अनुसार बरात पहुंची। वधू पक्ष ने सभी बरातियों का आवभगत किया वरोठा की रस्म के बाद सभी बरातियों को खाना खिलाया गया। वरमाला की रस्म पहले से तय नहीं थी, इसलिए अगली रस्म में लड़के वालों की ओर से चढ़ावा चढ़ाने के बाद भांवरे पड़नी थी। वधु पक्ष के अनुसार वह रात तीन बजे बरात में चढ़ावा लेने पहुंचे तो दो-चार बराती ही बचे थे। दूल्हा मौके पर नहीं था। माना गया कि बरात चढ़ने के बाद बराती वापस चले गए होंगे। जब दूल्हे के पिता से चढ़ावा मांगा तो वह टाल-मटोल करने लगे। कुछ देर बाद बताया दूल्हे ने शादी करने से मना कर दिया है और वापस चला गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70284.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d8ae5013f7914060aa90fa742a60eb91e20e2b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70284.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये कदम उठाने को कहा।पत्र में कहा गया है कि जिन जिलों में डेल्‍टा वैरिएंट के मामले पाए गए हैं उनमें भीड़ को रोकने और लोगों के संपर्क को कम करने, व्यापक जांच करने, मामलों का शीघ्र पता लगाने के उपाय किए जाएं। यही नहीं केंद्र ने राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण अभियान को और तेज करने के निर्देश जारी किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..767699a244aa7b197a28a3be28b142247a875f7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70285.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ईश्वर दुश्मन को भी यह दिन न दिखाए। दूध पीने की जिद करते बच्चों की फरमाइश को विधवा मां कुछ इस तरह से पूरा करती है। दस रुपये में दूध में इतना पानी मिला देती है कि बस उसका रंग सफेद रहे। इसके बाद तीनों बच्चों को बराबर में बांट देती है। पति की मौत के गम के आंसू पोंछ विधवा मां अन्नू तीन बच्चों के पेट पालने की जद्दोजहद से जूझ रही है। सुबह और शाम ्र घर मे चूल्हा जलाने के लिए दूसरों के यहां जूठे बर्तन साफ कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90d81710c90933addc665607b7cced13f3782ad7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70286.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। Vandana Mishra Death News Kanpur राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के शहर आगमन से कुछ देर पूर्व गोविंदनगर पुल पर रोके गए ट्रैफिक में आइआइए महिला विंग की अध्यक्ष वंदना मिश्रा 45 मिनट तक फंसी रहीं। वे इलाज कराने के लिए रीजेंसी अस्पताल जा रही थीं, लेकिन ट्रैफिक में फंसे होने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई। जाम खुलने के बाद करीब पौन घंटे देरी से वे अस्पताल पहुंच सकीं, लेकिन वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविन्द को जब इस घटना की जानकारी हुई तो उन्हें काफी दुख हुआ। उन्होंने घटना की चर्चा की तो राष्ट्रपति ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने तत्काल कानपुर जिलाधिकारी (Kanpur DM) और पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner Aseem Arun) को शोकाकुल परिवार को ढांढ़स बंधाने के निर्देश दिए। इस पर जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने दिवंगत वंदना मिश्रा के पति शरद मिश्र तक राष्ट्रपति का शोक संदेश पहुंचाया। ।कौन हैं वंदना मिश्रा: कानपुर में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आइआइए) महिला विंग की अध्यक्ष वंदना मिश्रा ने अग्रणी भूमिका अदा की है। वे करीब सात साल तक भारतीय महिला उद्यमी परिषद की महामंत्री भी रहीं। बता दें कि उनके दो बेटे हैं, जिनकी अभी शादी भी नहीं हुई है। + +कोरोना की दे चुकी थीं मात: वंदना मिश्रा दो माह पूर्व कोरोना संक्रमित हुई थीं और तेजी से रिकवरी करते हुए वे ठीक भी हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत भी की। अचानक तीन दिन पहले उन्हें घबराहट व बेचैनी की शिकायत थी। इस पर हृदय की जांच कराई गई जो कि सामान्य निकली थी। शुक्रवार को दोपहर में पति व अपने बेटों के साथ रीजेंसी अस्पताल में दिखाने गई थीं तब वह ठीक थीं। घर आने के कुछ देर बाद शाम पांच बजे उनकी तबीयत पुन: बिगड़ने लगी तो स्वजन उन्हें सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल ले गए। लेकिन गोविंदनगर पुल पर वे सभी पौन घंटा जाम में फंसे रहे। अस्पताल पहुंचने के बाद डाक्टरों ने कहा कि समय पर वे अस्पताल पहुंच जातीं तो शायद बचाया जा सकता था। वंदना मिश्रा के निधन से कानपुर के उद्यमियों ने गहरा शोक जताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67320da5c3edae83930ad4db8f04d7befa37212d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। चीन और पाकिस्‍तान के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका यह बयान पाकिस्‍तान और चीन को जरूर बेचैन करेगा। अमेरिका ने कहा है कि भारत हमारा वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण साझेदार है। हम भारत के साथ मिलकर आर्थिक, रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी कई मामलों में कार्य कर रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अमेरिका भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए कई कदम उठा रहा है। हम इस महामारी से लड़ने में भारत को हर तरह की मदद कर रहे हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब सीमा पर चीन, भारत पर लगातार दबाव बना रहा है। ऐसे में अमेरिका का खुलकर भारत के साथ आना चीन और पाकिस्‍तान के लिए चिंता का सबब हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0ee01ab76a4641c4ede345e62cf52c3ad7f69a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70288.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। नकली नोटों का असली खिलाड़ी पश्चिमी बंगाल के मालदा अंशुल नाम का व्यक्ति है। नकली नोटों को बाजार में चलाकर देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाले अंशुल के विदेश से भी तार जुड़े होने संदेह जताया जा रहा है। अंशुल के पास पाकिस्तान से बांग्लादेश होकर नकली नाेटों की खेप आती है। वह यूपी समेत देश के कई प्रदेशों में अपना नेटवर्क बिछाकर नकली नोटों का धंधा कर रहा है। एटीएस की टीम आरोपित की तलाश में जुट गई है। आरोपित के ठिकानों का पता लग चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b135f7fae65b19ce59c6e4de224e3d779c7f1ead --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राधिका आप्टे ने खुलासा किया कि देव डी के लिए उनका ऑडिशन उनके जीवन का सबसे अजीब था। उसने कहा, “देव डी के ऑडिशन के लिए मुझे फोन पर अश्लील बातें करनी थीं तभी मैं ऑडिशन पास कर पाती। मैं पुणे में रहती थी। उस समय, मैंने कभी भी फोन पर ऐसे कुछ नहीं किया था। और मुझे इसे सबके सामने करना था। लेकिन मैंने इसे किया, और यह बहुत अच्छा था! हां लेकिन ये बात अलग है कि मुझे वो रोल ऑफर नहीं किया गया। ”।बता दें कि कुछ दिनों पहले ग्रैजिया मैगजीन संग बातचीत में राधिका आप्टे ने बताया कि कैसे उनके कुछ न्यूड वीडियो लीक होने के बाद उनका घर से निकलना भी मुश्किल हो गया था। एक्ट्रेस ने बताया कि फिल्म 'क्लीन शेव' से एक वीडियो लीक हो गया था। जिसका उनपर काफी बुरा प्रभाव पड़ा था। उन्होंने कहा- 'मेरे वॉचमैन और ड्राइवर ने भी मुझे पहचान लिया था। वीडियो लीक होने के बाद मेरे लिए घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था। चार दिनों तक मैं घर से बाहर नहीं निकली थी।'।राधिका आप्टे को आखिरी बार बेव की क्राइम थ्रिलर ड्रामा रात अकेली है में देखा गया था, जो हनी त्रेहान द्वारा निर्देशित है। फिल्म में वह नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ रोमांस करती नजर आई थीं। फिलहाल, फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग कर रही है। राधिका के रोल को इसमें काफी सराहा गया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..849a99b2efb3089fec17d9c4ea0ff083b51a24cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। इस बार कागजों में नहीं बल्कि हकीकत में ताजनगरी को हरा-भरा बनाना है। पिछले दो सप्ताह से चल रही दैनिक जागरण के अभियान आओ रोपें अच्छे पौधे अभियान की तैयारियों को अमली जामा आज से पहनाये जाने की शुरूआत हुइ। शहरवासियों ने कोरोना से दिवंगत हुए अपनों की याद में पौधे लगाने का जो संकल्प लिया है, इसे पूरा करना मुश्किल नहीं है। आज से संकल्प को मूर्त रूप देने का आगाज हो गया, शहरवासियों द्वारा लगाए गए पौधे भविष्य में ताजनगरी को हरियाली का ताज पहनाएंगे। इस अभियान में एेसे पौधे रोपित करने का लक्ष्य है जो आक्सीजन ज्यादा देते हैं। आम आदमी के साथ सामाजिक और धार्मिक संगठन भी अभियान में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने की तैयारी कर चुके हैं। सिर्फ पौधे लगाना ही नहीं बल्कि उनके देखरेख करने की जिम्मेदारी भी सभी ने उठाई है। दैनिक जागर के इस अभियान में आगरा के साथ साथ मथुरा,  मैनपुरी, फीरोजाबाद, एटा और कासगंज के लोगों ने भी कदम से कदम मिलाए। ।तस्वीरों में देखें हरियाली को संजोने का अभियान।दैनिक जागरण के अभियान आओ रोपे अच्छे पौधे के अंतर्गत ताजगंज क्षेत्र मदरसे में पौधा रोपण करते उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी व नायाब शहर काजी मौलाना रियासत अली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dab132c9d6eea7b6e9b8811aba55b6e12a60891e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70291.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +12.5 किलोमीटर में रोपे जाएंगे पौधे : लखनऊ-गोरखपुर मार्ग पर सआदतगंज से लेकर नयाघाट के बीच 12.5 किलोमीटर में डिवाइडर पर पौधों का रोपण किया जाएगा। दस-दस मीटर पर खजूर अथवा वाशि‍ंगटोनिया पाम लगाए जाएंगे। इनके बीच अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। 1250 पौधे डिवाइडर पर रोपे जाने हैं। ये पौधे कोलकाता, सहारनपुर व पूना से मंगाए गए हैं। इसी माह पौधों का शुरू हुआ है, जो नौ माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। + +मां सरयू और राजा मनु की लगेंगी प्रतिमाएं : इस प्रोजेेक्ट में हाईवे पर पडऩे वाले अंडर पास का भी सुंदरीकरण कराया जाएगा। अंडरपास पर पडऩे वाले चौराहों को विकसित किया जाएगा। सआदतगंज के पास राम-सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व हनुमान सहित मां सरयू और अयोध्या की स्थापना करने वाले राजा मनु की प्रतिमा भी फव्वारे के बीच लगाई जाएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64df275c1c47e583967b76e155aa05781ca192ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70292.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल गांधी ने एक बार फिर टटोला पंजाब के नेताओं का मन, कैप्टन व सिद्धू को लेकर पूछे सवाल।पंजाब कांग्रेस में कलह को समाप्‍त करने व विवादों का समाधान ढूंढने में जुटे राहुल गांधी ने अब पंजाब के नेताओं से सीधे-सीधे संवाद करना शुरू कर दिया है। पहले राहुल गांधी कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ और राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा से मिले थे। शुक्रवार को वह दो हिस्सों में मंत्रियों व विधायकों से मिले। बताया जाता है कि इस दौरान राहुल ने ज्यादातर नेताओं के मन को पढ़ने की कोशिश की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c80b1773b50cb82b93794337cbc5270427ef3a4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70293.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मैडेंस होटल को व्हाइट हाउस बुलाते थे।आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई मैंने राजनिवास मार्ग के पास दिल्ली यूनाइटेड क्रिश्चयन स्कूल से की। उसके बाद उसी के सामने गवर्मेंट माडल स्कूल में दाखिला ले लिया था। स्कूल के पास ही सिविल लाइंस में द मैडेंस होटल था। पूरा सफेद जिसे हम बच्चे व्हाइट हाउस कहते थे। जब भी दिल्ली में टेस्ट मैच होता तो सारी क्रिकेट टीम उसी होटल में ठहरती थी। एक बार वेस्टइंडिज की पूरी टीम वहां आई थी। हम उन्हेंं देखने पहुंच गए। तब क्रिकेटर क्लाइव लायड ने हम सबसे खूब बातें कीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c15d26c0e9963d28214c513bdc5be77b55f5cd90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7030.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +When Israel copied its National Anthem from Urduwood maestro Anwar (Anu) Malik's national anthem from film Diljale।Diljale was a story of dreaded Kashmiri terrorist named Shyam 🤔pic.twitter.com/J5E5VHHv7y।Israel’s national anthem has uncanny resemblance to Mera Mulk Mera Desh Mera Ye Chaman song from Diljale at a lower tempo.।And since Anu Malik was the music director, I am 💯% convinced now that he copied even that music too from here. 😁 https://t.co/zpgyrovmr5।Mera mulk is COPIED !।Bollywood copied Israel's national anthem tune, this is next level ..... Anu Malik !।Hence proved: Anu Malik saab was at 1996 summer olympics pic.twitter.com/IvQlABqQM4।कुछ दिनों पहले ही वायरल हुआ था एक वीडियो।बता दें कि रघु राम का 'इंडियन आइडल' ऑडिशन वाला एक वीडियो हाल ही में वायरल होने के बात एक और वीडियो सामने आया इसमें रघु अनु मलिक से पूछते दिख रहे हैं कि क्या उन्होंने कभी धुन चुराई है। इस पर अनु मलिक जवाब देते हैं, आप भी चोर हैं। साथ ही अपनी ओरिजिनल धुनें गिनवाते हैं। यह वीडियो 'एंटरटेनमेंट की रात' का है, जो कि 2017 में टेलीकास्ट हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18f4bd7f173741e52222129fcf653b4cd22d3bc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर मुश्किल का है उपाय।कई बार लोग सोचते हैं कि भगवद्गीता एक र्धािमक पुस्तक है, लेकिन ऐसा नहीं है। सच कहा जाए तो भगवद्गीता एक जीने का तरीका है। कैसे जीवन की वास्तविक गहराइयों को समझना है, कैसे उस लक्ष्य की तरफ बिना विचलित हुए बढ़ना है, कैसे मंजिल को पाना है। कुल मिलाकर, भगवद्गीता हमें अपने जीवन का सही लक्ष्य बनाना सिखाती है। हमें एक पावरफुल लीडर बनने के गुण सिखाती है। यह हमें अपने व्यापार और करियर आदि को सही दिशा और सही गति में चलने की तमाम विधियां सिखाती है। इतना ही नहीं, भगवद्गीता हमें सुख और दुख में, मान और अपमान में समभाव रहने का तरीका सिखाती है। यह हमें सिखाती है कि हर अवस्था में खुश और खुशहाल कैसे रहा जाए। भगवद्गीता में अठारह अध्याय और सात सौ श्लोक हैं। इन श्लोकों से अर्जुन को अपने अंदर की ताकत का ज्ञान हुआ। उन्हें हर उस अवस्था से लड़ने की शक्ति मिली, जिससे वे भाग रहे थे। इस संसार में अपने बिजनेस, अपने काम, अपने जीवन को सही ढंग से समझने के लिए और अतिउत्तम परिणाम लाने के लिए भगवद्गीता के संदेश सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70302.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70302.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..793ea1a923b275f53840fd8f2bfa6237e2e06e91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70302.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +परिवार ने लिए सही फैसले: बेंगलुरु के अपोलो अस्पताल की एसोसिएट कंसल्टेंट डा. तन्वी सूद के परिवार के लोग एक के बाद एक कोरोना से पीडि़त होते गए। एक बहन निगेटिव थी। उसने ही सभी को संभाला। सच यही है कि जब घर में सब बीमार पड़ जाते हैं तो परिवार का हौसला और सकारात्मकता ही सही रास्ता दिखाती है। डा. तन्वी कहती हैं, दो सप्ताह तक मम्मी-पापा अस्पताल में रहे। मुझे भी सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। बिस्तर पर थी, लेकिन हम सबने फोन पर जुड़े रहकर एक-दूसरे को संभाला। एक घर में रहने के बाद भी हम सब तभी मिल पाए जब निगेटिव हुए। परिवार में हम सब प्रोफेशनल्स हैं। कोई समस्या आती है तो हम उसका हल ढूंढ़ते हैं। हमारा फोकस मम्मी-पापा की तबीयत पर था। रोज प्लाज्मा डोनर ढूंढऩा, डाक्टर से लगातार बात करना। हम उस समय भी मजबूत और सकारात्मक बने रहे। हमने कभी सोचा नहीं कि यह क्या हो गया? क्यों हुआ? हमारे साथ ही ऐसा क्यों हुआ? हम यही सोच रहे थे कि अगला कदम क्या लेना है। इस चीज से बाहर कैसे निकलना है। हमारे लिए तो यह एक आशीर्वाद की तरह था कि सब ठीक हो गए। इसलिए इसके आगे कुछ सोचा नहीं। सब कुछ ठीक होने में एक महीना लग गया। हम सकारात्मक थे और परिवार एकजुट था। इसलिए सही फैसले लेते रहे। + +फिटनेस की बातें कीं: हिना कोरंगा फिटनेस इंस्ट्रक्टर ने बताया कि जब मैं घर में रही तो अपने बारे में खुद को जानने की कोशिश की। मैंने मेडिटेशन करना शुरू किया तो थोड़ा आध्यात्मिक हुई। मेरी मां नियमित रूप से योग करती हैं। जब भी हम साथ बैठते तो फिटनेस और स्वास्थ्यवर्धक खानपान की बातें करते। मां भी सीखने और सिखाने के लिए तत्पर रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70303.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e49e429ce3c1270c61ebe99865ee4ff30641af0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70303.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर दुल्लहपुर थाने के देवा गांव में 22 फरवरी 1889 को गाजीपुर जिले में जन्म लेने वाले स्वामी सहजानन्द सरस्वती का बचपन का नाम नौरंग राय था। उनका निधन 26 जून वर्ष 1950 में बिहार के बिहटा में हुआ था। ज्यादातर समय उनका वहीं किसानों के बीच ही बीता। पिता बेनी राम किसान थे ऐसे में उन्हें गांव और किसान से बेहद लगाव था। किसान नेता के रूप में उन्हें यूं ही नहीं जाना जाता। इस जीवन को उन्होंने नजदीक से देखा और समझा है। आज भी उनके परिवार के लोग गांव में रहते हैं। नाती लगने वाले अरविंद राय पप्पू गांव में रहकर आज भी खेती-बारी करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78320f85cbf462dcd89ee80129731e0a0a478091 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब तक तीन आइसीसी इवेंट्स में कप्तानी कर चुके विराट कोहली आइसीसी ट्रॉफी से दूर हैं। इसके अलावा अपनी कप्तानी में उन्होंने कभी भी आइपीएल खिताब नहीं जीता है। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भी कप्तान के तौर पर विराट कोहली के लिए बड़ी चुनौती होगी, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत में होने वाली टेस्ट सीरीज भी कप्तान विराट कोहली के लिए अहम है। अगर इन बड़े टूर्नामेंट और सीरीजों में विराट कोहली असफल होते हैं तो फिर उनकी कप्तानी छीनी जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec51af1786889092ad8c682f59e31906cc882451 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70306.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [विक्सन सिक्रोड़िया]। अब पोलियो, गठिया और कमजोर मांसपेशियों वाले मरीज बिना दर्द सहे आराम से चल सकेंगे। पैरों को सहारा देने के लिए जल्द ही उनके पास ऐसा कैलीपर होगा जो चलने के दौरान ज्वाइंट को मोड़ने में मदद करेगा। पहली बार इस तरह कैलीपर तैयार किया गया है, एग्जोलेग नाम से इस कैलीपर को पीएसआइटी के पास आउट छात्रों ने बनाया है। + +पीएसआइटी के पासआउट छात्र ने तैयार किया एग्जोलेग।प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (पीएसआइटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पासआउट छात्रों ने आडिनो प्रोग्रामिंग कर एक ऐसा कैलीपर ‘एग्जोलेग’ बनाया है। इसमें माइक्रो कंट्रोलर व पोटेंसियोमीटर सेंसर लगा है, जो नजर रखता है कि व्यक्ति कब चल रहा है और कैसे चल रहा है। उसके चलने के अनुसार ही इसका पूरा मैकेनिज्म काम करता है। अभी तक जो कैलीपर बाजार में उपलब्ध हैं उनमें ज्वाइंट के पास लाक मैकेनिज्म लगा होता है, जिससे पैर मुड़ता नहीं है। इससे मरीज को सीधे पैर करके चलना पड़ता है। अब लाक को हटाकर जो मैकेनिज्म इस्तेमाल किया है, उससे ये व्यक्ति के चलने के अनुसार खुद को ढाल लेता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..603d00578c031f1e78119dbf68293b21525c71cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, अमृतसर। अंतरयामी कालोनी में रहने वाले ज्ञानी मोहन सिंह ने अपनी 200 वर्ग की कोठी श्री हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के नाम दान कर दी है। इस कोठी की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है। ज्ञानी मोहन सिंह ने शुक्रवार को एसजीपीसी के अधिकारियों को अपने घर बुलाया और अपनी कोठी श्री हरिमंदिर साहिब के नाम दान करने का एलान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7031.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9a123508dbd68dac177a4a1c515d8f8a8f0747a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7031.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl कटरीना कैफ इन दिनों विकी कौशल को डेट कर रही हैl वह सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैंl अब कटरीना कैफ ने एक नए फोटो शूट केबीटीएस वीडियो शेयर किए हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रहे हैंl इसमें उन्हें फोटोशूट कराते और डांस करते हुए देखा जा सकता हैl।कटरीना कैफ सोशल मीडिया पर फोटो डम्प ट्रेंड करने वाली हालिया सेलिब्रिटी हैंl उन्होंने कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं जो कि उनके फोटो शूट के हैंl उन्होंने इसे शेयर करते हुए 'फोटोशूट बीटीएस डम्प' लिखा हैl पहले वीडियो में कटरीना कैफ की साइड प्रोफाइल नजर आ रही हैl वह किसी को देख रही हैl इसके बाद दूसरे वीडियो में वह डांस करते समय हंसने लगती हैl उनके हेयर स्टाइलिश अमित ठाकुर मजेदार अंदाज में डांस कर रहे हैंl तीसरी और चौथी फोटो में वह ग्लास के पास आराम कर रही हैl पांचवी और छठी फोटो में कटरीना और अमित ठाकुर हंस रहे हैंl।कटरीना कैफ ने ओलिव ग्रीन कलर का ब्लेजर पहन रखा हैl वहीं दूसरे वीडियो में उन्होंने सूट पहन रखा हैl अमित ठाकुर ने कटरीना कैफ के पोस्ट पर लिखा है, 'कितना मजेदार दिन था यह इसके साथ उन्होंने दिल की इमोजी शेयर की हैl कटरीना कैफ ने बॉलीवुड डेब्यू 2003 में फिल्म बूम से किया थाl यह फिल्म फ्लॉप हो गई थीl इसके बाद उन्होंने नमस्ते लंदन, पार्टनर, वेलकम, राजनीति, धूम 3, टाइगर जिंदा है और जीरो फिल्म में काम किया हैl।कटरीना कैफ जल्द सूर्यवंशी में नजर आएंगीl इस फिल्म में उनके अलावा अक्षय कुमार की अहम भूमिका हैl वहीं फिल्म में अजय देवगन और रणवीर सिंह भी नजर आएंगे। कटरीना कैफ का अफेयर इन दिनों विकी कौशल के साथ चल रहा हैl दोनों को कई अवसर पर साथ देखा गया हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc6cf91e07064fdee5c0ad981f14c26ad435bf36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70318.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन।  ड्रग्स, अफीम और स्मैक की जगह अब कुछ दवाओं ने ले ली है। युवा इन दवाओं की लत का शिकार हो रहे हैं। शहर की घनी आबादी वाले मेडिकल स्टोरों पर धड़ल्ले से नशीली दवाएं देकर युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस बार नशारोधक दिवस पर भी कोई जागरूकता कार्यक्रम नहीं हो रहा है। कोरोना काल से पहले स्‍वयं संस्‍थाओं आदि की ओर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन क‍िया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। + +नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए औषधि प्रशासन की टीम मेडिकल स्टोर पर छापामार अभियान चलाकर नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए काम करती है। कोरोना ही दूसरी लहर में हालात ये रहे कि दवा के साथ उपकरणों के दाम कंट्रोल करने में पूरा तंत्र सक्रिय रहा। घनी आबादी वाले मेडिकल स्टोर से युवाओं को नशीली दवा देने का काम जारी रहा। सौ रुपये वाला डबल दाम में बेचा गया। अभी भी स्थिति यही है। संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद भी मेडिकल स्टोर की चेकिंग नहीं की गई। अधिकतर वारसी नगर, प्रिंस रोड, करूला, लाइनपार आदि क्षेत्रों में नशाखोर को पहचानने के बाद ही नशीली दवा दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e37f1d11d83de6f9134ef83c45a04cb83425514 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70320.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उल्लेखनीय है कि यहां पर 18 हजार 524 वर्गमीटर क्षेत्र में एक हजार करोड़ की लागत से पार्किंग कम शापिंग कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। इसमें कुल आठ तल होंगे। जिसमें तीन तल भूमिगत होंगे। जिस पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। बाकि पांच तलों पर शापिंग कांप्लेक्स बनाया जाएगा। इसे शापिंग के नए हब की तरह विकसित किया जा रहा है। इसे विशेष तौर पर चांदनी चौक की पार्किंग की समस्या को खत्म करने के लिए बनाया जा रहा है। पहले यहां पर 600 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था थी, लेकिन नई पार्किंग से यह क्षमता चार गुणा तक बढ़ जाएगी। फिलहाल दंगल मैदान, परेड मैदान में पार्किंग की व्यवस्था है जो कि चांदनी चौक के मुख्य बाजार से काफी दूर है। गांधी मैदान की पार्किंग चांदनी चौक के प्रमुख बाजारों के बहुत ही नजदीक है। जिससे लोगों को बहुत ही सहूलियत होगी। + +लोडिंग अनलोडिंग की समस्या को लेकर जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन। चांदनी चौक में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने क बाद व्यापारियों को लोडिंग अनलोडिंग की समस्या हो रही है। इसके समाधान के फेडेरेशन आफ सदर बाज़ार ट्रेडर्स एसोसिएशन, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल और चांदनी चौक के व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मध्य जिलाधिकारी आकृति सागर को ज्ञापन दिया। दिल्ली हिंदुस्तान मर्केंटाइल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्रीभगवान बंसल ने कहा कि सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक लोडिंग अनलोडिंग प्रतिबंधित होने से व्यापारी परेशान है। उन्होंने कहा कि 12 बजे तक लोडिंग अनलोडिंग के लिए मंजूरी दी जाए। साथ ही चांदनी चौक में आने वाले वरिष्ठ नागरिकों और व्यापारियों के वाहनों को संबंधित बाजार तक जाने के लिए पिक एंड ड्राप की सुविधा दी जाए। प्रतिनिधिमंडल में राकेश यादव, राजेंद्र शर्मा, सुधीर जैन,भरत आहूजा , पंकज शर्मा आदि लोग शामिल थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55dda01c82c84a21c3bbad1c7ef4bfd9181b8eca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। President Kanpur Visit राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द सेंट्रल स्टेशन पर करीब छह साल बाद उतरे। छह साल पुराने सेंट्रल के बदले स्वरूप को ट्रेन से खड़े होकर एक पल निहारा फिर हाथ हिलाकर सबका अभिवादन स्वीकार किया। ।इनकी भी सुनिए: रिटायर्ड वरिष्ठ टिकट निरीक्षक जेके पांडेय बताते हैं कि राम नाथ कोविन्द के यात्रा की जानकारी मिलने पर उन्हें बिठाने के लिए कर्मचारी तैयार रहते थे। बेहद साधारण स्वभाव और मृदभाषी होने के चलते वह सफर करने वाले कर्मचारियों के प्रिय हो जाते थे। तब स्टेशन अधीक्षक रहे आरएन सागर तो स्पष्ट निर्देश देते थे कि उन्हें यात्रा में कोई परेशानी न हो। स्वर्ण शताब्दी में कई बार उन्होंने मेरे साथ ही सफर किया। ।यह भी पढ़ें: कानपुर में राज्यपाल-सीएम ने किया राष्ट्रपति का स्वागत, सर्किट हाउस में रात्रि प्रवास।ये है खास बात: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को अगस्त 2015 को राज्यपाल बनाने का निर्णय हुआ था। उस समय वह कानपुर में ही थे। सूचना मिलने के बाद वह पटना राजधानी से पटना गए थे। शुक्रवार को जब वह द रॉयल प्रेसीडेंशियल ट्रेन से कानपुर सेंट्रल आए तो नजारा बदला हुआ था। प्लेटफार्म नंबर एक पर एलईडी लाइटों की दूधिया रोशनी दिन का एहसास करा रही थी। तब और अब के सेंट्रल स्टेशन में हुए बदलाव को लेकर उनके चेहरे के भाव सुखद दिखे वहीं सेंट्रल स्टेशन भी करीब छह साल के लंबे अंतराल के बाद अपने कोविन्द को राष्ट्रपति के रूप में देखकर खुश था। राष्ट्रपति का रेलवे के कर्मचारियों से पुराना नाता था। रेलवे के पुराने कर्मचारी पूर्व संस्मरणों को याद कर खुश हो जाते हैं। ।यह भी पढ़ें : कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, यहां जानें; मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम।25 मिनट रुके, पांच मिनट में पूछा प्रदेश का हाल: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द करीब 25 मिनट सेंट्रल स्टेशन पर रुके। शिष्टाचार भेंट में अधिक वक्त गुजरा। इस दौरान पोर्टिको तक वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के साथ आए। अपनी गाड़ी में बैठने से पहले पांच मिनट उन्होंने मुख्यमंत्री से गुफ्तगू की और प्रदेश के हाल पूछे। मुख्यमंत्री ने भी राष्ट्रपति को राज्य के बेहतर स्थिति से अवगत कराया। ।यह भी पढ़ें : रूरा में राष्ट्रपति बोले- फ्री वैक्सीन देने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद, बच्चों को मास्क जरूर लगाएं।यह भी पढ़ें : झींझक में राष्ट्रपति ने कहा- गलियां, स्टेशन सब याद है मुझे, फ्रेट कॉरीडोर अत्यंत सराहनीय।यह भी पढ़ें : परौंख में जमीनी जुड़ाव की झलक संग देखने को मिलेगा पुरानी यादों का संगम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8e7040bff95f6911963eea02c86081a934919d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70330.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लंदन/ मास्‍को, एजेंसी। ब्रिटेन के विध्वंसक युद्धपोत के कालासागर में दाखिल होने के बाद रूस ने सख्‍त रुख अपनाया है। रूस ने कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ब्रिटिश नौसेना ने आगे कोई उकसावे वाली कार्रवाई की तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। रूस ने कहा कि वह युद्धपोत पर सीधे बम बरसाएगा। कालासागर में यह विवाद ऐसे समय हुआ है, जब जिनेवा वार्ता के बाद भी अमेरिका और रूस के बीच रिश्‍ते सामान्‍य नहीं हो सके हैं। अमेरिका और रूस के साथ विवाद के बीच अब मास्‍को का ब्रिटेन से टकराव बढ़ गया है। कालासागर में युद्ध जैसे हालात हैं। आखिर इस विवाद की असली वजह क्‍या है। रूस के दावे में कितना दम है। कालासागर के इस क्षेत्र में पश्चिमी देशों का क्‍या रुख है। ।रूस की विध्वंसक जहाजों ने ब्रिटिश जहाज के रास्ते में फायरिंग की।बता दें कि ब्रिटिश जहाज उड़ाने की धमकी रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस अंतरराष्‍ट्रीय जल संधियों का सम्मान करता है। रूस और समुद्री कानूनों को पूरी तरह से मानता है और अगर ब्रिटिश जहाज अब ब्लैक सागर में घुसने की गुस्ताखी करता है तो रूस उसे उड़ा देगा। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि ब्लैक सागर में ब्रिटिश जहाज ने घुसने की हिम्मत की थी, लेकिन रूस की विध्वंसक जहाजों ने ब्रिटिश जहाज के रास्ते में फायरिंग की है और बम फोड़े हैं। ये एक चेतावनी है और अब अगर ऐसा होता है कि रूसी विध्वंसक अपने टार्गेट को निशाने पर लेगा। ।ब्रिटेन ने कहा - अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का पालन हुआ ।रूस के उप विदेश मंत्री सर्जेई रिबकोव ने कहा ब्रिटेन को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो हम सीधे बमबारी भी कर सकते हैं। रूस ने ब्रिटेन पर जानबूझकर उकसावे वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। रूस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ब्रिटेन के युद्धपोत ने उसके जलक्षेत्र में घुसने की हिमाकत की है। हालांकि, ब्रिटेन ने रूस के आरोपों को खंडन किया है। ब्रिटेन ने कहा है कि उसका युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ रहा है। ब्रिटेन का दावा है कि उसका पोत यूक्रेन के जल क्षेत्र में चल रहा है। + +जानें क्‍या है असल विवाद । दरअसल, रूस ने 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया पेनिसुला प्रायद्वीप को जब्त कर लिया है और उसकी सीमा में पड़ने वाले समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करता है। हालांकि, पश्चिमी देश रूस के इस दावे को अवैध करार देते हैं। पश्चिमी देश क्रीमिया पेनिसुला को यूक्रेन का हिस्सा मानते हुए समुद्री इलाके पर रूस के दावे को खारिज करते हैं। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटिश युद्धपोत जो ओडेसा के यूक्रेनी बंदरगाह से जॉर्जियाई बंदरगाह बटुमी की यात्रा कर रहा था, वह कानून के अनुसार काम कर रहा था और अंतरराष्ट्रीय जल में था। ब्रिटेन ने अपने बयान में कहा है कि यह यूक्रेन के जलीय क्षेत्र है। ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने रूसी पायलटों पर युद्धपोत से 500 फीट (152 मीटर) ऊपर असुरक्षित विमान युद्धाभ्यास करने का आरोप लगाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70334.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70334.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4486095aaa715d62e161c3db24a307c59129c52d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70334.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काबूल/नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिकी सैनिकों की वापसी की उलटी गिनती के साथ अफगानिस्‍तान में हालात तेजी से बदल रहे हैं। अफगानिस्‍तान के करीब 370 जिलों में 50 पर तालिबान का कब्‍जा है। इन जिलों में तालिबान की समानांतर सरकार चल रही है। अफगानिस्‍तान के ताजा राजनीतिक हालात ऐसे हैं, जिसमें तालिबान को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है। यह उम्‍मीद की जा रही है कि सरकार के गठन में तालिबान की प्रमुख हिस्‍सेदारी होगी। ऐसे में भारत ने अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है। यही वजह है कि भारत ने तालिबान के साथ रिश्‍तों को सामान्‍य करना शुरू कर दिया है। भारत के इस कदम से पाकिस्‍तान में खलबली मची है। आइए जानते हैं कि भारत और तालिबान से कैसे रहे रिश्‍ते। तालिबान और भारत के निकट रिश्‍तों में पाक को मिर्ची क्‍यों लगी है। ।तालिबान से राजनयिक संबंध बनाने की भारत की पहल, पाक में खलबली ।तालिबान को लेकर क्‍या रही है भारत की नीति ।बता दें कि भारत ने तालिबान को कभी आधिकारिक मान्यता नहीं दी। तालिबान ने जब भी वार्ता की पेशकश की तो, उसे भारत ने स्वीकार नहीं किया। दरअसल, भारत सरकार ने कभी तालिबान को पक्ष माना ही नहीं, लेकिन इन बातों को गुजरे जमाना हो चुका है। हालात, अब वैसे नहीं रहे, जैसे कंधार विमान अपहरण कांड के वक्त थे। लिहाजा, किसी भी स्तर पर सही, सरकार तालिबान के संपर्क में तो है। विदेश मंत्रालय ने पिछले दिनों संकेत दिया था, हमने हमेशा अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना चाहा है। इसके लिए हम कई पक्षों से संपर्क में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6631b48788b8960510fa35e6d0ab54e7ef714d03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70335.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Chirag Paswan News बिहार की सियासत में इन दिनों चिराग पासवान (Chirag Paswan) हॉट टॉपिक बने हुए हैं। दो-फाड़ हो चुकी उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अंदर वर्चस्‍व की जंग छिड़ी हुई है। अपने ही चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के गुट के खिलाफ उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरह से अपने राजनीतिकअस्तित्‍व की जंग लड़ रहे चिराग आगामी पांच जुलाई से संघर्ष यात्रा शुरू कर रहे हैं। इस मामले में उन्‍हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) की चुप्‍पी खल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी कभी-कभी मोहभंग वाले बयान देने वाले चिराग को बीजेपी में उनपर भरोसा भी है। अब वे इशारों में उनसे मदद भी मांग रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..345c84b41e354a8944cbb96e70ca6cacbb1c3cf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रघुवरशरण]। हजारों लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके बुजुर्ग समाजसेवी मो. शरीफ को निस्वार्थ सेवा के लिए भले ही गत वर्ष प्रतिष्ठापूर्ण पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया गया, कि‍ंतु वे स्वयं मुफलिसी में जीवन बिता रहे हैं। 30 वर्ष पूर्व युवा पुत्र की मार्ग दुर्घटना से मौत और लावारिस के तौर पर उसके अंतिम संस्कार ने शरीफ पर ऐसा असर डाला कि वो किसी भी लावारिस शव के वारिस बन कर सामने आए। इसके बाद दिन-महीने-साल गुजरते गए, कि‍ंतु शरीफ ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। देखा तो, हर लावारिस शव में अपने पुत्र के चेहरे को और उसी अपनत्व के साथ अंतिम संस्कार करते रहे। पूरी रीति और अलविदा की करुणा के साथ। यदि शव हि‍ंदू का हुआ, तो चिता सजाकर अंतिम विदा दी और यदि मुस्लिम का हुआ, तो सदा के लिए सुलाने की हर सुविधा मुहैया कराने के साथ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8daa31c2597dcf73e1610758a407fc7e687178f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, [आनंद मिश्र]। झारखंड की सरकारी इमारतों से जुड़े मिथक अब तेजी से टूट रहे हैं। प्रदेश की भव्य इमारतें अब राज्य के गौरव का प्रतीक बन रहीं हैं। इस कड़ी में शीघ्र ही नया सचिवालय भवन का नाम भी जुड़ने वाला है। यह भवन झारखंड की पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक निर्माण शैली का अनूठा संगम तो होगा ही, पर्यावरण के तमाम मानकों पर भी खरा उतरेगा। नए सचिवालय भवन की उत्कृष्ट डिजायन को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसका डीपीआर तैयार किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4491d9aaf4cbf1139da4eb439cf1335e12fcf288 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70341.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिखराव से जूझ रही शिअद : उधर राज्य के दूसरे बड़े दल शिअद में आज भी बिखराव की स्थिति जस की तस है। पूर्व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा और रंजीत सिंह जैसे टकसाली अकाली नेता अपना अलग अकाली दल बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। यह नया अकाली दल बेशक उतना मजबूत नहीं है, पर यह शिअद को नुकसान पहुंचाने का सामथ्र्य तो जरूर रखता है। दूसरी तरफ भाजपा से 25 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद जातीय समीकरण को देखते हुए शिअद ने बसपा के साथ गठबंधन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea731e35c9de2a79285d4ccb309b05960e9001ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70344.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +व्यापक रूप से देखा जाए तो जिस तरह से आइआरसीटी ने ट्रेन का टिकट बुक करने संबंधी सारी व्यवस्थाओं को बदल दिया, ठीक उसी तरह से नई वेबसाइट आयकर रिटर्न दाखिल के साथ भी करने वाली है। आयकर आम करदाताओं के लिए हमेशा से एक जटिल विषय रहा है। बिना किसी विशेषज्ञ की मदद से उन्हें अपना रिटर्न फाइल करना टेड़ी खीर होती है। जितना उन्हें रिटर्न नहीं मिलता कई बार उससे अधिक इस पर खर्च करना पड़ता है। उन्हें अपनी वित्तीय मामलों का खुलासा भी दूसरों के सामने करना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें हमेशा इस बात की चिंता सताती है कि रिटर्न फाइल करने में कहीं कोई गलती न हो जाए। इस कारण इनकम टैक्स अधिकारियों का डर उनमें अलग से रहता है। नई वेबसाइट करदाताओं को इस सबसे मुक्त कर देगी। + +इसमें आयकरदाताओं के लिए कई उन्नत सुविधाएं और फायदे की चीजें जोड़ी गई हैं। जैसे-एक आयकरदाता इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान कहीं भी किसी प्रकार की समस्या महसूस होने पर आयकर अधिकारियों से सीधे संपर्क कर सकता है। उसके हर सवाल का जवाब देने के लिए एक कॉल सेंटर की भी इसमें व्यवस्था की गई है। इन सबके लिए वेबसाइट में एकल खिड़की की व्यवस्था है। वैसे ई-गवर्नेस में एकल खिड़की संस्कृति का परिपक्व होना अपरिहार्य होता है। यह इनकम टैक्स रिटर्न की तत्काल प्रोसेसिंग करेगी, ताकि आयकरदाताओं को शीघ्र रिफंड मिल सके। आयकरदाताओं को सभी लेन-देन और अपलोड्स या पेंडिंग संबंधी चीजें एक ही पेज पर मिल जाएंगी। उन्हें को इसमें नि:शुल्क आइटीआर भी सॉफ्टवेयर मिलेगा। इसकी मदद से वे बिना किसी विशेषज्ञ की मदद से खुद भी टैक्स फाइलिंग कर सकेंगे। यह मुफ्त में मिलने वाला आइटीआर प्रिपरेशन सॉफ्टवेयर होगा जिसे ऑनलाइन और ऑफलाइन एक साथ काम किया जा सकेगा। इसमें वेतन, आय, ब्याज, लाभांश, पूंजीगत लाभ संबंधी ब्योरे पहले से ही भरे मिलेंगे। इसे मोबाइल से भी संचालित किया जा सकता है। मोबाइल गवर्नेस को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। + +जाहिर है आयकर विभाग की इस नई प्रणाली से नई पीढ़ी की जरूरतों को उड़ान मिलेगी। पिछले कई वर्षो की तुलना में देखा जाए तो टैक्स रिटर्न फॉर्म भी निरंतर सरल बनाए जाते रहे हैं। और अब तकनीकी सरलता से इसकी सुगमता और बढ़ जाएगी। इसके अलावा बैंक खाते, पैन कार्ड और आधार को आपस में जोड़ा जा रहा है। इससे भी उपभोक्ताओं को कई समस्याओं से छुटकारा मिलेगी। संभव है आने वाले दिनों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना बिजली बिल भरने, टीवी या मोबाइल रिचार्ज कराने जितना आसान हो जाए। इससे निश्चित रूप से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ेगी। अभी 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं। अगर कुल आबादी से इसकी तुलना की जाए तो इनकम टैक्स देने वालों की संख्या देश में सिर्फ एक फीसद से कुछ अधिक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4006d8c670550981d31803cf4f911b93be6577e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली, गाजियाबाद, आशुतोष गुप्ता। मतांतरण के खेल में गिरफ्तार आरोपितों से लगातार अहम जानकारियां मिल रही हैं। इस गिरोह के सदस्यों ने देश की राजधानी दिल्ली को अपना केंद्र बना रखा है और यहीं से देश भर में अपनी मुहिम को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली निवासी पांच संदिग्ध सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं और इनकी किसी भी समय गिरफ्तारी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो यह पांचों संदिग्ध गिरोह का अहम हिस्सा हैं और अब तक हजारों लोगों का मतांतरण करा चुके हैं। इस समय गिरोह के 50 से अधिक लोग सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5acaf3ec132ea42849fa52dea16161e1cc68046c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70346.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रेसिडेंशियल ट्रेन से कानपुर पहुंचेंगे। जहां राष्ट्रपति का स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। जिसके बाद राष्ट्रपति और राज्यपाल सर्किट हाउस जाएंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ। पहली बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिन के प्रवास पर कानपुर आ रहे है। इस दौरान वो अपने पैतृक गांव परौंख भी जाएंगे। + +18 साल बाद ऐसा मौका आया है जब प्रेसिडेंशियल ट्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले इस ट्रेन का इस्तेमाल 2006 में किया गया था। तब भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम दिल्ली से देहरादून गए थे। अब्दुल कलाम इंडियन मिलिट्री एकेडमी में सेना के पासिंग आउट परेड में शामिल होने गए थे। प्रेसिडेंशियल ट्रेन का इस्तेमाल 87 बार किया जा चुका है। + +पहली बार इस ट्रेन का सफर सन् 1950 मे दिल्ली से कुरुक्षेत्र जाने के लिए भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था। राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 1977 में इस ट्रेन का इस्तेमाल किया था। उसके बाद राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने 26 साल बाद इस ट्रेन से सफर किया। राष्ट्रपति के इस ट्रेन को प्रेसिडेंशियल सैलून भी कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7084c7ea6c8858a4c4ee79401c20e91201a7dbc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंदिरा जी का आपातकाल स्वतंत्र प्रेस के लिए उस वक्त का कोरोना काल साबित हुआ। उस दौर में प्रमुख अखबारों के कार्यालय दिल्ली के जिस बहादुरशाह जफर मार्ग पर थे, वहां की बिजली लाइन काट दी गई, ताकि अगले दिन के अखबार प्रकाशित नहीं हो सकें। जो अखबार छप भी गए, उनके बंडल जब्त कर लिए गए। हॉकरों से अखबार छीन लिए गए। 26 जून की दोपहर होते-होते प्रेस सेंसरशिप लागू कर अभिव्यक्ति की आजादी को रौंद डाला गया। अखबारों के दफ्तरों में अधिकारी बैठा दिए गए। बिना सेंसर अधिकारी की अनुमति के अखबारों में राजनीतिक खबर नहीं छापे जा सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f675541b9a463e2902bb65c4d286b1cdcc861ba9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छात्र राजनीति के दौरान जेपी के करीब पहुंचे लालू। लालू प्रसाद यादव का जन्म गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में हुआ था। परिवार गरीब था। भाई मुकुंद चौधरी ने उन्‍हें पटना लाकर शेखपुरा मोड़ के सरकारी स्‍कूल की पांचवीं कक्षा में नामांकन करा दिया। अब लालू अपने भाई के ही साथ पटना वेटनरी कॉलेज के एक कमरे के बिना शौचालय के विहीन क्वार्टर में रहने लगे। वे शौच के लिए खेत में जाते थे। लालटेन के लिए केरोसिन तेल खरीदने तक के पैसे नहीं थे। किसी तरह पढ़कर पटना विश्‍वविद्यालय में पहुंचे। पढ़ाई के लिए रिक्शा तक चलानी पड़ी। बच्‍चे थे तो डॉक्टर बनने का सपना था, लेकिन एलएलबी किया। ये अलग कहानी है। खैर, पटना विश्‍वविद्यालय (Patna University) की छात्र राजनीति में सक्रियता के दौरान लालू धीरे-धीरे जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) के करीब पहुंच गए। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे लालू प्रसाद यादव बतौर छात्र नेता 1974 में जेपी आंदोलन से जुड़े। इसके पहले वे 1971 में पटना विश्‍वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव तथा 1973 में अध्यक्ष बने थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dff2c5f4fc274b2f068d2b505b60d921a0e3036 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70349.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित 2,826 मरीजों पर यह अध्ययन किया गया है। इनमें 735 मरीज कोरोना होने पर होम आइसोलेशन में थे। फिर भी होम आइसोलेशन में रहने वाले म्यूकोरमाइकोसिस के 73 फीसद मरीजों ने स्टेरायड का इस्तेमाल किया था। स्टेरायड दवा का इस्तेमाल करने वाले 42 फीसद मरीजों ने टेबलेट के रूप में यह दवा ली थी। वहीं करीब 67 फीसद मरीजों को नसों के माध्यम से स्टेरायड का इंजेक्शन दिया गया था। 21 फीसद मरीजों ने 10 दिन से अधिक समय तक यह दवा ली थी। + +अध्ययन में शामिल दिल्ली स्थित सेंटर फार साइट के चेयरमैन डॉ. महिपाल सचदेवा ने कहा कि कोरोना के इलाज में स्टेरायड का अधिक इस्तेमाल फंगल संक्रमण का एक बड़ा कारण हो सकता है। प्रमुख अध्ययनकर्ता डा. संतोष हनोवर ने कहा कि यह पाया गया कि स्टेरायड के इस्तेमाल व अनियंत्रित मधुमेह होने पर म्यूकोरमाइकोसिस होने का खतरा अधिक रहता है। बीमारी की पहचान देर से होने पर आंख की रोशनी भी जा सकती है और जान भी जा सकती है। ।उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के दिशानिर्देश के अनुसार मध्यम से गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को ही स्टेरायड देना चाहिए, लेकिन यह पाया गया कि होम आइसोलेशन वाले मरीज भी खुद ही स्टेरायड ले रहे थे। यह सही है कि कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए स्टेरायड जरूरी है, लेकिन आइसीएमआर द्वारा तय दिशा निर्देश के अनुसार ही दवा देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मात्र 47 मरीज ऐसे मिले जो जिन्होंने स्टेरायड का इस्तेमाल नहीं किया था। उन्हें मधुमेह की बीमारी भी नहीं थी। फिर भी उन्हें गंभीर फंगल संक्रमण होने का एक कारण यह हो सकता है कि नाक में म्यूकोसा की एक परत होती है, जो फंगल संक्रमण से बचाती है। कोरोना का संक्रमण से म्यूकोसा को नुकसान पहुंचता है। इस वजह से नाक के हिस्से में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। म्यूकोरमाइकोसिस का संक्रमण नाक के जरिये ही होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf1d7134b26cacc68edd8a4a1e8a6ccda9da0b10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70350.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ब्रज में जिस यमुना के पावन तट पर भगवान श्रीकृष्ण ने लीलाएं रचीं, शहंशाह शाहजहां ने जिसके तट पर ताजमहल का निर्माण कराया, वो दशकों से अपनी पीड़ा हरने का इंतजार कर रही है। नालों के साथ पहुंच रहे सीवेज और गंदगी ने उसे प्रदूषित तो किया ही है, दशकों से डिसिल्टिंग न हो पाने से उसकी गहराई भी कम हो गई है। यमुना को पुनर्जीवित करने को वर्षों से पर्यावरणप्रेमी और शहरवासी डिसिल्टिंग की मांग करते चले आ रहे हैं, लेकिन सरकार पिछले चार वर्षों में डिसिल्टिंग तो दूर रहा, ड्रेजिंग के लिए जरूरी अध्ययन तक नहीं करा सकी है। + +40 लाख ने अटकाया अध्ययन।जुलाई, 2017 में तत्कालीन कमिश्नर ने ताजमहल के पार्श्व में यमुना में ड्रेजिंग के लिए अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे। सिंचाई विभाग ने स्वयं को असमर्थ बताते हुए उप्र प्रोजेक्ट्स कारपाेरेशन लिमिटेड को इसमें सक्षम बताया था। उसने आगणन कर 100 रुपये प्रति घन मीटर का खर्चा होने की जानकारी दी थी। इस काम की शुरुआत से पूर्व सिंचाई विभाग ने ड्रेजिंग के लिए नेशनल हाइड्रोलाजी इंस्टीट्यूट, रुड़की से अध्ययन कराने की आवश्यकता बताई। इंस्टीट्यूट ने एक वर्ष तक चलने वाले अध्ययन के लिए 40 लाख रुपये की फीस बताई थी। इसके बाद बात आगे नहीं बढ़ सकी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70351.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70351.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7950515192a34650ac72fc27e287a632288ce02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70351.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रति सेकंड 864 घन मीटर हवा होगी स्वच्छ।एंटी स्मॉग टावर में नीचे 1.40 मीटर व्यास के 40 (चारों तरफ दस-दस) पंखे लगाए गए हैं। ये पंखे टावर के ऊपरी हिस्से से प्रति सेकंड 960 घन मीटर दूषित हवा खीचेंगे। पंखों के आसपास नोवेल ज्योमेट्री फिल्टरेशन सिस्टम (एनजीएफएस) से दो तरह के दस हजार फिल्टर लगेंगे। दूषित हवा उनसे छनने के बाद शुद्ध होकर टावर के निचले हिस्से से बाहर जाएगी। दावा है कि प्रति सेकंड करीब 864 घन मीटर स्वच्छ वायु टावर से बाहर निकलेगा। यह भी बताया गया कि आनंद विहार बस अड्डे के आसपास सर्दियों में पीएम 2.5 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक रहता है। इस टावर की मदद से पीएम 2.5 का स्तर को 60 फीसद तक कम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e58a27a785e62648a2528f1c66416f8c74435962 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70353.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। विकास की रफ्तार के आगे हरियाली की गति धीमी पड़ गई है। शहरीकरण का दबाव इतना था कि कृषि योग्य भूमि भी कंकरीट की इमारतों के नीचे दब गईं। विकास के लिए पेड़ काटे गए तो अवैध कटान ने भी पुराने पेड़ों की बलि ले ली। सड़क का चौड़ीकरण हो या फ्लाईओवर का निर्माण, हजारों पेड़ों की बलि दे दी गई। लेकिन, इस अनुपात से पौधे नहीं लगाए गए। अब जरूरी हो गया है कि हर व्यक्ति एक पौधा अवश्य लगाए और इसका संरक्षण करे। शहर के बुजुर्ग उन दिनों को याद करते हैं, जब घर के आगे एक वृक्ष होता था। क्यारी में उगी सब्जियां ही परिवार खाता था। दैनिक जागरण ''''आओ रोपें अच्छे पौधें'''' अभियान से उन्हीं दिनों को लौटाने का प्रयास कर रहा है। + +यह है अभियान।कोरोना महामारी ने आक्सीजन का महत्व बता दिया है। आक्सीजन बिना पेड़-पौधों के संभव नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जहां पेड़-पौधे अधिक हाेते हैं, वहां आक्सीजन लेवल बेहतर रहता है। यही वजह है कि गांवों में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। बुजुर्ग बताते हैं कि 20-25 साल पहले तक शहर की सीमाओं पर बीघों में फैले खेत हुआ करते थे। सड़क किनारे आम, अमरूद के बागों में राहगीर कुछ क्षण सुकून की सांस लेते थे। फैक्ट्रियां, कारखाने पहले भी थे, लेकिन इतना प्रदूषण नहीं था। किसानों को अच्छी कीमत मिली तो बिल्डरों को खेत बेच दिए। अब वहां अपार्टमेंट, हाउसिंग सोसायटी बन चुकी हैं। औद्योगिक इकाइयां खड़ी हो गईं। इन्हें स्थापित करने के लिए जितने पेड़ काटे गए, उतने पौधे लगाए नहीं गए। इस दिशा में दैनिक जागरण के अभियान की हर तरफ सराहना हो रही है। लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीरता दिखाकर अभियान से जुड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..577f92d8925a1b0c00c3810955be4af99f94f6f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बकौल पीएल गोयल, परिवार के लोगों ने मेरा पता नहीं बताया तो दादा, पिता और चाचा को भी मीसा के तहत जेल भेज दिया। यह खबर सुनकर मैं 13 जुलाई को वापस भिवानी पहुंचा और मुझे भी दादा, पिता और चाचा के साथ जेल में बंद कर दिया। दादाजी और चाचाजी को तो छह माह के बाद छोड़ दिया मगर मैं और मेरे पिता आपातकाल के दौरान करीब 19 माह जेल में रहे। जेल में हमारे साथ भाई महावीर, चौधरी जगन्नाथ, मूलचंद जैन,बलवंत राय तायल, बिरला ग्रुप के मैनेजर मुरलीधर डालमिया, प्रोफेसर प्रेमचंद जैन सहित ओमप्रकाश चौटाला भी मीसा में बंद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55d64037b36eed28402c3613eb5a77c67a43c506 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70356.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नोएडा [लोकेश चौहान]। मतांतरण से सवालों के घेरे में आई नोएडा सेक्टर-117 डेफ सोसायटी को देश-विदेश की कई कंपनियों ने सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत फं¨डग की थी। अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2020 तक भारतीय करेंसी के रूप में करीब ढाई करोड़ रुपये और विदेशी करेंसी के रूप में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ग्रांट सोसायटी को मिली थी। इसमें व्यक्तिगत रूप से दान देने वाले लोगों के अलावा 45 कंपनियां देश की और करीब 12 कंपनियां विदेश की शामिल हैं। करीब इसी स्कूल के 60 छात्रों का मतांतरण हुआ है और इसमें शिक्षक व कर्मचारी लिप्त रहे थे। अब एटीएस सोसायटी के गठन से लेकर अब तक की गई फं¨डग के रिकार्ड खंगाल रही है, जिससे पता लगेगा कि जो करोड़ों रुपये बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दिए जा रहे थे, उसका इस्तेमाल कब, कैसे, कहां और कितना किया गया। + +दर्जनों संस्थाएं पा रही हैं फंडिंग। नोएडा डेफ सोसायटी नोएडा की अकेली ऐसी संस्था नहीं है, जिसे करोड़ों रुपये की ग्रांट मिली है, ऐसी दर्जनों सोसायटी और एनजीओ हैं, जिन्हें ग्रांट के रूप में लाखों-करोड़ों रुपये मिलते हैं। इस पैसे को कहां खर्च किया जाता है, इसका हिसाब सिर्फ बैलेंस सीट में दिखाया जाता है। सरकारी स्तर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जो ग्रांट के रूप में मिलने वाले पैसे का लेखाजोखा जांचती हो। रजिस्ट्रार सोसायटी को सिर्फ बैलेंस सीट की कापी उपलब्ध कराई जाती है, तो सोसायटी या एनजीओ के सीए द्वारा तैयार की जाती है। + +कोई भी दे सकता है एनजीओ या सोसायटी को ग्रांट। चाटर्ड अकाउंटेंट राजीव शर्मा के मुताबिक कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी भी एनजीओ या सोसायटी को कितनी भी ग्रांट दे सकती है। इसके लिए न तो कहीं से अनुमति की आवश्यकता है, न ही किसी को सूचना देने की बाध्यता है। इसके अलावा धनराशि दिए जाने की कोई सीमा नहीं है। एक रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक किसी भी संस्था या सोसायटी को ग्रांट के रूप में दिए जा सकते हैं। एनजीओ या सोसायटी को सिर्फ आयकर विभाग को अपनी बैलेंस सीट सीए के माध्यम से उपलब्ध करानी होती है। + +उत्तर प्रदेश के नोएडा व लखनऊ, हरियाणा के गुरुग्राम, तमिलनाडु के चेन्नई, महाराष्ट्र के नागपुर, पंजाब के पटियाला, राजस्थान के जयपुर व दिल्ली के आदर्श नगर में नोएडा डीफ सोसायटी के द्वारा मूक बधिर बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के लिए स्वयं स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जबकि बिहार, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, झारखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बंगाल में विभिन्न एनजीओ के माध्यम से संस्थान का संचालन किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9502623fe186fd59027c4c0e8013cfd3814ff323 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70357.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ए. सूर्यप्रकाश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी अक्सर यह आरोप लगाते हैं कि जबसे उन्होंने सत्ता संभाली है, तबसे देश में एक तरह का अघोषित आपातकाल लागू है। जो लोग इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून, 1975 से देश पर थोपे गए 21 महीनों के आपातकाल की मौजूदा दौर से तुलना कर रहे हैं, वे असल में उस आपातकाल के शिकार हुए लोगों का अपमान करते हैं। यह उन तमाम लोगों के बलिदान का भी अनादर है, जिन्होंने संवैधानिक मूल्यों एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था की पुनस्र्थापना के लिए उसका कड़ा विरोध किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1d2b75fdc2230db5e3426d97484b42084ca2151 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मानसून के लिए अभी करना होगा इंतजार। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि कहने को तो शनिवार को भी बारिश की संभावना है, लेकिन इससे गर्मी और उमस से राहत मिलने के बेहद कम आसार हैं। वहीं, गर्मी और उमस के बावजूद शुक्रवार को अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 28 व 38 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। शनिवार को भी बारिश की संभावना है। हालांकि इसे मानसून की बारिश नहीं कहा जा सकता। मानसून के लिए अभी कई दिन और इंतजार करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ba7e1bd8e306f5d72b6add4c8d1e57b867b6896 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री से नाराज चल रहा गुट यह मान रहा है कि जो काम साढ़े चार वर्षों में नहीं हो सका अब इतने कम समय में कैसे हो जाएगा। क्या बेअदबी कांड में लोगों को इंसाफ मिल जाएगा, क्या सरकार हाई कोर्ट में पड़ी एसआइटी प्रमुख रहे हरप्रीत सिद्धू द्वारा दी गई ड्रग्स मामले की सीलबंद रिपोर्ट को खुलवा सकेगी, क्या सरकार वास्तव में पावर पर्चेस एग्रीमेंट को रद्द करके आम लोगों को राहत दे पाएगी। इस सबसे बड़ी बात क्या जो आम धारणा है कि कांग्रेस सरकार अकाली दल के साथ मिले हुए हैं, को बदला जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e466551376747fbf6a38d9d831327e22b480f66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धूप, मिट्टी, पानी, हवा से होता है इलाज।आरोग्य मंदिर में कोई दवा नहीं खिलाई जाती। जो मरीज दवा लेकर आते हैं उन्हें अचानक बंद भी नहीं किया जाता। जब आराम होने लगता है तो दवाओं से धीरे-धीरे उन्हें मुक्त किया जाता है। शुद्ध वातावरण में मरीजों का धूप, पानी, हवा, मिट्टी से इलाज होता है। उन्हें शुद्ध प्राकृतिक भोजन दिया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सक के अनुसार प्रकृति के पास रहने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ba9e40412948904ce8be15a3ef60af19bd097b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन [द न्यूयार्क टाइम्स]। केवल एक साल पहले ही चीन के वुहान शहर से कोविड-19 महामारी के शुरुआती मामलों के ऑनलाइन वैज्ञानिक डाटाबेस गायब हो गए थे। उनमें से वायरस के दो सौ से ज्यादा नमूनों के जेनेटिक सीक्वेंसिंग के आंकड़े मिल गए हैं। डिलीट किए जा चुके इन अहम तथ्यों को एक वैज्ञानिक ने गूगल क्लाउड से बहाल कर लिया है। सिएटल के शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना वायरस की वास्तविक जेनेटिक सीक्वेंसिंग की 13 फाइलें गूगल क्लाउड से खोज निकाली हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49382e8305a298f66380be5c63295e499693bef8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानें- पेट्रोल-डीजल से केंद्र और राज्यों को कितना मिला राजस्व।राज्यों की तरफ से कोरोना की वजह से राजस्व संग्रह के दूसरे संसाधनों के सूख जाने का भी हवाला दिया जा रहा है। पेट्रोल और डीजल पर राज्यों को पिछले वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में मूल्य वर्द्धित कर से कुल 1,35,693 करोड़ रुपये की राशि मिली थी। जबकि केंद्र सरकार को उत्पाद शुल्क व दूसरे शुल्कों की वजह से अप्रैल से दिसंबर, 2021 की अवधि में 2,63,351 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। चालू वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों को पेट्रो क्षेत्र से हासिल राजस्व में काफी इजाफा होने के आसार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30e57bc3ddfd70ba6ce95e3f684a2dff60dd3858 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देवघर, [आरसी सिन्हा]। सनातन परंपरा में शंख बजाना पूजा का अहम हिस्सा है। सदियों से भगवान को प्रसन्न करने और सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करने का माध्यम रहा शंख कोरोना काल में लोगों की फेफड़ों का सुरक्षा कवच भी बना। बैद्यनाथ धाम देवघर के पंडा (पुजारी) समाज के लोग भी शंख बजाने के कारण सुरक्षित रहे। यह प्रमाणित तथ्य है कि शंख बजाने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सांसें नियंत्रित होती हैं। कोरोना काल में जब वायरस लोगों की सांसें छीनने पर आमादा था, तब भी नियमित रूप से शंख बजाने वाले सुरक्षित रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba704c7da7638440d9707e1e7e30968340d291e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये क‍िए गए हैं इंतजाम : चारों तहसीलों में बाढ़ प्रभावित ग्रामों के निकट 34 बाढ़ चौकियां चिन्हित की गई हैं, जो बाढ़ की स्थिति में सक्रिय भूमिका निभाएंगी। इन पर विभिन्न विभाग के बाढ़ राहत के कर्मचारी उपस्थित होंगे। प्रत्येक बाढ़ प्रभावित ग्राम के निकटतम दूरी पर बने स्कूलों को शेल्टर होम के रूम में चिन्हित कर लिया गया है। शेल्टर होम का प्रभारी नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी होंगे। शेल्टर होम में प्रकाश, पेयजल, भोजन, दवा आदि का समुचित प्रबंध किया जाएगा। राहत कैंपों में नहाने और कपड़े धोने के इंतजाम होंगे। सर्पदंश का इंजेक्शन की व्यवस्था भी कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त बच्चों को पढ़ाने तथा उनके मनोरंजन की भी व्यवस्था होगी। राहत कैंप की वीडियो फुटेज राहत कार्यालय को प्रतिदिन प्रेषित की जाएगी। आवश्यकतानुसार पशुओं के लिए भी कैंप का आयोजन किया जाएगा। जनपद में प्रत्येक तहसील में संवेदनशील ग्रामों का चिन्हीकरण कर लिया है। बाढ़ प्रभावितों के अवागमन के लिए नावों एवं नाविकों का चिन्हीकरण कर लिया हैै। जनपद में छोटी-बड़ी सरकारी व गैर सरकारी 10 नावें हैं।  चिकित्सा विभाग द्वारा प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एन्टी स्नैक वेनम (सर्पदंश का इंजेक्शन व क्लोरीन की दवा उपलब्ध करा दी गई है। बाढ़ के दृष्टिगत आपातकालीन स्थिति में आवश्यकता होने पर हैलीपेड बनाए जाने और सुरक्षित स्थान का चिन्हीकरण कर लिया है। बाढ़ के दृष्टिगत शेल्टर होम, पशुओं के लिए चारा तथा दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। बाढ़ के दृष्टिगत पशुपालन विभाग को पशुओं के टीकाकरण लिए निर्देश दिया है। एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद रहेंगी। आवश्यकता होने पर मेरठ से सेना का सहयोग भी प्राप्त किया जा सकता है। बाढ प्रभावित ग्रामों में एक सप्ताह के लिए पांच सदस्यों के परिवार के खाद्य सामग्री निर्धारित मात्रा में कराई जाएगी। जिसमें आटा, दाल चावल, लाई, गुड़, तेल, रिफाइण्ड, बिस्कुट, क्लोरीन की गोली, मोमबत्ती, माचिस आदि सहित 17 प्रकार की सामग्री का वितरण कराया जाएगा जो एक सप्ताह की आवश्यकता के लिए पर्याप्त होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd6710ddeff3e175e2c56b58ca40eaad92e40f9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70375.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहर के लक्ष्मी नगर मुहल्ले में रहने वाले हरिओम शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्तर के कराटे खिलाड़ी हैं। 28 वर्षीय हरिओम शुक्ला ने वर्ष 2006 में कराटे शुरू किया। अपनी प्रतिभा के दम पर खेल में हुनर दिखाया। देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित प्रतियोगिताओं में शिरकत की। कहीं सोना झटका, तो कहीं चांदी से झोली भरी। इंटरनेशनल ब्लैक बेल्ट यूएसए से प्रशिक्षित हरिओम के खेल का सफर यहीं नहीं रुका। श्रीलंका, काठमांडू, बांग्लादेश, थाईलैंड में आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वाले हरिओम मुफलिसी की जिंदगी काट रहे हैं। कमाई का कोई जरिया नहीं बचा तो हरिओम ने घर की पुस्तैनी चाय की दुकान संभाल ली। पिता दीनदयाल शुक्ला चौकी बाग बहादुर के पास वर्षों से चाय की दुकान चलाते हैं। तीन भाइयों का परिवार इसी चाय की दुकान से चलता है। ऐसे में जब कोई रोजगार नहीं मिला तो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हरिओम ने भी चाय की दुकान संभाल ली। चाय की दुकान से ही 11 लोगों का परिवार पलता है। इतनी आय नहीं होती कि बेहतर तरीके से जिंदगी कट जाए। ये बेबसी ही है कि विदेशों में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखने वाले हरिओम आर्थिक तंगी के चलते 2015 के बाद कहीं बाहर खेलने नहीं जा सके। कहते हैं कि इतना पैसा नहीं है कि आने-जाने के किराए की व्यवस्था हो सके। ऐसे में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना ही छोड़ दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd0cb0a88d46fe5c0e6569a1709ed03514702c3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70376.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। Palm Oil Price: सरसों का तेल, रिफाइंड के बाद पाम आयल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। सरसाें का तेल 185 से घटकर 165, रिफाइंड 175 से घटकर 155 और पाम आयल 145 रुपये लीटर से घटकर 118 रुपये पर आ गया है। यह गिरावट 15 दिनों के भीतर हुई है। पाम आयल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मध्यम वर्गीय परिवार, बेकरी, नमकीन बनाने की फैक्ट्री, होटल एवं रेस्टाेरेंट में होता है। इस कारण इससे बनने वाले अन्‍य खाद्य पदार्थों के मूल्‍य में कमी आने की उम्‍मीद की जा रही है। सरसों का तेल, रिफाइंड के बाद पाम आयल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। सरसाें का तेल 185 से घटकर 165, रिफाइंड 175 से घटकर 155 और पाम आयल 145 रुपये लीटर से घटकर 118 रुपये पर आ गया है। यह गिरावट 15 दिनों के भीतर हुई है। पाम आयल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मध्यम वर्गीय परिवार, बेकरी, नमकीन बनाने की फैक्ट्री, होटल एवं रेस्टाेरेंट में होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..068a528ca502833b73ad79627ff1d4dd783d4a9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। मतांतरण के खेल में एक और बड़ा तथ्य सामने आया, जिसका पर्दाफाश खुद आदित्य ने किया है। केरल से लौटकर आए आदित्य अब सुरक्षा एजेंसी के विशेषज्ञों की काउंसिलिंग के बाद हिंदू मत में लौट आया है। उसने वाट्सएप स्टेट्स से मुस्लिम मत छोड़ने और हिंदू मत में लौटने की घोषणा भी कर दी। इसके बाद उसने सुरक्षा एजेंसी के सामने मतांतरण के बड़े खेल का भी पर्दाफाश कर दिया है। ।अदित्य के मुताबिक असल में केरल में साक्षरता की दर बहुत अधिक है, जिसकी वजह से वहां मजदूर नहीं मिलते। बकौल आदित्य, उसे अच्छी नौकरी का लालच दिया गया, लेकिन केरल ले जाकर उसे भवन निर्माण में मजदूर की भूमिका में लगा दिया गया। लाकडाउन शुरू हुआ तो उसने एक फैक्ट्री में लेबल लगाने का काम किया और कुछ दिन बर्तन भी मांजे। ।उसे दिन का 700 रुपये देने को कहा गया था, मगर अब तक पैसे नहीं मिले। 70 दिन की मजदूरी अभी बकाया है। मदद के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया। वह जब घर लौट रहा था तो टिकट तक के पैसे मांगने पर नहीं दिए। परिवार ने ही टिकट कराकर दी, तब वह लौट सका। माना जा रहा है कि मतांतरण करके युवाओं को केरल इसलिए ले जाया जाता है, क्योंकि वहां मजदूरों की कमी है। दूसरे, मजदूरी यहां से दोगुनी है, जिससे ज्यादा कमाई का लालच होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70380.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfb811287f208ccddc081b3811f7d00cd9043aa3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70380.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। डाक्टरों ने कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने और शारीरिक दूरी अपनाने की सलाह दी है। लेकिन देश के कई हिस्सों में या तो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं या फिर दिखावे के लिए ठोढ़ी पर लटका रखते हैं। यह हालत तब है जब अत्यधिक संक्रामक डेल्टा प्लस वैरिएंट ने कई शहरों में दस्तक दे दी है और विज्ञानियों ने तीसरी लहर के छह से आठ सप्ताह में आने की चेतावनी जारी की है। लोगों के मास्क पहनने की प्रवृत्ति को लेकर लोकल सर्किल ने एक सर्वे किया। इस दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि टीकाकरण केंद्रों सहित शहरों और जिलों में लोग मास्क पहनने का कितना पालन कर रहे हैं। इस दौरान 312 जिलों के 33,000 से अधिक नागरिकों से उनकी प्रतिक्रियाएं ली गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..739a5b6c0247186fdb491a0b0ca3f7e28308d36d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिनचर्या में शामिल है रोज तीन घंटे रियाज ।शहनाई मास्टर शकील, सलीम, इस्लाम, आशिफ नबी ने बताया कि कई पूर्वज शहनाई बजाते हुए दीर्घायु रहे। किसी को फेफड़ों संबंधित बीमारी नहीं हुई। गांव में सभी शहनाई वादक कोरोना से बचे हैं। कार्यक्रमों के अलावा हर रोज दो से तीन घंटे रियाज जरूर करते हैं। ।जानिए-क्या कहते हैं विशेषज्ञ।शंख और शहनाई बजाना एक एक्सरसाइज की तरह है। नियमित अभ्यास फेफड़े मजबूत करने में सहायक है। लोगों को फेफड़े स्वस्थ रखने के लिए इसकी सलाह भी देते हैं। -डा. अंचला सिंह, फिजीशियन। ।-शंख फूंकने से फेफड़ों की कोशिकाओं के कोडर से अशुद्ध गैसें बाहर निकल जाती हैं। अधिक मात्रा में आक्सीजन मिलने से बैक्टीरिया नहीं पनप पाते हैं। - डा. रवींद्र पोरवाल, योगाचार्य एवं आयुर्वेद चिकित्सक। ।-वैसे, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हालांकि, फेफड़ों की नियमित एक्सरसाइज होने से लचीलापन रहता है, जिससे वह अधिक आक्सीजन अवशोषित करते हैं। -डा. अवधेश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कालेज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3f38831e5f9ec3fac55b4c26ca7b71a48925a22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70399.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (एएफपी)। पाकिस्‍तान के भविष्‍य को लेकर एफएटीएफ की पूर्ण बैठक पेरिस में चल रही है। पांच दिवसीय इस बैठक में पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में बनाए रखने या फिर उसको इससे बाहर निकालने पर फैसला लिया जाना है। पांच दिवसीय बैठक के बाद 25 जून को इसके नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे जिसमें पाकिस्‍तान को लेकर घोषणा की जाएगी। लेकिन इसी बीच पाकिस्‍तान ने अपनी करतूतों को छिपाने की कोशिश के तहत एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने का ठीकरा कहीं न कहीं भारत के सिर फोड़ने की कोशिश की है। + +अपनी आदत से बाज न आते हुए पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रेडियो पाकिस्‍तान के साथ हुई बातचीत के दौरान भारत पर एफएटीएफ के अंतरराष्‍ट्रीय मंच का राजनीतिकरण करने का बेबूनियाद आरोप लगाया है। हालांकि, उन्‍होंने रेडियो पाकिस्‍तान द्वारा पूछे गए उस सवाल पर गोल-मोल जवाब दिया जिसमें उनसे पाकिस्‍तान के एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में बने रहने की वजह पूछी गई थी। कुरैशी ने इसके जवाब में केवल इतना ही कहा कि पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में रखने का कोई मतलब नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fb8ed140036336118da745764b5ec16515f5507 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे तैयार किया प्रश्न बैंक : किसी भी सिलेबस का सिर्फ 20 से 30 फीसद भाग ही परीक्षा के दौरान पूछा जाता है। कोर्स में इस बात का ध्यान रखा गया है। निर्धारित पाठ्यक्रम के प्रमुख 10 पाठों के 20 बहुविकल्पीय प्रश्न और उसके उत्तर तैयार किए गए। इनको याद करके विद्यार्थी पूरे कोर्स का ज्ञान हासिल कर सकते हैं। विस्तृत लिखने के बजाय छोटे-छोटे प्रश्न तैयार करके सभी 58 विषयों का प्रश्न बैंक बनाया गया है। इसको बनाने में तीन महीने का समय लगा। यूट्यूब के माध्यम से भी परीक्षा की तैयारी साझा की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70405.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c389a7b51668c00a6625b1c98268efe5665e3e9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70405.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शायद आइसीसी को भी अपनी गलती का अहसास हुआ और यही वजह है कि उसने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया कि पहली आइसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल ड्रा या टाई रहने पर दोनों टीमें संयुक्त विजेता बनेंगी। यह वही विलियमसन थे जो 2019 में विश्व कप ट्राफी गंवाने की कसक को दिल के किसी कोने में दबाए बैठे थे और अब जब उन्हें साउथैंप्टन में डब्ल्यूटीसी की गदा को चूमने का मौका मिला तो उन्होंने बारिश की बाधाओं से पार पाते हुए और भारतीय टीम को हर विभाग में पीछे छोड़ते हुए इस मौके को हाथों से जाने नहीं दिया। फाइनल के रिजर्व डे यानी सुरक्षित किए गए छठे दिन अपनी टीम की अगुआई करते हुए न्यूजीलैंड को पहला विश्व टेस्ट चैंपियन बना दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5042f8447ea66f017a28881ab97787d8126edf13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। चीन की हठधर्मिता से भारत व चीन के बीच रिश्तों में नए सिरे से तनाव फैलने लगा है। पिछले वर्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग ई के बीच बैठक में पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फैले तनाव को दूर करने के लिए जो सहमति बनी थी अब वह उसे मानने से इनकार कर रहा है। यही नहीं चीन सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात नहीं करने के लिखित वादे का भी पालन नहीं कर रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..428f56a39cb4a7db6c0b26b9602dd8f202ccf96e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साफ-सफाई और अतिक्रमण हटाने का काम पूरा: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द 25 जून की शाम सात बजे आएंगे। इसके लिए रेलवे अधिकारी मशक्कत में जुटे हैं। प्लेटफार्म नंबर एक और कैंट साइट के सर्कुलेटिंग एरिया में साफ सफाई और रंग रोगन का काम पूरा हो चुका है। सड़क मार्ग पर पेड़ छंटाई का काम पूरा हो चुका है। कैंट साइड में स्टेशन के ठीक सामने सभी दुकानें व अतिक्रमण हटा दिया गया है। दिनभर चहल कदमी करते ई-रिक्शा, आटो और टेंपो चालकों को भी सेंट्रल स्टेशन से दूर रहने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही सेंट्रल स्टेशन के प्रवेश द्वार और निकासी पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं। उधर, आरपीएफ भी दिन में दो बार सुरक्षा की माकड्रिल कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15940a514959ef8694cd63882ebc5003f9e21913 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70411.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को यह याद दिलाया है कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में क्यों उसे बोलने का हक नहीं है। मानवाधिकार उच्चायोग की तरफ से जारी सालाना रिपोर्ट पर बहस में हाल ही में पाकिस्तान ने कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर भारत को घेरने की कोशिश की थी। + +लगातार घट रही अल्पसंख्यकों की संख्या।भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति इस बात से समझी जा सकती है कि वहां अल्पसंख्यकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। वहां रोजाना ही दूसरे संप्रदाय के लोगों का जबरन धर्मातरण हो रहा है। हम वहां प्रकाशित होने वाली रिपोर्टें नियमित देख रहे हैं। वहां स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को जबरन अगवा किया जाता है, उनके साथ दुष्कर्म होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..265c3fae0f0bbffc7a143c108c60fbaf4d11b1fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70416.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के 25 जून को दिल्ली से वाया अलीगढ़-कानपुर आगमन को लेकर रेलवे प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। राष्ट्रपति 'प्रेसीडेंसियल स्पेशल ट्रेन ' के जरिए सफर पूरा करेंगे। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही हैं। दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा के हर बिंदु पर गहनता से जांच-पड़ताल की जा रही है। सैक्शन वाइज आरपीएफ व जीआरपी के अलावा स्थानीय थाना पुलिस को अलर्ट किया गया है। दिन-रात रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के साथ ही गस्त व पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a42f7a36f3d3fc022631955fd367c667c1058013 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70418.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। कोविड संक्रमण के बाद कई लोगों में डिप्रेशन, एंजाइटी या याददाश्त जाने जैसी समस्याएं हो रही हैं। केजीएमयू में ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। वायरस मस्तिष्क को किस तरह से प्रभावित करता है, जिसकी वजह से ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, अब इस रहस्य से पर्दा उठ सकेगा। सेंटर आफ बायोमेडिकल रिसर्च (सीबीएमआर) और क‍िंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) संयुक्त रूप से ऐसे मरीजों के मस्तिष्क में होने वाले बदलाव पर शोध कर रहे हैं। यह पहला ऐसा शोध होगा जिसमें मस्तिष्क से जुड़ी पोस्ट कोविड समस्याओं की वजह का पता चल सकेगा। + +ब्रेन की होगी फंक्शनल एमआरआइ : सीबीएमआर के एडिशनल प्रोफेसर डा. उत्तम कुमार बताते हैं कि पोस्ट कोविड मरीजों में कोरोना संक्रमण के बाद डिप्रेशन, एंजाइटी, भूलने यहां तक की याददाश्त जाने की समस्या देखी जा रही है। ऐसे मरीजों की ब्रेन मैपि‍ंग की जाएगी। जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा की वायरस ब्रेन के किस हिस्से को और कैसे प्रभावित कर रहा है। स्टडी के लिए फंक्शनल एमआरआइ की जाएगी। केजीएमयू में आने वाले इस प्रकार के मरीजों को चिह्नित कर अलग-अलग वर्गों में बांटा जाएगा। इस कार्य के लिए मनोरोग विभाग के डा. विवेक अग्रवाल व डा. अमित आर्य सहयोग कर रहे हैं। ऐसे मरीजों को सीबीएमआर रेफर किया जाएगा जहां इनके ब्रेन की फंक्शनल एमआरआइ की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eab40eed64ef1d66e6e2df84d956f4b1efb4110b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +औरैया, जेएनएन। Bride Refused marriage जिस तरह एक दूल्हा अपनी होने वाली जीवनसंगिनी से कुछ अपेक्षाएं रखता है ठीक उसी तरह एक दुल्हन भी अपने होने वाले पति में कुछ योग्यताओं की तलाश करती है। आधुनिक समय में जैसे-जैसे दुनिया उन्नति के नए आयामों की ओर अग्रसर है वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कि सामान्य सी चीजें भी नहीं जानते, भले ही वह चीज उनकी दिनचर्या का हिस्सा क्यों न हो। यह सब हम इसलिए कह रहे क्योंकि जनपद में इसकी एक बानगी देखने को मिली। दरअसल, जिले की एक शादी की खुशियां उस वक्त सन्नाटे में तब्दील हो गईं जब दुल्हन ने होने वाले पति की परीक्षा लेनी शुरू की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70423.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a13b859a58b99da30c6ff58329b1a68bb56c6573 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70423.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दादा ओमप्रकाश चौटाला के साथ दुष्‍यंत चौटाला। (फाइल फोटो)।ओमप्रकाश चौटाला के मैदान में उतरे से हरियाणा की सियासत में आएगी हलचल।ओमप्रकाश चौटाला के खुलकर मैदान में उतरने से राज्‍य की सियासत में नई हलचल आएगी। पिछले दिनों कांग्रेस और इनेलो के बीच नजदीकी की कयासबाजी चली थी और अब इस मामले में स्थिति साफ होने की उम्‍मीद है। किसानाें के आंदोलन के समर्थन में ओमप्रकाश चौटाला के छोटे पुत्र अभय सिंह चौटाला हरियाणा विधानसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे चु‍के हैं, लेकिन राज्‍य के किसानों पर अपनी पकड़ के कारण अब इनेलो इसमें अधिक सक्रियता दिखा सकेगा। + + तिहाड़ जेल द्वारा जारी पत्र। (स्रोत ओमप्रकाश चौटाला के वकील अमित साहनी)।नियमित छूट सहित नौ साल छह माह की सजा का काट चुके हैं पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला।बता दें कि दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर जेल नियमों में संशोधन करते हुए 10 साल सजायाफ्ता कैदियों की सजा में नियमित मिलने वाली छूृट (15 अगस्त, 26 जनवरी सहित कैदी के अच्छे बर्ताव की छूट) के अलावा छह माह की छूट दी है। चौटाला नियमित छूट को मिलाकर साढ़े नौ साल की सजा काट चुके हैं। चौटाला के वकील अमित साहनी को इस बाबत तिहाड़ सेंट्रल जेल से मेल भी मिल चुकी है। + +चौटाला सहित 55 दोषियों पर वर्ष 1999-2000 में राज्य के 18 जिले में हुई 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती में मानदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे अभ्यर्थियों की भर्ती करने का आरोप था। सीबीआइ के आरोपपत्र पर सीबीआइ की विशेष अदालत के जज विनोद कुमार ने शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी करार दिए गए 55 लोगों में से ओम प्रकाश चौटाला उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और दो आइएएस अधिकारियों समेत 10 लोगों को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e17e6e9dd3a6b94baeb46b59678055a96da936eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिलवा के स्टेशन मास्टर प्रवीण कुमार बताते हैं कि दो राज्यों की सीमा पर होने के कारण किसी तरह की घटना होने पर दोनों राज्यों की पुलिस पहुंच जाती है और कहीं-कहीं सीमा का निर्धारण एक चुनौती बन जाती है। फिलहाल यहां स्टेशन के बगल में ही कोडरमा तिलैया रेलवे लाइन का कार्य चल रहा है, जिसकी ब्लास्टिंग के कारण पत्थर के टुकड़े स्टेशन भवन पर आकर गिरते हैं। इससे स्टेशन भवन कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। स्थानीय पोर्टर व रेलकर्मियों के अनुसार पूर्व में यहां आसपास के इलाके में उग्रवादियों का बसेरा होता था, लेकिन अब वैसी बात नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00475b5aa08c029bf637336b2fa8879bcb45e5e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिमडेगा, [वाचस्पति मिश्र]। म्यूनिख, मास्को के बाद टोक्यो ओलंपिक में भी सिमडेगा की धमक होगी। विदित हो कि माइकल किंडो, सिलवानुस डुंगडुंग के बाद जिले की हॉकी स्टार सलीमा टेटे ओलंपिक गर्ल के रूप में टोक्यो ओलंपिक में अपनी हॉकी स्टिक से कमाल दिखाएगी। भारतीय महिला हॉकी टीम में चयनित होकर सलीमा ने साबित किया है कि सिमडेगा में प्रतिभाएं अब भी विद्यमान हैं। बस उसे तराशने व निखारने की जरूरत है। वैसे सिमडेगा जिला तो पूर्व से भी खिलाड़‍ियों की खान रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ad1512b90a22e8c57a48b3bc8e7ee06b2608448 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसल‍िए होती हैं पूजा।इस द‍िन बरगद के पेड़ की पूजा इसलि‍ए की जाती है। जब भगवान यम ने सीधे सत्यवान के प्राणों को हर ल‍िया था। इस दौरान सत्‍यवान की पत्‍नी सा‍व‍ित्री ने बरगद के पेड़ के नीचे यम के साथ लगभग तीन दिन बहस की। अंत में सावि‍त्री सफलतापूर्वक अपने पत‍ि के प्राणों को वापस भी ले आयी थी। इसल‍िए इस द‍िन वट साव‍ित्री की पूजा होती है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70437.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ad0f99318bd0dd40db7b5f3a81eddafc80511bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घरवालों की हर खबर रखता था उमर।थरियांव के पंथुवा गांव के स्वर्गीय धनराज सिंह के चौथे नंबर के बेटे श्याम प्रताप ने वर्ष 1984 में मुस्लिम मत अपना लिया था। स्वजन के मुताबिक, 36 साल के दौरान उमर से कोई नाता नहीं रहा, मां की मौत पर वह 10 साल पहले और पिता की मौत पर डेढ़ साल पहले गांव आया था। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि उमर को घर-परिवार की हर गतिविधि की जानकारी कैसे हो जाती थी। सोमवार रात गांव आई एटीएस टीम ने उसके पैतृक आवास जाकर मोहल्ले व स्वजन से पूरी जानकारी जुटाई। पता चला कि साल में दो बार धार्मिक प्रचार में उमर का जिले में बराबर आना-जाना रहता था। दो बार जब वह अपने गांव गया तो शहर के कुछ मौलाना भी साथ रहे, उनमें एक स्कूल संचालक का नाम भी आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a85dc4db9922d2978bbd663a29c5003be126b902 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70440.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। कोरोना एक ऐसा भी घाव दे गया है, जिसके लिए जीवन भर दवा खानी पड़ेगी। संक्रमण से उबरने के बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए हैं, जो शुगर के मरीज हो गए हैं। खास बात यह है कि इनमें से किसी में भी संक्रमण से पहले शुगर नहीं था। ।डाक्टरों की जांच में पता चला है कि इन लोगों ने संक्रमित होने पर गांवों में दवा कराई थी और जरूरत से ज्यादा स्टेरायड का प्रयोग किया था। कोरोना से ठीक होने के बाद जब घबराहट, बेचैनी व सुस्ती ने परेशान किया तो यह लोग अस्पताल पहुंचे, जहां परीक्षण में पता चला कि उन्हें शुगर है। कोरोना के चलते शुगर के मरीज बने ज्यादातर लोगों की उम्र 45 से 60 वर्ष है और सभी का शुगर लेवल 250 से 300 एमजी के बीच है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dda221b1303cee677570c810dfe78c1e400ea20d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य में सात माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं तो विपक्ष यानी कांग्रेस ने तेजी से कोरोना टेस्टिंग में हुई गड़बड़ी को लपक लिया। सवाल उठे तो मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बयान दिया गड़बड़ी कहां हुई, किसने की, पूरी जांच की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वह यहीं नहीं रुके, बल्कि आगे बढ़े और कह बैठे कि गड़बड़ी उनके कार्यकाल की नहीं है। महज पिंड छुड़ाने के लिए दिया गया यह बयान जी का जंजाल बन गया। तीर अपनी ओर आते देख पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार जैसी सफाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मुख्य्मंत्री से आग्रह करेंगे कि इसकी न्यायिक जांच कराएं, ताकि स्पष्ट हो सके कि गड़बड़ी किसके कार्यकाल में हुई। तेरे कार्यकाल बनाम मेरे कार्यकाल का प्रदर्शन करने वाली इस बयानबाजी से भाजपाई भी असहज हुए। विपक्ष ही नहीं प्रदेश की राजनीति में रुचि लेने वाले भी इस बयानबाजी की अपने-अपने नजरिये से समीक्षा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3027548806bdbdd95c48a562501785e909d5153 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70447.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एजेंसी ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर बताया है कि बीते 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना संक्रमण के 50848 नए मामले सामने आए हैं। देश में ठीक होने वालों का आंकड़ा बढ़कर 2,89,94,855 तक जा पहुंचा है। इसमें बीते 24 घंटों के दौरान ठीक होने वाले 68,817 लोग भी शामिल हैं। बीते 82 दिनों में एक्टिव मामलों में भी गिरावट देखने को मिली है। वहीं देश में रिकवरी रेट बढ़कर 96.56 फीसद हो गया है। + +वैक्‍सीनेशन के मामले में मंगलवार को जहां उत्‍तर प्रदेश में सर्वाधिक 796000 वैक्‍सीन की खुराक दी गईं वहीं मध्‍य प्रदेश में केवल 4825 वैक्‍सीन की खुराक दी जा सकीं। सोमवार को वैक्‍सीनेशन के अगले चरण की शरुआत में यहां पर रिकॉर्ड 16.95 लाख वैक्‍सीन की खुराक दी गई थीं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि वो एक योजना के तहत ही इस वैक्‍सीन को आगे बढ़ाने के लिए सभी राज्‍यों से समन्‍व्‍य बनाकर रखती है। इसमें इस बात की भी जानकारी दी और ली जाती है कि आने वाले दो सप्‍ताह के दौरान कितनी वैक्‍सीन की जरूरत होगी और कितने लोगों को वैक्‍सीनेट किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39bb477a6189a7d6824d04c494054e5ef6beafce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनकपुरी से आगे केवल पेड़ पौधे।प्रीमियर नगर बैंक कालोनी के 97 वर्षीय सेवानिवृत्त लेखपाल रघुनंदन दास श्रीवास्तव ने बताया कि सासनी गेट से आगरा रोड व मथुरा रोड पर दूर तक हरियाली दिखती थी। 30 साल पूर्व की बात करें तो सासनी गेट से पुराने हाथरस अड्डा तक सड़कों के किनारे तक इतने मकान नहीं थे। बैंक कालोनी में भी सात-आठ मकान थे और चारों तरफ पेड़ ही पेड़ दिखाई देते थे। कालोनी बस्ती गई और हरियाली खत्म हो गई। रामघाट रोड पर दुबे पड़ाव से जनकपुरी तक ही मकान थे। इससे आगे बसावट खत्म हो जाती थी और केवड़ पेड़-पौधे दिखाई देते थे। क्वार्सी चौराहा से धौर्रा तक केवल पेड़ होते थे। इधर, श्मशाद मार्केट के आपसास भी ज्यादा बसावट नहीं थी। हरा-भरा वातावरण मन को बहुत लुभाता था। शहर का दायरा बढ़ने से पेड़-पौधे नष्ट होते चले गए, लेकिन लोगों ने खुद पेड़ नहीं लगाए। मेरी अपील है कि दैनिक जागरण की मुहिम से जुड़कर वातावरण को हरा-भरा बनाने में सहयोग करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15cae964b64ba1c84a171999f9498e81d0d59dbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरआरटीएस के लिए एनसीआर परिवहन निगम कई सुरक्षित मोबिलिटी तकनीक का उपयोग कर रहा है जो भारत के रेल इतिहास में पहली बारी होगा। जैसे नेक्स्ट-जेनरेशन यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिग्न¨लग सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल 2, पीएसडी (प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर्स) सिस्टम और ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) सिस्टम। यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिग्न¨लग सिस्टम (ईटीसीए) यूरोपीय रेलवे में इस्तेमाल की जाने वाली नेक्स्ट जेनेरेशन की सिग्न¨लग और कंट्रोल सिस्टम है जो ट्रेन और लाइन क्षमता बढ़ाने व ट्रेन की आवाजाही को त्वरित आवृत्तियों पर सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जिससे यात्रियों का वेटिंग टाइम कम होगा और वह सहज व सुरक्षित यात्रा का अनुभव ले सकेगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70452.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70452.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b07ca70eb6c6b3826eee3da3c01a96496f7e3db9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70452.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आपको बता दें कि एससीओ के आठ सदस्‍य देश हैं। इसमें भारत, पाकिस्‍तान रूस, किर्गीस्‍तान, कजाखिस्‍तान, ताजिकिस्‍तान, चीन और उजबेकिस्‍तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्‍तान को वर्ष 2017 में इसका पूर्ण सदस्‍य बनाया गया था। नवंबर 2020 में इस संगठन की बैठक की मेजबानी भारत ने की थी। 2021 के लिए इसकी अध्‍यक्षता ताजिकिस्‍तान के पास है। + +मौजूदा समय में होने वाली एससीओ की बैठक इसलिए भी बेहद खास है क्‍योंकि हाल के कुछ दिनों में अफगानिस्‍तान को लेकर पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच काफी कड़वाहट देखने को मिली है। दोनों ही तरफ से एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्‍यारोपों का दौर जारी है। खास बात ये भी है कि इस दौर की शुरुआत कहीं न कहीं भारत के अफगानिस्तान को लेकिन हो रही शांति वार्ता का एक अहम सदस्‍य बनने के बाद ही हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9defbf8d7ee7767c908b9c07d01dfe9c2157bc16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। मतांतरण गिरोह के चंगुल से फंसकर अब्दुल कादिर बने आदित्य गुप्ता से मंगलवार को एटीएस ने पांच घंटे तक पूछताछ की। लखनऊ और कानपुर के उ'चाधिकारियों ने उससे गिरोह के बारे में जानकारी हासिल की। एटीएस को क्या हासिल हुआ, इसकी जानकारी नहीं मिली, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आदित्य ने अधिक कुछ नहीं बताया। उसे अपने फैसले पर पछतावा भी नहीं है। वह दोबारा घर से भागने की धमकी भी दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe69305231dd6b9a24232154defe10f9e6335243 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा [धर्मेंद्र कुमार]। नोएडा की शूटिंग रेंज अब बागपत जिले की रहने वाली विख्यात निशानेबाज दादी चंद्रो तोमर के नाम से जानी जाएगी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि योगी सरकार ने यह फैसला जाटों को लुभावने के लिए किया है। किसान आंदोलन की वजह जाटों में भाजपा के प्रति में नाराजगी बताई जा रही थी। दादी चंद्रो का सीधे तौर पर नोएडा से नाता नहीं रहा है, लेकिन यहां से पूरे प्रदेश और देश में संदेश जाएगा, इसलिए योगी सरकार ने जाटों को लुभाने के लिए यह बड़ा दाव खेला है। गौतमबुद्ध नगर गुर्जर बहुल है। जाट व गुर्जरों में संतुलन बनाने के लिए भाजपा ने यहां के दो नेताओं को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। ग्रेटर नोएडा के तुगलपुर गांव के रहने वाले कद्दावर नेता तेजा गुर्जर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है। यह जिम्मेदारी भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने सौंपी है। जबकि दादरी के अच्छेजा गांव की रहने वाली महामेधा नागर को प्रदेश प्रवक्ता की अहम जिम्मेदारी दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdc88cef9aa0650e1772a309c8cf47bfcde17421 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बारिश आते ही सतह पर आ जाता है कवर : क्रिकेट के मैदान की तरह ही बारिश आते ही कर्मचारी तेजी से कवर (तिरपाल) लाकर ढलाई वाली सतह को ढक देते हैं। इसके लिए ढाई हजार वर्ग फीट के आठ तिरपाल बनवाए गए। इसके सहारे ही बारिश के पानी को ढलाई वाली सतह पर जाने से रोकने की कोशिश की जाती है। फिर भी जो पानी जमा होता है, उसे ब्रूमर से सुखा कर साफ किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ef254fd662a230ef4f14bb2a754a1055e040a21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। रामनगरी की विकास योजनाओं को रफ्तार मिलने लगी है। अब विस्तृत योजना बनाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। विजन डाक्यूमेंट में शामिल परियोजनाओं में 16 बड़ी योजनाओं का डीपीआर अगस्त के अंतिम सप्ताह तक तैयार कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष हुए विजन डॉक्यूमेंट के प्रस्तुतीकरण में परियोजनाओं के डीपीआर पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया। विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष विशाल सि‍ंह की निगरानी में ली एसोसिएट्स डीपीआर बनाने में लगे हैं। इसमें अयोध्या मेेन स्पाइन रोड, राममंदिर तक जाने वाला मार्ग, ग्रीन फील्ड टाउनशिप, पर्यटन सुविधा केंद्र सहित अन्य बड़ी योजनाएं शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71b7027013bf0cc7c4193819dc895113f3f53107 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैलगाड़ी पर आई बरात, पत्ते-पत्तियों का सजा मंडप।16 जून को बरात दरवाजे आई तो बराती और जनाती शादी की सजावट और इंतजाम देखकर चौंक गए। जनाती इसलिए चौंक रहे थे कि दूल्हा बरात लेकर बैलगाड़ी पर आया था और जनाती इसलिए हैरान थे शादी का पूरा पंडाल पत्तों और पत्तियों से सजाया गया था। इतना ही नहीं मंडप भी पेड़ों के बीच पत्तियों से सजा था। दरअसल, इस अनूठी शादी की रूप रेखा यशवंत ने तैयार की थी और उनके कहने के मुताबिक दूल्हा बैलगाड़ी पर बरात लेकर आया था। मंडप की सजावट भी उन्होंने प्रकृति प्रेम का संदेश देने के लिहाज से करवाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b00763cd793bf6c68af574f02aece0aa82d51cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विस चुनाव का है सेमीफाइनल। जिपं चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा है। इसीलिए सभी दल फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जिपं अध्यक्ष में जीत का प्रयास सभी करेंगे, लेकिन इस जीत के लिए अपने वोट बैंक को नाराज नहीं कर सकते। इसकी वजह है कि अगले साल ही विस चुनाव है। सभी दल अपने-अपने गणित लगा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d803fea4e58b2d6ea18db6c0f7376cda2470ecc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70469.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कानपुर, जेएनएन। मतांतरण करने के जिस बड़े गिरोह का पर्दाफाश नोएडा आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने किया है, उसने काकादेव के नवीन नगर पी ब्लाक के मूक-बधिर युवक आदित्य गुप्ता को भी अपने चंगुल में फंसा लिया था। आदित्य तीन माह से अधिक समय से घर से गायब था, लेकिन अचानक रविवार को घर वापस लौट आया। हालांकि, वह ज्यादा कुछ बता नहीं रहा है, लेकिन उसके माता-पिता ने बेटे के अब्दुल कादिर बनने की जो कहानी साझा की, वह बेहद सनसनीखेज है। + +नोएडा से आया था एक शिक्षक।जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने स्वीकारा कि वह मुस्लिम धर्म अपनाना चाहता है। मां ने बताया कि बेटे के पास नोएडा डीफ सोसाइटी का एक शिक्षक आया था। वह बच्चों को मुस्लिम मत के बारे में बताया था, जिसकी शिकायत हुई। संभव है, वहीं से उसके मन में इस ओर रुझान बढ़ा। चार साल पहले चमनगंज निवासी मूक-बधिर मुस्लिम दोस्त के संपर्क में आने के बाद भी उसका मन बदला। 10 मार्च को अपने शैक्षिक दस्तावेज और कुछ कपड़े लेकर वह घर से गायब हो गया। कुछ दिनों पहले फेसबुक मैसेंजर के जरिए उससे बातचीत हुई और 20 जून सुबह नौ बजे अचानक अपना सामान लेकर घर आ गया, तब पता चला कि वह केरल में रहा। + +बेटा चरमपंथियों के चंगुल में है, की थी शिकायत।पिता ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर, 2020 को आदित्य से मोबाइल छीन लिया और सिम तोड़कर फेंक दिया। इस प्रकरण में केरल के चरमपंथी जुड़े हुए थे, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, एसएसपी कार्यालय, कल्याणपुर थाने में भी शिकायत दर्ज कराई। बताया कि उनका बेटा मुस्लिम चरमपंथियों के चंगुल में फंसा है। कल्याणपुर पुलिस ने बेटे और उनको बुलाया। उन्होंने डराया धमकाया तो बेटे ने भी सुधरने का वादा कर लिया। इसके बाद उन्होंने उसे दोबारा से फोन दे दिया। कुछ दिनों में ही आदित्य पुराने साथियों के साथ फिर जुड़ गया। उसके लापता होने के बाद भी मां ने कल्याणपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन कानपुर पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00015568d0c2b657f0dc4d1b1a117991a1c0aa0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70470.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सियोल, एजेंसी। उत्‍तर कोर‍िया के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका को खबरदार किया है। उन्‍होंने कहा उत्‍तर कोरिया के संकेतों की गलत व्‍याख्‍या नहीं करे। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि उत्‍तर कोरिया के संकेतों को अमेरिका गलत व्‍याख्‍या कर रहा है। उन्‍होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह वार्ता का सपना देख रहा है तो उसे निराशा ही हाथ लगेगी। उत्‍तर कोरिया की ओर से यह टिप्‍पणी ऐसे वक्‍त आई है, जब एक अमेरिकी दूत ने दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में किम जोंग उन के साथ वार्ता पर अपनी सकारात्‍मक प्रतिक्रिया दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..caf9e38849fafdcbb5e71cbd1c4f6434e2159e81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70471.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। जल, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी दूभर है। वैज्ञानिक अपनी धरती के अलावा अन्य ग्रहों पर भी पानी की तलाश कर रहे हैं। ताजनगरी में जलसंकट को दूर करने के लिए ही गंगाजल लाना पड़ा। वहां, जल संचयन की स्थिति काफी निराशाजनक है। पर इसी निराशाजनक स्थिति में ताजनगरी में कुछ कालोनियों, गुरुद्वारा और स्कूलों ने आस की एक उम्मीद दिखाई है। ये लोग मिलकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग से बरसात की हर बूंद को बचाने की कोशिशों में लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e3a6575512161cfc0f7bd0e109c32de9a4553a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70474.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिओल (रॉयटर्स)। उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने अमेरिका का इस बात को लेकर मजाक बनाया है कि वे उत्‍तर कोरिया से बातचीत की उम्‍मीद लगाए हुए है। किम यो जोंग ने अमेरिकी राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान के उस बयान का मजाक उड़ाया है जिसमें उन्‍होंने किम जोंग उन के हालिया बयान का जिक्र किया था। जैक ने कहा था कि किम की तरफ से आए ताजा बयान में अमेरिका से बातचीत को लेकर कुछ अच्‍छे सिग्‍नल आते दिखाई दिए हैं। किम की बहन के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जैक को जो संकेत उत्‍तर कोरिया की तरफ से मिले हैं उनसे उन्‍हें निराशा ही मिलने वाली है। किम यो जोंग ने अमेरिका का इस बात पर भी उपहास उड़ाया है कि वो और दक्षिण कोरिया प्‍योंगयोंग के साथ समन्‍व्‍य बिठाने के लिए विवादित वर्किंग ग्रुप को खत्‍म करने पर विचार कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c32a3cdfa39cf471068fecbfe47f36811074efc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टिकट पर किसी रियायत की अनुमति नहीं।गुरिंदर मोहन ने बताया कि इस सेवा को चुनने वाले यात्री गाड़ी में अन्य भुगतान/मूल्य वर्धित सेवाओं का लाभ उठाने के हकदार नहीं होंगे। हॉप-ऑन हॉप-ऑफ टिकट अहस्तांतरणीय है और हॉप-ऑन-हॉप-ऑफ टिकट पर किसी रियायत की अनुमति नहीं होगी। हॉप-ऑन हॉप-ऑफ टिकट वापसी योग्य टिकट नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधा 6 महीने के लिए परीक्षण के आधार पर शुरू की जाएगी, जो कि 1 जुलाई से शुरू होगी। इस सुविधा के अंतर्गत टिकट खरीदने की प्रक्रिया के दौरान पर्यटक को पहचान पत्र भी देना होगा। ।इनमें से कोई एक पहचान पत्र जरूरी।पहचान पत्र की मूल प्रति रखनी होगी साथ।यात्रियों को यात्रा के दौरान अपने उस पहचान पत्र की मूल प्रति रखनी होगी जो बुकिंग के समय उन्होंने प्रस्तुत किया हो। ऐसा न होने पर उन्हें बिना टिकट यात्री माना जाएगा। इस संबंध में निर्धारित मौजूदा रेलवे नियमों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। हॉप-ऑन हॉप-ऑफ टिकट अहस्तांतरणीय होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51179b1db3cf73f14204d92c30f2f5bb3f237e37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70484.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जेएनएन, मोहाली। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से एयरपोर्ट रोड को न्यू चंडीगढ़ और बद्दी को कनेक्टिविटी देने के लिए एक नई सड़क बनकर तैयार हो गई है। इसे दिसंबर तक लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इस सड़क के बनने के बाद दिल्ली से आने वाला कोई भी वाहन जिसने न्यू चंडीगढ़ और बद्दी जाना होगा उसे चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह जीरकपुर को भी बाईपास करते हुए सिंहपुर के मैकडोनाल्ड चौराहे से सीधा एयरपोर्ट रोड होता हुआ न्यू चंडीगढ़ पहुंच जाएगा। वहां से बद्दी की तरफ निकल जाएगा। + +करीब 200 फुट चौड़े इस मार्ग के दोनों ओर एयरपोर्ट रोड की तर्ज पर सर्विस लेन बनेगी और हैलोजन लाइट लगेगी। मार्ग को तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। बहुत सी जगह तो सड़क बन कर तैयार है। कई जगह यह काम किया जा रहा है। रिंग रोड का यह हिस्सा बनने से वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी। खरड़ से संबंधित बहुत से लोग चंडीगढ़ जाना चाहते हैं उन्हें इसका फायदा मिलेगा। सड़क को पूरा करने का लक्ष्य गमाडा की ओर से दिसंबर रखा गया है, लेकिन लॉकडाउन के चलते कुछ लेबर जाने के कारण काम की रफ्तार कम हो गई थी, पर इस मार्ग का काम काफी हद तक किया भी जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b639161a82482e6ce78641fda67fee94e7757ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस-राकांपा के विरुद्ध मुंह खोलने की पहल भले आज प्रताप सरनाईक ने की हो, पर आम शिवसैनिकों में यह बेचैनी उद्धव सरकार बनने के पहले दिन से ही देखी जा रही है। महाराष्ट्र के मंत्रालय पर भगवा लहराने की जो खुशी राज्य भर के शिवसैनिकों में होनी चाहिए थी, वह ठाकरे परिवार के किसी व्यक्ति के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद नजर नहीं आई। राज्यसभा या विधान परिषद में मनोनीत कुछ नेताओं को छोड़ दिया जाए तो आम शिवसैनिक के लिए यह एक बड़ा झटका था। जिन दलों के विरुद्ध चंद दिनों पहले तक शिवसैनिक मोर्चा खोले रहे, अब उन्हीं दलों के साथ बैठकर सरकार बनने की मिठाई कैसे खाई जा सकती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70492.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70492.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3672f6ee9eb86c6ff059340dd615d9cec51a30b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70492.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, प्रेट्र। आमतौर पर कोई किसी टीके के ब्रांड के बारे में जानने का खास इच्छुक नहीं होता है। हम में से शायद ही किसी को पता हो कि हमें किसी फ्लू के लिए लगा टीका किस ब्रांड का था। लेकिन, कोरोना के मामले में ऐसा नहीं है। कोरोना का कहर फैलने के बाद पिछले साल ही कंपनियां टीका बनाने में जुट गई थीं। ट्रायल पूरा करने के बाद आज कई कंपनियों के टीके उपलब्ध हो चुके हैं। आए दिन खबरों में लोगों को अलग-अलग ब्रांड के बारे में पढ़ने को मिलता रहता है। यही जानकारी कुछ मामलों में मुश्किल का कारण बन रही है, क्योंकि कुछ लोग खास टीका लगवाने के इंतजार में टीकाकरण नहीं करा रहे हैं। + +खास टीके का इंतजार गलत : विशेषज्ञों का कहना है कि सभी टीके तय प्रक्रिया और मानक के अनुसार बनाए जाते हैं। हर देश में सरकार नियमानुसार टीकों को मान्यता देती है। ऐसे में किसी खास ब्रांड के इंतजार में टीकाकरण नहीं कराना गलत है। सबसे अच्छा टीका वही है, जो आपको सबसे पहले मिल जाए। हर टीके का काम आपको संक्रमण के संभावित खतरे से बचाना है। कुछ कम या ज्यादा प्रतिशत के साथ सभी टीके प्रभावी हैं। सुरक्षा के मानकों पर भी किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता है। ऐसे में किसी खास टीके के इंतजार में रुके रहना आपको खतरे में डाल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59d35ce600140b56f72967744497c4af395491f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70494.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धनबाद [ राजीव शुक्ला ]। आपने हेलमेट नहीं लगाया है तो आपकी बाइक को यह मेटल डिटेक्टर स्टार्ट नहीं होने देगा। हेलमेट पहनने के बाद ही बाइक चालू होगी। चौंक गए ना, बाइक चालकों को दुर्घटना से बचाने व उनकी बाइक चोरी होने से रोकने को बीआइटी सिंदरी के रसायन अभियंत्रण संकाय के प्रथम वर्ष के छात्र विकास कुमार ने उपकरण तैयार किया है। इसे बीआइटी मॉडल क्लब की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता टेकी ऑफ द इयर के लिए निर्णायकों ने चयनित किया है। + +टेकी ऑफ द इयर के लिए चयनित ।विकास ने बताया कि आए दिन सड़क दुर्घटना और बाइक चोरी की सूचना मिलती रहती है। इससे मन व्यथित हो जाता था। यह विचार आया कि ऐसी डिवाइस बनाएं, जिससे बाइक चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य हो जाए। इसके बाद शोध शुरू किया। ऐसी डिवाइस बन गई जिसके कारण बाइक तभी स्टार्ट होगी जब चालक हेलमेट पहन लेगा। चोर भी अगर बाइक चुराना चाहेगा तो वो हेलमेट न होने से बाइक स्टार्ट नहीं होगी। बाइक का ताला भले तोड़ लिया जाए, इंजन स्टार्ट कर चोर बाइक को नहीं ले जा सकते। टेकी ऑफ द इयर की आयोजन समिति के सदस्य चंदन कुमार झा खनन अभियंत्रण के छात्र हैैं। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को निर्णायकों ने चयनित किया है। वर्चुअल तरीके से होने वाली इस प्रतियोगिता में ऐसे शोध का चयन किया गया है जो कुछ अलग है, व्यावहारिक हो। यह इनोवेशन शानदार है। सस्ता है। ।विज्ञान के सामान्य सिद्धांत पर शोध से बड़ा काम।विकास कुमार ने बताया कि विज्ञान के सामान्य सिद्धांत से यह डिवाइस बन गई है। इसमें मेटल डिटेक्टर, ऑर्डिनो बोर्ड, रिले, धातु का टुकड़ा व तार का प्रयोग किया गया है। महज एक हजार रुपये खर्च आया है। हेलमेट में माथे की जगह पर दस वर्ग सेमी का धातु का टुकड़ा लगाया गया है। बाइक की हेडलाइट के समीप मेटल डिटेक्टर युक्त डिवाइस लगाई जाएगी। मेटल डिटेक्टर चालक के सिर पर फोकस करेगा। हेलमेट लगाने पर मेटल डिटेक्टर उस धातु का संकेत पकड़ेगा। इसके बाद वह ऑर्डिनो बोर्ड को संदेश भेजेगा। यह संदेश उस सर्किट को जोड़ देगा जिससे बाइक स्टार्ट होगी। हेलमेट नहीं लगाएंगे तो बाइक का सर्किट अपूर्ण रहेगा। लाख कोशिश करते रहिए, बाइक स्टार्ट नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5897b7532127bc2ec71815a393847b95bc491d72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मैक्डोनाल्‍ड के अलावा दिल्ली और गुरुग्राम के कई रेस्‍टोरेंट भी अपने ग्राहकों की संख्‍या को बढ़ाने के लिए इसी तरह का ऑफर दे रहे हैं। इस तरह का ऑफर देने वाली कंपनियों का मकसद भले ही इसके जरिए अपना बिजनेस बढ़ाना है लेकिन उन्‍हें इस बात की भी उम्‍मीद है कि वो इसके लिए वैक्‍सीन के प्रति लोगों को जागरुक करने में भी कामयाब हो सकेंगे। ऑनलाइन किराना स्टोर ग्रोफर्स ने भी वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इसी तरह के ऑफर का सहारा लिया है। ग्रोफर्स ने इसके लिए अंतरराष्‍ट्रीय संगठन यूनीसेफ से गठजोड़ किया है। ग्रोफर्स अपने ऑफर के जरिए उन लोगों को जिन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीन की डोज ले ली है, उन्‍हें एक माह के लिए फ्री में एसबीसी (स्मार्ट बचत क्लब) की सदस्यता दे रहा है। इस स्‍कीम के जरिए ग्राहकों को कई तरह की छूट मिल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6535e174623ea41d2740742bc66c496a2ac356a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70496.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। बारिश के बाद शहर में कई जगह सड़कें जख्मी हो गईं। सीवर लाइन खोदाई के बाद गहरे गड्ढे हो गए हैं। प्रभात मार्केट चौराहे पर सीवर लाइन खोदाई से गड्ढे हो गए। लेकिन, जल निगम व नगर निगम दोनों ने इन गड्ढों को नहीं भरा। पूरे शहर में जगह-जगह गड्ढों से बाइक व राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। पार्षद भी नगर निगम में गड्ढों को लेकर चक्कर काट रहे हैं। हाल ही में आपातकालीन कामों को कराने के लिए दो-दो लाख रुपये के प्रति वार्ड में काम कराने का फैसला लिया था। लेकिन, न तो अभी काम चिह्नित हुए हैं और न गड्ढों की मरम्मत की जा रही है। नगर निगम अपनी लापरवाही कम जल निगम की ज्यादा बता रहा है जबकि जहां सीवर लाइन नहीं डली है, वहां की सड़कों का हाल भी बेहाल है। + +न बिछेगी सीवर लाइन और न निगम बनाएगा सड़क : नगर निगम की लापरवाही की हद हो गई है। दूसरे चरण में कांठ रोड पर सीवर लाइन बिछाई जा रही है। इसको लेकर नगर निगम ने निर्णय लिया था कि सीवर डालने के बाद ही सड़क बनेंगी। लेकिन, जब एसटीपी की जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है और अभी सीवर की मुख्य लाइनें अभी नहीं बिछाई जा रही हैं तो डामर की एक लेयर ही सही सड़कों को चलने लायक तो बनाया जा सकता है। रामगंगा विहार 24 मीटर रोड व आरएसडी अकादमी को जाने वाली सड़क हो अकबर किले से वाणिज्य कर चौराहे की ओर की सड़क। सभी जगह गड्ढों तो हैं ही साथ ही बजरी उखड़कर बाइक फिसल रही है। बारादरी में बालाजी मंदिर के पास, कचहरी रोड, स्टेट बैंक की मुख्य शाखा रोड पर भी कई जगह गड्ढे हो गए हैं। + +लालबाग में ठोकर खाकर गिर रहे लोग : लालबाग की सड़कों की सुध तभी ली जाती है जब नवरात्र आते हैं। लेकिन, फिर छह महीने के लिए कोई पलटकर भी नहीं देखता। लालबाग में कहीं नाली के पत्थर टूटे हुए हैं तो कहीं सीवर लाइन से गड्ढे हो गए हैं। सीसी टाइल्स की सड़क भी टूट गई है। यहां पर सीवर लाइन डाले दो साल बीत गए हैं। बार-बार गड्ढे होने की वजह से क्षेत्र के लोगों की दुश्वारियां बढ़ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a62607a1b2ef308be1fed8c7ab3d983809ba7e6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राहुल लाल। कट्टरपंथी न्यायाधीश इब्राहिम रईसी को ईरान का नया राष्ट्रपति चुना गया है। रईसी देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के करीबी हैं। ईरानी राष्ट्रपति चुनाव में विजयी प्रत्याशी को न्यूनतम 50 प्रतिशत मत प्राप्त करना होता है। जब कभी ऐसा नहीं होता है तो फ्रांस की तरह प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रत्याशियों के बीच पुन: चुनाव होता है, लेकिन रईसी को प्रारंभिक मतगणना में ही 62 फीसद से अधिक मत प्राप्त हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb01d793f345d94539705cb9a6483993f3b9e570 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70498.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेेएनएन। कोरोनाकाल में शरीर में पानी की कमी न रहे। इसलिए पानी के साथ-साथ ऐसे ड्रिंक्स पीने चाहिए, जो शरीर को हाइड्रेट रखने और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करें। इस मामले में फालसा बहुत लाभकारी है। पसीना आने पर शरीर से सोडियम बाहर निकल जाता है। इस कारण कमजोरी और थकान महसूस होती है, लेकिन फालसा या इसके शर्बत का सेवन करने से इन समस्याओं से राहत मिलती है। + +जानिए फालसा के बारे में:।रक्त विकार ठीक करे।फालसा में मौजूद विटामिन सी शरीर में लोहे का अवशोषण करने में सहायक होता है जिससे शरीर में खून साफ होता है औऱ रक्त के विकार की समस्या ठीक होती है। ।कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करे।सुबह-शाम लगातार एक महीने तक खाने से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e0b6512c3c573d5737a87850790815875ce7fff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। योग दिल की बीमारियों के इलाज में भी मददगार है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक समीक्षात्मक अध्ययन में कहा गया योग दिल की अनियंत्रित धड़कन को नियंत्रित करने में मददगार है। ऐसे में एम्स के डाक्टरों ने अनियंत्रित धड़कन की बीमारी (एरिदमिया) से पीड़ित लोगों को सप्ताह में कम से कम 45 से 60 मिनट योग करने की सलाह दी है। इससे धड़कन को काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है। कोरोना के मरीजों में भी धड़कन बढ़ने की समस्या देखी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16f7ce1262a890b0db7c3aa7ae1b95d95af4a644 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रिंसिपल मोनिका कश्यप की अनोखी पहल।यमुनानगर शहर के चांदपुर में रहने वाली मोनिका कश्यप कई सालों से पौधे लगा रहीं हैं। पौधे रोप कर समाज को पर्यावरण बचाने का संदेश दे रही हैं। मोनिका कश्यप न्यू हैप्पी स्कूल बिलासपुर की प्रिंसिपल हैं। स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी पौधों का महत्व समझें इसलिए उन्होंने छात्रों की ग्रीन ब्रिगेड ही बना दी। इस ब्रिगेड का काम पौधे लगाना व उनकी देखरेख करना है। वह न केवल स्कूल में पौधे लगाते हैं बल्कि आसपास के गांवों में भी भी पौधे लगाकर उन्हें हराभरा कर दिया है। इन छात्रों को स्कूल की बसों से गांवों में ले जाया जाता है ताकि वहां पर पौधे लगा सकें। 7 साल में अब तक करीब 15 हजार पौधे स्कूल के विद्यार्थी व स्टाफ गांवों में लगा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdab32d10223e9bd3c9f71d64f182e5cc10a81f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमीरपुर, जेएनएन। Bride refused to marriage शादी के मंडप के नीचे सात फेरे लेने का सपना संजोए एक दूल्हे को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब दुल्हन ने शादी करने से इन्कार कर दिया। तिलक-गोदभराई की रस्में पूरी होने के बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि दुल्हन ने शादी से मना कर दिया? यह वजह वर पक्ष में कौतूहल का विषय बनी रही। मामला इतना बढ़ गया कि पंचायत बुलाई गई फिर काफी मान-मनौव्वल के बाद जो वजह सामने आई उसे सुनकर हर शख्स दंग रह गया। ऐसा क्या हुआ आइए जानते हैं: ।यह है पूरा मामला: कानपुर देहात के युवक की शादी हमीरपुर की युवती के साथ दो वर्ष पहले तय हुई थी। दोनों के घरों में शादी की तैयारियां चल रही थीं। दूल्हे की बरात चार दिन बाद 24 जून को हमीरपुर जानी थी। लगभग सभी निमंत्रण पत्र अतिथियों में वितरित किए जा चुके थे। वर पक्ष के घर में शादी की खुशियां उस वक्त फीकी पड़ गईं जब वधू के पिता का फोन आया। उन्होंने कहा कि बेटी अब ब्याह नहीं रचाना चाहती। यह सुनकर वर पक्ष में एक सन्नाटा खिंच गया। दूल्हे की मां ने वधू पक्ष के घर जाकर बात की, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। बढ़ते-बढ़ते मामला पंचायत तक जा पहुंचा। दूल्हे ने बताया कि मां आज भी गांव में ग्रामीणों के साथ पंचायत में मामले का समाधान कराने में जुटी हैं, लेकिन लड़की वाले मानने को तैयार ही नहीं हैं और न ही गोदभराई का सामान वापस कर रहे हैं। ।शादी के लिए सूरत से आया था दूल्हा: युवक ने बताया कि वह सूरत में धागा फैक्ट्री में 18 हजार रुपये की नौकरी करता है। यहां शादी की तैयारियों के लिए पिछले माह गांव आया था। घर में किराना का सामान खरीदा गया, निमंत्रण पत्र छपवाकर रिश्तेदारों को बांटे गए। बरात ले जाने के लिए रोड लाइट, डीजे व बस बुक की गई थी, लेकिन अब दुल्हन के पिता ने ही फोन कर बरात लाने से साफ मना कर दिया है। दुल्हन भी तैयार नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f65cf8dec9d7645380c99e2478c8071ee7b77b2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70502.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। मानसून के लंबे होते इंतजार के बीच अगले चार दिन दिल्ली वासियों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। 25 तक मौसम गर्म और शुष्क ही रहेगा। मौसम विभाग की मानें तो इस दौरान हल्की बारिश होने के भी आसार नहीं है। इसके विपरीत नमी भरी हवाएं उमस बढ़ाएंगी। तापमान भी बढ़कर 39 डिग्री तक पहुंच जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। 25 जून तक लोगों को उमस भरी चिपचिपी गर्मी परेशान करेगी। इस बीच अधिकतम तापमान बढ़कर 39 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 29 डिग्री तक रह सकता है। 26 जून को हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। + +इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से एक डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री कम है। हवा में नमी का स्तर 45 से 87 फीसद रहा। 38.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान के साथ नजफगढ़ दिल्ली का सबसे गर्म इलाका रहा। ।सोमवार को भी साफ रही एनसीआर की हवा। दिल्ली-एनसीआर की हवा रविवार को भी साफ ही रही। सभी जगह का एयर इंडेक्स एक सौ से नीचे यानी संतोषजनक श्रेणी में दर्ज किया गया। मंगलवार को भी इसमें खास बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि तेज आंधी चलने से हवा में धूल के कण मिल सकते हैं, लेकिन इसका अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली का एयर इंडेक्स 84 दर्ज किया गया। फरीदाबाद का 70, गाजियाबाद का 92, ग्रेटर नोएडा का 65, गुरुग्राम का 74 और नोएडा 70 दर्ज हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aafd4143edd180fa16696756d4df4f930a53b115 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70503.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जेएनएन, अमृतसर। आम आदमी पार्टी में आज पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में शामिल हुए पंजाब के पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप बहुचर्चित आइपीएस अफसर रहे हैं। राज्य में किडनी कांड का खुलासा उन्होंने ही किया था। इसके बाद पंजाब व आइपीएस लाबी में भी वह खूब चर्चा में आए थे। हाल ही में वह बेअदबी मामले में बनाई गई एसआइटी के प्रमुख भी रहे। हालांकि बाद में हाई कोर्ट द्वारा रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया। + +दरअसल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़े कोटकपुरा और बहिबल कलां मामले की जांच के प्रमुख कुंवर विजय पर मामले के आरोपित इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि इस मामले की जांच राजनीतिक संरक्षण में की जा रही है। कुंवर का रवैया भेदभावपूर्ण है। याचिकाकर्ता ने सिट से कुंवर विजय को हटाने की मांग की थी। कुंवर विजय प्रताप ने अपना जवाब दाखिल कर कहा था कि सभी आरोप निराधार हैं। जांच पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता से चल रही है। हालांकि अदालत ने कुंवर द्वारा तैयार रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए थे। कोर्ट ने जांच से कुंवर विजय को हटाने का फैसला सुनाया। इस फैसले से नाराज कुंवर ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजकर समय से पहले रिटायरमेंट की मांग की थी। + +यह है मामला।वर्ष 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर वाला गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब चोरी हुए। इसके बाद फरीदकोट के बरगाड़ी गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के कुछ पन्ने फटे हुए मिले। कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। 14 अक्टूबर 2015 को फरीदकोट के बहिबल कलां में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प में दो लोगों की मौत हो गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जांच कमीशन बनाया। 2017 में पंजाब में कांग्रेस सत्तासीन हुई। इसके बाद जांच के लिए सिट बनाई गई। इसका प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह को बनाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71cb6842e892b5ab228f504ad52ac30d3ae2f7fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70504.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी टीकाकरण के आंकड़े देखकर गदगद हैं। क्लस्टर अभियान की 25 गांव की सफलता का आलम ये है कि एक ही दिन में टीकाकरण का आंकड़ा डबल से ज्यादा होने की वजह से टीमों का उत्साहवर्धन किया जा रहा है। सोमवार को कलस्‍टर के तहत 25 गांव में ट्रायल वैक्सीनेशन कराया गया था। इसमें बेहतर रिजल्ट मिले हैं। क्लस्टर और सामान्य केंद्रों के आंकड़े मिलाकर कुल 9938 का वैक्सीनेशन हुआ है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए क्लस्टर अभियान शुरू कर दिया है। जिले के डिलारी, बिलारी और ठाकुरद्वारा के 91 गांव को 12 कलस्टर में बांटा गया है। एक क्लस्टर में सभी कार्यकर्ता काम पूरा करने के बाद आगे का काम पूरा करेंगे। एक गांव पूरा होने के बाद दूसरे गांव में जाएंगे। 30 जून तक 12 कलस्टर को पूरा करना है। सोमवार को क्लस्टर के पहले दिन 4847 को टीका लगाया जा सका। सामान्य में 5091 को टीका लगाया गया। + +तारीख,                 18 प्लस,               45 प्लस,                 कुल,।15 जून 2021,       3370,                  1911,                     5280,।16 जून 2021,        3300,                 1711,                      5011,।17 जून 2021,         3284,                1831,                      5115,।18 जून 2021,          3323,               1744,                       5067,।19 जून 2021,           3899,               1511,                      5410,।21 जून, 2021,           3555,              1536,                      5091,।21 जून क्लस्टर,         3444,               1403,                     4847,।अधिक से अधिक वैक्सीनेशन के लिए टीमें कार्य कर रही हैं। क्लस्टर के तहत बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। 30 जून तक क्लस्टर के तहत टीकाकरण कराया जाएगा। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04e2ea2dc6414a4faac778e958dab9d73bcc56ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि मौजूदा समय में देश में आदिवासी बच्चों के करीब 350 एकलव्य आवासीय विद्यालय हैं जिनमें इन बच्चों के पढ़ने के साथ रहने की सुविधा है। आदिवासी बच्चों के स्कूलों को अपग्रेड और इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक-प्राचार्यों को प्रशिक्षित करने की यह पहल शिक्षा मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर शुरू की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..618484e5fca8bc485cc6d58eebdb172d07ea4c50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसियां। रूस के विपक्षी नेता और पुतिन विरोधी नवलनी को जहर देने के मामले में अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान ने कहा कि हम इस मामले में नए प्रतिबंधों की एक बार फिर तैयारी कर रहे हैं। सीएनएन से साक्षात्कार में सुलीवान ने कहा कि हम जब ऐसा करेंगे तो रासायनिक हथियारों को ध्यान में रखते हुए इन प्रतिबंधों को लगाएंगे। सुलीवान का बयान जेनेवा में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की वार्ता के एक दिन बाद आया है। मार्च में बाइडन सरकार ने नवलनी को जहर देने के मामले में रूस पर कई प्रतिबंध लगाए थे। ।तीन माह बाद रूस के राजदूत अमेरिका लौटे मास्को।रूस के अमेरिका में राजदूत अनातोली एंतोनोव तीन माह के बाद दूतावास में वापस लौट आए हैं। इसकी जानकारी अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट करके दी है। यह कदम जेनेवा में बाइडन और पुतिन के बीच वार्ता के बाद उठाया गया है। इसी तरह अमेरिका के राजदूत जोन सुलीवान भी रूस स्थित अमेरिकी दूतावास पहुंच गए हैं। अनातोली को रूस ने उस समय वापस बुला लिया था, जब राष्‍ट्रपति बाइडन ने एक साक्षात्कार में पुतिन को हत्यारा बताया था। ।नवलनी को लेकर यूएन ने की रूस की निंदा।संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार की प्रमुख मिशेल बाचेलेत ने नवलनी को जेल में डालने और उनको मूलभूत अधिकारों से वंचित करने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि रूस को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मानवाधिकारों को बनाए रखना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..884f358fc6dfb635107cb29d16ec0c42a9235bc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अजय दुबे। कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में आ सकती है। इस बार बच्चों के संक्रमित होने का खतरा है। मगर, कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए सीमित संसाधन हैं। गंभीर मरीजों के लिए पिडियाट्रिक आइसीयू की कमी है। केंद्र सरकार द्वारा आगाह करने के बाद निजी अस्पतालों में पीकू तैयार किए जा रहे हैं। आइसीयू के बेड को पीकू बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70514.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9665cafbae27f68e6b5b43b4987f7b3e38dc8919 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70514.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली नोटों को खपाने का धंधा सालों से किया जा रहा है। नोटबंदी के बाद भी यह खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुरादाबाद के साथ ही आसपास के जनपदों में बीते कुछ सालों में बड़े पैमाने पर नकली नोट पकड़े जाने के मामले सामने आए हैं। रविवार को मूंढापांडे थाना पुलिस ने दो आरोपितों के पास से सात हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। जबकि, नकली नोट की सप्लाई देने वाले दो आरोपितों को अभी पुलिस खोज रही है। लेकिन इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों को दुश्मन देश की नई चाल का भी पता चला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..482793f3401922283256c050c3ef015f092514c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70517.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिक्कतें कहां आ रही हैं और क्या-क्या करने की जरूरत है?। हम दुकानदारों, कर्मचारियों और कामगारों को तो जागरूक करने के साथ उन पर नजर बनाए रख सकते हैं, लेकिन बाहर से आने वालों व रिक्शा वालों को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। उसमें भी कह सकते हैं कि तकरीबन 80 फीसद लोग अनुशासन में हैं, दिक्कत 20 फीसद लोगों को लेकर है। इसलिए हमने शासन-प्रशासन से और अधिक संख्या में सिविल डिफेंस के वालंटियर्स की तैनाती की मांग रखी है तो दिल्ली पुलिस से आग्रह किया है कि इसके लिए वह केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बल मांगे, जिन्हें बाजारों में तैनात किया जाए। वे लोगों पर नजर रखें और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर चालान की कार्रवाई से न हिचकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22e9267c9deade9d450bfc7b3c0d2ce19f3845ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70519.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन का कहना है कि अमेरिका समेत सभी सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों के साथ परमाणु डील को लेकर ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्‍ला खामनेई को ही फैसला लेना है। उनके मुताबिक ईरान में राष्‍ट्रपति के चुनाव से पहले भी उनका ही फैसला अंतिम था और चुनाव के बाद भी उनका ही फैसला अंतिम होगा। अमेरिकी एनएसए ने इस तरह से परमाणु डील के मुद्दे पर कहीं न कहीं चुनाव में एक तरफा जीत दर्ज कराने वाले इब्राहिम रईसी के प्रभाव को कम करने की कोशिश की है। + +आपको बता दें कि रईसी अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के घोर आलोचक हैं और एक कट्टरपंथी नेता हैं। 18 जून को हुए चुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज की है। वो पश्चिम के लिए हार्डलाइनर माने जाते हैं। वो अगस्‍त 2021 में मौजूदा राष्‍ट्रपति हसन रुहानी की जगह लेंगे। रईसी ईरान के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। ।शिन्‍हुआ एजेंसी के मुताबिक एबीसी चैनल द्वारा लिए गए एक इंटरव्‍यू में जैक सुलिवन ने कहा कि इस बात से बेहद कम फर्क पड़ता है कि राष्‍ट्रपति ए बने या फिर बी। फर्क इस बात से पड़ता है कि क्‍या उनका पूरा सिस्‍टम परमाणु कार्यक्रम को रोकने और इसकी जांच को लेकर किए गए अपने वादों को पूरा करने को तैयार है या नहीं। उन्‍होंने ये जवाब उस सवाल के जवाब में दिया जिसमें उनसे पूछा गया था कि रईसी की जीत से इस डील पर क्‍या असर पड़ता है। + +उन्‍होंने इस इंटरव्‍यू के दौरान ये भी कहा कि परमाणु डील को लेकर अंतिम फैसला ईरान के सर्वोच्‍च नेता अयातुल्‍ला खामनेई को ही लेना है। वही तय करेंगे कि क्‍या ये डील की जाए या नहीं। उन्‍होंने ये भी कहा कि राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले और बाद में भी वही व्‍यक्ति इसका फैसला लेने के हकदार रहे हैं। क्या राष्ट्रपति व्यक्ति ए या व्यक्ति बी कम प्रासंगिक है कि क्या उनकी पूरी प्रणाली उनके परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के लिए सत्यापन योग्य प्रतिबद्धताओं के लिए तैयार है या नहीं।एबीसी से इंटरव्‍यू में जैक ने कहा कि परमाणु डील के साझा सिद्धांतों पर लौटने के लिए अमेरिका और ईरान दोनों के बीच ही मतभेद हैं। दोनों ही ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि इसको कैसे पूरा किया जाए। आपको बता दें कि वर्ष 2015 में बराक ओबामा के समय में ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु डील हुई थी। इस डील को ओबामा ने एतिहासिक करार दिया था। हालांकि बाद के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इसको बेकार संधि बताते हुए अमेरिका को वर्ष 2018 में इससे अलग कर लिया था। वर्ष 2019 में ईरान भी इससे अलग हो गया था। इस संधि को जकोपा ज्‍वाइंट कंप्रिहेंसिव प्‍लान ऑफ एक्‍शन का नाम दिया गया था। + +वर्तमान में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु संधि को लेकर वियना में छह दौर की बातचीत हो चुकी है। अप्रैल में हुई वार्ता में ईरान को इस डील पर वापस आने के लिए कहा गया था। जैक ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि वो इसमें इतना ही कह सकते हैं कि अभी कई सारे मुद्दों पर कुछ दूर और चलना है। इसमें अमेरिकी प्रतिबंध भी शामिल हैं और ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी शामिल है। हालांकि जैक ने ये भी माना है कि सभी तरफ से जारी प्रयास सही दिशा की तरफ आगे जा रहे हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि वो इस बात को देखते हैं कि अगले दौर की बातचीत में ईरान क्‍या विचार करके इसमें शामिल होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7052.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7052.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a8c0b7f63e545173fd768f65ced1676461f320f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7052.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोस्ती पर कई फिल्में बन रही हैं, उनमें ‘फुकरे 3’, ‘दोस्ताना 2’ शामिल हैं। एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी फिल्म 'आरआरआर’ में दोस्ती का एक गाना रखा गया है। आजादी से पहले की पृष्ठभूमि में बनी यह फिल्म प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों, कोमाराम भीम और अल्लूरी सीताराम राजू के जीवन पर काल्पनिक कहानी है। दोस्ती में होते हैं सारे इमोशंस: करण जौहर ने अपनी फिल्मों के जरिए समझाया कि प्यार दोस्ती है, वहीं सूरज बड़जात्या ने ‘मैंने प्यार किया’ में कहा कि दोस्ती का उसूल है... नो सारी, नो थैंक्यू, दोस्ती की है तो निभानी तो पड़ेगी ही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea106316fe909be49b9177e6e9cc3fa2e45e3160 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीबी ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पवन वर्मा के अनुसार, बिटिया प्रियंका की शादी पहले 17 जून को तय थी, पर उससे पहले कोरोना संक्रमण का बुरा दौर शुरू हो गया। कोरोना की चपेट में वधू और वर पक्ष के कई लोग आ गए। ईश्वर की कृपा रही कि सभी बुरे दौर से निकल आए और अब स्वस्थ हैं। इसके बाद शादी की नई तारीख एक जुलाई निकाली गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25a77dfde75b8924cb0e0c6b59d05ba64932727c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योग सबके लिए फायदेमंद है। हां, योग्य गुरु की देखरेख में इसे करना लाभकारी रहता है। उम्र की सीमा व्यक्ति पर निर्भर करती है। कुछ व्यक्ति 80 वर्ष की उम्र में भी लचीले और स्वस्थ बने रहते हैं तो कोई 20-25 की उम्र में ही विभिन्न बीमारियों से पीड़ित रहता है। हर व्यक्ति अपनी क्षमता के हिसाब से योगासनों का प्रयोग कर सकता है। योग शरीर के सारे आंतरिक भागों को सक्रिय कर व्यक्ति में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d04d65bcbacdb9ab2c4a305d0b369232706c96a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच दिल्ली वासी औषधीय पौधों की ढाल भी तैयार कर रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े के दौरान लोगों ने अपने घर आंगन में ऐसे हजारों पौधे रोपे हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। सबसे ज्यादा जामुन, अर्जुन, आंवला, नीम और तुलसी के पौधे लगाए गए हैं।राजधानी में दिल्ली सरकार की 14 नर्सरियां हैं। ।विश्व पर्यावरण दिवस (पांच जून) के अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सालाना पौधारोपण अभियान की शुरुआत करते हुए कोरोना से जंग को मजबूती देने के लिए गत वर्ष की भांति इस साल भी औषधीय पौधों के मुफ्त वितरण की घोषणा की थी। मालूम हो कि इन नर्सरियों में लोगों को 13 प्रकार के औषधीय पौधे उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से एक सहजन को छोड़ दें तो सभी पौधों के प्रति लोगों की खासी दिलचस्पी देखने को मिल रही है। खास बात यह है कि इस साल वन विभाग ने इन पौधों को लेकर एक बुकलेट भी तैयार कराई है, जो इस बाबत जनजागरूकता के लिए खासी उपयोगी है। ।113 प्रकार के औषधीय पौधे ।कढ़ी पत्ता, नीम, आंवला, अर्जुन, सहजन, बेलपत्र, नींबू, तुलसी एलोवेरा, बहेड़ा, जामुन, तुलसी और गिलोय। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70531.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70531.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..257d284416c044aa5ab9b3e5d637d5399c8a1819 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70531.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। एक ओर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन सौदे को लेकर अंगुली उठ रही है तो वहीं मंदिर निर्माण के लिए समर्पित धनराशि से भक्तों का भरोसा भी व्यक्त हो रहा है। कोरोना कर्फ्यू के बाद जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य हो रहीं हैं वैसे-वैसे रामभक्तों के अयोध्या पहुंचने का सिलसिला भी बढ़ रहा है। श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर मंदिर निर्माण के लिए नकद धनराशि दे रहे हैं। करीब दस दिनों में नकद समर्पण राशि का आंकड़ा औसतन 40 हजार रुपये बढ़ा है। शुक्रवार को पौन एक लाख तो बारिश के बाद भी रविवार को तकरीबन 70 हजार रुपए की नकद धनराशि मंदिर निर्माण के सहयोग में प्राप्त हुई। धनराशि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में जमा हुई है। लाखों रुपये चेक से भी प्राप्त हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70532.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..355a38aa072e415154a61cf55a7fc355a5cd9945 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70532.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना ही नहीं बल्कि किसी भी वायरस की प्रवृत्ति पर गौर करें तो यह आठ हफ्तों से लेकर तीन महीने के बीच पलटकर आता है। तीसरी लहर का आना संभव है। मॉलीक्यूलर सर्विलांस के जरिए इसकी चेतावनी दी जा सकती है। ऐसे में इसकी भयाक्रांत करने वाली गति को थामने का टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। पिछले टीकाकरण और अब शुरू हुए देशव्यापी टीकाकरण अभियान में दो बड़े अंतर हैं। + +उस समय यह माना जा रहा था कि वैक्सीन की एक डोज भी मिल जाए तो शायद हमें कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बचा ले जाएगी, मगर यह आकलन गलत साबित हुआ। जो देश कोरोना संक्रमण को थामने में सफल रहे, वहां 35 से 50 फीसद आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इन देशों की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने लगी है। इसकी तुलना में भारत में अभी कुल आबादी के लगभग 18 फीसद को ही वैक्सीन लग पाई है। इसमें भी डबल डोज लेने वालों की संख्या पांच फीसद से भी कम है। इस आंकड़े से यह समझा जा सकता है कि हमें अभी कितना सफर तय करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4aae850d1b705c23ef0e293fe60c53e329c9a878 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। आइआइटी के इंक्यूबेशन सेंटर में बनाए गए गर्व टायलेट को यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के लिए चुना गया है। पूरी दुनिया से महज चार कंपनियों को वेस्ट मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत चयनित किया गया है। इसमें आधुनिक टायलेट की श्रेणी में सिर्फ पिंक टायलेट को अवसर दिया गया है। बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा करने के साथ 50 फीसद पानी बचाने वाले 1900 गर्व टायलेट देश भर में 262 स्थानों पर लगाए गए हैं। इनमें सात सौ पिंक टायलेट हैं, जो महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70535.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35d3113fb32098b498c09dca86e2514615268ca3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काहिरा (आईएएनएस)। अरब लीग (एएल) के महासचिव अहमद अबोल घित ने यूरोपीय संघ (ईयू) के एक शीर्ष अधिकारी स्‍वेन कूपमेन के साथ बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने दशकों से चल रहे फलस्‍तीन-इजरायल संघर्ष पर चर्चा की। स्‍वेन यूरोपीय संघ द्वारा मध्‍य एशिया शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्‍त विशेष दूत हैं। शिन्‍हुआ एजेंसी ने अरब लीग द्वारा जारी बयान के आधार पर बताया है कि वार्ता के दौरान अबोल ने कहा है कि उन्‍हें उम्‍‍‍‍‍मीद।है कि यूरोपीय संघ फलस्‍तीन के लोगों के अधिकारों के प्रति पूरी तरह से सचेत होगा इसके लिए वो पूरी एकजुटता और निष्‍ठा के साथ काम करेगा। अरब लीग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वार्ता के दौरान अबोल ने यूरोपीय संघ के उन देशों पर गहरी चिंता और नाराजगी व्‍यक्‍त की है जिन्‍होंने इजरायल द्वारा गाजा में की गई कार्रवाई का समर्थन किया है और जो लगातार फलस्‍तीन के विरोध में बात कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e3c478c89463b4746ac2f87a2b554ddbb227908 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70536.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शहर ने मनोयोग से योग किया। ऑफलाइन तो ऑनलाइन आयोजन हुए। यातायात पार्क में महापौर संयुक्ता भाटिया ने अन्य लोगों के साथ मिलकर योगाभ्यास किया। वहीं, रेजीडेंसी में भी रौनक रही। यहां योग और कथक पर केंद्रित प्रस्तुति भी हुई। संजय गांधी पीजीआइ के कर्मचारी और अधिकारियों ने सुबह छह बजे योग किया। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केेंद्रीय विवि में चल रहे दूरस्थ योगाभ्यास कार्यक्रम तीसरे दिन इंडियन योग एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एचआर नागेंद्र व आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो.संजय सिंह के की मौजूदगी में सुबह आठ से नौ बजे के बीच वर्चुअल योगाशन का प्रदर्शन किया। + +लखनऊ स्थित आवास पर पत्नी संग योग करते उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा। ।लखनऊ में योग दिवस के अवसर पर कुड़िया घाट पर योग करते लोग। ।वर्चुअल पाठशाला की शुरुआत : उप्र संस्कृत संस्थान की ओर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में वर्चुअली योग की पाठशाला की शुरुआत की गई। उप्र संस्कृत संस्थानम् की अध्यक्ष डा.वाचस्पति मिश्रा ने बताया कि संक्रमण के चलते वर्चुअल योग पाठशाला की चलाई गई। जिले के हर शिक्षक को वहां के लोगों को जोड़कर योग का वॉट्सएप ग्रुप बनाकर पाठशाला चलाएंगे। मानसिक व शारीरिक सुदृढ़ता के साथ इम्युनिटी पावर बढ़ाने में भी योग की सार्थक भूमिका रही है। उप्र संस्कृत संस्थानम् आम लोगों को योग से जोडऩे के लिए ऐसी पाठशाला की शुरुआत करने जा रहा है। + +अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर आयोजित योग शिविर में करते विद्यार्थी।शिविर के दौरान पोस्ट कोविड के लक्षणों की मिली जानकारी : कंचन निसरगोपचार ट्रस्ट तथा भाग्य मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को आयोजित वर्चुअल योग शिविर में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पलमोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के प्रति डर, अफवाहों व गलत धारणाओं को दूर करके वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनों में शारीरिक दूरी, स्वच्छता, आइसोलेशन तथा सैनिटाइजेशन के ऊपर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि पाश्चात्य जगत से आने वाली कोरोना जैसी महामारियों के प्रोटोकॉल को भारतीय परिवेश के अनुसार इनका सरलीकरण करके इनका चिकित्सा में प्रयोग करना आवश्यक है। ।जनेश्वर मिश्रा पार्क में योगा करते लोग। ।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पूर्व वित्तमंत्री माननीय राजेश अग्रवाल ने सरकारी स्तर के प्रयास, व्यक्तिगत स्तर के प्रयास तथा अपने स्तर पर व्यक्तियों को किस तरह से प्रयास करना चाहिए इन तथ्यों पर प्रकाश डाला। संयोजक प्राकृतिक चिकित्सा, योग व एक्यूप्रेशर विधा के चिकित्सक डा. सत्येंद्र मिश्रा ने पोस्ट कोविड क्राइसिस का प्रबंधन करने के लिए परिवेश, रहन-सहन, खान-पान का प्रयोग, योगाभ्यास, नियमित व्यायाम और प्राणायाम की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आशुतोष गुप्ता के संचालन मेें आयोजित शिविर का सोशल मीडिया पर प्रसारण किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8da7387d4e398e9d30f0c5d0073e19710cd4e131 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये सवाल पिछले दिनों उन्नाव की उस घटना के बाद पैदा हुए हैं जिसमें दो लोगों की दुर्घटना में मौत के बाद ग्रामीण शव रखकर सड़क जाम कर रहे थे। इस दौरान पथराव और तोड़फोड़ में एसडीएम सदर, सीओ, दारोगा और 17 पुलिसवाले घायल हो गए। कारण यह था कि पुलिस हाथों में लकड़ी की टोकरी और क्रेट को ढाल की तरह पकड़कर उपद्रवियों से निपटने पहुंच गई। कुछ पुलिसवाले बिना हेलमेट ही जब पथराव की जद में आने लगे तो उन्हें प्लास्टिक के स्टूल रखकर सिर की रक्षा करनी पड़ी। इससे सवाल उठ खड़ा हुआ कि क्या पुलिस के पास संसाधनों की कमी है। प्रशिक्षण में कमी है या उनमें वह प्रोफेशनल योग्यता व दक्षता नहीं है, जो पुलिस जैसी फोर्स में होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ced41e1591d5cc1341a8ac3ab458596048034420 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवाब संपत्ति को लेकर जांच के आदेश : रामपुर के अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने नवाब खानदान की संपत्ति की जांच के लिए उप जिलाधिकारी सदर को निर्देश दिए हैं। उन्हें पता लगाना है कि इस संपत्ति में शत्रु संपत्ति या राजकीय संपत्ति तो नहीं है। नवाब खानदान की रामपुर में 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति गहै, जिसके बंटावरे की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कई हिस्सेदार ऐसे हैं जो जो देश छोड़कर जा चुके हैं। पाकिस्तान भी गए। इनकी संपत्ति के बारे में अब जांच होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5df733419278721323d56092675e0ce6cb4b96f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70551.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +गौरव कुमार। नाजुक और बेहद संतुलित सामरिक संबंधों की विश्व व्यवस्था निरंतर परिवर्तनकारी रहती है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं वे विश्व व्यवस्था को एक नए आयाम देते नजर आ रहे हैं। इसमें विभिन्न देशों के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंध भी लगातार बदल रहे हैं। विश्व में बढ़ती सामरिक चुनौतियों के बीच एक जो बड़ी घटना हुई है वह है अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जेनेवा में आयोजित शिखर बैठक। बाइडन ने करीब एक दशक बाद पुतिन से मुलाकात किया है। दोनों की पिछली मुलाकात मार्च 2011 में हुई थी जब पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे और बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति। + +ऐसे में दोनों देशों के बीच इस शिखर बैठक को अहम माना जा रहा है। वैश्विक स्तर पर सामरिक जानकार इसका विश्लेषण अलग-अलग कर रहे हैं। हालांकि इन विश्लेषणों के केंद्र में यही बात निकल कर आ रही है कि इस शिखर सम्मेलन से जितनी उम्मीदें की जा रही थीं उतनी पूरी तो नहीं हो सकीं, लेकिन इससे दोनों के बीच तनाव को कुछ कम करने और कूटनीतिक संबंधों की बहाली की दिशा में कुछ मदद जरूर मिली है। इस बैठक के दौरान एक अच्छी बात यह हुई कि संयुक्त बयान में मतभेदों को सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं किया गया और दोनों नेताओं ने इसे सकारात्मक दिखाने का प्रयास किया। बैठक में तनाव के मुद्दों पर बात की गई है, ताकि उनको हल करने के उपाय किए जा सकें। इसके अलावा कुछ मुद्दों पर सहमति भी कायम हुई है। + +इन मामलों में अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला, सीरिया में मानवीय सहायता प्रदान करना और ईरान को परमाण शक्ति बनने से रोकना जैसे मुद्दे शामिल हैं। आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने से न केवल दोनों को लाभ होगा, बल्कि इससे अन्य सहयोगी और मित्र देशों को भी फायदा होगा। इससे रूस खुद को अमेरिका के बराबर महान शक्ति की पंक्ति में खड़ा कर सकेगा। साथ ही इससे उसको आंतरिक मुद्दों और खराब हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने का अवसर भी मिलेगा। इसके साथ ही अमेरिका के लिए भी यह सामरिक रूप से अहम साबित होगा, क्योंकि उसे चीन के खिलाफ रूस का सहयोग अधिक मायने रखता है। रूस के साथ अमेरिका के रिश्ते सही होंगे तो उसकी ओर से उसे चिंता नहीं होगी। ऐसे में अमेरिका को चीन पर नजर रखने के पर्याप्त समय मिलेगा। अभी रूस की नजदीकियां लगातार चीन के साथ बढ़ती जा रही हैं। रूस चीन के लिए हथियारों का सबसे बड़ा आपूíतकर्ता भी बन गया है। वर्ष 2014 से 2018 के बीच चीन ने अपने 70 प्रतिशत हथियारों का आयात रूस से ही किया। ऐसी स्थितियां किसी भी रूप में अमेरिका के लिए लाभदायक नहीं हैं। + +वैसे देखा जाए तो भारत और रूस शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से ही बेहद करीबी दोस्त के तौर पर अपने संबंधों को निर्धारित करते रहे हैं। अब तक कोई प्रत्यक्ष हितों के टकराव का मामला दोनों देशों के बीच नहीं उत्पन्न हुआ है, किंतु अमेरिका के साथ भारत के संबंधों के प्रगाढ़ होने के साथ रूस भारत से छिटकने की स्थिति में आता दिख रहा है। इसके समानांतर भारत को भी रूस का चीन के साथ नजदीकियां बढ़ाना रास नहीं आ रहा। कुल मिलकार अमेरिका और रूस के इस शिखर बैठक से दोनों के संबंधों के सामान्य होने की उम्मीद जगी है। ऐसा होता है तो यह भारत के हित में होगा। इससे भारत को आगे अपनी रणनीति निर्धारण में आसानी होगी। + +चीन की इस रणनीति को जवाब देने के लिए जी-7 देशों ने बिल्ड, बैक, बेटर वल्र्ड (बी-3 डब्ल्यू) प्रस्तावित किया है। कहा जा रहा है कि ये देश इस पर 40 खरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च करेंगे। इस परियोजना के तहत विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा। हालांकि यह चीन के बीआरआइ विकल्प नहीं है, लेकिन साफ है कि इससे उसकी गति कमजोर जरूर हो सकती है। इस पहल से छोटे देश ढांचागत विकास के लिए चीन के जाल में नहीं फंसेंगे। भारत ने इस पहल का जोरदार स्वागत किया है। भारत को भी इस पहल से जुड़ने की जरूरत है, ताकि चीन के लगातार चल रहे आक्रामक रवैये को इसके माध्यम से शांत किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..552decfd67f998ab2aabde30567ad4f98c5eb087 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70553.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जापान में इसके आयोजन को लेकर अभी भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं, लेकिन इन सबसे दूर दुनियाभर के खिलाड़ी स्वर्णिम चमक को हासिल करने के लिए मेहनत में जुटे हैं, क्योंकि यह उनके लिए ही नहीं, समस्त दुनिया के लिए उम्मीदों का महाकुंभ है। इसका आयोजन दुनिया को बताएगा कि कोई भी वायरस हमें रोक नहीं सकता है, क्योंकि हममें जीतने की जिजीविषा आज भी जिंदा है। + +भारत की उम्मीदें।इस महाकुंभ में 195 देशों सहित 206 टीमों के खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है। आजादी के पहले 1900 में भारत ने पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया था। इसके बाद 1920 में भारत का दल ओलंपिक में भाग लेने गया। 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में भारत ने छह पदक जीतते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, लेकिन वर्ष 2016 में रियो डि जेनेरियो में भारतीय दल सिर्फ दो पदक ही हासिल कर पाया। अब टोक्यो में भारतीय दल से काफी उम्मीदें हैं। + +केंद्रीय खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ दावा कर रहा है कि इस बार हम दोहरी संख्या में पदक जीतेंगे। टोक्यो जाने वाले भारतीय एथलीटों में भी काफी दमखम नजर आ रहा है। इस बार टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले एथलीटों के दल पर नजर डालें तो कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके पदक जीतने की संभावना बहुत है। इसमें भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधू, मुक्केबाज एम.सी. मैरी कॉम, अमित पंघाल और पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e6bf4001a66581972f8ed3f764f218aacf72dc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70554.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/नोएडा [सुनाक्षी गुप्ता]। दिन ब दिन बेहतर हो रही तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधियों को पकड़ने के नए-नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से शारीरिक बनावट के आधार पर अंधेरे में भी अपराधियों की पहचान की जा सकेगी। अभी तक जो अपराधी वेष बदलकर या मुंह ढककर बच निकलते थे, उनकी पहचान की जा सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70556.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..598dce3b1b4fa8be96a7091edae91e21942e5e95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70556.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस ने बीते एक साल में जिंदगी बदल दी। दिनचर्या बदल गई। खानपान बदल गया। इस दौरान इस महामारी के चलते हजारों लोगों ने अपने किसी न किसी खास को खोया। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर अंदर तक फिट रहे, इसके लिए विश्‍व योग दिवस पर सोमवार सुबह आगरा में हजारों लोगों ने योगा किया। योगा स्‍थल का नजारा ही अलग था। लोगों में यह जानने की ललक भी थी कि योग करने का सही तरीका क्‍या है। + +खेलगांव में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दैनिक जागरण का आयोजन।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 'दैनिक जागरण' के साथ दयालबाग स्थित खेलगांव स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में जीवन के लिए लोगों ने योग किया। सुबह 6:30 बजे से योग विशेषज्ञों की मौजूदगी में योगासन कर अपनी इम्यूनिटी को बेहतर बनाने के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्‍प लिया। सोमवार को सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित हुए लाेगों को आइसोलेशन सेंटर, अस्पतालाें में योगाचार्यों के मार्गदर्शन में योगासन कराए गए। इसका सकारात्मक परिणाम मिलने पर लाेगों ने योग करना शुरू किया। योग गुरु डा. दीपक मारू के निर्देशन में यहां क्लब के सदस्य और अन्य लोगों ने योग किया। डा. दीपक मारू ने बताया कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए योग करना फायदेमंद है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों को योग को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इससे वो फिट रहेंगे और उनकी इम्यूनिटी बेहतर होगी। कोरोना काल में जाे नकारात्मकता फैली है, योग करने से सकारात्मकता आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..619a05fc5bf111d4abb8a03590abff6140ca3d03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। चिकित्सा पर्ची पर ओवर-राइटिंग करने और सहपाठी की ई-बुक की चोरी जैसी अनुशासनहीन गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से बाहर किए गए युवक को दिल्ली हाई कोर्ट ने अनुशासन का पाठ पढ़ाया। एयरफोर्स की परीक्षा पास कर चुके युवक को साक्षात्कार की अनुमति देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति नवीन चावला व न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कहा कि सेना में अनुशासनहीनता माफी योग्य नहीं है। दिल्ली के करिप्पा विहार निवासी विक्रांत सिंह कुंदू ने अधिवक्ता पुष्पेंद्र ढाका के माध्यम से याचिका दायर की थी। विक्रांत ने 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद प्री-कमीशन प्रशिक्षण के लिए वर्ष 2016 में एनडीए ज्वाइन किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76c6922f195f8f59871f81fa5909947c1ed12612 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7056.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अश्लीली फिल्म रैकेट में राज कुंद्रा से पहले जिसका नाम आया था वो हैं एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ। गहना के सिर पर एक बार फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है इसी बीच इन्होंने सारा दोष मुंबई पुलिस के मत्थे मढ़ दिया है। गहना का दावा है कि पुलिस ने ही उन्हें इस केस में राज कुंद्रा और एकता कपूर का नाम लेने के लिए मजबूर किया था। + +गहना वशिष्ठ ने कहा है कि 'मैंने पुलिस वालों को पैसे नहीं दिए क्योंकि मैंने सोचा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। जिन वीडियो में मैने काम किया वो बोल्ड सामग्रियां थीं ना कि अश्लील। तब से मैं इस बात को मानती हूं कि राज कुंद्रा और मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।' गहना वशिष्ठ का यह भी आरोप है कि पुलिस ने उन्हें अपनी बात नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70561.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70561.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a83fa2c49b111ebc60a40ab5b3c2d1d983d46346 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70561.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Amendment in residential law: फरीदाबाद और गुुरुग्राम सहित हरियाणा में अब अपना घर खरीदना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही आवासीय कालोनियों के निवासियाें को भी राहत मिलेगी। हरियाणा सरकार राज्‍य में घर खरीदने वालों और आवासीय कालोनियों में रहने वाले लोगों के हित में बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने प्रदेश के रिहायशी इलाकों में बनी आवासीय कल्याण समितियों (रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) और बिल्‍डरों के संग रजिस्‍ट्रार की मनमानी खत्म करने की तैयारी कर ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfbdcd6abe0d9a54ed4c655bbf6166c08590c1ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70563.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस मौके पर काउंसलेट जनरल रणधीर जायसवाल ऑफ इंडिया ने कहा कि आज हम जैसे टाइम्‍स स्‍क्‍वायर पर योग दिवस को मना रहे हैं इसी तरह से ये दुनिया के सभी देशों में मनाया जा रहा है। योग की शुरुआत भारत में हुई थी लेकिन आज ये पूरी दुनिया की धरोहर है। पूरी दुनिया इसका लाभ उठा रही है। योग हमारे तन मन की शांति और स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ा है। ये हमें सही तरह से जीवन जीना सिखाता है। हम सभी को इसे लगातार करना चाहिए। ये न सिर्फ खुद को स्‍वस्‍थ रखने के लिए जरूरी है बल्कि एक शांतिपूर्ण स्‍वभाव और हमारी हरी-भरी धरती के लिए भी ये बेहद जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..630add9cee63f8816b6e751195952884769c3c4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति इब्राहिम रईसी को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा कि वह भारत और ईरान के बीच मधुर संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं। उन्‍होंने कहा कि 'मैं भारत और ईरान के बीच मधुर संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।' ईरान में सत्‍ता में बदलाव के साथ यह प्रश्‍न खड़ा हो गया है कि नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति से भारत के किस तरह के संबंध होंगे। यह तय है कि दोनों देशों के बीच संबंध ऐतिहासिक है। सत्‍ता में बदलाव के चलते दोनों देशों के हितों पर ज्‍यादा असर पड़ने वाला नहीं है। एक सवाल और कि आखिर भारत और ईरान एक दूसरे के लिए क्‍यों उपयोगी हैं। अब तक दोनों देशों के बीच किस तरह का संबंध है। भारत के लिए ईरान का क्‍या महत्‍व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bca2b1e1afab9f3833e1e5f722455a5152fe1c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डायबटीज की दवा बीजीआर-34 में दारुहरिद्रा का विशेष रूप से इस्तेमाल।डीपीपी-4 इन्हिबिटर में पाए जाने वाले सीटाग्लिप्टिन, लिनाग्लिप्टिन तथा विन्डाग्लिप्टिन खून में सुगर के स्तर को कम करने में मददगार साबित होते हैं।जरनल ऑफ ड्रग रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार डीपीपी-4 इन्हिबिटर का प्राकृतिक स्त्रोत दारुहरिद्रा नाम का औषधीय पौधा है। काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंड्रस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) की लखनऊ की प्रयोगशाला नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआइ) के वैज्ञानिक डा. एकेएस रावत के अनुसार उनके यहां विकसित की गई डायबटीज की दवा बीजीआर-34 में दारुहरिद्रा का विशेष रूप से इस्तेमाल किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94c88e8169df6d95cdecfd6f75a8f804cadb8cbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70572.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हमीरपुर, जेएनएन। Intresting Wedding Story कुछ दिन पहले महोबा में सामने आया अलखराम का केस तो आपको याद ही होगा। जो अपनी निकासी के कार्यक्रम में घोड़ी चढ़कर बरात ले जाना चाहता था। हालांकि कस्बे से 60 किलोमीटर दूर महोबा जिले में बरात में घोड़ी चढ़ने पर विरोध की आशंका जता बेवजह मामले को तूल देकर पुलिस से 80 ग्रामीणों का शांतिभंग में चालान करवाने वाला अनुसूचित जाति का अलखराम दुल्हन के नाबालिग निकलने के चलते अपनी इच्छा पूरा नहीं कर सका। वहीं, दूसरी ओर यहां कस्बे में अलग ही नजारा दिखा, जो सामाजिक समरसता की मिसाल बना। अनुसूचित जाति की गरीब महिला की बेटी की शादी के लिए कई मददगार खड़े हो गए। दूल्हे को न सिर्फ घोड़ी पर चढ़ाया, बल्कि शादी का खर्च उठाकर बेटी का कन्यादान भी किया। विदाई में हर किसी के आंसू छलक पड़े। इस पहल की हर कोई सराहना कर रहा है। ।यहां जानें पूरा मामला: कस्बे के वार्ड संख्या आठ में एक महिला की गरीबी का हवाला देते हुए सभासद राजेश सहारा ने एक सप्ताह पहले मैसेज वायरल कर उनकी बेटी की शादी में मदद की अपील की थी। महिला के पति इस दुनिया में नहीं हैं। इस पर कस्बे के विभिन्न संगठन मदद के लिए आगे आए। नगर व्यापार मंडल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, कोविड फाइटर्स ग्रुप के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सहयोग दिया। शनिवार शाम बेटी रीमा की बरात क्षेत्र के बंडा गांव से आई। बरात का स्वागत किया गया। ।इन्होंने किया कन्यादान: कोविड फाइटर्स ग्रुप ने सामाजिक समरसता की मिसाल पेश करते हुए गरीब बेटी के दूल्हे सुरेश कुमार को जनवासे से घोड़ी पर बैठाकर लाए और सिद्धार्थ सिंह ने अभिभावक बनकर दुल्हन के दरवाजे पर उसका तिलक लगाकर स्वागत किया। स्वनेश सोनी व उनकी पत्नी ने रीमा का कन्यादान किया। प्रियांक सैनी व चित्रांशु खरे ने भाई बनकर रस्में अदा कीं। मोहित, गौरव पांडेय, स्पर्श, रोहित शिवहरे, मुकेश साहू, राजेश सोनी ने भी विशेष सहयोग किया।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbef045426031db67672584b81f480f2e55749bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। नारियल और काजू के बौने पेड़ आमदनी में कई गुना की वृद्धि करेंगे। कृषि विज्ञानियों के इस कमाल से बागवानी करने वालों के लिए सुनहरा अवसर सृजित होगा। आमतौर पर 30 से 40 फुट ऊंचे नारियल के पेड़ों की लंबाई घटाकर पांच फुट तक कर दी गई है, जबकि उत्पादकता में 20 फीसद तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह काजू के ऊंचे और मोटे पेड़ों को पांच से छह फुट का करने में सफलता मिली है। काजू की खेती में आए इस क्रांतिकारी परिवर्तन से प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता में 300 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ जगहों पर इन बौने पेड़ों की खेती की जा रही है। आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर इन्हें लगाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..debf1665c00ac8b72ab69f8736bd98b5afa16bcf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुनील जाखड़ ने कहा- विधायकों के पुत्रों को अनुकंपा श्रेणी में नौकरी देना गलत, सरकार पुनर्विचार कर रद करे।कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने दोनों विधायकों के बेटों को अनुकंपा श्रेणी में नौकरी दिए जाने के फैसले को गलत बताया है। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रधान राहुल गांधी के करीब और फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत नागरा ने कहा कि कैबिनेट बैठक बुलाकर इस फैसले को वापस लिया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cbb266a1dbdf0139720584da8e201505c390c12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70578.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। कोरोना महामारी के बीच एक नेक पहल करते हुए शिव विहार में रहने वाले कार्तिकेय गुप्ता घर की रसोई चलाकर सैकड़ों लोगों का पेट भर रहे हैं। वह रोजाना सैकड़ों मजदूरों, होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों और रोड पर खाने की तलाश में घूम रहे असहाय लोग सहित होम गार्ड व सिविल डिफेंस वालंटियर को भी निशुल्क पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहे हैं। कार्तिकेय के साथ दस लोगों की टीम सीलमपुर, करावल नगर व शिव विहार में काम कर रही है. जिसमें हार्दिक गुप्ता, विकास, लक्ष्मण, ललित, ऋषि, शुभम व रवि का विशेष योगदान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ed999577ad29c055c350886326e344f46eb72a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70579.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रकोप से लोग जूझ रहे थे। मास्क और दो गज की दूरी के अलावा वायरस से बचने को तरह-तरह के उपाय तलाश रहे थे। लोग महामारी के साथ ही तनाव की चपेट में आ रहे थे। केंद्रीय और जिला जेल में निरुद्ध बंदी भी इससे अछूते नहीं थे। अपनों से मुलाकात पर रोक के चलते वह तनाव का शिकार हो रहे थे। दो दर्जन से ज्यादा बंदी कोरोना संक्रमित हो चुके थे। तनाव के शिकार इन बंदियों ने देखा कि नियमित रूप से योग करने वाले साथी बंदी इसका प्रभाव इतना ज्यादा नहीं था। वह तनाव मुक्त होने के साथ ही महामारी को भी बेहतर तरीके से मात दे रहे थे। इसने अन्य बंदियों को भी योग से निरोग रहने का मंत्र दे दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ff84e70cd3ed02e1e1ea99929bb94906ebb439f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +येरेवान (एपी)। नागोर्नो कराबाख एक बार फिर से मीडिया की सूर्खियों में छाया हुआ है। इस बार इसकी दो बड़ी वजह हैं। इनमें से पहली वजह अर्मेनिया में रविवार को होने वाला चुनाव है और दूसरी वजह अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो कराबाख को लेकर किया गया शांति समझौता है। इस समझौते को कुछ लोग जीत के तौर पर देखते हुए जश्‍न मना रहे हैं तो कुछ इसको राष्‍ट्रीय हितों को ताक पर रखकर किया गया बता रहे हैं। ऐसा मानने वाले लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कार्यवाहक प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान के इस्‍तीफे की मांग कर रहे हैं। इसी वजह से इस चुनाव में कार्यवाहक पीएम पशिनयान की हार की आशंका अधिक लग रही है। नागोर्नो कराबाख का असर इस चुनाव पर साफ दिखाई दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e3012b135418297a25e478bf88bc91c78fd52e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70582.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +काबुल (रॉयटर्स)। अफगानिस्‍तान में तालिबान ने अपनी नीति और नियत को पूरी तरह से स्‍पष्‍ट कर दिया है। उसने दो टूक कहा है कि वो वो अफगानिस्‍तान शांति वार्ता के लिए वचनबद्ध है, लेकिन वो अफगानिस्‍तान में इस्‍लामिक कानून लागू करना चाहता है। साथ ही ये भी कहा है कि वो देश में इस्‍लामिक नियमों के मुताबिक ही महिलाओं को अधिकार देने का पक्षधर है। तालिबान ने रविवार को ये बयान दिया है। + + हालांकि तालिबान के इस बयान ने उन महिलाओं और सरकार की परेशानी को बढ़ा दिया है जो पहले से ही तालिबान के हक में नहीं है। वहीं अफगानिस्‍तान की महिलाएं पहले से ही इस बात को लेकर आशंकित हैं कि अमेरिका के यहां से वापसी के बाद तालिबान का दायरा काफी बढ़ जाएगा और उन्‍हें भविष्‍य में उन्‍हीं मुश्किलों से गुजरना होगा जिनसे वो पहले भी दो चार हो चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5098b03cd5581d51279b4e814ed948f4ce682b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आला अधिकारियों ने एहतियातन इंतजाम शुरू कर दिए हैं। बाढ़ संभावित लेखपालों की ड्यूटी लगाकर उन्हें निगरानी रखने को कहा गया है। डिप्टी कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह को कंट्रोल रूम का प्रभारी बनाया गया है। लेखपाल हरि सिंह, रवि कुमार, उदल सिंह, पदम सिंह, रोहित चौहान, सारणीयक, माहरुफ रजा की कंट्रोल रूम में ड्यूटी है। 0591-2412728 और टोल फ्री नंबर 1017 पर फोन किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14d25765a94666b44c6fa1fcb2a1be28cc55404d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [अजय जायसवाल]। सन 1876 में जयपुर पहुंचे वेल्स के राजकुमार और महारानी विक्टोरिया के स्वागत में जयपुर के भवनों को गुलाबी रंग में क्या रंगा गया, आवभगत के उस तौर-तरीके ने परंपरा और व्यवस्था का रूप लेकर जयपुर को दुनिया में गुलाबी नगरी के रूप में प्रसिद्ध कर दिया। एकरूपता का ऐसा ही रंग अब उत्तर प्रदेश के शहरों में भी नजर आएगा। मुख्य मार्गों पर स्थित आवासीय और व्यावसायिक भवनों के बाहरी हिस्से को विकास प्राधिकरण द्वारा तय रंग में ही रंगना होगा। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरी झंडी दे चुके हैं। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग जल्द ही आदेश जारी करने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca0e5fc8e2d76dfc49cf1bdd610fb0fff14398dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, दूसरी ओर शैक्षिक संस्थानों को भी अपने संचालित कोर्सेज के माध्यम से युवाओं में सही प्रकार के कौशल सेट विकसित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। वैसे, एआइएमए (आइमा) इस दिशा में उद्योग-अकादमिक इंटरफेस और लिंकेज विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और भविष्य में इन्हें साथ लाने के लिए निश्चित रूप से अपना योगदान भी देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20de31349c5a912cf58297b995f95f360171e56c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विलुप्त हो चुकी नीम नदी को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू हुए कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार को 11 मनरेगा श्रमिकों ने फावड़े से उद्गम स्थल पर तालाब की बंडिंग का कार्य शुरू कर दिया। वहीं शनिवार को जेसीबी के माध्यम से खोदाई और बंडिंग का काम शुरू कर दिया। जैसे-जैसे उद्गम स्थल पर काम गति पकड़ रहा है, वैसे-वैसे तालाब का स्वरूप नजर आने लगा है। तालाब की खोदाई का काम तेजी से हो और इससे निकलने वाली मिट्टी का सदुपयोग करने के लिए योजना बनाई है। शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों से संपर्क किया। जिसके बाद हापुड़ से मुरादाबाद के बीच हाईवे का चौड़ीकरण व निर्माण कर रही कंपनी के मैनेजर सतीश चौरसिया ने सीडीओ से मुलाकात की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f11651e9757f12acba901d639f73a8e41b00c1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70589.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, यशा माथुर। सांस को शरीर के भीतर लेना, बाहर निकालना और ईश्वर से जुड़ जाना। तन, मन पर संयम प्राप्त करना और सात्विक जीवन की ओर मुड़ जाना। शरीरिक व मानसिक रूप से संबल प्राप्त करना और हर मुश्किल से लड़ जाना। यह सब हम किससे सीख सकते हैं? इस प्रश्न का एकमात्र जवाब होगा 'योग'। योग तो भारतीय संस्कृति की पांच हजार वर्ष पुरानी विरासत है लेकिन पिछले दो सालों में जब कोरोना का कोहराम मचा है तो यह सेहत का ऐसा मंत्र हो गया जिसे हर चिकित्सा पद्धति के महारथियों ने दोहराया। सभी ने कहा कि श्वास पर नियंत्रण की इस साधना से शरीर के हर अंग को साधा जा सकता है और घर पर रहकर भी किया जा सकता है प्राणायाम, आसन और ध्यान ...।जैसा श्वास, वैसा विचार। जब प्राण चलता है तो मन चलता है और जब मन चलता है तो प्राण चलता है। इनमें से आप अगर प्राण पर नियंत्रण स्थापित कर लेंगे तो मन पर नियंत्रण हो जाएगा। ऐसी संकल्पना योग की है। कोविड को देखते हुए आयुष मंत्रालय, एम्स आदि ने श्वास प्रक्रिया को कोविड से बचने और ठीक होने में काफी मददगार बताया है और इसे नियमित रूप से करने की सलाह भी दी है। हर चिकित्सा पद्धति ने योग को अपनाने की सलाह दी है। शारीरिक दूरी की जरूरत को देखकर घर पर ही इसके अभ्यास पर जोर दिया है। इसीलिए इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की थीम है 'बी विद योग, बी, एट होम' रखी गई है यानी 'योग के साथ रहें, घर पर रहें'। + +प्राणधारणा के साथ योगाभ्यास ।हमने जो महामारी का मंजर देखा है उसमें योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर आप घर में रहकर नियमित योगाभ्यास करते हैं तो अपनी मेटाबॉलिज्म को सुधारते है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। योगाचार्य डा. लक्ष्मीनारायण जोशी कहते हैं, 'अगर आप आइसोलेशन में हैं और खुद को ज्यादा कमजोर महसूस नहीं करते तो पवनमुक्तासन, सूर्यनमस्कार कर सकते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाएंगे तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी। इसके लिए आप भोजन के बाद वज्रासन कीजिए। नियमित रूप से फॉरवर्ड बेंडिंग वाले आसन कीजिए। इससे पाचनतंत्र मजबूत होगा। कोविड से ठीक होने में समस्या सबसे ज्यादा उन लोगों को आई है जो डाइबिटीज के रोगी रहे हैं। इनके लिए भी मंडूक आसन, अद्र्धमत्स्येन्द्रासन है। इसके साथ नाड़ी शोधन, उज्जायी, भ्रामरी प्राणायाम किए जा सकते हैं। इनसे बहुत आसानी से रिकवरी होगी। इन्हें घर में रहकर किया जा सकता है।' डा. लक्ष्मीनारायण इस बात पर जोर देते हैं कि व्यायाम और योग में जमीन आसमान का अंतर है। व्यायाम हमें शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं और इस दौरान हम संगीत सुन सकते हैं। वह कहते हैं कि फिजिकल एक्टिविटी के समय अपना ध्यान हम कहीं और लगा सकते हैं लेकिन योगाभ्यास प्राणधारणा के साथ ही कर सकते हैं। प्राणधारणा का मतलब है कि हम जब आसन लगाते हैं तो उस अंग का ध्यान करते हैं जिसके लिए आसन कर रहे हैं। अगर हम डाइबिटीज के रोगी हैं तो मंडूकासन करते समय अपना ध्यान पैंक्रियाज पर लगाएंगे। तब प्रभाव बढ़ जाता है। जब हम योग करते हैं तो हमारी पीयूष ग्रंथि से हैप्पी हारमोन निकलते हैं जिन्हें हम एंडोर्फिन कहते हैं। इससे हमारा तनाव एकदम खत्म हो जाता है। + +योग देता है दीर्घ जीवन ।21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। इसके निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है। योग का ही कमाल है कि वाराणसी के स्वामी शिवानंद को 125 वर्ष की अवस्था में भी देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि उनकी उम्र इतनी हो सकती है। चेहरे पर चमक, चाल में उम्र का असर नहीं। श्रवण व स्मरण शक्ति बेजोड़। स्वामी जी इसका कारण योग व आसन को मानते हैं। काशी में निवास कर रहे स्वामी शिवानंद यायावरी जीवन के कारण देश-विदेश में घूमते रहे हैं। वह कहते हैं, ‘योग मेरी जीवनचर्या का अभिन्न अंग है। योग के जरिए ईश्वर से भी साक्षात्कार किया जा सकता है क्योंकि योग, नियम और आसन मन को पवित्र और एकाग्र बनाता है। यदि ये दोनों चीजें मनुष्य के अंदर हो तो वह प्रसन्न, स्वस्थ और निर्मोही हो जाएगा। मैं यम नियम से प्रसन्न रहता हूं।'।हर पल जो नया हो रहा है उससे जुड़ना है योग ।योग के लिए हमें कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं होती। बस ताजी हवा आती रहे। अपने घर की खिड़कियां, दरवाजे खोल लीजिए। सूरज की रोशनी लीजिए और योग करिए। ध्यान के लिए घर से अच्छी शांत जगह और कौन-सी होगी। आप घर में करेंगे तो बच्चे भी आपके साथ करने लगेंगे। स्थिरता योग की आवश्यकता है और इसे घर में भी प्राप्त किया जा सकता है। घर में योग को लाभदायक बताते हुए योग गुरु डा. नवदीप जोशी कहते हैं, 'योग को केवल आसन से न देखें। हम अपनी वर्कशॉप में आनंद की कला सिखाते हैं। इसे 'आर्ट ऑफ हैप्पीनेस' कहते हैं। एक यौगिक मनोविज्ञान कहता है कि हमारा अवचेतन मन वर्तमान में कैसे रहे? हमारा अवचेतन मन अगर आनंद में और वर्तमान में है और जितनी देर तक हम इस अवस्था में रहेंगे उतने ही स्वस्थ रहेंगे, अच्छा कार्य करेंगे और नकारात्मक चीजों से दूर रह पाएंगे। इसे हमने नवयोग नाम दिया हे यानी हर पल जो नया हो रहा है उससे स्वयं को जोडऩा। अगर आप बाहर देखें तो आपको नये फूल और नई पत्तियां और उगते हुए नये पौधे दिखेंगे। ऐसा तभी होगा जब आप सकारात्मक हैं। हम केवल अपने विचारों को बदलें। अगर हम नकारात्मक रहते हैं तो आगे नहीं बढ़ पाते। यदि हम प्रकृति के पास जाकर उसे देखने का प्रयास करें, उसे महसूस करें और अपनी चेतना को प्रकृति के साथ जोड़ें तो हम तनावमुक्त भी होते हैं। हमारे भीतर सकारात्मक रसायन उत्पन्न होते हैं और इससे हमें एक नई ऊर्जा मिल जाती है।'।विदेशी बने योग साधक, रम गए भारतभूमि में ।योग के लाभ देखकर, जानकर पूरी दुनिया इस जीवनशैली में खुद को ढाल रही है। विदेशी साधक या तो भारत में योग सीख कर अपने देश के लोगों की सेहत सुधारते हैं या फिर इस जन्म के लिए तो भारतभूमि के ही होकर रह जाते हैं। अमेरिका के हॉलीवुड कैलिफोर्निया में जन्मीं साध्वी भगवती स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। 1996 में पीएचडी के दौरान जब ऋषिकेश के परमार्थ आश्रम आईं तो यहां के मर्मस्पर्शी वातावरण से बेहद प्रभावित हो गईं। तीन माह बाद ही घर से वापस लौटीं तो फिर यहीं की होकर रह गई। ब्राजील से क्लॉडीन फ्रांसो सात साल पहले ऋषिकेश स्वर्गाश्रम में योग की शिक्षा ग्रहण करने आई थीं। यहां की फिजाओं में बसे अध्यात्म और योग ने इन्हें यहीं रोक लिया। अब क्लॉडीन फ्रांसो योग प्रशिक्षक बन गई हैं। अब उन्हें करुणा के नाम से जाना जाता है। सुसाना बैरियस दक्षिण अमेरिकी देश चिली से भारत में योग का प्रशिक्षण लेने आई हैं। भारत भ्रमण के दौरान सुसाना के कदम ऋषिकेश में ही ठहर गए। पर्यटक बनकर आईं सुसाना अब साधक के रूप में यहां रमी हुई हैं। योग की राजधानी ऋषिकेश में केवल यही नहीं, ऐसे हजारों लोग हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59e23b87aaf4f60ad5026105830d70c495c80238 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7059.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl कियारा आडवाणी का आज जन्मदिन हैl उनकी जल्द फिल्म शेरशाह रिलीज होने वाली हैl इस फिल्म में उनके अलावा उनके रियल लाइफ ब्वॉयफ्रेंड सिद्धार्थ मल्होत्रा की अहम भूमिका हैl कियारा आडवाणी आज 29 वर्ष की हो जाएंगीl कियारा आडवाणी ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया हैl उनका असली नाम आलिया आडवाणी थाl हालांकि सलमान खान के सुझाव पर उन्होंने अपना नाम बदलकर आलिया से कियारा कर लिया हैl इसके पीछे एक प्रमुख कारण आलिया भट्ट का फिल्म इंडस्ट्री में होना भी हैl।फिल्मों में आने के पहले कियारा आडवाणी टीचर की भूमिका में थीl कियारा आडवाणी का जन्म मुंबई में हुआ हैl उनकी दादी ने उन्हें टीचिंग करने की सलाह दी थीl कियारा आडवाणी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ अपने अफेयर की पुष्टि नहीं की हैl हालांकि उन्होंने कभी इससे इनकार भी नहीं किया हैl दोनों को कई मौके पर साथ समय बिताते देखा गया हैl कियारा आडवाणी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैंl उनकी फिल्में काफी पसंद की जाती हैl कियारा आडवाणी फिल्म कबीर सिंह में भी नजर आई थीl इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70592.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f8076f5df83f2455a2333bdb5748a5b68597b63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70592.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हापुड़ [मनोज त्यागी]। 16 जून 2013 की सुबह हम बाबा केदारनाथ के दर्शन कर वापस लौटने लगे, तो तेज बारिश होने लगी। हम लोग केदारनाथ से करीब सात किमी नीचे रामबाड़ा दोपहर दो बजे पहुंच गए। काफी थक गए थे इसलिए विश्राम करने के मन से वहीं एक लाज में रुक गए और खाना खाकर आराम करने लगे। तभी 16 वर्षीय बेटी लिबनी ने कहा की मम्मा कमरा हिल रहा है। पहले तो मुझे नहीं लगा पर मैने दीवार पर हाथ लगाकर देखा तो कंपन हो रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e2e9335d86cf6e5a49f6335c108e068e85fa2ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70596.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिंदू पंचांग के अनुसार माह में दो बार एकादशी होती है। एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी मनाई जाती है। इसे भीमसेन, पांडव और भीम एकादशी के नाम से भी जानते हैं। निर्जला एकादशी के दिन व्रत धारण करने वाले व्यक्ति को बिना पानी पिए रहना होता है। एकादशी के अगले दिन व्रत का पारण होता है। निर्जला एकादशी पर दान-पुण्य का बहुत महत्व है। लोग अपनी शक्ति के अनुसार फल, वस्त्र दान करते हैं। शीतल जल से भरे मिट्टी के पात्र भी दान किए जाते हैं। इसके साथ ही जगह-जगह शर्बत की प्याऊ भी लगाई जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..083320812dacf1cc62359c9742a8b094ec335ccd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बारिश की वजह से ओपीडी कम हुई थी। सुबह से दोपहर तक 359 मरीजों का ही परीक्षण हो पाया। इसमें 12 लोगों को अपच की शिकायत थी। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि इस मौसम में तला-भुना कम खाएं। फ्रिज में रखे हुए सामान का इस्तेमाल न करें। ठंडा पानी पीने से परहेज करें। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिव सिंह ने बताया कि बच्चों को भी आइसक्रीम देने से परहेज करें। मच्छरों को घर में पनपने नहीं दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02f3585d477bee873851bb540aa4b62de34c22e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों के कपड़े सिले लेकिन परिवार को न सिल सका।अतरौली तहसील के ग्राम भमसोई निवासी बुजुर्ग दौलीराम के तीन बेटा व एक बेटी है। बताते हैं कि जीवन भर दर्जी का काम करके बच्चों का पालन पोषण किया। पढा-लिखा कर काबिल बनाया। दिन रात लोगों के कपड़े सिलते हुए कडी मेहनत करके उनके शादी ब्याह किए। पांच साल पूर्व जब पत्नी का निधन हो गया तो बच्चों को बोझ लगने लगा। एक दिन दुत्कारते हुए घर से निकाल दिया। उसके बाद काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। किसी तरह वृद्धाश्रम में पनाह मिल गई। तब से वह यहीं रहकर जीवन गुजार रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a20a4aaf655f0adc539c44f6b73b283dad5e3faf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_706.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आलिया भट्ट और रणबीर कपूर ने शादी के बाद अपने दोस्तों के लिए एक ग्रैंड रिसेप्शन पार्टी रखी। जिसे उन्होंने शनिवार को अपने घर वास्तु में होस्ट किया। शादी की तरह ही रिसेप्शन भी काफी प्राइवेट था, जिसमें घरवालों के अलावा कुछ करीबी दोस्त शामिल हुए। पार्टी के बाद रविवार को अब इसकी इनसाइड पिक्चर्स सोशल मीडिया में सामने आई हैं। जिसमें न्यूली वेड कपल और कपूर सिस्टर्स खूब मस्ती करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी के साथ पार्टी की थीम भी पता चल गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70600.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70600.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb9fff71de3262ba03794eb179ffcb47f4658609 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70600.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें :-।Fraud in UP Police : जीजा की जगह पुलिस की नौकरी करने वाला साला गिरफ्तार, दोनों आरोप‍ितों को भेजा जेल।रामपुर में बिन ब्याही मां ने बच्ची को दिलाया पिता का नाम, पहले से शादीशुदा प्रेमी से क‍िया न‍िकाह, पढ़ें पूरा मामला।Fraud in UP Police : वर्दी पहनकर पीआरवी कर्मियों के प्रशिक्षण में भाग लेने पहुंचा था फर्जी सिपाही।Fraud in UP Police : श‍िक्षा व‍िभाग के एक कागजात ने खोल दी जीजा और साले की पोल, एक दस्‍तावेज पर थी आपत्ति ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53dd7301e1df088ae3b8122f5ade0c0640478496 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70601.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +श्री एम. तमाम पुराणों, वेदों और दर्शनशास्त्रों के ग्रंथों से यह बात रेखांकित करते हैं कि योगाभ्यास में आस्तिक होना एक जरूरी शर्त नहीं है। अनेक ग्रंथों के हवाले से वे योग की बहुत ही सुंदर व्याख्या करते हैं। सारी धार्मिकता और आध्यात्मिकता से परे, अपने कार्य में दक्षता ही योग है, स्थिर चित्त होना योग है, मोह के बंधनों से मुक्त होना योग है, दुख, संताप और क्षोभ से दूर रहना ही योग है। प्राचीन सूत्रों को लेते हुए लेखक बड़ी ही निपुणता से इक्कीसवीं सदी की भाषा में सारे सूत्रों की व्याख्या करते हैं। वे योग सूत्र को अपना सबसे बड़ा संदर्भ ग्रंथ मानते हैं और ‘अथ योग अनुशासनम’ के साथ कई सूत्रों का वर्णन करते हैं। + +वे विस्तारपूर्वक पतंजलि के योगसूत्र के चारों पदों का वर्णन करते हैं। ये हैं- समाधि पद, साधना पद, विभूति पद और कैवल्य पद। समाधि पद में उन सारे व्यवधानों का उल्लेख है, जो योग साधना में सामने आते हैं। एकाग्रचित होकर ‘ओम’ के जाप से मन को स्थिर किया जा सकता है। इसके बाद भारतीय दर्शन में अनंत सत्य को ओमकार के रूपक में बांधने की जो परंपरा रही है, उस पर लेखक ने विद्वतापूर्ण आलेख लिखा है। जहां समाधि पद में दर्शन, मनोविज्ञान और अध्यात्म की बात है, वहीं साधना पद में अष्टांग योग का व्यावहारिक पक्ष सामने आता है। विभूति पद में लेखक ने उन सारी पराभौतिक शक्तियों की बात की है, जो योग से अर्जित की जा सकती हैं। नाम के ही अनुरूप आखिरी पद कैवल्य, उस महाचेतना से साक्षात्कार और उसे अंगीकार करने की बात करता है, जिसके बाद एक साधारण मनुष्य योगी बन जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70603.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70603.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30fe74526877970628608a0c33876010757df4e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70603.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिता की मेहनत से फर्श से अर्श पर पहुंचे मनु। पिता एक पेड़ की तरह होते हैं, जिनकी छांव में हमारा पूरा जीवन सुरक्षित होता है। पिता के होने पर हमें किसी का ना तो डर होता है और ना ही हम अपने सामने आने वाली परेशानियों को बड़ा समझते हैं। अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिविर्सटी से सौ फीसद स्कालरशिप पाने वाले अकराबाद निवासी मनु चौहान की सफलता के पीछे भी पिता प्रमोद कुमार चौहान का संघर्ष ही है। वे एक बीमा विक्रेता हैं। परिवार की आय सीमित है, लेकिन प्रमोद चौहान ने कभी बेटे के सपनों को सीमित नहीं रहने दिया। दिन की कड़ी मेहनत से जहां मनु को अचछी शिक्षा दिलाई, वहीं वहीं अच्छे संस्कारों से समाज के लिए कुछ करने का पाठ भी पढ़ाया। प्रमोद चौहान ने गांव में रहने के बाद भी बेटे को बुलंदशहर के विद्याज्ञान स्कूल में प्रवेश के लिए प्रेरित किया। मनु ने जब पिता के सामने स्टैनफोर्ड यूनिविर्सटी के बारे में प्रस्ताव रखा तो उन्होंने तुरंत हामी भर दी। मनु चार साल तक अमेरिका में जाकर पढ़ाई करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48aac3894c4754c6030e2f52bd3bba62f380ab3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यदि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के भारतीय विचार को इतनी सरलता से संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्वीकार कर लिया, तो इसका बहुत कुछ श्रेय परमहंस योगानंद को जाता है। वे विदेश में इस दिव्य भारतीय विज्ञान के प्रथम प्रचारक थे और उन्होंने इसे पृथ्वी के हरसंभव छोर पर संस्थापित-स्थापित किया। वास्तव में वे एक ईश्वरीय भविष्यवाणी को सार्थक कर रहे थे, जो आज से करीब 100 वर्ष पूर्व (वर्ष 1920 में), अमर गुरु महावतार बाबाजी ने की थी। यह अत्यंत रोमांचक और रोचक घटना थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f690af43b0b6011543e0779d2f6c1a50e106eda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70606.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। फादर्स डे पर एक पिता के लिए इससे बड़ा सुखद अहसास क्‍या होगा कि उनकी बेटी सेना की वर्दी पहने हुए सामने हो। लेकिन आगरा में एक पिता को फादर्स डे का यह तोहफा मरणोपरांत मिला। बेटी ने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी और अपनी मेहनत और लगन से थल सेना में भर्ती होकर दिखाया। आज रिचा जब अपने पिता की फोटो के सामने पहुंची तो चेहरे पर सपना पूरा करने की मुस्कान और आंखों में पिता के दूर होने का दुख था। ।कमलानगर निवासी रिचा पाराशर का मई में भारतीय थल सेना में अफसर के पद पर चयन हुआ है। रिचा के पिता का सपना था कि बेटी सेना में अफसर बने। पिता की मौत के बाद रिचा ने उनके सपने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और उसे हासिल किया। रिचा के पिता ब्रजेश पाराशर पुलिस विभाग में हैड आपरेटर थे। 2004 में बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उस समय रिचा की उम्र सात-आठ साल की थी। बचपन से ही अपने पिता के मुंह से सुना था कि सेना में अफसर बनकर देश की सेवा करनी है। उनके इसी सपने को पूरा करने के लिए रिचा ने बहुत मेहनत की। रिचा के ताऊ राकेश पाराशर बताते हैं कि उनके छोटे भाई के रिचा में जान बसती थी। उसके पैदा होते ही उन्होंने सपना देखा था कि बेटी को सेना में अफसर बनाएंगे। विगत 29 मई को आफीसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में पासिंग आउट परेट में रिचा को दो स्वर्ण पदक व ट्रेनिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए श्रेष्ठता पत्र भी मिला था। ।सेंट कानरेड्स इंटर कालेज से 12वीं और आगरा कालेज से एमफिल करने वाली रिचा ने एनसीसी विशेष भर्ती के तहत मात्र पांच रिक्तियों में पूरे भारत में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। रिचा की मां मीरा पाराशर बताती हैं कि रिचा के लक्ष्य को पूरा करने में आगरा कालेज की डा. रीता निगम व कर्नल गुरविंदर सिंह सिद्धू का बहुत सहयोग मिला। रिचा के भाई अपने व्यापार करते हैं। वर्तमान में रिचा की तैनाती पश्चिम बंगाल में है। + +कोई केक बनाएगा तो कोई अपने पिता का मनपसंद भोजन।आज फादर्स डे है। इसके लिए युवाओं ने अपने घरों में खास तैयारियां की हैं। साप्ताहिक लाकडाउन के कारण रेस्टोरेंट या होटलों में इस बार पार्टियां नहीं होंगी पर घरों में पार्टी की पूरी व्यवस्था बच्चों ने की है। साप्ताहिक लाकडाउन के कारण दुकानें बंद होंगी, इसलिए तोहफे भी पहले ही खरीद लिए गए हैं। बेकरियों में भी फादर्स डे लिए खास केक तैयार किए गए हैं। + +श्रृष्टि ने अपने पिता को सरप्राइज देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। सजावट का सामान कुछ सामान बाजार से खरीदा है और कुछ खुद घर पर तैयार किया है। श्रृष्टि अपने पिता के लिए केक भी घर पर ही तैयार करेगी। ऐसी ही कुछ प्लानिंग दयालबाग निवासी वेदांती गुप्ता की है। वेदांती भी अपने पिता के लिए केक बनाएगी, इंटरनेट मीडिया पर उपलब्ध वीडियो देख-देख कर इसके लिए वो कई दिन से प्रेक्टिस भी कर रही थी। फतेहाबाद रोड निवासी आराध्य गुप्ता अपने पिता के लिए खास प्लानिंग कर रहे हैं। वे अपने पिता को उनकी फेवरेट डिश बना कर देंगे। घर के बाहर नहीं जा सकते हैं, इसलिए उनके साथ घर पर बैठकर कार्टून वेब सीरिज भी देखेंगे। सदर के अरमान व उनकी बहन रितिका सिंह ने अपने पिता के लिए घर पर ही पार्टी की प्लानिंग की है। खाना आर्डर करेंगे। केक घर पर ही बनाएंगे। सुबह से रात तक अपने पिता को उनके पसंदीदा चीजें बनाकर देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70607.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0f42d37fbbeb0c5a55faef8a837cab605d1d2b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70607.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उल्लेखनीय है कि आइआइटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम ने गणितीय माडल के सहयोग से देश, कई राज्यों और वहां के शहरों में कोरोना के केस बढऩे-घटने का सटीक आकलन किया था। यह आकलन मार्च, अप्रैल, मई और जून के लिए हुआ। इस माडल की खूबियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही जिलों में आक्सीजन आडिट करने की जिम्मेदारी आइआइटी को दे चुकी है। + +शहरों में संक्रमण फैलने की पहले ही मिल जाएगी रिपोर्ट : प्रो. मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक, माडल की सहायता से उप्र और दिल्ली के शहरों में संक्रमण फैलने की रिपोर्ट पहले ही दे दी जाएगी। यह किस तेजी से बढ़ेगा या उसमें कमी आएगी, इसकी रिपोर्ट तैयार होगी। तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार रणनीति बना सकेगी। यह प्लान बहुत ही विस्तारित ढंग से तैयार किया जा रहा है। इसमें संक्रमण की चाल को बहुत ही छोटे स्तर से देखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5c68f3ad7b13de4f3dcdaaaa0e4373571e6beb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहली बार डा. राजेंद्र प्रसाद और आखिरी बार डा. कलाम ने किया सफर।डा. राजेंद्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने वर्ष 1950 में दिल्ली से कुरुक्षेत्र का सफर प्रेसीडेंशियल सैलून से किया था। डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डा. नीलम संजीवा रेड्डी ने इस सैलून से यात्राएं की थीं। 1960 से 1970 के बीच प्रेसीडेंशियल सैलून का प्रयोग नियमित तौर पर किया गया। 1977 में डा. नीलम संजीवा रेड्डी ने इस सैलून से यात्रा की। उसके करीब 26 साल बाद 30 मई 2003 को डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने इस सैलून से बिहार की यात्रा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..786b04188eeacb6ed9e050578659bfebdd8fc7da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70609.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अनंत विजय। दिनांक 15 जून 2021, समय शाम छह बजकर 12 मिनट। केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने एक ट्वीट किया, ‘आज साहित्य अकादमी के कामकाज की विस्तृत समीक्षा की। हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने पर जानकारी देने का निर्देश दिया।‘ संस्कृति मंत्री ने अपने इस ट्वीट को प्रधानमंत्री कार्यालय, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय जनता पार्टी और मध्य प्रदेश बीजेपी के अलावा कुछ अन्य ट्वीटर हैंडल को भी टैग किया। अपने इस ट्वीट के साथ मंत्री ने चार फोटो भी पोस्ट किए। + + इस कमेटी का मुख्य काम संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, सांस्कृतिक स्त्रोत और प्रशिक्षण केंद्र की कार्यप्रणाली की समीक्षा और उसको बेहतर करने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत करना था। इस कमेटी ने एक सौ तीस पन्नों की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9e50425fd2a75dae9f09bf0eab59eee775b4bc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70613.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [अम्बिका वाजपेयी]। Milkha Singh passed away: मिल्खा सिंह से लखनऊ आने पर तीन मुलाकातें हुईं थीं, लेकिन उनसे बात करने का मौका दूसरी बार में मिला। करीब 15 साल पहले एक निजी स्कूल के कार्यक्रम में वह मुख्य अतिथि थे और सोफे पर सबसे आगे लाल ब्लेजर में बैठे थे। परिचय देते ही बोले, पूछो बेटा क्या पूछना है? काफी देर से मन में घुमड़ रहे सवाल आपस में उलझ गए और पहला सवाल ही ऐसा था कि सोचकर हंसी आती है। मैंने पूछा कि लखनऊ आकर कैसा लगा, मिल्खा हंसे और बोले, बहुत अच्छा लगता है, कई बार आ चुका हूं। + +मैं दूसरा सवाल सोच ही रहा था कि उन्होंने इशारे से बैठने को कहा। पूछा, कुछ खेलते हो? मैं बोला क्रिकेट। मिल्खा बोले, शाबास कुछ भी खेलो पर फिट रहो। बातचीत का सिलसिला खेलसंघों पर काबिज राजनेताओं तक पहुंचा। चेहरे पर सख्ती और नाराजगी के भाव लाते हुए मिल्खा बोले, खेलसंघों पर काबिज नेताओं और चाटुकारिता करने वालों को सोचना चाहिए कि विरासत में कुर्सी मिल सकती है, मेडल नहीं। मेरा लड़का सिर्फ मिल्खा की औलाद होने की काबिलियत लेकर क्या पदक जीत सकता है, कभी नहीं। स्कूल और कालेजों के कार्यक्रम में इसलिए जाता हूं, क्योंकि बच्चों को मेहनत करते देखता हूं तो अच्छा लगता है। देश में एथलेटिक्स और खेलों की दशा पर चि‍ंता जताते हुए बोले कि मुझे दौड़े हुए पचास-पचपन साल हो गए हैं। मेरी उम्र अस्सी साल की होने वाली है, लेकिन हम एक और मिल्खा सिंह को नहीं निकाल पाए। खेलों में व्याप्त राजनीति के चलते ही मैंने और पत्नी ने फैसला किया था कि बच्चे को स्पोट्र्स में नहीं डालेंगे, लेकिन अपनी मेहनत से जीव (जीव मिल्खा सिंह) इंटरनेशनल गोल्फर है। अपने संघर्ष के दिनों की यादें साझा करते हुए मिल्खा सिंह ने कहा कि जब वह दौड़ते थे, तब देश के अंदर न तो बढिय़ा जूते बनते थे न ही ट्रैक सूट पहना था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd310b9db56ad35ee4612bd6761ab94032c08eb2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70614.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों का फूटा गुस्‍सा ।उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कोरोना संकट के दौरान गरीबों को केंद्र की ओर से दी जाने वाली मुफ्त अनाज में हिस्सेदारी मांगने से एनएससीएन (आइएम) के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। एनएससीएन (आइएम) के उग्रवादी लोगों को मिलने वाले गेहूं में पांच फीसद और चावल में 10 फीसद हिस्सेदारी मांग रहे हैं। कई स्थानों पर आम लोगों ने मुइवा के लोगों को मारकर भगा भी दिया। ।गरीबों से वसूली से भड़के लोग ।एनएससीएन (आइएम ) वरिष्ठ अधिकारियों के पास लक्जरी गाडि़यां और बड़े-बड़े बंगले होने के बावजूद गरीबों के अनाज से लेवी वसूलने की बात लोगों को पच नहीं रही है। ध्यान देने की बात है कि एनएससीएन (आइएम) ने केंद्र सरकार के साथ 2015 में समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किया था लेकिन चार साल तक बातचीत के बाद फाइनल समझौते के समय वह अलग झंडे और संविधान को लेकर अड़ गया। ।शांति के पक्ष में अन्‍य संगठन ।इसके पीछे मुइवा की मंशा को नगालैंड में लोगों ने पहचानना शुरू कर दिया है। पिछले 24 साल से केंद्र के साथ सीजफायर समझौते के कारण उसका कैडर हथियारों के साथ न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि खुलेआम लेवी वसूली में लगा हुआ है। वहीं नगालैंड के अन्य संगठन किसी भी स्थिति में शांति के पक्ष में हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c563bddd2f6366193ca310a3a3f4cf0f91b9a5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70615.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश नारायण माथुरने बताया कि शहर में करीब 80 फीसद होटल खुल चुके हैं। उन्होंने बताया कि होटलों में अभी 50 से 60 फीसद कमरे ही बुक हैं। माथुर ने बताया कि ऐसे पर्यटकों को कमरा नहीं दिया जा रहा, जिनके पास कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने मांग की कि मसूरी में अभी सिर्फ सिविल अस्पताल में ही कोरोना की जांच की जा रही है। शहर के लाइब्रेरी, कुलड़ी तथा किंक्रेग में रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा दी जानी चाहिए ताकि पर्यटक आसानी से टेस्ट करा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3c0ff5865950f5f2c552c1eca3ee099c1f748a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70616.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गंभीर रूप से बीमार होने से पहले ही रोग को निष्क्रिय कर देगी दवा ।राष्‍ट्रपति बाइडन के सलाहकार व अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने इस योजना के लिए अरबों डॉलर के निवेश का ऐलान किया है। इस पैसे के जरिए विभिन्‍न दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल को तेज किया जाएगा। यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के गंभीर रूप से बीमार होने से पहले ही उसको बेकार कर देंगी। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो इस साल के आखिर तक दुनिया में कोरोना वायरस की पहली दवा सामने आ सकती है। + + कोरोना वायरस के लिए कोई दवा नहीं ।हालांकि, अभी तक कोरोना वायरस के लिए किसी तरह की दवा नहीं है। कोरोना से निपटने के लिए अमेरिका में केवल रेमडेसिविर ही एकमात्र दवा है। इसे कोरोना संक्रमितों के मरीजों के इलाज में मंजूरी दी गई है। इसे भी इंजेक्‍शन से देना पड़ता है। इस नए कार्यक्रम एंटी वायरल प्रोग्राम फॉर पैनडेमिक्‍स के जरिए दवाओं के शोध के लिए खाली जगह को भरा जा सकेगा। फाउची ने कहा कि उनको उस दिन का इंतजार है, जब किसी इंसान को कोरोना संक्रमण होता है और वह तत्‍काल दवा की दुकान से इसकी दवा लेकर खा लेता है। दुनिया में इस समय कई दवाओं का परीक्षण चल रहा है। इसमें एक फाइजर की भी दवा शामिल है। ।दुनिया में कोरोना के 17.73 करोड़ से ज्‍यादा मामले ।पूरे विश्व में कोरोना के मामले बढ़कर 17.73 करोड़ हो गए हैं। इस महामारी से अब तक कुल 38.4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। वर्तमान कोरोना के मामले और मरने वालों की संख्या क्रमश: 177,355,602 और 3,840,181 है। दुनिया में सबसे ज्यादा मामलों और मौतों की संख्या क्रमश: 33,508,384 और 600,933 के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत 29,700,313 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51e1b36266292510b79b17bc8f8ccdaad3649bcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं सुधरेंगे अमेरिका और ईरान के संबंध ।कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी के जीत के साथ यह तय हो गया कि ईरान और अमेरिका के संबंधों में कोई सुधार होने वाला नहीं है। दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बना रहेगा। इतना ही नहीं यूरोपीय देशों के साथ ईरान के संबंधों में कोई फेरबदल नहीं होगा। नवनिर्वातिच राष्‍ट्रपति रईसी का यूरोपीय देशों के प्रति नकारात्‍मक रवैया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f6388d7e7769a9247e580d65cd26fb65a2c95d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [मदन पांचाल]। पारो जिला कारागार डासना में हत्या,अपहरण,चोरी,डकैती जैसे संगीन अपराधों में जेल में निरूद्ध कैदियों की लाडली बन गई है। उसके चर्चे सूबे की अन्य जेलों में भी हो रहे हैं। दरअसल , पारो एक बिल्ली का नाम है। यह नाम भी कैदियों ने ही रखा है। पारो जेल के प्रत्येक बैरक में सुबह से लेकर शाम तक घूमती रहती है। कैदी पारो को खाना खिलाने,दूध पिलाने से लेकर नहलाने तक का काम करते हैं। कैदी ही नहीं जेल के बंदीरक्षक,नंबरदार,डिप्टी जेलर, जेलर और जेल अधीक्षक तक पारो का दिन-रात ख्याल रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07e9b1d22fe03362409b888a07521dba833c5ce0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70619.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमेरिका में जॉनसन एंड जॉनसन की अब तक महज एक करोड़ 18 लाख ही डोज लग पाई है। गत अप्रैल में इस वैक्सीन के दुष्प्रभाव की खबर आने के बाद दस दिनों के लिए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। कुछ लोगों में रक्त का थक्का (ब्लड क्लाटिंग) बनने की समस्या सामने आई थी। पिछले हफ्ते जॉनसन की वैक्सीन को एक और झटका उस समय लगा था जब अधिकारियों ने बाल्टीमोर प्लांट में बनी लाखों डोज की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। साथ ही कहा था कि इन्हें फेंक दिया जाना चाहिए। + +अमेरिका में जानसन एंड जानसन की 10 करोड़ और एस्ट्राजेनेका की सात करोड़ से अधिक डोज को मार्च में उस समय होल्ड पर रख दिया गया था जब इमरजेंट को यह पता चला था कि उसके श्रमिकों ने जानसन एंड जानसन की वैक्सीन के एक बैच में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के एक अहम अवयव को मिला दिया था। अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन भी लगाई जा रही है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8174fb9d0a28ff7e61f38421ef66aae1911cd62c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनका कहना है...। बच्चे प्राकृतिक रूप से कोरोना वायरस से लड़ने में वयस्कों से ज्यादा सुरक्षित हैं। पहली और दूसरी लहर में उनमें करीब 8-10 फीसद ही संक्रमण मिला। मौत की दर 0.7 फीसद से कम रही। बच्चों में संक्रमण से एक्सपोजर, कोमार्बिडिटी व खून का थक्का बनने का रिस्क कम है, साथ ही एसीई-2 रिपेस्टर की कमी उन्हें कोरोना के संक्रमण से बचाती है। बच्चों के लिए वैक्सीन भी अब जल्द उपलब्ध हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1648f6c4d8ebaf2adcdf0a010eaeae03ce95923 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +30-30 बेडों को गैस की सप्लाई देगा प्लांट : मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि सीएचसी 30 बेड की होती है। इन आक्सीजन प्लांटों की क्षमता 30 से 35 बेडों को आक्सीजन सप्लाई करने की है। इस तरह चारों प्लाटों से 80 बेडों पर आक्सीजन गैस की सप्लाई दी जा सकती है। विशेष परिस्थिति में इससे अधिक बेडों को भी आक्सीजन गैस की सप्लाई दी जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a3ebb05974268ca9c90516a14b1b293ce1ea215 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1. बया वीवर ( काॅमन बया या इंडियन वीवर )।2. ब्लैक ब्रेस्टेड वीवर ( ब्लैक-थ्रोटेड वीवर )।3. स्ट्रीक्ड वीवर ।4. फिन्स वीवर ( फिन्स बया या यलो वीवर )।जोधपुर झाल पर वीवर की तीन प्रजातियां बया बीवर, ब्लैक-ब्रस्टेड बीवर और स्ट्रीक्ड बीवर प्रजनक निवासी हैं। वीवर अपने भोजन में अनाज , बीज और कीड़ो को खाते हैं। भारत की वीवर की चारों प्रजातियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में संरक्षित और सूचीबद्ध किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfabc7d23b9863200aeddf7ecb6b50c4bad0c0f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकसभा अध्‍यक्ष ने कहा था कि‍ कोरोना संकट के दौर में भले ही हमें बहुत कुछ सीमित करना पड़ा लेकिन कामकाज सीमित नहीं रहा। कोविड महामारी के मुश्‍क‍िल वक्‍त में ज्यादा चर्चा हुई। दो साल में लोकसभा से 107 विधेयक पारित किए गए। जो सदस्य मौजूद थे उनमें उत्साह था। ये दो वर्ष कठिन थे लेकिन हमने अधिकतम सक्रियता दिखाई। उन्‍होंने यह भी कहा कि मैं चाहूंगा कि शारीरिक दूरी और दूसरी सतर्कता के साथ संसद की नियमित बैठकें चलें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ae466214222012fe3672aa4782206cb18847f44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70625.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बहराइच, [ मुकेश पांडेय ]। अब वह दिन दूर नहीं, जब यहां के केला काश्तकारों की टिश्यू कल्चर केले के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में लखनऊ के बाद बहराइच में दूसरा टिश्यू कल्चर लैब स्थापित होगा। इससे यहां के किसानों को केले के सस्‍ते एवं उच्च गुणवत्ता के पौधे सुलभ होंगे। इससे उत्तम कोटि की खेती और कम लागत में ही संभव हो सकेगी। + + दो एकड़ भूभाग में स्थापित होगी लैब : यह लैब जिले में उद्यान विभाग के राजकीय पौधशाला रिसिया में स्थापित होगी। जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना की पहल पर दो एकड़ भूभाग में लैब स्थापित करने की योजना बनाई गई है। यहां स्थापित होने वाले लैब पर दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e470a47d8f5215e177e18353c843797d785bfbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70626.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। दूसरी लहर के दौरान उच्च संक्रमण दर और तेजी से जारी टीकाकरण अभियान, इन दोनों ही पहलूओं को मद्देनजर रखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में तीसरी लहर के दस्तक देने की संभावना काफी कम है। पर एहतियात के तौर पर सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही है। पश्चिमी दिल्ली के अंतर्गत सभी सरकारी अस्पतालों में पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) प्लांट, आक्सीजन स्टोरेज टैंक, आइसीयू बेड, पीडियाट्रिक आइसीयू बेड व दवाओं का प्रबंध करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। पर कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के लिए द्वारका सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल (indira gandhi super speciality hospital dwarka) पश्चिमी दिल्ली का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर होगा। यहां सितंबर माह के अंत तक 1,241 आक्सीजन बेड को शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है और जरूरत के अनुरूप इन बेड की संख्या को बढ़ाने के लिए भी अस्पताल प्रशासन सशक्त है। + +उच्च स्तरीय इलाज की सुविधाएं।तीसरी लहर को मद्देनजर रखते हुए अस्पताल में सभी जरूरी दवाओं का प्रबंध करने का कार्य शुरू हो चुका है। खास बात यह है कि दिल्ली के चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में एक अब इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल भी एक होगा जहां मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी की व्यवस्था की गई है। अमेरिका द्वारा तैयार की गई मोनोक्लोनल एंटीबाडी के प्रयोग से ऐसे उम्रदराज व गंभीर बीमारियाें से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीज जिनकी तबियत सातवें दिन के बाद गंभीर हो सकती है उनके जीवन की रक्षा करने में कारगर है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस दवा के प्रयोग से मरीज में निमोनिया बनने की संभावना को कम किया जा सकता है। महंगी होने के कारण ये दवा सभी अस्पतालों में फिलहाल उपलब्ध नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bdbb6fcbda977b5a7cbd53b46245614c368219b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एथलेटिक्स गेम्स को भी मिले क्रिकेट की तरह तवज्जो।मिल्खा सिंह अक्सर हर मंच से यह शिकायत करते थे कि क्रिकेट सिर्फ 10 से 14 देश खेलते हैं, बावजूद इसके उसे मीडिया की तरफ से ज्यादा कवरेज दी जाती है, लेकिन एथलेटिक्स गेम्स 200 से ज्यादा देश खेलते हैं उस लिहाज से एथलेटिक्स गेम्स को तव्जो नहीं दी दिया जाता है, इसलिए एथलेटिक्स में महत्व को हमें समझना होगा। मिल्खा सिंह को टोक्यो ओलंपिक में एथलीट हिमादास से खासी उम्मीदें थी। इस बाबत उन्होंने उन्हें तैयारी के टिप्स भी दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e2416ce511832e40cff5d35ca3d2604153aef39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70628.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [अंशु सिंह]। आम परिवारों में जन्मे युवा अपने सपने पूरे करने के साथ लगातार कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं। नई-नई पहल कर रहे हैं। जैसे जबलपुर के सागर आजाद ने मुश्किल हालात के बीच पहले नौकरी की। फिर उद्यमिता में एक नये सफर की शुरुआत। एक एसएमई के रूप में रजिस्टर्ड ‘चैंप रीडर्स एसोसिएशन’ के जरिये वह न सिर्फ।किताबों से जुड़े इवेंट्स आयोजित करते हैं, बल्कि बुक रीडिंग को प्रमोट भी करते हैं। सागर कहते हैं कि कोई काम छोटा नहीं होता है। बस अपने सपने को पूरा करने का हौसला चाहिए। + +मध्य प्रदेश के जबलपुर में जन्मे सागर के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उनके ऊपर घर की बड़ी जिम्मेदारी थी। लेकिन वह कुछ ऐसा करना चाहते थे, जिससे खुद की हालत सुधारने के साथ-साथ समाज और देश को भी कुछ दे सकें। 2011 में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दोस्तों के साथ कोटा चले गए। वहां उन्होंने दूरस्थ शिक्षा के तहत ग्रेजुएशन करने के साथ-साथ छोटी-मोटी नौकरी की। + +इवेंट्स आयोजिए किए जाएं, जिसमें युवाओं का लेखकों से सीधा संवाद हो सके। वह बताते हैं कि जैसे किसी भी नई चीज का विरोध होता है, दिक्कतें आती हैं, उनके साथ भी वही सब हुआ। जब वह अपने आइडिये को लेकर स्थानीय लोगों के पास गए, तो किसी को उस पर विश्वास नहीं हुआ। लोगों ने मजाक उड़ाया। उन्हें लगता ही नहीं था किताबों से जुड़े इवेंट्स कामयाब हो सकते हैं। क्योंकि किसी को इस बात का आभास ही नहीं था कि आइटी, इंजीनियरिंग आदि की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स ही सबसे ज्यादा नावेल्स पढ़ते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5479bbf15bac72a9bef1ffef78283c4699961290 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे करें आवेदन। सहायक श्रमायुक्त पल्लवी अग्रवाल ने बताया कि श्रमिक विभाग की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराएं, उसका प्रिंट निकालकर आवेदन की प्रति कारखाना या औद्योगिक प्रतिष्ठान से सत्यापित कराएं। जांच में सही मिलने पर योजना की राशि श्रमिक के खाते में भेजी जाएगी। योजना और लाभ।गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार राशि योजना।पंजीकृत श्रमिकों के मेधावी बच्चे को हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, परास्नातक की परीक्षा में 60 फीसद या अधिक लाने पर पांच हजार और 75 फीसद या अधिक अंक लाने पर 7500 रुपये मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ff5cc83803ce702dec38383f258adcf057c137c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7063.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल लीसा हेडन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में लीजा किसी प्रोडक्ट का प्रचार कर रही हैं। उन्होंने ये पोस्ट करीब एक महीने बाद शेयर की है। इस पोस्ट को कई लोगों ने खूब पसंद किया। लेकिन एक सोशल मीडिया यूजर को इससे आपत्ति हुई और उसने लीजा के बच्चे को लेकर अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। + +बता दें कि लीजा हेडन तीन बच्चों की मां हैं। हाल ही में कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया है। वहीं बात करें लीजा के वर्कफ्रंट की तो अभिनेत्री आखिरी बार साल 2016 में फिल्म 'ए दिल है मुश्किल' में नजर आई थीं। इस फिल्म में मुख्य किरदार में रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा थे। तो वहीं फवाद खान और ऐश्वर्या राय बच्चन भी अहम भूमिका में नजर आए थे। इसके अलावा लीजा 'द शौकींस', 'क्वीन', 'हाउसफुल 3' में भी नजर आ चुकी हैं। वहीं अभिनेत्री एमटीवी के शो 'इंडियाज बेस्ट टॉप मॉडल्स' रियलिटी शो को भी होस्ट करती हुई नजर आ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70630.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5b3a2d59ed2dd77ca29bc4f259031b4b2b60880 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70630.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Rampur Unmarried Mother Married young Man Marriage : मंडल  के रामपुर में असम से आई बिन ब्याही मां और उसकी चार माह की बच्ची को आखिरकार इंसाफ मिला। दो दिन की जद्दोजहद के बाद उसे प्रेमी का साथ मिला। प्रेमी ने उसके साथ निकाह कर लिया और उसे अपने घर ले गया। इसमें पुलिस, प्रोबेशन अधिकारी और महिला कल्याण अधिकारी की अहम भूमिका रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfda705ccfe479dd8c48e01d1977d9b5f79b24c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70631.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(पारंपरिक स्वाद को नए कलेवर में परोसते हैं शेफ दिवस वडेरा।)।अब गैस पर एक पैन चढ़ाएं और उसमें बैटर को फैला दें साइड से थोड़ा तेल भी डाल दें और धीमी आंच पर पकाएं। उसके ऊपर तैयार स्टफ को फैला कर चीले को फोल्ड कर दें। चटनी बनाने के लिए मिक्सी में दही और स्ट्राबेरी को पीस लें चटनी में भुनी हुई प्याज डालकर चीले को चटनी में डिप करके खाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02f8cf4f2ffc49579c665161c1583187f15fea6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70632.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि दैनिक जागरण और नीर फाउंडेशन के आह्वान पर मंडलायुक्त सुरेंद्र ¨सह ने सात जून को नीम नदी में श्रमदान कर नदी में खोदाई के काम का शुभारंभ किया था। मंडलायुक्त ने नदी में मनरेगा के तहत काम कराने के लिए कहा था। परंतु प्रशासन के ढुलमुल रवैये के कारण अभी तक काम शुरू नहीं कराया गया था। जबकि पर्यावरण प्रेमियों ने उद्गम स्थल पर अपने खर्चे से खोदाई मशीन लगाकर काम शुरू करा दिया था। अब प्रशासन ने मनरेगा के तहत 11 मजदूरों को लगाकर काम शुरू कराया है। जिसमें तालाब के दोनों ओर बं¨डग (मिट्टी की बाउंड्री) का कार्य किया जा रहा रहा है। जिसके पूरा होने के बाद नदी के दोनों ओर वन विभाग द्वारा छायादार पौधे रोपे जाएंगे। साथ ही उनका संरक्षण भी किया जाएगा। यह काम आगे भी मनरेगा के तहत जारी रहेगा। नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पूरे गांव का सहयोग मिल रहा है। सभी अपने-अपने स्तर पर जो काम कर सकते हैं सहयोग दे रहे हैं। शुक्रवार को 11 मनरेगा मजदूरों के द्वारा काम शुरू कराया गया है। शनिवार को करीब 25 लोगों को नदी की सफाई और खोदाई के लिए लगाया जाएगा। -रजनीश त्यागी, ग्राम प्रधान दत्तियाना नीम नदी के पुनरुत्थान का कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे ही ये क्षेत्र में हर वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र के बुजुर्गो को नीम नदी के बारे में पुराने किस्से कहानियां फिर से याद आने लगी हैं। उन्हें वे अपने पोते-पोतियों और बच्चों को सुनाने लगे हैं। उन्हें सुनकर युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46df7d1c7e317b807c95ba0fe7ff049ab6343c96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिराग से अलग धड़े का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद साथियों संग पशुपति कुमार पारस। जागरण।ऐसे मामले जल्दी नहीं सुलझते, इसलिए चिराग ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में लड़ने की घोषणा कर दी है। ताकि इसे आधार बनाकर वे जल्दी फैसले के लिए दबाव बना सकें। उनकी अब यही कोशिश है कि पांच सांसदों का नुकसान भर ही उन्हें हो और पार्टी पर उनका कब्जा बना रहे, ताकि अगले चुनावों में उनकी जमीन बनी रहे। चिराग जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में भाजपा के हिमायती व नीतीश विरोधी बनी उनकी छवि में अगर वे पार्टी नहीं बचा पाते हैं तो हिमायती भी साथ नहीं रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..984daad7328dd1926b82d076987211761c6f81c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरे बचपन की दिल्ली, बिलकुल अलग थी। शांत वातावरण, मिलनसार लोग। अब न तो वो लोग हैं और ना ही वैसा माहौल। अब है तो बस उन दिनों की खूबसूरत यादें। जंतर-मंतर के भूल-भुलैया में दोस्तों के साथ गुम होने का जो आनंद आता था उसे बता नहीं सकता। पहले तो बड़ा डर लगता था कि भूल-भुलैया में कहीं खो न जाएं, लेकिन दो-तीन बार जाने के बाद तो वहां दोस्तों को आवाज देकर छुप जाने में मजा आने लगा। वो खेल भी बड़ा मजेदार होता था। मेरा जन्म किंग्सवे कैंप के पास स्वर्गाश्रम में हुआ। हम वहीं रहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11310e20e0b967ada51140f20cd8d13508be7a95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +योग गुरु भारत भूषण के मुरादाबाद आगमन पर उनकी समस्या का समाधान हुआ। उन्होंने चार आसन में स्लिप डिस्क का इलाज बताया। अपने सामने कटिचक्रासन, सर्प गति, तानासन, भुजंगासन कराया। इसके बाद नियमित इस आसन को किया। लगातार छह माह आसन करने के बाद स्लिप डिस्क के दर्द से निजात मिल गई। इसके बाद से पुनीत गर्ग भी लोगों को उपचार के लिए योग की सलाह देते हैं। लोगों को अपने बारे में भी बताते हैं कि किस तरह उन्हें स्लिप डिस्क से निजात मिली। अब वो लगातार योग करते हैं और उन्होंने कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑनलाइन लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी योग आसन कराए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d4da7f8ff229ef5b10b9c3dc15f1387914cf153 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकारी नर्सरियों में भी है इनकी मांग।वन विभाग की 23 सरकारी नर्सरियां हैं, इनमें भी सबसे अधिक पीपल, नीम, बरगद, पाखड़, अशोक के पौधों की मांग है। जानकारों के अनुसार पीपल के पेड़ 24 घंटा, बरगद और नीम के पेड़ करीब 18 से 19 घंटे आक्सीजन देती है। शहर के प्राइवेट नर्सरी संचालकों ने भी इस साल पीपल, बरगद और नीम की पौध तैयार की है। नर्सरी संचालक मुश्ताक ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ऑक्‍सीजन ज्यादा देने वाले पौधों की मांग 40 फीसद बढ़ गई है। रोजना 25 से 30 पौधे बिक रहे हैं। जबकि पहले यही पौधे पांच से छह ही बिकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0386722b1e0333f33a0b24aa045ac6552b80231a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70640.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रो. संजय द्विवेदी। Pandit Madhavrao Sapre Birth Anniversary आजादी के आंदोलन की पहली पंक्ति के नायकों ने जहां देश में जागरूकता पैदा की, वहीं साहित्य, कला, संस्कृति और पत्रकारिता में सक्रिय नायकों ने अपनी लेखनी और सृजनात्मकता से भारतबोध और हिंदी प्रेम की गहरी भावना समाज में पैदा की। 19 जून, 1871 को मध्य प्रदेश के दमोह के पथरिया में जन्मे माधवराव सप्रे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। आज के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तीन राज्य उनकी पत्रकारीय और साहित्यिक यात्र के केंद्र रहे। सप्रे जी एक कुशल संपादक, प्रकाशक, शिक्षक, कथाकार, निबंधकार, अनुवादक, आध्यात्मिक साधक सब कुछ थे। वे हर भूमिका में पूर्ण थे। हालांकि वह सिर्फ 54 साल जिए, किंतु जिस तरह उन्होंने अनेक सामाजिक संस्थाओं की स्थापना की, पत्र-पत्रिकाएं संपादित कीं, अनुवाद किया, अनेक नवयुवकों को प्रेरित कर देश के विविध क्षेत्रों में सक्रिय किया, वह विलक्षण है। 26 वर्षो की अपनी पत्रकारिता और साहित्य सेवा के दौर में उन्होंने कई मानक रचे। + +वर्ष 1900 में उन्होंने छत्तीसगढ़ के छोटे से कस्बे पेंड्रा से ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ का प्रकाशन प्रारंभ किया। दिसंबर 1902 तक इसका प्रकाशन मासिक होता रहा। ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ की प्रकाशन अवधि हालांकि बहुत कम है, किंतु इस समय में भी उसने गुणवत्तापूर्ण और विविधतापूर्ण सामग्री को प्रकाशित कर आदर्श संपादकीय और लेखकीय परंपरा को निíमत करने में मदद की। हालांकि अभावों के चलते इसका प्रकाशन बंद हो गया और सप्रे जी नागपुर के देशसेवक प्रेस में काम करने लगे। वहीं पर सप्रे जी ने जीवन के कठिन संघर्षो के बीच 1905 में हिंदी ग्रंथ प्रकाशन-मंडली की स्थापना की। इसके माध्यम से हिंदी भाषा के विकास और उत्थान तथा अच्छे प्रकाशनों का लक्ष्य था। लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के कार्यो से प्रभावित सप्रे जी ने 13 अप्रैल, 1907 से ‘हिंदी केसरी’ का प्रकाशन आरंभ किया। भारतबोध की भावना भरने, लोकमान्य तिलक के आदर्शो पर चलते हुए इस पत्र ने सामाजिक जीवन में बहुत खास जगह बना ली। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने सरस्वती के मई, 1907 के अंक में लिखा, ‘हिंदी केसरी निकल आया। अच्छा निकाला। आशा है इस पत्र से वही काम होगा जो तिलक महाशय के मराठी पत्र से हो रहा है। इसके निकालने का सारा पुण्य पंडित माधवराव सप्रे बी.ए. को है। महाराष्ट्री होकर भी हिंदी भाषा पर आपके अखंड प्रेम को देखकर उन लोगों को लज्जित होना चाहिए, जिनकी जन्मभाषा हिंदी है, पर जो हिंदी में एक अक्षर भी नहीं लिख सकते या फिर लिखना नहीं चाहते हैं।’।सप्रे जी में हिंदी समाज की समस्याओं और उसके उत्थान को लेकर एक ललक दिखती है। वे भाषा को समृद्ध होते देखना चाहते हैं। हिंदी निबंध और कहानी लेखन के क्षेत्र में वे अप्रतिम हैं तो समालोचना के क्षेत्र में भी निष्णात हैं। सप्रे जी ने उस समय की लोकप्रिय पत्रिकाओं में 150 से अधिक निबंध लिखे। छत्तीसगढ़ मित्र में छह कहानियां लिखीं। + +सप्रे जी ने अनुवाद कर्म से हिंदी की दुनिया को समृद्ध किया। एक अनुवादक के रूप में उनका सबसे बड़ा काम है हिंदी के पाठकों को ‘दासबोध’ उपलब्ध कराना। वर्ष 1909 के आरंभ में सप्रे जी वर्धा के पास हनुमानगढ़ में संत श्रीधर विष्णु परांजपे से दीक्षा लेते हैं और उनके आश्रम में कुछ समय गुजारते हैं। इसके पश्चात गुरु आज्ञा से उन्होंने दासबोध के 13 पारायण किए और रायपुर में रहते हुए उसका अनुवाद किया। समर्थ गुरु रामदास रचित ‘दासबोध’ एक अद्भुत कृति है, जिसे पढ़कर भारतीय परंपरा का ज्ञान और सामाजिक उत्तरदायित्व का भाव दोनों से परिचय मिलता है। लोकमान्य तिलक जिन दिनों मांडले जेल में थे, उन्होंने कारावास में रहते हुए ‘गीता रहस्य’ की पांडुलिपि तैयार की। इसका अनुवाद करके सप्रे जी ने हिंदी जगत को एक खास सौगात दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70641.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79de9078972eb37c996eadb4dd447d622fdf1d17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह। प्रसिद्ध समाजसेविका सुनीता कृष्णन का कुछ समय पूर्व 49वां जन्मदिन था। हर वर्ष की तरह इस बार भी वे अपने माता-पिता की शुभकामनाओं का इंतजार कर रही थीं। लेकिन फोन नहीं आया, क्योंकि दोनों ही कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती थे और उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। बेखौफ होकर अनेक लड़ाइयां लड़ने वाली योद्धा सुनीता उनके स्वास्थ्य को लेकर परेशान एवं व्यथित थीं। लोगों से दुआओं की अपील कर रही थीं और आखिरकार दुआओं का असर हुआ। माता-पिता घर वापस आ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa563381b2b123bf173efaa6a216c815293b0d92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब सामान्‍य हुई बाजार की स्‍थिति।कोरोना की दूसरी लहर के बाद जब बाजार सामान्य स्थिति की ओर है, तो अब आमजन महंगाई से लोहा ले रहा है। पहले ब्रांडेड इंजन आयल एक लीटर 300 रुपया का था, अब यह 320 रुपये का मिल रहा है। नौ सौ एमएल वाला इंजन आयल 280 की जगह 300 रुपये का हो गया है। 100 ग्राम गिरीश 17 रुपये का था, अब यह 22 रुपये का हो गया है। जैनुअन चैन स्पाकिट सैट पर 100 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। अब यह 650 रुपये में मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e933556d3cf7188ca2875efa05989172be6e3de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। उड़न सिख के नाम से दुनिया में प्रसिद्ध पद्मश्री एथलीट मिल्खा सिंह का निधन शुक्रवार रात हो गया। मिल्खा सिंह से ताजनगरी की यादें भी जुड़ी हुई हैं। वो यहां वर्ष 2016 में हुई ताज हाफ मेराथन में आए थे। ताज महोत्सव के रजत जयंती वर्ष में हुई मेराथन का उन्होंने फ्लैग दिखाकर शुभारंभ किया था। वहीं, एकलव्य स्टेडियम में खिलाड़ियों में उन्होंने जोश भरा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70644.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70644.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78b3adac7942558e474aee3a778ab4e9a6357880 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70644.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कसौली (सोलन), मनमोहन वशिष्ठ। Milkha Singh Passed Away, हाथ की लकीरों से जिंदगी बना नहीं करती अज्म कुछ हिस्सा हमारा भी है जिंदगी बनाने में। यह लाइन महान धावक उड़न सिख मिल्खा सिंह अक्सर कहा करते थे। क्योंकि बचपन में ही माता पिता व अन्य स्वजनों को विभाजन की त्रासदी के दौरान पाकिस्तान में कत्ल होने के कारण अनाथ सी जिंदगी जीने वाले मिल्खा सिंह ने अपनी मेहनत के बलबूते ही विश्व में मिल्खा सिंह का नाम गुंजायमान किया था। शुक्रवार देर रात वह काेरोना से जंग लड़ते हुए दुनिया से रुख्सत हो गए, लेकिन उनका नाम कई पीढ़ीयों तक जिंदा रहेगा। मिल्खा सिंह का हिमाचल से भी गहरा नाता था, इसलिए मिल्खा सिंह के निधन से हिमाचलवासी भी गमगीन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad08a096a1356486780f290fa4160b4b1bd20d17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70646.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विवेक ओझा। भारत सरकार ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि वह अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को मजबूती देने के लिए वहां शांति के लिए जरूरी सभी पक्षों से संपर्क में है। इसी क्रम में भारत सरकार ने इस बात से भी इन्कार नहीं किया कि वह तालिबान गुट से प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं है। भारत ने अफगानिस्तान के सभी उन नृजातीय समुदायों उज्बेक, ताजिक, हजारा के संपर्क में भी होने की बात की है जो अफगान शांति प्रक्रिया के लिए जरूरी हैं। + +दरअसल जब से अमेरिका और नाटो सदस्यों द्वारा अफगानिस्तान से अपनी सेनाएं हटाने का मुद्दा गहराया है, तभी से भारत के समक्ष भी किसी न किसी रूप में सुरक्षा चिंताएं सामने आ खड़ी हुई हैं। जिस तरह से कोविड महामारी के समय भी तालिबानी हिंसा सामने आई है और अफगानिस्तान में कई बम धमाकों में निदरेष लोगों की जानें गई हैं, उससे भारत के सामने भी प्रश्न खड़ा हुआ है कि वह तालिबान को किस तरीके से मैनेज करे। यही कारण है कि पिछले वर्ष दोहा में तालिबान पर अनौपचारिक और इंट्रा अफगान वार्ता में भारतीय विदेश मंत्री ने वर्चुअल स्तर पर सहभागिता की थी। वास्तव में अमेरिका और कुछ अन्य शक्तियां यह सवाल खड़े करते रही हैं कि अफगान शांति वार्ता में भारत की भूमिका है ही क्या? इसका जवाब भी भारत समय समय पर देता रहा है कि हर समस्या का समाधान और उसमें योगदान सैन्य स्तर पर ही हो ऐसा जरूरी नहीं है। महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं के विकास में योगदान करके भी किसी देश में शांति, स्थिरता और प्रगति को बढ़ावा दिया जा सकता है। + +तालिबान अफगानिस्तान में एक बड़ी सच्चाई है, ठीक उसी प्रकार जैसे पाकिस्तान में लश्करे तैयबा है। कोई भी महाशक्ति या क्षेत्रीय शक्ति इसे नजरअंदाज इसलिए नहीं कर सकती, क्योंकि तालिबान जैसे गुट आतंकी संगठनों का नेटवर्क बनाकर, दुनिया भर के देशों में हिंसा और आतंक के बल पर इस्लामिक किंगडम बनाने के प्रयासों को अपना समर्थन देकर वैश्विक शांति और सुरक्षा को खतरा पहुंचाते हैं। अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार और उसके शासन में तालिबान द्वारा खलल न डालना भारत के लिहाज से इसलिए जरूरी है, क्योंकि भारत अफगानिस्तान होते हुए मध्य एशिया से व्यापार करता है, ईरान अफगानिस्तान के साथ मिलकर वैकल्पिक व्यापारिक मार्गो की तलाश में लगा है, उसे ओमान की खाड़ी में मजबूती लेनी है और इसलिए तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में लगातार युद्धविराम का उल्लंघन करते रहने पर भारत के इन उद्देश्यों पर किसी न किसी रूप में नकारात्मक प्रभाव तो पड़ेगा ही। भारत ने अब तक अफगानिस्तान में जितनी भी अवसंरचनाओं को विकसित किया है, उन सबकी सुरक्षा भी बड़े स्तर पर तालिबान की मंशा पर निर्भर है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि तालिबान अफगान सरकार से प्रत्यक्ष बातचीत करे, उससे हिंसा का रास्ता त्यागने का वचन ले, ताकि यह वार्ता शुरू हो जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ae35314462a24885546032a67615e6e7752b8a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70648.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में डायलिसिस के मरीज संक्रमण की चपेट में नहीं आए। मरीजों ने खुद को संक्रमण से बचाए रखने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया। डायलिसिस यूनिट में भी शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन कराया गया। मरीज की पहले कोविड रिपोर्ट कराई जा रही थी। इसके बाद ही इलाज की सुविधा दी गई। + +जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट मरीजों के लिए संजीवनी साबित हुई। डायलिसिस के मरीज संक्रमण का शिकार नहीं हुए। इसके लिए उनकी इच्छाशक्ति भी बहुत सहायक साबित हुई। एक भी दिन मरीजों का उपचार नहीं रोका गया। संक्रमण से बचने के लिए यूनिट में भी नियमों में बदलाव कर दिया गया था। किसी मरीज को डायलिसिस करानी है तो उसने पहले मैनेजर के नंबर पर काल की। उनके द्वारा दिए गए समय पर पहुंचे। इसके साथ ही कोविड रिपोर्ट भी उनके साथ होती थी। इस वजह से यूनिट में बेड पर लेटने वाला मरीज संक्रमण का शिकार नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cae5c610e084a926714a636f55beadec6f10e8fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। छह साल की उम्र में जिस बच्चे को उसके पिता ने हाॅकी स्टिक दिलाने से इन्कार कर दिया था आज उन्हीं हाथों ने हाकी थाम विश्व भर में अपने पिता और देश का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं सुरेंद्र कुमार की। उन्‍होंने आज लगातार दूसरी बार ओलंपिक में जाने वाली भारतीय हाॅकी टीम में जगह बनाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70654.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70654.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5323af51daf308f17170e1a2af63b4fc7ae7c72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70654.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। फाइजर और माडर्ना की कोरोना वैक्सीन से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। एक नवीनतम अध्ययन के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी पुरुषों के स्पर्म काउंट यानी शुक्राणुओं का स्तर कम नहीं होता। 'जामा' नामक पत्रिका में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन में 18-50 वर्ष के 45 स्वस्थ्य वालंटियर को शामिल किया गया था, जिन्हें फाइजर-बायोएनटेक और माडर्ना के एमआरएनए कोरोना टीके लगने थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c988aef1fc8ec89ef985f8e4afe4ce4fd4f7f242 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच आम जनमानस के लिए मास्क प्रथम योद्धा साबित हुआ। संक्रमण से सुरक्षित रखने में मास्क आज भी सबसे प्रभावी है। मास्क की क्वालिटी और उसके बेहतर तरीके से उपयोग से संक्रमण के फैलाव से जंग जीती जा सकती है। मास्क संक्रमण में वाहक बने एयरोसोल और ड्रापलेट्स से सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता है।  ।डाक्टरों के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति के एयरोसोल दस मीटर से अधिक दूरी तक फैलते हैं। जबकि ड्रापलेट्स का प्रभाव दो मीटर तक रहता है। ऐसे में हवा में घूमने वाले यह अज्ञात शत्रु कभी भी हमारे शरीर पर अटैक करके संक्रमण के घेरे में ले सकते हैं। इससे बचने के लिए बेहतर क्वालिटी का मास्क लगाकर जरूर रहे। डबल लेयर मास्क को सही तरीके से लगाने से संक्रमण के दौर में सुरक्षित रहा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0143fa9dba30370e3433f46e1ce7faeaecdd9094 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70657.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आपको बता दें कि चीन की तीनों अंतरिक्ष यात्री सफलतापूर्व गुरुवार को निर्माणाधीन स्‍पेस स्‍टेशन पहुंच गए हैं। चीन के इस स्‍पेस स्‍टेशन का नाम तियांहे है। चीन के तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को शेनझेउ-12 से स्‍थानीय समयानुसार सुबह 9:22 बजे जियुक्वान सैटेलाइट लांच सेंटर से लॉन्‍च किया गया था। इस यान को लांग मार्च-2एफ राकेट के जरिये रवाना किया गया था। चीन में इस लॉन्चिंग का सीधा प्रसारण भी किया गया था। रवानगी के छह घंटे बाद ये तीनों सफलतापूर्वक स्‍पेस स्‍टेशन पहुंच गए। वर्ष 2016 के बाद पहली बार उसके अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में पहुंचे हैं। चीन के स्‍पेस मिशन में ये एक बड़ा और अहम कदम भी माना जा रहा है। + +गौरतलब है कि चीन ने अपना स्‍पेस स्‍टेशन तियांहे बनाने के लिए इसके कोर मॉड्यूल को 29 अप्रैल को लॉन्‍च किया था। ये कंट्रोल हब के रूप में काम करता है। ये करीब 16.6 मीटर लंबा और 22.5 टन वजनी है। अब तीन महीने तक चीन के तीनों अंतरिक्षयात्री निए हैशेंप, लियू बोमिंग और तांग होंग्बो, इसमें ही रहकर स्‍पेस स्‍टेशन के निर्माण और इसकी देखरेख का काम करेंगे। चीन का ये स्‍पेस स्‍टेशन टी आकार का है। इसके बीच में कोर मॉड्यूल और सभी किनारों पर एक लैब कैप्सूल है। इस स्‍टेशन की खासियत ये भी है कि इस पर मानव और कार्गो दोनों की व्‍यवस्‍था की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..630597b24f36cced1d1d71be5f480cf02b5c2ed7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोविड महामारी में जहां वैश्विक स्‍तर के अधिकतर नेताओं की लोकप्रियता हिचकोले खाती दिखाई दी है वहीं, भारत के प्रधानमंत्री की स्थिति जस की तस बनी हुई है। वो आज भी दुनिया में सबसे अधिक लोकप्रिय और स्‍वीकार्य नेता हैं। इस बात की पुष्टि अमेरिकी डाटा इंटेलिजेंस फर्म के आंकड़े कह रहे हैं। फर्म के मॉर्निंग कंसल्‍ट सर्वे में ये बात साफतौर पर दिखाई दे रही है। इस सर्वे के मुताबिक, स्‍वीकार्यता के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में अन्‍य नेताओं पर भारी पड़े हैं। सर्वे के मुताबिक, पीएम मोदी की ग्‍लोबल एप्रूवल रेटिंग 66 फीसद है। आंकड़े बता दें कि रहे हैं कि पीएम मोदी, अमेरिका रूस, ब्रिटेन, ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, ब्राजील और जर्मनी समेत विश्‍व के अन्‍य 13 नेताओं की तुलना में कहीं आगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20a4e4e87e68909c25e43f3dce10c02bdbdaac86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपेश पांडेय, मुंबईl हालिया रिलीज ‘हंगामा 2’ में अभिनेता राजपाल यादव अपने चिर-परिचित अंदाज में कॉमेडी करते दिखे। यह साल 2003 में रिलीज हुई ‘हंगामा’ की सीक्वल है। मूल फिल्म का भी हिस्सा रहे राजपाल ने साझा किए अपने जज्बात.. ‘हंगामा’ सीरीज को लेकर राजपाल कहते हैं, ‘इन दोनों फिल्मों में निर्देशक प्रियन (प्रियदर्शन) जी का हंगामा है। वह कामेडी आफ एरर (परिस्थितिवश होने वाली घटनाओं से हास्य पैदा होना) के मास्टर माने जाते हैं। उन्होंने जितनी भी क्षेत्रीय या हिंदी फिल्में बनाई हैं, उन सभी में उन्होंने विभिन्न परिस्थितियों के मुताबिक रियलिस्टिक अंदाज में हास्य जोड़ा है। मूल फिल्म ‘हंगामा’ की कहानी और किरदार दर्शकों को खूब पसंद आए थे। ‘हंगामा 2’ बिल्कुल अलग और नई कहानी है, इसमें कुछ पुराने कलाकार हैं और कुछ नए। इस तरह पूरी फिल्म नए और पुराने कलाकारों का जमावड़ा है।’।पहले ही दिन फाड़े कपड़े ।मूल फिल्म ‘हंगामा’ से जुड़ी यादें साझा करते हुए राजपाल बताते हैं, ‘मेरी जिंदगी में ‘हंगामा’ से थ्री डाइमेंशनल हंगामा हुआ था, यह फिल्म मुझे आजीवन याद रहेगी। प्रियन जी से मेरी पहली मुलाकात एक विज्ञापन की शूटिंग के दौरान हुई थी। उसमें मैंने अमिताभ बच्चन साहब के साथ काम किया था। उसके बाद प्रियन जी ने मुझे ‘हंगामा’ के लिए बुलाया। शूटिंग के लिए जब मैं चेन्नई स्थित सेट पर पहुंचा तो पता चला कि क्लाइमेक्स सीन शूट हो रहा है। प्रियन जी ने सबसे पहले मेरी शर्ट फाड़ दी। उसके बाद क्लाइमेक्स सीन की शूटिंग हुई। फिल्म तैयार होने के बाद जब हमने वह सीन देखा तो पता चला कि उस सीन में कपड़े फाड़ने की क्या अहमियत थी। उसी दिन के बाद से हम दोनों की गजब की केमिस्ट्री बैठ गई और हमने एक साथ कई फिल्मों में काम किया।’।अन्य शहरों में हों फिल्मसिटी।अभिनय के साथ-साथ राजपाल काफी समय से पीलीभीत सहित उत्तर प्रदेश के शहरों में फिल्मसिटी की मांग करते आए हैं। उनका कहना है, ‘मैं इसे क्रिकेट के उदाहरण से बता सकता हूं। पहले क्रिकेट चार-पांच शहरों का खेल था। धीरे-धीरे यह छोटे-छोटे शहरों में पहुंचा और अब आईपीएल से यह हर घर में पहुंच चुका है। इसी तरह कला भी जितनी बिखरती है, उतनी निखरती है। अपने देश में करीब 14 भाषाओं में प्रापर (सुव्यवस्थित) सिनेमा बनता है। मेरी कोशिश यह है कि अंग्रेजी और हिंदी के साथ क्षेत्रीय सिनेमा भी इतने बड़े स्तर पर बने कि लाखों लोगों को इससे रोजगार मिले। ओटीटी प्लेटफार्म से सिनेमा की पहुंच क्षेत्रीय स्तर पर भी काफी बढ़ी है। मुंबई फिल्मसिटी ही मेरी जिंदगी की पहली और आखिरी फिल्मसिटी रहेगी, क्योंकि उसी से मुझे पूरी दुनिया में पहचान मिली है। अगर देश के अन्य भागों में भी फिल्मसिटी का विकास हो तो सिनेमा के लिए और बेहतर होगा। मेरी बस यही कोशिश रहती है कि देश में ज्यादा से ज्यादा फिल्मसिटी खुलें। हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्मसिटी इस बात की गवाह है कि जितनी ज्यादा फिल्मसिटी होंगी, उतने ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी चलेगी।’।संतुलन बनाने की कोशिश।‘हंगामा 2’ और ‘भूलभुलैया 2’ जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल करने के अलावा राजपाल आगामी फिल्मों ‘फादर आन सेल’ और ‘द क्रेजी किंग’ में मुख्य भूमिका में भी हैं। इस संबंध में वे कहते हैं, ‘मेरी तो शुरुआत ही मिले-जुले किरदारों के साथ हुई थी। पहले सपोर्टिंग और निगेटिव किरदारों से शुरुआत की, फिर ‘मैं, मेरी पत्नी और वो’, ‘रामा रामा क्या है ड्रामा’ जैसी एक-दो नहीं बल्कि करीब 15-16 फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई। उसके साथ कामेडी भी चलती रही, लेकिन ज्यादा कामर्शियल होने के कारण कामेडी फिल्में अधिक लोकप्रिय हो जाती हैं। हालांकि, मेरी कोशिश रहती है कि दोनों तरह के किरदार आईपीएल और टेस्ट मैच की तरह खेलता रहूं।’।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7f42c3e83c3d83a47a3f101cc69e27a65b9f64c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70662.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। बूंद बूंद पानी के लिए राजधानी दिल्ली के बलजीत नगर इलाके में इन दिनों कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए सभी नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, जिससे लोगों को जान का खतरा भी सता रहा हैं। वहीं, लोगों को भयानक गर्मी के बीच घंटों कतार में खड़े होकर पानी के लिए तरसना पड़ता है। घंटों बारी का इंतजार करने के बाद जब नंबर आता भी है तो पानी की कैन भरने को लेकर लोगों के बीच झडप तक हो जाती है। इतना ही नहीं लोगों का कहना है कि वह पिछले 20 सालों से अधिक समय से ऐसे ही अपनी जिंदगी बिता रहे हैं, जिसकी अब उन्हें आदत से हो गई हैं। तमाम सरकार और विधायक आए और चले गए, लेकिन किसी ने भी उनकी इस समस्या का हल नहीं निकाला। + +बलजीत नगर, पंजाबी बस्ती, नेपाली मंदिर इलाके, और प्रेम नगर कालोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि वह वर्षों से अपने क्षेत्र में पीने के पानी की पाइप लाइन बिछाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस बीच तमाम सरकारें बनी और चलीं गई, लेकिन आज तक किसी भी सरकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। स्थानीय पार्षद, विधायक, मंत्री, जल बोर्ड और तमाम सरकारी अधिकारियों से इसकी शिकायत की जा चुकी हैं, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आज भी कालोनी की रहने वाली महिलाएं गांव की तरह ही पानी भरने के लिए घरों से कई सौ मीटर दूर तक जाती हैं और अपने सिर या हाथों में पानी की कैन व बाल्टी लेकर आती हैं। इसके अलावा छात्र अपनी पढ़ाई छोड़कर धूप में बैठकर घंटों तक पानी के टैंकर का इंतजार करते हैं। लोगों का कहना है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी कई बार आकर निरीक्षण करके चले गए हैं, लेकिन आज तक पाइप लाइन नहीं बिछी है। ।35 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा फायदा।नेपाली मंदिर कालोनी, नेहरूनगर, पंजाबी बस्ती और बलजीत नगर इलाके में करीब 35 हजार से अधिक लोग आज के युग में भी पानी के लिए तरस रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इस इलाके में पानी की लाइन बिछती हैं तो हजारों की संख्या में लोगों को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा। उनका कहना है कि सरकार को केवल लोगों को वोट बैंक के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि उनकी समस्याओं को निस्तारण भी करना चाहिए। + +लोगों के वर्जन।- इलाके में पीने के पानी की 20 से अधिक साल से परेशानी बनी हुई हैं। अब भी लोगों को लाइन में लगकर पानी लेने के लिए जाना पड़ता है। वहीं, ड्यृटी जाने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी होती है। ।श्रीराम।------।पानी के टैंकर पर पानी भरते हुए अकसर लोगों के बीच झगड़े होते हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं देता है। । फूलमती देवी।-----------।पढ़ाई छोड़कर घंटों पानी के टैंकर का इंतजार करना होता है। बारी बारी से नंबर आने में देरी होती है। लोग परेशान है। अगर कालोनी में पानी की पाइप लाइन बिछ जाएगी तो सभी को फायदा होगा। ।दीपचंद।-------।कोरोना संक्रमण फैलने को सबसे अधिक खतरा बना हुआ है। दूसरी लहर के दौरान कालोनियों के बहुत सारे लोगों को संक्रमण भी हुआ, लेकिन इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। ।राहुल। विधायक का पक्ष।- कुछ इलाकों में पानी की पाइप लाइन बिछने का काम रह गया है। उसका बजट बनाकर भेजा गया है, जल्द ही लोगों की समस्या का निस्तारण हो जाएगा और लोगों को पानी मिलने लगेगा। । राज कुमार आनंद, विधायक आप, पटेल नगर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e977b3eed5637699f627613699a197b0475c4eb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70664.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्वीट के जरिए दुनिया का भावनात्मक सर्वे ।दुनिया में जब कोरोना वायरस का प्रसार चरम पर था उस वक्‍त ट्वीट के जरिए एक सर्वे कराया गया। कोरोना काल में ट्वीट के जरिए लोगों के भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक विश्‍लेषण का प्रयास किया गया। इसमें लोगों के अंदर भय, खुशी और दुख के ट्वीट को अलग किया गया। खास बात यह है कि सर्वाधिक ट्वीट भय से जुड़े थे। दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर लोग सहमें हुए हैं। दुख, डर, गुस्सा संबंधी ट्वीट करने वाले टॉप पांच देशों में अमेरिका अग्रणी राष्‍ट्र है। हालांकि, कोरोना वैक्‍सीनेशन में तेजी के कारण अमेरिका में कोरोना का कहर पहली लहर के बाजए कम था, लेकिन लोगों के अंदर पर्याप्‍त भय व्‍याप्‍त था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90672623e523be9964f3eb7cdb8d84d1b9ad8487 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70666.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की सिर्फ आगरा जिले के 152393 उपभोक्ताओं पर 111078 लाख रुपये की बकाएदारी है। अगर अन्य बीस जिलों की बकाएदारी की बात करें तो 1334591 उपभोक्ताओं पर 823654 लाख रुपये की बकाएदारी है। इसे लेकर प्रबंध निदेशक गंभीर हैं और बकाएदारों से वसूली के निर्देश दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d43995a0996f9668be1b77e2e37f97b2ba182000 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। Bhavy Ayodhya Township: राममंदिर पर फैसला आने के बाद अयोध्या को ग्लोबल टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने में जुटी योगी सरकार के प्रयासों से पूरा विश्व रामनगरी की ओर आकर्षित है। इसीलिए दुनिया की नामी संस्थाएं, उद्यमी व विशिष्टजन रामनगरी में स्थान पाने को उत्सुक नजर आ रहे हैं। सनातन धर्मशाला, पांच सितारा होटल तो कोई यहां मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल और गोल्फ कोर्स बनाना चाहता है। भव्य अयोध्या टाउनशिप में अपना स्थान सुनिश्चित कराने के लिए देश-विदेश की 34 नामी संस्थाएं सामने आ चुकी हैं। विकास प्राधिकरण सरकार की मंशा को फलीभूत करने में लगा है। आवास विकास परिषद से जुड़े एक उच्चाधिकारी की मानें तो अभी तक 200 एकड़ का प्रस्ताव मिल चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7c622a6fe3ad9dcf7204328817c68732f6730ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70669.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहले किसी और को लगा दी थी वैक्सीन। हीरेंद्र ने बताया कि उनके साथ केवल यही लापरवाही नहीं हुई है, बल्कि पहले उनके अप्वाइंटमेंट पर किसी और को वैक्सीन लगा दी गई थी। हीरेंद्र ने बताया कि पांच जून को उनका वैक्सीन लगवाने का अप्वाइंटमेंट था। वो तय समय पर विभव नगर वैक्सीनेशन केंद्र पर पहुंच गए। यहां पर उन्हें बताया गया कि सर्वर डाउन है, इसलिए उन्हें वैक्सीन नहीं लग पाएगी। वो अगले दिन आएं। इस पर हीरेंद्र घर वापस आ गए। मगर, घर पहुंचकर उनके पास मैसेज आया कि उनको वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। वो अगले दिन वैक्सीनेशन केंद्र गए और मैसेज दिखाया तो वहां पर किसी ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद हीरेंद्र ने टोल फ्री नंबर 1075 पर शिकायत दर्ज कराई। सीएमओ को अपनी परेशानी बताई। तब उन्हें वैक्सीन लगी, लेकिन उसमें भी लापरवाही हो गई। + +दो डोज के बाद तीसरी का मैसेज। वैक्सीन लगवाने मे केवल हीरेंद्र के साथ ही लापरवाही नहीं हुई है, बल्कि ट्रांस यमुना कालोनी निवासी शिवकुमार गुप्ता के साथ भी ऐसा हुआ है। 70 वर्षीय शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि चार अप्रेल को उनको दूसरी डोज लग गई थी। मगर, 10 दिन पहले उनके पास दूसरी डोज लगवाने के लिए मैसेज आया। ऐसे में वो चौंक गए। जब उन्होंने आनलाइन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उसमें वैक्सीन की डोज की तिथि जून से जुलाई के बीच दिखा रहा था। उनका कहना है कि वो तो जागरूक हैं, इसलिए फिर तीसरी डोज नहीं लगवाई। अगर कोई व्यक्ति मैसेज को देखकर तीसरी डोज लगवा लेता तो उसके साथ परेशानी हो सकती।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b724cee444f519a6a45d38dce26a41b66fb49403 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीडीए फ्लैट इलाके के रहने वाले लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच लोगों ने मोहल्ला क्लीनिक नहीं बनने का अफसोस जताया था, लेकिन लोग बेबस रहे और मजबूरी में जांच के लिए और उपचार के लिए लोकनायक और जीबी पंत अस्पताल तक गए। जहां उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक रहा। ।ऐसे में अगर कालोनी का ही मोहल्ला क्लीनिक शुरू हो चुका होता तो आज लोग अपने क्षेत्र में रहकर ही उपचार व कोरोना की जांच करा सकते थे। सरकार अगर अब भी ढांचे को क्लीनिक के रूप में बनाकर तैयार कर दें तो इसमें टीकाकरण केंद्र भी बनाया जा सकता है। इस संबंध में विधायक शोएब इकबाल से फोन पर बातचीत की कोशिश की गई। संदेश भी डाला गया, पर जवाब नहीं आया। ।इन कालोनियों के लोगों को मिलेगी मदद ।डीडीए फ्लैट, सगुर की डंडी, एलएनजेपी कालोनी, तकिया काले खान, मीर तक रोड, 64 खंभा रोड ।पहले था शराबियों का अड्डा अब बना हुआ है गोदाम ।लोगों का कहना है कि मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर तैयार खड़े ढांचे में कुछ दिनों पहले तक शराबियों और जुआरियों का अड्डा बना हुआ था। कालोनी के लोगों ने एकत्र होकर इसका विरोध किया तो वह खाली हुआ। इसके बाद अब उसमें सब्जी वालों का गोदाम बना हुआ है। वहीं, लकड़ी का काम करने वाले लोग भी इसमें अपना सामान रखकर इसका प्रयोग कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6104318b5bd982aaa441bd1908c07320d53e82bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद, मदन पांचाल। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण में मानसून आने से पहले ही निर्माण टूटने एवं धंसने लगा है। डासना से मेरठ के बीच बनाए गए सात सौ मीटर लंबे एलिवेटेड रोड की आकाश नगर के पास मिट्टी भी धंसने लगी है। मिट्टी धंसने से एलिवेटेड रोड की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। यदि शीघ्र ही इसे ठीक नहीं किया गया तो एक्सप्रेस-वे पर बड़ा हादसा हो सकता है। ।डासना से मेरठ के बीच एक्सप्रेस-वे की मुख्य लेन के दोनों तरफ मिट्टी धंसने, पानी निकासी के लिए बनाई गई नालियों के टूटने और सड़क के बीच कई स्थानों पर छोटे-बड़े गड्ढे मिलने के बाद निर्माण कंपनी के अलावा एनएचएआइ के अफसरों की नींद उड़ गई है। बृहस्पतिवार को हुई बारिश के चलते कई स्थानों पर निर्माण टूट गया है। एक्सप्रेस-वे पर बारिश का पानी भरने से सड़क एवं फुटपाथ में दरारें आ गई हैं। ।बारिश का पानी निकालते रहे कर्मचारी ।बृहस्पतिवार को एनएचएआइ के अफसरों के निर्देश पर निर्माण कंपनी के दर्जनों कर्मचारी बारिश का पानी निकालने में जुटे रहे। इसके लिए एक वाहन का भी उपयोग किया गया। वाहन के जरिये पानी को समेटकर ड्रेनेज होल तक लाया गया और कर्मचारी होल में लोहे की राड डालकर उसमें जमे कंक्रीट को तोड़कर पानी निकालने का प्रयास करते रहे। यह कंक्रीट निर्माण कंपनी की लापरवाही की वजह से ही ड्रेनेज होल में जमा रह गया है। इसे निर्माण के समय ही निकाला जाना चाहिए था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53faf0090b77811d65cf87201f08a0d16a6df9cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70675.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नोएडा [पारुल रांझा]। योग एक साधना है, जिससे तन ही नहीं मन भी संतुलित होता है। इसलिए रोग भगाने के लिए योग जरूरी है। इस बात को सच कर दिखाया है नोएडा सेक्टर-21 जलवायु विहार लाफ्टर क्लब के सदस्यों ने। आनलाइन माध्यम से रोजाना एक साथ योग कर ये न केवल सांसों की डोर मजबूत कर रहे है, बल्कि दूसरों को विभिन्न बीमारियों से मुक्त करवाकर नई जिंदगी दे रहे हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं, जो जिंदगी की उम्मीद से हार चुके थे उनको योग ने नया जीवन दिया है। यही वजह है कि भारत के अलावा कनाडा, अमेरिका, दुबई, जर्मनी, फ्रांस, श्रीलंका आदि देशों के लोग भी रोजाना योग सेशन से जुड़ते है। इस ग्रुप में करीब 250 लोग शामिल है। 17 मार्च 2020 के बाद से ही वर्चुअल तरीके से कनेक्ट होकर योग करना शुरू किया। सुबह, शाम व दोपहर में अलग-अलग पाली में 60 मिनट का सेशन होता है। विभिन्न देशों के लोग अपने समय के हिसाब से वर्चुअल सेशन में जुड़ते हैं। महामारी में योग इन लोगों के लिए सुरक्षा कवच की तरह भी काम कर रहा है। पिछले एक वर्ष में 120 से अधिक लोग कोरोना को योग से मात दे चुके हैं। + +सीमा को मिली नई जिंदगी।नोएडा सेक्टर-77 निवासी सीमा बताती हैं कि शरीर के एक हिस्से में अधरंग होने से तनाव में रहने लगी थी। शरीर के एक हिस्सा सूना रहने के साथ ही टांग में भी दर्द रहता था एक बाजू भी सून हो गई। डाक्टर्स ने बताया कि बीमारी का लंबा इलाज चलेगा। चलने-फिरने कोई गारंटी नहीं है। उनकी एक मित्र ने नियमित योग की सलाह दी। सुबह व शाम को योग करने पर बीमारी में सुधार हुआ। करीब एक वर्ष नियमित योग करने के बाद अधरंग खत्म हो गया और अब वाहन भी आराम से चला पाती हैं। + +भारत के अलावा अन्य देशों के लोग भी रोजाना योग सेशन का उठा रहे लाभ।युक्ति आर्या (ब्रांड एंबेसडर, फिट इंडिया अभियान) का कहना है कि कपालभाति और अनुलोम-विलोम करने से शरीर में रक्त का संचालन ठीक होता है। सभी आंतरिक अंगों तक आक्सीजन पहुंचती है। मानसिक शांति भी मिलती है। इसी वजह से योग की क्रियाओं से विभिन्न तरह की बीमारियां दूर होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d430c116a945dd1185321f8dd5f720ccbc867a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. लक्ष्मी शंकर यादव। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर हाल के दिनों में कुछ विशेषज्ञों ने प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने के सिद्धांत पर जोर दिया है। पहले तो इसे साजिश के रूप में खारिज कर दिया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी हाल ही में प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने के सिद्धांत सहित कोरोना की उत्पत्ति कैसे हुई, इसकी जांच करने के लिए दोबारा प्रयास करने के आदेश दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd6aee865ecbb512e83506581af6e58da2ab7378 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तो फिर सवाल है कि ‘कृत्रिम अभाव के इस खेल’ का दरवाजा आखिरकार खुलता कहां से है। इस मामले में सबसे पहली जिम्मेदारी तो सरकारों की है। समय रहते आपदा के लिए आवश्यक तंत्र विकसित करने में असफल रही सरकारों ने अनजाने में ही इस खेल की जमीन तैयार कर दी। अगर इस खतरे का अनुमान कर मांग-आपूíत की स्वस्थ प्रणाली विकसित कर ली गई होती तो लूट का अवसर ही पैदा नहीं होता। दूसरी बात कि राज्य व केंद्र का विशाल प्रशासनिक तंत्र कालाबाजारी के समक्ष यूं असहाय कैसे बना रहा? खासकर महामारी के समय जब प्रशासन को अतिरिक्त शक्तियां मिली हुई हैं, तब यह किस प्रकार संभव हुआ कि व्यवसायी गैर-कानूनी और अनैतिक कार्यो को संचालित करते रहे? यह अकर्मण्यता अभाव को और गहरा करने में सफल हुई। इसी प्रकार रेमडेसिविर समेत कई अन्य अति आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी भी पकड़ी गई। इस प्रकार के कई मामले सामने आए। यहां से इस बात की कल्पना की जा सकती है कि ‘सीमित मात्र में भी कमी किस प्रकार गुणात्मक भय उत्पन्न कर सकता है और यह भय गुणात्मक लाभ में परिणत हो सकता है।’।अस्पतालों में कोविड बेड निर्धारण और उसके आवंटन की प्रक्रिया भी इतनी अपारदर्शी है कि अनियंत्रित लाभ की संभावना उत्पन्न करती है। खासकर निजी अस्पतालों में इस बात को प्रत्यक्ष होता देखा जा सकता है। कहने का भाव यह है कि महामारी के समय जब वैसे ही संसाधन कम हैं, इस कमी को और गहरा करने की कोशिश की जा रही है। दुर्भाग्य से यह कमी काफी संगठित तरीके से योजनाबद्ध प्रतीत होती है। इस बीमारी से लड़ने के साथ साथ अब इससे लड़ने की भी आवश्यकता है कि एक आम नागरिक का जीवन किसी लूटतंत्र की भेंट न चढ़ने पाए। भारत का संविधान जीवन का अधिकार देता है और सरकार के हरेक अंग की यह जिम्मेदारी है कि नागरिकों का यह अधिकार अक्षुण्ण बना रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b2c0829c5a8c856014d2909258f76d283c52ea0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70680.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इधर, मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए कांग्रेस विधायकों की लाबिंग भी पार्टी के लिए मुसीबत बन सकती है। चार से पांच विधायक रांची से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। इसमें कोलेबिरा के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी और हाल के दिनों में संगठन स्तर पर काफी मजबूत बनकर उभरीं दीपिका पांडेय सिंह प्रमुख रूप से शामिल हैं। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) का भाजपा में विलय हो जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए विधायक प्रदीप यादव भी गंभीर दावेदारों में शामिल हैं। हालांकि झाविमो के विलय को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के यहां चल रही सुनवाई उनकी दौड़ में बाधा डाल सकती है। कुछ और विधायक भी अपनी गोटियां बिछाने में मशगूल हैं। + +वैसे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने इसके लिए हरी झंडी दे रखी है, लेकिन झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव नहीं चाहते कि सुखदेव भगत पार्टी में वापस लौटें। दो कद्दावर नेताओं की नापसंद होने के कारण सुखदेव भगत की कांग्रेस में फिर से एंट्री पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव की जगह जल्द ही कोई नया अध्यक्ष भी मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70684.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3697385e2af26f04fe83cd59ffd9e7928be4759 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70684.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनिया में चल रही पेटेंट व्यवस्था और अन्य प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकारों के चलते कंपनियां अत्यंत महंगी कीमत पर वैक्सीन बेच रही हैं। गौरतलब है कि भारत में प्रारंभिक दौर में सरकार द्वारा अधिकांशत: मुफ्त और प्राइवेट सेक्टर में करीब 250 रुपये की दर से वैक्सीन की डोज लगाई गई। अभी भी वैक्सीन सरकार द्वारा 150 रुपये प्रति डोज की दर से खरीदी जा रही है। फाइजर और मॉडर्ना सरीखी कंपनियां 20 से 50 डॉलर (यानी 1500 से 3750 रुपये) प्रति डोज की दर से वैक्सीन बेच रही हैं। गरीब देशों की सरकारें अथवा लोग इतनी महंगी वैक्सीन खरीदने में सक्षम नहीं हैं। सर्व सुलभ वैक्सीन के लिए कीमत सबसे बड़ी बाधा है। समझ सकते हैं कि वैक्सीन की ऊंची कीमत के पीछे पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार सबसे बड़ी बाधा है। इस बाधा को पार करने के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व व्यापार संगठन में यह गुहार लगाई है कि इस महामारी के दौरान इस पेटेंट व्यवस्था से मुक्ति दी जाए। इस गुहार का नाम है ‘टिप्स वेवर’ यानी टिप्स से मुक्ति। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97ba7e6e0f72408d6f35afc8af6e280e142438f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा के करीब एक लाख लोग हर साल परिवार और बच्चों के साथ पिकनिक मनाने जाते हैं। यह परिवार आगरा और आसपास के पिकनिक स्थलों, पर्यटन स्थलों व पहाड़ों पर जाते थे। स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी होते ही शहर के करीब एक दर्जन प्रमुख पिकनिक स्थल गुलजार हो जाते थे। अभिभावक बच्चों के साथ इन पिकनिक स्थलों की रौनक बढ़़ाते दिखाई देते थे। पिछले साल मार्च से महामारी के प्रकोप ने पिकनिक के रोमांच को खत्म कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cf4aa5fe10710863176d061aced17df629e4cb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम विभाग का अलर्ट : मौसम विज्ञान विभाग ने इस पूरे सप्‍ताह बादलों की आवजाही और बारिश का संकेत दिया है। मौसम का रुख ऐसा ही बना रहा तो आने वाले दिनों में बारिश का क्रम और भी आगे तक रहेगा। इस पूरे मानसूनी सत्र में मौसम विज्ञानी मानसून के पूरी तरह सक्रिय रहने का अनुमान जाहिर किया है। इसकी वजह से बारिश का दौर आगे भी शहर को चुनौती देता नजर आएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1be5059461356df966ec1040772536a1fc5f5cdc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीते दिनों तो पांच पोलियो कार्यकर्ताओं को भी मार डाला गया। पिछले महीने काबुल में एक स्कूल पर बमों से हमला कर 90 स्कूली लड़कियों और अन्य लोगों को मार डाला गया था, किंतु आश्चर्य है कि अफगानिस्तान का संहार दुनिया के मीडिया में कोई खास समाचार नहीं बनता। इसके विपरीत गाजा में एक मृतक मुस्लिम बच्ची का फुटेज, नाम सहित दुनिया भर के मीडिया में कई दिन चलते रहे। ऐसा विचित्र भैंगापन क्यों? क्या केवल इसलिए, क्योंकि अफगानिस्तान में सैकड़ों निदरेष मुसलमानों की हत्याएं मुसलमानों ने ही कीं?।केवल अफगानिस्तान में ही बच्चे और महिलाएं हिंसा का शिकार नहीं बनते। ऐसा और देशों में भी होता है, जहां मुसलमान ही मुसलमान की हत्या करते हैं। कुछ वर्ष पहले पेशावर, पाकिस्तान में एक स्कूल में टाइम-बम लगाकर तहरीके-तालिबान ने सौ से अधिक स्कूली बच्चों और उनके अलावा अनेक शिक्षकों, कर्मचारियों को मार डाला था। वही हिसाब था: मृतक बच्चे मुसलमान थे तथा मारने वाले भी मुसलमान। मस्जिदों पर हमले कर सालाना असंख्य निदरेष मुसलमानों को मार डालना पाकिस्तान में भी नियमित है। बलूचिस्तान के शिया नेता सैयद दाउद आगा के अनुसार, हम तो बस कब्र खोदने वाले समुदाय बन गए हैं। वे हमारी मस्जिदों के सामने आ-आकर मार डालो के आह्वान करते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a33b0698fa5381a9afde9c7b93c0419a28dd34a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली देश की राजधानी जरूर है, लेकिन रहने योग्य शहरों की सूची में कई राज्यों की राजधानी से भी पीछे है। ज्यादातर मानकों में दिल्ली को प्रथम श्रेणी यानी 60 फीसद अंक भी नहीं मिलते। यह सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरनमेंट (सीएसई) की नई सांख्यिकीय विश्लेषण रिपोर्ट स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट में। आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय शहरों में सतत विकास और रहने की स्थिति आज भी बहुत अच्छी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c90ebb569a9a9e7ac4e2fc821892f772e0a98ec6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिसाइल भेजने के लिए बनाए गए ईंधन की खासियत ये है कि यह अधिक देर तक जलता है। शुरुआती परीक्षण में इसे बेहतर पाया गया है। अब मिसाइलों में इस्तेमाल के लिए इसका परीक्षण किया जा रहा है। शहर के उद्यमी व स्वदेशी ईंधन पर काम करने वाले मिनरल आयल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक विकास चंद्र अग्रवाल ने बताया कि मिसाइल का ईंधन अभी तक विदेश से आता है। कोरोना काल में करीब एक वर्ष के शोध के बाद उन्होंने मिसाइल का ईंधन बनाया है। एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेङ्क्षस्टग एंड कैलीब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। अब उच्च स्तरीय परीक्षण के लिए सेना को भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही मिसाइलों में इसका इस्तेमाल किया जाने लगेगा। यह ईंधन के साथ बूस्टर भी है, जो मिसाइल को रफ्तार देने का भी काम करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..751b9dd805ea68f2897c529003b8326ce74af268 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तैयार किया जा रहा स्टडी पेपर।जीएसवीएम मेडिकल कालेज में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. लुबना खान बताते हैं कि रेटिना और आंख के लेंस के बीच पारदर्शी जेली जैसा द्रव्य होता है, जिसे विट्रस कहते हैं। रेटिना और लेंस के बीच लाइट बिना रुकावट इस पारदर्शी द्रव्य के जरिए आती है, जिससे तस्वीर बनती है। इसमें किसी प्रकार की कोई कोशिका (सेल) या कुछ और नहीं होता है। विट्रस में फंगस मिलना बहुत ही आश्चर्य की बात है। इसका स्टडी पेपर तैयार किया जा रहा है, जो भविष्य में मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में मददगार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70695.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7045c5c87e4c2ef572e0582396cfe7ecd95d6cd7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70695.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित राज्य के करीब 50 हजार परिवारों को बड़ी राहत देने वाली है। यह परिवार वे हैं, जो अवैध कालोनियों में घर बनाकर रह रहे हैं या जिन्होंने ऐसी अवैध कालोनियों में प्लाट या मकान खरीद रखे हैं। राज्य में ऐसी अवैध कालोनियों की संख्या 1200 के आसपास है। प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार इन अवैध कालोनियों को नियमित करने जा रही है। इन कालोनियों में रहने वाले लोगों से डेवलपमेंट चार्ज (विकास शुल्क) लेकर उनकी प्रापर्टी को नियमित कर दिया जाएगा। + +हरियाणा सरकार ने राज्य में समस्त कालोनाइजरों से अवैध कालोनियों को नियमित करने संबंधी आवेदन मांगे हैं। शहरी निकाय विभाग के जरिये सरकार के पास करीब 1200 कालोनियों की जानकारी पहुंची है। प्रदेश सरकार ने विकास शुल्क लेकर इन कालोनियों को नियमित करने के साथ ही बिजली के मीटर, जल कनेक्शन और सीवरेज कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। साथ ही यह भी फैसला लिया है कि यदि भविष्य में कोई अवैध कालोनी विकसित होती है तो उसे न तो नियमित किया जाएगा और न ही बिजली, पानी व सीवरेज कनेक्शन की कोई सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा संपत्ति की रजिस्ट्री के दौरान आनलाइन प्रक्रिया लागू करने के बाद अवैध कालोनियों के कारोबार पर अंकुश लगने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4f390419f9230c0de7819ea19f2897fbb0b462d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब, राजस्थान और केरल से लेकर गुजरात की प्रदेश इकाईयों की चल रही खटपट को सुलझाने की कसरत तेज कर दी है और इस क्रम में सभी गुटों के बीच संतुलन बनाने के लिए सुलह फार्मूले के विकल्पों पर सहमति बनाने की मंत्रणा चल रही है। सुलह के फार्मूलों पर पार्टी रणनीतिकारों की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से वार्ता लगभग अंतिम मुकाम पर पहुंच गई है और साफ संकेत हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू तथा सचिन पायलट की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान जल्द ही इन दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..833a83f433e09837b13ac3cac08ad957a0ae0642 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मास्को, रॉयटर्स। बुधवार को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विश्व की दो सबसे ताकतवर शख्सियतें आमने-सामने थीं। अमेरिका और रूस के बिगड़े संबंधों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात हुई। बाइडन और पुतिन की मुलाकात से पहले मीडिया में तरह-तरह की अटखले थीं। लेकिन अब अटखलों के उल्ट परिस्थितियां हैं। गुरूवार को पुतिन ने बाइडन की तारीफों के पुल बांध दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8755e17a7572acd8752728a159ff081ec6d48f39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70702.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मिलेगा मताधिकार, बनेंगे अलग-अलग वोट, जन्म के बाद माता-पिता ने छोड़ा, पिंगलवाड़ा में हुई परवरिश।14 जून, 2003 को दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में जन्मे सोहणा और मोहणा अब बालिग हो गए हैं। अब उन्हें वोट का अधिकार मिल जाएगा। दोनों ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का तीन वर्ष का डिप्लोमा भी कर लिया है। दोनों की जिंदगी आसान नहीं रही। वह छाती के नीचे से एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। दोनों के सिर, छाती, दिल, फेफड़े और रीढ़ अलग-अलग हैं लेकिन बाकी शरीर में किडनी, लीवर, और ब्लेडर सहित शरीर के अन्य सभी अंग एक ही व्यक्ति की तरह हैं। + +सोहणा और मोहणा काम करते हुए। (जागरण)।इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में किया डिप्लोमा, दोनों के रोल नंबर अलग।यह भी अदभुत है कि एक-दूसरे से जुड़े युवा हो चुके सरकारी दस्तावेज में अलग-अलग व्यक्ति हैं। दसवीं, 12वीं और इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा की परीक्षा में उनके रोल नंबर अलग-अलग थे। आधार कार्ड भी अलग-अलग हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ebb016a91b3bb82eb03d5832f5ae97baa30fc53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70706.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में बिना रेफर के अचानक भर्ती होने पर अब सभी कर्मचारियों के इमरजेंसी का खर्च रेलवे प्रशासन उठाएगा। इमरजेंसी केस नहीं होने की दशा में भी 24 घंटे चले इलाज में आने वाला व्यय रेलवे प्रशासन वहन करेगा। उसके बाद रेलकर्मी खुद के खर्चे पर इलाज करा सकता है। रेलवे बोर्ड ने पहले से चल रही इमरजेंसी इलाज व्यवस्था में यह संशोधन करते हुए सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे के ही लगभग 50 हजार रेलकर्मियों और उनके संबंधित स्वजन को लाभ पहुंचाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a6d24bf17ba274958b024222396ff66ac71a22b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम इस समय इंग्लैंड दौरे पर हैं जहां वह शुक्रवार से न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथैंप्टन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल खेलेगी और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। इंग्लैंड में मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है और गेंद स्विंग करती है। ऐसे में सलामी बल्लेबाजों की भूमिका अहम हो जाती है। इंग्लैंड में भारतीय टीम को आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे करना चाहिए, इसके बारे पूर्व कप्तान और दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर से बेहतर शायद ही कोई और बता सके। मौजूदा दौरे व अन्य मुद्दों को लेकर सुनील गावस्कर से अभिषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-।-डब्ल्यूटीसी को टी-20 क्रिकेट के जमाने में टेस्ट क्रिकेट की ब्रांडिंग के तौर पर कैसे देखते हैं?।-डब्ल्यूटीसी अच्छा विचार है, क्योंकि यह द्विपक्षीय टेस्ट मैचों को महत्व देता है, जहां जीतने से आपको फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए अंक मिल सकते हैं। हालांकि, डब्ल्यूटीसी के लिए वास्तव में प्रत्येक टेस्ट खेलने वाले देश को कम से कम एक बार एक-दूसरे के खिलाफ खेलना चाहिए। इसका मतलब चार साल का चक्र है तो ऐसा ही होना चाहिए। यह कहूंगा कि भारत फाइनल में पहुंचने का दावेदार था, क्योंकि उसने अधिकतर टेस्ट टीमों को घर और बाहर दोनों जगह हराया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a59b94868db1607961638ce6d57070bc85e638da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7071.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंजू थापा को बचपन से ही एक्टिंग और मॉडलिंग का शौक था। उन्होंने महज 15 साल की उम्र में 'प्लैनेट मिस इंडिया वर्ल्ड 2018', 'मिस टीन रिपब्लिक ऑफ इंडिया 2018' और 'मिस ग्लोरी ऑफ नोटिस 2018' जैसे ब्यूटी पेजेंट अपने नाम कर चुकी हैं। बता दें पिछले साल लॉकडाउन में मंजू का ए​क वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद लोगों ने उन्हें देखकर ​कहा था कि ​बिल्कुल दिव्या भारती जैसी नजर आती हैं। तभी से मंजू की पॉप्युलैरिटी में इजाफा होने लगा। उनकी पॉप्युलैरिटी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंस्टाग्राम पर अभी उनके 31 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70713.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70713.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdcebf5cf5e74548eeccce11b1ac22a93d20d006 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70713.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच काफी समय से तनाव चल रहा है। राजनीतिक स्‍तर से बढ़कर ये अब रणनीतिक स्‍तर तक चला गया है। यूक्रेन भी रूस से कहीं ने कहीं डरा हुआ है। यही वजह है कि यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वालोदीमीर जेलेंस्‍की ने सोमवार को सीधेतौर पर अमेरिका से पूछा था कि वो हां या ना में उन्‍हें बताएं कि यूक्रेन को नाटो की सदस्‍यता मिलेगी या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d19da09c426a0218caa308de20d603310df70218 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70714.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुप्रीम फैसला आने के बाद की 19 माह की अवधि में यदि रामनगरी की विकास की संभावनाओं को पर लगे, तो दुनिया भर के रामभक्त अयोध्या की ओर उन्मुख हो रहे हैं। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तीर्थनगरी विकसित किए जाने के प्रयासों के बीच यहां की इंच-इंच भूमि पर न केवल विकास का खाका खींचा जा रहा है, बल्कि उसे हासिल करने के लिए बड़ी से बड़ी कीमत लगाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70715.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70715.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5969f52235023f718eef3e264653cc7a984733e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70715.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक सप्ताह बाद दिल्ली में दस्तक देगा मानसून।मौसम विभाग का कहना है कि राजधानी दिल्ली और हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की-फुल्की बारिश तो हो रही है, लेकिन यहां पर ठीकठाक बारिश के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी मानसून आने में एक सप्ताह से 10 दिन तक इंतजार करना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..001dc4ed8392232c59d5b7fdc36e430e11301924 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70716.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +सेवा भारती के पास पहले से चार ऑक्सीन कंसट्रेटर थे। आठ ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर अपने साधनों से खरीद कर स्‍टॉक 12 तक पहुंचाया। इस बीच राष्ट्रीय सेवा भारती की सहायता से ऑक्सीजन कंसट्रेटर की संख्या 20 हो गई। इनमें से 17 ऑक्सीजन कंसट्रेटर उन लोगों को दिए गए हैं जो घर पर रह कर साफ़ सुथरे वातावरण में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा बाकी तीन इमरजेंसी के लिए रखे गए हैं। + +इस तरह से चला सेवा का कार्य।कोविड-19 महामारी में सेवा भारती की ओर से लोगों में मास्क बांटे गए, सैनिटाइजर बांटे गए, काढ़े के पैकेट बांटकर जन जागरण अभियान भी चलाया गया। सार्वजनिक स्थलों जैसे अस्पताल, कार्यालय व कोऑपरेटिव सोसायटी जहां लोगों की ज्‍यादा आवाजाही रहती थी, वहां 12 स्वचालित सैनिटाइजर मशीनें लगवाई गईं। कोविड-19 वैक्सीन लगाने के समय सिविल अस्पताल कांगड़ा के एसएमओ के आग्रह पर लोगों के बैठने के लिए 20 कुर्सियां देकर सहायता प्रदान की। कोविड-19 के चलते वर्ष 2020 में ही जोनल अस्पताल धर्मशाला के प्रशासन के आग्रह पर कोरोना पीड़ित मरीजों को प्रतिदिन तीन महीने फल वितरित कर के सहायता प्रदान की। जरूरतमंद लोगों को व अन्य राज्यों के परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया। + + 11 मई से रात्रि भोजन सुविधा 50 पैकेट से आरंभ की।कोविड_19 के द्वितीय चरण में हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति काफी नाज़ुक हो गई। सरकार को करोना चेन तोड़ने के लिए करोना कर्फ्यू लगाना पड़ा। बाज़ार, होटल, बसें ब ढाबे इत्यादि बंद होने के कारण टांडा अस्पताल जो कोरोना के मरीजों से पूरी तरह भर चुका था। ऐसे में मरीजों के तीमारदारों को खाने पीने की काफी कठिनाई होने लगी। मामला सेवा भारती के ध्यान में आने पर सेवा भारती से मिल कर 11 मई रात्रि भोजन के 50 पैकेट से सेवा आरंभ की। यह सेवा 11 मई से आरंभ होकर आज की तारीख में प्रति दिन 140 से 150 पैकेट सुबह नाश्ते में व प्रतिदिन 230 से 240 पैकेट रात्रि भोजन मरीजों के तीमारदारों को दिए जा रहे हैं। इसमें बहुत से अन्य समाजसेवियों का सहयोग भी मिल रहा है। इस सेवा को 30 जून तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। + +स्वयंसेवियों के सहयोग से जारी है सेवा का कार्य।सेवा भारती के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि सेवा का कार्य जारी है। स्वयंसेवी विभिन्न तरह से कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहे हैं। आगे भी जो आवश्यकता है उस तरह से सेवा का कार्य जारी रहेगा। उन्होंने कोविड-19 काल में देखा कि जब होटल ढाबे बंद हैं तो तीमारदारों को खाने की परेशानी हो रही है, तो भोजन की व्‍यवस्था की। संस्‍था के महासचिव ओम प्रकाश, कोषाध्यक्ष जोगेंद्र सिंह राणा, उपाध्यक्ष करतार सिंह डढवाल, मुनत्रिवेदी, रमेश भरमौरी, नीतू दामीर, हेम राज कवीर आदि सैकड़ों लोग संस्‍था के साथ जुड़कर सेवा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5a083683cb5fdbb1ded247334b286696e985572 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70717.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के बीच एक दशक बाद हुई बातचीत इस बात का सुबूत थी कि दोनों देशों के बीच माहौल इतना नहीं बिगड़ा है कि जिसे सुधारा न जा सके। इस मुलाकात का पूरी दुनिया इंतजार भी कर रही थी और इस पर सभी की निगाहें थीं। दोनों की मुलाकात के बाद जो साझा बयान जारी हुआ वो भी काफी कुछ सुकून देने वाला ही था। + +इस डील के तहत अनडिप्‍लॉएड आईसीबीएम लॉन्‍चर सबमरीन लॉन्‍च बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्‍चर और हैवी बॉम्‍बर की संख्‍या को सीमित कर 800 तक किया गया था और डिप्‍लॉएड के लिए ये संख्‍या 700 रखी गई थी। इस डील में सेटेलाइट और रिमोट मॉनिटरिंग के साथ दोनों देशों की प्रति वर्ष 18 बार ऑनसाइट्स जांच करने की भी छूट दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70718.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70718.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d56d4db711488cc50446d026c7a4ef85faae998 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70718.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यशा माथुर। आज सत्तर फीसद लोग मानसिक रूप से परेशान हैं। कुछ लोगों को किसी दूसरे ने मुश्किलें नहीं दी हैं बल्कि उन्होंने स्वयं अपनी स्थिति कष्टदायक कर ली है। जब हमारे मन में आने लगता है कि हमारा पड़ोसी हमसे अच्छा क्यों है तो हम ईष्र्या करने लगते हैं। यह ईष्र्या हमारे मानसिक संतुलन को खराब कर सकती है। महत्वपूर्ण प्रश्न तो यह है कि चित्त कैसे प्रसन्न रहे? हर कोई चाहता है कि वह प्रसन्न रहे लेकिन रह नहीं पाता। इसके लिए आपको पड़ोसी से पनपे ईष्र्या भाव को मित्रता भाव में परिवर्तित करना पड़ेगा, नहीं तो आप हमेशा दुखी ही रहेंगे। कोई सुखी है तो उसे देखकर हमें खुश होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bea96e6016e5f97fccf8f861cb7ae5ca77dd14c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। हर हर गंगे की गूंज जिस दिन हर ओर गूंजेगी वो दिन 20 जून को है। जी हां, 20 जून को गंगा दशहरा का महापर्व है। यमुना किनारे रहने वाले भी इस बार गंगा मैया की जलधारा में डुबकी लगा सकेंगे। आगरा की यमुना नदी में पवित्र गंगा का जल जो बुलंदशहर से लगातार आ रहा है। इस दिन का महत्व दान पुण्य के लिए काफी अधिक बताया गया है। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार जेष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन राजा भगीरथ की विशेष तपस्या से गंगा जी का अवतरण स्वर्ग से धरती पर हुआ था। गंगा जी को सभी नदियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को इस बार गंगा दशहरा 20 जून रविवार को विधि विधान पूर्वक मनाया जाएगा। दशमी तिथि 19 जून शनिवार की सायं 6ः46 पर लगेगी जो कि अगले दिन 20 जून रविवार को शाम 4ः2 तक रहेगी। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर गंगा स्नान करने पर 10 जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f3da37ed3fd92e0fbc607a0e7527450324538e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केवल नेता ही नहीं आम लोग भी कोरोना को भुला बैठे हैं। किसी शहर के किसी बाजार चले जाएं, हर कोना भीड़ से पटा होगा। सहालगों की खरीदारी तो फिर समझ में आती है, लेकिन यूं ही बाजार टहल आने वाले भी कम नहीं। इतनी भीड़ देखकर विश्वास ही नहीं होता कि महज कुछ हफ्तों पहले तक यही लोग कितने परेशान थे या इनमें से बहुतों ने अपने किसी प्रिय को खोया। बेशक जीवन डर कर नहीं जिया जाता, लेकिन सावधानी बरतने में हर्ज भी नहीं। खासकर तब जबकि मालूम है कि इस घातक वायरस की काट केवल मास्क और शारीरिक दूरी है। एक-एक आदमी को वैक्सीन लग जाए, इसमें अभी समय है जबकि तीसरी लहर की आशंका सामने है। हर बात के लिए सरकार ही दोषी नहीं होती। समाज का भी उतना ही दायित्व होता है, लेकिन अप्रैल-मई में डरे हुए लोग डर और सतर्कता को आलमारी में बंदकर भूल चुके हैं। दूसरी लहर में व्यापारियों ने स्वेच्छा से बाजार बंद करके अनुकरणीय उदाहरण रखा था, परंतु उनमें से अनेक अब शारीरिक दूरी के नियमों का न खुद पालन कर रहे हैं और न करा ही पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4143d1c03392700c0993a8c1fefcacd415651bce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खंड शिक्षाधिकारियों को विकास खंड किए आवंटित :  पंचायत चुनाव से पहले मुरादाबाद आए नए खंड शिक्षाधिकारियों को विकासखंड में तैनाती दे दी गई है। अब नए के साथ पुराने खंड शिक्षाधिकारी विकास खंड में कार्यभार ग्रहण करके स्कूलों की व्यवस्थाओं पर ध्यान देंगे। प्रेम सुख सागर को मूंढापांडे, भुवन प्रकाश को नगर क्षेत्र, नागेंद्र सिंह को नगर क्षेत्र व खंड शिक्षाधिकारी मुख्यालय का अतिरिक्त कार्य, गिरिराज सिंह को ठाकुरद्वारा, उमेंद्र दत्त त्रिपाठी मुरादाबाद विकास खंड, अरुण कुमार को कुंदरकी, उदयवीर को डिलारी, कुंवर सिंह कमल को भगतपुर टांडा, पूनम मधुकर को बिलारी विकास खंड और नरेंद्र को छजलैट ब्लाक की जिम्मेदारी दी गई है। बीएसए योगेंद्र कुमार ने बताया कि एक जुलाई से शिक्षक स्कूल जाएंगे। इससे पूर्व योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान देंगे और स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति चेक करके रिपोर्ट देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10a4f8e961386188c843024012b7a0a4024a0bb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना वायरस के नेचर में हो रहे चेंजेज से व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद भी आरटीपीसीआर या एंटीजेन से यह सुनिश्चत कर पाना कई बार कठिन होता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं और तब सीटी स्कैन से ही संक्रमण के बारे में पता चलता है। अच्छा रहे कि शुरुआती लक्षणों को संज्ञान में लेकर क्वारंटाइन में रहकर योग, पोषक आहार और चिकित्सक की सलाह पर उपचार का सहारा लिया जाए, तो दो सप्ताह की अवधि में पूरी तरह स्वस्थ हुआ जा सकता है और इसके संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd8d0efe1fae2ab44ff8887a5a22d2b697f8e38c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70725.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[सुनीता मिश्र] टीवी शो ‘बालिका वधू’ में आनंदी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री अविका गौर ने हाल ही में रंगभेद को बढ़ावा देने वाली तीन फेयरनेस क्रीम का ऑफर ठुकरा दिया। इस तरह के विज्ञापन लोगों और खासकर महिलाओं को गलत संदेश देते हैं। दरअसल बाजार में काले या सांवले इंसान को गोरा बनाने का दावा करने वाली तमाम चीजें बिक रही हैं। हालांकि गोरा होने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन हमारे समाज द्वारा खूबसूरती को गोरे रंग से आंकना गलत है। ऐसे में इस तरह के विज्ञापन आग में घी डालने का काम करते हैं। + +यह पूरी तरह से गलत है कि गोरा रंग हमारा आत्मविश्वास बढ़ाता है। आत्मविश्वास तो हमारे काम की नैतिकता और ज्ञान से आता है। ऐसी सोच समाज पर बुरा प्रभाव डालते हैं। सौंदर्य का रंग से कोई सरोकार नहीं होता है। यह तो हर देश की जलवायु और वहां के खान-पान पर निर्भर करता है। जैसे अफ्रीका की जलवायु के अनुसार वहां काले रंग के लोग होते हैं, वहीं ब्रिटेन और अमेरिका में गोरे रंग के लोग होते हैं। एक समाज के तौर पर हम एक ही रंग को आदर्श नहीं मान सकते हैं, इसमें बदलाव होना चाहिए। इसके अलावा जो काले और श्याम वर्ण के लोग हैं, उन्हें भी गोरा होने की कोई जरूरत नहीं है। + +सबको अपने रंग पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि काबिलियत रंग से नहीं काम से तय होती है। आज के युग में रंगभेद एक मानसिक समस्या है, जिससे मुक्ति के बिना समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। इसके साथ ही विभिन्न उत्पादों के माध्यम से बाजार के जरिये लोगों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है, इससे भी भारतीय समाज को बाहर आना होगा।(लेखिका स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70726.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70726.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc531e51832e3c2fa3165d04ba749439fb94a8cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70726.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओडीसी-थ्री: इस प्रजाति में भरपूर मात्र में विटामिन डी मौजूद होता है। इसके अलावा विटामिन ए व कैल्शियम भी है। ।कानपुर देहात के कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी डा. अशोक कुमार ने बताया कि तीनों नई प्रजातियों को तैयार करके चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में छह माह से अधिक समय तक परीक्षण किया गया। इन प्रजातियों में वह सारे पोषक तत्व हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है, इसलिए ये प्रजातियां कोरोना को मात देने में मददगार होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc49721159362dfee0a9c4f213ce0997797d89e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई में कर संग्रह 80 प्रतिशत बढ़कर 48,000 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इस दौरान 27,000 करोड़ रुपये रहा था। दिल्ली में कर संग्रह 67 प्रतिशत बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल समान अवधि में दिल्ली में 12,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर प्राप्त हुआ था। इसी तरह चेन्नई में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 120 प्रतिशत और पुणो में 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बीच निर्यात में मजबूती और कंपनियों द्वारा लागत में कटौती से प्रत्यक्ष कर में तेजी आई है। वैसे, प्रत्यक्ष कर में तेजी का एक बड़ा कारण आíथक गतिविधियों में पिछले साल के मुकाबले देशव्यापी लाकडाउन नहीं लगाए जाने के कारण प्रत्यक्ष कर संग्रह पर ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6324f3802e714c22d98d887e01440e53cf4e093 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में घमासान मचा है। पार्टी पर कब्‍जे की जंग में इसके संस्‍थापक रहे राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) को चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने हाशिए पर ला खड़ा किया है। इस बीच कल तक खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenfra Modi) का हनुमान (Hanuman) बताते रहे चिराग पासवान का अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) से मोहभंग हो चुका है। ऐसे में सवाल यह है कि विपक्षी एकता (Opposition Unity) को मजबूत करने की मुहिम में जुटे मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के विरोधी लालू परिवार (Lalu Family) ने चिराग के पक्ष में अभी तक कोई बयान क्‍यों नहीं दिया?।चिराग को अपने पाले में करने को ले लालू व तेजस्वी मौन ।लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) तथा उनके बेटे व नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) बात-बात पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते रहे हैं। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार सहित सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगियों के खिलाफ वे विपक्षी एकता के समर्थक रहे हैं। इन दिनों जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) व मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) से बातचीत कर एनडीए में सेंध लगा सरकार गिराने की उनकी मंशा के खूब चर्चे हैं। लेकिन मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में झंडा उठाकर घूमते रहे चिराग पासवान को अपने पाले में करने पर लालू प्रसाद यादव व तेजस्वी यादव मौन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3365dce9c75343ec5e766c940a575148bb376de1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने 2021-22 के बजट की वर्चुअल बैठक में विभिन्न मदों से 18397 लाख रुपये की आय और 51657 लाख रुपये के व्यय का पास किया है। इसी बजट में बोर्ड ने काजीपुरा में कालोनी बसाने के लिए 320 करोड़ रुपये रुपये की मंजूरी दी है। अंतिम अवशेष समेत कुल अनुमानित बजट 86297.44 लाख रुपये का मंजूर हुआ है। कालोनी के लिए मंजूर धनराशि से अभी तक किसी काम की शुरुआत नहीं हो पाई थी। कोरोना संक्रमण की वजह से एमडीए का काम रुका पड़ा था। लेकिन, अब जल्द ही कालोनी बसाए जाने काम तेज होने जा रहा है। एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जिलाधिकारी एवं प्रभारी उपाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सिंह ने प्रभारी अधिकारी अर्जन, चीफ इंजीनियर पीसी पांडेय को जमीन खरीद के लिए किसानों से बातचीत करने के लिए पहल करने को कहा है। जल्द ही इसके लिए एमडीए के अधिकारी किसानों से बातचीत करके जमीन देने के लिए सहमति बनाएंगे। पहले चरण में छह लेन रोड के लिए जमीन की खरीद होगी। अभी एमडीए दो किलोमीटर रोड बनाएगा। इसके बाद आगे का काम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70733.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70733.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96dd14cfe4d143644f933de15bdf48523bba9b13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70733.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण के बाद जलवायु परिवर्तन भी स्वास्थ्य के लिए बड़ी समस्या बनने वाला है। लेकिन इसे लेकर अभी तक जनजागरूकता का जहां पूर्णतया अभाव है वहीं हेल्दी एनर्जी इनीशिएटिव इंडिया ने कुछ अन्य संगठनों के सहयोग से इसे लेकर अपनी तरह का पहला मार्गदर्शक दस्तावेज जारी किया है ''नो वैक्सीन फॉर क्लाइमेट चेंज- ए कम्युनिकेशन गाइड ऑन क्लाइमेट एंड हेल्थ फॉर द हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स इन इंडिया''। इस दस्तावेज का उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों, नीति निर्धारकों और विधायिका को प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना और संचार संबंधी विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करना है। + +हेल्दी एनर्जी इनीशिएटिव इंडिया ने अन्य संगठनों के सहयोग से किया तैयार।इस मार्गदर्शक दस्तावेज में अध्ययन में उल्लेखित विभिन्न सिफारिशों को शामिल किया गया है। यह दस्तावेज स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों का एक विस्तृत जायजा उपलब्ध कराता है जो जलवायु संबंधी घटनाओं जैसे भीषण तपिश, बाढ़, सूखा, चक्रवाती तूफान और वायु प्रदूषण के रूप में सामने आ सकते हैं। इसमें इन प्रभावों को लेकर स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए जरूरी तैयारी पर भी विस्तार से रोशनी डाली गई है। ।शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही पर पड़ने वाले टाॅपिकों को किया गया शामिल।जलवायु परिवर्तन के कारण शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से संबंधित मूलभूत मुद्दों को शामिल किया गया है। यह मार्गदर्शक दस्तावेज जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली आपदाओं की वजह से स्वास्थ्य पर संभावित प्रभावों से निपटने के लिए जरूरी उपाय भी सुझाता है। यह वे उपाय हैं जो स्वास्थ्य पेशेवर लोग अपने मरीजों, समुदायों और नीति निर्धारकों को सलाह के तौर पर बता सकते हैं। इस दस्तावेज में स्वास्थ्य प्रणालियों को लेकर भी सुझाव दिए गए हैं। + +वेबिनार के जरिए हुई चर्चा।पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा इस दस्तावेज पर वेबिनार के जरिये व्यापक चर्चा भी की गई। इस चर्चा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की निदेशक डा मारिया नीरा और लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी डा अरविंद कुमार सहित विभिन्न राज्यों के जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य से संबंधित नोडल अधिकारियों ने भी शिरकत की। + +जलवायु परिवर्तन वैश्विक खतरे की तरह।डा मारिया नीरा के मुताबिक 21वीं सदी की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संबंधी चुनौती यानी जलवायु परिवर्तन और उससे निपटने के तरीकों के बारे में जरूरी जानकारी मुहैया कराना आज समय की मांग है। जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक खतरे पर बात करने की सबसे ज्यादा जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कुदरत, पारिस्थितिकी और जैव विविधता को बर्बाद करने की मूर्खतापूर्ण हरकतों के खिलाफ एक बड़ी आवाज बनें। + +मानव सभ्यता के लिए इस सदी का सबसे बड़ा खतरा।लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी डा. अरविंद कुमार कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन मानव सभ्यता के लिए इस सदी का सबसे बड़ा खतरा बन गया है। दुनिया जहां कोविड-19 महामारी से उबर रही है, वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई और पैरोकारी में अग्रिम और केंद्रीय भूमिका में रखना ही होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a514f0cb345ec2dc6064117840d2adb2afc1168 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीटीआई के जिन सांसदों को असेंबली में प्रवेश से प्रतिबंधित किया गया है उनके नाम फहीम खान, अब्‍दुल माजिद खान, अली नवाज अवान हैं। इसके अलावा पीएमएल-एन के अली गौहर खान, शेख रोहाले असगर और चौधरी हामिद हमीद, पीपीपी के सैयद आगा रफीउल्‍लाह शामिल हें। स्‍पीकर ने अपने आदेश में ये साफ किया है कि इन सभी को अगले आदेश तक असेंबली में नहीं घुसने देना है। स्‍पीकर ने विपक्षी पार्टी द्वारा असेंबली में सरकार के बजट प्रस्‍ताव के बीच पीएम इमरान खान पर किए गए हमले के बाद सदन की कार्रवाई को बुधवार तक के लिए स्‍थगित कर दिया है। बजट प्रस्‍ताव का विरोध करने वाले सांसदों का कहना था कि ये प्रस्‍ताव देश के लोगों को रोजगार देने और महंगाई दर को कम करने में मदद नहीं करता है। इस दौरान सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर कहासुनी हुई और दोनों ही तरफ से काफी शोरगुल भी हुआ। इतना ही नहीं सांसद इससे आगे बढ़कर आपस में लड़ने लगे और एक दूसरे के ऊपर बजट की कॉपी तक फेंकने लगे थे। इसके बाद स्‍पीकर ने इन सांसदों को प्रतिबंधित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6d40a7709e2fe8a236881b6f1e9cb64c5a730aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70740.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। अगर कृषि क्षेत्र ने जलवायु परिवर्तन के अनुरूप खुद में बदलाव नहीं किया तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है। इसके मद्देनजर सरकार को कुछ और बड़े अहम कदम उठाने होंगे, जिसके लिए कई उपायों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से क्रॉपिंग पैटर्न बदलने की तत्काल जरूरत है लेकिन यह तभी संभव है जब किसानों को बेहतर लाभ वाले विकल्प मुहैया कराए जाएं। ज्यादातर खाद्यान्न उत्पादक क्षेत्रों में अत्यधिक दोहन से जमीन की उर्वरता घट रही है। इससे उत्पादकता पर विपरीत असर पड़ने लगा है। + +किसानों को मनाना आसान नहीं ।हालांकि जलवायु परिवर्तन के अनुरूप कृषि पैटर्न में बदलाव के लिए किसानों को राजी करना आसान नहीं है। इसकी वजह यह है कि किसान वही बोएगा जिसमें उसे फायदा होगा। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे जलवायु क्षेत्र में बरसात औसत से कम होती है, लेकिन यहां अत्यधिक पानी वाली फसल धान व गन्ने की खेती को तरजीह दी जाती है। इसी तरह कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पानी की भारी कमी के बावजूद गन्ने की खेती की जाती है, क्योंकि यह फायदे की खेती है। + +हरियाणा, तेलंगाना और यूपी में मिल रहे अच्‍छे नतीजे ।हरियाणा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए किसानों के समक्ष कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं, जिसके नतीजे भी उत्साहजनक मिलने लगे हैं। हरियाणा में धान की जगह अन्य फसलों की खेती करने वालों को 7000 से 10,000 रुपये प्रति एकड़ तक की नकद सब्सिडी देने का प्रविधान है। इसी तरह तेलंगाना के साथ उत्तर प्रदेश में 'वन डिस्ट्रिक्‍ट वन प्रोडक्ट' योजना शुरू की गई है। इसके तहत जिले में फसल विशेष की खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। + +नीतिगत फैसलों की दरकार ।वरिष्ठ कृषि अर्थशास्त्री डॉ. पीके जोशी का कहना है कि फसल विविधीकरण कृषि क्षेत्र की ज्यादातर चुनौतियों का समाधान है। इसके अलावा कई नीतिगत फैसले लेने होंगे जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का रणनीतिक उपयोग से किसानों को आकर्षित किया जा सकता है। उपज की सुनिश्चित खरीद का प्रविधान करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d744f7d404785a901822f02cd970bbf519cbde46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70741.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +न्यूयार्क [द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स]। दुनिया भर में लाखों लोगों को जान लेने और करोड़ों लोगों को गंभीर रूप से बीमार बनाने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता करने के लिए जिस तरह अमेरिका समेत दुनिया के अनेक देशों ने दबाव बनाना शुरू किया है उसके बाद चीन की वुहान लैब और चीन की वाइरोलाजिस्ट शी झेंगली का नाम फिर सुर्खियों में है। चीन की 'बैटवूमैन' के नाम से कुख्यात शी ने इस मामले में चुप्पी तोड़कर अपनी सफाई पेश की है। + +ऐसे शुरू किया था करियर ।आधिकारिक चीनी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शी ने 1990 में एक शोध सहायक के रूप में करियर की शुरुआत की। उन्होंने सन 2000 में फ्रांस में मोंटपेलियर विश्वविद्यालय से पीएचडी की और 2004 में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (सार्स) के प्रकोप के बाद चमगादड़ों पर शोध शुरू किया। शी के योगदान के लिए 2019 में अमेरिकन एकेडमी आफ माइक्रोबायोलॉजी ने उन्हें चुनिंदा 109 विज्ञानियों में शामिल किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8056f3b78ccacd06cbff557a3dc37507d2683ab6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवीन की मां सावित्री जिंदल।कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव आए तो सुभाष ने नवीन की मां सावित्री जिंदल को हराने के लिए हिसार में डेरा डाल दिया। सावित्री जिंदल भी हार गईं। यह जिंदल परिवार के लिए बड़ा झटका था, लेकिन सुभाष चंद्रा को भी अपेक्षा के अनुरूप भाजपा में भी महत्व नहीं मिला। 2016 में राज्यसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने समर्थन दिया, लेकिन भाजपा प्रत्याशी चौधरी बीरेंद्र सिंह को प्रथम वरीयता के मत मिलने के बाद इतने मत ही न बचते कि सुभाष चंद्रा जीत पाते। इनेलो ने एक रणनीति के तहत अपने प्रत्याशी आरके आनंद को निर्दलीय के रूप में उतारा था। यानी एक भाजपा के घोषित प्रत्याशी के अतिरिक्त दो प्रत्याशी थे, दोनों निर्दलीय थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70745.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b360ef255b189125925a1cb0ee7d93f4419cbb3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70745.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एनडीए के घट‍क दल में घमासान, बीजेपी चुप । खास बात यह है कि एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजपी केंद्र सरकार में अपने सहयोगी एलजेपी में मची इस जंग पर चुप है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि एलजेपी में घमासान उसका आंतरिक मामला है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने भी इसे एलजेपी का आंतरिक मामला करार दिया है। उन्‍होंने यह कहकर बीजेपी का रूख स्‍पष्‍ट कर दिया है कि एलजेपी अलग पार्टी है और उसके आंतरिक मामले पर बीजेपी कोई टिप्पणी नहीं करेगी। ।चिराग से सहानुभूति बीजेपी को पड़ेगी भारी  ।सवाल यह है कि चिराग पासवान को लेकर बीजेपी चुप क्‍यों है? माना जा रहा है कि बीजेपी चिराग का समर्थन कर बिहार की अपनी स्थिर सरकार को खतरे में डालना नहीं चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिराग पासवान से नाराजगी हद पार कर चुकी है। उधर, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में हार के बाद से बीजेपी बैकफुट तो जेडीयू फ्रंटफुट पर है। इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। बीजेपी समझती है कि सियासी उलटफेर के माहिर खिलाड़ी लालू बिहार की एनडीए सरकार गिराने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस बीच लालू के बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की जीतन राम मांझी से मुलाकात चर्चा में है। लालू से मांझी व विकासशील इनसान पार्टी (VIP) के अध्‍यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) की फोन पर बात भी हुई है। सत्‍ता पक्ष के एक धड़े से लालू का संवाद जारी है। ऐसे में बीजेपी की चिराग से सहानुभूति बिहार में एनडीए सरकार पर भारी पड़ने की आशंका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14293e0ab922813ac4948cb00c529fc083309ee2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर आते ही लाकडाउन की पैरवी होने लगी थी। धीरे-धीरे लगभग सभी प्रभावित राज्यों ने स्थानीय स्तर पर लाकडाउन का एलान भी कर दिया था। संक्रमण पर काफी हद तक लगाम के बाद अब अनलाक की प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोगों का कहना है कि अभी भले ही मामलों में गिरावट आई है, लेकिन पहली लहर के पीक के हिसाब से मामले बहुत कम नहीं हुए हैं। ऐसे में अनलाक कितना सही है?।ऐसे में सवाल उठता है कि लाकडाउन लगाने का सही समय क्या है? अध्ययन बताते हैं कि कोरोना की पूरी लहर के दौरान लाकडाउन लगाए रखना कोई समाधान नहीं है। लाकडाउन का बड़ा आर्थिक, सामाजिक और मानसिक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इसे बहुत जरूरी होने पर ही लगाना चाहिए। लगातार लाकडाउन रहे तो फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। लाकडाउन के असर को लेकर दूसरी लहर से मिले अनुभव का फायदा उठाकर सरकारें भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए बेहतर रणनीति बना सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc214da248f4101b06c72cb017e199e6da295505 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में एक प्रमुख डेटिंग ऐप ‘वू’ (Woo Dating app) ने अपने नए फीचर के तौर पर वैक्सीनेशन बैज लॉन्च किया है। इस बैज के जरिए आप कोविड-19 से लड़ाई में अपना जिम्मेदाराना रवैया दिखा सकते हैं। वू डेटिंग ऐप का मानना है कि, वैक्सीनेशन के बाद लोग एक बार से फिर मिलना जुलना शुरू करेंगे। बता दें क‍ि वू डेटिंग ऐप ने हमेशा एक सुरक्षित और आरामदायक डेटिंग प्लेटफॉर्म के विचार को बढ़ावा दिया है। ।वैक्सीनेशन के बाद ही डेटिंग।कोरोना महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य प्रमुख चिंताओं में से एक है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डेटिंग ऐप पर लोग खासतौर से उनसे मिलना पसंद कर रहे हैं, जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। वू डेटिंग ऐप के एक रिसर्च में सामने आया है कि, 70 फीसद लोगों का ऐसा मानना है की, वैक्सीनेशन के बाद ही डेट पर जाना सुरक्षित है। इस जरूरत को देखते हुए वू डेटिंग ऐप पर वैक्सीनेशन बैज लॉच किया है। इस ऐप के यूजर्स को अपने डेटिंग पार्टनर को पसंद करने में आसानी होगी। वू डेटिंग ऐप के सीएमओ रितेश भटनागर का कहना है कि, हमारे ऐप पर वैक्सीनेशन की जानकारी देना पूरी तरह से ऑप्शनल है, लेकिन सर्वे में सामने आया है कि, डेटिंग के लिए ऐसे लोगों को प्राथमिकता मिल रही है। जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है। । कैसे काम करता है यह फीचर।कोरोना वैक्सीन बैज अपने प्रोफाइल पर लगाने के लिए ऐप के नए यूजर्स को अपना अकांउट बनाने के दौरान ही जानकारी देनी होगी। इसके लिए उन्हें अपना कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट ऐप पर अपलोड करना होगा। वहीं ऐप के पुराने यूजर्स एडिट प्रोफाइल ऑपशन में जाकर अपना कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अपलोड कर सकते हैं। अपने वैक्सीनेशन की स्थिति घोषित करने के लिए ऐप पर बहुत ही आसान प्रक्रिया है। यहां सभी यूजर्स बड़ी आसानी से वैक्सीनेशन की जानकारी देकर अपना बैज हासिल कर के अपनी प्रोफाइल पर लगा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a7812b573ad196a6e8819ba94e234bdc2f45653 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, आलोक शर्मा। कहते हैं किस्मत अपना रास्ता खुद ही तलाश लेती है, कानपुर के 17 अनाथ बच्चों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। आज जहां विदेश की धरती पर पैर रखने के लिए सपने देखे जाते हैं, वहां इन बच्चों को उनकी किस्तम ने खुद-ब-खुद भेजने की रूपरेखा बना दी है। भारत में अब जब अपनों ने ठुकरा दिया तो इन बच्चों को अमेरिका, इटली और स्पेन ने गले लगाया है। दरअसल, भारतीय बच्चों को गोद लेने के लिए विदेशी बड़े ही ख्वाहिशमंद रहते हैैं। भारत में भले ही अनाथ बच्चों को दंपती नहीं अपनाते हैैं लेकिन विदेशियों की गोद और उनका प्यार खूब मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe04628e2bb0ca51351e748c7b0be8a551718319 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70754.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मिलान (रॉयटर्स)। ईरान और अमेरिका के बीच में वर्ष 2015 में हुए परमाणु करार को लेकर लगातार यही सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या ये दोबारा होगी या फिर इसकी जगह कोई दूसरी संधि सामने आएगी। फिलहाल यूएन न्‍यूक्लियर वाचडॉग इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने इन अटकलों को विराम देने की कोशिश की है। यूएन वाचडॉग को कहना है कि फिलहाल इसके लिए ईरान में नई सरकार के गठन तक का इंतजार करना होगा। बुधवार को जारी एक बयान में एजेंसी ने कहा है कि इसके लिए दोनों ही तरफ से मजबूत इच्‍छाशक्ति की दरकार है। एजेंसी का कहना है कि दोनों ही पक्ष इस बात को बखूबी जानते हैं कि फिलहाल ईरान में नई सरकार के बनने तक इंतजार करना जरूरी है। + +यूएन न्‍यूक्लियर वाचडॉग आईएईए के महासचिव राफेल ग्रोसी ने इटली के एक अखबार डेली ला रिपब्लिका से हुए एक इंटरव्‍यू के दौरान ये बात कही हैं। उनसे इंटरव्‍यू के दौरान पूछा गया था कि ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु करार की बातचीत कहां तक पहुंची है। ईरान सरकार के प्रवक्‍ता के मुताबिक में शुक्रवार को राष्‍ट्रपति चुनाव होना है। माना जा रहा है ईरान में नई सरकार के कैबिनेट की घोषणा इस वर्ष अगस्‍त तक कर दी जाएगी। 3 अगस्‍त को ईरान के मौजूदा राष्‍ट्रपति हसन रुहानी का कार्यकाल खत्‍म हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de8d8f9403a9ba3f3331ae329bbb9abca2365278 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70755.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +समाचार एजेंसी एएनआई ने डेली टाइम्‍स के हवाले से बताया है कि जस्टिस गुलजार ने सिंध में बन रहे शाहराह ए फैसल टावर के निर्माण से जुड़े एक मामले में कहा कि कनाडा में बैठा यूनुस मेमन प्रांतीय सरकार को कनाडा से चला रहा है। उन्‍होंने ये भी कहा कि यदि सरकार ऐसे नाले की सफाई नहीं कर सकती है तो वो प्रांत कैसे चलाएगी। जस्टिस गुल्‍जार यहीं पर नहीं रुके बल्कि उन्‍होंने कहा कि सरकार का कराची की जनता से जुड़े मसलों से कोई लेना देना नहीं है बल्कि बिल्डिंग कंट्रोल ऑथरिटी को पैसे देकर जो मन में है वो करिए। सिंध में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। + +कोर्ट ने प्रांत के एडवोकेट जनरल से जानना चाहा कि सरकार कैसे इस बात को पुख्‍ता कर सकती है कि वो इन तमाम चीजों पर निगरानी रख सकती है। ये सब काम केंद्र की सरकार करने को मजबूत है लेकिन क्‍या प्रांतीय सरकार ये सब कुछ कर पाने में अस‍मर्थ है। यदि ऐसा है तो वो राज्‍य को कैसे चला सकती है। कोर्ट ने कहा कि उन्‍होंने एक वर्ष पहले इस तरह के गंदे नालों को साफ करने का आदेश दिया था लेकिन सरकार हर बार कोई न कोई समसया बताकर समय टालती रहती है। उन्‍होंने ये भी कहा कि मेमन जैसे लोग कम नहीं हुए हैं बल्कि लगातार बढ़ रहे हैं। प्रांत में कई जगहों पर सर्विस रोड तक का अतिक्रमण किया जा चुका है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ।जस्टिस गुल्‍जार ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रांतीय सरकार को एजूकेशन प्रोजेक्‍ट के तहत ढाई खरब से अधिक रुपये दिए गए थे, जिसका काम 2014 में शुरू होकर 2017 में खत्‍म हुआ था। इसी तरह से डेढ़ खबर रुपये पानी के लिए तरस रहे लोगों के लिए रिवर्स ऑस्‍मोसिस प्‍लांट लगाने के लिए दिए गए थे। इस बात की जिम्‍मेदारी ऑथरिटी को है कि वो शहर के विकास और समस्‍याओं के हल के लिए क्‍या फैसला लेती है। + +ऑथरिटी कोई बजट पास करती है तो उसका इस्‍तेमाल लोगों के हक के लिए नहीं किया जाता है। ये बेहद गंभीर मसला है। इस दौरान उन्‍होंने रेल मंत्रालय को भी हालिया कुछ रेल हादसों केलिए आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने पीएम से अपील की कि इसको सुधारने के लिए तेजी से काम किया जाए। उन्‍होंने रेलवे मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर भी कड़ी आपत्ति जताई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70757.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b77574784dae16adbe25cf4cb842713f531da93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70757.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +महंगाई डायन बिगाड़ रही बजट।कोरोना के साथ मंहगाई भी दवे पांव पीछा कर रही है। छह माह पहले (दिसंबर) तक बिकने वाला ब्रांडेड कंपनियों का रिफाइंड (पाम आयल) का टीन (15 लीटर) 1650 रुपया का था, जून के पहले सप्ताह तक यह थोक बाजार में 2460 रुपये में बिका है। अब इसकी कीमत 2430 रुपये प्रति टीन है। फुटकर बाजार में एक लीटर का पाउच 180 रुपये तक बिका है। इसी तरह देशी घी छह माह पहले 450 रुपये प्रतिकिलो था, अब यह 500 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है। थोक बाजार में पाम आयल का 16 लीटर पाउस वाला पैकेट 2420 रुपये में बिक रहा है। + +सरसों के तेल की धार हुई तेज।दिसंबर माह में ब्रांडेड सरसों का तेल का टीन 1950 रुपया था। जून की शुरूआत में इसकी कीमत 2600 हो गई। फुटकर बाजार में एक लीटर पाउच की कीमत 185 रुपये तक बिका। अब यह 165 रुपये तक मिल रहा है। सूत्रों के अनुसार तेल की कीमत स्टोक लिमिट हटने के चलते हुई थी। ब्रांडेड कंपनियों ने माल का स्टाक कर बाजार में बनावटी मंहगाई दर्शा दी। + +इनका कहना है।आंशिक लाकडाउन के समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में खरीद फरोख्त को करारा झटका लगा था। पाम आयल की कंपिनयों से आयत नहीं हो सका था। उत्पादन भी बंद रहा। जून के पहले सप्ताह तक बाजार में तेजी रही। मध्य जून में ब्रांडेड कंपनियों के पाम आयल व सरसों के तेल 200 से 250 रुपये तक प्रति टिन।पैसों में गिरावट आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70759.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f10e0b5ec689c1f35af5489def6417a55bd6432a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70759.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +झटपट तैयार हो जाएगा अनार फ्रेश चेरी दही चूड़ा। चूड़ा फाइबर से भरपूर होता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है। इतना ही नहीं यह आंत को भी स्वस्थ रखता है साथ ही भरपूर मात्र में आयरन होने के कारण इसके सेवन से खून की कमी भी नहीं होती है। अनार फ्रेश चेरी दही चूड़ा का स्वाद इतना लाजवाब है कि बड़ों से लेकर बच्चे तक इसे बड़े चाव से खाते हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले चेरी का जूस निकाल लें। फिर उसमें दही और वनिला का को मिक्स करके ठंडा करने के लिए रख दें। अब थोड़ा सा चूड़ा लें और उसमें पानी डालकर नरम होने तक छोड़ दें। जब चूड़ा नरम हो जाए तो पानी से निकाल कर चेरी के जूस के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट में ताजा क्रीम, चीनी और जरा सा नमक मिला दें। उसके ऊपर कटी हुई चेरी और कुछ अनार के दाने डालकर सजावट कर दें और फिर इसका स्वाद लें। + +पाचन ठीक करना हो तो लें आर्गेनिक सब्जी वाला आरेंज सूप। अगर पेट की कोई समस्या है या खाना पचने में दिक्कत होती है तो आर्गेनिक सब्जियों से तैयार आरेंज सूप आपके लिए फायदेमंद है। यह आसानी से पच जाता है और ब्लड प्रेशर भी संतुलित रखता है। सबसे पहले ब्रोकली, अमेरिकन मक्का, गाजर, फ्रेंच फली, टमाटर, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, शतावरी, रंग-बिरंगी बेल मिर्च आदि आर्गेनिक सब्जियों को धोकर काट लें और ठंडे पानी में उसे भिगोकर रख दें। अब दालचीनी, लौंग और काफिर नींबू के पत्ते का पेस्ट तैयार करें। कटी हुई सब्जियों को उबाल लें और उसमें तैयार पेस्ट डालकर धीमी आंच पर पकाएं। फिर संतरे का जूस निकालकर उसमें मिला लें। अंत में दखनी मिर्च, नमक, थोड़ी सी चीनी व पुदीने का पत्ता डालकर थोड़ी देर तक पकाएं और फिर गरमागरम परोसें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e310c8d490bf5c045eb966240c3f21c57328a3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70760.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। International Yoga Day 2021 हाल के वर्षों में भारत समेत दुनियाभर में योग की स्वीकार्यता बढ़ी है। ऐसे में योग का प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञों की मांग शैक्षणिक संस्थानों से लेकर कारपोरेट कंपनियों तक में तेजी से बढ़ रही है। चिकित्सा जगत की मशहूर पत्रिका लैंसेट की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से उबरे तीन में से एक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। कोरोना संक्रमण के बाद मानसिक स्वास्थ्य डिस्ऑर्डर से ग्रस्त ऐसे लोगों की अनुमानित संख्या 34 फीसद के लगभग है। + +कोरोना के कारण पिछले करीब सवा साल से पढ़ाई-लिखाई से लेकर कामकाज को नुकसान पहुंचने से ज्यादातर लोग इससे प्रभावित हैं। उनमें अवसाद, तनाव और निराशा दिख रही है। वैसे, महामारी से पूर्व भी बदलती जीवनशैली के कारण लोगों का जीवन तनावपूर्ण था, लेकिन कोरोना के कारण उत्पन्न चुनौतियों ने इसे और बढ़ा दिया है। ऐसे में इससे बचने के लिए उन्हें होलिस्टिक उपचार की जरूरत है। इसमें योग बेहद कारगर साबित हो रहा है। चिकित्सक भी योगासन और प्राणायाम करने की सलाह देते रहे हैं। दरअसल, योग से न सिर्फ मानसिक संतुलन ठीक रहता है, बल्कि यह तन-मन को पूरी तरह फिट रखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c0b6698c41c940b6d56102c1d6710582218be2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7077.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर जावदे जाफरी के बेटे मिजान जाफरी इन दिनों अपनी ​हालिया रिलीज फिल्म 'हंगामा 2' को लेकर काफी चर्चा में बनें हुए हैं। इस फिल्म में मिजान लीड रोल प्ले करते नजर आ रहे हैं। वहीं शिल्पा के साथ काम करने के अपने अनुभव को उन्होंने हाल के कई इंटरव्यू में शेयर किया था। मिजान अपने प्रोफेशनल लाइफ के साथ ही अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। बीते कुछ समय से उनका नाम अक्सर ही अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा के साथ जोड़ा जा रहा है। एक बार हाल ही में जब मिजान से नव्या संग उनके अफेयर को लेकर पूछा गया तो उन्होंने इस बात से साफ इनकार ​कर दिया था। लेकिन अनपे हालिया इंटरव्यू में मिजान ने नव्या को लेकर कुछ ऐसा कह डाला। इस बात से मिजान ने कुछ अलग ही संकेत देते दिखे। + +मीजान जाफरी ने हाल ही में ‘हंगामा 2’ के प्रमोशन को लेकर जूम टीवी को अपना इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में वह अपनी बहन अलाविया के साथ पहुंचे थे। इस दौरान मिजान ने फिल्म को लेकर तो ढेर सारी बातें की हीं साथ ही उन्होंने नव्या नवेली नंदा के बारे में भी अपने मन की बात कह डाली। बातचीत के दौरान मिजान ने कहा कि उन्हें नव्या अट्रैक्टिव (आकर्षक) लगती हैं। मीजान कहते हैं, ‘नव्या नवेली नंदा उनकी बहन अलाविया की अच्छी दोस्त है। मुझे वह अट्रैक्टिव लगती है और नव्या मेरी उन दोस्तों में से है जिनके मैं करीब हूं।'।मिजान ने आगे कहा, 'हां मुझे दूसरी ल​ड़कियों ने सिर्फ इसलिए छोड़ा क्योंकि उसी वक्त मैं दूसरी लड़कियों से बात कर रहा था।' इसी दौरान जब मिजान जाफरी से पूछा गया कि उन्हें कैसी लड़की पसंद है या ​वह किस तरह की लड़की अपनी लाइफ में चाहते हैं। इस पर उन्होंने कहा, 'टोन्ड बॉडी वाली लड़कियां उन्हें सबसे ज्यादा आकर्षित करती है।' इसी दैरान मिजान की बहन अलाविया ने उनके बारे में कहा, 'मैं ठीक हूं अगर मीजान मेरी दोस्त को डेट कर रहा है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97d09bf24fa95c21f1c8d12e139bfb062b032606 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि बीते सात जून को मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने उद्गम स्थल पर श्रमदान और पौधारोपण कर इसकी शुरुआत भी कर दी थी। साथ ही कहा था कि तालाब की खोदाई का कार्य मनरेगा के बजट से कराया जाए। जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी ने लघु सिंचाई विभाग के अफसरों से प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास नहीं भेजा गया है। इसको लेकर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पत्र लिखकर भी प्रस्ताव भेजने को कहा गया है, लेकिन अब मनरेगा से तालाब की खोदाई में तकनीकी पेच फंस गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7c79e7776d903659765bd758798feb40b6c153f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70772.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हैदराबाद, तेलंगाना (एएनआई)। भारत में कोरोना वैक्‍सीन की कमी के मद्देनजर एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गेस्‍ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) अस्‍पताल के प्रमुख डॉक्‍टर डी नागेश्‍वर रेड्डी ने कहा है कि ये जरूरी है कि वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल पूरी सावधानी और समझदारी से किया जाए। उन्‍होंने एआईजी में हुई रिसर्च हवाले से बताया है कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं उनके लिए 12 महीनों तक कोविशील्‍ड की एक ही खुराक लेना काफी है। + +आपको बता दें कि वैक्‍सीन की खुराक को लेकर अब तक कई तरह के शोध सामने आ चुके हैं। इन सभी शोध का अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मूल्‍यांकन और विश्‍लेषण भी किया जाता है। कुछ समय पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कोवैक्‍सीन की तुलना में कोविशील्‍ड शरीर के अंदर अधिक एंटीबॉडीज का निर्माण करती है, जिससे हमारा इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत होता है और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है। + +इस रिपोर्ट पर कोवैक्‍सीन को बनाने वाली कंपनी ने बयान जारी कर कहा था कि इस तरह के तुलनात्‍मक अध्‍ययन का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया था कि भारत में निर्मित दोनों ही वैक्‍सीन वायरस पर कारगर हैं। यहां पर इस बात को भी ध्‍यान में रखना जरूरी है कि वैक्‍सीन की खुराक को लेकर देश ही नहीं दुनियाभर में मंथन चल रहा है। भारत की ही बात करें तो यहां पर कोविशील्‍ड की दो खुराकों के बीच समय को बढ़ाकर 12 सप्‍ताह का कर दिया गया है। वहीं, कोवैक्‍सीन पर ये लागू नहीं होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5923fd4be94cdf116d83fb0d30eb4d0d47b4823a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समीर दीक्षित, कानपुर। करोना काल में सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी प्रतिरोधक क्षमता की। जितनी बेहतर प्रतिरोधक क्षमता, उतना ही कोरोना और अन्य बीमारियों से बचे रहे। इसी तरह महुआ का पेड़ गुणों की खान की तरह है। आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के अधिकारी रहे डा. निरंकार गोयल बताते हैं कि महुआ का सेवन सेहतमंद बनाता है और कई बीमारियों से बचाता है। इसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। महुआ की खासियत है कि यह फल और सब्जी दोनों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70778.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70778.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8693393515819143ef17650af63b0fa40c1dbd1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70778.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महामारी के इस अभूतपूर्व दौर में जब स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों के अनुपात में नगण्य साबित हुईं, व्यवस्थाएं चरमरा गईं, लोगों को बहुत दिक्कतें हुईं, सरकारों की तमाम कोशिशें भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित होती दिखीं, ऐसे में न्यायपालिका ने सरकारों पर ऐसी सख्त टिप्पणियां कीं जिनको उस समय-सीमा और उस तरीके से पूरा करना नामुमकिन ही नहीं, असंभव सा था। ऐसे में एक बार फिर लोगों को संविधान याद आया। वही संविधान जो सर्वोपरि है और जिसने सबकी लक्ष्मणरेखा तय कर रखी है। कार्यपालिका के पास नीति-नियतांओं की एक विशेषज्ञ और सुविज्ञ टीम है, ऐसे में उसकी योजनाओं को एक झटके में खारिज कर देना या रद कर देना कितना संवैधानिक है। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के अधिकारों, कर्तव्यों और उनकी सीमाओं की पड़ताल आज हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a978b226a9edabbee9757ddba4d109860a3f1c82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7078.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इंटरनेट पर आजकल एक बच्चा छाया हुआ है। बेहद सामूमियत से 'बसपन का प्यार' का गाने वाले इस बच्चे का नाम है सहदेव दिर्दो। छत्तीसगढ़ के सहदेव ने पूरे देश को अपनी दीवाना बनाया हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सुपरस्टर अनुष्का शर्मा तक सभी सहदेव के गीत के कायल हो गए हैं। ये गीत सहदेव ने 2019 में अपने स्कूल में गाया था जिसके उसकी टीचर ने मोबाइल पर रिकॉर्ड किया था और अब वायरल हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..213c45ff2bbe4e3bb45a653461a0cdf612f08ba4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70781.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। संसाधन सीमित हों, मांग अधिक हो तो अच्छे-खासे गणित गड़बड़ा जाते हैं। हमारे देश में ऐसा ही एक दृश्य कोरोना के टीकाकरण अभियान में नजर आ रहा है। हालांकि देश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत इस साल के आरंभ के साथ हो गई थी, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर और फिर कई तरह की अव्यवस्थाओं ने वैक्सीनेशन की चाल में सुस्ती ला दी। इसी दौरान देश में कई जगह टीकाकरण केंद्र बंद होते हुए भी नजर आए हैं। जब देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर आशंका कायम हो तो टीकाकरण के रास्ते में आ रही बाधाएं चिंता पैदा करती हैं। यहां सवाल है कि इस चिंता का हल क्या है। इसके कई जवाबों में से एक उत्तर यह है कि देश को कोरोना टीकों का उत्पादन बढ़ाने, विदेश से वैक्सीन आयात करने के साथ-साथ टीकों के कॉकटेल या मिक्स-मैच नीति पर विचार करना चाहिए। + +मिलेगी इम्युनिटी या होगा साइड इफेक्ट: वैक्सीन के कॉकटेल से लाभ होने और या फिर ज्यादा एंटीबॉडी बनने संबंधी कुछ शोध विदेश में हुए हैं। जर्मनी के जारलैंड यूनिवर्सटिी में में ऐसा एक शोध एस्ट्रोजेनेका और फाइजर नामक दो वैक्सीनों पर किया गया। शोध में साबित हुआ कि एक ही टीके की दो खुराक लेने के बजाय दो अलग-अलग वैक्सीनों से ज्यादा मजबूत इम्युनिटी हासिल की जा सकती है। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को पहली खुराक एस्ट्राजेनेका और दूसरी खुराक बायोएनटेक-फाइजर की मिली थी, उनमें ऐसे लोगों के मुकाबले ज्यादा इम्युनिटी मिली जिन्होंने दोनों खुराकें एक ही वैक्सीन की ली थीं। + +जाहिर है दो वैक्सीनों के इस्तेमाल के बारे में निश्चय ही अभी कुछ संदेह बने हुए हैं। जैसे यह पूछा जा रहा है कि वैक्सीनों का कॉकटेल कोविड-19 के खिलाफ आखिर कितनी इम्युनिटी देता है। इस बारे में भारत में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि वैज्ञानिक नजरिये से देखें तो ऐसा संभव है कि लोगों को वैक्सीन का कॉकटेल दिया जाए, लेकिन इस मुद्दे पर और शोध की जरूरत है। वैसे इन सवालों के जवाब जल्दी ही मिल सकते हैं, क्योंकि इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शोधकार्य चल रहे हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन अपने निष्कर्षो के आधार पर इस बारे में कोई परामर्श जारी कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11eecd913e0d2b6d336fa4ae3843d9493494c1ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70783.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, हम बात कर रहे हैं मयंक अग्रवाल की, जिनको विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के लिए रोहित शर्मा के दूसरे जोड़ीदार सलामी बल्लेबाज के रूप में देखा जा रहा था, क्योंकि उन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 850 से ज्यादा रन बनाए हैं। इतना ही नहीं, भारत की तरफ से मयंक अग्रवाल एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में 2 दोहरे शतक जड़े हैं। बावजूद इसके मयंक को प्लेइंग इलेवन तो छोड़िए फाइनल 15 में भी नहीं रखा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33afc2c116149039d275a96754a7b4257661255f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70787.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून की झमाझम बारिश के लिए लोगों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। इसकी पीछे बड़ी वजह यह है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से मानसून एक्सप्रेस ने जो रफ्तार पकड़ी थी, वह उत्तर पश्चिमी झारखंड और समीपवर्ती इलाकों तक पहुंचकर धीमी पड़ गई है। हालांकि, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर को भी मानसून ने आंशिक रूप से छू लिया है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर और समूचे हरियाणा-पंजाब को मानसून की झमाझम बारिश के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। + +डॉ. एम महापात्रा (महानिदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) के मुताबिक, उत्तरी हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में मानसून ने सोमवार को दस्तक दी है, लेकिन पूरे हरियाणा और पंजाब में मानसून अभी नहीं आया है। दिल्ली-एनसीआर में अभी अगले पांच छह दिन तक इसके आने की कोई संभावना नहीं लग रही। मानसून की रफ्तार फिलहाल धीमी पड़ गई है। बुधवार को मानसून के अपडेट पर औपचारिक स्थिति स्पष्ट की जाएगी। ।वहीं, महेश पलावत ( उपाध्यक्ष, स्काईमेट वेदर) का कहना है कि इसमें संदेह नहीं है कि मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है और सिस्टम कमजोर पड़ गया है। फिर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले एक-दो दिन में मानसून की दस्तक हो सकती है। हरियाणा और पंजाब के भी कुछ हिस्सों को मानसून ने सोमवार को छुआ है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम भारत के समीपवर्ती इलाकों में मानसून का इंतजार अभी एक सप्ताह तक भी करना पड़ सकता है। ।ये भी पढ़ें- जानिए अभी और कितने महीनों के बाद शुरू हो पाएगा आनंद विहार में बनाया जा रहा स्माग टावर, मिल पाएगी साफ हवा ।दिल्ली ने अनाज सड़ा दिया मगर बांटा नहीं, अब सब अन्न पर ही मौन हो गए, पढ़िए स्कूलों में अनाज सड़ने की दास्तान।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ee860da0d4d92e06c1c1be39117f04fce01cdca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, [प्रमोद यादव]। त्रिवेणी की धरा पर भक्ति के साथ देशभक्ति का संगम दिखने जा रहा है। ब्रह्मïा की तपोस्थली में जल्द खुलने जा रहे गलवन के बलिदानियों के स्मारक से तीर्थराज प्रयाग देशप्रेम का तीर्थ बनने जा रहा है। पिछले वर्ष 15-16 जून को चीनी सैनिकों के हमले में 20 रणबांकुरों की वीरगति के बाद बने इस स्मारक को 22 तक जनता के लिए खोलने की तैयारी है। ।पिछले वर्ष 15-16 जून को भारत-चीन सीमा पर चीनी फौजियों से हुई थी झड़प।पिछले वर्ष भारत-चीन सीमा पर लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी फौजियों से झड़प हुई थी। चीनी सैनिकों ने तार लगे लाठी-डंडों से हमारे निहत्थे जवानों पर हमला बोल दिया था। हमारे सैनिक निहत्थे लड़े थे और दुश्मन को मुंह की खानी पड़ी थी। हालांकि इसमें कर्नल संतोष बाबू की अगुवाई में 20 बहादुर सैनिकों को सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा था। इन रणबांकुरों की स्मृति में यह स्मारक पूर्वी यूपी एमपी सब एरिया मुख्यालय के ठीक सामने बनाया गया है। सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल आइएम लांबा के निर्देशन में यहां बलिदानी सैनिकों की आदमकद प्रतिमाएं लगाई गई हैं। । दिखेगी चीनी झड़प की पूरी कहानी।81 फील्ड रेजीमेंट प्रयागराज सब एरिया के अधीन आती है। इसीलिए यहां बलिदानी जवानों की स्मृतियां 150 गुणे 100 फीट क्षेत्रफल में चिरस्थायी होगी। सभी दिवंगत जवानों की तीन फिट ऊंची प्रतिमा लगेगी। सात से आठ किलो वजनी प्रतिमाएं फाइबर से बनाई गई हैैं। उस पर तांबे और कांसा का लेप है, जिससे वो खराब नहीं होंगी। शहर की आकृति आर्ट की टीम ने इसे तैयार किया है। अमर जवानों के कंधे पर रैंक को दर्शाने वाली फित्ती भी है। पीछे दीवार (म्यूरल) पर झड़प को दर्शाया जाएगा। उद्घाटन अवसर पर बलिदानियों के स्वजन भी बुलाए जाएंगे। ।ये हैं गलवन के अमर बलिदानी।16 बिहार रेजीमेंट के कर्नल संतोष बाबू, हवलदार सुनील कुमार, नायब सुबेदार नुदुराम सोरेन, नायक दीपक कुमार, सिपाही चंद्रकांत प्रधान, कुंदन कुमार ओझा, गणेश हंसदा, कुंदन कुमार यादव, राजेश ओरंग, चंदन कुमार, गणेश राम, अमन कुमार, 03 पंजाब रेजीमेंट के सिपाही गुरुतेज सिंह, अंकुश ठाकुर, गुरुबिंदर सिंह, 03 मेडिकल रेजीमेंट के नायब सुबेदार सतनाम सिंह, मंदीप सिंह, 81 फील्ड रेजीमेंट के हवलदार के पिलानी, 81 आम्र्ड के हवलदार विपुल राय और 12 बिहार रेजीमेंट के जय किशोर सिंह भी अमर हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50cb22354de13683a160f2e36edb0b2960afd6c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70789.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दैनिक जागरण के अभियान का मकसद कोरोना काल में हमेशा के बिछुड़े अपनों की याद में पौधे लगाने का है। इस उद्देश्य की सराहना करते हुए डीएफओ अखिलेश पांडेय ने कहा कि वे ताज नेचर वाक स्थित स्मृति वन में कोरोना मृतकों की याद में पौधारोपण करवाएंगे। जिन परिवार ने इस वायरस के कारण अपनों को खोया है, वे उनकी याद में विभाग का सहयोग करें। स्मृति वन में पौधों के साथ ही नाम पट्टिका व ट्री गार्ड भी लगाया जाएगा। पौधों की सही देखभाल की जाएगी। यही नहीं, डीएफओ एक और पहल करने जा रहे हैं। कोरोना काल में जिन योद्धाओं ने अपनी जान गंवाई है, उनके स्वजनों को सहजन का पौधा रोपने के लिए दिया जाएगा। यह पौधे वहीं लगाए जाएंगे, जहां वे कार्य करते थे। सहजन का पौधा इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि उसके हर भाग का महत्व है। जड़ से लेकर पत्ते तक किसी न किसी रोग को दूर करने में लाभकारी है। ऐसे सभी कोरोना योद्धाओं की सूची सीएमओ कार्यालय से ली जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72eb18b82a29c2f8ee3fe3f070bda7365f2d1e7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70790.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुलंदशहर में गंगा पर डाल्‍फिन का संरक्षण केंद्र बना।प्रभागीय निदेशक (वन एवं पर्यावरण) दिवाकर कुमार वशिष्ठ ने बताया कि समीपवर्ती जनपद बुलंदशहर व कासगंज में डाल्फिन व अन्य जलीय जीव की उपस्थिति है। बुलंदशहर में गंगा पर डाल्फिन का संरक्षण केंद्र भी बनाया गया है। ऐसे में अलीगढ़ से गुजर गंगा में भी डाल्फिन व अन्य जलीय जीवों के होने की पूरी संभावना है। पिछले दिनों वन विभाग व आगरा से डब्ल्यू़डब्ल्यूएफ के एक विशेषज्ञ ने गंगा और गंग नगर में मगरमच्छ व कछुओं की उपस्थिति जानने के लिए सर्वे किया। गंग नहर व सांकरा के पास गंगा में कई जगह मगरमच्छ दिखाई दिए। कछुए भी काफी संख्या में हैं। लिहाजा, विलुप्त प्राय इन जलीय जीवों को बचाने के लिए इनका संरक्षण बहुत जरूरी है। गंगा को भी स्वच्छ रखना होगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70793.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a10c5c379038cfc110b4d7032c1b1477b8087b06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70793.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह करा सकते हैं घर बैठे वाहन को स्क्रैप । स्क्रैप करने वाली एक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिेकारी यश अरोड़ा का कहना है कि वेबसाइट पर जाकर एजेंसी के वाट्सएप नंबर पर वाहन के फोटो और आरसी लोग भेज सकते हैं। इसे देखकर अांकलन कर उसके दाम बता दिए जाते हैं। सहमति बनने पर एजेंसी ही अपनी क्रेन भेजकर वाहन को लेकर उसे मंगवा लेती है। एजेंसी ही परिवहन विभाग को सूचित करती है कि संबंधित वाहन को स्क्रैप कर दिया गया है। वाहन की स्क्रैप राशि 24 घंटे के अंदर संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है। वाहन के स्क्रैप किए जाने पर प्रमाण-पत्र मिलेगा। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग की चेतावनी के बाद काफी लोगों के फोन जानकारी लेने के लिए आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ada56b02e66456487f7cab4619d6de56753b13f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70795.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चंडीगढ़ [इंद्रप्रीत सिंह]। फसलों की सीधी अदायगी के बाद अब केंद्र सरकार बिजली की सब्सिडी भी किसानों के खाते में सीधी डालकर एक और नया रिफार्म लाने की तैयारी में है। चूंकि सब्सिडी राज्यों को किसानों के खाते में डालनी है, इसलिए सभी राज्यों को उनके कुल घरेलू सकल उत्पाद का 0.50 फीसद अधिक कर्ज ले सकने का आफर दिया गया है। + +पंजाब के मामले में यह 3200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज होगा। वित्त मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को 22 पन्नों के लिखे पत्र में अगले पांच सालों में किए जाने वाले रिफार्म्स का पूरा ब्यौरा दिया है, जिसमें सबसे बड़ा रिफार्म किसानों की सब्सिडी को लेकर है। केंद्र सरकार ने कर्ज लेने के लिए एक क्राइटिरिया तैयार किया है, जिसे अंकों के जरिए मापा जाएगा, जो राज्य सरकार जितने ज्यादा अंक लेगी, उसे उस हिसाब से अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत होगी। + +इसके अलावा 25 नंबर बोनस के भी रखे गए हैं, जो राज्य बिजली डिस्ट्रीब्यूशन का काम निजी कंपनियों को दे देंगे उन्हें 25 अंक दिए जाएंगे। ऐसा करने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक का समय दिया गया है। यदि कोई राज्य सरकार उपरोक्त एंट्री लेवल को पूरा नहीं करेगी तो उन्हें कोई अतिरिक्त कर्ज नहीं मिलेगा। यदि कोई राज्य सरकार 15 अंक हासिल कर लेगी तो उसे 0.35 फीसद और यदि 30 अंक हासिल कर लेगी तो उसे 0.50 फीसद कर्ज मिलेगा। यह मात्र 2021-22 में कर्ज लेने की शर्तें हैं। 0.50 फीसद कर्ज लेने की ये शर्तें आने वाले पांच साल के लिए हैं और हर साल के लिए इसे अलग से बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6404fde70b883344d357ec6fb396fa405f59e68a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70801.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘खेला होबे’ यानी ‘खेल होगा’ का नारा खूब लगा था। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से लेकर उनके नेता-मंत्री सब यही नारा लगा रहे थे। दूसरी ओर इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के अन्य नेता-मंत्री ‘खेला शेष’ यानी ‘खेल खत्म’ का नारा बुलंद कर रहे थे, लेकिन असली खेल तो तृणमूल की ओर से भाजपा में रहते हुए मुकुल रॉय खेल रहे थे। + +तृणमूल में जाने के बाद बंगाल भाजपा के नेता मुकुल को ‘विश्वासघाती’ और ‘गद्दार’ बता रहे हैं, लेकिन अब काफी देर हो चुकी है। मुकुल खुलकर सामने हैं और तृणमूल नेतृत्व उनके माध्यम से भाजपा के सांसद-विधायकों व नेताओं को तोड़कर बची-खुची कसर पूरी करने की जुगत में है, इसीलिए तो गत शुक्रवार को ममता की मौजूदगी में शामिल होने के कुछ घंटे बाद ही मुकुल ने भाजपा के 10 विधायकों व तीन सांसदों को फोन कर उन्हें तृणमूल में शामिल होने का न्योता दे दिया। वैसे भी रॉय सियासी मैदान में नेताओं को तोड़ने के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। इन सबके बीच एक और बड़ी बात यह है कि जिस तरह से 2017 में मुकुल तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उसके बाद उनकी विश्वसनीयता पर बट्टा लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1392bfe680355be24ed52d6b7af68fb1e4f44bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70803.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहर के प्राइवेट अस्पतालों में इएनटी विशेषज्ञों के पास रोजाना कई मरीज इस तरह की शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल के ईएनटी विभाग के हेड डा. रजत भाटिया का कहना है कि ओपीडी में रोजाना 30 से 50 साल की उम्र के 20 से 30 प्रतिशत कोरोना से ठीक हो चुके मरीज आ रहे हैं जिन्हें कान में घंटी या सीटी की आवाज सुनाई दे रही है। इस समस्या के कारण उन्हें रात को नींद नहीं आ रही है। उनका कहना है कि कानों में घंटी या सीटी बजने के कई कारण हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70804.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef0788b2f603576743df0535ae4703a5157708da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70804.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे और इस समय लगाएं : पौधारोपण के लिए वर्षा ऋतु से पूर्व एक घन मीटर आकार के गड्ढे तैयार करें। इनमें मिट्टी तथा सड़ी हुई खाद (बराबर अनुपात में) और क्विनालफास (50- 100 ग्राम) के मिश्रण से भरना चाहिए। बारिश में इन गड्ढों में जामुन की पौध लगानी चाहिए।  जामुन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व कैल्शियम के साथ प्रति 100 ग्राम में दो मिलीग्राम तक आयरन भी पाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..039a1b38b41595e5213f83c02f601abcb578029c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद (एएफपी)। अफगानिस्‍तान शांति वार्ता में आई रुकावट और बढ़ते तालिबानी हमलों के मद्देनजर पाकिस्‍तान ने ये साफ कर दिया है कि वो किसी भी तरह की कोई जिम्‍मेदारी इसके लिए नहीं लेगा। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाक-अफगान डायलॉग के दौरान वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि पाकिस्‍तान पर अफगानिस्‍तान में शांति वार्ता में बाधा पहुंचाने या उसको खराब करने का आरोप लगाएगा तो पाकिस्‍तान कभी इसकी जिम्‍मेदारी नहीं लेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70806.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef9089f4d48ae5d1a8567bba12a905fff8430f91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फरवरी 2021 में इसके तीसरे चरण के शुरुआती परिणामों में इसको 91 फीसद से अधिक कारगर बताया गया था। लेंसेट में भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया गया था। इस वैक्‍सीन को इबोला और मर्स पर काम करने वाली गमालिया नेशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया है। अन्‍य कोरोना वेक्‍सीन के मुकाबले ये सस्‍ती भी है और यही वजह है कि कई देशों के बजट में भी ये फिट आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65cc72d78fac71ec471038707e8afd9a428d727a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70808.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिजीत कामरा। आज प्रत्येक देश वैश्विक निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की संभावनाएं तलाशने में जुटा है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारत की जीडीपी में एक तिहाई से अधिक योगदान देते हैं और देश के निर्यात में इनकी 50 फीसद हिस्सेदारी है। सरकार ने एमएसएमई के निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। यह छोटे व्यवसायों को तरक्की में योगदान देने के साथ ही सीमा पार से व्यापार प्रस्ताव और बड़े पैमाने पर होने वाले संचालन का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा। + +भारत में बने उत्पादों की विदेश में बढ़ती लोकप्रियता से हजारों भारतीय एमएसएमई को फायदा पहुंच रहा है और उन्हें उपभोक्ताओं की जरूरतों के मुताबिक उत्पादों को तैयार करने में मदद मिल रही है। हमने ऐसे कई भारतीय कारोबारों को देखा है जिनके उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी श्रेणी में बेहद लोकप्रिय हैं। इन कारोबारों ने अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया है। ऐसी ही एक मिसाल है नेचरवाइब बॉटेनिकल्स। इसके संस्थापक को जब पश्चिमी बाजारों में भारतीय आयुर्वेदिक उत्पादों की जबरदस्त मांग के बारे में जानकारी मिली तो इस अवसर का लाभ उठाने के लिए उन्होंने वर्ष 2017 में इस ब्रांड को स्थापित किया। उन्होंने अमेजन ग्लोबल सेलिंग से पंजीकृत होकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अलग-अलग श्रेणियों के तहत विविध प्राकृतिक उत्पादों की पेशकश की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5413e4737442c6e093f5bb74deab1acdb9dcde0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70810.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटकों को कोविड रिपोर्ट पर छूट देने के बाद से मनाली में पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। प्रदेश भर से भी सौ से अधिक वाहन पहुंच रहे हैं, जबकि अन्‍य राज्यों से आने वाले पर्यटक वाहनों का आंकड़ा भी पांच सौ के पार होने लगा है। पर्यटकों की आमद बढ़ने से होटल कारोबारियों सहित टैक्सी आपरेटरों व पर्यटन से जुड़े हर कारोबारी को राहत मिलने लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7976ce922b9cf8e0076b3e3922c70c01aaa2677 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70817.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ब्रिटेन में भी वैज्ञानिकों ने सरकार को सलाह और चेतावनी दी है कि यदि प्रतिबंधों में किसी भी किस्‍म की ढिलाई दी गई तो स्थिति काफी खराब हो सकती है। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि ऐसा करने पर अधिक संख्‍या में लोगों का अस्‍पताल आना हो सकता है। जानकारों को इस बात की भी आशंका है कि डेल्‍टा वैरिएंट का खतरा अधिक होने के चलते आने वाले दिनों में अधिक मरीज सामने आ सकते हैं। सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह को मानते हुए फिलहाल प्रतिबंधों में ढील देने से इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री जॉनसन का कहना है कि ये ठीक होगा कि हम कुछ दिन और इंतजार करें। उन्‍होंने इस बात की भी उम्‍मीद जताई है कि 19 जुलाई से ब्रिटेन में सब कुछ सामान्‍य हो जाएगा और प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं होगी। + +ब्रिटेन के पीएम के मुताबिक देश में 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्‍सीन की दूसरी खुराक देने का काम जोरों पर है। सरकार ने अब तक अधिकतर लोगों को वायरस के प्रति सुरक्षा मुहैया करवाई है और अधिक से अधिक उन्‍हें सुरक्षा देने पर काम किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रतिबंधों को हटाने के लिए जो एक महीने का समय बढ़ाया गया है कि उससे सरकार को कुछ वक्‍त भी ज्‍यादा मिल गया है, हालांकि ये समय काफी संवेदनशील होगा। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि डेल्‍टा वैरिएंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसकी वजह से संक्रमण की रफ्तार में तेजी आई है। इतना ही नहीं इसके चलते मामले दोगुना हो गए हैं। इसकी वजह से देश के कुछ इलाके बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। हमें इसके साथ रहते हुए जीना सीखना होगा। वैक्‍सीन से खतरे को कम किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70820.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f21d147f3d8797a2583791be6897ae0933392bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70820.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुद्रा की आवश्यकता तीन प्रमुख कारणों से होती है: यह समझना होगा कि हमारी वर्तमान आर्थिक स्थिति मुद्रा की कमी के कारण नहीं है, बल्कि महामारी के कारण है। अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। ऐसे में नोट छाप कर अधिक मुद्रा चलन में लाने से मुद्रास्फीति हो सकती है, रुपया कमजोर हो सकता है, वित्तीय घाटा जो पहले से ही मान्य सीमा के ऊपर जा चुका है वह तेजी से बढ़ सकता है, और इस प्रकार धन का दुरुपयोग बढ़ सकता है। मुद्रा की आवश्यकता तीन प्रमुख कारणों से होती है- वस्तुओं और सेवाओं की खरीद और बिक्री के लिए, भविष्य की अनिश्चितता से बचने के लिए और निवेश के लिए जो अनावश्यक वस्तुओं और सेवाओं में भी खर्च की जा सकती है जैसे स्पेक्युलेटिव व्यापार एवं उद्योगपतियों, व्यापारियों, नेताओं और सरकारी अफसरों द्वारा भ्रष्टाचार आदि में। + +नोट छाप कर अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का सिद्धांत: राष्ट्रीयकृत बैंकों का एनपीए छह लाख करोड़ के आसपास है। उसकी उगाही के और ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही, विनिवेश का जो लक्ष्य वर्ष 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ का निर्धारित किया गया है, उसे पूरी करने की कोशिश करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि आर्थिक मंदी की स्थिति में नोट छाप कर अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का सिद्धांत सबसे पहले ब्रिटिश अर्थशास्त्री लार्ड कीन्स ने वर्ष 1930 में प्रतिपादित किया था। इसका उद्देश्य था भारी मंदी के कारण पटरी से उतर चुकी वैश्विक अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना, उसे फिर से व्यवस्थित करना। उस मंदी का एक बड़ा कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मुद्रा नीति थी जिससे बाजार में मुद्रा का चलन बहुत कम हो गया था, डॉलर की पूíत मांग से कहीं बहुत कम हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70821.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c828ec0e3d215fc011f532c7ddbf74042105f443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70821.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हांगकांग (एपी)। चीन में हांगकांग के नजदीक ग्वांगडोंग प्रांत में स्थित ताइशान न्‍यूक्लियर प्‍लांट में रेडियो‍एक्टिव पदार्थ के लीक होने के बाद कुछ समय के लिए वहां पर अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था। इसकी जानकारी इस न्‍यूक्यिलर प्‍लांट के ज्‍वांइट ऑपरेटर फ्रेंच मल्‍टीनेशनल इलेक्ट्रिक यूटिलिटी इलेक्ट्रिसिटी डे फ्रांस (फ्रेमोटॉम ) ने दी है। इस कंपनी का कहना है कि फिलहाल प्‍लांट सुरक्षा के दायरे में ही हे और काम कर रहा है। गौरतलब है कि इस प्‍लांअ को चीन की कंपनी जनरल न्‍यूक्यिल पावर ग्रुप फ्रांस की कंपनी के साथ मिलकर ऑपरेट करता है। प्‍लांट में लीकेज की खबर आने के बाद प्‍लांट के डाटा की समीक्षा के लिए दोनों ही कंपनियों ने एक साझा बैठक भी की थी। + +फ्रेमोटॉम से जारी एक बयान में कहा गया है कि कंपनी पर प्‍लांट की परफोर्मेंस की जिम्‍मेदारी है। इसमें ये भी कहा गया है कि कंपनी के विशेषज्ञ हालात का जायजा लेने में लगे हुए हैं। वो इस बात को भी तलाश रहे हैं कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं हुई है। हांगकांग से करीब 135 किमी दूर स्थित इस प्‍लांट में रेडिएशन लेवल को फिलहाल सही पाया गया है। इसकी जानकारी हांगकांग ऑब्‍जरवेटरी ने दी है जिसके पास इसके आस पास के शहरों का रेडिएशन लेवल नापने की जिम्‍मेदारी है। + +सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार को फ्रेमोटॉम ने अमेरिकी ऊर्जा विभाग को रेडियोएक्टिव लीकेज के खतरे की चेतावनी दी थी। साथ ही उसने चीन पर आरोप लगाया था कि वो इस प्‍लांट के बाहर क्षमता से अधिक रेडियोएक्टिव पदार्थ बाहर डाला जा रहा है जिससे इस प्‍लांट को बंद करने से रोका जा सके। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि अमेरिकी अधिकारियों को लगता है कि मौजूदा हालातों में प्‍लांट की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। फ्रांस की कंपनी ने अपने एक बयान में ये भी कहा है कि उसको बताया गया है कि रिएक्‍टर वन के पास कुछ बेहद दुलर्भ गैसों का लेवल लगातार बढ़ रहा है। कंपनी का ये भी कहना है कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर उसने चीन से इस बात की अपील की है कि फिलहाल इस प्‍लांट को होल्‍ड पर डाल देना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b27b9602ea417eed39f8edec4c5ebc68f799724e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70822.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि परिसर से कुछ ही फासले पर स्थित मुहल्ला बाग बिजेसी की जिस भूमि की खरीद में रविवार को सपा नेता एवं प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन ने घोटाले का आरोप लगाया था, उस आरोप की हवा 24 घंटे के भीतर ही निकलने लगी। सपा नेता के आरोप का मुख्य आधार यह था कि जिस भूमि का इसी वर्ष 18 मार्च को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया, उस भूमि का एग्रीमेंट करने वाले रविमोहन तिवारी एवं सुल्तान अंसारी ने उसी तारीख को 10 मिनट पूर्व ही मात्र दो करोड़ रुपये में बैनामा कराया था। + +यह बताने के साथ पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया था कि दो करोड़ की भूमि 18.50 करोड़ में एग्रीमेंट कराने के पीछे करोड़ों का घोटाला किया गया। जबकि सच्चाई यह है कि संबंधित भूमि का चार मार्च 2011 को यानी 10 साल पूर्व ही मो. इरफान, हरिदास एवं कुसुम पाठक ने दो करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया था। तीन साल बाद इस एग्रीमेंट का नवीनीकरण भी कराया गया। यह भूमि 2017 में हरिदास एवं कुसुम पाठक ने भू स्वामी नूर आलम, महफूज आलम एवं जावेद आलम से बैनामा करा ली और हरिदास एवं कुसुम पाठक से यह भूमि 17 सितंबर 2019 को रविमोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी आदि आठ लोगों ने एग्रीमेंट करा ली और रविमोहन एवं सुल्तान अंसारी ने ही 18 मार्च को यह भूमि बैनामा करा ली। + +किसी के साथ कोई धोखा नहीं : सुल्तान।ट्रस्ट के नाम संबंधित भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने वाले सुल्तान अंसारी का कहना है कि संबंधित भूमि के क्रय-विक्रय में न हमने और न ट्रस्ट ने कोई धोखा किया है। घपले का आरोप लगाने वाले अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि एक दशक पूर्व अयोध्या में जब जमीन की कीमत काफी कम थी, तभी हम लोगों ने दो करोड़ में संबंंधित भूमि का एग्रीमेंट कराया था। यह कहना गलत है कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दी गई भूमि में जमकर मलाई काटी गई, जबकि सच्चाई यह है कि राम मंदिर में सहयोग को ध्यान में रखकर इस जमीन को बाजार भाव से काफी कम में एग्रीमेंट किया गया है। + +राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित : चंपत।रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने कहा है कि ट्रस्ट ने जो भी भूमि क्रय की है, वह बाजार भाव से कम मूल्य पर क्रय की है। जो राजनीतिक लोग इस संबंध में सवाल उठा रहे हैं, वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है तथा राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70823.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70823.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce0c262beeb0ec1dd69b6abf81ae626534cebecd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70823.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकास की बलि चढ़े लाखों पेड़।2019 में अप्रैल और मई में आए तूफान से जनपद में हजारों पेड़ टूटे थे। यही नहीं, आगरा में विकास कार्य के नाम पर 1996 से अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। जिसमें आगरा-मथुरा हाईवे के चौड़ीकरण में 11327 पेड़, न्यू दक्षिणी बाइपास के लिए 400 पेड़, आगरा-अलीगढ़ राजमार्ग के चौड़ीकरण में 484 पेड़, फतेहाबाद रोड के चौड़ीकरण को 600 से अधिक पेड़ काटे गए थे। यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान 23 हजार पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई। तकरीबन 457 पेड़ चौथी रेल लाइन के डालने के दौरान काटे गए। इसके बाद माल रोड के चौड़ीकरण के समय 900 से ज्यादा पेड़ों पर आरी चलाई गई। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान 67 हजार पेड़ों को काटा गया। तकरीबन 35 हजार पेड़ हाईटेंशन लाइन समेत अन्य परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के दौरान काटे गए। 111 पेड़ गंगाजल की पाइपलाइन बिछाने के दौरान काटे गए। मेट्रो परियोजना के लिए भी हजारों पेड़ काटे गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bee1e0c51317aa61c3272d6d01d52d7e3c3484ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरीश तिवारी, ऋषिकेश। Water Conservation स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के अधीन संचालित हिमालयन इंस्टीट्यूट हास्पिटल ट्रस्ट (एचआइएचटी) का वर्षा जल संरक्षण के लिए भगीरथ प्रयास जारी है। इसके लिए संस्था की ओर से एसआरएचयू परिसर में लगभग 50 लाख की लागत से 12 रेन वाटर हार्वेस्‍टिंग रिचार्ज पिट बनाए गए हैं। इनसे सालाना करीब 40 करोड़ लीटर वर्षा जल रिचार्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही एचआइएचटी की ओर से विश्वविद्यालय कैंपस में 1.25 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी लगाया गया है। इससे रोजाना सात लाख लीटर जल शोधित होता है। यह जल कैंपस में सिंचाई व बागवानी के उपयोग में लाया जा रहा है। भविष्य में इस प्लांट की क्षमता बढ़ाकर शोधित जल को शौचालय में भी इस्तेमाल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f69c07966c6d9837dcd1df64f25b9b09fdac48e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70828.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +15-16 जून की रात गलवन में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जो झड़प हुई थी उसमें भारत के भी करीब 20 जवान शहीद हुए थे। इनमें एक कर्नल संतोष बाबू भी थे, जो वहां के कमांडिंग ऑफिसर थे। इस रात को भारतीय सेना की एक पैट्रोलिंग पार्टी सीमा का मुआयना कर रही थी। उसी दौरान उन्‍हें भारतीय सीमा में चीन के जवान दिखाई दिए। भारतीय जवानों ने उन्‍हें वहां से वापस चले जाने का आग्रह किया, जो उन्‍होंने ठुकरा दिया। धीरे-धीरे ये आग्रह चीन की सीनाजोरी के बीच गुस्‍से में बदल गया। + +झड़प बढ़ती देख भारतीय सैनिकों ने तत्‍काल और जवानों को वहां पर बुलाने का मैसेज फॉरवर्ड किया। छह घंटे तक चीनी सैनिकों के पत्‍थरों और लोहे की रॉड से भारतीय सैनिक टक्‍कर लेते रहे। इसी झड़प में कर्नल संतोष बुरी तरह से जख्‍मी हो गए और वहीं पर उन्‍होंने प्राण त्‍याग दिए थे। अपने कमांडिंग ऑफिसर की शहादत से भारतीय जवानों का गुस्‍सा फूट पड़ा और उन्‍होंने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके बाद चीन ने अगले दिन अपने आधिकारिक बयान में गलवन घाटी को अपना क्षेत्र बताते हुए भारतीय जवानों की कार्रवाई को गलत करार दिया था। भारत की सरकार की तरफ से भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया। ।गलवन की घटना के करीब 10 माह के बाद तक भी चीन और भारत के बीच इस मुद्दे को लेकर तनातनी जारी रही। भारत ने भी किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली थी। सीमा पर अत्‍याधुनिक फाइटर जेट के अलावा टैंक तक की तैनाती कर दी गई। सीमा पर जवानों की संख्‍या में भी इजाफा कर दिया गया। अंतरराष्‍ट्रीय जगत में गलवन में भारतीय जवानों की कार्रवाई को ठीक करार दिया गया। अमेरिका ने साफतौर पर कहा कि भारतीय जवानों को अपनी सीमा की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। लिहाजा गलवन में की गई कार्रवाई पूरी तरह से जायज है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0ef54d2cc8608ef24388935ff90e5d4229843e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70830.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आपको बता दें कि चीन जी-7 देशों के सम्‍मेलन से इस बात से भी चिढ़ा हुआ है, क्‍योंकि इसमें वर्तमान महामारी की दोबारा जांच करने पर सहमति जताई गई है। सदस्‍य देशों का मानना है कि वायरस की उत्‍पत्ति की जांच दोबारा जांच की जानी चाहिए और इसमें चीन को पूरा समर्थन देना चाहिए। जी-7 की बैठक में चीन से अपील की गई है कि वो हांगकांग और शिनजियांग में अपनी करतूतों को बंद करे और अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का आदर करे। साथ ही इन जगहों पर रहने वालों को खुलकर जीने की पूरी छूट दी, क्‍योंकि ये उनका अधिकार है। + +अमेरिका की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्‍ट्रपति बाइडन ने चीन के उस रुख की कड़ी निंदा की है जिसमें उसने कोविड-19 की जांच के लिए पूरी छूट न दिए जाने की बात कही है। आपको बता दें कि चीन ने उनकी लैब में किसी भी तरह की जांच की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है, जबकि अमेरिका चाहता है कि जांचकर्ताओं को चीन की लैब से सैंपल लेने की इजाजत मिलनी चाहिए। तभी इस जांच को निष्‍पक्ष करार दिया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..443d8ceb4098e7e21ca9f4c37f2ff648a64f5ba2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70831.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सच बात तो यह भी है कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला कुछ हद तक आरुषि-हेमराज की तरह ही है। दोनों मामलों में कई समानताएं भी हैं। मसलन, आरुषि और सुशांत केस में जितने ट्विस्ट और टर्न सामने आए, अब से पहले शायद ही किसी की मौत के केस में आए होंगे। खासकर राज्य की पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी तक मामलों के जाने के बीच इतना बवाल कभी नहीं हुआ। सबसे बड़ी बात की आरुषि की हत्या का राज 13 साल बाद भी नहीं खुला है, जबकि सुशांत की मौत की जांच एक बाद जहां थी वहीं है। दोनों ही मामलों की जांच सीबीआइ कर रही है। + +वहीं, 15-16 मई, 2008 की रात आरुषि की उसके घर में ही हत्या कर दी गई थी। फिर अगले कुछ घंटों के भीतर घरेलू सहायक हेमराज का शव जलवायु विहार एल-32 घर की छत पर मिला था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हत्या कांड के कुछ दिनों के भीतर ही जांच को लेकर खुलासा किया था कि आरुषि की हत्या उसके पिता ने की है। 14 वर्षीय आरुषि डॉक्टर दंपत्ति राजेश और नूपुर तलवार की बेटी थी। जानकारी के मुताबिक, 16 मई 2008 की सुबह आरुषि का शव उसके ही कमरे में मिला था। घर में आरुषि और उसके माता-पिता के अलावा उनका घरेलू सहायक हेमराज भी रहता था जो हत्या के बाद से घर से गायब था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4391ea6ac5bc215d9be7865da6553be383e7ff5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कच्चे माल की कमी होगी दूर।जी-7 की इस घोषणा से भारत में वैक्सीन निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल की कमी भी दूर होना तय है। सूत्रों के मुताबिक, दुनिया में जब भी बड़े पैमाने पर वैक्सीन निर्माण की बात होगी तो वह काम भारत के सहयोग के बिना पूरा नहीं होगा। जी-7 के सदस्यों और बैठक में बुलाए गए चारों अन्य देशों को बखूबी पता है कि कोरोना महामारी के खिलाफ उनकी रणनीति भारत की हिस्सेदारी व सहयोग के बिना सफल नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdf1df62317fd8e0739ce69c4e3982aaba770ea9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरियाणा में मानसून एंट्री दे चुका है। गत दिवस मानसून की झड़ी आधे से ज्यादा हरियाणा में देखने को मिली। इससे तापमान में गिरावट आई है। वहीं कुछ जिले ऐसे रहे, जहां सिर्फ बूंदाबांदी हुई। सबसे ज्यादा बारिश राजस्थान से सटे प्रदेश के सिरसा जिले में हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सिरसा में 101.4 एमएम बारिश रिकार्ड की गई, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। इसके अलावा हिसार, फतेहाबाद, चंडीगढ़, अंबाला व आसपास के जिलों में भी अच्छी बारिश हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5519e546b5a379bcb8c454f32323d2fc920b77f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70842.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र सरकार ने आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम का नाम बदलने के छह माह बाद रुका काम शुरू करने को पांच करोड़ रुपये जरूर जारी किए, लेकिन इसके बाद भी काम दोबारा शुरू नहीं हो सका। यहां 18 माह से काम ठप है। सरकार ने जितने पैसे जारी किए थे, उससे अधिक तो निर्माण एजेंसी का बकाया था। इसके चलते एक बार फिर शासन को पत्र भेजकर बजट जारी करने की मांग की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e6fb3cdb3aa21b551375430ae08a04868263512 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बर्न, स्विटजरलैंड (रॉयटर्स)। दुनिया के बढ़ते तापमान को लेकर बार-बार अंतरराष्‍ट्रीय संगठन चेतावनी दे रहे हैं। वहीं विकसित देश इस दिशा में कदम उठाने के लिए विकासशील देशों पर लगातार दबाव डाल रहे हैं। लेकिन हकीकत ये भी है कि ऐसे देशों के लोग खुद आगे आकर कोई सहयोग नहीं देना चाहते हैं। इसका ताजा उदाहरण स्विटजरलैंड हैं, जहां के लोगों ने सरकार के उन कानूनों को खारिज कर दिया है कि जिसमें कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कदम उठाए जाने की बात कही गई थी। इसके लिए सरकार ने एक जनमत संग्रह कराया था जिसमें सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf22c960a27bcebc516554940ef316d2ebe1114d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70847.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। राजधानी में सिंगल यूज प्लास्टिक अब ढूंढे नहीं मिलेगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इसके लिए ठोस योजना तैयार की है। इसके तहत अब प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन, रीसाइक्लिंग और पैकेजिंग करने वाली इकाइयों के लिए डीपीसीसी में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए 30 जून तक आवेदन करना होगा। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 50 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक थैली अब न दिल्ली में बनेगी और न ही बिकेगी। ।दरअसल, यह पूरी कवायद एक जनवरी 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर की जा रही है। फरवरी में प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्लास्टिक के इस्तेमाल को सीमित करने के मद्देनजर एक बैठक रखी थी। इसमें तय हुआ था कि माइक्रो प्लास्टिक यानी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल जनवरी 2022 तक पूरी तरह बंद कर दिया जाए। ।इसी कड़ी में कदम आगे बढ़ाते हुए डीपीसीसी ने रविवार को एक सार्वजनिक सूचना जारी की है। इसमें सभी इकाइयों के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2018 के तहत पंजीकरण कराना तथा जल (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 तथा वायु (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत प्रचालन की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। + +अधिकारियों के मुताबिक पंजीकरण के लिए आवेदन डीपीसीसी की वेबसाइट पर करना होगा और इसकी अंतिम तिथि 30 जून रखी गई है। इसके बाद गैर पंजीकृत इकाइयों को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। ये है प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2018प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2018 के नियम 13 के अनुसार कोई भी व्यक्ति डीपीसीसी से बिना पंजीकरण कराए प्लास्टिक थैली का उत्पादन, रीसाइक्लिंग या बहुस्तरीय पैकेजिंग सामान का उत्पादन शुरू नहीं करेगा। ।कोई भी उत्पादक, पंजीकरण या पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए फार्म संख्या एक में आवेदन करेगा। रिसाइकिल यूनिट का पंजीकरण कराने के लिए फार्म संख्या दो, जबकि प्लस्टिक के रूप में कच्चे माल का उपयोग करने वाले उत्पादक को फार्म संख्या तीन में आवेदन करना होगा। पर्यावरण के लिए नासूर बन रहा प्लास्टिक कचरा प्लास्टिक कचरा देशभर में पर्यावरण के लिए नासूर बनता जा रहा है। ।माइक्रो प्लास्टिक के कण शरीर में पहुंचकर फेफड़ों से लेकर आंत तक को हानि पहुंचाते हैं। यही नहीं, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी इसकी वजह से हो रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सालाना करीब 16 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा लगभग 800 टन प्रतिवर्ष है। इसमें से सिर्फ 1.5 फीसद प्लास्टिक कचरे का ही निस्तारण ही देशभर में हो पा रहा है। ।दिल्ली में तो इतनी भी व्यवस्था नहीं है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक प्लास्टिक के बहुत सूक्ष्म टुकड़े भूजल में मिलकर उसे दूषित कर देते हैं। एक आकलन के अनुसार प्लास्टिक की बोतलें और डिस्पोजेबल प्लास्टिक से बने उत्पाद 450 साल तक भी पूरी तरह खत्म नहीं होते हैं। प्लास्टिक के ढक्कन चार सौ साल और मछली पकड़ने के जाल की प्लास्टिक को पूर्णतया खत्म होने में 650 साल तक लग जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..199e1bf6a76220dff04bff77bc7a7a9f184ef7cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +101 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके अजय जैन।वाहेगुरु ब्लड सेवा के प्रेसिडेंट अमन नगर निवासी अजय जैन 101 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके हैं। पहली बार 21 साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था। बेटे पुनीत जैन ने भी 18 साल की उम्र में पहली बार ब्लड डोनेट किया। अब वह 21 साल की उम्र में 17 बार ब्लड व प्लेटलेट्स डोनेट कर चुका है। अजय कहते हैं कि जब-जब उन्होंने रक्तदान किया है, उन्हें बेहद खुशी मिलती है। इसकी कोई बराबरी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75b4d4e31aecf2cfaad62da8923ac2f6120e16aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70857.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कोविड उपचार की समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पीएचसी (प्राइमरी हेल्थ सेंटर) और सीएचसी (कम्युनिटी हेल्थ सेंटर) की विस्तृत जानकारी तलब की है। मकसद यह देखना है कि कहां दिक्कत है, जिसकी वजह से स्वास्थ्य ढांचे की यह प्राथमिक इकाइयां निष्क्रिय पड़ी हैं। कागजों पर देखें तो प्रदेश की पूरी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे में आ जाती है। नियम है कि सबसे निचले स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ग्रामीण आबादी को चिकित्सा सुविधा मिलेगी। गंभीर बीमारी की स्थिति में यह केंद्र सीएचसी व जिला अस्पताल के रेफरल सेंटर के रूप में काम करते हैं। इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर काम करते हैं। इसी तरह सीएचसी भी एक बड़ी आबादी के केंद्र में बनाया जाता है। + +सोनभद्र के म्योरपुर ब्लाक अंतर्गत डोडहर ग्राम पंचायत में बना 20 बेड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना संचालन के ही खंडहर में तब्दील हो चुका है। विनय शंकर सिंह।मानक है कि पांच हजार की आबादी में एक उप स्वास्थ्य केंद्र, 30 हजार की आबादी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 1.2 लाख की आबादी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाएगी। समस्या यहां भी हल नहीं होती। जिला अस्पताल से इन्हें पड़ोस के निजी अस्पताल और फिर वहां से लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। अपवाद होंगे, लेकिन सामान्य दिनों में भी जिला अस्पताल या लखनऊ के अस्पतालों की ओपीडी व जनरल वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या व स्थिति देखकर वास्तविकता को आसानी से समझा जा सकता है। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति विश्वसनीयता की स्थिति यह है कि लखनऊ के केजीएमयू, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान या एसजीपीजीआइ जैसे चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई व शोध के बजाए रुटीन बीमारियों के इलाज का दबाव बढ़ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2429639bcf25c12204fabf8636e63c3a601d27c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70858.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ये दोनों नेता अपनी-अपनी पार्टियों में घुटन महसूस कर रहे थे, इसलिए विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों में चले गए। ये घुटन इसलिए नहीं थी कि उन्हें अपने-अपने दल की विचारधारा रास नहीं आ रही थी, बल्कि वे अपने अंधकारमय भविष्य को लेकर परेशान थे। अगर उन्हें कायदे से महत्व मिल रहा होता तो वे जहां थे वहीं जमे रहते। जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाता और मुकुल रॉय को बंगाल में नेता विपक्ष का पद मिल जाता तो वे अपनी-अपनी पार्टियों और उनके कर्ता-धर्ता के गुण गा रहे होते। लेकिन उन दोनों नेताओं ने जो किया, इसका सारा दोष उन पर मढ़ देना न्यायोचित नहीं होगा। + +ये दोनों और इन जैसे तमाम नेता तो राजनीति में प्रचलित रीति-नीति पर ही चल रहे हैं। आज सभी राजनीतिक दल सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। लंबे समय से संघर्ष कर रहे जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करते हुए दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को टिकट दिए जा रहे हैं। राजनीतिक संघर्ष की पूंजी के बजाय चुनाव जीतने की संभावना और उसके साथ उम्मीदवार से मिलने वाले धन की अहमियत बढ़ती जा रही है। यहां तक कि राजनीतिक दल अपराधियों को सांसद और विधायक बनाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fcf057d0d5e9f6d2a1a09a43a821433c39d6b72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पचपेड़ा गांव के निकट प्‍लांट ।यह प्लांट दिल्ली रोड पर पचपेड़ा गांव के निकट स्थापित किया गया है, जिस पर करीब पांच करोड़ रुपये का निवेश किया है। हालांकि, ग्रुप का प्लास्टिक पाइप्स एंड फिटिंग्स के क्षेत्र में अलग नाम है। इसकी दो फैक्ट्री जिले में हैैं, जिनका एक हजार करोड़ रुपये सालाना कारोबार है। इन दोनों फैक्ट्रियों से एक हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते लाकडाउन लगा था। अन्य जिलों में फैक्ट्री बंद होने पर अनेक लोग अपने जिले में आ गए। कोनार्क ग्रुप ऐसे लोगों को लेकर चिंतित हुआ। इस बीच ग्रुप ने वाटर टैैंक प्लांट की योजना बना डाली। इसका निर्माण अक्टूबर में शुरू हुआ, जो कि जनवरी में पूरा हो गया। अप्रैल में ट्रायल कराया गया और अब इसे शुरू कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6477dfc8305f169a331316638c8af533cec8385 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70860.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, गौरव भारद्वाज। जीवन में एक बार किसी अपने को रक्त की कमी से जूझते देखा और बस तभी से तय कर लिया कि अब किसी बीमार, दुर्घटनाग्रस्त को खून की कमी के कारण परेशान नहीं होना पड़ेगा, अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी। ऐसा ही सोचना है शहर के इन रक्तवीरों का, जो खुद तो रेग्युलर ब्लड डोनर हैं ही साथ ही अन्य लोगों को भी ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। ।14 जून को विश्व रक्तदान दिवस है। ऐसे दिवस पर ये युवा जो हर पीडि़त की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। कहते हैं- 'रक्तदान जीवनदान है'। अपना खून देकर किसी की जिंदगी बचाने से बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं। इंसान ने कई तरह के कृत्रिम अंग तो बना लिए, लेकिन खून को लैब में आज तक नहीं बनाया जा सका। इसकी जरूरत के लिए इंसान आज भी रक्तदान पर ही निर्भर है। रक्तदान के इसी महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए हर साल विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर ताजनगरी के कुछ 'रियल लाइफ हीरो' हैं, जिन्होंने रक्तदान कर अनजान लोगों की जान बचाने को ही अपने जीने मकसद बना लिया। मैसेज मिलते ही यह लोग मदद के लिए सक्रिय हो जाते हैं। + +ये हैं रक्तवीर ।पहली बार 19 साल की उम्र में अपने मामा को रक्त दिया था। तब पहली बार लगा कि रक्तदान की अहमियत क्या है। इसके बाद से लगातार रक्तदान कर रहा हूं। अभी तक 16 वार रक्तदान और 12 बार प्लेटलेट्स दान कर चुका हूं। । उन्होंने अपने कई दोस्तों को भी इस मुहिम में साथ जोड़ा है। एक बार रक्तदान कर तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है तो क्यों न सभी रक्तदान करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f152975fe6a8f87df96dcee288e8b56211a3e96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70863.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपर और गाजीपुर) पर हरियाणा-पंजाब और यूपी समेत कई राज्यों के किसानों को धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच 26 जून को संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़े प्रदर्शन का एलान किया है। उधर, कृषि कानून विरोधी आंदोलन के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चे की नई रणनीति कांग्रेस के गले की फांस बनने जा रही है। जिस कांग्रेस ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया, आज किसान नेता उसी की लोकप्रिय नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। विडंबना यह कि दिल्ली कांग्रेस इसे लेकर असमंजस की स्थिति में घिरी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c44b329bfb93637f71f1b1e2cf9d0e6cef3a78c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70864.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, सुशील गंभीर। मेरे 40 साल के अनुभव में यही सामने आया है कि जिसका जो काम है, वह संविधान ने उसे बता रखा है। किसी भी प्रजातंत्र की आदर्श स्थिति वही होती है कि जब सभी अंग एक-दूसरे का सम्मान करें। यह कोई नाक की लड़ाई नहीं है। संविधान सबसे बड़ा है, इसे साबित करने की कोई बात भी नहीं है। अब संविधान के तहत कोई कानून बना है तो आवश्यकता के अनुसार उसे बदला जा सकता है। अगर दोपहिया वाहन चालक के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है तो सिख धर्म के लोग अपने धार्मिक कानून का हवाला देकर हेलमेट पहनने के नियम से खुद को बाहर करने की मांग कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c329e7966b1c6688dc49c705dcfec921e4f0810 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70865.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले साल मार्च से बच्चे घर पर हैं। उनकी शारीरिक गतिविधियां कम होती जा रही हैं। कक्षाएं, खेल, दोस्तों से मुलाकात सब कुछ आनलाइन ही हो रहा है। इस वजह से बच्चों में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। छह से 14 साल के बच्चों में यह शिकायत सबसे ज्यादा आ रही है। चिकित्सकों और डाइटीशियनों के पास लगातार अभिभावकों के फोन आ रहे हैं और वे बच्चों का वजन कम करने के तरीके पूछ रहे हैं। + +बनवा रहे हैं डाइट चार्ट।कोरोना काल में बच्चों को मांओं ने उनकी पसंद का हर पकवान बना कर दिया, चाहे वो पिज्जा हो या बर्गर। इससे उनकी खान-पान की आदतें बिगड़ गईं। डाइटीशियन शिल्पा अग्रवाल बताती हैं कि अभिभावक अपने बच्चों के लिए डाइट चार्ट बनवा रहे हैं। बच्चों का बीएमआइ यानी बाडी मास इंडेक्स 25 से कम होना चाहिए। बीएमआइ मापने के के लिए लंबाई को वजन से भाग दिया जाता है। हम बच्चों के लिए हरी सब्जियां, फल आदि खाने का सलाह ज्यादा देते हैं, जिससे उनके शरीर में जरूरी पोषक तत्व पहुंचे लेकिन मोटापा न बढ़े। पिज्जा के लिए उसका बेस रोटी का ले लें, हरी सब्जियों का इस्तेमाल ज्यादा करें। बच्चों को खिचड़ी, दलिया आदि देने से भी मोटापा कंट्रोल किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..749861aff7549cd83d246ab50946c0ff0af7eb51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संभव है कि आंदोलन के पूर्वार्द्ध में संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं की तरफ से गई अपनी उपेक्षा का वह बदला भी रहे हों। ध्यान रखें कि जब आंदोलन प्रारंभ हुआ तो दिल्ली सीमा पर तीन प्रमुख धरनास्थल ही थे। दो हरियाणा में सिंघु बार्डर (सोनीपत-दिल्ली) पर और टीकरी बार्डर (बहादुरगढ़-दिल्ली) पर, तीसरा उप्र-दिल्ली सीमा में गाजीपुर बार्डर पर था, जिसका नेतृत्व राकेश टिकैत कर रहे थे। इसके बावजूद राकेश टिकैत या उनके बड़े भाई नरेश टिकैत को संयुक्त किसान मोर्चे की कोर कमेटी में नहीं रखा गया। लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के हन्नान मौला, योगेंद्र यादव, शिवकुमार शर्मा कक्का, बलबीर सिंह राजेवाल, डा दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां जैसे बहुत सीमित प्रभाव वाले नेताओं को शामिल कर लिया गया। उस समय सिंघु बार्डर सर्वाधिक चर्चा में थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30f768a04ccace12892ef5a85d9c5f0cdb67cc6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70867.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसके तहत कलम सिंह ने खेतों से लगे जंगल में जल तलैया (कढ़ाहीनुमा गड्ढे) खोदने शुरू किए। जल्द ही अन्य ग्रामीण भी इस मुहिम का हिस्सा बन गए और कुछ ही दिनों में फेडुलगाड के जंगल में एक हजार जल तलैया बना दी गईं। फिर बरसात आई तो जल तलैया पानी से लबालब भर गईं और अगले कुछ महीनों में सूखे खेतों में हरियाली लौटने लगी। भटबौ मल्ला से शुरू हुई इस मुहिम से कलम सिंह ने दुलमोट, उल्याणी, जंदरिया, कफलगांव, मनियार, उखल्यूं आदि गांवों को भी जोड़ा। अभी तक कलम सिंह के दिशा-निर्देशन में इन गांवों में दस हजार से अधिक जल तलैया तैयार हो चुकी हैं। जो बारहों महीने धरा को सींच रही हैं। + +राजमिस्त्री का कार्य करते हैं कलम सिंह।ग्राम भटबौ निवासी कलम सिंह के पिता सालक सिंह नेगी राजमिस्त्री थे। कलम सिंह भी कई मर्तबा उनके साथ मकान बनाने जाया करते थे। करीब दस वर्ष पूर्व पिता निधन के बाद कलम सिंह ने उनकी इस विरासत को संभाला और आज भी राजमिस्त्री का कार्य कर परिवार का लालन-पालन कर रहे हैं। इसके अलावा वह बिजली फिटिंग का कार्य भी करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40ba69f8633e116794ba439aff4e148c4d6eb21e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70868.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ (कुमार संजय) । कोरोना से ठीक होने के तीन महीने बाद भी कई लोग थकान, बुखार, सिरदर्द और गंध न आने की शिकायत कर रहे हैं। सबसे आम शिकायत है थकान। दिमागी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही हैं। इस परेशानी को पोस्ट लांग कोविड नाम दिया गया है। संजय गांधी पीजीआइ के एनस्थेसिया एवं आइसीयू एक्सपर्ट प्रो.संदीप साहू कहते हैं कि लॉन्ग कोविड को लेकर अपने यहां कोई स्पेसिफिक डेटा नहीं है। दूसरे देश का डेटा है, वहां भी हमने घातक दूसरी लहर देखी है। + +पोस्ट लांग कोविड क्या है?।यह लक्षण कुछ हफ्तों या महीनों बाद तक भी रह सकते हैं यानी भले ही शरीर से वायरस निकल गया हो, उसके लक्षण खत्म नहीं होते। कुछ लक्षण ऐसे हैं जो जाते नहीं, बल्कि बने रहते हैं। वहीं कुछ लक्षण ऐसे हैं जो थोड़े-थोड़े दिन में फिर दिखते हैं। ज्यादातर मरीजों में कोविड निगेटिव आना बताता है कि माइक्रो बायोलॉजिकल तौर पर शरीर ने रिकवर कर लिया है, पर क्लीनिकल लक्षण खत्म नहीं हुए हैं। इस आधार पर लांग कोविड को हम शरीर से वायरस के खत्म होने से लक्षण खत्म होने तक लगने वाला समय कह सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..669d523d89a916ddb22c9309578af9ce5eab13c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70869.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डीएमसी अस्पताल ने नौ मेडिकल कालेजों के 260 रेजिडेंट डाक्टरों व पीजी विद्यार्थियों पर की आनलाइन स्टडी।यह निष्कर्ष लुधियाना स्थित दयानंद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) के अध्ययन में सामने आया है। यह आनलाइन अध्ययन प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों के 260 रेजिडेंट यानी जूनियर डाक्टरों व पीजी विद्यार्थियों पर किया गया था। इसमें 170 महिला व अन्य पुरुष डाक्टर शामिल थे। डीएमसीएच के डिपार्टमेंट आफ साइकेट्री के अध्ययन में पता चला कि कोरोना काल में 60 फीसद जूनियर डाक्टर डिप्रेशन व 67 फीसद एंगजाइटी (चिंता) के शिकार हो गए। + + ------।'' मरीज के स्वजनों को लगता है कि पेशेंट को कुछ होता है, तो डाक्टरों को फर्क नहीं पड़ता। पेशेंट की मौत पर हमें भी उतना ही दुख होता है, जितना परिवार के सदस्यों को होता है। हमें नींद नहीं आती, क्योंकि हमने कई दिनों तक उसे करीब से देखा होता है। रोजाना हम इमरजेंसी, वार्ड, आइसीयू में जाकर मरीजों से मिलते हैं। उनके संपर्क में रहते हैं। हमारा उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव हो जाता है। स्वजनों को समझना चाहिए कि डाक्टर भी उनके दुख में हिस्सेदार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c3e490ad37b99d1aef245f3c31a9a3b2e0ff359 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के ताजा आंकड़े ।भारत के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान देश में 80834 मामले सामने आए हैं जबकि 132602 मरीजों को डिस्‍चार्ज किया गया है। वहीं देशभर में 3303 मौतें हुई हैं। भारत में कोरोना के कुल मामलों की बात करें तो ये 29439989 हैं जबकि 28043446 मरीज डिस्‍चार्ज हो चुके हैं। अब तक देश में 253195048 वैक्‍सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। देश में एक्टिव मामलों की बात करें तो इनकी संख्‍या 1026159 है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f32dddf60fe1643e286e191938590912df66b6d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। आधुनिक युग और कोरोना महामारी की वजह से इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल जरूरत में शामिल हो गया है। ऑनलाइन क्लास हो या फिर मीटिंग बेटियों के लिए मोबाइल जरूरी है। लेेकिन, चंद युवतियों की वजह से सभी पर अंगुली उठती है। इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि सभी गलत हैं। अपने भविष्य और माता-पिता के सम्मान के लिए बेटियां हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। आज केे दौर में हर एक को पता है कि वो क्या कर रहा है। + +मोबाइल आज के दौर में बेटियाें के लिए कितना जरूरी है ये सवाल जब बेटियों से किया गया तो सबका कहना था कि जरूरत के मुताबिक इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल होना जरूरी है। यह नहीं माना जा सकता कि अगर लड़कियों के पास मोबाइल है तो उसका दुरुपयोग ही होगा। दूसरा बेटियां जब घर से बाहर निकलती हैं तो हर माता-पिता को चिंता होती है। ऐसे में मोबाइल से उनकी जानकारी रहती है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने लड़कियों को मोबाइल नहीं दिए जाने का बयान दिया था। बयान के साथ उन्होंने मोबाइल नहीं दिए जाने के लिए जो तर्क दिए थे, वह किसी के गले नहीं उतरते। उन्होंने कहा था कि मोबाइल के कारण लड़कियां घर से भागती हैं। हालांकि मामला तूल पकड़ने पर उन्होंने उन्होंने बयान से पल्ला झाड़ लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea256c3c9c2b78ffab12582ca0fabf4c339815ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉक्‍टर अजल ने चिंता व्यक्त की है देश में कोरोना वायरस के डेल्‍टा वैरिएंट (B.1.617.2) के मिलने से एक बार फिर प्रांत ही नहीं पूरे देश की स्थिति बेहद खराब हो सकती है। इसका असर देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर पड़ सकता है और ये चरमरा सकती है। गौरतलब है कि पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूंख्‍वां में डेल्‍टा वैरिएंट का मामला सामने आने की पुष्टि हुई है। ।आपको बता दें कि डेल्‍टा वैरिएंट का पता पहली बार भारत में ही चला था। इसके बाद 60 से अधिक देशों में इस वैरिएंट के सामने आने की पुष्टि हो चुकी है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन भी इस वैरिएंट को काफी खतरनाक बता चुका है। ब्रिटेन में इस वैरिएंट के कई मरीज मिलने के बाद संक्रमण के मामलों में भी काफी तेजी से उछाल आया है। यहां नए आने वाले मामलों में करीब 60 फीसद डेल्‍टा वैरिएंट के ही हैं। इसके अलावा अमेरिका के छह फीसद नए मामलों में भी इसी वैरिएंट को पाया गया है।डॉक्‍टर अजल ने प्रांत की सभी एजेंसियों से चौथी लहर की आशंका के मद्देनजर औद्योगिक क्षेत्रों में टीकाकरण को आगे बढ़ाने की अपील की है। उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया है कि यदि प्रांत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते हैं तो सरकार लॉकडाउन लगाने से भी पीछे नहीं हटेगी। इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि सभी का टीकाकरण तेजी से किया जाए। उन्‍होंने प्रांत के सभी अधिकारियों को कोरोना वैक्‍सीनेशन के अलावा पोलियो अभियान का भी लक्ष्‍य निर्धारित करने और तेजी से काम करने के आदेश दिए हैं। आदेश में ये भी कहा गया है कि यदि पोलियो वैक्‍सीनेशन के दौरान किसी घर में बच्‍चा न भी मिले तो वहां पर तब तक जाएं जब तक उसको वैक्‍सीनेट न कर दिया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4ffa0a7e95a5d16671befe75899ab99b2f2ffe8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपने संदेश में उन्‍होंने कहा है कि राजधानी में बीते छह माह के अंदर सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। ये ऐसे समय में हो रहा है जब राजधानी में पूरे जोर-शोर से वैक्‍सीनेशन कैंपेन चलाया जा रहा है। उनके मुताबिक राजधानी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अस्‍पतालों में हजारों की संख्‍या में बेड बढ़ाए गए हैं। उन्‍होंने साफ कर दिया है कि इस तरह के हालातों में आम दिनों की तरह प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती है। इसको रोकने के लिए सभी का साथ आना और पूरी एहतियात बरतना जरूरी होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हालात बेकाबू भी हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfd8a2f49beac810ad343d7a3a90b043a711c13a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार की सियासत (Bihar Politics) में एक बार फिर हलचल है, जब लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पांच सांसदों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। वैसे, इसकी पटकथा पार्टी नेता रामविलास पासवान के निधन (Ram Vilas Paswan Death) के बाद से ही लिखी जाने लगी थी। उनके निधन के बाद ही यह खबर सियासी हलके में जोरों से फैली थी कि पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के नेतृत्व में चार सांसद अलग हो रहे हैं। उनके हस्ताक्षर से एक पत्र भी जारी किया गया था, जो लीक हो गया था। यद्यपि पारस ने तुरंत इसका खंडन कर दिया था कि ऐसा कुछ नहीं है और इस समय वे अपने भाई रामविलास पासवान के शोक में हैं। उस समय जो कुछ भी हुआ, भले ही उसे सियासी धुआं बताकर मामले का पटाक्षेप कर दिया गया, पर कहीं-न-कहीं आग तो लगी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cde5ad6dbeb9bd2906f2b9d513335eec8d8dbadc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Vaccine Delivered by Drone: देश के दुर्गम इलाकों में रहने वालों को भी कोरोना वैक्सीन देने की तैयारी शुरू हो गई है। दुर्गम इलाकों के साथ देश के आखिरी छोर पर रहने वाले नागरिकों के लिए ड्रोन से वैक्सीन पहुंचाई जाएगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की तरफ से सरकारी कंपनी एचएलएल की सब्सिडियरी एचएलएल इंफ्राटेक ने ड्रोन संचालित करने वाली कंपनियों से करार करने के लिए टेंडर जारी किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02cf6db41addf2928790233692f46f324ba6425d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के बाद अब चीन भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने चीन से कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चल रही जांच में सहयोग करने के लिए दबाव बढ़ाया है। द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद घेब्रेयसस ने कहा कि चीन को इस मामले में सहयोग करना चाहिए। शनिवार को चीन ने कोरोना की उत्‍पत्ति को लेकर एक नया दांव चला था, वह पूरी तरह से नाकाम हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d33c70e343b3590edadc6db4a4fc0082f23b4cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. शर्मा पूर्व में भी डब्ल्यूएचओ, जिनेवा, इंटरनेशनल काउंसिल फार क्लीन ट्रांसपोर्ट, क्लीन एयर एशिया यूनाइटेड नेशनल एनवायरमेंटल प्रोग्राम, बैंकाक और विश्वबैंक से जुड़कर भी कई शोध कार्य कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली का प्रदूषण कम करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को दिया था। आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने उन्हेंं शुभकामनाएं दी हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1c76618404224d9b7f2e0679b4f095c86bb6fbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [कुमार संजय]। कोरोना संक्रमण ठीक होने के तीन महीने बाद भी कई लोग थकान, बुखार, सिर दर्द और गंध न आने की शिकायत कर रहे हैं। सबसे आम शिकायत है थकान। दिमागी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही हैं। इस परेशानी को पोस्ट लांग कोविड नाम दिया गया है। संजय गांधी पीजीआइ के एनस्थेसिया एवं आइसीयू एक्सपर्ट प्रो. संदीप साहू कहते हैं कि लांग कोविड को लेकर अपने यहां कोई स्पेसिफिक डेटा नहीं है। दूसरे देश का डेटा है, वहां भी हमने घातक दूसरी लहर देखी है। भारत में दूसरी लहर के आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाएं तो लांग कोविड से जूझ रहे लोगों का आंकड़ा बहुत अधिक हो सकता है। यह पहले से तनावग्रस्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोझ बढ़ा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d0740f76004ba5094c94aab456a0552246bedc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +व्रत का महत्व।एकादशी स्वयं विष्णु प्रिया है इसलिए मानते हैं कि इस दिन निर्जल व्रत जप-तप पूजा पाठ करने से प्राणी श्रीविष्णु का सानिध्य प्राप्त कर जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। सभी देवता, दानव, नाग, यक्ष, गन्धर्व, किन्नर, नवग्रह आदि के जरिए रक्षा और विष्णु भक्ति के लिए एकादशी का व्रत रखने के कारण इसे देवव्रत भी कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70887.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70887.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee41c03bf02b4167e9c88f43b978170a16da106b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70887.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भगतपुर थाना पुलिस ने तीन शराब माफिया की संपत्ति की सूची तैयार करने के साथ ही उसका आकलन भी करा लिया है। पुलिस के मुताबिक शराब की तस्करी करने वालों की लगभग 40 लाख रुपये की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है। बीते सात फरवरी को अगवानपुर के ढाबे से टैंकर से शराब बनाने के लिए एक्स्ट्रा न्यूटल एल्कोहल की चोरी करते थे। बरेली एसटीएफ की टीम के साथ ही सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मिलकर इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन जमानत पर छूटने के बाद भगतपुर थाना क्षेत्र के निवाड़खास निवासी संजय कुमार ने अपने गांव से प्रधानी का चुनाव लड़कर जीत हासिल कर ली।  आरोपित पर पहले भगतपुर थाने में गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। इसके बाद सिविल लाइंस थाने ने भी गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की। 12 मई को एसटीएफ ने दोबारा मझोला थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी। बीते कुछ वर्षों में इस गैंगेस्टर के द्वारा अवैध शराब के काम से लाखों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का काम किया गया है। भगतपुर थाना प्रभारी धर्मेद्र सिंह ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने 19 सितंबर 2020 को शराब तस्करी के मामले में संजय के साथ ही जगदीश और रामसिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई की थी। अवैध शराब तस्करी के मामले में जगदीश की बेटी को भी जेल भेजा गया था। इसके बाद से गैंगेस्टर की कार्रवाई करने के साथ ही अब संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक की जांच में उत्तराखंड के काशीपुर, रामपुर जनपद के साथ मुरादाबाद सदर तहसील क्षेत्र में 40 लाख रुपये की संपत्ति की जानकारी एकत्र करने के साथ आकलन किया गया है। संपत्ति जब्त करने के संबंध में उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भी भेज दी गई है। मौजूदा समय में यह सभी आरोपित जिला कारागार में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acf876c48ce60bcad339bebc90b139dbd341d9b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70888.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूध से ज्यादा पोषक तत्व।डाइटीशियन मीनाक्षी अनुराग के मुताबिक नारियल पानी में दूध से ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कोलेस्ट्रोल और वसा की मात्रा नहीं होती है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम और एंटीआक्सीडेंटजैसे तत्व मौजूद होते हैं। जो पूरे शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं। डाइटिशियन प्रतिज्ञा तिवारी ने बताया कि नारियल पानी में एंटीआक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर से कई तरह के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb9036ee42cd7ef840e9b611b83a2694f4f19bf7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70889.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन । यूपी बोर्ड ने कुछ सप्ताह पहले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के छमाही व प्री-बोर्ड परीक्षाओं के अंक मांगे थे। इसके साथ ही उनके नौवीं व 11वीं के अंक भी साइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। सभी प्रधानाचार्यों ने अंक अपलोड भी किए लेकिन अचानक बोर्ड ने इस प्रक्रिया को रोक देने के आदेश देते हुए साइट बंद कर दी। + + अफसरों ने बताया तकनीकी खराबी।अफसरों की ओर से बताया गया था कि तकनीकी खामी के चलते अंक वेबसाइट पर नहीं गए। अब बोर्ड ने फिर से बोर्ड परीक्षार्थियों के अंक अपलोड कराने की योजना बनाई है। इसके लिए दूसरी साइट बनकर भी तैयार हो गई है। दूसरी साइट पर प्रधानाचार्यों को अंक अपलोड कराने हैं। ऐसे में शिक्षकों पर ये भी खतरा मंडरा रहा है कि पहले साइट पर जो अंक चढ़ाए थे उससे ज्यादा अंक विद्यार्थियों को दिए और बोर्ड ने चेक कर लिए तो पकड़ हो जाएगी। इसलिए जो अंक पहले अपलोड किए गए थे उससे अलग नंबर देना गुरुजी के लिए भारी पड़ जाएगा। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि नई साइट पर नंबर अपलोड कराने संबंधी योजना के बारे में पता चला है। मगर बोर्ड से स्पष्ट आदेश आने पर ही इस संबंध में प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a53cfd3d803b645899b2844a2699a0f74fb33c8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70892.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। सरकार ने गन्ना किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान कराने के लिए गन्ना विकास विभाग के लखनऊ मुख्यालय पर कंट्रोल रूम (टोल-फ्री) स्थापित किया है। इस टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर अनुभवी एवं दक्ष कार्मिकों द्वारा दो पालियों में गन्ना किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e6bb8188e3981c73878b7c200d46c478eb938d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी यॉनहॉप के मुताबिक दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चुंग यूई यॉन्‍ग और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई बैठक में ये सहमति बनी है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों को लेकर बातचीत हुई है। आपको बता दें कि पिछले माह मून जे अमेरिका की यात्रा पर भी गए थे। वहां पर उन्‍होंने राष्‍ट्रपति बाइडन से कई मुद्दों पर बातचीत की थी। विदेश मंत्रियों की बैठक में ये भी सामने आया है कि दोनों देश साझा हितों के मुद्दों पर भी आगे बढ़ने को तैयार तैयार हैं। इसमें वैक्‍सीन का उत्‍पादन और इसका वितरण, तकनीकी विकास, परमाणु ऊर्जा जैसे मुद्दे भी शामिल है। इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है। ।ब्लिंकन और चुंग के बीच हुई बैठक में उत्‍तर कोरिया का भी मुद्दा उठा। दोनों नेताओं ने इस बात पर जो दिया कि उत्‍तर कोरिया को बातचीत की मेज पर वापस आना चाहिए और शांति और स्थिरता के लिए प्रयास करने चाहिए। दोनों का ही कहना था कि वो प्रायद्वीप में शांति चाहते हैं। दोनों ही देशों ने इस दिशा में जापान के सहयोग की भी बात की है। विदेश मंत्रालय से जारी एक रिलीज में कहा गया है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया उत्‍तर पूर्वी एशिया समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, सुरक्षा और शांति की अपेक्षा रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70894.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70894.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59af055d293a38283786348bb212c0adf2644afc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70894.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका समेत दुनिया के अन्‍य विकसित मुल्‍कों ने चीन को घेरने का रोडमैप तैयार कर लिया है। जी-7 की बैठक में विश्‍वभर में चीन के बढ़ते प्रभुत्‍व को सीमित करने के लिए सबसे ज्‍यादा चर्चा हुई। इस बैठक में जी-7 के सभी मुल्‍क इस बात पर राजी थे कि पश्चिमी देशों को चीन के बारे में कुछ सोचना चाहिए और उसका काउंटर तैयार करना चाहिए। आखिर क्‍या है अमेरिका की चीन के खिलाफ ब्‍यूह रचना। क्‍या है जी-7। ।चीन के खिलाफ एकजुट हुए विकसित देश । वीगर मुसलमानों को लेकर चीन पर कसा शिकंजा ।इस वर्ष के प्रारंभ में अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन पर प्रतिबंध लगाए थे। इसमें प्रमुख रूप से यात्रा-प्रतिबंध और संपत्ति फ्रीज करना शामिल है। इसके अतिरिक्‍त इन देशों ने शिनजियांग में वरिष्ठ अधिकारियों को भी लक्षित किया जिन पर वीगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोप थे। गौरतलब है कि चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में कथित तौर पर वीगर मुस्लिमों को बंधक करके, कैंप में रखा गया है। चीन हुकूमत उनसे जबरन मजदूरी करवाता है। चीन पर यह भी आरोप लगे हैं कि वो वीगर मुस्लिम महिलाओं की नसबंदी कर रहा है। वीगर बच्चों को उनके परिवारों से अलग किया जा रहा है। ।जी-7 बैठक का आज होगा समापन ।जी-7 में दुनिया के साथ सबसे धनी लोकतांत्रिक देश सम्मिलित है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान का नाम है। ब्रिटेन इस बार जी-7 सम्‍मेलन का मेजबान है। इन दिनों ब्रिटेन कारबिस बे रिजॉर्ट में तीन दिवसीय सम्‍मेलन आयोजित किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c771f5704b79d59a379e51259412e5dd423959a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। PM Narendra Modi Cabinet Expansion लोकसभा के मानसूत्र सत्र (Monsoon Session of Lok Sabha) के  दौरान केंद्र के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल (Narendra Modi Cabinet) में फेरबदल व विस्तार की संभावनाओं के बीच बिहार से इसके दावेदारों को लेकर अटकलें भी लगाई जा रही हैं। जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्‍छा जताई है। सरकार गठन के समय मंत्रिमंडल में केवल एक सीट के ऑफर के कारण जेडीयू ने इससे इनकार कर दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी को इस बार अधिक सीटें मिल सकतीं हैं। मंत्रिमंडल विस्‍तार में बिहार से भारतीय जनता पार्टी (BJP) से भी कुछ नाम चर्चा में हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि तकनीकी दृष्टि से केंद्र की राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का क्‍या होगा? क्‍या एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) को पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन से खाली हुई सीट पर समायोजित किया जाएगा?।जेडीयू ने मांगा है मंत्रिमंडल विस्‍तार में जगह  ।जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मांगा है। जेडीयू बिहार की राजनीति को नई हवा मिल गई है। जदयू किसे केंद्रीय मंत्रिमंडल में भेजना चाहता है, यह स्‍पष्‍ट नहीं है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि कम-से-कम दो सांसद तो मंत्री बनाए ही जाएंगे। ऐसा इसलिए कि मंत्रीमंडल के गठन के वक्‍त जब जेडीयू ने एक सीट का प्रस्‍ताव अस्‍वीकार करते हुए सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया था। ।सवर्ण व लव-कुश समीकरण साध सकती है पार्टी ।चर्चा है कि जेडीयू को एक से अधिक सीटों का ऑफर मिला है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार पार्टी दो कैबिनेट और एक राज्यमंत्री के सीट की मांग कर रही है। इसके जरिए वह सवर्ण के साथ लव-कुश समीकरण को साधने की कोशिश कर सकता है। पिछली बार कैबिनेट विस्तार के समय जेडीयू से आरसीपी सिंह (RCP Singh) को मंत्री बनने की चर्चा थी। इस बार जेडीयू से आरसीपी सिंह के साथ-साथ ललन सिंह (Lalan Singh) व संतोष कुशवाहा (Santosh Kushwaha) के नाम की चर्चा है। है। माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह व संतोष कुशवाहा के माध्‍यम से लव-कुश समीकरण तो ललन सिंह के जरिए सवर्ण, खासकर भूमिहार वोटों को साधने की कोशिश की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d4dcd9a64328579afd9176e1f5d2befc3383b29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्टेज पर बिठाकर खिसकाई कुर्सी।राजनीति भी अजीब शय है। कभी परायों को करीब ले आती है तो कभी अपनों को दूर कर देती है। अकाली दल और बसपा में गठजोड़ के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान भी ऐसा ही देखने को मिला। कहने को शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल को स्टेज पर अपने साथ बिठाया हुआ था जबकि उनके करीबी रिश्तेदार बिक्रम स्टेज पर नहीं थे जब सुखबीर बादल ने बसपा को दी गई बीस सीटों की सूची पढ़ी तो ये दोनों सीनियर नेता ज्यादा खुश नजर नहीं आए। पर्दे के पीछे की बात यह है कि चंदूमाजरा अपने छोटे बेटे के लिए मोहाली से सीट मांग रहे थे जबकि अटवाल अपने बेटे इंद्र इकबाल सिंह अटवाल के लिए पायल से टिकट की आस लगाए बैठे थे। ये दोनों सीटें बसपा के खाते में चली गईं। यानी इनके बेटों को मिलने वाली विधायक पद की कुर्सी खिसक गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bef9a1140dd2b8e41c2629cd501b5fa28dc80f3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्मिता श्रीवास्तव। अपराध की किस्सागोई करने में माहिर हैं निर्माता-निर्देशक राम गोपाल वर्मा। एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुए उनके वेब शो ‘दहनम’ में भी है प्रतिशोध की ऐसी ही उलझी हुई कहानी...।‘दहनम’ की शुरुआत प्रेरक कथन से ही होती है...।वो इसलिए कि हर कहानी के पीछे एक विचार होता है। मैं उसे किसी कथन के जरिए पहुंचाने की कोशिश करता हूं। ‘दहनम’ में सारे किरदार एक खास परिस्थिति में फंसे हुए हैं। वो उन हालात में नहीं आना चाहते लेकिन उन्हें खींचा जाता है। एक बार उस दायरे में आने के बाद वह प्रतिशोध लेने को बाध्य होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdc46385f0de7669f18c84976d95f638e03b5859 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70900.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। मौसम विभाग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद सहित सात जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। इसके चलते मुरादाबाद में बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है। रामगंगा नदी में उफान आने पर बाढ़ से प्रभावित होने वाले तहसील सदर के 23 गांवों की कड़ी निगरानी कराई जा रही है। अन्य तहसीलों में भी बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों के लोगों को अभी से अलर्ट किया गया है। अगले-एक दो दिन में बाढ़ चौकियां खोल दी जाएंगी। राहत के लिए प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। हालांकि बाढ़ खंड के अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार का कहना है कि अभी दो महीने तक बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। फिर भी प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ खंड तैयारियां अभी से कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90fdc689ffccd4a7c3878057f9b1e4c4881f30f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुग्राम, [आदित्य राज]। कम लागत में अधिक कमाई का सबसे बड़ा धंधा है फर्जी काल सेंटर का संचालन। 40 से 50 लाख रुपये खर्च करके सात से 70 करोड़ रुपये तक कमाने का लक्ष्य तय किया जाता है। लक्ष्य पूरा होते ही एक जगह से सेंटर बंद करके दूसरी जगह शुरू कर दिया जाता है। देश के भीतर धोखाधड़ी की राशि प्रति व्यक्ति 15 से 16 हजार एवं विदेश में 35 से 40 हजार रुपये निर्धारित की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5769eb6fdd476fd18e63f961f7a8121e3ce87a6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हैरत की बात यह है कि ज्यादातर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ईपीओएस मशीन से राशन वितरण प्रणाली लागू है, लेकिन देश की राजधानी में अभी तक नहीं हो पाया है।सूत्रों की मानें तो सरकारी राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। ईपीओएस से वितरण प्रणाली लागू हो जाने के बाद सब कुछ पारदर्शी हो जाएगा। जवाबदेही तय हो जाएगी। न कालाबाजारी हो सकेगी और न ही अवैध बिक्री। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec5c82c94d31e764bfbc1cf586126b1810e3beea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70910.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यतीन्द्र मिश्र। विश्व के पहले सचित्र उपन्यास का दर्जा रखने वाली ‘पर्सेपोलिस’ सिर्फ एक गल्प-कथा नहीं है, बल्कि यह ईरान के राजनीतिक-सामाजिक इतिहास में एक लेखिका का ऐसा हिम्मत भरा हस्तक्षेप है, जिसे समकालीन विमर्श में एक प्रमुख अध्याय माना जाना चाहिए। एक खोजपूर्ण कृति, जिसके अंतरंग में त्रासदियों, मार्मिक अनुभवों और अकल्पनीय सत्य का मिला-जुला दस्तावेज मौजूद है। मार्जान सतरापी, जो इसकी लेखिका हैं, प्रामाणिक ढंग से जिन ब्यौरों को बड़ी सहजता से यहां दर्ज करती हैं, उनकी खुद की पहचान ईरान के अंतिम सम्राट की परपोती और प्रगतिशील विचारों वाले माता-पिता की पुत्री होने में निहित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70914.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fd39e443743730a12e7747d8ae5dbc87c439c19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। कोरोना का बढ़ता संक्रमण एक बार फिर खिलाड़ियों के खेल उनकी सेहत पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। पिछले वर्ष भी खिलाड़ियों ने घर में रहकर खुद को किसी तरह फिट रखने का प्रयास किया था। अब ठीक उसी तरह खिलाड़ी लाकडाउन में खुद को फिट रखने के लिए लगातार अभ्यास कर रहे हैं। उन्हीं खिलाड़ियों में से एक मयूर विहार फेज-तीन निवासी बाक्सर उर्वशी सिंह। वह अपनी मेहनत के दम पर विश्व स्तरीय बाक्सिंग चैंपियनशिप में ट्राफी भी जीत चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbce609360b3630f052980a72ece50341fc2c8b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70915.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। सरकार ने 21 जून से शुरू होने जा रहे कोरोना टीकाकरण के चौथे चरण को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सरकारी टीकाकरण केंद्र खोलने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है। वहीं 25 फीसद वैक्सीन हासिल करने वाले निजी क्षेत्र की भागीदारी और पहुंच बढ़ाने की भी कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार 75 फीसद डोज खरीदकर राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी। + +स्वास्थ्य बीमा योजना से संबद्ध अस्पताल जोड़े जाएंगे।अधिकारी ने कहा कि उपरोक्त राज्यों में आयुष्मान भारत, सीजीएचएस और अन्य स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत संबद्ध निजी अस्पताल बड़ी संख्या में हैं। इन्हें जोड़ने से निजी टीकाकरण केंद्रों की संख्या को आसानी से 25-30 हजार तक किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने ऐसे निजी अस्पतालों को वैक्सीन खरीद में मदद का भरोसा दिलाया है और राज्यों को उनके वैक्सीन की जरूरत का आंकड़ा उपलब्ध कराने को कहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e96d4ff1519641007a0e8e5eccaf999bcef0d17d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छह माह से सुगम आवाजाही बाधित।कहा जाता है कि जब 13 दिसंबर 2020 को योगेंद्र यादव ने अपने गृह जिला रेवाड़ी से सटे अलवर जिले की सीमा में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर धरना शुरू किया, तब किसी को यह अनुमान नहीं था कि कृषि कानून विरोधियों के साथ-साथ आम लोगों की भी इतनी अधिक परेशानी झेलनी पड़ेगी। आज हालात यह है कि कृषि कानून विरोधियों का यह धरना लोगों को बुरी तरह अखरने लगा है। जिस दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सरपट वाहन दौड़ते थे, उस पर अब छह माह से सुगम आवाजाही बाधित है। हाईवे रोकना उन लोगों को नागवार गुजर रहा है, जिनका सामान्य कामकाज प्रभावित हो रहा है। वाहन चालकों के लिए जहां दिल्ली-जयपुर के बीच आने-जाने का समय बढ़ गया है, वहीं ट्रांसपोर्टरों को समय के साथ-साथ धन की मार भी झेलनी पड़ रही है। दिल्ली-जयपुर के बीच उन्हें जितना किराया पहले मिलता था उतना ही अब मिल रहा है, जबकि उनका डीजल अधिक खर्च हो रहा है। ।राजस्थान की कांग्रेस सरकार की शह। हरियाणा की सीमा में लगे विशाल बैरिकेड्स यह बताने के लिए काफी हैं कि कृषि कानून विरोधियों का राजस्थान की ओर से दिल्ली की ओर कूच करना आसान नहीं है, मगर यह भी हकीकत है कि धरने पर बैठे लोग भी राजस्थान की सीमा से आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं दिखते। धरना दे रहे लोगों को राजस्थान में सत्तासीन अशोक गहलोत सरकार की पूरी शह मिल रही है, लेकिन छह माह का लंबा समय होने के कारण अलवर व आसपास के जिलों के राजस्थान के लोग भी गहलोत सरकार से नाराज हैं। प्रबुद्ध लोगों को आंदोलन के तौर तरीकों पर घोर आपत्ति है। ।Kisan Andolan: 1977 में देश में लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय का सच बताएंगे किसान नेता।सड़कों का कचूमर, जाम हुआ आम। हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर स्थित सांझापुर, मोहनपुर व कई अन्य गांवों की संपर्क सड़कें बदहाल हो चुकी है, क्योंकि हाईवे का यातायात इन गांवों से होकर भी गुजर रहा है। बार्डर के आसपास की कई सड़कों का कचूमर निकल चुका है। आसपास के पेट्रोल पंपों पर सन्नाटा पसरा है। दिल्ली से जयपुर की ओर जाने में परेशानी कम है, मगर जयपुर से दिल्ली की ओर आते समय एक से चार घंटे तक जाम में फंसना आम है। इससे लोगों में गुस्सा है। किसान संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों को छोड़कर आम लोग इन्हें आंदोलनकारी नहीं बल्कि कुछ संगठन प्रतिनिधियों की जिद मान रहे हैं। जाम में फंसे रेवाड़ी के एक कैंटर चालक ने कहा कि छह-छह महीने रास्ता रोककर बैठना लोकतंत्र नहीं बल्कि लट्ठ तंत्र है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70917.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70917.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aefcf94c9f1e85c4bddb66635bc44948087a4ff4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70917.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सभी दलों की निगाहें जाट मतदाताओं पर।वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में जाटों की आबादी 6 से 8 फीसद के आसपास है, लेकिन पश्चिमी यूपी में जाट 17 फीसद से ज्यादा हैं। खासतौर से सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर, हाथरस, अलीगढ़, नगीना, फतेहपुर सीकरी और फिरोजाबाद में जाटों की ठीकठाक आबादी है। इन जिलों में गुर्जरों की संख्या भी काफी है, लेकिन जाट थोड़े ज्यादा हैं। ऐसे में आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी दलों ने जाट वोटों को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है, खासतौर से सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी ने। + +गौतमबुद्धगर में भी भाजपा जाट ने नेता पर लगाया दांव।जाने-अनजाने और चाहे-अनचाहे भाजपा साढ़े छह महीने से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सचेत है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर जाट उम्मीदवार उतारे हैं। यहां तक कि गुर्जर बहुल कही जाने वाली गौतमबुद्धगर में भी भाजपा ने जाट नेता पर दांव खेला है। इसके अलावा भी तमाम सीटों पर जहां पर जाट उम्मीदवारों को उतारा गया है। इसका मकसद जाटों को यह दिखाना है कि भाजपा उनके साथ है और किसान मुद्दे पर पूरी तरह से राजनीति हो रही है। भाजपा इसी बहाने भाकियू नेता राकेश टिकैत पर निशाना साध रही है कि वह विपक्षी दलों का मोहरा भर हैं बस, उनका किसान हितों से कोई लेना देना नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d84f6b7e93c52a71c7ca601fe04b67e97b4bb41b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है चीन की महत्‍वाकांक्षी परियोजना ।चीन का ओबीओआर अभियान लाखों करोड़ रुपये का दुनिया में आधारभूत ढांचा तैयार करने का अभियान है। इसे वहां के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2013 में शुरू किया था। लेकिन इस अभियान की शर्तों और पारदर्शिता के अभाव को लेकर विवाद की स्थिति रही है। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों ने इस अभियान को लेकर चीन के साथ समझौता कर रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c209a1e83d38243690910ec45838735e8c5fdd8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जाधव को मिलेगा अपील का हक।गौरतलब है कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सरकार के पक्ष वाले इस बिल को पास किया है। अब ये कानून पाकिस्तान में कैद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का हक देगा। समाचार पत्र ‘डॉन’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को शुक्रवार के दिन पारित किया है। इस कानून का मकसद भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी जाधव इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस के फैसले के मुताबिक राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc792f162f3bcd6f0a27c70be4d9dc7e2aad994c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70923.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Sushant Singh Rajput Case बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput Death) का एक साल होने जा रहा है। बीते साल 14 जून को वे मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने इसे सुसाइड (Suicide) माना तो सुशांत के पिता केके सिंह (KK Singh) सहित कइयों ने इसके पीछे साजिश (Conspiracy) के आरोप लगाए। इस मामले में दो राज्‍यों (बिहार व महाराष्‍ट्र) की पुलिस ही नहीं, सरकारें तक आमने-समाने नजर आईं। घटना के पीछे भाई-भतीजावाद (Nepotism) के आरोप में कई बॉलीवुड हस्तियां भी उलझतीं दिखीं। काल-क्रम में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इसकी जांच सीबीआइ (CBI) के हवाले कर दी। घटना में मनी लॉन्ड्रिंग व ड्रग के एंगल भी निकलकर सामने आए, जिनकी जांच अलग से हो रही है। लेकिन सवाल सह है कि तमाम जांच-पड़ताल का अब तक का हासिल क्‍या है? सवाल यह भी है कि इस मामले में आरोपित सुशांत की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakravorty) कर क्‍या हुआ? ।14 जून 2020 को मुंबई में हुई थी सुशांत की मौत ।बीते साल 14 जून को सुशांत का शव उनके मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में मिला था। यह बड़ी संभावनाओं वाले एक प्रतिभाशाली कलाकार का दुखद अंत था। इस घटना ने पूरे देश का हिला दिया था। अगले दिन 15 जून को मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट पर सुशांत का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुंबई पुलिस ने इसे सुसाइड का मामला बताया। लेकिन सवाल हवा में उमड़-घुमड़ रहे कई सवाल अपने जवाब मांग रहे थे। ।सुसाइड मानन से इनकार, बताया इसमें छिपा राज ।16 जून को भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के पीछे साजिश की आशंका जताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग रखी। 25 जून को बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने भी सीबीआइ जांच की मांग रखी। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसके साजिशन की गई हत्‍या होने का दावा किया। बॉलीवुड के अंदर से भी सवाल उठने लगे। अभिनेत्री कंगना रनौत ने बॉलीवुड में सुशांत को प्रताडि़त किए जाने का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठाए। उन्होंने साफ कहा कि दिमागी तौर पर मजबूत सुशांत सुसाइड नहीं कर सकते थे। ।पटना पुलिस के मुंबई में जांच करने से हुआ बवाल।इसी दौरान सुशांत के जीजा व उत्‍तर प्रदेश के वरीय आइपीएस अधिकारी ओपी सिंह ने मामले की गहराई की जांच की मांग की। सुशांत के पिता सहित पूरे परिवार ने घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका जताई। ।घटनाक्रम ने नया मोड़ तब लिया, जब 29 जुलाई 2020 को सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में बेटे की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती सहित छह लोगों के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने व भयादोहन की एफआइआर दर्ज कराई। इसके बाद 29 जुलाई को पटना पुलिस की टीम जांच के लिए मुंबई गई, जहां उसे महाराष्‍ट्र पुलिस के असहयोग ही नहीं, विरोध का भी समाना करना पड़ा। इस मामले में कानून-व्‍यवस्‍था के राज्‍य का मसला होने की बात उठी। दोनों राज्‍यों की सरकारें भी आमने-समाने दिखीं। ।गर्लफ्रेंड रिया हुईं अंडरग्राउंड, डिलीट की पोस्‍ट ।इस विवाद के दौरान सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया सहित सभी आरोपित भूमिगत हो गए। पटना पुलिस उन्‍हें मुंबई में खोज रही थी। इसके पहले 18 जून को ही रिया चक्रवर्ती ने मुंबई के बांद्रा थाने में अपना बयान दर्ज करा दिया था। रिया ने इसके पहले सुशांत से जुड़ी सभी सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट कर दी थी। ।सुप्रीम कोर्ट के आदेया पर सीबीआइ जांच आरंभ ।सुशांत के पिता की एफआइआर पर दोनों राज्‍यों के बीच उपजे सवैधानिक संकट के बीच राजनीति भी खूब गरमाती दिखी। इस एफआइआर के पहले चार जुलाई 2020 को ही सुशांत के पिता ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी, जिसे आधार बनाकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से इसकी सिफारिश कर दी। आरोपों के घेरे में आईं रिया चक्रवर्ती ने भी 16 जुलाई 2020 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मामले की सीबीआइ जांच की मांग की। आगे पांच अगस्त 2020 को केंद्र सरकार ने भी सीबीआइ जांच को स्‍वीकृति दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 19 अगस्‍त को इसपर मुहर लगा दी। इसके बाद सीबीआइ ने मामला अपने हाथ में ले लिया। ।ईडी व एनसीबी ने भी शुरू की अलग-अलग जांच ।इस बीच सवाल उठा कि आखिर सुशांत के करोड़ाें रुपये कहां गए? उनकी गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती व परिवार पर भयादोहन के आरोप लगे। मामला 30 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचा। सुशांत की हत्‍या की जांच के लिए मुंबई गई बिहार पुलिस की टीम ने इसमें इडी की मदद की। इसी दौरान ईडी को रिया च्रक्रवर्ती सहित कई अन्‍य के ड्रग सिंडिकेट से संबंधों कर पता चला। फिर ईडी के कहने पर इस मामले में एनएसबी ने 26 अगस्‍त को एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की। ।जेल गईं रिया, कई बॉलीवुड हस्तियों से पूछताछ ।सीबीआइ के अलावा एनएसबी व ईडी ने रिया च्रक्रवर्ती व उनके परिवार तथा अन्‍य कई से कई बार पूछताछ की। ।चार सितंबर 2020 को एनसीबी ने रिया व उनके भाई शौविक तथा सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा को भी गिरफ्तार किया। फिर तो बॉलीवुड में ड्रग के उपयोग की चर्चा सुर्खियों में आ गई। अभिनेत्री कंगना रनौत ने इसपर खूब बयान दिए। इसकी आंच एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर के साथ रकुलप्रीत सिंह तक पहुंच गई।  उन्‍हें एनएसबी ने 23 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया। यह जांच अभी चल ही रही है। एनसीबी ने नौ नवंबर को ड्रग मामले में एक्टर अर्जुन रामपाल के बांद्रा स्थित आवास पर छापेमारी की तो कुछ ही दिन पहले 28 मई 2021 को सुशांत के फ्लैटमेट रहे सिद्धार्थ पिठानी को गिरफ्तार किया। इस बीच आठ अक्टूबर 2020 को रिया चक्रवर्ती जमानत पर रिहा होकर बाहर आ गईं हैं। ।सलमान-करण पर बिहार सहित देश भर में मुकदमें ।सुशांत की मौत को लेकर सोशल मीडिया में लगातार प्रतिक्रियाएं आतीं रहीं। इस दौरान फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजेवाद का मुद्दा भी लगातार उछलता रहा। बॉलीवुड के अंदर से कंगना रनौत ने इस मुद्दे को आवाज दी। सुशांत के चाहने वालों ने करण जौहर, सलमान खान, एकता कपूर आदि कई बॉलीवुड हस्तियों को निशाने पर लिया। बिहार सहित पूरे देश में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए तथा मुकदमें दर्ज किए गए। ।एम्‍स के मेडिकल बोर्ड ने की जांच, माना सुसाइड।इस बीच आगे बढ़ती सीबीआइ जांच के दौरान जांच एजेंसी ने घटना-स्‍थल पर मौत कर सीन रिक्रियेट किया। कई संबंधित लोगों से पूछताछ की गई। बीते 28 अगस्त को रिया चक्रवर्ती से भी घंटों पूछताछ की गई।  सीबीआइ ने 24 जून 2020 को सार्वजनिक की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी देखा, जिसमें शव पर किसी तरह के स्ट्रगल मार्क्स या फिर बाहरी चोट के निशान नहीं मिलने की बात दर्ज है। इस रिपोर्ट पर सीबीबाइ ने दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के मेडिकल बोर्ड की भी राय ली। बीते पांच अक्टूबर को एम्स दिल्ली के मेडिकल बोर्ड ने सुशांत की मौत के कारणों को लेकर सीबीआइ को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार यह सुसाइड का मामला था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cc85247a978e04cc5a8d3fe9971e262ec34ba9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70927.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया] । डाक विभाग धार्मिक संगठन के साथ मिलकर घर बैठे प्रयाग, वाराणसी, हरिद्वार व गया में अस्थि विसर्जन की सुविधा दे रहा है। इसके साथ ही लोग आनलाइन अस्थि विसर्जन कार्यक्रम देख भी सकते हैं। इससे लोगों को काफी सहूल‍ियत म‍िल रही है। ।प्रवर डाक अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर व्यापक पैमाने पर इसका प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना व अन्य कारण से लोगों की मौत रही थी, लोग स्थानीय स्तर पर दाह संस्कार कर देते थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण बाहर नहीं जा सकते थे, इसलिए स्‍वजनों की अस्थियों का पवित्र नदियों में विसर्जन नहीं कर पा रहे थे। उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल ने धार्मिक संगठन ओम दिव्य दर्शन के साथ मिलकर अस्थि विसर्जन करने की व्यवस्था की है। ओम दिव्य दर्शन ने पोर्टल omdivyadarshan.org बनाया है। डाक विभाग प्रयाग, वाराणसी, हरिद्वार व गया में अस्थि विसर्जन कराने की सुविधा देगा। घर बैठे अस्थि विसर्जन कराने वाले को पहले ओम दिव्य दर्शन संगठन के पोर्टल जाकर पंजीयन करना होगा। अस्थि को एक डिब्बे में ठीक से पैक कर स्थानीय डाक घर में जाकर जहां अस्थि विसर्जन करना चाहते हैं, वहां के सीनियर पोस्ट मास्टर के नाम स्पीड पोस्ट करना होगा। स्पीड पोस्ट के ऊपर बड़े शब्दों में ओम दिव्य दर्शन लिखना पड़ेगा। अस्थि भेजने वालों को केवल स्पीड पोस्ट का खर्च करना पड़ेगा। डाक विभाग सुरक्षित अस्थि को विसर्जन के लिए ओम दिव्य संस्थान को पहुंचाएगा। स्पीड पोस्ट करने के बाद पुन: पोर्टल जाकर स्पीड पोस्ट की विस्तृत जानकारी देनी होगी। ओम दिव्य दर्शन संस्थान आनलाइन अस्थि विसर्जन को देखने की व्यवस्था करेगा। प्रवर डाक अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि घर बैठ अस्थि विसर्जन योजना की स्थानीय स्तर पर प्रचार कराया जा रहा है। इससे डाक मंडल क्षेत्र में रहने वाले लोग भी इसका लाभ उठा पाएंगे। डाकघर के कर्मियों द्वारा लोगों को जानकारी दे रहे हैं। अस्थि विसर्जन कार्यक्रम समाप्त हो जाने के बाद डाक द्वारा उस नदी का जल भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4f8a75be9433d42966e9fa2532f53a1f62693ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों का छह मिनट वाक टेस्ट कराएं।गाइडलाइन में बताया गया है। 12-17 आयु वर्ग के बच्चों का ऑक्सीजन सेचुरेशन (एसपीओटू) लेने को छह मिनट वाक टेस्ट कराएं। अंगुली में पल्स आक्सीमीटर लगाकर छह मिनट तक चलाएं, ताकि संक्रमण और शारीरिक स्थिति का पता चल सके। टेस्ट माता-पिता की देखरेख में हो। एसपीओटू 94 से कम होने पर सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। तत्काल अस्पताल में भर्ती कर आक्सीजन थेरेपी दिलाएं। अगर बच्चा अस्थमा पीडि़त है तो वाक टेस्ट न कराएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70934.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea258324aca009896aa2f87dc9b06124ae493890 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70934.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी [उत्‍तम राय चौधरी]। बनारस में कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण करीब दो माह से गंगा में नावों का संचालन बंद है। गुरुवार को प्रशासन और नाविकों की बैठक में तय हुआ कि सोमवार से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक नाव संचालित की जा सकेगी। हालांकि, इसकी इजाजत उन्ही नाविकों को होगी, जिन्होंने कोरोना का टीका लगवाया होगा। नाविकों के लिए घाटों पर टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा। + +बीते वर्ष भी कोरोना काल की शुरुआत के बाद से ही गंगा में नौकायन प्रतिबंधित कर दिया गया था। गंगा में नौकायन पर प्रतिबंध जब हटा तो गंगा में बाढ़ का दौर शुरू होने के बाद पर्यटन पर प्रतिबंध लगने के बाद दोबारा नौका संचालकों के सामने संकट आ खड़ा हुआ था। अब दूसरे साल भी गंगा में नौका संचालन दो माह से बंद था अब दोबारा नौका संचालन शर्तों के साथ शुरू हुआ है तो आने वाले कुछ सप्‍ताह में गंगा के जलस्‍तर में दोबार बढ़ोतरी होने के बाद नौका संचालन पर प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लग जाएगा। ऐसे में दोबारा नौका संचालकों के सामने आजीविका का प्रश्‍न खड़ा हो जाएगा। ।शर्तों के साथ मिली छूट : जिला प्रशासन ने गंगा में नौका संचालकों को राहत देते हुए 14 जून सोमवार से गंगा में नौका संचालन को छूट दे दी है। नौका संचालन के लिए हालांकि शर्तें भी लगाई गई हैं। प्रशासन की ओर से सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक का ही मौका दिया गया है। जबकि अल सुबह पांच बजे सुबह-ए-बनारस और शाम को सात बजे के बाद गंगा आरती देखने के लिए आस्‍थावानों का जमावड़ा होता है। ऐसे में समय की पाबंदी की वजह से नौका संचालन होने के बाद भी पर्यटकों और संचालकों के लिए छूट का कोई मतलब नहीं है। वहीं दोपहर में धूप की वजह से सुबह 11 से शाम पांच बजे तक पर्यटक कम ही आते हैं। ।कोरोना टीका की अनिवार्यता : प्रशासन की ओर से नाविकों को कोरोना टीका लगवाना अनिवार्य किया गया है। जबकि टीका लगवाने के लिए विशेष अभियान की भी बात कही गई है। मगर, जिले में पंजीकृत से अधिक गैर पंजीकृत नौका संचालकों के होने की वजह से अभियान की सार्थकता पर भी प्रश्‍न चिन्‍ह है। जबकि कोरोना टीका के लिए कतार और इंतजार की वजह से नौका संचालकों के लिए यह छूट भी लाभदायक नहीं है। ।नौका संचालकों ने जताई चिंता : गंगा पुत्र नौका संचालकों ने प्रशासन की ओर से शर्तों के साथ दी गई छूट को नाकाफी बताया है। कहा कि प्रशासन को खुद ही पहल कर नौका संचालकों को टीका लगवाने की पहल करनी चाहिए। जबकि समय की बाध्‍यता की वजह से पर्यटकों के साथ ही संचालकों को भी नौका संचालन का कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। अलबत्‍ता घाट की इसकी वजह से रौनक जरूर धीरे धीरे लौटने लगेगी।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70935.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70935.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afb2d8b2440664fa280813f7c42cdc91fa3dc0fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70935.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, [प्रदीप सिंह]। पकने को तैयार हो चुके इन आमों को अपने आवास स्थित वृक्ष से तोड़ा। आम को बिना कार्बाइड के पकाने की तैयारी है। कई वृक्षों में आम अभी भी छोटे हैं। इंटरनेट मीडिया पर यह संदेश राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और रांची के विधायक सीपी सिंह ने जब डाला तो प्रतिक्रिया में कई लोगों ने फलों के राजा आम को चखने की इच्छा प्रकट की। + +झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रहे सीपी सिंह के इस पोस्ट से सवाल उठ रहे हैं कि सरकारी आवास में होने वाली पैदावार पर हक आखिरकार किसका है। राजधानी रांची में सैकड़ों सरकारी आवास हैं, जिसमें चार दर्जन से ज्यादा आवासों के अहाते बड़े हैं। इसमें फलदार वृक्ष लगे हैं और कृषि कार्य भी होता है। इसका लुत्फ सरकारी आवासों में रह रहे लोग उठाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73e8229bf02c85dbec51a25f43e1f7924bc5a3be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70936.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुरुस्त रहे मानसिक स्वास्थ्य: पहले महिलाएं अपने शारीरिक स्वास्थ्य की तो अवहेलना करती ही थीं मानसिक स्वास्थ्य के बारे में तो सोचती तक नहीं थीं। कोरोनाकाल में जब मानसिक मजबूती की जरूरत पड़ी तो उन्होंने हर वो उपाय किया, जो उन्हेंं शांत रख सके। घर पर रहकर ही योग, मेडिटेशन और व्यायाम आदि को जगह दी। उन्हेंं अब इस आदत को नहीं छोड़ना है। इस दौरान अभिनेत्री डोनल बिष्ट ने फिटनेस और मेंटल हेल्थ के वीडियोज डालकर इन्हेंं अपने रोज के रूटीन में शामिल करने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया और कहा कि अपने स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता दें। + +डोनल कहती हैं, इस दौरान महिलाओं ने कोरोना के डर और दिक्कतों को देखते हुए खुद का ध्यान रखने और धैर्य जैसी चीजों को सीखा है। उन्हेंं अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमेशा जागरूक रहना होगा। लाइफ स्टाइल एक्सपर्ट रचना खन्ना सिंह भी कहती हैं, महिलाओं ने इन दिनों पूरे पविार को जोड़कर रखा है। घर के हर सदस्य की मांग को पूरा किया है। यह तभी हो पाया है जब उन्होंने अपना मानसिक संतुलन दुरुस्त रखा है। इस आदत और अभ्यास को आगे भी जारी रखना चाहिए, अनुशासन बनाए रखना चाहिए ताकि आगे किसी तरह का नुकसान न हो। अगर घरों में रहने वाली महिलाएं किटी पार्टी की सोचेंगी तो गलत होगा। परेशानी तो हो ही रही है, लेकिन हमें सतर्क रहते हुए सहयोग बनाए रखना है। इन दिनों महिलाओं पर कई गुना जिम्मेदारी बढ़ी, लेकिन उन्होंने खूबसूरती से इन्हेंं निभाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02eb7d9e0861585394de900e230eaf3e47aa5e8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों से मजदूरी करवाना कुछ परिवारों की मजबूरी हो सकती है, पर उस दलदल से निकालने की जिम्मेदारी समाज की भी है। इसके लिए हमें अपने भीतर जिद पैदा करनी होगी। ऐसी जिद जो बाल उत्पीड़न और बाल समस्याओं के खिलाफ बिगुल बजाए। जब तक समाज मुखर नहीं होगा, बात नहीं बनेगी। सिर्फ सरकार-सिस्टम पर सवाल उठाने से काम नहीं चलेगा? समाधान के रास्ते सामूहिक रूप से खोजने होंगे। सड़कों पर भीख मांगते बच्चे, कारखानों में काम करते नौनिहाल, विभिन्न अपराधों में लिप्त व शिक्षा से महरूम बच्चों को देखकर हमें उनके लिए सिस्टम को ललकारना होगा। उन्हें देखकर मुंह फेरना ही हमारा सबसे बड़ा अपराध है। हमारी चुप्पी ही बालश्रम जैसे कृत्य को बढ़ावा देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1659018498e53d35bbd66deae34a9d917463d8aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70942.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बंटवारे वाले इलाके सुस्त...।जिस वक्त पुलिस से लेकर शराब कारोबारी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हों, उस दौरान शराब सेल्समैन से लूट हो जाए तो चर्चाएं होने लगती हैं। कमरतोड़ कार्रवाई का दावा करने वाली पुलिस के सामने बदमाशों के हौसले इतने बुलंद कैसे हो गए कि दिनदहाड़े वारदात कर डाली। बदमाशों की तलाश में पुलिस की टीमें लग गई हैं। घटना को संदिग्ध मानते हुए भी जांच हो रही है। लेकिन, एक बात गौर करने वाली है कि नए थानों में इतनी तेजतर्रारी नहीं आई है। क्वार्सी व गांधीपार्क के इलाकों का बंटवारा होने के बाद वो सुस्त पड़ गए हैं। कई इलाके हैं, जो एकांत में रहकर किसी भी घटना को दावत देने का मौका देते हैं। चौकी या थाना पुलिस तो दूर, यहां लैपर्ड तक गश्त नहीं करती। शाम ढलते ही इन इलाकों में गुजरने से भी लोग डरते हैं। ऐसे में सुनिश्चित करना होगा कि चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..431b6431d5ec0702acbd41331e6eff4a29fdc427 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70943.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उल्लेखनीय है कि अप्रैल-मई के दौरान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हो रही मौतों ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। अंत्येष्टि स्थलों पर लगी शवों की कतारें, सरकारी आंकड़े पर सवालिया निशान लगा रही थी। ऐसे में हाई कोर्ट को भी सरकार की संख्या पर विश्वास नहीं था। विपक्ष भी सरकार पर इस मामले में सही संख्या छिपाने का आरोप लगा रहा था। अब इसे चौतरफा दबाव कहें या फिर राज्य सरकार का खुद का निर्णय, बहरहाल दोबारा गिनती कराने के लिए दो टीम बनाई गई। इस टीम ने 20 दिन बाद मंगलवार को जो रिपोर्ट पेश की उसमें कोरोना संक्रमण से मरने वालों की 3951 की संख्या बढ़ी हुई थी। इससे पहले 5424 मौतें ही बताई जा रही थी। बुधवार को सरकार ने जांच के बाद संशोधित आंकड़े जारी किए तो संख्या 9375 पहुंच गई। यानी मौत का आंकड़ा 72.84 फीसद बढ़ गया। अभी भी सभी जिलों में जांच जारी है। जिससे यह संख्या और बढ़ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90eca612a628c8b8297db6436243dedff0b8935e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70945.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिर भी दुनिया इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। इसलिए इस दिवस को मनाने का औचित्य है। अब कोरोना महामारी और उससे उपजे आíथक संकट से यह स्पष्ट हो गया है कि लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों बच्चों का बाल मजदूरी में धकेले जाना तय है। इस संबंध में एक चिंताजनक पहलू यह भी सामने आया है कि पिछले 20 साल में पहली बार बाल श्रम के आंकड़े बढ़े हैं। इसलिए हमें बाल श्रम निषेध दिवस पर आत्मावलोकन की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f23583938ff934dc424f1624acf2f441d351709 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70950.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। जी हां, वह सन 1975 का 12 जून ही था। यह वही ऐतिहासिक तारीख है, जिसने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी थी। यह वही दिन है, जब 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाते हुए उन्हेंं चुनावों में धांधली का दोषी पाया था। इसी के साथ 46 बरस पहले देश में आपातकाल की नींव रखी गई थी। + +जस्टिस जगमोहन लाल सिन्‍हा के फैसले पर पूरे देश की नजर थी ।बरेली जिला न्यायालय में वकालत से करियर का आगाज करने वाले 55 वर्षीय जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा पर पूरे देश की नजरें थीं। क्योंकि तीन जजों के इनकार करने के बाद वह इस मामले में फैसला सुनाने जा रहे थे। जस्टिस जगमोहन ठीक दस बजे अपने चेंबर से कोर्ट रूम में पहुंचे। याचिका में जो सात मुद्दे इंदिरा के खिलाफ गिनाए गए थे, उनमें से पांच में तो जस्टिस सिन्हा ने इंदिरा गांधी को राहत दे दी। दो पर उन्होंने इंदिरा को दोषी पाया। अदालत ने पाया कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत इंदिरा गांधी ने सरकारी साधनों का दुरुपयोग किया है। लिहाजा उन्हेंं अगले छह सालों तक लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लडऩे के अयोग्य ठहराया जाता है। + +सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून 1975 में फैसला सुनाया ।हालांकि इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट गईं। सुप्रीम कोर्ट के वैकेशन जज जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर ने 24 जून 1975 को फैसला सुनाया। इस फैसले के मुताबिक इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता चालू रह सकती थी। विपक्ष ने इंदिरा गांधी पर अपने हमले तेज कर दिए। इसके बाद जिस तरह के हालात पैदा होने लगे। इस फैसले के 13 दिन बाद ही इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 की मध्य रात्रि से देश में आपातकाल लागू कर दिया था। आपातकाल के जरिए इंदिरा गांधी ने सभी विपक्षी नेताओं को जेल में ठूंस दिया। इसमें हाईकोर्ट से केस जीतने वाले राजनारायण के अलावा जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जार्ज फर्नांडीस जैसे उस दौर के कई बड़े नेता भी शामिल रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5af1536cb7527e9a195fd119262bf87dbfb26607 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइआइएम रोहतक के प्रोफेसर और डाक्टरल स्टूडेंट्स ने अस्पतालों में आक्सीजन सप्लाई का आडिट किया।शोश में अस्पतालों में आक्सीजन की डिमांड-सप्लाई के बीच अंतर की गणना की गई। इसमें सामने आया कि आक्सीजन उपयोग के लिए अस्पतालों के पास प्रभावी एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर) नहीं थी, नतीजा यह रहा कि आपात समय में आक्सीजन की काफी वेस्टेज भी हुई। आडिट में यह भी बताया गया कि अस्पतालों में यदि हाई फ्लो और लो फ्लो थेरेपी का सही इस्तेमाल किया जाता तो 20 फीसद तक आक्सीजन बचाई जा सकती थी। यह आडिट और शोध आइआइएम के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा, प्राध्यापिका डा. रीमा मोंडल व प्राध्यापक अश्वनी कुमार के अलावा तीन शोधार्थियों ने किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..651a4f695ef18083bbec1d39dcc432e536bbfece --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70958.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब में गोदामों के भरे रहने का नुकसान राज्यों की खरीद एजेंसियों को उठाना पड़ता है। जब तक केंद्र सरकार अनाज को मूव नहीं करती तब तक उसे संभालकर रखने का काम खरीद एजेंसियों का होता है और एक निश्चित मात्रा से ज्यादा खराब होने पर एजेंसियों को इसकी भरपाई भी करनी पड़ती है लेकिन दूसरा सबसे बड़ा नुकसान ब्याज का होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f2b08d8a1c398d556d785726ecf0bf5fb3be8d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70959.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]।  लगातार दूसरे साल सीजन के वक्त कोरोना के आक्रमण से चौपट फूल व्यवसाय से जुड़े लोगों का मन खट्टा हो चुका है। फूलों की महक उनको कांटे की तरह चुभ रही है। जख्म इतने गहरे हो गए हैं कि कोरोना की अगली लहर की आशंका के बीच किसान फूलों की खेती से दूर हो रहे हैं। किसी ने खरीफ, तो कुछ ने सब्जी की खेती की तरफ रुख कर लिया है। उत्तर भारत की सबसे बड़ी गाजीपुर फूल मंडी में फूल बेचने वाले कई किसानों ने फूलों की खेती से मुंह मोड़ लिया है। दुकान चलाने वाले व्यवसायियों में भी अब नुकसान सहने की हिम्मत नहीं बची है, वह भी दूसरे रास्ते तलाशने में जुटे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..284a0de1b28b07e25a5d52ac447c894c8ca0ffef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70960.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एरीज नैनीताल के वरिष्ठ वायुमंडलीय विज्ञानी डा. मनीष नाजा के अनुसार हिमालय में ब्लैक कार्बन की वास्तविकता जानने के लिए यह शोध किया गया। शोध में 2014 से 2017 के बीच के आंकड़े शामिल किए गए। शोध में पता चला है कि ब्लैक कार्बन की मात्र 1,500 नैनोग्राम से 2,500 के बीच जा पहुंची है। इससे पूर्व इसकी मात्र 800 से 900 नैनोग्राम मानी जाती थी। + +अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध। शोध छात्र प्रियंका श्रीवास्तव के मुताबिक यह शोध 2021 के नए अंक में एशिया पेसिफिक जर्नल ऑफ एटमास्फेरिक साइंसेज कोरिया में प्रकाशित हो चुका है। शोध आधुनिक मास एब्जाप्र्शन क्रास सेक्शन (मैक) तकनीकी की मदद से किया गया। भविष्य में भी यह पैरामीटर ग्लोबल वार्मिग, जलवायु, मौसम का पूर्वानुमान व सुधार में बेहद उपयोगी साबित होगा। इससे हिमालय क्षेत्र के ब्लैक कार्बन का सटीक अनुमान लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30a32015b2e4adfd2daeebc96ce7fb47eb942e6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70962.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर गत दिवस वाइस चांसलर डा. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कुत्तों में सूंघने की शक्ति जबरदस्त होती है। यह शक्ति इंसानों से करीब हजार गुणा अधिक होती है। एक बार सूंघी हुई गंध को कुत्ता आसानी से दूसरी बार भी पहचान लेता है। दुनिया में कुत्तों की इस शक्ति इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। अब हम भी इसका इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी में डाग ट्रेनिंग कम ब्रीडिंग सेंटर बनाया जा रहा है। + +उन्होंने कहा कि इस सेंटर में कोरोना वायरस, कैंसर, नारकोटिक्स टेस्ट के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शुरुआत में लेबराडोर, पग व बिगल नस्ल के कुत्तों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे संक्रमितों की स्क्रीनिंग जल्दी हो सकेगी। कुत्तों की मदद से कुछ सेकेंड में ही कोरोना संक्रमित को पहचाना जा सकता है। अभी आरटीपीसीआर टेस्ट का परिणाम आने में दो दिन लग जाते हैं। कुत्तों को प्रशिक्षित करने के लिए आरबीसी के सेवानिवृत्त अधिकारियों को दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रोजेक्ट बनाकर भेज दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee37aea4d5226a2920ebb9a8acfeab0def1979c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70964.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश के सात बड़े शहरों में प्रदूषण खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे। वायु और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए योगी सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना में लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी व मेरठ शहर शामिल किए गए हैं। इनमें वायु प्रदूषण पर 24 घंटे नजर रखने के लिए ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें हर समय रियल-टाइम डाटा मिलेगा। मैनुअल स्टेशन की भी संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रदूषण पर निगरानी व तत्काल कार्रवाई के लिए अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा। + +दरअसल, केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग से मिलियन प्लस शहरों के नगरीय निकायों के लिए पहली किस्त जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश के सात शहरों के लिए 357 करोड़ रुपये मिले हैं। इस धनराशि से शहरों के प्रदूषण नियंत्रण के लिए मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सकता है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सात शहरों में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebcd20a34682c6b8ada0178d1b140282aca8cf8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। Intresting Love Affair Story वट सावित्री व्रत...एक ऐसा व्रत जिसमें पत्नियां अपने पति की दीर्घायु और सफलता की कामना करती हैं। साथ ही वे अपने पति से उम्मीद भी करती हैं कि वे उनका साथ उनके हर सुख-दुख में देंगे। लेकिन क्या हो जब पति-पत्नी के खूबसूरत रिश्ते के बीच वो आ जाए। जी हां, एक ऐसा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से सामने आया है। जहां वट पूजा के बाद घर लौटी पत्नी व्रत तोड़कर खुशी से पति संग सेल्फी ले रही थी, लेकिन जब उसने फोटोज़ देखने के लिए पति के मोबाइल की गैलरी ओपेन तो उसके होश ही उड़ गए। पति के लिए वो खूबसूरत लम्हा एक ही पल में किसी भयानक हादसे की तरह बन गया। ऐसा क्या हुआ आइए जानते हैं: ।यह है मामला: उक्त वाकया शहर के मंधना क्षेत्र में हुआ है। जहां किराए के मकान में रहने वाला युवक एक जूता फैक्ट्री की बस चलाता है और उसकी भी पत्नी उसी फैक्ट्री में काम करती है। गुरुवार को पत्नी ने पति की लंबी उम्र के लिए अखंड सौभाग्य के लिए वट वृक्ष की पूजा की और व्रत रखा। इसके बाद वह जब घर लौटी तो उसने सेल्फी लेकर व्रत तोड़ने की बात पति से कही, इस पर उसका पति राजी हो गया। दोनों खुशी से सेल्फी ले रहे थे, लेकिन क्लिक की गईं उन्हीं फोटोज़ को देखने के लिए जब युवती ने मोबाइल की गैलरी ओपेन की तो उसने देखा कि पति की किसी महिला मित्र संग अश्लील फोटोज़ पड़ीं हैं। बस फिर क्या था देखते ही देखते पत्नी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। ।पत्नी के पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाया पति: आग बबूला युवती पति की बेवफाई इस कदर रूठ गई कि उसका हाथ पकड़ा और उसे थाने लेकर आ गई। जहां उसने थानेदार को वो फोटोग्राफ्स दिखाए और पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान युवती का पति उसके आगे हाथ जोड़ता रहा, मिन्नतें करता रहा, लेकिन उसकी पत्नी ने एक न सुनी। इस दौरान पत्नी के गुस्से को देख उसका पति, पत्नी के पैरों पर गिर गया और गिड़गिड़ाने लगा। युवक माफी मांगते थाना प्रभारी ने दोनों को आपस में सुलह करने की बात कही। बता दें कि थाने में ही दो घंटे तक यह हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। इसके बाद युवती ने पति को माफ कर दिया और दोनों घर चले गए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7097.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7097.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..caf07fba662c3ed59775056aabf9ac6953fe04d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7097.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'बेलबॉटम' की ख़ास बात यह है कि यह फ़िल्म पिछले साल कोरोना वायरस पैनडेमिक के दौरान शूट की गयी थी और इसका टीज़र भी पिछले साल ही जारी कर दिया गया था। स्टार्ट-टू-फिनिश शेड्यूल के लिए मशहूर अक्षय कुमार ने 'बेलबॉटम' की शूटिंग स्कॉटलैंड में की थी। 'बेलबॉटम' एक जासूसी फ़िल्म है, जिसकी कहानी अस्सी के दशक में सेट की गयी है। अक्षय कुमार एक सीक्रेट एजेंट के किरदार में नज़र आएंगे। इस स्पाई एक्शन-थ्रिलर फ़िल्म में वाणी कपूर फीमेल लीड में हैं, जबकि लारा दत्ता और हुमा कुरैशी अहम किरदारों में नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..818205d1de618c194629ec74f8861c3036a1f9dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70971.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस रिपोर्ट के बारे में बताते हुए यूनीसेफ की कार्यकारी डायरेक्‍टर हेनरीएटा फोर के मुताबिक इस रिपोर्ट में इंटरनेशनल डेवलेपमेंट बैंकों से अपील की गई है कि वो ऐसे प्रोग्राम में इंवेस्‍ट को प्राथमिकता दें जो बाल श्रम में लगे बच्‍चों को यहां से हटाकर वापस स्‍कूल का रास्‍ता दिखा सकें। इस रिपोर्ट में पूरी दुनिया के देशों की सरकारों से भी आग्रह किया है कि वो अपने यहां पर बेहतर सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों चलाएं, जिससे परिवारों को अपने बच्‍चों को बाल श्रम की तरफ भेजने की जरूरत ही न महसूस हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00929af0ade4e535ced8469757bc2383f71267bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए काम कर रही है। इसके लिए युवाओं को ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग और इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान बेरोजगारों को चार महीने में पांच हजार रुपये मानदेय मिलेगा। इससे उन्‍हें काफी सहूल‍ियत म‍िलेगी। ।जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता निकास केंद्र की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित पिछड़ा वर्ग कल्याण वर्ग सब प्लान योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुरादाबाद के पिछडे़ वर्ग के व्यक्तियों से आवेदन मांगे गए हैं। विभाग बेरोजगार युवकों को ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण देगा। इसके लिए विभागीय बेवसाइट पर 15 जून तक आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। अभ्यर्थी की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच की होनी चाहिए। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इस योजना में प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। वह इस योजना में पात्र नही होंगे। प्रशिक्षण अवधि में प्रत्येक प्रशिक्षण लेने वालों को 1250 प्रतिमाह चार माह के लिए कुल रुपये पांच हजार रुपये का मानदेय प्रदान किया जाएगा। इसमें जलपान एवं यात्रा भत्ते की धनराशि सम्मिलित है। गैर तकनीकी ट्रेंड के लिए पढ़ा लिखा होना चाहिए। तकनीकी ट्रेड के लिए प्रशिक्षण के लिए कक्षा आठ पास अनिवार्य है। उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र अनुज कुमार ने बताया कि आवेदन के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी के लिए पीएसी के पास स्थित जिला उद्योग केंद्र आ सकते हैं। यहां पर आवेदन करने वालों को पूरी जानकारी मिल जाएगी। बेरोजगार युवा जल्‍द ही इसका लाभ उठाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92183cde5719a625e6c1adb3aad0b3b46b3178b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70974.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने साफ कर दिया है कि मध्य प्रदेश के कमजोर स्वास्थ्य ढांचे में बदलाव बहुत जरूरी है। इसे मजबूत किए बिना तीसरी लहर से मुकाबला करना कठिन होगा। खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी यह स्वीकार कर चुके हैं कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर सरकार के अनुमान से बड़ी थी। यही वजह है कि मरीजों की संख्या के सामने स्वास्थ्य व्यवस्था लाचार हो गई थी। वह यह भी मानते हैं कि पहली लहर के बाद अनुमान लगाया गया था कि दूसरी लहर शायद इतनी भयावह नहीं होगी कि बेड और दवाओं के लिए संकट पैदा हो जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c4b4806393b6290bdca6c62c800132837307f7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्तानी रेंजर व आइएसआइ के सदस्य भी कोलकाता में हो चुके हैं गिरफ्तार।2009 में कोलकाता पुलिस ने पाकिस्तान रेंजर के सदस्य शाहबाज इस्माइल को कोलकाता के फेयरली प्लेस से तथा 2015 में महानगर के जोड़ासांको से पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी (आइएसआइ) के सदस्य अख्तर खान को गिरफ्तार किया था। एक खुफिया अधिकारी के अनुसार इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक यासीन भटकल एक बार कोलकाता में झूठे नाम से छिपा हुआ था। मामूली चोरी के आरोप में गिरफ्तार होने और जमानत पर फरार होने के कुछ साल बाद यह पता चला कि अपराधी वास्तव में यासीन था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70978.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70978.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be7ed5b3f5f0fd087643389a26b1e2c38ff63626 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70978.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले छठी जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को भी उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी और अदालती आदेश समेत अलग-अलग कारणों से प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम भी तीन बार संशोधित हुआ था। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी ही है कि बार-बार गड़बड़ी क्यों हो रही है? क्या कुछ अभ्यíथयों को फायदा पहुंचाने के लिए निर्धारित मापदंड का पालन नहीं किया गया? यह किसके इशारे पर हुआ? ऐसे तमाम अनुत्तरित सवाल हैं जिनका जवाब अब आयोग के अफसरों को देना पड़ सकता है। निर्धारित प्रक्रिया में छेड़छाड़ के लिए जिम्मेदार अफसरों पर क्या कार्रवाई की जाती है, इस पर भी उच्च न्यायालय की नजर रह सकती है। एक अन्य पहलू भी है जिस पर भी गौर करना होगा। इस परीक्षा का अंतिम परिणाम आने में पांच साल लग गए। अब दोबारा मेधा सूची संशोधित होगी तो 100 से 150 चयनित युवाओं की नौकरी जा सकती है और भविष्य में वह भी विभिन्न अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे में यह पूरी परीक्षा ही पचड़े में फंस सकती है। फिलहाल आयोग इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने की तैयारी में जुट गया है। राज्य का काíमक विभाग भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और इससे संबंधित दस्तावेज एकत्र कर रहा है। सरकार का पक्ष क्या होगा और जेपीएससी किस आधार पर आगे की लड़ाई लड़ेगा, यह तय होने के बाद ही गतिविधियां आगे बढ़ेंगी। जेपीएससी की कई अन्य परीक्षाओं के परिणाम पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70980.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed90201a2137164b788bcffbdd9e8ab7ae51a9e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70980.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (पीटीआई)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की उस घोषणा का स्‍वागत किया है जिसमें वैक्‍सीन और कोविड-19 से लड़ाई में जरूरी चीजों का उत्‍पादन बढ़ाने की बात कही है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने हाल ही में अपने एक संदेश में ये साफ कर दिया था कि राज्‍यों को मुफ्त में कोरोना वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराने की जिम्‍मेदारी केंद्र सरकार की है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि 18-21 वर्ष की आयुवर्ग के लोगों के लिए कुछ समय के अंदर वैक्‍सीन मुहैया करवा दी जाएगी। आईएमएफ के प्रवक्‍ता गैरी राइस ने पत्रकारों से बात करते हुए ने भारत की उस घोषणा को भी सराहा है जिसमें केंद्र ने वैक्‍सीनेशन के लिए अतिरिक्‍त मदद करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61c58433b1d85fde9e21c77bbf19ab8f5d01225b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70981.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संघर्ष विराम के करीब महीने भर बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने एक महत्वपूर्ण नीतिगत भाषण में कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा के लिए आíथक पहलुओं पर भी विचार करना होगा। उनकी राय थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा का दायरा सीमाओं की पारंपरिक सुरक्षा से परे जनता के कल्याण पर भी केंद्रित करना है और यह व्यापार सहित आíथक सशक्तीकरण से संभव होगा। उन्होंने कनेक्टिविटी की महत्ता भी बताई। विश्लेषकों ने इसे भारत के साथ व्यापार एवं संपर्क बहाल करने में उनकी दिलचस्पी के तौर पर भी देखा। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर में संवैधानिक बदलाव करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक संबंध एक तरह से खत्म कर लिए। बाजवा के इस भाषण के तुरंत बाद खबरें आई थीं कि पाकिस्तान भारत से चीनी और कपास आयात करना चाहता है। वाणिज्य महकमा खुद ही संभालने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, लेकिन उन्हें अपनी कैबिनेट में ही इस पर विरोध ङोलना पड़ा, जिसकी अगुआई विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के नेतृत्व में कुछ मंत्रियों ने की। पाकिस्तान की राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इन नेताओं को कुछ जनरलों का समर्थन प्राप्त है, जो भारत को लेकर जनरल बाजवा के रवैया से कुपित हैं। उन्हें यह पाकिस्तान की पारंपरिक नीति से विचलन जैसा लगा। इस बीच मीडिया में कुछ बातें लीक हुईं। उनमें यही जिक्र था कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान भारत से क्या अपेक्षा रखता है। स्वाभाविक रूप से ये विचार कहीं अधिक उदारवादी जनरलों के रवैये से जुड़े थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69bc778428d25acc359abdad7fbb84a9338b296b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि मार्च में केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटाकर घर घर राशन योजना करने का फैसला किया। उपराज्यपाल द्वारा दोबारा रोक लगाए जाने के बाद दिल्ली सरकार तर्क दे रही है कि जब पिज्जा-बर्गर की होम डिलीवरी हो सकती है तो फिर राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं हो सकती। वहीं केंद्र सरकार कह रही है कि घर-घर राशन पहुंचाने से इस योजना में भ्रष्टाचार की प्रबल आशंका है, इस तरीके में यह पता नहीं लग पाएगा कि राशन किसके पास पहुंच रहा है। लिहाजा इस तरह से राशन पहुंचाने को सही नहीं कहा जा सकता। ऐसे में सवाल उठता है कि केवल भ्रष्टाचार की आशंका से किसी योजना को रोकना कितना सही है?।यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आम आदमी तक राशन पहुंचाने को लेकर राजनीति चल रही है। पिछली तमाम योजनाओं तथा कार्यक्रमों में भी यही देखा गया, जब आम जनता से जुड़े मुद्दों पर दिल्ली में काम कम और राजनीति ज्यादा हुई है। जाहिर है दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के मध्य इस मुद्दे पर तनातनी केवल योजना का श्रेय लेने की होड़ कहा जा सकता है। इस योजना पर उठे विवाद के बीच आम लोगों की राय यही बन रही है कि यह विवाद राशन योजना का श्रेय लेने के लिए हो रहा है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली सरकार ने भी श्रेय लेने के लिए शुरुआत में घर-घर राशन योजना को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के रूप में प्रस्तुत किया था। दूसरी तरफ केंद्र का पक्ष है कि अगर इस योजना में 90 प्रतिशत से ज्यादा पैसा केंद्र सरकार खर्च करती है तो राज्य सरकार को इसका श्रेय क्यों लेना चाहिए। इन सबके बीच एक चीज साफ है कि राजनीतिक नफा-नुकसान का गणित तथा श्रेय लेने की होड़ में असली नुकसान जनता का ही होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c67a40e522898d2aa6779835a05b8fa89c89c9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंबल नदी राजस्थान, मध्य प्रदेश और उप्र में होकर बहती है। यहां बाह में चंबल सेंक्चुरी में लुप्तप्राय कछुओं की आठ प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। इनमें साल कछुआ प्रमुख है। यह केवल चंबल नदी में ही सिमटकर रह गया है। प्रदूषण के चलते अन्य नदियों से इसका अस्तित्व मिट चुका है। साल कछुए का बाहरी कवच कठोर और पूरी तरह अस्थियों से बना होता है। नर कछुए मादा से आकार में छोटे और आकर्षक होते हैं। यह स्वभाव से शर्मीले व सरल होते हैं। साल कछुआ शाकाहारी होता है और नदी व तालाब की सड़ी-गली वनस्पति खाकर पानी को साफ करता है। साल के अलावा बटागुर, धमोक, चौड़, मोरपंखी, कटहेवा, पचेड़ा, इंडियन स्टार कछुए चंबल सेंक्चुरी में पाए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70989.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70989.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21a415fb1d607ed10668028cb5e2fcb1d95637be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70989.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार तरह के मिलते हैं वायल।बलिया जिला अस्पताल के पैथालाजी प्रभारी डा. बीएन गिरी ने बताया कि तीन तरह के वायल बाजार में आते हैं, ईपीए, प्लेन व फ्लोराइड। ईपीए केमिकल वाले वायल में खून का थक्का नहीं बनता, जबकि प्लेन वायल में कोई केमिकल नहीं होता। जबकि फ्लोराइड वायल मधुमेह जांच में इस्तेमाल होता है। वैक्यूम वायल में ज्यादा समय तक खून को रखा जा सकता है। यह बहुत उपयोगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70995.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70995.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68b7e2ac0aeb809cec423e7a73f1b394348bc826 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70995.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +धान की खेती से बना रहे दूरी।हरियाणा में पिछले दो वर्षों से धान की जगह दूसरी फसलों की खेती पर 7,000 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय मदद दी जाती है, जिससे लोगों ने लगभग एक लाख एकड़ में धान की खेती नहीं की। चालू सीजन में यह लक्ष्य बढ़कर दो लाख एकड़ का हो गया है। साफ है कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार दूसरे राज्यों को भी ऐसी पहल करने को प्रोत्साहित करेगी। बयार कुछ इस तरह बही तो संभव है कि भौगोलिक और वैज्ञानिक आधार पर कृषि की नई दिशा दिखेगी। + +हाइब्रिड बीजों का कमाल ।सरकार की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है, जिससे देश के छोटे किसानों को खास मदद मिलेगी। आमतौर पर असिंचित क्षेत्रों में ज्वार और बाजरा की खेती होती है, जिसमें कम लागत से अधिक आमदनी हो सकती है। इनमें उन्नत प्रजाति के हाइब्रिड बीजों ने इसकी खेती को काफी लाभप्रद बना दिया है। ।बफर स्टॉक बनाए जा रहे ।इसी तरह दलहनी व तिलहनी फसलों की खेती के लिए उन्नत किस्म के बीजों के मिनी किट किसानों के बीज खरीफ सीजन से पहले ही वितरित किए जा रहे हैं। दाल वाली फसलों के साथ तिलहनों की भी सरकारी खरीद को सुनिश्चित कर दिया गया है। पिछले कई सालों से इन दोनों वर्ग की फसलों के बफर स्टॉक भी बनाए जा रहे हैं। ।मोटे अनाज की हो रही खरीद ।इसके चलते जिंस बाजार में इनकी कीमतें एमएसपी से ऊपर चल रही हैं, जिसका फायदा सीधे किसानों को प्राप्त हो रहा है। मोटे अनाज की सरकारी खरीद भी स्थानीय स्तर पर होने लगी है। मोटे अनाज का वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन प्रणाली में हो रहा है। बाजरे की एमएसपी भले ही 2,250 रुपये और ज्वार की 2,758 रुपये प्रति क्विंटल हो लेकिन राशन पर इसका मूल्य मात्र एक रुपया प्रति किलो ही निर्धारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70997.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70997.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb380ca76180f6082e56eb1a368d008dc2a367ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70997.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्व से आने वाली हवाओं से तापमान में होगी गिरावट।मौसम विभाग के अनुसार पूर्व से आने वाली हवाओं का असर तापमान पर देखने को मिलेगा।पूर्वी हवाओं से रात के समय में भी होने वाली उमस से राहत मिलने की उम्मीद है।मुंबई में मानसून ने दस्तक दे दी है।वहीं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है।इस वजह से हवाओं में ठंडक होने से तापमान गिरने के आसार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57508b76288a38a15aa4d0caa11bd79c2a0a0395 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांदा, [जागरण स्पेशल]। Aadhaar Card of God यूपी के बांदा जिले में कुछ दिन पहले रामजानकी मंदिर की 40 बीघा जमीन पर उपजे गेहूं की बिक्री नहीं हो सकी थी। उस समय मंदिर के पुजारी से अधिकारियों ने एक ऐसी असंभव बात कह दी थी जो कि गांव ही नहीं, बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई थी। दरअसल, वाकया कुछ यूं था कि जब मंदिर की जमीन पर उगाए गए गेहूं को बेचने के लिए मंदिर समिति के लोगों ने एसडीएम से बात की तो उन्होंने उनसे (मंदिर समिति के लोगों से) भगवान का आधार कार्ड लाने को कहा। मामला बढ़ने के बाद अफसरों ने बात को गोल-गोल घुमाते हुए कहा कि भगवान का आधार कार्ड नहीं मांगा गया है, लेकिन नियमों के अनुसार जिसके नाम जमीन होगी उसका आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। ।यह है पूरा मामला: तहसील क्षेत्र के खुरहंड गांव में रामजानकी विराजमान का मंदिर है। जिसके पुजारी महंत रामकुमारदास ने बताया कि मंदिर में 40 बीघा जमीन रामजानकी विराजमान मंदिर के नाम है। जिसके उपज की बिक्री से रखरखाव व पूजा अर्चना होती है। महंत ने बताया कि अप्रैल माह में रामजानकी विराजमान मंदिर संरक्षक रामकुमार दास के नाम से खुरहंड खरीद केंद्र में उपज की बिक्री हेतु आनलाइन पंजीकरण कराया था। लेखपाल से सत्यापन के लिए कहा था। कोरोना संक्रमण व पंचायत चुनाव के चलते पंजीकरण के सत्यापन की जानकारी अप्रैल माह में नहीं कर सका। मई में लेखपाल ने बताया कि उनकी ओर से सत्यापन कर दिया गया है। उसके बाद जनसेवा केंद्र पहुंच आनलाइन पंजीकरण की जानकारी करने पर एसडीएम अतर्रा की ओर से निरस्त करने की जानकारी हुई। उन्होंने एसडीएम से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि शासन के नियमानुसार जिसके नाम जमीन होगी। उसका आधार कार्ड आवश्यक है। मंदिर के संरक्षक के आधार कार्ड से फसल की बिक्री नहीं हो सकती है। मंदिर समिति के लोगों का कहना है कि जब जमीन ही भगवान के नाम है तो उनका आधार कार्ड लाना असंभव है।   ।इनकी भी सुनिए:।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_70999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_70999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ba20eac9737f97077f0057b3f31cd7f700e824a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_70999.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, जेएनएन। PunJab Politics: पंजाब में राजनी‍तिक पार्टियां दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम जुगत लगा रही है। ये दल पंजाब में दलित मुख्यमंत्री या दलित उप मुख्यमंत्री का कार्ड खेल रहे हैं। भाजपा दलित को मुख्यमंत्री बनाने की बात कर रही है तो शिरोमणि अकाली दल ने उप मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में दलितों को अधिक पावर देने की मांग बढ़ने लगी है। दलितों को लेकर बदलते समीकरण के बीच बहुजन समाज पार्टी भी नई संभावनाएं तलाश रही है। पूरे परिदृश्‍य में बसपा को अपने हाथी का पैर पंजाब में जमाने के लिए छ‍वि और रणनीति बदलनी होगी। + +अक्सर पंजाब में अपने दम पर सरकार बनाने का दावा करने वाली बसपा 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन के नए समीकरणों की संभावनाएं तलाश रही है। हालांकि बसपा के लिए पंजाब में पुन: अपने पांव जमाने की राह आसान नहीं है। राज्य में बसपा की छवि वोट कटुआ की बनकर रह गई है। इसे उसे बदलना उसके लिए बड़ी चुनौती है। बसपा सुप्रीमो और उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती का पंजाब पर खास ध्‍यान रहा है। ।तीन दशक पहले 1992 में बहुजन समाज पार्टी ने नौ विधानसभा सीटें जीतकर पंजाब की राजनीति में अपनी दमदार शुरूआत की थी। यह वह दौर था जब बसपा ने पंजाब में दलित राजनीति में पांव जमाने शुरू किए थे लेकिन बसपा अपनी यह परफार्मेंस बरकरार नहीं रख पाई। पांच साल बाद ही बसपा का ग्राफ गिर गया और नौ से एक सीट पर सिमट कर रह गई। 1997 में बसपा अंतिम बार पंजाब विधान सभा की किसी सीट पर जीत दर्ज करवा पाई थी। इसके बाद से बसपा का ग्राफ धीरे-धीरे गिरता ही रहा और बसपा कि छवि अपने सिद्धांतों के साथ समझौता करने वाली पार्टी के रूप में बन गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..017ae1a89fd4179d8a8f534a68375e4231e00356 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Mahesh Babu Fee for movies : साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू साउ​थ सिनेमा के हाई पेड एक्टर्स की लिस्ट में गिने जाते हैं। अबतक के ​करियर में महेश में न जानें कितनी सुपरहिट फिल्में दी हैं। उनकी फिल्में ​रिलज होने के साथ ही न सिनेमाघरों में बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल मचाती हैं। इन दिनों महेशा हिंदी सिनेमा को लेकर एक अलग ही बहस को लेकर चर्चा में बनें हुए हैं। दरअसल, बीते कुछ वक्त से हिंदी- साउथ सिनेमा को लेकर काफी बहसबाजी चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5cb6179dea6a55c8bb08ea850b584c54186700e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_710.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +‘भुज: द प्राइड आफ इंडिया’ के बाद ‘रनवे 34’ कर रहे हैं। आसमान की दुनिया ज्यादा लुभा रही है?।(मुस्कुराते हुए) नहीं ऐसा नहीं है। ‘रनवे 34’ की कहानी बहुत ही दिलचस्प है। यह सत्य घटना से प्रेरित है। इसमें ड्रामा के साथ थ्रिलर का भी मिश्रण है। किरदार बहुत दिलचस्प हैं। मेरा किरदार बहुत इंटेलिजेंट और थोड़ा ग्रे है। हालांकि वो किसी का नुकसान नहीं करता, लेकिन नियमों का पालन भी नहीं करता है। फिल्म में आप देखेंगे कि वो ऐसा क्यों करता है। वह काफी दिलचस्प हिस्सा है। बहरहाल, ‘भुज’ पीरियड फिल्म थी जबकि ‘रनवे 34’ आज की कहानी है। + +आपके मित्र और फिल्ममेकर रोहित शेट्टी का कहना है कि आप बहुत खर्चीले प्रोड्यूसर हैं?।खर्चीला नहीं हूं मैं। बजट सारे नियंत्रण में होते हैं, मैंने ‘शिवाय’ भी तयशुदा बजट में ही बनाई थी। ‘रनवे 34’ भी तय बजट में बनी है। मैं किसी चीज की बर्बादी नहीं करता, लेकिन जिस चीज की कहानी को जरूरत होती है, उसमें कमी नहीं होने देता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..937d018e26b342d6e7189e4f574de4318e0cb3f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7100.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेलिना ने बताया कि उन्होंने ये फोटो बड़े दिल से शेयर की थी और आजतक समझ नहीं पाई कि उन्हें इसपर ट्रोल आखिर किया क्यों गया। उन्होंने लिखा मुझे कभी समझ नहीं आया कि मुझे ट्रोल क्यों किया गया। यदि आप अधिक वजन वाले हैं तो वे आपको ट्रोल करते हैं, यदि आप बहुत अच्छे लगते हैं तो वे आपको ट्रोल करते हैं, आपका बच्चा किस तरह से स्वतंत्र रूप से किक मारता है, इसे बच्चे की उपेक्षा कहा जाता था, बिना उस मां को कभी भी ब्रेक दिए, जिसे लगातार जज किया जाता है। मेरे जैसा कोई व्यक्ति जो कुछ भी करता है उसके पीछे के कारणों का अनुमान लगाने का अधिकार किसी को भी क्यों होना चाहिए जो उनकी पूर्वकल्पित धारणाओं के अनुसार नहीं है।"।उसने अपने नोट को समाप्त करते हुए कहा, "इससे पहले कि हम किसी के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचें, कृपया याद रखें कि एक तस्वीर सही हो सकती है लेकिन इसके पीछे कभी-कभी कई खामियों और चुनौतियों की कहानियां होती हैं, जिन्हें बड़े तप से दूर किया जाता है। उस समय, मैं खुद को विचलित नहीं करना चाहती थी। मेरे पहले मातृत्व के आनंद से दूर लेकिन उस याद  ने आज मुझे इस फोटो को शेयर करने के लिए फोर्स किया।  काश लोग यह समझ पाते कि एक आदर्श मां बनने का कोई रास्ता नहीं है और एक अच्छी मां बनने के लाखों तरीके हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7674cf94bb78eb92a4be7d94f0c91d3e5fbf88fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना [आशा मेहता]। गौ माता की रक्षा के लिए हिंदुओं के साथ-साथ सिखों ने भी हमेशा विशेष महत्व दिया है। दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने गौ रक्षा के लिए ईश्वर से शक्ति मांगी थी। पंजाब में कई धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने बेसहारा गायों की रक्षा के लिए गौशालाएं स्थापित की हैं, लेकिन राज्य में पहली बार सिखों के दूसरे गुरु के नाम पर लुधियाना में खोली गई श्री गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) आधुनिक गौशाला बनाने जा रही है, जो अपनी तरह की पहली गौशाला होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..809b926f78a0e9545797cd1eeeac9e3de12cf2c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71003.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीजीआई 2019-20 में भी चौथे से छठे नंबर पर पहुंची दिल्ली ।पीजाआई 2019-20 में दिल्ली छठे नंबर पर है जबकि 2018-19 में दिल्ली चौथे नंबर पर थी। 2019-20 में पंजाब पहले, चंडीगढ़ दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। दिल्ली का 2019-20 में कुल पीजीआई स्कोर 898 है जबकि पंजाब का 929 और चंडीगढ़ का 912 स्कोर है। ।विभिन्न जातियों के छात्रों को एक सामान्य शिक्षा देनी की निष्पक्षता (इक्विटी) में भी पिछड़ी दिल्ली-सरकारी और सहायता प्राप्त प्रारंभिक स्कूलों में कक्षा तीन, पांच और आठ में पढ़ रहे अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के छात्रों और सामान्य श्रेणी के छात्रों के बीच विभिन्न विषयों का प्रदर्शन में शून्य का अंतर होना चाहिए तभी ये कहा जा सकता है सभी जातियों के छात्रों को एक सामान्य और निष्पक्ष शिक्षा दी जा रही है। दिल्ली इक्विटी के मामले में साल 2018-19 में पहले नंबर पर थी। लेकिन साल 2019-20 में पांचवे नंबर पर है। वहीं, पहले नंबर पर पंजाब है। ।पांच प्रमुख बिंदुओं के आधार पर तैयार किया जाता है निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक ।- सीखने के परिणाम और गुणवत्ता ।- पहुंच ।- बुनियादी संरचना और सुविधाएं।- इक्विटी।- शासन और प्रबंधन।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71005.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..605d49509bbbcc634979ef4014d84fa4b2666e20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्‍होंने कहा है कि आने वाले माह में फिलीपींस को वैक्‍सीन की अधिक सप्‍लाई होगी जिसके बाद सभी को वैक्‍सीन दी जा सकेगी। सरकार के वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम के प्रमुख कार्लिटो गाल्‍वेज ने रेडियो पर बुधवार को कहा कि मई में फिलीपींस को करीब 70 लाख वैक्‍सीन की खुराक मिलनी थी लेकिन उसको केवल 45 लाख वैक्‍सीन की डोज ही हासिल हो सकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17ff3ed04966d0cbb1a2a661c9c54f1b9c00da2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्‍वविद्यालय का वक्‍तव्‍य भ्रामक व अनुचित।औटा अध्यक्ष व जिले के एसवी डिग्री कालेज के शिक्षक डा. ओमवीर सिंह ने बताया कि डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के परीक्षा नियंत्रक की ओर से वार्षिक परीक्षा के संबंध में ओएमआर आधारित परीक्षा आयोजित किए जाने का वक्तव्य दिया गया है। उन्होंने इस वक्तव्य को भ्रामक व अनुचित करार दिया है। बताया कि परीक्षा का प्रारूप विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति की ओर से एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में तय किया जा चुका है। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक की ओर से मनमाने ढंग से परीक्षा समिति के निर्णय, जिसके वे सम्मानित सदस्य भी हैं, के विरुद्ध ओएमआर आधारित परीक्षा आयोजित किए जाने की बयानबाजी अनुचित है। बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से पहले ही पाठ्यक्रम को सीमित कर प्रश्नों की संख्या सिर्फ चार की गई, साथ ही परीक्षा का समय भी दो घंटे का किया जा चुका है। प्रश्नपत्र आदि तैयार करने की प्रक्रिया में पर्याप्त समय और संसाधन व्यय किया जा चुका है। पूरे सत्र में इसी व्यवस्था के अंतर्गत छात्रों ने तैयारी भी की। उसी के अनुसार छात्रों को पुस्तकें भी उपलब्ध हुईं तथा पूरे विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने पढ़ाया भी। कोविड की स्थितियां अगस्त तक यानि दो माह में कैसी होंगी? यह कहना मुश्किल है। फिर भी यदि प्रणाली में कोई भी बदलाव अपेक्षित है तो उसे विश्वविद्यालय की सक्षम एवं प्राधिकृत संस्थाओं के जरिए सम्यक विचार के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdf67ac6de9519eab1ddbf5eb2a3e8ffb106ef59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुधवार सुबह से ही आगरा में मोहल्लों, कालोनियों और मंदिरों में वट वृक्षों के आसपास महिलाओं का जुटना शुरू हो गया था। दोपहर तक महिलाओं द्वारा वट वृक्ष की पूजा-अर्चना जारी रही। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए महिलाओं के द्वारा शारीरिक दूरी का पालन भी किया गया, हालांकि कुछ जगहों पर महिलाएं लापरवाही करती भी दिखी। महिलाएं शीतला माता मंदिर भी पूजा के लिए पहुंची। वट सावित्री की पूजा अर्चना करने पहुंची रजनी सिंह ने कहा कि वट सावित्री पर्व पर वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। सुहागिन महिलाओं द्वारा यह पूजा की जाती है। जिसमें अधिक उम्र वाले वृक्ष की पूजा की जाने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि जितनी अधिक पूरानी वट वृक्ष की पूजा की जाती है, पति की आयु उतनी ही अधिक लंबी होती है। पूनम गुप्ता ने कहा कि जेठ माह में अमावस्या पर यह पूजा की जाती है। इस साल कोरोना के कारण आक्सीजन के लिए तपड़ते अपनों को देखा है, इसलिए मैंने संकल्प लिया है कि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाऊंगी, जिससे प्राकृतिक आक्सीजन की कमी न हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1b7f1fc897c939034f3d340d5fdcc6f2946c47f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोस्टर में प्रभास डेपर लुक में यूरोप की सड़कों पर टहलते हुए नज़र आ रहे हैं। पोस्टर शेयर करते हुए एक्टर ने लिखा है, ‘अब मैं इंतज़ार नहीं कर सकता कि आप लोग रोमांटिक फिल्म ‘राधे श्याम’ देखें। फिल्म की नई रिलीज़ डेट 14 जनवरी 2022'। पहले फिल्म 30 जुलाई को रिलीज़ होने वाली थी लेकिन महामारी को देखते हुए बाकी फिल्मों की तरह इस फिल्म को भी आगे बढ़ा दिया गया। ।फिल्म के बारे में बात करें तो ‘राधे श्याम’ एक पीरियड रोमांटिक-ड्रामा फिल्म है। ये एक बहुभाषी फिल्म होगी जिसे हिंदी के अलावा अंग्रेजी और तेलुगू में भी रिलीज़ किया जाएगा। फ़िल्म का निर्देशन राधा कृष्ण कुमार कर रहे हैं, जबकि इसके निर्माताओं में वामसी कृष्णा रेड्डी, प्रमोद उप्पलपति और भूषण कुमार शामिल हैं। यह प्रभास के करियर की 20वीं फ़िल्म है। इसीलिए इसे ग्रैंड लेवल पर बनाया जा रहा है। फ़िल्म में हिंदी सिनेमा की वेटरन एक्ट्रेस भाग्यश्री भी एक अहम रोल में नज़र आएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6ee997368d8e707f46e4387621bf3d5451683a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। ‘बोस्निया का कसाई' के नाम से चर्चित सर्बियाई पूर्व जनरल और नेता रात्को म्लादिच एक बार फिर से अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया की सुर्खिया बना हुआ है। इसकी वजह संयुक्‍त राष्‍ट्र अपराध ट्राइब्‍यूनल का वो फैसला है जिसमें उसकी सजा को कम किए जाने की अपील को खारिज कर दिया गया है। बेल्जियम के वकील और इंटरनेशनल रेजिड्यूअल मकैनिजम फॉर क्रिमिनल ट्राइब्यूनल्स के मुख्य वकील सर्गे ब्रामेअर्त्स ने फैसले पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि अब इस कसाई के पास आगे अपील की कोई गुंजाइश नहीं बची है। ये कोर्ट का आखिरी फैसला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c03fa836c79dc7b0b9bad11035aaa734c8da4c30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71011.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्‍योंगयांग (एजेंसी)। उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोग उन की सेहत को लेकर एक बार फिर से अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसकी वजह बनी है उनकी एक फोटो, जो हाल ही में सामने आई है। इसमें उन्‍हें पहले से कमजोर महसूस किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उनका वजन पहले के मुकाबले कम हुआ है। दक्षिण कोरियाई न्‍यूज एजेंसी यॉनहॉप के मुताबिक, उनकी ये तस्‍वीर उत्‍तर कोरिया की स्‍टेट मीडिया ने शनिवार को ही रिलीज की है। उनकी ये फोटो उस वक्‍त की है जब उन्‍होंने पिछले सप्‍ताह सत्‍ताधारी पार्टी की पोलित ब्‍यूरो की बैठक को संबोधित किया था। इस बैठक के दौरान वो करीब एक माह बाद मीडिया के सामने आए थे। इस दौरान ऐसा माना गया कि उन्‍होंने अपना वजन कुछ कम किया है। एनके न्‍यूज ने उनकी पहले और अब सामने आई फोटो का विश्‍लेषण किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02600ad880c6873ba4da5b32945ee0d532dc95a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कहानियों में तो सावित्री यमराज से पति के प्राण छीन लाती हैं लेकिन कुछ महिलाएं ही ऐसे उदाहरण असल जीवन में साकार कर पाती हैं। ऐसी ही एक महिला हैं सरिता विहार निवासी 39 वर्षीय अनीता बिष्ट जिन्होंने अपनी हिम्मत व इच्छाशक्ति से न सिर्फ खुद कोरोना को हराया बल्कि अपने पति को भी कोरोना के कहर से बचाया। 18 अप्रैल को उनके इंजीनियर पति गजेंद्र सिंह बिष्ट (44) और दोनों बेटों (16 साल व पांच साल) को कोरोना हो गया था। वीडियो कंसल्टेशन पर ही पूरे परिवार का घर पर ही इलाज चल रहा था। गजेंद्र का आक्सीजन लेवल गिरता जा रहा था। आखिरकार 22 अप्रैल को अचानक गजेंद्र का आक्सीजन लेवल 80 से भी नीचे पहुंच गया। डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा। ।बेड, दवा, आक्सीजन और एंबुलेंस कुछ नहीं मिल रहा था ।यह वह दौर था जब लोगों को अस्पताल में बेड, आक्सीजन, दवा, एंबुलेंस.. हर चीज की किल्लत थी। बड़ी मुश्किल से एक एंबुलेंस मिली। दोनों बच्चों को घर पर छोड़कर अनीता पति गजेंद्र को होली फैमिली अस्पताल लेकर पहुंची। डॉक्टरों से मिन्नत करते-करते रात हो गई लेकिन बेड नहीं मिला। इसी बीच उनके एक पड़ोसी की कोरोना से मौत की सूचना मिली जिसका ऑक्सीजन लेवल 88 था। इससे अनीता और घबरा गईं। ।रात को ही वह पति को लेकर फरीदाबाद पहुंचीं। काफी देर ढूंढने पर चौथे अस्पताल में बताया गया कि पांच लाख रुपये पहले जमा करने होंगे। फिर प्रतिदिन 75 हजार रुपये लगेंगे। इसी बीच पहले से उपलब्ध सिलेंडर की आक्सीजन खत्म हो गई। आक्सीजन की तलाश में वह रात करीब दो बजे बल्लभगढ़ पहुंची तो वहां 25 हजार रुपये में एक सिलेंडर मिला। बल्लभगढ़ से पति को लेकर वह यमुना स्पोर्टस काम्प्लेक्स में बनाए गए कोविड केयर सेंटर पहुंचीं। ।यमुना स्पो‌र्ट्स काम्प्लेक्स में कराया भर्ती ।डॉक्टरों से काफी गुजारिश की तो उन्हें स्पो‌र्ट्स काम्प्लेक्स में भर्ती किया गया। पति को यहां भर्ती कराने के बाद पता चला कि अनीता भी कोरोना पाजिटिव हो गई हैं। उन्होंने घर पर ही अपना इलाज करवाया। 18 दिन के इलाज के बाद 13 मई को पति डिस्चार्ज होकर घर पहुंचे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22f1816dc55713a216308c326143d85fb520c18b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंदिरों में कपाट बंद।सूर्यग्रहण को देखते हुए सूतक लगने के साथ ही आगरा में मंदिरों के कपाट दोपहर 12 बजे से बंद होना शुरू हो गए। तुलसी के पौधों को भी लाल रंग के वस्‍त्र से ढंक दिया गया है। ग्रहण खत्‍म होने के बाद मंदिरों के कपाट शाम छह बजे के बाद खोले जाएंगे और उसके बाद मंदिर परिसर की धुलाई होगी। इसके बाद ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन को पट खोले जाएंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84600a8d5974a8e81b1047e8135022474af47ee0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस की वैक्‍सीन 'कोवैक्‍सीन' को विकसित करने वाली हैदराबाद की कंपनी बायोटेक ने कहा है कि कि दुनिया भर में कोवैक्‍सीन का इंसानी शरीर पर होने वाले असर का सही सही पता लगाने के लिए इसके चौथे फेज का परीक्षण किया जा रहा है। ऐसा करने के पीछे कंपनी का मकसद वैक्‍सीन की सुरक्षा, उसकी प्रभावशीलता, उसका उत्‍पादन और उसकी गुणवत्‍ता को बेहतर करना है। कंपनी के मुताबिक वो तीसरे चरण के परीक्षण से आने वाले नतीजों को जुलाई में सार्वजनिक कर देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e280d7dbca7a5e712ca9e2c1072729c2ee4adff0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ध्‍वनि सुकून दे सकती है: मोटिवेशनल स्‍पीकर, स्‍टोरी टेलर एवं फिल्‍ममेकर सुधांशु राय ने बताया कि पूरे विश्‍व का सृजन ध्‍वनि से हुआ है। ध्‍वनि का बहुत महत्‍व है। जब कभी आप बादल की गर्जना, पानी की आवाज, पीपल के पेड़ के हिलने का राग या बारिश की आवाज सुनेंगे तो ये ध्‍वनियां आपको प्रकृति के समीप ले जाएंगी और सुकून देंगी। आप जब तनाव में होते हैं तो अच्‍छी ध्‍वानि सुनें। दिन में आधा घंटा सुकून देने वाली ध्‍वानि सुनें, फिर चाहे वह प्रकृति का राग हो या अच्‍छा म्‍यूजिक या सितार जैसे वाद्य यत्रों की ध्‍वानि। आप साउंड थेरेपी जरूर लें। यह आपको प्रेरित करेगी। आपके भीतर ऊर्जा का संचार करेगी। इसलिए शाम को आंगन या बालकनी में बैठकर आप चाहे जैसा म्‍यूजिक जरूर सुनें। हम स्‍टोरी टेलिंग का प्रयोग कर रहे हैं अगर आप चाय के साथ कान में लगाकर कोई कहानी सुनें तो वह आपको दूसरी दुनिया में ले जाएगी। टीवी देखते समय हम विजुअल के सामने ही रहते हैं लेकिन जब कहानी सुनते हैं तो हमारा मन कल्‍पना के घोड़े उड़ाने लगता है। आज तक जितने भी आविष्‍कार हुए है वे कल्‍पना से ही हुए हैं। बच्‍चों को कहानियां सुनाना बेहद जरूरी है उससे मानसिक स्थिति और प्रतिभा में सुधार होगा। काम तो पूरी जिंदगी करना है लेकिन इनके लिए भी समय निकालना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71020.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..283d305a97d40bfc97b73c07a4f967872b5bdecc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71020.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का जिम्मा संभाल चुके जितेंद्र प्रसाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सचिव भी रहे। गांधी-नेहरू परिवार के भरोसेमंद इस परिवार की पहचान क्षेत्र में खांटी कांग्रेसी के रूप में थी। उसी सियासी विरासत को जितिन आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन प्रियंका वाड्रा द्वारा प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभालने और प्रदेश नेतृत्व में बदलाव के बाद से जितिन के लिए अस्तित्व बचाने का संकट भी नजर आने लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e421f5e28ff7a6bceec407fdb8ce220fa4047ea8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकृति से भी बहुत कुछ सीखने की जरूरत।जानकारों का कहना है कि बेरियम सल्फेट के लिए बेराइट अयस्क की खुदाई भी किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में प्रकृति से सीख लेकर भी ऐसे सफेद पेंट बनाने का तरीका खोजा सकता है। बहुत से जानवरों के बाल और पंख सफेद रंग के होते हैं। इनके सफेद होने के पीछे की प्रक्रिया से सीखकर नए और ज्यादा प्रभावी पेंट बनाना संभव है। उदाहरण के तौर पर नैनो स्ट्रक्चर वाले रिसाइकिल्ड प्लास्टिक से भी खास पेंट बनाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd2de2497122f2b26f33df151eb866bf5733b60d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर एक नल से हर एक सेकेंड में एक बूंद पानी की गिरती है तो एक साल में 11 हजार लीटर पानी बर्बाद होता है। राज्य में पानी की बचत के लिए हर घर में नल लगाने की मुहिम के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। अब मानसून का मौसम सिर पर है। कभी भी मेघा झूमकर बरस सकते हैं। ऐसे में हरियाणा ने तालाबों की खोदाई कर उनमें जमा गाद और चिकनी मिट्टी को हटाने की मुहिम शुरू की है। पानीपत के बबैल गांव में तो महिलाओं ने खुद ही हाथ में फावड़ा-कसी और तसले लेकर तालाब को गहरा कर दिया। कई पंचायतों में ऐसा हो रहा है। तालाब का पानी जहां खेतों में सिंचाई के काम आता है, वहीं पशुओं की प्यास बुझाने और उनके नहाने का बड़ा माध्यम भी है। प्रदेश सरकार ने राज्य में पानी की बचत के लिए दोहरी कार्य योजना तैयार की है। पानी की एक-एक बूंद सहेजने की मंशा से राज्य सरकार ने जहां करीब 450 तालाबों की खुदाई कर उन्हें जल भराव के लिए तैयार करने की मुहिम शुरू कर दी, वहीं लोगों खासकर पंचायतों से भी इस काम में बिना पार्टीबाजी के खुला सहयोग मांगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d77c3e449f41fc33278514660bfe50e0d393dd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71025.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ठगी के एक मामले का भंडाफोड़ कर देश के खिलाफ रची जा रही चीन के एक बड़े साजिश से पर्दा उठाया है। यह साजिश लाखों भारतीयों को आर्थिक रूप से खोखला कर रहा था। अप्रैल और मई में जब देश कोरेाना की दूसरी लहर से लड़ा रहा था तब फर्जी एप के जरिये चीन न केवल लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा था बल्कि उनके डाटा को भी चोरी किया जा रहा था। साइबर सेल द्वारा पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ व एप की जांच कि बाद पता चला कि चीन में बैठे आठ चीनी नागरिकों ने यह एप बनाया था। पुलिस ने उनकी पहचान कर ली। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए साइबर सेल चीनी दूतावास व विदेश मंत्रालय से सहयोग लेगी। + +पुलिस का कहना है कि चीनी नागरिकों ने सुनियोजित तरीके से भारतीयों को ठगने की योजना बनाई थी। इसके लिए कुछ चीनी नागरिक कई महीने पहले भारत आए थे। चीनी नागरिक पकड़े गए दोनों सीए अविक केडिया और रौनक बंसल से मिले थे और ठगी करने की पूरी साजिश रचने के बाद वापस अपने देश लौट गए थे। इनमें अधिकतर महिलाएं थी। योजनानुसार दोनों सीए ने आरोपितों के लिए 110 फर्जी कंपनियां बनाई । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5115579e2f7dda5d7f8d2301665660b66a83f478 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71026.txt @@ -0,0 +1,12 @@ +विनीत अनुराग। पिछले दिनों पंजाब के एक युवा यूट्यूबर द्वारा अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सांसद निनोंग एरिंग के हाव-भाव पर की गई नस्लीय टिप्पणी ने पूवरेत्तर भारत के लोगों को लेकर बनी गहरी रूढ़िवादी छवि को फिर से उजागर किया है। लुधियाना के इस यूट्यूबर ने तो यहां तक कह दिया कि एरिंग कहीं से भारतीय नहीं दिखते। कई और आपत्तिजनक तथ्य भी उसने कहे। + +यदि यह टिप्पणी केवल एक नासमझ व्यक्ति की होती तो शायद इसे नजरअंदाज किया भी जा सकता था, लेकिन यह हमारे समाज के एक बड़े वर्ग की उस सोच को भी प्रदर्शित करता है जो पूवरेत्तर के लोगों को उनके शारीरिक गठन, खानपान और वेशभूषा के कारण विदेशी मानता है। देश का यह खास हिस्सा अक्सर जिन सकारात्मक वजहों से चर्चा में होना चाहिए, उससे अधिक ऐसी नकारात्मक वजहों से चर्चा में रहा है। + +लंबे समय से नस्लीय भेदभाव और हिंसा के शिकार पूवरेत्तर भारत की आवाज शायद ही मुख्यधारा ने सुनी हो, पर पिछले दो दशकों से स्थितियां बदल रही हैं। वर्ष 2014 में जब अरुणाचल प्रदेश के ही युवक निदो तानिया की दिल्ली में हत्या हुई तो यह मुद्दा प्रमुखता से देश भर में उठाया गया। यहां तक कि तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा एमपी बेजबरुआ की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया जिसे पूवरेत्तर के लोगों पर हमलों के कारणों की जांच करने और उपचारात्मक उपाय सुझाने का कार्य सौंपा गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वर्ष 2005 से 2013 के मध्य लगभग दो लाख से अधिक पूवरेत्तर भारतीयों का दिल्ली में प्रव्रजन हुआ जिसमें 86 प्रतिशत से अधिक नस्लीय भेदभाव के शिकार हुए। + +इसीलिए जब हाल में इस यूट्यूबर द्वारा नस्लीय टिप्पणी की गई तो बेजबरुआ समिति की अनुशंसाएं फिर से चर्चा में आ गईं। इंटरनेट मीडिया के मंचों पर यह चर्चा का विषय बन गया। यह मांग की जाने लगी है कि एनसीईआरटी और सीबीएसई की पाठ्य पुस्तकों में पूवरेत्तर के इतिहास, सांस्कृतिक विशेषताओं, महान व्यक्तियों और इस क्षेत्र की भूमिका को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। + +इस बहस के साथ भारत के दूसरे हिस्सों में इन लोगों के साथ हो रहे नस्लीय भेदभाव एक बार फिर से केंद्र में आ गए हैं। यहां यह समझना होगा कि भौगोलिक रूप से शेष भारत से कटा हुआ यह हिस्सा ऐतिहासिक अलगाव का भी शिकार रहा है। मालूम हो कि ब्रिटिश काल में पूवरेत्तर भारत उनके संसाधनीय साम्राज्यवाद का मुख्य आकर्षण केंद्र हुआ करता था। अपने इन्हीं हितों को पूरा करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 लाया गया था। शेष भारत से पूवरेत्तर भारत जाने के लिए इनर लाइन परमिट के जरिये अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया। इसके पहले धाíमक, सांस्कृतिक और व्यापारिक रूप में शेष भारत और पूवरेत्तर भारत के मध्य अंतरसंपर्क के अनेक साक्ष्य मिलते हैं, पर इनर लाइन परमिट व्यवस्था के बाद से भौगोलिक दूरी सामाजिक दूरी के रूप में दिखने लगी। + +जब भारत में राष्ट्रीय आंदोलन अपने चरम पर था, तब पूवरेत्तर भारत में भी उसका असर दिख रहा था। कुछ आंदोलन स्वतंत्र रूप में तो कुछ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के भाग के रूप में इस क्षेत्र में दिखते थे। पश्चिमी साम्राज्यवादी देश कभी भी भू-राजनीतिक रूप में भारत को एक ताकतवर देश के रूप में नहीं देखना चाहते थे, इसीलिए फूट डालो और शासन करो की जो नीति उन्होंने शुरू की उसका असर आजादी के बाद दिखने लगा। अलग नृजातीय पहचान के कारण स्वाभाविक था कि इस क्षेत्र के लोगों में स्वायत्तता की भावना प्रबल थी और वे भारतीय एकीकरण में अपनी मूल पहचान को खत्म नहीं करना चाहते थे। पर समस्या जितनी अलग नृजातीय पहचान की नहीं थी उससे अधिक राजनीतिक और सामाजिक एकीकरण की थी। प्रारंभिक दौर में हमारा ध्यान इस क्षेत्र के साथ शेष भारत के संवाद, संपर्क और समायोजन की गतिविधियों को बढ़ावा देने से अधिक यथास्थिति को बनाए रखने की रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db026e57be5d70664af44b140e01c4aff7850beb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71028.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। लगभग 200 साल तक भारत पर अंग्रेजों ने राज किया। ऐसा ही कुछ क्रिकेट की दुनिया में भी देखने को मिला जब भारत को इंग्लैंड की सरजमीं पर अपना पहला टेस्ट मैच जीतने में एक या दो साल नहीं, बल्कि पांच दशक से ज्यादा का समय लगा। हालांकि, आज ही के दिन साल 1986 में 10 जून को भारतीय टीम ने वो कर दिखाया, जिसका इंतजार भारतीय क्रिकेट फैंस करीब आधी सदी से करते आ रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1bc56353bdcd221b53771eede48f57187ef86d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71029.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायरस के खिलाफ हमारा इम्यून सिस्टम काम कैसे करता है?: हमारे इम्यून सिस्टम की बी-सेल्स और टी-सेल्स मिलकर किसी वायरस का सामना करती हैं। इसी प्रक्रिया में शरीर में एंटीबॉडी बनती है। वैक्सीन इसी के जरिये शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण में मदद करती है। इस दौरान शरीर में उस वायरस से संबंधित यादें संरक्षित हो जाती हैं। दोबारा उस तरह का वायरस आते ही इम्यून सिस्टम फिर सक्रिय हो जाता है और उसे खत्म कर देता है। कुछ मामलों में यह याद बहुत लंबे समय तक बनी रहती है और वायरस आते ही इम्यून सिस्टम फिर सक्रिय हो उठता है। वहीं कुछ मामलों में यह याद ज्यादा लंबे समय तक नहीं बनी रह पाती है। ऐसी स्थिति में वैक्सीन की बूस्टर डोज कारगर हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71034.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0accf97f3e78f4bef21b03f779225ed2cc7f7f64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71034.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत में सूर्य ग्रहण के धार्मिक महत्‍व की बात करें तो ये वट सावित्री व्रत, शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या के दिन लग रहा है। इसका अर्थ है कि धार्मिक तौर पर इस दिन चार बड़ी चीजें हो रही हैं। हालांकि भारत में ग्रहण को अच्‍छा नहीं माना जाता है। इसलिए ही इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बन रहा है। अब से पहले इस तरह का संयोग 26 मई 1873 को हुआ था। हालांकि इस सूर्य ग्रहण में सूतक नहीं मान्‍य हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..481d5c02998f7f0a1d55354312ec1b63b65fd326 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के बीच कांग्रेस को अपना घर संभालना मुश्किल हो रहा है। एक-एक करके उसके नेता या तो सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो रहे या फिर उदासीन होकर घर बैठ गए हैं। इसी कड़ी में बुधवार को जितिन प्रसाद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। इससे पहले उनके मित्र और पूर्व सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले वर्ष मार्च में भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी। खास बात यह है कि दोनों पूर्ववर्ती नेता यूपीए सरकार में मंत्री रहने के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नजदीकी भी रहे हैं। माना जा रहा है कि आगे भी कई नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e06d157aa9955420e2a6e70c169cca78663e835e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सम्‍मेलन के बाद बाइडन और जिल ब्रिटेन की महारानी से मिलने विंडसर कैसल जाएंगे। इसके बाद वो बेल्जियम और फिर स्विटजरलैंड भी जाएंगे। गुरुवार को वो कारबिज बे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वो बुधवार को जब रॉयल एयरफोर्स सफोक के मिल्‍डेनहाल पर उतरे तो वहां पर उनकी अगुवाई करने के लिए अमेरिका सेना के अधिकारी और उनके परिजन वहां पर मौजूद थे। यहां पर उन्‍होंने इनको संबोधित किया। राष्‍ट्रपति बाइडन के साथ अमेरिकी प्रथम महिला जिल बाइडन भी मौजूद थीं। इस मौके पर बाइडन ने कहा कि अमेरिका वापस आ गया है और दुनियाभर के लोकतंत्र हमारे साथ हर चुनौती का सामना करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि हमें हर हाल में अपने लोगों के बारे में सोचना है और अपनी वैल्‍यूज को आगे के लिए भी संजो कर रखना है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71042.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71042.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f3ab5ecfe47e525d767d99ba395abb58dd20056 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71042.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी।  कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक जितिन प्रसाद का भाजपा ज्वाइन करना 2022 के चुनाव के लिहाज से अहम हो सकता है। बता दें कि जितिन प्रसाद को यह बगावत विरासत में मिली है। दरअसल, जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद भी साल 2000 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ लड़े थे। हालांकि, वह हार गए थे। ।सोनिया गांधी के लगातार पार्टी अध्यक्ष बनने का किए थे विरोध।जितेंद्र प्रसाद ने सांसद रहते हुए सोनिया गांधी के लगातार पार्टी अध्यक्ष बनने का विरोध किया। ऐसा इसलिए भी क्योंकि जितेंद्र प्रसाद बतौर कार्यकर्ता पार्टी में सोनिया गांधी से बहुत वरिष्ठ थे। हालांकि, साल 2000 में जब पार्टी अध्यक्ष पद के लिए वह सोनिया गांधी के खिलाफ खड़े हुए तो उन्हें इसमें हार मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71046.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9334f81c343dc83b683ce1e3db27f80d4ca24aed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71046.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन ।  एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के लिए पीएम केयर्स फंड से नए आक्सीजन उत्पादन संयंत्र के लिए मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को सौंपी गई है। इस आक्सीजन प्लांट की उत्पादन क्षमता एक हजार लीटर प्रति मिनट होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad0f2b0529c1d34c4b0762957a0b3b4f968af6c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कोविड के दौर में फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कोरोना का संक्रमण होने से शरीर में आक्सीजन की कमी होने से फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। कमजोर फेफड़ों को दुरुस्त रखने के लिए दवाओं के साथ शंख बजाने की अच्छी आदत कारगर साबित हो रही है। कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों को फिजियोथेरेपिस्ट शंख बजाना और योग के जरिए स्वस्थ रहने का गुरुमंत्र दे रहे हैं। उन्हें शंख बजाने की थेरेपी कराई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..866fc7700dbb6bd56d43391595c495679c607cf0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुनियाभर में डिमांड: कोरोना महामारी फैलने के बाद से वायरोलाजी (विषाणु विज्ञान) का यह फील्ड पिछले करीब डेढ़ साल से काफी चर्चा में है। इस पेशे की लोकप्रियता को देखकर तमाम युवा अब वायरोलाजी में करियर बनाने की सोच रहे हैं। वैसे, उनके लिए इस फील्ड में एंट्री करने का अभी सबसे उपयुक्त समय है, क्योंकि महामारी से संक्रमित लोगों की टेस्टिंग के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी रिसर्च सेंटर की तर्ज पर देश में अन्य कई लैब्स खुल रहे हैं, जहां ऐसे प्रोफेशनल्स की सबसे अधिक आवश्यकता है। आने वाले दिनों देशभर में इस तरह के और भी सरकारी व निजी लैब्स खुलने से वायरोलाजिस्ट के रूप में संभावनाएं और बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। वायरोलाजिस्ट फार्मा इंडस्ट्री के लिए रिसर्च भी करते हैं। नई-नई दवाएं विकसित करने के लिए फार्मा कंपनियां इनकी सेवाएं लेती हैं। यहां भी इनकी हमेशा आवश्यकता रहती है। क्लीनिकल रिसर्च भी ऐसा ही फील्ड है, जहां दुनिया भर में ऐसे प्रोफेशनल्स की जरूरत बढ़ रही है। कुल मिलाकर, बायोलाजी और माइक्रोबायोलाजी में डिग्रीधारी युवाओं के लिए मेडिकल कॉलेज, मेडिकल रिसर्च कंपनियों, फार्मा कंपनियों, गवर्नमेंट एजेंसियों, लैब आदि में जॉब्स के अनेक विकल्प हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f4802151b4abf7fc5009de5c8551634ea4bb437 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि ये घटना उस वक्‍त घटती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। ऐसे में कुछ समय के लिए चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य की रोशनी को रोक देता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण होता है। जब चंद्रमा के पीछे से धीरे-धीरे सूर्य की रोशनी बाहर आती है तो एक समय इसकी चमक किसी हीरे की अंगूठी की तरह प्रतीत होती है, जिसको रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50aa9e825b8d6ca6c58a6d0be75ee8e869397616 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, संजीव गुप्ता। मानसून पूर्व नालों की सफाई हर साल ही अधूरी रहती है। कभी भी न तो नगर निगम के सभी नाले साफ हो पाते हैं, न लोक निर्माण विभाग के और न ही किसी अन्य एजेंसी के अधीन आने वाले नाले। नतीजा बारिश के दौरान जगह-जगह जलभराव होता है। नालों की गाद भी परेशानी का सबब बनती है। इस साल भी कमोबेश यही स्थिति है। अब तो दो बार से लाकडाउन व कामगारों के नहीं होने की एक नई वजह भी विभागों को मिल गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8eb9fba13aa418c3313b7f2564bdef41cb5ffe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71064.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा कैंट रेलवे स्‍टेशन।दैनिक जागरण ने तीन द‍िन पहले जब नौ जून को नौ बजे सर्व धर्म प्रार्थना करने का विचार लोगों के बीच रखा, तब यह कार्यक्रम केवल देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र का था, मगर पिछले तीन दिन से जो माहौल बना उसने इसे जन अभियान बना दिया। दैनिक जागरण की आयोजक की भूमिका बेशक रही, मगर बुधवार ताजनगरी के माहौल को देखकर लग रहा है मानो पंथ, जाति व मजहब से ऊपर उठकर लाखों हाथ प्रार्थना के लिए व‍िभ‍िन्‍न स्‍थानों पर एकत्र होने की तैयार‍ियां कर रहे है। ।फतेहाबाद रोड पर टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री के लोग। ।ब्रहमकुमारी आश्रम, फतेहाबाद रोड। ।मनकामेश्‍वर मंदिर।सपा कार्यालय पर आयोजित सभा। ।जय अम्‍बे बैडमिंटन अकादमी, सिकंदरा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71065.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30d672c5237f1c1bd302f19d250bb1d78becbdc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71065.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. राज सिंह। Baba Banda Singh Bahadur Death Anniversary वीर बंदा बैरागी के प्रशंसकों को इतिहासकारों से हमेशा यह शिकायत रही है कि उनको इतिहास में उपयुक्त स्थान नहीं दिया गया। हालांकि एक कुटिया से शुरू होकर महायोद्धा और राजा बनने तक का उनका सफर अद्भुत और निराला था। इतिहासकारों से बेशक हमें यह शिकायत हो, लेकिन विभिन्न भाषाओं के विश्व प्रसिद्ध साहित्यकारों ने अपनी कविताओं द्वारा उनको भरपूर सम्मान और श्रद्धांजलि दी। इन साहित्यकारों में तीन प्रमुख कवियों का नाम आता है-नोबेल पुरस्कार से सम्मानित राष्ट्रगान के रचयिता और बांग्ला भाषा के श्रेष्ठ साहित्यकार गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर, स्वतंत्रता सेनानी और मराठी भाषा के साहित्यकार वीर सावरकर तथा राष्ट्रकवि के नाम से प्रसिद्ध हिंदी के कवि मैथिलीशरण गुप्त। + +वीर सावरकर द्वारा बंदा बैरागी पर मराठी में लिखी हुई कविता ‘अमर मृत’ ब्रिटिश इतिहासकार टोड द्वारा लिखी पुस्तक पर आधारित है। वीर सावरकर ने भारतीय इतिहास पर मराठी में लिखी गई अपनी पुस्तक ‘भारतीय इतिहासतील सहा सोनेरी पाने’ में भी बंदा बैरागी की वीरता का वर्णन करते हुए अपनी कविता ‘अमर मृत’ का जिक्र किया है। इस पुस्तक में बंदा बैरागी के बारे में वे लिखते हैं कि हिंदू इतिहास से उस वीर शहीद का नाम कभी भी नहीं मिटाया जा सकता जिन्होंने मुगलों द्वारा हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का न केवल विरोध किया, बल्कि उन पर सशस्त्र आक्रमण भी किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..749436129831a425eb15489ef1edfeb7286ea184 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +13 हजार वाहनों की पार्किंग का रास्ता साफ। डीडीए बोर्ड की बैठक में पुरानी दिल्ली के ईदगाह रोड पर 13 हजार वाहनों की पार्किंग बनाने के लिए रास्ता भी साफ हो गया है। इस रोड पर करीब 2.16 हेक्टेयर जमीन के भू-उपयोग में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। 2.6 हेक्टेयर जमीन के उपयेाग को रिहायशी से बदलकर परिवहन कर दिया गया है। ईदगाह रोड सदर बाजार में निगम के स्वामित्व वाले 26,198 वर्ग मीटर में फैले क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37aca9e85afe41508366809648745096e2e119af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक अन्‍य सदस्‍य जिम कोस्‍टा ने कहा है कि भारत लगातार कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। ये बेहद जरूरी है कि हम अपने मित्र राष्‍ट्रों और सहयोगियों को जल्‍द से जल्‍द मदद दें। ये मदद वहां पर वैक्‍सीन की सप्‍लाई कर की जा सकती है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि विश्‍व को पुराने रूप में वापस आने के लिए सभी देशों के सहयोग की दरकार है। कोई भी एक देश अकेले दम पर इससे नहीं निपट सकता है। अमेरिकी कांग्रेस के करीब दर्जन भर सदस्‍यों और सांसदों ने अमेरिकी सरकार से ये अपील की है कि वो भारत में हर संभव मदद पहुंचाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2584b396a3c0b54bf58f4c3d3fa58da03ded8aab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा.श्रेया मिडढा ने बताया कि जामुन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके बीज में फ्लेवोनोइड और फेनोलिक यौगिक भी होते हैं। एंटीआक्सीडेंट होने के कारण हानिकारक मुक्त कणों को शरीर से दूर रखते हैं। इसी वजह से हमारी इम्युनिटी बढ़ती है। कोरोना संक्रमण में इस समय इम्युनिटी बढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। एंटीआक्सीडेंट होने के कारण ही रक्तचाप पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। फाइबर होने से पेट सुरक्षित रहता है, वजन घटाने में मदद करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce0145d9c6d28653c1009d076a122aeb14277e55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। बचपन में मां जब रागी के आटे का हलवा बनातीं तो पूरे घर में उसकी खुशबू फैल जाती थी। हलवा, लड्डू हो या रोटी मां के हाथों बना रागी का हर स्वाद आज भी जुबान पर है। आप में से ज्यादातर लोग रागी के इन स्वादों से परिचित होंगे और उसे खाने का मन भी होता होगा। नानी, दादी व मां के हाथों के उसी पारंपरिक स्वाद को गुरुग्राम निवासी होम शेफ मधु अग्रवाल लोगों तक पहुंचा रही हैं। उनके द्वारा बनाए गए स्वाद और इम्युनिटी से भरपूर रागी के लड्डू, केक, इडली वड़ा, कांजी आदि का सेवन कर कोरोना मरीज भी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके हाथों के थेपले, लड्डू और अचार विदेश जाने वाले छात्र अपने साथ लेकर जाते हैं। मधु कहती हैं आजकल लोगों को सादा, सात्विक और पौष्टिक भोजन चाहिए। इसलिए इन दिनों पारंपरिक भोजन को अपनी पाक कला से नया आयाम दे रही हूं। तो आईए जानें कैसे मधु, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले स्वादिष्ट व सेहत से भरपूर व्यंजन तैयार करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54fbdf5af3d7d09262cbed925d830e8f4db759a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूनिसेफ की अधिकारी लिली केपरानी का कहना है कि देशों को चाहिए कि अन्‍य देशों के साथ वो अपनी आबादी को भी वैक्‍सीनेट करें। उनका ये भी कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमें 18 वर्ष की आयुवर्ग से कम के लिए वैक्‍सीन की जरूरत है। लेकिन मौजूदा समय में प्राथमिकता उन लोगों को वैक्‍सीन देने की है जिनको इसकी सबसे अधिक जरूरत है। इसलिए अमीर देशों को गरीब देशों को अतिरिक्‍त वैक्‍सीन दान में देनी चाहिए, जिससे वो भी अपने यहां पर लोगों का टीकाकरण कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f7007cddb677096af2a5a013ed7be17f5f58f5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इजरायल ने ये मुकाम हासिल करने के लिए छोटे-छोटे कई लक्ष्‍य निर्धारित किए थे। जैसे इजरायल ने लोगों की जांच के लिए कई टेस्टिंग सेंटर बनाए। ऐसा भी देखा गया कि लोगों ने खुद अपनी जांच करवाने को प्राथमिकता दी। संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाने के लिए क्‍वारंटीन सेंटर में कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई गई। इजरायल ने इस पूरे अभियान को युद्धस्‍तर पर चलाया। वैक्‍सीनेशन की बात करें तो इजरायल ने दिसंबर 2020 में इसकी शुरुआत की थी। इजरायल में सबसे तेजी से लोगों को वैक्‍सीनेट किया गया। इसके लिए फाइजर की वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल किया गया। इजरायल की 50 फीसद आबादी ने वैक्‍सीन की दोनों खुराक ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff03ded9e4f9823525a8a4f88de346003e63fd7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जालंधर [जगदीश कुमार]। नाम:जीतो। उम्र 112 साल। गांव: ढक पंडोरी (फगवाड़ा)। उपलब्धि: भारत में सबसे उम्रदराज कोरोना विजेता। जीतो ने संक्रमित होने के बाद महज दस दिन के भीतर ही कोरोना को मात दे दी। सोमवार को उन्हें सिविल अस्पताल से ठीक होने के बाद जब डिस्चार्ज किया गया और पूछा गया कि आपने कैसे कोरोना को हरा दिया तो बोलीं- पुत्त मैं पुराणियां खुराकां खादियां ने। यानी बेटा मैने पुरानी खुराकें खाई हैं। पुरानी खुराक से उनका मतलब अपने खेतों में पैदा हुई साग-सब्जी, पौष्टिक व सादा भोजन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a945fef9f8b377abf151d9fe6c039e2bf3045621 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [विवेक त्यागी]। राजनगर एक्सटेंशन में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में अतिरिक्त एफएआर व हाई टेंशन लाइन की शिफ्टिंग का अड़ंगा लगा हुआ है। इसी कारण यह प्रोजेक्ट पांच साल बीतने के बावजूद आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने 75 हजार दर्शक क्षमता वाला क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए करीब 34 एकड़ जमीन 80 करोड़ रुपये में जीडीए के माध्यम से खरीद ली है लेकिन मामला नक्शा पास कराने पर अटका हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67ee42e7ab99315dc781c717895c4f0e125bac2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद सरकार ने लॉकडाउन को खत्‍म करने का फैसला लिया है। फैसले के तहत शाम सात बजे से सुबह के पांच बजे तक एहतियातन कर्फ्यू लागू रहेगा। राज्‍य भर में दुकानों को खोलने की मंजूरी दे दी गई है लेकिन ये केवल शाम पांच बजे तक ही खुल सकेंगी। ये फैसले 15 जून तक ही लागू रहेंगे इसके बाद इसकी समीक्षा के बाद सरकार आगे कोई फैसला लेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67c86741d04a65f23eacf5f5256339295664f3b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश में सरसों के तेल में ब्लेंडिंग के नाम पर दूसरे खाद्य तेल थोड़ी मात्रा में मिलाने की अनुमति थी लेकिन इस अनुमति की आड़ में तेल कारोबारी दूसरे तेल बहुत अधिक मिला देते थे। इसे देखते हुए एफएसएसएआइ ने आठ मार्च 2021 को अधिसूचना जारी कर दी। साथ ही गजट भी जारी हो गया। इससे पहले पिछले वर्ष इस नियम के संबंध में जनता से भी फीडबैक लिया गया था। आखिरकार अब वह दिन आ ही गया जब सरसों के तेल के बोतल, पाउच या टिन पर लिखा होगा तो वह 100 फीसद सरसों का तेल ही है। इसका वास्तविक लाभ उपभोक्ता को मिलेगा क्योंकि अब सरसों का तेल बताकर उन्हें धोखा नहीं दिया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d0a22e50edd41d4ab96bd862c27dd7ead81747d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71100.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गाजियाबाद, जेएनएन। World Brain Tumor Day 2021 मस्तिष्क हमारे शरीर का बहुत ही आवश्यक और संवेदनशील अंग है। जब इसमें ट्यूमर विकसित हो जाता है तो जीवन के लिए खतरा बढ़ जाता है। अगर ट्यूमर का विकास बहुत धीमा है तो इसके उपचार के लिए थोड़ा समय मिल जाता है, लेकिन, अगर ट्यूमर हाई ग्रेड का है तो तुरंत उपचार कराना जरूरी होता है, क्योंकि उपचार कराने में देरी कई बार मृत्यु का कारण बन सकती है। ब्रेन ट्यूमर की सही समय पर जांच व उपचार के लिए हर वर्ष आठ जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है ताकि आम लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। + +इन संकेतों को लें गंभीरता से।उपचार: ब्रेन ट्यूमर का उपचार ट्यूमर के आकार, प्रकार और स्थिति पर निर्भर करता है। अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर है, जहां ऑपरेशन के द्वारा पहुंचना संभव है तो सर्जरी का विकल्प चुना जाता है। जब ट्यूमर मस्तिष्क के संवेदनशील भाग के पास स्थित होता है तो सर्जरी जोखिम भरी हो सकती है। इस स्थिति में सर्जरी के द्वारा उतना ट्यूमर निकाल दिया जाता है जितना सुरक्षित होता है। अगर ट्यूमर के एक भाग को भी निकाल दिया जाए तो भी लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए आवश्यकतानुसार कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेट थेरेपी और रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल भी किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e404a607fba8ac716a41e9942690b7e5854d0214 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि भारत फिलहाल में वर्ष 2021-22 के लिए यूएन सुरक्षा परिषद में अस्‍थायी सदस्‍य के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहा है। जहां तक इकोसोक की बात है तो आपको बता दें कि इसका गठन 45 में किया गया था। ये यूएन के छह प्रमुख भागों में से एक है। इसके 54 सदस्‍यों को जनरल असेंबली द्वारा तीन वर्ष के लिए चुना जाता है। क्षेत्रिय आधार पर इसमें किसी को सदस्‍यता मिलती है। जैसे अफ्रीकी देशों के लिए 14, एशियाई देशों के लिए 11, यूरोपीय देशों के लिए 6, दक्षिण अमेरिकी देशों के लिए 10, केरिबियाई और पश्चिमी यूरोप समेत कुछ अन्‍य क्षेत्रों के लिए 13 सीटें हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..344dc4d173a012884d71b97924361fab6f30242c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71104.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लंबे इंतजार के बाद अंतत: इस सप्ताह भविष्य की दिल्ली का खाका जनता के सामने होगा। मास्टर प्लान 2041 के रूप में अगले 20 सालों के दौरान दिल्ली के विकास की जो रूपरेखा तैयार की गई है, उसे राज्यपाल अब केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से मंत्रालय को लगभग पांच सौ पृष्ठों का ड्राफ्ट भेजा गया था, जिसे शुक्रवार को केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को डीडीए कार्यालय को सौंप दिया गया है। डीडीए का योजना विभाग मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों अनुवादों में अंतिम रूप दे रहा है और इसी सप्ताह (संभवतया दो से तीन दिन में) मास्टर प्लान 2041 का यह ड्राफ्ट जनता की आपत्तियों और सुझावों के लिए डीडीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46908d89897c755a8008104b998e879a942bf367 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71111.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बरगद जिसे वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। बरगद के पेड़ की तमाम खासियत सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक और औषधि के रूप में भी खास हैं। इन दिनों आक्सीजन की जरूरत का महत्व जनमानस समझ चुका है। सनातन धर्म में पूजनीय बरगद औषधीय गुणों से भरपूर है। अब तो हालातों को देख बरगद लगाने की जरूरत और भी ज्यादा है। श्रीमद् भागवत गीता में वट वृक्ष का वर्णन है, जिसे आध्यात्मिक रूप से वर्णित किया गया है। इस बार वट सावित्री व्रत की तैयारी कर रहीं महिलाएं सिर्फ पूजा तक ही नहीं बल्कि बरगद रोपकर जनहित के लिए पौधरोपण भी करेंगी। + +बरगद के यह हैं लाभ।वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र अवागढ़ के प्रभारी डा. मनीष कुमार सिंह बताते हैं कि बरगद का पेड़ पीपल के बाद आक्सीजन देने में दूसरे स्थान पर है। यह 22 घंटे आक्सीजन उत्सर्जित करता है। बरगद के पत्ते, फल, छाल, जड़ें आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में प्रयोग की जाती हैं। ठंडी तासीर के चलते कफ, पित्त की समस्या, बुखार, स्त्री रोग, त्वचा रोग में भी वृक्ष के सभी भाग काम आते हैं। इम्युनिटी बढ़ाने में भी यह कारगर है। + +इस तरह लगाएं बरगद।उद्यान विशेषज्ञ डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि बरगद का पेड़ लगाने के लिए पहले से ही दो वर्ग फीट का गड्ढा तैयार करें, मिट्टी में गोबर की खाद मिलाकर उसमें आधा फीट भरें तथा नियमित पानी दें। जब मिट्टी व खाद ऊपर आ जाए तो पौधा रोपें। वट वृक्ष की शाखाएं व जड़ें दूर तक फैलती हैं इसलिए पौधा घर व इमारत से 20 से 30 मीटर दूरी पर लगाएं।वट वृक्ष रोपने का लिया संकल्प।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a324aade3d63d659a5d5228bd663985adbe70dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71114.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। DR Sugestions on Coronavirus कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए। जच्चा और बच्चा की सुरक्षा के लिए ऐसा सुरक्षा कवच तैयार करना होगा जिसको संक्रमण भी न भेद पाए। डाक्टरों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जिसके कारण उनकी इम्युनिटी कुछ हद तक कमजोर पड़ जाती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एंव प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. किरन पांडेय के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को इस दौर में तनाव नहीं लेना चाहिए। सकारात्मक सोच से इस समय गर्भवती को फायदा पहुंचेगा। जागरुकता और सुरक्षा के रक्षा कवच से वे अपने आप को सुरक्षित रख सकती हैं। इसलिए के लिए उन्हें कुछ अहम कदम उठाने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90b28977d2730f224a770a24386572948b9d6355 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्दे पर बॉक्सर बनने के लिए आपकी मेहनत साफ़ नज़र आती है। कितना वक़्त लगा इसकी तैयारियों में?।जिस दिन से शूटिंग शुरू हुई और जब फ़िल्म की शूटिंग ख़त्म हुई, 18 महीने लगे। मेरी ज़िंदगी का डेढ़ साल इस फ़िल्म और इस ज़िंदगी को समर्पित था। मुझे लगा, इस किरदार को ईमानदारी के साथ निभाने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि लोगों को लगे कि यह असलियत में वही इंसान है। वो फिट हो या फैट हो... जो भी आप कहें, परफॉर्मेंस के लिए ज़रूरी था। दर्शकों को लगे कि वास्तव में ऐसा हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c65b789004ff104793625d7bd76fa92d4b3d77d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि कोरोना जैसी महामारी के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों में हम अपने जानकारों और नजदीकियों को भी श्रद्धांजलि नहीं दे पाए थे। इस प्रकार से हम उन लोगों को अपनी श्रद्धांजलि देंगे और जिन लोगों का हाल जानने के लिए उनके घर या अस्पताल नहीं जा सकते, उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की जाएगी। कोरोना महामारी के पीड़ितों को अहसास होगा कि वे अकेले नहीं है, उनका मुहल्ला, कस्बा, शहर और प्रदेश का हर नागरिक साथ है और उनके लिए प्रार्थना कर रहा है। इसके लिए एक स्थान पर एकत्रित नहीं होना है। बस नौ जून को सुबह नौ बजे आप जहां भी हैं वहीं, इस प्रार्थना में शामिल हो जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57f82c01e784355af02a43adfe48afc3dd15f5bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जाट नेता यशपाल मलिक भी जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कर चुके ऐसे प्रयास।हरियाणा में किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन से पहले भी कई बड़े आंदोलन हुए हैं। जाट आरक्षण आंदोलन इसका बड़ा उदाहरण है। उस समय उत्तर प्रदेश के जाट नेता यशपाल मलिक ने पूरे समय हरियाणा में डेरा डाले रखा। अब भी यशपाल मलिक हरियाणा के लोगों के संपर्क में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57a589ec712d7feaa21f9e323b5de33564ac3bd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्टाल के बारे में हमने एक दिन पहले स्कूल के नोटिस बोर्ड पर छोटा सा नोटिस भी लगा दिया था। काम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए आपस में सब काम बांट लिए थे। हमने एक कैश काउंटर भी बनाया था जहां कैशबाक्स के लिए टाफी का डिब्बा इस्तेमाल किया था। थोड़ी मेहनत और इंतजार के बाद हमारे ग्राहकों की प्रतिक्रिया कमाल की रही। आधे घंटे के भीतर ही पूरी बिक्री हो गई और कुल 60 रुपए जमा हुए यानी 20 रुपए का मुनाफा। हमारे हर हिस्सेदार ने 10 रुपए के निवेश से पांच रुपए कमाए, वो भी सिर्फ आधे घंटे में। हां, तैयारी में कुछ अतिरिक्त वक्त लगा था। बतौर एंटरप्रेन्योर यह मेरा पहला अनुभव था और दशकों बाद भी मुझे अच्छे से याद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7011ebdada0ff9e06c4f818141450cda4eba3b34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71125.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (एएनआई)। शरीर में वायरस के खिलाफ एंटी बॉडीज के निर्माण में कोवीशील्‍ड कोवैक्‍सीन से ज्‍यादा असरदार है। एक ताजा स्‍टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कोविशील्‍ड इंसानी शरीर में कोवैक्‍सीन से अधिक एंटी बॉडीज का निर्माण करती है। ये ताजा स्‍टडी कोरोना वायरस इंड्यूस्‍ड एंटी बॉडीज टीट्रे (कोवेट) ने की है। इस शोध में उन हैल्‍थ वर्कर्स को शामिल किया गया था, जिन्‍होंने कोविशील्‍ड या कोवैक्‍सीन की दोनों खुराक ली थीं। + +इस स्‍टडी के दौरान ये बात सामने आई कि कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कोवैक्‍सीन की तुलना में अधिक होता है। हालांकि, इसको क्‍लीनिकल प्रैक्टिस में शामिल नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस की रोकथाम में दोनों ही वैक्‍सीन का अच्‍छा प्रभाव देखने को मिल रहा है, चाहे वो कोविशील्‍ड हो या फिर कोवैक्‍सीन। किसी भी वैक्‍सीन की दोनों खुराक लेने पर जो रिजल्‍ट सामने आए हैं वो बेहतर हैं। इस शोध को 552 स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों पर किया गया था। इसमें 325 पुरुष और 227 महिलाएं थीं। इनमें से 456 लोगों ने कोविशील्‍ड और 96 ने कोवैक्‍सीन की पहली खुराक ली थी। इनमें से करीब 79 फीसद लोगों में सीरापॉजीटिव होने का पता चला। इस शोध के निष्‍कर्ष के मुताबिक, दोनों ही वैक्‍सीन वायरस पर अच्‍छे तरीके से काम कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e91b62200a2a4fe9e7077490d504bc0efdde5b8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71126.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह महिलाएं किचन गार्डनिंग कर जैविक विधि से सब्जियां उगा रही हैं। इनमें कीटनाशक या रासायनिक खाद का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जाता, ताकि सब्जियों की पौष्किता बरकरार रहे। इन सब्जियों को वो घर-घर पहुंचा कर हर महीने 15 हजार रुपये तक कमाई भी कर रही हैं। इस ग्रुप से जुड़ीं ज्यादातर महिलाएं दसवीं से बारहवीं तक पढ़ी हैं। घरेलू काम-काज के साथ उन्होंने कृषि विभाग व बागवानी विभाग से विशेष ट्रेनिंग ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f6c8804c889550126ff37cd74e46f3e05192419 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीजिंग (रॉयटर्स)। चीन जहां एक तरफ अपनी आबादी को बढ़ाने की बात कर रहा है वहीं दूसरी तरफ वो योजनाबद्ध तरीके से उइगर मुस्लिमों की जनसंख्‍या को कम करने पर तुला है। रॉयटर्स के मुताबिक जर्मनी के शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट तैयार की है। ये रिपोर्ट चीनी विश्लेषकों और शोधकर्ताओं के आधार पर तैयार की गई है। इसमें कहा गया है कि चीन की बर्थ कंट्रोल पॉलिसी का असर भविष्‍य में इस समुदाय के लोगों की जनसंख्‍या पर साफतौर पर दिखाई देगा। रिपोर्ट के मुताबिक दो दशकों में उइगुर मुसलमानों और दक्षिणी शिनजियांग प्रांत में रहने वाले अल्‍पसंख्‍यकों के 26-45 लाख बच्‍चे कम पैदा होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..143774e2fccfddbe69631b66d41a2e6b408c0e36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह। देश की अधिकांश एजुकेशन टेक्नोलाजी (एडुटेक) कंपनियां जब स्कूल या कालेज शिक्षा पर फोकस कर रही हैं, वैसे में श्रीनिवास अड्डेपल्ली ने लीडरशिप कैपेबिलिटी डेवलपमेंट सíवस के क्षेत्र में कदम रखा और नींव पड़ी बीटुबी कंपनी ‘ग्लोबल ज्ञान एकेडमी’ की। यह कंपनी कारपोरेट एवं मैनेजर्स के साथ मिलकर काम करती है। वहीं, तीन वर्ष पहले शुरू हुए इनके डिजिटल प्लेटफार्म से पेशेवर लोग विभिन्न कोर्सेज के जरिए अपने करियर को ग्रोथ दे सकते हैं। यहां उन्हें इंडस्ट्री के लीडर्स से सीधे मेंटरिंग एवं ट्रेनिंग हासिल करने का अवसर मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ffe25f5f213153f8641ee61d7b72e36ff6637a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71129.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन ।  माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) का इतिहास वर्ष 2021 में 100 साल का हो गया है। इस उपलक्ष्य में 'मिशन गौरव' मनाते हुए हर विद्यालय में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं व पुरातन छात्रों के सेमिनार आदि करने की योजना बनाई गई है। मगर कोरोना काल के चलते इन कार्यक्रमों पर फिलहाल ब्रेक लगा है। मगर जिलास्तर पर शिक्षाधिकारी इस 'मिशन गौरव' के तहत जिले के राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई कराने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। + +जिले में 35 राजकीय माध्‍यमिक विद्यालय।जिले में 35 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें से अभी केवल नौरंगीलालराजकीय इंटर कालेज में ही कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा भी मुहैया कराई जा रही है। इसके लिए राजकीय विद्यालयों को कुछ संसाधन व शिक्षकों की व्यवस्था करनी होती है। नौरंगीलाल कालेज में वहीं के शिक्षक ही अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई करा रहे हैं। ऐसे में शुरुआती चरण में जिले के राजकीय विद्यालयों में ये व्यवस्था बनाने का काम किया जा रहा है। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई कराने वाले शिक्षकों व जरूरी संसाधनों की सूचना प्रधानाचार्यों से मांगी जा रही है। प्रयास है कि इस मिशन गौरव के तहत ये व्यवस्था जिले के राजकीय विद्यालयों में शुरू हो। बाद में सफलता मिलने पर एडेड कालेजों को भी शामिल किया जाएगा। एक राजकीय विद्यालय में सफलतापूर्वक कक्षाएं चल रही हैं इसलिए अन्य राजकीय विद्यालयों में भी इसको शुरू करने की योजना बना रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71133.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bfeb0df841b76c85115e2a649d3fb9c09fefa1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71133.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना काल में सीबीएसई समेत ज्यादातर एजुकेशनल बोर्ड ने इस सत्र के लिए 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद कर दी हैं। इसका एलान होने के बाद से ही अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। फिलहाल बोर्ड इस बात का खाका तैयार कर रहे हैं कि बच्चों का मूल्यांकन किस तरह किया जाए। इसमें तीन साल के प्रदर्शन को औसत मानने या फिर सालभर की विभिन्न परीक्षाओं व प्री-बोर्ड परीक्षा में प्रदर्शन को औसत मानने जैसे विकल्प हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b3f3dcd084542b43dc937825ffd4519ab2c571e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71138.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्र व राज्य सरकारें गांवों में स्थानीय भाषा में कोविड महामारी संबंधित सामग्री बांट रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस महामारी की गंभीरता को समङों। अपना बचाव करें और उन्हें मालूम हो कि संक्रमित होने पर क्या-क्या करना है। इसके साथ ही टीका भी लगवाएं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत सरकार का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम जो बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए चलाया जा रहा है, उसके रास्ते में आज भी कई बाधाएं हैं जिनमें कई तरह की अफवाहें भी अपनी जगह बनाए हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfd4dc83ceaaf3a6ea21779853d9228d967f008c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71140.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकृति प्रेमी हैं यहां के ग्रामीण।गांव में परहिया परिवार की संख्या 50 से अधिक है। सभी प्रकृति प्रेमी हैं। गांव में हर साल होने वाली सरहूल पूजा के दौरान गांव में निवास करने वाले ग्रामीणों के साथ मित्र और गांव की सीमा में आने वाले को सुरक्षित रखने के लिए प्रार्थना की जाती है। ग्रामीणों ने दैनिक जागरण से खास बातचीत के दौरान कहा कि हमारे गांव कभी भी आइए। हमलोग गांव आने वालों के लिए भी पूजा करते हैं, इसलिए हमारे गांव की सीमा में प्रवेश करने पर आपको कोई खतरा नहीं रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5402751efd9f78d28c55f5c4d8bff1114f552610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71142.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। एक शताब्दी की यादें समेटे बरगद का पेड़ पिछले साल आंधी में गिर गया था। पर उसके किस्से, यादें और उसकी ठंडक का एहसास आज भी है। जयपुर हाउस में रहने वाले संजय पुरसनानी कहते हैं कि वो सिर्फ पेड़ नहीं था, वो हमारे घर की पहचान था। संजय के घर के सामने ही लगभग 80 साल पुराना एक और बरगद का पेड़ है, जो आज भी अपनी छांव से गर्मी में राहत देता है। बरगद के पेड़ के लिए जगह काफी चाहिए होती है, जिसकी शहर में लगातार कमी हो रही है। इसीलिए महिलाएं गमलों में बरगद का पौधा लगाने का संकल्प ले रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c96bcc3c1f0d1e782483ff9b59cf9e849ffa997 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ । जहरीली शराब प्रकरण का मुख्य आरोपित ऋषि शर्मा कभी एक हजार रुपये में सेल्समैन की नौकरी करता था, जो अब जिले का सबसे बड़े माफिया है। ठेके पर नौकरी के दौरान शराब की हर बारीक बातें समझीं और धीरे-धीरे खुद के ठेके खोले। 23 साल में शराब कारोबार पर इतना हाबी हुआ कि आसपास के जिलों तक में इसने ठेके ले लिए। पुलिस इसके अवैध शराब के ठिकाने तलाशने में लगी है तो प्रशासन इसकी चल व अचल संपत्ति का विवरण जुटा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71146.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71146.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfca91199448ca1f5de38ee3dfd14a5185f60432 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71146.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाजार खुलने के बाद किराया व ऋण भुगतान संबंधी समस्या आने वाली है, उसके लिए क्या तैयारी है?। पिछले वर्ष भी संपत्ति मालिकों और दुकानदारों के बीच किराया माफ करने अथवा कम करने को लेकर विवाद हुआ था। उसे दूर करने के लिए सीटीआइ ने एक कमेटी भी बनाई थी, जिसने इस तरह के कई विवाद के मामलों को आपस में बातचीत कर सुलझाया था। दुखद है कि इस महामारी में हमने काफी सारे व्यापारी बंधु खोए हैं। ऐसे में उनके पुराने लेन-देन को लेकर बाजार में नए तरीके का विवाद खड़ा होने की आशंका है। इसके समाधान के लिए भी जरूरत पड़ी तो कमेटी गठित की जाएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32b4806d920f07ee7b15c384197a4262265fdc98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71151.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में जरूरतमंदों की सहायता को सामाजिक संगठनों ने हरसंभव कदम उठाया है। किसी ने खाने के पैकेट बांटे तो किसी ने राशन। अाक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर तक उपलब्ध कराए गए। आइसोलेशन सेंटर, होम क्वारंटाइन सेंटर तक खोलकर लोगों का सस्ता उपचार किया गया। इनसे अलग सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने ऐसा सेवा कार्य रविवार को शुरू किया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उसने फुटपाथ पर गुजर-बसर करने वाले प्रभु जनों (भिक्षुकों और असहायों) का हुलिया ही बदल डाला। इससे उनके चेहरे पर मुस्कान खिल उठी। + +पिछले सप्ताह ही खुली हैं दुकानें व सैलून।पिछले सप्ताह एक जून को आगरा में अनलाक होने पर सैलून खुले थे। सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक ही सैलून खुल पाए। इससे शहरवासियों को राहत मिली है। हालांकि, सड़क पर गुजर-बसर करने वाले लोगों के समक्ष जब दो वक्त की रोटी के लाले हों तो वो अपने हुलिये को कैसे संवार सकते हैं? इस अनूठी सेवा की शुरुआत से ऐसे लोग भी लाभान्वित हो सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69f2252e2f7196518f2bb4618396b0815d871292 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71153.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोगों में था जबर्दस्‍त आक्रोश।शराब से हुई मौतों को लेकर लोगों में जबर्दस्त आक्रोश था। आबकारी से लेकर पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को लोग कठघरे में खड़ा कर रहे थे। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि अफसरों की मिलीभगत के बिना कुछ नहीं हो सकता। इसी के चलते शासन ने सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया। सीओ गभाना के अलावा लोधा, टप्पल, जवां और अकराबाद के थानेदार, दो दारोगा और आठ सिपाहियों को भी निलंबित किया गया। क्योंकि, इनके क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री हुई और फैक्ट्री पकड़ी गई। अब साख बचाने की बारी पुलिस की थी। एसएसपी कलानिथि नैथानी ने लखनऊ के अनुभव को यहां इस्तेमाल किया। उन्होंने आरोपितों को पकडऩे के लिए छह टीम गठित कीं। जिनकी कमान आइपीएस अफसरों के हाथ में दी। किस टीम को क्या करना है, ये भी तय कर दिया? इसके बाद तो नई पुलिसिंग ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। + +पहले दिन से ही हाबी रही पुलिस।27 मई की रात से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। 28 मई को हाहाकार मच गई। पुलिस ने लोधा, जवां व गभाना थाने में मुकदमा दर्ज कर धरपकड़ शुरू कर दी। सबसे पहले मुख्य आरोपित अनिल चौधरी हत्थे चढ़ा। इसे 30 मई से एक जून तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। इसके बाद 50 हजार के इनामी विपिन यादव को दबोचा। इससे भी एक जून से तीन जून तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। मुनीश शर्मा को तीन दिन की रिमांड पर लिया गया। इससे पूछताछ के बाद ही पुलिस ने अकराबाद के गांव दभी में अवैध शराब की फैक्ट्री पकड़ी। शिवकुमार को भी तीन रिमांड पर लिया गया। आरोपितों को रिमांड पर लेकर पुलिस को पूछताछ के लिए इतना समय मिल गया कि आरोपित चकमा नहीं दे पाए। पूछताछ भी अलग-अलग चरणों में होती थी। हर टीम के अपने सवाल होते थे। इनके जाल में फंसकर ही माफिया सबकुछ उगलते चले गए। इनसे पूछताछ से ही ऋषि शर्मा के ठिकानों की जानकारी हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d415a97cd5b836b11c668b208e636421276c292b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71155.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। कोरोना काल में वाहन बाजार बुरी तरह लड़खड़ा गया है। कारोबारियों को जोर झटका लगा है। करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। 23 अप्रैल से 31 मई के बीच वाहनों की बिक्री में 12 हजार तीन सौ से अधिक का अंतर आया है और तकरीबन 20 करोड़ का नुकसान हुआ है। जो आम दिनों में एक माह में करीब 40 करोड़ के आसपास रहता है। कारोबारी कहते हैं लंबी सहालग और त्योहार इस बार यह आंकड़ा 45 करोड़ को महज एक माह में आसानी से पार करा देते लेकिन लॉकडाउन ने व्यापार को बड़ी चोट दे दी है। + +अवधि -दोपहिया वाहन - कीमत -चार पहिया गाडियां -बिके वाहनों की कीमत।आमदिनों में बिकी गाड़ियां।कोरोना काल में वाहनों की बिक्री में जाेरदार गिरावट दर्ज की गई। तकरीबन 12 हजार तीन सौ से अधिक वाहनों की खरीद कम हुई है। वहीं लगभग 20 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है।कारोबारियों का कहना है कि सहालग और त्योहारी सीजन से इन आंकड़ों में और इजाफा होने का अनुमान था। इस बार सहालग बड़ी और लंबे समय तक थी जो कारोबार को इस डेढ़ माह में 45 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करा देती। इसके अलावा 30- 35 लाख से अधिक कीमत वाले वाहन शोरूमों में खडे़ रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e5848086567bf41674895d7a8e8fb305cbd18bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71156.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के चीन के वुहान लैब से बाहर आने की संभावना मजबूत होती जा रही है। दुनिया भर के विज्ञानियों की तरफ से इसके समर्थन में लगातार साक्ष्य और तर्क दिए जा रहे हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के विज्ञानियों ने पिछले साल ही कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने की तरफ इशारा किया था, लेकिन उनके दावे को खारिज कर दिया गया था। + +विलक्षण समानता का जिक्र।दिल्ली आइआइटी के कुसुम स्कूल आफ बायोलॉजिकल साइंसेज के जीवविज्ञानियों की एक टीम ने 22 पेज का एक शोध पत्र तैयार किया था। मुद्रण से पहले पिछले साल 31 जनवरी को इसका बायोआरसिव पर प्रकाशन हुआ था। इसके मुताबिक विज्ञानियों ने सार्स-कोव-2 और एचआइवी के विभिन्न पहलुओं के बीच विलक्षण समानता का जिक्र किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d74422c2cea322ee2df7d9f33ab15c5a7a2f9243 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। दक्षिण अफ्रीका में शोधकर्ताओं ने एडवांस एचआइवी से पीड़ि‍त एक 36 वर्षीय महिला में संभावित रूप से खतरनाक कोरोना वायरस म्यूटेशंस का पता लगाया है। इस महिला में कोरोना वायरस का संक्रमण 216 दिनों तक रहा और इस दौरान महिला के शरीर में वायरस के 32 म्यूटेशन हुए। यह केस रिपोर्ट मेडिकल जर्नल 'मेडरेक्सिव' में प्री-प्रिंट के रूप में गुरुवार को प्रकाशित हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c868eb65b66876bb222b8ec4c8be22df4d9fcc1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता और खुद को फिल्म क्रिटक्स बनाते वाले केआरके (कमाल आर खान) अक्सर कई फिल्मी सितारों पर टिप्पणी करते रहते हैं। इतना नहीं इन सितारों के लेकर वह अपने विचार भी सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं। हालांकि अपनी टिप्पणी की वजह से केआरके को बहुत बार आलोचना और ट्रोलर्स का भी सामना करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71161.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b3fc62c5d8453f74221246fa22eec3155c7f6af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71161.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सागर, एएनआइ। मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के रोगियों में इंजेक्शन लगाने के बाद उल्टी प्रतिक्रिया दिखाई दी। सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शनिवार को म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) के 27 रोगियों में एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन लगाने के बाद कंपकंपाहट और उल्टी जैसी प्रतिकूल प्रतिक्रिया देखी गई। मरीजों की हालत स्थिर है। यह जानकारी कॉलेज प्रवक्ता डॉ उमेश ने दी। इसके बाद इंजेक्शन के प्रयोग पर रोक लगा दी गई। ।Madhya Pradesh | Adverse reaction like severing & vomiting was observed in 27 patients of Mucormycosis after they were administered Amphotericin B injections at Bundelkhand Medical College in Sagar yesterday. Condition of the patients is stable: College Spokesperson Dr Umesh pic.twitter.com/NP5VYnzJwf।कोरोना के सक्रिय मरीज अब केवल 10 हजार, 57 फीसद होम आइसोशन में।मध्य प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या लगातार घटते हुए 10,103 पर आ गई है। हर दिन प्रदेश में जितने नए मरीज मिल रहे हैं उससे तीन से पांच गुना स्वस्थ हो रहे हैं। इस वजह से सक्रिय मरीज लगातार कम हो रहे हैं। प्रदेश में 10 मई को कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 1,11,366 थी। नए मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या भी कम हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के सार्थक पोर्टल के अनुसार प्रदेश में फिलहाल 4314 मरीज (43 फीसद) निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं और 57 फीसद मरीज होम आइसोलेशन में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1523fc0194427e0a6648058cc1a63a2c5d9e54fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71164.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। तमाम मौसमी उतार चढ़ाव के बीच इस साल दक्षिणी पश्चिमी मानसून अपनी तय तिथि से आगे ही नहीं खिसका बल्कि इसकी शुरुआत भी कमजोर हुई है। इसके पीछे टाक्टे व यास तूफान बड़ी वजह बताया जा रहा है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन का मौसम की बदलती तर्ज से गहरा नाता है और यह ताकतवर चक्रवाती तूफानों तथा बारिश के परिवर्तित होते कालचक्र से भी साफ जाहिर होता है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि यह सब कुछ ग्‍लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का पानी अभूतपूर्व रूप से गर्म होने का नतीजा है। + +पुणे स्थित इंडियन इंस्‍टीट्यूट आफ ट्रापिकल मीटियोरॉलॉजी के जलवायु वैज्ञानिक मैथ्‍यू रोक्‍सी कौैल कहते हैं, ‘अब यह जगजाहिर हो चुका है कि दुनिया के महासागर वर्ष 1970 से उत्‍सर्जित ग्रीनहाउस गैसों के कारण उत्‍पन्‍न अतिरिक्‍त ऊष्‍मा का 90 फीसद हिस्‍सा सोख चुके हैं। इस वजह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के महासागरों का तापमान असंगत रूप से बढ़ा है, इससे चक्रवात भी तेजी से शक्तिशाली हो जाते हैं। पश्चिमी उष्‍णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) हिन्‍द महासागर एक सदी से भी ज्‍यादा वक्‍त से ट्रॉपिकल महासागरों के किसी भी हिस्‍से के मुकाबले ज्‍यादा तेजी से गर्म हो रहा है और वह वैश्विक माध्‍य समुद्र सतह तापमान (एसएसटी) के सम्‍पूर्ण रुख में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। ट्रॉपिकल साइक्‍लोन हीट पोटेंशियल (टीएचसीपी) महासागर की ऊपरी सतह के उस तापमान को नापने का पैमाना है जो तूफानों के लिये उपलब्‍ध ऊर्जा स्रोत होता है। गहरे रंगों से यह संकेत मिलता है कि अरब सागर के मौजूदा हालात साइक्‍लोजेनेसिस में मदद कर सकते हैं।’’।जलवायु परिवर्तन और साइक्‍लोजेनेसिस।पर्यवेक्षणों से जाहिर होता है कि वर्ष 1998 से 2018 के बीच मानसून के बाद के मौसम के दौरान अरब सागर में अत्‍यन्‍त भीषण चक्रवाती तूफानों की आवृत्ति में इजाफा हुआ है। तूफानों के बार-बार आने के सिलसिले में आई इस तेजी को मानव द्वारा उत्पन्‍न एसएसटी वार्मिंग से जोड़ने की बात मध्यम स्तर के आत्मविश्वास से कही जा सकती है। केंद्रीय पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के आकलन और जलवायु के माडल्‍स से 21वीं सदी के दौरान उत्‍तरी हिन्‍द महासागर (एनआइओ) बेसिन में चक्रवाती तूफानों की तीव्रता बढ़ने की बात जाहिर होती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है जलवायु परिवर्तन यह संकेत देता है कि एसएसटी में बदलाव और उससे सम्‍बन्धित ट्रापिकल साइक्‍लोन (टीसी) गतिविधि अन्‍य महासागरीय बेसिन के मुकाबले हिन्‍द महासागर में जल्‍दी उभर सकती है। एनआइओ क्षेत्र में चिंता का एक और सम्‍भावित कारण यह है कि खासकर अरब सागर (एएस) क्षेत्र में हाल के वर्षों में टीसी की तीव्रता में अभूतपूर्व तेजी देखी गई है। हाइ-रिजोल्‍यूशन वैश्विक जलवायु माडल के प्रयोगों से संकेत मिलते हैं कि मानव की गतिविधियों के कारण उत्‍पन्‍न ग्‍लोबल वार्मिंग के कारण मानसून के बाद के सत्र के दौरान अरब सागर क्षेत्र में अत्‍यन्‍त भीषण चक्रवात बनने की सम्‍भावना बढ़ गयी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e63ee78411b0ebb45eca0a4351f0e48ab398123 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक अभी कई देश ऐसे हैं जहां पर फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्‍सीन की एक भी खुराक नहीं मिल सकी है। इसलिए उन्‍होंने दुनिया के सभी अमीर देशों से वैक्‍सीन की अतिरिक्‍त खुराक को इन देशों में वितरण के लिए दान देने की अपील की है। आपको बता दें कि डॉक्‍टर ब्रूस एक्‍सेस टू कोविड टूल एक्‍सीलरेटर के प्रमुख भी हैं। उनका कहना है कि संगठन की तरफ से दस देशों में वितरित हुए वैक्‍सीन की 75 फीसद वैक्‍सीन पहुंची हैं जिनमें से साठ फीसद अमेरिका, चीन और भारत में ही गई हैं। उन्‍होंने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि इस महामारी से निकलने की प्रक्रिया अलग-अलग रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43ea6656fac5331a84ddc0e8dea73a9a329e0b1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71168.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। विश्व स्वास्थ्य संगठन की निगरानी में स्वास्थ्य विभाग कोरोना मुक्त गांवों के लोगों की एंडीबाडी परखने के लिए उनके खून के नमूने लेकर जांच करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जिले भर के 31 स्थानों से 744 लोगों के खून के नमूने लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजे हैं। इन नमूनों के जरिए इस बात का पता लगाने की कोशिश है कि कोरोना मुक्त गांवों में कोरोना क्यों नहीं पहुंचा। कहीं ऐसा तो नहीं है कि इन गांवों के लोगों में कोरोना होकर निकल गया है। + +यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कोरोना मुक्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता( एंटीबाडी) कितनी है। जिले के कोरोना मुक्त गांवों को मिलाकर कुल 31 स्थानों से आठ-आठ महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के खून से नमूने लिए गए। इसमें शहरी क्षेत्र के भी कुछ स्थान है। इस तरह कुल 744 खून के नमूने लेने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में टीमें पहुंची। कुंदरकी के चार काेरोना मुक्त गांवों का नमूने लेने के लिए चयन किया गया था। इनमें सम्भल रोड स्थित फत्तेहपुर खास गांव भी शामिल था। दैनिक जागरण ने ही इस गांव को कोरोना मुक्त होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डींगरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर फय्याज आलम टीम के साथ पहुंचे। प्राइमरी पाठशाला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में उन्होंने 24 लोगों के खून के नमूने लिए। टीम में उनके साथ एएनएम प्रेमलता शर्मा, आंगनबाडी कार्यकर्ता नादिरा परवीन, आशा गुलशन जहां, सादाब आदि शामिल थे। इसी तरह अन्य स्थानों पर भी खून से नमूने लिए गए। खून से नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया है। एसीएमओ डाक्टर डीके प्रेमी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की भाषा में यह सीरो सर्वे कहा जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि कितने लोगों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबाडी बन चुका है। एंटीबाडी वायरस के प्रति शरीर को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। सीरो सर्वे में लिए गए ब्लड सैंपल पाजिटिव आने का मतलब है कि व्यक्ति पहले वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुका है। इसके बाद उसके शरीर में वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। यही प्रवृत्ति जब बड़ी जनसंख्या में दिखने लगती है तो इसे हर्ड इम्यूनिटी कहा जाता है। कोरोना मुक्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में हार्ड इन्यूनिटी होने की संभावना है। खून के नमूने की रिपोर्ट निगेटिव आता है तो इसका मतलब हो सकता है कि या तो वह व्यक्ति वायरस की चपेट में कभी आया ही नहीं है। वायरस की चपेट में आने के बाद अभी इतना वक्त नहीं हुआ है कि उसके शरीर में एंटीबॉडी बनी हो। एक कोरोना मरीज के शरीर में एंटीबाडी बनने में कम से कम एक से तीन हफ्ते का वक्त लगता है। इसलिए वैक्सीनेशन कराने के बाद परेशान होने की जरूरत नहीं है। एसीएमओ डा. डीके प्रेमी ने बताया कि सीरो सर्वे में बीस लोगों के खून का नमूना लिया, पहली लहर कोरोना हुआ था। दूसरी लहर में कोरोना पाजिटिव होने वाले 40 लोगों के नमूने लिए गए हैं। इसके अलावा 20 ऐसे लोगों के नमूने लिए गए जो पिछली बार कोरोना पाजिटिव हुए और उनमें एंटीबाडी कितनी बनी है। सर्वे के मुताबिक ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71169.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71169.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5c3cd0594136f283ca7ed9b82afa9a12748407b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71169.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। बरगद का पेड़ शरीर को बीमारियों से मुक्त करने में बहुत लाभकारी है। ऐसे पेड़ों का संरक्षण बहुत जरूरी है। कोरोना काल में भी हमने पेड़ पौधों के महत्व को समझा है। आक्सीजन प्राप्त करने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। वहीं, नौ जून को वट सावित्री के व्रत में भी महिलाएं बरगद के पेड़ को पूजती हैं। ऐसा मन जाता है कि इसकी पूजा से महिलाओं का सौभाग्य अखंड रहता है व संतान संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। इस पेड़ की पूजा से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और पूजा करने वाले को धन संबंधी कोई समस्या नहीं होती, इसलिए इसकी पूजा होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a87139c006b271baa8f31d43ebbbb5a566ef122 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव को लेकर सरगर्मी नहीं: छावनी परिषद अधिनियम 2006 के मुताबिक निर्वाचित सदस्यों का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर छह छह माह का दो विस्तार दिया गया। इस साल 10 फरवरी को निर्वाचित सदन भंग हो गया। अब जनता की ओर से प्रतिनिधित्व विहीन वैरी बोर्ड ही बचा है। अखिल भारतीय छावनी परिषद में राष्ट्रीय महासचिव व परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रतन सिंघानियां, सचिव अशफाक कुरैशी व रूपा देवी कहती हैं कि देश मे सबसे कम मतदाता छावनी परिषद में होते हैं। लेकिन रक्षा मंत्रालय इस स्थानीय निकाय की उपेक्षा कर रहा है। यहां कोविड नियमों का पालन करते हुए आसानी और सुरक्षित तरीके से चुनाव कराया जा सकता है। यूपी की इन छावनी में इतने मतदाताछावनी कुल मतदाता - प्रत्येक वार्ड औसत मतदाता आगरा 20474 2559इलाहाबाद 15696 2242 बरेली 9941 1420 फैजाबाद 4024 575फतेहगढ़ 6750 964 कानपुर 71989 8999लखनऊ 19471 2434मथुरा 12228 1747मेरठ 29775 3722शाहजहांपुर 7425 1061वाराणसी 7227 1032।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7080def30bf4523b94638db988de33b6c35fa1e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [मनु त्यागी]। कोरोना महामारी के पहले और दूसरे चरण ने लोक कलाकारों को भी विचलित किया। तब कई संस्थाओं ने सैकड़ों कलाकारों को मानसिक और आर्थिक रूप से संबल दिया और उन्हें तकनीकी दुनिया में प्रवेश कराकर कला को एक नए मुकाम तक पहुंचा दिया... पहले से ही पहचान और प्रसिद्धि के स्तर पर सीमित लोककला पर कोरोना संक्रमण का प्रभाव इसे और संकीर्ण कर चुका है। ऐसे में पुश्तैनी लोककलाओं का यह हुनर कहीं अंधेरे के गर्त में न चला जाए तो रोशनी बनकर हाथ थामा कई संस्थाओं ने। संस्थाओं के माध्यम से यही कला गांवों की गलियों से निकल यूट्यूब की दुनिया में पहुंची। यूट्यूब चैनल्स के माध्यम से इस कला को देखकर देशभर से लोग इनके लिए मदद को आगे आ रहे हैं और इनके दर्शक और श्रोता इस महामारी के काल में मानसिक सुकून की अनुभूति कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fef6b2e24370af5b1fcfc9f4c1f1b7b9d888401 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71173.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गिद्धौर (चतरा), [लक्ष्मण दांगी]। इस समय जंगली क्षेत्रों में सखुआ के वृक्षों में बहार आई हुई है। वृक्ष सरई से लदे हैं और निरंतर झर रहे हैं। स्थानीय बाजार में सरई 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। वन्य क्षेत्र में बसे ग्रामीण पूरा दिन उनके वृक्षों के नीचे जमे हैं। ग्रामीण बड़े जतन से सरई को चुनकर इकट्ठा कर रहे हैं। सरई को धूप में सुखाया जाएगा, फिर तोड़कर उसके बीज निकाले जाएंगे। तब उसे बाजार ले जाया जाएगा। वहां व्यापारी हाथों हाथ उसकी खरीदारी करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में सखुआ के फल को सरई कहते हैं। पतझड़ के बाद जब इसके वृक्षों में नए पत्ते आते हैं तब उसके साथ सुंदर श्वेत फूल भी आते हैं। जून-जुलाई के महीनों में यह वृक्ष फलों से लद जाता है और झरने लगता है। चतरा जिले में सखुआ वृक्ष के बहुतायत मात्रा में हैं जो बड़े पैमाने में सरई का उत्पादन करते हैं। + +आर्थिक उपार्जन का स्रोत है सरई।वन क्षेत्र में बसे ग्रामीणों के लिए सरई आर्थिक उपार्जन का स्रोत है। ग्रामीण इसे बेचकर अच्छी कमाई करते हैं और अपना जीविकोपार्जन करते हैं। तिलैया के गौतम दांगी व आशा देवी ने बताया कि जंगल ग्रामीणों के लिए वरदान है। इसके फल, फूल, जड़ी-बूटी को बेचकर वनवासी आत्मनिर्भर हैं। महुआ, करंज, सरई और जंगली फल-फूल को बेचकर लोग सालों भर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71180.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71180.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70b0fd8538fb7c68aa694e8ff8f7f459e3f4807e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71180.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक और कहानी ‘सूरज’ है, जिसमें प्यार के बल पर एक शिक्षिका एक बालक के मन में उम्मीद की एक नई दुनिया आलोकित कर देती है। पुस्तक में कुल 19 छोटी-छोटी कहानियां हैं। हर कहानी आकार में भले छोटी है, लेकिन प्रेरक होने के साथ ही गहरा संदेश समेटे हुई है। इन कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता है उनकी आडंबरहीन सीधी-सादी रोजमर्रा की भाषा और उसी के माध्यम से रचा गया आसपास का संसार। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b45100f8e3a05c1b03118718151ce1378c78987 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71181.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[यतीन्द्र मिश्र] ‘चलता फिरता प्रेत’ अभिनेता और रचनाकार मानव कौल की कहानियों का संग्रह है। यह दिलचस्प है कि अपने अकेलेपन और उदासी को लेखक एक स्वगत संवाद की लड़ियों की तरह इन कहानियों में रखते हैं। दूर तक चुपचाप बिना किसी से कुछ बोले, अकेले ही चलते चले जाने की प्रक्रिया, जिसमें अवसाद कुछ गाढ़ा अवसाद बन जाए। मौन और कुछ बोल देने के बीच फैली हुई जगह में अपनी छूटी हुई ढेरों चीजों को इकट्ठा करने की कोशिश... एक कोई फ्रेम इस तरह से पकड़ना कि दूसरे का सिरा भी हाथ में रह जाने का भ्रम पैदा करे। ‘ब्लू रेनकोट’ कहानी में इस स्थिति को एक जगह देखा जा सकता है- ‘मैं उपन्यास लिखना चाह रहा था, पर वह नहीं हुआ और फिर...’ मैं चुप हो गया। ‘लिखना नाखून हैं, अंगळ्लियां हैं या किसी-किसी के लिए पूरे हाथ हैं। बस! जीना पूरा शरीर है, उसे मत भूलना, पर मुझे लगता है कि मैं जो जी रहा हूं, वह जी नहीं रहा उसे लिख रहा हूं।’ जाहिर है इन कहानियों को कहीं पहुंचने की जल्दी नहीं है। यहां तक कि अपने अंत तक आकर उसका परिणाम जानने में भी दिलचस्पी नहीं। कोई अज्ञात सा भय है या जिज्ञासा... कह नहीं सकते, मगर कहानीकार का अंतर्मन उसके अगल-बगल जैसे मकड़ी के जाले सा कोई उधेड़बुन करता है। मृत्यु के पास बैठकर शांति से अपने पिछले सारे दौर को उदासी से देखने का विस्मय से भरा मनोभाव। हर कहानी का इशारा किसी तरह अंत को तिरोहित करने में सुकून पाता है। फिर वह ‘घोड़ा’ हो, ‘पिता या पुत्र’, हर जगह भाषा में बनती ये अर्थछवियां देखी जा सकती हैं। इस स्थिति को ‘पिता और पुत्र’ कहानी में पकड़ना चाहिए- ‘भीतर नींद नहीं आती है, सो बाहर आ जाता हूं और बाहर आते ही लगता है कि यहां क्यों आ गया? जो भीतर है, वही बाहर है। कोई अंतर नहीं है। वहां वक्त का रेंगना सुनाई देता है और यहां वक्त फैला पड़ा है और दिखाई देता है। भीतर दीवारें ताकता हूं और यहां जमीन पर पड़े रोशनी के टुकड़ों को।’।‘भूमिका’ में मानव कौल इसी बात को थोड़ा काव्यात्मक होते हुए लिखते हैं- ‘सारी कहानियों का अंत तुम्हारे इंतजार की शुरुआत रहा है, कहानियों में तुम पानी हो और जब भी तुमसे संवाद करने की सोचता हूं तो गला सूख जाता है।’ रिश्तों का भावनाओं से एक तरह का उपसंहार बनाते हुए वह समाज के घुटन की एक ऐसी छायाप्रति रचते हैं, जो बाहर की दुनिया में नहीं, बल्कि भीतर के संसार में घटती है। वो मौन का स्थानापन्न भी है और नजदीक आते हुए अंत का स्वागत करने का तरीका भी। हर एक कहानी के पात्र, जिनके संवाद बहुत कम हैं, जान पड़ता है लेखक के मानसिक करघे पर सूत की तरह काते जाते हैं। हर एक किरदार अपनी समग्रता को प्रश्न करता हुआ, खुद से निरपेक्ष और खुद से ही उत्साह में डूबा हुआ दिखाई देता है। एक विचित्र विरोधाभास में फंसा हुआ। मानव कौल इस रूप में थोड़े निर्मल वर्मा तो थोड़े कृष्ण बलदेव वैद बनते हैं। यह आश्चर्य की तरह समझ में आता है कि लेखक इन दोनों की कथा भाषा से प्रेरित है या उनका एक उदार प्रशंसक बनकर उसी भाषा परंपरा में अपने गद्य के लिए भाषा का एक नया विलयन तैयार कर रहा। ‘चलता फिरता प्रेत’ की कहानियां बहुत हद तक निर्मल वर्मा के संस्मरणों और वैद की डायरियों की चुप्पियों में बसती हैं। उन दोनों से ही लगाव बनातीं, मगर दोनों से ही तनी हुई रस्सी की तरह दूरी का अनुपात बरतती हुईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..750c79b128e2455d6c8ebf858d76d30e2321b462 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बरगद का ज्योतिषीय महत्व।ज्योतिषाचार्य डा. शोनू मेहरोत्रा बताती हैं कि इस पेड़ की छाया सीधे मन पर असर करती है और मन को शांत बनाए रखती है। शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए इसकी जड़ में पानी चढ़ाया जाता है। इसकी पत्तियों और डालियों से निकलने वाले दूध का तांत्रिक क्रियाओं में प्रयोग होता है। इसकी छाल और पत्तों से औषधियां भी बनाई जाती हैं। इसकी जड़ ग्रहों की शांति में काम आती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बरगद के वृक्ष पर मंगल का आधिपत्य होता है। इसलिए मंगल ग्रह की शांति के लिए बरगद की जड़ धारण करने का विधान है। मंगलिक दोष के कारण किसी जातक के विवाह में बाधा आ रही हो तो वट वृक्ष की जड़ से मंगल दोष की शांति होती है। वट वृक्ष की जड़ धारण करने से कुंडली का अंगारक दोष शांत होता है। भूमि, भवन, संपत्ति संबंधी कार्यों में रूकावट आ रही हो तो वट वृक्ष की जड़ धारण करें। वट वृक्ष की जड़ पहनने से कर्ज मुक्ति जल्द हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e61d29f8c720be41aee4d8a3a7d9a6abb3a50392 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्यू पेंशन स्कीम में शामिल अधिक कर्मचारी युवा हैं। इन कर्मियों की किसी कारण से मौत हो जाती है तो उसके आश्रित को पेंशन मिलने में एक साल तक का समय लग जाता है। क्योंकि रेल प्रशासन इन कर्मियों केे आश्रितों की फाइल तैयार करने में तीन माह का समय लेे लेता है। इसके बाद फाइल दिल्ली भेजी जाती है, जहां छह से नौ माह का समय लग जाता है। ऐसे में आश्रितों को नौकरी देने में एक से दो साल का समय लग जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76978ad41eb9d23d4b27bdb570e41a4b044d24a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +IPL 2020 के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी, जहां वनडे सीरीज मेजबान कंगारू टीम ने जीती। वहीं, टी20 सीरीज को भारत ने अपने नाम किया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत की चार मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हुई। पहला मैच एडिलेड में खेला गया। पहली पारी तक सबकुछ ठीक था, लेकिन दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली की टीम महज 36 रन पर ढेर हो गई। ये ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान कोहली का आखिरी मैच था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9f4cc48051f4b842439b98c2e3b4e63d6a9060b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए मेडिकल संस्थान ही नहीं वित्तीय संस्थान भी तैयार है। आपदा में वित्तीय समस्या ना आए इसके लिए बैंकों ने कमर कस ली है। बैंक योजना विशेष के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के लिए उद्यमियों को प्रमोट करेंगे। उन्हें आसान शर्तो पर ऋण मुहैया कराएंगे। यह जानकारी पंजाब नेशनल बैंक के एमडी व सीईओ सीएच एस एस मलिकार्जुन राव ने दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80b857e19fff73802e6f8d1453c6a0fedaf8cd63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रतिबद्धता में कमी।इंटरनेट मीडिया से जुड़े नियमों के पालन को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्रालय की तरफ से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नियमों के पालन में कोताही से भारत के लोगों के प्रति ट्विटर की प्रतिबद्धता में कमी जाहिर होती है। 26 मई से नए नियम लागू हो चुके हैं। इसके तहत सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को शिकायतों के निवारण के लिए चीफ कंप्लायंस आफिसर के साथ नोडल आफिसर और रेसीडेंट ग्रीवांस आफिसर नियुक्त करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60dc3493b2c6411157fdfaf19bcc485538db7e11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जीवन के लिए आक्सीजन की उपयोगिता क्या है, शायद इस बात को मल्हौसी गांव के लोग काफी पहले आत्मसात कर चुके थे। आक्सीजन न सिर्फ शरीर में प्राण वायु का संचार करती है बल्कि खून में मिलकर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है। यही वजह रही कि गांव में बुजुर्गों का प्रयास आज धरा पर नजर आ रहा है और गांव की पहचान बन चुका है। भले ही कोरोना संक्रमण काल में लोगों ने आक्सीजन का महत्व समझा हो लेकिन इस गांव के लोग वर्षों पहले ही आक्सीजन का महत्व समझ चुके थे। बुजुर्गों के रोपे पौधे आज पेड़ बनकर न सिर्फ छाया दे रहे हैं बल्कि गांव को प्रदूषण मुक्त बनाकर हवा में आक्सीजन घोल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc0ca8f93fe00be29818379da6b48d8543f8293d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच सितारों से सज्जित अयोध्या मेें रामलीला की परंपरा का सूत्रपात गतवर्ष शारदीय नवरात्र के दौरान हुआ। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से दर्शकों की मौजूदगी संभव नहीं हो पाई थी। इसके बावजूद इंटरनेट मीडिया के विभिन्न माध्यमों और दूरदर्शन पर सजीव प्रसारण के रूप में दुनिया के 16 करोड़ लोगों ने अयोध्या की रामलीला देखी थी। इस बार यदि कोरोना संकट नहीं थमा, तो यह रामलीला दर्शकों के लिए निषिद्ध रहेगी और गत वर्ष की तरह इंटरनेट मीडिया पर इसे देखा जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e80b88fd22a7fbe1bda7fb256b90fe002392649e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2018-2019 में जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया तो कहीं जाकर मामला आगे बढ़ा। 28 राज्यों में राज्य स्तरीय बोर्ड गठन करने के साथ-साथ 2.75 लाख में करीब 2.50 लाख बायोडायवर्सिटी कमेटियां पंचायत स्तर पर गठित की गईं। शेष का भी गठन किया जा रहा है। अब अगले चरण में जैव विविधता को लेकर किसानों, आम जनता को जागरूक करने और जहां-जहां संभव हो बायोडायवर्सिटी पार्क तैयार करने की योजना है।जानकारी के मुताबिक एनबीए ने इस दिशा में एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजा है। यह प्रस्ताव केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सहयोग से क्रियान्वित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71e169666b6db24a7327796bca3dba0820019194 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71198.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर ईमेल से पर्यावरण को नुकसान: अगर इंटरनेट और गैजेट्स से जुड़ी आदतों में कुछ बदलाव लाएं, तो पर्यावरण को सुरक्षित करने में कुछ योगदान जरूर कर सकते हैं। आपको बता दें कि सिंगल इंटरनेट सर्च और ईमेल के लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन पूरी दुनिया में इंटरनेट की बड़ी आबादी जब सर्च करती है तो इस गतिविधि से बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित होती है। कुछ अनुमानों के अनुसार, हमारे गैजेट्स, इंटरनेट और सपोर्टिंग सिस्टम का कार्बन फुटप्रिंट ग्लोबल ग्रीनहाउस उत्सर्जन का लगभग 3.7 फीसद है। यह वैश्विक स्तर पर एयरलाइन इंडस्ट्री के समान है। लैंकेस्टर विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता माइक हाजस बताते हैं कि यह उत्सर्जन 2025 तक दोगुना होने का अनुमान है। माइक बर्नर्स-ली लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में कार्बन फुटप्रिंट पर रिसर्च करते हैं। उनके अनुसार, एक स्पैम ईमेल 0.3 ग्राम CO2e (कार्बन डाइआक्साइड इक्यूवैलेंट), एक नियमित ईमेल 4 ग्राम (0.14ओजेड) सीओ2ई और एक तस्वीर या अटैचमेंट वाली ईमेल 50 ग्राम (1.7ओजेड) सीओ2ई उत्सर्जित करती है। बर्नर्स-ली के मुताबिक, एक सामान्य व्यावसायिक यूजर हर साल ईमेल भेजने से 135 किलोग्राम सीओ2ई बनाता है, जो एक फैमिली कार में 200 मील की दूरी तय करने के बराबर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f960ba6b7f79a19ab0fd685512f8fddb607a0af9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीबीपी श्रीवास्तव। World Environment Day 2021 हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लेकर अपनी परंपरा का पालन करेंगे, लेकिन वही प्रश्न अब भी गंभीर बना हुआ है कि क्या हम अपने इस संकल्प को यथार्थ का रूप देंगे? कोविड महामारी और हाल ही में आए दो तूफानों ने फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्रकृति पर गहराया संकट दिन-प्रतिदिन और गंभीर होता जा रहा है। सेमिनारों और गोष्ठियों में पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा कर अक्सर हम यह मान लेते हैं कि हमारा दायित्व पूरा हो गया है। पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में निश्चित रूप से संवैधानिक प्रविधानों और न्यायालय के प्रयासों का योगदान महत्वपूर्ण है। भारत के संविधान में शामिल संबंधित प्रविधानों पर गौर करने से पहले हम यहां महात्मा गांधी के एक ऐसे विचार पर गौर करेंगे जो हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। गांधीजी ने कहा है, ‘पृथ्वी पर सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।’।इसका अर्थ यह है कि प्रकृति जीवन रक्षण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध कराती है, लेकिन यदि हम अपने स्वार्थ के लिए उनका अति दोहन करेंगे तो एक ओर उससे पर्यावरणीय क्षरण होगा और दूसरी ओर वह मानव के अस्तित्व पर भी गंभीर संकट उत्पन्न करेगा। इस पृष्ठभूमि में संवैधानिक प्रविधानों के जरिए यह समझना आवश्यक है कि हमें क्या करना चाहिए। मानव पर्यावरण की सुरक्षा पर पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था। भारत द्वारा इसका अनुमोदन किए जाने के बाद वर्ष 1976 में 42 वें संविधान संशोधन से अनुच्छेद 48 (ए) और अनुच्छेद 51 (ए) जोड़ा गया जिनमें क्रमश: राज्य और नागरिकों को पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त, इस संशोधन ने राज्य सूची के कई विषयों को समवर्ती सूची में शामिल किया, जैसे प्रविष्टि 17(ए) में वन, 17(बी) में वन्य जीवन तथा 20(ए) में जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83586279347f2f289c2a9a2ef861e386392f8725 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_712.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कन्नड़ सिनेमा की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया हुआ है। क्राइम गैंगस्टर पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों की भीड़ रोजाना इसे देखने के लिए सिनेमाघरों की ओर जा रही है। फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 में कन्नड़ फिल्मों के सुपरस्टार यश मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म में उन्होंने अपन एंग्री यंग मैन वाला अंदाज दिखाया है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c83999652259c3debe50debda67ef0552b5af256 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। संजय दत्त 29 जुलाई को अपना जन्मदिन मनाते हैं। गुरूवार वह अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर संजय दत्त के फैंस और करीबी उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। वह बॉलीवुड के उन कलाकारों में से एक हैं जो फिल्मों के साथ अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी खूब सुर्खियों में रहते हैं। उनकी जिंदगी में कई घटना और विवाद शामिल हैं। इस बारे में संजय दत्त अक्सर अपने इंटरव्यूज में भी बोलते रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e03cc4ade6d255157e34544f14853b5a876730b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71201.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्रा। बिहार का राजनीति से अटूट रिश्ता है। अवसर चाहे आपदा का हो या उल्लास का, राजनीति की चाल सतत रहती है। इस समय जब कोरोना के पांव कुछ थमते दिख रहे हैं तो बयानों का बाजार गर्म होने लगा है। बयानों की गर्मी से अनेक कयास निकल रहे हैं। तेजस्वी कुछ ठंडे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष की आपसी बयानबाजी खासी चर्चा का विषय है। बिहार की सत्ता चार पांवों पर टिकी है जिसमें भाजपा अगर सबसे बड़ी है तो जदयू का मुख्यमंत्री है। चार-चार की संख्या लिए हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) व विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) की भी अहमियत कम नहीं है। उन्हीं के बूते कुर्सी टिकी है। अगर वो हिल जाएं तो कुर्सी पर तेजस्वी को काबिज होते देर न लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b917053c2ac34bf742e78d71e2100beb1641da8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली भी इसका सटीक उदाहरण है। सर्दियों में यहां से बड़ी संख्या में बुजुर्गों को दूसरे ऐसे शहरों में पलायन करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जहां की आबोहवा ताजी हो। हमारे वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन की शुद्दता बढ़ाने के लिए यंत्र बिकने लगे हैं। झारखंडी इस मामले में खुद को अन्य राज्यों के मुकाबले थोड़ा भाग्यशाली मान सकते हैं। प्रकृति से धनधान्य इस राज्य में भरपूर जंगल हैं। यहां के अधिकांश शहर अभी जहरीली हवाओं से मुक्त हैं। कम से कम ग्रामीण इलाके तो सुरक्षित हैं ही। यह सब हमें हमारे पुरखे दे गए हैं लेकिन अब इसे बढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी है। ।सोचना होगा, हम आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे? आपके अपने प्रिय अखबार दैनिक जागरण की थाती उसकी जनसरोकारीय पत्रकारिता है। पूर्व में भी हम जल, जंगल सहित कई मुद्दों पर अभियान चला चुके हैं जिसमें प्रदेश की जनता ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। इस बार मकसद और बड़ा है। हर कोरोना संक्रमित विजेता को दो-दो पौधे रोपने हैं। उन्हें रोपना ही नहीं है, बच्चों की तरह पाल-पोस कर बड़ा भी करना है। हमें बखूबी पता है, यदि तीन से पांच साल तक पौधे की देखरेख कर उसे बड़ा कर दिया जाए तो वह आजीवन बिना किसी स्वार्थ के हमें शुद्ध ऑक्सीजन मुहैया करवाता रहता है। ।अब तक राज्य में करीब साढ़े तीन लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों की भी अच्छी-खासी संख्या हो सकती है जिन्हें कोरोना हुआ लेकिन शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने के चलते उन्हें दवा की जरूरत ही नहीं पड़ी। वह खुद ही ठीक हो गए। उन सहित अगर प्रदेश का हर परिवार यह ठान ले, कि वह अपने और अपनी पीढ़ियों के लिए दो पौधे जरूर लगाएगा तो तय मानिए भविष्य में हम शुद्द हवा के लिए तो कतई नहीं तरसेंगे। ।ये पौधे हमें आसन्न पानी संकट से भी निजात दिलाएंगे। तो तैयार हो जाइए, अपने आसपास की पौधों की नर्सरी में जाइए..। वहां अपनी पसंद के पौधे खरीदिए और जहां खाली जगह मिले, उन्हें रोप दीजिए। जिनके पास जगह नहीं है, वह सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल, निगम के पार्क, नदियों-तालाबों के किनारे, गांव में सरकारी भूमि पर पौधे रोप सकते हैं। कहावत है, जहां चाह, वहां राह...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d0d6350e757ef0c400974c5ed7b2b0f860640d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लॉकडाउन ने इस साल भी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार तो किया है, लेकिन पिछले साल की तरह प्रभावी ढंग से नहीं। वजह, 2021 के प्रतिबंध छोटे और कम कड़े होना। यह सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक आंकलन में। इस साल जो सुधार हुआ, उसके लिए भी मौसम का योगदान ज्यादा रहा। 2021 में यातायात की तीव्रता भी तुलनात्मक रूप से अधिक थी। इस साल दिल्ली में प्रतिबंध छह अप्रैल को रात का कर्फ्यू (Night Curfew) और सप्ताहांत के लॉकडाउन के रूप में शुरू हुए, जिसमें 19 अप्रैल को पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था। आंशिक-लॉकडाउन लागू करने से पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर 20 फीसद तक कम हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..884725146fe48d3cd8f54de9036f58b5adbfe08f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71209.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के पहले प्रसार काल के दौरान अगस्त 2020 तक करीब 77 हजार पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए थे और करीब 400 पुलिसर्किमयों ने इस वजह से अपनी जान गंवाई। हालांकि कोरोना के टीकाकरण के बाद से संक्रमण की संख्या में कमी आई है और पुलिसर्किमयों के मृत्यु दर में भी कमी आई है। किंतु इसके बाद भी जिस प्रकार पूरे देश में ये पुलिसकर्मी अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं वह निश्चित रूप से सराहनीय है। इन निष्ठावान पुलिसर्किमयों के प्रति हमारी, समाज की और सरकार की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है। साथ ही, राज्य सरकारों को भी चाहिए कि पुलिस प्रशासन के आधुनिकीकरण के प्रति गंभीरता से काम करें। उनके पेशेवर जीवन को सुगम, सक्षम और सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों की आर्पूित सुनिश्चित करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c96777d7b76409f4aa8fdf4f2b9d831443066eab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, यशा माथुर। कहीं पेड़ बचाती हैं तो कहीं पेड़ उगाती हैं। कहीं पानी बरबाद होने से रोकती हैं तो कहीं लोगों को प्रकृति का क्षरण करने पर टोकती हैं। गहराई में जाकर पर्यावरण संरक्षण समझना चाहती हैं, स्वस्थ पहल कर पाती हैं। प्रकृति से है प्रेम इन्हें साथ चलती हैं उनके, पर्यावरण से अनुराग जिन्हें। पर्यावरण को लेकर महिलाओं की चिंताएं कम नहीं रहतीं, जो सजग होती हैं वे प्रकृति की जरूरतों को समझती हैं और कुछ गलत होता है तो आवाज भी उठाती हैं। इस बात का इतिहास गवाह है कि समय-समय पर देश के अलग-अलग राज्यों में महिलाओं ने पर्यावरण की सुरक्षा की खातिर अपने प्राणों की बाजी भी लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71215.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71215.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26688e8db04c9d93083b34235dea31b1a685b629 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71215.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खुले स्थान में रोपें वट के पौधे।वट वृक्ष की शाखाएं और जड़ें दूर तक फैल जाती हैं। ऐसे में इसे भवनों आदि के पास या सड़क किनारे नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए काफी खुला स्थान चाहिए। वैसे तो यह वृक्ष बीज से ही विकसित हो जाता है, लेकिन वन विभाग इसकी छोटी शाखाओं को रोपता है। निजी नर्सरियों में वट के पौधे आसानी से उपलब्ध हैं। किसी खुले स्थान पर दो फीट गहरा गड्ढा खोदकर पौधा लगाएं और गड्ढे को मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिलाकर भर दें। करीब एक सप्ताह तक पौधे को थोड़ा-थोड़ा पानी रोज दें। + +अखंड सौभाग्य का वरदान वट ।उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार वट सावित्री व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। अखंड पतिव्रता और दृढ़ प्रतिज्ञा के प्रभाव से सावित्री यमद्वार पर गए पति सत्यवान को सदेह (सशरीर) लौटा लाई थीं। यमराज ने सावित्री को 100 पुत्र होने का वचन देकर सत्यवान को सजीव कर दिया था। वंश वृद्धि के लिए वट की पूजा भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव के रूप में की जाती है। वट की जड़ को ब्रह्मा, तने को विष्णु और पत्तियों को शिव माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b5feedb67f3476bb19ebe15626629ba215e97f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमांशु अस्थाना, वाराणसी। World Environment Day 2021 शाखों से गिरते पत्ते आज हमें भले ही फोटोग्राफी की ओर आकर्षित करते हों, मगर करीब साठ साल पहले एक वनस्पति विज्ञानी को इसमें विज्ञान नजर आ गया था। पत्ते गिराने वाले (पतझड़) वृक्ष हर मामले में अन्य वनस्पतियों से काफी अलग थे, इस बात को दुनिया को सबसे पहले भारत ने ही समझाया। मानसूनी वनों में उन्होंने ऐसी वनस्पतियों को चिह्नित किया, जो वहां बेहतर तरीके से पनपी थीं। इससे पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत हुआ। गौरतलब है कि इस बार के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली’ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18b4db356fcde4f2982c150a91765f45a4729ffd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे बचाया जा सकता है पानी।नई तकनीक से किया जा रहा वनों का सर्वेक्षण : विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले आयोजित टेरी के एक कार्यक्रम में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने वनों का सर्वेक्षण करने के लिए इस्तेमाल की जा रही लाइट तकनीक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी और बारिश के बाद सभी राज्यों में सही जगहों पर वाटरशेड विकास का काम शुरू हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..232d3714da755687cc3b6512cce77f04e2d45243 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, रमण शुक्ला। Sampoorn Kranti Diwas आज पांच जून को संपूर्ण क्रांति दिवस (Sampoorna Kranti Diwas) है। 47 वर्ष पहले इसी दिन पटना के गांधी मैदान (Patna Gandhi Maidan) में जय प्रकाश नारायण (JP) ने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के तानाशाही शासन के खिलाफ संपूर्ण परिवर्तन का नारा दिया था। उसके  बाद क्रांति की जो लपटें उठीं, उससे पूरे देश की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत हुई। इससे बिहार गहरे रूप से प्रभावित हुआ था। असर ऐसा हुआ कि उस दौर के नेताओं के दायरे से बिहार की राजनीति आज भी बाहर नहीं निकल पाई है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) हों या मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar), दोनों तब जय प्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) के साथ आंदोलन में साथी थे। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी जेपी के आंदोलन की ही उपज हैं। ।तेजस्‍वी-चिराग को भी उसी जमीन का सहारा ।बिहार की राजनीति की बात करे तो हाल के दिनों में नई पीढ़ी के तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कुछ उम्मीदें जरूर जगाई हैं, लेकिन उन्हेंं भी इसके लिए उसी जमीन का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसे जेपी ने उर्वर बनाया था। तेजस्वी यादव बिहार में डेढ़ दशक तक राज करने वाले जेपी आंदोलन के ध्वजवाहक रहे लालू पसाद यादव के पुत्र हैं, तो चिराग पासवान पटना से लेकर दिल्ली तक की सियासत में दशकों तक धुरी व जेपी के सहयोगी रहे रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के वारिस हैं। दोनों दूसरी पीढ़ी के नेता हैं और जेपी के जात-पात, तिलक-दहेज और भेद-भाव मिटाने के संकल्प को साकार करने के लिए एड़ी-चोटी का पसीना बहा रहे हैं, लेकिन फिलवक्त बिहार की सियासत में तीन दशक से सीधे जेपी के ध्वज वाहक ही परिवर्तन की इबारत लिख रहे हैं। कह सकते हैं कि रामविलास पासवान की राजनीति जेपी आंदोलन से पहले शुरू हो गई थी। वे पिछली सदी के सातवें दशक में पुलिस उपाधीक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए थे। लेकिन वे भी जेपी के सहयोगी रहे। ।जेपी के ध्वजवाहकों के हाथों में देश व बिहार ।जेपी ने तब कहा था संपूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है। बिहार से उठे जेपी के संपूर्ण क्रांति के नारे का असर पूरे देश में देखने को मिला था। वर्तमान में बिहार से लेकर देश तक की बागडोर जेपी के ध्वजवाहकों के हाथों में है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तक जेपी के 1974 आंदोलन के ही उपज हैं। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) के दौरान प्रधानमंत्री अपने लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) में इसका जिक्र भी कर चुके हैं। ।जेपी के साथ थे लालू-नीतीश व सुशील मोदी ।बिहार की वर्तमान राजनीति में सक्रिय लालू प्रसाद यादव, सुशील मोदी, शिवानंद तिवारी, नरेंद्र सिंह आदि उसी छात्र युवा संघर्ष वाहिनी का हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व जय प्रकाश नारायण करते थे। बिहार बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के मुख्यालय प्रभारी और जेपी आंदोलन में शरीक रहे सुरेश रूंगटा बताते हैं कि तब जेपी राजनीतिक पार्टियों के बजाय छात्रों और नौजवानों को जगा रहे थे। इसके पीछे वजह यह थी कि सन् 1967 से 1972 के बीच कई राज्यों में गैर-कांग्रेसी सरकारें बनी थीं, लेकिन सभी ने देश को निराश किया था। बिहार में महामाया प्रसाद सिन्हा के नेतृत्व में गैर-कांग्रेसी सरकार बनी थी, उसमें कम्युनिस्ट पार्टियों से लेकर जनसंघ तक की सहभागिता थी। महामाया प्रसाद सरकार नहीं चला पाए थे और बिहार में 11 महीने में ही सरकार गिर गई थी। ।तब फ्रांस के आंदोलन से मिली थी प्रेरणा।सुरेश रूंगटा बताते हैं कि 1965 से 70 के दौरान दुनिया भर में, खासकर फ्रांस में नौजवानों का जबरदस्त आंदोलन हुआ था। वहीं से हिंदुस्तान के छात्रों को प्रेरणा मिली थी। वहीं, 1973 में गुजरात में छात्रों के आंदोलन की वजह से चिमन भाई पटेल की सरकार बदल गई थी। गुजरात के आंदोलन को भी जेपी ने समर्थन दिया था। तब जेपी सर्वोदय आंदोलन में थे, लेकिन जब उससे कुछ नहीं हुआ तो छात्र और नौजवानों की ताकत को संगठित करने की पहल की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64d6b0abdb54aea639ad40483bc8272b90fe523d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंगल ग्रह पर पहली बार उड़ा इंजेन्‍वनिटी हेलीकॉप्‍टर। नासा के पर्सिवियरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गए इंजेन्‍वनिटी हेलीकॉप्‍टर (Ingenuity mini-helicopter) पहली कंट्रोल फ्लाइट है। इसे इसकी पहली उड़ान के लिए मंगल की सतह पर ड्रॉप किया गया है। इससे पहले वह अब तक रोवर से जुड़कर चार्ज हो रहा था। बता दें कि यह पहला अवसर होगा जब कोई हेलीकॉप्‍टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा। आठ फरवरी को इसने पहली उड़ान भरी। 22 अप्रैल, 2021 को हेलिकॉप्टर ने मंगल की सतह पर अपनी दूसरी उड़ान भरी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f384fb4b3001c5ef304269948216cd3fbaed34b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71222.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पार्टी की अंदरूनी उठापटक को लेकर कैप्टन सहित तमाम नेताओं-विधायकों से चर्चा के बाद कांग्रेस नेतृत्व अब सिद्धू और दूसरे विरोधी खेमे के नेताओं को पंजाब कैबिनेट और कांग्रेस संगठन में समायोजित करने के फार्मूले पर मंत्रणा करने लगा है। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई वाली तीन सदस्यीय समिति के साथ अपनी करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी बातचीत का ब्योरा तो नहीं दिया मगर इशारों में ही मौजूदा अंदरूनी गतिरोध का समाधान निकलने का संकेत दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10b3a088fe1f259d4e4eaba0e5e3cc6cc5c3bf20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71223.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में छह माह से चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन में नेतृत्व को लेकर फूट बढ़ती जा रही है। पंजाब के किसान नेताओं के नेतृत्व को यहां के आंदोलनकारी न केवल खारिज कर चुके हैं, बल्कि अब भाकियू नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव के नेतृत्व पर भी सवाल उठाने लगे हैं। किसान संगठनों के बीच नेतृत्व का यह विवाद हालांकि काफी समय से चल रहा था, लेकिन हिसार में आंदोलनकारियों व प्रशासन के बीच हुई वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर आने तथा टोहाना में जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली के साथ हुई हिंसक वारदात के बाद इस विवाद ने पूरी तरह से हवा ले ही है। + +आंदोलनकारी उठाने लगे इन किसान नेताओं के नेतृत्‍व पर सवाल ।हाल फिलहाल भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी आंदोलनकारियों के निशाने पर हैं, जिन्होंने पिछले दिनों बाकी किसान संगठनों से अपना नाता तोड़ते हुए अलग फेडरेशन बना ली। चढूनी भले ही इस फेडरेशन के बनाने के कितने भी कारण गिनाते रहें, लेकिन इस वास्तविकता से इन्कार नहीं किया जा सकता कि राकेश टिकैत की मध्य और उत्तर हरियाणा में दस्तक से चढूनी खासे नाराज हैं। बातों ही बातों में कई बार चढूनी यह इशारा भी कर चुके हैं कि टिकैत को उत्तर प्रदेश देखना चाहिए, हरियाणा को हम संभाल ही लेंगे। इस विवाद के बीच योगेंद्र यादव ने दक्षिण हरियाणा में मोर्चा संभाला हुआ है। + +टीकरी से शुरू हुआ विरोध, कंडेला की महिला ने आठ मिनट का वीडियो जारी कर कहा चढूनी हमारा नेता नहीं।किसान संगठनों के बीच फूट उस समय अधिक बढ़ गई, जब हिसार के मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने एक वीडियो में किसान जत्थेबंदियों के नेताओं द्वारा सरकार से किए गए किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने व किसी नेता का रास्ता न रोकने के वादे से धरनों पर बैठे लोगों को वाकिफ नहीं कराया। टिकैत व चढूनी ने वार्ता के बाद दावा किया था कि सरकार ने उनकी सभी चार मांगे मान ली हैं, लेकिन मंडलायुक्त ने कहा कि सरकार ने दो मांगें मानीं और दो को तकनीकी व कानूनी कारण बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही मंडलायुक्त ने यह भी उजागर कर दिया कि इन किसान नेताओं ने वार्ता का आधा अधूरा सच बाहर निकाला है। + +मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और धनखड़ ने की बबली से बात, पूरा मामला जानने को चंडीगढ़ बुलाया।इसके तुरंत बाद टोहाना में जजपा विधायक देवेंद्र बबली के साथ हिंसक विवाद का प्रकरण का हो गया। इस विवाद के बाद अति उग्र युवाओं ने बबली को क्या-क्या नहीं कहा। बबली भी कहां चुप रहने वाले थे। उन्होंने भी उन्हें आड़े हाथों लिया। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने इस मामले में बबली से फोन पर बात कर उन्हें चंडीगढ़ बुलाया है। बबली के साथ हुए इस विवाद के बाद गुरनाम सिंह चढूनी का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह कह रहे हैं कि इन युवाओं से हमारा कोई मतलब नहीं है। इसी बात ने आग में घी डालने का काम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..149c0661086108f46522bf652ba75b21a077a1a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71228.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, अली अब्बास। केस एक: ग्वालियर के रहने वाले दस साल के एक बालक को कुछ लोग बहला फुसलाकर रेलवे स्टेशन पर लेकर आए थे। यहां पर उससे जबरन भीख मंगवाई जाती थी। भीख न मांगने पर बालक को यातनाएं दी जाती थीं। उसके हाथों को जला दिया गया था। बालक गिराेह के चंगुल से भाग निकला था। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचा था। वहां उसे रेलवे पुलिस ने भटकता देख आश्रय गृह भेज दिया। बालक ने काउंसिलिंग के दौरान अपने साथ होने वाले अत्याचार की जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने पुलिस के साथ मिलकर बालक को घर भेजने की व्यवस्था कराई। मगर, बालक को भीख मांगने के लिए मजबूर करने वालों का पता नहीं लगाया जा सका। + +केस दो: शहर के एक थाना क्षेत्र में रहने वाली बालिका के माता-पिता की मौत हो चुकी है। वह अपने चाचा-चाची के साथ रहती है। घर के सामने रहने वाला युवक उसे कई महीने से परेशान कर रहा था। इससे बालिका मानसिक तनाव में आ गई। वह अपने ही घर में डरी और सहमी रहने लगी। इससे आरोपित का दुस्साहस बढ़ता गया, बालिका को दहशत में देखकर वह आनंदित होता। बालिका की हालत देख उसकी एक सहेली ने चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद ली। चाइल्ड लाइन द्वारा बालिका की मदद की गई। उससे और स्वजन से बातचीत करके पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद बालिका को डर से मुक्ति मिल सकी। + +बच्चे ईश्वर का रूप होते हैं। उनके साथ कुछ समय बिताकर लोग अपना गुस्सा भूल जाते हैं। उनके साथ लाड़ जता और खेलकर तनाव मुक्त हो जाते हैं। मगर, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उनके चेहरे पर डर और दहशत देखकर सुकून महसूस करते हैं। बच्चो को यातना देकर खुद काे आनंदित महसूस करते हैं। दरसअल ऐसे लोग मनोरोगी होती हैं। इस मनोरोग को पीडोफीलिया नाम से जाना जाता है। ऐसे लोग कहीं भी किसी भी बस्ती में मिल सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce021ba1ed27fe243699f2c85c2c7ad0f264b92b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अश्लील फिल्मों के मामले में गिरफ्तार शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा जेल में हैं। उनपर अश्लील फिल्में बनाने और उसका कारोबार चलाने का आरोप है। इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच लगातार जांच कर रहा है। साथ ही कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। अब क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा की अश्लील फिल्में बनाने वाली कंपनी के 3-4 प्रोड्यूसर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c99e2105ff57b2a23c752d843bb3901e1dd4f1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार जमीन की उपजाऊ (उर्वरा) शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की योजना बनाने जा रही है। हरियाणा सरकार का मानना है कि फसल विविधिकरण और फसल चक्र अपनाकर काफी हद तक जमीनों की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखा जा सकता है, लेकिन इसके बाद भी बहुत से किसान परंपरागत फसलों की खेती से मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। इससे जमीन की उपजाऊ शक्ति लगातार कम हो रही है। लिहाजा भविष्य में यदि कोई किसान जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए अपने खेत को खाली रखता है तो सरकार उसे प्रोत्साहन राशि देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71236.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..297ca4eab2d2e9d7d06a630dbbe8f51f425ab85e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाबानगरी देवघर के उपायुक्त ने घोषणा की है कि सबसे पहले शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने वाली 10 पंचायतों के 10 प्राथमिक स्कूलों को वह आधुनिक स्कूल के रूप में विकसित करवाएंगे। इसके लिए ढाई करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। राज्य के तमाम विधायकों-सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र में सबसे ज्यादा टीकाकरण करवाने वाली पंचायतों में अपनी विकास निधि का बड़ा हिस्सा खर्च करने का वादा किया है। ग्रामीण कैसे प्रेरित हों, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। यह भी मांग उठ रही है कि केंद्र से लेकर राज्य तक की तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से पहले टीकाकरण करवाना अनिवार्य कर दिया जाए। बेशक, इस पर नई बहस शुरू हो सकती है, लेकिन अभी जो हालात हैं, उस पर गौर तो किया ही जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34c13bbec2b98441c28cb5d80dc8a33d74e626f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस सेशन के दौरान जहां कुछ इस फैसले से नाखुश दिखाई दिए वहीं कुछ ने इस फैसले को सराहा और इसके लिए पीएम मोदी समेत सीबीएसई का धन्‍यवाद भी किया। इनका कहना था कि ये एक अच्‍छा फैसला है। पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि वो भविष्‍य की तरफ देखें। उनका कहना था कि 1 जून तक आप सभी अपने एग्‍जाम को लेकर संजीदा भी थे और उसकी तैयारी में लग्‍न थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9601f0d43417177e2145c3d619fd41880830bf86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन आइडल सीजन 12 सबसे लंबे समय तक चलने वाला और सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला म्यूजिक रियलिटी शो रहा है। हमेशा नए कॉन्सेप्ट के साथ इस शो उभरती प्रतिभाओं को मौका दिया है। ऐसी ही पुरानी यादें, मनोरंजन और ढेर सारे किस्सों से भरी एक जादुई शाम रणधीर कपूर स्पेशल एपिसोड इस हफ्ते आपके सामने आने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ee9c24d79b96e8e219248cc751d2537ca50ce32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71242.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद (एएफपी)। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्‍तान की शांति के लिए पाकिस्‍तान और चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती और अफगानिस्‍तान में स्थिरता को जरूरी बताया है। हालांकि अपने इस बयान में उन्‍होंने भारत का कोई जिक्र नहीं किया है। उन्‍होंने अपने बयान में कहा है कि हम तीनों को मिलकर ये देखना होगा कि हम इन हालातों में साथ मिलकर कैसे इस काम को अंजाम दे सकते हैं और अपने साझा लक्ष्‍यों को कैसे साध सकते हैं। अफगानिस्‍तान में शांति बहाली के लिए उन्‍होने वहां पर राजनीतिक स्थिरता को भी जरूरी बताया है। ये बयान उन्‍होंने चीन-अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रियों चौथे संवाद कार्यक्रम के दौरान दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..557b733147201b853e1c7d39e37e8d68e9490aed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमृतसर [पंकज शर्मा]। कई भाषाओं की जननी संस्कृत (Sanskrit) पंजाब में अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है। सरकार ने इसके उत्थान व प्रचार-प्रसार से अपने हाथ पूरी तरह खींच लिए हैं। पंजाब में किसी वक्त 90 गैर सरकारी संस्कृत कालेज या संस्थान थे, जिनकी संख्या अब महज सात तक सिमट गई है। इनकी भी आर्थिक दशा दयनीय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e76684d70855ce8c4138b1a03ff51257570a972 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71247.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चूंकि कोविड महामारी आने के पहले की अवस्था में शिक्षा संस्थाएं चल रही थीं, पढाई-लिखाई के नाम पर प्रवेश और परीक्षा का कार्यक्रम विधिवत संपादित हो रहा था। विद्यार्थी, अध्यापक और पालक सभी प्रचलित व्यवस्था का आदर करते हुए उस पर अपना भरोसा बनाए हुए थे। लोग औपचारिक व्यवस्था की कमियों की पूर्ति के लिए ट्यूशन और र्कोंचग पर अतिरिक्त खर्च भी करने को तैयार थे। यह सब इस तथ्य के बावजूद हो रहा था कि सबको पता था कि पाठ्यक्रम, पाठ्यचर्या, मूल्यांकन और अध्यापक प्रशिक्षण आदि की कमजोरियां शिक्षा के आयोजन को अंदर से लगातार खोखला कर रही थीं। इस प्रणाली में परीक्षा की ही सबसे अधिक महत्ता है। + +साल भर क्या पढ़ा-लिखा गया, इससे किसी को उतना मतलब नहीं होता जितना कि सालाना परीक्षा में कितने अंक या श्रेणी मिलती है? इसलिए सही-गलत किसी भी तरह परीक्षा में दांव लगाना ही सबका लक्ष्य होता गया। यह इसलिए भी कि परीक्षा के अंक ही इस क्षणभंगुर जीवन में नित्य होते हैं। इनका ठप्पा अकाट्य होता है और विभिन्न अवसरों के लिए आर-पार तय करने वाला होता है। कहना न होगा कि परीक्षा की प्रामाणिकता को लेकर उच्च शिक्षा के शिखर तक संशय फैल चुका है। इस व्यवस्था से निकल रहे अधिकांश छात्र-छात्राओं की दक्षता, कौशल और योग्यता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। बेरोजगार युवा वर्ग की बढ़ती संख्या स्वयं बहुत कुछ कहती है। इन खामियों से उबरने के लिए सरकार शिक्षा-नीति में बदलाव लाने की मुहिम पिछले पांच-छह वर्ष से चलती रही है और अब उसका खाका सार्वजनिक हो चुका है। जैसी सूचना है, उस खाके को मूर्त रूप देने का काम भी तेजी से चल रहा है, यद्यपि उसकी स्पष्ट रूपरेखा उपलब्ध नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a109fbc5d063732c2af2482f20be60fdc9167b48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। माहवारी में सैनिटरी पैड का प्रयोग महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता रहा है, लेकिन अब इसके नकारात्मक प्रभाव भी सामने आ रहे हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था टाक्सिक लिंक के नए अध्ययन में सामने आया है कि सैनिटरी पैड तैयार करने में ब्लीचिंग सहित अनेक खतरनाक रसायनों का प्रयोग होता हैं। यह रसायन बांझपन और ओवेरियन कैंसर तक की वजह बन रहे हैं। दूसरी तरफ सैनिटरी पैड पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा बन गए हैं। लैंडफिल साइट पर यह पैड सैंकड़ों साल तक भी डिकम्पोज नहीं होते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc2932fa4a3c6376618ea748d177f586aaded86c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ढाका (एजेंसी)। बांग्‍लादेश अपने 50 वर्षों के इतिहास में पहली बार 4 जून को राष्‍ट्रीय चाय दिवस के रूप में मना रहा है। ये फैसला फादर ऑफ नेशन बंगबंधु शेख मुजीबुर्ररहमान का चाय की इंडस्‍ट्री को दिए उनके योगदान को देखते हुए लिया गया है। देश के वाणिज्‍य मंत्री टीपू मुंशी के मुताबिक बांग्‍लादेश वर्ष 2021 को उनकी जयंती के रूप में मना रहा है। इसी दिन बंगबंधु टी-बोर्ड के पहले बंगााली चेयरमेन बने थे। वो 4 जून 1957 से 23 जून 1958 तक इस पद पर रहे थे। इसलिए ही इस दिन को 4 जून को मनाने का फैसला लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a1b6b67979e9a23b239becee4f4572e8d508f36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71253.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। आजकल जैविक खेती पर काफी चर्चा हो रही है। प्रगतिशील किसान रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का प्रयोग कर फसलें उगा रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ के एक स्कूल के विद्यार्थियों ने जैविक खेती को नया स्वरूप देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बिलासपुर जिले के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के बाल विज्ञानियों ने चिता की राख से जैविक खाद बनाने में सफलता हासिल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cc7aa33dfd78b2699b4529d52bac3dc4a9fab47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71255.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप बच्चों पर होने की आशंका के बीच ही एसबीआइ इकोरैप ने 12 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण पर जोर लगाने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट का मानना है कि इस वर्ग समूह में 17 करोड़ लोगों को टीका लग जाए तो तीसरी लहर पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकेगी। एसबीआई इकोरैप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना से लड़ाई में अगर हमारी तैयारी बेहतर रही तो दूसरी लहर की तुलना में गंभीर मरीजों की संख्या काफी कम हो सकती है। + +बच्‍चों के संक्रमित होने की आशंका।रिपोर्ट में कहा गया कि देश में 12-18 साल के बच्चों की संख्या 15-17 करोड़ है। तीसरी लहर के दौरान बच्चों के संक्रमित होने की प्रबल आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए भारत को विकसित देशों की तरह बच्चों के सौ फीसद टीकाकरण के लिए टीके की अग्रिम खरीदारी की रणनीति अपनाने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6d8791998f3b6001549f295c6f7f035fbf3abf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बांका, दिलीप कुमार सिंह। Corona Free village of Bihar बिहार के बांका जिला स्थित आदिवासी बहुल गांव पिरौटा (Pirauta Village) के बाशिंदे पीढि़यों से छोटी-बड़ी बीमारियों में जड़ी-बूटियों का प्रयोग कर रहे हैं। यहां लोग एलोपैथिक दवा का प्रयोग नहीं करते हैं। हम जिन्हें मामूली घास-पात समझते हैं, यहां के ग्रामीण उनके चिकित्सकीय गुण बताकर लोगों को दंग कर देते हैं। इस गांव में अभी तक एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं (Corona Free Village) हुआ है। ग्रामीणों का मानना है कि संयमित जीवनशैली और प्रभावकारी जड़ी-बूटियों के सेवन के कारण ऐसा हुआ है। गांव की आबादी 14 सौ के करीब है। ।पुरखों की जीवन संस्कृति का पालन करते हैं लोग ।पिरौटा निवासी व सादपुर पंचायत के उप मुखिया बाबूबाबू लाल मुर्मू ने बताया कि वे लोग पुरखों द्वारा अपनाई गई दैनिक जीवन संस्कृति का पालन कर रहे हैं। अपनी परंपराओं से दूर नहीं गए हैं। 74 वर्षीया राधा देवी ने बताया कि बुखार आने पर दूर्वा यानी दूब और अरवा चावल पीसकर लोग ललाट पर लगाते हैं। कटने-छंटने पर हरजोड़ा की लत को पीस कर लगाते हैं। पेट दर्द में इशरोड़ के पौधों की जड़ को पीस कर पिलाते हैं। ।यहां के लोगों को है कई जड़ी-बूटियों का ज्ञान।ऐसी कई औषधियों का इन्हें ज्ञान है। बार-बार प्यास लगने पर सितावर खाना, पेट साफ रखने के लिए पाताल कोड़ा एवं दस्त में चीनीगाछ से ये इलाज करते हैं। इसके अतिरिक्त घर के सभी सदस्य जंगल से चिरौता व गुरीच (गिलोय) का भरपूर सेवन करते हैं। चीनी के बदले गुड़ का उपयोग करते हैं। ।घर में नहीं आने देते हानिकारक सूक्ष्म जीव।गांव के सोनेलाल हेंब्रम, तालो टुडू, सुनील मुर्मू व उपेंद्र टुडू ने बताया कि घर में हानिकारक सूक्ष्म जीवों के प्रवेश को रोकने के लिए एक खास उपाय ये अपनाते हैं। ये धान के भूसे की राख मिट्टी में मिलाकर घर की भीतरी व बाहरी दीवार को लीपते हैं। ।कोरोना को लेकर सजग हैं यहां के ग्रामीण।वार्ड सदस्य बताते हैं कि गांव को कोरोना मुक्त रखने में आम ग्रामीणों की व्यक्तिगत सजगता काफी महत्वपूर्ण है। बाहर से जब प्रवासी गांव आते हैं तो उन्हें गांव के किनारे बने विद्यालय भवन में कुछ दिन रखा जाता है। ।गांव में अभी तक नहीं मिला एक भी संक्रमित।स्‍थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार सिंह बताते हैं कि पिरौटा में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। हां गांव-गांव में कैंप कर वैक्सीन दी जा रही है। वैक्‍सीन कोरोना से बचाव का उपाय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1da18abd744d5eb5e533dabf1030da030fb7e858 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71264.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्‍यों एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स एंड डेशबोर्ड 2020-21 के तीसरे संस्‍करण को जारी कर दिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक केरल एक बार फिर से इसमें नंबर वन के स्‍थाान पर काबिज है। वहीं बिहार पहले की ही तरह इस सूची में सबसे नीचे है। इसका सीधा सा अर्थ है कि बिहार की प्रोग्रेस रिपोर्ट और उसका प्रदर्शन बेहद खराब है। ये रिपोर्ट राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों की आर्थिक और पर्यावरण का आंकलन करते हुए तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में केरल को 75 अंक हासिल हुए हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु को एक समान 74 अंक हासिल हुए हैं और ये दूसरे नंबर पर काबिज हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्‍यों की बात करें तो इसमें केवल बिहार ही शामिल नहीं है बल्कि असम और झारखंड भी है। + +नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉक्‍टर राजीव कुमार ने एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स एंड डैशबोर्ड 2020-21: पार्टनरशिप इन द डिकेड ऑफ एक्‍शन के नाम से इस रिपोर्ट को डॉक्‍टर वीके पॉल सदस्‍य (स्‍वास्‍थ्‍य), नीति आयोग, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और संयुक्‍ता समदर जो कि एसडीजी की सलाहकार हैं, की मौजूदगी में जारी किया है। इस रिपोर्ट को इसके प्राइमरी स्‍टेकहोल्‍डर, जिसमें राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेश, भारत में मौजूद संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियां, केंद्रीय मंत्रियों और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के साथ हुए विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। पीआईबी की तरफ से कहा गया है कि इस रिपोर्ट में जारी आंकड़े हर किसी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26cab905ce420b4303e0e1d53489b8be40dcab70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। बीते दो माह में कोरोना संक्रमण की तेजी के चलते कई शादी कार्यक्रम टल गए थे। अब जब एक बार फिर संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो लोगों ने शादी की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। जून और जुलाई माह में खास मुहुर्त में शादी करने का मन बना रहे लोगों ने खरीदारी भी शुरू कर दी है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है इस बार जून माह में 20 से 24 तारीख पर विशेष मुहूर्त है, वहीं खरीदारी भी विशेष दिन करना बेहद लाभकारी रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72604c9153cb6b4925a2b6a48dd46873ecfd1b9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिनेवा (यूएन)। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में फैली कोरोना महामारी को लेकर चेतावनी दी है। एजेंसी का कहना है कि महामारी के बीच इन देशों में कोरोना वैक्‍सीन की काफी कमी देखी जा रही है। इसके लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इसके लिए कोवैक्‍सी योजना के तहत तत्‍काल वैक्‍सीन उपलब्‍ध करवाई जानी चाहिए। एजेंसी ने ये भी कहा है कि वैक्‍सीनेशन के अलावा शरणार्थियों और ऐसे लोगों का ध्‍यान भी रखना होगा जिन्‍हें इनकी तलाश है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab180dc8be92b72d1cbc8979afcb2e6d4e58335e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71269.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना की चेेेन तोड़नेे के ल‍िए बाजार बंद किया गया था। लेकिन, बाजार खुलते ही शहर की सड़कों पर जाम व दुकानों में भीड़ डरा रही है। भीड़ की स्थिति को देखते हुए लोग पिछले साल की तरह कुछ दिन थोड़ा-थोड़ा बाजार खोलने की बात कहने लगे हैं। पिछले साल एक दिन कपड़ा तो दूसरे दिन सराफा समेत अन्य बाजार खुल रहे थे लेकिन, अबकी बार एक दम पूरा बाजार खोलने से स्थिति से कहीं फिर से हालात न बिगड़ जाएं। ऐसे में जरूरी न हो तो भीड़ में जाने से बचना ही समझदारी है। + +कपड़ा, किराना, नमकीन समेत कई दुकानों के भीतर भीड़ उमड़ रही है। जीएमडी रोड स्थित आबकारी भवन के सामने लंबा जाम लग गया। करीब 20 मिनट तक वाहन जाम में फंसे रहे। सुपर मार्केट का हाल भी भीड़ से बुरा था। इलेक्ट्रानिक्स का यह सबसे बड़ा बाजार है। इस मार्केट में मुरादाबाद ही नही आसपास के शहरों से भी लोग खरीदारी करने आते हैं। कटरानाज में भी जाम की स्थिति रही। किराना के सामान की थोक मंडी होने के कारण यहां ठेले, रेहड़िया, ई रिक्शा व दुपहिया वाहनों की लंबी कतारें लग गईं हैं। दुकानों पर भी भीड़ ऐसी कि कोरोना बम क्यों न फूटे। व्यापारी से लेकर ग्राहक तक जागरूक नहीं दिखाई दे रहे हैं। मास्क सभी लगाए हैं लेकिन, भीड़ कोविड के नियमों को तारतार कर रही है। बुध बाजार, मंडी चौक, गंज बाजार, नवीन नगर, डबल फाटक समेत कई बाजारों में भीड़ रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..023b65c358fc913c07b55df00630dc53cb6d5a1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस ग्रह नासा का दूसरा मिशन वीनस एमिसिविटी, रेडियो साइंस, इनसार, टोपोग्राफी मिशन। इसके तहत शुक्र ग्रह की एक पूरी तस्‍वीर बनाई जाएगी। इसके जरिए वैज्ञानिक इस ग्रह के इतिहास को भी समझने की कोशिश करेंगे। ये मिशन वैज्ञानिको ये समझने में भी मदद करेगा कि आखिर ये ग्रह धरती से इतना अलग क्‍यों है। इन मिशन के जरिए नासा के वैज्ञानिक ये भी पता लगाएंगे कि वहां पर क्‍या अब भी ज्‍वालामुखी विस्‍फोट होते हैं और भूकंप आते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र के बारे में उन्‍हें अब तक बेहद कम बातें पता हैं। लेकिन इन दोनों मिशन के बाद कुछ अनूठी और अनोखी जानकारियां हमारे सामने आ सकेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ccd3970b367278d1e9346ed640442ea9ca15bb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71272.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, सुखपाल सिंह खैहरा सहित इन तीन विधायकों का कांग्रेस में शामिल होने रास्ता बहुत पहले ही क्लीयर हो गया था। 28 मई को इन विधायकों की ज्वाइनिंग का समय भी तय हो गया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। यह मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर की रणनीति का ही हिस्सा था, जिसके कारण उन्होंने 28 मई को तो ज्वाइनिंग नहीं करवाई गई और 3 जून तो इन नेताओं की ज्वाइनिंग तब करवाई जब वह दिल्ली में पार्टी हाईकमान की तरफ से बनाई गई कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए जाने की तैयारी कर रहे थे। + +सुखपाल खैहरा के बहनोई जस्टिस रणजीत सिंह (सेवानिवृत्त) मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खासे करीबी हैं। चर्चाएं रही हैं कि जस्टिस रणजीत सिंह खैहरा को कांग्रेस में वापस लाने के लिए लगातार लाबिंग करते रहे। खैहरा, पिरमल सिंह और मास्टर जगदेव सिंह की कांग्रेस में 28 मई को एंट्री तय हो गई थी। 28 मई को दोपहर तीन बजे तीनों विधायकों ने कांग्रेस ज्वाइन कर लेना था लेकिन उस दौरान पार्टी हाईकमान ने कांग्रेस में कलह को देखते हुए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने इन विधायकों की एंट्री को रोक दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e49aae208fd41f3dabc39c1ea95491bfbfbe6efd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े सामाजिक व आरटीआइ कार्यकर्ता हरपाल सिंह राणा कहते हैं कि उनके संपर्क में 50 बेसहारा बच्चे हैं। इन बच्चों के पुनर्वास की वह पिछले कई साल से मांग कर रहे हैं। इस मामले को लेकर वह हाई कोर्ट में भी गए। मगर सरकार की ओर से कोर्ट में गलत जानकारी दे दी गई कि वह हजारों बेसहारा बच्चों को पाल रही है। राणा का कहना है कि सरकार ने कोर्ट में उन बच्चों की जानकारी दे दी, जो सरकार के अनाथालयों में रह रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71274.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71274.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f4be86bbe5b0c300119434b39cbc04c82ef70ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71274.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। एक माह से अधिक की बंदी के बाद ताजनगरी में अनलाक हो चुका है। कोरोना काल में रेस्टोरेंट को डाइनिंग की अनुमति न देकर केवल होम डिलीवरी की अनुमति दी गई है। यहां रेस्टोरेंट ही नहीं सितारा होटल भी अपने लजीज पकवानों की होम डिलीवरी कर रहे हैं। शहरवासियों की पसंद को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मेन्यू में चाट, पिज्जा, बर्गर व पास्ता भी शामिल किए हैं। इसमें स्वाद के साथ सेहत और हाईजीन का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इससे उनके रेस्टोरेंट तक सीमित रहने वाला स्वाद अब एक फोन पर शौकीनों के घर पहुंच रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fff107522cd6eab1312202a2d2910817d18051c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71276.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। सीबीएसई के बाद काउंसिल आफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE)ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद कर दी है। राज्यों की बात करें तो हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश ने अपने राज्यों में बोर्ड परीक्षाएं रद कर दी है। उम्मीद है कि अन्य राज्य भी सीबीएसई के फैसले से मद्देनजर बोर्ड परीक्षा रद कर दें। ऐसे में स्नातक दाखिले कैस होंगे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने साफ किया है कि यदि प्रवेश परीक्षाएं नहीं होती हैं तो फिर दाखिला मेरिट से होगा। हालांकि जेएनयू परिस्थितियों में सुधार होने पर प्रवेश परीक्षा कराएगा। जबकि जामिया मिल्लिया इस्लामिया का कहना है कि उनके यहां दाखिले पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। + +डीयू सूत्रों की मानें तो दाखिले से जुड़े मसलों पर विचार विमर्श के लिए मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक हुई। दाखिले से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि डीयू में दाखिले दो तरह से होते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक के नौ से अधिक पाठ्यक्रमों पर दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कराती है और दूसरा डीयू 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट के जरिए दाखिला देता है। कटआफ जारी की जाती है एवं फिर छात्र विभिन्न कालेजों में दाखिला लेते हैं। + + प्रवेश परीक्षा के भी रद होने की संभावना।वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले प्रवेश परीक्षा के भी रद होने की संभावना है। डीयू ने कुछ समय पहले यूजीसी को एक प्रपोजल भेजा था। जिसमें कहा गया था कि दाखिले का आधार 50 फीसद 12वीं के अंक एवं 50 फीसद सीयूसेट के अंक होंगे। लेकिन चूंकि प्रवेश परीक्षाओं पर संकट का साया मंडरा रहा है तो ऐसे में डीयू मेरिट से दाखिले की तैयारी की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71277.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71277.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b893a7628af9509291cff318d18e69556ad2f952 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71277.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम अपनी शक्ति का जश्न मना सकते हैं और कमजोरियों पर सकारात्मक कार्य कर, उसे दूर कर सकते हैं। ‘द पपेटेरियन’ की सह-संस्थापक एवं आर्टिस्ट संज्ञा ओझा बड़े ही नेक एवं ज्ञानी शिक्षकों के संसर्ग में रहीं। उनसे बहुत कुछ सीखा, जाना। लेकिन कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने उन्हें हमेशा हतोत्साहित किया। यह एहसास कराया कि उनमें सफल होने की काबिलियत नहीं। यहां तक कि जो रास्ता वह चुनना चाहती थीं, उसमें भी अवरोध डाले। लेकिन संज्ञा ने हार नहीं मानी, बल्कि अपने हुनर पर विश्वास रख, मन का किया। संज्ञा कहती हैं, ‘जीवन में कितने ही नकारात्मक तत्व क्यों न आएं, हमें अपने ऊपर भरोसा नहीं खोना चाहिए। जो जैसा है, उसे वैसे ही स्वीकार कर, स्व-प्रेरित रहने का प्रयास करेंगे, तो आगे बढ़ने से कोई हमें रोक नहीं सकेगा।‘।सच भी है कि समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो दूसरों में गलतियां निकालने, दोषारोपण करने में अपना समय व्यर्थ गंवाते हैं। वे समस्या का समाधान निकालने, किसी स्थिति या व्यक्ति को स्वीकार करने के बजाय सवालों में अधिक उलझे होते हैं और अंतत: किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाते हैं। मनोचिकित्सकों की मानें, तो जब कोई इंसान बेचैन या चिंतित होता है, तो वह भविष्य के बारे में अधिक सोचने लगता है। वहीं, जब कोई अवसाद में होता है, तो उसका मन पुरानी व बीती बातों में विचरण करता रहता है। कुल मिलाकर, दोनों ही स्थितियों में क्यों, क्या, कैसे, कब जैसे प्रश्न उसके मन को उलझा देते हैं। जबकि उचित यह रहेगा कि अपने मन को वर्तमान क्षण में लगाएं। वर्तमान पर ध्यान दें, उसे स्वीकार करें। वेलनेस कोच डा.सलोनी सिंह का कहना है कि कोरोना काल में कई बार हम देख रहे हैं कि अमुक व्यक्ति एक परिस्थिति को स्वीकार कर लेता है, उससे सामंजस्य बना लेता है और दूसरे ही क्षण कुछ ऐसा सुन या पढ़ लेता है, जो मन में बेचैनी या भय उत्पन्न कर देता है। ऐसे में उसका विश्वास फिर से डगमगा जाता है। लेकिन हमारा हित इसमें है कि हम अपने विचारों पर ध्यान और भावनाओं पर नियंत्रण रख, वर्तमान परिस्थिति अथवा सच्चाई को स्वीकार करें। स्वीकार करने का अर्थ कतई सहमति रखना नहीं है, बल्कि यह एक साहसिक क्रिया है सच को जैसे है, वैसे ही स्वीकार करना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71279.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8afa85a2c5c61a49ca37840970ff83f1f55b953f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वेबसाइट का भी ले सकते सहारा ।हेल्पलाइन नंबर के अलावा आप वेबसाइट https://cybercrime.gov.i/ पर जाकर ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गृह मंत्रालय ने पिछले साल साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.i/ और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के साथ 155260 पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इस इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन प्लेटफॉर्म पर सबसे पहले दिल्ली को जोड़ा गया है। इसके बाद राजस्थान को जोड़ा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c93fbbf477f74907bd3e76038efa47bcc6ac25dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71281.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मैथन (धनबाद), [श्रवण कुमार]। धनबाद का निरसा प्रखंड। यहां के महरायडीह गांव में रहते हैं किसान भोलानाथ सिंह। अब 60 वर्ष के हो चुके हैं, लेकिन उत्साह नौजवानों सा है। जिद, जुनून और धुन के पक्के भोलानाथ बोलने से ज्यादा काम करने में भरोसा रखते हैं, इसलिए ज्यादा बातें नहीं करते, अपने काम में लगे रहते हैं। उन्होंने अपने गांव में पानी का संकट देखा तो इसका समाधान ढूंढने में लग गए। ढाई दशक पहले एक दिन बहुत सोच-विचार कर इस नतीजे पर पहुंचे कि बारिश में व्यर्थ बह जाने वाली पानी सहेज कर वह पूरे गांव के किसानों के लिए पानी का इंतजाम कर सकते हैं। ।इस पर उन्‍होंने गांव के लोगों से बात की, लेकिन लोगों ने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद भोलानाथ अकेले ही पानी के लिए पसीना बहाने लगे। उनके पास खेती लायक थोड़ी जमीन है। इसी के एक हिस्से पर उन्होंने अकेले ही तालाब खोदना शुरू किया। वह रोज सुबह घर से कुदाल-फावड़ा लेकर निकलते और दिनभर तालाब खोदने के बाद शाम ढलने तक वापस आते। इस क्रम में कई बार घरवालों से लेकर समाज और गांव के लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया, लेकिन वह तनिक भी नहीं डिगे। + +रंग लाई मेहनत, अब खोद रहे दूसरा तालाब।भोलानाथ ने चार साल 3 महीने की हाड़तोड़ मेहनत कर 1998 में 50 फीट व्यास का तालाब तैयार कर लिया। तालाब तैयार हुआ तो लोगों ने उनकी मेहनत की खुले दिल से सराहना की। साथ ही उनकी मेहनत और जुनून के कायल हुए। आज फसलों की सिंचाई से लेकर अन्य कार्यों के लिए इस तालाब का उपयोग पूरा गांव करता है। भोलानाथ को इस बात की संतुष्टि रहती है कि उनकी मेहनत काम आई। तालाब की वजह से आसपास का जलस्तर भी पहले से बेहतर हुआ है। एक तालाब खोदने में सफल होने के बाद भोलानाथ अब अपने खेत में दूसरा तालाब खोदने में जुट गए हैं। इस बार तालाब 100 फीट व्यास का है, लेकिन इसकी खोदाई भी वह अकेले अपने दम पर कर रहे हैं। मकसद यही कि गांव व खेतों में बारिश का पानी व्यर्थ न बह जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9419ba3ea59616e6e3d82460152a977becf111db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महंत की हत्या के लिए जैश के आतंकी ने दी थी सुपारी ।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 15 दिन पहले डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए आ रहे आतंकी कश्मीर निवासी जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को गिरफ्तार किया था। वह भी पाकिस्तान में बैठे जैश के एक आतंकी के कहने पर आया था। इससे पूर्व में भी यति पर हमले के कई बार असफल प्रयास हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10269b21dcc1bb90cc978db30600283dfca2356e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि किम ने एक बार वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के फस्‍र्ट सेक्रेटरी के पद को ग्रहण किया था लेकिन जनवरी में उन्‍होंने खुद को पार्टी का महासचिव बताया था। ये पद उनसे पहले उनके पिता के पास था। 2011 में उनकी मौत के बाद किम ने इस पद को हासिल किया था। उन्‍होंने अपने कार्यकाल में प्रथम सचिव को लेकर भी कई सारे बदलाव किए थे। गौरतलब है कि अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से उत्‍तर कोरिया की आर्थिक हालत बेहद खराब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0505db2bdd0b92de1b3e20a7b4579daa6a68d551 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71294.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। Coronavirus origin मानव इतिहास बताता है कि इस धरती से युद्ध कभी खत्म नहीं हुए। हम शांति की जितनी अधिक कामना करते हैं, उतनी ही अधिक लड़ाइयां दुनिया के किसी न किसी हिस्से में चलती रहती हैं। कभी बम और मिसाइलें बरसाई जाती हैं, तो कभी छिपकर गोरिल्ला शैली के युद्ध छेड़े जाते हैं। इसमें विज्ञान और तकनीक की तरक्की ने नए किस्मों के हथियार बनाकर आग में और घी डालने का काम किया है। जैसे, माइक्रोवेव तरंगें, साइबर जंग और जैविक युद्ध आदि। बताया जाता है कि आज से करीब सौ साल पहले प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सैनिकों द्वारा एंथ्रेक्स और ग्लैंडर्स के जीवाणुओं का जो प्रयोग किया गया था, वह विकसित जैविक हथियारों का ही नमूना था। अब नया मामला कोरोना वायरस की उत्पत्ति का है। + +पिछले लगभग डेढ़ साल से पूरी दुनिया में इस पर चर्चा जारी है कि आखिर कोरोना वायरस आया कहां से है। शक की सूई ज्यादातर समय चीन और वुहान स्थित उसकी प्रयोगशाला पर जाकर ही अटकती रही है। इधर एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावे के साथ कहा गया है कि जब खुद चीन ने कोरोना वायरस का पहला मामला दर्ज किया था, उससे एक महीने पहले वुहान स्थित वायरोलॉजी लैब के शोधकर्ताओं को इसी वायरस की चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। + +अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से ‘वल्र्ड हेल्थ असेंबली’ में इस पर विचार हो रहा है कि क्या ऐसी कोई वैश्विक महामारी संधि तैयार हो सकती है, जिसमें दुनिया को जैविक युद्ध छेड़ने की आशंकाओं की रोकथाम हो सके और ऐसा करने वाले गुनहगार देश को दंडित किया जा सके। अगर ऐसा हो सका तो कोविड-19 जैसी भयानक महामारी से बचने के लिए देशों को कानूनी रूप से जवाबदेह बनाया जा सकेगा। पर इस पूरी कवायद को शुरू करने के पीछे जो असली सवाल है, वह यही है कि क्या चीन ही कोरोना का जनक देश है। और क्या उसी ने अपने शातिर दिमागों का इस्तेमाल कर दुनिया पर यह जैविक युद्ध थोप दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8c623980af2dc3ae4338ae56bcef6b5d25188b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71295.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [अनुराग मिश्र]। Amitabh Bacchan की फिल्म शहंशाह का वो गीत, अंधेरी रातों में सुनसान राहों पर..., हर ज़ुल्म मिटाने को एक मसीहा निकलता है जिसे लोग.., तो शायद सभी ने सुना होगा। ऐसा ही एक समूह सेहत की सौगात लेकर रात 2:30 बजे जब हम सब सो रहे होते हैं तब साइकिल लेकर सूनी सड़कों पर निकलता है। ये वो हैं जिन्होंने बेहतर सेहत के लिए साइकिल से दोस्ती बढ़ा ली है और रोजाना 50 से 100 किमी. का सफर करके फिट रहते हैं। खास तौर पर कोरोना काल में और ज्यादा संजीदगी से साइकिलिंग कर खुद को महफूज रखने में कामयाब रहे। इन साइकिल प्रेमियों का समूह कानपुर राइडर्स वजन, बीपी, शुगर जैसी बीमारियों से कोसों दूर रहने को साइकिल चलाने और फिट रहने का संदेश दे रहा है। समूह की दिलचस्प कहानी से आज विश्व साइकिल दिवस पर हम आपको रूबरू करा रहे हैं। ।मिला साथ तो हुई शुरुआत ।आजाद नगर निवासी रवि शास्त्री बताते हैं, स्कूल के दिनों से साइकिल चलाते थे, उस वक्त दिल्ली के द्वारका में रहते थे। साल 2015 में कानपुर आ गए। यहां लगातार साइकिलिंग करते थे। संपर्क बढ़ा तो अक्टूबर-2017 में राजीव पंडित, अखिलेश बाजपेयी, भावना, आशु माथुर, अमित पांडेय और विक्रम समेत कई लोग जुड़े। वर्तमान में 150 लोगों का समूह बन गया है। इनमें 20 से 25 रोजाना साइकिलिंग करने निकलते हैं, जबकि बाकी लोग वीकेंड पर शनिवार और रविवार को आते हैं। + +पैरालिसिस ग्रस्त जीवन को साइकिल का वरदान ।कैंट निवासी 34 वर्षीय अंकित शर्मा बताते हैं, साल 2009 में दाहिना पैर पैरालिसिस ग्रस्त हो गया था। 2013 में देहरादून में आपरेशन कराने के बाद जीवनशैली बदली। 10 किमी. तक साइकिल चलाने से शुरुआत की। अब रोजाना करीब 50 से 60 किमी. साइकिलिंग करते हैं। बताया कि पांच घंटे 55 मिनट में 126 किमी. साइकिलिंग का रिकॉर्ड बना चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6d0bb01e3e82c9b0025e98c471135b6dd0f4cdc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71300.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। Punjab Congress Dispute: पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह का असर बुधवार को कैबिनेट बैठक में साफ तौर पर देखने को मिला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका था जब बैठक में 32 एजेंडे रखे गए लेकिन 2 एजेंडा पास करने के बाद बैठक खत्म हो गई। छह नाराज मंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए तो उन्हें बैठक में शामिल होने का बुलावा भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, एक नाराज मंत्री ने तो यह भी कह दिया कि पहले विवाद सुलझा लेते हैं, बैठक तो बाद में भी हो जाएगी। + +नाराज छह मंत्री कैबिनेट बैठक में नहीं हुए शामिल, बुलावा भेज बुलाए गए।बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसमें छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी के लिए पेश किया जाना था। इसके अलावा विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे को डीएसपी तो विधायक राकेश पांडे के बेटे को तहसीलदार लगाए जाने के लिए एजेंडा पारित किया जाना था, लेकिन ये दोनों एजेंडे बैठक में नहीं रखे जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20e460c12ec409575f1b3ed6af49fffb3555793b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जबलपुर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के सतना जिले के बरौंधा थाने में पुलिस अपने एक आरक्षक का जन्मदिन मनाती रह गई और बड़ी मशक्कत से हाथ आया डकैत का साथी चकमा देकर फरार हो गया। मामला मंगलवार रात का है। जब आरक्षक संजय यादव के जन्मदिन के जश्न के दौरान 20 हजार के इनामी डकैत अर्जुन परिहार का साथी अजय पाल भाग निकला। बुधवार को पुलिस दिनभर उसकी तलाश में जंगल की खाक छानती रही। पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के अनुसार बीते लगभग एक साल से एमपी और यूपी की सीमा में सक्रिय डकैत के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान मिले सुरागों के आधार पर बांदा जिले के बदौसा थाना अंतर्गत टेरा - महुटा निवासी अजय पाल समेत दो लोगों को 30 मई की शाम सीमावर्ती जंगलों से पकड़ा गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9722613242d6921c0424cdc127dc0b89f63bca1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71306.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने सत्‍ता संभालने के बाद तालिबान और अमेरिका के बीच हुए समझौते की समीक्षा करने की बात कही थी। इसके अलावा उन्‍होंने ये भी कहा था कि वो समझौते के मुताबिक अमेरिकी फौज को मई तक अफगानिस्‍तान से वापस लाने में असमर्थ हैं, लेकिन 9/11 की बरसी से पहले वो अपनी फौज को पूरी तरह से अफगानिस्‍तान से बाहर निकाल लेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbcbb59d4c0f3f048df40df8252b1e60a96d2f6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71307.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इसमें 40 प्रतिशत की कमी आई। उन्होंने कहा कि अकेले भारत में हर साल खराब वायु गुणवत्ता का शिकार होने से करीब 16 हजार लोगों की समय पूर्व मृत्यु हो जाती है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि भारत के प्रमुख शहरों में भूमि की सतह के तापमान में पिछले पांच साल के औसत (2015-2019) के मुकाबले काफी गिरावट आई और दिन में तापमान एक डिग्री सेल्सियस जबकि रात में दो डिग्री सेल्सियस तक ठंडा रहा। + +ब्रिटेन की साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर व अध्ययन के सह-लेखक जादू दास ने कहा, 'हमने स्पष्ट रूप से देखा कि वायुमंडलीय प्रदूषकों में कमी के परिणामस्वरूप स्थानीय स्तर पर दिन और रात के तापमान में कमी आई। सतत शहरी विकास की योजना बनाने में यह एक महत्वपूर्ण खोज है।' अध्ययन में पाया गया कि भारत के प्रमुख हिस्सों में सतह के तापमान के साथ-साथ, सतह और वायुमंडल के शीर्ष पर वायुमंडलीय प्रवाह में भी काफी गिरावट आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05d05ea8c79963688c47981f84c89b79a61f94a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71308.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गत 23 व 24 अप्रैल को टाटा संस मुंबई तथा नीलिका केमिकल प्राइवेट लिमिटेड बांसी, मुंबई की ओर से पांच- पांच करोड़ रुपये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेजे गए। राकेश केमिकल प्राइवेट लिमिटेड मुंबई ने एक करोड़ रुपये भेजे। इसी तरह मई में ही टाटा संस मुंबई के नटराजन चंद्रशेखर ने 10 लाख रुपये का चेक ट्रस्ट कार्यालय को भेजा, जिसे सोमवार को बैंक में जमा किया गया। कोरोना से संघर्ष के दौरान ही नई दिल्ली के चमनलाल गुप्त आगे आए, उन्होंने एक लाख एक हजार रुपये भेजे। + +अहमदाबाद के अनंत जितेंद्र त्रिवेदी ने 25 हजार, यहीं से हनुमान जी मंदिर कैंप ट्रस्ट ने पांच लाख रुपये का चेक भेजा। इसी प्रांत के श्रीकुमार ने एक लाख 11 हजार रुपये दिए। नीलांशी इंटरप्राइजेज अरावली गुजरात ने 51 हजार तथा आंध्र प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक ने 34 हजार रुपये का चेक भेजा। ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्त का मानना है कि भले ही लोग महामारी में लाकडाउन लगने से आराध्य का दर्शन नहीं कर सके, लेकिन उनसे मिली ये राशि मंदिर निर्माण के प्रति भक्तों के उत्साह को बयां करती है। लाकडाउन में भी लोग संकल्प से निधि समर्पित करते रहे और चेक भेजते रहे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..960156ba74093a8ede8208526b24604f28d606e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बड़े होने के नाते सैलून पर काम पर जुटाए पैसे।परिवार में बड़ा बेटा होने के नाते जावेद अपने पिता के सैलून पर काम किया और परिवार के पालन पोषण के साथ सेंटर में एंट्री के लिए फीस जुटाई। लगन इतनी की दिल्ली स्टेट साइकिलिंग चैंपियनशिप में जीत दर्ज कराने के बाद कुरुक्षेत्र में आयोजित 23वीं नेशनल साइकिलिंग चैंपियनशिप 2018 में साइकिल दौड़ा कर कांस्य पदक जीतकर गरीबी को पहली पटखनी दे डाली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73451210b7f0aeacd1ca3da504b03324a45651c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71311.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [राजीव सक्सेना]। बाजार में सामान्य रूप से एक से 20 रुपये तक के सिक्के रोज के लेनदेन के रूप में हैं। सिक्कों की खपत पर लगातार नजर रखने वाले रिजर्व बैैंक ने भी देखा है कि पांच रुपये के सिक्कों की खपत लगातार बढ़ रही है। इसके चलते हर वर्ष पांच के सिक्कों की आपूर्ति बाजार में बढ़ाई जा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में ही 110 करोड़ के करीब पांच के सिक्के देश में उतारे गए। हर वर्ष बाजार में सिक्कों की नई सप्लाई के जरिए रिजर्व बैंक चलन में सिक्कों की वैल्यू करीब 26 हजार करोड़ के आसपास बनाए है। धीमी रफ्तार से ही चलन में सिक्कों का मूल्य बढ़ रहा है। + +छपाई की कीमत घटती-बढ़ती।2017 के आंकड़ों के मुताबिक उस समय पांच रुपये का नोट 48 पैसे में छप रहा था। 10 रुपये का नोट 96 पैसे, 20 रुपये का नोट 1.5 रुपये, 50 रुपये का नोट 1.81 रुपये, 100 रुपये का नोट 1.79 रुपये, 500 रुपये का नोट 3.09 रुपये, 2,000 रुपये का नोट 3.54 रुपये में छप रहा था। अगले वर्ष 2018 में 10 रुपये का नोट पांच पैसे ज्यादा होकर 1.01 रुपये वहीं 20 रुपये का नोट एक रुपये में छपने लगा। इसी तरह 50 रुपये का 1.01 रुपये तो 100 रुपये का नोट 1.51 रुपये में छप रहा था। छपाई की कीमतें हर वर्ष बदलती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c374150b7294c4c5bff12eb4ca04f7ad0e050f2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71313.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोहतक, [ओपी वशिष्‍ठ]। Black Fungus: ब्‍लैक फंगस पर रोहतक पीजीआइ ने बड़ा खुलासा किया है। ब्लैक फंगस से जिस भी व्यक्ति की आंख की रोशनी चली जाती है, उसमें दोबारा रोशनी आने की कोई गुंजाइश नहीं रहती और आंख निकाले जाने के बाद अन्य आंख का प्रत्यारोपण भी संभव नहीं है। बता दें कि हरियाणा में ब्‍लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक एक हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5932677a0c3e2a5280ea635ee441c9b2ff67e438 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुकेश सहनी से क्‍या हुई बात, लग रहे कयास । इस बीच मांझी ने एनडीए के घटक दल विकासशील इंसान पार्टी के अध्‍यक्ष व मंत्री मुकेश सहनी से मुलाकात की है। इस मुलाकात की बाबत मांझी ने बताया कि उनकी बिहार की स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था सहित अन्‍य मुद्दों को लेकर बात हुई। ये 'अन्‍य मुद्दे' क्‍या थे, फिलहाल स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3f50ed064930aa41133efa7fbf07b98b506a5a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एजेंसी। पृथ्‍वी की कक्षा में चक्‍कर लगा रहा इंटरनेशनल स्‍पेस सेंटर अंतरिक्ष का एक छोटा मलबा रोबोटिक आर्म से जा टकराया। हालांकि, इस टक्‍कर से किसी भी तरह के ऑपरेशन में दिक्‍कत नहीं हुई, लेकिन वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में बढ़ रहे मलबे को लेकर चिंता जरूर पैदा हो गई है। इस टक्‍कर से रोबोटिक आर्म को नुकसान पहुंचा है। इसके चलते उसमें एक छेद हो गया है। अंतरिक्ष में घटित होने वाली इस घटना की तस्‍वीरें जारी की गई है। यह रोबोटिक आर्म 17.6 मीटर लंबी है। इसका व्यास 14 इंच है। हालांकि, इन तस्वीरों से छेद के आकार का सही पता नहीं चल पा रहा है, न ही इस बात की जानकारी मिल रही है कि क्या ये आर्म के भीतर तो नहीं चला गया। ।12 मई को घटित हुई थी घटना ।कनाडाई स्‍पेस एजेंसी द्वारा मुहैया कराई गई रोबोटिक आर्म को चलाने वाले ऑपरेटर्स ने इसमें एक छेद को देखाा है। स्‍पेस एजेंसी के अधिकारियों ने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा है कि ये छेद आर्म के आकार की अपेक्षा छोटा है। अंतरिक्ष में यह घटना 12 मई को हुई थी, लेकिन इसने इंटरनेशनल स्‍पेस सेंटर पर सवार एस्ट्रोनोट की सांस जरूर अटका दी। स्‍पेस सेंटर की रोबोटिक आर्म 17.6 मीटर लंबी है। इसका व्यास 14 इंच है। हालांकि, इन तस्वीरों से छेद के आकार का सही पता नहीं चल पा रहा है, न ही इस बात की जानकारी मिल रही है कि क्या ये आर्म के भीतर तो नहीं चला गया। ।खतरनाक होता है अंतरिक्ष का मलबा ।अंतरिक्ष का मलबा इसलिए ज्‍यादा खतरनाक होता है, क्योंकि मलबे और स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार बेहद अधिक होती है। अगर ऐसे में इसकी किसी से टक्कर होती है तो इससे बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। बता दें कि अंतरिक्ष में दो तरह के मलबे होते हैं। एक इंसानों द्वारा उत्‍पन्‍न किया गया मलबा होता है, जो स्पेसक्राफ्ट या सैटेलाइट्स के निष्क्रिय हो जाने के बाद अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे होते हैं। इस तरह के मलबे की बड़ी मात्रा अंतरिक्ष में मौजूद है। दूसरा, प्राकृतिक रूप से निर्मित मलबा होता है। ये मलबा क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और उल्कापिंड से पैदा होता है। ।इस घटना पर नासा की पैनी नजर ।राहत की बात यह है कि इस टक्कर के बाद भी रोबोटिक ऑर्म ने स्पेस स्टेशन पर अपने काम को बिना किसी बाधा के करना जारी रखा। कनाडाई स्पेस एजेंसी और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की इस घटना पर पैनी नजर थी। कनाडाई स्पेस एजेंसी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, चल रहे विश्लेषण के नतीजे बताते हैं कि रोबोटिक आर्म का काम किसी तरह से प्रभावित नहीं हुआ। हालांकि, इसका नुकसान आर्म बूम और थर्मल ब्लैंकेट के एक छोटे से हिस्से में हुआ है, लेकिन यह काफी सीमित है। इस रोबोटिक आर्म को क्यूबेक के मॉन्ट्रियल में स्थित कनाडाई स्पेस एजेंसी के मुख्यालय से ऑपरेट किया जाता है। ।क्या है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन।इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहा जाता है। इसे इंसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पिछले दो दशकों से अधिक समय से अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। ये अंतरिक्ष में मानव निर्मित ऐसा स्टेशन है, जिससे पृथ्वी से कोई अंतरिक्ष यान जाकर मिल सकता है। इसके अलावा इसमें इतनी क्षमता होती है कि इस पर अंतरिक्ष यान उतारा जा सके। इसके जरिए पृथ्वी का सर्वेक्षण किया जाता है और आकाश के रहस्यों का पता लगाया जाता है। इसे 20 नवंबर 1998 को लॉन्च किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..520015d9f6ba7ea0561fb1604ef547b691aed44a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71320.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा में आइस्क्रीम की आधा दर्जन के करीब बड़ी फैक्ट्रियां हैं। मदर डेयरी और अमूल के बड़े सुपर स्टाक हैं। इसके साथ ही 38 अन्य ब्रांड आइस्क्रीम तैयार करते हैं। जिनमें सहालग और गर्मी के सीजन का काम बढ़ जाता था। सभी ब्रांडों ने गर्मी के सीजन का काम शुरू कर दिया था लेक‍िन एक अप्रैल से काेरोना वायरस के चलते यह कारोबार प्रभाव‍ित होना शुरू हुआ। आइस्क्रीम विक्रेता विजय कुमार की माने तो गर्मी में आइस्क्रीम की मांग बढ़ जाती थी। बाकी दिनों में शादी-पार्टियों के ही आर्डर होते थे लेक‍िन इस बार यह कारोबार 15 फीसद रह गया है। शहर में ही साल भर मेे करीब 50 करोड का कारोबार होता है पर इस बार यह कारोबार सीजन में भी पांच करोड को भी पार नही कर पाया है। + +दो हजार से ज्यादा लोग कर रहे ये काम। आगरा में 350 से ज्यादा आइस्क्रीम के स्ट्रीट विक्रेता हैं। सहालग सजीन में 60 से 65 शादी-पार्टियों के आर्डर मिलते हैं। एक कारोबारी कम से कम 20 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता हैं। इसके अलावा आइस्क्रीम की फैक्ट्रियों में काफी कारीगरों को रोजगार मिलता है। कारोबार‍ियोें की माने तो इस कार्य से करीब दो हजार लोग जुडे है पर कारोबार प्रभावित होने से अधिकांश बेरोजगार हो गए है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd3a99bb7678eecdbf732b57dff7399f9797fca1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूल की आउटडोर गेम टेबल बनाना चुनौती : पूल वैसे तो इनडोर गेम है लेकिन अमेरिका समेत कई देशों में अब पूल का आउटडोर गेम पसंद किया जाने लगा है। इनडोर गेम की टेबल किसी हाल में स्थायी रूप से रखी रहती है, लेकिन आउटडोर गेम में टेबल को बार-बार दूसरे स्थान पर पहुंचाना होता है। ऐसे में उसे तैयार करना चुनौती होती है। ऐसे महंगे खेल उत्पाद का निर्यात कर पाना भी आसान नहीं होता। स्टैग इंटरनेशनल कंपनी टेबल टेनिस गेम के लिए 58 देशों में स्पांसर की भूमिका में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d7f0a773a7e9411bd7db72466169bab5d1d5ab3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई, आइएएनएस। भारतीय कंपनियों पर रैंसमवेयर के हमले बढ़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभी तक कंपनियां डाटा को अनलॉक करने के लिए फिरौती के तौर पर साइबर अपराधियों को तीन गुना रकम दे चुकी हैं। विभिन्न देशों की कंपनियों पर हो रहे रैंसमवेयर पर वैश्विक साइबर सिक्योरिटी कंपनी सोफोस ने स्टेट आफ रैंसमवेयर-2021 के नाम से रिपोर्ट बनाई है।इसके मुताबिक इस वर्ष भारत उन 30 देशों की सूची में अव्वल है, जहां कंपनियों पर सबसे ज्यादा रैंसमवेयर हमले किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6a25016ec9876d879ca452da74a504a20d1b76e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वट सावित्री व्रत का महत्त्व।इस व्रत में सुहागिन महिलायें वट वृक्ष और सावित्री-सत्यवान की पूजा करती हैं और वट वृक्ष के चारों तरफ परिक्रमा लगाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, वट सावित्री व्रत की कथा को केवल सुनने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख-शांति, और धनलक्ष्मी का वास होता है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c492fbfb380df0a08caa9d0ee23c0c55b720aea8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71329.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह बताएं कि “कठ-कथा” की शुरुआत कैसे हुई, यह विचार कहां से आया?।गीतांजलि: मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिग्री लेने के बाद डेवलेप्मेंट कम्यूनीकेशन में एम.ए. किया। मेरे इस सफ़र की शुरुआत तब हुई जब मैं नैशनल एड्स कंट्रोल संगठन (NACO) के साथ जुड़ी। वहां मुझे जो काम सौंपा गया था उसमें गर्भ-निरोधक और परिवार नियोजन से संबंधित विषयों पर सर्वे करने की ज़िम्मेदारी शामिल थी, जिसमें वैश्यालयों की महिलाएं भी थीं। इस सर्वे के दौरान मुझे एहसास हुआ कि इन महिलाओं से निजी स्तर पर बातचीत करने के लिए उन्हें एक सपोर्ट सिस्टम की ज़रूरत होगी। फिर मैंने ऐसा ही किया। इन दीदियों से दोस्ती की, उन्हें प्यार दिया, उन्हें एहसास दिलाया कि मैं पूरी तरह उनके साथ हूं और उनकी तकलीफ़ों को ख़ूब अच्छी तरह समझती हूं। उनसे बात करके मुझे समझ में आ गया था कि ज़िंदगी उनके साथ कितनी बेरहमी से पेश आई है। वे इन कोठों में फंस गई हैं, उनके सपनों को कुचल दिया गया है और दूसरों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए, उनसे कठपुतली की तरह काम करवाया गया है। तब मुझे मेरा मक़सद समझ में आ गया था। मुझे इन “कठपुतलियों” की डोरी काटनी थी, ताकि ये दीदियां अपनी ज़िंदगी अपनी मर्ज़ी से जी सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd57a098b2730ffe770ae7c57f782f04e3874c8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71331.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एआइएडीएमके के चुनाव चिह्न को हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग में रिश्वत दी गई थी और इस मामले में एआइएडीएमके नेता टीटीवी दिनाकरण समेत अन्य शामिल थे। मामले में अगली सुनवाई तीन जून को होगी। हालांकि, पीठ ने आरोपित को कहा कि वह अपनी मां को दिल्ली बुलाने पर विचार करे और यहीं पर उनकी देखभाल व मिलने के लिए हिरासत में पैरोल पर रिहा किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a10cf6fb02c30be0b523b9f4edf62fc95615d8b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. सुशील कुमार सिंह। बंगाल से उठा हालिया विवाद केंद्र-राज्य संबंध के बीच एक नई रंजिश को मानो नए तरीके से हवा दे रहा है। अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और ममता बनर्जी आमने-सामने हैं। असल में 24 मई के केंद्र की मंजूरी का हवाला देते हुए 25 मई को बंगाल सरकार ने एक आदेश जारी किया था कि सार्वजनिक सेवा के हित में अलापन बंद्योपाध्याय की सेवा का विस्तार तीन माह के लिए किया जाता है। लेकिन 28 मई को केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने लिखा कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अलापन की सेवा को भारत सरकार के साथ स्थानांतरित किया है। साथ ही, राज्य सरकार से यह अनुरोध किया कि अधिकारी विशेष को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2455e3e9ee8abb6f992cb770a67aa529366eaade --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71335.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीसरी लहर तभी आएगी जब वायरस में कोई नया म्यूटेशन होगा और लोग पहले की तरह बेपरवाह हो जाएंगे। इसलिए जो गलती इस साल जनवरी में संक्रमण कम होने के बाद की गई उसे दोहराने से बचना होगा। साथ ही टीकाकरण अभियान को तेज करना होगा। टीके के रूप में कोरोना की बीमारी से बचाव के लिए एक कारगर हथियार मौजूद है। दिल्ली एनसीआर में दूसरी लहर की शुरुआत होने पर बहुत ज्यादा लोगों को टीका नहीं लगा था। अब अधिक से अधिक लोगों को टीका देने का मौका है। इससे काफी राहत मिलेगी। इसलिए तीसरी लहर शुरू होने तक जितना समय मिलता है उसमें बड़ी आबादी को टीका देना सुनिश्चित करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83bbd301a37a98897e602bfd4e5e1adb83dd31db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तमाम अध्ययनों में यह बात सामने आई कि वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इम्युनिटी मजबूत होनी चाहिए और आयुर्वेद इम्युनिटी बढ़ाने वाली खूबियों की वजह से इस संक्रमण काल में हर किसी के लिए और अधिक विश्वसनीय बन गया। दरअसल, लोगों को सेहतमंद बनाए रखना ही आयुर्वेद का मूल उद्देश्य है। आयुर्वेद में जीवनशैली को दुरुस्त रखने पर काफी हद तक जोर होता है। कोरोना काल में आयुष मंत्रालय की ओर से संस्तुत आयुष-64, आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रोल, लक्ष्मीविलास रस जैसी आयुर्वेदिक दवाओं की इन दिनों काफी चर्चा है। आयुर्वेदिक/प्राकृतिक उपचार में लोगों की बढ़ती इसी दिलचस्पी के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सकों की मांग भी बढ़ रही है। माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में इस सेक्टर में नौकरी/रोजगार की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3347cea2f825ce6c3fd7a2b7c674a89463340771 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7134.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान के ओकारा में एक बकरी के साथ 5 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की घटना के बाद पीएम इमरान खान को लोग जमकर ट्रोल कर रहे हैं। इस मामले में जहां पांच आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट किया वहीं पूरा पाकिस्तान इसे शर्मिंदगी का सबब मान रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही इस खबर के बाद आमजन का गुस्सा पाक पीएम के खिलाफ फूट पड़ा है जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपने देश में अश्लीलता का जिम्मेदार बॉलीवुड को ठहराया था। + +दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिनों पहले महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को लेकर कहा था कि उनके देश में बढ़ रही यौन शोषण की घटनाएं अश्लीलता के कारण होता है, जो पश्चिमी और भारतीय संस्कृति से आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में टीवी और सिनेमा बॉलीवुड की नकल करने लगे हैं। साथ ही अपने देश के क्रिएक्टिव बिरादरी को हिदायत भी दी कि वो भारतीय फिल्मों को कॉपी नहीं करें। + +इसके साथ ही इमरान खान ने पर्दा करने को भी जरूरी बताया था और कहा था कि पुरुष के सामने औरतों को पूरे कपड़े पहनने चाहिए वर्ना मर्दों का ध्यान भटक जाता है और औरतों के खिलाफ हिंसा के केस बढ़ जाते हैं। अब बकरी के साथ हुई इस दुष्कर्म की घटना के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इमरान खान के बयान को लेकर उन्हें घेरना शुरू कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3d97d18ec7e708ad278850a1faa8250447b617a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71342.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +टोरंटो (रॉयटर्स)। अंतरिक्ष में घूम रहे स्‍पेस जंक या मलबा अब घातक बनता जा रहा है। इसकी एक बानगी उस वक्‍त दिखाई दी जब पृथ्‍वी की कक्षा में चक्‍कर लगा रहे अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन की रॉबोटिक आर्म से इस मलबे का एक टुकड़ा आकर टकरा गया। कनाडाई स्‍पेस एजेंसी ने इसकी जानकारी को साझा करते हुए कहा है कि मलबे के टकराने से स्‍पेस स्‍टेशन की रॉबोटिक आर्म को नुकसान पहुंचा है। इसको आसानी से देखा भी जा सकता है। स्‍पेस एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि मलबे का ये हिस्‍सा रॉबोटिक आर्म के थर्मल ब्‍लैंकेट से टकराया था, जिससे इसको नुकसान पहुंचा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि जिस रॉबोटिक आर्म को इस टक्‍कर से नुकसान पहुंचा है उसको कनाडा ने ही बनाया था। इसको स्‍पेस स्‍टेशन में बीस वर्ष पूरे हो गए हैं। 12 मार्च 2001 को पहली बार इसको स्‍पेस स्‍टेशन से जोड़ा गया था। + +जहां तक रॉबोटिक आर्म का सवाल है तो आपको बता दें कि ये इस स्‍टेशन के लिए बेहद खास है। ये रॉबोटिक आर्म धरती से भेजे गए कार्गो शटल या स्‍पेश शटल को पकड़ने का काम करती है। इसके अलवा ये अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को स्‍पेस वॉक के दौरान भी मदद करती है। इसको कनाडाई स्‍पेस प्रोग्राम के तहत बनाया गया था। अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर घूमने वाले ये टुकड़े नष्‍ट किए गए सेटेलाइट के टुकड़ों से लेकर एस्‍ट्रॉयड और दूसरी चीजों के भी हैं। धरती से लाखों किमी की दूरी पर स्थित एस्‍ट्रॉयड बेल्‍ट में चक्‍कर लगाने वाले एस्‍ट्रॉयड भी कभी कभी इससे निकलकर धरती की तरफ बढ़ने लगते हैं। ये भी कई बार धरती और अंतरिक्ष में चक्‍कर लगाने वाली मानव निर्मित चीजों के लिए खतरा बन जाते हैं। इस एस्‍ट्रॉयड बेल्‍ट में सेरेस नाम का एक डार्फ प्‍लानेट भी है जिसका डायामीटर करीब हजार किमी का है। ये एस्‍ट्रॉयड बेल्‍ट मंगल और जूपिटर के बीच में स्थित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..798ad413c1022c1d2dcce97ce70e80cb5ce535ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कम सोच विचार वाली टिप्पणी । सेंटर फार सोशल रिसर्च की निदेशिका डॉ. रंजना कुमारी अदालत की टिप्पणी को कम सोच विचार के बाद की गई बताते हुए कहती हैं कि यह बहुत तर्कसंगत भी नहीं है। देश में तमाम परिवार ऐसे हैं जिनमें आज भी परिवार का भरण पोषण वृद्ध ही कर रहे हैं। उम्र के आधार पर तो कल यह भी कहा जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि युवाओं के बजाय बच्चों तरजीह दें क्योंकि युवा अपनी क्षमता के शीर्ष पर पहुंच चुके हैं और उनकी तुलना में बच्चों में भविष्य की ज्यादा संभावनाएं हैं। आखिर यह किसी भी सूरत में तर्क नहीं हो सकता कि एक को जीने के लिए दूसरे मरने दिया जाए। यह भी संभव है कि किसी वृद्ध के बचने की संभावना ज्यादा हो, लेकिन अदालत के निर्देश के मुताबिक उसे दवा ही नहीं दी जाए तो उसकी मौत हो जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..072639207115122ed31bae442d65bb4c53403ef4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डब्‍ल्‍यूएचओ ये भी कह चुका है कि कुछ देश जहां अपनी पूरी आबादी को वैक्‍सीन देने पर आमादा है वहीं कई।देश ऐसे हैं जहां पर वैक्‍सीन की एक भी खुराक अब तक नहीं मिल सकी है। ब्राजील और भारत कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर पहले की चेतावनी दे चुके हैं। इसके लिए जरूरी है कि वैक्‍सीनेशन का काम तेजी से हो सके। माना ये भी जा रहा है कि अमेरिका वैक्‍सीन सप्‍लाई को चीन के खिलाफ एक हथियार के तौर पर भी इस्‍तेमाल करना चाहता है। इसके अलावा वो इससे रूस की वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी पर भी भारी पड़ना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc680de529c64f32fb3998f79e3c23d34a123e32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। छोटे-छोटे भूकंप किसी जानमाल की हानि का कारण भले ही न बन रहे हों, लेकिन भूगर्भ विज्ञानी इनके जरिये धरती के गर्भ का कोई बड़ा रहस्य खोजने में अवश्य जुट गए हैं। पिछले एक साल से ऐसे भूकंपों पर लगातार निगरानी भी रखी जा रही है। हालांकि अभी तक कुछ खास हाथ नहीं लगा है, लेकिन विज्ञानियों ने भी हार नहीं मानी है। सोमवार देर रात दिल्ली के रोहिणी इलाके में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 2.4 मैग्नीट्यूड मापी गई। इस भूकंप का अधिकेंद्र भी रोहिणी ही रहा। पिछले साल भी लॉकडाउन के दिनों में रोहिणी में एक ऐसा भूकंप आया था। पूर्वी दिल्ली में भी एक से अधिक बार भूकंप आ चुका है। ।भूगर्भ विज्ञानियों के हाथ नहीं लगा अब तक कुछ खास। बता दें कि इन सभी भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर दो से चार मैग्नीट्यूड थी। इसे गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने रोहिणी और लोनी सहित दिल्ली एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में ऐसे भूकंपों की निगरानी के लिए पिछले वर्ष अस्थायी तौर पर नेटवर्क सिस्टम स्थापित किया। हालांकि भूगर्भ विज्ञानियों का कहना है कि इस एक साल के दौरान अभी तक कुछ खास तथ्य सामने नहीं आए हैं। वजह, ऐसे छोटे-छोटे भूकंप या तो पिछले लॉकडाउन में आए थे या फिर अब आया है। इस बीच ज्यादा भूकंप नहीं आए। अंतराल भी काफी हो गया, इसीलिए भूगर्भ विज्ञानियों के हाथ भी खाली ही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..667b5d11ed164df57b0a4b8fd75f32d464e69723 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वेलकम झील को पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित कर ढाई महीने बाद 75वें स्वतंत्रता दिवस पर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। अनलाक होते ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने इस झील का बचा हुआ निर्माण पूरा कराने के लिए कार्य शुरू करा दिया है। महापौर निर्मल जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर नया लक्ष्य तय करते हुए इस परियोजना को स्वतंत्रता दिवस से पहले तैयार करने का निर्देश दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ab5b127571a5595888620e5687c88fb93c6144c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार पाने वाली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लाक की दियाड़ी ग्रामसभा कई मायने में खास है। ग्रामसभा की संपन्नता और सामाजिक सरोकार हर किसी को लुभाते हैं। वजह है पारदर्शिता के साथ होने वाले विकास कार्य। 44 परिवार और 450 की आबादी वाली यह ग्रामसभा पालीथिन मुक्त होने के साथ स्वच्छता के मानकों पर भी पूरी तरह खरी उतरती है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 150 किमी दूर स्थित दियाड़ी ग्रामसभा सड़क से जुड़ी हुई है। यहां साक्षरता दर भी 95 फीसद है। दस लोग पुलिस, सेना व अन्य सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। प्राथमिक और जूनियर विद्यालय ग्रामसभा में ही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..640e65c96c17b8e95b33cd9fa3bef6be136e1060 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)।नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्रीय कमेटी के समक्ष पुराने मुद्दे ही उठाए।वहीं, सूत्र बताते हैं कि सिद्धू ने जो हमले ट्वीट के जरिये कैप्टन पर किए थे, कमोवेश कमेटी के समक्ष भी उन्होंने वहीं, मुद्दों को उठाया। कमेटी के समक्ष अपनी बात रखने के बाद मीडिया से बातचीत में सिद्धू ने कहा कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। सिद्धू ने कहा, कमेटी को उन सभी बातों से अवगत करवा दिया गया जोकि पंजाब के जमीन के लोगों से आ रही है। सिद्धू ने अंत में कहा कि हरेक विरोधी ताकत को हराना है और पंजाब को जिताना है। मजेदार बात यह है कि सिद्धू ने विरोधी ताकतें कौन है, इसका कोई उल्‍लेख नहीं किया।  परगट सिंह ने कमेटी की कहा कि पंजाब में यह धारणा बन गई है कि कैप्टन और बादल मिले हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a266edc848e64fcbe10efcc64eee5c1f03a5a5c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71356.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीएम के सामने प्रस्तुतीकरण को लेकर मंगलवार को दिनभर विकास प्राधिकरण में विजन डॉक्यूमेंट पर मंथन होता रहा। विजन डॉक्यूमेंट को प्रधानमंत्री के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाना है। इसलिए पीएम के सामने प्रस्तुत होने से पहले विजन डॉक्यूमेंट को तराशा जा रहा है। बीती 25 मार्च को ही पीएम के समक्ष विजन डॉक्यूमेंट की प्रस्तुति प्रस्तावित थी, लेकिन कोरोना से निपटने की प्राथमिकता की वजह से प्रस्तुतीकरण नहीं हो सका था। एकबार फिर इस दिशा में जोरशोर से तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी के विकास को पीएम की मंशा के अनुरूप आकार देना चाहते हैं। यही वजह है कि वह इसमें कोई कोर-कसर छोडऩा नहीं चाहते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6017b5861d841a8240ab4c4c85222a2706903ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71358.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में पिछले छह माह से चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली दरबार से बूस्टर डोज लेकर लौटे हैं। कोरोना की दूसरी लहर पर समय से काबू पा लेने से उत्साहित मुख्यमंत्री ने दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचते ही जहां वैक्सीन की दूसरी डोज ली, वहीं सीएमओ के अफसरों के साथ मंत्रणा कर अगली रणनीति पर आगे बढ़ने की रणनीति तैयार की। बताया जाता है कि मुख्‍यमंत्री के इस दौरे से किसान संगठनों के साथ सरकार की वार्ता का भी माहौल बना। संकेत मिले हैं कि अगले कुछ दिनों में आंदोलनकारी किसान संगठनों से केंद्र सरकार की वार्ता हो सकती है। + +संघ के आधा दर्जन राष्ट्रीय नेताओं से मिले मुख्यमंत्री ने की कई मामलों पर मंत्रणा।मुख्यमंत्री मनोहरलाल दिल्ली में आरएसएस के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल और सह सरकार्यवाह डा. मनमोहन वैद्य से भी मिले। आरएसएस में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा परिवर्तन हुआ है और नए लोगों को नए दायित्व सौंपे गए हैं। इस लिहाज से भी मुख्यमंत्री की इन नेताओं के साथ मुलाकात व मंत्रणा काफी अहम रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71361.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e2e59bcbc970dccd7574b7c0ff9b99b6610608b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71361.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोट छापना सरकार का संप्रभु अधिकार।करेंसी नोट छापने के नोबेल पुरस्कार विजेता डा. अभिजीत बनर्जी की सलाह के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को वित्तीय घाटे की चिंता छोड़कर मौजूदा हालत में नए नोट छापना चाहिए। सरकार को इसका संप्रभु अधिकार है, मगर आर्थिक उपायों को लेकर उसका रुख हिचक वाला है। अगर कदम नहीं उठाए गए तो एक और साल बर्बाद हो जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि चिंता की बात है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी एक लाख से कम होकर 99,694 रुपये तक पहुंच गई। उससे भी अधिक चिंताजनक है कि ज्यादातर भारतीय दो साल पहले के मुकाबले आज और ज्यादा गरीब हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71362.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71362.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82ce1e82d9c349ca6da37fa906fb4f580b075b4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71362.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की योजना के अंतर्गत रामपुरा हेरियां, रामपुरा कंबोयान, बोहली, मछरौली, संगौर, मुकुरपुर व स्योंसर में जलाशय बनाए जाएंगे। रामपुरा कंबोयान में 350 एकड़ भूमि पर बड़ा जलाशय बनाया जाएगा, जिसमें 300 क्यूसिक पानी को इकट्ठा करने की क्षमता होगी। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड जलाशयों के लिए ग्राम पंचायतों से जमीन लेने की कोशिश में जुटा है। कई पंचायतों ने हामी भी भर दी है, जहां जल्द ही जलाशय बनाने का काम शुरू किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc220b6385b05bdff86b86084f6cba80efb3261d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। कोरोना के बीच मच्छरजनित बीमारियों की कम हुई जांच में निगमों ने नए जांच केंद्र खोलने का फैसला लिया है। इसके लिए दक्षिणी निगम निगम 14 स्थानों पर इन बीमारियों के लिए जांच केंद्र खोलेगा। जहां पर डेंगू-मलेरिया चिकनगुनिया समेत प्लेटलेट्स काउंट की जांच होगी। इसके लिए निगम ने जांच लैब को निविदा के माध्यम से आमंत्रित किया है। जिसके बाद जो लैब सबसे कम दाम यह जांच उपलब्ध कराएगी उसको यह कार्य सौंपा जाएगा।। खास बात यह है कि निगम यह सभी जांच जनता को निश्शुल्क उपलब्ध कराएगा। ।दक्षिणी निगम के अनुसार इस वर्ष उनका लक्ष्य 15 हजार करीब जांच करने का है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अभी निविदा प्रक्रिया पूरी करने की कार्रवाई चल रही है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी इन जांच केंद्रों को खोल दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f8dea844ee5789a29073f082cb8b85bbd4b9551 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71368.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +काबुल (एएनआई)। अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्‍लाह मोहिब ने कहा है कि तालिबान अफगानिस्‍तान में पाकिस्‍तान का प्रॉक्‍सी वार चला रहा है। राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के सिक्‍योरिटी एडवाइजर ने ये भी कहा है कि तालिबानी नेता हिबातुल्‍लाह अखुंदाजा ने अधिकारियों के साथ कोई बैठक नहीं रखी है। 12 माह बाद भी उनका कोई पता नहीं है। इतना ही नहीं, तालिबान को भी उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि हम पहले ये जानना चाहते हैं कि हिबातुल्‍लाह हैं भी या नहीं। तालिबान को इसका जवाब देना चाहिए कि वो कहां हैं। खुफिया एजेंसी ने ये जानकारी दी है कि इतने दिनों से उन्‍हें किसी ने नहीं देखा है। + +अफगानिस्‍तान के एनएसए का ये बयान उन खबरों के बीच आई है जिनमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद के खिलाफ अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से संबंध तोड़ लिए हैं। अफगानिस्‍तान की खामा प्रेस एजेंसी के मुताबिक, हमदुल्‍लाह ने हाल ही में नांगरहर की एक रैली में हमदुल्‍लाह ने पाकिस्‍तान को वेश्‍यालय करार दिया था। उनके इस बयान पर इस्‍लामाबाद में मौजूद राजनेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी।इस बयान के बाद पाकिस्‍तान के नेताओं का कहना था कि अफगानिस्‍तान के एनएसए ने सभी अंतरराज्‍य संचार नियमों को भी खारिज कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2ab15f2f831532050b71da2b434abcc63be09a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7137.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब संजय की हरकत से बुरी तरह डरीं थीं श्रीदेवी।उस वक्त श्रीदेवी का स्टारडम शिखर पर था और संजय को कोई जानता तक नहीं था। ऐसे में जब संयज दत्त सेट पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि श्रीदेवी अपने चेंजिंग रूम हैं। ये सुनते ही संजू दोड़कर उनके कमरे की ओर गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। उस वक्त संजय की आंखे नशे से बुरी तरह से लाल हो रखीं थीं। उन्हें देखकर श्रीदेवी इतनी डर गईं थीं कि वह जोर-जोर से शोर से मचाने लगीं ​थीं। इसके बाद उन्होंने संयज को अपने कमरे से बाहर निकलवाया। इस पूरी घटना का जिक्र संजय ने एक इंटरव्यू में किया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या श्रीदेवी के कमरे में घुसने वाली बात सच है तो इसपर उन्होंने कहा, 'मैं उनके कमरे में गया जरूर था, लेकिन मैंने वहां उनसे क्‍या बात की, कैसे बर्ताव किया, मुझे कुछ याद नहीं है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0569d760010b8f5dc83c7480e230527275469e87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। शनि जयंती हिंदू पंचांग के ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। विशेषकर शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये इस दिन का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार इस वर्ष शनि जयंती 10 मइ को है। शनि राशिचक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। एक राशि में शनि लगभग 18 महीने तक रहते हैं। शनि का महादशा का काल भी 19 साल का होता है। प्रचलित धारणाओं के अनुसार शनि को क्रूर एवं पाप ग्रहों में गिना जाता है और अशुभ फल देने वाला माना जाता है लेकिन असल में ऐसा है नहीं। क्योंकि शनि न्याय करने वाले देवता हैं और कर्म के अनुसार फल देने वाले कर्मफलदाता हैं इसलिये वे बूरे कर्म की बूरी सजा देते हैं अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे परिणाम देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88a81aa02f553937c8d9eeb120fc98d944f2565b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोच के अंदर का दृश्य। जागरण ।आरसीएफ के जीएम रवीन्द्र गुप्ता ने बताया कि एक एसी थ्री टियर इकोनामी क्लास कोच की लागत दो करोड़ 75 लाख रुपये आई है, जबकि थ्री टियर की तीन करोड़ 85 लाख रुपये की लागत आती है। उन्होंने दावा किया कि यह दुनिया का सबसे सस्ता एसी कोच है। गुप्ता ने बताया कि यह कोच अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। कोच का मात्र तीन महीने में निर्माण किया गया। ।नए कोचों को कपूरथला से रवाना किया गया। जागरण ।इसी वर्ष 10 फरवरी को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस लग्जरी खूबियों वाले किफायती एसी थ्री-टियर कोच के नए प्रोटोटाइप का अनावरण किया था। मार्च महीने में इसके ट्रायल के सफल होने के बाद विधिवत निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इन कोचों की डिजाइन में कई बदलाव किए गए हैं। प्रत्येक कोच में दिव्यांग जनों की सुगमता के हिसाब से दरवाजे व शौचालय तैयार किए गए हैैं। मिडिल और अपर बर्थ पर चढऩे के लिए सीढ़ी का डिजाइन बदला गया है ताकि यह देखने में भी सुंदर लगे और यात्रियों को असुविधा भी नहीं हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b196f931e69b7c7eaebc64b1dda383c0d6b77781 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करनाल, [पवन शर्मा]। हरियाणवी देश में सबसे ज्‍यादा फिट माने जाते हैं। खेल और सेना के क्षेत्र में इस प्रदेश के युवा अपना लोहा मनवा रहे हैं। इसका अहम कारण यहां का खानपान है। हरियाणा में कहावत है-दूध-दही का खाना, ऐसा म्हारा हरियाणा। राज्‍य के लोग देश के अन्‍य राज्‍यों की तुलना में तीन गुना ज्‍यादा दूध पीते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2651c3f9002f64d0f2bfc256739dd840421c5ac0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71378.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[योगेश कुमार राज], शामली। उत्‍तर प्रदेश का शामली जनपद। रिम-धुरा समेत कृषि यंत्र निर्माण के लिए प्रसिद्ध इस जिले की औद्योगिक इकाइयां धरती की कोख भी लबालब कर रही हैं। शामली में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) और शामली इंडस्ट्रियल इस्टेट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (एसआइइएमए) से करीब 300 औद्योगिक इकाइयां संबद्ध हैं। इन दोनों ही संगठनों ने जल संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाते हुए बीते तीन सालों से सभी औद्योगिक इकाइयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने का अभियान छेड़ रखा है। अब इसका सुपरिणाम सामने है। यहां की 70 फीसद औद्योगिक इकाइयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जा चुका है। इससे हर साल बरसात का करोड़ों लीटर पानी धरती की कोख में संग्रहित होता है। दोनों ही संगठनों के पदाधिकारियों का दावा है कि जितनी भी फैक्ट्रियों में वर्षा जल संरक्षण का यह सिस्टम लगा है, वह सौ फीसद काम कर रहा है। तसल्ली के लिए कोई भी व्यक्ति कभी भी आकर इन्हें देख सकता है। इतना ही नहीं, शेष 30 फीसद औद्योगिक इकाइयों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इस साल के अंत तक बनवा दिया जाएगा। ये 30 फीसद नई औद्योगिक इकाइयां हैं, जहां किसी प्रकार उत्पादन तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन आधारभूत ढांचे को अभी खड़ा किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b7e7df527be36bbee4b4d1fd2430d2bf646564d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71383.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डब्ल्यूएचओ की 313 पेज की पहली रिपोर्ट में इस वायरस के वुहान की लैब से लीक होने की बात भी महज चार पन्नों में सिमट कर रह गई थी। इन चार पन्नों ने भी डब्ल्यूएचओ की जांच पर सवाल खड़े कर दिए थे। जांच टीम को वुहान के मीट मार्केट के 188 जानवरों के सैंपल में कोरोना वायरस नहीं मिला। वहीं दूसरी ओर, जीनोमिक सिक्वेंसिंग में वुहान के कई संक्रमण के मामले इस मार्केट से अलग म्यूटेशन दिखाते हैं। यानी वायरस पहले से इस कम्युनिटी में मौजूद था। इसलिए रिपोर्ट के मुताबिक वुहान का सीफूड मार्केट वायरस की उत्पत्ति का स्रोत न होकर सुपर स्प्रेडर बना। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि लैब से वायरस के लीक होने की संभावना न के बराबर है। इसे जांचने के लिए वुहान लैब के विज्ञानियों का एंटीबाडी टेस्ट भी किया गया। उनके नतीजे निगेटिव आए थे। हालांकि वायरस के लैब से लीक होने और एंटीबाडी टेस्ट कराने के बीच में एक साल से ज्यादा का अंतराल था। हाल के शोधों में यह बात साफ हो चुकी है कि छह माह के बाद ज्यादातर लोगों में एंटीबाडी नहीं रह जाती। इस तरह डब्ल्यूएचओ की जांच में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का सिद्धांत उलझ कर रह गया है। + +डब्ल्यूएचओ ने एक महत्वपूर्ण तथ्य की अनदेखी की है कि यह वायरस चीनी वंशजों से संबधित लोगों पर कम और यूरोप से संबंधित वंशजों पर ज्यादा हमलावर क्यों है? रिपोर्ट पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने टिप्पणी की थी कि वायरस के लैब से लीक होने की आशंका पर पर्याप्त शोध नहीं किया गया है। उन्होंने इसके लिए अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराने की पेशकश भी की है। चीन ने वायरस को जिस तरह सिर्फ वुहान तक सीमित रखा और डब्ल्यूएचओ की टीम को शुरू में आने की इजाजत ही नहीं दी, इससे साफ है कि वहां की सरकार पारदर्शिता नहीं बरत रही है। इस कारण वायरस की उत्पत्ति की कहानी अधर में लटकी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4748074c90359891ad1454a9164071fbeb379062 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2012 से हुई ग्लोबल डे आफ पेरेंट्स ।संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2012 में प्रत्येक वर्ष एक जून को ग्लोबल डे आफ पेरेंट्स के रूप में मनाने की घोषणा की। एक जून को इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की अहम भूमिका होती है। यह दिवस संदेश देता है कि बच्चों का पालन-पोषण और संरक्षण प्रत्येक परिवार की प्राथमिकता है। बच्चो के विकास में परिवार का माहौल, प्यार, खुशी व समझ के साथ बड़े होने की जरूरत है। इसके साथ ही बच्चों को भी बड़े होने पर अपने जीवन और हर खुशी का ध्यान रखने के लिए माता-पिता का धन्यवाद करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dde7da911f8deb166e8a4e984ec1185380a7488 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्‍म से कम नहीं ये सच्‍ची कहानी।किसी फिल्म सरीखी यह कहानी आगरा के राजकीय शिशु एवं बाल गृह से दो दशक पहले शुरू होती है। पशिमी उत्तर प्रदेश के एक जिले के रहने वाले शिक्षक और उनकी पत्नी नि:संतान थे। पति-पत्नी ने घर के सूने आंगन और बेरंग जिंदगी में रंग भरने के लिए एक बच्चे को गोद लेने का फैसला किया। उन्होंने आगरा के राजकीय एवं शिशु गृह से एक बच्चे को गोद लिया। मगर, बालक के इम्तिहान की घड़ी अभी खत्म नहीं हुई थी। मां की गोद मिले एक साल ही हुआ था। उसे प्यार देने वाली मां की एक साल बाद ही मौत हो गई। ।इस पर शिक्षक पिता ने बेटे की देखभाल के लिए दूसरी शादी की। दूसरी मां ने भी उसे उतना ही प्यार दिया। पाल-पोसकर बड़ा किया। शिक्षक पिता ने उसे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में शिक्षा दिलाई। बेटे ने भी कभी पिता को मायूस नहीं किया। प्रतिभावान बेटे शुरूआत से आखिर तक पढ़ाई में अव्वल रहा। उसकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। बेटा वर्तमान में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है। उसकी पत्नी भी एक कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है। साफ्टवेयर इंजीनियर को गोद लेने वाले पिता ने जब यह कहानी बताई तो उसकी आंखों में खुशी के आंसू थे। उसे पिता से शिकायत भी थी कि उन्होंने उसे इस सच्चाई से क्यों रूबरू कराया। उसे गोद लिया हुआ क्यों बताया। उसके माता-पिता और भगवान तो वही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41ed7741bed2adb092693a98bc451b86bc6bf8fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर सीके राय बताते हैं कि आमतौर पर गांव में दूध निकालने का काम सुबह चार बजे से शुरू हो जाता है। अगर दूध निकालने के बाद उसमें गोबर, बाल का टुकड़ा व गंदगी गिर जाए तो बैक्टीरियल लोड बढ़ जाता है। कई स्थानों पर दुधारू पशुओं को ऐसी जगह बांधा जाता है जहां पर 24 घंटे कीचड़ व गोबर पड़ा रहता है। इससे दूध निकालते समय सौ फीसद हाईजीन का ख्याल नहीं रखा जा सकता। ।डॉ. राय ने बताया कि दूध निकालने के बाद वह अधिकतम आठ घंटे तक रहता है। उसके बाद वह फटने लगता है। अगर स्वच्छता के मानकों का पालन किया जाए तो यही दूध 12 घंटे सही रह सकता है। उन्होंने बताया कि विश्व में भारत अकेले 22 फीसद दूध का उत्पादन कर नंबर एक पर है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में दुधारू पशुओं की संख्या तीन सौ मिलियन है जो करीब दो सौ नौ मिलियन टन वार्षिक दूध देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd8564e236ae291f1dd7493e8212ab187da67432 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71393.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि चीन ने वुहान लैब में जानबूझकर प्रयोग से जुड़े तथ्यों को नष्ट किया। जिन विज्ञानियों ने इसे लेकर अपनी आवाज उठाई, उन्हें चुप या गायब कर दिया गया। अध्ययन में बताया गया है कि इस संबंध में सैंपल्स की जांच के दौरान वायरस में एक यूनिक फिंगरप्रिंट पाया गया जो लैब में वायरस के साथ छेड़छाड़ करने के बाद ही संभव है। इस अध्ययन के बाद से अमेरिका और ब्रिटेन कोविड-19 की संभावित उत्पत्ति की गहन जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर लगातार दबाव बना रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8917c237e9f4ba8559ad55e72cc7e03193d314e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण के लिहाज से 2020 और 2021 का मई माह एक जैसा ही रहा है। दोनों ही बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। मई 2020 का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्युआइ) 143 था और इस साल 144 दर्ज किया गया है। हालांकि, पिछले साल वायु गुणवत्ता के मध्यम श्रेणी के रहने के पीछे बड़ी वजह लॉकडाउन के कारण सभी तरह की गतिविधियों का ठप होना रहा था, जबकि इस साल मौसम की मेहरबानी से वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। दोनों वर्ष गंभीर नहीं हुई वायु गुणवत्ता पिछले वर्ष मई में एक भी दिन बहुत खराब अथवा गंभीर श्रेणी का प्रदूषण नहीं रहा और न ही इस बार। पिछले वर्ष मई में दो दिन वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही थी, जबकि इस बार तीन दिन खराब श्रेणी में रहे। इसी तरह मध्यम श्रेणी की हवा वाले दिन पिछले साल 25 थे, इस साल 22 रहे। संतोषजनक श्रेणी वाले दिन गत वर्ष चार थे, जबकि इस साल बढ़कर छह हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18c2cc33a0241767f57650628b8dbe3b9e9b08c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71397.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार से शुरू हो रही ब्रिक्‍स बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हो रहे हैं। वर्चुअल तरीके से होने वाली ये बैठक अपने आप में बेहद खास है। इनके अलावा इस बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस फ्रांको फ्रांका, दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री ग्रेस नालेदी पैंडोर भी भाग लेंगे। ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत समेत दुनिया के लगभग सभी देश कोविड महामारी से जूझ रहे हैं। भारत की अगुआई में हो रही इस बैठक में भारत का रुख काफी दिलचस्‍प होगा, जिसपर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। आपको बता दें कि ब्रिक्‍स संगठन में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f73afd920d3414424e2b4073e8e8dc6958b6c865 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रति व्यक्ति कितना मिल रहा दूध।प्रदेश में 2018-2019 में 584 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्ध हो पा रहा था। 2019-20 में यह बढ़कर 610 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन हो गया। 2020-2021 में इसमें और वृद्धि होने का अनुमान है। इसी तरह से 2018- 2019 में प्रदेश में 14.60 लाख टन दूध उत्पादन होता था। यह 2019-2020 में बढ़कर 15. 30 टन हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d099cef3b5709a1bc1ffb9e081ca097e9c3fa12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7140.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl ऐश्वर्या राय की सेलिब्रिटी फोटोग्राफर डब्बू रतनानी ने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें शेयर की हैl यह तस्वीरें 2021 कैलेंडर शूट की हैl ऐश्वर्या राय के फैंस के लिए डब्बू रतनानी ने यह तस्वीरें बुधवार को इंस्टाग्राम पर शेयर की हैl तस्वीरें शेयर करते हुए डब्बू रतनानी ने लिखा है, 'जब आप अंदर प्रकाश रखते हैं, वह बाहर भी बिखरता हैl ऐश्वर्या राय की चमकदार तस्वीरें डब्बू रत्नानी के कैलेंडर सेl'।यह एक ब्लैक एंड वाइट तस्वीर हैl इसमें ऐश्वर्या राय ट्रेंच कोट पहने नजर आ रही हैं और वह कैमरे की ओर गंभीरता से देख रही हैl इस फोटो के साथ ऐश्वर्या राय डब्बू रत्नानी के कैलेंडर पर 22 वीं बार नजर आई हैंl 2020 की तस्वीरें शेयर करते हुए ऐश्वर्या राय ने लिखा था, 'अपने 25 वर्ष पूरे करने पर बधाईl आपके कैलेंडर के साथ मैं 21 साल से जुड़ी हुई हूंl भगवान आपका भला करेंl'।ऐश्वर्या के पति अभिषेक बच्चन भी डब्बू रत्नानी के कैलेंडर पर 20 बार नजर आ चुके हैंl अभिषेक बच्चन ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, 'डब्बू रत्नानी कैलेंडर 2021' ऐश्वर्या राय इन दिनों मणिरत्नम की फिल्म में काम कर रही हैंl ऐश्वर्या राय फिल्म अभिनेत्री हैंl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl।ऐश्वर्या राय ने अभिषेक बच्चन से शादी कर ली हैl उन्हें आराध्या नाम की एक बेटी भी है। अभिषेक बच्चन सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैl जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl उनकी तस्वीरें काफी पसंद की जाती हैl अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या की जोड़ी देखने लायक हैl फैंस दोनों की तस्वीरें काफी पसंद करते हैl ऐश्वर्या राय ने बॉलीवुड में कई कलाकारों के साथ काम किया हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b992f314e706e9d674886c0cd59f03d466c493e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। अनलाक के तहत राजधानी में सोमवार को फैक्ट्रियों व निर्माण साइटों को खोल दिया गया लेकिन पहला दिन तैयारियों में ही बीता। ओखला इंडस्ट्रियल एस्टेट में पहले दिन सोमवार को बहुत कम फैक्ट्रियां खुलीं। जो खुलीं भी उनमें काम की बजाय साफ-सफाई आदि ही की गई क्योंकि स्टाफ नहीं आ पाए। दिल्ली फैक्ट्री ओनर्स फेडरेशन व ओखला इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन शर्मा ने बताया कि सरकार ने फैक्ट्रियों व निर्माण साइटों पर काम करने की इजाजत ताे दे दी लेकिन इसके लिए जो राहत देनी चाहिए थी वह नहीं दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fedfa4a04356847481564ecd7a6ab1da01a7b77a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71402.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास पहुंची रिकार्डिंग, पार्टी हाईकमान को फोन कर जताई आपत्ति।यह जानकारी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास पहुंच गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पार्टी हाईकमान को फोन कर इस पर आपत्ति दर्ज करवाई। प्राइज़ जानकारी के अनुसार कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री को इसकी रिकार्डिंग भी मुहैया करवाई। इस प्रकरण के बाद पार्टी में नया विवाद छि़ड़ने की संभावना है। + +के्ंद्रीय कमेटी की बैठक में नेताओं ने कहा- कैप्टन बनाम सिद्धू लड़ाई में पार्टी बनी हाईकमान।बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठा कि पंजाब में कैप्टन बनाम सिद्धू की लड़ाई में पार्टी हाईकमान एक ‘पार्टी’ बन गई है। राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री ने यह बात मल्लिकार्जुन खड़गे, जय प्रकाश अग्रवाल और हरीश रावत की कमेटी के सामने भी यह बात कही कि इस विवाद में पार्टी को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं, बैठक से पहले विधायकों को कांग्रेस के सचिव व राजस्थान के मंत्री हरीश चौधरी द्वारा फोन करके बैठक में क्या कहना है, यह समझाने की कोशिश की गई। यह मामला तब गर्मा गया जब यह मामला मुख्यमंत्री के पास पहुंच गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..156eb4c5baf520c237d715543f9edb32b6a55103 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। जब कभी भी संपूर्ण आहार की बात होती है, सबसे पहले दूध का नाम सामने आता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन-ए, बी-1, बी-12, विटामिन-डी, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि बहुत से जरूरी तत्व होने की वजह से इसे सबसे ज्यादा पोषक माना जाता है। शाकाहारी के लिये दूध को पूर्ण भोजन माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और वे सारे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। ।दूध में मौजूद इतने सारे पोषक और पाचक गुण होने की वजह से इसे आयुर्वेद में एक अलग ही स्थान दिया गया है। चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के काय चिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डा. अजय कुमार बताते हैं कि सामान्य तौर पर दूध मधुर, चिकना, ओज एवं रस आदि धातुओं को बढ़ाने वाला, वात-पित्त कम करने वाला, वीर्य को बढ़ाने वाला, कफकारक, भारी और शीतल होता है। आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि दूध किस जानवर का है और इसे कैसे व कब पीना चाहिए। । आयुर्वेद में आठ प्रकार के दूध का है उल्लेख ।- आयुर्वेद के आचार्यो ने मुख्य रूप से आठ प्रकार के दूध का उल्लेख किया है। इनमें गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी, घोड़ी, हथिनी, गधी और स्त्री के दुग्ध पर विशेष वर्णन मिलता है। इन आठों में से स्त्री यानी मां का दूध सर्वोत्तम बताया गया है। इसके बाद गाय और बकरी के दूध को अधिक गुणकारी बताया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71409.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ac066db15d9ed3e7e44909eb6bfdf74ede8597b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71409.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्र नहीं कर सकता दखलंदाजी ।यही नहीं, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी के तय नियम हैं। केंद्र उसमें बहुत ज्यादा दखलअंदाजी नहीं कर सकता। जाहिर है अलपन की पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने में कार्मिक मंत्रालय के हाथ बंधे होंगे। चूंकि अब तक रिटायरमेंट के बाद आइएएस अधिकारियों और जजों की किसी पद पर नियुक्ति का कोई प्रतिबंध नहीं है इसलिए ममता सरकार ने दांव चलते हुए अलपन को अपना सलाहकार बना लिया है। इस मामले में उन्हें रोका नहीं जा सकता। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1563f127d8d6d5d277d727bcb9d2ce99076c6271 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजय जैन, भोपाल। सरकारी मदद पाने के लिए लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि किसी योजना में पात्र होने के बाद भी हितग्राही मदद लेने से इन्कार कर दे। कोरोना काल में किसी भी कारण से माता-पिता की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए राज्य सरकार ने बाल सेवा योजना बनाई है, लेकिन मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक मात्र पात्र हितग्राही के परिवार ने इस योजना का लाभ लेने से इन्कार कर दिया। परिवार का कहना है कि हमें जरूरत नहीं है, बेहतर होगा कि किसी अन्य जरूरतमंद को इसका लाभ दिया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8f6012c2c55cff3666d9611765dbda1dbbcf916 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71412.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीठ ने कहा कि पूरी परियाेजना नोटिस प्रक्रिया के माध्यम से निविदा देकर शुरू की गई है। केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि जनवरी 2021 में आवंटित की गई परियोजना को नवंबर 2021 से पहले पूरा करना है और समय ही अनुबंध का सार है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने सामान्य तरीके से परियोजना की समयसीमा को बढ़ाने की मांग की है। परियोजना की राष्ट्रीय महत्ता को देखते हुए अदालत इस तरह की जिरह को स्वीकार नहीं कर सकती है। वह भी तब जब दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के 19 अप्रैल 2021 के आदेश के तहत इस तरह का निर्माण प्रतिबंधित नहीं किया गया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने 17 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56f5eb639add147a6795f4824e92a0b6b3050e7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71414.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉ एंथोनी फासी भी वायरस के प्राकृतिक रूप से पैदा होने की बात से सहमत नहीं है। इसमें और जांच की जरूरत की वे वकालत कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार जैमी मेजल भी लैब-लीक थ्योरी को संभव मानते हैं। उनका कहना है कि वायरस और उसकी वैक्सीन को लेकर दुनिया में तमाम प्रयोग होते रहते हैं। हो सकता है कि इसी क्रम में चीन की वुहान लैब में दुर्घटना बस इस वायरस का प्रसार हो गया हो। दुनिया के कई प्रतिष्ठित वायरोलॉजिस्ट मानते हैं कि उन्होंने प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ ऐसा कोई वायरस नहीं देखा जो अफ्रीका के 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी उतना ही प्रभावी हो जितना एवरेस्ट के माइनस 40 डिग्री तापमान में। ऊपर से वायरस की उत्पत्ति पर चीन की लीपापोती शक को और गहरा करती है। आज जिस वायरस ने दुनिया में कोहराम मचा रखा हो, मानवता सहम और सिहर चुकी हो, आखिर उसकी उत्पत्ति की जवाबदेही तो तय करनी ही होगी। ऐसे में कोरोना वायरस के लैब निर्मित और प्राकृतिक रूप से पैदा होने के पीछे की तमाम अवधारणाओं की पड़ताल आज बड़ा मुद्दा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a88e63cf2aad1a8ebe754d18af7b3fde4f93ea81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71417.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेनों को तेज गति से चलाने के लिए ज‍ितने जरूर आधुनिक व मजबूत कोच की आवश्यकता होती है, उससे अधिक जरूरी रेलवे लाइन, रेलवे लाइन के नीचे लगने वाले स्लीपर, पंड्रोल क्लिप की भी होती है। तेज गति से ट्रेन चलने पर कोच कांपे नहीं इसके लिए रेलवे लाइन के नीचे पत्थर होता है। रेलवे ने देश से सभी प्रमुख रेल मार्ग पर तेज गति से ट्रेनों को चलाने की योजना तैयार की है। उसी के आधार पर रेलवे लाइन में सुधार का काम किया जा रहा है। इस मामले में मुरादाबाद रेल मंडल बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। पिछले साल कोरोना महामारी के बाद भी मंडल रेल प्रशासन ने दूसरे मंडल से उच्च क्षमता वाली रेलवे लाइन, आधुनिक स्लीपर मंगाया और मैन पावर के साथ मशीनों को बदलने का काम किया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में रेल मंडल में मशीन के द्वारा 130 किलोमीटर पुराने स्लीपर के स्थान पर आधुनिक बाइड स्लीपर डालने का काम किया गया। बाइड स्लीपर की खासियत है कि यह पुराने स्लीपर से 40 फीसद अधिक भारी होता है। स्लीपर की चौड़ाई भी अधिक होती है। रेललाइन को स्लीपर से पकड़ बनाए रखने के लिए पंड्रोल क्लिप लगाने की व्यवस्था की जाती है। बाइड स्लीपर में क्लिप लगाने की स्थान की चौड़ाई 6 मिलीमीटर से बढ़ाकर 10 मिलीमीटर कर दी गई है। इससे हैवी पंड्रोल क्लिप लगाया जाता है। 6 एमएम में पंड्रोल क्लिप आठ सौ किलोग्राम की भार को सहन करता है। जबकि दस एमएम की पंड्रोल क्लिप 14 सौ किलोमीटर का भार सहन कर सकता है। आधुनिक स्लीपर लगाने के बाद पत्थर कम लगता है। पुराने सिस्टम में एक मीटर पर 2.5 क्यूबिक मीटर डालना पड़ता है। जबकि बाइड स्लीपर में दो क्यूबिक मीटर डालना पड़ता है। आधुनिक स्लीपर, पंड्रोल क्लिप डालने के बाद 160 की गति से दौड़ने के बाद स्लीपर अपना स्थान नहीं छोड़ता है। जिससे तेज गति से ट्रेन चलने पर कोच नहीं कांपता है। चालू वित्तीय वर्ष में दो सौ किलोमीटर आधुनिक स्लीपर डालने के लिए अप्रैल में मांग के विपरीत तीन सौ फीसद स्लीपर व 250 फीसद पत्थर की आपूर्ति की गई है। भारतीय रेलवे में मुरादाबाद रेल मंडल बाइड स्लीपर लगाने में आगे रहा है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71419.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71419.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..256bb8db090c9dc323106f6a3b0e5263b2e91aef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71419.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोबाइल के रेट पर भी असर। मोबाइल शॉप के संचालक ज‍ितेन्‍द्र ने बताया क‍ि मांग के मुताबिक मोबाइल की सप्लाई नहीं हो रही है। ऐसे में स्टॉकिस्ट ने दाम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसमें लावा, माइक्रोमैक्स, वीवो, ओप्पो ब्रांड के मोबाइल के रेट 15 से 20 फीसद बढ़ गए हैं। चीन से मोबाइल व एसेसरीज की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई है। ऐसे में कवर, चार्जर, मेमोरी कार्ड, बैट्री, मदर बोर्ड, मोबाइल बॉडी, मोबाइल डिस्प्ले समेत अन्य एसेसरीज के दाम 20 से 40 फीसद तक बढ़ गए हैं। बाजार में डिमांड का सिर्फ 50 फीसदी ही सप्लाई हो रहा है। ऐसी ही स्थिति रही तो स्टाक खत्म हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0380f37a713b687ea28b6da5178e592e8897717 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तरनतारन में हरियावल लहर से जुड़े शिक्षक। जागरण।भूपिंदर सिंह मझेल ने बताया कि स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के दौरान पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में दर्ज पावन बाणी का जिक्र करते हुए पवन गुरु पानी पिता, माता धरत महत की व्याख्या की तो मन में ख्याल आया कि केवल बच्चों को सिखाना ही हमारी जिम्मेदारी नहीं, खुद भी इस रास्ते पर चलना चाहिए। जिसके बाद गुरु नगरी तरनतारन शहर की सड़कों, फुटपाथों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पौधे लगाए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a957e55df5eb6045a8375c27aa4cf2432ad03230 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71421.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के मकसद से दिल्ली समेत देश के तमाम राज्यों में लॉकडाउन बढ़ाया गया है। दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति कमोबेश एक सी है, ऐसे में दिल्ली, के साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कुछ राहत के साथ लॉकडाउन 7 जून तक बढ़ाया गया है। आइये जानते हैं कि अनलॉक प्रक्रिया शुरू करने की कड़ी में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 7 जून तक कहां और कितनी छूट मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d26b69e4b8cadef4568d30a233b5f985799ecf62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दक्षिण भारत के अहम राज्य केरल में मानसून की दस्तक में विलंब होने से दिल्ली में भी इसका आगमन देरी से होने की संभावना है। इस बार दिल्ली-एनसीआर में मानसून 27-28 जून के बजाय जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में दस्तक दे सकता है। भारतीय मौसम विज्ञानियों के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती गतिविधियां शुरुआती दिनों से ही मानसून को प्रभावित कर रही हैं। मानसून से पहले तूफान के प्रभाव से तटीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश भी मानसून की सुव्यवस्थित प्रणाली के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती है। केरल में मानसून की दस्तक में देरी होने से आगे का चक्र भी प्रभावित होगा। दक्षिण-पश्चिमी मानसून का शेड्यूल लगभग हर जगह बदल सकता है। हालांकि, कुल बारिश उसी तरह से होने की संभावना है, जैसा कि पूर्वानुमान जताया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87752282a048c79af1b2844b1207fc4e4c265705 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों के किसी भी तरह का नशा करने की शिकायत मिले तो उससे प्यार के साथ बात करें। उसे नशे से होने वाले नुकसानों की जानकारी दें, कैंसर जैसी घातक बीमारी के बारे में भी बताएं। कहें कि तंबाकू जीवन के लिए खतरनाक है। इससे खुद ही वह नशे से दूर होने की कोशिश करेगा। गुस्से से बात करने पर बच्चे के दिमाग पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..754b1dcf306739e4891983b2d3a24ed0c0e8e7ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl प्रियंका चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर लंदन में बिताए अपने पलों की तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl इन तस्वीरों में प्रियंका चोपड़ा के अलग-अलग अंदाज को देखा जा सकता हैl एक तस्वीर में प्रियंका चोपड़ा को छाते के साथ देखा जा सकता हैl वह बारिश में भीगी सड़कों पर चलती नजर आ रही हैl वहीं दूसरी फोटो में वह मार्शमैलो का मजा ले रहे हैंl इसमें उनके दोस्त भी नजर आ रहे हैंl तीसरी फोटो में वह जर्मन शेफर्ड और अपने अन्य दोस्तों के साथ मस्ती कर रही हैl वही चौथी तस्वीर में वह वाटरमेलन का आनंद ले रही हैंl।फोटो शेयर करते हुए प्रियंका चोपड़ा ने लिखा है, 'फोटो डम्पl' इसके साथ ही उन्होंने कई अन्य हैशटैग का भी उपयोग किया हैl इन फोटो को आलिया भट्ट ने भी लाइक किया हैl प्रियंका चोपड़ा पिछले वर्ष से लंदन में हैl वह अपनी फिल्म 'टेक्स्ट फॉर यू' की शूटिंग के लिए लंदन आई थीl इस फिल्म में उनके अलावा और भी कई कलाकारों कीअहम भूमिका हैl।प्रियंका चोपड़ा हाल ही में द वाइट टाइगर का प्रमोशन करते नजर आई थीl इस फिल्म में उनके अलावा राजकुमार राव की अहम भूमिका थीl यह फिल्म काफी पसंद की गई थीl प्रियंका चोपड़ा सिटाडेल नामक एक स्पाई फिल्म की भी शूटिंग कर रही हैl प्रियंका चोपड़ा की कई फिल्में रिलीज होने वाली हैl इनमें मां आनंद शीला भी शामिल हैl प्रियंका चोपड़ा हाल ही में पति निक जोनास से मिलने अमेरिका भी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e75e9c3baab1d53fc23f01f27146fbd4caa1543 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिशिगन (रॉयटर्स)। अमेरिका में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक लोगों के अंदर कई तरह के बदलाव देखे गए हैं। अमेरिकन साइक्‍लोजिकल एसोसिएशन के हालिया सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में करीब 42 फीसद व्‍यस्‍क लोगों ने अपना वजन बढ़ने, 18 फीसद लोगों ने वजन कम होने, 66 फीसद लोगों की स्लिपिंग हैबिट, 23 फीसद लोगों ने शराब पीने की आदत में इजाफा होने की बात मानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17f7b1fb1f79a07681ca3afa44045c47d6f16e2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वजह से पोस्टमार्टम आसान नहीं होता। ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम के लिए बायोसेफ्टी आटोप्सी लैब की जरूरत होती है। एम्स के फारेंसिक मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुधीर गुप्ता ने कहा कि आइसीएमआर व विश्व के चिकित्सा समुदाय को बायोसेफ्टी आटोप्सी लैब विकसित करना चाहिए। इससे कोरोना से मृत व्यक्तियों के शवों के परीक्षण और शोध से यह समझने में मदद मिलेगी कि मरीजों में मौत के असल कारण क्या रहे? उन कारणों का पता लगाकर तीसरी लहर आने पर इलाज का प्रोटोकाल तैयार किया जा सकेग। ।क्या होता है बायोसेफ्टी ऑटोप्सी लैब ।दुनिया के कई शोध में यह बात सामने आई है कि लैब आधारित संक्रमण आटोप्सी लैब में काम करने वाले कर्मचारियों में अधिक होता है। बायोसेफ्टी आटोप्सी लैब में ऐसी आशंका नहीं रहती। इस वजह से शव के आंतरिक हिस्से का सुरक्षित तरीके से परीक्षण कर मौत के कारणों का पता लगाया जा सकता है। वर्ष 2003 में चीन में सार्स का संक्रमण होने पर बीएलएल-3 (बायोसेफ्टी लेवल-3) आटोप्सी लैब तैयार की गई थी। लैब में स्वच्छ हवा के प्रवेश और निकास के सिस्टम में उच्च दक्षता पार्टिकुलेट एयर फिल्टर (हेफा फिल्टर) लगाए गए थे। लिहाजा लैब को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि बाहर से संक्रमण अंदर न प्रवेश करने पाए और लैब के अंदर से भी संक्रमण बाहर न जाने पाए। आटोप्सी के लिए बिल्कुल अलग कमरा होता होता है, जो बंद रहता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71437.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ec2f44de4d5b176a2e6ca8bee149e20b869c1af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71437.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण संवाददाता, रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के विज्ञानियों ने समुद्री गाय (डुगोंग) के जीवाश्म पर किए गए शोध से पता लगाया कि भारत में डुगोंग का इतिहास चार करोड़ 20 लाख साल पुराना है। विज्ञानियों का दावा है कि भारत में स्तनधारी समुद्री गाय की चार प्रजाति मौजूद थीं। लेकिन, अब मात्र एक ही प्रजाति रह गई है और वो भी विलुप्ति के कगार पर है। विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि संरक्षण नहीं होने पर समुद्री गाय का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। + +आइआइटी रुड़की में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि शाकाहारी एवं स्तनधारी समुद्री गाय की भारत में कम से कम चार प्रजाति थीं। इनमें आदिम प्रजाति भी शामिल थी, जो इस क्षेत्र में लगभग चार करोड़ 20 लाख साल पहले रहती थी। जबकि, अन्य प्रजातियों की लगभग दो करोड़ वर्ष पूर्व मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मिले समुद्री गायों के जीवाश्म पर शोध कर रहे आइआइटी रुड़की के प्रोफेसर सुनील वाजपेयी, उनके सहयोगी और छात्रों के अध्ययन के आधार पर यह आकलन किया गया है। विज्ञानियों के अनुसार डुगोंग कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, पाक खाड़ी (तमिलनाडु), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है। सरकार ने भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत समुद्री गाय का शिकार प्रतिबंधित किया है। + +प्रो.सुनील वाजपेयी ने बताया कि आइआइटी रुड़की के पृथ्वी विज्ञान विभाग की प्रयोगशाला में डुगोंग और व्हेल के जीवाश्म रखे गए हैं। इन पर निरंतर शोध चल रहा है। अध्ययनों से पता चलता है कि वास्तविक विविधता और भी अधिक हो सकती है। भारत न केवल समुद्री गायों के लिए, बल्कि व्हेल जैसे अन्य स्तनधारियों के लिए भी विकास और विविधीकरण का एक प्रमुख केंद्र था। वाजपेयी के अनुसार मौजूदा समय में डुगोंग की केवल एक ही प्रजाति है। जो समुद्री जल में पनपती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71439.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71439.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75a741d76a5283c670a1de6e1f1eba1da8f954a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71439.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक करोड़ के टर्म प्लान भी खूब बिके।स्वास्थ्य बीमा के साथ जीवन बीमा में भी पिछले एक साल में तेजी दर्ज की गई है। लोगों ने स्वास्थ्य के साथ जीवन बीमा पालिसी भी खरीदी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष में आगरा में 272 फीसद की ग्रोथ हुई थी। इसके साथ प्रीमियम में 262 फीसद का ग्रोथ हुई थी। एलआइसी के क्षेत्रीय प्रबंधक सुनील कुमार रतन ने बताया कि कोरोना काल में लोगों ने जीवन आनंद प्लान को सबसे ज्यादा पसंद किया। टर्म प्लान में 25 लाख से एक करोड़ के प्लान लोगों ने लिए हैं। वहीं, अन्य जीवन बीमा कंपनियों की ग्रोथ भी कई गुना बढ़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..198cc72e14a4e133733b5debf4e2bf90744010a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। Three Day's Weather Forecast: आज से आने वाले तीन दिनों तक चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा के कुछ हिस्सों में जोरदार बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में भारी बारिश के साथ आंधी चलने की भी संभावना है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों तक 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इस दौरान राहगीरों को सावधानीपूर्वक चलना होगा। सबसे ज्यादा दो पहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को सचेत रहने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71443.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71443.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b68ed5514a7ca7f1ce58082d158fd34468fe35ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71443.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताजमहल पर प्रदूषक तत्वों की स्थिति।वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम।जनवरी ।2019, 5, 26, 191, 267, 366।2020, 7, 22, 159, 196, 257।2021, 4, 18, 188, 216, 291।फरवरी।2019, 5, 18, 122, 164, 285।2020, 5, 22, 107, 156, 239।2021, 5, 23, 116, 179, 308।मार्च।2019, 6, 20, 74, 143, 271।2020, 4, 19, 65, 105, 193।2021, 4, 22, 71, 187, 411।अप्रैल।2019, 5, 18, 64, 168, 354।2020, -, -, -, -, -।2021, 4, 36, 59, 216, 402।वार्षिक मानक।एसओटू: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।एनओटू: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।पीएम2.5: 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।पीएम10: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3803dc946e2498163d63a616d08e270a594231b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-तंबाकू सेवन करने वालों में वायरस का इंफेक्शन और निमोनिया सामान्य व्यक्तियों की अपेक्षा 50 फीसद तक तेजी से होता है। अब कोरोना है, गले की खराबी निमोनिया न बन जाए। इसलिए भविष्य में कोरोना व अन्य घातक बीमारियों से बचने के लिए तंबाकू से तौबा करने की जरूरत है। -डॉ. सुधीर चौधरी, वरिष्ठ प्रोफेसर, रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिलक कॉलेज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47f63c825ef4dcd1b5244613c8fb7bbef3cca031 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71445.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के प्रसार में धूम्रपान और तंबाकू के सेवन की अहम भूमिका है और ऐसे लोगों के कोरोना संक्रमित होने पर अन्य की अपेक्षा जोखिम भी बढ़ जाता है। नरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड इन सर्विसेज के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। भारत में तंबाकू के कारण प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार भारत में तंबाकू सेवन प्रारंभ करने की औसत आयु 18.7 वर्ष है। महिलाओं की तुलना में पुरुष कम उम्र में तंबाकू का सेवन करना प्रारंभ कर देते हैं। + +कोरोना संक्रमितों को ज्यादा खतरा: दुनिया में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या लगभग 17 करोड़ पहुंच चुकी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या 34 लाख से अधिक हो चुकी है। यह वैश्विक आपदा 21वीं सदी की अब तक की सबसे बड़ी आपदा साबित हुई है। इसने लगभग 100 साल पहले हुई एक बड़ी आपदा स्पैनिश फ्लू की याद दिला दी है, जिससे पूरी दुनिया में लगभग पांच करोड़ लोगों की मौत हुई थी और भारत में लगभग दो करोड़ लोगों की मौत हुई थी। भारत में भी कोरोना ने अपना विकराल रूप धारण किया हुआ है। अब तक ढाई करोड़ से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके है तथा लगभग तीन लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ज्ञात रहे कि कोरोना मानव शरीर की कोशिकाओं में एसीई-2 रिसेप्टर्स के माध्यम से प्रवेश करता है। धूमपान न करने वालों की तुलना में धूमपान करने वालों के फेफड़ों में एसीई-2 की संभावना ज्यादा पाई जाती है, जिससे इन व्यक्तियों को कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इस प्रकार यह साफ है कि धूमपान करने वालों में एसीई-2 कोरोना संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5dd038cf525d91570d668e1a8cad36e163ad624 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71447.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute) द्वारा विकसित गार्गल के सैंपल से कोरोना जांच की तकनीक पर विवाद खड़ा गया है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरटीड) ने रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर इस तकनीक पर दावा ठोका है। पत्र में आरडीए ने कहा कि सैलाइन गार्गल से सैंपल लेकर कोरोना की जांच की तकनीक पर सबसे पहले एम्स ने शोध किया। जिसे पिछले साल जुलाई में ही इंडियन जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया था। लेकिन उस पर आइसीएमआर ने संज्ञान नहीं लिया। अब इसका पूरा श्रेय नीरी को दिया जा रहा है। नीरी ने एम्स आरडीए के दावे को बेबुनियाद बताया है। + +एम्स में यह शोध एनेस्थीसिया व मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट व वरिष्ठ डाक्टरों ने मिलकर किया था। आरडीए ने अपने पत्र में कहा है कि 50 मरीजों के सैलाइन से गार्गल कराकर सैंपल लिए गए थे। गार्गल से सैंपल लेना आसान है। इसलिए शोध का मकसद यह पता लगाना था कि गार्गल से सैंपल लेना आरटीपीसीआर जांच के लिए कारगर है या नहीं। जांच में यह नाक-मुंह से स्वैब लेने के बराबर ही असरदार पाया गया। पिछले साल जून में इस शोध को आइसीएमआर के समक्ष प्रस्तुत करने पर एक दूसरा शोध करने के लिए कहा गया। उसे भी अक्टूबर 2020 में पूरा कर सौंपा जा चुका है। नीरी का प्रयास बधाई का पात्र है, उसका शोध अभी जर्नल में प्रकाशित होना बाकी है। लेकिन एम्स के शोध को नजरअंदाज करना डाक्टरों का मनोबल तोड़ने वाला है। यदि आइसीएमआर ने पहले इस शोध पर ध्यान दिया होता तो एक साल में करोड़ों रुपये बचाए जा सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fc9faaec15df7198f249d2d85d57f6f567a62d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पति बोला साहब गोली मार दो, लेकिन पत्नी को स्वीकार नहीं करूंगा।कारागार में दूसरा मामला अमरोहा जनपद से जुड़ा है। 14 दिसंबर 2018 को दो माह के बच्चे को पटक कर जान से मारने से मारने के मामले में पुलिस ने अमरोहा जनपद के डिडौली थाना क्षेत्र स्थित चौधरपुर गांव निवासी सुनीता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस मामले में महिला के पति सुनील ने ही थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। 11 मई 2021 को कोर्ट से पेरोल स्वीकृत होने के बाद जेल अफसर और पुलिस की गार्द के साथ महिला बंदी को पति के घर छोड़ने के लिए गई थी। जब पुलिस ने सुपुर्दगी के लिए डिडौली थाने में पति को बुलाया तो अफसरों के सामने ही पति खुद को गोली मारने की बात कहने लगा। पत्नी ने कई बार अपने अपराध के लिए क्षमा-याचना की, लेकिन पति उसकी एक बात भी मानने को तैयार नहीं हुआ। यहां तक पुलिस को पति ने यह लिखकर दे दिया कि चाहें उसे गोली मार दी जाए, लेकिन वह अपनी पत्नी की सुपुर्दगी नहीं लेगा। उसने कहा कि जो औरत अपने बच्चे की नहीं हुई, वह मेरी क्या होगी। पति से ठुकराए जाने के बाद महिला बंदी ने मां-बाप के घर दिल्ली जाने की इच्छा जताई। इसके बाद जेल अफसर और पुलिस दिल्ली स्थित मयूर विहार फेज थ्री न्यू कोंडली के घर ले गई। घर में महिला की मां और भाई मिला। दोनों को मयूर विहार थाने में सुपुर्दगी के लिए बुलाया गया। लेकिन मां और भाई ने भी महिला की सुपुर्दगी लेने से इन्कार कर दिया। इस दौरान बंदी सुनीता मां के सामने गिड़गिड़ाती रही, लेकिन मां का दिल एक बार भी नहीं पिघला। अफसरों ने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिवार के लोग नहीं माने। परिवार के द्वारा सुपुर्दगी न लेने पर अफसर महिला बंदी को वापस कारागार में ले आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42fb0c5b45c2af9983655bb8c414c5ac8511fa38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71450.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। इम्युनिटी बढ़ाने के साथ अंडा अब कारोबारियों की माली हाल भी सुधार रहा है। लॉकडाउन में भी स्थानीय स्तर उनके व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है। पोल्ट्री फार्म से जुड़े किसान और कारोबारियों का व्यापार बढ़ गया है। पशुपालन विभाग के मुताबिक राजधानी में 12 पोल्ट्री फाॅर्म हैं जहां से हर दिन तीन से पांच अंडे का कारोबार होता है। राजधानी में एक दिन में 20 से 25 लाख अंडे की खपत है। लाॅकडाउन की वजह से आवागमन और व्यापार बंद रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a77aa362b10864a26ce7253ec4663aaff6857836 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71451.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या [प्रवीण तिवारी]। रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण की तेज होती प्रक्रिया के साथ ही रामजन्मभूमि परिसर को वास्तुदोष से मुक्त करने की योजना परवान चढ़ रही है। यहां पूजन अर्चन के साथ ही इस भूमि के परिक्षेत्र की माप को भी दुरुस्त किया जा रहा है। दरअसल, जन्मभूमि परिसर (70 एकड़) भूमि की रचना वास्तु के प्रतिकूल है। इसी वजह से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इसके आस-पास की भूमि की खरीद करने में जुटा है। जैसे जैसे भूमि की खरीदारी आगे बढ़ रही है, वैसे न सिर्फ इसकी माप सटीक हो रही है बल्कि, वास्तु संरचना भी ठीक होने लगी है। अब तक रामकोट में अलग-अलग भू स्वामियों से तकरीबन चार एकड़ जमीन की खरीदारी हो चुकी है। + +मंदिर निर्माण में वास्तुदोष दूर करने के लिए परिसर के पूर्वोत्तर व पश्चिम दिशा में अधिक भूमि की तलाश है। ट्रस्ट ने इसे प्राथमिकता के तौर पर लिया है। परिसर को भूमि खरीद से ही आयताकार व वर्गाकार आकार देना है। फीकरेराम मंदिर को परिसर का हिस्सा बनाया जा चुका है। अभी पांच एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की ढलाई का कार्य चल रहा है। विस्तारित क्षेत्र में तमाम प्रकल्प भी विकसित करने का प्रस्ताव है। इस विस्तार का जिम्मा ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्र को दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c342ec5ac0e293e39a0d1709c689ce633d7d9e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। इंटरनेट मीडिया दोधारी तलवार है। इसका तेज, सरल और सहज उपलब्ध होना मौजूदा दौर की तमाम जरूरतों को पूरा करने में मददगार है लेकिन गलत हाथों में पड़ जाए तो इसके यही गुण मुसीबत बन जाते हैं। इंटरनेट मीडिया को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशा- निर्देशों के बाद शरारती तत्वों ने वाट्सएप को लेकर एक ऐसा मैसेज फैला रखा है, जिससे हर आम-ओ-खास चिंतित है। दरअसल, इस मैसेज में कहा गया है कि नए नियम लागू होने के बाद सरकार ना केवल आपके सभी मैसेज पढ़ेगी बल्कि वाट्सएप के जरिये किए गए आडियो और वीडियो काल रिकार्ड भी करेगी। इस संबंध में जब साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने सभी संदेह दूर किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b4a37b647414129cecf9b79a0a20a6fef04a014 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में कानपुर शुरू से ही सिरमौर रहा है। हिंदी के पहले अखबार उदन्त मात्र्तण्ड के संपादक कानपुर व उन्नाव से जुड़े थे, जबकि इस क्षेत्र का पहला हिंदी समाचार पत्र ब्राह्मण भी यहीं से प्रकाशित हुआ था। इसका संपादन पंडित प्रताप नारायण मिश्र ने किया था। हालांकि, इससे पहले भी 1971 में हिंदू प्रकाश और 1879 में शुभ चिंतक मासिक हिंदी समाचार पत्र निकलने का उल्लेख है, लेकिन ये कम समय में ही बंद हो गए थे, जिससे ज्यादा ब्योरा नहीं मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30c6686cf96dd04aaeb75c87c02e84ceb49809f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग भी सतर्क हो गया है। आयोग का मानना है कि अगर तीसरी लहर के दौरान वायु प्रदूषण नियंत्रण में नहीं रहा तो यह मानव स्वास्थ्य पर दोहरी मार होगी। इसी के मद्देनजर आयोग ने चार जून को विशेष बैठक रखी है। इस वर्चुअल बैठक का एजेंडा कोरोना काल एवं सर्दी के दौरान एनसीआर सहित समीपवर्ती क्षेत्रों में हवा साफ रखने की रणनीति तैयार करना होगा। पुनर्गठन के बाद यह आयोग की पहली बैठक है। इसमें सभी 18 सदस्य शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75181f5b331db23d0f451ba7186747da13897be9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम के मंदिर निर्माण में लगी कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने एक की बजाय दो शिफ्टों में दिन-रात काम शुरू किया है। चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट क्षेत्र में ग्राउंड इंप्रूवमेंट के तहत चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट क्षेत्र में इंजीनियर्ड फिल्ड मैटीरियल की 44 परत बिछाई जानी है। जहां नींव की शुरुआती चार परत शिफ्ट करने में करीब दो माह का समय लगा, वहीं अब 72 घंटे में प्रत्येक परत के निर्माण की कार्ययोजना पर अमल शुरू हो गया है। समझा जाता है कि नींव का बाकी कार्य बरसात बीतते-बीतते पूरा कर लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10a0ad2fe824d7c39fff7ec1c3bb1e8bd7744ce5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71460.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की इस साल की हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त कर दी गई है। हाईस्कूल के 29.94 लाख विद्यार्थियों को कक्षा 11 में प्रोन्नत किया जाएगा। संक्रमण के दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के ही 56 लाख परीक्षार्थियों को राहत नहीं दी है, बल्कि कुल परीक्षार्थियों की तादाद एक करोड़ से अधिक है। इनमें इंटर के परीक्षार्थी ही तय समय से आधे में ही इम्तिहान देंगे, बाकी हाईस्कूल, 9वीं व 11वीं के छात्र-छात्राएं प्रोन्नत हो रहे हैं। बोर्ड के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा छह, सात व आठ के परीक्षार्थी भी बिना इम्तिहान अगली कक्षा में पहुंचेंगे। हालांकि, उनकी तादाद काफी कम है और आंकड़े बोर्ड मुख्यालय पर नहीं हैं। + +उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार नौवीं में 28 लाख 24 हजार 12 पंजीकृत थे। इनमें 15 लाख 68 हजार 275 छात्र व 12 लाख 55 हजार 737 छात्राएं हैं। इसी तरह से 11वीं में कुल 22 लाख 89 हजार 556 पंजीकृत थे। उनमें 12 लाख 37 हजार 284 छात्र व 10 लाख 52 हजार 272 छात्राएं हैं। दोनों कक्षाओं में ही 51 लाख 13 हजार 568 छात्र-छात्राओं को प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। इसके अलावा 29.94 लाख परीक्षार्थी हाईस्कूल के हैं, जो प्रोन्नत हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09fbb8d14422599a1e87462317206066dc4f8247 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71461.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बड़े जरूरी हैं छोटे जंगल।बेहतर होगा कि हम जल्द से जल्द इस आदत को बदल लें और जिन जंगलों को हमने बर्बाद कर दिया, उन्हें एक बार फिर उगाकर अपना पश्चाताप कर लें। अब आप कहेंगे कि इंसान जंगल कैसे उगा सकते हैं? तो दो-चार पेड़ों से शुरुआत कर छोटा सा जंगल बनाया जा सकता है। पृथ्वी को इंसानों के रहने लायक बनाए रखना है तो छोटे-छोटे जंगलों के रूप में वृक्षों का गुलदस्ता लगाना होगा। ऐसा भी नहीं है कि जीवनदायी हरे-भरे वातावरण के लिए इतनी जगह तक न मिल सके, जिसमें दो-चार पेड़ लगाकर उनका संरक्षण और पोषण हो पाए। जरूरत है कि एक साथ मिलकर प्रदूषण से निपटने के लिए छोटे-छोटे जंगल बनाने की पहल हो। मात्र 10-15 वर्ग फुट क्षेत्र में ही दो से चार पेड़ आराम से तैयार किए जा सकते हैं। बेंगलुरु में बसे उत्तराखंड के मूलवासी शुभेंदु शर्मा और उनकी टीम ने 700 वर्ग फुट क्षेत्र में छोटा जंगल उगाया तो 10 वर्ग फुट क्षेत्र में तीन से चार पेड़ उगाकर छोटे-छोटे जंगलों की परिकल्पना को साकार भी किया है। यदि अभी से प्रयास शुरू नहीं किए गए तो विकास की आंधी में विलुप्त होते जनहितैषी वृक्षों को भविष्य में देख पाना शहर ही नहीं, गांवों के बच्चों के लिए भी सपने जैसा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10a9fdbd864153fa8bca6dc37cdc2f3a424ea99d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बीमारी के 35 बच्चों का सफल इलाज करने वाले डा. गुरदेव चौधरी की मानें तो एमआइएस-सी बच्चों में कोरोना पाजिटिव (Cororna Positive) आने के छह से आठ सप्ताह बाद होता है। यह एक नई बीमारी है, इसलिए इसके बारे में सटीक जानकारी अभी तक नहीं है। कोविड 19 पाजिटिव बच्चों में से करीब एक फीसद तक में एमआइएस-सी के मामले सामने आ रहे हैं। अगर इलाज की सुविधा न मिले तो इन एक फीसद बच्चों में से तकरीबन एक फीसद के करीब मृत्यु दर आंकी गई है। इस बीमारी पर यूएस सेंटर फार डसीसिज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन और दी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ की टीमें काम कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e622ced9f9ad6d55e54cbf6ccb6652d0d9ab731 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साहित्यकार डा. शिवजी श्रीवास्तव बताते हैं के कमलेश्वर को मैनपुरी से गहरा लगाव था। यहां दो बार नुमाइश के आयोजन में उनको सम्मानित किया गया। कमलेश्वर यहां एक संग्रहालय बनवाना चाहते थे। परंतु मैनपुरी में उनके नाम की याद दिलाने वाला न तो कोई स्थल है और न ही कोई आयोजन। युवा पीढ़ी को तो यह तक नहीं पता कि कमलेश्वर का जन्म मैनपुरी में ही हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f692d8dad0a7c328e460f15c4981a594b08895c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71465.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। शरीर और हड्डियों की मजबूती के लिए मांसपेशियों का स्वस्थ होना भी जरूरी है। कोरोना काल में जहां एक ओर संक्रमण को मात दे चुके लोगों में हाथ-पैरों में दर्द की शिकायत आ रही है। वहीं, कोरोना संक्रमित अधिकतर लोगों को लगातार आराम करते रहने के कारण भी मांसपेशियों में कमजोरी हो रही। जिन्हें कोरोना नहीं है, वे भी ज्यादातर समय घर पर बिना किसी शारीरिक श्रम के रहने के कारण मांसपेशियों में कमजोरी के शिकार हो सकते हैं। इस संबंध में केजीएमयू के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. अभिषेक अग्रवाल से खास बातचीत। + +मांसपेशियों में कमजोरी के कारण।शरीर में न होने दें पानी की कमी: कोरोना संक्रमण के कारण भूख में कमी हो सकती है। ऐसे में शरीर के लिए जरूरी तमाम पोषक तत्व उसे नहीं मिल पाते। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए पोषक तत्वों से युक्त भोजन बेहद जरूरी है। खासकर प्रोटीन को डाइट में जरूर शामिल करें। साथ ही ऐसे फूड को डाइट में रखें जो विटामिन और खनिजों से भरपूर हों। शरीर में पानी की कमी बिल्कुल न होने दें। सदा पानी पीजिए या जूस, दूध, सूप आदि कुछ भी लेकर शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रख सकते हैं। एक सामान्य व्यक्ति को एक दिन में तीन से चार लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम और विटामिन टैबलेट भी ले सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9563fc4ebaca410b0d9943c82d45d5755ff2261f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71466.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आर्य विनय था मुरादाबाद का पहला अखबार।मुरादाबाद से 1885 आर्य विनय नाम का पहला पाक्षिक अखबार निकला था। यह अखबार वैदिक यंत्रालय प्रयागराज से छपकर आता था। आर्य समाज मुरादाबाद तत्वाधान में निकलने वाले इस अखबार का वार्षिक मूल्य दो रुपये था। पंडित रुद्र दत्त शर्मा इस अखबार के संपादक थे। वर्तमान में लखनऊ से प्रकाशित होने वाले आर्य मित्र की नींव भी मुरादाबाद में पड़ी थी। सात साल तक यह अखबार मुरादाबाद से छपता रहा। इसके संपादक मुंशी नारायण प्रसाद थे। 1896 में यह साप्ताहिक अखबार उर्दू में निकला था।। आर्य भास्कर प्रेस से छपता था। बाद में इसे हिंदी में छापा जाने लगा। किसरौल निवासी माहिल सिद्दीकी ने सदा-ए-हक, कांठ की पुलिया सरफराज सिद्दीकी ने दैनिक गरज और मुरादाबाद के पहले मेयर रहे हुमायूं कदीर ने आइने आलम अखबार निकाला। वरिष्ठ पत्रकार उमेश केहरे, पं. देवकी नंदन मिश्र. ललित मोहन भारद्वाज, नर नारायण गोयल, प्रथी राज, शंकर लाल जैन, सुनील छैय्यां, महावीर शर्मा, डा. आरसी श्रोतिय, जयकृष्ण पूर्वी, अशोक कुमार मुरादाबाद की पत्रकारिता में बड़े नाम हैं। + +यह भी पढ़ें :-।फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले उवैश के घर में पुलिस ने खंगाले दस्‍तावेज, सऊदी अरब और दुबई की कॉल की जाती थी ट्रांसफर।Fake telephone exchange case : मुरादाबाद में डीओटी को रोजाना हो रहा था सात लाख रुपये का नुकसान।अवैध संबंध : मुरादाबाद में प्रेमी के साथ मिलकर पति को छत से फेंका, पत‍ि के सामने ही प्रेमी से करती थी मुलाकात।बेटे की शिकायत पर गुस्से से आग बबूला हुआ पति, चाकू से काटी पत्नी की नाक, जानिए आगे क्या हुआ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c3ecd0ae68b4fdb89408f4542b985e3fadf1ab0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंबाला [दीपक बहल]। कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित रही, लेकिन रेलवे ने खाद्यान्न और जरूरी वस्तुएं एक राज्य से दूसरे राज्यों तक पहुंचा कर पिछले वर्ष माल ढुलाई में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए अपने ही पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। माल ढुलाई से ही अर्थव्यवस्था का चक्का और मजबूत करने के लिए रेलवे ने फिर से कमर कस ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31829ba81437c7a9ad01af3b6eeaf35088b5403e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रसिद्ध जर्नल 'नेचरÓ में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि हल्के संक्रमण के बाद ठीक हो चुके लोगों में संक्रमण के प्रारंभिक लक्षणों के 11 महीने बाद भी कोरोना से लडऩे वाली एंटीबाडी पाई गई हैं, जो संक्रमण के दौरान प्लाज्मा कोशिकाओं के जरिए शरीर के बोन मेरो में पहुंच कर शांत पड़ी रहती हैं और कोरोना के नए संक्रमण की आहट होते ही सक्रिय होकर शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करके वायरस से लडऩे के लिए तैयार हो जाती हैं। शोध पत्र में वैज्ञानिकों ने यह उम्मीद जताई है कि ऐसी एंटीबाडी के शरीर में मौजूद रहने से उनको जीवनभर कोविड-19 के वायरस से सुरक्षा कवच मिलता रहेगा। यह निश्चित ही राहत भरी खबर है, क्योंकि अभी तक ऐसा माना जाता रहा है कि संक्रमण के बाद शरीर में उत्पन्न एंटीबाडी कुछ समय तक ही कोविड-19 से सुरक्षा प्रदान करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcf959c640f5dd1e9f078fcdd996ec41bea22585 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71471.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [कुमार संजय]। म्यूकरमायकोसिस (फंगस) के पीछे सबसे बड़ा कारण इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल तो है ही, इसके अलावा बिना धोए लंबे समय तक मास्क पहनना या खराब हवादार कमरों जैसे बेसमेंट या कम हवादार कमरों में रहना भी है। मास्क गीला हो जाए और तब भी लगाए रहना भी एक बड़ा कारण हो सकता है। यह मास्क कोरोना संक्रमण से सुरक्षा देने के बजाय फंगस संक्रमण की चपेट में ला सकता है। घर से बेहद जरूरी काम के लिए बाहर जाने वाले लोग भी अपनी जेब में एक अधिक मास्क लेकर ही निकलें। जब मास्क गीला हो जाता है तो वह कोरोना संक्रमण से सुरक्षा देने में कम या बिल्कुल ही प्रभावशाली नहीं रह जाता। पानी हवा के बहाव को रोकता है, जिससे मास्क की वायरस कणों को फिल्टर करने की क्षमता घट जाती है। आक्सीजन मास्क से भी इंफेक्शन की आशंका रहती है।संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के माइक्रोबायलोजिस्ट एसोसिएट प्रो. चिन्मय साहू के मुताबिक कवक या फंगल बैक्टीरिया के पनपने के लिए नमी भरा मौसम सबसे अनुकूल होता है। ऐसे में अगर मुंह पर लगा मास्क वातावरण के कारण नम अथवा गीला हो जाता है तो उसमें फंगल बीजाणु पहुंच जाएंगे। ये बीजाणु मास्क के माध्यम से नाक में प्रवेश कर सकते हैं। इस वक्त कोरोना के कारण लोगों की इम्युनिटी कमजोर हो गई है, ऐसे में बहुत संभावना है कि यह फंगल इंफेक्शन आपके फेफड़ों में पहुंचकर शरीर को बीमार कर दे। इम्यूनोसप्रेसिव दवा पर रहने वाले लोगों में यह आशंका काफी अधिक होती है। + +धूप में सुखाएं मास्क। मास्क को भी कुछ देर धूप में सुखा लेना सबसे बेहतर उपाय है। सामान्य मौसम में भी गीला या फिर गंदा मास्क न पहनें। कम से कम दो मास्क का उपयोग करें, एक इस्तेमाल के बाद धोकर धूप में सुखा लें और तब तक दूसरा साफ मास्क इस्तेमाल करें। साथ ही अगर लोग डिस्पोजेबल मास्क लगा रहे हैं तो उसे आठ घंटे के बाद बदल दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b14db0a3f37797818d858b8e851bda90c5adbc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71473.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस एक्ट के तहत जांच करने का कोई प्रावधान नहीं है, पहले एफआइआर दर्ज होनी चाहिए, जबकि SP हामिद अख्तर ने डिस्ट्रिक्ट अटार्नी से कानूनी राय मिलने के बाद जांच DSP रामकुमार को सौंपी थी। हालांकि, अधिकारी नाम न छापने पर शर्त पर तर्क दे रहे हैं कि यदि तीन माह बाद शिकायत आती है तो जांच करवाने का भी प्रावधान है। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब मौजूदा DGP पर लगे आरोपों की जांच DSP ने की। + +DGP ने ई मेल पर पक्ष रख बताया बेकसूर ।जांच अधिकारी यानि DSP ने DGP और IGP होमगार्ड वाई पूर्ण कुमार को ई-मेल कर पक्ष पूछा था। सूत्रों का कहना है कि DGP की ओर से DSP को अपना जवाब भेज दिया था। इस जवाब में अधिकारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है, जबकि वाई पूर्ण कुमार ने जांच किस एक्ट के तहत कर रहे हो और इसे किसे किस अधिकारी ने मार्क किया, इस बारे पूछा था। DSP ने अपनी रिपोर्ट SP को भेजकर DGP को क्लीन चिट दी। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र भी किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1beba6cb6cdeca4fc24d87dd54be7c084241a0a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/ गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर 28 नवंबर से हाईवे बंद कर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों से लोग आजिज आ चुके हैं। लोगों का गुस्सा गालियों के रूप में बाहर आने लगा है। इंटरनेट मीडिया पर अपना गुस्सा निकालने के बाद लोग अब धरने की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को सीधे मोबाइल पर संदेश भेजकर गालियां दे रहे हैं। धरने को लोग अनुचित बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71476.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1473e8c554602f62d97d87e4b74e8faef80540f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फर्रुखनगर से 1884 में जीयालाल जैन ने जैन प्रकाश के नाम से निकाला पहला अखबार ।एक नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। इससे पहले हरियाणा और पंजाब को संयुक्त पंजाब के रूप में जाना जाता था। अविभाजित पंजाब, जिसमें हरियाणा भी शामिल था, आजादी से पहले की पत्रकारिता के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में जाना जाता था। एक तरफ कोलकाता, मुंबई, भोपाल, बनारस व इलाहाबाद पत्रकारिता के मुख्य केंद्र थे, दूसरी ओर लाहौर इनके बाद सबसे अधिक सक्रिय केंद्र रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0290d5e7266e9ad8c98cfe07a8089141f7094312 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71477.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरी बाबू और उनकी पत्नी आजादी के आंदोलन में 12 बार जेल गए, कई वर्ष जेल काटी। उनकी धर्मपत्नी बस्सो देवी ने जेल के बाहर और अंदर उनका पूरा साथ दिया। जिमखाना मैदान में लगी प्रतिमा आज भी उनके मिशनरी पत्रकार होने की गवाही देती है। एडवोकेट योगेंद्र शर्मा बताते हैं कि विभिन्न परिस्थितियों के बीच दैनिक पब्लिक का प्रकाशन 1975-80 के आसपास तक होता रहा। + +स्वतंत्रता संग्राम से पूर्व की पत्र-पत्रिकाएं। मेरठ में हिंदी पत्रिकाओं और अखबारों के प्रकाशन का इतिहास 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पूर्व का है। कृष्णचंद्र शर्मा द्वारा संपादित पुस्तक मयराष्ट्र मानस में 1850 में मुद्राणलयों की रिपोर्ट बताती है कि उस समय देश में करीब 50 समाचार पत्र और पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही थीं। देश भर में कुल 24 मुद्रणालय थे, इनमें दो मेरठ में भी थे। मेरठ में उर्दू भाषा की पत्र पत्रिकाओं का इतिहास भी पुराना है, सन 1850 में मेरठ से जाम ए जम्शैद समाचार पत्र प्रकाशित होता था। भैंसाली स्थित मेरठ संग्रहालय के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में गोरखपुर राजकीय बौद्ध संग्रहालय के उपनिदेशक मनोज गौतम बताते हैं कि उस समय कामकाज की भाषा के रूप में उर्दू का चलन था। कुछ समाचार पत्र ऐसे भी थे, जिनकी भाषा उर्दू थी मगर लिपि देवनागरी। आर्य समाज थापर नगर के राजेश सेठी बताते हैं कि महर्ष िदयानंद के प्रभाव से कल्याण राय ने 1878 में आर्य समाचार आरंभ किया था। सन 1883 में तुलसी राम स्वामी ने वेद प्रकाश का प्रकाशन किया। इसमें आर्य समाज की शिक्षाओं के साथ लोगों को आजादी के आंदोलन में सहभागिता के लिए प्रेरित किया जाता था। सन 1888 में गौरी दत्त ने देवनागरी गजट नाम की मासिक पत्रिका निकाली। प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्वंभर सहाय प्रेमी ने 1923 में मातृभूमि और तपोभूमि का प्रकाशन आरंभ किया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..011d1d09f9bbca45d4921e99f51726f71af5c92c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संकट के दूसरे दौर के विकराल रूप लेने से कुछ ही समय पहले इस वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकाधिक मंच से स्पष्ट कहा था कि संपत्ति सृजित करने वालों का भरपूर सम्मान होना चाहिए। उसके कुछ ही समय बाद से पिछले कुछ दिनों तक देश के अधिकतर राज्य कोरोना की दूसरी लहर से त्राहिमाम् कर रहे थे, नए मामलों की संख्या दो सप्ताह से भी अधिक समय तक रोजाना चार लाख और करीब डेढ़ महीने तक एक लाख से अधिक रही तथा रोजाना मौतों का आंकड़ा दुनियाभर में सर्वाधिक पर पहुंच गया। अच्छी बात यह है कि स्थिति अब सुधर रही है और इसलिए सुधर रही है क्योंकि इस मुश्किल दौर में मुकेश अंबानी, अजीम प्रेमजी, रतन टाटा, गौतम अदाणी, सज्जन जिंदल, नवीन जिंदल, आनंद महिंद्रा और इनके जैसे दर्जनों प्रतिष्ठित नामों व हजारों बड़ी-छोटी कंपनियों ने देश को कोरोना संकट से उबारने में जो अतुलनीय योगदान दिया, उसने प्रधानमंत्री मोदी के उस आग्रह की गहराई और मर्म समझने में समाज की बड़ी मदद की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc3fba96de4d8e6bb453d05a25fb2137f14fa0c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाजपतनगर में मूंढापांडे थाना क्षेत्र के एक युवक ने अस्पताल खोल रखा है। अस्पताल के एक हिस्से में उसने दारोगा को मुफ्त में रख लिया है। लाइसेंस के लिए महिला चिकित्सक को बैठा रखा है। हरपाल नगर में भी कई ऐसे अस्पताल चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसर इन पर मेहरबान हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान इस अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग रही है। इसी तरह सम्भल चौराहे से लेकर डींगरपुर तक बिना डिग्री वाले कई झोलाछापों ने अस्पताल खोल रखे हैं। आजाद नगर में मुख्य चिकित्साधिकारी की टीम ने मरीज की जिदंगी से खिलवाड़ करने पर एक अस्पताल को सील कर दिया था। बाद में नए नाम से उसने फिर अस्पताल खोल दिया। करूला की पुलिया, कोहिनूर तिराहा, गांगन तिराहे पर इसी तरह की कई अस्पताल हैं। इन अस्पतालों के बाहर डाक्टरों की लंबी सूची लगी है। लेकिन, महिला की डिलीवरी के समय आपरेशन सर्जन के बजाय एमडी डाक्टर को बुला लिया जाता है। जिले के रतनपुर कलां, जटपुरा, ताहरपुर, फत्तेहपुर खास में झोलाछापों ने कोरोना से मरीजों का चुपचाप इलाज किया। कई लाेगों की इलाज के दौरान मौत भी हो गई। लेकिन, उन्होंने गांवों में ही ले देकर सबके मुंह बंद कर दिए। डिलारी, कुंदरकी, बिलारी, ठाकुरद्वारा में भी इसी तरह के कई अस्पताल हैं। कई बार इन अस्पतालों की शिकायतें होने के बाद भी कोई सुध नहीं लेेता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि काेरोना से लक्षण होने पर झोलाछाप के पास कतई न इलाज न कराएं। अवैध तरीके से इलाज करने की शिकायत मिलने पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..beaea00d576e6a46ef45e45f83fc4c184340e50e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71483.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लेखक ने एक ब्राह्मण युवक आदित्य नारायण के इर्द-गिर्द अपने उपन्यास की कहानी को बुना है। आदित्य पीढिय़ों पहले कश्मीर में ध्वस्त कर दिए गए अपने पूर्वजों के मंदिर का जीर्णोद्धार करने वहां जाता है। ठीक इसी समय कश्मीर में एक पीढ़ी और तैयार हो रही है, जिसे कुछ मौलाना मजहबी नफरत की घुट्टी पिला रहे हैं और काफिर को हर हाल में खत्म कर देने की सीख दे रहे हैं। इन सभी के बीच बच्चे को अलगाववाद की आंधी में फंसता देख रहे पिता की विवशता, दो मजहब के पाटों में फंसी प्रेम कहानी और समाज के अलग-अलग वर्गों की जद्दोजहद को भी बहुत सलीके से कहानी का हिस्सा बनाया गया है। साथ ही छुआछूत पर भी चोट करने का प्रयास किया गया है। + +कहानी कहीं भी किसी समुदाय विशेष पर निशाना साधती नहीं दिखती है और यही संतुलन इसकी खूबसूरती है। लेखक ने हर बात को बखूबी पिरोया है। पात्रों की मनोदशा व परिस्थितियों को दिखाने के लिए रचे गए घटनाक्रम भी अपनी सहजता से आकर्षित करते हैं। यह उपन्यास एक साथ कई आयामों और भावों को समझने का मौका देता है। कश्मीर में किस तरह अलगाववाद की आग को हवा दी जाती है और कैसे कुछ लोग युवाओं को इसमें धकेलने की कोशिश करते हैं, इसकी झलक भी इसमें साफ होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bde3e2981933aa098ba422762acff77ad4e5af2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीतेश सहारावत बने सर्वश्रेष्ठ इंडोर रिक्रूट।मेरठ के थाना कांकरखेड़ा के वर्निका एस्टेट कालोनी के रहने वाले नीतेश सहारावत को सर्वश्रेष्ठ इंडोर रिक्रूट घोषित किया गया। नीतेश ने बताया कि उनके पिता भी इंस्पेक्टर हैं। वर्तमान में झांसी में तैनात हैं। वह एक भाई-बहन हैं। पिता को बचपन से वर्दी में देखते आए नीतेश भी बचपन से वर्दी से उन्हें प्यार था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71486.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71486.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f38c524de6be3611d8ccc2f3a367b8cb52d85e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71486.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर तीन हजार की आबादी वाला गांव नन्हेड़ा स्थित है। फिलवक्त यह गांव सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना हुआ है। यहां पूर्व में हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्म के लोग रहते थे, लेकिन लगभग 35 साल पूर्व मुस्लिम परिवार गांव छोड़कर अन्य स्थानों पर चले गए। मुस्लिम परिवारों के गांव से जाने के बाद यहां स्थित मस्जिद वीरान हो गई। शुरुआत में मस्जिद की देखभाल के लिए एक कारी को छोड़ा गया था, लेकिन कुछ साल बाद वह भी चला गया। उसके बाद गांव निवासी रामबीर कश्यप ने मस्जिद की देखभाल का जिम्मा अपने कंधों पर उठा लिया। करीब 59 वर्षीय रामबीर कश्यप पिछले 20 साल से निस्वार्थ भाव के साथ मस्जिद की देखभाल करते आ रहे हैं। वह रोज यहां झाड़ू पोंछा करते हैं। ईद और रमजान के मौके पर मस्जिद की रंगाई-पुताई भी खुद ही करते हैं। + +मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करने वाले रामबीर कश्यप बताते हैं कि यह मस्जिद 135 साल पुरानी है, जिसे रथेड़ी गांव निवासी एक सैय्यद ने बनवाई थी। पहले गांव में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ते थे, लेकिन जब से मुस्लिम लोग गांव छोड़कर गए हैं तब से मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी जाती। रामबीर बताते हैं कि कभी कभार कोई राहगीर मस्जिद में नमाज पढ़ जाता है। रामबीर बताते हैं कि वह डेरा प्रमुख राम रहीम के अनुयायी है। सालों पूर्व गांव में हुए सत्संग को सुनकर उन्हें मस्जिद की देखभाल करने की प्रेरणा मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96dbdae6b3a4a2ac8d32d7f43e847f8c2c7aa070 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71490.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोक निर्माण विभाग ने अपने अभियंताओं को निर्देश दिए थे कि जिसके भी पास श्रमिक व निर्माण से संबंधित सामग्री व अन्य साधन उपलब्ध हैं वे काम जारी रखें, जिसके चलते जिस भी निर्माण स्थल पर श्रमिक उपलब्ध थे वहां पर कुछ समय तक काम भी जारी रहा। वैसे अधिकतर श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं। दिल्ली परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट बताती है कि लाकडाउन के दौरान आठ लाख से अधिक लोग दिल्ली छोड़कर चले गए। उनमें बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक थे। + +इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश व राजस्थान के श्रमिक अधिक थे। आज स्थिति यह है कि दिल्ली के किसी भी निर्माण स्थल पर पहले की तुलना में चार से लेकर आठ फीसद श्रमिक ही रह गए हैं। ऐसे में दिल्ली में ढांचागत विकास की निर्माणाधीन परियोजनाओं पर काम जारी रख पाना बहुत मुश्किल भरा काम है। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अभियंता कहते हैं कि कुछ निर्माण स्थलों पर इक्का दुक्का श्रमिक मौजूद हैं। लाकडाउन के दौरान धीरे-धीरे श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं। अब जब श्रमिक वापस लौटेंगे तभी काम शुरू हो सकेगा। श्रमिक कब लौटेंगे इस माहौल में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36cda58d404abb2f3393b242b178e072cd4cba1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहरे पर आफत।सत्तारूपी शतरंज में मोहरे सबसे आगे रहते हैं और वही सबसे पहले वीरगति को भी प्राप्त होते हैं। ऐसे प्यादे की कमी नहीं, जो हाकिम को बचाने के लिए अपना सिर आगे घुसेड़ आए। तब नहीं समझा था कि कभी अच्छे दिन जाएंगे। आगे के लिए एडवांस तक ले रखा था। मजाल थी कि कोई सिर उठाए। अलग से आफिस लगा दिया था फोन तक टेप करने के लिए। जब चाहें जिसका बैंड बजा देते थे। इनकी खुफियागिरी के आगे सब पानी भरते थे, लेकिन सबसे बड़े खिलाड़ी की नजर पड़ते ही इनकी प्रतिभा कुंद पड़ गई। तड़ीपार पहले ही हो चुके थे, अब एक और पुराना केस खोलने की तैयारी चल रही है। जल्दबाजी में कुछ ज्यादा ही व्यक्तिगत बोल गए थे एक बार। वैसे बोलने और करने में तो इनका कोई सानी नहीं है सूबे में। ज्यादा प्रेम दिखाने का फल तो भुगतना ही पड़ता है देर-सवेर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77f5027ce667b91f308308c2f5215aa64d00fe57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। देश के एक मोर्चे पर हमारे जांबाज डटे रहते हैं, तो दूसरे पर उनकी मां, पत्नी और बहनें। उनके इसी साहस के बूते हमारे जांबाज बिना किसी चिंता के देश पर कुर्बान होने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। सलाम है ऐसी वीरांगनाओं को, जब कोई वीर तिरंगे में लिपटकर घर आता है तो वह अपने दर्द को पीछे छोड़ साहस की नई इबारत लिखने लग जाती हैं। इन्हीं में से एक हैं, शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नितिका कौल। 18 फरवरी 2019 को जब दून का लाल जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ तो उनकी पत्नी नितिका ने पति की राह पर अग्रसर होने का संकल्प लिया। इस संकल्प को पूरा करते हुए शनिवार को वह सेना में अफसर बन गईं। ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी) चेन्नई से पासआउट होकर वह पति की राह अग्रसर हो गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..668cbd46a3356854e2876ecb48ee533e9ee158d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस सीरीज के वाहनों पर हुई कार्रवाई । एआरटीओ प्रशासन रंजीत सिंह ने बताया कि विभाग ने यूएटी, यूपीबी, यूजीइ, यूएमआइ, यूआरबी,यूआरएक्स, यूपी 81, यूपी 81ए, यूपी 81बी, यूपी 81सी, यूपी 81डी, यूपी 81इ, यूपी 81एफ, यूपी 81जी, यूपी 81एच, यूपी 81आइ, यूपी 81 जे, यूपी 81के,यूपी 81एल, यूपी 81एम सीरीज वाले उन वाहनों का पंजीयन निरस्त कर दिया है। इनका अभी तक रिन्यूवल नहीं हो सका है। ऐसे वाहन अब कबाड़ घोषित होंगे और सड़क पर चलता मिलने पर उन्हें जब्त कर लिया जाएगा । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ac9999de2d65f70bebe8a6a7da81e117da63eed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71497.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहली बार इन मुद्दों पर बात ।यह भी उल्लेखनीय है कि जो बाइडन प्रशासन के साथ भारत ने पहली बार अपनी सीमा पर चीन की गतिविधियों को लेकर बात की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिणी एवं मध्य एशिया मामलों के विभाग के कार्यवाहक उपसचिव डीन थाम्पसन ने बताया कि भारत चीन सीमा पर गतिविधियों पर चर्चा हुई है। इससे ज्यादा मैं इस विषय में हुई चर्चा के बारे में नहीं बता सकती, लेकिन हम पूरी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। + +चीन की गतिविधियों दोनों देशोंं के लिए चुनौती  ।थाम्पसन ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि वहां जल्द शांतिपूर्ण तरीके से मामले का समाधान किया जाएगा।' उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में यह भी बताया कि इस समूचे क्षेत्र में चीन की समस्या पैदा करने वाली गतिविधियों को लेकर हमारी साझा चुनौती है और दोनों देश एक ही दिशा में सोचते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2881b2a6ae023713e27a8985d290bbcc17b53ef6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, बीसीसीआइ ने ऐलान किया है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित किए गए आइपीएल के 14वें सीजन के बाकी बचे मुकाबले संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में खेले जाएंगे। यूएई के दुबई, शारजाह और अबू धाबी में आइपीएल 2021 के बाकी बचे 31 मैच खेले जाएंगे। ये मुकाबले सितंबर-अक्टूबर में 25 दिन की विंडो में आयोजित होंगे। इसके बाद टी20 वर्ल्ड कप होना है, जिसकी मेजबानी भारत के पास है, लेकिन कोरोना बोर्ड के खेल को बिगाड़ रहा था, जिसका तोड़ बीसीसीआइ के बॉस ने निकाल लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16b45cd38131df91399f85892351457c2890b816 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71500.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मप्र में दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद के आंकड़े चौंकाने वाले।दरअसल, खेती में अब नई पीढ़ी भी हाथ आजमा रही है। जो न केवल खेती के तौर-तरीकों में तकनीक के जरिये बदलाव की तरफ बढ़ रही है, बल्कि उपज बेचने के परंपरागत तरीकों के बजाय अधिक मुनाफे की व्यवहारिक गतिविधियों को समझ रही है। एमएसपी पर उपज बेचने के लिए केंद्रों तक जाने, उपज बेचने के लिए निर्धारित राशि, कई दिन बाद भुगतान आदि के बजाय उन्होंने खुले बाजारों में अपने तरीके से हाथ आजमाना शुरू कर दिया है। जानकार कहते हैं कि कोरोना काल में प्रोटीन से भरपूर खाद्यान्न की मांग में तेजी का फायदा बाजार के व्यापारियों से लेकर किसानों तक को मिल रहा है। ऐसे खाद्यान्न हाथों-हाथ मुंहमांगी कीमत पर बिक रहे हैं। ऐसे में खरीद केंद्र की दौड़ के बजाय किसान बाजार पहुंच रहे हैं। + +वर्ष 2021-22 के आंकड़े।उपज--मात्रा--किसान।चना--14,21,800--51,435।सरसों--6.8--04।मसूर--1,760--39।वर्ष 2020-21 के आंकड़े।उपज-मात्रा--किसान।चना -70,13,160-2,62,797।सरसों-11,51,690-42,603।मसूर--14,330--1,898।(उपज की मात्रा क्विंटल में)।किसानों को मिली 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम।मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना है। इसी रणनीति के तहत हमने पहली बार नीतिगत परिवर्तन किए। गेहूं खरीद से पहले 15 मार्च को ही दलहन खरीद शुरू कर दी थी। आमतौर पर दलहन की खरीद मई महीने से शुरू होती थी। इसका बाजार पर अच्छा प्रभाव यह पड़ा कि दलहन के भाव व्यापारियों ने बढ़ा दिए। इसका फायदा किसानों को मिला। फसल की खरीद- बिक्री मांग और आपूर्ति के सिद्घांत पर चलती है। यही कारण रहा कि इस बार मध्य प्रदेश के किसानों को एमएसपी से ऊपर फसल बेचने पर 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम प्राप्त हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38a7b7f057397d332b65b2cfd1f7635b584edf38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71502.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आइआइटी के पूर्व छात्र ने विकसित की तकनीक।आइआइटी के इनवायर्नमेंट इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट से एमटेक के पूर्व छात्र रहे उमाकांत सोनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एआइ रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क व निरामय हेल्थ के साथ मिलकर 'एक्सरे सेतु' विकसित किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) इस्तेमाल की गई है। 'एक्सरे सेतु' से तीन सौ डॉक्टर जुड़े हैं। इसे विकसित करने में एक साल का समय लगा। शुरुआत में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि रिसर्च के लिए कोविड पॉजिटिव एक्स-रे नहीं मिल रहे थे। + +इस समस्या को दूर करने के लिए एआइ का इस्तेमाल करके एक यूनीक ट्रांसफर लर्निंग फ्रेमवर्क विकसित किया। इससे चेस्ट के सामान्य एक्सरे से फेफड़ों के संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। यह सिस्टम एक्सरे देखकर तुरंत आउटपुट देता है। संक्रमित हिस्सों को फोकस कर रिपोर्ट बनाता है। यह रिपोर्ट कुछ ही मिनट में फेफड़ों व चेस्ट के अलग-अलग भागों में हुए संक्रमण के आधार पर स्कोर देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91e1057c707c8b9bef2203b970e966d8ade12cd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71503.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। हरियाणा में यदि सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार किसी नौकरी के लिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की लिखित परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है, तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। करनाल जिले की एक ऐसी ही एक अभ्यर्थी मोनिका रमन सौ फीसद अंक हासिल पाने के बाद राज्य की बिजली वितरण कंपनी में जूनियर सिस्टम इंजीनियर के पद पर नहीं चुनी गई तो उसने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की शरण ली है। + +याची के वकील राजेंद्र सिंह मलिक की दलील है कि सामाजिक आर्थिक मानदंडों पर आरक्षण प्रदान करने वाली हरियाणा सरकार की अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है जो योग्य अभ्यर्थी के बजाय अयोग्य को वरीयता देती है। याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df61983064ec30588e0af3e68c6d1486f8137a19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71504.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विष्णु शर्मा। 'अमिताभ की अभिनय में रुचि थी। शेरवुड में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए उसे कैंडल कप मिला था। 'ओथेलो' के नाटक में उसने कैशियों की भूमिका सफलतापूर्वक निभाई थी। फिल्म में जाने की इच्छा उसने एकाध-बार प्रकट की थी, फिल्मों की दुनिया में हमारा संपर्क सिर्फ पृथ्वीराज कपूर से था, जो उन दिनों संसद सदस्य भी थे। एक बार उन्हें घर बुलाकर हमने अमित के फिल्म में जाने की बात चलाई थी, पर उनकी ओर से कोई प्रोत्साहन ना मिला, ये लाइनें हरिवंश राय बच्चन ने अपनी आत्मकथा के चौथे भाग 'दशद्वार से सोपान तक में लिखी हैं। हालांकि बिग बी ने खुद माना है कि शशि कपूर ने उनकी काफी मदद की थी। सबको लगेगा कि मुंबई के दो बड़े परिवारों के बीच ये वाकया मुंबई में घटा होगा, लेकिन ये घटना दिल्ली में बच्चन परिवार का घर 13, वेलिंगटन क्रिसेंट की है, जिसके बगल के 12 नंबर के बंगले में कभी इंदिरा गांधी भी आकर रही थीं। दिल्ली से सालों तक नाता ना सिर्फ बच्चन परिवार का रहा है बल्कि पृथ्वीराज कपूर का भी रहा है। दोनों को दिल्ली बुलाने वाले थे पंडित नेहरू। हरिवंश राय बच्चन को विदेश विभाग की हिंदी सेवा में बुलाकर और पृथ्वीराज कपूर को दो दो बार राज्यसभा में मनोनीत करके। पंडित नेहरू के दादा गंगाधर नेहरू जहां दिल्ली के कोतवाल थे, वहीं पृथ्वीराज कपूर के पिता बशेश्वरनाथ पेशावर में पुलिस आफिसर थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49dd43baf6beb14efedeb2f9f86ae120643728b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71505.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोनीपत [दीपक गिजवाल]। इतिहास के सबसे बड़े खलनायक के किरदार को पर्दे पर जीवंत कर जिले के गांव कटवाल का देशी छोरा कबीर दूहन इन दिनों खूब वाहवाही बटोर रहा है।एमएक्स प्लेयर पर रिलीज वेब सीरिज रामयुग में कबीर दूहन रावण के किरदार में नजर आ रहे है। कबीर ने अपनी अपनी अदाकारी से रावण के किरदार में जान डाल दी है। कबीर बालीवुड में तो ज्यादा नहीं दिखे, लेकिन साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम है। कबीर फिल्म जिल, किक 2 में मुन्ना ठाकुर, वेदालाम, सरदार गब्बर सिंह, कंचना 3, अरुवम और एक्शन समेत 37 फिल्में में विभिन्न किरदार कर साउथ इंडस्ट्री का जानमाना चेहरा बन चुके है। अब बालीवुड में धमाकेदार एंट्री के लिए तैयार है। उनकी वेबसीरिज रामयुग खूब सराहना बटोर रहीं है। एमएक्स प्लेयर पर वेब सीरिज को 35 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है। + +गोहाना क्षेत्र के साधारण किसान परिवार में 1987 में जन्में कबीर बचपन से ही कुछ अलग करने के सपने संजोते थे। डीयू से 2008 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कबीर अपने सपने को सच करने के लिए माडलिंग की दुनिया में उतर गए।इसी बीच कबीर ने मिस्टर इंडिया में टाप 20 में जगह बनाई। बाद में टाप 10 में भी शामिल रहे। संघर्ष के दिनों में काल सेंटर में भी नौकरी की। कबीर बताते है संघर्ष के दिनोंमें प्रसिद्ध फोटोग्राफर राहुल दत्ता ने उनकी बहुत मदद की। राहुल दत्ता ने बिना पैसेही उनका पोर्टफोलियों शूट कर दिया था। इसके बाद कबीर ने पलट कर नहीं देखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d51d33ce5c2933a30b6819c9a402e2a1692a4f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आवास विकास सेक्टर तीन निवासी सरिता बघेल 22 मई को सीएमओ कार्यालय के बगल में स्थित एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंची। कर्मचारी ने पहले कोविड टेस्ट कराने के लिए कहा। एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट देख सरिता चौंक गई। सरिता को कोविड कैसे हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं थी। कर्मचारी ने घर जाने और होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा। साथ ही वैक्सीन की तारीख को रिशेड्यूल करने की भी सलाह दी। कुछ ऐसा ही कैलाशपुरी निवासी बीएस अग्रवाल के साथ हुआ। 23 मई को वह सेंटर में वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे। दोपहर 12 बजे कर्मचारी ने पहले कोविड टेस्ट कराने के लिए कहा। इस पर बीएस अग्रवाल ने कहा कि उन्हें लंबे समय से बुखार नहीं आया। कर्मचारी ने नियमों की जानकारी देते हुए वैक्सीन से पूर्व कोविड टेस्ट अनिवार्य होने के लिए कहा। टेस्ट पाजिटिव आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e64df6d8078e035d4a44ccd666ce041a5227bcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज तिवारी, भोपाल। पिछले साढ़े चार महीने में देश में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 22 बाघों की मौत के बाद सवाल उठ रहा था कि प्रदेश टाइगर स्टेट का रुतबा कायम रख पाएगा या नहीं, इसका जवाब प्रदेश के जंगलों ने दे दिया है। अकेले संरक्षित क्षेत्रों में ही 150 से ज्यादा बाघ शावक देखे गए हैं, इनकी उम्र एक साल से भी कम है, जबकि एक से दो साल के शावकों की संख्या 50 से ज्यादा बताई जा रही है। यदि एक साल से कम उम्र के शावक जीवित रहने में सफल रहते हैं तो अगले साल होने वाले पांचवें राष्ट्रीय बाघ आकलन में प्रदेश में करीब 700 बाघ गिने जाएंगे। वर्ष 2018 में कराई गई गिनती में भी प्रदेश से ऐसा ही अप्रत्याशित आंकड़ा सामने आया था। तब 218 बाघ बढ़े थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3939577d1012b77038fe6ea767760fe2afd13598 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71511.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छोटे बच्‍चों वाले माता-पिता को टीका लगाने के लिए केंद्रों पर लाइन लगाने या पंजीयन कराने में कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रतिदिन न्यूनतम दो टीकाकरण केंद्र खोला जाएगा। ज‍िला बड़ा होने पर इस केंद्र की संख्या तीन की जा सकती है।  ऐसे माता-पिता को पंजीयन कराने व टीकाकरण के समय बच्चों की उम्र 12 साल से कम है, इसका प्रमाण पत्र देना होगा। इन केंद्रों पर प्रत्येक दिन कम से कम सौ ऐसे माता-पिता का टीकाकरण करना अनिवार्य है। नई गाइड लाइन के अनुसार कार्य स्थल पर टीकाकरण के लिए व्यवस्था की जानी है। इसमें न्यायालय के केंद्रों पर न्यायालय कर्मियों को, सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय पर मीडिया प्रतिनिधियों को टीका लगाया जाएगा। इसी तरह से शिक्षिकों, अन्य सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को टीकाकरण करने के ल‍िए शिविर लगाया जाएगा। इन शिविर में टीका लगवाने वालों को पोर्टल पर जाकर पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि संबंधित विभाग के जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा टीकाकरण से पहले मुख्य चिकित्साधिकारी को सूची उपलब्ध करानी पड़ेगी। उसी के आधार पर टीका लगाया जाएगा। शासन ने 18 से 44 वर्ष के उम्र के लोगों को अधिक से अधिक टीका लगवाने पर जोर दिया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि पहली जून से टीकाकरण की नई गाइड लाइन लागू होने जा रही है, जिसके अनुसार टीकाकरण किया जाएगा। अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण किया जाना है। + +​​​यह भी पढ़ें :-।अवैध संबंध : मुरादाबाद में प्रेमी के साथ मिलकर पति को छत से फेंका, पत‍ि के सामने ही प्रेमी से करती थी मुलाकात।बेटे की शिकायत पर गुस्से से आग बबूला हुआ पति, चाकू से काटी पत्नी की नाक, जानिए आगे क्या हुआ।UP Police : मुरादाबाद पुलिस का खेल, घर से भागी युवती बरामद, कहानी में कई झोल, बाल कल्याण समिति ने उठाए सवाल।Moradabad Coronavirus News : दो महीने में ही खत्‍म हो गया एक साल का पेरासिटामोल, दवाओं की बढ़ती गई खपत।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c96d028f96554db36f81604f31f233b878e627c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। डा. सुरेश शर्मा का जन्म एक नवंबर, 1953 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित चिरायल गांव में हुआ। 1970 से 1984 तक दिल्ली विश्वविद्यालय में बतौर क्लर्क काम करते रहे। फिर पीएचडी पूरी कर 1986 में पीजीडीएवी कालेज में हिंदी के प्रोफेसर बने। 32 वर्ष सेवा देने के बाद 2018 में सेवानिवृत्त हुए। 1985 में एक वर्ष के लिए राजेंद्र नगर स्थित सलवान कालेज में भी पढ़ाया। वर्तमान में हिंदू शिक्षा समिति के कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर सेवा दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71513.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71513.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..775bcba531d21c4d75d5d5a31fdd658a2a3271e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71513.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । शराब का काला कारोबार कोई नया नहीं है। अलीगढ़ समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में यह धंधा कई वर्षों से फल-फूल रहा है। शराब माफिया पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे लोगों की ङ्क्षजदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। शुक्रवार को जिले में मौत के तांडव के बाद लोगों के घरों से जो देशी शराब के पौवा बरामद किए गए हैं, उनका सरकारी गोदाम में कोई रिकार्ड नहीं है। स्क्रीनिंंग में इनका बार कोड भी नकली निकला है। इससे साफ है कि शराब नकली थी। इसे जहरीले पदार्थों से तैयार किया गया था। जिला प्रशासन व पुलिस सर्विलांस की टीम नकली शराब की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति की पड़ताल में लग गई है। पड़ताल सही हुई तो कई बड़े आकाओं का पर्दाफाश हो जाएगा। आका सिंडिकेट बनाकर गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर व अलीगढ़ में यह खेल चला रहे हैं। + +ऐसे बनता है सिंडिकेेेट।सरकार ने अब एक व्यक्ति के नाम अधिकतम दो दुकानों के लाइसेंस का नियम कर दिया है। शराब माफिया अपने रिश्तेदार व अन्य जान पहचान वाले लोगों के नाम का प्रयोग करते हैं। वे इनके नाम से हैसियत प्रमाणपत्र बनवाते हैं और ठेका ले लेते है। पूरा काम माफिया ही संभालते हैं। एक-एक माफिया 15-15 ठेका चलाता है। जिस व्यक्ति के नाम ठेका जारी होता है, उसे कमीशन के तौर पर कुछ राशि दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaad135cdbba31655a851e83ff062e6c128888c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71515.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में 50 फीसद आक्युपेंसी के साथ सात जून के बाद बहाल हो सकती है परिवहन सेवा।क्या है बिल्डिंग शिफ्टिंग तकनीक।हरविंद्र सिंह बताते हैं कि इस तकनीक के तहत मकान के फर्श को तोड़कर पहले तीन फीट नींव तक गहरा किया गया है। इसे नींव से अलग कर जैक के सहारे ऊपर उठाया गया है। इनको छोटी पटरियों के साथ जोड़ा गया है, लगभग नौ मजदूर 200 के करीब जैक के साथ लगे पहियों के सहारे इसे आगे सरका रहे हैं। 24 राउंड पूरे होने पर मकान दो इंच खिसकता है। जब यह अपनी जगह पर पहुंच जाएगा तो वहां पर बन रही नींव के पिल्लरों परइसे रखकर सरिये से जोड़ा जाएगा। इसमें सीमेंट के साथ वेल्डिंग का प्रयोग भी होगा। कई मामलों में बिना फर्श को तोड़े भी इस काम को किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f4475f6ac2f8f6fbb861a6fb51d1a1bdaace05e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोहिणी नक्षत्र का प्रभाव। आचार्य शक्तिघर त्रिपाठी ने बताया कि ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक रोहिणी नक्षत्र का मुख्य रुप से अधिपति ग्रह चंद्रमा है। लेकिन जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में जाता है, तो इस नक्षत्र में तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी एक वजह यह भी है कि रोहिणी नक्षत्र वृष राशि में आता है, और वृष राशि का स्वामी शुक्र है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b939d70a1cde7306cbdf343cb8de254a94c470b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71517.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली, यशा माथुर। जो हुनर आपके पास है उसे बाजार में लाएं और कमाने के जरिए से लेकर आत्मसंतोष का माध्यम बनाएं, खुद की पहचान हासिल करें। सफलता का यही मंत्र है आज और फिर महिलाएं तो बचपन से ही रसोईघर की बारीकियां सीखने लगती हैं। होश संभालने के साथ उन्हेंं चीजों का मैनेजमेंट भी आने लगता है तो फिर इस क्षेत्र में उनसे ज्यादा सफल और कौन हो सकता है? फूड मार्केट में आना और अपने स्वाद की खासियत का मजा दूसरे लोगों को देना उनके लिए सफल कारोबारी बनने के द्वार भी खोल रहा है। + +लद्दाखी खाने का लजीज स्वाद: लद्दाख के लुप्त होते व्यंजनों को पुनर्जीवित करने के लिए लद्दाख की निल्जा वांग्मो को नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने आल्ची किचन के नाम से रेस्टोरेंट खोले हैं जिनमें लद्दाखी खाने ही परोसे जाते हैं। अपने जीवन में तमाम दुख झेल चुकी निल्जा को अपने किचन के हुनर को व्यवसाय में बदलने के लिए उनकी मां ने प्रेरित किया। र्आिथक तंगी से जूझती मां और बेटी ने लद्दाख आने वाले पर्यटकों की पसंद के अनुरूप अपना मेन्यू विकसित किया और लद्दाखी व्यंजन बनाने शुरू किए। इसके दो फायदे हुए। एक, तो वे लद्दाखी परंपरा को बचा सकीं और दूसरे, दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों को स्थानीय भोजन का स्वाद चखा सकीं। + +निल्जा कहती हैं, आल्ची किचन से पहले लद्दाख में कोई ऐसा रेस्टोरेंट नहीं था, जो लद्दाखी व्यंजन खिलाता हो, जो भी पर्यटक आते लद्दाखी खाने के लिए पूछते, लेकिन वह उनको नहीं मिलता था। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने यह काम शुरू किया। हालांकि शुरू में इस खाने को बेचने में काफी मुश्किलें आईं। बीच में रेस्टोरेंट बंद करने तक की नौबत भी आई, लेकिन मां ने कहा इसे चलाओ। मेरी मम्मी की सोच थी कि जो लद्दाख आए उसे लद्दाखी खाना मिले। शुरू में तो मैंने और मम्मी ने अपने हाथ से बर्तन भी धोए। + +गुवाहाटी की गीता सैकिया, केरल की मरीना बालाकृष्णन और शिमला की शैरी मेहता जैसी होम शेफ हैं, जो मुंबई में रहकर यहां रहने वालों को अलग-अलग राज्यों के खाने खिला रही हैं। यहां तक कि हमें महिला फूड व्यवसायियों से पारसी, कोल्हापुरी मसाले तक मिल रहे हैं जिनसे हम मजेदार खाना बना पा रहे हैं। ऑनलाइन दुनिया आ गई रास अब तो ऑनलाइन वल्र्ड इतना खुल गया है कि मार्केटिंग भी आसान हो गई है महिलाओं के लिए। महिलाएं प्रोडक्ट बनाती हैं और उसकी मांग को समझती हैं और बाजार भी ढूंढ़ लेती हैं। होम मेड पिकल्स के बैनर तले सोनम अपनी मम्मी के हाथ के बनाए अचार घरों में भेज देती हैं और पेटीएम से पैसे ले लेती हैं। उनके अचारों की लिस्ट में भरवां लाल मिर्च, लहसुन, कटहल, खट्टा-मीठा नींबू, आम का मीठा लच्छा, मिक्स वेज, एक्जॉटिक मैंगो और कॉकटेल जैसे अचार हैं। यहां भी बिजनेस वाट्सएप ग्रुप के जरिए ही चलता है। घर के बने इन अचारों की शुद्धता सभी को प्रभावित करती है और किसी तरह की मिलावट की आशंका से दूर इनके ग्राहक लगातार बढ़ रहे हैं। टिया ने ड्राई फ्रूट्स को खूबसूरत तरीके से पैक करके देने का जिम्मा संभाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b1a0400f8aadeb298154e1e0c798d23de628d71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71518.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन के चलते हम सभी अपने घरों में है। जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। ऐसे में प्रोटीन से भरपूर हेल्दी खाना शरीर के लिए बेहद जरूरी है, इससे शरीर फिट रहेगा और मसल्स भी बढ़ेंगे। इतना ही नहीं आपके बाल व चेहरे को भी प्रोटीन स्वस्थ रखता है। तो आज हम आपको एक ऐसी ही हाई डाइट प्रोटीन मूंग दाल की इडली की डिश के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे खाकर न सिर्फ आपकी जीभ का स्वाद बढ़ेगा, बल्कि शरीर भी स्वस्थ होगा। मूंग दाल में कम मात्रा में कैलोरी होती हैं, तो इसे खाने के लिए आपको अपने वजन की भी कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। घर पर बहुत कम समय में इसे आप तैयार कर सकते हैं। + +मूंग दाल इडली-उत्तम नगर में रहने वाली गृहिणी दीप्ती भल्ला लाकडाउन में परिवार के सभी सदस्यों के साथ दिन की शुरूआत सुबह नाश्ते में हाई डाइट प्रोटीन से भरपूर मूंग दाल की इडली के साथ हरे धनिये की चटनी खाकर करती हैं। उनका कहना है कि यह स्वादिष्ट होने के साथ सेहतमंद डिश है। नियमित रूप से इसे खाएंगे तो शरीर में खुद ही फर्क नजर आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3551efbf8c0be214af201e26cbfffdd05a1276c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। हेलो...हम अलीगंज से बोल रहे हैं। अपने पिता जी को किसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराना है। आक्सीजन लेवल कम हो रहा है। हमारी माता जी को सांस लेने में परेशानी हो रही है, कहीं भर्ती करा दीजिए? आक्सीजन सिलिंडर मिल जाएगा? कोई नंबर दे दीजिए। सीएमओ का रेफरल लैटर दिला दीजिए। हमारे इलाके में कई लोग कोरोना संक्रमित है, लेकिन अभी तक बैरिकेडिंग नहीं की गई है। हमें रेमडेसिविर का इंजेक्शन दिला दीजिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7152.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2058d6fa5e32f54bd76283ecda851c667b80b219 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7152.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सुहाना खान की अनन्या पांडे के साथ बचपन की तस्वीरें भावना पांडे ने सोशल मीडिया पर शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl इस फोटो में अनन्या पांडे और रायशा और सुहाना खान नजर आ रही हैl यह उनके स्कूली दिनों की तस्वीर हैl भावना ने फोटो के साथ एक नोट भी शेयर किया हैl उन्होंने बताया कि यह तस्वीर धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल के स्पोर्ट्स डे की हैl जहां पर सुहाना और अनन्या पांडे ने पढ़ाई की हैl फोटो में सभी लड़कियों को स्कूल यूनिफॉर्म में देखा जा सकता हैl सभी कैमरे की ओर देख कर पोज कर रही हैं और स्माइल कर रही हैंl।अनन्या पांडे जल्द सिद्धांत चतुर्वेदी और दीपिका पादुकोण की फिल्म में नजर आएंगीl इस फिल्म का निर्देशन शकुन बत्रा ने किया हैl वह पिछली बार फिल्म खाली पीली में नजर आई थीl इस फिल्म में उनके अलावा इशान खट्टर की अहम भूमिका थीl वह जल्द विजय देवरकोंडा के साथ भी फिल्म में नजर आने वाली हैंl वहीं सुहाना खान इन दिनों अमेरिका में पढ़ाई कर रही हैंl वह फिल्म एक्ट्रेस बनना चाहती हैंl वह शॉर्ट फिल्म में नजर आ चुकी हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..522c7ebd801cca99869a275bff3605489bc06ebd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71520.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वैकल्पिक भी हैं दवाएं: लाइपासोमल एम्फोटेरेसिन-बी उपलब्ध नहीं होने पर इंजेक्शन एम्फोटेरेसिन-बीडी ऑक्सीकोलेट देते हैं। मगर इसके लिए ‘सिरम क्रिएटीनीन’ जांच अनिवार्य है। कारण कि यह गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है। जिन रोगियों को एम्फोटेरेसिन की टालरेट (बर्दाश्त) नहीं होता उनको ‘पोसाकोनाजोल’ टैबलेट दिया जा सकता है। इसकी उपलब्धता न होने पर ‘इट्राकोनाजोल’ टैबलेट दिया जा सकता है। + +चेहरा व कपाल की हड्डियों को भी निकालना पड़ता है: डा. मौर्या ने बताया कि शल्य क्रिया की आवश्यकता फंगस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए की जाती है। नेत्र गुहा विच्छेदन भी एक प्रकार की शल्यक्रिया है, जिसे नेत्रगुहा के जानलेवा कैंसर व ब्लैक फंगस के नेत्रगुहा में फैलने पर किया जाता है। इसमें नेत्रगुहा के अंदर के सभी भाग को निकाल दिया जाता है। इसके भी तीन प्रकार है। पहला आंशिक नेत्रगुहा विच्छेन, दूसरा पूर्ण नेत्रगुहा विच्छेदन व तीसरे में नेत्रगुहा के साथ ही चेहरा, कपाल की हड्डियों को भी काटकर निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में न्यूरो सर्जन एवं मैक्सीलो-फेशियल सर्जन की भी मदद ली जाती है। तीसरे प्रकार का ऑपरेशन एडवांस स्टेज में किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4e9b6b15965791ad6e12fce9f3c54fd46310c53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपसी मोटिवेशन से मिलता बल: आइपीएल की मुंबई इंडियंस टीम के सदस्य एवं बल्लेबाज सौरभ तिवारी की मानें, तो कोविड की दूसरी लहर ने खिलाड़ियों के मनोबल को बहुत हद तक प्रभावित किया है। लेकिन कोई भी खिलाड़ी अपने फिटनेस लेवल से समझौता नहीं कर सकता। इन दिनों जब बाहर जाना बिल्कुल बंद है, वैसे में वह घर में मौजूद संसाधनों से ही वर्कआउट, वेट ट्रेनिंग आदि करते हैं। बताते हैं सौरभ, ‘पिछले साल हमें मुंबई में अभ्यास करने का अच्छा अवसर मिला था। वहीं से हम यूएई गए और जब लौटे तो स्थितियां सामान्य होने की ओर बढ़ रही थीं। हम में किसी ने सोचा नहीं था कि परिस्थितियां एकदम से इतनी विकराल हो जाएंगी। हमारा फील्ड में जाकर प्रैक्टिस करना बंद हो जाएगा। खाने-पीने की आदतें बदल जाएंगी। लेकिन इसी में रास्ता तलाशना है।‘ सौरभ बताते हैं कि टीम के कोच एवं अन्य विशेषज्ञों की ओर से नियमित रूप से प्रैक्टिस एवं डाइट को लेकर दिशा-निर्देश आते रहते हैं। वे सभी वर्चुअली एक-दूसरे से जुड़कर विचार-विमर्श करते हैं। अपनी परेशानियों को साझा करते हैं, ताकि उनका समय रहते समाधान निकाला जा सके। इसी आपसी मोटिवेशन से सभी अपना मनोबल ऊंचा रखने की कोशिश करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17a73540b2da0247d651b134bd209437aae7dddd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लावण्या अक्सर देखा करती थीं कि उनके घर में काम करने वाली सहायिकाओं को कैसे अपनी या परिवार के सदस्यों की चिकित्सा के लिए दर-दर भटकना पड़ता था। बावजूद इसके, उन्हें सही उपचार नहीं मिल पाता था। इसके बाद उन्होंने स्कूल की अपनी तीन अन्य दोस्तों से इस मुद्दे पर बात की कि आखिर ऐसे लोगों के लिए क्या किया जा सकता है? वर्ष 2019 की घटना है, सभी ने टेली-मेडिसिन क्षेत्र को लेकर काफी रिसर्च किया। विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया और आखिरकार अप्रैल महीने में उन्होंने ‘टेली-उपचार’ नाम से एक वेबसाइट लांच कर दी। ये भी चारों ने मिलकर डेवलप किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74606804b162c7fa6a01e23f3a36d298c88ec84a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडलायुक्त ने यह भी दिए निर्देश।साप्ताहिक टाइम लाइन बनाकर प्रत्येक बेंचमार्क निर्धारित करके नियमित कामों को देखा जाए शेष प्रोजेक्ट की टाइम लाइन जारी करके निविदाएं निकाली जाएं जो कार्य प्रगति पर हैं, उनके बोर्ड लगाए जाएं ड्रेनेज परियोजना पर डीपीआर प्रमुखता से तैयार की जाएंं। ।​​​​​यह भी पढ़ें :-।अवैध संबंध : मुरादाबाद में प्रेमी के साथ मिलकर पति को छत से फेंका, पत‍ि के सामने ही प्रेमी से करती थी मुलाकात।बेटे की शिकायत पर गुस्से से आग बबूला हुआ पति, चाकू से काटी पत्नी की नाक, जानिए आगे क्या हुआ।Moradabad Coronavirus News : दो महीने में ही खत्‍म हो गया एक साल का पेरासिटामोल, दवाओं की बढ़ती गई खपत।वोट न देने वालों को ग्राम प्रधान ने दी धमकी, कहा-गांव से बाहर करा दूंगा, एसएसपी ने द‍िए जांच के आदेश।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27a9fdc02aa5d4752fe50e62c1fc0ebc35c0917c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71526.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बाढ़ एवं शहरी क्षेत्रों में जलजमाव आदि से निपटने के लिए 15 जून तक का समय रहता है। लेकिन इस बार यास ने परेशानी खड़ी कर दी है। पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से काम पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन एक तरह से इस पूर्व परीक्षा में काफी हद तक सफलता भी मिली है। बड़े शहरों में जलजमाव थोड़ी देर ही रहने के कारण यह मान कर चला जा रहा है कि मानसून के हिसाब से तैयारियां मुकम्मल हैं। क्योंकि यास के कारण अधिकांश जिलों में 60 से 120 मिमी वर्षा होने के बावजूद स्थिति नियंत्रण में रही है। हालांकि अभी दो दिन और बरसने की संभावना है। लेकिन बिहार में दम तोड़ते यास के कारण इसका बहुत प्रभाव नहीं पड़ने वाला। दरअसल सरकारी मशीनरी को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त करने में यह सफल रहा। + +त्रासदी यह है कि उत्तर बिहार के बड़े हिस्से में नेपाल में होने वाली वर्षा की वजह से बाढ़ आती है। नेपाल ऊपरी हिस्से में है। वहां वर्षा होती है तो पानी अपने आप उत्तर बिहार के कई इलाके में फैल जाता है। वहां से निकलने वाली नदियां लबालब हो जाती हैं। इससे बचने के लिए नेपाल में हाई डैम के निर्माण का प्रस्ताव है। लेकिन पिछले 50 वर्षों से हाई डैम का मामला प्रस्ताव से आगे नहीं सरक पाया। सरकार इस बार दक्षिण बिहार के छह जिलों पर भी खास फोकस कर रही है। गया, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, अरवल और जहानाबाद भी अब बाढ़ प्रभावित हो गए हैं। पुनपुन, कर्मनाशा, फल्गु व सोन के अलावा कुछ स्थानीय नदियों में अधिक पानी आने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। पिछले साल मोरहर एवं दरधा नदियों में उफान के चलते जहानाबाद जिले के कई गांवों में बाढ़ आ गई थी। आम तौर पर पहले से तैयारी नही रहने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। लिहाजा, सरकार ने उत्तर बिहार की तरह राज्य के इस हिस्से में भी बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी का फैसला किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1019903ce69352e38608b0fab0ab9fcd1c8e6b23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहब्बत सिंह एक घंटे के भीतर चले गए थे। 99 फीसद इसका साइड इफेक्ट नहीं है। अमेरिका में इसके ऊपर काफी काम किया गया है। इसकी उपलब्धता को देखते हुए फिलहाल 65 साल से अधिक उम्र के गंभीर कोरोना मरीजों को यह दवा देने का निर्णय लिया गया है। खासकर जिनकी किडनी और लीवर में भी दिक्कत है। जिन बच्चों के हर्ट में छेद है या जो बच्चे अस्थमा से ग्रस्त हैं, उन्हें भी दवा दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2aead25de035bb039b64dfdda65dc12157b9992 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71529.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रदीप। हाल ही में केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन के कार्यालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें बंद जगहों में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की बात कह गई है। एडवाइजरी में खुली और हवादार जगहों और उचित इंडोर वेंटिलेशन पर विशेष जोर दिया गया है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने भी इसी एडवाइजरी को आधार बनाकर अपनी एक रिपोर्ट में कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों को प्रसारित करने में बंद और दमघोंटू इमारतों की भूमिका को लेकर आगाह किया है। रिपोर्ट में दो घरों के रोशनदान, बालकनी, दरवाजों और खिड़कियों में दो गज की भी दूरी न होने को खतरनाक बताया गया है। निष्कर्ष यह कि घर में वेंटिलेशन का कोरोना संक्रमण से सीधा संबंध है। घर और दफ्तर को जितना हवादार बनाएंगे, संक्रमित होने का जोखिम उतना ही कम होगा। + +वेंटिलेशन पर पर्याप्त ध्यान : इस बारे में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में ‘सस्टेनेबल सिटीज प्रोग्राम’ के एक संबंधित विशेषज्ञ का कहना है कि तीन दशक पहले इमारतों को इस प्रकार से डिजाइन किया जाता था कि उनमें एक आंगन होता था, वेंटिलेशन के लिए पर्याप्त खिड़की, दरवाजे, बालकनी और रोशनदान भी होते थे। लेकिन शहरों की जनसंख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ जमीन घटती गई और बिल्डरों व एयर कंडीशनिंग उद्योग की मिलीभगत से इमारतों की ऐसी डिजाइन बनने लगी, जिसमें कम क्षेत्रफल में भी अधिक जगह देने के लिए उसे पूरी तरह से ढका जाने लगा। वेंटिलेशन की कमी महसूस न हो, इसके लिए एसी लगाए जाने लगे। हालांकि एसी के अपने लाभ हैं, लेकिन वह प्राकृतिक वेंटिलेशन का विकल्प नहीं है। इसलिए हमें अपने घरों को इस तरह डिजाइन करने की जरूरत है, जिसमें प्राकृतिक वेंटिलेशन की समुचित व्यवस्था हो। केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक प्राकृतिक वेंटिलेशन कोरोना के खिलाफ कम्युनिटी डिफेंस सिस्टम जैसा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71532.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa522761131c4a0034bd47d6ca44e1f812cc0603 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71532.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजधानी दिल्ली को अनलॉक करने के मुद्दे पर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच शुक्रवार को बैठक तो हुई, लेकिन ढिलाई को लेकर सहमति नहीं बन पाई। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अरविंद केजरीवाल सरकार के छूट देने संबंधी किसी भी सुझाव पर सहमति नहीं दी। फैक्ट्रियां खोलने और निर्माण कार्यों को अनुमति देने का फैसला लेकर श्रमिकों को जो थोड़ी राहत दी गई है, वह भी स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c98878e249548e4843ef2b5b59a02a8c93fbb97d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71533.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अप्रैल से शुरू हो गई थी। हालत ये थे क‍ि प्रत्येक दिन एक हजार से अधिक रोगी मिल रहे थे। अस्पताल में जगह तक नहीं थी। संक्रमण से मरने वाले रोगियों की संख्या बढ़ गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन व स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया था। लोगों से अपील की जा रही थी क‍ि ज‍िसे बुखार, खांसी आ रहा है तो वह होम क्वारंटाइन हो जाए और डब्ल्यूएचओ के द्वारा निर्धारित दवाएं लेना शुरू कर दें। दस दिन के बाद कोरोना मुक्त हो जाएंगे, गंभीर हालत होने पर ही संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हो। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण के लिए संक्रमित व्यक्ति को दवा देने के साथ उसके पूरे परिवार व संपर्क में आने वाले लोगों को भी दवा उपलब्‍ध करा रहा है। प्रत्येक पैकेट में बुखार के लिए पेरासिटामोल की 30, एंटी बैट्रिक की 30, एंटी वायरस की 20, विटामिन की 30, जिंक सल्‍फेट की 20, कैल्सियम की 10 गोली दी जाती है। दो माह में जांच कराने पर 26327 संक्रमित कोरोना रोगी मिले हैं। जबकि बिना जांच कराने वाले संक्रमित रोगी की संख्या काफी अधिक है। दो माह में संक्रमित रोगियों, संपर्क में आने वाले को 12.60 लाख पेरासिटामोल का वितरण किया गया है। जबकि सामान्य दिनों में पूरे साल में जिले में 15 लाख पेरासिटामोल टेबलट की खपत होती है। इसके अलावा एंटी बैट्रिक की दो तरह की टेबलेट 15 लाख, विटामिन की 12 लाख, जिंक की 9 लाख और कैल्सियम की एक लाख से अधिक टेबलेट का वितरण किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद कोरोना संक्रमण रोगियों की दवाओं की खपत कई गुना बढ़ गई है। मांग पर सभी दवाएं मुख्यालय से लगातार उपलब्ध हो रहीं हैं। इससे अस्पताल में दवा की कोई कमी नहीं हैं। + +यह भी पढ़ें :-।अवैध संबंध : मुरादाबाद में प्रेमी के साथ मिलकर पति को छत से फेंका, पत‍ि के सामने ही प्रेमी से करती थी मुलाकात।बेटे की शिकायत पर गुस्से से आग बबूला हुआ पति, चाकू से काटी पत्नी की नाक, जानिए आगे क्या हुआ।जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : सपा ने घाेषित किया प्रत्याशी ताे भाजपाइयाें में बढ़ी हलचल, टिकट के लिए लखनऊ में दे रहे दस्तक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71535.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71535.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb4aa39843efa3ff1f179838087e4985e0c201be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71535.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि 6 महीने से गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की अगुवाई में तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। फिलहाल राकेश टिकैत यूपी में हैं। इससे पहले 20 मई को भी तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर चल रहे धरने की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता को मोबाइल फोन पर धमकी मिली थी। हैरानी की बात है कि कुल 4 मोबाइल फोन नंबरों से उन्हें वाट्सएप पर अश्लील संदेश भेजे जा रहे थे। हद तक तब हो गई जब राकेश टिकैत से 11 हजार रुपये भी मांगे गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de97669e7adde890b74737df53f7e3d5052e4a61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71536.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह संक्रमण उन लोगों को अधिक प्रभावित करता है, जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या हो या जो ऐसी दवाइयों का सेवन कर रहे हों जिससे शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। यह संक्रमण नाक और गले से शुरू होता है, लेकिन जल्दी ही आंखों, मस्तिष्क, फेफड़ों और फिर पूरे शरीर में फैल सकता है। अगर समय रहते इसका उपचार न हुआ तो यह मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है। इन दिनों ब्लैक फंगस के साथ ही व्हाइट फंगस और यलो फंगस की भी चर्चा हो रही है। + +कोविड-19 और म्यूकरमायकोसिस: कोविड-19 का संक्रमण श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य भाग भी इससे अप्रभावित नहीं रहते हैं। कोरोना वायरस रक्त नलिकाओं और शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को अत्यधिक प्रभावित करता है। म्यूकरमायकोसिस के अधिकतर मामले उन लोगों में देखे जा रहे हैं, जिनका प्रतिरक्षा तंत्र अत्यधिक कमजोर हो गया है। कोविड-19 और म्यूकरमायकोसिस के बीच कमजोर प्रतिरक्षा सबसे प्रमुख कड़ी है। कोविड-19 से ठीक हुए उन मरीजों में इसके मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं, जिन्हें पहले से ही डायबिटीज, किडनी से संबंधित समस्या है या जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। डायबिटीज ब्लैक फंगस का रिस्क फैक्टर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b92609f79229252db808a79411ea5f65b0c7dcd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, [प्रदीप सिंह ]। जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन कर झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी केंद्र सरकार में अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके कंधे पर महत्वपूर्ण मंत्रालयों की कमान है और देश के नीति निर्धारण में इनकी बड़ी भूमिका भी। देश की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए लागू की गई बहुप्रतीक्षित नई शिक्षा नीति को भी सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने का श्रेय झारखंड कैडर के तेजतर्रार अधिकारी अमित खरे को जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb4365bc1945376fc49bb7a9497e2726a393feb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में इस मानसून सीजन में 30 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है। इसमें राज्य सरकार ने अपना ध्यान रामायण कालीन पौधों पर केंद्रित किया है। वन विभाग ने पहले चरण में उन चार जिलों को चुना है, जहां प्रभु राम से जुड़ी यादें हैं। अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ था। यहां 14 कोसी, पंचकोसी व राम वनगमन मार्ग पर रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f858955725d75d971d26c36a51366f3fc8f774a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71539.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कहीं हाइड्रो क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल हो रहा है तो कहीं आइवरमेक्टिन। दरअसल, कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए औषधि प्रबंधन का कोई प्रमाणिक प्रोटोकॉल जारी नहीं हो सका है। आए दिन दवाओं को लेकर भिन्न-भिन्न मत सामने आते रहे हैं। इसके चलते एंटी पैरासाइट, एंटी बायोटिक, एंटीवायरल व स्टेरायड जैसी दवाओं की एक पूरी श्रृंखला का इस्तेमाल अलग-अलग नुस्खों व भिन्न-भिन्न खुराकों के साथ कोरोना के इलाज में किया जा रहा है। इस बात का बिना आंकलन किए कि ये दवाएं असल में कितनी कारगर होंगी और उनका स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। यही नहीं अलग-अलग राज्यों में भी उपचार के नुस्खे में भिन्नता है। कहीं हाइड्रो क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किया जा रहा है तो कहीं आइवरमेक्टिन का। साथ ही कहीं दो एंटीबायोटिक दी जा रही हैं तो कहीं एक। इससे भी लोग भ्रमित हा रहे हैं। + +मानक नहीं स्पष्टसमय-समय पर जारी तमाम सरकारी दिशानिर्देशों में यह कहा जाता है कि इन दवाओं का विवेकपूर्ण इस्तेमाल किया जाए, लेकिन इसके मानक क्या होंगे, यह स्पष्ट नहीं किया जाता है। देखा गया है कि कोरोना के उपचार में कुछ डाक्टर शुरू से ही स्टेरायड का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो कोई लंबे समय तक। यही नहीं होम आइसोलेशन में कई लोग स्वयं ही इसका प्रयोग कर रहे हैं। इससे मरीजों को कई समस्याएं हो रही हैं। विशेषज्ञों का साफ कहना है कि तीसरी लहर की भविष्यवाणी को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि कोरोना से शरीर के अलग-अलग अंगों पर हो रहे संक्रमण के लिए क्या सही नुस्खा होना चाहिए? कौन-कौन सी दवाएं दी जाएं और कितनी मात्रा में? इसके साथ ही कोरोना के दौरान कौन-कौन से पैथालॉजिकल परीक्षण उपयुक्त होंगे? चिकित्सकों के उपयोग हेतु इसकी भी स्पष्ट गाइडलाइन जारी होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7127ba50a38a315320d90f82b32ba47a71b6ca36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में उन्होंने इंडियन स्पोर्ट्स हॉनर्स के 2021 संस्करण की मेजबानी की थी। ये दूसरी बार है जब अभिनेता इस अवार्ड शो को होस्ट किया था। इसकी जानकारी उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शो का प्रोमो वीडियो शेयर कर दिया था। इससे पहले उन्होंने अपने इंसटाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो क्लासिक सॉन्ग एक लड़की भीगी भागी सी गाते दिख रहे हैं। इस वीडियो को एक्ट्रर ब्लैक कलर की स्वेटशर्ट और ब्लू कलर की जींस के साथ ब्लैक कलर का डार्क सनग्लासेज पहने नजर आ रहे हैं। इस सॉन्ग वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर कर उन्होंने लिखा, ‘लिपसिंग थोड़ा ऑफ है, बिल्कुल हम सबके मूड की तरह। बस थोड़ा सा प्रयास आपके मूड को ठीक करने का। हो सकता है कि आप उस लड़की को टैग कर सकें जो ये सॉन्ग आपको याद दिलाती हो।’।आपको बता दें कि अभिनेता अपरशिक्त खुराना ने अपने बॉलीवुड के सफर की शुरूआत आमिर खान की फिल्म दंगल से की थी। इसके बाद उन्होंने स्त्री, लुका छुपी, पति पत्नी और वो, जबरिया जोड़ी जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं। वहीं बात अगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो हेलमेट स्टारडस्ट और टी-सीरीज के साथ एक अनटाइटल्ड फिल्म में नजर आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5bb525d8fb3aa84f1b9cc285190549732a0ad98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संत समाज के लिए प्रेरणा बने। उनके संत व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खूबी मानवता प्रेम और समरसता के प्रति प्रतिबद्धता थी। उन्होंने अपना सारा जीवन इसी उद्देश्य को पूरा करने में समर्पित कर दिया। बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर उन्होंने अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ऐसे-ऐसे कार्य किए, जो समूचे संत समाज के लिए प्रेरणा बन गए। पद का मान-सम्मान त्याग कर वह देश भर के नगर, गांव और गलियों तक सामाजिक समरसता का संदेश लेकर गए। दलितों-अछूतों के साथ न केवल खुद बैठकर भोजन किया बल्कि सहभोज के माध्यम से समाज ऊंच-नीच का भेदभाव समाप्त करने की एक परंपरा विकसित की, जिसका पालन नाथ पीठ अभी भी पूरी श्रद्धा के साथ कर रही है। ।मठ-मंदिरों में सभी का प्रवेश सुनिश्चित कराया। महंत अवेद्यनाथ ने मठ-मंदिरों में सभी का प्रवेश सुनिश्चित कराया। सभी जाति के भक्तों के भक्तों को मठ-मंदिर में पुजारी बनाए जाने का न केवल समर्थन किया बल्कि इसकी अगुवाई भी की। एक बार जब पुरी के शंकराचार्य ने कहा कि महिलाओं को वेद पढ़ने का अधिकार नहीं तो इसके विरुद्ध जो आवाज मुखर हुई, वह थी महंत अवेद्यनाथ की आवाज। उनकी इस परंपरा को शिष्य व वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ पूरी श्रद्धा के साथ निभा रहे हैं। ।डोमराजा के घर किया था भोजन। सामाजिक समरसता की डोर मजबूत करने की दिशा में महंत अवेद्यनाथ के जिस कदम को सर्वाधिक याद किया जाता है, वह है काशी के डोमराज सुजीत चैधरी के घर भोजन ग्रहण करना। जातपात का बंधन तोड़ने के लिए यह कदम उन्होंने 18 मार्च 1994 को उठाया था। जब वह देश भर के संतो के साथ डोमराजा के घर भोजन के लिए पहुंचे थे। यह घटना को सामाजिक समरसता का चरमोत्कर्ष कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ।दलित से रखवाई राम मंदिर की पहली ईंट, हनुमान मंदिर में बैठाया दलित पुजारी । सामाजिक समरसता को कायम करने गोरखनाथ मंदिर की भूमिका की चर्चा में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ से जुड़े दो प्रसंग और भी काफी चर्चित है। पहला यह कि उनके प्रस्ताव पर ही अयोध्या के श्रीराम मंदिर के शिलान्यास की पहली ईंट एक दलित से रखवाई गई थी। दूसरा जब उन्होंने पटना रेलवे स्टेशन पर मौजूद हनुमान मंदिर में उस दलित पुजारी को फिर से स्थापित कराया था, जिसे दलित होने के नाते पदच्युत कर दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2033915fcd7b5b09ad7aff9bb68fdb5f3dc59b00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोरोना महामारी की वजह से भारत में अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की, जान जा चुकी है। कोरोना काल में अपनों को खोने की वजह से कई परिवारों पर आर्थिक संकट भी आया है। वहीं इसकी वजह से कई बच्‍चे अनाथ हो गए हैं। इन सभी की मदद के लिए केंद्र और राज्‍य सरकारों ने अलग-अलग मुआवजे की घोषणा की हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..709583dce531ebfb624c50264c77e149e8dfb300 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71552.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यास के आंशिक प्रभाव से नमी वाली हवा बिहार, उत्तरप्रदेश होते हुए हरियाणा तक 30 मई तक पहुंचने की संभावना है। इससे राज्य में 30 मई रात्रि को मौसम में बदलाव होने की संभावना है। इसके साथ एक पश्चिमी विक्षोभ जो अब पाकिस्तान में है उसके आंशिक प्रभाव से राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना से राज्य में 30 मई देर रात्रि से दो जून के बीच-बीच में आंशिक बादल, गरज चमक व हवाओं के साथ बूंदाबांदी या हल्की बारिश भी संभावित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a945d0801aa8f497bdcc5fa0df5066f8aabd1238 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उमेश चतुर्वेदी। Traditional Medicine VS Modern Medicine यह सही है कि कोरोना महामारी के इलाज में सबसे कारगर हथियार हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता ही सामने आई है, और इसे बढ़ाने में एलोपैथ के साथ साथ पारंपरिक उपचार पद्धतियों का उल्लेखनीय योगदान सामने आया है। ऐसे में कोरोना वायरस जनित संक्रमण के उपचार में कौन सी पद्धति कितनी कारगर रही, इस पर एलोपैथ के पैरोकारों और बाबा रामदेव के बीच किच-किच जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f5579752b643cd1e26481e35437aee369c48d4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजधानी दिल्ली में यमुना किनारे अब बाढ़ क्षेत्र के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे यमुना में जलधारा की निरंतरता को बनाए रखने में मददगार साबित होंगे। यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में इन पौधों को लगाने से सामने आए अच्छे परिणामों के आधार पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अब यमुना किनारे भी ऐसे ही पौधे लगाने तैयारी शुरू कर दी है। इस साल पौधारोपण अभियान से इसकी शुरुआत भी कर दी जाएगी। यहां पर खैर, अर्जुन, कैम, कैथ और  घास लगाई जाएगी, जो पर्यावरण के साथ यमुना के लिए भी फायदेमंद है।बता दें कि आयुर्वेद में भी अर्जुन के पेड़ कई औषधीय खूबियां बताई गई हैं। अर्जुन के पेड़ की छाल भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। दरअसल, इस पेड़ की छाल का पाउडर बनाकर उपयोग किया जाता है। आयुर्विदे के जानकारों की मानें तो अर्जुन पेड़ की छाल से दिल के रोग, क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी बीमारी का दूर किया जा सकता है, लेकिन संयमित जीवन जीने का साथ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c46d0c92c323d1d5fe00672576a1d98bfb747e6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजाेत कौर। मध्यमवर्गीय परिवार भूखे मर जाएंगे, पर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे। उनकी मदद करने के लिए कुछ सोचो। पिता की इस बात को ध्येय बनाकर मध्यमवर्गीय परिवारों की मदद को दो भाइयों ने हाथ आगे बढ़ाया है। ताजनगरी के दो भाई मिलकर कोरोना वायरस संक्रमण काल में गरीबों को भोजन और मध्यमवर्गीय परिवारों को राशन उपलब्ध करा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9efbcb243368e103132ab49f7ca81b2bb2184c24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तरुण गुप्त। अब भले ही कोविड के नए मामलों में कमी आती दिख रही हो, लेकिन इस महामारी के कारण हो रही मौतों के आंकड़े अपेक्षित तेजी से घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश बन गया है, जहां कोविड महामारी तीन लाख से अधिक लोगों को अपना काल बना चुकी है। आबादी के अनुपात में हुई मौतों को लेकर भारत की स्थिति दूसरे कई देशों से बेहतर है, लेकिन इससे इस मानवीय आपदा की भयावहता कम नहीं हो जाती। इस दौरान राज्य और जनता की लापरवाहियों को लेकर काफी कुछ कहा और लिखा जा चुका है। केंद्र सरकार और तमाम राज्य सरकारों की अक्षमताओं पर भी सवाल उठे हैं। हम पुरानी गलतियों को तो पलट नहीं सकते, लेकिन उनसे सबक अवश्य सीखना चाहिए, परंतु अफसोस...!।नि:संदेह कोविड की दूसरी लहर ने हमारे खस्ताहाल स्वास्थ्य ढांचे की कलई पूरी तरह खोलकर रख दी। आवश्यक दवाओं की किल्लत में हमारे समाजवादी अतीत की तंगहाल अर्थव्यवस्था के अवशेष ही दिखते हैं। इससे भी अधिक निराशाजनक यह है कि हम आपूर्ति की बाधाओं से पार पाने में सक्षम नहीं हो पाए। संसाधनों की भारी कमी ने रिकवरी की हमारी राह पर ग्रहण लगा दिया। पहले तो मेडिकल आक्सीजन, रेमडेसिविर और टासिलिजुमाब का संकट उत्पन्न हुआ और अब लाइपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी जैसी उस एंटीफंगल दवा की कमी लोगों पर काल बनकर टूट रही है, जो म्यूकरमाइकोसिस, जिसे अनौपचारिक रूप से ब्लैक फंगस कहा जा रहा है, के उपचार में काम आती है। घरेलू उत्पादन बढ़ाकर या फिर आयात के जरिये इस जीवन रक्षक दवा की पर्याप्त आपूर्ति में हमारी अक्षमता बड़ी घातक रही। जहां तक घरेलू उत्पादन की बात है तो वह कच्चे माल की उपलब्धता और अन्य पहलुओं से प्रभावित होता है, लेकिन विदेश से उसकी खरीद क्यों नहीं की जा सकी? भारत से बाहर यह दवा बहुतायत में उपलब्ध है और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से उसकी बड़े पैमाने पर खरीदारी में आखिर क्या कठिनाई रही?।लाइपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी के वितरण का पूरा नियंत्रण सरकार ने अपने हाथ में ले लिया, ताकि उसकी कालाबाजारी रोकी जा सके। वह उद्देश्य तो पूरा न हो सका, उलटे निजी आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। स्थिति यह है कि 6000 रुपये का यह इंजेक्शन लोगों को अनधिकृत रूप से 20,000 से 30,000 रुपये के बीच खरीदना पड़ रहा है। तिस पर उसके असली होने की भी कोई गारंटी नहीं। यह राज्य सत्ता की चिर-परिचित विडंबनापूर्ण दास्तान लगती है। यह सच है कि ऐसा घृणित आचरण करने वाले कालाबाजारी हमारे बीच के ही हैं, लेकिन यह तो सरकार का दायित्व है कि वह ऐसे उत्पीड़क तत्वों पर लगाम लगाए और आपूर्ति को बेहतर बनाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e722539410aab57051992a136126ebc917eea84f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संक्रमण कम होने से धीरे होगा म्यूटेशन।एमआरयू लैब के चेयरमैन प्रो. टीएम महापात्रा ने कहा कि मामले भले ही कम हो गए हों, मगर वायरस अभी भी सक्रिय है और म्यूटेट होने की प्रक्रिया में है। वैरिएंट ऑफ कंसर्न अर्थात बी.1.617.2 में दशमलव दो ज्यादा है जो कि बताता है कि डबल म्यूटेशन में भी हल्का बदलाव आया है। कहा कि यदि ऐसे ही म्यूटेट होता रहा तो भविष्य में खतरा बढ़ सकता है। वहीं तीसरी लहर के आने में यह काफी अहम भूमिका भी निभा सकता है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अब भी जरूरी है, क्योंकि जब संक्रमण दर कम होगा तो म्यूटेशन भी धीरे होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86862706c7654b6759774425ecacd7df2f073fc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांव-परिवार तय करते हैं अंतिम संस्‍कार ।चौसा के श्मशान घाट के कर्मकांडी महाब्राह्मण शिवदयाल पाण्डेय कहते हैं कि जल समाधि गांव और परिवार की परंपरा व विश्वास से जुड़ा विषय है। शव पर मिट्टी की गगरी बांधकर प्रवाहित करने की परंपरा पुरानी है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि गगरी में पानी भरे और वह शव को लेकर डूब जाए। अंतिम संस्कार ऐसी प्रक्रिया है कि परिवार या गांव जैसा तय करता है, वैसा ही नियम बन जाता है। अब भी कुछ परिवार श्मशान घाट आते हैं तो मुखाग्नि देने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव प्रवाहित करने को कहते हैं। ऐसे ही शव गंगा में दिख जाते हैं। यहां से लेकर गाजीपुर तक कई गांवों में ऐसा होता है। चौसा के पूर्व जिला पार्षद डा. मनोज यादव कहते हैं कि गर्मी का मौसम आते ही गंगा की धारा पतली हो जाती है। बहाव धीमा रहता है, तब शव किनारे लग जाते हैं। पहले भी ऐसा होता था। कोरोना के समय तो सिर्फ शोर मचाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71568.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71568.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15f80b11b58e3a58abd32323d5d5dc14d504bb17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71568.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है  कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। इस हत्याकांड की जांच में कई नामी गैंग और बड़े बदमाशों का कनेक्शन भी सामने आ रहा है। इनमें सबसे बड़ा नाम है- काला जठेड़ी गैंग। बताया जा रहा है कि विदेश में बैठा काला जठेड़ी अपने दो कुख्यात गुर्गों लॉरेंस बिश्नोई और सोनू महाल के जरिये दिल्ली-हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों में वसूली का धंधा चला रहा है। + +यह वही बदमाश है, जो 2018 में उस समय सुर्खियों में आया, जब उसने जेल में बंद रहते हुए बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं इसके गैंग से जुड़े कुछ शूटर को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। इसमें जानकारी सामने आई थी कि ये शूटर मुंबई में सलमान खान के घर की रेकी करने गए थे। इससे पहले कोई बड़ी घटना अंजाम देते, सभी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। आइये जानते हैं कि कौन है कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जिससे कांपते हैं पुलिस वाले भी। + +सलमान खान को दे चुका है जान से मारने की धमकी।पंजाब के फजिल्ला के अबोहर इलाके का रहने वाला गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई 20 साल की उम्र से ही अपराधों में लिप्त हो गया। अब कई राज्यों में कुख्यात है। लॉरेंस साल 2018 में उस वक्त सुर्खियों में आ गया, जब उसने जेल में बंद रहते हुए बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f91fb2d5071138141f730f77b944fa4b98304760 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71569.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हकीकत : इसे खारिज करते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार वर्ष 2020 के मध्य से ही सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं के साथ लगातार संपर्क में है। इस बीच फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन तथा मॉडर्ना के साथ कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। सरकार ने उन निर्माताओं को भारत में टीकों की आपूर्ति तथा उनके निर्माण के लिए सभी प्रकार की मदद का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इन कंपनियों के टीके आपूíत के लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं। हमें यह समझाना होगा कि वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की आपूर्ति सीमित है। ऐसे में कंपनियों की भी अपनी प्राथमिकताएं, योजनाएं और मजबूरियां हैं। उन्हें उस देश को प्राथमिकता देनी होती है, जहां वैक्सीन का निर्माण हो रहा है। जैसा कि हमारे अपने वैक्सीन निर्माताओं ने देश के लिए बेहिचक किया है। फाइजर ने जैसे ही वैक्सीन की उपलब्धता का संकेत दिया, केंद्र सरकार और कंपनी वैक्सीन के जल्द से जल्द आयात की तैयारियों में जुट गईं। भारत सरकार के प्रयासों से स्पुतनिक वैक्सीन के परीक्षणों में तेजी आई और समय पर उसे हरी झंडी भी मिल गई। रूस वैक्सीन की दो खेप भेजने के साथ-साथ तकनीक का हस्तांतरण भी कर चुका है। बहुत जल्द हमारी कंपनियां वैक्सीन का निर्माण शुरू कर देंगी। + +हकीकत : केंद्र सरकार ने अप्रैल में ही देश में उन वैक्सीन के प्रवेश और इस्तेमाल की प्रक्रिया को आसान बना दिया है, जिन्हें अमेरिकी एजेंसी एफडीए, ईएमए, ब्रिटेन की एमएचआरए और जापान की पीएमडीए और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल किया जा चुका है। इन टीकों को पूर्व की तरह ब्रिजिंग परीक्षणों से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। अन्य प्रविधानों में भी संशोधन किए गए हैं। फिलहाल, किसी विदेशी वैक्सीन निर्माता का कोई आवेदन औषधि नियंत्रक के पास लंबित नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f9830bb928f8a879fb24eb37e56200e16e8b8cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71571.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऊष्णकटिबंधी चक्रवातों में वृद्धि।हालांकि, इन वर्षों में बंगाल की खाड़ी में ऊष्णकटिबंधी चक्रवातों में वृद्धि हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक कहते हैं कि इन वर्षो में मौसम का पूर्वानुमान राहत व बचाव कार्यो की तैयारियों में मददगार साबित हुआ है। मौजूदा साल की शुरुआत में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 वर्षो के दौरान मौसम से जुड़ी 7,063 आपदाओं में 1,41,308 लोगों की जान चली गई। इनमें 40,358 (28 फीसद) मौतें चक्रवात के कारण और 65,130 (46 फीसद से ज्यादा) बाढ़ की वजह से हुईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2261697a0cea0fb4862f4059b43d27f1de6e2d34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71577.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पूसा रोज स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य लक्ष्य वीर सहगल के मुताबिक वैक्सीनेशन के बाद अगर परीक्षा की बात उठ रही है तो इसकी एक डोज छात्रों को जल्द से जल्द सरकार लगवा सकती है। इससे संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा। लेकिन परीक्षा रद करने पर विचार सही नहीं है। उन्होंने कहा कि 50 फीसद छात्रों के साथ बोर्ड परीक्षा को दो पालियों में आयोजित करना सही होगा। इसके साथ ही परीक्षा का समय भी तीन से घटाकर दो किया जा सकता है। साथ ही दोनो पालियों के बीच में कक्षा को एक बार फिर से सैनिटाइज किया जाए तो संक्रमण का खतरा फिर रहेगा नहीं। + +वहीं, द्वारका स्थित श्री वेंकटेशवर इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या नीता अरोड़ा के मुताबिक केवल तीन मुख्य विषयों की परीक्षा आयोजित होना सही रहेगा। क्योंकि बोर्ड में छात्र कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के होते हैं। सभी के अपने संकाय के कुछ मुख्य विषय होते हैं और कुछ समान। ऐसे में तीन मुख्य विषयों की परीक्षा आयोजित की जा सकती है। वहीं, बचे दो विषयों का मूल्यांकन मुख्य विषयों की परीक्षा में मिले अंको का औसत निकालकर किया जा सकता है। केवल मुख्य विषयों की परीक्षा होने से परीक्षा केंद्रों में एक साथ सभी संकाय के छात्रों की भीड़ नहीं होगी और संक्रमण का खतरा भी नहीं होगा। इसलिए परीक्षा की डेटशीट भी उसी आधार पर बनाई जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71583.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..636053a23e8d686ba1b3e5d72376ce0f8b3f1d01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके लिए उन्‍हें कई सारे आदमी चाहिए होते हैं। इसी जगह शेरपा काम आते हैं। शेरपाओं को इस गगनचुंबी चोटी पर चढ़ने के काबिल माना जाता है। गठीला शरीर इस काम में उनकी मदद करता है। ये जरूरी सामान को एवरेस्‍ट की चोटी तक लेकर जाते हैं। हालांकि ये ऐसे जवान होते हैं जिनका जिक्र नहीं किया जाता है और जो कतार में पीछे होते हैं। लेकिन सच्‍चाई ये भी है कि इनके बिना एवरेस्‍ट को फतह करपाना दूर की कौड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7144d3610883c7a6c0d952e048d26fed20e1ef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दीपक गुप्ता ने खुद की दुकान को सेवा केंद्र बना दिया और रोजाना सैकड़ों लोगों को यहां से राशन सप्लाई होता रहा। उस समय दीपक गुप्ता को जम्मू के राशन मैन का नाम दिया गया। इस बार कोरोना महामारी की दूसरी लहर में मानवता पर फिर संकट आया तो दीपक गुप्ता दोबारा सामने आ गए। लोगों को ऑक्सीजन के लिए दरबदर होता देख दीपक गुप्ता ने इस बार अपने फेडरेशन कार्यालय को ही ऑक्सीजन वॉर रूम बना दिया है। पिछले एक पखवाड़े से वह जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहे है ताकि कोई ऑक्सीजन की कमी से दम न तोड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70aa133369a59b4ed26e5dcbd7357fb89de9accb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परिवर्तनशील है जिंदगी: परिवर्तन एक ऐसी चीज है जो निरंतर है। परिवर्तन रुकता नहीं है। कोरोना भी एक तरह का परिवर्तन है। हमारी जिंदगी परिवर्तित हुई है। हमारी दिनचर्या परिवर्तित हुई है। हमारे खाने का ढंग बदला है। हमारा घूमना-फिरना बंद हो गया है। लेकिन नये ढंग में भी तो जीने का एक तरीका है। डार्विन का सिद्धांत है कि ‘सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्‍ट’। जीवन का रूप परिवर्तनशील है जिसके कारण निरंतर नये प्रकार के जीवों का विकास होता रहता है। जो जीव अपने को समकालीन वातावरण के अनुकूल ढाल लेते हैं वे जीवन के विकास क्रम में आगे बढ़ते हैं और अधिक दिनों तक स्थायी बने रहते हैं। इसके विपरीत जो अपने को वातावरण के अनुकूल नहीं बता पाते हैं, वे जैविक विकास की लंबी दौड़ में अपने आप को जीवित नहीं रख पाते हैं और नष्ट हो जाते हैं अथवा उन्हें विवश होकर अपने वातावरण के अनुकूल ढलना होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff06f4bd4d8f61e67800d8b91e80f0b0f4550a5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन-चार घंटे लगातार पानी में रहकर कमांडो कर सकते हैं रेस्क्यू: एनडीआरएफ लखनऊ यूनिट के डिप्टी कमांडेंट नीरज कुमार ने बताया कि लखनऊ और वाराणसी से जो विशेष कमांडो दस्ता कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में इंस्पेक्टर सुरेश कुमार के साथ भेजा गया है, उसमें बहुत ही कुशल तैराक हैं। अगर चक्रवात के दौरान समुद्र में कोई गिर जाता है, लापता हो जाता है या किसी अन्य प्रकार की जरूरत समुद्र से संबंधित पड़ती है तो विशेष सूट और गागल पहनकर आक्सीजन सिलिंडर के साथ हमारे जवान पानी में तीन से चार घंटे अथवा इससे भी अधिक समय तक रेस्क्यू कर सकते हैं। उन्हें उ'च क्वालिटी की बोट आदि भी दी गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b394d02f4fc1d650141176b81bd7a99bc8076220 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रायबरेली रोड के इंदिरापुरी निवासी बुजुर्ग लीला का निधन सात अप्रैल, 2021 को कोविड संक्रमण से हुआ था। परिवार ने भैंसाकुंड श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कराया। फिर अस्थि कलश को निशातगंज कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाज से दफनाया गया। अंतिम संस्कार में शामिल हुए पोते के दोस्त अभिषेक ने बताया- ऐसा संक्रमण न फैलने के कारण किया गया। कानपुर रोड एलडीए कालोनी निवासी सुजान चौधरी का 18 अप्रैल, 2021 को कोरोना संक्रमण से निधन हुआ था। उनका भी विद्युत शवदाह गृह में अंंतिम संस्कार किया गया और अस्थि कलश को निशातगंज कब्रिस्तान में दफन किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71591.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7732ff0013ee212d1eef40b5dbd85c68724c93c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71591.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना वायरस संक्रमण को मात देने वालों को शारीरिक थकान और कमजोरी अब बहुत ज्यादा परेशान कर रही है। पूरा दिन बिस्तर पर लेटने में बीत रहा है। थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए लोग चिकित्सकों और डाइटीशियनों से सलाह ले रहे हैं। चिकित्सक भी पोस्ट कोविड को गंभीरता से ले रहे हैं, जिससे अन्य बीमारियां कमजोर शरीर को न घेरें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71594.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71594.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc88a57b760d909fb67546436177f1258fc2af78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71594.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे इतर, परीक्षा का फार्मेट बदलना भी एक बेहतर विकल्प होगा। कुछ प्रमुख विषयों की ही परीक्षा लेना समझदारी भरा फैसला होगा। विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय के कुछ मुख्य विषयों की ही परीक्षा होनी चाहिए। इसके आधार पर ही बाकी विषयों का मूल्यांकन किया जाए। प्रश्नों की संख्या को कम कर परीक्षा के समय को कम करना भी अच्छा कदम हो सकता है। परीक्षा आयोजित कराने के मद्देनजर तीन राज्यों- दिल्ली, पंजाब और बंगाल ने परीक्षा से पहले छात्रों का टीकाकरण कराने का सुझाव दिया है। शिक्षा मंत्रालय को इस प्रस्ताव पर भी विचार करना चाहिए। जब छात्रों की स्वास्थ्य चिंताओं को लेकर ही इतना विमर्श हो रहा है, तो ऐसा करने में भी कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34a8bf0052900c80111839af6fbb9036c1320e8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71596.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आलम यह है कि बत्ती न सही, झंडी ही सही! कई राज्यों में माननीयों की पहचान, सम्मान और विशेषाधिकार प्राप्त लोगों का मान बरकरार रखने के लिए झंडी की व्यवस्था कर दी। हरियाणा ने एक मैरून झंडी से सभी माननीय विधायकों की पहचान का संकट दूर किया। हरियाणा में झंडी लागू हो और पड़ोसी राज्य झंडीविहीन रहे, असंभव! इसलिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर लगातार दबाव बनाया गया कि झंडी भी 'आवश्यक वस्तुÓ और पहचान का अनिवार्य तत्व है। इसीलिए जिस दिन हिमाचल प्रदेश का मंत्रिमंडल प्रदेश में कोरोना कफ्र्यू को 26 से 31 मई तक बढ़ाने का फैसला लेने बैठा, उसी दिन झंडी पर भी मुहर लगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ac20fe51603f5477763a9d3f9290c687c876eb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ, [संतोष शुक्ल]। मास्क बेशक कोरोना वायरस से सुरक्षा देता है लेकिन मास्क पहनने में लापरवाही से ब्लैक फंगस का खतरा भी खड़ा हो सकता है। माइक्रोबायोलोजिस्टों की रिपोर्ट बताती है कि बोलने के दौरान मुंह से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें मास्क में नमी बढ़ाती हैं। दूसरी ओर सांस लेने से इसमें फंगस पनपने लायक तापमान बन जाता है। डाक्टरों का दावा है कि लंबे समय तक एक ही मास्क पहनने वाले मरीजों मे ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा है। कपड़े का मास्क संक्रमण के लिए सर्वाधिक अनुकूल माना जा रहा है, जिसमें धूल व नमी देर तक टिकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8d64e4822bda15ed0898a1fdc115d3f8ca210a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl R Madhavan son Vedaant: अभिनेता आर माधवन के बेटे वेदांत माधवन एक दमदार स्विमर के तौर पर उभर रहे हैंl अब उन्होंने डैनिश ओपन स्विमिंग चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर आकर सिल्वर पदक जीता हैl यह स्पर्धा कोपनहेगन में हुई हैl अभिनेता आर माधवन अपने बेटे वेदांत की उपलब्धियों से काफी खुश हैl उन्होंने इंस्टाग्राम पर इसे लेकर खुशी व्यक्त की हैl।'वेदांत माधवन ने भारत के लिए डैनिश ओपन में सिल्वर मेडल जीता है'।आर माधवन ने एक वीडियो शेयर किया हैl इसके साथ उन्होंने लिखा है, 'वेदांत माधवन ने भारत के लिए डैनिश ओपन में सिल्वर मेडल जीता हैl यह स्पर्धा कोपनहेगन में चल रही थीl प्रदीप सर और स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रयासों के लिए धन्यवादl हमें आप पर गर्व हैl'।वेदांत ने जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप में भी पदक जीता था।गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब वेदांत ने स्विमिंग में सिल्वर मेडल जीता हैl पिछले वर्ष 16 साल के स्विमर ने 4 सिल्वर मेडल और तीन ब्रोंज मेडल जूनियर नेशनल एक्वेटिक चैंपियनशिप में जीता था जो कि बेंगलुरु में हुई थीl इसके अलावा वेदांत ने लैटिन ओपन स्विमिंग चैंपियनशिप में 1 पदक जीता हैl।आर माधवन की फिल्में काफी पसंद की गई है।अभिनेता आर माधवन कई फिल्मों में नजर आ चुके हैंl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई है। वह कई कलाकारों के साथ काम कर चुके हैl इसके अलावा वह कई वेब सीरीज में भी नजर आ चुके हैl वह हाल ही में अनकपल्ड वेब सीरीज में नजर आए थेl इस वेब सीरीज को काफी पसंद किया गया थाl आर माधवन ने कंगना रनोट के साथ भी फिल्मों में काम किया हैl आर माधवन अक्सर अपने बेटे के साथ फोटो और वीडियो भी शेयर करते हैl वह अपने बेटे के साथ कई अवसर पर छुट्टियां मनाते भी नजर आए हैl दोनों की जोड़ी को फैंस भी काफी पसंद करते हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67968bb39fc1ab40d8d045fc29e8c108b4129e61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71604.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, रणविजय सिंह। विज्ञान वरदान है, लेकिन उसका दुरुपयोग अभिशाप भी हो सकता है। यह बात दवाओं के लिए भी लागू होती है। हर दवा जो किसी बीमारी में शरीर को फायदा पहुंचाती है उसका गलत इस्तेमाल होने लगे तो उससे नुकसान भी होने लगता है। एंटीबायोटिक इसका उदाहरण हैं। इनके गलत इस्तेमाल से कई एंटीबायोटिक दवाएं जरूरत के वक्त बेअसर हो जाती हैं। इसलिए दवाओं का सही इस्तेमाल जरूरी है। कोरोना संक्रमण के गंभीर व कम गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए स्टेरॉयड जीवनरक्षक की तरह हैं, लेकिन इनका अनावश्यक इस्तेमाल सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है। इसलिए कोरोना मरीजों को यह दवा सिर्फ डॉक्टर की सलाह व देखरेख में ही लेनी चाहिए। + +स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से दुषप्रभाव: अधिक समय तक स्टेरॉयड के इस्तेमाल से शरीर में जल प्रतिधारण (वाटर रिटेंशन) की समस्या होने लगती है। इस वजह से शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन व जोड़ों में परेशानी होती है। दिल की मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। इस वजह से घबराहट व दिल संबंधी परेशानी हो सकती है। यदि यह समस्या अधिक समय तक बनी रहे तो नसों में क्लॉट, फेफड़ों में सूजन या पानी भरने की समस्या, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक व लिवर में परेशानी हो सकती है। कोरोना के इलाज में थोड़े दिन स्टेरॉयड दी जाती हैं। यदि डॉक्टर की सलाह से सही डोज में यह ली जाए तो नुकसान नहीं होता। हां, गैस्ट्रो से संबंधित थोड़ी परेशानी हो सकती है। इससे बचाव के लिए दवाएं दी जाती हैं। दवा देने से पहले डॉक्टर उसके नफा नुकसान का मूल्यांकन करते हैं। कोरोना के कम गंभीर व गंभीर मरीजों को यह दवा नहीं देने पर जोखिम होता है। यह दवा देने से मरीज को फायदा होता है। यह दवा इंजेक्शन, दवा की गोली व इनहेलर के रूप में मौजूद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c98ac58ceb1bd54afd50094b820500212729096b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71606.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, इंग्लिश कमेंटेटर के तौर पर रवि शास्त्री को खासा पसंद किया जाता है और कहा जाता है कि मुंबई में 27 मई 1962 को जन्मे रवि शास्त्री इतनी सरल और साफ धराप्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं कि थोड़ी बहुत अंग्रेजी समझने वाले को भी समझ में आ जाता है कि वे क्या कहना चाहते हैं। यही वजह है कि करीब दो दशक तक रवि शास्त्री ने टीवी पर कमेंट्री की है और उनके कुछ शब्द ऐतिहासिक हो गए हैं। उन्हीं मौके के बारे में आज हम उनके जन्मगिन पर बताने जा रहे हैं। + +1983 का विश्व कप।बतौर क्रिकेटर रवि शास्त्री भारतीय टीम का हिस्सा 1983 के विश्व कप में रहे। भले ही वह फाइनल नहीं खेल पाए थे, लेकिन उस ऐतिहासिक पल का गवाह वे थे, जब भारत ने पहला विश्व कप जीता था। उस समय रवि शास्त्री भारत की बेंच स्ट्रेंथ का हिस्सा थे, क्योंकि उनको प्रदर्शन की वजह से प्लेइंग इलेवन से बाहर होना पड़ा था। इसके बाद वे कमेंट्री के माध्यम से भारत के ऐतिहासिक पलों के गवाह रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71607.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ed6be90011326c1751b0c90a58d5a6a61fe88f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71607.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शुरुआती दिनों में मानसून को प्रभावित कर सकता है यास तूफान।मौसम विज्ञानियों के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में तीव्र चक्रवाती गतिविधियां शुरुआती दिनों में मानसून को प्रभावित कर सकती है। मानसून से पहले तूफान के प्रभाव से तटीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश भी मानसून की सुव्यवस्थित प्रणाली के अच्छी नहीं कही जा सकती। इसलिए संभावना है कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून का आगमन अब थोड़ा विलंबित होगा। + + यह भी जानें।मानसून चक्र के भी प्रभावित होने के आसार। मौसम विज्ञानियों का यह भी कहना है कि अगर केरल में मानसून की दस्तक थोड़ा आगे खिसकती है तो इससे आगे का चक्र भी प्रभावित होगा। मध्य भारत में यह जून के अंतिम सप्ताह तक पहुंचेगा जोकि सामान्य से दो सप्ताह देरी से होगा। तेलंगाना में मानसून 24 जून से 2 जुलाई के बीच पहुंच सकता है जबकि वहां पर यह 10 जून तक पहुंचता रहा है। इसी तरह दिल्ली एनसीआर में 27-28 जून की बताए जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में दस्तक दे सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5260e16526c0b072ba8f78cb137113e76df68ae2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71609.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि दोनों ही जगहों से वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट भी मिल रहा है जोकि पूर्ण रूप से मान्य है। दूसरा पहलू यह भी है कि सरकारी अस्पतालों में ही हेल्थ वर्कर या फ्रंट लाइन वर्कर का डाटा केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, क्योंकि इन दोनों ही वर्गों को केंद्र सरकार ने मान्यता दी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6be3651448af3272b334710b82bcb1500b0a1fe4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71610.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टी20 विश्व कप।16 टीमों का यह टूर्नामेंट भारत में अक्टूबर के मध्य से 14 नवंबर तक प्रस्तावित है। हालांकि, भारत में कोरोना की स्थिति नहीं है और इसके भी बीसीसीआइ की मेजबानी में यूएई में ही आयोजित होने की संभावना है। इससे बीसीसीआइ को यह फायदा होगा कि उसे एक ही जगह खिलाड़ी मिल जाएंगे और एक बायो बबल (खिलाड़ियों के लिए बनाए गए विशेष माहौल) से दूसरे बायो बबल में शिफ्ट हो जाएंगे। हालांकि, इससे दुबई, अबूधाबी और शारजाह की पिचों की तैयार कराना बड़ी चुनौती होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3545f960df2697f1a0ec3bba6e33b20c012c9d32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1. चंद्रमा से भी बड़े उपग्रह है सौरमंडल में। यह वैज्ञानिक रूप से सच है कि सौर मंडल में चंद्रमा से भी बड़े चार और उपग्रह मौजूद है। इनमें सबसे बड़ा बृहस्पति ग्रह के पास स्थित है जोकि असल में प्लूटो और बुध ग्रह से भी बड़ा है। इसके अलावा टाइटन, कैलीस्टो और ईओ भी चंद्रमा से बड़े हैं। खगोलशात्रियों का अध्ययन जारी है। कभी सिर्फ 9 ग्रह के बारे में जानकारी थी, लेकिन अब सौर मंडल में दर्जनभर से अधिक ग्रहों के बारे में पता चल चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71612.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ad18a3cdccbe7a9fa8bc43c3d3627480de5656f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71612.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आशुतोष झा, नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर खूब राजनीति हुई और अभी भी जारी है। कोरोना की दूसरी लहर को भी वैक्सीन की कमी से जोड़ दिया गया। जबकि सच्चाई यह है कि दूसरी लहर को रोक पाना संभव ही नहीं था। वैश्विक स्तर पर कोई भी देश दूसरी लहर नहीं रोक पाया। हां तीसरी लहर और कहीं कहीं चौथी लहर जरूर नियंत्रित की जा सकी है। अब जबकि देश के बड़े हिस्से में कोरोना थोड़ा नियंत्रित है तो सवाल यह है कि क्या नवंबर तक संभावित तीसरी लहर से बचने को केंद्र और राज्य तैयार हैं। + +फ‍िर संकट की आशंका ।किल्लत के बीच भी जिस तरह कुछ राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी हो रही है और कार्यक्रम सुस्त है उससे आशंका बढ़ सकती है। नेशनल टेक्नीकल ग्रुप आन इम्यूनाइजेशन (एनटागी) के प्रमुख डा एनके अरोड़ा दैनिक जागरण के सवालों के जवाब में कहते हैं कि दूसरी लहर को वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता। हम तब दूसरी लहर को रोक पाते अगर फरवरी तक हमारे पास 60-65 करोड़ डोज होते। लेकिन उस वक्त पूरी दुनिया में इतने डोज नहीं थे। दुनिया का कोई भी देश दूसरी लहर नहीं रोक पाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e23548b669080e31ec16541a3541501e0fcf5bf7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71613.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुल 867 ग्राम प्रधान ।जिले में कुल 867 ग्राम प्रधान के पद हैं। इनमें से 294 पद पंचायती राज विभाग ने इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए थे, लेकिन चुनाव परिणाम में इससे भी अधिक 359 महिलाओं ने जीत दर्ज की है। सभी ब्लाकों में आरक्षण से अधिक महिलाएं प्रधानी बनी। इनमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने भी रिकार्ड तोड़ जीत दर्ज की है। कुल 36 महिलाएं चुनाव में उतरी थीं। इनमें से 26 ने प्रधान पद पर जीत अर्जित की है। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्य में भी 36 महिलाएं प्रधान बनी हैं। ।पहली बार में ही बनी प्रधान।प्रधान बनने वाली समूहों से जुड़ी अधिकतर महिलाएं पहली बार ही चुनाव में उतरी थीं। अच्छे व्यवहार के चलते गांव के लोगों ने इनका पूरा सहयोग किया। इसी का असर रहा कि पहली ही बार में इन्होंने रिकार्ड तोड़ जीत दर्ज की। अधिकर महिलाएं बिना फिजूलखर्ची के चुनाव जीती हैं। ।इन गांव में समूह की महिलाएं बनी हैं प्रधानी।केलनुपर से कंचन तोमर, कदौली से प्रिंयका देवी, भवीगढ से सीमा देवी, दाऊगढ़ी से संजना, मीरगढ़ी से प्रेम वती,जखेरा से रानी, टीकरी बहादुर से रतनेश देवी, कोछोड़ से वेकुंटी देवी, भरतुआ से सुषमा देवी, भोजपूर से निर्मला देवी, माती से शालू, तापुर से सुशीला देवी, नगला फतेला से नीतू चौधरी, नगला बलराम से ओमवती देवी, तकीपुर मावन से पिंकी देवी, रायपुर से रेखा देवी, कल्याणपुर से निर्मला देवी, दौपुर से बसंती देवी, ओरिहा, ऊषा देवी,लेखराजपुर से ऊषा देवी, पखौदना से सरोज, नगलिया से राजबाला प्रधान चुनी गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29b633db23a4a821b0e229ab5e88aa71f4f20e6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71615.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन दवाओं और साधनों से जीएसटी हटाने की मांग।यह फैसला इनके निर्माण से जुड़ी कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने का रास्ता साफ करेगा। इससे ग्राहकों पर अतिरिक्त टैक्स बोझ नहीं पड़ेगा। उन्होंने लिखा है कि इससे कोरोना प्रभावित लाखों देशवासियों का भला होगा। मित्रा से पहले पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी यह मांग कर चुके हैं। बादल ने कोरोना में इस्तेमाल होने वाली सभी तरह की दवाइयों, फेस मास्क, पीपीई किट्स, ग्लब्स, वेंटिलेटर्स, आक्सीमीटर्स आदि पर जीएसटी हटाने की मांग की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24cdb592c193b0d2d1c4a0eb9ee2a0a267dc8f6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71616.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मरीजों की संख्या के आधार पर आवंटन ।गौड़ा ने कहा कि देश भर में उपचाराधीन मरीजों की संख्या के आधार पर यह आवंटन किया गया है जो 11,717 है। सरकार ने इनमें से 7,210 शीशियां गुजरात को, 6,980 शीशियां महाराष्ट्र को आवंटित की हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में वर्तमान में ब्लैक फंगस संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं जो क्रमश: 2,859 और 2,770 हैं। + +ब्लैक फंगस के महंगे इलाज में असहाय गरीब परिवार।ब्लैक फंगस से संक्रमण का इलाज बहुत महंगा है, जिससे गरीब परिवार खुद को असहाय पा रहे हैं। ब्लैक फंगस से संक्रमित व्यक्ति के इलाज पर कम से कम पांच लाख रुपये का खर्च आता है। हालांकि, निजी अस्पतालों में यह रकम 10-15 लाख रुपये तक बैठ सकती है। डाक्टरों का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति को एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कम से कम 100-150 शीशी की जरूरत पड़ती है। एक शीशी की कीमत 3,500-8,000 रुपये तक है। इसके अलावा इसके लिए कई तरह की जांच भी करानी पड़ती है जो बहुत महंगी है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29b8161bc6fd742fbfcc49c58a2c167746599965 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, [विजय गाहल्याण]। अंतरराष्‍ट्रीय पहलवान और दो बार ओलंपिक में पदक जीतने वाले सुशील कुमार की हत्‍या मामले में गिरफ्तारी से खिलाडियों के कदम भटकने का खुलासा हुआ है। ओलंपियन सुशील कुमार पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में  पुलिस के शिकंजे में है। इसके साथ ही हरियाणा के खेल के मैदान कई ऐसे चैंपियन खिलाड़ी हैं जो अपराध की दलदल में फंस गए हैं। अखाड़ों के पहलवान, कबड्डी, वालीबॉल, बॉक्सिंग और फुटबॉल के मैदान के चैंपियन खिलाड़ी अपराध की दुनिया में दांव लगा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a32996d5a89418a22f15dc5ad83429397ec4e3f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71622.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Career In Paramedical: पिछले महीने कोविड की दूसरी लहर बढ़ने के बाद बड़े शहरों के अस्पतालों से लेकर छोटे शहरों के अस्पतालों में भी अफरा-तफरी की स्थिति दिखी। ज्यादातर जगहों पर वेंटिलेटर होने के बावजूद या तो उन्हें चलाने वाला प्रशिक्षित स्टाफ नहीं था या फिर वे खराब पड़े थे। अच्छी बात यह रही कि कुछ जगहों पर डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ ने इन्हें चलाना सीखकर मरीजों को जीवनदान देने में मदद की। जाहिर है आने वाले दिनों में चिकित्सा उपकरणों को संचालित करने वाले प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या शहरी और ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में निश्चित रूप से बढ़ेगी और इस तरह का कोर्स करने वाले युवाओं को अच्छे अवसर मिलेंगे। + +बढ़ती जॉब संभावनाएं: इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं (महिला/पुरुष दोनों) को पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद सरकारी और निजी हॉस्पिटल्स, क्लीनिक्स, सीएचसी/पीएचसी के अलावा लैब्स में टेक्निशियन या सहायक स्टाफ के रूप में आसानी से जॉब मिल जाती है। माना जा रहा है कि सेहत के प्रति जागरूकता आने से गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए भविष्य में जैसे-जैसे देश में और अधिक हॉस्पिटल और नर्सिंग होम्स खुलेंगे, ऐसे प्रोफेशनल्स की आवश्यकता और बढ़ेगी। + +प्रमुख पैरामेडिकल कोर्सेज: पैरामेडिकल में र्सिटफिकेट, डिप्लोमा तथा डिग्री स्तर पर विभिन्न तरह के कोर्सेज कराये जा रहे हैं, जिनको करने के बाद आप हेल्थ केयर के फील्ड में आ सकते हैं। जैसे कि इन कोर्सों में प्रमुख हैं: मेडिकल लैब टेक्निशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, एमआरआइ टेक्निशियन, सीटी स्कैन टेक्निशियन, डायलिसिस टेक्निशियन, मेडिकल रिकॉर्ड टेक्निशियन, ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट, नर्सिंग असिस्टेंट, ईसीजी असिस्टेंट, डेंटल असिस्टेंट, एंबुलेंस अटेंडेंट, फिजियोथेरेपिस्ट आदि। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d02d70e89c679c80746a845333d8cc6b875ef16f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सधी शुरुआत: चेचक वैक्सीन लिंफ की पहली खुराक मई 1802 में भारत पहुंची। तत्कालीन बंबई के तीन वर्षीय अन्ना दुस्थाल को भारत में पहली बार 14 जून, 1802 में इसकी पहली खुराक पिलाई गई। तब से लेकर वैक्सीन के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 1827 में बांबे सिस्टम ऑफ वैक्सीनेशन शुरू किया गया। इसके तहत वैक्सीनेशन करने वाले लोग एक जगह से दूसरी जगहों की यात्रा करने लगे। दो तिहाई टीकाकरण इसी तरीके से होता है, शेष एक तिहाई डिस्पेंसरी प्रणाली से होता है। चेचक को महामारी बनने से रोकने के लिए 1892 में अनिवार्य टीकाकरण कानून पारित हुआ। 1850 तक चेचक का टीका ग्रेट ब्रिटेन से आयात किया जाता था। वैक्सीन की किल्लत आई तो 1832 और 1879 में क्रमश: बंबई और मद्रास में चेचक के टीके के विकास का प्रयास हुआ लेकिन कामयाबी मिली 1880 में। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b4631b5a661a676a056a549bf0289628cf5127f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71628.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[संतोष शुक्ल] मेरठ। Black Fungus: ब्लैक फंगस की महामारी अचानक ही नहीं आई, बल्कि इसकी आहट पांच साल पहले ही मिल गई थी। चिकित्सकों के बीच इन दिनों एक मेडिकल जर्नल चर्चा में है, जिसमें भारत में ब्लैक फंगस से आफत की बात 2017 में ही कह दी गई थी। आज ब्लैक फंगस कई राज्यों में महामारी घोषित हो चुका है। मेडिकल माइकोलोजी में लेखक जगदीश चंदर ने 2017 में ही लिख दिया कि आगामी कुछ वर्षो में ब्लैक फंगस भारत पर हमला करेगा। लेखक ने साफ किया है कि भारत में संक्रमण ज्याद है। शुगर बढ़ने से ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस तबाही मचा सकता है। + +चैप्टर-26 चर्चा में: मेडिकल कालेज के कैंसर रोग विभाग के प्रोफेसर डा. सुभाष सिंह बताते हैं कि अनियंत्रित शुगर भारत के लिए सर्वाधिक गंभीर संकट है। इस वजह से भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ रही है। डा. सिंह ने बताया कि 1855 में पहली बार एक विदेशी में म्यूकरमाइकोसिस मिला। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस भी उफन पड़ा है। कई राज्यों में सैकड़ों मरीज मिल रहे हैं। + +डाक्टरों ने स्टेरायड का ओवरडोज, लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती, आक्सीजन पाइपलान की गंदगी, ह्यूमिडीफायर का संक्रमण और मिट्टी व पेड़ों के आसपास रहने से ब्लैक फंगस पकड़ने की बात कही है। लेकिन डाक्टरों के बीच चिकित्सा विज्ञान की एक टेक्स्ट बुक चर्चा में आ गई है। 2017 में प्रकाशित मेडिकल माइकोलोजी नामक किताब में लेखक जगदीश चंदर ने पृष्ठ संख्या-554 और चैप्टर 26 में लिखा है कि अगले कुछ सालों के अंदर भारत में ब्लैक फंगस तबाही मचाएगा। किताब में साफ किया गया है कि तीन दशक के अंदर भारत शुगर की राजधानी बन चुका है। इससे म्यूकर को लोगों में पनपने का मौका मिल गया है। भारत में दस फीसद आबादी शुगर से ग्रस्त है या प्री डायबिटिक है, जिससे वायरल एवं बैक्टीरियल के साथ ही फंगस एवं प्रोटोजोआ के संक्रमण बढ़ेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fb42f972995f24947a03c7e7fb075e5a40bfb3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हापुड़, [संजीव वर्मा]। नये कृषि कानून विरोध के चलते बुधवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है। टिकैत ने अगले दो दिन में सभी टोल प्लाजा पर धरना शुरू करने की बात कहीं है। इसके लिए उन्हाेंने कृषि कानून विरोधियों को धरने की तैयारी करने का आह्वान किया गया है। इतना ही नहीं यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो टोल प्लाजा फ्री कराने से वह पीछे नहीं हटेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b7405d552b908359c961b01b49bd883a08f9774 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71633.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरतलब है कि दुनिया में बच्‍चों की कुल आबादी का चौथाई हिस्‍सा केवल इन्‍हीं देशों में है। दक्षिण एशियाई देशों की आबादी करीब 2 अरब है। वहीं दुनियाभर में सामने आने वाले कोरोना संक्रमण के आधे मामले केवल यहीं से आ रहे हैं। यूनिसेफ के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारेया अडजेई ने काठमांडू में कहा कि इन देशों की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के मुकाबले सामने आने वाले मामले कहीं ज्‍यादा हैं। इस दौरान उन्‍होंने कोरोना मरीजों को हो रही ऑक्‍सीजन की किल्‍लत का भी मामला उठाया और इस पर चिंता जताई। उन्‍होंने कहा कि मरीजों के परिजन अपनी जान जोखिम में डालकर इन सिलेंडर का इंतजाम कर रहे हैं और इन्‍हें खुद अस्‍पताल पहुंचा रहे हैं। वहीं अस्‍पतालों में डॉक्‍टर्स और दूसरा स्‍टाफ घंटों तक अपनी सेवाएं दे रहा है, जिससे उनमें थकान हावी होती दिखाई दे रही है। उनके ऊपर इस वक्‍त इतना दबाव है कि वो हर मरीज पर पूरी तरह से ध्‍यान नहीं दे पा रहे हैं। + +उनके मुताबिक नेपाल में कोविड टेस्टिंग के पॉजीटिव आने की दर 47 फीसद हो गई है। वहीं श्रीलंका में भी कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है और हर रोज आने वाले नए मरीजों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। साथ ही इससे मरने वालो की भी संख्‍या बढ़ रही है। इसी तरह से मालदीव की भी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं भारी दबाव में हैं। यहां पर मरीजों को देखते हए सरकार ने अस्‍पतालों में बेड की संख्‍या बढ़ाई है। यूनीसेफ ने चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान, बांग्लादेश, अफगानिस्‍तान और भूटान में यही हालात पैदा हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df0220ecf877af2d24d7eb11fbfb9c759f0503de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाहौर (एएनआई)। पाकिस्तान में भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिष्ठान ने पंजाब प्रांत में रावलपिंडी रिंग मार्ग प्रोजेक्‍ट से जुड़े घोटाले की जांच शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसको अपना समर्थन दिया है। हालांकि इसको पीएम के लिए एक तगड़े झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है। सरकार के प्रवक्‍ता की तरफ से इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी के महानिदेशक मोहम्मद गौहर द्वारा नामित जांच दल में कानूनी, तकनीकी और आर्थिक विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रवक्‍ता के मुताकिब इस टीम ने घोटाले की जांच शुरू कर दी है और गहन जांच के बाद परियोजना के सभी तथ्य सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c801422863c6ce12c6c7f525cf191e179fee9ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर से बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर आधारित फिल्म न्याय द जस्टिस की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। फिल्म पर रोक लगाने के लिए अधिवक्ता विकास सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार न्यायधीश ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को कोई राहत नहीं दी गई है, इसलिए फिल्म रिलीज के लिए तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71641.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..904aaac67557baa24e14727e7520132d9f5bc125 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा जोन में अपराध करने वाले शातिरों के लिए बुरी खबर है। आठ जिलों में अपराध करने के बाद पकड़े जाने पर वह अपने गुनाहों को छिपा नहीं सकेंगे। पूछताछ में पुलिस काे गुमराह नहीं कर सकेंगे। मोबाइल एप पर सिर्फ एक क्लिक करते ही उनके सारे गुनाहों का कच्चा चिट्ठा पुलिस के सामने होगा। वह कितनी बार जेल गए, किस जिले में कब और कहां कौन सी वारदात की, यह सब पलक झपकते पता चल जाएगा। एडीजी राजीव कृष्ण ने अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए आपरेशन पहचान शुरू किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..542e075545ffd4b0e4dca35e592359f4fbcdb3e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्थात कोरोना राहु के प्रभाव के चलते ही तरह-तरह का रूप बदल रहा है। तो वहीं चन्द्रमा के साथ होने से ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को फेफड़े तथा सर्दी-जुकाम खांसी का कारक माना गया है। इसीलिए कोरोना ने फेफड़ों गला, कान, आंख, पर ही अपना प्रभाव दिखा रहा है। चूंकि राहु छाया ग्रह है इसलिए कोरोना भी अदृय है। राहु ही संक्रमण का सबसे बड़ा कारक ग्रह होता है। संक्रमण की गति और तेज तब हो जाती है जब राहु पर शनि की दृष्टि हो हालांकि कोरोना की जन्मराशि पर राहु, चन्द्र, शनि, बृहस्पति, केतु इन पांचों ग्रह का प्रभाव है। अर्थात इन पांच ग्रह के दुर्योग से कोरोना के तमाम रूप दिख रहे है। तो वहीं विश्वपटल पर फैलने का सबसे बड़ा वजह कोरोना की कुंडली में बुद्ध जो पंचम भाव में मंगल के साथ बैठा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea073e715da7bb6f5186ac2cc282814db4627e47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2. शशांकासन।इस आसन से थकान और तनाव से छुटकारा मिलता है। गर्दन और पीठ दर्द में आराम होता है। मस्तिष्क शांत और पीड़ा से मुक्त हो जाता है। इसके लिए घुटनों को मोड़कर फर्श पर बैठ जाएं। एक आरामदायक स्थिति में एड़ियों के बल बैठें और नीचे झुकें। अपने हाथ आगे फैलाएं और माथे से जमीन छूने की कोशिश करें। इस अवस्था में दो मिनट रहें। फिर धीरे-धीरे पहले जैसी अवस्था में आ जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a119dd963d035949809b61b6f9bbe4848ef1eda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71645.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोक्षदा तकनीक से शहर में 14-15 घाट बनने थे।नगर निगम के पर्यावरण विभाग द्वारा लगभग चार-पांच साल पहले मोक्षदा तकनीक से शहर में 14-15 घाट बनवाने के प्रस्ताव बनाकर बजट की स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया था। इन घाटों के निर्माण पर करीब छह करोड़ रुपये अनुमानित था। हालांकि प्रस्ताव बनाने वाले अधिकारी का यहां से स्थानांतरण हो जाने के बाद उसकी पैरवी नहीं हो सकी। इससे योजना अधर में लटकी रह गई। दावा यह भी है कि इस तकनीक से घाटों के बनने से दाह संस्कार में लकड़ी भी कम लगती और पर्यावरण का भी अपेक्षाकृत नुकसान कम होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4a1a35e34fc377014d813d4ba4ad38cc5f3b345 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस महामारी और महाविपदा की घड़ी में समाज में ऐसे अनगिनत उदाहरण भरे पड़े हैं, जहां लोग तन-मन-धन से दूसरों की सहायता कर मानव सेवा की मिसाल कायम कर रहे हैं। लेकिन पूरी दुनिया में मानवता पर जब इतनी बड़ी विपदा पड़ी है, आर्थिक अभाव में लोग खाने तक को मोहताज हो गए हैं। रोजगार छिन गया है। इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। अपनों की जान बचाने के लिए जेवर, मकान तक गिरवी रखना या बेचना पड़ रहा है। पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। परिवार की इज्जत-आबरू तक बचाना मुश्किल हो गया है, परिवार में रोगी को बचाने के लिए वे खुद भी तिल-तिल कर मर रहे हैं, ऐसे समय में भी आपदा को कुछ लोगों ने अवसर मानकर अनैतिक कमाई शुरू कर दी है। उन्होंने जमीर ही नहीं बेचा है, उनकी आत्मा तक मर चुकी है। आखिर कौन लोग हैं ये आपदा के असुर जो सारी मानवता को भूलकर इतने निष्ठुर, असंवेदनशील, भ्रष्ट और अमानवीय हो चुके हैं कि उन्हें दूसरों का कष्ट नहीं दिखता। यहां तक कि ये खुद ही लोगों की मौत का इंतजाम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, मरने के बाद ये उनके कफन तक चोरी करने लगे हैं। ऐसे लोगों के कुछ पाशविक कारनामों पर निगाह डालना समीचीन होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..012d1750c32021c9a9e965306f7df3606f0421d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71648.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस्‍लामाबाद (एएफपी)। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कड़े शब्‍दों में कहा है कि उनका देश न तो अमेरिकी सेना को मिलिट्री बेस बनाने की इजाजत देगा और न ही पाकिस्‍तान में कहीं भी ड्रोन अटैक करने की इजाजत देगा। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की तरफ से ये कहा जा रहा है कि वो भविष्‍य में अफगानिस्‍तान को आतंकी संगठनों के खतरे से बचाने के लिए अपनी जगह कहीं बना सकता है या नहीं। हालांकि अमेरिकी अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए पाकिस्‍तान का नाम नहीं लिया है न ही उन्‍होंने मीडिया में आई अटकलों पर कोई जवाब दिया है। + +वहीं पाकिस्‍तान पहले से ही अमेरिकी सेना को अफगानिस्‍तान के लिए अपनी जमीन का इस्‍तेमाल करने की इजाजत देता रहा है। अफगानिस्‍तान में नाओ की सप्‍लाई भी पाकिस्‍तान के ही रास्‍ते होती रही है। इसलिए भी पाकिस्‍तान अमेरिका के लिए सही जगह भी है। पाकिस्‍तान की तरफ से आए बयान से पहले मीडिया में इस तरह की खबरें आई थी जिसमें अमेरिका के हवाले से कहा गया था कि पाकिस्‍तान ने उन्‍हें अपने यहां पर मिलिट्री बेस बनाने और अपने एयरस्‍पेस का इस्‍तेमाल करने की इजाजत दे दी है। साथ ही ये भी कहा गया था कि पाकिस्‍तान अमेरिकी सेना को मदद भी प्रदान करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71649.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71649.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..482c797f2adc03a11e77a67100bfcce340c4cbb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71649.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, अनुराग अग्रवाल। हरियाणा के किसानों को धान और गेहूं की परंपरागत फसलों की बजाय दलहनी और तिलहनी फसल बोने के लिए प्रेरित करने वाले प्रदेश सरकार के प्रयास रंग लाते नजर आ रहे हैं। जिस बाजरे व सरसों की फसल को यहां कभी उचित भाव नहीं मिले, इस बार ये दोनों फसल बोने वाले किसान मालामाल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने का सपना हरियाणा में सच हुआ है। पिछले साल दिसंबर में बाजरा उत्पादक किसानों को जहां अपनी फसल के उम्मीद के कहीं अधिक दाम मिले, वहीं इस बार सरसों के बढ़े रेट ने किसानों की जेब भारी कर दी है। + +एमएसपी ने इन बाजरा उत्पादक किसानों को बड़े नुकसान से बचा लिया। यहां तक कि पंजाब व राजस्थान के व्यापारियों ने वहां के किसानों से कम रेट पर बाजरा खरीदकर हरियाणा सरकार को बेचने का प्रयास किया, लेकिन वास्तविक किसान नहीं होने की वजह से ऐसे व्यापारी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। अब सरकार इस बाजरे की फूड प्रोसेसिंग के लिए मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ व्यापारिक समझौते करने में लगी है। ये कंपनियां हरियाणा सरकार से यह बाजरा खरीदेंगी और उसके बिस्किट बनाकर या मिक्चर नमकीन में इस्तेमाल कर बाजार में उतारेंगी। जाहिर है कि ऐसा करने पर बाजरा उत्पादक किसानों का भविष्य पहले से ज्यादा सुरक्षित हो सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2730eff8cd0fdf776544ad4dadc11bf011141069 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (रॉयटर्स)। सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म वॉट्सऐप ने भारत सरकार के फैसले के खिलाफ दिल्‍ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों को न मानने के बाद वॉट्सऐप को बुधवार को बंद किए जाने का फैसला लिया गया था। समाचार एजेंसी के मुताबिक, वॉट्सऐप ने कोर्ट में दायर याचिका में भारत सरकार के बनाए नए नियम को भारतीय संविधान के तहत दिए गए गोपनीयता के अधिकार का उल्‍लंघन बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5dc5c2521e03f1ee8a6cccb452f0c6474e48c00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीओबी की नई व्यवस्था।बैंक ऑफ बड़ौदा ने अब ग्राहक के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य कर दी है कि वह दो लाख या इससे अधिक वैल्यू के जो भी चेक जारी करेंगे, उनके डिटेल तुरंत ऑनलाइन बैंकिंग, एसएमएस या फोन से बैंक को देंगे। इसमें भुगतान पाने वाले का नाम, भुगतान की जाने वाली राशि, चेक संख्या आदि की जानकारी देनी होगी। यह सारी व्यवस्था ग्राहक को ऑनलाइन ही मिल जाएगी। इसके अलावा इसे आसान बनाने के लिए एक प्रोफार्मा भी है जिसे ग्राहक भरकर बैंक को दे सकते है। अगर ग्राहक बैंक को चेक जारी करते समय ही ये सारी जानकारी नहीं देता है तो भुगतान नहीं किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5bb1ede18c85f141c277f212cc05ac90a45d730 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71658.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। आज आसमान में एक ऐसी घटना घटने वाली है जिसको आम दिनों में नहीं देखा जा सकता है। इसलिए ही ये घटना बेहद खास है। दरअसल, बुधवार को चंद्रमा आसमान में आम दिनों की तुलना में अधिक बड़ा दिखाई देगा। आज इसकी चमक भी पहले के मुकाबले कहीं अधिक तेज होगी। क्‍या आपको इसकी वजह के बारे में पता है। यदि नहीं तो हम आपको इस खगोलीय घटना का कारण बताते हैं। हम सभी इस बात को बखूबी जानते हैं कि चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। चंद्रमा की गुरुत्‍वाकर्षण शक्ति पृथ्‍वी को डगमगाने नहीं देती है। आपको ये भी बता दें कि चांद धरती का एक चक्‍कर 27.3 दिनों में पूरा करता है। अपनी धुरी पर घूमते हुए भी इतने ही दिन में ये एक चक्‍कर लगातार है। इसकी वजह से हमें धरती से केवल इसका एक ही भाग दिखाई देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db00f1ab3200b9473fc9b0699e8d2e39792177c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71661.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब कांग्रेस का विवाद कहां जाकर थमेगा इसे लेकर सबकी नजरें राहुल गांधी पर ही लगी हुई हैं। दरअसल मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार की कारगुजारी पर उंगली उठाने वाले अधिकतर नेता राहुल के करीबी माने जाते रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह की कांग्रेस में एंट्री भले ही प्रियंका वाड्रा के जरिये हुए हो, लेकिन उसमें राहुल गांधी की भी सहमति थी। वहीं, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा भी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8dfa9e7a25bb4f7b237ad2bbafcf615b603a13b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Salman Khan News: फिल्म 'राधे' को लेकर दिल्ली HC ने दिया बड़ा आदेश, पढ़िये- कैसे मिली सलमान खान को राहत।सुशील कुमार का जन्म 26 मई, 1983 को राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ के पास बारपोला गांव में हुआ। परिजनों की मानें तो बेहद फुर्तीले सुशील ने स्कूल में पढ़ने के दौरान 14 साल की उम्र से ही पहलवानी में हाथ आजमाने शुरू कर दिए थे। ।Delhi Hot Weather: क्या दिल्ली-NCR में नौ दिन पड़ने वाली है भीषण गर्मी, नौतपा में मिलेगी राहत या बढ़ेगी परेशानी?।एक नजर में सुशील कुमार।इसे भी पढ़ेंः क्यों होता है फंगल संक्रमण? किन मरीजों में अधिक खतरा, जानें लक्षण व बचाव के तरीके।यह भी जानें।इसे भी पढ़ेंः Farmers protest: कुंडली बार्डर पर आंदोलनकारियों ने फिर किए पक्का निर्माण, पुलिस ने भेजा नोटिस।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3261d958e3af0c76f6529a2413193c9b0131cfdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71665.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। जगदीप धनखड़ को राज्यपाल के पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को हाल ही में एक पत्र लिखा है। ममता का पत्र यह बताने को काफी है कि उनकी सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद कहां तक पहुंच चुका है। राज्यपाल हों या फिर केंद्र सरकार, जिस तरह से मुख्यमंत्री रहते हुए कम्युनिस्ट नेता ज्योति बसु विरोध किया करते थे, उसी राह पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चल रही हैं। बंगाल के लिए इसे विडंबना ही कहेंगे कि पिछले 69 वर्षों में जितनी भी पार्टियों की सरकारें बनी, उसमें कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी सत्तासीन दलों का राज्यपालों के साथ 36 का आंकड़ा रहा है। + +बंगाल के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो राज्यपाल के साथ सूबे की सरकारों के टकराव की कहानी पहली बार नवंबर 1967 में शुरू हुई थी। तत्कालीन राज्यपाल धर्मवीर ने अजय मुखर्जी के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार को बर्खास्त कर दिया था। सभी गैर-कांग्रेसी दलों ने धर्मवीर की तीखी आलोचना की थी। वर्ष 1969 में फिर संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी, लेकिन राज्यपाल के साथ विवाद नहीं थमा। हालात यहां तक पहुंच गए कि राज्य सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से धर्मवीर को पद से हटाने की मांग की जिसे मान लिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90e9a1cd606469709431a414fb99235e86c70361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डब्ल्यूएचओ की टीम को सारी सूचनाएं नहीं देने पर भारत ने जताई थी चिंता।वैसे यह रिपोर्ट ही अपने आप में काफी विवादास्पद रही थी। इसमें यह सवाल सामने आया था कि चीन ने डब्ल्यूएचओ की टीम को कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़ी सारी सूचनाएं नहीं दी है। इस पर भारत ने भी चिंता जताई थी। भारत ने कहा था कि, 'डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने यह कहा है कि उन्हें पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया था। भारत इस बात का समर्थन करता है कि डब्ल्यूएचओ को इस विषय पर अध्ययन के लिए सात संबंधित पक्षों को पूरी सूचनाएं देनी चाहिए, खास तौर पर यह वायरस कैसे उत्पन्न हुआ और कहां से उत्पन्न हुआ है, इससे जुड़ी सूचनाओं को।'।भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहीं भी चीन का नाम नहीं लिया गया था। भारत के अलावा कम से कम एक दर्जन और देशों ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए और वृहद जांच का समर्थन किया था। इसमें ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, कनाडा भी शामिल थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5543fb1b807c70f364b24820ccff0dde3a79ef5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेलिना जेटली के प्रवक्ता ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की। इस दौरान अभिनेत्री के प्रवक्ता ने बताया है कि राज कुंद्रा की कंपनी ने सेलिना जेटली से अप्रोच तो किया था लेकिन शिल्पा शेट्टी के जेएल स्ट्रीम ऐप के लिए। हालांकि सेलिना जेटली इस ऐप से भी नहीं जुड़ पाई थीं। अभिनेत्री के प्रवक्ता ने कहा, 'सेलिना को शिल्पा शेट्टी के एप जेएल स्ट्रीम के लिए अप्रोच किया गया था। यह प्रोफेशनल्स के लिए एक साफ-सुथरा ऐप है। उन्हें हॉटशॉट्स के लिए अप्रोच नहीं किया गया था और उन्हें पता भी नहीं है कि इस ऐप में क्या है।'।सेलिना जेटली के प्रवक्ता ने आगे कहा, 'शिल्पा और सेलिना अच्छी दोस्त हैं इसलिए उन्हें जॉइन करने के लिए निमंत्रण दिया गया था। हालांकि कमिटमेंट्स के चलते सेलिना शिल्पा शेट्टी के ऐप को भी जॉइन नहीं किया। सिर्फ सेलिना ही नहीं बॉलीवुड की अन्य अभिनेत्रियों को भी इस ऐप को जॉइन करने के लिए अप्रोच किया गया था।' गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया पर ऐसी खबरें थीं कि सेलिना जेटली राज कुंद्रा के ऐप से जुड़ने वाली थीं। जिसके बाद अभिनेत्री के प्रवक्ता का यह बयान आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee3c8c74d3014433ec2903b1ed5fb9043adf0755 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक शर्मा, ग्वालियर। आमतौर पर माना जाता है कि शहर ही गांवों को आगे बढ़ने या संकट से बचने का रास्ता दिखाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कुछ सचेत और चैतन्य गांवों ने अपने शिवपुरी शहर को संक्रमण से बचने का रास्ता दिखाया। अप्रैल माह में एक समय ऐसा था, जब शिवपुरी मध्य प्रदेश में सर्वाधिक संक्रमण दर (45 फीसद) वाला जिला बन गया था। तब करीब 200 से अधिक गांवों को चारों तरफ से सील कर लिया। न कोई बाहर गया, न किसी को गांव में आने दिया। नतीजतन गांवों में संक्रमण दर तेजी से कम हुई। यह देख प्रशासन ने गांव का यही माडल शहर में लागू किया गया। इससे शहर में भी एक सप्ताह में संक्रमण दर गिरने लगी, जो दो-तीन सप्ताह में एकदम नीचे आ गई। अब शिवपुरी में संक्रमण दर पांच फीसद से भी कम है। ।गांवों ने ऐसे रोका संक्रमण। शिवपुरी जिले के गांव सालोन, चितारा, मोहनपुरा, सीहोर, छपरा आदि में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। यहां ग्राम पंचायतों ने बाहरी व्यक्तियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया। सब घरों में रहे और सरपंच से लेकर सचिव तक लोगों को जागरूक करते रहे। पंचायत ने हर घर में काढ़ा बांटा। सालोन की सरपंच गुड्डी बाई बताती हैं, अंतिम संस्कार में भी बाहरी रिश्तेदारों पर प्रतिबंध लगा दिया। स्वेच्छा से लोगों ने शादियां भी स्थगित कर दीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3570b2eae5a80d4737fc70c62df7e27bda39b00c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। कोरोना संक्रमण के मामले कम होते ही अब निजी अस्पताल भी टीकाकरण की तरफ ध्यान केंद्रित करने लगे है। एक मई से लागू नई नीति के तहत अब निजी अस्पताल 18 से 44 और 45 पार वर्ग के टीके के लिए सरकार पर केंद्रित नहीं है, बल्कि वे स्वयं अपने स्तर पर टीका निर्माता कंपनियों से सौदा कर रहे है। मैक्स, अपोलो और फोर्टिस अस्पतालों के बाद द्वारका सेक्टर-3 स्थित आकाश अस्पताल भी अब टीकाकरण की सुविधा शुरू करने जा रहा है। गुरुग्राम माडल के तर्ज पर आकाश अस्पताल भी द्वारका सेक्टर-14 स्थित वेगास मॉल के साथ मिलकर ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन शुरू कर रहा है। यानि माल के बाहर गाड़ी में बैठे-बैठे लोग अब टीकाकरण करवा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21a79ae36f8290dda28a9b69189d664955ba5349 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैसे लेकर भागने भागींं ये कंपन‍ियां।केस-01।मझोला थाना क्षेत्र में आठ जुलाई 2016 को मझोला थाना क्षेत्र में तीन चिट फंड कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। कंपनी पर 20 करोड़ रुपये से अधिक की रकम डकारने के आरोप लगे थे। इस मामले का मुख्य आरोपित फरार था। जबकि मुख्य आरोपित के माता-पिता को पुलिस ने जेल भेजने की कार्रवाई की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9389a1c27def1f4b7d07365fe17b7ec6d68b0e41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मां देती थी नरेंद्र का साथ ।नरेंद्र की 38 साल की उम्र हो चुकी थी लेकिन उसने शादी नहीं की थी। उसकी शादी के लिए कई रिश्ते भी आए थे लेकिन छवि खराब होने के कारण सभी रिश्ते वापस लौट जाते थे। इसके बावजूद वह अपनी मां का लाडला था। यही कारण था कि वह पिता की पेंशन नरेंद्र को सौंप देती थी। बड़ा भाई सुंदर व उसके बेटे हिमांशु व अभिषेक इसका विरोध करते थे। आरोपित जिस मकान में नरेंद्र रह रहा था उसे कब्जाना चाहते थे लेकिन नरेंद्र ने स्पष्ट कर दिया था कि वह इस मकान को किसी भी सूरत में नहीं देगा। इसके चलते आरोपित उससे रंजिश मानते थे। हिमांशु व अभिषेक हत्या तो नरेंद्र की करना चाहते थे लेकिन उन्होंने दादी के नरेंद्र का पक्ष लेने और साक्ष्य मिटाने के लिए उनकी भी हत्या कर दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fec7bbe3cad2ee5a1198161ce6529fe4f45dfa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71677.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिसर्च टीम ने कोविड से संक्रमित कुछ मरीजों के नमूने लिए थे। इन सभी को 7 माह पूर्व कोविड हुआ था। इनमें से अधिकतर मरीजों में दीर्घ-जीवी प्लाज्मा के अंश पाए गए। इनमें से कुछ ऐसे भी थे जिनकी बोनमैरो में कोविड ठीक होने के करीब 11 माह बाद भी प्लाज्मा सेल्‍स मौजूद थी जो कोरोना वायरस के खिलाफ लगातार एंटीबॉडीज बना रही थीं। इस रिसर्च टीम में शामिल अलअब्‍दी का कहना है कि बोनमैरो में मौजूद सेल्‍स एंटीबॉडीज बनाती रहती हैं। ऐसा काफी लंबे समय तक के लिए होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0444d6c25e00fe93070a299782df552be9623d19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71680.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, निहाल सिंह। Coronavirus Outbreak भारत की तुलना में पश्चिमी देश अपनी छवि के लिए काफी नीतिगत और ढांचागत तरीके से काम करते हैं। एक देश अपनी छवि को बचाने में किस आक्रामक तरीके से कार्य करता है इसका सबसे ताजा उदाहरण सिंगापुर का प्रकरण है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिंगापुर वैरियंट नाम के कोरोना वायरस को आधार बनाकर वहां की हवाई यात्रा बंद करने की बात कही तो दूतावास से लेकर सिंगापुर की पूरी सरकार सक्रियता से जुट गई। कुछ ही घंटों के अंदर उसका खंडन आया। साथ ही दूतावास ने भी विभिन्न माध्यमों से केजरीवाल के बयान का खंडन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f6084a93525fb9803dd5ce966d7a15f32f4d30b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +व्यावसायिक शिक्षा परिषद की ओर से राजधानी समेत सूबे की सभी आइटीआइ को गुणवत्ता युक्त तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की पुख्ता तैयारी की जा रही है। 20 मई से आनलाइन कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। तकनीकी शिक्षा के नाम पर चल रही मनमानी को रोकने के लिए व्यावसायिक शिक्षा विभाग की ओर से संस्थानों को नौकरी देने का इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है। नौकरी देने का पूरा रिकॉर्ड विभाग को देना होगा। ऐसा न करने वाली संस्थानों के प्रधानाचार्यों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। अलीगंज स्थित व्यवसाय शिक्षा परिषद की ओर से यह कहा गया है कि सभी 67 ट्रेडों में नौकरी नौकरी पाने वालों की संख्या ट्रेड वार रखी जाए। एक आइटीआइ में कितने विद्यार्थियों ने शिक्षा पूरी की। कितनों को नौकरी दी गई या कितने आगे की पढ़ाई करने में लगे हैं। इसकी सूची देनी होगी। संस्थान के प्रधानाचार्य की पूरी जानकारी विभाग को हर साल उपलब्ध करानी होगी। नौकरी पाने वालों की संख्या संस्थावार 70 फीसद से कम नहीं होनी चाहिए। सरकारी ही नहीं निजी संस्थाओं की पढ़ाई की गुणवत्ता को परखने के लिए भी यह आदेश उन पर भी लागू होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d307ad24acf6cb234c53552732ffcab5bde2bcc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71683.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। डीएम राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कोविड टीकाकरण डीटीएफ की बैठक हुई। इस दौरान डीएम ने कोविड-19 संक्रमण की दूूूूूसरी लहर के प्रभावी नियंत्रण करने के निर्देश जारी किए। कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाकर ही कोविड-19 संक्रमण की प्रभावी रोकथाम कर सकते हैं। + +उन्होंने 45 प्लस आयु के मुरादाबाद के शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण का प्रतिशत कम होने पर असंतोष व्यक्त किया। शहरी क्षेत्रों में विशेषकर ताड़ीखाना, नबावपुरा, मियां कालोनी, रहमतनगर, बरवालान में टीकाकरण की प्रगति में अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिए। इन क्षेत्रों में टीकाकरण प्रतिशत नगरीय क्षेत्र के मुकाबले सामान्य 28 प्रतिशत की अपेक्षा 21 प्रतिशत ही है, जिसे जिलाधिकारी ने बढ़ाने पर बल दिया। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर भोजपुर, कुंदरकी एवं मूंढापांडे में मेडिसन किट का वितरण कम होने पर डीएम ने नाराजगी जताई। कहा कि इसमें अपेक्षित सुधार लाने की जरूरत है। मेडिसन किटों का वितरण 24 घंटे के अंदर आशा, संगिनी के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करें। डीएम ने 45 प्लस के टीकाकरण में अपेक्षित सुुधार लाने के लिए उप जिलाधिकारियों एवं एमओआइसी को आपसी समन्वय एवं सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन ग्रामों में टीकाकरण का प्रतिशत कम है, वहां वोटर लिस्टों से ग्रामीणों की आयु को चिह्नित कर टीकाकरण कराएं। उन्होंने यूनिसेफ एवं कोर ग्रुप को भी सीएचसी एवं पीएचसी पर संपादित होने वाले टीकाकरण कार्यक्रम की प्लानिंग एवं प्रचार-प्रसार में स्वास्थ्य विभाग को अपना सकारात्मक सहयोग बढ़ानेे के निर्देश दिए। इस मौके पर सीडीओ आनंद वर्धन, एसपी सिटी अमित आनंद, एडीएम वित्त, एसीएमओ डा. दीपक वर्मा, डा. डीके प्रेमी, डा. जीएस मर्तोलिया, डा. एसपी मिश्रा सहित यूनिसेफ, कोरपीसीआइ, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधिगण अन्य चिकित्साधिकारी तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..487c5a040e804ba9a2294a803f85ffe972a479be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। स्वरूप नगर निवासी अमित दीवान जब से अमेरिका से लौटे हैं, तबसे विदेशी व्यंजनों का स्वाद जुबां पर रच-बस गया है। उन्होंने घर में ये व्यंजन बनाने के लिए बेबी सिनेच (विदेशी पालक) व लेटेस (सलाद पत्ते) ऑर्डर देकर मंगवाए। एक फोन पर सब्जियां उनके घर पहुंच गईं। घर में ये विदेशी डिश बनी तो सभी को खूब पसंद आई। अमेरिका, ब्रिटेन व चीन आदि देशों में खाई जाने वाली सब्जियां कनपुरिया घर, होटल और रेस्टोरेंट में पक रही हैैं। इसके लिए विदेश से आपूर्ति का इंतजार भी नहीं है, बस ऑनलाइन ऑर्डर किया और कुछ देर में सब्जियां हाजिर। यह सब संभव हुआ है कंट्रोल इंवायर्नमेंट एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी से.., जिससे अब कानपुर में भी विदेशी सब्जियों का स्वाद मिलना आसान हो गया है और कमाई भी लाखों में की जा सकती है। ।ऐसे आया आइडिया।कानपुर के विष्णुपुरी में रहने वाले प्रबंधन के छात्र कुणाल केसरा ने बताया कि विदेशी सब्जियां भारत आने में कई दिन लगते हैं। ऐसे में उनकी ताजगी खत्म हो जाती है। होटल व रेस्टोरेंट के अलावा अब घरों भी इन सब्जियों के चाहने वाले बढ़े हैं, इसलिए इन सब्जियों की खेती का सिस्टम तैयार किया। पॉलीहाउस में सब्जियों को तैयार करते हैं। यहां विदेशी सब्जियों के काफी शौकीन हैं, इसीलिए कानपुर और लखनऊ से कारोबार शुरू किया है। ।क्या है कंट्रोल इंवायर्नमेंट एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी।कंट्रोल इंवायर्नमेंट एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी में फसलों के लिए मौसम तैयार किया जाता है। इसमें 28 से 30 प्रकार के सेंसर लगते हैं। जो पॉलीहाउस में तापमान व नमी की मॉनीटरिंग करते हैैं। इससे बाहरी बारिश, गर्म हवा, शीतलहर व तेज धूप का फसलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। फसलों की जरूरत के मुताबिक मॉनीटरिंग कर तापमान व नमी में बदलाव किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7d6f751105ef11bd01c3ca6887d3c0ec9d4bfcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीके की दो डोज के बीच का यह समयांतराल अन्य देशों में बेहद कम है। टीके की एक शीशी में औसतन 10 खुराकें होतीं हैं, पर एक ओर जहां बेहद कष्टपूर्ण दुरूह खानापूर्ति के चलते टीका केंद्रों पर भारी भीड़ हो रही है, वहीं टीका कक्ष खाली पाए जा रहे हैं। स्वतंत्र एजेंसियों की मानें तो औसतन 20 प्रतिशत खुराकें बर्बाद हो रही हैं। दो से आठ डिग्री तापमान पर रखे जाने वाले भारतीय टीकों की सफलता इस मानक तापमान पर लगभग 80 फीसद है, पर इससे ज्यादा तापमान पर इनकी प्रभावी क्षमता काफी गिर जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe247132c322e01069832c62ff45ade3daf6563a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच देश की राजधानी दिल्ली में मच्छरजनित बीमारियों मसलन, चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है। ताजा मामले इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।  दरअसल, पिछले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली में डेंगू के मामलों ने पिछले 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एक सप्ताह के दौरान ही डेंगू के चार मरीज सामने आए हैं। चार नए मरीजों के आने से पिछले पांच माह में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 25 तक जा पहुंची है, जो वर्ष 2013 के बाद सर्वाधिक है। डेंगू के अलावा चिकनगुनिया के एक मरीज की पुष्टि हुई है। इससे चिकनगुनिया के कुल मरीजों की संख्या चार तक पहुंच गई है, वहीं एक सप्ताह में मलेरिया का कोई मरीज सामने नहीं आया है। हालांकि अब तक मलेरिया के आठ मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70aad03b0296a51d49e55299ba4a5ddfeeb6b473 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71691.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पिछले सप्ताह सक्रिय हुए टाक्टे तूफान ने तो दिल्ली-एनसीआर में बारिश और तापमान का नया ही रिकॉर्ड बना दिया, लेकिन यास तूफान (Yaas Cyclone) से एनसीआर के मौसम में खास बदलाव के आसार नहीं हैं। मंगलवार और बुधवार तेज हवाएं अवश्य चलेंगी, कहीं-कहीं हल्की बारिश होने का भी पूर्वानुमान है। हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) का कहना है कि बुधवार को ओडिशा में इसकी दस्तक होने के बाद पूर्वानुमान में थोड़ा-बहुत बदलाव हो भी सकता है। बंगाल की खाड़ी से उठने वाला यास तूफान बुधवार दोपहर तक उत्तरी ओडिशा में दस्तक दे सकता है। इस दौरान इसकी रफ्तार 155 से 165 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है। + +भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्रा (Dr. M. Mahapatra, Director General of Indian Meteorological Department) ने बताया कि यास का मुख्य असर तटीय क्षेत्रों तक ही रहेगा। इसके अलावा झारखंड और बिहार की तरफ भी इसकी सक्रियता रहेगी, लेकिन एनसीआर को लेकर अभी सटीक कुछ कह पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि शुरुआती स्तर पर एनसीआर पर इसका ज्यादा असर नजर नहीं दिख रहा है। हालांकि कई बार तूफान की आक्रामकता के चलते पूर्वानुमान बदल जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87ad6e294167571c21a8059d71b5e2aaad5abfe2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्‍तान के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों की ही यदि बात करें तो ठीक होने वाले मरीजों में 8.4 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, मौतों का आंकड़ा करीब 11 फीसद तक बढ़ गया है। पाकिस्‍तान में कोरोना संक्रमण मामलों की मौजूदा दर 5 फीसद से अधिक है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि कोरोना संक्रमण के कुल मामलों के आधार पर पाकिस्‍तान का विश्‍व में 29वां स्‍थान है। यहां पर 20 मई तक 4,956,853 कोरोना वैक्‍सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaeda4ae218a01f7ea4e7d1f06b72cd5a9b35d66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेल अवीव (एएनआई)। फलस्‍तीन के गाजा में हमास के साथ हुए इजरायल के सीजफायर के बाद इजरायल ने गाजा क्रॉसिंग को खोलने का फैसला लिया है। दो सप्‍ताह के अंदर ये पहला मौका है जब गाजा ने इस क्रांसिंग को खोला है। ये फैसला मानवीय आधार पर पीडि़त नागरिकों को सहायता पहुंचाने के लिए किया गया है। इजरायल ने अपने बयान में कहा है कि दो देशों के बीच सभी क्रॉसिंग पिछले दो सप्‍ताह से बंद थीं, जिनको अब खोला जा रहा है। बयान में ये भी कहा गया है कि येरूशल में हमास द्वारा रॉकेट दागे जाने के बाद दोनों के बीच लड़ाई की शुरुआत हुई थी जो करीब 11 दिन तक चली। आपको बता दें कि अंतरराष्‍ट्रीय दबाव के बाद इजरायल और हमास दोनों ही सीजफायर को राजी हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..153021fd67e5cbacddc48471560989347b0e3997 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71700.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इनके अलावा इस समय राज्य के 35 मौजूदा विधायकों सहित 52 पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों की भी हाई कोर्ट को जानकारी दी गई हैं । इस सूची में नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 1988 में दर्ज मामले की भी जानकारी दी गई है और बताया गया है कि चाहे इस मामले में वह बरी हो चुके हैं, लेकिन बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अभी रिव्यू पेंडिंग है। हाई कोर्ट को बताया गया कि इन 163 मामलों में 114 मामलों की जांच अभी जारी है, 22 मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं और 7 मामलों में अनट्रेस रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। + +वहीं हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि हरियाणा में 21 पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ केस दर्ज हैं, जिनमें से 8 केस हरियाणा के पूर्व विधायकों और 2 केस हिमाचल प्रदेश के पूर्व विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं। इनके अलावा 3 केस सीबीआइ को सौंपे गए हैं। इन 21 में से 15 केस ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग हैं और 6 केस अपील और रिवीजन में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71705.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71705.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f5ec1036f77dd5f137e06a926d602371597b0bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71705.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो. मणींद्र अग्रवाल। सक्रामकता के कारण दूसरी लहर ने समाज के सामने कई चुनौतियां खड़ी की हैं। कई लोगों ने अपनों को खोया है। अस्पतालों में भीड़ है और इतने मरीजों को संभालने की क्षमता नहीं है। इन सब खबरों और घटनाक्रमों ने भारत में हालात को लेकर एक भयावह तस्वीर बनाई है। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि जान गंवाने वालों की असल संख्या सरकारी आंकड़ों से 10 गुना या इससे भी ज्यादा हो सकती है। मौजूदा हालात के लिए सरकार से लेकर प्रशासन और डाक्टर तक, सभी को दोषी ठहराया जा रहा है। हालांकि इस समय परिस्थिति को सही नजरिये से देखने की जरूरत है, जिससे सही निष्कर्ष निकाल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..424a318b3fab6b6e36de48736d14abda27214e76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +31 मई के बाद भी लाकडाउन जारी रहने की संभावना, छूट बढ़ाई जा सकती है।प्रदेश सरकार को हालांकि यह उम्मीद नहीं थी कि कोरोना की दूसरी लहर इतनी घातक होगी, लेकिन पहली लहर में की गई तैयारियों के अनुभव के आधार पर सरकार कोरोना की दूसरी लहर का मुकाबला करने में कामयाब रही है। आरंभ के कुछ दिनों में हालांकि आक्सीजन और रेमेडेसिविर इंजेक्शनों की कमी रही, लेकिन धीरे-धीरे इस कमी को भी दूर कर लिया गया है। प्रदेश सरकार को आशंका है कि कोरोना की तीसरी लहर किसी भी समय आ सकती है। लिहाजा दूसरी लहर में लोगों को इस बीमारी से उबारने के साथ ही तीसरी लहर से लड़ने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71711.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71711.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da1dffdf4862e0170facca13dfaeb69969c9f0f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71711.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन को भी लिपोसोमल के साथ नहीं लगाने से किडनी खराब होने का अंदेशा।अब राज्य में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या पांच सौ के पार चली गई है मगर सरकार के पास अधिकृत रूप से 450 का ही आंकड़ा है। बाकी 50 को संदिग्ध मरीज माना जा रहा है। इनमें ज्यादातर मरीजों को ब्लैक फंगस की शुरूआत नाक से हुई। नाक के आसपास काले दाने निकलने के बाद ब्लैक फंगस साइनस का रूप धारण कर रहा है। साइनस में मरीज की नाक की हड्डी तिरछी हो जाती है और सांस लेने में समस्या आती है। इससे सिरदर्द भी बन जाता है। साइनस के बाद ब्लैक फंगस आंख और फिर सीधे दिमाग तक पहुंच रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c73841407db3a6efd23a73185c151b4438e202cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्‍तान पर आरोप लगाते हुए करजई ने कहा कि वो तालिबान को माध्‍यम बनाकर अफगानिस्तान में रणनीतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। उन्‍होंने पाकिस्‍तान को इशारों ही इशारों में इस बात का साफ संदेश दे दिया कि वह अफगानिस्‍तान को ताकत से नहीं जी सकता और न ही उसकी मंशा कभी पूरी होगी। उन्‍होंने कहा कि कोई भी बाहरी यहां पर प्रभाव नहीं जमा सकता है। करजई ने कहा कि अफगानिस्‍तान में न सोवियत संघ सफल हुआ न ही अमेरिका और पाकिस्‍तान भी इसमें कतई सफल नहीं हो सका। उनका कहना था कि पाकिस्तान को तर्कसंगत होते हुए भारत और अफगानिस्‍तान के साथ अच्‍छे रिश्‍ते बनाने चाहिए। ।आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने भी बीते सप्‍ताह एक विदेशी मैग्‍जीन को दिए इंटरव्‍यू में पाकिस्‍तान की भूमिका पर संदेह जताया था। उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्‍तान की वजह से अफगानिस्‍तान बदहाल हुआ है। उन्‍होंने ये भी आरोप लगाया था कि तालिबान पूरी तरह से पाकिस्‍तान के कंट्रोल में काम करता है। पाकिस्‍तान से तालिबान को फंडिंग और लड़ाके मिलते हैं। वहां की सरकार और सेना इसमें सीधेतौर पर शामिल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..197bee5f7916c40fa658ef60dfa37786e0ce1082 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसजीपीजीआइ के निदेशक डा. आरके धीमन ने बताया कि मौजूदा वक्त में हमारे यहां कोविड हास्पिटल में करीब 320 बेड हैं। इनमें से लगभग सौ बेड को पीडियाट्रिक आइसीयू में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जून के अंत तक यह कार्य लगभग पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए अभी से खाका तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी विभागों से जुड़े बच्चों के डाक्टरों का अनुभव काम में लिया जाएगा, साथ ही जून माह में इन सभी को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कराया जा रहा है, क्योंकि बच्चों के लिए वेंटिलेटर से लेकर अन्य उपकरण अलग-अलग होते हैं। इसलिए सभी को विशेष प्रशिक्षण देकर बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। हमारे यहां नियोनेटल का विभाग नहीं है, मगर जो पीडियाट्रिक सर्जन हैं, उन सबके कंधों पर तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f0f094bd9634108653e7a6e35b19d72f24de00f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71722.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। एरिजोना विश्‍वविद्यालय में लूनर एंड प्‍लैनेटरी लेबोरेटरी के अनुसार नासा ने मार्स रिकोनिसेंस ऑर्बिटर ने गेल क्रेटर के सेंटर के पास, मॉन्ट मर्को पर चढ़ने वाले क्यूरियोसिटी रोवर की एक फोटो खींची है। बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर अपने करीब नौ साल पूरे कर लिए हैं। 17 कैमरों और उन्नत उपकरणों से लैस कार के आकार वाले इस यान को मंगल पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए नवंबर, 2011 में लांच किया गया था। छह अगस्त, 2012 को यह लाल ग्रह पर उतरा था। + +नमक होने के सबूत से स्‍थापित होगा जीवन । नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के क्यूरियोसिटी के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट अबीगैल फ्रैमैन ने एक वीडियो अपडेट में कहा कि मोंट मर्को के ठीक आगे सल्फेट की पहाड़ियां हैं इसलिए हम आगे बढ़ रहे हैं। नासा का क्यूरोसिटी रोवर मंगल ग्रह की सतह पर नमक ढूंढने के बेहद करीब है। इससे ये पता चल जाएगा कि लाल ग्रह पर प्राचीन समय में जीवन था या नहीं। मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में स्थित नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक रोवर द्वारा ली गई तस्वीरों और एकत्रित डाटा का अध्ययन कर रहे हैं। इससे यह पता चलेगा कि ऐसा हो सकता है मंगल पर ऑर्गेनिक, या कार्बन-युक्त नमक मौजूद हो।  इसे एजेंसी ने कार्बनिक यौगिकों का ऑर्गेनिक कंपाउंड बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a54dde46aa5ca962bfa981ef1ae4176712ce40a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71723.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छात्र परीक्षा की कर रहे हैं दिन-रात तैयारी । रोहिणी स्थित माउंट आबू स्कूल में 12वीं की छात्रा ने बताया कि वह बीते एक साल आनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई कर रही है। ये बोर्ड परीक्षा उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि उसे आगे महाराष्ट्र के एक निजी कालेज में दाखिला लेना है। कालेज में मेरिट के आधार पर ही दाखिला होगा। उसने कहा कि परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए। क्योंकि परीक्षा में मिले अंक न सिर्फ करियर बल्कि नौकरी के दौरान भी काम आएंगे। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्र शेख राहिब सिद्दीकी ने कहा कि सरकारे और बोर्ड परीक्षा को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दे रहे हैं। जो परीक्षा मार्च में हो जाती थी उसे लेकर आज मई तक में संघर्ष जारी है। उन्होेंने कहा कि परीक्षा देने के बाद वो अच्छे अंक हासिल कर स्नातक की पढ़ाई के लिए टाप कालेजों में दाखिला लेना चाहते हैं। इसलिए परीक्षा हर हाल में आयोजित हो और केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस पर निर्णय ले। + +रोहिणी स्थित एक निजी स्कूल की 12वीं की छात्रा गुनिका ने बताया कि वो जेईई के साथ-साथ बोर्ड की तैयारी भी कर रही है। गुनिका ने बताया कि टाप इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले के लिए 12वीं में मिले अंक बहुत महत्वपूर्ण हैं। कई कालेज मेरिट लिस्ट के आधार पर भी दाखिले लेते हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षा उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गुनिका ने कहा कि कोरोना के मामलें जैसे ही कम हो बोर्ड छात्र के स्कूल को ही सेंटर बनाकर परीक्षा आयोजित कर ले। क्योंकि लगातार होती देरी से मानसिक तनाव बढ़ रहा है। गुनिका ने बताया कि कक्षा के ज्यादातर छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और सभी चाहते हैं कि बोर्ड परीक्षा हो क्योंकि ये उनके जीवन का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव है। इससे आगे की परीक्षाओं के लिए प्रेरणा मिलेगी और परीक्षा में बैठने का भय भी दूर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26a3b2ec01d9786d0b6a0bb1c58730a068336bf9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तूफान को देखते हुए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में हाईअलर्ट है। इसकी वजह से अंडमान निकोबार के पूर्वी तट के कई इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। इसके बाद यहां पर खतरा बढ़ने की भी आशंका जताई गई है। यास तूफान को देखते हुए केंद्र और राज्‍यों ने कमर कस ली है। ओडिशा में एनडीआरएफ की 22, अग्निशमन दल की 177 टीम के साथ ओडीआरएफ की करीब 66 टीमों को तैनात किया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल के तटवर्तीय इलाकों पर यास तूफान के खतरे को देखते हुए नौसेना, वायुसेना और थल सेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा यहां पर कोस्‍टगार्ड, डिजास्‍टर रिलीफ टीम, लाइफबॉय और लाइफ जैकेट के अलावा डॉक्‍टरों की टीम को भी स्‍टेंडबाय पर रखा गया है। तटवर्तीय राज्‍यों खासतौर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मछुआरों को समूद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही उन्‍हें तट से दूर रहने को भी कहा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bcdc528d67c56b9435bbda1dfc74c12f971d5bef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोबाइल फोन पर यह बातें शंकरपुरवा वार्ड (प्रथम) से सपा पार्षद पंकज यादव और कूड़ा प्रबंधन का काम देख रही मेसर्स ईको ग्रीन के कर्मचारी अजय के बीच हो रही है। अब कर्मचारी अजय ने अपनी जान का खतरा बताते हुए अधिकारियों से गुहार की है। ठेलिया जब्त होने से घरों से कूड़ा न उठ पाने के कारण पार्षद की नाराजगी इस कदर थी कि वह अपना आपा खो बैठे और अजय की दोनों टांगें तुड़वाने के साथ ही घरवालों को अनाथ करने की धमकी दे रहे थे। इतना ही नहीं, पार्षद धारा प्रवाह में धमकी दिए जा रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01e536f146206cacd78bdc8e83a2fe8d0663033b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71738.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानीपत, जेएनएन। आइये, आपको कुछ योगासनों के बारे में बताते हैं। ऐसे आसन हैं कि कुछ दिन इन्हें करेंगे तो आपको अंदर और बाहर, दोनों तरह से खुद में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कोरोना संक्रमण के इस दौर में अगर संक्रमित हो गए हैं तो यही आसन आपको बीमारी से बाहर लाने में मददगार साबित होंगे। आज आपको पर्श्वोत्तनासन के बारे में बताते हैं। ।पर्श्वोत्तनासन : पर्श्वोत्तनासन का नाम दो शब्दों के मेल से बना है: पार्श्व, और उत्तान। पार्श्व यानी छाती के दाएं-बाएं का भाग या बगल और उत्तान मतलब खिंचा हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4fc5044ff54a358a38f1026766b5c335d34b2f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7174.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं। ना केवल उनके बच्चे बल्कि अपने नाती पोतों के भी काफी करीब हैं। सोशल मीडिया पर भी धर्मेंद्र अक्सर अपने परिवार के सदस्यों की तारीफें करते रहते हैं। उनका ये स्वभाव उनके फैंस को भी काफी पसंद है। अब हाल ही में धर्मेंद्र ने अपने पोते और सनी देओल के बेटे करण देओल की तारीफ की है और बताया है कि वो बिल्कुल अपनी दादी के ऊपर गए हैं। + +धर्मेंद्र सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वो अक्सर कई पोस्ट अपने प्रशंसकों के साथ शेयर करते हैं। उनकी पोस्ट्स उनके फैंस को भी खूब पसंद आती हैं। अब हाल ही में धर्मेंद्र ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में सनी देओल के बेटे कारण देओल नज़र आ रहे हैं और वो बड़े ही अच्छे तरीके से सभी से मिल रहे हैं। जिसके लिए दादा धर्मेंद्र ने अपने पोते की जमकर सराहना की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1be159ff4140db26df91a69b4e7ec128024ec16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71741.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के निदेशक व तीसरी लहर नियंत्रण के लिए प्रदेश में गठित एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए डा. आरके धीमन ने कहा कि सोमवार से ही प्रदेश के मेडिकल कालेजों में तैनात बच्चों के डाक्टरों को प्रशिक्षण देने का कार्य आरंभ हो जाएगा। सबसे पहले प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के 27 डाक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद हर बैच में 60 से 80 बाल रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जाएगा। केजीएमयू व एसजीपीजीआइ मिलकर प्रदेश के 52 मेडिकल कालेज के डाक्टरों को प्रशिक्षण देगा। + +दो से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोग हाईरिस्क पर। डा. धीमन ने बताया कि तीसरी लहर में कोविड के निशाने पर वह लोग ज्यादा रहेंगे, जो अब तक संक्रमित नहीं हुए या जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी। दो से 18 वर्ष तक के बच्चे इस बार हाईरिस्क पर हैं। उन्हें कोविड संक्रमण से बचाने के लिए अभी से मजबूत तैयारी करनी होगी। जिलों में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने होंगे। सभी शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञों को तकनीकी व कोविड प्रोटोकाल और उसके उपचार की बारीकियां समझानी होंगी, इसीलिए यह कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। प्रदेश भर में पीडियाट्रिक आइसीयू संचालन में इन प्रशिक्षित डाक्टरों की भूमिका सबसे अहम होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a290848a3a15613385327dd799232f2938b2d13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तोरपा (खूंटी), जासं। आपने यूं तो तरबूजा का रंग लाल या सफेद देखा होगा, लेकिन रांची जिले के तोरपा में पीले रंग के तरबूजा का उत्‍पादन हो रहा है। बाजार में अमूमन आपने खीरा, ककड़ी और तरबूज एक रंग में ही देखे होंगे। खास तौर पर लाल तरबूज को देख कर आपके मुंह में पानी जरूर आया होगा। लेकिन अब बाजार में पीले रंग का तरबूज भी आ चुका है। अब आप लाल रंग के साथ पीले रंग के तरबूज का भी आनंद ले सकते हैं। तोरपा के 15 किसान एक संस्‍था के सहयोग से इसका उत्‍पादन कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि पीले रंग के इस तरबूजे में विटामिन सी और ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह तरबूजा आरोही किस्‍म का है और ताइवान से लाया गया है। यहां के किसान ताइवान से बीज मंगाकर आर्गेनिक रूप से इसकी खेती कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0dc7e7ad4f1d210cd26299ea5b99562ae02fe35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी गठबंधन के नेता 149 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ सरकार बनाने का दावा करने वाला पत्र राष्ट्रपति को सौंपने के लिए उनके सरकारी आवास गए। इस पत्र में शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की गई थी। देउबा नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और वर्ष 2017 में आम चुनावों के बाद से विपक्ष के नेता हैं। गेंद अब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पाले में थी, इसीलिए उन्होंने मध्यावधि चुनाव कराने का बड़ा फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 121 सीटों के साथ सीपीएन-यूएमएल सबसे बड़ा दल है। इस समय बहुमत सरकार बनाने के लिए 136 सीटों की दरकार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2060ee7112ff5e2cc3994bd72977afb86521d5ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसे मित्र पुलिस भी कह सकते हैं या वर्तमान समय की जरूरत, क्योंकि विभिन्न कारणों से खाकी पर इतने दाग लगते रहे हैं कि लोग उसके नाम से भी घबराते हैं। कोरोना काल में पुलिस ने इस दाग को काफी हद तक धो डाला है। लेकिन, अभी भी तमाम पुलिसकर्मी ऐसे मिल जाएंगे जो विभाग को शर्मसार करने से बाज नहीं आ रहे। पुलिस के तमाम अच्छे कार्यों पर कुछ पुलिसकर्मियों की असामाजिक, कानून विरुद्ध गतिविधियां चिंता का सबब बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2437e20a74620ceb935a7246e2f1d61ff3756118 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले साल भी दिया सहारा।स्कूल प्रधानाचार्य कृष्णकांत द्विवेदी ने बताया कि विद्यालय सिर्फ इसी साल यह मदद नहीं कर रहा। पिछले साल भी स्कूल के 677 विद्यार्थियों की कुल 63 लाख रुपये की फीस में रियायत दी थी। ऐसा करने के पीछे प्रबंधन समिति का मत है कि आर्थिक समस्या के कारण किसी बच्चे की पढ़ाई न छूटे, इससे सभी पीड़ित हैं और स्कूल मुश्किल समय में उनके साथ खड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf2135da39a13a6d3d24acd92228ad293cbf6d1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ओर से अधिक से अधिक दिव्यांगों को रोजगार देने की मंशा के सापेक्ष प्रधानमंत्री कौशल विकास विभाग ने भी कमर कस ली है। प्रशिक्षण देने वाली संस्थानों को 70 फीसद को नौकरी देने की अनिवार्यता के बाद अब दिव्यांगों को नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे। लखनऊ में दिव्यांगों को की जिम्मेदारी निभा रहे सौभाग्य फाउंडेशन की ओर से मूक बधिरों को नौकरी के अधिक अवसर दिए जाएंगे। फाउंडेशन के प्रबंधक अध्यक्ष अमित मेहरोत्रा ने बताया कि प्रधान मंत्री कौशल विकास मिशन की मंशा के सापेक्ष नौकरी के अवसर दिए जाएंगे, इसके लिए कई निजी संस्थानों से संपर्क चल रहा है। कोरोना संक्रमण कम होने के साथ ही आनलाइन रोजगार मेले शुरू होंगे। पिछले वर्ष भी संक्रमण काल में नौकरी दिलाई गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7e4cc7eac03477ed1a7a36175c3187405910623 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71750.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। अगले 20 वर्षों के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के नेटवर्क विस्तार पर खास फोकस रहेगा। कोरोना महामारी के बीच दिल्ली के अविकसित और अनधिकृत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ेंगी। मास्टर प्लान 2041 के लिए बनाए गए प्राथमिकता स्केल में स्वास्थ्य सेवाओं को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए न सिर्फ शहरी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को बुनियादी स्तर पर बढ़ावा देना है। इस दिशा में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ अर्बन अफेयर्स (एनआइएयू) ने मास्टर प्लान 2041 का फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे डीडीए अध्यक्ष और उपराज्यपाल अनिल बैजल समेत केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के समक्ष पेश किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce8d5f464effb8e43990a22d4860cb30084a7d37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71760.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भोपाल, अंजली राय। कैंसर की बीमारी से लड़ने के लिए विज्ञानियों ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है, जिसके जरिये शरीर में मौजूद कैंसर वाली कोशिकाओं (सेल्स) को ढूंढकर मारने में अब कोई चूक नहीं होगी। खास बात यह है कि शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को बिल्कुल नुकसान नहीं होगा। अब तक कैंसर के इलाज के लिए दी जाने वाली कीमोथैरेपी से जो नुकसान होता था, वह इस तकनीक से नहीं होगा। + +ऐसे काम करेगी तकनीक: डा. विशाल राय ने बताया कि कैंसर की दवा एक प्रकार का जहर है। कीमोथैरेपी के जरिये जब इसे शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तो यह कैंसर कोशिकाओं के साथ शरीर की बाकी स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती है। लेकिन, एडीसी तकनीक में हम एंटीबाडी के साथ ड्रग को जोड़ देते हैं। इसमें एंटीबाडी को पता होता है कि शरीर के अंदर बीमारी कहां है, इसलिए वह सीधे टारगेट सेल्स यानी कैंसर वाली कोशिकाओं के पास पहुंच जाता है। वहां पहुंचने पर कुछ सिगनल्स की मदद से प्रोटीन इंजीनिर्यंरग वाला एडीसी कैंसर कोशिकाओं को मार देता है। राय ने बताया कि दुनिया में एडीसी तकनीक पर आधारित करीब दस दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन अधिकतर में एंटीबाडी ड्रग पर पूर्ण नियंत्रण नहीं होने से एंटीबाडी की कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता घटती है। आइआइएसईआर द्वारा प्रोटीन इंजीनिर्यंरग से बनाई गई एडीसी ड्रग पर पूर्ण नियंत्रण रखती है। शोध में इसके परिणाम अन्य एडीसी के मुकाबले बेहतर मिले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2eeafa022a08337084af9376a4b342e910befd63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71765.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को बीते एक-डेढ़ वर्ष में कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली का दंगा हो या गणतंत्र दिवस के मौके पर उपद्रव या फिर कोरोना संक्रमण, ये उसके लिए बड़ी चुनौतियां रही हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस जहां एक ओर अपराधियों से जूझती नजर आई, वहीं कोरोना संक्रमण के बीच लोगों की जान बचाने की जद्दोजहद में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी संक्रमित भी हुए। दिल्ली पुलिस ने कैसे इन चुनौतियों से पार पाया और भविष्य को लेकर उसकी क्या योजनाएं हैं, इसे लेकर राकेश कुमार सिंह ने पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d8525a28607191f5d5f5dbc61465596d124c0b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71767.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अस्पताल से इस प्रोटोकाल के तहत मिलती है बाडी : कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्ति की बाडी सैनिटाइज करने के बाद पीपीई किट में पैक कर दी जाती है। परिवार के दो सदस्यों को भी पीपीई किट दी जाती है और उन्हें मृत शरीर घर ले जाने की इजाजत नहीं होती। वह इसे सीधे अंतिम संस्कार के लिए घाट ले जाने को दिया जाता है। फिलहाल अब लोग परिवार के दूसरे सदस्यों व रिश्तेदारों के साथ अंतिम संस्कार करते हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से मौत के बाद लोगों में अंतिम संस्कार में शामिल होने की दहशत रहती है। फिलहाल डरने की कोई जरूरत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffe7f9fcdba86853a9255f8e5334781445a66246 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71768.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। विकास के इस डिजिटल युग में देव भाषा संस्कृत भी अब कदमताल करने लगी है। पुराणों से निकलकर आम लोगों तक पहुंचने वाली सभी भाषाओं की जननी संस्कृत अब आइएएस और पीसीएस की तैयारी करने वाले युवाओं की पसंद बन गई है। उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से ऐसे विद्यार्थियों को प्राेत्साहित करने के लिए लखनऊ में निश्शुल्क कोचिंग की शुरुआत के बाद अब छह और जिलों में कवायद शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण के चलते आफलाइन परीक्षा के बजाय अब आनलाइन परीक्षा से विद्यार्थियों का चयन होगा। + +उप्र संस्कृत संस्थानम् के अध्यक्ष डा.वाचस्पति मिश्रा ने बताया कि देव भाषा संस्कृत न केवल वेद पुराणों की भाषा है बल्कि यह हमारी वैदिक संस्कृति का प्रतीक भी है। विकास के इस डिजिटल युग में संस्कृत काे मुख्यधारा में लाने की कवायद के बीच आइएएस और पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को भी जोड़ा जा रहा है। प्रदेश सरकार की मंशा के सापेक्ष वैदिक संस्कति काे बचाने का यह प्रयास है। लखनऊ व गोरखपुर में संचालन शुरू हो गया है। पांच और जिलों में तैयारी पूरी हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..892878550020f421af848a92a97da09db440c708 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7177.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोरा फतेही की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में नोरा फतेही सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई हैं। इसके साथ उन्होंने पूरी तरह से अपने आपको बंगाली बाला की तरह सजाया है। जिसे देख उनके फैंस भी हैरान हो गए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि नोरा वेस्टर्न में तो गजब की खूबसूरत लगती ही हैं साथ ही साथ वो इंडियन अवतार में भी बला की खूबसूरत लग रही हैं। + +कई सोशल मीडिया यूजर्स इन तस्वीरों पर कमेंट करते हुए नोरा को बेहद खूबसूरत बता रहे हैं। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, 'ऐसे किलिंग लुक में इन्हें एक्सपेक्ट नहीं किया था।' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'हे भगवान, ये कितनी प्यारी है।' वहीं एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए कयास लगाया है कि कहीं 'डोला रे डोला' का रीमेक तो नहीं बन रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c92083ccc16ac513909044c45f398e5ea549aab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्मों की रिलीज में ये एक नया प्रयोग था। दर्शकों को जी-5 पर फिल्म देखने के लिए अलग से पैसे देने पड़े। आमतौर पर ये होता है कि किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म की अगर आपने सदस्यता ली हुई है तो वो आप वहां उपलब्ध ज्यादातर सामग्री देख सकते हैं। कुछ समाग्री को देखने के लिए अलग से पैसे देने पड़ते हैं। सलमान की फिल्म ‘राधे, योर मोस्ट वांटेड भाई’ को देखने के लिए अलग से 249 रुपए देने पड़ रहे हैं। इस वक्त जब फिल्म इंडस्ट्री पर कोरोना का संकट छाया हुआ है, नई फिल्में बन नहीं पा रही हैं, शूटिंग रुकी हुई हैं, कई फिल्में तैयार हैं लेकिन सिनेमा हॉल बंद होने की वजह से उनकी रिलीज टलती जा रही है, ऐसे में ‘राधे, योर मोस्ट वांटेड भाई’ की रिलीज से एक नए रास्ते का संकेत मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..546dd11d2145bc9137856e7be14f69d75e79cf93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ लोगों में लक्षण जरूर मिले।भावनपुर सीएचसी प्रभारी डा. रोहित वर्मा के अनुसार गांव में कोई भी कोरोना का गंभीर रोगी सामने नहीं आया है। कोरोना की दूसरी लहर में जरूर कुछ लोगों में कोरोना के लक्षण मिले थे, लेकिन उपचार के बाद वह भी पूरी तरह ठीक हो गए। पहली लहर में गांव का कोई भी संक्रमित व्यक्ति सामने नहीं आया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..608e7ebc919f6d5dfc7cc9edca495e0ecd85ec41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71779.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अंबाला [दीपक बहल]। हरियाणा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मनोज यादव और अंबाला रेंज पुलिस महानिरीक्षक (IG) रहे (अब IGP होमगार्ड) वाई पूर्ण कुमार के बीच धार्मिक स्थल को लेकर उभरे विवाद के बीच राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के दखल दिया था। इसके बाद भी DGP और तत्कालीन IG के बीच दो माह तक कागजी जंग जारी रही। अब मामला इस कदर बढ़ चुका है कि IG ने DGP के खिलाफ एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की शिकायत एसपी़ अंबाला हामिद अख्तर को लिखित में दी है। + +यह विवाद 3 अगस्त 2020 को शहजादपुर के ट्रैफिक थाने से आरंभ हुआ था। IG शिवलिंग की पूजा करने गए थे, इस दाैरान एसपी अभिशेष जोरवाल भी मौजूद रहे। दैनिक जागरण में चार अगस्त 2020 को IG ने थाने में शिवलिंग की पूजा कर स्थापना कराई शीर्षक से प्रकाशित समाचार पर DGP ने सिर्फ वाई पूर्ण कुमार से ही जवाब तलब किया था। दाेनों आइपीएस अधिकारियोें के बीच विवाद बढ़ता गया। + +यह भी पढ़ें: विधायक धीमान के कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती तेवर, बोले- नाराज MLA सरकार गिरा दें, नवजोत सिद्धू भी आक्रामक।इस विवाद के बीच 12 फरवरी 2020 को DGP कार्यालय से प्रदेश के सभी एसपी को पंजाब पुलिस रूल 1934 का हवाला देते हुए धार्मिक स्थलों को लेकर जवाब तलब किया गया। पूछा गया था धार्मिक स्थल कब से है, किसकी अनुमति से हैं, रजिस्टर लगा हुआ या नहीं, कैंपस में किसी तरह के धार्मिक स्थल बनाकर अतिक्रमण न किया जाए। सभी पुलिस अधीक्षक रिकार्ड खंगाल DGP कार्यालय के लिए जवाब तलब कर रहे थे कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने तीन दिन बाद यानी 15 फरवरी 2021 को बीच में दखल दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cba3456f1dc6740ef5e5ab3fafc6efc61a850e7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71782.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। सनातन धर्म में व्रत− उपवास का विशेष महत्व है। पर्व और त्योहारों को भी व्रत से जोड़कर मनाया जाता है। व्रत से संकल्प और आत्मविश्वास बढ़ता है, देवताओं की कृपा बरसने लगती है और जीवन के सारे दु:ख और संताप कट जाते हैं तब आपका भविष्य उज्ज्वल हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे कौन से 26 व्रत हैं, जो सभी पापों को नष्ट कर संकटों को खत्म कर देते हैं और व्यक्ति को निरोगी काया, पारिवारिक सुख और धन-समृद्धि देते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार ये 26 व्रत हैं एकादशी है। माह में आने वाली दो एकादशी के व्रत रखने से जीवन के और जीवन के बाद के शाेक खत्म कर देते हैं। आइये जानते हैं एकादशी व्रत की 15 विशेष बातें...। 1- माह में दो एकादशियां होती हैं अर्थात आपको माह में बस दो बार और वर्ष के 365 दिनों में मात्र 24 बार ही नियमपूर्वक एकादशी व्रत रखना है। हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cef818c8bce9deaf72703b0ee8884382b2008ab9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71783.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, घंटों मुंह पर मास्‍क लगाए रखने की वजह से शरीर से कार्बन डाईआक्‍साइड पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाती है। ऐसे में मुंह में बदबू आनी शुरू हो जाती है, जो व्‍यक्ति की परेशानी का सबब बनती है। आपको बता दें कि हम सभी सांस लेते समय आक्‍सीजन को शरीर के अंदर भेजते हैं और कार्बन डाईआक्‍साइड को छोड़ते हैं। लेकिन जब ये कार्बनडाईआक्‍साइड शरीर से पूरी तरह से बाहर नहीं निकलती है तो ऐसी समस्‍या बन जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c158cb803449f9256389b1cd93948a2314736911 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिनी लाकडाउन के कारण उन्हें इस बात का डर है कि कहीं बाद में पूर्ण लाकडाउन न लग जाए। अब किसान स्थानीय श्रमिकों के सहारे काम चलाना पड़ेगा। पंजाब में जून महीने से धान की रोपाई शुरू होगी। गांव महमा (बठिंडा) के किसान जगतार सिंह बराड़ ने कहा कि वह 85 एकड़ में आलू व धान की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि धान की रोपाई यूपी और बिहार से आने वाले श्रमिकों के बिना संभव नहीं है। रोपाई के दाम भी बढ़ गए हैं। पहले एक एकड़ के लिए 2500 रुपये मजदूरी दी जाती थी जो अब 4000 रुपये हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d782e71616e2ac3b908f5dae506d377ea8080a1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71792.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। कोरोना से बचना है तो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी। दो साल से चल रहे कोरोना काल में डॉक्टरों ने मरीजों से लेकर आम व्यक्तियों को यही बात बताई है। इस पर अमल करके कई व्यक्ति इस रोग की चपेट में आने से बचे भी हैं। साल भर से इस पर शोध करने के बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) के शोध निदेशक प्रो. एचजी प्रकाश के साथ खाद्य एवं पोषण विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सीमा सोनकर और डॉ. प्रज्ञा व डॉ. सुमन मौर्या ने मल्टीग्रेन दलिया तैयार किया है। + +रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर।विवि की प्रयोगशाला में जांच के बाद पाया गया है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है। प्रो. प्रकाश ने बताया कि 100 ग्राम मल्टीग्रेन दलिया में 384 कैलोरी, 11.10 ग्राम प्रोटीन, 76.09 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 10.09 ग्राम फाइबर, 95.2 मिलीग्राम कैल्शियम, 4.67 मिलीग्राम आयरन, 2.44 ग्राम वसा के साथ फास्फोरस एवं जिंक पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन संपूर्ण आहार के रूप में किया जा सकता है। कृषि अनुसंधान परिषद की सेंटर फॉर एडवांस एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी परियोजना के तहत यह मल्टीग्रेन दलिया तैयार किया गया है। ।सभी पोषक तत्व एक अनाज में संभव नहीं।निदेशक शोध प्रो. एचजी प्रकाश ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना काल में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल व एंटीआक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। यह पोषक तत्व एक ही अनाज में संभव नहीं हैं। शोध करने के बाद उन्होंने कई अनाजों को मिलाकर यह मल्टीग्रेन दलिया तैयार किया है। इसमें गेहूं, जौ, रागी, बाजरा समेत अन्य अनाज मिलाए गए हैं, जिससे यह एक संतुलित आहार बन गया है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल व मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने के साथ पाचन तंत्र को मजबूत करने में कारगर है। मोटापा एवं हृदय रोगियों के लिए यह बहुत लाभदायक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_718.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_718.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3347061e120c03f6150216debc6bd0e5bf0254ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_718.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को उनकी शादी पर तमाम दोस्तों और फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े स्टार्स से बधाईयां मिल रही हैं। इस बीच उनके लिए हॉलीवुड से भी एक स्पेशल मैसेज आया है। जो जानी मानी एक्ट्रेस और 'वंडर वूमेन' फेम गैल गैडोट की तरफ से है। उन्होंने अपने हॉवीवुड प्रोजेक्ट 'स्टोन ऑफ हार्ट' की को-स्टार आलिया को उनकी शादी पर विश किया है। + +वहीं अगर आलिया के पोस्ट की बात करें तो उन्होंने मेहंदी सेरेमनी की तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'मेहंदी सेरेमनी ऐसी हुई, जो सपनों से भी परे थी। यह बहुत ही प्यारभरा दिन रहा। परिवार और हमारे सबसे अच्छे दोस्त। ढेर सारे फ्रेंच फ्राइज। लड़के वालों का एक सरप्राइज परफॉर्मेंस। अयान डीजे बजा रहे थे। मिस्टर कपूर ने एक बड़ा सरप्राइज दिया (मेरे पसंदीदा कलाकार ने मेरे पसंदीदा गानों पर परफॉर्म किया)। जो खुशी के आंसू और शांती, मेरे जीवन के आनंदमय लम्हों से भरा था।'।आलिया भट्ट के इस पोस्ट पर बिपाशा बसु, सोफी चौधरी समेत कई सारे बॉलीवुड सेलेब्स ने कमेंट किया है और उन्हें शादी की ढेर सारी बधाई दी हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84e7f23d2f951ecaff80732a283c66e9d48f06b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71800.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में ब्लैक फंगस के करीब 8,848 मामले हैं। ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार इसके इलाज में अहम एंफोटेरिसिन-बी की उपलब्धता भी बढ़ाने में जुट गई है। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने शनिवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस दवा की 23,680 अतिरिक्त शीशियां (वायल) उपलब्ध कराई गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d78a6d8f53c56af2069e2c853845c3a89fecd22c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रजाति के लुप्तप्राय श्रेणी निर्धारण के मानक। बीआरडीएस के अध्यक्ष व पक्षी विशेषज्ञ डाॅ केपी सिंह के अनुसार आईयूसीएन द्वारा लुप्तप्राय: प्रजाति के निर्धारण के मानक तय हैं। वो प्रजातियां जिनकी जनसंख्या 50-70% दस वर्षों में घट जाती है। 5,000 वर्ग किलोमीटर से कम का कुल भौगोलिक क्षेत्र या 500 वर्ग किलोमीटर से कम का स्थानीय जनसंख्या क्षेत्र वाली प्रजातियां । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ff44670df3027146a9a2a2b095ab8aa2408ada2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच संघर्ष विराम की ओर मामला बढ़ता हुआ दिख रहा है। सउदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल साउद ने 16 मई को कहा था कि इजरायल द्वारा गाजा पर हमले फलस्तीन के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल की सैन्य कार्रवाई को तत्काल बंद करवाए जाने के लिए दबाव बनाने का अनुरोध किया था। इस लड़ाई को रोकने के लिए 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक भी हुई जिसमें इजरायल से गाजा पर हमले बंद करने की अपील की गई। दूसरी तरफ इजरायल के साथ भी करीब 25 देश आ गए हैं। भारत फिलहाल इन दोनों गुटों में किसी तरफ नहीं है। भारत ने तत्काल संघर्ष रोकने की बात की है। तमाम देशों के हस्तक्षेप से संघर्ष विराम होता तो दिख रहा है, लेकिन दोनों पक्षों की स्थितियों को देखकर यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में अब संघर्ष नहीं होगा। ।(लेखक सैन्य विज्ञान विषय के प्राध्यापक रहे हैं)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3560af05bc0984cbf11af1f885c684eacabfdd65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71810.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. वर्मा ने बताया कि देश में उनकी कंपनी के साथ-साथ करीब पांच छह कंपनियां एंटी फंगल दवाओं का निर्माण करती हैं। महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा लगभग इतनी ही नई कंपनियों को और लाइसेंस दिए गए हैं। इसके अलावा आयात को भी हरी झंडी दी गई है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में देश में दवा की उपलब्धता मुश्किल नहीं रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d746a0d63c068934e8ce74da610b8dd301dd949b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकास पुरुष ने हार भी देखी। पहली पारी में 7 वर्ष 192 दिन मुख्यमंत्री रहने के बाद चौ. बंसीलाल ने 1977 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर आपातकाल के बाद हुए इस चुनाव में मात खा गए। लोगों ने बंसीलाल को इंदिरा व संजय गांधी की तरह आपातकाल का खलनायक मानकर अपना गुस्सा निकाला। बंसीलाल भिवानी लोकसभा सीट से लोकदल उम्मीदवार चंद्रावती के हाथों हार गए। ऐसा तब हुआ जब उन्होंने गृह जिले भिवानी में विकास के बड़े काम किए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71812.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..234739e2c473bee06fc7b5f0f0d9a47a45fcabb2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवनीत शर्मा, मेरठ। ग्राम प्रधान हो या कोई अन्य जनप्रतिनिधि, जनता मुसीबत के वक्त उनसे सहयोग की खास अपेक्षा रखती है। कोरोना काल में कई नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान इस कसौटी पर खरे उतर रहे हैं। गणोशपुर के ग्राम प्रधान आशु त्यागी ने अपने स्तर पर गांव में कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड ही बनवा दिया। इसमें दवा और चिकित्सक के साथ आक्सीजन तक की व्यवस्था है। गांव में सफाई अभियान भी चलता है और सैनिटाइजर का छिड़काव भी, वह भी बिना किसी सरकारी मदद के। यदि अन्य ग्राम प्रधान भी ऐसी पहल करें तो स्वास्थ्य सुविधाओं से अछूते गांव वालों को राहत मिलने के साथ उनका मनोबल भी आसमान छूने लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c6b98d3f5ab9d8e0c5b88b23a465068db93723a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला समाज कल्याण अधिकारी डा.अमरनाथ यती ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कार्ययोजना में बदलाव किया गया है। बुजुर्ग घर से न निकले इसके लिए आनलाइन जीवित प्रमाण पत्र व फोन की सुविधा दी जा रही है। किसी को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। जरूरी हुआ तो कर्मचारी उनसे खुद संपर्क कर समस्या का निदान करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0efd5bac4bc275638dea4cc08de276e2f7b8a7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71818.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना वायरस की सेकेंड स्ट्रेन में लोग मेडिकल ऑक्सीजन, कोविड बेड तथा दवाओं के लिए काफी परेशान रहे। इसके बाद भी उनको अपने लोकप्रिय सांसद तथा विधायकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। कोरोना के सेकंड वेब में जब लोग कई जगह पर मेडिकल ऑक्सीजन, अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और दवाइयों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे, तब लोकप्रिय सांसद तथा विधायक गायब थे। + +सुरक्षा कवर में जनप्रतिनिधि: कोरोना वायरस संक्रमण का कहर अब कम होता जा रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधि बेहद सुरक्षा कवर में हैं। धरती पुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव तो मैनपुरी से दो वर्ष से अधिक समय से गायब हैं जबकि उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास भी अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ के लोगों का हालचाल लेने की फुर्सत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62a283abfea091d9efb820946476afd124665d22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह, नई दिल्ली। हाल ही में ‘आर्टिस्टिक ह्यूमंस’ नामक संगठन ने जब मुंबई के नरसी मोंजी कॉलेज के रोटेरैक्ट क्लब के साथ मिलकर आनलाइन राइटिंग वर्कशॉप किया, तो उसमें 87 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ लेखन कला की बारीकियों के बारे में जाना, बल्कि वर्तमान समय में उपजे विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत भी की। इस कार्यक्रम में मेंटर की भूमिका निभाने वाले दर्शन महाजन बताते हैं कि कैसे इन दिनों ‘सामुदायिक संवाद’ यानी ‘कम्युनिटी कम्युनिकेशन’ किसी संजीवनी की तरह काम कर रहा है। इससे किशोरों-युवाओं को उनकी मानसिक परेशानियों से उबारने में मदद मिल रही है। जैसे, अगर कोई घर में अप्रिय घटना होने, अपनों को खोने से तनाव या बेचैनी महसूस कर रहा है, तो वह इस तरह के आनलाइन वर्कशॉप्स में शामिल होकर दूसरों से अपने मन की बात कर रहा है। अपने अनुभवों को साझा कर रहा है। इससे उन्हें मानसिक संबल मिलता है और वे जागरूक होने के साथ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71821.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c04c7ff584f6ff4c6f5437c2001a788b6c129d14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71821.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण काल में हमे यह एहसास हो गया है कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना हम पर कितना भारी पड़ सकता है। इस लॉकडाउन ने आम आदमी को भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर दिया है। लोगों के अंदर प्रकृति के प्रति लगाव बढ़ा है। शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर हम आपको ऐसी वाटिका के बारे में बताते हैं जहां प्रकृति का हर  रंग मौजूद है। + +इसलिए मनाया जाता है दिवस: प्राकृतिक संपदा और जीव जंतुओं के पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट महासभा की ओर से 20 दिसंबर वर्ष 2000 में हर साल 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रकृति के साथ जुड़ने और जंतुओंं का मानव जीवन में योगदान के महतत्व पर इस दिन चर्चा की जाती है और पारिस्थितिक तंत्र को बचाने का संकल्प इस दिन लिया जाता है।पर्यावरण संरक्षण साथ।धार्मिक महत्व के साथ औषधि का खजाना है बरगद: आचार्य विजय कुमार वर्मा ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट वृक्ष (बरगद) की जड़ें ब्रह्म, छाल विष्णु और शाखाएं शिव हैं। लक्ष्मी जी भी इस वृक्ष पर आती हैं। अपने आप में आस्था का असीम संसार समेटे वट वृक्ष वृहद औषधीय गुणों वाला भी है। इसकी जड़ें, पत्ते, छाल और रस सभी गुणकारी हैं। कमर और जोड़ों के दर्द, मधुमेह और मुंह संबंधी तमाम रोगों में रामबाण औषधि है। आयुर्वेद में इसे दैवीय उपहार के रूप में माना गया है। पत्तियां हवा को शुद्ध कर ऑक्सीजन उत्सर्जित करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aac1bfd1a914f7a1a661696843a6a75d2381980e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। कोरोना वायरस संक्रमण काल ने मनुष्य को प्रकृति के करीब पहुंचाने और उसे अपना महत्व समझाने का भी प्रयास किया है। आगरा के ताजगंज इलाके एक गांव ऐसा भी है जहां की पाठशाला में आक्सीजन का पीरियड लगता है। इस पीरियड में उम्र की कोई बाधा नहीं है। बच्चे, बूढ़े और जवान सभी शामिल होते हैं। खास बात ये है कि इसमें कोई शिक्षक भी नहीं है, लेकिन पीरियड से कोई गायब नहीं होता है। सभी इसमें शामिल होने के लिए आतुर रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..260998896b3dab0cf933b5ea339bce1b9faadc41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्रा। Bihar Politics इस समय के बारे में किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं। सबके सामने सारे पत्ते खुले पड़े हैं। कोरोना... ब्लैक फंगस... व्हाइट फंगस... की ही गूंज है। इधर कोरोना की आहट कुछ मंद होती दिख रही है। आक्सीजन की कमी का हल्ला थमा-थमा सा है। लेकिन ब्लैक फंगस का आतंक बढ़ने लगा है। रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं। व्हाइट फंगस के भी चार मरीज मिले हैं। इसके अलावा पॉलिटिकल फंगस भी सक्रिय होने लगा है। जो फैल तो उन्हीं की बिरादरी में रहा है, लेकिन असर आम लोगों पर भी डाल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e359334d41cb52a855cf96283c10f4e66b7fd10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71827.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजगीर नेचर सफारी से गुजरने वाला रास्‍ता। जागरण। राजगीर शहर से लगभग 10 किलोमीटर है दूरी।नेचर सफारी की दूरी राजगीर शहर से लगभग 10 किलोमीटर, सोन भंडार व जरासंध अखाड़ा से लगभग 8 किलोमीटर है। पटना से राजगीर की दूरी लगभग 110 किमी है। राजगीर जाने के लिए पटना से ट्रेन व बस सेवा दोनों हैं। मार्च माह में गांधी मैदान स्थित सरकारी बस स्टैंड से मीठापुर बस स्टैंड होते हुए वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरूआत की गई है। दिल्ली से आने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन रोजाना सुबह 8 बजे पटना से राजगीर के लिए रवाना होती है। राजगीर रेलवे स्टेशन श्रमजीवी ट्रेन का आखिरी गंतव्य है। इसके अलावा दानापुर-राजगीर इंटरसिटी ट्रेन भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f17892e369e7dc97807327cb7da9bfccf9c6d8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71828.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस का संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण स्टेरायड माना जा रहा है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीज ऐसे भी मिल रहे हैं जिन्होंने स्टेरायड का इस्तेमाल किया ही नहीं है। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि ब्लैक फंगस के संक्रमण का कारण औद्योगिक ऑक्सीजन व औद्योगिक ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल भी हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर असल कारणों की पहचान के लिए शोध की जरूरत बता रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ba0a08e17ddf48cdb319c5fd1d5f1f91f4cf30b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटो में मलाइका के बेटे अरहान ख़ान  नज़र आ रहे हैं जो अपने फोन में कुछ देख रहे हैं वहीं उनकी गोदी में उनका डॉगी बैठा हुआ है जो की दूसरी तरफ देख रहा है। फोटो शेयर करते हुए मलाइका ने कैप्शन में लिखा, ‘मेरा प्यार...मेरी जिंदगी... मेरा सबकुछ’। मलाइका के पोस्ट पर फराह खान, अमृता अरोड़ा, दिया मिर्ज़ा, भावना पांडे, करिश्मात कपूर, महिपात कपूर, सीमा ख़ान ने भी कमेंट किया है। दिया ने तो मलाइका के पोस्ट पर कमेंट करते हुए अरहान को देखकर हैरानी जताई है। एक्ट्रेस ने लिखा है, ‘मल्ला..क्या ये वही छोटा सा लड़का है? कितनी जल्दी बड़ा हो गया ये’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..066fb377c97533126dae232701c2e2dba0eb5796 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71830.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश के 15.50 लाख गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये सालाना का मुफ्त इलाज।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोग (बीपीएल) परिवार हर साल पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करा सकते हैं। हरियाणा में इस योजना के तहत 15 लाख 50 हजार बीपीएल परिवार पंजीकृत हैं। सरकार ने इलाज के लिए प्रदेश में 593 अस्पतालों को सूचीबद्ध कर रखा है। इनमें 417 प्राइवेट तथा 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9986822a17d9b14f05859ed4ff3a4d97a42f19ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। मधमुेह की बीमारी कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए घातक रहा है। इस बीच अब यह भी देखा जा रहा है कि स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल के कारण कोराना के ऐसे मरीजों में भी शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिन्हें पहले से मधुमेह की बीमारी नहीं है। इस वजह से यदि शुगर की जांच न हो तो इससे कोरोना की बीमारी गंभीर हो सकती है। यदि मरीज कोरोना से ठीक भी हो जाए, लेकिन यदि शुगर नियंत्रित नहीं है तो आगे चलकर म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण हो सकता है। इस वजह से दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के इंडोक्रिनोलॉजी विभाग ने कोरोना के मरीजों में मधुमेह के इलाज और जांच के लिए नया प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके दिशा निर्देश के मुताबिक कोरोना के मरीजों को स्टेरॉयड देने पर शुगर की भी जांच जरूर होनी चाहिए। शुगर को नियंत्रित कर म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण से भी बचा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2b51831cee4aa47f983b81e1041266929cd5ace --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71841.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को काफी ज्यादा प्रभावित किया है। तमाम तैयारियों के बावजूद में भारत में वैक्सीन की जबरदस्त कमी है। भारत अमेरिका से वैक्सीन के साथ ही वैक्सीन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की मांग कर चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तक ने भारत की स्थिति को गंभीर बताते हुए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है। अभी तक अमेरिका से सात जहाज चिकित्सा सामग्री, आक्सीजन, दवाएं आ चुकी हैं। हालांकि कच्चे माल को लेकर अमेरिका बहुत दरियादिली नहीं दिखा रहा है। अभी तक सिर्फ 20 लाख कोविशील्ड डोज बनाने के लिए कच्चा माल देने की घोषणा की गई है। हाल ही में अमेरिका ने कहा कि वह जुलाई, 2021 तक दुनिया को कुल आठ करोड़ वैक्सीन की आपूर्ति करेगा। इसका एक बड़ा हिस्सा भारत आ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12315658d1cfec2b5edddc49bc6942b52f21ba3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71845.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कम नहीं हुई अहमियत ।आपको यहां पर ये भी ध्‍यान रखना होगा कि भारत में जब से कोरोना महामारी ने दस्‍तक दी है तब से भारतीय प्रधानमंत्री या अधिकारियों का दौरा न के ही बराबर हुआ है। एक साल से अधिक समय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पहली यात्रा बांग्‍लादेश की की थी। ऐसे में ये कहना गलत होगा कि अमेरिका की निगाह में भारत की अहमियत कम हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f485aba614f415a10fbcb1d31d508092b919b648 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इमरान खान ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि पाकिस्‍तान पानी से ऊर्जा पैदा करने पर बेहद कम ध्‍यान दे रहा है, जबकि उसके पास इसके लिए संसाधन मौजूद हैं। न ही अक्षय संसाधनों के माध्‍यम से ऊर्जा पैदा कर रहे हैं। हालांकि उन्‍होंने इस बात पर खुशी जताई कि इस प्‍लांट के जरिए काबिल लोगों को काफी फायदा होगा। इसके लिए चीन ने तकनीक भी ट्रांसफर की है। आने वाले समय में यहां पर हजारों की संख्‍या में विशेषज्ञ आएंगे। चीन की मदद से उभरने वाला ये एक नया क्षेत्र है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2869223e04d4e2d8d702c3988b924571b664c437 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुंदरलाल बहुगुणा का नदियों, वनों व प्रकृति से बेहद गहरा लगाव था। वो पारिस्थितिकी को सबसे अधिक फायदे का सौदा मानते थे। वह इस बात के भी पक्षधर थे कि उत्तराखंड में बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए छोटी-छोटी परियोजनाओं को लगाया जाए। हालांकि वो इस पहाड़ी राज्‍य में टिहरी जैसी बड़ी परियोजनाओं के पक्षधर नहीं थे। इसके विरोध में उन्‍होंने आंदोलन भी शुरू किया था। पर्यावरण को बचाने के लिए उन्‍होंने जंगलों को सरंक्षित करने पर जोर दिया। उन्‍होंने नारा दिया 'धार ऐंच डाला, बिजली बणावा खाला-खाला।' इसका अर्थ था कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं और प्रदेश के निचले इलाकों में छोटी छोटी परियोजना लगाकर बिजली की मांग को पूरा किया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0b692b62872a5f0185359555563ab91009e3668 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरव त्रिपाठी, हिसार। Health Benefits Of Aloe Vera एलोवेरा एक औषधीय पौधा है। इसे ग्वारपाठा, घीकवार और धृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है। एलोवेरा के जूस का सेवन करने से शरीर में होने वाले पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। एलोवेरा में चेहरे के लिए अमृत और औषधीय गुणों का भंडार है। एस्फोडेलेसी परिवार के इस पौधे का वैज्ञानिक नाम एलो बारबाडेंसिस मिलर है। वनस्पति विज्ञानियों के अनुसार इस पौधे की उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई है। वर्तमान में कई प्रगतिशील किसान एलोवेरा की खेती भी करने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e44f0d12a90b9fd3089086fb378e227a67407a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अमित दीक्षित। सावधानी हटी दुर्घटना घटी, जी हां। अगर घर हो या फिर अस्पताल। अगर लंबे समय तक तकिये के कवर और चादर का प्रयोग किया जा रहा है या फिर मधुमेह अनियंत्रित हो गई है तो इससे ब्लैक फंगस होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। डाक्टर की सलाह के बाद ही स्टेरायड लें। अगर लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं तो फौरन एसएन इमरजेंसी में पहुंचे। जिले में ब्लैक फंगस के अब तक चार संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं। इनकी उम्र 40 से 70 साल के बीच है। इन सभी मरीजों में आंखों के चारों ओर सूजन थी। जिसे देखते हुए एसएन के मेडिसिन विभाग में आठ बेड का वार्ड बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71852.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71852.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e30a7a8d1fb8f9c12ba3ee857abb1a5a8c8199d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71852.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये हैं पीपल (फाइकस रिलिजियोसा) का फल, कसही (ब्राइडेलिया रिट्युसा), तेंदु (डायोस्पाइरास मेलेनोजाइलोन), कदंब (नियोलैर्मािकया कदंबा), छिन (फिनिक्स सिल्वेस्ट्रिक्स) और भेलवा (सेमेकार्पस एनार्कािडयम)। इनके अलावा अमरूद, जामुन, बेर, बेल, इमली, महुआ आदि फलों के रसों में भी सूक्ष्म उपयोगी गुण मिले हैं। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के जीवन विज्ञान अध्ययनशाला (लाइफ साइंस) के अनुसंधानकर्ता प्रोफेसर रोहित कुमार प्रधान और शोधार्थी ज्ञानचंद्र साहू ने अध्ययन के बाद बताया कि उक्त जंगली फलों को आहार में शामिल करके न्यूरो ट्रांसमीटर को सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे भूलने की बीमारी यानी अल्जाइमर की समस्या आदमी के नजदीक भी नहीं आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0a7530af365e1cc14d20413d0d7b8feb4831a6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साइबर ठगों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। इनसे आमजन से लेकर पुलिस-प्रशासन के आला अफसर तक हलकान हैं। यह हाल तब है जब इंटरनेट मीडिया के जरिये ठगी के उस्ताद हो चुके साइबर ठगों की कमर तोड़ने के लिए कई स्तर पर मोर्चेबंदी हो रही है। राज्य पुलिस से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तक सक्रिय हैं और झारखंड में इन ठगों द्वारा अर्जित की गई करीब 100 करोड़ की अकूत संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई भी चल रही है। बावजूद इसके साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ ही रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2c9ce3b8aef0cdebbb11a8b6f8c23c5a1de2263 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर जताया दुख।1960 और 1970 के दशक में बहुगुणा ने शराबंदी आंदोलन चलाया और सरकार को पहाड़ों में शराब की दुकानें बंद करनी पड़ीं। 1974 में बहुगुणा प्रसिद्ध 'चिपको' आंदोलन का हिस्सा बने और हरे पेड़ों को कटने से बचाया। वर्ष 1981 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री देने की घोषणा की, लेकिन उन्होंने पुरस्कार नहीं लिया और केंद्र से कहा कि पहाड़ों में ऊंचाई वाले इलाकों में पेड़ काटने पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके बाद केंद्र सरकार ने उनकी बात मानी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ कटान पर प्रतिबंध लगाया। तभी बहुगुणा ने पद्मश्री स्वीकार किया। 1986 में बहुगुणा टिहरी बांध निर्माण के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय हुए और 24 नवंबर 1989 में अपना सिल्यारा का आश्रम छोड़कर टिहरी में भागीरथी के तट पर बांध स्थल के पास धरना शुरू कर दिया। आंदोलन के दौरान कई बार वह जेल भी गए। लेकिन, उनके आंदोलन के प्रभाव से सरकार को बांध निर्माण के दौरान पर्यावरण प्रभाव के लिए कई समितियों का गठन करना पड़ा। ।बहुगुणा को मिले सम्मान।यह भी पढ़ें- विश्वविख्यात पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा नहीं रहे, आज एम्‍स ऋषिकेश में हुआ निधन।Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcac226e631a1f041e88a06e97769ad2f5e5cc52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कालका में पैदा हुईं अरुणा का परिवार बंगाल के बारिसाल (अब बांग्लादेश) से था, उनके नाना त्रिलोकनाथ सान्याल ब्रह्मो समाज के नेता थे, जबकि उनके चाचा धीरेंद्रनाथ गांगुली बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के शुरुआती डायरेक्टर्स में से थे जबकि उनके एक मामा नागेंद्रनाथ की शादी रवींद्रनाथ टैगोर की बेटी मीरा देवी से हुई थी। अरुणा की बहन पूॢणमा बनर्जी संविधान सभा की सदस्य चुनी गई थीं। आसफ अली उनसे 23 साल बड़े थे, फिर भी दोनों ने शादी की। इतने उम्रदराज मुसलमान से शादी करने पर उनके मामा ने तब गुस्से में आकर उनको मृत घोषित करके उनका श्राद्ध तक कर दिया था और तब उनको ये तक नहीं पता था कि एक दिन अरुणा आसफ अली को भारत रत्न मिलेगा। आसफ अली कांग्रेस के नेता थे, ऐसे में अरुणा भी उन्हीं के साथ कांग्रेस में सक्रिय हो गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c17c7f4fcda49b098048ca681f66f8301631d18d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। अब ट्रेनों में कंफर्म बर्थ के लिए इधर- उधर भटकना नहीं पड़ेगा। आपके मोबाइल फोन पर ही सम्बंधित रूट की नई ट्रेन और खाली बर्थ की जानकारी मिल जाएगी। ट्रेनों में सीट की उपलब्धता और संभावना को लेकर मोबाइल सन्देश के जरिए अपडेट किया जाएगा। इसे योजना को अमल में लाने के लिए आइआरसीटीसी की ओर से "पुश नोटिफिकेशन" सेवा की शुरूआत की गई है। अपने ग्राहकों को इस सेवा का लाभ पहुंचाने के लिए आईआरसीटीसी ने मोबाईल तकनीक संगठन मेसर्स मोमैजिक टेक्नोलॉजी से करार किया है। ।मौजूदा व्यवस्था के तहत यात्रियों को समय रहते ट्रेन में उपलब्ध कंफर्म बर्थ की जानकारी नहीं मिल पाती। इसके लिए उन्हें रेलवे के अधिकृत वेबसाइट पर जाकर स्टेटस चेक करना पड़ता है। डिजिटिलाइजेशन के युग में अमूमन स्टेटस चेक करने से पहले ही खाली निकली सिंटे भी बुक हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da8d2a0835bd19dd7f35c31674b307c443c0db1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जूनियर पहलवान सागर की हत्या में मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार भागकर नेपाल भी जा सकता है, क्योंकि उसे कुख्यात बदमाश काला जठेड़ी से जान को खतरा है। फिलहाल जहां दिल्ली पुलिस सुशील कुमार की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं, वहीं बदमाश काला जठेड़ी भी उसके पीछे पड़ा है। मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस को आशंका है कि वह नेपाल चला गया है, क्योंकि उसे कुख्यात बदमाश काला जठेड़ी से जान को खतरा है। चार मई की रात को सुशील और उसके साथियों ने सागर के साथ-साथ सोनू नाम के युवक के साथ मारपीट व अमानवीय हरकतें की थीं। बाद में इन्हें मालूम हुआ कि सोनू, काला जठेड़ी के सगे मामा का बेटा है। ऐसे में जठेडी गैंग भी सुशील से नाराज है और गैंग के बदमाश भी उसकी तलाश कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..777a271922ad1d8ed46b2da49da0666755d49242 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71863.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किसी बीमारी को कैसे किया जाता है महामारी घोषित । जब भी कोई बीमारी किसी एक इलाके से निकलकर राज्‍य या देश की बड़ी संख्‍या को प्रभावित करती है या इसकी आशंका दिखाई देती है तो ही उसको महामारी घोषित किया जाता है। इसका अधिकार राज्‍य सरकारों के साथ-साथ केंद्र को भी है कि वो ऐसा कर सकें। यदि कोई बीमारी राष्‍ट्रीय स्‍तर पर असर दिखाती है या ऐसा करती हुई प्रतीत होती है तो केंद्र सरकार की तरफ से उसको महामारी घोषित किया जाता है। यदि कोई बीमारी किसी एक देश से निकलकर अन्‍य देशों में फैलती है तो इसको वैश्विक महामारी घोषित किया जाता है। किसी बीमारी को महामारी घोषित करने से पहले इसके संक्रमण की रफ्तार और इससे होने वाली मौतें काफी अहमियत रखती है। + +महामारी घोषित करने से पहले खास होती हैं ये बातें । महामारी को घोषित करने से पहले ये भी बात ध्‍यान रखनी होती है कि राज्‍य इससे निपटने के लिए कितना तैयार है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि महामारी घोषित करने की वजह से लोगों में डर व्‍याप्‍त हो जाता है। इस वजह से लोगों के पलायन का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। जिसे संक्रमण की रफ्तार काफी बढ़ जाती है। महामारी घोषित करने के बाद राज्‍य और देश पूरी तरह से अलर्ट पर आ जाता है और इसकी रोकथाम की कोशिशों में तेजी आती है। इससे लड़ने के लिए संसाधनों को जुटाया जाता है और सभी तरह की मदद जुटाई जाती है। महामारी घोषित करने के बाद बीमारी की रोकथाम और उसके प्रकार को जानने के लिए रिसर्च की जाती है। इसको लेकर लोगों को जागरुक किया जाता है। इसकी रोकथाम के सभी एहतियाती कदम उठाए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0e8012691797046ab1c47c3151771e873ab6653 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71865.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्ञानेंद्र रावत। बीते सप्ताह अरब सागर में उठे और केरल, कर्नाटक में कोहराम मचाते हुए टाक्टे नामक चक्रवाती तूफान ने महाराष्ट्र और गुजरात में भारी तबाही मचाई है। सौ किमी से अधिक की रफ्तार से चली हवाओं से सैकडो़ं पेड़ उखड़ कर गिर गए, उनके नीचे वाहन, इंसान और जीव-जंतु दब गए। यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ, हवाई सेवाएं ठप रहीं। एनडीआरएफ और सेना की टीम हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f278de22770b2d45f7a83b60494787a4df84ef11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है मानक।बायोडायर्विसटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डा. केपी सिंह ने बताया कि आइयूसीएन ने लुप्तप्राय प्रजातियों के निर्धारण को मानक तय कर रखे हैं। लुप्तप्राय प्रजातियों में उन्हें रखा गया है, जिनकी संख्या 10 वर्षों में 50-70 फीसद तक घटी है। पांच हजार वर्ग किमी से कम के भौगोलिक क्षेत्रफल या 500 वर्ग किमी से कम का स्थानीय संख्या वाली प्रजातियों और जिन प्रजातियों के वयस्क 2500 से कम हैं, उन्हें लुप्तप्राय श्रेणी में रखा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3377ba88aac0e8eab3d3b45d3177ffd082366277 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71868.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कालेज की छात्रा व एनसीसी कैडेट दिव्यांशी कोरोना महामारी से लड़ने में इससे संक्रमित व्यक्तियों की निस्वार्थ मदद कर रही हैं। वह मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और इसके रीफिलिंग के साथ साथ प्लाज्मा, दवाइयां और अस्पताल में बिस्तर दिलाने के लिए जरूरी मदद कर रही हैं। द बेटर इंडिया और माई गवर्नमेंट ने दिव्यांशी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनकी उपलब्धि को अपनी वेबसाइट पर शेयर किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने चर्चित कार्यक्रम 'मन की बात' में दिव्यांशी के कार्यों का उल्लेख किया है। उनको कोविड हीरो, कोविड वारियर, एंजेल (परी) के नाम से भी संबोधित किया। + +एनसीसी के आदर्श वाक्य से प्रेरणा। दिव्यांशी का मानना है कि एक व्यक्ति को बचाना एक पूरे परिवार को बचाने के बराबर है। दिव्यांशी बताती हैं कि उन्हें इन कार्यो की प्रेरणा एनसीसी के आदर्श वाक्य निस्वार्थ सहायता से मिली और इसके लिए उनके माता-पिता ने उन्हें इस विपरीत समय में भी सदैव दूसरे की मदद के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कोरोना से ठीक हुए मरीजों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित किया और इसके बाद दो लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया जिसने कई कोरोना रोगियों को ठीक किया।आत्मसंतुष्टि के लिए की मददउन्होंने बीस से अधिक लोगों तक प्लाज्मा उपलब्ध कराया,।दिव्यांशी ने 10 से अधिक जरूरतमंद लोगों को आइसीयू बेड दिलाने में मदद की। बेसहारा लोगों को निश्शुल्क दवा और भोजन उपलब्ध कराने के लिए फंड एकत्रित करने में भी सहायता की। वह कहती हैं कि पिछले एक महीने में जरूरतमंद लोगों की मदद करते हुए, अस्पताल में बिस्तर की सख्त जरूरत के समय, भोजन न मिलने की लाचारी में मदद करते हुए, एक दुखी पत्नी, एक बेबस मां को शांत करते हुए उनकी सहायता के बाद महसूस किया कि आंतरिक संतुष्टि क्या होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8589acd74084444be2a205bdbffc32129c35c35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। कोविड-19 के संक्रमण से उबर चुके लोगों के लिए राहत भरी खबर है। कोरोना से संक्रमित होने के बाद तीन महीने तक उन्हें वैक्सीन लेने के लिए भागदौड़ करने की जरूरत नहीं। यही नहीं, ऐसे लोग जिनको वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, उन्हें भी दूसरी डोज लगवाने में जल्दी नहीं करनी चाहिए। कारण यह है कि वैक्सीन का काम संक्रमण ने स्वत: ही कर दिया। तीन महीने के बाद पहले एंटीबॉडी टाइटर जांच कराएं। अगर जांच में एंटीबॉडी पर्याप्त संख्या में मौजूद है तो ऐसे लोगों को भी फिलहाल वैक्सीनेशन की तत्काल कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। वह कुछ समय और इंतजार कर सकते हैं और एक बार फिर टेस्ट करवाकर देख लें, यदि एंटीबॉडी न हो अथवा कम संख्या में हो तभी वैक्सीनेशन करवाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cab9ebee5ba9087de07fa808b5d9c4c9a7b5f54f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उनका जन्‍म 20 अगस्त, 1944 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुआ था। उनको राजनीति विरासत में मिली थी। हालांकि प्रधानमंत्री बनने तक वो राजनीति से काफी दूर थे। वहीं उनके बड़े भाई संजय गांधी राजनीति में न सिर्फ सक्रिय थे बल्कि तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सबसे करीबी सलाहकार भी थे। इंदिरा गांधी के लिए फैसलों में उनकी राय अहम होती थी। उनकी आकस्मिक मौत के बाद राजीव गांधी धीरे-धीरे राजनीति की सीढि़यां चढ़ने लगे थे। राजनीति से अलग वो एक कुशल कमर्शियल पायलट भी थे और काफी समय तक उन्‍होंने इंडियन एयरलाइंस में अपनी सेवाएं भी दी थी। उनके राजनीकि करियर की बात करें तो ये काफी छोटा ही रहा। 21 मई, 1991 को देश ने राजीव गांधी को हमेशा के लिए खो दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57f6350935995bdd8b1c2fcedfa8e1c30976b9f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71875.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आज देश के उन विज्ञानियों की मेहनत के बलबूते ही भारत ने दुनिया को कोरोना का कारगर टीका बनाकर दिया है। वैसे भी आजकल भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। भयंकर आपदाकाल के समय में भारत एक बार फिर दुनिया के लिए उम्मीदों की किरण का बहुत बड़ा केंद्र बनकर उभरा है, क्योंकि हमारे देश में बनने वाला कोरोना वायरस का टीका बेहद प्रभावी होने के साथ-साथ कीमत, तापमान व भंडारण के दृष्टिकोण से विकासशील और विकसित सभी श्रेणी के देशों के लिए बेहद अनुकूल है। वैसे कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर देखा जाए तो देशवासियों को भविष्य में इस वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए जल्द कोरोना का टीका लगवा कर उनके जीवन को सुरक्षित करना होगा। लेकिन यह तो भविष्य में आने वाला समय ही बताएगा कि भारत के कर्ताधर्ताओं ने कोरोना की दूसरी लहर से कुछ सबक लिया है या नहीं। हालांकि विश्व के तमाम देशों के आंकड़ों के आधार पर भारत सरकार लगातार यह कहकर खुद अपनी पीठ थपथपा रही है कि भारत दुनिया में सबसे तेज टीकाकरण करने वाला देश है। + +हालांकि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार व कंपनियों की निजी स्तर पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं। इस कड़ी में 18 साल से कम उम्र के लोगों को टीका उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ट्रायल की अनुमति भारत बायोटैक को दे दी है। अभी हमारे देश में र्नििमत कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके की डोज देश में टीकाकरण के लिए उपलब्ध हैं। रूस के टीके स्पूतनिक का इस्तेमाल भी शुरू हो गया है। अन्य कंपनियों के टीकों की डोज उपलब्ध करवाने के लिए विचार चल रहा है। लेकिन इस सबकी मौजूदा डोज व भविष्य में उपलब्ध होने वाली डोज से भारत में टीका कार्यक्रम का लक्ष्य जल्द हासिल नहीं हो सकता है, इसके लिए सरकार को कंपनियों के साथ मिलकर टीके के उत्पादन को बढ़ाने के तरीकों पर कार्य करना होगा, क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए लगने वाले लॉकडाउन से लोगों व भारत सरकार को जबरदस्त राजस्व की हानि बहुत लंबे समय से हो रही है। इसके सामने सरकार के द्वारा टीकाकरण पर खर्च होने वाली धनराशि कुछ भी मायने नहीं रखती है। इसलिए भारत सरकार को देश में टीका बनाने वाली कंपनियों को कार्य करने के लिए धन के साथ दबाव मुक्त बेहतर माहौल, कच्चा माल व अन्य सभी संसाधन बड़े पैमाने पर उपलब्ध करवाने चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43ccea0e5403daa5cc0932431eac61629e2e5e9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह बताते हैं कि चंबल सेंक्चुरी में लुप्तप्राय गांगेय डाल्फिन, कछुओं और गंभीर संकटग्रस्त घड़ियालों का संरक्षण किया जा रहा है। लुप्तप्राय प्रजातियों की जानकारी, उनके आवासों की सुरक्षा व उनके प्राकृतिक महत्व के बारे में जागरुकता कार्यक्रम चलाकर लुप्तप्राय प्रजाति दिवस के उद्देश्य को सफल बनाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f48b06cc2c2ad0fab5e96db2afa32c53ed8e14ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71879.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। केंद्र सरकार का कहना है कि राज्यों के पास अभी भी 1.97 करोड़ वैक्सीन की डोज पड़ी हुई हैं। एकाध राज्यों को छोड़ दें तो कोई भी साफ तौर पर यह नहीं कह रहा है कि उनके पास वैक्सीन की कमी है। इसके बावजूद देश भर में वैक्सीन की रफ्तार दिनों दिन सुस्त पड़ती जा रही है। 18 मई, 2021 को देश में सिर्फ 13.08 लाख डोज दी गई। अगले दिन यानी 19 मई को सिर्फ 11.59 लाख डोज ही दी जा सकीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..caf29263cee3b065ff410e02e78b29e4784100e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरआरआर मूवी ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर लिखा,  '5 भाषाएं, 5 बेहतरीन सिंगर, विभिन्न क्षेत्रों में फैली देश की बेहतरीन आवाजें आरआरआर मूवी के थीम सॉन्ग के हाथ मिलाया है।'।5 Languages.।5 Leading Singers.।India's finest voices panning across regions join hands to Sing & Shoot a Music Video for #RRRMovie theme song🔥🌊।An @MMKeeravaani Musical.।Announcement at 11 AM.@tarak9999 @AlwaysRamCharan @ssrajamouli @DVVMovies @LahariMusic @TSeries @RRRMovie।इससे पहले निर्माताओं एलान किया था कि फिल्म के टाइटल सॉन्ग के लिए देश के सभी बेहतरीन सिंगरों को एक साथ जाएगा। इस सॉन्ग के एलान के बाद से फैंस बेहद उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। बाहुबली निर्देशक एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी रही इस फिल्म निर्माण डीवीआर दानय्या के बैनर तले किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71881.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71881.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecd0ba478b380f75483afff47837c2d90115c5f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71881.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भोपाल, अजय जैन। कहते हैं कि बच्चे भी बड़ों को सही राह दिखा सकते हैं। मध्य प्रदेश में विदिशा जिले के गंजबासौदा तहसील के सहरिया जनजाति बाहुल्य इलाके में बच्चे यही कर रहे हैं। यहां बच्चे इलाके में कोरोना के टीकाकरण को लेकर फैली अफवाह को न सिर्फ दूर कर रहे हैं बल्कि लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। इसका सुखद परिणाम भी देखने को मिला है और कुछ ही दिन में एक ही गांव के करीब सौ लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4feb87b9c37193491c9d021a07e72c8df6d22c5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके साथ ही मेहरा 24 दिन के सस्ते और लंबे टूर पैकेज पर भी सवाल उठाते हैं। वह कहते हैं कि मात्र 1.38 लाख रुपये के पैकेज में रूस के विभिन्न शहरों की यात्रा, स्पूतनिक टीके का दो डोज, चिकित्सकीय जांच, भारत से रूस के जाने-आने का एयर टिकट, वीजा, होटल, खाना-नाश्ता समेत अन्य सेवाएं शामिल है। वह कहते हैं कि रूस इतना भी सस्ता देश नहीं है। ऐसे में यह पैकेज ही संदेह की जद में आ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d8a8c4c79841903522103247ee2df6f7ff03e74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, देश में नए मामलों में लगातार गिरावट हो रही है। गत अप्रैल में बच्चों और किशोरों में बढ़ते मामले चकित करने वाले थे। शोधकर्ता यह जांच कर रहे हैं कि बच्चों के लिए कोरोना संक्रमण क्या ज्यादा गंभीर हो गया है। ओहियो में यूनिवर्सिटी हास्पिटल की एसोसिएट प्रोफेसर एमी एडवर्ड ने कहा, 'बच्चों में इस नजरिये से जांच पर गौर नहीं किया गया। कोरोना के दीर्घकालीन लक्षणों का सामना कर रहे बच्चों को आमतौर पर अस्पताल में दिखाया नहीं जा रहा है। वे घर पर ही जूझ रहे हैं।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..425dad2118b7c2f2170d8557b8de407edde8dc81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेल्फ टेस्टिंग COVID-19 किट के बारे में सब कुछ ।1. घर पर इस्तेमाल होने वाली कोविड-19 टेस्टिंग किट को कोविसेल्फ (CoviSelf) कहते हैं। यह SARS-CoV-2 की पहचान करने के लिए एक रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) है। CoviSelf केवल उस व्यक्ति के नाक के नमूने की जांच करता है, जिससे मालूम चलेगा कि व्यक्ति पॉजिटिव है य नेगेटिव। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acb60a986d6c324b6b14625bd59fbf168e1750ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71888.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यूनीसेफ का कहना है कि इस जंग में जहां कई बच्‍चे अनाथ हुए हैं वहीं कई परिवार खत्‍म हो गए हैं। हमलों की वजह से गाजा में राहत के लिए भेजे गए 24 में से महज पांच ट्रक ही पहुंच सके हैं। यूनीसेफ की मानें तो दस मई से अब तक फलस्‍तीन इलाकों में से करीब 30 हजार बच्‍चे विस्‍थापित हुए हैं, जो कि एक बड़ा नंबर है। यूनीसेफ बार-बार इस बात की अपील कर रहा है कि हमलों को तत्‍काल रोका जाए, जिससे राहत सामग्री को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सके। + +संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने गाजा के प्रभावित इलाकों में मानवीय राहत के तहत 51 हजार से अधिक लोगों को सहायता प्रदान की है। यूएन एजेंसी का कहना है कि हमलों में व्‍यापक क्षति हुई है, जिसको तत्‍काल रोके जाने की जरूरत है, नहीं तो इसके दुष्‍परिणाम हम सभी को भुगतने होंगे। यूएन एजेंसी प्रभावित लोगों को ईवाउचर के रूप में नकदी भी मुहैया करवा रही है। एजेंसी का कहना है कि गाजा में प्रवेश बंद होने की वजह से खाद्य सामग्री समेत अन्‍य जरूरी सामान की उपलब्‍धता कम हो रही है। यदि हालात नहीं सुधरे तो कुछ समय बाद भोजन जैसी चीजों के दाम भी काफी बढ़ जाएंगे। एजेंसी के मुताबिक किसान खेतों तक नहीं जा पा रहे हैं। इस वजह से कृषि उत्पादों के दामों में भी वृद्धि हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac20707e66f3f3feaf7b2eb34809044336af557b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नूपुर अलंकार ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि आयुष्मान खुराना, जैकी श्रॉफ और सोनू सूद ने सविता बजाज की हर तरह से मदद की है। नूपुर अलंकार ने कहा, 'अभिनेत्री राजेश्वरी सचदेवा ने अपने इंस्टाग्राम पर सविता जी के बारे में पोस्ट किया था। इसके बाद आयुष्मान ने उन्हें फोन किया और पैसे ट्रांसफर कर दिए जो हमारे लिए बहुत बड़ी राहत थी। जिसके चलते हम उन्हें अस्पताल से छुट्टी दिलवा पाए।'।नूपुर अलंकार ने बताया कि सविता बजाज के पास अस्पताल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे। उन्होंने कहा है कि जैकी श्रॉफ ने भी उनको आर्थिक मदद पहुंचाई है। वहीं अभिनेता सोनू सूद ने सविता बजाज को इलाज के दौरान ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर मुहैया करवाए थे। गौरतलब है कि CINTAA पहले से ही सविता बजाज को इलाज के लिए आर्थिक मदद पहुंचा रहा था। कमेंटी ने उनके इलाज के खर्च के लिए 50 हजार रुपये दिए थे। वहीं उनके महीने के खर्च के लिए पिछले कुछ सालों से 5 हजार दे रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71892.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71892.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43e9f9852076f1af60629aadf705935bc8f756e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71892.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्‍त राष्‍ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटारेस के प्रवक्‍ता स्‍टीफन दुजारिक के मुताबिक भारत में आने वाले म्‍यांमार नागरिकों की संख्‍या करीब 4-6 हजार तक है। जबकि थाईलैंड में मार्च से अप्रैल के बीच करीब 1700 लोग शरणार्थी बनकर पहुंचे हैं। हालांकि इनमें से कई वापस भी लौट चुके हैं। यूनाइटेड नेशन रिफ्यूजी एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि फरवरी से अब तक 60700 लोग विस्‍थापित हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71896.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71896.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c912dd3785013b2a1a66539b846c458dcfb51ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71896.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण काल में जब सबकुछ रुक सा गया गया है तो मधुमक्खी का डंक  बेरोजगारी दूर करके लोगों के जीवन में मिठास घाेल रहा है। कई युवा आनलाइन जुड़कर जुड़कर अपने जीवन में समृद्धि का उजाला ला रहे हैं। किसानों के साथ युवाओं को मधु मक्खी पालन का प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी निभा रहे चिनहट के डा.नितिन सिंह व डा.पाॅपी सिंह। इजराइल में बतौर वैज्ञानिक काम करने वाले डा.नितिन सिंह नौकरी छोड़कर चिनहट में माेबाइल मधुमक्खी पालन करते हैं। लॉकडाउन में मोबाइल सेवा भले ही बंद रही, लेकिन घर में रखे मोबाइल बॉक्स से शहद निकलता रहा। लाखों रूपये वेतन को छोड़कर वतन लौटे डा.नितिन और उनकी पत्नी डा.पाॅपी खुद मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। खुद के साथ किसानों और युवाओं को भी इससे जोड़कर उनके जीवन में समृद्धि की मिठास घाेल रहे हैं। नितिन वॉट्सएप के माध्यम से युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं वह भी निश्शुल्क। उनका कहना है कि एक बॉक्स की कीमत चार हजार आती है और एक साल में पांच हजार का शहद निकलता है। 300 मोबाइल बॉक्स से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। अकेले नितिन ही नहीं लखनऊ के ही केएम वर्मा भी मधुमक्खी पालन कर युवाओं को इससे जोड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe23e8b997f0adeb10c77b1dfe9897f2b9729ca1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। हरियाणा और पंजाब के साथ दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे दोनों राज्यों के कृषि कानून विरोधी कोरोना के फैलाव का बड़ा कारण बन रहे हैं। इन धरनों पर हरियाणा व पंजाब के ग्रामीण लोगों की लगातार आवाजाही रहती है। धरनों पर बैठे लोग न तो कोरोना की टेस्टिंग कराने को तैयार हैं और न ही वैक्सीनेशन को राजी हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में कोरोना का न केवल तेजी से फैलाव हुआ है, बल्कि कई लोग असमय काल कवलित हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71904.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..032a115cf8205f0b02735060cc692e7c266d4922 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71904.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय मिश्र। कोरोना ने अनेक परिवारों को कभी न भूलने वाला दर्द दिया है। इसने कई परिवारों को पूरी तरह समाप्त कर दिया है तो हजारों परिवार ऐसे भी हैं जिनके सिर से मुखिया का साया उठ गया है। छोटे बच्चों को छोड़कर माता-पिता दोनों चले गए तो कई जगह मासूम बच्चों के साथ मां अकेले बच गई है। भरण-पोषण का पूरा दारोमदार उसके कंधे पर आ गया है। चाहे सरकारी कर्मचारी हों या आम आदमी, सब पर यह विपदा समान रूप से कहर बरपा रही है। सहानुभूति के शब्द जितने कहे जाएं, लेकिन यह सच है कि इससे दुखों पर पहाड़ खत्म नहीं होता। इसके लिए जरूरी है कि संबल और सहयोग के लिए सरकार और समाज दोनों खडे हों। हमारी सामाजिक संरचना में यह जिम्मेदारी है। अच्छी बात यह है कि प्रदेश सरकार ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया है। पहली बार कोरोना योद्धा का दायरा बढ़ाकर उन छोटे सरकारी या अर्धसरकारी या सहकारी कर्मचारियों को भी जोड़ा गया है जो किसी भी रूप में इसकी परिभाषा में नहीं आते थे। + +यह एक तथ्य है कि कोरोना संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए दिन-रात मोर्चा संभाल रहे कर्मचारी भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं। शिक्षक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी, सहकारी संस्थाओं के साथ कई अन्य विभागों के अनेक कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के प्रयास में जिंदगी की जंग हार गए। उनके न रहने पर परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन इनमें से अधिकतर संवर्गों की मदद का कोई इंतजाम नहीं था। उन्हें न कोरोना योद्धा की सुविधाएं मिल पा रही थीं और न कोई अन्य सहायता। चौतरफा संकट से घिरे इन परिवारों की सुध अब राज्य सरकार ने ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर इन परिवारों के लिए पहली बार सरकार ने नीतिगत व्यवस्था करके अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण पेश किया है। कोरोना के कारण माता-पिता के निधन से बेसहारा हुए बच्चों के लिए सरकार ने पांच हजार रुपये मासिक पेंशन योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह पेंशन उन्हें 21 साल की उम्र तक मिलती रहेगी। महामारी के दौर में यह अपनी तरह की पहली योजना है, जो निचले स्तर तक लोगों में भरोसा पैदा करेगी। यदि ऐसे परिवार की महिला रोजगार के लिए कोई काम-धंधा शुरू करना चाहती है तो सरकार अपनी गारंटी पर बैंक से बिना ब्याज का कर्ज दिलाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c60d3606c23b5457d6c8b7b01b21b251ff6129ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। भारतीय जनता पार्टी ने गौतमबुद्धनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अमित चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। हालांकि, भाजपा ने अभी आधिकारिक रूप से प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन मौखिक रूप से पार्टी जिलाध्यक्ष विजय भाटी व अमित चौधरी को अपने निर्णय से अवगत करा दिया है, जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने इसी पुष्टि की, पेशे से कालोनाइजर व बिल्डर अमित चौधरी ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चिपियाना गांव के रहने वाले हैं। वह जेवर की वार्ड पांच से जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉक्टर महेश शर्मा एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश मोहित बेनीवाल का उन्हें करीबी माना जाता है। जानकारों का कहना है कि आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर जाटो को साधने के लिए अमित चौधरी पर दाव लगाया है। गौतमबुद्धनगर में जिला पंचायत के पांच में से तीन सदस्य भाजपा के हैं। ऐसे में अमित के सिर पर अध्यक्ष पद का ताज तय माना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a8db06a8554c03996c394dced405d44e7125186 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7191.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, राज कुंद्रा की गिरफ़्तारी के बाद कुछ मीडिया हाउसेज़ ने उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था। उमेश ने इन तस्वीरों को भी शेयर किया है। उमेश ने इसको लेकर एक स्टेटमेंट भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है- मैं, उमेश कामत, पेशे से एक्टर हूं। मुझे बिज़नेसमैन राज कुंद्रा से जुड़े इस विवाद में नाहक ही घसीटा गया है। राज कुंद्रा और उनके साथी उमेश कामत, जिनसे मेरा नाम मिलता है, पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट बनाने का आरोप है। इस ख़बर को दिखाते वक़्त कई मीडिया हाउसेज ने मेरी तस्वीर का इस्तेमाल किया, जो मेरे बारे में ग़लत प्रचार है। राज कुंद्रा केस में मेरा नाम घसीटा जाना मेरा अपमान और इससे मेरे परिवार को बहुत दुख पहुंचा है। इसकी वजह से मेरी छवि को बहुत नुक़सान पहुंचा है और मानहानि हुई है। + +ईटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उमेश ने कहा कि मेरे नाम और छवि के साथ कोई खिलवाड़ ना हो, इसलिए मैंने यह स्टेटमेंट जारी किया है। राज कुंद्रा के साथ जो इस केस में हैं, वो मैं नहीं हूं। हमारे नाम मिलते हैं। उमेश ने कहा कि चूंकि न्यूज़ चैनल और संबंधित मीडिया हाउसेज़ ने बिना पुष्टि के मेरे नाम और फोटो का इस्तेमाल किया। इसलिए इनके ख़िलाफ़ में क़ानूनी कार्रवाई करने वाला हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71912.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71912.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2419e36f018b4c2b07e21c39fc927ff2e3d89dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71912.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नगर की सीमा सआदतगंज से लेकर रामनगरी तक 12 किलोमीटर तक का हाईवे मानो रामकथा कह रहा है। इस दूरी के बीच पडऩे वाले फ्लाईओवर की दीवारों पर बीएचयू व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के फाइन आर्ट के 24 छात्रों को साथ लेकर बनारस की संस्था आर्ट अटैक कलर्स ऑफ ज्वॉय रामायण के प्रसंगों को चित्रों में बयां कर रही है। टीम लीडर सिद्धांत श्रीवास्तव कहते हैं कि रामनगरी को संवारने में अर्जुन, संदीप, सौरभ, आदित्य, रजत, रविप्रकाश, प्रतीक, धीरेंद्र, आशीष राय आदि पूरी ऊर्जा से लगे हैं। दो अप्रैल से कार्य शुरू हुआ है। कड़ी धूप और कोरोना दोनों ही चुनौतियों से निपटते हुए टीम कार्य कर रही है। रामायण के अलग-अलग कांडों पर बन रहे भित्तिचित्रों में लंका कांड को शामिल नहीं किया गया है। छह फ्लाइओवर व पांच अंडरपास पर यह कार्य किया जाना है। हाईवे के सुंदरीकरण का कार्य एनएचएआइ करा रहा है। इसके क्रियान्वयन में विकास प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल ङ्क्षसह व उप सचिव स्वर्णिम राज की निगरानी में कार्य चल रहा है। कोरोना कफ्र्यू शुरू होने से पूर्व रामनगरी के विकास को लेकर हुई बैठक में सांसद लल्लू ङ्क्षसह की ओर से हाईवे के सुंदरीकरण का निर्देश दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db4be7e1605e569d5c09647c35058bc9b8627e6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71915.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2014 के बाद पहली बार फलस्तीन और इजरायल के बीच ऐसा भीषण संघर्ष देखने को मिल रहा है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि हमास के आतंकी ठिकानों और उसके कमांडरों पर चरणबद्ध हमले जारी रहेंगे। उनका उद्देश्य हमास को इतना पस्त करना है, ताकि वह वैसे हमले फिर न कर सके, जैसे इन दिनों कर रहा है। अमेरिका इस संघर्ष में इजरायल का खुलकर समर्थन कर रहा है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आए बयान का भी विरोध किया। अमेरिका ने संघर्ष समाप्त करने की आवश्यकता तो जताई, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। इसी कारण इजरायल जान रहा है कि उसके पास गाजा में अपने मकसद को पूरा करने का समय है, लेकिन उसे ध्यान रखना होगा कि अगर वहां मौंतों की संख्या बढ़ी और खासकर महिलाओं और बच्चों की, तो उसे मिल रहा अंतरराष्ट्रीय समर्थन कम होगा। कम से कम 25 देशों का खुला समर्थन इजरायल को है। इजरायल को यह समर्थन इसलिए मिल रहा है, क्योंकि जहां वह एक वैध एवं संप्रभु राष्ट्र है, वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में हमास एक आतंकी संगठन है। + +फिलहाल संतुलन इजरायल के पक्ष में है, लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं रह सकता, क्योंकि जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में गाजा में होने वाली मौतों के बारे में लिखा जाएगा, वैसे-वैसे विश्व जनमत इजरायल के खिलाफ होता जाएगा। जाहिर है कि इजरायल को गाजा में अपने लक्ष्य जल्द पूरे करने होंगे। भले ही इजरायल के पास अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कमी न हो, लेकिन वह लंबे समय तक नहीं रह सकता। हालांकि इजरायल का यह कहना है कि गाजा में हमलों के वक्त इसका ध्यान रखा जा रहा है कि नागरिक आबादी को क्षति न पहुंचे, लेकिन बावजूद इसके दुनिया भर में इस संघर्ष को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e56d22103ba073f928073a9b89e697042a1727a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71919.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुस्तैद है टीम: ब्लैक फंगस संक्रमण की शुरुआत नाक से होती है। कई मरीजों में यह साइनस के लक्षण के रूप में भी रहता है। इसके बाद यह संक्रमण आंख व मस्तिष्क तक भी पहुंच जाता है। कई बार मरीज की जान बचाने के लिए आंखों में फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए मरीज की आंखें निकालने की नौबत भी आ जाती है। यही वजह है कि जिस भी अस्पताल में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीज का इलाज किया जाता है, वहां पर मेडिसिन, नेत्र रोग, नाक-कान व गला रोग व न्यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों की टीम मौजूद रहती है। यह टीम ब्लैक फंगस संक्रमण वाले मरीजों का संयुक्त रूप से इलाज करती है। + +तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क।स्टेरॉयड्स व हायर एंटीबायोटिक इंजेक्शन के कारण बढ़ती है परेशानी: कोविड-19 संक्रमित मरीजों को चिकित्सक इलाज के दौरान स्टेरॉयड देते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक, जिन मरीजों को ज्यादा स्टेरॉयड्स या हायर एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिए गए हैं उन्हें ही इस तरह का संक्रमण अधिक हो रहा है। बहुत से शहरों में जिला प्रशासन व चिकित्सकों द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों को मरीजों को स्टेरॉयड्स न देने व बहुत जरूरी होने पर ही टोसिलीजुमाब इंजेक्शन देने के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे मरीज जो अभी तक होम आइसोलेशन में थे और जिन्होंने स्टेरॉयड्स या अन्य इंजेक्शन नहीं लिए उनमें भी ब्लैक फंगस की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे में बीमारी सामने आने की स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचकर इलाज करवाना आवश्यक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe70d1dbcb126461ae835098e8c5d307b8fd3ca4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71925.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लमाबाद (एजेंसी)। कोरोना से पीडि़त पाकिस्‍तान में 24 मई से कोरोना महामारी की रोकथाम को लगाई गई कई सारी पाबंदियां हटा दी जाएंगी। नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर ने इसकी घोषणा की है। इसके तहत ऐसे जिलों में जहां पर कोरोना संक्रमण के मामले 5 फीसद से कम हैं वहां के शिक्षण संस्‍थानों को भी खोल दिया जाएगा। इसके अलावा आउटडोर रेस्‍तरां खुल जाएंगे और पर्यटन को भी दोबारा से शुरू करने की घोषणा कर दी गई है। एनसीओसी की बैठक के बाद ये फैसले लिए गए हैं। इस बैठक की अध्‍यक्षता योजना एवं विकास मंत्री और एनसीओसी के प्रमुख असद उमर ने की थी जिसमें प्रधानमंत्री के विशेष सचिव डॉक्‍टर फैसल सुल्‍तान, सिंध प्रांत के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और सभी प्रांतों के मुख्‍य सचिवों ने हिस्‍सा लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ab428bda262cfac84893d3a1c9135d0b141203d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71926.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इधर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि अमेरिका लगातार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। वह यहां शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहा है। अमेरिका के विध्वसंक युद्धपोत की जानकारी मिलने के बाद चीनी युद्धपोत ने उसका पीछा किया। आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है कि जब अमेरिका का विध्‍वंसक पोत इस क्षेत्र से निकला हो। इससे पहले भी इस तरह की का कदम अमेरिका उठा चुका है। उस वक्‍त भी चीन के युद्धपोतों ने अमेरिकी जहाज का पीछा किया था। + +चीन के सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग का कहना है कि चीन का ये युद्धाभ्‍यास ताइवान से संभावित युद्ध की तैयारी को लेकर किया गया है। चीन सरकार के मुखपत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स का कहना है कि ताइवान और अन्य देशों को ये गलतफहमी है कि चीन के पास वो ताकत नहीं है, जिससे इन द्वीपों पर सैन्‍य ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है। जबकि ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। इसलिए ये युद्धाभ्‍यास इतना बताने के लिए काफी है चीन हर तरह से सक्षम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71929.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71929.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..236c16616a26dcf841103ea2dbef1daddf6eafac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71929.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]।  Covid Hospital for Kids : कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक खतरे की आशंका को देखते हुए इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मालवीय नगर स्थित पीटीएस कालोनी में बनाए गए 50 बेड के श्री लक्ष्मी नारायण कोविड केयर सेंटर से एक बालरोग विशेषज्ञ को भी संबद्ध किया गया है। इस सेंटर में जो लोग भर्ती होंगे उनके घर के बच्चों का भी बराबर ध्यान रखा जाएगा ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। या फिर बच्चे संक्रमित हो गए हैं तो तुरंत उनका इलाज शुरू किया जा सके। हालांकि, बच्चों को इस सेंटर में भर्ती नहीं किया जाएगा। बालरोग विशेषज्ञ बच्चाें का आनलाइन इलाज करेंगे। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्कूल में खोले गए इस सेंटर का बुधवार को एसडीएमसी साउथ जोन की अध्यक्ष व मालवीय नगर की निगम पार्षद डॉ. नंदिनी शर्मा ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मालवीय नगर स्थित आकाश हॉस्पिटल यहां चिकित्सीय सेवा देगा। ।आकाश हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजीत गाबा ने बताया कि यहां कोरोना के कम व हल्के लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा। हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डाक्टर मरीजों को आनलाइन परामर्श देंगे। सुबह-शाम उनका बॉडी टेंपरेचर, आक्सीजन लेवल लिया जाएगा। जरूरत के अनुसार उनको दवा व डाइट चार्ट दिया जाएगा। प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ के साथ एक एंबुलेंस हमेशा तैनात रहेगी ताकि किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। जरूरत पड़ने पर यहां बेड की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। + +वहीं, पीटीएस कालोनी आरडब्ल्यूए के सचिव मनविंदर सिंह ने बताया कि मरीजों के पंजीकरण व भोजन व्यवस्था के लिए आरडब्ल्यूए का कार्यालय उपलब्ध करवाया गया है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के सचिव नरेंद्र चित्रा की आरे से भी सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सेंटर में भर्ती होने के लिए 9311042122 पर संपर्क किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71932.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d5bff0e8670d0888e2aa2e93e41e9367480e07e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71932.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरुण अशेष। कोरोनावासरस (CoronaVirus) ने भले ही देश के बड़े-बड़े कारोबारियों का हौसला पस्त कर दिया हो, लेकिन बिहार के ग्रामीण कारोबारी बहुत हद तक महफूज हैं। बेशक उनका कारोबार तबाह हुआ, फिर भी उनका हौसला पस्त नहीं हुआ। इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर (IGC) के सर्वे से जाहिर हो रहा है कि कोरोना के पहले दौर में तबाही झेल चुके 93 फीसद ग्रामीण कारोबारी फिर से अपने धंधे में जुट गए। संक्रमण के दूसरे दौर में भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद उम्मीद की जा सकती है कि इस संकट से उबर कर पहले की तरह कारोबार में जुट जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71934.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..822677e4c50c88675a529ed6e2a28921d7358a1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71934.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब गिरावट की ओर है। इस दौरान मामले 4 लाख से घटकर अब 2.67 लाख पर आ गए हैं। जानकारों की मानें तो यदि गिरावट का यही दौर जारी रहा और सब कुछ ठीक रहा तो एक सप्‍ताह के अंदर ये लहर चली जाएगी। आपको बता दें कि भारत में आई दूसरी लहर का प्रकोप पहले की तुलना में तीन गुना अधिक था। पहली लहर के दौरान भारत में सितंबर में एक दिन में अधिकतम 97 हजार मामले सामने आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf1984b143f1d9bd7cd0670fd032682e7d3a429f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71938.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर ने कान्हा की नगरी मथुरा के प्रमुख लघु एवं कुटीर उद्योग पायल और ठाकुरजी की पोशाक पर तगड़ा वार किया है। दोनों कारोबार ठप हो गए हैं और करीब 42 हजार कारीगरों खाली घरों में बैठे हैं। आक्सीजन सिलेंडर न मिलने से पायल झलाई का कार्य नहीं हो रहा है। ठाकुरजी की पोशाक के भी दूसरे शहरों से आर्डर नहीं मिल पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c10857ac66d1fc2e5e12c73d069ff7b7865c2f47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71939.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में बंदरों का आतंक है। यहां ये बंदर भर्ती मरीजों का सामान तक उठा ले जाते हैं। इन बंदरों से यहां पीपीइ किट में काम करने वाले डॉक्टर भी खासे परेशान हैं। बंदर कई बार इन पर हमला भी कर चुके हैं। ऐसे में डॉक्टर और मरीज दोनों बंदरों के झुंड को देखकर घबरा जाते हैं। इन बंदरों की समस्या को देखते हुए आइटीबीपी की ओर से एक अनोखा तरीका खोजा गया जिससे बंदरों का आतंक कुछ कम हो सके और मरीज सुरक्षित महसूस कर सकें। ।इस समस्या का समाधान खोजते हुए भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने इस सेंटर में लंगूर बंदरों के हूबहू बड़े-बड़े कटआउट चारों तरफ लगा दिए है। ये कटआउट बबून से बनाए गए हैं, इनको देखकर कोई नहीं कह सकता है कि ये नकली हैं। इन दिनों इस कोविड केयर सेंटर 500 मरीज भर्ती हैं और उनका यहां इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से बंदर आक्रामक हो गए हैं और मरीजों की देखभाल के लिए तैनात कर्मियों पर हमला करने की कोशिश करते हैं। बंदरों को ये कटआउट असली से लगे इसके लिए उनकी जगह बदल दी जाती है। एक दिन इन कटआउटों को एक जगह पर लगाया जाता है और दूसरे दिन सुबह उनको दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया जाता है। जिससे बंदरों को लगे कि ये लंगूर भी यहां मौजूद हैं। ।क्यों लगाए गए काले मुंह वाले लंगूर बंदरों के कटआउट।काफी समय पहले से इन देशी बंदरों को भगाने के लिए लंगूर बंदरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कहा जाता है कि जहां देशी लाल मुंह वाले बंदर हो वहां पर यदि लंगूर(काले मुंह वाला बंदर) को रख दिया जाता है तो ये सभी वहां से भाग जाते हैं। लुटियन दिल्ली में भी देशी बंदरों का आतंक है वहां भी इसी तरह से लंगूर बंदरों को रखकर इन देशी बंदरों को भगाया जाता है। अब यही तरीका इन कोविड केयर सेंटरों में भी अजमाया जा रहा है। ।लंगूर देख दूर भागते हैं देशी बंदर ।जब से कोविड केयर में पुलिस ने लंगूर बंदरों के कटआउट को लगाना शुरू किया है, उसके बाद से देशी बंदर परिसर में नहीं घुस रहे हैं। ये तरकीब मरीजों के साथ साथ स्वास्थकर्मियों के लिए भी ठीक साबित हो रही है। ।रिज एरिया की वजह से बंदरों का आतंक ।कोरोना संक्रमण फैलने के बाद सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर बनाना शुरू किया गया था, ये दिल्ली का सबसे बड़ा सेंटर है। दरअसल, सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर जिस इलाके में बना हुआ है, वहां पास में ही दक्षिणी दिल्ली का रिज एरिया भी है। यहां बड़ी तादाद में बंदर रहते हैं। अक्सर बंदरों के झुंड खाने की तलाश में राधास्वामी सत्संग ब्यास तक पहुंच जाते हैं। चूंकि इन दिनों यहां कोरोना के मरीज भर्ती हैं। बंदर इन मरीजों का खाने पीने का सामान लेकर भाग जाते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71940.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc6f1422694be7001214513aa1d3d20d4a35dc2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71940.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण काल में युवाओं को नौकरी देने के अवसर की तलाश की जा रही है। इसी तहत एक नजी कंपनी से हुए करार में कंपनी की ओर से आनलाइन प्रशिक्षण के साथ नौकरी के अवसर उपलब्ध कराने की बात कही गई है। इस महीने के अंत तक प्रशिक्षण शुरू होने की संभावना है। चारबाग के गुरु गोविंद सिंह मार्ग स्थित सेवायोजन निदेशालय के मॉडल करियर सेंटर के कार्यालय प्रभारी जय प्रकाश ने बताया कि एक निजी कपनी से समझौता हुआ है। पंजीकृत युवाओं को गूगल मीट के माध्यम से 100 दिन की ट्रेनिंग के बाद नौकरी के अवसर दिए जाएंगे। इसके लिए युवाओं का पंजीयन होगा। 25-25 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। + +सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। सूबे में 100 से अधिक मॉडल करियर सेंटरों के माध्यम से युवाओं की ऑनलाइन काउंसिलिंग करने की कवायद इस महीने के अंत से शुरू होगी। केंद्रीय श्रम एवं सेवायोजन महानिदेशालय की ओर से पूरे देश के युवाओं को जोड़ने की पहल चल रही है। प्रदेश के 92 सेवायोजन कार्यालयों के साथ ही देश के 900 से अधिक कार्यालयों को जोड़कर बनाए गए नेशनल करियर सर्विस के माध्यम से काउंसिलिंग व रोजगार देेने की तैयारी चल रही है। 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं को करियर से संबंधित जानकारी दी जाएगी। उप निदेशक सेवायोजन और प्रभारी माॅडल करियर सेंटर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि तैयारी पूरी है। सरकार के निर्देश के साथ ही काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी। + +ऐसे कराएं होगा पंजीयन।सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत युवाओं को आनलाइन काउंसिलिंग के लिए युवा वेबसाइट https://forms.gle/bfA8dCim9QcVuxYH8 पर भी अपना पंजीयन करा सकता है। सेवायोजन विभाग की बेवसाइट sewayojan.up.nic.in या फिर सेवायोजन एप से बेरोजगार अपना पंजीयन करा सकते हैं। जिला सेवायोजन अधिकार प्रीति चंद्रा ने बताया कि अभी आनलाइन काउंसिलिंग का आदेश अभी नहीं आया है। आते ही स्कूलों के माध्यम से काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9920def073163159ca402396a4fc5901943257ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71942.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [निशांत यादव] ।  कोरोना तब पीक पर था। शमशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए शव की लंबी लाइन थी। फेफड़ो में संक्रमण के बाद ऑक्सीजन लेवल गिरने पर जब एल 3 श्रेणी के अस्पताल का संकट गहरा रहा था।।तब बबीता यादव भी कोरोना संक्रमित हो गईं। ऑक्सीजन लेवल 30 तक आ गया। किसी सांसे उखड़ने लगीं। किसी तरह वह एल- 1 श्रेणी के आइसोलेशन सेंटर में भर्ती हुईं। सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति से बबिता आइसोलेशन सेंटर में ठीक हुई। कुछ ऑक्सीजन की मदद से उनकी रिकवरी हुई। + +ऑक्सीजन लेवल 45 से कम होने पर मरीजो को वेंटिलेटर वाले एल 3 श्रेणी के अस्पतालों में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।।जबकि ऑक्सीजन लेवल 45 से 80 होने पर ऑक्सीजन वाले एल 2 और 80 से अधिक होने पर एल 1 श्रेणी के अस्पताल की जरूरत पड़ती है। छावनी परिषद ने तोपखाना स्थित आरए बाजार इंटर कॉलेज में एल 1 श्रेणी का 40 बेड का आइसोलेशन सेंटर कम संसाधनों के बीच बनाया है। यहां 84 साल की कौशल्या देवी को ऑक्सीजन लेवल 50 होने पर भर्ती कराया गया था। कौशल्या देवी ने इस एल 1 श्रेणी अस्पताल में रहकर कोरोना को हराया। जबकि सुजीत कुमार ऑक्सीजन लेवल 45 और आरके धुसिया 60 ऑक्सीजन लेवल पहुंचने पर भी स्वस्थ हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..074940888fb672dc536b477ddd2b657f55667516 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71943.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Vaccination Drive In India टीकाकरण को लेकर भारत के अनुभव की दुनिया में मिसाल दी जाती है। 1994 में इस देश ने पोलियो उन्मूलन का अभियान शुरू किया और आज देश इस बीमारी से मुक्त घोषित हो चुका है। कोविड महामारी के प्रबंधन में भी इसकी धाक दुनिया में जमी थी जब पहली लहर को अपने अल्प संसाधनों के बावजूद बिना ज्यादा मशक्कत के इसने काबू कर लिया था। पहली लहर के दौरान दुनिया में जमी यह साख दूसरी लहर के प्रबंधन के दौरान बिखरती दिख रही है। होना तो यह चाहिए था कि पहली लहर के अनुभव से दूसरी लहर को अच्छी तरह से संभाला जाता, लेकिन तमाम वजहों ने ऐसा न होने दिया। + +संसाधनों की किल्लत: पहली लहर के दौरान भी इनकी किल्लत रही। पहली लहर के शांत होने के बाद जो समय मिला था, उसमें हमें इनकी संख्या बढ़ानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अस्पताल बिस्तरों, टेस्टिंग सुविधा, आइसीयू, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स, रेमडेसविर, श्मशान स्थलों की कमी ने इसे अब तक की बड़ी आपदा सरीखा बना दिया। केंद्र और राज्य सरकारें भले ही इसके लिए एक दूसरे पर दोषारोपण करें, लेकिन ये स्याह तस्वीर बताती है कि हमने पहली लहर और अपने अतीत के दूसरे अनुभवों से कुछ नहीं सीखा। + +मांग और आपूर्ति में रहा अंतर: इस साल जनवरी में जब दो वैक्सीन की अनुमति मिली तब हमने जरूरी खुराक की गणना ठीक से नहीं की। सीरम और भारत बायोटेक को ठोस मैटेरियल मैनेजमेंट तकनीक के तहत तय समयसीमा के भीतर स्पष्ट उत्पादन लक्ष्य दिया जाना चाहिए था। जिसके चलते टीका लगने वाली आबादी का दायरा बढ़ गया है लेकिन आलम यह है कि पहली खुराक लगी आबादी दूसरी खुराक का इंतजार कर रही है। + +वैक्सीन चयन में देरी: जब कम आबादी वाले अमेरिका और ब्रिटेन सरीखे देशों ने अनुमन्य कंपनियों से तय समयसीमा और स्पष्ट उत्पादन लक्ष्य के साथ वैक्सीन की मांग रख रहे थे तो हम इस प्रयास में बहुत पीछे खड़े थे। हालांकि हमारे पहले और दूसरे लक्ष्य वाजिब और प्रशंसनीय हैं लेकिन जब पसंद की वैक्सीन से सार्वभौमिक टीकाकरण के साथ हमें जल्दी आगे बढ़ना चाहिए था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67fbded5d0285a188c997bd604d44deaebaa902e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसकी डिवाइस की मदद से 20 फीसद ऑक्सीजन को बचाया जा सकता है। डिवाइस तैयार करने में इंस्टीट्यूट के क्रिटकल केयर कंसलटेंट एवं प्रो. डाॅ. विवेक गुप्ता ने रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के दो कर्मचारियों प्रितपाल सिंह व हरमीत सुक्रीत का मुख्य योगदान रहा है।   ।कैसे करेगा डिवाइस काम ।किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत उस समय होती है जब वह सांस लेता है। लेकिन मास्क के साथ जब मरीज को ऑक्सीजन देते हैं, तो उसका प्रवाह लगातार होता रहता है। जब वह सांस बाहर छोड़ता है उस सम भी ऑक्सीजन का प्रवाह जारी रहता है। इस दौरान ऑक्सीजन व्यर्थ हो जाती है। ऑक्सीजन सेविंग डिवाइस एक सेंसर वेस्ड सिस्टम है। जब मरीज सांस लेगा तो यह पाइप से ऑक्सीजन का प्रवाह जारी रखेगा लेकिन जब मरीज सांस बाहर छोड़ेगा तो यह ऑक्सीजन के प्रवाह को बंद कर देगा। इस डिवाइस से 20 फीसद तक ऑक्सीजन को बचाया जा सकता है। परीक्षण में सफल रहा डिवाइस ।प्रोफेसर डाॅ. विवेक गुप्ता का कहना है कि यह डिवाइस उन मरीजों के लिए है जिन्हें मास्क के साथ ऑक्सीजन थैरेपी दी जा रही है। हाईफ्लो ऑक्सीजन सिस्टम और वेंटिलेटर के लिए यह नहीं है। डिवाइस में मरीज की सुरक्षा के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं। इसका पांच से सात मरीजों पर वालंटियर परीक्षण किया है। इस दौरान डिवाइस ने बेहतर तरीके से काम किया। इस डिवाइस को अधिक से अधिक लोग प्रयोग में लाएं। इसे तैयार करने में जो चीजें लगी हैं वह मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं। इसे स्थानीय स्तर पर भी तैयार किया जा सकता है। यह डिवाइस बनाने वाले उनसे संपर्क कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a25f8c144cfff52468881037ef931f2352bd5a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71945.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पानीपत, जगदीश त्रिपाठी। Wrestler Murder Case आज पूरा हरियाणा सकते में है। सुशील कुमार हरियाणा के युवाओं के लिए रोल माडल हैं। उन्हें आदर्श मानकर यहां के युवा अभ्यास करते हैं। तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में सोना-चांदी बटोरते हैं। देश का मस्तक ऊंचा करते हैं। देश की प्रतिष्ठा को गौरवान्वित करते हैं। उनकी तमन्ना होती है सुशील कुमार बनने की। + +दरअसल इकलौते सुशील कुमार ही ऐसे पहलवान हैं, जो ओलंपिक में दो बार पदक जीतकर लाए हैं। पहले कांस्य और फिर दूसरे ओलंपिक में पदक का रंग बदला और रजत पदक जीतकर लाए। अब वही सुशील कुमार रोहतक के पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में फंस गए हैं। फिलवक्त सागर का परिवार सोनीपत में रहता है। उसका कुश्ती के प्रति जुनून देखकर ही उसके पिता ने अपना परिवार सोनीपत शिफ्ट किया था, ताकि वहां कुश्ती के गुर सीख सके। फिर इसीलिए उसे बाद में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम भेजा। वहां उसने जान गंवा दी। + +सुशील भी रेलवे के कर्मचारी हैं। यदि सुशील के अतीत पर नजर डालें तो उन्होंने जो यश-प्रतिष्ठा हासिल की है, उसे पाने में वर्षों लगे हैं। लेकिन तीसरी बार ओलंपिक में न जा पाने के बाद वह ऐसे रास्ते पर चल पड़े जो उन्हें जेल तक ले जाने वाला है। दरअसल, रियो ओलंपिक में देश की तरफ से कौन जाएगा, इस मामले पर विवाद हो गया। कारण यह था कि जब क्वालीफाइ करने के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही थी तो सुशील उसमें किसी कारणवश अनुपस्थित रहे। सुशील के वर्गभार 74 किलोग्राम में एक अन्य पहलवान नरसिंह यादव ने क्वालीफाइ किया। यादव वाराणसी के रहने वाले हैं और महाराष्ट्र पुलिस के कर्मचारी हैं। वैसे अब उनकी ससुराल भी हरियाणा के हिसार में हो गई है। चूंकि 74 किलो में नरसिंह यादव क्वालीफाइ कर चुके थे, इसलिए बाद की स्पर्धाओं में नियमानुसार 74 किलो की कोई अन्य प्रविष्टि नहीं भेजी गई । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67a268ffe2286bbbc7c924517106c863feb1de11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71948.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश अभी कोरोना की दूसरी लहर के कहर से उबर भी नहीं पाया है कि अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान टाक्टे ने केरल, गोवा, कर्नाटक सहित महाराष्ट्र के कई तटवर्ती जिलों और गुजरात में तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और तीनों सेनाओं सहित आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित लोगों की टीम जुटी है। केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों के तटवर्ती इलाके अत्यंत गंभीर समुद्री चक्रवात टाक्टे से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश और तेज हवाओं के रूप में आई इस प्राकृतिक आपदा से जान-माल का नुकसान हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98326388300969cd7435e8f5c41c0cf54248b7de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71950.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोविड संक्रमण के इस दौर में कुंभ के स्नार्नािथयों व चार धाम के यात्रियों से हो सकने वाले खतरे में भी भारी अंतर है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालु हरिद्वार में कुछ समय के लिए आते हैं व वापस लौट जाते हैं, जबकि चार धाम यात्री को भौगोलिक स्थिति के चलते राज्य के सीमांत क्षेत्रों में जाना पड़ता है। इस दौरान वे राज्य के कई क्षेत्रों से गुजरते हैं, रुकते हैं, घूमते हैं। कई यात्री तो तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन की योजना भी बना कर आते है। सीधे वापस लौटने के बजाय उत्तराखंड में कुछ दिन और रुक कर प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं। इस तरह एक चार धाम यात्री की संपर्क-परिधि कुंभ के एक स्नानार्थी से कहीं ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने कोविड संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में इसका सटीक आकलन किया है। + +प्रदेश की आर्थिकी से जुड़ी चार धाम यात्रा को लगातार दूसरे साल भी स्थगित रखना, भले आम लोगों के लिए महज एक प्रशासनिक निर्णय हो, लेकिन यह वास्तव में प्रासंगिक होने के साथ सरकारी स्तर पर साहसिक निर्णय भी माना जाना चाहिए। इससे प्राप्त होने वाले राजस्व व रोजगार की भरपाई आसानी से होने वाली नहीं है। वर्ष 2019 में चारधाम यात्रा पर 32 लाख यात्री पहुंचे थे। इनमें से बदरीनाथ के दर्शनों को आए श्रद्धालुओं की संख्या ही 12 लाख थी। वर्ष 2020 में कोविड की पहली लहर के कारण यात्रा रोकनी पड़ी। परिणाम यह हुआ कि यात्रा के अंतिम चरण में चारों धामों में मात्र तीन लाख श्रद्धालु ही दर्शन कर सके। सामान्य काल में लाखों की संख्या में आने वाले ये यात्री प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उत्तराखंड की आर्थिकी में खासा योगदान देते हैं। व्यापक हितों में लिए गए इस निर्णय का प्रदेश में कहीं भी किसी भी स्तर पर विरोध न होना भी हिंदू समाज की उदारता व सहिष्णुता को ही प्रमाणित करता है। वर्तमान परिस्थितियों में चारधाम यात्रा को स्थगित रखना देश व देशवासियों के हित में है, इस सत्य को सनातनी आस्था पर वरीयता देना, समय व समाज की मांग है। इस मांग को समग्रता में स्वीकारा गया है। धर्म का देश व समाज के साथ तारतम्य का यह अनुपम और अनुकरणीय उदाहरण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35a189028456298588c8bb989a09543abf60b1ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71951.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का कहर अब कम होने लगा है। नए मामलों के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी आई है। प्रदेश के कई दर्जन जिले ऐसे थे, जिनमें अप्रैल के आखिर में नए मरीजों की संख्या सैकड़ों में होती थी, लेकिन अब इन जिलों में कोरोना संक्रमण के नए मामले दहाई की संख्या में पहुंच गए हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट के लिए राज्य सरकार के उठाए गए सख्त और अहम कदमों को अहम माना जा रहा है। कोरोना संकट के बीच यूपी सरकार के उठाए गए कदमों की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और नीति आयोग ने भी सराहना की है। + +रिकवरी दर बढ़कर 90 फीसद से अधिक : वर्तमान में यूपी की संक्रमण दर 3.2 फीसद रह गई है, जबकि रिकवरी दर बढ़कर 90 फीसद से अधिक हो गई है। उन्हें बताया कि सरकार गांवों को संक्रमण से बचाने के लिए गांव-गांव सर्वे करा रही है। ग्रामीणों की जांच कराई जा रही है। हर गांव में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी लगातार जिले और वहां के गांवों का दौरा कर भौतिक जायजा ले रहे हैं। इन सारे प्रयासों की प्रधानमंत्री ने भी सराहना की है। सुधार की स्थिति पर संतोष जताया और अधिकारियों को इसी तरह काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adb26d8a8001b36e2cde7de2b150cc9d23f1fd9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71952.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। एक तो कोरोना का ख़तरा, दूसरी गर्मी और ऊपर से बढ़ती महंगाई ने ताजनगरी वासियों की समस्या और बढ़ा दी है। पहले से ही पेट्रोल-डीजल के दाम में आई तेजी से परेशान लोगों को अब सरसों तेल की चढ़ती कीमतों ने परेशान कर दिया है। ऐसा शायद पहली बार हुआ है कि जब सरसों तेल के दाम एक महीने में ही 90 रुपये से बढकर 190 रुपए के पार गए हैं। सरसों की जमाखोरी दाम बढ़ने के पीछे बडी वजह माना जा रहा है। बहरहाल, सरसों के तेल के साथ-साथ मूंगफली व सूरजमुखी तेल के दाम भी खूब बढ़े हैं। + +आगरा में 66 हजार हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन होता है पर मांग अधिक होने के कारण यहां की प्रमुख खेरागढ मे कागारौल स्थित मंडी व किरावली मंडी में हरियाणा व राजस्थान से बडी मात्रा में सरसों की आवक होती है। रोज करीब 500 टन सरसों का तेल उत्पादन करने वाली आगरा आयल मिल, बीपी आयल मिल, शारदा आयल मिल व महेश आयल मिल सीधे हरियाणा व राजस्थान मंडी से सरसों क्रय करते हैं। जनपद में छह ओर आयल मिल के अलावा 200 से अधिक स्प्रेलर है, जिनके द्वारा रोज करीब 100 टन तेल का उत्पादन किया जाता है। खेरागढ मे कागारौल स्थित मंडी व किरावली मंडी में रोज करीब 1500 क्विंटल सरसों की आवक होती है। सरसों खरीदने का क्रय केंद्र नहीं है। इसलिए इसका समर्थन मूल्य भी नहीं है। जो फसल आती है उसे नीलामी से बेचते हैं। किरावली में सरसों की लैब में जांच होती है। तेल के आधार पर उस सरसों के दाम निर्धारित होते है। सोमवार को इन मंडियों में 6800 रुपये क्विंटल तक सरसों की नीलामी लगी, जो एक महीना पहले यानी 18 अप्रैल को 3900 रुपये में बिकी। एक महीने में ही सरसोंं के दाम मे करीब 2900 रुपये प्रति क्विंटल की बढोत्तरी हुई है। इस पर जीएसटी और मंडी शुल्क अलग से लगता है। यही वजह है कि सरसों की आवक मंडी में कम हो रही है। क्योंकि किसानों से व्यापारियों ने सीधे फसल खरीदना प्रारंभ कर दिया है। यहां मंडी शुल्क से 100-200 सौ रुपये अधिक देकर फसल खरीदी जाती है तो जीएसटी और मंडी शुल्क बच जाता है। वहीं किसानों को हाथोंहाथ रकम मिलती है तो सहूलियत के लिए वह भी सीधे फसल बेच देते हैं। ऐसे में थोड़ी बहुत फसल मंडी में पहुंचती है तो नीलामी में उसकी बोली अधिक लग जाती है। यहां नीलामी में फसल अधिक महंगी बिकती है तो बाजार में भी वही भाव स्थिर हो जाते हैं। कुल मिलाकर कुछ व्यापारियों ने फसल की जमाखोरी कर ली तो बाजार में सरसों पहुंच नहीं रही है। कम फसल आवक के चलते सरसों का तेल महंगी बिक रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c1e042ac0a17f607dbda8b9d321bfea11b24998 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी  देने वाली योजना मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का बुरा हाल है। मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। मई के 18 दिन निकल चुके हैं, लेकिन जिले में अब तक महज 232 मानव दिवस ही सृजित हो सके। 13 मानव दिवस प्रतिदिन का औसत निकल रहा है, जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों में 20 से 25 हजार प्रति दिन मानव दिवस सृजित हो रहे थे। काम न मिलने के चलते मजदूरों के घरों में चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। रोजी-रोटी का संकट है। ।यह है योजना।मनरेगा योजना का मकसद गांवों में मजदूरों को रोजगार देना है। काम न होने पर भी साल में 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी है। काम करने के 15 दिन के भीतर भुगतान होता है। हर मजदूर को 203 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलते हैैं। पिछले साल लाकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने सबसे अधिक रोजगार मनरेगा में ही दिया था। 10 हजार से प्रवासी मजदूरों के नए जाब कार्ड बनाए गए थे। सभी पंचायतों में एक साथ काम कराए गए थे। ।6122 मजदूरों को ही मिला काम ।इस साल काफी बुरा हाल है। सरकारी आंकड़े चौंकाने वाले हैैं। जिले में कुल 128564 सक्रिय मनरेगा मजदूर हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में इनमें से 6122 मजदूरों को ही काम मिला है। इनमें अधिकतर मजदूर ऐसे हैं, जिन्हेंं एक या दो दिन ही काम मिला है। अप्रैल में जिले में जहां 68439 मानव दिवस सृजित हुए थे। वहीं, मई में यह संख्या 232 रह गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b49d3172fa97af9869db6b07252c8722af732677 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह बहस पिछले एक दशक में हमारे देश में होती रही है कि क्या मोबाइल फोन की बदौलत लोगों तक पहुंचने वाली तरंगें स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह भी हो सकती हैं। इस बहस के केंद्र में उन मोबाइल टावरों को रखा गया है जो इंसानी आबादी के नजदीक या उनके बीच स्थापित किए जाते हैं। ज्यादातर मौकों पर ऐसी मांगों को प्रशासन और अदालत ने अस्वीकार ही किया है। हालांकि पहली बार अप्रैल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति की इस बारे में दलील मंजूर की थी और उसने कैंसर की आशंका को देखते हुए मोबाइल टावर को बंद करने का आदेश दिया था। असल में सुप्रीम कोर्ट ने ग्वालियर निवासी हरीश चंद तिवारी की यह बात मानी थी कि मोबाइल फोन टावर के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से उन्हें कैंसर हुआ है। अपनी शिकायत में हरीश चंद ने कहा था कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने 50 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित उनके पड़ोसी के घर की छत पर 2002 में अवैध रूप से मोबाइल टावर लगाया था, जिस कारण लगातार 14 साल तक वह उससे निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन के शिकार बन गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96310fdcba50d6e8e2e04244b10cc6afc877128b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71959.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहा है। बड़ी संख्या में डीयू के छात्र कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। कई छात्रों की माली हालत भी खराब हो चुकी है। पढ़ाई जारी रखने के लिए छात्रों को आर्थिक मदद की दरकार है। ऐसे मुश्किल वक्त में हंसराज कालेज सामने आया है। कालेज ने जरूरतमंद छात्रों की आर्थिक मदद का बीड़ा उठाया है। 28 छात्रों की पूरी फीस माफ कर दी है जबकि 194 छात्रों को कुल फीस का 50 फीसद जमा करना होगा। यही नहीं कालेज 150 छात्रों को दो हजार रुपये की आर्थिक मदद भी करेगा। + +इन सभी ने कालेज को पत्र लिखकर कहा था कि उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। कई छात्रों के अभिभावकों की कोरोना काल में नौकरी भी छूट गई थी। जबकि 50 फीसद फीस माफी वाले छात्रों की संख्या 194 है। इसमें प्रथम वर्ष के छात्रों की अधिकता है। यही नहीं कालेज 137 छात्रों को दो हजार रुपये छात्रवृत्ति देगा। चार बीएससी छात्रों को 7500 रुपये और पांच छात्राओं को 10,000 रुपये छात्रवृत्ति स्वरूप दिए जाएंगे। इसमें बीए हिंदी की दो छात्राएं, बीए प्रोग्राम, बीकाम और बीएससी केमेस्ट्री की एक-एक छात्राएं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfdcb250774a8faa2eb5da0d54ce706b7c1300ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71960.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कैसे लगाएं: पुराने स्पाइडर प्लांट के गमले से बाहर निकलते तनों में भी छोटे-छोटे पौधे आने लगते है। आप इन्हें काटकर इनसे नए पौधे लगा सकते है। इसके लिए सबसे पहले तो आप छोटा से गमला ले, और इसमें 50 फीसद मिट्टी , 25 फीसद खाद और 25 फीसद कोकोपिट मिलाएं। अब इसमें स्पाइडर प्लांट की कटिंग लगा दे। कटिंग लगने के बाद गमले को वहां रखें जहां रोशनी तो हो लेकिन पौधे पर सीधी धूप न आए। स्पाइडर प्लांट में आपको प्रतिदिन पानी देने की आवश्यकता नही है अगर आपको मिट्टी सुखी हुई लगे तो पानी दें। दो से तीन सप्ताह में आपका पौधा बढ़ने लगेगा। + +दैखभाल के टिप्स: स्पाइडर प्लांट को बहुत ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती है। आउटडोर में लगे पौधों को दिन में हल्की से गहरी छांव में रखना चाहिए, क्योंकि बहुत देर तक सीधी धूप मिलने से आपका पौधा झुलस सकता है। फ्लोराइड युक्त पानी आपके पौधे को नष्ट कर सकता है। गर्मी में पौधे को लिक्विड फर्टिलाइजर जरूर दें। सर्दी के दिनों में खाद न डालें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4bbf88b2d478ddf4aa986da7bc58f66b36fff669 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद (पीटीआई)। चक्रवाती तूफान टाक्‍टे का असर अब पाकिस्‍तान के तटीय इलाकों समेत अन्‍य जगहों पर भी देखने को मिला है। इसकी वजह से कराची में चार लोगों की मौत हो गई जबकि कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचा है। पाकिस्‍तान के मौसम विभाग ने बताया है कि अभी दो दिन इसी तरह से बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की आशंका बनी रहेगी। आपको बता दें कि टाक्‍टे इससे पहले भारत के कर्नाटक, गोवा, महाराष्‍ट्र और फिर गुजरात में अपनी तबाही के निशान छोड़ते हुए आगे बढ़ गया है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक ये राजस्‍थान की तरफ आगे बढ़ रहा है। हालांकि इसकी ताकत पहले के मुकाबले कुछ कम हो गई है। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के अधिकतर इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9929df7111b41ad32e2310c9ebffbff82a4350d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71965.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्‍तान और चीन के संबंध किसी से छिपे नहीं है। बीते कुछ वर्षों में पाकिस्‍तान से जहां अमेरिका दूर हुआ है वहीं चीन बेहद करीब आया है। हालांकि इसमें कोई दोराय नहीं है कि चीन हमेशा से ही पाकिस्‍तान का एक ट्रेडिशनल पार्टनर रहा है। लेकिन अब हालात कुछ अलग हो गए हैं। पाकिस्‍तान को ये बात समझ में आने लगी है कि अमेरिका का उससे दूर जाना कहीं न कहीं उसकी आर्थिक उन्‍नति के लिए बाधा बन सकता है। यही वजह है कि वो अब अमेरिका के करीब जाने की कोशिशों में लगा है। हाल ही में जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर दूसरी बार बात हुई तो कुरैशी ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71966.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5cb51d5418e9d2dc2ec2b933cf240d420b377b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71966.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बारिश में हालत बदतर हो जाते हैं।बारिश के दिनों में गड्ढों में पानी भर जाने से हालात और ज्यादा खराब हो जाते है। लेकिन लोक निर्माण विभाग मार्ग को सही कराने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है। अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों का आवागमन भी इस मार्ग से होता रहता है। लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता। क्षेत्र के कृष्ण कुमार, उदयवीर सिंह, राजपाल सिंह, विपिन वशिष्ठ, विजय कुमार, बृजेश पाठक, नत्थी सिंह, जगदीश प्रसाद आदि ने मार्ग को सही कराए जाने की मांग की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36b3e30d29c07dda26dc14ae635351a677328def --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। इस वक्त पूरा विश्व ही कोरोना वायरस महामारी की चपेट में है। हर ओर एक ही जैसे दृश्य हैं। अस्पतालाें के भीतर ए− एक सांस के लिए तड़पते लोग तो बाहर लॉकडाउन के कारण दो जून की रोटी के लिए परेशान लोग। दिन प्रतिदिन हालत बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर, पुलिस - प्रशासन, सरकार अपने स्तर से कोरोना महामारी को हराने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए ब्लाक शमसाबाद क्षेत्र के दो अलग-अलग स्थानों पर संत तप साधन कर रहे हैं। निराहार रहकर, हवन द्वारा कोरोना वायरस महामारी को संसार से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके लगातार तप से ग्रामीणाें में उम्मीद बंधी है।  ।ब्लाक शमसाबाद क्षेत्र के फतेहाबाद मार्ग स्थित जारोली टीला कैला देवी माता मंदिर के प्रांगण में संत लोकेशानंद महाराज जन कल्याण को लेकर 27 अप्रैल से तप साधना कर रहे है। इस समय कोरोना महामारी का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। महामारी से बचने के लिए संत ने अंगारों के बीच बैठकर 21 दिवसीय तप साधना की। भक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कैला देवी मंदिर परिसर में लोकेशानंद महाराज द्वारा 21 दिवसीय लगातार तप साधना की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5a02e0cf61e73514273968b09550b281d821ed4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संबंधित परिस्थितियों का मूल्याकंन करने के बाद यह स्पष्ट किया गया कि देश कोरोना संकट से बाहर है और उसके बाद ही मास्क पहनने की अनिवार्यता से छूट दी गई। दूसरी ओर हमारे देश में लोग मास्क लगाने के लिए सड़क पर पुलिस र्किमयों से झगड़ने लगते हैं। हाल में ही इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो में दिख रहा था कि किस तरह दिल्ली में कार से जा रहे एक दंपति को जब पुलिसर्किमयों ने मास्क नहीं होने के कारण रोका तो उन्होंने किस तरह से बदतमीजी की थी। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि इजरायल की आबादी की तुलना भारत से नहीं की जा सकती, क्योंकि वहां की कुल आबादी एक करोड़ से भी कम है। ऐसे में अनुशासन का पालन और टीकाकरण का कार्य उतना मुश्किल नहीं है। इन सभी बातों के लिए जनसंख्या एक अहम कारक है, लेकिन मूल बात राष्ट्र के प्रति संकल्प और अनुशासन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55723d52bcabee8ef357040168b5a402d8f3e3a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71982.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सूत्रों के अनुसार गर्भगृह की भूमि पर वही शिला स्थापित की गई, जिसका पूजन गत वर्ष पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के दौरान किया था। ये सभी शिलाएं एक बड़े शिलाखंड पर दिशाओं और कोणों की पहचान तथा प्रतीक के अनुरूप आकार में उत्कीर्ण की गई थीं, पर उनका पूजन कोणों अथवा दिशाओं के देवता के रूप में विशिष्ट आह्वान के साथ किया गया। वैदिक मान्यता के अनुसार इस तरह का पूजन निर्दिष्ट स्थान विशेष के अनिष्ट का नाश और बहुआयामी शुभता प्रदान करने वाला होता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d6a4143f6acc6fe96fbfc8a81228ceb322856fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71991.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। देश के जानेमाने डॉक्टर व हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष 62 वर्षीय पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल का कोरोना के कारण निधन हो गया। उन्होंने 17 अप्रैल को रात 11.30 बजे एम्स के ट्रामा सेंटर में आखिरी सांस ली। कोविशील्ड की दोनों डोज टीका लगे होने के बावजूद उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ और फिर बीमारी गंभीर होने के कारण उनका निधन हो गया। इससे चिकित्सा जगत को गहरा सदमा लगा है। वह मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) व कंफेडरेशन ऑफ मेडिकल एसोसिएशन इन एशिया एंड ओसेनिया (सीएमएएओ) जैसे महत्वपूर्ण संगठनों के अध्यक्ष रहे। शिक्षक दिवस के दिन 5 सितंबर 1958 को जन्में डॉ. केके अग्रवाल ने डॉक्टर बनने के बाद अपना जीवन आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति शिक्षित व जागरूक करने में लगा दिया। वह कोरोना के प्रति जागरूकता के पर्याय बन गए थे।  वहीं, डॉक्टर केके अग्रवाल इस कदर विनम्र और सहज थे कि जो भी उनसे मिलता उनका हो जाता। वह दिल की बीमारी को इस तरह समझाते कि हर किसी को उनका अंदाज भी भा जाता। + +डॉ. केके अग्रवाल उन चुनिंदा डाक्टरों में शामिल हैं जिन्होंने चीन में कोरोना की महामारी शुरू होने पर उस साल नवंबर-दिसंबर से ही इसके संभावित खतरे के प्रति आगाह करना शुरू कर दिया था। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए डीएमए पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल ने कहा कि डॉ. केके अग्रवाल दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) में भी 10 साल सदस्य रहे। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से लोगों को जनस्वास्थ्य के प्रति जागरूक और जरूरतमंदों की मदद की। वह हर साल स्वास्थ्य मेला लगाते थे। जहां की निशुल्क जांच की जाती थी। वह करीब 20 सालों से लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए कार्य करते रहे। + +आइएमए का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने एसोसिएशन के मुख्यालय में जन औषधि केंद्र और एक ओपीडी शुरू की थी, ताकि जरूरतमंद लोगों को निशुल्क चिकित्सकीय सलाह और सस्ती दवाएं मिल सके, लेकिन उनके अध्यक्ष पद से हटने के बाद आइएमए उन सुविधाओं को ज्यादा आगे नहीं बढ़ा पाया। उनकी सोच थी कि देश के हर व्यक्ति को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि देश में सबसे अधिक मौतें हार्ट अटैक से होती है। हार्ट अटैक होने पर यदि तुरंत सीपीआर दी जाए तो बहुत मरीजों की जान बचाई जा सकती है। लेकिन लोगों में इसकी जानकारी का अभाव है, इसलिए उन्होंने पुलिस, एंबुलेंस कर्मियों और जगह-जगह स्कूलों में जाकर उन्होंने सीपीआर का प्रशिक्षण दिया। कोरोना के संदर्भ में भी उन्होंने दर्जनों वीडियो बनाकर बहुत ही सामान्य भाषा में लोगों को इसके बारे में जानकारी देने का काम किया। ताकि लोगों को कोरोना के प्रति सचेत और जागरूक किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0587cbe63958a403785903674ee32b035c2d292 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लालजी जायसवाल। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के साथ देशभर में टीकाकरण की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है। विज्ञानियों ने कयास लगाया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने अवसान के समीप है और तीसरी लहर की शुरुआत होने वाली है, जिसमें बच्चों के अत्यधिक संक्रमित होने की चिंता जताई गई है। इसी आशंका से सरकार टीकाकरण को गति देने पर जोर दे रही है। यही वजह है कि एक मई से सरकार ने 18 की उम्र को पार कर चुके लोगों के लिए भी टीकाकरण का रास्ता खोल दिया है। देश में टीके की कमी के बीच पिछले दिनों केंद्र सरकार ने निर्णय लिया कि अगस्त से दिसंबर के बीच पांच महीनों में देश में दो अरब से अधिक खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी, जो पूरी आबादी का टीकाकरण करने के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन उससे पहले टीके की बढ़ती बर्बादी को कम करने पर काम करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71994.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71994.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7de2db194b21152b0a4ca017c70e2f18d343d5f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71994.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे आशीष शर्मा ।स्वर्णजयंती नगर निवासी आशीष शर्मा दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। उनके दोस्त इंजीनियरिंग कालोनी बादल सिंह राना एक प्राइवेट कंपनी में एमआर थे। दोनों में अपना कुछ करने का जुनून बना रहता था। उन्होंने तय किया कि कुछ ऐसा करेंगे जिससे स्वयं के साथ अन्य लोगों को भी नौकरी मिल सके। खुद नौकरी करके जीवन गुजरना मंजूर नहीं है। कोरोना की पहली लहर के समय दोनों दोस्तों ने नौकरी छोड़ दी। परिवार के लोगों ने जबदस्त नाराजगी जताई। कहा कि लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है, तुम लोग नाैकरी छोड़ रहे हो। मगर, आशीष और बादल अपने निर्णय पर अड़े रहे। दोनों दोस्तों ने स्मूनी क्लब इंडिया प्राइवेट लिमिडेट कंपनी बनाई। इस एप्लीकेशन के माध्यम से मेडिसिन डिलीवरी, डाक्टर एप्वाइमेंट समेत 10 से अधिक सेवाएं प्रदान करनी शुरू कर दीं। आशीष का दावा है कि गंभीर मरीजों के घर मात्र 10 मिनट के अंदर दवा पहुंचा पहुंचा चुके हैं। इससे एक साल के अंदर लोगों के बीच कंपनी की चर्चा बढ़ गई। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई। आशीष और बादल ने तय किया कि इसमें टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संपर्क किया। वहां से 10 मई को अनुमति मिल गई और इसपर टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया। ।ऐसे करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन ।रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बिल्कुल सरल है। इसमें गूगल प्ले स्टोर से स्मूनी क्लब मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करना होता है। उसके बाद मोबाइल नंबर डालकर लांगिंग करना होता है। सामने इमेज पर क्लिक करना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। आशीष बताते हैं कि 16 मई को 110 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया। सबसे अच्छी बात है कि गांव के युवा सबसे अधिक इससे जुड़ रहे हैं। ।गांव-गांव जा रही है टीम ।आशीष और बादल बताते हैं कि कंपनी 18 युवाओं को रोजगार भी दे रही है। ये युवा गांव-गांव जाकर टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। टीम गांवों में लोगों को कोरोना बचाव के बारे में भी बताती है। ।पीपल के पेड़ भी लगाएगी कंपनी ।कंपनी लाभांश के दो फीसद राष्ट्र सेवा में भी लगाएगी। कंपनी पीपल और नीम के पौधे भी लगाएगी, जिससे पर्यावरण ठीक बना रहे। आशीष और बादल बताते हैं कि कंपनी का मुख्य उद्देश्य अधिक लाभ कमाना नहीं है, बल्कि युवाओं को रोजगार से जोड़ना और पर्यावरण सुरक्षा पर काम करना है। इसमें सभी का सहयोग मिल भी रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cb12f615260d09ca2aad9e9f51309464d0b8ced --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पिछले दिनों बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन द्वारा दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग में श्री गुरु तेग बहादुर कोविड केयर सेंटर के लिए दो करोड़ रुपये दान दिए थे। इस पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इसको लेकर पिछले एक सप्ताह से सिखों में सियासत जारी है। दिल्ली से निकल यह सियासत उत्तर प्रदेश और अब पंजाब में भी पहुंच गई है। ताजा घटनाक्रम में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Delhi Sikh Gurdwara Prabandhak Committee) ने श्रीअकाल तख्त से पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कमेटी के लीगल सेल के चेयरमैन जगदीप सिंह काहलों, मेंबर गुरमीत सिंह भाटिया, मंजीत सिंह औलख और सरबजीत सिंह विर्क ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अकाल तख्त साहिब से ही आदेश जारी हुए थे कि दिल्ली में नेता अपनी दुश्मनी न निकालें, लेकिन जीके अकाल तख्त साहिब के आदेशों को ही नहीं मान रहे हैं। उल्टा जीके की ओर से दिल्ली कमेटी और उनके सुयोग्य प्रबंधों के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71997.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71997.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5c6d0157e8f123393178a7c7f6205f5dad5d6ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71997.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज अब प्‍लाज्‍मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy (CPT)) से नहीं किया जाएगा। इसकी वजह है कि इसको आईसीएमआर ने कोरोना के इलाज के तरीके से बाहर कर दिया है। इसको लेकर आईसीएमआर ने नई गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं। आपको बता दें कि बीते वर्ष जब कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी तब से ही प्‍लाज्‍मा थेरेपी इसके इलाज में बेहद कारगर रूप से सामने आई थी। इसका उपयोग न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में डॉक्‍टरों ने मरीजों पर किया था। प्‍लाज्‍मा थेरेपी की बदौलत कई मरीज स्‍वस्‍थ्‍य भी हुए थे। लेकिन अब इसके अचानक इलाज से बाहर कर देने पर ये सवाल सभी के मन में उठ रहा है कि ऐसा फैसला क्‍यों किया गया। + +इस सवाल के जवाब में आईसीएमआर का कहना है कि भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर में अब प्‍लाज्‍मा थेरेपी उतनी कारगर नहीं रह गई है जितनी पहले थी। इसका असर अब कब होता दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि इसको कोविड-19 मरीज के इलाज के प्रोटोकोल से बाहर कर दिया गया है। यही वजह है कि आईसीएमआर और एम्‍स को मिलकर एक नई गाइडलाइन भी जारी करनी पड़ी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f737d5a9bdbf914e1375c3fe092a39d9b002d93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरवाजे पर तुलसी, पीपल- पाकड़ भी भरपूर।सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के अंतर्गत आने वाले विशुनपुरा सहित थारू बाहुल्य अन्य गांवों में अधिकांश घरों के सामने तुलसी के पौधे लगे हैं। जिनका महिलाएं पूजा करने के साथ पत्तियों का काढ़े में प्रयोग करतीं हैं। पेड़ों पर गिलोय चढ़ी है। गांव में पीपल, पाकड़, बरगद , आवंला के पेड़ भी भरपूर संख्या में लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_71999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_71999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a04e36b3d120d406e2e414274cd1cc8ca792a820 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_71999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ सुनीला गर्ग। COVID-19 Vaccination मौजूदा समय में टीकाकरण तीन स्तरों पर चल रहा है। पहले स्तर पर 45 से अधिक उम्र के लोगों के लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को टीका उपलब्ध करा रही है। दूसरे स्तर पर 18 से 44 साल की उम्र के लोगों को राज्य सरकारें टीका लगवा रही हैं। इसके लिए राज्य सरकारें खुद सीधे कंपनियों से टीका खरीद रही हैं। तीसरे स्तर पर निजी अस्पतालों के माध्यम से टीके का शुल्क भुगतान कर टीकाकरण की व्यवस्था है। लेकिन अभी एक-दो माह लोगों को थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा। देश के हिसाब से देखें तो कम से कम एक पहली खुराक सबको प्राथमिकता से देने की जरूरत है। इससे लोगों में कुछ रोग प्रतिरोधकता विकसित होगी। कोविशील्ड की पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज के लिए कम से कम तीन माह (12 सप्ताह) का समय होगा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को पहली डोज लग सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e4bc806776100739a730feee82af9081879d088 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, इसी गुरुवार की सुबह खेसारी लाल का एक और नया गाना 'मजा नईखे भतार में' गुरुवार की सुबह रिलीज हुआ। लेकिन इस गाने के टाइटल को लेकर खेसारी फिर से ट्रोल हो गए हैं। खेसारी ने अपने इस गाने का पोस्टर बीते दिन ही अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था, जहां उनके ही फैंस इस गाने के टाइटल को लेकर भोजपुरी एक्टर पर न सिर्फ अपनी नाराजगी जताई बल्कि उनका विरोध कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e2120f3543939ecf1ade5e61f7f688494026393 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा जिस अश्लील प्रोडक्शन हाउस से जुड़े थे, उसे यश ठाकुर देख रहा था। यश ठाकुर को अरविंद श्रीवास्तव का बेहद करीबी बताया जा रहा है। यश ठाकुर के खिलाफ भी लुकआउट कार्नर नोटिस जारी है। अश्लील एप हाट शाट और हाट हिट के वीडियो भेजने पर यश ठाकुर के खाते में जो रुपये आते थे, वह वहां से होते हुए हॢषता श्रीवास्तव और नर्वदा प्रसाद श्रीवास्तव के खातों में पहुंचते थे। मार्च में मुंबई की क्राइम ब्रांच ने इन दोनों के बैंक खातों पर कार्रवाई की थी। मुंबई पुलिस को शक है कि अरविंद श्रीवास्तव और यश ठाकुर एक ही व्यक्ति है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..daab2a0199d12d1c8b73e43bc68b0f12894e1e3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72000.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +115 वर्ष पुराना है ताज म्यूजियम।एएसआइ द्वारा ताजमहल स्थित पश्चिमी जलमहल में म्यूजियम संचालित किया जाता है। ब्रिटिश वायसराय लार्ड कर्जन (1899-1905) के प्रयासों पर ताजमहल के रायल गेट में बायीं तरफ स्थित दो कक्षों में वर्ष 1906 में म्यूजियम शुरू किया गया था। वर्ष 1982 में इसे वर्तमान जगह शिफ्ट कर दिया गया। इसमें तीन गैलरियां हैं, जिनमें ताजमहल का मूल नक्शा, पुराने हथियार, ताजमहल की पच्चीकारी में इस्तेमाल किए गए विभिन्न देशों से मंगाए गए पत्थरों की जानकारी, शाहजहां द्वारा जारी फरमान, चहल मजलिस, सोने व चांदी के मुगलकालीन सिक्के, हाथी दांत पर बने शाहजहां व मुमताज के चित्र प्रमुख हैं। दिल्ली म्यूजियम से लाई गई शाहजहां के समय की सेलाडन (चीनी मिट्टी) से बनी रकाबी भी यहां है, जो भोजन में विष मिला होने पर रंग बदलती है। ग्रीन ग्लेज्ड कोटिंग होने से यह धातु की बनी नजर आती है। + +उपेक्षित है ताज सिटी म्यूनिसिपल म्यूजियम।शहर के मध्यम में पालीवाल पार्क स्थित जोंस पब्लिक लाइब्रेरी में ताज सिटी म्यूनिसिपल म्यूजियम है। यहां बौद्ध व मुगलकालीन मूर्तियों के अवशेषों के साथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। आगरा के उद्यानों का नक्शा, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित आगरा शहर की जानकारी, ताज के सेवन वंडर्स में शामिल होने पर मिली शील्ड, रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु होने पर भेजे गए तार की प्रति यहां मौजूद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f053e6b469b61caf13cb0b6e8ad1a06a6e69201 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +व्‍हाइट हाउस के प्रवक्‍ता का कहना है कि अमेरिका भी चाहता है कि दोनों देशों के बीच चल रहा तनाव कम हो और सीजफायर किया जाए। इस बारे में अमेरिका की मिस्र समेत अन्‍य देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों से भी बात हुई है। एक लिबरल प्रो-इजरायल लोबिंग ग्रुप जेस्‍ट्रीट के प्रवक्‍ता लोगेन बेरॉफ का कहना है कि वो इस बात से काफी दुखी हैं कि बाइडन प्रशासन इसकी नजाकत को समझते हुए तेजी से फैसला नहीं ले रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4dbd8523505de9104d05b3ac687fcde882b44b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72004.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वैक्सीन लेने के लिए अब कई भाषाओं में पंजीकरण।नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉक्टर सुजीत कुमार ने देश में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के वैरिएंट की जानकारी दी। वहीं वैक्सीन लेने के लिए अब कई भारतीय भाषाओं में पंजीकरण करा सकेंगे। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंत्रिमंडलीय समूह की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि अगले हफ्ते से कोविन प्लेटफार्म हिंदी समेत 14 भारतीय भाषाओं में काम करने लगेगा। + +कोविन प्लेटफार्म हुआ अपग्रेड ।अब तक यह प्लेटफार्म सिर्फ अंग्रेजी में उपलब्ध था। ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामले और वहां टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत के मद्देनजर इस फैसले को अहम माना जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविन प्लेटफार्म को हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए लंबे समय से काम चल रहा था, जो अब जाकर पूरा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e6b1f843720ec755262716d3ad07c5b0e708248 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस मामले में माइक्रोसाफ्ट ने एपी को ईमेल के जरिये बताया कि बिल गेट्स द्वारा सन् 2000 में कंपनी की एक महिला कर्मचारी से शारीरिक संबंध बनाने की जानकारी हम लोगों के संज्ञान में 2019 में आई। यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति थी। बोर्ड की एक कमेटी ने इस मसले की समीक्षा की और एक ला फर्म के जरिये इस प्रकरण की पूरी जांच कराई। इस दौरान कंपनी ने उस महिला कर्मचारी का पूरा साथ दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fff42eb1db15818803cf45151e105b84dbb32752 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72008.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फ्लोरिडा (एजेंसिया)। वर्ष 2020 की मिस यूनिवर्स चुनी गई मेक्सिको की एंड्रिया मेजा यदि वह अपने देश की नेता होतीं तो महामारी का किस तरह सामना किया होता, तो उन्होंने कहा कि इस कठिन परिस्थिति से बाहर आने का कोई एक कारगर रास्ता नहीं है। हालांकि, मुझे लगता है कि स्थिति को गंभीर रूप लेने से पहले मैंने लाकडाउन लगाया होता। हमने बहुत सारे लोगों को खो दिया है। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमें अपने लोगों का ध्यान रखना होगा। मैंने शुरुआत से ही लोगों का ध्यान रखा होता। + +आखिरी बयान में उनसे सौंदर्य के मानकों पर विचार पूछा गया। इसके जवाब में एंड्रिया ने कहा, हम एक ऐसे समाज में रहते हैं, जो ज्यादा-से-ज्यादा आधुनिक है। इन दिनों हम सिर्फ सुंदरता को देखते हैं। मेरे लिए सुंदरता न केवल हमारी आत्मा में, बल्कि हमारे दिलों में और हमारे आचरण में भी दिखाई देनी चाहिए। मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में मेक्सिको का यह तीसरा खिताब है। इससे पहले 1991 और 2010 में भी इस देश की सुंदरियों ने बाजी मारी थी। आपको बता दें कि इस प्रतियोगिता को वर्ष 2020 के अंत में आयोजित किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसको उस वक्‍त टाल दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c79b74c8bc70ebcb3dee198bd242a72c06268db9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72011.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (कमल कान्‍त वर्मा)। भारत में आई कोरोना महामारी की दूसरी लहर का पीक अब जा चुका है। फरवरी 2021 में आई इस लहर में अप्रैल के अंत में 4 लाख से अधिक मामले रोजाना सामने आए थे, लेकिन 9 मई के बाद से इनमें गिरावट का रुख दिखाई दे रहा है, जो इस बात का संकेत है कि हम सही तरीके से इस महामारी से लड़ रहे हैं। इस लहर का पीक आने के बाद से इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर ये दूसरी लहर कब तक बनी रहेगी। इस सवाल के जवाब में सफदरजंग अस्‍पताल के कम्‍यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और हैड डॉक्‍टर जुगल किशोर बताया कि यदि सब कुछ ठीक रहता है तो ये लहर अधिकतम दस दिनों से लेकर दो सप्‍ताह के बीच में खत्‍म हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e764ff188601a38631f6d13f95ef37b3cda5782 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72012.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज इलाके में राजपुर गांव का सेमरहवा टोला। बमुश्किल पांच सौ की आबादी वाले इस टोले के अधिकतर लोग सब्जी की खेती करते हैं। इससे होने वाली आय से परिवार का गुजर-बसर होता है। सेमरहवा टोले के अंबिका की पत्नी इंद्रावती देवी भी सब्जी की खेती करने वालों में शामिल हैं। इस साल उन्होंने 15 डिसमिल खेत में टमाटर की खेती की थी। फसल अच्छी थी। इसलिए अच्छी आय होने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना के कहर ने सब्जी की खेती करने वाले किसानों की कमर तोड़ दी है। आलम यह है कि बैगन की फसल खेत में ही सूख रही तो कई किसान खेत खाली करने के लिए टमाटर, सड़क पर फेंक रहे हैं। + +स्थानीय मंडी बंद होने से नहीं बिक रही सब्जी।पिछले साल तक कैंपियरगंज सब्जी मंडी से वाराणसी और पड़ोसी देश नेपाल की कई मंडियों में सब्जी की सप्लाई की जाती थी। अच्छी आय होने की वजह से इलाके के किसान भी काफी खुशहाल थे। पिछले साल मार्च में लाकडाउन लगने के बाद सब्जी के कारोबार पर जो ग्रहण लगा वह इस साल भी कायम है। कोरोना की पहली लहर का असर कम होने पर किसानों को अच्छे कारोबार की उम्मीद थी, लेकिन इस साल शुरू हुई दूसरी लहर ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कोरोना कफ्र्यू की वजह से कैंपियरगंज मंडी बंद है। दूसरे शहरों से खरीदारी करने आने वाले व्यापारी आ नहीं रहे हैं। ।शादी विवाह न से मांग घटी।लगन शुरू होने पर इलाके में सब्जी की मांग होती थी लेकिन शादी समारोह काफी सीमित हो जाने की वजह से सब्जियों की मांग नहीं के बराबर ही है। जिससे सब्जी का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बाजार में मांग न होने की वजह से गायघाट के किसान श्याम नारायण को एक एकड़ खेत में लगी बैगन की फसल सूख गई। + +पिछले साल लाकडाउन लग जाने की वजह से सब्जी की खेती में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसकी भरपाई के लिए इससाल 15 डिसमिल खेत में टमाटर की खेती किया था। फसल अच्छी होने की वजह से अच्छा फायदा होने की उम्मीद थी, लेकिन जब कमाई का समय आया तो कोरोना शुरू हो गया। पूरी फसल खेत मे सूख रही है। कोई खरीदार नहीं है। - ईश्वर चंद, राजपुर, सेमरहवा टोला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f86d4e729d15f3861f74cc916ce7e08cad9cffa0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये मामला दरअसल, वर्ष 2016 का है। यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था। इसमें पश्चिम बंगाल की सत्‍ताधारी पार्टी के मंत्री, सांसद और विधायक को कथिततौर पर एक कंपनी के प्रतिनिधि से रिश्‍वत लेते हुए दिखाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ce2fe7bf5b01d85950c6f64ebdc9626022ce378 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72014.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। अति गंभीर मरीजों के कोरोना से ठीक होने के बाद ब्रेन हैमरेज व लकवा की शिकायतें सामने आने लगी हैं। इसके मूल में स्टेरायड का अत्यधिक इस्तेमाल व शुगर लेवल का अचानक बढ़ जाना है। स्टेरायड के अनियंत्रित प्रयोग से मरीज हाइपर ग्लाइसीमिया (रक्त में ग्लूकोज की उच्च स्थिति) के शिकार हो रहे हैं। कोरोना में वैसे ही रक्त के थक्के जमाने की प्रवृत्ति होती है, वह खून को गाढ़ा करता है। स्टेरायड इसे और बढ़ा रहा है। फलस्वरूप ब्रेन हैमरेज व लकवा के मामले सामने आने लगे हैं। गोरखपुर के एक डाक्टर कोविड से पीड़ित थे। उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया। मुंबई के एक अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। रविवार को उनका निधन हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90269d08aacdb18ac71b87627ef7a2c66b2f0c19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे पड़ा नाम तूफान का नाम टाक्टे ।इस बार इस तूफान का नाम म्यामांर ने रखा है। म्यामांर में टाक्टे का मतलब छिपकली होता है। बताया जा रहा है कि जिस तरह से छिपकली धीरे-धीरे चलती है और अचानक से अपने शिकार पर हमला कर देती है उसी तरह से तूफान धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है और अचानक से नुकसान पहुंचा रहा है। इसी वजह से इस तूफान का नाम टाउटे रखा गया है। अगले 48 घंटे में इस तूफान के और भी भीषण परिणाम देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल सुबह 10.30 बजे गोवा के तट से टकराने के बाद ये आगे बढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc2de1edd72c6effe4c93b64a768032315909144 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72017.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (एजेंसियां)। इजरायल-फलस्‍तीन के बीच छिड़ी लड़ाई के बढ़ने की आशंका गहरा गई है। तुर्की ने फिलीस्‍तीन के समर्थन में आवाज उठाते हुए कहा है कि इजरायल के खिलाफ सभी मुस्लिम देश एकजुट होकर जवाब दें। इस बीच अमेरिका ने एक बार फिर से इजरायल के हवाई हमलों को जायज करार देते हुए कहा है कि उन्‍हें अपनी रक्षा करने का अधिकार है। इन दोनों देशों के बीच छिड़ी लड़ाई में अब अलग-अलग खेमे बंटते जा रहे हैं। रूस ने भी तुर्की का साथ देते हुए फलस्‍तीन का समर्थन किया है। जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इजरायल के समर्थन में आ खड़े हुए हैं। + +रॉयटर्स के मुताबिक दुनिया के 57 इस्‍लामिक देशों के संगठन इस्‍लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने इजरायल से तत्‍काल गाजा पर हमले रोकने की अपील की है। इस संगठन की एक आपात बैठक रविवार को बुलाई गई थी जिसमें कई देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्‍सा लिया था। इस बैठक में पूर्वी येरुशलम को फलस्‍तीन का हिस्‍सा बताते हुए उसकी राजधानी भी बताया गया। तुर्की ने इजरायली हमलों को देखते हुए सभी इस्‍लामिक देशों से एकजुट होने का आह्वान किया है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि वो अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों पर जरा भी विश्‍वास न करें, क्‍योंकि ये उनका साथ नहीं देने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30129890f20a909b03fa37b8e81012de8a87eab5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार बैसाख मास में शुक्ल पक्ष की नवमी को माता जानकी की उत्पत्ति हुई थी। इस साल 21 मई को जानकी नवमी मनाई जाएगी। इस दिन लोग माता जानकी के लिए व्रत रखते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम और माता जानकी को विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रती को मनोवांछित फलों की भी प्राप्ति होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ed600946a986ea22dc2400a8061194e8f25e464 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: ओवरलोड हुई पंजाब की जेलें, 90 दिन की छुट्टी पर भेजे जाएंगे 3600 सजायाफ्ता कैदी, प्रक्रिया शुरू।एफुलेंट ट्रीटमेंट प्लांट पर आएगा 14 करोड़ खर्च।जमशेर डेयरी कॉम्प्लेक्स के पानी को ड्रेन में फेंकने से पहले साफ किया जाना जरूरी है। इसके लिए 2.25 एमएलडी की क्षमता वाला एफुलैंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना है। इस पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। जमशेर डेयरी कॉम्प्लेक्स की डेयरियों से निकलने वाला पानी बिना साफ किए ही ड्रेन में फेंक दिया जाता है। यह ड्रेन आगे जाकर सतलुज दरिया में गिरती है। एनजीटी ने दरियाओं में गंदे पानी की निकासी को रोकने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के निर्देश दे रखे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72020.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f48bce94ddba8348f4a7783af486054771d1145f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72020.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वैक्सीन जागरूकता गीत।कोरोना वैक्सीन लगवाय लो भइया।कोरोना वैक्सीन लगवाय लो बहना।एहमा बड़ा तोरा है कल्याण।महामारी से तोहका बचाना है।टीका बड़ा है सुरक्षित।लगवाय मा एहमा तनिकौ न दिक्कत।लगवाय के बाद कौनो न परेसानी।ई तो है तोहरे जिंदगी की निसानी।हमहूं तो लगवाय लिहिन है टीका।तुमहूं उठो बहना लगवाओ वैक्सीन।इ तो बचावै कोरोना रोग से।करो न देरी करौ तुम जल्दी।कोरोना से बचि जाओ।कोरोना वैक्सीन लगवाय लो बहना...। + +जीत जाएंगे, गीत गाएंगे कार्यक्रम: आकाशवाणी द्वारा कोरोना से बचाव पर एक विशेष कार्यक्रम “जीत जाएंगे, गीत गाएंगे” का प्रसारण शुरू किया गया है। कार्यक्रम प्रमुख मीनू खरे द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाला यह प्रोग्राम निराशा को खत्म कर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों से भरपूर है। कोविड से जुड़े समसामयिक विषयों के अलावा कोरोना काल में मानसिक अवसाद के शिकार लोगों की विशेषज्ञों द्वारा काउंसिलिंग, बच्चों द्वारा मनोरंजक संदेश, गीत-संगीत और प्रेरक व्यक्तित्वों से मुलाकात प्रसारित की जाएगी। १४ मई को प्रसारित हुए पहले अंक में “उत्तर प्रदेश का ग्राम कोरोना ट्रेसिंग मॉडल” (जिसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहना की है ) विषय पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से बातचीत की गई। दिव्यांग कोरोना पाॅजिटिव महिला कंचन सिंह चैहान के कोरोना योद्धा बन कर दूसरों की सहायता करने की प्रेरक कहानी और बेबी ओमिका के रोचक कोविड सन्देश प्रसारित किए गए। प्रत्येक शुक्रवार और मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे से प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम की अवधि 30 मिनट है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72024.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f316da6a9055ab2f0115c303018f00b55b94f52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72024.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जालंधर [शाम सहगल]। गेहूं के समर्थन मूल्य 1975 रुपये के साथ इस बार किसानों ने सीधी अदायगी को भी अपना भरपूर समर्थन दिया है। यह पहला अवसर है जब पंजाब में किसानों को गेहूं का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है। शुरुआत में गेहूं की सीधी अदायगी का विरोध करने वाले किसानों ने इसके लाभ को देखते हुए आखिरकार इसे न केवल स्वीकार किया, बल्कि भविष्य में भी इसी प्रक्रिया के तहत अदायगी करने को सहमति दी। गेहूं के जारी सीजन में प्रदेशभर में अभी तक 9 लाख किसानों के खातों में 23 हजार करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। + +यह भी पढ़ें: पंजाब में गोबर से बनेगी बिजली, गैस भी होगी तैयार, जर्मन तकनीक का होगा इस्तेमाल।अनाज खरीद पोर्टल रहा सहायक।किसानों के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने में पोर्टल काफी सहायक रहा। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा तैयार किए गए पोर्टल में किसानों द्वारा गेहूं की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा तमाम तरह की जानकारी अपडेट की जाती रही। जिसके पूरे होते ही किसानों के खातों में गेहूं की राशि ट्रांसफर की जाती रही। किसानों को अनाज खरीद पोर्टल की सुविधा देने के लिए मार्केट कमेटी के स्तर पर फ्री कैंप भी लगाए गए। जहां पर विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसानों की तमाम जानकारियां अपलोड की जाती रही। + +परमजीत सिंह व जसपाल सिंह। जागरण।यह भी पढ़ें: ओवरलोड हुई पंजाब की जेलें, 90 दिन की छुट्टी पर भेजे जाएंगे 3600 सजायाफ्ता कैदी, प्रक्रिया शुरू।सीधी अदायगी से खिले किसानों के चेहरे।केंद्र सरकार द्वारा फसल की अदायगी किसानों के बैंक खातों में करने से उन्हें दोहरा लाभ हुआ है। एक तो बिचौलियों द्वारा की जाती लूट खसूट से राहत मिल गई है। वहीं दूसरी तरफ तमाम तरह की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। इस बारे में नई दाना मंडी में गेहूं बेचने पहुंचे गांव धीना के जसपाल सिंह बताते हैं कि फसल की सीधी अदायगी किसानों के हित में है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व बिचौलियों से पैसे वसूल करने में कई बार दिक्कतें पेश आती थी, जबकि उनके खाते में पैसे ट्रांसफर होने के बाद उनकी सिर दर्द खत्म हो गई है। इसी तरह शाहकोट के किसान परमजीत सिंह बताते हैं कि किसानों के खाते में सीधी अदायगी होने से सिस्टम में पारदर्शिता आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c6ba401a6bdb1d5dc0ca6033f167c306e695f1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि बहुत से विज्ञानी और विशेषज्ञ कोरोना के गणितीय मॉडलों का समर्थन करने के बावजूद इस बात की आधिकारिक संपुष्टि नहीं करते कि महामारी ने अपने देश में पीक हासिल कर लिया है। उन्हें इन आंकड़ों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं है। खबरों में कोरोना के गिरते आंकड़े पढ़कर बहुत से लोगों की प्रतिक्रिया है कि जांच ही कम हो रही होगी। उनके संदेहों की पुष्टि कई स्रोतों से हो रही है, इसलिए इस तरह की आशंकाओं के लिए जनता के पास पर्याप्त कारण हैं। हमें चिंता तो इस बात की होनी चाहिए कि हम इतने बड़े पैमाने पर आंकड़े छिपाकर अपने ही देश, समाज उसके स्वास्थ्य और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। देश में संक्रमितों, मरीजों, मौतों, सबकी संख्या संदिग्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d6614a569174f0cf3e64d14f35fb9c5b6bcfe9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेहद गंभीर हैं हालात: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्डियलजी विभाग के प्रोफेसर डा. अंबुज राय बताते हैं कि देश की वयस्क आबादी में हर चार में एक व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित हैं। करीब 25 फीसद लोग प्री हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, जिसमें युवा भी शामिल हैं। करीब 10 फीसद लोग कोरोना के कारण उत्पन्न तनाव व घबराहट के कारण उच्च रक्तचाप के मरीज बन सकते हैं। हालत यह है कि देश में करीब 25 फीसद लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। शहरी क्षेत्र में यह आंकड़ा ज्यादा है। समस्या यह है कि आधे लोगों को इसका पता ही नहीं होता। मौजूदा समय में अस्पताल भी सिर्फ कोरोना का इलाज कर रहे हैं, जबकि उच्च रक्तचाप का भी इलाज करना चाहिए, ताकि दूसरी बीमारियां नियंत्रित रहें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72034.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0beb7f685a00009d9fac910028fc949a40ddfbb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72034.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्लॉट के हिसाब से ही शव को श्मशान घाट लाया जा रहा है, जो अपने स्लॉट में नहीं पहुंचता उसको संस्कार के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। चंडीगढ़ में रोजाना 50 से 55 कुल मौत हो रही हैं, जिसमें कोरोना से होने वाली आधिकारिक मौत का आंकड़ा कम है। दैनिक जागरण ने रविवार को श्मशान घाट का जायजा लिया तो चौंकाने वाली बातें निकलकर सामने आई। यहां मौत का मंजर डराने वाला रहा। पेश है श्मशान घाट की लाइव रिपोर्ट...।यह भी पढ़ें: पंजाब में गोबर से बनेगी बिजली, गैस भी होगी तैयार, जर्मन तकनीक का होगा इस्तेमाल।दोपहर 12 बजे मनीमाजरा श्मशान घाट के बाहर लोग बड़ी संख्या में एकजुट हो रहे हैं। आगे बढ़कर देखा तो शव वाहन में शव है और महिलाएं विलाप कर रही हैं। पूछने पर पता चला अंदर अभी जगह नहीं है रुकना पड़ेगा। श्मशान घाट के मुख्यद्वार से अंदर दाखिल हुए तो देखा एक अन्य शव अंतिम क्रियाकर्म के लिए रखा है। जहां चिताएं जलती हैं वहां का मंजर तो और भी डरावना था। चारों तरफ चिता से लपटें उठ रही हैं। छह से अधिक चिताओं में ज्वाला भड़क रही है। एक को अंतिम संस्कार के लिए चिता पर रखा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bddc9ce55ce380dcd3329c83212c820de94e1d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है। सरकार ने फिर इसे एक सप्ताह और खिसका दिया यानी 24 मई तक लॉकडाउन रहेगा। राजधानी दिल्ली में कोरोना की भयावह स्थिति और चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को देख दिल पर पत्थर रख दुकानदार इसकी पैरोकारी करते आ रहे हैं। उनकी ओर से हर सप्ताह इसे बढ़ाने की अर्जी पहले से लग जाती है। लिहाजा, सरकार को इस मोर्चे पर सहूलियत है। इस तरह 27 दिन गुजर गए। अब एक सप्ताह और गुजारना है। ये हो गई कोरोना से उपजे हालात की बात। दुकान और कारोबार तो मझधार में ही हैं। संक्रमण के डर से दुकानदार घर में तो चूहे दुकान के भीतर हैं। वैसे चूहे हर जगह विराजमान होते हैं, पर बाजारों के चूहे थोड़े मोटे ताजे होते हैं। जब दुकान खोलते रहने की स्थिति में वे सामान कुतरने से बाज नहीं आते तो अब तो उनकी पूरी मौज होगी। यह चिंता दुकानदारों को घर बैठे खाए जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e71cab66442fed94a976bf48b563b88f89493316 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72038.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +इजरायल और फलस्‍तीन के मसले पर वर्चुअल तौर पर बुलाई गई सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में गुटारेस ने कहा कि दोनों तरफ से हो रहे रॉकेट और हवाई हमले निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं। इनको तुरंत बंद करना होगा। इस विशेष बैठक में कई देशों के विदेश मंत्रियों और राजदूतों ने शिरकत की थी। आपको बता दें कि इजरायल गाजा में किए गए हवाई हमलों के बाद जमीनी लड़ाई की शुरुआत करने की तैयारी कर रहा है। पूर्वी यरुशलम में फलस्‍तीन की सीमा से लगते इलाकों में उसने अपने टैंक उतार दिए हैं। इसकी वजह से इन इलाकों से हजारों की संख्‍या में नागरिक सुरक्षित जगहों पर भाग गए हैं। + +यूएन महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने साफ किया है कि इस तरह की हिंसा के दूरगामी और विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। इसमें दोनों ही देशों के फंसने की पूरी आशंका है। दोनों देशों के बीच छिड़ी इस लड़ाई में किसी का भी भला नहीं होगा, बल्कि इसके परिणाम बेहद विनाशकारी होंगे। यदि ऐसा ही चलता रहा तो दोनों ही तरफ सुरक्षा से लेकर मानवीय संकट तक पनप सकता है। एक बार ऐसा हुआ तो फिर इसको रोकपाना भी मुश्किल हो जाएगा। इससे अतिवाद को और बढ़ावा मिलेगा। ये भविष्‍य में इस क्षेत्र में खतरनाक अस्थिरता तक ला सकता है। + +यूएन प्रमुख ने जोर देकर कहा है कि दोनों ही पक्षों को इस तरह की युद्धपूर्ण कार्रवाई छोड़कर बातचीत के जरिए समाधान तलाशने की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए। हालांकि, उन्‍होंने ये भी कहा कि मौजूदा समय में ये अधिक चुनौतीपूर्ण दिखाई दे रहा है। यून प्रमुख ने कहा कि संगठन दोनों ही पक्षों में शांति स्थापना के लिए मिलकर काम करता रहेगा, लेकिन इससे पहले ये रक्‍तपात को रोकना होगा। मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉर वैनेसलैंड ने इस दौरान जान-माल की क्षति के आंकड़े भी पेश किए। यूएन के मुताबिक शुरुआती रिपोर्ट में पता चलता है कि इन हमलों में 181 फलस्‍तीनियों और 9 इजरायलियों की मौत हुई है, जबकि गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि करीब 1200 लोग घायल हुए हैं। + +वैनेसलैंड ने बैठक में कहा कि घनी आबादी वाले गाजा इलाके में मानवीय और सुरक्षा स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। ये हाल तब है जब इन दोनों देशों समेत पूरा विश्‍व डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। इस लड़ाई की वजह से करीब 34 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की पुनर्वास कार्य एजेंसी (UNRWA) द्वारा संचालित करीब तीन दर्जन से अधिक स्‍कूलों को आश्रय स्थलों में तब्‍दील कर दिया गया है। फलस्‍तीन के 40 स्‍कूल, चार अस्‍पताल, कुछ फैक्‍ट्रियां पूरी तरह से ध्‍वस्‍त हो गए हैं। इसके अलावा कई बहुमंजिला इमारतें धराशायी हो गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99a11f02a1bb9086b3c8904230b9d41894723441 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। समय राजनीतिक दुश्मनों को भी दोस्त बना देता है। अहीरवाल में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की दोस्ती ही देख लें। चौपालों पर जननायक जनता पार्टी की चौधर की चर्चा भाजपा से कम नहीं है। अहीरवाल में बेशक जजपा का खाता नहीं खुला था, मगर दुष्यंत को सत्ता में ताकतवर भागीदारी मिली तो जजपाई ताकतवर बन गए। बावल से चुनाव लड़े श्यामसुंदर सभरवाल हों या अटेली से लड़े पूर्व विधायक अनीता के लाल। दोनों कमाल दिखा रहे हैं। श्यामसुंदर को जजपा जिला प्रधान की कमान मिली तो उन्होंने सत्ता के ताले को चाबी लगाने में देर नहीं की। कोविड संक्रमण का दौर आया तो श्याम की पूरी टीम भाजपा जिला प्रधान हुकमचंद की टीम से टक्कर ले रही है। श्यामसुंदर आक्सीजन की आपूर्ति सहित हर सरकारी व्यवस्था पर पैनी नजर रखे हैं। भाजपाइयों की मजबूरी यह कि उन्हें न चाहते हुए भी जजपा प्रधान की पैनी नजर में प्यार के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1a9e56fb7839471710a991843cd4808a0245ad7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी।  Water Conservation तहसील मुख्यालय पुरोला से छह किमी दूर स्थित उत्तरकाशी जिले की मठ ग्राम पंचायत ने जल संरक्षण के क्षेत्र में मिसाल कायम की है। यह कार्य ग्राम पंचायत ने बीते वर्ष लॉकडाउन के दौरान किया। इसके सार्थक परिणाम इस वर्ष देखने को मिल रहे हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत को पंचायती राज दिवस पर दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ।जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 126 किमी दूर स्थित मठ ग्राम पंचायत सड़क से जुड़ी हुई है। 347 परिवारों वाली इस ग्राम पंचायत की आबादी 1200 से अधिक है। 31-वर्षीय अरविंद पंवार मठ के प्रधान हैं। अरविंद वर्ष 2014 में पहली बार प्रधान बने और ग्राम पंचायत को विकास की राह पर लाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद दोबारा प्रधान चुने जाने पर उन्होंने ग्राम पंचायत को एक नई पहचान दी। गत वर्ष लॉकडाउन के दौरान विभिन्न शहरों में होटल में नौकरी करने वाले 24 युवा गांव वापस लौटे तो अरविंद ने उन्हें भी रोजगार दिया। ।इन युवाओं ने प्रधान के निर्देश पर ग्राम पंचायत के डांडा तोक के जंगल में सौ रिचार्ज पिट बनाए। हर रिचार्ज पिट एक मीटर गहरा, एक मीटर चौड़ा और एक मीटर लंबा बनाया गया है। इसके साथ वर्षा जल संग्रहण को तीन-तीन मीटर लंबी दो हजार खंती (गड्ढे) बनी। साथ ही 12 चाल-खाल (छोटे-बड़े तालाब) और मवेशियों के लिए आठ चरी भी बनाई गई। यह कार्य छह लाख की लागत से मनरेगा के तहत किया गया। डांडा तोक के प्राकृतिक जलस्रोत से ग्राम पंचायत मठ में जलापूर्ति होती है। ।बीते वर्ष पुणे से लौटे नरेंद्र पंवार कहते हैं कि जल संरक्षण के कार्य में उन्हें बीते वर्ष रोजगार मिला और इस बार ग्राम पंचायत में पानी का संकट काफी हद तक दूर हुआ है। जो रिचार्ज पिट, खंती, चाल-खाल और चरी उन्होंने बनाई थी, उनमें बारिश का पानी एकत्र हो रहा है। ग्रामीण उर्मिला देवी कहती हैं कि ग्राम पंचायत से विशेष संघटक योजना (एससीपी) में उन्हें गाय पालने को 30 हजार रुपये मिले। मनरेगा में भी अच्छा रोजगार मिल रहा है। अब वह मैं दूध बेचकर परिवार का पालन-पोषण करने के साथ आर्थिकी भी मजबूत कर रही हैं। ग्रामीण जयदेव सिंह कहते हैं कि ग्राम पंचायत ने न केवल प्रवासियों को रोजगार दिया, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी दी। वह स्वयं स्वरोजगार कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72046.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b389e1511f5f8557d039021b9a3a36dc434f3c59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72046.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस महामारी के कारण गंभीर संकट के पंजे में फंसे देश में दूसरी श्रेणी विपक्ष के उन नेताओं की है, जो कोरोना से पैदा हुए हालात को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर अनाप-शनाप टिप्पणियां कर रहे हैं। ये लोग भूल रहे हैं कि जब-जब मानवता पर प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित आपदा आती है, तो उससे फायदा उठाने वाले अपनी जेबें भरने में लग जाते हैं। इस देश के कई बड़े उद्योगपति दूसरे विश्व युद्ध की पैदाइश हैं, जब ब्रिटेन चारों तरफ से घिरा हुआ था और सैनिक साजो-सामान से लेकर रसद तक के लिए वह पूरी तरह से भारत पर निर्भर था। + +आज इन जमाखोरों, मुनाफाखोरों और अवसरवादी नेताओं की तुलना गिद्धों से की जा रही है। पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आक्सीजन की कालाबाजारी पर कहा था कि यह समय गिद्धों की तरह व्यवहार करने का नहीं है। काश, रामायण के जटायु की तरह आज के गिद्ध भी बोल पाते तो उनका यही जवाब होता कि हे इंसानों, अपनी काली करतूतों के लिए हमारा नाम बदनाम करना छोड़ दो। अपने ही बीच के लोगों की तरफ नजर उठाकर देखों, तुम्हें कई नाम मिल जाएंगे, जिनसे इन अवसरवादियों की तुलना की जा सकती है। जैसे पीठ में छुरा भोंकने वाले गद्दारों को मीर जाफर और जयचंद कहते हो, उसी तरह इनके लिए भी कोई नाम ढूंढ लो। मीर जाफर ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को और जयचंद ने दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान के साथ धोखा किया था और देश पर विदेशी राज का रास्ता साफ किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83810d993b7a4059d744d59084f7108315675582 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। घरों में बैठकर आफिस का काम करने वाले बोर हो चुके होंगे। अब घर से बाहर जाकर पर्यटन स्थल का आनंद लेने के साथ कार्यालय का काम करने की सुविधा प्रदान करने के ल‍िए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टरिज्मम कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) ने योजना तैयार कर ली है। इसका नाम वर्क फ्रॉम होटल रखा है। इसके लिए दक्षिण भारत के आठ पर्यटन स्थल के होटलों का चयन किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b013e1f6a8dd21a4d041fb4dac15d5a0e09d7008 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72049.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह भी पढ़ें: ओवरलोड हुई पंजाब की जेलें, 90 दिन की छुट्टी पर भेजे जाएंगे 3600 सजायाफ्ता कैदी, प्रक्रिया शुरू।पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ अन्य मुद्दों पर तो बोल रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर चल रही इस खींचतान को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। जाखड़ को खुद भी स्पष्ट नहीं है कि वह प्रदेश प्रधान रहेंगे या नहीं। क्योंकि इस पूरे प्रकरण की शुरूआत ही प्रदेश प्रधान की कुर्सी को लेकर है। सिद्धू को पार्टी हाईकमान प्रदेश प्रधान बनाना चाहता था, लेकिन कैप्टन इसके लिए तैयार नहीं थे। यही कारण है कि जब प्रदेश प्रधान के लिए दरवाजे बंद होते देख सिद्धू ने बेअदबी कांड को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही घेरना शुरू कर दिया। + +यह भी पढ़ें: चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार के लिए भी अपोइंटमेंट, श्मशान घाट में आग बुझने से पहले ही अगली चिता तैयार।माना जा रहा है कि सिद्धू को पार्टी हाईकमान की शह है। यही कारण है कि कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों ने सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई करने व उनके बयानों से कांग्रेस को नुकसान पहुंचने की बात तो की, लेकिन वह आक्रामक कभी भी नहीं हुए। पिछले दिनों जिस कैबिनेट बैठक में जाखड़ और कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस्तीफा दिया था, उसमें भी यह मुद्दा उठा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8343f017c55b460673d7c21ae8d96e3e3b19ef95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजनारायण सिंह, अलीगढ़ । वातावरण तो तेजी से दूषित हो रहा है, खेतों की माटी की स्थिति भी ठीक नहीं है। रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक दवाओं के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। इससे चिंतित होकर ब्रज किसान एफपीओ ने खेतों की माटी की सेहत सुधारने का संकल्प लिया। गांव-गांव जाकर किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। रासायनिक और कीटनाशक दवाओं की जगह खेतों में जीवामृत डालने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिले में 50 गांवों के किसानों को इस मुहिम से जोड़ा गया है। किसानों को मुहिम से जोड़ने के लिए मिट्टी का पूजन भी कराया गया है। + +लोग पर्यावरण को लेकर संवेदनशील नहीं ।ब्रज किसान एफपीओ के डायरेक्टर संतोष सिंह का कहना है कि हम लोग पर्यावरण के प्रति एकदम संवेदनशील नहीं हैं। रास्ते में वाहनों के धुएं आदि से वायु प्रदूषण के प्रति थोड़े चिंतित हो जाते हैं, मगर खेतों की मिट्टी में बढ़ते प्रदूषण से तो एकदम अनभिज्ञ हैं। जबकि यह सबसे गंभीर विषय है। क्योंकि हमारे खेत प्रदूषित हो गए तो माटी की उर्वरा शक्ति जाती रहेगी। खेत अनाज पैदा करना बंद कर देंगे। फिर हर तरफ हाहाकार मच जाएगा। इसलिए गांवों में माटी की सेहत सुधारने का संकल्प लिया गया है। ।50 गांवों में जगाएंगे अलख ।संतोष सिंह का कहना है कि पूरे जिले में एक साथ किसानों को जागरूक नहीं किया जा सकता है। इसलिए जिले के 50 गांवों को चयनित किया गया है। शेखा, गोकुलपुर निजरा, ब्रज भदरोई, टिकरी खुर्द, नगरिया, राजीपुर, एदलपुर, भवनखेड़ा, नगला दिलीप आदि गांवों हैं। इन गांवों के किसानों को ब्रज किसान एफपीओ से जोड़ा गया है। किसानों को संकल्प दिलाया गया है कि वो खेतों में रासायनिक और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करेंगे। जैविक खेती के लिए उन्हें प्रेरित किया गया है। खेतों में देसी गाय के गोबर का प्रयोग करेंगे। कीटनाशक की जगह गोमूत्र और कंडे की राख आदि का छिड़काव करने के लिए कहा गया है। नीम की पत्ती और निबौरी से भी दवा बनाकर छिड़काव करने के लिए उन्हें प्रेरित किया ज रहा है। किसानों ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। ।निश्चित आएगा बदलाव ।किसानों को खेतों में हरी खाद का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें खेतों के मेड़ पर पेड़ लगवाए जा रहे हैं। पेड़ों के पत्तों को भी खाद के रुप में परिवर्तित करने के तरीके बताए जा रहे हैं। गोष्ठियों के माध्यम से फसल चक्र के बारे में जानकारी दी जा रही है। क्योंकि लगातार एक ही फसल लेने से खेत की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जाती है। संतोष सिंह ने बताया का कहना है कि 50 गांवों में इसकी एक बार अलख जग जाएगी तो धीरे-धीरे अन्य गांवों में भी किसान मिट्टी की सेहत पर ध्यान देने लगेंगे। इससे निश्चित बदलाव आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22541394eb636a0f3e7165742b6400b1f7adf568 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +70 फीसद आबादी का टीकाकरण जरूरी।ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरक्षा के लिए दुनिया की 70 फीसद आबादी का टीकाकरण जरूरी है, जिसके लिए करीब 11 अरब डोज की जरूरत है। वैक्सीन उत्पादन को लेकर कोई सटीक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन अनुमान है कि दुनिया भर में अभी तक मात्र 1.7 अरब डोज का ही उत्पादन हो पाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bf96aac21f59a2444c73f7f65a1ba6aef6d15a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72056.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गत दिवस जिले के अधिकतर गांवों के गुरुद्वारा साहिबों से भैणों ते भरावो, तुसीं तां जाणदे ही ओ, कोरोना लगातार वध रिहा है, पहलां कोरोना शहरां तक सीमित सी, पर हुण साडे पिंडां विच्च वी केस वध रहे ने। श्मशानघाटां विच्च चितावां बलदियां वेख के मन डोल रिहा है। ऐस लई पंचायत ने सर्बसम्मति नाल कई सख्त फैसले लए हन। तुहानूं असीं अपील करदे हां कि ऐस बीमारी नू हराउण विच साडा साथ देवो, यह अपील पंचायतों की ओर से की गई। ऐसी ही अपील गांव पंडोरी गोला के सरपंच पलविंदर सिंह बब्बू ने गुरुद्वारा साहिब से की। + +यह भी पढें: मालेरकोटला पर योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर बोले कैप्टन अमरिंदर सिंह- पंजाब के मामले में दखल न दें यूपी के सीएम।इसी प्रकार गांव कदगिल के सरपंच सविंदर सिंह ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार बहुत कुछ कर रही है, परंतु पंचायतों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। हर ग्रामीण को पंचायत का साथ देते हुए गांवों में ठीकरी पहरा लगाने के लिए तैयार किया गया है। गांव बाठ के सरपंच गुर¨पदर सिंह, पंच मेवा सिंह, सरदूल सिंह, दलजीत कौर, मनविंदर सिंह, गांव देऊ के सरपंच सुखजिंदर सिंह, गांव भुल्लर के सरपंच तरसेम सिंह और गांव अलादीनपुर की महिला सरपंच कंवलजीत कौर ने भी गांव को सील करने और ठीकरी पहरा लगाने की पुष्टि की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d1275a6998f676548215091b8ff626488641dfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क )। चीन ने मंगल ग्रह की सतह पर अपने यान चुरोंग की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर ये साबित कर दिया है वो तकनीकी दृष्टि से काफी मजबूत है। दरअसल, चीन का ये यान अब तक वहां पर भेजे गए यानों में सबसे अधिक वजनी है। चीन का ये लैंडर 5 टन वजनी है। इतने वजन के साथ इस लैंडर की मंगल की सतह पर सफल वास्‍तव में एक बड़ी बात है। इस लैंडर में कई तरह के वैज्ञानिक उपकरणों से लैस है। वैज्ञानिकों के उम्‍मीद है कि ये तीन महीने तक सक्रिय रह सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfb58584662cc2019c6aa5d8598c7d0d23a47d94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रपति कार्यालय से जारी अशरफ गनी के बयान में कहा गया है कि अब पाक को ही तालिबान के साथ शांति वार्ता पूरी कराने के लिए आगे आना चाहिए। अफगानिस्तान में शांति के लिए अमेरिका की अब बहुत सीमित भूमिका है। मुख्य भूमिका क्षेत्रीय स्तर के देशों की है, उनमें पाकिस्तान विशेष रूप से है। तालिबान पर केवल पाकिस्तान का ही पूरा प्रभाव है। उसी ने ही तालिबान के लिए संगठित प्रणाली विकसित की हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8583e5b987ae4a7781ef7b986c682b738fed7e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (पीटीआई)। पूरी दुनिया में कोरोना का प्रकोप डेढ़ वर्ष बाद भी जारी है। ऐसे में इसकी रोकथाम को दी जाने वाली दवाओं को लेकर भी विशेषज्ञ लगातार अपनी सलाह और चेतावनी दे रहे हैं। ऐसी ही एक चेतावनी अब दिल्‍ली स्थित एम्‍स के विशेषज्ञों ने सलाह दी है। इन विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संक्रमित ऐसे मरीज जो घर पर ही आइसोलेशन में है उनको इसके इलाज में इस्‍तेमाल की जाने वाली दवा रेमडेसिविर नहीं लेनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि संक्रमण होने पर उनका आक्‍सीजन लेवल 94 से नीचे चला जाता है तो भी उन्‍हें इस दवा का अपने आप से सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि उन्‍हें तुरंत अस्‍पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31a20d55f9943468e41629a20e0dffe21626770d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुस्तक 'शंकराचार्य और उनकी परंपरा' में आदि शंकराचार्य के प्रयाग आगमन का उल्लेख।श्रीमद् आर्यावर्त विद्वत्परिषद् के अध्यक्ष महामहोपाध्याय डॉ. रामजी मिश्र ने अपनी पुस्तक 'शंकराचार्य और उनकी परंपरा' में आदि शंकराचार्य के प्रयाग आगमन का विस्तृत उल्लेख किया है। डॉ. रामजी मिश्र बताते हैं कि छठीं शताब्दी में केरल के पूर्णानदी के तटवर्ती कलादी नामक गांव में वैशाख शुक्लपक्ष की पंचमी को जन्मे आदि शंकराचार्य ने अल्प समय में सनातन धर्म का वैभव बढ़ाया था। कुमारिल भट्ट ने उनके बारे में पहले से सुना था।  अकस्मात आदि शंकराचार्य को अपने सम्मुख देखकर वे अत्यधिक प्रसन्न हुए। शिष्यों से उनकी पूजा करवाई। भिक्षा ग्रहण करने के बाद आदि शंकराचार्य ने अपना भाष्य कुमारिल को दिखाया। ।कुमारिल भट्ट और शंकराचार्य के संवाद भी पढ़ें।कुमारिल ने कहा कि 'ग्रंथ के आरंभ में ही आठ हजार वर्तिक सुशोभित हो रहे हैं। यदि मैं तुषाग्नि में जलने की दीक्षा न लिए होता तो अवश्य इसे सुंदर ग्रंथ बनाता। आदिशंकराचार्य ने उनसे इस प्रकार शरीर दग्ध करने का कारण पूछा। इस पर कुमारिल भट्ट ने कहा कि मैंने दो पाप किए हैं, पहला अपने बौद्ध गुरु का तिरस्कार और दूसरा जगत के कर्ता ईश्वर का खंडन। इस पर शंकराचार्य ने कहा कि आपके पवित्र चरित्र में पाप की संभावना तनिक भी नहीं है। आप यह सत्यव्रत सज्जनों को दिखाने के लिए कर रहे हैं। यदि आप आज्ञा दें तो मैं जलविंदु छिड़क कर आपको जीवित कर सकता हूं। इस पर कुमारिल भट्ट बहुत प्रभावित हुए और अपने भाव को व्यक्त करते हुए बोले कि मैं जानता हूं कि मेरी अंतरात्मा शुद्ध है और मैं अपराधहीन हूं। हालांकि लोक शिक्षण के लिए मैं यह प्रायश्चित कर रहा हूं। अंगीकृत व्रत को मैं छोड़ नहीं सकता। आप वैदिक सनातन धर्म के प्रचार के लिए मेरे पट्टशिष्य मंडन मिश्र को इस मार्ग में दीक्षित कीजिए। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस पंडित शिरोमणि की सहायता से आपकी विजय पताका सर्वत्र फहराएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd5198b2cecd6ef8f188a602290756faa0ebbbb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली के एसडीएम नितिन शाक्या ने बताया कि प्रशासन लगातार कोरोना मरीजों की देखरेख में युद्ध स्तर पर जुटा है। अस्पतालों, क्वाराटाइंन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर और होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों तक खाना पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है। इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को भी उनका राशन व खाने के पैकेट पहुंचाने का काम प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cccedc40247e4c3359d701286b2524085d16751f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संवेदनशील स्थलों पर जवाबदेह कर्मियों की तैनाती भी नहीं है। कारागार में कोई एक अधिकारी उपस्थित रहे, यह सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है। संवेदनशील बंदियों तथा उनके कक्ष, बैरकों, अहातों की नियमित रूप से प्रभावी तलाशी भी नहीं की जा रही है। बंदियों के सामानों की नियमानुसार सघन तलाशी की भी अनदेखी हो रही है। इसके लिए उपलब्ध उपकरणों का प्रयोग तक नहीं हो रहा है। चित्रकूट जेल में हुई घटना इन्हीं नियमों की घोर अनदेखी का परिणाम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..585ee8947cac11c8ec8dbaf77ca4d72b7eb74d73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72078.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोरोना हो या कैंसर, दोनों इंसान को अंदर-बाहर से तोड़ देते हैं। इन दोनों ही बीमारियों से लड़ने के लिए इंसान को इलाज के साथ हिम्मत, इच्छाशक्ति व अपनों के साथ की जरूरत होती है। अब जरा सोचिए कि जब ये दोनों किसी पर एक साथ और बार-बार हमला करें तो उसका क्या हाल होगा। बेगमपुर निवासी नितिशा यादव (39) एक साल से इन दोनों बीमारियों से लड़ रही हैं और बखूबी जीत रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5256384bc18d34c9c60a0e34294fafba962e1695 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7208.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मिलिंद ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए ये वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए मिलिंद ने कैप्शन में लिखा, 'सांस लीजिए, जब सबकुछ उल्टा दिख रहा हो तब भी।' इसके साथ उन्होंने #upsidedown #handstand जैसे हैशटैग का इस्तेमाल भी किया है। इस वीडियो पर मिलिंद के तमाम चाहने वाले कमेंट कर रहे हैं और अभिनेता से कई सवाल भी पूछ रहे हैं। मिलिंद ने भी प्रशंसकों के इन सवालों का जवाब दिया है। + +एक यूजर ने ये वीडियो देख कमेंट किया, 'ये आपने किस उम्र में सीखा?' मिलिंद ने इस सवाल के जवाब में लिखा '54'। तो वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'भाई और क्या क्या कर लेते हो?' इसके जवाब में मिलिंद ने लिखा, 'जो भी जिसमें मजाआए।' वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, 'हाय हाय मुझे आपकी उम्र में खुद को ऐसा ही करना है। खैर जिंदगी ने मौका दिया तो ये सब भी करना है।' इस यूजर के कमेंट का जवाब देते हुए मिलिंद ने उन्हें मोटिवेट करते हुए लिखा, 'जिंदगी कौन होता है मौका देने वाला। वक्त के आप मालिक हैं।' इसी तरह अन्य यूजर्स के सवालों के जवाब भी मिलिंद ने दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adc351ef7cdbc5dd1a0e7197c60d15eded838ee1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72082.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ब्रजबिहारी। असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी विधानसभा चुनावों के 2 मई को आए नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कांग्रेस और उसका मौजूदा नेतृत्व चुनावी राजनीति में जीत हासिल करने लायक नहीं है। खासकर केरल में उसकी हार ने उसके विरोधियों को भी चौंका दिया है, क्योंकि इस राज्य के मतदाता पिछले 40 साल से हर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने वाम गठबंधन की सरकार को फिर से चुनकर यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें कांग्रेस पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। + +कांग्रेस की कार्यशैली और उसके नेतृत्व पर प्रश्न खड़े करने वाले संजय झा ने पिछले साल जब जी-23 की चिट्ठी को लेकर पहली बार ट्वीट किया था तो पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें भाजपा का एजेंट तक कह दिया था, लेकिन इस पुस्तक को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे अब भी कांग्रेसी ही है और पार्टी के भविष्य को लेकर वाकई में चिंतित हैं। सोनिया गांधी के आमंत्रण पर 2004 में पार्टी से जुड़ने वाले संजय झा की इस पुस्तक की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने कांग्रेस के पराभव के कारणों के विश्लेषण में काफी ईमानदारी बरती है। हालांकि वे राहुल गांधी को अब भी लंबी रेस का घोड़ा मानते हैं, लेकिन उनकी कमियां बताने में भी वे पीछे नहीं रहे हैं। शाहबानो प्रकरण के बहाने उन्होंने राजीव गांधी की भी जमकर आलोचना की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1bc95a9e96415fecffad59d577bc1f9442b9ffc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72084.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभी तक सिर्फ बोर्ड द्वारा ही ली जाती थी कंपार्टमेंट परीक्षा।अभी तक कंपार्टमेंट परीक्षा बोर्ड द्वारा ही ली जाती थी। बोर्ड द्वारा परीक्षाफल घोषित होने के बाद जो छात्र एक या दो विषयों में फेल होते थे उनके लिए कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित की जाती थी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार बोर्ड ने स्कूल स्तर पर ही एक कंपार्टमेंट परीक्षा लेने का निर्देश दिया है। इसके बाद भी छात्र पास नहीं होते तो उन्हें बोर्ड द्वारा आयोजित कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। + +सीबीएसई के जिला समन्वयक ने कहा।इस संबंध में सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित ने कहा कि कोरोना को देखते हुए बोर्ड ने पहली बार स्कूलों को भी कंपार्टमेंट परीक्षा कराने की अनुमति दी है। बोर्ड के परीक्षाफल से जो छात्र असंतुष्ट होंगे वह इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। स्कूल यह परीक्षा आनलाइन संपादित कराएंगे। इसके लिए बोर्ड स्कूलों को सैंपल पेपर भेजेगा, जिसके आधार पर स्कूल प्रश्न पत्र तैयार करेंगे। बोर्ड की इस गाइडलाइन की सभी स्कूलों को जानकारी दे दी गई है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e483856b3bbaceae41ed945e416597ea513c25cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72087.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [राहुल चौहान]। इंद्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल्स ने शनिवार को टीका लगने के बाद संक्रमित हुए लोगों के मूल्यांकन हेतु स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए एक अध्ययन के परिणाम जारी किए। परिणाम के मुताबिक टीकाकरण के बाद 97.38 फीसद मामलों में मरीज़ संक्रमण से सुरक्षित रहे और संक्रमण होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने के सिर्फ 0.06 फीसद मामले ही दर्ज किए गए। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि टीका लगने के बाद संक्रमण बहुत कम संख्या में होता है। यह प्राथमिक तौर पर हल्का संक्रमण होता है, जिसमें मरीज को गंभीर रोग नहीं होता। + +कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तेजी से बढ़े मामले।अपोलो हास्पिटल्स ग्रुप के मेडिकल डायरेक्टर एवं सीनियर कंसल्टेंट पीडिएट्रिक एंड गैस्ट्रोएंट्रोलोजी डाक्टर अनुपम सिब्बल ने कहा कि हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मामले तेज़ी से बढ़े हैं। इनमें बड़ी संख्या में टीका लगने के बाद भी लोगों को संक्रमण हुआ है। इस तरह का संक्रमण कुछ लोगों में आंशिक या कुछ लोगों में पूर्ण टीकाकरण के बाद हुआ है। अध्ययन दर्शाते हैं कि टीकाकरण 100 फीसद इम्युनिटी नहीं देता। लेकिन यह गंभीर लक्षणों से सुरक्षित रखता है। + +ऐसे समझे पूरे मामले को ।अध्ययन के तहत 3235 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया। 3235 में से 85 स्वास्थ्यकर्मियों को सारस-सीओवी-2 का संक्रमण हुआ। इनमें से 65 यानी 2.62 फीसद को पूर्ण टीकाकरण और 20 यानी 2.65 फीसद का आंशिक टीकाकरण हो चुका था। इनमें प्रभावित होने वाली महिलाओं की संख्या अधिक थी और उम्र का संक्रमण के मामलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अध्ययन के लेखकों में से एक वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा राजू वैश्य ने कहा कि टीका लगने के बाद संक्रमित होने के कई कारक हैं। जैसे मास्क न पहनना, शारीरिक दूरी का पालन न करना आदि। टीका लगने के बाद शरीर में इम्युनिटी विकसित होने में समय लगता है। इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72088.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72088.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b79fbfc97b367cae2e0a7889613bdd745c625f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72088.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना काल में जीवन की तमाम परिभाषाएं बदल गई है। मगर, दुखदायी है कि परंपराओं की डोर भी कमजोर होती जा रही है। परिवार में किसी की मौत हो जाने पर अपने ही लोग आगे नहीं आ रहे हैं। यहां तक बेटा स्वयं अपने पिता के शव को कंधा नहीं देना चाहता है। वह अंतिम संस्कार तक को राजी नहीं होता। शहर के ही कई मुहल्लों में ऐसा हुआ कि लोग शव को हाथ लगाने को तैयार नहीं हुए। विगत दिनाें में ऐसे तमाम मामले आए हैं, जहां समाजसेवियों ने आगे आकर शवों का अंतिम संस्कार कराया। परिवार के सदस्य तो तेरहवी संस्कार तक को राजी नहीं हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41c7b53b2780adfe36e95692167645586704daad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धरनों में शामिल होने वाले किसान नहीं पहन रहे मास्क।धरनास्थलों पर 99 फीसद किसान बिना मास्क के दिखाई दिए। लगभग धरनास्थलों पर 20 से 300 तक किसानों की भीड़ जुट रही है। मास्क पहनना तो दूर किसान कोरोना को भी मानने को तैयार नहीं हैं। इसके चलते कोरोना संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है और किसान खुद कोरोना को दावत दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0affe48f9e20656477ab4e0548f2dcbd900b166 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72090.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चीन ने भारत की दवा उत्पादन करने वाली फार्मा इकाइयों के साथ पूर्व में हुए कच्चे माल के आयात के सालाना एग्रीमेंट को भी रद कर दिया है। अब उसने इन फार्मा इकाइयों से नई दरों पर कच्चा माल खरीदने के लिए कहा है। इससे प्रदेश में दवा का उत्पादन 20 से 30 फीसद तक गिर गया है। भविष्य में इसके और ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में दवा उत्पादन से जुड़े कारोबारियों ने देश में कच्चे माल के उत्पादन को बढ़ावा देने पर बल दिया है। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में चीन पर निर्भरता खत्म कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ना होगा। ।उत्तराखंड फार्मास्युटिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि देश में दवा उत्पादन के लिए 70 फीसद कच्चा माल चीन से आता है। इसके लिए प्रदेश की कुछ बड़ी फार्मा इकाइयां चीन से कच्चे माल की आपूर्ति दिल्ली व मुंबई के बड़े थोक कारोबारी के माध्यम से करते हैं। फार्मा कंपनी व कारोबारियों के बीच सालाना एग्रीमेंट होता हैं। बड़े थोक कारोबारियों ने इस एग्रीमेंट को रद कर दिया है और पुरानी दरों पर उत्तराखंड के फार्मा उद्योगों को एपीआइ देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। + +चीन की तरफ से एक अप्रैल को कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी किए जाने के बाद दवा उत्पादन की लागत बढ़ गई है। उदाहरण के लिए एजिथ्रोमाइसिन के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल की कीमत पहले करीब आठ हजार रुपये प्रति किलो थी, जिसे अब चीन ने बढ़ाकर साढ़े 14 हजार रुपये प्रति किलो कर दिया है। इसी तरह पैरासिटामॉल के निर्माण के लिए कच्चा माल अब 350 रुपये प्रति किलो के बजाय 950 रुपये की दर से मिलेगा। ।शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड की अधिकतर फार्मा कंपनियों ने कीमत बढ़ने के बाद कच्चे माल की खरीद कम कर दी है। इससे दवा के उत्पादन में 20 से 30 फीसद तक कमी आयी है। कंपनियों के पास दो से तीन महीने के लिए कच्चा माल स्टॉक में रहता है, लेकिन, भविष्य में संकट और गहरा सकता है।  ।कोरोना की दवा पर भी पड़ा असर ।उत्तराखंड फार्मासूटिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि चीन ने कोविड संक्रमण में प्रयुक्त होने वाली दवा के एपीआइ दरों में तीन से चार गुना व नॉन कोविड के एपीआइ में एक से दो गुना की वृद्धि हुई है। जैसे कोविड रोगी को दी जाने वाली आइवरमेक्टिन दवा से संबंधित कच्चा माल पहले 15 हजार रुपए किलो मिलता था जिसे बढ़ाकर अब 70 हजार रुपये किलो कर दिया गया है। ।प्रदेश में 600 से अधिक फार्मा इकाइयां।उत्तराखंड में फार्मास्युटिकल की 283 और कॉस्मेटिक की 327 उत्पादन इकाइयां हैं। इनमें हर वर्ष करीब 1800 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इन इकाइयों में हर वर्ष 3200 कुंतल एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट की खपत होती है।   ।इंडियन इंडस्ट्री ऑफ उत्तराखंड के चैयरमेन राकेश भाटिया ने बताया कि दवा उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल का देश में बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू करने की जरूरत है। जब तक कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भरता रहेगी, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी। भारत बेशक दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा दवा उत्पादक देश है, लेकिन कच्चे माल की 70 फीसद आपूर्ति के लिए आज भी हम चीन पर निर्भर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c9007939e6e039aa1a28af1d5f8a19f8a72728b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुत्तों में पाया जाने वाला कोविड-19 का वायरस नहीं, बल्कि उनमें कैनाइन कोरोना वायरस होता है। यह भी एक कुत्ते से दूसरे में फैलता है। इसका टीका कई साल पहले बन चुका है। इसकी हर वर्ष 30 दिन के अंदर दो डोज लगाई जाती है। चुन्नीगंज पशुचिकित्सालय के प्रभारी डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि कुत्तों में पाया जाने वाला कोरोना वायरस कोविड-19 की तरह घातक नहीं है, लेकिन कुत्तों में संक्रमण का खतरा रहता है। इसमें कुत्तों का पेट खराब हो जाता है, खाना छोड़ देते हैं। कमजोरी आ जाती है। उनके पालकों को वक्सीनेशन कराने के लिए कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de69761e05dc1012279dd99418c7fa2a99706ef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [आशुतोष गुप्ता]। चित्रकूट जेल में मारा गया कुख्यात मुकीम काला मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पैर जमाना चाहता था। दरअसल, मुकीम व कुख्यात अनिल दुजाना दोनों की सुंदर भाटी से दुश्मनी थी। दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली कहावत पर चलकर उसने अनिल दुजाना से हाथ मिला लिया था। मुकीम चाहता था कि अनिल दुजाना के साथ हाथ मिलाकर वह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एकछत्र राज करे। दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद बदमाश बदमाश ने मुकीम के साथी महताब काना की मुलाकात अनिल से कराई थी। इसके बाद महताब के माध्यम से मुकीम व अनिल एक-दूजे से मिले थे। यह मुलाकात खूनी रंग में बदली थी। अनिल पर विश्वास कायम करने के लिए मुकीम ने उसके कई दुश्मनों का सफाया किया। 19 अक्टूबर, 2015 को मुकीम लोनी में एक वारदात को अंजाम देने के लिए आ रहा था। इस दौरान यूपी एसटीएफ ने जाल बिछाया और उसका पीछा कर दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला था कि मुकीम के निशाने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई लोग थे, जिनकी उसने सुपारी ली हुई थी। इनमें नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ व सहारनपुर के लोग शामिल थे। मुकीम अपने साथ हैंड ग्रेनेड, कार्बाइन, एके-47 समेत कई अत्याधुनिक हथियार लेकर चलता था और वह लूट की वारदातों को दारोगा की वर्दी पहनकर अंजाम देता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe0b98527ad1f0c1e7ae0ff3d6e89261587eb7d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72093.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 18 से 44 वर्षीय लोगों के बाद अब 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी टीकाकरण सरकारी स्कूलों में होगा। उप-मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने स्कूलों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक 18 से 44 और 45 वर्ष से अधिक उम्र, इन दोनों ही वर्गाें का टीकाकरण अलग-अलग स्कूलों में होगा। फिलहाल दक्षिण-पश्चिमी जिले में दस और पश्चिमी जिले में दस स्कूलों में सोमवार से टीकाकरण शुरू करने की बात कहीं जा रही है। इन स्कूलों को नजदीकी डिस्पेंसरियों से संबद्ध किया गया है। यानि शुरुआती कुछ दिन स्कूल व डिस्पेंसरी दोनों में टीकाकरण होगा, पर धीरे-धीरे दिल्ली सरकार की डिस्पेंसरियों में टीकाकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। + +ठीक इसी प्रकार धीरे-धीरे अस्पतालों में भी टीकाकरण अभियान को बंद कर उसे स्कूल में शिफ्ट किया जाना है। अधिकारियों का कहना टीकाकरण अभियान के चलते अस्पताल व डिस्पेंसरियों पर दबाव बढ़ गया है, जिसके कारण अन्य कार्य प्रभावित हो रहे है। दूसरा डिस्पेंसरियों में बुधवार और शुक्रवार को टीकाकरण बंद रहता है, क्योंकि इस दिन डिस्पेंसरियों में बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। पर स्कूल में टीका केंद्र स्थापित होने के बाद यह दोनों ही तरह की समस्या दूर होने की उम्मीद जताई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72095.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a0cf048978ab523d26f0d2d58918580338cde4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72095.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुछ लोग लक्षण मिलने पर सदर अस्पताल जाकर जांच कराते हैं। ऐसे में यह बात स्पष्ट हो गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जांच की अनदेखी की जा रही है। जांच नहीं होने के कारण सर्दी, खांसी एवं बुखार से पीड़ित लोग की बीमारी पकड़ में नहीं आ रही है। यह अनदेखी कभी भी भारी पड़ सकती है। इस पंचायत में टीकाकरण की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए बगल के पंचायत तिलदाग या फिर सदर अस्पताल आना पड़ रहा है। + +क्या कहती है पंचायत की प्रधान।सरकार पंचायतों को अधिकार दे। कोरोना महामारी पर नियंत्रण में पंचायत अहम भूमिका निभा सकते हैं। सरकार को पंचायतों को फंड उपलब्ध कराना चाहिए। साथ ही क्वारंटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर बनाते हुए लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। ग्राम पंचायत टीकाकरण एवं कोरोना जांच में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रसार नहीं हो, इसको लेकर नियमित जांच की जरूरत है। वर्तमान में मधेया पंचायत में मात्र पांच कोरोना संक्रमित ही मिले हैं। इसको लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। -बिंदु देवी, प्रधान, मधेया पंचायत, गढ़वा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f67425268d1aeb16553705ce467f6e5a3328a5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72096.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +---दवा का कोई नहीं है साइड इफेक्ट।डा. सुधीर बताते हैं कि 300 से अधिक मध्यम संक्रमित और गंभीर अवस्था में पहुंचे मरीजों पर हमने दवा का ट्रायल किया था। दूसरे फेज में जो रेस्पांस था उससे भी अच्छा रेस्पांस तीसरे फेज में आया। इसके साथ ही इस दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। ऐसे में बिना किसी तनाव के चिकित्सक आपको आने वाले समय में यह दवा एक ग्लूकोज की तरह उचित मात्रा में पानी में घोलकर समय-समय  पर देंगे और आप देखेंगे कि कोरोना वायरस को आप परास्त कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0ec1300a49733f8ab281a841be39f82dda00b2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72098.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 20,000 से नीचे तो आ रहे हैं, बृहस्पतिवार को 24 घंटे के दौरान 8500 मामले सामने आए और मौतों का आंकड़ा भी गिरा है। ऐसी ही स्थिति दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद का भी है। इन शहरों में कोरोना के मामले गिरे हैं और हालात में धीमी गति से ही सुधार हो रहा है। इस बीच लोगों के जेहन में यह सवाल आने लगा है कि क्या दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारें लॉकडाउन 17 मई के बाद भी जारी रखेंगीं। दरअसल, आंकड़े इस बात के गवाह है कि लॉकडाउन के बाद दिल्ली में कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आई है। दिल्ली में कुछ सप्ताह पहले जहां 25000 से अधिक कोरोना के मामले सामने आए थे, अब 24 घंटे के दौरान 10,000 से अधिक मामले सामने आए हैं। दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल आदि में भी लोगों कोरोना के मामलों में कमी आई है। इन सभी स्थानों पर लॉकडाउन लगा है या फिर सख्ती बढ़ा दी गई है। + +...तो बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन।कोरोना के घटते मामले और काबू में आ रही संक्रमण दर इसी ओर इशारा कर रही है कि दिल्ली के अलावा यूपी और हरियाणा सरकार सख्ती में थोड़ी ढील देने के बाद 17 मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रखने का एलान कर सकती है। ।नोएडा-ग्रेटर नोएडा में घटे मामले।दिल्ली से सटे नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कुछ हद तक कम होती दिखाई दे रही है। लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार को नए संक्रमितों से ज्यादा बीमारी से लोग ठीक हुए हैं। बृहस्पतिवार को 24 घंटे में 987 लोग कोरोना से स्वस्थ हुए हैं। जबकि 747 नए संक्रमित मिले और 11 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हुई है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. मनोज कुशवाह ने बताया कि जिले में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 57,892 हो गया है। इनमें 49,689 स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 361 की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 7,842 सक्रिय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94748974231b1500c47a15fd277f39d1640943f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन ।  दीनदयाल कोविड अस्पताल में मरीजों को उपचार भले ही मिल रहा हो, मगर अत्याधिक बीमार, बुजुर्ग व असहाय मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही। कोविड वार्ड में मरीजों की मदद के लिए मात्र एक-एक वार्ड में ब्वाय व स्वीपर की नियुक्ति की गई है। ऐसे में शौचालय जाना हो या अन्य कोई काम, मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता है। कई मामले तो ऐसे आए हैं, जिनमें मरीजों ने उठ न पाने के कारण बेड पर ही पेशाब व शौच तक कर दी। जबकि, बाहर मरीजों के घरवाले उन्हें लेकर चिंतित बैठे रहते हैं। अफसोस, शिकायत के बाद भी इस दिशा में कोई सुधार नहीं हो रहा।  ।गंभीर मरीजों का इलाज ।दीनदयाल कोविड अस्पताल को लेवल-टू का दर्जा दिया गया है। ऐसे में यहां ज्यादातर गंभीर मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। काफी मरीज तो ऐसे हैं, जो मोबाइल पर स्वजन से बात नहीं कर सकते। ऐसे मरीज जो आक्सीजन पर हैं। बुजुर्ग होने के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण चल-फिर नहीं सकते। खाना तक नहीं खा सकते। उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में काफी लोग तो अपने मरीज एकतरफा डिस्चार्ज तक करा चुके हैं। अस्पताल का डिस्चार्ज रजिस्टर चेक किया जाए तो रोजाना ही ऐसे मामले देखने को मिलेंगे। ।कर्मचारी नहीं करते देखभाल ।स्वजन का कहना है कि असहाय मरीजों की सेवा कोई कर्मचारी नहीं कर सकता है, क्योंकि ज्यादातर क्रमियों में सेवाभावना का अभाव दिखता है। मरीज कराहते हुए इशारे से कर्मचारी को बुलाते रहते हैं, मगर वे कहीं न कहीं व्यस्त रहते हैं। इससे काफी मरीजों को अपना पेशाब तक रोककर रखना पड़ता है। ऐसा इलाज किसी यातना से कम नहीं है। स्वजन के अनुसार गंभीर मरीजों से भी उन्हें मिलने नहीं दिया जाता और खुद भी उनकी देखभाल नहीं हो रही। पहले देखभाल की उचित व्यवस्था की जाए, उसके बाद ही स्वजन को कोविड वार्ड में जाने से रोका जाए। ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसमें गंभीर व असहाय मरीज के स्वजन को मिलने नहीं दिया जाए। कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्वजन को मरीज से मिलवाने की व्यवस्था की जा सकती है। ।इनका कहना है।अस्पताल प्रबंधन से मरीजों की देखभाल के बारे में जानकारी ली जाएगी। यदि कोई समस्या है तो उसका समाधान कराया जाएगा। ऐसे मरीजों के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं तो उसकी नियुक्ति कराआई जाएगी।  ।- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b1ff4aac03ae07234fabb15d2dc2309a2ba414e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। कोरोना काल में वाहनों की सेल पर भी भारी अंतर पड़ा है। लॉकडाउन की वजह से हर माह करीब 15 से 16 हजार नए वाहन सड़क पर आ जाते थे। इस बार डेढ़ माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी पंजीयन की एक सीरीज खत्म नहीं हो पाई है। ऐसा नहीं है कि संभागीय परिवहन कार्यालय बंद हैं, वहां रोज की तरह ही पंजीयन संबंधित काम किए जा रहे हैं। यही नहीं रजिस्ट्रेशन के लिए डीलर स्तर से ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f43e1007afe45947246e6e213d634d6e5262fd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72102.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्व स्वास्थ्य संगठन को संदेह है कि यह नया वायरस खतरनाक रूप धारण कर सकता है। भारत समेत समस्त देशों की सरकारों की पूर्ण मुस्तैदी, सजगता व यु़द्ध स्तरीय प्रयासों के बावजूद मामला दिनोंदिन भयावह होता जा रहा है। इससे बचने की हरसंभव कोशिशें व उपाय निष्फल हो रहे हैं। ऐसे में मानव जाति के पास अपने आप को अलग थलग कर लेने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं है। संपूर्ण विश्व में इस समय इस पर निरंतर शोध व परीक्षण हो रहे हैं और हर नए शोध में नया नया निष्कर्ष निकल कर आ रहा है। पहले गर्म पानी पीने व लगभग 40 डिग्री तापमान वाले कमरों में रहना इसका उपचार बताया जा रहा था, पर अमेरिका के न्यूजर्सी में यह परीक्षण भी निष्फल रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..437c50580af41d57b2c50352d8c465ed2eae807e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीव्र बुद्धि और स्मरण-शक्ति के लिए श्रीगणेश का करें प्रात:काल ध्यान।विद्या प्राप्ति के इच्छुक मनुष्य को प्रात:काल इस श्लोक का पाठ करते हुए श्रीगणेश के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए—।प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं । सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम् । उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड- । माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम् ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7e1886bdd92ac5333fe7ed083a4eca1157a7f29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72105.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +योगेश कुमार गोयल। DRDO's New COVID 2 DG Medicine कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। ऐसे में किसी ऐसी ‘संजीवनी’ की दरकार है जो इस बीमारी को नियंत्रित कर सके। ऐसे में उम्मीद की बड़ी किरण बनकर सामने आया है रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) जो न सिर्फ देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जुटा है, बल्कि कोरोना महामारी के दौर में भी निरंतर हरसंभव मदद के प्रयासों में जुटा है। ऐसे समय में जब इसकी वैक्सीन की मांग काफी बढ़ गई हो और आपूर्ति बहुत कम हो, किसी ऐसी दवा की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है, जो प्रतिदिन कोरोना के बढ़ रहे ग्राफ को तेजी से नीचे ला सके और लाखों देशवासियों की जान बचाई जा सके। + +इस नई दवा के परीक्षण में जो नतीजे सामने आए हैं, उन्हें देखते हुए माना जा रहा है कि डीआरडीओ की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आइएनएमएएस) द्वारा विकसित की गई 2-डीजी दवा कोरोना के इलाज में गेमचेंजर साबित हो सकती है। दावा किया गया है कि इस दवा के इस्तेमाल से मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं। दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) द्वारा डीआरडीओ की बनाई हुई कोरोना की नई दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। + +रक्षा मंत्रालय का इस दवा के संबंध में कहना है कि 2-डीजी के साथ जिन मरीजों का इलाज हुआ, उनमें से अधिकांश की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई और उनमें तेजी से रोग के लक्षणों में कमी देखी गई। मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा का अब कोरोना के मध्यम से गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह दवा पाउडर के रूप में एक पैकेट में आती है, जिसे पानी में घोलकर मरीज को दिया जाता है। परीक्षण में डीआरडीओ की इस दवा के काफी अच्छे नतीजे सामने आए हैं और इसके क्लीनिकल ट्रायल सफल साबित हुए हैं। डीआरडीओ का दावा है कि जिन मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया, उनमें तेजी से रिकवरी देखी गई। यही नहीं, ऐसे मरीजों की आक्सीजन पर निर्भरता भी कम हो गई। डीआरडीओ के विज्ञानियों के अनुसार यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त आक्सीजन की निर्भरता को भी कम करती है। इसकी पुष्टि दवा के तीसरे चरण के ट्रायल में हुई है, जिसके अच्छे नतीजे आए हैं, उसी के बाद इसके इस्तेमाल की स्वीकृति दी गई है। + +इसे विकसित करने वाले विज्ञानियों के मुताबिक वायरस कोशिका से चिपकी इस दवा को ग्लूकोज समझकर खाने की कोशिश करेगा, लेकिन चूंकि यह कोई ग्लूकोज नहीं है, इसलिए इस दवा को खाने से कोरोना वायरस की मौत हो जाएगी और मरीज ठीक होने लगेगा, यही इस दवाई का मूल सिद्धांत है। इस दवा से आक्सीजन की शरीर में कमी नहीं होगी और जिन मरीजों को आक्सीजन की जरूरत है, उन्हें भी इस दवा को देने के बाद संक्रमण की आशंका कम होगी। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच इस दवा के तीन चरण के क्लीनिकल ट्रायल हो चुके हैं और इनके काफी सुखद परिणाम सामने आए हैं। दवा के पहले चरण का ट्रायल अप्रैल-मई 2020 में पूरा हुआ था, जिसमें लैब में ही दवा पर परीक्षण किए गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45b2e9afce65f5df75598e219e7ed962810605b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दो नए सीबीडब्ल्यूटीएफ बनाने की योजना बनाई है। दोनों प्लांट बिल्ट, आपरेट, ट्रांसफर (बीओटी) आधार पर बनेंगे और यह वेस्ट एकत्र करने, उसे प्लांट तक लाने तथा उसके निस्तारण तक की सारी जिम्मेदारी पूरी करेंगे। हालांकि, यह योजना पिछले छह माह से फाइलों में ही दौड़ रही है। कहने को डीपीसीसी ने इस बाबत निविदाएं भी मंगा ली हैं, लेकिन पहले इसकी अंतिम तारीख 15 फरवरी 2021 थी, जो कई बार बढ़ने के बाद अब चार जून 2021 हो गई है। ।सीपीसीबी कर रहा निगरानी।कोविड बायो मेडिकल वेस्ट से संक्रमण फैलने की गंभीरता के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) इस कोविड वेस्ट पर शुरू से ही निगरानी कर रहा है। सीपीसीबी की ओर से सभी स्थानीय निकायों, अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर, आइसोलेशन सेंटर इत्यादि के लिए बकायदा दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dcdc0b51e3fe3072ca4a9a7f39cc1e9995ccb7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72108.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। देश के होनहार पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार और उसके कुछ साथी अब भी दिल्ली पुलिस की गिरफ्तार से बाहर हैं। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल व दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के अलावा उत्तर-पश्चिम जिले की पुलिस भी सुशील कुमार के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। दिल्ली पुलिस राजधानी के अलावा हरियाणा व उत्तराखंड में भी छापेमारी कर रही है, लेकिन वह 12 दिन बाद भी सुशील कुमार हाथ नहीं आ सका है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों सुशील कुमार की करीबी भूरा पहलवान से भी पूछताछ की थी, जिसने कई अहम राज खोले थे। दरअसल, भूरा ही वह शख्स है, जो सुशील कुमार को हरिद्वार स्थित किसी आश्रम में छोड़कर आया था। इसके उसने ऐसी बातें भी बताई हैं, जिससे सुशील कुमार की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। + +दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो सुशील का दांया हाथ माने जाने वाले भूरा ने पूछताछ में बताया था कि सुशील को एक योग गुरु के हरिद्वार स्थित आश्रम में छोड़कर वापस दिल्ली आ गया था। वहीं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक सागर की छाती को छोड़कर पूरे शरीर पर लाठी और लोहे की रॉड से मारने के घाव थे। इतना ही नहीं, पैर से लेकर सिर तक 50 से अधिक गहरे घाव के निशान थे। उसके सिर पर सबसे ज्यादा वार किया गया था। उधर, सागर के परिजनों का कहना है कि स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना रिकार्ड हैं। कैमरे में सुशील कुमार सागर को मारता दिखाई दे रहा है।  सीसीटीवी कैमरे में सुशील के साथी बदमाश सागर के तीन साथियों भगत सिंह, अमित कुमार और सोनू की भी पिटाई करते दिख रहे हैं। पुलिस ने इन सबके बयान भी दर्ज कर लिए हैं। इसी आधार पर दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9d0cc9fae3e9ea5eef9bace3d73fcb9ae7ae080 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72109.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। International Day of Families 2021 इंजीनियरिंग के स्टूडेंट शोभित विगत दो वर्षों से हॉस्टल में रह रहे हैं। बमुश्किल छुट्टियों में घर जाना हो पाता है। कभी मन हुआ भी, तो पिता के डर से नहीं जाते हैं। लेकिन कोविड-19 ने उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं छोड़ा। वह बीते करीब एक वर्ष से अपने घर से ही ऑनलाइन क्लासेज कर रहे हैं। कमाल की बात यह है कि अब पिता के साथ संकोच या भय नहीं रहा, बल्कि दोनों में अच्छा दोस्ताना हो गया है। बताते हैं शोभित, ‘पापा से सबसे अधिक मतभेद पढ़ाई को लेकर था। उन्हें लगता था कि मैं पढ़ने पर ध्यान नहीं देता और वीडियो गेम्स में डूबा रहता हूं। + +जिम्मेदारी का जगा एहसास: श्यामली का दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड का इलाज चल रहा है। उनकी बहन भी आइसीयू में हैं। घर पर भी कुछ लोग आइसोलेशन में हैं। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी संभाल रही हैं श्यामली की 16 वर्षीय बेटी नूपुर। जिस बेटी को मां ने पढ़ाई के अलावा कभी घर के कामकाज में हाथ बंटाने को नहीं कहा था, जो कभी रसोई में चाय या मैगी बनाने तक नहीं गई, वह इन दिनों अपने दादा जी, डैडी और एक छोटे भाई के खाने-पीने, दवाइयों से लेकर सभी जरूरतों का ध्यान रख रही हैं। नियमित रूप से मां और मौसी की खबर भी लेती रहती हैं। बड़े ही आत्मविश्वास के साथ नूपुर कहती हैं, ‘मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि सबके लिए जो संभव है, वह कर पा रही हूं। इस समय तो क्या अपने और क्या पराये, हर कोई एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहा है। फिर यह तो मेरा अपना परिवार है। दादा जी तो हैरान हैं कि मैं उन्हें ब्रेड या मैगी नहीं, सिंधी करी-चावल, राजमा, पनीर सब खिला रही हूं।’ नूपुर ने बताया कि बेशक मॉम ने उन्हें रसोई में काम नहीं करने दिया, लेकिन वे यू-ट्यूब की मदद से या अपनी नानी से रेसिपी पूछकर अब सब बना लेती हैं। हां, एक-दो बार चाकू से हाथ कटते-कटते बचा है, जिसके बाद अधिक सतर्क रहने की कोशिश करती हूं। + +सीखी रिश्तों की अहमियत: बीकॉम ऑनर्स की छात्रा अर्पिता बताती हैं, पहले पढ़ाई और कोचिंग क्लासेज़ की वजह से घरवालों के साथ समय नहीं बिता पाती थी। जल्दबाज़ी में खाना होता था। घर के कामों के लिए तो समय ही नहीं होता था। शुक्र है कि इस महामारी में घर में रहने के दौरान मुझे इन सब बातों की अहमियत का पता चला। मैंने परिवार के साथ अच्छा समय बिताया। हर सदस्य से बातचीत की। उनसे भी, जिनसे सालों से बातचीत न के बराबर होती थी। कह सकते हैं कि रिश्तों का महत्व और सब्र सिखा दिया है कोरोना काल ने। मुझे मैनेज करना आ गया कि कैसे पढ़ाई के साथ हम घर के हर छोटे-बड़े काम में भी हाथ बंटा सकते हैं? अर्पिता ने इस दौरान नई चीज़ें सीखीं। घर के हर छोटे-बड़े काम में मम्मी-पापा का सहयोग करना सीखा। प्रकृति के काफी क़रीब रहीं, तो प्लांटेशन करना भी सीखा। नये किस्म के पेड़-पौधे लगाने के साथ ही अब रोज़ाना पेड़ों में पानी देना इनकी दिनचर्या में शुमार हो गया है। वह कहती हैं कि अपने आसपास हरियाली देखकर मन को सुकून एवं खुशी मिलती है। मैंने बेकिंग करना और तरह-तरह का मीठा बनाना भी सीखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72110.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..119b1aae65f225805448ac2b499cd94a7b4459d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72110.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्या है प्रोटीन एक्सटेंशन तकनीक।एमिनो टेक के सीएफओ अक्षत मदान ने बताया कि प्रोटीन एक्सटेंशन तकनीक में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से उनके प्रोटीन अलग कर दिए जाते हैं। बाद में इनको खाद्य वस्तुएं तैयार कर उसमें शामिल किया जाता है। इससे इसका सीधा लाभ शरीर को मिलता है, आम तौर पर खाने से मिलने वाले प्रोटीन को हमारे एंजाइम शरीर से अलग करते हैं। + +पांच स्वादों में तैयार की है एनर्जी बार।एमिनो टेक के सीएमओ सोमने कुमार ने कहा कि यह एनर्जी बार पांच अलग-अलग स्वाद में बनाई है। इसमें कॉफी, चॉकलेट, मिक्स फ्रूट, एप्पल, क्रैन बेरी व स्ट्राबैरी शामिल हैं। इसमें एक ग्रनुअला शेप में है और दूसरी चॉकलेट बार। इसमें अश्वगंधा, हठजोड़ जड़ी बूटियों सहित खजूर, काजू, बादाम, शहद, गुड, सोना पाउडर डाला गया है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..160fc43e2486a2cea61841a4832a171a588f4b07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72111.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेरठ, जेएनएन। भौतिकता की दौड़ में एकल परिवार का चलन बढ़ रहा है। वहां संयुक्त परिवार का महत्व भी कम नहीं हुआ है। कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले दो साल से परिवार की अहमियत का पता चला है। मुश्किल हालात में परिवार का साथ मिलने से लोग हर तरह की परेशानी से लड़ पा रहे हैं। कोविड के चलते बाहरी आवाजाही थमी है तो लोग अपने घरों में परिवार के साथ सुकून से रह रहे हैं। साथ रहते हुए वह अपने परिवार के स्वास्थ्य और सुरक्षा का भी ख्याल रख रहे हैं। + +परिवार की फिटनेस पर ध्यान : फूलबाग कालोनी निवासी चौधरी चरण सिंह विवि में कुश्ती के प्रशिक्षक डा. जबर सिंह पांच भाई हैं। एक भाई अब इस दुनिया में नहीं हैं। दो लोग बाहर नौकरी करते हैं। जबर सिंह सोम और उनके भाई जतन सिंह का परिवार के साथ रहता है। कोविड संक्रमण के चलते उनके बेटे भी अब घर पर ही हैं। परिवार में इस समय कुल नौ सदस्य हैं। पिछले साल जबर सिंह सोम के छोटे भाई जतन सिंह और उनकी पत्नी को कोविड हो गया था। उस समय परिवार में एक साथ रहने की वजह से उन्हें काफी मदद मिली। परिवार में साथ रहते हुए जबर सिंह सभी के स्वास्थ्य को लेकर भी जागरूक हैं। कोरोना से बचने के लिए सभी की सेहत ठीक रहे। इसके लिए वह सुबह और शाम को अपने छत पर ही सभी सदस्यों को लेकर अभ्यास कराते हैं। बकौल जबर सिंह परिवार के सभी सदस्यों के साथ रहने से समय कैसे गुजर जाता है, पता ही नहीं चलता है। संयुक्त परिवार होने की वजह से हर रिश्तों की अहमियत समझ में आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..657ba02138e37238f79cd08965c52be22f2eabef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72115.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, यशा माथुर। World Family Day 2021 सबसे पहले एक कहानी। पिता पतंग उड़ा रहे थे। बेटा उन्हें ध्यान से देख रहा था। पतंग काफी ऊंची और दूर तक चली गई। वहां से वह बेटे को स्थिर नजर आने लगी। पतंग को एक ही जगह पर देख बेटे ने पिता से कहा, 'पापा, आपने पतंग की डोर पकड़ रखी है उसे बांध रखा है, इसलिए वह आसमान में और ज्यादा आगे नहीं जा पा रही है। पिता ने बेटे की बात सुनी, थोड़ा मुस्कुराए और हाथ में पकड़ी डोर को तोड़ दिया। बंधन से मुक्त होकर पतंग थोड़ा ऊंची तो गई लेकिन फिर हिचकोले खाती हुई तेजी से नीचे आने लगी और मैदान में गिर गई। पतंग के नीचे गिरने से दुखी और निराश बेटा सोचने लगा अब तो पतंग डोर से आजाद हो गई थी, फिर कैसे लड़खड़ा गई?।बेटे का दुख समझ पिता ने उसे प्यार से समझाया और कहा कि बेटा हम अपने जीवन में सफलता की ऊंचाइयां छूने लगते हैं और ढेर सारा धन कमा लेते हैं तो हमें लगने लगता है कि हम पर अन्य जिम्मेदारियां नहीं होतीं तो हम और तरक्की करते। घर-परिवार, संस्कार के बंधनों में नहीं बंधे होते तो और आगे जाते। ऐसे में हर बंधन से मुक्त होना चाहते हैं। हमें भार लगने लगते हैं हमारे संस्कार, घर-परिवार। लेकिन जब हमें कोई दुख होता है तो हम इन्‍हीं संबंधों को ढूंढ़ते हैं। खुशी उसी घर में आती है, जहां परिवार एकजुट होता है और उनके सुख-दुख साझा होते हैं। + +रिश्तों की साज संभाल: पूर्व आईएएस अधिकारी हैं विवेक अत्रे। स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद वह लोगों को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। वह भी कहते हैं, ‘भारत में परिवार की संस्‍था ही समाज को सभांलती है। विदेशों में ऐसा नहीं होता है। सिर्फ अपना परिवार ही नहीं, हमारे नाते-रिश्‍तेदार,दोस्‍त भी परिवार का विस्‍तार हैं और हमारी जिंदगी में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे यहां परिवार बहुत मजबूत है। कहीं एकल परिवार हैं तो वे भी अपने परिवार वालों से बराबर संपर्क बनाए रखते हैं। बात कर अपना हाल सुनाते हैं उनका हाल पूछते हैं। परिवारों के वाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं। लोग स्‍काइप व फेसटाइम जैसी एप से विदेशों में बैठे अपने प्रियजनों से बात करते हैं। यहां तक कि वाट्सएप वीडियो कॉल तो बहुत ही सामान्‍य और लोकप्रिय हो गई है। बदलते समय के साथ तरीके बदले हैं। जूम पर भी परिवार मिल रहे हैं। बहुत दूर के रिश्‍तेदार भी संपर्क स्‍थापित कर रहे हैं और मुश्किल समय में मदद मांग रहे हैं। इससे परिवार की महत्ता का पता चलता है।‘।जीवन रक्षक जैकेट: जब इन दिनों हम जीवन बचाने की मुहिम में जुटे हैं तो समझ में आता है कि इसे आगे बढ़ाने में अपनों की परवाह का क्या योगदान है। जब जीवन में संकट के बादल छाते हैं, उफान आता है तो उफान खाते हुए समुद्र में बचाता है परिवार का जीवनरक्षक जैकेट। आपकी वास्तविक खुशी का राज दरअसल अपनों का साथ है। यह जैकेट सुरक्षित रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम परिवार की मजबूती को बनाए रखने का संकल्प लें। जीवनशैली विशेषज्ञ रचना खन्‍ना सिंह कहती हैं, ‘परिवार को मजबूत बनाने के लिए हम आपसी मतभेद भूल जाएं। सकारात्‍मक चीजों पर फोकस करें। इस समय माहौल वैसे भी नकारात्‍मक हैं और ऐसे में अगर हम परिवार की नकारात्‍मक बातों पर फोकस करेंगे तो नकारात्‍मकता और ज्‍यादा बढ़ेगी। यह समय परिवार के साथ हंसी-खुशी रहने का है। किसी को नहीं पता कि कल क्‍या होने वाला है। हम टाइम बम पर बैठे हैं। हमारा एक-एक पल खुशनुमा होगा अगर हम संबंधों को महत्‍व दें। बाहर तनाव है, ऐसा लग रहा है कि युद्ध के मुहाने पर हैं। नाव डूब रही है तो सभी को परिवार की जीवनरक्षक जैकेट पहन एक साथ उसे आगे बढ़ाना है।’। फासले नहीं बढ़ाने हैं: पूर्व आइएएस और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे ने बताया कि यदि इन दिनों हम अपने परिवार के लोगों से नहीं मिल पा रहे हैं तो एक-दूसरे के साथ संपर्क में लगातार बने रहें। इंटरनेट मीडिया पर लोग जन्‍मदिन मुबारक लिखकर ही अपने कर्तव्‍य की पूर्ति कर लेते हैं जबकि ऐसे समय में अगर हम फोन उठाकर दो बातें करेंगे तो दोनों के लिए अच्‍छा रहेगा। जिनसे नजदीक हैं उनके नजदीक ही बने रहें। किसी भी कीमत पर फासले न बढ़ाएं। परिवार नाम की संस्‍था को जीवित रखने के लिए मतभेदों को गहरे न होने दें। कोरोना के संक्रमण काल में परिवार और दोस्‍त ही काम आ सकते हैं। + +परिवार से बढ़ता मनोबल: नई दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन की समाजशास्त्री प्रो. कुमार सुरेश ने बताया कि अगर परिवार आपके साथ है तो आपको मनोबल मिलता है, आप हर संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं क्योंकि आपके पीछे परिवार नाम की अटूट दीवार होती है। लेकिन पिछले दशकों में हमारे सामाजिक परिप्रेक्ष्य में आए परिवर्तन के कारण हमारे संयुक्त परिवार का ताना-बाना बिखर गया। अब महामारी के समय फिर से पारंपरिक व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही है। अपने लोगों को याद किया जा रहा है। पहले परिवारों में बच्चों के पालन-पोषण का जिम्मा पूरा परिवार का होता था। सभी को आत्मविश्वास रहता था कि अगर कल को हम नहीं रहे तो हमारे बच्चे अनाथ नहीं होंगे। यही विश्वास कठिनाईयों के समय भी डिगने नहीं देता था लेकिन अब जब हमने इन मूल्‍यों को खो दिया है तो एक बार फिर से परिवार की दृढ़ता, परिवार के साथ संकल्प लेने की बढ़ी हुई क्षमता को समझा जा रहा है और संयम के साथ परिवार को अपना बना लेने की आवश्यकता को जाना जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bad5a05f01977df301e20b9f31fa19fad8bef0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद चुनाव में कई फेरबदल हुए केंद्र में इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा चार साल पूरे होने पर गरीबी हटाओ के नारे पर चुनाव करवाए गए थे। उस समय अमृतसर म्युनिसिपल कमेटी के तत्कालीन मुखिया दुर्गा दास भाटिया ने कांग्रेस के टिकट पर अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। दुर्गा दास भाटिया का एक साल बाद ही निधन हो गया। ।दुर्गा दास भाटिया के निधन के बाद कांग्रेस ने उनके भाई रघुनंदन लाल भाटिया को उपचुनाव में मैदान में उतारा। भाटिया ने यज्ञ दत्त शर्मा को हराया। इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में तत्कालीन जनता पार्टी के उम्मीदवार डॉ. बलदेव प्रकाश ने रघुनंदन लाल भाटिया को मात दी। 1980 के लोकसभा चुनाव में रघुनंदन लाल भाटिया ने भाजपा के डॉ. बलदेव प्रकाश को शिकस्त दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ef0b2795abe1229593c0ad0b94ae1089a07258e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72128.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जेएनएन। चित्रकूट जेल की उच्च सुरक्षा बैरक में शुक्रवार को वाराणसी के मेराज की हत्‍या कर दी गई। जेल में निरुद्ध हत्‍यारोपित अंशु दीक्षित पुत्र जगदीश जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट में निरूद्ध है। आरोप है कि शुक्रवार की सुबह लगभग दस बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला तथा बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर आए मेराज अली को उसने असलहे से मार दिया तथा पांच अन्य बंदियों को अपने कब्जे में कर लिया। बंदियों को कब्‍जे में लेने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा। + +जेल सूत्रों के अनुसार उसके पास असलहा था ऐसे में जिला प्रशासन को सूचना दे दी गई। चित्रकूट के डीएम और एसपी द्वारा पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने का बहुत प्रयास किया गया किंतु वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा। उसकी आक्रामकता तथा जिद को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई विकल्प ना देखते हुए की गई फायरिंग में अंशु दीक्षित भी मारा गया, इस प्रकार कुल तीन बंदी इस घटना में मरे हैं। वारदात में अंशु दीक्षित को पुलिस मुठभेड़ में जबकि मुकीम काला और मेराज को अंशु दीक्षित ने असलहे  से मारा है। वहीं पूरी वारदात के बाद से ही कारागार में तलाशी कराई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffa119dc5b5cb84e32da1e0914b16dccfd16f85b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72129.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [सोनू राणा]। इसे विडंबना कहें या कुछ और..... जिस अस्पताल में बीमार लोग स्वस्थ होने के लिए जाते हैं उन्हें उसी अस्पताल के द्वार पर अंतिम संस्कार की सामग्री बिकती नजर आने लगे तो उनकी मनोस्थिति क्या होगी? ये कोरी कल्पना नहीं बल्कि रोहिणी सेक्टर छह के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल की सच्चाई है। इस जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमण की स्थिति तो भयावह है ही अब इसके गेट के बगल में अंतिम संस्कार की दुकान भी खुल गई है। पिछले करीब दो सप्ताह से ये दुकान यहां पर खुली हुई है। ।दुकान के ऊपर बोर्ड पर लिखा हुआ है ‘यहां 24 घंटे अंतिम संस्कार का सामान मिलता है’ और नीचे अर्थियां रखी हुई हैं। इसे देखकर अस्पताल आने वाले तीमारदार जहां रो पड़ते हैं, वहीं मरीज भी हताश हो जाते हैं। दुखद यह है कि इसके अगल बगल पुलिस की गाड़ियां भी खड़ी रहती है। अस्पताल के स्टाफ का भी वहीं से आना जाना होता है। लेकिन किसी ने भी नैतिक दृष्टि से या माहौल को सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश नहीं की। + +दुकानदार ने किया लोगों की मदद करने का दावा ।हालांकि ये भी सच्चाई है कि इस समय काफी मौतें हो रही हैं और अंतिम संस्कार का सामान भी लोग मुंह मांगे दाम पर बेच रहे हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है और इस दुकान चलाने वाले दुकानदार विशाल गुप्ता की माने तो उनका भी यही कहना है कि उन्होंने तो सिर्फ लोगों को सुविधा देने की कोशिश की है। ताकि लोगों को एकाएक परेशानी में इधर उधर भागना न पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..771b089f9ed34ce94d1dc44b29f36d23653da4df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72135.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जरूरी है आरटी-पीसीआर जांच।विशेषज्ञ के संपर्क में रहें।यदि किसी में हाल ही में कैंसर होने की पुष्टि हुई है तो कोरोना वायरस के जोखिमों को देखते हुए उपचार के विकल्पों के बारे में कैंसर विशेषज्ञ से बात करें। कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जैसे प्रोस्टेट कैंसर जिसमें सर्जरी या रेडियोथेरपी कुछ अवधि के लिए स्थगित की जा सकती है। इससे मरीज को कोई खतरा भी नहीं होगा। इस दौरान नसों में देने वाली दवाइयों की जगह ओरल टैबलेट, कैप्सूल आदि का इस्तमाल किया जा सकता है। कैंसर के जिन मरीजों की बीमारी हाई रिस्क कैटेगरी की है और जिसमें इलाज में बदलाव या देरी संभव नहीं है, उनमें पूरी जांच के बाद इलाज किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7667a702f83698e904d6433e8cb97e9d58352ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कोरोना पीडि़तों का इलाज कर रहे डाक्टर वैक्सीनेशन को लेकर उत्पन्न हो रहे भ्रम को अब अपने अनुभव के आधार पर दूर कर रहे हैं। ऐसे अनेक मामले सामने आ रहे हैं कि वैक्सीनेशन कराने वालों में भी एकदम से कोरोना के लक्षण दिखाई दिए। ऐसे कई मरीजों को गंभीरावस्था के चलते अस्पतालों में दाखिल भी कराना पड़ा। कुछ ऐसे मरीजों की मौत भी हो रही है जिन्होंने वैक्सीन की डबल डोज भी ले रखी है। ।डाक्टर मान रहे हैं कि वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो रहा है मगर ज्यादातर अनुभवी डाक्टर कह रहे हैं कि जिनको वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण हुआ है, उनमें से ज्यादातर ने अपने शरीर में कोरोना वायरस के विंडो पीरियड में ही वैक्सीनेशन कराया था। डाक्टर विंडो पीरियड उस अवस्था को नाम दे रहे हैं जब कोरोना वायरस के शरीर में प्राथमिक लक्षण हों। ।पहली या दूसरी डोज लेकर संक्रमित हुए मरीजों से एकत्र जानकारी के आधार पर फरीदाबाद जिला बादशाह खान सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर विनय गुप्ता बताते हैं कि ज्यादातर ने खांसी, जुकाम, सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार या थकावट रहते हुए वैक्सीनेशन कराया था। इसलिए वैक्सीन लगवाने वालों को यह सलाह दी जा रही है कि वे पहले अपना कोरोना टेस्ट कराएं, इसके बाद इंजेक्शन कराएं। ।हमें ध्यान रखना होगा कि कोरोना वायरस ऐसा सूक्ष्म विषाणु है जिसकी न बाडी है और न दिमाग मगर इसके सामने दुनिया का सबसे ज्यादा दिमाग रखने वाला मानव जीव भी मुकाबला करने में समर्थ नहीं है। वैक्सीनेशन इसी विषाणु से जंग लड़ने को है इसलिए पूर्ण रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही वैक्सीनेशन कराएं क्योंकि कुछ मरीजों के इलाज के दौरान ऐसी बात सामने आ रही है कि शरीर में संक्रमण के प्राथमिक दौर में टीका लगवाने से संक्रमण एकाएक बढ़ जाता है। वैसे टीका लगवाने के बाद लोग भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी कुछ दिन जाने से परहेज करें। ।डाक्टर निष्ठा गुप्ता वरिष्ठ चिकित्सक, फरीदाबाद ।हमारी सलाह है कि किसी भी प्रकार की एलर्जी, खून पतला करने की दवा लेने, वाल्व का आपरेशन कराने वाले और हृदय रोगी को कोरोना वैक्सीनेशन कराने से पहले डाक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। वैक्सीनेशन तब होना चाहिए जब शरीर में अन्य किसी दवा का प्रभाव न हो। ।डाक्टर राजेश बुद्धिराजा,प्रमुख, इंटरनल मेडिसिन, एशियन अस्पताल, फरीदाबाद।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86b96b0da5fabdce431b4b73d2f5b0f0c3b3e067 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72138.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले देश और दुनिया के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। यही वजह है कि इस वक्‍त पूरी दुनिया का ध्‍यान भारत की तरफ है। दूसरी लहर में भारत में एक ही दिन में 4 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। पहली लहर के दौरान 16 सितंबर 2020 को देश में 97 हजार से अधिक मामले सामने आए थे। + +प्रोफेसर किशोर के मुताबिक तीसरी लहर आने के पीछे एक बड़ा कारण ये हो सकता है वायरस का म्‍यूटेशन। आपको बता कि वायरस के म्‍यूटेशन का अर्थ वायरस में होने वाला बदलाव होता है। गौरतलब है कि इस महामारी की शुरुआत से अब तक इस जानलेवा वायरस के कई म्‍यूटेशन सामने आए हैं। इनमें से कुछ बेहद घातक साबित हुए हैं। जिन लोगों का अब तक टीकाकरण हुआ है सितंबर तक उनकी इम्‍यूनिटी वीक हो जाए और वो दोबारा संक्रमण के शिकार हो जाएं। इस तीसरी लहर का एक कारण ये भी हो सकता है कि हमारे देश में जो बच्‍चे पैदा हो रहे हैं या नवजात शिशु इसके संक्रमण के शिकार हो जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d64fbc96a61a72a81b7b9bcc88a71115ffb5392 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म अभिनेता रणवीर सिंह एक्टिंग में तो माहिर हैं कि इसके अलावा एक्टर को स्पोर्ट्स में भी काफी दिलचस्पी है। रणवीर को अक्सर स्टार्स से साथ फुटबॉल खेलते हुए देखा जाता है। हाल ही में रणवीर सिंह की फुटबॉल ग्राउंड से कुछ फोटोज़ और वीडियो वायरल हो रही हैं जिनमें वो क्रिकेट के ‘भगवान’ कहे जाने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को गले लगाते दिख रहे हैं। दोनों की ये दोस्ताना फोटोज़ सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं जिन्हें फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72142.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72142.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a240cc94441624e87194bc7c14d22e8ab97d858 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72142.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रेटर नोएडा/बिलासपुर [घनश्याम पाल]। आजादी की पहली लड़ाई 1857 की क्रांति में शहर के वीर योद्धाओं ने अहम भूमिका निभाई थी। ग्रेटर नोएडा के वीर साहसी दरियाव सिंह गुर्जर समेत आस-पास के वीरों ने अंग्रेजों से कई दिनों तक युद्ध किया था। जुनेदपुर गांव के आस-पास आज भी अंग्रेजों की कोठियां व किले मौजूद हैं। दरियाव सिंह के खौफ के चलते कभी अंग्रेज इस इलाके में घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। यहां तक कि 12 मई 1857 को सिकंदराबाद तहसील पर धावा बोल कर हथियार और अंग्रेजों का खजाना अपने अधिकार में कर लिया था। वहीं अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर के कहने पर दादरी के राजा राव उमराव सिंह की अगुआई में मई 1857 में अंग्रेजों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोक दिया था। साथ ही कई अंग्रेज सैनिकों को बंदी बनाकर दादरी के खेतों में उनसे हल चलवाया था। हालांकि बाद में 40 से अधिक क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने बंदी बना लिया और उन्हें बुलंदशहर के कालेआम पर फांसी दे दी गई थी। आज भी इन शहीदों की याद में शहीदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3c84f8cc400e2ce17f00a93b09d216b76259596 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांगड़ा, जेएनएन। अपनी सुरक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश के भी प्रत्येक व्यक्ति को खुद जिम्मेदार बनना होगा। लापरवाही किसी भी स्तर पर सही नहीं है। सरकार नियम भी लोगों की सुरक्षा के लिए बनाती है। इन्हें मानना हर व्यक्ति का दायित्व है। वैश्विक महामारी के इस दौर में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार ने कई हिदायतें जारी की हैं। कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों की सुविधा के लिए कई रियायतें भी दी हैं, लेकिन कुछ लोग आदत से मजबूर होते हैं जो नियमों की अवहेलना करते हैं। महामारी से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है, लेकिन कई लोग नहीं मान रहे हैं। 24 घंटे में प्रदेशभर में बिना मास्क 533 चालान किए गए, जबकि 3.88 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। सबसे अधिक चालान कांगड़ा जिला में हुए हैं। वाहनों के चालान अलग किए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4ccbb54eef73bea5a2a29e287ed82c3eec42c28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज संपूर्ण विश्व एक चिकित्सीय आपातकाल से जूझ रहा है। कोरोना की पहली लहर ने 2020 में अमेरिका, रूस, भारत, ब्रिटेन, इटली, ब्राजील सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका एवं लैटिन अमेरिका के देशों को बुरी तरह प्रभावित किया था, जिसमे सबसे अधिक मृत्यु अमेरिका में हुई। कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में कई गंभीर चुनौतियां खड़ी की है। इस महामारी ने विकसित से लेकर अल्पविकसित देशों की राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था तथा संस्कृति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यह वैश्विक महामारी विश्व-व्यवस्था तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को नए आयाम के तरफ तेजी से मोड़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72146.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72146.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d110b7a16538705d28cc6236d72ef215859c347 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72146.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[विवेक राव] मेरठ। घरों से निकलने वाले धुएं से आंखों में जलन होती रहती है। बहुत से लोग चिमनी महंगी होने की वजह से किचन में नहीं लगवा पाते हैं। कई बार इसकी वजह से पूरे घर में धुएं की वजह से घुटन होती है। इससे निजात दिलाने के लिए इंजीनियर आसिफ चौहान ने इलेक्ट्रो स्टैटिक एयर प्यूरीफायर तैयार किया है। इसका पेटेंट हो चुका है। यह प्यूरीफायर किचन से उठने वाले धुएं को अवशोषित कर ताजी हवा में बदल देता है। + +एमटेक कर चुके आसिफ को कुछ साल पहले प्रदेश के स्टार्टअप में इनोवेशन के लिए पहला स्थान भी मिल चुका है। वह अपने नूरनगर स्थित सिटी गार्डन कालोनी में ओबा नाम से कंपनी बनाकर स्टार्टअप को आगे बढ़ा रहे हैं। अपने कारखाने में कई तरह के इनोवेशन कर उपकरण तैयार किए हैं। आसिफ ने अभी जो एयर प्यूरीफायर किचन के लिए तैयार किया है। उसमें तीन तरह के रजिस्टेंस, कैपेसिटर और स्टेप अप ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल किया है। जो धुएं में शामिल अनबर्न पार्टिकल को अधिक तापमान में जला देता है। जो धुआं आंखों में जलन करता है। वह प्यूरीफायर में जाने के बाद ताजी हवा में बदल जाता है। आसिफ ने जो प्यूरीफायर तैयार किया है। वह अभी घरेलू इस्तेमाल के लिए है। इसकी कीमत करीब चार हजार रुपये है। उनका दावा है कि इसकी डिजाइन को बदलकर इंडस्ट्री में भी लगाया जा सकता है। इससे चिमनियों से उठने वाले धुएं को भी शुद्ध करके वातावरण में छोड़ा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1db21e876045d42471cd500b1fa9bedea1495df6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर (गौरव दीक्षित)। कोरोना संक्रमण काल में स्कूल बंद होने से सातवीं का छात्र 12 वर्षीय रोहित (परिवर्तित नाम) बीते एक साल से घर पर है। स्कूल की कक्षाएं ऑनलाइन होने की वजह से स्वजन ने उसे मोबाइल फोन दिलवा दिया। ऑनलाइन क्लास के बाद उसे इंटरनेट पर गेम की लत लग गई। स्वजन ने शुरू में टोका तो रोहित ने घर में बोरियत होने की बात कहकर उन्हेंं मना लिया। घर वाले निगरानी करने लगे तो वह चोरी-छिपे गेम खेलने लगा और स्वजन से दूरी तो बढ़ी ही, खाने-पीने से ध्यान भी हटता गया। बात-बात पर जवाब देना उसकी आदत में शुमार हो गया। एक दिन तो नाराज होकर उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। जिद्दी और चिडि़चड़े हो चुके रोहित के पिता ने अब मनोचिकित्सक की मदद ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3acdbde68d34d6e2147c21f083ab58cc830be235 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे अस्‍पताल को बनाया कोव‍िड अस्‍पताल ।मुरादाबाद में जिला प्रशासन ने रेलवे अस्पताल के एक हिस्सा को कोविड अस्पताल एल वन बना द‍िया है। जहां 45 संक्रमित रोगियों को रखकर उनका इलाज क‍िया जा रहा है। इस अस्पताल में संक्रमित रोगियों को भर्ती कराने का काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया जाता है। रेलवे अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. जगदीश प्रसाद ने बताया कि एल वन अस्पताल में भर्ती सभी संक्रमित रोगियों को रेलवे की ओर से फ्री में भोजन के साथ जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैैै।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be0939ad0c826568e36908093fe1273cd3109a03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72156.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में लोगों के साथ ही अब जीवनदायिनी माने जाने वाली गंगा नदी पर भी बड़ा संकट गहरा रहा है। मोक्षदायिनी मानी जाने वाली गंगा नदी के साथ ही यमुना, गोमती और अन्य नदियों या फिर उनके तट पर रोज सैकड़ों शव मिल रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से मृत लोगों के परिवारिवाजन या तो इनके शवों को बहा दे रहे हैं या फिर आधे जले शवों को नदी के पास छोड़कर इतिश्री कर ले रहे हैं। इसके बाद की सारी कसर सरकारी नुमाइंदे, घाट पर रहने वाले लोग या फिर जानवर कर दे रहे हैं। + + उत्तर प्रदेश में बीते एक हफ्ते से नदियों में शव मिलने का सिलसिला अनवरत चल रहा है। हमीरपुर और महोबा में यमुना नदी हो या फिर बदायूं से लेकर बलिया तक गंगा, इनमें शव लगातार मिलते ही जा रहे हैं। नदी के अलावा लोग नहरों में भी शवों को फेंकने में संकोच नहीं कर रहे हैं। इनको शायद अंदेशा नहीं है कि उन्होंने जिन लोगों ने यह काम बला टालने के लिए किया है, वह उनके ही सिर पर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जांच की जाए कि नदियों में शव कहां से आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा है कि यह पता किया जाए कि ये शव कोरोना संक्रमण से मृत लोगों के थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46c4d893379d899ff95c22e2efabd4ced4b58898 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72158.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोनाली फोगाट को अपनी पुरानी प्रतिद्वंद्वी सपना चौधरी से टक्कर मिल रही है। सपना चौधरी हालांकि आजकल स्टेज शो नहीं कर रही, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर क्लिपिंग डालकर खूब हिट हो रही हैं। उनका एक गाना पिया जी लादो घाघरा इंटरनेट पर खूब धमाल मचा रहा है। धमाल मचाने में सोनाली फोगाट के गाने का भी जवाब नहीं, लेकिन कौन बाजी मारता है, यह उनके प्रशंसकों पर निर्भर करने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72163.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72163.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..216943e60b16a562ad02c012622698c315fcf675 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72163.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिम्मत छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना ।तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने कहा कि आज विश्व में महामारी की वजह से अति संकट की स्थिति है। भारत में एक साल पहले भी ये कष्ट आया था। उस समय समाज की मेहनत, सहयोग और सबकी सहानुभूति से इस संकट से बाहर निकले थे। अभी इस संदर्भ में दोबारा कुछ संकट शुरू हुआ है, अति वेग से शुरू हुआ है। इस संकट के विमोचन के संदर्भ में जो संकट मोचन हनुमान जी हैं, उनका जो वाक्य है उसे हमको स्मरण करना बहुत उपयोगी होगा। वाल्मीकि रामायण में भक्त हनुमान कहते हैं। दुःख होता है, संकट होता है, फिर भी अपना जो मनोधैर्य है, मन में जो हिम्मत है वो छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना है।'। प्रार्थना और चिकित्सा से मिलेगी मुक्ति। शंकराचार्य ने कहा कि संकट कैसा भी हो, हम विश्वास के साथ मेहनत करेंगे तो उसका फल मिलेगा और हम सफल होंगे। एक साल पहले के संकट में अनेक भाषाओं, अनेक प्रांतों के लोगों ने एक साथ मिलकर काम किया, उसका परिणाम भी अच्छा अनुकूल मिला।' उन्होंने कहा, "अभी जो संकट है उससे मुक्ति के लिए, संकट निवारण के लिए, संकट विनाश के लिए, दो प्रकार की कोशिश जरूरी है। एक तो प्रार्थना, मंत्र, स्तुति, हनुमान चालीसा और अपने सदाचार नियम-पालन के द्वारा। दूसरा चिकित्सा द्वारा, लेकिन साथ ही इसमें धैर्य व आत्मविश्वास का भी महत्वपूर्ण स्थान है। "अगर धैर्य व आत्मविश्वास है तो संकट कैसा भी हो हम उससे बाहर आ सकते हैं। व्यक्तिगत विश्वास की तो आवश्यकता है ही, साथ ही ऐसा सामूहिक वातावरण बनाने की भी आवश्यकता है।'। सकारात्मक विचारों को साझा कर दूसरों को संबल दें । प्रख्यात कलाकार पद्मविभूषण सोनल मानसिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि हाल ही में उन्हें कोरोना हुआ था, पर सकारात्मक विचारों, धैर्य, आत्मबल व प्रार्थना द्वारा उन्होंने नैराश्य को दूर भगाते हुए इस पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा, "समाज में असीम आशा व सकारात्मकता का वातावरण बनाने की आवश्यकता है ताकि कोई भी हताश या निराश न हो। इसके लिए रचनात्मकता का सहारा लें तथा मन में कृतज्ञता का भाव रखें... हम सभी इस युद्ध को लड़ रहे हैं और इसमें निश्चित ही विजय प्राप्त करेंगे। पर इसके लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वयं को असहाय न मानें, क्रोध, निराशा, हताशा से स्वयं भी दूर रहें और सकारात्मक विचारों को साझा कर दूसरों को भी संबल दें व समाज में सामूहिक स्तर पर सकारात्मकता का वातावरण तैयार करें।'। कल संत ज्ञान देव सिंह व साध्वी ऋतंभरा का प्रबोधन।14 मई को इस श्रृंखला में श्री पंचायती अखाड़ा- निर्मल के पीठाधीश्वर महंत संत ज्ञान देव सिंह व दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, वात्सल्य धाम, वृंदावन उद्बोधन करेंगे। इस व्याख्यानमाला का प्रसारण 100 से अधिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर 11 मई से 15 मई तक प्रतिदिन सायं 4:30 बजे से किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c44c9b0dd753bcd901320f169342addc75c52864 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चेंगदू के शिक्षा विभाग ने मामले से पल्ला झाड़ लिया है। विभाग ने बयान जारी कर दिया है कि छात्र ने व्यक्तिगत समस्याओं के कारण आत्महत्या कर ली है। इधर छात्र की मां का आरोप है कि मामले को प्रशासन छिपा रहा है। उसकी मौत की जानकारी दो घंटे बाद दी गई। बाद में उसने जब स्कूल के वीडियो फुटेज दिखाने के लिए कहा, तो मना कर दिया। उसके साथ के छात्रों को भी कुछ न बोलने की हिदायत दी गई है। अब मारे गए बच्चे की मां इस मामले में पारदर्शी जांच की मांग कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9db8c136a45f5e4cc33d31feed68d1163cfdff2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लक्षण ।- नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए। ।- नाक में सूजन आ जाए। ।- दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें। ।- आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो, बुखार हो। ।- सीने में दर्द। ।- बुखार। ।- सिर दर्द। ।- खांसी। ।- सांस लेने में दिक्कत या खून की उल्टियाँ होना। ।- कभी-कभी दिमाग पर भी असर होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d61ffdc22d44909a1dbde097a7ffb436f308cc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको यहां पर ये भी बता दें कि Sputnik V भारत सरकार के द्वारा तीसरी ऐसी वैक्‍सीन है जिसको इस्‍तेमाल की इजाजत दी गई है। इससे पहले सरकार ने कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन को इस्‍तेमाल की इजाजत दी थी। भारत बायोटेक की कोविशील्‍ड को सीरम इंस्टिट्यूट में तैयार किया गया है। गौरतलब है कि Sputnik V वैक्‍सीन की पहली खेप को इस माह की शुरुआत में रूस से भेजा गया था। रशियन सोवरन वैल्‍थ फंड के प्रमुख ने उम्‍मीद जताई थी कि वैक्‍सीन से भारत में चल रहे टीकाकरण को और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्‍होंने ये भी उम्‍मीद जताई थी कि ये भारत में बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार पर रोक लगाने में कारगर साबित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0ea57163233b9f697b5fe8e986584fc5f481795 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72173.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली पुलिस ओलंपियन सुशील कुमार को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है मगर वो पुलिस की पकड़ से दूर भाग रहा है। मोबाइल लोकेशन से उसके हरिद्वार में छिपे होने के सबूत मिल चुके हैं मगर वो अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस सुशील पर दबाव बनाने के लिए अब दूसरा तरीका अपनाने जा रही है। पुलिस ने सुशील के समर्पण नहीं करने पर उसके घर की कुर्की करने की कार्रवाई की योजना तैयार कर ली है। इसके अलावा छत्रसाल स्टेडियम के तीन पहलवान भी पुलिस के सामने चश्मदीद गवाह बन चुके हैं। ।बताया जा रहा है कि इन तीनों की गवाही सुशील को काफी महंगी पड़ेगी। ये तीनों पहलवान घटना के दिन मौके पर मौजूद थे और प्रत्यक्षदर्शी भी हैं। इससे पहले भी पुलिस सुशील से समर्पण करने की अपील कर चुकी है मगर अब तक उसने समर्पण नहीं किया है। सुशील देश छोड़कर बाहर न चला जाए इसके लिए पुलिस ने पहले ही लुकआउट नोटिस जारी करवा लिया है और साथ ही गैर जमानती वारंट भी हासिल कर चुकी है। ।कौन-कौन हो चुका गिरफ्तार ।बता दें कि घटना वाली रात (चार मई) पुलिस ने प्रिंस दलाल नाम के आरोपित को छत्रसाल स्टेडियम के बाहर से गिरफ्तार किया था। साथ ही दो एसयूवी, एक होंडा सिटी और एक आल्टो कार सहित दो दोनाली बंदूक, सात कारतूस और दो डंडे जब्त किए थे। घटना के बाद से सुशील अपने साथियों के साथ फरार है। सभी के फोन लगातार बंद आ रहे हैं। सोमवार को माडल टाउन थाना पुलिस ने सुशील समेत उसके खास सहयोगी अजय, मोहित, डॉली, भूपेंद्र सहित सात आरोपितों के खिलाफ रोहिणी कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी हासिल कर लिया। + +किस चीज को लेकर हुआ विवाद ।बताया जा रहा है कि माडल टाउन इलाके में ये फ्लैट सुशील पहलवान का है। इसमें सागर और उसके कुछ अन्य साथी रह रहे थे। सागर और उसके साथियों के गैंगस्टरों से संबंध हैं। इन सभी ने अपने ऊपर कुछ नामी गैंगस्टरों का हाथ होने पर सोचा कि इस फ्लैट पर वो कब्जा कर लेंगे। सुशील ने जब उनको फ्लैट खाली करने के लिए कहा तो इन लोगों ने इनकार कर दिया। इसको लेकर दोनों पक्षों में कई बार बात भी हुई मगर राजीनामा नहीं हो सका। सुशील पहलवान इस बात को लेकर काफी गुस्से में था कि उसके फ्लैट पर सागर और उसके साथी कब्जा करके बैठे हुए हैं। कई बार कहने के बाद भी इन लोगों ने अब तक फ्लैट को खाली नहीं किया। + +4 मई को हुआ झगड़ा ।आखिर में 4 मई को सागर को छत्रसाल स्टेडियम में बुलाया गया, वहां वो अपने साथियों के साथ पहुंचा, सुशील वहां अपने साथियों के साथ पहले से मौजूद था। सुशील को पहले से सागर पर गुस्सा था, जब दोनों आमने सामने हुए तो बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट पर पहुंच गई। फिर दोनों पक्षों में जमकर एक घंटे से अधिक समय तक मारपीट हुई। सागर को लात, घूंसों और डंडों से पीटा गया, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई। यहां कई राउंड फायर भी हुए। इस मारपीट में दोनों पक्षों को चोटें आई मगर एक पक्ष ही अस्पताल पहुंचा दूसरे पक्ष के लोग मौके से फरार हो गए। इन लोगों ने अलग-अलग जगह पर मरहम पट्टी करवाई। पुलिस ने कड़ियां जोड़नी शुरू की तो एक-एक करके चीजें सामने आती गई। अब तक इस मामले में कई लोग पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। ये भी पढ़ें- ।ये भी पढ़ें- पहलवान सागर की हत्या के पीछे है मॉडल टाउन का बेशकीमती फ्लैट, जानिए सुशील पहलवान से क्या है इसका संबंध।ये भी पढ़ें- कोरोनावायरस ने डीयू और जामिया में भी मचाया कोहराम, कई नामी गिरामी प्रोफेसरों की हुई मौत, जानिए उनके नाम ।ये भी पढ़ें- विदेशी ने रेमडेसिविर के नाम पर ठगने के लिए खोल रखे थे 12 बैंक खाते, चढ़ा पुलिस के हत्थे, पढ़िए ठग की पूरी कहानी ।ये भी पढ़ें- तीसरी लहर को ध्यान में रखकर निगम की ओर से श्मशान घाटों और शवदाह गृहों पर की जा रही तैयारी, बढ़ाए जा रहे प्लेटफार्म ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b11ad0f465801bea738f9b35d2664cb9610aa719 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72178.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परिवार से दूर रहकर सीमा कर रही कोविड वार्ड में ड्यूटी।स्टाफ नर्स सीमा सक्सेना इन दिनों कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही हैं। वह कोविड महामारी को हराने के लिए एक फौजी की तरह काम कर रही हैं। हाल ही पिता का देहांत होने के बाद भी वह तुरंत ही अपनी ड्यूटी पर लौट आईं। अब वह लगातार कोविड मरीजों की सेवाएं कर रही हैं। सीमा बताती हैं कि उनके घर में तीन भाई और मां हैं। मां से कभी-कभी फोन पर बात हो पाती है, लेकिन कोरोना वायरस से इस जंग में वह घर से दूर रहने को भी तैयार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b3c6007cf04f1de2236c8262fc0bf71c5262c05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंद्रग्रहण के दौरान सूतक काल भी नहीं होगा मान्य।उपछाया ग्रहण में सूतक नहीं होता है। यही वजह है कि ग्रहण से पहले सभी कार्य वैसे ही किए जा सकते हैं जैसे होते रहे हैं।  नोएडा सेक्टर-55 स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण शास्त्री का कहना है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को लगेगा। चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। चूंकि ये चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखेगा, इसीलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ।नरेश टिकैत की अगुवाई वाले धरनास्थल यूपी गेट पर पहुंची ईंटें, एक्सप्रेस-वे पर पक्के निर्माण का प्रयास।Vaccine Shortage News: दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के लिए बुरी खबर, कोवैक्सीन हुई खत्म; डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बोले- ग्लोबल टेंडर निकालेंगे।Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने किया इशारा, 26 मई के बाद किसान आंदोलन में आ सकता है नया मोड़ !।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bb54ec1f904f94461df259cd5e0dca11c79a630 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो रही है। खासतौर पर एशिया में इसकी रफ्तार अन्‍य क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक है। इससे संक्रमित कई मरीजों में साइटोकाइन स्टॉर्म नाम की एक अवस्था विकसित होने की बात सामने आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक ये अवस्‍था मरीज की जान तक ले सकती है। हम सभी ने इस दौर में कई बार ये सुना है कि कोरोना संक्रमित मरीज के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया (मल्‍टीपल-ऑर्गन फेल्‍योर) जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। मरीज के मल्‍टीपल ऑर्गन फेल्‍योर के पीछे यही साइटोकाइन स्टॉर्म नाम की अवस्था की अहम भूमिका मानी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..162c072bb2827c373c93a5bad5aea22a0b3dbf91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: सोनाली फोगाट और सपना चौधरी का मुकाबला, ममता का हुड्डा प्रेम, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें।यह संभव है कि इनके संपर्क में ही आने से उन्हें भी कोरोना हुआ हो। गांव में जब इस बारे में लोगों को कुरेदा जाता है तो वे कन्नी काटते हैं। कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां के काफी संख्या में किसान दिल्ली से लौटे हैं और वहां पाजिटिव मरीजों की संख्या काफी है। जो पाजिटिव आए हैं वे इन किसानों के संपर्क में रहे हैं। तरनतारन के भिखीविंड में करीब 150 किसान दिल्ली से लौटे हैं, यहां 22 पाजिटिव केस हैं। कुल्ला गांव के 165 किसान दिल्ली से आए हैं, यहां 14 केस हैं। दो अन्य गांवों नारला व नारली से 50, एकलगड्ढा से 140 और नौशहरा पन्नूआ से 80 किसान दिल्ली आंदोलन में शामिल हो चुके हैं। यहां के आठ गांवों में 117 लोग संक्रमित हैं।सहायक सिविल सर्जन डा. कंवलजीत सिंह ने बताया कि इन गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। यही लगता है कि बाहर से आने वालों से ही संक्रमण फैला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b00fe774d6dbda5674be18bf9b1012622c99e9bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आलिया के वर्क फ्रंट की बात करें तो एक्ट्रेस बैक टू बैक कई फिल्मों में नज़र आने वाली हैं। एक्ट्रेस लंबे समये से रणबीर कपूर के साथ 'बृ्ह्मास्त्र' की शूटिंग कर रही हैं इस फिल्में आलिया और रणबीर कपूर के अलावा अमिताभ बच्चन लीड रोल में हैं। इसके अलावा एक्ट्रेस 'बाहुबाली' डायरेक्टर की फिल्म 'RRR' में भी नज़र आएंगी। वहीं हाल ही में करण जौहर ने अपनी नई फिल्म का एलान किया है जिसका नाम है 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' इस फिल्म में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट के साथ इंडस्ट्री के तीन लेजेंड कलाकार धर्मेंद्र, शबाना आज़मी और जया बच्चन भी नज़र आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72190.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72190.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f6abe2fef5b9597c3aefee55501ae8f2bb3df14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72190.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अमित दीक्षित। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर अंकुश लगाने में अभी तक प्रशासन सफल रहा है। तीन दिनों के भीतर मरीजों की संख्या पूर्व के मुकाबले कम हुई है। इसकी मुख्य वजह आगरा माडल और ट्रिपल-टी की जुगलबंदी है। इससे बेड, आक्सीजन और दवाओं के संकट को फिलहाल दूर कर दिया गया है। जिला प्रशासन कोविड की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गया है। खासकर बेड की संख्या को 3500 किया गया जा रहा है। आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक जुटाया जा रहा है जिससे अगर दो से तीन दिन लिक्विड आक्सीजन नहीं मिलती है तो अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जिस तरीके से आक्सीजन का संकट छाया। ऐसा संकट दोबारा न आ सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d59b753930a60588cd730ee7781fd6d63421a21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72191.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दावे अलग-अलग हैं। कुछ के मुताबिक दवाओं के 70 से 85 प्रतिशत कच्चे माल के लिए भारत चीन पर निर्भर करता है। भारत ही नहीं, सारा विश्व इस मामले में चीन पर निर्भर है। बल्क ड्रग पार्क की बात बेशक पहले से हो रही हो, लेकिन भारत ने वर्ष 2020 में इस समस्या को नजदीक से सूंघ लिया और फरवरी में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की बैठक देश के नामी दवा निर्माताओं के साथ हुई। इसमें यह तय हुआ कि 38 अनिवार्य दवाओं के एपीआइ भारत में बनाए जाएं, ताकि चीन पर हमारी निर्भरता समाप्त हो सके। बल्क ड्रग पार्क की बात प्रमुखता के साथ हुई। बल्क ड्रग पार्क सरकार के एजेंडा से गायब नहीं था। केंद्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल 2014 में कह चुके थे कि एपीआइ के लिए चीन पर बढ़ती निर्भरता से किसी दिन भारत में दवाओं की कमी हो जाएगी। उनका कहा सच साबित हो रहा है। + +बल्क ड्रग पार्क के लिए कितनी है हिमाचल की दावेदारी? इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल कहते हैं, ‘ताजा स्थिति बाद में बता पाऊंगा पर प्रतिस्पर्धा बहुत है। हमने ऊना में 1,400 एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा है। गुजरात भी बहुत आक्रामकता के साथ पीछे लगा है।’जो भी स्वास्थ्य मंत्री ने नहीं कहा, वह यह है कि हिमाचल प्रदेश ने ‘ईज आफ डूइंग’ बिजनेस में सातवां स्थान पाया है। यहां बिजली और पानी अपेक्षाकृत सस्ता है। पर्यावरण से जुड़ा झंझट नहीं है, औद्योगिक गैस पाइपलाइन भी है। उम्मीद करनी चाहिए कि बल्क ड्रग पार्क के आवंटन में हिमाचल के साथ वह नहीं होगा जो हिमालयन या हिमाचल रेजिमेंट के विषय में हुआ या जो सैन्य भर्ती के मामले में होता है कि बहादुरी पुरस्कार सर्वाधिक, लेकिन कोटा नहीं बढ़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0860ed08ec960bb489252011eec610026091d950 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन मुख्य नालों से मिलते हैं 201 नाले।दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी के लिए तीन मुख्य नाले हैं। इनमें एक ट्रांस यमुना, दूसरा बारापुला और तीसरा नजफगढ़ ड्रेन है। इन मुख्य नालों से कुल 201 बड़े नाले मिलते हैं। ट्रांस यमुना से 34 नाले, बारापुला से 44 और नजफगढ़ ड्रेन से 123 नाले जुड़े हुए हैं। तीनों मुख्य नालों से ही यमुना में बरसाती पानी की निकासी होती है। दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी के लिए मुख्यतया सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के नाले हैं। छोटे नाले एमसीडी व पीडब्ल्यूडी के पास, जबकि बड़े नाले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के पास हैं। एमसीडी के पास सबसे अधिक करीब तीन हजार छोटे नाले हैं। इन छोटे नालों का पानी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के बड़े नालों में गिरता है, जहां से यमुना में चला जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c981ec57d8e5c892ee42a0c8e0d5698dffd010a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेड क्रॉस की तरफ से चेतावनी देते हुए कहा गया है कि एशिया में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से एशियाई देशों की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भारी दबाव है। संगठन का कहना है कि बीते दो सप्‍ताह में 10 में से सात देशों में कोरोना संक्रमण के मामले लगभग दोगुने हो गए हैं। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए हुए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस ने पूरी दुनिया से एशिया समेत पैसिफिक देशों की मदद करने का आह्वान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b07dbbddeb6c3e7e28549254f4314cb1ae4f1529 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72197.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्त आयुक्त एसएस यादव ने भूरा से गोपनीय तरीके के पुछताछ की जिम्मेदारी। सुभाष प्लेस थाने के इंस्पेक्टर प्रताप सिंह को सौंपी। उसे तीन दिन तक सुभाष प्लेस थाने में रखकर पूछताछ की गई। पूछताछ में भूरा से सबकुछ सच्चाई बता दिया। उसने यह भी बताया कि जब वह सुशील को लेकर आश्रम पहुंचा तब बाबा ने उसके सामने दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त आयुक्त को फोन कर सुशील को हर हाल में बचाने को कहा। इकबालिया बयान में भूरा से सबकुछ सही बता दिया। जिसके बाद उसे और दो अन्य को मंगलवार को छोड़ दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbee509e22731b242fe53ee421356a515551f480 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72202.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +महाराष्ट्र में की थी बहन की शादी।कृष्ण कुमार बताते हैं कि बचपन से बहन को बहुत प्यार दिया और बालिग होने पर उसकी शादी महाराष्ट्र के दुलिया निवासी युवक ब्रह्मानंद यादव की थी। उसे दो बच्चे भी हुए और वह परिवार के साथ खुश थी। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक सुनीता की मानिसक हालत बिगड़ने लगी और उसका इलाज भी कराया गया। शादी के चार साल बाद घर से निकली सुनीता भीड़ में कहीं गुम हो गई। बहनोई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। तलाश करते करते थक गए तो बहन के कभी मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी। रक्षाबंधन, भाई दूज समेत हर त्योहार पर हर साल उसकी याद आती रही। + +केरल में मिली सुनीता।डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि एक अंजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाली केरल के मलप्पुरम जिला स्थित नारी सेवा संस्थान नामक एनजीओ की पदाधिकारी थीं। उन्होंने जानकारी दी कि मलप्पुरम के गवर्नमेंट रेस्क्यू होम में उत्तर प्रदेश की चार महिलाएं वर्षों से लावारिस हालत में हैं। मानसिक रूप से बीमार एक महिला से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम सुनीता यादव और पता शास्त्रीनगर कानपुर नगर बताया है। इस जानकारी के बाद उन्होंने काकादेव थाना पुलिस को महिला के परिवार के बारे में पता करने के लिए लगा दिया और आखिर पुलिस ने उसके भाई को ढूंढ निकाला। शास्त्री नगर में रहने वाले कृष्ण कुमार को उसकी बहन सुनीता के केरल में होने जानकारी दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..411206e0563da156c5af337f0c3c2dabe5a6b512 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72209.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में एक सवाल जरूर खड़ा होता है कि आखिर गांवों में फैले इस कोरोना की बड़ी वजह क्या है। राजनीतिक लोग इसे सरकार की लापरवाही बता रहे हैं। प्रभावित ग्रामीण सामान्य बुखार और टायफाइड कहकर कोरोना की चपेट में आने की सच्चाई स्वीकार करने को राजी नहीं हैं। सरकार का सर्वे कहता है कि टीकरी व सिंघु बार्डर पर लंबे समय से चल रहे धरने हरियाणा-पंजाब-दिल्ली समेत आसपास के राज्यों में इस महामारी के फैलने का बड़ा कारण बने हैं। टीकरी और सिंघु बार्डर वह इलाके हैं, जहां पंजाब के लोग हरियाणा के विभिन्न जिलों से होते हुए लगातार यहां धरना देने के लिए पहुंचते रहे हैं। हरियाणा के कम से एक एक दर्जन जिलों के लोगों की भी इन धरना स्थलों पर निरंतर आवाजाही रही है। इनमें रोहतक, भिवानी, करनाल, हिसार, झज्जर, पानीपत, जींद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी जिले शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f45f8e0df8396b01f4f4bdfdd81cd9638df2b92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह होगी शर्त ।शर्त यह होगी कि इसका उपयोग होने पर वापस करना होगा। साथ ही कोरोना पाजिटिव की रिपोर्ट, आक्सीजन के लिए चिकित्सक का पर्चा, रोगी का नाम, पता और आधार कार्ड उप्र क्रिकेट एसोसिएशन को भेजना होगा। उसी आधार पर यह आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया जाएगा। फिलहाल एसोसिएशन कानपुर के कोरोना संक्रमितों को यह उपकरण उपलब्ध कराने में वरीयता देगी। इसके बाद बजट के हिसाब से अन्य उपकरण खरीदने पर दूसरे शहरों का भी विश्वसनीय लोग व उनके माध्यम से उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस संबंध में उप्र क्रिकेट एसोसिएशन के उप महाप्रबंधक अनुराग गुप्ता ने बताया कि आक्सीजन की समस्या प्रदेश भर में बनी हुई है। इस समस्या को कम करने की कोशिश के चलते यूपीसीए के सचिव युद्धवीर सिंह ने कोरोना संक्रमितों की मदद करने को आक्सीजन का विकल्प तलाशते हुए आक्सीजन कंसंट्रेटर उपकरण खरीदे जा रहे हैं। उपकरण महंगा है, इसलिए अभी दस ही खरीदे हैं। एक-दो दिन में यह उपकरण एसोसिएशन को मिल जाएंगे। इसके बाद जरूरतमंदों को यह उपकरण कुछ प्रक्रियाएं पूरी करके उपलब्ध कराए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b763e9d0c7fc46c233d08bd6d998565d04add0a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन/एएनआई)। भारत में कोहराम मचा रही कोरोना महामारी की दूसरी लहर में वायरस के जिस प्रकार B.1.617 को भारतीय वेरिएंट का नाम दिया जा रहा है वो दरअसल, भारतीय वेरिएंट है ही नहीं। इसको लेकर केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने ये स्‍पष्‍ट तौर पर कहीं नहीं कहा है कि B.1.617 जानलेवा वायरस का एक भारतीय प्रकार है। हालांकि संगठन ने ये जरूर कहा है कि इससे पूरी दुनिया को खतरा है और इससे पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a8f172b27b92e517d767472bb75a6a058d9af26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिसार [वैभव शर्मा] रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा खोजी गई कोविडरोधी 2- डीऑक्सी-डी ग्लूकोज (2-डीजी) दवा शरीर में पहुंच कर किस प्रकार से काम करती है। इसको लेकर अब स्थिति साफ हो चुकी है। डीआरडीओ के वरिष्ठ विज्ञानी और कोविडरोधी दवा खोज प्रोजेक्ट के हेड हरियाणा के हिसार जिला निवासी डा. सुधीर चांदना बताते हैं कि कोरोना वायरस शरीर में पहुंचने के बाद हमारे सिस्टम को हाइजैक कर लेता है। मगर उसे हाईजैक करने के लिए एनर्जी यानि ऊर्जा की आवश्यकता होती है, ताकि वह वायरसों का समूह शरीर की सेल्स में बढ़ा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfb880cfa0eae1ca66085f73c93c6e014dbbcde9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72223.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिकी रिसर्च एजेंसी प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों पर विश्वास करें तो कोरोना महामारी के चलते भारत के मध्यम वर्ग भी खतरे में है। गौरतलब है कि भारत में मध्यम वर्ग का आकार पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा था, मगर कोरोना ने कई ऐसे परिवारों को फिर बेपटरी कर दिया है। कोरोना से पहले देश में मध्यम वर्ग की श्रेणी में करीब 10 करोड़ लोग थे अब यह संख्या घटकर सात करोड़ से भी कम हो गई है। वास्तव में जिनकी प्रतिदिन आय 50 डॉलर या उससे अधिक है वे उच्च श्रेणी में आते हैं, जबकि प्रतिदिन 10 डॉलर से 50 डॉलर तक की कमाई करने वाला मध्यम वर्ग में आता है। खास यह भी है कि चीन की तुलना में भारत के मध्यम वर्ग की संख्या में अधिक कमी और गरीबी में भी अधिक वृद्धि होने की संभावना देखी जा रही है। साल 2011 से 2019 के बीच करीब छह करोड़ लोग मध्यम वर्ग की श्रेणी में शामिल हुए थे, मगर कोरोना ने एक दशक की इस वृद्धि को एक साल में ही घटा दिया। कोरोना से बिगड़े र्आिथक हालात को देखते हुए मोदी सरकार द्वारा मई 2020 में 20 लाख करोड़ रुपये का र्आिथक पैकेज भी आवंटित किया गया, मगर भीषण र्आिथक तबाही का सिलसिला जारी रहा। परिणामस्वरूप लाखों लोग गरीबी में गुजर-बसर के लिए मजबूर हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a28544390f8504f48297796d10ccec315d880819 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे ले पाएंगे सुविधा का लाभ।उन्होंने बताया कि जीके विधानसभा क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को आक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत पड़ती है तो उन्हें इस लाइब्रेरी से निश्शुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को अमूमन चार-पांच दिन तक आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। इसलिए यह एक व्यक्ति को सामान्यत: पांच दिन के लिए दिया जाएगा। इसके बाद मशीन वापस लाइब्रेरी में जमा करनी होगी, ताकि जरूरत पड़ने पर अन्य लोगों को मशीन दी जा सके। मशीन लेने के लिए व्यक्ति को मरीज का आधार कार्ड व डाक्टर का प्रिस्कि्रप्शन जमा करना होगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि कोई बिना जरूरत के मशीनों को स्टोर करके न रखे। ।अभी 40 आक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था।सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अभी 40 आक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई है। 60 मशीनों का लक्ष्य रखा गया है। मशीनों के लिए एनजीओ व स्थानीय आरडब्ल्यूए की भी सहायता ली जा रही है। पूरे विधानसभा क्षेत्र के लिए चार वालेंटियर बनाए गए हैं जिनके पास जरूरतमंद लोग मशीन के लिए काल कर सकते हैं। राजा पुरी, प्रवीण सचदेवा, उपिंदर सिंह व विशाल राजपाल को वालेंटियर बनाया गया है। मशीन के लिए काल आने के बाद आधार कार्ड व डाक्टर के प्रिस्कि्रप्शन का सत्यापन करने के बाद मशीन दे दी जाती है। पहले दिन चारों वालेंटियर के पास पूछताछ व मशीन के लिए करीब 150 काल आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f940d82316cb40f700bf288bee87cb5604e571f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72226.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। समूह बनाकर मास्क व सिलाई कढ़ाई करके परिवार चलाने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब परिवार के साथ गांव का विकास भी करेंगी। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी आधी आबादी को अब विकास करने की पूरी आजादी मिली है। मिशन की ओर से सभी को बधाई के साथ समूह को और सशक्त बनाकर अपनी जैसी महिलाओं को आर्थिक आजादी दिलाने का संदेश दिया गया है। + +आधी आबादी को सम्मान दिलाने की सूबे की सरकार की मंशा के सापेक्ष जीत का आंकड़ा महिलाओं के उत्साह को दो गुना कर रहा है। सूबे के लिए गर्व की बात है कि ग्रामीण परिवेश में मुश्किलों से अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाली महिलाएं अब सशक्त बन रही हैं। घरों में रहकर मास्क बनाने, भोजन बनाकर जरूरतमंदों को पैकेटों में वितरित करने, कोरोना काल में घर-घर काढ़ा बनाकर संक्रमितों को बचाने, सोलर लैंप बनाकर नौनिहालों के अंदर ज्ञान का उजियारा लाने वाली ये महिलाएं अब समाज को नई दिशा देंगी। मिशन प्रवक्ता मनोज कुमार ने बताया कि लखनऊ में समूह की 25 महिलाओं ने प्रधानी का चुनाव लड़ा और नौ ने जीत दर्ज की। बीडीसी के लिए लड़ने वाली सभी 22 ने जीत दर्ज की। 13 महिलाओं ने क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ा और छह जीतने में कामयाब रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88881facb492070bf8a7449baeb56538180c4025 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मालूम हो कि दो दिन पहले बिहार में बाहुबली नेता पप्पू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के खिलाफ मंगलवार को पीएमसीएच में इलाज में बाधा पहुंचाने और कोविड वार्ड में हंगामा करने के आरोप में पुलिस ने कार्रवाई की फिर उन्हें जेल भेज दिया गया। पहले महामारी अधिनियम के उल्लंघन के मामले में उनके आवास से हिरासत में लेकर गांधी मैदान थाने में रखा गया। ।कोरोना में मदद करने वालो को प्रताड़ित किया जा रहा है। कालाबाजारी करने वालो पर सरकार का नियंत्रण नही ।पप्पू यादव हो या गुरुद्वारे, समाजसेवी संस्थाएं#PappuYadav_Ko_Riha_Karo @pappuyadavjapl @PMOIndia @NitishKumar @PTI_News @aajtak pic.twitter.com/nNOG0990MC।देर शाम मधेपुरा के एक 32 वर्ष पुराने मामले में निकले वारंट के आधार पर मधेपुरा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई। इसके पूर्व पटना में उनके खिलाफ और कुछ अज्ञात कार्यकर्ताओं पर महामारी अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत पर पीरबहोर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पप्पू ने कहा कि मुझे भाजपा के इशारे पर गहरी साजिश के तहत जेल भेजा जा रहा है, जबकि मैंने पिछले डेढ़ महीने से लोगों को बचाकर नीतीश कुमार की ही मदद की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06e37f5b5b62fa87872ee988184cb4e4cbfe152f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72233.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लखनऊ, अंकित श्रीवास्तव। Happy Nurse Day 2021 नर्सिंग का शाब्दिक अर्थ चाहे जो हो, परंतु इस शब्द को सुनकर मन में भाव सेवा और समर्पण का ही आता है। संपूर्ण विश्व इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि नर्सिंग आज की स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ की हड्डी साबित हुई है। अभी तक जहां डॉक्टर हमारी स्वास्थ्य प्रणाली में केंद्र की भूमिका में रहे हैं वहीं नर्सों ने इस महामारी में कंधे से कंधा मिलाकर हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को अतुलनीय योगदान दिया है। + +हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आज 12 मई को फ्लोरेंस नाइटेंगल की जन्मतिथि पर अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया जाएगा। यह दिवस दुनियाभर की नर्सों और उनके पेशे के सम्मान को समर्पित है। फ्लोरेंस नाइटेंगल समाज सुधारक और पेशे से एक नर्स थीं। क्रीमिया युद्ध के दौरान सैनिकों की निस्वार्थ सेवा एवं नर्सों की प्रबंधक और प्रशिक्षक के रूप में उनकी भूमिका की काफी सराहना की गई। इसके कारण उन्हेंं लेडी विद द लैंप कहा जाने लगा। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस की थीम- ए वॉइस टू लीड, ए विजन फॉर फ्यूचर तय की गई है। इसका आशय है कि नर्सें अब विश्व पटल पर स्वास्थ्य प्रणाली का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं। + +कोरोना महामारी के प्रथम चरण में जहां स्थिति गंभीर से भयावह हुई, वहीं अब यह युद्ध स्तर तक जा पहुंची है। ऐसे में भारत के एक प्रसिद्ध संवाद लेखक के शब्दों में कहें तो सरहद पर जो वर्दी खाकी थी अब उसका रंग सफेद हुआ। ये पंक्तियां इस बात को स्पष्ट करती हैं कि कैसे हमारे सभी स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धा बन चुके हैं। इसमें नर्सिंग का योगदान अतुलनीय है। मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण से लड़ने में नर्सों ने बढ़-चढ़कर अपनी आहुति भी दी है। अगर इंटरनेशनल काउंसल ऑफ नर्सेज के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो विश्वभर में लगभग 1500 नर्सों ने अपने जीवन की आहुति दी है, वहीं भारत में यह संख्या दो सौ से ऊपर के करीब है। जीवन जीने के लिए खाने और पानी के अतिरिक्त जो सबसे ज्यादा आवश्यक वस्तु है वह है उम्मीद। अगर जीने की उम्मीद ही न बचे तो जीवन अनर्गल सा महसूस होता है। + +नर्सें न केवल हिम्मत हार चुके व्यक्ति की उम्मीद बढ़ाती हैं, बल्कि उसमें हिम्मत का संचार भी करती हैं। डॉक्टर मरीज को उचित दवा तो लिख देते हैं, पर सही प्रक्रिया का पालन करते हुए मरीज को दवा देना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ये नर्सें ही होती हैं, जो मरीज के पास सबसे ज्यादा समय बिताती हैं। कोरोना काल में तो नर्सें कई बार चिकित्सक के पूरक के रूप में भी नजर आती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4419f251274057f05ad2c21336b21cd768313446 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश की समग्र स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी: आमतौर पर मेडिकल आक्सीजन के माध्यम से सांस को सुचारु तरीके से संचालित रखने की व्यवस्था अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के लिए या फिर किसी शल्यक्रिया (ऑपरेशन) के समय काम आती है। बड़े से बड़े अस्पतालों में भी मेडिकल आक्सीजन की सीमित व्यवस्था ही होती है। इसके लिए या तो प्लांट लगा दिया जाता है, या फिर किसी स्रोत से टैंकर द्वारा नियमित रूप से मेडिकल आक्सीजन की खरीद होती है। आज जब हर बेड पर आक्सीजन सिलेंडर और हर आइसीयू में वेंटिलेटर जरूरी हो गया, तो स्वाभाविक रूप से देश की समग्र स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी। कहीं सिलेंडर खत्म, तो कहीं टैंकर की कमी, या फिर अस्पतालों में बनाए गए आक्सीजन टैंक खाली!।आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ियां: ऐसे में भारतीय रेल ने आक्सीजन की परिवहन व्यवस्था को संभव बनाया। आक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ियां केंद्र सरकार एवं राज्यों के बीच तालमेल से चल रही हैं, जो आज कोरोना मरीजों के लिए जीवनदायिनी बन गई हैं। 19 अप्रैल से नौ मई 2021 तक भारतीय रेल ने 268 आक्सीजन से भरे टैंकर विभिन्न राज्यों तक पहुंची है। भारतीय रेल में पहली बार आक्सीजन के टैंकरों को कंटेनर में रखकर, ट्रेलर पर सेट किया गया। इसे कार्य को इस प्रकार से अंजाम दिया गया, ताकि इसे कहीं भी उतारा जा सके और फिर सड़क मार्ग से कहीं भी पहुंचाया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72240.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fca2d04754e6d686974e23e3dd86aff658e89fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टोरंटो (रॉयटर्स)। पूरी विश्‍व में घातक हो रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए कनाडा ने इस जानलेवा महामारी से 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्‍चों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया है। इस तरह से बच्‍चों का वैक्‍सीनेशन शुरू करने वाला कनाडा विश्‍व का पहला देश बन गया है। इनको फाइजर कंपनी की वैक्‍सीन लगाई जाएगी। आने वाले कुछ समय में जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक भी यूरोप में 12 से 15 वर्ष के बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन लॉन्‍च करने वाली है। आपको बता दें कि अमेरिका ने भी बच्‍चों के लिए वैक्‍सीनेशन की इजाजत दे दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8d91b0695a4cdf313d4a2fd5a6b94d0a38f7e675 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, गौरव दीक्षित। कोविड अस्पतालों के आइसीयू और एचडीयू में भर्ती संक्रमित के दिमाग में घर करने के बाद अब कोरोना ने घरों में सेंध लगानी शुरू कर दी है। आईसीयू में भर्ती कोरोना संक्रमित अपना नाम, पहचान और परिवार को भूल रहे हैं तो घरों में इसका असर नजर आने लगा है। चिकित्सकों का दावा है कि इसका असर महामारी के बाद ज्यादा दिखाई देने वाला है। कोरोना के चलते केवल संक्रमित ही नहीं बल्कि उनके परिवार वाले भी मानसिक रोगी और अवसाद ग्रस्त हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमित मरीजों में मानसिक रोग का औसत 24 फीसद है, वहीं दस फीसद परिवार पीटीएसडी (पोस्ट-टॉमेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर) का शिकार हो गए हैं। इसे नीचे दिए गए दो केस से समझा जा सकता है...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72254.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72254.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..186473999205663cad3cb34b73633ef43eb76b97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72254.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आक्सीजन प्लांट के ल‍िए टेंडर आमंंत्रित ।रेलवे अस्पताल में दो सौ बेड को आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए आक्सीजन प्लांट लगाया जाना है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है। टेंडर फाइनल होने के बाद ही प्लांट लगाने की तैयारी शुरू की जाएगी। उत्तर रेलवे महाप्रबंधक ने मंडल स्तरीय रेलवे अस्पताल में आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 44 लाख रुपये का बजट पिछले दिनों स्वीकृत किया था। बजट स्वीकृत होते ही रेलवे प्रशासन ने कम समय में टेंडर आमंत्रित किया है। 12 मई तक टेंडर डालने की अंतिम तारीख है। उसके बाद टेंडर फाइनल किया जाएगा। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि टेंडर फाइनल होने के बाद ही आक्सीजन प्लांट लगाने में तेजी आएगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72258.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..726ab193813c85f898b59a05b178a559bf88c2d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72258.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रुप से जुड़े सचिन चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों को छोड़कर अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज उनके माध्यम से वरिष्ठ चिकित्सकों से शाम सात से नौ बजे के बीच निशुल्क परामर्श ले सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने ग्रुप में कुछ लैब संचालकों को भी जोड़ा है। जिनके माध्यम से काफी कम दामों पर एमआरआई, सिटी स्कैन, एंबुलेंस सेवा आदि उपलब्ध करा रहे हैं। इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमित कोई भी व्यक्ति उनकी टीम से यदि संपर्क करता है तो उसे निशुल्क कोरोना किट उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कि वह होम आइसोलेशन में रहकर इस बीमारी से लड़ सकें। इनको निशुल्क भोजन भी भिजवाने की भी सुविधा दे रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी टीम का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को मदद मिल सके। ये कठिन दौर है। इसका हम सभी को मिलजुल कर सामना करना है। एक-दूसरे के साथ खड़े रहकर, उनके हौसले को बढ़ाना है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e6f115958c53fece240bf5e1e96edf5eab89528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन ।  आक्सीजन के लिए मारामारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। लोगों को एक-एक सिलेंडर के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। कई बार पूरे दिन धूप में तपने के बाद सिलेंडर मिल पाता है। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी यह परेशानी खत्म हो नहीं हो रहा है। हालांकि, सोमवार को डीएम ने एक नया परिवर्तन किया है। अब लोगों को सिलिंडर के लिए कासिमपुर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब तालानगरी में ही सिलिंडर मिलेगा। इसके लिए केसी व राधिका प्लांट को चिन्हित किया गया है। ।इस समय सबसे बड़ा संकट है आक्‍सीजन का ।कोरोना की दूसरी लहर के बाद सबसे अधिक मुसीबत आक्सीजन को लेकर सामने आई है। निजी व सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन की पूर्ति नहीं हो रही है। वहीं, होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए भी आक्सीजन मिलना मुश्किल हो गई है। तमाम लोग बिना आक्सीजन के घरों पर ही दम तोड़ रहे हैं। पिछले दिनों प्रशासन ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए कासिमपुर स्थिल प्लांट से आक्सीजन सिलेंडर देने का नियम बनाया। यहां पर मरीजों के तीमारदारों को आरटीपीसीआर या सीटी स्कैन की रिपोर्ट दिखानी होती है। आधार कार्ड व होम आइसोलेशन का पर्चा भी लगता है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को टोकन मिलता है। इसी टोकन के आधार पर सिलेंडर भरा जाता है। ।मुश्किल से मिल रहा सिलेंडर।लेकिन, यहां से सिलेंडर लेने के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। पहले तो शहर से करीब 15 किमी दूर जाना पड़ता है। फिर यहां कई-कई घंटे लाइन में लगना पड़ता है। धूप व बारिश में भी सिलेंडर के लिए लाइन लगानी पड़ती है। कई बार एक दिन में एक सिलेंडर भी नहीं मिल पाता है। इससे निटपने के लिए प्रशासन ने अब नई कवायद की है। अब डीएम ने हेल्पलाइन पर आनलाइन पंजीकरण करने से ही सिलेंडर मिल जाएगा। वहीं, सिलेंडर लेने के लिए कासिमपुर नहीं जाना पड़ेगा। तालानगरी के राधिका व केसी प्लांट से ही सिलेंडर मिल जाएगा। डीएम चंद्रभूूषण सिंह ने बताया कि सिलेंडर के लिए अब लोगों को लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..485f0974e38de5a77d326fe37c6a650a8131eaca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72261.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसलिए उनके सीईओ अमेरिका के फैसले को निराशाजनक एवं व्यापार विरोधी बता चुके हैं। खासकर यूरोपीय यूनियन के कुछ देश वैक्सीन से होने वाले मुनाफे को छोड़ना नहीं चाहते हैं। दरअसल टीका निर्माण की तकनीक पेटेंट मुक्त हो जाएगी तो टीके के निर्माण में पूंजी लगाने वाली कंपनियों को र्आिथक हानि तो उठानी ही पड़ेगी, भविष्य में भी लाभ नहीं कमा पाएंगी। लिहाजा डब्ल्यूटीओ यदि टीके को पेटेंट मुक्त करता है तो कंपनियां अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से भी हस्तक्षेप की अपील कर सकती हैं। + +अदार पूनावाला की सीरम कंपनी सिर्फ इसका निर्माण कर रही है। कोवैक्सीन जरूर भारत बायोटेक और आइसीएमआर ने विकसित की है। अतएव इसकी बौद्धिक क्षमता पर भारत सरकार का अधिकार है। हालांकि टीका बनाने की विधि बता देने भर से वैक्सीन बना लेना आसान नहीं है। इसके लिए दुनिया के अनेक देशों से द्विपक्षीय समझौतों के अंतर्गत कच्चा माल भी मंगाना होता है। पश्चिमी देशों द्वारा अस्तित्व में लाया गया पेटेंट एक ऐसा कानून है, जो व्यक्ति या संस्था को बौद्धिक संपदा का अधिकार देता है। मूल रूप से यह कानून भारत जैसे विकासशील देशों के पारंपरिक ज्ञान को हड़पने की दृष्टि से ईजाद में लाया गया है। क्योंकि यहां जैव विविधता के अकूत भंडार होने के साथ, उनके नुस्खे मानव व पशुओं के स्वास्थ्य लाभ से भी जुड़े हैं। इन्हीं पारंपरिक नुस्खों का अध्ययन करके उनमें मामूली फेरबदल कर उन्हें एक विज्ञान शब्दावली दे दी जाती है और फिर पेटेंट के जरिये इस बहुसंख्यक ज्ञान को हड़पकर इसके एकाधिकार चंद लोगों के सुपुर्द कर दिए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43378d68d26f862a5d47418f01b96d1cd92cb733 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72270.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना की इस लहर ने किस कदर कहर बरपाया है इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि इंटरनेट मीडिया से लेकर वाट्सएप के हर ग्रुप में आए दिन किसी न किसी की मौत की सूचनाएं आ जाती है। दिल दहला देने वाला यह हालात लोगों के लिए भूल पाना आसान नहीं होगा। दिल्ली में पिछले साल दो मार्च को कोरोना का पहला मामला आया था। तब से लेकर इस साल 31 मार्च तक 13 महीने में छह लाख 62 हजार 430 मामले आए थे। इसलिए लोग उसे थोड़े कष्ट उठाकर झेल गए थे, लेकिन इस साल अप्रैल से लेकर 10 मई के बीच ही छह लाख 73 हजार 788 मामले आ गए। इस वजह से कुल मामले दोगुने से ज्यादा हो गए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन व आइसीयू बेड की कमी अब भी बरकरार है। दिल्ली में शायद ही अब कोई ऐसा घर बचा हो जिसके यहां लोग बीमार न पड़े हों। कुछ परिवारों में सभी सदस्यों के संक्रमित होने के मामले भी देखे जा रहे हैं। डॉक्टर भी आशंका जता रहे हैं कि दिल्ली में करीब 75 फीसद लोग कोरोनाा से संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें बीमारी लोगों के अलावा बगैर लक्षण वाले ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें संक्रमण होने का पता नहीं चला। + +मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) की पूर्व डीन व कम्युनिटी मेडिसिन की विशेषज्ञ डॉ. नंदनी शर्मा ने कहा कि इस बार संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ा। जनवरी में टीकाकरण शुरू हुआ था। शुरुआत में टीकाकरण की रफ्तार बहुत कम रही। यदि शुरुआत में टीकाकरण तेजी से हुआ होता और करीब 20 फीसद लोगों को भी टीका लग गया होता तो शायद इतनी बड़ी महामारी नहीं आती। पिछले सीरो सर्वे में दिल्ली में 56 फीसद लोग सीरो पॉजिटिव पाए गए। अभी स्थिति ऐसी है कि करीब तीन चौथाई लोग संक्रमित हो चुके होंगे, इसलिए मामले कम होने चाहिए। पहले की तुलना में संक्रमण दर कम हुई भी है, लेकिन संक्रमण तेजी से कम नहीं हो रहा है। इसलिए अभी राहत मिलने में दो सप्ताह समय लग सकता है। टीकाकरण पर जोर देना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d8cd7901f60c0ae3ab353dfdd118c8e785db8e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72273.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जेएनएन, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की शुरुआत से ही इसके पीछे चीनी साजिश को लेकर कई बातें कही जा रही हैं। हाल में अमेरिकी विदेश मंत्रालय को चीन के सैन्य विज्ञानियों और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों का खुफिया दस्तावेज मिला है। इसके मुताबिक, चीन के विज्ञानी 2015 से ही कोरोना वायरस को प्रयोगशाला में कृत्रिम तरीके से एक घातक जैविक हथियार में बदलने की संभावना पर काम कर रहे थे। उनका मानना है कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों से ही लड़ा जाएगा। चीन भले ही कोरोना महामारी के फैलने में अपना हाथ होने से इन्कार करता रहे, लेकिन कई ऐसे तथ्य हैं जो चीन की इस साजिश की कलई खोलते दिखते हैं। पेश है एक नजर:।वुहान की प्रयोगशाला में छिपे कई राज।चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में कोरोना वायरस को लेकर लंबे समय से शोध चल रहा है। यह प्रयोगशाला वुहान के उस बाजार से मात्र 16 किलोमीटर दूर है, जहां से मौजूदा कोरोना महामारी की शुरुआत बताई जाती है। यह बात भले न मानी जाए कि मौजूदा वायरस को चीन ने जान बूझकर फैलाया, लेकिन बहुत से विज्ञानी प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की आशंका को सिरे से खारिज करने के पक्ष में नहीं हैं। + +सवाल और भी हैं।विज्ञानियों का कहना है कि सामान्य तौर पर किसी वायरस को बहुत संक्रामक बनने में वक्त लगता है। सार्स भी जानलेवा था, लेकिन उससे जल्दी निपटना संभव हुआ, क्योंकि उसकी संक्रमण क्षमता बहुत ज्यादा नहीं थी। मौजूदा कोरोना वायरस के मामले में इसकी संक्रमण क्षमता भी चौंकाने वाली है। किसी नए वायरस के लिए इतना संक्रामक होना सामान्य बात नहीं लगती है। एक सवाल यह भी है कि जिस चमगादड़ के वायरस से इसकी समानता की बात कही जाती है, वह वुहान से 1500 किलोमीटर दूर युन्नान में पाया गया था। यह भी आश्चर्य की ही बात है कि वायरस 1500 किलामीटर के सफर में किसी को संक्रमित नहीं करता है और अचानक वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से 16 किलोमीटर की दूरी पर महामारी फैला देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69bf7203dba9eba13c3ea45b15cd43fa983fd45a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश में इस्तेमाल होने वाले दोनों टीके का बच्चों पर ट्रायल हो रहा है। दूसरे देशों में भी ट्रायल चल रहे हैं। उम्मीद है कि कुछ सप्ताह में सेफ्टी ट्रायल का डाटा आएगा। वैसे कोवैक्सीन के बारे में यह दवा किया जाता है कि उसे 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को दिया जा सकता है। लेकिन, 12 साल से कम व छह साल से अधिक उम्र के बच्चों पर भी ट्रायल हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0ed73733922371606231843ff29ce464bb9e4b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैक्सीन की उपलब्धता की वजह से अगले तीन-चार महीने में 18 साल से ऊपर के लोग टीकाकरण करवा चुके होंगे। ऐसे में 18 साल से कम उम्र के बच्चे ही बचेंगे, जिन पर वायरस हमला कर सकता है। अब जब आंकड़े और आकलन हमारे सामने हैं, तो उस आधार पर हमारी तैयारी होनी चाहिए। हमने दूसरी लहर आने की सूचना सार्वजनिक की थी, लेकिन उसका आकलन सटीक नहीं रहा। हमने अप्रैल माह में एक लाख मरीजों का आकलन किया था, मगर यह पीक मई माह में आया और मरीजों की संख्या पांच लाख तक पहुंच गई। इससे सबक लेते हुए हमें तैयारियां करनी चाहिए। दरअसल, हम वायरस के प्रसार की भविष्यवाणी करने के लिए एक गणितीय मॉडल पर काम कर रहे हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक गणितीय मॉडल केवल कुछ निश्चितता के साथ भविष्यवाणी कर सकता है जब तक कि वायरस की गतिशीलता और इसकी संप्रेषणीयता समय के साथ पर्याप्त रूप से न बदल जाए। गणितीय मॉडल गैर-दवा हस्तक्षेप जैसे विभिन्न नीतिगत निर्णयों के अनुरूप वैकल्पिक परिदृश्यों की भविष्यवाणी करने के लिए एक तंत्र भी प्रदान कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29acd3a20b1c141a69399a599f0150a2023348d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। साल 2020 में जब देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था, उस समय भी कुछ हाइ प्रोफाइल लोग दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बने थे। इनमें सबसे पहले निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मौलाना साद का नाम सामने आया था। मौलाना साद को एक साल का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है, पुलिस की कई टीमें बनी, जगह-जगह छापेमारी भी हुई मगर मौलाना पकड़ में नहीं आ पाया। ।हालांकि इसके पीछे कई और कहानियां भी सामने आती रहीं। अब एक साल का समय बीत जाने के बाद इस साल भी जब कोरोना से राजधानी सहित अन्य प्रदेश परेशान हैं। कोरोना से रोजाना हजारों मौतें हो रही हैं, ऐसे में कालाबाजारी करने वाले कुछ और लोग भी पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। जीवनरक्षक दवाओं और अन्य चीजों की कालाबाजारी करने में इनके नाम सामने आ चुके हैं, अब पुलिस इनको पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। इस बीच एक खिलाड़ी ने भी अपनी हरकतों की वजह से पुलिस के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। पुलिस की टीमें इस ओलंपियन को पकड़ने के लिए दबिश दे रही हैं। पुलिस के पास इसके लिए पर्याप्त सबूत भी मौजूद हैं। ।तब्लीगी जमात के मौलाना साद ।देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट खड़ा करने वाले निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद की गिरफ्तारी को लेकर अब तक असमंजस बरकरार है। मुहम्मद साद व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने को करीब एक साल पूरा होने को है। बावजूद इसके न तो दिल्ली पुलिस मुहम्मद साद व मरकज के प्रबंधन का काम देखने वाले उसके किसी खास सहयोगी को गिरफ्तार कर पाई है और न ही आरोप पत्र दायर किया गया है। इस मामले में साद व उसके 12 से अधिक खास सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार है, लेकिन इसे दाखिल करने की मंजूरी नहीं मिल पा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11ad025a538432c127c94aade8d8deae7f65e806 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। काेरोना की चेन तोड़ने के लिए पाबंदियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। 17 मई तक किसी को बिना वजह घरों से निकलने की इजाजत नहीं है। जरूरत का हर सामान आपके दरवाजे पर मिलेगा। आवश्यक वस्तुओं की बिक्री पर कोई रोक नहीं है। सड़कों पर पुलिस रहेगी। सड़कों पर फालतू घूमने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अब लाकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा लिखने का सिलसिला भी फिर से शुरू होगा। इसलिए अपनी और अपने परिवार के अलावा अन्य लोगों के जीवन को बचाने के लिए घरों में ही रहिए। किसी को भी संक्रमण हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..decd0da4df62b30bbbeb8d9e335830168f81ecd5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72292.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीकाकरण की बढ़ानी होगी रफ्तार: विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर और ज्यादा खतरनाक होगी, क्योंकि इस बार के संक्रमितों में कोविड-19 के खिलाफ विकसित हुई इम्युनिटी तब तक खत्म हो चुकी होगी। बस एक ही रास्ता है कि नवंबर तक बड़ी आबादी का टीकाकरण कर दिया जाए, ताकि कोरोना उतना प्रभावी न रह जाए। वे कहते हैं कि टीकाकरण को रफ्तार देने के लिए छोटे स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है। दूसरी लहर के मंद पड़ते ही हमें नियमन की प्रभावी रणनीति बनानी होगी। ताकि संक्रमितों और मृतकों की संख्या को कम किया जा सके। त्वरित जांच और लोगों को आइसोलेट करने के लिए जिलों में स्थापित प्रयोगशालाओं को सुविधायुक्त बनाना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11024da5d2d0eb0869da24f64257299a2dfc405c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72298.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुगर का स्तर लंबे समय तक बढ़े होने पर शरीर के अंग खराब हो सकते हैंं। स्टेरायड किस मात्रा में और कब तक लेनी है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पहले तो डाक्टर से सलाह लेना चाहिए, लेकिन इस समय वे मिल नहीं पा रहे हैं। दूरदराज इलाकों में फोन से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है, ऐसे में और सावधानी की जरूरत है। स्टेरायड ले रहे हैं तो शुगर का बढऩा तय है, इसे नियंत्रित करने के लिए हर पल इसके स्तर पर नजर रखनी होगी। इंसुलिन लेकर इसे नियंत्रित करें। प्रो. अमित का कहना है कि संक्रमित मरीज यदि स्टेरायड लेते हैं तो संक्रमण ठीक होने के बाद भी लगातार कई महीने तक शुगर पर नजर रखना होगा। देखा गया है कि लोगों को इस दवा से आराम मिल रहा है, तो वह लंबे समय तक लेते रह जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddf0a190a42e14d98705e254a1ce4853ea1a1e00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72299.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है। वैज्ञानिक संभावना जता रहे हैं कि संक्रमण की तीसरी लहर भी इसी वर्ष आ जाएगी। कोरोना वायरस संभलने का मौका नहीं देता। जरा सी चूक और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता इसका शिकार आसानी से बना देते हैं। एेसे में जरूरी है कि तत्कार प्रभाव से अपनी दिनचर्या में हम बदलाव कर लें। यदि अब तक योग और पौष्टिक आहार लेना शुरू नहीं किया है तो ये आपके लिए खतरे की घंटी हो सकता है। योग गुरू अनीता यादव के अनुसार पौष्टिक आहार और पर्याप्त नींद के साथ तीन प्रमुख योगासन रोग प्रतिरोगध क्षमता जल्द से जल्द बढ़ाने में कारगार साबित होंगे। ।भुजंगासन। भुजंगासन में आपकी शरीर का आकार फन किए सांप जैसे होता है, ऐसे में ये आसन सर्पासन भी कहलाता है। गौरतलब है कि भुजंगासन, सूर्य नमस्कार का एक अनिवार्य हिस्सा भी है। इसे करने के लिए आप पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और फिर गहरी सांस लेते हुए कमर से उपर का हिस्सा हथेलियों के सहारे उपर उठाएं। ऐसे में आपकी हथेलियां और कुहनी एक सीध में होनी चाहिए, इस पोज में सामने की ओर देखते हुए कुछ सेकेंड्स के लिए रूके और फिर सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य अवस्था में आए। ऐसा आप हर रोज नियमित रूप से करते हैं, तो इससे रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत।होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72302.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72302.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06e5cf3627fd4276508a3a30648da78f57702500 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72302.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हम प्रतिदिन 350 लीटर ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। हमें अगर 3 मिनट तक ऑक्सीजन न मिले तो हमारी मृत्यु हो सकती है। कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर में सबसे ज्यादा समस्या ऑक्सीजन की ही हो रही है। कोरोना के गंभीर संक्रमण में फेफड़े के अंदर निमोनिया हो जाता है तथा एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्टेंस सिंड्रोम भी हो जाता है। इन दोनों परिस्थितियों में रोगी की ऑक्सीजन काफी कम हो जाती है और रोगी की सांस फूलने लगती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72303.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..beff8bf2299ae55c2e9490af2214c757347cbe08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72303.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अक्लमंदी यह है कि इस तथ्य को समझा जाए कि संक्रमण बढ़ता कैसे है, कम कैसे होता है और उसके बाद क्या हो सकता है। संक्रमण उस समय बढ़ता है, जब वायरस के पास मानवों को संक्रमित करने के अवसर होते हैं। विधानसभा व पंचायत चुनावों की रैलियों, विवाह व अन्य सामाजिक आयोजनों आदि में भीड़ को बिना कोविड प्रोटोकॉल पालन के एकत्र होने देना, दूसरी लहर को आमंत्रित करने की प्रमुख वजहों में से एक है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में पंचायत चुनावों के बाद तो गांवों तक संक्रमण पसर गया। असम, बंगाल, तमिलनाडु, केरल व पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के बाद हालात अधिक खराब हुए। इसलिए तीसरी लहर से बचने के लिए सबसे पहले यह किया जाए कि सभी भीड़ वाले आयोजनों (राजनीतिक, र्धािमक व सामाजिक) पर महामारी समाप्त होने तक प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इस बीच अगर चुनाव कराना अति आवश्यक हो तो प्रचार व मतदान की प्रक्रिया सख्ती के साथ केवल ऑनलाइन तक सीमित रखी जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a19a3045bd7c7be5e508a0e546faa11596dc592 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी की कहानी में पूरी व्यवस्था की बानगी है। बिजली विभाग में कार्यरत मनीष श्रीवास्तव की मां की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव थी। मनीष ने उन्हें एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां 16 हजार रुपये प्रतिदिन का खर्च बताया गया। हालांकि, इसे गनीमत कहिए। कुछ दिन पहले तक तो राजधानी लखनऊ में लाख रुपये प्रतिदिन तक निजी अस्पताल वसूल रहे थे। मनीष की कहानी उससे आगे की है। मनीष ने रकम जमा कराई तो इलाज शुरू हुआ। बमुश्किल आधा घंटा बाद ही मनीष ने देखा कि मां को लगाई गई आक्सीजन निकालकर किसी दूसरे मरीज को लगा दी गई। आपत्ति की तो विवाद हुआ और विवाद बढ़ा तो मरीज को डिस्चार्ज कराना पड़ा। लेकिन, इस आधे घंटे का ही 16 हजार का बिल थमा दिया गया। व्यथा यहीं समाप्त नहीं हुई। मां को वह पंडित दीनदयाल अस्पताल ले गया। यहां डॉक्टर ने रेमडेसिविर की डिमांड रख दी। डीएम के हस्तक्षेप के बावजूद अस्पताल से रेमडेसिविर नहीं लगाया गया। आक्सीजन लेवल गिरता गया। गिड़गिड़ाने के बाद डॉक्टरों ने एक मृत मरीज की हाइपोक्सिया मानीटर मशीन लगा दी। चंद मिनटों में ही सांसें थम गईं। बाद में पता चला कि यह मशीन तो पहले से ही खराब थी। हद अभी बाकी थी। अंतिम संस्कार के लिए जब शव को हरिश्चंद्र घाट ले जाने के लिए एंबुलेंस आई तो उसमें और शव भी रख दिए गए। घाट पर शवदाह के लिए सात हजार रुपये लिए गए। लेकिन, मनीष केवल दो लोग थे। दो और कांधों का जुगाड़ करने के लिए सात हजार और देने पड़े। समर्पित भाव से मरीजों की सेवा कर रहे संस्थानों, चिकित्सकों सामान्य लोगों के बीच ऐसे क्रूर लोग अपवाद जरूर हैं, लेकिन इन्हें मानवता का अपराधी माना जाना चाहिए। उन्हें सलाम करना होगा जो इस दौर में भी मानवता के अंकुर पाल पोस रहे। जैसे, आगरा में अकेली महिला के अंतिम संस्कार में पुलिस का कुनबा जुटा और न केवल अंतिम संस्कार कराया, बल्कि मोबाइल पर विदेश में फंसे उनके स्वजन को अंतिम दर्शन भी कराए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fabfbe1b4135e2dbce42036b56e50469a0243c1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलिस को देख उसने घोड़े को वहां से भगाने का प्रयास किया। मगर, घोड़ा टस से मस नहीं हुआ। वहीं पर खड़ा हो गया। पुलिस से बचने के लिए घुड़सवार ने खूब अक्ल के घोड़े दौड़ाए। कई बहाने बनाए, लेकिन पुलिस का उससे कहना था कि जब वह घोड़े को सही रास्ते पर ले जाने के लिए उसे मास्क पहना सकता है।वह खुद भी मास्क क्यों नहीं पहन सकता। बिना मास्क के इस तरह घुड़सवारी करके वह अपने साथ परिवार व अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। घुड़़सवार को बिना मास्क घूमते देखकर राहगीरों ने भी उसे गलत ठहराया। इंस्पेक्टर लोहामंडी सुनील कुमार सिंह ने बताया बिना मास्क घूम रहे घुड़सवार छोटू का चालान किया गया है। वह शाहगंज थाने खेरिया मोड़ का रहने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78ec284bea533c952c30d7b7e17392758a91cc1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72307.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/गाजियाबाद/गुरुग्राम, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए दिल्ली और इससे सटे और करीबी राज्यों में भी लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, कोरोना वायरस संक्रमण पर रोकथाम के लिए दिल्ली, यूपी और हरियाणा ही नहीं, कई राज्य सरकारों ने सख्त लॉकडाउन का एलान किया है। दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। + +दिल्ली में 16 मई तक बंद रहेगी मेट्रो सेवा। दिल्ली में 20 अप्रैल से चल रहा लॉकडाउन एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया गया है। अब 17 मई सुबह पांच बजे तक दिल्ली में लॉकडाउन जारी रहेगा। यह अलग बात है कि इस बार कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन को और सख्त बना दिया गया है। इसके तहत 10 मई से मेट्रो का परिचालन बंद कर दिया गया है और यह आगामी 16 मई तक प्रभावी रहेगा। इसके साथ ही  सार्वजनिक स्थल, मैरिज होम, बैंक्वेट हाल या होटल अादि में शादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन घर या कोर्ट में शादी हो सकेगी। जिसमें मात्र 20 लोग शामिल होंगे। वहीं, यह भी कहा गया है कि जिन होटलों, मैरिज होम, बैंक्वेट हाल या डीजे को शादी के लिए बुक किया गया है वे पैसे लौटाएंगे। दिल्ली में अवैध रूप से चल रहे साप्ताहिक बाजार बंद किए जाएंगे, दवाइयां, सब्जी व किराना दुकानों पर जाने पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। लाकडाउन के दौरान ई-पास धारक व्यक्ति राजधानी में दिन या रात के समय आवश्यक सामान की डिलीवरी आदि के लिए आवागमन कर सकेंगे। सभी जिलाधिकारी व डीसीपी इन आदेशों का सख्ती से पालन कराएंगे। ।यूपी में बढ़ा लॉकडाउन। यूपी में 10 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इस दौरान पूर्ण रूप से बंदी रहेगी, लेकिन जरूरी चीजों की दुकानें व जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।  प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना मरीजों की संख्या में आई कमी चलते योगी सरकार ने सूबे में 17 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।  इस दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। तीन दिन बाद यानी 14 मई को ईद का त्यौहार है। ऐसे में लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। वहीं, मॉस्क न पहनने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बिना मास्क के बाहर निकलने वालों पर पहली बार 1000 रुपये जुर्माना जबकि दूसरी बार 10,000 रुपये जुर्माना देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f37e00e44b099c60f39e171879c4181dfc73529 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में जारी कोरोना के कहर के चलते 20 अप्रैल से चल रहा लॉकडाउन एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया गया है। यह अभी 10 मई सुबह पांच बजे समाप्त हो रहा था जो अब 17 मई सुबह पांच बजे तक जारी रहेगा। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए इस बार लाकडाउन को और सख्त बना दिया गया है। लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घोषणा के बाद मुख्य सचिव विजय देव द्वारा जारी आदेश के अनुसार 10 मई से मेट्रो का परिचालन बंद कर दिया गया है। सार्वजनिक स्थल, मैरिज होम, बैंक्वेट हाल या होटल आदि में शादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन घर या कोर्ट में शादी हो सकेगी। जिसमें मात्र 20 लोग शामिल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd8209ae906ed8b44d9cece460a27eb1f1ae1cb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72309.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुभम कुमार सानू। Covid-19 Second Wave भारत में कोरोना के अनेक वेरिएंट का पाया जाना, दैनिक स्तर पर लगातार पिछले करीब एक सप्ताह से चार लाख के आसपास संक्रमितों की संख्या का सामने आना और देश भर में लगभग चार हजार लोगों की रोजाना की मौतों से कोरोना का कहर निरंतर बढ़ता जा रहा है। इस बीच, तमाम राज्य सरकारों की अकर्मण्यता, लाचारी एवं लोगों की बेबसी को देखते हुए न्यायालयों की सख्त टिप्पणियां यह दर्शाती है कि देश की ऐसी दशा कोरोना वायरस के द्वितीय लहर की परिणति है। इसने सामान्य नागरिकों से लेकर राष्ट्र के संभ्रांत नागरिकों एवं समूचे सरकारी तंत्र की नाक में दम कर रखा है। अस्पतालों की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अब घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ रहने में ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। सवाल यह भी कि दूसरी लहर इतनी खतरनाक हो सकती है और इतनी जल्द भयावह हो सकती है, इसका अनुमान हमलोग क्यों नहीं लगा सके?।भले ही धार्मिक स्थानों पर भीड़ एकत्रित होने या चार-पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में रैलियों आदि के आयोजन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा हो, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि एक नागरिक के तौर पर हम कितने सजग हैं। दीवाली के बाद जैसे जैसे संक्रमण का ग्राफ गिरता गया, हम लापरवाह होते गए और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन लगभग खत्म कर दिया। तमाम वजहों से आज देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। ऐसे में हमें तत्काल इन 10 उपायों पर तत्काल गौर करना होगा। पहला, शहरों से गांव लौट रहे लोगों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य करना। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य ढांचा मजबूत बनाया जाए। दूसरा, केंद्र, राज्य एवं पंचायत स्तर तक की सरकार एवं हेल्थ मशीनरी को एक मंच पर आकर इससे लड़ने की जरूरत है, तभी जाकर भारत इस विभीषिका से बच और उबर पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43e811423cfacea14ade6fbe83fd88d8deaed44f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में पिछले वर्ष हुए लाॅॅकडाउन में लोग घर तक सिमटकर रह गए थे। घर में रहते हुए बहुत से लोगों ने अपने हुनर और शौक से आपदा को अवसर में बदला। संजय प्लेस निवासी खुशी जैन भी उन्हीं में से एक हैं। लाॅॅकडाउन में उन्होंने अपनी सहेली के लिए केक बनाया था। लोगों को केक का स्वाद इतना भाया कि वो आज अपनी स्वयं की बेकरी चला रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a1f0d615106d38d0ff930624b346f6f5e7f7517 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72317.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रवेश परीक्षा की मेरिट से इतर सीधे प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थियों को मैनेजमेंट कोटे का मानकर उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते वर्ष 2020-21 में सामान्य वर्ग की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट 325 करोड़ रुपये कम करके 500 करोड़ कर दिया है। ऐसे में शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मेधावियों को मिल सके, इसके लिए मैनेजमेंट कोटे वालों को बाहर कर दिया गया। अब विद्यार्थी परेशान हैं। + +नियमावली को दर किनार कर निजी संस्थानों ने भराया आवेदन: जुलाई से आवेदन प्रक्रिया के पहले ही विभाग की ओर से नियमावली जारी हो गई थी तो विद्यार्थियों का आवेदन भरा कर निजी संस्थानों ने उनके साथ धोखा किया है। इसम सबसे ज्यादा प्रभावित फार्मेसी डिप्लोमा व डिग्री वाले हैं जो सीधे प्रवेश लेकर शुल्क प्रतिपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। यही नहींअनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों का जीरो फीस पर प्रवेश नहीं होगा। शैक्षणिक संस्थाएं प्रवेश लेंगी तो समाज कल्याण विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। दरअसल बीते वर्षों में अनुसूचित जाति और जनजाति के सभी विद्यार्थियों को फीस के एवज में शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाता था। जीरो फीस पर प्रवेश के बाद विभाग की फीस आने पर संस्थान फीस को समायोजित कर लेते थे। हर साल 60 लाख विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाता है। + +जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ.अमरनाथ यती ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की संशोधित नियमावली के तहत मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी जाएगी। जीरो फीस की व्यवस्था भी खत्म हो गई है। इसके बावजूद संस्थानों ने मनमाना फीस लेकर सीधे प्रवेश दे दिया और विद्यार्थी अब शुल्क प्रतिपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72319.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..162dd679b324249a50f3527970088b7323d9657c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72319.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +250 प्रतिष्ठानों पर ताला: इलेक्ट्रानिक्स पुरनिया के मालिक ने बताया कि लॉकडाउन में शहर के करीब 250 प्रमुख शोरूमों में पहले से ही ताले लटक रहे हैं। दुकानें खुलने पर भी कारोबार महज 50 फीसद के इर्द-गिर्द रहा है। अब लॉकडाउन है। लोगों के ठंडी चीजों के परहेज से दुकानें खुलने के बाद भी ज्यादा अंतर नहीं पड़ने वाला है। ठंडे उपकरणों के खरीदार बाजार से गायब हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4c770160318fac12ccd3a4ea0513f10b1311322 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72321.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्वतंत्रता के महाउत्सव में भागीदारी के लिए उस समय बंग बंधु ने देश दुनिया के जिन गणमान्य गणों को आमंत्रित किया उनमें बनारस से भैया जी बनारसी और प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट एम कांजिलाल के नाम भी शामिल थे। भईया जी के पुत्र तथा कवि राजेंद्र गुप्त पिता के मुख से सुने उस यादगार यात्रा के संस्मरणों का जिक्र करते हुए बताते हैं कि इस राजकीय यात्रा में वहां की सरकार ने जो गर्भजोश खैरमकदम किया वह तो अपनी जगह वहां की सामूहिक जनशक्ति का प्रतिनिधित्व कर रही मुक्तिवाहिनी के जाबांजों द्वारा किया गया बारूदी स्वागत इन दोनों मेहमानों के लिए यादगार बन गया। हुआ यह कि जिस सितारा होटल में दोनों मेहमान ठहरे थे वहां का पता ठिकाना लेकर मुक्ति वाहिनी के सड़ियल लड़ाके भी होटल जा पहुंचे। उन्होंने फौजी अंदाज में सलामी देने के लिए अपनी मशीन गनों के मुंह खोल दिए। गोलियों की तड़तड़ाहट से होटल परिसर गूंज उठा। + +भइया जी के कहे के अनुसार साथ में ठहरे बंगाली बाबू यानी कांजिलाल जी के तो जैसे देवता कूच कर गए। फिर खिड़कियां बंद करने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगे। मैं भी पल भर के अचंभित हुआ पर खिड़की के बाहर से जब जय हिंद और जय बंग के नारे सुनाई दिए तो पता चला कि यह भी एक हमारे स्वागत का एक अलग अंदाज था। दूसरे दिन राजकीय समारोह में औपचारिक स्वागत के अलावा शाम को बंग बंधु सपत्निक हमारे होटल आए और गले मिलकर आगमन के लिए आभार जताया। वे जितने देर रहे उतने ही देर में कांजिलाल ने उनका स्कैच (रेखा चित्र) कैनवास पर उतार कर उन्हें वहीं भेंट कर दिया। बंग बंधु मानों भौचक्के रह गए और हम दोनों के साथ बनारस के बंगाली टोला के बारे में भी पूछा और काफी देर तक बनारस की संस्कृति और जीवन दर्शन पर बतियाते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..092bd469977e8bcea46356eb5d2da105373df992 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिना डाक्टरी सलाह के 26 ने छोड़ा अस्पताल ।निगम के अस्पताल में जहां 23 कोरोना के मरीज फरार हो गए हैं, वहीं 26 मरीज लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज (लामा) के तहत अस्पताल से खुद ही छुट्टी लेकर चले गए। लामा वह प्रक्रिया है जिसमें मरीज अपनी मर्जी से अस्पताल से छुट्टी लेता है, जबकि डाक्टर उसे अस्पताल में दाखिल रहने की सलाह देते हैं। हालांकि इसमें बहुत बड़ी संख्या में ऐसे भी मरीज होते हैं जिन्हें दूसरे बेहतर अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था हो जाती है तो वे वहां चले जाते हैं या कई मरीज घर पर ही इलाज की कोशिश करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01ecb29240d240f298b76abd573cfdf3bb7d68b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके अलावा 59 टैंकर के जरिए हरियाणा को 1053.462 टन ऑक्सीजन भेजे गए हैं। 22 टैंकर के जरिए महाराष्ट्र को 388.68 टन ऑक्सीजन भेजे गए हैं। 18 टैंकर के जरिए छत्तीसगढ़ को 274.461 टन ऑक्सीजन अब तक ओडिशा से भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा लगभग 32 टैंकर के जरिए उत्तर प्रदेश में लगभग 588.49 टन ऑक्सीजन भेजा गया गया है और 38 टैंकर के जरिए मध्य प्रदेश को 656.78 टन ऑक्सीजन भेजे गए हैं। 4 टैंकर के जरिए 70.7 टन ऑक्सीजन दिल्ली भेजे गए और 2 टैंकर के जरिए 58.22 टन आक्सीजन पंजाब में भेजे गये हैं। ओडिशा से यह संजीवनी पिछले 16 दिनों में भेजी गयी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a29b4aea202b991f005566b51ea174bf222cdbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस ऑनलाइन ओपीडी से जुड़कर कोई भी आम नागरिक अपना उपचार सेना के विशेषज्ञ डॉक्टरों से करवा सकता है। फिलहाल ई संजीवनी ओपीडी में यूपी के लिए ही सैन्य डॉक्टरों की मदद मिलेगी। रक्षा मंत्रालय जल्द भारत के दूसरे राज्यो में भी ई संजीवनी से अपने सेवानिवृत्त विशेषज्ञ सैन्य डॉक्टरों को जोड़ेगा। यूपी में सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 से शाम पांच बजे तक यह सैन्य डॉक्टर सामान्य बीमारियों का उपचार करेंगे। जबकि सोमवार दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक महिला रोग विशेषज्ञ, कॉर्डियोलॉजिस्ट और जनरल फिजिशियन, बुधवार और शुक्रवार दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक ईएनटी, सोमवार से शुक्रवार दोपहर 12 से पांच बच्चों और हड्डी रोग विशेषज्ञ सैन्य डॉक्टर ओपीडी में रहेंगे। केजीएमयू में भी यह सैन्य डॉक्टर सोमवार से शनिवार ऑनलाइन अपनी सेवाएं देंगे। ऐसे ले सुविधाओं का लाभ ई संजीवनी ओपीडी का लाभ लेने के लिए esanjeevaniopd.in पर जाना होगा। इसके बाद अपना मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद उसपर एक ओटीपी आएगा। इसके बाद अपनी डिटेल और पिछले उपचार से जुड़े रिकॉर्ड को अपलोड करने के बाद आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर रोगी आईडी व टोकन नंबर आएगा। जिसे रोगी आईडी में भरकर ऑनलाइन संबंधित डॉक्टर से जुड़ सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aba198b157b10f657f142eff82ccf710be149f3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72328.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। कोरोना संक्रमण का खतरा और संक्रमितों की बढ़ती रफ्तार ने दोहरे मास्क का चलन बाजार में तेजी से बढ़ा दिया है। इनमें डिस्पोजेबल मास्क सबसे ज्यादा खरीदा जा रहा है। संक्रमण में ज्यादा सुरक्षित मान लोग कपड़ा या अन्य डिजाइनर मास्क के साथ ही डिस्पोजेबल मास्क भी लगा रहे हैं। एन-95 मास्क भी बाजार में छाए हुए हैं। पिछले साल की तुलना में मास्क की खपत ढाई से तीन गुना बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd371fe7635a6dd9ca6833f39fc3e94cbe0f204f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72332.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाराणसी [नवनीत रत्‍न पाठक]। बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौने, पीतल के वर्तन सहित करीब डेढ़ दर्जन कुटीर उद्योग वाराणसी को भारत ही नही वरन विश्व स्तर पर लोकप्रियता को बनाये रखे है। भले ही लॉकडाउन का दौर चल रहा हो और लॉकडाउन 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया हो लेकिन बनारस के में कारोबारी ईद के लिए सिवईंं का कारोबार आगे बढ़ाने के लिए जी जान से लगे हुए हैं। + +शहर का भदुई चुंगी क्षेत्र सेवई की मंडी के रुप में पहचान रखता है। यहां करीब 50 से 60 परिवार हैं जो अपने पूर्वजों के इस उद्योग को जिंदा रख कर कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं। इनके यहां यूं तो बारहों महीने सेवईं बनाने का काम होता है लेकिन रमजान माह के दो तीन महीने पहले काम में तेज़ी आ जाती है लेकिन इस बार कोई रौनक नहीं आई। + +बनारस की सेवईं केवल मुस्लिम परिवारों के लोगों की ही पसन्द नहीं बल्कि सभी इसे बड़े चाव से खाते है। होली बकरीद पर भी इसकी बिक्री ठीक होती है लेकिन हर वर्ष ईद पर सेवईं का कारोबार सबसे ज्यादा होता है। बनारसी सेवईंयों के दीवाने पूरे विश्व में हैं। इन सेवइयों की सबसे बड़ी खासियत इनकी बारीकी और साफ-सफाई है। वाराणसी युवा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष अचल कुमार मौर्य बताते है कि यहां की सेवईंयां बाल के बराबर जितनी बारीक होती हैं। जीरो नंबर, मोटी, मध्यम किमामी स्पेशल आदि सेवईं जो मार्केट में अलग अलग रेट में बेची जाती है। इस बार समान थोड़ा महंगा पड़ रहा तो बाज़ार में थोड़ा महंगा बिक रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72336.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72336.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18f8eb8581373b5a018303acd9548b879823f0fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72336.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केस एक।दयालबाग के पोइया घाट पर मृतकों के अंतिम संस्कार में लोगों को परेशानी हो रही थी। यहां लकड़ी दोगुने दामों पर बेची जा रही थी। सत्यमेव जयते ट्रस्ट से जुड़े विवेक रायजादा ने जब यहां का हाल देखा तो वो द्रवित हो उठे। उन्होंने यहां अपने मित्रों के सहयोग से लकड़ी की व्यवस्था कराई। अब संस्था यहां सभी व्यवस्थाएं देख रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c06a51501aa761ab03ed0741128f2b3868018778 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आदिकाल से स्त्री की जीवंतता ने लोक को कुछ इस तरह समृद्ध किया है कि हर लोकगीत में नारी के विविध रूप देखने को मिलते हैं, लेकिन इन सबमें सबसे मधुर और गहन हैं वे लोकगीत जिनमें स्त्री एक मां के रूप में दिखाई देती है। जिस संस्कृति में धरती, नदियों और धेनु को मां के समकक्ष माना जाता है, सहज ही समझा जा सकता है कि वहां मां का स्थान ईश्वर के समकक्ष माना गया और हमारे पारंपरिक लोकगीत इसके अनुपम साक्षी हैं। लगभग सभी संस्कारगीतों में मां की उपस्थिति अनिवार्य ही है। मां बनना स्त्री अपना सबसे बड़ा सौभाग्य मानती है। एक लोकगीत में सास-बहू के वार्तालाप के माध्यम से यह भाव समझा जा सकता है। यह लोकगीत वास्तव में एक मां का दूसरी मां से संवाद है- ‘मछियाई बैठी रे सासू रे बहुआ से पुछेलि हो/बहुआ कउन कउन तप कइलु ललन बड़ा सुन्नर हो।।/ माघही गंगा नहइली अगिनि नाहीं तपेली हो/ सासू बरत रहीला अवतार ललन बड़ा सुंदर हो।।’।सोहर बधाई गीतों में ‘लाल मोरे खेलैं अंगनैया’ गाती मां की उमंग भी दिखती है, तो ‘बाबा-आजी के मारे उछाह, ननद रानी भरे अंकवार, मोरे होरिल भये’ गाती मां के भीतर भविष्य की सुनहरी आस और कुल परिवार को संजोकर रखने का विश्वास परिलक्षित होता है। यदि मां के हृदय में वात्सल्य का उमड़ता सागर है तो वहीं एक जागरूक मां की चेतना भी। यह बात हम कुछ उदाहरणों से समझ सकते हैं। इस गीत को देखें- छोटा बालक घर से बाहर खेलने जा रहा है और विकल मां के हृदय की तुलना कुम्हार के आवां से की गई है। जिस तरह कुम्हार का आवां भीतर ही भीतर रह-रहकर धधक उठता है, उसी तरह मां का हृदय अपने लाल के लिए विकल हो उठता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11c8c7e41ca68505c519e2fbedff10bcc02d9f33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72342.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (कमल कान्‍त वर्मा)। मां...! दुनिया का एक सबसे प्‍यारा शब्‍द। मां, जो अपने आगोश में बच्‍चे को आखिरी सांस तक दुनिया की बुरी चीजों से बचाकर रखती है। खुद को कुछ हो जाए तो कोई बात नहीं लेकिन औलाद को कुछ नहीं होना चाहिए। अपने बच्‍चों को गलतियों को माफ करती है, क्‍योंकि वो एक मां है। ऐसी ही मां को 29 अप्रैल की रात 11:55 बजे मैंने दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में खो दिया। जब उन्‍होंने आखिरी सांस ली तो मन व्‍याकुल था। हम चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे। डॉक्‍टर को देखकर लगता था कि वो केवल अपना एक रुटिन जॉब ही कर रहे हैं। दस दिन पहले तक मम्‍मी बिल्‍कुल ठीक थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48892e9137eef1baa24a6789796be7dafd3ebf1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तिथियों में थी शादियां कुछ निकल गई तो कुछ बची :।'राजधानी में इस बार बंपर सहालग थी। वर्ष 2020 में जिनकी शादियां नहीं हो पायी थी, वह अप्रैल से जून के बीच कर रहे थे। राजधानी की बात करें तो एक एक दिन में एक टेंट वाले के पास चार से पांच शादियां आम थी। करीब तीस हजार शादियां जुलाई 2021 तक प्रभावित हुई हैं।'   -सुरेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष लखनऊ आदर्श टेंट एसोसिएशन ।'बुकिंग का जो नियम है, उसी के हिसाब से लखनऊ विकास प्राधिकरण बुकिंग निरस्त करके रिफंड कर रहा है। अधिकांश तिथियां निरस्त हो चुकी हैं। डिमांड पर अगर आगे की तिथि खाली है तभी समायोजित हो पा रही है। पार्टी के सामने रिफंड का विकल्प है, लेकिन उसमें तय समय सीमा के हिसाब से कटौती का नियम है। उसी हिसाब से काम किया जा रहा है।'   -पवन कुमार गंगवार, सचिव, लविप्रा ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..943ec80f7488f3d2d88ec3b2dbb1e9890bee43c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72356.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बंगाल में उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं करने के बाद भाजपा के सामने अब बड़ी समस्या पैदा हो गई है कि आखिर तृणमूल छोड़कर आने वाले इन नेताओं को पार्टी में कैसे व किस रूप में एडजस्ट किया जाए। इसको लेकर पार्टी के भीतर माथापच्ची की जा रही है। दूसरा, उम्मीद के अनुसार पार्टी का प्रदर्शन नहीं होने पर इन दलबदलू नेताओं के खिलाफ दल के भीतर विरोध के स्वर भी दिखाई देने लगे हैं। इससे पहले टिकट वितरण के दौरान भी तृणमूल छोड़कर आने वाले नेताओं को टिकट देने को लेकर भारी विरोध हुआ था। + +तृणमूल की आंधी में सुवेंदु को छोड़ सभी बड़े नेता हो गए धाराशाई: चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर आए सुवेंदु अधिकारी सिर्फ नंदीग्राम सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराकर अपनी बादशाहत सिद्ध की। बाकी सभी बड़े नेता तृणमूल की आंधी में धराशाई हो गए। सुवेंदु के बाद चुनाव से पहले भाजपा में आने वाले दूसरे सबसे बड़े नेता व पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा। हावड़ा की डोमजूर सीट से 2016 के विधानसभा चुनाव में बंगाल में सबसे ज्यादा वोटों एक लाख से भी ज्यादा से जीत दर्ज करने वाले बनर्जी को 42 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा बहुचर्चित सिंगुर आंदोलन में ममता बनर्जी के साथी रहे पूर्व मंत्री रवींद्रनाथ भट्टाचार्य भी 25,923 वोटों से हार गए। + +90 वर्षीय भट्टाचार्य टिकट नहीं मिलने पर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी तरह आसनसोल के पूर्व मेयर व विधायक जितेंद्र तिवारी एवं विधाननगर के पूर्व मेयर व विधायक सब्यसाची दत्ता को भी हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह हावड़ा की बाली सीट से विधायक रहीं और बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया भी चुनाव से ठीक पहले तृणमूल छोड़ भाजपा में आईं, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। हावड़ा के पूर्व मेयर डॉ रथीन चक्रवर्ती एवं हुगली के उत्तरपाड़ा से विधायक प्रबीर घोषाल भी हार गए। इस सूची में कई और पूर्व विधायक व फिल्मी स्टार तक शामिल हैं जो चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा।‌ अब संघ व भाजपा की नीतियों पर ये सभी नेता कैसे व किस रूप में टिक पाएंगे यह देखने की बात है। साथ ही पार्टी नेतृत्व इनके लिए क्या रास्ता निकालती है इस पर सभी की नजरें हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72359.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f3e5a27523768a79c6b03080cf88340df439ea3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72359.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पारंपरिक कामगारों की कला को नई ऊंचाई देने देने के लिए आत्म निर्भर भारत योजना के तहत लखनऊ समेत सूबे के 19 जिलों के पारंपरिक कारीगरों के काम को नई ऊंचाई दी जाएगी। मिट्टी का परपंरागत काम करने वाले कुम्हारों को बिजली चालित चाक देकर उनके हुनर की कला को बुलंदी दी जाएगी तो काष्ठ कला के करीगरों को नई तकनीक का प्रशिक्षण देकर उनकी कलाकर देश विदेश तक फैलाया जाएगा। इसी जिम्मेदारी खादी और ग्रामोद्योग आयोग को दी गई है। + +पहले मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण: भारत सरकार के खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की पहल पर सूबे में पहले चरण में 19 जिलों में यह योजना लागू की जाएगी। इस चरण में कुम्हारी कला, शहद उत्पादन, लेदर क्राफ्ट और लकड़ी की कला को शामिल किया गया है। इनके कारीगरों को संक्रमण के चलते आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dc64a2323def72371fb46aff16ce26fd3593825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना [भूपेंदर सिंह भाटिया]। गुरुग्राम से लुधियाना तक के लगभग 350 किलोमीटर के सफर के लिए 1.20 लाख रुपये एंबुलेंस किराया अदा करने वाली अमनदीप कौर का कहना है कि अगर दोस्तों का नेटवर्क न होता तो मुझे न्याय नहीं मिलता। एंबुलेंस कंपनी के संचालक को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और कंपनी ने मेरा पैसा भी बैंक में आनलाइन ट्रांसफर कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b8dfceaf48dc3e192b1cb9d6cb2d4c7ec008a9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अजय परिहार। यह दोस्ती हम नहीं तोडेंगे यह पंक्तियां यहां पर सटीक बैठती है । अक्सर देखा जाता है कि बंदरों को देखते हुए कुत्ते उनको दौड़ा लेते हैं । लेकिन पेट की भूख शांत करने के लिए फतेहाबाद मार्ग स्थित सती यशोदा माता के मंदिर पर दोनों बेजुबान जानवरों का प्यार देखते ही बनता है। समाजसेवियों ने दाना-पानी का इंतजाम किया तो बंदर, गाय, कुत्ते सभी एक साथ उछलते कूदते भोजन करते हुए नजर दिखाई देते हैं। भोजन का इंतजाम करने के लिए समाजसेवियों की मुहिम रंग ला रहीं हैं । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d94dd5f92ec96a584a9a45d057d0409edf6ef56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72364.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना से अधिक घातक कोरोना का डर साबित हो रहा है। डर से लोगों में मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। इसके कारण मानिसक रोग विशेषज्ञ के पास रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. नीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ने और संक्रमण के कारण कुछ लोगों की मौत होने की सूचना आ रही है। इसका असर सामान्य लोगों पर दिखाई देना शुरू हो गया है। कुछ गंभीर रोगियों को छोड़कर कोरोना आम लोगों के लिए घातक नहीं है। + +क्वारंटाइन होकर या अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने के बाद बड़ी संख्या में रोगी ठीक हो रहे हैं। इसके बाद भी लोगों में कोरोना को लेकर डर है। अधिकांश लोगों को लगता है कि कोरोना संक्रमित हो जाएंगे तो उसका भविष्य क्या होगा, परिवार की क्या स्थिति होगी। निगेटिव सोच के कारण लोगों में निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है। कुछ लोग इतना तनाव में आ जा रहे हैं कि उन्‍हें मानसिक चिकित्सक के पास इलाज कराने के लिए लाना पड़ रहा है। डा. नीरज ने उदाहरण देते हुए बताया कि जिले के एक गांव से 35 वर्षीय युवक को परिवार वाले इलाज के लिए लाए थे। युवक लगातर यह कह रहा था उसके भाई को कोरोना हो गया है, अब उसके परिवार का क्या होगा। युवक कभी रोना शुरू कर देता है तो कभी चिल्लाने लगता। युवक कोरोना की डर से मानस‍िक रोगी बना गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4153e4d8f3343171ee6d19769c1f9944c36b5ccd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72366.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चुनाव परिणाम ने जब अरमान पर पानी फेर दिया: पिछले महीने पांच छोटे-बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए। चुनाव से पहले खूब तामझाम हुआ। जदयू की बंगाल इकाई के कई नेताओं ने पटना का दौरा किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से मुलाकात की। संदेश यह दिया गया कि जदयू बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। अंदरखाने चर्चा चली कि विधानसभा में इतनी सीटें झटक ली जाएं कि अगर भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने की जरूरत पड़े तो वह साथ खड़ी हो सके। पार्टी के नेता गुलाम रसूल बलियावी को इसका जिम्मा दिया गया। बलियावी अच्छे वक्ता हैं। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में जदयू की स्थिति अच्छी रहेगी। उन्होंने इशारे में यह भी बताया कि बिहारी और अल्पसंख्यक वोटरों के सहारे काम बन जाएगा। इस विश्वास के साथ पार्टी ने बंगाल विधानसभा चुनाव में 44 प्रत्याशी उतार दिए गए। लेकिन चुनाव परिणाम ने जब अरमान पर पानी फेर दिया तो अब बलियावी कह रहे हैं कि सीटें भले ही नहीं मिलीं, लेकिन संगठन तो मजबूत हुआ ही। अगले चुनाव में तो इसका फायदा मिल ही सकता है। + +बंगाल में तृणमूल की शानदार जीत: राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने का अरमान राष्ट्रीय जनता दल का भी रहा है। तेजस्वी यादव चुनाव लड़ने के लिए कमर भी कसे थे, लेकिन हालात को भांपते हुए बंगाल में वह ममता बनर्जी के साथ खड़े हो गए और असम में एक सीट पर लड़े, लेकिन प्रचार कांग्रेस का किया। ऐसा नहीं है कि उन्होंने यह निर्णय ऐसे ही ले लिया। चुनाव से पहले उनकी टीम बंगाल दौरे पर रही। दल में दो विचारधाराएं पैदा हो गईं। एक बिहार में कांग्रेस-वाम गठबंधन का हवाला देकर बंगाल में उनसे हाथ मिलाने की हिमायती थी तो वहीं दूसरी विचाराधारा नरेंद्र मोदी को जवाब देने के लिए ममता बनर्जी के साथ गठबंधन की। इस उहापोह में राष्ट्रीय जनता दल ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और ममता को बिना शर्त समर्थन दे दिया। इसलिए वह असम पर चर्चा नहीं कर रहा और बंगाल में तृणमूल की शानदार जीत को अपनी उपलब्धि मान रहा है, जिसे गैर-वाजिब भी नहीं कहा जा सकता है। + +ऐसा नहीं है कि बिहार के क्षेत्रीय दल दूसरे राज्यों में कभी कामयाब ही नहीं हुए। विभाजन के बाद नवगठित झारखंड में कभी राष्ट्रीय जनता दल तो कभी जनता दल यूनाइटेड की सरकार में भागीदारी रही। इस समय झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में राजद के इकलौते विधायक मंत्री हैं। दिल्ली विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी का कभी प्रतिनिधित्व रहा है। लेकिन वर्ष 2014 के बाद जब राज्यों के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष या विपक्ष में गोलबंदी होने लगी है, दूसरे राज्यों में बिहार के क्षेत्रीय दलों का असर समाप्ति की ओर बढ़ चला है। बंगाल और असम में जनता दल यूनाइटेड के खराब प्रदर्शन को इसी की कड़ी के रूप में देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d84b1cea4048f586f21e8b609aa089586c831a41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन प्रवासी पक्षियों को रास आता है आगरा।आगरा मे प्रवासी पक्षियों में मुख्य रूप से डोमीसाइल क्रेन, पेन्टेड स्टार्क, बार-हेडेड गूज, ग्रेटर फ्लेमिंगो, रोजी पेलिकन , डालमेशन पेलिकन, नार्दन शोवलर, स्कीमर, नाब-बिल्ड डक, क्रिस्टिड पोचार्ड, काॅमन पोचार्ड, गार्गेनी, गेडवाल, काॅटन पिग्मी गूज, यूरेशियन कर्ल्यू, ब्लैक टेल्ड गोडविट, टफ्टिड डक, लेशर विशलिंग डक, ब्लूथ्रोट, पाइड एवोसेट , नार्दन पिनटेल , काॅमन टील, ग्रे लैग गूज , स्पून विल्ड डक, रेडी शैल्ड डक, लिटिल स्टिंट, टैमिनिक स्टिंट , स्पाट विल्ड डक, काॅमन कूट , ब्लैक विंग स्टिल्ट , बुड सेन्डपाइपर , ब्लिथ रीड बैबलर, चेस्टनट मुनिया, ट्राइकलर मुनिया , व्हाइट ब्राउडेड वेगटेल, व्हाइट वेगटेल, सिट्रिन वेगटेल, यलो वेगटेल, रोज फिंच, पैराडाइज फ्लाईकेचर, ग्रे हेडेड केनरी फ्लाईकेचर , रोजी स्टर्लिंग आदि प्रमुख हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a26e6797ff952ddcccb3e729eb06b574f6afb46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72369.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन योग आसन से मिलेगा लाभ : योगाभ्यास में आसन और प्राणायाम दोनों का अधिक महत्व है। 20 सेकेंड से एक मिनट तक करने वाले योगासनों में सुखासन, सेतुबंधनासन, त्रिकोणासन और मत्स्यासन है। वहीं दो से पांच मिनट तक किए जाने वाले प्रणायाम में नाड़ी सोधन, कपालभाति, भस्त्रिका और उज्जयी प्राणायाम करें। शुद्धि क्रिया, जल नेति, सूत्र नेति भी कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d4e960cef50c8ece8541780c1fc98f530acd1ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72373.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नक्सल आंदोलन : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने बंगाल में वर्ष 1967 में नक्सलबाड़ी से हिंसक राजनीतिक विरोध की शुरुआत की थी। तत्कालीन सरकार ने हिंसक हो चुके नक्सलबाड़ी आंदोलन पर पुलिस बल का प्रयोग करके उसे कुचलने का प्रयास किया और उसके बाद कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच शुरू हुई राजनीतिक हिंसा की बेहद खराब परंपरा बंगाल में आज और ज्यादा वीभत्स रूप में बनी हुई है। वर्ष 1972-77 के दौर में कांग्रेस सरकार के दौरान नक्सलियों और सरकार के बीच संघर्ष बहुत बढ़ गया था। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुआई में वामपंथी पार्टियों ने हिंसक राजनीति को सत्ता परिवर्तन का जरिया बना लिया। इसके बाद वर्ष 1977 में राज्य में वामपंथी पार्टियां सत्ता में आईं तो करीब साढ़े तीन दशकों तक उनका कब्जा बना रहा और सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने का तरीका वही राजनीतिक हिंसा बनी, जिसका इस्तेमाल करके वामपंथी दल सत्ता में आए थे। + +राज्यपाल के इस कहे को थोड़ा ठीक से समझने की आवश्यकता है, क्योंकि जिस समय सभी राजनीतिक दलों को इस राजनीतिक हिंसा के विरुद्ध एकसाथ खड़ा होना था, सब अपनी सहूलियत देखकर ज्यादा बड़ा दुश्मन कौन, के आधार पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को जीत की बधाई देते हुए कहा कि आपने शानदार तरीके से भारतीय जनता पार्टी को हराया। राहुल गांधी ने बेहद शातिर तरीके से कांग्रेस के शून्य पर निपट जाने को पचा लिया, लेकिन खतरनाक बात यह है कि कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं के साथ हुई हिंसा पर भी राहुल गांधी कुछ नहीं बोले। हमें यह समझना चाहिए कि हिंसा एक बार शुरू हुई तो उसका शिकार कोई भी हो सकता है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रहीं आयशी घोष लगातार बता रही हैं कि वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं को भी मारा गया। एक वाम कार्यकर्ता की बूढ़ी दादी के साथ हुई हिंसा तो हृदयविदारक है। इसके बावजूद आयशी घोष ने सीपीएम का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारे साथ भले हिंसा हो रही है, लेकिन हम किसी भी हाल में भाजपा का विभाजक एजेंडा नहीं चलने देंगे। संघ और भाजपा की विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ने का संकल्प आयशी घोष सहित हर वामपंथी कैडर के जरिये सुना जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a9782dce22aa05bfd9904591bbe0580ae062655 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72376.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बार-बार खून चढाने की आवश्यकता पड़ती है।इस रोग में शरीर लाल रक्त कण / रेड ब्लड सेल (आरबीसी) नहीं बना पाता है। जो थोड़े बन भी जाते हैं तो वह सिर्फ कुछ समय के लिए ही होते हैं। थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को बार-बार खून चढाने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में इस बीमारी में बच्चा अनीमिया का शिकार हो जाता है। बार-बार खून नहीं चढ़वाने से शिशु की मृत्यु हो सकती है।  । कॉल्विन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक काउंसलर की सलाह ।कॉल्विन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक काउंसलर सुशील तिवारी ने बताया कि थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों को रक्त की आवश्यकता हमेशा पड़ती रहती हैं। उनके पास हर बार रक्तदाता होना संभव नहीं है। इसलिए रोग की गंभीरता को देखते हुए मरीज़ को बिना रक्तदाता के ही रक्त उपलब्ध करवाया जाता है। ऐसे में अगर आप स्वस्थ हैं व रक्त दान करना चाहें तो प्रति वर्ष कम से कम दो बार ऐच्छिक रक्त दान अवश्य करें। ताकि आपके दिए हुए इस अनमोल दान से किसी बच्चे के जीवन को बचाया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dec181177e7522f700bf7d3fa2d760951a841be9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72377.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां पर यह बता देना जरूरी है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्हें भी इलाज के दौरान यह दवा दी गई थी। मोनोक्लोनल एंटीबाडी प्रयोगशाला में तैयार किया जाने वाला प्रोटीन है। यह शरीर के किसी हिस्से को नुकसान पहुंचाए बगैर वायरस को नष्ट कर सकता है। मोनोक्लोनल एंटीबाडी सामान्य तौर पर इंसान की किसी एंटीबाडी, चूहों के कोशिकाओं की एंटीबाडी या दोनों के संयुक्त एंटीबॉडी को क्लोन करके लैब में तैयार की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7621fa51e9c0d035ab8c27aae81e6debbf117157 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72378.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह रहेगा समय।विद्यार्थियों के लिए लाइव काउंसिलिंग सत्रों में शामिल होने का समय सुबह साढ़े नौ से दोपहर डेढ़ बजे और दूसरे सत्र में दोपहर डेढ़ बजे से तीसरे पहल साढ़े पांच बजे होगा। इसमें से किसी भी सत्र में विद्यार्थी अपनी सुविधा से विशेषज्ञों से जुड़ सकेंगे। सीबीएसई दोस्त फॉर लाइफ एप विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं के बाद पसंदीदा विषय चुनने में भी मदद करेगा।साथ ही उन्हें वर्तमान कोविड-19 संक्रमण से बचने के नियम और इसके प्रोटोकाल की जानकारी भी देगा। यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72380.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd4a5eb44c2b1e1f0f4f3d46e87dc63c8e38d3e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72380.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शाकाहारियों के लिए दालें ही प्रोटीन का प्रमुख साधन बन गई हैं। गरीबों से लेकर अमीरों तक में दालों की मांग में भारी इजाफा हुआ है। उधर, सरकारी दावों के विपरीत दालों की पैदावार में अपेक्षित इजाफा होने पर संदेह है। लिहाजा जिंस बाजार में सभी तरह की दलहन फसलों के मूल्य में तेजी का रुख है। चने को छोड़कर बाकी सभी दालों के मूल्य सौ रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर जा पहुंचे हैं। थोक बाजार में साबुत दलहनी फसलें सरकार के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक पर बिक रही हैं जिसका लाभ किसानों को मिलने लगा है। लेकिन गरीबों की थाली से दालों के छूमंतर होने का खतरा बढ़ गया है। + +दलहन की खेती पर जोर देने के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही।दलहन की खेती पर जोर देने के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही है। इसके नतीजे भी संतोषजनक प्राप्त हुए। लेकिन मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ने से कीमतों में आई इस तेजी को स्वाभाविक माना जा रहा है। दालों की पैदावार को लेकर कृषि मंत्रालय के आंकड़ों पर जिंस बाजार को यकीन नहीं आ रहा है। यही वजह है कि खरीद मौसम में व्यापारियों ने कम उत्पादन का राग अलापना शुरू कर दिया है। आमतौर पर किसानों से उपज खरीदने के समय व्यापारी ऐसा नहीं बोलते। उपभोक्ता मंत्रालय के अधिकारी भी व्यापारियों से इत्तेफाक रखते हैं। उन्हें पैदावार के आंकड़ों पर संदेह है। + +चने का बफर स्टाक अब तक के न्यूनतम स्तर पर।चने का बफर स्टाक फिलहाल अब तक के न्यूनतम स्तर 12 लाख टन पर पहुंच गया है। चालू सीजन में कुल सवा तीन लाख टन चने की खरीद हो सकी है। जबकि अरहर का बफर स्टाक 3.35 लाख टन है। यह पिछले वर्षो का खरीदा हुआ माल है। अधिकतम बफर स्टाक कभी 40 लाख टन तक रह चुका है। ¨जस कारोबारियों को पता चल चुका है कि उपज अपेक्षित नहीं है और बाजार में पर्याप्त मांग है, सरकारी एजेंसियों के पास हस्तक्षेप करने को पर्याप्त स्टाक नहीं है। ऐसे में व्यापारी उपभोक्ताओं की थाली से दाल छूमंतर करने की कोशिश कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..530cf4e864256bf3a8339b169f3dbee014527223 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मदद में आगे आया अमेरिका ।अमेरिका से एंटीवायरल ड्रग रेमेडेसिविर की 20 हजार खुराक की पहली किश्त में भेजी जा रही है। अमेरिका से 1100 ऑक्‍सीजन सिलेंडरों की शुरुआती खेप भारत आ रही है। इससे भारत के स्‍थानीय सप्‍लाई केंद्रों पर ऑक्‍सीजन की बार-बार रिफ‍िल करना संभव होगा। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने भी स्‍थानीय रूप से ऑक्‍सीजन सिलेंडरों की खरीद की है और इसे भारत भेजा जा रहा है। इसके अलावा 1700 ऑक्‍सीजन कॉन्‍सेंट्रेटर्स ऐसे हैं, जो वातावरण से ऑक्‍सीजन लेकर उपचार के लिए मुहैया कराते हैं। अमेरिका, भारत को ऑक्‍सीजन जेनरेशन यूनिट्स भारत को दे रहा है। डेढ़ करोड़ एन-95 मास्‍क भी भारत को भेजा जा रहा है। इसके अलावा प्रमुख बात यह है कि अमेर‍िका ने एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन बनाने के लिए कच्‍चा माल भारत को भेजने का फैसला लिया है। अमेरिका 10 लाख रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग किट भारत को भेज रहा है। इसकी खासियत यह है कि यह टेस्ट 15 मिनट से कम समय में विश्वसनीय परिणाम देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0adde71b95e318ac5dabb2fea07b32f780d3204 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में कर चुका पहलवान की पिटाई ।सुशील ने कई साल पहले आईटीओ स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहलवान प्रवीण की बुरी तरह से पिटाई की थी। जिससे सुशील समेत उसके साथी पहलवानों के खिलाफ आईपी एस्टेट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उक्त मामले में भी पुलिस ने सुशील को गिरफ्तार नहीं किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d533c39cbfdf5e3a33a0499c2727c077256f8df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72384.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जेएनएन। मथुरा भौगोलिक तौर पर वेटलैंड, यमुना नदी, प्राकृतिक जल स्त्रोतों, पहाड़ों और जंगलों की प्राकृतिक स्थली है। यहां एक दर्जन से अधिक स्थलों पर प्रवासी पक्षियों की शरणस्थलियों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन दुर्भाग्य से किसी भी स्थल को पक्षी विहार के तौर पर घोषित नहीं किया गया है। जोधपुर झाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। प्रवासी व आवासीय पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जा चुका है। इसलिए ब्रज में प्रवासी पक्षियों के शरणस्थलों को सुरक्षित रखने की जरूरत है। + +पक्षियों का अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि यूरोप और मध्य एशिया से पक्षी मथुरा पहुंचते हैं। इनमें मुख्यत: साइबेरिया, अलास्का, मंगोलिया, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, रूस, फ्रांस, जर्मनी, तिब्बत सहित सेंट्रल ऐशिया व यूरोपीय देशों से प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रतिवर्ष होता है। पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि केवल फरह व वृंदावन में आवासीय व प्रवासी पक्षियों की लगभग 180 प्रजातियों की पहचान हो चुकी है। जिनमें 70-80 प्रजातियां प्रवासी पक्षियों की हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72386.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72386.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbe035a2a14c87aff80caf9e4660c692e08604fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72386.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) में मिली जीत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने दिल्ली में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि यूपी के पंचायत चुनाव में आप के 83 जिला पंचायत सदस्य, 300 प्रधान और 232 बीडीसी प्रत्याशियों को जीत मिली है। यूपी के 40 लाख मतदाताओं ने वोट देकर आप में विश्वास जताया है। + +पंचायत चुनाव में मिली जीत से उत्साहित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि यदि यूपी में पार्टी को बहुमत मिलता है तो यहां के वोटरों को भी दिल्ली की तरह मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं को बसों में सफर करने को मिलेगा। ये दिल्ली मॉडल है इसे यूपी में भी लागू किया जाएगा जिससे वोटरों को लाभ मिल सके। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e143b0374b5662757e9ccd1955d32e1e15f1904 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72391.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है डी डायमर। डी डायमर ब्लड में माइक्रो क्लॉट्स से बनने वाला प्रोटीन होता है जिसे फिबरिन डी जनरेशन प्रोडक्ट भी कहते है। यह शरीर के अंदर सामान्य रक्त के थक्का बनाने की क्रिया का पार्ट होता है, लेकिन शरीर मे संक्रमण अथवा सूजन के कारण कई पैथोलॉजिकल कंडीशन मे यह मात्रा बढ़ जाती है। ब्लड मे इसी माइक्रो क्लाट प्रोटीन की मात्रा मापने के लिए डी डायमर टेस्ट किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c88874e6cc023ec5983d999f19990cbea260eb0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72398.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। मधुपुर उप चुनाव की जीत जहां राज्य की महागठबंधन सरकार का हौसला बढ़ाने वाली है, वहीं भाजपा के रणनीतिकारों के लिए चिंता का सबब। बेशक इस सीट पर हार-जीत से राज्य की हेमंत सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था, लेकिन नतीजे उलट होते तो विधायक बने बिना ही हफीजुल हसन को मंत्री बनाने के हेमंत सोरेन के फैसले पर चर्चा जरूर होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..341ec8700b5cac3fb75af47032a9a4f40b2f692d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किन्नरों ने इतने पैसे की रखी डिमांड।ईटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रणबीर और आलिया के द्वारा किन्नरों को एक बड़ी राशि की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने तीन गुना अधिक पैसे की डिमांड की। जिसके बाद रणबीर के सुरक्षा कर्मियों ने पैसे के पैकेट को वापस ले लिया और फिर रकम को मांग के अनुसार बढ़ाकर वापस ले आए। खबर के अनुसार पैकेट में 30,000 रुपये थे और बढ़ाने के बाद लगभग 90,000 रुपये के आस-पास की रकम किन्नरो को दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7240.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7240.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7862a7c2b9e8ff7531f0794e24abd1382322580 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7240.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी इन दिनों फोटोग्राफर बन गई हैं। अथिया इस समय यूके में घूम रही हैं। जहां वो अनुष्का शर्मा की फोटोग्राफर बन गई हैं। अथिया ने हाल ही में अनुष्का शर्मा की बेहद खूबसूरत तस्वीरें क्लिक की हैं, जिन्हें देख हर कोई उनके फोटोग्राफी स्किल्स की तारीफ कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b9c2422ffc33ae875b4a4e674d214496ee89df5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72400.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ।एक तरफ दिल्ली में इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और बुनियादी इलाज मिलना मुश्किल हो गया है, वहीं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सेवा भारती आइसोलेशन सेंटरों का संचालन कर लोगों की जिंदगी बचाने का काम कर रही है। दिल्ली में वर्तमान समय में सेवा भारती द्वारा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से छह आइसोलेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। ये अशोक विहार, उदासीन आश्रम, नरेला, द्वारका, हरिनगर एवं लाजपत जिले की अमर कॉलोनी में स्थापित हैं। इन आइसोलेशन सेंटर में लगभग 450 बेड की व्यवस्था है। ।सेवा भारती के पदाधिकारियों के मुताबिक नौ और सेंटर जल्द शुरू होंगे। इसके लिए लगभग सभी तैयारी पूरी कर ली गई है, प्रशासनिक अनुमति मिलते ही यह एक-दो दिन में संचालन स्तर पर आ जाएंगे। इस तरह एक हजार बेड की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। सभी आइसोलेशन सेंटर में मेडिकल ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है। किसी में सिलेंडर के जरिए तो किसी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। + +ये सेंटर और विशेषता।लाजपत नगर।सेवा भारती ने लाजपत नगर की अमर कालोनी नगर स्थित सरस्वती बाल मंदिर में 35 बेड की सुविधा वाला आइसोलेशन सेंटर शुरू किया है, जिसे 50 बेड तक विस्तारित किया जाएगा। मरीजों के चिकित्सकीय उपचार के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. पी प्रसन्ना राज एवं डॉ. कल्पना नागपाल (रोबोटिक्स सर्जन हैं) अपनी नि:शुल्क अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां 21 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखे गए हैं। यहां सभी लोगों को भोजन, नीबू पानी, काढ़ा, दवाएं तथा सभी चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था है। संघ के स्वयंसेवक सेवाभाव से मरीजों की सेवा में जुट गए हैं। ।अशोक विहार में 100 बेड का कोविड केयर सेंटर।समाजिक संस्थाओं के सहयोग से सेवा भारती द्वारा अशोक विहार के लक्ष्मी बाई कॉलेज में 100 बेड का कोविड केयर सेंटर संचालित किया जा रहा है। इसमें संक्रमित ऐसे मरीजों को रखा गया है जो बहुत अधिक गंभीर नहीं हैं। महाविद्यालय की कक्षाओं को कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। सेंटर में ऑक्सीमीटर, दवाएं, ग्लूकोज, इंश्यूलिन चढ़ाने समेत अनेक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। जल्द ही इसे 200 बेड तक विस्तारित किया जाएगा। ख़ास बात यह है कि ऑक्सीजन कंसट्रेटर्स की व्यवस्था भी कोविड केयर सेंटर में की गई है। यहां हर दिन ओपीडी संचालित की जाती है, जिसमें हर दिन लगभग 100 मरीज आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ef7400e72ba90ab6bdb86c24936fae6d05f6734 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, जेएनएन। MS Dhaoni, Sakshi Dhoni अंतर्राष्‍ट्रीय दिग्‍गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्‍नी साक्षी सिंह रावत एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। देश में कोरोना संकट के बीच उनके घर खास मेहमान चेतक आया है, जिसका वीडियो सोशल साइट इंस्‍टाग्राम पर डालने के बाद धोनी की पत्‍नी साक्षी सिंह रावत को उनके प्रशंसक बुरी तरह ट्रोल कर रहे हैं। साक्षी धोनी को घोड़े के नाम पर लोगों ने जमकर लताड़ा। यूजर्स ने कहा कि आपके परिवार का खास मेहमान चेतक आपको ही मुबारक...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..494cbe4d398a0eb1a1194681f0a121491ee4af18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72402.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस बार मातृभूमि संकट में हैं तो वह काफी व्यथित है और हर प्रकार से मदद को आगे आ रहे हैं। इसके लिए 500 से अधिक भारत वंशियों के सामाजिक संगठन साथ आए हैं। इसमें भाषा, धर्म व क्षेत्र के आधार पर बने संगठन भी शामिल है। इस तरह अब तक तीन हजार वेंटिलेटर, आठ हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर व 10 हजार आक्सीमीटर की व्यवस्था की गई है। इनका भारत आना प्रारंभ भी हो गया है। मई के मध्य तक कमोबेश सभी सामान यहां आ जाएंगे। इन सामानों को दिल्ली, मुंबई व हैदराबाद जैसे अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उतारा जाएगा। जिससे कि पूरे भारत में वितरण में आसानी हो। + +परांडे ने बताया कि भारत में कोरोना के तीसरे लहर की भी आशंका है। इससे निपटने के लिए भी अभी से प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था में भी सेवा इंटरनेशनल लगा हुआ है। देश में आने पर इन सामानों के वितरण के लिए सेवा इंटरनेशनल ने एक समिति बनाई है, जो हर राज्यो में काम करने वाली संस्थाओं व अस्पतालों की सूची मंगाई है, जिसे मदद की जा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72403.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1551dcc355da4d5a60b9e831730d1de282941e95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72403.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पहले के अनुसार एक व्यक्ति को स्वस्थ तब माना जाता है जब उसके सभी प्राकृतिक अंग सामान्य ढंग से कार्य कर रहे हों। यह सामान्य सांख्यिकीय औसत होता है। इसके अनुसार रोग की अनुपस्थिति ही स्वस्थ होने को सुनिश्चित करता है, जबकि ‘होलिस्टिक थ्योरी ऑफ हेल्थ’ के अनुसार किसी व्यक्ति को स्वस्थ तभी माना जाता है जब वह अपने प्राणाधार जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो। आज सबसे ज्यादा जिस बात को लेकर चर्चा है वह है इम्युनिटी और अक्सर लोग इसके महज जैविक पक्ष पर ही बात करते हैं, जबकि इसके तीनों आयाम जैविक व्यवहारात्मक, सामाजिक संस्थागत संरचना व उनका विन्यास महत्वपूर्ण हैं। कोरोना के समय व्यवहारात्मक व सामाजिक संस्थागत संरचनाओं का महत्व खास तौर पर देखने को आ रहा है। + +बाजार व सरकार की सुरक्षा में सारा जोर भौतिक संसाधन पर रहता है, उसमें भावना का पक्ष काफी कमजोर रहता है। वहीं, इंटरनेट मीडिया पर बहते ज्ञान की धारा में डूबते उतराते व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। शहरों के मुकाबले गांव में बेहतर स्थिति ने रेखांकित किया है कि हमें शहर निर्माण योजना पर नए सिरे से सोचना होगा। सुखी व खुशहाल जिंदगी के लिए सिर्फ सुविधा ही नहीं, बल्कि स्वच्छ हवा, पानी और आहार के साथ ही स्पेस भी महत्वपूर्ण है। शहरों की योजना बनाते समय उसे उसकी जरूरत के हिसाब से उसकी आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना बेहद अहम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e507d9dd0ea88cdbb95cdffe54b7d138afc701e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72404.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संभले नहीं तो बढ़ सकते हैं मामले: अब भी अगर लोगों ने सतर्कता नहीं बरती तो दैनिक मामलों से लेकर मौतों तक में और इजाफा हो सकता है। अमेरिका स्थित मिशिगन यूनिवर्सिटी का आकलन है कि भारत में दैनिक संक्रमितों का आंकड़ा 8-10 लाख तक जा सकता है। हालांकि, उसने यह नहीं बताया है कि ऐसा कब हो सकता है। एसबीआइ की स्टडी रिपोर्ट बताती है कि दैनिक संक्रमितों का आंकड़ा मई के तीसरे सप्ताह में 6-8 लाख हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee20107c232d251663d862ba45ddd56889fe7ab8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हेलीकाप्टर से खुद आए थे पैरवी करने।जनता दल(अ) के टिकट पर हाजी गुलाम मुहम्मद चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल के भाई वीपी सिंघल चुनाव मैदान में थे। इस दौरान गुलाम मुहम्मद ने फोन करके प्रशासन की शिकायत अजित सिंह से कर दी थी। कहा था कि परिणाम गलत घोषित किया जा रहा है। इस पर अजित सिंह खुद हेलीकाप्टर से दिल्ली से मुरादाबाद पहुंचे थे। मतगणना के बाद गुलाम मुहम्मद की जीत हुई थी। गुलाम मुहम्‍मद ने 1991 में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उस वक्‍त सम्‍भल भी मुरादाबाद का ह‍िस्‍सा हुआ करता था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72409.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72409.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5acfdfc719736437f2353127f588a2d847fe01d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72409.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते मौसम में तेजी से बदलाव हुआ है। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के कई राज्यों के लोगों गर्मी से राहत मिली है। शुक्रवार सुबह भी धूप तो है, लेकिन ठंड हवाओं के चलते वह बेअसर है। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जानकारी आ रही है कि अगला मजबूत पश्चिमी विक्षोभ 10 या 11 मई के आसपास आएगा। इससे 10 से 12 मई के बीच एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिमी भारत में धूल भरी तेज हवा के साथ गरज और बौछारें संभव हैं। + +स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर है। एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र पाकिस्तान तथा उससे सटे पश्चिम राजस्थान में है। एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र हरियाणा के ऊपर और दूसरा उत्तर प्रदेश के ऊपर है। पश्चिमी राजस्थान से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए एक निम्न दबाव की रेखा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक जा रही है। एक और निम्न दबाव की रेखा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मध्य महाराष्ट्र तक मध्य प्रदेश होती हुई जा रही है। एक और निम्न दबाव की रेखा आंतरिक कर्नाटक से दक्षिण तमिलनाडु तक बनी हुई है। + +पूर्वी बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, कास्टल आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर तेज वर्षा संभव है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में धूल भरी तेज हवा तथा गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हल्की बारिश के साथ एक दो स्थानों पर मध्यम बारिश सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84ff6df486f09ae754ccd166594e8d1218643b25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72417.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [अवनीश त्यागी]। हमेशा किसानों व गांवों की आवाज बुलंद करने वाले राष्ट्रीय लोकदल मुखिया अजित सिंह राजनीति में अपराधियों को बढ़ावा देने के प्रबल विरोधी रहे। तीन दशक से ज्यादा प्रभावी सियासी भूमिका में रहे अजित चाहते तो शुचिता की राजनीति छोड़कर अपना दबदबा और बढ़ा सकते थे। पेशे से कंप्यूटर वैज्ञानिक अजित सिंह ने किसान व वंचित वर्ग को राजनीतिक ताकत बनाने के लिए संघर्ष किया। + +राष्ट्रीय लोकदल मुखिया अजित सिंह ने चीनी मिलों की स्थापना के लिए बीच की दूरी 25 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर की थी। इससे चीनी उद्योग में अधिक निवेश और प्रतिस्पर्धा बढ़ी। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में कोल्ड स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना भी शुरू की। इससे भी निजी निवेश को प्रोत्साहन मिला। उनके निकटस्थ रहे अनिल दूबे बताते हैं कि कृषि क्षेत्र में बदलाव के साथ किसान हित उनकी हमेशा प्राथमिकता में रहा। + +चौधरी साहब ने अपराधियों को राजनीति से दूर रखने के लिए कभी उन्हें पार्टी का उम्मीदवार नहीं बनाया। इसका कई बार नुकसान भी उठाना पड़ा। अपनी राजनीति के शुरुआती काल में अजित सिंह का मुलायम सिंह से टकराव भी इन्हीं मुद्दों पर हुआ माना जाता है। चौधरी चरण सिंह के उत्तराधिकार की लड़ाई और मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए तनातनी भी बढ़ी। मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए तो अजित ने केंद्र की राजनीति की ओर रुख किया। प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b69c1cfa60e25cfc13e577c73be211dc422a1f94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72424.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फरीदाबाद [प्रवीन कौशिक]। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अधिकतर लोग सुरक्षा के नजरिये से अपने घरों में हैं, लेकिन इन विषम परिस्थितियों में चिकित्सक सहित स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात कोरोना वायरस संक्रमितों की देखभाल में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेड़ीकला में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ. राखी ने पीड़ितों की अच्छे ढंग से देखभाल की खातिर अपनी शादी स्थगित कर एक अनोखी मिसाल पेश की है। डॉ. राखी को अक्सर अस्पताल में ही रात के 12 बज जाते हैं। घर जाने के बाद भी यदि उनकी जरूरत देर रात पड़ती है तो भी वह अस्पताल तुरंत आ जाती हैं। कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे स्टाफ के सदस्यों से पता चला कि डॉ. राखी की शादी इसी महीने की 14 मई को तय थी, पर कोरोना संक्रमण से पीड़ितों की बेहतर देखभाल को डॉ. राखी ने प्राथमिकता दी और अपनी शादी को भी फिलहाल टाल दिया है। + +मरीज के आते ही देते हैं ऑक्सीजन। डॉ.राखी ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र 25 बेड का है, लेकिन जब कोई संक्रमित आता है तो उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर उसका इलाज शुरू कर दिया जाता है। उसे ऑक्सीजन दी जाती है। जरूरी दवा देते हैं। इसके बाद एंबुलेंस का इंतजाम कर उसे रेफर कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां भर्ती संक्रमितों को बाहर प्रांगण में रोज व्यायाम भी कराया जाता है, ताकि उनका तनाव दूर हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..630e6983ad884e65d220299535405c0418872d4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72425.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दिल्ली-हरियाणा समेत अन्य राज्यों में लाॅकडाउन का रेलवे पर असर, 28 ट्रेनें हुई रद; यहां देखें पूरी लिस्ट।चौधरी अजित सिंह दिया था नरेश टिकैत को लोकसभा का टिकट।इसमें कोई शक नहीं है कि चौधरी अजित सिंह और नरेश टिकैत एक-दूसरे के काफी करीब थे।राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अमरोहा से राकेश टिकैत को लोकसभा प्रत्याशी बनाकर एक तीर से दो निशाने साधे थे। राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता है और किसान नेता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय लोकदल जहां राकेश को अमरोहा से चुनाव लड़ाकर किसानों के सबसे बड़े संगठन भकियू में अपनी पकड़ मजबूत करना चाह थी, वहीं, मुजफ्फरनगर दंगों के बाद अजित सिंह से नाराज चल रहे जाट समुदाय को खुश करने की कोशिश भी थी। वहीं, मुजफ्फरनगर में पार्टी के दफ्तर में राकेश टिकैत के स्वागत के दौरान बड़ी संख्या में भकियू के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे। इससे यह बात साबित हो जाती है कि चौधरी अजीत सिंह ने राकेश टिकैत के सहारे किसानों और जाटों में खोया हुआ अपना विश्वास दोबारा हासिल करना चाह रहे थे। + +ये भी पढ़ें- दिल्ली में कोरोना ने दिखाया भयावह रूप, शवदाह में लगातार अंतिम संस्कार से आग का गोला बनी सन लाइट काॅलोनी। मीडिया के फफक-फफक रोते ही अजित सिंह हुए थे व्याकुल।दिल्‍ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन ने 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के बाद हिंसा के बाद आंदोलन वापस ले लिया था। भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नरेश टिकैत की घोषणा के बाद पुलिस ने किसानों के तंबू हटाने शुरू कर दिए थे। यहां कि बिजली-पानी पहले ही काटी जा चुकी है। इस बीच भाकियू के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत धरने से ना हटने की बात कह रहे थे। उन्‍होंने तो यहां तक कह दिया था कि अगर प्रशासन उन्‍हें जबरन हटाने का प्रयास करेगा तो वह फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर लेंगे। + +ये भी पढ़ें- कोरोना काल के दौरान दिल्ली में कहीं ऑक्सीजन की तरह पानी की भी न हो जाए कमी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला ।ये भी पढ़ें- ऑक्सीजन सिलेंडरों के नाम पर ऐसे हो रहा खेल, कहीं आप तो नहीं हो रहे शिकार, पढ़ ले पूरी खबर ।ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव प्रत्याशी भी कर रहा था ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार।अजित सिंह को हराना, हमारी भूल।बता दें कि जनवरी महीने में मुजफ्फरनगर में आयोजित महापंचायत में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा था चौधरी अजित सिंह को लोकसभा चुनाव में हराना हमारी भूल थी। हम झूठ नहीं बोलते हम दोषी हैं। नरेश टिकैत ने कहा था कि इस परिवार ने हमेशा किसानों के सम्मान की लड़ाई लड़ी है, आगे से ऐसी गलती ना करियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72426.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72426.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19e4f9502f7df29305dc558c6411c623bb78ba3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72426.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोराेना संक्रमण के चलते बेरोजगारों की करियर काउंसिलिंग की रणनीति में भी बदलाव करने की कवायद चल रही है। इसके तहत सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों आने के बजाय घर बैठे आनलाइन काउंसिलिंग की जाएगी। सूबे में 100 से अधिक मॉडल करियर सेंटरों के माध्यम से युवाओं की ऑनलाइन काउंसिलिंग करने की कवायद इस महीने के अंत से शुरू होगी। + +केंद्रीय श्रम एवं सेवायोजन महानिदेशालय की ओर से पूरे देश के युवाओं को जोड़ने की पहल चल रही है। प्रदेश के 92 सेवायोजन कार्यालयों के साथ ही देश के 900 से अधिक कार्यालयों को जोड़कर बनाए गए नेशनल करियर सर्विस के माध्यम से काउंसिलिंग व रोजगार देने की तैयारी चल रही है। 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं को करियर से संबंधित जानकारी दी जाएगी। उप निदेशक सेवायोजन और प्रभारी माॅडल करियर सेंटर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि तैयारी पूरी है। सरकार के निर्देश के साथ ही काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी। + +गूगल मीट से हाेगी ट्रेनिंग: आनलाइन करियर काउंसिलिं के साथ ही ट्रेनिंग भी आनलाइन होगी। मॉडल करियर सेंटर के कार्यालय प्रभारी जय प्रकाश ने बताया कि एक निजी कपनी से समझौता हुआ है। पंजीकृत युवाओं को गूगेल मीट के माध्यम से 100 दिन की ट्रेनिंग के बाद नौकरी के अवसर दिए जाएंगे। इसके लिए युवाओं का पंजीयन होगा। 25-25 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। + +ऐसे कराएं होगा पंजीयन: सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत युवाओं को आनलाइन काउंसिलिंग के लिए युवा वेबसाइट https://forms.gle/bfA8dCim9QcVuxYH8 पर भी अपना पंजीयन करा सकता है। सेवायोजन विभाग की बेवसाइट sewayojan.up.nic.in या फिर सेवायोजन एप से बेरोजगार अपना पंजीयन करा सकते हैं। जिला सेवायोजन अधिकार प्रीति चंद्रा ने बताया कि अभी काउंसिलिंग का आदेश अभी नहीं आया है। आते ही स्कूलों के माध्यम से काउंसिलिंग शुरू हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..021910c77fd903fa8620d9dc63a3e529bed97742 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चौधरी अजित सिंह के एक संदेश ने बदल दिया किसान आंदोलन का रुख, फिर तो टिक ही गए राकेश टिकैत।मुदित गर्ग (परियोजना निदेशक एनएचएआइ) का कहना है कि एक अप्रैल तक करीब 55 लाख वाहनों का आवागमन हुआ है। एक-एक वाहन को सीसीटीवी के जरिए ट्रैक किया गया है। वाहनों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। अगले दो महीने तक टोल वसूली की संभावनाएं कम हैं। टोल दरों के निर्धारण की तैयारी की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..addbce6144ef30a22ce9a1467d13d6a70b5cee4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72429.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुश्ताक अहमद का पहले पॉलीहाउस में पहले फूलों का कारोबार था। फूल न केवल प्रेम के प्रतीक हैं बल्कि देवी देवताओं शादी विवाह व अन्य बहुत से कार्यो के लिए भी काम आते हैं। शायद यही कारण था गगरेट निवासी इस शख्स ने आशा देवी बैरियर के पास 26 एकड़ में पॉलीहाउस लगाकर फूलों का व्यापार शुरू किया। व्यापार का इतना प्रसार हुआ कि यह हिमाचल के सबसे ज्यादा उत्पादन वाला पॉलीहाउस बना। 30000 फूल प्रति दिन इस पॉलीहाउस से बाज़ार के लिए जाते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2891ed023b3258281a6d88f89ab63986d90af88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Maharashtra: Mumbai Police says Property Cell of its Crime Branch has summoned three persons including actress Gehana Vasisth for questioning in connection with the porn film racket probe today।वहीं क्राइम ब्रांच के तलब करने के बाद गहना वशिष्ठ ने बताया है कि वो इस समय मुंबई में नहीं हैं। गहना ने कहा है कि 'मैं इस समय मुंबई से बाहर हूं, मैं आज मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के प्रॉपर्टी सेल में नहीं पहुंच पाऊंगी। मैं इन्वेस्टिगेशन में पूरी तरह से को-ऑपरेट करने के लिए तैयार हूं।'।Since I am currently out of Mumbai, I am unable to appear before the Property Cell of Mumbai Police's Crime Branch today. I am ready to fully cooperate in the investigation : Actor Gehana Vasisth।बता दें कि राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद से ही गहना वशिष्ठ लगातार उनका समर्थन कर रही हैं। गहना वशिष्ठ का कहना है कि राज कुंद्रा के हॉटशॉट एप के लिए अश्लील फिल्में नहीं बल्कि Erotic फिल्में बनाई जाती हैं। वहीं शिल्पा शेट्टी के बयान का भी बीते दिन गहना वशिष्ठ ने समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि शिल्पा शेट्टी का इसमें कोई हाथ है और ना ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी रही होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d20bcb2fd000fd5ba5b664c56291256aed23e4f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑक्सीजन के लिए ऑक्सीजन पूल ।कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे मरीजों के लिए बृहस्पतिवार को राहत भरी खबर आई। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को आपात ऑक्सीजन (Emergency Oxygen) देने के लिए ऑक्सीजन पूल (Oxygen Pool) बनाया है। इस ऑक्सीजन पूल की निगरानी सभी जिलों के जिलाधिकारी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e26e019b3fbfdaee9df440b9e50b14e77862049 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिन लोगों से फर्जी टीम पीके ने संपर्क किया, उनमें पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह समरा, पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान और पूर्व मंत्री एवं पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे मोहिंदर सिंह केपी समेत कई नाम शामिल हैं। पूर्व मंत्री जोगिंदर सिंह मान देश के पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह के भांजे हैं, जबकि मोहिंदर सिंह केपी कांग्रेस की नेशनल वर्किग कमेटी के सदस्य रहे हैं। अमरजीत सिंह समरा लोकल कैपिटल एरिया बैंक के चेयरमैन हैं। इनसे फर्जी टीम पीके ने कई बार फोन पर बात की और टिकट आवंटन से पहले होने वाले सर्वे में नाम चलाने का झांसा दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11fd2a07e8fa2b543f2078285ba382d74a0cd6ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंसान ही नहीं अब बेजुबानों पर भी कोरोना महामारी का काला साया मंडराने लगा है। कोरोना संक्रमण ने हैदाराबाद चिड़ियाघर में रह रहे आठ शेरों को अपने चपेट में लिया है, जिसके बाद से दिल्ली चिड़ियाघर प्रबंधन बेहद सतर्क हो गया है। हालांकि दिल्ली का चिड़ियाघर पिछले दिनों से बंद चल रहा है। वहीं, प्रबंधन इन दिनों जानवरों और पक्षियों के बाड़े के बाहर सैनिटाइजेशन का काम तेजी से कर रहा है। सुबह, दोपहर और शाम के वक्त यह सैनिटाइज किया जा रहा है। ।वहीं, जानवरों के भोजन को भी काफी सफाई के बाद ही उन्हें दिया जा रहा है। चिड़ियाघर के निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि चिड़ियाघर में सभी सावधानियां बरती जा रही हैं। जानवरों और पक्षियों को विशेष खयाल रखा जा रहा है। इन दिनों जानवरों को मल्टी विटामिन भी दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। वहीं, जानवरों को दिए जाने वाले भोजन में भी बदलाव किया गया है। सभी को पौष्टिक तत्वों वाला भोजन दिया जा रहा है, जिसमें संतरे और खट्टे फल शामिल हैं। ।वहीं, मांसाहारी जानवरों को विटामिन सी की दवाएं दी जा रही हैं। जानवरों की हर हलचल की इन दिनों निगरानी की जा रही है। साथ ही बढ़ती गर्मी के चलते उनके बाड़ों में तालाब बनाए गए हैं, जिसमें वह जमकर मस्ती करते हुए भी नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल चिड़ियाघर के सभी जानवर पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जानवरों के डॉक्टर की टीम खुद उनके बाड़ों तक जाकर इसकी निगरानी कर रही हैं। निदेशक का कहना है कि सभी जानवरों के बाड़े के बाहर कीटानाशक दवाओं का भी छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा सैनिटाइजेशन का काम तेजी से किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e6a79bfe36ab162f3385570e8b64489d93a93fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72435.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्‍ली, सीमा झा। सुप्रिया और उनके पति राजीव पिछले दस दिन से कोविड संक्रमण से जूझ रहे हैं। उनकी छह साल की एक बिटिया है। सुप्रिया अपनी जिस नन्ही बच्ची को खुद से कभी अलग नहीं करती थीं, हालात ने उस बच्ची को उनसे अलग रहने के लिए विवश कर दिया है। मां से अलग रहकर अपना काम खुद कैसे करना है, वह अपनी लाडली को इसका प्रशिक्षण दे रही हैं। उन्हें पीड़ा होती है जब बिटिया खुद नहाती है और दूर से ही मां की थपकियों को महसूस कर धीरे-धीरे नींद के आगोश में चली जाती है। यह सब देखना, महसूस करना मां-बाप के लिए पीड़ादायक है। यह उस मां और पिता की संक्रमण से मिली तकलीफ से बढ़कर है। पर सुप्रिया इसे न केवल स्वीकार कर रही हैं बल्कि यह बात उनका अपने जीवन से जुड़ाव भी बढ़ा रहा है। सुप्रिया कहती है, ‘हर सुबह किसी न किसी मौत की खबर से शुरू होती है। दिल एकबारगी दहल जाता है। कभी किसी करीबी की मौत की खबर तो अभी संभले भी नहीं कि किसी मित्र की मृत्यु का संदेश। पर जीवन का मोल ऐसी पीड़ाओं पर भी भारी है। आइए जीवन को गले लगाएं, इससे हमारी हर पीड़ा कम होती जाएगी।’।हालांकि सुप्रिया के पति राजीव का एहसास अलग है। यह उनके इंटरनेट मीडिया पोस्ट से जाहिर होता है, जहां वह कभी किस्मत को दोष देते हैं तो कभी अपनी परिस्थिति को। सुप्रिया कहती हैं, ‘पति निराश होते हैं तो उन्हें बार-बार समझाती और प्रेरित करती हूं। इससे खुद भी प्रेरित होती हूं। आशा है कि जब हम कोविड के इस भयावह दौर से निकलेंगे तो हमारी वह सुबह इससे बहुत अलग और यूं कहें बेहद सुंदर होगी।’।स्वीकारना ही होगा हमें: सुप्रिया की उक्त कहानी इस समय की सहज मनोदशा है। हां, यह मनोदशा नकारात्मक भी हो सकती है। नकारात्मक यानी जीवन दुख से भरा है, पीड़ा ही इसकी नियति है। पर विशेषज्ञों के अनुसार, यह बस हमारी मन:स्थिति हो सकती है। जैसा कि फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. मनु तिवारी कहते हैं, ‘हम भावनाओं से संचालित होते हैं। भावनाएं हमारी स्थिति पर निर्भर हैं। जैसी बाहर की स्थिति होती है वैसी ही हमारी मन की स्थिति बनने लगती है। भावनाओं के इस जाल को बुनने में हम अच्छी या बुरी स्मृतियों की मदद लेते हैं। यह हम पर है कि बुरे दौर में कैसी स्‍मृतियों को मन में जगह दें।’ यह सच है कि भावुक और भय से भरे मन को आज अक्सर विशेषज्ञता से भरी बुद्धिमत्तापूर्ण बातें नहीं सुहातीं। वह तो बस किसी तरह से इस मुश्किल समय से निकलना चाहता है, कोई हल चाहता है। पर यकीन करें। यह हल बाहर नहीं, जीवन को स्वीकारने और इसे गले लगाने के हमारे संकल्प पर निर्भर है। जैसा संकल्प, वैसा जीवन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a13f168331ff97019a5e31ec29e7a4a40096bbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। देश भर में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। इस सब के बीच निर्यात इंडस्ट्री राहत की उम्मीद जगा रही है। इंडस्ट्री पर आर्डर की भरमार है। आने वाले छह महीने तक के लिए आर्डर बुक हैं। पर स्थिति यह है कि कोरोना के कारण पूरी क्षमता के साथ फैक्ट्रियों में काम नहीं हो पाने के कारण समय से आर्डर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। मुरादाबाद के बड़े निर्यातकों ने आर्डर लेना बंद कर दिया है। उनके पास पहले से जो काम है, उन्हें पूरा करने में लगे हैं। सबसे बड़ा संकट ऑक्‍सीजन का है। इसकेे अलावा कर्मचार‍ियों की कमी भी बनी हुई है। ।काेरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण 25 फीसद कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं। हालांकि, निर्यातकों ने अपने कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाए रखने के इंतजाम भी किए हैं, जिसके चलते फैक्ट्रियों में लगातार काम हो रहा है। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद भी पूरा सहयोग कर रही है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने इस बार कुछ ज्यादा ही नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, इस बार लाकडाउन नहीं होने के कारण दुनिया भर के बाजार खुले हुए हैं। बाजार खुलने के कारण हस्तशिल्प निर्यात इंडस्ट्री को लगातार आर्डर मिल रहे हैं। इन आर्डर को पूरा करने के लिए आवश्यक मैन पावर की कमी पड़ रही है। कोरोना की इस मार में कर्मचारियों और दस्तकारों को कोरोना से बचाए रखना और काम करना चुनौती है। कोरोना के कारण बीस फीसद तक कर्मचारी कम आ रहे हैं। फैक्ट्रियों में शारीरिक दूरी का नियम पालन कराने के कारण 20 फीसद कम स्टाफ को बुलाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4b7a31fb82018599eea56e7a7081a3a8ee707b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72441.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आपातकाल के दौरान वे दिल्ली के उपराज्यपाल थे। उनकी पहचान एक अत्यंत कार्यकुशल, ईमानदार और अडिग इरादों वाले मजबूत प्रशासक की बन चुकी थी। पिछली सदी के नौवें दशक में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पनप रहा था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें राज्यपाल बनाकर जम्मू-कश्मीर भेजा। उन्होंने आतंकवाद को परोक्ष रूप से शह दे रही अलगाववादी शक्तियों की नकेल कसना शुरू किया। इसी क्रम में उन्होंने फारुक अब्दुल्ला की सरकार को बर्खास्त कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे जम्मू-कश्मीर आते ही इस बात को समझ गए थे कि आतंकवाद और अलगाववाद की जड़ वहां के क्षेत्रीय दल हैं। उन्होंने इस गठजोड़ को काफी हद तक तोड़ भी दिया। + +राजीव गांधी के बाद प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने भी उन्हें दोबारा जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया। हालांकि उनका यह कार्यकाल अल्पकालीन ही रहा। जब जगमोहन ने कश्मीर घाटी में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म को रोकने की कोशिश की और ज्यादतियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तो दिल्ली में बैठे उनके हिमायतियों ने वीपी सिंह पर दबाव बनाकर उन्हें हटवा दिया। लेकिन 19 जनवरी 1990 की काली रात में कश्मीर घाटी में होने वाले कत्लेआम से ठीक पहले ही उन्होंने बड़ी संख्या में हिंदुओं को वहां से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उनकी रक्षा करने का सराहनीय कार्य किया। उन्होंने जम्मू और लद्दाख संभाग के साथ होने वाले भेदभाव और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हावी कश्मीरियों और मुसलमानों के वर्चस्व को संतुलित करने की कोशिश की। तमाम आतंकवादी संगठनों के अलावा पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने भी उनको खुलेआम धमकियां दीं। लेकिन उन्होंने इन गीदड़भभकियों की तनिक भी परवाह किए बिना और भी मजबूत इरादों के साथ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने का काम किया। इस दौर के अपने अनुभवों को उन्होंने अपनी बहुर्चिचत पुस्तक ‘माइ फ्रोजन टर्बुलेंस इन कश्मीर’ में अभिव्यक्त किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72443.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72443.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af8d984d7ec9e07b7223f8585b8dee7862365377 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72443.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संजय मिश्र। MP Bypoll Results 2021 मध्य प्रदेश विधानसभा की दमोह सीट पर उपचुनाव में मिली हार ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है कि भाजपा के स्थानीय नेता से लेकर कई बड़े नेता तक खुलकर इस हार की चर्चा कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह हार जनता की वजह से नहीं, बल्कि पार्टी के ‘जयचंदों’ के कारण हुई है। दो मई को परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी ने अपनी हार के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व वित्तमंत्री जयंत पवैया एवं उनके परिवार को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पवैया परिवार के भितरघात के कारण उनके वार्ड में तो हारे ही शहर के अन्य क्षेत्रों में भी बुरी तरह हार गए। + +जयंत मलैया यहां से लगातार सात बार विधायक रहे, लेकिन 2018 के चुनाव में वह कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी से महज 798 वोटों से हार गए। मलैया भी अपनी हार के लिए भितरघात को ही बड़ा कारण मानते रहे हैं। तब पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया ने भाजपा से बगावत करके मलैया के खिलाफ ताल ठोक दी थी। आखिरी दिन तक भाजपा उन्हें मनाने की कोशिश करती रही, लेकिन वे नहीं माने। चुनाव में उन्हें भले ही 1,133 वोट मिले, लेकिन उन्होंने भाजपा को तो नुकसान पहुंचा ही दिया। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में अंदरूनी कलह के कारण ही भाजपा को अनेक सीटों का नुकसान हुआ था। एक दर्जन से अधिक सीटें ऐसी थीं, जिन पर भाजपा के बड़े नेताओं पर ही भितरघात के आरोप लगाए गए थे। सात सीटों पर तो भाजपा के प्रत्याशी एक हजार से भी कम वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। + +दरअसल भाजपा में अंदरूनी कलह की शुरुआत उसी समय हो गई थी जब कमल नाथ सरकार को गिराने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों को इस्तीफा दिलाकर पार्टी में शामिल कराया गया। वर्ष 2020 में 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हुए तो भाजपा को सबसे ज्यादा परेशानी अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं से ही उठानी पड़ी। वे कांग्रेस से आए नेताओं को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। कलह तब और तेज हो गई जब पार्टी ने इस्तीफा दिलाकर कई अन्य विधायकों को भी भाजपा में शामिल कराया। राहुल लोधी भी उन्हीं में से एक थे। भाजपा सरकार बनने के बाद और 28 सीटों पर उपचुनाव के छह दिन पहले वह कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। माना जा रहा था कि सत्ता में भागीदारी के लिए ही राहुल भाजपा में शामिल हुए। उन्हें एक महत्वपूर्ण निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। उपचुनाव में भाजपा ने 28 में से 19 सीटें तो जीत लीं, लेकिन पांच महीने बाद दमोह में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..386190f5e97223985f8842a9a72b1ecf66e53a01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72445.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइपैक के सर्वे में बंगाल में 100-110 सीटों को आसान माना गया था, जहां ममता के काम पर अभियान आदि चला कर दोबारा जीत हासिल की जा सकती थी। इसके लिए ‘बंगाल गर्वो ममता’ आदि कई अभियान चलाए गए। सत्ता विरोधी रुझान को कम करने के लिए योजनाओं की पड़ताल जमीनी स्तर पर की गई। ‘हर घर सरकार’ जैसे कार्यक्रम जमीनी स्तर पर चलाए गए। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अफसरों को अलर्ट किया गया। सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ गांव-गांव तक पहुंचे, इस हेतु लगातार प्रयास किए गए। ज्यादातर अभियानों को बंगाली अस्मिता से जोड़ा गया। महिलाओं को आर्किषत करने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..655bd1b80616773673df41a861cd71e2c72fc6ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72446.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण संवाददाता। छत्रसाल स्टेडियम के पहलवान सागर धनखड़ अपने पिता के सपनों को जी रहे थे। उनके पिता अशोक धनखड़ भी पहलवानी करते थे, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। उन्हें दिल्ली पुलिस ज्वाइन करनी पड़ी, लेकिन वे बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहलवान बनाना चाहते थे। इसलिए वे शुरू से ही उसे पहलवानी के गुर सिखाने के लिए विभिन्न गुरुओं और अखाड़ों में भेजा था, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि यही अखाड़ा और पहलवानों की अदावत एक दिन उनके बेटे को छीन लेगी। + +शुरुआत में उन्होंने सागर को खरखौदा के एक नामचीन स्कूल में दाखिल करवाया और पहलवानी के गुर सिखाए। इसके बाद यहां से निकालकर उन्होंने बेटे को छत्रसाल स्टेडियम में दाखिल करवा दिया। वह करीब आठ-दस साल से वहीं रहकर अभ्यास करते थे। उनकी शादी नहीं हुई थी। अचानक ऐसा क्या हुआ जो उसकी हत्या कर दी गई। यह किसी को समझ नहीं आ रहा है। उसकी किसी से क्या रंजिश थी, यह भी किसी को नहीं पता है, लेकिन स्वजन इतना जरूर कह रहे हैं कि इस हत्याकांड में पहलवान सुशील कुमार का नाम आया है तो जरूर इसमें पहलवानी को लेकर ही अदावत रही होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..359da98182bc4adba3429b5e0675848113585172 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। नौ महीने कोख में रखने वाली मां दुनिया में लाने के चंद घंटे बाद ही नन्हीं सी जान को कड़़ाके की ठंड में खुले आसमान तले अकेला छोड़ गई थी। शायद यह सोचकर कि नन्हीं सी जान की किस्मत में होगा तो वह जिंदगी की जंग को जीत लेगा। वर्ना अबोध की इस रात की अब सुबह नहीं होगी। दूसरी ओर विधाता ने भी अबोध के भाग्य को अपने हाथों से लिखने की ठान ली थी। रात भर कड़ाके की सर्दी में मौत से जूझने के बाद सुबह का सूरज उगने के साथ ही अबोध के भाग्योदय की शुरूआत हो चुकी थी। मगर, इससे पहले उसे परीक्षा देनी थी। एक महीने तक अस्पताल में रहकर मौत को मात देने के बाद अबोध को शिशु गृह भेजा गया। यहां उसे गोद लेने की प्रक्रिया शुरू हुई। सात महीने के अबोध को रेलवे अधिकारी गोद लेने राजकीय शिशु गृह पहुंचे। गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मां ने अबोध को गोद में लिया, उसने झट से उनकी उंगली पकड़ ली। शायद वह यह ऐलान कर रहा था, दुनिया वालों देखो मुझे मां-बाप मिल गए। ।राजकीय शिशु गृह में सात महीने पहले चाइल्ड लाइन ने एक अबोध को लाकर रखा था। उसे जन्म देने के बाद हालात के हाथों मजबूर मां कड़ाके की ठंड में खेत में छोड़कर चली गई थी। रात भर सर्दी में पड़े रहने के चलते अबोध बालक का पूरा शरीर नीला पड़ गया था। खेत पर शौच के लिए ग्रामीण उसके रोने की आवाज सुनकर वहां पहुंचे। उन्होंने कपड़े में लिपटे अबोध बालक को देखा। इसकी सूचना पुलिस को दी।अबोध को चाइल्ड लाइन ने पुलिस के माध्यम से अपनी सुपुर्दगी में लिया। रात भर ठंड में रहने से अबोध की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। उसे आगरा में एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। यहां करीब एक महीने तक भर्ती रहा। उसे बचाने के लिए डाक्टरों की पूरी टीम लगी रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f693e1e220406f83aa69c5f517af8875b7c7b937 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7245.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह को अभिनय के अलावा स्पोर्ट्स में भी काफी दिलचस्पी है। रविवार को मुंबई में एक दोस्ताना फुटबॉल मैच के दौरान रणवीर सिंह और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को गले मिलते देखा गया। रणबीर और धोनी एक ही टीम के लिए खेल रहे थे जबकि सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान ने विरोधी टीम की जर्सी पहनी हुई थी। दोनों की ये फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। + +यह तो सबको पता है कि रणवीर एमएस धोनी के बहुत बड़े फैन हैं। पिछले साल, धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद, रणवीर ने क्रिकेटर के साथ ली गई कुछ तस्वीरों को एक लंबे नोट के साथ शेयर किया था। उन्होंने लिखा, "एक तस्वीर का यह छोटा रत्न मेरी बेशकीमती चीजों में से एक है। इसे वर्ष 2007/08 के आसपास कर्जत के एनडी स्टूडियो में लिया गया था। मैं लगभग 22 साल का था, एक सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रहा था। मैंने यह विशेष रूप से लिया। नौकरी केवल इसलिए की कि एड फिल्म में एमएस धोनी थे। ”।उन्होंने कहा कि वह उस समय काम अधिक था, पैसा कम मिला और वो बीमार भी थे पर। इससे कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि उन्हें धोनी से मिलने का मौका मिला। धोनी के साथ उनकी दूसरी मुलाकात बैंड बाजा बारात के बाद हुई। उन्होंने इस मीटिंग के बारे में कहा, "वह जोशीले और गर्मजोशी से भरे हुए थे और उन्होंने बीबीबी में मेरे प्रदर्शन की प्रशंसा की। हम बाहर घूमते रहे, मैंने अपनी टोपी और जर्सी पर एक सच्चे फैन की धोनी से ऑटोग्राफ लिए।"।रणवीर ने आगे कहा,' एमएसडी' अब तक के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैंने अपनी लाइफ में उनके खेल करियर को देखा। वो उत्कृष्टता का एक प्रतिमान है, खेल का एक प्रतीक। मेरा हीरो हमेशा के लिए। हमारे महान राष्ट्र को गौरवान्वित करने और एक अरब दिलों को गर्व से भरने के लिए धन्यवाद माही भाई,'। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ed79152f5668a01d50090d5c2fcb492b137d3f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में समारोहों में जुटी भीड़ के कारण भी फैला संक्रमण। उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का कोई अलग आंकड़ा तो नहीं रखा है, लेकिन अनुमान है कि शहरी क्षेत्रों में संक्रमण 80 फीसद तो ग्रामीण में 20 फीसद है। संक्रमण का मुख्य कारण गांवों में होने वाले विवाह व धार्मिक समारोह के साथ ही बाहर से आने वाले प्रवासी भी हैं। यहां होने वाले समारोह में कोरोना की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं, विभिन्न राज्यों में कोरोना कर्फ्यू को देखते हुए प्रवासी अपने गांवों को लौट रहे हैं। वहीं हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों मीं भी कोरोना के लगभग 55 फीसद मामले आए हैं। प्रदेश में 15.44 लाख लोगों की कोविड-19 जांच हो चुकी है। इनमें से 1.08 लाख पॉजिटिव आए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शादियों व अन्य समारोहों में जुटी भीड़ के कारण भी संक्रमण अधिक फैला। कई जगह पुलिस की सख्ती भी कम है। ।मध्य प्रदेश में संक्रमण बढ़ने का कारण प्रवासियों की आवाजाही।स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन का फोकस शहरी मरीजों पर बना रहा और ग्रामीण इलाकों में जांच आदि में ढिलाई रही। मसलन शिवपुरी जैसे छोटे जिले में ही संक्रमण दर 35 फीसद तक है। गांवों में संक्रमण बढ़ने की वजह अन्य प्रदेशों से प्रवासियों की आवाजाही का जारी रहना भी है। गांवों में पिछली लहर की तरह उन्हें क्वांरटाइन किए जाने या उनकी स्कैनिंग के कोई इंतजाम नहीं दिखे। हालांकि कुछ गांवों ने अपने स्तर पर ये प्रयास किए, लेकिन सरकारी अमला लापरवाह बना रहा। सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र से बसों की आवाजाही बंद हुई तो लोग छोटे वाहनों से आते रहे। उत्तर प्रदेश और राजस्थान से तो बसें कुछ दिन पहले प्रतिबंधित की गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b46cd7131fe6082aa1373b9ce8611d7bd0b400c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72453.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की दूसरी जबर्दस्त लहर में अस्पतालों पर दबाव काफी बढ़ गया है। ऐसे में डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के काम के घंटे भी बढ़ गए हैं। अस्पतालों में बेड बढ़ने और नये कोविड अस्पताल बनने से प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की जरूरत काफी बढ़ गई है। मेडिकल प्रोफेशनल्स पर दबाव व इनकी कमी को लेकर तमाम विशेषज्ञों द्वारा चिंता भी जताई जाती रही है। अच्छी बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों के साथ-साथ नर्सिंग कोर्स के आखिरी वर्ष के छात्र-छात्राओं की सेवाएं लेने की अनुमति दे देने के बाद नर्सिंग स्टाफ का दबाव कम करने में मदद मिलेगी। ।हाल के फैसले के अनुसार, कोविड प्रबंधन में सेवा प्रदान करने वाले एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों के साथ-साथ नर्सिंग कोर्स के आखिरी वर्ष के छात्र-छात्राओं को सौ दिन की ड्यूटी पूरी करने के बाद सरकारी भर्ती में प्राथमिकता भी दी जाएगी। वर्तमान जरूरतों के अलावा शहरी व ग्रामीण इलाकों में लगातार नये अस्पताल खोलने की पहल को देखते हुए आने वाले दिनों में भी र्नंिसग प्रोफेशनल्स के लिए सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरी की बेहतर संभावनाएं बने रहने की उम्मीद की जा रही है। + +फिलहाल, कोरोना के इस संक्रमण काल के बीच सभी लोगों के उचित उपचार के लिए देश में आइसीयू बेड और वेंटिलेटर बढ़ाये जाने से बड़ी संख्या में प्रशिक्षित र्नंिसग स्टाफ की जरूरत देखी जा रही है, जो संक्रमण के खतरे के बावजूद जान जोखिम में डाल अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। आज चाहे किसी को कोरोना का टीका लगाना हो, इंजेक्शन और आक्सीजन देना हो या फिर जनरल वार्ड सहित आइसीयू में मरीज की देखभाल करनी हो, र्नंिसग स्टाफ (महिला और पुरुष दोनों) ही कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर रहते हुए एक योद्धा के रूप में लड़ाई लड़ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार किये जाने से कुशल र्नंिसग स्टाफ की मांग अपने देश के साथ-साथ दुनियाभर में बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..998aaa4869db541bd6702743172554338ff380f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72454.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये है विशेषज्ञों की टीम: इसके तहत अनूप मिश्रा पुलिस सब इंस्पेक्टर के संयोजन और डॉक्टर पी .के . गुप्ता के मार्गदर्शन में बनाये गये वाट्सएप ग्रुप में मनोचिकित्सक डॉक्टर प्रशांत 'नातू' ( फिजीशियन ),डा शाश्वत सक्सेना(मनोचिकित्सक), डॉक्टर अशोक मणि त्रिपाठी ( ईएनटी ) फिजिशियन डाॅ प्रांजल अग्रवाल,डॉक्टर शाश्वत विद्याधर डॉक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ,डॉक्टर नीरज अवस्थी(होम्योपैथी ) डॉक्टर ज्ञानेन्द्र शर्मा(आर्युवेदिक) समेत शहर के कई मशहूर निजी चिकत्सकों,  मनोचिकित्सकों और मनोविशेषज्ञों को शामिल किया गया है।  इस मुहिम में शामिल मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक टेली-कंसल्टेशन द्वारा लोगों को निशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। स्ट्रेस सॉल्यूशन्स  टीम के प्रमुख सदस्यों में डाॅ शास्वत सक्सेना (एमबीबीएस, एम डी), डाॅ प्रांजल अग्रवाल (डायरेक्टर निर्वान हास्पिटल ) डाॅ आशुतोष श्रीवास्तव ( पीएचडी ), डाॅ नताशा दुआ ( पीएचडी), डाॅ मधुबाला ( पी एच डी ), मिस तान्या संजीव (एमफील) के सहयोग से लोगों को कोरोना के कारण जनित मानसिक तनाव और उसके दुष्प्रभावों से बचाया जा रहा है। जिससे मानसिक रूप से मजबूत होकर लोग कोरोना के खिलाफ चल रही जंग को आसानी से जीता सकें । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72456.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6636cab8fd1079b7a5fd839a4571330e81ea3bc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के दौर में एक ओर जहां अपने भी बीमारी के डर से दूरी बना रहे हैं, वहां खाकी वाले ड्यूटी के साथ मानवता का फर्ज निभा रहे हैं। बुजुर्ग महिला की मौत के बाद जब उनके अपने नहीं आ सके तो खाकी वालों ने ही अंतिम संस्कार का बीड़ा उठा लिया। बुधवार को ताजगंज श्मशान घाट पर महिला को चौकी प्रभारी और महिला के नौकर ने मुखाग्नि दी। इस दौरान पूरे परिवार को आनलाइन जोड़कर अंतिम संस्कार का लाइव भी दिखाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cefd9da46c0f858a8dea012a61a986b64663e67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72458.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [कुमार संजय]। वायरस हवा में होने की रिपोर्ट के बाद लोग दहशत में है। संजय गांधी पीजीआइ के हृदय रोग विशेषज्ञ एवं कोरोना मरीजों की सेवा में लगे प्रो. सुदीप कुमार कहते है कि वायरस हवा में है इसका मतलब पार्क, सड़क, आंगन और लॉन की हवा से नहीं है। इसका मतलब है कि बंद कमरे में अंजान या घर का व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। उसकी सांस, छींक और थूक आदि से वायरस आप के घर की हवा में रह सकता है। अस्पताल, होटल और सभी बंद जगह इस दायरे में आते हैं। वहां मास्क लगाएं और सावधान रहने की जरूरत है। देखा जा रहा है कि लोग खिड़की दरवाजे बंद कर रहे हैं। छत बालकनी में टहलने से डर रहे हैं। प्रो. सुदीप कहते है कि आराम से खुले में रहें। अकेले हैं तो मास्क न लगाएं, कोई साथ है तो लगा लें। + +खिड़कियां दरवाजे खुले रखना ठीक रहेगा। खिड़की खोलकर सोने से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। हृदय की बीमारी है तो जो दवा चल रही है उसे बंद न करें। ई ओपीडी में दवा के बारे में सलाह ले सकते हैं। संक्रमण से बचने के लिए अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है। इसके लिए पौष्टिक आहार वह भी बिना तेल घी लें। बाजार में जाने से बचें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..137f11135c9eb51902cc5081c0bdb076a9ebc99f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72459.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। बंगाल में दशकों से हिंसा के हथियार से ही सियासी वर्चस्व कामय की जाती रही है। बांग्ला में एक मशहूर कहावत है- 'जेई जाए लंका, सेई होए रावण' अर्थात जो भी लंका जाता है, वही रावण बन जाता है। इसी कहावत के अनुरूप यहां का खूनी सियासी इतिहास है। राजनीतिक हिंसा में हजारों जानें जा चुकी है। 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को जैसे ही घोषित हुए वैसे ही हिंसा का दौर शुरू हो गया। उन इलाकों में अधिक हिंसा हो रही है जो मुस्लिम बहुल इलाका है। + +हुगली का आरामबाग हो या फिर बीरभूम जिले का नानूर या फिर शीतलकूची और दिनहाटा। जिस तरह से भाजपा समर्थकों व कार्यकर्ताओं की दुकानें लूटी गई, हत्याएं हुई है। उसका वीडियो यह बताने को काफी है कि इस हिंसा के पीछे कौन है और क्यों पुलिस मूकदर्शक बनी है। हिंसा के इन आरोपों को सोमवार को तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी खारिज कर दिया था। परंतु, जब ममता विपक्ष में थीं तो वही वामपंथी शासन में 50 हजार हत्याएं होने की बात कहती थी और कामरेड आरोपों को नकारते थे। + + बंगाल में दूसरे विधानसभा चुनाव के बाद से ही जारी है हिंसा की सियासत।अतीत में झांके तो 1959 के खाद्य आंदोलन के दौरान 80 लोगों की जानें गई थीं, जिसे वामपंथियों ने कांग्रेस की विपक्ष को रौंदकर वर्चस्व कायम करने की कार्रवाई करार दिया था। इसके बाद 1967 में सत्ता के खिलाफ नक्सलबाड़ी से शुरू हुए सशस्त्र आंदोलन में सैकड़ों जानें गईं थीं। 1971 में जब कांग्रेसी सरकार बनीं और सिद्धार्थ शंकर रॉय मुख्यमंत्री बने तो बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का जो दौर शुरू हुआ, उसने सभी हिंसा को पीछे छोड़ दिया। कहा जाता है कि 1971 से 1977 के बीच कांग्रेस ने विपक्ष की आवाज दबाने के लिए हिंसा को हथियार बनाया था और यही हिंसा 1977 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पतन और माकपा नीत वाममोर्चा के उदय की वजह बनी। इसके बाद कांग्रेस का बंगाल में क्या हश्र हो हुआ, यह सर्वविदित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5869724617a4024d26456a5fabfd7ec4869c8e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72461.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना के निधन पर शोक जताया।यह हरियाणा ही है जो कोरोना के लिए संसाधनों की कमी जैसा कोई रोना नहीं रो रहा है। पूरी शिद्दत से लड़ रहा है। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिलों-जिलों में जाकर अधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं। राजनीतिक दलों के नेता और उनके समर्थक पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। विपक्ष के एकाध नेताओं छोड़ दें, जो इस आपद काल में सरकार को चिट्ठी लिखने व्यस्त हैं, तो लगभग हर राजनीतिक व्यक्ति इस जंग में अपना सौ प्रतिशत दे रहा है। हां, दो तीन नामी गिरामी शख्सियतें ऐसी भी हैं, जो परिदृश्य से गायब हैं। लेकिन उनकी चर्चा क्या करना और क्यों करना? चर्चा तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की होनी चाहिए, जो आक्सीजन कन्संट्रेटर मंगाने पर अपने को कन्संट्रेट किए हुए हैं और उनके प्रयास से, उनके आग्रह से प्रभावित होकर सैकड़ों कन्सट्रेटर प्रदेश में आ चुके हैं। चर्चा तो इनेलो के स्टार अभय चौटाला की होनी चाहिए, जिन्होंने अपना अस्पताल कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए सौंप दिया है। और हां सबसे ज्यादा चर्चा तो प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की होनी चाहिए, जिनकी पार्टी जननायक जनता पार्टी ने कोविड संक्रमितों की सेवा-चिकित्सा के लिए जननायक सेवादल का गठन किया है। यह दुष्यंत चौटाला ही हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह कर आक्सीजन कन्संट्रेटर से वस्तु एवं सेवा कर हटवा दिया और इसका लाभ पूरे देश के कोविड पीड़ितों को मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de397321e5371e03104378aba0907eb28359fac8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72462.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केरल विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से हार के बाद बोले मेट्रोमैन ।केरल में मामूली अंतर से विधानसभा चुनाव हारने के बाद जब उनसे किसानों के आंदोलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये पीएम मोदी विरोधी आंदोलन है, आंदोलन करने वाले वास्तव में किसान नहीं बल्कि बिचौलिए हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जो लोग धरने पर बैठे हुए हैं उनमें से कितने लोगों ने उस कानून को पढ़ा है क्या उनमें से किसी को इसके बारे में जानकारी है। + +कोरोना और गर्मी को ध्यान में रखते हुए करेंगे तैयारी ।संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बार्डर के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने तय किया है कि धरने में कोरोना और गर्मी को देखते हुए खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी को कोई समस्या न हो। वहीं, उन्होंने कहा कि ठंड के दिनों के लिए उस हिसाब से तैयारी की गई थी, अब गर्मी को ध्यान में रखते हुए तैयारी की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0939be869c4cf37c75b5e8fe3afbbd1140d60697 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ के सरोजनी नगर में बीएलएड कर रहे अक्षय प्रताप सिंह का सब कुछ सही है, इसके बावजूद शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल रही है। अकेले अक्षय ही नहीं रत्नेश कुमार, बासित मुजतबा व रुखसाना समेत कई विद्यार्थियों को इंतजार है। सूबे में हर साल करीब 27 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति व वजीफा दिया जाता है। बेसिक शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग और डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग को मिलाकर प्रदेश के 60 लाख विद्यार्थियोें को हर साल शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है। वर्ष 2020-21 में सामान्य वर्ग की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट 325 करोड़ रुपये कम करके 500 करोड़ कर दिया है। इसकी वजह से विद्यार्थियों को पैसा  नहीं मिल पा रहा है। सेबे वंचित विद्यार्थियों की संख्या तीन से पांच लाख के बीच मेें है। ।अर्हता में हुआ बदलाव: इस बार नियमावली में बदलाव  की वजह से भी शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी है। बदली नियमावली के तहत स्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश लेकर शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों का इंटर में 60 फीसद अंक अनिवार्य कर दिया गया था। परास्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश के बाद शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए आवेदन करने के लिए स्नातक में 55 फीसद अंक अनिवार्य था। ऐसे में आवेदन की न्यूनतम अर्हता को बढ़ाकर छात्रों की संख्या में कमी करने करने का प्रयास भी किया गया । पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में पहले से ही 50 फीसद अंक की अनिवार्यता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a86678d8d8a0faec43c418631ec790f3da8b77e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72464.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Coronavirus Outbreak दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है, लेकिन भारत में इसकी रफ्तार और प्रभाव सबसे ज्यादा है। अमेरिका में कुल संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा है और वहां छोटी-छोटी कई लहरें आ चुकी हैं। पिछले साल नवंबर में दूसरी सबसे असरदार लहर की शुरुआत हुई और इस साल जनवरी में वहां दैनिक संक्रमितों की संख्या तीन लाख पार कर गई। दूसरे सबसे प्रभावित देश रहे ब्राजील में सर्वाधिक दैनिक मामले 97 हजार के करीब रहे। अब कुल संक्रमितों के मामले में भारत ने जहां ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है, वहीं दैनिक संक्रमितों की बात करें तो अमेरिका भी आगे निकल चुका है। देश में अप्रैल के आखिर में तो दैनिक संक्रमितों का आंकड़ा चार लाख पार कर गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80ed1ee841409d107c9327a498516c898c296058 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय सेना के अस्पतालों में हर प्रकार की सुविधाएं होती हैं। इसके अलावा युद्ध काल में जिस तरह से वे बेड सहित विभिन्न सुविधाओं का विस्तार करते हैं, वह कार्य इस समय भी किया जा सकता है। युद्ध काल में सेना इसे दो गुना तक करने में सक्षम होती है। सेना के अस्पताल देश के हर क्षेत्र में बने हुए हैं, जिनका लाभ नागरिकों को मिलेगा। सेना के जवानों को नागरिक सैनिक संबंधों की भी महत्वपूर्ण जानकारी होती है, क्योंकि उन्हें इस बात के लिए पहले ही प्रशिक्षित किया जाता है। संप्रति किसी भी देश की प्रशासनिक व्यवस्था को सही तरीके से चलाने के लिए सैनिक एवं नागरिक संबंधों का महत्व काफी बढ़ गया है। लोकतांत्रिक प्रणाली में भारतीय सेना के जवान संगठन, स्वरूप, कार्य एवं योजना को भली-भांति निभाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37aee22294411a3bcc8b205a84401abd3fc6671a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुकेश मंगल, इंदौर। इंदौर स्थित दो बड़े अस्पतालों में भर्ती पुलिस अधिकारियों के स्वजन की मौत ने डाक्टरों को हैरान कर दिया है। कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण भर्ती हुए दोनों मरीजों ने कोरोना से तो जंग जीत ली थी, लेकिन वे साइटोकाइन स्टार्म से जिंदगी हार गए। साइटोकाइन शरीर में मौजूद प्रोटीन की एक श्रृंखला होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना वायरस शरीर में प्रवेश करते ही कोशिकाओं पर हमला बोलता है और इनको नष्ट करने के उद्देश्य से तेजी से अपनी कापी बनाने लगता है। इम्यून सिस्टम को यह संकेत मिलता है कि शरीर में वायरस ने प्रवेश कर लिया है तो वह साइटोकाइन संवाद स्थापित करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a55a191f8f14462b38c660943607adb74da6ff34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले 24 घंटों के दौरान, देश के अधिकांश हिस्सों में प्री मानसून की गतिविधियां तेज हो गई हैं। असम, मेघालय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों तथा विदर्भ के 1-2 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर वर्षा हुई है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों, झारखंड के पूर्वी हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजस्थान में कई स्थानों पर हल्की बारिश के साथ धूल भरी आंधी देखी गई जबकि पंजाब और हरियाणा के एक दो जिलों में हल्की बारिश के साथ हल्की आंधी देखी गई है। छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश हुई। मध्य प्रदेश, विदर्भ, दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश और उत्तर पूर्व भारत में तापमान तीन से चार डिग्री तक गिर गया। सौराष्ट्र कच्छ, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट देखी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef3d53ad36f94be9ff5dd452d8bc04109a7b7255 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72480.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि तकनीकी रूप से रेवाड़ी जिले की झोली खाली है, मगर गुरुग्राम से प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए जीएल शर्मा मूल रूप से रेवाड़ी के गांव राजावास निवासी हैं। रेवाड़ी के अरविंद यादव को पिछले वर्ष हरको बैंक का चेयरमैन बनाए जाने के बाद संगठन में अधिक प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद कम थी, मगर एक पद मिलने की उम्मीद अवश्य थी। ओपी धनखड़ गुरुग्राम व महेंद्रगढ़ जिलाें काे प्रतिनिधित्व देने में अधिक उदार रहे हैं। गुरुग्राम से जीएल शर्मा को उपाध्यक्ष के अलावा सत्यप्रकाश जरावता व समय सिंह भाटी को प्रदेश मंत्री बनाया गया है। इसी क्रम में महेंद्रगढ़ जिले से संतोष यादव को उपाध्यक्ष व मनीष मित्तल को प्रदेश मंत्री बनाया गया है। मनीष की गिनती केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में होती है, जबकि संतोष यादव व जीएल शर्मा से राव खेमा कभी खुश नहीं रहा। पलवल के दीपक मंगला जहां कोषाध्यक्ष का पद संभालेंगे वहीं फरीदाबाद से रेणु भाटिया प्रदेश मंत्री बनी हैं। नूंह से नसीम अहमद को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f431855e59540080d3d58aa94c393099db644a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार में लगा लॉकडाउन (lockdown in bihar update)।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी है। राज्य में लॉकडाउन 5 से 15 मई तक लगाया गया है, ये बुधवार से प्रभावी ढंग से लागू होगा। अब तक राज्य में सख्ती बढ़ाते हुए नाइट कर्फ्यू घोषित किया गया था। शाम चार बजे तक दुकानें खुल रही थीं। सरकार ने बाजार में भीड़ कम करने के लिए सख्ती बढ़ाई थी, धारा 144 का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के मामले कम होते नजर नहीं आ रहे थे। ऐसे में लॉकडाउन का फैसला लिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba7cefbc97683549b8d690778f625de1e0cbec91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वोट बड़ा या विचार।अपने भाई वोट के आधार पर जीतकर पहुंचे हैं और डॉक्टरों की संगत का लाभ भी उठा रहे हैं। महामारी नहीं आई होती ता ना जाने क्या-क्या काम करा गए होते। इस विपदा में भी काम कम नहीं कर रहे लेकिन अपने ही रोज रूठते दिखते हैं। इस दुनिया में हराने की कोशिश में नाकाम हो चुके कुछ अपने उस दुनिया में जाने का इंतजार भी नहीं कर रहे और तीसरी दुनिया में मोर्चा खोलकर बैठ गए हैं। ओपीनियन ले रहे हैं। पोल में नहीं हरा पाए तो ओपीनियन पोल में कई पटखनी लगा चुके हैं। यह भी कोई बात हुई। यहां-वहां शिकायत से भी मन नहीं भरा तो अपने दस लोगों को जुटाया और विचार पूछ लिए। ऐसे ओपीनियन से हमारे भाई घबराने वाले नहीं हैं। माना कि उनमें चाणक्य जैसी चतुराई नहीं है लेकिन पुराना बनिया होने में कोई शक भी तो नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7482a44d861d921fec7a32dfb2d7337fa419b8e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72489.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Oxygen Cylinder Bank In Kanpur ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था अपने हाथों में लेने का फैसला किया है। इसके तहत पुलिस प्लाज्मा बैंक की तर्ज पर ऑक्सीजन बैंक बनाने जा रही है। मंगलवार से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। पुलिस आयुक्त ने शहर के लोगों से ऐसे ऑक्सीजन पुलिस को दान करने की अपील है, जिनके पास यह उपकरण फिलहाल निष्प्रयोज्य पड़े हैं। पुलिस ने इससे पहले कोरोना संक्रमण के मरीजों के लिए लाभकारी प्लाज्मा बैंक भी शुरू की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72493.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72493.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b956d770b4ce75ea053e391e2a9062e7756e6a71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72493.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद एक बार फिर साफ हो गया है कि क्षेत्रीय दलों के लगातार बढ़ते प्रभाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की सियासी जमीन ही नहीं उसकी सियासत भी गुम होती जा रही है। इन राज्यों के चुनाव में करीब-करीब सभी जगह क्षेत्रीय पार्टियों ने कांग्रेस को प्रत्यक्ष या परोक्ष नुकसान पहुंचाते हुए उसे सत्ता की दहलीज से दूर रखा है। असम और केरल में कांग्रेस के फीके प्रदर्शन में क्षेत्रीय दलों ने जहां कुछ हद तक भूमिका निभाई, वहीं पश्चिम बंगाल में ममता की लहर में कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी उड़ गया और पार्टी सूबे में दयनीय मुकाम पर पहुंच गई है। ।पांच राज्यों के चुनाव से फिर साबित, क्षेत्रीय दल कांग्रेस की सत्ता की उम्मीदों को लगा रहे पलीता ।बंगाल में कांग्रेस का यह हाल तब हुआ है जब उसने वामपंथी दलों और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ चुनावी गठबंधन किया था। बंगाल की निर्वतमान विधानसभा में मुख्य विपक्षी की हैसियत वाली कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि मौजूदा चुनाव में बमुश्किल एक विधायक ने उसका खाता भर खोला है। इस हालत में पहुंची कांग्रेस को जाहिर तौर पर यह बात तो टीस देती ही रहेगी कि एक समय बंगाल में उसकी प्रमुख नेता रहीं ममता के आगे सूबे में वह कहीं नहीं ठहरती। ।इसी तरह असम में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में खड़ी की गई नई क्षेत्रीय पार्टियों असम जातीय परिषद और राइजोर दल ने सैद्धांतिक रूप से तो भाजपा की खिलाफत की लेकिन वोटों के गणित में उन्होंने विपक्ष के वोट में बंटवारा किया। इसका सीधे नुकसान कांग्रेस को हुआ और भाजपा को इसका फायदा मिल गया क्योंकि वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस की अगुआई वाले महाजोत गठबंधन और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के बीच एक फीसद से भी कम का अंतर रहा। + +वैसे राज्यों में अपना प्रभाव बढ़ाने के बजाय गठबंधन पर ज्यादा निर्भरता भी कांग्रेस को चुनाव दर चुनाव नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस ने असम में बदरूदीन अजमल की पार्टी एआइयूडीएफ से गठबंधन कर जहां अपना नुकसान किया, वहीं अजमल को इसका फायदा मिल गया। ।बंगाल और त्रिपुरा में वामपंथी किला ध्वस्त होने के बाद माकपा की हैसियत भी एक क्षेत्रीय पार्टी से ज्यादा नहीं रह गई और यहां भी कांग्रेस पिनरई विजयन के खिलाफ तमाम मुद्दों के होते हुए हर पांच साल में सत्ता बदलने के सूबे के दस्तूर को इस बार तोड़ नहीं पाई। पांच राज्यों के चुनाव के दौरान कुछ सूबों के उपचुनाव के नतीजे भी क्षेत्रीय पार्टियों के बढ़ते दबदबे से कांग्रेस को हो रहे नुकसान का संकेत देते हैं। ।तेलंगाना के नागार्जुन सागर विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस के स्थानीय दिग्गज के जना रेड्डी टीआरएस के नए चेहरे के मुकाबले हार गए, जबकि पिछले पांच-छह चुनाव से यह कांग्रेस का गढ़ था। 2014 में नए तेलंगाना राज्य के गठन के बाद कांग्रेस को इस सूबे में अपनी सियासी पकड़़ बनाए रखने की उम्मीद की थी, मगर क्षेत्रीय दल तेलंगाना राष्ट्र समिति पिछले दो चुनाव से लगातार अपना आधार बढ़ाते हुए एकछत्र राज कर रहा है। वहीं कांग्रेस अब तेलंगाना में वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। ।आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर इसी तेलंगाना का विरोध करते हुए जगनमोहन रेड्डी ने कांग्रेस छोड़ी और नतीजा यह हुआ कि आज जगन अपनी क्षेत्रीय पार्टी के बूते आंध्र के मुख्यमंत्री हैं तो कांग्रेस का सूबे में अस्तित्व ही लगभग नदारद है। इसी तरह पुडुचेरी में कांग्रेस से अलग होकर क्षेत्रीय पार्टी बनाने वाले एन रंगास्वामी ने एनडीए के साथ गठबंधन कर सूबे की सत्ता हासिल कर ली है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..538f6b1622bd8434d319c1e591a62e634ea0e917 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा, [पारुल रांझा]। कोरोना संक्रमण के इस भयावह परिस्थितियों में सबसे ज्यादा परेशान वे लोग हैं, जिनके पास सब कुछ होते हुए भी अपने नहीं है। वे बुजुर्ग जिन्होंने बच्चों को पढ़ा-लिखकर विदेश भेज दिया, संक्रमण के इस दौर में परेशान हैं। वहीं, निस्वार्थ भाव से देश की सेवा में जीवन को समर्पित करने वाले पूर्व सैनिकों के स्वास्थ्य की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। शहर में रह रहे पूर्व सैनिक भी अस्पतालों में बेड, आक्सीजन व दवा के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। ।जहां एक ओर पश्चिमी यूपी सब-एरिया मुख्यालय की ओर से कर्नल वेटरन और पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारियों द्वारा पूर्व सैनिकों से संपर्क कर मदद पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं शहर में रह रहे पूर्व सैनिकों के हालात कुछ और ही बयां करते हैं। बता दें कि सेना ने अपने सभी यूनिट कमांडर्स को पूर्व सैनिकों का हाल जानने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत हर स्तर पर यूनिटें अपने बटालियन के पूर्व सैनिकों से संपर्क करने के साथ ही आक्सीजन की व्यवस्था करने को कहा गया है। चार्जिंग रैम डिवीजन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। ।पूर्व सैनिकों को कहना है कि न तो किसी तरह की मदद दी जा रही है और न ही कोई हालचाल जानने की कोशिश कर रहा है। सबसे अधिक परेशानी अकेले रह रहे पूर्व सैनिकों को झेलनी पड़ रही है। कोरोना संक्रमित होने के चलते आज उनकी स्वयं की सेवा करने वाला कोई नहीं है। ।सेवानिवृत सैनिक बोले ।पूर्व सैनिकों की मदद के लिए किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है। होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीजों की मदद के लिए स्थानीय लोग ही मिलकर काम कर रहे हैं।- सेवानिवृत कर्नल शशि वेद, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए, अरुण विहार ।मदद करने के रास्ते बहुत हैं, बस इसके लिए आगे आने की जरूरत है। वर्तमान में आक्सीजन सिलेंडर व अस्पताल में बेड के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।- सेवानिवृत कमोडोर एन महाजन, सदस्य, शहीद स्मारक संस्था ।स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाते हुए पूर्व सैनिकों को भी कोरोना से बचाने के दावे किए जा रहे है। लेकिन हकीकत अलग है यह केवल हवा हवाई बातें ही हैं। सैनिकों द्वारा मांगी जा रही मदद के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..874259f0f4a1bbaeec70171ad0b65c1a91812336 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुंदरकी से समाजवादी पार्टी के हाजी मुहम्मद रिजवान और बिलारी से फहीम इरफान विधायक हैं। इन दोनों की विधानसभा सीटों को सपा का गढ़ कहा जाता है। लेकिन, पंचायत चुनाव में यहां का नजारा ही बदला हुआ है। बिलारी ब्लाक के छह जिला पंचायत सदस्यों में एक को छोड़कर पांच वार्ड में बसपा समर्थित प्रत्याशी ली़ड बनाए हैं। बिलारी ब्लाक में 24 से 29 तक छह वार्ड हैं। इनमें वार्ड नंबर 27 पर भाजपा नेता विश्वास यादव की मां गीता देवी यादव 3,000 मतों से आगे चल रही हैं। इनकी जीत तय मानी जा रही है। विश्वास निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य हैं। वार्ड नंबर 28 में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू देवी पत्नी अनिल चौधरी 3,000 वोटों से अधिक की लीड पर है। यह बसपा से समर्थन से चुनाव मैदान में हैं। वार्ड 26 से संतोष कुमारी पत्नी महेंद्र पाल सिंह बसपा समर्थित 300 मतों से बढ़त बनाए हैं। कुल मिलाकर ब‍िलारी ब्लाक के छह में से पांच जिला पंचायत सदस्य पदों पर बसपा प्रत्याशियों का दबदबा बना हुआ है। इसी तरह कुंदरकी के वार्ड 23 पर सपा विधायक हाजी रिजवान की पुत्रवधू सबा परवीन के अलावा बिलारी विधायक की भाभी शबनम जहां चुनाव मैदान में थी। दोनों विधायकों की सियासी जंग में बसपा नेता हाजी मुहम्मद रफी की पत्नी महजबी बेगम 800 वोटों से आगे चल रहीं हैं। कुंदरकी के ही वार्ड-18 से बसपा के राबुल पाशा लीड बनाए हैं। सपा के समर्थन से चुनाव लड़े नाजिम मलिक और मुहम्मद मारूफ दूसरे और तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..970552493cd5e448972d686a95a7e62cbe91e9a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ एनके अरोड़ा। COVID 19 Vaccine यदि टीके से हर्ड इम्युनिटी विकसित करनी है तो 130 करोड़ में से 70 फीसद आबादी (करीब 91 करोड़) को तीन माह में टीका लगाना होगा। 91 करोड़ लोगों को दोनों डोज लगाने के लिए करीब 200 करोड़ डोज टीके चाहिए। क्योंकि इसमें से 10 फीसद डोज बर्बाद भी हो सकती है। इस वक्त इतना टीका पूरी दुनिया में नहीं है। ऐसे में भारत में टीके से अभी बीमारी को नियंत्रित करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। हर्ड इम्युनिटी एक सोच है। इस सोच से फिलहाल बाहर निकलना होगा। क्योंकि इतने टीके अभी उपलब्ध नहीं है। भारत इजरायल जैसा छोटा देश तो है नहीं, जहां कुछ ही दिन में पूरी आबादी को टीका लगा दिया जाए। भारत की 130 करोड़ आबादी में से 60 से 70 फीसद आबादी को तीन महीने में टीका लगा पाना भी आसान नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef88b4482f7db2f1c1171606843a15e077a4ca74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में कोरोना की रफ्तार के बढ़ने के बाद किसी भी तरह की लापरवाही बरतना जिंदगी से खिलवाड़ करना है। इस बात को लोगों ने महसूस कर दिया है और इसी कारण बाजारों और सड़कों में कम लोग नजर आ रहे हैं। कोरोना से बचाव को मास्क के साथ दो गज दूरी जरुरी है। अन्य राज्यों में आक्सीजन की कमी है लेकिन प्रदेश में आक्सीजन के भंडारण को बढ़ाया जा रहा है। 70 हजार मीट्रिक टन तक आक्सीजन की भंडारण क्षमता को बढ़ाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6518db26808f32dc1cc4b86dc76cf588141799b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [धनंजय मिश्रा]। कोरोना संक्रमण के कारण एंबुलेंस चालक लोगों से कई गुना ज्यादा किराया वसूल रहे हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से शुरू की गई कोविड हेल्पलाइन नंबर 011-23469900 पर बड़ी संख्या में पीडि़त इसकी शिकायत कर रहे हैं। पुलिस भी इनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई कर रही है। विशेष पुलिस आयुक्त मुक्तेश चंद्र ने बताया कि पुलिस को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही है कि मरीज के स्वजन से निजी एंबुलेंस संचालक कम दूरी होने पर भी दस हजार से 20 हजार रुपये वसूल रहे हैं। ।पुलिस अधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन पर एंबुलेंस चालकों की मनमानी के अलावा दवाओं व चिकित्सा उपकरणों से संबंधित शिकायत भी की जा सकती है। ऐसी शिकायतों को हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करने के बाद संबंधित थाना क्षेत्र को कार्रवाई के लिए सूचना दी जाती है। स्थानीय पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई करती है। ।हाल में पुलिस द्वारा की कई कार्रवाई ।2 मई :- उत्तर बाहरी जिला पुलिस ने दोगुनी कीमत पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचने के आरोप में दो भाई सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर 115 आक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7579e2ac952212c28648cfc0fdee9b3bfb54df1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7250.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल बीते कुछ दिनों से ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वो दूसरी बार मां बनने वाली हैं। हालांकि ऐश्वर्या या उनके परिवार में से किसी ने भी अब तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इसी बीच ऐश्वर्या राय बच्चन की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में ऐश्वर्या राय का बढ़ा हुआ वजन और उनका बेबी बम्प देखा जा सकता है। इन तस्वीरों को देख लोग भी यही कसास लगा रहे हैं कि ऐश्वर्या जल्द ही दूसरी बार मां बनने वाली हैं। + +बता दें कि ऐश्वर्या राय ने साल 2007 में अभिषेक बच्चन के साथ सात फेरे लिए थे। शादी के करीब चार साल बाद ऐश्वर्या ने बेटी आराध्या को जन्म दिया था। अब आराध्या बच्चन 9 साल की हो चुकी हैं। वहीं बात करें ऐश्वर्या के वर्कफ्रंट की तो हाल ही में उन्होंने अपनी आगामी फिल्म 'पोन्नियन सेल्वा' की घोषणा की है। ये फिल्म मणिरत्नम बना रहे हैं जिनके साथ ऐश्वर्या पहले भी 'गुरू' और 'रावण' में काम कर चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9201f7449361b96feffb4230739131b54965b6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72500.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पिछले वर्ष मरीजों को फोन पर इस तरह की सुविधा मिलती थी, लेकिन इस बार इसका अभाव है। मरीजों की न तो डाक्टर से बात होती है और न उन्हें किसी और तरह की जरूरी सलाह मिलती है। कुछ लोग अपने स्तर पर डाक्टर से परामर्श कर समय पर इलाज शुरू कर देते हैं, लेकिन अधिकांश मामले में मरीज के उपचार में देर हो जाती है। इसी तरह से अधिकांश मरीजों के पास आक्सीमीटर नहीं है। इस समय बाजार में आसानी से आक्सीमीटर नहीं मिल रहा है। इसके अभाव में मरीज शरीर में आक्सीजन के स्तर की जांच नहीं कर पाता है। + +आक्सीजन का स्तर गिरने से मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश जारी किए हैं।इसके अलावा कोरोनो जांच रिपोर्ट का भी पूरा विवरण रखा जाएगा, जिससे पता चल सके कि कितने लोगों का इलाज अस्पताल में और कितनों का होम आइसोलेशन में चल रहा है। पूरा विवरण होने से मरीजों के इलाज व जरूरत के अनुसार संसाधन की व्यवस्था करने में आसानी होगी। इस तरह की व्यवस्था पहले हो जानी चाहिए थी। कहीं न कहीं इसमें चूक हुई है। अब इसमें और कोताही नहीं होनी चाहिए। घर में रहने वाले मरीजों को समय पर बेहतर इलाज देकर हम अस्पतालों पर बोझ कम सकते हैं। इसी तरह से आक्सीजन व दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71b195a266392c680b64519f96b7ba3de75275e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। इसकी वजह से मरीजों की देखभाल ठीक से नहीं हो पा रही है। इसे कैसे देखते हैं? । हमारे स्वास्थ्यकर्मी पिछले एक साल से इस महामारी से जंग लड़ रहे हैं। इसमें हमने कई साथी खो भी दिए। कोरोना मरीजों के बीच काम करने से स्वास्थ्यकर्मी और उनके स्वजन भी संक्रमित हो रहे हैं। अस्पतालों में इसी वजह से संख्या कम है। इसे देखते हुए ही दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों और डाक्टरों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके साथ ही जरूरत है कि स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल न गिरे। इसके लिए सभी अस्पतालों को अपने स्वास्थ्यकर्मियों और उनके स्वजन को इलाज में प्राथमिकता देनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72502.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72502.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31c1f363f217ff57e56d4663431e271db0f5db17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72502.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक रंजन सिंह। बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को दो-तिहाई से अधिक बहुमत हासिल होने से ममता बनर्जी का सियासी इकबाल निश्चित तौर पर बढ़ेगा। हालांकि बंगाल में ममता बनर्जी के समक्ष किसी दमदार चेहरे की कमी झेल रही भाजपा को सुवेंदु अधिकारी के रूप में एक बड़ा नेता अवश्य मिल गया है। बंगाल का चुनावी समर भले ही तृणमूल जीत गई, लेकिन नंदीग्राम में सुवेंदु के हाथों ममता की हार को जल्द भुलाया नहीं जा सकता। + +चुनावी नतीजों के विश्लेषण में कई बातें स्पष्ट हैं। पहला तृणमूल सरकार के खिलाफ भाजपा ने आक्रामक रूप से चुनाव अभियान चलाया और उसका एक माहौल जरूर दिखाई पड़ा। ऐसा लग रहा था कि इस बार तृणमूल की राह उतनी आसान नहीं है। इस बार बंगाल में ध्रुवीकरण जरूर हुआ, लेकिन उसका सीधा फायदा तृणमूल को मिला। लोकसभा चुनाव में वाममोर्चा और कांग्रेस को मिले वोट प्रतिशत भी पूरी तरह टीएमसी के खाते में चले गए। बंगाल में सुदूर उत्तर के दार्जिलिंग लोकसभा एवं सुदूर दक्षिण के आसनसोल लोकसभा सीट तक सीमित रहने वाली भाजपा ने 18 सीटें जीतकर वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में यह तो साबित कर दिया था कि वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में उसका मुकाबला तृणमूल से ही होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a86947bdaf077c183b606472bcf52990e0ca0b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72505.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर में कोई भी सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्य शुरू करने के लिए पहले धूल नियंत्रण के उपाय करना अनिवार्य होगा। अगर निर्माण स्थल पर पानी एवं केमिकल के छिड़काव की पुख्ता व्यवस्था होगी तो ही वहां काम करने की अनुमति मिलेगी अन्यथा नहीं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग इस दिशा में सख्त प्रविधान करने जा रहा है।गौरतलब है कि एनसीआर के वायु प्रदूषण में धूल की मात्रा 20 से 22 फीसद तक रहती है। इसमें कच्ची और टूटी सड़कों, सड़क किनारे और निर्माण स्थलों सभी जगह से उड़ने वाली धूल शामिल है। इसी धूल को नियंत्रित करने के लिए पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने भी एंटी डस्ट कैंपेन चलाया था। इसके तहत अनेक बड़ी निर्माण एजेंसियों पर मोटा जुर्माना भी किया गया था। हाल ही में पुनर्गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के लिए भी धूल नियंत्रण के उपाय प्राथमिकताओं में शामिल है। आयोग इस संबंध में विशेषज्ञों से सलाह लेकर सख्त कार्ययोजना तैयार कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbdfd5e4320dbb405261d6c50261b03a67a0879a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केस स्टडी दो।शालीमार गार्डन स्थित आस्था आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष भूपेंद्र गोस्वामी ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे उनके जानकार की तबीयत बिगड़ी। उनको ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी तो काफी दौड़ भाग करने पर एक सिलेंडर महंगे दाम में खरीदा। इसके बाद सिलेंडर में आक्सीजन भरवाने के लिए दौड़ते रहे। लेकिन मरीज की जान नहीं बचा सके। क्योंकि स्वजन को कहीं पर भी खाली सिलेंडर में आक्सीजन भरवाने की सुविधा नहीं मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fefeb6f81072815887c98c2c6f7ff17c54dc3c2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72507.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। मंडल के सम्‍भल ज‍िले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में अति उत्साहित महिला, पुरुष मतदाताओं को यह नहीं पता था कि उन्हें मुुुुहर लगानी है या अंगूठा। बबराला रोड पर स्थित यूपी स्टेट वेयर हाउस परिसर में प्रधान, पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य पद के लिए मतगणना चल रही है। मतगणना के दौरान हजारों वोट ऐसे निकल रहे हैं, जिन पर मुहर लगाए जाने के स्थान पर अंगूठा लगा हुआ है। निर्वाचन आयोग के नियम के तहत ऐसे वोटों को निरस्त किया जा रहा है। वहीं नजदीकी अंतराल से हार जीत वाले कई प्रत्याशियों के अरमानों पर निरस्त वोटों ने पानी फेर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1ea760d4f7e6250a64bde7052b423b59025796d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72508.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रियंका दुबे मेहता, विष्णु शर्मा। Coronavirus Outbreak आज गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है तो शुरुआत दिल्ली के यमुनापार इलाके में स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल से करते हैं। इस अस्पताल की जब शुरुआत हुई थी तब तक यहां कई सारे अस्पताल बन चुके थे लेकिन यमुना पार वालों के लिए सभी अस्पताल दूर थे। इलाके को एक अस्पताल की आवश्यकता थी। ऐसे में उस समय एक क्लर्क की पहल पर योजना बनी और फिर इस अस्पताल को मंजूरी मिली। उसके बनने तक का कार्य निर्बाध रूप से पूरा होता चला गया। जानकारों के मुताबिक उस दौरान चिकित्सा और जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के प्रस्ताव पर इस अस्पताल के लिए मंजूरी मिली। गुरु तेग बहादुर के चिकित्सा और जनसंपर्क विभाग से सेवानिवृत्त भारत भूषण के मुताबिक वे अस्पताल के बनने के बाद यहां आए लेकिन उनके कुछ जानकारों ने इसके बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। + +जीटीबी अस्पताल बनने के पहले से इस योजना से जुड़े रहे जानकारों के मुताबिक इरविन (एलएनजेपी) और विलिंगडन अस्पताल दिल्ली के दूसरे हिस्से में थे, वहां ट्रांस यमुना के लोगों के लिए पहुंचना काफी परेशानी भरा होता था। यमुना पार करने के लिए उस वक्त केवल लाल किले के पीछे का लोहे का पुल ही था। भारत भूषण के मुताबिक अक्सर गंभीर रूप से बीमार मरीज उन अस्पतालों में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते थे। ऐसे में जरूरत महसूस हुई कि इस मृत्यु दर को कम करने के लिए कोई अस्पताल होना चाहिए, वह भी कम से कम पांच सौ बेड क्षमता वाला हो। इस अस्पताल के लिए प्रस्ताव 1967 में बनाया गया था और फिर 1971-72 में इसका काम शुरू कर दिया गया। 1987 में 350 की बेड क्षमता वाला अस्पताल आज 1700 बेड क्षमता वाला हो गया है। अस्पताल तब घने जंगल के बीच जमीन खरीद कर बनाया गया था लेकिन जैसा होता है न कि जनसंख्या तो बढ़ती है लेकिन जगह का विस्तार नहीं होता, ऐसा होता रहा और आज यह अस्पताल अपनी क्षमता से अधिक मरीजों का इलाज कर रहा है, कभी दूर तक फैला जंगल अब काफी भीड़भाड़ वाला इलाका हो गया है। + +यमुना किनारे से शुरू हुआ था सेंट स्टीफंस का सफर :।अब चलते हैं सेंट स्टीफंस की ओर। इस अस्पताल के बनने की कहानी काफी रोचक और उदारता की मिसाल है। इसकी शुरुआत कुछ इस तरह से हुई। 1858 में भारत में पैदा हुई प्रिसिला विंटर ने यमुना नदी के किनारे चिकित्सा सुविधाएं देने का काम शुरू किया था। उस समय एक मेडिकल बक्से और कुछ सामान्य दवाइयों से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देती थीं। सन् 1867 में व्हाइट लेडीज एसोसिएशन से उन्होंने एक छोटी डिस्पेंसरी की मांग की जहां पर नर्सों को प्रशिक्षण दिया जा सके, जो कि लोगों के घरों पर जाकर चिकित्सा सुविधाएं दे सकें। इसकी शुरुआत हुई। प्रशिक्षित नर्स या डाक्टर न होने के कारण पुरुष चिकित्सक सलाहकार के तौर पर जाने लगे। सब बढिय़ा चल रहा था लेकिन अचानक 39 वर्ष की उम्र में विंटर की मृत्यु हो गई। अब तक उन्होंने इतने लोगों में सेवा का जज्बा भर दिया था कि लोगों ने उनके नक्शे कदम पर चलते हुए सेवा के इस मिशन को जारी रखा। विंटर की याद में चांदनी चौक में 50 बेड का अस्पताल बनवाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1debd80a7f723ffa24cdc75771cd127cda0e71c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [राघवेंद्र शुक्ल]। जिला पंचायत सदस्य चुनाव के दूसरे दिन सोमवार को भी मतगणना जारी रही। देर शाम तक 27 सीटों के रुझान सामने आए हैं। इसमें से सपा सबसे आगे चल रही है। अब तक नौ सीटों पर इसके प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। भाजपा भी सात सीटों पर दमखम दिखा रही है। इन 23 सीटों में से बसपा तीन और एआइएमआइएम ने भी एक सीट पर बढ़त बना ली है। जिन सीटों पर राजनीतिक दल आगे हैं उन्हें आपस में ही टक्कर मिल रही है। इन सीटों पर निर्दलियों ने भी पसीने छुड़ा दिए हैं। इन 23 सीटों में से आठ ऐसी सीटे हैं जिन पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने राजनीतिक दलों के महारथियों को पीछे छोड़ा है। हालांकि अभी मतगणना जारी है और ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो शाम तक ही मालूम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f01bd3eaf9307818231079c71081b9ce6e45ba8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: पांच राज्यों में कांग्रेस की हार कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए 'संजीवनी', पंजाब में हावी नहीं हो पाएगा हाईकमान।कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू का भी कमोबेश यही कहना है। वहीं, चर्चा यह भी है कि अगर पीके ने चुनावी रणनीति तय नहीं करनी है तो फिर प्रधान सलाहकार के पद पर रहने का भी क्या फायदा। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, राजनीति में इस तरह की प्रेशर बनाया जाता है, ताकि व्यक्ति का वजन भी बढ़े। चूंकि पीके पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में खासे सफल रहे तो ऐसे में उन्हें अपना वजन बढ़ाने का मौका भी मिला है, क्योंकि यह हो नहीं सकता कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रशांत किशोर के बीच पहले से ही स्पष्ट बातचीत न हुई हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72514.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecaf8121342e85e0812dcb54245742d33662c2b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72514.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आयरन में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड फेफड़ों तक पहुंचने वाले रक्त में आक्सीजन की मात्रा और भी बढ़ा देता है। ऐसे में मरीज का आक्सीजन स्तर गिरता नहीं है। वह गंभीर होने से बच जाते हैं। उन्होंने बताया कि करीब दो वर्ष से गहन शोध कर इसे न्यूरो के मरीजों में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने के लिए दिया जा रहा था। यह बंद रक्त वाहिकाओं को खोलने का भी काम करता है। इससे शरीर के जरूरी हिस्सों को पर्याप्त आक्सीजन मिलती है। अब इसे कोरोना मरीजों में भी यह कारगर पाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ad4c5dfbadf1f4caeba047964a40d56753bdaf2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इससे निपटने के लिए कई मोर्चे पर एक साथ काम शुरू किया है। इसी के तहत प्रदेश में स्थित ऑक्सीजन बनाने वाली इकाइयों को अपने यहां विस्तार के लिए नियम आसान कर दिए हैं। साथ ही प्रदेश में यदि कोई नया प्लांट लगाना चाहता है तो उसके लिए भी प्रक्रिया आसान कर दी है। यह फैसला प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को जीवन रक्षक ऑक्सीजन गैस मिलने में कोई दिक्कत न हो इसलिए लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a148c347ced979c4c7f07877603b3e04ca24388f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। रामपुर में पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान मिलक मंडी समिति में विजयी प्रत्याशियों को जीत के प्रमाण पत्र बांटे जा रहे थे। मतगणना रात भर चलती रही। इस दौरान जीत का प्रमाण पत्र लेने आई एक महिला प्रत्याशी को देख हर कोई हैरत में पड़ गया। उसके हाथों में मेहंदी लगी थी। शादी का लाल जोड़ा पहना था और गहनों से लदी थी। दुल्हन को इस तरह मतगणना स्थल पर देख सभी की निगाहें उसकी ओर टिक गईं। बाद में पता चला कि वह सच में दुल्हन है और उसकी शादी हो रही थी। उसे जीत की जानकारी मिली तो जयमाला बीच में छोड़कर मंडप से सीधे मतगणना स्थल प्रमाण पत्र लेने पहुंच गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72522.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72522.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..669096fbd145117518da335a658ca0cb2fa7e458 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72522.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों को पूरा समय देती हू: पैरेंट नीलम ठाकुर ने बताया कि इन दिनों मेरे बच्चों को कोरोना की बहुत जानकारी हो गई है। हमने उन्हें खूब समझाया है। अब वे मेरी बात मान लेते हैं। जबरदस्ती नहीं करनी पड़ती। मैं उनके साथ खेलती हूं, कार्टून देखती हूं। घर में ही हम फुटबॉल भी खेल लेते हैं। हाउसवाइफ हूं और उनको पूरा समय देती हूं। उनकी बात को पूरा सुनती हूं, अपनी बात कहती भी हूं। इसलिए वे संतुष्ट रहते हैं। शाम छह बजे के बाद हम मिलकर होमवर्क करते हैं और क्लास की बातें डिस्कस करते हैं। इससे बच्चों का लगाव बना रहता है। पढ़ाई में उनकी रुचि बनी रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9f824c17d6ade9e37a1d4d83099c987af26c8cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72523.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। रविवार को जिंदगी की अंतिम सांस लेने वाले पूर्व नगर प्रमुख डा.दाऊजी गुप्ता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के अखाड़े में एक बार आमने-सामने आ गए थे। जगह थी नगर निगम का त्रिलोकनाथ हाल और तब 1992 में नगर निगम सदन (तब नगर महापालिका) का सदन चल रहा था। उसी समय नगर महापालिका के पदेन सदस्य की हैसियत से अटल बिहारी वाजपेयी नगर प्रमुख रहे (अब महापौर होते हैं) डा. दाऊजी गुप्ता के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने पहुंचे थे। यह समय दाऊजी के लिए संकटकाल जैसा था और उनकी कांग्रेस पार्टी के कई सभासद ही बगावत पर उतर आए थे। उस समय सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। पटल पर अपने खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव आते ही दाऊजी गुप्त कुछ देर शांत हो गए और भावुक हो गए थे। + +तब बीच में ही सदन की कार्यवाही छोड़कर दाऊजी चले गए थे और बाद में दाऊजी गुप्ता ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए याचिका दाखिल की थी। प्रकरण अदालत में लंबित होने से अविश्वास प्रस्ताव का मामला भी लटक गया। अविश्वास प्रस्ताव को सदन में लाने की मांग को लेकर सभासदों ने हाईकोर्ट के बाहर मौन धरना दिया था और कोर्ट में सुरक्षित किए गए निर्णय को दिए जाने की मांग की गई थी। कोर्ट से अविश्वास प्रस्ताव लाने की अनुमति मिलने के बाद सदन बुलाया गया था और बहुमत से डा. दाऊजी गुप्ता को नगर प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। अविश्वास प्रस्ताव लाने के समय कांग्रेस में बगावत दिखी थी और कांग्रेस के 18 सभासद पलट गए थे और इससे अटल बिहारी वाजपेयी की तरफ से लाए गए अविश्वास को मंजूरी मिल गई थी। तब भाजपा ने नगर प्रमुख के पद पर विद्यासागर गुप्त को तो कांग्रेस ने डा. अखिलेश दास (अब दिवंगत) को मैदान में उतारा था। तब सभासद ही नगर प्रमुख को चुनते थे और बहुमत पाने से डा. अखिलेश दास नगर प्रमुख बन गए थे। हाईकोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अपना निर्णय दिया तो उसके खिलाफ दाऊजी गुप्ता सुप्रीम कोर्ट चले गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89ee705a6141286ef0af4585994787550251cb5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण का असर युवा बेरोजगारोें पर सबसे अधिक पड़ा है। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं को आनलाइन रोजगार मेले के माध्यम से नौकरी देने की पहल सेवायोजन विभाग की ओर से की जा रही है। युवा बेरोजगारों को और श्रमिकों को नौकरी का अवसर मिले इसके लिए कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने सेवायोजन विभाग की साइट पर अपना पंजीयन कराया है। युवाओं को नौकरी चाहिए तो उन्हें सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन कराना होगा। रोजगार मेले के माध्यम से नौकरी के अवसर दिए जाएंगे। लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में भी आपको जाने की जरूरत नहीं है। आप आनलाइन पंजीयन और नौकरी के लिए आवेदन किया जा सकता है। यही नहीं कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आपको घर बैठे साक्षात्कार का अवसर भी दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b495bde88de76889736dc9b8a68e5737c9deacc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जेएनएन, चंडीगढ़। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में कांग्रेस के लिए कोई भी सुखद समाचार नहीं है। पंजाब पूरे देश में एक मात्र ऐसा राज्य हैं, जहां पर कांग्रेस दो तिहाई सीटों के साथ सरकार में डटी हुई है। राजनीति के जानकारों के अनुसार ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पार्टी में वजन व कद दोनों बरकरार रहेंगे और 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से लेकर पंजाब कांग्रेस से जुड़े अन्य मामलों को लेकर हाईकमान कैप्टन पर हावी नहीं हो पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fd95f43281bac10bd19331a0640b9942ee51246 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72533.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आक्सीजन की कमी के कारण सबसे पहले दिल्ली के कॉरपोरेट अस्पतालों में मौतें शुरू हो गईं। इस महामारी की बदौलत इन अस्पतालों ने भारी मुनाफा कमाया, खासतौर से पिछले साल तो खूब चांदी काटी। उनके परिचालन आंकड़ों से इसकी पुष्टि भी होती है। इससे पता चला कि कोविड के सप्ताह भर के उपचार के लिए अस्पतालों ने आम भारतीय की सालाना आमदनी के बराबर रकम वसूली। उसमें जांच के खर्च तो शामिल भी नहीं। इस लूट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई। उस याचिका से स्वास्थ्य सेवा प्रदाता संघ (एएचपी) और फिक्की के सदस्य स्व-नियमन पर सहमत हुए। अब जरा स्व-नियमन का हाल भी देख लीजिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ffa740cce8dd89eb209a35166fd80ca737f013e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सियासी समीकरण इतना आसान नहीं।बंगाल चुनाव में भाजपा के दो सौ सीटों के साथ जीत के दावे की जैसे ही हवा निकली वैसे ही उत्साह में कुछ छोटे क्षेत्रीय दलों के नेताओं से लेकर विशेषज्ञों ने ममता बनर्जी को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष का चुनावी चेहरा बनाए जाने की भविष्यवाणी शुरू कर दी। लेकिन चुनाव नतीजों के उत्साह में शुरू हुई ऐसी भविष्यवाणियों से इतर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी विकल्प और उसका एक सर्वमान्य चेहरा बनने का सियासी समीकरण इतना भी सहज नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d991321d6fe0fa9ba34f2bbd7891db3680e905ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले चार महीने से दिल्ली-एनसीआर के तीन बॉर्डर (टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) पर जमा हैं। यह अलग बात है कि इन तीनों धरना-प्रदर्शन स्थलों पर भीड़ गायब है और किसान संगठनों में इसको लेकर निराशा है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि कौन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अनुपस्थिति में गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन की अगुवाई करता है। इनमें दो नाम हैं। पहला गौरव टिकैत जो भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के बेटे और राकेश टिकैत के भतीजे हैं। वहीं, दूसरा नाम है जगतार सिंह बाजवा।  अक्सर राकेश टिकैत के साथ नजर आने वाले जगतार सिंह बाजवा संयुक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर के प्रवक्ता भी हैं। इन्हें राकेश टिकैत भी खासा सम्मान देते हैं। वहीं, गौरव टिकैत भी राकेश टिकैत की गैरमौजूदगी में कई बार मंच का संचालन करते नजर आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7254.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7254.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ae666e399b256d50061908442c5fc901e910152 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7254.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई ब्यूरो, प्रियंका सिंह। ‘भाग मिल्खा भाग’ के बाद राकेश ओमप्रकाश मेहरा बाक्सिंग के खेल पर बनी ‘तूफान’ लेकर आए। अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी इस फिल्म के निर्देशक व सह-निर्माता राकेश ही हैं। उनसे प्रियंका सिंह की बातचीत के अंश...।पहली बार आपकी फिल्म सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई...।(मुस्कुराते हुए) हां, यह अच्छी बात है कि इस तरह दुनिया के कई देशों तक फिल्म पहुंची। लोग मुश्किल वक्त से गुजर रहे थे। अब परिस्थितियां थोड़ी काबू में हैं। यही वजह है कि हम फिल्म को रिलीज कर पा रहे हैं। अब मोबाइल की छोटी स्क्रीन बहुत बड़ी हो गई है, जिससे कंटेंट कई देशों तक पहुंच रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc452ecea35bad7e15cf0b3c6218d625140d54c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि आरआरटीएस के निर्माण कार्य मे भी बड़ी मात्रा में इंडस्टि्रयल ऑक्सीजन का इस्तेमाल होता है। कंक्रीट की कास्टिंग, क्लैप निर्माण, पियर्स एवं पिलरों के निर्माण में शटरिंग को जोड़ने और फिर काटने आदि इन सब के लिए इंडस्टि्रयल आक्सीजन का उपयोग होता है। ऑक्सीजन की वर्तमान अनुपलब्धता के कारण फैब्रिकेशन, शटरिंग, डी शटरिंग आदि के कार्य पूरी तरह से रुक गए हैं। इसके अलावा आरआरटीएस में एमएस प्लेट अथवा स्टील की मोटी चादरों का भी व्यापक इस्तेमाल होता है, जिन्हे गैस कटर द्वारा काटा और जोड़ा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0faec34e096ec3656b8b928d801bcf6a21fe25e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिसाल के तौर पर बीते गुरुवार की ही घटना है। दोपहर में उनके पास एक अपरिचित का फोन आया। जिसने अपना नाम अकबर बताया और ठाकुरगंज के शेखपुर निवासी 76 वर्षीय बुजुर्ग प्रमोद कुमार जौहरी का निधन होने की बात कही और कहा कि उन्हेंं कंधा देने वाला कोई नहीं है और अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। इसके बाद युवा टोली के बुजुर्ग के घर पहुंची और बुजुर्ग का अंतिम संस्कार गुलाला घाट में कराया। इसके अलावा रविवार को राजाजीपुरम ई ब्लॉक में कोरोना संक्रमित 84 वर्षीय महेश चंद्र अग्रवाल का निधन हो गया। वह होम आइसोलेशन में थे और बेटा भी संक्रमित है। घर में उनको कंधा देने वाला कोई नहीं था। बुजुर्ग की बेटी ने सोशल मीडिया पर चल रही पोस्ट एक कोशिश एक प्रयास-मुहिम अंत्येष्टि पर दिए नंबर पर फोन किया। सूचना मिलते ही पूरी टीम ने पीपीई कीट पहनकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार गुलाला घाट में कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72544.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82b1098dfe1aa3e4fb62d825d17330b846e57fad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गुरुग्राम/नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। Lockdown 2021 News Update: दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों ने राज्य सरकारों चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली के बाद हरियाणा सरकार ने भी संपूर्ण लॉकडाउन का एलान कर दिया है। इसके तहत दोनों ही राज्यों में आगामी 10 मई तक लॉकडाउन रहेगा। शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने 10 मई तक लॉकडाउन का एलान किया था, जबकि रविवार को हरियाणा के गृहमंत्री अनिज विज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसका मकसद कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर संक्रमण की चेन भी तोड़ना है। आइये जानते हैं कि दिल्ली के अलावा एनसीआर के किन शहरों में वीकेंड लगा है और किस तरह की पाबंदियां इस दौरान लोगों पर लागू रहेंगी और हां इस दौरान किसे छूट दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..774f83294a3670e43351580550cb398a7ca2da17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आईने चाटुकार नहीं होते, इसलिए झूठ भी नहीं बोलते। जैसे छोटे-छोटे सुख बड़े होते हैं, ठीक वैसे ही छोटी-छोटी मदद भी बड़ी होती है। वाट्सएप पर काढ़े का फार्मूला और सही-गलत फोन नंबर फारवर्ड करने का समय अब गया। वैसे भी पिछले एक साल में आयुर्वेद से अधिक काढ़े वाट्सएप ने तैयार कर दिए हैं। संसाधनों की कमी का रोना रोने का समय भी गया। इसलिए मेरा दल तेरे दल से अच्छा के झगड़े छोड़कर की-बोर्ड क्रांति से बाहर आइये और केवल मन में न ही न सोच लीजिए, तन और धन से सहायता कीजिए। ऑक्सीजन और बेड के जुगाड़ में सरकारों और उनके अफसरों को जूझने दीजिए, नौकरशाही को अलटी-पलटी करके काली तस्वीर पर उजली चादर डालने दीजिए, डाक्टरों को भर्ती से मुंह चुरा लेने दीजिए, नर्सिंग होम मालिकान को मालामाल हो लेने दीजिए, केजीएमयू जैसे अमृतदायी संस्थानों के अभिभावकों को पीठ दिखा लेने दीजिए, कारोबारियों को एक के दस वसूल लेने दीजिए, आपदा में अवसर को भूल आपदा को औजार बना लेने वालों को सफल हो लेने दीजिए, आपदा के असुरों के विकट विकराल अट्टहासों को चुपचाप देख लीजिए, इसकी टोपी उसके सिर रखने की अफसरों की आदत को निहार लीजिए, मंत्री-विधायकों की निष्क्रियता भी देख लीजिए और कुछ दिन बाद उनसे पूछने के लिए सवाल तैयार कर लीजिए। सब बर्दाश्त कर लीजिए, ...बस, मरते हुए इंसान के लिए खड़े हो जाइए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e229c8ed25efb0e95c27369a7e9550c990de7a54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को लगातार दूसरी बार शानदार तरीके के राज्य की सत्ता में वापसी कराने वाले मुख्यमंत्री पी. विजयन को अपनी सरकार बनाने में एक खास तरह की मुश्किल का समान करना पड़ेगा। इस बार अपना मंत्रिमंडल (कैबिनेट) गठित करने में उन्हें अनुभवी साथियों की काफी कमी खलेगी। पिछली कैबिनेट में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले पांच वरिष्ठ मंत्रियों को पार्टी के नियम के अनुसार इस बार टिकट ही नहीं मिला था। ऐसे में उन्हें इस बार नई कैबिनेट के लिए काफी माथापच्ची करनी पड़ सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03e43162dbe82494122c8fa0c58355c5f76c658c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72548.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हाथरस [हिमांशु गुप्ता]। Oxygen Bank: कोरोना काल में टूटती सांसों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के 10 युवा कारोबारियों ने नायाब पहल की है। वे ऐसा ऑक्सीजन बैंक स्थापित करने जा रहे हैं, जहां हर जरूरतमंद की मदद हो सके। इसके लिए औरंगाबाद की एक कंपनी से 100 खाली ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए जा रहे हैं। कंपनी को 13 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। यह सिलेंडर दो-तीन दिन में हाथरस आ जाएंगे। जिन्हेंं जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा। + +चंद घंटों में जुटाए 13 लाख रुपये : इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) के चेयरमैन और द रायल हाथरस क्लब के अध्यक्ष आशीष बंसल ने बताया कि शहर के कुछ कारोबारियों से फोन पर ही मीटिंग की। मुकेश सिंघल, बांके बिहारी अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, डॉ. शशांक मोहता, अनुज राठी, मधुर बिंदल, हिमांशु अग्रवाल, अंकित बंसल ने मदद के लिए हामी भरी। भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से संपर्क किया। उनकी मदद से औरंगाबाद (महाराष्ट्र) की एक कंपनी से आक्सीजन सिलेंडर की डील हुई है। 13 लाख रुपये का पेमेंट किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccd8e6c38532141eae33a265666bfe799378e211 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ममता बनर्जी के राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने अपना करियर कांग्रेस से शुरू किया था। कांग्रेस से सियासी सफर की शुरुआत करने वाली ममता की गिनती कभी कांग्रेस में राजीव गांधी के भरोसेमंद नेताओं में होती थी, लेकिन फिर पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व से दूर‍ियां ऐसी बढ़ी कि अपनी अलग पार्टी का गठन कर लिया और 13 साल के भीतर इसे उस मुकाम पर पहुंचा दिया, जिसे हासिल करने में पार्टियों को अमूमन कई साल लग जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e945f9e959f0d4fb2cc9fe4827e10a6d8fc0a8e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72552.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, तृणमूल ने भाजपा की हिंदू वोटों की ध्रुवीकरण की कोशिश की काट करने के लिए 'बंगाल को चाहिए अपनी बेटी का नारा देकर महिला वोटरों को बड़े पैमाने पर अपने पाले में खींचा। ममता ने 50 महिला उम्मीदवारों को इसी रणनीति के तहत इस बार मैदान में भी उतारा था। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले भाजपा नेताओं के ममता बनर्जी पर सीधे हमले के मुद्दे को भुनाते हुए टीएमसी ने स्थानीय बनाम बाहरी का दांव खेलकर बांग्ला संस्कृति, बांग्ला भाषा और बंगाली अस्मिता के फैक्टर को हर जगह उभारा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72556.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4252cf1ed876475aa42737474f005d1bd718ed22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72556.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से एक बार फिर पूरा देश प्रभावित है। इस बार कोरोना वायरस सीधे फेफड़ों पर असर डाल रहा है। इससे सांस लेने में परेशानी हो रही है और ऑक्सीजन लेवल में कमी आ रही है। ऐसे में जरूरी है कि मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल समय-समय पर चेक करता रहे। इसके लिए ऑक्सीमीटर को सही तरीके से उपयोग करने की जरूरत है। बहुत से लोग जल्‍दबाजी में रीडिंग लेकर घबरा रहे हैं। ।आगरा के सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ, प्रभात अग्रवाल का कहना है कि जो मरीज कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं और होम आइसोलेशन में हैं। समय पर डॉक्टर के परामर्श अनुसार दवाएं लें। समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। इस दौरान घर में रहकर ही फेंफड़ों संबधी एक्सरसाइज करते रहें। यदि ऑक्‍सीजन लेवल 95 से अधिक है तो आप स्‍वस्‍थ हैं। यदि ऑक्‍सीजन लेवल 90 से नीचे आ रहा है तो आपको तुरंत किसी डॉक्‍टर से संपर्क करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91f861a1c42b144bbbdf1131648b25c860a4046e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वजन घटाने और बढ़ाने के एक्सपीरियंस के बारे में बात करते हुए तनुज बताते हैं, 'यह वेब सीरीज साल 1995 में दिल्ली में हुए तंदूर कांड पर आधारित है। इस केस की चर्चा पूरे देश में खूब हुई थी। तब मैं जूनियर कॉलेज में था। इस शो को साइन करने के बाद मैंने सुशील शर्मा की मानसिकता जानने के लिए काफी रिसर्च की। शो में मेरे किरदार को कॉलेज के दिनों, वर्तमान और हादसे के वक्त तीन अलग-अलग आयुवर्ग में दिखाया गया है। तीनों में उसकी मानसिक स्थिति बहुत अलग थी, इसलिए हमारे लिए यह जरूरी था कि तीनों आयुवर्ग में उसका लुक अलग-अलग दिखे।'।आगे तनुज कहते हैं, 'मेरा किरदार अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी लापरवाह है। यह दिखाने के लिए मुझे एक महीने के भीतर अपना वजन बढ़ाना था। सामान्यत: मेरा वजन 79-80 किलोग्राम होता है। वजन बढ़ाने के लिए मैंने खूब खाया और जिम जाना भी छोड़ दिया। आमतौर पर कलाकार वजन बढ़ने की बातें छुपाते हैं, लेकिन मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैंने इतने कम समय में अपने किरदार के लिए वजन बढ़ाया था। वजन बढ़ने के बाद दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए फिर से वजन कम करना सबसे मुश्किल काम था। इससे दूसरे प्रोजेक्ट्स की निरंतरता पर प्रभाव पड़ सकता था। इसलिए मैंने कार्डियो एक्सरसाइज की, दिन में सिर्फ दो बार खाता था और फैट फूड पूरी तरह छोड़ दिया था।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09330333e8c350ba5918e73a3c5688b40e5e4a2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72564.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। Lucknow COVID-19 News: कोरोना संक्रमण काल में मृतकों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी का असर कर्मकांड पर ही पड़ रहा है। मानसनगर के देवेंद प्रताप सिंह के पिता का निधन एक सप्ताह पहले हो गया। पहले दिन तो महापात्र मिल गया, लेकिन अन्य क्रियाओं के लिए अभी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने पुरोहित से बात कर कर्मकांड को पितृ पक्ष तक के लिए बढ़ा दिया। अकेले देवेंद्र प्रताप सिंह ही नहीं आलमबाग के राजेंद्र कुमार, मधुबन नगर के सुभाष सिंह सहित कई लोगों ने कर्मकांड को आगे बढ़ा दिया। + +पुरोहितों ने कर्मकांड आगे बढ़ाने की अपील की: विश्व भद्र पुजारी पुरोहित महासंघ के प्रमुख पंडित श्याम सुंदर शुक्ला ने महामारी से मृत्यु को प्राप्त होने वाली आत्माओं का और्ध्वदेहिक क्रियाएं जैसे कि अस्थि विसर्जन, षोडशी अर्थात दशवां, एकोच्छिष्ट श्राद्ध अर्थात तेरहवीं आदि को आगे बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में संक्रमण काल में पुरोहितों के मानदेय की मांग की है। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में पुरोहित भी कर्मकांड के लिए जाने से कतरा रहे हैं। लखनऊ में करीब पांच हजार कर्मकांड कराने वाले पंडित व पुरोहित हैं तो मृतक के 10 दिन के बाद का संस्कार कराते हैं। संक्रमण की वजह से कर्मकांड कराने में दिक्कत आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4699e9bddb0917ebbaf0d78a613b56c4b394ca2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसलिए मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस। श्रम प्रवर्तन अधिकारी यशवंत सिंह ने बताया कि श्रमिक हितों की रक्षा के लिए एक मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस मनाया जाता है। एक मई 1886 को इसकी शुरुआत हुई थी। इस दिन अमेरिका की मज़दूर यूनियनों ने काम का समय आठ घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी और सात मज़दूर मार दिए। कुछ समय के बाद अमेरिका में आठ घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। उसी दिन से यह दिवस मनाया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते सभी योजनाएं आनलाइन हो गई है। किसी भी श्रमिक काे कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f9c0d34180fe89b0bf2b6975e1a717f5d11a57b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस दिशा पाटनी अपनी फिटनेस और शानदार डांस मूव्स को लेकर चर्चा में रहती हैं। वो अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी फोटोज वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं, जो इंटरनेट पर तेजी से वायरल होती रहती हैं। अब उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो धमाकेदार डांस करती दिख रही हैं। इस वीडियो को अभिनेत्री ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96be2f531a2837e885b3dee4d598525da83d8106 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी चुनौतियों का सामना आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए कुछ सुधार की दरकार अवश्य होगी। जैसे, संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप में लाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तकनीकी और कानूनी ढांचे को मजबूत बनाना होगा, इसके लिए कानून में भी कुछ फेरबदल करने होंगे। लोगो में टेलीमेडिसिन के प्रति विश्वास जगाने के साथ उन्हें जागरूक करना होगा। प्राय: देखने में आता रहा है कि बड़े से बड़े स्वास्थ्य अधिकारी भी वर्तमान टेक्नॉलाजी से कम परिचित हैं और वो कंप्यूटर इत्यादि के प्रयोग से हिचकते हैं इसलिए वे आज भी कागज और फाइलों में ही काम कर रहे हैं। चिकित्सार्किमयों को ई-चिकित्सा बाबत जल्द ही व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण देना जरूरी होगा। अगर यह व्यवस्था नहीं होगी तो पहले से ही लचर देश के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव और बढ़ जाएगा। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायतों में बनाए गए सुविधा केंद्रों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां गांव के लोगों को यह सुविधा मुहैया कराने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc1fa317f0b7b85d79f30049819cb13a838e830e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72573.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लॉकडाउन के शोर में सरकार ने लॉकडाउन तो नहीं लगाया, लेकिन शाम चार बजे तक ही दुकानों को खोलने की इजाजत दी है। शाम छह बजे से सुबह छह बजे के बीच कफ्र्यू भी लगा दिया है। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। अंतिम संस्कार के लिए केवल 20 लोग ही जा सकेंगे और इसका सारा खर्च सरकार उठाएगी। शादी-विवाह आदि के लिए 50 लोगों को अनुमति दी गई है, लेकिन डीजे पर रोक लगा दी है। मंगलवार व बुधवार, दो दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलास्तर तक फीडबैक लेकर इसे लागू किया। इसके अलावा सरकार ने 18 से 44 वर्ष की उम्र वालों के लिए टीकाकरण की कवायद शुरू कर दी है। कोवैक्सीन व कोविशील्ड लगाने के लिए कंपनियों से संपर्क साधा गया है और एक महीने के लिए एक करोड़ टीके की मांग की है। लेकिन कंपनी ने इतने टीके एक साथ देने में असमर्थता जताते हुए इसकी तैयारी के बाबत पूछ लिया। जिसका जवाब फिलहाल सरकार के पास नहीं है। टीके के लिए रजिस्ट्रेशन तो शुरू हो गया है, लेकिन अब एक मई से टीकाकरण किसी भी हाल में शुरू नहीं हो सकेगा। + +इस समय अस्पतालों के हाल न जानने की इच्छा होती है, लेकिन मुंह मोड़ने की स्थिति में भी कोई नहीं है, क्योंकि घर के भीतर हालत खराब होने पर अस्पताल ही सहारा है। जहां बेड के लिए मारामारी है और खुद आक्सीजन की व्यवस्था के लिए जद्दोजहद। अस्पतालों से ज्यादा भीड़ अस्पताल के बाहर है भीतर घुसने के लिए। हर अस्पताल में आक्सीजन के लिए रोना। आक्सीजन खत्म होने पर जबरन डिस्चार्ज भी खूब किए जा रहे हैं। अपने स्वजन को दम तोड़ते देख डॉक्टरों व कर्मचारियों से मारपीट की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन तो मानो नियामत हो गया है। अभी सोमवार को बिहार सरकार ने विशेष विमान भेजकर 14 हजार इंजेक्शन अहमदाबाद से मंगवाए। ये इंजेक्शन चूंकि खुले बाजार में मिलते नहीं। मरीजों के निवेदन पर अस्पतालों को दिए जाते हैं। इसलिए कमी का फायद भी उठाने वालों ने खूब उठाया। चालीस-चालीस, पचास-पचास हजार में ब्लैक तो हो ही रहे हैं, साथ ही नकली भी खूब खपाए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b8965592a209bd109963fc5ae903901219f6407 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72574.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसमें कोई दो मत नहीं कि 2014 के बाद देश की राजनीति में आए एक बड़े परिवर्तन के बाद आम जनमानस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सकारात्मक बदलाव को महसूस किया। नए भारत के निर्माण को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के उठाए गए कदमों पर लोगों ने भरोसा जताया। बिना घोटाले की पांच साल की मोदी सरकार के कार्यकाल के लेखा जोखा ने लोगों को यह तसल्ली दिलाई कि एक मजबूत इरादे के साथ देश में सकारात्मक बदलाव संभव है। जनता के इसी भरोसे की वजह से 2019 में देश का जनमानस मोदी सरकार के साथ खड़ा दिखाई दिया। वर्ष 2014 के बाद एक बड़े राजनीतिक बदलाव के बीच नए भारत के निर्माण की शुरूआत का देश साक्षी बना, कहीं गांव और शहरों को जोड़ने वाली देश की सड़कों के विस्तार पर विकास की नई इबारत लिखना शुरू हुई तो कहीं गांवों को बिजली र इंटरनेट से जोड़े जाने पर तेजी से काम होता दिखाई दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72575.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d013419c90c7024b71eb60f8467acb9bda77e23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72575.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Benefit Of Pomegranate कोरोना वाइरस के असर को नियंत्रित करना है तो अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। यही एक सूत्र वाक्य सभी डाक्टर बताते हैं और इसके लिए विटामिन सी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लेने की सलाह देते हैं। संतरा, मोसंबी फलों की ही तरह अनार में भी विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। कोरोना संक्रमण के दौर में मांग बढ़ने से इसकी कीमत भी आसमान छू रही है। लेकिन इस बढ़ी कीमत का लाभ उस बागवान तक नहीं पहुंचता जो उसका उपादन करता है। ये बढ़ा हुआ मुनाफा आढ़ती और खुदरा विक्रेता की जेब में जाता है। + +अनार के गुण।कौन कितना कमा रहा।यही अनार दिल्ली के खुदरा बाजार में 150 रुपये किलो बिक रहा है। अनार के आढ़ती प्रवीण ने बताया कि आजादपुर थोक मंडी में गुजरात व महाराष्ट्र से अनार आता है। जो 100 से 115 रुपये किलो तक थोक भाव पर बिक रहा है। मंडी से दिल्ली के रजापुर तक एक किलो पर 10 रुपये किराया लगता है। मतलब दिल्ली में खुदरा विक्रेता एक किलो अनार पर 25 रुपये तक कमा रहे हैं। बागवान का अनार बाजार में चार से पांच गुना अधिक दाम पर बिक रहा है, लेकिन इसका लाभ उसे नहीं मिल रहा है। + +अहमदाबाद के डॉ कुणाल देसाई ने बताया कि स्टोर की सुविधा नहीं होने से वे अनार को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। अनार 50 रुपये किलो के भाव में बिके तब जाकर मुनाफे का सौदा है। भरत भाई पटेल, बागवान, साबरकांठा अनार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन-बी व सी के साथ आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्निशियम भरपूर मात्रा में मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c348d7e175f58d8c94c646bceecef2cb333290fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरु जी का निवास आनंदपुर साहिब मुगलों के अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ जनसंघर्ष का केंद्र बनकर उभरने लगा था। औरंगजेब हिंदुस्तान को दारुल-इस्लाम बनाना चाहता था। कश्मीर बौद्धिक एवं आध्यात्मिक केंद्र होने के कारण मुगलों के निशाने पर था। कश्मीर के लोग गुरु जी के पास इन सभी विषयों पर मार्गदर्शन के लिए पहुंचे। गुरु जी ने गहन विचार-विमर्श किया। कश्मीर सहित पूरे देश की परिस्थिति गंभीर थी, पर मुगलों के दारुल-इस्लाम बनाने के क्रूर कृत्य को रोकने का मार्ग क्या था? एक ही मार्ग था कि कोई महापुरुष देश और धर्म की रक्षा के लिए आत्मबलिदान दे। उस बलिदान से पूरे देश में जन चेतना का जो ज्वार उठेगा, उसमें विदेशी मुगल साम्राज्य की दीवारें हिल जाएंगी, लेकिन प्रश्न था यह बलिदान कौन दे? इसका समाधान गुरु तेगबहादुर जी के सुपुत्र र्गोंवद राय जी ने कर दिया। उन्होंने अपने पिता से कहा, इस समय देश में आपसे बढ़कर महापुरुष कौन है?।औरंगजेब की सेना ने गुरु जी को तीन साथियों समेत कैद कर लिया। सभी को कैद कर दिल्ली लाया गया। वहां उन पर अमानुषिक अत्याचार किए गए। इस्लाम स्वीकार करने के लिए उन पर शिष्यों सहित तरह-तरह के दबाव बनाए गए। धर्म गुरु बनाने एवं सुख संपदा के आश्वासन भी दिए गए, पर वे धर्म के मार्ग पर अडिग रहे। दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु तेगबहादुर जी की आंखों के सामने भाई मति दास को आरे से बीचों-बीच चीर दिया गया, भाई दियाला को खौलते तेल में उबाल दिया गया और भाई सती दास को रूई के ढेर में बांधकर जला दिया गया। शायद मुगल साम्राज्य को लगता था कि अपने साथियों के साथ हुआ यह व्यवहार गुरु जी को भयभीत कर देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72580.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ffdb624cd887eb3b5934fe0f0fce9b6b4d48a001 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72580.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गिरीश्वर मिश्र। करीब एक सदी बाद आई महामारी के अप्रत्याशित प्रकोप ने सबको हिलाकर रख दिया है। इसके पहले स्वास्थ्य की विपदाएं स्थानीय या क्षेत्रीय विस्तार तक सीमित रहती थीं, पर कोविड-19 महामारी से उपजी स्वास्थ्य की समस्या विश्वव्यापी है और उसकी दूसरी लहर पूरे भारत पर ज्यादा ही भारी पड़ रही है। इसके संक्रमण की विधाएं इतने भिन्न-भिन्न तरह की मिल रही हैं और उसके लक्षणों की विविधता इतने विलक्षण रूप से परिवर्तनशील है कि उसकी पहचान में अक्सर चूक की घटनाएं हो रही हैं और लोगों की जान पर आ बन रही है। चिकित्सा विज्ञान के ताजे अनुसंधान इस वायरस के स्वरूप में बदलाव की भी कई किस्मों को रेखांकित कर रहे हैं। + +रोग के उपचार की कारगर दवा की तलाश अभी भी जारी है। जो उपचार चल रहा है, वह शरीर की व्यवस्था की कमियों के प्रबंधन की युक्ति पर निर्भर है। सावधानी के साथ कुशल स्वास्थ्य प्रबंधन समय पर मुहैया करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। श्वास की प्रक्रिया में ही जीवन-तंतु बसता है और कोविड की खतरनाक चोट नाक, गले और फेफड़े जैसे संवेदनशील अवयवों पर असर डालती है। उसे रोकना और उसके असर से ससमय निपटना युद्धस्तर पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप की अपेक्षा करता है। यदि समय रहते श्वसन तंत्र को सामान्य नहीं बनाया गया तो जीवन खतरे में पड़ने लगता है। + +भारत की आबादी, जनसंख्या का घनत्व, पर्यावरण-प्रदूषण और खाद्य सामग्री में मिलावट, स्वास्थ्य-सुविधाओं की उपेक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण जैसे बदलाव ने आम नागरिक के लिए स्वस्थ रहने की चुनौती को ज्यादा ही जटिल बना दिया है। पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य की लंगड़ाती चलती सरकारी व्यवस्था और भी सिकुड़ती चली गई। स्वास्थ्य क्षेत्र में निजीकरण ने स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच को आम जनता से दूर करना शुरू कर दिया। निजी क्षेत्र में जन सेवा की जगह मुनाफा कमाना ही मुख्य लक्ष्य बन गया। दूसरी ओर इसका दबाव झेलती जनता के सामाजिक, नैतिक और र्आिथक आचरण में विसंगतियां भी आने लगीं। कोविड जैसी विकट त्रासदी ने सबकी पोल खोल दी है, लेकिन उसका ठीकरा हर कोई दूसरे के सिर पर फोड़ने को तत्पर है और जीवन मृत्यु के प्रश्न में भी सियासी फायदा ढूंढा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88ae0866fded348cd2f8cec2e12e64ff3640128b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72582.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। गर्मियों की बात हो तो बिना अमीनाबाद की फालूदा कुल्फी और चौक की मशहूर लस्सी के पूरी नहीं होती है। आइसक्रीम बिना तो शादियां अधूरी लगती हैं। घरेलू उत्सव भी बिना ठंडी चीजों के आगे नहीं बढ़ते। बच्चे हों या फिर युवा, महिला और बुजुर्ग सभी की जुबान पर ठंडे पेय सिर चढ़कर बोलते हैं। पर इन दिनों कोरोना संक्रमण ने लोगों का स्वाद ही छीन लिया है। हाल यह है कि ठंडी चीजों से लोग जबरदस्त परहेज कर रहे हैं। गर्मी की कौन कहे बारहोमासी इस ठंडे के कारोबार पर कोराेना की वक्र दृष्टि ने पूरा बाजार बिगाड़ कर रख दिया है। दस से पंद्रह फीसद बाजार रह गया है। कुछ ने तो इस व्यापार को समेटने में ही भलाई समझी तो कुछ कोरोना के दौर में व्यापार को पटरी पर लाने के लिए जी-तोड़ कोशिश में जुटे हैं। पर करें तो क्या धंधा है पर ठंडा...है ये...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72583.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..964ad509d5f7878e1cebc7845db3f0d98da265be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72583.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कहां हो रहा है टीकाकरण और कहां नहीं।यहां पर बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों देश में कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण का एलान किया था। तीसरे चरण के तहत 18 साल और अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगना है, जिसके लिए 28 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है. लेकिन केंद्र सरकार की ये घोषणा सभी राज्यों में पूरा होती नहीं दिख रही है। + +उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर और 45 व उससे अधिक आयु वाले सभी लोगों को कोरोना का बचाव टीका लग रहा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से टीके की कमी की वजह से टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है। दो से ढाई हजार के बीच वैक्सीन प्रतिदिन लग रही थी, लेकिन शुक्रवार को 1031 लोगों का ही टीकाकरण लगा, जबकि एक सप्ताह से पूर्व तक चार से छह हजार के करीब लोगों को टीका लगाया जा रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8edae0d9034171d8707b1885db37242659ab4916 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72586.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। महामारी की मार के बीच देश अब भी ऑक्सीजन की कमी से हलकान है। अस्पताल बीमार है लेकिन माना जा रहा है कि पिछले 10 दिनों में हुई चौतरफा कोशिशों की बदौलत भारत मध्य मई तक ऑक्सीजन की जरूरत और आपूर्ति में भी तालमेल बिठा लेगा और बहुत हद तक आत्मनिर्भर भी हो सकता है। अस्पतालों में खुद का ऑक्सीजन प्लांट लगाने की मुहिम जोर पकड़ चुकी है। + +बंद पड़ी वेदांता भी देगी सहयोग।कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बंद पड़ी वेदांता को ऑक्सीजन उत्पादन में झोंका जा रहा है। शुक्रवार को विदेश से 1900 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की आपूर्ति भारत को की गई। बड़ी औद्योगिक इकाइयों को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में लगाया गया है। शुक्रवार को सरकार ने व्यक्तिगत रूप से भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात की इजाजत दे दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24c58ab7025c430a362522bff14b36e9ec0bdc16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग भी दवाएं होम आइसोलेट मरीजों को पहुंचा रहा है। लेकिन मरीजों की काउंसिलिंग नहीं की जा रही है। ऐसे में वे दवा खाते जा रहे हैं। ।ऐसे बिगड़ती है स्थिति। आक्सीजन का स्तर कम होने के बाद भी वे वही दवा खा रहे हैं और गंभीर होते जा रहे हैं। अनेक मरीज इस तरह के आए जिनमें बहुत ही सामान्य लक्षण थे, वे कोरोना के मरीज भी नहीं थे लेकिन मेडिकल स्टोर से दवा लेकर उन्होंने अपना मर्ज बढ़ा लिया और खांसी बढ़ गई। सीटी स्कैन कराने पर उनका सीटी वैल्यू 7/25 मिला। खैर गनीमत थी, यही वैल्यू यदि सात की जगह 11 से अधिक होती तो आक्सीजन की कमी होने लगती और स्थिति गंभीर हो जाती। जो लोग पांच से सात दिन में ठीक हो सकते थे, उन्हें ठीक करने में 15 दिन लगे। इसके बाद भी अभी एक माह दवा चलेगी तब पूरी तरह स्वस्थ होंगे। ऐसे में डाक्टरों से परामर्श किए बिना दवा खाना खतरे से खाली नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92bcc064c88544b77f09d8b369e1b70690126700 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72588.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता। एक फिल्म का मशहूर डॉयलग है 'हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं।' परंतु, बंगाल के चुनावी रण में यहां सिर्फ जीतने वाला ही 'बाजीगर' कहलाएगा। क्योंकि, इस बार विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। इसमें कौन जीतकर बाजीगर बनता है यह दो मई को पता चल जाएगा। 34 वर्षों के वामपंथी शासन को ममता बनर्जी ने अंत कर सत्ता पर काबिज हुई थी। उस समय ममता को 'बाजीगर' कहा गया था। क्योंकि, जो कार्य कांग्रेस नहीं कर पाई थी वह काम ममता ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस गठित करने के महज 13 वर्ष के अंदर कर दिखाया था। + +परंतु, आज उसी बंगाल में मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को भाजपा से कड़ी चुनौती ही नहीं मिल रही है। बल्कि आज हालत यह है कि भााजपा सत्ता की रेस में तृणमूल के बराबरी में खड़ी है। विधानसभा चुनाव के सभी आठों चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और एक्जिट पोल के नतीजे आ चुके हैं। हालांकि, असली चुनाव परिणाम तो दो मई को आएगा। परंतु, एक्जिट पोलों में जिस तरह से बंगाल की धरती पर तृणमूल और भाजपा में कांटे की टक्कर बताया गया है, उससे से सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन बाजी मार ले जाएगा। कुछ एक्जिट पोल में भाजपा को तो कुछ में तृणमूल को बढ़त दिखाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0177d26c6aac702e521eafaa479badfb985837b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72590.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तमाम जरूरी दवाएं मार्केट से गायब ।झारखंड में तमाम जरूरी दवाएं भी मार्केट से गायब हैं। मेडिकल स्टोर मनमानी कर रहे हैं। राज्य सरकार को ऐसी शिकायत लगातार मिल रही हैं। यहां तक कुछ निजी अस्पतालों को आवश्यकता से अधिक रेमडेसिविर की सप्लाई की जा रही है। इसकी जांच ड्रग्स कंट्रोलर के स्तर से हो रही है लेकिन जिस पैमाने पर लूटपाट हो रही है उससे इक्का-दुक्का कार्रवाई से बात नहीं बनने वाली है। इस पूरे सिडिंकेंट पर जोरदार हमला करने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72592.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7830cd3a143e31fd24886490d5aa85efba7216d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72592.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। अन्य राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। राज्य विधि आयोग ने इसका मसौदा तैयार किया है। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है, जिस पर विचार के बाद सरकार अधिनियम लागू करेगी। आयोग ने विवाह पंजीकरण का प्रोफॉर्मा भी तैयार किया है, जिसके तहत गलत अथवा झूठी सूचनाएं देने वालों के लिए दो साल तक की सजा व 10 हजार रुपये तक जुर्माने की अहम सिफारिश भी शामिल है। साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू किए जाने व विवाह पंजीकरण से जुड़ी सभी सूचनाएं वेब पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाने की सिफारिश की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72597.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d1ce1dc474e6fbb64e3002be24bb4969fb61a72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72597.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गौरव कुमार। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि हमारे देश का स्वास्थ्य ढांचा बेहद लचर है। हालांकि पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के स्वास्थ्य ढांचे को बहुत हद तक सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन इसकी भी एक सीमा है। चूंकि महामारी का आकलन या पूर्वानुमान कठिन था ऐसे में कोरोना संकट की गंभीरता बढ़ गई है। इसके बावजूद केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों की तरफ से इससे निपटने की अभूतपूर्व तैयारी की गई है और इससे निपटने के प्रयास भी लगातार किए जा रहे हैं। कई ऐसे कारक हैं जिनके चलते हमारे देश में कोरोना की इस दूसरी लहर पर नियंत्रण पाना संभव नहीं हो सका है। + +यह सच है कि किसी भी देश के पास किसी आपदा से निपटने के संसाधन सीमित मात्रा में ही होते हैं। ऐसे में बाहरी मदद की आवश्यकता होती है। बाहरी मदद किस हद तक और कितनी मिलेगी यह एक दूसरे के संबंधों की गहराई पर निर्भर करता है। कोरोना की लड़ाई में भारत के इस संकट को दूर करने में मदद के कई हाथ उठे हैं जिसमें पड़ोसी देशों के साथ ही कई अन्य विकसित और विकासशील देश भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भी भारत को मदद का हाथ बढ़ाया है। हालांकि यह माना जा रहा है कि कोरोना से जंग की यह साझी पहल है, लेकिन इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि भारत को मिलने वाली विदेशी मदद के पीछे भारत की अंतरराष्ट्रीय नीति का बहुत बड़ा योगदान है। + +विगत वर्ष भारत ने अन्य देशों की मदद के लिए जिस प्रकार आगे बढ़ कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी या कोरोना की भारत निर्मित वैक्सीन को अन्य देशों को भेजने के प्रति जो तत्परता दिखाई थी उसका प्रतिफल आज मिल रहा है। इन सबके साथ यह भी अहम है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत ने अपनी विदेश नीति को काफी सशक्त किया है। भारत के प्रधानमंत्री के विदेश दौरे को अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ा था, किंतु यहां यह मानना पड़ेगा कि यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का नतीजा था जिसने आज विश्व के सामने भारत की स्थिति को सशक्त किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eaac9a99fe48108379cabf410577ac252c6d7bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72599.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। अभी तक अस्पताल वाले ही मेडिकेटेड तरीके से एक एजेंसी को कोरोना संक्रमितों का कूड़ा निस्तारण का काम देते थे लेकिन अब नगर निगम ने भी बड़ा कदम उठाया है। कोरोना संक्रमित होम आइसोलेट लोगों के घरों का कूड़ा अब सामान्य कूड़े में नहीं जाएगा। इससे संक्रमण और फैलने की आशंका है, जिसके चलते नगर निगम ने ट्रंचिंग ग्राउंड में इंसीनरेटर मशीन लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72600.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72600.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf9ab5b11fb9b0c7f0bffdb36421d3c47234a98e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72600.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना से महामारी से बचने के लिए लोगों को अपनी डाइट में इन दिनों विशेष बदलाव करने होंगे। पहले की तरह ली जाने वाली डाइट को अब बदलना होगा। डायटिशियन प्रिया सिंह ने बताया कि अब अधिक से अधिक विटामिन और प्रोटीन वाली डाइट को शामिल करने की जरूरत है, जिससे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता या फिर कहें कि कोरोना से लड़ने की शक्ति मिलेगी। इसमें लोगों को इन दिनों मिक्स व संतरे के जूस का प्रयोग करना चाहिए, जिससे हजारों औषधि जीतने गुण होंगे। ।प्रिया सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति को स्वस्थ में रखने में उसकी खानपान बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में लोगों को आज के दौर में अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए अधिक से अधिक हरे पत्ते वाली सब्जियां खानी चाहिए, जिसमें पालक, मैथी आदि शामिल हैं। इन्हें खाने से शरीर को सभी प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और अन्य स्त्रोत मिलते हैं। वहीं, सुबह पौष्टिक नाश्ता करने की जरूरत है, जिसमें अधिक से अधिक मौसमी फलों का प्रयोग करें। ।खासतौर से संतरा, कीवी और मौसमी को इसमें शामिल करें। लोगों को बिल्कुल भी फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए, जिससे वह बीमारी को घर में आने का न्यौता दें। इसके अलावा रात को दूध पीने से लोगों को कैल्शियम की कमी भी दूर होगी। कोशिश करें कि अगर वह दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पीयें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7440d2e9d6c5904a1f2ae47dcc0ec2c5dc16b24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नल-जल योजना का मूल आधार बरसात के जल को सलीके से एकत्र करना और उसका इस्तेमाल ही है। समझना होगा कि यदि नदी में अविरल धारा रहती है, यदि तालाब में लबालब पानी रहता है तो उसके करीब के कुओं से पंप लगा कर पूर वर्ष घरों तक पानी भेजा जा सकता है। यदि हर घर तक ईमानदारी से पानी पहुंचाने का संकल्प है तो ओवरहेड टैंक या ऊंची पानी की टंकी बना कर उसमें अधिक बिजली लगाकर पानी भरने और फिर बिजली पंप के दबाव से घर तक पानी भेजने से बेहतर और किफायती यह होगा कि हर गांव-मोहल्ले में ऐसे कुएं विकसित किए जाएं जो तालाब, झील, जोहड़, नदी के करीब हों व उनमें साल भर पानी रहे। एक कुएं से करीब 100 घरों को पानी सप्लाई का लक्ष्य रखा जाए व उस कुएं और पंप की देखभाल के लिए उपभोक्ता की ही समिति कार्य करे तो न केवल ऐसी योजनाएं दूरगामी होंगी, बल्कि समाज भी पानी का मोल समझेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb49eb4cab13fc86cce2dbfefbd68cb76e1dac4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आने वाले दिनों और बढ़ेगी सियासी रार। राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में यह सियासी रार औैर बढ़ेगी। आप सरकार जहां एक बार फिर अपने 'निर्वाचित सरकार' होने के दंभ से बाहर आने को तैयार नहीं है वहीं उपराज्यपाल भी अब संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करने को बाध्य होंगे। पांच राज्यों का चुनाव परिणाम आने के बाद इस रस्साकशी में और तेजी आने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54335fc0ac6d42560279699b35a6364088b08c73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कच्चे चमड़े के आयात पर लगा 10 फीसद कर।आगरा के जूता निर्यातक जूता बनाने को कच्चे चमड़े का आयात पड़ोसी देशों से करते थे। बजट में सरकार ने कच्चे चमड़े के आयात पर पहली बार 10 फीसद कर लगा दिया था। इसके साथ ही जूता निर्यातकों को जूते की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आयात की जाने वाली अन्य सामग्री के आयात पर मिलने वाली पांच फीसद की छूट को भी खत्म कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72607.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88f21da023c4f57c4f3f0815d43b5023c396e97c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे करें अभ्यास: वज्रासन की मुद्रा (दोनों पैर को पीछे मोड़ते हुए घुटनों के बल बैठें और कमर, पीठ व कंधे को सीधे रखें) में बैठ जाएं। दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं। हाथ कानों से सटे रहें। श्वास लें। धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए सामने झुकें। मस्तक और हाथ जमीन पर हों। श्वास व शारीरिक स्थिति का खयाल रखें। अब श्वास लेते हुए धीरे-धीरे पहली स्थिति में आएं। इस प्रक्रिया को 8-10 बार दोहराएं। यह सामान्य शशांकासन है। इस आसन को आगे बढ़ाते हुए जमीन पर लेटकर हाथ के बल भुजंग (नाग) की तरह शरीर के अगले हिस्से को उठाएं। इसे शशांक भुजंगासन कहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49a3d101d50506724f27edaa67de784bc6760f8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72608.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। ऑक्सीजन को लेकर जिले में हाहाकार जैसी स्थिति नहीं है। हां ये जरूर है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ऐन वक्त पर होने से डॉक्टरों की धड़कनें बढ़ी हुईं हैं। लखनऊ से लगातार ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग की जा रही है। हर घंटे की स्थिति ली जा रही है। अस्पताल संचालकों से भी बात की जा रही है। + +स्माल प्लांट 25।जंबो सिलेंडर, 700।ऑक्सीजन बैकअप, 13 टन सुबह 11 बजे तक।ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चल रहे मरीज।ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए तीमारदार अपने साथ सिलेंडर लेकर चल रहे हैं। ऐसे हालात इस वजह से हैं कि अस्पतालों में बेड नहीं होने की वजह से वो अपने आप ही सिलेंडर की व्यवस्था करके ला रहे हैं। उन्हें अस्पताल के डॉक्टरों से ये उम्मीद है कि वो सिर्फ उपचार करें। बाकी जैसी व्यवस्था बनेगी वैसे उपचार की स्थिति बन जाएगी। नया मुरादाबाद स्थित ब्राइट स्टार अस्पताल में दिल्ली से आई महिला अपना ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आई थी। वेटिंग एरिया में सिलेंडर लेकर कई लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbe825ca119d632769a0d21e9984a2633e289589 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72609.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चाहने वालों की दुआओं पर भारी पड़ा कोरोना संक्रमण। ऐसे में हालत बिगड़ने पर कवि कुमार विश्वास और सांसद महेश शर्मा के सहयोग से उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। 15 अप्रैल को उन्होंने अपना स्वास्थ्य बुलेटिन इंटरनेट मीडिया पर जारी कराया कि 'मैं नोएडा के सेक्टर 27 के कैलाश अस्पताल के आइसीयू, सेकेंड फ्लोर, बेड नंबर 19 पर हूं। कोविड की चपेट में आ गया हूं। बात करते ही खांसी उठती है, अत: बात करने की मनाही है। ठीक होते ही बात करूंगा। आप सब मेरे स्वास्थ्य के लिए चिंतित हैं, इसके प्रति आभारी हूं। दुआ कीजिए जल्दी ठीक हो जाऊं।' साहित्यिक हलकों में न जाने कितने साहित्यकारों की प्रेरणा व गुरु हर दिल अजीज गीतकार व गजलकार डॉ. कुंअर बेचैन के स्वास्थ्य के लिए सभी कामना कर रहे थे। लोगों को उनकी पुत्री वंदना कुंअर रायजादा की अपडेट से राहत मिली कि पिता जी ठीक हो रहे हैं। वे शीघ्र घर आ जाएंगे, लेकिन यह संभव न हो सका। + +सबके साथ सह्रदय हो जाते थे कुंअर। 29 अप्रैल को यह खबर आ गई कि क्रूर क्रोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया है। उन्होंने वादा दोहराया था कि उन्हें नियमों का पालन वैक्सीन लगने के बाद भी करना है। उन्होंने किया भी, लेकिन उनकी सहृदयता इतनी थी कि वह अपने प्रशंसकों के किसी भी आग्रह को नहीं टालते थे। चाहे वह किसी पुस्तक की भूमिका लिखने की बात हो, चाहे साथ में सेल्फी लेने की। एक विनम्र और सहृदय कवि का चला जाना वाकई दुखद है। + +कुंअर बेचैन का जन्म 1 जुलाई 1942 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के उमरी गांव में हुआ। पिता नारायणदास सक्सेना और माता गंगादेवी ने उनका नाम कुंअर बहादुर रखा। बचपन से ही गीतों-गजलों की यात्रा शुरू कर देने वाले कुंवर जी ने अपने नाम के साथ 'बेचैन' तखल्लुस (उपनाम) जोड़ लिया था। लेकिन उनका बचपन बड़े संघर्षों में बीता। बचपन में उनके माता-पिता का देहांत हो जाने से उनका पालन-पोषण उनकी बहन के यहां हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e48bb0f4d529c0755ad3c9ff4da263abcc56514 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों ने दी जानकारी: गांव के ब्रजेश, प्रेम यादव, सुघर यादव, अंशू,रत्नेश निषाद, रामप्रकाश, पोला निषाद आदि का कहना है कि जब वह खुद सतर्कता बरतेंगे तभी संक्रमित होने से बचाव होगा। इसके लिए वह अलग-अलग शिफ्ट में गांव आने वालों पर नजर रखते हैं। यदि गांव में किसी को भी खांसी, जुकाम बुखार जैसे लक्षण आते हैं तो उनको पहले घरेलू उपचार की सलाह देते हैं। ठीक न होने पर जसपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर कोरोना जांच कराने की सलाह देते हैं, हालांकि अब तक कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। गांव में वह बराबर कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने का प्रयास कर रहे हैं। जिसका नतीजा है कि अभी तक कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है। वह बताते हैैं कि यहां सादा भोजन लेने के साथ नींबू व संतरा का अधिक प्रयोग करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4ae9cb66daf0a4bf1b8989b651668eb339ecce7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72619.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ. नीरज यादव ने बताया कि इस वक्त यदि बच्चे की तबियत बिगड़ती है तो उसमें लापरवाही न करें। उन्होंने बताया कि इन दिनों बच्चों में सर्दी-जुकाम के साथ हल्का बुखार, कुछ बच्चों में उल्टी और डायरिया की शिकायत, हल्की खांसी होना कोविड के लक्षण हैं। यदि बच्चों में इस प्रकार की समस्या हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि जब बच्चा बीमार हो तो इस दौरान बच्चे को पानी भरपूर मात्रा में पिलाएं। इसके साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन बच्चे को खिलाएं। बच्चे को सफेद अंडा या दाल और सोयाबीन खिलाएं, छोटे बच्चों को दाल का पानी पिला सकते हैं। ।डॉ. यादव ने बताया कि बच्चा सुस्त हो रहा है, खाना नहीं खा रहा है, बच्चे की पसलियां चल रही हैं या बच्चे को दौरा आ रहा है तो इस स्थिति में कोविड सेंटर में संपर्क करें या चिकित्सक से तुरंत सलाह लें। उन्होंने बताया कि बच्चे को बुखार, खांसी होने पर पैरासीटामोल सीरप, एजीथ्रोमाइसिन सीरप, जिंक सीरप डॉक्टर की सलाह से लें, क्योंकि बच्चों में सामान्य डोज नहीं दी जा सकती, उन्हें वजन के हिसाब से दवा की डोज दी जाती है। डॉ. यादव ने बताया कि बच्चे को सही दवा का ट्रीटमेंट दिया जाए तो वह पांच से छह दिन में स्वस्थ हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1646f3e5cb72e9147af43e9e136508c8a8f277fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एग्जिट पोल पर प्रतिबंध।शुरुआती दिनों में ओपिनियन पोल जिस तेजी के साथ लोकप्रिय हुआ, उतनी ही तेजी से वह राजनीतिक दलों खटकने लगा। लिहाजा सभी दल एक सुर में इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने लगे। 1999 में चुनाव आयोग ने बाकायदा एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत ओपिनियन पोल और एक्जिट पोल को प्रतिबंधित कर दिया। एक समाचार पत्र ने आयोग के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने इस आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि आयोग के पास ऐसे ऑर्डर जारी करने की शक्ति नहीं है और किसी मसले पर सर्वदलीय सर्वसम्मति उसके खिलाफ कानूनी प्रतिबंध का आधार नहीं होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6de5ad4ee838f4525fa62fe3a098fc1776dc3d6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72623.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी है। ऑक्सीजन की कमी के साथ ही सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं। बीते एक सप्ताह में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते कुछ निजी अस्पतालों में मरीजों को छुट्टी दी जा रही है। मौजूदा समय में कोई भी निजी अस्पताल बिना सिफारिश के कोविड पीड़ित मरीज के इलाज का जोखिम नहीं उठा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72625.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72625.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04cef627b591731e2973108c8cf99bdb934b6476 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72625.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उम्मीद थी कि लाकडाउन लगने से स्थिति सुधरेगी। लोग घर से बाहर नहीं निकलेंगे तो संक्रमितों की संख्या में कमी आएगी, लेकिन फिलहाल स्थिति ¨चताजनक बनी हुई है। लाकडाउन से पहले संक्रमण दर 30 फीसद से नीचे थी और इस समय 32 फीसद के करीब है। स्पष्ट है कि कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है। सबसे ज्यादा लापरवाही सब्जी बाजार व गली-मोहल्लों की दुकानों पर हो रही है। इन स्थानों पर कोरोना नियमों का पालन नहीं हो रहा है। लोग न तो ठीक से मास्क लगा रहे हैं और न शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..426cef0cd257334eaac4a45be7189cfe647acab6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72627.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संजय श्रीवास्तव। कोरोना वायरस के कहर के बीच तमाम दवा कंपनियों की कमाई बढ़ गई है। यह भी तब जब आज तक सही मायने में कोरोना की कोई दवा बाजार में नहीं है। कोरोना के बेहतर निदान यानी जांच और इसका संक्रमण फैलने से रोकने वाले, इम्युनिटी बढ़ाने वाले अवयवों का बाजार इस दवा बिजनेस के मुनाफे को बढा रहा है। अस्पतालों की फार्मेसी, सामान्य केमिस्ट और ऑनलाइन दवा विक्रेताओं के अलावा सरकारी खरीद सब मिलकर इस आपदा में चांदी काट रहे हैं। मुनाफे का महान मौका ताड़कर करीब दो दर्जन दिग्गज दवा कंपनियां इस मुनाफे की मारामारी में कूद पड़ी हैं। फलत: यूरोप, अमेरिका और चीन से अगले दो महीने भीतर कोरोना की 35 नई दवाओं की आमद के आसार हैं। + +एक दवा कंपनी का दावा है कि उसकी दवा महज 24 घंटे में कोरोना से निजात दिला देगी। दवाओं की यह बाढ़ कोरोना को बहा पाए या नहीं पर दवा कंपनियां लाभ से आप्लावित हो जाएंगी, यह तो तय है। इस मामले में भारतीय कंपनियां भी पीछे नहीं रहेंगी। रूसी स्पुतनिक के बाद अब देश में जल्द ही तीन और वैक्सीन बिकने लगेगी। कुल छह वैक्सीन ले सकेंगे लोग। संभव है जायडस कैडिला की बनाई दवा पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2बी जल्द ही कोरोना की इटोलीजुमैब, रिटोनाविर और लोपिनाविर, डॉक्सीसाइक्लिन के साथ आइवरमेक्टिन का कॉम्बीनेशन, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और फेवीपिरविर तथा रेमडेसिविर जैसी उन दवाओं में शामिल हो जाए जो देश में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही हैं। + +देश में मिलने वाली ग्लेनमार्क फार्मा कंपनी की दवा फैबिफ्लू भी ऐसी ही दवा है, जो कभी फ्लू के इलाज में काम आती थी, अब कोरोना का इलाज कर रही है। दरअसल यह र्चिचत रेमडेसिविर की ही तरह का मल्टी स्पेक्ट्रम एंटीवायरल है और फेवीपीराविर का उन्नत संस्करण है जो इस ब्रांड नाम से बिकती है। चूंकि दवा का कोई रैडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल नहीं हुआ है, जो अत्यावश्यक है, इसलिए इसे महज आपात और सीमित इस्तेमाल की अनुमति है। पर इसको कौन देख रहा है। मरीजों के रिश्तेदार विवश होकर और हड़बड़ी में इन्हें खरीद रहे हैं। कंपनियां भी जानती हैं कि ये कोरोना की दवा नहीं है। इलाज की संभावना का तो बस दावा। यह एक तरह से आपदा में अवसर है, भयादोहन है। देश में जिस तरह कोरोना की जबरदस्त लहर आई है, उसी अनुपात में दवा उद्योग में भी मुनाफा काटने की सुनामी आई हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e70deff5c0d37963a744455b07f50032fc8357e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र। मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर विकराल रूप धारण कर चुकी है। संक्रमित मरीजों की संख्या में प्रतिदिन असामान्य रूप से बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना के नए म्युटेंट ने ऐसा रूप धारण किया है कि अंदाजा लगाना मुश्किल है कि कौन कितने खतरे में है। जब तक लोग समझें तब तक वह फेफडे़ को काफी नुकसान पहुंचा चुका होता है। गंभीर मरीजों की तादाद बढ़ने से समय से अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो गया है। जिन्हें बेड मिल जा रहा है उनकी सांसों के लिए समय से आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। शायद ही पहले कभी ऐसा हुआ हो कि मरीज को अस्पताल में छोड़कर स्वजन आक्सीजन की तलाश में भटक रहे हों। सांस चाहिए तो आक्सीजन का इंतजाम करना ही पड़ेगा। इसके लिए चाहे जो कीमत अदा करनी पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01372b4dfdd72db6aa9a1431dc9d5a7886e10166 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72632.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू होने के बाद दिल्ली का पहला दिन सियासी और प्रशासनिक चुप्पी के बीच बीता। न दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई और न ही राजनिवास में कोई बैठक हुई। ऐसी स्थिति में जब दिल्ली कोरोना संक्रमण और आक्सीजन संकट से बुरी तरह जूझ रही है, इस खामोशी के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49074e245a8b8a5f70eba2587023622225df1db2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फरवरी में टीकाकरण शुरू होने के साथ कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में आती नजर आ रही थी और महामारी की वजह से गंभीर रूप से प्रभावित हुई भारतीय अर्थव्यवस्था फरवरी आते-आते पुन: संभलने लगी थी। लेकिन अप्रैल में मामले बढ़ने लगे और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पाबंदी लगाए जाने से हालात तेजी से बदले हैं और दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता फिर से बढ़ा दी है। इससे अर्थव्यवस्था की रिकवरी को भी झटका लगने की आशंका है। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामारी की दूसरी लहर के समग्र प्रभाव का अभी आकलन करना बहुत कठिन है, परंतु स्थानीय स्तर पर लगाए जा रहे लॉकडाउन के कारण अप्रैल-जून वाली पहली तिमाही में आर्थिक संवृद्धि पर नकारात्मक असर दिखाई दे सकता है। यदि जून तक हालात सामान्य नहीं होते हैं तो इसका असर पूरे साल की जीडीपी पर दिख सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da62bcbdf259f0ee93b8cc038054319fe4df880e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72636.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यही कारण है कि ऐसे विशेषज्ञों की देशभर में भारी जरूरत देखी जा रही है। दरअसल, लैब टेक्‍नीशियन किसी भी बीमारी की रोकथाम के लिए रोगों की सही पहचान करने में डॉक्‍टरों की मदद करते हैं। लैब टेक्‍नीशियन द्वारा किया गया टेस्ट बीमारी को पहचानने से लेकर उसके इलाज तक में सहायता पहुंचाता है। इसके लिए इन प्रोफेशनल्‍स द्वारा विभिन्‍न तरह के सैंपल्‍स की जांच की जाती है, जैसे कि एक्‍सरे, अल्‍ट्रासाउंड, सीटी स्‍कैन, ब्‍लड टेस्‍ट, बॉडी फ्लूड्स, टिश्‍यू, स्क्रीनिंग, केमिकल एनालिसिस इत्‍यादि। कुशल लैब टेक्‍नीशियंस की जरूरत आज छोटे-बड़े शहरों के प्राय: सभी सरकारी और निजी अस्‍पतालों के लैब, निजी पैथोलॉजी लैब्‍स, क्‍लीनिक, ब्‍लड बैंक जैसे स्थानों में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96bbe52c71f243c359fb7774196818bbec068b5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72638.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +24 घंटे और 1400 किलोमीटर, दूरी तय करने समय थी दोस्त की फिक्र।बोकारो के रहने वाले देवेंद्र को जैसी ही पता चला कि रंजन की जान बचानी है तो ऑक्‍सीजन सिलेंडर का इंतजाम करना होगा। फिर क्या था कि दोस्ती की सांसों की डोर थामने के लिए देवेंद्र युद्धस्तर पर जुट गई। बड़ी मुश्किल से ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम हुआ। इसक बाद देवेंद्र बोकारो से रविवार सुबह अपनी निजी कार से नोएडा के लिए निकल पड़े। बोकारो से नोएडा तक 1400 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में 24 घंटे लगे। रास्तेभर बेचैन देवेंद्र को सुकून तब मिला जब वह नोएडा में रहने वाले रंजन को ऑक्सीजन देने पहुंच गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05dc578734a66b9ba5aab34786548dccf05fca29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72640.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मामला आवास विकास कालोनी कैला देवी चौराहे पर हुई बुधवार को यूट्यूब के लिए शूट हुई शार्ट फिल्म का है। शार्ट फिल्म का सीन शूट करने के लिए एक्टर सुयश मिश्रा निकर में घुड़सवारी करते हुए कैला देवी चौराहे तक पहुंचे। उन्हें इस ड्रेस में देख व्यस्त चौराहे पर कुछ देर के लिए वाहनों के पहिए थम गए। चौराहे के आसपास लोगों की भीड़ जुट गई। लोग एक्टर के अगले सीन का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान चौराहे के गोल चक्कर पर एक लाल रंग का बाथ टब लाकर रख दिया गया। एक्टर के साथ आई टीम ने इसमें पानी भर दिया। इसके बाद एक्टर ने बाथ टब में जाकर ब्रश करने और नहाने का सीन किया। इसके बाद हाथों में तरबूज लेेकर उसे खाते हुए नजर आए। + +below 30 on youtube।आगरा के रहने वाले सुयश मिश्रा सेंट कानरेड्स से 2019 के पासआउट हैं। वर्तमान में वह नोएडा फिल्म सिटी में मारवाह स्टूडियो से अभिनय और उससे जुड़ी बारीकियां सीख रहे हैं। वह below 30 on youtube के नाम से यूट्यूब पर अपनी शार्ट फिल्म बनाकर डाउनलोड करते हैं। इस चैनल पर उनकी अच्छी खासी फैंस फालोइंग है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72641.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd7ae6d070cff352458863d4bbc2a8db5171433e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या [रघुवरशरण]। Ram Mandir in Ayodhya: कोरोना संकट तय समय में मंदिर निर्माण की संभावनाओं पर ग्रहण लगा रहा है। मंदिर निर्माण आगामी 30 माह में होना है। इस अवधि में मंदिर निर्माण पूरा होना पहले से ही चुनौतीपूर्ण था। कोरोना संकट के चलते श्रमिकों से लेकर दूर-दराज के क्षेत्रों से भवन निर्माण सामग्री भी लाए जाने की गति मंद पड़ी है। मंदिर निर्माण की अवधि का एलान गत वर्ष पांच अगस्त को उस समय किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के साथ मंदिर निर्माण की औपचारिक शुरुआत की थी। तब मंदिर निर्माण 39 माह में पूरा करने की घोषणा की गई थी। ।हालांकि, हजारों वर्ष तक अक्षुण्ण रहने वाले मंदिर के अनुरूप अति सुदृढ़ नींव के निर्माण नियोजन और उसमें प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री सुनिश्चित करने में ही महीनों लग गए। इस वर्ष 15 जनवरी से मंदिर निर्माण की प्रक्रिया जरूर निर्बाध गति से आगे बढ़ी। गत सप्ताह से ही कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो नींव की भराई के काम में लगे 50 प्रशिक्षित श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर दो सौ तक करने वाली थी, पर कोरोना के खौफ के चलते यह योजना खटाई में पड़ गई। गनीमत यह है कि न केवल अभी भी 50 श्रमिक मंदिर निर्माण के काम में लगे हैं, बल्कि वे किसी प्रकार के संक्रमण से भी मुक्त हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि श्रमिकों की संख्या में शीघ्र ही अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई, तो आगामी अगस्त माह तक भूमि पूजन के एक वर्ष पूरा होने के बाद भी नींव की भराई पूरी होनी कठिन है। ।360 फीट लंबे एवं 235 फीट चौड़े मंदिर की नींव परत दर परत भरी जा रही है। नींव कुल 44 परत से युक्त होनी है और दूसरी परत का काम इसी सप्ताह शुरू हुआ है। यानी एक परत का काम होने में करीब एक माह का समय लग गया। इसका आशय यह नहीं है कि अकेले नींव की ही सभी 44 परत का निर्माण करने में 44 माह लग जाएंगे, पर यह तय है कि नींव निर्माण का काम मंदिर निर्माण के अन्य आयामों की तरह अत्यंत विशद-व्यापक है। समझा जाता है कि कोरोना संकट थमने के साथ श्रमिकों और अन्य संसाधनों में तीन से चार गुना की वृद्धि कर अगस्त तक न सही, तो इस साल के अंत तक नींव निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि अपेक्षित मानचित्र के अनुरूप तराशी गई शिलाओं की शिफ्टिंग से पूर्व मंदिर का संपूर्ण परकोटा 10 से 12 फीट ऊंचे प्रतिष्ठान से भी आच्छादित होना है। इसके लिए चुनार से बड़ी मात्रा में पत्थर लाए जाने की भी प्रतीक्षा हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfe6253bf12854316d1ef64fee4d8b4ea6e55ea2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जर्मनी देगा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र।भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर (Walter J. Lindner) ने कहा कि महामारी में भारत ने टीकों और दवाओं का उत्पादन करके दुनिया और हमारी मदद की। अब हमें मुश्‍कि‍ल में फंसे दोस्तों की मदद करने की जरूरत है। हम भारत को एक बड़े ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र को भेजने के लिए तैयार हैं। इस संयंत्र से काफी लोगों को ऑक्सीजन मुहैया कराने में मदद मिलेगी। संयंत्र को यहां कैसे लाया जाए इस मसले पर हम विदेश मंत्रालय और रेड क्रॉस समेत अन्य के संपर्क में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72644.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72644.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61cae700a948f7ed5dcb41195254f155e92650a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72644.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनाया आक्रामक रवैया ।अभी तक भारत पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान को छोड़ कर दूसरे सभी पड़ोसी देशों को उदारता से वैक्सीन दे रहा था लेकिन अब भारत की तरफ से मदद मिलनी बंद हो गई है। ऐसे में चीन इन देशों में कोरोना रणनीति को आक्रामक तरीके से लागू करने की चेष्टा कर रहा है। इन देशों के पास चीन की मदद हासिल करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8532c5ce5fef9ab4d5d85d081017055382abdc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72646.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + युवा के शरीर पर टीके का नकारात्मक प्रभाव नहीं।मौजूदा हालात को देखे तो जो भी टीका उपलब्ध हो हमे वहीं लगवा लेना चाहिए, क्योंकि अब चुनने का समय नहीं है। जहां तक टीके के प्रभाव की बात है, वह कम और ज्यादा हो सकता है पर वह व्यक्ति क्षमता पर निर्भर करता है। युवा के शारीरिक विकास पर टीके का कोई नाकारात्मक प्रभाव नहीं है। + +टीके बाद संक्रमण पर जानें जरूरी बात।इसके अलावा युवाओं के मन में एक सवाल यह भी है कि टीका लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे है, पर गौर करने वाली बात यह है कि ऐसे लोगों में संक्रमण का प्रभाव कम है और ऐसे लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही स्वस्थ हो रहे है। टीका कभी भी जीवनभर सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है, जैसे-जैसे वायरस म्यूटेट होगा वैक्सीन को भी अपडेट किया जाएगा और उसी के अनुरूप टीका लगाने की योजना में भी सरकार बदलाव करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cc4b8d3f84b6e3dddff04202fab95f650f39cda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72648.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतिम तीन चरणों में कोरोना का मुद्दा हावी रहा, उसका चुनाव नतीजे पर असर पड़ेगा या भाजपा को इससे नुकसान हो सकता है?।- भाजपा को इससे क्या नुकसान होगा। भाजपा से कोरोना का क्या मतलब है। राज्य सरकार के अंदर में डॉक्टर हैं अस्पताल हैं। लेकिन बंगाल में न तो डॉक्टर हैं न अस्पतालों में कोई व्यवस्था। केंद्र की बैठक में राज्य सरकार के अधिकारी नहीं जाते। जब प्रधानमंत्री बैठक बुलाते हैं तो मुख्यमंत्री नहीं जाती हैं। कोरोना का मुद्दा तो राज्य सरकार के खिलाफ है। लोगों में गुस्सा है। केंद्र ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए जनवरी में 200 करोड़ रुपये दिया था, वह पैसा भी खाकर यह सरकार हजम कर गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6482bd61be1d7805a4bafbf4458d072b5d2294bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप पॉलीटेक्निक डिप्लोमा करना चाहते हैं और प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो सके हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक आपको प्रवेश का मौका देगा। यही नहीं दाखिले के लिए आपको प्रवेश परीक्षा भी नहीं देनी होगी। पहले बंद हो चुका कोर्स एक बार फिर शुरू होगा। ।मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर कम्युनिटी कॉलेज के तहत यह कोर्स शुरू किया गया था। परीक्षण के लिए सबसे पहले इसका संचालन प्रदेश में फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में किया गया, लेकिन तकनीकी कारणों से इस पर रोक लगा दी गई थी। एक बार फिर इसे शुरू किया जाएगा। ऐसे होगा प्रवेश हाईस्कूल पास अभ्यर्थी संस्थान से आवेदन प्राप्त करेगा और उसे भरकर जमा करेगा। हाईस्कूल की मेरिट के आधार पर प्रवेश सूची तैयार होगी। अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है। सीटों की संख्या के आधार पर प्रवेश होंगे। अखिल भारतीय शिक्षा परिषद ने ऑटोमोबाइल के चार ट्रेडों इंजन टेस्टिंग, ऑटो इलेक्ट्रानिक्स- इलेक्ट्रिकल व वेहिकल टेस्टिंग को मान्यता दी है। एक ट्रेड में 100 सीटों का निर्धारण किया गया है। पूरे प्रदेश के विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। पढ़ाई कम प्रेक्टिकल ज्यादा निजी सरकारी सहभागिता से संचालित होने वाले कम्युनिटी कॉलेज में पढ़ाई से अधिक प्रेक्टिकल को तरजीह दी जाएगी। इसके पीछ मंशा यह है कि यदि छात्र को किसी भी वजह से बीच में ही पढ़ाई छोडऩी पड़े तो उनके पास तकनीकी योग्यता हो जिससे वह अपना रोजगार कर सकें। प्रेक्टिकल के लिए एक निजी वेहिकल कंपनी से करार किया गया है। ।प्राविधिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के निर्देश के बाद नए सत्र से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। प्राविधिक शिक्षा के पास प्रस्ताव भेजा गया है, अनुमति मिलते ही प्रवेश की गाइड लाइन बना ली जाएगी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82177a7d2b1a2f2fd99a5e5f3e4f875f85ca3029 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72658.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनूप कुमार, हरिद्वार। Water Conservation आध्यात्मिक संस्था गायत्री तीर्थ शांतिकुंज सामाजिक सरोकारों का भी बखूबी निर्वहन कर रही है। खासकर जल संरक्षण के क्षेत्र में। शांतिकुंज में रोजाना 50 हजार लीटर इस्तेमाल किए हुए पानी को रिसाइकिल कर दोबारा उपयोग में लाया जाता है। यहां की हरियाली और बागवानी ही नहीं, रिहायशी इलाके की साफ-सफाई, धुलाई आदि भी इसी पानी से होती है। खास बात यह कि हरिद्वार में शांतिकुंज ने ही सबसे पहले वर्षा जल के संरक्षण की पहल की और इसके लिए पुख्ता इंतजाम भी किए। इसी का नतीजा है कि आज शांतिकुंज में वर्षा जल की एक बूंद भी व्यर्थ नहीं जाती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e969e50f1ea5539d40bc8680c00d009409c34eda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर से अनुराग मिश्र। Benefits Of Eating Garlic कोरोना काल में निरोग रहना बेहद जरूरी है ताकि संक्रमण गंभीर न हो। ऐसे में लहसुन की कुछ कलियां शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कई खतरनाक बीमारियों से बचाती हैं। कानपुर के पूर्व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. निरंकार गोयल कहते हैं, लहसुन में एलिकिन नाम का औषधीय तत्व पाया जाता है, जो एंटी आक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी वायरल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45e01409a2594b7ae9e85622bd2d8cfb99e15e9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72661.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रुटीन की पढ़ाई के अलावा बच्चों से मम्मी की हेल्प करने वाली एक्टिविटी कराई जा रही है, इन एक्टिविटी में ही संस्कारों की सीख छोटे बच्चों को मिल रही है। बच्चों से घर की टेबिल साफ कराना, घर में बिखरा सामान एकत्र कराकर निर्धारित स्थान पर रखना, हैंडवॉश कराना सिखा रहे हैं। यही नहीं कोरोना काल में बच्चों को पौष्टिक आहार कौन-कौन से होते हैं, इसकी सीख देने के साथ ही उनसे पौष्टिक आहार की प्लेट भी तैयार कराई जा रही है। जैसे खीरा, टमाटर आदि के पीस तैयार करके प्लेट में सजाकर उन पर स्वादानुसार नमक व काली मिर्च का छिड़कवाना सिखा रहे हैं। यह पौष्टिक डायट तैयार करके बच्चे खाते हैं। + +आर्ट एंड क्राफ्ट में बच्चों से चित्र में कलरिंग करवाना, घर के वेस्ट सामान से उपयोगी वस्तुएं तैयार कराना सिखाया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षिकाएं भी वीडियो बनाकर ग्रुप पर डालती हैं। इससे उन बच्चों को फायदा मिलता जो आनलाइन क्लास मिस कर देते हैं। वीडियो देखकर वह अपना असाइमेंट पूरा करके उसकी वीडियाे या फोटो खींचकर ग्रुप पर डालते हैं। जिन्हें चेक करके बच्चों को आनलाइन ही रिस्पांस दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c0590da0af1f539f1b8e4413fafef1d47dc725d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72664.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत में कोविड की इस दूसरी लहर के बीच ये सवाल पूछे जा रहे हैं कि ऐसे माहौल में विधानसभा चुनावों और राजनीतिक रैलियों पर रोक क्यों नहीं लगाई गई? तथ्य यह है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत यदि राष्ट्रीय आपातकाल जैसी स्थिति हो तो राज्य विधानसभाओं के चुनाव केवल छह महीने के लिए ही स्थगित किए जा सकते हैं। रैलियों में, लोगों की भीड़ को रोकने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से वर्चुअल रैलियां करने का सुझाव आया था, लेकिन विपक्ष द्वारा इस सुझाव को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि वर्चुअल रैलियों से चुनाव में भाजपा को ही फायदा होगा। आज वही विपक्ष मोदी सरकार पर ताने क्यों कस रहा है? जब हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल में मछुआरों के साथ समुद्र में गोते लगा रहे थे और केरल में ।राजनीतिक रैलियां कर रहे थे, क्या तब महामारी नहीं थी? इतना ही नहीं, जो लोग बार बार यह पूछते हैं कि पीएम केयर्स फंड का उपयोग किस तरह किया गया है तो उन्हें यह जानना चाहिए कि इस फंड के द्वारा विभिन्न राज्यों को लगभग 50 हजार वेंटीलेटर उपलब्ध करवाए गए हैं। + +इसके अलावा, सच बात यह भी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत एक स्वायत्त संस्था होने के नाते, चुनाव कराने और तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चुनाव संबंधी आदर्श संहिता तय करना चुनाव आयोग के क्षेत्राधिकार में आता है। चुनाव आयोग का भाजपा या अन्य किसी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं होता है। इसलिए चुनाव प्रक्रिया को लेकर भाजपा से सवाल करना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। चुनाव आयोजन का फैसला चुनाव आयोग का था, भाजपा का नहीं। कोरोना महामारी के दौर में एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा। भारत का मेगा टीकाकरण अभियान ‘उपलब्धता, पहुंच और सामथ्र्य’ के इर्द-गिर्द केंद्गित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc5b399d8f2ac3a66b373c371e7096b59e34ff9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर दिन आती हैं 700 से ज्यादा काॅॅल।नरेश पारस बताते हें आक्सीजन सिलिंडर कहां मिल रहा है, इस बारे में जानने के लिए उनके पास प्रतिदिन 700 से ज्यादा काॅॅल आ रही हैं। वह कोशिश करते हैं कि सभी काॅल रिसीव करके लोगों को जानकारी दे सकें। महामारी के इस समय में लोगों की किसी भी रूप में जरा सी मदद कर सकें, यही उनकी कोशिश है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..594ddc64228b3dbfe5602a27cacdee936a1b8057 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उधर, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय का कहना है कि पिछले साल संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ा था। इस वजह से कम होने में समय लगा। बीच-बीच में हम लोगों ने इसकी लहर भी देखी। लेकिन अप्रैल में संक्रमण की दर जिस तरह से बढ़ी, उसकी कल्पना करना भी मुश्किल था। पिछले साल हमने अधिकतम प्रतिदिन 8000 तक नए मामले देखे थे। इस बार यह 30,000 के आसपास पहुंच गया। इसकी दर भी 36 फीसद को पार कर चुकी है। राजधानी दिल्ली की आबादी करीब दो करोड़ है। इसमें से दस लाख से अधिक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसके साथ करीब 30 लाख लोगों को टीके की एक या दोनों डोज लग चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c786db28bca1c0f2b1e6c3cb2a9d98abb54c4756 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +UP Plot scheme 2021: ग्रेटर नोएडा के पास प्लॉट के लिए इंतजार बढ़ा, फिलहाल नहीं होगा भूखंड योजना का ड्रॉ।सितंबर से अब तक हो चुका है 1500 करोड़ रुपये का नुकसान। अनलॉक के दौरान सितंबर के पहले सप्ताह से दिल्ली मेट्रो चरणबद्ध तरीके से शुरू तो हुई, लेकिन बेहद कम यात्री संख्या के साथ। इसके बाद सितंबर से लेकर जनवरी 2021 तक ही दिल्ली मेट्रो को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cb050430869ee560e9313fabc866fe3d2d23eeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी। देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस महामारी के साथ 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र को लोगों को वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस नई व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार ने नई पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी को लेकर कई सवाल किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा संकट राज्यों के सामने है, जिन पर 18-44 वर्ष आयु समूह के लोगों को वैक्सीनेट करने की जिम्मेदारी डाल दी गई है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों और प्राइवेट सेक्टर को कोरोना वैक्सीनेशन में शामिल होने की इजाजत दे दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b0f70489f00a6cc9ddd0d6dd80ddb0faa0ce042 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72672.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना से लड़ाई में विदेशी मदद की भरमार।इस बीच, कोरोना से लड़ाई में विदेशी मदद की भरमार को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय अंतरमंत्रालयी समूह का गठन किया है, जो इस संबंध में प्रस्तावों को तेजी से मदद देगा। यह समूह विदेश से आई वस्तुओं को तेजी से देश के भीतर गंतव्य तक पहुंचाने में भी राज्यों व स्थानीय प्रशासनों की मदद करेगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि शुरुआती आकलन के मुताबिक कोरोना के खात्मे की लड़ाई लंबी चलने का अनुमान है। विदेशी मदद हासिल करने के साथ ही भारत कोरोना व दूसरी महामारियों के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है। + +अमेरिका की अगुआई में फार्मा सेक्टर में वैश्विक सप्लाई चेन स्थापित करने को लेकर बातचीत जारी है, तो दूसरी तरफ मंगलवार को भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के उद्योग व वाणिज्य मंत्रियों के बीच हुई वर्चुअल बैठक में कोविड के खात्मे से जुड़ी सप्लाई चेन को मजबूत बनाने को लेकर अलग से बैठक हुई है। भारत के उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, आस्ट्रेलिया के कारोबार मंत्री डैन टेहन और जापान के उद्योग मंत्री काजीयामा हीरोशी के बीच हुई बैठक में फैसला किया गया है कि कोविड की वजह से सप्लाई चेन में जो बाधा आई है, उसे देखते हुए तीनों देश एक वैकल्पिक व्यवस्था को बढ़ावा देंगे। तीनों देश लंबे लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5f77679befea59712ac4d1eb263c87621643a40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। वैसे तो एक ट्रेन के लोको पायलट के साथ कई जिंदगी जुड़ी रहती हैं। लेकिन जब मुझे वाराणसी से लखनऊ तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का आदेश मिला तो लगा आज अपने कर्तव्य निर्वहन का सही समय आ गया। वाराणसी से निकले और रास्ते भर नजर सिग्नल पर थी, लेकिन आंखों में वो मंजर घूम रहा था, जहां लोग बिना ऑक्सीजन तड़पते हुए नजर आ रहे थे। एक बेचैनी थी जो लखनऊ आकर दूर हुई। सोमवार की सुबह बोकारो से चार लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर लेकर एक और ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ पहुंची। इस ट्रेन को वाराणसी से लोको पायलट संजय राम लेकर आये। लखनऊ आते ही संजय राम भावुक हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5e9407d88655a6ec619d4840ce7fd08b24932d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72674.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आइसीसी से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि हम भारत की स्थितियों से अवगत हैं, लेकिन अभी टूर्नामेंट पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता क्योंकि उसके आयोजन में छह महीने का समय बचा है। हमारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के साथ लगातार बातचीत होती रहती है। यूएई को वैकल्पिक आयोजन स्थल के तौर पर रख गया है। दूसरा विकल्प श्रीलंका भी है। अगर किसी कारण से भारत में विश्व कप नहीं हो सकता है तो आइसीसी की पहली पसंद यूएई होगा क्योंकि वहां जनसंख्या कम है। भारत में प्रतिदिन कोरोना के नए मामले तीन लाख से ज्यादा आ रहे हैं जो चिंता का विषय बना हुआ है। कोरोना के कारण ही बीसीसीआइ ने पिछले साल आइपीएल को भारत की जगह यूएई में आयोजित किया था। आइसीसी का एक दल अभी भारत में है। + +टी 20 विश्व कप में कुल 16 टीम हिस्सा लेंगी।बता दें कि हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की शीर्ष परिषद की बैठक हुई थी। इसमें टी-20 विश्व कप को लेकर भी चर्चा हुई थी। बैठक में तय हुआ था कि नौ शहरों में टी20 वर्ल्ड कप के मैच आयोजित कराए जाएंगे। इसमें चेन्नई, बेंगलुरु, लखनऊ,दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, धर्मशाला, अहमदाबाद और कोलकाता शामिल हैं। 1.1 लाख की क्षमता वाला नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल होना है। इस दौरान यह भी कहा गया था कि कोरोना महामारी के हालात के मद्देनजर अंतिम फैसला टूर्नामेंट से पहले लिया जाएगा। इस टी 20 विश्व कप में कुल 16 टीम हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट में 45 मैच खेले जाएंगे। देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। पिछले कई दिनों से तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। कई देशों ने भारत पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00336a7f573fccdc76d79c0e2071f7f8e24393d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केस-1 : स्वरूप नगर निवासी यश ने 20 लाख रुपये की एफडी की थी। उसके हर माह मिलने वाले करीब 11 हजार रुपये ब्याज से उनके पिता मनीष शुक्ला का खर्च चलता था। उनका खाता घर के पास ही स्थित इलाहाबाद बैंक की स्वरूप नगर शाखा में था। इंडियन बैंक के विलय के समय पिछले वर्ष से उनके खाते में दो-दो हजार रुपये हर माह कम होते चले गए और फिर रुपये आने बंद हो गए। तमाम शिकायतों के बाद पता चला कि उनके काटे गए 52 हजार रुपये उनकी एफडी में जुड़ गए हैं। बड़ी मुश्किल से उन्हें फरवरी 2021 से फिर से पूरा ब्याज मिलना शुरू हुआ लेकिन जो रुपये कट गए, उसे पाने के लिए वे अब भी चक्कर लगा रहे हैं। ।केस-2 : साकेत नगर निवासी कुसुम अवस्थी का बर्रा स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में खाता था। उस खाते में 22 हजार रुपये थे। बैंक का विलय पंजाब नेशनल बैंक में होने के बाद उनके खाते का बैलेंस शून्य दिखाने लगा। इस पर वह बैंक मैनेजर से मिलीं और समस्या बताई। पहले तो बैंक ने साफ मना कर दिया कि उनके खाते में कोई धन नहीं है। इस पर उन्होंने बैंक से आए एक पत्र को उन्हें दिखाया जिसमें साफ था कि उनके खाते में 22 हजार रुपये थे। उसके बाद से अब तक बैंक का स्टाफ हर बार कुछ माह में रुपये वापस आने की बात कहता जा रहा है लेकिन हुआ कुछ भी नहीं जबकि उन्होंने केवाईसी तक दोबारा दे दी। ।परेशान ग्राहकों ने कही ये बात।खुद कुसुम अवस्थी का कहना है कि वह तो बैंक के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गई हैं। लगता ही नहीं है कि अब यह रकम कभी बैंक से वापस ले पाएंगी। दूसरी ओर मनीष शुक्ला का कहना है कि बैंक के अधिकारी और कर्मचारी ठीक से बात तक नहीं करते। सभी को लगता है कि बैंक का विलय हो गया है तो उनका कहीं न कहीं तबादला हो जाएगा, इसलिए कोई उनकी समस्या हल करने में रुचि नहीं ले रहा है। उनके जीवनयापन के 11 हजार रुपये को पहले नौ हजार किया, फिर सात हजार, फिर पांच हजार। ऐसे करते करते पूरी रकम खत्म कर दी। अब एफडी 20 लाख से बढ़कर 20.52 लाख रुपये की हो गई है। एफडी बीच में खत्म कराएं तो उसका भी नुकसान हो जाएगा और उसमें से 52 हजार रुपये निकालकर बैंक हमारे बचत खाते में नहीं डाल रहा। ।इनकी भी सुनिए।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f50f923424efbe1c1969cd5fcd01ee900f59c879 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्य को दें पहली प्राथमिकता: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए बहुत से सेलिब्रिटीज भी आगे आए हैं और लापरवाही न बरतने और अपना ध्यान रखने की अपील कर रहे हैं। अभिनेत्री सोनम कपूर जब तब वीडियो के माध्यम से बेवजह सफर नहीं करने और भीड़ से बचने की अपील करती हैं। अभिनेत्री डोनल बिष्ट कहती हैं कि मैं तो अपील करूंगी कि अगर किसी को जागरूक कर सकते हैं तो करें। अपने स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता दें। सोनम कहती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए और लापरवाही न करने के लिए मैं लोगों को इंटरनेट मीडिया पर लगातार जागरूक करती रहती हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b1a3c9cf6eaf35a77e4b24084f6569a22e573eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72683.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महामारी की शुरुआत में जिस तरह भारत ने अमेरिका के लिए मदद भेजी थी, उसी तरह अमेरिका ने भी भारत को मुश्किल समय में मदद करने के लिए दृढ़ता दिखाई है। व्हाइट हाउस से जारी वक्तव्य के अनुसार अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के भारत में निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल की पहचान की है जो तुरंत भारत के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। भारत में फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाने और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जरूरी वेंटीलेटर्स, पीपीई किट्स, रैपिड डायग्नॉस्टिक टेस्ट किट्स आदि भी तुरंत मुहैया करवाई जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e98393263d6cbc1d14937168eb2a2dfa552ffdcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72688.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विवेक ओझा। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान से हुई हालिया बातचीत के बाद अमेरिका ने भारत को कोरोना रोधी वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक कच्चा माल उपलब्ध कराने की मंजूरी दे दी है। दरअसल पिछले कुछ समय से एक दुविधा का माहौल बना हुआ था कि क्या अमेरिका भारत को इसके निर्यात के लिए तैयार होगा? इस तरह की दुविधा का माहौल बनने के पीछे कई कारण भी थे। कुछ देर से ही सही, किंतु अब यह दुविधा खत्म हो गई है। + +अमेरिका स्वयं जारी करने वाली अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत को आखिरी पायदान पर रखता है। कभी मानव दुव्र्यापार और बाल श्रम के आरोप में टियर टू श्रेणी के देशों में भारत को सूचीबद्ध कर देता है। र्धािमक स्वतंत्रता रिपोर्ट में भारत को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाला देश घोषित करने पर तुल जाता है तो कभी अपनी रिपोर्ट में भारत को करेंसी मैनिपुलेटर का टैग देने लगता है। कभी भारत के अनन्य र्आिथक क्षेत्र में ‘फ्रीडम ऑफ नेविगेशन’ के नाम पर पेट्रोलिंग करने लगता है और कभी वीजा प्रतिबंध संबंधी उपायों के जरिये भारत को असहज करने की कोशिश करता है। इन सबके पीछे अगर कारण खोजें तो अमेरिका के मन की दो पीड़ाओं को देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc3d3eda4cd5f37754a4540be84161f27b9baf42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। तारीख आठ अप्रैल 2020। आगरा में कोरोना संक्रमित पहली मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह लाया गया था। मगर, कोरोना वायरस संक्रमण से खौफजदा वहां मौजूद कर्मचारी अंतिम संस्कार के लिए शव को हाथ लगाने को तैयार नहीं थे। ऐसे में विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव कुमार गुप्ता ने खौफ को पीछे छोड़कर खुद अंतिम संस्कार की बागडोर संभाली। कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज करने वाले मेडिकल कालेज के चिकित्सकों से दिशा-निर्देश लिए। इसके बाद अपने हाथों से कोरोना संक्रमण से मृत पहले मरीज के शव का अंतिम संस्कार कराया। इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने दूसरे संक्रमित की मौत होने पर उसके शव का अंतिम संस्कार कराया। इसने विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारियों को हौसला दिया। ।विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव कुमार गुप्ता बताते हैं पिछले वर्ष अप्रैल में आगरा में कोरोना से पहली मौत हुई थी। शव अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह लाया गया था। कर्मचारी उसका अंतिम संस्कार करने से डर रहे थे। उन्हें अपने संक्रमित होने का खौफ सता रहा था। कर्मचारियों का डर दूर कर उनका हौसला बढ़ाने के लिए उन्होंने अंतिम संस्कार की बागडोर अपने हाथों में ली। शवदाह गृह में कोराेना संक्रमित पहले शव का अंतिम संस्कार कराया। दूसरे संक्रमित की मौत के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार भी उन्होंने ही कराया। इससे कर्मचारियों का डर दूर होने के साथ ही उनका हौसला बढ़ा। एक साल के दौरान कर्मचारी कोरोना संक्रमित मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करने के प्रोटोकाल से पूरी तरह वाकिफ हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..235aad440be9d81c99b727983a51b457fe79439f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7269.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। जापान के टोक्यों में साल 2021 के ओलंपिक खेलों का आगाज हो चुका है। 2020 के ओलंपिक में शनिवार (24 जुलाई) का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा। भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल अपने नाम कर किया। इस उपलब्धि के लिए भारत की कई बड़ी हस्तियों ने मीराबाई चानू को बधाई दी। बधाई देने वालों में बॉलीवुड के कई बड़े सितारे भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e94042638a66a130e3fc9ebd2ba2c987fb135e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक आरोप लगा रहे हैं कि पिछले तीन वर्षों में उनकी पार्टी के 135 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। हालांकि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी आरोपों को खारिज कर भाजपा को ही दंगाई पार्टी बताती हैं। पर, सात चरणों के विधानसभा चुनाव के दौरान जो हिंसा हुई है उसके संकेत बड़े हैं। पिछले दो दशकों के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि हिंसा से सूबे की सियासी तस्वीर बिगड़ती रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b988fbcb7854728c2e393d7307af756a17572bcb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कोरोना संक्रमित परिवारों के लिए भोजन, दवा आदि की व्‍यवस्‍था की ।रेखा प्रकाश बताती हैं कि हाल के दिनों में जब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो कई ऐसे परिवार थे, जिनके सभी सदस्य संक्रमण की जद में आ गए। उनके सामने भोजन और दवा आदि का संकट खड़ा हो गया। ऐसे करीब दो दर्जन परिवारों के लिए उन्होंने दोनों समय भोजन बनाकर पहुंचाया। कुछ लोगों को दवाएं भी बाजार से खरीद कर दी। यह क्रम अब भी जारी है। इन दिनों ऐसे भी परिवार मिल रहे हैं, जिनके सामने आर्थिक संकट है। उन्हें भी वह भोजन पहुंचा रही हैं। ।इस नेक काम में रेखा के पति राजीव प्रकाश का भी सहयोग है ।रेखा प्रकाश के इस नेक काम में उनके पति एजी आफिस में कार्यरत राजीव प्रकाश भी सहयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन से वह नियमित रूप से अपने मोहल्ले के बेसहारा कुत्तों के लिए भी कम से कम 30 रोटी रोज बनाती हैं। वह कहती हैं कि उन दिनों कुत्तों के सामने भी संकट खड़ा हो गया था। अब भी करीब-करीब हालात उसी तरह हैं। यही वजह है कि जिसके लिए जो बन पड़ रहा है, वह करती रहती हैं। कई बार घर से दूर किसी परिवार को भोजन पहुंचाना होता है तो स्थानीय बालकों की भी मदद लेती हैं। वह भी सहर्ष सहयोग के लिए तैयार हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..607f75774baa777ff2bd9e5ce6e81f48ff38d42c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विदेशी मित्रों के संपर्क में भारत ।भारत सरकार लगातार दूसरे देशों के संपर्क में है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम योशिहिदे सुगा के साथ बात की जिसमें कोरोना महामारी में मदद पर खास तौर बात हुई। सुगा ने बातचीत में भारत को तत्काल मदद भेजने का एलान भी किया। ब्रिटेन व भारत के विदेश मंत्रियों के बीच इस बारे में बात भी हुई है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट की बैठक बुलाई है जिसमें भारत को मदद के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के आसार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1973c902021070ae2ccbf16fc39acc4e165226de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना के खिलाफ आयुर्वेद सुरक्षा कवच है। बस जरूरत है तो इसके सही इस्तेमाल करने की। आयुर्वेदाचार्य डा. सुबोध चतुर्वेदी बताते हैं कि हमारे आसपास ही इतनी आयुर्वेदिक औषधियां हैं कि किसी भी बीमारी से लड़ सकते हैं। आयुर्वेद मात्र चिकित्सा प्रणाली नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है। कोरोना श्वास रोग है। घर में उपलब्ध सामग्री और आयुर्वेदिक औषधियों का नियमित सेवन करें, इस बीमारी काे दूर भगाया जा सकता है। दूध में हल्दी डालकर प्रतिदिन सेवन करना चाहिए। भोजन में सोंठ के चूर्ण का प्रयोग लाभकारी है, घर में गुगुल, कपूर, लौंग व चंदन का चूर्ण जलाना चाहिए। किसमिस या मुनक्का के काढ़े का सेवन करें। भोजन में हल्दी, जीरा, धनिया, लहसून, प्याज भी फायदेमंद है। ।दूध के साथ ये लें।रोग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ाएं।इनसे बनता है कफ।अंडा, मांस, लस्सी, मछली, पनीर, प्याज, मशरूम, उड़द दाल, चना दाल, शकरकंद आदि। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce34db3560f22d6e2c209c63666ce8d618578d8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72698.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अमित निधि]। कोरोना की दहशत बढ़ने के साथ इसको लेकर लोगों की ऑनलाइन सर्च काफी बढ़ गई है। लोग इससे संबंधित दवाई, वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन से लेकर दूसरी कई अन्य जानकारियां भी ऑनलाइन सर्च करने लगे हैं। मगर यहां भी साइबर क्रिमिनल्स लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कभी वैक्सीनेशन के नाम पर तो कभी कोरोना से संबंधित दवाई दिलाने के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। इसके लिए ठग इन दिनों स्क्रीन शेयरिंग एप एनीडेस्क, टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट, एयरड्रॉयड आदि की खूब मदद लेने लगे हैं। अगर कोई आपको लिंक या फिर अन्य माध्यम से इन एप्स को मोबाइल में डाउनलोड करने को कहता है, तो ऐसा बिल्कुल भी न करें। नहीं तो अकाउंट से सारा पैसा खाली हो जाएगा। + +ऐसे होता है स्क्रीन शेयरिंग एप से खेल।आमतौर पर साइबर क्रिमिल्स लोगों को अपने एंड्रॉयड फोन पर रिमोट डेस्कटॉप यानी स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड करने के लिए दबाव डालते हैं। देखा जाए तो बहुत से आम यूजर को पता नहीं होता है कि कैसे रिमोट डेस्कटॉप एप काम करता है। इसमें पीड़ित अपनी पूरी मोबाइल स्क्रीन को अज्ञात स्कैमर के साथ साझा कर देते हैं। यहां स्कैमर चुपके से पीड़ित के फोन की स्क्रीन को रिकॉर्ड कर लेता है, जिसमें यूपीआइ लॉगइन और ओटीपी भी शामिल होते हैं। आपको बता दें कि रिमोट डेस्कटॉप एप्लीकेशन मैलवेयर नहीं है। आइटी प्रोफेशनल के लिए यह उपयोगी होता है। इन सॉफ्टवेयर की मदद से दूर के डिवाइस को मॉनिटर किया जा सकता है। लेकिन आजकल स्कैमर इन एप्स की मदद से फ्रॉड करते हैं। अगर आप फ्रॉड से बचना चाहते हैं, तो कुछ रिमोट डेस्कटॉप एप्स से दूरी ही बनाकर रखें। अगर कोई काम न हो तो बेवजह अपने फोन में इन एप्स को इंस्टॉल करके न रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94be014cb89992231749871b42642d2ccd910e9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72699.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। Exclusive Interview Trinamool leader Bratya Basu भाजपा भले बंगाल में सत्ता विरोधी लहर चलने का दावा कर रही हो लेकिन राज्य के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रात्य बसु का कहना है कि सत्ता विरोधी हवा दरअसल केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ चल रही है। देश के किसी भी राज्य का कोई भी सभ्य नागरिक अब भाजपा को नहीं चाहता। उत्तर कोलकाता की दमदम विधानसभा सीट से तीसरी बार ताल ठोक रहे ब्रात्य बसु ने डंके की चोट पर कहा कि तृणमूल कम से कम 180-200 सीटें जीतेगी और ममता बनर्जी तीसरी बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनेंगी। ब्रात्य बसु से वरिष्ठ संवाददाता विशाल श्रेष्ठ ने खास बातचीत की। पेश हैं उसके मुख्य अंश :।प्रश्न : आप राजनेता हैं, रंगमंच से जुड़े हैं, फिल्मों में भी काम करते हैं और लेखक भी हैं। इतनी सारी चीजों को एक साथ लेकर कैसे चलते हैं?।उत्तर : मैं 'स्विच ऑन, स्विच ऑफ' मैथड को फॉलो करता हूं। जब राजनीति करता हूं तो सिर्फ राजनीति और जब फिल्मों और रंगमंच में काम करता हूं तो सिर्फ उन्हीं पर ध्यान देता हूं। इसी तरह जब लिखता हूं तो मेरा सारा ध्यान लेखनी पर होता है इसीलिए सारी चीजों को साथ लेकर चल पाता हूं। + +प्रश्न : बंगाल की संस्कृति की मिसाल पेश की जाती है लेकिन इस विधानसभा चुनाव में अशालीन भाषण का जो दौर चला, उससे आपको नहीं लगता कि सूबे की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है?।उत्तर : बंगाल की संस्कृति का बेहद लंबा व पुराना इतिहास है। यह हमारी परंपरा और विरासत है। चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह की अशालीन भाषा सुनने को मिली, वह ठीक नहीं है। दिमाग में जो भी हो लेकिन सबको अपनी जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef0fa9ab7aaf4ea6c71575b5fbccf8e49dd66676 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। फलों के राजा आम की बात होती है तो जेहन में मलिहाबादी दशहरी की खुशबू और उसकी मिठास बरबस याद आती है। एक महीने के इस दशहरी के सीजन में बागवानों काे उतना लाभ नहीं हो पाता जितना होना चाहिए। ऐसे में बागवानों के जीवन में समृद्धि की मिठास लाने की कवायद शुरू हो गई है। अकेले राजधानी के मलिहाबाद ही नहीं प्रदेश के सभी 13 जिलों के 15  फल पट्टी में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की अोर से फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की तैयारी की जा रही है। फलों की प्रोसेसिंग से बागवानों के कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी और उनके जीवन में समृिद्ध की मिठास आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e86971e5f0c6833a2fa8ea6cecdec6cfd88e3bcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72702.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कल यानि 27 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा। इस बार यह दिन इसलिये भी विशेष है क्योंकि हनुमान जयंती पर मंगलवार पड़ रहा है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार हनुमानजी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था। भक्तों का मंगल करने के लिए श्री राम भक्त हनुमान इस धरती पर अवतरित हुए। इस कलियुग में विपत्ति को हरने के लिए हनुमानजी की शरण ही सहारा है। हनुमानजी को महावीर, बजरंगबली, मारुती, पवनपुत्र के नाम से भी जाना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99fef899dcd7901323a3694148a9b6b0d4615e9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72710.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [निहाल सिंह]। राजधानी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और मौत के मामलों से शवदाह गृहों से लेकर श्मशान घाटों पर दवाब बढ़ गया है। आलम यह है कि श्मशान घाटों पर शवदाह के लिए कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है तो वहीं कब्रिस्तानों में भी लगातार जगह भर रही हैं। यही वजह है कि वर्तमान श्मशान घाटों और शवदाह गृहों की लगातार क्षमता बढ़ाई जा रही है। बदलते हालातों को देखते हुए अब उत्तरी निगम ने मंगोलपुरी में शवदाह गृह के साथ कब्रिस्तान बनाने का काम शुरू कर दिया है। यहां दस एकड़ जमीन हैं जिस पर एक नया शवदाह गृह और दो कब्रिस्तान बनाए जा रहे हैं। ।उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि कोरोना के चलते लगातार लोगों की दुखद मौत हो रही है। कोरोना के इस हालात में वैसे ही लोग परेशान हैं। ऐसे में जिन लोगों की दुखद मौत हो रही है उनके अंतिम संस्कार में और परेशानी नहीं होनी चाहिए। निगम ऐसे हालात में निगम ने मंगोल पुरी में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आवंटित 10 एकड़ जमीन पर शवदाह गृह (पांच एकड़ में), तीन एकड़ में कब्रिस्तान (मुस्लिमों के लिए) और दो एकड़ में ईसाइयों के लिए कब्रिस्तान के लिए जमीन को तैयार करना शुरू कर दिया है। यहां पर जमीन को समतल किया जा रहा है। ।वहीं शवदाह गृह के लिए प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं। जरुरत के आधार पर इन्हें शुरू कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 11 स्थानों पर कोरोना से मृतकों के लिए अंतिम संस्कार के लिए चिन्हित हैं। इसमें एक श्मशान घाट हैं तो वहीं सात शवदाह गृह और दो कब्रिस्तान हैं। ।दक्षिणी निगम ने मांगी वक्फ बोर्ड से जमीन ।दक्षिणी निगम ने आइटीओ के कब्रिस्तान पर लगातार दवाब बढ़ रहा है। यहां पर 100-125 शवों को दफनाने की जगह बची है। ऐसे में आने वाले समय में और कब्रिस्तान की जरुरत पड़ सकती है। इसको देखते हुए दक्षिणी निगम ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कालोनियों में वैसे बहुत संख्या में कब्रिस्तान हैं। लेकिन, स्थानीय लोग वहां पर कोरोना से मृतकों को दफनाने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में हमने दिल्ली वक्फ बोर्ड से जमीन उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60fbd9a148bba658e820f73d6e1bc6041d01f6e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72712.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संसाधनों की कमी और कुछ सिस्टम के आदत में बसी कुसंस्कृति का फायदा उठाकर समाज की दुर्जन शक्ति लोगों के भय का आपराधिक तौर तरीकों के साथ दोहन करती नजर आई। हालांकि अब स्थितियां एक बार फिर नियंत्रण की तरफ हैं। बात केवल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की करें तो यहां अब प्रतिदिन डिस्चार्ज होकर घर पहुंचने वाले मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इससे धीरे-धीरे ही सही, लेकिन अभी बेड की जो किल्लत है, वह कम होगी। बड़ी संख्या में लोग ठीक हो रहे हैं। + +फ्रंटलाइन से बर्ताव : चिकित्सक, पुलिसकर्मी और प्रशासन के लोग इस बार भी सबसे अधिक खतरे में हैं। अपने स्तर पर वह ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें तीमारदारों का कोपभाजन भी बनना पड़ रहा। अपने स्वजन की मौत पर गम और गुस्सा स्वाभाविक है, लेकिन इसका शिकार कई बार चिकित्सा कर्मी बन गए। कई जगह तो इस कारण डाक्टरों को काम से विरत होना पड़ा, लेकिन मरीजों के हित में वह फिर आगे खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे। यही हाल पुलिस का है। मैनपुरी में तो पुलिस ने अनूठा तरीका निकाला। वे अपने घर नहीं जा पा रहे तो उन्होंने अपनी इस पीड़ा को लोगों को नसीहत देने का अस्त्र बना लिया। वे अपने शरीर पर एक चिट लगाकर ड्यूटी कर रहे कि उनका परिवार उनसे दूर है लेकिन जो लोग सामने हैं, वह भी उनका परिवार हैं। इस तरह के तमाम मनोवैज्ञानिक उपाय तलाशे जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72713.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72713.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..428d7ac94040649480d86a744c6bb73cd8635135 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72713.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जाने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर गांव देहात में सिसायी चौसर बिछ चुकी है। हर दल व दावेदार मतदाताओं पर डोरे डाले हुए है। प्रत्याशी बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। जिले में कई जिला पंचायत सदस्य के वार्ड ऐसे हैं, जिन पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। ऐसे में भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस व रालोद के जिला संगठन भी प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सभी दावेदार पूरे दमखम से प्रचार प्रसार कर रहे हैं। अब यह दो मई को मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि किसका पल्ला भारी है। ।वार्ड नंबर आठ से राजेश भारद्धाज की प्रतिष्ठा दांव पर।अतरौली चतुर्थ के नाम से जिले का वार्ड नंबर आठ इन दिनों सबसे अधिक चर्चाओं में है। यहां से भाजपा नेता राजेश भारद्धाज की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनके पुत्रबधु खुशबू शर्मा भाजपा से समर्थित प्रत्याशी हैं। इनके सामने छह अन्य प्रत्याशी मैदान में हैं। इनके भाजपा से बागी हुए पुष्पेंद्र लोधी भी शामिल हैं। इसके अलावा अमित कुमार, राकेश, रामकुमार, शिवकुमार व सुमन देवी हैं। इन दिनों जिले में यह सबसे हाट वार्ड माना जा रहा है। भाजपा के अलावा विरोधी दलों की भी इस वार्ड पर निगाहें लगी हुई हैं। ।वार्ड नंबर 16 में दिलचस्प होगी लड़ाई ।टप्पल प्रथम के नाम से जिला पंचायत के वार्ड नंंबर 16 से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर चौधरी की पत्नी अंजू चौधरी मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने यहां से प्रदीप कुमार को मैदान में उतारा है। इके साथ उमेश देवी, ओमप्रकाश, चंद्रवती देवी, जुगेंद्र सिंह, डा. रेनू चौधरी व सुनीता देवी भी इस वार्ड से मैदान में हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्‍प होगा कि किसका पलड़ा भारी रहता है। ।पूर्व अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर।जिला पंचायत सदस्य के वार्ड नंबर 19 के टप्पल तृतीय क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर चौधरी चुनावी मैदान में हैं। वहीं, भाजपाने यहां से कृष्णपाल उर्फ लाल प्रधान पर भरोसा जताया है। कुमरपाल व पवन और मैदान में हैं। ऐसे में यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसर हैं। हालांकि, भाजपा की पूरी टीम यहां समर्थित प्रत्याशी के लिए पूरी मेहनत कर रही है। ।हिंडौल परिवार की प्रतिष्ठा।इगलास प्रथम के नाम से जिला पंचायत के वार्ड नंबर 28 से हिंडौल परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां से भाजपा ने पूर्व जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह हिंडौल की पुत्रबधु अल्का हिंडौल को मैदान में उतारा है। वहीं, इनके सामने अजय कुमार, अमर सिंह, अमित कुमार, उदय सिंह, अंजू देवी, गीता देवी, तनुज कुमार, भूरी सिंह, श्याम सिंह व हरीश कुमार भी जीत के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। ।43 में सपा प्रतिष्ठा।गंगीरी प्रथम जिला पंचायत सदस्य वार्ड नंबर 43 से सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष की संभावित दावेदार अर्चना यादव चुनावी मैदान में हैं। यह बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई संजय यादव की पत्नी हैं। ऐसे में सपा को पूरा जिला संगठन यहां पर पूरी दमखम से प्रचार-प्रसार में लगा हैं। वहीं, इनके सामने अंजू देवी, अनामिता देवी, आशा देवी, कमलेश देवी, चंद्ररेखा, नेमवती, पुष्पा देवी, प्रेमवती, फातमा बेगम, बड़ी अफसाना, बल्ली, भूरी देवी टक्कर दे रही हैं। ।47 में विजय का है इंतजार।गंगीरी पंचम के नाम से गंगीरी क्षेत्र का वार्ड नंबर 47 भी आठ की तरह सबसे हाट माना जा रहा हैं। यहां से पूर्व सीएम कल्याणी सिंह के बेटे व एटा सांसनी राजवीर सिंह राजू भैया की समधन विजय सिंह भाजपा समर्थित प्रत्याशी हैं। इनके सामने सपा से जस्सू शेरवानी भी चुनावी मैदान में हैं। बसपा ने आशा देवी को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा अनिल कुमार, कमालउद्दीन, चंद्रवीर सिंह, मुसतकीम, शिशुपाल, सर्वेश देवी व हरपाल भी चुनावी हुंकार भर रहे हैं। ।बागियों पर भी टिकी हैं नजरें।सपा, बसपा व भाजपा के पदाधिकारियों की समर्थित प्रत्याशियों के अलावा बागियों पर भी नजर हैं। तीनों दलों से कोई भी कोई बागी चुनावी मैदान में हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या भाजपा की है। 13 लोगों को इसके लिए पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित भी किया है। इसमें मदन शर्मा, पुष्पेंद्र लोधी व बोधपाल भी शामिल हैं। तीनों दावेदार यह चुनावी मैदान में हैं। ।जिले की स्थिति पर एक नजर।जिले में कुल न्याय पंचायतों की संख्या 122।जिले में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 867।जिले में कुल ग्राम पंचायतों के वार्डों की संख्या 10973।जिले में जिला पंचायत के वार्डों की संख्या 47।जिले में क्षेत्र पंचायत वार्डों की संख्या 1156।जिले में कुल मतदाता 1806460।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4553fe6dd1918f3f5663d785b643cfa1cf2a4ecb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72716.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्या यह सही है कि दूसरी लहर में कोरोना ज्यादा खतरनाक हो गया है?।कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार तेज है और इस कारण यह ज्यादा खतरनाक हो गया है। पहली लहर के मुकाबले मृत्यु दर नहीं बढ़ी है। ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं, इस कारण मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। इस बार युवा भी कोरोना के गंभीर संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं और कई की मौत भी हो गई है। इसका एकमात्र कारण समय पर उन्हें समुचित इलाज मुहैया नहीं हो पाना है। अगर उन्हें इलाज समय पर मिलता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। साथ ही ऐसे युवा ज्यादा गंभीर हो रहे हैं जिन्हें पहले से ही कोई न कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है। हमारे देश का टीका कोरोना के इस खतरनाक स्वरूप का मुकाबला करने में कारगर है। ऐसे में टीकाकरण में लोग हिस्सा लें और खुद को सुरक्षित रखें। + +कोरोना के लक्षण के बाद भी जांच रिपोर्ट नेगेटिव क्यों आ रही है?।कोरोना जांच को हम सौ प्रतिशत सही नहीं मान सकते हैं। अगर किसी को कोरोना के लक्षण हैं और जांच में नहीं आ रहा है तो फिर उसे आइसोलेट होकर चिकित्सक की निगरानी में रहना चाहिए। कुछ लोगों को सिटी स्कैन कराने के बाद फेफड़ा में इंफेक्शन की बात सामने आती है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते हैं कि उन्हें कोरोना ही है। हो सकता है कि इंफेक्शन किसी दूसरे कारण से हुआ हो। बिना डॉक्टर की सलाह के सिटी स्कैन न कराएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebb4413ea7f9e9d57c53d1372e779aa8294f19a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72717.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, जेएनएन। Yoga for Coronavirus Immunity Boosting कोरोना संक्रमण के इस दौर में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योगाभ्यास मददगार साबित हो सकता है। इसी उद्देश्य से हम विश्व प्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय, मुंगेर से प्रशिक्षण प्राप्त कर लोगों को योग सिखा रहे डॉ. राजीव कुमार सिंह (संन्यासी स्वयं ज्योति) की मदद से चुनिंदा आसन व प्राणायाम के बारे में बता रहे हैं। ये कोई दवा या इलाज नहीं हैं, बल्कि खुद को सेहतमंद रखने के सुझाव हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..350ca007da133236eb227b20746226dba04a6dc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7272.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि हाल ही में सोनम कपूर ने प्रेग्नेसी की खबरों की खबरों के बीच अपनी एक तस्वीर इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट की थी। इस तस्वीर के साथ ही सोनम ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने इसी सोमवार को इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक बूमरैंग वीडियो शेयर किया, जिसमें वह हॉट ड्रिंक पीती नजर आ रही हैं। उन्होंने स्टोरी पर कैप्शन देते हुए लिखा, "मेरे पीरियड्स का पहला दिन के लिए गर्म पानी की बोतल और जिंजर टी...'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50f31d0e2d4647b3dcd300fa9499fb3b14106bbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आजकल चाहे कोई सामान खरीदना हो, गाने सुनने हों या फिर अखबार पढ़ना हो, गेम खेलने हों या किसी को पैसे भेजने हों, ये सारे काम अब स्मार्टफोन से ही हो जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सभी काम हम किसकी मदद से कर पाते हैं? जी हां, सही समझा आपने, मोबाइल में इंस्टाल हुए एप्लीकेशन के माध्यम से। आज गाने सुनने से लेकर पैसे भेजने और सामान खरीदने आदि के लिए बहुत सारे अलग-अलग एप्‍स हैं। यहां तक कि कोरोना संक्रमित की सही जानकारी और टीकाकरण के लिए भी जिस आरोग्य सेतु और कोविन एप्लीकेशन की मदद ली जा रही है, वह भी एक मोबाइल एप ही है। इसी तरह आज चाहे बच्‍चों को स्कूल की क्लास लेनी हो या घर का सामान मंगवाना हो, ये काम भी मोबाइल एप से बड़ी आसानी से हो जा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत न होगा कि आज के दौर में एप के कारण आपका मोबाइल किसी जादू की पोटली से कम नहीं है। ।एक अनुमान के मुताबिक, मोबाइल एप का बाजार साल 2025 तक बढ़कर लगभग 1 हजार बिलियन यूएस डॉलर तक हो जाएगा। एक अन्‍य सर्वे के मुताबिक, 2030 तक 50 प्रतिशत लोग खरीदारी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन का ही उपयोग करेंगे। इससे समझा जा सकता है कि प्रोग्रामिंग और मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट सीखना अब कितना जरूरी हो गया है। सरकार द्वारा अधिकांश कार्य ऑनलाइन माध्यम से करने पर जोर दिये जाने से आने वाले वर्षों में युवाओं के लिए इसमें करियर संभावनाएं और तेजी से बढ़ेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..090a34c6a195701c2224f9f2bbdf6b9b175ccddf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72722.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आरा की मशहूर तवायफ धरमन ने कुंवर सिंह की गोद में ही तोड़ा दम।धरमन बाई, कुंवर सिंह की केवल प्रेमिका ही नहीं थीं, बल्‍क‍ि अंग्रेजों के साथ युद्ध में उनकी महत्‍वपूर्ण सहयोगी और कुशल रणनीतिकार भी थीं। अंग्रेजों के साथ युद्ध के दौरान वह लगातार कुंवर सिंह के साथ रहीं। उत्‍तर प्रदेश के कालपी के पास अंग्रेजी सेना के साथ युद्ध के दौरान धरमन बाई वीर गति को प्राप्‍त हुईं। कहा जाता है कि उन्‍होंने कुंवर सिंह की गोद में ही आखिरी सांसें ली थीं। धरमन बाई तोप चलाना तक जानती थीं। उनके साथ लड़ते हुए कुंवर सिंह ने एक के बाद एक कई युद्ध जीते। धरमन बाई की शहादत के कुछ ही दिनों बाद इस वीर राजा ने भी आखिरी सांसें लीं। उत्‍तर प्रदेश के बलिया के पास अंग्रेजों से युद्ध में उनके एक हाथ में गोली लग गई। तब कुंवर सिंह नाव से गंगा पार कर आरा की तरफ लौटने की कोशिश कर रहे थे। गोली लगे हाथ को उन्‍होंने जहर फैलने के डर से तलवार से काटकर गंगा मैया को अर्पण कर दिया। इसके कुछ ही दिनों बाद 26 अप्रैल 1858 को जगदीशपुर में उनका निधन हो गया। + +आरा में आज भी है धरमन बाई की वह नृत्‍यशाला, जहां कुंवर सिंह को हुआ इश्‍क।तब के शाहाबाद जिले के मुख्‍यालय में धरमन बाई की वह नृत्‍यशाला आज भी है, जहां केवल संपूर्ण काशी और मगध क्षेत्र के जमींदार और बड़े अंग्रेज अफसर तक जुटते थे। यहां धरमन बाई और करमन बाई की महफिल सजती थी। पटना के अंग्रेज अफसर भी यहां आते थे। कुंवर सिंह भी यहां अक्‍सर आया करते थे। कहा जाता है कि धरमन बाई नाचती भले थीं, लेकिन किसी की मजाल नहीं थी कि उन्‍हें छू तक ले। एक बार किसी गाने पर भावुक होकर कुंवर सिंह ने उनका हाथ पकड़ लिया। बस फिर क्‍या था, धरमन ने साफ कहा कि उन्‍होंने अपना हाथ आज तक किसी को पकड़ने नहीं दिया। उन्‍होंने कुंवर सिंह से कहा कि अब जब हाथ पकड़ लिया है तो साथ भी निभाना होगा। कुंवर सिंह ने ताजिंदगी इसे माना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7abbe19fe2c0f0d72c6bbfb1acf053d75e9ae09c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में कहर बरपा रही है। बड़ी संख्‍या में कोरोना संक्रमण के मामलेे सामने आने के चलते अस्‍पतालों में बेड के लिए मारामारी है तो जीवन रक्षक दवाओं की भी किल्लत महसूस की जा रही है। ऑक्सीजन गैस की कमी की वजह से मरीजों की जान तक चली जा रही है। आलम यह है कि पिछले 24 घंटे के दौरान देश में हर मिनट 243 नए संक्रमित सामने आए, जबकि करीब दो लोगों की मौत हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0613117f07e5238255adfa5bc133003edc3e21dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72725.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शाखा एप के जरिए स्वयंसेवकों समेत देशवासियों को सूर्य नमस्कार, भस्ति्रका, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम व भ्रामरी को अपनी दिनचर्या से जोड़ने की सलाह दी है। ये योग व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते हैं। इससे कोरोना समेत सभी तरह के रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। साथ ही काढ़ा का सेवन करने की सलाह देते हुए इसे बनाने की विधि भी बताई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..763eab0b86bebd4896ae244f58d4a24ba56dbeec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना से जुड़ी फेक व भ्रामक जानकारी पर सख्ती दिखाते हुए सरकार ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स से ऐसी 100 पोस्ट और यूआरएल हटाने को कहा है। इसका असर भी दिखा है। ट्विटर ने हाल ही में कई ऐसे ट्वीट्स डिलीट किए हैं, जिनके जरिए कोरोना पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही थी। ट्विटर प्रवक्ता ने रविवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अकाउंट्स को ब्लॉक नहीं किया गया है, उन्हें मेल के जरिए कार्रवाई की जानकारी दी गई है। सरकार ने कहा कि फेक न्यूज फैलाने के लिए ये एक्शन लिया गया है इसलिए नहीं कि हमारी आलोचना की जा रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb1d161984411bb5467a69a74f472a5826bcf6e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72732.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा अपने 180 नियमित और कई विभागों में संंव‍ि‍दा पदों पर भर्ती प्रक्रिया की तैयारी पूरी कर ली है। विवि के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि इसके तहत कुलपति की ओर से गठित समिति द्वारा रिक्रूटमेंट के लिए रिजर्वेशन रोस्टर का निर्माण, आवेदनों का आमंत्रण, आवेदनों की स्क्रीनिंग की गई है। स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख विभागाध्यक्षों को रिक्रूटमेंट पोर्टल पर आवेदनों को पढ़ने व उनकी स्क्रीनिंग करने के लिए आईडी और पासवर्ड दिये जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उसकी मदद से हर विभाग की स्क्रीनिंग कमिटी यूजीसी के 2018 रेजोल्यूशन के आधार पर आवेदनों को रिव्यू कर सके। + +इसके अलावा रिक्रूटमेंट पोर्टल पर ऑटोमैटिक दिए हुए स्कोर को स्क्रीनिंग कमिटी द्वारा रिव्यू किया जाएगा। स्क्रीनिंग कमिटी के पास अधिकार होगा कि वह कम्प्यूटर के स्कोर को संशोधित करें, मगर ऐसा करने पर उन्हें रिक्रूटमेंट पोर्टल पर ही वजह अंकित करनी होगा। साथ ही सभी समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर सहित एक रिपोर्ट डीन, रिक्रूटमेंट सेल को भी उपलब्ध करानी होगी। स्क्रीनिंग कमिटी द्वारा दिए गए स्कोर का वैलिडेशन दोबारा संकायाध्यक्ष, डायरेक्टर आईक्यूएसी और रजिस्ट्रार (अथवा उनके नॉमिनी) के एक कमिटी द्वारा पोषित किया जायेगा। यह कमिटी अपनी टिप्पणियों सहित एक रिपोर्ट डीन रिक्रूटमेंट सेल को भेजेगी। इसके बाद कुलपति से अनुमति ली जाएगी। फिर स्क्रीनिंग के बाद सफल हुए अभ्यर्थियों की एक सूची उनके प्राप्त अंकों के साथ रिक्रूटमेंट पोर्टल पर प्रकाशित की जाएगी। प्राप्त अंकों के विषय में कोई भी क्वेरी स्क्रीनिंग कमिटी, संकाय अध्यक्ष, आइक्यूएसी के निदेशक और रजिस्ट्रर द्वारा सम्मिलित रूप से सुनी जाएगी। + +डॉ दुर्गेश ने बताया कि विज्ञापित पद पर कितने आवेदकों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा यह निर्णय कुलपति का होगा। ऑनलाइन साक्षात्कार की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। सभी साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर आवेदकों द्वारा रिक्रूटमेंट पोर्टल पर आवेदन के समय दिए गए रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर ही भेजे जाएंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24470263ca6515429a54d64b4d2fb8eb57c2c7bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजधानी को पछाड़ा: लाइफ लाइन ऑक्सीजन एक्सप्रेस ग्रीन कॉरिडोर पर खूब दौड़ी। रेलवे के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार होगा जब हजारों लोगों की जिंदगी बचाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस के रूप में चल रही मालगाड़ी ने वीआईपी ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस को पछाड़ दिया। वाराणसी से ऑक्सीजन एक्सप्रेस रात 1:21 बजे लखनऊ को निकली। जबकि इसके ठीक बाद ट्रेन 02503 डिब्रूगढ़ नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस रात दो बजे वाराणसी से छूटी। जौनपुर और श्रीकृष्णा नगर के बीच राजधानी एक्सप्रेस को आगे निकलना था। लेकिन रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस को बिना किसी बाधा के जल्द लखनऊ पहुंचाने के आदेश कंट्रोलर को दिए। हरे सिग्नल पर चार हजार हॉर्स पावर वाले आधुनिक इंजन के साथ गुड्डू गौड़ और संजीव कुमार ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की स्पीड को।कम नही होने दिया। खुद परेशानी में फिर भी किया आपरेशनबोकारो से लखनऊ तक बिना बाधा के ऑक्सीजन एक्सप्रेस को चलाने का जिम्मा भारतीय रेल यातायात सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अश्विनी श्रीवास्तव को सौपा गया। अश्विनी श्रीवास्तव उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के एडीआरएम आपरेशन भी हैं। खुद व परिवार में कई लोगो के बीमार होने के बावजूद अश्विनी श्रीवास्तव ने कन्ट्रोल रूम की जिम्मेदारी संभाली। ग्रीन कॉरीडोर की सारी बाधाओं को दूर किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba6ebd75fa7c03daf0ee7a281aa9e14cf121134e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जोशीमठ से सुमना तक जमा है ग्लेशियर मलबा।यूसैक निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि लास्ट ग्लेशियल मैग्जमा के दौर में जब ग्लेशियर पीछे खिसके, तब वह अपने पीछे भारी मात्रा में मलबा छोड़ गए। जोशीमठ से सुमना तक इस तरह के मलबे के दर्जनों प्रमाण हैं। मलबे का क्षेत्र 200 मीटर तक फैला है। ऐसे में प्राकृतिक आपदा के दौरान यह मलबा भारी तबाही का कारण बन सकता है। लिहाजा, उत्तराखंड में इस तरह का संस्थान होना जरूरी है, जो सिर्फ ग्लेशियरों पर अध्ययन के लिए समर्पित हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72739.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72739.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..727199519a5ddbcc02b9c189b3623d99a7c871db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72739.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीएमओ देगा 25 लाख, पर तैयार करना होगा स्टार्टअप।प्रांजल के पास डिवाइस का पेटेंट कराने के लिए फिलहाल रुपये नहीं हैं। आर्थिक सहायता मिलते ही डिवाइस का पेटेंट कराएंगे। इसके लिए स्कूल में प्रधानाचार्य व शिक्षकों से बात चल रही है। उन्होंने बताया कि पीएमओ ने उनके इस हुनर को देखते हुए पुरस्कार के रूप में 25 लाख रुपये की मदद करने को कहा है। हालांकि, उससे पहले स्टार्टअप तैयार करके उसकी जानकारी पीएमओ को देनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..566fd8c21fdfd7886e5fbc5f6466b9d9d4d32c8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। आपदा महामारी जैसे संकट कब व्यापक रूप ले लें, पता नहीं चलता। हम जिस कोरोना संक्रमण को टल गया मानकर सामान्य माहौल की ओर बढ़ने लगे थे, उसी ने एकाएक ऐसा प्रहार किया कि पूरा स्वास्थ्य ढांचा हांफ रहा है। आज आक्सीजन की आपूर्ति में समय की बचत के लिए टैंकर एयरलिफ्ट किए जा रहे हैं। ऐसे ही कठिन हालात को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद की एक कंपनी रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति के बाद ड्रोन एंबुलेंस तैयार कर रही है। इसका इस्तेमाल सियाचिन जैसे दुर्गम क्षेत्रों या किसी आपरेशन में सेना के घायल जवानों तथा आपदा के समय मरीजों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने में किया जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bafaed5d80d54d5e7a1960937588940acf060aa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72742.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। Delhi Medical Oxygen: कोरोना महामारी से निपटने को लेकर आप सरकार कितनी गंभीर है, इसकी एक और बानगी सामने आई है। ।दरअसल, केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच आक्सीजन को लेकर सियासी घमासान मचा है। वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट भी मामले को गंभीरता से लेकर इस पर रोज सुनवाई कर रहा है। सुनवाई के दौरान केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव डा. निपुण विनायक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मंत्रालय ने कोरोना महामारी के हालात को देखते हुए दिसंबर 2020 में देशभर में आक्सीजन उत्पादन के लिए पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसा‌र्प्शन) प्लांट के लिए फंड जारी किया था। इसके तहत दिल्ली में भी आठ प्लांट लगाए जाने थे, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसके क्रियान्वयन को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया। ।उदासीनता का आलम यह है कि अब तक सिर्फ दो अस्पतालों में पीएसए प्लांट लगाने के लिए साइट क्लीयरेंस मिला है। यहां पर 30 अप्रैल तक उपकरण लगाकर प्लांट शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल और वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज एवं सफदरजंग अस्पताल में अभी तक साइट क्लीयरेंस नहीं मिल पाया है। अन्य प्लांटों को लेकर भी फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति है। इस स्थिति पर हाई कोर्ट ने भी नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को सक्रियता बढ़ाने और केंद्र सरकार को पूर्ण सहयोग करने का आदेश दिया है। ।क्या है पीएसए प्लांट।इस प्लांट के जरिये वातावरण में मौजूद हवा को सोखकर उसमें मौजूद गंदगी को साफ किया जाता है। इसके बाद जियोलाइट केमिकल के जरिये नाइट्रोजन और आक्सीजन को पृथक किया जाता है। नाइट्रोजन को वापस वातावरण में छोड़ दिया जाता है जबकि आक्सीजन को पाइप लाइन या सिलेंडर के जरिये सीधे मरीजों तक पहुंचाया जा सकता है। + +भाजपा ने भी केजरीवाल सरकार को घेरा ।आक्सीजन उत्पादन प्लांट को लेकर दिल्ली सरकार चारों ओर से घिरती जा रही है। भाजपा के आइटी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर दिल्ली में आक्सीजन की कमी के लिए केजरीवाल सरकार को दोषी ठहराया है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हाई कोर्ट में केंद्र के इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे सकी कि ये पीएसए प्लांट क्यों नहीं शुरू हो पाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7010c298630c98584d2e9ce641975002c4ffb61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72743.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रश्न : राहुल गांधी के देर से चुनाव प्रचार करने बंगाल आने पर क्या कहेंगे? इससे क्या संयुक्त मोर्चा में गलत संदेश नहीं गया?।उत्तर : राहुल गांधी ने खुद ही कहा था कि वे चौथे चरण के बाद यहां चुनाव प्रचार करने आएंगे। इसकी वजह यह है कि बंगाल में हमारे कम प्रत्याशी हैं जबकि तमिलनाडु व केरल में बहुत ज्यादा हैं। उनकी बाद की सभाएं कोरोना के प्रकोप के कारण रद करनी पड़ीं क्योंकि हम एक जिम्मेदार पार्टी हैं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करते। वोट की खातिर कोरोना का संक्रमण नहीं फैला सकते, जबकि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने ऐसा किया। वे लोगों की जान को लेकर राजनीति करती हैं। + +प्रश्न : आइएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के साथ उनका गुपचुप समझौता हो चुका है। इसपर आप क्या कहेंगे?।उत्तर : संयुक्त मोर्चा में आइएसएफ को शामिल कराने के लिए पार्टी ने मुझे अधीर बाबू की सहमति लेकर अब्बास सिद्दीकी से बातचीत करने को कहा था। मैंने व पार्टी नेता पï्रदीप भट्टाचार्य ने उनसे बात की थी। अभी अधीर बाबू और अब्बास सिद्दीकी के बीच जो भी है, वो आपस में समझेंगे। मैं इस विवाद में नहीं पडऩा चाहता और न ही किसी पर दोषारोपण करूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0919699d18199e91a3bf55d251252251db3f302c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72749.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [मोहसिन पाशा]। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान होने में सिर्फ एक दिन बाकी है। तमाम लोग मैदान में हैं, ऐसा ग्राम प्रधान चुनें जो आपके गांव के विकास के बारे में अच्छी सोच रखता हो। कहीं ऐसा न हो कि विकास के लिए आने वाली लाखों रुपये की धनराशि को डकार ले। प्रधान अब बड़ी जिम्मेदारी का पद है। सरकार हर महीने प्रधान को 3500 हजार रुपये मानदेय दे रही। 15 हजार रुपये गांव के विकास के लिए जिला मुख्यालय और सांसद-विधायक के पास आने-जाने के लिए भी मिलते हैं। शपथ लेते ही प्रधान को हाईटेक दफ्तर मिलेगा। पंचायत घरों में इसके लिए एक कक्ष दिया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c2c7cfc9a2d37c094b43c448b372094c39013c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्याशी का नाम है जिलेदार ठेकेदार। प्रत्‍याशी ने अचानक अपने समर्थन में रैली निकालने का प्रोग्राम बना लिया। किसी से परमीशन भी नहीं ली। कोविड के नियमों का उल्लंघन करते हुए जीप के बोनट पर बैठ गए। नारेबाजी शुरू हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो समर्थक भाग खड़े हुए। पुलिस ने जीप का चालान करके प्रत्याशी समेत दो के खिलाफ कार्रवाई कर दी। इसके बाद भी ठेकेदार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं थे। कहने लगे खेतों से होकर रैली निकाली है। इसमें क्या हो गया। यही हाल और भी कई गांवों का है। कई गांवों में देर रात तक चौपालों पर भीड़ रहती है। प्रचार के दौरान खूब नाश्ते हो रहे हैं। गांवों में प्रचार वाहन विकास के वायदे करते घूम रहे हैं। कोई सड़कें चमन कराने का वादा कर रहा है। किसी को बेटियों की चिंता नजर आ रही है। कई प्रत्याशी विधवा पेशन और गरीबों को घर दिलाने का वायदा भी कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीण जरा भी संजीदा नहीं है। शारीरिक दूरी बनाने का पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में गांव तक भी कोरोना महामारी फैलाने में पंचायत चुनाव की अहम भूमिका हो सकती है। हालांकि अभी फिर भी गांव में ज्यादा संक्रमण नहीं फैला है। यदि एहतियात नहीं बरती गई तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7df26e1c9855a88607e93fa0896de92e615cfcaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72755.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संतोष शर्मा, अलीगढ़ : कोरोना की दूसरी लहर इंसान के लिए काल साबित हो रही है। संक्रमित होने के बाद लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिल पा रहा। बहुत से लोगों की जान तो एक सप्ताह के अंदर चली गई। इससे लोगों में भय का वातावरण बना हुआ है। डाक्टर भी हैरान-परेशान हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनविर्सटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी का मानना है कि इस संकट से बचा जा सकता है। बस जरूरत है तो सतर्कता बरतने की। कोविड के लक्षण होने पर लोग जांच कराने से बच रहे हैं। घर पर  ही दवा खाने लग जाते हैं। जब तक  संक्रमण की जानकारी होती है,  तब तक बहुत देर हो जाती है। वायरस उनके फेंफड़े को जकड़ लेता है। सांस लेने में भी दिक्तत होने लगती है। इससे कैसे बचा जा सकता है। इस पर प्रो. सिद्दीकी से दैनिक जागरण ने लंबी बात की। आप भी पढ़िए-।पिछले साल की तुलना में यह वायरस ज्यादा घातक सिद्ध हो रहा है। लोगों की जान भी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7751836e61bb5b99c77cc93c36d94b1dfbec6c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिभावक हैं चिंता में, सोच रहें है क्या होगा?।एकदम अनिश्चितता की स्थिति है। कल क्या होगा किसी को पता नहीं। हजारों-लाखों की बुकिंग्स हो गई है। एक बार तो शादी आगे बढऩे पर होटल वालों ने, बैंड वालों ने एडजस्ट कर लिया लेकिन अब क्या वे बार-बार ऐसा करेंगे? यही सोच खाए जा रही है चंद्रेश जी को। बेटे संदीप की शादी दिसंबर में होनी थी लेकिन हो नहीं सकी। अब 28 अप्रैल को हैं तो समझ ही नहीं आ रहा कि कर पाऐंगे या नहीं। सारे पैसे डूबने और बच्चों के उदास होने का डर है उन्हें। कहते हैं, ' कोरोना भयावह हो रहा है तो भी हमें कुछ तो करना ही होगा। किसी को नहीं बुलाऐंगे और कोर्ट में या मंदिर से उनकी शादी करेंगे क्योंकि उन्हें शादी करते ही विदेश जाना है। एक बार जाने के बाद वे एक साल बाद ही आ पाऐंगे। हम अपने अरमानों को पूरा नहीं कर पाऐंगे। लेकिन अब शादी आगे नहीं बढ़ा सकते।' कामेश प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलने के कारण अपना हर फंक्‍शन दिन में करने की जुगत लगा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72759.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4a4da34b981fb80f3b99b163e01544add67b39b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72759.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एआइसीटीई ने छूट दी।खास बात है कि अब तक तकनीकी कोर्सों को ऑनलाइन या दूरस्थ माध्यमों से पढ़ाने की अनुमति कुछ ही संस्थानों को मिली थी लेकिन इस पहल के बाद एआइसीटीई ने गुणवत्ता के तय मानकों को हासिल करने वाले सभी संस्थानों को ऐसे कोर्सों को ऑनलाइन या दूरस्थ माध्यमों से संचालित करने की छूट दे दी है। इसके लिए अब उन्हें अनुमति भी लेनी होगी। + +कोरोना संकट के बीच पहल।उच्च शिक्षण संस्थानों के ज्यादा से ज्यादा कोर्सों को ऑनलाइन करने की यह पहल उस समय शुरू हुई है, जब कोरोना के चलते संस्थानों में दाखिले से लेकर पढ़ाई, परीक्षा आदि का पूरा तंत्र लड़खड़ाया हुआ है। ऐसे में कोई भी छात्र अपनी मनचाही पढ़ाई से वंचित न रहे, इसके तहत उसे ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा जैसे विकल्प भी मुहैया कराए जा रहे हैं। कोरोना संकट को देखते हुए वैसे भी सरकार का पूरा जोर ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bcbb149704e37a544f78340b928acde6cdac715 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7276.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी बीच उनकी एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही है, जिसमें वो अपनी बाइक चलते नजर आ रहे हैं। अभिनेता की इस वीडियो को पैपराजी फोटोग्राफर ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, तस्वीर में वो बुलट की राइड करते दिखे जा सकते हैं। फोटो में वो व्हाइट कलर की शर्ट और ब्लू जींस पहने सिल्वर कलर की बुलट बाइक चला रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..930c95d5d4652fbf83a15b8124edea7f517f8fe9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शरीर को अंदर से मजबूत बना रहा काढ़ा।विश्वास नगर निवासी शिक्षिका तृप्ता उपाध्याय का कहना है कि वह अपने पूरे परिवार के साथ वह दो माह से लगातार काढ़ा पी रही हैं। जिसका उन्हें काफी लाभ भी हो रहा है। अभी तक कोई कोरोना की चपेट में नहीं आया जबकि उनके कई शिक्षक साथियों को कोरोना हो चुका है, लेकिन वह और उनका पूरा परिवार सुरक्षित है क्योंकि काढ़ा पीकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ गई है। काढ़ा पीकर शरीर में एक ऊर्जा का संचार होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bac656665415141e488941b19b74656963ab80d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72765.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकोबू हो चुकी है। ऑक्सीजन की कमी, वायरस के बढ़ती ताकत और तेजी से बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्थताओं के कारण देश में भयावह स्थिति बन चुकी है। इस बीच, कोरोना वायरस तेजी से अपना रूप बदल रहा है। कोरोना वायरस और अधिक घातक बनता जा रहा है। बीते दिनों देश में कोरोना का एक और नया रूप सामने आया है। इसे कोरोना का ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट(Triple Mutant Variant) नाम दिया गया। देश में ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस (triple mutant variant of coronavirus) भी फैलने लगा है। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पहली बार दिखने के कारण इसे 'बंगाल वैरिएंट' भी कहा जा रहा है। ।इससे पहले महाराष्ट्र में कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट(Double Mutant Variant) पाया गया था। इसके अलावा देश में यूके, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के भी मामले सामने आ चुके हैं। विज्ञानियों का मानना है कि भारत समेत दुनियाभर में संक्रमण के नए मामलों में बेतहासा वृद्धि वायरस के नए-नए वैरिएंट की वजह से ही हो रही है।  ऐसे में ये जानना जरूरी  है कि आखिर कोरोना का ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट क्या है, ये कितना घातक है और क्या वैक्सीन इसके खिलाफ असरदार है...।क्या है कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट ?।जैसा कि नाम से समझ आता है, ये वायरस का वो रूप है, जिसमें एक या दो नहीं, बल्कि तीन-तीन बार बदलाव हुआ। फिलहाल इसपर शोध किया जा रहा है लेकिन आशंका जताई जा रही है कि वायरस का ऐसे रूप बदलना काफी खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिकों ने ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट को B.1.618 नाम दिया है। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट का पता लगा है। ये वायरस के तीन अलग-अलग स्ट्रेन का एक कॉम्बिनेशन है या इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि वायरस के तीन रूपों ने मिलकर एक नया रूप लिया है। यानी कोरोना वायरस के तीन अलग-अलग स्ट्रेन मिलकर एक नए वैरिएंट में बदल गए हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली और बंगाल में ट्रिपल म्यूटेंट से संक्रमित कुछ मामले सामने आए हैं। ।ट्रिपल म्यूटेंट है ज्यादा चालाक !।शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि इसमें पाया जाने वाला जेनेटिक वैरिएंट ज्यादा चालाक है और ये उन लोगों के शरीर पर भी हमला कर सकता है, जिनके शरीर में पहले ही एंटीबॉडी बन चुकी है। विज्ञानियों के मुताबिक कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट कितना घातक या संक्रामक है, इसके बारे में अध्ययन से ही जानकारी मिल पाएगी। इससे पहले अध्ययन में पाया गया था कि कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट न सिर्फ तेजी से फैल रहा है, बल्कि यह बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। डबल म्यूटेंट को अधिक गंभीर रोगजनक पाया गया था। हालांकि, ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट को लेकर अभी अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। + +कितना खतरनाक हैं कोरोना के नए रूप ?।कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर आशंका जताई गई है कि वायरस का ये बार-बार नया रूप लेना काफी खतरनाक हो सकता है। मैकगिल यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर डॉ. मधुकर पई ने कहा है कि यह एक बहुत अधिक संक्रमणीय वैरिएंट है। यह बहुत सारे लोगों को बहुत जल्दी बीमार बना रहा है। डबल म्यूटेंट का पता लगने में देरी की वजह से ही शायद नए मामलों में इतनी तेज वृद्धि हो रही है। उनके मुताबिक वायरस जितना फैलता है, उतना उसमें म्यूटेशन होता है और वह अपना रूप बनाते जाता है। भारत में कुछ दिन पहले महाराष्ट्र और पंजाब में डबल म्यूटेंट से संक्रमित मामले सामने आए थे। अब इन दो राज्यों के साथ बंगाल में ट्रिपल म्यूटेंट से संक्रमित मामले मिले हैं। इसका मतलब है कि वायरस तेजी से अपना रूप बदल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7617491f75077dbd32b318b807ae1ff544cb27b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है। दोनों सुख-दुख के साथी होते हैं, लेकिन राजधानी में एक वाक्या ऐसा हुआ जिसमें कोरोना संक्रमण ने रिश्तों की डोर ही तोड़ दी। मामला कुछ यूं है कि कानपुर के जाजमऊ शिवांस टेनरी के पास रहने वाले व्यवसायी फरहान ने बीते दिनों अपनी गर्भवती पत्नी को क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती कराया था। पत्नी को संतान होनी थी वह भी बहुत खुश था, लेकिन अगले दिन ही पत्नी की मौत हो गई। जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो वह शव छोड़कर ही भाग गया। इसके बाद मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bda5038dae80e6ab90ceab45832c83a8bd64d376 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72767.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना संक्रमण की रफ्तार को सैनिटाइजर से रोकने की कोशिश नगर निगम की सैनिटाइज करने वाली टीम कर रही हैं। इन दिनों 84 टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों के कंधे पर स्प्रे मशीन रहती है, पीपीई किट पहनकर यह कर्मचारी सैनिटाइजेशन में लगे हैं। रात व दिन की अलग-अलग टीमें हैं। वैसे तो सभी कर्मचारी जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं लेकिन, इनमें से कुछ कोरोना वारियर्स पर रिपोर्ट...।वार्ड 34 जोन छह के धीरज  सीएमओ कार्यालय से कोरोना संक्रमितों की सूची मिलते ही एक-एक घर को सैनिटाइज करते हैं। दरवाजे पर सैनिटाइज करने की तिथि भी लिखते हैं। अपनी ड्यूटी के प्रति जिम्मेदारी से वह दिनभर सैनिटाइज करते हैं। वार्ड-16 में बाबूलाल भी मेहनती हैं। वह कोरोना संक्रमित घरों व कंटनेमेंट जोन को सैनिटाइज करते हैं। कहते हैं कि अगर उनके प्रयास से कोरोना संक्रमण कम होगा तो मेहनत सफल होगी। वार्ड 13 में अब्दुल खालिद रोजे के दिनों में अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण का खतरा इन्हें भी रहता है। कहते हैं कि अगर उनके प्रयास से दूसरों की जान बच जाए तो इससे बड़ा कर्म नहीं हो सकता। + +नगर निगम के कंट्रोल रूम में करें फोन।अगर कंटेनमेंट जोन में आपका घर है या कोरोना संक्रमण के शिकार हैं तो घर, गली व मुहल्ले को सैनिटाइज कराने को नगर निगम ने कंट्रोल रूम नंबर जारी किया है। 9105900538 नंबर पर कॉल या वाट्सएप पर संदेश भेज सकते हैं। कारण, ऐसी आपातकालीन स्थिति में जहां दफ्तरों से काम होना जरूरी है और कोरोना संक्रमित मिला तो इस मोबाइल पर सूचना दे सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f989f373b6445aa42edb50a65ca5e77161c773d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72768.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Sachin Tendulkar: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने करीब एक दशक पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन आज यानी 24 अप्रैल 2021 को उनका 48वां जन्मदिन है, तब भी उनके डेढ़ दर्जन से ज्यादा विश्व रिकॉर्ड अटूट स्थिति में हैं। एक या दो विश्व रिकॉर्ड को छोड़ दें तो हाल-फिलहाल में सचिन तेंदुलकर के 20 विश्व रिकॉर्ड अगले एक दशक के लिए अटूट बने रहेंगे। + +ये हैं क्रिकेट के भगवान यानी सचिन तेंदुलकर के वर्ल्ड रिकॉर्ड।1. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड (34,357 रन) ।2. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा गेंद खेलने का विश्व रिकॉर्ड (50,816 गेंद)।3. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक ठोकने का विश्व रिकॉर्ड (100 शतक)।4. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा अर्धशतक जड़ने का विश्व रिकॉर्ड (164 अर्धशतक)।5. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार 90+ रन की पारियां खेलने का रिकॉर्ड (10)।6. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड (464 मैच)।7. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे लंबे समय तक खेलने का विश्व रिकॉर्ड (24 साल)।8. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड का विश्व रिकॉर्ड (76 बार)।9. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड का विश्व रिकॉर्ड (20 बार)।10. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा चौके लगाने का विश्व रिकॉर्ड (4076 चौके)।11. अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक जड़ने का विश्व रिकॉर्ड ।12. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा करने का विश्व रिकॉर्ड।13. टेस्ट क्रिकेट में 50 से ज्यादा शतकों का विश्व रिकॉर्ड (51 शतक)।14. वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड (18426 रन)।15. टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड(15921 रन)।16. वनडे इंटनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक जड़ने का विश्व रिकॉर्ड (49 शतक)।17. सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड (200 मैच)।18. सबसे ज्यादा वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड (463)।19. एक साल में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड (1894)।20. एक देश के खिलाफ सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतकों का विश्व रिकॉर्ड (20 बनाम ऑस्ट्रेलिया)।सचिन तेंदुलकर ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ कराची के मैदान पर साल 1989 में किया था। इस मैच में उन्होंने मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 15 रन की पारी खेली थी, लेकिन 15 नवंबर 1989 को क्रिकेट की किताब में एक ऐसा अध्याय जुड़ गया था, जिसका कभी अंत नहीं हुआ और न होगा। क्रिकेट के लिए अपने जीवन के 24 साल देने वाले सचिन तेंदुलकर के लिए लोगों के जहन में आज भी सचिन...सचिन...सचिन की गूंज जिंदा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76b7918f70dbf467134fb8d09fc55bda7d3f4a70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72769.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के गति पकड़ने के साथ ही इससे बचाव के उपकरणों और जरूरी दवाओं की कीमतों ने स्पीड भरना शुरू कर दी है। पल्स ऑक्सीमीटर, स्टीम उपकरण हो या फिर कोविड कंट्रोल के अन्य आइटम सभी की कीमतों ने रपतार भरना शुरू कर दी है। कीमतें चढ़ती देख अब कालाबाजारियों की नजर पल्स ऑक्सीमीटर पर आ टिकी है। बाजार में ऑक्सीमीटर ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं। जो हैं भी वह ब्रांडेड और महंगे हैं। डिमांड अधिक देख इसका फायदा सिर्फ कालाबाजारी ही नहीं कंपनियां भी उठा रही हैं।रोज कीमतों में बदलाव किए जा रहे हैं। इसका असर मरीजों और आमजनों पर पड़ रहा है। लोग मजबूरी में महंगे दाम पर पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने को मजबूर हैं। हाल यह है कि ऑक्सीजन का स्तर नापने वाले इस उपकरण पल्स ऑक्सीमीटर के रेट दोगुने से ज्यादा हो चुके हैं। बाजार में कमी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74a8b2e1332e7764e7b0589abf7072321a44e610 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-यूपी और हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है। इस बीच बाहरी दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों की मौत हो गई। वहीं, गाजीपुर, सिंघु और टीकरी पर बैठे किसानों पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि इनके धरनों की वजह से ऑक्सीजन टैंकरों देरी से दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं, रास्ता रोकने के आरोपों को लेकर किसान संगठन साफ इनकार कर रहे हैं। किसान संगठनों का साफतौर पर कहना है कि किसी भी ऑक्सीजन टैंकरों को जाने से नहीं रोका जा रहा है। उलटा किसान तो पहले ही कह चुके हैं कि वे एंबुलेंस और ऑक्सीजन सिलेंडर को खुद रास्ता बनाकर दे रहे हैं। उधर, भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक की मानें तो दिल्ली पुलिस जानबूझकर ऑक्सीजन टैंकरों को गलत दिशा में भेज रही है। हमने कोई भी हाईवे या फिर रास्ता नहीं रोका है। जहां भी बैरिकेडिंग है, वह दिल्ली पुलिस ने की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e51f8b36e05c4492241c1a7cfbcc4f2944e096b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72773.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां रेलवे विद्युत विभाग और यांत्रिक विभाग के कर्मचारियों ने प्रारंभिक अनुरक्षण कार्य के बाद ट्रेन को रवाना किया। रेल अफसरों के अनुसार यह खाली रैक ऑक्सीजन लेकर रविवार की देर रात तक वाराणसी पहुंचेगी। बताया कि लखनऊ से वाराणसी के रास्ते ऑक्सीजन एक्सप्रेस-3 भी चलाने की योजना बनाई जा रही है। पहली खेप में खाली हुए टैंकरों को जोड़कर यह ट्रेन चलाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4727fc2255e5063ed418ccf078b069d1db52e84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. संजय वर्मा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मार्स रोवर र्पिसवरेंस की मंगल तक की उड़ान और इस ग्रह पर उतरने की उसकी उपलब्धि चंद्रमा पर इंसानी कदमों की छाप से कम महत्वपूर्ण नहीं है। इस साल 18 फरवरी को जब यह रोवर मंगल ग्रह पर उतरा था, तो नासा ने कहा था कि इस बार उसका यह अभियान कई नई जमीनें तोड़ने वाला साबित होगा। इसकी वजह है पहली बार पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में एक उड़ान को संचालित करवाना। यह एक मुश्किल काम था, क्योंकि पृथ्वी से औसतन करीब 23 करोड़ किमी दूर मंगल पर निर्देश भेजकर किसी विमान या हेलीकॉप्टर की उड़ान को संचालित करना कोई हंसी-खेल नहीं है। सूर्य की परिक्रमा करते वक्त मंगल और पृथ्वी के बीच की दूरी कभी साढ़े नौ करोड़ किमी हो जाती है तो कभी यह घटकर साढ़े पांच करोड़ किमी रह जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39cd39d85eacade4a466d188a165db7977fc21a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ । कोरोना संकट के बीच जेल में फिर से बंदियों के हुनर ने सुरक्षा का बीड़ा उठा लिया है। सिलाई में कुशल 15 बंदी मास्क बनाने में जुट गए हैं। सूती कपड़े का डबल लेयर मास्क बनाया जा रहा है, जो री-यूजेबल है। रोजाना औसतन 500 मास्क बनाए जाते हैं। इनमें हर बंदी को दो-दो मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। करीब आठ हजार मास्क बनकर तैयार हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdcb7a50b02082a595c33de2d22575cb134b3add --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72781.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना के मरीजों के बेहतर इलाज के ल‍िए जिला अस्पताल में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। जल्द ही बजट की व्यवस्था होने पर ऑक्सीजन प्लांट पर काम शुरू हो सकता है। इससे काफी हद तक मरीजों को राहत म‍िल जाएगी। ।कोरोना संक्रमित मरीजों की गंभीर हालत होने पर मरीजों को ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरूरत पड़ती है। इसलिए प्रशासन ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर गंभीर है। हालांकि अभी यहां ऐसा कुछ नहीं है कि अभी ऑक्सीजन की कमी पड़ रही हो। लेकिन, फिर भी ऑक्सीजन की व्यवस्था अतिरिक्त की जा रही है। प्रभारी डीएम आनंद वर्धन ने बताया कि जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांट की सप्लाई अस्पतालों को दी जा रही है। औद्योगिक इकाइयों को सप्लाई देने पर रोक लगा दी गई है। नए किसी प्लांट को लगाने का कोई आवेदन नहीं आया है। जिला अस्पताल में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर अध्ययन किया जा रहा है। सभी वित्तीय नियमों को देखते हुए देखा जा रहा है इसे कैसे कर सकते हैं ताकि भविष्य के लिए भी एक अच्छी सुविधा मिल सके। इसके अलावा कोठीवाल डेंटल कॉलेज को दूसरा एल टू अस्पताल बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। दूसरा नया एलटू अस्पताल बनने से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज होना आसान होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21144c7fef1689eced09299b8e321391abcf8124 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72782.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने के साथ अस्पतालों में आक्सीजन को लेकर मारामारी की स्थिति है। ऐसे में होम्योपैथी की कई दवाएं हैं, जो शरीर में आक्सीजन का स्तर बढ़ा सकती हैं। होम्योपैथी चिकित्सकों का कहना है कि सामान्य परिस्थितियों में इन दवाओं को लेने से आक्सीजन के स्तर में सुधार की पूरी संभावना रहती है। + +बिना परामर्श दे सकती है दिक्कत।नेमीनाथ होम्योपैथिक कालेज के निदेशक डा. प्रदीप गुप्ता का कहना है कि सामान्य निमोनिया होने पर आक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन होम्योपैथी में भी दवाएं लक्षण देखकर दी जाती हैं। हालांकि कोरोना में भी 90 फीसद लोगों को आक्सीजन की जरूरत नहीं है, सिर्फ 10 फीसद को ही है। ऐसे में बिना परामर्श दवा देने से दिक्कत हो सकती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87e520d7e484c7bc557a987559082cbd89c2989a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72783.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। Bengal Assembly Election 2021 कोलकाता की हाई-प्रोफाइल मानिकतल्ला विधानसभा सीट पर आठ बार के विधायक और पूर्व भारतीय गोलरक्षक कल्याण चौबे में जबर्दस्त जंग है। वहीं संयुक्त मोर्चा से माकपा प्रत्याशी रूपा बागची भी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। ममता सरकार में मंत्री साधन पांडे जहां पिछले 10 वर्षों के विकास कार्यों का हवाला देते हुए हैट्रिक की हैट्रिक लगाने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं, वहीं कल्याण चौबे कह रहे हैं कि साधन पांडे आठ बार के विधायक जरूर हैं लेकिन अब उनके रिटायर होने का वक्त आ गया है। मानिकतल्ला के मतदाता उन्हें सम्मानजनक विदाई देंगे। वहीं एक दशक पहले इसी सीट से विधायक रहीं रूपा बागची ममता सरकार की नाकामियां गिना रही हैं। मानिकतल्ला में आठवें व अंतिम चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा। + +घटा है तृणमूल का वोट प्रतिशत ।तृणमूल के लिए चिंता का सबब यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में पूरे बंगाल में जबर्दस्त जीत दर्ज करने के बावजूद इस सीट पर उसका वोट प्रतिशत घटा है। 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल को यहां 60.05 प्रतिशत वोट मिले थे। तब यहां तृणमूल का मुख्य मुकाबला माकपा से था। 2016 में तृणमूल का वोट 9.45 प्रतिशत घटकर 50.60 फीसद हो गया। इसके विपरीत पिछले विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा का वोट प्रतिशत उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। 2011 में यहां भाजपा को महज 2.47 प्रतिशत वोट मिले थे, जो 2016 में 10.08 फीसद बढ़कर 12.55 फीसद हो गया और इस बार तो भाजपा ही यहां मुख्य प्रतिद्वंद्वी बताई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0a1c45208cc244fbd3a7d8aa448956f45631a05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशेषज्ञ की राय: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के कोविड आइसीयू के नोडल अफसर डॉ. चंद्रशेखर सिंह बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण जैसे गंभीर लक्षण होने के बाद भी 30 फीसद की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के केस लगातार मिल रहे हैं। स्टैंडर्ड रसायन, जांच किट एवं मशीन के इस्तेमाल के बावजूद ऐसी स्थिति है। पहली लहर में कोरोना वायरस तीन से चार दिन तक गले में रुकता था, जिससे थ्रोट एवं नेजल स्वाब लेने में पकड़ में आ जाता था। अब ऐसी संभावना है कि वायरस गले में कम समय तक रुकने के बाद सीधे फेफड़े में पहुंच रहा है। इससे गंभीर स्थिति बन रही है। इसलिए ऐसे प्रत्येक मरीज का सीटी स्कैन कराना जरूरी है, जिनमें गंभीर लक्षण दिखाई पड़ें। अब इस पर अध्ययन की तैयारी की जा रही है, जिससे पता लग सके कि ऐसा क्यों हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d6743dfd31d3c6daacbd5df0d5711256be019a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे ने एक बार फिर लोगों की आवाजाही को सीमित कर दिया है। कई शहरों में लाकडाउन या कर्फ्यू चल रहा है। ऐसे में औद्योगिक इकाइयां भी लगभग बंद हो गई हैं और सड़कों पर वाहन भी कम ही चल रहे हैं। दूसरी तरफ मौसम भी अब बदल चुका है। तेज हवा और बीच-बीच में होने वाली बारिश भी सोने पे सुहागा का काम कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e90e2e044d30b2c51ee1c2877e69fcbd07597a67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक व मेडिसिन के विभागध्यक्ष डा. विक्रम सिंह कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति एक बार यदि संक्रमित होकर स्वस्थ होता है तो इसका मतलब है कि उसके अंदर कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी ठीकठाक मात्रा में बन चुकी है। इसके बाद यदि वह वैक्सीन भी लेते हैं तो उनकी इम्युनिटी और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगी। क्योंकि वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में अतिरिक्त एंटीबॉडी का निर्माण भी हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72788.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72788.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c84bb8b14104cf68cd9aeeb151688ee30d830b14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72788.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-रेमडेसिविर का संकट अचानक कैसे खड़ा हो गया?।दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच रोजाना आने वाले कोरोना मामलों की संख्या 30 हजार से भी कम रह गई थी। फरवरी में भारत में कोरोना वायरस के नए मामले घटकर कुछ हजार रह गए थे। ऐसा लग रहा था कि महामारी खत्म होने को है। इसके पहले से ही नए मामले घटने लगे थे। तब दिसंबर से ही दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर का उत्पादन घटा दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6651bc44b2a6c776507b30e86a5c9240d8db42ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72789.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालत बिगड़ने पर रोकी अगली डोज। परिजनों के अनुसार अंकित का कोरोना टेस्ट नहीं कराया। इसके बावजूद पहले ही दिन रेमेडिसिवर इंजेक्शन की डोज दे दी। इसकारण अंकित की हालत बिगड़ गई। इसके बाद अगली डोज नहीं लगाई। डॉक्टर बिना रिपोर्ट के ही इलाज करते रहे। इलाज में लापरवाही से मौत हो गई । मामले की शिकायत सीएम पोर्टल व चौक पुलिस से की गई। + +इलाज के नाम पर साढ़े तीन लाख वसूले। राजन के मुताबिक 16 हजार रुपये प्रति वायल रेमेडिसिवर की खरीदारी की। वहीं आईसीयू व अन्य रिपोर्ट के नाम पर दवा के साढ़े तीन लाख वसूले गये। लेकिन भाई अंकित की जान नहीं बच सकी। अंकित की अभी महज चार साल पहले शादी हुई थी । वह एनजीओ चलाते थे । मामले पर हेरिटेज अस्पताल के डॉ वीरेंद्र से बात करने की कोशिश की गई ,मगर उनका नंबर पहुंच से बाहर बताता रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbdf0bb919ae0e005140f0cb3b7d1fd213275501 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72790.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +लखनऊ, जेएनएन। आपदा के दौरान अस्पतालों में अपने जहां तीमारदार अपने परिवारीजनों को बचाने के लिए खून पसीने की गाढ़ी कमाई लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं, कुछ हत्यारे रूपी बदमाश इस मुसीबत की खड़ी में कोरोना महामारी झेल रहे मरीजों के परिवारीजनों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन महंगे दामों पर बेच रहे हैं। राजधानी में मानकनगर, नाका और अमीनाबाद पुलिस ने नकली दवाओं के ऐसे 10 सौदागरों को धर दबोचा। पुलिस ने उनके पास से 218 इंजेक्शन, 2.38 लाख से अधिक रुपये, बिक्री में प्रयुक्त बाइक और स्कूटी समेत तीन वाहन बरामद किए हैं। खास बात यह है कि पकड़े गए आरोपितों में अधिकतर केजीएमयू,लारी, क्वीनमेरी के मेडिकल स्टाफ और दो दवा व्यापारी है। पुलिस ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क कई जनपदों में फैला है। उसकी भी पड़ताल की जा रही है। + +माकनगर पुलिस ने चार को दबोचा, 91 नकली इंजेक्शन बरामद : एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में अलीगंज मुसाफिर खाना सुलतानपुर निवासी विकास दुबे (नर्सिंग तृतीय वर्ष का छात्र केजीएमयू), कौशल शुक्ला निवासी सीतापुर रोड खदरा (सीतापुर से डी फार्मा कोर्स कंप्लीट कर चुका है), अजीत मौर्या निवासी गेंदी पन्नुगंज सोनभद्र (केजीएमयू लारी के ओटी में टेक्नीशियन), राकेश तिवारी निवासी शंकरपुर देहात कोतवाली बलरामपुर (केजीएमयू के क्वीनमेरी अस्पताल में स्टाफ नर्स) है। इनके पास से 91 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, चार मोबाइल फोन, एक स्कूटी और 5250 रुपये बरामद किए गए हैं। + +पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल, सरगना की तलाश में दबिश : एडीसीपी मध्य ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने गिरोह के सप्लायर कौशल का मोबाइल नंबर जुटाया। इसके बाद उससे बात शुरू की। सर्विलांस और मानकनगर पुलिस टीम लगाई गई। कौशल से छह इंजेक्शन की बात की गई। उसने 20 हजार रुपये में एक इंजेक्शन देने की बात कही सौदा 15 हजार में तय हुआ। इसके बाद डिलीवरी मंगाई गई। कनौसी पुल के पास कौशल बाइक से पहुंचा। उसने इंजेक्शन निकाल कर सादे कपड़े में तैनात पुलिसकर्मी को दिए। इसके बाद टीम ने दबोच लिया। उसकी निशान देही पर विकास दुबे और अन्य को पकड़ा गया। इंजेक्शन में बेंगलुरु की मायलांन लेबोरेटरी का स्टीकर चिपका हुआ है। गिरोह का सरगना रितांशु मौर्या निवासी बाराबंकी है। उसकी तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं। + +विकास बोलता था समय की जरूरत है, मिट्टी भी भर के बेचोगे तो बिकेगा, कोई नहीं पूछने वाला : एडीसीपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि विकास दुबे को इंजेक्शन मौर्या उपलब्ध कराता था। विकास अन्य साथियों को इंजेक्शन देता था। अन्य साथी कहते थे कि अगर पकड़े गए तो इस पर विकास कहता था कि इस समय हर व्यक्ति को जरूरत है। मिट्टी भी भरकर बेच दोगे तो ले लेगा। बस रुपये कमा लो यही सही समय है आदमी बना दूंगा तुम लोगों को। विकास अपना परिचय केजीएमयू के डॉक्टर के रूप में देता था। प्रत्येक इंजेक्शन में बिक्री करने वाले को तीन हजार रुपये का कमीशन मिलता था। यह लोग ग्राहकों को बताते थे कि रेमडेसिविर इंजेक्शन जो डिसरेम के नाम से है वह हमारे पास उपलब्ध है। विकास ने पूछताछ में बताया कि शुक्रवार को ही रितांशु उनसे इंजेक्शन बिक्री के 1.86 लाख रुपये लेकर गया था। एडीसीपी ने बताया कि गिरफ्तारी की टीम में शामिल पुलिस कर्मियों में इंस्पेक्टर मानकनगर धर्मेंद्र कुमार सिंह, सर्विलांस टीम से दारोगा राहुल सोनकर और सर्विलांस एक्सपर्ट आशीष द्विवेदी व अन्य हैं। गिरफ्तारी की टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। + +रोटी और लंच बॉक्स कोड से करते थे आपस में बात : इंस्पेक्टर नाका मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपितों को चारबाग मेट्रो स्टेशन के पास से पकड़ा गया है। यह इंजेक्शन की डिलीवरी देने आए थे। रामसागर और अमनदीप को इंजेक्शन की सप्लाई रितांशु देता था। यह लोग फोन पर रोटी और लंच बॉक्स के कोट में बात करते थे। अगर चार इंजेक्शन की डिलीवरी देनी होती थी तो यह लोग आपस में कहते थे कि लंच बाक्स में चार रोटी चाहिए। फिर एक आदमी बाइक इंजेक्शन लेकर डिलीवरी देने जाता था। इंजेक्शन को जांच के लिए भेजा गया है। गिरोह के सरगना की तलाश की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d530ef16b97a82481c60af9d98605556375bee7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72791.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छोटी सी उम्र में क्या गजब का गाती थीं शमशाद बेगम। 14 अप्रैल, 1919 को पंजाब के अमृतसर में जन्मीं शमशाद बेगम ने बचपन से ही खुदा ने गजब की आवाज बख्शी थी। शमशाद को बहुत छोटी उम्र से ही गाने का शौक था, शायद वह किशोरी भी नहीं थी। हां यह अलग बात है कि शमशाद को जो सुनता उनकी आवाज का दीवाना हो जाता था। उम्र के साथ आवाज का ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा हिंदुस्तान दीवाना हो गया। बताया जाता है कि शुरुआती दिनों में पेशावर रेडियो (पाकिस्तान) में काम किया था। ।चाचा की वजह से बन गई सितारा। शमशाद बेगम बहुत अच्छा गाती तो थी, लेकिन उस समय का समाज इतना खुला नहीं था कि सहजता से उन्हें आगे बढ़ाता। हर किसी की तरह शमशाद भी चाहती थीं वह फिल्मों में गाएं और दुनिया भर में नाम कमाएं, लेकिन हिंदी फिल्मों में गाना उनके लिए सपने जैसा था। खैर, शमशाद की प्रतिभा को देश-दुनिया के सामने लाने का श्रेय शमशाद के चाचा को जाता है, जो उनके लिए मसीहा की तरह बन गए। हुआं यूं कि उनके चाचा लाहौर की एक बड़ी म्यूजिक कंपनी में ऑडीशन दिलाने ले गए। यहां पर महज इत्तेफाक से गुलाम हैदर ने उनका ऑडिशन लिया। प्रतिभा की धनी शमशाद बेगम को एक ही बार में 15 गानों का कॉन्ट्रेक्ट मिल गया। इसके बाद एक लंबा सफर तय कर उन्होंने हिंदी सिनेमा को ऐसे बेहतरीन गीत गाए कि उनके करोड़ों दीवाने हो गए और आज भी हैं। ।पिता से वादा निभाया बेटी शमशाद ने। बताया जाता है कि शमशाद बेगम को हिंदी फिल्मों में गीत गाने की अनुमति इसी वजह से मिली थी कि उन्होंने अपने वालिद से वादा किया था कि वह कभी कैमरे के सामने नहीं आएंगी। यह भी बताया जाता है कि शमशाद बेइंतेहा खूबसूरत थी, लेकिन उन्हें कैमरे के सामने आना पसंद नहीं था, इसलिए वह कभी कैमरे के सामने नहीं आईं। कुछ लोगों का मानना है कि शमशाद खुद को खूबसूरत नहीं मानती थीं, इसलिए पर्दे पर नहीं आती थीं। सच्चाई तो यह है कि वह खूबसूरत थीं, लेकिन उनका पर्दे पर नहीं आने का फैसला खुद का था। + +कट्टर मुस्लिम परिवार से थी, लेकिन मोहब्बत कर बैठीं हिंदू युवक से। अपनी आवाज से करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाने वालीं शमशाद बेगम ने 23 अप्रैल, 2013 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। यह भी कम हैरान की बात नहीं है कि शमशाद बेगम बेहद कट्टरवादी मुस्लिम परिवार से थी। जहां पांचों जून की नमाज अदा की जाती थी। बावजूद इसके शमशाद बेगम एक हिंदू वकील गणपत लाल पर फिदा हो गईं। इसके बाद परिवार के खिलाफ जाकर शमशाद बेगम ने महज 15 साल की उम्र में शादी की थी। गणपत ने लाहौर से मुंबई तक शमशाद का हर कदम पर ख्याल रखा। शमशाद ने भी पति के साथ उम्र भर का रिश्ता निभाया। उनकी एक बेटी भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c7106f893622171609fff148c2803fc475c8525 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1989 से लेकर 2012 तक अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट सचिन तेंदुलकर ने खेली और इस बीच उन्होंने सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक और सबसे ज्यादा अर्धशतक जड़ने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। टेस्ट क्रिकेट में भी यही हाल था। सचिन ने सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक, सबसे ज्यादा मैच और सबसे ज्यादा अर्धशतक जड़ने का विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। इसके अलावा भी वे कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72793.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfa3e7138c3c788551aef9d73cd7f1558861d5d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72793.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विनोद भारती, अलीगढ़ । संक्रमित मरीजों की संख्या बढऩे के बाद आक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ चुकी है। कोविड ही नहीं, अन्य निजी अस्पतालों में आक्सीजन की कमी हो गई है। आक्सीजन की उपलब्धता के लिए सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं। ज्यादातर अस्पतालों के पास 24 घंटे का बैकअप नहीं है। बेड होने के बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। आक्सीजन व समय पर इलाज न मिलने से कई मरीज काल के गाल में समा चुके हैं। इस समय मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना किसी जंग से कम नहीं है। प्रशासन हालात को संभालने में लगा हुआ है। + +डरे हुए डाक्टर।आक्सीजन संकट के चलते निजी अस्पताल अब गंभीर मरीजों को अपने यहां लेने से बच रहे हैं। बुधवार को एटा चुंगी स्थित कोविड हास्पिटल में पांच मरीजों की आक्सीजन की कमी से मौत के बाद जिस तरह प्रशासन ने संचालक पर शिकंजा कसा है, उससे अन्य डाक्टर भी डर रहे हैं। प्रशासन ने केवल निजी कोविड केयर सेंटर व ट्रामा सेंटरों को ही गैस आपूर्ति की है। अन्य हास्पिटल संचालक एक-एक  सिलेंडर भरवाने के लिए परेशान हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f33f28ffff69c8535739363ae01210f32e0187a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72797.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो साफ तौर पर कहा था कि हरियाणा में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। आइएम एसएमई आफ इंडिया के पदाधिकारी बताते हैं कि वे दिल्ली से बेरोजगार हुए कामगारों को गुरुग्राम, फरीदाबाद या बहादुरगढ़ में काम दिलाने का भी आश्वासन दे रहे हैं। इसके अलावा कोरोना होने पर उनके इलाज की बाबत भी कह रहे हैं। ताकि ये कामगार रुक जाएं। कुछ रुक रहे हैं मगर ज्यादातर एक-दूसरे के साथ दिल्ली व आसपास काम करने के लिए आए थे तो वापस भी एक साथ जाना चाहते हैं। + +राजीव चावला (चेयरमैन, आइएम एसएमई ऑफ इंडिया) का कहना है कि दिल्ली में लगे लॉकडाउन के कारण असंगठित क्षेत्र के कामगार बेरोजगार हो गए हैं। उन्हें लगता है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण लॉकडाउन अभी और बढ़ेगा, इसलिए वे हरियाणा में काम करने वाले अपने संगी साथियों सहित पैतृक गांव जा रहे हैं। इनमें से कुछ फसल कटाई सहित अपने घर-परिवार की शादी समारोह के लिए भी जा रहे हैं। हम काफी हद तक इन्हें रोकने में सफल भी हो रहे हैं, मगर कुछ दिल्ली वाले साथियों के कहने पर घर जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6875a09832c710619540048eb394cf374fbd00f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सवाल ये है कि मुंहमांगे दाम पर खरीदी जाने वाली रेमडेसिविर से क्या जान बच रही है। विशेषज्ञ कहते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिविर को मान्यता नहीं दी है। रेमडेसिविर की एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) रोकने में किसी तरह की भूमिका नहीं है। कोरोना निमोनिया होने पर ही दूसरी दवाओं के जरिये भी इसे कम किया जा सकता है। लेेकिन, खुद डॉक्टर नहीं बनें। कोरोना विशेषज्ञ से बात होने और मरीज की पूरी स्थिति से अवगत कराने के बाद ही दूसरी दवाइयां दी जा सकती हैं। यही हाल रेमडेसिविर का भी है। इसमें सस्ता और उपलब्ध होने वाला डेक्सामेथासोन एआरडीएस रोकने में कारगर नजर आ रहा है। कोरोना के मरीजों में बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। कोरोना विशेषज्ञों का कहना है कि काेई सा भी स्ट्रेयोएड देने की गलती न करें। विशेषज्ञ मरीज की स्थिति देखने के बाद ही दवा का चयन करता है कि मरीज को कब क्या देना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d70a0d2a3594e55ed45b6542ce542cc378da02a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक, आपको फिल्म की सफलता के लिए बहुत बधाई। 'दसवीं' तो आपने पास कर ली, अब आगे की 'पढ़ाई' की क्या तैयारी चल रही है?।दसवीं में आपके काम को लेकर अमित जी लगातार सोशल मीडिया में लिख रहे हैं। इतना उत्साहित उन्हें पहले कभी नहीं देखा। उनकी प्रशंसा से कोई दबाव महसूस करते हैं?।T 4253 - my pride , my belief .. my son !! ❤️❤️❤️ pic.twitter.com/NIUKCF9fm1।गंगा राम चौधरी बनने के लिए आपने क्या तैयारियां कीं और क्या यह किरदार किसी वास्तविक राजनेता से प्रेरित है?।तुषार जलोटा अपेक्षाकृत नये निर्देशक हैं। उनके साथ फिल्म करने का अनुभव कैसा रहा?।दसवीं के कई दृश्य काफी दिलचस्प और भावुक हैं। ऐसा कोई दृश्य, जिसे पर्दे पर पेश करना आपको बतौर एक्टर सबसे मुश्किल रहा हो?।दसवीं में गंगा राम चौधरी पर तो पढ़ाई का काफी दबाव था। क्या बचपन में आपने कभी ऐसा कोई दबाव महसूस किया था?।ओटीटी स्पेस में आपका अंदाज एकदम बदला हुआ है। किरदारों के साथ इतने प्रयोग आपने पहले नहीं किये। आप ऐसी स्क्रिप्ट्स चुन रहे हैं या ओटीटी आपको ये मौके दे रहा है?।ओटीटी स्पेस के इतने विस्तार और लोकप्रियता के बीच क्या मेनस्ट्रीम सिनेमा को भी अपने कंटेंट में बदलाव लाना होगा?।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac6a07eee77e949175ce179b8c4de33a0cf361d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72800.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला जेल और सेंट्रल जेल में पिछले वर्ष बंदियों ने दाे लाख से ज्यादा मास्क तैयार किए थे। इन मास्क को बाहर के संगठनों को बेचा गया था। इस पर बाहर से आर्डर नहीं हैं। मगर, जेल प्रशासन बंदियों और स्टाफ के लिए अपने यहां मास्क तैयार करा रहा है। सेंट्रल जेल में आठ बंदियाें द्वारा मास्क बनाने काम किया जा रहा है। वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वीके सिंह ने बताया यह मास्क बंदियों और जेल के कर्मचारियों के लिए तैयार किए जा रहे हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72806.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f476ff88d96e327536ff565ae68cd713e8d6ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। पंचायती राज व्‍यवस्‍था का मकसद स्‍थानीय स्‍वशासन को बढ़ावा देना था। आजादी से पूर्व से ही शासन की प्रणाली में ग्रामीण पंचों की भूमिका को महत्‍व दिया जाता रहा है और योजना आयोग द्वारा 1958 में इसकी पहल आज त्रिस्‍तरीय पंचायत व्‍यवस्‍था के रूप में सभी के सामने है। पंचायतों को मजबूत करने में आधी आबादी ने भी मजबूती से अपने कदम रखे और काशी को परंपराओं के साथ आधुनिकता से जोड़ने के लिए अपना योगदान भी दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a685d202a4af6109cdf25e1e0bc13e7b391d685 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, नलिनी रंजन। Bihar CoronaVirus ALERT बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus infection) को लेकर यह खतरनाक खुलासा है। पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Patna) की सघन चिकित्सा इकाई (Intensive Care Unit or ICU) में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमितों में महज 20 फीसद ही स्वस्थ होकर घर लौट पा रहे हैं। यह आंकड़ा 2021 में मिले कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन को लेकर हुए अध्ययन में सामने आया है। जो 20 फीसद मरीज स्वस्थ हो रहे हैं, उन्हेंं भी अन्य परेशानियों की वजह से कुछ दिन और उपचार की जरूरत पड़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7a6549957211c8c096968f077870150fb3b2413 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। दिल्ली के जलवायु संवाद संगठन क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए नए अध्ययन के मुताबिक देश में मौजूदा स्थापित ऊर्जा उत्पादन क्षमता के करीब 50 फीसद हिस्से का उत्पादन करने वाले राज्यों और कंपनियों ने अब कोई नया कोयला बिजली घर नहीं बनाने का संकल्प लिया है। ।इन कंपनियों के अलावा चार राज्यों गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने भी कोई नया कोयला बिजली घर नहीं लगाने की नीति के प्रति संकल्प व्यक्त किया है। दरअसल, कोयले से बनने वाली बिजली के मुकाबले अक्षय ऊर्जा 51 फीसद तक सस्ती हो चुकी है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन की लागत सबसे कम है। हाल में हुई नीलामी में सौर ऊर्जा की लागत दो रुपये प्रति किलोवाट रही। ।क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला का कहना है कि अनेक भारतीय राज्यों और बिजली उत्पादकों ने कोयले को छोड़कर अक्षय ऊर्जा का रुख कर लिया है। भारत में सौर ऊर्जा अब कोयले से बनने वाली बिजली के मुकाबले सस्ती हो चुकी है। आने वाले कुछ वर्षों मे बैटरी स्टोरेज से लैस अक्षय ऊर्जा थर्मल पावर से ज्यादा बेहतर विकल्प हो जाएगी। ।आरती के मुताबिक राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों में वित्तीय देनदारियों के बोझ तले दबी बिजली इकाइयों ने 'नो न्यू कोल' के प्रति संकल्प व्यक्त किया है। उनके पास प्रचुर मात्रा में अक्षय ऊर्जा है और उन्हें बिजली उत्पादन की लागत में कमी का फायदा मिल सकता है। कोयले से चलने वाली नई बिजली इकाइयों का निर्माण नहीं करने का संकल्प इन राज्यों के लिए विजयी रणनीति साबित होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1c3a82a908039abde3f403917a0d297e22a8f7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72811.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा,जागरण संवाददाता। 27 अप्रैल को हनुमान जयंती का पावन पर्व है। चैत्र पूर्णिमा के दिन राम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था। वास्तव में हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं, जिन्होंने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा के लिए जन्म लिया। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी के अनुसार हनुमान जयंती पर सुंदर कांड का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। संकट हरने वाले, मंगल कारक हनुमान की लीलाओं का जिसमें बखान किया गया है वो सुंदर कांड है। पूरी रामायण में सिर्फ यही एक अध्‍याय ऐसा है जिसमें श्री राम की नहीं बल्कि हनुमान की विजय, पराक्रम का बखान है। + +क्यों कहते हैं सुंदर कांड।हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां तीन पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। दूूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे। और तीसरे पर्वत का नाम था सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी, इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72812.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..884ec62d0b8471958d690c4e0f31e41c9d187079 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह दौर भी जाएगा।इस मंच से एक स्टार्टअप चलाने वाले दिल्ली के प्रमोद भसीन भी जुड़े हुए हैं। भसीन कहते हैं कि यह दौर भी जाएगा, लेकिन 15-20 साल बाद जब लोग इसके बारे में जानना चाहेंगे तो ये वर्चुअल स्मारक आज की त्रासदी से सीधा जोड़ेगा। यह पूरी तरह निश्शुल्क है। यह ठीक है कि अपनों की यादों को साझा करने में शब्द कम पड़ जाएंगे, लेकिन हम लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वह 200 शब्द और एक फोटो के साथ अपनी यादें साझा कर श्रद्धांजलि अर्पित करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22fb53875ce5b8abff2f5572c95fbe1d57ad41d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जीएन वाजपेयी। कोरोना की पहली लहर से ठीकठाक ढंग से उबरने के बाद गति पकड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। यही कारण रहा कि चालू वित्त वर्ष में उसमें अप्रत्याशित तेज वृद्धि के अनुमान व्यक्त किए जाने लगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की जीडीपी में 10.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को 12.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावनाएं दिखीं। यहां तक सब ठीक रहा, लेकिन इसी बीच कोरोना की दूसरी और कहीं ज्यादा खौफनाक लहर ने दस्तक दे दी। उस पर काबू पाने के लिए नाइट कफ्र्यू से लेकर लॉकडाउन जैसे जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनसे र्आिथक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। परिणामस्वरूप हाल के दिनों में विभिन्न संस्थानों ने भारत की वृद्धि के अनुमानों में एक प्रतिशत तक की कटौती की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72823.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72823.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe3a41a85a4e14be035b16c06033518c75b14528 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72823.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भले ही देश के बड़े डाक्टर कोरोना मरीजों की जान बचाने में रेमडेसिविर की सीमित उपयोगिता को बार-बार दोहरा चुके हों लेकिन जिंदगी की आखिरी लौ बचाने की चाहत, कोरोना पीडि़त के परिवार वालों को इसकी खोज में भटकने पर मजबूर कर रही है। समस्या यह है कि रेमडेसिविर के सीमित उपयोग और सिर्फ अस्पतालों में इसकी सप्लाई करने की गाइडलाइंस के बावजूद रेमडेसिविर न सिर्फ कालाबाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है, बल्कि अस्पताल भी कहीं से भी इसकी व्यवस्था करने का अल्टीमेटम थमा रहे हैं। + +कुछ दिन में खत्‍म हो जाएगी समस्‍या।देश में रेमडेसिविर की कमी और उसकी कालाबाजारी के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अचानक बढ़ी मांग के कारण भले ही इसकी कमी दिख रही हो, लेकिन अगले चंद दिनों में यह समस्या समाप्त हो जाएगी। उनके अनुसार देश में रेमडेसिविर बनाने वाली सात कंपनियों के साथ बातचीत के बाद इसका उत्पादन हर महीने 37 लाख वायल (शीशी) से बढ़ाकर 78 लाख करने का फैसला किया गया लेकिन यह इतना आसान नहीं है। + +अगले हफ्ते आएगी अतिरिक्‍त डोज।रेमडेसिविर के मामले में इसे फास्टट्रैक करने को गया है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में डीसीजीआइ इसकी मंजूरी दे देगा और रेमडेसिविर की अतिरिक्त डोज अगले हफ्ते आ जाएगी और उसके बाद इसकी किल्लत की शिकायत भी दूर हो जाएगी लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी अस्पतालों के माध्यम से इसकी सप्लाई होने के नियम के बावजूद कालाबाजार में बिकने के सवाल का जवाब नहीं दे पाये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..607771017cb773860e7a2ab1de59482a294a9db8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72825.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जालंधर [शाम सहगल]। 6 महीने का बच्चा प्रोफेशनल माडलिंग कर सकता है। इसे सुनकर आप हैरान तो होंगे लेकिन यह हकीकत है। सिटी के प्रत्यक्ष भल्ला ने ऐसा ही कर दिखाया था। इतनी छोटी उम्र में ही प्रत्यक्ष ने गून डायपर की ब्रांडिंग के लिए आकर्षक पोज दिए थे। आज साढ़े तीन वर्ष को होने पर भी उसका मॉडलिंग का सफर जारी है। ग्रेटर कैलाश के रहने वाले नन्हे प्रत्यक्ष ने मॉडलिंग में मिसाल कायम कर दी है। वह पंजाब का मोस्ट सक्सेसफुल चाइल्ड मॉडल बन गया है। + +कई बड़ी कंपनियों में मिला अवसर। प्रत्यक्ष को नन्हीं उम्र में ही विभिन्न कंपनियों ने मॉडलिंग का अवसर दिया। प्राणनाथ भल्ला ने बताया कि वह फर्स्टक्राइ, रिलायंस ट्रेंड्स, अजियो, स्पोर्ट किंग, ब्राउनबी ऑस्ट्रेलिया, फार्टिकलेस जैसी बड़ी कंपनियों के लिए मॉडलिंग कर चुका है। ।यह भी पढ़ें - Punjab Coronavirus Update: लुधियाना में पहली बार एक दिन में 880 पॉजिटिव, जालंधर में 419 नए मामले।यह भी पढ़ें - बड़ी लापरवाहीः पाकिस्तान से लौटे 818 सिख श्रद्धालुओं में 200 पॉजिटिव, वाहनों में स्वस्थ व्यक्तियों के साथ घर लौटे।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7af136871086f375583f8839820a92aa56c811c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72826.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनीष असाटी, टीकमगढ़।  मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में पुलिसकर्मियों ने संक्रमण से बचाव के लिए अनूठी युक्ति अपनाई है। यहां थानों में खासतौर पर गैस और प्रेशर कुकर रखवाए गए हैं और इनसे भाप लेकर पुलिसकर्मी कोरोना से बचने के जतन कर रहे हैं। कुकर में पाइप लाइन इस तरह जोड़ी गई है ताकि एक साथ तीन पुलिसकर्मी भाप ले सकें। पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार सिंह द्वारा शुरू करवाई गई इस पहल की डॉक्टरों ने भी सराहना की है। + +दरअसल, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने सबकी चिंता बढ़ा रखी है। कोरोना कर्फ्यू, रोको-टोको अभियान और चौराहों पर चेकिंग आदि में पुलिसकर्मी अनजान लोगों के संपर्क में भी आते हैं। इस दौरान कई पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में अब जिले में पुलिसकर्मियों को बाहर से थाने में आने के बाद या जाने के दौरान भाप लेना अनिवार्य किया गया है। इसका फायदा देख पुलिस जवानों में भी उत्साह है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01550fa26d83b80aaec20af49f8d05a35555f0ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72828.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। कोरोना संक्रमण काल में विटामिन-सी वाले फलों के भरपूर उपयोग करने की सलाह का बाजार पर असर ऐसा हुआ कि फलों के दामों ने आमजनों के दांत खट्टे कर दिए हैं। कोरोना काल में फसल कम होने, आवक घटने और डिमांड बढ़ने से फल विक्रेता मनमानी पर उतारू हैं। फुटकर मंडी में तो खुलेआम लूट चल रही है। कहा जाए ग्राहकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है तो गलत नहीं। हाल यह है कि थोक मंडी से खरीद कर फुटकर विक्रेता उसकी दो से तीन गुना कीमत लोकल मंडी में ग्राहक से वसूल रहे हैं। ।फुटकर मंडी में हो रही इस तरह लूट।तुलनात्मक आंकड़ा थोक और फुटकर मंडी का भाव ।प्रति किलो में फल-भाव थोक - फुटकर में ।संतरा-40 से 50 - 150 से 170।मौसमी-40 से 50 - 90 से 100।सेब- 60 से 65 -180 से 200।अनार-50 से 55 - 120 से 160।नींबू-90 से 100 - 180 से 200।थोक मंडीफल-अप्रैल माह की शुरुआत में ।आज का भाव प्रति क्विंटल रुपये में ।संतरा -3000 से 4000 -4000 से 5000 ।मौसमी -2500 से 3000 -4000 से 5000।सेब-5000 से 6000 -6000 से 6500।अनार-4000 से 5000-5000 से 5500।नींबू -8000 से 9000- 9000 से 10000।आंवला-किन्नू की फसल मार्च माह की शुरुआत के बाद आपूर्ति बंद हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2b14ca426ad161f64a887a4b030877451a08994 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये  हैं मतदान करने के लिए विकल्प।भारत निर्वाचन आयोग का पहचान पत्र, सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र, केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों, स्थानीय निकायों और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी फोटोयुक्त पहचान पत्र, फोटो संपत्ति संबंधी मूल अभिलेख जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकरण डीड आदि, फोटोयुक्त किसान बही, फोटोयुक्त पेंशन अभिलेख, भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन भुगतान आदेश, वृद्धावस्था पेंशन, फोटोयुक्त स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लाइसेंस, फोटोयुक्त दिव्यांगता का प्रमाण पत्र, मनरेगा का फोटोयुक्त कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बीमा स्मार्ट कार्ड। ।यह भी पढ़ें :-।मुरादाबाद के मैनाठेर में गोली मारकर प्रेम‍िका की हत्‍या, प्रेमी ने खुद को भी गोली से उड़ाया।यूपी: मुरादाबाद में लापरवाही की हदें पार, बदल गए शव, कब्र से निकाले गए रामप्रताप, श्‍मशान में सजी नासिर की चिता।Moradabad Coronavirus News : जुकाम-बुखार होने पर कराएं जांच, समस्‍या आने पर कंट्रोल रूम के इन नंबरों पर म‍िलाएं फोन।Moradabad Coronavirus News : आइएमए ने दिया सहयोग, मरीज इन नंबरों पर कॉल कर च‍िक‍ित्‍सकों से लें सलाह।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f676f51e39380c2950221a5d7ebe230953514397 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म मसान एक मल्टीस्टारर फिल्म थी जो 24 जुलाई 2015 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म से ही विक्की कौशल ने बतौर मुख्य अभिनेता डेब्यू किया था। अब फिल्म की रिलीज के छह साल पूरे होने पर विक्की कौशल ने पोस्ट शेयर की है। विक्की कौशल ने इस फिल्म से अपनी एक तस्वीर शेयर की है जिसके साथ उन्होंने फिल्म का छह साल पूरे होने का जश्न मनाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72834.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72834.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae4e8392d3019f0eebdef8a22d91f0c1986e1243 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72834.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तथ्यों की पुष्टि होते ही पुलिस करेगी और गिरफ्तारियां: फर्जी दस्तावेज के जरिये एंबुलेंस का पंजीयन होने की बात सामने आने पर दो अप्रैल को मऊ की डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इसके बाद तीन अप्रैल को मऊ के लिए पुलिस टीम रवाना हो गई थी और वहां उनसे पूछताछ की थी। इसमें टीम को अहम सुराग मिले थे और इसी आधार पर मुकदमे में अन्य के नाम शामिल किए गए और राजनाथ यादव की गिरफ्तारी भी की गई थी। पुलिस को अलका से अभी और राज उगलवाने थे। शायद इसीलिए पुलिस उनकी गिरफ्तारी टाल रही थी। अगर ऐसा नहीं था तो पुलिस पहले दिन ही उनकी गिरफ्तारी कर सकती थी। अलका से पूछताछ में पुलिस को अन्य लोगों के संलिप्तता की भी जानकारी मिली है। पुलिस उनसे संबंधित तथ्यों की गहनता से पड़ताल में जुट गई है। पुष्टि होते ही अन्य की भी गिरफ्तारी की जाएगी। बताया जाता है कि पुलिस टीम को डा अलका राय के फरार होने का अंदेशा था। इसलिए उनकी गिरफ्तारी में शीघ्रता की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9877a36f646c4ad4c4659e9e2dd9bbf6a87d6c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड-19 का संक्रमण एक बार फिर से बढ़ने लगा है। आगरा के सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में बने कोविड हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों का उपचार किया जा रहा है। एक ओर चिकित्सक उन मरीजों का लगातार उपचार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एसएन की किचन विभाग की टीम लगातार इन मरीजों के आहार का ध्यान रख रही है। ।किचन विभाग की डायटीशियन मिनी शर्मा बताती हैं कि कोविड के मरीज वार्ड में अकेले हैं। उनके परिजन उनसे नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में हम प्रयास करते हैं कि उन्हें अच्छा और पोषणयुक्त खाना मिले। इसके लिए हमारी पूरी टीम लगातार काम कर रही है। ।डायटीशियन मिनी बताती हैं कि प्रिंसिपल डॉ. संजय काला और विभाग के नोडल डॉ. बीबी पुष्कर के निर्देशन में मरीजों के लिए खाना बनाकर कोविड वार्ड तक पहुंचाया जा रहा है। सुबह चाय बिस्किट, नाश्ते के बाद दोपहर को खाना दिया जाता है, इसमें दाल, हरी सब्जी, सलाद, चपाती मरीज को दी जाती है। इसके बाद शाम को चाय और रात को खाना दिया जाता है। खाने के साथ में पानी की पैक्ड बोतल भी भेजी जाती हैं। उन्होंने बताया कि जो मरीज खा नहीं सकते हैं, उन्हें चिकित्सक के परामर्श के अनुसार खाना दिया जाता है। जो किडनी के मरीज हैं या अन्य मरीज हैं, उनके लिए दाल का पानी इत्यादि भोजन बनाकर वार्ड तक भिजवाया जाता है। ।मिनी बताती हैं कि हम मरीज के लिए खाना स्वादिष्ट होने के साथ देखने में अच्छा हो ऐसा भी प्रयास करते हैं, ताकि मरीज खुश होकर खाना खाएं। वे बताती हैं कि एसएन की किचन काफी बड़ी है और यहां पर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। यहां पर 24 घंटे काम चलता रहता है। टीम के सदस्य काफी मेहनत कर रहे हैं। कोविड के मरीजों के लिए डिस्पोसेबल बर्तनों में खाना पैक करके भेजा जाता है। इसे थ्री लेयर प्रोटेक्शन के साथ पैक किया जाता है। जब मरीज खाना खा लेते हैं तो इन डिस्पोसेबल बर्तनों को नियमों के अनुसार निस्तारण के लिए भेज दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d98e751d34c657161ab6806948276aa39127512c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72842.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश के तमाम राज्य कोरोना के कहर से परेशान हैं। अस्पतालों में बेड खत्म हो गए हैं, जीवन देने वाली आक्सीजन को लेकर मारामारी मची हुई है। दिल्ली में आइसीयू बेड खत्म हो गए तो लोगों ने एनसीआर का रूख किया, इन समय यहां भी अस्पतालों के बेड भर चुके हैं। सरकार लोगों से शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग करने की गुजारिश कर रही है। कुछ प्रदेशों ने तो ऐसे लोगों पर जुर्माने का भी प्रावधान कर दिया है मगर दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान नेताओं पर इन चीजों का कोई फायदा नहीं हो रहा है। वो अपनी मर्जी से चल रहे हैं। + +उन्होंने कहा था कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के वक्त से ही इसी तरह मेल मिलाप चला आ रहा है। जो बरकरार रहेगा। बाबा टिकैत ने एक नारा दिया था। जिसमें हिंदू कहता था। "अल्लाह हु अकबर " तो मुसलमान कहता था "हर हर महादेव " फिर मुस्लिम कहते थे " हर हर महादेव " तो हिंदू कहते थे "अल्लाह हू अकबर" इतना प्रेम दुनियाँ में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि हमारे साथ एक तरफ साधु संत गेरूवा वस्त्र धारण किए बैठे हैं तो साथ में ही मुस्लिम किसान भाई रोजा खोल रहे हैं। सभी के लिए धर्मों के अनुसार उनके लिए व्यवस्था की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..370d5a86b00f28de6e686744270aadc18f5128ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72845.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बड़े अस्पतालों में हैं केवल ऑक्सीजन के केवल भंडार गृह। दिल्ली के सभी छोटे-बड़े अस्पताल ऑक्सीजन के लिए पूर्णतया बाहरी राज्यों पर ही आश्रित हैं। ऐसे में मांग बढ़ने पर ऑक्सीजन की आपूर्ति ना केवल बाधित होती है बल्कि उसके दाम भी कई गुना बढ़ जाते हैं। बड़े अस्पतालों में भी ऑक्सीजन के केवल भंडार गृह हैं जहां उसे लिक्विड से गैस में बदला जाता है। विडंबना यह कि पिछले साल जब कोरोना महामारी ने भयंकर रूप लिया, तब भी तात्कालिक उपाय करके ही इतिश्री कर ली गई। दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा मजबूत करने की दिशा में तब भी नहीं सोचा गया। + +खतरनाक श्रेणी में नहीं आता ऑक्सीजन प्लांट। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अपर निदेशक डॉ. एसके त्यागी के मुताबिक ऑक्सीजन प्लांट प्रदूषण की खतरनाक श्रेणी में नहीं आता। इस प्लांट में किसी जहरीली गैस के रिसाव होने की भी कोई आशंका नहीं रहती। हालांकि अन्य गैस सिलेंडरों की तरह विस्फोट जरूर हो सकता है, लेकिन उस स्थिति से बचाव के मानक तय हैं। लिहाजा, दिल्ली में अपना कोई आक्सीजन प्लांट नहीं होने की वजह कुछ औैर ही है। + +डॉ. आरएन कालरा (प्रबंध निदेशक, कालरा अस्पताल, कीर्ति नगर) का कहना है कि ऑक्सीजन के बगैर कोई भी अस्पताल चल ही नहीं सकता। यह जानते हुए भी पिछले एक वर्ष में इस बाबत कुछ नहीं किया गया। आज मरीज ही नहीं अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है। दिल्ली में अपना आक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में गंभीरता से काम होना चाहिए। ।डॉ. किरण वालिया (पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली सरकार) का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने सभी अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन की व्यवस्था की थी, लेकिन आक्सीजन प्लांट लगाने के किसी प्रस्ताव या योजना की कोई जानकारी नहीं है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1edd75858ea8db9a377d0ba66583d57796c7b4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि आक्सीजन की कमी के कारण हम लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते। क्या केंद्र सरकार के लिए लोगों की जिंदगी महत्वपूर्ण नहीं हैं। आपको इंडस्ट्री की चिंता है जबकि लोग मर रहे हैं। इससे तो यही लगता है कि सरकार को लोगों की जिंदगी से मतलब नहीं है। हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली नहीं है, हम जानना चाहते हैं कि पूरे देश में आक्सीजन की कमी पर केंद्र सरकार क्या कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1558c1c7a79d88a9ab118713b93b91e0799bd821 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। 27 अप्रैल को हनुमान जयंती का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन राम भक्त हनुमान की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार सनातन धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्‍त हनुमान को संकट मोचक माना गया है। मान्‍यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्‍त को किसी बात का भय नहीं सताता है। उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं। हनुमान जी के जन्‍मोत्‍सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। हनुमान जी की पूजा में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ।हनुमानजी को प्रिय है लाल रंग।श्री बजरंग बली का प्रिय रंग लाल है। ऐसे में पूजा के दौरान उनकी पसंद का पूरा ध्यान रखें। कहने का तात्पर्य श्री हनुमान जी को लाल रंग के फूल, कपड़ें आदि अर्पित करें। श्री हनुमान जी की पूजा काले या सफेद रंग के कपड़े पहनाकर न करें। ऐसा करने पर आपकी पूजा पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी की पूजा में लाल और पीले रंग के कपड़ों का ही प्रयोग करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bef585bb3f415b6ef55fde765cf06fa9cd9ddcd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72856.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या [रघुवरशरण]। कोरोना संकट के चलते रामजन्मोत्सव के मौके पर भले ही गत वर्षें की तरह 20 से 25 लाख श्रद्धालु नहीं होंगे, पर रामनगरी बुधवार को शिखर पर होगी। एक ओर रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पांच हजार करोड़ से अधिक राशि इकट्ठी की जा चुकी है। हजारों करोड़ की राशि और एकत्रित होने का अनुमान है। मंदिर की नींव भी भरी जाने लगी है। 161 फीट ऊंचे शिखर, पांच उप शिखर, पांच एकड़ क्षेत्र में विस्तृत प्रस्तावित मंदिर का परकोटा और संपूर्ण 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में वैदिक सिटी के रूप में विस्तृत कल्चरल कैपिटल ऑफ दी वर्ल्ड के साथ अगले तीस माह में रामनगरी भी समुन्नत हो पूरे वैभव से अभिव्यक्त होगी। + +रामनगरी को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक-आध्यात्मिक नगरी विकसित करने के लिए नगर नियोजन से जुड़ी अंतरराट्रीय ख्याति की संस्थाएं विजन डाक्यूमेंट को अंतिम स्पर्श दे रही हैं। यदि कोरोना संकट बहुत लंबा नहीं खिंचा, तो अगले माह ही विजन डाक्यूमेंट की प्रस्तुति के बाद भव्य रामनगरी के साथ नव्य अयोध्या के निर्माण को गति भी मिलेगी। रामनगरी से जुड़ी संभावनाएं यूं तो 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनते ही प्रशस्त होने लगी थीं। उनकी कैबिनेट के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के रामायण सर्किट एवं रामवनगमन मार्ग को राजमार्ग के रूप में विकसित करने की घोषणा की और इस घोषणा के अनुरूप काम भी अंतिम दौर में है। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ अयोध्या केंद्र ही नहीं प्रदेश सरकार की भी प्राथमिकताओं में भी शीर्ष पर आ गई। प्रत्येक वर्ष दीपोत्सव के माध्यम से अधिकाधिक दीप जलाने का रिकार्ड बनाकर रामनगरी 2018 से ही वैश्विक क्षितिज पर चमक रही है। इस बीच रामनगरी के हिस्से पर्यटन विकास की अनेक महनीय योजनाएं आती रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e7fc748f20d9690e076a68bae733df94f8aab65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72857.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, राजीव शर्मा। देश भर में चूड़ी उत्पादन को लेकर सुहागनगरी के नाम से विख्यात जिला अब आत्मनिर्भरता की नई पटकथा लिख रहा है। गरीबों के लिए अनाज के नाम मिलने वाली मदद के नाम पर जिला मई और जून में अन्न की आपूर्ति के लिहाज से जिला आत्म निर्भर रहेगा। राशनकार्डधारकों जिले में पैदा किए गए का वितरण किया जाएगा। जिले में हुई गेहूं की खरीद के बाद डीएम ने भारतीय खाद्य निगम को दो महीने खाद्यान्न की रेक न भेजने के लिए पत्र लिखा है। + +राशनकार्ड धारकों को हर महीने प्रति यूनिट (व्यक्ति) तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल को वितरण किया जाता है। वहीं अंत्योदय कार्डों पर 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल मिलता है। इस खाद्यान्न की आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा की जाती है। निगम हर महीने जरूरत के हिसाब से गेहूं और चावल की रेक दूसरे प्रांतों से भेजता है। इसके बाद इसे राशन की दुकानों पर भेजा जाता है। इन दिनों गेहूं की खरीद चल रही है। प्रशासन ने 63 क्रय केंद्र खोले हैं। जिन पर लगातार खरीद हो रही है। इस गेहूं का एफसीआइ के गोदामों में पहुंचाने का काम भी शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में गोदामों में जगह की कमी न हो इसके लिए डीएम चंद्र विजय सिंह ने एफसीआइ को 15 जून तक रेक न भेजने के लिए पत्र लिखा था। इस पर एफसीआइ ने सहमति जता दी है। इसलिए मई में राशनकार्डधारकों को गोदामों में पहले से मौजूद स्टाक के साथ जिले के किसानों से खरीदे गए गेहूं का वितरण किया जाएगा। इसका उठान शुरू हो गया है। जून में पूरी तरह जिले के गेहूं का वितरण होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8c37310502d619bbc783dbd392430bb9c87f9f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + बेटों की हत्‍या पर लड़ी न्‍याय की कठिन जंग ।बिहार के सिवान जिले के प्रतापपुर गांव की पहचान मो. शहाबुद्दीन से होती है। कहना नहीं होगा कि यह शहाबुद्दीन का गांव है। यहीं पर 16 अगस्त 2004 की रात सिवान के चर्चित व्‍यवसायी चंदा बाबू के दो बेटों की तेजाब से नहलाकर हत्‍या शहाबुद्दीन के आदेश पर कर दी गई थी। दोनों की तड़प-तड़पकर मौत के बाद शवों को टुकड़ों में काटकर बोरियों में भर ठिकाने लगा दिया गया। घटना को दोनों मृतकों का तीसरा भाई दूर से छिपकर देख रहा था। अपराधी उसे भी पकड़कर लाए थे, लेकिन वह किसी तरह भागने में सफल रहा था। घटना के बाद जब वह छिपते-छिपाते हुए घर पहुंचा, तब लोगों को इसकी जानकारी मिली। इसके बाद चंदा बाबू ने बहादुरी के साथ किसी भी धमकी की परवाह किए बगैर न्‍याय की जंग लड़ी और शहाबुद्दीन को उसके अंजाम तक पहुंचाया। हालांकि, इस दौरान घटना के गवाह उनके तीसरे बेटे की भी हत्‍या कर दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7571ff7cd1da103a52caad14e35eeb1f50b5c5f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांच चरणों के मतदान से लेकर अब तक मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ही नहीं उनके पार्टी नेताओं की जो प्रतिक्रिया आई है वह यह बताने को काफी है कि उनकी नजर में आयोग क्या है। वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2011 का विधानसभा चुनाव। यही ममता बनर्जी चुनाव आयोग की प्रशंसा में कसीदे पढ़ा करती थीं। आयोग के हर कदम का पलक पांवड़े बिछा कर स्वागत करती थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72861.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72861.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39c2e4e41b45f711b60b75ff6b37ecdfd05644f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72861.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +निरसा, जेएनएन। एक और जहां आज का युवा वर्ग खेती किसानी से दूर होकर दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी का काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर निरसा के रिंकू कुमार साव ने अपना खेत ना होते हुए भी लीज पर जमीन लेकर सब्जी की खेती कर अपना एवं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं। पिछले वर्ष से उन्होंने परवल उर्फ पटल की खेती शुरू की है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस वर्ष कम से कम 4 क्विंटल अटल का उत्पादन हो जाएगा। जिसके कारण उन्हें लागत से  दुगनी आमदनी हो जाएगी। स्ट्रॉबरी की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा चुके हैं। स्ट्रॉबेरी की खेती धनबाद कोयलांचल में किसी कमाल से कम नहीं। कोयला खदान वाले इलाके में स्ट्रॉबेरी की खेती सुनकर हर कोई चकित हो जाता है। + +यहां से मिली खेती करने की प्रेरणा।रिंकू कुमार साव ने बताया कि वे दूरदर्शन के चैनल डीडी किसान  देखकर खेती करने के लिए प्रेरित हुए। हालांकि, उनके पास खेती के लिए अपनी जमीन नहीं थी। परंतु चैनल के माध्यम से उन्हें पता चला कि जमीन लीज पर लेकर खेती की जा सकती है। वर्ष 2016 में उन्होंने खुशरी पंचायत के किसानों से 6 एकड़ जमीन लीज पर लेकर सब्जी की खेती शुरू की।  किसान खरीफ फसल के बाद जमीन खाली छोड़ देते से और मजदूरी का काम करते थे।रिंकू कुमार साव का निरसा चौक पर चर्चित मिठाई एवं छोले भटूरे की दुकान है।  कॉमर्स से ग्रेजुएट करने के बाद अपनी दुकान में अपने पिताजी एवं बड़े भाई का सहयोग करते थे। परंतु उनके मन में हमेशा से खेती किसानी करने की लालसा लगी रहती थी  जिसे उन्होंने वर्ष 2016 से मूर्त रूप दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d03fa5972ffe84139cc0e8d012e57c5b5634494f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72863.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अश्विनी, पटना। जिंदगी फरियाद कर रही है, पर कौन सुने? उम्मीद बंधाते दो शब्द सुने बिना इस समाज, इस देश का कोई नागरिक अंतिम यात्रा पर निकल पड़ता है। जहां जिंदगी की उम्मीद है, उस दर से निराश होकर। यह बताते हुए कि साहब! हमें वाकई मदद की जरूरत थी। दृश्य यही है। लोग यहां से वहां दौड़ रहे हैं। आरजू-मिन्नत कर रहे। आपदा का समय है, पर कुछ के लिए अवसर भी। यह कहने में कोई गुरेज नहीं, अन्यथा पांच-छह किलोमीटर तक जाने को एक एंबुलेंस के भाड़े की शुरुआत छह हजार रुपये से क्यों हो? कभी फाइव स्टार में नहीं ठहरे तो यह आपदा वह अवसर भी दे रही है। इलाज के लिए पंद्रह-बीस हजार के कमरे से शुरुआत। और क्या चाहिए? पैकेज पर पैकेज है। ठीक वैसे ही, जैसे खरीदारी हो या कोई समारोह। इस आपदा को अवसर बनाने वालों पर नकेल कसना जरूरी है। + +अस्‍पताल से श्‍मशान तक हर जगह है आफत । सरकारी अस्पताल फुल। नो वैकेंसी का पर्चा चिपका हुआ। मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। कहां जाए आम आदमी? खुद को आने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार करता हुआ। मनहूस घड़ी भी आ जाती है, पर अभी अंत यहीं पर नहीं। यह तो अंतिम स्थल तक पीछा नहीं छोड़ने वाली। वहां तक के लिए भी जेब ठीक-ठाक ढीली करनी ही होगी। कदम-कदम पर ऐसे ही हालात से जूझते उस समाज के लोग, जहां आफत-विपत में एक दूसरे के लिए दौड़ पडऩे का संस्कार रहा हो। जैसे कहीं गुम हो गया हो। यहां तो बाजार में जिंदगी की कीमत तय हो रही। कोरोना ने भाव कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d9abd792c0af3efeffb1fad20e601928b3afae6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72864.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Coronavirus: कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तरीके से बढ़ रहा है उस हिसाब से गंभीर मरीजों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है। किसी बीमारी से पीड़ित मरीजों को बचा पाना मुश्किल हो रहा है। वायरस का संक्रमण होने पर उन्हें सीधे वेंटिलेटर पर डालना पड़ रहा है। जिनको वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है उनकी मौत हो जा रही है। हम आपको बताते हैं कि आखिर वायरस से संक्रमित मरीज को वेंटिलेटर पर क्यों डालना पड़ रहा है। क्या है इसके पीछे का कारण। + +दरअसल कोरोना वायरस शरीर सीधे मनुष्य की श्वसन प्रणाली पर हमला करता है। कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों में देखा जा रहा है कि वायरस फेफड़ों के इतने अंदर बैठा जाता है कि मरीज के लिए सांस लेना ही मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जल्द से जल्द वेंटिलेटर लगाने की जरूरत पड़ती है। समस्या तब शुरू होती है जब मरीजों की संख्या वेंटिलेटर से ज्यादा हो जाए। दुनिया के विकसित देश भी इस वक्त इस समस्या से जूझ रहे हैं। वायरस के पहले चरण में कुछ देशों में तो डॉक्टरों ने यहां तक तय कर लिया था कि कोरोना से संक्रमित किन मरीजों को वेंटिलेटर लगाना है और किन्हें नहीं, उसके बाद ही कुछ काबू पाया जा सका था। ।कैसे काम करता हैं वेंटिलेटर?।फेफड़े जब काम करना बंद कर देते हैं तब शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और ना ही शरीर के अंदर मौजूद कार्बन डायऑक्साइड बाहर निकल पाती है। ऐसे में कुछ ही देर में दिल भी काम करना बंद कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है। ।वेंटिलेटर के जरिए शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। यह ऑक्सीजन फेफड़ों में वहां पहुंचती है जहां बीमारी के कारण तरल पदार्थ भर चुका होता है। आधुनिक वेंटिलेटर मरीज की जरूरतों के हिसाब से शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। पीसीवी यानी प्रेशर कंट्रोल्ड वेंटिलेटर सांस की नली और फेफड़ों की कोशिकाओं के बीच कुछ इस तरह से दबाव बनाते हैं कि शरीर में ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन पहुंच सके। जैसे ही सही प्रेशर बनता है शरीर से कार्बन डायऑक्साइड निकलने लगती है, इस तरह से वेंटिलेटर की मदद से इंसान सांस लेने लगता है। ।वेंटिलेटर लगे मरीज का हाल ।वेंटिलेटर अलग अलग तरह के होते हैं। नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन में नाक और मुंह को ढंकता हुआ एक मास्क लगाया जाता है जो सांस लेने में मदद करता है। इंवेसीज वेंटिलेशन जिसे इंट्यूबेशन भी कहा जाता है में नाक या मुंह के जरिए एक ट्यूब को सांस की नली यानी विंड पाइप में डाला जाता है। अगर मरीज की हालत बहुत ज्यादा खराब हो तो ट्रेकिआटमी का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें गले में एक छोटा सा सुराख कर ऑक्सीजन वाली ट्यूब को सीधे विंड पाइप में डाला जाता है। जिस मरीज को वेंटिलेटर लगा हो वह ना बोल सकता है, ना कुछ खा सकता है। एक अलग ट्यूब के जरिए उसके शरीर में ग्लूकोस पहुंचाया जाता है। ।वेंटिलेटर की इतनी कमी क्यों है?।कोरोना वायरस का जिस तरह से संक्रमण पूरी दुनिया में फैला हो उसको देखते हुए इन दिनों पूरी दुनिया में वेंटिलर की किल्लत हैं। कम समय में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाना विकसित देशों के लिए भी मुश्किल हुआ है। एक हाय परफॉर्मेंस वेंटिलेटर की कीमत यूरोप में 50,000 यूरो तक होती है यानी करीब 40 लाख रुपये। ऐसी गिनी चुनी कंपनियां हैं जो इस तरह के अत्याधुनिक वेंटिलेटर बनाती हैं जो कृत्रिम फेफड़े की तरह काम करने में सक्षम हैं। हालांकि इन कंपनियों ने इस बीच तेजी से वेंटिलेटर का उत्पादन शुरू कर दिया है लेकिन यह अभी भी काफी नहीं है। ।वेंटिलेटर बढ़ जाना समस्या का समाधान नहीं ।अगर भारी मात्रा में वेंटिलेटर मिल भी जाएं तो भी समस्या खत्म नहीं होगी क्योंकि अस्पताल का हर स्टाफ इन पेचीदा वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं जानता है। ऐसे में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी भी एक मुद्दा बन जाएगी। 2010 के आंकड़ों के मुताबिक इटली में एक लाख पर महज 12.5 इंटेंसिव केयर बेड थे। हालांकि कोरोना संकट के शुरू होने के बाद इनकी तादाद को बहुत तेजी से बढ़ाया गया है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fecb0f0d78a9ab3bd98e4b47c3184c81ead84b0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72866.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फर्रुखाबाद, जेएनएन। National Civil Services Day 2021 युवा आइएएस मुख्य विकास अधिकारी एम अरुन्मोली ने जिला पंचायत परिसर में बने कोविड कमांड सेंटर से ही कोरोना के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। सूचना प्रौद्योगिकी में बीटेक कर चुकी सीडीओ ने कमांड सेंटर में कार्य कर रहे कंप्यूटर ऑपरेटर्स के लिए चिकित्सकों के पैनल से विचार-विमर्श कर विशेष क्वेश्चनायर भी तैयार किया है। प्रतिदिन 500 मरीजों से फोन पर बात कर उनका डाटा एकत्र किया जा रहा है। इसके अलावा पंचायत चुनाव में कार्मिक प्रभारी की व्यस्तता के बीच समय निकाल कर वह क्वारंटाइन सेंटरों की मॉनीटरिंग भी कर रही हैं। + +कौन हैं अरुन्मोली: तामिलनाडु राज्य की मूल निवासी एम अरुन्मोली उत्तर प्रदेश कैडर की वर्ष 2017 बैच की सीधी भर्ती की आइएएस अधिकारी हैं। वह आईटी से बीटेक पास हैं। सीडीओ के तौर पर उनका यह पहला चार्ज है। विगत माह ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया है। इसके बावजूद उन्होंने आते ही विकास विभाग के योजनाओं पर नकेल कस दी है। कोरोना संक्रमण बढ़ते ही उन्होंने अपना फोकस कोविड कमांड सेंटर पर बढ़ा दिया। उनकी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड का लाभ भी सेंटर को मिल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecf38007ef168810d795cd05f5139f37476a6207 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें :-।यूपी के मुरादाबाद में शवों की अदला-बदली, कब्र से न‍िकलवाया ह‍िंंदू समुदाय के बुजुर्ग का शव, श्‍मशान में सज गई नासिर की च‍िता।Moradabad Coronavirus News : सिटी मजिस्ट्रेट, दो सरकारी डॉक्टर समेत 412 कोरोना संक्रमित, पांच की मौत।Moradabad Weather : तीन द‍िन तक खराब रह सकता है मौसम, हो सकती है बारिश, छाए रहेंगे बादल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a32e8b29fdaa466258e6c58e903bce2e5a3e680b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72871.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सरकार और जनता दोनों ही स्तर पर परिस्थितियों को समझने में चूक हुई है। पहली लहर के कमजोर होने के बाद स्कूल, कालेज खुल गए। शादी समारोहों में भी लोग बिना रोक टोक शामिल होने लगे। बस, ट्रेन व मेट्रो में भीड़ बढ़ती गई। इसी बीच म्यूटेंट वायरस आ गया। इससे संक्रमण तेजी से फैलने लगा। लोगों की लापरवाही के बीच वायरस को फैलने का भरपूर मौका मिला। अब यह वायरस इतना आक्रामक हो गया है कि एक कोरोना संक्रमित 10 लोगों को संक्रमित कर रहा है, जबकि अक्टूबर और नवंबर में संक्रमण के दौरान एक व्यक्ति से दो लोगों में ही संक्रमण फैल रहा था। + +बरतनी होगी ज्यादा सावधानी: कोरोना संक्रमितों की दिनोदिन बढ़ रही संख्या से स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं। अब लोगों को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्हें खुद ही सावधानी बरतनी होगी। मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी का भी पालन करना होगा। यदि सांस लेने में परेशानी हो रही है तो पेट के बल लेट कर लंबी-लंबी सांस लें। उससे शरीर में आक्सीजन की मात्र बढ़ जाती है। हर घंटे एक मिनट तक ऐसा करने से शरीर में आक्सीजन की मात्र बनी रहेगी। यदि आक्सीजन सेचुरेशन 85 है उनमें भी आक्सीजन का स्तर सामान्य स्तर पर पहुंच सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca6b28737259c7e0cc5e4526cb293681f7c566f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। वायु प्रदूषण के चलते प्रत्येक वित्तीय वर्ष में भारतीय व्यापार जगत को करीब 95 अरब अमेरिकी डालर (7 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान उठाना पड़ता है। जो देश की कुल जीडीपी का लगभग तीन फीसद है। यह नुकसान सालाना कर संग्रह के 50 फीसद के बराबर है और भारत के स्वास्थ्य बजट का डेढ़ गुना है। यह निष्कर्ष है उस शोध रिपोर्ट का जो डलबर्ग एडवाइजर्स ने क्लीन एयर फंड और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के सहयोग से तैयार की है। यह रिपोर्ट वायु प्रदूषण के भारी आर्थिक नुकसान के साथ-साथ स्वास्थ्य पर इसके विनाशकारी प्रभावों को सामने रखते हुए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल सक्रिय होने पर जोर देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1dcca9f73d5085b4a3f5a2885a709bfeb80def5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना की दूसरी लहर में नए मामलों में बड़ी तेजी के साथ देश भर में अस्पतालों में बाढ़ आ गई है। प्रमुख शहर, जिनमें तुलनात्मक रूप से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है और कोरोना की जांच का दबाव का सामना करने में असमर्थ हैं। बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और ड्रग्स की कमी के बारे में शिकायत करने वाले लोगों और हेल्पलाइन नंबरों को प्रसारित करने वाले नागरिक समूहों और स्वयंसेवा समर्थन करने वालों सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bacbf10b2414a6391bd13acc4722c0cad28da063 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चित्रकूट, [हेमराज कश्यप]। Ram Navami 2021 यूपी-एमपी की सीमा पर बसी प्रभु श्रीराम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट का बड़ा महात्म्य है। यहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे और रज में उनकी स्मृतियां जीवंत हैं। मान्यता है कि चित्रकूट से वनवास के लिए प्रभु आगे चले तो कामदगिरि ने खुद को लेकर सवाल किया कि हमारा क्या होगा तब प्रभु ने कहा था कि मैं सदैव तुम्हारे साथ रहूंगा। यहां श्रद्धालु कामतानाथ जी के रूप में प्रभु श्रीराम के दर्शन करने आते हैं। देश को कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान के साथ भगवान कामतानाथ के दर पर मत्था टेकते हैं। भगवान कामतानाथ के दरबार में करीब सात दशक से स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन का अधिकार निश्शुल्क मिल रहा है और पर्यावरण संरक्षण की भी अलख जगाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfb34dfd1b924e0145671a9acf6622333f8b2a14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसमें दो राय नहीं कि 10वीं के छात्रों को कक्षा 11 में प्रमोट कर देने के कुछ नुकसान भी होंगे। मसलन 11वीं में विज्ञान, कला और वाणिज्य विधा का आधार अभी तय नहीं हो पाएगा। शिक्षकों के फेवरेटिज्म का खतरा भी रहेगा। इस बात में भी सच्चाई है कि परीक्षाओं के रद करने से उन मेहनतकश विद्याíथयों को जरूर निराशा हुई होगी जिन्होंने अच्छे अंक लाने के लिए दिन रात पिछले एक साल से मेहनत की थी। लेकिन सरकार की चिंता भी जायज है कि परीक्षाओं के लिए बच्चों के जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता। बच्चे देश का भविष्य हैं और देश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56f01be91a30df6199b116107d5cf766576c744b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [तेजप्रकाश सैनी]। Plasma donation initiative in Moradabad : कोरोना संक्रमण फिर से फैल रहा है। इससे कोरोना संक्रमितों को प्लाज्मा की जरूरत तेजी से पड़ने लगी है। कोरोना संक्रमितों की किसी भी तरह जान बच जाए, इसके लिए कोरोना संक्रम‍ित रह चुके लोग भी आगे आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण झेलने के बाद अब वेे बिल्कुल ठीक हो चुके हैं। वह इस मुसीबत को भली प्रकार से जानते हैं और दूसरे कोरोना संक्रमितों को प्लाज्मा दान करके उनकी जान बचा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbdc5746ad29594c625badf0f63b95ea865dd746 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72889.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्पुतनिक वी की वैश्विक कीमत 740 रुपये प्रति डोज।इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन (ईयूए) के तहत भारत बायोटेक ने दूसरे देशों की सरकारों को कोवैक्सीन की सप्लाई 1100-1500 रुपये प्रति डोज के हिसाब से की है। मंगलवार को स्पुतनिक वी वैक्सीन का आयात करने वाली डा.रेड्डी लेबोरेटोरिज की तरफ से बताया कि वैक्सीन की कीमत पर बातचीत जारी है। वैसे स्पुतनिक वी की वैश्विक कीमत 740 रुपये प्रति डोज चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72890.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2601d0640ab954006d3c643013ba03cbae9f6f99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य लॉकडाउन को अंतिम विकल्प समझें।पीएम मोदी ने कहा कि देश में जागरूकता से लॉकडाउन से बचने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना है। राज्य सरकारें भी लॉकडाउन को अंतिम विकल्प समझें। पीएम मोदी ने बच्चों से आग्रह किया कि मेरे बाल मित्रों घर में ऐसा माहौल बनाइए कि बिना काम और बिना जरूरी कारण लोग अपने घरों से बाहर ना निकलें। देश को लॉकडाउन से बचाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d43205bf9e78b37d629297baa57f2ae3a0c79cee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेमडेसिवीर का वहीं हाल है जैसे वायरल फीवर में एंटीबायोटिक खाओ तो सात दिन में ठीक न खाओ तो भी सात दिन में ठीक.........एआरडीएस रोकने में इसकी कोई भूमिका नहीं है। रिसर्च सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसिया एंड क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के सचिव और  संजय गांधी पीजीआइ  के आईसीयू एक्पर्ट प्रो, संदीप साहू ने साफ शब्दों में कहा कि रेमेडिसवीर के पीछे भागने से कोई फायदा नहीं है। डॉक्टर भी तीमारदार को इसके पीछे भागने के रोकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb11604a9e7b3e958b5e9f57c6335bfb2f7dca09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72897.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway Employees Old Pension Scheme Facility application : नए कर्मचारी भी अब पुरानी पेंशन स्‍कीम में शामिल हो सकेंगे। सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल होने के ल‍िए इच्छुक कर्मियों को 31 मई तक आवेदन करने के ल‍िए कहा है। इस योजना से रेल मंडल के दो हजार से अधिक कर्मियों को लाभ मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2721ff08b1664863fa7ead7f532abc63839daf20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस प्रक्रिया में दोपहर एक से शाम पांच बज गए। जब शव गुलाला घाट पहुंचा तो तब यहियागंज पुलिस चौकी और निजी लोगों को फोन मदद करने के लिए आने लगे पहुंचे लेकिन इसके लिए जिम्मेदार सीएमओ की टीम संवेदनहीन बनी रही। मृत अनिल के रिश्तेदार आदित्य रस्तोगी का कहना है कि शव ले जाने के लिए नगर निगम कंट्रोल रूम फोन किया तो वहां से कोविड कंट्रोल रूम का नंबर दिया गया, जहां पर कंट्रोल रूम ऋतु सुहास के बात हुई तो उन्होंने डिटेल भेजने को कहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ डीएम दफ्तर फोन करने पर वहां से दो नंबर दिए गए, जो रिसीव नहीं हो रहे थे। आखिरकार खुद से ही इंतजाम करना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23fc2dda9a0e19f4c4fb54103ccfa73e431ef0ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72900.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अफगानिस्तान से तनातनी और युद्ध 2001 में शुरू हुआ था और वहां पर अमेरिकी सेना 19 साल छह माह से है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अफगानिस्तान युद्ध पर अक्टूबर 2001 से सितंबर 2019 के बीच 778 अरब डॉलर खर्च हुए हैं। वहीं, अगर वियतनाम युद्ध की बात करें तो वह 10 साल दो माह चला। वियतनाम युद्ध में अमेरिका की असल भूमिका 9 फरवरी 1965 से शुरू हुई, जब उसने अपनी सेना वियतनाम भेजी। कॉर्प्स हॉक लड़ाकू मिसाइल को डा नांग स्थित अमेरिकी एयरबेस की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय जगत ने पहली बार वियतनाम में अमेरिकी दखल की तरह लिया था। राष्ट्रवादी ताकतों (उत्तरी वियतनाम) का मकसद देश को कम्युनिस्ट राष्ट्र बनाना था। + +अमेरिका-इराक युद्ध 2003 में शुरू हुआ। इसके बाद अमेरिका और इराक के बीच की तनातनी चलती रही। इराक में अमेरिकी सेना का दखल 2012 तक रहा। यह युद्ध करीब 8 साल नौ माह तक चला। अमेरिकी राष्ट्रपति बुश ने युद्ध की शुरुआत की थी। यही वह दौर था, जब आदेश के साथ ही अमेरिकी नौ सेना की क्रूज मिसाइलों ने इराक की राजधानी बगदाद में कई जगहों पर हमले किए। बगदाद शहर बम और हवाई हमलों की आवाज से गूंज रहा था और इसके साथ ही सद्दाम हुसैन के लंबे शासन का अंत होने जा रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..520f65e89f994d5a9e7d13e6131f460c5d690f1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह खबर जागरण में सचित्र प्रकाशित होने के बाद से ही इंटरनेट मीडिया में गम और गुस्‍से का प्रतीक बन गई है। बेबस मां के कदमों में दम तोड़े बेटा वाहन में हाथ लटकाए मृत पड़ा है और मां के कदमों में बेटे का यह शव देखकर हर आने जाने वाले के कलेजे को संवेदनाओं से भर दे रहा था। दरअसल कोरोना से मौत के बढ़ते आंकड़ों के बीच लोग दूसरी बीमारियों के बारे में चर्चा करना भी भूल गए हैं। किडनी की समस्‍या से ग्रस्‍त युवक को लेकर बनारस में बेहतर इलाज के लिए जवान बेटे को लेकर भटकते भटकते मां के आंसू ही मानो सूख चले थे। जाने धरती के भगवान को फर्क पड़ रहा है या नहीं मगर आपको कोरोना के अलावा कोई अन्‍य बीमारी हो तो अस्‍पताल में कोई राहत नहीं मिलनी। अस्‍पताल में पहली बात तो बेड ही नहीं। दूसरे जगह है भी तो मरीज का आरटीपीसीआर टेस्‍ट रिपोर्ट आने के बाद ही इंट्री मिल रही है। उसपर भी टेस्‍ट रिपोर्ट सप्‍ताह भर बाद तक मिलने तक लोगों की हालत और भी खराब हो जा रही है। ।मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी की यह तस्‍वीर इंटरनेट मीडिया पर गम और गुस्‍से का प्रतीक बन गई है। लोगों की जुबान पर व्‍यवस्‍था के खिलाफ रोष है तो मां के कदमों में पड़ी बुढ़ापे की बेजान लाठी की खामोश आवाज को इंटरनेट मीडिया एक स्‍वर में गम और गुस्‍से के जरिए आवाज दे रहा हैै। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55b86101949a294fdeb273d5b10120e84890ce33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72905.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़। कोविड-19 के दौर में इंसान की जीवन शैली से लेकर दिनचर्या तक सब बदली है। मगर अब कोरोना ने प्रदेशस्तर व राष्ट्रस्तर पर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप के आयोजन के तरीके में भी बदलाव कर दिया है। यह बदलाव एथलीट्स के लिए फायदेमंद भी रहेगा। नई व्यवस्था के तहत देशभर में किसी भी स्टेट के नाम से प्रतियोगिता तो एक ही होगी लेकिन इसके इवेंट अलग-अलग जिलों में होंगे। कोरोना काल में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए ये कदम उठाया गया है। अलग-अलग जिलों में इवेंट होंगे तो एक साथ एथलीट की भारी भीड़ नहीं जुटेगी। + +खिलाड़ियों के बोल ।अलग-अलग जिलों मेें इवेंट कराने से खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा। दूसरे जिले मेें कोरोना काल में ज्यादा दिन रुकने व ठहरने की समस्या खत्म होगी। इससे खेल पर भी फोकस हो सकेगा। ।लोकेश कुमार बघेल, 800 मीटर दौड़ ।अलग-अलग इवेंट अलग-अलग जिलों मेें बांटकर कराने से संक्रमण फैलने का खतरा कम होगा। साथ ही खिलाड़ियों को भी राहत देने वाला फैसला है। अभिभावकों की टेंशन भी दूर होगी। ।भूपेश यादव, लंबी कूद।कोरोना काल में इस फैसले से सभी काे फायदा होगा। खासतौर से बालिका खिलाड़ियों के लिए काफी राहत भरा फैसला है। आस-पास जिले में जाने की दिक्कत भी नहीं होगी।  ।आलिया राशिद, 200 मी. दौड़ (एएमयू)।एथलेटिक्स के अलग-अलग इवेंट्स अलग जिलों में कराने से निश्चित ही एथलीट्स को फायदा होगा। कोरोना काल मेें खिलाड़ी हित में लिया गया शानदार फैसला है। परिजनों को भी टेंशन नहीं होगी। ।पूर्णिमा शर्मा, 3000 मी. दौड़ ।इनका कहना है।कोरोना काल में संक्रमण न फैले, खिलाड़ियों को नुकसान न हो इसलिए चैंपियनशिप के इवेंट्स को अलग-अलग हिस्सों में कराने के फैसले पर मुहर लगाई है। सभी स्टेट व जिलों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f31344453c0c8f2017b54304a7227f51cfbf8b85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पश्चिम विहार स्थित एक्शन बालाजी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील सुंबली ने 19 अप्रैल की रात करीब 11. 30 बजे पुलिस को सूचित किया कि अस्पताल में आक्सीजन सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अभी यहां 235 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं जिनके लिए आक्सीजन की आपूर्ति थोड़ी देर बाद कम पड़नी शुरू हो जाएगी। समस्या को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन की ओर से 14 हजार लीटर आक्सीजन की खेप ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद से आनी है। यह खेप टैंकर से लाया जा रहा है। ।लेकिन ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद से आने वाली यह खेप दिल्ली के बार्डर पर फंसा है। यदि यह खेप नहीं पहुंची तो दिक्कत होगी। इस सूचना के मिलते ही अधिकारी फौरन सक्रिय हुए। इसके बाद पुलिस की दो टीमें दिल्ली नोएडा व दिल्ली फरीदाबाद बार्डर पर भेजी गई। खेप अस्पताल तक तुरंत पहुंचे इसके लिए यह सुनिश्चित किया गया कि रास्ते में इसे कहीं नहीं रोका जाए। पुलिस ने इसके बाद दोनो मार्गों पर ग्रीन कारीडोर बनाकर टैंकरों को अस्पताल तक पहुचांया। ।आक्सीजन की कमी को तत्काल दूर करने के इरादे से बाहरी जिला पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त सुधांशु धामा ने अलग अलग अस्पतालों से संपर्क कर आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करना शुरू किया। पुलिस ने अलग अलग अस्पतालों से संपर्क कर 40 आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर अस्पताल पहुंचाया ताकि जरूरत पड़ने पर इनका भी इस्तेमाल किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e36ea53993a861f166bcf588c531e093f53c9530 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72913.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देहरादून, कुशल कोठियाल। Haridwar Kumbh 2021 सनातन परंपरा का सवरेत्कृष्ट आयोजन कुंभ इस बार कोरोना महामारी के बीच भी वैभव और सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ संपन्नता की ओर अग्रसर है। आगामी 27 अप्रैल को चैत्र पूíणमा पर होने वाले शाही स्नान में बैरागी, उदासीन और निर्मल अखाड़े कोरोना गाइडलाइन के प्रति कटिबद्धता के साथ स्नान करेंगे। बाकी अखाड़े इस स्नान में प्रतीकात्मक भागीदारी करेंगे। अन्य राज्यों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं से संत समाज ने स्वयं ही न आने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद ज्यादातर अखाड़ों ने इस संबंध में सकारात्मक रुख दिखाते हुए अपने-अपने स्तर पर कुंभ विसर्जन की घोषणा करने के साथ ही अंतिम शाही स्नान में प्रतीकात्मक रूप से भागीदारी करने पर सहमति प्रकट जताई। संत समाज की यह सहिष्णुता और संवेदनशीलता निश्चित ही सनातन धर्म की स्वीकार्यता में वृद्धि करने वाली है। + +देश का प्रधानमंत्री संतों से वर्तमान हालात के दृष्टिगत आग्रह करे और संत समाज अपनी महान परंपरा को जनहित में प्रतीकात्मक करने पर सहमत हो जाए, सत्ता और संत समाज के बीच जनहित में यह सहयोगात्मक निर्णय सनातनी परंपरा में आगे भी याद किया जाता रहेगा। विभिन्न अखाड़ों के प्रमुखों की आम जन से कुंभ में स्नान के लिए हरिद्वार न आने का आह्वान का आम जन ने भी त्वरित अनुपालन किया। जो हरिद्वार में थे और उनमें से अधिकांश अपने-अपने गंतव्यों को लौट गए। आने वालों की संख्या कम है। जो कुछ आ भी रहे हैं वे भी कोविड गाइडलाइन के सख्त अनुपालन के साथ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5abd6e01186e15fd6bf6689adea35e05107df580 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 130 करोड़ भारतवासी उनका परिवार है और यहां रहने वाले सब भाई-बंधु हैं। इसलिए सेवा की जरूरत जिसे सबसे अधिक है उसके लिए मदद बिना किसी भेदभाव के वहां सबसे पहले पहुंचनी चाहिए। उनका स्पष्ट मानना है कि सेवा करते समय हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि सभी मनुष्य समान हैं। वह इसलिए, क्योंकि प्रत्येक मनुष्य में वही ईश्वर तत्व समान रूप से व्याप्त है। इस सच को ऋषियों, मुनियों, संतगुरुओं और समाज सुधारकों ने भी अपने अनुभव और आचरण के माध्यम से पुष्ट किया है। यहां इस सच को कहने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि इस श्रेष्ठ चिंतन के आधार पर जब-जब हमारी सामाजिक व्यवस्थाएं और हमारे दैनिक जीवन में श्रेष्ठ आचरण का संरक्षण रहा, तब तब भारत एकात्म, समृद्ध और अजेय राष्ट्र रहा। दूसरी ओर जब-जब हमारे इस श्रेष्ठ जीवन के दर्शन का हमारे व्यवहार में क्षरण हुआ, तब तब समाज पतन की ओर गया। जाति के आधार पर ऊंच-नीच की भावना बढ़ी तथा अस्पृश्यता जैसी अमानवीय कुप्रथा का विस्तार हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74df77f65b8c753234ae65d615d41d8dc2685635 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। चैत्र नवरात्र में मंगलवार को दुर्गा अष्टमी का मनाई जा रही है। 19 अप्रैल को रात्रि 12 बजकर एक मिनट के बाद अष्टमी तिथि शुरू हो गई है। जबकि 20 अप्रैल को रात्रि 12 बजकर 43 मिनट से नवमी तिथि का आरंभ होगा। पंडित चंद्रेश कौशिक ने बताया कि इस बार चैत्र नवरात्र किसी भी तिथि का ह्रास न होने के कारण पूर्ण रूप से मनाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fc5028f4503a94867ad7aaf868b5e5f5b494f74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, कोलकाता। उत्तर 24 परगना की बैरकपुर विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या का मामला उसकी राह में कांटा बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ पार्टी में असंतोष भी उसे परेशान कर रखा है। इस सीट पर भाजपा ने मनीष शुक्ला के पिता डा. चंद्रमणि शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। बताते चलें कि गत वर्ष अक्टूबर में उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ पुलिस स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या गोली मार कर कर दी गई थी। हत्या का आरोप तृणमूल समर्थित बदमाशों पर लगा है। ।बुलेट का जवाब बैलेट से देगी जनता चंद्रमणि शुक्ला: मनीष शुक्ला के पिता डा. चंद्रमणि शुक्ला का कहना है कि बैरकपुर की जनता इस बार बुलेट का जवाब बैलेट से देगी। उनका दावा है कि मनीष शुक्ला की हत्या का मामला इस बार के चुनाव पर असर डालेगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैरकपुर में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या के बाद उनके पिता के राजनीति में आने के साथ मनीष के समर्थकों का बड़ा समर्थन उन्हें मिल रहा था। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा इस घटना को भुनाने कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती। इसी लिए मनीष शुक्ला के पिता डा.चंद्रमणि शुक्ला को ही पार्टी ने बैरकपुर सीट पर उम्मीदवार बनाया है। ।पार्टी में असंतोष तृणमूल के लिए बना गले की हड्डी: बैरकपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस ने जाने-माने फिल्म निर्देशक राज चक्रवर्ती को उम्मीदवार बनाया है। पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र में कई जगहों पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बाहरी उम्मीदवार बताकर राज चक्रवर्ती के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं राज चक्रवर्ती को हराने का षड्यंत्र पार्टी के अंदर के लोग ही कर रहे हैं। यह आरोप बैरकपुर शहर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप घोष ने लगाया। साथी ही उन्होंने बिना किसी का नाम लिए अपनी ही पार्टी के नेतृत्व पर नाराजगी जाहिर की है। ।बैरकपुर विधानसभा चुनाव 2021: बैरकपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से सत्ताधारी दल टीएमसी का कब्जा है। 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी के शिलभद्र दत्त यहां से दूसरी बार विधायक चुने गए थे। माकपा के देबाशीष भौमिक को 7319 वोटों के मार्जिन से हराया था। तीसरे नंबर यहां भाजपा रही थी। बैरकपुर विधानसभा सीट पर पहली बार साल 1952 में वोट डाले गए थे, लेकिन इसके बाद इस सीट को समाप्त कर दिया गया। 2011 के चुनाव में यह दोबारा अस्तित्व में आई। 2011 के चुनाव में इस सीट पर टीएमसी ने कब्जा जमाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db064e1e3aebe29a16263b30f83f30a20a7842e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार हमारे आंदोलन को जबरन खत्म नहीं करवा सकती : गुरनाम सिंह। इस बीच कृषि कानूनों में सुधार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में चार माह बाद भाकियू (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम चढ़ूनी सोमवार को टीकरी बॉर्डर के मंच पर पहुंचे। मंच पर आए गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि सरकार हमारे आंदोलन को जबरन खत्म नहीं करवा सकती। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यह न सोचे कि किसानों को दबाव में घर भेज दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e07fd854d9d418eb71984e4749824cd5240889a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72922.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोड्डा, जेएनएन। झारखंड के गोड्डा जिले में जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए शासन-प्रशासन कितना संवेदनशील है यह तो वही बता सकता है। कोरोना संक्रमित मरीजों की जान को बचाने के लिए स्वास्थ्य सिस्टम के सपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए कोई प्रशंसनीय कार्य होता तो नहीं दिख रहा है। लेकिन एक मामले में प्रशासन काफी संवेदनशील है। माैत को मुकम्मल अंजाम देने के लिए प्रशासन की पूरी तैयारी है। हालांकि यह अलग बात है कि इसे लेकर गोड्डा जिला प्रशासन की भद पिट रही है। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर प्रशासन को निर्लज्ज करार दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfbc353b6cffc31d086274c3b4e273ef0f575790 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Vaccine trap: अमेरिका भारत को अपना रणनीतिक साझेदार घोषित कर चुका है। सैन्य क्षेत्र से लेकर स्वास्थ्य सेक्टर में सहयोग की कई योजनाओं पर काम भी चल रहा है लेकिन अभी भारत को जिस चीज की सबसे ज्यादा दरकार है उसको लेकर अमेरिका ने चुप्पी साध रखी है। वह है कोरोना महामारी के लिए वैक्सीन बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल। भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट जो वैक्सीन बना रही है, उसमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। अभी अमेरिका ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..876ff0e3808d1a5de55288054b56c4b445d264bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72927.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जाफरपुर इलाके में साप्ताहांत कर्फ्यू के दौरान पुलिस जब यह सुनिश्चित कर रही थी कि कोई शख्स बेवजह बाहर नहीं निकले तभी ढांसा गांव में एक सड़क किनारे एक बुजुर्ग शख्स जमीन पर बेसुध पड़ा नजर आया। पुलिसकर्मी जब उस शख्स के पास पहुंची तो पाया कि वे कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। पुलिसकर्मी ने बिना समय गंवाए उस शख्स को अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने उन्हें देखा और जब उनकी हालत स्थिर हुई तब पुलिस ने उन्हें घर पहुंचाया। न सिर्फ गांव में बल्कि जिसे भी इस बात की जानकारी मिली उसने पुलिस की जमकर तारीफ की। ।वहीं कोरोना संक्रमित एक शख्स को तत्काल प्लाज्मा की जरूरत थी। रोहिणी निवासी एक युवक ने प्लाज्मा देने का फैसला किया। लेकिनि एक समस्या थी कि आखिर कर्फ्यू में वे वैशाली स्थित अस्पताल में मरीज के पास कैसे जाएं। वाहन का इंतजाम कैसे हो। जब यह बात छावला के एसीपी मनोज कुमार मीणा को पता चली तो उन्होंने तत्काल रोहिणी में रहने वाले युवक के पास वाहन भेजा। वहीं कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत के बाद शव को अंत्येष्ठि स्थल पर पहुंचाने का भी दायित्व पुलिस संभाल रही है। एक अन्य मामले में पुलिस को सूचना मिली कि एक मोर की मौत हो चुकी है। पुलिस ने पूरे सम्मान के साथ मोर का अंतिम संस्कार किया। ।दूसरी ओर पुलिस ऐसे लोगों के साथ सख्ती के साथ पेश आ रही है जो कोरोना से बचाव के लिए न तो शारीरिक दूरी और न ही मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। खासकर ऐसी जगहों पर जहां भीड़भाड़ जुटने की संभावना होती है, वहां पुलिस की पैनी नजर है। इन जगहों पर नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस तुरंत कार्रवाई कर रही है। ऐसे मामलों में पुलिस चालान व मामला दर्ज कर रही है। + +अधिकारी का बयान।पुलिस अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रही है। जरूरतमंदों की मदद करना पुलिस का कर्तव्य है। साथ ही जो लोग कानून की अवहेलना कर रहे हैं, उनके खिलाफ हमारी कार्रवाई जारी है। नियमाें का उल्लंघन पाए जाने पर हमलोगों ने 21 मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा 50 लोगों के खिलाफ चालान किया गया है। ।संतोष कुमार मीणा, उपायुक्त, द्वारका जिला पुलिस।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72928.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..113fbcc136ffe169ef103aa8419e984849053e04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72928.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [ज्ञान बिहारी मिश्र]। केस एक - आनंद पुरम विकासनगर निवासी वीके श्रीवास्तव कोरोना संक्रमित थे। उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से ऑक्सिजन लेवल गिरने के कारण अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगाई। इंटरनेट मीडिया पर उनका मैसेज वायरल हुआ। प्रशासन ने इसका संज्ञान भी लिया। हालांकि उन्हें समय से मदद नहीं मिली और उन्होंने शनिवार को दम तोड़ दिया। केस दो - कोविड काल मे लोगों तक खाना पहुचाने और उनकी मदद करने के लिए हमेशा टॉपर रहने वाले रितेश कोरोना संक्रमित हो गए। अचानक उनका ऑक्सिजन लेवल गिरने लगा। इंटरनेट मीडिया पर गुहार लगाई गई। अधिकारियों ने प्रकरण का संज्ञान लिया, जिसके बाद फौरन रितेश को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। + +ये दो मामले महज उदाहरण हैं। इंटरनेट मीडिया पर इस समय कोरोना महामारी हावी है। हर तरफ लोग या तो मदद की गुहार लगा रहे हैं या तो फिर एकदूसरे की सहायता के लिए आगे बढ़ रहे हैं। खास बात यह है कि घर में बैठकर लोग एकदूसरे की मदद के लिए आवाज उठा रहे हैं। कोई खुद संक्रमित है। घर में आइसोलेट है, लेकिन वह दूसरे मरीज का दर्द दूर करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। यही नहीं, संक्रमित मरीज भी खुद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से शासन, सत्ता और प्रशासनिक अधिकारियों तक अपनी पीड़ा पहुंचा रहे हैं। इसके जरिए लोगों को मदद पहुँच रही है। हालांकि कई मामलों में उचित और समय पर मरीजों को सहायता नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण इंटरनेट मीडिया पर शोर तेज हो जा रहा है। फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर व इंस्टाग्राम समेत अन्य प्लेटफार्म पर कोरोना के मामले ही नजर आ रहे हैं। ज्यादातर लोग एम्बुलेंस, ऑक्सिजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अस्पताल में बेड की मांग कर रहे हैं। अलग अलग शहरों में बैठे लोग राजधानी में अपने परिचितों के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7195ff8210428db8b7406d3e971ce9918e7e1a23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मंगलवार को नवरात्र की अष्टमी एवं बुधवार को नवमी तिथि है। दोनों ही तिथियों पर कन्या पूजन का विधान है। मान्यता है कि नौ दिन की आराधना तभी पूर्ण होती है जब कन्या लांगुरा को पूजा जाए। पंडित वैभव जोशी के अनुसार नवरात्र में देवी के व्रतों में कन्या-पूजन (कुमारी-पूजन) अत्यन्त आवश्यक है। कुमारी-पूजन के बिना देवी पूजा अधूरी रहती है और व्रती को पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72934.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72934.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41b16d52a57098abd8e62da027be513fd8893bc6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72934.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। नवरात्र की सप्‍तमी पर महाश्‍मशान मणिकर्णिका घाट पर बीते वर्ष नृत्‍यांजलि की परंपरा क्‍या टूटी इस बार भी कोरोना ने परंपरा पर मानो ग्रहण लगा दिया है। आयोजकों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सदियों से चली आ रही नगरवधुओं की राग विराग की नगरी काशी के महाश्‍मशान पर रात भर नृत्‍य की परंपरा इस बार भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए रद की जा रही है। मात्र महाश्‍मशान पर पूजा की परंपरा का ही निर्वहन किया जा रहा है। ।इस बार उन्‍मुक्‍त होकर डांस करती नृत्‍यांगनाओं की जगह कोरोना वायरस से संक्रमित चिताएं घाट पर धधककर भगवान शिव की नगरी की खंडित हो रही परंपराओं की व्‍यथा को उजागर कर रही हैं। वहीं रसिकजनों के लिए भी यह आयोजन न होना उत्‍सव धर्मी काशी के लिए किसी अपशकुन से कम नहीं है। ।दरअसल वाराणसी को राग विराग की नगरी का तमगा यों ही नहीं मिला है। यहां महाश्‍मशान मणिकर्णिका घाट पर नवरात्र की सप्‍तमी की रात नगरवधुओं की महफि‍ल जमती है। सा‍री रात नृत्‍यांगनाएं ढोल पखावज की धुन पर थिरक कर धधकती चिताओंं के बीच काशी को राग विराग की नगरी की परंपराओं का निर्वहन करती हैं। सदी से भी पुरानी काशी की यह परंपरा में शामिल है। मणिकर्णिका पर एक ओर चिताओं की आंच से शरीर पंचतत्‍वों में विलीन होता है वहीं घाट पर घुंघरुओं की आवाज और साज का मेल काशी की राग विराग की परंपरा का निर्वहन करता नजर आता है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से यह लगातार दूसरा साल है जब काशी में मणिकर्णिका घाट पर नृत्‍यांजलि का यह आयोजन नहीं होगा। ।राजा मानसिंह के दौर में शुरू हुई परंपरा।राजा मानसिंह अकबर के नवरत्‍नों में एक थे, उन्‍होंने प्राचीन नगरी काशी में भगवान शिव के मंदिर का उस काल में जीर्णोद्धार कराया था। इस दौरान राजा मानसिंह एक मणिकर्णिका घाट पर नवरात्र की सप्‍तमी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराना चाह रहे थे लेकिन काशी का कोई कलाकार श्मशान में जाकर कला का प्रदर्शन करने के लिए तैयार नहीं हुआ। मान्‍यता है कि इस बात की जानकारी काशी की तत्‍कालीन नगर वधुओं को हुई तो शिव के समक्ष शक्ति स्‍वरुप में वह स्वयं ही श्मशान घाट पर होने वाले इस उत्सव में नृत्य करने को तैयार हो गईं। मान्‍यता है कि इस दिन से धीरे-धीरे यह आयोजन उत्‍सवधर्मी काशी की ही एक परंपरा का हिस्सा बन गई। आज तक चैत्र नवरात्रि की सातवीं निशा में हर साल यहां श्मशानघाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है जिसका क्रम बीते वर्ष की नवरात्र की सप्तमी को टूटा तो वर्ष 2021 में भी परंपरा का निर्वहन कोरोना की वजह से नहीं को सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72940.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddb8470a78ff1dbceec08f0da89ce4c8ad442629 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72940.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विश्व जल दिवस-2021 पर संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में विश्व बैंक का हवाला देकर कहा गया कि 30 वर्षों का विश्लेषण बताता है कि भारत में बारिश में गड़बड़ी या वर्षा के झटके सीधे तौर पर श्रमिकों के मेहनताने पर चोट पहुंचाते हैं। अधिक समय तक रहने वाला सूखा लंबी बेरोजगारी और पलायन की वजह बनता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शहर की तरफ रुख करते हैं। जबकि यह ध्यान रखने लायक है कि गैर कृषि रोजगार बेहद सीमित हैं। पानी के इस झटके से महिलाओं को बड़ी विपदा का शिकार होना पड़ता है। वैश्विक स्तर पर 43 फीसद महिलाएं कृषि श्रमिक हैं और अफ्रीका व एशियाई देशों में महिला कृषि श्रमिकों की संख्या 50 फीसद तक है। + +रिपोर्ट में बताया गया है कि पानी की सुरक्षा पलायन पर रोक के साथ अधिक मेहनताने वाले रोजगार के अवसर को बढ़ा सकते हैं और स्थानीय स्तर पर खाद्य उत्पादन और उसकी कीमत को भी बेहतर बना सकते हैं। यूएन की रिपोर्ट में पानी की कमी से पैदा होने वाली समस्या और उसकी खूबी की विस्तृत सूची बनी है। बहरहाल पानी के विविध और बेहतर इस्तेमाल से ही इस संकट से लड़ा जा सकता है!।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e09fa01331e820d70449df49b25ff969040b7ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72941.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुनीता नारायण। यह जलवायु परिवर्तन का दौर है। इसका मतलब यह है कि हमें वह सब करने की आवश्यकता है जो संभव हो। आज वर्षा के पानी की हर बूंद को बचाकर पानी की उपलब्धता को बढ़ाना जरूरी है। हमें वर्षा जल की एक-एक बूंद का समझदारी के साथ उपयोग करना होगा। साथ ही साथ हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उपयोग में लाए गए पानी की हर एक बूंद का दोबारा प्रयोग एवं नवीनीकरण हो और पानी प्रदूषित भी न हो। इतना सब तो हमें पता है और कहीं न कहीं हम यह करते भी हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के युग में यह पर्याप्त नहीं होगा। हमसे जो कुछ भी संभव हो, वह हमें बड़े पैमाने पर और तेजी से तो करना ही होगा, साथ ही साथ अपने तरीके भी बदलने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d686fec4fde823215ae7650cdd7a07e52dec90a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पतालों में आइसीयू बेड खत्म हो गए हैं, जीवन देने वाली आक्सीजन की कमी हो गई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले ही इस तरह के संकेत दिए थे कि यदि मेडिकल व्यवस्था चरमरा गई तो राजधानी में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। आज उन्होंने इस बात की घोषणा भी कर दी। घोषणा करने के दौरान उन्होंने कहा कि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, मेडिकल व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। अस्पतालों से जो रिपोर्ट मिल रही है उनके पास न तो बेड बचे हैं और न ही जीवन देने वाली आक्सीजन, ऐसे में लॉकडाउन लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। ।उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन छह दिन का है। उन्होंने कामगारों और मजदूरों से निवेदन किया कि इस दौरान आप लोग अपने गांव न चले जाएं। उम्मीद है कि लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाना पड़ेगा। मैं लॉकडाउन के खिलाफ रहा हूं। मगर अब ऐसा करना पड़ रहा है। मैंने और उपराज्यपाल जी ने मिलकर फैसला लिया है। पहले भी जीत मिली है, अभी भी जीत मिलेगी। हमने जब भी कड़े फैसले लिए जनता काे बताया। ।ये भी पढ़ें:- जानिए कोरोना वायरस से बचाव में डॉक्टर किस मास्क को बता रहे सबसे ज्यादा कारगर।उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति बहुत गंभीर है। दिल्ली का हेल्थ सिस्टम तनाव में है। मैं यह नहीं कह रहा कि सिस्टम ठप हो गया है। मगर अब और केस बढ़े तो हेल्थ सिस्टम ठप हो जाएगा। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 23,500 मरीज आए हैं। आक्सीजन की कमी बनी हुई है। दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना के रिकॉर्ड 19,486 नए केस मिले और 141 मरीजों की जान चली गई। बीते एक सप्ताह में ही 97,097 मामले सामने आ चुके हैं। इस तरह सक्रिय केसों की संख्या 61,005 हो गई है। हालांकि, पिछले 24 घंटे में 12,649 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। ।मीडिया के सामने आए सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के लगभग 25,500 केस सामने आए हैं। चिंता की बात है कि पिछले 24 घंटे में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर क़रीब 30% हो गया है। मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं। बेकाबू होते रफ्तार को देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से भी मदद मांगी है। उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से आईसीयू बेड कम होते जा रहे हैं। केंद्र सरकार से आक्सीजन, बेड और कोरोना को लेकर दवाइयां तुरंत मांगी गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के दौरान हमें केंद्र सरकार से हमेशा मदद मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d433bf17dcd4a61e944f5d7b9465b61febb66404 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72946.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्‍तान की मानवाधिकार मंत्री डॉक्‍टर शिरीन माजरी ब्रिटेन पर इस कदर भड़की हुई हैं कि उन्‍होंने इसमें भारत को भी शामिल कर लिया है। दरअसल उनके भड़कने की वजह ब्रिटेन द्वारा पाकिस्‍तान को रेड लिस्‍ट में डालना बनी है। इसके तहत ब्रिटेन ने पाकिस्‍तान ेस आने वालों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्‍तानियों के लिए कोरोना के लक्षण आने पर उन्‍हें ब्रिटेन ने क्‍वारंटीन करने को जरूरी बताया है जबकि ये नियम भारतीयों पर लागू नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a6a1e1d9443f4361dbda2830854dc7baf9b7ed6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72951.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविवार को ब्लिंकन ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के उस फैसले का समर्थन किया है जिसमें उन्‍होंने अफगानिस्‍तान से अपनी फौज को बाहर निकालने के लिए सितंबर 2021 की समय सीमा तय की है। उन्‍होंने कहा कि ये बेहद जरूरी है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि अब अमेरिका अफगानिसतान से हटकर दूसरी जगहों पर पूरा फोकस करना चाहता है। अफगानिस्‍तान से बाहर आने के बाद जिन जगहों पर अमेरिका का फोकस होगा उसमें दक्षिण चीन सागर शामिल है। इसके अलावा वैश्विक कोरोना महामारी भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f836515ca52722cdd30bb5c64e36f39aa1b55f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। आगरा पहुंची दिल्ली से दिल में ताजमहल देखने की दिली हसरत लेकर निकली प्रेमिका मोहब्बत बेमिसाल निशानी पर पहुंचने के बाद फूट-फूट कर रोई। ताज के दीदार की हसरत पूरी न होने का दुख तो था ही, प्रेमी ने भी उसके साथ ऐसा काम किया कि वह उसका दिल टूट गया। वह इस दर्द को अपने दिल में लेकर दिल्ली लौटने को चल पड़ी। मगर, जेब में न तो रुपये थे और ना ही ताजनगरी में कोई परिचित था। इससे कि वह मदद मांग सकती। जिस प्रेमी के साथ ताजमहल देखने का ख्वाब देखा था। वह ताजमहल के पास पहुंचने के बाद टूटकर चकनाचूर हो चुका था। ऐसे में उसे पुलिस और चाइल्ड लाइन ने आसरा दिया। प्रेमी की बेवफाई की शिकार प्रेमिका को फिलहाल एक आश्रम में आश्रय दिलाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42d8d00deab94319f1190ffd21c94d2b39aaf08f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72957.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन की खबर के मुताबिक आंतरिक मंत्री ने उम्‍मीद जताई है कि दूसरे दौर की वार्ता के बाद प्रतिबंधित संगठन के साथ उभरे सभी विवादित मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। उनके मुताबिक पंजाब की सरकार ने इस मसले को बखूबी सुलझाया है। उम्‍मीद है कि सहरी के बाद होने वाली वार्ता भी इसी तरह से ठीक रहेगी। सरकार ने टीएलपी की इस करतूत के खिलाफ एक मामला आतंक निरोधक कानून के तहत दर्ज कराया है। एक बयान में लाहौर पुलिस के प्रवक्‍ता ने बताया है कि लाहौर के सीसीपीओ गुलाम महमूद डोगर ने पुलिसकर्मियों को रिहा कराने के इस पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। प्रवक्‍ता के मुताबिक पुलिसकर्मियों समेत रेंजर्स को भी उन इलाकों में तैनात किया गया है जो अधिक संवेदनशील हैं। + +ये भी पढ़ें:- ।पाकिस्‍तान का अच्‍छा दोस्‍त नहीं बन सकता है भारत!, जानें कब क्‍यों और किसने कही ये बात।पाकिस्‍तान में बेकाबू हो रहा कोरोना, चिंता में परेशान सरकार और लोग हो रहे लापरवाह पूरी दुनिया में कोरोना के कहर से चिंतित है विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, डॉ. टैड्रॉस ने दी ये सलाह ।किसी गलतफहमी में न रहें आप, जान लें आखिर आपके लिए भी क्‍यों जरूरी है कोरोना वैक्‍सीन लगवाना ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3ed77b15d96e50bf3d40af19a9c64d4b4d0873c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72958.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देवेन्द्र सिंह, नगला जुझार । दिन निकलने के साथ सूरज की तपिश बढ़ने लगते है, वहीं किसान भी खेतों में व्यस्त हो जाते हैं। फसल की चिंता उन्हें सुबह ही खेतों में खींच लाती है। यह स्वभाविक है। आखिर रोजीरोटी से जुड़ा मामला है। लेकिन, गांव की चिंता भी कम नहीं रहती। गांव का विकास कैसे हो? कौन करा सकता है? इस तरह के सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि, यह समय चुनाव का है। दावेदार घरों से खेतों तक वोटों की खातिर चक्कर लगा रहे हैं। ग्रामीणों के मीठे बोल से इन्हें अश्वस्त भले करते हों, पर ग्रामीण अच्छे दावेदार की तलाश में हैं। खेतों से थोड़ी सी भी फुर्सत मिलने किसान भी विकास के सवालों का हल तलाशने की बहस में उलझे नजर आते हैं। गांवों में चौपाल लगने लगी हैं। गली मोहल्लों में इसी को लेकर चर्चा हैं। सभी के अपने तर्क और आंकड़े हैं। पर, पूर्व के वादे पूरे न होने की निराशा इस बार गलती न करने का संदेश भी देती है। + +गांव की चौपाल पर चुनावी चर्चा।इससे कोई असहमत भी नजर नहीं आता। गांव नगला जुझार में रविवार को जुड़ी चौपाल में सभी की प्राथमिकता गांव के विकास की थी। लेकिन, कुछ लोगों ने विकास के लिए दावेदारों के नाम गिनाए तो बहस शुरू हो गई। अच्छाई और बुराई रखी जा रही थी तो उसे कुछ लोग खारिज भी कर रहे थे। एक ग्रामीण की सलाह थी कि अभी तस्वीर साफ होने दो। कौन-कौन है मैदान में यह स्पष्ट हो जाए। ये राजनीति है। न जाने कौन मैदान छोड़ दे। लेकिन, राजनीतिक चालों में न फंसकर गांव का विकास कराने वाले को वोट देने का सभी को मन पक्का करना चाहिए। सुखवीर गौतम इस पर सहमति तो जताते हैं, लेकिन अपने वोट पर अभी से विचार करने की जरूरत भी बताते हैं। उनका कहना था कि शिक्षित प्रत्याशी ही गांव का विकास करा सकता है। इस बीच महीपाल सिंह ने गांव की समस्याएं याद दी लीं। सड़कें, पानी और सफाई की जरूरतें बताईंं तो जुगेंद्र सिंह नेे शैक्षिक योग्यता, इमानदारी के आधार पर वोट का फैसला करने का सुझाव दिया। इससेे गजेंद्र सिंह सहमत थे। उनका कहना था कि प्रधान ऐसा चुना जाए जो शिक्षित होने के साथ ईमानदार भी हो। वहां बैठे बेनामी सिंह, रमेश, रामअवतार गौतम, ज्वाला सिंह, जगवीर सिंह का कहना था कि इस समय पंचायत चुनाव तेजी से चल रहा है। दावेदार और उनके समर्थक वोट मांगने आ रहे हैं। चुनाव से पहले हैं प्रत्याशी तमाम वायदे करते हैं, लेकिन बाद में सब भूल जाते हैं। इसलिए गांव केे विकास के लिए वोट का फैसला सोच समझकर करेंगे। ।तीन गांव, 2812 वोट।ग्राम पंचायत नगला जुझार में तीन गांव आते हैं। इनमें नगला जुझार, नगला पहाड़ी व कछोटपुरा शामिल हैं। तीनों गांवों में 2812 मतदाता हैं। समान्य वर्ग से प्रधान चुना जाना है। इसके लिए नौ दावेदार वोट मांग रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acb41861e404e96a05dbb00329d2d52c1708bf03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72959.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये भी पढ़ें:- ।अब एक क्लिक पर आप जान सकेंगे मंगल पर रोवर परसिवरेंस की लेटेस्‍ट पॉजीशन, जानें ताजा स्थिति ।Ingenuity Flight: फिर टल गई मंगल पर हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी की उड़ान, जानें अब क्‍या बनी है वजह ।जानें- नासा के हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी के पीछे है किस भारतीय का कंंसेप्‍ट, टीम को कर रहे लीड ।जानें- कब होने वाली है मंंगल ग्रह पर इंजेंविनिटी हेलीकॉप्‍टर की पहली उड़ान और कहां होगी लाइव स्‍ट्रीमिंग ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33585e7df56ba2331b3596e8bbff8c2a77a29c25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [भगवान झा]। कोरोना संक्रमितों के दिन ब दिन बढ़ रहे आंकड़े दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के साथ लोगों के लिए भी चिंता का सबब बना हुआ है। यहां तक कि टीकाकरण के एक या फिर दोनों डोज लेने के बाद भी लोग वायरस की जद में आ रहे हैं, लेकिन इस बीच राहत की बात यह है कि टीकाकरण के बाद कोरोना संक्रमित हुए मरीजों में गंभीर लक्षण अभी तक नहीं दिखाई दिए हैं। वास्तव में टीका लोगों की जिंदगी बचा रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षण से बचना है तो टीकाकरण बहुत ही आवश्यक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bb3d1ca306190ccbd41516ae93dbfbbbd941f9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72962.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भारत की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी एसआइआइ यानी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने इस समस्या के निदान के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग भी की है। जबकि भारत पिछले एक वर्ष से इस संक्रमण से लगातार जूझ रहा है। जाहिर है, शासन-प्रशासन के सामने वे सब कमियां आई होंगी, जिनसे सबक लेकर यदि इस आपदा की पुनरावृत्ति होती है तो कारगर ढंग से निपटा जा सके। लेकिन देखने में आ रहा है कि हमारे पास भारतीय वैक्सीन की जो खुराकें अतिरिक्त मात्र में थीं, उन्हें हमने पड़ोसी देशों को उदारतापूर्वक दान दे दिया और अब पश्चिमी देशों की ओर ताक रहे हैं। इन्हीं देशों ने राष्ट्रवाद को प्रमुखता देते हुए भारत को वैक्सीन का कच्चा माल देने से इन्कार कर दिया। इधर ऑक्सीजन की समस्या भी विकराल होकर उभरी है। जबकि इस समस्या से घरेलू स्तर पर निपटा जा सकता था। लेकिन देश और प्रदेश के नेतृत्वकर्ताओं ने विधानसभा चुनावों को ज्यादा महत्वपूर्ण समझा, जिसके नतीजे अब भुगतने पड़ रहे हैं। + +इस बीच अमेरिका की बाइडन सरकार ने इस रोक के लिए ‘रक्षा उत्पादन अधिनियम’ को बहाना बनाया है। नतीजतन एसआइआइ को कच्चे माल के रूप में अमेरिका से आयात किए जाने वाले एकल उपयोगी ट्यूब, असेंबली एडज्यूवेंट समेत कुछ रसायन आयात करने में दिक्कतें आने लगी हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पूरे कार्यकाल में ‘अमेरिका प्रथम’ का नारा खुले रूप में लगाते रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने वीजा और अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के नियमों को कठोर भी बनाया था। हालांकि बाइडन ने राष्ट्रपति बनते ही वीजा नियमों को कुछ हद तक शिथिल कर दिया है। ट्रंप के बारे में दुनिया में यह धारणा बन गई थी कि उन्होंने राष्ट्रवाद को महत्व दिया, ताकि अमेरिका वैश्विक व्यापार में अग्रिम पंक्ति में रहे, इसलिए अमेरिका प्रथम की नीति अपनाई। किंतु अब वैक्सीन के कच्चे माल को लेकर जो हकीकत सामने आ रही है, उससे यह साफ है कि बाइडन भी ट्रंप की विदेश नीति में प्रच्छन्न राष्ट्रवाद और स्वदेशी की अवधारणा को अपना रहे हैं। बस वे इतनी कुटिल चतुराई जरूर बरत रहे हैं कि ट्रंप की तरह अंदरूनी व्यापारिक रणनीतियों को उजागर नहीं कर रहे। इस प्रतिबंध के पीछे यूरोपीय देशों की भी यही मंशा है कि भारत में निíमत कोविशील्ड और कोवैक्सीन की मांग सस्ती और प्रभावी होने के कारण जिस तेजी से बढ़ रही है, उसके चलते अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और अन्य देशों में निíमत वैक्सीन कहीं वाणिज्य की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ न जाएं?।इस बाबत इन कथित ‘विश्व ग्राम’ के पैरोकारों का यह कहना भी थोथा साबित हो रहा है कि विदेश नीति और आíथक विकास की उदारवादी अवधारणा को लेकर उनका नजरिया राष्ट्रवादी और विकासशील देशों से कहीं बेहतर है। अमेरिका ईरान परमाणु संधि और पेरिस जलवायु समझौते को दुनिया की हितपूíत का माध्यम बताकर अपनी पीठ थपथपाता रहा है। हालांकि ट्रंप जलवायु समझौते का विरोध करके बार-बार यह जताते रहे थे कि इससे अमेरिका के आíथक हितों को पलीता लगा है और सबसे ज्यादा लाभ भारत, चीन उठा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d76f3b1566e1a4ba34468ae471cb6e3e7ad03d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72963.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय प्लेस स्थित आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र की वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर कविता गोयल के अनुसार कोरोना के रोगियों को भी विटामिन सी की गोलियां और इससे युक्त खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह दी जाती है। शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी की भूमिका कारगर है। संतरा, नींबू, आंवला, केले, ब्रोकली, कीवी, हरी मिर्च और पालक का सेवन फायदेमंद हैं। यह सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में वृद्धि करता है। जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। शरीर को बीमारियों से बचाती हैं। संक्रमण से सुरक्षा करता है। विटामिन सी कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है। कोलेजन का निर्माण शरीर में स्वतः ही होता है। इससे त्वचा स्वस्थ्य होती है। झुर्रियां कम होती हैं। यह रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने में मदद करता है। वह बताती हैं कि विटामिन सी को अधिक मात्रा में लेने से कोई नुकसान नहीं होता। क्योंकि पानी में घुलनशील होने के कारण यह पसीने और मूत्र के साथ बाहर निकल जाता है। विटामिन सी के साथ विटामिन डी और अंकुरित अनाज, पनीर को भी अपने खाने में शामिल करें। मौसमी फलों का सेवन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f68ef8e4e5ed85617e7f511eefae89cbf1075de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72964.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, वर्ष 2015 से भारत सरकार ने ज्यादातर बचतखाता धारकों के लिए दो सस्ती बीमा योजनाएं शुरू की थी। इसमें पहली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) -330/- रुपये में और दूसरी प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) 12/- रूपये में। इसके तहत पीड़ित परिवार अथवा उनके परिजनों 90 दिनों के भीतर बीमा दावा करना है। राष्ट्रीयकृत बैंक के अधिकारी के मुताबिक बीमा के लिए बैंक कर्मियों द्वारा खाताधारकों से फॉर्म भरवाया गया था, इसी आधार पर इन दोनों बीमा की वार्षिक क़िस्त उनके बचत खाते से प्रतिवर्ष कटती रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a0cbc78c72e1bb9f729339842cbcb3144a7b6a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने बायोग्राफी 'सच कहूं तो' से लोगों को अपनी जिंदगी के हर पहलू से रूबरू कराया। इस किताब ने उनकी पहली शादी से लेकर फिल्मों में फिर से एंट्री तक सबकुछ बयां किया। वहीं उनकी बेटी मसाबा ने कहा है कि मां नीना की किताब से उन्हें भी एक सच का पता चला जिससे वो अब तक अंजान थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9a47249407b90856c41e6d09f211e0139cf2125 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72970.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुनिया में पहली बार आठ महीने से कम समय में इतनी सारी वैक्सीन हुई तैयार। वहीं आइसीएमआर के वैज्ञानिक कोरोना के नए वैरिएंट और वैक्सीन की एफीकेसी को बड़ा मुद्दा नहीं मानते हैं। आइसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि दुनिया में पहली बार आठ महीने से कम समय में इतनी सारी वैक्सीन तैयार करने में मदद मिली है। उनके अनुसार एक बार किसी भी प्लेटफार्म पर वैक्सीन तैयार हो जाने और उसकी सुरक्षा और कारगरता साबित होने के बाद उसे आसानी से नए वैरिएंट के अनुरूप तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस में म्यूटेशन एक सामान्य प्रक्रिया है और इससे निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। उन्होंने इनफ्लूएंजा वायरस का उदाहरण दिया जो हर साल पूरी तरह बदल जाता है और हर साल उसके लिए नई वैक्सीन बनानी पड़ती है। लेकिन समान प्लेटफार्म पर नई वैक्सीन तैयार करने में कोई मुश्किल नहीं आती है। + +कोविशील्ड पूरी तरह कारगर पाई गई। ध्यान देने की बात है कि भारत में अभी तक कोविशील्ड की एफीकेसी को लेकर सिर्फ ब्रिटिश वैरिएंट पर स्टडी की गई है। जिसमें कोविशील्ड पूरी तरह कारगर पाई गई थी। लेकिन दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजीली वैरिएंट पर वैक्सीन की एफीकेसी को लेकर भारत में अभी तक अध्ययन नहीं किया गया। वहीं कोवैक्सीन को लेकर किसी भी वैरिएंट पर कारगरता का अध्ययन नहीं हुआ है। जबकि डबल म्यूटैंट वैरिएंट पर किसी वैक्सीन की कारगरता का अध्ययन नहीं किया गया है। कई देशों में हुए अध्ययन में दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजील वैरिएंट पर कोविशील्ड को कम कारगर पाया गया था। इस कारण दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टीट्यूट को कोविशील्ड के पांच लाख डोज वापस कर दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..008bab5680a6cd5fee3c5c9778f58d249b7fb22f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72972.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पिछले साल सितंबर में सामने आई पहली लहर से कई मायनों में अलग है। पहली लहर संक्रामक के साथ-साथ घातक भी थी, लेकिन दूसरी लहर संक्रामक ज्यादा और घातक कम है। इसमें संक्रमितों की संख्या तो ज्यादा तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसके अनुपात में मौतें कम हो रही हैं। लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। + +दूसरी लहर में मौत का अनुपात कम ।समाचार एजेंसी आइएएनएस लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि फरवरी से अप्रैल के बीच दैनिक मामलों के 10 हजार से 80 हजार पहुंचने में 40 दिन से भी कम समय लगा जबकि पिछले साल सितंबर में पहली लहर में 83 दिनों में दैनिक मामलों में इतनी वृद्धि हुई थी। हालांकि, समग्र मामलों की तुलना में मौत का अनुपात (सीएफआर) दूसरी लहर में कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75b902444c4d0f91fb82c674c16068eb726c96d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72975.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सख्ती से रात्रि कर्फ्यू व वीकेंड लाकडाउन का पालन कराया जा रहा है, लेकिन अब इस वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए कुछ पुलिसकर्मी संक्रमितों के लिए देवदूत भी बनेंगे। कोरोना से ठीक हुए पुलिसकर्मी जरूरत पर ऐसे लोगों को प्लाज्मा दाम करेंगे। जिससे समय रहते संक्रमितों की जान बचाई जा सके। + +पुलिसकर्मी दान करेंगे प्लाज्मा।अगर किसी कोरोना संक्रमित को प्लाज्मा की आवश्यकता होगी, तो ऐसे लोगों के लिए संक्रमण को मात दे चुके पुलिसकर्मी प्लाज्मा दान करेंगे। उसके लिए नोएडा पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 8851066433 पर लोग प्लाज्मा के लिए सूचना दे सकते हैं। नोएडा पुलिस के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पर भी मदद मांग सकते हैं। हालांकि प्लाज्मा लेने से पूर्व संक्रमित के स्वजन को इसकी संपूर्ण जानकारी पुलिस को देनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72977.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72977.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3849a4ffbfa239c0cc2f3955b85c48ab46cebe96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72977.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नासा टीवी पूरी प्रक्रिया का करेगी सजीव प्रसारण ।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवेरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर गया दो किलोग्राम वजनी इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर कुछ दिनों पहले मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था। यह 10 फुट की ऊंचाई पर 30 सेकेंड तक रहेगा। यह पहली बार होगा जब कोई हेलीकॉप्टर मंगल की सतह से उड़ेगा और कैमरे में उसका नजारा कैद करेगा। दक्षिणी कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मिशन कंट्रोल विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सोमवार सुबह से उन्हें डाटा मिलने लगेगा। नासा टीवी इस पूरी प्रक्रिया का सजीव प्रसारण करेगी। ।इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ने को तैयार।मंगल ग्रह पर जीवन तलाशने के अभियान में नासा एक आयाम और जोड़ने जा रहा है। फरवरी में नासा ने पर्सेवरेंस रोवर को मंगल ग्रह की सतह पर उतार कर इतिहास रच दिया था। अब इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर उड़ने को तैयार है। पहले यह 11 अप्रैल को उड़ान भरने वाला था, बाद में तकनीकी कारणों से इसकी उड़ान को टाल दिया गया। बता दें कि इंजीन्यूटी अभी तक पर्सिवेरेंस से जुड़कर चार्ज हो रहा था, लेकिन मंगल ग्रह के तापमान से अपने इलेक्ट्रानिक उपकरणों को सुरक्षित रखने के लिए अब वह अपने पावर सिस्टम का प्रयोग करेगा। ।क्या है इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर और कैसे पहुंचा मंगल ग्रह पर।नासा का इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को मार्स पर्सेवरेंस रोवर के पेट के नीचे कवर करके लाल ग्रह पर भेजा गया था। यह कंगारुओं के बच्चों की तरह रोवर के पेट में छिपा था। मंगल ग्रह की रात बेहद सर्द भरी होती है और सतह पर तापमान -130°F (-90°C) तक गिर जाता है, इसलिए इसे वहां काफी संभाल के रखा था। नासा ने बताया था कि इंजीन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर ने लाल ग्रह मंगल पर अपनी पहली सर्द रात काफी सफलतापूर्वक काटी, जो काफी बड़ी सफलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72978.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72978.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..deffb3710d8d8037ce71d975ba6f2c25aa35aa78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72978.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्‍होंने वैक्‍सीन के इस तरह से होने वाले आवंटन पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि उच्‍च आय वाले देशों में हर चार में से एक व्‍यक्ति को वैक्‍सीन मिल चुकी है वहीं गरीब देशों में 500 में से एक ही व्‍यक्ति को वैक्‍सीन हासिल हुई है। उनकी निगाह में ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। उन्‍होंने कहा है कि मौजूदा समय में कोरोना महामारी तेजी से बढ़ रही है। पूरी दुनिया में इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों की लापरवाही, सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपायों में ढिलाई आदि कारणों से ऐसा हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास इस महामारी को रोकने के उपाय हैं, लेकिन एकजुटता की वजह से हम पिछड़ रहे हैं। इसलिए ये समय साझेदारी को बढ़ाने का है। अतीत की गलतियों से सबक लेते हुए हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c19ea1115bfecef53375bdb8d94fea03b117a6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72979.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह करें आचमन।पूजा से पूर्व तांबे के पात्र में गंगाजल या पीने योग्य साफ-शुद्ध जल लेकर उसमें तुलसी की कुछ पत्तियां डालकर पूजा स्थल पर रखा जाता है और पूजा शुरु होने से पूर्व आचमनी (तांबे का छोटा चम्मच जिससे जल निकाला जाता है) से हाथों पर थोड़ी मात्रा में तीन बार यह जल लेकर अपने ईष्टदेव, सभी देवतागण तथा नवग्रहों का ध्यान करते हुए उसे ग्रहण किया जाना चाहिए। यह जल आचमन का जल कहलाता है। माना जाता है कि ऐसे आचमन करने से पूजा का दोगुना फल मिलता है। जल लेकर तीन बार निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं:- हुए जल ग्रहण करें-।ॐ केशवाय नम: ।ॐ नाराणाय नम:।ॐ माधवाय नम:।ॐ हृषीकेशाय नम:, इस मंत्र के द्वारा अंगूठे से मुख पोछ लें ।ॐ गोविंदाय नमः यह मंत्र बोलकर हाथ धो लें ।उपरोक्त विधि ना कर सकने की स्थिति में केवल दाहिने कान के स्पर्श मात्र से ही आचमन की विधि की पूर्ण मानी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40bbed5b3a06f8c6011fd13b20a3d7412973dcbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहरहाल, पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन का कहना है कि अमेरिका में मौजूद पाकिस्‍तान के राजदूत ने इस बात की पुष्टि की है कि दुबई ने भारत और पाकिस्‍तान के संबंधों में तनाव कम करने की दिशा में प्रयास किया और दोनों के बीच मध्‍यस्‍थता करने का काम किया है। स्‍टेंडफॉर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्ट्टियूट के साथ हुए वर्चुअल विचार-विमर्श के दौरान पाकिस्‍तानी राजदूत यूसुफ अल औतेबा ने कहा कि कश्‍मीर के मुद्दे पर तनाव कम करने और सीमा पर सीजफायर लागू करने के मुद्दे पर दुबई ने दोनों देशों के बीच पहल की। उन्‍होंने ये भी कहा कि परमाणु ताकत वाले इन दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में दुबई ने एक कारगर पहले की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a8648ce7440a92cbe2e0798f93d9135efe0f67d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72990.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। Coronavirus Symptoms कोरोना के दूसरा स्ट्रेन बहुत ही खतरनाक है। हालांकि अभी कम्यूनिटी संक्रमण का खतरा नहीं है, लेकिन जिस तरह से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। ऐसे में इसके चेन को तोड़ना आवश्यक हो गया है। यह तभी संभव है, जब लाकडाउन लगा दिया जाए। इस बार का संक्रमण फेफड़े को बहुत जल्दी नुकसान पहुंचा रहा है। इसके चलते फेफड़े में आक्सीजन नहीं जा पा रहा है और लोगों में छटपटाहट हो रही है। ऐसे में उन्हें आक्सीजन या वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है। इस तरह के मरीज ज्यादा हो जाने के कारण अस्पतालों में भी कहीं बेड नहीं मिल रहे और उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fca5f73c603397721884de0c05d02afac32494f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72991.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जएनएन। कोरोना के इलाज में अहम माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत और कालाबाजारी की खबरें सामने आ रही हैं। इंदौर में नकली इंजेक्शन पकड़े गए, तो कई अन्य जगहों से महंगे दाम पर यह इंजेक्शन बेचने की खबरें भी आईं। राज्य अब रेमडेसिविर की आपूर्ति को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। जानिए अहम प्रदेशों में रेमडेसिविरि की उपलब्धता और कालाबाजारी तथा अस्पतालों में बेड की संख्या का हाल:। उत्तर प्रदेश।-रेमडेसिविर की घोर किल्लत है। दो दिन पहले राज्य सरकार ने अहमदाबाद से 25,000 इंजेक्शन स्टेट प्लेन भेजकर मंगवाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72993.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72993.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..125fe19f99438f647b2e18574d017666d0cb8fb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72993.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना पर प्रहार के लिए दिल्ली में लगाए गए सप्ताहांत कर्फ्यू ने वायु प्रदूषण पर भी कड़ा प्रहार किया है। प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 की मात्रा में शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को 50 फीसद जबकि पिछले शनिवार के मुकाबले करीब 34 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली- एनसीआर के सभी शहरों का एयर इंडेक्स भी सुधरकर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया। रविवार को इसमें और सुधार होने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक शनिवार को दिल्ली के पीएम 2.5 का औसत स्तर 46 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। + +इसकी एक वजह जहां शुक्रवार देर शाम दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हुई हल्की बारिश रही वहीं दूसरी बड़ी और प्रमुख वजह सप्ताहांत कर्फ्यू रहा। शनिवार को दिल्ली की सभी औद्योगिक इकाइयां बंद थी और सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या भी नाममात्र की थी। यहां तक कि सार्वजनिक वाहन भी सीमित मात्रा में ही चल रहे थे। इसका असर दिल्ली के पर्यावरण पर साफ नजर आया। दूसरी तरफ दिल्ली के कर्फ्यू का असर एनसीआर की हवा पर भी दिखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72994.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72994.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e69fe2aa60fd2c7267ea76cc6f4724d4deb752e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72994.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्‍तान में कोरोना महामारी लगातार बेकाबू होती जा रही है। सरकार इसको लेकर परेशान हो रही है। पाकिस्‍तान में कोरोना संक्रमण की मौजूदा दर 7.6 फीसद तक पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 15 फरवरी 2021 को पाकिस्‍तान में एक ही दिन में 958 कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए थे, वहीं अब ये बढ़कर 4976 तक जा पहुंचे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 750158 तक जा पहुंचे हैं। इनमें सात दिनों के दौरान करीब साढ़े तीन फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है। इसी तरह से देश में अब तक 654956 मरीज ठीक हुए हैं और 16094 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमित होने की वजह से हो चुकी है। सिंध में 31 जनवरी के बाद से सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज एक ही दिन में सामने आए हैं। + +गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सचिव डॉक्‍टर फैसल सुल्‍तान ने कहा था कि लोग कोविड-19 महामारी को लेकर लापरवाह हो रहे हैं। इसकी वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। उनके मुताबिक लोग सरकार के बताए दिशा-निर्देशों को नहीं मान रहे हैं और सड़कों पर बिना मास्‍क लगाए घूम रहे हैं। यही हाल बाजारों का भी है। इसकी वजह से देश में संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। ।आपको बता दें कि पाकिस्‍तान में फरवरी 2021 की शुरुआत में सरकार ने कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्‍सीनेशन की शुरुआत की थी। ये शुरुआत चीन की वैक्‍सीन सिनोविक की करीब 5 लाख खुराक फ्री में मिलने के बाद हुई थी। पाकिस्‍तान का वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम दरअसल, अन्‍य देशों द्वारा दान में मिली वैक्‍सीन और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की कोवैक्‍स योजना पर टिका हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72997.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72997.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ac9e32f030ad14b8b6c1392ea4ed2e456e0992b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72997.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ : विश्व में भारत की पहचान यूं ही नहीं है। यहां की संस्कृति, परंपराएं और मान्यताएं भी देश काे श्रेष्ठ बनाती हैं। लेकिन, आधुनिकता की चकाचौंध में अब ये धुंधला रही हैं। जाने-अनजाने इनके मूल्यों का हनन हो रहा है। आधुनिकता की धूल हटाकर इन्हें पुन: स्थापित करने का प्रयास ब्रह्मकुमारी कमलेश कर रही हैं। समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ न सिर्फ उन्होंने अलख जगाई, बल्कि गांव-गांव जाकर लोगों को मानव जीवन का उद्देश्य भी बताया। दो सौ से अधिक लोगों को वह गुटखा और शराब छुड़वा चुकी हैं। इनकी प्रेरणा से कई लोग सामाजिक सरोकार के कार्यों सेे जुड़ चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f451a1479652d661a994b910f2a9237000f42056 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72998.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विष्णु शर्मा। आधी दिल्ली का मालिक.. जी हां, यही कहा जाता था मशहूर पत्रकार खुशवंत सिंह के पिता सरदार बहादुर सोभा सिंह को और वजह भी वाजिब थी, कैसे उन्होंने दो आना वर्ग गज में दिल्ली की आधी के करीब जमीन खरीद ली थी, ये कहानी काफी दिलचस्प है। सोभा सिंह के पिता सुजान सिंह की पंजाब के शाहपुर (अब पाकिस्तान में) में काफी जमीन थी, पश्चिमी पंजाब में परिवहन का व्यवसाय करते थे। + +जब अंग्रेजी सरकार ने भारत में रेलवे लाइन बिछाने का फैसला किया तो अंग्रेजी निवेश लाने के लिए अंग्रेजी अधिकारियों ने उन्हें पांच फीसद ब्याज की गारंटी दी थी, तो इससे भारत के भी कई कांट्रैक्टर जुड़े। सेना को पूरे देश में आवागमन में आसानी, कच्चे माल को पोर्ट तक लाने और अंग्रेजी माल को देशभर में खपाने के लिए जो रेलवे लाइन भारत में बिछाई गई, उसका फायदा सुजान सिंह जैसे लोगों ने भी उठाया। खुशवंत सिंह ने ‘नाट ए नाइस मैन टू नो’ में बताया है कि कैसे उन्होंने पंजाब की कुछ लाइनें बिछाईं और सबसे अहम कालका शिमला लाइन का ज्यादातर प्रोजेक्ट पूरा किया। तभी ये खबर लगी कि कोलकाता से अंग्रेज राजधानी दिल्ली लाने वाले हैं और वो वहां एक पूरा शहर नई दिल्ली के नाम से बसाने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_72999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_72999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e0b9285735cd9c1cf277489e08b5b056f654073 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_72999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरव दुबे, अलीगढ़ । फलों की बात हो तो मिठास की कल्पना खुद-ब-खुद जेहन में आ ही जाती है। मगर तीन तरफा मार से बाजार में फलों का स्वाद महंगाई ने खट्टा कर दिया है। आम गृहणियों का बजट भी फल बिगाड़ रहे हैं। नवरात्र, रमजान के त्योहारों में फल की मांग भी बढ़ी है और कोविड-19 संक्रमण बढ़ने से माल की आवक भी घटी है। जिसके चलते फलों के दाम पिछले एक महीने में लगभग दोगुने तक पहुंच गए हैं। ।महंगाई से हर वर्ग परेशान।इस बदलाव से गृहणियां ही नहीं दुकानदार भी परेशान हैं। कोविड-19 दौर में महंगे फलों को हाथ लगाने से तमाम लोग गुरेज कर रहे हैं। 40 रुपये किलो मिलने वाला हरा अंगूर इस समय बाजार में 60 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। विटामिन सी से युक्त मौसमी, जिसके सेवन से कोरोना काल में इम्युनिटी पावर में बढ़ोतरी की आस रहती है, वो भी महंगी हो गई है। 50 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मौसमी अब बाजारों में 80 से 85 रूपये किलो तक बिक रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73d3e79021cadb43d601c4de98e2c0506c21a8f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले की रिपोर्टों में यह भी सामने आया था कि राज कुंद्रा मामले की जांच में, अपराध शाखा के अधिकारी वियान इंडस्ट्रीज में सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। उस व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं, जिसने ऐप्स के लिए डिजिटल सामग्री को होस्ट करने वाले सर्वर से डेटा हटा दिया था। फोरेंसिक विशेषज्ञ भी हटाए गए डेटा को फिर से प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11500017aa87e42cca98ffb38292509a8903d666 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नरेन्द्र कोहली एक युगप्रर्वतक साहित्यकार थे।साहित्यकार प्रेम जनमेजय ने कहा कि नरेन्द्र कोहली एक युगप्रर्वतक साहित्यकार थे। उन्हें युगप्रर्वतक साहित्यकार आलोचकों ने नहीं, अपितु पाठकों ने बनाया। उनके पाठक वर्ग में राजनेता से लेकर सामान्य जन तक शामिल हैं। वे एक धरोहर छोड़ गए हैं जो आने वाली पीढ़ियों का मार्ग दर्शन करेगी। प्रेम जनमेजय कहते हैं, कोहली मेरे लिए ऐसे सतगुरु थे जो न तो स्वयं अंधत्व धारण करते हैं और न ही शिष्य को अंधत्व धारण करने की राह पर धकेलते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cfa4344763f5e4d808f2391cab26054cbbe7020 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73002.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई पुलिसकर्मी ड्यूटी पर रहने के दौरान जान गंवा चुके हैं। इंटरनेट मीडिया सहित अन्य माध्यमों से नकारात्मक खबरों का विपरीत असर पुलिसकर्मियों के व्यवहार पर पड़ने की जानकारी अधिकारियों तक पहुंच रही है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को सकारात्मकता की ओर ले जाने के उपाय तलाशने की जिम्मेदारी पुलिस की प्रशिक्षण शाखा ने ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12997d864547ea0cc3228f373f436bad336456ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73003.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीरो सर्वे में पाई गई थी रायपुर की 13 फीसद एंटीबाडी ।इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के सीरो सर्वे में रायपुर जिले के 13.41 प्रतिशत, दुर्ग के 8.31 प्रतिशत और राजनांदगांव जिले के 3.76 प्रतिशत लोगों के शरीर में कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबाडी की मौजूदगी पाई गई थी। सितंबर 2020 में यह रिपोर्ट जारी हुई थी। सीरो सर्वे के दौरान दुर्ग जिले के आम नागरिकों और उच्च जोखिम वर्गों के 517, राजनांदगांव में 504 और रायपुर में 492 नमूने लिये गए थे। इन 1513 नमूनों में से 8.5 प्रतिशत यानी 128 नमूनों में एंटीबाडी पाई गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fddefcd8cec6444856438358c5bd477d10ef1484 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73004.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली राहुल सिंह]। राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों और कोरोना की चेन काे तोड़ने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए साप्ताहिक कर्फ्यू असरदार रहा। दिल्लीवासियों ने कर्फ्यू का पालन किया, जिसके चलते सुबह से लेकर रात तक सड़कों और गली-मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, सड़कों पर केवल आपातकालीन सेवा से जुड़े और ई-पास धारक व्यक्ति ही दिखे, जिनसे भी पुलिस ने रोककर पूछताछ की। वहीं, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली के प्रमुख बाजारों भी सन्नाटा पसरा रहा। + +वहीं, दुकानों पर काम करने वाले ठेले वाले दुकानों के बाहर बैठे रहे। ठेलेवालों ने कहा कि वह बाजार की सड़कों पर ही रहते हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा दिए कर्फ्यू के दौरान प्रशासन द्वारा दिए जाने वाले खाने के पैकेट से ही अपना गुजर करते हैं। उधर, करोलबाग एसडीएम बलराम मीणा ने बताया कि कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। वहीं, जरूरतमंद लोगों की देखरेख के लिए भी प्रशासन की टीम निकल रही हैं, जो लोगों की मदद में जुटी है। वहीं, लगातार ई-पास बनाने का काम भी किया जा रहा है, जिससे लोगों की जरूरत पूरी हो सकें। + + दिल्ली के दिल में भी पसरा सन्नाटा। लॉकडाउन के बाद से अपनी रंगत पर वापस लौटा दिल्ली का दिल कहे जाने वाला कनॉट प्लेस भी शनिवार को सूना पड़ा रहा। कनॉट प्लेस के इनर और आउटर सर्कल पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। हालांकि आपातकालीन सेवा से जुड़े लोग इस इलाके से होकर गुजरते रहे। वहीं, करोलबाग, पटेल नगर, पहाड़गंज और राजेंद्र प्लेस इलाके में भी जगह-जगह पुलिस ने बैरिकेडिंग कर लोगों से पूछताछ की। वहीं, बिना मास्क और बिना ई-पास के सड़कों पर घूमने वाले लोगों का कर्फ्यू का उल्लंघन करने की धाराओं में चालान भी किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..702c521ec28abd740c6ab05e93d59589f669a114 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए प्रदेशों में धारा 144 लगा दी गई है। लोग एक जगह पर जमा न हो जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके मगर दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून को लेकर धरना देकर प्रदर्शन जारी है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की मांग और सरकार में कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार बनाए गए कानूनों को उनके हित का मानती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..949f9b6e7e3e4d13dbcd61d5f1ca7d45a4204240 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73008.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, जेएनएन। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर की तेजी पकड़ रखी है, महाराष्ट्र और यूपी समेत कई राज्य चपेट में हैं। यूपी में सबसे ज्यादा गंभीर हालात राजधानी लखनऊ में हैं, जहां रोजाना होने वाली मौत लोगों को झकझोर रही हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के इस दूसरी लहर के खत्म होने को लेकर जहां एक ओर लोग दुआएं कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कोरोना के पीक की संभावित तिथि का दावा किया है। उन्होंने अपनी एक रिसर्च से देश के सभी राज्यों में अलग अलग कोरोना का पीक टाइम और ग्राफ गिरने की तारीख का अनुमान लगाया है। उनका दावा है कि यह कोरोना वायरस सात दिन तक अधिक प्रभावी रहेगा। ।राज्यों का अलग अलग ग्राफ तैयार किया।आइआइटी कानपुर के प्रोफोसर मणींद्र अग्रवाल ने देश के जिन राज्याें में कोरोना वायर ज्यादा कहर बरपा रहा है, वहां के केस और वायरस का अध्ययन करते हुए डेट वाइज ग्राफ तैयार किया है। हर राज्य के लिए अगल ग्राफ तैयार करते हुए कोरोना का पीक टाइम और ग्राफ गिरने की संभावित तिथि दर्शाते हुए दावा किया है। उन्होंने राज्यवार ग्राफ अपने ट्वीटर अकाउंट पर भी साझा किए हैं। + +यूपी में 20 से 25 अप्रैल तक पीक पर रहेगा कोरोना।प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का दावा है कि यूपी में प्रतिदिन 10 हजार संक्रमित मरीजों के औसत से 20 से 25 अप्रैल तक कोरोना वायरस का संक्रमण अपने पीक पर रहने वाला है। इसके बाद से ग्राफ फिर से गिरना शुरू हो सकता है। वायरस का प्रसार सात दिनों तक सर्वाधिक रहेगा और फिर धीरे-धीरे केस की संख्या कम होनी शुरू हो सकती है। मौजूदा समय में यूपी में 1,50,676 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, झांसी, गाजियाबाद, मेरठ, लखीमपुर खीरी और जौनपुर में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं। ।प्रोफेसर का राज्यवार ग्राफ में किया दावा।बिहार : ग्राफ के अनुसार बिहार में 20-25 अप्रैल तक कोरोना वायरस पीक पर रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ced8a1a82bdade866c20f36f72936b0509b5c949 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्पादन थोड़ा कम है, लेकिन कीमत तीन गुनी।देवीदयाल बताते हैं कि उन्होंने पंजाब के लुधियाना में पहली बार काला गेहूं देखा था। इसके बाद उन्होंने इसकी खेती शुरू की। लोग अब गेहूं खरीद रहे हैं। सामान्य गेहूं का उत्पादन एक बीघा में चार कुंतल होता है, जबकि इसकी उपज थोड़ी कम है। तीन कुंतल तक उपज आती है, लेकिन इसकी कीमत सात हजार कुंतल तक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ca67c70628aedb1fcf5e9209d24c876ba87e5bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73011.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +Farmer Protest: यूपी और दिल्ली सरकार की मुसीबत बढ़ा सकते हैं राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं के बयान।बता दें कि भारतीय किसान यूनियन की प्रत्येक माह 17 तारीख को मुजफ्फरनगर के सिसौली में होने वाली मासिक बैठक को यूपी गेट पर की जा रही है। 18 मार्च को भी यूपी गेट पर ही किसानों की पंचायत की गई थी, लेकिन भीड़ कम देखकर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत निराश हुए थे। + +वहीं, मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी गेट पर किसान पंचायत की तैयारी में तेजी से चल रही है। इस पंचायत में आंदोलन की अग्रिम रणनीति रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसी के मद्देनजर सभी वरिष्ठ पदाधिकारी अपनी राय से भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत को अवगत कराएंगे। राजस्थान में पंचायत कर लौटे भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने भी यूपी गेट पर किसान नेताओं के साथ बैठक कर शनिवार की पंचायत की तैयारियों पर चर्चा की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc1757f7bc06f32f15b11f0f284e9a715b2c7e8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +​​​​​यह भी पढ़ें :-।युवक ने मह‍िला के प्राइवेट पार्ट पर रखा हाथ, कहा-मुरादाबाद की पुलिस मेरा कुछ नहीं कर सकती।बैंक प्रबंधक के बेटे ने ल‍िखा पत्र-जब तक रुपये हैं, मैं ज‍िंंदा रहूंगा, मेरा पीछा मत करना, तलाश में मुरादाबाद पुलिस।मेरी सांसें उखड़ रहीं हैं, आप अपना ख्याल रखिएगा...कोरोना संक्रम‍ित डॉ. मीना कौल ने मौत से पहले फोन पर कही ये बात।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73015.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73015.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37cb99bef565769693129ab1d6ae0fef6a8cca00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73015.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मां भगवती के विशेष दिन नवरात्र चल रहे हैं। आज पांचवा नवरात्र है। सनातन धर्म में हर तथ्य कहीं न कहीं विज्ञान पर आधारित रहा है। या कहें कि विज्ञान पूरी तरह से आध्यात्म पर आधारित है। विशेषकर आयुर्वेद। आज महामारी के दाैर में लोग वापस से अपनी पद्वति अपने सनातन धर्म की ओर लौट रहे हैं। काढ़ा बनाकर पीने के साथ ही उपचार के लिए भी अंग्रेजी दवाओं से पहले अपनी देशी शक्तियों का प्रयोग कर रहे हैं। इन सभी के साथ क्या आप जानते हैं कि हमारी नौ विशेष आयुर्वेदिक औषधियों को नवदुर्गा कहा जाता है। आइये ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा से जानते हैं नौ दिन के विशेष दिनों में औषिधियों का भेद। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba6138679f005c6f9fc4ed0862404c05d11ac224 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73016.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूरों और रोजमर्रा का काम करने वाले कुशल कारीगरों पर पड़ रहा है। संक्रमण काल में बाहर से सूबे में आए ऐसे कुशल प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए बनाया गया सेवामित्र एप एक बार फिर सक्रिय करने की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार की मंशा के अनुरूप कुशल श्रमिकों को तलाश कर विविध विभागों में काम के अवसर उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्​देश्य है। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के इस एप से न केवल कुशल प्रवासी श्रमिक घर बैठे अपना पंजीयन करा सकते हैं बल्कि उन्हें इसके माध्यम से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। ।ऐसे काम करेगा एप ।सेवायोजन विभाग की वेबसाइट sewayojan.up.nic.in पर कोई की कुशल प्रवासी मजदूर अपना आनलाइन पंजीयन करा सकता है। पंजीयन के दौरान जरूरी दस्तावेज और अन्य जानकारियां भी आनलाइन वेबसाइट पर मिल जाएगी। सेवामित्र एप की खास बात यह है कि इसमे अधिकतम आयु की कोई सीमा नही है। ऐसे में युवा से लेकर बुजुर्ग तक इसमे अपना पंजीयन करा सकते हैं। ब्लॉक स्तर पर भी चलेगा अभियान रमिक जोअपना पंजीयन आनलाइन नहीं करा सकते,उनकी सुविधा के लिए हर ब्लाॅक में कर्मचारी को पंजीयन के लिए लगाया गया है। आफलाइन पंजीयन की व्यवस्था केवल कम पढ़े लिखाें के लिए है। शारीरिक दूरी बनाकर उनका पंजीयन ब्लाॅक स्तर कराया जाएगा। किसी को भी लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय आने की जरूरत नही है। 65 तरह के रोजगार इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, बाइक रिपेयर मिस्त्री, कारपेंटर, ब्यूटीशियन, फोटोग्राफर, टीवी मैकेनिक, कार मिस्त्री, कंप्यूटर मिस्त्री, मोबाइल मिस्त्री,पंप रिपेयर, इंजन मैकेनिक, शीट मेटल, ख्ररादी जैसे 65 तरह के कौशल वाले का पंजीयन किया जाएगा। सभी 65 विधाओं की जानकारी सेवायोजन विभाग की वेबसाइट से ली जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c63948ba653e93e20e9139d6d16c77bfde68f48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73017.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंगेतर के साथ देखी थी फिल्म निकाह।बचपन से ही मुझे फिल्में देखने का बहुत शौक था। नौवीं कक्षा में यह शौक भी पूरा हो गया। अजमेरी गेट पर मेरे एक भाई की दुकान थी। उनके और दोस्तों के साथ पहली बार न्यू अमर टाकीज में दोस्ती फिल्म देखी थी। एक बार स्कूल बंक कर घंटाघर के पास रोबिन टाकीज में दोस्त के साथ एक फिल्म देखी थी। तीसरी फिल्म पत्नी निरुपमा के साथ तब देखी थी, जब हमारी शादी नहीं हुई थी, रिश्ता तय हो गया था। आप कह सकते हैं, तब वह मेरी फियांसी थीं। फिल्म देखने जाने का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। निरुपमा विदेश मंत्रलय में सीनियर अकाउंटेंट थीं। मैं यूजीसी में नौकरी करता था। हमारा रिश्ता तय हो गया था। लेकिन उन दिनों फोन नहीं होते थे तो एक दूसरे से बात कैसे करते। दफ्तर में एक महिला अधिकारी थीं, जो मेरी बहुत अच्छी दोस्त थीं। वह मुझसे हमेशा कहती कि तुम निरुपमा से मिलते क्यों नहीं हो। कभी उन्हें फिल्म तो दिखा लाओ। हमें मिलवाने के लिए एक दिन उन्होंने ही अपने दफ्तर के लैंडलाइन नंबर से फोन कर निरुपमा के साथ फिल्म देखने के लिए मीटिंग फिक्स की। उसके बाद हम दोनों दरियागंज के गोलचा सिनेमा हाल में निकाह फिल्म देखने गए। इस फिल्म को देखने का आइडिया भी मेरी दोस्त ने ही दिया था। + +जीवन परिचय। पहाड़गंज में जन्में 65 वर्षीय डा. पीके खुराना दिल्ली विवि के शहीद भगत सिंह कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य रहे हैं। उन्होंने दिल्ली विवि के श्रीराम कालेज आफ कामर्स से बीकाम व दिल्ली कालेज आफ इकोनामिक्स से एमकाम की पढ़ाई की। दिल्ली सेल्स टैक्स विभाग में इंस्पेक्टर, यूनिवर्सटिी ग्रांट कमीशन (यूजीसी), शहीद भगत सिंह कालेज में लेक्चरार भी रह चुके हैं। 12 वर्ष तक शहीद भगत सिंह कालेज में प्रधानाचार्य का कार्यभार संभालने के बाद 2019 में सेवानिवृत्त हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d10ef86bcf23042bc7b75af2e2908eec15db073 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73018.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद [सोनू राणा/संजय निधि/अवनीश मिश्र]। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हरिद्वार में चल रहे कुंभ के दौरान एक महामंडलेश्वर की मौत और कई अन्य संतों के संक्रमित होने से किसान आंदोलनकारियों को लेकर दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सरकार  के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह डर सता रहा है कि कहीं हरिद्वार के कुंभ की तरह चारों बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारियों के बीच भी कोरोना बम न फूट जाएं। ऐसे में हालात काबू में करना मुश्किल होगा। + +लॉकडाउन और कर्फ्यू में किसान आंदोलन जारी रखने का हो चुका है एलान। बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा और यूपी के चारों बॉर्डर पर जारी किसानों का धरना प्रदर्शन साढ़े चार महीने पूरे कर चुका है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण बेकाबू हो गया है, बावजूद इसके किसान प्रदर्शनकारी अपना आंदोलन स्थगित करने के लिए तैयार नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं में शुमार डॉ. दर्शन पाल कह चुक हैं कि कोरोना के बावजूद आंदोलन स्थगित नहीं होगा, यह जारी रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d96c6e8f36a8d24fc613a5af45c8f2351a01e899 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73019.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीडीए और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) ने 2020 के हालात देख मास्टर प्लान में इस तरह के बदलाव किए हैं, जिनसे प्रवासी छात्रों, श्रमिकों और महिलाओं की कम कीमत पर आवासीय सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। डीडीए अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में करीब 25 फीसद आबादी किराये रहती है। पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन लगा तो दिल्ली में काम करने वाले श्रमिक, प्रवासी छात्र व अन्य लोग अपने-अपने राज्यों को लौटने लगे, जिसकी वजह से काफी लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ीं और संक्रमण भी बहुत बढ़ गया था। ऐसे में नए मास्टर प्लान में इस बात पर जोर दिया गया है कि इस तरह के किफायती आवास तैयार किए जाएं जिनसे निम्न आय वर्ग की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73020.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73020.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..744db4291be21b49d7a29c596e6ee96edaa2e50f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73020.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [धर्मेन्द्र मिश्रा]। इस बार कोरोना वायरस की संक्रामक क्षमता इतनी ज्यादा है कि पहले ही दिन वह सीधे फेफड़ों पर वार कर रहा है। इससे मरीजों की गंभीरता दर व मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि 25 से 30 वर्ष तक के युवाओं को भी आक्सीजन सपोर्ट व वेंटिलेटर पर रखना पड़ रहा है। यह निष्कर्ष किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय(केजीएमयू) व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डाक्टरों ने मरीजों पर की गई केस स्टडी के आधार पर निकाला है। बहुत से मरीज तो ऐसे हैं जिनके फेफड़ों में कोरोना का गंभीर संक्रमण होने के बावजूद उनकी रिपोर्ट आरटीपीसीआर जांच में निगेटिव आ रही है। जबकि कोरोना पॉजिटिव व निगेटिव मरीजों मरीजों का सीटी स्कैन थोरैक्स देखने पर दोनों में एक जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं। इसलिए सभी को अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64860ce6788941a82316250708e1f9509ef7d018 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। जीएसटी में टैक्स चोरों ने अब अंडर बिलिंग का खेल शुरू किया है। टैक्स की चोरी करने वाले व्यापारी बाहर से लाने वाले माल की बिलिंग कम की करवा माल का परिवहन करते हैं। जबकि आने वाला माल दोगुनी और तीन गुनी कीमत का होता है। लेकिन प्रवर्तन दल उसे पकड़ नहीं पाते हैं। वजह मौके पर माल की सही कीमत का आकलन संभव नहीं होता है। इस तरह का खेल रेडीमेड गारमेंटस, होजरी, मार्बल, टाइल्स आदि कारोबार में यह खेल आसान होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb15f761e1777b0c59e20614488b428a388cc75b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73022.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरंग से आती थी पृथ्वीराज की बेटी बेला: वजीराबाद पुल और स्मारक गांव की खास पहचान है। इतिहास के मुताबिक भले ही इस पुल का निर्माण तुगलक काल (1351-1388) में किया गया हो, लेकिन गांव के लोग कहते हैं कि यह मुगलकाल से भी पुराना है। ग्रामीण देवेंद्र त्यागी के अनुसार वजीराबाद पुल के नीचे एक सुरंग है जो लाल किले के अंदर तक जाती है। इसी सुरंग से पृथ्वीराज चौहान की बेटी बेला वजीराबाद पुल के नीचे यमुना में स्नान करने आती थी। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से अब इस सुरंग को बंद कर दिया गया है। लेकिन सुरंग की ओर जाने वाली सीढ़ियां वहां अब भी नजर आती हैं। इसी पुल से सटा एक विवादित स्मारक भी है। जिसका संरक्षण अब भारतीय पुरात्तव विभाग कर रहा है। सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक यह कालिंदी मंदिर है क्योंकि यह यमुना किनारे बना हुआ है। स्मारक की बनावट प्राचीन मंदिर जैसी है। इसकी गुंबद पर शिव का त्रिशूल था जो अब क्षतिग्रस्त हो गया है। लेकिन मुस्लिम समाज के कुछ लोग इसे मस्जिद मानकर यहां नमाज पढ़ने आ गए थे, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया। तब से पुरातत्व विभाग ने इस स्मारक को अपने संरक्षण में ले लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..749b7be3b678abcac900b35cb3cfc5c1daa8be1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार में हारे तो केंद्र में रेल मंत्री बन चर्चा में आए।लालू की राजनीति पर साल 2005 में तब ग्रहण लगा था, जब बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की नई सरकार का गठन हुआ था। लेकिन लालू ने दूर नहीं करते हुए दिल्ली को अपना कार्यक्षेत्र बना लिया। फिर केंद्र सरकार में रेल मंत्री के रूप में तब चर्चा में आए, जब घाटे में चल रहे रेलवे को पहली बार मुनाफे में ला दिया। ।बिहार की सत्‍ता छूटी, चारा घोटाला में गए जेल।आगे बिहार में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की नीतीश सरकार के साथ फिर बिहार की सत्‍ता में आना, फिर नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (JDU) का महागठबंधन छोड़कर फिर एनडीए में शामिल होना भी बड़ा घटनाक्रम रहा, जिससे लालू की राजनीति को आघात लगा। लेकिन लालू को सबसे बड़ा आघात लगना अभी शेष था। आरजेडी के बिहार की सत्‍ता से बाहर होने के बाद झारखंड में चल रहे चारा घोटाला के तीन मामलों में एक-एक कर लालू को सजा हो गई। इसके साथ लालू रांची की होटवार जेल भेज दिए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73024.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10f9473b520a5d26020c26ea9bd3cd03be934f82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, अंशु सिंह। साल 2014 की बात है। भिलाई की समृद्धि साहू गंभीर अवसाद की शिकार हो गई थीं। लेकिन कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर समृद्धि ने हार नहीं मानी और खुद ही इससे बाहर निकलने का फैसला किया। उन्होंने पहले से ही मंडल आर्ट के बारे में सुन रखा था, तो बिना देर किये इसे सीखना शुरू कर दिया। वह कहती हैं कि ज्यामितीय आकारों से ब्रह्मांड को जोड़ने की यह अद्भुत कला है, जो अंतर्मन की सारी दुविधाओं को दूर कर देती है। मंडल का मतलब ही होता है पूर्ण घेरा। यह एक तरह की ध्यान प्रक्रिया है, जो आपका स्वयं आपसे परिचय कराती है। आज समृद्धि अपने सहयोगी कलाकारों के साथ मिलकर ‘स्कॉड आर्टिस्ट’ नाम से एक संगठन चलाती हैं। वह मानती हैं कि कला से हम एक बेहतर इंसान बनते हैं। जीवन में रचनात्मकता आती है। ग्रेटर नोएडा स्थित डीपीएस की नौवीं की छात्रा नंदिनी जैन भी कला में खास रुचि रखती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5db36b07a4fd7dd59aa5c803021da91ce531c090 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली जेएनएन। Corona cases in India देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। सरकारी अमला इस महामारी से निपटने के प्रयास कर रहा है, लेकिन बड़ी आबादी और मरीजों की बढ़ती संख्या के सामने संसाधन सीमित होते दिख रहे हैं। सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शुमार छत्तीसगढ़ की स्थिति अधिक खराब है। यहां प्रतिदिन करीब 15 हजार मरीज आ रहे हैं और बेड, आक्सीजन व वेंटीलेटर की कमी महसूस हो रही है। इसी तरह पंजाब में भी आक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है। वहीं, उत्तराखंड और राजस्थान में भी हाल बेहाल ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b48ac39b4188db281f730c1b5c10ab29226776b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73028.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लोकेश शर्मा, अलीगढ़ : गन्ना किसानों की कड़वाहट दूर कर मिठास घोलने के प्रयास हो रहे हैं। उम्दा किस्म के गन्ने की प्रजातियां किसानों का भविष्य संवारेंगी। ज्यादातर किसान इन्हीं प्रजातियों को पसंद कर रहे हैं। कम सिंचाई में ये बेहतर उपज देंगी। कीटनाशक दवाओं पर भी खर्च कम होगा। सामान्य के मुकाबले तीन से चार फीसद अधिक रिकवरी होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ये प्रजातियां किसानों की आय बढ़ाने में कारगर होंगी। विभाग तीन प्रजातियां उपलब्ध करा रहा है। गन्ने का रकबा बढ़ाने पर भी जोर है। + +इंदिरा गांधी ने रखी थी नींव।1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अलीगढ़-कासिमपुर रोड पर दि किसान सहकारी चीनी मिल साथा की नींव रखी थी। चीनी मिल की पेराई क्षमता स्थापना काल से ही 12 हजार 500 कुंतल गन्ना प्रतिदिन की है। वर्तमान में पेराई क्षमता 25 हजार कुंतल प्रतिदिन की होनी चाहिए। इसके लिए 300 करोड़ रुपये की दरकार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b4352a48c009513c00354828ca2f86219589e74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73029.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आलोक मिश्र। Bihar Coronavirus News जब महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से संक्रमितों की संख्या बढ़ने की खबरें आने लगी थीं, कान तो बिहार के तभी खड़े होने शुरू हो गए थे। लेकिन पिछला एक पखवाड़ा जोर-जोर से ढपली पीट गया है कि अब नहीं चेते तो परिणाम गंभीर होंगे। करीब 15 दिन पहले जहां सक्रिय मरीजों की संख्या लगभग दो हजार थी, वह अब 29 हजार का आंकड़ा पार कर गई है। चिकित्सीय व्यवस्था इतने में ही हाथ पैर फुलाए बैठी दिख रही है। बेड कम पड़ने लगे हैं, अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है। हर तरफ बस पिछले साल से ज्यादा बड़ी आफत आने का रोना, लेकिन सुरक्षा उपायों को लेकर लापरवाही का आलम। जबकि यह जानने के बाद भी कि खुद की सुरक्षा ही इसकी काट है। + +बिहार को इस पखवाड़े के आंकड़ों ने कुछ हद तक डराया है। एक अप्रैल के पहले सब ठीक-ठाक चल रहा था। उस दिन सक्रिय मरीजों की संख्या 1,907 थी। जांच कराने वालों में एक फीसद से कम संक्रमित निकल रहे थे। ठीक होने वालों का प्रतिशत भी 98.69 था, लेकिन धीरे-धीरे आंकड़ों की सूरत बिगड़ने लगी। जैसे-जैसे टेस्ट बढ़े, मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित उछाल आने लगा। दस अप्रैल के बाद चार हजार से ज्यादा के आंकड़े जुड़ने लगे। इसके बाद 15 अप्रैल को सर्वाधिक 6,133 मरीज मिले यानी 15 दिनों में 27 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं। जांच में छह फीसद से ज्यादा संक्रमित निकलने लगे हैं, जो अब तक के सर्वाधिक हैं। ठीक होने वालों की संख्या भी गिरकर 91 फीसद के आसपास आ टिकी है। होटल-मेडिकल को छोड़ दुकानें सात बजे बंद करने का फरमान है और मास्क न पहनने पर जुर्माना। लेकिन इससे कुछ होता दिख नहीं रहा, क्योंकि बाजार में सारे मानक टूट रहे हैं। लोग जबरदस्ती बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे। मास्क भी मुंह के बजाए गले में टिका दिखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c06a506a793c87bd9e2c245062654de290c4a0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली का ही उदाहरण लें। यहां की नागरिक सुरक्षा सेवा के जवान आम लोगों को मास्क पहनने के लिए मजबूर करने या भय दिखाने की बजाय व्यस्त सड़कों के चौराहों और लाल बत्तियों पर कारों में चलने वाले लोगों के मास्क पर नजर बनाए रखे। उनके बगल से पैदल या साइकिल से चलते लोग बिना मास्क के घूमते रहे। लेकिन सिविल डिफेंस के लोगों का ध्यान सिर्फ कार वालों पर रहा। विडंबना यह रही कि जिस सड़क या चौराहे के नजदीक सिविल डिफेंस के लोग कारों में चलने वाले अकेले या दो-तीन सवारों को मास्क पहना रहे थे, उसी चौराहे या सड़क के नजदीक के बाजार और कॉलोनियों के अंदर के ठेले-दुकानों, चाय-पान के ठीयों आदि पर बिना मास्क घूमते लोगों की ओर न तो सिविल डिफेंस के लोगों का ध्यान रहा और न ही उन्हें नियंत्रित करने वाले अधिकारियों का। दिल्ली-मुंबई हो या कोई अन्य स्थान, घनी बस्तियों के सब्जी बाजार, किराना की दुकानों के साथ ही अंदरूनी इलाकों, पार्को आदि में अब भी लोग लगातार बिना मास्क के घूम रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक तंत्र का ध्यान इनकी ओर अब भी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88b61ef87ed90d6bf767ab79268dbd631b856195 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73037.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में बदल रहे हालात पर भारत की पैनी नजर है। भारत को बखूबी मालूम है कि अगर पाक के समर्थन वाले तालिबानी आतंकी वहां सत्ता में आते हैं तो उसके हितों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में भारत ने दूसरे देशों को आगाह किया है कि पाकिस्तान के इरादे को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही भारत अपनी भावी रणनीति को धार देने में जुटा है। इस क्रम में समान विचारधारा वाले दूसरे देशों के साथ लगातार विमर्श चल रहा है। + +पाकिस्‍तान की भूमिका पर सवाल।विदेश मंत्री का इशारा पाकिस्तान की तरफ था, जो कट्टरपंथी तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज करवाने पर तुला है। जयशंकर ने कहा कि मुझे शक है कि पिछले दो दशकों में तालिबान बदला है। तालिबान अफगानिस्तान में जो करना चाहता है, वह लोकतांत्रिक तरीका नहीं है। इस परिचर्चा में ईरान के विदेश मंत्री जावाद जारीफ भी उपस्थित थे। + +ईरान ने भी आतंकियों के सक्रिय होने का जताया संदेह।जारीफ ने कहा कि यदि नए अफगानिस्तान में आतंकवादी तालिबान का प्रवेश होता है तो यह ना सिर्फ सभी पड़ोसी देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक होगा। पिछले बीस वर्षों में अफगानिस्तान में जो संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है उसे आगे भी जारी रखने की कोशिश होनी चाहिए। एक दिन पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने भी यही कहा है कि बदले हालात में आतंकियों को अफगानिस्तान में सत्ता में आने की छूट नहीं मिलनी चाहिए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a9bb6bec2e7ba06d2fe7c3cabb19516869c22b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73039.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इंद्रजीत सिंह, कोलकाता : कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले की अहम विधानसभा सीटों में खड़दह भी एक है, जहां 22 अप्रैल को मतदान होना है। यह सीट कई मायनों में अहम है। इस सीट ने बंगाल को लगातार 35 वर्षों तक वित्त मंत्री दिए हैं। इस कारण इसे वित्त मंत्रियों की सीट भी कहा जाता है। इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सीट राज्य को फिर एक वित्त मंत्री देती है या फिर यह परंपरा टूट जाती है। इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है, मगर भाजपा कड़ी टक्कर दे रही है। + +दरअसल, तृणमूल में फैले असंतोष और लोकसभा चुनाव में जनता के दुलार के सहारे भाजपा बेड़ा पार लगाने की उम्मीद लगाए बैठी है। इस सीट पर माकपा के पूर्व वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता ने लगातार पांच बार जीत दर्ज की है, वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मौजूदा वित्त मंत्री अमित मित्रा लगातार दो बार असीम दासगुप्ता को हराकर यहां से जीत का ताज पहना है। कभी माकपा का गढ़ रही यह सीट अभी टीएमसी के कब्जे में है, जिसे इस बार दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, इस विधानसभा क्षेत्र के कई तृणमूल कांग्रेस ने नेता बागी हो गए हैं। कई असंतुष्ट पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a85d3c289283d4bfc9397ca95baab56ce4a4a33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [भगवान झा]।  कोरोना संक्रमण के बढ़ते ही अस्पतालों में बेड पूरी तरह भरने लगे हैं। अगर किसी मरीज को तुरंत बेड की आवश्यकता होती है तो उन्हें परेशानी आ सकती है। पश्चिमी दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में जब शुक्रवार दोपहर फोन कर बेड के बारे में जानकारी ली गई तो हर जगह से एक ही जवाब आया अभी बेड नहीं है। शाम को या फिर कल पता कीजिएगा। ऐसे में खुद की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए लोगों को अधिक से अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग टीकाकरण में जरूर हिस्सा लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73043.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d7a15cfbc7518f2c3b6c4ada21cee0c877b3c69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73043.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद रेलवे लगातार गाइड लाइन जारी कर रहा है। बिना कंफर्म टिकट वाले यात्र‍ियों के ट्रेन में प्रवेश करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। वेटिंग टिकट वालों से जुर्माना लेकर उन्‍हें अगले स्टेशन पर उतार दिया जाएगा। चेकिंग टीम को आदेश द‍िए गए हैं क‍ि यात्रियों से टिकट के बजाय उसके मोबाइल में आए बारकोड को स्कैन कर जांच करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d52aae1e353b9424c0b5aeafe9233557b874ccc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73044.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'सामाजिक एकता और भाईचारे की इस शाही रसोई में पकने वाला भोजन यतीतों और गरीबों की भूख मिटाता है। मुहर्रम में तबर्रुख और माह-ए-रमजान में इफ्तारी वितरण की ऐतिहासिक परंपरा में पिछले बार सुरक्षा के चलते राशन बांटा गया था। इस बार संक्रमण के चलते कुछ भी वितरित नही होगा। जिला प्रशासन को आगे का निर्णय लेना है। फिलहाल इमामबाड़ा भी बंद करने की तैयारी की जा रही है।   -हबीबुल हसन, प्रभारी, बड़ा इमामबाड़ा ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73046.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73046.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f567d39816774be1bc600cf10728f251fe1595f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73046.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर सहित हरियाणा और उत्तर प्रदेश के निवासी अब मौसम पूर्वानुमान जानने के साथ-साथ यह भी जान पाएंगे कि अगले 24 घंटे के दौरान उनके क्षेत्र या जिले में कितने मिमी बारिश होगी। दिल्ली के प्रादेशिक मौसम विज्ञान विभाग (Regional Meteorological Department of Delhi) ने पहले चरण में दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के 52 क्षेत्रों के लिए यह सुविधा शुरू की है। इसका परीक्षण तो तो पिछले वर्ष ही शुरू कर दिया गया था, लेकिन अब इसे नियमित तौर पर अपडेट भी किया जा रहा है और आम लोग इसका इस्तेमाल आरएमसी दिल्ली की वेबसाइट से कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3915abb36a6e58ddc96c3ba1a8acceb460df348f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक दो बार तो स्थानीय लोग भी इस धरना प्रदर्शन के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर चुके हैं मगर कोई हल नहीं निकला। जब से आंदोलन शुरू हुआ है उसके बाद से यहां बने पेट्रोल पंप, छोटी दुकानें, ढाबे जैसी 400 से अधिक दुकानें बंद हो चुकी हैं, लोग अपना कारोबार समेटकर दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। पेट्रोल पंपों पर तेल की बिक्री बंद हो चुकी है। ।अब सरकार ने रणनीति तैयार की है कि कम से कम दो बार इन किसानों को समझा-बुझाकर आंदोलन स्थल से स्वयं ही हट जाने के लिए मनाया जाएगा। पहले चरण में बार्डर के साथ लगते जिलों के उपायुक्त इन किसानों से बात करेंगे। फिर सरकार स्वयं अपने प्रतिनिधियों के जरिये बातचीत करेगी। दो बार बातचीत करने के बाद यदि नहीं माने तो इन किसानों को पुलिस व अर्धसैनिक बलों के बूते हटा दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3b4703e1c381d87cb548c690acfd54966207832 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संगठन की सहायक महानिदेश डॉक्टर हनान बालखी के मुताबिक नई प्रभावशाली एंटीबायोटिक्स दवाओं के विकास, उत्पादन और वितरण अवरोध की वजह से एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध का प्रभाव काफी अधिक बढ़ रहा है। इस वजह से बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण का सही इलाज करने की हमारी क्षमता पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति में बच्‍चों के अलावा उन लोगों को गरीबी में जीवन जीते हैं सबसे अधिक खतरा है। हालांकि एंअीबायोटिक दवाओं के लिये एंटीबॉडीज हासिल कर चुके संक्रमण दूसरों को भी प्रभावित कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73051.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73051.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff90f0b08240a3a25c25976035ae611678c9b93e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73051.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांव में सजी चुनावी महफिल। ग्राम पंचायत हस्तपुर-चंदफरी में गुरुवार को दोपहर के समय चुनावी महफिल सजी हुई है। गांव की प्रधान की सीट इस बार बीसी महिला के लिए सुरक्षित है। लेकिन यहां के मतदाताओं का उत्साह बिल्कुल भी कम नहीं है। गांव में लगभग 34  सौौ मतदाता हैं। चौपाल में सिर्फ चुनावी चकल्लस हो रही है हर व्यक्ति अपनी पसंद और नापसंद को लेकर राय रख रहा है। सबकी जुबान पर एक ही बात है कि इस बार वोट सिर्फ उसी को देंगे जो विकास की बात करेगा, किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। जमील खा ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता को जाति व धर्म के नाम पर बांटते है। यदि गांव का संपूर्ण विकास कराना है तो स्वच्छ छवि के प्रत्याशी को चुनना होगा। मुनेश शर्मा ने इनकी बात का समर्थन करते हुए कहा वोट जातिवाद के नाम पर नहीं विकास के नाम पर दे दिया जाएगा। रामदेव शर्मा ने कहा बिल्कुल सही बात है प्रत्याशी जीतने के बाद चेहरे देखकर विकास करते हैं, विकास समान रूप से होना चाहिए। इनकी बात काटते हुए सतीश सागर ने कहा नेता तो सब अपनी जेब भरते हैं हम ऐसे लोगों को वोट देने वाले नहीं है। लक्ष्मण सिंह को इस बात की दिक्कत है कि राजनीतिक पार्टियों ने लोकल चुनाव में भी अपने प्रत्याशी भेजना शुरू कर दिया है। वह कहते हैं हम तो सोच समझकर वोट देंगे। सुनील शर्मा का भी यही मत था कि वोट शिक्षित व ईमानदार व्यक्ति को ही जाएगा। दुर्गेश, लक्ष्मण, मोहित, ललित कुमार, जग्गो ने भी विकास के नाम पर वोट देने का समर्थन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ae7675efbf4c9fc06b6cd598240a2f44f9960ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73053.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। देश एक ओर कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है तो दूसरी ओर वायरस से बचने के एक उपाय कोरोना वैक्सीन की कमी ने मुश्किलें बढ़ा दी है। भारत में इनदिनों वैक्सीन निर्माण पर बड़ा असर पड़ा है। इस समय जबकि भारतीय कंपनियां वैक्सीन उत्पादन की रफ्तार तेज कर देश और दुनियाभर में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास में जुटी हैं, अमेरिका व  यूरोपीय देशों की आत्मकेंद्रित सोच ने इनकी राह में अड़चनें पैदा कर दी हैं। उन्होंने वैक्सीन निर्माण के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी है। इसके कारण भारतीय कंपनियों का उत्पादन  प्रभावित हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70b541e8138e362370166d4e124f2d8b3d9021b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [निशान्त यादव]। जो चारबाग़ रेलवे स्टेशन स्वतंत्रता आंदोलन का साक्षी है, जहां पहली बार महात्मा गांधी की मुलाकात जवाहर लाल नेहरू से हुई थी। उसी चारबाग़ स्टेशन पर ब्रिटिश कालीन दौर में ट्रेन आने से पहले भारतीयों को एक कमरे में बन्द कर दिया जाता था। ट्रेन आने पर जब अंग्रेज यात्री फर्स्ट क्लास बोगी में बैठ जाते थे तब भारतीयों को सेकेंड क्लास कोच में चढ़ाकर बाहर से ताला लगा दिया जाता था। भारत में पहली रेल भले ही 16 अप्रैल 1853 को मुम्बई से ठाणे के बीच चली लेकिन लखनऊ तक ट्रेन का नेटवर्क बिछने में अधिक समय नहीं लगा। करीब 14 साल बाद लखनऊ में ट्रेन की शुरुआत हो चुकी थी। मीटरगेज ट्रेनों से शुरुआत वाला लखनऊ कानपुर रूट अब हाई स्पीड ट्रैक में बदल रहा है। शताब्दी के बाद अब तेजस जैसी ट्रेन लखनऊ से जुड़ चुकी हैं। रेलवे 16 अप्रैल के ऐतिहासिक दिन को रेल सप्ताह के रूप में मनाता है। हालांकि कोरोना के कारण रेलवे ने इस साल के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f39457d74f1ecaa3b6645664f9097522baa49246 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73055.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना की रफ्तार दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। संक्रमितों का दैनिक आंकड़ा दो लाख पार कर चुका है। विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारणों की तलाश में जुटे हैं। पिछले सप्ताह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) ने महाराष्ट्र की जिला प्रयोगशालाओं के साथ एक बैठक में कुछ आंकड़े साझा किए। राज्य में जनवरी से मार्च तक 361 नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई, जिनमें 220 (करीब 61%) में डबल म्यूटेंट वैरिएंट पाए गए। सूत्रों के अनुसार, देशभर में 1.40 लाख नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग हो चुकी है। + +क्या है बी.1.617 : डबल म्यूटेंट वैरिएंट को बी.1.617 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें ई484क्यू व एल452आर दोनों प्रकार के म्युटेशन पाए गए हैं। कई देशों में ये वैरिएंट अलग-अलग पाए गए हैं, लेकिन भारत में पहली बार दोनों एक साथ सामने आए हैं। दोनों म्युटेशन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं, जो मनुष्यों की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को आसान बनाते हैं। ई484क्यू म्यूटेशन ई484के की तरह है जो ब्रिटेन (बी.1.1.7) व दक्षिण अफ्रीकी (बी.1.351) वैरिएंट में पाया गया था। एल452आर म्यूटेशन पहली बार कैलिफोर्निया (बी.1.427 व बी.1.429) में पाया गया था, जब वहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा था। यह स्पाइक प्रोटीन की ताकत में इजाफा करता है, जिसके कारण कोरोना वायरस ज्यादा संक्रामक हो जाता है। एल452आर वायरस में प्रतिरूप पैदा करने की क्षमता को बढ़ाता है। ई484क्यू व एल452आर के साथ होने से वायरस ज्यादा संक्रामक हो जाता है। वह प्रतिरक्षा प्रणाली को भेदने में भी सक्षम हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36100bdaa9ec06caa266c2f557431b21d986ebe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को चारों तरफ से घेरकर बैठे किसानों को कोरोना संक्रमण के फैलाव का कारण नहीं बनने दिया जाएगा। सिंघु और टीकरी बार्डर पर बैठे इन किसानों को आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार पहले प्यार से समझाएगी। यदि यह किसान अपनी जिद पर अड़े रहे और आंदोलन स्थल से नहीं हटे तो उन्हें अर्धसैनिक बलों व पुलिस की मदद से हटाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इन किसानों को धरने से हटाने की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके लिए हरियाणा सरकार को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73057.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73057.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..165ce88e3479128b3d3a5021ee447a4eca64482a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73057.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्तमान में यदि मार्स रोवर परसिवरेंस की बात करें तो फिलहाल अपनी पहले वाली पॉजीशन से करीब 270 मीटर की दूरी पर है। नासा ने मार्स परसिवरेंस के अकाउंट से ट्वीट किया है कि मैं कई मोड़ लेते हुए अपनी पहले की पॉजीशन से करीब 0.17 मील (270 मीटर) की दूरी पर हूं। जिस मैप पर आप रोवर की लेटेस्‍ट पॉजीशन की जानकारी ले सकते हैं उसकी कुछ और भी खासियत है। जैसे इस मैप को कहीं भी घुमाया जा सकता है। साथ ही इसको जूम आउट और जूम इन किया जा सकता है। + +मैप को दरअसल, दो तरह से देखा जा सकता है1 इनमें से एक ग्रे स्‍केल वाला मैप जेजीरो क्रेटर मैप है जो वहां का वास्‍तविक नक्‍शा है। इसको नासा के मार्स रीकंसेंस ऑर्बिटर परसिवरें पर लगे हाईराइज (HiRISE)कैमरे से ले ली गई तस्‍वीरों के आधार पर है। इस (https://mars.nasa.gov/mars2020/mission/where-is-the-rover/)लिंक में इसकी वास्‍तविक इमेज को भी आसानी से देखा जा सकता है। इसमें हाई रिजोल्‍यूशन डिजीटल एलिवेशन मॉडल बनाया गया जो मंगल पर मौजूद चट्टानों की जानकारी दे सकेगा। स्र।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbcb1b648cc97085b507a93ccec16bffe66a27be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। झारखंड उच्च न्यायालय की कुछ टिप्पणियों पर गौर फरमाइए। पहली, रिम्स में अपनी सीटी स्कैन मशीन नहीं होना शर्म की बात है। लोग मर रहे हैं, लेकिन किसी को कोई परवाह नहीं है और सरकार शपथ पत्र-शपथ पत्र खेल रही है। दूसरी, अब कितने लोगों के मरने का इंतजार किया जाएगा। इस प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बहुत ही खराब है। अधिकारी सांप-सीढ़ी का खेल खेल रहे हैं। कोर्ट के आदेश को अधिकारी मजाक में ले रहे हैं। तीसरी, रांची सिविल सर्जन की मानवीय संवेदना समाप्त हो गई है। उनमें अब कोई शर्म नहीं बची है। ऐसे अधिकारियों को जब काम नहीं करना है, तो वे अपना इस्तीफा देकर घर क्यों नहीं चले जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee6581069fe0a68a0bef0dda8c2f7030c61ab7a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73060.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना से बिगड़ती स्थिति को संभालने में क्या वाकई हमारी केंद्र सरकार विफल दिख रही है, जैसाकि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी कह रहे हैं या फिर राज्यों ने स्थिति को समझने में कोई चूक की या जनता इसकी भयावह स्थिति से अनभिज्ञ रही। जो भी हो देश बड़ा है और कोरोना से निपटने में हमें काफी संजीदगी दिखानी होगी। मुंह पर मास्क और दो गज की दूरी लोगों से दूर हो जाना कतई उचित नहीं है। हालांकि जिस तरह बिहार चुनाव से मौजूदा समय में जारी चुनावी रैलियों में इस नियम का उल्लंघन दिखा, उससे भी जन मानस को ऐसा करने का बल मिलता है। इन दिनों इस मामले में प्रशासन भी सख्त है और बड़े पैमाने पर चालान काटे जा रहे हैं, पर यह समस्या का पूरा समाधान नहीं है। जाहिर है, इसे लेकर जनता को स्वयं जागरूक होना होगा। + +एक ओर टीकाकरण का लगातार बढ़ना और दूसरी ओर कोरोना के ग्राफ का ऊंचा होना, शासन और जनता दोनों के लिए किसी संकट से कम नहीं है। शासन करने वाले मजबूत इच्छाशक्ति के होते हैं और उनमें जनता की ताकत होती है जिसका उपयोग जन सुरक्षा और लोक विकास में किया जाता है। मगर इस महामारी ने दोनों को खतरे में डाल दिया। बीते कुछ वर्षो से देश सुशासन की राह पर तेजी से दौड़ लगा रहा था। हालांकि आíथक संकट और बेरोजगारी से देश परेशान भी था और रही-सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी। नतीजन एक बहुत बड़े जन मानस के समक्ष रोटी की समस्या खड़ी हो गई। सुशासन सामाजिक-आíथक न्याय है, लोकतंत्र की पूंजी है और सभी के लिए सवरेदय का काम करता है, मगर इन दिनों यह भी संकट से जूझ रहा है। पहली लहर में मध्यम वर्ग की कमर टूट गई थी, इस बार वह छिन्न-भिन्न हो सकता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि सुशासन की सुसंगत व्यवस्था के लिए बढ़ी हुई ताकत से कोरोना से निपटे और आíथक संकट से जूझ रहे लोगों के लिए कोई जमीनी रणनीति भी सुझाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..759a5413ac4ad6d2110a9524ac6757f3dbfebfbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीआरपी: इसे सी री-एक्टिव प्रोटीन कहा जाता है। यह लिवर में बनता है। शरीर में संक्रमण का संकेतक है। दस से कम होना चाहिए। 100 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा तो खतरनाक।फेरिटिन: सीरम फेरिटिन एक प्रोटीन है, जो आयरन से जुड़कर उसे जमा करता है। खून में जमा आयरन का पता चलता है। इसकी वैल्यू 500 से ज्यादा मिलने का मतलब है कि शरीर में गंभीर संक्रमण चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4f77e2c6e306fc59bb5604e7a6ef59c43da9d57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टाइप 003 एयरक्राफ्ट की बात करें तो ये अमेरिकी नेवी के सुपर कैरियर की ही बराबर बड़ा होगा। इसका फ्लाइट डेक पहले से अधिक बड़ा होगा। नेवल न्‍यूज ने लिखा है कि इसमें और अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर में काफी कुछ चीजें समान होंगी। हालांकि सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर के रूप में अमेरिका का राज कायम रहेगा लेकिन ये उस खिताब से अधिक दूर भी नहीं होगा। खबर में यहां तक कहा गया हैं कम से कम पांग कैरियर के बन जाने तक तो ऐसी ही स्थिति कायम रहेगी। आपको बता दें कि फ्रांस भी अपनी नेवी को अत्‍याधुनिक रूप देने के लिए पांग प्रोजेक्‍टी की शुरुआत कर चुका है। हाल ही में इसको फ्रांस के राष्‍ट्रपति ने ग्रीन सिग्‍नल दिया है। 2038 तक फ्रांस के चार्ल्‍स डे गुले को इस प्रोजेक्‍ट के तहत बनने वाले एयरक्राफ्ट कैरियर से बदल दिया जाएगा। ये एयरक्राफ्ट कैरियर न्‍यूक्लियर पावर से संचालित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87a38d65e34d2d36713df166216dbe8bed2e9dbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73064.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में शुक्रवार रात 10 बजे से वीकेंड कर्फ्यू सोमवार सुबह तक जारी रहेगा। इस दौरान कई तरह की पाबंदियां रहेंगी, लेकिन लोगों  को जरूरत के हिसाब से छूट भी प्रदान की जाएगी।  मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि सप्ताह के अंत के कर्फ्यू में लोगों के आवाजाही पर रोक लगी रहेगी, लेकिन सामान की आवाजाही बेरोकटोक जारी रहेगी। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारी व डीसीपी को इस आदेश को सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है व इसका पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन कानून के तहत सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें बिना काम के घर से बाहर निकलने पर रोक, इसके लिए अतिरिक्त जरूरत पड़ने पर घर से बाहर निकलने पर लोगों को छूट है, बशर्तें वाजिब वजह होनी चाहिए। आइये जानते हैं शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक दिल्ली में लगने वाले वीकेंड कर्फ्यू के दौरान किसे छूट मिलेगी और किसे नहीं?।इन्हें आइ कार्ड दिखाने पर मिलेगी छूट।Indian Railways News: बिहार के कई जिलों के लोगों को उत्तर रेलवे का तोहफा, दिल्ली से चलाई गई समर स्पेशल ट्रेन।इनके लिए भी नहीं परेशानी। दिल्ली की सीमा के अंदर या सीमा के बाहर लोगों व सामान के आने-जाने में कोई पाबंदी नहीं होगी, जिन लोगों को कर्फ्यू के दौरान आवागमन की छूट दी गई है उन्हें आने जाने के लिए मेट्रो, बस य टैक्सी सेवा जारी रहेगी। इसके लिए कोई विशेष अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी, साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा कोरोना संबंधी जो भी गाइड लाइन जारी की है, वह भी राजधानी दिल्ली में लागू हहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d12a202e05933538e0c8b49628958ee1fe54de4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73066.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हरेंद्र प्रताप। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर माओवादियों से मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए। माओवादियों ने उन पर आधुनिक हथियारों से आक्रमण किया। विगत एक दशक में केवल छत्तीसगढ़ में ही हमारे सैकड़ों जवानों ने अपनी जान गंवाई है। वर्ष 1967 में बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद वहां जो सरकार बनी उसमें माकपा भी साङोदार थी। चारु मजूमदार माकपा के ही कार्यकर्ता थे। माकपा नेता के नाते वह उत्तर बंगाल में खेतिहर मजदूरों के बीच जाकर आíथक और सामाजिक शोषण करने वाले भूमिपतियों को वर्गशत्रु घोषित कर उनके ‘खात्मे’ की घोषणा किया करते थे। + +‘जो जमीन को जोते बोये-वह उसका मालिक होये’-इस नारे को साकार करने के लिए चारु मजूमदार के कहने पर सरकार बनने के अगले दिन यानी तीन मार्च, 1967 को धनुष-बाण और परंपरागत हथियारों के साथ आदिवासियों ने जमीन के एक टुकड़े पर लाल झंडा गाड़कर कब्जा कर लिया। 23 मई, 1967 को जब पुलिस उस जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने गई तो उस पर आक्रमण हुआ, जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर वांगड़ी घायल हुए। बाद में उनकी मृत्यु हो गई। फिर 25 मई, 1967 को पुलिस पूरी तैयारी के साथ गई। हमला होने पर पुलिस की गोली से 10 लोग मारे गए। यह सारी घटना नक्सलबाड़ी गांव में घटी। अत: इसका नाम ‘नक्सल आंदोलन’ और आंदोलनकारियों को ‘नक्सली’ कहा जाने लगा। जिस नक्सल आंदोलन की देश में चर्चा होती है, उसके संस्थापक चारु मजूमदार ने खेतिहर किसान-मजदूरों के छापामार युद्ध की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने परंपरागत हथियारों यानी फरसा, खुखरी, हसुआ, तलवार, भाला, धनुष-बाण आदि के माध्यम से वर्ग शत्रु के खात्मे की बात कही थी। 1970 के मई महीने में पार्टी कांग्रेस में उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा था कि अगर हम परंपरागत हथियार के सहारे वर्ग शत्रु के खिलाफ युद्ध छेड़ते है तो आम नागरिक विशेषकर भूमिहीन और गरीब तबका हमारे संघर्ष से जुड़ेगा। मिदनापुर के गोपीबल्लभपुर में पार्टी ने भूमिपतियों से जब उनके हथियार छीने तो मजूमदार ने कहा कि उनका इस्तेमाल वर्गशत्रु के सफाए के लिए नहीं, बल्कि अपने बचाव के लिए किया जाएगा। ‘छह इंच छोटा करना’ यानी वर्ग शत्रु का सिर उसके धड़ से अलग करना, ताकि वर्ग शत्रुओं में भय व्याप्त हो, यह माओवादियों की कार्यपद्धति बन गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73067.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5be7fa4da91711d4d069e4d3340fec4506a2eee1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73067.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहती है और इसके तहत तटीय देश की अनुमति के बिना उसके विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में नौवहन अधिकृत नहीं। एक ऐसे समय में जब तमाम ऊहापोह के बाद भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों में कुछ गर्मजोशी महसूस होने लगी थी, तब ऐसे किसी कदम का औचित्य समझ से परे है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के साथ रिश्तों में सधी हुई शुरुआत की और उसे लेकर क्वाड जैसी साङोदारी को नए तेवर देने के संकेत भी दिए, मगर उनकी नौसेना के इस कदम ने द्विपक्षीय रिश्तों में अनावश्यक गतिरोध सा पैदा कर दिया है। + +संयुक्त राष्ट्र कानूनों के अनुसार सामुद्रिक सीमाएं मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में विभाजित की गई हैं। इनमें पहली श्रेणी है प्रादेशिक समुद्री सीमा की, जो तटीय आधार रेखा से 12 नॉटिकल मील (एक नॉटिकल मील 1.8 मील के बराबर होता है) तक फैली होती है। यह एक तरह से सामुद्रिक संप्रभुता की सीमा रेखा मानी जाती है। दूसरी होती है संलग्न सीमा जो 24 नॉटिकल मील तक विस्तृत होती है। इसके बाद आती है विशिष्ट आíथक क्षेत्र की सीमा जिसका दायरा 200 नॉटिकल मील होता है। अक्सर इसी को लेकर विवाद होते रहते हैं। चूंकि कई अंतरराष्ट्रीय कानूनों में अस्पष्टता कायम हैं, इसलिए कुछ देश उसका लाभ उठाते हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन ने ऐसे ही तमाम कानूनों को तोड़-मरोड़कर उसका नक्शा ही बदल दिया है। + +एक बड़ा प्रश्न यह उठता है कि आखिर अमेरिका को ऐसा कदम उठाकर क्या हासिल हुआ होगा? इससे कुछ हो न हो, लेकिन चीन का हौसला जरूर बढ़ा होगा। जिस चीन को भारत और अमेरिका की बेहतरीन होती जुगलबंदी से कुछ चिंता सता रही थी, वह कुछ हद तक काफूर जरूर हुई होगी। वहीं जो लोग अमेरिका के इस कदम को अत्यधिक तूल दे रहे हैं, वे भी यह समझ लें कि यह अमेरिका की व्यापक नीति में किसी बदलाव का संकेत नहीं। प्रथमदृष्टया यह नौकरशाही या पोत पर मौजूद अफसरों का ही फैसला प्रतीत होता है। संभव है कि उन्होंने रणनीतिक पहलुओं की परवाह न करते हुए कोई औचक फैसला किया हो या फिर इसके माध्यम से भारत की प्रतिक्रिया का पैमाना भांपने की कोई कवायद हो। जो भी हो, बीते दिनों कोरोना वैक्सीन के मामले में भारत की पीठ पर हाथ रखने से लेकर संयुक्त युद्धाभ्यास से दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती का जो भाव उपजा था, उसमें अमेरिकी नौसेना का यह कदम यकीनन मिजाज बिगाड़ने वाला है। अब अमेरिकी विदेश मंत्री को अपने भारतीय समकक्ष के साथ मिलकर अचानक रिश्तों पर जमा हुई इस बर्फ को पिघलाने के कुछ न कुछ उपाय अवश्य करने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4d9b23f30ddb76b162fde7bf057ed79c2effb03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के संक्रमण के चलते संस्कृति मंत्रालय ने पिछले वर्ष स्मारकों को लाक डाउन लागू होने से पूर्व ही बंद कर दिया था। 17 मार्च से 20 सितंबर तक 188 दिन ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद रहा था। 21 सितंबर से 15 अप्रैल तक 207 दिनों की अवधि में ताजमहल 179 दिन ही खुल सका। इस अवधि में 29 शुक्रवार रहे। शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के चलते ताजमहल बंद रहता है, लेकिन 12 मार्च को शाहजहां के उर्स के चलते ताजमहल खुला था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bd0f6573f21edfa808d6775014fae743841f313 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में सर्वप्रथम समस्या फेफड़े की आती है। सांस लेने में दिक्कत व फेफड़े में सूजन की वजह से आक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इस स्थिति से भस्त्रिका प्राणायाम बचा सकता है। पतंजलि योग पीठ के जिलाध्यक्ष हरिनारायण धर दूबे ने बताया कि यह प्राणायाम करने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा कम नहीं होने पाएगी और बड़ी मात्रा में कार्बनडाइआक्साइड शरीर से बाहर निकल जाएगा, जो अनेक बीमारियों का कारण बनता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73074.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eaf4db0b360f1f68ff66c02621c15652c00aab19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73074.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विध्वंसक शक्तियों के सक्रिय होने का खतरा ।रायसीना डायलाग में हिस्सा लेते हुए जनरल रावत ने कहा, 'हमारी चिंता यह है कि वहां सैनिकों की वापसी के बाद एक शून्य पैदा हो सकता है। नाटो को वहां विध्वंसक शक्तियों के लिए जगह खाली नहीं करनी चाहिए। कई शक्तियां अफगानिस्तान में सक्रिय होने के लिए हालात पर नजर रखे हुए हैं।' ।सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है भारत ।जनरल रावत ने अफगानिस्तान को लेकर अमेरिकी नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका वहां क्या चाहता है, जहां तक भारत की बात है तो वह अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए और सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है। हालांकि उन्होंने इसे विस्तार से नहीं बताया लेकिन अमेरिकी सैनिकों की वापसी से उपजे हालात पर भारत का नजरिया रख दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..195b9d64e2f3f54f5a1b63681595c5c8e02f1d35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73075.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना की तेज गति के बीच केंद्र सरकार ने मौजूदा हालात में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता का दावा किया है और वितरण को सुचारू बनाने के लिए कदम भी उठाये जा रहे हैं। सरकार ने साफ किया है कि वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए जहां देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है वहीं भविष्य की चुनौतियों के लिहाज से 50 हजार मीट्रिक टन आयात करने का भी फैसला हो गया है। यही नहीं 100 बड़े अस्पतालों में पीएम केयर फंड से लगने वाली ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों को पूरी तरह चालू करने और इसके लिए 100 नए अस्पतालों की पहचान का भी फैसला किया गया है। ।ऑक्सीजन के स्रोत की होगी पहचान ।इसके अलावा ऑक्सीजन के भारी दबाव वाले 12 राज्यों के लिए ऑक्सीजन के स्रोत की पहचान की जाएगी। इन राज्यों में ऑक्सीजन की भविष्य में आने वाली मांग का आकलन किया गया है। इसके अनुसार 20 अप्रैल को इन राज्यों में 4880 मीट्रिक टन, 25 अप्रैल को 5619 मीट्रिक टन और 30 अप्रैल को 6593 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। इसी के अनुरूप में अन्य राज्यों में मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। इसे देखते हुए सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन आयात करने का फैसला किया। + +देश में पर्याप्‍त स्‍टॉक ।सरकार ने साफ किया है कि देश में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक भी है और रोजाना खपत के मुकाबले प्रतिदिन का उत्पादन लगभग दोगुना है। फिलहाल 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का स्टॉक है। बीते सोमवार को ऑक्सीजन की खपत 3842 मीट्रिक टन जबकि उत्पादन 7127 मीट्रिक टन था। समस्या इसके वितरण की है, जिसे दूर करने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। खासतौर पर कोरोना के अत्यधिक मामलों वाले राज्यों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। ।स्टील प्लांट के ऑक्‍सीजन का होगा इस्‍तेमाल।ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को मौजूदा प्लांट में 100 फीसद उत्पादन के साथ-साथ सरकार ने स्टील प्लांट में होने वाले ऑक्सीजन उत्पादन को बढ़ाने और उनके पास स्टॉक में रखे ऑक्सीजन के इस्तेमाल का भी फैसला किया है। स्टील प्लांट में उपयोग किए जाने वाले ऑक्सीजन का आसानी से मेडिकल में भी उपयोग किया जा सकता है। जिन राज्यों को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत है, उन्हें स्टील प्लांट से लेकर ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों से जोड़ दिया गया, ताकि जरूरत मुताबिक ऑक्सीजन की सीधे आपूर्ति हो। + +स्टील प्लांट से ऑक्‍सीजन लेने के निर्देश।एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र को जरूरत के मुताबिक डोल्वी और बेलारी स्थित जिंदल स्टील और भिलाई स्थित सेल से अतिरिक्त ऑक्सीजन लेने को कहा गया है। इसी तरह से मध्यप्रदेश को भी भिलाई के स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की गई है। ।उठाए गए ये कदम।एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्पादक इकाई से विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की सप्लाई भी बंदोबस्त किया गया है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को ऑक्सीजन टैंकर की अबाध आवाजाही सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। पेसो (पेट्रोलियम एंड सेफ्टी आर्गेनाइजेशन) ने आर्गेन और नाइट्रोजन ढोने वाले टैंकर में ऑक्सीजन लेने की अनुमति दे दी है। ।रेलवे के इस्‍तेमाल पर भी विचार।रेल से भी ऑक्सीजन सप्लाई पर विचार किया जा रहा है। वहीं विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की शिकायत को देखते हुए इंडस्टि्रयल सिलेंडर के ऑक्सीजन के लिए इस्तेमाल की अनुमति दी गई है जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक लाख सिलेंडर खरीदने शुरू कर दिए हैं। ।राज्‍यों को बर्बादी रोकने के निर्देश।ऑक्सीजन सप्लाई की रुकावटों को दूर करने के साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों ने इसकी बर्बादी रोकने के लिए कदम उठाने को कहा। राज्यों को एक कंट्रोल बनाने को भी कहा गया, जो विभिन्न जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता और मांग पर नजर रखेगा और उसी के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। डीपीआइआइटी लगातार सभी राज्यों और संबंधित प्लांटों के साथ संपर्क में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..602f530dfd8eb76bad7cc4785da6436adcb4e857 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केस एक।रुस्तमपुर के 50 वर्षीय व्यक्ति की 14 दिन पूर्व एंटीजन से रिपोर्ट पाजिटिव थी और आरटीपीसीआर से निगेटिव। जबकि उनमें कोरोना के लक्षण भरपूर थे। इलाज के बाद लक्षण काफी हद तक कम हो गए। 10 दिन बाद एंटीजन रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई, लेकिन उसके तीन दिन बाद आरटीपीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव आई। अब वह समझ नहीं पा रहे कि खुद को निगेटिव मानें या पाजिटिव। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5cefb5d7dc1c5e9ffaedbb678023b1ebf047a5c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Saraikela Naxal Attack राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सरायकेला-खरसांवा के तिरुलडीह थाना क्षेत्र स्थित कुकड़ूहाट में 14 जून 2019 को नक्सली हमले में हुई पांच पुलिस अधिकारियों-कर्मियों की शहादत मामले में गुरुवार को द्वितीय पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। एनआइए ने रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में 18 नक्सलियों पर यह आरोप पत्र दाखिल किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73078.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73078.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f6c6d02f5a778c5e395aa90a677eddb2459fb49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73078.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डब्ल्यूटीओ में समर्थन जुटाने में जुटा भारत ।दूसरी तरफ, देश को कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का हब बनाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भी भारत ने अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है ताकि कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को लेकर बौद्धिक संपदा अधिकार का बंधन नहीं रहे और भारत पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..786cb9f904fcb33bf029ff91f9a24804b82bf57c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तृणमूल में पड़ी दरार साबित हो सकती है नुकसानदेय : नदिया जिले में तृणमूल के संगठन में पड़ी दरार उसके लिए नुकसानदेय साबित हो सकती है। सत्ताधारी दल के जिला उपाध्यक्ष रहे पार्थ चक्रवर्ती कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कई और ने भी भगवा झंडा थाम लिया है, जिसका चुनाव में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। गौरतलब है कि नदिया सूबे का वह जिला है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त बहुमत हासिल करने के बावजूद तृणमूल की एक सीट कम हुई थी। 2011 के चुनाव में तृणमूल ने यहां की 17 में से 13 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि पिछले चुनाव में यहां उसकी सीटों की संख्या घटकर 12 हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b4e13b87eeea0339ffecf0278ca4a1b884130f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस के संक्रमण से राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से हालात खराब हो रहे हैं। ऐसे में सरकार ने पहले नाइट कर्फ्यू की तैयारी की, उसके बाद अब वीकेंड लॉकडाउन को लेकर कदम उठाया गया है। सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन तो लगा दिया है और कई चीजों पर सख्त पाबंदी भी लगाई है जिससे कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। अब आम लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा है कि लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू के दौरान उनको दिल्ली जाने के लिए पास की आवश्यकता होगी। ।इसको ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से संस्थाओं की ओर से जारी किए गए आइ कार्ड को प्रमुख माना है, इसके अलावा कई अन्य चीजों में भी छूट दी है। इसमें एक चीज ये भी है कि जो कामर्शियल वाहन दूसरे राज्यों से जरुरी सामान लेकर दिल्ली आते-जाते हैं उनको किसी तरह से पास की जरूरत नहीं है वो बिना पास के ही दिल्ली में आ जा सकेंगे। वीकेंड कर्फ्यू लगाने के दौरान ट्रेन और हवाई यात्रियों के साथ अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को छूट है। टिकट दिखाकर यात्रा कर सकेंगे। ।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए वीकेंड कर्फ्यू लगाने का एलान किया। सीएम ने कहा कि वीकेंड कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी और इससे संबंधित लोगों को सरकार बिना परेशानी के जल्द से जल्द पास जारी करेगी। इसके अलावा, माॅल्स, जिम, स्पाॅ, आँडिटोरियम पूरी तरह से बंद रहेंगे, जबकि सिनेमा हाॅल 30 फीसद क्षमता के साथ खुल सकेंगे। एक सप्ताहिक मार्केट को प्रतिदिन, प्रति जोन के हिसाब से अनुमति दी जाएगी और रेस्टोरेंट से सिर्फ होम डिलीवरी की अनुमति रहेगी। ।सीएम ने सभी को दिल्ली के किसी न किसी अस्पताल में बेड उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए उनसे किसी विशेष अस्पताल में जाने पर जोर नहीं देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 5 हजार से अधिक बेड उपलब्ध हैं। इसके अलावा अभी और बेड बढ़ाए जा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि सभी लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f332fc3a346c627e5de7de7ba0f600f93dd2e78f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73082.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ी पर विराजित मां इच्छादेवी का प्रसिद्ध मंदिर न सिर्फ दो राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है बल्कि देशभर से माता के दर्शनों के लिए लोग यहा पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में माता की दानपेटी से मिलने वाली राशि से एक स्कूल चलाया जाता है, जहां गरीब बच्चों को शिक्षा के साथ ही शिक्षण सामग्री भी मिलती है। वहीं, अब गरीबों के निशुल्क इलाज के लिए जल्द ही एक अस्पताल भी शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है। वहीं, दतिया स्थित मां पीताम्बरा मंदिर का ट्रस्ट देश की पुरातन संस्कृति की प्रतीक संस्कृत भाषा व शास्त्रीय संगीत के अस्तित्व को आधार देने के लिए पिछले 24 वर्षो से यहां संस्कृत और संगीत महाविद्यालय चला रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a8afd0b56020317be558ca01c2abf530c8208c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश भर में 150 तेजस चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों से आवेदन मांगे गए। जब तक आवेदन जमा होता, पिछले साल कोरोना संक्रमण फैल गया और ट्रेनों का संचालन बंद हो गया। ट्रेनों में भीड़ कम होने के कारण प्राइवेट कंपनी ने तेजस को चलाने से हाथ पीछे खींच ल‍िए। बीच में कोरोना का प्रकोप खत्म हुआ तो कुछ मार्गों पर तेजस जैसी ट्रेनें चलने लगीं। लेकिन किराया अधिक होने से यात्रियों की संख्या काफी कम रही। इसके बाद आइआरसीटीसी ने भी तेजस चलाने से हाथ पीछे खींच ल‍िए। तेजस के खाली कोच यार्ड में खड़ी है। तेजस के कोच में आधुनिक सुविधा के साथ खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कोविड के कारण खानपान की सुविधा पर रोक लगा दी गई है। रेलवे प्रशासन ने तेजस के खाली कोच को राजधानी लगाने की योजना तैयार की है। इससे पहले राजधानी के वर्तमान कोच को हटाने का काम क‍िया जाएगा। तेजस का कोच लगते ही किराया बढ़ जाएगा। रेलवे किराया तेजस के बराबर लेगा, लेकिन खाने-पीने व बेड रोल उपलब्ध नहीं कराएगा। राजधानी के वर्तमान कोच को मेल एक्सप्रेस के कोच में लगाकर चलाने की योजना है। क‍िराया बढ़ने पर यात्र‍ियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2038e21992ca15fdb071c103eb79759029e0bd25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73087.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुलाम सरवर कहते हैं कि भैया से उनकी कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है, बल्कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा आम आदमी के उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के खिलाफ वह चुनाव लड़ रहे हैं। उधर,गुलाम रब्बानी तृणमूल कांग्रेस पर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहते हैं कि भाजपा ने उनके भाई को उनके खिलाफ उतार कर यह साबित किया है कि वह परिवारतोड़ पार्टी भी है। गुलाम रब्बानी के एक और भाई और तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष गुलाम रसूल ने कहा कि भाजपा का काम ही है सब जगह झोल झमेला खड़ा करना। यह सब करके भाजपा को कोई फायदा नहीं होनेवाला। दो मई को यह साबित हो जाएगा कि मतदाताओं ने इन दोनों भाइयों में किसे चुना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4359ea9456deba8cb5c53f7538b3c63fddf0d212 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73089.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पूरे देश में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के करीब 2 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि लगातार दूसरे दिन एक हजार से अधिक मौतें हुई हैं। कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़ने के मुकाबले कोविड-19 मरीजों के ठीक होने की दर में गिरावट आई है। मृत्यु दर में भी नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। लोगों के अंतिम संस्कार के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है।    ।दिल्ली में अंतिम संस्कार के लिए कई घंटों का इंतजार ।पिछले चार दिनों में राजधानी दिल्ली में अकेले 240 मौतें हुईं हैं, जिससे श्मशान और कब्रिस्तान दोनों जगहों पर अंतिम संस्कार के लिए भीड़ लगी हुई है। दिल्ली के आईटीओ पर सबसे बड़े कोविड कब्रिस्तान में शवों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ने लगी है, वहीं, श्मशान घाटों पर चिताएं बुझने का नाम नहीं ले रही हैं। निगमबोध घाट का आलम ये है कि शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को कई घटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। यहां एक साथ चार चिताएं जल रही हैं, और पांचवी जलने के लिए इंतजार में हैं। निगमबोध घाट के पार्किंग में कई एंबुलेंस खड़ी थी, जिसमें कोरोना से मरे लोगों के शव इंतजार में थे। ।दिल्ली शहर के मुख्य श्मशान निगमबोध घाट का संचालन करने वाले बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के महासचिव सुमन गुप्ता ने कहा कि कोरोना के कारण शवों की संख्या बढ़ गयी है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर यहां रोज करीब 50-60 शव की अंत्येष्टि होती है, अब यह संख्या बढ़कर 80 हो गयी है। निगमबोध घाट में अंत्येष्टि के लिए 22 स्थान हैं जहां पर चिता जलायी जाती है और वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों के दाह-संस्कार के लिए सीएनजी चालित छह भट्ठियों का इस्तेमाल हो रहा है.।कम पड़ी कब्रिस्तान में जगह ।कुछ ऐसा ही हाल कुछ दिल्ली के आईटीओ में बने सबसे बड़े कोविड कब्रिस्तान का है,  जहां जेसीबी से एक के बाद एक कब्रें खोदी जा रही हैं। कब्रिस्तान के रख-रखाव के जिम्मेदार बताते हैं कि हालात पिछले बार से बहुत बुरे हैं। अब कब्रिस्तान में सिर्फ 90 कब्रों की जगह है। अगर इसी रफ्तार से शव आते रहें तो 10 दिन से कम वक्त में ये कब्रिस्तान भर जाएगा। राजधानी के निगमों ने स्वास्थ्य विभाग को कहा है कि श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों पर कोरोना से होने वाली दुखद मौतों के अंतिम संस्कार की निगरानी की जाए। स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी को कब्रिस्तानों और श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए इंतजार न करना पड़े। या फिर अन्य तरह की कोई भी परेशानी न उठानी पड़े। + +शर्मा ने कहा, 'स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कम से कम 58 शवों का दाह संस्कार मंगलवार को किया गया, जिनमें से 57 शवों का कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि बुधवार शाम तक 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने विश्राम घाट से लगे खुले जगह पर 30 अतिरिक्त चितास्थल बनाकर उन पर अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। अगले दो-तीन दिनों में इस श्मशान घाट से लगे अन्य जमीन पर 20 और चितास्थल बनाएंगे। ।लखनऊ में कोरोना के साथ-साथ सामान्य मौतें बढ़ीं ।लखनऊ के भैसाकुंड श्मशान घाट पर पिछले सात दिनों से काफी संख्या में सामान्य शवों के पहुंचने से महापात्र भी आश्चर्यचकित हैं? कोविड संक्रमित शवों की तरह ही अब नॉन कोविड शवों की संख्या कम नहीं हो रही है। महापात्र राजेंद्र मिश्र का कहना है कि अभी तक सामान्य दिनों में 15 से बीस शव ही आते थे। पिछले सात दिनों में चालीस से लेकर 55 तक नॉन कोविड शव आ रहे हैं। महापात्र का यह सवाल ही इस हकीकत पर भी मुहर लगा रहा है कि कोरोना संक्रमण की जांच न होने और इलाज मिलने के अभाव में भी लोग घरों में दम तोड़ रहे हैं। घर वाले भी नॉन कोविड शव बताकर उनका दाह संस्कार सामान्य श्मशानघाट पर कर रहे हैं। ।लखनऊ के गुल्लालाघाट पर भी सामान्य दिनों में सात से आठ शव ही पहु़ंचते थे, लेकिन पिछले सात दिनों में नॉन कोविड शवों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। पिछले बुधवार को ही नॉन कोविड शव 61 हो गए थे। महापात्र विनोद पांडेय का कहना है कि पहली बार इतने शव आ रहे हैं। वैसे गुल्लालाघाट पर सामान्य दिनों में सात से आठ शव ही आते थे और कभी-कभी यह संख्या दस के करीब हो जाती थी लेकिन हर दिन चालीस से पैतालिस शव आ रहे हैं और बुधवार को 61 नॉन कोविड शव आ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..769d8468c4970d413a0ac09f95769727685eb782 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73094.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +क्या तलाश रहे हैं हम : आपदा से बाहर निकलने की छटपटाहट है, लेकिन आप समय की डोर से बंधे हैं। आप समझ नहीं पाते कि कैसे उलझन भरे समय में मन को खुश रखें। आपका मन कुछ नया चाहता है। नये अनुभव, नये लोग, नयी उत्तेजना की खुशी मिले, पर क्या यह आपको खुश रखता है? आप जानते हैं कि यह क्षणिक होती है। आप जल्द ही अपने आप से ऊब जाते हैं। फिर एक और नयी उत्तेजना की तलाश के लिए विवश होते हैं। क्या खुशी इन नये अनुभवों की खोज में खुद को थका डालने में है या एक नये तरह के सुकून को पाने में है?।समरसता में खुशी: कोलाहल भरे परिवेश में शांत जीवन कैसे संभव है? अपनी मशहूर किताब ‘द कॉन्क्वेस्ट ऑफ हैप्पीनेस’ में दार्शनिक बर्ट्रेंड रसेल लिखते हैं, ‘आनंदमय जीवन बहुत हद तक एक शांत जीवन होना चाहिए। शांति के वातावरण में ही वास्तविक आनंद का अनुभव किया जा सकता है।’ वहीं, महात्मा गांधी ने खुशी के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है। उनका कहना था, ‘जब आपके कहने, बोलने और करने में समरसता होती है, तभी सुख होता है।’ सुखी जीवन के लिए यह एक शाश्वत नियम की तरह प्रतीत होता है। कथनी व करनी में अंतर का अर्थ है आंतरिक द्वंद्व। यह दु:ख का ही दूसरा नाम है। गांधी जी कथनी व करनी में सामंजस्य बनाए रखने का एक साक्षात उदाहरण थे। जब कोई उनसे पूछता था कि उनका संदेश क्या है तो उनका सीधा जवाब होता था, ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है’ यानी कि वे जिसे ओढ़ते-बिछाते थे, वही लोगों को बताते थे। जो वे खुद करते थे, वही दूसरों से करने की अपेक्षा करते थे। यह बहुत सरल है। इसे एक अंतिम नियम बना लिया जाए तो जीवन में सुख भी बढ़ेगा और दु:ख कम भी होगा। क्या हम ऐसे आनंदपूर्ण जीवन के लिए तैयार हो सकते हैं? बेशक इच्छाशक्ति मजबूत हो तो सब संभव है। नियमित अभ्यास से हम आनंदपूर्ण जीवन की ओर बढ़ सकते हैं। + +शांति के द्वीप पर चलें: दु:ख हमारी स्वाभाविक मनोदशा नहीं है। वेदांत और बौद्ध धर्म के संदेश भी मानव की एक ऐसी मूलभूत और वास्तविक अवस्था की तरफ संकेत करते हैं, जहां ‘शांति का एक द्वीप है’, जहां क्षणिक सुख और दु:ख से दूर आनंद की एक अवस्था में हम रह सकते हैं। यह अवस्था हर तरह की उठा-पटक, ऊहापोह और उद्वेलन से परे है। यदि आप इस समय बाहर मच रही उथल-पुथल से परेशान हैं तो स्वाभाविक रूप से उपलब्ध इस अवस्था को महसूस करने का सही समय है। यह अवस्था मनुष्य को स्वाभाविक रूप से उपलब्ध है। + +दुनिया लौटेगी आपके कदमों में।इसकी कोई दरकार नहीं कि आप अपना घर (आप जिस अवस्था में हैं) छोड़ दें। अपनी मेज पर ही रहें और सुनें। सुनिए भी मत, सिर्फ इंतजार कीजिए। इंतजार भी न करें, बस अकेले और शांत रहें। यह दुनिया खुद को आपके सामने पेश कर देगी। इसके पास और कोई चारा ही नहीं। अपने आह्लाद में डूब कर बस यह आपके कदमों में लौटेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73095.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a68bb5a141d33cf51547cc1f66f9e27db95a332 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73095.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं पुलिस कस्‍टडी में आरोपित प्रधान प्रत्‍याशी ने आरोप लगाया कि गांव में विरोधी पक्ष की ओर से महिलाएं घूंघट में छिपकर फर्जी तरीके से वोट कर रही हैं। इस बाबत शिकायत मिलने के बाद वह खुद ही जांच करने पहुंच गया और हर घूंघट वाली को चेहरा दिखाकर ही वोट देने जाने दे रहा था। इस बात को लेकर विवाद शुरू होने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया तो उसने इसके लिए भी विरोधियों को कुसूरवार ठहराया। जबकि क्षेत्र में प्रधान पद प्रत्याशी की यह हरकर काफी चर्चा में सुबह से ही बनी हुई थी। पुलिस के अनुसार आरोपित को थाने भेज दिया गया है। अब गांव में इस बाबत कहीं भी कोई विरोध की स्थिति नहीं है और मतदान शांतिपूर्वक चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78104f5db8fc91a21453034755bd13af5fa276de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नए नेताओं की अजब-गजब कहानी।कांग्रेस की दिल्ली इकाई के तमाम वरिष्ठ नेता एक-एक करके पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेसी अंजलि राय भी पार्टी का साथ छोड़ गईं। पिछले 12 माह में ऐसे नेताओं की संख्या शायद 15 से भी ज्यादा हो गई है। दिलचस्प यह कि कांग्रेस भी बीच-बीच में कुछ नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलवाती रहती है। लेकिन जाने वाले नेताओं की तो बाकायदा एक पहचान होती है, जबकि आने वाले नेताओं को बताने के बाद भी कोई नहीं जानता। हैरत की बात यह कि पार्टी की सदस्यता लेने वाले ये नेता सुबह प्रदेश कार्यालय में फोटो खिंचवाकर शाम को अगर भाजपा या आम आदमी पार्टी कार्यालय में भी घूमते नजर आ जाएं तो अतिशयोक्ति नहीं। दरअसल इनकी कोई पहचान ही नहीं होती। कोई ब्लाक स्तर का नेता होता है तो कोई विधानसभा स्तर का, कोई किसी पेशे से जुड़ा होता है तो किसी व्यवसाय से। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fef2d984b04e986f67eaf7296d9a4b13504c064 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर 28 नवंबर से ही किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) की ओर से धरना दिया जा रहा है। इस कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू हैं और महासचिव सरवन सिंह पंधेर। कमेटी के साथ केवल पंजाब के लोग ही हैं,  लेकिन हरियाणा या दिल्ली के लोग इनके साथ नहीं हैं। ऐसे मेंदिल्ली या हरियाणा से नाममात्र के ही लोग यहां पहुंचते हैं। वह भी मंच से संबोधित कर वापस चले जाते हैं। किसान प्रदर्शकारी भी भाषण सुनने में रुचि नहीं दिखाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e20ef706eb664c211c94272817d196e5fd2cfa4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_731.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वीडियो के कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'ये लड़का कौन है?' तो एक ने पूछा- 'अरे क्या ये जाह्नवी का बॉयफ्रेंड है?' तो किसी ने कहा, 'हाथों में हाथ, ये ब्वॉयफ्रेंड ही है।'।जाह्नवी कपूर के वर्क फ्रंट की बात करें, तो वह जल्द ही वरुण धवन के साथ फिल्म 'बवाल' में नजर आने वाली हैं। इसके अलावा वह जल्द ही 'मिस्टर एंड मिसेज माही' में भी नजर आएंगी। वहीं वह अपने पिता यानी बोनी कपूर की फिल्म 'बॉम्बे गर्ल' में भी लीड रोल में प्ले करती दिखेंगी। साथ ही जाह्नवी 'गुड लक जैरी', 'तख्त' और 'दोस्ताना 2' जैसी फिल्मों में भी दिखेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f760cf7797ba609a1a2bb7351582c89192ea64a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73100.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जाहिर है ‘समझदार’ जनता उसी पथ पर चलती है जिस पथ पर महा जन चलते हैं। लेकिन यह भी अतिवाद है। आम नागरिक ही अपना भला बुरा स्वयं नहीं सोचेगा तो उसे किसी और से उम्मीद रखने का क्या अधिकार है? जिन्हें अपनी प्राणवायु से ही प्रेम नहीं, उनकी मदद ईश्वर भी कैसे करेंगे। इस बीच यह जानना सुखद लगा कि कोरोना से संक्रमित वीरभद्र सिंह का ऑक्सीजन स्तर 99 है और उनकी बाकी जांच रपटें ठीक हैं। यह राहत देने वाला पक्ष है कि अभी तक हिमाचल प्रदेश लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है और उसे पर्यटन उद्योग की चिंता है। उसे चिंता है आíथकी की। लेकिन वहां पर्यटकों की भूमिका बड़ी हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8098ee1d5973ad42755532ec2c89aab1f0118cd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब किसी दफ्तर में कोई कोरोना संक्रमित होता तो उस परिसर को 24-48 घंटे के लिए खाली कराकर सैनिटाइजेशन का काम किया जाता। इस समय जबकि भारत में कोरोना की दूसरी लहर जोरों पर है, अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने विशेषज्ञों के नए अध्ययन निष्कर्षो पर मुहर लगाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि सतह को छूने से कोरोना संक्रमित होने का खतरा 10 हजार में से किसी एक व्यक्ति को हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..267f08aded059a168c38256771213340f15922f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7311.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी कुंद्रा की निजी ज़िंदगी में इस वक़्त भूचाल आया हुआ है। उनके पति राज कुंद्रा अश्लील फ़िल्मों का कारोबार करने के आरोप में पुलिस कस्टडी में हैं। आज (23 जुलाई) को राज की पुलिस रिमांड को बढ़ाकर 27 जुलाई कर दिया गया है। वहीं, शिल्पा शेट्टी की कमबैक फ़िल्म हंगामा 2 डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ हो रही है। ऐसे में शिल्पा ने अपनी निजी उलझनों के बीच सोशल मीडिया में एक इमोशनल पोस्ट लिखकर लोगों से हंगामा 2 देखने की अपील की है। + +शिल्पा ने फ़िल्म का पोस्टर शेयर करके लिखा- मैं योग का अभ्यास करती हूं और इसकी शिक्षा में विश्वास करती हूं। ज़िंदगी जिस लम्हे में होती है, वो सिर्फ़ वर्तमान है, अब। हंगामा 2 एक पूरी टीम की के प्रयासों का नतीजा है। एक अच्छी फ़िल्म बनाने के लिए सभी ने कड़ी मेहनत की है, और फ़िल्म पर इसका असर नहीं पड़ना चाहिए... कभी नहीं। इसलिए आज, मैं आप सबसे गुज़ारिश करती हूं कि फ़िल्म से जुड़े हर एक व्यक्ति की ख़ातिर अपने पूरे परिवार के साथ हंगामा 2 देखिए, ताकि आपके चेहरे पर मुस्कुराहट बनी रहे। शुक्रिया। आभार सहित, शिल्पा शेट्टी कुंद्रा। ।शिल्पा की इस पोस्ट को सुनील शेट्टी समेत कई सेलेब्स ने लाइक किया है। वहीं, गीता कपूर, मीका सिंह, साबिर ख़ान, रित्विक धनजानी समेत कई सेलेब्स ने कमेंट करके शिल्पा की हौसलाअफ़ज़ाई की है। + +अब शिल्पा एक बार फिर अपने एक्टिंग करियर के लिए कमर कस रही थीं। हंगामा 2 के ज़रिए शिल्पा अपनी वापसी को लेकर काफ़ी उत्साहित थीं और सोशल मीडिया के ज़रिए फ़िल्म के प्रमोशन में जुटी हुई थीं। मगर, फिर राज कुंद्रा का एपिसोड हो गया और शिल्पा का सोशल मीडिया एकाउंट ख़ामोश हो गया। अब उन्होंने पूरे 4 दिन बाद अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से फ़िल्म से संबंधित कोई पोस्ट की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97da56bdc37ede1018e6bef48303ef64d7110079 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73111.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव का पांचवां चरण दिशा तय करेगा। इस चरण में शनिवार को सूबे के उत्तर से लेकर दक्षिण बंगाल तक के छह जिलों की 45 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं। इसी के साथ बंगाल में सरकार बनाने के लिए जो जादुई आंकड़ा 148 है उसे पारकर 170 सीटों के जनादेश इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगा। इन सबके बीच यदि पांचवें चरण की 45 सीटों पर 2016 विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करते हैं तो यह पता चलता है कि इस चरण में कैसे दिशा तय हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e3d0885b87454c79b40f523c35f6e6e23a33730 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, अंकुश शुक्ल। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान व हरफनमौला क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का धमाका लगभग 15 वर्ष पहले ग्रीनपार्क में देखने को मिला था। जब शाहिद की आतिशी पारी पर ग्रीनपार्क में क्रिकेटप्रेमियों की जुबां पर गूंजा था, बूम-बूम अफरीदी। एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे पहले सबसे तेज शतक लगाने वाले धाकड़ हरफनमौला शाहिद अफरीदी ने 15 वर्ष पहले 15 अप्रैल 2005 में इंजमाम उल-हक की कप्तानी में भारत दौरे पर आई पाकिस्तान ने सीरीज का पांचवां मुकाबला ग्रीनपार्क में खेला था। क्रिकेट प्रेमियों के जहन में यह मुकाबला सिर्फ अफरीदी के नाम से दर्ज हो गया। धाकड़ बल्लेबाज ने भारतीय गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए किसी भी गेंदबाज को नहीं बख्शा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b1ee6e0b8b47529fcc6cf0ca2102e6ad744ae99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : सिख समाज ने मंगलवार को बैसाखी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया। गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन हुआ। कोरोना का ग्रहण यहां भी रहा। गुरुद्वारों में सिर्फ रागी जत्था और कुछ लोग ही दिखे। बड़े कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए। इसलिए भीड़-भाड़ नहीं हुई। सिख समाज के लोगों ने घरों पर परिवार के साथ पर्व का आनंद उठाया। ।गुरुद्वारे में रागी जत्था ने कीर्तन से निहाल।पिछले साल भी बैसाखी के समय कोरोना का कहर था इसलिए पर्व गुरुद्वारों में नहीं मनाया जा सका था। इस बार भी कोरोना की लहर तेज होने लगी है। प्रशासन ने धार्मिक स्थलों पर अधिक भीड़-भाड़ न करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सुरेंद्र नगर स्थित केंद्रीय गुरुद्वारे में रागी जत्था ने कीर्तन से निहाल किया। गुरुद्वारे के प्रवक्ता संदीप गांधी ने बताया कि रागी जत्था बाहर से आने वाला था, मगर कोरोना के चलते ऐनवक्त पर कार्यक्रम को रद करना पड़ा। गुरुद्वारे के ग्रंथी गुरप्रीत ने ही कीर्तन किया। सभी को सोमवार रात में ही बता दिया गया था कि अपने-अपने घरों पर ही कार्यक्रम करें। गुरुद्वारा में न आएं। संदीप ने बताया की कोविड के नियमों का पूरा पालन किया गया। आरएएफ बटालियन स्थित गुरुद्वारे में ग्रंथी सरदार नरेंद्र सिंह ने कीर्तन किया। सरदार भूपेंद्र सिंंह और सरदार हरजीत सिंंह जुनेजा को अधिकारी कमलेश कुमार ने सरोपा भेंट किया। ।खुशियों का पर्व है बैसाखी।नई बस्ती के पंजाबी क्वार्टर स्थित गुरुद्वारे में वीरेंद्र सिंह हजूरी लाल जत्था ने संगत को कीर्तन से निहाल किया। सरदार भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बैसाखी का पर्व शौर्य और साहस का भी प्रतीक है। कार्यक्रम में सरदार राजेंद्र सिंह, तेजपाल सिंह, गुरु दर्शन सिंह, गुरु देव सिंह, दलजीत सिंह, सिदक सिंह, विजय गुप्ता आदि थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae05ddf666d95551be16dc3e6923a9a5abcf6381 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सामान्य जाति के लोग कुछ पिछड़ी वर्ग की महिलाओं को समर्थन भी कर रहे हैं। महिलाएं मुकाबले में शामिल नजर आ रही हैं। लेकिन, फैसला तो मतदाताओं को ही करना है। तीन मई को ही पता लगेगा कि कौन किस पर भारी साबित होता है। विकासखंड भगतपुर टांडा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पीपलसाना मुरादाबाद देहात विधानसभा क्षेत्र का विधायक चुने जाने में अहम रोल अदा करती है। इस बार यह ग्राम पंचायत पिछड़ी जाति के महिला के लिए आरक्षित है। सामान्य जाति और पिछड़ी जाति के वोटरों की संख्या में यहां थोड़ा बहुत ही अंतर है। इस चुनावी दंगल में अभी तक आठ संभावित प्रत्याशी हैं। निवर्तमान प्रधान गुलेरान की देवरानी फरीजा कुरैशी चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा सामान्य वर्ग इफ्तेखार हुसैन की पत्नी निखहत सिद्दीकी ने भी प्रधान पद के लिए दावेदारी कर दी है। सामान्य जाति के लिए मुजफ्फर अली के परिवार से पिछड़े चुनाव में दूसरे नंबर पर रहा था। इस बार वह भी अपने विश्वास पर मजबूत प्रत्याशी उतारने का दावा कर रहे हैं। बाकी पांच प्रत्याशी पिछड़़ी जाति के हैं। इसलिए पीपलसाना में प्रधानी के पद के चुनाव को लेकर फिर से मुकाबला पिछड़े और सामान्य परिवार की महिलाओं के बीच ही हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5499ab0a2ca879e8f0be84f10886244f9d382d25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। करीब एक माह पहले देश में कोरोना संक्रमण के मामले बेहद मामूली रह गए थे। मगर इस दौरान लोगों की ओर से बड़ी लापरवाहियां बरती जाने लगीं। इधर कोरोना घात लगाए बैठा था। जब स्कूल खुले तो उसने छोटे बच्चों को कोरोना विस्फोट के लिए स्लीपर सेल की तरह इस्तेमाल किया। बच्चों के जरिये कोरोना ने देश भर में फिर से संक्रमण की मजबूत चेन तैयार कर दी। एक संक्रमित बच्चे ने घर जाकर अपने पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया। जो कि अब देश भर के लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। जबकि इंडियन एकैडमी ऑफ पीडियाट्रिक (आइएपी) ने पहले ही सरकार को पत्र भेजकर बच्चों के स्कूल नहीं खोलने का सुझाव देते हुए देश भर में गाइडलाइन जारी करने की बात कही थी। मगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा सामने है। संजयगांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान व केजीएमयू के विशेषज्ञों का कहना है कि अब भी वक्त है कि अभिभावक बच्चों को लेकर सतर्क नहीं हुए और उन्हें बाहर निकलने दिया तो इसके परिणाम देश में भयावह हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73118.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73118.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a79b385e352ae881f41c6124f222b465476a50ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73118.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। मंगल ग्रह पर भेजे गए अपनी तरह के पहले हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी की उड़ान को एक बार फिर से टाल दिया गया है। फिलहाल ये नहीं बताया गया है कि ये उड़ान कब होगी। नासा के ट्वीट में कहा गया है कि इसकी जानकारी अगले सप्‍ताह सामने आएगी कि इंजेंविनिटी की मंगल पर पहली उड़ान कब होगी। हालांकि इस ट्वीट में इस बार इसकी उड़ान को टालने की वजह जरूर बताई गई है। ये तीसरी बार है कि जब इसकी उड़ान को टाल दिया गया है। नासा की जेट प्रपल्‍शन लैब में इस हेलीकॉप्‍टर के चीफ इंजीनियर बॉब बलराम इसकी उड़ान को लेकर काफी उत्‍साहित हैं। वो इस मिशन से भावनात्‍मक रूप से भी जुड़े हुए हैं। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि ये कंसेप्‍ट उनका ही था, जिसपर नासा ने काम किया है। + +इस ट्वीट में कहा गया है कि नासा का हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी पूरी तरह से ठीक और सुरक्षित है। लेकिन इसके फ्लाइट सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की जरूरत है। इस सॉफ्टवेयर को अपडेट और वेलिडेट करने में कुछ समय लगेगा। इसलिए नासा इस हेलीकॉप्‍टर की उड़ान की तारीख की घोषणा अगले सप्‍ताह करेगा। आपको बता दें कि नासा इस उड़ान को लेकर जितना उत्‍साहित है उतना ही इसमें विलंब होता जा रहा है। यदि नासा अपने इस मिशन में कामयाब हो गया तो ये किसी ऐसे उपकरण की धरती के बाहर पहली उड़ान होगी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि नासा का ये हेलीकॉप्‍टर महज दो किलो वजनी है। इसमें किसी भी तरह का कोई विज्ञानी उपकरण नहीं लगा है। इसके बावजूद इसकी मंगल पर उड़ान को लेकर कई तरह की मुश्किलें हैं। बुधवार को इसकी उड़ान संभावित थी। इससे पहले रविवार को भी इसकी उड़ान को टाला गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73119.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73119.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32a5e2d84672d15807836d64082abf8be8c1f7a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73119.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आग की विकराल लपटों के बीच खुद को झोंक करके दूसरों की जिंदगी महफूज करने वाले अग्निशमन विभाग के लिए 14 अप्रैल को दिन विशेष मायने रखता है। मुंबई बंदरगाह पर 77 साल पहले आज के दिन शिप में भीषण आग लग गई थी। इसे बुझाने के लिए दमकल कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। आग को तो काबू कर लिया, लेकिन इसमें 66 दमकलकर्मी शहीद हो गए थे। वह आग की भेंट चढ़ गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ba9bd122585ed7bcccb8f9fef449284fd6aa074 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73124.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जमीनी हकीकत भी फिर से चुनाव मैदान में उतरे नेता ही बयां कर रहे हैं। कोई दावा कर रहा है कि अगले पांच साल में क्षेत्र में आने वाले गांवों में सड़कों का जाल बिछा दिया जाएगा। स्कूल,अस्पताल, बारात घर और पानी की आपूर्ति के लिए घर-घर जल पहुंचाने का दावा भी किया जा रहा है। 14 में से सात पुराने सदस्य भी चुनाव मैदान में हैं। ।अब जनता को बजट का हिसाब भी देना होगा।खास बात यह है कि पिछले सत्र में सबसे अधिक बजट वार्ड-पांच, छह, नौ और 13 में खर्च किया गया है। वोट मांगते समय नेताओं को जनता को इस बजट का हिसाब भी देना है। वोटर सीधे नहीं तो वोट के जरिए इस बजट का हिसाब बराबर करने की जुगत में हैं। ।सपा शासन काल में अध्यक्ष पद पर एमएलसी आशु मलिक के भाई नूरहसन तो भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा नेता पवन मावी की पत्नी लक्ष्मी मावी की ताजपोशी हुई थी। इस बार नूरहसन चुनाव से बाहर हैं तो लक्ष्मी का भाजपा ने टिकट ही काट दिया है। भाजपा से निष्कासित भी कर दिया गया है। ।पिछले कार्यकाल में 14 वाडरें में विकास को लेकर करीब 43 करोड़ के विकास कार्य कराए गए हैं। इनमें से कुछ पूरे हो गए हैं तो कुछ का काम चल रहा है। सदस्यों के प्रस्ताव पर ही विकास कार्य कराए जाते हैं। -योगेश कुमार, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43d28fd03e7dfca3bb8d8ada32a00ce6a8d30f11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाराबंकी [रिशु गुप्ता]। आस्था का प्रतीक होने के साथ ही मंदिर सामाजिक व्यवस्था की मजबूती में अहम योगदान देते हैं। इन्हीं मंदिरों में एक है नवाबगंज तहसील के अंबौर स्थित ज्वालामुखी माता मंदिर। मंदिर परिसर में एक अघहरण और करीब तीस विभिन्न प्रजातियों के छायादार पेड़ होने के साथ आधा किलोमीटर के परिक्षेत्र में चार अन्य मंदिर भी हैं। ज्वाला देवी मंदिर से जुड़े यह मंदिर संस्कृति, पर्यावरण और जल संरक्षण का यह संदेश भी देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdfb839bb5837106c8f24fea0d117388f94c99f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73126.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्राकृतिक स्रोतों में सुधार से दूर होगी पानीकी किल्लत ।जल संचयन और भूजलस्तर में सुधार के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। झील, बावलियां, जोहड़ एवं कुएं अनदेखी के कारण ही सूख रहे हैं। नदियों का जल स्तर भी घटता जा रहा है। दिल्ली की एकमात्र यमुना नदी मृतप्राय: हो चुकी है। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि नदियों और इनके आसपास का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र भी अब सूखने लगा है। यह सारा क्षेत्र मानसून के दौरान भूजल रिचार्ज के लिहाज से बेहतर विकल्प हो सकता है। + +50 मीटर की गहराई पर पानी उपलब्ध है यहां हमने खुद शोध में पाया है कि यहां के भूजल में बालू रेत मिली हुई है, जो जल्द नीचे बैठ जाती है। यहां के भूजल में प्रदूषण भी अधिक नहीं है। इसीलिए जल बोर्ड भी पल्ला में रेनीवेल के जरिये भूजल का इस्तेमाल पेयजल के रूप में कर रहा है। यहां नलकूप के जरिये रोजाना 30 एमजीडी पानी निकाला जा रहा है, जिसे शोधित कर उत्तर पश्चिम क्षेत्र के इलाकों में सप्लाई किया जा रहा है। जिस तरह से पल्ला रेनीवेल से रोजाना 30 एमजीडी पानी उठाया जा रहा है, वैसा ही प्रयोग वजीराबाद और ओखला बैराज में भी किया जा सकता है। इससे पेयजल आपूर्ति तिगुनी हो जाएगी । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83a84ef0aa994c2260bc4a02b8e84ea2ddd89486 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाराबंकी [निरंकार जायसवाल]। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लिए फर्जी दस्तावेजों पर एंबुलेंस पंजीयन करने वाले 'मुख्तार' की तलाश में अब पुलिस ने एआरटीओ में पंजीयन के लिए आवेदन वाली फाइल पर काम शुरू किया है। इस फाइल में एंबुलेंस पंजीयन संबंधित दस्तावेज हैं। इसमें भरे गए फार्मों पर हस्तलेख और हस्ताक्षर मिलान की दिशा में तफ्तीश का कदम बढ़ा है। जल्द ही मुख्तार तक पहुंचने की दिशा में पुलिस को अहम सुराग हाथ लग सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9d32aad33472b9c2a74f2512f904b61f01f5278 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73129.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोपान जोशी। गोस्वामी तुलसीदास रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ में जल व्यवस्था का एक यादगार वर्णन मिलता है। किष्किंधाकांड में लक्ष्मण को समझाने के लिए राम जल चक्र को रूपक बनाते हैं: ‘सरिता जल जलनिधि महुं जाई। होइ अचल जिमि जिव हरि पाई।।’ यानी नदियां समुद्र का पानी वापस समुद्र तक पहुंचाती हैं, ठीक वैसे ही जैसे जीव श्रीहरि से निकलता है और श्रीहरि में ही विलीन हो जाता है। यह कृतज्ञ दृष्टि है। इसमें यह स्वीकृति है कि सृष्टि ने हमें बनाया है, हमने सृष्टि को नहीं बनाया। यही भाव कई पुरानी संस्कृतियों में रहा है। कुरान की एक आयत में आता है: ‘इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन (हम अल्लाह से हैं और अल्लाह के पास जाना है)।’ कई पुरानी परंपराएं हमें याद दिलाती आई हैं कि मनुष्य सीमित है, किंतु सृष्टि असीम है। आधुनिक विज्ञान भी हमें आज यही बता रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2f36e98c598df49a892c1ebfcb55ff29df00bff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73132.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो वैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल: देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड व भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है। इनकी अब तक 10.8 करोड़ से ज्यादा खुराक का वितरण किया जा चुका है। भारत जरूरतमंद 70 से अधिक देशों को वैक्सीन की छह करोड़ से ज्यादा खुराक प्रदान कर चुका है। देश में टीकाकरण अभियान रफ्तार पर है। इसके साथ ही कुछ राज्यों से वैक्सीन की किल्लत की शिकायतें भी आने लगी हैं। इसे देखते हुए सीरम व भारत बायोटेक उत्पादन बढ़ाने में जुटी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73133.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3aa46c313eba9d262da0d8ccc58991b000c67221 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73133.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संक्रमण की पुष्टि पर क्या करें।विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपको अपने बच्चे में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई दें तो उसे तत्काल आइसोलेशन में भेजें और जांच करवाएं। ज्यादातर बच्चों में कोरोना संक्रमण का असर कम होता है और वे घर पर भी जल्द ठीक हो जाते हैं। अभिभावकों के लिए बच्चों को अकेले छोड़ना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में बच्चे के कमरे में जाने से पहले दो फेसमास्क व ग्लव्स का इस्तेमाल करें। बातचीत के दौरान कम से कम दो मीटर की दूरी बनाए रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c47fd8aa51724f7dfc247f430a4a5be3f6f5078 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73138.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप बेरोजगार हैं और कोरोना संक्रमण काल मेें नौकरी को लेकर परेशान हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। सेवायोजन विभाग की वेबसाइट पर आप अपना आनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के साथ आपका चयन भी आनलाइन घर बैठे हो जाएगा। कोरोना संक्रमण काल के खत्म होते ही आप नौकरी ज्वाइन कर सकते हैं। रोजगार मेले से इतर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेवायोजन विभाग ने कंपनियों से आनलाइन चयन का प्रस्ताव एक बार फिर भेजा है जिस पर कंपनियां मंथन कर रही हैं। + +लखनऊ समेत सूबे के सभी 92 क्षेत्रीय व जिला सेवायोजन कार्यालयाें में यह व्यवस्था की जा रही है। ऐसे कराएं पंजीयन 18 से 45 वर्ष तक के युवा बेरोजगार सेवायोजन विभाग की वेबसाइट sewayojan.up.nic.in पर सीधे अपना पंजीयन करा सकते हैं। आधारकार्ड और योग्यता के दस्तावेजों के साथ आप अपना मोबाइल फोन नंबर अवश्य लिखेंं। एक बार पंजीयन होने पर तीन साल तक पंजीयन मान्य होगा। पंजीकृत कंपनियों में ही होगा ऑनलाइन चयन सेवायोजन विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत 242 कंपनियों की ओर से रिक्तियों की संख्या भी आनलाइन नजर आएगी। आप अपनी योग्यता के अनुरूप नाैकरी का चयन कर सकते हैं। सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत ही नौकरी के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। कंपनियों की ओर से रोजगार मेले के बजाय आपका आनलाइन साक्षात्कार लिया जाएगा। साक्षात्कार के बाद आपका घर बैठे न केवल चयन हाेगा बल्कि नियुक्ति पत्र भी आपको आनलाइन आपके मेज पर भेज दिया जाएगा। पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लखनऊ के क्षेत्रीय सेवायोजन में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 78360 है। सूबे में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 30 लाख के करीब है। ऐसे में पहले से पंजीकृत बेरोजगारों काे भी नौकरी देने की चुनौती कम नहीं है। हालांकि पंजीकृत बेरोजगारों मेें से करीब 20 से 50 फीसद तक कहीं न कहीं स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a852bd3644ff6f5986cad2d0fb8d089c4a07fa2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत फिल्मों से तो दूर है पर वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। मीरा अक्सर बच्चों और फैमिली के साथ फोटोज शेयर करती रहतीं । इस बार मीरा ने इंस्टाग्राम फिल्टर पर हाथ आजमाया और जो तस्वीरें क्लिक की उसे देख आप दंग रह जाएंगे। मीरा ने जिस पिलो फेस फिल्टर के साथ फोटो ली है उसमें हम तो क्या शाहिद भी उन्हें नहीं पहचान पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73140.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73140.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4190c976bc74ebf6664643ff2c52f03dd1d140c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73140.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। चुनाव के इस मौसम में अनाप-शनाप की बयानबाजी पर रोक लगनी ही चाहिए। चाहे वह मुख्यमंत्री हो या फिर नेता। बंगाल विधानसभा चुनाव में पिछले दो दिनों के अंदर कुछ ऐसी ही बयानबाजी को लेकर चुनाव आयोग का चाबुक चला है। मुस्लिमों को एकजुट होने वाले बयान को लेकर सोमवार को पहले चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रचार करने पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया। इसके विरोध में उन्होंने तीन घंटे तक धर्मतल्ला में गांधी मूíत के सामने धरना दिया। फिर आयोग ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी राहुल सिन्हा के भी प्रचार करने पर 48 घंटे तक की रोक लगा दी। + +दरअसल सिन्हा ने शीतलकूची गोली कांड पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बूथ पर दखल करने के बाद यदि चार लोगों की जगह आठ लोगों की भी मौत होती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस प्रतिबंध को लेकर सिन्हा ने कहा कि छोटे पाप की बड़ी सजा मुङो मिली है। मैं आयोग के निर्देश का पूरा पालन करते हुए आगामी 48 घंटे तक कोई प्रचार नहीं करूंगा। दूसरी ओर ममता बनर्जी ने प्रतिबंध के खिलाफ तीन घंटे तक धरना दिया। वहीं उनके समर्थक बुद्धिजीवियों ने विरोध प्रदर्शन किया और इस रोक को गणतंत्र का काला दिन करार दिया। वहीं भाजपा नेताओं के खिलाफ जब कार्रवाई हुई तो इसका किसी ने विरोध नहीं किया। खैर यह तो राजनीति है, लेकिन आयोग को ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। चाहे ममता हों या फिर कोई और। चुनावी सभा में इन्होंने जो भी बयान दिए हैं उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7428b1ebe63573b09a32cf4444c1fb71bc86e7e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73143.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अब हर किसान को बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड दिया हुआ है। उनकी लिमिट किसानों की आदमनी के आधार पर तय नहीं की गई है, बल्कि उनकी जमीन की कीमत के आधार पर तय की गई है। किसान जब चाहें व्यापारियों की तरह अपनी तय लिमिट से पैसा निकलवा सकते हैं और फसल आने पर उसे जमा करवा सकते हैं। जब उनकी फसल की कमाई सीधे उनके खाते में आएगी तो बैंकों से उनका संबंध और मजबूत होगा। किसानों की आत्महत्याओं को लेकर जितने भी सर्वे हुए हैं उनमें सीधी अदायगी की बात की गई है। चैंबर ऑफ पंजाब फारमर्स ने इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें अदालत ने 2013 में इस मामले में राज्य सरकार से कोई फैसला लेने को कहा था। तब की अकाली-भाजपा सरकार ने एक बीच का रास्ता निकाला। कहा कि फसल बेचते समय किसान खुद तय करें कि उन्हें भुगतान आढ़तियों से लेना है या सीधे खरीद एजेंसी से। अगर आढ़ती से लेना है तो आढ़ती इसकी अदायगी किसानों को चेक से करेंगे, पर आढ़तियों के दबाव के चलते यह सिस्टम ज्यादा चल नहीं सका। देनदारी फिर उनके माध्यम से ही होने लगी। + +साल 2021 के रबी सीजन में एक बड़ा बदलाव हुआ है। किसानों को उनकी फसल की कीमत उनके खाते में तो मिलेगी ही, पर असल बदलाव उस समय होगा जब फसल बेचते समय खरीद पोर्टल पर किसानों से लैंड रिकॉर्ड भी लिया जाएगा। इसके जरिये पता चलेगा कि पंजाब में कितने लोग हैं जो खेती नहीं करते, उसे ठेके पर देकर अपनी आय को टैक्स फ्री बनाने में लगे हुए हैं। जो किसान अपनी जमीन पर खेती ही करते हैं उन्हें लैंड रिकॉर्ड देने में कोई दिक्कत नहीं होगी, पर बहुत से लोग इसका विरोध कर रहे हैं। आखिर ऐसा क्या है जिसकी पर्देदारी है?।[स्टेट ब्यूरो प्रमुख, पंजाब]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98e2c770cb05ff2a70b20e93422c37e61312f861 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लक्षण के बावजूद नेगेटिव रिपोर्ट पर शोध जारी।वहीं, जेनेस्टि्रंग लैब के माइक्रोबायोलाजी की विशेषज्ञ डॉ. अल्पना ने कहा कि 15 से 20 फीसद मरीजों में लक्षण होने के बावजूद आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) इस पर शोध कर रहा है। वायरस में सामान्य तौर पर स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन होता है। आरटीपीसीआर किट को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि स्पाइक प्रोटीन के अलावा वायरस के एन जीन या ओआरए-एक जीन की पहचान कर रिपोर्ट तैयार की जा सके। इसलिए अभी इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af889f0762a4fa91241af2977d848872b67c43ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दलितों की शिक्षा पर बाबासाहब जोर देते रहे। धनाभाव में कोई छात्र शिक्षा से वंचित न रहे, मोदी सरकार इसका ख्याल रख रही है। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति योजना के बजट को बढ़ाया है। पिछले वित्तीय वर्ष में पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति योजना के लिए हमारे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय ने 4,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 तक इस मद में 35,534 करोड़ रुपये जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। केंद्र सरकार इस दौरान अनुसूचित वर्ग के चार करोड़ युवाओं को लाभान्वित करने के मिशन के साथ काम कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9443137d252235352b8f53b5c1e1993d67d5f7f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73151.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस बीच सिद्धू के तेवर फिर तीखे होते दिखाई दिए। किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधने के साथ ही सिद्धू ने पंजाब की अपनी पार्टी की सरकार पर भी सवाल खड़े किए। इसके बाद उनके अगले सियासी पड़ाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। यह उनके मंगलवार को अचानक बुर्ज जवाहर सिंह के दौरे और बेअदबी मामले को उठाने के खास मायने लगाए जा रहे हैं। + +पंजाब विधानसभा चुनाव में आप का सीएम चेहरा बनाए जाने को लेकर बड़ा सवाल।इसी बीच, मंगलवार को पंजाब आप के प्रधान भगवंत मान के सिद्धू का आम आदमी पार्टी में स्‍वागत करने के बयान से चर्चाओं ने जाेर पकड़ लिया है। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी नवजाेत सिंह सिद्धू के आम आदमी पार्टी का झाड़ू थामने की चर्चाएं चली थीं और इसे लगभग तय माना जा रहा था। माना जाता है कि सीएम पद की उम्‍मीदवारी काे लेकर गतिरोध पैदा हाे गया था और सिद्धू ने कांग्रेस में एंट्री ले ली थी। अब 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले फिर नवजोत सिंह सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं जोर पकड़ रही है। लेकिन, फिर बड़ा सवाल है कि क्‍या आप उनको विधानसभा चुनाव में अपना सीएम चेहरा बनाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73152.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..477b9b47f71c8048f342d97ee3ecf5987779efdb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73152.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में बचत खोलने के लिए अब आपको बैंक जाने की जरूरत नहीं है। कहीं से भी बैंक की वेबसाइट पर लाग इन कीजिए। कुछ जरूरी कागजात अपलोड कीजिए। इसके बाद बैंक का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी वीडियो कालिंग के जरिए केवाईसी संबंधी प्रक्रिया पूरी कर लेगा। इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक में बचत खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और बैंक के खाताधारक बन जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12cb432ce6b3e88266e3677dfb511d198ea4a38c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रिपल लेयर मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें ।छह घंटे बाद मास्क बेकार हो जाता है, घर पहुंचने पर मास्क कूडेदान में डाल दें। मास्क पहने के बाद बार बार उसे न छूएं। हाथों को सैनेटाइज करते रहें, साबुन से धो सकते हैं। खाने में प्रोटीन की मात्रा अधिक रहें, दाल का सेवन अधिक करें। अत्यधिक ठंडा पानी और ठंडे पेय पदार्थों के सेवन से बचें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97c0d851fee675f2af119e9a0cc10fc65b0a25f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2011 में हुआ था क्षतिग्रस्‍त ।आपको बता दें कि फुकुशिमा परमाणु संयंत्र वर्ष 2011 में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी में क्षतिग्रस्‍त हो गया था। उस वक्‍त इसमें लगातार कइ्र धमाके भी हुए थे जिसके बाद इस संयंत्र के रिएक्‍टर से रेडियोएक्टिव पदार्थ मिले पानी का रिसाव शुरू हो गया था। उस वक्‍त जापान की सरकार ने इसको तुरंत समुद्र में न डालते हुए इसको फुकुशिमा डाइची प्‍लांट में एकत्रित करने का फैसला किया था। लेकिन अब इस संयंत्र की स्‍टोरेज कैपेसिटी अगले वर्ष पूरी हो जाएगी। इस सूरत में जापान इस दूषित पानी को अधिक समय तक जमा करके नहीं रख सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1aa05d1813085c6bc7f96bd37f2baa72be2f077d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरी लहर की चपेट में चार गुना अधिक बच्चे। कोरोना की दूसरी लहर में लापरवाही की वजह से बच्चे और युवा ज्यादा चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार अकेले रायपुर में एक अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच 10 वर्ष तक की आयु वाले 825 कोरोना पीड़ित सामने आए, जबकि 11 से 20 वर्ष की आयु वर्ग के 1994 पीड़ित सामने आए हैं। यह पिछले वर्ष के मुकाबले चार गुना है। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. रिमझिम श्रीवास्तव का कहना है कि संक्रमण का दूसरा फेज ज्यादा खतरनाक है। बच्चों में इसके लक्षण भी आसानी से समझ भी नहीं आ रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4600006fdd4d6124ad2114c288bc7d754371393e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73158.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत गत दिवस जहां रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दे दी गई, वहीं मंगलवार को विदेश में उत्पादित अन्य वैक्सीन के लिए भी दरवाजे खोल दिए गए। देश की बड़ी आबादी को कोरोना के खतरे से बचाने में सरकार का यह निर्णय काफी मददगार साबित होगा। + +दो वैक्सीन का हो रहा इस्तेमाल।देश में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड व भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है। इनकी अब तक 10.8 करोड़ से ज्यादा खुराक का वितरण किया जा चुका है। यही नहीं, भारत जरूरतमंद 70 से अधिक देशों को वैक्सीन की छह करोड़ खुराक प्रदान कर चुका है। देश में टीकाकरण अभियान रफ्तार पर है। इसके साथ ही कुछ राज्यों से वैक्सीन की किल्लत की शिकायतें भी आने लगी हैं। इसे देखते हुए सीरम व भारत बायोटेक उत्पादन बढ़ाने में जुटी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca20e50ecced53700218420950db0ced5aea6e4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73162.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उनका कहना है कि देश में केवल पांच फीसद ही ऐसे लोग हैं जो कोरोना के खतरे को देखते हुए घरों से बाहर निकलने पर मास्‍क लगा रहे हैं। इसके अलावा देश में 95 फीसद लोग कोरोना महामारी की रोकथाम को बनाए नियमों को ताक पर रख कर दूसरे लोगों की जिंदगियों से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। देश में बढ़ते कोरोना मामलों पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉक्‍टर फैसल ने ये अहम बयान दिया है। + +उनके मुताबिक सोमवार को देश में कोरोना के 4585 नए मामले सामने आए थे और 58 लोगों की मौत हुई थी। सरकारी आंकड़ों के मताबिक, देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्‍या 75266 है। फैसल के मुताबिक, पिछले कुछ सप्‍ताह में ही देश में कोरोना के मामलों में दस फीसद का उछाल देखा गया है। इनमें पंजाब, खैबर पख्‍तूनख्‍वा, इस्‍लामाबाद और गुलाम कश्‍मीर में हालात काफी खराब हुए हैं। देश में 4200 मरीज की हालत काफी गंभीर बनी हुई है, जबकि पिछले वर्ष जून में ये संख्‍या केवल 3300 थी। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष कोरोना से हालात पिछले वर्ष की तुलना में ज्‍यादा खराब हुए हैं। सरकार के मुताबिक, देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर जबरदस्‍त दबाव है और सरकार की पूरी कोशिश मरीजों को अस्‍पतालों में बेड उपलब्‍ध करवाने की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e8512b1ef07d3cc1ede136d2a8c40b330da3744 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को जो कुछ हुआ था उसने पूरे देश को झकझोड़ कर रख दिया था। इस नरसंहार का जिम्‍मेदार ब्रिगेडियर जनरल माइकल ओ डायर था। आयरलैंड में जन्‍मा डायर अपने मां-बाप की छठी औलाद थी। उसकी पढ़ाई आयरलैंड और फिर लंदन से हुई थी। 1882 में उसने इंडियन सिविल सर्विस का एंट्रेंस एग्‍जाम पास किया और फिर दो साल के बाद इसका मेन एग्‍जाम भी उसने पास कर लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1d141280d3ea8e549878930fbd37e98767dbb84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73171.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : शहर के चौराहे लेफ्ट फ्री होने के बावजूद लोग इसका पालन नहीं करते। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने शहर के 12 चौराहों पर बाईं ओर मुड़ने वाली ग्रीन लाइट को चालू कर दिया है। इसी क्रम में शेष बचे आठ चौराहों पर भी लाइट्स लगाने की कवायद तेज हो गई। एसपी ट्रैफिक ने इस संबंध में नगरायुक्त को पत्र लिखा है। ।कई बिंदुओं पर बनी कार्ययोजना।शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कई बिंदुओं पर कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत शहर के 20 चौराहों व तिराहों पर ट्रैफिक लाइट्स लगाई गईं। फिर भी यातायात नियंत्रित नहीं हुआ। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि लोग नियमों के प्रति जागरूक नहीं है। अभियान चलाए जाने के बाद भी लोग सुधर नहीं रहे। क्वार्सी चौराहे, दुबे का पड़ाव चौराहा, कबरकुत्ता चौराहा जैसे व्यवस्ततम चौराहों पर वो लोग सबसे ज्यादा समस्या का कारण बनते हैं, जिन्हें बाईं ओर मुड़ना होता है। लोग रास्ते को घेरकर खड़े रहते हैं। ऐसे में पीछे खड़े वाहनों को भी निकलने की जगह नहीं बचती। कई बार तो ट्रैफिक पुलिसकर्मी खुद लोगों से पूछकर बाएं मुड़ने को कहते हैं। जब ग्रीन सिग्नत होता है, तब ही लोग आगे बढ़ते हैं। इससे उनका समय बर्बाद होता है। साथ ही लंबा जाम लग जाता है। एसपी ट्रैफिक सतीश चंद्र ने बताया कि 12 चौराहों पर बाईं ओर दर्शाती ग्रीन लाइट लगा दी गई है। शेष बचे चौराहों पर भी जल्द बाईं ओर वाली ग्रीन लाइट लगा दी जाएगी। इसके लिए नगरायुक्त को पत्र लिखा गया है।  ।इन चौराहों पर लगाई गई है लाइट ।लोगों की सहूलियत को देखते हुए शहर के 12 चौराहों पर लेफ्ट फ्री के तहत लाइट लगाई गई हैं। यानी बाईं ओर बिना रुके मुड़ा जा सकता है। इनमें दुबे पड़ाव, तहसील चौराहा, क्वार्सी चौराहा, कलेक्ट्रेट तिराहा, ओएलएफ तिराहा, मसूदाबाद चौराहा, किशनपुर तिराहा, कबरकुत्ता तिराहा, एटा चुंगी, सेंटर प्वाइंट, मैरिस रोड, केला नगर चौराहे शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69adb81099093d4c68db9c55bc6fbf0e7b083759 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जिले के सभी ब्लाकों में एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के कारण कर्मचारियों की उपलब्धता प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। स्थिति यह है कि पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी लगानी पड़ी है। गैर जनपद से स्थानांतरित होकर जो शिक्षक गोरखपुर आए हैं, उनकी भी ड्यूटी आखिरी समय में रिजर्व के रूप में लगानी पड़ी है। पर, इस कमी के बीच भी भूगर्भ जल विभाग के सभी 18 कर्मचारी इस बार भी ड्यूटी से बच गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..068e58d6c4ca866cf72b21e24359eb33b75dd1a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। गायक, संगीतकार, अभिनेता, रियलिटी शो जज हिमेश रेशमिया मल्टी टैलेंटेड हैं। उन्हें फिल्म उद्योग में अपना पहला ब्रेक सलमान खान की बदौलत मिला और 1998 में प्यार किया तो डरना क्या के लिए उन्होंने दो गाने बनाए थे। इन्हीं दोनों गानों ने उन्हें मैंने प्यार क्यों किया और बॉडीगार्ड सहित कई प्रोजेक्ट मिलने में मदद की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdf11cb98b16c5a2c3d8675a42ecd724a688637f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले माह खड़गपुर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने यूं ही अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की तारीफ नहीं की थी। इसके भी बड़े संकेत हैं। घोष संघ से आए नेता हैं। बंगाल में वैसे तो संघ लंबे समय से सक्रिय है। वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद संघ और भाजपा ने तय कर लिया कि अब पूरा जोर लगाने का समय आ गया है। दिलीप घोष ने तृणमूल को उसी की भाषा में जवाब देने की नीति अपनाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9167fd0b42e72da21c04f5420c15873f15841c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, करिश्माई नेता और मजबूत संगठन एक दूसरे के पूरक होते हैं। दोनों में चोली-दामन का साथ होता है। एक के बिना दूसरे का कोई अर्थ नहीं होता है। इस बात को बंगाल की मुख्यमंत्री और तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए लड़ रहीं ममता बनर्जी से बेहतर कौन समझ सकता है, जो इस समय संघर्षो से भरे अपने राजनीतिक जीवन की सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा से गुजर रही हैं। आठ चरणों में फैले बंगाल के विधानसभा चुनाव में चार चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद यह धीरे-धीरे स्पष्ट होने लगा है कि तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी  (Mamata Banerjee) अपनी राजनीतिक जमीन खो रही हैं। उनका करिश्मा तो कमोबेश कायम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8847803db0753df8b4ac83c5eae4f5346a3cdc69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73189.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/नोएडा/गाजियाबाद/गुरुग्राम, ऑनलाइन डेस्क। ​​​​​कोरोना वायरस की ताजा लहर में बढ़ते मामलों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। सख्ती के तहत हरियाणा में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी  सरकार ने भी राज्य के शहरों में नाइन कर्फ्यू लगा दिया है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के एलान के बाद तमाम शहरों में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इस दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए अनुमति होगी। नॉन एसेंशियल सभी चीजें बंद रहेंगी। + +Delhi Metro Service News: डीएमआरसी ने अपने कई मेट्रो स्टेशन किए बंद, जानिए क्या है पूरा मामला।वहीं, आवश्यक और गैरआवश्यक वस्तुओं के अंतर-राज्य और राज्य में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इस दौरान सभी वाहन चालकों को अपना मूल व गंतव्य स्थान बताने और सत्यापन करवाने के बाद ही अनुमति है। कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान अस्पताल, दवा की दुकानें और एटीएम खुला रहेा। गर्भवती महिलाएं और मरीज अस्पताल आ-जा सकेंगे। दिल्ली के आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन तथा एयरपोर्ट जाने या वहां से लौटने वाले यात्रियों को भी आवागमन की अनुमित होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73194.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73194.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0644078f95178b9e19db0a6c59e46019c229c9b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73194.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Night Curfew ALERT ! दिल्ली के साथ एनसीआर के कुल 13 से अधिक शहरों में लगा नाइट कर्फ्यू, जानें- क्या रहेगा खुला और किस पर लगा बैन।अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गंभीर लक्षण नहीं होने पर होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराएं। ऐसा नहीं करेंगे तो गंभीर मरीजों के लिए बेड कम पड़ जाएंगे और मौत के आंकड़े बढ़ेंगे। ऐसे में अगर बेड कम पड़े तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह लाकडाउन लगाने के पक्ष में नही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b0fefa6441d543fb23ef11796dbbf9548667fa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन ने एक दर्जन ड्रोन म्‍यांमार सेना को दिए ।इस रिपोर्ट के मुताबिक तस्वीरों में दो तरह के ड्रोन दिखाई दे रहे थे। यह ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ते दिख रहे थे। इन ड्रोनों की आवाज मांडले के लोगों को सुनाई दे रही थी। मांडले शहर में नागरिक सैन्‍य तख्‍तापलट के खिलाफ जबरदस्‍त प्रदर्शन कर रहे हैं। मांडले म्‍यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें एक चीन निर्मित CH-3A ड्रोन है। इस ड्रोन का विकास चीन ने विकसित किया है। चीन ने 10 से 12 ड्रोन म्‍यांमार को दिए थे। इन ड्रोनों का इस्‍तेमाल म्‍यांमार की वायु सेना इस्‍तेमाल कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73198.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73198.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9fbf2a301867ec62cab0e09055066e593e61b97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73198.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. अनिल प्रकाश जोशी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय जल मिशन के अंतर्गत वर्षा जल संरक्षण का आह्वान ही पानी बचाने का एकमात्र रास्ता है, क्योंकि एक तरफ जहां पानी की हाय-तौबा मची हो और दूसरी तरफ करोड़ों लीटर पानी, जो प्रकृति हर वर्ष इस देश को देती है, हम यूं ही अपने सामने जाने देते हैं, तब ऐसे जल बचाने वाले नारे हमें वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रेरित कर सकते हैं। फिर जहां पानी हर देश व हर घर का संकट बन रहा हो तो पानी की सारी आस व मेहनत आसमान पर ही टिकानी होगी। 22 मार्च, अंतरराष्ट्रीय जल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के वर्षा जल संरक्षण के लिए ‘कैच द रेन’ का नारा आज इस देश व दुनिया की पहली आवश्यकता है। वर्षा की हर बूंद को समेट लेने में ही हमारा भविष्य निर्भर करता है और वह इसलिए कि पानी का दूसरा और कोई विकल्प हमारे पास नहीं है। अब भगवान इंद्र की कृपा का सही मतलब समझने का भी समय आ चुका है, जिसको हमने कभी गंभीरता से नहीं लिया। खासतौर से तब, जब प्रकृति द्वारा दिए जा रहे पानी को जुटाने के रास्ते भी हमने अपनी नासमझी से खो दिए हों। + +जैसी वर्षा वैसी व्यवस्था।एक तरफ पानी की बढ़ती मांग और दूसरी तरफ वर्षा के पानी को न जोड़ पाना हमें भारी पड़ा है। इन सबके अलावा जलवायु परिवर्तन जैसे संकट के कारण वर्षा भी रूठ चुकी है। इसका मिजाज बिगड़ चुका है। इसकी तीव्रता और वितरण पर भी असर पड़ चुका है। मसलन किसी एक स्थान पर अतिवृष्टि व अन्य जगह पर सूखे जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं साथ में मानसून में बाढ़ व अन्य समय सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऐसे में बुद्धिमता इसी में होगी कि जहां-जहां जिस भी रूप में वर्षा पड़ रही है, उसे समेट लिया जाए और अगर ये सब कुछ प्रकृति व परंपरा को जोड़कर किया जाए तो इसमें स्थायीपन भी होगा और जल स्थिरता भी रहेगी। अपने देश में वैसे भी पानी पड़ने में कई तरह की विभिन्नताएं भी हैं। जैसलमेर में 100 मिलीमीटर पानी पड़ता है तो कोलकाता में 2,700 मिलीमीटर, इसी तरह दिल्ली के हिस्से में 600 मिलीमीटर है तो मुंबई में 1,800 मिलीमीटर। इस तरह की विभिन्नताएं हमें प्रकृति के तौर-तरीके भी सिखाती हैं कि इन स्थानों में कैसे पानी समेटा जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ab67bb1a30164aec6824b05d7f671883e716eef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Flora Saini Bold Photos: बॉलीवुड एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। स्त्री और इनसाइड एज में बेहतरीन अभिनय करने वाली ये एक्ट्रेस रियल लाइफ में भी काफी बोल्ड हैं। हालही में इन्होंने अपनी एक टॉपलेस फोटो शेयर कर सबको चौंका दिया। पर इस तस्वीर के साथ फ्लोरा का दर्द भी छलक पड़ा, उन्होंने फैंस को बताया कि वो एक गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73200.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73200.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36d63678a9077f497a778394cb34c701a127e14a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73200.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गर्मी के दिनों (अप्रैल से जून) में आपने किस प्रकार की यात्राओं की योजना की है?।17 फीसद, पर्यटन स्थलों की।24 फीसद, परिवार और दोस्तों से मिलने की।09 फीसद, पर्यटन स्थल व स्वजन से मिलने की।45 फीसद, यात्राएं नहीं करूंगा, घर पर ही रहूंगा।05 फीसद, कह नहीं सकते।क्या आपने गर्मी के दिनों (अप्रैल से जून) में यात्राओं की बुकिंग की है?।25 फीसद, हां, पहले ही बुक कर चुका हूं।12 फीसद, अभी बुकिंग नहीं की है, लेकिन जल्द ही करूंगा।25 फीसद, अंतिम क्षणों में फैसला लेंगे, अभी बुकिंग की जरूरत नहीं है।38 फीसद, बुकिंग की योजना की थी, लेकिन फिलहाल स्थगित कर दी है।यात्राओं का माध्यम क्या होगा?।30 फीसद, फ्लाइट।04 फीसद, ट्रेन।24 फीसद, कार/टैक्सी/बस।04 फीसद, फ्लाइट व ट्रेन।20 फीसद, फ्लाइट व कार/टैक्सी/बस।05 फीसद, ट्रेन व कार/टैक्सी/बस।13 फीसद, कह नहीं सकते।यात्रा माध्यमों में किया बदलाव।फरवरी में किए गए सर्वे के दौरान 60 फीसद लोगों ने अप्रैल से जून तक विभिन्न प्रकार की यात्राओं के नियोजन की बात कही थी। कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद इसमें मामूली गिरावट आई है। अब 50 फीसद लोगों ने इस अवधि में यात्राओं की योजना की बात कही है। हालांकि, लोगों ने यात्रा माध्यमों में बदलाव किए हैं। फरवरी में 23 फीसद लोगों ने हवाई यात्रा को वरीयता देने की बात कही थी और मार्च में इनकी भागीदारी 30 फीसद हो गई। इसी प्रकार 13 फीसद लोगों ने ट्रेन यात्रा की बात कही थी जो मार्च में सिर्फ चार फीसद रह गई। 18 फीसद ने बस, टैक्सी व कार से यात्रा की बात कही थी। मार्च में 24 फीसद ने बस, टैक्सी व कार से यात्रा को प्राथमिकता देने की बात कही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c37cd4057a9a10bd7e43169b877cd70c402afceb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73205.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस मंत्र के साथ ढंकें अपना सिर ।शं नो मित्र: शं वरुण:। शं नो भवत्वर्यभा। शं न इंद्रो बृहस्पति:। शं नो विष्णुरुरुक्रम:। नमो ब्रह्मणे। नमस्ते वायो। त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मासि। त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मावाहिष्यामि। ऋतमवाहिष्यामि। सत्यमवाहिष्यामि। तन्मामावीत। तद्धक्तारमावीत्। आवीन्माम्। आवीद्भक्ताश्म। शांति:। शांति:।। शांति:।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26a534c96a2584937616a0a7074e6938822b908a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज दुनिया के 44 देशों के पास रोबोटिक वेपनरी सिस्टम है। इस मामले में हम रूस अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, इजराइल हमकदम हैं। ढाई साल पहले हैदराबाद के एच बोटस रोबोटिक्स ने पांच फुट सात इंच के 43 किलो वजनी जिस स्मार्ट पुलिस रोबोट को लांच किया था, वह तो महज शिकायत दर्ज करने, संदिग्धों की निशानदेही, ऑडियो वीडियो की रिकॉìडग और ऐसे कुछ सामान्य कार्य कर सकता था, लेकिन अब यह काफी विकसित हो चुका है। अब ऐसे रोबोट आसपास के परिवेश को भांपने, आधा दर्जन से ज्यादा भाषाएं बूझने वाले हैं। बस्तर में कई स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल और सुरक्षाकíमयों का इससे परिचित न होना भी एक समस्या है। ये रोबोट कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एलईडी लाइट्स, सक्षम सेंसर, बढ़िया कैमरे और थर्मल इमेजिंग की सुविधा से लैस हैं। सíवलांस, मैपिंग व डाटा एनॉलिसिस के लिए भी बेहतर हैं। यह दावा किया गया है कि सीधी मुठभेड़ों में इनका इस्तेमाल बेहद कारगर होने वाला है। दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती के लिए ये बहुत मुफीद होंगे। डीआरडीओ का दावा था कि चूंकि ये रोबोट राडार और सेंसर संपन्न हैं, सो रात की लड़ाई में सुरक्षा बलों से बेहतर साबित होंगे। पर किसी ऐसे ऑपरेशन में इनका यह कौशल आजमाया नहीं गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5db77a05e3b65378cc03649f6c910123b4834d31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73208.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। शादी समारोह सहित कई तरह के बड़े आयोजन भी रात्रि के समय होते हैं। नाइट कफ्यरू लगाने से रात के वक्त आयोजित होने वाले समारोहों पर रोक लगेगी। इसलिए लोगों का मिलना जुलना कम हो जाएगा। इससे संक्रमण की रफ्तार कम हो सकती है। लेकिन कोरोना इतना ज्यादा संक्रामक है कि कुछ समय बाद थोड़ी ढ़िलाई होने पर दोबारा फैलना लगता है। इसलिए सप्ताहांत के दिनों में भी कफ्यरू लगाने का खास फायदा नहीं है। अवकाश के दिन कफ्यरू से एक दिन तो संक्रमण के खतरे से हम बच सकते हैं लेकिन दूसरे दिन यह खतरा बरकरार रहेगा। पूर्ण लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण को खत्म नहीं कर पाए तो नाइट कफ्यरू या एक दिन के कफ्यरू से फायदा नहीं होने वाला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73211.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..649aca9d61689b7899d1c9505c3a899f50200257 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्राम पंचायत रूस्तमपुर सराय के रहने वाले नाजिर हुसैन की पहली शादी कुंदरकी क्षेत्र के डींगरपुर गांव में हुई थी। पहली पत्नी से उनके दो जवान बेटे हैं। इस बार उन्होंने हर हाल में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। पहले बेटे के लिए कोई पिछड़ी जाति की बहू तलाश करनी शुरू दी। लेकिन काफी तलाश करने के बाद भी नहीं मिली। इसके बाद अपने लिए दुल्हन की तलाश में जुट गए। जनवरी 2021 में नाजिर हुसैन ने चक्कर मिलक की रहने वाली सलमानी समाज की महिला गुलचमन से निकाह कर लिया। उनका वोट भी बनवा लिया। लेकिन वह पत्नी की सौतन को विदा कराकर घर नहीं लाए। ग्राम प्रधान पद के आरक्षण की पहली सूची आई तो उनका गांव अनारक्षित था। इससे उनमें खुद ही प्रधानी का चुनाव लड़ने की उम्मीद जाग गई। हाईकोर्ट के आदेश पर दोबारा से आरक्षण की सूची जारी होने पर नाजिर हुसैन का सारा खेल बिगड़ गया। उन्होंने दूसरी पत्नी को आरक्षित सीट पर प्रधानी का चुनाव लड़ाने का फैसला करके अपने साथ गांव में ही रखना शुरू कर दिया। गुलचमन को अब रूस्तमपुर सराय ग्राम पंचायत से चुनाव मैदान में उतारने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। नाजिर हुसैन का कहना है कि पहली पत्नी और बेटों की सहमति से गुलचमन से निकाह किया है। मैंने उन्हें गांव में प्रधान पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। माहौल ठीक है, इस बार जीत हमारी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1251b7713d8260a07a3b93ccea94981a2ac18f7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73213.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के मूल रूप से दो उपाय हैं-एक सरकारी चिकित्सीय उपाय और दूसरा कोविड अनुकूल व्यवहार। पहले उपाय के अंतर्गत केंद्र और राज्य तथा केद्र शासित प्रदेश कार्रवाई कर रहे हैं। केंद्र सरकार टीकाकरण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की पर्याप्त आपूíत कर रही है। कहीं भी किसी भी राज्य में आपूíत नहीं होने के कारण वैक्सीन का काम रुका नहीं है। वैक्सीन की आपूíत पर रियल टाइम के आधार पर नजर रखी जा रही है और राज्य सरकारों को इस बारे में नियमित रूप से अवगत कराया जाता है। + +मैं सदैव यही कहता रहा हूं कि कोरोना संक्रमण से बचाव हम सब के हाथ में है। यदि हम मास्क से नाक तक मुंह ढक कर रखें, आपस में समुचित सुरक्षित दूरी बनाए रखें, भीड़भाड़ के इलाकों, विशाल रैलियों, आंदोलनों, सामाजिक समारोह जैसे शादियों आदि से दूर रहें और अगर इनमें शामिल होना जरूरी हो तो आपसी सुरक्षित दूरी का पूरी तरह पालन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d29caad5ea0073c0304736cb8b973e4a0c664df5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केजीएमयू में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश कहते हैं कि मेरे पास भी कई ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव है। बावजूद उनमें कोरोना के सारे लक्षण हैं। करीब 25 से 30 फीसद ऐसे मरीज हो सकते हैं, जिनका ऑक्सीजन स्तर तेज़ी से नीचे गिर रहा है। फेफड़ों में भी कोविड जैसा ही संक्रमण है। ऐसे मरीजों में हाई रिजोल्यूशन सीटी स्कैन (एचआरसीटी) किया जाना चाहिए। चेस्ट सीटी स्कैन सीवियारिटी स्कोर कोरेड्स(कोविड-19 रिपोर्ट एंड डेटा एनालिसिस सिस्टम) यदि 5 से ज्यादा है तो उसे कोविड-19 मानकर चलना चाहिए और उसी प्रोटोकॉल के तहत ऐसे मरीजों को कोविड पॉजिटिव से अलग रखकर इलाज किया जाना चाहिए। ।लोहिया संस्थान के प्रो डॉ भुवन चंद्र तिवारी कहते हैं कि काफी मरीजों में रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद कोविड जैसा संक्रमण है। इन्हें समय पर इलाज मिलना चाहिए।क्या है चेस्ट सीटी स्कैन सीवियारिटी स्कोर: इससे मरीजों में कोविड-19 से फेफड़ों में होने वाले संक्रमण की स्थिति का पता चलता है। यदि किसी मरीज का चेस्ट सीटी स्कैन सीवियारिटी (कोरेड्स) स्कोर पांच से कम है तो इसका मतलब है उसके फेफड़े ठीक काम कर रहे हैं। मगर कोरोना का संक्रमण होने पर ऐसे मरीजों में निमोनिया भी हो जाता है। कोविड निमोनिया होने पर यह स्कोर पांच से ऊपर चला जाता है। कई मरीजों के फेफड़ों में तो इतना घातक संक्रमण हो जाता है कि उनका चेस्ट सीटी स्कैन सीवियारिटी स्कोर 25 तक भी पहुंच जाता है। ऐसे मरीजों की फिर जान बचाना मुश्किल हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73215.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73215.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54f637b73b488cd6dcd67c743817b56b9b951351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73215.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +Lockdown: पिछले साल जैसे न हो जाएं हालात, इसलिए बड़े शहरों से अपने घरों को वापस लौट रहे कामगार।बेमियादी आंदोलन के लंबा खिंचने से आई निराशा ।आलम यह है कि फंडिंग के अभाव में अब न तो प्रदर्शनकारियों को मसाज करने वाले लोग नजर आते हैं और न ही उनके जूते पालिश करने वाले ही दिखते हैं। कभी लंगरों में बारी के इंतजार में कतारबद्ध लोग दिखते थे तो अब टेबल पर रखीं थालियां उनका इंतजार करती रहती हैं। दरअसल, बेमियादी आंदोलन के लंबा खिंच जाने के कारण देश-विदेश के लोगों ने आंदोलन के लिए फंडिंग बंद कर दी है। पहले दूसरे देशों से आने वाले कई आप्रवासी लोग मंच से खुले आम आर्थिक सहायता का ऐलान करते थे। कई संगठन भी फंड मुहैया कराकर आंदोलन की आग को हवा दे रहे थे, लेकिन अब उनका स्वार्थ सिद्ध होता नहीं दिख रहा है तो ऐसे संगठनों ने भी अपने पैर पीछे खींच लिए हैं। यही कारण है कि नेतृत्वकर्ता अब मंच से लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाते नजर आते हैं। + +दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट के बीच चलेगी मेट्रो ट्रेन ! ग्रेटर नोएडा से सिर्फ 25 मिनट में पहुंचेंगे यात्री; पढ़िये- पूरा प्लान।ईधन का खर्चा मिलना बंद, अब नहीं पहुंच रहा पंजाब से ट्रैक्टरों का जत्था।सिंघु गांव के दिनेश कहते हैं कि लोगों को बरगला कर ज्यादा दिनों तक नहीं रखा जा सकता है। किसानों के नाम पर राजनीति की रोटी सेंकने वाले लोगों की चाल समझ में आ गई है। वह कहते हैं कि पंजाब से ट्रैक्टरों का जत्था अब इसलिए नहीं पहुंचता है कि उन्हें ईधन का खर्चा मिलना बंद हो गया है। आंदोलन की स्थिति तो दमे के उस मरीज की तरह हो गई, जिसकी सांसें उखड़ते-उखड़ते कुछ देर के लिए स्थिर हो जाती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57c9d0621114871a62bcd2b0201d14e52d47dbc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाल्टिक सागर से होकर जाने वाली इस नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन का 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। इस बीच इसको लेकर विरोध के स्‍वर भी तेज हो गए हैं। अमेरिका यूरोप पर इसका विरोध करने को लेकर दबाव भी बना रहा है। इतना ही नहीं, जर्मनी के लिए भी अमेरिका इसको एक खराब सौदा बता रहा है। फ्रांस और पोलैंड समेत कुछ दूसरे यूरोपीय देश मानते हैं कि नॉर्ड स्‍ट्रीम-2 से जहां गैस का पारंपरिक ट्रांजिट रूट कमजोर होगा वहीं इससे रूस पर यूरोप की निर्भरता बढ़ जाएगी। इन विरोधी स्‍वरों के बीच जर्मनी ने साफ कर दिया है कि वो अपना फैसला नहीं बदलने वाला है। हालांकि, वहां की प्रमुख विपक्षी ग्रीन पार्टी और एफडीपी पार्टी भी इसका विरोध कर रही हैं। गौरतलब है कि पूरी दुनिया में रूस की गिनती दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्‍पादक देशों में होती है। साथ ही रूस दुनिया में प्राकृतिक गैस और तेल से सबसे अधिक कमाई करने वाले देशों में से एक भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9be46da72b08eec6984aebf56f5cca1be727cad7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेहरान (एएनआई)। ईरान के नतांजे स्थित अंडरग्राउंड न्‍यूक्लियर फेसेलिटी साइट पर रविवार को हुए ब्‍लैक आउट की समस्‍या आने को न्‍यूक्लियर प्रोग्राम चीफ अली अकबर सालेही ने आतंकी घटना करार दिया है। उन्‍होंने स्‍टेट टीवी पर इसकी जानकारी देते हुए ये बयान दिया है। हालांकि उन्‍होंने इसके लिए किसी तरह के संदिग्‍ध का नाम उजागर नहीं किया है। हालांकि इस हादसे में किसी तरह की कोई जान-माल की हानि नहीं हुई थी और न ही कोई परमाणु लीकेज हुआ था। माना जा रहा है कि सालेह के इस बयान से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ सकता है।गौरतलब है कि नतांज परमाणु संयंत्र में रविवार को अचानक बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। ये समस्‍या यूरेनियम के अधिक तेजी से संवर्धन करने वाली सेंटरफ्यूज सुविधा शुरू किए जाने के एक दिन बात आई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70555bffa439879f6d53eba22ac8ed3437857228 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोविड-19 महामारी से लड़ रही जंग में दुनिया दो तरह के हथियार इस्तेमाल कर रही है। एक चिकित्सकीय और दूसरा गैर चिकित्सकीय। चिकित्सकीय हथियार के तहत सबसे कारगर तरीका टीका बना हुआ है। भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन चरणबद्ध तरीके से लोगों को दी जा रही हैं। अध्ययन बताते हैं कि कोरोना के चलते देश में हुई मौतों में 88 फीसद हिस्सेदारी 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की है, लिहाजा इस आयुवर्ग के सभी लोगों को वैक्सीन तेजी के साथ लगाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73222.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73222.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17cd0b2b5d37305e380ef9de5783bd95b39c0aee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73222.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं इस बीच किसान की भीड़ कम होने की एक और बड़ी और अहम वजह सामने आई है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर किसान आंदोलनकारी अपनी गेहूं की फसल की कटाई में व्यस्त हैं, ऐसे में उन्होंने आंदोलन से दूरी बना ली है। यह भी कहा जा रहा है कि गर्मी बढ़ने के साथ लू चलने के कारण दिक्कत आनी तय है। सर्दियों में कई किसानों की जान चली गई थी, ऐसे अब चारों बॉर्डर (टीकरी, शाहजहांपुर, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर) पर अब किसान वापस आने के मूड़ में भी नहीं हैं। + +गौरतलब है कि 28 नवंबर से यूपी गेट सहित अन्य स्थानों पर धरने पर बैठे कृषि कानून विरोधियों ने शनिवार को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर रफ्तार भर रहे वाहनों की राह में भी रोड़ा बनने की कोशिश की है। वो भी उस वक्त जब खेतों में गेहूं की सुनहरी बालियां किसानों की झोली खुशियों से भरने के लिए तैयार खड़ी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8579036dc58060262281885f53ce2d18caac182 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73227.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [अंशू दीक्षित]। अब लखनऊ विकास प्राधिकरण में किसी का भूखंड किसी के नाम नहीं हो सकेगा। अब नया आवंटन होगा, समायोजन (एक स्थान से दूसरे स्थान पर भूखंड देना) या फिर भूखंडों में नाम परिवर्तन। यह सब साइबर सिक्यूरिटी के साथ ऑन रिकार्ड होगा। एक-एक भूखंड की सूचना योजना देख रहे अधिकारी को भेजने के साथ ही सचिव व उपाध्यक्ष को भेजी जाएगी। फिर इसकी जांच होगी कि जो नया आवंटन, समायोजन और नाम परिवर्तन की प्रकिया अपनाई गई है यह सही प्रकिया से हुई है या फिर खेल हुआ है। साइबर सिक्यूरिटी के क्षेत्र में यह कदम उठाया गया है। लविप्रा में 56 संपत्तियों का खेल नौ नवंबर 2020 से आज तक नहीं खुला और फिर पांच सौ भूखंडाें में नाम परिवर्तन का राज आज तक राज बना हुआ है। + +सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने बताया कि साइबर सिक्यूरिटी को और सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। प्रोग्रामर एनालिस्ट राघवेंद्र कुमार मिश्रा को यह निर्देश सचिव ने जारी किए हैं। नया भूखंड आवंटन करते समय पंजीकरण संख्या, आवंटी का नाम, आवंटन तिथि, आपरेटर का नाम, कंप्यूटर पर दर्ज की गई तिथि का उल्लेख करना होगा। समायोजन/परिवर्तन की सूचना में पांच चीजों का जिक्र किया गया है, इनमें पंजीकृत आवंटी का नाम, पुराने आवंटन का विवरण, समायोजित आवंटन का विवरण, आपरेटर का नाम और दर्ज तिथि होगी। इसके अलावा आवंटन के नाम में परिवर्तन की सूचना के समय भी पंजीकरण संख्या, पुराना दर्ज नाम, नया दर्ज नाम, आपरेटर का नाम और दर्ज तिथि का उल्लेख करना होगा। उन्होंने बताया कि पत्रावलियों का निरंतर सत्यापन होता रहे और एक पारदर्शी व्यवस्था लागू रहे, इसके लिए योजनावार सूचनाएं मासिक रूप से संबंधित प्रभारी अधिकारी संपत्ति श्रेणी दो को उपलब्ध कराया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fae4a8cfd4ff925e0f6df51bfdd581a9ce9a2308 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73233.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +- लेकिन यह तो मानेंगे कि पश्चिम बंगाल पर ज्यादा फोकस है?।उत्तर- हमारे लिए तो पूरे देश का विकास प्राथमिकता है और यह सच्चाई है कि भाजपा व राजग की सरकार में शासन का फोकस विकास पर होता है। अगर आप चुनाव अभियान की बात कर रहे हैं तो पूरे आंकड़े उठाकर देख लीजिए, प्रधानमंत्री जी बंगाल में होते थे तो अमित शाह और मैं किसी और राज्य में। अमित शाह असम में होते थे तो मैं तमिलनाडु में। बंगाल का अभियान बहुत लंबा है तो जाहिर है कि हम ज्यादा दिखेंगे। + +- भाजपा लगातार कहती रही है? कि चुनाव विकास के मुद्दे पर होने चाहिए। लेकिन आपको नहीं लगता कि पश्चिम बंगाल का चुनाव विकास पर नहीं तुष्टीकरण, जय श्रीराम जैसे मुद्दों पर केंद्रित हो गया है? आपका जोर भी इसी पर है?।उत्तर- बिल्कुल नहीं, भाजपा लगातार विकास के मुद्दों को उठा रही है।आप हमारे घोषणापत्र को पढ़ लीजिए, हमने प्रदेश के विकास के विजन को सामने रखा है। ममता ने कैसे केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं को रोका है यही नही बताया है बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि भाजपा कैसे पश्चिम बंगाल को पूरे पूर्व के विकास का केंद्र बनाएगी। लेकिन यह सच है कि प्रदेश में जिस तरह ममता काल में तुष्टीकरण हुआ है उससे वहां की जनता भी क्षुब्ध है। ममता के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का जो आडियो सामने आया है उसमें भी इसकी स्वीकारोक्ति है। ममता जय श्रीराम से चिढ़ती हैं तो लोग ही पूछ रहे हैं कि ऐसा क्यूं है। जबकि सच्चाई यह है कि जय श्रीराम तो असोल परिवर्तन का प्रतीक है। लोगों ने उसे अपना लिया है। ममता के खिलाफ मतदान इन सभी कारणों से हो रहा है लेकिन हमारा मंत्र को विकास है। हम वहां सत्ता में आ रहे हैं और विकास का मंत्र होगा- तुष्टीकरण के बिना हर किसी का सशक्तिकरण। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73235.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa9a2e82402ca3dca606f50595184ac38b0aed0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनमें से दो बेड पर यूके स्ट्रेन के मरीज भी भर्ती हैं। वहीं, 137 मरीज आइसीयू में भर्ती हैं। अगर अस्पताल में पिछले एक सप्ताह में भर्ती होने वाले मरीजों की बात करें तो तीन अप्रैल से इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। तीन अप्रैल को अस्पताल में 20 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हुए थे। उसके बाद से यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। आठ अप्रैल को भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 44 व नौ अप्रैल को 65 रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c65588d9398de3707f99750b4f63f7ae9a8010f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि भारत में इस वर्ष फरवरी से दोबारा कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। बीते 24 घंटों में डेढ़ लाख से अधिक नए मामलों के सामने आने के बाद सरकारें हाई अलर्ट पर हैं। कई राज्‍यों ने जहां अपने यहां पर प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है वहीं कुछ राज्‍यों ने अपने कुछ शहरों में वीकएंड लॉकडाउन भी लगाया है। ए‍हतियात के तौर पर कई राज्‍यों ने अपने यहां पर शिक्षण संस्‍थान पूरी तरह से बंद कर दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73241.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48ce6274ad35d8d89e8702161bc35227b2a2419e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73241.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यूएन न्‍यक्यिल वाचडॉग के मुताबिक नतांज न्‍यूक्लियर साइट ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का प्रमुख केंद्र है। यहां पर इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के अधिकारियों की निगाह लगी रहती है। वही इसको मॉनिटर भी करते हैं। एजेंसी का कहना है कि नतांज साइट पर बिजली संबंधित समस्‍या क्‍यों आई इसकी जांच चल रही है। पिछले वर्ष जुलाई में नतांज साइट पर आग लग गई थी, जिसको ईरान ने इस सेंटर को तबाह करने की एक साजिश बताया था। ईरान का कहना था कि ये ईरान के न्‍यूक्लियर प्रोग्राम को पटरी से उतारने के लिए किया गया था। + +वर्ष 2010 में यहां के सिस्‍टम पर स्‍टक्‍सनेट कंप्‍यूटर वायरस अटैक किया गया था, जिसको लेकर ज्‍यादातर का मानना है कि ये अमेरिका और इजरायल की मिलीभगत थी। वर्ष 2015 में तेहरान और अमेरिका में संबंध कुछ ठीक उस वक्‍त हुए थे जब दोनों के बीच ओबामा प्रशासन में परमाणु डील हुई थी। इसमें सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों के अलावा यूरोपीयन यूनियन का भी योगदान था। हालांकि वर्ष 2018 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस डील को अमेरिका के लिए अनुपयोगी बताते हुए इससे बाहर आने का एलान कर दिया था। वर्ष 2019 में ईरान ने भी अमेरिका के रुख को देखते हुए इससे बाहर आने और यूरेनियम संवर्धन को बढ़ाने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। + +अमेरिका और ईरान के बीच ताजा हालातों की बात करें तो ये दोबारा फिर पटरी पर आते हुए दिखाई दे रहे हैं। दोनों ही तरफ से परमाणु डील को दोबारा लागू करने की बात को लेकर एकराय बनती भी दिखाई दे रही है। पिछले दिनों इस डील के अन्‍य साथी देशों ने इसको लेकर बैठक भी की थी, जिसके बाद अमेरिका ने कहा था कि यदि ईरान वापस आना चाहेगा तो प्रतिबंधों में ढील भी देना संभव होगा। ईरान ने भी अमेरिका के इस बयान पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..714618147e69805e10e11d0aeeb770e58244f17d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह आतिशबाजी न केवल मंदिर परिसर बल्कि दूर-दूर तक दिखाई देगी। यह आतिशबाजी ऑटोमेटिक रिमोट कंट्रोल से चलेगी जो चारों दिशाओं में अपनी रंग बिरंगी रोशनी बिखेरेगी। पटाखे एक्सपर्ट की पांच सदस्यीय टीम रविवार को मंदिर परिसर में पहुंच जाएगी और तीन दिन इसकी तैयारियां करेगी। शोभायात्रा ज्योति प्रतिस्थापना के पश्चात महाआरती होगी, जिसके बाद मंदिर के गुंबद पर इस भव्य नजारे को देखा जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb355be8105edb6b97c12203161a7db3d5a649e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73244.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[डॉ. सूर्यकांत] भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर, में लोग बड़ी तेजी से संक्रमित हो रहे है। लगभग दो महीने के अंदर प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या एक लाख से ऊपर पहुंच गई है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक में कोविड से बचाव तथा टीकाकरण पर जोर देते हुए आज 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक टीका महोत्सव मनाने की बात कही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क, दो गज की दूरी और हाथ धोने पर जोर देने के साथ ही कोविड टेस्टिंग को बढ़ाने पर भी जोर दिया है। उदासीनता से बढ़ी समस्या।हमारे देश में 16 जनवरी, 2021 से कोविड टीकाकरण प्रारंभ हुआ तथा प्रतिदिन कोविड संक्रमित लोगों की संख्या काफी घट गई, जिससे लोग लापरवाह हो गए और कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करना धीरे-धीरे समाप्त हो गया। इसके साथ ही कोविड टीकाकरण के बारे में भी तरह-तरह की अफवाहें और आशंकाएं जताई गईं, जिससे अपेक्षित संख्या में टीकाकरण नहीं हो सका। हमारी लापरवाही व टीकाकरण के प्रति उदासीनता से कोरोना संक्रमण को फैलने व लोगों को ज्यादा से ज्यादा संक्रमित करने का अवसर मिला और देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को जीतते-जीतते हारने लगा। देश में 16 जनवरी से अब तक टीके की लगभग 9 करोड़ डोजेज लग पाई है, जबकि अमेरिका में 17 करोड़ और चीन में यह संख्या लगभग 15 करोड़ है। इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री ने कोविड टीकाकरण को उत्सव की तरह मनाने की अपील की है। + +जरूरी है सावधानी।कोविड-19 का टीका लगवा लिया और हो गए निश्चिंत, लेकिन यह निश्चिंतता ठीक नहीं। अभी भी आपको सेहत का ध्यान रखना है, क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद भी आप इस वायरस के रडार पर हैं। यह बात समझ लें कि कोई भी वैक्सीन, किसी भी वायरस का उपचार नहीं होती बल्कि उसके प्रति सुरक्षा कवच देती है। अत: अभी भी आप कोरोना संक्रमित हो सकते हैं और दूसरों को संक्रमित कर सकते है। + +मास्क अभी भी है जरूरी।कोरोना संक्रमण नए रूप में सामने आ रहा है, इसलिए मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी है। जब तक कि हम हर्ड इम्यूनिटी तक न पहुंच जाएं। जब तक कि अनुमानित 70 से 85 फीसद जनसंख्या का वैक्सीनेशन न हो जाए। मास्क लगाना अपनी सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है। मास्क पहनने से कोविड-19 के विभिन्न प्रकारों के फैलने और इसके नए प्रकार उत्पन्न होने से रोकने में मदद मिलेगी। क्योंकि वायरस तब तक अपना रूप नहीं बदलता, जब कि इसका प्रसार न हो। इसलिए आपस में मिलने पर नमस्ते करें, बार-बार हाथ धोते रहें, दो गज की दूरी बनाए रखें तथा घर के बाहर निकलने पर मास्क लगाए रखें। ज्ञात रहे कि मास्क लगाने से सिर्फ कोविड-19 से ही बचाव नहीं होता बल्कि टी.बी. और न्यूमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों तथा वायु प्रदूषण से भी बचाव होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fee57ebf9a32aea8633b284f7645ff6c7f3804b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि भारत कोरोना संक्रमण मामलों में विश्‍व में तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर अमेरिका है जहां पर अब तक 31,131,140 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 561,350 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। यहां पर ठीक होने वाले मरीजों की संख्‍या 14,726,218 है। बीते 24 घंटों के दौरान यहां पर 66764 मामले सामने आए हैं। अमेरिका में 8 जनवरी को सबसे अधिक 309014 मामले सामने आए थे। ।इस सूची में दूसरे नंबर पर शामिल ब्राजील में कोरोना संक्रमण के अब तक 13,373,174 मामले सामने आए हैं जिनमें से 348,718 मरीजों की मौत हो चुकी है और 11,791,885 मरीज ठीक हुए हैं। बीते 24 घंटों के दौरान यहां पर 69592 मामले सामने आए हैं। चौथे नंबर पर शामिल फ्रांस में अब तक संक्रमण के 4,980,501 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 98,395 मरीजों की मौत भी हो चुकी है और 305,711 मरीज ठीक भी हुए हैं। बीते 24 घंटों में यहां पर 43284 मामले सामने आए हैं। पांचवें नंबर पर शामिल रूस में कोरोना संक्रमण के कुल मरीजों की संख्‍या 4,633,200 है, जबकि 242,132 मरीजों की मौत भी हो चुकी है और 4,258,279 ठीक भी हुए हैं। यहां पर बीते 24 घंटों में 8704 मामले सामने आए हैं। रूस से कोरोना की शुरुआत के बाद से 24 दिसंबर को सबसे अधिक 29935 मामले सामने आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56abf5f184324efefe1f2b463468d31d7f7ba2e7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73248.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर जारी है। बीते 5-6 दिनों से देश में एक दिन में अब 1 लाख से अधिक केस सामने आ रहे हैं। कोरोना संक्रम पर लगाम लगाने के लिए एहतियात के तौर पर देश के कई शहरों व जिलों में नाइट कर्फ्यू तथा लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इस दौरान ज्यादातर राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद रखा गया है या फिर वे सख्त नियमों के साथ खुल रहे हैं। कोरोना के ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, गुजरात व मध्य प्रदेश से सामने आ रहे हैं। ऐसे में इन राज्यों में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन का सहारा लिया गया है। मोटे तौर पर देश के करीब 100 से ज्यादा शहरों में फिलहाल नाइट कर्फ्यू लगाया जा चुका है। तो आइए जानते हैं कि आखिर नाइट कर्फ्यू क्या होता है..।क्या होता है नाइट कर्फ्यू ?।दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के विभिन्न शहरों में कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। आम तौर पर रात में 10 बजे से सुबह 5 बजे तक इन शहरों में नाइट कर्फ्यू लागू रहेंगे। हालांकि, कुछ राज्यों ने इसमें अपने हिसाब से संशोधन कर समय में बदलाव किया है। मोटे तौर पर समझें तो ये(नाइट कर्फ्यू) ऐसा आदेश होता है, जिसमें सुनिश्चित किया जाता है कि रात के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकलें। ऐसी स्थितियां तब पैदा होती है जब युद्ध, दंगा या खतरे का ऐसा समय होता है जब लगता है कि सार्वजनिक जगहों पर लोगों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए। जब ऐसा आदेश केवल रात के दौरान पाबंदी के लिए दिया जाता है तो इसे 'नाइट कर्फ्यू' कहा जाता है। + +इस आदेश का उपयोग विशेष परिस्थितियों में होता है। कभी इसके जरिए शांति और व्यवस्था की स्थापना की जाती है लेकिन हाल के दिनों में कोरोना से जूझती दुनिया में इसका इस्तेमाल हुआ है। इसके जरिए नागरिकों की सुरक्षा और कोरोना वायरस से उनकी रक्षा तय की जा रही है। कर्फ़्यू आदेश को तोड़ने पर सजा का भी प्रावधान होता है। + +क्या मिलती है छूट ?।आम जनता को किन कामों में छूट दी गई है। आइए जानते हैं...।1. कोरोना का नाइट कर्फ्यू आम तौर पर रात 10 बजे से सुबह 05 बजे तक है। इसका मतलब दिन में आप कहीं भी आ जा सकते हैं, उसमें कोई रुकावट नहीं है लेकिन इस दौरान कोरोना की शारीरिक दूरी और मास्क का पालन करना होगा। वरना जुर्माना लग सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74380deb06b68fe3f41b1e67429bfc8f1cb4c71b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दक्षिणी दिल्ली की सरोजनी नगर मार्केट, लाजपत नगर मार्केट व ओखला मंडी में शारीरिक दूरी के नियम का खूब उल्लंघन हो रहा है।यही हाल भागीरथ पैलेस, चांदनी चौक, दरिबा कलां, कूचा महाजनी का है। चांदनी चौक के मेन बाजार और भागीरथ पैलेस में शनिवार को बड़ी संख्या में ग्राहक पहुंचे। लोगों ने कपड़ा बाजार, किनारी बाजार, दवा बाजार और इलेक्ट्रानिक बाजार में जाकर खरीदारी की, जिसके चलते बाजारों के अंदर वाली गलियों में भीड़ हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1855dc48367e82abfe4d90973a04884384b9bd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की अश्लील वीडियो बनाने और ऐप्स के ज़रिए उनका कारोबार करने के केस में गिरफ़्तारी के बाद कई ऐसी मॉडल-एक्ट्रेस चर्चा में हैं, जिनका नाम किसी ना किसी रूप में राज कुंद्रा केस की वजह से ख़बरों में आया है। इनमें कोई समर्थन है तो कोई राज के साथ अपनी आपबीती बता रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce0f701ea57386dcbae1dd7e6d509599da24b98a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73250.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। गणित विषय छात्रों को उबाऊ और कठिन लगता है, जिस कारण इस विषय में छात्रों के लिए अच्छे अंक लाना मुश्किल हो जाता है। गणित के सवाल छात्रों को बहुत घुमाते भी हैं, लेकिन सोनिया विहार स्थित निगम प्रतिभा विकास विद्यालय के शिक्षक अशोक कुमार गणित विषय को इस तरह रोचक व आसान बनाकर पढ़ाते हैं, कि उनकी कक्षा के हर बच्चे का यह पसंदीदा विषय बन जाता है। वह अंगुलियों  पर ही गणित का हर सवाल हल करा देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58334bbb3d6dd42607569152ac3ad6219fa6719d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73255.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाकवि ने बिताए 73 वर्ष ।महाकवि सूरदास ने अपनी काव्य साधना के स्वर्णिम 73 वर्ष गोवर्धन के समीप चंद्र सरोवर में बिताए। उन्होंने यहां पदों की रचना की। भक्तमाल के रचयिता श्रीनाभा जी ने लिखा है कि सूरदासजी उद्धवजी के अवतार थे। भागवत ङ्क्षककर गोपाल प्रसाद उपाध्याय बताते हैैं कि इतिहास में वर्णन मिलता है कि सूरदासजी ने लगभग 15 वर्ष की अवस्था में महाप्रभु बल्लभाचार्य जी से दीक्षा ली। वह नित्य श्रीनाथजी को कीर्तन सुनाने परासौली से जतीपुरा जाते थे। सूर सागर, साहित्य लहरी, सूर सारावली जैसे ग्रंथों की रचना की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f24cab7deb18435449fb5c77c36a6fa83cc3438 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। नासा के हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी की पहली उड़ान को फिलहाल बुधवार तक के लिए टाल दिया गया है। नासा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक 14 अप्रैल से पहले इसकी उड़ान नहीं होगी। नासा ने ये फैसला शुक्रवार देर रात मिले डाटा का विश्‍लेषण करने के बाद किया है। पहले ये उड़ान रविवार 11 अप्रैल 2021 को होनी थी। हालांकि उड़ान को टाल देने के बाद भी नासा के मार्स रोवर परसिवरेंस की टीम पूरी तरह से तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37cc8ac052f6f6c079720d29f92a976bfbbeba96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73257.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [कुमार संजय]। पार्किंसन तंत्रिका तंत्र की बीमारी है, जिसमें अंगों में कंपन शुरू हो जाता है। काफी लोगों में दवा से कंपन नियंत्रित किया जाता है, लेकिन जब दवा काम नहीं करती, तब डीप ब्रेन स्टिमुलेशन तकनीक कारगर होती है। संजय गांधी पीजीआइ की न्यूरोलाजिस्ट प्रो. रुचिका टंडन ने संस्थान के न्यूरो सर्जरी, रेडियोलाजी व एनेस्थीसिया विभाग की मदद से यह तकनीक स्थापित की है। विश्व पार्किंसन जागरूकता दिवस (11 अप्रैल) के अवसर पर उन्होंने इस तकनीक और रोग के इलाज के बारे में जानकारी दी। + +यह परेशानी, तो हो जाएं सावधान : हाथों में कंपकंपी, मांसपेशियों में जकडऩ, अनचाही हरकत, खड़े रहने में परेशानी, चलने में परेशानी, चाल में धीमा फेरबदल, तालमेल में समस्या, धीमी शारीरिक गतिविधि, मांसपेशी में अकडऩ, मांसपेशी में लयबद्ध संकुचन, या शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई, दिमाग की काम करने की क्षमता कम हो जाना, भूलने की बीमारी, सोचने और समझने में कठिनाई, कोमल आवाज, ध्वनि पेटी में ऐंठन या बोलने में कठिनाई, चेहरे के भावों का कम होना या जबड़े में कठोरता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73258.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73258.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f462fd56b835db42cc8192c985741c55c2519be8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73258.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की अब तक की लड़ाई शानदार रही है। दुनिया के विकसित देशों के मुकाबले हम महामारी को न सिर्फ बहुत हद तक सीमित रखने में सफल रहे थे, बल्कि एक समय तो ऐसा लगने लगा था कि भारत इस वायरस से मुक्त होने वाला है। उसी समय कुछ राज्यों में महामारी की दूसरी लहर उठनी शुरू हुई। अब इसकी वजह जो भी रही है, लेकिन दूसरी लहर संभलने का मौका नहीं दे रही। देश की बहुत बड़ी आबादी को यह अपनी चपेट में लेने को बेताब है। इसको रोकने के फिलहाल दो ही विकल्प हैं। टीकाकरण और कोरोना के नियमों का ईमानदारी और कड़ाई से अनुपालन। + +पीएम की अपील का हुआ है असर।'टीका उत्सव' के सफल होने की पूरी उम्मीद है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमने देखा है, कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब-जब भी देशवासियों से कुछ उम्मीद की है, देश के लोगों ने उम्मीद से ज्यादा ही योगदान किया है। बात चाहें एक दिन के जनता कफ्र्यू की हो, ताली या थाली बजाने की हो या फिर सख्त लॉकडाउन की। इन प्रयासों से कोरोना संक्रमण के प्रसार की गति को रोकने में बहुत हद तक कामयाबी मिली थी और भारत पहली लहर के चरम को कुछ महीनों के लिए टालने में सफल रहा था। + +महामारी के खिलाफ लड़ाई हमारी।महामारी के खिलाफ लड़ाई हम सभी की है। लेकिन देश में यह लड़ाई भी दलों में बंटती नजर आ रही है। कई राज्यों में टीके की कमी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह बताने की जरूरत नहीं है कि ऐसे राज्यों में विरोधी दलों की सरकारें हैं और इन राज्यों में स्थिति भी गंभीर है। टीके की कमी बताकर टीकाकरण रोक दिया जा रहा है। अगर वास्तव में टीके की कमी है तो उसे दूर किए जाने की जरूरत है, अन्यथा अगर यह राजनीति है तो फिर इससे गंदी राजनीति कुछ हो नहीं सकती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75935deec35919ab9bb666d0e8712deb04a7ab2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73259.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ऐसी स्थिति में अगर गूगल के टूल्स के साथ स्मार्ट तरीके से सर्च करें, तो किसी भी सब्जेट्स से जुड़े प्रॉब्लम को ऑनलाइन आसानी से सॉल्व कर पाएंगे। गूगल ने इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ सर्च टूल्स पेश किए हैं, जो स्टडी से जुड़ी समस्याओं को सॉल्व करने में आपकी मदद कर सकते हैं। साथ ही, कुछ अन्य सर्च इंजन की मदद भी ले सकते हैं, जिन्हें खासकर स्टूडेंट्स और टीचर्स को ध्यान में रखकर ही डेवलप किया गया है। ये एजुकेशनल रिसोर्सेज को सर्च करने के लिहाज से उपयोगी हो सकते हैं। + +3डी मॉडल में आग्युमेंटेड लेसंसः कौन कहता है कि आप अपने लिविंग रूम को साइंस लैब में कनवर्ट नहीं कर सकते। गूगल के 3डी आग्युमेंटेड रियलिटी कॉन्सेप्ट के जरिए केमिस्ट्री, बायोलॉजी, फिजिक्स और एनाटॉमी कॉन्सेप्ट्स से जुड़े 200 से ज्यादा कॉन्सेप्ट को 3डी मॉडल में घर पर ही देखे सकते हैं। 'एआर ऑन मोबाइल' टूल की मदद से इंसानी शरीर की संरचनाओं के साथ बोहर मॉडल तक सब कुछ 3डी में देख सकते हैं। यह केमिस्ट्री, बायोलॉजी, फिजिक्स आदि के कॉन्सेप्ट्स को 3डी मॉडल में दिखने की सुविधा देता है। जब आप सर्च में केमिकल बॉन्ड जैसा कुछ लिखते हैं, तो स्क्रीन पर एनिमेटेड इमेज दिखाई देती है, जिसे आप एआर में देखना चुन सकते हैं। इतना ही नहीं, स्टेम (STEM) से जुड़े मुश्किल सवालों में उलझ जाते हैं, तो उन्हें भी यहां पर सॉल्व कर सकेंगे। + +गूगल स्कॉलर।एकेडमिक रिसोर्सेज को एक्सेस या सर्च करने के लिए गूगल स्कॉलर (https://scholar.google.com) बेहतर सर्च इंजन है। हालांकि यह देखने में बिल्कुल गूगल के आम सर्च इंजन की तरह ही है, लेकिन यहां पर एकेडमिक सर्च से जुड़े बेहतर रिजल्ट्स मिलेंगे। यहां पर माई लाइब्रेरी और माई प्रोफाइल जैसे फीचर्स भी हैं। लाइब्रेरी में आर्टिकल्स को बाद में पढ़ने के लिए सेव करके रख सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c814020cfa3f469ee9f9c116e34590cc7dab81c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73260.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सीबीएसई सैंपल पेपर के अलावा अन्य प्रकाशकों द्वारा भी नये सैंपल पेपर (प्रैक्टिस पेपर) तैयार किये गये हैं। उनकी मदद ली जा सकती है। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे एनसीईआरटी के किताब का ध्यान से अध्ययन करें। खासकर हरेक चैप्टर के एग्जाम्पल्स को गंभीरता से देखें। उसका अभ्यास करें। इसी तरह, न्यूमेरिकल के अधिकतर सवाल यहीं से पूछे जाते हैं। + +बच्चों को यह भी बताना चाहूंगा कि वे रेक्टीफायर (डायोड), सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स, मैटीरियल्स, डिवाइसेज एवं सिंपल सर्किट, जंक्शन डायोड, एलईडी, इलेक्ट्रिक पोटेंशियल, पोटेंशियल डिफरेंस आदि टॉपिक्स को ध्यान से पढ़ें। अच्छे से रिवाइज करें। इनके अलावा, ऑप्टिक्स में टेलीस्कोप एवं माइक्रोस्कोप जरूर पढ़ें। इनके डायग्राम्स की अच्छे से प्रैक्टिस करें। इसी प्रकार से फॉर्मूलों पर मजबूत पकड़ बहुत जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6db0f6f9956028d351a5d7614599d95d91f23ad9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73261.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली/नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। सबकुछ ठीक रहा तो दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के जेवर इलाके में बनाए जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का सफर मेट्रो ट्रेन के जरिये भी संभव हो सकेगा, वह भी दिल्ली से। इससे दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के शहरों के हजारों लोगों को रोजाना फायदा मिलेगा। इस दिशा में प्रस्ताव पर काम हो रहा है। यह योजना धरातल पर उतरी तो ग्रेटर नोएडा के निवासी तो सिर्फ 25 मिनट में ही जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) की मानें तो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नॉलेज पार्क- II के साथ ग्रेटर नोएडा और एनसीआर के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए तीन विकल्पों मेट्रो लाइट, मेट्रो नियो और मेट्रो एक्सप्रेस को लेकर मूल्याकंन में लगा हुआ है। इस बाबत DMRC ने 2019 का प्रस्ताव खारिज होने के बाद ताजा रिपोर्ट मांगी थी। + +इसके तहत 35.6 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए डीपीआर में रूट में 25 मेट्रो स्टेशनों का प्रस्ताव दिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि नए प्लान के मुताबिक, मेट्रो ट्रेन की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगा और ग्रेटर नोएडा से सिर्फ 25 मिनट का सफर तय कर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा। इस योजना में बड़ा हिस्सा यानी 32.3 किलोमीटर एलिवेटिड होगा। शिवाजी पार्क मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क-2 तक फास्ट मेट्रो लाने के लिए नया कॉरिडोर बनाए जाने का प्रस्ताव है। + +सफर से लोगों को समय बचाने की योजना। इस प्रोजेक्ट के अनुसार, जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम तक फास्ट मेट्रो ट्रेन चलाने का है, जिससे दिल्ली की तरफ से एयरपोर्ट आने वाले पैसेंजर आसानी से कम वक्त में पहुंचकर अपनी फ्लाइट पकड़ सकें। यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण और दिल्ली मेट्रो रेल निगम की प्राथमिकता भी यही है कि एनसीआर के अन्य हिस्सों से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी प्रदान की जाए, वह भी ऐसी हो कि लोग कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकें। यहां पर यह बता देना कि दिल्ली से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क II तक मेट्रो कनेक्टिविटी पहले से मौजूद है। दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी के लिए एक और गलियारे का निर्माण जरूरी हो जाएगा। YEIDA के अधिकारियों की मानें तो ग्रेटर नोएडा से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक हम 5-6 मेट्रो स्टेशनों को योजना के प्रस्ताव में शामिल किया गया है। + +सिंघु बॉर्डर पर दिखाई देने लगा है अजब नजारा, जानकर आप भी कहेंगे 'आंदोलन खत्म हुआ समझो'।यह है प्रस्ताव। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से शिवाजी पार्क स्टेडियम तक फास्ट मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए नया मेट्रो रेल कॉरिडोर बनाया जा सकता है।  यह भी बात सामने आ रही है कि शिवाजी पार्क स्टेडियम मेट्रो स्टेशन पहले ही आइजीआई एयरपोर्ट के लिए बनाए गए डेडीकेटेड मेट्रो कॉरिडोर का स्टेशन है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क-2 तक आने वाली यह लाइन जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली एयरपोर्ट से जोड़ देगी। इससे दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा। वह भी मेट्रो ट्रेन के जरिये। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41d0efffb5bf89570d94f2053952d118d174f875 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवादाता, दुर्गापुर। पूर्व बर्द्धमान जिले के भातार विधानसभा सीट पर वाम मोर्चा के लाल दुर्ग में स्व. धात्रीपद कोवार ने कमल खिलाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अब उनके अधूरे सपने को पूरा करने उनके पौत्र महेंद्र कोवार बंगाल के रण में उतरे हैं। हालांकि हालात अभी अलग हैं। बंगाल में तब वाम मोर्चा का दबदबा था, जबकि अभी सत्ता तृणमूल कांग्रेस के हाथ है। महेंद्र के सामने जोड़ा फूल (तृणमूल कांग्रेस) के बगीचे में कमल (भाजपा) खिलाने की चुनौती है। इसके लिए जम कर पसीना बहा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73267.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..816572755b5b016b073204df36f844dc65c173be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73267.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना का संक्रमण शहर में बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी कुछ लोग बेपरवाह होकर बिना मास्क के बाजारों में घूम रहे हैं। कार्यक्रमों में कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा। न कॉलोनियों में और न घने बाजारों में लोग खतरे के प्रति सचेत हुए हैं। एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि बिना कोरोना संक्रमाण रोकने के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन जरूरी है। पुलिस चेकिंग करके चालान करने के साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रही है। हर दिन शाम को छह से रात नौ बजे तक चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान बाजारों और सड़कों पर पुलिस चेकिंग करती है। ऐसे में बिना मास्क के मिलने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाती है। हर दिन करीब एक हजार से अधिक लोग जिले में बिना मास्क मिल रहे हैं। इनके चालान के साथ ही शमन शुल्क भी वसूला जा रहा है। कई स्थानों पर पुलिस मास्क लेकर खड़ी होती है। आर्थिक स्थिति खराब होने पर पुलिस एनजीओ की मदद से भी लोगों काे मास्क बांट रही है। इसके साथ ही कालोनियों और मोहल्लों में बैठक करके पुलिस लोगों को मास्क, दो गज दूरी और सैनिटाइजर का प्रयोग करने को जागरूक कर रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcc25041764cbb605309059b8e8b63449c2aa9d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73268.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [नीरज मिश्र]। प्रदेश के विभिन्न जिलों में खरीदे जाने वाले नए वाहनों के पंजीयन की अस्थाई व्यवस्था (टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन) खत्म कर दी गई है। अब आवेदक को गाड़ी खरीदने पर सीधे स्थायी नंबर ही मिलेगा। इस संबंध में भारत सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर पहली अप्रैल से इसे लागू कर दिया गया है। एनआईसी इस संबंध में तैयारियां कर रहा है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी माह के अंत तक यह व्यवस्था सुचारु हो जाएगी। अधिसूचना के बाद परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने एनआईसी से पोर्टल में आवश्यक बदलाव करने को कहा गया है। इसमें प्रारूप 23 क के तहत वाहन स्वामी को इलेक्ट्रानिक रूप में पंजीयन चिह्न मिलेगा। + +जानें क्या है टेंपरेरी रजिस्टे्रशन व्यवस्था ।अभी तक अगर किसी जिले में नई गाड़ी खरीदी गई है और खरीदने वाला व्यक्ति दूसरे जिले का है तो उसे अस्थाई पंजीयन कराना होता है। इसकी अवधि करीब एक माह की होती है। इसके बाद गाड़ी मालिक को संबंधित अपने रिहाइशी जिले के आरटीओ कार्यालय से स्थायी रजिस्ट्रेशन लेना आवश्यक होता है। गाड़ी मालिक संबंधित जिले से एनओसी लेकर दोबारा स्थाई पंजीयन नंबर प्राप्त कर लेता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af669b645f1ad11929001571f8a84fdbc07a8932 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73269.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें :-।पुलिस कर्मी भी साइबर ठगों के न‍िशाने पर, अमरोहा में र‍िटायर पुलिस कर्मी के खाते से 15 लाख रुपये न‍िकाले।मुरादाबाद रेलवे स्‍टेशन पर तमंचे के साथ घूम रहा था युवक, पकड़े जाने पर बोला-मैं शौक के ल‍िए हथ‍ियार रखता हूं।उपभोक्‍ताओं के ल‍िए बीएसएनएल का एक और बड़ा प्‍लान, 449 रुपये में लीज‍िए 3300 जीबी डाटा, फ्री कॉल भी कर सकेंगे।Moradabad Coronavirus News : ज‍िले में डीएम समेत 113 कोरोना संक्रमित, संक्रमण से एक महिला की मौत।Night curfew in Moradabad : ज‍िले में नाइट कर्फ्यू लागू, अनावश्‍क बाहर घूमने वालों पर होगी कार्रवाई, ये सेवाएं रहेंगी जारी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26157a5c5fd96762378ad530be8e765f83e4e960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फोटो शेयर करते हुए प्र‍ियंका ने लिखा 'फोटो डंप, इस बर्थडे मुझे ढेर सारा प्यार भेजने के लिए आप सभी का धन्यवाद. ढेर सारे शानदार मैसेजेज, कॉल्स, स्टोरीज, ट्वीट्स। मेरा ये बर्थडे शांति भरा था, पर मैं जिंदगी के अगले साल में कदम रखकर यह सीखा कि हर दिन खुशी का पल होता है।'।एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा को इस साल उनके जन्मदिन पर कुछ महंगे गिफ्ट्स मिले, लेकिन उनके पति निक जोनास ने जो गिफ्ट उन्हें दिया उसके आगे सब फेल हैं। 18 जुलाई को अपने 39वें जन्मदिन के मौके पर पति निक जोनस ने प्रियंका को रेड वाइन की एक महंगी बोतल तोहफे में दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2580da66390aa73d97bb5af4e73fe1bb801c52a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73273.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +डॉ. निधि सिंह। प्रधानमंत्री से संवाद पर आधारित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम पहली बार डिजिटल माध्यम से आयोजित हुआ। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री को छात्रों की कितनी फिक्र है और उन्हें डिजिटल क्रांति पर कितना भरोसा है। कोरोना महामारी ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा को भी झकझोर कर रख दिया। विकसित देशों में जहां डिजिटल माध्यम का पहले से ही काफी हद तक विस्तार हो चुका था, भारत में इस तरह की शिक्षा शुरुआती दौर से ही गुजर रही थी। + +पीएम ई-विद्या, भारत सरकार द्वारा एक ऐसी पहल है जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में टीवी, रेडियो और इंटरनेट पर आधारित माध्यमों का एक अनूठा सामंजस्य देखा जा सकता है। इस पहल में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित कक्षा एक से 12वीं तक के लिए वीडियो और ऑडियो कार्यक्रम विकसित किए जा रहे हैं। जहां वीडियो कार्यक्रम टीवी के माध्यम से प्रसारित हो रहे हैं, वहीं ऑडियो कार्यक्रम रेडियो के माध्यम से। साथ ही, ये सारे वीडियो और ऑडियो कार्यक्रम इंटरनेट पर आधारित दीक्षा प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि शिक्षार्थी कहीं भी कभी भी इन ई-कंटेंट का लाभ अपने पठन-पाठन के लिए उठा सकें। + +शिक्षार्थियों को यह जानकर अच्छा लगेगा कि पीएम ई-विद्या के तहत हर कक्षा के लिए एक अलग यानी कक्षा एक से 12वीं तक के लिए 12 टीवी चैनल हैं। इन चैनलों पर हर कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित वीडियो कार्यक्रम के साथ-साथ कला, कहानी, योग और सामान्य जागरूकता पर आधारित कार्यक्रम भी दिखाए जाते हैं। इनका उद्देश्य शिक्षाíथयों की रुचि बनाए रखने के साथ-साथ उनका सर्वागीण विकास भी है। इन चैनलों को डीटीएच टीवी, डीडी फ्री डिश के साथ-साथ एकाध अन्य टीवी एप पर भी देख सकते हैं। एक दिलचस्प बात जानने वाली ये है कि पाठ्यक्रम-आधारित इन सारे वीडियो कार्यक्रमों में क्यूआर कोड लगे हैं जिन्हें दीक्षा एप से स्कैन करने पर अपनी सुविधा के हिसाब से दीक्षा वेबपोर्टल पर भी देख सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73275.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30b752971f2d635458f3cd37196065c94bb322a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73275.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सोनू राणा]। Kisan Agitation At Singhu Border: उधार की सुख सुविधाओं से कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का मोहभंग हो गया है। किसी समय में आंदोलन का केंद्र बिंदु रहा सिंघु बॉर्डर अब मायूसी के आगोश में खो गया है। सिंघु बॉर्डर पर पसरा सन्नाटा चीख चीख कर कह रहा है कि आंदोलन अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। इसका जीता जागता सबूत है सिंघु बार्डर पर लगातार घट रही प्रदर्शनकारियों व वाहनों की संख्या। सिंघु बॉर्डर पर अब 50 ट्रैक्टर और 500 प्रदर्शनकारी भी नहीं बचे हैं। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में 46 ट्रैक्टर ट्रॉली, 4 टेंपो, 5 ट्रक, 2 बस, 10 जीप व पांच कार ही खड़ी दिखाई दीं। बाकी के ट्रैक्टर अब सिंघु बॉर्डर को अलविदा कह पंजाब लौट गए हैं। + +ये भी पढ़ेंः दिल्ली के लाखों परिवारों को खुशखबरी देने के लिए DDA ने शुरु की प्रक्रिया, पहले यहां के लोगों को मिलेगा घर।दिल्ली में नरेला रोड भी पड़ा सूना।नरेला रोड भी अब यूपी बॉर्डर की तरह खाली नजर आ रहा है। खानापूर्ति के लिए तंबू गाड़े हुए हैं और मात्र 19 ट्रैक्टर ट्राली नरेला रोड पर खड़े हैं। यहां प्रदर्शनकारियों से ज्यादा तो ई रिक्शा चालक नजर आ रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41890c0466261399e092a3eaa09f385be36adf01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभी पिछले माह ही क्वाड के सदस्य देशों के नेताओं की पहली वर्चुअल मीटिंग हुई थी जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शासनाध्यक्षों के बीच जिस मुद्दे पर सबसे प्रमुख रूप में बात हुई वह थी इंडो पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा और भारत का सागर विजन। इस बीच कोविड वैक्सीन को लेकर भारत और अन्य सदस्यों ने जिस तरह से सकारात्मक सोच को जाहिर किया उसने क्वाड को एक सकारात्मक और समावेशी सोच वाले फोरम के रूप में बनाए रखा, सदस्य देशों ने इसमें जलवायु परिवर्तन, सागरीय सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहयोग और आपूíत प्रणालियों पर चर्चा कर इसे चीन के प्रति संतुलन करने वाले ब्लॉक पर एक बहुआयामी महत्व वाले समूह के रूप में प्रस्तुत किया। ऑस्ट्रेलिया का कहना था कि 21वीं सदी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की है जो दुनिया की तकदीर तय करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..544b3c274be1cd6ba3ed932cef5b44c272c0e32c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73283.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के हाई वोल्टेज विधानसभा चुनाव में जहां एक ओर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी अपनी जीत के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं, वहीं हुगली जिले की बहुचर्चित सिंगुर विस से खड़े हुए एसयूसीआइ (कम्युनिस्ट) के शंकर जाना ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनके लिए हार-जीत कोई मायने नही रखती। वे सिर्फ समाज की वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। + +पार्टी के निर्देश पर वे 1992 से लगातार सिंगुर सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। प्रत्येक चुनाव में वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाते, इसके बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ है। इस बार भी उन्होंने सिंगुर क्षेत्र में ऑटो से घूमकर चुनाव प्रचार किया है। एसयूसीआइ (कम्युनिस्ट) के नेता शंकर जाना ने कहा-'मेरे लिए चुनाव में जीत-हार कोई मायने नही रखती। मैं तो समाज की वर्तमान व्यवस्था के खिलाफ मैदान में उतरता हूं। मैं आम जनता की लड़ाई लड़ता हूं। मुझे 200 वोट मिले या फिर 2,000, मैं समझता हूं कि जिन लोगों ने मुझे वोट दिया है, उतने लोगों को मैं अपनी लड़ाई में शामिल कर पाया हूं। इसी को मैं अपनी जीत समझता हूं। मैं जबतक जीवित हूं, गलत व्यवस्था के खिलाफ लड़ता रहूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66e6cdf747c047f307f4baebc391fdd3eeff342a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73285.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसी गांव के विश्वनाथ पड़ियाल पिछले विधानसभा चुनाव में दुर्गापुर पश्चिम सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। इस बार वह तृणमूल कांग्रेस से चुनाव मैदान में हैं। गांव के चार लोग पार्षद भी हैं। 30 नंबर वार्ड जहां यह गांव है वहां की रूमा पडिय़ाल, 23 नंबर वार्ड के देबब्रत साईं, 40 नंबर वार्ड के चंद्रशेखर बनर्जी व 42 नंबर वार्ड की प्रियांकी पांजा पार्षद हैं। सियासी बिसात पर यह गांव अहम हैसियत रखता है। बावजूद भाईचारे को कायम रखने के लिए बरसों पहले जो परंपरा शुरू की गई, वह आज तक कायम है। + +आज बंगाल में जब चुनावी माहौल में हर इलाका राजनीतिक सरगर्मी से तप रहा है। वहीं, पहली नजर में इस गांव में सन्नाटा नजर आता है। न किसी घर पर राजनीतिक दल का झंडा और न पोस्टर-बैनर। न कहीं दीवार लेखन। पता ही नहीं चलता कि यह बंगाल का एक गांव है। साइकिल से बाजार जा रहे सायन हमें देख रुक गए। उनसे पूछा क्या यह विश्वनाथ पडिय़ाल उर्फ बिशु दा का गांव है, तो वह बोले, हां दादा एखाने ही बिशु दा थाकेन। जब पूछा यहां तो कोई झंडा-बैनर नहीं है तो बोले एई ग्रामे प्रचार होय ना। गांव के 60 साल के सिद्धार्थ दत्त तब तक वहां आ गए। उन्होंने बताया कि हमने अपनी याद में कभी किसी राजनीतिक दल का झंडा-बैनर यहां नहीं देखा। यह परंपरा वर्षों से है। गांव की सीमा दत्त कहती हैं, चुनाव में हिंसा की घटनाएं लगातार होती रहती हैं, लेकिन हमारा गांव इससे बचा रहता है। गांव के सुब्रत मुखर्जी कहते हैं, इस परंपरा से आपसी भाईचारा और मजबूत होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73286.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73286.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..526e0a7e0b8d7b00859c4706f711d77a90cfb99d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73286.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरी डोज के एक माह बाद पर्याप्त एंटीबाडी। मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि किसी भी माइक्रोआर्गनिज्म में बदलाव की आशंका रहती है। खासकर जब वायरस, बैक्टीरिया, या फंगस को रोकने का कोई प्रयास होता है, तब बदलाव ज्यादा देखा गया है। यह एंटीजेनिक डिफ्ट है, शिफ्ट नहीं। इसीलिए वैक्सीन लेने के बाद मास्क न पहनने से कोरोना हो सकता है, लेकिन निमोनिया या मल्टीआर्गन फेल्योर जैसे खतरे नहीं रह जाएंगे। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद शरीर में पर्याप्त एंटीबाडी टाइटर बनते हैं, जिससे बीमारी गंभीर नहीं होती। सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर ने बताया कि कोरोना वायरस ने लंबे समय में कई बदलाव किए हैं। कई मरीजों में कोविड है, लेकिन वायरस पीसीआर जांच में पकड़ में नहीं आ रहा। कई मरीजों में डायरिया, उल्टी, थकान व भूख में कमी के लक्षण उभरे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..276208f4653c358ddde7f0b8171143ff90968167 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73291.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ग्लोबल ट्रेंड्स 2040 के शीर्षक से न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी देशों के मुश्किल में फंसने का फायदा चीन उठाएगा। आने वाले समय में अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता का दायरा और विकसित होगा। इससे दुनिया की भू-राजनीतिक स्थितियां प्रभावित होंगी। दोनों देशों में प्रतिद्वंद्विता की स्थिति कई दशकों तक बनी रह सकती है। इस दौरान दुनिया में सहयोग और विरोध के नए मानदंड स्थापित होंगे। साथ ही नए समीकरण और गठबंधन होंगे। इस दौरान क्षेत्रीय शक्तियों और आधिकारिक सत्ता से दूर ताकतों को महत्व मिलेगा। उन्हें महाशक्तियों से सहयोग और प्रश्रय मिलेगा। + +कोरोना वायरस काल में मौजूदा विश्व व्यवस्था होगी कमजोर ।यह रिपोर्ट हर चार साल में अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस काउंसिल की ओर से पेश होती है। इसमें अमेरिका की सुरक्षा चुनौतियों का विस्तृत विवरण होता है। ताजा रिपोर्ट में चीन से पैदा हो रहे खतरों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। दोनों देशों की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता का असर समाज और सुरक्षा पर पड़ने की आशंका जताई गई है। इस प्रतिद्वंद्विता के दौर में इंटरनेट का इस्तेमाल और बढ़ेगा। उसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके जरिये सांस्कृतिक मूल्यों को प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी। इस सबसे सामाजिक एकता प्रभावित होगी और मतभेद पनपेंगे। देशों के समूह एक-दूसरे के खिलाफ अपने-अपने हितों के अनुसार अभियान छेड़ेंगे। कोरोना वायरस काल में मौजूदा विश्व व्यवस्था कमजोर होगी, चीन उसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगा। इस दौरान लोगों में असंतोष बढ़ेगा और पुरानी विश्व व्यवस्था के प्रति अविश्वास पैदा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c906196db5ff7359967f42e77cb926fb967068b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73292.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच कारोबार और निवेश समझौते पर स्थगित वार्ता मई, 2021 के बाद फिर से शुरू हो सकती है। यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में मोदी सरकार खास ध्यान दे रही है, उसे देखते हुए कारोबार और निवेश समझौते को जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश की जाएगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट के बीच हुई वर्चुअल शिखर वार्ता में उक्त समझौते को लेकर काफी बात हुई। ।पहले भी हुई थी चर्चा ।इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी की स्वीडन और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग-अलग शिखर वार्ताओं में भी निवेश समझौते को लेकर चर्चा हुई थी और सभी देशों की तरफ से संकेत दिए गए कि इसे अंतिम रूप देने में देरी नहीं होनी चाहिए। + +निवेश के हिसाब से महत्वपूर्ण ।यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के हट जाने के बाद अब नीदरलैंड की भूमिका भारत के लिए निवेश और कारोबार के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण हो गई है। यूरोपीय संघ से होने वाले कारोबार का एक बड़ा हिस्सा नीदरलैंड के बंदरगाहों से ही किया जाएगा। इस वजह से ही प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से प्रधानमंत्री रूट के समक्ष भारत-ईयू ट्रेड समझौते को उठाया गया। ।भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक ।विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि भारत के लिए नीदरलैंड यूरोपीय संघ के बाजार में एक द्वार की तरह होगा। मई, 2021 में प्रधानमंत्री मोदी पुर्तगाल की यात्रा पर जाने वाले हैं जहां भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक होगी। इसमें द्विपक्षीय कारोबार और निवेश समझौते को लेकर फिर से बातचीत शुरू होने पर फैसला संभव है। ।वर्ष 2013 से स्थगित है वार्ता ।सनद रहे कि दोनों पक्षों के बीच यह वार्ता वर्ष 2013 से स्थगित है। दूसरी तरफ, चीन ने हाल ही में यूरोपीय संघ के साथ इस तरह के एक करार पर हस्ताक्षर भी कर लिए हैं। यह भी एक वजह है कि भारत की तरफ से तेजी दिखाई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbcb52ceffe9dfa0913b70e3459de7c516657daa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बता दें कि इस सेवा को सभी मेट्रो लाइनों पर शुरू करने के लिए अभी से ही सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने का काम शुरू हो चुका है। दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों की मानें तो NCMC की सुविधा रेड, ब्लू और मजेंटा समेत सभी 9 लाइन पर यह सुविधा शुरू होगी। इसके साथ ही यह सुविधा नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच चलने वाली एक्वा लाइन मेट्रो और गुरुग्राम रैपिड मेट्रो में भी मिलेगी। ।बस और टैक्सी में कर सकेंगे NCMC का इस्तेमाल।दिल्ली मेट्रो के साथ NCMC की सुविधा का लाभ लोग बस और टैक्सी में भी यात्रा के लिए कर सकेंगे। कुल मिलाकर इस सुविधा के बाद आपको कैश लेकर चलने की जरूर ही नहीं करेगी। आपके ज्यादातर काम कैशलेस हो सकेंगे। यात्रा से लेकर खरीदारी तक। + +NCMC से कर सकेंगे खरीदारी भी।नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड लोग कई सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। लोग इस कॉन्टैक्टलेस एटीएम कार्ड की सहायता से पब्लिक ट्रांसपार्ट, मेट्रो, रिचार्ज, शॉपिंग जैसे कई तरह के कार्यों में सिर्फ एक कार्ड से ही भुगतान कर सकेंगे। NCMC की सुविधा लेने के साथ लोग पार्किंग बुक करने से लेकर शॉपिंग भी कर सकेंगे। । ये भी पढ़ेंः सीएम केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठे रहे भाजपा MLA, नहीं हुई मुलाकात; निराश हुए तो सिर्फ ज्ञापन देकर लौटे।इन जगहों पर कर सकते हैं भुगतान के लिए इस्तेमाल।नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड अपनी खूबियों के चलते उपभोक्ताओं को पंसद भी आ रहा है। बहुउपयोगी होने के कारण उपभोक्ता के लिए वॉलेट की तरह काम करेगा। जिसके जरिये लोग एक ही कार्ड के माध्यम से टोल, पार्किंग, बस और सब अर्बन ट्रेनों में भुगतान कर सकेंंगे। आने वाले समय में वन नेशन वन कार्ड की व्यवस्था के तहत लोग देशभर की मेट्रो ट्रेनों में लोग इसी कार्ड को इस्तेमाल करेंगे। जाहिर है लोगों को हर शहर में अलग-अलग स्मार्ट कार्ड लेकर चलने के झंझट से झुटकारा मिल जाएगा। ।इसे भी पढ़ेंःकुल्चे तो बहुत खाए होंगे, इस अमृतसरी का स्वाद भूल नहीं पाएंगे; व्यंजनों में छुपा है शहरों का नाम।ये भी पढ़ेंः दिल्ली के लाखों परिवारों को खुशखबरी देने के लिए DDA ने शुरु की प्रक्रिया, पहले यहां के लोगों को मिलेगा घर।मेट्रो ट्रेन में ऐसे करेगा काम।नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड है तो यात्रियों को मेट्रो ट्रेनों में टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। उपभोक्ता सीधे ट्रेन में प्रवेश कर सकेगा और यात्रा की रकम अपने आप नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से कट जाएगी। इसके लिए  डीएमआरसी ने स्टेशनों की दूरी और स्टेशनों की संख्या के मुताबिक किराया एएफसी के जरिए सुलभ बनाया गया है। एएफसी गेट दिल्ली मेट्रो के सभी गेट पर लगाए गए हैं। अगले साल से ये काम करना शुरू कर देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00813eaa3bf18d2638719e65988d048f1162412a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फसलों की कटाई का मौसम।मुंबई के एक ट्रेन टिकट एंजेंसी में काम करनेवाले संजय सिंह बताते हैं कि मुंबई से सामान्य दिनों में भी अप्रैल से मई महीनों के बीच करीब 16 से 20 लाख लोग उत्तर भारत की ओर जाते हैं क्योंकि इस सीजन में स्कूल बंद हो जाते हैं, गांव में गेहू, सरसों इत्यादि की कटाई का मौसम होता है, साथ ही शादी-विवाह भी बड़े पैमाने पर होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73296.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73296.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37c7274f223611c8a322cc2405ff8839bcfc168a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73296.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैक्सीन आपूर्ति का मुद्दा गरमाया।वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनियां भी सरकार से निर्यात की मंजूरी मांग रही हैं नहीं तो पहले दी गई वैक्सीन भी बर्बाद जाएगी और उन्हें भारी भरकम अर्थदंड का भी सामना करना पड़ेगा। शुक्रवार को भारत और नेपाल के विदेश मंत्रियों की बैठक में वैक्सीन आपूर्ति का मुद्दा बहुत ही अहम रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b7d5108f3ab36fe280bdea77d6cbb3dda766505 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73298.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोहित कुमार, मुर्शिदाबाद। West Bengal Assembly Election 2021 मुर्शिदाबाद की भूमि अपने भीतर इतिहास की कई गाथाएं समेटे हुए है। कभी बंगाल की राजधानी रही यह भूमि राष्ट्रभक्ति के साथ साथ राष्ट्रविरोधी व लोकतंत्र विरोधी गतिविधियों के लिए भी काफी चर्चित रही है। प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिले के बहरामपुर के सैनिकों ने अंग्रेजी शासन की खिलाफत करते हुए चर्बी वाले कारतूस का विरोध किया था। वहीं बांग्लादेश की सीमा से सटे इसी मुर्शिदाबाद जिले में जाली नोट व गौ तस्करी का बड़ा राष्ट्रविरोधी कारोबार चल रहा है। जिले में विभिन्न क्षेत्रों में चुनावी हिंसा का भी इतिहास रहा है। हाल के दिनों में चुनाव के ठीक पहले जंगीपुर के विधायक व ममता सरकार में राज्य मंत्री जाकिर हुसैन पर हुआ जानलेवा हमला इसकी बानगी है। इस लोकसभा क्षेत्र की सीमा बांग्लादेश की सीमा को छूती है, जिसका फायदा अंतरराष्ट्रीय तस्कर उठाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_733.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_733.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33b192d4cce920d1fed1974d391be4cbc3b5865c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_733.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Ranbir Kapoor Alia Bhatt Wedding: कपूर परिवार इस वक्त अपनी नई नवेली बहू आलिया भट्ट के खूबसूरत पल बिता रहा हैं। रणबीर कपूर ने 14 अप्रैल को परिवार और खास दोस्तों की मौजूदगी में आलिया भट्ट संग फेरे लिए हैं। शादी और शादी से जुड़ी रस्मों की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई हैं। लेकिन इसी बीच जो तस्वीर सामने आई हैं उसे देखकर आप भी भावुक हो जाएंगे। इस तस्वीर में दामाद और ससुर के बीच बॉन्ड को दिखाते ही बन रहा है। अब आप समझ ही गए होगें कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां, हम रणबीर कपूर और पूजा भट्ट के पिता महेश भट्ट की बात कर रहे हैं। इस तस्वीर को आलिया की बड़ी बहन यानी एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने शेयर की है। यहां देखें तस्वीर...।पूजा भट्ट ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक खास तस्वीर पोस्ट की है। इस तस्वीर में रणबीर कपूर और महेश भट्ट नजर आ रहे हैं। फोटो में आप देख सकते हैं कि महेश, रणबीर के गले लगते दिख रहे हैं। वहीं रणबीर भी उन्हें बड़े प्यार से सीने से लगाते नजर आ रहे है। इस दौरान दोनों ही सफेद संग के कुर्ता-पजामा में दिख रहे हैं। वहीं दोनों के फेस पर स्माइल साफ देखी जा सकती हैं। तस्वीर देखकर साफ पता चल रहा है कि रणबीर को महेश अपने बेटे जैसा प्यार करते हैं। इस तस्वीर को सोशेल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। वहीं इस पर कमेंट कर लगातार यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73301.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73301.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6da05a058bd3bbf5589fab6035c7f13cd159fd2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73301.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसको लेकर नासा ने हेलीकॉप्‍टर की फाइनल टेस्टिंग शुरू कर दी है। हेलीकॉप्‍टर के रोटर को घुमा कर देखा गया है। धीरे-धीरे इसकी स्‍पीड बढ़ाकर इसको चेक किया जा रहा है। नासा के ट्वीट के मुताबिक इसको 50 आरपीएम की रफ्तार पर फिलहाल चलाकर देखा गया है। ।🎶Wiggle, wiggle, wiggle 🎶 ।With just a little bit of swing, the #MarsHelicopter has moved its blades & spun to 50 rpm in preparation for first flight! Takeoff is slated for April 11, with confirmation expected overnight into April 12 for us Earthlings. https://t.co/TNCdXWcKWE" rel="nofollow pic.twitter.com/EpDZymjP13।नासा के मुताबिक मार्स रोवर इस वक्‍त हेलीकॉप्‍टर इंजेविनिटी से करीब 60 मीटर (200 फीट) की दूरी पर खड़ा है, जहां से वोइंजेंविनिटी को देख रहा है। नासा परसिवरेंस मार्स रोवर के ट्वीट में कहा गया है कि मैं इंजेंविनिटी से लगभग आधे रास्ते पर चला गयाहूं जहां मैं लगभग 200 फीट (60 मीटर) की दूरी से इसकी फ्लाइट टेस्टिंग देखूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4c0da081a1d1824eb87d5fd7f937e0e5587abc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73305.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। कोरोना काल में 'पॉजिटिव' सुनते ही दिमाग में अजीब-अजीब खयाल घूमने लगते हैं, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग नकारात्मकता और महामारी से जूझ रहे लोगों के लिए वाकई में कुछ सकारात्मक माहौल लेकर आ रही है। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) का 14वां संस्करण शुक्रवार से मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच मैच से दर्शकों की अनुपस्थिति में शुरू होगा। + +भारत के कई हिस्सों में रात्रिकालीन कफ्र्यू लगने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में लोगों को घर में बैठक टेलीविजन पर आइपीएल मैच देखने का अच्छा मौका भी मिलेगा और जहां रात्रिकालीन कफ्र्यू नहीं लगा है वहां भी भीड़ कम होगी। पिछली बार कोरोना के कारण आइपीएल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शिफ्ट करना पड़ा, लेकिन इस बार कोरोना की स्थिति बद्तर होने के बावजूद देश में ही इस टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f3e12ad4f97f2699128d84bd645f4e51d6ca67c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73306.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके बाद ताइवान ने चीन लड़ाकू विमानों को चेतावनी देने के मकसद से अपने विमान भी भेजे थे। यूएस नेवी का कहना है कि उसका गाइडेड मिसाइल डिस्‍ट्रॉयर जॉन एस मैक्‍केन ताइवान स्‍ट्रेट से नियमित निगरानी के दौरान वहां से गुजरा था। चीन का कहना है कि उसने इसका पीछा भी किया और इस पर निगाह भी रखी थी। चीन ने अमेरिकी जंगी जहाज की इस इलाके में मौजूदगी पर नाराजगी जताई है। चीन का कहना है कि जंगी जहाज मैक्‍केन की मौजूदगी इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डाल सकती है। इसके जवाब में अमेरिका ने कहा है कि वो ताइवान की सुरक्षा के लिए चट्टान की तरह खड़ा है। वो चीन की जबरदस्‍ती और तानाशाही रवैये का पुरजोर विरोध करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73307.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73307.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e56afe5bdc32a056d43ba0f4f818268f65b73a9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73307.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ये हैं नवरात्र के पौष्टिक आहार।साबूदाना।साबूदाने का प्रयोग व्रत के आहार में आप कर सकते हैं। इसके बहुत सारे फायदे हैं। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में मौजूद होती है। साथ हीं इसमें कैल्शियम और विटामिन सी भी होते हैं। साबुदाना पकने के बाद हल्का पारदर्शी, स्पंजी और नर्म हो जाता है। उपवास के दौरान कई तरह से इसका सेवन कर सकते हैं, जैसे साबूदाने की खीर, पूरी, पापड़, खिचड़ी इत्यादि। + +ड्राई फ्रूट्स।उपवास के दौरान ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, किशमिश, काजू, पिस्ता, अखरोट, मखाने और बादाम गिरी इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। ड्राई फ्रूट्स खाने से शरीर को बहुत ज्यादा ऊर्जा मिलती है। व्रत के दौरान ड्रायफ्रूट, मूंगफली और मसाले के साथ मीठा मिलाकर नमकीन बना कर भी खाया जा सकता है। साथ ही व्रत के दौरान कई लोग मेवे की खीर भी खाना पसंद करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5648a67d354e9c0e604a1169ff34e895345591dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अंबुज उपाध्याय। वाहनों की सुरक्षा, अपराधों पर लगाम के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की अनिवार्यता अक्टूबर 2020 में कर दी गई थी। निर्धारित एजेंसियों द्वारा इतनी जल्दी प्लेट बनाने में असमर्थता जताने पर तिथियों को बढ़ाया गया था। वाहनों के अंतिम अंक के अनुसार अंतिम तिथि जुलाई 2022 तक निर्धारित की गई है, लेकिन इसके बाद भी नंबर प्लेट लगवाने में उदासीनता है। वहीं जो आवेदक आनलाइन और आफलाइन डीलर के यहां पहुंच रहे हैं, उनको लंबी तिथियां दी जा रही हैं। इसका कारण बताया जा रहा है, कि निर्धारित एजेंसी 15 से 30 दिन में प्लेट उपलब्ध करा पा रही है। वहीं परिवहन विभाग कार्यालय पहुंचने वाले वाहनों का कार्य आवेदन की रसीद देख कर दिया जा रहा है, जिससे वाहनों की लंबित सूची लंबी न हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73309.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73309.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed993a7f3c30e6e33c758154d59602f3080fdc18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73309.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड ने दिए 54 लाख रुपये: वर्ष 2010 में तैयार हुई इस योजना के लिए छह करोड़ रुपये का बजट पास हुआ, जिसमें केंद्र सरकार के नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की ओर से 54 लाख रुपये मुहैया कराए गए हैं। शेष बजट दिल्ली सरकार की ओर से मुहैया करवाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के दौरान आयुर्वेद पर लोगों के बढ़े विश्वास ने इस परियोजना को मजबूती प्रदान की है। + +ये हैं 10 थीम।अतिरिक्त निदेशक डा. एनआर सिंह ने बताया कि यह योजना कई चरणों में विभाजित है और चरण दर चरण उसे पूरा किया जा रहा है। आगामी दस सालों में योजना को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाएगा। संस्थानों के अभाव के कारण फिलहाल योजना की गति थोड़ी धीमी है, पर अस्पताल प्रशासन की पूरी कोशिश है कि समय रहते योजना को पूरा किया जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9753565dfec43c1adab534d7b7a82e909252b0fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना ।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात को माना है कि जब लोग बंद जगहों पर जाते हैं, जैसे रेस्तरां, बार, जिम वहां पर वेंटिलेशन नहीं होता है, ऐसी जगहों पर कोरोना फैलने की संभावना अधिक होती है। इसके उलट जहां वेंटिलेशन अधिक होता है वहां संक्रमण फैलने की संभावना भी कम हो जाती है। यदि लोग जिम, बार, रेस्त्रां में जाते हैं वहां वेंटिलेशन कम होता है, ऐसी जगहों पर संक्रमण अधिक फैलता है। इस वजह से ये कदम उठाए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73315.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8d4cc5cd408eac854c36f00acb0402a3d65d6e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73315.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बलवान शर्मा, नारनौल। परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा यूरेनियम की संभावनाओं को लेकर किया जा रहा हेलीबोर्न सर्वे पिछले एक पखवाड़े से लगातार जारी है। नारनौल के ढोसी के पहाड़ व आस-पास के इलाके में दो हेलीकाप्टर की मदद से एक सप्ताह तक सर्वे किया गया। परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम इस दौरान इसी एरिया में टेंट लगाकर जमी रही। + +टीम ने अब राजस्थान के झुंझनू व खेतड़ी एरिया में सर्वे शुरू कर दिया है। विभाग के अधिकारी जमीन के स्तर से 60 मीटर की ऊंचाई से हेलीबोर्न सर्वे कर रहे हैं। फिलहाल यह सर्वे 30 अप्रैल तक लगातार चलेगा। हालांकि इसके बाद मौसम के हालातों को देखते हुए कार्य किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो नारनौल के ढोसी के पहाड़ व आस-पास के एरिया में यूरेनियम प्रचुर मात्रा में मिल सकता है। इस क्षेत्र में कितना यूरेनियम है और इसकी गुणवत्ता क्या है, यह तो सर्वे पूरा होने के बाद ही पता चल सकेगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सर्वे से संबंधित तमाम डाटा परमाणु ऊर्जा विभाग के मुख्यालय हैदराबाद में उपलब्ध करवा दिया जाएगा। सर्वे में कितनी सफलता मिली, इसकी जानकारी भी हैदराबाद से ही मिल सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae82e61b5266fa261f74d200921367de0f0023fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73317.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। ऐसे में अब एक बार फिर से पिछले साल जैसे हालात बनते जा रहे हैं। संक्रमण का असर अब रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर दिखाई देने लगा है। जिन लोगों ने महीनों पहले परिवार के साथ घूमने की याेजना बनाई थी, अब वो अपना योजना निरस्त कर रहे हैं। ऐसे में रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट निरस्त कराने वालों की लाइन लग रही है। पिछले सात दिन में 2735 लोगों ने तीन स्टेशन काउंटर से टिकट निरस्त कराई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ada199744b92800dd0a9f97b367f1e4be55d47f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73318.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [कुमार संजय]। भारत सरकार की रेयर डिजीज के इलाज के लिए देश के आठ सेंटर को मान्यता दी है जिसमें संजय गांधी पीजीआइ को भी शामिल किया गया है। इन मरीजों के इलाज के लिए एक बार में 15 से 20 लाख की जरूरत पड़ती है। अभी तक 15 लाख तक की सहायता मिलती थी जिसे बढ़ा कर 20 लाख कर दिया गया है। इसकी पूर्ति के लिए सरकार ने विशेष फंड बनाया है जिससे इलाज में इन्हें मदद मिलेगी। इस फंड के लिए सरकार के अलावा सामाजिक संगठन से मदद ली जाएगी। ।स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई रेयर डिजीज नीति हाल में ही जारी किया है। उपचार की प्रकृति के आधार पर दुर्लभ बीमारियों की तीन श्रेणियों को निर्धारित किया है। एक बार में उपचार, लंबे समय तक या आजीवन उपचार की आवश्यकता वाले रोगों में अपेक्षाकृत कम लागत पर उपचार और ऐसी बीमारियां हैं जिनके लिए निश्चित उपचार उपलब्ध है, बहुत ही उच्च लागत और आजीवन चिकित्सा के श्रेणी में बाटा गया है। लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर (एलएसडी) जैसे गौचर रोग, हंटर सिंड्रोम और फेब्री रोग। संजय गांधी पीजीआइ के अनुवांशिक विभाग की प्रमुख प्रो. शुभा कहती है कि समय के साथ-साथ, दुर्लभ बीमारियों के बारे में लगातार जानकारी और जागरूकता बढ़ रही है। दुर्लभ रोगों की नीति की घोषणा सरकार द्वारा किया गया एक व्यापक कदम है जिससे इन मरीजों को काफी राहत मिलेगी। 80 फीसदी बच्चे होते है रेयर डिजीज से ग्रस्तभारत में दुर्लभ बीमारियों या विकारों से प्रभावित 5-10 करोड़ लोग हैं। दूसरे स्टडी में देखा गया है कि दो हजार में से एक में रेयर डिजीज हो सकता है। इन दुर्लभ स्थिति के रोगियों में से लगभग 80 प्रतिशत बच्चे हैं और उनमें से अधिकांश वयस्कता तक नहीं पहुंचने का एक कारण उच्च रुग्णता है। और इन जानलेवा बीमारियों की मृत्यु दर। 80 फीस दी रेयर डिजीज अनुवांशिकी होते हैं। + +40 फीसदी आबादी किया गया विस्तार: सहायता के लाभार्थी बीपीएल परिवारों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र आबादी के लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। ।कारपोरेट घराने से ली जाएगी मदद: स्वैच्छिक व्यक्तिगत योगदान के लिए एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करके और कॉर्पोरेट दाताओं ने स्वेच्छा से दुर्लभ बीमारियों के रोगियों की उपचार लागत में योगदान करने के लिए। + +आठ केंद्र को मिली ही मान्यता: सरकार ने दुर्लभ बीमारियों के रोगियों को सहायता और इलाज लिए उत्कृष्टता के आठ केंद्रों की पहचान की है। इनमें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ, सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स, हैदराबाद, किंग एडवर्ड मेडिकल हॉस्पिटल, मुंबई, इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, कोलकाता शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7429ea605fba7b09aa74789961903cf37e6c15c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नुसरत जहां ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक शॉर्ट वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वह कार में बैठी नजर आ रही हैंं। वहीं उनके लुक की बात करें तो वह क्रीम कलर की टीशर्ट के साथ खुले बालों में बेहद ही खूबसूरत दिख रही हैं। वहीं उनके फेस की स्माइल और पलकों का बार बार झुकाना आपका दिल जीत लेगा। इस वीडियो के साथ ही नुसरत ने लिखा है, 'मेरी तरफ से आपको प्यार...।' एक्ट्रेस के इस पोस्ट को काफी पसंद किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79b98dcc2d1142a5b7060a67ba78778e3c00ed2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Maharashtra Government Corruption News मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का सनसनीखेज आरोप लगाए जाने के बाद संसद में मुंबई की एक सांसद पूनम महाजन ने कहा था कि ये तो एक विभाग का टार्गेट है। महाराष्ट्र सरकार में ऐसे न जाने कितने विभाग हैं, जहां से वसूली के आदेश निकलते रहे होंगे। एनआइए कोर्ट के नाम लिखी सचिन वाझे की चिट्ठी सार्वजनिक होने के बाद पूनम महाजन की आशंका सही साबित होती दिखाई दे रही है। अभी तक तो अनिल देशमुख, परिवहन मंत्री अनिल परब एवं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नाम सामने आ चुके हैं। आगे ऐसे न जाने कितने नाम सामने आएंगे, और यह सीरीज कहां तक जाएगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5dc09c91f89afc5e315160a73c35896fce832a82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73322.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मलेशेमऊ की जमीन पर जल्द होगा काम: गोमती नगर से सटी मलेशेमऊ की 90 एकड़ जमीन बंधे के कारण अभी विकसित नहीं की जा सकी है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। सचिव पवन कुमार गंगवार बताते हैं कि जमीन का उपयोग बेहतर तरीके से यहां भी किया जाएगा। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम हो रहा है। उद्देश्य है कि प्राधिकरण के हित में बेहतर काम हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4a487df6a8d3cdca900127d4c35076757b5d659 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सामान्य ओपीडी में आने वाले 45 सौ मरीज बेहाल: पीजीआइ के हर विभाग में लगभग 300 से 400 मरीज नॉनकोविड के सामान्य दिनों में आते हैं। मुख्य रूप से न्यूरो, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रो, यूरो, गैस्ट्रो, गैस्ट्रो सर्जरी, पिडिया गैस्ट्रो, कार्डियो, कार्डियक सर्जरी, पल्मोनरी, इंडो , इंडो सर्जरी, क्लीनिक इम्यूनोलॉजी, क्लिनिकल हिमैटोलाजी मुख्य रूप से ऐसे विभाग हैं, जहां कुल मिलाकर करीब 4500 मरीज ओपीडी में आते हैं। इस समय इन विभागों में केवल 50-50 मरीज देखे जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a26562498430acc775ca113bf19960f4fb1282d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में वित्त मंत्री द्वारा सरकारी बचत योजनाओं में जमा राशि पर ब्याज दर में कटौती की घोषणा से लोग आशंकित हो गए। यद्यपि उन्होंने कुछ ही घंटों में इसे वापस ले लिया, जो राजनीतिक कारणों से प्रेरित माना जाता है और उसका दोष नौकरशाही पर मढ़ दिया गया। हालांकि इसका दूसरा पहलू यह है कि ब्याज दर में कटौती की प्रक्रिया विश्वव्यापी है। अधिकांश देशों, विशेष कर विकसित और विकासशील देशों में ब्याज दर में लगातार गिरावट आ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां बैंकों में जमा राशि पर शून्य या नाम मात्र का ब्याज मिलता है। जापान इन देशों में एक है। स्वीडन, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क भी इन देशों में शामिल हैं। ब्याज दर में कटौती के पीछे एक तर्क यह है कि लोग रुपया बैंकों या बचत योजनाओं में रखने की अपेक्षा अधिक से अधिक खर्च करें, ताकि चीजों और सेवाओं की मांग बढ़े जिससे उत्पादन और रोजगार में वृद्धि हो और अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73328.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73328.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e59a3db96e78119a29ea2590af294dfacf52e9c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73328.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रयागराज [कृष्णजी शुक्ल]। कोरोना संक्रमण काल में बड़ी संख्या में निस्तारण के बावजूद इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन मुकदमों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 से पहले जहां विचाराधीन मुकदमों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी, वहीं कोरोना काल में आंकड़ा तेजी से बढ़ते हुए पहली मार्च, 2021 को 10 लाख चार हजार 572 हो गया। जिस तरह अदालतों का कामकाज प्रभावित हो रहा है, उससे विचाराधीन मुकदमों का भार हाई कोर्ट पर और बढ़ेगा। + +इलाहाबाद हाई कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, पहली जनवरी 2017 को 9,16,043 मुकदमे लंबित थे, जो एक जनवरी 2018 को घटकर 908821 हो गए। इसके बाद विचाराधीन मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ी। एक जनवरी 2019 तक मुकदमों की संख्या 30654 बढ़कर 935475 हो गई। एक जनवरी 2020 को 5182 मुकदमों की मामूली बढ़ोतरी के साथ यह संख्या 944657 हुई। कोरोना संक्रमण के कारण विचाराधीन मुकदमों की संख्या में 48,374 की बढ़ोतरी हुई और आंकड़ा 9,93,031 पर जा पहुंचा। + +इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष 10 लाख से अधिक मुकदमों के बोझ से निपटने की बड़ी चुनौती खड़ी है। नियुक्ति प्रक्रिया धीमी होने के कारण जजों की कमी इसमें बाधक बन रही है। वर्तमान समय में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 160 जजों के सापेक्ष 103 जज कार्यरत है। अभी 57 पद खाली है। हालांकि हाई कोर्ट कोलेजियम ने 31 वकीलों का नाम जज के रूप में नियुक्ति के लिए सरकार को भेजा है, और जांच पूरी होने के बाद इन्हें सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की संस्तुति के लिए रखा जाएगा। इन नियुक्तियों के बाद स्थिति में सुधार दिखाई दे सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb86b692d5b99f0bcc748bbe56c78ad3e8d669c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73330.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कूचबिहार उत्तर : इस लालगढ़ में पिछले दो चुनाव में वाममोर्चा को जीत मिली है। इस बार यहां तृणमूल और भाजपा ने पूरा जोर लगाया है। राजवंशियों के झुकाव के कारण भाजपा मजबूत नजर आ रही है। तृणमूल ने यहां माथाभांगा के पिछले विजेता विनय कृष्ण को उतारा है, हालांकि अपने पूर्व विधानसभा के मुकाबले यहां वे अभी धाक नहीं जमा पाए हैं। भाजपा उम्मीदवार सुकुमार राय जिला महासचिव व जुझारू नेता के रूप में जाने जाते है। वाम की लहर इस बार वैसी नजर नहीं आ रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54e6234311734f6e6af145f80418d6e02be56f62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73333.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फ्लाइट में यात्री उतारने लगा कपड़े, एयर होस्टेस के समझाने पर भी नहीं माना, जानें फिर क्या हुआ।किसान आंदोलन हुआ फुस्स।वहीं, आंकड़ों की बात करें, तो यहां पर 25 बड़े, 70 मंझले और सौ छोटे टेंट लगे हैं। बड़े टेंट में 40, मंझले में 10, छोटे में दो प्रदर्शनकारियों के ठहरने का स्थान है। इस प्रकार यहां 1900 प्रदर्शनकारियों के ठहरने के इंतजाम हैं। इसके अलावा 17 लंगर चल रहे हैं। इनमें भी ठहरने की व्यवस्था है, मगर स्थिति यह है कि यहां पर महज तीन से चार सौ प्रदर्शनकारी ही बचे हैं। उनमें से भी करीब सौ प्रदर्शनकारी आसपास के गांवों व जिलों के हैं, जो आते-जाते रहते हैं। इस वजह से टेंट सूने रहते हैं। सच्चाई तो यह है कि टेंट के बहाने यह राज छिपाया जा रहा है कि किसान आंदोलन फुस्स हो चुका है और आंदोलनकारी नाम मात्र के लिए यहां पर बचे हैं। + +Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत के ताजा बयान से फिर बढ़ने वाली है दिल्ली-NCR के लोगों की टेंशन।किसान नेता की कोशिश असफल, नहीं बढ़ रहे आंदोलकारी।प्रदर्शनकारियों को यहां पर रोके रखने और भीड़ बढ़ाने के लिए नेता लग्जरी व्यवस्थाएं, पंचायत आदि कर रहे हैं। यह सभी हथकंडे फेल हो रहे हैं। यहां पर नए प्रदर्शनकारी नहीं आ रहे हैं। फिर भी नेता टेंट नहीं हटा रहे हैं। इससे पता चल रहा है कि अब धरना टेंटों के सहारे चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcce22c708185c56c3dcd3b49822df9bacedf1b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73335.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दिल्ली में 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू, 8वीं तक स्कूल बंद ।राजधानी दिल्ली में आगामी 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगा है। इसके तहत रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक तमाम व्यावसायिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक गतिविधियां प्रतिबंध हैं। सिर्फ जरूर सेवाएं ही जारी हैं। वहीं, सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन जिन स्कूलों में सिर्फ प्रायोगिक परीक्षाएं चल रही हैं वो खुले रहेंगे। दिल्ली में सार्वजनिक कार्यक्रम और शादी में खुली जगह में 200 लोग और बंद जगह में 100 लोग शामिल हो सकते हैं।  इसी के साथ दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को अहम आदेश दिया है कि  कार में अकेले होने के बावजूद मास्क लगाना अनिवार्य है। इसका पालन भी शुरू हो गया है। + +गाजियाबाद लगा नाइट कर्फ्यू, कई तरह के प्रतिबंध जारी।दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में कोरोना संक्रमण की दर में इजाफा हुआ है। ऐसे में जिला प्रशासन ने जिले में भी नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। यह आगामी 17 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा।  जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बृहस्पतिवार को अहम आदेश में जिले के सभी शिक्षण संस्थान, स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को भी  17 अप्रैल तक बंद करने के दिए आदेश दिए हैं। इसके साथ ही जिन शिक्षण संस्थानों में परीक्षा अथवा प्रैक्टिकल चल रहे हैं, वह यथावत परीक्षा के दिन खुलेंगे। वहीं, पहले ही से गाजियाबाद शहर के 13 इलाके रेड जोन घोषित हैं।बिना मास्क के सार्वजनिक स्थानों पर घूमने पर 100 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा  सकता है। इसके साथ ही गाजियाबाद में पहले से ही धारा 144 लागू की है। ऐसे में लोगों को शारीरिक दूरी और मास्क लगाना होगा, इसका सख्ती से पालन करवाया जाएगा। + +नोएडा में भी नाइट कर्फ्यू, आवश्यक सेवाओं में छूट रहेगी।यूपी को शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में पिछले कुछ दिनों के दौरान कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। इससे बचाव के लिए प्रशासन ने पहले ही जिले में धारा 144 लागू कर चुका है, जो अब भी जारी है। प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू लगाने के साथ माध्यमिक स्कूलों को भी आगामी 17 अप्रैल तक बंद कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1fa7a447df0f547ed535c164adf8f2da98d6089 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Rural Women Life Changed मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड में उपलब्ध वनोपजों के जरिये सुदूर गांव में रहने वाले लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी का प्रयास रंग ला रहा है। राज्य के वनों में इमली के पेड़ों की अधिकता अब रोजगार का जरिया बन रहा है। खूंटी के शिलदा गांव की सुशीला मुंडा रोशनी इमली संग्रहण का काम कर खुशहाल हैं। पिछले वर्ष एक टन इमली के संग्रहण से सुशीला को 40 हजार रुपये की आमदनी हुई। सुशीला कहती हैं- मैंने कभी नहीं सोचा था कि जंगलों में मुफ्त में उपलब्ध इमली से इतनी कमाई हो सकती है। ।सिमडेगा के ठेठईटांगर स्थित केसरा गांव की लोलेन समद इमली संग्रहण एवं प्रसंस्करण का काम कर रही हैं। लोलेन समद के पास इमली के सात पेड़ है, जिससे हर साल उन्हें लगभग तीन टन इमली मिलती है। लोलेन को इमली उत्पादन से साल भर में एक लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है, जिससे वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने में समर्थ हो पा रही हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि राज्य की ग्रामीण महिलाएं इमली की खटास से अपने जीवन में आजीविका की मिठास घोल रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab761ce0add2afc0712b1de4384954316ed2d9d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस ट्वीट पर नासा के एसोसिएट एडमिनिस्‍ट्रेटर थॉमस जुरबुचेन ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मार्स से हमें एक पोस्‍टकार्ड मिला है। नासा के परसिवरेंस ने इंजेंविनिटी के साथ वॉटसन कैमरे की मदद से एक सेल्‍फी ली है। ये शेरलॉक इंस्‍ट्रूमेंट का हिस्‍सा है जो रोवर की आर्म पर लगा हुआ है। नासा की ह्यूमन स्‍पेसफ्लाइट प्रोग्राम को लीड करने वाली कैथी लॉडर्स का कहना है कि 9 अप्रैल को खास दिन है। इस दिन डॉक्‍टर थॉमस नासा परसिवरेंस टीम के अपने दूसरे विशेषज्ञों के साथ मिलकर लोगों के सवालों का जवाब देंगे। जिसके मन में जो कुछ सवाल हों वो पूछ सकते हैं। उन्‍होंने ये भी लिखा है कि 11 अप्रैल से पहले हेलीकॉप्‍टर इंजेंविनिटी की उड़ान नहीं होगी। इसके बाद इसकी कंट्रोल फ्लाइट होगी जो किसी भी दूसरे ग्रह पर होने वाली इस तरह की पहली उड़ान होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6b456060e0ba10c4f38108da80563166bbd8a18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। म्‍यांमार में हुए तख्‍तापलट और यहां के क्षेत्रीय हथियारबंद गुटों के सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़पों ने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है। हाल ही में इस तरह की क्षड़पों में 17 लोगों से अधिक मारे गए हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक म्‍यांमार में हिंसा की वजह से हजारों लोग विस्‍थापित होने को मजबूर हैं। यूएन के कुछ अपुष्‍ट खबरों का जिक्र करते हुए कहा है कि म्‍यांमार के कोयिन और बागो प्रांत में हिंसा से बचने के लिए हजारों लोग अपना घर छोड़कर या जो कहीं चले गए हैं या फिर जाने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..319ef30e0acc87ec11c09b967e0e9d7a89c271b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोर्ट में चली लंबी जिरह।इस बाबत प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट में दलील दी कि वर्तमान वाद में विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति 15 अगस्त 1947 को मंदिर की थी अथवा मस्जिद की इसके निर्धारण के लिए साक्ष्य की आवश्यकता है। विवादित स्थल विश्वनाथ मंदिर का एक अंश है इसलिए एक अंश की धार्मिक स्थिति का निर्धारण नहीं किया जा सकता, बल्कि ज्ञानवापी परिसर का भौतिक साक्ष्य लिया जाना जरूरी है। जिसे पुरातात्त्विक विभाग जांचकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर सकता है कि ढांचा के नीचे कोई मंदिर था अथवा नहीं। तथ्‍यों के आधार पर प्राचीन विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्त अवशेष प्राचीन ढांचा के दीवारों में अंदरुनी और बाहरी तौर पर विद्यमान बताए गए हैं। पुराने मंदिर के दीवारों और दरवाजों को चुनकर वर्तमान ढांचा का रुप दिया गया बताया है। कहा गया है क‍ि पुराने विश्वनाथ मंदिर के अलावा पूरे परिसर में अनेक देवी-देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर थे जिनमें से कुछ आज भी विद्यमान हैं। वहीं वर्तमान ज्योर्तिलिंग की स्थापना 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। यह भी दलील दी गई कि अयोध्या केस में भी पुरातात्विक विभाग से रिपोर्ट मंगाई गई थी, जिसके बाद ही अंतिम फैसला आया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e50610d9a709158ab698c01bcc81c8b833ba94d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73350.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। ताजनगरी में रियल टाइम मानीटरिंग को पांच स्थानों पर आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक वर्ष की मशक्कत के बाद जगह तय कर ली है। इंडस्ट्रियल एरिया सिकंदरा, दयालबाग, आवास विकास कालोनी सिकंदरा और शाहजहां गार्डन में आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। + +आगरा में वायु प्रदूषण की स्थिति की रियल टाइम मानीटरिंग को आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाने को लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) इसके लिए 50-50 फीसद लागत वहन करेंगे। सीपीसीबी ने वर्ष 2019 में इसके लिए यूपीपीसीबी को फंड भी दिया था। वर्ष 2020 में लाक डाउन से पूर्व सीपीसीबी ने यूपीपीसीबी को जगह चिह्नित करने को कहा था। करीब एक वर्ष की मशक्कत के बाद यूपीपीसीबी जगह तय कर सका है। उसने दयालबाग, इंडस्ट्रियल एरिया सिकंदरा, दयालबाग, आवास विकास कालोनी सिकंदरा और शाहजहां गार्डन को आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन की स्थापना के लिए चुना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71cc3aab0767fc76efa77c25003fb78623fab9f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73352.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह कहना है कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी मनुज जिंदल का। मनुज वर्तमान में महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित जिले गढ़चिरौली की इतापल्ली और भामरागढ़ दो तहसील के एसडीएम हैं। कोरोना महामारी के दौरान जहां पूरा देश रुका हुआ था, वहीं मनुज ने दोनों तहसील के 296 गांव के करीब दो लाख लोगों को वन अधिकार दिलाए। दोनों तहसील महाराष्ट्र में सौ फीसद वन अधिकार देने वाली तहसील बन गईं हैं। वर्ष 2017 बैच के आइएएस मनुज जिंदल इंदिरापुरम की शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी के निवासी हैं। उनके पिता थान सेन जिंदल सिंडिकेट बैंक से रिटायर्ड हैं। दो छोटे भाई हैं और दोनों शिक्षा क्षेत्र का एक स्टार्टअप चला रहे हैं, जिसमें वह लाखों बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मनुज ने अमेरिका के वर्जीनिया विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स ऑनर्स किया। मल्टीनेशनल बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर बन गए। + +ऐसे रहे गढ़चिरौली के अनुभव: बकौल मनुज गढ़चिरौली में मैंने हमारे देश व सभ्यता के बारे में तो जाना ही, आदिवासियों की समस्याएं, उनके निवारण और नक्सल समस्या के बारे में बहुत कुछ सीखा। पढ़ाई का स्तर कैसे बढ़ाना है? स्वास्थ्य सेवाएं कैसे पहुंचानी है? वन अधिकार दिलाना पहला लक्ष्य था, सफलता पाकर अच्छा लग रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73354.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c72213a9e61373f64ea10eb132c02353aa07aedd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। सरोजनीनगर में दस करोड़ कीमत की जमीन को बेचने का घपला सामने आया है। बीती दो मार्च को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने जिस जमीन को लोन अदा न करने पर दस करोड़ में नीलाम किया था, वह नगर निगम की बताई जा रही है। इस मामले में भू-माफिया, सरकारी महकमे और बैंक अधिकारियों का गठजोड़ सामने आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54e8214be0c2af894f8a944a5154cbc4b1b4fb54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73355.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हापुड़ [मनोज त्यागी]।                   मै नदी हूं लगी आज मानव तुझसे आस है।                                             मेरे जीवन के लिए कर तू एक प्रयास।                                             मेरा वादा है अपना तुझ पर सब कुछ वार दूंगी।                                             तेरा क्या तेरी पीढ़ियों का जीवन संवार दूंगी।कुछ ऐसी ही आस नीम नदी जन मानस से लगाए है। नीम नदी निर्बाध बहेगी, तो लोगों का कल्याण करेगी। हमें हर हाल में इसे बचाने के लिए प्रयास करना होगा। नीम नदी की मुहिम से जुड़े खेल प्रशिक्षक मदन सैनी ने मंगलवार को हापुड़ स्मोल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ चर्चा करते हुए कहा कि हापुड़ में नीम नदी का पुनर्जागरण नदियों के प्रति एक क्रांति है। नीम नदी के पुनर्जागरण से दूसरे क्षेत्रों की दम तोड़ती नदियों को पुनर्जीवन देने की आस जगेगी। नीम नदी का पुनर्जागरण होगा तो प्रकृति प्रेमी और नदी प्रेमियों में एक नई उर्जा का संचार होगा। + +नीम नदी का जागरण भारत में वर्षा जल संचयन के लिए एक नया उदाहरण बनकर दूसरों को प्रेरित करेगा। यह युवाओं और आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ना करें। जो लोग प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं उनको रोकने का काम करें। तभी नीम नदी जैसी दूसरी नदियों का उद्धार हो सकेगा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों में नीम नदी को पुनर्जीवन देने के लिए जबरदस्त उत्साह दिखा। सभी ने कहा कि हम भी तन मन धन से साथ हैं। इस अवसर पर भारत भूषण, साजन गुप्ता, अमित गुप्ता भी शामिल हुए। + +हापुड़ स्मोल स्केल इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील जैन ने बताया कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि आने वाली पीढ़ी को तो नीम नदी का नाम भी नहीं मालूम है। वजह है कि इस पर आज से पहले कभी कोई चर्चा ही नहीं हुई। अब चर्चा के साथ इस पर काम किया जा रहा है, यह प्रसन्नता की बात है। हम भी नदी में श्रमदान करके नीम नदी का हिस्सा बनेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0aa0a28c7a39554d30105498b34ad542b9e90ba3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73356.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोवैक्सीन की दूसरी डोज के बाद 81 फीसद प्रतिरोधक क्षमता : डॉ. एनबी सि‍ंह के अनुसार अब तक के शोध में यह पाया गया है कि कोवैक्सीन की दूसरी डोज 28वें दिन लेने के 14 दिन बाद करीब 81 फीसद रोग एंटीबॉडी बन जाती है। वहीं कोविशील्ड की दूसरी डोज 28वें दिन लेने के बाद 69 फीसद तक रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा होती है। अगर दूसरी डोज 60 से 90 दिन बाद ली जाए तो 91 फीसद तक यह क्षमता बढ़ जाती है। लंदन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ट्रायल के बाद यह बात साबित की जा चुकी है। इसीलिए कोविशील्ड की दूसरी डोज अब छह से आठ हफ्ते में दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7f5118f9d6eebfffab46824f7bba7378c3c13ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73357.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें :-।सम्‍भल के द‍िलजले को गैंगस्टर कोर्ट ने दी दो साल की सजा, पांच हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा।प्रधान पद का प्रत्‍याशी बोला-मैंने पुलिस को घूस दे दी है, हमारे अलावा अन्‍य क‍िसी के नहीं पड़ेंगे फर्जी वोट, वीडियो वायरल होने पर मुकदमा।मुरादाबाद की अमृता जैन ने प्रधानमंत्री से पूछा-बच्चों को जंक फूड से कैसे बचाएं, पीएम ने द‍िया ये जवाब।Panchayat Election 2021 : ज‍िले में पांच मई तक बढ़ाई गई धारा 144, कार्यक्रमों के आयोजन के ल‍िए लेनी होगी अनुमत‍ि।Panchayat Election 2021 : सुर्खियों में मंडी धनौरा का वार्ड छह, ट‍िकट कटने पर बगावत शुरू, निर्दलीय प्रत्‍याशी के रूप में मैदान में उतरे।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9d151df3eed54b54bb5183d8587c5a8730b24e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [समीर दीक्षित]। खाने में लहसुन के फायदों से आप अच्छी तरह वाकिफ होंगे। इसके औषधीय गुण इसे विशिष्ट बनाते हैं, लेकिन इसकी एक और खूबी आपको मच्छरों से भी बड़ी राहत दिला सकती है। चौंकिए नहीं, यह सच है। लहसुन का दम इतना है कि एक बार प्रयोग करने पर 10 घंटे तक मच्छरों को आपको पास आने नहीं देगा। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में रसायन विज्ञान के शिक्षक अवनीश मेहरोत्रा ने लहसुन की कली व एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका) से एक ऐसा मिश्रण तैयार किया है, जिसका छिड़काव करने से मच्छर भाग जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73359.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73359.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca53f41232d77f05a0cd44ee1eff7efa8672d6dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73359.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +------------------------------------।जोन                   केस संख्‍या            आरपीएफ जांच          जीआरपी जांच।मध्य रेलवे            941                         120                       64।पूर्वी रेलवे              161                          58                        54।पूर्व मध्य रेलवे       713                         130                       30।ईस्ट कोस्ट रेलवे     339                          61                        82।उत्तर रेलवे             1085                        73                        35।उत्तर मध्य रेलवे      1012                      106                       70।पूर्वोत्तर रेलवे            514                        122                      33।पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 195                        110                       81।उत्तर पश्चिम रेलवे     265                         50                        55।दक्षिणी रेलवे           338                         62                        46।दक्षिण मध्य रेलवे     543                        60                       84।दक्षिण पूर्व रेलवे       180                         69                      63।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 120                       42                       31।दक्षिण पश्चिम रेलवे     96                        60                       180।पश्चिम मध्य रेलवे      344                       61                       57।वेस्टर्न रेलवे              3393                     79                       92।-----------------------------------------------------------------------------------।कुल संख्या               10239                    86                     68। -----।2020 मेें सबसे अधिक पेंडिंग हुए मामले- ।--------।'' चाहे मृतक के स्वजन मुआवजे के लिए दावा पेश करें या नहीं। जांच कर चीफ क्लेम आफिसर को भेज देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73361.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7d2cc1f9b7c00b864fabbf9f8a634b17bb79a1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73361.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर दिल्ली और दिल्ली के लोग कब तक यह स्थिति झेलते रहेंगे, कब सीधे तौर पर किसी एक की जवाबदेही तय हो सकेगी? इसी की पड़ताल करना हमारा आज का मुद्दा है।प्रदर्शन से थम जाती है दिल्ली-एनसीआर की रफ्तार।बीते साल नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में शाहीनबाग में महीनों चले प्रदर्शन से दिल्ली-एनसीआर के लोग उबर भी नहीं पाए थे कि चार माह से किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर कब्जा कर रखा है। मुख्य सड़कों के बाधित होने से नौकरीपेशा लोगों और राहगीरों का समय तो बर्बाद हो ही रहा है, उन क्षेत्रों में चल रहे उद्योग-धंधे भी पूरी तरह ठप हो गए हैं। आर्थिक नुकसान हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c82a1e19057ba468a6e4330053d91ac73c2c9af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खास बात यह है कि वह तथ्यों को खारिज नहीं करते, बल्कि सभी तथ्यों को आखिर में नये रूप में पेश कर देते हैं। राम कुमार खुद स्वीकारते हैं कि कैसे वह खुद भी पहले किसी विचार या तथ्य को अपने तरीके से देखते हैं, पर जब उस पर काम करने जाते हैं तो आखिर में वही तथ्य एक नये रूप में सामने होता है। इस कहानी का बस एक ही संदेश है कि आपको समस्या पर नहीं, समाधान पर फोकस करना है और आप भी राम कुमार की तरह अपनी आत्मशक्ति के प्रयोग से ऐसा कर सकते हैं। आप भी उनकी तरह परिवार, अपने संस्थान या समाज के लिए धरोहर बन सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cec71880a1ed3b5bc698472a67ca3f8b15757b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित ने अपने मन की ये सारी भावनाएं एक पत्र के माध्यम से महिका मिश्रा फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे ‘लेटर्स फॉर चेंज’ को भेजी। उन्हें उम्मीद थी कि फाउंडेशन उनकी आवाज को अपने प्लेटफॉर्म पर उचित स्थान देगा। यही हुआ भी। अमित के पत्र को फाउंडेशन के फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पेज पर देखा जा सकता है। आज इनकी तरह देश के कोने-कोने से बच्चे अलग-अलग मुद्दों व मसलों को पत्र के माध्यम से समाज के बड़े वर्ग व संबंधित संस्थान,अधिकारी व मंच तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73367.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29b616c9f0ebb4b2b0da6f8d6a5e781f05260063 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73367.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। आज 8 अप्रैल को भारत के पहले स्‍वतंत्रता संग्राम के सेनानी मंगल पांडे की पुण्‍यतिथी है। अंग्रेजो के खिलाफ उन्‍होंने ही सबसे पहले देश की आजादी का बिगुल बजाया था। उस वक्‍त जो क्रांति हुई उसको इतिहास में 1857 की क्रांति के नाम से जानते हैं। 8 अप्रैल 1857 को अंग्रेजों ने उन्‍हें फांसी दे दी थी। इसके लिए अंग्रेजों को कलकत्‍ता से जल्‍लादों को बुलाना पड़ा था क्‍योंकि स्‍थानीय जल्‍लादों ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था। + +1857 की क्रांति की शुरुआत 29 मार्च को शुरू हुई थी। उस वक्‍त मंगल पांडे 34वीं बंगाल नेटिव इंफेंट्री के मातहत बैरकपुर में तैनात थे। उनकी बटालियन को एनफील्‍ड पी 53 राइफल दी गई थी जो एक .877 केलीबर की बंदूक थी। ये काफी मजबूत थी और इसका निशाना भी अचूक था। ब्राउन बैस राइफल के मुकाबले ये कहीं अधिक बेहतर थी। लेकिन इसमें लगने वाले कारतूस को दांत से काटकर खोलना होता था। इसके बाद इसको बंदूक की नली में डालना होता था। यहां पर उन्‍हें ऐसी कारतूस दी गई थी जिसके ऊपरी खोल पर चर्बी लगी होती थी जो कारतूस को सीलन से बचाती थी। इस कारतूस को लेकर जवानों के बीच में ये बात फैली हुई थी कि इसको बनाने में गाय और सूअर की चर्बी का इस्‍तेमाल किया जाता है। + +मंगल पांडे ने भारतीय सैनिकों को अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंकने का एलान कर दिया और इस तरह से शुरू हुई 1857 की क्रांति की शुरुआत हुई। कहा जाता है कि एक बार मंगल पांडे ने खुद को खत्‍म करने की भी कोशिश की थी जिसमें वो घायल हो गए थे। मंगल पांडे को अंतत: गिरफ्तार कर लिया गया और छह अप्रैल 1857 को उनका कोर्ट मार्शल हुआ, जिसमें उन्‍हें दोषी करार देते हुए फांसी की सजा दी गई थी। 8 अप्रैल 1857 को उन्‍हें पेड़ से लटकाकर फांसी दे दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbe97676c0ab8bfc4675711693e5142395283627 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के चारों बॉर्डर (टीकरी, शाहजहांपर, सिंघु और गाजीपुर) पर चल रहा किसानों का आंदोलन अब अंतिम सांसें गिन रहा है। लाखों की भीड़ पहले हजारों हुई और अब तो सभी बॉर्डर पर किसानों की संख्या सैकड़ों में आ गई है। कभी कोई बड़ा किसान धरना-प्रदर्शन स्थल पर आया तो भीड़ बढ़ती है, वरना दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर तो किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या कभी-कभार 200 से नीचे भी आ जाती है। इस बीच तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर चल रहे आंदोलन को अब साढ़े चार माह पूरे होने को हैं, लेकिन आंदोलन में अब वह रंगत और नूर नहीं, जो शुरुआत में थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73369.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73369.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3191662cc6530a54b009b5e1665722a19a89f771 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73369.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल प्रदेश सहित पंजाब व जम्मू कश्मीर में बहने वाली इंडस बेसिन की पांच बड़ी नदियां निर्मल होंगी। इनमें ब्यास, चिनाब, रावी, सतलुज और झेलम शामिल हैं। इनकी नमामि: गंगे की तर्ज पर सफाई होगी। इनकी 84 सहायक नदियों को भी नवजीवन मिलेगा। इस संबंध में हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान (एचएफआरआइ) की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वीकृत कर दिया है। + +अब जल्द ही नदियों की सफाई के लिए मुहिम चलेगी। प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन वन विभाग के माध्यम से होगा, जबकि मॉनिटरिंग एचएफआरआई करेगी। संस्थान ने इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट रिसर्च एवं एजुकेशन (आइसीएफआरई) को पहली ड्राफ्ट रिपोर्ट को सौंप दी थी। झेलम नदी की रिपोर्ट सीधे वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी गई है। चार नदियों पर 950 करोड़ और पांचवीं झेलम नदी पर अलग से 400 करोड़ रुपये खर्च करने प्रस्तावित किए हैं। यह पैसा हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर जहां नदियां बहती हैं, वहां खर्च होगा। लेकिन सभी राज्यों अपने स्तर पर प्रोजेक्ट का संचालन करेेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed5e89c8214730ec9f5732daf294f727feb4e793 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके बाद उन्होंने सलमान की फिल्म बंधन, हैलो ब्रदर, दुल्हन हम ले जाएंगे और तेरे नाम के गानों में संगीत दिया था। बतौर गायक हिमेश रेशमिया को असली पहचान इमरान हाशमी, सोनू सूद और तनुश्री दत्ता की फिल्म आशिक बनाया आपने से मिली थी। दर्शकों ने फिल्म की कहानी से ज्यादा इसके गानों को सबसे ज्यादा पसंद किया था। इसके बाद हिमेश रेशमिया ने तेरा सुरूर एलबम से भी धमाल मचाया। वह पहले भारतीय कलाकार हैं जिन्होंने लंदन के वेम्बले स्टेडियम में परफॉर्म किया है। गानों के साथ हिमेश रेशमिया अभिनय में भी अपना हाथ आजामा चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73372.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73372.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac5981bb5d36db5eb6b62c331548e4d15cf47131 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73372.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर यूं ही तो दोनों दलों के बड़े नेताओं ने पंचायती राज चुनाव में अपने-अपने दल को अधिक सीटें मिलने का दावा नहीं किया होगा। अब चिह्न् स्पष्ट हैं तो नगर निगम में दावे नहीं करने पड़ेंगे कि अमुक जी हमारे हैं। चुनाव ही पार्टी लाइन पर था। विपक्ष का तंज यह था कि अगर मुख्यमंत्री ने इतना ही विकास करवाया है तो उन्हें वार्ड में सभाएं करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? सत्ता पक्ष का तर्क यह है कि अगर हैदराबाद और जम्मू के स्थानीय निकाय चुनाव को भाजपा ने पेशेवराना ढंग से लड़ा तो यह उनके उत्साह और उसी सोच का परिचायक है कि कोई चुनाव छोटा नहीं होता। सच यह भी है कि अगर मुख्यमंत्री वार्ड तक उतरे हैं तो कांग्रेस के बड़े नेता भी जगह-जगह गए हैं। लेकिन इधर, राजनीति के साथ दो समस्याएं हो गई हैं। पहली यह कि राजनीति को अब साधन के बजाय साध्य के रूप में लिया जा रहा है। दूसरा, यह नहीं देखा जा रहा कि अगर कोई प्रतिनिधि चुना जाता है तो उसने क्या छाप छोड़ी। छाप छोड़ने से याद आता है कि नगर निगम चुनाव के बाद मंडी संसदीय हलके और कांगड़ा के फतेहपुर हलके में उपचुनाव भी कुछ रुझान देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..075e5fd8c3d419c71555b77ef3262831261d1ae9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरी बात, यह पहली दफा नहीं था कि 2019 में वीजा संबंधी नीति अमेरिका में चुनावी मुद्दा बनी हो। इससे पहले भी वर्ष 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। ट्रंप ने अपनी कई चुनावी रैलियों में इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात भी कही थी। अगर पिछले दो दशकों की बात करें तो अमेरिकी सरकारें, चाहे किसी भी दल की रही हो, उनकी मंशा रही है कि कंपनियां एच-1 बी वीजा का कम इस्तेमाल कर पाएं और इसलिए समय-समय पर इसकी फीस में भारी इजाफा भी किया जाता रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..028f32d11cacdc741cf20ed500452ef5243cf5e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73375.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहती हैं कि बच्चों का स्किल डवलपमेंट अधिक से अधिक किताबें पढ़ने से आएगा। वर्ष 2011 से वह इंग्लिश टूल बॉक्स कार्यक्रम के नाम से कोचिंग घर में चलाती हैं। अब तक 150 बच्चों को इस प्रोग्राम के माध्यम से उच्च स्तरीय अंग्रेजी में निपुण बना चुकी हैं। अमृता जैन से दैनिक जागरण के संवाददाता ने पूछा कि बच्चों को जंक फूड से कैसे बचाया जाए यह सवाल मन में क्यों आया, इस पर उनका कहना है क‍ि बच्चे देश की रीढ़ हैं, अगर यह पीढ़ी जंक फूड खाएगी तो पौष्टिक आहार नहीं मिलने से बॉडी स्किल डवलपमेंट रुक जाएगा। प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार से सवाल का जवाब दिया है, उससे मैंने बहुत कुछ सीखा है, इसे आत्मसात करने का प्रयास करूंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d34c363c48dafe64bd03390c5b092f53e86b925 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73376.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अच्छी गुणवत्ता बेहद जरूरी।टीकाकरण के लिए उपयुक्त सिरिंज का चुनाव बेहद जरूरी है। गलत सिरिंज के कारण जापान में फाइजर-बायोएनटेक की लाखों खुराक बर्बाद हो गई। यूरोपीय यूनियन को भी वैसी सिरिंज की तलाश है, जिससे फाइजर की वैक्सीन की पूरी खुराक का इस्तेमाल किया जा सके। इसके मद्देनजर भारतीय कंपनियां 0.3 से 0.5 एमएल वाली विभिन्न प्रकार की सिरिंज का निर्माण कर रही हैं। इनमें ऑटो डिसेबल से लेकर डिस्पोजेबल सिरिंज तक शामिल हैं। + +दूसरे देशों से मिल रहे ऑर्डर।भारत इस दिशा में काम कर भी रहा है। सितंबर तक एचएमडी एवं इस्कॉन सर्जिकल्स दुनिया को 1.6 अरब सिरिंज की आपूर्ति में सक्षम होंगी। इनमें 1.2 अरब सिरिंज का उत्पादन अकेली एचएमडी करेगी। केंद्र सरकार ने एचएमडी को सितंबर तक 26.5 करोड़ सिरिंज की आपूर्ति का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा कंपनी को दूसरे देशों से रोजाना सिरिंज के लिए दर्जनों ई-मेल मिलती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fa415140068ca3ca01d95ff5cc76c4133309b76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73378.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। पूर्वी दिल्ली स्थित मयूर विहार स्थित एहल्कान इंटरनेशनल स्कूल के नौवीं कक्षा के छात्र सुहान सहगल परीक्षा को लेकर काफी चिंतित रहते थे, लेकिन अब परीक्षा पे चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों से प्रेरित होकर सुहान का परीक्षा का डर खत्म हो गया है। सुहान राजधानी दिल्ली से अकेले छात्र थे, जिन्होंने परीक्षा पे चर्चा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संवाद किया। इसके अलावा राजधानी के दयानंद विहार स्थित एसआर डीएवी की कंप्यूटर साइंस की शिक्षिका विनीता गर्ग ने भी प्रधानमंत्री के साथ संवाद किया। सुहान ने बताया कि दो दिन पहले ही उन्हें फोन पर पता चला कि परीक्षा पे चर्चा के लिए उनका चयन हो गया है और वह तभी से ही प्रधानमंत्री से बात करने के लिए उत्साहित थे। प्रधानमंत्री से बात करके उन्हें ऐसा लगा जैसे कोई बड़ा सपना सच हो गया। उनके बोलने का ढंग मुझे बहुत पसंद था और मैं हमेशा से ही उनसे मिलना व उनसे बात करना चाहता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a23aabe8f5e0ed2448819dfba05468db05705608 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। यूनेस्‍को की क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में संगीत के क्षेत्र में शामिल वाराणसी के संगीत की गूंज अब और भी वैश्विक हो गई है। ताजा कड़ी में गूगल की ओर से 'आर्ट्स एंड कल्चर' विशेष पेज में वाराणसी में जन्‍मे विश्‍वविख्‍यात संगीतकार पं. रविशंकर को शामिल किया गया है। गूगल की ओर से संगीत और कला साधकों की वैश्विक डिजिटल डिक्‍शनरी के तौर पर रविशंकर को उनके जन्‍मदिन पर शामिल किए जाने की जानकारी उनकी बेटी अनुष्‍का शंकर ने अपने आधिकारिक इंटरनेट मीडिया पर जारी की है। ।अनुष्‍का शंकर ने लिखा है कि -  'मेरे पिताजी को जन्मदिन की बधाई! मेरे पिता ने एक बार कहा था, "संगीत में जादू तभी होता है जब कलाकार इसे प्यार और आनंद के साथ पेश करता है - और सुनने वाले इसे उसी भावना से प्राप्त करते हैं।" मेरे पिता 20 वीं शताब्दी के सबसे महान संगीतकारों में से एक, मेरे गुरु के रूप में अवर्णनीय थे। बड़े होकर मैंने देखा कि वह कितने महान संगीतकारों के लिए प्रेरणा थे। आज, जब हम उनका 101 वां जन्मदिन मना रहे हैं तो मैं गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के साथ अपनी साझेदारी का खुलासा करने पर प्रसन्न हूं। रवि शंकर की दुनिया में प्रवेश करने के साथ ही जानें कि कैसे उन्होंने भारतीय संगीत को अपनी रचनात्मक सहयोग और अपनी अविश्वसनीय विरासत के बारे में बताया है।'।संबंधिक लिंक : https://artsandculture.google.com/exhibit/ravi-shankar-taking-indian-music-to-the-world/cQLSDGrEqoaIIA" rel="nofollow।इस बाबत उन्‍होंने सुकन्या शंकर रवि शंकर गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के विशेष डिजिटल दुनिया के बारे में जानकारी दी है। इस विशेष पेज पर रविशंकर के वाराणसी में जन्‍म लेने से उनके वैश्विक स्‍तर के जनस्‍वीकार्य संगीतकार के तौर पर उनकी पूरी वायोग्राफी को शामिल किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2700b752e4821e81998fd1f720d9f45fe9df317a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली जेएनएनl नरगिस फाखरी इन दिनों अपने बॉयफ्रेंड एंड जस्टिन सैंटोस के साथ इटली में वेकेशन मना रही हैं और उन्होंने वहां से अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl नरगिस फाखरी इन दिनों वेकेशन मूड में हैl उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने वेकेशन से जुड़ी कई तस्वीरें शेयर की है जो कि बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl नरगिस अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ इटली के कैप्री आईलैंड पर नजर आई हैंl।एक फोटो में नरगिस फाखरी को कैमरे की ओर देखकर मुस्कुराते हुए देखा जा सकता हैl वह जस्टिन सैंटोस का हाथ पकड़े हुए हैंl वह ड्रिंक का मजा ले रही हैंl फोटो में नरगिस ने टॉप पहन रखा हैl दूसरी फोटो में जस्टिन को पानी में रिलैक्स करते हुए देखा जा सकता हैl नरगिस फाखरी और जस्टिन बोट राइड का भी आनंद ले रहे हैं; इस अवसर पर नरगिस ने ड्रेस पहन रखी हैl वहीं जस्टिन ने कैजुअल पहन रखा हैl दोनों साथ खाना खाते भी नजर आएl।फोटो शेयर करते हुए नरगिस फाखरी ने लिखा है, 'खाना मेरी पसंदीदा भाषा हैl मेरा डीएनए कहता है कि मैं 3.5 प्रतिशत इटालियन हूंl तो मैं उसका आनंद ले रही हूंl' इसके साथ ही उन्होंने इसे कई लोगों को टैग किया हैl नरगिस की फोटो बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl एक फैन ने लिखा है, 'आप की तस्वीरें मुझे खुश करती हैंl' वहीं एक अन्य ने लिखा है, 'आप बहुत खूबसूरत होl'।नरगिस फाकरी ने इंस्टाग्राम पर इसके पहले भी ब्वॉयफ्रेंड के साथ कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे जो कि काफी पसंद किए गए थेl नरगिस फाखरी रणबीर कपूर के साथ फिल्म रॉकस्टार में नजर आई थीl यह फिल्म काफी पसंद की गई थीl इसके बाद उन्होंने मद्रास कैफे, मैं तेरा हीरो और अजहर जैसी फिल्मों में काम कियाl वह तोरबाज में भी नजर आई थीl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73380.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1be9694de142096d157a64d5b1d8afd324aad7b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73380.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी।  'RT PCR Coronavirus Testing Kit News' : कभी एंटीजन से अधिक प्रामाणिक मानी जाने वाली रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) जांच अब कोरोना के बदलते स्वरूप के कारण दूसरे नंबर पर आ गई है। वह कोरोना वायरस को पकड़ नहीं पा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीजन की जांच सौ फीसद खरी है। इस जांच में पाजिटिव आने के बाद आरटीपीसीआर जांच कराने की जरूरत नहीं है। यदि कराई और रिपोर्ट निगेटिव आई तो भी एंटीजन को ही सही मानें और 10 दिन होम क्वारंटाइन रहें। इसके बाद पुन: एंटीजन जांच कराएं। निगेटिव आने पर ही घर से बाहर निकलें। + +इस समय कोरोना के जीन तेजी से बदलाव हुआ है। इस वजह से आरटीपीसीआर किट उसे पकडऩे में सक्षम नहीं हो पा रही है। एंटीजन उसके बाहरी स्वरूप को पकड़ती है, उसमें कोई बदलाव न होने से उसकी रिपोर्ट सौ फीसद सही आ रही है। इसलिए एंटीजन की जांच रिपोर्ट पर भरोसा करें और पाजिटिव आने पर पूरी सतर्कता बरतें। - डा. अमरेश सिंह, अध्यक्ष, माइक्रोबायोलाजी विभाग, बाबा राघव दास मेडिकल कालेज। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec67c34b2663d11d46c15290f9228713f85ee3b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में लाया गया पूर्वांचल का बाहुबली मुख्तार अंसारी आगरा सेंट्रल जेल में भी चार साल से ज्यादा रह चुका है। मुख्तार अंसारी ने आगरा सेंट्रल जेल से ही वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भर था। उसे चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पेरोल मिली थी। मगर, अपना चुनाव प्रचार करने वह नहीं जा सका था। चुनाव प्रचार खत्म होने से 24 घंटे पहले यहां से रवाना किया गया था। इस चुनाव में वह हार गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73382.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73382.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46d41d1770ed97852dc7fff0dd8d57541a4aeaa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73382.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तुष्टीकरण के खिलाफ उठा रहे आवाज।वह आगे कहते हैं, तृणमूल और बीजमूल यानी तृणमूल और भाजपा दोनों सांप्रदायिक हैं। वह लगातार अपने भाषणों में तुष्टीकरण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और ममता पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वह मुस्लिमों को भीख पर निर्भर रखना चाहती हैं। उनकी हर बात पर ताली बजती है और युवा मुट्ठी बांधकर अपना समर्थन जताते हैं। + +ओवैसी ने बदल दिया था समीकरण।पीरजादा वही बातें कर रहे हैं जिसकी चर्चा है। तुष्टीकरण की बातें वह स्वीकार रहे हैं और मुस्लिमों के पिछड़ा रहने का आरोप लगा रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले की ही बात है जब बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के इलाके में पांच सीटें जीतकर एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने पूरा समीकरण बदल दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc1d4a4f63e9e887fd5ce09ff8ee79d02f0dc7be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजीव कुमार झा, कोलकाता। कोलकाता की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में एक टॉलीगंज में इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। नंदीग्राम के बाद इस हाईप्रोफाइल सीट पर सबकी नजरें हैं। इसका कारण यह है कि इस सीट पर इस बार केंद्र व राज्य के मंत्री आमने-सामने हैं। सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से जहां इस सीट से पिछले तीन बार से लगातार जीतते आ रहे बंगाल सरकार में खेल व युवा एवं पीएचडी मंत्री व ममता बनर्जी के बेहद करीबी अरूप विश्वास एक बार फिर मैदान में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73385.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73385.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca2481db619a25b3a38bc28bd15a95cb38796e6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73385.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +हृदयानंद गिरि, दुर्गापुर। लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, दुर्गापुर का 65 वर्ष पुराना दामोदर बैराज हर चुनाव में राजनीतिक दलों का मुद्दा तो बनता रहा, मगर चुनाव के बाद सभी इसे भूलते रहे। बैराज के तल पर जमा मिट्टी (गाद) की सफाई किसी ने नहीं कराई। गाद के साथ ही राजनीतिज्ञों की इच्छाशक्ति भी जम गई। इस बार भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी इस मामले को जोरशोर से उठा रहे हैं। 31 अक्टूबर 2020 एवं 24 नवंबर 2017 को दामोदर बैराज का लॉकगेट क्षतिग्रस्त हो जाने से सारा पानी बह गया था। उस समय लोगों को दस दिनों तक पानी के लिए तरसना पड़ा। आसनसोल से टैंकर से पानी आता था। बैराज का पानी बहा तो मछलियां भी बह गईं। नतीजा हजारों मछुआरों का हाल बेहाल हुआ। एक साल तक की जीविका भी प्रभावित हुई। + +दामोदर वैली कॉरपोरेशन के इस बैराज को केंद्र सरकार ने बनवाया था। इसके रखरखाव को जिम्मा राज्य सरकार के पास है। भाजपा नेता जोर शोर से बैराज की मरम्मत की अनदेखी का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर मढ़ते हैं। यह भी कहते हैं कि बैराज पर बने पुल का टोल टैक्स तो राज्य सरकार लेती है फिर मरम्मत की जिम्मेदारी से क्यों भागती है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस नेता इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि जब बैराज डीवीसी का है तो केंद्र को भी मदद करनी चाहिए। संयुक्त मोर्चा गठबंधन ने तो अपने घोषणापत्र में इस मुद्दे को शामिल किया है। कांग्रेस व माकपा नेता कहते हैं कि हम सत्ता में आए तो बैराज मरम्मत व गाद की सफाई प्राथमिकता में होगी। + +दुर्गापुर निवासी नीरज कुमार, अनूप यादव व विनोद यादव कहते हैं कि बैराज यहां की जनता की आत्मा है। दुर्गापुर पूर्व, दुर्गापुर पश्चिम में पानी की आपूॢत इसी के दम पर होती है। गलसी विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई यहां के पानी से होती है। बांकुड़ा और हुगली को यही बैराज बाढ़ से बचाता है। जैसे गाद जमी वैसे नेताओं की इच्छाशक्ति। मगर इसकी अनदेखी जनता की अनदेखी है। जब तृणमूल कांग्रेस पर इसके रखरखाव की जिम्मेदारी है तो वह इससे पीछे क्यों हटी। काम शुरू भी हुआ तो सबको दिख रहा है कि कैसे हो रहा है। इसका जवाब भी उसे जनता को देना ही होगा। माकपा भी यहां शासन कर चुकी हे, उसके पास भी कोई जवाब नहीं है। जनता सब समझती है व चुनाव में दिखा भी देगी। + +1955 में बना था बैराज : दामोदर नदी को बंगाल के शोक के नाम से जाना जाता है। मुख्य वजह दामोदर नदी के कारण कई जिलों में बाढ़ आ जाती थी। वर्ष 1948 में बने दामोदर घाटी निगम ने टेनेसी वैली कॉपरपोरेशन के तर्ज पर वर्ष 1955 में दुर्गापुर बैराज बनाया था। इससे बद्र्धमान, बांकुड़ा एवं हुगली के लोगों को बाढ़ से राहत मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73386.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73386.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa0a2bba9710cfc00b6d3c5ecfd194fcc97f9d95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73386.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग सीजन 2021 में एक बार फिर से बल्लेबाज अपना जोर दिखाते नजर आएंगे। इस सीजन में फिर से फैंस की नजर विराट, रैना, धौनी, एबी, वार्नर, रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों पर रहने वाली है कि, इनमें से कौन सबसे ज्यादा रन बना पाने में सफल हो पाता है। वैसे आइपीएल के पिछले 13 सीजन की बात करें तो इसमें एक टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में विराट कोहली पहले स्थान पर मौजूद हैं। विराट कोहली का आइपीएल करियर आरसीबी के साथ शुरू हुआ था और वो फिलहाल इसी टीम का हिस्सा हैं। ।आइपीएल में एक टीम के लिए विराट के नाम है अब तक सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड-।विराट कोहली आरसीबी के साथ आइपीएल के शुरुआती सीजन से ही जुड़े हुए हैं। इस टीम के साथ पिछले 13 साल के इस सफर में विराट कोहली ने कुल 192 मैचों में 130.73 की स्ट्राइक रेट से 5878 रन बनाए हैं। विराट इस टीम के लिए अब तक 5 शतक भी लगा चुके हैं। विराट इस टीम की बल्लेबाजी की जान हैं और वो इस लीग में अब तक किसी एक टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने पिछले 13 सीजन में आरसीबी के लिए कुल 5878 रन बनाए हैं और आइपीएल में किसी एक टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में नंबर एक बल्लेबाज हैं। ।किसी एक टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर सुरेश रैना हैं जिन्होंने अब तक सीएसके के लिए 4527 रन बनाए हैं तो वहीं इस मामले में चौथे नंबर पर रोहित शर्मा हैं जिन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए अब तक कुल 4060 रन बनाए हैं। एम एस धौनी की बात करें तो उन्होंने अब तक सीएसके के लिए 4058 रन बनाए हैं और इस मामले में पांचवें नंबर पर हैं। ।आइपीएल इतिहास में एक टीम के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप 7 बल्लेबाज-।5878 रन- विराट कोहली (आरसीबी)।4527 रन- सुरेश रैना (सीएसके)।4178 रन- एबी डिविलियर्स (आरसीबी)।4060 रन- रोहित शर्मा (मुंबई इंडियंस)।4058 रन- MS Dhoni (सीएसके)।3819 रन- डेविड वार्नर (एसआरएच)।3163- क्रिस गेल (आरसीबी)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e6ad5ef06fac76e117bc13b49b9ab35af7a905f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, डा. राकेश राय। 'Madan Mohan Malaviya University of Technology, Gorakhpur New Water Purifier Invention'  किसी भी शोध का लाभ समाज को सीधे मिले, इस प्रयास में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने एक ऐसा पालीमर (बहुलक) बनाया, जो दूषित जल को 100 फीसद शुद्ध कर देगा। यह पालीमर खेतों में खाद के छिड़़काव और मनुष्य के शरीर में दवा की प्रभावी डिलिवरी में भी सहायक होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..414a15758be4d62c8a02418e0ae2374a19309b05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अस्पताल प्रशासन की योजना है कि वे औषधीय उद्यान में उगाई जाने वाले पौधों का इलाज प्रक्रिया में इस्तेमाल करने के साथ इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करें। ताकि यहां आकर लोग औषधि गुर युक्त पौधों के बारे में अधिक से अधिक जानें। कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों का आयुर्वेद पर बढ़े विश्वास ने इस परियोजना को मजबूती प्रदान की है। दिल्ली सरकार ने भी अस्पताल की इस योजना को काफी सराहा है। 2010 में तैयार हुई इस योजना को भारत सरकार के नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड द्वारा करीब सात करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7ab77bf17d8ba86fa10d3d14f7b647efd9c58d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7339.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिज़नेसमैन राज कुंद्रा इस वक़्त अश्लील फ़िल्में बनाने और ऐप के ज़रिए अपलोड करने के आरोप में गिरफ़्तार हो चुके हैं और पुलिस कस्टडी में हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राज लेखक भी हैं और अरबों की सम्पत्ति के मालिक राज ने एक आर्थिक किताब भी लिखी है, जिसका शीर्षक ही आपको हैरान कर देगा। इस किताब का नाम है How Not To Make Money... अब राज की गिरफ़्तारी के बाद यह किताब भी सतह पर आ गयी है। ।राज की इस किताब की जानकारी उनके लिंकेडिन एकाउंट से मिलती है। राज ने इसका ज़िक्र Accomplishments सेक्शन में किया है, जिसके मुताबिक राज की यह किताब अक्टूबर 2013 में आयी थी। पंगुइन हाउस ने इसे प्रकाशित किया था। किताब दो किरदारों के बारे में है, जो शराब का अवैध कारोबार करते हैं। राज के लिंकेडिन एकाउंट के अनुसार, फ़िलहाल वो जेएलएम स्ट्रीम के फाउंडर सीईओ हैं। वहीं, वियान इंडस्ट्रीज़ लि. के चेयरमैन हैं। बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड के वो 2015 से 2017 तक सीईओ रहे थे। + +बहरहाल, राज सोशल मीडिया में राज की किताब की ख़ूब चर्चा चल रही है। एक यूज़र ने किताब का कवर शेयर करके लिखा- संस्कारी कुंद्रा ने किताब लिखी थी, जिसका नाम था हाऊ नॉट टू मेक मनी, लेकिन ऐसा लगता है कि किताब में वो अपने ही बिज़नेस की बात कर रहे हैं। एक अन्य यूज़र ने लिखा कि राज कुंद्रा ने एक किताब लिखी थी, जिसका नाम हाऊ नॉट टू मेक मनी और उन्होंने इसे साबित कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..172d7d326374164b79ea69297ab89a820ec45901 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73392.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्तार अंसारी की यूपी आमद इतनी हंगामाखेज न होती तो बाराबंकी में चल रहे फर्जी अस्पताल का राज भी न खुल पाता। इस अस्पताल के नाम फर्जी एंबुलेंस की कहानी भी न खुली होती। वह एंबुलेंस भी फर्जी नाम पर रजिस्टर्ड थी जिससे मुख्तार को पंजाब में रोपड़ से मोहाली ले जाया और वह एंबुलेंस भी चर्चा मेंं आ गई जिसमें बैठकर वह रोपड़ से बांदा पहुंचा। इस एंबुलेंस की फिटनेस वैधता भी 2017 में समाप्त हो गई थी। सवाल यह है कि वे कौन अधिकारी थे जिनकी इस फर्जी खेल में भागीदारी थी। अस्पताल और एंबुलेंस का लाइसेंस किसने बनवाया, उनकी जांच किसने की। पिछले एक वर्ष में योगी प्रशासन ने मुख्तार अंसारी और उसके लोगों की 192 करोड़ रुपये की संपत्ति या तो जब्त की है या ध्वस्त की है। इस संपत्ति को बनवाने में कौन लोग शामिल थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73394.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e0d5a4ea42cd773b7cae328df658cc766937ba1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73394.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। दुनिया के इतिहास में दर्ज भयानक और रूह को हिला देने वाले नरसंहारों में शामिल है रवांडा नरसंहार। इस नरसंहार में महज सौ दिनों के अंदर 8 लाख नागरिकों को मार दिया गया था। इसके जख्‍म उनके परिजनों के दिलों में आज भी जस के तस बने हुए हैं। उन दिनों की यादें आज भी उन्‍हें सोने नहीं देती हैं और आज भी वो उस पल को याद कर सिहर उठते हैं। ये खौफनाक साल 1994 था। मारे गए अधिकतर लोगों में रवांडा के अल्‍पसंख्‍यक तुत्‍सी समुदाय से ताल्‍लुक रखते थे। इसके अलावा कई राजनीतिक हस्तियां भी इस नरसंहार की भेंट चढ़ गई थीं। इसके अलावा इनसे जुड़ी राजनीतिक हस्तियों को भी बेहद निर्मम तरीके से हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया गया। + +राजनीतिक पार्टी एमआरएनडी की युवा शाखा इंतेराहाम्वे ने इसमें बढ़चढ़कर हिस्‍सा लिया था। इस संगठन ने चरमपंथियों को इस नरसंहार के लिए हथियार और पैसा दोनों ही चीजें मुहैया करवाई थीं। हूतू चरमपंथियों ने आरटीएलएम रेडियो स्टेशन पर तुत्‍सी समुदाय के खिलाफ नफरत को बढ़ावा दिया। रेडियो पर ऐलान किया गया कि तुत्‍सी समुदाय को पूरी तरह से साफ किया जाए। इस एलान में तुत्‍सी समुदाय को तिलचट्टे बताया गया। रेडियो से उन लोगों के नामों की घोषणा भी की गई जिनको मारा जाना था। जिन्‍होंने तुत्‍सी समुदाय के किसी व्‍यक्ति को शरण दी उसको भी मार दिया गया। ये नरसंहार पूरे 100 दिनों में बादस्‍तूर जारी रहा और इसमें 8 लाख लोग मारे गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98a1d83113d69f4fcf52bc608e3b3f4cb75aabfd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। एक वर्ष गुजरने के बाद भी पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। कोरोना महामारी का असर पूरी दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ा है। इससे बचने के लिए देशों ने न सिर्फ अपनी सीमाओं को खोला बल्कि तमाम तरह के व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठान समेत दूसरे ऑफिस भी खोल दिए हैं। इसके बाद भी हर देश को इस बात की आशंका भी है कि इससे उसको नुसान भी उठाना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए वैक्‍सीन पासपोर्ट का कंसेप्‍ट सामने आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f65938fa4810eb6a37bf800591409dfdba3ab1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73397.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (पीटीआई)। क्‍वाड सदस्‍य देशों के बीच बीते दो दिनों से हिंद महासागर में चल रहे सैन्‍य अभ्‍यास La Perouse का बुधवार को अंतिम दिन है। इससे पड़ोसी देश चीन को अब बेचैनी हो रही है। चीन की तरफ से इस सैन्‍य अभ्‍यास का लेकर जो टिप्‍पणी की गई है वो किसी भी सूरत से सही नहीं कही जा सकती है। दरअसल, विभिन्‍न देशों के बीच सैन्‍य अभ्‍यास या सहयोग क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के अनुकूल होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8dbca05d97a26b724a6a53d4e8701f20cb14cc29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अनुराग कश्यप की बेटी आलिया कश्यप ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर एक जूसी गर्ल टॉक वीडियो शेयर किया है। जो वहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि स्टार किड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना चैनल चलाती है और उसके लगभग 107k सबस्क्राइबर हैं। अपार्टमेंट की सैर से लेकर कई तरह के व्लॉग्स और यहां तक ​​कि अपनी डेली लाइफ को साझा करते हुए, आलिया के पास अपने फैंस के लिए ढेर सारे वीडियो हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bebc622ff1d9ce32c16133c507867adabe3d2e22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौका आए तो जरूर लगवाएं वैक्सीन: समस्या यह है कि सड़कों व बाजारों में अब भी बहुत लोग बगैर मास्क देखे जाते हैं। दफ्तरों में भी लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। दफ्तरों में कर्मचारी अलग-अलग इलाके से पहुंचते हैं। कर्मचारियों के मास्क नहीं पहनने से समस्या बढ़ सकती है। टीकाकरण की गति बढ़ाना जरूरी है। टीकाकरण में गति तभी आएगी जब 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगेगा। अभी 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लग रहा है। टीकाकरण के पात्र सभी लोगों को जल्द टीका लगवा लेना चाहिए। इससे कोरोना संक्रमण से बचाव होगा और संक्रमण होने पर भी बीमारी बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होगी। इसलिए प्रतिदिन एक करोड़ के हिसाब से टीकाकरण जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि टीकाकरण के प्रति लोग जागरूक हों। इसके अलावा थोड़ी सख्ती करने की भी जरूरत है। अभी तक टीकाकरण स्वैच्छिक है। मौजूदा हालात को देखते हुए इसे अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। टीका नहीं लेना खुद के साथ-साथ दूसरों की जान जोखिम में डालने के समान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..629ac4de2aa665b54723c544118368f961259dac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73406.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजधानी की सरकारों के पास सीमित होते हैं अधिकार । जहां तक दिल्ली के समग्र विकास के लिए बहुनिकाय व्यवस्था और चुनी हुई सरकार को मजबूत बनाने की बात है तो ये दोनों मुद्दे अलग-अलग हैं। यह बात सही है कि किसी भी शहर में बहु निकाय व्यवस्था से विकास कार्य में देरी होती है। किसी भी कार्य के लिए बहुत से विभागों से अनुमति लेनी होती है। लेकिन लाभ भी है कि बहुत सी संस्थाएं शहर के विकास के लिए मिलकर काम करती हैं। + +चुनी हुई सरकार का काम व्यवस्था बनाए रखना है। विश्व के किसी भी शहर में देख लें जो शहर देश की राजधानी है या जहां केंद्र सरकार का मुख्यालय है, उस राज्य या शहर की तमाम जिम्मेदारी उसकी केंद्रीय सरकार अपने पास रखती है। अगर ऐसा नहीं होगा तो अव्यवस्था का माहौल बन जाएगा। छोटे मोटे मुद्दों की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी जाती है। देश की राजधानी वाली राज्य सरकारों के पास सीमित अधिकार ही होते हैं। यहां मतदाताओं को ठगे जाने का कोई सवाल ही नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e7c92a55607b13a4d0ca1e138cb48aca526132a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73407.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : मौसम के बदलते हुए मिजाज के साथ बाजार ने भी अपनी रफ्तार पकड़ ली है। सोमवार को जब त्वचा को झुलसाने वाली गर्मी ने राहगीरों को पसीना-पसीना कर दिया तो सूरज के सख्त होते तेवरों ने कूलर व पंखा के बाजार में गरमाहट ला दी। रेलवे रोड, बारहद्वारी, आगरा रोड, रामघाट रोड पीएसी स्थित शोरूमों पर ग्राहकों की भीड़ लग रही है। कूलर निर्माता कंपनी हरकुट ने इस साल हनी कम पैड कूलर बाजार में उतारा है। यह लोगों को चिपचिपाहट से निजात दिलाएगा। साथ ही शाक्ड प्रूफ कूल्स जैसे उपकरणाें के जरिए बिजली के खतरे से बचाने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इन्वर्टर से चलने वाला विंडो एसी लुक वाला कूलर ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है। ब्रांडेड कंपनियों के एसी व पंखों की भी बाजार में मांग है। रेफ्रिजरेटर की तमाम वैरायटी बाजार में मिलेंगी। पिछले साल कोरोना संकट के चलते कूलर, पंखा, एसी, रेफ्रिजरेटर सहित गर्मियों में ठंठक पहुंचाने वाले घरेलू उत्पादनों की बिक्री नहीं हो सकी थी। कंपनियों से बुकिंग के आर्डर भी कैंसिल करा दिए गए थे। लाकडाउन के चलते पिछला सीजन बुरी तरह पिटा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f340ed7b82e499c80620d7eef241b973ce0ca20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7341.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने मुंबई में कर्नल अनिल कुमार शर्मा, अर्जन बाजवा, सांसद राहुल शेवाले, राजीव खंडेलवाल, विनोद चोपड़ा की उपस्थिति में एक सलून का उद्घाटन किया हैl इसका नाम सैल्यूट है और यह भारतीय सेना के जवानों को के शौर्य को वंदन करता हैl।इस अवसर पर दिवंगत कैप्टन विनायक गोरे की मां अनुराधा गोरे भी उपस्थित थीl उन्होंने हाउस ऑफ शिवा की सराहना भी कीl शिवा सेलिब्रिटी हेयर स्टाइलिस्ट हैl यह सलून भारतीय सेना के साहस, शौर्य और बलिदान का सम्मान करता हैl अनुराधा गोरे ने कई किताबें भी लिखी हैl इस अवसर पर शिवा ने कहा, 'सैल्यूट शब्द से आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता हैl इस सलून में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीरें भी लगी हैl शिवा के सलून से होने वाली कमाई के लाभ का कुछ हिस्सा डिफेंस फोर्सेस वेलफेयर फंड को भी दिया जाएगाl'।मधुर भंडारकर फिल्म निर्देशक हैl उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl उनकी फिल्मों को कई बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। मधुर भंडारकर की फिल्मों का निर्देशन करने वाले हैंl उनकी फिल्म फैशन में अर्जन बाजवा भी नजर आए थेl वह भी इस सैलून के ओपनिंग के अवसर पर उपस्थित थेl।हाल ही में मधुर भंडारकर दिलीप कुमार के निधन से पहले अस्पताल में मिलने गए थेl इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था, 'मैं दो हफ्ते पहले भी अस्पताल गया था और सायरा जी से मिला था। उस समय मैं बहुत खुश था कि वह घर वापस जा रहे थे और ठीक थे फिर मुझे उनके निधन की खबर मिली और मैं दुखी हो गया। मैं वहां पहुंचने वाला पहला व्यक्ति था और सायरा जी और परिवार से मिला। मैंने फिर उनके पैर छुए दिलीप कुमार की अंतिम यात्रा देखकर मैं स्तब्ध रह गया था।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d4fc63e709fa8d028a44009013f62f697412bc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिसार, जगदीश त्रिपाठी। Kisan Andolan हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के नेताओं ने पंजाबी एक्टर-सिंगर दीप सिद्धू के भाजपाई होने का सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया है। गैंगस्टर से पंजाब के यूथ लीडर के रूप में कन्वर्ट हुए लक्खा सिधाना को भी आंदोलनकारी नेताओं ने फिर से अपना घोषित कर दिया है। विवशता है। धरनास्थलों पर लोग कम होते जा रहे हैं। यही कारण है कि संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य दर्शनपाल कह रहे हैं कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा फैलाने के आरोपितों-दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना को धरनास्थलों पर बुलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa2cf09b75c1f129f5cac4928a336490e86f1900 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73413.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Sikander alias Jigar Moradabadi Birth Anniversary : जिगर मुरादाबादी रिवायती गजल के आख़िरी बड़े शायर हैं। लेकिन उनकी शायरी के आख़िरी दौर में कहीं-कहीं आधुनिकता के हल्के-हल्के रंग भी नज़र आने लगे थे। अगर ज‍िगर साहब को दस बरस की ज‍िंंदगी और शायरी अता हो जाती तो मुमकिन है कि जिगर साहब जदीद शायरी की बुनियाद रखने वाले शायरों में भी गिने जाते। + +ये बातें जिगर मुरादाबादी की जयंती पर मुरादाबाद के युवा शायर एवं आलोचक ज‍िया जमीर ने कही। अपनी इस बात के प्रमाण के रूप में ज‍िया ने जिगर के ये शेर प्रस्तुत किए-।डर है मुझको कि मेरी हैरानी।आईना उनके रूबरू न करे।इश्क जब तक न कर चुके रुसवा।आदमी काम का नहीं होता।कमाले-तिश्नगी ही से बुझा लेते हैं प्यास अपनी।इसी तपते हुए सहरा को हम दरिया समझते हैं।ज‍िया ज़मीर ने कहा क‍ि जिगर मुरादाबादी उन चंद सोच बदलने वाले शायरों में शामिल हैं, जिन्होंने बीसवीं सदी में गजल के मेयार को गिरने नहीं दिया, बल्कि उसको ज़ुबानो-बयान के नए जहानों की सैर भी करायी। उसे नए लहजे और नए रंग से चमकाया भी। जिगर साहब उर्दू शायरी का वो पहला नाम हैं जिन्हें किताब और स्टेज पर एक जैसी मकबूलियत ही नहीं महबूबियत भी हासिल हुई। आलम है कि उनके जैसा मकबूल शायर न उनसे पहले हुआ और न ही उनके बाद होगा। जिगर साहब के लिए इस दीवानगी का पहला सबब उनकी शख़्सियत के वो चमकदार रंग हैं जो चुंबक की तरह उनकी तरफ़ खिंचने को मजबूर कर देते हैं। उनकी शख़्सियत खुली किताब की तरह भी है, जिसे कोई भी किसी भी वक्‍त पढ़ सकता है। यह शख्सियत इतनी ख़ुद्दार भी है कि बड़ी रियासत के नवाब के बुलावे पर भी शेर सुनाने नहीं जाती और इतनी सादा भी है कि तांगे वाले की एक जरा सी गुजार‍िश पर पूरे रास्ते उसे गुनगुना कर कई-कई गजलेंं सुनाने को तैयार भी हो जाती है। शख़्सियत के इन अलग-अलग रंगों के अलावा जिगर साहब की शायरी में जो अनोखी बात है वो है उनके यहां हुस्न की अजमत है। जिगर साहब से पहले और उनके बाद इस सुपुर्दगी के साथ हुस्न की ऐसी तारीफ कहीं नजर नहीं आती। यह कहा जाता है जिगर जबरदस्‍त हुस्न-परस्त थे। मगर उन्‍होंने हुस्न को बेलिबास नहीं किया है बल्कि उसे पाकीज़गी की रिदा पहनाई है। देखिए-।रंगे-हया है ये तिरे जोशे-शबाब में।या चांदनी का फूल खिला है गुलाब में।आंखों में नूर जिस्म में बनकर वो जां रहे।यानी हमीं में रह के वो हमसे निहां रहे।रात क्या दिलकश अदा-ए-जलवा-ए-जानाना थी।शम्अ जब रुख़ के मुक़ाबिल आई ख़ुद परवाना थी"।अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ज़िया ज़मीर ने बताया क‍ि जिगर साहब का इश्‍क उनकी आंखों से आगे का सफर करता हुआ बहुत कम दिखाई देता है। जिगर साहब स‍िर्फ देखना चाहते हैं, निहारना चाहते हैं। उनकी आंखें हुस्न का दीदार करते हुए नहीं थकतीं, हुस्न की तारीफ करते हुए नहीं थकतीं। उनका कमाल यह है कि उन्होंने अपने ख़्याल और बयान से हुस्न को इतना दीदा-ज़ेब और शाहकार बना दिया है कि हुस्न ख़ुद अपने आप से मुहब्बत के लिए तैयार हो जाता है। देखिए -। तसव्वुर में ये किसके जलवा-ए-मस्ताना आता है।कि हर आंसू लिए हमराह इक पैमाना आता है।तिरी मजनूं-अदाई से जिगर यह ख़ौफ़ आता है।कहीं ऐसा न हो उनको भी आलम-आशना कर दे।क्या देखेंगे हम जलवा-ए-महबूब कि हमसे।देखी न गई देखने वाले की नज़र भी।जिगर साहब की शोहरत के बारे में विस्तार से बताते हुए ज़िया ज़मीर ने कहा क‍ि जिगर साहब की शोहरतों का एक बहुत बड़ा सबब दिल की परतों को सहलाता हुआ उनका तरन्नुम था, जो जिस्म के तारों में जहां झंंकार पैदा करता था, वहीं शेर और शायर की कैफ़ियत भी सुनने वालों तक पूरी तरह पहुंचा देता था। उस तरन्नुम में जहां एक तरफ सरमस्ती थी, बला की नर्मी थी, वहीं हद-दर्जा दर्द भी था। वो दिलों को खींचने की ताक़त रखता था और हज़ारों के हुजूम को अपने साथ बहा ले जाता था। उस तरन्नुम में मसीहाई थी। मिसाल के तौर पर तरन्नुम में बहते हुए ये लाफ़ानी अशआर देखिए -।काम आख़िर जज़्बा-ए-बेइख़्तियार आ ही गया।दिल कुछ इस सूरत से तड़पा उनको प्यार आ ही गया।गुलशन परस्त हूं मुझे गुल ही नहीं अज़ीज़।कांटों से भी निबाह किए जा रहा हूँ मैं।लाखों में इंतिख़ाब के क़ाबिल बना दिया।जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया"।आख़िर में जिगर साहब की शायरी के बारे एक अहम बात बताते हुए ज़िया ज़मीर ने कहा क‍ि जिगर साहब के बारे में एक गलत राय बहुत मशहूर है कि जिगर केवल शराब और शबाब के शायर हैं। यह बिल्कुल ठीक है कि जिगर साहब के दौर में शायरी का सबसे नुमायां मौज़ू शबाब और शराब ही था। लेकिन इसके अलावा भी जिगर साहब की शायरी में बहुत कुछ है। उनके यहां इंसान की अज़मत भी है और इंसानियत के लिए फ़िक्र भी है। यही फ़िक्र उनसे अलग रंग के शेर भी कहला जाती है। + +देखिए -।आदमी आदमी से मिलता है।दिल मगर कम किसी से मिलता है।उनका जो फर्ज है वो अहले-सियासत जानें।मेरा पैगाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे।हमको मिटा सके ये जमाने में दम नहीं।हमसे जमाना ख़ुद है जमाने से हम नहीं।फ‍िक्रे-जमील ख़्वाबे-परीशां है आजकल।शायर नहीं है वो जो गजल-ख़्वां है आजकल।यह भी पढ़ें :-।मुंह पर अंगोछा बांधे चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय में पहुंचा व्‍यक्ति, कहा-डॉक्टर साहब, मैं कोरोना संक्रम‍ित हूं। मुरादाबाद में करोड़ों का जीएसटी घोटाला, दिल्ली की टीम ने निर्यातक की फैक्ट्री और घर पर की छापेमारी। Moradabad Coronavirus News : मुरादबाद में सज्जादानशीन की पत्नी, इंजीनियर समेत 49 लोग कोरोना संक्रम‍ित। दूर होगी बीएसएनएल उपभोक्‍ताओं की परेशानी, हाई स्पीड ब्राडबैंड के साथ फाइव-जी की गति से दौड़ेगा मोबाइल और लैपटाॅप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e519d928f7f8737be9793a9b0ed295c729e453b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73415.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। COVID-19 Outbreak बढ़ते कोरोना मामलों के चलते जहां एक तरफ टीकाकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। वहीं दूसरी तरफ महामारी ने मास्क की जरूरत और शारीरिक दूरी की आवश्यकता बढ़ा दी है। लोकल सर्कल को 319 जिलों में सर्वे के बाद मिली 33 हजार से ज्यादा प्रतिक्रियाओं के मुताबिक, 74 फीसद बुजुर्ग वैक्सीनेशन सेंटर पर भी मास्क को जरूरी समझते हैं तो 44 फीसद लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर शारीरिक दूरी के पालन को सही मानते हैं जबकि सिर्फ 15 फीसद को ही लगता है कि स्टेशन या भीड़भाड़ वाली जगहों पर शारीरिक दूरी का उतना फर्क नहीं पड़ता, सुरक्षा के मानकों पर यह कदम उतना खरा नहीं उतरता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b89834febad4d16aab1c16987b1e9cc14f6178bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73420.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तीन विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिमों की आबादी 26 फीसद: जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों पांडुआ, चंडीतला तथा चांपदानी में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 26 फीसद है। चंडीतला से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार दो बार की विधायक रह चुकीं स्वाति खंडेकर हैं, जबकि टॉलीवुड फिल्म अभिनेता यश दासगुप्ता यहां भाजपा के उम्मीदवार हैं। माकपा ने यहां से मोहम्मद सलीम को मैदान में उतारा है। + +तृणमूल कांग्रेस व भाजपा दोनों कर रहीं जीत का दावा: चौथे चरण में हुगली जिले की जिन 10 सीटों पर मतदान होने वाला है उन पर तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा दोनों ही जीत का दंभ भर रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिलीप यादव का कहना है कि गत लोकसभा चुनाव में माकपा तथा कांग्रेस गठबंधन का मत भाजपा की तरफ हस्तांतरित हो गया जिसके कारण उसे छह सीटों पर बढ़त मिली थी, लेकिन इस बार वोट हस्तांतरण नहीं होगा तथा सभी सीटें तृणमूल की झोली में जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b2cd4eb3ba50fb5c2b7dd6d3c41ba5307bdadf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73421.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-आप किस निशानेबाज को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्धी मानती हैं?।कोई एक प्रतिद्वंद्वी होता तो जरूर बताती, लेकिन यहां हर निशानेबाज आपका कड़ा प्रतिद्वंद्धी होता है। मैंने पहले ही कहा है कि ओलंपिक में पदक जीतना अन्य प्रतियोगिताओं के मुकाबले मुश्किल होता है। ओलंपिक में यूरोप व एशिया देशों के स्टार निशानेबाज आपके प्रतिद्वंद्धी होंगे। उसमें से किसी को हल्के में नहीं ले सकते। आपने किसी को हल्के में लिया तो मुकाबले से बाहर होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbef8a0c971133dc79a5853b0ca4876acc207fa7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लीफ ब्लोअर का ट्रायल वर्ष 2017 में राजाजी नेशनल पार्क में सफल रहा था। लीफ ब्लोअर से एक घंटे में एक किलोमीटर फायर लाइन की सफाई करने के साथ ही नई फायर लाइन काटी जा सकती है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में भी इसका प्रयोग अग्नि नियंत्रण में हो रहा है। राज्य के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार वर्तमान स्थितियों में लीफ ब्लोअर काफी कारगर साबित हो सकता है। इसी के दृष्टिगत संवेदनशील क्रू-स्टेशनों के लिए 442 लीफ ब्लोअर की मांग की गई है। इसके अलावा ड्रोन से जंगलों पर निरंतर निगरानी रखी जा सकेगी और कहीं भी आग लगने तुरंत कदम उठाए जा सकेंगे। इसके अलावा मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम में इनका उपयोग हो सकेगा। उधर, सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि वन विभाग के इस प्रस्ताव का परीक्षण कराया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b9369eb4967d95e32057749a72a81123e556076 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73430.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली ऑनलाइन डेस्‍क। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव की भारत यात्रा कई मायने में उपयोगी है। उनकी इस यात्रा के कई निहितार्थ हैं। रूसी विदेश मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब भारत अपने सामरिक और रणनीतिक कारणों से अमेरिका के काफी निकट है। रूस और भारत के बीच रिश्‍तों में सब कुछ सामान्‍य नहीं है। हालांक‍ि, शीत युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच मधुर संबंध रहे है। शीत युद्ध के दौरान रणनीतिक रूप से रूस, भारत का सहयोगी देश रहा है। उस वक्‍त कई मुश्किलों में रूस ने भारत का साथ दिया है। अब अंतरराष्‍ट्रीय परिस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं। हाल में रूस और चीन रणनीतिक और सामरिक रूप से साझेदार बने हैं। उधर, सीमा विवाद के चलते चीन से भारत के तनावपूर्ण संबंध हैं। अंतरराष्‍ट्रीय पर‍िदृष्‍य में दुनिया दो ध्रुवों में बंटती दिख रही है। एक खेमे में अमेरिका, भारत, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, फ्रांस और ब्रिटेन हैं तो दूसरे में चीन, रूस, पाकिस्‍तान, तुर्की एवं ईरान है। क्वाड सम्‍मेलन के बाद अमेरिकी खेमे की नींव मजबूत हुई है। आइए जानते हैं कि लावारोव किस उम्‍मीद से भारत की यात्रा पर आए हैं। उनकी यात्रा के क्‍या निहितार्थ हैं। अमेरिका की इस यात्रा पर क्‍यों नजर होगी।  ।1- क्वाड शिखर सम्‍मेलन के बाद चिंतित हुआ रूस ।प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि हाल में क्वाड (QUAD) समूह के प्रतिनिधियों की बैठक और उसकी एकता देखकर रूस चौंकन्‍ना हुआ है। इस समूह के पहले श‍िखर सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्‍सा लिया था। इस वर्चुअल बैठक में दक्षिण चीन सागर में चीन के दखल पर खुलकर चर्चा रही। क्वाड के प्रमुख चार देशों ने एक सुर में इसकी निंदा की। अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन ने चीन की अक्रामकता की निंदा की थी और सहयोगी देशों से एकजुट होने की अपील की थी। क्वाड देशों की एकता चीन को ही नहीं रूस को भी अखरी है। चीन ने क्वाड बैठक के बाद इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी। रूस यह जानता है कि दक्षिण एशिया में भारत उसका प्रमुख और भरोसेमंद सहयोगी रहा है। दक्षिण एशिया की राजनीति में भारत का अहम रोल है। उन्‍होंने कहा कि मॉस्‍को यह भलीभांति जानता है कि दक्षिण एशिया की राजनीति में भारत की अनदेखी नहीं की जा सकती है। ऐसे में रूसी विदेश मंत्री इस बात को जरूर टटोलेंगे की भारत की अब नई रणनीति क्‍या है। ।2- एंटी मिसाइल सिस्‍टम एस-400 पर होगी नजर । प्रो. पंत ने कहा कि शीत युद्ध के दौरान और उसके बाद भी रूस भारत का भरोसेमंद दोस्‍त था। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत अपने सैन्‍य-साजों समान का एक बड़ा हिस्‍सा रूस से खरीदता था। रूस की यह हिस्‍सेदारी 90 फीसद तक थी। भारत अभी भी 60 फीसद सैन्‍य साजों समान रूस से ही खरीदता है। अमेरिका के विरोध के बावजूद भारत और रूस के बीच एंटी मिसाइल सिस्‍टम एस-400 को लेकर बड़ी डील हुई है। हालांकि, इस रक्षा डील को लेकर अमेरिका ने भारत का जबरदस्‍त विरोध किया है। इसके बावजूद भारत अपने स्‍टैंड पर कायम है। इस बैठक में रूसी विदेश मंत्री भारत के रुख को भांपने की कोशिश करेंगे। दोनों देशों के बीच एस-400 पर वार्ता पर अमेरिका की भी पैनी नजर होगी। + + 3- अफगान शांति वार्ता और तालिबान बड़ा फैक्‍टर ।शीत युद्ध की समाप्ति के बाद रूस की दिलचस्‍पी अफगानिस्‍तान में भले ही कम हो गई हो, लेकिन मध्‍य एशिया में उसके हित अभी भी बरकरार है। इसलिए शांति वार्ता के जरिए वह मध्‍य एशिया में अपने हितों को साधने में जुटा है।  मध्‍य एशिया का इलाका रूस के लिए रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा के नजरिए से काफी अहम और उपयोगी है। रूस के लिए मध्‍य एशिया में शांति और स्थिरता के लिए अफगान में शांति बहाली बेहद जरूरी है। भारत उन मुल्‍कों में शामिल है, जो अफगान शांति वार्ता का अहम हिस्‍सा है। हाल में रूस पर यह आरोप लगाए गए थे कि रूस, भारत को इस शांति वार्ता में शामिल करने के लिए राजी नहीं है। हालांकि, बाद में रूस ने इसका खंडन किया था। ऐसे में रूस शांति वार्ता में भारत के दृष्टिकोण को भी समझना चाहेगा। खासकर तब जब रूस तालिबान का सम‍र्थक रहा है और भारत इसका घोर विरोधी। इसलिए वह तालिबान के प्रति भारत के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करेगा। ।4- संबंधों को सामान्‍य करने पर रहेगा जोर । गत वर्ष भारत और रूस के बीच होने वाली सलाना शिखर बैठक का आयोजन नहीं किया गया था। उस वक्‍त दोनों देशों के बीच रिश्‍तों में थोड़ा खिंचाव था। चीन सीमा विवाद पर भी रूस की चुप्‍पी से इन संबंधों में शिथिलता आई थी। उधर, अमेरिका और अन्‍य यूरोपीय देशों ने इस मामले में चीन की निंदा की थी। उस वक्‍त भारत को रूस के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन रूस ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। हाल के दिनों में रूस का झुकाव चीन की ओर रहा है। इतना ही नहीं रूस भारत की चिंताओं को दरकिनार कर पाकिस्‍तान के साथ सैन्‍य अभ्‍यास करने में लगा है। दोनों देशों के बीच सैन्‍य अभ्‍यास 2020 में हुआ था। अब जबकि अफगानिस्‍तान में पाकिस्‍तान समर्थक तालिबान की सत्‍ता में वापसी की गुंजाइस बन रही है तब रूस, पाकिस्‍तान के साथ करीबी रिश्‍ता बनाने को इच्‍छुक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f16ff1d2fa24458fcba05bfa079b47a8ff4db045 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बंगाल में मैनेजमेंट सिर्फ संगठनात्मक ही नहीं, पर भरोसा करने पर ज्यादा टिका।पूरे देश में अब अकेले पश्चिम बंगाल ही ऐसा प्रदेश है, जहां चुनाव हिंसामुक्त नहीं हो पाया है, बल्कि भय हमेशा से चुनाव पर हावी रहा है। चुनाव आयोग और केंद्रीय बलों की लाख कोशिशों के बावजूद वोटर ही नहीं उम्मीदवारों को भी डराने-धमकाने का काम जारी है। ऐसे में खासकर इस क्षेत्र में भाजपा का माइक्रो मैनेजमेंट भी थोड़ा बदला हुआ है। यहां का मैनेजमेंट केवल संगठनात्मक नहीं, बल्कि भरोसा पैदा करने पर ज्यादा टिका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f28ce46a0096e1450506c1ccb744d89902f5a780 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +घुसरीपाड़ा के सुमित राय कहते हैं कि कटाव प्रभावित लोग किसी तरह जीवन गुजार रहे हैं। इसी गांव के ईश्वर व जीवन सिंह तथा शिवपुर के तारेश मंडल को उम्मीद है कि राज्य में बदलाव होगा तो उनलोगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। हालांकि अमीरूल इस्लाम भेदभाव की बातों से इन्कार करते हैं। वे कहते हैं कि सभी प्रभावितों को लाभ जरूर मिलेगा। बहरहाल, विधायक के दावे में कितना दम है यह चुनाव के परिणाम से स्पष्ट हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98b23845c8aa7abcb14d07293eb2430dbeb0f704 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73433.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री शाह नक्सलगढ़ के कैंप बासागुड़ा तक पहुंचे। धुर नक्सल इलाके में पहुंचने वाले वह पहले केंद्रीय मंत्री हैं। शाह और भूपेश के बासागुड़ा तक पहुंचने से माहौल बदल गया है। शाह ने साफ कर दिया है कि शहादत बेकार नहीं होने देना है। नक्सलियों के गढ़ में इतनी दूर तक पहली बार घुसे हैं तो और आगे बढ़ो और उन्हें नेस्तनाबूद कर दो। शाह ने सीधे शब्दों में कहा-यह युद्ध है, आप तय करें कि कैसे लड़ना है। केंद्र और राज्य की सरकार आपके साथ हैं। + +मुख्यमंत्री ने तो यह भी बता दिया है कि टारगेट के इलाके क्या हैं। इंद्रावती टाइगर रिजर्व, अबूझमाड़, बीजापुर और सुकमा के तेलंगाना से सटे इलाके में नक्सली कथित तौर पर समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल पार्क और माड़ से उनका पत्ता काट देंगे। फोर्स अब इन इलाकों को ध्यान में रखकर रणनीति बना रही है। बीजापुर और सुकमा के जंगल में नक्सलियों की बटालियन वन सक्रिय है। माड़ में उनकी दूसरी बटालियन है। दोनों बटालियन के इलाके में एक साथ बड़ा प्रहार करने की योजना बनाई जा रही है।  ।बड़े नक्सली नेता निशाने पर। बीजापुर में तीन अप्रैल को फोर्स नक्सली कमांडर हिड़मा की तलाश में निकली थी। हिड़मा तो बच गया पर उसके कई साथी मारे गए। पर फोर्स ने यह संदेश दे दिया है कि अब कोई भी इलाका नक्सलियों का सुरक्षित इलाका नहीं है। हिड़मा के कंट्रोल वाले इलाके में फोर्स ने तर्रेम में कैंप बनाया है। जल्द ही सिलगेर में भी कैंप बनाने की योजना है। हिड़मा के गढ़ के अलावा अबूझमाड़ के दुर्गम जंगलों को भी भेदने की तैयारी है। प्रहार-3 में फोर्स की योजना नक्सली नेताओं को टारगेट करने की है। दो या तीन जगह एक साथ आपरेशन चलेगा। ।स्थानीय स्तर पर बनेगी रणनीति ।अमित शाह ने जगदलपुर और बासागुड़ा की बैठकों में रणनीति पर कोई बात नहीं की। बस यही कहा कि आगे बढ़ो। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से कहा कि रणनीति तो यहीं के स्तर से बनेगी। अब जिला या संभाग स्तर पर आपरेशन की रणनीति बनाई जाएगी। सूचना मिलते ही फोर्स धावा बोल देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..821da8411288ef261120c5ea0bffd59d80877dee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73438.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [विनय तिवारी]। मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी ने सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि देश और प्रदेश की राजधानी तक में अपराध को अंजाम दिया। पुलिस रिकार्ड के अनुसार तीन राज्यों के 10 जनपदों के 21 थानों में मुख्तार के खिलाफ कुल 46 मुकदमेे दर्ज हैं। ये सभी मुकदमे माफिया मुख्तार की कारगुजारियों की पोल खोलते हैं। + +इसके अलावा उस पर देश के तमाम राज्यों में मुख्तार अंसारी पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी के लिए धमकी, दंगा भड़काने, धोखाधड़ी करने, सरकारी व निजी संपत्तियों पर कब्जा करने, अवैध वसूली, असलहों, मछली कारोबार, विविध वस्तुओं की तस्करी, गैंगस्टर, क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, मकोका, एनएसए के अलावा अन्य गंभीर आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11a7ac88463f6955a8bdae3a37b33ce1ca1f01ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73441.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से जूझते हुए 15 महीने हो चुके हैं। इसके बाद भी दुनिया के कई देश इसकी दूसरी और तीसरी लहर से परेशान हैं। वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की कोशिश है कि वो उन गरीब देशों में जो अपने दम पर इस महामारी से मुकाबला नहीं कर सकते हैं, में तेजी से कोविड-19 वैक्‍सीन उपलब्‍ध करवाए। लेकिन इसमें उसको कई तरह की चुनौतियों से दो-चार होना पड़ रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक संगठन को अपनी मुहिम में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ।एक्‍सपोर्ट कंट्रोल ।महामारी के पहले वर्ष के दौरान ही विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इससे निपटने के लिए कमर कस ली थी। इसके तहत संगठन ने सिरींज और वैक्‍सीन के रखरखाव की योजना पर काम करना शुरू कर दिया था। संगठन ने कई देशों में इसको लेकर काम शुरू किया था। लेकिन अब इन देशों ने वैक्‍सीन उत्‍पादन से जुड़ी चीजों के एक्‍सपोर्ट पर कंट्रोल लगा दिया है। कोवैक्‍स योजना की कम्‍यूनिकेशन ऑफिसर डायने अबाड वर्गरा का कहना है कि कई देशों ने एक्सपोर्ट पर कंट्रोल लगाया हुआ है जिसकी वजह से वैक्‍सीन की आपूर्ति में कमी आ रही है। इसका असर कीमतों पर भी पड़ा है। संगठन ने महामारी को देखते हुए इस तरह का कंट्रोल खत्‍म करने की मांग भी की है। ।वैक्‍सीन के रखरखाव की परेशानी ।संयुक्‍त राष्‍ट्र की खबर के मुताबिक संगठन ने जिन देशों में कोवैक्‍स योजना के तहत वैक्‍सीन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है उनमें अधिकतर देशों में वैक्‍सीन के रखरखाव की सुविधा मौजूद नहीं है। यूनिसेफ के कोवैक्‍स कॉ-ऑर्डिनेटर ज्ञान गांधी के मुताबिक वैक्‍सीन को विभिन्‍न देशों तक पहुंचाने के लिए ऐसे विमानों की जरूरत जो वैक्‍सीन को सही रख सकें। घाना वो पहला देश था जहां पर कोवैक्‍स योजना के तहत वैक्‍सीन उपलब्‍ध करवाई गई थी। यहां पर इसका डिस्‍ट्रीब्‍यूशन भी सही से हुआ है। लेकिन पश्चिम अफ्रीका के कुछ दूसरे देशों में इसमें दिक्‍कत नजर आ रही है। गांधी का कहना है कि संगठन की कोशिश है कि कोई भी वैक्‍सीन से वंचित न रहे। संगठन के मुताबिक शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में वैक्‍सीन की अधिक खुराक मुहैया करवानी चाहिए। वैक्‍सीन में देरी या उसके रखरखाव में आने वाली परेशानी का अर्थ है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स सुरक्षित नहीं हैं। + +वित्‍तीय मदद ।संगठन की कोवैक्‍स योजना के तहत दुनिया के 190 देशों में कोरोना वैक्‍सीन को उपलब्‍ध करवाना है। इसके लिए संगठन को सवा 3 अरब रुपये की जरूरत है। इसमें पूरी दुनिया का सहयोग संगठन को चाहिए। इमसें ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों ने वित्‍तीय मदद दी है। संगठन की तरफ से ये भी कहा है कि 92 देशों में वैक्‍सीन मुहैया करवाने के लिए संगठन को 2 अरब रुपये की अतिरिक्‍त जरूरत होगी। इस पैसे का इस्‍तेमाल संगठन की तरफ से फ्रंटलाइन वर्कर्स को ट्रेनिंग देने, वैक्‍सीन कोसुरक्षित रखने के उपकरण खरीदने, वैक्‍सीनेटर पर खर्च आदि पर खर्च किया जाना है। संगठन की तरफ से इसके लिए 510 मिलियन की तुरंत जरूरत बताई है। इसके लिए विश्‍व से अपील की गई है कि वो इस कमी को पूरा करवाने में अपना योगदान दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e64d97a81c537e2b12c670ad94db1f667a7b31b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73442.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (एएनआई)। भारत में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को देखते हुए सोशल मीडिया पर काफी कुछ ऐसा दिखाया जा रहा है जिसमें कोई सच्‍चाई नहीं है। हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के हवाले से कहा गया था कि भारत में 15 अप्रैल तक इस वायरस के संक्रमण से 50 हजार मौत हो सकती हैं। वीडियो के मुताबिक संगठन ने इसको लेकर भारत को आगाह किया था। लेकिन अब वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन के रिजनल ऑफिस फॉर साउथ ईस्‍ट एशिया की तरफ से इस वीडियो का खडंन करते हुए इसको झूठा करार दिया गया है। संगठन की तरफ से कहा गया है कि इस वीडियो में कोई सच्‍चाई नहीं है और न ही संगठन ने इस तरह की कोई चेतावनी जारी की है। + +आपको बता दें कि भारत में दो दिन पहले कोरोना संक्रमण के एक दिन में एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। बीते एक वर्ष में ये सबसे अधिक है। पिछले वर्ष एक ही दिन में सबसे अधिक 97 हजार मामले सामने आए थे। इस बार कोरोना की दूसरी लहर ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसको देखते हुए केंद्र और राज्‍य सरकारें पूरी तरह से सजगह हैं। कई राज्‍यों में कोरोना की इस लहर को देखते हुए स्‍कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है और साथ ही कुछ राज्‍या में आंशिक लॉकडाउन भी लगाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73443.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73443.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fcaf19caf7360c852f05d0d0f9c0311b962cab8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73443.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Chennai Super Kings team Preview: इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स ने 11 सीजन खेले हैं। 12वें सीजन के लिए टीम तैयार है, लेकिन सिर्फ एक बार टीम के साथ ऐसा हुआ है जब टीम टॉप 4 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई है। ये सीजन आइपीएल का पिछला सीजन था, जो संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में खेला गया था। ऐसे में खिताबी चौके का सपना देख रही सीएसके के लिए थोड़ी मुश्किल होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99198a3c09713cf346791bbc3cc7f283bf8bd522 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनका कहना है।डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि परीक्षाओं, पंचायत चुनाव व कोरोना संक्रमण बढ़ने से मिशन गौरव कार्यक्रम अटक गया है। अभी किसी विद्यालय में आयोजन कराए भी नहीं जा सकते। क्योंकि विद्यार्थियों की परीक्षाएं भी सिर पर हैं। साथ ही सामूहिक तौर पर आयोजनों को कराने के निर्देश भी नहीं हैं। बोर्ड से आदेश आने के बाद मिशन गौरव पर विचार किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c3a55b593b450b52716a771d449493cc80d6665 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73447.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगाने का एलान किया है। जारी ताजा आदेश के मुताबिक, मंगलवार रात से लेकर आगामी 30 अप्रैल तक 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। मिली जानकारी के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्‍ली में नए कोरोना वायरस और पहले से ही मौजूद कोविड-19 के चलते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Delhi Disaster Management Authority) ने कड़ा फैसला लिया है। DDMA ने दिल्ली में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दिल्ली में रात कर्फ्यू लगाया है। इसके तहत सार्वजनिक स्थान पर लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का कोई भी जमाव रात 10:00 बजे से सुबह 5 बजे तक नहीं हो सकेगा। इस दौरान किसी तरह की कोई सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक गतिविधि नहीं हो सकेगी। + +बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देशभर में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने तो मिनी लॉकडाउन का एलान किया है, तो उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी है। वहीं, दिल्ली में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। आइये जानते हैं नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन क्या है अंतर?।नाइट कर्फ्यू क्या होता है।सामान्य तौर पर नाइट कर्फ्यू बेहद गंभीर स्थिति में लगाया जाता है। इस दौरान आम लोगों को अपने घरों से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है। वहीं, दिन में कर्फ्यू के दौरान स्कूलों के साथ कॉलेज और बाजार सब बंद रहते हैं, लेकिन नाइट कर्फ्यू में कुछ छूट बहुत कम देर के लिए दी जाती है। नाइट कर्फ्यू के दौरान सिर्फ वही सेवा चालू रहती है, जो बेहद जरूरी हों। मसलन, मेडिकल और अन्य जरूरी सेवाएं चालू रहती हैं। नाइट कर्फ्यू के तहत लोगों को हिदायत होती है कि वे अपने घरों से बाहर सड़कों पर न निकलें। भीड़ इकट्ठा नहीं हो। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले की गिरफ्तारी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। दिल्ली में भी यह प्रावधान है।  ।Night Curfew In Delhi: दिल्ली में आज से नाइट कर्फ्यू, साथ ही छूट का भी हुआ एलान।लॉकडाउन की स्थिति।गौरतलब है कि लॉकडाउन स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई जाने वाली एक आपातकाल व्यवस्था होती है। हालांकि, इसका आदेश शासन स्तर से होता है। लॉकडाउन के दौरान बेहद जरूरी सेवा बंद नहीं की जाती हैं। पिछले साल मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना के चलते देश के कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन किया गया था। वहीं, बैंक, डेयरी, दवा, राशन, फल-सब्जी जैसे जरूरी सामान के लिए दुकानें खुली हुई थीं। लॉकडाउन के दौरान प्रशासन द्वारा लोगों से घर में रहने की अपील की जाती है, उन्‍हें केवल आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सुविधाएं जारी रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ebda1bb7d40a2bb8beac4f8f3e0a2aa4f3bf95d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, तनु गुप्ता। माता की विशेष आराधना के दिन बस चंद कदम दूर हैं। 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो रहीं हैं। इस बार माता की पूजा नौ दिन की नहीं बल्कि दस तक होगी। देवी भगवती की आराधना में उपवास का विशेष महत्व बताया गया है। भक्त नौ दिन तक व्रत उपवास रखते हैं। लेकिन क्या सिर्फ अन्न का त्यागना की उपवास की पूर्णता है? इस बाबत धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी बताते हैं कि एक वाक्य में यदि उपवास की परिभाषा समझनी है तो  उपवास विश्रांती और रोगप्रतिकारक शक्ति में वृद्धि का उपाय है। नवरात्रि में उपवास करके गहन ध्यान में स्थित हो जाएं और सात्विक ऊर्जा का लाभ उठाएं। दूसरे शब्दों में कहें तो हम भगवान को प्रसन्न करने के लिए उपवास नहीं करते, बल्कि हमारे शरीर को शुद्ध करने के लिए करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd760dde0f5c0c2f1fe8a7056716e2cdb053caa0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73449.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद रेल मंडल में 30 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के स्थान पर मेमू चलाने का प्रस्ताव है। रेल प्रशासन खर्च में कटौती करने, कम स्टाफ में अधिक ट्रेन चलाने, दैनिक यात्रियों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचाने के ल‍िए योजना तैयार की है। देश के अधिकांश क्षेत्रों में रेलवे ने विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। योजना के अनुसार इन क्षेत्रों में पैसेंजर ट्रेन को हटाकर मेमू चलाई जाएगी। पैसेंजर ट्रेन चलाने में दो चालक की आवश्यकता होती है, जबकि मेमू चलाने में एक चालक की आवश्यकता होती है। रेलवे कम चालक में अधिक ट्रेनें चला पाएगा। मेमू को रोकने में कम समय लगता है और चलने पर बहुत जल्‍द गति पकड़ लेती है। इसी कारण सभी स्टेशनों पर रुकने के बाद भी मेमू कम समय में गंतव्य स्थान तक पहुंच जाती है। मेमू के कोच में अधिक यात्र‍ियों के भी सफर करने की सुविधा होती है। सभी कोच आपस में जुड़े रहते है। टिकट चेकिंग स्टाफ सभी यात्रियों की आसानी से टिकट भी चेकिंग कर सकते हैं। इस योजना के तहत मुरादाबाद मंडल से मेमू चलाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। रेल मंडल में 51 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं। + +इन रेलवे मार्ग पर चलेगी मेमू।30 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर मेमू चलाने की योजना है। इसमें प्रमुख रूप से चन्दौसी-मुरादाबाद, मुरादाबाद-गजरौला, गजरौला-नजीबाबाद, रोजा-बरेली, देहरादून-सहानपुर, ऋषिकेश-हरिद्वार, कोटद्वार-नजीबाबाद पैसेंजर शामिल हैं। इसके साथ ही सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर को स्थायी रूप से बंद करने की योजना है। इस ट्रेन को चलाने में रेलवे का खर्च ज्‍यादा होता है। मेमू चलाने पर यात्रा समाप्त वाले स्टेशन पर इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं होगी। मेमू में आगे पीछे इंजन लगा होता है। इससे मेमू के गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद कुछ मिनट में वापस भी चलाई जा सकती है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर विद्युतीकरण वाले मार्ग पर मेमू ट्रेन चलाई जानी प्रस्तावित है। मुख्यालय का आदेश मिलते ही मेमू ट्रेन को चलाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73450.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73450.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9630a3caf0473a55e7417f75ec6c04113d422173 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73450.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बल्लेबाजी में दमदार खिलाड़ी टीम की ताकत ।इस टीम की सबसे बड़ी ताकत इसके युवा विस्फोटक बल्लेबाज हैं जो मैच का रुख बदलने का हुनर जानते हैं। कप्तान रिषभ पंत की आतिशी पारियों के दिग्गज भी कायल हैं। ओपनर पृथ्वी शॉ ने हालिया विजय हजारे ट्रॉफी में फॉर्म हासिल किया है। 227 रन की नाबाद पारी खेलने के साथ एक सीजन में सबसे ज्यादा 827 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया। अनुभवी शिखर धवन, मार्कस स्टोइनिस और शिमरोन हेटमायर जैसे तूफानी बल्लेबाज हैं। + +टीम की कमजोरी।कभी कभी जो टीम की ताकत होती है वही उसकी कमजोरी भी बन जाती है। आतिशी बल्लेबाजों से सजी टीम के लिए बल्लेबाज ही कमजोर कड़ी साबित हो जाते हैं। पंत, पृथ्वी, हेयमायर जैसे बल्लेबाज बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में कई बार गलत समय पर विकेट गंवा देते हैं। इन सभी बल्लेबाजों को संभलकर खेले की रणनीति के साथ उतरना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73453.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73453.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5ad62ac674a09a4beb880281ebeacd7dd5118ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73453.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्वालियर, अजय उपाध्याय। कौन सा खिलाड़ी किस खेल में पदक जीत सकता है या यूं कहें कि आगे जा सकता है, यह पहले ही पता चल जाएगा। ग्वालियर स्थित लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एलएनआइपीई) के पूर्व वाइस चांसलर (अब श्रीश्री अनुरुद्ध देव स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी असम के कुलपति) डा. जेपी वर्मा ने एक अनोखी रिसर्च की है जिसका फायदा देश को मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80c2d43010c38ae05ad82ba7cbae75e4a893ca1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल हो चुके हैं। गांव की पिछली सरकार द्वारा मतदाताओं को सपने तो दिखाए गए, लेकिन धरातल पर विकास कार्य का पहिया नहीं घूम सका। फिर गांव की नई सरकार बनाने के लिए प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। वे मतदाताओं को विकास के तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं लेकिन निरंतर गिर रहे भूजल स्तर को रोकने के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि ने प्रयास नहीं किया है। वर्तमान में फतेहाबाद ब्लाक में स्थिति यह है जलस्तर 400 फीट नीचे पहुंच गया है। इस ब्लाक में पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में यह ब्लाक बूंद-बूंद पानी को तरस जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3d9547f598627d0967409618ceb5e7d125bb507 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भूपर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव: भूजल विशेषज्ञ बीबी त्रिवेदी का कहना है कि लगातार भूजल दोहन से भूगर्भ में मौजूद बालू, चिकनी मिट्टी, सिल्ट की विभिन्न अदृश्य तहों में धीरे-धीरे जो बदलाव आ रहे है, वह भूपर्यावरण के लिहाज से लखनऊ सहित प्रमुख शहरों के लिए बेहद चिंताजनक व संवेदनशील स्थिति है। भविष्य में इन शहरों में जमीन फटने जैसी गंभीर पर्यावरण घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। शहरों में कंक्रीट के कारण निरंतर बढ़ रहे दोहन से ऊपरी स्ट्रेटा पूरी तरह से सूख गया है। वहीं, गहरे स्ट्रेटा से भूजल का वह हिस्सा खाली किया जा रहा है, जो हजारों साल पहले हिमालय से रिचार्ज होकर गंगा बेसिन के भूजल भंडारों में संचित है। हकीकत यह है कि लगातार दोहन से खाली हो रहे इन भूजल भंडारों की भरपाई नामुमकिन है। भूपर्यावरण के नजरिए से यह खतरे की घंटी है। भूजल विशेषज्ञ एक दशक पूर्व ही सरकार को आगाह कर चुके हैं, किंतु यह विडंबना है कि नीति निर्धारकों और जिम्मेदार विभागों ने इन अध्ययन निष्कर्षों पर अभी तक गौर नहीं किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4a515cc696eae13d788ec7782f4c6de0d236db6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देहरादून, कुशल कोठियाल। Uttarakhand Forest Fire News उत्तराखंड में इस मर्तबा अक्टूबर से जंगल धधक रहे हैं। शीतकालीन सूखे की यह स्वाभाविक परिणति मानी जा रही है। आग इस कदर भयावह है कि सरकार को केंद्र से मदद मांगनी पड़ी और अब इस पर काबू पाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर मोर्चा संभाल रहे हैं। पांच अप्रैल तक राज्य में आग की 1,128 घटनाओं में 1,538 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा। आग से 82 हेक्टेयर में हुआ पौधरोपण राख हो गया, जबकि 9,560 बड़े पेड़ों को नुकसान पहुंचा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a728e9b9f3ad98d0703ba1dce7f42ff570585d6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73460.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और आज तीसरे चरण का मतदान हो रहा है। इस चुनावी चौसर पर हिंदू-मुस्लिम पर दांव सभी पार्टियों की ओर से खेला जा रहा है। सूबे में चुनावी मुद्दा हरे कृष्ण, ममता बेगम, मीर जाफर, गोत्र, चंडी पाठ, जयश्रीराम, कलमा, मंदिर और मजार के इर्द-गिर्द घूम रहा है। ऐसा नहीं कि केवल तृणमूल और भाजपा के बीच ध्रुवीकरण का खेल चल रहा है। इसमें फुरफुरा शरीफ के मुस्लिम धर्मगुरु पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को साथ लेकर वाममोर्चा व कांग्रेस भी पीछे नहीं है। + +नंदीग्राम में जिस तरह से 70 बनाम 30 (70 प्रतिशत हिंदू और 30 फीसद मुस्लिम) को लेकर खेल हुआ है, उसके बाद ऐसा लग रहा है कि बाकी के चरणों में ध्रुवीकरण का खेल जबर्दस्त होने वाला है। दरअसल एक तरफ भाजपा नेता ‘जयश्रीराम’ के नारे बुलंद करते हुए मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को तुष्टीकरण के मुद्दे पर घेर रहे हैं, वहीं तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने तो तृणमूल प्रमुख को ‘ममता बेगम’ संबोधित कर विभाजन की रेखा और बड़ी करने की कोशिश की है। उधर, ममता भी पीछे नहीं हैं। वे सुवेंदु को ‘मीर जाफर’ और ‘गद्दार’ कहने के साथ-साथ खुद को भाजपा नेताओं से बड़ा हिंदू और ब्राह्मण सिद्ध करने की कोशिश कर रही हैं। वे मंच से ‘चंडी पाठ’ तो दूसरी ओर ‘कलमा’ पढ़ रही हैं। कहीं अपना ‘गोत्र’ तक बता रही हैं। अब तक वह 20 से अधिक मंदिरों का भी चक्कर लगा चुकी हैं। मजारों को भी नहीं भूल रही हैं। अपने संबोधनों में भाजपा को दंगाई, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने वाली पार्टी के साथ-साथ बाहरी, खुद को घर की बेटी और व्हील चेयर पर बैठकर पैर में लगी चोट को भाजपा का हमला बताने का भी दांव खेल रही हैं। यही नहीं, चुनाव आयोग और केंद्रीय बलों को भी कठघरे में खड़ा करने से परहेज नहीं कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तो हर दिन सभाओं में ऐसी-ऐसी बातें कह रही हैं, जिसे लिखा भी नहीं जा सकता। मतदाताओं को भाजपा का भय दिखा रही हैं। वहीं भाजपा ‘जयश्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे बुलंद कर हिंदू मतदाताओं को गोलबंद कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1957089847f4084e353ffc8e9e8e5644a1e176dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73461.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद घुसपैठ की आशंका फिर बढ़ गई है। हैरानी यह है कि इस पृष्ठभूमि में गृह मंत्रलय द्वारा पिछले माह मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश को जारी की गई एडवाइजरी को नजरअंदाज करते हुए मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने ‘शरणार्थियों’ को शरण देने की वकालत की है। जम्मू की ही तरह दिल्ली में भी अनेक जगहों पर बसे हुए घुसपैठियों की जांच-पड़ताल और धरपकड़ शुरू हुई है। उल्लेखनीय है कि ये वही रोहिंग्या हैं जिन्होंने अपनी नृशंसता से म्यांमार के रखाइन प्रांत को हिंदू-विहीन कर दिया है। + +रोहिंग्या म्यांमार के बांग्लाभाषी मुसलमान हैं। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में इनकी संलिप्तता के सबूत मिलते रहे हैं। ये लोग बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसकर देश के विभिन्न भागों असम, बंगाल, जम्मू, दिल्ली और हैदराबाद आदि में फैल गए हैं। जम्मू उनका सबसे पसंदीदा स्थान है, क्योंकि यहां की फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी और गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों को उनके बसने से राजनीतिक लाभ मिलता रहा है। इसलिए इन सरकारों ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की आगे बढ़कर अगवानी की है और उन्हें वोट के बदले में तमाम तरह के लाभ दिए हैं। + +ये घुसपैठिये न सिर्फ स्थानीय संसाधनों पर बोझ हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा हैं। जिन साधनों और संसाधनों पर भारतवासियों का प्राथमिक अधिकार है, उनका उपयोग ये लोग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे राजनीतिक आकाओं से समर्थन मिला हुआ है। हालांकि तमाम राष्ट्रवादी संगठन इन आपराधिक प्रवृत्ति के अवैध घुसपैठियों को इनके देश म्यांमार वापस भेजने की मांग करते रहे हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण की आदी सेक्युलर सरकारें उनकी इस मांग को नजरअंदाज करती रही हैं। एक रोहिंग्या घुसपैठिये मोहम्मद सलीमुल्ला ने एक ‘विख्यात’ वकील के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन की इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। साथ ही, गृह मंत्रलय को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वह अनौपचारिक शिविरों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से तत्काल और तीव्र गति से शरणार्थी पहचान पत्र जारी करे, ताकि इन ‘शरणाíथयों’ का उत्पीड़न न हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0aa2e0f28dfd3141adc7977a97dbca4fe8fde1a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। Delhi Air Pollution वायु प्रदूषण से दिल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के 26 शहरों का भी दम घुट रहा है। इन सभी शहरों में पीएम 2.5 प्रदूषक तत्वों का सालाना औसत स्तर तय मानकों से बहुत ज्यादा है। सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा गाजियाबाद की है। भिवाड़ी, नोएडा, बागपत और फरीदाबाद की हालत भी चिंताजनक है। हालांकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कुछ वर्षो की तुलना में आंशिक सुधार हुआ है, लेकिन अब भी सुधार की दरकार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3b766c0a2a30e36ac45fac7c4dc8d211be5ee01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73463.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मामला सिकंदरा के रुनकता इलाके के एक गांव का है। यहां पर सवर्ण जाति का प्रेमी दलित समाज की विवाहित प्रेमिका से मिलने गया था। विवाहिता के ससुराल वालाें ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया। दोनों की खंबे से बांधकर जमकर पिटाई लगा दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रेमी और विवाहिता को चंगुल से छुड़ाया।उन्हें थाने लाने पर विवाहिता ने प्रेमी का पक्ष लेते हुए ससुराल वालों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। + +इस घटना के बाद से गांव के लोग उपर से भले ही शांत दिखाई दे रहे हों। मगर, अंदर खाने वह एक दूसरे के समर्थित प्रत्याशी को जीतते देखना नहीं चाहते हैं। इससे उम्मीदवारों के सामने भी मुश्किल पैदा हो गई है।ग्राम प्रधान की सीट एससी के लिए आरक्षित है। यहां से एससी का उम्मीदवार खड़ा होगा। गांव में एससी, सवर्ण और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका में हैं।प्रत्याशी इस समीकरण को अपने पक्ष में करने का गणित लगा रहे थे। इसमें काफी हद तक सफल हाेने का दावा कर रहे थे। ।वहीं इस घटना के बाद एक तीसरा समीकरण उभरने लगा है। दोनों की लड़ाई में कहीं तीसरा न जीत जाए, ग्रामीण इसकी भी प्रबल संभावना जता रहे हैं। जीत किसकी होगी, यह तो मतदाताओं के हाथों और भविष्य के गर्भ में है। मगर, चुनावी मौसम में इश्क की इस घटना ने उम्मीदवारों की नींद उड़ा दी है। प्रेमी और विवाहिता का भविष्य क्या होगा इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, उसी तरह इस गांव में उम्मीदवारों का भविष्य क्या होगा इसे लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e04130e612e251a24ae05dd697251d1eb6efdce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिभावकों और शिक्षकों से भी चर्चा।प्रधानमंत्री आवास के बाहर शूट किए गए इस वीडियो में पीएम मोदी कुछ टिप्स भी देते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, 'दरअसल परीक्षा जीवन को गढ़ने का एक अवसर है, लेकिन समस्या तब होती है, जब हम परीक्षाओं को जीवन के सपनों का अंत मान लेते है।' इसके अलावा इस वीडियो में वह तनाव और खाली समय के सदुपयोग की भी छात्रों की सीख देते नजर आ रहे है। पीएम मोदी इस मौके पर छात्रों के साथ अभिभावकों और शिक्षकों से भी चर्चा करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b63a8b7656f9069e6a5a62767acd93c760dc3ae1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्‍तान में लगातार कोविड-19 का कहर बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्‍तान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्‍तान में कोरोना संक्रमण के अब तक 692231 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 21928 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलााव 615960 मरीज ठीक भी हुए हैं। यहां पर एक्टिव मामलों की बात करें तो इनकी संख्‍या 249841 तक जा पहुंची है जिनमें से 1451 मामलों को बेहद गंभीर श्रेणी में डाला गया है। ।कोरोना की खतरनाक होती स्थिति पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी चिंता जाहिर की है। उन्‍होंने कहा है कि लोग कोविड-19 की रोकथाम को बनाए नियमों को ताक पर रख रहे हैं। इसकी वजह से मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्‍होंने लोगों को आगाह किया है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो देश मुश्किल में घिर जाएगा। लोगों के सवालों का जवाब देते हुए और देश के नाम संदेश देते हुए इमरान खान ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर मजबूर हो रही है कि पाबंदियों को बढ़ाया जाए, क्‍योंकि लोग महामारी के प्रति लापरवाह हो रहे हैं। ।उन्‍होंने कहा कि ऐसा उन्‍होंने खुद महसूस किया है कि लोग सड़कों पर निकलते हुए किसी तरह का नियम फॉलो नहीं कर रहे हैं। लोगों का ये रवैया पूरे देश को मुश्किल में डाल देगा। हम लोगों पर पाबंदियां नहीं लगाना चाहते हैं, लेकिन उन्‍हें बचाना जरूर चाहते हैं। इमरान खान ने ये भी कहा कि वो लॉकडाउन नहीं लगा रहे हैं। इससे हमारी इंडस्‍ट्री बंद हो जाएगी और इसका बुरा असर अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ेगा। यदि मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो हमें इसके लिए भी मजबूर होना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc92ead927fc0c9b3d4cc8e5e8fed74ca1adf22f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले चुनाव की बात करें तो यहां से तृणमूल कांग्रेस के आलोक कुमार माझी जीते थे, जबकि फारवर्ड ब्लॉक के नंदलाल पंडित हार गए थे। इस बार नंदलाल फिर मैदान में उतरे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने आलोक कुमार को गलसी की जगह जमालपुर से उतारा है, जबकि रायना के विधायक रहे नेपाल घोरूई को गलसी का प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने पहले यहां से तपन बागदी के नाम की घोषणा की थी, लेकिन ऐन मौके पर निर्णय बदलते हुए शिक्षक विकास विश्वास को टिकट दे दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c5b06c7dd5ca221181737063dbfb36b1c11e046 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73477.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार रात दिल्ली पहुंच गए। उनकी यह यात्रा तब हो रही है जब दोनों देशों के ऐतिहासिक और बेहद मजबूत रिश्तों में कुछ तनाव आने के संकेत दिख रहे हैं। लावरोव की मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात होगी जिसमें तमाम द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा ब्रिक्स, एससीओ और आरआइसी (रूस, भारत, चीन) जैसे संगठनों की भावी बैठकों को लेकर भी चर्चा होगी। बैठक में रूस से खरीदे जाने वाले एंटी मिसाइल सिस्टम एस-400 को लेकर भी चर्चा होगी। साथ ही भारत की कोशिश होगी कि अफगानिस्तान में चल रही शांति समझौते की प्रक्रिया को लेकर भी रूस का पक्ष जाना जाए कि वह भारत की कितनी अहमियत दे रहा है। + +भारत रूस से अपनी जरूरत का 60 फीसद सैन्य साजों-समान है खरीदता ।पाकिस्तान लावरोव की यात्रा को अपनी एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर पेश कर रहा है। जानकारों का कहना है कि लावरोव की इस्लामाबाद यात्रा अफगान शांति वार्ता में पाकिस्तान को केंद्र में लाने के साथ ही रूस, चीन के साथ पाकिस्तान के मजबूत हो रहे गठबंधन की तरफ इशारा करती है। कई अंतरराष्ट्रीय जानकार यहां तक लिख रहे हैं कि अमेरिका और चीन के बीच बंट रहे वैश्विक समुदाय का आगाज हो रहा है। एक तरफ अमेरिका, भारत, जापान, आस्ट्रेलिया व दूसरे लोकतांत्रिक देश होंगे और दूसरी तरफ चीन, रूस, पाकिस्तान, तुर्की जैसे देश। कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि भारत अब रूस का बड़ा हथियार खरीदार देश नहीं रहा, ऐसे में रूस पाकिस्तान को अपने भावी बाजार के तौर पर देख रहा है। वैसे भारत अभी भी रूस से अपनी जरूरत का 60 फीसद सैन्य साजों-समान खरीदता है। एक दशक पहले यह 90 फीसद था। अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद भारत ने एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम खरीदने का फैसला किया और अभी तक इस पर अडिग है। इसकी आपूर्ति अगले वर्ष से होने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a2b33561d0940d72d9f169f26d3b9351e2b783c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बड़े काम की टेक्नोलॉजी ।दुनियाभर में जहाजों की हिफाजत के लिए चाफ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसका प्रयोग हुआ था। यह रडार काउंटरमेजर टेक्नोलॉजी है। इसके तहत किसी रॉकेट की मदद से हवा में चाफ मटेरियल का धुआं बना दिया जाता है। इसमें एल्युमीनियम, मेटलाइज्ड ग्लास फाइबर या प्लास्टिक आदि का इस्तेमाल होता है। यह धुआं दुश्मन के रडार पर उसके टारगेट की तरह दिखने लगता है। कई बार रडार पर एक साथ कई टारगेट नजर आने लगते हैं। दुश्मन की मिसाइल को इसकी मदद से आसानी से रास्ते से भटकाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b44736b53cb59e2dee565d6af634308b7f3502c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। दांतों के इलाज, मुख कैंसर के साथ गले में दिक्कत पर अंदर तक देखकर बेहतर इलाज मुहैया कराने में अब फ्लेक्सिबल (लचीला) जॉ ओपनिंग डिवाइस मददगार बनेगी। इससे कई बार कम या ज्यादा मुंह खुलने, उपचार करते समय अचानक बंद होने से खड़ी होने वाली समस्या खत्म होगी। मरीज को बार-बार मुंह खोलने व बंद करने की दिक्कत से भी छुटकारा मिलेगा। ये डिवाइस तैयार की है आइआइटी कानपुर और लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के विशेषज्ञों ने। इसका पेटेंट भी कराया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4024afc5a4dcdb92dc26a2fefe07b0885e265314 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73494.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाहरी दिल्ली, [संजय सलिल]। बाहरी रिंग रोड पर हैदरपुर बादली मेट्रो स्टेशन के समीप रेलवे पुलिया की कम चौड़ाई सुगम आवागमन में अवरोध पैदा कर रही है। अब पुलिया की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। इसके लिए लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव को यूनीफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (इंजीनियरिंग एंड प्लानिंग) सेंटर (यूटीपैक) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। ।अब प्रस्ताव को लेकर लोक निर्माण विभाग का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग व टाटा पावर दिल्ली डिस्टिब्यूशन लिमिटेड आदि के साथ बैठकें चल रही हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभिन्न विभागों के बीच आपसी सहमति के बाद योजना का अंतिम खाका तैयार कर उसे दोबारा यूटीपैक में पेश किया जाएगा और वहां से अंतिम मंजूरी मिलते ही टेंडर निकाल कर कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा। हालांकि इन सब प्रक्रियाओं में कितना वक्त लगेगा, फिलहाल यह तय नहीं है। ।दरअसल वर्ष 2019 में ही सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संस्था गुरु हनुमान सोसायटी आफ इंडिया के महासचिव अतुल रणजीत कुमार ने यातायात पुलिस को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान दिलाया था। तब यातायात पुलिस के बाहरी परिक्षेत्र के उपायुक्त रहे राकेश पावारिया ने इसके लिए उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक सहित लोक निर्माण विभाग को प्रस्ताव भेजकर पुलिया की चौड़ाई बढ़ाने की जरूरत बताई थी। वर्ष 2019 में योजना की फिजिबिलिटी जांच के लिए नियुक्त सलाहकार कंपनी ने भी यातायात दबाव के अध्ययन के बाद रेलवे पुलिया की चौड़ीकरण का सुझाव दिया था। ।एक से दो किमी लंबा लग रहा जाम ।बादली मोड़ से लेकर प्रशांत विहार तक 3.8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कारीडोर बनाने का मकसद यह था कि मुकरबा चौक से मधुबन चौक की ओर वाहनों को लाल बत्तियों पर रुकने की झंझट से मुक्ति मिल सके, लेकिन पुलिया की चौड़ाई कम होने से पीक समय में मेट्रो स्टेशन के पास एलिवेटेड रोड से लेकर निचली सड़क पर एक से दो किलोमीटर तक का लंबा जाम लग रहा है। ।एलिवेटेड रोड व निचली सड़क के वाहन पुलिया पर जब एक साथ पहुंचते हैं तो उनकी रफ्तार थम जाती है। एलिवेटेड रोड पर प्रति घंटा एक हजार वाहन गुजरते हैं, जबकि पीक समय में यह संख्या बढ़कर तीन से चार हजार तक पहुंच जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34c476b3318c1db514c11711ec8fe6568bece6f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक महिला के महंगाई के बाबत सवाल किए जाने पर इमरान खान ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति लगातार सुधर रही है। इसलिए देश की जनता को डरना नहीं चाहिए। सरकार जल्‍द ही बढ़ती कीमतों को काबू में कर लेगी। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने जरूरी चीजों की कीमतों पर चेक लगाया है। लाहौर में इसकी शुरुआत हो चुकी है और जल्‍द ही ये देश के दूसरे शहरों में भी शुरू हो जाएगा। पहली बार देश की अर्थव्‍यवस्‍था स्थिर है और रुपया भी मजबूत हो रहा है। रुपये और डॉलर की कीमत में आई दूरी का असर पावर जनरेशन पर पड़ा है। डीजल की कीमतें बढ़ी हैं और इसकी वजह से दूसरी चीजों की कीमतों पर भी फर्क आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d8eded9fd1d665e63b0e665f8b1e78cef4d3417 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। टीकाकरण के बीच दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। नए स्ट्रेन के मामले भी देखे जा रहे हैं। इस वजह से हालत एक बार फिर बिगड़ने लगीे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारणों, उसे रोकने के उपाय और टीकाकरण के मुद्दे पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया से रणविजय सिंह ने बातचीत की। पेश है उसका अंश: । कोरोना का बढ़ता संक्रमण कितना चिंताजनक है, इसके क्या कारण हैं?। -कोरेाना का बढ़ता संक्रमण बेहद चिंताजनक है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों में कोरोना का डर बिल्कुल खत्म हो गया है। लोग इस बात से दुखी हो गए कि वे बाहर घूमने, शॉपिंग करने व खाना खाने नहीं जा सकते। इसलिए लोगों ने कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना छोड़ दिया है। कई लोगों ने मास्क लगाना भी बंद कर दिया। वायरस तो कहीं गया नहीं था। उसके अनुकूल वायरस को जैसे ही मौका मिला, फैलना शुरू हो गया। देश में 70 फीसद आबादी में कोरोना की एंटीबाडी नहीं बनी है। दिल्ली में भी करीब 50 फीसद लोगों में एंटीबाडी विकसित नहीं हुई है। इस वजह से उनमें संक्रमण हो सकता है। फरवरी में मामले कम हुए तो लोगों ने सोचा कि अब मास्क पहनने, नियमित रूप से हाथ धोने व भीड़ में जाने से बचने की जरूरत नहीं है। इसलिए मामले अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a026a09939f76ad7482db08fc6c0f0ed59b1f0f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73499.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [आलोक मिश्र]। जीवन के आखिरी पड़ाव पर बुजुर्ग किसी अपने के ही सहारे कदम बढ़ाते हैं, पर इसी निर्णय में वे कई बार छल लिए जाते हैं। ताउम्र की कड़ी मेहनत से जुटाई गई संपत्ति आंखों के सामने होती है और नजरों में शूल की तरह चुभ भी रही होती है। वजह, भरोसे के बदले मिल रहा तिरसकार होता है। बड़े से मकान के किसी एक कोने या फिर गराज में पड़े बुजुर्ग की हर सांस से आह निकल रही होती है और वह बेबस होता है। उत्तर प्रदेश में अब ऐसे बुजुर्ग असहाय नहीं होंगे। बुजुर्गों के हितों के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ नया कानून लाने जा रही है। कानून उन्हें किसी अपने को तोहफे अथवा दान में दी गई संपत्ति वापस लेने का अधिकारी देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c45fd9f0b95974950bd6836b651be786a7c46cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ईटाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार इस इंटिमेट लेकिन खास फंक्शन में कपूर और भट्ट खानदान के करीबी दोस्त और फैमिली मेंबर्स ही नजर आएंगे। अपने निजी शादी समारोह को ध्यान में रखते हुए इस शाम में रणबीर और आलिया के करीबी दोस्त, इंडस्ट्री के कुछ फ्रेंड्स और परिवार के सदस्य ही शामिल होंगे। पर आलिया रणबीर ने अपनी शादी को जितना सीक्रेट रखा उससे बता पाना मुश्किल है कि आखिर रिसेप्शन की असल डेट है क्या। ।बता दें कि पहले, ऐसी अटकलें थीं कि रणबीर-आलिया कोलाबा के ताज होटल में एक भव्य समारोह की मेजबानी कर सकते हैं। फिर ऐसी भी अफवाहें थीं कि यह जोड़ा बांद्रा में ताज लैंड्स एंड में एक फंक्शन की योजना बना सकता है, लेकिन अब इस प्लान को कैंसिल कर दिया गया है। इसके बजाय, रणबीर, आलिया और कपूर और भट्ट परिवार एक प्राइवेट फंक्शन करेंगे, जहां करीबी दोस्त और रिश्तेदार इन दोनों के एक साथ आने का जश्न मनाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75e54984404513878c8af2fb611d48ce5584a8a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73500.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। घाव पर पट्टी बंधी हो तो हकीकत का पूरा अंदाजा नहीं होता। जख्म कितना गहरा है, या नासूर बन चुका है, पता नहीं चलता। कभी कुछ रिस आए तो चर्चा जरूर छिड़ जाती है। मुख्तार अंसारी को लेकर उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकारों के बीच बीते कुछ महीनों से जो चल रहा है, वह जख्म का मामूली रिसाव था, लेकिन एंबुलेंस प्रकरण ने हकीकत से पर्दा उठा दिया है। पूरी तरह उठने में जरूर समय लग सकता है। + +बात इतना अधिक प्रतीकों में न करनी पड़ती यदि इस बीच पृष्ठभूमि का एक कालखंड व्यतीत न हो चुका होता। यह पुराना मर्ज है, जिसका योगी राज में काफी कुछ इलाज हो चुका है। अब सर्जरी का आखिरी दौर बाकी है तो पुरानी पट्टियां खोली जा रहीं और घाव परखे जा रहे। किसी पुराने पत्रकार या सत्ता के गलियारों में विचरने वाले फुर्सतियों से पूछिए तो बता देगा कि उत्तर प्रदेश की सियासत में यह जख्म तब गहरे हुए थे, जब अपराधी नेताओं के बूथ मैनेजमेंट का हिस्सा हुआ करते थे। कैंपेन की कमान संभालते थे, संसाधनों का जुगाड़ करते थे और बदले में सफेदपोशों का संरक्षण पाते थे। इस संरक्षण के बूते ही अपराधियों ने अपना समानांतर साम्राज्य खड़ा कर लिया। + +अपने नाकारापने और जनता से संवाद टूटने के कारण धीरे-धीरे जो सफेदपोश इनकी कमान संभालते थे, अपराधियों ने बागडोर उनके हाथ से लेकर खुद संभालनी शुरू कर दी। यह उत्तर प्रदेश में वह दौर था जब कांग्रेस कमजोर हो रही थी और सामाजिक न्याय के नाम पर जातीय नायकों का उभार हो रहा था। इन नायकों का मुखौटा पहनकर कई अपराधी भी राजनीति में सीधे दाखिल हो गए। कुछ रॉबिनहुड की शक्ल में भी आए। अपराध का संगठित नेटवर्क और सियासत, दोनों पर इनका कब्जा हो गया। मुख्तार अंसारी का इतिहास बताने की जरूरत नहीं, पर इतना समझ लीजिए कि वह उस दौर के ‘लास्ट मुगल्स’ की श्रेणी में आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae621d2d51324f65cbe1ed7331fc3c4dbc6fb75a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लौटते समय बेहद सुंदर हो जाती है मैना।गुलाबी मैना का सिर, छाती व पूंछ काले रंग की होती है, जिस पर नीले व बैंगनी रंग की चमक होती है। इसका पिछला हिस्सा, छाती के नीचे का हिस्सा व पेट का रंग पीला गुलाबी होता है। इसकी चोंच पीली तथा पंजे चमकीले गुलाबी रंग तथा आंख की पुतली भूरे रंग की होती है। भारत से लौटते समय गुलाबी मैना बेहद सुंदर हो जाती है, क्योंकि उसके प्रजनन का समय नजदीक होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db667ecca3d00714c52e24e960346de8cdd54288 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73505.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + -दिल्ली कैपिटल्स अब बहुत मजबूत टीम मानी जाने लगी है, लेकिन श्रेयस अय्यर का चोटिल होना और अक्षर पटेल का कोरोना पॉजिटिव होना टीम के लिए कितना बड़ा झटका है?।--इसमें कोई शक नहीं कि श्रेयस अय्यर की हमें कमी खलेगी, क्योंकि उनकी कप्तानी में हम लोग पिछले साल फाइनल भी खेले। लेकिन, मैं इसके लिए बस दुख ही जाहिर कर सकता हूं, क्योंकि मैं भी चोटिल हुआ था तो मैं जानता हूं कि चोटिल होने पर किसी खिलाड़ी की क्या भावनाएं होती हैं। उनके लिए हमारी पूरी टीम और प्रबंधन की ओर से शुभकामनाएं हैं कि वह जल्दी से फिट होकर वापस टीम में आएं। हालांकि, इससे युवा कप्तान के रूप में रिषभ पंत को मौका मिला है। उनके पास अपने को और बेहतर बल्लेबाज और कप्तान साबित करने का मौका है। + +-जब रिषभ की आलोचना हो रही थी उसके बाद से आपने उनमें क्या बदलाव देखा है?।--रिषभ के अंदर मैंने जो पिछले चार-पांच महीनों में बदलाव देखा है, उनके अंदर परिपक्वता आई है। पिछली बार हम बात भी कर रहे थे वह कैसे परिपक्वता ला सकते हैं, कैसे वह अपनी बल्लेबाजी में सुधार कर सकते हैं, लेकिन अब वो चीजें उनके अंदर आई हैं। इससे यह पता चलता है कि वह अच्छे के लिए अपने को बदलना चाहते हैं। अब वह काफी धैर्य रखना सीख गए हैं। पहले जब हम बात करते थे तो वह थोड़े में ही बेचैन हो जाते थे। लेकिन अब उन्होंने धैर्य रखना सीख लिया है और यह उनकी बल्लेबाजी में भी दिख रहा है, उनके स्वभाव में भी दिख रहा है। आपने देखा होगा कि पिछली बार जब वह भारत के लिए खेल रहे थे तो कितने अच्छे से बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने फिटनेस पर भी काम किया है। वह काफी अनुशासित भी हुए हैं। जिस तरह से वह भारतीय टीम के लिए मैच विजेता बनकर आए हैं, मैं चाहूंगा कि वैसे ही वह हमारे लिए मैच विजेता बनकर आएं। वह अपनी कप्तानी के अंदर हमें इस बार आइपीएल जिताएं और उन्हें हम सब का सहयोग मिलेगा। ।-युवा कप्तान की अगुआई में खेलने का क्या फायदा होता है और उसमें सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी कितनी बढ़ जाती है?।--जूनियर खिलाड़ी जब कप्तान बनते हैं तो सीनियर खिलाड़ी के लिए सबसे अच्छी बात यह होती है कि वह आपसे आपकी गेंदबाजी के बारे में पूछते हैं कि आप गेंदबाजी में क्या करना चाहते हैं या आपको लगता है कि कुछ सही नहीं हो रहा है या कुछ बदलाव करना चाहते हैं तो आप सीधे जाकर उनसे बोल सकते हैं और वे उस बात को सुनते हैं, उस पर अमल करना या ना करना परिस्थिति पर निर्भर करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a4ca82e7dea0656a217a00f5a8a7fb94805de15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73506.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रधानमंत्री मोदी ने केरल में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की एलडीएफ द्वारा सोने की तस्करी से प्रदेश की जनता को धोखा देने की तुलना जुडस द्वारा ईसामसीह को दिए धोखे से की। उन्होंने एलडीएफ और यूडीएफ दोनों पर ईसाई धर्म में प्रचलित ‘सेवेन-सिंस’ अर्थात सात-पाप करने का आरोप लगाया। सबरीमाला मंदिर और जल्लीकट्टू के समर्थन द्वारा उन्होंने जनता से जुड़ने की कोशिश की। मोदी ने ‘फ्रास्ट’ अर्थात फिशरीज व फर्टलिाइजर, एग्रीकल्चर, आयुर्वेद, स्किल डेवलपमेंट व सोशल-जस्टिस, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी द्वारा विकास को भी मुद्दा बनाया। असम में भी सीएए, एनआरसी, घुसपैठिए, डी-वोटर्स और ‘अजमल’ को असम की पहचान बनाना आदि मुद्दे हैं जो ‘असमिया-अस्मिता’ को केंद्र में लाते हैं। बंगाल में मतदाताओं की राजनीतिक निष्ठाएं जल्दी बदलती नहीं। उन्होंने 34 वर्षो(1977-2011) तक मार्क्‍सवादी-वामपथी दलों और 10 वर्षो से तृणमूल कांग्रेस (ममता बनर्जी) को सत्ता में रखा है। लेकिन इस बार वहां सत्ता-परिवर्तन की सुगबुगाहट है। वामपंथी-दलों का जनाधार ‘सर्वहारा’ मजदूर और गरीब रहा है। + +यदि वह आर्थिक-रूप से संपन्न हो जाए तो वाम-दलों का जनाधार खत्म हो जाता है। अत: वामपंथी सरकारों ने औद्योगिक विकास नहीं होने दिया। परिणामस्वरूप, बंगाल के मजदूरों को मजबूरन वामपंथ छोड़ विकास हेतु ममता की ओर आना पड़ा। ममता ने वामपंथी जनाधार में शामिल मुस्लिमों को वोट-बैंक के रूप में रख लंबी राजनीतिक पारी खेलने की रणनीति बनाई। वे वामपंथी मतदाताओं में तालमेल बैठाने की जगह मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की नीति पर चल पड़ी। लिहाजा ममता का जनाधार सांप्रदायिक आधार पर दरकने लगा। 2014 व 2019 लोकसभा तथा 2015 विधानसभा चुनावों में दलित और पिछड़े-वर्ग के मतदाता ममता से कटने और भाजपा से जुड़ने लगे। मुर्शिदाबाद, मालदा और नार्थ-दीनाजपुर में मुस्लिम आबादी हंिदूू जनसंख्या को पार कर गई है। दैनिक जीवन में हिंदू-मुस्लिम संघर्षो में मुस्लिमों को संरक्षण दे ममता सरकार ने हिंदुओं में असुरक्षा का भाव भर दिया। ममता के विकास कार्यो पर हिंदू समाज में बढ़ती असुरक्षा भारी पड़ गई है। ममता ने बाहरी-भीतरी का जो मुद्दा भाजपा के विरुद्ध उठाया, वह स्वयं उन पर भारी पड़ सकता है क्योंकि नंदीग्राम में भाजपा के सुवेंदु के मुकाबले वे बाहरी मानी गई हैं। अत: बंगाल चुनावों में विचारधारा और विकास महत्वहीन तथा अस्मिता व सुरक्षा प्रधान मुद्दे हो गये हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3267146bb825924b92f6b1b459b6a10f2f1fdae0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73507.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनीला (रॉयटर्स)। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने फिलीपींस में अपनी कोरोना वैक्‍सीन की इमरजेंसी के तौर पर इस्‍तेमाल की इजाजत के लिए अपील की है। इसकी जानकारी वहां के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (एफडीए) ने दी है। एफडीए के डायरेक्‍टर जनरल रोलांडो एनरिक डोमिंगों ने पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि फार्मा कंपनी ने अपील के साथ बुधवार को सरकार को इसके समर्थन में अपने दस्‍तावेज सौंपे थे। इन पर फिलहाल विचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि जहां कोविड-19 की रोकथाम को अब तक सामने आई वैक्‍सीन की दो खुराक दी जाती हैं वहीं जॉनसन एंड जॉनसन की बनाई कोरोना वैक्‍सीन को केवल एक ही खुराक दी जाती है। फिलीपींस में इससे पहले छह और कंपनियां अपनी वैक्‍सीन के लिए इमरजेंसी में इस्‍तेमाल के लिए इजाजत को अपील कर चुकी हैं। + +वर्ल्‍डओमीटर के मुताबिक फिलीपींस में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 795051 मामले सामने आ चुके हैं और 13425 मरीजों की मौत भी हो चुकी हैं। अब तक देश में 646100 मरीज ठीक भी हुए हैं। यहां पर एक्टिव केस की बात करें तो इनकी संचया 135526 हैं जबकि आंकड़ों के मुताबिक 785 काफी गंभीर हैं। फिलीपींस में कोरोन संक्रमण का पहला मामला फरवरी 2020 में सामने आया था। इसके बाद यहां पर लगातार मामले बढ़ रहे हैं। 2 अगस्‍त को यहां पर 1 लाख मरीज थे जबकि 26 अगस्‍त को यहां र मामले बढ़कर 2 लाख हो गए थे। इसके ठीक एक माह के बाद देश में कोरोना के एक लाख मरीज बढ़ गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e728de51564f8521179833fcf10cfcb24edc1cf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73508.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/सोनीपत [डीपी आर्य] गैंगस्टर रामकरण मामले की जांच अब सेना तक पहुंच सकती है। रामकरण के घर से प्रतिबंधित हथियारों के कारतूस बरामद किए गए थे। इन कारतूसों का प्रयोग सेना व सुरक्षा एजेंसियां ही करती हैं। सीआइए-2 की पूछताछ में रामकरण ने स्वीकार किया है कि उसने हथियार और कारतूस मेरठ के हथियार माफिया से खरीदे थे। रामकरण ने हथियारों का सौदा होने वाले स्थान का सत्यापन करा दिया है। आरोपित की तलाश में पुलिस की दो टीम उत्तर प्रदेश में छापामारी कर रही हैं। रामकरण और उसके गुर्गें अमित ने कई महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस को दी हैं। + +रामकरण ने पूछताछ में किए बड़े खुलासे। रामकरण की गिरफ्तारी के बाद इस संबंध में पूछताछ हुई। वहीं उसका शार्प-शूटर अमित उर्फ मीता पकड़ा गया। इनके पास से बुलेटप्रूफ कार और बुलेटप्रूफ जैकेट पकड़ी गई। सीआइए की पूछताछ में सामने आया कि असलाह और कारतूस मेरठ से खरीदे गए थे। मेरठ से ही बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदी गई थी। रामकरण ने अवैध हथियार और कारतूस माफिया की जानकारी दे दी है। जिस स्थान पर इनका सौदा हुआ था, उसका सत्यापन भी करा दिया गया है। हथियार माफिया मेरठ का है। मेरठ में ही सेना का मुख्यालय है। इसको जांच अधिकारी जोड़कर देख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73509.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b07548840a137c61fe7faa323912bd3cc31647d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सर्वे करा रहा नगर निगम।नगर निगम में शामिल गांवों में सर्वे कराकर सरकारी व निजी भवनों पर गृहकर लगाया जा रहा है। कुछ गांवों में वसूली भी हो चुकी है। इसके अलावा ग्राम सभा की जमीनों को नगर निगम ने अपने अधीन करना शुरू कर दिया है। इसके लिए जमीनों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। जमीन पर कब्जे की सूचना पर नगर निगम की टीम तत्काल पहुंचती है। पिछले दिनों गांव एलमपुर में निगम ने करोड़ों की भूमि को कब्जा मुक्त कराया था। इन जमीनों पर कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट स्थापित कराए गए। अब धौर्रा ग्राम सभा में कार्रवाई की है। यहां भी प्रोजेक्ट लगने हैं। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि नगर निगम अपनी संपत्तियों की निगरानी कर रहा है। चूंकी अब 19 गांवों में सरकारी संपत्तियां भी नगर  निगम के अधीन है, इसीलिए उन क्षेत्रों में भी निगरानी रखी जा रही है। राजस्व टीमाें के साथ जमीनों की पैमाइश कराकर निगम अपना कब्जा ले रहा है। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b4375f07d6f2684f075fe562a4c14288d8b298b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक के बाद एक नेताओं के पीडीपी छोड़ने पर महबूबा ने अब मान लिया है कि उनकी पार्टी के लिए यह समय चुनौतियों भरा है। मुजफ्फर हुसैन बेग के पीडीपी छोड़ने का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि पार्टी के लिए यह नुकसान था। जम्मू-कश्मीर के लिए चुनौतियां वाला समय है। पीडीपी में भी ऐसी चुनौतियां हैं। हम इन चुनौतियों से उबर कर मजबूत बनेंगे। बेग पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। वह अपनी पत्नी के साथ गत दिनों पीपुल्स कांफ्रेंस में शामिल हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0e856d7db9167a30d1f72160c1fa59aa048ad63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक डॉक्‍टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि यदि गरीब देशों को कोरोना वैक्‍सीन समय पर और सही मात्रा में नहीं मिलेगी तो इस जानलेवा महामारी को खत्‍म करने में न सिर्फ दिक्‍कत आएगी बल्कि इसमें अधिक देरी भी होगी। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस से दो दिन पहले किए गए एक ट्वीट में उन्‍होंने वैक्‍सीन की हर देश में जरूरत और इसकी उपलब्‍धता पर जोर दिया है। ।उन्‍होंने कहा है कि मौजूदा समय में हमें स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर खतरों को समझना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4062574169de95c5bd82074f6b057eb8af3dc6bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +(कुमार प्रशांत) स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव से चलें हम और अभी जिन पांच राज्यों में चुनाव का हंगामा मचा है, उस तक का सिलसिला देखें तो हमारे लोकतंत्र की तस्वीर बहुत सुनहरी नहीं दिखाई देती। अब हो यह रहा है कि हमारे लोकतंत्र में किसी को भी न लोक की जरूरत है, न मतदाता की। सबको चाहिए भीड़- बड़ी-से-बड़ी भीड़, बड़ा-से-बड़ा उन्माद, बेतहाशा शोर! लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदल कर सभी दल व सभी नेता मस्त हैं। सबसे कद्दावर उसे माना जा रहा है जो सबसे बड़ा मजमेबाज है। कुछ ऐसा ही आगत भांप कर संविधान सभा में बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था: लोकतंत्र अच्छा या बुरा नहीं होता है। वह उतना ही अच्छा या बुरा होता है जितने अच्छे या बुरे होते हैं उसे चलाने वाले!।कोई 70 साल पहले हमारी लोकतांत्रिक यात्र यहां से शुरू हुई थी कि हमें अपने मतदाता को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना पड़ता था। मुट्ठी भर धनवान मतदान करने जाने में अपनी हेठी समझते थे तो सामान्य मतदाता इसे व्यर्थ समझता था। यह दौर लंबा चला लेकिन सिमटता भी गया। फिर हमने चुनाव आयोग का वह शेषन-काल देखा जब आयोग की पूरी ताकत बूथ कैप्चरिंग को रोकने और आíथक व जातीय दृष्टि से कमजोर वर्गो को बूथ तक नहीं आने देने के षड्यंत्र को नाकाम करने में लगती थी। यह दौर भी आया और किसी हद तक गया भी। फिर वह दौर आया जब बाहुबलियों के भरोसे चुनाव लड़े व जीते जाने लगे। फिर बाहुबलियों का भी जागरण हुआ। उन्होंने कहा- दूसरों को चुनाव जितवाने से कहीं बेहतर है कि हम ही चुनाव में खड़े हों और हम ही जीतें भी? राजनीतिक दलों को भी यह सुविधाजनक लगा। सभी दलों ने अपने यहां बाहुबली-आरक्षण कर लिया। हर पार्टी के पास अपने-अपने बाहुबली होने लगे। फिर हमने देखा कि बाहुबलियों के सौदे होने लगे। सांसदों-विधायकों की तरह ही बाहुबली भी दल बदल करने लगे लेकिन बढ़ते लोकतांत्रिक जागरण, मीडिया का प्रसार, चुनाव आयोग की सख्ती, आचार संहिता का दबाव आदि-आदि ने बाहुबलियों को बलहीन बनाना शुरू कर दिया। वे जीत की गारंटी नहीं रह गये। यहां से आगे हम देखते हैं कि चुनाव विशेषज्ञों के ‘जादू’ से जीते जाने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7c7609276c4033f44cef9b06a0ce5f2a5b3ac19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73516.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे हुआ अध्ययन।1,300 वैसे लोगों पर अध्ययन किया गया जो दोबारा संक्रमित हुए थे। पाया गया कि इनमें से 58 यानी 4.5 फीसद को वास्तव में दोबारा संक्रमितों की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये 102 दिनों के भीतर दूसरी बार संक्रमित हुए। बीच में भी उनकी जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इनकी उम्र 20-40 वर्ष थी और 12 स्वास्थ्य कर्मी थे। आइसीएमआर के विज्ञानियों ने जिनोम विश्लेषण के बजाय मरीज की कम से कम 102 दिनों के बीच की दोनों रिपोर्ट का अध्ययन किया। अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का मानना है कि वायरल शेडिंग (शरीर में वायरस के विस्तार) में करीब 90 दिन लगते हैं। वायरल शेडिंग की आशंकाओं से निपटने के लिए विज्ञानियों ने 102 दिनों के भीतर एक अन्य जांच करवाई थी, जो निगेटिव निकली। हालांकि, जिनोम विश्लेषण के अभाव में इन 58 को दोबारा संक्रमण का पुष्ट मामला नहीं माना जाएगा। + +क्यों है उपयोगी।अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसके शरीर में स्थायी इम्यूनिटी विकसित होती है या वह कुछ समय बाद दोबारा संक्रमित हो सकता है। दोबारा संक्रमित होने की आशंकाओं का पता लगाना इसलिए भी जरूरी है ताकि इस महामारी से मजबूती के साथ लड़ा जा सके। इससे न सिर्फ महामारी से लड़ाई की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह समझना भी आसान हो सकेगा कि लोगों को और कितने समय तक मास्क व शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते रहना होगा। यह टीकाकरण अभियान में भी मददगार साबित होगा। भारत समेत दुनियाभर में दोबारा संक्रमण के मामले आ रहे हैं, लेकिन सभी इस श्रेणी में नहीं रखे जा सकते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..509ab9f3a43603266f9b5fa64d58b9da5d69ba42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है सुविधा। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 120 नए कोच खरीदे हैं। जिससे रेड (रिठाला-न्यू बस अड्डा गाजियाबाद), ब्लू (द्वारका सेक्टर 21-इलेक्ट्रानिक सिटी नोएडा) व येलो (समयपुर बादली-हुडा सिटी सेंटर) पर चलने वाली छह कोच की सभी मेट्रो ट्रेनें आठ कोच में तब्दील की जाएंगी। ब्लू लाइन व येलो लाइन पर पहले से भी ज्यादातर मेट्रो आठ कोच की हैं, लेकिन रेड लाइन पर अभी तक एक भी आठ कोच की मेट्रो नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df8426448a578032a4245aef3734be8ff957f8c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73519.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। एक अप्रैल से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के साथ ही दिल्ली, यूपी के साथ उत्तराखंड के  बीच सफर करने वालों को राहत मिली है।  वहीं, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए के लिए काम तेज हो गया है। दो साल के भीतर दिल्ली और मेरठ के बीच सफर करने वालों को रैपिड रेल का तोहफा भी मिल जाएगा। इस बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System for Rapid Rail) ट्रैक को बिछाने का काम तेज गति से शुरू हो गया है। ।आरआरटीएस ट्रैक बिछाने का काम शुरू। जागरण संवाददादा से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम निर्माण के मद्देजनर ट्रैक को बिछाने का काम धीरे-धीरे तेज हो रहा है। इस ट्रैक को बिछाने के दौरान हाइस्पीड रेल सिस्टम के लिए व्यापक रूप से प्रचलित अंतरराष्ट्रीय मानकों को तय किया गया है। गौरतलब है कि दिल्ली से मेरठ (Delhi To Meerut) के बीच चलने वाली रैपिड रेल (Rapid Rail) दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक से बनाई जा रही है। इसके साथ इस पर चलने वाली ट्रेन यात्रियों को सुरक्षा के साथ आरामदायक सफर का आंनद देगी। + +इस संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) प्रशासन ने बताया कि भारत में पहली बार ऐसी उन्नत ट्रैक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब के निर्माण के लिए मेरठ के शताब्दी नगर में प्री-कास्ट ट्रैक स्लैब फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है। इसे साइट पर ले जाया जाएगा और वायडक्ट स्लैब पर फिट किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90f5639b5f593fe08722043b608a8e5746cbd046 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73520.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह एतिहासिक गुरुद्वारा 35 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां करीब 500 सेवादारों के 150 परिवार रहते हैं। गुरुद्वारा परिसर में रहने के लिए सराय, ताल, लंगर भवन, गऊशाला व पार्किंग है। सराय में 148 कमरे हैं। गऊशाला में गोबर की नियमित उठान के साथ बायोगैस प्लांट में उपयोग होता है। बर्तनों की धुलाई का पानी भी टैंक में एकत्र किया जाता है। जिसे खेती में इस्तेमाल किया जाता है। यही नहीं, गुरुद्वारा परिसर में जमीन के नीचे छह छोटी-छोटी टंकियां बनाई हुई हैं। इन टंकियों में बर्तन धोने के बाद आने वाला पानी, गुसलखानों में नहाने में इस्तेमाल हुआ पानी, गऊशाला में गाय-भैंसों को नहाने में इस्तेमाल हुआ पानी एकत्र होता है। इस पानी को गुरुद्वारा परिसर में ही बने जलाशय से जोड़ा गया है।इस जलाशय में गाय-भैंसों का पेशाब, गोबर आदि भी पहुंचता है। जलाशय की तलहटी में चिकनी मिट्टी भी डाली हुई है, जिससे यह पानी खेती के लिए काफी फायदेमंद हो जाता है। इसी जलाशय के पानी से गुरुद्वारा परिसर में होने वाली खेती की सिंचाई की जाती है। दो साल पहले धार्मिक परिसरों में स्वच्छता के सर्वे में गुरुद्वारा गुरु का ताल को प्रदेश में प्रथम स्थान मिला था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4216e485d23386f4b7b1d77b2112d95601d46c80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें :-।बीएसएनएल उपभोक्‍ताओं को बड़ी राहत, मात्र 197 रुपये का रीचार्ज कर छह महीने तक रहें टेंशन फ्री, यहां पढ़ें पूरी ड‍िटेल।Panchayat Election 2021 : होमगार्ड भी कर सकते हैं चुनाव के ल‍िए दावेदारी, महिला-पुरुष दोनों श्रेणी में नामांकन भर सकते हैं किन्नर, देखें गाइड लाइन।Moradabad Today Horoscope : समाज में म‍िलेगा मान और सम्‍मान, कार्य में आएंगी रुकावटें, जान‍िए क्‍या कहते हैं आपके स‍ितारे।पढ़ने से लेकर सोने और खेलने का टाइम टेबल बनेगा बोर्ड परीक्षा में सफलता का आधार, आइये जानते हैं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए कैसे तैयारी करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd5e6d790f5f2c155afbe6ffd65df8a3e46aa1d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके बाद इस्‍लामाबाद में हुए सिक्‍योरिटी डायलॉग में पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि दोनों देशों को बीती बातें भुलाकर संबंधों को मजबूत करने की पहल करनी चाहिए। उन्‍होंने ये भी कहा था कि दोनों देशों को सभी मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए जिसमें कश्‍मीर भी शामिल है। हालांकि इस सिक्‍योरिटी डायलॉग में इमरान खान ने कहा कि संबंध सुधारने के लिए बातचीत की पहल भारत को करनी होगी। उनका ये बयान उस बयान से बिल्‍कुल अलग था जिसमें उन्‍होंने कहा था कि भारत एक कदम चलेगा तो पाकिस्‍तान दो कदम चलने के लिए तैयार है। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्‍तान दिवस पर बधाई दी और दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की पहल की। इसके बाद इमरान खान की तरफ से भी पीएम मोदी को पत्र लिखा गया था, जिसमें संबंधों को सुधारने की पहल की बात की गई थी। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच व्‍यापार की शुरुआत करने की कवायद शुरू हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d71521fbe1f759e20a4ef43dcdc400975f87c4fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सतीश चांडक, सुकमा। बड़ी वारदात थी। दुर्गम इलाका था। मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से प्रकाशित जागरण समूह के समाचार पत्र नईदुनिया की टीम रात तीन बजे ही मौका-ए-वारदात के लिए रवाना हो गई। घने जंगलों, नदी-नालों को पार कर जिला मुख्यालय सुकमा से करीब 100 किमी का सफर बाइक पर पूरा करने के बाद जब टीम घटनास्थल टेकलगुड़ा गांव पहुंची, तो अत्याधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने रोक लिया। पूछताछ के बाद जब संतुष्ट हो गए, तभी आगे जाने दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db929180de038ab3fb66dfbb7d82c16bf36104ac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। BSNL latest recharge plan : नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद बीएसएनएल राजस्व वसूली के नए लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभी से जुट गया है। मोबाइल उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए आकर्षक प्लान लाने शुरू कर द‍िए हैं। अब 197 रुपये का प्लान जारी क‍िया गया है। इस प्‍लान के तहत र‍िचार्ज कराने पर उपभोक्‍ताओं बहुत सी सेवाएंं म‍िलेंगी। यह प्‍लान उन्‍हें छह माह तक टेंशन फ्री रखेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7c5224626def1720ce69469e3b9b5770cc5720d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'विंक गर्ल' प्रिया प्रकाश वारियर दक्षिण भारतीय फिल्मों की एक जानी मानी अभिनेत्री हैं। अपने आंख मारने वाले वीडियो से रातों-रात पूरी दुनिया में मशहूर होने वाली प्रिया आज सोशल मीडिया सेंसेशन बन चुकी हैं। एक्टिंग के आलवा प्रिया प्रकाश सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन अपनी सिजलिंग एंड ब्यूटीफुल तस्वीरें और वीडियो फैंस के बीच शेयर कर उन्हों दीवाना बनाती है। हाल ही में जहां प्रिया ने अपनी टॉपलेस तस्वीरों से इंटरनेट पर आग लगाई थी। वहीं इसी बीच अब उनका एक लेटेस्ट वीडियो चर्चा में बना हुआ है। इस वीडियो में आप विंक गर्ल को खास अंदाज में देख सकते हैं। यहां देखें वीडियो...।प्रिया प्रकाश वारियर को हाल ही में अपने दोस्तों संग रूस में अपनी छुट्टी मनाते देखा गया। इस दौरान रूस से​ प्रिया ने अपनी कई तस्वीरें और वीडियो शेयर की हैं। इन्हीं में से उनका एक डांस वीडियो काफी चर्चा में बना हुआ है। इस वीडियो को प्रिया ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि प्रिया प्रकाश क्रीम की कलर की साड़ी के साथ लाल रंग ब्लाउज पहन धमाकेदार डांस करती नजर आ रही हैं। इस दौरान एक्ट्रेस का खास अंदाज काफी पसंद किया जा रहा है। उनका ये वी​डियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए प्रिया ने कैप्शन में लिखा, 'अपने अंदर के मलयाली को जगाने का बहाना...।' बता दें कि इस वीडियो में प्रिया एक मलयाली सॉन्ग पर डांस करती दिख रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2dbb5a5a0dc1b8978221b8c0e1e6109e3c5f57c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अब तक दो चरणों की वोटिंग की हो चुकी है और दोनों चरणों में बंपर मतदान हुआ है। ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में महिला मतदाताओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी मौजूदा विधानसभा चुनावों के नतीजों में अहम भूमिका निभा सकती है। यहां न केवल महिला मतदाताओं की संख्या 49 फीसदी से ज्यादा है, बल्कि चुनाव आयोग के ओर से प्रकाशित की गई अंतिम मतदाता सूची में लिंग अनुपात भी पिछले वर्ष की तुलना में 956 से बढ़कर 961 हो गया है। अन्य बड़े राज्यों में बंगाल ही ऐसा राज्य है, जहां चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी काफी ज्यादा रही है। ।बंगाल में महिला मतदाताओं की संख्या 49 फीसदी से ज्यादा।विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ना एक निर्णायक कारक बन सकती है। बंगाल में कुल 7,32,94,980 मतदाता हैं, जिनमें से 3,73,66,306 पुरुष और 3,59,27,084 महिलाएं हैं। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस राज्य की महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं।भाजपा ने महिला मतदाताओं पर दिया जोर हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा था कि बिहार की तरह यहां भी महिला मतदाता भाजपा को जीत का परचम लहराने में मदद करेंगी। ।भाजपा और तृणमूल लगातार महिलाओं को अपने पाले में खींचने की कर रहे कोशिश।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की ओर से महिलाओं को दिए गए सम्मान के कारण महिलाओं के मन में अच्छी छवि बनी है, जो कि साफ नजर भी आ रही है। यहां तक कि उस नंदीग्राम सीट में भी, जहां ममता बनर्जी खुद उम्मीदवार हैं। भाजपा के संकल्प पत्र में महिलाओं को ध्यान में रखकर कई घोषणाएं की गईं हैं। इनमें सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण, विधवाओं की पेंशन में वृद्धि, मुफ्त परिवहन और केजी से पीजी तक की मुफ्त शिक्षा शामिल है। ।महिलाओं पर ममता भी मेहरबान ।दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सरकार की विकासात्मक योजनाओं और भाजपा के शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई वृद्धि को उजागर करने के लिए 2019 के चुनावों के दौरान महिलाओं तक पहुंचने के लिए पार्टी के राजनीतिक मोर्चे पर बंग जननी नाम से अलग विंग बनाई थी। बंग जननी की महासचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पंजा कहती हैं, बंगाल में पिछले 10 सालों के अपने शासन में तृणमूल सरकार ने कन्याश्री जैसी कई योजनाएं लाईं, जिन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73532.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c29e0fe05295c508e3b63da1e86e6aa9f3767cfc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73532.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन। Tourism in Bihar: बिहार में राजगीर को इको टूरिज्म का बड़ा हब बनाए जाने को ले खास अंदाज में तैयारी तल रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में नेचर सफारी का उद्घाटन किया था। स्काई ब्रिज व अन्य आकर्षणों ले लैस नेचर सफारी के बाद अब बारी है 480 एकड़ में फैले राजगीर जू सफारी की। अगले दो महीने के भीतर यह शुरू हो जाएगा।  दिलचस्प यह है कि गुजरात के शेर को नालंदा के राजगीर में देखा जा सकेगा।  उड़ीसा के बाघ, तेंदुआ, हिरण की पांंच प्रजाति व बेफिक्र भालू को देखना है तो पहुंचिए राजगीर जू सफारी। + +गुजरात सरकार को लिखा जा रहा शेर के लिए।राजगीर जू सफारी के लिए शेर की व्यवस्था को ले राज्य सरकार गुजरात सरकार को पत्र लिख रही है। उड़ीसा का सरकार को भी बाघ के लिए लिखा गया है। तेंदुआ के आने पर सहमति बन गयी है। आधिकारिक तौर पर यह बताया गया कि पटना से मादा गैैंडा को गुजरात भेजा जाएगा और उसके बदले वहां से शेर और तेंदुआ आ जाएगा। पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान से भालू और हिरण को वहां पहुंचाया भी गया है। पांच प्रजाति के हिरण राजगीर जू सफारी में आप देख सकेंगे। कुछ हिरण वहां पहले से भी थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e1f74b5ffcc4f122cd48d9006de9079b134e0be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : कक्षा एक से आठ तक के सरकारी व निजी स्कूलों को कोरोना संक्रमण के चलते फिर से बंद किया गया है। ऐसे में आफलाइन माध्यम पर लौटी शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर आनलाइन मोड में आ सकती है। स्कूल संचालकों ने पहले तो बच्चों को स्कूलों में बुलाकर पढ़ाना शुरू किया मगर अब वह भी वापस आनलाइन पढ़ाई के लिए एप व उपकरणों को दुरुस्त कराने में जुट रहे हैं। ।कोरोना के बढ़ते कदमों ने बिगाड़ दी व्‍यवस्‍था।जहां प्रोजेक्टर व स्मार्ट क्लास बंद पड़ गई थीं, उनको वापस चालू करने पर काम किया जा रहा है। परीक्षाओं का समय सिर पर है, ऐसे में आनलाइन तैयारी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही थी कि चार अप्रैल के बाद स्कूलों का संचालन फिर शुरू होगा। मगर कोरोना के बढ़ते कदमों ने पढ़ाई की कदमताल बिगाड़ दी है। अब स्कूलों को 11 अप्रैल तक बंद करने का आदेश शासन से जारी कर दिया गया है। स्कूल संचालकों ने फिर से आनलाइन शिक्षा की ओर देखना शुरू कर दिया है। परीक्षाओं के समय स्कूलों में अवकाश से विद्यार्थी, स्कूल संचालक व अभिभावक सभी परेशान हैं। हर कोई चाह रहा है कि कोविड-19 से सुरक्षा के मानकों का पालन कराते हुए विद्यालयों को खोलने की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। कृष्णा इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंध निदेशक प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि आनलाइन पढ़ाई के अंदेशे को देखते हुए आनलाइन सेटअप वापस दुरुस्त कराया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73543.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8dce5e4395ccd5ef5836933a73b46d5ba210b54a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिवनगर कालोनी निवासी अलका निम का बचपन से सपना था कि वह समाज के लिए कुछ करें। जिससे समाज उन्हें याद रखें। सपनों को पूरा करने की शुरुआत वैसे तो उन्होंने शादी से पहले शुरू कर दी थी, लेकिन सपने शादी के बाद पूरे होने शुरू हुए। वर्तमान में वह दहेज उत्पीड़न के विरुद्ध दिन-रात लड़ाई लड़ रही हैं। बीएससी साइंस तक की शिक्षा इन्होंने प्राप्त की हुई है। अलका का मानना है कि समाज में दहेज प्रथा सबसे बुरी प्रथा है। देश में हर दूसरे दिन एक ना एक विवाहिता दहेज की बलि चढ़ती है। जिसको रोकने के लिए हर किसी को प्रयास करना होगा। शादी के बाद से ही अलका ने सपना पूरा करने के लिए समाजसेवा के कार्यों में ध्यान देना शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74cfd7f428b481f27e2343e706ed6cc1d3b291d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल पॉलीटेक्निक विद्यार्थियों का कैंपस चयन कर नौकरी देने की जिम्मेदारी निभाने वाला केंद्रीय प्लेसमेंट सेल खुद बेरोजगार है। कर्मचारी तो छोड़ि‍ए प्रभारी भी सेल में नहीं है। लखनऊ समेत प्रदेश के 10 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्लेसमेंट सेल करीब एक करोड़ की लागत से खुला है और उनकी देखरेख की जिम्मेदारी केंद्रीय प्लेसमेंट सेल को दी गई है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव सुनील चौधरी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते यह दिक्कत है। शीघ्र ही नियुक्ति कर दी जाएगी। केंद्रीय प्लेसमेंट सेल को नए कलेवर में लाने की तैयारी की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..953e7f56472769a4232808ef1eb9284e6d314449 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। जुनून, हां बेशक ये शब्द बिल्कुल सटीक रहेगा उस शख्स के लिए जो 75 वर्ष की उम्र की दहलीज पर खड़ा है। जो तीन दशकों से लगातार चुनावी रणक्षेत्र में उतरता है। हां उसके तरकश के तीर भले ही नहीं चल पाते लेकिन वो अंत तक रण में ही रहता है। आगरा के राज नगर नगला दुल्हे खां निवासी हस्नू राम अंबेडकर...जुनून और जोश का दूसरा नाम हैं। भले ही जीत ने उनके आंगन का कभी रुख तक न किया हो लेकिन वो चुनावी समर में उतरते हैं। इस बार भी जिला पंचायत चुनाव का नामांकन उन्होंने दाखिल कर दिया है। ये उनका 93 वां चुनाव होगा। अब देखना होगा कि जीत उनकी गली में आती है या नहीं। ।75 वर्षीय हस्नू राम आंबेडकरी। आगरा तहसील में अमीन पद पर कार्यरत थे। 1984-85 के दौर में उनके मन में चुनाव लड़ने की इच्छा हुइ। इसके चलते उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा लेकिन उन्हें ये कहकर मना कर दिया गया कि तुम्हें तो तुम्हारी पत्नी भी वोट नहीं देंगी। हस्नू राम बताते हैं कि बस वो दिन था और आज का दिन है। वोट मिले या न मिले हर बार चुनाव जरूर लड़ता हूं। हस्नू राम ने चुनाव लड़ने के जुनून के कारण अपनी नौकरी से भी त्यागपत्र दे दिया था। इस वर्ष आगरा में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए वार्ड  30 से उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वहीं उनकी पत्नी सूरमा देवी भी इस बार पहली बार चुनावी समर में उतरी हैं। उन्होंने नगला दुल्हे खां से प्रधानी के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। ।राष्ट्रपति से लेकर जिला पंचायत तक लड़ा चुनाव।हस्नू राम अंबेडकरी अब तक 93 बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह वर्ष 1984 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव को शौक के लिए लड़ने वाले अंबेडकरी ने 1988 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया था। ‌इसके बाद भी वे नहीं रुके। तब से लेकर अब तक वे लोकसभा, विधानसभा, मेयर, एमएलसी और जिला पंचायत के चुनाव हर बार लड़ते रहे। 2020 में हुए एमएलसी चुनाव में तो उन्होंने शिक्षक और स्नातक दोनों सीट से चुनाव लड़ा था। हर चुनाव में भले ही उनकी जमानत जब्त हो जाती हो, लेकिन वह जोर आजमाइश जरूर करते हैं। वह आगरा, फिरोजाबाद, फतेहपुरसीकरी से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं। खेरागढ़, दयालबाग, फतेहपुरसीकरी से विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं। नगर निगम के वार्ड सदस्य और पंचायत के भी चुनाव लड़ चुके हैं। ।ये हैं अंबेडकरी के मुद्दे।-पानी।-बिजली।-गृहकर ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad650e4cb813b18fe04acb22ee589fd87a61345b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वेदांत गोयल बताते हैं, मैं महाराष्ट्र के जिस विदर्भ क्षेत्र से आता हूं, वहां जल संकट एक बड़ी समस्या रही है। पढ़ाई के दिनों में अक्सर इससे दो-चार भी होना पड़ता था। मां से पूछता था कि आखिर इसका क्या समाधान है? एक दिन यूं ही सोचा कि क्यों न बच्चों को जल संकट के प्रति जागरूक किया जाए? 2012 में हमने ‘आईनीडसाई’ नाम से एक सामाजिक संगठन की नींव रखी, जिसके तहत बच्चों को डेंटल हेल्थ के प्रति जागरूक किया जाता था। ।आगे इसी को विस्तार देते हुए हमने पानी की बचत को लेकर एक अनूठा अभियान शुरू किया। सर्वप्रथम कुछ स्कूलों से संपर्क किया गया। पहले पहल तो वहां से उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। लेकिन हम मिशन पर लगे रहे। वेदांत वॉलंटियर्स की मदद से स्कूलों तक पहुंचते हैं। वहां मेन गेट पर एक ड्रम रखा जाता है और बच्चों से अपने पानी की बोतल का बचा हुआ पानी (घर लौटते समय) उसमें डालने को कहा जाता है। ।इस तरह जो पानी इकट्ठा होता है, उससे स्कूल, स्कूल बसों, शौचालय आदि की साफ-सफाई एवं पौधों को पानी दिया जाता है। वेदांत कहते हैं, बच्चों के साथ हम उनके अभिभावकों को भी समझाने की कोशिश करते हैं। उन्हें बताते हैं कि कैसे वे अपने घरों में भी जल की बचत कर सकते हैं। उसके फिजूल खर्च को कम कर सकते हैं। जैसे नल खोलकर ब्रश न करें, शावर की जगह बाल्टी में पानी भरकर स्नान करें। ।पैरेंट्स को बताते हैं कि वे अपनी गाड़ी की सफाई में कैसे जल की बर्बादी को रोक सकते हैं। घर में काम करने वाली बाई कैसे बहते पानी में बर्तन धोने की बजाय किफायती तरीके से काम कर सकती है। इसका असर हो रहा है। आज पुणे की कई सोसायटी में ड्राई एरिया बनाए गए हैं। वेदांत एवं उनके साथियों की एक खास बात यह है कि वे इस पूरे अभियान के लिए किसी प्रकार का दान या डोनेशन नहीं लेते हैं, बल्कि सारे खर्च खुद ही वहन करते हैं। वेदांत एवं यूसुफ दोनों उद्यमी हैं। ।ऐसे में वे कारोबार से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा इस अभियान में लगाते हैं। वे कहते हैं, हम समाज को, देश को, देश के नौनिहालों को एक सुरक्षित भविष्य देना चाहते हैं। यह अभियान कुछ लेने नहीं, कुछ देने के लिए शुरू किया गया है। हम जितने अधिक से अधिक स्कूलों तक पहुंचेंगे, उतनी अधिक जागरूकता आएगी। क्योंकि बच्चों को समझाना कहीं अधिक आसान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdd8688d4ed6860046e049ebaadf165f126326f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शांति वार्ता के जरिए मध्‍य एशिया में अपने हितों को साधने में जुटा रूस । बेल्‍ट एंड रोड प्रोजेक्‍ट को साधने में जुटा चीन ।शांत‍ि योजना के जरिए चीन अपनी बेल्‍ट एंड रोड प्रोजेक्‍ट को साधने की कोशिश में जुटा है। चीन ने इसकी पहल खुद नहीं किया है, बल्कि वह पाक‍िस्‍तान के जरिए इसे आगे बढ़ा रहा है। पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान को चीन समर्थित प्रोजेक्‍ट में शामिल होने का न्‍योता दिया है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल में अफगानिस्‍तान को चीन समर्थित प्रोजेक्‍ट को लेकर पहल की है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान इस प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा है और अफगानिस्‍तान को उसका फायदा होगा। चीन की इस योजना पर भारत अपनी आपत्ति जता चुका है। प्रो. पंत का कहना है कि अगर अफगानिस्‍तान इस दिशा में आगे बढ़ता है तो भारत की स्थिति काफी असहज होगी। उधर, चीन ने पाकिस्‍तान के जरिए अफगानिस्‍तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अगर चीन और पाकिस्‍तान अपने इस मिशन में सफल होते हैं तो इसका प्रभाव भारत पर जरूर पड़ेगा। इसलिए भारत को अपनी रणनीति इस लिहाज से तैयार करना चाहिए कि पाकिस्‍तान और चीन अपनी इस योजना में सफल न हो सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb226615620cc90576bedb5e052097daaf78d54c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत ने जब से कोरोना रोधी वैक्सीन के निर्यात को लेकर हाथ खींचने के संकेत दिए हैं तब से कई देशों के होश उड़े हुए हैं। नई दिल्ली स्थित कई देशों के राजनयिक विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के दूसरे आला अधिकारियों से मिलने का वक्त मांग रहे हैं। मकसद यही है कि भारत की तरफ से वैक्सीन आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। दूसरी तरफ भारत की तरफ से अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है कि वह वैक्सीन निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगा रहा है लेकिन दूसरे देशों को वैक्सीन देने से पहले वह घरेलू मांग को पूरा करने पर ज्यादा ध्यान देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f959b1c20db7edfbadfa8882ffa75829ae5c039 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संदीप तिवारी, रायपुर। अरहर के फूल-फल्ली में कीड़े लग रहे हैं, कुछ उपचार बताएं..। धान की बालियां आने वाली हैं, पर धान का पौधा पीला पड़ रहा है, क्या करें? बैंगन, भिंडी सब्जी का उत्पादन बढ़ाने के लिए कौन-सी खाद डालें? जैविक खेती के लिए क्या किया जा सकता है? वगैरह-वगैरह सवाल वाट्सएप पर पूछ रहे हैं छत्तीसगढ़ के 20 हजार किसान और जवाब दे रहे हैं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कीट विज्ञानी डॉ. गजेंद्र चंद्राकर । ।जी हां, डॉ. चंद्राकर पिछले चार साल से इंटरनेट मीडिया के सहारे हजारों किसानों को जोड़कर उन्नत खेतीबाड़ी के लिए निश्शुल्क सलाह दे रहे हैं। वह कहते हैं कि साफ नीति और नियत से किया गया काम कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है। ऐसा करने का जज्बा हर किसी में नहीं होता है। कुछ लोग समग्र समाज और जनहित के लिए खुद को समर्पित कर देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4527e523f61613dc6baba436fd96dddae6588582 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73563.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। क्‍या आप जानते हैं कि बिहार की राजधानी पटना (Patna) के नाम पर ब्रिटेन के स्‍कॉटलैंड (Scotland) में एक गांव भी है। खास बात यह है कि उस पटना का बिहार के पटना से कनेक्‍शन है। वह पटना भी गंगा की तरह एक नदी के तट पर स्थित है। वहां के लोग बिहार के पटना को जानते हैं। आपको आश्‍चर्य होगा कि ऐसा केवल पटना के साथ नहीं है। देश की राजधानी दिल्‍ली के नाम पर कनाडा के ओनटेरियो में भी एक शहर है। यह भी जान लीजिए कि इंडोनेशिया के टूरिस्ट स्पॉट बाली के नाम का एक शहर राजस्थान के पाली जिले में है तो बिहार में भी एक तुर्की बसता है। लेकिन सबसे पहले बात पटना की। + +ब्रिटेन के पटना का बिहार के पटना से है कनेक्‍शन। गांव का नाम पटना यूं हीं नहीं पड़ा। दरअसल, इसका बिहार के पटना से कनेक्‍शन भी है। साल 1745 से एक ब्रिटिश व्यवसायी विलियम फ़ुलर्टन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ बिहार गए थे। वे बिहार से ब्रिटेन में चावल का निर्यात करते थे। उसके बाद उनके भाई जॉन फुलर्टन बतौर ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में मेजर जनरल पटना में पदस्‍थापित रहे। साल 1774 में पटना में ही उन्‍हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम रखा गया विलियम फॅुलटर्न। विलियम फॅुलटर्न का बचपन पटना में हीं बीता। + +कोयला खानों के मजदूरों के लिए बसा दिया गांव। जॉन फुलटर्न की मौत के बाद फुलर्टन परिवार भारत से ब्रिटेन लौट गया। तब तक भारत में की गई कमाई से संपन्न बन चुके फुलटर्न परिवार ने स्‍कॉटलैंड में खदान का धंधा शुरू किया। इसी दौरान साल 1802 में विलियम फुलटर्न ने वहां अपनी जन्‍मस्‍थली के नाम पर पटना नाम का एक गांव बसाया। इसमें उन्‍होंने अपने कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों को बसाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3743f77f263b9fa2cee4479bbeff14e196096b2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73564.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आरजेडी ने तृणमूल कांग्रेस को बिना शर्त दिया समर्थन। विदित हो कि पश्चिम बंगाल के विघानसभा चुनाव में आरजेडी ने तृणमूल कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया है। आरजेडी वहां चुनाव नहीं लड़ रहा, लेकिन ममता बनर्जी के साथ है। बंगाल के आसनसोल, हावड़ा, वर्धमान समेत बंगाल-बिहार की सीमा पर स्थित बंगाल के इलाकों में बड़ी संख्‍या में बिहार के लोग रहते हैं। वे वहां बड़ा वोट बैंक हैं। ऐसे में ममता बनर्जी का बिहारियों के लिए गुंडा के विशेषण का प्रयोग और तेजस्वी यादव की इसपर चुप्पी हैरान करने वाली है। + +उपमुख्‍यमंत्री रहते राज ठाकरे के खिलाफ दिया था बयान। ये वही तेजस्‍वी हैं, जिन्‍होंने 2016 में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सरकार में उपमुख्‍यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र में गैर मराठियों के ऑटो रिक्शा जला देने के फरमान का विरोध किया था। तब उन्होंने राज ठाकरे के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि महाराष्ट्र और देश किसी के बाप की जागीर नहीं है कि जो वे कहेंगे वही होगा। लेकिन इस बार तेजस्‍वी की खामोशी के कारण बिहार में राजनीति गरमा गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d5d1c18e1fb00949ad1f9372fc12313251d96c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तुर्की में 24 घंटों में 40 हजार से ज्यादा मामले। तुर्की में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। यहां 24 घंटों में 40 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। तुर्की के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार नए मामलों में 1,424 मामले सामने आए है। इसके साथ देश में कुल सक्रमितों का आंकड़ा 3,357,988 पहुंच गया है। पिछले 24 घंटे में 20,817 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 176 से 31,713 हो गया, जबकि पिछले 24 घंटों में 20,817 अधिक मामले  दर्ज किए हैं। अगर कोरोना टेस्ट की बात करें तो पिछले दिन 243,738 मामले परीक्षण किए गए हैं। अब तक कुल  38,821,795 कोरोना टेस्ट किए गए हैं। अधिकारियों ने चीनी सिनोवैक वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है, जिसके बाद से यहां ( पर कोरोना टीकाकरण अभियान भी चल रहा है। ।फ्रांस और ब्राजील में हालात बेकाबू।फ्रांस में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के बाद सरकार तीसरी बार लॉकडाउन पर विचार कर रही है। फ्रांस में एक दिन में 50 हजार से ज्‍यादा मामले सामने आए हैं। महामारी शुरू होने के बाद से अब तक सबसे ज्‍यादा है। ब्राजील में पछिले 24 घंटों में कोरोना से 3769 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में एक दिन में कोरोना के 91 हजार मामले सामने आए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c02b48e46a9164eddf30c31bbac96d41a49fc316 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73566.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़ में नहीं पंजाब में एंबुलेंस को बनाया गया था बुलेट प्रूफ  ।मुख्तार को लेकर बुलेट प्रूफ एंबुलेंस पर मचे बवाल के बाद उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के सदर थाने की पुलिस ने भाजपा की नेता डॉ. अलका राय के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यह केस बाराबंकी एआरटीओ की शिकायत पर दर्ज किया गया है। यूपी 41 एटी 7171 नंबर की यह एंबुलेंस साल 2013 में बाराबंकी से रजिस्टर की गई थी। इस एंबुलेंस को मऊ के संजीवनी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर किया गया था। इस पर संजीवनी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा एसएन राय के साइन भी है। + +जालंधर में हाई वोल्टेज ड्रामा: महिला ने पति को झगड़ा कर घर से निकाला, एक महीने बाद लौटा तो अंदर कोई और था।मुख्तार के गांव के पास ही है डॉक्टर का गांव।एंबुलेंस को लेकर मचे घमासान के बीच जिस डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है वह मऊ जिले के चांदपुर गांव की रहने वाली हैं यह चांदपुर गांव मुख्तार अंसारी के गांव यूसुफपुर से महज सात किलोमीटर की दूरी पर है। अपने बयानों में बीजेपी के नेता डॉ अलका राय ने मुख्तार अंसारी से किसी भी प्रकार का संबंध होने से इनकार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ec94997be49c557ac759880b5b6291e4f938691 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73567.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लुधियाना [राजन कैंथ]। कोविड-19 के दौर में दूसरे प्रदेश के मजदूरों की जरूरत का फायदा उठाते हुए शहर के हर कोने में अवैध बस अड्डे कुकरमुत्तों की तरह निकल आए। कोरोना काल में दूसरे राज्यों से आने व जाने वाले यात्रियों की जरूरत का फायदा उठाते हुए निजी बस आपरेटरों ने शहर के करीब करीब हर इलाके में अपने स्टाल लगा दिए है। हालांकि पहले मुख्य बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के बाहर टूरिस्ट बसों के अवैध अड्डे बने हुए थे। जहां से सवारियों को भरकर दूसरे राज्यों में भेजा जाता था। + +आपरेटरों के अलावा बसों को किराये पर लेकर चलाने वाले लोग भी उसमें शामिल हो गए। टूरिस्ट बसों में जाने वाले लोगों से मोटा किराया वसूला जा रहा है। जिससे सरकारी राजस्व को तो चूना लगाया ही जा रहा है। उन बसों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं है। सब कुछ देखते हुए भी अधिकारियों ने इस और से अपनी आंखें मूंद रखी हैं। + +यह भी पढ़ें- पंजाब की साइकिल इंडस्ट्री को बड़ी राहत, गुजरात व छत्तीसगढ़ से मिले 4.5 लाख के आर्डर।बिहार जानें के लिए वसूल रहे तीन हजार ।रेलवे की आवाजाही रुकने के चलते बस आपरेटरों ने मौके का फायदा उठाया। जिले में मजदूरी के लिए आने वाले यात्रियों को उत्तर प्रदेश के लिए जहां 400-500 रुपये किराया खर्च करना पड़ता था, वहीं निजी आपरेटर उनसे 1800 से दाे हजार रुपये तक वसूल कर रहे हैं। बिहार जाने के लिए रेल में मजदूरों को 700 से 800 रुपये किराया देना पड़ता है। मगर बस में जाने के लिए मजबूरन उन्हें तीन हजार रुपये तक देने पड़ रहे हैं। दैनिक जागरण टीम ने दिन में शहर का जायजा लिया तो कई जगहों पर ऐसी बसें खड़ी नजर आ गईं, जिनमें सफर करने के लिए मजदूर सामान उठाए भटकते हुए मिल गए। सबसे पहले टीम संगीत सिनेमा के पास पहुंची। वहां खड़ी बस की पास ही कुर्सी लगा कर बैठे लोग बुकिंग करते नजर आ गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d94ed7c4d579c3a8aa1d7b091274c2fb157e72a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना काल में जब लाकडाउन खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। बालीवुड धीरे-धीरे पर्दे पर लौटने को तैयार हुआ। ओटीटी पर फिल्में आने लगीं, वेब सीरीज बनने लगीं तो उस दौरान दिल्ली-एनसीआर में तमाम फिल्मों की, सीरीज की शूटिंग हुई। और अब तो नियमों की सहूलियत से और सहजता भी हो गई है। लोकेशंस के लिए भी खूब विकल्प मिल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73571.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73571.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79aaca1bdbd230416ba62503285a151038c541a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73571.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जेएनएन। उत्तर भारत में दक्षिण भारतीय भक्ति का रंग। जी हां, यूं तो भक्ति का कोई रंग नहीं होता। बस एक भाव है जो भक्त और भगवान के मध्य की डोर होती है। लेकिन भगवान सेवा, परंपराएं इसे कोई न कोई शैली का नाम दे देती है। इसी तरह की परंपरा का प्रत्यक्ष और अद्भुत रूप है वृंदावन स्थित रंगनाथ मंदिर। जहां इन दिनाें ब्रह्मोत्सव का आयोजन चल रहा है। इसी आयोजन की इस कड़ी में आज भगवान भक्तों के संग होली खेलेंगे।कांच के विमान में बैठ भक्तों पर रंगों की बौछार करेंगे। सालभर तक भगवान रंगनाथ से होली खेलने को देश के कोने-कोने के भक्त इस दिन का इंतजार करते हैं। आइये जानते हैं मंदिर के इतिहास के बारे में... ।उत्तर भारत का पहला दिव्यदेश है ये मंदिर।दक्षिण भारतीय परंपरा का यहां स्थित रंगनाथ मंदिर उत्तर भारत का सबसे पहला दिव्यदेश है। गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय के मंदिरों के बीच रामानुज संप्रदाय की पताका फहरा रहे इस मंदिर के निर्माण का श्रेय श्रीरंगदेशिक स्वामी को जाता है। मगर, मंदिर निर्माण में मथुरा के सेठ लक्ष्मीचंद और उनके भाइयों की भूमिका अहम रही है। + +ये होता है दिव्यदेश।भगवान नारायण के लोक को दिव्यदेश की संज्ञा दी गई है। दिव्यदेश की पहचान के पांच प्रमुख स्तंभ हैं। यह गरुड़ स्तंभ, गोपुरम, पुष्करणी, पुष्प उद्यान तथा गोशाला हैं। रंगनाथ मंदिर उत्तर भारत का पहला दिव्यदेश है। इसमें वर्षभर हर दिन पर्व-उत्सव मनाए जाते हैं। ब्रह्मोत्सव साल का सबसे बड़ा उत्सव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb4891c8a0a7da44577b969f620b5162442ca1ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिजवान हुसैन।यह भी पढ़ें :-।मुरादाबाद में निर्वाचन कर्मी ही करा रहे फर्जीवाड़ा, एक रुपये मूल्‍य की मतदाता सूचियां जनसेवा केंद्र पर 300 रुपये में बेची गईं।Indian Railways : कोरोना वार्ड से मुक्त हुए यात्री कोच, मुरादाबाद रेल मंडल को 63 बोग‍ियां म‍िलीं वापस।Panchayat Election 2021 : मतदाताओं को रसगुल्ले बांटने में फंसे प्रधान पद के दावेदार, रिपोर्ट दर्ज।पूर्व सांसद जयाप्रदा पर अभद्र ट‍िप्‍पणी प्रकरण में आज दलील पेश करेंगे सरकारी वकील, पूरी होगी सुनवाई।सरकारी नौकरी म‍िलते ही गुरुजी ने तोड़ द‍िया शादी का र‍िश्‍ता, कहा-50 लाख रुपये लेंगे, एसएसपी ने द‍िए कार्रवाई के आदेश।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15aa376a40d5ce6d92ffb02b1502b471ed8cd184 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73574.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले किरोड़ीमल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य 72 वर्षीय डॉ. भीम सेन सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले भीम सेन दिल्ली आए तो यही के भी हो गए। उनकी दिल्ली से कई खूबसूरत यादें जुड़ी हुई हैं। वह कहते हैं 'पटना से बीए करने के बाद आगे की पढ़ाई व अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए मैं दिल्ली आया था। उन दिनों दिल्ली आना मानो आज जैसे अमेरिका जाने का सपना साकार होने जैसा होता था। दिल्ली विवि में तब काफी संख्या में बिहार, ओड़िशा व उत्तराखंड के बच्चे पढ़ते थे। जब किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था तब सोचा नहीं था कि इसी कॉलेज में प्रधानाचार्य बनकर आऊंगा। 16 वर्ष इस कॉलेज में सेवा दी। इस कॉलेज को बहुत करीब से जानता हूं।'।कॉलेज में अमिताभ बच्चन थे सीनियर। दिल्ली विश्वविद्यालय के नामी किरोड़ीमल कॉलेज के पढ़ाई करने वाले डॉ. भीम सेन सिंह कहते हैं- ' बॉलीवुड एक्टर मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन मुझसे तीन वर्ष सीनियर थे। जब मैं आया तब वे इस कॉलेज से पास आउट हुए थे। वह कई बार कॉलेज आए, उन्हें कॉलेज ने सम्मानित भी किया। मुलाकात भी हुई।'।थियेटर सोसायटी में थे अमिताभ बच्चन और शक्ति कपूर। डॉ. भीम सेन सिंह किरोड़ीमल कॉलेज को लेकर बताते हैं- 'दिल्ली विवि में किरोड़ीमल कॉलेज की एक खास पहचान है। उन दिनों थियेटर, म्यूजिक व डिबेट में पूरे देश का नंबर एक कॉलेज होता था। दिल्ली विवि में भी इसका कोई प्रतियोगी कॉलेज नहीं था। यहां की थियेटर सोसायटी में तो अमिताभ बच्चन और शक्ति कपूर भी थे। आज भी किरोड़ीमल कॉलेड अपनी यही पहचान बनाए हुए है।'।दिल्ली मेट्रो में सफर के दौरान बचके रहना शाहरुख और अमित से, चुटकियों में यात्रियों को लगाते हैं चूना।कमला नगर था बेहतरीन ठिकाना। वह दिल्ली का जिक्र करते हुए कहते है- 'वैसे तो कॉलेज के इर्द-गिर्द ही मेरी दुनिया घूमती थी। मां ने अपने कंगन बेचकर यहां पढ़ने भेजा था। लेकिन कॉलेज कैंटीन व हास्टल के अलावा मैं दोस्तों के साथ कमला नगर खूब जाया करता था। तब कमला नगर में दिनभर चंद्रावल गांव के लोगों की गाय, भैंसे घूमती रहती थीं। खाने के लिए मलका गंज के पास लक्ष्मी स्वीट हाउस जाता था। माल रोड के पास एक काफी हाउस है वहां कभी-कभी दोस्तों के साथ काफी पीने जाया करता था।'।जेएनयू में मिली अलग ही दुनिया। 1973 में एमफिल व पीएचडी करने जेएनयू पहुंचा तो लगा यहां एक अलग ही दुनिया है। देश के सभी अकादमिक संस्थान एक तरफ और जेएनयू अकेला एक तरफ। यहां पढ़ने-पढ़ाने वालों के हमेशा खुले विचार रहे। ऐसा माडर्न कल्चर रहा, जो पूरे देश में कहीं नहीं मिलेगा। छोटे से शहर में हम लोग कुएं के मेंढक की तरह थे, लेकिन जेएनयू गए तो हमारे भी पंख निकलने लगे। जेएनयू की सबसे खास बात उसकी सुंदरता व प्राकृतिक वातारण है जो आज भी छात्रों को अपनी तरफ आकर्षति करता है। तब वसंत कुंज समृद्धता से नहीं बसा हुआ था। सब जगह पहाड़ियां थीं। हम वहीं घूमते थे। वसंत विहार में प्रिया सिनेमाघर था वहां दोस्तों के साथ खूब फिल्में देखी। + +Lockdown News 2021: अरविंद केजरीवाल ने फिलहाल खत्म कर दिया 15 दिनों से चला आ रहा संशय।पत्नी को दिल्ली लाना था तो बनवा दिया हॉस्टल।हमने जेएनयू में ग्रुप ऑफ फ्री थिंकर बनाया। जो एक एंटी कम्यूनिस्ट आंदोलन था। आज भी यह ग्रुप सक्रिय है। उन दिनों के किस्से याद करके आज भी हंसी आ जाती है। हमने तब वीसी से लड़कर अपनी पत्नी के लिए हॉस्टल भी बनवा दिया था। 1975 में पढ़ाई के दौरान ही शादी हो गई थी। जब भी पत्नी का फोन आता तो पढ़ाई में मन ही नहीं लगता था। क्या करें। फिर एक दिन पांच-सात लड़के मिलकर वीसी के पास गए और उनसे कहा कि जब इतनी सारी सुविधाएं दे ही रहे हैं तो शादीशुदा छात्रों के लिए भी एक हास्टल बना दीजिए। हमने कहा हम पढ़ाई करें या पत्नी के पास हमेशा गांव जाते रहें। उसके बाद जेएनयू में शादीशुदा छात्रों के लिए भी हास्टल बन गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67547c3d374322c570014c17dac03a1cfcbeb2d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, नरपत दान चारण। वैश्विक आर्थिक मंच द्वारा जारी ताजा ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट-2021 में 156 देशों की सूची में भारत 140वें स्थान पर है। 2020 में भारत 153 देशों की सूची में 112वें स्थान पर था। इस ताजा रिपोर्ट में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और अवसर में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में लैंगिक भेद अनुपात तीन प्रतिशत और बढ़कर 32.6 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा कमी राजनीतिक सशक्तीकरण क्षेत्र में आई है। जहां महिला मंत्रियों की संख्या वर्ष 2019 में 23.1 प्रतिशत थी, वहीं 2021 में घट कर 9.1 प्रतिशत रह गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e973e5a962a21b377e323571edfaba3dcd2b9a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73578.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Moradabad Railway Division Corona Ward Passenger Coach : देश में भले ही फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ना शुरू हो गया है, लेकिन इसके बाद भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति का इलाज करने के लिए बनाए गए कोच को कोरोना वार्ड से मुक्त कर दिया गया है। मुरादाबाद रेल मंडल को 63 कोच वापस मिल गए हैं। इसे सामान्य कोच बनाकर ट्रेनों का संचालन किया जाना है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही बंद ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0c4ffc92ebf277b04053842ee68ea9d70a0c314 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73579.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़, गौरव दुबे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने परीक्षार्थियों के लिए कोविड-19 दौर में एक और राहत भरा फैसला किया है। सीबीएसई के प्रैक्टिकल एक मार्च से 11 जून तक कराने का लंबा समय दिया गया। अब नई व्यवस्था के तहत अगर किसी विद्यार्थी या उसके परिजन की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो उस विद्यार्थी की प्रयोगात्मक परीक्षा लिखित परीक्षा के बाद भी कराई जाएगी। साथ ही कोरोना संक्रमित विद्यार्थी की लिखित परीक्षा भी बाद में कराने की व्यवस्था सीबीएसई की ओर से की गई है। + + ''सी'' (काेरोना) लिखकर शीट रीजनल आफिस भेजी जाएगी।अगर किसी विद्यार्थी के साथ ऐसी समस्या आती है तो अवार्ड शीट पर उसके नाम के आगे ''सी'' (काेरोना) लिखकर शीट सीबीएसई के रीजनल आफिस भेजी जाएगी। वहां से परीक्षा की दूसरी तिथि जारी की जाएगी। कोरोना काल में सीबीएसई ने पहली बार तीन महीने से ज्यादा समय तक प्रैक्टिकल कराने का समय तय किया है। परीक्षाएं पहले चार मई से होनी प्रस्तावित थीं लेकिन इन तिथियों को निरस्त कर दिया गया। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के चलते जिले में ज्यादातर स्कूलों में 15 मार्च से प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराने का फैसला किया गया है। हाईस्कूल में करीब 7000 व इंटरमीडिएट में लगभग 5000 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह से कोरोना संक्रमण के फिर से बढ़ने पर सीबीएसई की नई व्यवस्था विद्यार्थियों व अभिभावकों को काफी राहत देगी। + +परीक्षा केंद्र पर होगा मेडिकल रूम।सीबीएसई की परीक्षा के दौरान हर परीक्षा केंद्र पर मेडिकल रूम की व्यवस्था भी रखनी होगी। अगर किसी विद्यार्थी को जुकाम, खांसी या बुखार हो तो उसको मेडिकल रूम में बैठाकर परीक्षा दिलाई जाएगी। अगर कोविड संक्रमण की पुष्टि हो जाए तो विद्यार्थी को चिकित्सकीय परामर्श व अभिभावकों के साथ अस्पताल भेजा जाएगा। ऐसी स्थिति में उसकी परीक्षा बाद में कराई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73580.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d1a6a2cf5f42b4f6250653db32390d6a4610ae9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छलेसर परिसर में हो सकती है व्यवस्था।विश्वविद्यालय के छलेसर परिसर में छात्रावास बनाया गया था, जो अब काफी खराब हालत में है। कुलपति प्रो. अशोक मित्तल इसी छात्रावास की मरम्मत करा चालू कराना चाहते हैं। उसके बाद सुल्तान गंज की पुलिया के पास विजय नगर में छात्रावास बनाने की योजना बनाई जाएगी। सिविल लाइंस स्थित संस्कृति भवन में भी छात्राओं के लिए छात्रावास शुरू करने की मांग छात्रों द्वारा उठाई जा चुकी है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b1e5a2ceced59a234c42830e144ae9ca8927216 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/गाजियाबाद [आशुतोष अग्निहोत्री]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर एक ओर जहां दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन चार महीने बाद भी जारी है, वहीं किसान नेता केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटे हैं। इस बीच इंटरनेट मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मोदीनगर के एक किसान और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, National Spokesperson of Bharatiya Kisan Union) के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। इसमें यूपी के मोदीनगर के गांव खंचरपुर के रहने वाले किसान पवन भाकियू नेता राकेश टिकैत से पूछते हैं 'आप पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के प्रचारक हैं' तो जवाब मिलता है 'बकवास मत करो'। वहीं, पूरी बातचीत पर राकेश टिकैत (राष्ट्रीय प्रवक्ता, भारतीय किसान यूनियन) का कहना है कि मैं पूरे देश के किसानों की बात लेकर देश भर में घूम रहा हूं। किसी एक दल का प्रचारक नहीं हूं। दूषित मानसिकता के लोग पहले फोन करते हैं और फिर आडियो वायरल करते हैं। ।यहां पर बता दें कि कृषि कानून विरोध के नाम पर पिछले चार माह से यूपी गेट पर आंदोलन कर रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत के चुनावी दौरे अब किसानों को रास नही आ रहे हैं। मोदी नगर के किसान पवन चौधरी और राकेश टिकैत का इंटरनेट मीडिया पर वायरल ऑडियो इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ऑडियो में पवन ने राकेश टिकैत के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाते हुए उन्हें ममता बनर्जी का प्रचारक बताया है। किसानों के नाम पर अपनी दुकान चमकाने का आरोप लगाते हुए पवन चौधरी ने तो किसान नेता राकेश टिकैत को यहां तक कहा है कि मोटी रकम लेकर वह किसानों का साथ छोड़कर चुनावी दौरे कर रहे हैं। पांच मिनट के वायरल ऑडियो में राकेश टिकैत बार बार झुझलाते हैं और अपनी सफाई देते हैं। आखिर में राकेश टिकैत किसान पवन चौधरी से कहते हैं 'बकवास मत करो'। इसके बाद किसान पवन और राकेश टिकैत के बीच मोबाइल फोन पर हो रही बातचीत खत्म हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..651ebb284cb1c528b1e911ebc6e0716ea30e4b2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73582.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सरकारी अस्पतालों में फ्री तो निजी अस्पतालों में देना होगा शुल्क।कोरोना वायरस का टीका लगवाने के लिए पात्र व्यक्ति के पास सरकारी और निजी अस्पतालों का विकल्प होगा। जहां सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाएगी, वहीं निजी अस्पतालों में इसके लिए 250 रुपये शुल्क देना होगा। यह केंद्र सरकार की ओर से तय किया गया है। + +ऐसे करें बुक, तारीख और समय भी चुन सकेंगे।दिल्ली निवासी 45+ कोई भी व्यक्ति कोरोना का टीका लगवाने के लिए www.cowin.gov.in पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेश करा सकता है। एक मोबाइल फोन नंबर से चार लोगों के रजिस्ट्रेशन किए जा सकते हैं। इसके लिए सबका फोटो पहचान पत्र नंबर अलग होना चाहिए। कोरोना वैक्सीने के लिए आधार कार्ड/पत्र, मतदाता फोटो पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड या फोटो वाले पेंशन कार्ड से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके साथ ही अगर टीकाकरण की तारीख बदलना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर के जरिए लॉग इन करें। इसके बाद ओटीपी दर्ज करें। इसके बाद आपके फोन पर नई तारीख और समय का मैसेज आ जाएगा। + +आरोग्‍य सेतु ऐप के जरिए ऐसे करना होगा रजिस्‍ट्रेश।इसके तहत स्‍मार्टफोन में आरोग्‍य सेतु ओपन करें। इसके बाद दाईं ओर CoWIN का विंडो दिखेगा। क्लिक करने पर कई विकल्प आएंगे। इनमें से Vaccination (Login/Register) पर क्लिक करना होगा। इसके बाद प्रक्रिया के तहत अपना मोबाइल फोन नंबर दर्ज करें। फिर  प्रोसेस टू वैरिफाई पर क्लिक करें। इसके बाद मोबाइल फोन पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी फीड करते ही रजिस्‍ट्रेशन पेज खुल जाएगा। यहां फोटो आइडी टाइप, उसका मोबाइल फोन नंबर और अपना पूरा नाम भरना दर्ज करना होगा। पात्र व्यक्ति को अपने लिंग और उम्र की जानकारी भी दर्ज करनी होगी। रजिस्‍ट्रेशन पूरा होने के बाद पात्र व्यक्ति को तारीख और समय का चयन करना होगा। ।कोविन पोर्टल पर ऐसे करें रजिस्‍टर ।कोरोना का टीका लगवाने के लिए पात्र व्यक्ति को सबसे पहले www.cowin.gov.in पर क्लिक करना होगा। इसके बाद सबसे दाईं ओर Register Yourself का बटन दबाना होगा। यहां क्लिक करने पर एक नया पेज खुलेगा। यहां अपना मोबाइल फोन नंबर दर्ज करें। ऐसा करते ही Get OTP का विकल्प दिखाई देगा, यहां पर क्लिक करें। SMS से एक OTP आएगा। ओटीपी भरते ही रजिस्‍ट्रेशन पेज ओपन होगा। यहां पात्र व्यक्ति को फोटो ID टाइप, उसका नंबर और अपना पूरा नाम भरना होगा। आपको अपने लिंग और उम्र की जानकारी भी देनी होगी। रजिस्‍ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको SMS मिलेगा। इसमें सारी जानकारी शामिल होगी, मसलन टीका सुबह की पाली लगवाना है या फिर दोपहर बाद। वहीं, यदि अपनी अपॉइंटमेंट रीशेड्यूल करना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर और OTP से लॉगिन करें और फिर रजिस्‍टर्ड लोगों के नाम के आगे ‘Action’ कॉलम पर क्लिक कर जरूरी बदलाव करें। ।कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच रहेगा 4 से 8 सप्ताह का गैप। ताजा आदेश के मुताबिक, कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज 4 से 8 सप्ताह के बीच में ली जा सकती है। जो लोग कोविशील्ड लगवा रहे हैं, उन्हें सेंटर से दिए गए कार्ड में 6 सप्पात के बाद कोरोना के दूसरे टीके की तारीखी दी जा रही है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73583.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..def04bb0232a1e7e29b961a936be6c6d1a33682f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मवेशियों में एलएसडी के लक्षण: गाय व बकरी में मिले लक्षणों के आधार पर एलएसडी बीमारी का पता लगाया जा सकता है। पशु चिकित्सक बताते हैं कि इस बीमारी में मवेशियों के आंखों के चारों तरफ छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इस शुरुआती लक्षण के साथ ही रोकथाम नहीं की गई तो यह बीमारी धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। दानों से मवाद आने लगता है और मवेशी कमजोर होकर दूध देना बंद कर देता है। समय से इलाज न मिलने पर बीमारी की वजह से दुग्ध उत्पादन में भी 15 से 30 फीसद तक की कमी हो जाती है। टीकाकरण से बीमारी को दूसरे मवेशियों में फैलने से रोका जा सकता है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकाधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05c77c955ae13d0ff98819de5c45b41420801343 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73584.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लविवि के प्राणि विज्ञान विभाग में मछलियों पर लगातार शोध हो रहे हैं। वर्ष 2017 में विभाग की शोधार्थी फरहा बानो को नेट जेआरएफ क्वालीफाइ करने के बाद फेलोशिप मिली थी। जिससे उन्होंने 'फिश ओटोलिथ एज ए बायो इंडीकेटर आफ पॉल्यूशन' विषय पर शोध शुरू किया। विभाग के शिक्षक प्रो. एम. सेराजुद्दीन बताते हैं कि गंगा, जमुना और गोमती नदी में गोस्टी (वैज्ञानिक नाम ट्राइकोगेस्टर लेलिया) मछली पर शोध किया गया। + +यमुना का पानी अधिक प्रदूषित, आक्सीजन भी कम: यमुना में ग्लास इंडस्ट्री और टेनरी की वजह से सबसे गंदा पानी मिला। प्रदूषण ज्यादा होने से मछलियों की आंखों का आकार बड़ा हो गया। यहां भारी धातुओं में जिंक 1.5 माइक्रोग्राम जिंक, बेरियम 13 माइक्रोग्राम प्रतिलीटर, लेड .7 माइक्रोग्राम, मैग्नीशियम 1.6 माइक्रोग्राम, मैंगनीज 3.5 माइक्रोग्राम, स्ट्रॉशियम 2.5 और क्रोमियम 11 माइक्रोग्राम पाया गया। यहां के पानी में घुलनशील आक्सीजन की मात्रा भी गोमती, गंगा की अपेक्षा सबसे कम 3.72 मिलीग्राम प्रतिलीटर पाई गई। क्षारीय पानी स्थित 8.09 पीएच (पोटेशियम ऑफ हाइड्रोजन) है। गंगा में यह आंकड़ा 4.02 और गोमती में 4.88 पीएच है। गंगा में ङ्क्षजक 2.3 माइक्रोग्राम, लेड .5 माइक्रोग्राम, कापर 1.2 माइक्रोग्राम और गोमती में लेड .4 माइक्रोग्राम और कॉपर .5 माइक्रोग्राम पाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39015a6a78aab0b59abb606f755a48e10b557361 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिर चढ़कर बोलता है बिहू का उल्लास।बिहु-भोगली अथवा माघ बिहु जहां जनवरी माह में मनाया जाता है, वहीं रोंगाली, बैसाख अथवा बोहग बिहु अप्रैल में। तीसरा बिहु कार्तिक माह में मनाया जाता है। इसे कोंगाली अथवा कति बिहु भी कहते हैं। बिहु का उल्लास सिर चढ़कर बोलता है और यहां सभी जाति व पंथ के लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। 14 अप्रैल से रोंगाली बिहु का आगाज हो रहा है। छह अप्रैल को तीसरे चरण के मतदान के बाद उम्मीदवारों को जहां हार-जीत की चिंता रहेगी वहीं आम लोग बिहु का जमकर लुत्फ उठाएंगे। मतगणना तक यह उल्लास छाया रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6409ed1534c0b5bfe6dd59a77537c85d370421a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73588.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिनेवा (आईएएनएस)। कोरोना महामारी को रोकने के लिए और मानवता को बचाने के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने एक अंतरराष्‍ट्रीय संधि की वकालत की है। डॉक्‍टर टैड्रॉस ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय संधि के प्रस्ताव के पीछे मकसद कोविड-19 द्वारा उजागर की गई कमियों को दूर करना और इसका एकजुट होकर मुकाबला करना है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी ने मानवता का सर्वश्रेष्ठ के साथ सबसे बुरा रूप भी सभी के सामने उजागर किया है। इस दौरान उन्‍होंने उन लोगों को धन्‍यवाद किया जो इस महामारी की रोकथाम में सबसे आगे खड़े हैं। + +उन्‍होंने कहा कि इस बुरे दौर में भी इन सभी जो साहस का परिचय दिया है वो कमाल का है। इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। हालांकि इस दौरान समाज में फैली विषमताओं, विभिन्‍न देशों की सरकार द्वारा की गई गलतियों, संस्थानों में भरोसे की कमी को भी उजागर किया है। इस महामारी का सबसे अधिक असर आर्थिक रूप से सबसे कमजोर लोगों पर पड़ा है। इस महामारी ने उन्‍हें तोड़ कर रख दिया है। उन्‍होंने साफ कहा कि दुनिया को अब अपनी सोच बदलनी होगी। वो पहले की सोच पर और रास्‍ते पर नहीं चल सकती है। ऐसा हुआ तो ये सही नहीं होगा। इसलिए चीजों को बदलना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4251ed4ebdbcb088e6fe1fa5fcc69ae2b125406 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73589.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्‍त राष्‍ट्र की खबर के मुताबिक ये सहमति कुछ दिन पहले प्रकाशित एक ओपन आर्टिकल के जरिए जताई गई है। ये लेख दुनिया के कई अखबारों में प्रकाशित हुआ था जिसमें कई देशों की हस्तियों ने अपने विचार व्‍यक्‍त किए थे। इस संयुक्‍त लेख में कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौर में जब तक एक भी व्‍यक्ति असुरक्षित है तब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं कहे जा सकते हैं। इसमें ये भी कहा गया था कि भविष्‍य में इस तरह की महामारियां और स्‍वास्‍थ्‍य आपदाएं आ सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73593.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2725034abcbc99af2e9af3f9ef9e7b92e8120d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73593.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Imagine, will take you there.।Introducing the first #SpaceShipIII in the #VirginGalactic fleet. pic.twitter.com/BW6qA5oDfR।कंपनी ने इस स्‍पेसशिप से सफर करने वालों के लिए ढाई लाख डॉलर प्रति सीट की कीमत रखी है। भारतीय रुपये में ये कीमत करबी 2 करोड़ रुपये है। इसकी बुकिंग मेक्सिको के स्‍पेसपोर्ट से होगी। यूनिटी अपनी सभी टेस्‍ट फ्लाइट को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। उसका सब-ऑबिटल मिशन अगले माह मई में हो सकता है। यूनिटी की ये उड़ान पहले दिसंबर 2020 में होनी थी, लेकिन कुछ गड़बडि़यों की वजह से इसको टाल दिया गया था। इमेजिन की भी टेस्‍ट फ्लाइट कुछ समय के बाद शुरू हो सकती है। गौरतलब है कि कंपनी एक और स्‍पेसशिप तैयार कर रही है, जिसको वीएसएस इंस्‍पायर (स्‍पेसशिप-3) का नाम दिया जाएगा। अंतरिक्ष में लोगों को सफर कराने के मामले में जेफ बेजोस की ब्‍लू ऑरिजन कंपनी भी एक रॉकेट केप्‍सूल को विकसित कर ही है जो न्‍यू शेफर्ड के नाम से होगा। इस केप्‍सूल की टेस्‍ट फ्लाइट का होना अभी बाकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26d11d51c3c34f04db9c6c27d19b2254522c7957 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73595.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई सलाखों की ओट से दहशत का व्यापार कर रहा है। राजस्थान के अजमेर स्थित जेल में बंद रहकर ही वह अपने अपराध के साम्राज्य को फैलाने पर लगा हुआ है। लारेंस की हद का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अभिनेता सलमान खान की हत्या करने की सुपारी दे चुका है, क्योंकि सलमान काले हिरण के शिकार में नामजद रहे हैं और काला हिरण बिश्नोई समाज के लिए पूजनीय है। + +पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति कर चुका है लारेंस।लारेंस का मुख्य टारगेट बड़े कारोबारी होते हैं। उसके गुर्गे व्यापारियों से रंगदारी मांगते हैं और मांग की पूर्ति न होने पर घर या गाड़ी पर गोलियां बरसाकर दहशत का माहौल पैदा करते हैं। युवा वर्ग में भी लारेंस की अच्छी खासी पैठ है, क्योंकि अपने शुरुआती दिनों में वह चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति कर चुका है। लारेंस चंडीगढ़ सेक्टर-10 स्थित डीएवी काॅलेज में छात्र संघ का अध्यक्ष भी रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db387f5894a2a46b57bfd8457b974ba7518a7f11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73596.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हरियाणा के करनाल निवासी तथा पद्मश्री से सम्मानित किसान सुल्तान सिंह ने कहा कि किसान बाजार की आवश्यकता को समझे। बाजार की क्या मांग है और उस मांग की पूर्ति कैसे हो सकती है, इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। हमारे विज्ञानी इस दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। हमें विज्ञानियों द्वारा हासिल तकनीक व उनके ज्ञान का लाभ उठाकर खुद को बाजार के मुताबिक तैयार करना चाहिए। + +दिल्ली के दरियापुर गांव के किसान सत्यवान सहरावत ने अपना अनुभव साझा करते हुए गन्ने का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जितना गन्ना चीनी मिल में बेचने पर एक लाख की आमदनी होगी, वे उतना ही गन्ना सीधे ऐसे कारोबारी को बेचते हैं जो इससे जूस निकालते हैं, तब उनकी आमदनी चार लाख हो जाती है। यदि यह कार्य थोड़े संसाधन लगाकर स्वयं किया जाए तो आमदनी सात से आठ लाख पहुंच जाती है। ।उन्होंने बताया कि उनके खेत में गन्ने का जूस पीने दूर दूर से लोग आते हैं। ऐसा केवल इसलिए क्योंकि लोगों को इस बात का यकीन है कि यहां सबकुछ शुद्ध मिलेगा। जहां गन्ना लगाया है उसके पास ही पुदीना व नींबू भी लगाया गया है। ग्राहक के सामने सभी का इस्तेमाल कर गन्ने का जूस बनाया जाता है। इससे एक लाख के गन्ने से आमदनी 12 से 13 लाख तक पहुंच जाती है। ।पानीपत से आए किसान प्रीतम सिंह ने कहा कि आज पूसा द्वारा विकसित बासमती की उन्नत किस्मों की खेती कर उन्होंने न सिर्फ खुद को स्थापित किया, बल्कि दूसरे भी उनसे प्रेरित होकर आज बासमती की खेती में नाम कमा रहे हैं। प्रगतिशील सोच अपनाकर किसान अपनी किस्मत बदलने का माद्दा रखता है। ।उन्होंने कहा कि आज पानीपत इलाके में किसान रासायनिक खाद व कीटनाशक रहित खेती अपना रहे हैं, क्योंकि यूरोप के बाजार में ऐसे बासमती चावल को ही निर्यात किया जा सकता है जिसमें रसायनिक खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल न होता हो। बाजार की मांग के मुताबिक खुद को ढालना वक्त की जरूरत है। राजस्थान के जयपुर से आए किसान खेमाराम सिंह ने कहा कि आज ऐसे बाजार की जरूरत है जो पूरी तरह बिचौलिया मुक्त हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73597.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4aca470fb6e515129dabacaddf4f36c1d17c2e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। आज अंतरराष्‍ट्रीय फैक्‍ट चेकिंग-डे (International Fact-Checking Day) है। हर साल 2 अप्रैल को अंतरराष्‍ट्रीय फैक्‍ट चेकिंग-डे मनाया जाता है। फैक्‍ट चेकिंग की उपयोगिता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि फैक्ट चेकर्स कम्युनिटी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था। दरअसल, इस डिजिटल युग में अगर एक गलत जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो जाए तो उसके कितने भयंकर परिणाम सामने आ सकते हैं, इससे अब कोई अंजान नहीं है। गलत जानकारियों के फैलने से कई बार बड़ी-बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए तथ्‍यों की जांच बेहद महत्‍वपूर्ण हो गई है। इस समय कई फैक्‍ट चेक और वेरिफिकेशन वेबसाइट तथ्‍यों की जांच कर लोगों के सामने सच रख रही हैं। इनमें से एक है, विश्‍वास न्‍यूज।विश्‍वास न्‍यूज जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेक यूनिट है। यह फैक्‍ट चेक और वेरिफिकेशन करने वाली वेबसाइट है, जो अंग्रेजी, हिन्‍दी और 10 दूसरी भारतीय भाषाओं में फेक न्‍यूज और गलत सूचनाओं का पर्दाफाश करने के लिए प्रतिबद्ध है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7538bf0653098971ae571edf6f182bbe91b1d54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी की फोटोज व वीडियोज सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। उनके मेहंदी से लेकर शादी और संगीत तक की कई सारी तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं। इस बीच दोनों की शादी कराने वाले पंडित राजेश शर्मा ने मंडप के नीचे हुई रस्मों के बारे में बताया है। जिनमें दूल्हे के सेहरा बंधाई से लेकर कन्यादान तक शादी की कई सारी रस्में शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd975ca48dc06cc7390f432013d713b606dcfe7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं कुछ चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी जैसे धाकड़ नेता आमने-सामने होंगे, वहां वोट प्रतिशत बढ़ना कोई बड़ी बात नहीं है। वैसे भी स्टार उम्मीदवारों वाली सीटों पर वोट प्रतिशत हमेशा ही ज्यादा देखने को मिलता है। इससे हार-जीत का अनुमान लगाना बेमानी होगी। ममता और सुवेंदु दोनों के ही बड़ी तादाद में समर्थक हैं इसलिए कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73605.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..106e03794bbd0a730f18257df51153e54e92c908 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73605.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सेना हर साल भर्ती दो कैलेंडर में बांटकर करती थी। छह महीने का पहला कैलेंडर एक अप्रैल से 30 सितंबर तक जबकि दूसरा कैलेंडर एक अक्टूबर से 31 मार्च तक होता था। पिछले साल कोरोना के कारण दोनो भर्ती कैलेंडर की अधिकांश रैली को स्थगित करना पड़ा। महिला मिलिट्री पुलिस की भर्ती को लेकर भी संशय बना रहा। इस बार सेना अधिक युवाओं को भर्ती रैली में शामिल होने का अवसर देने के लिए पुख्ता तैयारी कर रही है। सैनिक जीडी, ट्रेड्समैन, एसकेटी, सैनिक क्लर्क जैसे पदों की भर्ती के लिए सभी राज्यों के जोनल मुख्यालयों को सेना मुख्यालय ने पत्र जारी कर दिया है। यूपी व उत्तराखंड मुख्यालय लखनऊ को भी 10 भर्ती रैली की तैयारियों के आदेश दिए गए हैं। हर सेना भर्ती कार्यालय अपने अधीन आने वाले 13 से 15 जिलों के अभ्यर्थियों के लिए तय स्थान पर रैली आयोजित करेगा। + +सेना की वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर ऑनलाइन पंजीकरण के बाद अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र इसी माध्यम से भेजे जाएंगे। भर्ती मुख्यालय के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के मुताबिक दोनों राज्यों के करीब आठ लाख अभ्यर्थी ऑनलाइन भर्ती रैली के लिए आवेदन करेंगे। पुलिस व जिला प्रशासन से संपर्क कर अब संबंधित सेना भर्ती कार्यालय अपनी रैलियों को आयोजित करने की तैयारी करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b4e45e57f3fd46ba328ea2bade7d0e4c92d8189 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Railway Division Waiting Room Haridwar Kumbh Mela Royal Bath Preparations : रेलवे हरिद्वार कुंभ से लौटने के बाद श्रद्धालुओं की पहचान कलर (रंग)  से करेगा और ऐसे यात्र‍ियों की ट्रेन आने से पहले उन्‍हें सूचना देकर प्लेटफार्म पर पहुंचने की अपील करेगा। इससे यात्र‍ियों को सहूल‍ियत म‍िलेगी और प्‍लेटफार्म पर अफरातफरी भी नहीं मचेगी। ।उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले की विधिवत घोषणा कर दी है। 12 व 14 अप्रैल को प्रमुख शाही स्नान है। कुंभ मेला 30 अप्रैल तक चलेगा। प्रदेश सरकार ने शाही स्नान में आने वाले  श्रद्धालुओं के लिए कोरोना को लेकर गाइड लाइन जारी की है। रेलवे का मानना है क‍ि शाही स्‍‍‍‍‍‍नान के ल‍िए देश के विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु ट्रेनों द्वारा हरिद्वार आएंगे और वापस भी ट्रेन से लौटेंगे। स्टेशन परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ से अफरातफरी न मचे, इसके लिए कलर का सहारा लिया जा रहा  है। इससेे रेलवे प्रशासन और श्रद्धालुओं को काफी आसानी होगी। रेलवे ने चार कलर का प्रतीक्षालय तैयार किया है। इसमेंं अम्बाला, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर की ओर जाने वाले श्रद्धालु विश्राम करेंगे। ग्रीन कलर के प्रतीक्षालय में सहारनपुर, मेरठ, दिल्ली व दक्षिण की ओर जाने वाले श्रद्धालु विश्राम करेंगे। येलो कलर के प्रतीक्षालय में लक्सर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, लखनऊ, वाराणसी व पूर्वी दिशा की ओर जाने वाले श्रद्धालु विश्राम करेंगे। ब्लैक कलर के प्रतीक्षालय में देहरादून, ऋषिकेश, योगनगरी जाने वाले श्रद्धालु विश्राम करेंगे। जिससे रेलवे प्रशासन को यह पता चल जाएगा कि किस ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या क्या है। जिस ओर के ल‍िए ट्रेन आने वाली होगी, वहां के प्रतीक्षालय के यात्रियों को सूचना देकर संबंधित प्लेटफार्म पर जाने के ल‍िए कहा जाएगा। इससे प्लेटफार्म पर अफरातफरी नहीं मचेगी और श्रद्धालु ट्रेन में आसानी से सवार हो सकेंगे। यह जानकारी सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने दी। बता दें क‍ि हरिद्वार कुंभ मेले में आने और जाने वाले भक्‍तों को रेलवे की ओर से लगातार नई-नई सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। ।​​​​​यह भी पढ़ें :-।Chief Minister Panchayat Incentive Award : बेहतर कार्य पर मुरादाबाद की पांच ग्राम पंचायतों को मिला पुरस्कार, पंचायती राज मंत्री का गांव भी शाम‍िल।Indian Railways : रेल यात्र‍ियों को बड़ी राहत, लंबी दूरी की 46 ट्रेनें 10 अप्रैल के बाद चलेंगी, यहां देखें सूची।एक घंटे में चार बार शौचालय गया कैदी, हर बार हाथ पर मला साबुन, कलाई च‍िकनी हुई तो हथकड़ी न‍िकाल हो गया फरार।मुरादाबाद में घर के झगड़े में देवर ने खोया आपा, जलती लकड़ी से भाभी के स‍िर पर क‍िए वार, इलाज के दौरान मौत, पुलिस ने भेजा जेल।पूर्व सांसद जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी मामले में सुनवाई, आजम खां और अब्‍दुल्‍ला के बचाव में ग‍िनाए फ‍िल्‍मों के नाम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44f02fb3cb0a1cd21c6d14ac02a07cb04190e711 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73610.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्रिटेन के पब्लिक गार्जियन कार्यालय ने मार्च 2019 में अलका को पत्र जारी किया कि वे यह जांच करेंगे कि अब गुरबख्श अपने फैसले लेने में सक्षम हैं या नहीं। मानसिक क्षमता अधिनियम-2005 के तहत लंदन की कोर्ट आफ प्रोटेक्शन के आदेश पर गुरबख्श की जांच की गई। अदालत ने जांच के बाद पाया कि गुरबख्श मानसिक तौर पर फैसला लेने के लिए अक्षम हैं और उनके स्थान पर उनकी बेटी अलका मारवाह व इवा लाई को संपत्ति व आर्थिक मामलों का फैसला लेने का अधिकार दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a7447116af2da5de85ebf394cac6434348aa642 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73613.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर । Mukhyamantri Panchayat Protsahan Yojana प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत चयनित पंचायतों की घोषणा कर दी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सूबे भर में कुल 301 पंचायतों का इसमें चयन हुआ है। इसमें अलीगढ़ जिले की सबसे अधिक छह पंचायतें शामिल हुई हैं। इसी बार धनीपुर ब्लाक की अहलदादपुर पंचायत जिले भर में विकास कार्यों में टाप पर रही है। सरकार ने इसे इनाम के तौर पर 12 लाख रुपये की धनराशि दी है। वहीं, रायपुर देहली को दूसरा, महुआ को तीसरा, नगला मधु को चौथा, जिजाथल को पांचवा व अगोरना को छठवां स्थान मिला है। सभी पंचायतों के खाते में इनाम की धनराशि भेज दी गई है। ।यह है योजना ।मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के लिए ग्राम पंचायतों को आन लाइन आवेदन करने होते है। इसे लिए शासन ने 30 सवालों की सूची जारी की है। जिसे ग्राम पंचायतें को भरना होता है। योजना के तहत प्रधानों और सचिवों को ग्राम पंचायतों में कराए गए अच्छे कार्यों को गिनाने होते हैं। उनके कार्यों के आधार पर उन्हें पुरस्कार दिया जाता है। दो लाख से लेकर 12 लाख तक का इनाम मिलता है। जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जिले में 50 से अधिक पंचायतों ने इस पुरुस्कार के लिए आवेदन किया था। ।छह पंचायतों का चयन। अब 25 मार्च को शासन की तरफ से इस योजना के तहत चयनित पंचायतों की घोषणा कर दी गई है। सूबे भर में कुल 301 पंचायतें इसमें शामिल हुई हैं। इसमें अलीगढ़ जिले से सबसे अधिक छह पंचायतें चयनित हुई हैं। प्रदेश के बाकी अन्य जिलों से पांच-पांच पंचायतें ही शामिल हैं। इन सभी को पुरुस्कार की धनराशि खाते में भेज दी गई है। चुनाव के बाद नए प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव संयुक्त रूप से इन्हें खर्च कर सकेंगे। ।इस तरह मिला है इनाम। धनीपुर ब्लाक की अहलदादपुर सबसे पहले स्थान पर है। इसे 12 लाख दिए गए हैं। जवां ब्लाक की रायपुर देहली को दूसरे स्थान के लिए 10 लाख मिले हैं। इगलास की महुआ पंचायत को तीसरे स्थान के लिए आठ लाख मिले हैं। गौंड़ा के नगला माधौ को चौथे स्थान के लिए सात लाख, गंगीरी के जिजाथल को पांचवे स्थान के लिए दो लाख व इगलास ब्लाक के अगोरना को छठवें स्थान के लिए दो लाख मिले हैं। ।इन कार्यों के लिए अलहदादपुर काे मिला है पहला स्थान ।-6.10 करोड़ से जिले का दूसरा स्पोट्रर्स स्टेडियम का निर्माण ( दो महीने में तैयार होगा स्टेडियम ) ।-24 करोड़ की लागत से नवोदय स्कूल का निर्माण कार्य ( निर्माण कार्य प्रगति पर है ) ।-तीन से चार हजार पौधारोपण की बेहतर तरीके से देखभाल ( अधिकतर पौधे ट्री गार्ड में सुरक्षित हैं ) ।-10 बीघा भूमि को पुस्तकालय के लिए आरक्षित किया गया ( प्रस्ताव शासन में भेजा) ।-नौ लाख रुपये से प्राथमिक स्कूल में क्रिटिकल फंड से बाउंड्रीवाल का निर्माण ।-6.40 लाख से मंडी समिति से गांव में सीसी रोड का निर्माण कार्य ।-गांव में पार्क का निर्माण व ओपन जिम की व्यवस्था ।-चार लाख रुपये से सरकारी जन सेवा केंद्र का निर्माण ।-एनआरएलएम में 150 से अधिक महिलाओं को रोजगार ।-छह लाख रुपये से आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कार्य ।-गांव में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों की स्थापना ।जिले भर में अलहदादपुर को पहला स्थान मिलना गौरव की बात है। मै इसके लिए विभागीय अफसर, प्रशासन व सभी ग्रामीणों को धन्यवाद देता हूं। सभी के संयुक्त प्रयासों से ही गांव को पहला स्थान मिला है। ।अर्जुन सिंह भोलू, निर्वतमान प्रधान प्रतिनिधि ।मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत जिले से कुल छह पंचायतें चयनित हुई हैं। इनमें अलहदादपुर को पहला स्थान मिला है। इसके लिए 12 लाख की धनराशि खाते में भेज दी गई है। चुनाव के बाद इसे खर्च किया जा सकेगा। ।पारुल सिसौदिया, डीपीआरओ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02ea171fee778a5070e83710441bbf29c508fe28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73614.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[राहुल लाल]। अफगानिस्तान को लेकर ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित नौवें ‘हार्ट ऑफ एशिया’ के मंत्री स्तरीय सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए भारत किसी भी सच्चे और विस्तृत प्रयास का समर्थन करेगा। हालांकि भारत ने यह साफ नहीं किया है कि वह संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में होने वाली शांति प्रक्रिया में सीधे तौर पर हिस्सा लेगा या नहीं, लेकिन अफगानिस्तान में स्थायी शांति में संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी भूमिका की वकालत कर इस विकल्प को भी सुरक्षित रखा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार भारत संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए क्षेत्रीय प्रक्रिया का समर्थन करता है। उल्लेखनीय है कि ‘हार्ट ऑफ एशिया’ के तहत सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2011 से जारी है। इसके तहत आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों का उद्देश्य अफगानिस्तान में शांति की प्रक्रिया को लेकर प्रांतीय और अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाना है। + +भारत-अफगानिस्तान को एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में देखते हुए उसके हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में शांति स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध है। अफगानिस्तान में भारतीय प्रतिबद्धता द्विस्तरीय है। भारत अफगानिस्तान के सैनिकों को प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करता है, लेकिन दूसरी ओर उससे बड़ी भूमिका भारत आधारभूत संरचना, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में सहयोग करके उपलब्ध कराता है। आधारभूत संरचना के सहयोग के रूप में सलमा डैम का पुनर्निर्माण, संसद भवन और जरांज डेलाराम मार्ग का निर्माण इत्यादि को देखा जा सकता है। सलमा बांध को अफगानिस्तान में भारत-अफगान मैत्री बांध के नाम से भी जाना जाता है। ।यह बांध चिश्ती शरीफ जिला में हरि रुद नदी पर 29 करोड़ डॉलर की लागत से बना है, जो ईरान सीमा के नजदीक है। मालूम हो कि सलमा डैम परियोजना एक बहुउद्देश्यीय परियोजना है। इससे करीब 42 मेगावॉट जलविद्युत उत्पादन के अलावा 75 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई भी की जा रही है। इससे यहां विद्युत संकट को दूर करने में सहायता मिली। कृषि अर्थव्यवस्था को भी सहयोग मिला है। अफगानिस्तान के संसद का निर्माण नौ करोड़ डॉलर की लागत से भारत द्वारा किया गया है। इस तरह भारत अफगानिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जरांज डेलाराम मार्ग अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत में पहली पक्की सड़क है, जिसका निर्माण भारत द्वारा किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c1ef32f56cc163bc437c165737271b8a7386795 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73615.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है। माल ढुलाई बढ़ने के बाद भी घाटा कम नहीं हुआ है। रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सभी ट्रेनों को नहीं चलाया जाता है, तब तक रेलवे के घाटे को कम नहीं किया जा सकता है। रेलवे बोर्ड ने कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद भी मंडल रेल प्रशासन से ट्रेन चलाने का प्रस्ताव मांगा। अब उसी प्रस्ताव को आधार बनाकर ट्रेन चलाने के आदेश जारी करने शुरू कर द‍िए हैं। सभी ट्रेनें अगले आदेश तक के लिए चलाई जाएंगी। घोषणा के दूसरे दिन ही घोषित ट्रेनों में आरक्षण कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे यात्री आरक्षण टिकट ले सकें और टिकट की बिक्री से रेलवे की आय में वृद्धि भी हो। मुरादाबाद रेल मंडल से सात ट्रेनें गुजरेंगी। इसमें सहारसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस, कांठगोदाम जम्मूतवी गरीब रथ, मुजफ्फरपुर-पोरबंदर गरीब रथ, कानपुर जम्मूतवी एक्सप्रेस, बरेली-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस, अंबाला-मुजफ्फरपुर हरिहर नाथ एक्सप्रेस, अमृतसर-लालकुंआ एक्सप्रेस और अहमदाबाद-सुल्तानपुर एक्सप्रेस शामिल हैं। इसकी पुष्टि एसीएम नरेश सिंह ने की है। बता दें क‍ि ट्रेनों को चलाने के संबंध में लगातार यात्र‍ियों की ओर से मांग की जा रही है। रेलवे मंत्री समेत अन्‍य को लगातार टवीट क‍िए जा रहे हैं। हालांक‍ि अब रेलवे लगातार  एक के बाद एक ट्रेनें चलाने की घोषणा कर रहा है। इससे न केवल रेलवे यात्र‍ियों की आय बढ़ेगी बल्कि यात्र‍ियों को भी काफी सहूल‍ियत म‍िलेगी। ।यह भी पढ़ें :-।Moradabad Today Horoscope : धनु राश‍ि के लोगों को प्रत्येक क्षेत्र में म‍िलेगी निराशा, बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जान‍िए क्‍या कहते हैं आपके स‍ितारे।कांग्रेस के स्टार प्रचारक आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा- बंगाल में कांग्रेस का लेफ्ट से गठबंधन बेमेल, चक्रव्यूह में फंसी ममता का दें साथ।मुरादाबाद के नवाबपुरा में कोरोना का नाम सुनते ही सहम जाते हैं लोग, एक ही पर‍िवार के तीन लोगों की हुई थी मौत।सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में अब 12 अप्रैल को तय होंगे आरोप।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3af1aa95db48121cf3db800227ca2e464e50837 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [सोनू राणा]।  4 महीने से भी अधिक समय से दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में अब कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों की संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। सिंघु बॉर्डर-नरेला रोड पर ट्रैक्टरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। यहां पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा होने के पीछे नया ट्ववीस्ट आ गया है। दरअसल, कुछ लोग यहां पर होला मोहल्ला मनाने आएं हैं तो कुछ कथित तौर पर ड्यूटी करने। वहीं, पंजाब के कुछ किसान जर्माने के डर से भी आ रहे हैं। इसके चलते यहां पर प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c27faa2df92e5daeb5bcadcecadcfcbf52655bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Nawabpura Corona Infection Panic : कोरोना संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं होने का दर्द कोई नवाबपुरा के सरताज के परिवार से पूछे। अप्रैल माह में एक साथ तीन जिंदगी छीनने वाले वायरस से आज भी नवाबपुरा का परिवार दहशत में है। मार्च अप्रैल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की वजह से परिवार के लोगों ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। परिवार का कोई सदस्य आज भी हाथ मिलाने से कतराता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e24d58e8b40c85efc03c6c28151781c29a81d8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73628.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + झारखंड की यह अनूठी परंपरा ।इन दोनों की कहानी इकलौती नहीं है। दरअसल विश्व में अप्रैल फूल बनाने की परंपरा के ठीक उलट झारखंड में फूल बनाने की यह परंपरा अद्वितीय है। अप्रैल फूल में जहां एक-दूसरे का मजाक उड़ाया जाता है, वहीं झारखंड में फूल बनाने का अर्थ है जाति, पंथ से इतर दो मित्रों के पूरे परिवार को धर्म सखा के बंधन में बांध देना। भाई-भाई की तरह इस रिश्ते को पीढ़ी दर पीढ़ी निभाते हैं। अधीरचंद्र कहते हैं कि झारखंड की संस्कृति वास्तव में यही है। + +धर्म भी आड़े नहीं आता।फूल से कोमल बच्चों को आगे कर बनाए गए इस संबंध में धर्म भी आड़े नहीं आता। मोहनपुर के अशोक कुमार महतो के फूल कोराहीर के दमन अंसारी हैं। महतो बताते हैं कि हम दोनों में गहरी छनती थी। एक दिन दमन ने प्रस्ताव दिया कि तुम्हारी भी बेटी है और मेरी भी, चलो दोनों को फूल बनाएं। फिर क्या था अगले ही दिन मोहन अपनी पुत्री हेमा और पूरे परिवार के साथ कोराहीर पहुंच गए। दमन भी अपनी बेटी खुशबू को आगे लाए। दोनों को पान-सुपारी खिलाई गई। मिठाई बांटी। दोनों परिवार फूल के रिश्ते में बंध गए। अब तो दोनों बच्चियों की शादी भी हो गई और यह रिश्ता पूरी प्रगाढ़ता के साथ चलता आ रहा है। मोहन कहते हैं फूल का घर छड़-बड़ (छूट नहीं सकता, अलग नहीं हो सकता) नहीं हो सकता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0492ce2b4ec65672de41bdc7dec1e2f800caafc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73631.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल के धवल संगमरमरी सौंदर्य का दुश्मन एक बार फिर आ गया है। ताजमहल की उत्तरी दीवारों (यमुना किनारे पर) नीचे से ऊपर तक गहरे भूरे व हरे रंग के दाग नजर आने लगे हैं। यमुना की बदहाल दशा के चलते यह स्थिति हो रही है। यमुना की गंदगी में पनपा कीड़ा गोल्डीकाइरोनोमस ताजमहल की सतह पर गंदगी के दाग छोड़ रहा है, जिससे वो बदरंग नजर आ रहा है। + +हानिकारक नहीं हैं दाग।कीड़ों द्वारा ताजमहल की सतह पर छोड़ी गई गंदगी से उसके संगमरमर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआइ की रसायन शाखा, निदेशक विज्ञान देहरादून, वाडिया इंस्टीट्यूट इसकी जांच कर चुके हैं। उन्होंने अध्ययन में कीड़ाें द्वारा छोड़ी गई गंदगी का कोई प्रभाव नहीं होने की बात कही थी। इन्हें पानी से धोकर साफ किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40ee00cab23d5f765989d10222d3987f870adabb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73633.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +जय प्रकाश नारायण ने की थी मोहम्‍मद यूनुस की आलोचना।कांग्रेस के युवा नेता जयप्रकाश नारायण ने मोहम्मद यूनुस द्वारा सरकार बनाने का आमंत्रण स्वीकार करने के लिए कड़ी आलोचना की थी। गौरतलब है कि इस चुनाव में बिहार में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत से कई मुद्दों पर मतभेद की वजह से कांग्रेस ने देश की किसी भी प्रांत में सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अंग्रेज गवर्नर ने दूसरी पार्टियों को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया था। इसी वजह से मोहम्मद यूनुस को बिहार का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। उनकी सरकार बनने के अगले ही दिन कांग्रेस की ओर से बिहार बंद का आह्वान किया गया। कांग्रेस अल्‍पमत वाले दल को सरकार बनाने के लिए न्‍योता देने से  नाराज थी। + + मुसलमानों के लिए आरक्षित आधी  सीटें जीत गई थी यूनुस की पार्टी।बिहार में अल्‍पमत की सरकार के विरोध में कांग्रेस की ओर से बुलाई गई हड़ताल काफी असरदार रही। हड़ताल के दौरान फ्रेजर रोड स्थित मोहम्मद यूनुस के आवास के सामने से कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था था कि अल्पमत वाली पार्टी को सरकार बनाने का मौका देना उचित नहीं है। आजादी की लड़ाई से परेशान ब्रिटिश हुकूमत ने प्रांतीय स्‍तर पर स्‍थानीय स्‍वशासन को बढ़ावा देने के लिए चुनाव कराने शुरू किए थे। इसके लिए 1936 में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्‍ट बनाया गया। तब बिहार के चुनाव में 40 सीटें मुसलमानों के लिए आरक्षित रखी गई थी इनमें से 20 सीटों पर मोहम्मद यूनुस की पार्टी मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी ने जीत हासिल की थी। मुसलमानों के लिए आरक्षित सीटों में से केवल 4 सीटें ही कांग्रेस जीत पाई। + +कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे यूनुस।मोहम्मद यूनुस ने कांग्रेस के साथ मिलकर भी सरकार बनाने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि उनकी पार्टी ही बिहार में मुसलमानों की असली प्रतिनिधि है। इसलिए उनकी पार्टी का सरकार में रहना जरूरी है। हालांकि, कांग्रेस इस पर राजी नहीं हुई। करीब 3 महीने के बाद के बाद मोहम्मद यूनुस की अल्पमत वाली सरकार को जाना पड़ा। उसके बाद कांग्रेस के श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनी। इस सरकार में डॉ. एएन सिन्हा उप प्रधानमंत्री बनाए गए। मोहम्मद यूनुस के बेटे बैरिस्टर मोहम्मद यासीन युनूस ने कहा था कि कांग्रेस हठधर्मी रवैये की वजह से ही पाकिस्तान की नींव पड़ी। अगर कांग्रेस सरकार में मुस्लिम इंडिपेंडेंट पार्टी को भी शामिल कर लेती तो शायद ऐसा नहीं होता। + +आजादी के बाद तैयार भारतीय इतिहास में नहीं मिली जगह।आजादी के बाद तैयार किए गए भारतीय इतिहास में इस दौर का का समुचित दस्तावेजीकरण नहीं किया गया। इसके इसके कारण इस दौर से जुड़े बहुत कम प्रमाण मिल पाते हैं। खुद बिहार में मोहम्मद यूनुस को बहुत कम लोग जानते हैं। प्रांत के तौर पर बिहार के पहले निर्वाचित मुखिया को राज्य में पर्याप्त सम्मान नहीं मिल सका। कुछ वर्ष पहले तक तो इसको लेकर जानकारी का काफी अधिक अभाव था। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद मोहम्मद यूनुस की जयंती पर कुछ कार्यक्रम आयोजित होने लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be9ce1c2f3186292ebdbd2864d7885abc79d4f99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल अभी पुरुष व महिला श्रद्धालु एक ही लेन से जाकर रामलला का दर्शन करते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ की वजह से ट्रस्ट ने यह फैसला किया है। विशेषज्ञों के अनुसार ये लेन इस तरह बनाई जाएंगी जिससे मंदिर परिसर में जब श्रद्धालु प्रवेश करें, तो महिला एक लेन तथा पुरुष दूसरे लेन में प्रवेश कर निर्धारित रास्ते पर आगे चलकर वैकल्पिक गर्भगृह तक पहुंचे और वहां विराजमान रामलला का दर्शन करें। आगे भी इन्हें अपनी-अपनी लेन से ही बाहर निकलना होगा। ट्रस्ट से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अभी महिलाओं की लंबी कतार लगती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4441d45d87ff6e28cb37e8c7db3996db0a9102b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[अमित तिवारी] मेरठ। आजादी के पहले से ही भारतीय सेना के जवानों व अफसरों को दूध के रूप से सेहत की घूंट पिलाने वाली मिलिट्री फार्म बुधवार को बंद हो गई। सेना में अब मिलिट्री फार्म का नाम हटा दिया गया है। मेरठ छावनी में भी 113 साल पुराने मिलिट्री फार्म को अब अंतिम रूप से बंद कर दिया गया है। यहां की अधिकतर गायों को उत्तराखंड सरकार और शेष बची गायों को मणिपुर सरकार ले गई। मिलिट्री फार्मों को बंद करने के लिए यहां तैयार की गई एक लाख रुपये तक की गायों को भी महज एक-एक हजार रुपये में प्रदान कर दिया गया। मेरठ छावनी स्थित केंद्रीय गोवंश अनुसंधान केंद्र में चल रहे फ्रीजवाल प्रोजेक्ट के लिए चयनित करीब 50 गायों में कुछ मेरठ छावनी व शेष को नेशनल डेयरी इंस्टीट्यूट करनाल में रखा गया है। इस मिलिट्री फार्म में कभी 2,200 से अधिक गायें थी जिनसे हर दिन करीब 10,500 लीटर और करीब 25 लाख लीटर सालाना दूध मिलता था। पूरा दूध छावनी में तैनात सौ से अधिक सैन्य यूनिटों और सैन्य परिवारों को ही जाता था। जो अब नहीं मिलेगा। मिलिट्री फार्म की करीब 1537 एकड़ जमीन अब मेरठ छावनी को मिलेगी और इसका इस्तेमाल सेना के अन्य विकासपरक प्रोजेक्ट में होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73647.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..844ef6fa09cdc35247cc485d39f5a53f1223280e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73647.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लालजी जायसवाल। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर शुरू हो गई है। वैसे इसमें एक बड़ी राहत की बात यह भी है कि अभी तक कुछ ही राज्यों में इस दूसरी लहर के संकेत मिले हैं। शोधकर्ताओं ने अलग-अलग अध्ययनों में पाया है कि दुनिया के अधिकांश देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर, पहली से ज्यादा खतरनाक साबित हुई है, लेकिन हमारे देश में टीकाकरण के कार्यो में तेजी निश्चित रूप से इस संबंध में बड़ी राहत देने वाली खबर है। ऐसे में केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि आज यानी एक अप्रैल से देश में 45 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिक आज से कोरोना रोधी टीका लगवा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a6fdba554675461c2ee69a42537f62423823413 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73648.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संयुक्‍त राष्‍ट्र (एपी)। संयुक्‍त राष्‍ट्र के विशेष दूत क्रिस्‍टीन स्‍क्रेनर बर्गेनर ने चेतावनी दी हे कि म्‍यांमार में जबरदस्‍त गृह युद्ध छिड़ने की आशंका है। उन्‍होंने इसको देखते जरूरी कदम उठाने की भी अपील की है। उनका कहना है कि वो स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्‍होंने साफ किया है कि यदि इसको अभी नहीं रोका गया तो फिर पूरी दुनिया को इसको लंबे समय तक देखना और झेलना पड़ सकता है। उन्‍होंने इसको लेकर म्‍यांमार के पड़ोसी देशों को भी आगाह किया है। क्रिस्‍टीन ने कहा है कि इस आशंका को देखते हुए साझा प्रयासों के तहत उठाए जाने वाले सभी जरूरी कदम और मौजूद विकल्‍पों को तलाशा जाना चाहिए। + +आपको बता दें कि म्‍यांमार की लोकतांत्रिक सरकार को सेना ने तख्‍तापलट कर सत्‍ता अपने हाथों में ले ली थी। इसके बाद म्‍यांमार के कमांडर इन चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ मिन आंग ह्लेनिंग ने खुद को देश का प्रमुख घोषित करते हुए आंग सांग सू की समेत सत्‍ताधारी पार्टी के सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया था। ह्लेनिंग का आरोप है कि नवंबर 2020 में हुए चुनाव में सत्‍ताधारी पार्टी ने बड़े पैमाने पर धांधली की थी। सेना की तरफ से सू की पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। देश में सेना द्वारा तख्‍तापलट के बाद से ही वहां पर सैन्‍य शासन के खिलाफ जबरदस्‍त विरोध प्रदर्शन जारी है। इनमें अब तक करीब 500 से अधिक लोगों की जान सेना और सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई में हो चुकी है। अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर हर तरह इसकी कड़े स्‍वरों में निंदा की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07ee5c8b1483a5bb325288c13c646b04f83afc0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज कुंद्रा को है ये एक्ट्रेस पसंद।कुछ समय पहले द कपिल शर्मा शो में पत्नी शिल्पा और साली शमिता शेट्टी के साथ आए राज कुंद्रा ने इस राज़ से पर्दा उठाया था। कपिल के पूछे जाने पर कि अगर उन्हें फिल्म में रोमांस करने का मौका मिले तो वो किस एक्ट्रेस के साथ पर्दे पर रोमांटिक होना पसंद करेंगे। तो राज कुंद्रा से पहले शिल्पा शेट्टी ने जवाब दिया था 'दीपिका पादुकोण'। मतलब शिल्पा को भी पता है कि राज को दीपिका पादुकोण पसंद हैं। ।जब से राज कुंद्रा का नाम अश्लील फिल्मों के कारोबार से जुड़ा है सोशल मीडिया पर मीम्म की बाढ़ आ गई है। यूजर्स राज के साथ-साथ शिल्पा को भी ट्रोल करने में लग गए हैं। ।ये है पूरा मामला।बता दें कि इसी साल के शुरुआत में मुंबई के पास एक बंगले में अश्लील फिल्मों की शूटिंग चलने की सूचना पुलिस को मिली। जिसके बाद फरवरी महीने में जांच शुरू हुई। हालांकि ये जांच बीच में कुछ ठंडी पड़ गई, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इस मामले ने फिर रफ्तार पकड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e62c5ab66f04750986adbe2967cd8bfbe114b011 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[लालजी जायसवाल]। देश में ग्रामीण व कई आदिवासी इलाकों में टीकाकरण की राह में नक्सली चुनौती भी है, जिसकी गंभीरता को शायद कम करके आंका जा रहा है। कोरोना के खतरे के बीच नक्सली, वैक्सीन की लूट जैसी वारदात को भी अंजाम दे सकते हैं। वैक्सीन को सुरक्षित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सुरक्षा बलों की होगी। बस्तर समेत देश के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में समय-समय पर नक्सलियों के कोरोना की चपेट में आने की खबरें भी आती रही हैं। ऐसे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि नक्सलियों द्वारा कई इलाकों में वैक्सीन लूट की आशंका भी बनी रहेगी। ।इन सभी स्तरों पर चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत होगी। इसमें पहला स्तर, वहां के लोगों में जागरूकता और वैक्सीन के प्रति विश्वास पैदा करना है। हाल में छत्तीसगढ़ के कुछ समुदायों के प्रमुखों ने राज्य में कोरोना टीकाकरण के लिए अपना समर्थन दिया। इसी प्रकार, अन्य प्रदेशों में भी आदिवासी समुदायों के प्रमुखों द्वारा यह पहल करनी चाहिए, जिससे आदिवासी तथा पिछड़े वर्ग के लोगों में विश्वास और उचित जानकारी को बढ़ावा मिल सके। दूसरा स्तर, उनको इस समस्या से बाहर निकालना कि अगर उनके पास स्मार्टफोन आदि नहीं है तो वे अपना रजिस्ट्रेशन कैसे कराएंगे? वैक्सीन के लिए अगर आम नागरिकों को खुद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा तो ग्रामीण स्तर पर समस्याएं खड़ी होंगी और अगर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को सौंपा जाता है तो भी समस्याएं खड़ी होंगी, क्योंकि उन पर पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं का बहुत बोझ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73653.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73653.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bd64dc23638aac72a1ef05ebcd26f7e28021bc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73653.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्तान सरकार की इकोनॉमिक कोआर्डिनेशन कमेटी के इस फैसले के बारे में नवनियुक्त वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि गहन विचार विमर्श के बाद भारत से पांच लाख टन चीनी आयात करने का फैसला किया गया है। यह आयात निजी सेक्टर की कंपनियां करेंगी। फैसले के पीछे मुख्य वजह यह बताई गई कि भारत से चीनी आयात करने में दूसरे देशों के मुकाबले लागत कम आएगी। जबकि जून, 2021 से भारत से कपास का आयात करने की इजाजत दी गई है। यह फैसला भी लागत को ध्यान में रखते हुए किया गया है। पाकिस्तान अभी मिस्त्र समेत दूसरे देशों से कपास का आयात कर रहा है जो काफी महंगा पड़ रहा है। इससे कपड़े की बड़ी मिलें तो चल रही हैं लेकिन छोटी व मझोले आकार की कपड़ा मिलें बंद हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9de14a78bfe8e1aa5b1d710a7f3d3b02b231c9c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। पाकिस्‍तान में एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। रावलपिंडी के पुराना किला इलाके में स्थित 74 साल के पूराने मंदिर में कट्टरपंथियों ने रविवार को तड़के हमला किया। इस हमले में मंदिर को क्षतिग्रस्‍त कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि मंदिर में पुननिर्माण और मरम्‍मत का काम चल रहा था। इसके चलते मंदिर में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्‍ठान नहीं हो रहा था। यह सब उस पाकिस्‍तान का हाल है, जो भारत पर मानावधिकार के हनन को लेकर उंगलियां उठाता रहा है। आइए हम आपको बताते हैं पाकिस्‍तान में हिंदू ही नहीं, वहां रह रहे अन्य अल्‍पसंख्‍यकों पर किस तरक जुर्म किए जाते हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं को किस तरह से रौंदा जाता है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि पाकिस्‍तान में धार्मिक स्‍वतंत्रता के क्‍या मायने हैं। ।जिन्‍ना के सहयोगी ख्‍वाजा ने बताया था इस्‍लामिक स्‍टेट के मायने ।पाकिस्‍तान में धार्मिक आजादी को समझने के लिए पाकिस्‍तान के दूसरे प्रधानमंत्री ख्‍वाजा नजीमुद्दीन की उक्‍त पक्तियां ही काफी हैं। उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था, 'मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि मजहब किसी व्‍यक्ति का निजी मामला है, न ही इस बात से राजी हूं कि एक इस्‍लामिक स्‍टेट में किसी व्‍यक्ति को समान हक मिलें, चाहे उसका धर्म, जाति या यकीन कुछ भी हो।' ख्‍वाजा निजामुद्दीन, मोहम्‍मद अली जिन्‍ना के समकालीन थे। आजादी के दौरान उन्‍होंने जिन्‍ना के साथ इस्‍लामिक स्‍टेट की मांग की थी। उनके इस बयान से पाकिस्‍तान में धार्मिक आजादी के मायने को आसानी से समझा जा सकता है। इससे इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों की क्‍या हालत होगी। उनकी क्‍या स्थिति होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73662.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73662.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9182388fe855a628cc5717121b9d9786450caf6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73662.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, वीके शुक्ला। दिल्ली सरकार के लिए आबकारी विभाग राजस्व एकत्रित करने वाला दूसरा बड़ा श्रोत है। यह सर्वविदित है कि दिल्ली को आबकारी से पूरा राजस्व नहीं मिल पा रहा है। यह समस्या वर्षों से चली आ रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए कई बार प्रयास हो चुके हैं, हमेशा असफलता ही हाथ लगी। दिल्ली में अवैध शराब की तस्करी रोकने की बात करें तो यहां आबकारी विभाग के पास इस काम के लिए एक टीम है। जिसमें दो सौ से भी कम कर्मचारी हैं। जबकि दिल्ली में हर जिले में एक टीम की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक छापेमारी की कार्रवाई की जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92f8dfd2cb1b9161538c31d5b6b6b4011ec24cd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीआइटी के छात्र करते हैं संचालन,  पूर्ववर्ती छात्र देते हैं आर्थिक सहयोग।शैक्षणिक संस्था प्रयास इंडिया का संचालन बीआइटी सिंदरी में अध्ययनरत अंतिम वर्ष के छात्र करते हैं। जबकि संस्था को आर्थिक सहयोग बीआइटी के पूर्ववर्ती छात्र करते हैं। इससे प्रयास इंडिया संस्थान अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ती जा रही है। संस्था के अध्यक्ष दीपक कुमार, सचिव आशुतोष कुमार, कोषाध्यक्ष पवन कुमार व राहुल कुमार ने बताया कि पूर्ववर्ती छात्रों की ओर से शुरू किए गए सामाजिक कार्य को आगे बढ़ाने में काफी खुशी मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f88cce3718df2f3c3bf13c29c3edfbc0529d240 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बदल गया है मंदिर का समय।ऋतु बदलने के साथ मंदिरों में ठाकुरजी के दर्शन के समय में भी बदलाव कर दिया जाता है। ठा. बांकेबिहारी जी शरद ऋतु में सुबह सुबह देर से दर्शन देने के बाद शाम को भी जल्द ही विश्राम के लिए चले जाते हैं, तो अब मौसम के बदलाव के साथ मंगलवार से ग्रीष्मकालीन सेवा शुरू हो गई। जिसमें आराध्य अब सुबह एक घंटे पहले दर्शन देंगे और शाम को भी एक घंटे देर तक भक्तों को दर्शन देंगे। जबकि बीच में मंदिर के पट बंद रहने के समय में बढ़ोत्तरी कर दी गई है। गरमी के दिनों में आराध्य को शीतलता देने के लिए 23 अप्रैल कामदा एकादशी से मंदिर में फूलबंगला सजाए, जाएंगे। ताकि गर्मी से निजात दिलाने के लिए आराध्य को फूलों से शीतलाता प्रदान की जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d9f062bdfad4a42dc87abc2f3446a7dc6445f92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने गहरी चिंता जताई है। संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्‍टर सौम्‍या स्‍वामीनाथन ने कहा है कि ये हर देश के लिए वास्‍तव में बेहद जरूरी है कि वो अपने यहां पर इस वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए युद्धस्‍तर पर कार्रवाई करे, जिससे मामलों में कमी आ सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75c87bbcda7fa976f31d7b86fc60efd9a049b519 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73670.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, 32 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली सोनाघाटी की पहाड़ी कुछ दशक पहले तक तो घने जंगल से भरी हुई थी। वन्यजीवों की मौजूदगी भी यहां होती थी, लेकिन धीरे-धीरे पेड़ कटने लगे और पहाड़ी बदहाल होने लगी। सोनाघाटी की पहाड़ी को पहली बार 1893-94 में काटकर इटारसी-नागपुर रेलवे लाइन बिछाई गई थी। उसी समय पहाड़ी दो भागों में बंट गई थी, इसके बाद वर्ष 2013-14 में नागपुर-भोपाल फोरलेन निर्माण के लिए इस पहाड़ी को फिर से बीच से काट दिया गया। इस बीच घाटी के जंगल से अंधाधुंध पेड़ों की कटाई भी चलती रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1ba8746617755cb010a570a3eaa6a7d60cd1f2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा [लोकेश चौहान]। रसायन युक्त और गंदगी वाला जल आज के समय में बड़ी समस्या है। यह जलजीवों और इंसान सभी के लिए बड़ा खतरा है। अब डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के पूर्व विज्ञानी ने दो वर्ष के शोध के बाद ऐसा उपकरण तैयार किया है जिससे पर्यावरण को दोहरा लाभ पहुंचेगा। उन्होंने ऐसा स्पेशल इलेक्ट्रोड तैयार किया है, जिसे गंदे पानी में डालने पर पानी साफ होगा और बिजली भी बनेगी। यह इलेक्ट्रोड गंदे पानी से तब तक बिजली बनाएगा, जब तक पानी साफ नहीं हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4815c6b415ba609bce7e54022cc9fcf217c5452a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73679.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उन्‍होंने ये भी कहा कि ये वायरस चमगादड़ के जरिए इंसान में आया लेकिन कैसे इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका। इसमें ये भी कहा गया कि वायरस के लैब से लीक होने की बातें बेबुनियाद हैं क्‍योंकि सभी लैब अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस हैं। लेकिन अब इसी रिपोर्ट में इन 14 देशों ने सवाल खड़ा कर दिया है। इनका कहना है कि संगठन ने अपनी रिपोर्ट को सही तरह से तैयार नहीं किया है। इसमें ऑरिजनल डाटा और सैंपल को शामिल नहीं किया गया है। इन देशों से संगठन द्वारा रिपोर्ट में देरी किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया था। + +जिन देशों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है कि उनमें अमेरिका, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्‍तोनिया और इजरायल भी शामिल हैं। इन सभी ने एक बयान में कहा है कि वो विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं साथ ही जो संगठन द्वारा इस महामारी को खत्‍म करने के जो कदम उठाए हैं वो उसके समर्थन में हैं। इतना ही नहीं वो ये वायरस की शुरुआत कैसे हुई और कैसे ये दूसरे देशों में फैलता चला गया इसको भी समझते हैं। इसके बावजूद इन सभी देशों ने जिस बारे में अपनी चिंता व्‍यक्‍त की है उसको गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। जापान, लातविया, लिथुवानिया, नॉर्वे, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, स्‍लोवानिया और ब्रिटेन ने भी अन्‍य देशों द्वारा दिए गए इस बयान को सही बताते हुए इस पर अपनी सहमति दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d1dd76eb3674e525836273a528bfd2c3479b41c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73680.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइकार्ड अपने गले में पहनना अनिवार्य ।यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों व केंद्र व्यवस्थापकों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। हर परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी देने के लिए शिक्षकों व कर्मचारियों के नाम मांगे गए हैं। हर कालेज से प्रधानाचार्यों को नाम देने हैं। यूपी बोर्ड की ओर से कक्ष निरीक्षकों के अलावा परीक्षा कार्य में किसी भी ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारियों को परिचय पत्र यानी आइकार्ड जारी किया जाएगा। हर शिक्षक व कर्मचारी को ये आइकार्ड अपने गले में पहनना अनिवार्य किया गया है। अफसरों का मानना है कि परीक्षा के दौरान केंद्र व्यवस्थापक के रिश्तेदार व अन्य संबंधी कालेज में आ जाते हैं। अफसरों की निरीक्षण व अन्य विभागों की फ्लाइंग स्क्वाड के निरीक्षण में अगर किसी कर्मचारी व शिक्षक के गले में उनका आइकार्ड नहीं मिला तो ये नियमविरुद्ध माना जाएगा। हालांकि उनसे पूछताछ कर उनकी पहचान जानी जाएगी। अगर वो पहचान बताने या सिद्ध करने में असमर्थ हुए तो उनको परीक्षा में व्यवधान डालने का दोषी मानते हुए उन पर एफआइआर की कार्रवाई भी की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5956eb2b8b2c1419166946e7a00dd63d8554f4c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली के 45 फीसद लोगों में नहीं  विकसित एंटीबॉडी। बता दें कि देश में 70 फीसद आबादी में अभी कोरोना की एंटीबाडी विकसित नहीं हुई है। दिल्ली में भी यह आंकड़ा करीब 45 फीसद है। जनवरी में टीका आने के बाद लोगों ने बचाव के नियमों का पालन करना छोड़ दिया। कई लोग तो अब भी मास्क नहीं पहन रहे हैं। इस वजह से मामले बढ़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73682.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73682.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbede6a5ea5dcb2d78d0e7a7889ee1adc9c24607 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73682.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे है अलग: मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 78.56 फीसद मामले सिर्फ छह राज्यों में आए हैं। इनमें महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु व गुजरात शामिल हैं। इनके अलावा दिल्ली, छत्तीसगढ़, हरियाणा व राजस्थान में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 60 फीसद से ज्यादा मामले अकेले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। हालांकि, दूसरी लहर उस दौर में आई है जब टीकाकरण अभियान तेजी पर है और देश हर्ड इम्यूनिटी की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में संभव है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर अपने यहां दूसरे देशों के मुकाबले कम हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73684.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73684.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a81e751f2e58b3617b39c4ee35f80bf156312057 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73684.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष से 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न (आइटीआर) फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह छूट उन बुजुर्गों को मिलेगी, जिनकी आय का स्रोत सिर्फ और सिर्फ पेंशन और ब्याज है। आइटीआर दाखिल करने की छूट सिर्फ उसी स्थिति में मिलेगी, जब ब्याज की आय उसी बैंक में अर्जित की गई हो, जहां पेंशन जमा की जाती है। + +रिटर्न फाइलिंग होगी आसान।करदाताओं के लिए अब अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना ज्यादा आसान होगा, कारण अब वेतन से होने वाली आय के अलावा अन्य साधनों से होने वाली आय जैसे डिविडैंड से आय, कैपिटल-गेन से आय, बैंक डिपाजिट ब्याज से आय, पोस्ट आफिस की ब्याज से आय आदि की जानकारी उन्हें पहले से ही फार्म में देनी होगी। अभी तक की व्यवस्था में करदाता इसकी अलग से गणना करके भरते थे। इससे कई बार भूल होने की संभावना रहती थी, अब यह पूरी जानकारी पहले से भरी हुई आएगी, तो रिटर्न आसानी से फाइल किया जा सकेगा। + +ज्यादा देना होगा टीडीएस।सीए पंकज अग्रवाल ने बताया कि आयकर रिटर्न फाइल न करने वालों के लिए सरकार ने नियम काफी सख्त कर दिए हैं। इसके लिए सरकार ने आयकर अधिनियम में सेक्शन 206 एबी जोड़ा है। इसके तहत अब आइटीआर फाइल न करने पर एक अप्रैल 2021 से दोगुना टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीडीएस) देना होगा। नए नियमों के अनुसार जिन लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टीसीएस भी ज्यादा लगेगा। + +पीएफ अंशदान पर लगेगा टैक्स।नए वित्त वर्ष 2021-22 में ढ़ाई लाख रुपये से अधिक के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) योगदान पर आयकर के तहत टैक्स का प्रावधान किया गया है। इस दायरे में सामान्य तौर पर प्रति माह दो लाख रुपये से अधिक की कमाई वाले आयकरदाता आएंगे। अब आपकी ढ़ाई लाख से अधिक जमा रकम पर ब्याज से जो कमाई होगी, उस पर देय कर स्लैब की दर से टैक्स लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73685.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73685.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d28a7802a824c86ff6737258b3c04d7b535003b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73685.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लगातार सजाया-संवारा। यही वजह है कि लगभग एक वर्ष बाद जब कोरोना का प्रभाव कुछ कम हुआ तो मथुरा, वृंदावन, अयोध्या व काशी आदि स्थलों पर पर्यटकों ने फिर तेजी से रुख किया। इधर, हर विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित कर सरकार घरेलू पर्यटन के लिए संभावनाओं को और बढ़ाने में जुटी है। इसके इतर, पर्यटन विभाग का प्रयास है कि विदेशी पर्यटन को भी धीरे-धीरे बढ़ाया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73688.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73688.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb2ec46cbf6f127b2274e7bd7ae60b3242052353 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73688.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या है चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस ।चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस देश की सबसे बड़ी और शक्तिशाली राजनीतिक संस्‍था। इसे चीन की संसद कहा जाता है। हालांकि, व्‍यवहार में यह एक रबर स्‍टांप वाली संसद है। इसका कार्य केवल चीनी सरकार की तय नीतियों और योजनाओं पर मुहर लगाने के काम तक सीम‍ित है। इस संस्‍था की सालाना बैठक प्रत्‍येक वर्ष मार्च में होती है। इसमें देशभर से करीब तीन हजार प्रतिनिधि हिस्‍सा लेते हैं। इसमें चीन के विभिन्‍न प्रांतों, हांगकांग तथा मकाऊ के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में प्रतिनिधि शामिल होते हैं। चीनी कांग्रेस की इस बैठक के साथ ही चीन की पीपल्‍स कंसल्‍टेटिव कॉन्‍फ्रेंस की भी बैठक होती है। यह देश की सबसे सर्वोच्‍च राजनीतिक सलाहकारी संस्‍था है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1df24ad5df9dd71a270106f4de8eaea99bf3601c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हुरंगा में पुरुष गोप समूह को महिलाएं गोपिका स्वरूप द्वारा प्रेम से भीगे पोतने (कोड़ों) की मार नंगे बदन पर खाते हैं। नंगे बदन पर कोड़ों की मार देखने के लिए हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु उमड़े। दाऊजी के हुरंगा को ब्रज की होली का मुकुट मणि माना जाता है। हुरंगा खेलने के लिए ब्रज की गोपिकाएं परंपरागत लहंगा-फरिया व आभूषण पहन कर झुंड में मंदिर के विभिन्न द्वारों से होली गीत गाते हुए आईं। मंच पर श्रीकृष्ण, बलराम सखाओं के साथ अबीर गुलाल उड़े। रसिया की गूंज के बीच श्रद्धालु भी झूमते रहे। सेवायतों ने बताया कि हुरंगा के अंत मे दो हुरियारिन झंडा छीनने का प्रयास करती हैं। पुरुष इसे बचाने का प्रयास करेंगे, लेकिन अंत में हुरियारिन झंडा छीनने में सफल हो जाती हैं। इसके साथ ही ह‍ुरंगा संपन्‍न हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..854c2314a798bacac04da6bf4ed25b30e120a0ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चिंतन जो एक गैर-लाभकारी संस्था है, की चित्रा मुखर्जी कहती हैं कि कोरोना महामारी ने जोखिम को बढ़ा दिया है। कचरा बीनने वाले अनौपचारिक श्रमिकों में से कुछ के ही पास खुद को सुरक्षित रखने की चीजें हैं और पीने का साफ पानी है। लेकिन यदि इन्‍हें वैक्‍सीनेशन में शामिल नहीं किया गया तो इससे शहरों को नुकसान होगा और कोरोना महामारी पर लगाम लगाना भी मुश्किल होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad495e75056501b813dfd05066153857146111eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पिछले 30 साल से जुबां होते हुए भी बेजुबान रही एक महिला मरीज ने 30 साल बाद मुंह खोला है। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में इलाज के लिए डेढ़ महीने पहले ही भर्ती कराई गईं आस्था मोंगिया के साथ चमत्कार हुआ है। जहां कई देशों के अस्पतालों ने आस्था मोंगिया का इलाज करने से ही इनकार कर दिया था, वहीं सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर आस्था मोंगिया को जुबान दी है। बता दें कि आस्था मोंगिया दिल्ली के पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत थीं और पिछले 30 साल से मुंह से एक शब्द भी नहीं बोल पाई थीं, लेकिन अब वह ठीक हो गई हैं। ।सर गंगाराम अस्पताल के मुताबिक, आस्था मोंगिया जन्मजात विकार से पीड़ित थीं। उनके जबड़े की हड्डी मुंह के दोनों तरफ से खोपड़ी की हड्डी से जुड़ गई थी। इसके चलते आस्था  मोंगिया अपना मुंह तक नहीं खोल पाती थीं, बोलना तो दूर की बात है। यहां तक कि वह अपनी अंगुली से अपनी जीभ तक को भी नहीं छू पाती थीं। वह पिछले 30 साल से सिर्फ तरल पदार्थ पर जिंदा थी। मुंह नहीं खुलने के चलते दांतों में इंफेक्शन के कारण उनके कुछ ही दांत रह गए थे। यहां तककि एक आंख से देख भी नहीं सकती हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि उनका पूरा चेहरा ट्यूमर की खून भरी नसों से भरा हुआ था। इसकी वजह से कोई भी अस्पताल सर्जरी के लिए तैयार नहीं था। परिवार देश के अलावा ब्रिटेन और दुबई के बड़े अस्पतालों में भी गया, लेकिन सभी जगह से मना कर दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7121334e94ba657627644a15ac01b02f14efcb2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुत्ताेें का आतंक पूरे शहर में है। नगर निगम का शिकायती रजिस्टर भरा पड़ा है, जिसमें आम लोग खुंखार कुत्तों से निजात के लिए निगम से आवेदन करते हैं। रात के समय रूई की मंडी, हींग की मंडी, मंटोला, बोदला रोड से निकलना मुश्किल है। आधी रात के बाद सड़क पर कुत्तों का आतंक शुरू होता है। दोपहिया सवार वाहनों सवारों को कुत्ते निशाना बनाने की कोशिश करते हैं। देश की खूबसूरत कॉलोनी में नाम कमा चुकी भरतपुर हाउस भी आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान है। दयालबाग में भी रात के समय कुत्तों का आतंक है। इसके अलावा सभी मुहल्लों में रात के समय कुत्तों का साम्राज्य है। शहर में 50 हजार से अध‍िक कुत्ते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5165b71c04a677df82b2a509867223e0be0785a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कॉमेडियन भारती सिंह ने 3 अप्रैल को बेबी बॉय को जन्म दिया था। पति हर्ष लिम्बाचिया ने सोशल मीडिया पर माता-पिता बनने की इस खुशी को शेयर किया था। बेटे के जन्म से पहले भारती सिंह लगातार शूटिंग कर रही थीं। उनके काम के प्रति इस लगाव को देखकर लोगों ने उनकी खूब सराहना की थी और लोगों ने उन्हें प्रेरणा बताया था। बेटे के जन्म के बाद से ही भारती सोशल मीडिया पर एक्टिव तो थी ही, लेकिन अब वह अपने काम पर लौट चुकी हैं और काफी खुश दिखाई दे रही हैं। लेकिन बेबी के जन्म के बाद भारती का काम पर लौटना कुछ लोगों को रास नहीं आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65166d1739592c573d9401b2b6fa0c30acdd6e24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक रंजन सिंह। बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत का अप्रतिम योगदान रहा है। कोई भी राष्ट्र एक दिन में नहीं बनता, चाहे वह बांग्लादेश हो या अन्य कोई देश। बांग्लादेश के साथ एक बड़ी विशेषता यह रही कि इसने पिछली सदी में दो देशों के लिए लड़ाई लड़ी। भारत जब आजाद हुआ उस समय बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा था और पाकिस्तान बनने के करीब 24 साल बाद ही उसे दूसरी लड़ाई लड़नी पड़ी। बेशुमार कष्ट और आíथक दिक्कतों के बावजूद बीते 50 वर्षो में बांग्लादेश ने जिस प्रकार की आíथक उन्नति की है उसकी चर्चा विश्व भर में हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9e98a8832d6b5a14cd53fc655a953e3d9e64222 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73701.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नोएडा [सुनाक्षी गुप्ता]। Actress Chandni Srivastava: सपनों की मायानगरी जाकर बॉलीवुड और सिल्वर स्क्रीन में काम करने का सपना हर किसी का होता है, लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो उस मुकाम तक पहुंच पाते हैं। ग्रेटर नोएडा सेक्टर-37 निवासी 25 वर्षीय चांदनी श्रीवास्तव ने भी ऐसा ही एक सपना देखा जिसे पूरा करने के लिए मुसीबतों के कई पहाड़ों को फतह कर बिना हार माने अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो रही हैं। प्रतिभा और दृढ़ निश्चय के साथ वह खुद के दम पर सिल्वर स्क्रीन के नामी सीरियल 'कुमकुम भाग्य', 'निमकी मुखिया' और 'बेपनाह प्यार' आदि प्रमुख धारावाहिक में अभिनय कर नाम कमा रही हैं। जल्द ही बॉलीवुड स्टार के साथ फिल्म में नजर आने वाली हैं। + +बेटी को स्टार बनाने के लिए पिता ने किया फिल्म मेकिंग का कोर्स।मूलरूप से कानपुर की रहने वाली चांदनी के पिता सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन राकेश श्रीवास्तव वायु सेना का हिस्सा रहे हैं। मां अल्का श्रीवास्तव इंटीरियर डिजाइनर हैं। राकेश बताते हैं कि बेटी की ललक को देख उन्होंने सेवानिवृत होने के बाद फिल्म मेकिंग का कोर्स किया। बेटी के साथ कई लघु फिल्में भी बनाई। जिन्हें राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। आज वह बेटी की सफलता पर फक्र करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0af94030cd5462075699cdbbcd531e86ccf885f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73702.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ई484क्यू के जैसा ही म्यूटेशन ई484के दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के वैरिएंट में भी पाया गया था जबकि अमेरिका के वैरिएंट में एल452आर पाया गया था। इससे प्रतीत होता है कि एक ही प्रकार का म्यूटेशन दुनिया भर के विभिन्न नमूनों में पाया जाना सामानांतर (कनवर्जेंट) विकास की ओर ध्यान आकृष्ट करा रहा है। ये म्यूटेशन वायरस के अनुकूलन को बढ़ावा दे रहे हैं और उसकी संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ा रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन वायरस को ज्यादा प्रभावशाली बनाता है, लेकिन पूरे विश्व में अभी तक इसमें हुए गिने-चुने म्यूटेशन से यह आस जगी है कि वायरस के तरकश में अब बहुत तरह के तीर नहीं बचे हैं। + +म्यूटेशन एक सतत प्रक्रिया है। कोरोना वायरस में भी लगातार म्यूटेशन हो रहा है। अधिकतर वायरस के म्यूटेशन तो प्रभावहीन होते हैं, लेकिन कुछ म्यूटेशन उसके स्पाइक प्रोटीन को बदल सकते हैं, जिससे इनकी संक्रामकता बढ़ सकती है। ये इतने घातक हो सकते हैं कि वैक्सीन को भी निष्प्रभावी कर सकते हैं। भारत के कई पुराने हॉटस्पॉट हर्ड इम्युनिटी के काफी करीब पहुंच चुके थे। इन जगहों पर कमोबेश हर दूसरे व्यक्ति में एंटीबाडी बन चुकी थी, लेकिन दूसरी लहर के शुरू होने के समय किए गए सर्वे से पता चल रहा है कि ज्यादातर लोगों में न्यूटिलाइजिंग एंटीबॉडी का स्तर बहुत ही कम हो चुका है जो ऐसे लोगों में पुन: संक्रमण का कारण बन रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c7e40f267deda2112ba08baa048c4ed2d01ffa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73703.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पूर्वी दिल्ली, स्वदेश कुमार। India Covid-19 Second Wave देश में कोरोना संक्रमण की गति फिर से तेज हो गई है। चंद दिन पहले लगने लगा था कि कोरोना अब खत्म होने वाला है। लगातार कम होती संक्रमितों की संख्या और कोरोना रोधी टीकों के लगाए जाने से लोग इस महामारी के प्रति लापरवाह होने लगे। मास्क, शारीरिक दूरी और हाथों की निरंतर सफाई के नियमों को त्यागने लगे। जगह-जगह समारोह आयोजित होने लगे। भीड़ जुटने लगी। ये सब कोरोना वायरस के मुफीद हुआ तो उसने भी अपनी चाल तेज कर दी। आज फिर नए मामलों के हर दिन रिकॉर्ड बनने लगे हैं। यह स्थिति खतरनाक है। इस पर सभी लोगों को सचेत होने की जरूरत है। + +ब्रिटेन और अन्य देशों में कोरोना की दूसरी लहर नए स्ट्रेन की वजह से सामने आई थी। अभी अपने देश में नए स्ट्रेन से मामलों में वृद्धि होने का सीधा संबंध सामने नहीं आया है। यह जरूर है कि कोरोना के मामले काफी बढ़ चुके हैं। लेकिन दूसरे देशों की तुलना में यह उतना खतरनाक या जानलेवा नहीं है। अभी भी अपने देश में कोरोना से मृत्यु की दर एक फीसद के आसपास है। 99 फीसद मरीज ठीक हो चुके हैं। पांच करोड़ से अधिक लोगों को टीका लग चुका है। एक अप्रैल से 45 साल के अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति टीका लगवा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfba087693fc0c4af5a5b9d4b4cace203fa32e1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73706.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस पीक तक हम महामारी से मुकाबले को लेकर तन, मन और धन से तैयार हो चुके थे। लिहाजा हमारी एहतियात और सावधानियों से रोजाना नए मामलों में गिरावट आने लगी। जैसे-जैसे रोजाना मामले कम हो रहे थे, समाज के कुछ लोगों की स्वच्छंदचारिता से जुड़ी बेचैनी बढ़ने लगी थी। बिना मास्क के लोग घूमना शुरू कर चुके थे। शारीरिक दूरी के मानक का उल्लंघन सरेराह देखा जा सकता था। + +आखिरकार वह दिन भी आया जब रोजाना के नए मामले दस हजार से भी नीचे चले गए। इतिहास बना। इस साल 15 फरवरी को कुल नए मामले 9139 पर सिमट गए। अब तक हम यह मान चुके थे कि महामारी के ताबूत में आखिरी कील ठोकी जा चुकी थी। देश में चरणबद्ध तरीके से वैक्सीन भी लगाई जानी शुरू हो चुकी थी। लिहाजा कुछ लोगों को महामारी के नियम-कानूनों से बंधकर रहने में ऊबन होने लगी। इसी ऊबन ने फिर से नए मामलों में वृद्धि शुरू कर दी। दिन ब दिन बढ़ते हुए ये 60 हजार से ऊपर जा चुके हैं। टीकाकरण में तेजी आई है। चूंकि कोरोना से हुई मौतों में 88 फीसद से अधिक लोग 45 साल के ऊपर हैं, लिहाजा इस संवेदनशील आयुवर्ग को कोरोनारोधी करने के लिए एक अप्रैल से टीकाकरण शुरू हो जाएगा। देश में इस आयुवर्ग में 34 करोड़ लोग हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cb1599a16425ac43c0083b79e807ce47803c01e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब तस्वीर बदल रही है। निजी विश्वविद्यालयों के आने से परिदृश्य बदला है। आज कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी बेहतर काम कर रही हैं। सरकार की भी योजना है कि मानक पूरा करने वाले ज्यादा से ज्यादा निजी विश्वविद्यालय खोले जाएं, ताकि गुणवत्तापरक शिक्षा मिले। इस दिशा में प्रदेश की मंत्रिपरिषद ने एक बड़ा कदम उठाया है। इससे गोरखपुर, प्रयागराज और फिरोजाबाद में छह नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी खुलने का रास्ता साफ हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db6c55cb8244149d90bcd1ef8306ca751db43ff6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73709.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देशवासियों को आगाह किया है कि यदि उन्‍होंने कोरोना महामारी के प्रति लापरवाही दिखाई तो देश में इतने मामले होंगे कि जिसको संभाल पाना भी मुश्किल हो जाएगा। देशवासियों को दिए अपने एक संदेश में उन्‍होंने कहा कि कोरोना से बचाव का केवल एक ही तरीका है। वो ये कि इसको लेकर पूरी एहतियात बरतें। मुंह पर मास्‍क लगाएं और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें। एक दूसरे से दूरी बनाए रखें और हाथ और मुंह को साबुन से धोते रहें। + +पाकिस्‍तान के पीएम ने कहा कि देश की आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि फिर से जगह जगह लॉकडाउन लगाया जाए। ऐसा हुआ तो देश बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगा जिससे निकलना भी मुश्किल होगा। उन्‍होंने बेहद साफ शब्‍दों में लोगों से कहा कि यदि वो भी इस तरह की लापरवाही करेंगे तो कोरोना संक्रमितों की संख्‍या को सरकार बढ़ने से नहीं रोक सकेगी। वहीं देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं इस आपात स्थिति का सामना नहीं कर सकेंगी। इसलिए सभी एहतियात बरतें। + +गौरतलब है कि पाकिस्‍तान के पीएम ने कुछ दिन पहले ही खैबर पख्‍तूंख्‍वां में एक यूनिवर्सिटी के नए ब्‍लॉक का उदघाटन करते समय कहा था कि देश पर हजारों करोड़ का कर्ज है। इस कर्ज को काफी कुछ उतार दिया गया है लेकिन अब भी देश पर इतना कर्ज बकाया है। कर्ज चुकाने के लिए भी पाकिस्‍तान को कर्ज लेना पड़ा है। उन्‍होंने इस बात को भी स्‍वीकार किया था कि इस दौरान बढ़ती महंगाई ने हर किसी का खेल खराब कर दिया है। साथ ही उन्‍होंने कहा था कि आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से सरकार स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं और शिक्षा पर खर्च नहीं कर पा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..261fc57506762b9c7efc6eba7655aa8b173829fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7371.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हंगामा 2 में आपने इतने सारे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है। कलाकारों की इस भीड़ में खोने का कोई डर नहीं था?।नहीं सर, बिल्कुल नहीं। मेरा जो किरदार है, वो असल में मुख्य किरदार है। उसकी जो कहानी है, वो सबसे जुड़ी हुई है। मेरे जो सींस हैं, कभी राजपाल सर के साथ, फिर कभी परेश जी के साथ तो कभी आशुतोष राणा जी के साथ तो कभी शिल्पा जी के साथ हैं। हां, इसके साथ एक ज़िम्मेदारी भी आ जाती है, क्योंकि मुझे उनके जितना ही अच्छा परफॉर्म करना था। मैं एक प्रतिस्पर्द्धी कलाकार हूं। कोशिश करता हूं कि मेरा काम सबसे अच्छा दिखे। इसके साथ डर तो लगा था कि इस फ़िल्म में इतने बड़े अभिनेता हैं। उनके स्तर की परफॉर्मेंस देना और उनके सामने ख़ुद को साबित करना। मुश्किल काम था, लेकिन जब कैमरे के सामने आता हूं तो इन सब चीज़ों के बारे में सोचता नहीं हूं। ।आपने संजय लीला भंसाली निर्मित फ़िल्म से डेब्यू किया। अब दूसरी फ़िल्म में प्रियदर्शन जैसे निर्देशक के साथ काम किया। अपने करियर के लिए इसे कैसे देखते हैं?।शुक्रगुज़ार हूं कि करियर में इतनी जल्दी संजय लीला भंसाली और प्रियदर्शन जैसे दिग्गजों के साथ काम करने का मौक़ा मिला। एक बड़ी ज़िम्मेदारी आयी कि मैं उस कैरेक्टर को ठीक से निभा सकूं। प्रियन सर की बतौर निर्देशक 96वीं फ़िल्म है। ऐसे इंसान की फ़िल्मोग्राफी का हिस्सा होना ही बड़ी बात है। जब बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम कर चुका व्यक्ति आपसे आकर कहता है कि आपने फ़िल्म में अच्छा काम किया है तो उससे बड़ा कोई कॉम्पलीमेंट नहीं होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef5da014f3052461a37a1114d885ebe1d87cc5cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73710.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ये गांव हैं बाह तहसील के कल्याणपुर और भरतार गांव। ये दोनों गांव आजादी से पूर्व के हैं। दोनों गांव पास-पास हैं और भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव से सिर्फ एक-डेढ़ किमी दूर हैं। बीच में यमुना नदी है। बटेश्वर या बाह आने-जाने के लिए ग्रामीणों ने अपनी-अपनी नावें तैयार ली हैं। इसी से वह इस पार से उस पार और उस पार से इस पार आते-जाते हैं। ये नाव न हों तो उन्हें बाह आने के लिए पिढौरा थाना अंतर्गत बलाईघाट पर बने पुल से अाना पड़ता है। जोकि 40 किमी घूमकर आता है। इस मार्ग का कुछ हिस्सा फिरोजाबाद जिले में पड़ता है। इससे बचने के लिए बाह-बटेश्वर आने-जाने के लिए ग्रामीण दशकों से नाव का ही प्रयोग कर रहे हैं। + +चार पहले तैयार की नई नाव।बाह-बटेश्वर आने-जाने के लिए ग्रामीण दशकों से नाव का ही प्रयोग कर रहे हैं। पहले एक ही नाव थी। वह भी टूटी-फूटी। चार साल पहले ग्रामीणों ने कारीगर बुलाकर दो नांव तैयार करवाईं। इनमें से एक कल्याणपुर और दूसरी भरतार गांव की है। ग्रामीण खुद ही नाव चलाते हैं। एक पार से दूसरी पार खुद ही चलाकर ले जाते हैं। इधर से उधर कोई जाता है वह ले जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cce0c12418786d698ea0107a217488852453bbb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73712.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। स्‍वेज नहर लाल सागर और भूमध्‍य सागर के बीच मौजूद एक सबसे छोटा जलमार्ग है। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ये मार्ग 7000 किमी की दूरी को महज 300 किमी में बदल देता है। इससे समुद्र के रास्‍ते माल ढुलाई करने वाले जहाजों का समय बचता है और साथ में खर्च भी कम आता है। इस मार्ग की बदौलत जहाजों को अफ्रीका महाद्वीप का चक्‍कर काटकर भूमध्‍य सागर में जाने से छुटकारा मिल जाता है। ये पनामा नहर की ही तरह से काम करता है। स्‍वेज नहर करीब 194 किमी लंबी है। + +नहर की अहमियत ।इस नहर की अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वर्ष 2020 में इस नहर से 18500 जहाज (औसतन 52 जहाज हर रोज) गुजरे थे। यदि किसी जहाज को भूमध्‍य सागर में जाने के लिए अफ्रीका महाद्वीप का चक्‍कर लगाना पड़े तो उसको 7 हजार किमी का सफर करना होगा। इसके साथ ही ये सफर कई दिनों का होगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्‍योंकि पिछले सात दिनों से ये मार्ग बंद था। इसकी वजह थी इस नहर में फंसा एवरग्रीन कंटेनर शिप , जो 23 मार्च को इसमें तिरछा होकर फंस गया था। + +20 हजार टन रेत को निकाला गया।फिलहाल स्‍वेज नहर में फंसा एवरग्रीन कंटेनर शिप एवरग्रीन को सीधा कर टग बोट से खींचने में सफलता हासिल हो गई है। अब ये ग्रेट बिटर लेक की तरफ चल पड़ा है। खुदाई की विशाल मशीनों की मदद से शिप के नीचे और आसपास की जगह से करीब 20 हजार टन रेत को निकाला गया। इसके बाद करीब 14 टग बोट की मदद से इस विशाल कंटेनर शिंप को सीधा किया गया और फिर खींचा गया। ये शिप करीब एक सप्‍ताह से नहर में फंसा हुआ था। इस अहम समुद्री मार्ग का रास्‍ता खुलने से कंपनियों ने राहत की सांस ली है। इस शिप के इस तरह से नहर में फंस जाने की वजह से 900 करोड़ डॉलर के सामान को अपने गंतव्‍य तक पहुंचने में देरी का सामना करना पड़ा है। + +300 किमी लंबा जाम ।गौरतलब है कि 23 मार्च को इस कंटेनर शिप के फंसने की वजह से समुद्र में 300 किमी लंबा जाम लग गया और करीब 300 जहाज जिन पर विभिन्‍न तरह का सामान लदा था अपनी जगह पर रुक गए थे। इसकी वजह से करोड़ों का नुकसान कंपनियों को झेलना पड़ा है। स्‍वेज कैनाल ऑथरिटी के प्रमुख एडमिरल ओसामा रेबी के मुताबिक इस जहाज के नहर में इस तरह से फंसने की वजह पहले तेज हवा को बताया था लेकिन बाद में उन्‍होंने कहा कि इसकी वजह खराब मौसम नहीं था बल्कि इसके पीछे कोई मानवीय या तकनीकी भूल थी, जिसकी वजह से ये शिप इस तरह से नहर में फंस गया और सारा ट्रेफिक रुक गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46e51881f3a0e97c46151587f4708e6287c04c16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73714.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और पाकिस्तान की टीम के बीच 30 अप्रैल 2011 को विश्व कप का दूसरा सेमीफाइनल खेला गया था। ये मैच हाई स्कोरिंग तो नहीं था, लेकिन भारतीय टीम को एकजुट प्रदर्शन के दम पर जीत मिली थी। भारत ने अपनी चिरप्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान को 29 रन से हराया था। इसी के पास भारत का पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में चला आ रही जीत का सिलसिला जारी रहा, जो वर्ल्ड कप 2019 के बाद भी जारी है। + +हालांकि, गौतम गंभीर 32 गेंदों में 27 रन बनाकर आउट हो गए। विराट कोहली भी जल्दी आउट हो गए, जो 9 रन बना सके। वहीं, टूर्नामेंट में भारत के लिए कई अच्छी पारियां खेलने वाले युवराज सिंह गोल्डन डक का शिकार हो गए। उनको पहली ही गेंद पर वहाब रियाज ने क्लीन बोल्ड किया था। इसके बाद एमएस धौनी ने सचिन तेंदुलकर के साथ एक छोटी सी साझेदारी की, लेकिन कई बार जीवनदान हासिल कर चुके सचिन तेंदुलकर भी आउट हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd3ad6002c6669194254ed41187f895a688d357c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखीमपुर [हरविंदर सिंह]। वृंदावन की याद दिलाती है मोहम्मदी की होली। वर्ष 1977 से मोहम्मदी नगर में दो दिवसीय रंग महोत्सव की परंपरा अभी तक चल रही है। होली में दो दिन निकलने वाली धमार सांस्कृतिक व सामाजिक एकता को प्रदर्शित करती हुई दर्जनों झांकियां आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं। पूरा नगर एक साथ रंगोत्सव का आनंद लेता है। पहले दिन मुहल्ला भीतर मोहम्मदी से युवा समाज सेवा समिति की ओर से शोभायात्रा निकलती है, जो संपूर्ण नगर का भ्रमण करती है। ।नगर में पहले दिन निकलने वाली धमार की शुरुआत मुहल्ला भीतर मोहम्मदी से स्व. लाला कामेश्वर दयाल रस्तोगी ने 70 वर्ष पूर्व की थी। उन्हीं के द्वारा देवीस्थान में होली मिलन की परंपरा डाली गई, जिसमें पूर्व में पांच गांव से लोग आते थे। उनके द्वारा डाली गई परंपरा को उनके पुत्र अतुल रस्तोगी ने युवा समाज सेवा समिति के माध्यम से बृहद रूप दिया है। अतुल रस्तोगी ने बताया कि धमार में लोक गायकों की जो टोली चलती है, वह नगर के ही गायक हैं। दूसरे दिन फ्रेंड्स क्लब, जो पहले फ्रेंड्स यूनियन के नाम से जाना जाता था। इस परंपरा की शुरुआत करने वाले स्व. प्रेमचंद रस्तोगी, स्व. देवेंद्र भल्ला व सतीश शर्मा आदि के संयोजन में शोभायात्रा निकलती थी। दोनों दिन निकलने वाली धमार पूरे नगर में भ्रमण करती है। वहीं दूसरे दिन मुहल्ला बाजार गंज से उठने वाली धमार वर्ष 1991 में यह परंपरा जब कठिन दौर से गुजर रही थी तो समाजसेवी गोविंद गुप्ता, आसाराम राठौर, बबलू गुप्ता आदि ने इन्हीं लोगों के संरक्षण में शोभा यात्रा को भव्य रूप दिया। ।पहले चार झांकियों तक सीमित शोभायात्रा 12 से 15 झांकियों तक पहुंच गई। पहले डनलप, बैलगाड़ी होती थी। अब ट्रैक्टर-ट्रॉली होने लगी पर एक बैलगाड़ी अभी भी परंपरा के रूप में शामिल होती है। फ्रेंड्स यूनियन ने 1993 में शोभायात्रा निकालने में असमर्थता जाहिर करने पर फ्रेंड क्लब का गठन हुआ। आलोक राठौर आदि ने बागडोर संभाली। संचालन का भार गोविंद गुप्ता व स्व. राजीव शुक्ला के हाथों में रहा। राजीव के निधन के बाद यह कार्य गोविंद गुप्ता निरंतर कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी इस परंपरा के साक्षी हैं, जो हमेशा सहयोगात्मक भूमिका में रहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7b5e5b2adce2ffd997f44119355d0bfe206b71e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73723.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर आ गई है। प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। ऐसे में अब पहले की तरह ही सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोरोना से बचाव के लिए क्या-क्या उपाय करें, इसको लेकर खैरा डाबर स्थित चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की निदेशक प्रो. डा. विदुला गुज्जरवार से भगवान झा ने विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।कोरोना से बचाव के क्या-क्या उपाय करने चाहिए। एक माह पहले तक कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गई थी, लेकिन इस महीने दोबारा से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसे में सभी को पहले की तरह एहतियात बरतनी चाहिए। अच्छी बात यह है कि अभी टीकाकरण हो रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा जारी निर्देश के तहत जो लोग टीकाकरण करा सकते हैं वे आगे आएं और टीका लगवाएं। लोगों को किसी प्रकार के असमंजस में नहीं रहना चाहिए। टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही मास्क पहनने के साथ-साथ शारीरिक दूरी का पालन करें। समय-समय पर हाथ धोते रहें। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें। पहले भी हम यह सब करते आए हैं और यह अभी भी जरूरी है। अगर इसमें लापरवाही बरतेंगे तो कोरोना संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। + +खान-पान में किन-किन चीजों को शामिल किया जाए । कोरोना से बचना है तो इम्युनिटी को बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में हल्दी, लहसन, अदरक, सूखे धनिया का सेवन लाभदायक है। हल्दी को दूध में मिलाकर पी सकते हैं। वहीं, खाना बनाने के दौरान लहसन, अदरक व सूखे धनिया का इस्तेमाल जरूर करें। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें प्रतिदिन घर से बाहर अपने काम से निकलना अनिवार्य होता है। ऐसे में घर लौटने के बाद प्रतिदिन भाप लें। इससे शरीर के अंदर अगर वायरस का प्रवेश हुआ होगा तो संक्रमित होने से बच सकते हैं। सबसे सुरक्षित और पौष्टिक घर का खाना होता है। हमें फास्ट फूड का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। सलाद के साथ रोटी, दाल, चावल व मौसमी सब्जी का सेवन करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8852dd1693dfe290dc248f664d7cf8f0165270b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73724.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राजधानी दिल्ली में सरकारी अनदेखी और विकास की अंधी दौड़ में विलुप्त हो रहे जलाशयों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) नया जीवन देगा। इसके लिए त्रिस्तरीय प्लान तैयार किया गया है। पहले चरण में 90 जलाशयों पर काम होगा। 50 पर काम शुरू भी कर दिया गया है। साथ ही डीडीए ने लुप्त हो चुके अन्य जलाशयों की खोज भी शुरू कर दी है। + +प्रसाद नगर और रोहिणी में किए गए प्रयोग में यह तकनीक सफल पाई गई है। महरौली के एक जलाशय में प्लास्टिक घास के तैरने वाले स्लैब पर कुछ आयुर्वैदिक पौधों की जड़ों का लगाकर प्रदूषित पानी का उपचार किया जाता है। एक अन्य तकनीक के तहत कंक्रीट के स्लैब बनाकर उनमें तरह तरह के पत्थर (गोल, चकोर, छोटे-बड़े) और कुछ आयुर्वेदिक पौधे लगाए जाते हैं। इस प्रक्रिया से पानी का शोधन होता है, उसकी गंदगी व दुर्गंध खत्म होती है और जलाशय के पानी में कुछ खनिज लवण भी उत्पन्न होने लगते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ca9b0988d4e2dfd9139c1126c6dfd864516080d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विदेशी पर्यटकों पर अधिक आश्रित रहने वाला आगरा का पर्यटन कारोबार कोरोना काल के एक वर्ष में बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पहले 188 दिनों की ताजमहल की रिकार्ड बंदी में पूरा कारोबार ठप रहा। उसके बाद कैपिंग ने सैकड़ों पर्यटकों को बिना स्मारकों को देखे प्रतिदिन लौटाया। दिसंबर के अंतिम सप्ताह से भारतीय पर्यटकों की संख्या बढ़ना शुरू हुई तो कैपिंग को आनलाइन टिकट बुकिंग तक सीमित कर दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2dcfab41b22fc42dd2d064c8ee8ee3ec2d0d1e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फर्रुखाबाद, जेएनएन। Holi Celebration 2021 अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए कमालगंज क्षेत्र पूरे जनपद में अलग स्थान रखता है। कस्बा चौराहे पर थाने से सटा होली व इमाम चौक हिंदू-मुस्लिम एकता व सौहार्द का प्रतीक है। यहां एक ही स्थान पर होलिका दहन व ताजिया रखे जाते हैं। देश के विभिन्न स्थानों पर विपरीत परिस्थितियों में भी यहां दोनों समुदाय के लोगों ने हमेशा सौहार्द व सहनशीलता का परिचय दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c3c38765b5f96347d414e9c49e1283665560932 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73730.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +..लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत के कई प्रांतों में होली का आयोजन अलग-अलग तरह से होता है। यदि नहीं तो खबरों की इस कड़ी में हम आपको बताएंगे देश में मनाई जाने वाली कुछ स्पेशल होली के तरीकों के बारे में:।चिता भस्म होली: यह होली मंदिरों की नगरी काशी में खेली जाती है। मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के महाउत्सव में शामिल नहीं हो पाने वाले महादेव के प्रिय गण, भूत, प्रेत, पिशाच आदि के साथ बाबा चिता भस्म होली खेलने के लिए महाश्मशान में आते हैं। चिता भस्म  होली खेलते समय यहां का नजारा अलौकिक हो जाता है। इसकी शुरुआत बाबा मसाननाथ की विधिवत पूजा के साथ होती है। इस दौरान बाबा को जया, विजया, मिठाई और सोमरस का भोग लगाया जाता है। बाबा और माता को चिता भस्म व गुलाल चढ़ने के साथ होली का आगाज हो जाता है। ।देवर-भाभी होली और दही हांडी: यह होली भारत के हरियाणा में मनाई जाती है। देश के लोकप्रिय होली उत्सवों में से एक हरियाणवी होली है, जिसे भाभी-देवर होली के रूप में भी जाना जाता है। इतना ही नहीं, हरियाणा में दही हांडी भी मनाई जाती है। इसके अंतर्गत सड़क पर छाछ से भरा बर्तन लटका दिया जाता है और पुरुष उस बर्तन को तोड़ने की कोशिश करते हैं जबकि महिलाएं उन पर पानी डालती हैं। + +लठमार होली: देश में होली की वास्तविक मस्ती तो ब्रज में देखने को मिलती है। यहां के होली के रंगों में सराबाेर होने को प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। ब्रज में होली की मौज-मस्ती करीब एक महीने तक चलती है। यहां पर बरसाना में खेली जाने वाली लठ मार होली देश भर में काफी लोकप्रिय है। यहां लोग मथुरा, वृंदावन, बरसाना और नंदगांव जैसे क्षेत्रों में एक महीने तक पारंपरिक होली का आनंद लेते हैं। बरसाना अपनी लड्डृ होली के लिए भी जाना जाता है, जिसमें लड्डू इधर-उधर फेंके जाते हैं और भक्ति गीत गाए जाते हैं। + +फूलों की होली: यहां होली राधा और कृष्ण के प्रेम के लिए विख्यात और पवित्र शहर वृंदावन में मनाया जा है। यहां होली के दिन से पहले रंग खेलना शुरू होता है, और लोगों को कृष्ण मंदिरों में फूल, पवित्र जल और हर्बल रंगों से छिड़का जाता है। इसी तरह, पुष्कर में फूलों की होली लोगों में उत्साह और ऊर्जा का संचार करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf14167fe4646a0b144d31117b0e906c731f2cc4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73731.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Holi Celebration In Kanpur शहर में परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर कानपुरवासियों की आस्था का केंद्र है। गंगा नदी के किनारे बने सुप्रसिद्ध प्राचीन मंदिर आनंदेश्वर मंदिर में होली के अवसर पर सुबह से ही कतारें लगी हैं। होलिकोत्सव पर बाबा आनंदेश्वर मंदिर परमट सहित शहर के ज्यादातर मंदिरों में भक्तों ने प्रभु के चरणों में रंग गुलाल अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। बाबा के साथ होली खेलने पहुंचे भक्त भक्ति के रंग में भी रंगे नजर आ रहे हैं। दूध, बेल पत्र और गंगा जल से बाबा का अभिषेक किया जा रहा है। हालांकि कोविड के चलते रंगोत्सव पर मंदिरों में होने वाले पूजन आयोजन को स्थगित कर दिए गए हैं। भक्तों ने गंगा जल में गुलाल मिलाकर बाबा का अभिषेक पूजन किया। + +चंदन और गुलाल के बीच बाबा का मनोहारी दर्शन के लिए भक्तों का हुजूम भोर से ही उमड़ा रहा। मंदिर में प्रतिवर्ष श्री आनंदेश्वर मंदिर मित्र मंडली द्वारा होली का उत्सव मनाया जाता रहा है। जो इस बार कोविड महामारी को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को बाबा की तीनों पहर की आरती में रंग गुलाल चढ़ाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcefa860fba3e7f3f6bc26cdd2838c6de680f930 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन राज्यों से कराए मुक्त।वाइल्डलाइफ एसओएस के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2004 में गणेश मध्यप्रदेश व माइकल हरियाणा के कलंदरों से मुक्त कराया था। गणेश तब आठ वर्ष का और माइकल पांच वर्ष का था। अब दोनों की उम्र 24 और 21 वर्ष है। शालिनी वर्ष 2008, अमिताभ व राकी वर्ष 2003 में उप्र से ही मुक्त कराए थे। इस समय शालिनी की उम्र 21 वर्ष, अमिताभ की उम्र 18 और राकी की उम्र 28 वर्ष है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebf1c234a973d66879732d84080752f0cfe8a10f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [नेमिष हेमंत]। बांग्लादेश की आजादी में जनसंघ (अब भाजपा) व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योगदान कम नहीं था। उसने लंबे समय तक 'बांग्लादेश को मान्यता दो' सत्याग्रह किया था। इससे न सिर्फ बांग्लादेश के लोगों की पीड़ा को वैश्विक पटल पर उभारने में मदद मिली थी, बल्कि इससे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी बड़ा फैसला लेने की इच्छाशक्ति मिली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24e7b3890ce6befbf15638521fa6e3b946565a65 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73737.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। रामलला परात्पर ब्रह्म ही नहीं अनादि कालीन नगरी अयोध्या के यशस्वी सूर्यवंश के राजकुमार के रूप में स्वीकृत-शिरोधार्य हैं। उनकी शान में भक्त कोई कसर नहीं छोड़ते हैं और उनकी पूजा राजाओं के राजा यानी राजाधिराज के रूप में होती रही है। 492 वर्ष बाद अपनी जन्मभूमि पर विराजे रामलला की होली में इस बार अद्भुत उमंग है। + +एक बार पुन: रामजन्मभूमि को नवजीवन की जरूरत पड़ी तो इसे पूरा करने के लिए दो हजार वर्ष पूर्व महाराज विक्रमादित्य जैसे शासक सामने आए। महाराज विक्रमादित्य ने श्रीराम को यशस्वी नायक एवं महापुरुष के साथ ही आराध्य के तौर पर रामनगरी में प्रतिष्ठापित किया। उन्होंने रामजन्मभूमि पर अति भव्य एवं विशाल मंदिर का निर्माण कराने के साथ श्रीराम के समकालीन रामनगरी के अन्य स्थलों का भी जीर्णोद्धार कराया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0438f2f505cce5a0bf06e1d881467adf7ec43127 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73741.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, [मुस्लेमीन]। नवाबों के शहर रामपुर में नवाबी दौर से ही मुसलमान भी होली खेलते रहे हैं। रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां ने तो होली गीत भी लिखे, जो आज भी होली के मौके पर गाए जाते हैं। किला मैदान होली मिलन समारोह भी होता है, जिसमें सभी संप्रदायों के लोग एक-दूसरे को होली की मुबारकबाद देते हैं। लेकिन, इस बार कोराेना के चलते होली मिलन समारोह का स्वरूप छोटा ही रहेगा। रामपुर के नवाबों ने अपनी रियासत में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा दोने के लिए सभी धर्मों का सम्मान किया। सभी के त्योहार पूरे हर्षोल्लास से मनाए। आज भी यह परंपरा कायम है। + +नवाब रजा अली खां ने लिखे होली गीत।रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मों के त्योहार मनाते थे। उन्होंने होली गीत भी लिखे, जो उस दौर में खूब प्रचलित रहे। रामपुर रजा लाइब्रेरी में उनका संगीत सागर है, जिसमें उनके लिखे गए होली गीत भी शामिल हैं। रामपुर का इतिहास लिखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता शौकत अली खां कहते हैं कि नवाब के लिखे होली गीत आज भी गाए जाते हैं। होली गीतों में कन्हैया और गोपियों का भी वर्णन किया गया है। उनके लिखे गीत होली की रुत आई री, सजी फिर खेती लहलाई री, नीह पपीहा बोल रहा है, सुंदरता मधुवन पर छाई, होली खेलें राधा कन्हाई और फाल्गुन में ब्रजवासी ने लीला रचाई है, हर नार आज रंग गगर भरकर लाई है। आ जाओ अब कन्हैया नहीं गोपियों को चैन, तुम्हरी ही बांट जोहते हैं आज उनके नयन, गीत खूब पसंद किए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73744.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73744.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1047042838adfed897242f9dd34d038c0322caf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73744.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताइपे, ऑनलाइन डेस्‍क। चीन ने ताइवान की सीमा पर अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ की है। शुक्रवार को ताइवान की सरहद पर चीन के चार परमाणु बॉम्‍बर समेत 20 लड़ाकू विमानों की गर्जना दक्षिण चीन सागर में तैनात अमेरिकी सैनिकों को जरूर सुनाई पड़ी होगी। ताइवान की सरहद पर यह चीन की सबसे बड़ी घुसपैठ है। दक्षिण चीन सागर पर यह उसका सबसे बड़ा सैन्‍य अभियान है। खास बात यह है कि चीन ने अपने इस सैन्‍य अभियान को तब अंजाम दिया है, जब अभी हाल में क्वाड की बैठक में अमेरिका ने चीन को सख्‍त चेतावनी दी थी। जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, भारत और अमेरिका का गठबंधन क्वाड की बैठक में चीन की दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्‍पी पर गहरी चिंता व्‍यक्‍त की गई थी। हालांकि, उस वक्‍त चीन ने इस बैठक पर सख्‍त ऐतराज जताया था। इसके बाद चीन ने इस अभियान को अंजाम दिया। आखिर चीन के इस सैन्‍य अभियान के पीछ क्‍या है उसका बड़ा मकसद। क्‍या वह सच में अमेरिका को युद्ध के लिए उकसा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73745.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d68497637663c0c0785ea02dfdb74a70cc2200a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73745.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ढाका, एजेंसियां। बांग्‍लादेश में भी नमो का जादू रंग लाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय बांग्‍लादेश यात्रा काफी हद तक सफल और सुफल रही। मोदी ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की अपनी समकक्ष शेख हसीना के साथ फलदायी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की पूर्ण समीक्षा की और भविष्य में आर्थिक व सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत बनाने के रास्तों पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'भारत और बांग्लादेश ने आपदा प्रबंधन, खेल एवं युवा मामलों, व्यापार और तकनीक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे हमारी विकास साझेदारी को मजबूती मिलेगी और हमारे देशों के लोगों खासकर युवाओं को फायदा होगा।' अनुच्‍छेद 371 और अन्‍य मसलों पर नाराज चल रहे बांग्‍लादेश के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की मोदी की कवायद काफी हद तक सफल रही। आइए जानते हैं‍ कि प्रधानमंत्री मोदी की बांग्‍लादेश यात्रा क्‍यों रही खास। दोनों देशों के बीच क्‍या हुए अहम करार। ।छह साझा नदियों के जल बंटवारे पर अंतरिम समझौता।दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने जल संसाधन मंत्रालयों को छह साझा नदियों के जल बंटवारे पर अंतरिम समझौते के ढांचे को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। इन नदियों में मनु, मुहुरी, खोवई, गुमटी, धारला और दुधकुमार शामिल हैं। इससे पहले शेख हसीना ने पूर्व में सहमति के आधार पर बने प्रस्तावित तीस्ता जल समझौते को जल्द लागू करने की मांग की। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के कारण सितंबर, 2011 में इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f894a58646c7455bd6a22db5256d142696901ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73746.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। Holi Special 2021: मस्ती की होली में रंग गुलाल की बात न हो, ऐसा कैसे हो सकता है। ऐसे में रंगों के इस त्योहार को सुरक्षित मनाने के लिए बच्चों को जैविक रंग बनाकर इको फ्रेंडली होली खेलने की ऑनलाइन पाठशाला का संचालन किया गया। केंद्रीय विद्यालय अलीगंज के शिक्षक डा.सुशील कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस संक्रमण काल में सुरक्षित होली मनाने के लिए पर्यावरण अनुकूल रंग बनाने की कक्षाएं संचालित की गईं। घर के सदस्यों या दोस्तों को जैविक रंग लगाने के लिए आप पालक और मेथी को पीसकर उसका गीला रंग तैयार करके पेस्ट में थोड़ा पानी मिलाकर होली खेली जा सकती है। + +लाल: लाल रंग के लिए आप लाल चंदन पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। लाल गुलाल की जगह आप चाहें तो लाल चंदन पाउडर में गुड़हल के फूल को सुखाकर व पीसकर मिलाएं। इससे गुलाल और भी लाल और खुशबूदार हो जाएगा। गीले रंग के लिए दो छोटे चम्मच लाल चंदन पावडर को पांच लीटर पानी में घोलक उबाल लें। इसमे 20 लीटर पानी और डाले। अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5c1e920d28e92c0300ff93c35f1674bf1cf8374 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73750.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जैसे राशि, वैसी लकड़ी।मेष व वृश्चिक-ख़ैर।वृष व तुला-गूलर।मिथुन व कन्या-अपामार्ग (लटजीरा)।धनु व मीन- पीपल।मकर व कुंभ-शमी।कर्क-पलाश।सिंह-मदारगोमती की आरती के साथ जलेगी होली।कोरोना से बचाव के लिए होलिका में औषधियों का प्रयोग : आदि गंगा गोमती की आरती के साथ मनकामेश्वर उपवन घाट पर 28 मार्च को होलिका दहन होगा। रंगोली सजाने के साथ ही पांच हजार कंडों से होलिका बनाने का कार्य गुरुवार से शुरू हो गया। महंत देव्या गिरि ने बताया कि घाट परिसर को आकर्षक रूप से मंडप और रंगोली बनाई जाएगी। कोरोना से बचाव के लिए कई औषधियों का प्रयोग भी होलिका में किया जाएगा। पूर्णिमा पर होने वाली गोमती आरती के साथ ही दहन होगा। होलिका में गिलोय, कपूर, लौंग, इलायची, गुग्गल, जौ, तिल, जावित्री, जायफल, पीली सरसों, पंच मेवा, नारियल गोला, आम के पत्ते व चंदन अर्पित किया जाएगा जिससे वातावरण शुद्ध हो। मास्क और सैनिटाइजर के साथ श्रद्धालुओं से आने की अपील की गई है। ।सेल्फी प्वाइंट भी तैयार: कोरोना से जागरूकता के लिए सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किया जाएगा। होलिका की तैयारी में ईशा कश्यप, किरण कपूर, मालती शुक्ला, वर्तिका श्रीवास्तव, नीतू सिंह, शशि चंद्रमा, उपमा पांडेय, तुलसी पांडेय सहित कई श्रद्धालु शामिल हुए। शहर के हर इलाके में प्रहलाद के स्वरूप अरंड की डाल और बुराई की प्रतीक होलिका को बढ़ाने का कार्य शुरू हो चुका है। 28 मार्च को होलिका दहन होगा तो 29 को रंग खेला जाएगा। ।होलिका से दूर होगी भद्रा: आचार्य विजय वर्मा ने बताया कि होलिका दहन में भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिए उत्तम माना जाता है। इस बार भद्रा दिन में ही समाप्त हो जाएगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि पूर्णिमा 28 मार्च को सुबह 3:27 बजे से शुरू होकर रात्रि 12:17 बजे तक रहेगी। भद्रा दोपहर 1:54 तक रहेगी। होली दहन शाम 6:21 बजे से रात्रि 8:41 बजे तक तक करना उत्तम होगा। 29 मार्च रंगोत्सव होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e4fc790c438db45ad2397e657c349e59daf68fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुबह चार बजे निकलेंगे पंडा।फालैन में रविवार को पंडा मेले आरंभ होते ही मंदिर में भी लोगों की भीड़ बढ़ रही है। तप पर मोनू पंडा भी उत्साहित थे। सुबह चार बजे लग्नानुसार मेला पुरोहित पंडित भगवान सहाय ने मंत्रोच्चार के माध्यम से ज्योति को स्थापित कर प्रज्वलित करेंगे। मोनू पंडा इसी ज्योति के समक्ष बैठ कर ध्यान करेंगे। सोमवार सुबह चार बजे के बाद मोनू पंडा ज्योति को अपने हाथ पर रखेंगे। होलिका में अग्नि प्रवेश की अनुमति लेंगे। जैसे ही ज्योति की लौ शीतल होगी। उसके साथ ही वे ग्रामीणों को होलिका में अग्नि प्रवेश के लिए इशारा कर प्रहलाद कुंड में स्नान करने को जाएंगे। कुंड से निकल कर वह सीधे दहकती होलिका में प्रवेश कर जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6d11f022d4d0c6b0ff1c4071666486f6bd39733 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73754.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [राकेश कुमार सिंह]। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में तीसरी बटालियन के पुलिस कर्मियों की आंखों में लाल मिर्च पाउडर झोंक पुलिस हिरासत से कुख्यात कुलदीप मान उर्फ फज्जा को भगा ले जाने के मामले को पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने बेहद गंभीरता से लिया था। इसी का नतीजा है कि दो दिनों के बाद एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। फरार हुए कुलदीप और उसे भगा ले जाने में शामिल रहे बदमाशों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए आयुक्त ने पूरी दिल्ली पुलिस को लगा दिया था। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की सभी यूनिटों को खासतौर पर इसमें लगाया गया था। ।प्रारंभिक जांच में पता चला था कि मंडोली जेल में बंद कुलदीप ने खुद अपने फरारी की साजिश रची थी। उक्त साजिश में दिल्ली और पड़ोसी राज्य हरियाणा और राजस्थान के तीन बड़े गिरोह के सरगना शामिल थे। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के टॉप गैंगेस्टर माने जाने वाले ताजपुर गांव के जितेंद्र मान उर्फ गोगी, राजस्थान के अजमेर जेल में बंद लारेंस बिश्नोई और भारत से बाहर बैंकॉक अथवा अरब देश मे रह रहे काला जठेड़ी को कुलदीप को भगाने की साजिश में शामिल होने की बात कही जा रही थी। ।पुलिस का कहना है कि तीनों गिरोहो ने अपनी ताकत बढ़ाने और वर्चस्व पैदा करने के लिए कई साल पहले एक-दूसरे से हाथ मिला लिया है। जिससे इन गिरोहों का दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में खासा आतंक कायम हो चुका है। तीनों के हाथ मिलाने से ये गिरोह पुलिस के लिए भी बड़ा सिरदर्द बन चुके हैं। कुलदीप, जितेंद्र गोगी का दाहिना हाथ माना जाता है। दोनों हमेशा साथ रहते थे। + +कुलदीप को छुड़ाने के दौरान तीसरी बटालियन की पुलिस की गोली से घायल हुए अंकेश ने पुलिस को होटल में ठहराए गए दो नाबालिग के बारे में जानकारी दी। कुलदीप ने उसे ही फोन कर दोनों को होटल से ले आने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पुलिस ने उस होटल की पहचान कर ली है। होटल मालिक के खिलाफ भी कड़ी करवाई की जाएगी। काला जठेड़ी हरियाणा के झझ्झर का रहने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e18f2eacd4164b20e2c57e40cb46e7e2c51aa49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +परंतु, 2011 में ममता ने वाममोर्चे के 34 सालों के शासन को जड़ से उखाड़ फेंक दिया। इस वर्ष 84.46 फीसद वोट पड़े थे। 2016 में उनके खिलाफ काफी माहौल बनाया गया, राज्य में 82.96 फीसद वोटिंग हुई मगर जीत तृणमूल को ही मिली। हालांकि, पहले उनके सामने पारंपरिक तौर पर चुनाव लड़ने वाले वामदल थे। परंतु, इस बार का चुनाव अलग है और वह इसलिए क्योंकि इस बार ममता के सामने भाजपा है। ऐसे में 2016 या फिर 2011 से पूर्व के चुनावों में वामदलों की तरह भारी मतदान और सत्ता विरोधी लहर को गलत साबित करना ममता के लिए आसान नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73763.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73763.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c06a56f5b026630e7ab349cfbced0b145c0a9af0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73763.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दर्जनों गांवों में जीवित है फाग की परंपरा: अहमामऊ ,सरसवां ,अर्जुनगंज ,हसनपुर खेवली, मझिगवां सहित आस पास के दर्जनो गांव में आज भी सैकडो वर्षो से चली आ रही होली के अवसर पर फाग की परंपरा को गांवो के बुजुर्गो के साथ नौजवानो की पीढी ने जीवंत कर रखा है।इन गांवो में बसंत पंचमी के बाद से घरो पर ग्रामीण बडी संख्या में ठोलक झांझ मंजीरा के साथ एकत्रित होते है व एक दूसरे को गुलाल लगाकर दो टोलियों में बैठकर फाग को आनंद व उल्लास के साथ गाते है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01aa2cc4051c114f77a8e41898e669f5dc31483b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73765.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [विनय तिवारी]। ये पहला मौका नहीं था जब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से कोई शातिर और इनामी बदमाश फरार होने में कामयाब हुआ था। इससे पहले भी ऐसे कुछ किस्से सामने आ चुके थे जिसमें पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। हालांकि पुलिस ने पहले अपने को बचाने के लिए अपने अधिकारियों को गलत जानकारी दी मगर जब मामला खुलता देखा तो अपनी गलती स्वीकार की और बदमाश की फरारी की पूरी दास्तान सुनाई। दिल्ली में एक कुख्यात बदमाश है नीरज बवाना, बदमाश का नाम नीरज है चूंकि वो बाहरी दिल्ली के बवाना गांव से संबंध रखता है इस वजह से अपराध की दुनिया में उसे नीरज बवाना के नाम से जाना जाता है। इसी नीरज के मामा है रामवीर शौकीन। रामबीर शौकीन दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना के मामा है। । गौरतलब है कि नबंवर 2016 में लंबे समय से फरार चल रहे दिल्ली के पूर्व निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। रामवीर पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था।कुलदीप उर्फ फज्जा के पुलिस की आंखों में धूल झोंकने से पहले रामवीर शौकीन ही ऐसे इनामी बदमाश निकले थे जो पुलिस की मौजदूगी में ही फरार हो गए थे। मकोका के तहत मुकदमा दर्ज होने के 19 महीने बाद 27 नवंबर 2016 को बड़ी मुश्किल से वह स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ पाया था। अब दोबारा उसे गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस के पसीने छूट जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88af541533ed258e7d86246dad7e222ebf994beb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलू रंजन, गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नामघरों पर बड़ा दांव लगाया है। पिछले 500 वर्षो से असम के सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र में रहे नामघरों के लिए सर्बानंद सोनोवाल सरकार ने ढाई-ढाई लाख रुपये की सहायता जारी की है। माना जा रहा है कि इन नामघरों से जुड़े परिवार चुनाव में भाजपा के पक्ष में जा सकते हैं। पांच शताब्दी पहले शंकरदेव ने असम में धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में नामघरों की शुरुआत की थी। इसके बाद ये नामघर असम की सांस्कृतिक चेतना के साथ एकाकार हो गए। हालत यह है असम के हर गांव में नामघर है और शहरों के मुहल्ले भी इससे अछूते नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47da0a2b5c81ad50da1f1d977ca24c4894f1913b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़ [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। हरियाणा के जींद जिले के एक गांव का साधारण लड़का कड़ी मेहनत के दम पर आज दो राज्यों हरियाणा-पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में एसएसपी के पद पर कार्यरत्त हैं। पंजाब कैडर के इस सुपरकाॅप ने 12 साल के पुलिस करियर में कई गैंगस्टर को ठिकाने लगा खुद की अलग पहचान बनाई है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सुपर काॅप आइपीएस अधिकारी कुलदीप सिंह चहल की। सरकारी स्कूल में पढ़कर आइपीएस तक का सफर इनके लिए इतना आसान नहीं रहा, लेकिन आज भी यह अफसर जमीन से जुड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1a9b4d2dd0f869f530cc4c79e3b019e0379c748 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीनों भाई पूर्ण रूप से दिव्यांग होने के कारण जमीन पर घीसटकर या रेंगकर चलते हैं। ऐसे में एक की कमाई से 5 लोगों का परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। दो साल पहले तक दिव्‍यांगों को ऑफलाइन सिस्टम से  पेंशन मिल रही थी। लेकिन मां रंथि देवी की मौत के बाद से इन्हें पेंशन मिलना भी बंद हो गया। फिंगरप्रिंट नहीं निकल पाने की वजह से इन दिव्यांग भाइयों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है, लिहाजा उन्‍हें दिव्यांग पेंशन नहीं मिल रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73778.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73778.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0aa955189955677f7079ba88844a5a6684a1907 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73778.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जेएनएन। बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शनिवार को हो चुका है। राज्य की 294 सीटों पर आठ चरणों में मतदान होने हैं। 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच वोटिंग होनी है। नतीजे दो मई को आएंगे। बता दें कि पहले चरण में कुल 191 प्रत्याशी मैदान में हैं। आइए तस्वीरों में पहले चरण के मतदान की इलकियां देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3365031adc2b3a96a71bcdc40d9bc4edfc0352f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73779.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हापुड़ [मनोज त्यागी]। नीम नदी को बचाने की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है। दैनिक जागरण के अभियान आओ बचाएं नीम नदी की शुरूआत के बाद से लोगों की रुचि स्वयं ही इस ओर दिखाई देने लगी है। अब लोग अभियान का हिस्सा बनकर सुनहरे भविष्य की रचना में जुट गए हैं। आने वाले भविष्य में शुद्ध पानी और खेतों की बेहतर सिंचाई का खाका तैयार होने लगा है। आगामी 27 मार्च यानी शनिवार को मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह सुबह 11 बजे कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान बड़े स्तर पर लोग स्वयं भी श्रमदान करके इस पुण्य यज्ञ में अपनी आहूति देने के लिए तैयार हैं। इसी बीच प्रशासन भी सख्त कदम उठा रहा है। सीडीओ उदय कुमार सिंह ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी को वास्तविक रूप देने और अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही दस्तावेजों में मौजूद नदी की 3.65 मीटर चौड़ाई की सतह तैयार कराने के आदेश भी दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a841ccf3c2ffb744692c01d6e48d95b38409a581 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73783.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + हर स्‍कूल के लिए बनेगी योजना।बीएसए डॉ लक्ष्‍मीकांत पांडेय ने बताया कि विद्यार्थियों के समग्र विकास व विद्यालय आने के प्रति उनकी रुचि को बढ़ाने के उद्देश्य से ये व्यवस्था बनाने का प्रयास है। हालांकि ये अभी जनसहयोग से कराने वाला काम है। अगर सफल रहे तो शासन से मागदर्शन व बजट के लिए पत्र लिखा जाएगा। फिर इस व्यवस्था को हर स्कूल के लिए कराने की योजना बनाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14aead47b3777d4f7fc1c78b9503c9f9ba8101bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73784.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हरिद्वार में यह अखाड़ा काफी प्राचीन है। तमाम ऐतिहासिक और धार्मिक पुस्तकों में भी इसका वर्णन मिलता है। अखाड़े के नियम बेहद कठोर हैं और अखाड़ा इन्हें लेकर अनुशासन प्रिय है। नियमों का पालन ना करने वाले साधुओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस समय अखाड़े में पांच लाख से अधिक साधु संन्यासी हैं, जिसमें सबसे अधिक संख्या नागा संन्यासियों की है। अखाड़े में इस वक्त 120 से अधिक महामंडलेश्वर हैं। जिनकी शोभा यात्र कुंभ मेले की शान होती है और उसे भव्यता और दिव्यता प्रदान करती है। + +जूना के साथ स्नान करता है अग्नि और आह्वान अखाड़ा।हरिद्वार कुंभ में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के साथ अग्नि और आह्वान अखाड़ा भी अपनी पेशवाई निकालता है और शाही स्नान भी उसी के साथ करता है। हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि स्नान करने के क्रम में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने सबसे पहले स्नान किया था। जिसमें उसके साथ अग्नि और आह्वान अखाड़े के संत महात्माओं ने स्नान किया और किन्नर अखाड़ा के सदस्यों ने भी उनके साथ स्नान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77fe4893b8351dcca20e645dc76fe07f9073d872 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73785.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण टीम। ब्रज में होली खास होती है। वृन्दावन में फूलों की होती है तो बरसाना में लठामार। इसी कड़ी में कोसीकलां क्षेत्र से करीब सात किलो मीटर दूर स्थित गांव फालैन में होली का त्यौहार भी बेहद अलबेला है। यहां हर वर्ष भक्त प्रहलादजी की उस  पौराणिक कथा लोगों की उस आस्था को बयां करती हैं जिसमें जलती होलिका से प्रहलादजी महाराज सकुशल बच निकलते हैं। फालैन में धधकते अंगारों से निकलने वाला पंडा होलिका से निकलकर सभी को जितना हैरान कर देने वाले पौराणिक क्षणों के दर्शन करा देता है। उतनी ही उसके कठोर तप के नियम और साधना भी आधुनिक युग में अचंभित करने वाला है। + +ऐसें पहुंचे फालैन। प्रहलाद नगरी फलैन पहुंचने के लिए हाईवे से या ट्रैन से कोसीकलां पहुंचना होगा। जहां बाईपास व गोपाल बाग किलो मीटर के इस सफर को तय कराने के लिए टैम्पो , इरिक्शा उपलब्ध होते हैं। श्रद्धालु यहां निजी वाहनों से भी।पहुंच सकते हैं। इसके लिए दो रास्ते हैं। जो गोपालबाग से शेरगढ़ रोड़ होते हुए फालैन पहुंचता है तो दूसरा कोसी- शाहपुर मार्ग- बरचावली मार्ग होते हुए फालैन पहुंचता है। दोनों ही मार्ग सुगम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e60332aa5632b7105cae97436eb9cf5f9122a9e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पिछले एक पखवाड़े के दौरान देश के जिन राज्यों और शहरों कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं, उनमें दिल्ली भी शामिल है। पिछले कई दिनों से 24 घंटे के दौरान दिल्ली में 1000 से अधिक मामले सामने आए, जबकि दो दिन से 1500 से  ज्यादा कोरोना के केस आए हैं।  वहीं, शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के मद्देनजर दिल्ली के लोगों से होली का त्योहार सार्वजनिक स्थल पर नहीं मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि होली अपने परिवार के साथ ही खुशी पूर्वक मनाएं। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन नहीं करें, जिससे कोरोना का विस्फोट हो जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b722f4cf519b70a7f0002c989941225e3e90a8c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उमेश से पूछताछ में आया राज कुंद्रा का नाम।इसके बाद पुलिस की जांच हॉटशॉट्स जैसी उन ऐप्स की ओर मुड़ी, जिन पर ये फ़िल्में अपलोड की जाती थीं। जांच में पुलिस को उमेश कामत के बारे में पता चला, जो लंदन की कंपनी केनरिन प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करता था। उमेश, राज कुंद्रा का पूर्व कर्मचारी था और पूछताछ में उसी ने सबसे पहले राज का नाम लिया था। ।ऐप के बिज़नेस में राज का नाम आने से इस केस को एक नई दिशा मिली। पुलिस के अनुसार, राज का नाम पहले भी आया था, लेकिन उनके ख़िलाफ़ कुछ ठोस नहीं मिला था। पुलिस को आगे जांच में पता चला कि हॉटस्पॉट्स ऐप पर मालिकाना हक़ केनरिन का था, मगर राज कुंद्रा की कम्पनी वियान इंडस्ट्रीज़ इसका संचालन कर रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c8d90351bfef4326f4216453f947706c7d4e1dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहर वासियों से लिया फीडबैक: घर-घर कूड़ा एकत्र करने की योजना को भी टीम ने देखा। शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर टीम ने शहरवासियों से सफाई के बारे में फीडबैक लिया। डेढ़ दिन शहर में बिताने के बाद टीम के अधिकांश सदस्य वापस हो गए हैं। टीम ने इतनी तेजी से काम किया कि नगर निगम के अफसर उन तक पहुंच नहीं पाए। टीम ने 24 सौ अंक का सर्वे किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4647c6382d259dcdc6ec378e2d06c82b22528cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73794.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Police Academy Passing Out Parade : उत्तर प्रदेश पुलिस को मुरादाबाद से 63 दारोगा मिले हैं। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में शनिवार को आयोजित दीक्षांत परेड की सलामी डीजी पीटीसी ब्रिजराज मीणा ने ली। अलीगढ़ के मयंक प्रताप सिंह को सर्वांग सर्वोत्तम कैडेट चुना गया। डीजी ने तलवार देकर उन्हें सम्मानित किया। + +पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के क्वार्टर गार्ड में आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते  सैन्‍य सहायक राम अवतार सिंह यादव ने बताया कि शासन ने 16 मार्च 2020 में कुल 112 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों का आवंटन पीटीसी मुरादाबाद में हुआ। इसके सापेक्ष 63 प्रशिक्षुओं ने पीटीसी में आमद दर्ज कराई। एक वर्षीय पाठ्यक्रम में आंतरिक व वाह्य विषयों का प्रशिक्षण दिया गया। वार्षिक परीक्षा में सभी प्रशिक्षु सफल रहे। + +अलीगढ़ के रहने वाले मयंक प्रताप सिंह को सर्वांग सर्वोत्तम कैडेट चुना गया। जबकि सीतापुर के रहने वाले संदीप कुमार सिंह इंडोर प्रशिक्षण में सर्वोच्च अंक हासिल करने में सफल रहे। इसके बाद डीजे ब्रिजराज मीणा ने सभी दारोगा को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण में शामिल दारोगा को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आप पुलिस महकमे की रीढ़ हैं। दायित्वों का बड़ा बोझ आपके कंधे पर है। पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कर्तव्य का निर्वाह करें। इस मौके पर आइजी शिव शंकर सिंह समेत पीटीसी के पुलिस अधिकारी व शिक्षक मौजूद रहे। ।सपने पूरे होते ही आंखों में छलके खुशी के आंसू ।पुलिस कर्मी बनने का सपना पूरा होते ही। नए दारागाओं के आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। परेड के दौरान मौजूद उनके अपनों का सीना भी गर्व से चौड़ा हो गया। परेड के बाद पुलिस कर्मियों ने अपनों के साथ यादगार तस्‍वीरें भी ली। उनके अभिभावकों ने अलग-अलग अंदाज में अपनी खुशी का इजहार क‍िया। कहा क‍ि इस पल का वे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, आज उनका सपना पूरा हो गया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1d17dee41407f6c808e980183a21b7c24506dfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, एक जगह होलिका दहन में लगभग एक क्विंटल गोकाष्ठ की जरूरत होती है, जिसकी कीमत 500 रुपये है। पर्यावरण के लिहाज से भी यह अहम है। केवल दो फीसद नमी होने के कारण धुआं बहुत कम होता है और कार्बन मोनोआक्साइड गैस नहीं निकलती है। इसके धुएं में हल्की कार्बन डाइआक्साइड और नाइट्रेट होती है। यदि देसी घी, कपूर, लौंग मिला दिए जाएं तो इन गैसों का भी प्रभाव खत्म हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f9e0318f531a68a21fd38e8241da43a00bbba6a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73799.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह पूछे जाने पर कि निवेशकों की पहली प्राथमिकता बेहतर कानून व्यवस्था होती है? जबकि बिहार इस कसौटी पर क्या वाकई खरा उतरता है? जिबेश कुतार ने कहा कि देश के तमाम राज्यों की क्राइम रैंकिंग देखी जाए तो बिहार का नंबर टॉप 20 में भी नहीं है। बिहार से कहीं अधिक खराब कानून व्यवस्था तो दिल्ली की है। यहां आए दिन छोटी छोटी बातों पर पता नहीं क्या क्सा हो जाता है। कम से कम बिहार के हालात ऐसे नहीं हैं। + +जिबेश ने बताया कि बिहार राज्य परियोजनाओं के साथ खिल रहा है। वर्तमान में तीन आइटी पार्क निर्माणाधीन हैं, जिनमें सहज नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ बिहटा में यह 33 एकड़ में, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण हब के तीन चरणों के विकास और अच्छी तरह से स्थापित कनेक्टिविटी के साथ राजगीर में 110 एकड़ में बन रहा है। स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए बिहार सरकार ने कई पहल की हैं और राज्य अधिसूचित ऊष्मायन केंद्रों को 100 फीसद से अधिक मुक्त करने के लिए 900 से अधिक स्टार्ट-अप सौंपे गए हैं। राज्य को प्रमाणन और राज्य सरकार के लिए बिहार स्टार्ट-अप पोर्टल पर 5591 आवेदन प्राप्त हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3aee0475054d0762ec47c72c20366b90bcec4c63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73801.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सबसे पहली बात, ऐसी किसी भी योजना में निवेश का फैसला करने वाले करदाताओं का प्राथमिक उद्देश्य बचत होता है। कोई भी निवेश अगर बचत की बुनियादी अवधारणा पर खरा नहीं उतरता, तो वह निवेशक के लिए बहुत काम का नहीं होता है। किसी भी योजना में निवेश से पहले इस बुनियादी तथ्य को समझ लेना बेहद जरूरी है। दिक्कत यह है कि टैक्स बचत का दावा करने वाली योजनाओं के सलाहकार भी ज्यादातर मामलों में करदाताओं के समक्ष उस तात्कालिक बचत का ही जिक्र करते हैं। वे अक्सर उन योजनाओं से जुड़े दीर्घकालिक जोखिमों का जिक्र करने से बचते हैं। खासतौर पर पेशेवर जिंदगी की शुरुआत करने वाले युवाओं के समक्ष यह प्रश्न और ज्यादा चुनौतीभरा होता है, क्योंकि उन्हें टैक्स बचाने के साथ-साथ भविष्य की भी चिंता होती है। इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड कंपनियां भी अधिकतर उन्हीं युवाओं को लक्षित करती हैं, जिनकी बचत की आदत अभी तक बनी नहीं है। उन्हें विभिन्न कंपनियां ललचाने वाले ऑफर्स पेश करती हैं। ऐसे में यह जानना जितना मुश्किल है उतना ही जरूरी भी कि टैक्स बचत के लिए किन योजनाओं का सहारा लिया जाए और किस हद तक लिया जाए। + +इसका जवाब बेहद सरल है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए आपके पास किसी कंपनी की तरफ से निवेश का एक ऑफर आता है जिसमें कहा जाता है कि अमुक योजना के तहत टैक्स भी बचाया जा सकता है और एक निश्चित समय के बाद इतना गुना रिटर्न भी मिल सकता है। प्रारंभिक तौर पर यह ऑफर बेहद आकर्षक लग सकता है। लेकिन जब इस योजना की तह में जाते हैं और उस योजना के ट्रैक रिकॉर्ड का विश्लेषण करते हैं तो पता चलता है कि आपकी निवेश योजना बाजार जोखिमों से जुड़ी थी और आपने जितनी अवधि के लिए निवेश किया था, उस अवधि में उस योजना ने बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। ऐसे में योजना की अवधि खत्म हो जाती है और उसके बाद निवेशकर्ता को लगता है कि उसमें निवेश से बेहतर था कि उतनी रकम बैंक खाते में ही छोड़ दी जाती। शायद तब भी उस निवेश के मुकाबले बैंक दर पर बेहतर ब्याज मिल जाता। बहुत से बचतकर्ताओं का यही संगठित अनुभव कहीं न कहीं लोगों को भविष्य निधि संगठन समेत अन्य उन सरकारी योजनाओं में निवेश को प्रेरित करता है जिनमें रिटर्न बहुत अधिक भले नहीं हो, लेकिन जमा रकम की सुरक्षा और रिटर्न की गारंटी रहती है। + +दूसरी बात, वर्तमान निश्चित रिटर्न वाली चुनिंदा सरकारी योजनाओं को छोड़ दें, तो बाकी सभी योजनाओं का रिटर्न कमोबेश बाजार जोखिमों के अधीन है। यही वजह है कि निवेश पर कमाई पूरी तरह से इस पर निर्भर है कि आपकी जोखिम लेने की क्षमता कितनी है। वर्तमान में ऐसी दर्जनों म्यूचुअल फंड और अन्य योजनाएं हैं जिनमें निश्चित रिटर्न की भले कोई गारंटी नहीं हो, लेकिन उनका सकल रिटर्न कई अन्य निवेश उपकरणों के मुकाबले अधिक है। लेकिन इस तरह की योजनाएं उन निवेशकों के लिए मुफीद हो सकती हैं जिन्होंने उस निवेश से संभावित आय के साथ भविष्य की कोई योजना नहीं जोड़ रखी हो। जाहिर है, उन योजनाओं में सिर्फ टैक्स बचत के लिहाज से निवेश किया जाए तो वह घाटे का सौदा भी हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebe61ac464f25dfbb5aed353a2f1704243ed59cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73805.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, आलोक मिश्र। तारीखें महत्वपूर्ण होती हैं। उनकी पहचान होती है, लेकिन सभी अपनी पहचान नहीं बना पातीं। उसमें कुछ याद रहती हैं और कुछ वक्त के साथ खो जाती हैं। यादें कड़वी भी हो सकती हैं और मीठी भी। इन्हीं यादों के गुलदस्ते से बीते वक्त की महक आती है। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र भी ऐसी ही कुछ यादें दे गया है, जो याद करने लायक न होने के बाद भी चर्चा में रहेंगी। ये तारीखें हैं बजट सत्र के आखिरी दो दिनों की जिसमें पक्ष-विपक्ष के एक्शन-रिएक्शन के बीच सदन की गरिमा और मर्यादा दोनों सिसक पड़ीं। इसके लिए पक्ष ने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया और विपक्ष ने पक्ष को। सही-गलत को लेकर समर्थकों के पाले बने और माननीय सदन से बाहर व पुलिस पहुंच गई भीतर। + +बिहार में बजट सत्र 19 फरवरी को शुरू हुआ था। पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण रखा गया। उसके बाद बजट और उस पर विभागवार चर्चा। यही तय था और इसी अनुसार सदन चलना था। जो कुछ दिन तो ठंडा चला, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे विपक्ष के कारण गरम होता चला गया। बजट पर चर्चा तो खामोशी से गुजर गई, लेकिन तू-तू, मैं-मैं, धक्का-मुक्की, व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप ने सत्र के समापन तक आते-आते ऐसे माहौल का निर्माण कर डाला, जिससे आखिरी के दो दिन (मंगलवार व बुधवार) याद न रखने लायक न होने के बावजूद यादगार बन गए। इसमें सड़क से शुरू हुआ विरोध विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाए जाने, मार्शल द्वारा धकियाए जाने से होता हुआ परिसर में पुलिस के पहली बार प्रवेश और फिर जूतम-लात का गवाह बना। विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी उतारने के बाजवूद 124 वोटों (बहुमत के लिए 122) के मुकाबले जीरो वोट (बहिर्गमन के कारण) पाकर विपक्ष की हार और सदन में पुलिस के प्रवेश पर जांच न होने तक विपक्ष के वाकआउट जैसे तेजस्वी के बयान भी महत्वपूर्ण रहे। + +इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी कुछ यूं है। सोमवार को बिहार सैन्य पुलिस को नई पहचान व अधिकार देने के लिए बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पेश होना था। राज्य सरकार के अनुसार इसमें केवल बिहार सैन्य पुलिस का नाम बदला गया है, अस्तित्व स्वतंत्र किया गया है, किसी भी राज्य की पुलिस के साथ मिलिट्री शब्द न जुड़ा होने के कारण बिहार भी ऐसा ही कर रहा है। अब इसकी भूमिका केवल कानून व्यवस्था नियंत्रित करने में राज्य पुलिस की मददगार के रूप तक सीमित नहीं रहेगी। अब संदेहास्पद व्यक्ति की तलाशी व गिरफ्तारी की शक्ति भी उसके पास होगी। सरकार इसे बेहतर कदम बता रही है, लेकिन विरोध के बहाने ढूंढने में लगे विपक्ष ने इसे हथियार के रूप में ले लिया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपनी टीम के साथ यह कहकर कूद पड़े कि इससे तो बिना वारंट पुलिस कहीं भी घुस जाएगी जिससे डर पैदा होगा। इस विधेयक के सदन में रखे जाने के दौरान तेजस्वी व तेजप्रताप अपनी टीम के साथ विधानसभा घेरने सड़क पर उतर आए। खूब बवाल काटा। इन्हें नियंत्रित कर, विधानसभा जाने से रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौछार व लाठियों का सहारा लेना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa3f4bbccb9ea22cde8d18ec516b6ef5bbe3ab83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73813.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभी तो शुरुआत है... ।विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले दो वर्षों में रेल और जल मार्ग के संदर्भ में आधा दर्जन से ज्यादा परियोजनाओं की शुरुआत हुई है, लेकिन यह भविष्य में शुरू की जाने वाली परियोजनाओं को लेकर सिर्फ संकेत है। भारत बांग्लादेश के बीच वहां के दो सबसे बड़े बंदरगाहों मंगला और चट्टोग्राम के आधुनिकीकरण व विस्तार की योजना पर बात हो रही है। इसमें जापान भी भारत के साथ शामिल है। ।भारत की भावी योजना।1- बांग्लादेश के लिए एक पावर प्लांट लगाना।2- मंगला और चट्टोग्राम पोर्ट का आधुनिकीकरण।3- पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति के लिए बड़ा पाइपलाइन नेटवर्क।क्यों महत्वपूर्ण हो गया ढाका।1. पूर्वोत्तर राज्यों को चीन की नजर से बचाने के लिए बांग्लादेश से कनेक्टिविटी जरूरी।2. बांग्लादेश की बढ़ती अर्थव्यवस्था को भारत के साथ जोड़ने से दोनों देशों का बड़ा फायदा।3. हिंद प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व के मद्देनजर भी होगी बांग्लादेश की बड़ी भूमिका।बड़ा पावर प्लांट लगाने पर भी हो रही बात ।इसके अलावा दोनों देशों के बीच बांग्लादेश की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए वहां एक बड़ा पावर प्लांट लगाने को लेकर भी बात हो रही है। अभी भी भारत बांग्लादेश की कुल खपत की तकरीबन 20 फीसद बिजली देता है। लेकिन वहां जिस तेजी से अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है उसे देखते हुए बिजली की खपत भी बढ़ने की संभावना है। इसी तरह बांग्लादेश में पेट्रो उत्पादों की खपत भी तेजी से बढ़ने का अनुमान है। ।एलएनजी टर्मिनल लगाने का प्रस्‍ताव ।अभी भारत सिलीगुड़ी से पार्बतीपुर (बांग्लादेश) के बीच 130 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछा रहा है जिससे डीजल की आपूर्ति की जा रही है लेकिन हाल ही में भारत ने प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार के समक्ष वहां एलएनजी टर्मिनल लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस टर्मिनल को बाद में बांग्लादेश और भारत के एक संयुक्त गैस पाइपलाइन नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। इससे पूर्वोत्तर राज्यों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चत हो सकेगी। + +दोनों देशों के बीच हो रही बातचीत ।इन सभी परियोजनाओं पर हाल के दिनों में ही दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू हुई है और इन पर अंतिम फैसला होने में अभी कुछ वक्त लगने के आसार हैं। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं के व्यापक रणनीतिक महत्व हैं। खास तौर पर मंगला और चट्टोग्राम बंदरगाह के विस्तार संबंधी परियोजना को हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व से जोड़कर देखा जा रहा है। ।पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा होगी चाकचौबंद ।भारत और जापान के बीच भी बांग्लादेश में संयुक्त तौर पर विकास परियोजना लागू करने को लेकर संपर्क बना हुआ है। इसके अलावा कनेक्टिविटी परियोजनाएं लागू होने से भारत पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा आश्वस्त हो सकेगा। साथ ही भारत को यह भी उम्मीद है कि बांग्लादेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को मदद देने और उससे जुड़ने का फायदा दोनों देशों को समान तौर पर होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75b595a547c7c73d40dd408e7459c9d44980e9ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73814.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बर्लिन (एजेंसी)। जर्मनी में कोरोनो वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वहां के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जेंस स्‍फेन ने कहा है कि अप्रेल में देश का हेल्‍थ सिस्‍टम अपनी क्षमताओं के पार जा सकता है। पब्लिक हेल्‍थ बॉडी के प्रमुख ने यहां तक की आशंका जताई है कि अगले माह हर रोज कोरोना के एक लाख मामले सामने आ सकते हैं। उनका कहना है कि देश में आई कोरोना की तीसरी लहर पहली दो लहरों से अधिक घातक साबित हो सकती है। इसको रोकना मुश्किल हो सकता है। उन्‍होंने इसकी वजह कई जगहों पर B117 वेरिएंट का मिलना बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73815.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..933da8e60c9e428b6d73608e1c7d15d257f17ffd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73815.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्यों मिला उन्हें एक्सटेंशन।आप आखिर यह जानना चाह रहे होंगे कि आखिर मंगू सिंह को यह सेवा विस्तार क्यों मिला है। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के नॉमिनी के रूप में उन्हें दिल्ली मेट्रो में प्रबंध निदेशक के रूप में काम करना होता है। वहीं, दिल्ली सरकार अभी फिलहाल उनके उत्तराधिकारी को खोज नहीं पाई है। अगले शख्स के चयन की प्रकिया भी शुरू नहीं हुई है इसलिए उन्हें दिल्ली सरकार ने सेवा विस्तार दिया है जो 30 सितंबर तक रहेगा। हालांकि, दिल्ली सरकार को चयनित उम्मीदवार के लिए सिर्फ केंद्र सरकार की सहमति लेनी होती है जो मिल गई है। इसके पहले मंगू सिंह का कार्यकाल 2020 के दिसंबर को ही पूरा हो गया था लेकिन उन्हें मार्च की 15 तारीख को एक्सटेंशन दिया गया। + +Holika Dahan Timing 2021: रविवार को कितने बजे है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त? इन 11 प्वाइंट्स में जानें पूरी पूजा विधि।लॉकडाउन जैसे संकट भरे समय का किया था भरपूर इस्तेमाल।कोरोना महामारी के कारण जब देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी तब भी उस मुश्किल हालात का भरपूर इस्तेमाल किया था। मेट्रो की सेवाएं पहली बार पूरी तरह ठप हुई तब डीएमआरसी ने अपने अगले प्रोजेक्ट का खाका खीच कर इसको आगे बढ़ाने का प्लान मंगू सिंह के नेतृत्व में ही बनाया था। खास कर डीएमआरसी के फेज-4 के लिए विशेषज्ञों ने डिजायन तैयार कर ग्राउंड वर्क को पूरा किया। इस कारण नए कामों को रफ्तार मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..250bbcf1033fce6ada987e3f425517dd9c1e8ea2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : राशन आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले में सिंगल स्टेज डोर डिलीवरी व्यवस्था अप्रैल से शुरू हो जाएगी। इसके तहत एफसीआइ के गोदामों से सीधे राशन की दुकानों पर राशन पहुंचेगा। अब तक सीएफसी के माध्यम से राशन पहुंचता है। घटतौली व फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d982f262d38b88346b48e48ff4d967db3882a47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। हरिद्वार कुंभ के शाही स्नान पर भीड़ बढ़ने की संभावना है। मंडल रेल प्रशासन ने उत्तराखंड सरकार से मेला स्पेशल ट्रेनें चलाने के बारे मेंं जानकारी मांगी है। अभी तक सरकार की ओर कोई सूचना नहीं भेजी गई है। ।कोरोना टीका लगवाने वालों को कोरोना की जांच रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य नहीं होगा। हरिद्वार कुंभ मेले का दूसरा शाही स्नान 11 अप्रैल को होना है। इसमें श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने की संभावना है। रेल प्रशासन ने शाही स्नान पर ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजा है। पिछले शाही स्नान से 11 अप्रैल को होने वाली शाही स्नान पर अधिक भीड़ हो सकती है कोविड-2019 की गाइड लाइन के अनुसार राज्य सरकार की सहमति पर ही मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं। शाही स्नान पर मेला स्पेशल ट्रेन चलाने की आवश्यकता है तो उसकी जानकारी उपलब्ध करा दें, रेल प्रशासन मेला स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए बोगी आदि की व्यवस्था करेगा। अभी तक उत्तराखंड सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए रेल प्रशासन ने मेला स्पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी नहीं की है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद सभी विभागों के लिए गाइड लाइन जारी की है। ट्रेन में सवार होने से पहले यात्रियों का परीक्षण किया जाना है। ट्रेन से आने वाले यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने के पहले स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच की जानी है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के पास कोरोना के दो टीका लगाने का कार्ड है तो उसके 72 घंटे पहले कोरोना की जांच रिपोर्ट लेकर आने की अनिवार्यता नहीं होगी। मंडल वाणिज्य प्रबंधक गौरव दीक्षित बताया कि 11 मार्च को शाही स्नान में मेला स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजा गया है। अभी तक पत्र का जवाब नहीं मिला है। उत्तराखंड सरकार की सहमति पर ही मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47c9d2c51f24684f866023473e83f7a373037bd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्व रंगमंच दिवस का इतिहास: अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान द्वारा 1961 इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई। इस अवसर पर किसी एक देश के रंगकर्मी द्वारा विश्व रंगमंच दिवस के लिए आधिकारिक संदेश जारी किया जाता है। 1962 में फ्रांस के जीन काक्टे पहला अंतरराष्ट्रीय संदेश देने वाले कलाकार थे। कहा जाता है कि पहला नाटक एथेंस में एक्रोप्लिस में स्थित थिएटर ऑफ डायोनिसस में आयोजित हुआ था। यह नाटक पांचवीं शताब्दी के शुरुआती दौर का माना जाता है। इसके बाद रंगमंच पूरे ग्रीस में बहुत तेजी से फैला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7382.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7382.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ea30367b4a02051ffb89ccd8d497395918b84af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7382.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सांसद और फेमस बंग्ला एक्ट्रेस नुसरत जहां हमेशा ही किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहती हैं। बीते दिनों ​नसुरत जहां अपनी शादी और प्रेग्नेंसी की खबरों को लेकर खूब चर्चा में रही हैं। वहीं इन सबको लेकर उन्हें काफी विवादों का भी सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद नुसरत जहां फैंस के साथ सोशल मीडिया पर जुड़ी हैं। वह अपनी लेटेस्ट तस्वीरें और वीडियोज शेयर कर रही हैं। इन दिनों तो नुसरत जहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ ज्यादा ही सक्रीय हैं। वह लगभग हर दिन अपनी तस्वीरें शेयर करती नजर आ रही हैं। इस बीच नुसरत जहां का एक नया पोस्ट चर्चा में बना हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73820.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73820.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33a79698c6c9a31bd469b536f346b473da70b934 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73820.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +जालंधर, [मनोज त्रिपाठी/अखंड प्रताप]। उत्‍तर प्रदेश के मऊ से पांच बार विधायक और बाहुबली की पहचान रखने वाले मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी और पंजाब की सरकार के बीच चल रहे घमासान का अंत होता दिखाई दे रहा है। पंजाब सरकार की दलीलों को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार को दो हफ्तों के अंदर उत्‍तर प्रदेश भेजने का निर्दश दिया है। अब प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ये तय करेगा कि मुख्तार को यूपी की किस जेल में रखा जाएगा। फिलहाल माना ये जा रहा है कि मुख्तार को अभी यूपी की बांदा जेल में ही शिफ्ट किया जाएगा। वहां बांदा जेल के डाक्टर की मुख्तार अंसारी को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। ऐसे में मुख्‍तार अंसारी के लिए रोपड़ जेल से बांदा तक का सफर 890 किलोमीटर तक का सफर आसान नहीं होगा। + +तीन राज्यों के 10 जिलों के 21थानों में दर्ज हैं 46 मुकदमे।अपराध से लेकर राजनीति के सफर में मुख्तार के उपर एक के बाद एक कई मुकदमे दर्ज हुए। 1988 में मुख्तार का नाम पहली बार एक पुलिस कांस्टेबल की हत्या में आया था। यह हत्या किसी मामूली पुलिसवाले की नहीं, बल्कि उस दौर में पूर्वांचल में स्थापित हो रहे एक माफिया त्रिभुवन सिंह के भाई राजेंद्र सिंह की थी। त्रिभुवन सिंह की भाई की दिनदहाड़े हत्या के में नाम आने के बाद मुख्तार अपराध की जो सीढ़ी एक बार चढ़े तो फिर चढ़ते ही चले गए। देखते ही देखते तीन राज्यों के 10 जिलों के 21 थानों में अलग-अलग 46 मामले दर्ज होते गए। + +इसको लेकर शिरोमणि अकाली दल के विधायक विक्रम सिंह मजीठिया ने भी पंजाब विधानसभा में सरकार पर जमकर हमला बोला था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एकबार फिर मुख्तार को उत्‍तर प्रदेश की जेल शिफ्ट किए जाने की बात हो रही है तो वहीं रोपड़ से बांदा तक का 890 किमी का सफर मुख्तार के लिए कितना लंबा होता है ये देखने वाली बात होगी। + +बृजेश सिंह के अलावा भी कई नए दुश्मन हैं मुख्‍तार के ।कभी बृजेश सिंह के साथ दोस्ती से बदली दुश्मनी ने मुख्तार को के 90 दशक में पूर्वांचल की सत्ता पर काबिज किया था , लेकिन समय के साथ साथ मुख्तार के औऱ भी दुश्मन खड़े होते गए। बताया जाता है कि पूर्वांचल की जेलों में अब भी कई ऐसे माफिया बंद हैं जो मुख्तार से खार खाए बैठे हैं। वहीं मुख्तार के दाहिना हाथ माने जाने वाले मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या के बाद से पूर्वांचल पर उसकी पकड़ भी कम पड़ने लगी। 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल की तन्‍हाई बैरक मेंं हुई कुख्यात मुन्ना बजरंगी की नौ गोलियां मारकर हत्या के बाद से ही मुख्तार और उसके लोगों का कब्जा ढ़ीला पड़ने लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73821.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25db213e4b285819e719bc1b2b0287a30de9fc29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73821.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नीलू रंजन, गुवाहाटी। असम में 47 सीटों पर होने वाले पहले चरण के मतदान में चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की भूमिका अहम होगी। 47 में से 38 सीटें चाय बागानों वाले अपर असम में हैं। 2014 तक अपने परंपरागत वोट रहे चाय बागान मजदूरों को फिर से जोड़ने के लिए कांग्रेस ने घोषणा-पत्र में बड़े-बड़े वादे किए हैं, वहीं पिछली बार चाय बागान मजदूर बहुल 38 में से 28 सीटें जीतने वाली भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी असम गण परिषद नए वादे के साथ-साथ पाच साल में किए गए कार्यों के आधार पर उनका समर्थन बनाए रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। + +वोट बैंक नहीं खोना चाहती भाजपा।दूसरी ओर भाजपा किसी भी कीमत पर इस वोट बैंक को खोने के लिए तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता चाय मजदूरों के लिए पिछले पाच साल में किए गए काम का हवाला दे रहे हैं। इनमें सड़क, स्कूल, मोबाइल अस्पताल, गैस, घर, शौचालय आदि शामिल हैं। चाय बागान मजदूरों के लिए करीब सात लाख 50 हजार बैंक खाते भी खोले गए, जिनमें बिना किसी कटौती के सीधे वेतन पहुचता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..021fb7cba62d16843e74d1b64109f02ba96b7c77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली [ऑनलाइन डेस्‍क]। हर साल मार्च महीने के अंतिम शनिवार को रात 8:30 बजे दुनिया भर में लाखों लोग एक घंटे के लिए लाइटें बंद करके धरती की बेहतरी के लिए एकजुट होते हैं। इस दिन को दुनियाभर में अर्थ-ऑवर डे के नाम से जाना जाता है। इस बार अर्थ-ऑवर डे (Earth Hour Day) 27 मार्च को पड़ रहा है। इस मौके पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों में लोग रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक अपने घरों की लाइटें स्विच ऑफ करके ऊर्जा की बचत कर धरती को सुरक्षित रखने के लिए एकजुटता का संदेश देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73823.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73823.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26524c550146998094722eeca03415262af3482a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73823.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिव सोनी, बिलासपुर। होली के त्योहार पर घर जाने के लिए ट्रेन में नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट तो चिंता न करें। आप बस से घर जा सकते है। बस से सफर करने वाले यात्रियों को आइआरसीटीसी का सुरक्षित प्लेटफार्म मिलेगा। अब वे भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) के माध्यम से बसों की आनलाइन बुकिंग करा सकते हैं। यह सुविधा देशभर के यात्रियों के लिए है। इसके लिए हाल ही में बस बुकिंग करने वाले दो पोर्टल के साथ समझौता किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2292129dbe4dc636100baccb6c06980ac4f16a10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रूसी अखबार स्‍पूतनिक की खबर के मुताबिक अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति का नाम भूल जाने और कयानी को अफगानिस्‍तान का नेता बताए जाने पर सोशल मीडिया में राष्‍ट्रपति बाइडन का काफी मजाक उड़ाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ तो ये भी कह रहे हैं कि अब कयानी को बाइडन के फोन का बेसर्बी से से इंतजार होगा। आपको बता दें कि नवंबर 2007 से नवंबर 2013 तक कयानी पाकिस्‍तान आर्मी के जनरल रह चुके हैं। उन्‍हें पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति और पूर्व सेनाध्‍यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ ने इस पद पर बिठाया था। जनरल के तौर पर उनका कार्यकाल तीन बार बढ़ाया गया था। वर्ष 2011 और 2012 में उनका नाम फोर्ब्‍स मैग्‍जीन ने विश्‍व के 100 सबसे शक्तिशाली व्‍यक्तियों में शामिल था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8032bc9c85655c0310f900ecef592e98be50633 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73827.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरतलब है कि गुरुवार को उत्‍तर कोरिया ने अपनी बनाई नई टेक्टिकल गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया था। ये कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल थीं। उत्‍तर कोरिया से जारी बयानों में भी इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका और उसके सभी सहयोगी देशों को आगाह किया है कि उत्‍तर कोरिया द्वारा इस तरह से तनाव बढ़ाने पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। उन्‍होंने कहा है कि वो अपने सभी सहयोगी देशों से इस बारे में विचार विमर्श किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c6c64a3faa662801e595054bc89a9cc3f90e493 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73828.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कुछ दिनों से भारत और पाकिस्‍तान के बीच रिश्‍तों में आई गरमाहट की सुगबुगाहट हर जगह सुनाई और दिखाई दे रही है। दुनिया भर की मीडिया दोनों देशों के बीच आए इस बदलाव की वजह जानने के लिए भी बेकरार दिखाई दे रही है। रिश्‍तों में आई इस गरमाहट को पहली बार दोनों देशों के डायरेक्‍टर जनरल ऑफ आर्मी ऑपरेशन के बीच हुई बातचीत और फिर सीमा पर हुए सीजफायर से शुरू हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08433761bc1a0aa5fe3710d9b8a50be96b657cd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73829.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली [शिप्रा सुमन]। प्राकृतिक जलस्रोत हमारे जीवन का आधार हैं और इनके महत्व को समझना ही प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। मदनपुर डबास गांव के हरदीप सिंह ने इस जिम्मेदारी को बखूबी समझते हुए प्रेरक कार्य किए हैं। उन्होंने ग्रामीणों के प्रयास से न केवल वर्षों से बदहाल जोहड़ को नई जिंदगी दी बल्कि उसके चारों ओर हरियाली की चादर विकसित कर एक रमणीय स्थल में परिवर्तित कर दिया। दरअसल, गांव का पांच सौ वर्ष पुराना प्राचीन जोहड़ वर्षों से गंदगी और प्रदूषण से घिरा था। कारखानों और काॅलोनियों से निकलने वाला गंदा पानी इसके प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह थी, लेकिन आज इसकी सूरत पूरी तरह से बदल चुकी है। इसे देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि यहां कभी कोई गंदगी भी थी। हरदीप सिंह का यह प्रयास वाकई में उनके पर्यावरण प्रेम और जलस्रोतों की रक्षा के लिए समर्पण को दर्शाता है। ।प्राचीन विरासत और जलस्रोत की रक्षा । 35 वर्षीय हरदीप सिंह ने देखा कि जोहड़ प्रदूषित हो रहा है। वहीं जलस्रोत विलुप्त होने पर है तभी यह ठान लिया कि वह इस प्राचीन विरासत की रक्षा करेंगे। गांव के प्राचीन धरोहर के रूप में इस टीटोड़ा नामक जोहड़ को जिंदा रखना उनका उद्देश्य बन गया। इसलिए उन्होंने इसकी रक्षा करने के साथ साथ इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। इसमें गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने उनका भरपूर सहयोग किया। + +जोहड़ के साथ बनाया फव्वारे वाला पार्क। हरदीप सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर तीन-चार वर्षों तक लगातार जोहड़ की सफाई की। इसके बाद इसकी सुरक्षा के लिए चारदीवारी का निर्माण करवाया। इसके बाद पौधे लगाने की बारी आई और यहां अनगिनत पेड़-पौधों से हरियाली बढ़ने लगी। आज यह किसी मनमोहक गार्डन या पर्यटक स्थल से कम नजर नहीं आता। इस कार्य में ग्रामीणों ने मिलकर आर्थिक सहायता की। पार्क में फाउंटेन और फव्वारा भी बनाया गया जो इसकी खूबसूरती में चार-चांद लगाते हैं। यहां प्रतिदिन महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सैर और व्यायाम के लिए आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..457b26f81f66034927950f6bb23648896f39fd9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सलमान खान भाई अरबाज खान के टॉक शो 'पिंच 2' पर नजर आए हैl शो में उन्होंने पत्नी और 17 वर्ष की बेटी होने की बातों का खंडन किया हैl अरबाज खान शो में आए गेस्ट के ट्वीट पढ़ते हैं और उनपर मिले रिएक्शन पर प्रतिक्रिया देते हैंl।अरबाज खान ने माना कि सोशल मीडिया पर कई कमेंट पॉजिटिव हैl हालांकि कई कमेंट बहुत ही नकारात्मक होते हैंl इसमें से एक था कि सलमान खान ने चुपचाप शादी कर ली है और दुबई में उनका परिवार रहता हैl उनकी पत्नी का नाम नूर है और इसके अलावा उन्हें एक 17 साल की बेटी भी हैl कमेंट में लिखा है, 'कहां छुपा बैठा है डरपोकl भारत में सब जानते हैं कि तू दुबई में अपनी पत्नी बीवी नूर और 17 साल की बेटी के साथ हैl भारत के लोग को कब तक मुर्ख बनाएगाl'।सलमान खान यह कमेंट पढ़ें जानें के बाद सदमे में आ गएl इसके बाद उन्होंने पूछा है, 'यह किसके लिए हैl' तब अरबाज खान ने कहा है कि यह कमेंट उनके लिए हैl इसपर सलमान खान ने कहा है, 'यह सभी को पता हैl यह बहुत ही बकवास बात हैl मुझे पता नहीं, वह किसके बारे में बात कर रहे हैं और उन्होंने यह कहां लिखा है और उनको लगता है कि मैं उनके इस प्रतिक्रिया पर जवाब दूंगाl भाई मेरी कोई पत्नी नहीं हैl मैं भारत में गैलेक्सी अपार्टमेंट में जब मैं 9 वर्ष का था, तब से वहीं रहता हूंl मैं इस व्यक्ति को जवाब नहीं दूंगाl सभी जानते हैं कि मैं कहां रहता हूंl'।पिंच 2 में अनन्या पांडे, टाइगर श्रॉफ, फरहान अख्तर, कियारा आडवाणी, राजकुमार राव और फराह खान जैसे कलाकार नजर आएंगेl अरबाज खान ने दावा किया है कि पिच 2 पहले के मुकाबले बड़ा और अच्छा होगा। सलमान खान फिल्म अभिनेता हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई हैl वह सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैंl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8893133e84bae4a472fb9b72e603aa8cc87ee8bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73830.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा नेतृत्व की ओर से बनाई गई 'सुपर-7' टीम के अहम सदस्य केशव प्रसाद मौर्य कई महीनों से सूबे में सक्रिय हैं। 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मौर्य के पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रहते ही भाजपा को प्रचंड जीत मिली थी। अब बंगाल में कमल खिलाने के लिए वह दिन-रात एक किए हुए हैं। मौर्य के कंधे पर हावड़ा व हुगली जिले के छह लोकसभा क्षेत्रों में आने वाली 35 विधानसभा सीटों पर पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी है। यही वजह है कि वह लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। मौर्य का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जो प्रचंड जीत मिली थी, उससे भी अच्छी स्थिति में पार्टी इस समय बंगाल में है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में बड़ी जीत होगी और यहां भी 'रामराज्य' आने वाला है। बंगाल के चुनावी हालात पर केशव प्रसाद मौर्य ने दैनिक जागरण के संवाददाता राजीव कुमार झा के साथ खुलकर बात की। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश:-।उत्तर प्रदेश और बंगाल की राजनीति में क्या अंतर देखते हैं?।-एक बात जो मैं महसूस करता हूं, उत्तर प्रदेश के अंदर जो समाजवादी पार्टी के शासन में सबसे घटिया राजनीति तुष्टीकरण की होती थी, वही बंगाल में होती है। लेकिन, जब देश का सवाल आया और नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने की लोगों ने ठान ली तो 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हम 73 सीटें जीते। जातीयता की सभी दीवारें टूट गईं। सभी ने मोदी जी व भाजपा को अपना बना लिया। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिली। वह भी तब जब घोर जातिवादी व घोर तुष्टीकरण वाली सरकार वहां थी। यह बात मैं इस बार बंगाल में देख रहा हूं। + +ममता बनर्जी भी अब मंदिर-मंदिर जा रही हैं, इसे क्या कहेंगे?।- यह विशुद्ध रूप से भाजपा की विचारधारा की जीत है। देखिए, देश में विशेष तौर पर ¨हदू मतदाताओं को दबाकर रखना और वोट के लालच में तुष्टीकरण करना, यह समाज को बांटने की कोशिश होती थी। देश उठ खड़ा हुआ और जवाब देने लगा। हम मानते हैं, चाहे ममता बनर्जी या राहुल गांधी अब मंदिर जा रहे हैं तो भाजपा की सक्रियता और मतदाताओं की जागरूकता के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2569069140617b003f8af9788b7f1791e57e847b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73831.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर से गंगा को जाने वाले पक्का घाट मार्ग का भी विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत चौड़ीकरण किया जा रहा है। यह मार्ग लगभग 35 फीट चौड़ा व दो सौ मीटर लंबा होगा। इसके लिए रजिस्ट्री के साथ ही ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया चल रही है। कॉरिडोर निर्माण होने से श्रद्धालु विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन कर सकेंगे। इसके तहत चैत्र नवरात्र के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। + +गंगा तट से मां विंध्यवासिनी का दर्शन : चार प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण की राह में 206 परिसंपत्तियां आ रही हैं। इनमें से 127 की रजिस्ट्री करा ली गई है।कॉरिडोर के अंतर्गत परिक्रमा पथ के निर्माण के लिए 92 भवन ध्वस्त किए जा चुके हैं। अब सकरी गलियों से मुक्ति के लिए न्यू वीआइपी, पुरानी वीआइपी, थाना कोतवाली रोड व पक्का घाट मार्ग पर बने मकानों की रजिस्ट्री प्रक्रिया जारी है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद मंदिर से गंगा के दर्शन व गंगा तट से मां विंध्यवासिनी का दर्शन होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b0e5659fae2859a7ba706877bddd4f5df25ddeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73832.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (एएनआई)। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वुक तीन दिन की भारत की यात्रा पर नई दिल्‍ली में है। अपनी इस दौरान उन्‍होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान हुई बैठक में दोनों ही तरफ से दूसरे वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सुह अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी समेत और दूसरे मंत्रियों से भी द्विपक्षीय मसलों पर बात करेंगे। इसकी शुरुआत में वो नेशनल वार मेमोरियल पहुंचे और वहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। दोनों देशों के बीच इस दौरान आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होनी है। इससे पहले सुह संयुक्‍त अरब अमीरात गए थे। + +आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच कुछ ऐसे साझा मुद्दे हैं जिनपर दोनों देशों आपसी सहयोग कर आगे बढ़ सकते हैं। इनमें से एक साझा मुद्दा चीन भी है। आपको बता दें कि चीन से दक्षिण कोरिया का भी कई मसलों पर विवाद है। दक्षिण कोरिया भी हिंद-प्रशांत क्षमें में सहयोग बढ़ाने और इसको पूरी तरह से आवाजाही के लिए स्‍वतंत्र करने के पक्ष में है। सुह का कहना है कि भारत के साथ मिलकर दक्षिण कोरिया वैपन सिस्‍टम निर्मित कर एक्‍सपोर्ट कर सकते हैं। + +एक अखबार को दिए इंटरव्‍यू में सुह ने कहा है कि भारत के साथ वर्ष 2015 में जो समझौता हुआ था, जिसके बाद दोनों देश न सिर्फ करीब आए बल्कि दोनों के बीच संबंध मजबूत भी हुए। सुह ने कहा कि वो इंडिया-कोरिया फ्रेंडशिप पार्क में शामिल हुए थे। ये पार्क दोनों देशों के बीच मजबूत होते संबंधों का प्रतीक है। ये समर्पित है उन भारतीय जवानों को जिन्‍होंने कोरियाई युद्ध में भाग लिया था। जवानों ने इस युद्ध में भारतीय जवानों ने स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं दी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a4d3acab344b64ccf29f4cf2a18324846adb80a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73833.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जानें- असीम अरुण को: एडीसी रैंक के असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। तीन अक्टूबर 1970 को इनका जन्म बदायूं में हुआ था। इनके पिता श्री राम अरुण की गिनती भी प्रदेश के तेजतर्रार आइपीएस में होती थी। उन्होंने प्रदेश के डीजीपी का पद भी संभाला था। असीम अरुण की मां शशि अरुण जानी-मानी लेखिका हैं। इन्होंने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीएससी किया है। अाइपीएस असीम अरुण ने सिविल सर्विसेज में हाथ आजमाया। इसका कारण था कि पिता इन्हें अपनी तरह आइपीएस अफसर ही बनते हुए देखना चाहते थे। आइपीएस अफसर बनने के बाद असीम अरुण धीरे-धीरे यूपी पुलिस की रीढ़ बनते गए। + +स्वाट टीम के गठन में अहम योगदान: स्वॉट टीम आतंकी और खतरनाक मिशन के गठित की जाती है। इसमें प्रत्येक कमांडो बड़े और आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इस टीम की शुरुआत करने का श्रेय भी आइपीएस असीम अरुण को ही जाता है। 2009 में अलीगढ़ में तैनाती के वक्त इन्होंने देश की पहली जिलास्तरीय Special Weapons and Tactics Team (SWAT) गठित की थी। इसके बाद आगरा में डीआइजी रहते हुए इन्होंने वहां भी इस टीम की शुरुआत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73834.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73834.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a4f22aa3e557c007ced000f1e8950c02a483839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73834.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश सिंह एसएसपी कार्यालय पहुंचे। वहां पहले से मौजूद एसपी ग्रामीण विद्या सागर मिश्र ने एसएसपी की मौजूदगी में होमगार्ड के जवान को एक हजार रुपये का नकद इनाम दिया। मूंछों के बावत जयप्रकाश सिंह ने बताया कि वर्ष 1995 में उन्होंने पत्नी गीता देवी से सलाह ली। उत्साह बढ़ाते हुए पत्नी ने कहा कि घनी मूंछें फबती हैं। पत्नी के उत्साहवर्धन पर उन्होंने मूंछें रखनी शुरू कीं। वर्ष 2016 में पहली बार जिलाधिकारी मुरादाबाद ने दो सौ रुपये देकर जयप्रकाश सिंह को सम्मानित किया। गुरुवार को एसएसपी कार्यालय में सम्मानित होने से होमगार्ड जवान गदगद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd17b5f90d6c881ae4ddbf8ae4f1b832ccc3c7bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [सप्ताह का साक्षात्कार]। शहर में जाम की बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए फ्लाईओवर, रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण बहुत ही जरूरी है। सरसैया घाट पर पुल निर्माण और गोविंदनगर से दीप टाकीज तिराहे तक फ्लाईओवर के निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है। पनकी पावर हाउस और भाटिया तिराहा से पनकी हनुमान मंदिर जाने वाले मार्ग व जयपुरिया क्रासिंग पर रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की जरूरत है। ये जरूरतें कब पूरी होंगी, शहर जाम से कब मुक्त होगा, जैसे शहर के प्रमुख मुद्दों पर दैनिक जागरण ने उप्र सेतु निर्माण निगम के महाप्रबंधक राकेश सिंह से बातचीत की। पेश हैं साक्षात्कार के अंश...।भाटिया तिराहे से पनकी पावर हाउस तक रेलवे क्रासिंगों पर ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य कब शुरू होगा?।- दोनों क्रासिंग पर दो-दो लेन के ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य अप्रैल से होगा। निर्माण सेतु निगम खुद करेगा। पावर हाउस के सामने वाले ओवरब्रिज की लागत 26.73 करोड़ और दूसरे की लागत 32.1 करोड़ रुपये है। जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इनका निर्माण इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जैसे ही नया पावर प्लांट शुरू होगा वहां मालगाडिय़ों का आवागमन बढ़ेगा और फिर जाम की समस्या बढ़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..994193cf42f4083dc52f4f11169127f8d1415d5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। PM Modi's Bangladesh visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्‍लादेश की यात्रा पर हैं। बांग्‍लादेश इस साल अपनी आजादी की 50वीं सालगिरह मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार किसी विदेशी दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरे पर चीन की पैनी नजर है। मोदी के इस दौरे के कई मायने हैं। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा कूटनीति के लिहाज से क्‍यों अहम हैं। मोदी के इस दौरे में चीन की क्‍या दिलचस्‍पी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00ad9c6a34aaa1acd39b679b6b872e576b991d09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73839.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने स्त्रियों की शिक्षा और विधवा विवाह का समर्थन किया। साथ ही, बाल विवाह व सती प्रथा को रोकने के आंदोलन चलाए। स्वामी दयानंद सरस्वती पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अछूत परंपरा को दूर किया। साथ ही समाज में व्याप्त कुरीतियों, रुढिय़ों और अंधविश्वास को रेखांकित करते हुए उससे दूर रहने, उसे मिटाने को निर्भय होकर आवाज उठाई थी। और बड़े समाज सुधारक के तौर पर स्थापित हो संन्यासी योद्धा कहलाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a417cdfe9c7a2023134470a7d3c4127c2c80d425 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73840.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर से प्राप्त करना चाहती थीं प्रशिक्षण: राजेपुर सराय मेंदा गांव निवासी नाज रोडवेज पिंक बस की स्टीयरिंग थामकर महिलाओं की अगुआकार बनने को बेताब थीं। कौशल विकास मिशन के तहत कानपुर के विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण के लिए चयनित 27 युवतियों व महिलाओं में नाज भी थीं। उन्होंने पहली मार्च से शुरू हुई डेमो क्लास में भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रशिक्षण की शुरुआत में वह नहीं पहुंचीं। पता चला कि दुर्घटना की वजह से वे नहीं आ सकी हैं। बाद में पता चला कि मां व भाई की मर्जी के मुताबिक प्रशिक्षण लेने से पीछे हट गईं। पारिवारिक बंदिशों में करियर शुरू होने से पहले ही थम गया। कोर्स पूरा कर दो साल बाद वह स्टीयरिंग संभालतीं तो लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बनतीं, लेकिन उनका बस चालक बनने का ख्वाब अधूरा रह गया। + +अब स्वास्थ्य विभाग में नौकरी का बनाया प्लान: दरअसल, नाज को जायरा की तरह कोई मददगार प्राध्यापक नहीं मिला। जो उनकी मां हदीशा बेगम और भाई अहमद मुस्तफा को समझा पाता। स्वजन का मानना है कि बस चलाने का काम पुरुषों का है। बेटी को ये काम नहीं करने देंगे। मां और भाई की मंशा भांपकर नाज ने नौकरी ठुकरा दी। वह 10 मार्च को ज्वाइनिंग लेने नहीं गईं। नाज कहती हैं कि बड़े भाई और मां की इच्छा विरुद्ध नौकरी नहीं करूंगी। उन्होंने बीएससी व जीएनएम (नर्सिंग कोर्स) किया है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग में नौकरी का प्रयास करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f4a0723381239a0369b7779e253d7e2df9c72c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73842.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश में फिर तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले असल में इसकी दूसरी लहर के नतीजे हैं। दूसरी लहर मई तक जारी रह सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरी लहर 15 फरवरी से शुरू हुई है और 100 दिनों तक बरकरार रह सकती है। अन्य देशों में कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई है, लेकिन भारत के लिए अच्छी बात है कि इसी दौरान यहां टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ रहा है। संभव है यहां दूसरी लहर का असर अन्य देशों की तरह न रहे। वैक्सीन लेने से हिचकिचा रहे लोगों को एसबीआइ ने यह याद दिलाया है कि टीकाकरण ही कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय है। साथ ही उसने सरकार को टीकाकरण की गति बढ़ने के सुझाव भी दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73443ba60238159d7f45507bd8f21e98b570f973 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप 2019 के बाद एमएस धौनी कभी भारत के लिए खेलने नहीं उतरे, जबकि केदार जाधव को कुछ मौके मिले, लेकिन फिर उनको टीम से बाहर कर दिया गया, क्योंकि वे न तो गेंद से कमाल दिखा पा रहे थे और न ही बल्लेबाजी में उनकी जोर था। यहां तक कि वे मैच फिनिशर की भूमिका भी अच्छी तरह से निभा नहीं पा रहे थे। यही कुछ कारण जिनकी वजह से वे टीम से बाहर हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dcdb8f18ae1ee5d6045621536253409a5572a353 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73845.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाकडाउन में खराब हो गए फूल।कुछ फूलों को जिले में खपत करने की कोशिश की गई। बिक्री न होने और लाकडाउन हटने के इंतजार में फूल खेत में ही खराब हो गए। करीब 13 लाख रुपये का नुकसान हो गया। कोरोना कब तक रहेगा, इस आशंका के चलते अनिल ने खेती ही बदलना उचित समझा। इस बार विदेशी खीरेे की खेती अपनाई। इसके लिए एक कंपनी से 75 हजार पौधे खरीदे। कंपनी के एक्सपट्र्र्स से खेती के गुर सीखेेे। ड्रिप के जरियेे सिंचाई की। उनकी मेहनत अब रंग ला रही है। पौधे पांच से छह फीट के हो गए हैं। एक पौधे सेे 20 से 25 खीरे मिल रहे हैं। इसका मंडियों में 17 से 18 रुपये प्रति किलो भाव है, जबकि एक पौधे को तैयार करने पर सात रुपये का खर्चा आया है। करीब नौ लाख रुपया मुनाफा होने की उम्मीद है। कम लागत मेंं अधिक आय की यह खेती आसपास के गांवों के किसानों को भी प्रेरित कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7dd4003d8607b940a0195b84644531a83d581d3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुधवार की दोपहर को जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने अपने कार्यालय में बैठक का आयोजन किया। इसमें मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह, अपर जिलाधिकारी जयनाथ सिंह, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शेर सिंह, उपखंड अधिकारी राजेश कुमार, लघु सिंचाई विभाग के जेई सूरज पाल सिंह और नीर फाउंडेशन के रमन कांत त्यागी शामिल हुए। जिलाधिकारी ने कहा कि नीम नदी को हर हाल में अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। 27 मार्च को नदी के उद्गम स्थल पर कमीश्नर द्वारा खुदाई का शुभारंभ होगा। बरसात से पहले नदी की खुदाई का काम पूरा हो जाना चाहिए। ताकि बरसात के पानी का ज्यादा से ज्यादा संचयन किया जा सके। इसमें जन सहयोग लिया जाए और सामाजिक संगठनों को भी जोड़ा जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1355b5727ba9ebe9fb5fb63cb2560c047e43d50e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73847.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए देर से आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि भी 31 मार्च 2021 है। इसके अंतर्गत किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए आइटीआर दाखिल करने की तय समय सीमा खत्म होने के बाद भी रिटर्न दाखिल किया जा सकता है, लेकिन देरी से रिटर्न दाखिल करने के कारण आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। आंकलन वर्ष 2020-21 (वित्त वर्ष 2019-20) के लिए देर से और संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख भी 31 मार्च 2021 है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2465f7c9ec547d793c0b451730b7753d0a43d9d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आय का गणित ।फैक्ट्री संचालकों ने बताया कि प्रति टीशर्ट की लागत 50 से 100 रुपये तक आती है। टीशर्ट के लिए बड़ी फैक्ट्रियों से रिजेक्ट फैब्रिक लाते हैं। कटिंग के लिए कारीगर रखे हैं, जिन्हेंं तीन रुपये प्रति पीस के हिसाब से भुगतान दिया जाता है। सिलाई करने वालों को सात रुपये प्रति टीशर्ट मिलता है। बाजार में येे टीशर्ट दो सौ से चार सौ रुपये तक में बिकती है। ।इनका कहना है।रेडीमेड गारमेंट्स फेरी का काम करता था। लाकडाउन में गांव आकर रेडीमेड गारमेंट्स की फैक्ट्री डाल ली, जिसमें 20 बेरोजगारों को रोजगार दिया है। ।योगेश कुमार, रेडीमेड गारमेंट्स मैन्युफैक्चर्स ।जयपुर में ब्रांडेड रेडीमेड गारमेंट्स फैक्ट्री में काम करता था। लाकडाउन में फैक्ट्री बंद हो गई। तब गांव आकर काम शुरू किया। ।शीशपाल सिंह, कारीगर।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..373dae30b78a7788502e53084fb0281e0863e62c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब हम आज की स्थिति को समझते हैं। आज दिल्ली का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है। आज दिल्ली में 29 अधिकृत एवं 22 अधिसूचित यानी कुल 51 ओद्योगिक क्षेत्र हैं जो मात्र उद्योग लगाने के लिए ही स्थापित, विकसित, आवंटित और निर्धारित किए गए हैं। इनके बाहर अब दिल्ली में कोई उद्योग स्थापित नहीं हो सकता। इससे यह स्वत: स्पष्ट है किनिगम आयुक्त द्वारा अनुमति से इन्कार कर सकने के उपरोक्त दोनों आधार दशकों पहले ही अर्थहीन और अप्रासंगिक हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त पानी, बिजली, प्रदूषण, अग्निशमन और औद्योगिक इकाइयों के पंजीकरण आदि समेत उद्योगों से जुड़े सभी विषयों का नियमन करने के लिए अलग अलग स्वतंत्र विभाग या अधिकरण बने हुए है। उद्योगों के संचालन से जुड़ा कोई भी विषय अब नगर निगमों के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। फैक्ट्री लाइसेंस दशकों से भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का पर्याय बना हुआ है, लेकिन कानूनी समीक्षा के अभाव और निहित स्वार्थवश इसे अब तक लागू रखा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0b5cc6890074b7ef7948b5537fc6cd716db5720 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73854.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसी क्रम में श्रीलंकाई सेना ने 1976 के बाद लिट्टे विद्रोहियों का भीषण दमन करना शुरू किया। तमिल स्वायत्तता की मांग के साथ तमिलों ने सिंहलियों की हत्याएं भी कीं। वर्ष 1983 में कोलंबो में तमिल विरोधी हिंसा शुरू हो गई। तमिलों के मारे जाने से तमिलनाडु की भावनाएं आहत हुईं। उस समय भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वायु मार्ग और समुद्री जहाजों से तमिलों को खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक रसद सामग्री उपलब्ध कराई थी। + +श्रीलंका सरकार का साथ देने का औचित्य : वर्तमान भू-अर्थ प्रधान विश्व में दक्षिण एशिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं के क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण शक्ति का केंद्र बनता जा रहा है। ऐसे में भारत अपनी पड़ोसी प्रथम नीति के तहत पड़ोसी देशों के साथ विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और सहयोग के अवसरों की तलाश पर अधिक बल दे रहा है। भारत का प्रयास सुरक्षा प्रदायक और विकास भागीदार के रूप में पड़ोसी देशों में विद्यमान बिग ब्रदर सिंड्रोम को दूर करने के लिए भी जारी है। इस संदर्भ में भारत के लिए भौगोलिक रूप से रणनीति के केंद्र में अवस्थित श्रीलंका महत्वपूर्ण हो जाता है, लेकिन दोनों देशों के परंपरागत संबंध तमिल संकट, मछुआरों से संबंधित विवाद जैसे मुद्दों के कारण अविश्वास और पूर्वाग्रह पर आधारित रहे हैं। हालांकि तमिल अतिवादी संगठन लिट्टे की समाप्ति के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार की व्यापक उम्मीद जताई गई थी, लेकिन इस दौरान भी भारत की घरेलू राजनीति और तमिल क्षेत्रीय दलों के दबाव के कारण भारत की श्रीलंका से दूरी बनी रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73855.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73855.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f18d211f6ebf6edace7ad2bc365b548496f6ada9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73855.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कई संगठनों के साथ मिलकर आज भारत बंद का आह्वान किया है। इस दौरान सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक दुकानें, माल आदि प्रतिष्ठानों को बंद रखने की अपील की गई है। मोर्चा ने पंजाब में सड़क व रेल यातायात को बाधित करने करने के साथ ही दूध और सब्जियों की सप्लाई बाधित करने की धमकी दी है। राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99b6bf756c9cb75fceab9dbbe0f17b42aae82c3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73856.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ठाकुर बाड़ी : (ढाका से ओराकांडी, 144.6 किमी)।ढाका से लगभग 144.6 किमी दूर ओराकांडी मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिचांद ठाकुर का मंदिर है। 1860 में उन्होंने यही से धार्मिक सुधार आंदोलन शुरू किया था। वैष्णव धर्म की ही एक शाखा के रूप में मतुआ संप्रदाय की स्थापना की। इस समुदाय में समाज के उस वर्ग को मान-सम्मान अधिकार दिया जो अछूत माने जाते थे। उन्होंने इन्हें नामसूद्र नाम दिया। हरिचांद ठाकुर के धार्मिक सुधार का उद्देश्य शैक्षिक और अन्य सामाजिक पहुलों के माध्यम से समुदाय का उत्थान करना था। + +ओराकांडी यात्रा के मायने।मतुआ समुदाय के सदस्य ठाकुर को भगवान और विष्णु या कृष्ण का अवतार मानते हैं। वर्ष 1947 में विभाजन के बाद इस समुदाय के बहुत से लोग भारत आए गए और बंगाल में 24 परगना, दक्षिण परगना, नदिया, जलपाइगुड़ी, सिलीगुड़ी, कूच बिहार और ब‌र्द्धमान के इलाकों में फैल गए। इनकी आबादी लगभग दो-तीन करोड़ लोग फैले हुए हैं। बंगाल के 30 विधान सीटों पर इनका असर है। माना यह जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे से समुदाय के बड़े हिस्से का समर्थन भाजपा को मिल सकता है। + +कुश्टिया में बाघा जतिन का पैतृक घर (169 किमी)।जतीन्द्रनाथ मुखर्जी, जिन्हें बाघाजतिन (बाघ जतिन) के नाम से जाना जाता है, एक दार्शनिक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म कुष्टिया जिले के गांव कायग्राम में हुआ था, जहां उनका पैतृक निवास स्थित है। बंगाल टाइगर से लड़ने और खंजर से मार गिराने के बाद उन्हें बाघा नाम से जाना जाने लगा। जतिन युगांतर (जुगांतर) पार्टी के पहले कमांडर-इन-चीफ थे, जो 1906 में बंगाल में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशिक्षित करती थी। लॉर्ड कर्जन ने जब विभाजन की घोषणा की तो जतिन ने ही नारा दिया था- आमरा मोरबो, जगत जागवे (हम देश को जगाने के लिए मरेंगे)। उससे प्रेरित होकर कई क्रांतिकारी युवा इस पार्टी में शामिल हो गए। ओडिशा के बालासोर में अंग्रेजों से गोरिल्ला लड़ाई में वे शहीद हो गए थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..520087d189fe795dedad7c664e5fb247e630d034 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद रेल मंडल में बालामऊ-सीतापुर-उन्नाव रेल मार्ग, नजीबाबाद-कोटद्वार रेल मार्ग और चन्दौसी-अलीगढ़ मार्ग का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य था। उसके बाद राजा का सहसपुर-सम्भल रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया जाना है। इसी तरह से लखनऊ रेल मंडल, दिल्ली रेल मंडल, आंवला रेल मंडल व फिरोजपुर में लक्ष्य के अनुरूप विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया है। विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद सीआरएस निरीक्षण करते हैं और अनुमति देते हैं, तभी उस मार्ग से इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलाई जाती हैं। सीआरएस लगातार उत्तर रेलवे के विभिन्न स्थानों के विद्युतीकरण के काम का निरीक्षण कर रहे हैं, उन्‍हें आफिस में बैठने का समय नहीं मिल रहा है। इस लिए अनुमति नहीं मिल पा रही है। ।मुरादाबाद रेल मंडल के बालामऊ-सीतापुर-ऊन्नाव मार्ग पर 15 दिन पहले सीआरएस निरीक्षण कर चुके हैं। इसी तरह से दोबारा अधिकारी भेजकर नजीबाबाद-कोटद्वार का निरीक्षण करा चुके हैं, अभी तक सीआरएस ने इन मार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन व मालगाड़ी चलाने की अनुमति नहीं दी है। सब का एक ही सवाल है कि कब इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की तारीख तय होगी। अभी तक चन्दौसी से बबराला तक निरीक्षण करने की तारीख सीआरएस ने नहीं दी है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c330308051a261256ae7db74be06a4758788111 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शोध में यह बात सामने आई है कि वार्षिक एक डिग्री सेल्सियस तापमान की वृद्धि पर औद्योगिक उत्पादन में दो फीसद तक कमी आ रही है। शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान के दक्षिण एशिया निदेशक डॉ. अनंत सुदर्शन कहते हैं कि बढ़ता तापमान मानव श्रम की उत्पादकता को कम करके अन्य क्षेत्रों में औद्योगिक उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकता है। बढ़ते तापमान का असर फसलों की उत्पादकता पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को पहले ही सिद्ध किया जा चुका है। अब इस शोध से पता चलता है कि इसका असर अन्य आर्थिक गतिविधियों के ऊपर भी पड़ता है। इसका सीधा कारण मजदूरों की घटती उत्पादकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73862.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e80c164a16f3ea2a9a089c27fe4b877bf1e2c97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विष्णु पुराण, विष्णुयाग आदि ग्रंथों में गोविंद द्वादशी (पुष्य नक्षत्र से युक्त फाल्गुन शुक्ल द्वादशी), गजछाया योग (अमावस्या के अंत में जब राहु सूर्य को अपना ग्रास बना लेता है), वारुणी योग (शतभिषा नक्षत्र से युक्त चैत्र कृष्ण त्रयोदशी), महावारुणी योग (शनिवार के सहित शतभिषा नक्षत्र से युक्त चैत्र कृष्ण त्रयोदशी), महा-महावारुणी योग (शुभ योग एवं शनिवार के सहित शतभिषा नक्षत्र से युक्त चैत्र कृष्ण त्रयोदशी), विषुभ व्यतिपात जैसे विशेष योगों को कुंभ पर्व कहा गया है। इसी तरह वेदों में भी कुंभ पर्वों की महिमा गाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45b840f03b9f7b84d4ef798a7864fece3992c5ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73865.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, जेएनएन। Zero Budget Natural Farming, Jharkhand News आर्गेनिक खेत से आगे बढ़कर आजकल जीरो बजट प्राकृतिक खेती की हर ओर चर्चा हो रही है। देशभर में इसके लिए किसान अपनी खेतों को तैयार करने में जुटे हैं। झारखंड में भी करीब 3500 हेक्‍टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती के तौर-तरीके आजमाए जा रहे हैं। इस तरह की खेती में फसल उपजाने के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशक का प्रयोग पूरी तरह वर्जित होता है। इस विधि से की जाने वाली खेती में सिर्फ गाय के गोबर और मूत्र पर आधारित खेत तैयार किए जाते हैं। जिसमें अति गुणवत्‍तापूर्ण उपज प्राप्‍त होती है। बहरहाल, प्राकृतिक खेती को इंसानों को जहरमुक्त भोजन उपलब्ध करने का कारगर और विशेष स्‍वदेशी तरीका माना जा रहा है। यह खेती की ऐसी खास तकनीक है, जिसमें रासायनिक खाद  और कीटनाशक का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है। + +प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय की ओर से किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाती है। सरकार ने इसके लिए प्रति हेक्‍टेयर 12 हजार 200 रुपये का अनुदान देने का प्रविधान किया है। पूरे देश की बात करें तो अभी 4 लाख हेक्‍टेयर में जीरो बजट प्राकृतिक खेती में किसान अपना हाथ आजमा रहे हैं। इस तरह की खेती की खासियत यह है कि इसमें खाद और कीटनाशक पर होने वाला खर्च किसानों को बच जाता है। जिससे उपज का लागत मूल्‍य कम आता है। और फसल पर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। ।केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जीरो बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देशभर के आठ राज्यों में 40 करोड़ रुपये से अधिक बजटीय प्रविधान किया गया है। जीरो बजट खेती में सब्जियों की अधिकाधिक उपज के बीच रबी और गेहूं की फसल के लिए भी पायलट प्रोजेक्‍ट शुरू किए गए हैं। इसके प्रायोगिक परीक्षण सफल होने पर अधिक से अधिक किसानों को जीरो बजट प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..866ed152176f2883f883cf4139e8e3c97d2f4d0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस ऐप को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लांच किया। इस मौके पर बेस्टोन ग्रुप के कम्पनी के सीएमडी राजबीर सिंह, सीईओ अनिल झा, डायरेक्टर ऑपरेशन सुनील झा आदि मौजूद थे। खास बात यह कि शंगरीला होटल में इस ऐप की लांचिंग भी कुछ खास ही रही। कोरोना की वजह से मानसिक और आर्थिक तबाव से गुजर रहे लोगों को उस समय सकून के साथ हंसते खिलखिलाते हुए देखने का मौका मिला जब इनके मनोरंजन के लिए मंच पर रंग बिरंगी रोशनी के बीच स्टैंडअप कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक, राजीव ठाकुर और सुदेश लहरी मंच पर पहुंचे। अभिषेक और राजीव ठाकुर की कॉमेडी पर दर्शक लोटपोट हो गए। जबकि टेलीविजन और फिल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखरने वाले अभिनेता जय भानुशाली ने अपनी एंकरिंग से दर्शकों को गुदगुदा दिया और उन्हें कोरोना काल के तनाव से कुछ पल के मुक्त कर दिया था। बेस्टोन कि ओर से इस संस्कृति कार्यक्रम के मौके पर 17 वर्षीय युवा क्षितिज सिंह द्वारा डवलप आल इन वन मोबाइल ऐप 'मिस्ट' को आध्यात्मिक गुरु चक्रपाणि महाराज ने जनता को समर्पित किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9310b001d74c10d79a00c764303dfceab1e8184f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बांग्लादेशी घुसपैठिए इस चुनाव में इसलिए सुर्खियां बटोर रहा है क्योंकि यह वोट बैंक का हिस्सा ही नहीं बल्कि सुरक्षा सांस्कृतिक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र के लिए संकट पैदा करने वाला है। घुसपैठियों के कारण पश्चिम बंगाल सीमावर्ती कई जिलों में पूरा का पूरा क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य बन गया है।बांग्लादेश से घुसपैठ को रोकने के लिए गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने असम और बंगाल के चुनावी सभाओं में आह्वान किया है कि असम में भाजपा सत्ता में आते ही समूची भारत-बांग्लादेश सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली स्थापित कर दी है। + +क्या है बांग्लादेशी घुसपैठियों की साजिश।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो ने अपनी पुस्तक 'मिथ ऑफ इंडिपेंडेंस' में लिखा था, 'भारत और पाकिस्तान के बीच केवल कश्मीर को लेकर मतभेद है, ऐसा सोचना ठीक नहीं है, बल्कि पूर्वी पाकिस्तान से सटे असम और बंगाल बिहार अन्य क्षेत्रों पर भी हमारा दावा बनता है।' पाकिस्तान और उसके शासकों की मंशा को भारत के शासक वोट बैंक के लालच में अनदेखी करते रहे। इसके परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान यानी तत्कालीन बांग्लादेश से एक दीर्घकालिक योजना के तहत भारत में घुसपैठ होती रही। विगत पांच दशकों में देश में मुस्लिम जनसंख्या 3.5 प्रतिशत बढ़ी, लेकिन असम में यह 11 प्रतिशत तो पश्चिम बंगाल में सात प्रतिशत बढ़ी। जो लोग मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि का बचाव इस रूप में करते हैं कि चूंकि मुस्लिम आम तौर पर परिवार नियोजन नहीं अपनाते अत: उनकी संख्या थोड़ी ज्यादा बढ़ी हुई दिखती है, वे गलत हैं, क्योंकि अगर मुस्लिम परिवार नियोजन नहीं अपनाते तो देश के दूसरे राज्यों में भी समान रूप से मुस्लिम जनसंख्या बढ़नी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बांग्लादेश से सटे असम-बंगाल और बिहार के सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी ज्यादा बढ़ती गई। ये भारतीय मुसलमानों की संख्या नहीं, बल्कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिये हैं और वे एक साजिश के तहत भारत आ रहे हैं।इससे वहां जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73873.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbb95b9c58e7db4064cce2dc24beb9c0cb932f4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। मतदाताओं को लुभाने के लिए इन दिनों प्रत्याशी क्या-क्या नहीं कर रहे। लोगों के दर पर पहुंच रहे हैं। उनसे हाथ मिला रहे हैं। गले लगा रहे हैं। बच्चों को पुचकार रहे हैं। उनके गालों को चूम रहे हैं। कुछ प्रत्याशियों के हावभाव व गतिविधियां देखकर ऐसा लग रहा है, मानों वर्षों के बिछड़े किसी अपने से मिले हों। इन प्रत्याशियों को इस बात का ध्यान ही नहीं कि कोरोना अभी गया नहीं है बल्कि देश में उसकी दूसरी लहर आने की आशंका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76e3badeb031f1cf92d3e16d442b6e46c5e1b14b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा समेत तृणमूल, कांग्रेस, लेफ्ट और आइएसएफ गठबंधन ने भी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। लेकिन सबसे दिलचस्प मुकाबला नंदीग्राम में होने जा रहा है। नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये सुवेंदु अधिकारी को टिकट दिया गया है। खास बात यह है कि ममता ने अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने जा रही हैं। ऐसे में राजनीतिक विशलेषकों और मीडिया की निगाहें नंदीग्राम सीट पर टिक गई हैं। वास्तव में नंदीग्राम ने ही ममता बनर्जी को बंगाल की सबसे बड़ी कुर्सी तक पहुंचाया था। इस वजह से यह उनके लिए काफी भाग्यशाली रहा है। लेकिन नंदीग्राम के जरिये ममता को सत्ता दिलाने में अधिकारी की अहम भूमिका थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c62d8196aadf3831473925650fd8b20b1ee73e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73877.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सिंघु बॉर्डर पर समर्थकों के साथ बैठे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू व महासचिव सरवन सिंह पंधेर वजूद बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब में तो कोई उनकी कमेटी को गंभीरता से नहीं ही ले रहा है, सिंघु बॉर्डर पर भी उनको अहमियत नहीं मिल रही है। कोई भी बड़ा पंजाबी अभिनेता या गायक कमेटी के मंच पर नहीं आता, सभी संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से ही लौट जाते हैं। राकेश टिकैत जैसे नेता भी किसान मजूदर संघर्ष कमेटी के मंच पर अब तक नहीं आए हैं। + +खालिस्तान के समर्थन में लगते हैं नारे।सच्चाई यही है कि 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव के बाद से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी से सभी ने कन्नी काट ली है। इस समय जब सभी नेता शांत नजर आ रहे हैं, सरवन सिंह पंधेर अपना वजूद बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। वह कभी मंच से विवादित बयान देते हैं तो कभी मरने-मारने की बात करते हैं। उनकी मौजूदगी में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0301bc4825103ebfba8f8b1a36e45043f789606 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सफलता की इबादत ने स्वावलंबन की नई इबारत लिखी। ऐसी ही लुटियंस दिल्ली व नई दिल्ली जिले के अन्य स्थानों की 200 घरेलू सहायिकाओं की फौज है जिन्होंने महामारी में कामकाज छूटने पर हार नहीं मानी और हुनर को हथियार बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की। ।आकर्षक परिधान के साथ अचार, बरी व पापड़ बनाने लगी। इसमें इन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं की मदद मिली तो जिला प्रशासन ने ‘उम्मीद’ अभियान के साथ सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ाए। इस तरह आपदा में अवसर की धारा फूट पड़ी और इन महिलाओं के ‘यू स्टाइल ब्रांड’ के तहत बने कपड़े फ्रांस और जर्मनी तक पहुंच गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b27d14e749fc84bfe6bd9d2826bcb1920a263915 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोविड हास्पिटल मैनेजमेंट : कोविड हास्पिटल में कितने बेड वर्तमान में उपलब्ध हैं और कितने बेड को पाजिटिव रोगियों को आवंटित किए जा चुके हैं, इसकी जानकारी रखना है। इस विभाग के पास जनपद के समस्त कोविड हास्पिटलों का डेटा उपलब्ध रहता है। यदि पाजिटिव रोगी को हास्पिटल में भर्ती करने की आवश्यकता है तो किस हास्पिटल में कितने बेड खाली हैं, इसकी सूचना सीएमओ आफिस को पहुंचाई जाती है, जिसके आधार पर तत्काल रोगी को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb9dc0b2e14ef8acc26607194a03e2675a929692 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73897.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। युवाओं को अब नौकरी के लिए किसी खास दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग अब हर महीने रोजगार मेला लगाकर अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी देगा। सूबे के लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, गाजियाबाद, बरेली व आगरा में प्राथमिकता के आधार पर बड़े मेले लगाए जाएंगे तो सभी 75 जिलों में हर महीने मेला लगकर नौकरी देने के निर्देश दिए गए हैं। 10 लाख के ऊपर वाले शहरों के अलावा प्रदेश के सभी जिलों में बेरोजगारी दर कम करने के लिए सेवायोजन विभाग ने भी नियोजित कार्य योजना को मूर्त रूप देने का निर्णय लिया है। नए वित्तीय वर्ष से एक रोजगार मेला हर महीने लगाने का निर्देश दिया गया है। नौकरी देने वाली संस्थाओं को भी विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीयन कराने का निर्देश दिया गया है। + +प्रशिक्षण एवं सेवायोजन के निदेशक, कुणाल शिल्कू ने बताया कि बेरोजगारी की दर कम करने के लिए हर महीने मेला लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार के चार साल पूरे होने पर ब्लॉक स्तर पर मेला लगाया गया। आने वाले समय में अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सूबे के सभी 92 सेवायोजन कार्यालयों को निर्देश दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5581851d7dfb5b509b7a9d3ec249ff168b76060 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिवानंद द्विवेदी। इस बार बंगाल के विधानसभा चुनाव पिछले चुनावों से कई मायनों में अलग हैं। अलग इसलिए, क्योंकि इस चुनाव में सत्ताधारी दल के सामने एक ऐसा दल चुनौती बनकर उभरा है, जिसे 2016 के चुनाव में सिर्फ 10.3 फीसद वोट और केवल तीन सीटों पर जीत मिली थी। इसके ठीक तीन साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 सीटों पर जीत मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74df7445d1cfdfe777de751b262c804ff5551377 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73900.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दस्तक के साथ ही ठीक एक साल पहले देश में लॉकडाउन लगाया गया था। इसने कोरोना संक्रमण को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा। अब फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। ऐसे में लोग लॉकडाउन को लेकर चर्चा करने लगे हैं। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल ने लॉकडाउन के मुद्दे पर एक सर्वे किया, जिसमें पांच में से छह लोगों ने कोरोना को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए जाने का तो समर्थन किया, लेकिन लॉकडाउन पर असहमति जताई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa482dcbe133c89069c1b034d7e7b82edf3a9051 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा की जमीन पुलिसकर्मियों के खून से पहले भी लाल होती रही है। पिछले साल आठ नवंबर को खनन माफिया के गुर्गो ने खेरागढ़ में सिपाही सोनू पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उसकी जान ले ली थी। इससे पहले दारोगा निशामक त्यागी को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। नाै साल के दौरान पुलिस पर हमले की दर्जनों घटनाएं हुईं। इनमें दारोगा समेत सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82e204528457e786d71b418214071acdefbfadf6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। GNCT Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक पारित होने से दिल्ली में कई अहम बदलाव देखने के लिए मिलेंगे। विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उप राज्यपाल हैं। इसके कानून बनने पर दिल्ली सरकार के लिए किसी भी कार्यकारी फैसले से पहले उप राज्यपाल की राय लेनी होगी। इससे पहले बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष ने बिल पारित कराने के लिए मत विभाजन की मांग की। इसके बाद 45 के मुकाबले 83 मतों से विधेयक पारित हो गया। इसके बाद विपक्षी दलों ने वाकआउट कर लिया। फिर विधेयक के विभिन्न खंडों को ध्वनिमत से पारित करा दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73904.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..280a8dc417b195e1409f899490808bca51462fe7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73904.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Q: खेल के अलावा आपकी संगीत में भी विशेष रुचि है, कुछ इसके बारे में बताइए।  ।A: लोवर बैक इंजरी हुई थी, बीच-बीच में खेल से ब्रेक लेना पड़ता था। परफॉर्मिंग आट्र्स में रुचि तो बचपन से ही थी। इंजरी के दौरान मैंने म्यूजिक और गिटार बजाना शुरू किया। अपने यूट्यूब चैनल पर पुराने गानों का रीमिक्स वर्जन पेश करना शुरू किया। कई ओरिजनल गाने भी गाए। लोगों ने खूब प्यार दिया। इसी प्यार के कारण धीरे-धीरे क्रिएटिव आट्र्स में कुछ न कुछ बेहतर करने की प्रेरणा मिलती रही।  ।Q: फिल्म में रोल कैसे मिला? ।A: फिल्म साइना के निर्देशक अमोल गुप्ता सर मुंबई में हमारी एकेडमी आए थे। उन्होंने मुझे फिल्म में ट्रेनर के तौर पर लिया। बाद में मेरे काम, संगीत और अभिनय के प्रति लगाव देखकर स्क्रीन टेस्ट लिया और बतौर मुख्य अभिनेता कास्ट कर लिया। ।Q: खेल और फिल्मों में क्या मुश्किल लगता है?।A: दोनों बराबर हैं। 12 घंटे आप दिन के खेल में देते हैं, फिल्म में भी इतना या इससे ज्यादा समय देना पड़ता है। शॉट शिद्दत से खेला हो तो, कोई रोक नहीं सकता। यही एक्टिंग के साथ भी है। आप बनावटी कर ही नहीं सकते, कैमरा सब पकड़ लेता है। ।Q: आपको प्रेरित कौन करता है? ।A: मेरे आदर्श अमोल गुप्ता सर हैं। उनके सोचने और काम करने का तरीका अलग है। मुझे वह बेहद प्रेरित और प्रभावित करते हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1afd9f767c828dce5c05a0b11f09e43e11f8f819 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73905.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2018 में डा डेविड नहीं आ सके थे एएमयू।पुरातन छात्र समिति के अध्यक्ष प्रो. एमएम सुफियान बेग ने कहा कि बोस्टन, अमेरिका निवासी पूर्व छात्र अली रिजवी ने हमें डा. डेविड के निधन की सूचना दी। ये सूचना ऐसे समय मिली जब जब हम डा. डेविड से 20वें एल्युमनाई मीट के लिए संपर्क कर रहे थे। प्रो. बेग ने कहा कि डा. डेविड एएमयू के पूर्व छात्रों की बैठक में शामिल होने के बेहद इच्छुक थे। जब हमने डा. डेविड को 2018 एल्युमिनाई मीट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया तो वह अपनी विशेष व्यस्तताओं के कारण नहीं आ सके। उन्होंने अपने जवाब में लिखा भी था कि वह अगले एल्युमिनाई मीट में शामिल होना चाहते हैं। ।डा डेविड ने पत्र लिखकर यादों को किया साझा।डा. डेविड ने लिखा, ‘मैं आपके ईमेल के लिए बहुत आभारी हूं और आपका निमंत्रण पाकर बहुत खुश हूं। मेरी इच्छा है कि मैं पूर्व छात्रों की बैठक में शामिल हो सकूं, क्योंकि मेरी कई अविस्मरणीय यादें अलीगढ़ की हैं। जहां छात्रों और स्टाफ के सदस्यों के बीच कई दोस्त हैं जो एएमयू में मेरी अद्भुत शैक्षणिक यात्रा का हिस्सा रहे हैं। मैं कम से कम इस वर्ष आने में असमर्थ हूं क्योंकि वीजा प्राप्त करने और यहां मेरा निजी व्यवसाय सहित इतनी लंबी यात्रा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इस निमंत्रण के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। इतने सालों बाद एएमयू को फिर से देखना मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता। अमुवि में छात्र दिवस और शमशाद मार्केट में शाम को दोस्तों के साथ चाय पीना अतीत की बात है’’। मुझे लगता है कि एएमयू उन दिनों एक अनोखी बात थी क्योंकि बहुत सारे युवा भारतीय उन दिनों अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखते थे, लेकिन मैं भारत और एशिया के बारे में बात कर रहा था। मैं इस देश को जानना चाहता था। इसलिए यह मेरे लिए एक अच्छी तरह से सोचा गया निर्णय था और मैं एएमयू में प्राप्त इस अनुभव के लिए स्वयं को भाग्यशाली मानता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..baf0ef5d28d047d3dbcfafcf6a3eb86f3139ba53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या [प्रवीण तिवारी]। Ayodhya News: रामलला के दर्शन मार्ग पर 150 मीटर तक दो लेन में रेड कारपेट बिछाई जाएगी। एक लेन के अधिकांश हिस्से में मंगलवार को इसे बिछा भी दिया गया। अब दूसरी लेन में भी कारपेट बिछाई जाएगी। रामलला के दर्शन के लिए लगने वाली महिलाओं व पुरुषों की कतार के लिए अलग-अलग कारपेट लेन होगी। इसे होली के पहले बिछा दिया जाएगा। कारपेट न सिर्फ श्रद्धालुओं को कंकड़-गिट्टी से बचाएगी, बल्कि तेज धूप की तपिश से भी भक्तों के पैरों को सुरक्षित रखेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e4b467927c1d0de66168407c76c041f3af37e82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विघ्नेश्वर महादेव मंदिर में काले पत्थर का विशाल शिवलिंग लोगों को बरबस अपनी ओर आकॢषत करता है। मंदिर के ऊपर 21 फीट का गुंबद और उसकी बनावट, मंदिर के समीप निर्मित सरोवर और सरोवर से सुरंग के रास्ते मंदिर के अंदर तक जाने वाली सीढ़यिां उसकी पौराणिकता का बयान स्वत: ही करती हैं। यह मंदिर 1500 ईस्वी का बताया जाता है, जिसका निर्माण अयोध्या राज परिवार से जुड़े शाहगंज रियासत के लोगों ने कराया था। काफी समय तक राजा अयोध्या के दीवान रहे सदानंद श्रीवास्तव के पूर्वजों द्वारा देखभाल की जाती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..108468dcdb2b8b2aa42e335b94fd480258af3c25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73910.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेसहारा बच्चों की आखों में सतरंगी सपने संजो रही सरकार।उनमें से ही ये दो नाम हैं, जिन्हें सरकार का सहयोग मिला और इनकी जिन्दगी संवरने लगी। ऐसे सभी बच्चों को बेहतर जिन्दगी देने के लिये राज्य सरकार ने रेनबो होम्स नामक संस्था के साथ एमओयू किया है, जो बेसहारा बच्चों के लिए काम करता है। सरकार के सहयोग से रेनबो होम्स ने रांची में दो शेल्टर होम शुरू किए है। एक लड़कियों के लिए और एक लड़कों के लिए। जहां लालमणि और प्रकाश जैसे बच्चों को बेहतर जीवन प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। ।नशे का आदि था प्रकाश, भीख मांगती थी लालमणि ।प्रकाश एक प्रतिभाशाली छात्र था। पर गलत संगत की वजह से उसे नशीली दवाओं की लत लग गई। इन दवाओं से उसकी जिंदगी खराब हो गई थी। वह नशीली दवाओं को लेने के लिए इधर-उधर भटकता रहता था। नशे के सेवन के बाद फुटपाथ पर ही सो जाता था। जब प्रशासन को प्रकाश के बारे में जानकारी मिली तो उसकी मदद के लिए प्रयास शुरू किए गए। रेनबो के सदस्यों की सहायता से प्रकाश को बरियातू स्थित रेनबो लाया गया। उसके शरीर की जांच कराई गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73914.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73914.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0b4ede5eef2bdd8e455f46e2a97de3adf18aeb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73914.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाबा विश्‍वनाथ गौरा का गौना लेकर बाबा दरबार आते हैं तो पूरा रास्‍ता अबीर गुलाल से रेड कार्पेट नजर आने लगता है। ।उत्‍सवधर्मी काशी में परंपराओं की थाती की कड़ी में रंगोत्‍सव से पूर्व यह आयोजन विश्‍वविख्‍यात है। ।आस्‍था का सागर ऐसा मानो विश्‍वनाथ गली पूरी की पूरी शिवमय और बाबा के रंग में रंग गई हो। ।हर आस्‍थावान हाथ जोड़े बाबा की पालकी की अगवानी करने को बेताब नजर आता है। ।हर आंख बाबा और गौरा की पालकी को अगोरती है और नजर आते ही हर हर महादेव का शोर गूंज उठता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31aac0442de3c5cdfdc4ae0dd44de7ac76f853a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राकेश टिकैत तो चढू़नी के बयान से दो दिन पहले ही सरकार से यह आग्रह कर चुके थे कि धरनास्थलों पर आंदोलनकारियों को वैक्सीन लगवाने की सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए। हरियाणा सरकार ने कुंडली बॉर्डर (सोनीपत) और टीकरी बॉर्डर (झज्जर) पर ऐसी व्यवस्था कर भी दी है। वहां कोरोना संक्रमण की जांच की भी सुविधा है, लेकिन आंदोलनकारियों को मंच से वैक्सीन लेने से मना किया जा रहा है। यह बात अलग है कि भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह उगराहां कोरोना संक्रमित हो गए तो उनके संगठन के फेसबुक पेज पर अपील जारी हो गई कि जिनमें लक्षण दिखें, वे अपनी जांच जरूर करा लें। अब आंदोलनकारी किसकी बात मानें, चढ़ूनी की या टिकैत की या फिर उनकी जो जांच कराने की बात तो कहते हैं, लेकिन वैक्सीन पर मौन साधे हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7881e99123ad265a2a6c564a3fec8d4b6be2d40f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस साल यह आयोजन 29 मार्च को होगा। होली खेलने का सिलसिला दोपहर में थम जाएगा। इसके बाद रोडवेज बस स्टैंड के सामने जलकल संस्थान में कंस मेला जुटना शुरू होगा। यहां कंस का 20 से 25 फीट ऊंचा पुतला बनाया जाता है। इसका कृष्ण और और बलराम अपने सखाओं के साथ वध करते हैं। शाम चार बजे दुली मुहल्ला स्थित राधा मोहन मंदिर से कृष्ण और बलराम का डोला निकलता है। बैंडबाजों के साथ डोला चौबान मुहल्ला, चौकी गेट, छतरी वाला कुंआ होते हुए इमामबाड़ा, सदर बाजार होते हुए रात आठ बजे के बाद जलकल संस्थान पहुंचता है। कंस वध के साथ ही कृष्ण, बलदाऊ के जयकार गूंजने लगते हैं। इसके बाद डोला वापस उसी रास्ते से मंदिर पहुंचता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ed8f8b37fdd096bb484bb52661e700d44fa4ebf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पांडुनगर बीमा अस्पताल में खुला सेंटर: कामगारों में बढ़ती टीबी की बीमारी को देखते हुए पांडुनगर बीमा अस्पताल में डिजीज सेंटर खोला गया। यहां फेफड़े से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की एनालिसिस की जाती थी। कामगारों को आजाद नगर के बीमा अस्पताल भेजा जाता था। 100 बेड का यह बीमा अस्पताल राज्य का इकलौता है, जहां प्रदेश भर से कामगार इलाज के लिए आते हैं। ।इनका ये है कहना ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73920.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73920.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11177be037bf690f1634304467f5079a2fa9a2db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73920.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते ही मोबाइल कंपनियों ने इंटरनेट की गति बढ़ाने की तैयारी कर ली है। बढ़े प्लान में एक गीगाबाइट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) तक की तैयारी कर ली गई है। यह गति केवल फाइबर टू होम कनेक्शन वाले उपभोक्‍ताओं को म‍िलेगी। छोटे प्लान वालों की गति बढ़ाकर सौ मेगाबाइट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) कर दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0c893efefe5401e71a317ce055c0d582108c15a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। टीवी पर शाहरूख खान को एक पेंट कंपनी का ऐड करते हुए आपने जरूर देखा होगा, जिसके बैकग्राउंड में यह जिंगल बजता रहता है-जब घर की रौनक बढ़ानी हो..। इसी तरह ओ मखीजा.., दीवारें बोल उठेंगी.., हर घर कुछ कहता है..जैसे ऐड भी टीवी पर आपने देखे होंगे। इन दिनों तमाम नामी पेंट निर्माता कंपनियों के ऐसे ऐड अक्सर देखने-सुनने को मिल जाते हैं, जिनके प्राइमर, डिस्टेंपर, एनेमल, इमल्शन, वुड कोटिंग जैसे बहुत सारे पेंट उत्पाद बाजारों में उपलब्ध हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8efa3cde02639d5c5766fb888bbf1ecf527efeb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनूप कुमार, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा की स्थापना सबसे पहले हुई। यही अखाड़ा सबसे प्राचीन अखाड़ा है। बुद्धि के अधिष्ठाता श्री गजानन गणेश को अपना आराध्य मानने वाले श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा की स्थापना का वर्ष 569 ईस्वी बताया जाता है। इस वर्ष सात संन्यासी अखाड़ों में शामिल श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा की स्थापना गोंडवाना में हुई थी। हालांकि, कुछ इतिहासकारों और संत-महात्माओं का यह भी मानना है कि सबसे पहले आह्वान अखाड़े की स्थापना हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b7ca5569bc2dd25497fc2f49ee32d67b7f56d60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73927.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। बीते एक वर्ष से अधिक समय से विश्‍व कोविड-19 महामारी की चपेट में है। इस महामारी ने पूरी दुनिया की रफ्तार को रोक दिया है। पहले इसकी वैक्‍सीन को लेकर गहमागहमी थी तो अब वैक्‍सीनेशन को लेकर गहमागहमी मची हुई है। दुनिया के कई देशों में बड़ी तेजी से वैक्‍सीनेशन का काम चल रहा है, तो कुछ में इसकी शुरुआत भी नहीं हो सकी है। इसकी वजह है कि वहां पर वैक्‍सीन की उपलब्‍धता नहीं है। ऐसे देश आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन देशों के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की तरफ कोवैक्‍स योजना के तहत मदद की जा रही है। हालांकि वैक्‍सीन के उत्‍पादन को देखते हुए इसकी रफ्तार काफी धीमी है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अलावा दुनिया के विभिन्‍न देशों को अपनी वैक्‍सीन मदद और कमर्शियल रूप से जो देश भेजने में अग्रणी रहे हैं उनमें भारत भी शामिल है। + +विदेश मामलों के जानकार प्रोफेसर हर्ष वी पंत मानते हैं कि इससे भारत की छवि और बेहतर हुई है। महामारी की वजह से भारत की अहमियत दुनिया को अच्‍छे से समझ में आ गई है। वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी में भारत ने अपना दायरा काफी बढ़ाया है। आपको बता दें कि पहले भारत की वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी में पड़ोसी देश पाकिस्‍तान शामिल नहीं था। लेकिन अब परिस्थितियां बदलती हुई दिखाई दे रही हैं। इसलिए मुमकिन है कि आने वाले दिनों में भारत पाकिस्‍तान को भी वैक्‍सीन की सप्‍लाई कर दे। आपको बता दें कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की कोवैक्‍स योजना के तहत बनी वैक्‍सीन का भी उत्‍पादन भारत में ही हो रहा है। यहां से ही वो दूसरे देशों को भेजी जा रही हैं। इस योजना के तहत लाभ लेने वालों में पाकिस्‍तान का नाम भी शामिल है। इसलिए पाकिस्‍तान को भी वैक्‍सीन की सप्‍लाई काफी हद तक भारत से ही होगी। इस तरह से जानकारों की राय में भारत सीधे नहीं तो दूसरे रास्‍ते से कहीं न कहीं पाकिस्‍तान की मदद ही कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..263d008220d1edd9c6994dc2cf5380f29dfe35d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनके अलावा अटल घाट को भी मनोरंजन और पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया गया है। ।शहर से जुड़ी बड़ी हस्तियां: शहर की धरती देश के बड़े राजेनताओं से लेकर उद्योगपति और कलाकारों से लेकर क्रिकेटर्स तक की पालनहार रही है। शहर से जुड़ी बड़ी हस्तियों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, दैनिक जागरण समूह के सीएमडी एवं संपादकीय निदेशक महेंद्र माेहन गुप्त, उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन राजू श्रीवास्तव, गायक अभिजीत भट्टाचार्य, क्रिकेटर कुलदीप यादव आदि शामिल हैं। ।समय के साथ-साथ कुछ यूं बदलता रहा कानपुर का नाम: CAWNPOOR 1770 ग्रेवियल हार्पर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4138cc244ab38d1a57acadc4b4df827f4f2981a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'पटना पर क्या हैरान होना?' बिहार एसेंबली में विधायकों की शर्मनाक हरकत पर पढ़ें- कुमार विश्वास का पूरा ट्वीट।मेडिकल स्टोर्स और जरूरी सेवा नहीं होगी प्रभावित।किसान संगठनों ने बताया कि 26 मार्च को भारत बंद के दौरान सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों का बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस कड़ी में सुबह 6 से शाम 6 बजे के दौरान सभी दुकानें और डेयरी बंद रहेंगी, वहीं, मेडिकल स्टोर्स और जरूरी सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73932.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f4562e9813ba7f9f243c58d04a2e45e778ac01e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73932.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पठानकोट [राज चौधरी]। देश भर में लगभग विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके गिद्धों की प्रजातियों को सरंक्षित करने के लिए पठानकोट में एक बार फिर प्रयास शुरू किए गए हैं। यहां वल्चर रेस्टोरेंट शुरू करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 7.35 लाख रुपये खर्च होंगे। इससे पंजाब भर में खत्म हो रहे गिद्धों के लिए रेस्टोरेंट तैयार करके उसकी चारों ओर से बाड़बंदी की जाएगी ताकि गिद्धों को दिए जाने वाले भोजन को कुत्ते न ले जा सकें। + +पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश के बिलकुल बार्डर पर स्थित इस स्पाट पर किसी समय गिद्धों की संख्या 600 के करीब हो चुकी थी। फिर, साल 2010 में फंड के आभाव में इस स्थान तक भोजन नहीं पहुंचाया गया। इसकी देखरेख नहीं हो सकी जिसके बाद अब इस एरिया में कुछेक गिद्द देखने को मिलते हैं। पहले यहां गिद्धों की बड़ी संख्या थी लेकिन अधिकतर पशु पालकों ने पशुओं से अधिक दूध पाने के लिए डेक्लोफिनेक दवाइयों का प्रयोग शुरू कर दिया गया। ऐसे में जब इन इंजेक्शन का लगातार प्रयोग किये जाने वाले जानवरों की मृत्यु होती तो उन्हें हड्डा रोड़ी या किसी दूर-दराज के स्थानों पर फेंक दिया जाता। इन जानवरों का मांस खाने गिद्धों की ब्रीडिंग क्षमता कम हो गई। इसी कारण, पंजाब व क्षेत्र भर में लगभग विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73935.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73935.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca3965dc9450dec78ff0b34e7795dc22b82b3d94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73935.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खुदीराम इसी विद्यालय का छात्र रहते अपने राजनीतिक गुरू ऋषि अरविंदो, सत्येंद्रनाथ बसु व अन्य लोगों के साथ मिलकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ योजना बनाते थे। महान क्रांतिकारी हेमचंद्र कानूनगो जो इसी विद्यालय के छात्र थे, ने बाद में ऋषि अरविंदों के साथ मिलकर अनुशीलन समिति बनाई, जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हिंसक योजना बनाते थे। सन‌् 1850 में ऋषि राजनारायण बसु इस विद्यालय के पहले हेडमास्टर थे, जिन्होंने यहां बांग्ला, संस्कृत जैसे भारतीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू की थी। वे मेदिनीपुर जिला के ही घाटाल सब डिवीजन निवासी महान समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर के विचारों से से प्रेरित थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50b40edffe6c2dd7cfab7ffffd63c82b5a64e68f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73936.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में दिव्यांग मतदाताओं की सहूलियत के लिए भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) व्हीलचेयर बनवा रहा है। चुनाव आयोग ने संस्थान को पांच हजार व्हील चेयर बनाने का ऑर्डर दिया है। इसके लिए कानपुर, बेंगलुरु, फरीदाबाद, मोहाली समेत अन्य सब सेंटरों में काम शुरू हो गया है। कानपुर मुख्यालय से दो दिन पहले ही कुछ स्टॉक तमिलनाडु भेजा गया है। मानकों पर गुणवत्ता परखने के बाद ही व्हील चेयर की पैकिंग की जा रही है। इसके लिए कई चरणों में प्रक्रिया पूरी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7394.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..298766b361060ee9eeb2f9b4af3b0f7b39c3e762 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7394.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राकेश की ऑटोबायोग्राफी का फ़ॉरवर्ड ए.आर. रहमान ने लिखा है। किताब का आफ्टरवर्ड आमिर खान ने दिया है। तो वहीं सोनम कपूर ने इस किताब के कवर पेज का अनावरण किया है। सोनम कपूर ने हाल ही में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए इसे शेयर किया है। इस किताब के कवर की तस्वीर शेयर करते हुए सोनम ने कैप्शन में लिखा, 'FIRSTLOOK. मेहरा इंडस्ट्री के किसी भी अभिनेता के लिए एक बेहतरीन मेंटर हैं। स्क्रीन पर उनके उत्साह और दृष्टि को देखना वाकई जादुई है! वह अब #TheStrangerInTheMirror के माध्यम से अपने दृष्टिकोण और यात्रा को सभी के साथ साझा कर रहे हैं।'।इस किताब की को-ऑथर रीता राममूर्ति गुप्ता हैं। साथ ही इस किताब में भारतीय सिनेमा और विज्ञापन जगत के कुछ जाने- माने नाम जैसे वहीदा रहमान, एआर रहमान, मनोज बाजपेयी, अभिषेक बच्चन, फरहान अख्तर, सोनम कपूर, रवीना टंडन, रोनी स्क्रूवाला, अतुल कुलकर्णी, आर. माधवन, दिव्या दत्ता और प्रहलाद कक्कड़ शामिल हैं। किताब को 20 जुलाई से प्री-आर्डर किया जा सकता है और यह किताब 27 जुलाई को पूरे भारत में उपलब्ध करा दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73940.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73940.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cd8969d7b1c1611b7b05ea97ff6ea74244ac9ae3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73940.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/कैथल, [बिजेंद्र बंसल/पंकज आत्रेय]। अपने कथित खुलासे महाराष्‍ट्र की राजनीति में हड़कंप मचाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर परमबीर सिंह का हरियाणा से खास नाता रहा है। उनका पैतृक गांव फरीदाबाद का पांवटा गांव है तो उनकी शादी कैथल जिले के क्‍योड़क गांव में हुई थी। परमबीर की स्‍कूली पढ़ाई कैथल में ही हुई थी। परमबीर के महाराष्‍ट्र में किए 'खुलासों' को उनके पैतृक गांव और ससुराल के लाेग बेहद साहसिक मानते हैं। उनका कहना है कि परमबीर ने अपने नाम के अनुरूप साहस दिखाया है। + +पद रहते खुलासे करते तो और बेहतर होता : प्रकाश सिंह।फरीदाबाद के गांव पांवटा के मूल निवासी मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के पक्ष में उनके कुनबे व गांव के लोग खुलकर सामने आए हैं। उनके समर्थन में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह भी हैं। यद्यपि वह कहते हैं कि परमबीर पद पर रहते हुए यह रहस्योद्घाटन करते तो बेहतर होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65ca2cb7b95f36c69b0bd8927012a8c31bdb3ec6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73942.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : जिले की सीमा से होकर निकल रही नीम नदी प्रवाह के इंतजार में है। मेरठ भगीरथों ने अथक प्रयास करके नदी में पानी लाने का काम किया है, मगर अलीगढ़ के मलहपुर गांव के निकट यह नदी सूखी हुई है। 20 साल पहले नीम नदी बारिश के दिनों में उफान मारा करती थी, मगर अब यह तमाम जगहों पर कब्जे की जद में है। कुछ गांवों के पास तो यह नाले की तरह नजर आती है। अलीगढ़ में भी भगीरथों का इंतजार है, जो हाथ में फावड़ा और कुदाल लेकर नदी के प्रवाह का रास्ता बनाएं। यदि आपने हुंकार भर दी तो सच मानिए, नीम नदी में एक बार फिर जल बहता हुआ दिखाई देगा। ।बुलंदशहर से होकर आती है नीम नदी।नीम नदी बुलंदशहर से होकर आती है। जिले में अतरौली तहसील के मलहपुर गांव से अलीगढ़ में यह प्रवेश करती है। कनकपुर, पनेहरा, नगला बंजारा, खड़़ौआ, आलमपुर, जिरौली होते हुए यह कासगंज जिला (पहले एटा) में प्रवेश करती है। अलीगढ़ में नदी की लंबाई करीब 40 किमी थी। चौड़ाई भी 50 से 100 मीटर तक थी। मगर, वर्तमान में नदी का सिर्फ निशान ही देखा जा सकता है। 20 साल पहले नीम नदी के प्रवाह से दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को फायदा होता था। नदी के किनारे बसे गांव कनकपुर, पनेहरा आदि के लोग नदी में स्नान करते थे। पशु-पक्षी की पानी पीने की व्यवस्था थी। मगर, इन गांवों के पास ही नदी पर कब्जा जमा लिया गया। कुछ स्थानों पर तो लोगों ने नदी को धीरे-धीरे अपने खेत में शामिल कर लिया। इससे नदी का अस्तित्व खत्म होता चला गया। अब बारिश के दिनों में भी नीम नदी में पानी नहीं दिखाई देता है। हां, पुल के पास कुछ पानी है, मगर अन्य स्थानों पर नदी में पानी नहीं है। + +- हरी सिंह गांव कलियानपुर।नीम नदी में पानी आने से तमाम गांव के सैकड़ों किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा। सफाई होने के दौरान गांव के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। ।- अशोक कुमार गांव मेहरा।नीम नदी में कई दशक से पानी नहीं आया है। अगर इस नील नदी को किसी बड़ी नहर से जोड़ दिया जाए तो सैकड़ों किसानों को काफी लाभ होगा। ।- अमित राघव गांव सलारपुर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5de607f26a15e38e9ceda2ab3e82d3ce0da1ea58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73943.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [रणविजय सिंह]। World Tuberculosis Day 2021: नई दिल्ली टीबी सेंटर और ट्यूबरक्लोसिस एसोसिएशन आफ इंडिया ने श्वेतपत्र जारी किया है। इसमें सरकार से सिफारिश की है कि यदि कोरोना की रोकथाम के लिए बने हथियारों का टीबी के लिए भी इस्तेमाल हो तो चार साल में यह बीमारी ढेर हो जाएगी। ।डाक्टरों ने आरोग्य सेतु एप का भी टीबी के मरीजों के निगरानी के लिए इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। डाक्टरों ने बाकायदा इंडियन जर्नल आफ ट्यूबरक्लोसिस में इसे प्रकाशित भी किया है। ।नई दिल्ली टीबी सेंटर के चेस्ट फिजीशियन डा. संजय राजपाल ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति तीन लोगों को संक्रमित करता है, जबकि टीबी का एक मरीज छह माह में 10 लोगों को संक्रमित करता है। टीबी से बचाव के लिए भी लोगों को मुंह पर कपड़ा रखने, किसी के साथ खाना न खाने व हाथ धोने की सलाह दी जाती थी, लेकिन तब यह कोरोना की तरह जनआंदोलन नहीं बन पाया। जापान में लोग पहले से मास्क का इस्तेमाल करते रहे हैं। इसलिए वहां टीबी बहुत कम है। ।इसलिए टीबी की रोकथाम के लिए भी लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी जानी चाहिए। करीब पांच करोड़ से अधिक लोग आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर चुके हैं। कोरोना खत्म होने के बाद इस एप का इस्तेमाल टीबी के मरीजों की निगरानी में किया जा सकता है। इसके अलावा निक्षय पोर्टल (टीबी नोटिफिकेशन का पोर्टल) को एप में तब्दील कर उसके साथ आरोग्य सेतु एप को जोड़ा जा सकता है। ।इसी तरह कोरोना की रोकथाम के लिए जिस तरह बुजुर्गो व व्यस्क लोगों को टीका दिया जा रहा है। उसी तरह 15-19 साल की उम्र के नवयुवकों व 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टीबी का टीका लगाने के लिए ट्रायल किया जाना चाहिए। ।नई दिल्ली टीबी सेंटर के निदेशक डा. केके चोपड़ा ने कहा कि मास्क के इस्तेमाल से टीबी के मामले कम हो सकते हैं। यदि लोग लगातार इस्तेमाल करते रहे तो एक-दो साल में फर्क दिखने लगेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ee9d44da952f7f2f6a1a15d38be686df8fc71a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73944.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (एएनआई)। नासा मंगल मिशन पर भेजे गए परसिवरेंस में लगे इंजेन्‍वनिटी मार्स हेलीकॉप्‍टर की पहली कंट्रोल फ्लाइट के लिए खुद को तैयार कर रहा है। इस तरह से ये पहला मौका होगा जब कोई हेलीकॉप्‍टर मंगल की सतह से उड़ेगा और उसका नजारा कैमरे में कैद करेगा। इसके लिए 8 अप्रैल 2021 का दिन तय है। 2 किग्रा से भी कम वजनी ये इंजेन्‍वनिटी हेलीकॉप्‍टर बेहद कमाल का है। आपको बता दें कि नासा इस मिशन के दौरान पहले ही काफी कुछ कमाल दिखा चुका है। नासा की इस मिशन की टीम ने कई मील के पत्थर इस दौरान स्‍थापित किए हैं। + +जहां तक इंजेन्‍वनिटी हेलॉकॉप्‍टर की बात है तो आपको बता दें कि ये फिलहाल परसिवरेंस रोवर के साथ ही अटैच है। पिछले दिनों इस रोवर ने मार्स की सतह पर चहलकदमी की थी जिसका एक वीडियो भी नासा ने जारी किया था। इस वीडियो में इसकी आवाज भी सुनाई दे रही थी और इसकी वजह से मार्स की सतह पर बने निशान भी साफ देखे जा सकते थे। ये रोवर 18 फरवरी को मार्स पर सफलतापूर्वक उतरा था। + +नासा का ये रोवर फिलहाल उसी जगह पर है जहां इंजेन्‍वनिटी को अपनी एतिहासिक उड़ान भरनी है। नासा के प्‍लानेटरी साइंस डिवीजन के डायरेक्‍टर लॉरी ग्‍लेज का कहना है कि 1997 में नासा के सोजर्नर रोवर ने पहली बार इस ग्रह की सतह को छुआ था। उस वक्‍त ये बात साबित हो गई थी कि इस लाल ग्रह पर चलना मुमकिन है। इस मिशन ने भावी मिशन को एक नई सोच और आयाम दिया था। यही सोच इसके बाद मंगल पर भेजे गए सभी मिशन पर लागू हुई थी। उनका कहना है कि इंजेन्‍वनिटी वैज्ञानिक काफी कुछ जानना चाहते हैं। यदि अपने काम में इंजेन्‍वनिटी सफल होता है तो इसको और आगे तक बढ़ाया जाएगा। इस तरह से ये भविष्‍य में मंगल पर होने वाली खोज में अहम भूमिका भी अदा कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73947.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73947.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ceaed9eead3c494776f625f794e375c80738f5f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73947.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्कूटर चार्जिंग की व्यवस्था।आइआइटी दिल्ली ने बताया कि स्कूटर बनाने वाली कंपनी गेलियोस मोबिलिटी फिलहाल भोजन, ई-कामर्स, किराना समेत अन्य वितरण कंपनियों के लिए हाइपरलोकल डिलीवरी में मदद कर रही है। कंपनी अधिकतम उपयोग किए जाने वाले मार्गों की पहचान कर रही है। एक बार मार्ग चिन्हित होने पर स्कूटर की चार्जिंग और मेंटिनेंस के लिए केंद्र बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं इमरजेंसी की स्थिति में बैटरी बदलने की सहूलियत भी प्रदान की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64e340055e8676bb6f79731702693e6c51e03c59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [आलोक मिश्र]। जिस चौसर ने महाभारत की नींव रखी थी, जुए की वह लत इंटरनेट युग में अरबों रुपये का सट्टा बाजार बन चुकी है। क्रिकेट मैच की हर गेंद से लेकर फुटबाल, टेनिस व अन्य खेलों में सटोरिये करोड़ों रुपये के दांव लगाते हैं, फिर भी इस काले कारोबार पर कानून का शिकंजा पूरी तरह नहीं कस पा रहा है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं होगा। सटोरियों के नाखून तोड़ने के लिए सार्वजनिक जुआ अधिनियम-1867 को ताकतवर बनाने की कसरत शुरू हो चुकी है। राज्य विधि आयोग उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक जुआ अधिनियम का नया मसौदा तैयार कर रहा है। इस कानून की बारिकियों को परखने के साथ ही दूसरे देशों में ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर बने कानूनों का अध्ययन भी किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0c867cdadde87b8f5b7fbf5b3246247b1adeedd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-टीएमसी आप पर चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगा रही है?।जनता के मन में जो मुद्दे हैं यदि उन्हें उठाना धार्मिक ध्रुवीकरण है तो यह धार्मिक ध्रुवीकरण की नई परिभाषा सुन रहे हैं। हम कह रहे हैं कि दुर्गा पूजा बेरोकटोक होनी चाहिए। इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। आपने क्यों रोका? क्या वह ध्रुवीकरण नहीं था? हम कह रहे हैं कि सरस्वती पूजा होनी चाहिए। क्यों रोकी आपने? क्या वह ध्रुवीकरण नहीं था। कोई रमजान मनाये, हमें कहां आपत्ति है। कोई क्रिसमस भी मनाए, हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा पर तो रोक नहीं लगा सकते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a02de9741d5b9c80dc2a40fdfbfe0092eaa52656 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73955.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दि डॉ. मोनिका शर्मा। हाल के वर्षो में कमोबेश हर राज्य के चुनावों में महिलाओं से जुड़े मुद्दे राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्रों में प्रमुखता से शामिल किए जा रहे हैं। इस कड़ी में बंगाल से लेकर तमिलनाडु और असम तक में यही रुझान देखने को मिल रहा है। भाजपा ने बंगाल में अपनी सरकार बनने पर राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है। साथ ही बेटियों एक लिए केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में महिलाओं के लिए नि:शुल्क यात्र की व्यवस्था और विधवा पेंशन को एक हजार बढ़ाकर से तीन हजार रुपये करने की बात भी कही है। टीएमसी के घोषणापत्र में भी तृणमूल सरकार के फिर से सत्ता में आने पर बंगाल में 1.6 करोड़ से ज्यादा परिवारों की महिला मुखिया को आíथक सहयोग देने की बात कही गई है। + +तमिलनाडु में एआइडीएमके ने मातृत्व अवकाश का समय नौ महीने से बढ़ाकर एक साल करने, बसों में यात्र करने वाली महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत छूट देने और मुफ्त वाशिंग मशीन, सोलर कुकिंग स्टोव देने का वादा किया है तो डीएमके ने भी मातृत्व अवकाश की अवधि एवं सहायता बढ़ाने और एलपीजी सिलिंडर सब्सिडी देने जैसे वादे किए हैं। असम में महाजोत महागठबंधन ने सत्ता में आने पर सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण सुनिश्चित किए जाने की बात कही है तो केरल में सत्ताधारी दल लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए राज्य की सभी गृहिणियों को पेंशन देने की बता कही है। कांग्रेस ने असम में उसकी सरकार बनने पर गृहिणियों को प्रतिमाह 2000 रुपये देने की घोषणा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59328c83f6d52f1e253704192a9673420a3e274e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। जैसे जैसे ट्रेनों में भीड़ बढती जा रही है, रेल प्रशासन उस मार्ग पर होली स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा कर रहा है। रेलवे प्रशासन मुजफ्फरपुर, गोरखपुर के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने जा रहा है। मुरादाबाद से पंजाब की ओर जाने वाले यात्रियों को लिए 25 मार्च को ट्रेन चलाई जाएगी। होली स्‍पेशल ट्रेनें कुछ समय से लिए चलेंगी। होली की वापसी भीड़ खत्म होते ही ट्रेन चलनी बंद हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46196f05f921b7924ec2fb925f75e80a0dfe9a49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73958.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। बीते कुछ समय से पाकिस्‍तान के सुरों में भारत को लेकर अचानक बदलाव देखने को मिला है। फिर चाहे वो सीमा पर तनाव कम करने को लेकर हुई डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) की बातचीत हो या पाकिसतान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा का बयान हो या सिंधु जल विवाद सुलझाने के लिए हो रही वार्ता हो। ये सब कुछ अचानक से होता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि इसके पीछे की आखिर वजह क्‍या है। + +जानकार इसके पीछे पाकिस्‍तान की जरूरत को मानते हैं। ऑब्‍जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का कहना है कि मौजूदा समय में पाकिस्‍तान आंतरिक तौर पर कई मोर्चों से घिरा हुआ है। आर्थिक रूप से पाकिस्‍तान की हालत बेहद खराब है। रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से वो काफी अलग-थलग और कमजोर हो चुका है। वैश्विक मंच पर भी उसके हालात काफी खराब हो चुके हैं। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत की यात्रा भी इसके पीछे एक वजह है। इसके अलावा पाकिस्‍तान खुद को अकेला महसूस कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..504f308bd13b63f842807197a0431e261079bb74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। फेफड़ों के साथ ही आंख से लेकर जननांगों (एक्स्ट्रा पल्मोनरी) की टीबी हो रही है। टीबी के मरीज इलाज से पूरी तरह से ठीक जाते हैं। मगर, दवा बीच में छोड़ने से घातक मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) और एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के केस भी बढ़ने लगे हैं। बुधवार को टीबी दिवस पर डाक्टर मरीजों को इलाज बीच में ना छोड़ने के लिए जागरूक करेंगे। ।एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डा संतोष कुमार ने बताया कि टीबी शरीर के हर अंग में होती है। फेफड़ों की टीबी आम है, इसके साथ ही जननांगों की टीबी और दिमाग की टीबी के केस भी बढ़ने लगे हैं। वहीं, आंख, स्किन, पेट, हड्डी की टीबी के केस भी आ रहे हैं। टीबी के मरीजों में जांच के बाद ही दवाएं दी जा रही हैं। कल्चर भी कराया जाता है। इससे पता चल जाता है कि कौन सी दवा काम करेगी। टीबी के मरीजों को छह महीने तक दवाएं दी जाती हैं। इससे मरीज पूरी तरह से ठीक हो रहे हैं। मगर, तमाम मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं। इससे घातक एमडीआर और एक्सडीआर टीबी के केस बढ़ने लगे हैं। इसमें टीबी की सामान्य दवाएं काम नहीं करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5346faffd7dba724909b2252743f480f795fa26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73962.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नंदीग्राम : ममता बनर्जी इस बार अपनी भबानीपुर की सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव मैदान में हैं। तृणमूल से बागी होकर भाजपा में आए सुवेंदु अधिकारी उन्हें यहां चुनौती दे रहे हैं। सुवेंदु को दगाबाज और अकूत संपत्ति अॢजत करने का आरोप लगा ममता उन्हें घेरने का प्रयास कर रही हैं, तो सुवेंदु ममता को बाहरी बता रहे हैैं। लोगों से कह रहे कि वह ही उनके बीच रहते हैं, दीदी तो अब वोट मांगने आई हैं। ङ्क्षहदुत्व व बदलाव का मुद्दा यहां प्रभावी है। दीदी को वोट देने वाले मुखर हैं तो भाजपा को चाहने वाले खामोश। मुकाबला कांटे का है। + +कांथी दक्षिण : अधिकारी परिवार का गढ़ माने जाने वाले कांथी दक्षिण सीट से टीएमसी ने पटाशपुर के निवर्तमान विधायक ज्योॢतमय कर को मैदान में उतारा है। 2016 में यहां से सुवेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु चुनाव जीते थे, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां हुए उपचुनाव में टीएमसी की चंद्रमा भट्टाचार्य चुनाव जीतीं, जो राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनीं। भाजपा ने अरूप कुमार दास को उतारा है। अधिकारी परिवार इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dd2ded684834014de4bb75940d4b6a542cf71cda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73970.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Yamuna News: जिस यमुना को प्राचीन ग्रंथों में पूजनीय बताया गया है, दिल्ली में उसका जल आचमन योग्य भी नहीं रह गया है। यमुना में स्नान करने का पौराणिक महत्व है, लेकिन यहां वह भी केवल दो ही घाटों पर संभव है। आलम यह है कि यमुना का 76 फीसद प्रदूषण भी दिल्ली के पड़ने वाले इसके दो फीसद हिस्से में ही मिलता है। + +दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से यमुना में नौ जगहों पर पानी की गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक इन जगहों से लिए गए नमूने बताते हैं कि दिल्ली में सिर्फ पल्ला और सूरघाट में ही यमुना का पानी नहाने लायक है। यहां पर पानी की गुणवत्ता बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) और डिजाल्वड आक्सीजन (डीओ) तय मानकों के अनुसार पाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2b4e9e29a29d6149e3672722afe870e2936ee59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73974.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कन्नाैज, [प्रशांत कुमार]। Intresting Story Of Secularism गंगा-जमुनी तहजीब सभी धर्मों और धर्मग्रंथों का आदर करना सिखाती है। इसे बखूबी आत्मसात किया है सरदार पटेल इंटर कॉलेज कचाटीपुर के विज्ञान शिक्षक मोहम्मद रफीक सिद्दीकी ने। वह गीता को आदर्श ग्रंथ मानते हैं तो भगवान राम को आदर्श चरित्र। गीता और कुरान जैसे मुकद्दस ग्रंथ उनकी आत्मा में बसते हैं। सनातन धर्म के संस्कारों की अलख जगाकर वह बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। हर दिन बच्चों को भगवान श्रीराम के साथ अन्य देवी-देवताओं के कृतित्व से रूबरू कराते हैैं, वहीं अन्य धार्मिक गुरुओं के बारे में भी बताते हैं। उसका मूल संदेश संस्कार ही होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64ad3e1248cbd644e581025383965c4f429fb251 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, विनीत मिश्र। बरसाना में मंगलवार सुबह होली की उमंग लिए थी। नंदगांव के हुरियारे होली खेलने आने वाले थे। तो इधर,हुरियारिनें भी सज-धजकर हाेली खेलने को व्‍याकुल थीं। राधारानी मंदिर में रसिया गान के बाद हुरियारे रंगीली गली में पहुंचे तो हुरियारिनों से हास-परिहास करने लगे। हास-परिहास ऐसी कि हुरियारिनें प्रेम पगीं लाठियां बरसाने लगीं। हुरियारों को घेर-घेर कर तड़ातड़ लाठियां बरसाईं। हुरियारे ढाल से लठ के वार का बचाव करते रहे। दनादन प्रेम पगी लाठियों के हमले और रंगों की फुहार के बीच जब बारिश भी हुइ तो होली का उल्‍लास चरम पर पहुंच गया। ।भोर होते ही हजारों श्रद्धालु बृषभानु दुलारी के आंगन पहुंचने लगे। दोपहर होते-होते हजारों और फिर लाखों की भीड़ जुटने लगी। उधर, लड्डू होली से एक दिन पहले फाल्गुन मास की नवमी पर नंदगांव के हुरियारे राधा रानी के आमंत्रण पर बरसाना नंदगांव होली खेलने पहुंचे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a10bcd4072b8b4870959f01208ef617dcb5c6e27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73984.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एलर्जी से होने वाली समस्याएं: इस मौसम में आंखों की एलर्जी का संक्रमण भी बहुत होता है। इसके कारण आंखों से पानी आना, जलन होना, लालिमा होना और जलन के साथ खुजली की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए ठंडे और गर्म वातावरण का खयाल रखें। यदि एसी रूम में बैठे हैं तो गर्म तापमान वाले स्थान में रुककर जाएं। बाहर निकलने पर चश्मा जरूर लगाएं और बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें। वहीं कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसे सांस की एलर्जी या अस्थमा भी कहते हैं। यह बदलते मौसम में अधिक होती है। इसमें सांस लेने की समस्या, सांस लेने में आवाज आना, तेज चलने या काम करने में तेज सांस चलने की समस्या होती है। इससे बचने के लिए धूमपान, धूल, धळ्आं आदि से दूर रहना चाहिए। कुछ लोगों को त्चचा की एलर्जी के कारण त्चचा में चकत्ते, खुजली, लालिमा व इसके साथ ही जुकाम की समस्या हो जाती है। + +मास्क बचाएगा हर संक्रमण से: यह मौसम सिर्फ एलर्जी का ही नहीं, हर तरह के संक्रमण का भी है और इससे बचने का कारगर उपाय है अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क का प्रयोग। कोरोना संक्रमण हो या सांस संबंधी कोई अन्य संक्रमण, यदि आप मास्क का प्रयोग करते हैं तो काफी हद तक सुरक्षित रहेंगे। इसलिए जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें भी अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग करना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c55fc5b5531cf7684a611e2b7f81554327b30086 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली-एनसीआर के 300 किलोमीटर के दायरे में 12 ऐसे ऊर्जा उत्पादन संयंत्र हैं, जिनका संचालन कोयले से किया जा रहा है। सेंटर फार रिसर्च आन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरइए) ने इनसे उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण पर एक अध्ययन किया है। ।अध्ययन में यह बात सामने आई है कि 2018 में इन संयंत्रों से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण को कम करने में सरकारी खजाने पर लगभग 6,700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा। अध्ययन की माने तो अगर इन संयंत्रों में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय की ओर से जारी निर्देशों का पालन हुआ होता और इनमें प्रदूषण नियंत्रण उपकरण स्थापित कर लिए गए होते तो इनसे उत्सर्जित होने वाला प्रदूषण 62 फीसद तक कम हो जाता। इससे 4,221 करोड़ बचाए जा सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c0b7b4fc660a33c7946e83827d77a3a96ed3ae4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73988.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में दूध-दही का खाणा लौट रहा है। देश भर में हरियाणा की पहचान कभी दूध और दही वाले प्रदेश के रूप में हुआ करती थी। कहा जाता था कि देसां में देस हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा। लोगों ने पशुपालन और डेयरी प्रबंधन की तरफ ध्यान देना कम किया तो राज्य की इस पहचान पर संकट खड़ा हो गया। लेकिन, अब यह संकट समाप्‍त हो रहा है और यहां दूध का उत्‍पादन बढ़ गया है। प्रति व्‍यक्ति दूध की उपलब्‍धता ने हरियाणा ने पड़ोसी राज्‍य पंजाब को पछाड़ दिया है। हरियाणवी देश के आम लोगों से तीन गुना दूध पी रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bcd5dc103edb6ba23b4c80b55cf667b891b9575d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Actress Shilpa Shetty's husband & businessman Raj Kundra and one Ryan Tharp brought to Mumbai's Esplanade Court. ।Kundra was arrested yesterday while Tharp was arrested today in connection with a case relating to the production of pornographic films. pic.twitter.com/NCpbVeKhJH।क्या है पूरा मामला।मुंबई पुलिस के मुताबिक ये मामला फऱवरी 2021 का है। जब फॉर्न फिल्म मामले में एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गहना की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उन्होंने उमेश कामत का नाम लिया जो कि राज कुंद्रा के पूर्व पीए हैं। उमेश कामत से हुई पूछताछ में उन्होंने ही सबसे पहले मामले में राज कुंद्रा के शामिल होने की बात कही थी। जिसके बाद मामले में क्राइम ब्रांच ने राज को मुख्य आरोपी पाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19151bbdf12bbbe4a12b63898fc8d576a8f5ba5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73992.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, बांके लाल सारस्वत। राधा की ननिहाल से कान्हा की जन्मभूमि के अलौकिक रिश्ते की लाठी में प्रेम की मिठास घुल गई है। हो भी क्यों न, यहां की लाठी, फूल, रंग, गुलाल-अबीर में प्रेम और भक्ति की रसधार जो भरी है। हुरियारिन और हुरियारों को कान्हा के जन्मस्थान पर दिव्य होली खेलने का न्यौता मिल गया है। इसके साथ ही रावल में होली की खिलार अब अपनी बहुओं को भी चतुर नारि के भाव सिखा रही हैं। यहां तीस हुरियारे-हुरियारिन दंपती होली में भावमयी लाठी चलाने के अपने हुनर को निखारने में लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73994.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73994.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d22f9e8e41ade7e95284ea688fde1f0487cf390f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73994.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +'पटना पर क्या हैरान होना?' बिहार एसेंबली में विधायकों की शर्मनाक हरकत पर पढ़ें- कुमार विश्वास का पूरा ट्वीट।इसमें से 700 टन कूड़े का निस्तारण बिजली बनाने के संयंत्र में किया जा रहा है। वहीं, 18 ट्रामेल मशीनों के जरिये 3900 टन कूड़े का निस्तारण हो रहा है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी है कि नया कूड़ा यहां पर डलना बंद हो जाए। इसी वजह से लैंडफिल साइट के लिए दूसरी जगह देखी जा रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73997.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73997.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed9be8b615f48f480d67868e94b1c623fa792459 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73997.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। अमर शहीद भगत सिंह का कानपुर से गहरा नाता रहा है। क्रांतिकारी जीवन के दौरान वह कई बार यहां आकर रुके और छिपकर क्रांतिकारी योजनाओं को अंजाम दिया। भगत सिंह शादी की बात पर स्वजन से रूठकर पहली बार कानपुर आए थे और यहां बलवंत सिंह के नाम से प्रताप अखबार में रिपोर्टिंग की। कुछ ही समय में वह प्रताप अखबार के मालिक व कानपुर में क्रांतिकारियों के संरक्षक गणेश शंकर विद्यार्थी के प्रिय बन गए। इसके बाद ही उनकी मुलाकात चंद्रशेखर आजाद और बटुकेश्वर दत्त से हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_73998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_73998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04c29fbbed6d460ed7bc99c111a99d98d0c2c0b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_73998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दक्षिणी निगम तेहखंड में आधुनिक तकनीक से युक्त लैंडफिल साइट बनेगी। यहां पर केवल उसी कूड़े को डाला जाएगा जो पहले से निस्तारण प्रक्रिया से गुजर चुका होगा। यानी इस लैंडफिल साइट पर सीधे तौर पर घर से निकलने वाला कचरा नहीं डाला जाएगा। 27 एकड़ में 55 करोड़ की लागत यह लैंडफिल 2023 में बनकर तैयार हो जाएगी। ।पहले निगम ने इस लैंडफिल को बनाने के लिए 45 करोड़ रुपये की स्वीकृति ली थी। जोकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के स्वीकृत शुल्क 2016 के अनुरूप थी। चूंकि अब केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के 2019 के शुल्क मंजूर हो गए हैं। इसलिए इसकी राशि 10 करोड़ बढ़कर 55 करोड़ हो गई है। ।भविष्य में यह लैंडफिल ओखला की तरह कूड़े का पहाड़ का रूप न ले ले, इसलिए निगम स्त्रोत पर ही कचरे का निस्तारण पर जोर देगा।ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और रिहायशी कालोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) में गीले कचरे से खाद बनाने और सूखे कचरे से लैंडफिल पर बिजली बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा। बिजली के प्लांट से जो राख निकलेगी उसका निस्तारण इस नई लैंडफिल पर डालकर किया जाएगा। ।ठोस कचरा प्रबंधन उपनियम 2017 के तहत घर के कचरे को सीधे लैंडफिल पर नहीं डाला जा सकता। इसके लिए नागरिकों को गीले कचरे का खुद निस्तारण करना है। वहीं सूखे कचरे को डलाव पर डाला जाएगा। जहां से इस कूड़े को लेकर बिजली बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि दक्षिणी निगम के पास इस समय केवल ओखला लैंडफिल साइट हैं। 40 एकड़ में फैली इस साइट पर 55 लाख टन कूड़ा पड़ा है। ।इसके निस्तारण के लिए निगम ने यहां पर ट्रामेल मशीनें लगाई हैं। इसके जरिये लैंडफिल पर पड़े कूड़े से मिट्टी और लोहे व पत्थर को अलग-अलग किया जा रहा है। ।ओखला लैंडफिल साइट एक नजर में ।- 1996 में शुरू हुई यह लैंडफिल साइट 40 एकड़ में फैली है। इसकी ऊंचाई पहले 62 मीटर थी। इसे निगम ने 20 मीटर तक कम कर दिया था। ।- डेढ़ लाख टन कूड़े ट्रामेल मशीनों से निस्तारित कर 10000 वर्ग मीटर इलाके को खाली किया जा चुका है ।- 12 मीटर तक लैंडफिल के एक टीले की ऊंचाई कम हो गई ।- अक्टूबर 2019 से 5 ट्रामेल मशीनों से प्रतिदिन 1500 टन कूड़े का किया जा रहा निस्तारण ।- 15 मेगावाट बिजली 1200 टन कूड़े से बनाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b5c43acda77c1b4b2d0ed6d8806b59f5099f070 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में स्टार मां ने कहा कि उनके लिए जो कोई भी अपनी बेटी प्रियंका को खुश रखता है वह उसका फेवरेट है। मधु चोपड़ा ने अपने दामाद निक को भी 'बहुत प्यारा' कहा। मधु चोपड़ा ने पालन-पोषण से जुड़ी बातों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रियंका और उनके भाई सिद्धार्थ चोपड़ा दोनों को मैंने विचार, भाषण और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि मेरे घर में नखरे दिखाने और गाली की इजाजत नहीं थी। इसलिए उनके बच्चे इतने एक्सप्रेसिव बने। + +साथ ही प्रियंका का मम्मी ने कहा कि निक जोनस और उनकी बेटी के बीच उम्र का काफी अंतर है, पर फिर भी दोनों को लेकर उनके मन में कभी कोई शंका नहीं रही। बता दें कि सोशल मीडिया पर निक-प्रियंका के बीच उम्र के फर्क को लेकर काफी मीम्म वायरल होते हैं। यहां तक कि एक शो में भी प्रियंका ने खुद इसे लेकर मजाक बनाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83f91848a5df6b2ed0e42ff765430f871183b829 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंडित राजेश शर्मा ने मंडप के नीचे होने वाली एक रस्म के बारे में बताते हुए हिंदुस्‍तान टाइम्‍स से बातचीत में कहां कि राहुल ने रणबीर के फेमस गुस्से वाले अंदाज पर मजाक करते हुए इसका जिक्र एक रस्म के दौरान किया। उन्होंने कहा, ‘वहां एक विधि थी, जहां आलिया के भाइयों को एक पत्थर पर उनके पैर की उंगलियों को पकड़ना था। फिर भाइयों को दुल्हन को यह संदेश देना था कि आप जिस कपूर परिवार में जा रही हो, वह बहुत अच्छा है, लेकिन ऐसा भी वक्त हो सकता हैं जहां किसी का खोपड़ा गरम हो, लेकिन आपको खुद को बनाए रखने और इस चट्टान की तरह स्थिर रहने की जरूरत है। राहुल की ये बात सुनते ही सभी हंसने लगे।"।ऐसा था रणबीर कपूर के दोस्तों का बाराती डांस।पंडित राजेश शर्मा ने शादी की सारी रस्में होने के बाद लड़के वालों द्वारा किए गए हुड़दंग के बारे में बात करते हुए कहा, "अनुष्ठान के बाद, कपूर परिवार, आकाश अंबानी और फिल्म निर्माता करण जौहर व आयान मुखर्जी सहित लड़के वालों ने सातवीं मंजिल पर बारात जैसा भांगड़ा रखा था। शादी के दौरान रणबीर कपूर की आरती दुल्हन के परिवार द्वारा की गई। उसके बाद मिलनी समारोह हुआ, जिसके बाद वरमाला और अन्य रस्में अदा की गईं। हमने शाम 5:20 बजे तक शादी पूरी कर ली। शादी में आलिया के माता-पिता महेश भट्ट और सोनी राजदान ने कन्यादान किया था।"।आपको बता दें कि राजेश शर्मा ने यह भी बताया कि रणबीर कपूर ने बहुत पहले ही उनसे अपनी शादी कराने की बात कर ली थी। उन्होंने बताया कि रणबीर ने उनकी अपकमिंग फिल्म 'शमशेरा' की मुहूर्त पूजा कराई थी और रणबीर ने इस दौरान ही उनसे कह दिया था कि पंडित जी मेरी शादी तो आप ही कराएंगे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19a188d780541fb2faded474fa60308969a2e5da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74003.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाल कोट किले के दरवाजे से प्रवेश किया था मुगल सेना ने।एचसी फांशवा की पुस्तक दिल्ली, पास्ट एंड प्रेजेंट में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि दिल्ली में सबसे पुराने हिंदू किले का नाम लाल कोट था। लालकोट के खंडहर से पता चलता है कि इसके चार द्वार थे। पश्चिमी द्वार का नाम रंजीत द्वार था जिसे कई इतिहासकारों ने गजनी द्वार का नाम भी दिया। इसके पास आज भी महरौली क्षेत्र में गिरे मिलते हैं। एपी भटनागर की पुस्तक देल्ही एंड इट्स फोर्ट पैलेस -ए हिस्टोरिकल प्रिव्यूज् में इस बात का जिक्र मिलता है कि विजयी मुस्लिम सेना ने इसे द्वार से नगर में प्रवेश किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b487bc723b84e3f370bcb6cf9cee6fdd2405841 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74004.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : दुनिया में सिर्फ एक ही विकलांगता है और वह है नकारात्मक सोच। इस बात को अलीगढ़ के प्रभात उपाध्याय ने सच साबित कर दिखाया है। बचपन से ही नेत्रहीन होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। तमाम रिश्तेदार व दोस्तों ने भी खूब ताने दिए, लेकिन प्रभात कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका महज आगे बढ़ना ही लक्ष्य था। इसी मेहनत के बूते अब उन्होंने दिल की आंखों से सफलता की नई इबारत लिख दी है। कभी दूसरों की मदद लेकर आगे बढ़ने वाले प्रभात अब राजकीय इंटर कालेज में हिंदी प्रवक्ता बनकर छात्रों का भविष्य रखा हैं। वह अन्य दिव्यांगों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a0352d5e3e0d0bbb801d8959074e4aff96471f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74006.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उपरोक्त चार बैंकों के प्रदर्शन में पहले की तुलना में बेहतरी आ रही है। सरकारी बैंकों के निजीकरण से वहां कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी जाने की आशंका बढ़ जाएगी। इसलिए इन बैंकों के निजीकरण का नकारात्मक प्रभाव सरकार की कल्याणकारी छवि पर पड़ सकता है। इन बैंकों का सेवा शुल्क भी बढ़ जाएगा। ग्रामीण इलाकों में सेवा देने से भी ये बैंक परहेज करेंगे। सरकारी योजनाओं को लागू करने से भी इन्हें गुरेज होगा। विभिन्न गैर-पारिश्रमिक सेवाओं जैसे पेंशन वितरण, अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि आदि से जुड़े कार्य भी ये बैंक नहीं करेंगे। निजीकरण के बाद इन बैंकों के प्रति ग्राहकों के मन-मस्तिष्क में विश्वसनीयता का स्तर अनुपस्थित रह सकता है, क्योंकि हाल ही में यस बैंक और पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक डूब चुके हैं। चूंकि मौजूदा समय में सरकारी योजनाओं को मूर्त रूप देने में सरकारी बैंकों का अहम योगदान है, लिहाजा चार बैंकों के निजीकरण से अन्य बचे सरकारी बैंकों पर सरकारी योजनाओं को लागू करने का दबाव बढ़ जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a73fdec9451f56f60659085807c1865de3f5ff70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74007.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [मोहम्मद दाऊद खान]। ''हे राम तेरे नाम को हर नाम पुकारे, बंदा ये तेरा पल-पल तेरी राह निहारे...'' प्रभु श्रीराम के प्रति ये आस्था व्यक्त करती ये लाइनें किसी हिंदू कवि की नहीं बल्कि मुस्लिम महिला साहित्यकार डॉ.माहे तिलत सिद्दीकी की गजल का हिस्सा हैैं। गजल व नज्मों से प्रभु श्रीराम की अकीदत के साथ उन्होंने पुस्तक 'रामकथा और मुस्लिम साहित्यकार समग्र' का उर्दू तर्जुमा (अनुवाद) किया ताकि मुस्लिम भी प्रभु श्रीराम के कृतित्व-व्यक्तित्व से रूबरू हो सकें। इस पुस्तक में मुस्लिम साहित्यकारों ने रचनाओं से श्रीराम को नमन किया है। डॉ. सिद्दीकी कहती हैैं कि भाषा-कलम का कोई मजहब नहीं और सच्चे साहित्यकार की आंखों पर मजहबी चश्मा नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f2a150f0c7153e0df3009aa2f023a16a3f95442 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिषेक रंजन सिंह। प्रखर समाजवादी और मौलिक चिंतक डॉ. राममनोहर लोहिया का देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान रहा है। संयोग से वर्तमान वर्ष ‘गोवा क्रांति दिवस’ की 75वीं एवं ‘गोवा की आजादी’ की 60वीं वर्षगांठ भी है। क्रांति भूमि गोवा की प्रचलित छवि वैसे तो विशाल समुद्री तट से है, लेकिन गोवा के गौरवशाली अतीत से अधिकांश लोग अनभिज्ञ हैं। इस तरह जाने-अनजाने में हमलोगों से यह चूक हुई है कि देश की नई पीढ़ी गोवा की वास्तविक छवि से परिचित नहीं है। क्या गोवा मुक्ति संग्राम के महानायकों से जुड़े स्थलों को हमें अपने पर्यटन मानचित्र में शामिल नहीं करना चाहिए, ताकि लोगों को गोमंतकों के संघर्ष एवं बलिदान के विषय में जानकारी प्राप्त हो। गोवा की वास्तविक छवि युवा ही गढ़ेंगे, पर यह तभी संभव होगा जब हम अपने इतिहास को जानेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..317fc8e4572989a83878a65b9dc1d1990f7612cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समाजवादी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की पूíत के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण आवश्यक समझा गया। भारत की अर्थव्यवस्था उन दिनों बहुत कमजोर थी। वर्ष 1980 में छह और निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ। राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों का विस्तार हुआ, बड़ी संख्या में नई शाखाएं गांवों और छोटे शहरों में भी खोली गईं, ऋण की सुविधा किसानों और गरीबों के लिए खोल दी गई, यद्यपि उन्हें इसका उतना लाभ वर्षो नहीं मिला, जो अपेक्षित था। साहूकारों का शोषण जारी रहा, बैंक में गरीबों के खातों की संख्या बहुत कम रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7647d728c03a2fb9bd81d932c88fd2f672777754 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7401.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को सोमवार को मुंबई क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया है। राज पर अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें एप्स पर अपलोड करने का आरोप लगा है। गिरफ्तारी के बाद आज कोर्ट में राज की पेशी की गई, जिसके बाद उन्हें 23 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। राज की गिरफ्तारी की खबर ने सोशल मीडिया से लेकर फिल्म इंडस्ट्री तक में हलचल मचा दी है। + +सोशल मीडिया पर तमाम तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं, जिनमें लोग राज के खिलाफ अपना गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं और उनका मज़ाक उड़ा रहे हैं। इसी बीच गंदी बात एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो राज का समर्थन कर रही हैं। गहना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें राज का पक्ष रखती हुई दिख रही हैं और बता रही हैं कि वो वीडियो अश्लील वीडियो नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be7e5f65a5841a15dce70ad97102eddd452b2072 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74010.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गाजियाबाद/मोदीनगर [विकास वर्मा]। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मोदीनगर में गांव बखरवा के बाद अब दौसा-बंजारपुर गांव में अनंगपाल तोमर वंश के शासन के दौरान बनाया गया कुआं मिला है। इसको बनाने में जिन ईंटों का इस्तेमाल किया गया है, वे करीब एक हजार साल पुरानी हैं। इस सूखे कुएं की जानकारी मिलने पर धरोहरों को संरक्षित रखने की दिशा में काम कर रहे इतिहासकार और मुलतानीमल मोदी डिग्री कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. केके शर्मा सोमवार को अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे। वहां उन्होंने ईंटों की जांच-पड़ताल की। + +अनंगपाल तोमर के वंश का था शासन।इस इलाके में 10-11वीं शताब्दी में अनंगपाल तोमर वंश का शासन था। इस इलाके में अनंगपाल तोमर वंश के सिक्के मिले हैं। चंदबरदाई की रचना पृथ्वीराज रासो में भी तोमर वंश के राजा अनंगपाल का जिक्र है। चंदरबरदाई ने उन्हें दिल्ली का संस्थापक बताया है। दिल्ली, हरियाणा से लेकर यहां तक उनका ही सम्राज्य फैला हुआ था। दिल्ली में तोमर वंश का शासनकाल 900-1200 ईसवी तक माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6109bee1e9b51de4c3fc0e1e61780d611a625b68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74012.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। 23 मार्च, 1931 को मां भारती को दासता की बेड़ियों से मुक्त कराने के संकल्प के साथ तीन युवाओं ने राष्ट्र मुक्ति के यज्ञ में महज 22-23 वर्ष की उम्र में प्राणों की आहुति दी। निश्चित रूप यह करने वाले भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर ऐसे युवा संन्यासी थे, जिनके तेज, तप और बलिदान से आज हम आजाद हैं। इन बलिदानियों का पूरा जीवन राष्ट्र मुक्ति की तपस्या में बीता और निश्चित ही हर वह जगह प्रत्येक भारतीय के लिए तपोस्थली के समान है, जहां-जहां इन्होंने एक-एक पल बिताया। इसी तरह की एक तपोस्थली दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय के तहखाने में बनी है, जहां इन तीनों क्रांतिकारियों को एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान कैद में रखा गया था। अंग्रेजी हुकूमत के उस दौर में इस भवन को वाइस रीगल लाज के तौर पर जाना जाता था। + +भगत सिंह का हर विचार डालता था युवाओं पर अलग प्रभाव।दिल्ली अभिलेखागार विभाग के पदाधिकारी तमाम दस्तावेजों के आधार पर बाताते हैं कि भगत सिंह एक जीवंत किवदंती थे। उनकी हर एक बात, उनका हर एक विचार युवाओं पर जबरदस्त प्रभाव डालता था। यह कहना गलत नहीं होगा कि उस दौर में हर युवा दिल में एक भगत सिंह पल रहा था। कई दस्तावेज मौजूद हैं जिनमें दिल्ली के एमबी स्कूल का जिक्र आता है। अक्टूबर 1930 में जब भगत सिंह को फांसी की सजा सुनाई तो एमबी स्कूल के नौवीं कक्षा के छात्रों भगत सिंह व साथियों के समर्थन और अंग्रेजों के विरोध शर्ट के बटन पर भगत सिंह की तस्वीर लगाना शुरू कर दिया। अंग्रेज छात्रों की इस मुहिम बहुत चिढ़ गए और इस कदर परेशान हुए कि सीआइडी के सुप्रिटेंडेंट आफ पुलिस ने पांच नवंबर, 1930 को स्कूल प्रशासन को पत्र लिखकर छात्रों पर सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दे डाली, साथ ही हेडमास्टर और शिक्षकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4e0d8239a205a4c4ac0d6b52b0dabaeecdbfbaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74014.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, पुरुलिया से प्रदीप सिंह।दृश्य-एक : पुरुलिया के अति व्यस्त इलाके के एक प्रमुख होटल का रेस्टोरेंट। जोर-जोर से आपस में बातचीत करते लोगों की टोली। झमेले की वजह पैसों का सही-सही बंटवारा नहीं होना। एक-दूसरे पर आक्षेप लगाने वाले युवक कह रहे हैं कि जिसको कम पैसे देना चाहिए था, उसको ज्यादा मिल गया और वह ज्यादा वोटों का जुगाड़ कर रहा है तो कम पैसा मिला है। उसके क्लब से भी ज्यादा लोग जुड़े हैं। हंगामा सुनकर होटल के मैनेजर पहुंचते हैं और सबको बाहर निकालते हैं। + +दृश्य - दो : बाउरी समुदाय के एक मुहल्ले में लगभग आधा दर्जन लोग पहुंचे हैं। नुक्कड़ पर मौजूद क्लब में सभी बैठक कर रहे हैं। चर्चा इस बात की हो रही है कि इलाके के आठ बूथों का मैनेजमेंट कौन करेगा। सभी बूथों पर पोलिंग एजेंट से लेकर लोगों के घरों तक पर्ची देने से लेकर घर से निकालकर मतदान केंद्र तक पहुंचाने वाले लोग चाहिए। बात तय होने के बाद युवकों की सूची मांगी जाती है। एडवांस अभी दिया गया है। बाकी चुनाव की सामग्री के साथ जल्द पहुंचा दिया जाएगा। सबके लिए खाने का प्रबंधन अलग से होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b552d42a391ff30f0ea127b19b719e3cc306b197 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74019.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के खिलाफ बताया है। केंद्र का कहना है कि दिल्ली सरकार की तरफ से घर-घर राशन पहुंचाने से वन नेशन वन राशन कार्ड का मकसद पूरा नहीं होगा। घर-घर राशन पहुंचाने की योजना से राशन में घोटाले की भी गुंजाइश बनी रहेगी। हालांकि केंद्र का यह भी कहना है कि उसका उद्देश्य सभी लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है, चाहे वे किसी भी राज्य के हों। राज्य अपनी स्कीम चलाना चाहते हैं तो चला सकते हैं। + +राशन दुकान की मार्जिन लागत तक वहन करती है केंद्र सरकार।उन्होंने बताया कि वन नेशन वन राशन कार्ड का उद्देश्य देश के सभी राज्यों में राशन की एक कीमत रखना है। यही वजह है कि केंद्र सरकार सिर्फ राज्यों को राशन ही नहीं देती, एफसीआइ गोदाम से राज्यों में राशन पहुंचाने के ढुलाई खर्च को भी वहन करती है। राशन दुकान की मार्जिन लागत तक केंद्र सरकार वहन करती है। घर-घर राशन पहुंचाने की योजना से दिल्ली में राशन की कीमत बदल सकती है, क्योंकि पैकेजिंग का खर्च और पहुंचाने की लागत भी राशन में जुड़ सकती है। + +खाद्य सचिव ने बताया कि दिल्ली में 35 फीसद लोग सालाना अपने आवास को बदलते हैं। ऐसे में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू होने पर पता बदलने के बाद भी लाभार्थी को राशन लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी, जबकि घर-घर योजना के तहत पता बदलने पर लाभार्थी को दिक्कत आ सकती है। उन्होंने बताया कि एनएफएसए में सरकार की वजह से राशन से वंचित व्यक्ति को खाद्य भत्ता देने की व्यवस्था है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f07690ff70a43c33f3324de95e8087004acdcc9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74021.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, अरविंद शर्मा। बिहार की गौरवशाली यात्रा महज 109 साल पुरानी नहीं है। इसका अतीत हजारों वर्षों से बेहद समृद्ध रहा है। बिहार ने देश-दुनिया को शताब्दियों से रास्ता दिखाया है। कई मोर्चे पर अब भी दिखा रहा है। आगे भी दिखाएगा। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने बिहार की आत्मा में झांककर देखा था। उन्होंने कह रखा है कि शिक्षा की स्थिति में अगर सुधार आ जाए तो भारत का नेतृत्व फिर से बिहार ही करेगा। कलाम के शब्दों को देशभर में फैली इस प्रदेश की मेधा से जोड़कर देखा जा सकता है। बिहार सब जगह है। कश्मीर से कन्या कुमारी तक निर्माण की सभी कहानियों का हीरो है। बुनियाद का पत्थर है। राजनीति का प्राण है। नेतृत्व की प्रेरणा है। + +आज ही के दिन 1912 में विधिवत मिला था राज्य का दर्जा ।अतीत से वर्तमान तक बिहार के पहुंचने की प्रक्रिया की सीमा नहीं है। इसी में अपनी मिट्टी पर गर्व करने के कई क्षण भी छुपे हैं। 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग करके बिहार को विधिवत राज्य का दर्जा दिया गया था। उस वक्त उड़ीसा (अब ओडिशा) और झारखंड भी बिहार के साथ थे। तभी से बिहार पुनर्निर्माण के रास्ते पर चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28328eb6868318571397a92a028a5e03bb0e3f8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74022.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़े कुंभ का आयोजन इस मर्तबा बदली परिस्थितियों में हो रहा है। माहभर तक चलने वाले कुंभ में कोरोना संक्रमण की रोकथाम सबसे बड़ी चुनौती है, जिसने सरकार से लेकर हर किसी के माथे पर शिकन लाई हुई है। लिहाजा, ऐसा रास्ता अपनाने की जरूरत है, जिससे संक्रमण की रोकथाम तो हो ही, जनसामान्य भी कुंभ में पूरी सजगता व सतर्कता बरते। सरकार इसी हिसाब से तैयारियों में जुटी है और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी कुंभ की व्यवस्थाओं को बनाने में सक्रिय सहयोग करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e89b0903860834098da143d538285837016bd1bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑपरेशन आर।जहां सर्जरी की जरूरत हो वहां दवा काम नहीं करती। ऑपरेशन का तजुर्बा हो तो दाल कहीं भी गल ही जाती है। खाकी वाले राजकुमार अब फिर से ऑपरेशन पर हैं। सर्जरी का लंबा अनुभव रहा है, लेकिन भटक रहे थे दर-दर। कुछ तो अदावत भी थी बड़े हाकिम से। साहब को दी गई थी खुफिया गिरी के रास्ते घर बनाने की जिम्मेदारी। ऑपरेशन का तजुर्बा रखने वाले राजकुमार राज मिस्त्री तो थे नहीं, जो घर बनाते। फेल हो गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ae4262df058150741fd66eba03ff0764758f713 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74028.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फतेहगढ़ साहिब के खमाणो में अपने घर की छत पर पति के साथ ऑर्गेनिक तरीके से उगाई सब्जियों की देखभाल करती हुईं रजनी भारद्वाज। ।यू-ट्यूब पर मिला छप पर सब्जियां उगाने का आइडिया।पहले उनका विचार ठेके पर जमीन लेकर अपनी खातिर सब्जियों की खेती करना था लेकिन यू-ट्यूब से उन्हें आइडिया मिला कि छत पर भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। पहले प्लास्टिक के थैलों का प्रयोग करते हुए खेती शुरू की। कुछ महीने तो सब्जियों के बीज खराब हो गए लेकिन रजनी ने हिम्मत नहीं हारी और खेती से गुर सीखते हुए छत को खेत बना लिया। इन दिनों उनकी छत पर मटर, जुकीनी, मूली, गोभी, चुकंदर, मेथे, साग, टमाटर, ब्रौकली, शिमला मिर्च, नींबू, स्ट्राबरी उगाई हुई हैं। + +स्ट्राबरी का बीज हाल ही में कालका से मंगवाकर लगाया गया। पत्नी के जज्बे को देखकर पति राजीव अब तो खुद भी अपने रिश्तेदारों को प्रेरित करते हैं कि सब्जियां खुद ही उगाकर खाएं। उनका पंद्रह वर्षीय बेटा प्रभ रोजाना मां के साथ सब्जियों को पानी देने का काम करता है। बुटीक पर काम करते लवली ने भी प्रेरित होकर घर में आर्गेनिक खेती की शुरुआत की। शानदार उपलब्धि पर नगर कौंसिल खमाणों की तरफ से रजनी को स्वच्छता अभियान के तहत सम्मानित किया जा चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74031.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74031.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e51b601b82e898fb7155244bdee3e55fe710c6bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74031.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, श्रवण कुमार। बिहार के मान-सम्मान और स्वाभिमान की ख्याति पूरी दुनिया में फैलाने के लिए पहली बार 2010 में 'बिहार दिवस' का आयोजन शासन के स्तर से हुआ तो सात समंदर पार तक बिहारी की मिट्टी की सोंधी सी खुशबू फैल गई। प्रदेश के गांव-गिरांव से लेकर दूर देश मॉरीशस, इंग्लैंड, अमेरिका, स्कॉटलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कतर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो तक बिहारी लोक संस्कृति और वीरों व विभूतियों की गाथाएं सुनी-सुनाई गईं। ।बिहार ही नहीं, दुनिया भर के बिहारियों का मिला समर्थन।विश्व गुरु बिहार के बिसर रहे किस्से-कथाओं से देश-दुनिया फिर रूबरू होने लगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'बिहार दिवस' की पहल का न केवल बिहार में, अपितु दुनिया के हर उस देश और शहर में जबरदस्त समर्थन मिला, जहां बिहारी या शुभचिंतकों का बसेरा था। । 2010 में शुरू हुआ सिलसिला, यह हर बिहारी का उत्सव ।बिहार के स्थापना दिवस 22 मार्च को शासकीय स्तर पर 'बिहार दिवस' मनाने का 2010 में शुरू हुआ सिलसिला अब स्थापित हो चुका है। इस दिवस को अब हर बिहारी एक उत्सव के रूप में तो मनाता ही है, गर्व से उन विभूतियों और वीरों को याद भी करता है जिनकी ख्याति ने बिहार का सिर ऊंचा किया है। ।बुद्ध की ज्ञानभूमि रहा है बिहार, बोधिवृक्ष की होती पूजा   ।बिहार की भूमि में ही ज्ञान प्राप्त कर सिद्धार्थ भगवान बुद्ध बने। बोधगया के निरंजना नदी के तट पर कठोर तपस्या के बाद ही सिद्धार्थ की साधना पूर्ण हुई। जिस पीपल पेड़ के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान का बोध मिला वह आज भी बोधि वृक्ष के नाम से पूजा जाता है। ।24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मभूमि है बिहार  ।जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की पवित्र जन्मभूमि होने का गौरव बिहार के वैशाली के ग्राम कुंडलपुर को प्राप्त है। अहिंसा और सत्य का ज्ञान दुनिया भर में फैलाने वाली भगवान महावीर की मोक्ष भूमि भी बिहार में ही पावापुरी में है। ।बिहार के हीं थे दुनियां के महान खगोलशास्त्री आर्यभट्ट।प्राचीन भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के आविष्कारों का गवाह बिहार की धरती रही है। ढेर सारे ऐसे प्रमाण भी मिले हैं, जिसमें यह कहा गया है कि आर्यभट्ट का जन्म बिहार में हुआ है और उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है। खगोल विज्ञान, गोलीय त्रिकोणमिति, अंकगणित, बीजगणित सहित गणित व खगोल विज्ञान के ढेर सारे आविष्कारों को आर्यभट्ट ने बिहार की धरती से ही दुनिया तक पहुंचाया। ।मौर्य शासन के सूत्रपात की है धरती, चाणक्‍य की भूमि ।प्राचीन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण और शक्तिशाली राजा माने जाने वाले चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य का सूत्रपात बिहार के पाटलिपुत्र की धरती से ही हुआ। पाटलिपुत्र ही मौर्य साम्राज्य की राजधानी भी रही है। नंद वंश का नाश करने का संकल्प लेकर चंद्रगुप्त को शासन की बागडोर तक पहुंचाने वाले आचार्य चाणक्य की भूमि होने का गौरव भी बिहार को है। ।महान सम्राट अशोक की राजधानी रहा है पाटलिपुत्र  ।बिहार के पाटलिपुत्र को सम्राट अशोक के राज-पाट की राजधानी होने का भी गौरव हासिल है। कलिंग छोड़कर संपूर्ण भारत वर्ष सहित आज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार तक अशोक का शासन हुआ करता था। कहा जाता है अशोक का शासन उस समय से आज तक का सबसे विशाल साम्राज्य रहा है। । अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले बाबू कुंवर सिंह की धरती ।आजादी के पहले संग्राम के नायक बने बाबू कुंवर सिंह की जन्मभूमि भी बिहार के ही भोजपुर का जगदीशपुर गांव है। 80 वर्ष की उम्र में भी लड़कर जीत का जज्बा रखने वाले कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के दांत खट्टे करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों की फौज के छक्के छुड़ाने वाले कुंवर सिंह ने अंग्रेजों की गोली लगने के बाद खुद ही तलवार से अपने हाथ काट लिए थे। ।माउंटेनमैन ने पहाड़ों का सीना चीरने का दिखाया दम  ।पहाड़ों का सीना चीरकर रास्ते बनाने का दम भी बिहार में है। माउंटेनमैन के नाम से दुनिया में चर्चित हुए दशरथ मांझी बिहार के गया के गहलौर गांव के थे। केवल एक हथौड़ा और छेनी से अकेले ही उन्होंने 360 फीट लंबे, 30 फीट चौड़े और 25 फीट ऊंचे पहाड़ को काटकर सड़क बना डाली। ।लौंगी भुइयां ने अकेले दम बनाया पांच किमी का पईन ।गया के लौंगी भुइयां ने 20 वर्षों में अकेले दम करीब पांच किलोमीटर लंबे पईन का निर्माण कर दिया, जिससे आज सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई की जा रही है। यह काम उन्होंने अकेले किया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf4d768e72fba5f153074b4f53916d33ad5178f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74038.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइल डेस्‍क)। अमेरिका और रूस के बीच बीते कुछ माह से लगातार तनाव के सुर सुनाई दे रहे हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन रूस को लेकर जहां काफी आक्रामक हैं वहीं रूस कुछ शांति से काम लेता दिखाई दे रहा है। दोनों के बीच जो राजनीतिक स्‍तर पर जुबानी जंग चल रही है उसको दूसरे दरवाजे से भी हवा दी जा रही है। ये है रूस के विरोध के रूप में। दरअसल, अमेरिका नहीं चाहता है कि रूस की बनाई एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को लेकर कोई भी देश उससे समझौते की पहल करे। यही वजह है कि वो तुर्की के खिलाफ खड़ा है। इसी तरह के समझौते को लेकर अमेरिका की कहीं न कहीं भारत से भी नाराजगी छिपी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1eba44a14f330f30a0c487d161dcd08657c6181c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74039.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। प्रदेश सरकार ने अपने पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए रिकॉर्ड 10 दिन में 36 जिला सैनिक कल्याण व पुनर्वास अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। साथ ही सैनिक कल्याण निदेशालय में दो अधिकारियों की तैनाती भी हुई है। अब खाली पड़े पदों के भरने से पूर्व सैनिकों को अपने जिलों में कई तरह के काम के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। + +पिछले साल कोरोना से पहले सरकार ने 40 जिलों में जिला सैनिक कल्याण व पुनर्वास अधिकारियों की नियुक्ति की थी। लेकिन कोरोना के कारण अधिकांश जिलों में इन अधिकारियों ने अपनी तैनाती नहीं ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में सबसे ज्यादा 4.5 लाख पूर्व सैनिकों वाले उत्तर प्रदेश के खाली पदों को तत्काल भरने के आदेश दिए। केंद्रीय सैनिक बोर्ड दिल्ली ने सेना के तीनों अंगों के अवकाशप्राप्त अधिकारियों का पैनल तैयार किया। नौ मार्च को 50 अधिकारियों का साक्षात्कार लिया गया । जबकि 19 मार्च को 38 अधिकारियों का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। साथ ही 12 अधिकारियों को रिजर्व में रखा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9f233dc48cf60c516f0a8a645a089ea12dbb1cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7404.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अपनी प्रेग्नेंसी के अनुभवों को साझा करने के लिए लिखी किताब 'करीना कपूर खान प्रेग्नेंसी बाइबल' (Kareena Kapoor Khan's Pregnancy Bible) के लेकर अभिनेत्री के खिलाफ एक और शिकायत दर्ज हो गई हैं। करीना कपूर पर अपनी किताब के जरिए धार्मिक भावना आहत करने का आरोप है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7010ae9f4e2a7d2d00d815efba31859f84e04d5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किस राष्‍ट्राध्‍यक्ष को क्‍या कहा । बाइडन की बात करें तो ये पहला मौका नहीं है जब उन्‍होंने किसी देश के राष्‍ट्राध्‍यक्ष को इस तरह से कहा है। इससे पहले उन्‍होंने चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग को ठग करार दिया था और तुर्की के राष्‍ट्रपति को तानाशाह तक बताया था। इनके अलावा उत्‍तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की तुलना वो जर्मनी के तानाशाह एडोल्‍फ हिटलर से पहले ही कर चुके हैं। हालांकि किम की ही बात करें तो उन्‍हें पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने रॉकेट मैन कहा था। इसके पीछे उत्‍तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षण थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f85ef263bc662b2914a55a7522480fda98c0037b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टेस्ट मैचों के जल्दी खत्म होने के बाद टी-20 सीरीज में जिस तरह की प्रतिक्रिया रही उम्मीद है उससे कुछ ऐसा मिला होगा जो टेस्ट मैचों के दिनों में खो गया था। मैचों के अनिश्चित अंत के कारण अंपायर काफी दबाव में आ गए हैं और उन पर स्पॉटलाइट जमकर बरसी। उन्हें श्रेय जाना चाहिए कि वे ज्यादातर समय शानदार रहे और बल्लेबाजों, गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों ने अजीब गलती कीं और वे अंपायर हैं और इंसान हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..066adca9876b5d5cf1c1d607fba7228bca59be12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74044.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिनेश कुकरेती, देहरादून। Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ में सबसे बड़ा आकर्षण दशनामी (दसनामी) संन्यासी अखाड़े होते हैं। यह दशनामी संबोधन इन्हें आदि शंकराचार्य का दिया हुआ है। इसकी भी एक लंबी कहानी है। असल में आदि शंकराचार्य ने पूरब में जगन्नाथपुरी गोवर्धन पीठ, पश्चिम में द्वारका-शारदा पीठ, उत्तर में ज्योतिर्मठ और दक्षिण में शृंगेरी पीठ की स्थापना के बाद देशभर में विभिन्न पंथों में बंटे साधु समाज को दस पद नाम देकर संगठित किया। ये दस नाम हैं तीर्थ, आश्रम, वन, अरण्य, गिरि, पर्वत, सागर, सरस्वती, भारती और पुरी। इन्हीं नामों के आधार पर वो दशनामी संन्यासी कहलाए। कालांतर में इन्हीं के बीच से नागा संन्यासियों का अभ्युदय हुआ। ।नागा, जो आकाश को अपना वस्त्र मानते हैं, शरीर पर भभूत मलते हैं, दिगंबर रूप में रहना पसंद करते हैं और युद्ध कला में उन्हें महारथ हासिल है। देखा जाए तो नागा सनातनी संस्कृति के संवाहक हैं और आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित परंपरा का निर्वाह करते हुए विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं। हरिद्वार समेत दूसरे तीर्थों के दूरदराज इलाकों में ये आम जनजीवन से दूर कठोर अनुशासन में रहते हैं। इनके क्रोध के बारे में प्रचलित किवदंतियां भीड़ को इनसे दूर रखती हैं, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। कहते हैं दुनिया चाहे कितनी भी क्यों न बदल जाए, लेकिन शिव और अग्नि के ये भक्त इसी स्वरूप में रहेंगे। अब मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि नागा संन्यासी शीत को कैसे बर्दाश्त करते होंगे। ।असल में नागा तीन प्रकार के योग करते हैं, जो उन्हें शीत से निपटने की शक्ति प्रदान करते हैं। नागा अपने विचार और खानपान, दोनों में ही संयम रखते हैं। व्याकरणाचार्य स्वामी दिव्येश्वरानंद कहते हैं, देखा जाए तो नागा भी एक सैन्य पंथ है। आप इनके समूह को सनातनी सैन्य रेजीमेंट भी कह सकते हैं। इतिहास में ऐसे कई गौरवपूर्ण युद्धों का उल्लेख मिलता है, जिनमें हजारों नागा योद्धाओं ने हिस्सा लिया। ऐसा नहीं कि नागा साधु सिर्फ पुरुष ही होते हैं। कुछ महिलाएं भी नागा साधु होती हैं और गेरुवा वस्त्र धारण करती हैं। + +ऐसे बनते हैं नागा।नागा संन्यासी बनने की प्रक्रिया बेहद कठिन और लंबी होती है। नए सदस्यों की नागा पंथ में शामिल होने की प्रक्रिया में तकरीबन छह साल लगते हैं। इस दौरान उन्हें सिर्फ एक लंगोट में रहना पड़ता है। कुंभ मेले में अंतिम प्रण लेने के बाद वे लंगोट का भी परित्याग कर देते हैं और फिर ताउम्र दिगंबर ही रहते हैं। नागा बनने से पूर्व अखाड़े संबंधित सदस्य की अच्छी तरह जांच-पड़ताल करते हैं। संतुष्ट हो जाने पर ही उसे अखाड़े में प्रवेश दिया जाता है। पहले उसे लंबे समय तक ब्रह्मचर्य में रहना होता है और फिर उसे क्रमश: महापुरुष व अवधूत बनाया जाता है। अंतिम प्रक्रिया का निर्वाह कुंभ के दौरान होता है। इसमें उसका स्वयं का पिंडदान, दंडी संस्कार आदि शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b5c3ed3e17c09b1ee25e1dd845285f96b1d72a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +-फूड एंड सेफ्टी एक्ट के तहत किसी मिनरल वाटर प्लांट को संचालित करने के लिए भूगर्भ जल संचय विभाग से एनओसी लेना जरूरी।-प्लांट लगाने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था जरूरी है।-कामर्शियल एरिया में होना चाहिए प्लांट।ये है जलस्तर का आंकड़ा। भूजल विभाग ने पिछले दिनों का तुलनात्मक आंकड़ा जारी किया है। शहर में लगाए गए पीजोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक 97 फीसद स्थानों पर भूजल में गिरावट दर्ज की गई है। प्री मानसून एवं पोस्ट मानसून के बाद भी जलस्तर के आंकड़े में सुधार नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के बाद भूजल में कम से कम दो से तीन मीटर का सुधार होना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6dd56693ff83b787679f6fe49d1fa0dc1ba746c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उप्र संस्कृत संस्थानम् के अध्यक्ष डॉ.वाचस्पति मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार की पहल पर उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से सभी ग्राम पंचायतों में 'चुन्नू-मुन्नू संस्कार पाठशालाएं' खोली लाएगी। यहां बच्चों को संस्कृत के ज्ञान के साथ ही नैतिक संस्कारों के बारे में बताया जाएगा। अंग्रेजी के साथ बच्चों को संस्कृत में बोलना सिखाया जाएगा। पाठशाला में बच्चों को आकर्षित करने के लिए उन्हें टॉफी, बिस्किट व फल सहित अन्य चीजें भी निश्शुल्क दी जाएंगी। अगले महीने से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74050.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74050.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3adcca5727b4b139b26c17844c0663d9e97edc7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74050.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिंचाई में हो रहा सबसे अधिक भू-जल का उपयोग।जैव विविधता का अध्ययन करने वाली संस्था बीआरडीएस के अध्यक्ष डॉ केपी सिंह के अनुसार भारत में भूजल का सबसे अधिक उपयोग कृषि भूमि की सिंचाई के लिए होता है। सिंचाई के मुख्य साधनों में नहरें, टैंक और कुएं तथा ट्यूब वेल हैं। इन सभी जल स्रोतों में भूजल की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है। कुएं व ट्यूब वेल सिंचाई के लिए 61.6% जल उपलब्ध कराते हैं जबकि नहरों से केवल 24.5% जल उपलब्ध होता हैं। केंद्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व में सर्वाधिक भू-जल का उपयोग करने वाला देश है। भारत में अमूमन भू-जल का 85% कृषि में, 5% घरेलु तथा 10% उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है । विगत 15 वर्षों मे भारत के भू-जल स्तर में 61% तक की कमी आयी है। देश के कुल क्षेत्रफल के 40% से अधिक क्षेत्रों में सूखे का संकट है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3df5546aeb3820136d43a1d0b51af2fa26f55cef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विश्व जल दिवस यानी 22 मार्च से लेकर 30 नवंबर तक चलने वाले ‘कैच द रेन: ह्वेन इट फाल्स, ह्वेयर इट फाल्स’ नामक अभियान का आज पीएम मोदी आगाज कर रहे हैं। इसके तहत हर जिले में बारिश के पानी को सहेजने के लिए रेन सेंटर्स बनाए जाएंगे, जहां तैनात एक विशेषज्ञ इच्छुक लोगों को उनके भवनों, जमीनों में बारिश की एक-एक बूंद को संग्रहीत करने वाली तकनीक की बारीकियों से अवगत कराएगा। पानी की बर्बादी रोकना कतई निजी मामला है। हमारे सामने कोई दिक्कत आती है तो हम खुद ही उसका सामना करते हैं तो पेयजल संकट के लिए औरों को क्यों सामने कर देते हैं। कोई एक आदमी यह काम शुरू करेगा तो दूसरा उसका अनुसरण करेगा। फिर फेहरिस्त लंबी होती चली जाएगी। इस चेन रियक्शन का परिणाम यह होगा कि देश पानीदार हो जाएगा। पानीदार होने का सिर्फ यही फायदा नहीं है कि हमारा गला तर रहेगा। + +खात्मे की वजह।समाज और सरकार समान रूप से जिम्मेदार हैं। कुछ मामलों में इन्हें गैर जरूरी मानते हुए इनकी जमीन का दूसरे मदों में इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल तालाबों पर अवैध कब्जा इसलिए भी आसान है क्योंकि देश भर के तालाबों की जिम्मेदारी अलग-अलग महकमों के पास है। कोई एक स्वतंत्र महकमा अकेले इनके रखरखाव-देखभाल के लिए जिम्मेदार नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24fa0db43138d5966fd7b381a9f61a4c61c38ed5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बदले हालात।जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने वहां वर्षा जल संचयन की मुहिम शुरू की। 1,058 गांवों में आठ हजार से अधिक जोहड़ (कुंड) बने और पौधारोपण किया। मानसून बाद ही सूख जाने वाली अरवरी नदी 1995 में सदानीरा बनी। अब वर्ष में तीन फसलें पैदा होती हैं। रोजगार बढ़े, 85 फीसद पलायन रुका। 70 गांवों के 150 लोगों ने अरवरी को स्वच्छ रखने के लिए एक संगठन बनाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de45e257f46ed011c20652b56e378458bf4f941d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : अब से एक साल पहले 22 मार्च 2020 को सड़कों पर सन्नाटा था। कोरोना संकट के चलते पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर जनता कफ्र्यू के पालन के लिए लाक सिटी के लोग घरों में कैद हो गए थे। ङ्क्षजदगी के साथ औद्योगिक गतिविधियां थम गई थीं। सीएम योगी ने प्रदेश में लाकडाउन का एलान किया। फिर पीएम ने 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लाकडाउन का एलान किया। सरकार ने घर-घर फल-सब्जी, दूध व दवा पहुंचाने का एलान किया। ताला-हार्डवेयर, आर्टवेयर सहित अन्य प्रोडक्ट की फैक्ट्रियों में ताले पड़ गए। ऐसे में शहर के उद्योगपतियों ने आगे आकर किस तरह सरकार का साथ दिया, पेश है एक रिपोर्ट...  ।स्वास्थ्य सेवाओं में जुट गई हिक्स थर्मामीटर ।देश में संक्रमण रौद्र रूप दिखाने लगा तो सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर रखने के लिए प्रोडक्शन कंपनियों को जुटाया। हिक्स थर्मामीटर इंडिया लिमिटेड के सीएमडी सिद्धार्थ गुप्ता ने कंपनी की कमान संभाली। प्रशासन के सुझाव पर 27 मार्च को फैक्ट्री में काम करने के लिए गाइड लाइन के अनुसार स्ट्रक्चर तैयार किया गया। कंपनी के चेयरमैन हरी प्रकाश गुप्ता ने सीसीटीवी कैमरों से उत्पादन की निगरानी की। मास्क, थर्मल स्केनर, पीपीई किट, सैनिटाइजर, पल्स आक्सी मीटर की सप्लाई की गई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं था, खुद की गाड़ी जाती थीं। हरी प्रकाश गुप्ता के पौत्र यर्थात गुप्ता अमेरिका से अधूरी पढ़ाई छोड़कर वतन आ गए। यह भी कंपनी के नए प्रोडक्ट की खोज में जुट गए, सफलता भी मिली। यह खोज री यूजेबल पीपीई किट, सैनिटाइजर थी। सर्जिकल मास्क, एन -95 मास्क, पल्स आक्सीमीटर तैयार करने लगे।  ।खुला था देश का पहला एंटी कोरोना शाप ।कोरोना की चुनौतियों में सोच से नए रास्ते भी बन रहे थे। लाकडाउन के चलते शहर के प्रमुख सीसीटीवी कैमरों के कारोबारी अनिल कुमार परयानी का कारोबार थम गया था। रामघाट रोड स्थित शोरूम के खर्च व कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पढऩे लगे। इन्होंने संकट को अवसर में बदलने की ठानी। उन्होंने 20 मई को इसी शोरूम में देश की पहली एंटी कोरोना शाप खोली। इसमें एक ही छत के नीचे मास्क की 100 से अधिक रेंज, दर्जनभर वैरायटी में सैनिटाइजर, पीपीई किट, हाथों के दस्ताने, आटोमेटिक डिस्पेंसर व पैड स्टैंड मशीन, स्प्रे मशीन सहित तमाम उत्पाद मिलने लगे। सैनिटाइजर की होम डिलिवरी की सुविधा दी।  ।दिन रात की आटा, सूजी व मैदा की सप्लाई ।संकट के बीच जब आटा, सूजी, मैदा व चावल बाजार में शार्ट होने लगा। कालाबाजारी की सूचना पर उत्तर प्रदेश रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ङ्क्षसघल ने जिला प्रशासन से कहा कि इन खाद्य वस्तुओं की कमी नहीं आने दी जाएगी। सरकारी गेहूं एजेंसियों को मिल मालिकों ने एडवांस भुगतान कर गोदामों में गेहूं उतरवा दिया। उर्मिला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी निर्वेश वाष्र्णेय ने भी अपने मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर वाजिव रेट पर उत्पाद बाजार में उतार दिए। बाजार में आटा, सूजी व मैदा की भरमार कर दी। तब ब्रांडेड कंपनियों के 10 किलो के पैकेट की 400 रुपये तक की कीमत को रोका जा सका। ।रोजगार बरसाने के लिए लघु उद्योग भारती ने संभाली कमान ।जब रोजगार को लेकर देश में हाहाकार मचने लगा, तब सरकार ने कड़ी शर्तों के साथ फैक्ट्री चलाने की मंशा जाहिर की। लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष गौरव मित्तल ने आठ अप्रैल को सबसे पहले अपनी फैक्ट्री खोली। इसके बाद उद्योगों का चक्र चल पड़ा। अन्य फैक्ट्रियों को खोलने के लिए संचालकों ने उद्योग केंद्र में डेरा डाल दिया, ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी की जा सके। अधिकांश फैक्ट्रियों में सैनिटाइजर टर्नल बनाए गए। कंपनियों के प्रशासनिक ब्लाक का इंटीरियर बदला गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1054baa11ef92bffc84ca47b9e61f910f49c37a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74063.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- कई शहरों में लाकडाउन लगाया गया है, यह कितना प्रभावी विकल्प है, क्या दिल्ली में भी दोबारा लाकडाउन की स्थिति बन सकती है?। -लॉकडाउन लगाना इस महामारी का निदान नहीं है। अब लॉकडाउन संभव नहीं है और मुश्किल भी है। हमें यह नहीं मालूम कि महामारी कब तक रहेगी। ऐसे में हमें सावधानी बरतनी होगी। मास्क सबसे महत्वपूर्ण है। घर से बाहर निकलने पर मास्क हमेशा पहना है। दूसरी बात यह है कि टीका लगवाना जरूरी है। टीकाकरण जितनी जल्दी होगा, उतनी ही जल्दी महामारी रोकने में मदद मिलेगी। बच्चों के टीकाकरण की मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए बच्चों को अभी बचाए रखना ज्यादा जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74065.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74065.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d48510523f1cf2a7ed7c5ecd5cfe837966c42ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74065.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरविंद चतुर्वेदी। World Water Day 2021 बचत हमारी थाती रही है। पूर्वजों के संस्कारों से यह संस्कृति बचपन में ही मिसरी की तरह हम सबमें घुल जाती है। दुनिया भर के देशों के सकल राष्ट्रीय बचत के आंकड़ों के बनिस्पत भारतीयों का फीसद इस मामले में बेहतर होना इसकी तस्दीक करता है। बचपन में ही हमें गुल्लक दिया जाता था जिसमें हम अपनी पॉकेट मनी या बुआ, फूफा, मामा, मामी, मौसा, मौसी आदि के दिए रुपयों को जमा कर देते थे। फिर जरूरत पड़ने पर उन जमा पैसों से अपनी उम्र की हैसियत से कोई बड़ा काम कर लेते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74067.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74067.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c2059f7818b75c3cd8b1442275406be918a8741 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74067.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। Fresh Snowfall in Himachal, हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अरसे बाद करवट बदल ली है। अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर पर चार इंच ताजा हिमपात हुआ है, जबकि बर्फ के फाहे गिरने का क्रम जारी है। गर्मियों में सैलानियों की पहली पसंद रहने रहने वाले 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे में आठ इंच बर्फबारी हो चुकी है। कोकसर में भी आधा फीट बर्फ पड़ चुकी है। अटल टनल सैलानियों के लिए बंद कर दी गई है। बर्फबारी के कारण केलंग कुल्लू बस सेवा भी बंद कर हो गई है। मनाली के पर्यटन स्थल रोहतांग, राहनीनाला, मढ़ी, ब्यासनाला, राहलाफाल, गुलाबा, सोलंगनाला, धुंधी, फातरु, कोठी व अंजनीमहादेव में बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। अटल टनल में सुबह से सभी वाहनों की आवाजाही बंद है। + +लाहुल स्पीति प्रशासन ने स्थानीय वाहन चालकों को भी परिस्थितियों के हिसाब से ही सफर करने की सलाह दी है। रोहतांग दर्रे सहित धुंधी, मकरवेद शिकरवेद, हामटा जोत, भृगु व दशोहर झील, इंद्र किला, चंद्रखनी, हनुमान टिब्बा सहित दर्रे के उस पार बारालाचा, कुंजम व शिंकुला, लेडी ऑफ केलंग सहित शिंकुला दर्रे, घेपन पीक, कोकसर जोत, बारालाचा, कुंजम, छोटा व बड़ा शीघ्री ग्लेशियर, दारचा की पहाड़ियों, नीलकंठ जोत सहित समस्त ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। + +एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने बताया बर्फबारी व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सैलानियों  के लिए अटल टनल रोहतांग बंद कर दी गई है। एसपी लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने कहा कि बर्फबारी होने व मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए पर्यटकों को एहतियातन घाटी में आने पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा स्थानीय वाहन चालकों को भी मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही आवाजाही की सलाह दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6b195b925b3b80e25ed4dfb00d7e0451dcca28d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74068.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मार्च से दो दिनों के लिए बांग्लादेश दौरे पर रहेंगे। यह दौरा कई लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल कूटनीतिक यात्रा होगी, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संपर्क बढ़ाने वाली भी होगी। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले बांग्लादेश ने सुरक्षा खतरे से इन्कार किया है। + +दोनों देशों के बीच आपसी सहमति पत्र पर दोनों नेता कर सकते हैं हस्ताक्षर।26 मार्च को मोदी बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती समारोह में भाग लेंगे। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के 50 वर्ष और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं। बांग्लादेश यात्रा के दौरान मोदी शेख हसीना से वार्ता करेंगे और दोनों देशों के बीच आपसी सहमति पत्र पर दोनों नेता हस्ताक्षर भी कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74069.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74069.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..968c56581469786d31a1c21859460368d0202902 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74069.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गंगा बेसिन में बसे इस राज्य में बीते 20 वर्षों के दरमियान बड़े पैमाने पर बारिश के पानी को संचित करने के लिए सरकारी कोशिशों की गई, लेकिन उनपर अनियंत्रित दोहन भारी पड़ा है। आकड़े दर्शाते हैं कि तमाम क्षेत्रों में बीते दो दशकों में भूजल स्तर आठ से 12 मीटर अथवा अधिक नीचे चला गया है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश व लगभग डेढ़ दर्जन शहरों की स्थिति काफी खराब है। इसका मूल कारण भूजल दोहन की रफ्तार दो से तीन गुना बढ़ चुकी है और उसमें प्रभावी कमी लाने के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। बीते तीन दशकों में बारिश में आई जबरदस्त गिरावट ने भूजल की भयावह होती इस स्थिति में आग में घी का काम किया है जिससे प्राकृतिक रिचार्जिंग में काफी कमी आई है। ।भूजल की बदहाल स्थिति से जुड़े कुछ तथ्य: 45 लाख निजी सिंचाई नलकूप , 17 लाख बिना पंपसेट की बोरिगें, शहरों में घर- घर लगी लाखों समर्सिबल बोरिंग व अनगिनत टयूबवेल और बेहिसाब कमर्शियल बोरिंगें भूजल भंडारों के अंधाधुंध दोहन की स्थिति को दर्शाने के लिए काफी है। गिरते भूजल स्तर के कारण प्राकृतिक रिसाव घटने से गोमती, सई सहित तमाम भूजल पोषित नदियों के प्रवाह में में भारी कमी। बीते दो दशको में वर्षा जल संचयन व रिचार्ज के लिए करोड़ों की लागत से निर्मित सरचनाएं भूजल स्तर गिरावट की स्थिति को सुधार न सकी। जलवायु परिवर्तन के कारण बीते दशकों में तीन दर्जन जिलों में बारिश में लगातार भारी गिरावट वर्षा जल संरक्षण के प्रयासों के लिए चिंता का सबब बनी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2689fb78e23a73bbdc1396f62ca967aa5e9d45a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। नए सिरे से आरक्षण से सूची जारी होते ही गांव की सियासत बदल गई है। जिले के सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जहां पिछड़ी जाति के संभावित प्रत्याशी चुनाव की तैयारी कर रहे थे। आरक्षण की तस्वीर बदलने से उनका मनोबल गिरा है। लेकिन, जिन लोगों की गांव अनारक्षित होने पर चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं होती थी। इस बार वे लोग भी ग्राम पंचायतों के अनारक्षित होने के बाद भी चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a6c03284c67105d3ceb8a9a345f98ebe6d1cff5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74071.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। लक्ष्मणनगरी में श्रीराम के अश्वमेध यज्ञ के दौरान लव द्वारा मेंहदीगंज में स्थापित मां शीतला देवी मंदिर की कमान बेटियों ने संभाल ली है। 10 पीढ़ियों से एक ही परिवार के मुख्य पुजारी होने की चली आ रही विरासत को बचाने के लिए वह पूरी तरह से तैयार हैं। बीमार पिता श्याम मनोहर तिवारी का सहारा बनी इन बेटियों ने सनातन काल से चली आ रही मंदिर की कार्यशैली को जीवन का हिस्सा बना लिया है। ।मुख्य पुजारी श्याम मनोहर तिवारी ने बताया कि 10 पीढ़ियों से एक ही परिवार से मंदिर के मुख्य पुजारी होते हैं। मेरी तीन बेटियां हैं और जो बेटे से कम नहीं है। समाज को नई दिशा देने और बराबरी की नई दास्तां लिखने के लिए बेटियों को आगे किया है। बड़ी बेटी सोनी मंदिर के सभी कर्मकांड को सनातन परंपरा के अनुसार करती है तो छोटी बेटी मोनी और सबसे छोटी प्रिया बड़ी बहन का अनुसरण करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd6ed4503cd395ba47506df91bb0079bad974afe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। कोरोना संक्रमण के कारण फ्री यात्रा पास लेने के बाद भी ट्रेन में सफर नहीं करने वाले रेल कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। ऐसे रेल कर्मियों को फ्री यात्रा पास के बदले रेलवे नकद राशि देने की व्यवस्था की गई है। माना जा रहा है कि प्रत्येक रेल कर्मियों को न्यूनतम तीस हजार रुपये तक का लाभ मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ea51e98624cd63ba233b567ff7b35c4c0663076 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित नवीन फल मंडी मई तक आदर्श फल मंडी के रूप में विकसित हो जाएगी। दुकानों की मरम्मत और रंग-रोगन कर उन्हें नए सिरे से तैयार किया जाएगा। मंडी में जगह-जगह धंसी सड़कों को दुरुस्त कर आरसीसी के तहत उन्हें ढाले जाने का काम शुरू हो गया है। नई पाइप लाइन बिछाए जाने के साथ ही सीवर लाइन भी बनाई जा रही है। आगामी मई माह तक यह मंडी तैयार हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eaff5fbd21bd949aae03a7f543131406cafa2557 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कई बार मिल चुके बसाहट के प्रमाण।तेवर क्षेत्र में पुरातत्व विभाग द्वारा दो स्थान पर पुरातत्विक खनन शिविर लगाकर प्राचीन सभ्यता का पता लगाने के लिए खुदाई की जा रही है। यह कार्य उप अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. सुजीत नयन की देखरेख में किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि तेवर क्षेत्र में अन्वेषण व खनन से यह प्रमाण सामने आ रहे हैं कि कल्चुरियों ने यहां नगर बसाया था। उस नगर के लोग धार्मिक प्रवृत्ति के थे क्योंकि खुदाई में जगह-जगह देवी देवताओं की प्रतिमाएं जमीन से निकल रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74082.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74082.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54e2da3ea8d610133b4ac20ba00bacdcebdb52ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74082.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आपको पहली बार में जानकर हैरानी हो सकती है कि जिस वक्‍त ये धरती के पास से गुजरेगा उस वक्‍त इसकी स्‍पीड 77 हजार मीटर प्रति घंटे या सवा लाख किमी प्रति घंटे की होगी। नासा के मुताबिक ये स्‍पीड धरती के करीब से गुजरने वाले दूसरे एस्‍ट्रॉयड के मुकाबले कहीं अधिक है। अपने रास्‍ते में ये एस्‍ट्रॉयड सूरज के भी करीब से गुजरेगा। ये दूरी बुध (Mercury)ग्रह से भी कम होगी। या यूं कहें कि सूरज से जितनी दूरी पर बुध ग्रह है उससे भी करीब से ये एस्‍ट्रॉयड सूरज के पास से गुजरेगा। ये एस्‍ट्रॉयड सूरज का एक चक्‍कर करीब 810 दिनों में पूरा करता है। + +You may have seen headlines about an #asteroid that will safely fly by Earth on March 21. While this asteroid, known as 2001 FO32, is large, it will safely zip past Earth at a distance of 1.3 million miles—five times further away than the Moon—and poses no risk of hitting Earth. pic.twitter.com/oZZG5UaFsf।ये एक इत्‍तफाक ही है कि इसको न्‍यू मैक्सिको के लिंकन नियर अर्थ एस्‍ट्रॉयड रिसर्च प्रोग्राम के तहत खोजा गया था और ये एक अब धरती के पास से गुजर रहा है। अब ये 2052 में दोबारा धरती के करीब आएगा। ये करीब एक किमी चौड़ा है। इससे पहले अप्रैल 2020 में 1998 ओआर2 एस्‍ट्रॉयड धरती के पास से गुजरा था। हालांकि जो अब एस्‍ट्रॉयड धरती के पास से गुजरने वाला है कि वो 1998 ओआर2 से आकार में छोटा है लेकिन ये इससे करीब 3 गुना करीब से गुजरेगा। मोना की हवाई पर लगा नासा का टेलिस्‍कॉप जो दस फीट से अधिक चौड़ा है से इस पर नजर रखी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd21266837b2dd671ea4c108de842a05a0c59780 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74084.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। वन संपदा के बिना मानव जीवन संभव नही है। मानव पूर्ण रूप से आक्सीजन, भोजन, कपड़ा, कागज व फर्नीचर सहित कई मूलभूत जरूरतों के लिए वनों पर ही निर्भर है। गर्मी का पारा चढ़ने के साथ साथ वनक्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं शुरू हो जाती हैं। जंगल से पेड़ों के कटान और आग से बहुत अधिक वन संपदा का नुकसान होता है और इसका सीधा प्रभाव पर्यावरण व वन्यजीवों के साथ-साथ मानव जाति पर पड़ता है। अंधाधुंध पेड़ो का कटना, असंतुलित वृक्षारोपण , वाहनों व कारखानों का उगलता धुआं, वनक्षेत्र व पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा हैं। अकेले वायु प्रदूषण से जनित बीमारीयों से लगभग 12 लाख लोग प्रति वर्ष मौत के आगोश में चले जाते हैं। + +भारत में वनों की वृद्धि दर निराशाजनक।पर्यावरणविद डॉ केपी सिंह बताते हैं कि पर्यावरण के अंतर्गत पेड़ों का महत्वपूर्ण योगदान वायु प्रदूषण के नियंत्रण में होता है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारतीय वनों व वृक्षावरण क्षेत्र में कुल 5186 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। लेकिन यह वृद्धि केवल 0.65 प्रतिशत है। वहीं दूसरी तरफ कार्बन स्टाक में 21.3 मिलियन टन की बृद्धि भी हुई है। जो कि गंभीर चुनौती है। उत्तर प्रदेश में भी वन वृद्धि दर अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। पिछले दो वर्षों में वृक्षावरण क्षेत्र में 100 वर्ग किमी व सघन वन क्षेत्र में 0.57 वर्ग किमी की कमी आई है। लेकिन वनक्षेत्र में 126.65 वर्ग किमी , घने वन में 11.04 वर्ग किमी व खुले वनक्षेत्र में 116.8 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है जो कि आबादी के अनुपात में बहुत मामूली वृद्धि दर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74085.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74085.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fd18b3e660b7e97c7ed4d8a75ef48538640ee31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74085.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यटन विभाग ने मंदिर के जारी किया बजट: मां बारादेवी के मंदिर को पर्यटन स्थल की तर्ज पर विकसित कराये जाने की योजना है। इसके लिए पर्यटन विभाग से बजट भी जारी हो चुका है। अब टेंडर होने के बाद काम शुरू होगा। सैकड़ों वर्ष पुराने बारादेवी मंदिर में जाने के लिए चार प्रवेश द्वार बने हुए हैं। मंदिर को पर्यटन स्थल की तर्ज पर विकसित करने के लिए विभाग यहां पर सड़क, हरियाली, मेज, बेंच, प्रवेश द्वारा का सुंदरीकरण सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे। मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन व नगर निगम की है। मंदिर सुंदरीकरण के काम का किदवई नगर विधायक महेश त्रिवेदी ने शिलान्यास किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3b001336d10a8d7a727fcf6537d60c1365896fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74086.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। गर्मी के दिनों में  पेयजल की परेशानी न हो इसके लिए शासन ने पूरी तैयारी कर ली है। शासन की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अफसरों ने कमर कस ली है। गांव-गांव शुद्ध पेयजल पहुंचाने की तैयार हुई योजना का क्रियांवयन अलीगढ़ में शुरू हो चुका है। गांवों में वाटर लाइन बिछाने के अलावा वाटर हेड टैंक भी बनाए जाने हैं। सरकार की योजना हर घर नल की सुविधा देने की है। जनपद में तीन चरणों में कार्ययोजना पर काम हो रहा है। पहले चरण में एससी एसटी बहुल्य व सांसद आदर्श गांवाें को शामिल किया हैं। ऐसे 379 गांवों चयनित भी कर लिए गए हैं। कार्यदायी संस्था द्वारा सर्वे कार्य कराया जा रहा है। + +यह है जीवन मिशन योजना।सरकार की जल जीवन मिशन योजना में अलीगढ़ जनपद भी शामिल है। जनपद में 1138 राजस्व गांव है, जिन्हें इस योजना का लाभ दिया जाना है। 2024 तक प्रत्येक राजस्व गांवों में हर घर नल की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। इसके लिए लघु सिंचाई विभाग को नोडल बनाया गया है। वहीं, शासन स्तर से मुंबई की मेसर्स आयना एक्सजेंज लिमिटेड कंपनी को योजना के क्रियांवयन की जिम्मेदारी दी है। 1138 राजस्व गांव में से प्रथम चरण में 379 गांवों का चयन हुआ है, बाकी 759 गांवों को दूसरे व तीसरे चरण में योजना से जोड़ा जाएगा। लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता की देखरेख में कार्यदायी संस्था गांवों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराएगी। योजना के तहत प्रत्येक गांव में एक वाटर हेड टैंक का निर्माण कराया जाना है। वाटर हेड की क्षमता गांव की आबादी के आधार पर तय की जाएगी। यही नहीं, वाटर हेड टैंक के लिए प्रशासन को जमीन उपलब्ध करानी होगी। यह जमीन ग्राम सभा की होगी। कंपनी गांवों का सर्वे कर डीपीआर तैयार करेगी। दो करोड़ रुपये तक की डीपीआर को जिला स्वच्छता पेयजल मिशन से तकनीकी स्वीकृति दी जाएगी। जबकि, दो करोड़ रुपये से अधिक की डीपीआर को राज्य स्वच्छता पेयजल मिशन से स्वीकृति लेनी होगी। ।शहर में वाटर क्लोडिंग टैंक।शहरी क्षेत्र में अमृत योजना के तहत अंडर ग्राउंड वाटर क्लोडिंग टैंक बनवाए जा रहे हैं। इन टैंकों में प्यूरीफाइ सिस्टम लगेगा, जो पानी को क्लोराइड मुक्त करेगा। ट्यूबवेल के जरिए इसमें पानी भरा जाएगा। प्यूरीफाइ होने के बाद पानी ओवर हेड टैंक में जाएगा। फिर यही पानी सप्लाई होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be13fd39cd5844e2a6aa789491f8b63ce9c16897 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74087.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोनीपत, जेएनएन। सोनीपत में मुरथल अड्डा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जिलेभर के निजी स्कूलों को हर तरह से टक्कर दे रहा है। स्कूल की छात्राएं न केवल अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, बल्कि एक-दूसरे से अंग्रेजी में बातचीत भी करती है। यहां की बिल्डिंग व अन्य सुविधाएं देखकर नहीं लगता है कि यह राजकीय स्कूल है। इसमें दाखिलों के लिए छात्राओं की लंबी लाइनें लगती हैं। यही नहीं छात्राएं न केवल जिला स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की झंडी लगाई हुई हैं, बल्कि राष्ट्रपति से भी अवार्ड ले चुकी हैं। + +शिक्षा विभाग के रिकार्ड अनुसार स्कूल की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। स्कूल स्थापित होते ही यहां छात्राओं की पढ़ाई शुरू हो गई थी। 2008 तक स्कूल में छात्राओं की संख्या 1348 तो पहुंच गई, लेकिन स्टाफ और सुविधाएं 50 फीसद से भी कम थी। इससे अध्यापकों के साथ ही छात्राओं को पढ़ाई के साथ ही अन्य गतिविधियों में काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74089.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74089.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..680b2207ecec76eda9e68dcbb2517bbc449b4480 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74089.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, जासं। Virat Maken Ranchi, Jharkhand News उम्र महज 7 वर्ष और चेहरे पर अपार मासूमियत। राजधानी रांची के नामकुम इलाके का रहने वाला विराट माकन के चर्चे देश-दुनिया में है। इसका दिमाग केलकुलेटर से भी तेज चल रहा है। रांची के इस नन्‍हे से मासूम विराट ने अपनी प्रतिभा से सबको चकित कर दिया है। यह बच्‍चा इतना होनहार है कि कैलकुलेटर से भी तेज टेबल पढ़कर इसने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। यहां जानें विराट के बारे में...।विराट माकन मल्टीप्लिकेशन टेबल को स्ट्रैट और रिवर्स दोनों ही आर्डर में तेजी से पढ़ लेता है। अपनी इस काबिलियत को उसने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड 2022 में दर्ज कराया है। उसने 75 से 2 तक का टेबल रिवर्स ऑर्डर में सिर्फ 11 मिनट 6 सेकंड में पढ़ कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उसके पिता गगन माकन खुद का एक एकेडमी नामकुम में चलाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f078d8cf362ec93629d5af26c758e56185cb2ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74090.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भक्ति की धरा के वाशिंदे श्रद्धालुओं के आवागमन से खुश हैं। क्योंकि यहां का अधिकतर व्यवसाय श्रद्धालुओं के आवागमन पर टिका है। परंतु श्रद्धालुओं की बेफिक्री ने स्थानीय की चिंता भी बढ़ा दी है। विभिन्न प्रदेशों से आए तमाम श्रद्धालु बिना मास्क के ही परिक्रमा लगा रहे हैं। जबकि कोरोना दोबारा से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। कई प्रदेशों में कोरोना ने लॉक डाउन के हालात पैदा कर दिए हैं। ऐसे में लोगों की बेफिक्री ने स्थानीय को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि श्रद्धालुओं पर मास्क और सेनेटाइजर सख्ती से अनिवार्य कर देना चाहिए। जिससे इस महामारी को फैलने से रोका जा सके। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7790a02a8b676f4bef1b08b9b7677b787513888 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। Ayodhya Ram Mandir News: राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर के भक्तों ने दिल खोल कर निधि समर्पित की, लेकिन इसमें भी राजस्थान के रामभक्त आगे निकल गए। निधि समर्पण अभियान में राजस्थान के लोगों ने सर्वाधिक 557 करोड़ रुपये रामलला को अर्पित किए, जबकि जम्मू कश्मीर से 14 करोड़ रुपये मिले। अब तक देश भर से करीब तीन हजार करोड़ रुपये ट्रस्ट को मिल चुके हैं।  श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश भर में 49 दिन तक निधि समर्पण अभियान चलाया। इसकी शुरुआत जनवरी में मकर संक्रांति पर्व से हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efc92777e950855752b01f0fc5cef158c5d8a9e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74092.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुरुलिया से प्रदीप सिंह। तृणमूल के विधायक स्वप्न कुमार बेलथरिया के आगे किसी को बोलने की हिम्मत नहीं, माकपा नेता वासुदेव आचार्या का सिर फोड़ दिया था! यह वाकया पश्चिम बंगाल में तीन वर्ष पहले हुए पंचायत चुनाव का है। पुरुलिया जिले के काशीपुर में तृणमूल विधायक स्वप्न कुमार बेलथरिया चाहते थे कि पंचायत चुनाव के दरम्यान तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए कोई प्रत्याशी नामांकन नहीं करे। इसके लिए उन्होंने निर्वाचन पदाधिकारी के दफ्तर के बाहर डेरा डाल रखा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3b94d72c35af2ae101de47346cc28fa343139c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74093.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कलिता माझी का मायका पूर्व बद्र्धमान में मंगलकोट के कासिम नगर में है। कलिता समेत सात बहन और एक भाई परिवार में थे। दिहाड़ी मजदूर पिता ने किसी तरह लड़कियों का विवाह किया। 15 साल पहले कलिता की शादी गुसकरा तीन नंबर वार्ड के सुब्रतो माझी से हुई। वे प्लंबर हैं। पुत्र पार्थ कक्षा आठ में पढ़ता है। घर में वृद्ध सास-ससुर हैं। ससुराल आई तो यहां की माली हालत भी ठीक नहीं दिखी। नतीजतन, कलिता ने मेड का काम पकड़ लिया। इसी बीच उसने एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुना था। चार साल पहले भाजपा से जुड़ गई। लोकसभा चुनाव के पहले उनकी सक्रियता पार्टी में सबकी जुबान पर आ गई। उन्हें भाजपा की गुसकरा नगर कमेटी का सचिव बनाया गया। + +सोचा ही नहीं था मुझे टिकट मिलेगा : कलिता कहती हैं कि मुझे टिकट मिलेगा, इसका अंदाजा भी नहीं था। अभी तक वो हतप्रभ है। भाजपा में कार्यकर्ताओं की कद्र है, तभी तो वो उम्मीदवार है। कलिता ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने रोजाना की तरह मेड का काम किया। शुक्रवार से विधिवत प्रचार में उतर गई है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष सौविक कहते हैं, हरेक राजनीतिक दल वोट के लिए गरीबों का इस्तेमाल करते हैैं। आश्वासन देते हैैं। भाजपा ने गरीब घर की बहू को टिकट देकर सभी दलों को आईना दिखाया है। हम पूरे दमखम से चुनाव लड़ेंगे। कलिता चुनाव जीतेगी। बोलपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाला आउसग्राम विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है। लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस को 15 हजार मतों की बढ़त मिली थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0190d5d79dd17ba8d8b89b8821571bbfcb6b0ebe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74094.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन से 2019 में सम्मानित उनकी सबसे लंबी गजल में 86 पंक्तियां यानि 43 शेर की है। मुहावरा गजल 'मैं सांसों का पछी ऐसा जिसमें है द्रुत गति का कोष, इतना निर्बल पथिक नहीं जो नौ दिन चले अढ़ाई कोसÓÓ कहने का अंदाज निराला है। उनके दोहा गजल की धार कहीं अधिक पैनी नजर आती है 'कहना है मुश्किल बहुत अब चूल्हे का हाल, चावल भी महंगा हुआ सस्ती रही न दालÓ। डॉ. पांडेय के अब तक 22 कविता एवं दो कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. अशोक गुलशन का ङ्क्षहदी साहित्य में योगदान विषय पर 2011-12 में लखनऊ विश्वविद्यालय की शोध छात्रा मिथिलेश ने एमफिल की उपाधि प्राप्त की है। ।सबसे छोटी गजल : डा. अशोक पांडेय गुलशन की सबसे छोटी गजल 'जरें, तरें। दर्द, हरें। हृदय, भरें। प्रेम, करें। सभी, डरें। मूंग, दरें। घास, चरें। फूल, झरें। ध्यान, धरें' है। + +मिल चुके हैं कई प्रतिष्ठित सम्मान : राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के रूप में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए डॉ. पांडेय को 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित विश्व ङ्क्षहदी सम्मेलन में एक लाख रुपये के दुष्यंत कुमार अलंकरण से नवाजा गया था। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ने 2012 में कहानी संग्रह 'कागज के पंखÓ के लिए 51 हजार रुपये का अमृतलाल नागर पुरस्कार दिया था। 2021 में काव्य संग्रह 'ख्वाब के सायेÓ के लिए एक लाख रुपये के प्रतिष्ठित डॉ. हरिवंश राय बच्चन सम्मान मिला है। ।हिंदी अखबारों का सर्वाधिक कलेक्शन :  डॉ. पांडेय ने 2021 में सर्वाधिक 12,634 ङ्क्षहदी अखबारों के कलेक्शन की बदौलत लिम्का बुक में अपना नाम दर्ज कराया। इसमें देश के 22 राज्यों से प्रकाशित अखबारों के अलावा नेपाल, भारत, चीन, थाईलैंड के समाचार पत्र शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..452fe6e8a412b3b28eb32de39d7c19691e053baf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74099.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, यशपाल चौहान। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला थाने में क्रेच का उदघाटन हुआ था। महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए बनाए गए इस क्रेच की उपयोगिता अब सिद्ध होने लगी है। अब इसमें बच्चों की हंसी-ठिठोली शुरू हो गई। क्रेच में तैनात महिला कांस्टेबल इन्हें खेल-खेल में पढ़ाती हैं। साथ ही दुलार भी करती हैं। + +महिला थाने में पुलिस वेलफेयर के तहत क्रेच बनाया गया है। विशेष तरह की पेंटिंग से सुसज्जित हाल में बड़ी संख्या में खिलौने रखे गए हैं। इस क्रेच में एक साथ तीस बच्चों को रखने की क्षमता है। सात मार्च को एडीजी राजीव कृष्ण की पत्नी मीनाक्षी सिंह ने इसका उदघाटन किया। इसके बाद क्रेच में बच्चों के प्रवेश शुरू हो गए थे। महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अलका ठाकुर ने बताया कि अब तक इसमें 12 बच्चों के प्रवेश हो चुके हैं। इनमें एक एसपी स्तर के अधिकारी की बच्ची भी शामिल है। अन्य महिला पुलिसकर्मियों के बच्चे हैं। ये सुबह 11 बजे ड्यूटी पर आने के समय बच्चों को क्रेच में छोड़ते हैं। इनकी देखरेख के लिए दो महिला पुलिसकर्मियों की सादा कपड़ों में ड्यूटी लगाई गई है। एक आया भी क्रेच नियुक्त की गई है।महिला पुलिसकर्मी क्रेच में रहने वाले बच्चों को खिलाने के साथ ही उन्हें पढ़ाते भी हैं। बच्चे दिनभर मस्ती करते रहते हैं और उनकी मम्मियां आराम से निश्चिंत होकर ड्यूटी करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..930714a1dae5bc2776201714518013805480ff68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_741.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह वीडियो उस वक्त का है जब आलिया और रणबीर शादी के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए। इस न्यूली वेड कपल ने अपने मुंबई स्थित वास्तु रेजीडेंस के बाहर आकर मीडिया के सामने बतौर पति-पत्नी पब्लिक अपिरियंस दिया था। दोनों ने पैपाराजी के लिए कई सारे पोज किए और इसके बाद रणबीर आलिया को अपनी बाहों में उठाकर अंदर ले गए। जिसके बाद वहां पर मौजूद पैपराजी इतने खुश हो गए कि उन्होंने जमकर डांस किया। उनके डांस को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे ये सभी रणबीर की बरात में डांस कर रहे हो। इस वीडियो को वीरल भायानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। यहां देखे वीडियो,।रणबीर-आलिया ने खिलाया अपनी शादी का लड्डू।रणबीर और आलिया ने अपने घर के बाहर उनकी एक झलक पाने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे है मीडिया कर्मीयों के लिए अपनी शादी का लड्डू भिजवाया। जिसे उनके गार्ड्स सभी को खिलाते हुए नजर आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74100.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74100.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e231d908d044cc4fb6e09e2f2fdb48e9fe87a529 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74100.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्यमंत्री ने सदन को जानकारी दी कि 2020-21 में 44 हजार 438 करोड़ रुपये की कर्जदारी सरकार पर चढ़ गई। सरकार ने केंद्र, रिजर्व बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम, सामान्य बीमा निगम, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भारतीय स्टेट बैंक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नियोजन बोर्ड से यह कर्ज लिए हैं। राज्य सरकार ने इस बार एक लाख 55 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसका अधिकतर पैसा कर्ज उतारने, वेतन, भत्ते, ब्याज और पेंशन के भुगतान में खर्च हो जा रहा है। इसके बावजूद सरकार ने अपनी कर्ज लेने की सीमा को पार नहीं किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74102.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74102.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32f69c9ab3284547b9415c2e442ff04ab8d13a41 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74102.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थी राजधानी की कानून-व्यवस्था के लिए समस्या बनते रहे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है। दक्षिणी दिल्ली में ओखला के शाहीन बाग स्थित श्रम विहार व कालिंदी कुंज में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों को रखा गया है। दिल्ली पुलिस सूत्रों की मानें तो ये लोग चोरी, डकैती से लेकर झपटमारी तक की वारदात में शामिल पाए गए हैं। ठक-ठक गैंग व गुलेल गैंग जैसे स्ट्रीट क्राइम करने वाले गिरोह में भी ये शामिल रहते हैं। + +ज्यादातर के पास संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर फार रिफ्यूजी (यूएनएचसीआर) से जारी पहचान पत्र भी होता है। लेकिन, इस पहचान पत्र को ये वहीं दिखाते हैं जहां इससे कोई फायदा मिलने वाला हो। आपराधिक गतिविधियों में पकड़े जाने पर ये लोग यूएनएचसीआर पहचान पत्र की बजाय आधार कार्ड, वोटर कार्ड दिखाते हैं। सबकुछ जानने के बाद भी पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाती है, क्योंकि इनके पास वैध दस्तावेज होते हैं। + +सियासी फायदे के लिए स्थानीय नेताओं की मदद से इनके राशन कार्ड, वोटर कार्ड व आधार कार्ड बन जाते हैं। इसलिए इन लोगों के खिलाफ नागरिकता कानून के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई नहीं हो पाती है। चुनावों में रोहिंग्या मुसलमानों को वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करने के लिए कुछ राजनीतिक दल इन्हें खूब दुलराते हैं। यही कराण है कि देश के सभी राज्यों में इन्हें फ्री भोजन, पानी मिल रहा है। बंगाल में तो इन्हें बाकायदा वैध दस्तावेज (वोटर, आधार कार्ड आदि) मुहैया कराया जाता है। इसके बदले इन्हें विभिन्न देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल कराया जाता है। पिछले साल दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों में इन्हें भीड़ की तरह इस्तेमाल किया गया। + +सीएए-एनआरसी से बचने के लिए बन रहे ईसाई। सीएए और एनआरसी से बचने व भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए राजधानी में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थी अब ईसाई धर्म भी अपनाने लगे हैं। इस बात का पता तब चला जब पिछले साल विदेश क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) ने 25 वीजा आवेदन निरस्त कर दिए थे। सूत्रों के अनुसार, ये लोग चर्चाें में जाकर ईसाई धर्म अपना लेते हैं। ईसाई धर्म इसलिए भी अपनाते हैं ताकि उन्हें किसी अन्य देश में जाने के लिए आसानी से वीजा मिल सके। जिन्हें वीजा मिल जाता है वे चले जाते हैं और जिन्हें वीजा नहीं मिलता है वे फिर से इस्लाम धर्म में वापस आ जाते हैं। + +यमुना खादर में जमीन पर कर रहे कब्जा। कालिंदी कुंज इलाके में स्थानीय लोगों के विरोध के वावजूद कुछ नेताओं की शह पर रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए सरकारी जमीन पर मस्जिद तक बनवा दी गई। रोहिंग्या शरणार्थी यहां के यमुना खादर में खाली पड़ी जमीनों पर कब्जा करते जा रहे हैं और उन पर कच्चे-पक्के निर्माण भी कर रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5311bc8aa7dc3d7a203e69334cdf355dd268331 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74103.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, सुबान खान। धरती पर फैली हरियाली झूम रही डाली-डाली..। सैय्यदा फरहत द्वारा लिखित नज्म की ये पंक्तियां अंकुश देव कभी भी गुनगुनाने लगते हैं। क्योंकि उनके पद चिन्ह अब ताजनगरी की धरा के शृंगार में बदलने लगे हैं। घर के आंगन से लेकर गली-गलियारे और सड़क किनारे तक प्रकृति को इस तरह फैलाय है कि राहगीर भी उसका लुत्फ उठा रहे हैं। + +यह काम वन विभाग के किसी कर्मचारी या अधिकारी ने नहीं किया, बल्कि स्कूल की कक्षा छोड़ने वाले लड़के व पथवारी निवासी अंकुश देव ने किया है। अंकुश 12वीं की पढ़ाई दौरान कभी भी जंगलों में घूमने के लिए निकल जाते थे। प्रकृति को निहारने के लिए कक्षा भी छोड़ दिया करते थे। हालांकि वे 12वीं में तो उत्तीर्ण हो गए। फिर एक निजी कंपनी में नौकरी भी मिल गई, लेकिन प्रकृति की आश्की के आगे यह उन्हें थोड़ा नजर आया। वर्ष 2014 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। फिर अंकुश के सिर पर प्रकृति का प्रेम परवान चढ़ गया। उन्होंने पूरी जवानी धरा के शृंगार के लिए न्यौछावर कर दी। अब उनकी मेहनत सफलता की ओर कदम बढ़ रही है। ग्वालियर रोड और छावनी क्षेत्र में उनके द्वारा डाले गए बीजों से बने पौधे काफी बड़े हो चुके हैं। अंकुश देव बताते हैं कि उन्होंने ताज नेचर वाक में तितलियों की आबादी बढ़ाने के लिए भी काम किया है। आगरा में विलुप्त होती और होने के कगार पहुंची 37 प्रजातियों के पौधों को बचाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11029b84451ca84615011dc6910ab69e0bbe95a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74104.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चौथा कारण: कमाल की गेंदबाजी।जिस पिच पर हर गेंदबाज की कुटाई हो रही थी वहां पर भुवनेश्वर कुमार ने कमाल की गेंदबाजी की। उन्होंने पहली ही गेंद पर इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय को बोल्ड किया और जब मैच इंग्लैंड की तरफ मुड़ रहा था तो टीम इंडिया को बटलर का विकेट दिलाया। जिस विकेट पर जोफ्रा आर्चर ने 10.75, मार्क वुड ने 13.25, क्रिस जॉर्डन ने 14.25, सैम कुर्रन ने 11.00, वाशिंगटन सुंदर ने 13.00, शार्दुल ठाकुर ने 11.25 और नटराजन ने 9.75 के रन रेट से रन दिए वहां भुवनेश्वर कुमार ने चार ओवर में सबसे कम 3.75 के रन रेट से 15 रन दिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89e1452a2d29bd72fb2c7001a6c6983a5ff3a13b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क।  One Year Of Nirbhaya Justice: निर्भया के चारों दोषियों पवन कुमार गुप्ता, मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर और विनय कुमार शर्मा की फांसी को एक साल पूरा हो गया है। 20 मार्च, 2020 को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर तिहाड़ जेल संख्या 3 में चारों को फांसी पर लटका दिया गया था। निर्भया के दोषियों को फांसी दिए हुए एक साल पूरा होने पर जाने-माने वकील एपी सिंह ने शनिवार को कई सवाल उठाए हैं। एपी सिंह ने देश में फांसी की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि 4 युवकों को केवल इसलिए फांसी दे दी गई क्योंकि समाज को एक संदेश देना था। अरे इस संदेश से क्या हुआ? क्या दुष्कर्म के मामले रुके? क्या हत्या के अपराध रुके? नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक भी करते हैं कि निर्भया के दोषियों की फांसी के बाद कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bd76c72abdbc4d50c92b04f783b85f55328d2fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74107.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पर्यटन मंत्रालय ने इसे लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है,जिसमें सिक्किम सहित पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। यह कमेटी पर्यटन की संभावनाओं को लेकर अपने सुझाव देगी। मंत्रालय ने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'देखो अपना देश' नाम से शुरू की गई अपनी मुहिम में अब 'पूर्वोत्तर नहीं देखा तो देश नहीं देखा' को जोड़ा है। + +स्थानीय मेले और त्योहारों की भी जुटाई जा रही जानकारी।वहां के स्थानीय मेले और त्योहारों की भी जानकारी जुटाई जा रही है, जिसकी बड़े स्तर पर प्रमोशन की तैयारी है। इसके साथ ही इन राज्यों में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को खास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे वे खुद को दुनियाभर के स्वागत के लिए हर तरह से प्रशिक्षित हो सकें। पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक इस मुहिम में जल्द ही सरकार के विमानन, सड़क परिवहन और कौशल विकास जैसे विभागों को भी जोड़ा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e976d7af064dbdf2c2f47139d492c9087d1147fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74108.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। Ayodhya Ram Mandir News: निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत बैंकों में जमा किए गए चेकों में अभी भी तकरीबन 80 हजार चेक पेंङ्क्षडग हैं। ये चेक अभी तक क्लियर नहीं हो सके हैं। इनकी कुल कीमत तकरीबन सौ करोड़ है। ट्रस्ट डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से पेंडि‍ंग चेकों व बैंकिंग व्यवस्था की निगरानी कर रहा है। इसी माध्यम से ट्रस्ट को पेंडिंग चेकों के बारे में पता चला। साथ ही बैंकों को इससे अवगत भी कराया गया है। चेक एसबीआइ, पीएनबी व बॉब में जमा किए गए थे। एक ही बैंक में 50 हजार से अधिक चेक पेंडि‍ंग हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशव्यापी निधि समर्पण अभियान चलाया था, जो गत 29 फरवरी को पूरा हुआ। पर अभी तक इसमें मिले सभी चेक कैश नहीं हो सके। अभियान से ट्रस्ट को अभी तक तीन हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि मार्च माह के अंत तक ही प्राप्त धनराशि के बारे में सटीक जानकारी दी जा सकेगी। उधर बाउंस चेकों के दोबारा एकत्रीकरण का कार्य शुरू हो गया है। लगभग दो हजार चेक खाते में कम बैलेंस के कारण बाउंस हो गये थे। कुल छह हजार से अधिक चेक अलग-अलग कमियों के कारण रिजेक्ट हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc32067c8a0dae55f0b3725c0e92c3126340516a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रामीण अतुल त्यागी कहते हैं कि गांव का इतिहास चाहे जितना भी पुराना हो, लेकिन एक बात को लेकर सारे ग्रामीण एकमत हैं कि जो पूर्वज यहां आकर बसे उनका मूल निवास हरियाणा के जिंद स्थित चीड़ी चांदी है। सबसे पहले रायभान चीड़ी चांदी से दिल्ली आए। उनके साथ तीन बेटे हंसराज, बालमुकुंद और केशवराम भी थे। सबसे बड़े बेटे हंसराज ने जिस जगह पर डेरा डाला वही इलाका आगे चलकर हस्तसाल गांव बना। मंझले बेटे बाल मुकुंद ने जहां डेरा डाला वह जगह बुढेला गांव बना। तीसरे बेटे केशवराम जहां गए वह केशोपुर बना। यही वजह है कि ये तीनों गांव आज भी भाईचारे के संबंध से जुड़े हुए हैं। भाईबंदी के कारण इन गांवों में आपस में शादी-ब्याह नहीं होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74118.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74118.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0a5b9f6d44de2ad0eceda69779cbf7183084053 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74118.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत में 79 प्रजातियों की मछलियां लुप्तप्राय होने की कगार पर हैं। इसके अलावा थाई मांगुर (वैज्ञानिक नाम क्लेरियस गैरीपियन) मछली भारत में प्रतिबंधित है। लखनऊ विश्वविद्यालय के जूलाजी विभाग के शिक्षक एवं मछलियों पर कई शोध कर रहे चुके प्रो. एम सेराजुद्दीन बताते हैं कि मांगुर दो तरीके की होती है। देशी और विदेशी। विदेशी थाई या मलेशियन मांगुर नदी में अन्य सभी प्रजाति की मछलियों को खत्म कर देती है। प्रमुख प्रजाति की मछलियां नदी में बनी रहें, इसी वजह से थाई मांगुर की ब्रिडिंग, कल्चर से लेकर बिक्री को केंद्र सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रीबुनल ने प्रतिबंधित कर रखा है। फिर भी बाजार में बिक रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..223883f8ae41b0201c969bdb22372f526b85c851 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7412.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिल्पा को मंहगे गिफ्ट देते ​थे राज ।शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुलाकातें धीरे-धीरे पहले दोस्ती और फिर प्यार में बदलने लगी। इसके बाद दोनों एक-दूसरे को डेट करने लगे। खबरों की मानें तो रिश्ते की शुरूआत में राज, शिल्पा को कई महंगे​ तोहफे देते थे। इसके बाद दोनों ने शादी का फैसला किया और 22 नवंबर, 2009 को शिल्पा ने राज कुंद्रा से शादी कर ली। दोनों की।ये शादी में उनके खास दोस्त और परिवार वालों की मौजूदगी में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d3afd94217a279cc6ebcca875dd99f1f4a96843 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74121.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जिंदगी बदल दी इंटरनेट ने।गजब दौर था वह भी, न देखा, न सुना। भय का माहौल। फैक्ट्री-कारखाने सब बंद। कब खुलेंगे, पता नहीं। कल चूल्हा कैसे जलेगा, इसका जवाब भी किसी के पास न था। घर लौटने पर शायद कोई उम्मीद जगती, पर लौटने के सारे रास्ते भी बंद नजर आ रहे थे। बस्ती के दुबौलिया ब्लॉक के खुशहालगंज गांव की मीना सिंह के पति बाहर दूसरे शहर में प्राइवेट नौकरी करते थे। ऊहापोह के इसी दौर से गुजर कर वह किसी तरह घर वापसी कर पाए। अब आगे क्या की चिंता, पति-पत्नी दोनों को खाए जा रही थी। आसपास के हालात का जायजा लिया तो पता चला कि इस दौर से केवल मीना सिंह का परिवार ही नहीं, बल्कि उनका पूरा इलाका जूझ रहा है। ऐसे में मीना सिंह को यूट्यूब पर देखा चप्पल बनाने का दृश्य याद आया। उन्होंने इंटरनेट पर ही इससे जुड़ी कुछ और जानकारियां बटोरीं। + +कलम से कलछी तक।कई साल से देहरादून और देश के दूसरे शहरों में शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाली पूजा वर्मा जब अपने शहर रांची वापस आईं तो यहां के बच्चों के लिए कुछ अलग करने की सोची। उन्हेंं एहसास था कि बिहार और झारखंड के बहुत से बच्चे तमाम जानकारियों के बावजूद अभिव्यक्ति के स्तर पर पिछड़ जाते हैैं। इस कमी को अपने स्तर से दूर करने के लिए उन्होंने रांची आने पर अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी लगाकर प्ले स्कूल की शुरुआत की। यह संयोग ही था कि उनकी यह शुरुआत और कोरोना का आगमन, दोनों साथ-साथ हुआ। खुद एक बेटे की मां हैं, बखूबी समझ सकती हैं कि इस कठिन दौर में स्कूल के दरवाजे तक बच्चे का पहुंचना आसान नहीं। झारखंड में छोटे बच्चों के स्कूल अब तक खुले भी नहीं हैं। ऐसे में करें तो क्या करें। कई विकल्पों पर बात चल रही थी। इसी बीच एक मित्र ने उनके हाथ के स्वाद को समझते हुए अपने होटल में काम का ऑफर दिया। तब उन्हेंं खयाल आया कि जब कलछी ही उठानी है तो अपना ही कोई काम क्यों न शुरू करें। हालांकि खयाल को मुक्कमल जामा पहनाना आसान न था। ।बहुत सी महिलाएं उनसे प्रेरणा लेकर अपने हाथों का हुनर दिखा रही हैं।पहला सवाल कि लोग क्या कहेंगे! फिर अगर मैं खुद बाहर बनाकर बेचने लगूं तो परिचितों की कैसी प्रतिक्रिया रहेगी! पूजा कहती हैं, फिर मैंने सोचा कि घरों में तो महिलाएं ही खाना बनाती हैं। मैं भी बनाती हूं और घर-बाहर के लोग सराहते भी हैं। आज जब स्थिति विकट है तो मेरा यह हुनर कोई बेहतर राह क्यों नहीं खोल सकता! फिर क्या था एप्रन पहनकर अपनी रिहायशी सोसायटी से कुछ ही कदम दूर उन्होंने लजीज व्यंजन बनाने शुरू किए। स्वाद का जादू ऐसा रहा कि कम ही समय में शाम ढलने का लोग इंतजार करते, जब वह अपने कर्मस्थल पर सक्रिय दिखतीं। अब बहुत सी महिलाएं उनसे प्रेरणा लेकर अपने हाथों का हुनर दिखा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5baa903bbbc996c93b4474f0a0f26a485cbd763a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/ गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। बात चाहे पहली दिल्ली यानी महरौली की हो या सातवीं दिल्ली शाहजहांनाबाद की.. दिल्ली में नदी, नहर, कुंड, तालाब, बावली और कुएं तमाम जल स्रोत इसी समय काल अवधि में बने। देश की आजादी के समय दिल्ली में लगभग पांच सौ जल निकाय हुआ करते थे। धीरे-धीरे वे सब सिमट गए, जलाशय खो गए और उन पर घर बन गए। नजफगढ़ झील तो मिसाल हुआ करती थी अद्भुत सुंदर दिखती थी। दिखे भी क्यों नहीं 150 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में जो फैली थी। हौज खास, हौज-ए-अलाई, हौज-ए-शम्सी, हौज रानी का मोहल्ला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d6d57df67c4a2048bed76eb29eb07a5be115c1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीन साल पर सरकार्यवाह का चुनाव।सरकार्यवाह का कार्यकाल 3 सालों का होता है। आरएसएस में हर तीन साल पर सरकार्यवाह पद का चुनाव होता है। यह संगठन में कार्यकारी पद होता है। यह संघ में नंबर दो की कुर्सी होती है। इससे ऊपर संरसंघसंचालक होता है। संरसंघसंचालक का पद मार्गदर्शक का होता है। संघ के नियमित कार्यों के संचालन की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74124.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74124.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eb070b7145d309ece8bfe04d002ed375492ed1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74124.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हर साल 20 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस’ मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार जेमी इलियन ने पहली बार 2006 में इसका प्रस्ताव रखा था। उसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जुलाई 2012 में इसे मनाने की घोषणा की और पहला अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस 20 मार्च, 2013 को मनाया गया। कोविड महामारी को देखते हुए इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस का थीम है-‘शांत रहिए, बुद्धिमान एवं दयालु बनिए।’।आखिर क्या है खुशी? : आप जरूर जानना चाहेंगे कि क्या है यह खुशी और कैसे इसे हमेशा बनाए रखा जा सकता है? इस सवाल के जवाब में स्कूल काउंसलर और मनोवैज्ञानिक डॉ. गीतिका कपूर कहती हैं, ‘खुशी को यदि आप पार्टी करने, मस्ती धमाल या शोर-शराबे से जोड़ते हैं तो वास्तव में यह सच नहीं है। यह खुशी का प्रतीक भर है, जो हमेशा सच हो यह जरूरी नहीं।’ दरअसल, खुशी एक अच्छे एहसास से कहीं ज्यादा बड़ी चीज है। यह केवल हंसता हुआ चेहरा यानी ‘स्माइली’ नहीं है। गीतिका कपूर इसे और खूबसूरत ढंग से बताती हैं, ‘खुशी यानी जब मन प्रफुल्लित होने का एहसास हो। आप कोई ऐसा काम करें, जिससे संतुष्टि मिले। आपको लगे कि मैंने वह किया, जो मायने रखता है। जिस काम को करने के बाद आत्मसम्मान बढ़े, खुद पर गर्व का एहसास हो। वह एहसास जो उमंग से भर देता है और आपको हरदम बेस्ट करने के लिए प्रेरित करता रहता है।’।कहां से आती है खुशी: हम सब खुश रहना चाहते हैं, पर कभी-कभी कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं। कोविड -19 के दौर में आप यह बात अच्छी तरह समझ गए होंगे कि कैसे आप भले न चाहें, लेकिन अचानक कुछ परिवर्तन आएं, तो उन्हें स्वीकार करना होता है। चैतन्य यहां बड़े पते की बात कहते हैं, ‘लोगों को लगता है कि मुश्किल समय खत्म होगा, तो खुश हो लेंगे, पर ऐसा हो यह जरूरी नहीं।’ तो फिर कहां मिलेगी, कैसे मिलेगी खुशी? डॉ. गीतिका कपूर के मुताबिक, ‘मैं तो बस यही सलाह देती हूं कि खुशी को वास्तव में समङों। इसे तब समङोंगे, जब आपको पता होगा कि आपको क्या चाहिए। आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं, औरों की नजर में आप किस तरह से याद किया जाना पसंद करेंगे, उसके लिए क्या कर रहे हैं, यह पता हो। इसलिए अपने अंदर कुरेदने की कोशिश करें कि वह क्या चीज है, जो आपको संतोष देती है, आपको आत्मगौरव का एहसास कराती है। यदि यह जान गए तो आप उसी दिशा में प्रयास करेंगे और खुशी को अक्सर अपने पास पाएंगे।’।कोविड का असर है यह : यदि आप इन दिनों अधिक चिड़चिड़े हो रहे हैं, छोटी-छोटी बातों पर झल्ला जाते हैं, अपनी बात कहना चाहते हैं, पर उसे किसी कारण से मन में रख लेना सही समझते हैं, तो इसके लिए आप कोविड को भी दोषी ठहरा सकते हैं। बच्चों, किशोरों और युवाओं के मेंटल हेल्थ के लिए कार्यरत ‘योरदोस्त डॉट कॉम’ की सह-संस्थापक ऋचा सिंह के अनुसार, कोविड ने बच्चों, किशोरों की मानसिक सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाया है। डॉक्टर गीतिका कपूर भी इसी तरह की बात कहती हैं। वह कहती हैं, ‘स्कूल में बच्चे बिना किसी रोकटोक के दिल की बात दोस्तों से साझा कर लेते थे। अचानक वह सब बंद हो गया। दोस्तों के साथ जिस बेफिक्री से सारी बातें कह देते थे, वह घर पर नहीं हो सकता था।’ चैतन्य भी कहते हैं कि हमने समय के साथ एडजस्ट भले किया, मम्मी-पापा अच्छे दोस्त भी बन गए, लेकिन दोस्तों की जगह उन्हें नहीं दे सकते। दोस्त तो दोस्त ही होते हैं। + +मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट सह-संस्थापक, योरदोस्त डॉट कॉम की ऋचा सिंह ने बताया कि कोविड काल में मुख्य रूप से तीन तरह की परेशानियां किशोरों में आ रही हैं। पहली, बड़ों और अपने दोस्तों से रिश्तों का उलझना। उन्हें लगा कि बड़े या उनके दोस्त उनका साथ नहीं देते, उनकी प्रशंसा नहीं करते आदि। दूसरी, आत्मसम्मान की कमी महसूस होना। खुद पर भरोसा घटना। उन्हें लगता है कि पढ़ाई में वे पीछे जा रहे हैं। करियर को लेकर सशंकित हैं। तीसरी, वे अपने काम और जिंदगी में संतुलन नहीं बना पा रहे हैं। बड़े यदि उन्हें समझ लें तो वे किशोरों को खुशी का बड़ा उपहार दे सकेंगे। वहीं, खुद किशोर भी अपनी भावनाओं की जिम्मेदारी लें। पॉजिटिव सेल्फ टॉक इसमें उनकी मदद कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f18fea8d6f0ef5572b8fcc98dbeb95fb90b58d9c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में अब दारा शिकोह का संग्रहालय बनेगा। इसे उसी इमारत में बनाया जाएगा, जिसमें कभी दारा की लाइब्रेरी होती थी। कश्मीरी गेट क्षेत्र में यह इमारत मौजूद है, जिसे दारा शिकोह की लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है। यह इमारत दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आती है। यह विभाग इस इमारत का इन दिनों संरक्षण कार्य करा रहा है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। संग्रहालय को अगले छह माह में तैयार कर लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..243dd85dce8a72fb71e8ab68e08fa061c64f26b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74129.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रभात पाठक, गोरखपुर। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। कहने के लिए तो यह महज कहावत है, लेकिन अपनी मेहनत व जुनून की बदौलत इसे साबित कर दिखाया है शहर के बशारतपुर निवासी विजय गुप्ता के बेटे विवेक ने। आर्थिक तंगी से जूझते हुए विवेक ने दिन-रात एक कर सिर्फ पढ़ाई की। चाट का ठेला लगाने वाले विजय का लक्ष्य बेटे को इंजीनियर बनाना था। इसके लिए वे कर्ज के बोझ तले दबते चले गए, लेकिन बेटे के ऊपर कभी अपनी आर्थिक तंगी की परछाई तक नहीं पड़ने दी। + +बचपन में ही पिता ने भांप ली थी मेधा: पिता विजय ने बचपन में ही विवेक की प्रतिभा भांप ली थी। उस समय से उसे इंजीनियर बनाने की ठान ली। कर्ज लेते गए, लेकिन विवेक की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आने दी। यहां तक कि कोरोनाकाल में लॉक-डाउन के दौरान उनका चाट-फुल्की का धंधा भी चौपट हो गया, पर उसका असर उन्होंने बेटे की पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया। कड़ाके की ठंड हो या मूसलधार बारिश या फिर चिलचिलाती धूप, पिता विजय ने कभी इसकी परवाह नहीं की। बस उनके दिलों-दिमाग में एक ही बात रही कि बेटे को इंजीनियर बनाना है। उसके लिए जी-तोड़ मेहनत करनी है। होनहार बेटे की जरूरतों को पूरी करने के लिए विजय ने सुबह देखी न शाम, बस काम करते रहे और बेटे को पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे। + +आइआइटी में पढ़ना विवेक का सपना: आइआइटी मेन में सफलता का झंडा बुलंद कर चुके मेधावी विवेक का सपना आइआइटी में पढ़ाई करना है। आत्मविश्वास से लबरेज और अपनी सफलता से उत्साहित विवेक अपने आगे के लक्ष्य की तैयारी में जुट गए हैं। वह इस समय जेईई एडवांस की तैयारी कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह इस चुनौती को भी हर हाल में पार कर लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea5c9e6a97ba22eb3064fdf4ea67fe4368fda210 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतिय प्रतिनिधिसभा ने दत्तात्रेय होसबले को संघ के नए सरकार्यवाह के रूप में चुन लिया है। दत्तात्रेय होसबले ने पिछले लगभग 12 सोलों से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी संभाल रहे सुरेश भैय्याजी जोशी की जगह ली है। होसबले 2009 से संघ के सह सरकार्यवाह थे। आरएसएस के रोजाना के कार्यों की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की होती है। बता दें कि यह इकलौता पद है जिसपर संघ में चुनाव होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74131.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74131.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2010eebd27d9127eb7190acf8b5d545b84cbb881 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74131.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह मामला तो सदन की मयार्दा से जुड़ा था, लेकिन दूसरे मंत्रियों के मामले भिन्न हैं। पीएचईडी मंत्री हैं रामप्रीत पासवान। वह अपने पुत्र के साथ पूíणया जिला गए। एक दिन विभागीय कामकाज देखने के बाद लौट गए, लेकिन आरोप है कि उनके पुत्र ने विभागीय अमले के साथ दो दिन रुक कर वहां रुपौली प्रखंड में नल-जल योजना की जांच करनी शुरू कर दी। मामला उछल गया, तस्वीर इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गई, खबर आम हो गई। सदन में दूसरे दिन विपक्ष मंत्री और सरकार पर हमलावर हो गया। मंत्री जी सफाई देने को उठे, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। बेचारे थक-हार कर बैठ गए। बाहर निकल कर बोले कि ड्राइवर बीमार था इसलिए बेटे को बतौर ड्राइवर ले गया था। विपक्ष खामखां मुद्दा बना रहा है। यह सब कार्यपालक अभियंता की साजिश है मुङो फंसाने की। अब मंत्री जी जो कहें, लेकिन जब बात निकलती है तो कई अर्थो में निकलती है। विभाग से लेकर क्षेत्र में खबर है कि मामला कुछ और है। मंत्री जी वायरल फोटो के स्थान पर सवाल उठा रहे हैं और विपक्ष सदन में उन पर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74132.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74132.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02797ee1edee5a859af83258dcd0d7258457098a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74132.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कारोबारियों का मानना है कि देश में मैन्युफैक्चरिंग बेस मजबूत करके ही आइटी उत्पादों की विदेशों पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। इसके लिए सरकारी स्पोर्ट अनिवार्य है। देश में आइटी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां बनानी होंगी। कारोबारियों का तर्क है कि कोविड में आनलाइन का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। ऐसे में आइटी उत्पादों की बाजार में जबरदस्त मांग है। ऐसे में लैपटाप, कंप्यूटर, प्रिंटर, वेब कैम इत्यादि की बाजार में उपलब्धता काफी कम है। यदि किसी ने इकट्ठा माल उठाना है तो उसे 10 से 15 दिन की वेटिंग मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74133.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74133.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..505b0533645916c91a24354b648f3b3c737f6e0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74133.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। One Year of Nirbhaya Justice: ठीक एक साल पहले 20 मार्च, 2020 को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर निर्भया के चारों दोषियों (मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में निर्भया के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में शामिल कुल छह आरोपियों में से चार को फांसी मिली। इनमें से एक राम सिंह की मार्च, 2013 में तिहाड़ जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। जांच में पता चला था कि उसने फांसी लगाई थी। वहीं, छठा आरोपित जिंदा है और नाम-पहचान बदलकर देश के किसी कोने में गुमनाम भरी जिंदगी जी रहा है। हैरानी की बात यह है कि वह अपने गांव गया तो उसने घुसने नहीं दिया, मां-बाप ने भी उससे किनारा कर लिया है। कुल मिलाकर उसने नया नाम मिला और पहचान भी नई मिली, लेकिन जिंदगी भर वह गुमनाम ही रहेगा। + +दक्षिण भारत में कुक है छठा दोषी।बताया जा रहा है कि दिल्ली के बाल सुधार गृह में सजा के दौरान इस नाबालिग दोषी ने कुक का काम सीखा था। वहीं, अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक फिलहाल नाबालिग दोषी दक्षिण भारत के किसी राज्य में यही काम कर रहा है और अपना गुजर-बसर कर रहा है। सजा खत्म होने के बाद अधिकारियों ने इस नाबालिग को नया नाम दिया है और उसकी पहचान पूरी तरह बदल दी है, जिससे उसे जिंदगी में इस वजह से कोई परेशानी नहीं पेश आए। जुवैनाइल में सजा काटने के दौरान हुनरमंद बनाने वाले गैरसरकारी संगठन के मुताबिक, दिल्ली से वह दक्षिण भारत चला गया और वहां पर नाम बदलकर रह रहा है और वहां पर कुक का काम करता है। खाना बनाने का काम इस नाबालिग दोषी ने दिल्ली में रहने के दौरान सीखा था। + +One Year of Nirbhaya Justice: निर्भया के दोषियों के वकील AP Singh ने फांसी को लेकर दिया बड़ा बयान।कागजों में निकला था नाबालिग, इसलिए बच गया फांसी से। 16 दिसंबर, 2012 की रात को निर्भया के साथ ड्राइवर राम सिंह के साथ मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, पवन कुमार, विनय शर्मा और एक नाबालिग ने चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी को अंजाम दिया था। दिल्ली पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में बंद कर दिया। मुकदमा चलने के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा जांच में सामने आया कि छठा आरोपित नाबालिग है। इसके बाद किशोर न्यायालय द्वारा सजा सुनाने के बाद यह नाबालिग तीन साल तक बाल सुधार गृह में रहा। दरअसल, अपराध के बाद दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ जांच पड़ताल की तो पता चला कि स्कूल में दाखिले के आधार पर वह नाबालिग है। कागजात के आधार पर अपराध के समय यानी 16 दिसंबर, 2012 को उसकी उम्र 17 साल थी। इसके लिए दिल्ली पुलिस जांच के लिए दोषी के पैतृक गांव भी पहुंची थी, जिसके बाद सारी बात सामने आई। फिर सजा के तौर पर उसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में भी रहना पड़ा और फिर वह बरी हो गया और फिलहाल दक्षिण भारत के किसी राज्य में कुक का काम करता है। + +Kisan Andolan At Singhu Border: आंदोलनकारियों ने फिर फ्री कराया केजीपी का टोल, प्रशासन को चेतावनी भी दी डाली।ऐसे बची थी जान, काटी सिर्फ 3 साल की सजा।  निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में जेल भेजे गए 6 में से एक आरोपित ने दावा किया था कि वह नाबालिग है। इसके बाद वह इससे जुड़े तमाम कागजात लेकर सामने आया तो उसे नाबालिग ही मानना पड़ा। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने यूपी के कई चक्कर भी लगाए। इसके बाद कोर्ट ने उस समय मौजूदा कानून के मद्देनजर उसे नाबालिग मानकर मुकदमा चलाने के बजाय उसे सुधार गृह भेज दिया। 2016 में ही वह जुवैनाइल कोर्ट से रिहा कर दिया गया। वह कहां है और क्या कर रहा है? इस बारे में कोई ठोक तौर पर कुछ नहीं जानता, लेकिन यह जरूर खबर है कि वह दक्षिण भारत के किसी राज्य में कुक का काम करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7df5ae63c256feae125b254e59549784a93f4de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74135.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिप्ड यानी फटी जींस पहनना एक ऐसा फैशन है जो पिछले कुछ साल से काफी ज्यादा नजर आ रहा है। ऐसी जींस आमतौर पर घुटनों या फिर जांघ के पास से रिप्ड (फटी हुई) होती है। सेलिब्रेटी से लेकर कालेज जाने वाले युवाओं के बीच रिप्ड जींस का चलन है। कमला नगर स्थित आइफा इंस्टीट्यूट की छात्रा सौम्या सिंह का कहना है कि रिप्ड जींस ट्रेंड में है। इस जींस का फैब्रिक स्मूथ हाेता है, इसलिए यह पहनने में आरामदायक होती है। साथ में इसे पहनने से कूल लुक आता है। उनकी तरह छवि को भी रिप्ड जींस पहनने में कोई दिक्कत नहीं है। उनका कहना है कि रिप्ड जींस में घुटनों पर या इससे ऊपर एक कट होता है, इसमें इतनी कोई परेशानी नहीं है। यह आज का ट्रेंड है। सबकी अपनी-अपनी पसंद है। लड़कियों के अलावा लड़कों को भी रिप्ड जैसी काफी पसंद हैं। रिप्ड जींस की पसंद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर दिन शहर के बडे़ जींस शोरूम में 30 फीसद रिप्ड जींस की बिक्री होती है। बाबा गारमेंट के हरीश ने बताया कि रिप्ड जींस इस समय ट्रेंड में है। लड़के और लड़कियां दोनों रिप्ड जींस को पसंद कर रहे हैं। उनके स्टोर से एक दिन में 20 से 30 रिप्ड जींस की बिक्री हाेती है। डेढ़ हजार से तीन हजार रुपये की रेंज की रिप्ड जींस ज्यादा पसंद की जाती है। सदर बाजार स्थित रेडीमेड गारमेंट शोरूम के संचालक बाैबी शर्मा ने बताया कि पिछले दो साल में रिप्ड जींस का चलन फिर से बढ़ा है। यहां पर हल्की रिप्ड जींस ज्यादा पसंद की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51509157c5b26c4e44a0025c4e61ae0f71bcf5c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शाहनवाज अली, गाजियाबाद। कुछ करने की ललक हो तो उम्मीद की रोशनी मिल ही जाती है। मोदीनगर के मजदूर अमीरुद्दीन के पुत्र अजहरुद्दीन ने अकेले दम ही पर्यावरण को बचाने के लिए जंग छेड़ दी और कबाड़ से कमाल करते हुए ई-सोलर कार्ट बना डाली। खास बात यह है कि सोलर पावर से चलने वाली इस कार्ट को जरूरत के समय बिजली से चार्ज करके भी चलाया जा सकता है। अजहरुद्दीन के इस अनूठे प्रयास का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि भारत में अभी आटो सेक्टर की बड़ी कंपनियों ने भी सोलर वाहनों पर अधिक काम नहीं किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b430dda929ea8fbf4884d5cf364b23be8e136170 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7414.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस वीडियो में अभिनेता का चेहरा नजर नहीं आ रहा है। साथ ही वीडियो को शेयर कर बताया कि गर्म और उमस भरे मौसम में ड्रम बजाने से वो शांति हो जाते हैं। वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘सुबह जल्दी और देर रात तक शॉट्स के बीच ये मेरा नया जुनून है। इसको टैंक ड्रम कहा जाता है। इस माध्य भारत भोपाल में मेरी सबसे अच्छी कंपनी, मुझे एक शांत डॉक्टर बनाती है।’।उन्होंने आगे लिखा, ‘लता दी द्वारा गए फिल्म सेहरा (1963) से क्या आप उस गाने की पहचान करते हैं, जिसे मैंने फिल्म से जाम में डाला था।’ अभिनेता की इस वीडियो को सोशल मीडिया पर उनके फैंस दिल खोलकर लाइक कर रहे हैं। साथ ही बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर, दीया मिर्जा, अदिति राव हैदरी ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं एक्टर की पत्नी ताहिरा कश्यप और उनके छोटे भाई आपरशक्ति खुराना ने भी कमेंट कर उनकी तारीफ की है। + +वहीं उन्होंने सोमवार को इंस्टाग्राम पर फिल्म डॉक्टर जी का फर्स्ट लुक शेयर किया था, जिसमें वो मेडिकल स्टूडेंट की तरह नजर आ रहे हैं। इस फोटो में अभिनेता ने व्हाइट कलर का डॉक्टरों वाला कोट भी पहना हुआ है और हाथ में किताब ले रखी हुई हैं। जिस पर लिखा है स्त्री रोग चिकित्सा, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आयुष्मान फिल्म में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की भूमिका में नजर आने वाले हैं। इस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘डॉक्टर जी तैयार हो कर निकले हैं। अब होगी शूटिंग।’।जंगली पिक्चर्स के बैनर तले बनी रही इस फिल्म कॉमेडी ड्रामा फिल्म का निर्देशन अनुभूति कश्यप कर रही हैं। वो इस कॉमेडी ड्रामा फिल्म के जरिए निर्देशन के क्षेत्र में डेब्यू कर रही हैं। बात अगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्द ही फिल्म ‘अनेक’ में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म में वो जोशुआ का किरदार निभा रहे हैं, उनके इस किरदार को उनके फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन अनुभव सिन्हा कर रहे हैं। इसके अलावा वो फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में नजर आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f4489eb01024d32a184eae3d980ccdcde79700f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74145.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले निर्भया कांड के दोषियों को फांसी के तख्त पर पहुंचाने के लिए 20 मार्च 2020 की भोर से पहले न्याय के मंदिर में मौत की घंटी बजी। ऐसा करने में भले ही सात साल लग गए, लेकिन निर्भया और उसके परिवार को इंसाफ मिला। 19 मार्च को दोषियों के वकील एपी सिंह सुबह से लेकर रात तक कभी पटियाला हाउस, कभी हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तो कभी जजों के घर के चक्कर लगाते रहे, ताकि डेथ वारंट पर रोक लगवा सकें। कानून का हर पैंतरा आजमाया, लेकिन दोषियों को फांसी के फंदे पर झूलने से नहीं बचा सके। यह अपने आप में ऐसा मामला था जिसमें चार बार डेथ वारंट जारी हुआ। आखिरी डेथ वारंट के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई के लिए 20 मार्च की तड़के तीन बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई और एक के बाद एक दलील को नकराते हुए साढ़े तीन बजे डेथ वारंट पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया गया। इसके बाद साढ़े पांच बजे चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। + +7 जनवरी, 2020 को दोषी अक्षय सिंह, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा के खिलाफ पहला डेथ वारंट जारी हुआ और फांसी की तारीख 22 जनवरी मुकर्रर की गई। इस पर रोक लगने के बाद 17 जनवरी को दूसरा डेथ वारंट जारी हुआ और फांसी 11 फरवरी के लिए तय हुई। लेकिन इस डेथ वारंट पर भी रोक लग गई और इसके बाद तीसरा डेथ वारंट तीन मार्च के लिए जारी हुआ। यह डेथ वारंट भी आखिरी साबित नहीं हुआ। चौथा और आखिरी डेथ वारंट 20 मार्च को फांसी के लिए जारी हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74149.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cafb44682ab030af93098fd0ce2fd6ed6cc65d86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74149.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विपिन राय, सिलीगुड़ी : कुछ दिनों बाद ही न्यू जलपाईगुड़ी यानी एनजेपी तथा बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बीच ट्रेन सेवा की शुरुआत होने वाली है। दोनों देशों के बीच चलने वाली इस ट्रेन का नाम मैत्री बंधन एक्सप्रेस दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार 26 मार्च को यह ट्रेन ढाका कंटेनमेंट से एनजेपी के लिए रवाना होगी। पहली ट्रेन ढाका से ही चलेगी। उसके अगले दिन 27 तारीख को ट्रेन एनजेपी स्टेशन पर पहुंचेगी। इस ट्रेन के स्वागत के लिए एनजेपी स्टेशन पर सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba195ffa691c140815063612c70efc6c1c67cd55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रोफेसर ने पुरातत्व विषय के दो शोधकर्ता सुदेशना बिस्वास व रविंदर को गांव भेजा। तीन मार्च को दो शोधकर्ता कार्तिक के साथ गांव पहुंच वहां की जांच पड़ताल के बाद अवशेष को एकत्र किया। परीक्षण के दौरान खोदाई के बीस फीट नीचे जली हुई राख के साथ जला हुआ गेहूं, सरसों मिला। शोधकर्ता रविंद्र ने बताया कि जो ईंट की आकार मिली है वह काफी बड़ी और भारी थी। उन्होंने बताया कि इसका इस्तेमाल रहने और खाने-पीने की चीजों का संरक्षित करने के लिए किया जाता रहा होगा। उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अनुसार जो अवशेष मिले है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वह गौतम बुध कालीन या उससे भी पुराने हो सकते है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f765f9c8ce91c964f8d7e7c253b06f7d32bb18c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74151.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। उसका घर मेरे घर से अच्छा क्यों? उसकी कार मेरी कार से बड़ी कैसे? मेरे बेटे के नंबर पड़ोसी के नंबर से कम कैसे रह गए? मुझे नौकरी में तरक्की कब मिलेगी? इन सवालों में उलझी जिंदगी भाभी जी का सही पकड़े हैं, हप्पू सिंह का दादा कहना, कपिल शर्मा शो के डाक्टर गुलाटी का अपनी बेइज्जती करने में खुशी के कुछ पल ढूंढ रही है। टीवी से लेकर इंटरनेट मीडिया और पत्रिकाओं से लेकर योगा तक, लोग तनाव को दूर करने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर खुशी और सुकून के इस बाजारीकरण पर प्रकाश डालती रिपोर्ट-।राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस का इतिहास।भूटान की पहल पर संयुक्त राष्‍ट्र संघ ने वर्ष 2013 में 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य खुशी के महत्व को समझाना है। विश्व भर में यह दिवस खुशी के महत्व को समझने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी प्रसन्नता रिपोर्ट 2020 में भारत को 153 देशों में 144वां स्थान मिला था। इस सूची में फिनलैंड पहले नंबर पर रहा था। इस साल संयुक्त राष्ट्र ने सभी 206 देशों को ग्लोबल हैप्पीनेस के दस कदम अपनाने का आव्हान किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74152.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..534c0bb9b497e1861897c3ffb6201c7dad30d73c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74152.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्ची में लिखी थी अपनी इच्छा।मौत से सात दिन पहले निर्भया ने मां को अपनी इच्छा बताई थी जो शायद आखिरी इच्छा बन कर रह गई। मौत से कुछ दिन पहले निर्भया की हालत ज्यादा खराब थी उस वक्त वह ज्यादा बोल नहीं पा रही थी। इस कारण वह अपनी मां को छोटी-छोटी पर्चियों पर लिख कर अपने दिल की बातें शेयर कर रही थी। इसी में एक पर्ची पर उसने लिखा था मां मैं नहाना चाहती हूं। मैं उन दरिंदों की गंदी छुअन को धोना चाहती हूं। मां मैं झरने के नीचे बैठ कर नहाना चाहती हूं। दन दरिंदों की गंदी छुअन के कारण मुझे अपने ही शरीर से नफरत हो गई है। आप कहीं मत जाना, मुझे अकेले में डर लगता है। बता दें कि 29 दिसबंर को निर्भया की मौत हो गई थी। यह पर्ची उसने 22 दिसंबर को लिखी थी। जानकारी के लिए बता दें कि ठीक एक साल पहले 20 मार्च, 2020 को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर निर्भया के चारों दोषियों (मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d52eedacca3df48986d23254a6cd969633046f7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74154.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पानी की गुणवत्‍ता में होगा तत्‍काल सुधार।इन लैबों से प्राप्त टेस्ट रिपोर्ट उपभोक्ताओं को आनलाइन भेजने के साथ ही ये संबंधित पब्लिक हेल्थ इंजीनियर के पास भी पहुंच जाएगी। ताकि पानी की गुणवत्ता में तत्काल सुधार किया जा सके। बताया जाता है कि इन टेस्टिंग लैब में कोई भी उपभोक्ता अपने नल के पानी के सैंपल की जांच करा सकता है, जिसके लिए बहुत कम शुल्क लिया जाएगा। + +यह है लक्ष्‍य।केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 तक देश के सभी घरों तक शुद्ध जल आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्ष 2019 से ही चल रहे ग्रामीण जल जीवन मिशन का विस्तार कर दिया गया है। इसमें शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को भी शामिल कर लिया गया है। आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में पौने तीन लाख करोड़ का भारी भरकम वित्तीय प्रविधान किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e172ca879812759660f5cf16cb1b898f9eb4d241 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है शनिवार का कार्यक्रम ।अमेरिकी रक्षा मंत्री अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरुआत शनिवार को राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ करेंगे। राजनाथ सिंह के साथ शनिवार सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में उनकी द्विपक्षीय मुलाकात और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। राजनाथ-ऑस्टिन दोपहर 12 बजे संयुक्त बयान जारी करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी ऑस्टिन की मुलाकात और चर्चा होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf41abe160bf3a770d7124cf00116aed787af711 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मास्क लगाना होगा अनिवार्य।रेलवे द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक, मास्क पहनने के बाद ही यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। पिछले दिनों यह खबरर आई थी कि ट्रेन में सफर के दौरान लापरवाही देखी जा रही थी, अधिकांश यात्री मास्क नहीं पहन रहे। शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में फिर से सख्ती बढ़ा दी गई है। ।ट्रेन यात्रा से वंचित हो सकते हैं आप।कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है। खासकर रेलयात्रा के दौरान मास्क का इस्तेमाल करना न भूलें। इससे यात्री रेलवे द्वारा लगाए जाने वाले जुर्माने से भी बच जाएंगे। ट्रेन यात्रा के दौरान यदि लोगों ने ठीक से मास्क नहीं पहना है तो उसे यात्रा से वंचित भी किया जा सकता है। रेलवे ने हिदायत दी है कि यदि कोई यात्री इन नियमों को तोड़ता है तो उसे जुर्माना चुकाने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74158.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74158.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4879f8b4cdd94c44f8524a083c6e14a072e745c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74158.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत, अमेरिका और रूस के त्रिकोण में एस-400 सौदे का पेच फंसता दिख रहा है। शुक्रवार को भारत दौरे पर पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन की बातचीत में एस-400 की खरीद का मुद्दा बहुत ही अहम रहने वाला है। वैसे भारत पहले भी साफ कर चुका है कि एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 की खरीद रणनीतिक जरूरतों को देखकर की जा रही है और इससे कोई समझौता नहीं होगा। लेकिन रूस अमेरिका की नई जो बाइडन सरकार की तरफ से इस बारे में भारत पर दबाव बनाने की रणनीति को बखूबी समझ रहा है। लिहाजा रूस की तरफ से भी अपना पक्ष रखने की पूरी तैयारी है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अगले महीने के अंत तक भारत दौरे पर आने की तैयारी में हैं। उनके इस दौरे को द्विपक्षीय रिश्तों के साथ ही एस-400 सौदे से जोड़कर देखा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74161.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..934b24c7f1bfb769d40cbb34d3662d455c68b010 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74161.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जमीन पर उतरा हवाई अड्डों का काम : योगी सरकार अपनी उपलब्धियों में इस तथ्य को बार-बार उभारती है कि वर्ष 2017 तक केवल चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा थे। वर्तमान सरकार ने प्रयागराज, कानपुर, हिंडन और बरेली हवाई अड्डे से उड़ान शुरू कराई। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उड़ान के लिए तैयार है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू हो चुका है। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनना शुरू हो गया। कुल मिलाकर 13 हवाई अड्डे और एक हवाई पट्टी का काम प्रगति पर है। इनमें अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट जल्द शुरू होंगे। इसी तरह लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो चल रही है। आगरा और कानपुर में काम चल रहा है। मेरठ को मेट्रो की सौगात योगी सरकार ने दी है। गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और झांसी में भी जल्द शुरुआत होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ad58a4a048b35f4d26f4e5840da33981c5c2b28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। लखनऊ के प्राचीन मंदिरों के परिसरों का आकर्षण और बढ़ जाएगा। उन्हें संवारने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना पर बजट की मुहर लग गई है। उन्हें मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना में शामिल किया गया है। पयर्टन विभाग ने इस योजना को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी दे दी है। बीस मार्च को इन मंदिरों में विकास का शंखनाद होगा। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर आयोजित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a3aac9c7e00c657638332c8e8374df025443808 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74168.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रंजन दवे, जोधपुर। Indian Youth Leader Parvati Jangid कई बार महिलाएं दूसरों के लिए तो लड़ती हैं, लेकिन खुद के लिए नहीं लड़ पाती हैं। पार्वती ने इन सारे मिथकों को तोड़ा है। उन्होंने खुद का बाल विवाह निरस्त करवाया। दसवीं के बाद छुड़वा दी गई पढ़ाई फिर शुरू की और स्नातकोत्तर तक की डिग्री ले ली। देश के पश्चिमी सरहद से सटे बाड़मेर के गागरिया गांव की रहने वाली पार्वती जांगिड़ पार्वती चार बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके बाद दो छोटे भाई हैं। छोटे दो भाइयों के साथ पली-बढ़ी इस बेटी के जीवन की शुरुआत ही संघर्ष से हुई। + +ग्रामीण परिवेश के होने के कारण नाबालिग अवस्था में ही घर वालों ने पार्वती का विवाह तय कर दिया। इतना ही नहीं दसवीं कक्षा के बाद उसकी पढ़ाई भी छुड़ा दी थी। कहीं आने- जाने पर रोक लग गई। कुछ संभलती-समझती उससे पहले पिता लुनाराम सुथार का भी देहांत हो गया, लेकिन बिना हिम्मत हारे परिवार को साथ लेकर पार्वती ने ना सिर्फ अपना विवाह निरस्त करवाया बल्कि बंदिशों और रूढ़िवादिता से ऊपर उठ शिक्षा को हथियार बनाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bf68e86128d242201ee65f58cbc82daac166bfa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74171.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। देश में होने वाले शोध अनुसंधान का कोई सानी नहीं है। इसकी बानगी है भारतीय मंदिरों में चढऩे वाले फूलों से बनाया गया फ्लेदर। लेदर के बजाय 'फ्लेदर से बनेे पर्स-बैग जर्मनी, फ्रांस, इटली, यूके व नीदरलैंड समेत अन्य देशों के लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़े पैमाने से पर्स बनाए जाने के बाद अब जैकेट का उत्पादन हाल ही में शुरू हुआ है। पुणे रीजनल कॉलेज से बीटेक और सिंबोयसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट से इनोवेशन विषय से स्नातकोत्तर करने वाले अंकित अग्रवाल ने इसकी खोज की है। फूलों से बनाए जाने और लेदर जैसी गर्माहट होने के कारण इसे फ्लेदर नाम दिया है। ।कई प्रयोग के बाद बनाया फ्लेदर।अंकित ने आइआइटी के छात्र-छात्राओं की टीम संग मिलकर स्टार्टअप स्थापित किया। दो साल तक आइआइटी कानपुर की अत्याधुनिक प्रयोगशाला में कई प्रयोग करने के बाद यह फ्लेदर बनाया गया। उनके इस उत्पाद को पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल (पीटा) ने प्रमाणपत्र दिया है। इसके अलावा इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च एंड टॉक्सीकोलॉजी (आइआइआरटी) ने भी इसे मान्यता दी है। ।मान्यता से स्पष्ट है कि ये त्वचा के लिए मुफीद है। अंकित को अपने इस शोध के लिए यंग एंटरप्रेन्योर के अलावा 10 फेलोशिप समेत अन्य अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं। उनकी इस टीम में आइआइटी बांबे के पूर्व छात्र नचिकेता, आइआइटी कानपुर के रिषभ, सौम्या, संदीप, गौरव, आइआइटी बीएचयू के पूर्व छात्र आयुष व हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के लेदर टेक्नोलॉजी ब्रांच के पूर्व छात्र अमन शामिल हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय मंदिरों से फूल इकट्ठा करने को उनकी टीम में शामिल 50 से अधिक महिलाओं को इससे रोजगार मिल रहा है। ।लेदर की तुलना में ज्यादा गर्म ।अंकित ने बताया कि गेंदा व गुलाब समेत अन्य फूलों में एंजाइम मिलाकर फ्लेदर तैयार किया जाता है। इसमें 70 फीसद भाग गेंदे के फूल का होता है। सिंबायटिक रिलेशनशिप ऑफ बैक्टीरियल कल्चर की प्रक्रिया से गुजारकर फ्लेदर बनाया जाता है। यह प्रक्रिया इस प्रकार की होती है जब फूलों में संगल और सिंबायटिक बैक्टीरिया यानी एंजाइम मिलाए जाते हैं तो फूलों के पोषक तत्व मिलने से ये तेजी से बढ़ते हैैं और ये फ्लेदर का स्वरूप ले लेते हैैं। यह क्रिया बायो रिएक्टर में कराई जाती है। विदेश में जांच में पुष्ट हुआ है कि यह लेदर की तुलना में ज्यादा गर्म है। इसे चार पेटेंट मिल चुके हैं। रोजाना तीन हजार सात सौ किलो फूलों से फ्लेदर की 4/4 फीट की 1200 शीटें बनाई जा रही हैं। ।छह गुना तेजी से होता है उत्पादन ।चमड़े की तुलना में फ्लेदर का उत्पादन छह गुना तेजी से होता है। कच्चे चमड़े से शीट बनाने की प्रक्रिया नौ चरणों में होती है जबकि इसकी प्रक्रिया महज तीन चरणों में पूरी हो जाती है। प्रक्रिया पूरी होने में महज छह दिन का समय लगता है। ।मथुरा व वृंदावन के पास यूनिट खोलने की योजना ।फ्लेदर बनाने के लिए मथुरा व वृंदावन के फूलों का उपयोग किया जा रहा है। इन फूलों को कानपुर स्थित औद्योगिक इकाई लाकर उत्पादन प्रक्रिया की जाती है। अब मथुरा व वृंदावन के समीप यूनिट खोलने की योजना है ताकि अधिक उत्पादन किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acc47f913daedea48c82c0e27d025c816a3f0860 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74173.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Coronavirus News बीता साल महामारी के चलते घरों में कैद रहा। नये साल में कोरोना से निजात की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के लगातार बढ़ते मामले संकट की तरफ इशारा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भी मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में निर्णायक कदम उठाने के लिए कहा। एंटीजन टेस्ट नहीं आरटी-पीसीआर पर ही भरोसा करने को कहा। पिछले 15 दिनों में कोरोना के मामलों में सबसे ज्यादा तेजी आई है। महाराष्ट्र की स्थिति चिंताजनक है और बाकी राज्यों में भी एहतियात बरतने और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर एक नजर। + +महाराष्ट्र में रिकवरी रेट में आई कमी: इस साल एक दिन में सबसे ज्यादा नए केस और मौतों के साथ महाराष्ट्र सबसे ज्यादा संक्रमित राज्यों की श्रेणी में अव्वल हो गया है। ज्यादातर नए केस मुंबई, नागपुर, पुणे इत्यादि से सामने आए हैं। चिंताजनक यह है कि रिकवरी रेट पहले के मुकाबले कम हुआ है। अब यह 92.21 से घटकर 91.26 हो गया है। नए केसों में 85 फीसद र्एंसप्टोमैटिक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f87544695612e0cde4ba008fb21a026546010c06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सभी विद्यार्थियों के लिए संस्थान बनाने का रोडमैप अत्यंत कठिन।भारत में उच्च शिक्षण संस्थाओं में नामांकित विद्यार्थियों की तादाद कई यूरोपीय देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। अगर क्लास रूम और ब्लैक बोर्ड तक शिक्षा सिमटी रहती है, तो करोड़ों बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह सकते हैं। सभी विद्यार्थियों के लिए संस्थान बनाने का रोडमैप भी अत्यंत कठिन है। यह विशालकाय हाथी की तरह है, जिसका पालन-पोषण अत्यंत खर्चीला और चुनौतीपूर्ण है। वहीं ऑनलाइन शिक्षा में यह स्थिति बदल जाती है। अगर ऑनलाइन आधार पर शिक्षा की बात की जाए तो उसमें न ही जमीन की जरूरत है और न ही भारी भरकम संसाधन की। ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था पर अमेरिकी शोध संस्थाओं की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74176.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..158e92abcf2f072a9499ce53b201d5309636fef2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74176.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[योगी आदित्यनाथ]। पावस बनकर ढलना होगा। कदम मिलाकर चलना होगा। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्मृतिशेष अटल बिहारी वाजपेयी जी की कलम से नि:सृत ये पंक्तियां मुझे सतत ध्येय प्राप्ति हेतु साधना करने की शक्ति प्रदान करती रही हैं। उत्तर प्रदेश की सेवा करते चार वर्ष कैसे बीते, इसका क्षण भर भी भान न हो सका और अब यह विश्वास और दृढ़ हो चला है कि साफ नीयत और नेक इरादे से किए गए सत्प्रयास सुफलित अवश्य होते हैं। कोविड-19 की विभीषिका से संघर्ष का एक वर्ष बीत चुका है। मुझे याद आता है जनता कफ्यरू का वह दिन जब कोरोना के गहराते संकट के बीच राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति महोदय ने फोन पर बातचीत कर मुझसे प्रदेश की तैयारी के संबंध में जानकारी ली थी। उन्हें चिंता थी कि कमजोर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, सघन जनघनत्व और बड़े क्षेत्रीय विस्तार वाला उत्तर प्रदेश इस महामारी का सामना कैसे करेगा?।मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश इस आपदा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा और अंतत: हुआ भी यही। एक तरफ हमने मंत्रिपरिषद की एक टीम बनाई, जो पॉलिसी तय किया करती थी, तो दूसरी तरफ अधिकारियों की एक टीम-11 गठित की। हर दिन छोटी-छोटी गतिविधियों की बारीकी से समीक्षा होती और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती। दूसरे प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की कोई समस्या हो अथवा प्रदेश में निवासरत लोगों की जरूरतें, सब पर सीधी नजर रखी गई। मुझे आज यह लिखते हुए आत्मिक संतोष है कि इस वैश्विक लड़ाई में पूरा उत्तर प्रदेश एकजुट रहा। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के टेस्टिंग और ट्रेसिंग के मंत्र को आत्मसात किया और समवेत प्रयास से सफलता प्राप्त की। परिणामत: आज प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थाएं भी उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन की सराहना कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8017da620d264846180225afc501c38b7c6cd969 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74177.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Ind vs Eng: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ ने इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम का ऐलान कर दिया है। ऑल-इंडिया सीनियर सलेक्शन कमेटी ने 18 सदस्यीय टीम चुनी है, जिसमें तीन नए खिलाड़ियों को भी मौका दिया है, जो पहली बार देश के लिए नीली जर्सी में वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते नजर आएंगे। उन्हीं खिलाड़ियों के बारे में आपके लिए जानना जरूरी है कि आखिरकार उनका चयन किस आधार पर हुआ है। वहीं, विजय हजारे ट्रॉफी में 800 से ज्यादा रन बनाने वाले पृथ्वी शॉ और 700 से ज्यादा रन बनाने वाले देवदत्त पडिक्कल को वनडे टीम में मौका नहीं दिया गया है, क्योंकि भारत के पास पहले से ही चार ओपनर मौजूद हैं। ।क्रुणाल पांड्या।4 नवंबर 2018 से 7 नवंबर 2019 तक देश के लिए 18 टी20 इंटरनेशनल खेल चुके ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या को पहली बार भारत की वनडे इंटरनेशनल टीम में जगह मिली है। क्रुणाल पांड्या को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के प्रदर्शन के आधार पर भारतीय टीम में जगह मिली है। क्रुणाल पांड्या ने विजय हजारे ट्रॉफी में बतौर बल्लेबाज 5 पारियों में 388 रन बनाए थे, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। 24 मार्च को 30 साल के होने जा रहे बड़ौदा के क्रुणाल ने बतौर गेंदबाज 5 विकेट भी चटकाए थे। ।सूर्यकुमार यादव।मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले 30 वर्षीय सूर्यकुमार यादव लंबे समय से भारत की सीमित ओवरों की टीम के दावेदार थे, लेकिन अब उनको मौका मिला है। उन्होंने पिछले साल आइपीएल में और फिर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और फिर विजय हजारे ट्रॉफी(5 मैचों में 332 रन) में जमकर रन बनाए। सूर्या को उसी के प्रदर्शन के आधार पर भारत की वनडे टीम में जगह मिली है। इससे पहले टी20 सीरीज में भी उनको चुना गया था, लेकिन पहले मैच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला। दूसरे मैच में नंबर तीन पर कप्तान विराट कोहली ने उनको भेजा और उन्होंने शानदार अर्धशतक लगाकर दिखा दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में रन बना सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dfdc82c09a79604ed506a9ab8ca3e098a92d36c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74178.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। बंगाल के जाने-माने पर्वतारोही देवाशीष विश्वास अपने नए मिशन पर निकल पड़े हैं। इस बार उनका लक्ष्य नेपाल की पांच उच्च पर्वत चोटियों पर तिरंगा लहराना है। इनमें माउंट मेरा (6,476 मीटर), माउंट आइसलैंड (6,119 मीटर), माउंट लोबुचे (6,189 मीटर), माउंट लोबुचे ईस्ट ( 6,189 मीटर) और माउंट आमा दबलाम ( 6,812 मीटर) शामिल हैं। 49 साल के देवाशीष इस दुर्गम पर्वतारोहण अभियान पर अकेले ही निकले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd0c727700b2f5d03fe4924fe273f26bf3cd6720 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : महानगर के ज्वालापुरी निवासी कारीगर शर्मा दंपती ने दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाने का दावा किया है। यह ताला तीन फीट चौड़ा व छह फीट दो इंच लंबा है। इसका वजन 350 किलोग्राम है। लाकडाउन में जब लोग घरों में रहकर पालन कर रहे थे, तब इन्होंने इस ताले की निर्माण का ताना-बाना बुना। क्यों न अलीगढ़ का देश-दुनिया में डंका बजाया जाए। इसमें खुद को भी सौहरत मिलेगी। इस सफलता से उत्साहित इस दंपती ने 26 जनवरी की दिल्ली परेड में इससे भी बड़ा व अधिक वजन का ताला तैयार करने का एलान किया है। इसके प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। ।लाकडाउन में रुका था कामकाज।ज्वालापुरी गली नंंबर पांच निवासी ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा एवं उनकी पत्नी रुकमणि शर्मा ने पिछली अप्रैल में लाकडाउन का पालन करने के लिए कारखाने में निर्माण काम रोक दिया था। न आर्डर थे, ना ही कच्चा माल था। तभी इस शर्मा दंपती ने हुनर को पर लगाने व ताला नगरी का नाम रोशन करने का तरीका अपने रिश्तेदार शिवराज शर्मा व उनके बच्चो से साझा किया। यह हर स्तर पर मदद देने के लिए तैयार हो गए। पहले इस ताला की ड्राइंग तैयार की गई। फिर छह फीट दो इंच लंबे और तीन चौड़ा है। इस पर एक लाख रुपये लागत आई है। ।100 साल से परिवार जुड़ा है कारोबार से।सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि ताला निर्माण से हमारा परिवार पिछले 100 साल से जुड़ा हुआ है। पहले पीतल की चूढ़ी दार तालों का निर्माण करते थे। यह जड़ाई व लोहे की रिपट से तैयार किया जाता था। दुनिया क सबसे वजनी इस ताले में पुरानी तकनीक का ही प्रयोग किया गया है। 10 लीवर के इस ताले में आयरन की मोटी शीट का प्रयोग किया गया है। इसके लीवर पीतल के हैं। ताकि जंग न लगे। कड़े का वजन बढ़ाया गया है। इस पर निकिल का प्रयोग किया गया है। चाबी का वजन भी 20 किलो है। इसकी स्पेशल डाई तैयार की गई थी। छह माह से अधिक का समय इसे बनाने में लगा है।  ।10 फीट ऊंचा तैयार होगा ताला ।इस ताले की सफलता से उत्साहित कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा ने अगले साल 26 जनवरी की दिल्ली परेड में शामिल करने के लिए इससे भी बड़ा ताला बनाने का फैसला लिया है। यह ताला पांच फीट चौड़ा व 10 ऊंचा होगा। शर्मा ने बताया है कि इसके वजन का आंकलन करना अभी संभव नहीं। अनुमानत खर्च ढाल लाख रुपया है। यह वजट और भी बढ़ सकता है। इस ताले का निर्माण होली के बाद शुरू कर दिया जाएगा। ताकि यह समय से तैयार हो सके। परेड में शामिल होने के लिए केंद्र सरकार व उद्योग मंत्रालय के मानकों का भी पता लगाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ef271e675eceb82d436b9ba9c04be225b8288d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आम तौर पर ऐसे मामलों में अक्सर तीखी धार्मिक प्रतिक्रिया होती रही है और शोर को समस्या न मानकर उन मांगों को मजहबी रंग दिया जाता रहा है। यह अच्छा है कि इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ, लेकिन यह मामला अजान तक नहीं रुकना चाहिए। हर किस्म के धार्मिक जुलूसों के मामलों में भी यह होना चाहिए। शोर या कहें कि ध्वनि प्रदूषण हमारे देश में कितनी बड़ी समस्या है, इस पर हमारी नजर इसलिए नहीं जाती है, क्योंकि हममें से ज्यादातर भारतीय इसके आदी हो चुके हैं। उन्हें यह स्वाभाविक लगता है। इसमें हर किस्म का शोर शामिल है। जैसे-सार्वजनिक जगहों पर तेज म्यूजिक बजाना, सड़कों पर वाहनों के हॉर्न बेवजह बजाना, अस्पतालों से लेकर लाइब्रेरी तक में लोगों को तेज आवाज में बातें करते देखना और कुछ न हो सके तो लाउडस्पीकर लगाकर तेज आवाज में धार्मिक आह्वान करना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..029809789d08a44e47acb2054a66df53c8afb74b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74186.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + [देवेंद्रराज सुथार]। जलवायु से जुड़ी आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, तूफान आदि के चलते पिछले छह महीनों में 1.03 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। इनमें से करीब 60 फीसद विस्थापित एशिया के थे। यह जानकारी इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (आइएफआरसी) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है, जो कि इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनीटरिंग सेंटर (आइडीएमसी) द्वारा जारी आंकड़ों पर आधारित है। आइडीएमसी का अनुमान है कि बाढ़, सूखा, तूफान जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं के चलते हर साल दुनियाभर में औसतन 2.27 करोड़ लोग विस्थापित हो जाते हैं। जलवायु से जुड़ी इन आपदाओं के चलते होने वाला यह विस्थापन एशिया में दुनिया के किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में सबसे ज्यादा था। + +सबसे ज्यादा असर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गो, बीमार लोगों पर ।विस्थापन का सबसे ज्यादा असर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गो, बीमार लोगों पर पड़ता है। समय के साथ इन आपदाओं से होने वाला नुकसान भी बढ़ता जा रहा है। हाल ही में वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2021 में भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दों जैसे-जलवायु परिवर्तन, चरम मौसमी घटनाओं को सबसे आगे रखा गया था। जर्मनवॉच द्वारा जारी क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021 में भारत को दुनिया का सातवां सबसे जलवायु प्रभावित देश माना गया था। इस इंडेक्स के मुताबिक 2019 में जलवायु से जुड़ी आपदाओं के चलते भारत में 2,267 लोगों की जान गई थी। वहीं देश को करीब 5,01,659 करोड़ रुपये का आíथक नुकसान उठाना पड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f1981bf8529b6e43bae68bf9b1b8d00498d3ec9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74191.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बंगाल समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा का जमीनी अभियान ही आक्रामक नहीं है बल्कि टेबल रणनीति में पीएम नरेंद्र मोदी भी दूसरे वरिष्ठों का पूरा साथ दे रहे हैं। चुनाव में भाजपा की ओर से झोंकी जा रही ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार को असम और बंगाल में दो चुनाव रैलियों को संबोधित करने से पहले भी दिल्ली में हुई बैठक में वह खुद मोदी देर रात 12.30 बजे तक डटे रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74192.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74192.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08783d78d1f97fc8db04b4eaf44faa634d7839ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74192.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वतंत्र विशेषज्ञों से ऑडिट कराने का फैसला ।भारतीय रेलवे के पास इन पुलों और ओवरब्रिजों के रखरखाव और निगरानी के लिए एक व्यवस्थित प्रणाली है जो वास्तविक स्थितियों का पता लगाती रहती है। इन पुलों का निरीक्षण साल में दो बार किया जाता है। इनमें पहला मानसून शुरू होने से पहले और दूसरा मानसून सीजन समाप्त होने के बाद होता है। मौजूदा बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने, सही स्थितियों से वाकिफ रहने और किसी भी संदेह से बचने के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञों से ऑडिट कराने का फैसला किया गया है। इसमें पुराने पड़ चुके पुलों में अंदरूनी तौर पर जंग लगने से कमजोर होने का अध्ययन भी कराया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fbe8f2d2e2f683cfcd4060fcba88f5dda1f3a4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_742.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Ranbir Kapoor Alia Bhatt Wedding: आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैंl इस जोड़े ने 14 अप्रैल गुरुवार को अपने घर पर शादी भी हैl अब इस अवसर पर ली गई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैl करिश्मा कपूर ने गठबंधन सेरेमनी की तस्वीरें शेयर की हैl फोटो में रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, करिश्मा कपूर, करीना कपूर और रिद्धिमा कपूर साहनी इस अवसर पर नजर आ रहे हैl फोटो में नीतू कपूर गठबंधन करती नजर आ रही हैl सभी लोग काफी खुश नजर आ रहे हैंl।करिश्मा कपूर ने गठबंधन सेरेमनी की तस्वीरें शेयर की है।करिश्मा कपूर ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, 'हमेशा का रिश्ताl' गौरतलब है कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की मुलाकात फिल्म ब्रह्मास्त्र के सेट पर 5 वर्ष पहले हुई थीl इसके बाद दोनों कई वर्षों तक एक-दूसरे को डेट करते रहेl दोनों ने अपने रिश्ते को 2018 में सार्वजनिक कियाl अब आलिया ने सोशल मीडिया पर शादी के बाद की तस्वीरें शेयर की हैl वहीं शादी की जानकारियां अब धीरे-धीरे बाहर आनी शुरू हो गई हैl।रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी परिवार वालों और खास दोस्तों की उपस्थिति में की गई।रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी परिवार वालों और खास दोस्तों की उपस्थिति में की गई। इसके बाद जोड़े ने मीडिया को फोटो और वीडियो के लिए पोज भी दिएl रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म को लेकर फैंस के काफी उत्सुकता हैl यह फिल्म तीन भागों में बनने वाली हैl इस फिल्म का निर्देशन अयान मुखर्जी ने किया हैl ।रणबीर और आलिया की मिले महंगे उपहार।रणबीर और आलिया की महंगे उपहार मिले हैl रणबीर कपूर को ढाई करोड़ रुपए की घड़ी मिली है और आलिया भट्ट को एक कश्मीरी शॉल मिली हैl वहीं जूता-छुपाई की रस्म में एक लाख रुपए दिए गए हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..769ab7a8a2eb2950dc4931eb00c07a015495b87a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74201.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, रसिक शर्मा। जामताड़ा जानते ही होंगे। साइबर ठगों का ठिकाना। देवसेरस भी साइबर ठगों का ऐसा ही इलाका है। सस्ते सोने का लालच, ओएलएक्स पर माल बेचने के नाम पर फंसाने के साथ ही ठगने के नए तरीके ईजाद किए जाते हैं। ठगी करने वालों ने न केवल देवसेरस बल्कि आसपास के गांवों को बदनाम कर दिया है। बदनामी का ये दाग धोने को गांव के युवाओं ने पहल की है। अपराध से जुड़े लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। फिर भी ठगी का रास्ता नहीं छोड़ा तो उन्हें चिन्हित कर पुलिस को इसकी खबर देंगे। इसके लिए ग्रामीणों की बैठक भी हो गई है। + +टटलू गिरोह में हैं करीब 500 लोग ।गोवर्धन के देवसेरस, मुड़सेरस, बरसाना के हाथिया, छाता के विशंभरा और शेरगढ़ के अलावा राजस्थान में कामा के समीपवर्ती कुछ गांव के अलावा हरियाणा के मेवात क्षेत्र में भी टटलुओं के गिरोह सक्रिय हैं। इन इलाकों में इनकी संख्या करीब पांच सौ के आसपास है। इन गांवों के लोगों का मेवात क्षेत्र के लोगों से भी संपर्क रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b764dbe48d487476f629141e073fbd0a36806e64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74206.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वीरेंद्र ओझा, जमशेदपुर। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के निवासी दो भाइयों अंकित प्रसाद और राहुल प्रसाद ने अपनी प्रतिभा के दम पर 500 करोड़ रुपये की साफ्टवेयर कंपनी खड़ी कर दी है, जो गूगल और माइक्रोसाफ्ट जैसी ग्लोबल कंपनियों को टक्कर दे रही है। 30 वर्षीय अंकित और 32 वर्षीय राहुल की इस जोड़ी ने 2005 में वेब डिजाइनिंग का काम शुरू किया, जबकि 2012 में ‘टच टैलेंट’ नामक साफ्टवेयर कंपनी विकसित की। मगर दोनों उम्मीद के अनुरूप नहीं चली। इसके बाद उन्होंने 2016 में ‘बाबल एआइ’ नामक कंपनी बनाई, जिसके तहत ‘बाबल इंडिक’ की-बोर्ड लांच किया गया। यह की-बोर्ड 37 भारतीय भाषाओं के साथ दुनिया की करीब 120 भाषाओं को सपोर्ट करता है। इसकी रेटिंग 4.7 है और इसका इस्तेमाल आज करीब पांच करोड़ लोग कर रहे हैं। + +स्मार्टफोन के लिए की-बोर्ड बनाने वाली ‘बॉबल एआइ’ के प्रदर्शन से उत्साहित फ्लिपकार्ट के सहसंस्थापक सचिन बंसल व बिन्नी बंसल, मेक माय टिप के संस्थापक दीप कालरा सहित सैफ पार्टनर्स और शाओमी जैसे निवेशकों ने इसमें करोड़ों रुपये निवेश किए हैं। एनआइटी-जमशेदपुर में भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसर रंजीत प्रसाद के पुत्र अंकित प्रसाद और राहुल प्रसाद की प्रारंभिक शिक्षा चाईबासा के सरस्वती विद्या मंदिर से हुई। दोनों ने आदित्यपुर (जमशेदपुर) स्थित डीएवी एनआइटी से 12वीं की। दोनों को बचपन से ही कंप्यूटर से लगाव था। अंकित को तो छह साल की उम्र से ही कोडिंग में दिलचस्पी थी। कंप्यूटर और साफ्टवेयर में विशेष दिलचस्पी दोनों को साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की तरफ ले गई। 12वीं के बाद अंकित ने 2008 में आइआइटी, दिल्ली में मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन 2011 के अंत में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इधर, सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सटिी से कंप्यूटर साइंस से डिग्री हासिल करने के बाद राहुल ने 2008 से 2014 के बीच कई मल्टीनेशनल कंपनियों में अपनी सेवा दी। इस बीच जब अंकित ने 2016 में ‘बाबल एआइ’ कंपनी बनाई, राहुल भी पूरी तरह उससे जुड़ गए। इसका मुख्यालय नोएडा में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c339519c37d8eb0be814949ad1af7f0b53ddd1f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रस्ट के सदस्यों के बीच इस पर कई चक्रों में वार्ता भी हुई है। दर्शन प्वाइंट ऐसे स्थान पर बनाए जाने की तैयारी है, जिससे वैकल्पिक गर्भगृह के रास्ते पर आते-जाते समय भक्त निर्माणाधीन पूरी साइट को आसानी से देख सकें। हालांकि, कोई भक्त निर्माण कार्य के समीप नहीं जा सकेगा और न ही निर्माण की प्रक्रिया से जुड़े लोगों से वार्ता कर सकेगा। तय प्वाइंट से निर्माण कार्य वाली दिशा में लोहे की जालियां लगाई जाएंगी। इन्हीं जालियों के भीतर से भक्त निर्माण कार्य का अवलोकन कर सकेंगे। रामभक्त नींव की भराई का कार्य भी देख सकेंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने ट्रस्ट के अन्य सदस्यों से इस पर राय ली है। वह चाहते हैं कि जो भी रामभक्त रामलला का दर्शन करने आएं, वो मंदिर के निर्माण कार्य को अवश्य ही देखें।ट्रस्ट से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जल्द ही यह प्रस्ताव जमीन पर उतरेगा और नींव भराई में तेजी आने के साथ ही भक्तों को यह सुविधा मिल सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d7b88548fa4102fd7e5a6b285bb89b5779e8443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अजोध्या हिल्स.. यह एक छोटा पठार है, जो राज्य के पुरुलिया जिले में स्थित है। यह छोटानागपुर पठार का पूर्वी भाग है और पूर्वी घाट श्रेणी का विस्तारित हिस्सा है। अजोध्या हिल्स की सबसे ऊंची चोटी चम्तबुरू (712 मीटर) है। खास बनावट की वजह से यह पठार पर्वतारोहियों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण का बेहतर स्थल है। इसे विकसित किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51cd44875251d305641c516f6f395e5634a07235 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नैरोबी, तंजानिया (रॉयटर्स)। तंजानिया के राष्‍ट्रपति जॉन पॉम्‍बे मगुफुली का दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया है। उनका निकनेम बुलडोजर था। उन्‍हें ये नाम उनकी नीतियों की वजह से मिला था। उनके निधन की जानकारी उपराष्‍ट्रपति सामिया सुलुहू हासन ने दी है। कुछ समय पहले उन्‍हें कोविड-19 से संक्रमित होने का संदेह जताया गया था। वो करीब दो सप्‍ताह से अधिक समय से सार्वजनिक तौर पर देखे नहीं गए थे। इसलिए इन आशंकाओं को बल मिला कि उनकी मौत की वजह कोविड-19 हो सकती है। हालांकि उपराष्‍ट्रपति ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वो काफी समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। हासन ने लोगों से अपील की है कि वो अन्‍य देशों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्‍यान न दें। उन्‍होंने ये भी कहा है कि ये बेहद आम बात है कि फ्लू या बीमार होने पर डॉक्‍टर को दिखाया ही जाता है। सरकार की तरफ से उनके निधन पर दो सप्‍ताह के शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान सभी सरकारी इमारतों पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज आधे झुके रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d40c7bac4d084e1fdb0b3e12aa2059f26af0beb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74218.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। स्वास्थ्य कर्मियों के बाद अब 60 साल से ज्यादा तथा सहरुग्णता वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। इस बीच इंटरनेट मीडिया लोकल सर्कल ने टीकाकरण के मुद्दे पर एक सर्वे किया। 75 फीसद लोगों ने कहा कि अगर वैक्सीन विपुलता में उपलब्ध हो व बड़े पैमाने पर टीकाकरण की व्यवस्था संभव हो तो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीके लगाए जाएं। + +वैक्सीन का भंडारण अधिक और टीकाकरण की रफ्तार कम है। क्या सरकार को निजी अस्पतालों और लैब में शाम छह बजे के बाद थोड़ा अधिक शुल्क लेकर 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की छूट दे देनी चाहिए?।ऐसे किया गया सर्वे: देश के 281 जिलों से लोगों की करीब 19 हजार प्रतिक्रियाएं आईं। इनमें 32 फीसद महिलाएं व 68 प्रतिशत पुरुष शामिल थे। 46 फीसद लोग टियर एक, 29 प्रतिशत टियर दो व 25 फीसद टियर तीन व चार शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्र के थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24aa59367ebe58e21461afa1e7b0d2778009deed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74219.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। यह विडंबना ही तो है। एक ओर देश में कोरोना संक्रमण के मामलों और इसके कारण होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ इस वायरस को मात देने के लिए तैयार किया गया टीका सभी तक पहुंचने से पहले बर्बाद होने लगा है। वह भी थोड़ा-बहुत नहीं, बल्कि 6.5 फीसद। आलम यह है कि केंद्र सरकार को राज्यों से वैक्सीन की बर्बादी रोकने और उसके अधिकतम इस्तेमाल के लिए अपील करनी पड़ रही है। + +70 जिलों में 150 फीसद से ज्यादा का इजाफा: एक से 15 मार्च के बीच देश के 16 राज्यों के 70 जिलों में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में 150 फीसद से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई। जबकि, 17 राज्यों के 55 जिलों में दैनिक मामलों में 100-150 फीसद की बढ़ोतरी हुई। ये सभी जिले पश्चिम व उत्तरी भारत के हैं। अगर राज्यों की बात करें तो 60 फीसद मामले अकेले महाराष्ट्र में सामने आए, जबकि 45 फीसद मौतें भी इसी राज्य में हुईं। + +संक्रमण दर में भी हुई वृद्धि: एक मार्च तक औसतन 7,741 कोरोना के नए मामले सामने आ रहे थे, लेकिन 15 मार्च तक दैनिक मामलों का औसत 13,527 हो गया। यहां तक कि कुल जांच में संक्रमित पाए जाने वालों की दर (पॉजिटिविटी रेट) भी 11 फीसद से बढ़कर 16 फीसद हो गई। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को मीडिया को बताया कि जांच की संख्या में वृद्धि न होना और पॉजिटिविटी रेट में इजाफा होना चिंताजनक है। इसलिए, हम राज्यों और खासकर महाराष्ट्र को जांच बढ़ाने की सलाह देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af6f364d069e4d28f265ca9c166dc053e591ca23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। 'बिग बॉस' फेम और सिंगर राहुल वैद्य हाल ही में 16 जुलाई को अपनी गर्लफ्रेंड दिशा परमार संग शादी के बंधन में बंधे हैं। राहुल और दिशा की शादी काफी चर्चा में रही है। दोनों की शादी की कई तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ वायरल हुईं हैं। शादी के जोड़े में ये नव विवाहित जोड़ा काफी खूबसूरत नजर आए थे। सोशल मीडिया पर फैंस ही नहीं बल्कि स्टार्स भी दोनों को खुशहाल जीवन की खूब बधाई दी। इस बीच राहुल वैद्य का एक थ्रोबैक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बेटी जीवा धोनी के साथ मस्ती करते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0611a75326bb6eaf07f84f2cc74e92ed8f21058 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Role Of Maratha Warriors In Freedom Fight स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का जब भी जिक्र होगा, उसमें कानपुर का नाम जरूर होगा और जब कानपुर का नाम आएगा तो उसमें मराठों का भी जिक्र आएगा। नाना साहब ने अंग्रेजों से युद्ध भी लड़ा और उन्हें हराया भी। उस दौरान कानपुर वह हिस्सा था जो अंग्रेजों से मुक्त करा दिया गया था और यहां नाना साहब का शासन था। हालांकि मराठों का आगमन इससे भी करीब चार दशक पहले हुआ। 18 मार्च 1818 यानी अब से 203 वर्ष पहले पेशवा बाजीराव द्वितीय कानपुर में बिठूर में रहने के लिए आए थे। उनके साथ उस समय करीब 15 हजार लोग थे। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मराठों के आने से बिठूर काफी चहल-पहल का स्थान बन गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05fc5ae8a071747a1faa8e3ccac7a0c58b95894c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74221.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। नया मुरादाबाद में दस्तकारों के हुनर को पूरी दुनिया के व्यापारियों को दिखाने के मकसद से कानपुर के हस्तशिल्प निगम ने सोर्सिंग हब को लीज पर लेने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन, एमडीए की शर्तों पर निगम ने सोर्सिंग हब को लीज पर लेने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसलिए 27 मार्च को होने वाली एमडीए बोर्ड की बैठक में फिर से यह मुद्दा रखा जाना है। बोर्ड इस पर जो फैसला लेता, उसी के मुताबिक आगे का फैसला होगा। + +यह भी पढ़ें:-।Dehradun Shatabdi Express coach fire case : उत्तराखंड फोरेंस‍िक लैब खोलेगी शताब्दी एक्सप्रेस में आग की घटना का राज। Panchayat Election 2021 : आधी रात के बाद से ब्लाक प्रमुखों का कार्यकाल खत्म, अब प्रशासकों के हाथ में कमान। थाना प्रभारी से बोली युवती, पुजारी के साथ मां के हैं नाजायज संबंध, घर में भी दोनों अकेले में म‍िलते हैं।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c4e310a2d4439b2071cc6cfebbc82dd07acf563 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74223.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के नेताओं की दोमुंही सियासत खुल कर सामने आ रही है। कांग्रेस की तो बात ही निराली है। परंतु बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र में उनकी सहयोगी पार्टियों की बात तो और भी जुदा है। बंगाल में तृणमूल के खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के विरोध में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में खड़े होने की बात कह दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f05ae30a010a874eeb2b333c52dd8cb36dc7ab3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, सुधीर कुमार। हाल में स्विट्जरलैंड की ‘आइक्यू एयर’ संस्था द्वारा जारी वल्र्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट-2020 के मुताबिक दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में 22 शहर भारत के हैं। इसमें चीन का शिनजियांग शहर शीर्ष पर है, जबकि गाजियाबाद दुनिया का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है। शीर्ष 30 प्रदूषित शहरों की फेहरिस्त में उत्तर प्रदेश के दस और हरियाणा के नौ शहर शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8d3db483607c2a3aee12a8aa12921062a620489 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिंगुर बाजार के कारोबारी यतींद्रनाथ गुहा कहते हैं, सिंगुर लंबे समय से डर्टी पॉलिटिक्स का केंद्र बना हुआ है। नेता अपने स्वार्थ में सिंगुर का बेड़ा गर्क कर रहे हैं, और क्या कहें। विपुल पाल का भी कुछ ऐसा ही मत है, कहते हैं : पॉलिटिक्सेर जोन्नो एतो बड़ो कारखाना टा एखान तेके चोले गेलो...(राजनीति के कारण यहां से कारखाना चला गया)। कारखाने के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया, उसमें एक तिहाई जमीन ही दो फसली कृषि जमीन थी। बाकी जमीन में तो एक फसल भी मुश्किल से होता था। आज जमीन यूं ही परती पड़ी है। इतना बड़ा उद्योग चला गया, इलाके के लोगों के लिए यह ठीक नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77fbccd25e781dd302d9d98d15683136a09970e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74231.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि राज्य बोर्ड की भी अपनी खासियतें हैं जिनमें सबसे अहम है कि ये बोर्ड अपने राज्य से जुड़ी जमीनी जानकारियों से बच्चों को अवगत कराते हैं। उदाहरण के तौर पर नगालैंड, मेघालय, मिजोरम जैसे राज्यों के स्कूलों और वहां की जनजातियों के लिए जितनी जमीनी, सांस्कृतिक रूप से पुष्ट और बेहतर शैक्षिक व्यवस्था वहां के राज्य बोर्ड करते हैं, उतना बेहतर शायद ही सीबीएसई कर पाए। + +तीसरी वजह है कि कई छात्र इंजीनियर या डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखते हैं। इसके लिए वे जेईई या नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। हालांकि 2019 से ये परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के जिम्मे हैं, लेकिन इससे पहले सीबीएसई ही इनका संचालन करती थी। अब भी माना जाता है कि ये परीक्षाएं सीबीएसई के पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं, क्योंकि सीबीएसई स्कूलों से उत्तीर्ण छात्रों ने इन परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन किया है। कह सकते हैं कि सीबीएसई छात्रों के लिए बेहद माकूल शिक्षा बोर्ड है, खासकर उनके लिए जो राज्य के बजाय राष्ट्रीयकृत संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74232.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74232.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..242198a624eea0a3200338ca01d5be1a489f2ffc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74232.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। National Ordnance Factories Day 2021 शहर के रक्षा प्रतिष्ठानों में बने हथियार और सुरक्षा उपकरण सेना के जवानों का कवच बनकर दुश्मनों को मुंहतोड़ जबाब दे रहे हैं। यहां आधुनिक गन से लेकर पैराशूट तक 20 से अधिक उपकरण बन चुके हैं, जो मेक इन इंडिया का ख्वाब साकार कर रहे हैं। लघु शस्त्र निर्माणी (एसएएफ) में हाल ही में विकसित की गई ज्वाइंट प्रोटेक्टिव वेंचर्स कार्बाइन एक सशक्त हथियार है। सेना में सफल परीक्षण के बाद अब इसे सौंपने की तैयारी है। + +एसएएफ में निर्मित अमोघ, इंसास-5.56 व मैगगन मेक इन इंडिया का बेहतरीन नमूना हैं। बेल्ड फेड एलएमजी भी बनकर तैयार है। अब यह ट्रायल के लिए जानी है। सेना के साथ आमजन के लिए बनने वाली रिवॉल्वर 'प्रहारÓ भी देशभर में पसंद की जा रही है। इससे पहले मार्क-1, मार्क-2, मार्क-3 व मार्क-4 रिवॉल्वर भी बनाई जा चुकी हैं, जिन्हें बेहद पसंद किया गया। एसएएफ में हथियार बनाने की शुरुआत ब्रेनगन से हुई थी। इसके बाद एक से बढ़कर एक हथियार बने। अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए 11 मार्च को इसे बेस्ट ऑर्डनेंस फैक्ट्री अवार्ड से नवाजा गया है। यहां पर महिलाओं के लिए महज साढ़े तीन सौ ग्राम की निर्भीक रिवॉल्वर भी बनाई गईं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb99115df788e2891117cfc6aa972ec1810ef066 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74233.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोलकर ज्यादातर मौकों पर शॉर्ट लेग और सिली प्वाइंट पर फील्डिंग करते थे और नीचे रहते हुए और तेज आते कैचों को पकड़ते थे। यही वजह है कि 1.96 कैच प्रति मैच का ये रिकॉर्ड शानदार है। स्लिप कॉर्डन में सोलकर बहुत कम नजर आते थे। क्रिकेट के मैदान पर मिली सफलताओं के अलावा उनका जीवन भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनका जन्म मुंबई में एक विनम्र परिवार में हुआ था। सोलकर के पिता हिंदू जिमखाना में एक ग्राउंडमैन थे और वह उस मैदान पर खेले गए मैचों के दौरान स्कोरबोर्ड पर स्कोर बदलकर उनकी मदद करते थे। वह अपने माता-पिता और पांच भाई-बहनों के साथ एक कमरे की झोपड़ी में पले-बढ़े थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74236.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..440aa3e7ba745a7e33344276944f1693c884b81b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। पाकिस्‍तान और तुर्की के खिलाफ अमेरिका का सख्‍त रवैया अब इन दोनों के बीच हुई हेलीकॉप्‍टर डील पर भारी पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच ये डील वर्ष 2018 में हुई थी। 1.5 बिलियन डॉलर की इस डील के तहत पाकिस्‍तान को तुर्की में निर्मित 30 अटैक हेलीकॉप्‍टर (T129 Atak) देने थे। इस डील पर यूं तो शुरुआत से ही पेंच फंसा हुआ था, लेकिन तुर्की ने इसको नजरअंदाज कर आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसमें उसको मुंह की खानी पड़ी। दरअसल, इस हेलीकॉप्‍टर में इंजन समेत कुछ दूसरे जरूरी उपकरण अमेरिका में बने हैं। इन उपकरणों और इंजन को बेचने का लाइसेंस तुर्की के पास नहीं है। तुर्की ने ये जानते हुए भी पाकिस्‍तान से इस डील को आगे बढ़ाया। हालांकि इस बीच में तुर्की ने अमेरिका में लाइसेंस हासिल करने की भी प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने उसको लाइसेंस देने से साफ इनकार कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..871a754fcfc9493b420984a4b2978b9a6d9e46a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चार अरब वर्ष पहले मंगल पर गहरे समुद्र और भरपूर पानी था ।कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) के शोधकर्ताओं के अनुसार लगभग चार अरब वर्ष पहले मंगल ग्रह पर ना केवल भरपूर पानी था, बल्कि यहां पर 100 से 1500 मीटर गहरे समुद्र भी थे। हालांकि, एक अरब वर्ष बाद यह ग्रह उतना ही सूखा हो गया, जितना की आज है। इस अध्ययन के सामने आने से पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि मंगल ग्रह के कम गुरुत्वाकर्षण के चलते उसका अधिकांश पानी अंतरिक्ष में चला गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार कम गुरुत्वाकर्षण के चलते कुछ पानी जरूर अंतरिक्ष में चला गया होगा, लेकिन इस प्रक्रिया के तहत अधिकांश पानी के अंतरिक्ष में जाने की बात सही प्रतीत होती नहीं दिखती है। अध्ययन के प्रमुख लेखक इवा शेलर ने कहा कि वायुमंडल से पानी लापता होना इस बात की तस्दीक नहीं करता है कि ग्रह पर वास्तव में कितना पानी था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a803deb6ca9d0e62b650324760e93d1588dc4121 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिनेश कुकरेती, देहरादून। Haridwar Kumbh Mela 2021 कुंभ और अखाड़े एक-दूसरे के पर्याय हैं। अखाड़े कुंभ को भव्यता ही नहीं, संपूर्णता भी प्रदान करते हैं। कुंभ का होना भले ही खगोलीय गणना पर निर्भर हो, लेकिन व्यवहार में कुंभ की शुरुआत कुंभनगर में अखाड़ों के प्रवेश के साथ ही होती है।  शैव, वैष्णव और उदासीन पंथ के 13 अखाड़ों को ही मान्यता मिली हुई  है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..395aec7a602929f152f16fe7b2d880325b4f2a7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74242.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुल्क घटा, सशक्त होती मंडियां : कृषि उपज की बिक्री के लिए मंडियों की उपयोगिता और अधिक बढ़ी है। मंडी शुल्क समाप्त होने के बाद मंडियों में आनलाइन व्यापार को प्रोत्साहित किए जाने का लाभ मिल रहा है। राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में 125 मंडियों के जरिये 6,81,278.18 लाख रुपये का कारोबार किया गया। मंडी शुल्क एक फीसद घटाया और फल-सब्जी जैसे 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से मुक्त कर दिया गया। चार वर्ष में 220 नए मंडी स्थल चिन्हित किए गए। 27 मंडियों का आधुनिकीकरण भी किया गया। 291 ई-नाम मंडी स्थापना से 87 लाख किसान और 34 हजार कारोबारी जुड़े हैं। मंडी परिषद की आय में करीब 866 करोड़ रुपये वृद्धि का दावा किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82e73c66efa4e77caba58c311917ae9c1b3de507 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हीमोग्लोबिन ज्यादा तो भी रिस्क: वायु प्रदूषण से ब्लडप्रेशर एवं खून में गाढ़ापन बढ़ने की आशंका होती है। आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. केके अग्रवाल ने गत दिनों डाक्टरों के साथ संवाद में माना कि कोरोना वैक्सीन से भी कुछ दिनों तक खून में गाढ़ेपन का रिस्क हो सकता है, ऐसे में खून पतला करने की दवाएं साथ रखनी चाहिए। खासकर, उन मरीजों में जिनका हीमोग्लोबिन 15 से ज्यादा है, या जिनके खून में थक्का बनने की प्रवृत्ति है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed800954a947940fd5deeac331262c7a1db92541 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राधाकृष्ण के अनुराग प्रेम से भरी रंगीली होली का आनंद लेने को हर कोई लालायित है। गिरधर की होली लीला का रसास्वादन भला कौन न करना चाहेगा। बरसाना व नंदगांव की रंगीली गलियों में रंगो का पर्व मनाने की तैयारियां अपने चरम सीमा पर हैं। हुरियारे और हुरियारिनें उत्साह से लबरेज हैं। सबको इंतजार है बरसाना से नंदगांव जाने वाले होली के आधिकारिक निमंत्रण और वहां से आने वाली सहमति का। लठामार होली से एक दिन पहले यानी 22 मार्च को बरसाना में लड्डू होली का आयोजन होता है। जिसमें श्रद्धालुओं पर कई किवंटल लड्डू लुटाए जाते है। बताते चलें कि द्वापरयुग में राधारानी के होली निमंत्रण को स्वीकृति देने के लिए कृष्ण अपने सखा को बरसाना भेजते है। जिसका लड्डुओं से सखियां स्वागत व सत्कार करती है। लेकिन सखियों के प्रेम को देखकर कृष्ण का सखा लड्डू खाता है और लुटाता है। उसी परम्परा पर लड्डू होली की शुरुआत हुई। लड्डू होली लाडिली जी मंदिर परिसर में होती है। इस दौरान गोस्वामी समाज द्वारा समाज गायन किया जाता है। जिसमें गोस्वामी समाज का ही कोई युवक पांडा बनकर नाचता है और श्रद्धालुओं पर लड्डू लुटाता है। लड्डू होली करीब साढ़े पांच बजे शुरु होती है जो एक घन्टे तक चलती है। सेवायत रासबिहारी गोस्वामी ने बताया कि लड्डू होली भी राधाकृष्ण के प्रेम को सार्थक बनाने के लिए होती है। इस होली का भी ताल्लुक द्वापरयुग से है। आज भी फागुन शुक्ल अष्टमी को राधारानी मंदिर पर लड्डू होली का आयोजन होता है। जिसके अगले दिन लठामार होली का आयोजन रंगीली गली में होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee0c8e96d558e5c3b2ade8fe888b4a8bf6f1107b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जो बेहतर उनसे सीखें। हां, प्रतिबंधित चीजों का जेल में पहुंचना इतना आसान नहीं है और यह जेल की दुनिया में खासा महंगा भी है। यह उसी बंदी के पास पहुंचती हैं जो ताकतवर होता है या अमीर होता है। या ये दोनों जिसके पास होते हैं। यह भी स्पष्ट करना जरूरी है कि इस अव्यवस्था के मामले में हर जेल को एक ही चश्मे से देखना उचित नहीं है। लखनऊ की महिला जेल और गाजियाबाद की डासना जेल में जैमर जेल से कुछ दूरी पर ही काम करना शुरू कर देते हैं। कुछ और जेलों में भी जैमर काफी सशक्त हैं जो जेल के बाहर तक असर दिखाते हैं। इसलिए वहां मोबाइल फोन या इंटरनेट का इस्तेमाल करना संभव ही नहीं है। तो भला देश की सबसे बड़ी जेल में ऐसा सशक्त जैमर क्यों नहीं हो सकता?।जेलकर्मी : बाहरी दुनिया का प्रवेश द्वार।इस पूरे मामले में यह भी समझना होगा कि जेल में गैर कानूनी तरीके से सामान पहुंचाने वाले या इसमें मदद करने वाले बाहरी दुनिया के लोग होते हैं। इसी बाहरी दुनिया में जेलकर्मी भी हैं। अगर बाहरी दुनिया की सुख-सुविधाएं और तकनीक जेल के भीतर तक पहुंच रही हैं तो उसमें सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न है। यानी उन पर निगरानी रखने वाला तंत्र कमजोर है। जेल और बाहर की दुनिया को बांटने वाली लाइन में खामी है। यह स्पष्ट नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74260.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74260.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7bc20245f4a3e84cb9fc12c85ecd95659a20968 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74260.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए पिछले साल लॉकडाउन लागू किया गया। स्कूल-कॉलेज और र्कोंचग सेंटर बंद हो गए। प्रतियोगी परीक्षाएं आगामी सूचना तक के लिए टाल दी गईं। इससे जेईई और नीट के अभ्यर्थियों को दोहरा झटका लगा। एक तरफ घरों में कैद रहने से परीक्षा की तैयारियां प्रभावित होने लगीं और दूसरी तरफ उन्हें इस बात का कतई अंदाजा नहीं था कि आगे परीक्षा कब होगी। इस बीच छात्रों की मदद के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने ‘अभ्यास’ नामक एक एप लांच किया। इसमें जेईई मेन व नीट के मॉक पेपर दिए गए थे, ताकि अभ्यर्थी अभ्यास जारी रख सकें। लाखों छात्रों ने अभ्यास में इस एप की मदद ली। अब इस एप पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जेईई और नीट के अभ्यर्थी कहां चूक कर जाते हैं, जिससे उनके परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होते हैं...।उप्र के अभ्यर्थियों ने किया सबसे ज्यादा उपयोग: राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) यूजी व संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन कभी भी छात्रों के लिए आसान नहीं रही हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की महामारी ने इन्हें और मुश्किल बना दिया। एनटीए ने छात्रों की मुश्किलों को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अभ्यास नामक एप लांच किया था। 19 मई, 2020 से 29 जनवरी, 2021 तक 54 लाख छात्रों ने एप के जरिये नीट यूजी का अभ्यास किया, जबकि 28 लाख ने जेईई मेन के मॉक टेस्ट दिए। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 3.4 लाख छात्रों ने एप का इस्तेमाल किया, जबकि दमन एवं दीव में सबसे कम 95 छात्रों।ने। एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी के अनुसार, ‘इस एप के जरिये हमने छात्रों के समक्ष एक विश्लेषण पेश किया और बताया कि वे कहां गलतियां कर रहे हैं। बाद में सही कांसेप्ट के बारे में भी बताया गया।’।प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में अहम बातें।छात्रों को इन टॉपिक्स में हुई सबसे ज्यादा परेशानी, गलत उत्तरों ने समग्र रूप से परिणाम को भी किया प्रभावित।फिजिक्स: जेईई और नीट दोनों के अभ्यर्थियों के लिए फिजिक्स यानी भौतिक विज्ञान को सबसे कठिन विषय माना जाता है। इसमें अंक भी कम हासिल हो पाते हैं। इस विषय में सबसे कठिन टॉपिक है- मोशन इन वन डायमेंशन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e1be219e95002e3dca87ea8fdea2e5c5d226237 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74261.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +रैंकिंग में शामिल रहे 106 देश: शहरों की रैंकिंग हवा में पीएम 2.5 की मौजूदगी के आधार पर की गई है। 106 देशों के विभिन्न शहरों की हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 के आंकड़े वहां स्थित निगरानी केंद्रों से लिए गए। अधिकांश केंद्रों का संचालन सरकारें करती हैं। पीएम 2.5 उस प्रदूषक तत्व को कहा जाता है, जिसका व्यास 2.5 माइक्रॉन से कम होता है। दुनिया के करीब आधे प्रदूषित शहर पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन व भारत में स्थित हैं। + +शिनजियांग पहले और दूसरे स्थान पर गाजियाबाद रिपोर्ट में चीन के शिनजियांग को दुनिया का सर्वाधिक प्रदूषित शहर बताया गया है। हालांकि, इसके बाद के नौ।सर्वाधिक प्रदूषित शहर भारत के हैं। गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है। इसके बाद बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, भिवाड़ी व दिल्ली का नंबर आता है। + +स्वच्छ ईंधन व यातायात को बढ़ावा देने की जरूरत आइक्यूएयर की रिपोर्ट के संदर्भ में ग्रीनपीस इंडिया के क्लाइमेट कैंपेनर अविनाश चंचल कहते हैं, ‘लॉकडाउन के कारण हालांकि दिल्ली समेत कई शहरों की वायु गुणवत्ता आंशिक तौर पर सुधरी है, लेकिन प्रदूषण का स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव बरकरार है। सरकार स्वच्छ ऊर्जा के स्नोतों को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही किफायती और कार्बन उत्सर्जन कम करने वाले यातायात माध्यमों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इनमें पैदल चलना, साइकिल चलाना व सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है।’।आइक्यूएयर के सीईओ फ्रैंक हम्स ने बताया कि वर्ष 2020 में वायु प्रदूषण में अभूतपूर्व गिरावट आई, लेकिन वर्ष 2021 में मानवीय कारणों से इसमें वृद्धि हो सकती है। हमें विश्वास है कि यह रिपोर्ट वायु प्रदूषण से निपटने में मददगार साबित होगी। वायु प्रदूषण वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e034e4e1ad4221576b3a28d3ee5a748b337e9c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुशील मोदी का भाषण पढ़ रहे तेजस्‍वी यादव।नंदकिशोर यादव ने कहा कि तेजस्वी वही भाषण पढ़ रहे हैं, जो सुशील कुमार मोदी विपक्ष के नेता रहने के समय पढ़ते थे। सभाध्यक्ष ने तेजस्वी को सलाह दी-सकारात्मक बोलिए। बताइए कि राज्य कैसे आत्मनिर्भर बनेगा। तेजस्वी का कहना था कि राज्य में अपराधी आत्मनिर्भर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में ताबड़तोड़ तेल मालिश करने वाले को ही सुशासन नजर आता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c3d5db9a647de3c7e5e899d9261dd1333678ebc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74264.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पिछले सप्‍ताह ही तैयार हुई कार्ययोजना।दरअसल, नगर क्षेत्र में संचालित बेसिक शिक्षा परिषद के करीब दो दर्जन स्कूलों से हेडमास्टरों की ''दारोगागीरी'' समाप्त हो जाएगी। एक ही परिसर मेें संचालित एक या उससे ज्यादा सरकारी स्कूलों का संविलियन कर एक विद्यालय बनाने का काम किया जाएगा। वहां पर दो-दो प्रधानाध्यापकों की बजाय एक ही प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी तय होगी। इसको लेकर हेडमास्टरों की शिक्षक संघों के साथ मिलकर राजनीति पहले से ही हावी रही है। दिसंबर के पहले सप्ताह में ही नगर क्षेत्र में संविलियन का काम शुरू करने की योजना तैयार की गई थी। मगर कोरोना काल के चलते काम अटक गया था। जिले में 13 ब्लाक व एक नगर क्षेत्र के हिसाब से 14 खंड शिक्षाधिकारी यानी बीईओ होने चाहिए थे। जो कि उपलब्ध नहीं थे। इससे एक बीईओ पर एक से ज्यादा ब्लाक का प्रभार था। अब जिले में सात नए बीईओ आ गए हैं, उनको तैनाती देने की प्रक्रिया की जा रही है। नगर मुख्यालय पर चार बीईओ के पद थे जिनमें से तीन खाली चल रहे थे। अब इनको पूरा किया जा सकेगा। + +दो दर्जन विद्यालय अभी भी छूटे हुए हैं ।पिछले सत्र में ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में संविलियन का काम कर दिया गया लेकिन नगर क्षेत्र के करीब दो दर्जन विद्यालय अभी भी छूटे हुए हैं। एक ही परिसर मेें दो हेडमास्टर के साथ दो-दो स्कूल संचालित हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो नगर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षक नेताओं व प्रधानाध्यापकों की मनमानी के चलते संविलियन का काम रुका हुआ है। वे स्कूलों का संविलियन कर हेडमास्टर का चार्ज छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। + +इनका कहना है।बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि, कोरोना काल के चलते कुछ विद्यालयों के संविलियन का काम अटक गया था। छात्र संख्या, शिक्षक संख्या व स्कूलों की सूची तैयार करा ली गई है। नए आए सात बीईओ को उनके कार्यक्षेत्र सौंपने के बाद नगर क्षेत्र के बचे हुए स्कूलों में संविलियन का काम पूरा किया जाएगा। नए सत्र से पहले नगर क्षेत्र के एक परिसर में संचालित दो स्कूलों को संविलित कर वहां एक प्रधानाध्यापक की व्यवस्था बनाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e807224340f19a1621990278ee9e2b481f211b8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74266.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत की महान महिला बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल आज यानी 17 मार्च 2021 को अपना 31वां जन्मदिन मना रही हैं। शटलर साइना ने अपने किस्मत एक तरह से खुद लिखी है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। लॉरेल और पुरस्कारों की सूची अब अपने आप बोलती है कि साइना नेहवाल ने खुद के लिए और देश के लिए क्या अर्जित किया है। हरियाणा के हिसार की रहने वाली साइना के परिवार में बैडमिंटन के लक्षण पहले से ही थे, क्योंकि उनकी मां राज्य स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी थीं। + +साइना नेहवाल के 31 वें जन्मदिन पर हम बैडमिंटन के खेल में उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों को बारे में बताने जा रहे हैं। जिस तरह क्रिकेट में सचिन...सचिन...सचिन... की गूंज स्टेडियम में सुनाई देती थी। ठीक उसी तरह एरेना में साइना...साइना...साइना... की गूंज सुनाई देती है। नई दिल्ली के श्री फोर्ट कॉम्प्लेक्स में ऐसा ही कुछ सुनने और देखने को मिला था, जब उन्होंने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के बैडमिंटन सिंगल्स में मलेशिया की म्यू चू वॉन्ग का सामना किया था। पहला राउंड हारने के बाद उन्होंने लगातार दो राउंड जीतकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसी के साथ वे पहली भारतीय महिला बन गई थीं, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंगल्स इवेंट में स्वर्ण पदक जीता हो। + +जीत की होड़ लिए साइना ने 2014 में सैयद मोदी इंटरनेशनल ग्रां प्री और ऑस्ट्रेलियाई सुपर सीरीज जीतकर अपनी शानदार फॉर्म का प्रदर्शन करते हुए चाइना ओपन सुपरसीरीज में प्रवेश किया। ग्रुप स्टेज में शानदार प्रदर्शन करते हुए वह आगे बढ़ती चली गई थीं, लेकिन चाइना ओपन के फाइनल में साइना नेहवाल को जापान की अकाने यामागुची का सामना करना पड़ा था, जहां पहले राउंड में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए चाइना ओपन सुपर सीरीज जीती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..493bd40e237b77dd2da42c93926f211de9d7ff7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74268.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. लक्ष्मी शंकर यादव। भारत के साथ लद्दाख सीमा पर तनातनी और अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच चीन ने अपना रक्षा बजट प्रस्तुत किया, जिसमें उसने भारी वृद्धि की है। चीन का यह रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट से तीन गुना से भी ज्यादा है। चीन का घोषित रक्षा बजट गत वर्ष की तुलना में 6.8 प्रतिशत अधिक है। चीन का वर्ष 2020 का रक्षा बजट 196 अरब डॉलर का था। + +चीन द्वारा उसके सैनिक खर्चो में यह बढ़ोतरी ऐसे समय की गई है जब एलएसी पर पिछले लगभग 10 माह से चल रहा तनाव सैनिकों की वापसी के समझौते के बाद कम होने लगा है। इतना अवश्य है कि चीन का अमेरिका के साथ सैन्य एवं राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। शायद इसीलिए चीन के रक्षा बजट ने पहली बार 200 अरब डॉलर के आंकड़े को पार किया है। हालांकि यह लगातार ऐसा छठा वर्ष है जब चीन के रक्षा बजट में बढ़ोतरी का प्रतिशत इकाई अंक तक ही सीमित रहा। फिर भी रक्षा बजट के मामले में चीन अभी भी अमेरिका से काफी पीछे है, लेकिन इस घोषणा के बाद चीन अमेरिका के बाद रक्षा पर सबसे अधिक खर्च करने वाला दूसरा बड़ा देश बन गया है। अमेरिका का रक्षा बजट चीन के मुकाबले अभी भी लगभग चार गुना ज्यादा है। अमेरिका ने वर्ष 2021 के लिए अपना रक्षा बजट 740 अरब डॉलर घोषित किया है, जबकि भारत का रक्षा बजट इसी अवधि के लिए 65 अरब डॉलर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c1d29b1f3bd700242cced9545c768c84ae1d3e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीपीसीबी द्वारा आगरा में चार मानीटरिंग केंद्रों ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई में वायु गुणवत्ता की मानीटरिंग की जाती है। सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार 2021 की जनवरी में वर्ष 2020 की अपेक्षा चारों मानीटरिंग स्टेशनों पर वायु प्रदूषण कम दर्ज किया गया, लेकिन फरवरी में पिछले वर्ष की अपेक्षा वायु प्रदूषण अधिक रहा। सभी केंद्रों पर अति सूक्ष्म कण (पीएम2.5), धूल कण (पीएम10) और श्वसनीय निलंबित कणों (एसपीएम) की मात्रा अधिक दर्ज की गई। शहर में चल रहे निर्माण कार्यों में धूल उड़ने से रोकने के उचित इंतजाम नहीं किए जाने, पानी का छिड़काव नहीं किए जाने से यह स्थिति हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74275.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b492202565d55dc74f29a8bb495fd401e075b8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74275.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +​​​​​यह भी पढ़ें:-।Moradabad Kanth Loudspeaker controversy case : एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए नगर विधायक, अब 31 मार्च को होगी सुनवाई। Indian Railways : रेल यात्र‍ियों को राहत, मुरादाबाद होकर चलेंगी सात जोड़ी होली स्पेशल ट्रेनें। Moradabad Today Horoscope : निवेश करने के लिए आज का द‍िन है शुभ, धार्मिक गतिविधि में होंगे शाम‍िल, जान‍िए क्‍या कहते हैं आपके स‍ितारे।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..800cba0fd9106f0998d1e44a6b3c57b1f9635a34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय बांग्‍लादेश यात्रा कई मायने में उपयोगी और ऐति‍हासिक होगी। बता दें कि बांग्‍लादेश इस वर्ष अपनी आजादी के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन बांग्‍लादेश के निर्माता शेख मुजीब उर रहमान के सम्‍मान में हो रहा है। बांग्‍लादेश के इस राष्‍ट्रीय पर्व और उत्‍सव में पीएम मोदी भी हिस्‍सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 25 और 26 मार्च को ढाका में रहेंगे। आइए, जानते हैं दोनों देशों के बीच मतभेद के महत्‍वपूर्ण बिंदुओं को। आखिर भारत के लिए क्‍यों अहम है बांग्‍लादेश। । संबंधों में उतार-चढ़ाव के बावजूद दोनों देश के दूसरे के सहयोगी ।किंग्‍स कॉलेज लंदन में विदेश और सामरिक मामलों के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का मानना है कि बांग्‍लादेश के अस्तित्‍व में आने के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव तो जरूर आए, लेकिन दोनों एक-दूसरे के लिए महत्‍वपूर्ण बने रहे। भारत और बांग्‍लादेश के संबंध कभी भी चिंताजनक रूप से तनावपूर्ण नहीं रहे। दोनों देशों के बीच अलबत्ता परस्‍पर हितों और मुद्दों को लेकर समय-समय पर मतभेद पैदा होते रहे हैं। आखिर भारत और बांग्‍लादेश के बीच किन मुद्दों को लेकर मतभेद रहे हैं। आइए, जानते हैं इन 50 वर्षों में भारत-बांग्‍लादेश के बीच सौहार्द और विवाद की बड़ी वजहें। । तल्‍ख हुए रिश्‍ते । 1- नागरिकता संशोधन कानून पर तल्‍ख हुए रिश्‍ते ।वर्ष 2019 में दोनों देशों के बीच संबंधों में तब तल्‍खी देखने को मिली, जब मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पारित किया। उस वक्‍त बांग्‍लादेश ने इस पर अपना विरोध जताया था। बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस कानून को गैरजरूरी बताया था। इसके बाद बांग्‍लादेश ने दोनों देशों के बीच प्रस्‍तावित द्विपक्षीय दौरे और मुलाकात कार्यक्रमों को भी रद कर दिया था। शेख हसीना ने कई महीनों तक भारत के उच्‍चायुक्‍त से भी मुलाकात करने से इन्‍कार कर दिया था। हालांकि, इस कानून को लेकर भारत की शुरू से दलील रही है कि यह उसके देश का आतंरिक मामला है। इसमें किसी अन्‍य देश को हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहिए। । 2- तीस्‍ता नदी के जल बंटवारे को लेकर विवाद।तीस्‍ता नदी के जल बंटवारे को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद बना हुआ है। वर्ष 2019 में दोनों देशों के बीच वर्चुअल बैठक में व्‍यापार और निवेश पर चर्चा हुई, लेकिन तीस्‍ता नदी पर कोई वार्ता नहीं हुई थी। दोनों देशों के लिए तीस्‍ता नदी जल बंटवारा उतना आसान नहीं है। यह थोड़ा जटिल है। दरअसल, तीस्‍ता नदी में पश्चिम बंगाल सरकार भी एक महत्‍वपूर्ण क‍िरदार है। पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए तीस्‍ता नदी जीवन रेखा है। पश्चिम बंगाल का कहना है कि तीस्‍ता नदी का जल बांग्‍लादेश के साथ बांटा जाएगा तो फ‍िर पश्चिम बंगाल में सूखे की स्थिति पैदा हो जाएगी। एक खास बात यह है कि दोनों ही देशों में चारों मौसम में फसल लगाई जा रही है। इसके लिए तीस्‍ता नदी का जल बेहद उपयोगी है। ऐसे में तीस्‍ता नदी का विवाद आसानी से सुलझता हुआ नहीं दिखता है। ।बांग्‍लादेश के अस्तित्‍व में भारत की अहम भूमिका ।बता दें कि वर्ष 1971 में बांग्‍लादेश की आजादी में भारतीय सेना की महत्‍वपूर्ण भूमिका थी। बांग्‍लादेश में पाकिस्‍तान की सेना ने तत्‍कालीन भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्‍मसमर्पण किया था। इसके बाद ही बांग्‍लादेश आजाद हुआ। एक नया देश बांग्‍लादेश अस्तित्‍व में आया। इन संबंधों और भारतीय सेना के योगदान को देखते हुए इस वर्ष 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर बांग्‍लादेश सेना की एक टुकड़ी ने भी हिस्‍सा लिया था।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74279.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3ecea715372286e9fb81b253137e8785e90afa4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंदन, एजेंसी।  Indo Pacific region : चीन के वैश्विक प्रभुत्व को कम कर ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन में जॉनसन सरकार ने अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव किया है। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने विदेश नीति की प्राथमिकताओं से जुड़ा एक दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें इस कदम पर जोर दिया गया है। दस्तावेज में अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों की हिमायत की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1368c49a3a2116d893f0c2f5f4ffa389e963ade1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + बड़े वायदे पूरे न हो सके: किशनी विधानसभा सीट पर सपा के ब्रजेश कठेरिया वर्ष 2017 में जीते थे। चुनाव के समय उन्होंने तहसील किशनी में मुंसिफ कोर्ट की स्थापना, सुल्तानगंज के गांव ब्योंतीखुर्द में विद्युत उपकेंद्र की स्थापना, किशनी सीएचसी पर एक्सरे सुविधा उपलब्ध कराने जैसे मुद्दे रखे थे। ये पूरे नहीं हो सके। किशनी में फायर स्टेशन का निर्माण भी अधूरा पड़ा है। हालांकि, विधायक ने अपनी निधि का पूरा उपयोग किया। इससे स्कूलों को सहयोग देने के साथ हैंडपंप, सीसी सड़क, इंटरलाकिग, सोलर लाइट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए गए। ये बोली जनता। क्षेत्र में विधायक ने हैंडपंप, सीसी, इंटरलाकिग, सोलर लाइट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य सुविधाओं में अभी काफी सुधार की जरूरत है। अन्य बड़ी योजनाओं को भी तेजी से आगे बढ़ाने के लिए उनको अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। - विष्णु मित्र सक्सेना, भोगांव। विधायक बनने के बाद राजकुमार यादव सक्रिय नजर आए हैं। हालांकि, इस कार्यकाल में वह कोई बड़ा काम नहीं करा पाए। संपर्क मार्ग, खडं़जा, हैंडपंप आदि पर निधि खर्च की। वह लोगों की समस्याओं को लेकर भी मुखर रहते हैं।- क्रांति कुमार दीक्षित, वरिष्ठ अधिवक्ता अवध नगर। विधायक सोबरन सिंह यादव चुनाव में किए सारे वादे पूरे नहीं कर पाए। निधि से काम कराए गए, लेकिन रजबहा को जाने वाली पुलिया से गांव की तरफ आने वाला मार्ग अब तक पक्का नहीं हुआ है। क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल हैं। बिजली आपूर्ति की भी बड़ी समस्या है। जयवीर सिंह यादव, नगला धारा करहल। विधायक बनने के बाद ब्रजेश कठेरिया ने क्षेत्र के कई मुद्दे उठाए। हालांकि वह अपने किए सभी वादों को पूरा नहीं करा पाए। संपर्क मार्ग, खड़ंजा, हैंडपंप आदि का कार्य जरूरी कराया गया है। सतीश सविता, आरटीआइ एक्टिविस्ट किशनी ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e8d7f5b2300a78c31fec7044f46d9ea0426376d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिर बढ़ रही है कोरोना मरीजों की संख्‍या ।ज्ञात हो कि  देश में कोरेाना मरीजों की संख्‍या फिर बढ़ रही है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 2,23,432 पर पहुंच गई है। महाराष्‍ट्र, केरल, पंजाब, मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, दिल्‍ली, कर्नाटक  में कोरोना की संख्‍या तेजी से बढ़ी है।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान देशभर में 24,492 नए मामले मिले, 20,191 मरीज ठीक हुए और 131 लोगों की मौत हुई, जिनमें महाराष्ट्र में 48, पंजाब में 27 और केरल में 11 मौतें शामिल हैं। एक दिन पहले की तुलना में नए मामले करीब दो हजार कम हैं, परंतु मृतकों की संख्या ज्यादा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86b47a8df2668279ddf5149d4840cf95d2bd7615 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74293.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, तनु गुप्‍ता। होली की दस्तक लिये होलिका अष्टक 21 मार्च से लग रहे हैं। माना जाता है कि इस दिन से होली कोइ भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इस धार्मिक मान्यता के भेद में वैज्ञानिक आधार भी है। इस बाबत धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जय जोशी ने बताया कि होलाष्टक के शाब्दिक अर्थ पर जाएं, तो होला+ अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन। होलाष्टक से होली के आने की दस्तक मिलती है, साथ ही इस दिन से होली उत्सव के साथ-साथ होलिका दहन की तैयारियां भी शुरु हो जाती हैं। इन दिनों वातावरण में बैक्‍टीरिया वायरस अधिक सक्रिय होते हैं। सर्दी से गर्मी की ओर जाते इस मौसम में शरीर पर सूर्य की पराबैगनी किरणें विप‍रीत प्रभाव डालती हैं। ये दिन संकेत देते हैं कि खट्टे फलाें का सेवन अधिक करना चाहिए। अधिक गर्म पदार्थों का सेवन कम कर देना चाहिए। होलिका दहन पर जो अग्नि निकलती है वो शरीर के साथ साथ आसपास के बैक्‍टीरिया और नकारात्‍मक ऊर्जा काेे समाप्‍त कर देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d25331f96ec537551a49434be0abd777334a73e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली में पिछले तीन साल से शांति रही है। कारण जो भी रहे हों मगर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव कम देखा गया है। यहां तक आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री केजरीवाल जो बात बात पर सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधते थे, उनके व्यवहार में भी बदलाव देखा गया। उन्होंने कुछ मौकों पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की भी तारीफ की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74298.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74298.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b66e396ab0341b8ebeb2e6d76ea0923c1e78f71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74298.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : रंगों के पर्व होली के लिए रंग-गुलाल व पिचकारियों से बाजार सज गए हैं। पिचकारी व अन्य इस पर्व पर प्रयोग होने वाले थोक कारोबारियों की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है। इस बार पांच से 10 फीसद तक उत्पादनाें पर दाम बढ़े हुए हैं। टीवी में आने वाले कार्टून सीरियल का असर बाजार में देखने को मिल रहा है। बच्चों के कार्टून कलाकार छोटा भीम, मोटू पतलू, निन्जा हथौड़ी जैसे खिलौना पिचकारियों से बाजार पटा हुआ है। फुटकर दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ अभी कम है। मगर सगुन के रूप में बेटियों के घर पिचकारी व अन्य होली संबंधी उत्पादन खरीदने ग्राहक बाजार में जरुर मिल रहे हैं। होली पर बच्चे बाहुबली भी नजर आएंगे। + +बच्चों के लिए बहुत कुछ।बाहुबली बनकर बच्चे होली खेलेंगे। बाजार में होली के लिए मिलने वाले बाहुबली मास्क भी बच्चों को लुभा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि मास्क रंगों से होने वाले नुकसान से चेहरे की रक्षा करता है। इस वजह से हर आयु वर्ग के लोग इसे पसंद करते हैं। बाजार में मास्क 20 से 250 रुपया तक है। सब्जी मंडी चौक बाजार के कारोबारी संजीव अग्रवाल का कहना होली मेकअप में तमाम वैरायटी पहली बार बाजार में आई हैं। कोरोना संकट के बाद सेहत के प्रति लोग कुछ ज्यादा ही सजग हुए हैं, उनकी यह सजगता को देखते हुए होली खेलने से पहले क्रीम लगाने से चेहर पर रंगों का प्रभाव कम पड़ेगा। ।हर्वल रंग बना पंसद ।रंगों में होने वाले कैमिलकल की वजह से लोगों की पहली पंसद हर्बल रंग बना हुआ है। इसमें चंदन के साथ ही विभिन्न प्रकार के हर्बल से बने रंगों की मांग ज्यादा है। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के फूल व फलों की खुशबू वाले गुलाल भी अपनी खुशबू और चटख रंगों से दूर से ही लोगों को लुभा रहे हैं। फुटकर कारोबारी मुकुल वाष्र्णेय ने बताया है कि वे हर्वल गुलाल व रंग खरीदकर ले जा रहे हैं। इसका रामघाट रोड पर फड लगाएंगे। ।मलिंगा व मोगली विग ।होली में बालों की सुरक्षा के साथ बिग से नया लुक दे सकते हैं। क्रिकेटर मलिंगा और मोगली के हेयर स्टाइल का लुक लिए बालों के विग सबसे ज्यादा युवाओं को लुभाएंगे। इसके साथ ही शाहरुख, कैटरिना, करीना, धोनी, रीछ, जज व अन्य आकर्षण लुक वाले विग बाजार में मिल रही है। रेलव रोड सब्जी मंडी चौक, कनवरीगंज स्थित थोक दुकानों पर होली पर फड़ सजाने वाले कारोबारियों की भीड़ लगी हुई है। नौरंगाबाद निवासी अभिषेक शर्मा ने कहा कि वे हर साल दुकान लगाते हैं। इस बार पांच से 10 फीसद तक बाजार में मंहगाई है। + + इनका कहना है ।बाजार में फुटकार कारोबारी पिचकारी, गुलाल, विभिन्न वैरायटी की स्प्रे खरीदने आ रहे हैं। बाजार में पांच से 10 फीसद तक मंहगाई का असर दिख रहा है। आने वाले दिनों में अच्छी बिक्री की उम्मीद है। ।- केएल गुप्ता, थोक कारोबारी, कनवरीगंज।होली को लेकर उत्साह है। ग्रामीण अंचल से फुटकर कारोबारी खरीदारी के लिए आ रहे हैं। इनकी रफ्तार भले ही कम हो, मगर आने वाले दिनों में अच्छी दुकानदारी की उम्मीद है। ।- हाजी तस्लीम,थोक कारोबारी, सब्जी मंडी चौक बाजार।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0222b30db1af56b8e6accf5b06422280f365bc2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + हाथियों ने बचाई थी जान, उनके साथ ही कटती जिंदगी। अख्तर के पास दो हाथी 'रानी' और 'मोती' हैं। उनकी जिंदगी इन दाेनों के साथ ही कटती है। ये हाथी भी अख्‍तर की भावनाओं तक को समझ जाते हैं। इन हाथियों ने उनकी जान भी बचाई है। अख्तर बताते हैं कि एक रात दो अपराधी उनके घर में हत्‍या की नीयत से घुस गए थे। तब इन हाथियों ने शोर मचाकर पड़ासियों को जगा दिया। हाथियों के शोर व पड़ासियों की आहट के कारण अपराधी भाग गए। इस घटना के बाद अख्‍तर ने अपना जीवन इन हाथियों के नाम कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97468e2b65f2ea97d4834b81510dc9e313c8039b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीतर को आकर्षति करने के काम आती है सीटी।पन्ना जिले के बहेलिया पारदी इस सीटी के माध्यम से तीतर भी पकड़ते थे। दरअसल, इस सीटी से ठीक तीतर जैसी आवाज निकलती है। इससे तीतर भ्रम में पड़ जाता है और बहेलियों के नजदीक तक पहुंच जाता है। पारदियों का यही हुनर पर्यटकों को आकर्षति कर रहा है। पर्यटकों को सैर कराते हुए इस समाज के युवा सीटी की आवाज से तीतर बुलाकर दिखाते भी हैं। इससे पर्यटक प्रभावित होकर यादगार के तौर पर सीटी खरीद लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74305.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74305.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..710e43152e1b948ea65837a441e7c3145df787b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74305.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तीरथ सिंह रावत। फाइल।सीधे, सज्जन और सरल स्वभाव के तीरथ सिंह का प्रशासनिक अनुभव अभी परखा जाना बाकी है। उनसे इस तरह की अपेक्षा भी अति ही कही जाएगी। हालांकि राजनीति में कई बार करिश्मे भी होते हैं। राज्य के भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि अगर तीरथ अपनी छवि व क्षमता के अनुरूप भी दस माह काम करते रहे तो पार्टी का काफी कुछ डैमेज कंट्रोल हो जाएगा। पार्टी के भीतर व बाहर तीरथ सिंह के लिए तेजतर्रार अधिकारियों और ईमानदार व अनुभवी सलाहकारों की जरूरत महसूस की जा रही है। अन्यथा अनुकूल परिणाम आ पाना कठिन हो सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पूरी उम्मीद है कि कार्यकर्ताओं और सरकार में सहयोगियों के साथ तीरथ सिंह का बेहतर समन्वय रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4828940f1cde8ed4d778dedbbf4a6731b7bebc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सूबे के चुनावी इतिहास में यह पहला मौका है जब सियासी पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में शह-मात के खेल में पहचान की राजनीति को हथियार बनाया है और क्लास पॉलिटिक्स यानी वर्ग की राजनीति से मुंह मोड़ा है। चार दशकों से अधिक के राजनीतिक सफर में अब तक के सबसे कठिन चुनाव का सामना कर रहीं बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी स्थानीय-बाहरी, बंगाली अस्मिता व अपने हिंदू-ब्राrाण होने की बातें कहकर खुलेआम पहचान की राजनीति को हवा दे रही हैं। भाजपा को वह बाहरी और गुजरात की पार्टी बता रही हैं तो खुद को बंगाल की बेटी। वहीं ममता का किला ढाहने के लिए भाजपा एक ओर खुद को बंगाली अस्मिता, संस्कृति व विभूतियों से जोड़कर बंगाल को सोनार बांग्ला बनाने के साथ जय श्रीराम का नारा बुलंद कर रही है। भाजपा के हिंदुत्व कार्ड को देखकर ममता को भी सत्ता बचाने के लिए मजबूरन मंदिर की शरण लेनी पड़ रही है। अपने सियासी जीवन में शायद पहली बार ममता उस राह पर खड़ी हैं, जहां से उन्हें बार-बार वोटरों को यह याद दिलाना पड़ रहा है कि वे भी एक हिंदू परिवार की ही बेटी हैं और हर दिन चंडीपाठ करने के बाद ही घर से निकलती हैं। दूसरी ओर धर्मनिरपेक्षता का दंभ भरने वाले वामपंथी और कांग्रेसी नेता भी मुस्लिम धर्मगुरु के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6373dfa354ae24d55f4de5c0c54a9ddd2a515886 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7431.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बाहुबली फ़िल्मों के निर्देशक एसएस राजामौली की सुपरहिट तेलुगु फ़िल्म छत्रपति के हिंदी रीमेक से बॉलीवुड में जाने-माने एक्टर बेल्लमकोंडा साई श्रीनिवास डेब्यू कर रहे हैं। इस फ़िल्म का निर्माण पेन स्टूडियोज़ द्वारा किया जा रहा है, जबकि वीवी विनायक इसे निर्देशित कर रहे हैं। फ़िल्म का शीर्षक अभी तय नहीं किया गया है। ।इस एक्शन फ़िल्म को हैदराबाद में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान लॉन्च किया गया। इस अवसर पर फिल्म की मुख्य टीम के सदस्य बेल्लमकोंडा श्रीनिवास, वीवी विनायक और डॉ. जयंतीलाल गडा के अलावा एसएस राजामौली और सुकुमार मौजूद रहे। + +(राजामौली के साथ बेल्लमकोंडा श्रीनिवास। फोटो- ट्विटर)।एसएस राजामौली ने फ़िल्म के मुहूर्त शॉट के लिए क्लैप दिया। छत्रपति की कहानी राजामौली के पिता केवी विजयेंद्र प्रसाद ने ही लिखी है और हिंदी रीमेक की कहानी भी केवी उन्होंने ही लिखी है। हिंदी सिनेमा की बात करें तो केवी विजयेंद्र इससे पहले सलमान ख़ान की फ़िल्म बजरंगी भाईजान और कंगना रनोट की फ़िल्म मणिकर्णिका लिख चुके हैं। बाहुबली फ़िल्मों के कहानीकार भी केवी विजयेंद्र ही हैं। ।बेल्लमकोंडा साई श्रीनिवास के लिए यह फ़िल्म बेहद ख़ास है, क्योंकि इस मेगा-बजट फ़िल्म के जरिए उनकी बॉलीवुड में एंट्री होने वाली है। बेल्लमकोंडा श्रीनिवास 'बाहुबली' फेम प्रभास की जगह लेंगे। वहीं, तेलुगु में कई ब्लॉकबस्टर फ़िल्में निर्देशित कर चुके लोकप्रिय निर्देशक वीवी विनायक भी इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बॉलीवुड में अपना डेब्यू करने जा रहे हैं। + +फ़िल्म की बाक़ी स्टार कास्ट की बात करें तो साहिल वैद, अमित नायर, राजेंद्र गुप्ता, शिवम पाटील, स्वप्निल, आशीष सिंह, मोहम्मद मोनाजिर, औरोशिका डे, वेदिका, जेसन विभिन्न भूमिकाओं में नज़र आएंगे। ।एसएस राजामौली की बात करें तो उनकी अगली रिलीज़ आरआरआर 13 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली है। फ़िल्म में आलिया भट्ट और अजय देवगन अहम भूमिकाओं में दिखेंगे। आरआरआर तेलुगु, हिंदी, तमिल, मलयालम और कन्नड़ सहित कई अन्य भाषाओं में रिलीज़ के लिए तैयार है। आरआरआर का बजट लगभग 450 करोड़ रुपये बताया जाता है। पेन स्टूडियोज़ ने पूरे उत्तर भारत के थिएट्रिकल राइट्स हासिल किये हैं। साथ ही सभी भाषाओं के लिए विश्वव्यापी इलेक्ट्रॉनिक राइट्स भी खरीदे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eecae1603c845bc810525caf05fed5b75cc44387 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74313.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बढ़ा उच्च शिक्षा का दायरा : उच्च शिक्षा का दायरा बढ़ाने के मकसद से हर असेवित मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में अलीगढ़, आजमगढ़ और सहारनपुर में तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इनके अलावा 51 नए राजकीय महाविद्यालय भी स्थापित किये जा रहे हैं। एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने अगले शैक्षिक सत्र से राज्य विश्वविद्यालयों में 70 प्रतिशत समान पाठ्यक्रम को लागू करने का एलान किया है। उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों को ई-लर्निंग की सुविधा देने के लिए सरकार ने पिछले वर्ष हायर एजुकेशन डिजिटल लाइब्रेरी का भी श्रीगणेश किया है। अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग अलापने वाले निजी विश्वविद्यालयों को एक छतरी के नीचे लाने के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 बनाया। प्रदेश में 28 नए निजी विश्वविद्यालयों को मान्यता देने की कार्यवाही जारी है। + +'अभ्युदय' के जरिये हसरतों को नई उड़ान : आइएएस-आइपीएस अफसर और डॉक्टर-इंजीनियर बनने का ख्वाब देखने वाले युवा अभ्यर्थियों के सपनों को पंख लगाकर योगी सरकार ने 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' के तहत उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निश्शुल्क कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना हाल में शुरू की है। फिलहाल मंडल मुख्यालयों में साकार हो चुकी इस योजना के तहत प्रदेश में 52,000 से ज्यादा अभ्यर्थी पंजीकृत हो चुके हैं। अब इसे जिला स्तर पर विस्तार देने की मंशा है। योजना के तहत प्रतिस्पर्धा में चयनित युवाओं को सरकार टैबलेट भी देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1a7f3bc1b3bbe6fb32d4737faac02d224e27f57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : नोएडा सीमा से सटे खैर तहसील की टप्पल ग्राम पंचायत में 110 हेक्टेयर सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा के पर्दाफाश के बाद अब 838 लोगों के खिलाफ मुकदमे की तैयारी हो गई है। एसडीएम कोर्ट से इन सभी के खिलाफ अलग अलग आदेश जारी किए जा रहे हैं। 200 आदेश बन चुके हैं। इन आदेशों के आधार पर संबंधित लोगों के नाम खतौनियों से निरस्त करते हुए मुकदमा दर्ज होगा।  प्रशासन जमीन भी कब्जे में लेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38b2fdb0af4fd7f0b9ec474802779cb56c6707a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74317.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, काशिफ अली। मतांतरण और लव जिहाद जैसे असहनीय कृत्यों से विचलित युवा उलमा की एक नायाब सोच ने गोरखपुर को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। वजह बनने जा रहा है वो माडल निकाहनामा जो एक यूनिक आईडी होगा। इस कंप्यूटराइज्ड सर्टिफिकेट में हर वो जानकारी होगी जो एक दस्तावेज में होनी चाहिए। खास बात ये दूल्हा-दुल्हन राजी तो क्या करेगा काजी की दशकों पुरानी लोकोक्ति के मायने भी ये निकाहनामा पूरी तरह से बदल देगा। अगर सब कुछ तैयारियों के अनुसार रहा तो ये निकाहनामा अप्रैल से वजूद में आ जाएगा। ।पूर्णत: कंप्यूटराइज्ड पुख्ता दस्तावेज होगा ये सर्टिफिकेट । विवाह बंधन की नींव सौ फीसद पारदर्शी व्यवस्था और पुख्ता पहचान की ईमानदार सहमति की मांग करती है। और इस धारणा को अमलीजामा पहनाने की शहर में चल रही कोशिशों ने एक नए किस्म की बहस भी छेड़ दी है। शरीयत और रिवाजों का पूरा ख्याल रखते हुए निकाह के जिस दस्तावेज का प्रारूप निर्धारित होने के अंतिम चरण में है वो मिसाल बनने की राह पर है। असल में निकाह के रिश्ते को पुख्ता बनाने के लिए माडल निकाहनामा तैयार किया जा रहा है। तहरीक पासबाने अहले सुन्नत से जुड़े उलमा इस काम में लगे हुए हैं। ।पारदर्शिता और सहमति आधारित व्यवस्था में गूंजेगा कबूल है । पूरी तरह कंप्यूटरीकृत यह निकाहनामा उर्दू के साथ अंग्रेजी में भी होगा। इसमें वर-वधू के अलावा दोनों खानदानों की पूरी डिटेल दर्ज होगी। दूल्हा-दुल्हन की पासपोर्ट साइज फोटो भी लगेगी। निकाहनामे में आधार कार्ड नंबर के कालम के साथ दस्तावेजों की कापी संलग्न करने के अलावा गवाहों का फिंगर प्रिंट भी लिया जाएगा। निकाह पढ़ाने वाले काजी का नाम, पता, हस्ताक्षर व मोहर का कालम होगा। इस बात की भी तस्दीक की जाएगी कि निकाह सहमति से हो रहा है कि नहीं। मेहर व तलाक के शरई नियम भी निकाहनामा के पीछे लिखे जायेंगे।  ।माडल निकाहनामा अप्रैल में अमल में आ जाएगा। मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही, मौलाना रजिउल्लाह मिस्बाही व तहरीक से जुड़े युवा उलमा निकाहनामे को अंतिम रूप देने लगे गए हैं। निकाहनामा उर्दू के साथ अंग्रेजी में भी होगा। - मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ।निकाह की प्रक्रिया बहुत आसान है, लेकिन लोगों ने गलत रस्मों की वजह से निकाह को मुश्किल बना दिया है। निकाहनामा में बदलाव वक्त की जरूरत है और उसी को ध्यान में रखकर नया निकाहनामा तैयार किया जा रहा है। - कारी मोहम्मद अनस कादरी ।निकाहनामा के साथ सभी जरूरी दस्तावेज लगाना बहुत अच्छा कदम है। खुशी की बात है कि शहर के युवा उलमा इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इससे मुस्लिम समाज को फायदा पहुंचेगा। - मौलाना इम्तियाज अहमद। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ff43e229a7f8cf9504642bd8cc7cb581cee34e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में पांच मैचों की सीरीज के दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इंग्लैंड का सामना किया। इंग्लैंड के खिलाफ 8 विकेट से पहले टी20 मैच में हारने के बाद भारत ने अपनी प्लेइंग इलेवन में दूसरे मैच के लिए दो बदलाव किए, क्योंकि उन्होंने सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल को बाहर किया था और इशान किशन और सूर्यकुमार यादव को मौका दिया था। इसी के साथ ये तय हो गया कि सूर्यकुमार यादव और इशान किशन को मुंबई इंडियंस अगले साल के आइपीएल के लिए रिटेन नहीं कर पाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74319.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cc0d93d6d1c81ac7ed843ec61e7aff862f4348e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74319.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में एक के बाद एक तीन जगहों पर हुए सीरियल ब्लास्ट से दिल्ली दहल उठी थी। करोलबाग, कनाट प्लेस, ग्रेटर कैलाश में हुए बम धमाके में 30 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कनॉट प्लेस के रीगल सिनेमा हाल, इंडिया गेट व संसद मार्ग से चार बमों को पुलिस ने फटने से पहले बरामद कर डिफ्यूज कर दिया था। + +एनकाउंटर में शहीद हो गए थे इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा। मुठभेड़ में दो आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए, जबकि दो अन्य मोहम्मद सैफ और आरिज खान भागने में सफल हो गए थे। एक आतंकी जीशान को सेल ने दबोच लिया था। मुठभेड़ का नेतृत्व कर रहे एनकाउंटर विशेषज्ञ दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा गोली लगने से शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के बाद आतंकियों की मदद करने के शक में स्थानीय लोगों की गिरफ्तारी पर राजनीतिक दलों और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया था। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे कई राजनीतिक संगठनों ने बाटला हाउस में काफी समय तक प्रदर्शन करने के अलावा संसद में भी मुठभेड़ की न्यायिक जांच करने की मांग उठाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d280bc6cbebae9bad755fb40f6a016115a7b64a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अर्जुन रामपाल ने बीते दिन 18 जुलाई को बेटे आरिक का दूसरा जन्मदिन मनाया। इस मौके पर उनके तमाम फैंस और दोस्तों ने आरिक को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और साथ ही आशीर्वाद भी दिया। वहीं अब अर्जुन ने बेटे के साथ प्यारी सी कैंडिड तस्वीर शेयर करते हुए सभी को धन्यवाद दिया है। इस तस्वीर में सभी लोग आरिक की क्यूटनेस के दीवाने हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d037a4d980f9f88d06872d8b02a22cdf5b903eef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74320.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वापसी का टिकट ।ट्रेन में अप-डाउन का सिलसिला बना रहता है। जो ट्रेन जाती है, वह एक नंबर बदलकर वापस भी आती है। यही सच है। खाकी वाली मैडम को जिस ट्रेन पर सवार कर भेजा गया था, उसी ट्रेन से उनकी वापसी हो गई है। ट्रेन का नाम भी बदल गया है अब यह कोविड स्पेशल के नाम से चल रही है। सीधे शब्दों में समझें तो सख्ती का लेवल भी बढ़ा हुआ ही मिलेगा। पूरा महकमा हैरान-परेशान है। सुना है जब गईं थी तब खाकी वाले एक टोले ने राहत की सांस ली थी, गुप्ता की दुकान से लाकर मिठाइयां भी बंटी थीं लेकिन लोगों से देखी न गई खुशी। मैडम को कोविड स्पेशल पर सवार कर वापस भेज दिया। मिठाई खाने वालों का शुगर लेवल अप-डाउन हो रहा है। तो नसीहत यही है कि जल्द कर लें बही-खाता दुरुस्त, हिसाब चुस्त। क्योंकि मैडम की नजरों से बचना नहीं है आसान। कानून और मैनुअल तो उनके हर लफ्ज में है। + +ज्ञानी बाबा।वैसे तो कमल दल में एक से एक ज्ञानी हैं लेकिन पूरे टोले में महाज्ञानी सिर्फ एक ही हैं। ये समझो कि गागर में सागर समाया है। सदन में व्यवस्था के तहत मामला उठाते हैं और तमाम व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर ही दम लेते हैं। ऐसा कोलाहल मचता है कि फिर कुछ बचता नहीं संभालने के लिए। इनका तीखा तंज अंदर तक भेद जाता है। कभी आसन पर काबिज हुआ करते थे, तो ऊपर वाली कुर्सी से कुछ खास ही अदावत है माननीय को। ऊंचाई रास नहीं आती। लेकिन वो कहते हैं न कि सेर को कभी न कभी सवा सेर मिल ही जाता है। हुजूर का ज्ञान भाया नहीं इस बार आसान को, सो लग गई फटकार। व्यवस्था, शून्यता की ओर निहारती नजर आई। अगल-बगल के चेलों की तरफ निहारा तो उन्होंने भी फेर लिया मुंह और फेरें भी क्यों न, क्योंकि ऐसा कोई सगा नहीं जिसको इन्होंने झटका दिया नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33fc4845b692417f4bfa7d8171a5f2b06dde4ef5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74324.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [रूमा सिन्हा]। तीन दशक पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 की जगह नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के लागू होने से उपभोक्ताओं की ताकत तो बढ़ी ही है। साथ ही पुराने नियमों की खामियां भी दूर हुईं हैं। सबसे बड़ी सुविधा यह है कि अब कहीं से भी उपभोक्ता शिकायत दर्ज कर सकता है। पहले उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज कर सकता था, जहां विक्रेता अपनी सेवाएं देता है। खासतौर पर ई-कामर्स से बढ़ती खरीद को देखते हुए यह कदम  उपभोक्ताओं के हित में माना जा रहा है। नए कानून में उपभोक्ता को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये भी सुनवाई में शामिल होने की इजाजत दी गई है। माना जा रहा है कि इससे पैसा और समय दोनों की बचत होगी। + +कंपनियों की जवाबदेही तय की गई ।उपभोक्ताओं को नए कानून से एक और बड़ी राहत मिली है। पहले किसी उत्पाद में खराबी आने पर या खराब सेवाओं से अगर कोई नुकसान होता था तो उसे बनाने वाली कंपनी को हर्जाना देना होता था। उदाहरण के तौर पर प्रेशर कुकर के फटने पर उपभोक्ता को यदि चोट लगती थी तो उस हादसे के लिए कंपनी को केवल कुकर की कीमत ही देनी होती थी, लेकिन अब कंपनी को हर्जाना भी देना होगा। + +साथ ही अब ई-कामर्स कंपनियों पर भी डायरेक्ट सेङ्क्षलग कानून प्रभावी होंगे। फ्लिपकार्ट, स्नैपडील,अमेजन जैसे ई-कामर्स प्लेटफार्म को विक्रेताओं के ब्योरे, जैसे पता, वेबसाइट व ईमेल की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। ई-कामर्स कंपनियों की यह भी जिम्मेदारी होगी की उनके प्लेटफार्म पर किसी तरह के नकली उत्पाद की बिक्री न की जाए। यदि ऐसा होता है तो इसका हर्जाना ई-कामर्स कंपनी को देना होगा। देखा गया है कि ई-कामर्स कंपनियों पर कई नकली उत्पादों की बिक्री की भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, ऐसे में यह कानून उपभोक्ताओं के लिए मददगार होगा। इसके अलावा भ्रामक विज्ञापनों पर भारी पेनाल्टी और ई-कामर्स कंपनियों और इलेक्ट्रानिक उपकरण बेचने वाली कंपनियों के लिए भी सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं। खासतौर से कोरोना काल में इ कामर्स बिजनेस में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। माना जा रहा है कि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून से अब इन कंपनियों पर तो अंकुश लगेगा ही, साथ ही उपभोक्ताओं को भी ठगी से राहत मिलेगी।कौन है उपभोक्ता।हर वह व्यक्ति जो वस्तुओं और सेवाओं को अपने उपभोग व आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खरीदता है वह उपभोक्ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7fb29f7086e22f40a724e0e575824c6f96c3d43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74330.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली, जागरण संवाददाता। Manali Leh Road, सभी परिस्थितियां ठीक रहीं तो 15 अप्रैल से पहले मनाली लेह मार्ग बहाल हो जाएगा। बीआरओ ने रिकॉर्ड समय में मनाली लेह मार्ग के बारालाचा दर्रे बहाल कर लिया है। रिकॉर्ड समय में दर्रे को बहाल करने के मकसद से बीआरओ की एक टीम पैदल चलकर सरचू ट्रांजिट कैंप पहुंच गई है। बीआरओ ने सरचू में भी मशीनरी की व्यवस्था की हुई है। बारालाचा दर्रे के बहाल होने से लेह मार्ग के जल्द बहाली की उम्मीद जगी है। मनाली की ओर से बीआरओ की हिमांक परियोजना की अब मात्र 25 किलोमीटर सड़क बहाली शेष रह गई है। बीआरओ ने मनाली से 160 किमी दूर बारालाचा दर्रे को पार कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39fd81d13941f003a5791f70587eb98a270c8b16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बोलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र मार्ग पर तृणमूल कार्यालय है। अनुब्रत मंडल का किला। पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखने का सारा इंतजाम इस कार्यालय में है। विशाल भवन में इंटरकॉम है। हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। तृणमूल के कोलकाता कार्यालय में जाइए तो भी उतनी जांच नहीं होगी, जितनी बीरभूम में। मेटल डिटेक्टर के गेट से गुजरना होगा, सारे सामानों की जांच करानी होगी। बंगाल की सियासत में अनुब्रत मंडल का वजन सिर्फ इस बात से समझ सकते हैं कि ममता सरकार ने उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा दी हुई है। वे जहां भी जाते हैं, नीला सफारी सूट पहने छह जवान हर पल उनकी चौकसी करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74333.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74333.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16688e2453bd3de62d042d4f8a2d7074425e3869 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74333.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू न होने का मामला केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रलय पहुंच गया है। एक्सप्रेस-वे की राह में रोड़ा बने बाईपास के किनारे अवैध निर्माणों को अभी तक हटाया नहीं जा सका है। अब जब तक जगह खाली नहीं मिले, तब तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) उसे टेकओवर नहीं करेगी। ।अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की है। इस तरह बेहद महत्वपूर्ण परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है। परियोजना की राह की बाधाएं दूर न होती देख एनएचएआइ के अधिकारियों ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रलय को पत्र लिखा है। इसके बाद मंत्रलय ने प्रदेश सरकार से मामले की स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। ।2018 में बनी थी योजना।एक्सप्रेस-वे की योजना 2018 में बनी थी। एक्सप्रेस-वे का पहला हिस्सा दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होकर मीठापुर तक 9 किलोमीटर, दूसरा मीठापुर से बल्लभगढ़ में मलरेना पुल तक 24 किलोमीटर और तीसरा मलेरना पुल से सोहना तक 26 किलोमीटर होगा। एक्सप्रेस-वे दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होगा आगरा नहर के साथ-साथ सेक्टर-37 आकर बाईपास रोड से जुड़ना है। ।आगे बल्लभगढ़ में कैल गांव के पास एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करेगा और सोहना पहुंचेगा और कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट हो जाएगा। वहां से वडोदरा व मुंबई एक्सप्रेस-वे को लिंक कर दिया जाएगा। बाईपास को 12 लेन बनाने के लिए एनएचएआइ अधिकारियों को फरीदाबाद में 26 किलोमीटर तक कुल 70 मीटर जगह चाहिए, जिसे खाली करने के लिए अवैध निर्माणों को तोड़ना जरूरी है। यह जमीन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को खाली करानी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b03680745b3560a1badbf06438bf3ff9e49a80d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74335.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बस्‍तियों मेंंदी जाएगी इतिहास की जानकारी ।जीएल उपाध्याय ने कहा कि बस्तियों में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के माध्यम से इतिहास के बारे में जानकारी दी जाएगी। सिंघारपुर स्थित केशव सेवा धाम के मनवीर सिंह तोमर ने कहा कि बस्तियों में सबसे अधिक दिक्कत आर्थिक की होती है। रोजगार के साधन मुहैया न होने से छोटे-छोटे बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं। माता-पिता उन्हें बचपन से ही काम पर भेजने लगते हैं, जिसका परिणाम है कि बच्चों का भविष्य चौपट होने लगता है। इसलिए हम सिलाई-कढ़ाई के माध्यम से रोजगार मुहैया कराएंगे। महिलाओं को प्रेरित किया जाएगा कि वह सिलाई सीखने के बाद अपना काम शुरू कर सकें। बस्तियों के लोगों को भी कहेंगे कि वह सिलाई केंद्रों पर जाकर अपने कढ़ाई बुनाई का कार्य कराएं। जिससे महिलाआें को रोजगार मिल सके। गौरव सिंघल ने कहा कि महानगर में हम व्यापक कार्यक्रम चलाएंगे। बस्तियों में सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को महापुरुषों के बारे में बताएंगे, जिससे वह अपने गौरव गाथा को जान सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52311175ba6ddcb87d4b7f612629f16843c8ad4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। केंद्र सरकार के आम बजट के बाद देश के राज्यों का घाटे का बजट पेश होने लगता है। घाटे के बजट का सामान्य सा आशय है कि सरकार आने वाले साल के लिए जो खर्च का विवरण पेश करती है, उस साल उसकी अनुमानित आय उससे कम होती है। इसी को कहते हैं उधार लेकर घी पीना और हाजमा खराब कर लेना। उधार या कर्ज लेना बुरी बात नहीं है, लेकिन उसका उपयोग खुद को कजर्दार की स्थिति से उबरने के लिए किया जाए। अपने जिस राजस्व की हिस्सेदारी को लेकर रोज केंद्र सरकार से किच-किच करते हैं, उसी को सालाना बजट के दौरान लोक-लुभावन मदों में हंसते-हंसते लुटा देते हैं। केंद्र-राज्य के बीच स्थायी वित्तीय वितरण संबंधों के इतर क्या इनको अपने बलबूते आत्मनिर्भर बढ़ने की ओर अग्रसर नहीं होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ffb88f8f07f16d1f0afe22f40cad56c2165b5f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74339.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [राधिका कपूर]। Big Boss 14 : बिग बॉस-14 की विजेता रूबीना दिलैक (Rubina dilaik) आजकल सुर्खियों में छाई हैं। लोगों का चहेता यह दंपती शनिवार को लुधियाना में रहा और रात को मुंबई वापसी के लिए निकल पड़ा। रूबीना (रूबीना) 21 फरवरी को बिग बॉस -14 की विजेता बनी थीं। अभिनव शुक्ला (Abhinav Shukla) फाइनल से ठीक दस दिन पहले शो से बाहर हो गए थे। वीरवार देर रात दोनों बिना किसी को बताए गुप्त तरीके से लुधियाना पहुंचे। + +बीआरएस नगर स्थित घर में पिता डा. केके शुक्ला और मां राधा शुक्ला से मिले। बहू और बेटा बिग बॉस-14 (Big Boss 14)  में भाग लेने के बाद पहली बार घर आए थे। अभिभावकों ने बताया कि दोनों के आने की किसी को भनक नहीं लगी। सिर्फ पड़ोस में रह रहे एक परिवार को ही अभिनव और रूबीना को मिलने का मौका मिला। ।यह भी पढ़ें-Ludhiana 700 Crore GST Scam: दुबई में बैठे युवक के नाम पर बनाई फर्जी कंपनियां, चिकन सूप की रेहड़ी वाला भी आरोपित।परिजनाें के साथ अभिनव व रूबीना दिलैक। (जागरण)।बिग बॉस -14 के अनुभव किए साझा अभिनव के पिता डा. केके शुक्ला और मां राधा शुक्ला ने कहा कि बेशक दोनों के पास समय कम था पर जितना समय भी वह घर पर रहे उन्हाेंने बिग बॉस-14 के अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि हम जैसे बाहर रहते हैं, वैसे ही बिग बॉस के घर में रहे थे। दोनों ने इस बात का भी आभार जताया कि लोगों ने उन्हें इतना प्यार दिया है। अभिनव को तो परफेक्ट ब्वाय का टाइटल भी लोगों ने दिया है। दोनों ने कहा कि शो के दौरान उनके प्रशंसकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82177011671e749c54e7abd104b3ae0381df0322 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। गर्मी शुरू होते ही दिल्ली में आग लगने की घटनाओं में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है। आगामी अप्रैल, मई और जून का महीना दमकल विभाग और राजधानी के लोगों के लिए चुनौती लेकर आने वाला है। दिल्ली में मौजूद अवैध औद्योगिक क्षेत्र, कच्ची कालोनियां, पुरानी दिल्ली के इलाके और झुग्गियों में ज्यादातर आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए दमकल विभाग की क्या तैयारियां हैं और क्या योजना बनाई गई है? इस संबंध में संतोष शर्मा ने दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78f1914eab5b101b52fcc3ef6211d908749b158c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भले ही यह प्रश्न उसी वर्ग की ओर से पूछे जा रहे थे, जिन लोगों ने बार-बार यह प्रश्न पूछा कि देश के आराध्य श्रीराम के जन्मस्थल पर ही मंदिर बनने से क्या हो जाएगा, लेकिन यह प्रश्न महत्वपूर्ण है, इसलिए इसका उत्तर देश को अवश्य मिलना चाहिए। नींव भराई का काम शुरू होते ही इन महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर मिलना भी शुरू हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e36746ede37e800dcb36a1bde9c900359dbed58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कचरा प्रबंधन की व्‍यवस्‍था अभी बाकी।नरहन जमुरना पंचायत में फिलहाल नली-गली, पेयजल, सड़क, गली आदि की समस्या लगभग खत्म हो चुकी है। लेकिन अभी कचरा प्रबंधन की व्यवस्था यहां नहीं हो सकी है। हालांकि इस पंचायत के गांव की गलियों में कोई गंदगी नहीं है। क्योंकि तीन तरफ से यह पंचायत नदी से घिरा है। फिलहाल पंचायत के गांवों में कचरा को नदी के किनारे ही स्थान चिह्नित कर फेंका जाता है। लेकिन पंचायत में कचरा प्रबंधन को लेकर भी प्रयास जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74349.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74349.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23f75693b2f833d4a72704b8a6a5e07c3a3cb5f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74349.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल 25 मई को जॉर्ज एक दुकान से सिगरेट लेने गए थे। इसी दौरान दुकानदार ने पुलिस को फोन कर कहा कि जॉर्ज ने उन्‍हें नकली 20 डॉलर दिए हैं। इसके बाद जॉर्ज को पुलिस ने पकड़ लिया और ये सब कुछ घटा। पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने के मकसद से फ्लॉयड के परिवार ने संघीय नागरिक अधिकारों के उल्लंघन तहत कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया था। इसमें डेरेक समेत सभी चार पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67455345909a1e0adde5607efca432c591cf2fa1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74352.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरतलब है कि अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते के बाद अमेरिका धीरे-धीरे अपने जवानों को अफगानिस्‍तान से वापस ले जाएगा और मई तक सभी जवानों की देश वापसी हो जाएगी। इस तरह से अफगानिस्‍तान की सेना को ही वहां की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी उठानी होगी। हालांकि अमेरिका की तरफ से करीब ढाई हजार जवानों को अफगानिस्‍तान में ही रखने की बात भी सामने आई है जो अफगानिस्‍तान की सेना को ट्रेनिंग देंगे और भविष्‍य के लिए उन्‍हें तैयार करेंगे। आपको बता दें कि अमेरिका और तालिबान के बीच फरवरी 2020 में समझौता हुआ था। हालांकि इस समझौते में अफगानिस्‍तान की सरकार को शामिल नहीं किया गया था। तालिबान का कहना था कि वो सरकार से इस समझौते के बाद ही बात करेगा। + +आपको बता दें कि दो ही दिन पहले अमेरिका ने अफगानिस्‍तान में होने वाली शांति प्रक्रिया में भारत को शामिल करने की पहल की है। अमेरिका ने कहा है कि तालिबान से होने वाली आगामी बैठकों में भारत को शामिल किया जाना चाहिए क्‍योंकि वो इस क्षेत्र का अहम देश है। भारत को अलग कर शांति प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्‍तान सरीखे देशों में खलबली जरूर हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81d01ee2ea806186cb4b3710af1be197eed1c4f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74353.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीमुद्दीन छिड़कते हैं होलिका स्थल पर जल।धर्म के नाम पर समाज को बांटने वालों को रामनगर की होली से सीख लेनी चाहिए। रामनगर निवासी 40 वर्षीय अलीमउद्दीन होलिका स्थल पर जल छिड़कने वाले अपने परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य हैं। वे मशक में पानी भरकर लाते हैं और होलिका स्थल के साथ ही बच्चों पर भी छिड़कते हैं। महिलाएं उनसे पानी लेकर घर में छिड़कती हैं। मान्यता है कि इससे बच्चे और परिवार की खुशियों को नजर नहीं लगेगी। अलीमउद्दीन कहते हैं कि उनके दोनों बेटे भी इस विरासत को संभालेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74354.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb79ea41b626ddffa015c08300890b3e30868fae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंबाला, [दीपक बहल]। अब भारतीय रेलवे में बर्निंग ट्रेनों (Burning Train)  का खतरा नहीं रहेगा और रेल यात्री इससे सुरक्षित रहेंगे। अब किसी बोगी से धुंआ निकलने पर ट्रेन रुक जाएगी और यात्री सुरक्षित निकल सकेंगे। ट्रेनों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं के बाद रेलवे का फोकस आधुनिकीकरण की ओर बढ़ता जा रहा है ताकि धुआं उठते ही अलार्म बज उठे। अब यदि ट्रेन में धुंआ उठा तो ट्रेन रुक जाएगी। पिछले दिनों दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के चेयरकार कोच सी-5 में अलार्म (स्मोक डिटेक्टर) बजने के बाद ट्रेन की चेन खींच दी गई और 35 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df7e650265996174bda53569e05fb3ab0d3fa611 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74355.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अरुण सिंह, पटना। पिछले साल यूएई में आइपीएल के 13वें संस्करण में 516 रन और सर्वाधिक 30 छक्के जमाकर सुर्खियां बटोरने के बाद यह तय हो गया था कि पटना के इशान किशन के कदम भारतीय टीम के दरवाजे के करीब हैं। इस साल विजय हजारे ट्रॉफी के पहले मुकाबले में ही मध्य प्रदेश के खिलाफ उन्होंने 94 गेंदों में 173 रनों की पारी खेली और उसी दिन भारतीय टीम का हिस्सा होने का उसका सपना पूरा हो गया। + +रविवार को जब उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में मौका मिला तो उन्होंने आतिशी पारी खेलकर यह दिखाया कि क्यों उन्होंने पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट को तरजीह दी। आज उन्हें यह अफसोस भी नहीं होगा कि क्रिकेट के कारण स्कूल से गायब रहने पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया था। उन्हें यह भी अफसोस नहीं होगा कि बेहतर भविष्य की खोज में उन्होंने 12 साल पहले बिहार को छोड़ झारखंड का रुख किया था। + +इशान शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर थे। क्रिकेट के कारण वह अपने स्कूल डीपीएस से हमेशा गायब रहते। इसी कारण नौवीं कक्षा में उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया गया। जैसे-तैसे पटना के समीप दानापुर के एक स्कूल से उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की। इस दौरान संतोष कुमार और उत्तम मजुमदार जैसे कोच ने उन्हें तराशा। बड़े भाई राज किशन की भी इसमें अहम भूमिका रही, जिन्होंने इशान को क्रिकेटर बनाने में अपने क्रिकेट करियर को त्याग दिया। + +हालांकि, बिहार क्रिकेट के हालात सही नहीं रहने से 2011 में इशान को झारखंड जाना पड़ा। झारखंड की ओर से त्रिपुरा के खिलाफ अंडर-16 में उनका पहला मुकाबला था, जहां खराब प्रदर्शन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकता था। बहरहाल, उन्होंने पहली पारी में 67 रन बनाए और दूसरी पारी में नाबाद 97 नाबाद की पारी खेली। अंतिम गेंद पर जीत के लिए चार रन बनाने थे, जिस पर उन्होंने छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56365238e5a126f9b60feb150bd3e56a2071b5ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74357.txt @@ -0,0 +1,8 @@ + दिनेश चौहान, भिलाई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और और दुर्ग के बीच सभी ट्रेनों का परिचालन आगामी अक्टूबर माह से सौर ऊर्जा से होगा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इसके लिए जंजगिरी में 310 करोड़ रुपये की लागत से 210 एकड़ क्षेत्र में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। पैनल लगाने के लिए कालम खड़े किए जा चुके हैं। केबल बिछाने का काम शुरू होने वाला है। इससे रोजाना करीब 50 मेगावाट बिजली तैयार होगी। इससे रायपुर और दुर्ग के बीच चलने वाली यात्री और मालगाड़ी को मिलाकर करीब 120 ट्रेनें दौड़ेंगी। इससे रेलवे को सालाना साढ़े 14 करोड़ रुपये की बचत होगी। + +जंजगिरी में 310 करोड़ रुपये की लागत से 210 एकड़ में तैयार हो रहा सौर ऊर्जा प्लांट।दुर्ग जिले के भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत जंजगिरी मैदान में रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के सहयोग से चेन्नई की सन एडिशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा यह सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। केबल बिछाने और पैनल लगाने के साथ ही इनवर्टर और ट्रांसफार्मर लगाने का काम भी शुरू किया जाएगा। सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली को पावर ग्रिड के माध्यम से रेलवे को आपूर्ति की जाएगी। + +रेलवे प्रति यूनिट 5.70 से 6.10 रुपये का करता है भुगतान।वर्तमान में रेलवे छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी को प्रति यूनिट 5.70 से 6.10 रुपये का भुगतान करता है। इस हिसाब से महीने के दो करोड़ रुपये रायपुर डिवीजन के लिए भुगतान करता है। इस प्लांट के लग जाने से रेलवे को प्रति यूनिट 2.70 रुपये तक की बचत होगी है। आगामी 25 वर्षों के लिए यह सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। रेलवे ने इसके लिए 27 वर्षों के लिए अपनी जमीन लीज पर दी है। इससे रेलवे को सालाना करीब साढ़े 14 करोड़ और 25 साल में 360 करोड़ रुपये की बचत होगी। + +सोलर प्लांट का इस तरह बन रहा सेटअप।सोलर प्लांट के लिए 27 हजार 600 कालम तैयार किए गए हैं। इन कालम में एक लाख 54 हजार 560 सोलर पैनल लगाए जाएंगे। दस कालम का एक टेबल बनाकर पैनल लगाया जाएगा। सोलर पैनल से मिलने वाली ऊर्जा को बिजली के रूप में बदलने के लिए चार इनवर्टर लगाए जाएंगे। इनमें 15.8 मेगावाट के तीन और 2.60 मेगावाट का एक इनवर्टर होगा। बिजली के पारेषण और वितरण के लिए चार ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे। यहां की बिजली पावर ग्रिड कुम्हारी को भेजी जाएगी और वहां से रेलवे को सप्लाई की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b40fb47f37a53f5103579c2ab4f217f762607b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मारने की बात तो डर गया ।बरुजन ने भरी आंखों से दास्तां सुनाई। अक्टूबर में दो दर्जन लोगों के साथ नौकरी की तलाश में दिल्ली गया था। बांसकोला के राजेश ठाकुर ने सबके जाने की व्यवस्था की। सभी यहां से पश्चिम बंगाल के फरक्का गए, वहां से ट्रेन से नई दिल्ली। बंगाल में ही वह साथियों से बिछड़ गया। सब मजदूर अलग-अलग चले गए थे। दिल्ली पहुंचा तो बरुजन वहां के लोगों की बात समझ नहीं पाता था, वहां के लोग उसकी पहाडिय़ा भाषा नहीं समझ पाते थे। किसी तरह एक सप्ताह दिल्ली में मजदूरी की। कुछ लोग उस पर नाराज होकर मारने की बात कहने लगे तो वह डर गया। अपना बैग छोड़ वहां से भाग निकला। पास में पैसे नहीं थे तो रेलवे लाइन पकड़ कर चलने लगा। कई जगह भटक भी गया। कई दिन तो ऐसे हुए कि खाना भी नसीब नहीं हुआ। कोई दे देता तो खा लेता। जहां जगह मिलती सो जाता। करीब पांच माह की पैदल यात्रा के बाद दो दिन पूर्व धनबाद पहुंचा। वहां जीआरपी के कुछ जवानों ने पूछताछ की, खाना खिलाया। फिर उसे ट्रेन से साहिबगंज भेजा। शनिवार को वह घर पहुंचा। ।सात हजार रुपया प्रतिमाह देने की हुई थी बात।राजेश ठाकुर ने इलाके के कई मजदूरों को दिल्ली भेजा था। सात हजार रुपया प्रतिमाह देने की बात हुई थी। एक माह का अग्रिम भुगतान स्वजनों को दिया था। बरुजन के निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंचने पर करीब एक सप्ताह बाद राजेश ने घरवालों को जानकारी दी। कहा- उसे खोजने दिल्ली जाना होगा और पैसे वापस ले लिए। यह भी कहा कि अगर थाना-पुलिस हुआ तो नहीं खोजेगा। ।बेहतर जिंदगी की चाह ले गई दिल्ली।बेहतर जीवन की चाह में बरुजन दिल्ली गया था ताकि काम कर परिवार की गुजर-बसर अच्छे से कर सके। उसकी तीन बेटियां हैं। दो की शादी हो चुकी है, एक अपने दो बच्चों के साथ अमरभिट्टा गांव में ही रहती है। अब परिवार में बरुजन, उसकी पत्नी, दो बेटियां व दो बेटियों के दो बच्चे हैं। जिले में उद्योग-धंधा नहीं है। यहां के हजारों मजदूर दिल्ली, मुंबई, केरल में काम करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74361.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74361.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9bb3b22db2473918651c16f92ee769f087bb0f5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74361.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमेरिका और भारत कर चुके हैं शुरुआत ।वैसे इस बैठक से पहले ही अमेरिका और भारत ने चीन से 5जी समेत दूसरे संवेदनशील तकनीक के इस्तेमाल को सीमित करने को लेकर कदम उठाने की शुरुआत कर दी है। ।अमेरिका से मिले शुभ संकेत ।उधर, अमेरिका ने इस बात का ठोस संकेत दिया है कि वह वैक्सीन निर्माण व आपूर्ति में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल भारत को उपलब्ध कराने में आने वाली बाधाओं को हटा देगा। हाल ही में कोविड-19 की वैक्सीन बनाने वाली भारत की प्रमुख कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि अमेरिका से महत्वपूर्ण कच्चे मालों के निर्यात पर प्रतिबंध होने की वजह से आगे वैक्सीन निर्माण में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ।अमेरिकी एनएसए ने आशंकाओं को किया दूर ।यही सवाल अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान से पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि किसी तरह का निर्यात प्रतिबंध लागू है। लेकिन हम दुनिया के सारे देशों के साथ मिल कर काम करने को इच्छुक हैं। हम सिर्फ हर अमेरिकी नागरिकों को जल्द-से-जल्द वैक्सीन देना ही सुनिश्चित नहीं करना चाहते, बल्कि यह भी चाहते हैं कि पूरी दुनिया को जल्द से जल्द वैक्सीन दी जाए। + +5जी तकनीक पर भी जगी उम्‍मीदें ।जानकारों का कहना है कि कोविड-19 वैक्सीन बनाने को लेकर जो अभियान शुरू करने का एलान किया गया है, उसे दूसरे क्षेत्रों में भी दोहराया जाएगा। मसलन, वैक्सीन निर्माण में अमेरिका तकनीकी मदद दे रहा है और जापान निवेश कर रहा है, जबकि भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता का इस्तेमाल होगा। 5जी तकनीक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान के पीएम योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरीसन से अलग-अलग विमर्श हो चुका है। ।हुआवे पर अमेरिका की सख्‍ती ।अमेरिका पहले ही 5जी तकनीक देने वाली चीन की कंपनी हुआवे पर कई तरह से रोक लगाने के लिए कदम उठा चुका है। पिछले हफ्ते भारत सरकार ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों के लिए सिर्फ भरोसेमंद कंपनियों से उपकरण एवं उत्पाद लेने का निर्देश जारी किया है। माना जा रहा है कि कुछ दूरसंचार कंपनियों की तरफ से चीन की कंपनियों के उपकरणों के इस्तेमाल को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। भारत के इस कदम का अमेरिका ने स्वागत किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..823159b40b3b81a2447c9e3b9b6827d8d5cf19ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह होते हैं नियम। धधकती विशाल होलिका से निकलने के लिए पंडा विशेष तौर पर तप करते हैं। इसके लिए एक माह समय होता है। जो पूर्णिमा से शुरू होकर होली तक चलेगा। इस बार यह 29 फरवरी से शुरू होकर 29 मार्च तक होगा। इस दौरान पंडा 12 नियमों का सख्ती से पालन करेगा। जिसके तहत वह पहले ही दिन से घर परिवार।को त्याग देगा। व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा और पत्नी का मुख देखना भी निषेध होगा। आराम करने के लिए पंडा को जमीन पर ही बिस्तर लगाना होगा। प्रतिदिन प्रहलादजी कुंड में स्नान करना होगा। इस तप के दौरान वह गांव की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती। वहीं किसी भी महिला या पुरुष श्रद्धालु को पैर नहीं छूने देंगे। दिन एवं रात में ध्यान करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22b422a5d940d29bdea72936d72dce4e6abb2c5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74364.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : होली पर आप सभी ने फिल्मी और देसी गीतों पर लोगों को खूब झूमते देखा होगा, मगर देशभक्ति के गीतों पर शायद नहीं। मगर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता होली पर देशभक्ति गीतों पर झूमते हैं। होली से एक दिन पहले निकाला जाने वाला होली का टोला के समय देशभक्ति के खूब गीत गूंजते हैं। फिर तो स्वयंसेवकों का जोश देखते ही बनता है। अबीर-गुलाल से सराबोर स्वयंसेवक भारत माता-वंदेमातरम के जयघोष लगाते हुए चलते हैं। इसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। ।40 साल से निकल रहा होली का टोला ।आरएसएस की ओर से होली का टोला 40 साल से निकाला जाता है। इसमें संघ के कार्यकर्ता द्वारिकापुरी स्थित संघ कार्यालय केशव भवन पहुंचते हैं। यहां कार्यालय में एक साथ बैठक होती है। सुबह 10 बजे संघ की प्रार्थना के बाद स्वयंसेवक बाजार में होली खेलने के लिए निकल पड़ते हैं। संघ के देशभक्ति के गीत गाते हुए स्वयंसेवक थिरकना शुरू कर देते हैं। ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का, देश है पुकारता, पुकारती है भारती, ज्योति जला निज प्राण की बाती गढ़ निज बलिदान की आदि गीत शुरू होते हैं। फिर तो स्वयंसेवकों का जोश देखते ही बनता है। झूमते नाचते हुए चलते हैं। द्वारिकापुरी से आगरा रोड, घंटे वाले, बड़ा बाजार, फूल चौक होते हुए बारहद्वारी की तरफ बढ़ जाते हैं। रास्ते में स्वयंसेवकों के परिवार के सदस्य टोला पर खूब रंग बरसाते हैं। देशभक्ति के साथ समरसता का भी खूब रंग बरसता है। भारत माता-वंदेमातरम के जयघोष से सभी देशभक्ति से सरोबार हो जाते हैं। फिर, एक स्थान पर सभी का जलपान होता है। + +पैदा करता है समरसता का भाव ।आरएसएस के विभाग सह संघचालक ललित कुमार का कहना है कि होला का टोला समरसता का भाव पैदा करता है। इसमें समाज के प्रत्येक वर्ग की हिस्सेदारी होती है। वह उत्साह में भारत माता-वंदेमातरम का जयघोष लगाते हैं। सभी का भाव एक रहता है कि राष्ट्र देशभक्ति के रंग में रंगा रहे। ।देश से बड़ा कुछ नहीं ।आरएसएस के महानगर प्रचार प्रमुख भूपेंद्र शर्मा का कहना है कि त्योहारों के माध्यम से देशभक्ति से जोडऩे का काम सिर्फ संघ करता है। यह अनोखा कार्यक्रम है, जहां होली पर देशभक्ति के गीत गूंजते हैं और सब जमकर नृत्य करते हैं। हम सभी के लिए देश से बड़ा कुछ नहीं, इसलिए ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22b92592baac805a124a0d80abd33dba0fa93d01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पानी बना मिसाल। देश में कई नदियां पानी की कमी और प्रदूषण की मार झेल रही हैं। लेकिन, चंबल नदी उम्मीद जगा रही है। इसका पानी साफ और गंधहीन है। इसका पानी आज भी पीने योग्य पाया गया है। घुलनशील आक्सीजन का स्तर भी बेहतर है। चंबल के पानी की यह स्थिति डाल्फिन, घडिय़ाल जैसे जलीय जीवों के साथ साइबेरियन पक्षियों को भा रही है। पानी साफ होने की वजह से कभी इसकी जांच कराने की भी जरूरत नहीं पड़ी। इतनी साफ नदियां देश में कम हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6aab7280b7e17cdd230ada2624035b6be7298782 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74366.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। 6/163, यही पता है बेलनगंज, सूरजभान फाटक स्थित दाल वाला गोदाम में रहने वाले 70 परिवारों का। लगभग चार हजार गज क्षेत्रफल वाले इस आवासीय परिसर में लगभग 300 लोग रहते हैं। कोई तीन तो कोई चार पीढ़ी से यहां रह रहा है। पूरा आवासीय परिसर भाईचारे की मिसाल है। सब एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ तो खड़े ही रहते हैं, त्योहार भी साथ ही मनाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6da5dfa3a900905c15632ae82010ce5f2f8368f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74370.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिका, ब्राजील और ब्रिटेन आदि देशों की तरह भारत में भी कोरोना संक्रमण एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। गत वर्ष दिसंबर में जब कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले 10 हजार के आसपास थे, तब पूरी दुनिया को लगने लगा था कि भारत ने महामारी की जंग में बढ़त बना ली है। ऐसा इसलिए हो रहा था, क्योंकि लोग एहतियाती उपायों का पूरी तत्परता से पालन कर रहे थे। विशेषज्ञों का भी मानना है कि लापरवाही के कारण ही देश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। शारीरिक दूरी और मास्क लगाने जैसे एहतियाती उपायों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। + +इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म के सर्वे में सामने आ चुकी है लापरवाही।इंटरनेट मीडिया लोकल सर्कल की तरफ से गत दिनों जारी एक सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि लोग शारीरिक दूरी व मास्क पहनने जैसे एहतियाती उपायों का सही से अनुपालन नहीं कर रहे हैं। सर्वे में शामिल 51 फीसद लोगों ने कहा था कि उनके जिले व शहर में मास्क पहनने के नियम का सीमित अनुपालन हो रहा है, जबकि 18 फीसद ने कहा था कि बिल्कुल भी अनुपालन नहीं हो रहा है। सिर्फ 30 फीसद लोगों ने कहा था कि उनके जिले व शहर में मास्क पहनने के नियम का सही से अनुपालन हो रहा है। शारीरिक दूरी के नियम के सवाल पर 56 फीसद लोगों ने कहा था कि उनके शहर या जिले में इसका अनुपालन बिल्कुल नहीं हो रहा है। 31 फीसद ने सीमित व सिर्फ 12 फीसद ने सही अनुपालन की बात कही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af2a24df96459c0a57b6e59752cb1a1f38ab81dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। गणतंत्र दिवस पर उपद्रवियों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए लाहौरी गेट के साथ ही दिल्ली गेट का भी संरक्षण कार्य कराया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए जाएंगे, ताकि भविष्य में कोई बाहरी व्यक्ति तिरंगा फहराए जाने वाले इस स्थान तक न पहुंच सके। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया है। जानकारों का कहना है कि लाहौरी गेट के जिस भाग में तिरंगा लगा है। वहां कोई भी आसानी से नहीं पहुंच सकता है। इस क्षेत्र में हर समय सीआइएसएफ की तैनाती रहती है, लेकिन एक बार ऐसी घटना हो गई है। इसलिए गेट को संरक्षित किए जाने पर विचार किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74380.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf8d71939d1b7c1d9b3b71ced8bd221f6d9be6d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74380.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्व में साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लेकर जिस तरह के प्रसंग उसके इतिहास में दर्ज हैं उससे तो लगता है कि विवाद सही ही उठते रहे हैं। हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार में अपने-अपनों को उपकृत करने के कई उदाहरण हैं। सबसे बड़ा तो यही है कि उन्नीस सौ इकहत्तर में नामवर सिंह को उनकी कृति ‘कविता के नए प्रतिमान’ के लिए जब पुरस्कार दिया गया तो उनके गुरू हजारी प्रसाद द्विवेदी हिंदी भाषा के संयोजक थे। दो साल बात जब उन्नीस सौ तिहत्तर में हजारी प्रसाद द्विवेदी को उनके निबंध संग्रह ‘आलोक पर्व’ के लिए पुरस्कृत किया गया तो नामवर सिंह हिंदी भाषा के संयोजक थे। ।गुरू शिष्य परंपरा का शानदार उदाहरण है। इसी तरह से अशोक वाजपेयी को जब उनके कविता संग्रह ‘कहीं नहीं वहीं’ पर पुरस्कृत किया गया तो वो संस्कृति मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे। साहित्य अकादमी संस्कृति मंत्रालय से ही संबद्ध स्वायत्त संस्था है। तब इसको लेकर काफी विवाद हुआ था और वामपंथियों ने भी खूब हो हल्ला मचाया था। उस वक्त अशोक वाजपेयी वामपंथियों पर लगातार हमले करते रहते थे और वामपंथी भी उनको घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। ।जब भी वामपंथियों का साहित्य अकादमी में दबदबा रहा, जो कि बहुत लंबे समय तक रहा, तब उन्होंने अपनी विचारधारा के औसत लेखकों को पुरस्कृत किया। इन सबके पीछे हिंदी भाषा के उस वक्त के संयोजकों की प्रमुख भूमिका रहती थी। यह अकारण नहीं है कि हिंदी के शीर्ष कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को, मैथिलीशरण गुप्त को, महादेवी वर्मा को अकादमी ने पुरस्कार योग्य नहीं समझा। ।और तो और हिंदी कहानी को अपनी लेखनी से एक नई दिशा देनेवाले कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु को भी साहित्य अकादमी ने पुरस्कृत नहीं किया। वीरेन डंगवाल, उदय प्रकाश, राजेश जोशी आदि को दिए गए पुरस्कार किसी न किसी वजह से विवादित हुए। साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लेकर इतने विवाद उठे हैं कि उसपर एक पुस्तक लिखी जा सकती है। अब अगर पिछले कुछ सालों से अकादमी के पुरस्कारों को लेकर विवाद नहीं उठ रहे हैं तो ये अच्छा संकेत है और अकादमी की साख को गाढ़ा भी करता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d79905ee35bcf7316928f6c6f982537d8d28ea7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एटीआर पर टिकी वैज्ञानिकों की निगाहें।ऐसी स्थिति में कुछ समय के लिए पौष्टिकता के अभाव में उसका विकास ठहर जाता है। इसे यह भी पता चला है कि कोशिकाओं की यह जीर्णता एटीआर नामक प्रोटीन से उत्प्रेरित होता है। इसका मतलब है कि एटीआर को रोक कर कैंसर सेल को फिर से पनपने से रोका जा सकता है।शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में इस संकल्पना की पुष्टि भी की है कि कीमोथेरेपी से पहले ल्यूकेमिया सेल को एटीआर निरोधक देकर उन्हें जीर्णता या हाइबरनेशन में जाने से रोक कर कैंसर सेल को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a4cb8b2d5e49df9850cef962f4808df5763b6df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेल प्रशासन ने हरिद्वार कुंभ मेले में ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्टेशन पर बेहतर सुविधा की व्यवस्था की है। सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवानों को लगाया गया है। श्रद्धालुओं की भीड़ पर निगरानी के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया गया है। कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर इंतजाम क‍िए गए हैं। अतिरिक्त बुकिंग काउंटर भी खोले गए हैं। रेलवे के स्काउट एंड गाइड में रेलवे कर्मियों के बच्चे शामिल होते हैं। रेलवे ने कुंभ मेला व शाही स्नान में श्रद्धालुओं की सहायता के लिए स्काउट एंड गाइड को लगाया है। कुंभ मेला के पहले शाही स्नान गुरुवार को हुआ। इसमें ट्रेनों द्वारा शाही स्नान करने के लिए 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, दिव्यांग भी पहुंचे। स्काउट व गाइड ने दिव्यांग व बुजुर्ग को ट्रेन से उतारने और चढ़ाने का काम क‍िया। स्काउट एंड गाइड ने बुजुर्ग अम्मा का सामान उठाने, सीढ़ी पर चढ़ने में सहायता करने का काम किया। कुछ व्हीलचेयर पर बैठाकर स्टेशन के बाहर तक पहुंचे। स्काउट एंड गाइड ने बिना मास्क पहने आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क वितरण किया और मास्क कैसे पहना चाहिए इसके बारे में भी जानकारी दी। ।यह भी पढ़ें:-।मुरादाबाद में मीडिया कर्मियों से मारपीट मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत 21 के खिलाफ केस, दो मीडिया कर्मियों पर भी कार्रवाई।कुरान की आयतें हटाने की बात कहने वाले वसीम र‍िजवी का सिर काटने पर 11 लाख का इनाम, वीड‍ियो वायरल।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f3d46019a5960dd1ee702db22e6af9d0216fafa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : अमूमन, समस्त सरकारी विभागों में अधिकारियों व बाबुओं का सेवाकाल 60 वर्ष का होता है। इसके बाद उन्हें ससम्मान विभाग से विदाई दी जाती है, लेकिन हैरान करने वाला मामला जिला मलखान सिंह अस्पताल में सामने आया है। यहां सीएमएस के कैंप कार्यालय में तैनात रहा बाबू करीब 70 साल में भी रिटायर नहीं हुआ है। चौंकिए मत, यह बात बिल्कुल सच है। दरअसल, कहने के लिए तो यह बाबू करीब नौ साल पूर्व ही रिटायर हो चुका है, मगर इसने कार्यालय आज तक नहीं छोड़ा। आज भी कैंप कार्यालय में बैठकर गोपनीय ढंग से कार्य कर रहा है। कई सीएमएस आए और गए, मगर यह बाबू का बाल भी बांका नहीं हुआ। अब फिर से बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला गरमाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab57b8d5d8181ae3025456341d7f6406288ce408 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74389.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +औद्योगिक संगठनों का पक्ष : इस कानून पर सबसे तीखा विरोध स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों ही स्तर के अधिकांश औद्योगिक संगठनों ने किया है। इन संगठनों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि कोई उद्योग स्थानीय मजदूरों को नहीं रखना चाहता, बल्कि जब स्थानीय स्तर पर उसे कुशल कामगार उपलब्ध नहीं होते हैं, तभी बाहरी मजदूरों के लिए जगह बनती है। ऐसे में इस कानून के कारण उनको मजदूर मिलने में समस्या हो सकती है। कामगारों के कौशल का निर्धारण किसी भी उद्योग का अपना मामला है, ऐसे में अब यह मामला सरकारी हो जाएगा और जहां तक कुशल हरियाणवी कामगार नहीं मिलने पर छूट की बात है तो इस निर्णय में लंबा समय लग सकता है जो किसी भी दशा में उद्योग के हित में नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94502cdf9ad6484cd478507c5a464b55683f1b91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74391.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रैंकिंग सुधारने की कवायद।रेलवे अफसर स्टेशन पर साफ सफाई एवं पेयजल व्यवस्था के साथ यात्री सुविधाओं में ' ए ' श्रेणी में होने का दावा करते रहे हैं, लेकिन पिछले तीन सालों में गिर रही रैंकिंग इन दावों को झुठला रही है। हालांकि बीते साल कोरोना संक्रमण के चलते स्व'छता सर्वे नहीं हो सका था। एनजीटी के निर्देशन में होने वाले स्व'छता सर्वे का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निगरानी करता है। संभावना जतायी जा रही है कि सर्वे टीम इस माह के अंत तक कभी भी आकर स्टेशन का निरीक्षण कर सकती है। सर्वे टीम स्टेशन के भौतिक सत्यापन के साथ ही यात्रियों का फीडबैक भी लेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74394.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74394.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c45f010f2b70f631bf7e2c17a088023e9de2d321 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74394.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंत्रों की सरल व्याख्या कर जीतती हैं दिल: ‘प्रत्येक वर्ष मेरे घर पर सास-ससुर का श्राद्ध किया जाता है। परिवार के पारंपरिक गुरु जी आकर सारे कर्मकांड कराते हैं। उसमें इतना समय लगता है कि सभी परेशान हो जाते हैं। तनाव भी हो जाता है कई बार। उस पर से छोटी-सी गलती या चूक हुई नहीं कि सबके सामने गुरु जी की डांट-फटकार सुननी पड़ती थी। ऐसे में एक दिन मेरे पति को ज्ञान प्रबोधिनी संस्था के बारे में पता चला। हम वहां गये,तो महिलाओं द्वारा वैदिक अध्ययन एवं पुरोहिती के प्रशिक्षण की विधि को देख चकित रह गये। इतनी सहजता एवं सरलता से सब समझाया जा रहा था। मंत्रों,श्लोकों की व्याख्या की जा रही थी कि कोई भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था,' यह कहना है पुणे की चंदा पेज का। वह आगे बताती हैं,‘मैंने 36 वर्ष बैंकिंग सेवा में दिये हैं। संस्कृत का क,ख,ग,घ भी नहीं मालूम था। लेकिन 2014 में सेवानिवृत्ति के बाद ज्ञान प्रबोधिनी संस्था से पुरोहिती का प्रशिक्षण लिया। संस्कृत सीखी, वैदिक शास्त्रों का अध्ययन किया और फिर शुरू हुई जीवन की एक नयी यात्रा। मैं समाज में लोगों की सोच में परिवर्तन लाना चाहती हूं।' चंदा लोगों को विधिपूर्वक सब समझाती हैं। शुद्धता से मंत्रों का उच्चारण करती हैं। विवाह संस्कार के दौरान लडके-लड़की से मंत्रों को सिर्फ दोहराने को नहीं कहतीं, बल्कि उसका भावार्थ भी बताती-समझाती हैं। इसलिए नयी पीढ़ी इसमें रुचि ले रही है, क्योंकि यह न सिर्फ वैज्ञानिक है,बल्कि कम समय में संपन्न हो जाता है। वह बुजुर्गों को भी संतुष्ट करने में सफल रही हैं,जिससे उनमें नया आत्मविश्वास आया है। उनका कहना है कि जब स्त्रियां ज्ञान से भरपूर होंगी, वेदों-शास्त्रों की जानकारी रखेंगी, तो वे किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्षम होंगी। यही बात अंतत: उन्हें सफलता दिलाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e4a60cd7ea80c4e50bb63edfc132bfbc665e358 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74396.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पिछले साल हुई थी कैदी की हत्या। पिछले वर्ष जून में जेल संख्या आठ- नौ में मेहताब नाम के कैदी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोपित कैदी से प्रशासन व पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि वह हत्या के इरादे से ही जेल संख्या पांच से इस जेल में आया था। उसने धातु के एक टुकड़े का जेल में इंतजाम किया और उससे चाकू बना लिया था। + + यहां बरामद होते हैं सबसे ज्यादा मोबाइल । तिहाड़ परिसर में मोबाइल बरामदगी के सबसे अधिक मामले जेल संख्या आठ- नौ में ही सामने आते हैं। वर्ष 2019 में यहां सिर्फ छह महीने में ही 57 मोबाइल मिले थे। सूत्रों की मानें तो औसतन हर सप्ताह दो मोबाइल इस जेल से बरामद होते हैं। लापरवाही का आलम यह है कि अधिकांश बरामदगी जेल प्रशासन द्वारा नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में होती है। ऐसे में जेल कर्मियों पर जहां कैदियों से मिली भगत का आरोप लगता रहा है। वहीं जेल प्रशासन भी कठघरे में खड़ा होता रहा है। + + हालांकि, जेल प्रशासन हर बार यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि जेल की दीवारें छोटी होने की वजह से सड़क से मोबाइल फेंककर कैदियों तक पहुंचाए जाते हैं। चरस व स्मैक भी कैदी के पास उपलब्धवर्ष 2018 में जेल संख्या आठ नौ में एक कैदी के पास से चरस व स्मैक की बरामदगी हुई थी। इस मामले में भी बरामदगी तब हुई थी, जब जेल प्रशासन को गुप्त सूचना से पता चला कि कैदी चरस, स्मैक का इस्तेमाल कर रहा है। पिछले वर्ष कोरोना के कारण इन मामलों में कमी देखी गई थी, लेकिन संक्रमण कम होते ही फिर से मामले बढ़ने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a60649dc332467570b7b60db41ca5b8ae7ba7b68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74398.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमित निधि। Board Exam 2021 आमतौर पर बच्चे/किशोर परीक्षा का नाम सुनकर ही घबराने लगते हैं। खासकर जब बात 10वीं एवं 12वीं के एग्जाम्स की हो, तो इनकी तैयारी का एक अलग दबाव तो होता ही है, साथ ही पैरेंट्स का प्रेशर भी होता है कि बच्चे अच्छे मार्क्स लाएं। अगर आप ऐसी स्थिति में खुद को तनाव में पाते हैं, तो इसे मैनेज करने में कुछ तकनीकी टूल्स आपकी मदद कर सकते हैं। इससे न सिर्फ एग्जाम की अच्छी तैयारी कर पाएंगे, बल्कि इससे कूल रहना भी आसान होगा। + +माइंड मैपिंग: दोस्तो, हो सकता है कि आपमें से बहुत सारे बच्चों ने स्टडी के लिए अब तक माइंड मैपिंग टूल्स का उपयोग न किया हो, लेकिन यह आपकी स्टडी को क्रिएटिव बना सकता है। आपको बता दें कि माइंड मैप विजुअल थिंकिंग टूल है,जो ट्रेडिशनल नोट टेकिंग और राइटिंग टेक्निक से काफी एडवांस है। इसमें तैयारी से जुड़े महत्वपूर्ण नोट्स या कॉन्सेप्ट को डायग्राम का रूप दे सकते हैं। अगर पढ़े हुए को याद नहीं रख पा रहे हैं,तो माइंड मैप के साथ टेक्स्ट,कलर,इमेज आदि का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि ब्रेन के लिए साधारण टेक्स्ट की तुलना में माइंड मैप को रिकॉल करना कहीं ज्यादा आसान होता है। इसलिए आजकल स्टडी में भी इसका खूब इस्तेमाल होने लगा है। इसके लिए आप चाहें, तो कॉग्गल डॉट इट (coggle.it) का उपयोग कर सकते हैं। इसकी मदद से नोट्स का माइंड मैप और फ्लो चार्ट्स तैयार कर सकते हैं। यह वेब बेस्ड है,इसलिए किसी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड या इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं पड़ती है। माइंड मैप के साथ टेक्स्ट और इमेज को भी जोड़ सकते हैं। अगर आप स्टडी के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यहां माइंडली (http://mindlyapp.com/) की मदद से माइंड मैप तैयार बना सकते हैं। इसमें टेक्स्ट, आइकन और कलर को चेंज करने का ऑप्शन मिलता है। मैप के साथ बहुत सारे टॉपिक्स को जोड़ना चाहते हैं,तो इसके लिए अतिरिक्त लेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एंड्रॉयड, आइओएस के साथ मैकओएस को भी सपोर्ट करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97fafb1566bdec97fde5b51a9534ed853e650dd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7440.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिनेता विद्युत जामवाल इस फिल्म में एक खुफिया अधिकारी के किरदार में नजर आएगे। सस्पेंस से भरपूर ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में दिखाया जाएगा कि किस तरह भारतीय खुफिया अधिकारियों ने पूरे पाकिस्तानी प्रतिष्ठान को हिला कर रख दिया था। साथ ही भारतीय सशस्त्र बलों को युद्ध का में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कीं थीं। + +फिल्म के बारें में अभिनेता और प्रोड्यूसर विद्युत जामवाल का कहना है कि, ‘भारतीय इतिहास के कुछ सबसे दिलचस्प प्रसंगों ने आईबी 71 को प्रेरित किया है। इस फिल्म के साथ, एक्शन हीरो फिल्म्स प्रतिभाशाली लेखकों द्वारा परिकल्पित एक दिलचस्प कहानी को लोगों के सामने रखने का प्रयास है।'।रिलायंस एंटरटेनमेंट ग्रुप के सीईओ का कहना है कि, ‘भारतीय सिनेमा में इस विषय का अधिक प्रयोग नहीं किया गया है और भारतीय इतिहास के हिस्से की नवीनता और महत्व ने हमें विद्युत और संकल्प के साथ मिलकर इस कहानी को प्रोड्यूस करने के लिए प्रेरित किया है। हम दर्शकों के समक्ष ढेर सारे रोमांच के साथ इतिहास से जुड़ी एक झलक को प्रस्तुत करने के लिए बेहद उत्साहित हैं।’।वहीं निर्देशक संकल्प रेड्डी का कहना है कि, 'आईबी 71 ये दिखाती है कि जीत से पहले क्या होता है और ऐसी वीरता की कहानी बताता है। जो बहुत ही अलग है, इस विषय से मैं तब जुड़ा जब मुझे इसकी कहानी सुनाई गई। मुझे बेहद खुशी है कि निर्माताओं ने मेरे विज़न पर जबरदस्त भरोसा दिखाया है, यह फिल्म वास्तव में मेरे लिए बेहद खास है।'।एक्शन हीरो फिल्म्स द्वारा निर्मित और अब्बास सैय्यद द्वारा सहनिर्मित इस फिल्म को संकल्प रेड्डी डायरेक्ट करेंगे। विद्युत जामवाल इस फिल्म में लीड किरदार प्ले करेंगे। इस एक्शन फिल्म की कहानी को आदित्य शास्त्री लिख रहे हैं और स्टोरी हाउस फिल्म्स एलएलपी स्क्रिप्ट पर काम कर रहा है। फिल्म की शूटिंग 2021 के अंत में शुरू की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ae701d3409381101b9a8c45c9a428dba8b64615 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डा. उपाध्याय ने बताया कि यह प्रोटोटाइप जीवाश्म ईंधन के उपयोग और कार्बन फुटप्रिंट को काफी कम करेगा। कांपैक्ट इकाई के चलते इसका उपयोग ऑन-साइट या ऑन-डिमांड अल्ट्रा-शुद्ध हाइड्रोजन उत्पादन के लिए किया जा सकता है। इस तकनीक से मात्र 15 मिनट में 15 एमएल मेथनाल से 13 लीटर 99.999 प्रतिशत शुद्ध हाइड्रोजन अलग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसी प्रोटोटाइप को हाइड्रोजन ईंधन सेल के साथ एकीकृत कर एक किलोवाॅट बिजली का उत्पादन करने में भी सफलता मिली है। ।इलेक्ट्रिक वाहन होंगे चार्ज।विकसित प्रोटोटाइप का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। डा. उपाध्याय की टीम मोबाइल इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर के क्षेत्र में भी काम कर रही है, जहां विकसित प्रोटोटाइप को मोबाइल वैन में स्थापित किया जा सकता है। इससे बिजली बनाने के लिए हाइड्रोजन ईंधन सेल के साथ एकीकृत कर चार्जिंग के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहन के लिए कार्यालय या घर पर होने पर चार्जिंग सुविधा का उपयोग करने के लिए एप-आधारित मॉड्यूल का उपयोग कर सकता है। इससे न केवल यूजर का समय बचेगा बल्कि चार्जिंग स्टेशनों पर कतार भी कम होगी। उन्होंने बताया कि यह इकाई हाइड्रोजन-आधारित कार के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है। आवश्यक हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए ऐसी इकाइयों को पेट्रोल पंपों पर स्थापित किया जा सकता है। यह तकनीक ग्रिड पर भार को कम करेगी और हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देगी। डा. उपाध्याय के अनुसार एक किलोवाट प्रोटोटाइप के डिजाइन की वर्तमान परियोजना भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित है। ।हाइड्रोजन उर्जा में उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा आइआइटी।आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि मेंबरेन रिफार्मर तकनीक पर आधारित प्रोटोटाइप यूनिट ‘मेक इन इंडिया’ और ’आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को भी बढ़ावा देती है। हम सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हमारा संस्थान उन अग्रणी संस्थानों में से एक है जो हाइड्रोजन ऊर्जा के सभी पहलुओं पर काम कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4eb38be30011301dd50e623338b2ec1247eaad4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें:-।जीजा के प्यार में बागी बन गई साली, बड़ी बहन से कहा-मैं तो जीजा के नाम का स‍िंदूर लगाऊंगी, तुम कोई और चुन लो।Accident in Amroha : हाईवे पर रोडवेज बस और कैंटर में भिड़ंत, कंडक्टर समेत दो की मौत, 15 यात्री घायल।हैदराबाद की आयशा केस के बाद मुरादाबाद में उलेमा का बड़ा एलान, कहा-दहेज वाली शाद‍ियों में नहीं पढ़ाएंगे न‍िकाह।अखिलेश यादव के आते ही आजम खां पर और कसा कानूनी शिकंजा, 11 मुकदमों में चार्जशीट।रामपुर की सियासत गरमा गए पूर्व सीएम अखिलेश यादव, घरोंं से बाहर न‍िकले सपा कार्यकर्ता, फूलों की बारिश।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74405.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74405.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29522fca55a4b5e973c091658a9921cbe8df377a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74405.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सरस्वती के उद्गम स्थल आदि बद्री में जहां पहले नदी का पूर्ण प्रवाह हुआ करता था, दुर्भाग्यवश समय के साथ यह जल निकाय समाप्ति के कगार पर आ गया था। हरियाणा की राज्य सरकार और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से सरस्वती हैरिटेज बोर्ड की स्थापना कर सरस्वती नदी के विकास का प्रयास किया जा रहा है। + +समझना होगा कि वेटलैंड्स हमारी समृद्ध विरासत हैं तथा विश्व विरासत स्थलों की भांति ही इनका संरक्षण आज समय की मांग है। आज वेटलैंड्स और नदियों के संरक्षण की दिशा में स्वयंसेवी संस्थाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। निश्चित रूप से स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग तथा जनभागीदारी द्वारा हम जल्द ही अधिकाधिक सार्थक परिणाम प्राप्त करने में सफल होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb95e2634ca53172086c4c82be701a09f589de25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74407.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सभी वर्गों का रखा ध्‍यान, कोरोना काल के नुकसान का बजट पर नहीं दिखा असर।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर रहित और मात्र तीन फीसदी राजकोषीय घाटे की संभावना वाला बजट पेश कर घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। वित्तमंत्री के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में टैब के जरिये बजट पेश किया। इस बजट में फागुन के हर रंग नजर आए। बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का विजन दिखा तो सरकार ने एक जैसी कई परियोजनाओं का आपस में समायोजन कर उन्हें पूरा करने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं तैयार की। + +पटरी से उतरी अर्थ व्‍यवस्‍था को ट्रैक पर लाने का विजन दिखा बजट में।मुख्यमंत्री ने पिछले साल 1 लाख 42 हजार 345 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, लेकिन संशोधित अनुमानों के आधार पर 1 लाख 37 हजार 738 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। बाकी राशि खर्च नहीं हुई। यूं भी कह सकते हैं कि खर्च नहीं हुआ तो कोरोना की वजह से राजस्व आया भी नहीं। लिहाजा इस बार का 1 लाख 55 हजार 645 करोड़ रुपये का बजट पिछले साल की अपेक्षा 13 फीसदी ज्यादा है। इस बार के बजट परिव्यय में 25 फीसद 38 हजार 718 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च है, जबकि 75 फीसद यानी 1 लाख 16 हजार 927 करोड़ रुपये का राजस्व खर्च शामिल है। 45 हजार 66 करोड़ रुपये की राशि राज्य में पहले से क्रियान्वित की जा रही योजनाओं को पूरा करने पर खर्च होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95769c79a275664b0c013ef7e1dfedeebccf31c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना संक्रमण के बाद लगातार तेज गति वाले इंटरनेट की मांग बढ़ती जा रही है। घर या आफिस में इंटरनेट प्रयोग करने वाले अधिकांश उपभोक्ता ब्राडबैंड या आप्टिकल फाइबर केबिल द्वारा इंटरनेट का कनेक्शन लेते हैं। दोनों के कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं को एक साथ और एक ही खर्च में इंटरनेट व कॉल करने की सुविधा उपलब्ध होती है। वर्तमान में ब्राडबैंड व ओएफसी से इंटरनेट का कनेक्शन जारी करने के लिए बीएसएनएल को दो एक्सचेंज का प्रयोग करना पड़ता है। एक एक्सचेंज से कॉल करने और दूसरे एक्सचेंज से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। दो एक्सचेंज के मिलने से पूरी गति से इंटरनेट नहीं चल पता है और लैंडलाइन में शोर होने से स्पष्ट आवाज सुनाई नहीं देती है। बीएसएनएल आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी उपभोक्ताओं को बेहतर संचार सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए थर्ड जनरेशन एक्सचेंज लगा रहा है। साथ ही इस एक्सचेंज को अपडेट भी कर रहा है। इस एक्सचेंज में कई आधुनिक सुविधा है। उसके बाद इंटरनेट व टेलीफोन का कनेक्शन एक ही एक्सचेंज से दिया जाएगा। इससे इंटरनेट निर्धारित गति से चलेगा यानी गति बढ़ जाएगी। जिससे कम खर्च वाले प्लान में अधिक गति वाले इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा टेलीफोन लाइन में शोर आना बंद हो जाएगा और कॉल करने पर स्पष्ट आवाज सुनाई देगी। बता दें क‍ि मुरादाबाद जिले में बीस हजार से अधिक ब्राडबैंड व ओएफसी के माध्यम से इंटरनेट चलाने के कनेक्शन हैं। इससे अधिकांश उपभोक्ता लैंडलाइन से कॉल करते हैं। उप महाप्रबंधक बीके शर्मा ने बताया कि थर्ड जनरेशन टेलीफोन एक्सचेंज को अपडेट करने का काम लगभग पूरा हो गया है। धीरे-धीरे ब्राडबैंड व टेलीफोन का कनेक्शन एक ही एक्सचेंज से दिया जाएगा। इसके बाद इंटरनेट की गति बढ़ जाएगी और आवाज की क्वालिटी में सुधार हो जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72fe2af78ecd5de93c1800bf0aa06c637b0af789 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ खास कोर्सों के लिए PCM जरूरी नहीं।अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी. सहस्त्रबुद्धे ने इन बदलावों को लेकर उठे विवादों के बीच यह साफ किया कि फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित जैसे विषय इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अहम है, लेकिन इंजीनियरिंग के कुछ खास कोर्सों के लिए यह जरूरी नहीं है, इनमें बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल और एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..240b594fa97f4384ff15c71288fe37b7eadd4351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74414.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जारी किए जा रहे ओसीआइ कार्ड।ध्यान देने की बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल में भारतीय मूल के अमेरिकियों के अमेरिका में हर क्षेत्र में नेतृत्व हासिल करने की बात कही थी। विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को जड़ों से जोड़ने की मुहिम में तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां 2014 के पहले हर साल लगभग एक लाख 71 हजार ओसीआइ कार्ड जारी किए जाते थे। वहीं, 2015 के बाद सालाना तीन लाख 24 हजार ओसीआइ कार्ड जारी किए जा रहे हैं। + +देश की जड़ों से जोड़ने की कोशिश ।ओसीआइ कार्ड जारी करने की गति दोगुनी हो गई है जिसे और भी बढ़ाया जाएगा। सरकार की कोशिश भारतीय मूल के अधिक से अधिक विदेशी नागरिकों को ओसीआइ कार्ड जारी कर उन्हें देश की जड़ों से जोड़ने की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक लगभग 37 लाख 34 हजार ओसीआइ कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें 20 लाख से अधिक कार्ड पिछले छह साल में जारी किए गए हैं। 2005 में नागरिकता कानून में संशोधन कर भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को ओसीआइ कार्ड जारी करने का काम शुरू हुआ था। + +पूर्व अनुमति लेने के प्रविधान पहले से लागू।केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ओसीआइ कार्डधारकों पर लगाए ताजा प्रतिबंध के आरोपों को खारिज किया। उनके अनुसार ओसीआइ कार्डधारकों के लिए भारत में तबलीगी, मिशनरी, पर्वतारोहण और पत्रकारिता से जुड़े काम करने के लिए सरकार से पूर्व अनुमति लेने के प्रविधान पहले से लागू हैं और इसके लिए समय-समय पर कार्यकारी आदेश जारी किए गए थे। अब उन्हीं कार्यकारी आदेशों को नियमों में शामिल कर अधिसूचित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74416.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74416.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b191f946b92a4c5a4f1e81b11952f696e8967476 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74416.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पांच राज्यों के चुनाव में केरल पर सबसे ज्यादा उम्मीद लगा रही कांग्रेस की बेचैनी सूबे में चुनाव पूर्व जमीनी रिपोर्ट ने बढ़ा दी है। हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन के सियासी ट्रेंड के विपरीत वामपंथी गठबंधन इस बार कांग्रेस की सत्ता में वापसी की राह मुश्किल करता जा रहा है। अंदरूनी उठापटक और भारी गुटबाजी कांग्रेस की इस चुनौती को और बढ़ा रही है। यही कारण है कि पार्टी उम्मीदवारों के एलान में देरी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3836eb12368aaa18dc3b3b70dbbbe4dc5becbf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74417.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन का नाम लेने से परहेज।बैठक की शुरुआत चारों नेताओं के संक्षिप्त भाषण से हुई। पीएम मोदी ने क्वाड को इस क्षेत्र में स्थिरता कायम करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर चिन्हित किया और कहा कि चारों देश अब ज्यादा नजदीकी तौर पर काम करेंगे। इस दौरान मोदी और तीनों देशों के प्रमुखों ने सीधे तौर पर चीन का नाम लेने से परहेज किया। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति और जापान के पीएम का चीन पर निशाना ज्यादा साफ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74420.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74420.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e2241f872f88790d74cf9e14537fa89a6b8a0bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74420.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। शुक्रवार देर शाम को भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के संगठन क्वाड के तहत होने वाली बैठक दुनिया से कोरोना महामारी को मिटाने की कोशिश में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होने जा रही है। बैठक एक तरह से कोरोना जैसी भावी महामारियों के खिलाफ एक निर्णायक गठबंधन बनाने का रास्ता भी साफ करेगा। इस गठबंध में अमेरिका की तकनीकी, भारत की मैन्यूफैक्चरिंग सुविधा और जापान के वित्तीय सहयोग का मुख्य तौर पर इस्तेमाल होगा जबकि आस्ट्रेलिया की तरफ से वित्तीय मदद के साथ ही दूसरे सहयोग मुहैया कराया जाएगा। बैठक की तैयारियों से जुड़े कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि बैठक में वैक्सीन बनाने की भारत की मौजूदा निर्माण क्षमता का विस्तार करने और यहां से समूचे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करने का काम होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed16bcf03980472c9e40a0ad5a0502fa187aaee8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74421.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिरी चरण में पहुचे मरीजों के लिए वरदान  । किडनी रोग के आखिरी चरण में पहुंच चुके मरीजों के जीवन पर किडनी यानि गुर्दा प्रत्यारोपण का बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मरीजों को आजीवन इम्युनोसप्रेसेंट दवाइयां लेने की जरूरत पड़ती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका शरीर प्रत्यारोपित की गई किडनी को अस्वीकार न करे। ऐसे मरीजों में संक्रमण का खतरा थोड़ा ज्यादा रहता है, लेकिन बहुत कम मात्रा में अत्याधुनिक इम्युनोसप्रेसेंट दवाइयां लेते रहने से यह खतरा बहुत कम हो जाता है। यूं कहें कि प्रत्यारोपण आखिरी चरण में पहुंचे किडनी रोगियों के लिए वरदान है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..894d8a25864925e9ec09f752c33f14e1d26baefe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, क्‍वाड की इस बैठक में भारत के कोविड-19 प्रोडेक्‍शन को बढ़ाने और साथ ही सप्‍लाई को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके जरिए चीन की काट की जाएगी। रॉयटर्स का कहना है कि चीन की बनाई कोविड-19 वैक्‍सीन और उसकी सप्‍लाई को भारत सही मायने में चुनौती दे सकता है। भारत विश्‍व में वैक्‍सीन का सबसे बड़ा उत्‍पादक है। इस वजह से भारत की उत्‍पान क्षमता का मुकाबला करना किसी के लिए भी मुश्किल है। भारत ने अब तक कोविड-19 वैक्‍सीन को 65 देशों को सप्‍लाई भी कर चुका है। रॉयटर्स ने बाइडन प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारी के हवाले से कहा है कि भारत की इस उत्‍पादन क्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए कोई बड़ी घोषण इस बैठक में हो सकती है। माना जा रहा है कि इस बैठक में वित्त पोषण समझौतों की घोषणा हो जाए। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वैक्‍सीन उत्‍पादन को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर वित्‍तीय मदद की बात कही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6adf3039411bd29b03aeed5e4735c98917a1d1e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सनातन व हिंदू मान्यता के अनुसार मृत्यु के बाद वाराणसी में अस्थियां प्रवाहित करने पर मुक्ति मिलती है। इसलिए लोग भोले की नगरी वाराणसी में आकर गंगा में अस्थि का विसर्जन करते हैं। दूर दराज या विदेश में रहने वाले हिंदू परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर वह किसी कारण से दाह संस्कार के बाद वाराणसी जाकर अस्थि का विसर्जन नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों के ल‍िए डाक विभाग ने सुविधा प्रदान की है। अस्थियों को विसर्जन के लिए स्वजन डाक अधीक्षक वाराणसी के पते पर स्पीड पोस्ट कर सकते हैं। भारत में रहने वाले लोग पांच रुपये के लिफाफे में अस्थि रखकर भेज सकते हैं। जबिक, विदेश में रहने वालों को स्पीड पोस्ट द्वारा अस्थि भेजनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2491cc9199243003e5cc142c00f37b9c4d535909 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74425.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, अशरफ सहित तमाम ऐसे नाम हैं, जिनके नाम की दशकों तक दहशत रही। सियासी मौसम कोई भी रहा हो, लेकिन सत्ता-संरक्षण की छतरी इनके सिर से हटी नहीं। यह नाम बीते चार बरस से भी चर्चा में हैं। फर्क ये है कि अब ये कानून के निशाने पर हैं। दर्जनों माफिया और गैंगस्टर की लगभग 950 करोड़ रुपये की संपत्ति योगी आदित्यनाथ सरकार ने न सिर्फ जब्त कराई, बल्कि दहशत और काली कमाई से बनाई इमारतों पर बुल्डोजर चलाकर समाज को कानून के राज का संदेश भी दिया। + +कई कानून बनाकर पेश की मिसाल : इसी तरह उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून और उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून बनाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश भर में चर्चा में आ गए। दरअसल, चार वर्ष में एक भी दंगा न होने देने को सरकार अपनी उपलब्धि मानती है, लेकिन सीएए-एनआरसी के विरोध में जब हिंसक प्रदर्शन हुए तो दंगाइयों की संपत्ति से सरकारी क्षति की वसूली का कानून बनाकर सरकार ने फिर आंखें तरेर दीं। शोहदों के पीछे एंटी रोमियो स्क्वॉयड लगाने वाली प्रदेश सरकार ने जबरन या धोखे से मतांतरण कराने वालों के खिलाफ कानून बनाकर भी मिसाल पेश की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74426.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74426.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ecfb46b7bf4bc1ed4229bcf988314f73b9dbfe2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74426.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। Tej Pratap Yadav News राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने गुरुवार को लोगों को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की शुभकामनाएं दीं। शिवरात्रि पर उनके शिव रूप की याद न आए, ऐसा कैसे हो सकता है? कुछ साल पहले महाशिवरात्रि के अवसर पर उन्‍होंने भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) का रूप धारण किया था। इसके अलावा वे समय-समय पर शिव के रूप में नजर आ चुके हैं। तेज प्रताप भगवान कृष्‍ण (Lord Krishna) के भी भक्‍त हैं। वे वृंदावन जा कर भगवान कृष्‍ण की पूजा करते रहे हैं। ।महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को किया याद।महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरुवार को तेज प्रताप यादव ने एव वीडियो के साथ भगवान शिव को याद करता ट्वीट किया है। इसमें उन्‍होंने लिखा है कि तीनों लोकों में महाकाल से बड़ा कोई नहीं है। ।कर्ता करे न कर सके, शिव करे सो होय।तीन लोक नौ खंड में, महाकाल से बड़ा न कोय। बोलो हर हर महादेव।आप सभी को #महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई।। pic.twitter.com/n4IE98rZAX।महाशिवरात्रि पर बन गए थे भगवान भोलेनाथ। तेज प्रताप यादव ने कुछ साल पहले महाशिवरात्रि के मौके पर भी भगवान शिव का रूप धारण किया था, जिसकी तस्वीरें इटरनेट मीडिया में वायरल हो गईं थीं। तब उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74429.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74429.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14462af365fff7490222e2f763c752f68c2face9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74429.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीपुरद्वार आदिवासी बहुल जिला है। यहां भाजपा का अच्छा जनाधार माना जाता है। जिले में चाय बागान श्रमिकों की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा है। ये श्रमिक जिस तरफ जाएंगे, उसका जीतना लगभग तय होगा। समस्याओं की बात करें तो यहां वन्यप्राणियों के हमलों से भी लोग परेशान रहते हैं। आए दिन जंगल से निकलकर हाथी आ जाते हैं और खासतौर से खाद्यान्न के भंडार अथवा घरों में किसानों द्वारा रखे गए खाद्यान्न पर हमला कर देते हैं। हाथी व तेंदुए के हमले से प्रति वर्ष कई लोग मारे जाते हैं। + +जिले में गोरखा मतदाता भी बहुतायत में हैं। चुनाव में चाय बागान श्रमिक व गोरखा मतदाताओं का रुख अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन इतना तय है कि ये निर्णायक की भूमिका में होंगे। गोरखा समुदाय के लोगों का वोट बैंक भी उम्मीदवारों की किस्मत तय कर सकता है। गोरखा नेताओं के विमल और विनय गुट दोनों ही अभी तृणमूल कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं। + +गणित बिगाड़ सकता है संयुक्त मोर्चा : 2016 के विधानसभा चुनाव में अलीपुरद्वार जिले में लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन ने एक भी सीट नहीं जीती थी, लेकिन इनका वोट प्रतिशत 35.78 रहा था। दरअसल, चाय बागान इलाकों में इस मोर्चे की श्रमिक संगठनों पर अच्छी पकड़ है। इस बार इस मोर्चे में फुरफुरा शरीफ के पीरजादा की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) भी शामिल हो गई है। ऐसे में यह संयुक्त मोर्चा भले ही जीत की स्थिति में न लग रहा हो, मगर दूसरे दलों का गणित जरूर बिगाड़ सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7dccc9f773f545d51b99b68ca164995085e3133e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए हुई चयनित। वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 के लिए ट्रायल प्रतियोगिता सात से 10 मार्च तक भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में हुई जिसमें ज्योति ने पांच व 10 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लिया। यूनिवर्सिटी वल्र्ड गेम्स 2021 का आयोजन 18 से 29 अगस्त तक चीन में होगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से प्रतिभाग करते हुए ज्योति ने दोनों ही इवेंट में वल्र्ड यूनिवर्सिटी के लिए निर्धारित न्यूनतम मानक से पहले पहुंचकर टीम में स्थान बनाने में सफल रहीं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से ज्योति बीपीएड कर रही हैं और वर्तमान में द्वितीय वर्ष में हैं। वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए पांच किमी के लिए 17:30 मिनट और 10 किमी के लिए 35 मिनट का न्यूनतम समय निर्धारित था। ज्योति ने अपनी पांच किमी दौड़ 40 सेकेंड और 10 किमी दौड़ 20 सेकेंड पहले पूरी कर ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62651702734156ce61b0d10d9d17e5143ac6ae93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74431.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिचपुरी, बरहन, इटौरा, पिनाहट, जैतपुर, बाह सहित कई दूसरे क्षेत्र में आम के बाग हुआ करते थे। किसी भी बाग में 200-300 पेड़ से कम नहीं थे, लेकिन अब बागों में गिने चुने पेड़ बचे हैं। इसका कारण आगरा का खारा पानी और आम के बौर में लगने वाला मालफार्मेशन रोग है। बरहन के किसान महेंद्र बताते हैं कि क्षेत्र में 20 बीघा से अधिक में बाग था, जिसमें 50 आम के पेड़ बचे हैं। पहले क्षेत्र में मीठे पानी के बम्बा से भरपूर पानी मिलता था, जो अब नहीं मिल पा रहा है। वहीं बौर में रोग लगने से फसल प्रभावित हो जाती है। बरारा के किसान रामबाबू सिंह बताते हैं कि पहले 300 पेड़ों से अधिक का बाग हुआ करता था, लेकिन अब आम के 150 से कम पेड़ बचे हैं। आम्रपाली सहित दूसरी नई किस्म भी लगाई गई हैं, जो जल्दी फलदार हो जाती है। खारा पानी पेड़ की ग्रोथ रोकता है, तो उसकी जड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। किसान पुष्पेंद्र बताते हैं कि इटौरा में बाग आज भी है, लेकिन आस-पास के पेड़ प्रभावित हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84afe0478a67da8293def1e66335c3ecf69dad05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74432.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभियान दल में बछेंद्री पाल सहित चार महिलाओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक है, जबकि लखनऊ में एनसीसी अधिकारी रहीं मेजर कृष्णा दुबे की उम्र 59 वर्ष है। बछेंद्री पाल व मेजर कृष्णा दुबे के साथ चेतना साहू (52), सविता धपवाल (52), शामला पदमनाभन (64), गंगोत्री सोनेजी (62), चौला जागीदार (63), पायो मुर्मू (53), डा. सुष्मा बिस्सा (55) और विरला देवसरकर (55) इस अभियान पर जाएंगी। कुल 143 दिनों के पर्वतारोहण अभियान में 4444 किमी. के सफर में 40 पर्वतों में से 17 हजार से अधिक ऊंचाई वाले छह पर्वत होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..548bea7a0d058d734791092440b2a509d25a28d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक ओझा। आइएनएसटीसी यानी इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर, ईरान के सबसे बड़े बंदरगाह बंदर अब्बास से होकर गुजरता है। भारत के विदेश मंत्री ने इस संबंध में प्रस्तावित किया है कि इस कॉरिडोर का काबुल और ताशकंद से होकर जाने वाला स्थल मार्ग आइएनएसटीसी के पूर्वी गलियारे का निर्माण करे। एक तरह से यूं कहें कि भारत अपने कुछ भू-सामरिक और भू-आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर इस अंतरराष्ट्रीय गलियारे के एक पूर्वी गलियारे का निर्माण चाहता है जो अफगानिस्तान से होकर जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d24cbf0ad189aacf0ecca16cb403b8bda346754 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारतीय नौसेना के बेड़े में स्कोर्पिन क्लास सबमरीन, आईएनएस करंज शामिल हो गया है। यह स्कोर्पिन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी है। फ्रांस की मदद से मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड यानी एमडीएल ने स्कोर्पिन क्लास की इस तीसरी पनडुब्बी का निर्माण किया है। इसका नाम अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार करंज है। के से किलर इन्सटिंक्ट, ए से आत्मनिर्भर-भारत, आर से रेडी, ए से एग्रेसिव, एन से निम्बल और जे से जोश हैं। अलग-अलग रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही थी कि भारत की अधिकांश पनडुब्बियां अपनी उम्र पूरी करने वाली है। इस फ्रंट पर हम कमजोर पड़ सकते हैं। ।स्कोर्पिन क्लास सबमरीन क्या है?: पनडुब्बी को फ्रांसीसी नौसेना निर्माण दिशा और स्पेनिश नर्वांटया के सहयोग से विकसित किया गया था। यह एक डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eceb83a689e6b0d042ffdb21d4eda81baa64e0c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74435.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोनीपत [दीपक गिजवाल]। ईश्वर एक दरवाजा बंद करता है तो कई द्वार खोल देता है। दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव जाजी के मुकेश इसके उदाहरण हैं। दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण चलने-फिरने में अक्षम होने के बाद इंजीनियरिंग के छात्र रहे मुकेश ने अपने लिए नई राह तलाश ली। मुकेश हरियाणवी गाने लिखने लगे। कई सुपरहिट गाने लिख चुके मुकेश का गाना '52 गज का दामण' हर जगह धूम मचा रहा है। उनके इस संघर्ष में साथी बने उनके भतीजे अमन जाजी। चाचा का सहारा बनने के लिए अमन ने म्यूजिक कंपोजिंग सीखी। अमन ने ही 52 गज के दामण गाने का म्यूजिक तैयार किया है। अमन ने इस गाने में प्रांजल दहिया के साथ अभिनय भी किया है। यू-ट्यूब पर गाने को 71 करोड़ बार देखा जा चुका है। हरियाणा के साथ पूरे उत्तर भारत में चाचा-भतीजे का यह गाना धूम मचा रहा है। + +पंजाब से छिपाई जा रही सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन की असली सच्चाई, पढ़िये- पूरा मामला।गांव को बना दिया हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री का हब।चाचा की मदद के लिए म्यूजिक सीखने वाले अमन की म्यूजिक पर इतनी गहरी पकड़ हो गई कि अमन 52 गज का दामण सहित 200 से ज्यादा हरियाणवी गानों में म्यूजिक दे चुके हैं। मुकेश ने अपने भतीजे अमन जाजी व अजय धनखड़ के साथ मिलकर करीब डेढ़ करोड़ की लागत से अपने खेत में ही स्टूडियो बनाया है। अब यहीं पर सपना चौधरी से लेकर अन्य हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्रीज के बड़े-बड़े स्टार अपने गाने रिकार्ड करने आते हैं। ऐसे में गांव को हरियाणा में खूब पहचान मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74438.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74438.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..665c86fd0307565e6e4d7ee85f104fec1880fd89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74438.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छात्र अजय राणा का कहना है कि करीब साढ़े तीन महीने से प्रदर्शनकारी सड़कें जाम करके बैठे हैं। इस वजह से हजारों विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। माता-पिता बच्चों को बॉर्डर के रास्ते स्कूल, कालेज भेजने से भी डर रहे हैं। वर्ष 2020 तो कोरोना महामारी की वजह से बर्बाद हो ही चुका है अब प्रदर्शनकारी इसी तरह जिद लगाकर बैठे रहे तो वर्ष 2021 भी बर्बाद हो जाएगा।  ।वहीं, अन्य छात्र अर्पित ने कहा कि मैं गाजीपुर क्षेत्र में रहता हूं और सिंघु बॉर्डर के पास के एक कॉलेज में पढ़ता हूं। 15 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों की वजह से यातायात इतनी बुरी तरह ठप है कि कालेज की लाइब्रेरी भी नहीं जा पा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को अपना अड़ियल रवैया बदलना चाहिए। सरकार से बात कर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए और धरना खत्म करना चाहिए। सरकार ने कानूनों में संशोधन की बात कहकर एक कदम आगे बढ़ाया है, अब प्रदर्शनकारियों को भी एक कदम आगे बढ़ाना चाहिए। हां या ना की जिद से आज तक किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। ।उधर, एक युवक जितेंद्र की मानें तो प्रदर्शनकारियों की वजह से कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। गंदे नाले पर बने कच्चे रास्तों से होकर बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है। पुलिस अब कोई कार्रवाई करती नहीं दिखाई दे रही है। दिल्ली वालों को ही अपने बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए आगे आना होगा। झाड़ौदा बॉर्डर से भी तो स्थानीय लोगों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। अब टीकरी व सिंघु बॉर्डर को खाली करवाने के लिए भी यहां के स्थानीय लोगों को आगे आना चाहिए। ।एक अन्य छात्रा पीयूषी दीक्षित ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि मैं नोएडा सेक्टर 62 में रहती हूं और बवाना के एक कालेज में पढ़ाई करती हूं। प्रदर्शनकारियों की ओर से बार्डर सील किए जाने से मुझे समय पर बस नहीं मिलती है। सुबह शाम के समय तो सबसे ज्यादा जाम लगता है। कालेज जाने के लिए घर से दो घंटे पहले निकलना पड़ता है और दो घंटे देरी से घर पहुंचती हूं। दिनभर की अगर बात की जाए तो हर रोज नौ घंटे बस, आटो आदि में ही बर्बाद हो जाते हैं। इस वजह से इतनी बुरी तरह से थक जाती हूं कि कालेज जाने का भी मन नहीं करता। घर वाले भी चिंता करते रहते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74439.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74439.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..556d79bfc2740f36e7b6ec826356cc58bc4e7ea8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74439.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजीव कुमार झा, कोलकाता। वर्षो से बांग्लादेशियों के लिए सबसे महफूज ठिकाना रहे बंगाल में रोहिंग्या के प्रति भी शुरू से ही राज्य सरकार व प्रशासन का नरम रुख रहा है। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षो से रोहिंग्याओं के लिए भी बंगाल एक महफूज ठिकाना बना हुआ है। यही नहीं, विभिन्न अपराधों व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके रोहिंग्या, जो जम्मू सहित देश के विभिन्न शहरों में बस चुके हैं, उनमें से अधिकतर रोहिंग्या म्यांमार से बांग्लादेश के रास्ते बंगाल पहुंचे। बंगाल से बांग्लादेश की लगभग 2000 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जहां बड़े इलाके में अब भी बाड़ नहीं लगी है, जिसका लाभ उठाकर वे दाखिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..013249880cdde77f5d75fe82a517d3680ad4415c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निक, जो अमेरिका में हैं, ने प्रियंका चोपड़ा को 1982 का एक चेटो माउटन रोथ्सचाइल्ड भेजा। प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम स्टेरीज में एक बोतल की फोटो शेयर की है। फोटो में एक मेज पर एक बड़ा शराब का गिलास भी दिखाया गया है, जिसे सफेद फूलों, मोमबत्तियों और छोटे खिलौने वाली शराब की बोतलों से सजाया गया है। फोटो शेयर करते हुए प्रियंका ने लिखा, "(love) You @nickjonas।"।इस एक बोतल की कीमत जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। एक बोतल शराब की एवज में आप भारत में एक अच्छी बाइक खरीद सकते हैं। यह ड्रिंकएंडको डॉट कॉम के अनुसार ये रेड वाइन 1982 की चेटो माउटन रोथ्सचाइल्ड एक दुर्लभ शराब है जो 750 मिलीलीटर की बोतल के लिए लगभग 131,375 रुपये में बिकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91e805107c4fed58100923549642c5ce7e50ba90 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74440.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बताया जा रहा है कि किसान नेता राकेश टिकैत भी इस बात से हैरान-परेशान हैं कि यूपी गेट पर किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या 200 से भी नीचे आ गई है। टेंट भी उखड़ने लगे हैं। किसानों की घटती संख्या पर किसान नेता राकेश टिकैत ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन मंगलवार को वह जब यूपी गेट पर पहुंचे थे तो उनके चेहरे पर निराशा के भाव साफ नजर आ रहे थे। हैरानी की बात तो यह है कि उन्होंने यूपी गेट पर बने मंच पर बैठने के बजाय किसानों के बीच बैठकर यह संदेश देने की कोशिश की कि वह उनके साथ हैं। बावजूद इसके यूपी गेट पर भीड़ बढ़ती नहीं दिखाई दे रही है। जानकारों की मानें तो लंबा खिंचता आंदोलन अब तक बेनतीजा है, इससे किसान प्रदर्शनकारियों में निराशा होने लगी है। वह आंदोलन की सफलता को लेकर चिंतित नजर आने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10bfd60831d2db2f17ff0921c2cd06d151fbeafc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीन ऑफ कालेज डॉ. बलराम पाणि ने बताया कि इस तरह की पहल करने वाला डीयू संभवत: पहला विवि होगा। वह चाहते हैं कि छात्रों को पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत न हो। चूंकि स्मार्टफोन आजकल लगभग सभी छात्रों के पास होते हैं। ऐसे में अब छात्र की पढ़ाई सिर्फ क्लासरूम की मोहताज नहीं होगी। छात्र जब चाहेगा, पाठ्यक्रम संबंधी वीडियो देखकर पढ़ाई कर सकेगा। इस बाबत शिक्षकों के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। उनसे गुजारिश की गई है कि वे हिंदी और अंग्रेजी में वीडियो रिकॉर्ड करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74443.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74443.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a257eb0155227c9eef7e554fbb967449dfbbda5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74443.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में कांग्रेस का जनाधार तो तेजी से घट ही रहा है, इसका संगठनात्मक ढांचा भी ढहने लगा है। आलम यह है कि आठ साल से प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है तो विभिन्न प्रकोष्ठ भी फाइलों में धूल फांक रहे हैं। ऐसे में बिना संगठनात्मक मजबूती के सिर्फ एक वर्ष में होने वाले नगर निगम चुनाव में कामयाबी हासिल करना ख्वाब जैसा ही लगता है। किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर मजबूत संगठनात्मक ढांचा होना बहुत जरूरी है। इसमें जितनी अहमियत प्रदेश कार्यकारिणी की है, उतनी ही जरूरी जिला व ब्लाक स्तर की मजबूती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f17c7e16ee9eb873e9a8e57d2da55e9fc76c602c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74445.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +कौशल किशोर। Ban On Adulteration Of Foods असम, बंगाल और उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश की सरकार ने मिलावट पर रोक लगाने का कड़ा फैसला किया है। मध्य प्रदेश सरकार ने एक खास अभियान के तहत खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को आजीवन कारावास की सजा तक का प्रविधान किया है। अपराध के दोषियों के लिए उम्र कैद की सजा के प्रविधान से इसकी संवेदनशीलता का अहसास होता है। + +दरअसल हाल के दिनों में देश भर में ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जिनमें मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है। मुनाफाखोरी के लिए उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के संगीन मामले हमारे समक्ष आते रहते हैं। इनमें प्रशासन की सक्रियता व भूमिका पर भी कई तरह की बातें सामने आती हैं। तमाम हालिया घटनाओं से देश भर में मिलावटखोरी के सवाल पर चिंता खड़ी हुई है। शासन-प्रशासन की कोशिशों के बावजूद इन पर पूर्ण नियंत्रण मुमकिन नहीं प्रतीत होता है। + +सीएसई यानी सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की निदेशक सुनीता नारायण की टीम ने लंबी पड़ताल के बाद चीन से आयात किए जाने वाले सीरप और भारत में बन रहे ऐसे उत्पादों के बारे में सनसनीखेज तथ्यों को प्रकट किया है। शहद में मिलावट का पता भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की जांच में सामने नहीं आता है। नतीजन बाजार ऐसे विज्ञापनों से भरा है, जिनमें नामचीन ब्रांड के शहद की शुद्धता के दावे हैं। + +शहद में गुड़ के मेल का डर है, घी के अंदर तेल का डर है/ तंबाकू में खाद का खतरा, पेंट में झूठी घात का खतरा/ मक्खन में चर्बी की मिलावट, केसर में कागज की खिलावट/ मिर्ची में ईंटों की घिसाई, आटे में पत्थर की पिसाई/ क्या जाने किस बीज में क्या हो, गरम मसाला लीद भरा हो/ खाली की गारंटी दूंगा, भरे हुए की क्या गारंटी। आज से करीब आधी सदी पूर्व नीलकमल के निर्देशक राम माहेश्वरी द्वारा हास्य अभिनेता महमूद पर फिल्माया गया यह गीत भले ही परिहास के लिए हो, परंतु यह आज की वास्तविकता है। + +अपना देश श्वेत क्रांति शुरू कर दूध के उत्पादन में शेष दुनिया को पीछे छोड़ चुका है। इसके साथ ही, यह भी सच है कि मिलावट के मामले में दुग्ध पदार्थों की कोई बराबरी नहीं कर सकता। बाजार में नकली दूध की मात्र असली दूध से भी अधिक है। नकली शराब पीकर मरने वालों की खबरें आम हो गई हैं। थैलियों, डब्बों और बोतलों में पैक होने वाली वस्तुओं के साथ भरे हुए की गारंटी जैसी बात रह नहीं गई है। उस दौर में हवा और पानी पर सवाल नहीं उठ सका, पर आधुनिकता की आंधी में वायु और जल भी प्रदूषित हो गया। शुद्धता की गारंटी टेक्नोलॉजी और फैशन की दुनिया में सिमट गई है। इस अपराध को रोकने हेतु चुनिंदा राज्य सरकारों ने सख्त सजा का प्रविधान कर उल्लेखनीय प्रयास किया है। इस अपराध को रोकने हेतु चुनिंदा राज्य सरकारों ने सख्त सजा का प्रविधान कर उल्लेखनीय प्रयास किया है। परंतु शुद्ध आहार का कठिन लक्ष्य साधने के लिए सरकार को ही नहीं, आम लोगों को भी संवेदनशीलता का परिचय देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03465ead104638820f7d14d20bbaea9ec4a63c62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Mukesh Ambani Bomb Threat: देश-दुनिया के नामी उद्योगपतियों में शुमार मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर अंटीलिया के बाहर स्कार्पियो में जिलेटिन की 20 छड़ें मिलने के मामले के तार तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं। जिस मोबाइल नंबर के इंटरनेट का इस्तेमाल कर टेलीग्राम चैनल के जरिये जैश-उल-हिंद ने विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली थी, वह नंबर तिहाड़ जेल का ही कोई कैदी इस्तेमाल कर रहा है। मुंबई पुलिस की इस सूचना के बाद स्पेशल सेल समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b961c19c6f882f689f332dc01acf3148b78aff8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अहमदाबाद, लखनऊ फ्लाइट स्थगित।28 मार्च भोपाल, बेंगलुरु के साथ ही इंडिगो अहमदाबाद और लखनऊ के लिए भी अपनी हवाई सेवाएं शुरू करने की तैयारी में थी। मगर, अहमदाबाद और लखनऊ रूट की प्रस्तावित फ्लाइटें फिलहाल स्थगित कर दी गई हैं। इंडिगो एयरलाइंस के अधिकृत सूत्रों के अनुसार, कंपनी जल्द ही अहमदाबाद, लखनऊ के साथ ही इंदौर के लिए भी अपनी उड़ानें शुरू करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..180f2aae88e766adf082c7dd3ce6caa8ccb6cf09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74451.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्‍या कहते हैं हरीश साल्वे।देश के जानेमाने वकील हरीश साल्वे कहते हैं कि सिर्फ निवास के आधार पर आरक्षण देना और उसे सभी पर लागू करना साफ तौर पर असंवैधानिक दिखाई देता है। ऐसा नियम भेदभाव करने वाला है। हालांकि वह कहते हैं कि उन्हें हरियाणा के मामले के सारे तथ्यों की जानकारी नहीं है। साल्वे की बात से साफ होता है कि हरियाणा के कानून को टिकने के लिए कोर्ट में संघर्ष करना होगा, क्योंकि यहां मामला सरकारी नौकरी में आरक्षण का नहीं है, बल्कि निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण का है। + +पूर्व के फैसलों पर क्या रहा शीर्ष कोर्ट का रुख।अगर पूर्व के फैसलों पर निगाह डालें तो 1984 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप जैन मामले में सन आफ सायल (धरती पुत्र) यानी निवास स्थान के आधार पर आरक्षण की चर्चा की थी। कोर्ट ने उसमें टिप्पणी की थी कि निवास के आधार पर नौकरी में आरक्षण की नीतियां असंवैधानिक हैं, लेकिन कोर्ट ने इस पर कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं दी थी, क्योंकि कोर्ट के सामने सीधे तौर पर यह मुद्दा नहीं था। इसके बाद 1995 में सुनंदा रेड्डी केस में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप जैन मामले में की गई टिप्पणी पर मुहर लगाते हुए आंध्र प्रदेश सरकार की तेलुगु माध्यम से पढ़ने वालों को पांच फीसद अतिरिक्त वेटेज देने के नियम को रद कर दिया था। निवास स्थान मामला 2002 में भी आया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान की सरकारी शिक्षक भर्ती रद की थी। 2019 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भर्ती अधिसूचना रद की थी जिसमें यूपी की मूल निवासी महिलाओं को प्राथमिकता की बात कही गई थी। स्पष्ट है कि हरियाणा के फैसले के लिए राह आसान नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74456.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5d61e44b24ddc207a264354a7355181a9003f96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74456.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीएसएनएल ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि बैंक के खाते की केवाईसी करा लेंं। अगर बीएसएनएल के सिमकार्ड का भी केवाईसी नहीं हुआ तो बीएसएनएल के आफिस में जाकर केवाईसी अवश्य करा लेंं, अन्यथा मोबाइल के कनेक्शन को बंद कर दिया जाएगा। एसएमएस में जानकारी दी जा रही है क‍ि cp-smfst, ad-virinf, cp-blmknd, bp-itlinn जैसे एसएमएस फर्जी है, इनसे दूर रहें। खाता, मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि समेत कोई भी गोपनीय जानकारी न उपलब्‍ध कराएं। बीएसएनएल ऐसे एसएमएस पर रोक लगाने के लिए सिस्टम को अपडेट कर रहा है। इसके बाद स‍िस्‍टम एसएमएस का सत्यापन करेगा और सत्यापन नहीं होने पर एसएमएस को रोक देगा। यानी फर्जी एसएमएस उपभोक्ता तक नहीं पहुंच पाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश भर फर्जी एसएमएस भेजने वालों को चिह्नित करने और उसकी जानकारी अपराध शाखा को देेने के आदेश द‍िए गए हैं। इस पर कंपनी भी काम कर रही है। इंटरनेट से एसएमएस भेजने वालों की भी जानकारी करने के बारे में सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है। + +उप महाप्रबंधक बीके शर्मा ने बताया कि फर्जी एसएमएस को लेकर उपभोक्ताओं को जागरूक किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को बताया जा रहा है उनके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी की जानकारी दूसरे को नहीं देंं। बैंक के खाते व मोबाइल कनेक्शन को केवाईसी कराने का भी अनुरोध किया जा रहा है। ।यह भी पढ़ें:-                                                                                                                                       ।मुरादाबाद में बड़ी लापरवाही, गरीबों की जगह कीड़े डकार गए 80 क्विंटल गेहूं, श‍िकायत पर नहीं ल‍िया संज्ञान।मुरादाबाद एयरपोर्ट की रखवाली करेंगे पुलिस के 69 जवान, बरेली में लेंगे प्रशिक्षण ।Mahashivratri 2021 : शुभ मुहूर्त पर शुरू हुआ जलाभ‍िषेक, मंद‍िरों के बाहर लगी रही भक्‍तों की कतार।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7e4478ccd2106da6f755528406ace67143a58cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मधुमेह रोगी अपने गुर्दे की भी नियमित जांच कराते रहें। शराब, धूमपान, तंबाकू, जंक फूड का सेवन न करें। पानी कम पीने से गुर्दे में पथरी की समस्या हो रही है। अक्सर लोग पथरी का देसी इलाज करते हैं। इससे गुर्दे में संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। ।-डा प्रशांत लवानिया, यूरोलाजिस्ट, एसएन मेडिकल कालेज ।मधुमेह के मरीजों को गुर्दे की नियमित जांच करानी चाहिए। पेशाब में प्रोटीन आना, गुर्दा खराब होने का प्रारंभिक लक्षण है। इसी तरह से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में भी गुर्दा खराब होने की आशंका रहती है। गुर्दा रोगियों में 80 फीसद मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fc657e56edcf7a15a95110e7cce71ad20ae11f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : रामघाट रोड स्थित पराग डेयरी परिसर में सामाजिक संस्था आस्था की ओर से कांवडिय़ों की सभी ने अथाह सेवा की। नजीर पेश करते हुए इस बार 26 जोड़े आस्था और विश्वास के अटूट बंधन में बंधे। पूरी परंपरा के साथ इन जोड़ों का विवाह कार्य कराया गया। शहर विधायक संजीव राजा, कोल विधायक अनिल पाराशर, आइजी पीयूष मोर्डिया ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ।मुख्‍यमंत्री सामूहिक विवाह योजना।संस्थापक हिमांशु गर्ग ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि भोले बाबा और गौरा माता के विवाह की तिथि पर हम 26 कन्याओं का कन्यादान कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के साथ ही संस्था की ओर से 50 हजार रुपये की जरूरत की वस्तुएं दी गईं। शिविर में सभी ने बाबा बर्फानी के सुंदर हिमलिंग की झांकी के दर्शन किए। भजन संध्या का सभी ने आनंद उठाया। मेडिकल शिविर के प्रभारी विनय अग्निहोत्री अपनी टीम के साथ घायल शिवभक्तों की सेवा में जुटे रहे। ।अन्नपूर्णा इवेंट एंड डेकोर संस्था का सहयोग।आस्था के सामूहिक विवाह में अन्नपूर्णा इवेंट एंड डेकोर संस्था ने भरपूर सहयोग दिया। संचालक ने बताया कि संस्था की तरफ से इस कार्यक्रम में भोजन, टेंट साज-सजावट व पूजा सामग्री की व्यवस्था की गई है। शिविर में पवन खंडेलवाल, गगन अग्रवाल, रचना अग्रवाल, गीता प्रधान, विनीत भरद्वाज, पीके नायर, राजीव अग्रवाल, ममता अग्रवाल, शिल्पी अग्रवाल, सुशील टाइगर, लकी, हरीश सैनी आदि थे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c91ff9b72277f5818dc15075a687450e625627a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74466.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (एएफपी)। कोरोना महामारी से जूझते हुए पूरी दुनिया को 14 माह हो चुके हैं। इसके बाद भी इससे निजात नहीं मिल कसी है। हालांकि राहत की बात ये है कि इसकी वैक्‍सीन बनने के बाद से बड़ी संख्‍या में लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। पूरी दुनिया और वैश्विक संगठन इस मुहिम को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के अब तक 118,630,045 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 2,631,996 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। सही होने वाले मरीजों की संख्‍या की बात करें तो ये 94,238,652 तक जा पहुंची है और पूरी दुनिया में इस वायरस संक्रमण के कुल 21,759,397 एक्टिव केस हैं। + +दुनिया में आई महामारी पर यदि नजर डालें तो इस बार तकनीक और सुविधा की बदौलत पहली बार एक वर्ष के अंदर वैक्‍सीन दुनिया के सामने आ सकी है। दुनिया पर अब तक कई बार महामारी का संकट छाया है जिसमें करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इन महामारियों में मारे गए कुल लोगों की बात करें तो ये संख्‍या करीब सवा बारह करोड़ से भी अधिक है। जानें कब-कब आई महामारी और कितने लोग हुए इसके शिकार।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9d083141b4b1be7cea456566e36222d144bd605 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरा मामला शिमला जिले के ठियोग का है जहां शराब की बोतल का मूल्य वह है जो सेल्समैन चाहे। अधिकतम खुदरा मूल्य से भी ऊपर। न कोई बिल, न दलील, न अपील। एसडीएम मास्क पहन कर गए और व्यक्ति को धर लिया। जाहिर है, दोनों उपमंडल दंडाधिकारियों ने अपना फर्ज निभाया और अपेक्षित सक्रियता दिखाई। क्यों दिखाई? इस पर कई पक्ष हो सकते हैं, लेकिन यही माना जाए कि यह व्यवस्था को जांचने और सुधार करने के लिए था। अब इससे बड़ा सवाल यह है कि करीब 34 वर्षो से चिंतपूर्णी मंदिर पर सरकारी नियंत्रण है। कई बार हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय डांट चुका है, व्यवस्थाएं बदली गई हैं। लेकिन आमूल चूल परिवर्तन नहीं हुआ। सवाल एक होमगार्ड के रिश्वत मांगने का नहीं है, सवाल तो यह है कि संस्था ने कई बार की फजीहत के बावजूद सुधार को व्यवस्थागत आकार क्यों नहीं दिया? क्या कारण हैं कि पंक्ति में मुंह अंधेरे से खड़े लोग दोपहर या शाम को भी ढलता देखें और जो पांच सौ रुपये दे सके, वह आशीर्वाद लेकर निकल जाए? क्यों हर बार एक ही संस्था के लिए किसी उत्साही एसडीएम की जरूरत पड़ती है?।यह अच्छी बात है कि कुछ योजना चिंतपूर्णी मंदिर न्यास की आगामी बैठक में पारित की जाएगी। दुकानदार जिन पतली गलियों के माध्यम से श्रद्धालुओं को मुख्य कतार तक पहुंचाने का पैसा लेते हैं, प्रशासन को उनका ध्यान भी है। जो लिफ्ट गर्भवतियों, बुजुर्गो और दिव्यांग लोगों के लिए हैं, वे पैसे देकर कुछ लोग इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। लिफ्ट तक पहुंचाने के अलग पैसे लिए जाते हैं और ऊपर पहुंच कर कतार में शामिल करवाने के अलग, यह भी रुकेगा। होमगार्ड की तैनाती की जगह बदलेगी। सब अच्छा है। लेकिन फिर कोई दुकानदार या होमगार्ड उठ कर वही सब करने लगेंगे, इसकी जमानत कौन दे सका या दे सकेगा? कुछ इस चीज को पकड़ लेते हैं, कुछ अधिकारी नहीं पकड़ पाते, क्योंकि उन्हें यह सब पता होता है, लेकिन अज्ञात कारणों से सब जारी रहता है। शायद यह नियम भी बन जाए कि किसी को वीआइपी दर्शन करने हैं तो कुछ पैसे देने होंगे। पर्ची मिलेगी। सोच यह है कि जो पैसा अभी इधर-उधर जा रहा है, वह न्यास को मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4121ad11545d0196bb263462a01a7afc357bdb42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की अपकमिंग फिल्म ‘डॉक्टर जी’ का फर्स्ट लुक आज रिलीज़ कर दिया गया है। इस फिल्म में आयुष्मान एक डॉक्टर की भूमिका में नज़र आने वाले हैं। 'डॉक्टर जी' जंगली पिक्चर्स प्रोडक्शन की फिल्म है जिसमें आयुष्मान खुराना के साथ रकुल प्रीत सिंह और शेफाली शाह भी नज़र आएंगी। फिलहाल फिल्म की शूटिंग चल रही है इस बात की जानकारी भी आयुष्मान ने कुछ दिन पहले ही अपने इंस्टाग्राम के जरिए फैंस को दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74470.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74470.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81680dbadb4f560fcd340c9979e516015ac04934 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74470.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: देहरादून और गैरसैंण में मिलेगी सुकून की छांव, जानिए क्या है योजना।कार्यक्रम में आयोग के लिए सबसे बेहतर लोगो तैयार कर लोगो प्रतियोगिता में अव्वल रही नेहल गुप्ता को भी 5100 रुपये एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष शायरा बानो, पुष्पा पासवान, सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग के विधि अधिकारी  डीआर सिंह, शानू रावत, वीरेंद्र सिंह रावत, दिनेश सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे। + +यह भी पढ़ें- शेरों की जान बचाने के लिए करना होगा जंगल का बंटवारा, आ रहे हैं इस बीमारी की चपेट में।इन्हें मिला सम्मान।ममता सामाजिक संस्था के प्रमुख जेएम सिंह, भारतीय ग्रामोत्थान संस्था, ऋषिकेश के अध्यक्ष अनिल चंदोला, विशेष आवासीय बालिका विद्यालय, देहरादून के प्रधानाचार्य हुकुम सिंह उनियाल। । यह भी पढ़ें- सुबह आठ से शाम छह बजे तक अखाड़ों के लिए रिजर्व रहेंगे गंगा घाट, आम श्रद्धालुओं के लिए ये है व्यवस्था।Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53213097e57a089bc6dbf06c355973610b62f5e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74471.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +थाने में ऐसे होगा काम।उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि आर्थिक अपराध थाने में 35 से 40 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें सीओ से लेकर इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर व कांस्टेबल शामिल होंगे। आर्थिक अपराध का मामला सामने आने के बाद इसी थाने में मुकदमा दर्ज होगा, इसके बाद मामले की विवेचना भी थाना पुलिस ही करेगी। यदि जरूरत पड़ी तो मामला दूसरे जिले को भी स्थानांतरित किया जाएगा। आर्थिक अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए आर्थिक अपराध थाना खोलने की योजना बनाई गई है। शासन से मंजूरी मिलते ही स्पेशल टास्क फोर्स के अंतर्गत थाना खोला जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d1b6ea3d2bafbbb064bc719f0dbd278e9e57aaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74473.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। माधुरी मिश्रा, उम्र 60 साल। इनके जज्बे को सलाम। इतनी उम्र होने के बाद भी समाजसेवा की धुन में कोई कमी नहीं। कोविड-19 के भयानक दहशत भरे समय में जब अच्छे-अच्छों ने अपने कदम घर से निकालने से इंकार कर दिया। तब माधुरी देवी ने जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने में सहयोग दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ब्लाकों में टीकाकरण के प्रतिशत को ऊंचाई पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आठ किलोमीटर पैदल चलकर सर्वे और टीकाकरण के काम को निपटाया। + +माधुरी मिश्रा वर्तमान में आगरा सीएमओ आफिस के पास में रहती हैं। बचपन में उन्हें समाजसेवा का शौक था। पढ़ाई के दौरान एक एएनएम को देखा तो खुद भी सेवा भाव वाले काम को करने की धुन सवार कर ली। परन्तु उनके पिता को स्वास्थ्य विभाग की नौकरी पसंद नहीं थी। उन्होंने अपनी रजामंदी नहीं दी। समय के चक्र के साथ बुजुर्ग हो चुके माधुरी के पिता का निधन हो गया। पिता की सांसें थमने के बाद परिवार में आर्थिक संकट खड़ा हो गया। उसकी पढ़ाई पर भी आंच आना लाजमी थी। परन्तु, माधुरी को एएनएम बनने की धुन सवार थी। उसने सिलाई और कढ़ाई का काम शुरू कर अपने स्कूल की फीस को भरकर पढ़ाई को जारी रखा। वह घर पर भी आर्थिक रूप से मदद करती थी। माधुरी की ऊपर वाले ने सुन ली और 1983 में उसे बाह ब्लाक में एएनएम की नौकरी मिली। ।अभी तक परिवार की तरफ से जूझ रही माधुरी को अब आमजन के बीच जाकर अपनी प्रतिभा को साबित करना था। उन्होंने हार नहीं मानी और घर से आठ किमी दूर बाह ब्लाक में जाकर काम करना शुरू कर दिया। आवागमन का साधन न होने के चलते वह पूरा सफर पैदल ही पूरा करती थी। शुरुआती दिनों में काफी दिक्कत आईं। महिलाओं ने उन्हें डाटा देने से मना कर दिया। घर से भगा दिया, फिर भी माधुरी डटी रहीं। सर्वे के दौरान अपने व्यवहार से लोगों का दिल जीत लिया और काम उनका पटरी पर आ गया। रुझान बढ़ने से 20 प्रतिशत से टीकाकरण उछाल मारकर 60 प्रतिशत पर पहुंच गया। दस साल नौकरी के बाद फतेहाबाद ब्लाक मिला। यह ब्लाक भी घर से काफी दूर था। 30 प्रतिशत टीकाकरण वाले ब्लाक में शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए काम शुरू किया। वैक्सीन करियर, लॉजिस्टिक ,थैले और अन्य सामान को ले जाने में माधुरी के पैरों में छाले पड़ जाते थे। उनकी मेहनत रह लाई और यहां पर डब्ल्यूएचओ के सर्वे में टीकाकरण का औसत 90 प्रतिशत तक पहुंच गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74476.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c24a98e7041edb8ff9b86f1c4406deed83df8657 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उधर, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय में किए गए शोध में नीरीकेएफटी नाम की आयुर्वेदिक दवा को किडनी से जुड़ी बीमारियों के इलाज में असरदार पाया गया है। फार्मास्युटिकल बायोलाजी में प्रकाशित इस शोध के अनुसार इसमें पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट किडनी की कोशिकाओं में मौजूद विषाक्त द्रव्यों जैसे प्रतिक्रियाशील आक्सीजन प्रजातियों (आरओएस) के प्रभाव को तेजी से कम करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d43789d761dd982abd0097eac7ccacdd68a0dab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में रामराज की अवधारणा को लागू किया जाएगा। यहां सभी धर्म और समुदाय के लोगों को न सिर्फ बराबर सम्मान दिया जाएगा, बल्कि सभी के विकास, उत्थान और समृद्धि के लिए दिल्ली सरकार काम करेगी। दिल्ली सरकार ने प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर ये सपना देखा है और इसके लिए 10 सिद्धांत बनाए हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19217f6433a1baa5dd514b794f3924cf0da79628 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस महामारी की वजह से लोगों को आर्थिक और मानसिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। अमेरिका में इसकी वजह लाखों लोगों की नौकरी छूट चुकी है और वो सरकारी मदद पर गुजारा करने को मजबूर हैं। नेंसी पेलोसी ने इस बिल के पास होने के बाद कहा कि हाउस आज बड़ा फैसला ले रहा है। इससे लोगों के जीवन को बचाया जा सकेगा। माना जा रहा है कि इस बिल का पारित होना बाइडन की जनता पर पकड़ बनाने के लिए भी काफी जरूरी था। । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74482.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d0f439ed9636525138b7efaf1cf97997d715042 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74482.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना महामारी ने पहले से ही अभावों से जूझ रही शिक्षा व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। अब पिछले करीब एक साल की स्कूल बंदी के बाद फिर से स्कूल खुलने लगे हैं तो आशंका व्यक्त की जा रही है कि भारत में लगभग एक करोड़ लड़कियां स्कूल छोड़ सकती हैं। नेशनल सैंपल सर्वे 2017-18 के मुताबिक लगभग तीन करोड़ बच्चे पहले से ही स्कूलों से बाहर हैं। अब यह संख्या दोगुनी होने की आशंका जताई जा रही है। बाल-श्रम, बच्चों की ट्रैफिकिंग और उम्र से पहले लड़कियों की शादी की संख्या में भी अत्यधिक वृद्धि होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। शहरों से गांवों की ओर लौट चुके कामगारों के बच्चे भी अब सरकारी स्कूलों की ओर लौटेंगे, क्योंकि उनके अभिभावक बड़े पैमाने पर नौकरियां समाप्त होने की वजह से निजी विद्यालयों की फीस चुकाने में असमर्थ हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08925560fd0a90b046181d17085277fc28b7e63a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74483.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे लोग समाज के लिए बन जाते हैं नजीर  ।ग्रामीण भीम सिंह एवं गांव के विद्यालय में गांव के ही प्रधान शिक्षक संजय शर्मा ने कहा कि बीरबल अपनी जमीन को विद्यालय का भवन बनाने के लिए दान कर समाज में एक नाजीर पेश किया है। जब गांव में विद्यालय का भवन।बनाने के लिए सरकारी जमीन खोजी जा रही थी तो नहीं मिला। किसी ने दान करने  की इच्छा भी नहीं जताया। यह इच्छा बीरबल ने ही जताया और दस कट्ठा जमीन दान कर दिया है। संजय ने बताया कि दान की जमीन पर विद्यालय भवन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। + +कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी।जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यासागर सिंह ने बताया किपता चला है कि बीरबल भुइयां ने अशिक्षित होकर भी अपने गांव व इलाके के बच्चों को शिक्षित होने के लिए विद्यालय भवन निर्माण के लिए अपनी जमीन दान दी। यह कार्य बिरले और बड़ा दिल वाले लोग ही करते हैं। ऐसे लोगों की संख्या समाज में बहुत कम है। दान की जमीन पर विद्यालय भवन बनाने का पूरा प्रयास होगा। अगर भवन बन जाता है तो बीरबल से ही उसका उद्घाटन कराने का प्रयास होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8487996c4cc139c83bae8c0d2ee05574ed2f10d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है आइएसओ का उद्देश्य।अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन या आइएसओ अनेक तकनीकी और गैर तकनीकी क्षेत्रों में मानकीकरण से संबंधित है। यह एक गैर सरकारी संगठन है।जो विश्व में विभिन्न देशों में वस्तुओं एवं सेवाओं की गुणवत्ता के लिए मापदंड निर्धारित करती है।आइएसओ ने करीब 22041 अंतरराष्ट्रीय मानक को प्रकाशित किया है।आइएसओ के मानक प्रमाण पत्र उद्योग, कृषि, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65a43bb453b01bbb81653be6203a81afc2ca8318 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74489.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उत्तराखंड का बदलाव सिर्फ चुनावी नहीं ।नरेंद्र मोदी काल के इतिहास को देखें तो सिर्फ लोकसभा ही नहीं विभिन्न विधानसभाओं के चुनाव में भी स्थानीय चेहरे से ज्यादा प्रभाव खुद प्रधानमंत्री मोदी दिखाते रहे हैं और ऐसे में उत्तराखंड का बदलाव सिर्फ चुनावी नहीं हो सकता है। लेकिन एक इतिहास यह भी है कि कांग्रेस हो या भाजपा उत्तराखंड ही नहीं किसी भी प्रदेश में स्थापित नया चेहरा कभी ताकत नहीं दिखा पाया है। ऐसे मामलों में भी केवल नरेंद्र मोदी ही अपवाद साबित हुए थे। ऐन चुनाव के मुहाने पर कमान संभालकर भी अपने बूते केवल वही भाजपा को लगातार जिताते चले गए थे। + +पार्टी देना चाहती थी एक मौका ।चार साल पहले जब त्रिवेंद्र को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई थी तब भी सवाल उठे थे कि वही क्यों। वह न तो जनता में लोकप्रिय थे और न ही नेताओं में। माना गया था कि जिस तरह की खींचतान है उसमें सबसे ज्यादा मुफीद शायद वही साबित हों लेकिन साल दर साल यह परत पतली होती गई। प्रशासनिक स्तर पर भी वह छवि स्थापित नहीं कर पाए जिसकी केंद्रीय भाजपा अपेक्षा करती है। जो फैसला आज लिया गया वह अब से साल भर पहले भी लिया जा सकता था लेकिन शायद पार्टी एक मौका देना चाहती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45d532f0c3bb7213d2613b0e3af181c978225e20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74497.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा में सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर दिल्ली में रामराज्य की अवधारणा को लागू करने का प्रयास कर रही है। हमने रामराज्य से प्रेरणा लेकर 10 सिद्धांत बनाएं हैं, जिसमें सबको भोजन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, मकान, महिलाओं व बुजुर्गों का सम्मान और ‘आप’ में सभी बराबर हैं, शामिल है। हम अच्छी और साफ सुथरी नियत के साथ रामराज्य की अवधारणा पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोध्या में राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर बन जाने के बाद हमारी सरकार दिल्ली के सभी बुजुर्गों को एक बार फ्री में अयोध्या मंदिर का दर्शन कराएगी। सीएम ने कहा, पिछले 70 साल से भाजपा और कांग्रेस ने षणयंत्र के तहत देश को अनपढ़ रखा, ताकि इनसे कोई सवाल न पूछ सके। पिछले 6 साल के अंदर दिल्ली में आई शिक्षा क्रांति ने भाजपा और कांग्रेस की जड़ें हिला दी हैं। इसी के परिणाम स्वरूप जनता ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को और एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को जीरो सीट दिया। + +मुझे खुशी है कि अब मुख्यमंत्रियों को स्कूलों के अंदर जाना पड़ रहा है- अरविंद केजरीवाल।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली विधानसभा के सदन को संबोधित किया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक स्कूल का निरीक्षण करने गए थे और बच्चों से बात करने की कोशिश की। लेकिन वह क्लास आर्टिफिशियल (बनावटी) लग रही थी। उस क्लास में 12 कुर्सियां थीं और उसके आगे डेस्क नहीं था, तो बच्चे लिखेंगे कैसे? तो जाहिर था कि क्लास बनाई गई है। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि इस देश के अंदर अब सरकारों को और मुख्यमंत्रियों को स्कूलों के अंदर जाना पड़ रहा है। योगी आदित्यनाथ स्कूल में क्यों गए थे? इसके पीछे एक भूमिका है। इससे कुछ दिन पहले उनके कुछ अहंकारी मंत्रियों और उनके उपमुख्यमंत्री ने चुनौती दी थी कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया उत्तर प्रदेश आएं और शिक्षा के उपर उनसे वाद-विवाद करें। वे मनीष सिसोदिया से शिक्षा के ऊपर डिबेट करने के लिए तैयार हैं और अपने अच्छे स्कूल दिखाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6784d8854e73ad81c2fb24ddb3aa59a56a2d8d0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंबे समय तक वाम दल के शासन के बाद भी लोगों को जब अपनी समस्याओं का हल नहीं मिला तो यहां परिवर्तन दिखा। 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने छह में पांच सीटें तृणमूल कांग्रेस को जिताईं, वाम के खाते में महज एक सीट रही। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी लोगों ने ममता की पार्टी पर ही भरोसा किया, लेकिन पांच साल बाद भी जब हालात नहीं बदले तो फिर बदलाव हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c39b69c9ca288097f1eb0c2206dbbb44f18d530e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74503.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब यहां आने वाले दर्शकों के लिए आरामदायक सीटें, एसी की सुविधा व कैंटीन में खाने के लिए विभिन्न आइटम उपलब्ध होंगे। सिनेमा हॉल के संचालक भीम सेन मुंजाल ने बताया कि सिनेमाघर खुलने से जितना उत्साह दर्शकों में है, उससे कहीं ज्यादा उत्साह कर्मचारियों में है। उन्होंने बताया कि सुबह पहला शो सुबह 11 बजे, दोपहर दो, शाम पांच और अंतिम शो आठ बजे शुरू होगा। पुराने ही दर पर टिकट ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से बुक किए जा सकते हैं। पिक्चर क्वालिटी को भी बदल दी गई है। अब दर्शकों को मल्टीप्लेक्स का आनंद मिलेगा। ।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: देहरादून और गैरसैंण में मिलेगी सुकून की छांव, जानिए क्या है योजना।हाउसफुल नहीं हैं मल्टीप्लेक्स।राज्य सरकार के पूरी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति देने के बाद भी दून के सिनेमाघर में दर्शक आने शुरू हो चुके हैं। हालांकि पहले की तरह शो हाउसफुल नहीं हैं। इसके पीछे बड़ी फिल्में ना होना है। सिल्वर सिटी मल्टीप्लेक्स के संचालक सुयश अग्रवाल का कहना है कि शनिवार और रविवार को ही भीड़ रहती है, ऐसे में रविवार को भी सिनेमाघर खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21a4350aa4dea81f0dd4392c437ebd88bf7931de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74505.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। तुर्की और पाकिस्‍तान के बीच हुई हथियारों की डील पर अमेरिका की गाज गिर गई है। अमेरिका ने एहतियातन तुर्की पर पाकिस्‍तान को स्‍वदेशी अटैक हेलीकॉप्‍टर पाकिस्‍तान को देने की डील पर रोक लगा दी है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत तुर्की को 30 हेलीकॉप्‍टर देने थे। ब्‍लूमबर्ग न्‍यूज के मुताबिक, तुर्की के राष्‍ट्रपति कार्यकाल के प्रवक्‍ता इब्राहिम कालिन ने बताया है कि अमेरिका ने पाकिस्‍तान को हेलीकॉप्‍टर बेचने पर रोक लगा दी है। उन्‍होंने ये भी बताया है कि ऐसी सूरत में अब पाकिस्‍तान चीन से खरीद सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6811a2b3fcd66b85713faf836af1085d2db4f692 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नगुई ने बताया कि जब उसने अपने अधिकारी की बात को मानने से इनकार किया तो उसका तबादला कर दिया गया। इसके बाद ही उसने भारत आने का विचार किया और ऑनलाइन के जरिए रास्‍ते तलाशने शुरू किए। उसके मुताबिक भारत तक आने का खर्च करीब 2 लाख म्‍यांमार क्‍यात था। आपको बता दें कि म्‍यांमार और भारत के बीच कुछ जगहों पर प्राकृतिक तौर पर सीमा का निर्धारण किया गया है। यहां पर सेना के जवान होते हैं लेकिन खेती के लिए म्‍यांमार से कई लोग भारतीय सीमा में आते और जाते हं। इन पर कोई रोकटोक नहीं है। लेकिन भारत के अंदर किसी शहर में आने के लिए उन्‍हें ट्रेवल परमिट की जरूरत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..978461afcaef25e2c5af088e4aceed59c2ae2f7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस पूरी एक्‍सरसाइज के दौरान सेना लगातार हालात का जायजा लेती रहेगी। इस अभ्‍यास में फ्रांस के साथ जर्मनी की स्‍पेस एजेंसी भी हिस्‍सा ले रही है। ये मिशन शुक्रवार को पूरा होगा। गौरतलब है कि फ्रांस में स्‍पेस फोर्स का गठन दो वर्ष पहले 2019 में किया गया था। 2025 तक इसको विस्‍तार करने की योजना है जिसमें करीब 500 कर्मी होंगे। फ्रांस सरकार का कहना है कि आगामी छह वर्षों में इस मिशन पर करीब 5 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। वर्तमान में अमेरिका और चीन इस पर काफी खर्च कर रहे हैं। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने बताया है कि फ्रांस के सहयोगी और गैर सहयोगी देश इस दिशा में कदम आगे बढ़ा चुके हैं। ऐसे में फ्रांस को भी इसमें पीछे नहीं रहना होगा। इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है। फ्रांस ने अंतरिक्ष में अपनी निगरानी क्षमताओं में सुधार करने के लिए एंटी सेटेलाइट लेजर वैपंस को विकसित करने की भी एक योजना तैयार की है। फ्रांस का मानना है कि भविष्‍य में अंतरिक्ष में टकराव के रास्‍ते से दूर नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc8ab2e297293fbac8b94d1ff379e8d18b04867b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीडीए के ड्रॉ में चूक गए तो कोई बात नहीं, अब 10 लाख में नोएडा के करीब खरीदें प्लॉट; ऐसे करें आवेदन।इंटरनेट मीडिया का सार्थक उपयोग : हरियाणा के किसानों का एक वर्ग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से खेती-किसानी में बदलाव का प्रयास कर रहा है। हालांकि ऐसे किसानों की संख्या अभी अधिक तो नहीं है, लेकिन संतोषजनक है। संतोषजनक इसलिए कि भले अभी उनकी संख्या कम हो, लेकिन वे परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अन्य किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया का उपयोग करने वाले ये किसान अब ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी समस्याएं सुलझा रहे हैं। भिवानी के गांव गारनपुरा के रहने वाले सत्यवान सिंह हों या गुरुग्राम के इंछापुरी के रहने वाले मनीष यादव हों या फिर हिसार के गांव धाना खुर्द के निवासी पवन यादव, ये ऐसे किसान हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण में आ रही समस्याओं को उठाया। उनके ट्वीट करने के तीन दिन के भीतर ही उनकी समस्याओं का निदान कर दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b494faef718a42fe4fe725ce80042342bd467436 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74511.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, लवकुश पाराशर। आगरा से सटी तीर्थनगरी बटेश्चर एक बार फिर सिल्वर स्क्रीन पर दिखाइ देगी। यहां बहती यमुना और शिव मंदिर मुख्य किरदार के तौर पर बॉलीवुड फिल्म रूही में देखने को मिलेंगे। इतना ही नहीं स्थानीय कलाकार रवि परिहार भी फिल्म में अहम किरदार निभाते हुए दिखेंगे। फिल्म का क्लाइमेक्स सीन भी यहीं फिल्माया गया है। ।11 मार्च को रिलीज हो रही मैडाॅक फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म 'रूही' की शूटिंग के सीन बीहड़ के किनारे बसे बाह- बटेश्वर व इसके आसपास के गांवो में फिल्माये गये हैं। इस फिल्म की शूटिंग बाह क्षेत्र मे करीब दस दिन तक हूई थी। फिल्म के अलग अलग दृश्य फिल्माये गये थे। हॉरर कॉमेडी फिल्म रूही की कहानी एक प्रेतात्मा को काबू करने को लेकर बनी है। फिल्म  में अभिनेता राजकुमार राव मुख्य अभिनेता व जान्हवी कपूर मुख्य अभिनेत्री के किरदार में हैं। स्थानीय कलाकार रवि परिहार ने इस फिल्म में एक पंडित का रोल प्ले किया है।जिसका नाम मोटा धोनी है। + +निर्माता दिनेश विजन, हार्दिक मेहता के निर्देशन में बनी रूही फिल्म की शूटिंग 10 जुलाई 2019 से बटेश्वर में शुरू हुई थी। जिस समय इस फिल्म की शूटिंग शुरू हुई थी। तब इसका नाम रूह आफ्जाह था। जिसे बाद मे बदलकर रूही कर दिया गया। 9 जुलाई को बटेश्वर मे पहुंची जान्हवी कपूर ने बटेश्वर की गलियों में घूमकर लोगों के साथ सेल्फी ली थी। दस जुलाई से शुरू हुई इस फिल्म की शूटिंग का पहला सीन बटेश्वर स्थित पंचमुखेश्वर महादेव मंदिर पर दर्शाया गया व रात मे गांव की गलियाें में अंधेरे में फिल्माया गया था। जिसमें जान्हवी कपूर प्रेत आत्मा के रूप में डरावने सीन प्ले करती दिखीं। इस दौरान गांव की महिलाएं व बच्चे छत से सीन को देखते रहे। दूसरे दिन की शूटिंग में अभिनेता राजकुमार राव और जान्हवी कपूर ने किले से लेकर किला घाट यमुना तक नाव की सैर कर गाने का सीन प्ले किया था। दो दिन लगातार यमुनापार के गांव भरतार, कल्यानपुर में प्रेतात्माओं को भगाने के लिये तांत्रिक प्रयोगों की शूटिंग हुई। रोल, कैमरा, एक्शन से गूंजते बटेश्वर व उसके आसपास के इलाके के लोगों की भारी भीड़ यहां उमड़ती रही। फिल्म की कहानी एक भूत पर आधारित है जो दूल्हा दुल्हन को अपना निशाना बनाती है। फिल्म में हीरो राजकुमार राव पर प्रेत बाधा है। जो पहली पत्नी को शादी के बाद मार देगी। जिस कारण राजकुमार राव जान्हवी कपूर अपने प्यार को बचाने के लिये पहली शादी एक स्वीटी नाम की मादा श्वान से करते हैं। इस शादी को कराने में पंडित की भूमिका रवि परिहार ने निभाई है। फिल्म में रवि परिहार का नाम मोटा धोनी है। शादी के लिये बारात बैण्ड बाजो के साथ होलीपुरा से बटेश्वर पंहुचती है। मादा श्वान जब विदा होकर अपने ससुराल पहुंचती है तो ग्रामीण लाठी डण्डों से हमला कर इसे मार देते हैं। फिल्म के आखिरी सीन में हीरो हीरोइन अर्धचंद्राकार यमुना मे नाव पर शूटिंग करते हैं। फिल्म में साधू संत आश्रम व मंदिरो के सीन को भी दर्शाये गये हैं।इस फिल्म मे एक सीन हंस आश्रम पर भी फिल्माया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74514.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74514.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da1d30612b7fcde2134f9b73308a0460a2fd7ee2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74514.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्‍वाड की इससे पहले बैठक 6 अक्‍टूबर 2020 में हुई थी। इस बैठक से पहले पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा की आपसी बातचीत भी हुई है। इस दौरान पीएम मोदी ने सुगा को वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्‍यौता भी दिया है। क्‍वाड की बैठक में पहली बाद ये दोनों नेता भी आमने सामने आने वाले हैं। क्‍वाड की अहमियत की बात करें तो चीन इसको सीधेतौर पर अपने लिए चुनौती मानता आया है। कई बार उसने ये बात कही भी है। + +क्‍वाड दरअसल,दक्षिण चीन सागर जिसको चीन अपने अधिकार क्षेत्र में मानता है उसका विरोध करता है। दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका और चीन कई बार आमने-सामने भी आ चुके हैं। क्‍वाड को लेकर होने वाली वर्चुअल बैठक के बाबत व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे बेहद अहम बताया है। उनका कहना है कि ये हिंद-प्रशांत में अमेरिकी सहयोगियों के साथ निकट सहयोग की अहमियत को दर्शाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f4acb320e8f0fa90b2ced4858002c2aa1a459ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74515.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Career as Fashion Designer एक मशहूर फैशन मैगजीन की मशहूर एडिटर रहीं डायना व्रीलेंड के अनुसार, फैशन रोज की आबोहवा का हिस्सा है जो उसी की तरह बदलता है। युवा आबादी वाले अपने देश में तेजी से बढ़ती फैशन इंडस्ट्री को देखकर यह सही भी प्रतीत होता है। बढ़ती आय और संपन्नता के बीच आज हर कोई भीड़ से अलग फैशनेबल अंदाज में दिखना चाहता है। + +भारतीय परिधान बाजार इस समय फूड और ग्रॉसरी के बाद दूसरी सबसे बड़ी रिटेल मार्केट है। पिछले पांच साल में इस इंडस्ट्री ने 11.5 फीसद की दर से ग्रोथ किया है, जिसके आगे भी इसी तरह ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है। आइबीईएफ (इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन) के मुताबिक, आज इस उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से करीब 6 करोड़ तथा अप्रत्यक्ष रूप से 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93007875a406c9ba21c8ab3c685605c6cdb7cfe3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Railway IRCTC golden chariotle luxury train। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) पयर्टन को बढ़ावा देने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आधुनिक सुविधा वाला गोल्डन चैरिएट ट्रेन सेवा की शुरुआत करने जा रहा है। इसके तहत पहली ट्रेन 14 मार्च को दक्षिण भारत के लिए चलाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d9fc200e0a80216b69f24deef67dba650f0a967 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिहार में चट कर गए थे लाखों लीटर शराब । बिहार में शराबबंदी के दौर में जब्‍त शराब कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक पुलिस थानों के मालखानों में रखी जाती है। अब पीने का समान पास में हो तो पीने वाले भला कैसे सक्र करें? ऐसे में लाखों लीटर शराब मालखानों से देखते-देखते गायब हो गई। खोजबीन हुई तो पुलिस ने पाया कि इसे चूहे गटक गए हैं। अब पुलिस की मजबूरी कहें या कुछ और, इन 'शराबी चूहों' पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का शराबबंदी कानून लागू नहीं हो पाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eed9de015a7bffd296f0e39f280cf02ba105cd13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अस्सी वर्ष की शिला हो गई बाबा के लिए चंदन घिसते-घिसते।बाबा की मंगला आरती के लिए पूजा सामग्री के साथ काफी मात्रा में चंदन का उपयोग होता है जिसे रात्रि में ही मंदिर ले जाया जाता है। तीन गिलास चंदन प्रतिदिन शिला में घिसा जाता है। यह भी 81 वर्ष की हो चुकी है। इसे इतना घिसा जा चुका कि यह पत्‍थर की शिला अब कढ़ाई नुमा दिखने लगी है खास यह कि चंदन की कई कुंतल लकड़ी दक्षिण भारत से मंगाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c23e6b69cef672a19cb66a4fb1b222351dbdac1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74526.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [आलोक मिश्र]। उत्तर प्रदेश में रोहिंग्या की घुसपैठ का खतरनाक चेहरा सामने आने लगा है। गहरी साजिश से भरे मंसूबे जाहिर होने लगे हैं। फर्जी दस्तावेज से अपनी पहचान बदलकर अब वे कई जिलों में जड़ें जमा चुके हैं। इससे जांच एजेंसियों के सामने आंतरिक सुरक्षा के लिए मुसीबत बनते रोहिंग्या को खोज निकालने की चुनौती आ खड़ी हुई है। बीते दिनों आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने रोहिंग्या की छानबीन तेज की तो पहली बार छह जनवरी को पहचान बदलकर रह रहा अजीजुल हक संतकबीरगनर में हत्थे चढ़ा। फिर 28 फरवरी को अलीगढ़ व उन्नाव में पहचान बदलकर रह रहे रोहिंग्या भाई हसन व शाहिद पकड़े गए। इनके पकड़े जाने के बाद ही वह बड़ा खेल सामने आया, जिसके तहत ठीके पर रोहिंग्या को बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ कराने से लेकर जिलों में ठिकाना दिलाने व फर्जी दस्तावेज के जरिए उनकी पहचान बदले जाने की बात सामने आ चुकी है। + +अवैध ढंग से रिश्तेदारों को भी ला रहे : अजीजुल ने फर्जी दस्तावेज के जरिए अजीजुल्लाह के नाम से दो पासपोर्ट, आधारकार्ड व अन्य प्रपत्र बनवाए थे। 2017 में अजीजुल अवैध ढंग से अपनी मां-बहन व दो भाइयों को भी यहां ले आया था और उसने यहां शादी तक रचा ली थी। अजीजुल ने कई रोहिंग्या को अवैध ढंग से यूपी में लाने की बात स्वीकार की थी। उसके भाई मु.नूर व बहनोई नूर आलम की तलाश है, जबकि उसका मददगार अब्दुल मन्नान पकड़ा गया था। एटीएस ने अलीगढ़ में पहचान बदलकर रहे रहे रोहिंग्या हसन अहमद को पकड़ा तो और चौंकाने वाल तथ्य सामने आए। उनके पास से पांच लाख रुपये भी बरामद हुए। हसन भी यहां पहचान बदलकर अपना पासपोर्ट बनवा चुका था। हसन का भाई शाहिद नाम बदलकर उन्नाव में रह रहा था। हसन ने पहले संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचआरसी) में असली और फर्जी (फारुख) दोनों नाम से पंजीकरण कराया था। हसन ने अपनी मां हामीदा का नाम बदलकर मदीना खातून रखा और इसी नाम से उनका आधार कार्ड व अन्य दस्तोवज बनवाए। गिरोह बनाकर मानव तस्करी की जा रही थी। सूत्रों का कहना है कि इस नेटवर्क से जुड़े एक रोहिंग्या की तलाश है, जिनका नेटवर्क अन्य राज्यों में था और उसके खाते में करीब पांच करोड़ हैं। सूबे में रोहिंग्या के पूरा नेटवर्क व उनके मंसूबे पता लगाने के लिए कई स्तर पर छानबीन चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b384516c6a8762985d838becbd9c21ba28b4881 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74527.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ग्रेटर नोएडा [अर्पित त्रिपाठी]। जितनी तेजी से आज हम तकनीक से कदमताल कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से उसमें सेंध लगाने वाले हैकर्स भी बढ़ रहे हैं। ऐसे ही हैकर्स के चक्रव्यूह को भेदने को वायुसेना के पूर्व विंग कमांडर आशीष कुमार सक्सेना और उनके बेटे अंशुल सक्सेना ने मिलकर एंटी डिस्टिब्यूटेड डिनाएल आफ सर्विस अटैक सिस्टम (एंटी डीडास) तैयार किया है। यह न सिर्फ वायरस का पता लगाता है, बल्कि उसे पूरी तरह निष्क्रिय करने की क्षमता भी रखता है। कई जगह इसका प्रयोग भी होने लगा है और हाल ही में इस उपयोगी सिस्टम के लिए उनकी एकेएस (आकाश) कंपनी को माइक्रो, स्माल, मीडियम इंटरप्राइसेज (एमएसएमई) सम्मान भी मिला। डिस्टिब्यूटेड डिनाएल आफ सर्विस अटैक सिस्टम ऐसा साइबर हमला है जिसमें कंप्यूटर या नेटवर्क को एक्सेस करना नामुमकिन हो जाता है। इस तरह के हमले में बैकिंग, कामर्शियल या व्यापार संगठनों की वेबसाइट को निशाना बनाकर उनका डाटा चोरी किया जाता है। + +शुल के मुताबिक आमतौर पर ऐसा होता है कि जब किसी परीक्षा का परिणाम घोषित होता है तो एक साथ काफी संख्या में क्लिक होते हैं। सिर्फ परीक्षा परिणाम ही नहीं, जितनी भी डाटा वाली वेबसाइट्स होती हैं, अधिक क्लिक होने पर वेबसाइट क्रैश हो जाती है या उनकी स्पीड कम हो जाती है। साइबर अटैक करने वाले भी कई बार इसी तरह वेबसाइट को क्रैश कर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लेते हैं। ऐसी प्रक्रिया के बीच डाटा में सेंध लगाने वाले हैकर्स से बचाव के लिए ही एंटी डीडास सिस्टम तैयार किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c0ac01e8ceaeded042d506cef2e94f28ff37a85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74528.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +100 स्कूल आफ एक्सीलेंस खुलेंगे।दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड: बहुत जल्द दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड होगा। दिल्ली सरकार दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन करेगी। पहले वर्ष में 20 से 25 सरकारी स्कूल इसके साथ जोड़े जाएंगे। यहां रटने नहीं छात्रों को सिखाने पर जोर होगा। उम्मीद है कि अगामी चार से पांच वर्षों में दिल्ली के सभी सरकारी व निजी स्कूल बोर्ड से संबद्ध हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8997bd02bbea7667e89124f4692bae167cfb8197 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, विनोद भारती । सार्वजनिक स्थलों पर धूमपान के खिलाफ भले ही सख्त कानून बन गया हो, मगर उसके अनुपालन की चिंता न तो स्वास्थ्य विभाग को ही है, और न प्रशासन को। हकीकत ये ही सरकारी व्यवस्था में ही छेद है तो धूमपान निषेध के कानून की परवाह कौन करे ? धूमपान के खतरों से अवगत कराने के लिए मार्च के द्वितीय बुधवार को हर साल ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाया जाता है। इस मौके पर जाने धूमपान निषेध कानून का सच। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8987866e258aa4cf069e64caeab1ea9f3ba70d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। Delhi Budget 2021-22 देशभक्ति बजट के जरिये दिल्ली सरकार ने छात्रों को कट्टर देशभक्त बनाने की योजना भी प्रस्तुत की है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में अब देशभक्ति पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इसके जरिये बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना को और बेहतर तरीके से निखारने की दिशा में काम किया जाएगा। इसका मकसद छात्रों को देश व समाज के प्रति समर्पित एक बेहतर इंसान बनाना है। शिक्षा के क्षेत्र में अब तक ढांचागत सुधार पर काम कर रही दिल्ली सरकार ने अब पाठ्यक्रम में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया है। बच्चे अब केवल किताबी ज्ञान तक ही खुद को सीमित नहीं रखेंगे, बल्कि उनके पाठ्यक्रम में उन पहलुओं को भी जोड़ा जाएगा, जिससे वे एक सच्चे देशभक्त बनें और जरूरत पड़ने पर देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से पीछे न हटें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..872413841d425b1eb2c4dd8cec2069c3efe42dd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74533.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जनता के हर वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं की गईं। महिलाओं को बसों की मुफ्त यात्र, सरकारी कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग अनुसार जुलाई से वेतन, बुजुर्गो, विकलांगों को पेंशन में बढ़ोतरी, शगुन योजना के तहत अनुदान में वृद्धि..लगभग हर घोषणा में वोट बैंक पॉलिटिक्स की वही छाप साफ देखने को मिली, जो किसी भी राज्य सरकार के अंतिम बजट में अमूमन देखने को मिलती है। शुरुआती दौर से ही राज्य सरकार द्वारा समर्थित किसान आंदोलन के चलते स्वाभाविक तौर पर बजट का एक बड़ा हिस्सा किसानों को समर्पित किया गया है। किसानों और भूमिहीन मजदूरों के 1,712 करोड़ रुपये की कर्जमाफी के एलान के अतिरिक्त 7,180 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी भी जारी रखने की घोषणा करते हुए ‘कामयाब किसान, खुशहाल पंजाब’ जैसे एक नए नारे के तहत अनेक उत्कृष्ट सुविधाओं का प्रविधान किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..deb0b91c9b7ec5c65ccc5feae50cae301fbc8240 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। आलू की खोदाई के साथ शीतगृहों में भंडारण भी शुरू हो गया है। पिछले सीजन की अपेक्षा इस रबी सीजन में उत्पादन ठीक रहा। आलू की कुफरी वैरायटी (3797) का उत्पादन कम रहा है। इसका कारण मौसम बताया जा रहा है। हाइब्रिड आलू का उत्पादन बेहतर रहा है। किसानों ने आलू का भंडारण शुरू करा दिया है। जिले में 106 शीतगृह हैं, जिनकी क्षमता 8.44 लाख मीट्रिक टन है। शीतगृहों में 60 फीसद तक भंडारण हो चुका है। किराया 125 रुपये प्रति बोरा लिया जा रहा है, जो अन्य जिलों से कम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..679a233eb0735b5bbb2984189ffc649640e357c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74536.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीरभूम वीरों की भूमि है, सांस्कृतिक विरासत भी उतना समृद्धि। यहां शांति निकेतन है। बकरेश्वर में अग्नि कुंड, सूर्य कुंड जैसे कई झरने हैं जहां का पानी 60 डिग्री सेल्सियस तक गरम रहता है हमेशा। सूफी संत हजरत दाता महबूब साह बाली का मकबरा भी है जो सामाजिक सद्भाव की मिसाल है। विधानसभा चुनाव की बात करें तो आम लोग बिल्कुल शांत है। शांति निकेतन की तरह। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और समर्थक विरोधियों पर उबल रहे हैं। अग्निकुंड के गरम पानी की भांति। तृणमूल के इस सियासी किला को ध्वस्त करने के लिए भाजपा के लोग वो सब कुछ करने को तैयार है जो मतदाताओं को उनकी ओर कर दे। तृणमूल का यह सियासी गढ़ है। भाजपा के लोगों को देखते ही तृणमूल वालों की जुबान पर यही नारा आता है, 'खेला होबे।'।बीते लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा है। हालांकि, बीरभूम और बोलपुर की सीट पर कब्जा बनाए रखने में तृणमूल कामयाब रही। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व भी कवि गुरु के नाते विशेष पहचान रखने वाले बीरभूम के प्रति बेहद संजीदा है। गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का बीरभूम में कई बार आगमन हो चुका है। जवाब में ममता बनर्जी ने भी यहां पांच किमी लंबी पदयात्रा की है जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। बीरभूम की पहचान पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी है जो मिराटी जैसे गांव से निकल कर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचने में कामयाब रहे। भाजपा, तृणमूल के साथ वाम मोर्चा एवं कांग्रेस गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि बीरभूम उन्हें भी सर्वोच्च स्थान दिलाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6384c55904f21426649de607b122495e26f33e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से ऐन वक्त पहले प्रस्तुत किया गया दिल्ली का बजट देशभक्ति की भावना में पूरी तरह लिपटा नजर आया। दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मंगलवार को 69 हजार करोड़ की अनुमानित राशि का बजट पेश करते हुए उसे देशभक्ति बजट का नाम दिया। इस बजट में कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों का भी असर साफ नजर आया। आम आदमी पार्टी (आप) छह राज्यों में चुनाव लड़ने जा रही है। ऐसे में अपने दिल्ली माडल को दूसरे राज्यों के लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस बजट में अपनी पुरानी योजनाओं के लिए फिर से खुले हाथों से पैसे दिए, जबकि महिलाओं, युवाओं को लुभाने वाली कुछ नई योजनाओं के लिए भी प्रविधान किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1d8f787c971e3b927bdcbc5ba121e81ad880b02 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ढाका (एएफपी)। तश्‍नुवा अनान शिशिर, ये नाम है बांग्‍लादेश की पहली ट्रांसजेंडर न्‍यूज एंकर का। तश्‍नुवा ने बांग्‍लादेश की आजादी के 50वें वर्ष में जब पहली बार न्‍यूज पढ़ी तो ये पल देश और खुद तश्‍नुवा के लिए यादगार बन गया। इस मौके को विश्‍व महिला दिवस ने और खास बना दिया था बावजूद इसके कि तश्‍नुवा एक ट्रांसजेंडर हैं। जब न्‍यूज खत्‍म हुई तो तश्‍नुवा की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्‍होंने कहा कि वो अंदर से पूरी तरह से हिली हुई थीं। लेकिन एक बार बुलेटिन खत्‍म हुआ तो उन्‍हें बहुत अच्‍छा लगा। इस पल ने उनके हौसले और आत्‍मविश्‍वास को बढ़ाने का काम किया है और वो बेहद खुश हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c880dc77c4c2c019594c624b7d30e052a94f8a66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें-Uttarakhand Political Crisis: जानें- त्रिवेंद्र के बाद अब कौन हो सकता है नया सीएम, ये हैं रेस में सबसे आगे।देहरादून में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बातचीत में भाजपा विधायकों ने साफ तौर पर कहा था कि त्रिवेंद्र रावत की अगुवाई में 2022 का चुनाव होगा तो भाजपा के लिए जीत में मुश्किल होगी। वहीं, भाजपा के दोनों पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट हाई कमान को सौंपी, जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदले जाने की बात कही।  इसके बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र रावत को सीएम की कुर्सी छोड़ने का फरमान दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d038d5d8e696727088472e1c17b4b34dc4606874 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74546.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाराणसी, जेएनएन। बनारसी पान खाने का शौक रखने वालों के लिए यह चौकाने वाली खबर है। शहर स्थित मल्‍टी स्‍पेशियलिटी हॉस्पिटल में मंगलवार को डाक्‍टरों ने काफी मशक्‍कत के बाद एक व्‍यक्ति के फेफडे से सुपाड़ी का एक बड़ा टुकड़ा निकालकर किसी तरह उसकी जान बचायी। इस बाबत चेस्‍ट रोग विशेषज्ञ डा. विकास जायसवाल ने जागरण को बताया कि एक मरीज सलीम पान खाने का शौकीन था। किसी समय पान खाते वक्‍त अचानक सांस फूलने लगी तो आनन फानन अस्‍पताल पहुंचे। बताया कि अस्‍पताल पहुंचने पर आक्‍सीजन का स्‍तर लगातार कम होता जा रहा था। जान बचाने की सूरत कम ही नजर आने के बीच आनन फानन फेफड़े में सीटी स्‍कैन के जरिए एक टुकड़ा होने की जानकारी सामने आने के बाद आनन फानन उसे बाहर निकालने की तैयारी शुरू की गई। काफी मशक्‍कत के बाद पान के शौकीन की जान बची तो चिकित्‍सक और उनकी टीम ने राहत की सांस ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74547.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f1a7c40624179d1b41c6655bd17ba6b30ef4e27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शुरुआत में 200 किमी प्रति घंटा होगी रफ्तार।पुणे-नासिक के बीच इस सेमी हाईस्पीड रेलमार्ग पर 24 स्टेशन होंगे। सेमी हाईस्पीड ट्रेन में शुरुआत में छह कोच ही होंगे। जिन्हें बाद में 12 और 16 तक बढ़ाया जा सकता है। शुरू में ट्रेन की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटा होगी जिसे बाद में 250 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3486fa389a983d1f43df9f810150a26ab7fc6e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74549.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय जायसवाल]। कोरोना महामारी ने जब विश्व को अपने शिकंजे में ले लिया, तब उत्तर प्रदेश सरकार के सामने भी सुरसा की तरह मुंह फाड़े कई चुनौतियां खड़ी थीं। बड़ी आबादी की जिम्मेदारी, चुनावी वर्ष में उम्मीदों का भारी-भरकम बोझ और खर्च तले दबा जा रहा सरकारी खजाना। इन सारी परिस्थितियों से इत्तेफाक जताते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना अब विश्वास के साथ ठंडी सांस लेते हैं कि कोरोना से घिरे बजट को वित्तीय अनुशासन की वैक्सीन देकर इतना तो हष्ट पुष्ट कर ही दिया गया है कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की अवधारणा पर भी सौ फीसद खरा उतरे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed645cd42d4f323a22226c3ad6f55a5b0e21b724 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अंशू दीक्षित]। राजधानी से कानपुर एक्सप्रेस एनई 6 का जो काम मार्च 2021 से शुरू होना था, अब वह जुलाई 2021 से शुरू किया जाएगा। इसके पीछे 450 हेक्टेअर जमीन का अधिगृहण पूरी तरह से न कर पाना बताया जा रहा है। अभी तक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को 62.755 किमी. हाई वे बनाने पर 4733.60 करोड़ रुपये खर्च आएगा। एक्सप्रेस को आठ लेन के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्तमान में लखनऊ से कानपुर को एनएच 27 का दर्जा है। अब एलीवेटेड को प्राधिकरण ने एनई 6 का दर्जा दिया है। यह हाईवे बनने से कानपुर का सफर और सुखद हो जाएगा। ।प्राधिकरण अफसरों के मुताबिक शहीद पथ के निकट एनएच 27 के जंक्शन से प्रारंभ होकर बनी, कांठा व अमरसास को जोड़ने वाले और कानपुर के निकट  एनएच 27 के जंक्शन को लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस को नए राष्ट्रीय राजमार्ग एनई छह के नाम से जाना जाएगा। यह एलीवेटेड एक्सप्रेस वे बनने के बाद प्रदूषण का ग्राफ जहां कम होगा, वहीं ट्रैफिक की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। खासबात है कि इस परियोजना में शहीद पथ से लेकर बनी तक सेंट्रल डिवाइडर पर सिंगल पिलर पर छह लेने की एलीवेटेड सड़क बनेगी और बनी  के बाद  यह नियंत्रित इंट्री और उन्नाव से कानपुर के क्षेत्र में छह लेने की सड़क बनेगी। लखनऊ और कानपुर शहर को डिफेंस कॉरिडोर में सम्मिलित कर देने के बाद से यह नवीन घोषित  एक्सप्रेस वे डिफेंस कारिडोर की मुख्य जीवन धारा के रूप में विकसित होगी। ।एक नजर में लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे ।सर्विस रोड की संख्या छह ।एनएचआइ प्रोजेक्ट महाप्रबंधक एनएन गिरी ने बताया कि जमीनों को लेकर काम चल रहा है। इसलिए अभी तीन माह का समय और लग सकता है। काम जल्द शुरू हो उसके लिए पूरा प्रयास जारी है। एनई 6 अपने आप में बेहतरीन एलीवेटेड एक्सप्रेस वे होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf62180cee5c7aad4b626adea211deb5d6de59ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे हुआ ट्रायल।आरडीएसओ लखनऊ की टीम ने साउथ सेंट्रल रेलवे के कई सेक्शन पर 19 फरवरी से आक्सीलेशन ट्रायल शुरू किया। इसके बाद राजस्थान के कोटा रेल डिवीजन में इस बोगी को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रायल किया गया। जिसमें इसकी स्मूथ राइडिंग, ब्रेक लगाने की क्षमता, कंपन, इलेक्ट्रिक पार्ट के काम को देखा गया। एसी सेट और फायर सेफ्टी को भी परखा गया। आरडीएसओ के मानकों पर यह ट्रायल सफल रहा है। सभी निदेशालयों की ओर से बी सर्टिफिकेट भी जारी हो गया है। अब बोगी को मंगलवार को कोटा से दिल्ली भेजा गया है। जहां मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8a6087d9a991928affa5033795030f455159d98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसके अलावा ट्राली में आठ आरामदेह गद्दे भी खूबसूरत मैट पर बिछाए गए हैं। करीब छह फीट ऊंची छत को लाइट, फाल्स सीलिंग और बीटों के जरिए आकर्षक ढंग से सजाया गया है, ताकि इसके अंदर बैठने पर किसी होटल के सजे हुए कमरे का एहसास हो सके। इसमें लगे सभी विद्युत उपकरण सोलर पैनल से ही चलते हैं, जो ट्राली की छत के ऊपर लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b45cd5c032791258ab547fb4b4aad1aa4f7f336 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74558.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा केंद्रीय कारागार में अभिषेक बच्चन की फिल्म दसवीं की शूटिंग चल रही है। फिल्म वह भले ही प्रभावशाली और दबंग नेता का किरदार निभा रहे हैं। मगर, रील लाइफ से अलग रियल लाइफ में वह इससे बिल्कुल अलग हैं। शूटिंग टीम के सदस्यों के साथ उनका व्यवहार काफी दोस्ताना है। शूटिंग के बाद वह टीम के सदस्यों के साथ हंसी-मजाक भी करते हैं। उनके साथ निरंतर संवाद भी करते रहते हैं। + +वहीं, शूटिंग टीम के सदस्यों के लिए अभिषेक का दोस्ताना व्यवहार और उनकी जिंदादिली कोई नई बात नहीं है। वह स्पाट ब्वाय से लेकर यूनिट के हर सदस्य से निरंतर संवाद करते हैं। शूटिंग टीम के साथ जुड़े प्रत्येक सदस्य उनके दोस्ताना व्यवहार के प्रशंसक है। वह अभिषेक से बेहिचक अपनी बात रखते हैं। अभिनेता खुले मन से उनकी बात सुनते हैं। शूटिंग टीम के सदस्याें में उनकी जिंदादिली और दोस्ताना व्यवहार के किस्सों की चर्चा आम है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92a8e09f41fc7f1285d7d6f12cfc278531084cb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेल प्रशासन ने हरिद्वार कुंभ मेला के लिए स्टेशन परिसर के अलावा स्नान कर लौटने वाले मार्ग पर सीसीटीवी कैमरेे लगा रखे हैं। ट्रेनों की सूचना देने के लिए आधुनिक सिस्टम लगाए गए हैं। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए और कोरोना संक्रमण को लेकर स्टेशन के अंदर आने वाले मुख्य गेट को बंद कर दिया गया है। केवल ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों के लिए स्टेशन परिसर से बाहर निकलने के लिए रास्ता दिया गया है। स्टेशन आने तक आने वाले मार्ग में बदलाव कर द‍िया है। यात्रियों पर निगरानी रखने और सुरक्षा के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन परिसर व बाहर तक सीटीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस पर निगरानी के लिए सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम बनाया गया है। दर्जन भर से अधिक टीवी लगाए गए हैं। यहां 24 घंटे आरपीएफ के जवान तैनात रहते हैं, वे स्टेशन के अलावा श्रद्धालुओं के आने वाले रास्ते की निगरानी करते हैं। कई बार श्रद्धालुओं की भीड़ विकल्प मार्ग से भटक जाते हैं। कंट्रोल रूम में तैनात आरपीएफ के जवान बाहर ड्यूटी पर तैनात जवानों को वाकीटाकी से सूचना देते हैं। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड रूम से लगातार श्रद्धालुओं की निगरानी की जा रही है।  ।यह भी पढ़ें:-।कमरे में पहुंचते ही चली गई लाइट, छात्रा ने दवा की जगह पी ल‍िया कीटनाशक, ज‍िला अस्‍पताल में भर्ती।कोतवाली पहुंचे थे अभद्र ट‍िप्‍पणी की श‍िकायत करने, दारोगा ने कहा-तुम तो वही हो न ज‍िसने छात्रा से छेड़खानी की थी।Moradabad Today Horoscope : क‍िसी को न बताएं मन की बात, ससुराल से म‍िल सकता है धन, जान‍िए क्‍या कहते हैं आपके स‍ितारे।Indian Railways : चन्दौसी से राजघाट तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की तैयारी, तेजी से चल रहा काम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..459eb3efaed9994d6b78eeb251ee637e0f83e792 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉक्‍टर रूपा ने बताया कि हेल्‍थ सेक्‍टर में महिलाओं को बेहतर काम के बाद भी उन्‍हें अहम निर्णय लेने की प्रक्रिया में बराबर का स्‍थान नहीं मिलता है। वर्ष 2020 में उन्‍हें कई बार ऐसे उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान जिस तरह की बुनियादी विषमताएं देखने को मिली उन्‍हें भविष्‍य में आने वाली महामारी से पहले दूर किया जाना जरूरी है। उन्‍होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया है कि बीमारी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है, लेकिन समाज ऐसा करने से कभी नहीं हिचकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20b7ad3821843290fc8a47d246c3cd24db90a1c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिले में बेर की दो तरह की प्रजातियां होती हैं, जिसमें से पैमदी और चमेली सम्मिलित हैं। पैमदी बेर सर्वाधिक होता है, जो आकार में लंबा और स्वाद में मीठा होता है। वहीं चमेली आकार में गोल खट्टा-मीठा होता है। जिले में 40 से 45 हेक्टेयर में बेर का उत्पादन होता है, जिसमें से सबसे ज्यादा बाग फतेहाबाद क्षेत्र में हैं। यहां 10 से 11 हेक्टेयर में बेर का उत्पादन होता है। फतेहाबाद के गढ़ी सावराय गांव के बाग स्वामी सुशील शर्मा ने बताया कि परिवार संयुक्त रूप से 10 बीघा में बेर की पैदावार करता है। तीन से चार वर्ष में पेड़ तैयार हो जाता है, जो लंबे समय तक फल देता रहता है। इस बार बेर बाहर की मंडी में नहीं जा पा रहा है, जिस कारण बेहतर भाव भी नहीं मिल पा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bfa7be42c59f1c40211f256949d4ab5452f637ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संदीप तिवारी, रायपुर। किसी व्यक्ति के आसपास का वातावरण उसके भविष्य निर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है। छत्तीसगढ़ योजना आयोग के मार्गदर्शन में कार्य कर रहे सहायक शोधार्थी (कोविड सेल) अभय दुबे और उनके सहयोगी चिकित्सक (बीडीएस) डा. पुरुषोत्तम सिंह भी गांव में घरों और दीवारों की गोबर-मिट्टी से होती लिपाई-पुताई को देखते हुए बड़े हुए और यही उनके लिए शोध और नवाचार का विषय भी बन गया। दोनों युवाओं ने गोबर, पीली मिट्टी, चूना और जिप्सम को मिलाकर एक खास तरह की पुट्टी तैयार की है, जो कमरे का तापमान पांच से दस डिग्री तक नियंत्रित करने में सक्षम है। खर्च भी रासायनिक पुट्टी के मुकाबले एक तिहाई ही आता है। राज्य खादी ग्रामोद्योग विभाग ने ‘वोकल फार लोकल’ के तहत इस उत्पाद को अपनाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74575.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a11a739184e58e568f134ca8f7eed73f210cde39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74575.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रेलवे ने मुरादाबाद से चन्दौसी-बरेली तक विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है और कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी (सीआरएस) की अनुमति मिलने के बाद इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन व मालगाड़‍ियों का संचालन भी शुरू कर दिया है। चन्दौसी से अलीगढ़ के बीच 90 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण शेष बचा हुआ है। रेल प्रशासन ने विद्युतीकरण का काम तेजी से कराना शुरू कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने कार्य पूरा करने का अंतिम समय 31 मार्च 2021 निर्धारित किया है। रेलवे टीम ने चन्दौसी से राजघाट तक 50 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है और इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने के लिए 25 केवी का करंट चालू कर दिया है। शेष 40 किलोमीटर का काम पूरा करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। रेल प्रशासन ने ब‍िजली सप्‍लाई चालू करने के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों व वाहन चालकों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। रेलवे लाइन से गुजरने के समय सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। ट्रैक्टर ट्राली में क्षमता से अधिक ऊंचा गन्ना लेकर रेलवे फाटक पार नहीं करने की अपील की जा रही है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि चन्दौसी से राजघाट तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो चुका है। 40 किलोमीटर तक विद्युतीकरण का काम 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ab73f93ff3e203458e2410f0ebac7a2c96f90ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह इंस्टीट्यूट आर्मी वेलफेयर एजूकेशन सोसाइटी संचालित करती है। जो कि देश भर के सैन्य स्टेशनों में 249 प्री प्राइमरी स्कूल, 137 आर्मी स्कूल और 12 आर्मी प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट चलाती है। ग्रेटर नोएडा स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विवि दिल्ली से संबद्ध है। नैक ग्रेडिंग वाले इस इंस्टीट्यूट में सेमेस्टर आधारित दो साल के बीएड के लिए 100 सीटों के ऑनलाइन फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ad334ae7650bf5eaaf105d14c2720eb1aac49d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74578.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपत्तियों का निस्तारण करने आज आएगी नियोजन समिति । भव्य अयोध्या (पूर्व में नव्य अयोध्या) के लिए जमीन अधिग्रहण की चल रही प्रक्रिया को लेकर आपत्तियों का निस्तारण तेज कर दिया गया है। अपर आवास आयुक्त डॉ. नीरज शुक्ल की अध्यक्षता में गठित दस सदस्यीय नियोजन समिति मंगलवार को यहां आ रही है। वह आपत्तियों पर सुनवाई करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e892e7e5b95aa64f37de724f01d989359c7b7d4f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74579.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +23 साल से मूक-बधिरों के लिए काम कर रही हैं मोनिका।इंदौर में आनंद सर्विस सोसायटी की संचालिका मोनिका पुरोहित पिछले 23 साल से मूक-बधिर महिलाओं और बच्चों के लिए काम कर रही हैं। उनकी संस्था में 450 छात्र रहते और पढ़ते हैं। मोनिका बच्चों को साइन लैंग्वेज में पढ़ाती हैं। इंदौर के तुकोगंज थाने में 2002 से संचालित प्रदेश के एकमात्र मूक-बधिर पुलिस सहायता केंद्र में मूक-बधिर पीडि़तों की मदद करती हैं। उन्होंने मूक-बधिर व मंदबुद्धि बच्चों के उत्पीड़न के 350 से ज्यादा मामलों में उन्हें न्याय दिलवाने में मदद की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..080040181fb621ee3a7142abce6dd2bb9c8c99e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74581.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डेढ़ दर्जन से अधिक स्टेशनों का संचालन कर रहीं महिलाएं।नार्थ वेस्टर्न रेलवे के जयपुर डिवीजन का गांधीनगर रेलवे स्टेशन पिछले तीन सालों से महिला अधिकारियों व कर्मचारियों के हाथों सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। साउथ ईस्टर्न का रांची स्टेशन, प्रयागराज डिवीजन का कानपुर स्थित गोविंदपुरी स्टेशन और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे डिवीजन के इटारसी-जबलपुर सेक्शन स्थित मदन महल स्टेशन पूरी तरह महिलाओं की देखरेख में संचालित हो रहा है। + +मुंबई सेंट्रल डिवीजन का माटुंगा रोड स्टेशन, नार्थ ईस्टर्न रेलवे के लखनऊ डिवीजन का बादशाह नगर रेलवे स्टेशन, नागपुर डिवीजन के अजनी रेलवे स्टेशन के साथ साउथ सेंट्रल रेलवे के बड़े रेलवे स्टेशन बेगमपेट, विद्यानगर व रामवरापुडु स्टेशनों का कार्य महिलाओं ने संभाल रखा है। नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के सिलीगुड़ी स्टेशन का संचालन महिलाएं करती हैं। दानापुर डिवीजन के गुलजारबाग, साउदर्न रेलवे के कुंबलम और रेप्पड रेलवे स्टेशनों को भी महिलाएं संभाल रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74583.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cad26c555c7ed3e401d9727071f1cc79e11f71d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इरफान-ए-आजम, दार्जिलिंग। Bengal Assembly Elections 2021 यह साइंस का तथ्य है कि पहाड़ पर दाल नहीं गलती है। विश्वप्रसिद्ध दार्जिलिंग पहाड़ की बात करें तो यहां पॉलिटिकल साइंस का भी यही तथ्य है। अंतर यह है कि यहां पहाडि़यों की तो दाल गल जा रही है, लेकिन गैर पहाड़ियों का चूल्हा ठंडा पड़ा है। दार्जिलिंग पहाड़ यानी पार्वत्य क्षेत्र में सदी से भी ज्यादा पुराना एक सवाल है, वह है पहाडिय़ों (नेपाली भाषी गोरखाओं) की 'पहचान का सवाल। इसी से जुड़े अलग राज्य गोरखालैंड का मुद्दा गाहे-ब-गाहे यहां राजनीतिक तापमान बढ़ाएरहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7f41d54194fc06ceb3d5025298615c156939e43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोम, एजेंसी। कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में फेस मास्क को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि खूब पसीना बहाने वाली एक्सरसाइज यानी व्यायाम के दौरान मास्क पहनना स्वस्थ लोगों में सुरक्षित हो सकता है। इससे जाहिर होता है कि इंडोर जिम में मास्क पहनने से लोगों के बीच कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। हालांकि, कोरोना वायरस के प्रसार के दौरान मास्‍क को लेकर खुब बहस हुई। कई मुल्‍कों में मास्‍क को उपयोगी माना गया और इसे पहनना अनिवार्य किया गया। कई मुल्‍कों में मास्‍क नहीं पहनने पर सजा या जुर्माने का भी प्रावधान किया गया। पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप भी मास्‍क को लेकर खुब सुर्खियों में रहे। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने अमेरिका में मास्‍क को जरूरी माना, लेकिन कई मौके ट्रंप ने मास्‍क की अवहेलना की। मास्‍क की अवहेलना करने वालों में ट्रंप अकेले नहीं थे, बल्कि कई देशों के प्रमुखों ने इसकी अवहेलना की थी। अभी भी मास्‍क को लेकर वैज्ञानिकों के शोध जारी है। ।पहले मास्क पहनकर और फिर बगैर मास्क करें एक्‍सरसाइज ।यूरोपीय रेस्पिरेटरी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष एक समूह पर किए गए परीक्षण के आधार पर निकाला है। प्रतिभागियों को पहले मास्क पहनकर और फिर बगैर मास्क पहने एक एक्सरसाइज करने को कहा गया। इसके बाद सांस, हृदय की गतिविधि और एक्सरसाइज के प्रभाव को आंकने के लिए विस्तृत जांच की गई। शोधकर्ताओं ने दोनों स्थितियों में कुछ अंतर पाया। हालांकि इससे सेहत के लिए किसी तरह का खतरा जाहिर नहीं हुआ। यह अध्ययन इटली की मिलान यूनिवर्सिटी और मोनजिनो कार्डियोलॉजी सेंटर के शोधकर्ताओं के एक दल ने किया है। ।मास्क पहनने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद।मोनजिनो कार्डियोलॉजी सेंटर की शोधकर्ता एलिसबेटा साल्विओनी ने कहा, 'हम जानते हैं कि मुख्य रूप से सांस में मौजूद तरल कणों से कोरोना वायरस का प्रसार होता है। यह संभव है कि खासतौर पर इंडोर जिम में एक्सरसाइज के दौरान तेज चलने वाली सांसों से संक्रमण फैल सकता है।' उन्होंने बताया कि अध्ययन के नतीजों से जाहिर होता है कि मास्क पहनने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन इसका कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला था कि खूब पसीना बहाने वाली एक्सरसाइज के दौरान मास्क पहनना सुरक्षित है या नहीं। इस सवाल का जवाब पाने के लिए शोधकर्ताओं ने औसतन 40 साल की उम्र वाले स्वस्थ लोगों के एक समूह पर यह अध्ययन किया।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f32eebe3c53af556f0b00a760510adc897f8995 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शाही परिवार पर विश्वास करना मेरी सबसे बड़ी गलती ।साक्षात्कार में मेगन ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी गलती यही थी कि उन्होंने शाही परिवार पर विश्वास किया। शाही परिवार ने वादा किया था कि उन्हें हमेशा सुरक्षित रखा जाएगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सका। मेगन ने स्वीकार किया कि शाही परिवार के साथ कई विषयों पर उनसे अनबन हुई। ।महारानी को धक्का पहुंचाने की खबरों को खारिज किया।प्रिंस हैरी ने उनके और मेगन के शाही कर्तव्य छोड़ने के फैसले से महारानी को धक्का पहुंचाने की खबरों को खारिज किया और कहा कि कई बार बातचीत करने के बाद यह कदम उठाया गया है। दंपती के आलोचकों का मानना है कि इस तरह का फैसला लेकर हैरी और मेगन लाइमलाइट में आना चाहते थे। जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि यह पूरा विवाद यह दिखाता है कि कैसे शाही परिवार एक स्वतंत्र विचारों वाली महिला के खिलाफ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2eca72339dc2d7774ae5a4bfbba0b202aec37a76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। पूरा विश्व आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रहा है। भारत में भी आज महिलाओं के अलग-अलग रंग देखने को मिले हैं। वैसे तो महिलाएं हमेशा से ही पुरुषों के संग कदम से कदम मिला कर चलती आ रही हैं, पर आज के दिन महिलाओं में एक अलग ही जोश और उमंग देखने को मिला है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की एक अलग ही भूमिका नजर आई है। किसान आंदोलन की बात करें तो हरियाणा और पंजाब से काफी संख्या में महिलाएं टीकरी बॉर्डर पर पहुंची और आंदोलन में शामिल हुईं हैं। इस प्रदर्शन में अभिनेत्री सोनिया मान भी शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने उत्पीड़न के खिलाफ हमेशा आवाज उठानी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb3b23bc63647d804fa40d8e9dfbfd16e3958e8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में तैनात ट्रैफिक इंस्पेक्टर आनंद ओझा भोजपुरी फिल्मों में अपनी सफलता के झंडे गाढ़ रहे हैं। बचपन से ही अभिनय में रुचि रखने वाले आनंद ने पुलिस में अपना करियर चुना। समयाभाव वाली इस नौकरी में से भी उन्होंने अभिनय को समय दिया।उनकी एक फिल्म रिलीज हो चुकी है। चार फिल्में रिलीज होने वाली हैं। अब उनकी नई फिल्म माही की इन दिनों आगरा में ही शूटिंग चल रही है। इस फिल्म में रीयल लाइफ का यह वर्दी वाला अपनी पत्नी के साथ मिलकर बेटी को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ेगा। नायिका से शादी के बाद सोमवार को एक सीन सिकंदरा के रामलाल वृद्धाश्रम में शूट हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d23b46445d224f02f4f68e4ee240f22fdba9c435 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74590.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या [प्रवीण तिवारी]। Ayodhya Ram Mandir Update: श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई का दो तिहाई कार्य पूरा हो गया है। इस बीच नींव भराई की तैयारी भी शुरू हो गई है। तकरीबन 15 मीटर गहरी नींव कुल 44 लेयर में भरी जाएगी। ।नींव भराई के लिए इंजीनियर्ड फिल्ड मैटीरियल का प्रयोग होगा। इसे पत्थर के साथ ही सीमेंट, मौरंग व माइक्रो सिलिका सहित अन्य पदार्थ से तैयार किया जाएगा। एक-एक लेयर भर कर इसे जमीन की सतह तक लाया जाएगा। इसके बाद ऊपरी हिस्से का कार्य शुरू हो जाएगा। नींव की डिजाइन व इसकी भराई का ब्लूप्रिंट तैयार है। नींव का निर्माण पारंपरिक शैली में होगा। एक-एक स्तर बड़ी बारीकी से तैयार किया जाएगा।  ।नींव में प्रयुक्त होने वाले मैटीरियल की टेस्टिंग का कार्य देश के नामचीन विशेषज्ञों की देखरेख में हुआ है। यह मैटीरियल कई स्तर की टेस्टिंग के बाद तय किया गया। इस समय नींव की तैयार डिजाइन के अनुरूप ही खोदाई का कार्य हो रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि अप्रैल में नींव की भराई का कार्य शुरू हो जाएगा।  ।नींव खोदाई के बाद भी होगी मिट्टी के लोड की टेस्टिंग: नींव की खोदाई पूरी होते ही दोबारा मिट्टी के लोड की क्षमता आंकी जाएगी। खोदाई के पहले भी ऐसा हुआ था। इसी आधार पर नींव की गहराई तय हुई थी। खोदाई के बाद विशेषज्ञों की टीम एक बार फिर से परिसर में आएगी। पिलर्स के सहारे क्षैतिज व ऊध्र्वाधर लोड की क्षमता जांची जाएगी। यह कार्य नींव की निचली सतह पर ही होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74593.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3019b2e1b398c73488a3de8eaeb53e32e8d6428f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74593.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समूह की टीम लीडर मीरा सिंह का कहना है जरदोजी और पच्चकारी कार्य के काम के लिए महिलाओं को लखनऊ में सम्मानित भी किया गया है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इसमें जिला स्तर से हर स्तर पर दो समितियां बनाई गई है। जो स्मार्ट सिटी को महिलाओं की रिपोर्ट देते हैं। साथ ही डूडा की तरफ से भी महिलाओं की आर्थिक रूप से सहायता की जा रही है। जिससे कि वह अपने काम को बढ़ा सकें। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74594.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74594.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50af02295764cf46167503c253e60b35b6a60e5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74594.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिनेवा (यूएन)। एक वर्ष से अधिक समय से कोरोना महामारी की मार झेल रहे देशों के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की कोवैक्‍स योजना किसी वरदान की तरह है। इस योजना के तहत वैक्‍सीन भेजने की शुरुआत घाना से हो चुकी है। अब इस सप्‍ताह संगठन 31 देशों को 1.44 करोड़ खुराक मुहैया करवाने वाला है। ये देश ऐसे हैं जो अपने दम पर न तो वैक्‍सीन विकसित कर सकते हैं और न ही इसको खरीदने की ताकत इन देशों में है। ऐसे में इन देशों को वैक्‍सीन की सप्‍लाई का इंतजार है। आपको बता दें कि संगठन की तरफ से अब तक 20 देशों को कोविड-19 की रोकथाम के लिए दो करोड़ खुराक मुहैया करवा दी गई हैं। संगठन के महानिदेशक के मुताबिक सप्‍लाई मिलने के बाद इन देशों में वैक्‍सीनेशन का काम शुरू हो गया है। ऐसे में इस सप्‍ताह के अंत तक कोवैक्‍स योजना के तहत वैक्‍सीन पाने वाले देशों की संख्‍या 51 हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80aa3c5f564cfbd760c430b10f5f0f9528acd73e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74596.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, [ब्रजेश मिश्र]। Tea and Coffee, Jharkhand News असम और दार्जिलिंग की चाय के शौकीन झारखंड के लोगों को जल्द ही एक नया स्वाद मिलने वाला है। सरकार की योजना अमल में आई तो बहुत जल्द आपकी प्याली में रांची की चाय, हजारीबाग की कॉफी नजर आएगी। झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाले उद्यान निदेशालय की तरफ से राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने की योजना पायलट प्रोजेक्ट के तर्ज पर शुरू की जा रही है। ।पूर्व में झारखंड के रांची, लातेहार सहित कुछ इलाकों में चाय की खेती होती थी। बाद में यह समाप्त हो गई। वर्तमान में हजारीबाग मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर डेमोटांड़ स्थित कृषि एवं भूमि अनुसंधान केंद्र में दो एकड़ में चाय की खेती की गई है। वहीं 80 डिसमिल में कॉफी का बागान लगा है। यहां चाय के पौधे चिकमंगलूर से लाए गए थे। चाय और कॉफी का प्लांटेशन किया गया है। ऑर्गेनिक खेती के जरिये इसे विकसित किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74597.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37cf2dbb42a17cea81545bba9b9e8fdaecc792a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिकेट से लेकर फुटबॉल और बैडमिंटन से लेकर हॉकी तक, पहलवानी से लेकर अन्य खेलों तक महिलाओं ने हर विभाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एक ऐसे देश में जहां समाजिक दायरों से निकलना कठिन है। उसी देश की महिलाओं ने विश्व पटल पर देश का नाम रोशन किया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम भारतीय खेल हस्तियों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने सैकड़ों सीमाओं को तोड़ दिया है और संकुचित सोच को तहस-नहस किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..762ef37b9761a5ddc426ca6c897df6855b43222a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस प्रक्रिया में अफगानिस्‍तान की सरकार को भी नहीं रखा गया था। तालिबान का कहना था कि वो अमेरिका से हुए समझौते के बाद अफगानिस्‍तान की सरकार से वार्ता और फिर समझौता करेगा। भारत के इस प्रक्रिया में शामिल न होने पर पाकिस्‍तान काफी खुश हुआ था। उस वक्‍त पाकिस्‍तान ने बार-बार ये कहा कि भारत को अमेरिका ने अफगान शांति वार्ता में तरजीह नहीं दी और पाकिस्‍तान की अहमियत को समझते हुए उसको इसमें शामिल किया। लेकिन अब अमेरिका में निजाम के साथ वक्‍त और सियासत बदल चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed67ddb202d66269c90adf9e00ec0c7e2b86bf74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_746.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आलिया ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, "आज, अपने परिवार और दोस्तों से घिरे हुए, घर पर ... हमारे पसंदीदा स्थान पर - जिस बालकनी में हमने अपने रिश्ते के पिछले पांच साल बिताए हैं - हमने शादी कर ली है। हमारे पीछे पहले से ही बहुत कुछ है, हम इंतजार नहीं कर सकते एक साथ और अधिक यादें बनाने के लिए ... यादें जो प्यार, हंसी, कंफर्टेबल साइलेंस, मूवी नाइट्स, फनी फाइट्स, वाइन और खुशियों से भरी हैं।"।आलिया ने अपने परिवार और दोस्तों को शुक्रिया कहते हुए आगे लिखा, "हमारे जीवन में इस महत्वपूर्ण समय के दौरान आप सभी के प्यार और सनेह के लिए धन्यवाद। जिसने इस पल को और भी खास बना दिया है। लव, रणबीर और आलिया।"।आलिया और रणबीर की शादी में रिद्धिमा कपूर, करीना कपूर, करिश्मा कपूर, रणधीर कपूर, महेश भट्ट, शाहीन भट्ट, पूजा भट्ट, सोनी राजदान, आकाश अंबानी, श्लोका अंबानी, आकांक्षा और अयान मुखर्जी, करण जौहर जैसे कई सिलेब्रिटीज भी शादी में शामिल हुए थे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74600.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74600.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c08161a5645285dffeea42b39fe7a15ebef89bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74600.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद, जेएनएन। धनबाद की अनेक महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में कीर्तिमान रचा है। लेकिन झारखंड राज्य की स्थापना के पश्चात किसी एक महिला का जिक्र करना हो तो लंदन निवासी डॉक्टर परिन सोमानी का उल्लेख करना प्रासंगिक और उचित होगा। डॉ. परिन सोमानी अपनी षोडशी पुत्री फरिन सोमानी के साथ 25 फरवरी से 28 फरवरी तक धनबाद के प्रवास पर थीं। मूल रूप से भारत के गुजरात प्रांत की ही रहने वाली डॉ. परिन सोमानी अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर की हैसियत से लगभग 100 देशों की यात्रा कर चुकी हैं। अनेक देशों में गरीबों के उत्थान कार्यक्रम से भी वे जुड़ी हैं। ।11 पुस्तकों की लेखिका और चार विश्वविद्यालयों से संबद्ध ।यूं तो अपनी मिट्टी से जुड़ाव के कारण वे मातृभूमि  भारत आती रहती हैं, मगर झारखंड राज्य में उनकी यह पहली यात्रा थी। धनबाद के बारे में उन्हें लगभग जानकारी नहीं थी। जितनी थी वह भी अच्छी नहीं थी। झारखंड की छवि  भी उनके दिमाग में भ्रामक थी। चार विषयों में डाॅक्टरेट, 11 पुस्तकों की लेखिका , चार विश्वविद्यालयों से जुड़ी, दो दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित परिन सोमानी का  धनबाद  आने का मूल मकसद यहां के गुलगुलिया समुदाय के लोगों से मिलना था। साथ ही झारखंड के धनबाद जैसे औद्योगिकरण और शहरीकरण के झंझावात में आदिवासी जीवन-शैली को जानना था। धनबाद के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों से भी मिलना एक प्रमुख कारण था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86cd493c30e71155cc8836273dc74fae90662d5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मार्च 1955 में संसद में दिए गए उमा नेहरू के भाषण का अंश: ‘सूरत-सूरत की ही गुहार सुनाई पड़ रही है। नवयुवक और माता-पिता यह पुकार कर रहे हैं कि हमें विचारपूर्ण, विदूषी और स्वतंत्रता उपासक स्त्री की आवश्यकता नहीं, हमें तो चंचला, चपला सुंदर स्त्री की अभिलाषा है। तो जैसी मांग है सामाजिक मशीन वैसी वस्तु बनाकर हमारे सामने प्रस्तुत कर रही है’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74602.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9402102fbadd6e95c69666aa03447c44b15fdcc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74602.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, नरपत दान चारण। संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट यूएन फूड वेस्ट इंडेक्स-2021 के मुताबिक दुनियाभर में 2019 में अनुमानत: 93 करोड़ 10 लाख टन खाना बर्बाद हो गया, जो कुल उपलब्ध खाने का 17 प्रतिशत है। इसमें बताया गया है कि सबसे ज्यादा 61 फीसद खाना बर्बाद घरों में होता है। उसके बाद होटल समेत खाना खिलाने वाली अन्य जगहों पर 26 फीसद और फिर खुदरा दुकानों में 13 फीसद खाना बर्बाद होता है। सालाना प्रति व्यक्ति 82 किलो खाने की बर्बादी के साथ अफगानिस्तान इस सूची में शीर्ष पर है। वहीं भारत में सालाना प्रति व्यक्ति 50 किलो खाने की बर्बादी हो रही है। करीब-करीब सभी आय वर्ग के देशों में यह समस्या है। + +अन्न को बचाना और उसका सदुपयोग करना कोई कठिन कार्य नहीं है। हर कोई इसे आसानी से बचा सकता है। इसके लिए किसी कठोर कानून की भी जरूरत नहीं है। मानसिकता में परिवर्तन करके अन्न सहेजने का काम हर कोई आसानी से कर सकता है। इसके लिए इच्छाशक्ति और सही नियत होनी चाहिए। लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि वे जब भी किसी पार्टी या शादी समारोह में जाएं तो उतना ही खाना लें जितना कि खा सकें। इसके अलावा पार्टी आयोजकों को भी खाने की बर्बादी को रोकने के लिए नोटिस बोर्ड लगा देना चाहिए। इसके साथ हमें अपने संस्कार, संस्कृति और परंपराओं का चिंतन करना चाहिए और अपनी आदतों में सुधार करना होगा। जब भी थाली में जरूर से ज्यादा खाना बच जाए तो किसी भूखे का स्मरण कर लेना चाहिए। तब हमें खाने का महत्व समझ आएगा। इस तरह खाना सहेजने के लिए हम एक प्रयास कर सकते हैं। अन्न बचाना ही जीवन बचाना है। (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)।यह भी पढ़ें- Food Waste: परेशान करने वाला है खाने की बर्बादी का ये आंकड़ा, ब्रिटेन के लोग जितना खाते हैं...।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fef54a99e79fbe2dfd3abe8cc24b59671c5c0675 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्यादातर योजनाकारों, विशेषज्ञों, किसानों और आम जनता ने इस अभियान की मंशा की सराहना की है, लेकिन असली चुनौती इसके प्रभावकारी क्रियान्यवन और टिकाऊ नतीजे की है। ऐसे ही पुराने अभियानों के नतीजे बहुत उत्साहजनक नहीं रहे। सबसे बड़ी मुश्किल तकनीक की अपर्याप्त समझ को लेकर खड़ी होती है। स्थानीय लोगों की कम भागीदारी, धन की कमी और कार्यक्रम को लागू करने में अनियमितताएं व देरी अन्य बड़ी वजहें रही हैं। भले ही पानी वैश्विक और राष्ट्रीय चिंता का विषय हो, लेकिन इसका विकास और प्रबंधन नितांत स्थानीय मसला है। कहीं भी कोई तालाब या गढ्डा खोद देना भर वर्षाजल संग्रहण नहीं होता है। इससे कोई उद्देश्य सिद्ध नहीं होता है सिर्फ श्रम और साधन की बर्बादी होती है। ।निजी तौर पर या सामुदायिक तौर पर पहले यह समझना होगा कि जरूरत क्या है और उपलब्ध संसाधन और तकनीक क्या हैं। स्थान और डिजायन के चयन के साथ संरचना और निर्माण के तरीकों पर विशेषज्ञों की राय बहुत मददकारी साबित होती है। बारिश के पानी को सहेजने की कुछ आसान और आम तरीकों में रूफ टॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रमुख है। इसे शहर और गांवों दोनों जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें छत के पानी को नीचे लाकर किसी टैंक या गढ्डे में एकत्र किया जाता है। इसके दूसरे चरण के तहत वहां की सभी कच्ची और पक्की सतह पर बारिश के पानी को एकत्र किया जाए। इस तरह बड़ी मात्रा में एकत्र पानी से उपयुक्त छलनीकरण के बाद भूजल स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलती है। ।भारत के प्रत्येक गांव, कस्बों और शहरों में मौजूद तालाब बेशकीमती स्थानीय संसाधन हैं। हालांकि समय के साथ या तो इनका अतिक्रमण हो चुका है या फिर ये बेकार पड़े हैं और इनका स्वरूप बिगड़ गया है। गांव के इन तालाबों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। कैच द रेन अभियान को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में यह अहम कड़ी हैं। ये उस गांव की जल सुरक्षा को सुधारेंगे, पारिस्थितिकी से लेकर संस्कृति तक में आई विकृतियों के यही समाधान साबित होंगे। बाढ़ की विभीषिका को कम करने के साथ तालाब भूजल स्तर को बढ़ाने वाली संरचनाएं भी हैं। देश के कई हिस्सों में आज भी तालाब अपना खरापन साबित कर रहे हैं। ।हमारा अध्ययन बताता है कि असिंचित जमीनों की फसलों को अगले 15 साल तक बचाने के लिए हमें सालाना 25.4 अरब रुपये वर्षाजल भंडारण तकनीकों के निर्माण पर खर्च करना होगा। हालांकि इस मद में निवेश का रिटर्न एक के बदले तीन का रहने वाला है। बांध बनाने के लिए देश में सीमित स्थान हैं, और विकेंद्रित छोटी-छोटी जल संग्रहण संरचनाएं बाधों का प्रमुख विकल्प साबित हो सकती हैं। भारत अब भूजल पर आश्रित देश बन चुका है और 250 अरब घन मीटर सालाना दोहन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा भूजल उपभोक्ता भी हो चुका है। इसके चलते देश का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। भूजल के रिचार्ज के लिए बारिश की बूंदों का संग्रहण, मौजूद जल का मितव्ययी इस्तेमाल और हमारी ऊर्जा नीतियों में बदलाव ही इस समस्या का निदान हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae8f9717b759f68fbc1c5dd9aa1bd97b211cdf1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74610.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जालंधर में खाने की रेहड़ी लगाती हैं मानसा की चरणजीत कौर।यहां बेटी का दाखिला हंसराज कन्या महाविद्यालय में करवाया। चरणजीत कौर अपने तीन बच्चों और पति नवजिंदर सिंह के साथ जालंधर में किराये के मकान में रह रही हैं। लाकडाउन के कुछ दिन पहले यहां पर रहने के लिए आई चरणजीत को लगा कि यहां गुजारा आसान नहीं है। इसलिए रोज घर से खाना बनाकर सर्किट हाउस के बाहर सड़क किनारे रेहड़ी लगानी शुरू कर दी। रोज घर से कढ़ी, चावल और राजमाह बनाकर लाने लगीं। + +क्रिकेट की प्रैक्टिस के दाैरान गुरलीन कौर। (जागरण)।ट्रेनिंग के लिए हंसराज कन्या महाविद्यालय में करवाया बेटी का दाखिला।लोगों को खाना पसंद आया और परिवार का हाथ बंटाने में मदद मिली। चरणजीत कहती हैं, कोई भी काम बड़ा-छोटा नहीं होता। शहर में लोगों को काम के लिए बहुत भटकना पड़ता है। जब हाथ में हुनर हो तो काम करने में कैसी शर्म? चरणजीत रोज फुटपाथ के किनारे दोपहर 12 बजे टेबल लगाकर बैठती हैं। तीन बजे तक वह काम समेट कर घर लौट जाती हैं। + +अपनी पढ़ाई के लिए भी किया संघर्ष।चरणजीत कहती हैं, संघर्ष की कीमत समझती हूं। मैंने उस दौर में पढ़ाई की जब लड़कियों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था, खासकर शादी के बाद। ग्रेजुएशन की पढ़ाई उन्होंने शादी के बाद ही पूरी की। उन्हेंं साहित्य पढऩेे का बहुत शौक था। वह आगे टीचिंग लाइन में जाना चाहती थीं, लेकिन किसी कारणवश यह पूरा नहीं हो पाया। अब अपने बच्चों के सपने पूरा करने के लिए पूरी मेहनत कर रही हूं। चरणजीत बेटी को बेहतरीन क्रिकेटर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। बेटी मैदान में पसीना बहाती है तो मां दिन में जी तोड़ मेहनत करती है, ताकि बेटी की डाइट और सुविधाओं में कोई कमी न आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..829a6d66394f2f4709ea9c83870678c50d406761 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज की तस्वीर- भूजल स्तर की बिगड़ती तस्वीर से चिंतित वर्षाजल संग्रहण को हर भवन के लिए अनिवार्य बनाने वाला तमिलनाडु देश का पहला राज्य बना। 2011 में शुरू की गई इस परियोजना को राज्य के हर ग्रामीण इलाके में भी लागू किया गया। व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया गया। पांच साल के भीतर ही सकारात्मक नतीजे दिखने शुरू हुए। बाद में सभी राज्य ने इसे आदर्श मॉडल के रूप में अपनाया। चेन्नई का जलस्तर महज पांच साल में 50 फीसद तक बढ़ा और गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार दिखा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74616.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74616.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64894133da73b607f325d81ba61674d2c89c1368 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74616.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (जेएनएन)। वर्षाजल संग्रहण बहुत पुरानी है और इंसानी सभ्यता को पुष्पित-पल्लवित करने में इसकी अहम भूमिका रही है। सूखे और मरुस्थलों में इसी तकनीक के बूते इंसान अपनी तमाम जरूरतों के लिए पानी का इंतजाम करता था। आधुनिक जल समस्या को हम बारिश की बूंदों को एकत्र करने वाली इसी तकनीक से मात दे सकते हैं। ऐसे में आइए इस प्रक्रिया से जुड़े और आम आदमी के जेहन में उठने वाले सामान्य सवाल और उनके जवाब पर डालते हैं एक नजर:कौन लगा सकता है यह तकनीक?कोई भी लगवा सकता है। ।पानी की किल्लत के समय में इससे न सिर्फ आपको पेयजल मिलेगा बल्कि भूजल स्तर में भी सुधार आएगा।कहां लगाई जाए?इसे घरों, अपार्टमेंट्स, सोसायटीज, स्कूलों, संस्थाओं और व्यावसायिक परिसरों के साथ कोई भी उस संरचना में लगाया जा सकता है जिसके पास कैचमेंट के रूप में छत या खुला क्षेत्र हो और बारिश के पानी को एकत्र कर सके। क्या यह सिर्फ नए भवनों के लिए है?कदापि नहीं, पहले से मौजूद भवनों में भी इसका इस्तेमाल संभव है। ।जलापूर्ति प्रणाली में थोड़े से बदलाव द्वारा समुचित इस्तेमाल संभव है।पानी कितना एकत्र होगा?यह मात्रा कैचमेंट एरिया, बारिश की मात्रा और ड्रेनेज/ संग्रहण प्रणाली पर निर्भर करती है। मान लीजिए दिल्ली में किसी मकान के छत का रकबा 100 वर्ग मीटर है। दिल्ली की औसत सालाना बारिश 600 मिमी है और 70 फीसद जल भंडारण कुशलता (वाष्पोत्सर्जन, संग्रहण आदि में होने वाले नुकसान को छोड़ दें) को लिया जाए तो कुल जल संग्रह की मात्रा इस प्रकार होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74620.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74620.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2aeb0027690155c870dd83bcab59f625a799e618 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74620.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित तिवारी। विश्व महिला दिवस के मौके पर बेटे की बात से चौंकिए मत। दरअसल कुछ बरस पहले एक विज्ञापन आया था, जिसमें मुख्य पात्र हर छोटी-बड़ी मुश्किल आने पर एक ही जवाब देता है, मेरा बेटा है न..। विज्ञापन खत्म होते-होते पता चलता है कि इसके केंद्र में एक बेटी है, जिसे पूरे समय बेटा कहकर संबोधित किया गया। इस विज्ञापन का संदेश सक्षम होती बेटियों की ताकत दिखाना ही था। बेटियों की शक्ति दिखाने का यह तरीका कई बरस बीत जाने के बाद भी कमोबेश ऐसा ही है। ।आज भी हम यह कहकर ही गर्व अनुभव करते हैं कि -म्हारी छोरियां, छोरों से कम हैं के?यह सब देखते हुए एक प्रश्न मन में उठता है कि आखिर बेटियां सक्षम हैं, इस बात को बताने के लिए उन्हें बेटा कहना क्यों जरूरी है? तुलनात्मक रूप से बेटा हो जाने में ही उसकी श्रेष्ठता क्यों है? क्या बेटी को बेटी कहने से उसकी शक्ति का आभास नहीं हो पाता है? और यदि सशक्तीकरण के मोर्चे पर मीलों आगे बढ़ जाने का दावा करने के बाद भी बेटी का बेटी होना उसकी शक्ति नहीं बन पाया है, तो क्या यह पूरी यात्रा पर प्रश्नचिह्न सा नहीं लगाता है?।वस्तुत: इस विचार के मूल में हमारे मन-मस्तिष्क पर छाया पुरुष-श्रेष्ठ का भाव ही है। यह वही भाव है, जिसके प्रभाव में हम किसी का पुरुष को चूडि़यां पहन लेने का उलाहना देते हैं। यह वही भाव है, जहां शक्ति और साम‌र्थ्य प्रदर्शित करने के लिए -मर्द- शब्द के ही प्रयोग की जरूरत आन पड़ती है। यही कारण है कि एक स्त्री के साम‌र्थ्यवान होने का भाव हमारे मन में तब बन पाता है, जब उसे -मर्दानी- कहा जाता है। इस महिला दिवस के बहाने हमें इन प्रश्नों के हल भी खोजने होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec27e49fb66e73ce533439f041ba60b794b4e945 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +40 फीसद भर्ती मरीजों में थी सूजन: मेरठ में मई से नवंबर 2020 तक बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक भर्ती किए गए करीब 40 फीसद मरीजों के फेफड़ों में सूजन मिली। फेफड़े की ङिाल्लियों में सूजन से सांस लेने में दिक्कत हुई। शरीर में आक्सीजन सेचुरेशन का स्तर 98 के बजाय 80 से नीचे चला गया। ऐसे मरीजों को रेमिडीसीविर और स्टेरायड समेत कई दवाएं दी गईं, और वो ठीक भी हुए, लेकिन बाद में पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो गई। चेस्ट सीटी में निमोनाइटिस की तुलना में अलग बदलाव देखने को मिले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b515cc2f105a132d32ec256eb770cb78d966a8e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74624.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हांगकांग के संविधान में बड़े बदलाव की तैयारी ।इस बैठक में हांगकांग के संविधान में कई अहम बदलाव हो सकते हैं। एनपीसी उपाध्‍यक्ष वांग चेन ने संकेत दिया है कि हांगकांग की चुनावी व्‍यवस्‍था में फेरबदल किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि इसके चलते विपक्ष हांगकांग में आजादी की मांग उठाता रहा है। इस बैठक में चीन इन खतरों से निजात पाने का उपक्रम कर सकता है। यानी हांगकांग में आजादी की मांग करने वालों को राजनीतिक सत्‍ता से दूर करने का यत्‍न किया जा सकता है। + +चीन यह कदम नए राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने के बाद उठाने की पूरी योजना बना रहा है। उधर, हांगकांग के विपक्ष का कहना है कि चीन अपनी इस नीति के जरिए हांगकांग में असंतोष को दबाने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद हांगकांग में 47 लोकतंत्र समर्थकों की गिरफ्तारी कर चुका है। उन पर देश विरोधी काम करने का आरोप लगाया गया है। ।क्‍या है चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस ।चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस देश की सबसे बड़ी और शक्तिशाली राजनीतिक संस्‍था। इसे चीन की संसद कहा जाता है। हालांकि, व्‍यवहार में यह एक रबर स्‍टांप वाली संसद है। इसका कार्य केवल चीनी सरकार की तय नीतियों और योजनाओं पर मुहर लगाने के काम तक सीम‍ित है। ।इस संस्‍था की सालाना बैठक प्रत्‍येक वर्ष मार्च में होती है। इसमें देशभर से करीब तीन हजार प्रतिनिधि हिस्‍सा लेते हैं। इसमें चीन के विभिन्‍न प्रांतों, हांगकांग तथा मकाऊ के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में प्रतिनिधि शामिल होते हैं। चीनी कांग्रेस की इस बैठक के साथ ही चीन की पीपल्‍स कंसल्‍टेटिव कॉन्‍फ्रेंस की भी बैठक होती है। यह देश की सबसे सर्वोच्‍च राजनीतिक सलाहकारी संस्‍था है। ।हांगकांग में खत्‍म हो रहा है विपक्ष ।ब्रिटेन का उपनिवेश रहा हांगकांग अब चीन का एक भाग है। यहां शासन एक देश दो, व्‍यवस्‍थाओं की नीति के तहत चलता है। हांगकांग की अपनी कानून व्‍यवस्‍था है। उसका अपना एक संविधान है। हांगकांग में अभिव्‍यक्ति और प्रेस की आजादी है। उसके लिए बाकयदा कानून है। हाल के वर्षों में हांगकांग की स्‍वतंत्रता और स्‍वायत्‍तता को भारी नुकसान हुआ है। चीन की नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद वहां के सभी लोकतंत्र समर्थक विधायकों ने त्‍यागपत्र दे दिया था। इसके साथ ही हांगकांग में विपक्ष पूरी तरह से खत्‍म हो गया है। लोकतंत्र समर्थकों को स्‍थानीय चुनावों में काफी दबदबा रहता है। यह बात चीन को शुरू से अखरती रही है। ।हांगकांग की 70 सदस्‍यीय विधायिका में आधे निर्वाचित ।मौजूदा समय में हांगकांग की 70 सदस्‍यीय विधानसभा में  आधे सीधे जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं, जबकि आधे सदस्‍य बीमा, इंजीनियरिंग और कृषि जैसे क्षेत्र से चुने जाते हैं। इसके लिए चीन समर्थित चुनाव समिति सभी उम्‍मीदवरों को नामांकित करती है, जबकि विपक्षी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाता है। चीन ने संकेत दिए हैं कि समिति के आकार, संरचना और गठन की व्‍यवस्‍था में बदलाव किया जाएगा। मुख्‍य कार्यकारी की नियुक्‍त‍ि भी चुनाव समिति करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c0368887da9a5e3a60120579885a77164049c0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74626.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डिजिटल हेल्थ आइडी के ये होंगे लाभ।शर्मा ने कहा कि टीकाकरण के दौरान पंजीकरण के बाद प्रत्येक लाभार्थी का डिजिटल हेल्थ आइडी तैयार किया जा रहा है। इस डिजिटल हेल्थ आइडी का इस्तेमाल लाभार्थी बाद में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के दौरान भी कर सकेंगे। डिजिटल हेल्थ आइडी से संबंधित लाभार्थी की बीमारी, जांच और इलाज से जुड़े सभी डाटा डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे, जिसे एक क्लिक के जरिये देखा जा सकता है। + +अमेजन की तरह मिलेगा प्लेटफार्म।पूरे देश में डिजिटल हेल्थ मिशन के लागू होने के बाद टीकाकरण की तरह ही प्रतिदिन करोड़ों लोगों के डाटा को संभालने और प्रोसेस करने की जरूरत पड़ेगी। डिजिटल हेल्थ मिशन की रूपरेखा बताते हुए शर्मा ने कहा कि यह आम लोगों और सेवा प्रदाताओं को अमेजन की तरह का प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। आम लोग अपनी बीमारी का बेहतर इलाज बेहतर पैकेज के साथ करा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08679d52de9aca961cb3962e1b293a70fd5a5088 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद, जेएनएन। International Women's Day 2021 आनंद मार्गीय महिलाओं को हर तरह के कर्मकांड विवाह, दाह संस्कार एवं श्राद्ध कर्म कराने का अधिकार मिला हुआ है। आनंद मार्ग प्रचारक संघ की महिला पौरोहित्य अवधूतिका आनंदचित्रप्रभा आचार्या का कहना है कि धनबाद एवं इसके आसपास महिलाओं को शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से विकसित करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। महिला सशक्तिकरण की बात अब केवल दिखावा ही रह गया है। महिलाओं को हर स्तर पर अधिकार देना होगा, तभी महिलाओं का सर्वांगीण विकास संभव है। महिला तो भौतिक स्तर पर स्वालंबी हो रही है, लेकिन उन्हें मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर भी विकसित होने का अवसर प्रदान करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e839f52c7ec3df40e33c6acb5eed3ea9b52b01e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमित जलधारी, इंदौर। रेलवे ने पहली बार देश की वीरांगनाओं और महिला शासकों के नाम इंजनों पर अंकित किए हैं। किसी इंजन को इंदौर की रानी अहिल्याबाई का नाम दिया गया है, तो किसी को रानी लक्ष्मीबाई या फिर अवंतीबाई का। दक्षिण भारत की लोकप्रिय रानी चिन्नम्मा और रानी वेलू नचियार के नाम पर भी इंजनों का नामकरण किया गया है। यह पहल कर रेलवे ने देश के स्वाधीनता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाली या अपने शासन के दम पर अमिट छाप छोड़ने वाली महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75471e9d34740c63cb1daec6ad9a27bd244bff3f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74636.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किए गए नीतिगत बदलाव  । यही कारण है कि विगत पांच वर्षो में सरकार ने बड़े पैमाने पर इस योजना को धरातल पर लागू करने के लिए नीतिगत बदलाव किए हैं। इसी क्रम में 16 अक्तूबर 2018 को रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख भाई मांडविया ने गुरुग्राम के बिलासपुर स्थित सेंट्रल वेयर हाउस का उद्घाटन करने के बाद कहा था कि यहां पर वे कर्मचारी ही काम करें, जो इसे अभियान के रूप में कर सकते हैं, जो अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निर्वहन करना जानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7630ace4d6760afaad9087f4e5d7d61da49a263a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिनेवा (यूएन)। कोविड-19 से जूझ रहे दुनिया के कई देशों के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपनी कोवैक्‍स योजना के तहत इसकी वैक्‍सीन की सप्‍लाई शुरू कर दी है। जहां इस योजना के तहत लाभ उठाने वाला पहला देश घाना था तो मोलदोवा इस योजना के तहत वैक्सीन पाने वाला पहला योरोपीय देश बना है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक अब तक 20 देशों में कोरोना वायरस वैक्सीन की दो करोड़ खुराकें भेजी जा चुकी हैं। योजना के तहत 8-15 मार्च के बीच करीब 31 अन्य देशों में 1.44 करोड़ लाख खुराक भेजी जाएंगी। इसके साथ ही कोवैक्‍स योजना के तहत इस वैक्‍सीन को पाने वाले देशों की संख्‍या बढ़कर 51 हो जाएगी। वैश्विक महामारी कोविड़-19 के से गरीब देशों को मुक्‍त करने के लिए ये मिशन न सिर्फ काफी अहम है बल्कि काफी व्‍यापक भी है। इतने बड़े मिशन में करोड़ों खुराक के बाद भी डब्‍ल्‍यूएचओ को एक बात की चिंता सता रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac16e5b00ec4adef0c096116664a25d0873e0872 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74638.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अनंत विजय]। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दल एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के सामने भारतीय जनता पार्टी एक बड़ी चुनौती लेकर खड़ी है। कांग्रेस और वामपंथियों का गठबंधन अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्षरत दिखाई दे रहे हैं। + +पश्चिम बंगाल का चुनाव देश के अन्य राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव से थोड़ा अलग हटकर है। यहां बंगाल की संस्कृति और बंगाली अस्मिता भी प्रमुख चुनावी मुद्दा बनते हैं। भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस लगातार वहां की संस्कृति की बात कर रही है। तृणमूल कांग्रेस खुद को बंगाल की संस्कृति का ध्वजवाहक बताते हुए चुनाव मैदान में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..823153ad3a395a2a47b80c5e610b33a3986cb9a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74640.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + सीमा की रखवाली का जिम्‍मा असम राइफल्‍स के सैनिकों के पास।बता दें कि मिजोरम की म्यांमार के साथ 510 किलोमीटर की लंबी सीमा लगती है। मिजोरम-म्‍यांमार के साथ लगने वाली सीमा की रखवाली की जिम्‍मेदारी असम राइफल्‍स के सैनिकों के पास है। मिजोरम पोस्‍ट ने असम राइफ्लस के हवाले से कहा है कि केंद्र के उच्‍च अधिकारियों ने म्‍यांमार से किसी भी अवैध नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं देने के लिए कहा था। उधर, मिजोरम सरकार ने केंद्र सरकार को पड़ोसी देश से शरणार्थियों की संभावना के बारे में सूचित किया है। बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद वहां सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके चलते म्‍यांमार में हालात तनावपूर्ण हैं। भारत ने कहा है कि वह हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह म्यांमार से मिजोरम में आए लोगों की रिपोर्टों का सत्‍यापन कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..168041a0730a8af8e3008ae4cb5eed9056cc93ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह परेशानी तो लें सलहा ।खून की उल्टी, पचे हुए खून के कारण गहरे रंग का मल, पेट फूलना, या मल में खून कलाई मोड़ने पर हाथों का कांपना (फ़्लैपिंग हैंड ट्रेमर), खून निकलना, त्वचा में सूजी नसों का जाल, नाभि के आस-पास बढ़ी हुई नसें (शिराएं), या निगलने में परेशानी हो सकती है।क्या है पोर्टल वेनलिवर, स्पलीन और आंत में रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए आपस में एक रक्त वाहिका जुडी होती है। जहां पर इन तीनो की नसे आपस में मिलती है ( जंक्शन) उस स्थान को पोर्टल वेन कहा जाता है। इसमें रूकावट होने पर रक्त संचार बाधित होता है जिससे नसों पर दबाव बढ़ जाता है। इसकी वजह से खाने की नली में स्थित रक्त वाहिका में भी दबाव होता है जो कई बार फट जाती है। लिवर सिरोसिस की स्थित में यह कामन है लेकिन लिवर सोरिसस के बिना भी इस वेन में रूकावट हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecf8cef8fbe6b448958f4367c95f8672d784a443 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74645.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारतीय सिनेमा के मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (बचपन का नाम गौरांग चक्रवर्ती) का जन्म 16 जून 1952 को कोलकाता में हुआ। कोलकाता के ही विख्यात स्कॉटिश चर्च कॉलेज से उन्होंने रसायन विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद वे भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान, पुणे से जुड़े और वहीं से स्नातक भी किया। + +यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।यह बहुत ही कम लोगों को ज्ञात है कि मिथुन को फिल्म उद्योग में प्रवेश करने से पहले कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन उनके परिवार को तब और कठिनाई का सामना करना पड़ा जब उनके एकमात्र भाई की मौत दुर्घटनावश बिजली के करंट लगने से हो गयी। इसके बाद मिथुन अपने परिवार में लौट आये। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ और जीवन में उन्हें एक आइकोनिक दर्जा प्रदान करने में प्रमुख कारण बना। यह बात भी कम लोग ही जानते हैं कि उन्होंने मार्शल आर्ट में महारत हासिल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74648.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74648.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0505e2e9e5c7ca9015cc9b96142b880090f83cdb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74648.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, एजेंसियां। सिने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती(Mithun Chakraborty) एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं में हैं। करीब पांच सालों तक राजनीति से दूर रहे मिथुन चक्रवर्ती रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी के एक और सिपहसालार की भाजपा में एंट्री हो गई। मिथुन चक्रवर्ती की बात करें तो वह एक समय तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) की ओर से राज्यसभा सांसद थे। उन्हें सक्रिय राजनीति में लाने का श्रेय भी ममता बनर्जी को जाता है। लेकिन, 2016 में मिथुन चक्रवर्ती ममता को छोड़ राजनीति से दूर चले गए थे। सभी के मन में सवाल होंगे कि आखिरी टीएमसी से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले मिथुन के साथ ऐसा क्या हुआ जिस कारण उन्होंने सालों पहले पार्टी को छोड़ दिया और अब भाजपा का हाथ थाम लिया है। आइए जानते हैं मिथुन चक्रवर्ती का राजनीतिक इतिहास कैसा रहा है। + +2016 में राज्यसभा से इस्तीफा, राजनीति से दूरी।मिथुन चक्रवर्ती ने साल 2016 में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उस दौरान इस्तीफे की वजह उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। जिस समय मिथुन ने ममता का साथ छोड़ा तब उनके डेढ़ साल का कार्यकाल बचा हुआ था। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि ममता बनर्जी से मतभेद होने के बाद उन्होंने टीएमसी से नाता तोड़ लिया था। हालांकि, इसकी कभी कोई पुष्टि नहीं हो पाई। तृणमूल कांग्रेस ने मिथुन के इस्तीफे की पुष्टि कर कहा था कि भविष्य में मिथुन से पार्टी के रिश्ते बने रहेंगे। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a247256c03a2229a858f65411b8a20bee4e314a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट एक दूसरे डेट कर रहे हैं। पिछले साल, रणबीर ने कहा था कि अगर कोरोना महामारी उनके जीवन को हिट नहीं करती तो उनकी शादी हो जाती। रणबीर-आलिया को अक्सर आउटिंग पर और एक-दूसरे के परिवार के साथ गेट-टुगेदर में देखा जाता है। इसके अलावा दोनों जल्द ही फिल्म 'ब्रम्हास्त्र' में भी साथ नजर आने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dea6c0a8a28bc7e6bb48ac4b66a152134cf2bbe9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। महानगर के नियोजित विकास का खाका क्रिएटिव सर्किल कंपनी के दफ्तर में फंस गया है। मार्च के अंत तक महायोजना 2031 बनकर तैयार होनी थी। लेकिन, अभी इसे तैयार होने में छह महीने का समय और लग सकता है। कोरोना काल की वजह से भी काम में देरी हुई है। लेकिन, ऐसे में शहर का नियोजित विकास किस तरह होगा। एमडीए सचिव ने महायोजना में लेटलतीफी करने पर नाराजगी जताते हुए कंपनी को पत्र लिखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d96f644d19cd745783f1d909cc08e60f001b929 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- कै बताऊं बेटी। हाम तो ऊंची आवाज में बोल भी न सके हैं, घूंघट तो काढ़ना पड़े है। (क्‍या बताऊं बेटी। हम तो ऊंची आवाज में बोल भी नहीं सकते, घूंघट तक निकालना पड़ता है।)।- एक बात बता ताई... थारी पोती कल नै कल्पना चावला बनना चाहेगी तो क्या घूंघट ओढ़कर चांद से धरती नै देखेगी। (एक बात बताओ ताई... तुम्‍हरी पोती यदि कल कल्‍पना चावला बनना चाहेगी तो क्‍या घूंघट ओढ़कर चांद से धरती को देखेगी।) इस बात पर महिलाएं ठहाका लगाकर हंसने लगीं...।  बात गहरी थी। दिल में उतर गई। उस दिन की चौपाल ऐसा बदलाव लाई कि 31 महिलाओं ने घूंघट को त्याग दिया। हरियाणा के इस गांव की नई तस्वीर गढ़ी है सर्वखाप महिला महापंचायत ने। आप चौक गए होंगे। खाप महापंचायत। नाम सुनते ही जहन में आता होगा पुरुषों का ही वर्चस्व। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd8e11b1fc73d1d129e6bc45f9d2c936a654aa3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74652.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, प्रकाश भारद्वाज। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का लाभ उठा रही शिमला जिला के ठियोग क्षेत्र से जुड़े सरोग गांव की कृष्णा वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देवदूत बताया। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के तहत आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते हुए कहा कि मैं उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग की मरीज हूं। ऐसे में मुझे हर महीने बाजार से दवाओं की खरीद पर पांच से छह हजार रुपये खर्च करने पड़ते थे। बाजार से महंगी दवाएं खरीदकर खानी पड़ती थी, ताकि मैं जीवित रह सकूं। जब से प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र राज्यस्तरीय इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में खुला है, वहां से मुझे 800 से 1000 में सभी दवाएं मिल जाती हैं। + +ऐसे में दवाओं की खरीद पर होने वाला आत्‍यधिक खर्च कम हो गया है और हजारों रुपये की बचत हो रही है। जो पैसा बचा है उसे मैं दूसरी जगह पर इस्तेमाल कर रही हूं। प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करते हुए कृष्णा वर्मा ने कहा हम गरीब किसान परिवार हैं, एक समय तो मैंने सोच लिया था कि अब मैं दवा नहीं खाऊंगी और दवा के बिना मर जाना बेहतर रहेगा। क्योंकि गरीबी के कारण दवाओं पर खर्च करने के लिए इतना पैसा हमारे पास नहीं था। लेकिन जन औषधि केंद्र से सस्ती दवाएं मिलने से मेरे जीने की उम्मीद बढ़ी है। मैं अपने गांव के आसपास लोगों को और महिलाओं को जागरूक करती हूं कि बाजार से महंगी दवाई खरीदने के बजाय जन औषधि केंद्र से सस्ती दवाएं खरीदें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83924f705da6eab768b2f921edc19f2f77dc4ed2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74655.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसानों ने खेतों में ही दफन कर दीं सब्जियां। कृषि कानूनों के विरोधी सिंघु बार्डर जाम करके बैठे हैं। इससे दिल्ली के किसानों की सब्जियां मंडी में नहीं पहुंच पाई। मजबूरन किसानों को सब्जियां खेतों में ही दफन करनी पड़ीं। सिंघु व सिंघोला गांव के कुछ किसानों ने बताया कि रास्ते बंद होने की वजह से वाहन खेत तक नहीं पहुंच पाते हैं। खेत तक यदि दूसरे रास्ते से वाहन लेकर जाते हैं तो वाहन स्वामी कई गुना पैसे मांगते हैं। इसका खर्च लागत से भी ज्यादा हो जाता है। इसलिए उन्होंने अपनी खड़ी गोभी की फसल को खेत में जोत दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3521dae2d827ec6624b950a9d1bf9e626aa7d6c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74657.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एसएसपी ने बताया कि महिला पुलिसकर्मियों के बच्चों की देखरेख के लिए यह निश्शुल्क व्यवस्था की गई है। क्रेच में तीस बच्चों के एक साथ रहने की सुविधा है। इसमें डेढ़ से चार वर्ष तक के बच्चों को रखा जाएगा। बच्चों के एक जोड़ी अतिरिक्त कपड़े, खाने का सामान उनकी मां लेकर आएंगी। चार महिला कांस्टेबल बच्चों की देखरेख को तैनात की गई हैं। इसके साथ ही आया भी रखी जा रही हैं। रविवार को ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। + +2.25 लाख की लागत से तैयार हुआ क्रेच।पुलिस फेमिली वेलफेयर एसोसिएशन की संस्था वामा सारथी के तहत यह क्रेच तैयार किया गया है।इसकी जिला स्तर पर इसकी अध्यक्ष एसएसपी की पत्नी हैं। पुलिस फेमिली वेलफेयर से 2.25 लाख का बजट खर्च कर इसे तैयार कराया गया है। पुलिस मार्डन स्कूल में भी एक क्रेच तैयार कराया जा रहा है। पुलिस लाइन में तैनात महिला पुलिसकर्मी इसमें अपने बच्चों को छोड़ सकती हैँ। इसमें बच्चों की केयर के लिए न्यूनतम शुल्क रखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..365a67c1001c5d2116b777516150b52182b12b5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सामाजिक कार्यों के लिए खूब देते थे दान।अभय अवस्थी बताते हैं कि उस समय के रईसों की यह आदत थी कि वे अपनी संपत्ति में से धार्मिक तथा सामाजिक कार्यों के लिए पर्याप्त धन देते थे। लाला मनोहरदास ने भी ऐसा ही किया। नगरवासियों तथा पीडि़तों के लिए भी लाला मनोहरदास ने मुक्तहस्त से दान दिया। बलुआघाट में कार्तिक माह में बहुत भीड़ होती थी। वहां पक्का घाट बनवाने के लिए उन्होंने एक लाख रुपये दान में दिए थे। उनके दिए धन से उनके पुत्र लाला रामचरणदास ने यह घाट 1906 में बनवाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..704f5d2074a88ba994af3103e93960df56a37290 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74660.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ताजगंज में अव्यवस्थाओं का आलम है। पुरानी मंडी चौराहा से ताजगंज होते हुए ताजमहल आने वाले पर्यटकों को इन अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है। तांगा स्टैंड, नगर निगम गर्ल्स इंटर कालेज, ताजगंज थाना के सामने, मदरसे के पास, कुत्ता पार्क, चौक कागजियान में गाड़ियां पार्क कर दी जाती हैं। मार्ग पर अतिक्रमण रहता है, जिससे पर्यटक परेशान होते हैं और उनके लिए यहां से गुजरना मुश्किल भरा साबित होता है। यह स्थिति तब है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 नवंबर, 2000 को ताजमहल और उसकी 500 मीटर की परिधि के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान बनाने और अतिक्रमण हटाने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। आज तक ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान नहीं बन सका है। इस अव्यवस्था से आपात स्थिति में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। + +पास की थी अस्थायी व्यवस्था।सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में निवास करने वाले लोगों के लिए महाजन समिति की रिपोर्ट के आधार पर वाहन पास की व्यवस्था अस्थायी रूप से करने को कहा था। उप्र सरकार को स्थायी समाधान के रूप में ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान देना था, लेकिन प्लान न बनाकर वाहन पास को ही समस्या का समाधान मान लिया गया। आपात स्थिति में अधिकारियों के वाहन बिना पास के ताजमहल तक जाने की व्यवस्था आदेश में की गई थी। आरटीओ द्वारा अधिकारियों को थोक के भाव वाहन पास जारी कर दिए गए हैं, जबकि पास केवल स्थानीय निवासियों को जारी किए जाने थे। + +दक्षिणी गेट को माना था लिविंग हेरिटेज।महाजन समिति ने अक्टूबर, 2006 में दी रिपोर्ट में ताजमहल के दक्षिणी गेट को लिविंग हेरिटेज माना था। समिति ने तीनों गेटों के एक साथ खुलने और बंद होने की सिफारिश की थी। फरवरी, 2018 में इस गेट को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर बंद कर दिया गया था। क्षेत्रीय लाेगों के विरोध के बाद इस गेट से पर्यटकों के निकास की व्यवस्था की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71160325373c2fc73581f3e5b09ff42d84453ff0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74661.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसानों की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता हैं। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की खुशहाली के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों का लाभ किसानों को मिलेगा। इन्हें किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा किसानों को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई हैं। राज्य सरकार किसानों के हितों से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं को पूरी गंभीरता से लागू कर रही है। यह इसी का नतीजा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में उत्तर प्रदेश को पहला पुरस्कार मिला है। प्रतिनिधिमंडल में राजेंद्र स‍िंह मलिक, सर्वखाप मंत्री सुभाष वालियान, राजवीर स‍िंह मलिक, हरवीर स‍िंह, राजपाल स‍िंह, फेरू स‍िंह, करन स‍िंह, सुनिल कुमार, रामवीर स‍िंह, अरविंद मलिक, सरवीर स‍िंह, सरवेन्दर स‍िंह और धर्मवीर स‍िंह शामिल थे।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74664.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74664.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90c6abc31b3c66efed1d30f7c2d2c535c87e6bb5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74664.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Delhi Metro News: मायापुरी मेट्रो स्टेशन पर लावारिस सूटकेस मिलने से मचा हड़कंप, सच्चाई सामने आई तो CISF जवान भी हुए हैरान।प्रदर्शनकारियों व टेंटों की संख्या में काफी कमी आई है। जहां कई जगहों से टेंट हट गए हैं वहीं जहां टेंट लगे हैं वह पूरी तरह से सुनसान हैं। मंच के सामने भी मुट्ठी भर प्रदर्शनकारी दिखाई दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में प्रदर्शनकारी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी यूपी गेट पहुंचे। हाल यह था कि जहां तक नजर जाती थी वहां तक टेंट ही टेंट नजर आते थे, लेकिन यह संख्या अब घटकर कुछ में आ सिमटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6f8a974432572855f536b77e5f891dd92e619d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74666.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अब सिर्फ स्कूल की ही रसोई नहीं गमकेगी बल्कि स्कूली बच्चों के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर गरमागरम खाना तैयार करने वाले रसोइयों के घर की रसोई भी महकेगी। केंद्र सरकार सरकारी स्कूलों में खाना बनाने वाले देशभर के 25 लाख से ज्यादा रसोइयों (कुक कम हेल्पर) के मानदेय में फिलहाल बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। जो कम से कम दोगुनी की जा सकती है। हालांकि इसे तीन गुना तक बढ़ाने का प्रस्ताव है लेकिन इस समय आर्थिक स्थिति को देखते हुए इसे दोगुना करने की तैयारी है। + +हर माह इतना बढ़ जाएगा मानदेय ।इस योजना पर अमल हुआ तो उन्हें हर माह न्यूनतम दो हजार रुपए का मानदेय मिलेगा। स्कूलों में खाना बनाने वाले इन रसोइयों को मौजूदा समय में सिर्फ एक हजार रुपए ही मानदेय दिया जाता है। जिसमें छह सौ रुपए केंद्र सरकार देती है और बाकी के चार सौ रुपए राज्यों को देने होते हैं। खास बात यह है कि इनके मानदेय में पिछले दस सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। इनके मानदेयों में अंतिम बार बढोत्तरी 2009 में की गई थी। ।15वें वित्त आयोग ने की है सिफारिश ।हालांकि कुछ राज्यों ने इनकी स्थिति को देखते हुए अपने स्तर पर इनके मानदेय में बढ़ोतरी कर रखी है। यह स्थिति तब है कि जब देश में अकुशल श्रमिकों की भी न्यूनतम मासिक मजदूरी कम से कम दस हजार तय है। हाल ही में 15वें वित्त आयोग ने भी इनके मानदेय में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd852a164681b18bed06c05def23431fcbc8c296 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, आलोक मिश्र। आजकल जोर या तो कागजों का है या आंकड़ों का। आप चाहे जितने सही हों, अगर कागज सही नहीं है तो आप गलत माने जाएंगे। इसी तरह आंकड़ों के बोल को कोई नहीं काट सकता। बिहार में गरीबी-गरीबी की रट लगाने वालों को इस बार आंकड़ों ने जोर की चपत लगाई है। गुरुवार को जारी हुए ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में आर्थिक अवसर मुहैया कराने के मामले में पटना देश में पांचवें नंबर पर दिखाया गया है। कोरोना काल में बिहार लौटे लाखों कदमों को देख छवि बनी थी कि रोजगार न होने के कारण लोग बाहर जाते हैं। जबकि आंकड़े बताते हैं कि लोग अपने हुनर का लाभ दूसरों को देने के लिए जाते हैं न कि आर्थिक अवसर के लिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c3d625f0342e48f83c463cd1180ecabd10ac5c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Axar Patel new world record in test cricket, Ind vs Eng: भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया और ये उनके लिए ड्रीम डेब्यू साबित हुआ। इस टेस्ट सीरीज में उन्होंने अपनी स्पिन का जादू जमकर जमकर दिखाया और इंग्लैंड के बल्लेबाज उनके सामने पूरी तरह से बेदम साबित हुए। अक्षर पटेल ने इस टेस्ट सीरीज के दौरान चार बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कमाल भी कर डाला साथ ही साथ उन्होंने अपने डेब्यू सीरीज में ही टेस्ट क्रिकेट में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी कायम कर दिया। ।अक्षर पटेल ने बताया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड।अक्षर पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच के जरिए अपना डेब्यू किया था। इसके बाद से उन्होंने इस टेस्ट सीरीज में कुल 27 विकेट चटकाए और विकेट लेने के मामले में भारत की तरफ से दूसरे नंबर पर रहे। इस मामले में आर अश्विन पहले नंबर पर हैं और उन्होंने कुल 32 विकेट चटकाए। अक्षर पटेल ने इस टेस्ट सीरीज में 27 विकेट लिए और डेब्यू टेस्ट सीरीज (कम से कम तीन मैचों की टेस्ट सीरीज) में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बन गए। ।अक्षर पटेल से पहले किसी भी टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड इससे पहले अजंता मेंडिस के नाम पर था जिन्होंने साल 2008 में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान कुल 26 विकेट लिए थे। अब अक्षर ने अजंता को पीछे छोड़ दिया और पहले नंबर पर पहुंच गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a82d81aa2dcb35d6860fd6efe0bf13a07f965c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74669.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi Board Of School Education: दिल्ली का अब अपना एजुकेशन बोर्ड होगा। शनिवार को दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों को कट्टर देशभक्त, अच्छे इंसान और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दिल्ली कैबिनेट ने शनिवार को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दी है। यह बोर्ड बच्चों में रटने पर नहीं, बल्कि उनमें समझ विकसित करने पर बल देगा। सीएम ने कहा, यह बोर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग लिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74673.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74673.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b0006734199347d9b66d79b72a6f54c9d3f286d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74673.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्व सीआरपीएफ कमांडर भी जुड़े मिशन से।आज़ाद फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे "मिशन शिक्षा" के तहत "आओ शिक्षा के दीप जलाये" नाम से चलाये जा रहे इस मिशन को पूर्व सीआरपीएफ कमांडर इमरान खान, लताफ़त खान तथा सय्यद बिलाल के दिशा निर्देशन में चलाया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से बच्चों को शिक्षित करने की ज़िम्मेदारी डॉक्टर शाद, काशीबा सिद्दीकी, यूसरा खान, फ़िज़ा, सदफ, आरिज़, शोएब, अना की है जो अपना बहुमूल्य समय देकर बच्चों का भविष्य बना रही हैंं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f3acc3cde7876868737ab2a6a72e43a1fdd91c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्कूल में होंगी प्रायोगिक परीक्षाएं ।दोस्तो, इसमें दो मत नहीं कि बीते वर्षों की तुलना में इस बार स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी एवं रिवीजन के लिए पूरा समय मिला है। अमूमन जो परीक्षाएं मार्च से शुरू होकर अप्रैल में खत्म हो जाती थीं, वह इस बार मई महीने से शुरू हो रही हैं। सीबीएसई बोर्ड ने पेपर्स के बीच अच्छा गैप भी रखा है। प्रैक्टिकल्स शुरू हो चुकी हैं, जो ११ जून तक चलेंगी। बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, प्रैक्टिकल परीक्षाएं स्कूल में ही होंगी, जिसकी निगरानी के लिए इंटरनल एवं एक्सटरनल दोनों एग्जामिनर्स उपलब्ध होंगे। परीक्षा के फौरन बाद अंकों को अपलो़ड करना होगा। किसी भी सूरत में इन नियमों के टूटने पर परीक्षा को रद्द कर दिया जाएगा औऱ सैद्धांतिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मार्क्स दिये जाएंगे। बोर्ड की ओर से एक ऑब्जर्वर भी नियुक्त किया जाएगा, जो परीक्षा का सुपरविजन करेगा। परीक्षा से पहले स्कूल प्रशासन को लैब को सैनिटाइज करना होगा। स्टूडेंट्स एवं टीचर्स के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उन्हें शारीरिक दूरी बनाकर रखनी होगी। इसके अलावा, स्कूल में प्रवेश एवं बाहर निकलने के लिए अलग-अलग रास्ते तय किये जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9caee5a77f2e248d431b5f707290c42e6f26dba6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे हो रहा सदस्यों का चयन।महिला सुरक्षा समिति के चयन को लेकर पुलिस बेहद सजग और सतर्क है। संभावित सदस्यों का नाम तय करने से पहले पुलिस उनकी सामाजिक छवि का खास ख्याल रख रही है। थाना प्रभारी, हल्का इंचार्ज और बीट सिपाही की मदद से संभावित सदस्यों की सामाजिक छवि व कार्य कौशल का आकलन किया जा रहा है। गोपनीय रिपोर्ट के बाद ही समिति के सदस्यों की अंतिम सूची आम करने की योजना है। पुलिस पुरजोर प्रयास कर रही है कि भारी भरकम सुरक्षा समिति में कोई ऐसा सदस्य शामिल न हो, जो आने वाले कल में पुलिस के गले की फांस बने। यही वजह है कि महिला सुरक्षा समिति के गठन में फूंक फूंक कर कदम रखे जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e056382d8b003368fcd767658c20133c0c515b2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74677.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। जरा सोचिए अगर पुरानी दिल्ली के लजीज जायकों के साथ वहां का इतिहास, उसकी बसावट-बनावट से भी रूबरू होने का मौका मिल जाए..मिर्जा गालिब के समय का मुगलई जायका, लुटियंस के समय के कुजीन। है न रोचक। ओखला के क्राउन प्लाजा होटल में चल रहे दिल्ली-6 फूड फेस्टिवल में इन दिनों कुछ इसी अंदाज में जायके परोसे जा रहे हैं। फेस्टिवल शनिवार यानी आज रात 11 बजे तक ही है। इसमें आप एक ही छत के नीचे पुरानी दिल्ली के लजीज व्यंजन व स्ट्रीट फूड का हर वो स्वाद ले सकेंगे, जिसे आप बीते एक साल से कोरोना की वजह से मिस कर रहे हैं। ढाई किलो का टिक्की सुना है। + +इनका भी है आकर्षण। गालिब का शायरी दरबार देखना हो या लुटियंस द्वारा डिजाइन नई दिल्ली का वायसराय हाउस, दिल्ली-हावड़ा जंक्शन, चांदनी चौक और उस समय की रेलगाड़ी की सीटों की डिजाइन वाली डाइनिंग टेबल सब है यहां। और हां, नमक हराम की हवेली, स्पेशल दौलत की चाट व देसी पान, पराठे वाली गली सब कुछ एक ही छत के नीचे देखने का आनंद कहीं और नहीं मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2a1258d9c6e89d747957ba7234972ebe148441f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वृषभ।वृषभ शिव का वाहन है। वह हमेशा शिव के साथ है। वृषभ का अर्थ धर्म है। मनुस्मृति के अनुसार 'वृषो हि भगवान धर्म:'। वेद ने धर्म को चार पैरों वाला प्राणी कहा है। उसके चार पैर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हैं। महादेव इस चार पैर वाले वृषभ की सवारी करते हैं यानी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष उनके अधीन हैं। वृषभ का एक अर्थ वीर्य और शक्ति भी है। अथर्ववेद में वृषभ को पृथ्वी का धारक, पोषक, उत्पादक आदि बताया गया है। वृष का अर्थ मेघ भी है। इसी धातु से वर्षा, सृष्टि आदि शब्द बने हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74680.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74680.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af88ac970db7c2ba0c74420f2a8a09e7d8aacc69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74680.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीतीश कुमार ने इस विसंगति को 2017 में भी उठाया था, लेकिन वह बात बिहार विधानसभा में ही सिमट कर रह गई थी। स्वाभाविक है कि जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल का किराया दूरी के हिसाब से एकसमान होता है तो एक ग्रिड से दी जाने वाली बिजली की दरें अलग अलग क्यों हैं? महंगी बिजली का गणित लागत एवं राजस्व की एक जटिल प्रक्रिया के कारण भी आम आदमी की समझ से बाहर है। बिजली बिल दो हिस्सों से मिलकर बनता है। एक फिक्स्ड चार्ज और दूसरा एनर्जी चार्ज। फिक्स्ड चार्ज में उत्पादन, पारेषण, ट्रांसमिशन, मेंटेनेंस लागत एवं पूंजी पर रिटर्न वसूला जाता है, जबकि ऊर्जा प्रभार उपभोक्ताओं द्वारा वास्तविक बिजली खपत की कीमत पर आधारित होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74683.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74683.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78473ba5ce3107a910fe12a67494c90e7176c061 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74683.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, सुबान खान। दहेज उत्पीड़न का दंश झेल रही अहमदाबाद की आयशा ने मोहब्बत में खुद को फना जरूर कर दिया, पर उसका दुनिया से जाना जाया नहीं गया। आगरा की बेटियों को इस दंश से बचाने के लिए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपने समुदाय से दहेज प्रथा को खत्म करने की अपील की है। शहर के धर्मगुरुओं ने यही कहा कि शरीयत में दहेज देना-लेना गुनाह है। इसे कबूल न करें। इस अपील से दहेज उत्पीड़न का दंश झेल रही बेटियों के साथ उन लोगों को भी राहत मिली है, जो दहेज देने की हैसियत से बाहर हैं। + +दहेज मांगने की बात तो दूर, बल्कि पति को मेहर में तीन तोला चांदी या उसकी कीमत का सोना देना होता है और शादी भी उसी लड़के के साथ की जाती है। जो लड़की की सारी जिम्मेदारी उठाने के काबिल हो। शरीयत में दहेज मांगना गुनाह करार दिया है। ।मोहम्मद अहमद अली, शहर काजी।शरीयत के हिसाब से बेटियों को मिरास (पिता की सपत्ति) में हिस्सा अदा करना शामिल है। जिसमें संपूर्ण संपत्ति का आठवां हिस्सा पत्नी का है और बाकी संपत्ति में दो हिस्सा में बेटों का और एक हिस्सा बेटियों का होता है। ।मुफ्ती अमीरूद्दीन, शिक्षक।आयशा की तरह मुल्क में बहुत सारी बेटियों का उत्पीड़न हो रहा है। समाज सुधार के लिए सभी को एकसाथ जुटना होगा। इसमें घर के मुखिया की जिम्मेदारी तय होगी। तभी समाज की स्थिति बदलेगी। ।मौलाना उजैर आलम, नायब शहर काजी।मुसलमान अपनी बेटियों को दहेज की बजाय मिरास दें। इस चलन से बेटी का हक भी अदा होगा और दहेज के लेन-देन सेे आने वाली परेशानियां दूर होंगी। फिर आयशा की तरह कोई बेटी खुदकुशी करने के मुकाम पर नहीं पहुंचेगी। ।मुफ्ती मुदस्सिर, राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इंडिया उलमा बोर्ड ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12cdefc6dff7dc9b4a62bc0bd2a6cc0ca885d4f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74690.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +अहमदाबाद, अभिषेक त्रिपाठी। छह मार्च 1971 को जब पोर्ट ऑफ स्पेन में पांच फुट पांच इंच का भारतीय लड़का पहली बार उस समय की सर्वश्रेष्ठ कैरेबियाई टीम के खिलाफ उसके घर में बिना हेलमेट के उतरा तो किसी को नहीं लगा था कि वह इतनी दूर तक जाएगा। वह लड़का पहले दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बना और बाद में क्रिकेट का सबसे बड़ा दिग्गज। जी हम बात कर रहे हैं 71 साल के सुनील गावस्कर की। शनिवार को गावस्कर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के 50 वर्ष हो जाएंगे। इस मौके पर अभिषेक त्रिपाठी ने सुनील गावस्कर से विशेष बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-।-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के 50 वर्ष, क्या सोचते हैं?।-यह 50 वर्ष बहुत खुशी देने वाले रहे हैं। यह मेरा सौभाग्य था कि भारत के लिए खेलने का मौका मिला। कुछ ऐसे क्षण थे जिसका हिस्सा बनने का मौका मिला। कुछ अच्छे क्षण थे और कुछ खराब क्षण जिसमें भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। हालांकि हम उससे भी उबरे और जीत हासिल की। निश्चित तौर पर इस समय विशेष तरह की अनुभूति हो रही है। + +-क्रिकेटर नहीं होते तो क्या होते?।-मेरा मन था कि मैं डॉक्टर बन जाऊं। मेरी बुआ डॉक्टर थीं। मैं उनकी डिस्पेंसरी में जाया करता था। वहां मध्यम वर्ग और गरीब लोग इलाज कराने आते थे। वह उनकी देखभाल करती थीं। मरीजों की आंखों में मेरी बुआ के लिए जो आदर और प्यार था उसे देखकर मैं डॉक्टर बनना चाहता था। मैं हमेशा मानता आया हूं कि ये दुनिया का सबसे बेहतर प्रोफेशन है। किसी को कोई बीमारी हो तो आप ठीक कर लेते हैं, किसी को दर्द हो रहा है तो दवाइयां देते हैं, दिलासा देते हैं। हालांकि जब मैं दूसरी या तीसरी कक्षा में आया तो मुझे पता चला कि मेरे अंदर उतनी प्रतिभा नहीं है कि मैं आगे डॉक्टर बनूं। + +-क्या इसी वजह से आप बीमार बच्चों की मदद करते हो?।-मैं हार्ट टू हार्ट फाउंडेशन का ट्रस्टी हूं। ये तीन जगह पर सत्य साई संजीवनी अस्पताल चलाते हैं। इसमें छोटे बच्चे आते हैं जिन्हें दिल की बीमारी होती है। 17-18 साल तक कभी तो उससे भी ज्यादा समय तक उनका इलाज मुफ्त होता है। जो मेरे से होता है वह मैं सहयोग करता हूं, लेकिन यह कुछ भी नहीं हैं क्योंकि जरूरत इससे बहुत ज्यादा है। मैं आपका थोड़ा वक्त लेकर बताना चाहूंगा कि हर साल भारत में तीन लाख से ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं जिनको कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट होता है। इसमें से 90,000 से ज्यादा अपना अगला जन्मदिन भी नहीं देख पाते। उसमें अगर थोड़ा सा भी कर लूं तो आनंद मिलता है। जब माता-पिता इन बच्चों को लेकर अस्पताल आते हैं तो उनके चेहरों पर आशा नहीं होती है। ऑपरेशन के बाद उनको जब बताया जाता है कि आपका बच्चा ठीक हो गया तो उनके चेहरे पर जो आनंद आता है, वह मैंने देखा है। किसी मैच में दोहरा शतक लगाने से ज्यादा इसमें आनंद मिलता है। + +-आप पहलवान भी बनना चाहते थे?।-जी हां, मेरे ताऊ मुझे वर्ली के वल्लभभाई पटेल स्टेडियम में लेकर जाया करते थे। वहां पर फ्रीस्टाइल कुश्ती करने दारा सिंह जी आया करते थे। वहां पाकिस्तान से अकरम नाम के पहलवान भी आया करते थे। जब दारा सिंह और अकरम के बीच कुश्ती होती थी तो बहुत मजा आता था। दारा सिंह जब एरोप्लेन स्पिन करते थे, मतलब जब विपक्षी को सिर पर उठाकर चकरी जैसा घुमाते थे तो सब उठकर जाने लगते क्योंकि सबको पता चल जाता था कि अब मुकाबला खत्म हो गया। एक उनका स्कॉर्पियन स्टिंग दांव होता था। वह विरोधी पहलवान को पैरों से जकड़ लेते थे, और हम जीत जाते थे। तब मुझे कुश्ती में बहुत लगाव था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbbe19760e036ca9a576a222263ecb32a5d63780 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। श्रीरूप गौड़ीय मठ का प्रयागराज में पुराना इतिहास है। यह मठ पिछले 90 साल से भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं को फैलाने का काम कर रहा है। यहां पर शहर ही नहीं दूसरे प्रदेशों से भी भक्तों का आनाजाना वर्ष भर लगा रहता है। माघ मेला और कुंभ के दौरान भक्तों की संख्या काफी होती है। यहां श्रीराधा-कृष्ण के साथ चैतन्य महाप्रभु व अन्य देवी-देवों की मूर्तियां विराजमान हैं।    ।श्रील रूपा गोस्वामी की स्मृति में 1930 में हुई थी स्थापना।सिविल लाइंस से संगम की ओर जाने वाले महात्मा गांधी मार्ग पर मधवापुर मुहल्ले में श्रीरूप गौड़ीय मठ स्थित है। वर्तमान में मठ के प्रमुख संत श्रीमद भक्ति आचार्य अवधूत जी महाराज का कहना है कि श्रीरूप गौड़ीय मठ की स्थापना सन् 1930 में श्रील रूपा जी गोस्वामी की स्मृति में श्रील बीएस सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद ने कराई थी। इसके पहले साउथ मलाका में किराए के एक मकान से मठ का संचालन होता था। बाद में मधवापुर में जीटी रोड के किनारे जमीन क्रय की गई। ।श्रीकृष्ण के भक्त गणेश चंद्र देव के प्रयास से मिली जमीन।मधवापुर में जहां पर वर्तमान में मठ है। वह जमीन बाइका बाग में रहने वाले श्रीराधा-कृष्ण के अनन्य भक्त गणेश चंद्र देव के प्रयासों से मिली थी। उन्होंने प्रयास करके धन जुटाया जिससे यहां पर जमीन क्रय की जा सकी थी। अवधूत महराज के मुताबिक जमीन मिलने के बाद श्रील प्रभुपाद ने 30 अक्टूबर 1929 में इस मठ की नींव रखी जिसके एक साल बाद 1930 में श्रील प्रभुपाद ने श्रील रूपा गोस्वामी की स्मृति में यहां पर श्रीराधा-गोविंद का एक सुंदर मंदिर बनवाया था फिर अन्य निर्माण भी हुए थे। । कृष्णभक्त चैतन्य महाप्रभु, शिव-पार्वती की प्रतिमा है आकर्षक ।इस मठ के भीतर बने श्रीराधा-कृष्ण मंदिर के समीप ही कृष्णभक्त चैतन्य महाप्रभु, शिव-पार्वती की प्रतिमा भी विराजमान है। यहीं पर श्रील रूपा गोस्वामी की मूर्ति भी है जिनके दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर का परिसर हरियाली से भरपूर है, जिससे वृंदावन सा आभास होता है। वर्ष 2000 में ओम विष्णुपद परमहंस श्रील भक्ति सुह्द परिब्राजक महाराज ने मठ का जीर्णोद्धार कराया था। ।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और रामनवमी को होता है विशेष उत्सव।इस मठ और मंदिर के निर्माण के पीछे श्रीराधा-कृष्ण और चैतन्य महाप्रभु के प्रेम और शिक्षाओं को समाज में लोगों के बीच फैलाना मुख्य उद्देश्य है। चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए यहां पर चैतन्य पद्मपीठ की स्थापना भी की गई है। मंदिर के प्रबंधन कार्य से जुड़े अनिल मिश्रा का कहना है कि यहां पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, चैत्र रामनवमी और कार्तिक माह में पडऩे वाले अन्नकूट के दिन विशेष आयोजन होते हैं जिसमें शहर और बाहर से भारी तादात में भक्तों की उपस्थिति रहती है। विशेष पूजन के साथ भंडारा भी होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06af5947f718767475a29e35885f8d0a9f948e39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74692.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली मेट्रो यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। यह खुशखबरी अगले दो माह में मिलने जा रही है। मेट्रो जून से वह सर्विस शुरू करने जा रही है जिससे हजारों यात्रियों को फायदा होगा। दिल्ली मेट्रो जून से चालक रहित मेट्रो पिंक लाइन पर चलाने जा रहा है। इसके लिए मेट्रो के मेनेजमेंट स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसका ट्रायल भी चल रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट की सबसे अच्छी बात यह है कि इस कॉरिडोर में 58 किलोमीटर के सफर में कही भी ब्रेक नहीं लगेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें सफर करने वाले यात्रियों का समय और किराया भी बचेगा। वहीं मेट्रो को भी अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4c8a3154d2732cbc5af9fe595c86317e8456a18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। डीआरडीओ ने शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) मिसाइल का सफल टेस्‍ट किया है। इस मिसाइल को भारत और रूस संयुक्‍त रूप से विकसित कर रहे हैं। जिस तकनीक पर ये आधारित है वो अपने आप में बेहद खास है। जहां तक इस मिसाइल की खासियत की बात है तो आपको बता दें कि ये जमीन से हवा और हवा से हवा में मार करने में सक्षम होगी। इससे भारत की ताकत रक्षा क्षेत्र में तो बढ़ेगी ही साथ ही तकनीक के क्षेत्र में विकास होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7696d3b39e4a6f64ca06bb8e64cf4ff3a846c21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। बर्बाद गुलिस्ता करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ता क्या होगा। शौक बहराइची का ये शेर बहुत लोगों ने सुना होगा। लेकिन ये उनकी लिखी गई ये पक्तियां उन लोगों पर काफी सटीक बैठती हैं जो बेहतर किस्‍मत या खुशनुमा जिंदगी की तलाश में एक ऐसे सफर पर निकलते हैं जिसके बारे में उन्‍हें ये भी पता नहीं होता है कि वो वहां तक पहुंच भी पाएंगे या नहीं। ऐसे लोगों के लिए हर दूसरा शख्‍स संदिग्‍ध होता है। इसकी वजह है कि इन लोगों पर मानव तस्‍करों की हमेशा ही नजरें लगी रहती हैं। पूरी दुनिया में मानव तस्‍करी का दंष झेल चुके हजारों की तादाद में लोग हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..252593c2d54e960487b0f2f3029cdc1dc9774347 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्यूयार्क (एपी)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि दुनियाभर में हर साल 17 फीसद खाद्य उत्पादन बर्बाद हो जाता है। यह करीब 1.03 अरब टन होता है। यह बर्बादी पिछली रिपोर्टो से कहीं अधिक है। हालांकि इसकी सीधी तुलना मुश्किल है, क्योंकि इसके आकलन की अलग-अलग पद्धतियां हैं और कई देशों में आंकड़ों का अभाव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..936900c5997a95c055d8519c22fcd32cf1438f0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस की मौजूदा अंदरूनी उठापटक को देखते हुए गाहे-बगाहे असंतुष्टों के पार्टी से अलग रास्ता अपनाने तक की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं। मगर हकीकत में इस राह पर आगे बढ़ना असंतुष्ट नेताओं के लिए बेहद कठिन है क्योंकि बीते पांच दशक में कांग्रेस से बगावत कर अलग पार्टी बनाने वाला कोई नेता या गुट राष्ट्रीय राजनीति के फलक पर अपनी प्रासंगिकता कायम नहीं रखा पाया। हालांकि क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेस से बगावत करने वाले कई क्षत्रपों ने राज्यों में जरूर न केवल अपनी सियासत जमा ली बल्कि कांग्रेस की राजनीतिक जमीन ध्वस्त कर दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be0fc217fe7395b84c58333f46352ac87cfcc4af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कूचबिहार, सुमन मंडल। उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले में 56 फीसदी मतदाता राजवंशी समाज से आते हैं। कूचबिहार की नौ विधानसभा सीटों पर ये राजवंशी प्रत्याशियों की जीत-हार में अहम भूमिका अदा करते हैं। राजनीतिक दलों को इनकी ताकत का अहसास है। भाजपा, तृणमूल और कांग्रेस-वाम गठबंधन इस समाज को अपने साथ जोडऩे में अपनी ताकत झोंके हुए है। पिछले माह 11 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह परिवर्तन यात्रा का शुभारंभ करने यहां आए थे। उस दौरान आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राजवंशी समाज के लोग भी शामिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f843dba50d84f421014c0fb34f6177422951b526 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संघर्षमय जीवन में कभी हिम्मत नहीं हारी। उत्तर प्रदेश की बेटी व बनारस की रहने वाली 24 वर्षीय पूजा वर्मा राष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज हैं। वह नोएडा स्टेडियम शूटिंग रेंज में आयोजित 43वीं यूपी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 50 मीटर राइफल प्रोन शूटिंग अंतरराष्ट्रीय मानक में 609.8 के साथ श्रेष्ठ स्थान पर बनी हैं। इतना ही नहीं, वह यूपी महिला निशानेबाजों में 610 पॉइंट के साथ नंबर एक निशानेबाज के स्थान पर हैं। ।मां घरों में जाकर बनाती हैं खाना, पिता हैं ड्राइवर ।बनारस की रहने वाली पूजा बताती हैं कि स्कूल के समय से एनसीसी के जरिये खेलों में आई और 2013 से निशानेबाजी सीख रही हैं। घर की माली हालत खराब होने से उन्हें खेल से दो साल का ब्रेक भी लेना पड़ा था। उनकी मां घरों में जाकर खाना बनाती हैं। पिता व भाई ड्राइवर हैं। ऐसे में शूटिंग जैसे महंगे खेल के उपकरण खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे। तब वह अपने कोच बिपलाप गोस्वामी और पंकज श्रीवास्तव की मदद से उधार की राइफल लेकर प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74711.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74711.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cd4b37d2a8f4d3fd77a5a70ea6c2a27d1c778fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74711.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। रामपुर के टांडा क्षेत्र में रहने वाली युवती की शादी का फैसला पंचायत में इस तरह हुआ ज‍िसकी क‍िसी ने उम्‍मीद ही नहीं की थी। दरअसल अपने चार दोस्तों के साथ घर छोड़ने वाली लड़की को जब दोस्तों के साथ पकड़ लिया गया तो उसके स्वजन लड़कों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने लगे। इस पर लड़कों के स्वजनों ने पंचायत बुला ली। पंचों ने इस पर फैसले के लिए तीन दिन का समय मांगा। इसके बाद अजीब फैसला सुना द‍िया। ।रामपुर ज‍िले के टांडा क्षेत्र का यह मामला आजकल चर्चाओं में है। एक युवती को अपने चार दोस्‍तों के साथ घर से भागने की अनोखी सजा म‍िली। टांडा की युवती कुछ द‍िन पहले चार लड़कों के साथ भाग गई थी। स्‍वजन उसकी तलाश कर रहे थे। इस बीच लड़की और उसके चार दोस्‍तों को पकड़ ल‍िया गया। लड़़की केे स्‍वजन चाहते थे क‍ि वे आरोप‍ित लड़कों पर मुकदमा दर्ज करा दें लेकिन आरोप‍ितों के स्‍वजनों ने मामले को पंचायत में सुलझाने का दबाव बनाया। इसकेे बाद पंचायत बैठी। पंचों ने लड़की के सामने चारों लड़कों में से किसी एक से शादी करने की शर्त रख दी। लड़की को ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी और लड़के भी शादी को तैयार नहीं थे। लेकिन, पंचायत के फैसले के आगे वे मजबूर थे।  लड़की चार लड़कों में से क‍िसी का भी चुनाव नहीं कर पा रही थी। वह पूरी तरह असमंजस में पड़ गई थी और इस फैसले से हैरान भी थी। इसके बाद पर्ची से नाम तय करने का सुझाव दिया गया। सभी इस पर तैयार हो गए। चारों लड़कों के नाम की पर्ची डाल कर छोटे बच्चे से उठवाई, जिस लड़के का नाम पर्ची में निकला उसके साथ युवती की शादी कर दी गई। गुरुवार को अनूठी शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। मुरादाबाद मंडल में यह पहला ऐसा मामला है ज‍िसमें पर्ची से दूल्‍हे का चुनाव क‍िया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74713.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74713.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..159dfc99692ba90acff2f441c63cf8f44a1a31d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74713.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, सुबान खान। सूर सरोवर पक्षी विहार में प्रवासी मेहमानों की वतन वापसी से भले ही सूनापन हो गया है, पर सीजन के अंत में पहुंचकर पेलिकन ने रोनक लौटा दी है। पेलिकन की संख्या भले ही कम है, लेकिन झील के जल में उसकी अटखेलियां पर्यटकों को रास आ रही हैं। पर्यटक उन्हें ज्यादा से ज्यादा अपने कैमरे में कैद करना चाहते हैं। ।कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार की ‘कीठम झील’ में तीन दिन पूर्व पेलिकन के पांच जोड़े पहुंचे हैं। वह रोजाना सुबह-सुबह भोजन की तलाश में झील में पहुंच जाते हैं और प्रत्येक जोड़ा अलग-अलग जल में क्रीड़ा करता दिखाई देता है। यह ऐसे समय में पहुंची है। जिस वक्त झील से सारे प्रवासी पक्षी चले गए हैं। यानी पक्षियों का ‘सीजन आफ’ (अंतिम समय) हो गया है। यही कारण है कि प्रवासी पक्षी सेंट्रल एशिया की ओर लौट चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74722.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74722.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e913c7493f89c9a6115b3c8aaaf38ec60978688a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74722.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ठंड से बचने के लिए किसानों ने अपने ट्रैक्टर ट्राली को ही अपना आशियाना बना लिया था, इसके ऊपर तिरपाल, पॉलीथीन आदि लगाकर ठंड से बच रहे थे। अब इन किसानों से इसी तरह से गर्मी से भी बचने की तैयारी शुरू कर दी है। गर्मी से बचने के लिए किसान अपने ट्रैक्टर के ऊपर तिरपाल और पॉलीथीन को बदलकर अब वहां मच्छरदानी लगा रहे हैं जिससे गर्मी के दिनों में मच्छरों से बचाव कर सकें। ।ये किसान केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नये कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कृषि कानून वापिस नहीं लेगी, वो वापिस नहीं जायेंगे। इस बीच, मौसम की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों ने प्रदर्शनस्थलों पर पंखे, मच्छरदानियाँ, फ़्रिज और अन्य सामान लाने शुरू कर दिये हैं। ।गुरूवार को टीकरी बॉर्डर पर गर्मी से तैयारियों का नजारा देखने को मिला। यहां पानी की सप्लाई के लिए बोरवैल किया गया है। गर्मी से बचने के लिए फ्रिज लगा दिया गया है। ठंडक के लिए बांस की छोटी झोपड़ियां बनाई जा रही हैं। ।प्रदर्शन में शामिल होने अमृतसर से दिल्ली के लिए निकले किसानों ने अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों में मच्छरदानियां बांधी हुई हैं और मच्छर मारने की इलेक्ट्रिक मशीनें भी लगा रखी हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सर्वन सिंह पंधेर ने बताया कि दिल्ली की गर्मी को देखते हुए जो जत्था वहां से चला है वो पूरी तैयारी के साथ निकला है। पहले हमने ठण्ड से बचने के लिए ट्रैक्टर की ट्रॉली पर तिरपाल चढ़ाई थी, अब उसे हटाकर मच्छरों से बचने के लिए जाली चढ़ाई है। ।टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने गर्मी से बचने के लिए अब यहां एक फ्रिज भी लगा लिया है और पानी की भी व्यवस्था की है। यूपी की सीमा पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर में किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार जब तक किसानों की बात नहीं मानेगी, किसान वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार से बातचीत की गुंजाइश नहीं है, किसानों ने लंबी तैयारी की है। किसानों और सरकार के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है जो बेनतीजा रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6c425d7994175c69f15a6e795c2971d19fe6da0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह किशोर न्याय अधिनियम (बालकों की देखरेख व संरक्षण)-2015 के अध्याय-9 के 74 (1)(2)(3) का उल्लंघन है। पत्रकारिता से जुड़े अनेक पेशेवर पत्रकारों का मत है कि पत्रकारिता, खासतौर पर बाल पत्रकारिता में अभिव्यक्ति की आजादी का उपयोग नैतिकता और संतुलन की परिधियों में होना आवश्यक है। परंतु बाल पत्रकारिता का स्वरूप वर्तमान में ठीक इसके उलट है। कहने की जरूरत नहीं कि आज देश की पत्रकारिता में बच्चों और बुजुर्गो इत्यादि से जुड़े सामाजिक सरोकारों को उभारने का समय बहुत कम बचा है। इसलिए ऐसे दौर में बच्चों और उनसे जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर पत्रकारिता के बारे में एक सर्वसम्मत सोच बनाने का समय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82acde196c8b42a0b992c631c4b54c5c411f71d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आखिर क्या है बंगाल में सियासी हिंसा की वजह।बंगाल की सत्ता पर बैठने वाले के चेहरे और पार्टी का झंडा तो बदले लेकिन यहां का सियासी रक्तचरित्र नहीं बदला। आखिर बंगाल में इतनी सियासी हिंसा की वजह क्या है? सूबे की सियासत के जानकार प्रभात पांडेय कहते हैं कि बंगाल ने हिंसा का बेहद लंबा और अलग-अलग दौर देखा है। आजादी के बाद के शुरुआती दशकों में सियासी हिंसा की जद में सत्ता पक्ष की विपक्ष की आवाज को निर्ममता से दबाने की रणनीति थी। फिर वाममोर्चा के उत्थान के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता इसका कारण बनी। 34 वर्षों के वामो शासन के अंत के बाद जब सूबे में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी तो सियासी वर्चस्व बरकरार रखने को लेकर खून-खराबा शुरू हो गया। अब सिंडिकेट राज इसकी जड़ है। सिंडिकेट चलाने के लिए इलाकों पर आधिपत्य की मानसिकता तेजी से पनपी, जिससे सत्ताधारी दल में गुटबाजी भी बढ़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74725.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74725.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbe10ae329c43e60fd121faff9cf06a84eade166 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74725.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली नगर निगम के पांच वार्ड के उपचुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज कर भले ही दिल्ली कांग्रेस खुशी जाहिर कर रही हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि कांग्रेस का जनाधार लगातार सिमट रहा है। चुनाव दर चुनाव तेजी से कांग्रेस को मिलने वाले कुल मत फीसद में कमी आ रही है। आलम यह है कि चौहान बांगर वार्ड की जिस जीत को पार्टी अपना बता रही है, वह भी उसकी नहीं, बल्कि वहां के पूर्व विधायक मतीन अहमद की मेहनत तथा स्थानीय समीकरणों की उपज है। + +राजनीतिक जानकारों की मानें तो मुस्लिम बहुल इस वार्ड के मतदाता उसी पार्टी के साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं, जो भाजपा को हराने की क्षमता रखती हो। वोट भी इसी के अनुसार करते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह क्षमता उन्हें कांग्रेस में दिखी तो एकतरफा कांग्रेस के साथ चले गए, जबकि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ खड़े नजर आए। इस बार फिर मतदाता कांग्रेस के साथ आ गए। पीछे मुड़कर देखें तो 2016 में 13 वार्डों के उपचुनाव में कांग्रेस को 28.47 फीसद वोट मिले थे, जबकि इस उपचुनाव में कांग्रेस को करीब 22 फीसद वोट मिले हैं। यानी करीब छह फीसद कम वोट मिले हैं। ऐसे में तुलनात्मक रूप से देखें तो कांग्रेस का नुकसान ही हुआ है। यही नहीं, 2017 के निगम चुनाव से इन पांचों वार्डों की ही तुलना करें, तो शालीमार बाग में कांग्रेस को 911 वोट कम मिले, रोहिणी सी में 397 वोट कम मिले, त्रिलोकपुरी में 1,482 वोट और कल्याणपुरी में 2,682 वोट कम मिले। सिर्फ चौहान बांगर में ही 9,715 वोट ज्यादा मिले हैं। इससे यह कहा जा सकता है कि अभी भी दिल्ली की जमीन पर कांग्रेस बिखरी हुई है। + +कांग्रेस का यह दावा भी गलत है कि उसने अल्पसंख्यकों का दिल जीत लिया है। एक साल पहले ही हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली के ज्यादातर मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को नकार कर आम आदमी पार्टी के साथ खड़े हो गए थे। विडंबना यह कि केवल अल्पसंख्यकों के साथ खड़े दिखने की चाहत में कांग्रेस ने बहुसंख्यक मतदाताओं को भी दूर कर लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1297c69889ef01cdec07ebbe63e40a6d135b6cb7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74728.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, आइएएनएस। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन की धुरी बन चुके भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार अपने बयानों और टिप्पणियों से राजनीति में हलचल पैदा कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मार्च-अप्रैल में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में क्या राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा की एंट्री होगी तो इसका जवाब मिल गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की मानें तो तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों को जागरूक किया जाएगा। इस कड़ी में देश भर में आयोजित होने वाली महापंचायतों की श्रृंखला की घोषणा भी की  गई है। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) नेता राकेश टिकैत पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और वहां महापंचायतों में से एक में भाग लेंगे। ।बता दें कि पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा। 294 विधानसभा वाले पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को पहला मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता न केवल मौजूद रहेंगे, बल्कि किसानों को जागरूक भी  करेंगे। + +कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में किसान लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। इस कड़ी में मतदान से ठीक 14 दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत बंगाल में होने वाली महापंचायत में शामिल होंगे। इस दौरान वह कृषि कानूनों को विसंगतियों के बारे में किसानों को बताएंगे। फिर 12 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता डॉ. दर्शन पाल, योगेंद यादव, बलबीर सिंह राजेवाल आदि महापंचायत में शामिल होंगे तो वहीं 13 मार्च को राकेश टिकैत बंगाल की किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e089db02dcbc2ad32d43903a1e2a2889b30bbdf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74729.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। हेमंत सरकार ने अपने दूसरे बजट में सबसे ज्यादा चिंता शिक्षा के बारे में की है और यह जरूरी भी है, क्योंकि झारखंड जैसे राज्य में हर साल अशिक्षा और अंधविश्वास के चलते ही बड़ी संख्या में निदरेषों की हत्याएं की जा रही हैं। यहां तक कि मासूम बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। हाल ही में गुमला जिले के कामडारा प्रखंड स्थित बुरूहातु आमटोली में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों का डायन-बिसाही के नाम पर एक साथ बेरहमी से कत्ल कर दिया गया। इस जघन्य कांड के बाद एक बार फिर यह बहस छिड़ गई है कि आखिर डायन-बिसाही के नाम पर राज्य में कब तक बेकसूर अपनी जान गंवाते रहेंगे? क्या इस पर पूरी तरह अंकुश लग भी सकता है? क्या ऐसी हत्याएं रोकने के लिए बने कानून को और सख्त किए जाने की जरूरत है? राज्य के उच्च न्यायालय ने भी इसे गंभीर मानते हुए मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और कल्याण सचिव से एक साथ जवाब मांगा है। + +आज जब हर गांव तक मोबाइल पहुंच गया है और तेजी से सूचनाएं एक-दूसरे तक साझा हो रही हैं, ऐसे दौर में भी कोई समाज इतने गहरे अंधविश्वास में कैसे जी रहा है? जितनी हत्याएं, उतने ही सवाल? उच्च न्यायालय ने भी सवाल किया है कि गुमला में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के बाद डायन-बिसाही के मामलों से निपटने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? उच्च न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह घटना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि पूरे तंत्र पर सवाल खड़े कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19192d656dc0e265c2728a09aa84a56aebfe52e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाइपरटेंशन, डायबिटिक मेलिटस, क्रॉनिक किडनी डिजीज, दिल संबंधी बीमारी या लिपिड डिस्ऑर्डर है तो क्या वैक्सीन लेना सुरक्षित रहेगा?।एक से अधिक बीमारियों से पीडि़त लोगों के लिए भी वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जिन लोगों को उपरोक्त बीमारियां हैं उन्हें तो वैक्सीन का अधिकतम फायदा होगा। फिर भी अगर आप किसी कारण से चिंतित हों तो अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ।क्या जिन्हें पुरानी बीमारियां हैं उन्हें वैक्सीन नहीं दी जाएगी?।मंत्रालय ने दोहराया कि पुरानी बीमारियों के साथ-साथ कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल, पल्मोनरी, मेटाबॉलिक, रीनल और मैलिग्नेंसीज जैसी बीमारियों से पीडि़त लोगों को भी टीका देने की मनाही नहीं है। वास्तव में यह वैक्सीन उन्हें गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित होने और असमय मृत्यु से बचाएगी। ।क्या कोरोना का इलाज हो चुका हो तब भी वैक्सीन लेनी चाहिए?।अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होने में कितना समय लगता है और वह कितने समय तक ठहरती है। इसलिए, स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना को मात दे चुके लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की सलाह देता है। हालांकि, कोविड-19 से उबरने के बाद टीका लेने के लिए चार से आठ हफ्ते तक इंतजार करना चाहिए। ।क्या किसी दवा विशेष से एलर्जी हो तब भी वैक्सीन ले सकते हैं?।मंत्रालय ने उन लोगों का एक वर्ग तय किया है, जिन्हें किसी दवा, खाना अथवा सुई से एलर्जी आदि की समस्या है। इस वर्ग के लोगों को टीका न लेने की सलाह दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..525beacd6ef1df7fbd568e70faa6ce28c9783ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सेल को सूचना मिली कि तिहाड़ में बंद दंगे के दो आरोपितों की हत्या की साजिश जेल में ही बंद शाहिद अपने साथी असलम के साथ मिलकर रच रहा है। जांच में दोनों के बीच कई बार बात होने की जानकारी मिली। यही नहीं जेल के पास से उठाए गए डंप डाटा की जांच में स्पेशल सेल को एक संदिग्ध नंबर पर बार-बार बात होने का भी पता चला। इस नंबर को सेल ने इंटरसेप्ट करना शुरू कर दिया और गत दिनों असलम जब पारा लेकर शाहिद को पहुंचाने जेल जा रहा था, तभी रास्ते में ही सेल की टीम ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे शाहिद ने पारा पहुंचाने को कहा था। इस पर सेल ने प्रोडक्शन वारंट लेकर शाहिद को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5fa552a7b4f572a803f23e425726b987c28cbd14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान की अपनी आर्थिक स्थिति भले ही बहुत खराब हो, लेकिन जब भारत से मुकाबला होता है तो वह किसी लिहाज से कमतर नहीं दिखना चाहता। इसकी एक बानगी भारत की ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिये समूचे मध्य एशियाई और यूरोपीय बाजार तक पहुंच बनाने की योजना के मुकाबले पाकिस्तान की तैयारी से दिखती है। गुरुवार को चाबहार दिवस पर भारत ने अपनी बहुप्रतीक्षित कनेक्टिविटी योजना इंटरनेशनल नार्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कारीडोर (आइएनएसटीसी) को चाबहार से जोड़ने का प्रस्ताव किया। ।पाकिस्‍तान ने इस परियोजना की शुरुआत की ।दूसरी तरफ गुरुवार को पाकिस्तान की महत्वाकांक्षी इस्लामाबाद-तेहरान- इस्तांबुल रेल परियोजना की शुरुआत हो गई। बेहद खस्ताहाल आर्थिक हालात से गुजर रहा पाकिस्तान इस रेल मार्ग को चीन से भी जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। गुरुवार को भारत सरकार ने चाबहार दिवस का आयोजन किया जिसमें अफगानिस्तान, आर्मेनिया, ईरान, कजाखिस्तान, रूस और उज्बेकिस्तान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने हिस्सा लिया। ।विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पेश किया खाका ।इसके एक सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चाबहार पोर्ट के लेकर भारत की भावी योजना का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि आइएनएसटीसी के दूसरे सदस्य देशों के समक्ष भारत ने इस अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजना को चाबहार पोर्ट से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। भारत इस योजना में मध्य पूर्व और एशिया के दूसरे देशों को भी जोड़ना चाहता है। ।चाबहार पर अपनी योजना को लेकर भारत प्रतिबद्ध ।जयशंकर ने कहा, 'भारत चाबहार पोर्ट को एक आधुनिक कनेक्टिविटी सेंटर के तौर पर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। दुनिया में अभी आर्थिक विकास को लेकर जो संभावनाएं बनी हैं उसमें एशियाई देशों के बीच कनेक्टिविटी की काफी जरूरत है। इसके बगैर आर्थिक विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता।' ।यूरोप बन जाएगा इकोनामिक कारीडोर  ।12 सदस्यों वाला आइएनएसटीसी मूल तौर पर भारत की सोच है जिसके तहत ईरान, रूस के अलावा कुछ मध्य एशियाई देशों व यूरोपीय देशों को शामिल करने की योजना है। पूरा होने पर यह एशिया से लेकर यूरोप तक सबसे बड़ा इकोनामिक कारीडोर बन जाएगा। 7,200 किमी लंबा यह कारीडोर असलियत में चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के समक्ष भी एक बड़ी चुनौती पेश करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..842cd4b249d7fb48cdfaa064c2344ccf7a074871 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +😱¡HEROICA ATRAPADA!👏।Un repartidor le salvó la vida a una niña de 3 años que cayó del piso 12 de un edificio en Vietnam.।La nena sufrió fracturas en la pierna y en los brazos, pero está viva gracias a la heroica acción de Nguyen Ngoc Manh❤️, quien sufrió un esguince.#VIRAL pic.twitter.com/eI03quT0IM।द डेली मेल और स्‍थानीय न्‍यूज पेपर की रिपोर्ट के अनुसार, घटना कुछ इस प्रकार है, हनोई में जब सामान डिलीवर करने के लिए न्गुयेन अपने ट्रक में बैठकर एक बिल्डिंग के सामने इंतजार कर रहा था, तभी उसने देखा कि एक दो साल की बच्ची को बालकनी के कोने पर लटके देखा और गाड़ी से उतरकर उस तरफ बढ़ा। इसी बीच बच्ची का हाथ फिसला। इमारत के नीचे एक टाइल की छत पर चढ़ गया, ताकि वह बच्ची को पकड़ सके। जैसा कि वीडियो में देखा गया है, बच्चे की मां डरावनी आवाज़ में चिल्लाती है क्योंकि वह बच्‍ची को अपनी पकड़ खो देती है और वह बालकनी से गिर जाती है। सौभाग्‍य से नीचे खड़े डिलीवरी ब्‍वॉय ने उसे पकड़ लिया। यह वीडियो वायरल हो गया और ट्विटर पर पांच लाख से अधिक बार देखा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9df3c526a6f72b7d162e76e2f094bc002f16ef3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर बनने वाली फिल्म शेरशाह 12 अगस्त को रिलीज होगीl इस फिल्म से जुड़ी यह नई अपडेट सिद्धार्थ मल्होत्रा ने सोशल मीडिया पर फिल्म का एक नया पोस्टर शेयर कर दी हैl इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा के अलावा कियारा आडवाणी की भी अहम भूमिका हैl पहले यह फिल्म 2 जुलाई को रिलीज होने वाली थीl शेरशाह अमेजन प्राइम वीडियो पर 12 अगस्त को रिलीज होगीl।सिद्धार्थ मल्होत्रा ने फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा है, 'वह वादे सबसे अच्छे होते हैं, जो निभाए जाते हैंl यह वादा ऐसा ही हैl शेरशाह प्राइम वीडियो पर 12 अगस्त को रिलीज होगीl' इसके साथ उन्होंने इसे कियारा आडवाणी और करण जौहर को भी टैग किया हैl शेरशाह फिल्म में कियारा आडवाणी भी नजर आएंगीl वहीं इस फिल्म का निर्देशन विष्णुवर्धन ने किया हैl फिल्म का निर्माण करण जौहर की फिल्म निर्माण कंपनी धर्मा प्रोडक्शन कर रही हैl।A post shared by Sidharth Malhotra (@sidmalhotra)।फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा विक्रम बत्रा की भूमिका निभा रहे हैं, जो कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थेl इसके बाद उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया थाl फोटो में सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी को साथ बैठे देखा जा सकता हैl दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए हैंl।A post shared by Sidharth Malhotra (@sidmalhotra)।कियारा आडवाणी ने वाइट कलर का सूट पहन रखा हैl वहीं सिद्धार्थ मल्होत्रा ने ब्लू कलर की शर्ट पहन रखी हैl फिल्म के पोस्टर पर कई लोग जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैंl इसमें फिल्म अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडीस भी शामिल हैl उन्होंने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, 'बधाई हो सिद' इसके पहले भी सिद्धार्थ मल्होत्रा ने फिल्म से जुड़े कई पोस्टर शेयर किए थेl एक पोस्टर में उन्हें सेना की वर्दी में देखा जा सकता हैl सिद्धार्थ मल्होत्रा पहली बार आर्मी अफसर की भूमिका निभा रहे हैंl वह इसे लेकर उत्साहित हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99282a27e264a67af4d97a79f1832b31e892da0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74750.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चे के जन्म के दौरान पिता की जिम्मेदारियां हैं बढ़ती।कई जगह सीनियर एचआर एक्जीक्यूटिव रह चुकीं अदिति कहती हैं कि इस बारे में कानून होना चाहिए। लिज्जत पापड़ महिला गृह उद्योग, जबलपुर को 47 साल तक संचालित करने वाली पूर्व प्रमुख पुष्पा बेरी भी मानती हैं कि 15 दिन का पितृत्व अवकाश काफी कम है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म से पिता की जिम्मेदारियों में काफी बढ़ोतरी होती है। पिता की जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, इससे सहमत तो अमूल के एमडी आरएस सोढी भी हैं और कहते हैं कि इस समय पुरुष को एक महीने का अवकाश मिलना चाहिए। साथ ही वह तर्क देते हैं कि हर संस्था में छुट्टी के नियम समान नहीं होते- कहीं ज्यादा छुट्टियां मिलती हैं तो कहीं कम। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e8ba2d78ba32255ba60404fe318478ae0beb189 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74754.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। भारतीय सेना के जवान देश हों या विदेश की धरती सभी जगहों पर अपने देश का मान सम्‍मान सर्वथा ऊंचा बनाए रखते हैं। यही वजह है कि हजारों सैनिकों में भी कोई भारतीय सैनिक अलग दिखाई देता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के शांति मिशन पर जाने वालों में यदि किसी देश के जवानों की सबसे अधिक चर्चा होती है जो वो भारतीय ही हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यूएन के शांति दल में सबसे बड़ी संख्‍या इन्‍हीं भारतीय जवानों की होती है। इस शांति मिशन के तहत ये जवान बेहद मुश्किल परिस्थितियों में न सिर्फ अपने काम को अंजाम देते हैं बल्कि जहां पर ये तैनात होते हैं वहां के स्‍थानीय लोगों की भी हर मुश्किल घड़ी में मदद करते हैं। इस तरह के शांति मिशन में जाने वालों में पुरुष या महिला में भेद नहीं किया जाता है। आज हम यहां पर ऐसे ही एक मिशन का हिस्‍सा बनकर दक्षिण सूडान में सेवाएं देने वाली भारतीय सेना की मेजर बिंदेश्‍वरी तंवर के बारे में बता रहे हैं। इनका इंटरव्‍यू हाल ही में यूएन की तरफ से किया गया था। + +बिंदेश्‍वरी एक फौजी परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पिता भारतीय सेना से जुड़े हुए थे इसलिए उन्‍होंने इसकी मुश्किलों, इसकी चुनौतियों और इसकी बारीकियों को भी करीब से देखा और जाना है। बिंदेश्‍वरी के कई अलग-अलग किरदार हैं। वो एक महिला फौजी अधिकारी भी हैं तो एक पत्‍नी भी हैं और एक बेटे की मां भी हैं। उनके पति भी एक फौजी ही हैं। अपने इंटरव्‍यू में उन्होंने कहा कि यूएन के शांति रक्षक के तौर पर दक्षिण सूडान में तैनात होना उनके लिए काफी अहमियत रखता है। वो इस यहां पर बिताए गए हर पल का बांहें फैलाकर स्‍वागत करती हैं। + +यूएन मिशन में वो एक मूवमेंट कंट्रोल विंग में स्टाफ ऑफिसर हैं। उनका काम जूबा से मिशन के एयर मिशन की निगरानी करना है। ये काम कोई आसान नहीं है। इसके तहत उन्‍हें मिशन में शामिल जवानों और अन्‍य कर्मियों और आने-जाने वाले मालवाहक वाहनों पर कड़ी नजर रखनी होती है। इसके अलावा हवाई सुरक्षा भी सुनिश्चित करना इनके ही जिम्‍मे है। वैश्विक महामारी कोविड-19 में ये और चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसमें लास्‍ट मूमेंट पर भी बदलाव होता रहता है। उनके मुताबिक यहां पर बारिश के दिनों में सड़कों पर काफी पानी भर जाता है। ऐसे में स्‍थानीय लोगों की मदद कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन इसके बाद भी जवान इसको पूरा करते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0672b29d8ae7476630f0a13c4aeac2e7f58f5929 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74755.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि निरंतर एक सकारात्मक ऊर्जा उनके व्यक्तित्व से बह रही है। ऐसे इंसान निश्चित रूप से बेहद प्रभावित करते हैं और प्रेरित कर जाते हैं। आपने भी ऐसे कई व्यक्तित्वों को देखा होगा, जो ऐसी ही निरंतरता में यकीन रखते हैं। उनका जीवन सहज होता है और वे सरल, पर उनकी दिनचर्या बड़ी संतुलित होती है। ऐसा लगता है कि वे कह रहे हों कि भले ही डर लगे, राह में थककर रुकने का या काम छोड़ देने का मन हो, फिर भी आपको आगे बढ़ते ही जाना है। यह सजगता हमारे अंदर आ गई तो समझिये कि हम सर्वोच्चता के मुकाम पर पहुंच गए। जाहिर है, इसके लिए अपार इच्छाशक्ति व संकल्प की मजबूती चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad6c2f90277c858f65faca8758a1cd71aa44c3ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74756.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंबेडकरनगर, [रामानुज मिश्र]। Maharaja Suheldev Fort: अपनी वीरता के लिए मशहूर महाराजा सुहेलदेव के सुरहुरपुर स्थित किले को लेकर जंग छिड़ गई है। अवध गजेटियर में पेज नंबर 386 पर उल्लिखित सुहेलदेव के इस किले की जमीन पर वर्तमान में करीब दर्जनभर मजारें हैं। मुस्लिम समुदाय इसे पीर शाहनूर की मजार बताता है, तो सुहेलदेव के वंशज होने का दावा करने वाले राजभर मजार हटाकर किले के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं। हाल में यहां खोदाई के प्रयास के बाद तनाव पैदा होते ही प्रशासन ने बोर्ड लगवाकर पुरातत्व विभाग की जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। + +मजार को लेकर है विवाद :  जर्जर किले के सबसे ऊपरी हिस्से पर बाबा शाहनूर की मजार है। हाल के दिनों में यहां कुछ और मजारें स्थापित कर दी गईं। कुल मिलाकर इस समय 12 मजारें हैं। सुहेलदेव सेवा समिति के सदस्य अशोक राजभर का कहना है कि किले के अंदर महाराजा सुहेलदेव के जमाने का भारशिव नागेश्वर मंदिर है। पूर्व में विदेशी आक्रांताओं ने मंदिर को तहस-नहस कर दिया और बाद में यहां मजार स्थापित कर दी गई। उनका संगठन वर्षों से पुरातत्व विभाग से इसकी जांच कराकर मंदिर के पुनरुद्धार की मांग करता रहा है। वहीं मजार की देखरेख कर रहे सैय्यद मासूम रजा कैफी ने बताया कि यह करीब छह सौ साल पुरानी मजार है। 1982 में सर्वे एक्ट के तहत यह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति दर्ज है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74757.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cbc893ae1c86ef64027e6a000777a561ca0aac9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74757.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले से बेहतर हैं व्‍यवस्‍थाएं।नगर निगम के प्रयासों का ही नतीजा है कि शहर में पहले से बेहतर व्यवस्थाएं हैं। अभी बहुत कुछ करना बाकी है, जिसके लिए प्रयास चल रहे हैं। लोग नगर निगम के अभियानों से जुड़कर दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण की परीक्षा में भी इसका लाभ मिलेगा। जितने अधिक लोग स्वच्छता के प्रति गम्भीर होकर फीडबैक देंगे, उतने ही अधिक अंक शहर को मिलेंगे। नगर आयुक्त ने कहा कि नुक्कड़ नाटक के जरिये भी जन जागरूकता अभियान चल रहा है,। यह जनहित की योजनाओं के प्रचार-प्रसार का सीधा व सरल साधन है। स्वयंसेवी संघठनो की मदद से लोगों को जागरुक करने के लिए नगर निगम द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। शहर को पालिथीन मुक्त और स्वच्छ बनाने में शहरवासियों व व्यापारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ab58ac357631be74e2da6649f30fd530226a4c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विष्णु तिवारी को निर्दोष करार देकर उसकी रिहाई के आदेश का पता बैरक में रहने वाले साथी बंदियों को भी लग गया था। विष्णु सर्किल नंबर चार की बैरक में रहा था। उन्नीस साल बाद जेल से रिहा होकर उसके अपनों के बीच घर लौटने से साथी बंदी खुश थे। वह उसे गले मिलकर विदा कर रहे थे। उन्होंने सर्किल में लगे गेंदे के पौधे से चार फूल तोड़कर उसकी माला बनाई। विदाई के दौरान विष्णु को पहनाकर भेजा। उसे बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e370a372b5b4c2c6ecbf8f525e2f9ce11058b7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74764.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काफी आशावान हैं। वह कहते हैं कि बजट से झारखंड आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से बढ़ेगा। बजट में कृषि ऋण माफी के लिए अच्छी-खासी धनराशि का प्रावधान किया गया है। किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। यदि देखा जाए तो सबसे ज्यादा खर्च कृषि और गांव के विकास पर ही होने वाला है। इसके बाद सरकार की नजर शिक्षा पर है। हेमंत सोरेन शपथ ग्रहण करने के बाद से ही यह कहते आ रहे हैं कि वह राज्य की शिक्षा व्यवस्था को देश में सबसे बेहतर बनाना चाहते हैं। ।वह दिल्ली की शिक्षण पद्धति को नजीर मान उससे आगे जाने की बात कहते रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य पर किया गया निवेश कई गुना रिटर्न देता है। इसलिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सरकार बजट का लगभग 15 फीसद खर्च करने जा रही है। लीडर्स स्कूल के अलावा, 4639 विद्यालय को आदर्श विद्यालय, 80 उत्कृष्ट विद्यालय, 500 प्रारंभिक विद्यालय प्रेरक गुणवत्ता शिक्षा केंद्र में तब्दील करने की योजना आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन ला सकती है। बशर्ते इसे धरातल पर ठीक से उतारा जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b1137ae03dc4d0e2145b63cc2c9931ebcb46e8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74765.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आंदोलन जितना भी लंबा चले, पीछे नहीं हटेंगे।कुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरने के दौरान गुरनाम चढ़ूनी ग्रुप के हरप्रीत सिंह ने कहा कि आंदोलनकारी पीछे हटने वाले नहीं हैं। हम हर हाल में ये लड़ाई जीतकर ही यहां से जाएंगे, चाहे आंदोलन जितना लंबा चले। ये हमारे हक की लड़ाई है। अगर यह लड़ाई 2024 तक भी ले जानी पड़ी तो लेकर जाएंगे। लोगों ने दिल्ली के बॉर्डरों पर खुले आसमान के नीचे सर्दी गुजारी है और अब गर्मी भी यहीं गुजारने को तैयार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b2c67a34179ae16a57e97334423e90368e9a5e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसी और फ्रिज का भी इंतजाम। राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर 96 दिन से धरने पर बैठे कृषि कानून विरोधियों को वीआइपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। यहां पर एसी, पंखे, फ्रिज आदि की सुविधा देकर प्रदर्शनकारियों के लिए ऐसे टेंट बनाए जा रहे हैं, जैसे काफी लोगों के घर भी नहीं होते। लोग पंजाब से आकर 10 से 15 दिन छुट्टियां मनाते हैं, क्योंकि न तो उनका यहां रहने का पैसा लग रहा है और न ही खाने का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74767.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74767.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba29a1a841babc52168855476b51065abbaaabd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74767.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिका में बाइडन प्रशासन के सत्‍ता में आने के बाद कई भारतीयों को बड़ा पद मिल चुका है। अब इस लिस्‍ट में इंडियन-अमेरिकन कांग्रेसवूमेन प्रमिला जयपाल का नाम शामिल हो गया है। जयपाल को एंटीट्रस्‍ट, कमर्शियल एंड एडमिनिस्‍ट्रेटिव लॉ की सबकमेटी में उपाध्‍यक्ष के लिए नामित किया गया है। 55 वर्षीय डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद जयपाल ने इस पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि वो भाग्‍यशाली हैं कि उन्‍हें इस सबकमेटी को लीड करने का मौका दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b885d659b34b5b34ecf360e06dd4c713451574c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74769.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग की स्थिति: भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्लूएआइ) के अनुसार 31 अगस्त 2018 को, आइडब्लूएआइ ने राष्ट्रीय जलमार्ग - 1 में गंगा नदी की जटिल आकृति विज्ञान, जल विज्ञान, तीव्र मोड़, धाराएं आदि को ध्यान में रखते हुए माल और यात्रियों के परिवहन के लिए 13 मानकीकृत अत्याधुनिक डिजाइन सार्वजनिक किया है जिनमें सर्वप्रथम वाराणसी-हल्दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74770.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74770.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0576a59dc361390f0e9bb5eacc402f305ad8e700 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74770.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे में तीन प्रमुख सवाल उठ रहे हैं। क्या प्रत्याशियों के नामों को लेकर पार्टी शीर्ष नेतृत्व में दुविधा है? क्या बगावत का भय नेतृत्व को सता रहा है? क्या सामने वाले कौन हैं, उसके अनुसार मैदान में अपना उम्मीदवार उतारने की बाट जोही जा रही है? पहले खबर आई की ममता सोमवार को तृणमूल प्रत्याशियों की सूची जारी करेंगी। परंतु उस दिन नहीं हुआ। फिर खबर आई की बुधवार को जारी हो सकती है। फिर जारी नहीं हुई। अब कहा जा रहा है कि शुक्रवार को जारी होने की उम्मीद है। उधर, वाममोर्चा की ओर से खबर आई कि बुधवार को सूची जारी होगी, लेकिन नहीं हुई। इस बीच भाजपा में टिकट वितरण व प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए लगातार तीन दिनों से बैठकों का दौर जारी है। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को एलान किया कि पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशियों की सूची शुक्रवार को जारी हो सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..761ec1aa4ec0a244d1e28c3bf38b44cb9c833ffb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांगड़ा, नवनीत शर्मा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने बीते दिनों कुछ संदेश देश को भेजे हैं। एक अच्छा संदेश हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और टीम लेकर गई है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने स्वयं को कागजमुक्त कैसे किया, यानी ई-विधान का गंतव्य पूछा है। उससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ हुई बदसलूकी ने भी काफी कुछ कहा है। एक संदेश आंध्र प्रदेश तक राज्यपाल के स्वजन लेकर गए कि हिमाचल विधानसभा के प्रांगण में राज्यपाल के साथ क्या हो सकता है। जाहिर है, वे लोग अपने यहां बदसलूकी की ही बात सुनाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48b073dbadd446f1f457b5450ff9151df6668cae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। दुनियाभर में फैले अनिवासी भारतीय भी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि, विदेशी अनुदान प्राप्त करने से संबंधित नियमों के चलते वे योगदान नहीं कर पा रहे हैं। अनिवासी भारतीयों की राम मंदिर निर्माण में सहयोग देने की भावना को ध्यान में रखकर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गृह मंत्रालय से फारेन कंटिब्यूशन एक्ट (एफसीआरए) में राहत देने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखा है। मामले के एक जानकार के मुताबिक इस मामले में गृह मंत्रालय का रुख सकारात्मक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c5e7049bff7b85f0d3c051d02f87060e0c74118 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7478.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सैफ अली खान की बहन सबा अली खान भले ही फिल्मी दुनिया से अलग हो लेकिन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर सोशल मीडिया पर अपने परिवार के सदस्यों की थ्रोबैक तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। अब उन्होंने सारा अली खान और इब्राहिम अली खान के बचपन की तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें दोनों बेहद क्यूट दिखा रहे हैं। + +इन थ्रोबैक तस्वीरों को सबा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर दो अलग-अलग पोस्ट में शेयर किया है। पहली पोस्ट में उन्होंने सारा के चाइल्डहुड की दो तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वो उनके गोद में बैठकर टैडी से खेलती हुई नजर आ रही हैं। फोटोज में सारा कैमरे की ओर घूरती हुई भी दिखाई दे रही हैं। सारा की इन तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर कर उन्होंने कैप्शन लिखा, मेरा दिल... मेरी गोद में उसका दिल.. टेडी बियर पर!।वहीं इससे पहली पोस्ट में उन्होंने अपने भतीजे इब्राहिम की एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वो मुस्कुराते नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर कर एक खास कैप्शन भी लिखा है। सारा और इब्राहिम की इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर फैंस दिल खोलकर लाइक कर रहे हैं। साथ ही कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74781.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74781.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ecb3c0a446898a99621dcb55f76fd7195aee766 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74781.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। रेलवे स्टेशन नहीं पेरिस कहिए जनाब। जी हां मंडल रेल प्रशासन ने पयर्टन के नजरिए से योगनगरी न्यू ऋषिकेश स्टेशन को विकसित करने के लिए इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन (आइआरएसडीसी) को प्रस्ताव भेजा है। इससे रेलवे के स्टेशन के रखरखाव पर होने वाले करोड़ों रुपये के खर्च की बचत होगी और पर्यटन को बढ़ावा म‍िलने से रेलवे की आय भी बढ़ेगी। + +चारधाम यात्रा रेल मार्ग के लिए पहला स्टेशन योगनगरी न्यू ऋषिकेश तैयार कर दिया गया और ट्रेन संचालन भी शुरू कर दिया गया है। योगनगरी न्यू ऋषिकेश स्टेशन पहाड़ियों के बीच बनाया गया है। रेलवे स्टेशन को काफी खुबसूरत बनाया गया है। यहां यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। सरकुलेटिंग एरिया को काफी सजाया गया है। चौड़ी सड़कों का निर्माण कराया गया है। कोरोना के कारण ट्रेनें यहां काफी कम चल रहीं हैं। सके बाद भी स्थानीय व पर्यटक योगनगरी स्टेशन घूूमने के ल‍िए पहुंच रहे हैं। मंडल रेल प्रशासन को योगनगरी के रख-रखाव पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च करना पड़ता है। स्टेशन परिसर के बाद रेलवे की 50 एड़क से अधिक की जमीन है। + +ये है रेलवे की तैयारी।मंडल रेल प्रशासन ने योगनगरी स्टेशन को पर्यटन स्थल बनाने की योजना तैयार की है। इसके विकास के लिए इसे इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन (आइआरएसडीसी) को सौंपने का प्रस्ताव भेजा है। आइआरएसडीसी स्टेशन के खाली जगहों में पेरिस की तर्ज पर ऊंची इमारतें बनाएगा और इस इमारत में होटल, मॉल जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी। पहाड़ के पास गार्डन तैयार क‍िया जाएगा। आइआरएसडीसी स्टेशन परिसर का रखरखाव करेगी। रेल प्रशासन का रखरखाव पर होने वाला खर्च बच जाएगा। इससे होने वाली आय का एक हिस्सा रेल प्रशासन को मिलेगा आइआरएसडीसी ट्रेन से उतरने और सवार होने वाले यात्रियों को छोड़कर अन्य यात्रियों से स्टेशन परिसर पर आने का शुल्क भी ले सकता है। कर्ण प्रयाग तक रेलवे मार्ग तैयार हो जाने के बाद पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। प्रस्ताव स्वीकृत हो जाने के बाद ढ़ाई साल में स्टेशन परिसर का विकास हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74783.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74783.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae28e89a5172708891a9ca06f00a6fae2d92eda1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74783.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +त्रिलोकपुरी सीट हार गए सियाराम। दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में प्रत्याशी धीरेंद्र कुमार ने कल्याणपुरी से जीत दर्ज की है। कल्याणपुरी में AAP उम्मीदवार धीरेंद्र कुमार ने 7043 वोट से जीत  बड़ी दर्ज कर की। इस चुनाव में उन्हें कुल 14302 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे BJP उम्मीदवार सिया राम को 7259 मिले हैं। + + MCD By Election Result 2021: भाजपा का नहीं खुला खाता, AAP ने जीती चार सीटें; कांग्रेस ने AAP प्रत्याशी का हराया।रिकॉर्ड मतों से जीते कांग्रेस उम्मीदवार।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की जमानत दर्ज कराने वाली कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में रोचक प्रदर्शन किया है। चौहान बांगर सीट पर जुबैर अहमद 10,642 वोट से जीते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव में कुल 16,203 वोट मिले हैं, वहीं, दूसरे नंबर पर रहे आम आदमी पार्टी के मोहम्मद इशराक को 5561 वोट मिले। वोटों के मामले में दिल्ली में कांग्रेस उम्मीदवार जुबैर अहमद ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। ।भाजपा उम्मीदवार को मिले सर्फ 105 वोट।चौहान बांगर सीट पर आम आदमी प्रत्याशी जहां दूसरे स्थान पर रहा तो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने शर्मनाक प्रदर्शन किया है। भाजपा प्रत्याशी मुहम्मद नाजिर अंसारी ने जहां 105 मत ही हासिल किए तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार ने सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। ।देखिये पूरी लिस्ट।ये भी पढ़ेंः दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में खाता नहीं खुलने पर पढ़ें भाजपा की पहली प्रतिक्रिया।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..944ebfeb07cae0b76f65526863be513a09d4b6f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जींद, [प्रदीप घोघडि़यां]। जींद के बड़ौदी गांव के युवाओं को एक अलग ही नशा है। यह नशा है सेना में भर्ती का। सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का नशा गांव के युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। गांव में शायद ही कोई घर ऐसा हो जिस घर का एक बेटा आर्मी में न हो। 3500 की आबादी वाले बड़ौदी गांव में 150 से ज्यादा युवा आर्मी में भर्ती हो चुके हैं। कई घर तो ऐसे हैं, जिनमें दो युवा हैं और दोनों ही सेना में देश सेवा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66f59b968218cbb4069ef4c521e42ad8548053bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाल किले पर मुशायरे के सिलसिले में दिल्ली गए थे फिराक। हुआ यूं कि लालकिले पर होने वाले मुशायरे के सिलसिले में फिराक दिल्ली गए हुए थे। मुशायरे के दूसरे दिन उन्हें खबर मिली कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनसे मिलना चाहती हैं। फिराक अपने शिष्य डा. रमेश द्विवेदी के साथ वक्त पर प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए। वहां उन्हें एक बड़े से कमरे में बैठाया गया। पास के कमरे से जोर-जोर से बात करने की आवाज आ रही थी तो फिराक साहब को यह नागवार लगा। प्रधानमंत्री के आवास में शोरगुल पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी तो उसे सुन कमरे में बैठे हेमवती नंदन बहुगुणा और उमाशंकर दीक्षित बाहर आ गए। दीक्षित को देखकर फिराक की आंखे चमक गईं और वह उनसे उन दिनों की याद ताजा करने लगे जब दोनों साथ-साथ जेल गए थे। तभी इंदिरा गांधी आ गईं तो सभी उनके सम्मान में खड़े हो गए लेकिन फिराक बैठे ही रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f989c9126632cb5e6c5a56238707ca324aaf688 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बीच सेना की खुफिया इकाई की टीम का सामना सौरव से हो गया। पूछने पर सौरव खुद को भारतीय सेना का अफसर बताने लगा लेकिन एनडीए बैच, यूनिट नंबर और अपने कमांडिंग अफसर व यूनिट की लोकेशन जैसी जानकारी वह नहीं दे सका। शक होने पर खुफिया इकाई ने मिलिट्री पुलिस को भी पूछताछ के लिए बुलाया। सौरव के मोबाइल फोन और उसके बैग को खंगाला गया। मोबाइल में उसकी सौरव ठाकुर के नाम पर बनी फेसबुक आइडी मिली। जिसमें उसने खुद को पैरा स्पेशल फोर्स का कमांडो बताते हुए अपनी लोकेशन आगरा दर्ज किया। वैवाहिक वेबसाइटों पर उसने खुद को आर्मी अफसर बताते हुए बायोडाटा भी अपलोड किया। मध्य कमान की ओर से पैराशूट रेजीमेंट की डेल्टा टीम में 19 फरवरी 2021 तक ज्वाइन करने का एक फर्जी आदेश पत्र भी बनाया है। ।राष्ट्रपति से मेडल लेने की फोटो भी बनायी। जालसाज ने अदम्य साहस के लिए पैरा कमांडो को दिए जाने वाले वीरता पदक की एक फोटो भी तैयार की। उसने किसी जांबाज की जगह अपनी फोटो को फोटो शॉप से बनाया। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से खुद को मेडल प्राप्त करते हुए फर्जी फोटो तैयार कर ली। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7df77035a6a538dcb4eb436e5693f8d0574f796c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74789.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रो. लल्लन प्रसाद। महामारी जनित आर्थिक गतिविधियों में आए ठहराव में इतनी तेजी से गति आएगी, शायद इसकी उम्मीद नहीं की गई थी। आगामी वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत विकास की जो उम्मीद जताई जा रही है, वह पूरी हो सकती है। इस वर्ष की चौथी तिमाही के परिणाम अच्छे होने के आसार हैं। पिछली तिमाही में कृषि की आशातीत पैदावार, ऑटो एवं कुछ और औद्योगिक पदार्थो की मांग में वृद्धि निर्माण क्षेत्र का तेजी से विकास और सेवाओं की बढ़ती मांग, खुदरा और थोक कीमतों के सूचकांक में गिरावट अच्छे संकेत है। सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए राहत पैकेजों का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। + +निर्माण क्षेत्र जो पहली तिमाही में लगभग पूरी तरह बंद था, दूसरी तिमाही में विकास दर 8.6 प्रतिशत था, तीसरी तिमाही में 50 प्रतिशत बढ़ा। रोजगार देने वाले क्षेत्रों में इसका बड़ा योगदान तो होता ही है, साथ साथ सीमेंट, सरिया समेत अन्य बिल्डिंग मैटीरियल की मांग में वृद्धि का यह बड़ा स्त्रोत है। महीनों बाद ऑटो उद्योग पुन: विकास पथ पर आ गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति अगले एक वर्ष में 20 लाख गाडि़यों के निर्माण के लक्ष्य पर काम कर रही है। डीलर्स को स्पेयर पा‌र्ट्स के अच्छे स्टॉक रखने का निर्देश दे चुकी है जिसका लाभ इस क्षेत्र की बड़ी संख्या में सहयोगी उद्योगों को होगा। बिजली और गैस की आपूर्ति समेत अन्य सार्वजनिक उपयोग की सेवाओं में 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। माइनिंग एवं मैन्यूफैक्चरिंग में विकास असंतोषजनक रहा। कई कोर उद्योग भी पिछड़े रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..851f37606fe18d86a7ddc5e016968137130aea07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74794.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आस्ट्रेलिया से सस्ता एवं गुणवत्तापूर्ण कोयला हल्दिया होते हुए झारखंड आ रहा है। इससे हार्डकोक बनाकर देश के उद्योगों के साथ विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। चीन से जो हार्डकोक आ रहा था, उससे बेहतर गुणवत्ता का हार्डकोक झारखंड में तैयार हो रहा है। इससे यहां के इस कोयले की मांग खूब हो रही है। स्टील उद्योग को भी देश में ही इसकी उपलब्‍धता से लाभ हो रहा है। हजारों लोगों को इससे रोजगार मिला है। देश को निर्यात से विदेशी मुद्रा मिलेगी। -अमितेष सहाय, अध्यक्ष झारखंड इंडस्ट्री एंड ट्रेड एसोसिएशन सह हार्डकोक उद्यमीआस्ट्रेलिया से कोयला मंगाकर झारखंड में हार्डकोक तैयार करने से मृतप्राय हार्डकोक उद्योग में अब नई जान आई है। आस्‍ट्रेलिया से मिले कोयले से बना हार्डकोक बेहतर गुणवत्‍ता के साथ चीन से सस्ता भी पड़ रहा है। हार्डकोक उद्योग में जान पड़ने से सिर्फ गिरिडीह में ढ़ाई हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिल गया है।-संदीप सराउगी, निदेशक, अतिवीर इंडस्ट्रीज, गिरिडीह।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d53808ba292276396d570962981380c6c2c9d876 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [धर्मेंद्र मिश्रा]। Central Government New Guideline of Covid-19 Vaccination: कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान के तहत तीसरे चरण में अब एचआइवी संक्रमितों व गंभीर सांस रोगियों को भी वैक्सीन दी जाएगी। बशर्ते पिछले दो साल में सांस की बीमारी के चलते उन्हें किसी अस्पताल में भर्ती भी किया गया हो। केंद्र सरकार ने इन मरीजों का नाम कोरोना टीकाकरण की नई गाइडलाइन में शामिल कर लिया है। हालांकि टीबी मरीजों, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को फिलहाल वैक्सीन नहीं दी जाएगी। शुगर-बीपी, किडनी, कैंसर व हार्ट के मरीज पहले से ही वैक्सीनेशन की गाइडलाइन में शामिल हैं। तीसरे चरण में इन सभी का टीकाकरण शुरू भी हो चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c90a88fd6fa595873311a50573a931dd9c1d075 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन्होंने तैयार किया है एंटी थेफ्ट लाक: एमआइईटी के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन के छात्र नितिन श्रीवास्तव, दीपांशु शर्मा,अक्षिता त्यागी ने विभागाध्यक्ष डा. अमित आहूजा के मार्गदर्शन में एंटी थेफ्ट एलपीजी स्मार्ट लाक तैयार किया है। इसके लिए छात्रों को उत्तर प्रदेश कांउसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी से फंड भी मिला। संस्थान इसके उपयोग के लिए रिलायंस, इंडेन, भारत गैस, आदि कंपनियों से संपर्क भी कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14d7e07549118db7eb7776f618078d6c318925a3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मीडिया से चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक हम यही सुनते आए थे कि नेहरू जी के कपड़े पेरिस और इंग्लैंड धुलने जाते थे, पर राजभवन के दस्तावेज कहते हैं कि नेहरूजी की सिगरेट लेने के लिए मध्य प्रदेश सरकार का प्लेन भोपाल से इंदौर गया था। नेहरू का 555 ब्रांड सिगरेट का पैकेट भोपाल में नहीं मिला। जब यहां स्टाफ को पता चला तो उन्होंने भोपाल से इंदौर के लिए एक विशेष विमान पहुंचाया। वहां एक व्यक्ति इंदौर एयरपोर्ट पर सिगरेट के कुछ पैकेट लेकर पहुंचा और वह पैकेट लेकर विमान भोपाल आया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ba5fc8e44400dfec921220067129ad36b24a13a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रणबीर और आलिया ने अपनी शादी को बेहद ही प्राइवेट रखा और सिर्फ फैमिली व खास दोस्त को ही इनवाइट किया था। जिनमें रिद्धिमा कपूर, करीना कपूर, करिश्मा कपूर, रणधीर कपूर, महेश भट्ट, शाहीन भट्ट, पूजा भट्ट, सोनी राजदान समेंत कपूर फैमिली के कई और लोग शामिल हुए। इनके अवाला आकाश अंबानी, श्लोका अंबानी, आकांक्षा और अयान मुखर्जी, करण जौहर जैसे कई सिलेब्रिटीज भी शादी में शरीक हुए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1252c9a15eae7de31b0bbc98a90f54378e8ad9c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74801.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पारुल रांझा, नोएडा। दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो अपने शौक को ही व्यवसाय बनाकर उसे पेट भरने का जरिया बना लेते हैं। ऐसे ही लोगों में शुमार है अंबाला के टुंडला गांव निवासी पवन कुमार और पत्नी रेणु बाला। ।वे सेक्टर-33 स्थित शिल्प हाट में चल रहे सरस आजीविका मेले में विभिन्न उत्पादों के साथ पहुंचे है। जहां ईंट भट्टे पर काम कर पहले खुद के परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो गया था, अब पेंटिंग के शौक की बदौलत लकड़ी के पेंटिंग को रोजगार में बदला दिया है। ।कड़ी मेहनत के दम पर हर साल करीब 10 लाख का टर्नओवर कर रहे है। उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग ऐसी प्रतीत होती है कि मानो उस पर कंप्यूटर वर्क किया गया हो। इसी तरह उनको चावल के दानों पर करीब 150 शब्द तक लिखने में भी महारत हासिल है। दिल में कुछ अलग करने की इच्छा के बल पर इस समय गांव की करीब 60 जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं। ।देशभर में पेंटिंग से छोड़ रहे अपनी छाप।पवन कुमार बताते है कि वे पिछले 22 वर्षों से पेंटिंग का कार्य कर रहे हैं। यह कला अपने दादा से सीखी थी। अपने काम के चलते देशभर में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। पवन पेंटिंग में इस कदर माहिर है कि लकड़ी पर खरीदार के सामने चंद मिनटों में कलाकृति तैयार कर देते है। चाहे फिर मकान की नंबर प्लेट हो या फिर डेकोरेशन का सामान। यहीं हुनर वह अपने ग्रुप के लोगों में भरने का प्रयास कर रहे। ।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बैनर तले लकड़ी की पेंटिंग के जरिये अपने पत्नी संग पूरे भारत में घूम चुके हैं। पवन कुमार भले ही मेलों के अंदर काउंटर संभालते हो, मगर उनकी कलेक्शन में अहम भूमिका उनकी पत्नी की रहती है। गांव की महिलाओं को साथ लेकर काम करने की इच्छा उनकी पत्नी की ही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95117cfa9245e801b00c0e43445e04a20f356a63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74803.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज जादौन, अलीगढ़ : तेल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के साथ अब नोटबुक, स्टेशनरी व बही खाता बुक भी महंगी हो गई है। स्टेशनरी पेपर व क्राफ्ट पेपर भी 20 से 35 फीसद तक महंगे हुए हैं।  कोरोना के चलते कड़ी शर्तों के साथ जून 2020 में कारोबार को रफ्तार देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर काम किया गया था, तब कलर पेपर 400 रुपये प्रति रिम था। अब इसकी कीमत 550 रुपये है। सफेद पेपर की रिम 380 रुपये थी, अब यह 500 रुपये में मिल रही है। कोपियर की रिम 125 रुपये की थी। अब 150 में मिल रही है। पैकेेेेेेजिंग में प्रयुक्त होने वाला क्राफ्ट पेपर पहले 28 रुपये प्रति किलो था, अब 42 रुपये किलो बिक रहा है। आर्ट पेपर 55 किलो था, यह 80 रुपये किलो मिलेगा। ।बाजार में लेमिनेशन रोल की कमी : घनघोर कोरोना संकट को एक साल बीतने जा रहा है। नर्सरी से लेकर कक्षा पांच तक के बच्चे अभी भी स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसके चलते स्टेशनरी, कापी-किताबों का बाजार रफ्तार नहीं पकड़ रहा है। लेमिनेशन में प्रयुक्त होने वाला रोल पहले 120 का 70 मीटर था। बाजार में अब यह 150 रुपया का रोल है। इसकी कीमतों में वृद्धि होने के बाद रोल की आपूर्ति बाजार में कम ही रही है। ।आयातित पेपर पर बढ़ाई जाए ड्यूटी : देशी पेपर मिलों को बढ़ावा देने के लिए आयात पेपर पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर कारोबारी आमदा हैं। डिजिटल कार्ड का प्रचलन बढ़ रहा है। प्रिंटिंग कारोबारियों की नींदें उड़ी हुई हैं। ।इनका कहना है।पैकेेेेेेजिंग  उद्योग में प्रयोग होने वाला एक क्लास का डुप्लेक्स पेपर 42 से 56 रुपया प्रतिकिलो है। फेविकोल 30 रुपया, लेमिनेशन रोल पीवीसी एवं बीओपीपी का रोल 75 से 100 रुपया हो गया है। पैकेङ्क्षजग उत्पादन की बाजार में मांग कम है। उत्पादन लागत बढ़ रही है। ।तरुण अग्रवाल, अग्रवाल पैकेेेेेेजिंग वक्र्स पला रोड ।पैकेेेेेेजिंग व आफिस में कागज का प्रयोग होता है। स्वास्थ्य सेवा में प्रयुक्त होने वाले आई वी फ्लूड की कीमत बढ़ रही है। यह ठीक नहीं है। कार्टून में प्रयोग होने वाला क्राफ्ट पेपर पहले ही 20 की जगह 32 रुपया प्रतिकिलो मिल रहा है। कीमतें काबू में की जाएं।  ।अतुल अग्रवाल, स्वरूप फार्मा ।वर्ष 1964 से प्रिंटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इतना बुरा दौर कभी नहीं देखा। शादी के कार्ड हों या अन्य आमंत्रण पत्र, बाजार में मांग है नहीं। सादा कार्ड पर पैसा बढ़ रहा है। हमने भी 20 से 25 से फीसद तक दाम बढ़ा दिए हैं। ।विनय अग्रवाल, नवीन प्रेस व नवीन एंटरप्राइजेज, मामूभांजा ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..815a43c8c5eca5ff827f2499700b3f3470ace6db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74805.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मानव-वन्यजीवों का बढ़ा संघर्ष : जंगल की चर्चा होते ही जेहन में बाघ व तेंदुए की तस्वीर उभर आती है। हरैया सतघरवा के जंगलवर्ती गांव में तेंदुए की दहशत हमेशा बनी रहती है। 16 जनवरी की रात खेत की रखवाली कर रहे चैलाहवा गांव के किसान अंनतराम व शीतलपुरवा के किसान राम कुमार को जख्मी कर दिया था। 21 फरवरी की रात श्रीकृष्ण गोशाला सहियापुर में बंधी बछिया व 13 फरवरी को तेंदुए ने इटैहिया गांव के पास कुत्ते को निवाला बनाया था। 17 सितंबर बिनोहनी कला गांव निवासी माताप्रसाद यादव की सात वर्षीया बेटी शीला को तेंदुआ उठा ले गया था। 18 जुलाई को भटपुरवा गांव निवासिनी बड़का के चार वर्षीय बेटे कमलेश की तेंदुए के हमले में मौत हो गई थी। यह तो महज बानगी है। बीते पांच साल में करीब 20 लोगों की मौत तेंदुए के हमले में हो चुकी है। बीते 14 फरवरी को तुलसीपुर थाना क्षेत्र के मनकौरा काशीराम में पानी की तलाश में भटकते हिरन को कुत्तों ने नोचकर मार डाला था। एक जून को रमवापुर गांव में जंगली बिल्ला (फिशिंग कैट) को भी कुत्तों ने अपना शिकार बनाया था। ।तेंदुआ की संख्या अधिक : तेंदुआ-60, हिरन 153, चीतल 1047, सुअर1160, फिशिंग कैट नौ, नीलगाय 819, सांभर 103, बंदर 3385, लंगूर 2413, लकड़बग्घा 61, लोमड़ी, 94, सियार 393, बिज्जू 32, जंगली बिल्ली 20, सेही 92, गोह आठ, मोर 176, खरगोश 18 व पांच भालुओं के जंगल में होने की पुष्टि कैमरा सेल से हुई है। + +सुरक्षा को लेकर विभाग सजग : डीएफओ प्रखर गुप्त ने बताया कि सोहेलवा जंगल की हरियाली व वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर विभाग आधुनिक साजो सामान से लैस हो रहा है। वन्य जीवों की चहलकदमी कैमरा ट्रैप सेल से कैद की जाती है। ड्रोन कैमरा व जीपीएस के साथ शिकारियों के भूमिगत जाल को पकड़ने के लिए मेटल डिटेक्टर मंगाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2847a17dddb3e7d58363f8e4f9526ec0f80a1919 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74807.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुनिया भर की टीमों संग फहराई है विजय पताका। सचिन कुमार साइकिलिंग की दुनिया की तमाम टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले चुके हैं। अमेचर टीमों की बात करें तो साल 2010 में यूसी फेलेटिन इन इन क्रूज फ्रांस का हिस्सा थे। इसी टीम के साथ साल 2012 में भी सचिन ने प्रतिभाग किया। 2013 में भारत में टीम ट्रेक फायरफाक्स के साथ रहे। 2014 में इटली के मार्सियोल एमेस्फेरो के साथ रहे। 2015 में चीन की क्विक साइकिलिंग टीम के साथ रहे। 2016 में चीन के ही कैननडेल स्टोन टीम का हिस्सा रहे। कंटीनेंटल टीमों में 2014 में सीएनएन साइकिलिंग टीम के साथ जुड़े रहे। भारत की राष्ट्रीय टीम में 2005 से लगातार जुड़े रहे हैं। देश और दुनिया की जानी-मानी साइकिलिंग प्रतियोगिताओं में सचिन ने जीत भी हासिल की है। इनमें ग्रैंड टूअर्स, नेशनल चैंपियनशिप, नेशनल गेम्स, बेंगलुरु साइक्लोथन, मुंबई साइक्लोथन, दिल्ली साइक्लिोथन, चंडीगढ़ साइक्लिोथन, नासिक साइक्लिोथन, मुंबई से पुणे रेस, पुणे से बारामती, शाहजहां इंटरनेशनल साइकिलिंग टूर, टूर आफ़ प्यांग लेक, ला लीमोसिनी और सिंगल डे रेस एंड क्लासिक शामिल है। + +जब दौड़ा दी ट्रैक पर देसी साइकिल। साइकिल चलाने के शौकीन सचिन पंवार ने एक दिन घर में किसी को बिना बताए ही दिल्ली का रुख कर लिया। वहां स्टेडियम की ट्रैक पर देशी साइकिल से ही फर्राटा भर दिया। साइकिल की रफ्तार देखकर साइक्लिंग कोच कृपाल व त्रिलोचन की हैरानी का ठिकाना न रहा। उन्होंने सचिन को एक महीने की ट्रेनिंग दी। इसके बाद प्रदेश स्तरीय साइकिल प्रतियोगिता में सचिन ने हिस्सा लिया और अंडर-19 आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके बाद सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देख। आगे देखा और बढ़ना शुरू कर दिया। फिर क्या था। वह अपनी साइकिल से आगे बढ़ते गए और देश की सीमाओं का रास्ता नापने के बाद हांगकांग, फ्रांस, इटली, चीन, दुबई आदि देशों की साइकिल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और प्रतियोगिताओं के साथ ही दुनिया दिल भी जीत लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b481964322dcac8be5c4fbcb8ddd3a4d58bc7f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [आशा मेहता]। रंग-बिरंगे खूबसूरत फूलों की बगिया तो ज्यादातर घरों में मिल जाएगी, लेकिन कैक्टस गार्डन कम ही देखने को मिलते हैं। इसका कारण यह है कि बहुत से वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ कैक्टस को अशुभ बताते हैं। इन सबसे हटकर बीआरएस नगर के रहने वाले 61 वर्षीय जनरल फिजिशियन डा. हरभजन दास ऐसे शख्स हैं, जिनकी कैक्टस के साथ गहरी यारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cec3be149e14caff3f08b3bc63dd7705b27c0f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजपाल यादव ने कहा, 'मुझे लगता है कि हर किसी को दूसरों के लिए अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए... अगर लोग मेरी मदद नहीं करते तो मैं यहां कैसे होता? पूरी दुनिया मेरे साथ थी, मुझे खुद के चलते रहने पर विश्वास था, मुझे पता था कि मुझे हर तरह का समर्थन चाहिए थो जो मुझे मिला।' इतना ही नहीं राजपाल यादव ने मुंबई में अपने संघर्ष के शुरुआती दिनों को भी याद किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..863aea2a479b8694098c638802ab63fc8c356876 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74813.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। गुरु रवींद्र नाथ टैगोर ने अपनी एक कविता में कहा है, ‘एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है। खिलौने का एक-एक रंग बच्चे के जीवन में कितने ही रंग बिखेरता है।’ वास्तव में यह काफी हद तक सही भी है। बच्चों के समग्र विकास में खिलौनों के महत्व को देखते हुए ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्ले आधारित और गतिविधि आधारित शिक्षा दिये जाने पर काफी बल दिया गया है। देश में पहली बार आयोजित ‘इंडिया टॉय फेयर-2021’ में पारंपरिक भारतीय खिलौनों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, आलीशान खिलौने, पहेलियां और आधुनिक खिलौने आभासी तौर पर प्रदर्शित किए गए। वहीं, दूसरी ओर मार्केट में तरह-तरह के खिलौनों की मांग के कारण आजकल टॉय डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में करियर के नये-नये मौके तेजी से बढ़ रहे हैं। + +जॉब्स के मौके: देश में अभी 4 हजार से अधिक टॉय फैक्ट्रियां हैं, जहां खिलौने बनते हैं। टॉय इंडस्ट्री में मुख्य रूप से टॉय प्रोडक्शन, टॉय डिजाइनिंग तथा टॉय मार्केटिंग से संबंधित काम होते हैं। प्लास्टिक, पेपर बोर्ड, टेक्सटाइल, पॉलिस्टर जैसी चीजों से आकर्षक खिलौने बनाने के लिए टॉय डिजाइनर्स की देश-विदेश की विभिन्न टॉय मेकिंग कंपनियों में आवश्यकता देखी जा रही है। इस समय बच्चों के कमरे या प्ले स्कूल भी टॉय की थीम पर डिजाइन किए जाने लगे हैं। इसके लिए भी टॉय डिजाइनर की काफी मांग है। टॉय सेक्टर में स्वरोजगार के भी बहुत मौके हैं। देश के कोने-कोने में टेडी बियर्स और सॉफ्ट टॉय खिलौनों को स्वरोजगार के रूप में अपनाया जा रहा है। सॉफ्ट टॉय मेकिंग के व्यवसाय के लिए न तो किसी बड़ी शैक्षणिक योग्यता की जरूरत है और न ही आयु सीमा की। स्वरोजगार योजनाओं के तहत खिलौना उद्योग के लिए कई राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत निवेश में सब्सिडी भी दी जा रही है। + +शैक्षिक योग्यता: सॉफ्ट टॉय मेकिंग में कुशलता हासिल करने के लिए किसी फैक्ट्री में ट्रेनिंग लेकर इसे सीखा जा सकता है। वहीं अगर टॉय ऐंड गेम डिजाइनिंग से संबंधित कोर्स करके बतौर टॉय डिजाइनर करियर बनाना चाहते हैं, तो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद/बेंगलुरु समेत देश के कुछ अन्य संस्थानों में उपलब्ध कोर्स किया जा सकता है। इन कोर्सेज में प्लास्टिक और विभिन्न प्रकार के मेटल्स के साथ टॉय डिजाइन करने की कला सिखायी जाती है। डिजाइनिंग में बैचलर डिग्रीधारी युवा एनआइडी से टॉय डिजाइनिंग में स्पेशलाइजेशन करके भी इस फील्ड में करियर बना सकते हैं। इसके अलावा, टॉय मेकिंग में ग्राफिक डिजाइन, कंप्यूटर डिजाइनिंग तथा कार्टूनिंग की अतिरिक्त जानकारी रखने वालों को करियर में खुद को तेजी से आगे बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6deaebeb8609fb11760b0ecae0983003783ad17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74814.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जेनेवा (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। सीरिया पर आई संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक रिपोर्ट बेहद चौकाने वाली है। इस रिपोर्ट में यूएन के जांच आयोग ने खुलासा किया है कि वहां पर लाखों लोग ऐसे हैं जिन्‍हें मनमाने ढंग से हिरासत में रखा गया है। ऐसे में इन लोगों का भविष्‍य पूरी तरह से अनिश्चितता के साए में है। आयोग ने ऐसे समय में अपनी ये रिपोर्ट दी है जब कुछ समय पहले ही यहां के सीमावर्ती इलाकों पर बाइडन प्रशासन में पहली बार बमबारी की गई थी। इसके बाद इजरायल ने भी दमिश्‍क में बम बरसाए थे। ।आपको बता दें कि सीरिया काफी लंबे समय से गृह युद्ध की आग में जल रहा है। जहां तक आयोग की इस रिपोर्ट का सवाल है तो इसमें कहा गया है कि अवैध रूप से हिरासत में रखे गए सैकड़ों लोगों की गुमनाम मौत भी हो चुकी है। इनमें से कई ऐसे भी हैं जिन्‍हें मौत के घाट उतार दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिरासत में रखे गए इन लोगों को बेहद अमानवीय तरीके से जेलों में ठूंस कर रखा गया है। जेलों में बंद लोगों में केवल पुरुष ही नहीं हैं बल्कि महिलाएं भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कई महिलाओं के साथ बदसलूकी तक की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक हिरासत में लिए गए व्‍यक्ति को यहां पर अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों के अनुरूप अधिकार हासिल नहीं हैं। + +यूएन जांच आयोग द्वारा पेश की गई इस रिपोर्ट में जांचकर्ताओं ने बताया है कि उन्‍होंने करीब 2500 लोगों से इस बारे में इंटरव्‍यू किए हैं और जेलों में बंद कैदियों की हालात की गंभीरता का पता लगया है। रिपोर्ट के मुताबिक हिरासत में बंद सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह में धकेला गया है। आयोग ने अपनी इस रिपोर्ट में इस तरह के कृत्य को मानवता के खिलाफ अपराध घोषित किया है। इसमें जांचकर्ताओं ने पाया है कि इस तरह का अपराध करने वालों में सीरियाई डेमोक्रैटिक फोर्सेज यानी एसडीएफ शामिल रही है जो सीरियाई सरकार के मातहत काम करती है। + +इस आयोग के आयुक्‍त कैरेन कोनिंग का कहना है कि उनके पास इस बात के पर्याप्‍त सुबूत हैं कि अवैध रूप से हिरासत में रखे गए लोगों के पीछे सीरियाई सरकार का हाथ है और वो उन लोगों के साथ अमानवीय बर्ताव करते हैं। इसके बाद भी हर कोई अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताता है। इतना ही नहीं वो अपने सुरक्षा बलों की जांच कराने से भी इनकार कर देते हैं। सरकार जेलों की स्थिति की जांच कराने की बजाए अपने आरोपों को छिपाने और सुबूतों को नष्‍ट करने का काम करती है। जांच आयोग इस रिपोर्ट को अगले सप्‍ताह जेनेवा में यूएन मानवाधिकार परिषद को सौंपेगा। आयोग ने इस रिपोर्ट के बनाने के लिए 100 से अधिक जेलों की जांच की है। इस जाँच में, गृहयुद्ध की शुरुआत से आज तक हुए प्रदर्शनों में हिरासत में लिए गए पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की परिस्थितियों की जांच की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd8d69555dea5f13fcca7096df5ba42793668412 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74817.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लातेहार, [उत्कर्ष पाण्डेय]। Latehar Jharkhand News झारखंड के लातेहार जिले की पूर्व डीडीसी आइएएस माधवी मिश्रा की प्रेरणा से जिले के सुदूर गांवों में महिलाएं औषधीय पौधों की खेती से आत्मनिर्भर बनकर दूसरों को रोजगार प्राप्ति के लिए नई राह दिखा रही हैं। नक्सलियों के कारण बदनाम जिले के सुदूर गांवों में अब औषधीय फसलों की खेती से सार्थक बदलाव हो रहा है। गांवों में लहलहाती औषधीय फसलों को देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते रहते हैं। सिंजो, दूंदू व कुई समेत कई सुदूर गांवों में महिलाएं परंपरागत खेती से दूरी बनाकर तरक्की का रास्ता निकाल चुकी हैं। ।गांवों में अब तुलसी, एलोवेरा, कुटकी और शंखपुष्पी जैसे औषधीय पौधों की खेती से किसानों का एक छोटा समूह तीन लाख रुपये प्रति एकड़ तक की कमाई कर रहा है। किसान जब गेहूं या धान की खेती करते हैं तो महज 30,000 रुपये प्रति एकड़ से कम की कमाई होती है। औषधीय पौधों से प्राप्त फसलों के बाद इनके पौधों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों और पर्सनल केयर उत्पाद बनाने में होता है। स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए कुटकी, तुलसी, एलोवेरा व शंखपुष्पी जैसे पौधों की शायद ही कोई अहमियत हो लेकिन ये पौधे किसानों की जिंदगी बदल रहे हैं। + +खेती से लाखों की कमाई।तीन प्रकार की तुलसी रामा, श्यामा एवं वन तुलसी के अलावा शंखपुष्पी की फसल उगाने वाले किसानों को आसानी से ढाई से तीन लाख रुपये प्रति एकड़ की आमदनी हो जाती है। इनका ज्यादातर इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। जानकार बताते हैं कि इन पौधों से तेल निकाला जाता है और इनसे कई तरह के सुंगधित उत्पाद बनाए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d2f5f7cec1fa7a58f4ae5d436f213c0fa0dfd20 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वनडे और टी-20 सीरीज में मेहमान टीम के पास गेंदबाज शबनिम इस्मेल, विकेट कीपर ट्रिशा चेट्टी के रूप में ऐसी खिलाड़ी मौजूद हैं जो किसी भी परिस्थिति में मैच का पासा पलटने में माहिर हैं। बता दें कि इस वर्ष जनवरी में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने अपनी मेजबानी में पाकिस्तान को वनडे और टी-20 सीरीज में आसानी से मात देकर अपनी श्रेष्ठता साबित की थी। दोनों फार्मेट में इन खिलाडिय़ों का प्रदर्शन सराहनीय रहा था। अब लखनऊ में होने वाले वनडे और टी-20 सीरीज में भी दक्षिण अफ्रीकी टीम प्रबंधन को लौरा, शबनिम और विकेटकीपर बल्लेबाज ट्रिशा से चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6d3b6fe881ef51883b1251aff47cdeef3c4dcd9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74824.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वामपंथी और कांग्रेसी नेता भाजपा को सांप्रदायिक और विभाजनकारी दल बताते थकते नहीं हैं, परंतु जब फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पार्टी बनाते हैं तो वह उनके लिए धर्मनिरपेक्ष हो जाते हैं। उन्हें वाममोर्चा ने अपने हिस्से से तीस विधानसभा सीटें दी हैं। इससे पहले तक पीरजादा का राजनीति से कुछ लेना देना नहीं था। यही सवाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी उठा रहे हैं। + +पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता आनंद शर्मा ने पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन की आलोचना की। साथ ही कहा कि यह गठबंधन गांधीवादी एवं नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है और पार्टी सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में चुनिंदा रुख नहीं अपना सकती है। इस पर बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी का तर्क है कि शर्मा पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनकी टिप्पणी भाजपा के एजेंडे के अनुरूप है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad0cd17d62f876466b0e11490aeaf388330534ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुशील दीक्षित ‘विचित्र’। Bengal Chunav पांच राज्यों में चुनावों की घोषणा होने के साथ ही पिछले कुछ वर्षो की तरह एक बार फिर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया जाने लगा है। ममता बनर्जी के साथ कुछ विपक्षी दल भी मतदान की तारीखों पर अंगुलियां उठा रहे हैं। यह और कुछ नहीं संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार की वही पुरानी परिपाटी है जो पिछले कुछ वर्षो से इस या उस बहाने बराबर चल रही है। बंगाल में चुनाव आयोग ने मतदान के लिए जो व्यवस्था की है लगभग वैसी ही व्यवस्था पिछले दस वर्षो के दौरान हुए दो चुनावों में भी रही। तब ममता बनर्जी को कोई एतराज नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74829.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74829.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38505edcfccec8d79d58adb129460ecbf3f79c04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74829.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। अभी विदेश से मंदिर निर्माण में सहयोग लेने पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट फैसला नहीं कर सका है। इसके बावजूद अप्रवासी भारतीय आराध्य की जन्मभूमि पर बनने जा रहे भव्य मंदिर में सहयोग करने के लिए व्यग्र हैं। वे किसी तरह मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग देना चाहते हैं। कुछ लोगों ने भारत में रहने वालों की मदद से निधि अर्पित की तो अब कुछ ऐसे रामभक्त भी मिले जो अयोध्या आए तो वे अपना सहयोग मंदिर निर्माण में करना नहीं भूले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b458c619e787427170343d7b6ad21bc089f134fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74832.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में अब करीब दो माह का समय शेष रह गया है। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 14 मई को अक्षय तृतीया, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोले जाने हैं। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर 11 मार्च को तय की जाएगी। जाहिर है प्रशासन, व्यापारी और तीर्थ पुरोहित यात्रा की तैयारियों में जुट गए हैं। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा सीजन प्रभावित रहा था, अगस्त से यात्रा ने कुछ रफ्तार अवश्य पकड़ी, लेकिन ज्यादातर वक्त धामों में सन्नाटा ही पसरा रहा। अब जबकि हालात काफी हद तक सुधर चुके हैं तो उम्मीद है कि इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम पहुंचेंगे। ।तैयारियों के नजरिये से देखें तो इस बार कुदरत भी मेहरबान है। केदारनाथ धाम में हर दफा शीतकाल में छह से आठ फीट बर्फ की चादर बिछी रहती थी। इससे संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचता था, लेकिन इस बार स्थिति भिन्न है। बर्फबारी कम होने के कारण धाम में महज डेढ़ से दो फीट बर्फ है। यही स्थिति बदरीनाथ धाम की भी है। यहां शीतकाल में अक्सर हिमखंडों से सड़क बाधित रहती है, लेकिन इस बार ऐसी कोई बाधा नहीं है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी स्थिति सामान्य है। जाहिर है प्रशासन के पास तैयारियों को लेकर समय तो पूरा है ही, इसके अलावा परिश्रम भी कम करना पड़ेगा। ।समय का सदुपयोग करते हुए अन्य चुनौतियों से पार पाने की योजना बनानी होगी।प्रशासन को समय का सदुपयोग करते हुए अन्य चुनौतियों से पार पाने की योजना बनानी होगी। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो चार धाम में इस बार रिकॉर्ड संख्या में यात्री पहुंच सकते हैं। ऐसे में धामों में भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था को लेकर सजग रहना होगा। यात्रा मार्गो पर अक्सर लगने वाला जाम श्रद्धालुओं की परीक्षा लेता रहा है। इसकी मुख्य वजह सड़कों पर वाहनों का बढ़ता दबाव है, साथ ही भूस्खलन प्रभावित जोन भी इसका बड़ा कारण रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सड़कों को दुरुस्त करने के साथ ही इन जोन का उपचार किया जाए। ।उम्मीद की जानी चाहिए यात्रा आरंभ होने से पहले व्यवस्था बेहतर कर ली जाएगी।आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 139 ब्लैक स्पॉट (ऐसे क्षेत्र जहां लगातार हादसे हो रहे हैं) चिह्न्ति किए गए हैं। इनमें चार धाम मार्ग भी शामिल हैं। विडंबना है कि अब तक उपचार महज साढ़े तीन दर्जन का ही हो पाया है। इसके अलावा दुर्घटना संभावित स्थलों (डेंजर जोन) की संख्या करीब डेढ़ हजार है और इनमें से महज 107 दुरुस्त किए गए हैं। उम्मीद की जानी चाहिए यात्रा आरंभ होने से पहले व्यवस्था बेहतर कर ली जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..af32f4200760e156c66d9fa6faa6c06b63f319df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मामला फतेहपुर सीकरी इलाके की रहने वाली 18 वर्षीय नवयुवती का है। युवती के पिता की मौत हो चुकी है। वह चार वर्ष पहले 13 साल की उम्र में आगरा एक परिचित के यहां शादी समारोह में शामिल होने आई थी। यहां पर एक युवक ने उसका मोबाइल नंबर ले लिया। किशोरी को युवक की मंशा का पता नहीं था। उसने युवक को अपना मोबाइल नंबर दे दिया। इसके बाद किशोरी की मुसीबत का सिलसिला शुरू हो गया। युवक ने उसे लगातार फोन करके परेशान करना शुरू कर दिया। इससे किशोरी का जीना मुश्किल हो गया। घर में बीमार मां के होने के चलते वह उसे बताना नहीं चाहती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74839.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74839.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..388daa8bd20b01e06e30abe234ca4fc1ba86ccdd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74839.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चीन के हैकर बड़े पैमाने पर यह साइबर हमले करने में सफल कैसे हुए, इसके जवाब में बताया जा रहा है कि यह काम भारत को सप्लाई किए गए बिजली आपूíत देने वाले संयंत्रों में गड़बड़ी पैदा करने से मुमकिन हुआ। चीन से आए इन संयंत्रों में चीनी कंपनी रेडइको ने मालवेयर (जासूसी या संकेत पर कोई गड़बड़ी पैदा करने वाले चिप और सॉफ्टवेयर) प्लांट कर दिए थे, जिन्हें लद्दाख में गलवन घाटी की घटना के बाद मौका पाकर सक्रिय कर दिया गया।सुरक्षा की कमजोर कडि़यांसाइबर हैंकिंग यूं अब कोई नई बात नहीं रह गई है। अरसे से हैकर ऐसा करते रहे हैं, पर जहां तक सरकारी वेबसाइटों को निशाना बनाने की बात है तो ऐसा अक्सर दो देशों के बीच कोई तनाव पैदा होने की हालात में किया जाता है। + +ऐसी स्थिति में ये हैकर न सिर्फ सरकारी वेबसाइटों को हैक कर ठप कर डालते हैं, बल्कि सरकारी दूतावासों, प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों-अधिकारियों के लॉगइन विवरण, ईमेल, पासवर्ड, फोन नंबर और पासपोर्ट नंबर चुरा लेते हैं और उन्हें दूसरी वेबसाइटों पर इस दावे के साथ लीक कर देते हैं कि फलां देश की साइबर सुरक्षा कितनी कमजोर है। खास तौर से भारत की सरकारी वेबसाइटों के बारे में कई हैकरों का यह दावा भी है कि भारत की ज्यादातर सरकारी वेबसाइटें इस मामले में इतनी कमजोर हैं कि उन्हें छह साल का बच्चा भी हैक कर सकता है। + +इन नीतियों के तहत देश में चौबीसों घंटे काम करने वाले एक नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीईआइपीसी) की स्थापना शामिल है, जो देश में महत्वपूर्ण इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में काम कर सके। सवाल है कि क्या इन उपायों को अमल में लाने में कोई देरी या चूक हुई है अथवा यह हमारे सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र की कमजोर कडि़यों का नतीजा है कि हैकर जब चाहें, जो चाहें कार्रवाई कर रहे हैं?आज दुनिया में कहीं भी बैठे हैकर हमारी महत्वपूर्ण सूचनाएं चुरा सकते हैं, उनका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं और हमारी बैंकिंग, परिवहन, सैटेलाइट सेवाओं को बाधित करने के अलावा सरकारी एवं सैन्य सेवाओं पर कब्जा जमा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74841.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74841.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9106ee23947c62a32410a7dc382491fe28e01dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74841.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +एक समस्या यह भी है कि देश में युवा शोध और नवाचार को लेकर करियर बनाने के प्रति बहुत उत्सुक नहीं हैं। क्योंकि अभी सिविल सेवा एवं अन्य प्रशासनिक पदों में जो मान-सम्मान है वह शोध में नहीं। साथ ही आíथक तंगी भी इसका प्रमुख कारण है। शोध से ही ज्ञान के नए क्षितिज विकसित होते हैं। शायद इसी वजह से भारत में शोध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों ही चिंतनीय हैं। + +पड़ताल बताती है कि अनुसंधान और विकास में सकल व्यय वित्तीय वर्ष 2007-08 की तुलना में 2017-18 तक यह लगभग तीन गुने की वृद्धि लिए हुए है। फिर भी अन्य देशों की तुलना में भारत का शोध विन्यास और विकास कमतर ही रहा है। भारत शोध एवं नवाचार पर अपनी जीडीपी का 0.7 फीसद ही व्यय करता है, जबकि चीन 2.1 और अमेरिका 2.8 फीसद खर्च करते हैं। इतना ही नहीं दक्षिण कोरिया और इजरायल जैसे देश इस मामले में चार फीसद से अधिक खर्च के साथ कहीं अधिक आगे हैं। + +हालांकि केंद्र सरकार ने देश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आम बजट साल 2021-22 में आगामी पांच वर्षो के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। साथ ही कुल शिक्षा बजट में से उच्च शिक्षा के लिए भी 38 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च की बात देखी जा सकती है, जो शोध और उच्च शिक्षा के लिहाज से एक सकारात्मक और मजबूत पहल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9d31a7c2a5946081e041a9fbcc1f2b311593cfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74842.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिलहाल बाल्यावस्था में है इंटरनेट मीडिया। एपी सिंह की मानें तो देश में इंटरनेट मीडिया अभी बाल अवस्था में है। अभी लोगों को पता ही नहीं है कि इसका क्या बेहतर इस्तेमाल होता है और क्या बुरा होता है। उन्होंने कहा कि गलत कार्य तो किसी और ने किया और सजा शबनम को मिली। शबनम को जेल की सलाखों के पीछे हर रोज-हर पल मर रही है। फांसी तो एक बार होती है और आदमी दुनिय़ा से चला जाता है। ऐसी सजा देकर क्यों आप रोज उसे फांसी देंगे-रोज उसे मारेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08567209cae64445e0f79e352ae1ef6f30d480eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74845.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन का ये भी कहना है कि यदि ताइवान से कोई देश संबंध स्‍थापित करना चाहता है तो उसको चीन से सभी संबंध तोड़ने होंगे। यही वजह है कि आज भी ज्‍यादातर देश और संयुक्‍त राष्‍ट्र भी ताइवान को मान्‍यता नहीं दे सका है। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ काफी आक्रामक नीति इख्तियार करते हुए ताइवान से संबंध बनाने की तरफ कदम बढ़ाया था। चीन का मानना है कि वो एक राष्‍ट्र है। उसकी यही पॉलिसी वन चाइना पॉलिसी कही जाती है। लेकिन अब जबकि अमेरिकी संसद में इसके खिलाफ विधेयक पेश हुआ है तो चीन की की सांसे इसको लेकर जरूर अटकी हुई हैं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर एचएस प्रभाकर मानते हैं यदि ये विधेयक सदन में पारित हो जाता है तो इसका खामियाजा चीन को कहीं न कहीं भुगतना ही होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0af1dc558d5489f6cdf2309911697c001720bd1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अबू धाबी, ऑनलाइन डेस्‍क। भारत से बैर रखने वाले पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान और चीन भारतीय वायु क्षमता को एक बार फ‍िर देखेंगे। भारतीय वायुसेना के छह एसयू-30 एमकेआइ और सी-17 की गर्जना की गूंज चीन और पाकिस्‍तान तक पहुंचेगी। दरअसल, तीन मार्च से भारतीय वायु सेना के दोनों व‍िमान संयुक्‍त अरब अमीरात में डेजर्ट फ्लैग में हिस्‍सा ले रहे हैं। इस युद्धाभ्‍यास में अमेरिका, फ्रांस और सऊदी अरब के साथ 10 देश हिस्‍सा ले रहे हैं। आइए जानते हैं भारतीय वायु सेना के इन दोनों विमानों के बारे में। क्‍या है सी-17 और एसयू-30 एमकेआइ की खूबियां। इन विमानों पर क्‍यों है चीन और पाकिस्‍तान की नजर। । विमान सी-17 ग्लोबमास्टर की खूबियां । सुखोई-30 एमकेआइ की क्‍या हैं खूब‍ियां ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7732b57da4e14eb7ea18a779ca42ab3461ed9e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, गौरव दुबे। अब यूपी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में सैकड़ों निशानेबाजों को प्रतियोगिता वाले दिन आयोजन स्थल पर पहुंचकर अपने प्रतिभाग करने का दिन व समय जानने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब निशानेबाजों की आनलाइन डिटेलिंग की व्यवस्था लागू कर दी गई है। राज्यस्तर पर शूटर्स को इस बड़ी समस्या से निजात दिलाने वाला यूपी पहला प्रदेश भी बन गया है। इससे हर निशानेबाज को एक दिन पहले ही उनके प्रतिभाग का दिन व समय मालूम पड़ेगा। गाजियाबाद में करीब 3000 शूटर्स के साथ हो रही स्टेट शूूूूूटिंग चैंपियनशिप में यह व्यवस्था लागू हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..803d89a9b6a33284c3c977050c22f3c41cbc6d81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजकल अधिकांश शिशु में बहरेपन की शिकायत।अधिकांश शिशु में बहरेपन की शिकायत आती रहती है। इसकी पहचान अगर शुरुआत में हो जाए तो इलाज आसानी से हो जाती है। इसके लिए यूनिवर्सल न्यू बोर्न हैरिंग स्क्रीनिंग ( यूएनएसएस) से नवजात शिशुओं में श्रवण शक्ति की पहचान आसानी से की जा सकती है। इसके लिए शिशु के माता-पिता को जागरूक होने की आवश्यकता है। । सुनवाई हानि के दो प्रकार है।प्रवाहकीय हियरिंग लॉस:  इसमें कान बहना एक प्रकार की समस्या है। यह अधिकतर बच्चों को होती है। जिस कारण बढ़ती उम्र में परेशानी हो सकती है। इसका इलाज सर्जरी या दवाइयां-दोनों से किया जा सकता है। ।सेंसोरिनुरल हियरिंग लॉस: यह सुनने की हानि अचानक एक्सपोज़र के कारण होती है। जैसे अचानक जोर की आवाज (100 - 150 डीबी) विस्फोट, बंदूक की गोली या एक शक्तिशाली पटाखा के मामले में स्थायी सुनवाई हानि में परिणाम के साथ कमजोर नसों के कारण है। इसे समय पर इलाज कर ठीक किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54a8e929cda272be6851cce39cbd35c6867e3394 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74856.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पिछले दिनों सामने आई सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की स्‍टेट आफ इंडिया एनवायरमेंट रिपोर्ट 2021 में कई चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं। भारत के मद्देनजर इस रिपोर्ट में कई चीजों की तरफ ध्‍यान आकर्षित किया गया है, जिसकी वजह से ये रिपोर्ट काफी खास हो जाती है। इस रिपोर्ट में वैश्विक महामारी से होने वाले नुकसान का भी जिक्र किया गया है। साथ ही वायु, जल प्रदूषण के बारे में भी बताया गया है। लोगों पर इसके प्रभाव के बारे में भी इस रिपोर्ट में बताया गया है। + +कोविड-19 महामारी का जिक्र। कोविड-19 का जिक्र करते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में इसकी वजह से 50 करोड़ बच्‍चे प्रभावित हुए हैं। इन बच्‍चों को स्‍कूल से मजबूरन अलग होना पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें आधे से अधिक अकेले भारत में हैं। इसमें कहा गया है कि इस वैश्विक महामारी ने दुनिया को और अधिक गरीब बना गया है। सीएसई प्रमुख सुनीता नारायण का कहना है कि वैश्विक महामारी की वजह से 11 करोड़ से अधिक लोग भूखमरी की चपेट में आ गए हैं। इनमें से अधिकतर दक्षिण एशिया से हैं। + +भारत का स्‍थान । सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक सतत विकास या सस्‍टेनेबल डेवलेपमेंट के मामने में भारत का विश्‍व के 192वें देशों में 117वां स्‍थान है। इस विषय पर केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना ने बेहतर काम किया है। वहीं बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और उत्‍तर प्रदेश इस मामले में सबसे अधिक पिछड़े हैं। + +जल जीवन मिशन । इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत सभी को पीने का साफ पानी मुहैया कराने के लिए हमें जल क्षेत्र को बढ़ाना होगा साथ ही ग्राउंड वाटर को दोबारा रिचार्ज करने के उपायों पर तेजी से काम करना होगा। बारिश के पानी को भी जमीन में पहुंचाने का जरिया तलाशना होगा। इस रिपोर्ट में इस बात पर खुशी जताई गई है कि वर्ष 2014-15 में मनरेगा के अंतर्गत करीब 34 फीसद फंड जल को बचाने और इससे संबंधित दूसरे उपायों पर खर्च किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb462d951c2ac1900631714533647b00b149b96f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसी का नतीजा था कि वर्ष 2008 के पंचायत चुनाव के बाद से तृणमूल 2019 के पहले तक एक भी चुनाव नहीं हारी, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में हवा बदली हुई दिख रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा हों या फिर केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा के अन्य नेता, इन सभी की सभाओं, रैलियों और रोड शो में जिस तरह से भीड़ जुट रही है, वह कहीं न कहीं यहां के लोगों पर चढ़ रहे भगवा रंग को दर्शा रहा है। हालांकि विधानसभा चुनाव का परिणाम क्या होगा, यह तो दो मई को पता चलेगा, लेकिन इतना तय है कि इस बार कुछ अलग होने वाला है। ममता तीसरी बार सत्ता में आती हैं या फिर भाजपा के हाथ सत्ता लगती है, यह तो बाद की बात है। एक बड़ी बात यह है कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती पर भगवा के प्रभाव का विस्तार हो चुका है। हर गली-मोहल्ले में तृणमूल और वाम-कांग्रेस के साथ-साथ अब भगवा झंडा भी लहराने लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41d10e1fd72758c6e35c3d5115b997c8d4e7c0e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेठी की अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए। बीते दिनों केरल में उन्होंने बयान देकर उत्तर भारतीयों की समझ पर सवाल उठाते हुए दक्षिण भारतीयों को मुद्दों की समझ रखने वाला बताया। इसे लेकर 2022 के लिए माहौल बनाने में जुटे कार्यकर्ता अवाक हैं। कानाफूसी है, लेकिन बेहद सावधानी से, क्योंकि इससे पहले राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के फैसले पर असहमति जताने की वजह से दस वरिष्ठ कांग्रेसी पार्टी से निकाल दिए गए थे। इनमें पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक से लेकर संगठन के पुराने कार्यकर्ता तक थे। ।बहरहाल, मुद्दों को अपनी समझ पर परखने वाले कांग्रेसी राहुल के इस बयान पर भी मुखर हैं। कांग्रेस के गढ़ और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के सदर से पार्टी की ही विधायक अदिति सिंह कहती हैं कि राहुल गांधी कोई क्षेत्रीय दल से नहीं हैं। एक राष्ट्रीय नेता हैं। उन्हें विभाजनकारी बातें शोभा नहीं देतीं। वह कहती हैं कि अमेठी और रायबरेली की जनता ने, कार्यकर्ताओं ने उनकी व उनके परिवार की बहुत मदद की है। इतने चुनाव जिताए हैं। राहुल का बयान कार्यकर्ताओं के दिल को ठेस पहुंचाने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74862.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12c157a62b37f2e914d83152f586dd9f96d86f21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +In phase-3 of metro construction, the Hauz Khas metro station on magenta line became the deepest metro station of the Delhi Metro network. This line now has India’s first-ever fully-automated driverless train. #RetroMetro pic.twitter.com/bi23rryBHg।हौजखास मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज सबसे बड़ा हब ।अभी तक दिल्ली मेट्रो के राजीव चौक, कश्मीरी गेट मेट्रो, केंद्रीय सचिवालय ही बड़े इंटरचेंज हब माने जाते थे। अब इसमें हौज खास मेट्रो स्टेशन का नाम भी शामिल हो गया है। राजीव चौक के बाद ये दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन बन गया है। साथ ही इंटरचेंज पॉइंट भी। मजेंटा लाइन पर हौजखास मेट्रो स्टेशन पर हुडा सिटी सेंटर और नोएडा के यात्रियों के लिए सबसे बड़ा इंटरचेंज हब होगा। ।अब तक नोएडा के यात्रियों को ब्लू लाइन से होते हुए यलो लाइन लेकर हुडा सिटी सेंटर पहुंचने के लिए 34 मेट्रों स्टेशनों से गुजरना पड़ता था। जबकि अब नोएडा के यात्री मजेंटा लाइन पर हौजखास मेट्रो स्टेशन से इंटरचेंज करके 25 स्टेशनों से होते हुडा सिटी सेंटर पहुंच सकेंगे। हौजखास मेट्रो स्टेशन पूरी तरह से अंडर ग्राउंड है और 29 मीटर गहरा है, जो करीब आठ मंजिल की गहराई के बराबर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74864.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74864.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7a3676d030014ac9f4a8747adfdc03414088628 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74864.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेंट्रल एशिया से आते हैं पक्षी। कीठम झील में ग्रेटर फ्लेमिंगो, ग्रे लैग गूज, बार हेडेड गूज, टफ्टिड डक, ब्लैक टेल्ड गोडविट, नोर्दन शोवलर, कामन टील, यूरेशियन कूट, पाइड एवोसेट, रिवर टर्न, नोर्दन पिनटेल, कामन पोचार्ड, गेडवाल, ब्लैकविंग स्टिल्ट, स्पाट विल्ड डक, लेशर विशलिंग डक, स्पूनविल डक, बुड सेंडपाइपर, कामन सेंडपाइपर, मार्श सेंडपाइपर, ग्रीन शेंक, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, केटिंश प्लोवर, पेंटेड स्टार्क आदि प्रवासी पक्षी सेंट्रल एशिया से पहुंचते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f75795e93e4916405d90b0198b9ec76fd80c2c3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। डाक विभाग के लेटर बाक्स से हर दिन चिट्ठी निकलती है या नहीं, इसको लेकर मन में कोई सवाल है तो बता दें कि डाक विभाग भी तकनीक के दौर में हाईटेक हो गया है। शहर में 34 ऐसे लेटर बाक्स लगाए गए हैं, जिनकी हर दिन आनलाइन निगरानी होती है। इन लेटर बाक्स से चिट्ठी निकली या नहीं, इसकी आनलाइन निगरानी हो रही है। हर दिन का रिकार्ड विभाग के पास रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..154556da46b31077ec8d03e0c31814172cac4fa0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74868.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 44 दिनों तक चले निधि समर्पण अभियान में मिले करीब छह हजार चेक क्लियर नहीं हो पाए हैं। इन समर्पण कर्ताओं से दोबारा चेक लिए जाएंगे। ये चेक कुल कितनी राशि के हैं, इसका आकलन किया जा रहा है। अधिसंख्य चेक तकनीकी कमियों के कारण रिजेक्ट हुए हैं। इनमें हस्ताक्षर मिलान नहीं होने की समस्या और ओवरराइटिंंग भी मिली। दो हजार चेक ऐसे मिले, जो खाते में पर्याप्त राशि न होने की वजह से बाउंस हो गए। कुछ चेक के पीछे मोबाइल नंबर अंकित थे, तो उनसे बैंक प्रबंधन ने सीधे बात कर चेक क्लियर भी कराया। वहीं रिजेक्ट हुए चेक की जानकारी ट्रस्ट को दे दी गई है। ये चेक देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों से आए थे। बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक व पीएनबी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाते में जमा किए गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecd036e40a58a41298c2cc3ab482913afa7c00b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74870.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + इस बारे में हेली सर्विस कंपनी के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी। उधर, प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी को ये हेलीपैड बिना अनुमति के बनाया गया है। इसलिए हेलीकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं सकी। ।दुल्हन अपनी विदाई के लिए आसमान में हेलीकॉप्टर की राह तकती रही और आखिर तक वो नहीं आया, आखिर में उसे गाड़ी से विदा होना पड़ा। उसकी इच्छा अधूरी ही रह गई। प्रभु हैली सर्विस की जालसाजी से एक परिवार का यह हसीन लम्हा गुस्से और गम में बदल गया। दोनों परिवार के लोगों में अब इस बात को लेकर गुस्सा है कि कंपनी की ओर से इस बारे में पहले कुछ बताया भी नहीं गया। वो लोग इंतजार करते रहे। अब वो अपना पैसा वापस लेने के लिए थाने और हेलीकॉप्टर सर्विस आफिस के चक्कर लगा रहे हैं। ।तीन लाख 65 हजार रुपये की रकम देकर लड़के पक्ष ने दुल्हन की विदाई के लिए हेलीकॉप्टर बुक कराया था, लेकिन न तो विदाई के लिए हेलीकॉप्टर आया और न ही जमा रकम वापस की गई। उड़न खटोले के इंतजार में दुल्हन की निगाहें आसमान देखती रहीं। ।नोएडा सेक्टर 82 के रहने वाले कोमल सिंह यादव ने अपने बेटे दीपक की शादी 11 दिसंबर 2020 को की थी। शादी के बाद दुल्हन की विदाई के लिए ईकोटेक तीन कोतवाली क्षेत्र स्थित खैरपुर गुर्जर गांव के प्रभु हैली सर्विस से हेलीकॉप्टर बुक कराया था। रकम जमा करने के बाद भी जब कोमल यादव की नई नवेली बहू की विदाई के लिए हेलीकॉप्टर नहीं आया तो उन्होंने हैली सर्विस के अजय माहला व दीपक से बात की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bad2b3c5cbf838231a0ec3d37d3d4d83f43c049 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74874.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शुरुआती दौर में कोरोना के संक्रमण को लेकर उत्पन्न स्थिति को याद कर डाक्टर व नर्सिग कर्मचारी सिहर उठते हैं। पिछले साल दो मार्च को ही कोरोना का दिल्ली में पहला मामला आया था। इटली से लौटे एक कारोबारी रोहित दत्ता कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद संक्रमण बढ़ गया। मार्च में कुल 120 मामले आए और दो मरीज की मौत हुई थी, लेकिन मार्च के अंतिम सप्ताह में निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज की घटना के बाद संक्रमण बढ़ता चला गया। + +अप्रैल में मामले 3,395 पर पहुंच गया और मृतकों की संख्या 57 हो गई। इसके बाद जून में 2,269 लोगों ने जान गंवाई। इस दौरान अस्पतालों में भी बेड कम पड़ने लगे थे। इसके बाद जुलाई व अगस्त में मामले कुछ कम हुए, लेकिन दिल्ली अभी संभल भी नहीं पाई थी कि सितंबर व अक्टूबर में संक्रमण दोबारा बढ़ने लगा। नवंबर में कोरोना का संक्रमण चरम पर था। नवंबर में भी सबसे अधिक 2,663 लोगों की मौत हुई। दिसंबर के मध्य से संक्रमण कम होने का सिलसिला शुरू हुआ और इस साल जनवरी व फरवरी में लोगों ने राहत महसूस की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..528b29ba72d7569e037fee813b29c1c2fff821b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुशल कोठियाल। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पहली बार आठ दिन का बजट सत्र शुरू हो गया है। लगता है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए बजट से ज्यादा महत्व उस जगह का है, जहां से राज्य का बजट पारित होने जा रहा है। दरअसल गैरसैंण को लेकर दोनों दल राजनीतिक अतिरेक के शिकार रहे हैं। पिछले लगभग 20 वर्षो से यानी इस राज्य के गठन के बाद से ही विभिन्न मंचों पर गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग उठती रही है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा के किसी भी चुनाव में यह मुद्दा मतदाताओं को प्रभावित करने वाला साबित नहीं हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..257e3858455ba8b0242990051f6751b26cf75e95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनसभा पर ना-नुकर, फिर चढ़ाईं आस्तीन ।कुछ दिनों पहले पंजे वाली पार्टी के नेताओं ने संगठन में जान फूंकने के लिए पूरे सूबे को मथ रहीं दीदी की अलीगढ़ में जनसभा कराने से यह कहते इन्कार कर दिया है कि अभी यहां नुमाइश चल रही है। दिन के समय किसान व ग्रामीण गांव छोड़कर शहर नुमाइश देखने आ जाते हैं। इससे भीड़ जुटाने में समस्या होगी। इस बात पर दूसरे दलों ने भी चुटकी ली। बहरहाल, पिछले दिनों दीदी ने द्वारिकाधीश की नगरी से धरती-पुत्रों के साथ हुंकार भरी। फिर क्या था, नेताओं में उबाल आ गया। किसी ने प्रदेशाध्यक्ष तो किसी ने सीधे दीदी से ही अलीगढ़ में जनसभा की अपील कर दी। बड़बोले नेताओं ने ये तक दावा किया कि जनसभा हुई तो मथुरा से ज्यादा भीड़ जुटेगी। किसान पार्टी के साथ हैं। हालांकि, दीदी ने इसके लिए हामी नहीं भरी है। दरअसल, यहां पार्टी कितने पानी में है, दीदी को भी पता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecc0bdf5a3d45d44c5cb32a3ec9afb8bbc60c269 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीलाबुंज पांडे, सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में भू -दृश्य पायलट योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके लिए जिले के सीधी विधानसभा क्षेत्र के 12 गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांव में पंच ज (जल, जमीन, जंगल, जानवर, और जन) पर काम किया जाएगा। जिससे क्षेत्र के लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी। इस कार्य की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। करीब एक सप्ताह पहले भोपाल की सामाजिक संस्था आसा की 10 सदस्य टीम ने गांव में जाकर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। उसके बाद एक बार फिर प्रशासन के साथ बैठकर योजना का अंतिम रूप दिया जायेगा। यह कार्य जिला प्रशासन की देखरेख में किया जा रहा है और कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी स्वयं इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02ebc22942790546f1af096fb065e6e0edf6c3d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74879.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ललितपुर के थाना महरौली के गांव सिलावन का रहने वाले विष्णु (46 वर्ष) पुत्र रामेश्वर के खिलाफ वर्ष 2000 में दुष्कर्म एवं एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। वह तभी से जेल में है। अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद अप्रैल 2003 में उसे केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां पर वह 17 साल से निरुद्ध है। जेल की मेस में लगातार काम करके निपुण रसाेइया बना चुका है। + +मगर, विष्णु के सबसे नजदीक महादेव है। दोनों बचपन में एक साथ खेले थे। विष्णु से मिलने भी वही आता है। परिवार और गांव के लोगों की कुशलता की जानकारी उसे दे जाता है। कोरोना काल के चलते एक साल से महादेव से उसकी मुलाकात नहीं हुई। वह जेल पर आता है, उसके लिए सामान देकर चला जाता है। पिछले दिनों जेल प्रशासन के माध्यम से विष्णु और स्वजन को उसकी जल्दी रिहाई होने का पता चला तो बेहद खुश हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0d5f2d067dbb49a208a39d61532b4d27e30699b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74880.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसी 3 टियर इकानमी कोच का सफल आनसलेशन ट्रायल किया गया                              ।आरडीएसओ द्वारा नागदा-कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन पर किए गए इन परीक्षणों दौरान अच्छे परिणामों के संकेत प्राप्त हुए हैं। अब आरडीएसओ की तरफ से हरी झंडी मिलते ही आरसीएफ में इस कोच का निरंतर उत्पादन शुरू कर हो जाएगा। इस कोच के सफल परीक्षण से रेलवे के लिए कामयाबी के नए द्वार खुले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e46ed7412d5a6971326e904c4997bd655075047a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]।  Lucknow Nagar Nigam: नगर निगम का सदन नीतिगत निर्णयों पर मुहर लगाने और जनहित के निर्णय जाने के लिए बुलाया जाता है, लेकिन सदन में पानी, सड़क, सफाई से जुड़े मुद्दे गायब रहते हैं। कोई जमीन पर कब्जे की शिकायत करता है तो कोई ठेकेदार के भुगतान के लिए परेशान दिखता है। ।रविवार को भी पुनरीक्षित बजट के लिए आयोजित सदन हंगामे की भेंट चढ़ गया। ठेकेदारों के भुगतान को लेकर कुछ पार्षद एक जुट रहे तो कुछ निजी कारणों से दर्ज मुकदमे को ही मुद्दा बनाने में लगे थे। पार्षद महापौर अफसरों का पक्ष लेने के लिए बंटे दिखे और शोर-शराबा होता रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74886.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74886.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cab271eab8934cc99ba9682d230e3d84a1086659 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74886.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंकारा, एजेंसी। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट आने के बाद सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की मंगेतर हैविस केंगिज ने सोमवार को सऊदी क्राउन प्रिंस को बिना देर किए दंडित किए जाने की मांग की है। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी सरकार सांसत में पड़ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब के राजकुमार सलमान बिन मोहम्मद ने ही निर्वासन में रह रहे खशोगी की हत्या की साजिश को मंजूरी दी थी। यह पहली बार है, जब अमेरिकी प्रशासन ने खुले तौर पर खशोगी की हत्या में सलमान बिन मोहम्मद का नाम लिया है। उधर, सऊदी अरब ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है। इसे बेबुनियाद बताया है। खशोगी को लेकर अमेरिका और सऊदी के रिश्‍तों पर भी आंच आ सकती है। ।रिपोर्ट के एक द‍िन पूर्व बाइडन और प्र‍िंस की वार्ता ।अमेरिका की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी के प्रिंस सलमान से शिष्टाचार वार्ता की थी। हालांकि, व्हाइट हाउस की ओर से वार्ता के संबंध में जारी बयान में इस दौरान पत्रकार की हत्या का मामला सामने आने का कोई जिक्र नहीं किया गया था। इसमें कहा गया था कि दोनों ने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने क्षेत्रीय सुरक्षा और यमन में युद्ध को खत्म करने के लिए नए सिरे से अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के प्रयास पर चर्चा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74888.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74888.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7550cfd9975dee49c2534f21d9771dc92996e168 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74888.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : अब वह दिन दूर नहीं जब अलीगढ़ भी पर्यटन के फलक पर चमकता दिखाई देगा। योगी सरकार ने अलीगढ़ को बड़ी सौगात दी है। पर्यटन को बढ़ावा देने और सभी विधानसभाओं में एक-एक पर्यटन स्थल को चमकाने के लिए बजट जारी कर दिया है। जिले से कुल सात पर्यटन स्थलों का चयन हुआ है। इनके लिए पहली किश्त में विकास कार्यों के लिए 1.47 करोड़ का बजट जारी हुआ है। ऐसे में अब जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। + +3.34 करोड़ का है प्रस्तावित खर्च : अलीगढ़ जिले में कुल सात विधानसभा हैं। इसमें पांच अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र में व दो हाथरस संसदीय क्षेत्र की है। पिछले दिनों शासन स्तर से हर विधानसभा क्षेत्र से एक पर्यटन स्थल के विकास का प्रस्ताव मांगा गया है। ऐसे में अलीगढ़ जिले से कुल सात पर्यटन स्थल का चयन कर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से इनके विकास के लिए 3.34 करोड़ का खर्च प्रस्तावित किया गया है। अब इसके आधार पर 1.67 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। हर पर्यटन स्थल को पहली किश्त दी गई। सबसे अधिक 50 लाख की धनराशि मुकंदपुर के वन चेतना केंद्र पर खर्च होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b16af7d40a98946db21c44c3e0d1b4a22b9fb57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7489.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैजू बावरा को लेकर कंफ्यूज हैं रणबीर कपूर।बॉलीवुड हंगामा के रिपोर्ट्स के मुताबिक एक सूत्र ने उन्हें बताया, ''रणबीर ने अपनी कंफ्यूजन भंसाली और टीम से पर्सनली मिलकर जाहिर किया है। रणबीर ने साफ कहा कि वह बैजू बावरा को लेकर श्योर नहीं हो पा रहे हैं। इसके अवाला वह धर्मा प्रोडक्शन के दूसरे प्रोजेक्ट को लेकर भी काफी कंफ्यूज्ड हैं। ''।सांवरिया के एक्सपीरियंस था कुछ ऐसा ।रिपोर्ट के अनुसार रणबीर, भंसाली के साथ काम करने के इच्छुक नहीं है। इसका कारण फिल्म सांवरिया है। इस फिल्म को लेकर रणबीर का भंसाली के साथ अच्छा एक्सपीरियंस नहीं है। तो ज्यादा संभावनाएं हैं कि रणबीर इस प्रोजेक्ट से बाहर हो सकते हैं, हालांकि कुछ भी पेपर पर लॉक नहीं हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74890.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74890.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5272848aae3d902419f20f075395c91a29041ec4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74890.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करनाल [पवन शर्मा]। तन समर्पित, मन भी समर्पित...। जी हां, कुछ इसी भावना के साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दानवीर कर्ण की नगरी करनाल के बाशिंदे नित नए प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इसी क्रम में अब शहर के प्रतिष्ठित लाठर परिवार के सुखबीर लाठर के स्वजनों ने हाल में उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप रस्म क्रिया के दौरान निधि समर्पित की। सुखबीर का कुछ रोज पहले निधन हो गया था। श्रीराम में अगाध आस्था रखते हुए वह इस पुनीत यज्ञ में आहुति देना चाहते थे। लिहाजा, देहांत के बाद स्वजनों ने यह कार्य पूरा किया। वहीं, इसी के साथ एक माह तक चले अभियान की निर्धारित अवधि भी पूरी हो गई। इसके तहत, करनाल में दो लाख 70 हजार परिवारों ने दो करोड़ रुपये से अधिक की निधि समर्पित की। ।विश्व हिंदू परिषद की ओर से संचालित समर्पण निधि अभियान में करनालवासियों ने पूरे श्रद्धाभाव के साथ अनवरत भागीदारी की। हर धर्म, वर्ग और जाति के लोगों ने अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की परिकल्पना साकार करने के लिए यथासंभव योगदान दिया। अभियान के जिला संयोजक नीरज गोयल ने बताया कि अंतिम चरण में अभियान को सार्थक मोड़ देते हुए शहर के प्रतिष्ठित लाठर परिवार ने अलग मिसाल पेश की। परिवार के वरिष्ठ सदस्य सुखबीर लाठर का गत दिनों लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था। धार्मिक प्रवृत्ति के सुखबीर की प्रभु श्रीराम में अनन्य आस्था थी। वह श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए स्वयं तो कृतसंकल्प थे ही, दूसरों को भी समर्पण निधि अभियान में पूरे उत्साह के साथ योगदान के लिए प्रेरित करते थे। लेकिन इसी बीच गत 18 फरवरी को उनका देहांत हो गया। ऐसे में लाठर परिवार ने उनकी भावना का सम्मान करते हुए विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क किया। ।स्वर्गीय सुखबीर लाठर के भतीजे भूपिंद्र लाठर ने बताया कि अभियान में लगे आकाश भट्ट से वार्ता हुई और फिर उनके चाचा की रस्म क्रिया के दौरान ही परिवार ने प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी निधि समर्पित की। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुरुक्षेत्र विभाग के सह संघचालक सुधीर कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। ।लाखों परिवारों ने की भागीदारी।निधि समर्पण अभियान के जिला संयोजक नीरज गोयल ने बताया कि 26 फऱवरी तक जिले के दो लाख 70 हजार परिवारों से सम्पर्क किया गया। दो करोड़ रुपये से अधिक समर्पण निधि एकत्र की गई। अंतिम चरण में सद्भावना अस्पताल के डा. सुरेश कुमार और स्वजनों में वंदना, तुष्टि और ईशानवी ने निधि समर्पित की तो पंचकूला से पहले ही निधि समर्पित कर चुके हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य अमरनाथ सौदा ने करनाल में भी विशेष रूप से योगदान किया। लोगों के मन में श्रीराम के प्रति अटूट आस्था और विश्वास का ऐसा भाव उन्होंने कभी नहीं देखा। समस्त समाज के लोग श्रीराम मंदिर के प्रति क्षमता से अधिक देने को लालायित दिखे। ।प्रस्तुत किया प्रेरक उदाहरण ।अभियान के जिला पालक व पंजाब नेशनल बैंक से सेवानिवृत्त सतीश चावला कहते हैं कि समस्त समाज ने श्रीराम मंदिर का स्वप्न साकार करने से जुड़े इस महायज्ञ में पूर्ण समर्पण भाव से आहुतियां दी हैं। लाठर परिवार की ओर से प्रस्तुत उदाहरण निस्संदेह अनुकरणीय है। हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में ही ऐसे गिनती के उदाहरण सामने आए हैं। इससे सबको रामकाज की प्रेरणा मिलेगी। अभियान से जुड़े आकाश भट्ट, रजनीश उप्पल, राकेश शर्मा, नागेन्द्र सिंह, दीपक वोहरा, शुभम सहगल ने भी इसे प्रेरक प्रसंग बताया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a57f0b47a08bbc28bc5d05dc1406eef89fc7c5fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74893.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कानून व्यवस्था यहां बड़ा मुद्दा है। इस्लामपुर मर्चेंट एसोसिएशन के प्रवक्ता दामोदर अग्रवाल कहते हैं, शांतिपूर्ण व सुरक्षा का माहौल हो। अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगनी चाहिए। आम जनमानस व व्यवसायियों को सुरक्षा की गारंटी मिले। फेडरेशन ऑफ इस्लामपुर ट्रेडर्स ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष कन्हैयालाल बोथरा भी इनसे इत्तेफाक रखते हैं। कहते हैं, शांतिपूर्ण व सद्भावनापूर्ण माहौल में हम रह सकें, कारोबार कर सकें। यही हमारा मुद्दा है। जो यह माहौल दे पाने में सक्षम होगी उसे ही वोट करेंगे। शिक्षिका सुरमा रानी भी कुछ ऐसी ही राय रखती हैं। कहती हैं, महिलाओं, किशोरियों को सुरक्षा, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली सरकार होनी चाहिए। कहने की जरूरत नहीं कि कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोगों का भरोसा जीत पाने में राज्य पुलिस असफल दिख रही है, यह नाराजगी सत्ताधारी दल को भारी पड़ सकती है। + +जिले में एम्स बनाने की घोषणा हुई थी। जिले के लोगों में उम्मीद जगी थी कि शायद अब उन्हें इलाज के लिए नेपाल नहीं दौडऩा पड़े, लेकिन उनके सपने तब बिखर गए जब राज्य सरकार ने रायगंज एम्स को दक्षिण बंगाल में शिफ्ट करने की घोषणा कर दी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं, किसी भी जटिल बीमारी के इलाज के लिए यहां के लोग दूसरी जगह इलाज कराने को मजबूर हैं। राज्य की तृणमूल सरकार ने कोई समुचित व्यवस्था करने की बजाय अड़ंगेबाजी करने का ही कार्य किया है। कवि और लेखक निशिकांत सिन्हा कहते हैं, ऐसी सरकार बनाएंगे जो बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं दे सके। बेरोजगारों की फौज खड़ी है, उन्हें काम देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74895.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cb4236d2844c30196d52d491bb7b2f08b8051dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74895.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वैसे तो टीकाकरण का समय सुबह नौ बजे से होता है। पी. निवेदा को सुबह छह बजे ही एम्स बुला लिया गया था। उन्हें बताया गया था कि किसी खास व्यक्ति को टीका लगाना है, लेकिन उन्हें यह नहीं? मालूम था कि पीएम पहुंचने वाले हैं। रोसम्मा अनिल की ड्यूटी न्यूरो सेंटर में है। रविवार को उनकी नाइट ड्यूटी थी। उन्हें भी सुबह टीकाकरण केंद्र में पहुंचने का निर्देश मिला था। + +...ताकि मरीजों को न हो परेशानी।एम्स में ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से शुरू होता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री को टीके लगाने का काम सात बजे से पहले ही पूरा कर लिया गया, ताकि दूसरे मरीजों को आवागमन में किसी तरह की समस्या न होने पाए। टीका लगवाने एम्स पहुंचे प्रधानमंत्री के साथ कोई मंत्री भी नहीं था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e4155e4fef6c57d8b6bdf2a4208630d7f682e0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74897.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संगरूर [मनदीप कुमार]। धूरी क्षेत्र के गन्ना उत्पादक इस बात से परेशान हैं कि शुगर मिलों ने उनका पिछले साल का भुगतान अब तक नहीं किया। यह करीब 20 करोड़ रुपये बनता है, लेकिन इसी इलाके के गांव अकोई साहिब के किसान गुरमीत सिंह पिछले पांच साल से अपना गन्ना शुगर मिलों को नहीं बेच रहे। उन्होंने बाकी किसानों से हट कर अलग राह पकड़ी और गन्ने से मेडिसिनल यानी औषधीय गुणों वाला सिरका बनाना शुरू किया। अब वे अन्य किसानों के मुकाबले दस गुणा कमाई कर रहे हैं। गुरमीत कहते हैं कि वह कई सालों से गन्ना उगा रहे हैं। पहले शुगर मिलों को बेचते थे, लेकिन रेट सही नहीं मिलता था। रेट मिल भी जाए तो पेमेंट देरी से मिलती थी। वह गन्ने की काश्त से ऊब गए थे। + +उनके पिता सोहन सिंह घर पर मिट्टी के घड़े में गन्ने का रस डालकर कई माह तक दबा देते थे, जिसमें कुछ अन्य सामग्री डालकर घर के लिए सिरका तैयार करते थे। इसी दिशा पर कदम बढ़ाते हुए उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) से 2015 में ट्रेनिंग ली और यह काम शुरू किया। यह प्रयास इतना सफल हुआ कि अब वह 11 प्रकार का सिरका तैयार करते हैं और पंजाब, दिल्ली व हरियाणा सहित अन्य राज्यों में इसे बेचते हैं। + +अपने बनाए सिरकों के साथ संगरूर के गांव अकोई साहिब के किसान गुरमीत सिंह। जागरण।एक क्विंटल गन्ना शुगर मिल को बेचने पर 310 रुपये मिलते हैं। इसमें लेबर व ढुलाई का खर्च निकाल लें तो मुश्किल से 200-250 रुपये ही बचते हैं। वहीं, एक क्विंटल गन्ने से 30 से 40 बोतल सिरका तैयार हो जाता है। एक बोतल 100 रुपये में बिकती है। लेबर, ढुलाई, मशीनरी व पैकिंग आदि का खर्च निकालकर 2000 से 2500 रुपये बच जाते हैं। गुरमीत सिंह न केवल औषधीय सिरका बनाकर लोगों को निरोग बना रहे हैं, बल्कि गन्ने की खेती को मुनाफे का सौदा बनाने में भी कामयाब हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfac9fc84c3d758f5b427aa7ddc114bec3fb4a50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्‍ली, जेएनएन। देदेश में दूसरे चरण का कोरोना टीकाकरण सोमवार से शुरू हो गया। 60 वर्ष से बुजुर्गों और 45 वर्ष से अधिक गंभीर बीमारी से पीड़‍ितों को वैक्‍सीन लगाई जा रही है। सरकारी अस्‍पतालों में मुफ्त और निजी अस्‍पतालों में 250 रुपये शुल्‍क के साथ वैक्‍सीन लगाई जा रही है। पीएम मोदी ने सोमवार सुबह दिल्‍ली के एम्‍स में जाकर वैक्‍सीन लगवाई। वह सुबह करीब 7.30 बजे एम्स पहुंच गए थे, ताकि अस्पताल में ओपीडी शुरू होने पर मरीजों के आवगमन में कोई परेशानी न हो। नए ओपीडी ब्लाक में बने टीकाकरण केंद्र पर प्रधानमंत्री को टीका लगा। पीएम को केरल और पुडुचेरी की नर्सों ने टीका लगाया। पीएम ने उनका हालचाल पूछा। इस दौरान उन्‍होंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाई। इस टीके को मंजूरी दिए जाने पर विपक्ष ने सवाल उठाया था। इसके जरिए उन्‍होंने इस वैक्‍सीन के आलोचकों को जवाब दे दिया। इसे लेकर पीएम ने ट्वीट भी किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74899.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74899.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6dfacc6c3cd77ed7aa08893b5d1b7157757e8e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74899.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह तीर भी निशाना चूका ।जनाब मिजाज से तनिक तुनकमिजाज हैं। इनका मिजाज इनकी सियासी पारी में ही दिख रहा है। इन्हें छोड़ो, उसे पकड़ो के माहिर खिलाड़ी हैं जैसा पकड़म-पकड़ाई में होता है। खैर बता दें कि सूबे में सियासी जमीन तलाश रहे तीर वाले, तीर-कमान की काट के रूप में इन्हें बड़ी उम्मीदों से लाए थे। सोचा था निशाने पर लगेगा तीर, लेकिन हो गया धोखा। बोलने लगे तो उन्हीं पर बरस पड़े। दरअसल, ये साथ निभाने वाले लखन हैं ही नहीं। फितरत ही कुछ ऐसी है। जिस डाली पर बैठते हैं, उसे काट कर ही दम लेते हैं। कमल दल वालों ने पड़ोसी राज्य से सीट रिजर्व करा दिल्ली भेजा था कभी, कमल ही कुम्लाहने लगा। कोई ऐसा दल नहीं जहां ये न रहे हों, इनका तो एक ही जुमला है, ऐसा कोई सगा नहीं जिसे हमने ठगा नहीं। अब नए ठौर की तलाश में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e869682b3dc9531d3cf9dec41ee068b12ce1b8f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_749.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl Malaika Arora Bold Photos: अर्जुन कपूर की गर्लफ्रेंड मलाइका अरोड़ा का हाल ही में पुणे के पास एक्सीडेंट हो गया थाl अब उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी हालिया फोटो शेयर की हैl इसमें उन्होंने ब्लैक कलर की ब्लैक स्ट्रैपी प्लंजिंग नेकलाइन टॉप पहन रखा हैl इसके अलावा उन्होंने कैप लगा रखी है और वह सेल्फी लेती नजर आ रही हैl।मलाइका अरोड़ा का हाल ही में एक कार एक्सीडेंट हो गया था।गौरतलब है कि मलाइका अरोड़ा का हाल ही में एक कार एक्सीडेंट हो गया थाl वह पुणे फैशन वीक से वापस लौट रही थीl वहीं एक्सीडेंट होने के बाद उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम पर तस्वीर शेयर की थीl इसके साथ उन्होंने अपने प्रशंसकों का उनके प्रति चिंता व्यक्त करने के लिए आभार व्यक्त किया थाl मलाइका अरोड़ा ने कई फिल्मों में काम किया हैl।मलाइका अरोड़ा ने ब्लैक स्ट्रैपी प्लंजिंग नेकलाइन टॉप पहन रखी है।अब हालिया तस्वीर में मलाइका अरोड़ा ने ब्लैक स्ट्रैपी प्लंजिंग नेकलाइन टॉप पहन रखी हैl इसमें उन्होंने डेनिम कैप भी लगा रखी हैl वह अपनी चोट छिपाती नजर आ रही हैंl हालांकि तस्वीर जूम करने पर उनके आइब्रो के पास की चोट के निशान को देखा जा सकता हैl तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, 'हीलिंगl' इसके पहले मलाइका अरोड़ा ने एक लंबा नोट शेयर किया थाl इसमें उन्होंने डॉक्टर की सराहना की थीl।A post shared by Malaika Arora (@malaikaaroraofficial)।मलाइका अरोड़ा इन दिनों अर्जुन कपूर को डेट कर रही हैं।मलाइका अरोड़ा इन दिनों अर्जुन कपूर को डेट कर रही हैंl दोनों ने अपने रिश्ते को सार्वजनिक कर दिया हैl दोनों की जोड़ी काफी पसंद की जाती हैl दोनों कई अवसर पर साथ नजर आते हैंl मलाइका अरोड़ा ने अरबाज खान से तलाक ले लिया हैl अरबाज खान से उन्हें एक बेटा भी हैl अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा जल्द शादी करने वाले हैंl हालांकि उन्होंने अभी तक शादी की डेट की घोषणा नहीं की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1219fbb1b981399f80b9663373a14e3b45a14eca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7490.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस थ्रोबैक फोटो में करीना अपनी बड़ी बहन करिश्मा कपूर और मां बबिता कपूर के साथ दिखाई दे रही हैं। फोटो में तीनों क्रिसमस ट्री के पास खड़े होकर पोज देती नजर आ रही हैं। तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘क्या क्रिसमस पहले से ही है मम्मा की लड़कियों की ये आउटफिट 80 के दशक की है।’ अभिनेत्री की इस तस्वीर को इंस्टाग्राम पर उनके फैंस दिल खोलकर लाइक कमेंट कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9c0bc47e6bb37ac026b93d44321688624adc14f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74900.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. पूनम टंडन के रिसर्च गु्रप, स्वीडन की लुलिया यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी के डा. मनीष कुमार शिंपी और यूके की यूनिवर्सिटी आफ ब्रैडफोर्ड के प्रो. वेनु बंगला के संयुक्त शोध में यह सफलता मिली है। इसमें घुलनशीलता के लिए मुख्य दवा के साथ को-फार्मर मिलाया जाता है। इस कारण दवा का शरीर पर जल्द असर शुरू हो जाता है। खास बात यह है कि जिस दवा के रिस्पांस टाइम को कम करने के लिए को-फार्मर मिलाया जाएगा, उसके रीट्रायल की जरूरत नहीं पड़ेगी। कारण, इससे दवा की मेडिसिनल संरचना में कोई बदलाव नहीं होता। ।पैरासिटामॉल समेत कई दवाओं पर शोध।शोध के दौरान कई दवाओं पर काम किया गया। इसमें दर्द निवारक और बुखार कम करने के लिए पैरासिटामॉल,मूत्र पथ के जीवाणु संक्रमण के उपचार में काम आने वाली नाइट्रोफुरंटिन, विटामिन बी-3, निकोटिनमईड व ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर अत्यधिक बढऩे पर उसके इलाज में काम आने वाली फेबक्सोस्टेट आदि शामिल हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि इस फार्मूले को अन्य जीवन रक्षक दवाओं की घुलनशीलता बढ़ाने में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। + +लखनऊ विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो पूनम टंडन ने बताया कि फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स में नॉन टॉक्सिक को-फॉर्मर मिलाने पर को-क्रिस्टल तैयार होता है। को- फार्मर का काम दवा की संरचना में परिवर्तन लाना है। पैरासिटामॉल में एमिनो एसिड को को-फार्मर के रूप में एड किया गया है। अच्छी बात यह है कि अधिक घुलनशीलता वाली इस दवा के लिए किसी मेडिसिनल ट्रायल की जरूरत नहीं है। इस संबंध में हमारे विदेशी सहयोगी संस्थान से विश्व की प्रतिष्ठित फार्मास्यूटिकल कंपनियां संपर्क में हैं। यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75758ec184ede9a9445ee633fa7112592b4a91ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बात पर लगभग सभी एकमत हैं कि सरकार का मूल काम सकारात्मक विधायी माहौल तैयार करना, नीतियों का समय पर क्रियान्वयन, सुशासन व जनता के हितों में निर्णय लेना है। मुक्त बाजार का मौलिक सिद्धांत है कि संस्थाओं को सामाजिक संसाधन, भूमि, श्रम व पूंजी का सीमित आवंटन किया जाए, ताकि अधिकतम मूल्य निर्धारण हो सके। शोध बताते हैं कि सार्वजनिक उद्यम औसतन अपनी क्षमता से कम नतीजे देते हैं। इसलिए, यह जरूरी हो जाता है कि उनको आवंटित संसाधनों को उन हाथों में सौंप दिया जाए जो उनका अधिकतम उपयोग करते हुए बेहतर नतीजे दे सकें। अब सवाल उठता है कि सरकार कारोबारी गतिविधियों में शामिल ही क्यों हुई?।इसके लिए भारत के आर्थिक इतिहास को जानने की जरूरत है, ताकि यह समझा जा सके कि देश में सार्वजनिक उद्यमों की स्थापना क्यों की गई। ब्रिटिश शासन से पहले भारत में सभी प्रकार के कारोबार उन व्यवसायियों द्वारा किए जाते थे, जिनके पास पूंजी थी, जोखिम उठाने का साहस था और कारोबार को संचालित करने की क्षमता थी। सरकार सकारात्मक माहौल बनाने के लिए इसमें शामिल हुई, क्योंकि अंग्रेजों ने लूट-खसोट करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था और कारोबार को पूरी तरह जर्जर कर दिया था। ।एक समय दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार भारत गरीब देश बन चुका था। आजादी के बाद आधुनिक भारत के निर्माताओं ने जर्जर अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की कोशिश शुरू की। अर्थव्यवस्था बड़ी पूंजी, कौशल, योग्यता और विफलता की जोखिम उठाने वाली क्षमता की मांग कर रही थी। दुर्भाग्यवश साजिश के तहत इन सभी कारकों को हमसे दूर कर दिया गया था। लौह व सीमेंट आदि उद्योगों में दीर्घकालिक पूंजी की जरूरत होती है। लौह उद्योग ऐसा क्षेत्र था जिसे पूंजी, प्रबंधन और इन सबसे ऊपर लाभ के लिए लंबे इंतजार की जरूरत थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..24a487aa0311243b16846381500780c51d34f7b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74905.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में अलीगढ़ के लाभार्थियों से नगर विकास मंत्री ने सोमवार को वर्चुअल संवाद किया। पूछा, स्वनिधि योजना किसने शुरू की, जबाव में पथ विक्रेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया। नगर विकास मंत्री ने सभी को शुभकामनाएं दीं। ।वर्चुअल संवाद का आयोजन :वर्चुअल संवाद का आयोजन नगर निगम के सेवा भवन स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में किया गया था। इस दौरान 10 लाभार्थियों को योजना के तहत 10-10 हजार रुपये का लोन भी दिया गया। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह व अपर नगर आयुक्त अरुण गुप्त ने प्रमाण पत्र भी सौंपे। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) में उत्तर प्रदेश के 8.32 लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लाभांवित हुए हैं। इस उपलब्धि पर लखनऊ में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन की अध्यक्षता में आयोजित स्वनिधि लोन मेला का लाइव प्रसारण हुआ था। जिसका सीधा प्रसारण कंट्रोल सेंटर में दिखाया गया। + +लाइव प्रसारण में 10 लाभार्थियों के नाम पूछे : लाइव प्रसारण में नगर विकास मंत्री ने नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह से इस योजना में 10 लाभार्थियों के नाम पूछे। नगर आयुक्त ने लाभार्थियों के नाम अकील खान, सायरा बानो, रहीस अहमद, जमील खान, रफीक, शबनम बेगम, निशा हसन, आस मोहम्मद, अकील, तबस्सुम बताए। फिर नगर विकास मंत्री ने इन लाभार्थियों से बात की। उन्होंने लाभार्थी सायरा बानो से पूछा 'ये योजना किसने चलाई'। महिला ने जवाब दिया, नरेंद्र मोदी जी और जी योगी जी ने। सेवाभवन में लाइव प्रसारण के चलते कंट्रोल सेंटर को सजाया गया था। स्वनिधि लोन मेला में नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, पीओ डूडा प्रभात मिश्रा ने संयुक्त रूप से लाभार्थियों लोन व प्रमाण पत्र सौंपे। कार्यक्रम में एलडीएम अनिल कुमार, कर निर्धारण अधिकारी आरपी सिंह, स्टेनो देश दीपक, कौशल शर्मा, मीडिया सहायक एहसान रब, आइटीओ शिव कुमार, शालीन मुर्तुजा आदि मौजूद थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..013ddb588daebade7c6d4661cbbcf405017402e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74906.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ललितपुर के थाना महरौली के गांव सिलावन निवासी विष्णु के खिलाफ सितंबर 2000 में दुष्कर्म और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर खेत पर जा रही अनुसूचित जाति की महिला को झाड़ी में खींचकर दुष्कर्म करने का आरोप था। आजीवन कारावास की सजा मिलने पर वह जेल में निरुद्ध है। बीस साल कैद में रहने के दौरान विष्णु ने जेल प्रशासन के माध्यम से शासन को अपनी रिहाई के लिए याचिका भेजी थी। याचिका निरस्त होने के बाद बंदी की ओर से विधिक सेवा समिति के अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। + +विष्णु को ललितपुर से अप्रैल 2003 में आगरा केंद्रीय कारागार स्थानांतरित किया गया था। वह तभी से यहां पर है। उसे केंद्रीय कारागार के सर्किल नंबर चार की बैरक में रखा गया है। इसमें विष्णु के साथ 80 से ज्यादा बंदी निरुद्ध हैं। सभी साथी बंदी उसके व्यवहार के कायल हैं।बताया जाता हैं केंद्रीय कारागार में आने पर मशक्कत के समय विष्णु से पूछा गया था कि वह कौन सा काम करना चाहता है। इस पर उसने मैस में काम करने की इच्छा जताई थी। वह तभी से जेल की मेस में रसोइया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद विष्णु की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। वह जेल-प्रशासन को अपनी रिहाई का परवाना मिलने का इंतजार कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaa8a9c317f6504a17b56be1d932fcfe67f9917b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74913.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तरह काम करता है कोर्स।ज्योडीय एवं अनुसंधान शाखा के निदेशक श्यामवीर सिंह के मुताबिक एक कोर्स स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी 60 से 70 किलोमीटर रखी जाती है। सभी स्टेशन इंटरनेट के जरिये आपस में जुड़े होते हैैं। जब भी किसी स्थल का लैटीट्यूड और लॉन्गीट्यूड निकालना होता है तो वहां स्टेशन से जुड़े रोवर रिसीवर को हाथ में पकड़ा जाता है। तीन मिनट के भीतर स्थल की जानकारी मिल जाती है। विभिन्न योजनाओं के निर्माण, भवन आदि की पहचान स्पष्ट करने के लिए यह तकनीक बेहद सरल और कारगर है। राज्य सरकारों को यह सुविधा निश्शुल्क दी जाएगी, जबकि निजी प्रतिष्ठानों से शुल्क वसूल किया जाएगा। हालांकि, अभी शुल्क तय नही किया गया है। ।यह भी पढ़ें- छात्रों को भूकंपीय घटनाओं से रूबरू करवा रही 'वेधशाला', सिखाया जाता है हर छोटी-बड़ी खबर पर नजर रखना।Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c53b101e4606dfdf1b07582a28e039d943d1c14c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आज से 2600 साल पहले दुनिया के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक वैशाली में मौजूद कायदा-कानूनों से आज के तमाम लोकतंत्र पुष्पपित-पल्लवित हैं। उस जमाने में राजा का मूल दायित्व प्रजा का कल्याण सुनिश्चित करना था। सबके काम तय थे। कौन अध्ययन-अध्यापन करेगा, कौन सैनिक बनकर देश की रक्षा करेगा और कौन कारोबार करेगा। राजा आम जनता के कल्याण के लिए मालगुजारी, लगान और टैक्स वसूल करता था जिससे अपने राज्य के विकास संबंधी तमाम जरूरतों के साथ लोगों के कल्याण को वह सुनिश्चित कर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c4afb6f9970d0035230f02294dfb883d6c98f0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74916.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जॉब छोड़ी, संगीत चुना।मैं जॉब करती थी लेकिन मैंने जब तय किया कि मुझे सिर्फ यही करना है तो जॉब छोड़ी और प्रोफेशनली इसे ही शुरू किया। बहुत सीखा और प्रैक्टिस की। वीडियोज डालने लगी। जिन्हें लोग पसंद करने लगे। महिलाओं के लिए वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होना शक्ति की तरह होता है। जब जॉब छोड़ रही थी तो लग रहा था कि क्या मै इतना कमा पाऊंगी लेकिन मैंने साबित किया कि अगर आप अपने पैशन में कठिन परिश्रम करते हैं तो पैसा आ जाता है। + +दिल की सुनी, दिमाग से काम लिया।मैं बचपन से आउटगोइंग रही हूं। मुझे जो भी चाहिए होता है मैं कर लेती हूं। मैंने दिल की सुनी और दिमाग से भी काम लिया। खाली दिल की सुनने से कुछ नहीं होता। मुझे विश्वास था कि मैं कर लूंगी। हां, मुझे लगता था कि लोगों को पसंद आएगा कि नहीं। मुझे कई लोगों ने कहा भी कि तुम यह क्या सीख रही हो, क्यों अपना समय और मेहनत बर्बाद कर रही हो, इसका तो भारत में कोई बाजार ही नहीं है। लेकिन मुझे कुछ अलग ही करना था। जो सब कर रहे हों, उसमें मजा क्या है? मैंने इस इंस्ट्रूमेंट को इनोवेटिव तरीके से पेश करने की सोची। एक पारंपरिक वाद्य को आधुनिक रूप से प्रस्तुत करना चाहती थी। इसके लिए मेरे म्यूजिक प्रोड्यूसर दोस्त करण ने मेरा साथ दिया। अब वह म्यूजिक प्रोड्यूस करते हैं, मैं बैगपाइप बजाती हूं और हमारे यू ट्यूब चैनल 'द स्नेक चार्मर' को हम एक टीम के रूप में चलाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74918.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74918.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7248b40af1bd74735a544228b0aefa935acfaca2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74918.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार, प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की सलाह व चेतावनी का भी लोगों पर नहीं हो रहा असर।सरकार, प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की बार-बार सलाह के बावजूद लोगों की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही। शहर में एक महीने पहले जहां 10 से 20 ही नए कोरोना संक्रमित मामले सामने आ रहे थे। वहीं अब रोजाना नए कोरोना पॉजिटिव केस 50 से 60 तक पहुंच गए हैं। लोगों को भीड़ भाड़ वाले इलाके में भी लोग मुँह पर बिना मास्क और शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते आसानी से दिखाई पड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08b523072b27bee08419a53fc85434ede8558efb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मामले के अनुसार अछनेरा क्षेत्र निवासी युवक की शादी तीन साल पहले हुई है। पत्नी का मायका सदर क्षेत्र में है। पति का आरोप है कि पत्नी के शादी से पहले किसी युवक से प्रेम संबंध थे। वह शादी के बाद पत्नी को मंदिर लेकर पहुंचा। पत्नी ने मंदिर में पति की जगह अपने प्रेमी के नाम का दीपक जला दिया। पति का काउंसलर से कहना था कि वह तीन साल से पत्नी को समझाने का प्रयास कर रहा है। मगर, पत्नी अपने प्रेमी को नहीं भूल पा रही है। इससे उनका दांपत्य जीवन सामान्य नहीं हो पा रहा है। वह पत्नी के इस रवैये को लेकर परेशान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fcdcc0cc4d5d5704b0d794ac3bb5d51b8def39b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74921.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। फरवरी का महीना सर्दियों के लिए जाना जाता है और दिल्ली की भी कड़ाके की सर्दी के लिए मशहूर है। यहां तक कि बालीवुड ने दिल्ली की सर्दी पर गाने भी बनाए हैं, लेकिन इस वर्ष दिल्ली में फरवरी को सर्दी नहीं गर्मी के लिए याद रखा जाएगा। संभव है आने वाले कई वर्षो तक फरवरी में इतनी गर्मी फिर कभी न हो। ।इस वर्ष फरवरी में गर्मी ने लगातार डेढ़ दशक के रिकार्ड तोड़े। एक तरफ तापमान सामान्य में बढ़ोतरी हुई, तो दूसरी तरफ बारिश दिल्ली से मुंह मोड़े खड़ी रही। मौसम विज्ञानी इसके पीछे कई कारण बता रहे हैं। फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सियस रहता है, लेकिन इस वर्ष फरवरी का औसत अधिकतम तापमान चार डिग्री ज्यादा 27.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री ज्यादा 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ea2a4e282e297c04cfad1defceb23514d751372 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74923.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मानसी ने की अरविंद केजरीवाल की तारीफ।मिस दिल्ली 2019 मानसी सहगल का कहना है कि किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा दो मुख्य आधार हैं और मैंने पिछले कुछ वर्षों में सीएम केजरीवाल के नेतृत्व में इन क्षेत्रों में जबरदस्त बदलाव देखा है। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के शासन और विधायक राघव चड्ढा की मेहनत से प्रेरित होकर मैंने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला किया और मुझे लगता है कि स्वच्छ राजनीति के माध्यम से हम दुनिया में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। + +यहां पर बता दें कि मानसी सहगल एक प्रशिक्षित इंजीनियर, टेडएक्स स्पीकर और एक उद्यमी हैं। इसी के साथ उनका अपना एक स्टार्टअप भी है। मानसी कहती हैं कि नारायणा विहार क्लब के युवाओं में नया उत्साह देखने को मिला है।  मिस इंडिया दिल्ली प्रतियोगिता में दिए गए अपने परिचय में उन्होंने खुद को परोपकारी और अंग दान में गहरी रुचि के बारे में बताया था। + +गौरतलब है कि सोमवार को राजेंद्र नगर विधायक राघव चड्ढा की उपस्थिति में मिस इंडिया दिल्ली-2019 मानसी सहगल आम आदमी पार्टी में शामिल हुईं। ।राघव चड्ढा ने  कहा कि मुझे खुशी है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल युवाओं में राजनीति से जुड़ने और लोगों की सेवा करने का विश्वास जगाते हैं। आप परिवार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। मैं मानसी का आप परिवार में स्वागत करता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..892f2a9521323affd0efc069def5ad3224f615ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा में आयोजित हो रहे कृषि उन्नति मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान उन मशीनों को देखने में खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं जो अपना काम पूरी सटीकता के साथ करती हैं। ।तमाम मशीनों के बोआई में इस्तेमाल होने वाली सीड ड्रिल जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये है, किसानों को खूब भा रही है, वहीं करीब साढ़े छह लाख की ड्रोन मशीन जिसका इस्तेमाल खेत में बोआई से लेकर दवाओं के छिड़काव में किया जा सकता है, किसानों के बीच चर्चा का विषय है। सीड ड्रिल मशीन की सबसे बड़ी खासियत छोटे से छोटे आकार के खेत में पूरी सटीकता के साथ अलग-अलग फसलों की बोआई करना है। ।आमतौर पर जिस सीड ड्रिल मशीन का इस्तेमाल किसान करते हैं उसका इस्तेमाल बड़े आकार के खेतों में किया जाता है। इस मशीन का नाम परिशुद्ध प्लाट सीड ड्रिल है। उन्नत खेती करने वाले किसान इस मशीन का इस्तेमाल करते हैं। मान लीजिए एक छोटे से प्लाट पर आपको एक नहीं कई तरह की फसल की खेती करनी है। ऐसे में परंपरागत सीड ड्रिल मशीन आपके काम नहीं आएगी। यहां परिशुद्ध सीड ड्रिल मशीन ही आपके काम आएगी। ।यह मशीन न सिर्फ बोआई करती है, बल्कि क्यारियां बनाना, उसमें बीज डालना और बीज डालने के बाद एक नियत दवाब पर जमीन को समतल भी करती है। वहीं ड्रोन मशीन की बात करें तो इसमें भी अनेक विशेषताएं हैं। इसका इस्तेमाल तरल पदार्थ से लेकर दानेदार चीजों के खेत में छिड़काव के लिए कर सकते हैं। इसमें लगे सेंसर व रडार रास्ते में आने वाली हर रुकावट का पता कर इसकी जानकारी संचालक तक भेजते हैं। ।बैटरी से संचालित यह ड्रोन एक बार में 20 मिनट तक उड़ सकता है। एक एकड़ खेत में किसी भी चीज के छिड़काव में इसे सात मिनट लगते हैं। इसमें लगे कैमरे करीब पांच किलोमीटर की परिधि तक की तस्वीर या वीडियो बनाकर संचालक को भेजते हैं। विज्ञानियों का कहना है कि आजकल बाजार में ऐसे ऐसे उन्नत मशीन मौजूद हैं जिसमें मानव श्रम की जरूरत नाममात्र के लिए होती है। ये उन्नत मशीन अपने कार्य को पूरी सावधानी व सतर्कता से करते हैं ताकि कहीं भी गलती की कोई गुंजाइश नहीं रहे। ।विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले समय में खेतीबाड़ी के तौर तरीके पूरी तरह बदल जाएंगे। जिस तरह से सरकार कृषक उत्पादक संगठन व कृषि यंत्र बैंक बनाने की योजना लेकर आई है, कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है, उससे प्रगतिशील किसान अब इन मशीनों का इस्तेमाल करने की ओर अग्रसर होंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c2adac89ccbb5cd513630ec16cf60d0205bbeb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74925.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देश की राजधानी दिल्ली में बनने वाले भारत वंदना पार्क का काम जल्द शुरू होगा। मिनी इंडिया की परिकल्पना वाले इस पार्क को बनाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में डीडीए इस अत्याधुनिक पार्क का निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी कर रहा है। जानकारी के मुताबिक द्वारका सेक्टर-20 में करीब 230 एकड़ क्षेत्र में फैला यह पार्क दिल्ली के एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पार्क को बनाने का खर्च करीब 530 करोड़ रुपये आएगा। पार्क का शिलान्यास दिसंबर 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। + +4 एसटीपी, 30 वर्षा जल संचयन पिट बनेंगे।केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय ने इस पार्क के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देते हुए पानी और बिजली बचाने के साथ-साथ सौर ऊर्जा और इलेक्टिक वाहनों के लिए भी कुछ हिदायतें दी हैं। पार्क से निकलने वाले गंदे पानी और सीवेज को शोधित करने के लिए चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। पार्क में करीब 1,900 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था होगी। 25 फीसद पार्किंग इलेक्टिक वाहनों के लिए आरक्षित की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74928.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..327cd5343dc785e14de5fd4b1f7f5a12f3a02c29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74928.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वैक्सीन के प्रयास : समझना होगा कि लगभग एक सदी के बाद मानवता एक भयानक महामारी से गुजर रही है। विशेषज्ञों को इससे निपटने हेतु कोई भी इलाज नहीं सूझ रहा था। ऐसे में इस बीमारी के प्रति शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति विकसित करना ही एकमात्र हल सोचा जा रहा है। एलोपैथिक चिकित्साशास्त्र में इस हेतु वैक्सीन एक उपाय माना जाता है। किसी एक बीमारी के लिए विकसित वैक्सीन, मानव शरीर में उस बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधात्मक शक्ति विकसित करती है। + +सामान्य परिस्थितियों में ऐसी किसी भी वैक्सीन को विकसित करने में सात से 10 वर्षो का समय लगता है। लेकिन इन विशेष परिस्थितियों में मानवता के अस्तित्व पर आए इस संकट को बचाने हेतु विशेषज्ञों पर दबाव था कि वे यह वैक्सीन जल्द से जल्द विकसित करें। ऐसे में दुनिया भर में 200 से अधिक प्रयास चल रहे हैं, जिसमें से 18 प्रयास मात्र भारत में ही चल रहे हैं।गौरतलब है कि भारत लंबे समय से वैक्सीन के क्षेत्र में अग्रणी देश रहा है। यहां की लगभग सात कंपनियां वैक्सीन बनाकर दुनिया भर में बेचती रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74929.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74929.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81ab0c240cb955691816384f838de5b55e330d06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74929.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस समस्या का एकमात्र उपाय है कि सरकार जनता को सक्षम बनाये जो कि सरकारी नियंत्रकों और निजी उद्यमियों की मिलीभगत से होने वाले गलत कार्यो पर आवाज उठाये। सरकार को चाहिए कि नेशनल ग्रीन टिब्यूनल जैसे न्यायालयों में और हाई कोर्टो में सभी जजों की नियुक्ति करे। सरकार को चाहिए कि हर विभाग की आडिट कराए कि उनके कितने आदेशों की न्यायालयों द्वारा निरस्त किया गया है। सरकारी कíमयों की कार्यशैली ही होती है कि वे घूस लेकर बिजनेस के गलत कार्य को मदद करते हैं तत्पश्चात जनता को मजबूर करते हैं कि उन्हें घूस देकर उन गलत कार्य को सही कराये अथवा न्यायालय में जाकर रहत पाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b1ef03005b8fe5866b08766df6f8acb3b285960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहले के दो एक्सप्रेस-वे की दिक्कत यह थी कि इनके निर्माण के समय पूरे प्रदेश को जोड़ने की समग्र सोच नहीं थी। कहीं न कहीं जिन पार्टियों की सरकार रही उनमें अपने गढ़ क्षेत्र को सत्ता केंद्र दिल्ली और लखनऊ से जोड़ने के नजरिये से थी। प्रत्यक्ष रूप में इसे पर्यटन की संभावना से जोड़ा गया, किंतु उसका कोई बड़ा फायदा प्रदेश को नहीं मिला। पहली बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इन एक्सप्रेस-वे को प्रदेश को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ने का माध्यम समझा। इसी का परिणाम है कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे की कल्पना की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b003dca5075225597b8920c9c932cc351d4a59cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74936.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जेएनएन। अब तक शादियां तो आपने बहुत सी अटेंड की होंगी लेकिन ये शादी अनूठी थी। इंसानों में बाल विवाह पर रोक है लेकिन पशुओं पर ये कानून लागू नहीं होता। बछड़े की शादी के लिए बाकायदा एक गांव के लोग दूसरे गांव बरात लेकर पहुंचे। यहां शादी की रस्‍में पूरी की गईंं और बछिया-बछड़े के साथ विदा की गई। बछिया की शादी करने वाले यानि वधु पक्ष ने शादी के दौरान दिए जाने वाले सामान में एक वॉशिंग मशीन भी दी है। देखने वाले भी अचरज में थे शादी में पूरी की गईं परंपराओं को देखकर। ।अलीगढ़ के गांव बेसवां और राया के गांव थना अमर सिंह के बीच अनोखा रिश्ता कायम हो गया है। बेसवां से एक दर्जन गोवंश की बरात लेकर आया बछड़ा गांव थना अमर सिंह से बछिया को ब्याह ले गया। सभी वैवाहिक रस्में निभाई गईं। दहेज में गृहस्थी का सामान भी दिया गया। ।शादी के लिए अभी मुहूर्त भले ही नहीं है, मगर क्षेत्र के गांव थना अमर सिंह में सुबह से ही हलचल थी। दरअसल, एक शादी की तैयारियां चल रही थीं। दोपहर में वाहनों की कतार गांव की ओर आती दिखी। इनमें करीब एक सौ लोगों के साथ ही कुछ वाहनों में गोवंश भी थे। ।बरात की अगवानी की गई। इसके बाद बरात चढ़ाई कार्यक्रम होना था। दूल्हा बछड़े को सेहरा पहनाकर एक बग्गी पर लाया गया। अन्य वाहनों में दूसरे गोवंश थे। बैंडबाजा की धुन पर बराती झूमते हुए विवाह स्थल पर पहुंचे। यहां पर वैवाहिक रस्में निभाई गईं। कन्यादान भी किया गया। दहेज में गृहस्थी का सामान भी दिया गया। पूरे क्षेत्र में इस शादी की चर्चा रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b53f270f5b5f1e370aaf948f161c0ec91b629c8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74939.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एनएसआइएल द्वारा पहला पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण ।यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएल) द्वारा पहला पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण था। इसरो के व्यावसायिक प्रक्षेपण के काम को देखने के लिए 2019 में विज्ञान विभाग के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के तौर पर एनएसआइएल का गठन किया गया था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के युवा विज्ञानियों ने सिंधु नेत्र उपग्रह को विकसित किया है। यह उपग्रह हिंद महासागर क्षेत्र में संचालित युद्धपोत और व्यापारिक पोत की खुद से पहचान कर लेगा। सूत्रों ने बताया कि सिंधु नेत्र से अपने क्षेत्र में निगरानी रखने की भारत की क्षमता बहुत अधिक बढ़ गई है। चीन से लगने वाले लद्दाख क्षेत्र से लेकर पाकिस्तान के सीमवर्ती इलाकों पर इसके जरिये नजदीकी नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर, अदन की खाड़ी और अफ्रीकी तटों पर भी इससे नजर रखी जा सकेगी। ।पीएम मोदी की तस्वीर और भागवत गीता को भी अंतरिक्ष में भेजा ।एसकेआइ ने अपने उपग्रह के साथ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर और डिजिटल फॉरमेट में भागवत गीता को भी अंतरिक्ष में भेजा है। इसरो का यह पहला अंतरिक्ष मिशन है। यह पूरी तरह से व्यावसायिक प्रक्षेपण है। इसरो ने ब्राजील के अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट अमेजोनिया-1 के साथ ही अमेरिका के 13 और भारत के पांच उपग्रहों को लांच किया है। भारतीय उपग्रहों में सतीश धवन सेटेलाइट (एसडी-सैट) और यूनिटी सेटेलाइट भी शामिल है। एसडी-सैट चेन्नई स्थित स्पेस किड्ज इंडिया (एसकेआइ) का छोटा उपग्रह है, जबकि यूनिटी देश के तीन इंजीनियरिंग एवं तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का संयुक्त उपग्रह है। । पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष क्षेत्र में नए युग की शुरुआत ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'एनएसआइएल (न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड) और इसरो को पीएसएलवी-सी51/अमेजोनिया-1 मिशन के पहले समर्पित व्यावसायिक प्रक्षेपण की सफलता पर बधाई। यह देश के अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास में नए युग की शुरुआत है।' प्रधानमंत्री ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को भी बधाई दी और अमेजोनिया-1 के प्रक्षेपण को 'ऐतिहासिक क्षण' बताया। वहीं, श्रीहरिकोटा में मौजूद ब्राजील के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री मार्कोस पोंटीस ने कहा कि यह भारत और ब्राजील की साझेदारी की तरफ पहला कदम है, जो आगे और मजबूत होगी। ।सभी उपग्रह कक्षा में स्थापित ।इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण के करीब 17 मिनट बाद 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी51 ने अमेजोनिया-1 को उसकी कक्षा में सफलता पूर्वक प्रवेश करा दिया। उसके बाद करीब एक घंटे 38 मिनट की उड़ान के दौरान वह सभी अन्य 18 उपग्रहों को उनकी कक्षा में प्रवेश कराता गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंधु नेत्र का जमीन पर स्थित केंद्र से संचार भी शुरू हो गया है। ।देश के लिए विशेष मिशन : सिवन ।देश के लिए इसे एक विशेष मिशन बताते हुए इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा कि एजेंसी ने उपग्रहों को बनाने में विश्वविद्यालयों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इससे उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों को भविष्य में अपना उपग्रह बनाने के लिए बल मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..565a1c3cba27b5a3e3c2440f0070ddada4677fd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74941.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहर के सौमेया नगर में स्थित जेआर ऑर्गेनिक फैक्ट्री एक अरसे से बंद है। इसमें एल्कोहल व अन्य केमिकल बनते थे। बंद हो चुकी इस फैक्ट्री में अब जिले का पहला बियर प्लांट लगेगा। 67.88 करोड़ की लागत के बियर प्लांट का प्रस्ताव जिला आबकारी अधिकारी की जांच के बाद संस्तुति के साथ जिलाधिकारी को भेज दिया गया है। प्लांट में करीब 17 लाख लीटर प्रति माह और करीब साढ़े 55 हजार लीटर बियर प्रतिदिन उत्पादित होगी। पूरे वर्ष में इस प्लांट में कुल दो करोड़ लीटर बियर तैयार की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d548b13f4027910e4ed88c567c24916b60a72769 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74942.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बलरामपुर [पवन मिश्र]। 'सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, कांटों में राह बनाते हैं' इन पंक्तियों को मदरहवा निवासी सुशील कुमार ने आत्मसात किया। सुशील कुमार पुणे मुंबई में एक ब्रांडेड जूता कंपनी में 16 साल से प्रतिमाह 16 हजार रुपये पगार पर नौकरी कर रहा था। महामारी में काम बंद हुआ तो नौकरी जाने का डर सताने लगा। ।लॉकडाउन में मुंबई से घर लौटते समय बहुत से लोगों को नंगे पांव देखा तो मन व्यथित हो गया। सोचा कि क्यों न ऐसा रोजगार करें जो लोगों को सस्ते में चप्पल दिला दे। हुनर तो पहले से था, बस मशीन की जरूरत थी। ऐसे में, ठान लिया कि अब वह खुद की फैक्ट्री गांव में डालेगा। ।फैक्ट्री खोलने के लिए पूंजी कम पड़ रही थी। इस बीच उसकी मुलाकात राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के पचपेड़वा ब्लॉक मिशन मैनेजर विष्णु प्रताप मौर्या से हुई। उन्होंने स्वयं सहायता समूह से जोड़कर 50 हजार रुपये का ऋण दिला दिया। इसके बाद तो उसके सपनों को पंख लग गए। आगरा से जुलाई में मशीन ली और प्रतिदिन 150 चप्पल तैयार करने लगा। ।नेपाल तक पहुंची सुशील के सूर्या की धमक : सुशील ने चप्पल बनाने के लिए घर पर चार मशीनें लगाई हैं। उसने बताया कि एक मशीन शीट काटती है। दूसरी फिनीशिंग करती है। तीसरी से ड्रिल व चौथे से पट्टा पहनाया जाता है। प्रतिदिन 150 सौ जोड़ी चप्पल तैयार हो जाती हैं। 50 रुपये प्रति जोड़ी चप्पल में उसे 20 रुपये मुनाफा मिल जाता है। ऐसे में, हर माह वह 20-25 हजार रुपये कमा लेता है। कमाई बढ़ी तो उसने गाड़ी खरीदी। उसकी सूर्या ब्रांड चप्पल जरवा, बालापुर, तुलसीपुर, भोजपुर कस्बों समेत नेपाल तक बिक रही है। पचपेड़वा ब्लॉक के सामने अब वह अपना शोरूम बनाने जा रहा है। ।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला अखिलेश मौर्य ने बताया कि सुशील के हुनर व लगन ने उसे कामयाब बनाया है, इससे हर किसी को सीख लेनी चाहिए। सुशील जैसे हर होनहार व स्वरोजगार करने की चाह रखने वाले हर व्यक्ति को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन मदद करने को हमेशा तत्पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b1b58db56cceffd3e9853fc18f1140bf71a16ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74943.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रमोद चंद दरगढ़, कासिमपुर : युवाओं को सिक्स पैक बनाने के लिए न जाने क्या-क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं। कुछ की मुराद पूरी होती है तो कुछ पसीना बहाते रह जाते हैं। कासिमपुर के सोहेल खान ने छह साल की उम्र में ही सिक्स पैक बना लिए हैं। टीवी डांसिंग रियलिटी शो 'डांस दीवाने' में उसने ऐसा धमाल मचाया कि जज अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, तुषार और धर्मेंश हक्के-बक्के रह गए। तुषार को कहना पड़ा कि छह साल की उम्र में उन्होंने किसी बच्चे के सिक्स पैक नहीं देखे। देश को सोहेल को देखना चाहिए। सोहेल के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। घर में बकरी हैं, उन्हीं का दूध पीता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6857f773c153d95bccf1e953fe492beccf0320d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74948.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन की चपेट में मैदान से लेकर हिमालयी राज्य तक आ रहे हैं। बिगड़े ऋतु चक्र से वनस्पतियों के व्यवहार में भी बदलाव स्पष्ट नजर आ रहा है। हिमालयी क्षेत्र के ठंडे इलाकों मुनस्यारी व नैनीताल में पहले अप्रैल अंत तक खिलने वाले बुरांश के फूल जनवरी में ही खिलने लगे हैं। इसी तरह मैदानी इलाकों में गेहूं और आम पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। साल दर साल तापमान बढ़ने से जलवायु में आ रहे इस अप्रत्याशित बदलाव से विज्ञानी भी चिंतित हैं। वे इस बदलाव को प्रकृति की चेतावनी करार देते हुए अवैज्ञानिक मानवीय क्रियाकलापों पर लगाम लगाने की नसीहत भी दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74949.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74949.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc3da529ff3d24b1bcefee9ad621c937a87cbc77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74949.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैतूल में तैयार की जाने वाली ईंट की जाएगी भेंट ।पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि श्रीराम मंदिर के लिए एकता और अखंडता के साथ शौर्य के प्रतीक स्वरूप बैतूल में तैयार की जाने वाली ईंट की भेंट अनूठी होगी। वंदे मातरम समिति के प्रमुख आनंद प्रजापति के मुताबिक, इस मिट्टी से 251 ईटों का निर्माण किया जाएगा। बैतूल से एक प्रतिनिधि मंडल एक ईंट लेकर अयोध्या जाएगा और श्रीराम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से ईट को मंदिर के गर्भगृह में लगाने की अपील करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89603457c0a18e4a242454e6e4085fbd3594b92d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74950.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर। मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण आम के बौर में फफूंद लग गए हैं। इससे बौर सूखकर गिरने लगे हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के पांच जिलों में इसका असर दिख रहा है। जल्दी गर्मी आने और तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। कृषि विज्ञानी भी इसे लेकर चिंतित हैं। शहर के कई बड़े निजी उद्यानों के साथ कृषि विज्ञान व अनुसंधान केंद्र अंबिकापुर, मैनपाट और बलरामपुर के उद्यानों में भी ऐसे ही हालात हैं। इससे भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ac7e0d4159edd956fa4e992ad67a7a733b7bb8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74951.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आशुतोष झा, नई दिल्ली। पिछले तीन दशकों की बड़ी-से-बड़ी और सफल हिंदी फिल्मों को उठाकर देख लें तो कश्मीर केंद्रित या फिर कश्मीर में शूट की गई फिल्में कहीं-न-कहीं आतंकवाद के आसपास घूमती रही हैं। किसी फिल्म में आतंकवाद को समाज की विकृति से पनपा दिखाया गया तो कहीं सीमापार की कुत्सित चाल। उससे पहले कश्मीर एक रोमांटिक स्पॉट के रूप में दर्शाया जाता रहा है, जिसमें बाहर के शहर से आया हीरो स्थानीय हीरोइन और कश्मीर की सुंदरता में गुम हो जाता था। लेकिन अब बदलते कश्मीर की सामाजिक कहानी का दौर शुरू हो सकता है, जिसमें कहानी कश्मीर के असली हीरो के आसपास घूमेगी, जिसे देश तो क्या खुद कश्मीर भी भुलाने लगा है। मुद्दे कश्मीर के होंगे। समस्याएं कश्मीर की होंगी। + +सामाजिक मुद्दों और लोकल हीरो पर केंद्रित फिल्म बनाने का आग्रह।यही कारण है कि उनसे सामाजिक मुद्दों और लोकल हीरो पर केंद्रित फिल्म बनाने का आग्रह किया गया है। मेरी कॉम और गीता फोगाट पर सफल फिल्में बन सकती हैं तो कश्मीर की कराटे किड, कश्मीर की कोकिला, कश्मीर का वह फाइटर जिसने कबायली से लोहा लिया था, वह केंद्र में क्यों नहीं आ सकता है। बताते हैं कि फिल्म निर्माताओं को ये सभी विषय बहुत पसंद आए हैं और स्थानीय स्तर पर सरकारी तंत्र ऐसे अनजान हीरो की पूरी जानकारी इकट्ठा करने में जुट गया है। + +कोशिश यह है कि कश्मीर आतंकवाद की अपनी पुरानी पहचान से हटकर सकारात्मक पहचान बनाए। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं होगा कि वहां की समस्याओं को भुला दिया जाएगा। कुछ दिनों पहले घाटी के कुछ क्षेत्रों में ड्रोन से ड्रग्स की सप्लाई हुई थी। इसे लेकर प्रशासन बहुत चौकस है और नहीं चाहता है कि पंजाब की तरह कश्मीर इसकी गिरफ्त में आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f718db887081f39d1a65652bde31d79a4452a983 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस स्तंभ में भी लगातार इस बारे में चर्चा की जाती रही है कि इस क्षेत्र में बढ़ रही अराजकता पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को दिशा-निर्देश या कंटेंट के प्रमाणन की व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार के स्तर पर विनियमन लागू करने के लिए इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर के संवाद भी हुए थे, लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर 2018 में सख्त टिप्पणी की थी, संसद में भी यह मामला कई बार उठा। सरकार ने इस पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।  ।केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश में ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के लिए स्वनियमन की बात की गई है, लेकिन ये नियमन कैसे हो और इसका दायरा क्या हो इसको भी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई भी प्लेटफॉर्म भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को आघात पहुंचाने वाले दृश्य और संवाद नहीं दिखाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86516a72b5779571aca5777425dd793435ca37f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74954.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोयले पर किचकिच।सारे फसाद की वजह है कोयला। जितना इसका रंग काला, उतना ही इसमें हाथ डालने वालों को कालिख का खतरा, लेकिन इसी कालिख में न जाने कितने पल रहे झारखंड में। इसी के फेर में सबकुछ हो रहा है। कोई इधर है तो कोई उधर। कोई किसी का पुतला जलवा रहा है तो कोई ऊपर पहुंचा रहा है शिकायत। बड़ी पंचायत के दो धुरंधर भी भिड़ गए हैं इसी खेल में। एक पुराने खिलाड़ी हैं। खुद को तीसमार खां कहते फिरते हैं, लेकिन उनके हिस्से की सीट पर दूसरा मार गया मैदान। बस, इसी के बाद दोनों एक-दूसरे के लिए कोई मौका नहीं छोड़ते। इस लड़ाई में कई छुटभैये भी देख रहे अपने लिए चांस। वैसे भी वानर की किचकिच में बिल्ली मौका मार ही ले जाती है हमेशा। इस दफा भी कुछ ऐसा हुआ तो नरभसाइएगा नहीं। + +बन गई लिस्ट।ऐतिहासिक पार्टी के दफ्तर में हल्ला-गुल्ला कोई नई बात नहीं। एक मौका ऐसा भी आया था, जब गोलियों की ठांय-ठांय हुई थी यहां। साहब कहते हैं कि जिंदा जमात में यह जायज है। वैसे भी आने वाले दिनों में ऐसी हरकतें रोजमर्रा की घटनाओं में तब्दील हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा किसी को। बड़ी मशक्कत से हो गई है लिस्ट तैयार। बस अंतिम मुहर लगने का है इंतजार। इसके बाद अलग-अलग राग ऐसा बजेगा कि फ्यूजन म्यूजिक का भ्रम पैदा करेगा। एक और पुराने कप्तान ने भी जमा लिया है आशियाना। एक साथ इतने मोर्चे खुले हैं कि पूछो मत। सारे एक से बढ़कर एक धुरंधर। सारा फेर है कुर्सी पर कब्जा बनाए रखने का, जो तेजी से खिसकने को है आतुर। हुजूर भी लग गए हैं बचाने में और शुभचिंतकों की टोली ने फैला दिया है रायता। बच गए तो आगे की तैयारी में लगेंगे, लेकिन सबको पता है कि आसार अच्छे लगते नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca70ac096a229a97d2c2103bf2a21a2e2424c431 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74955.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि विद्यालय आने वाले विद्यार्थियों के दिल से कोरोना का डर निकालने के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने विभिन्न निर्देश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत विद्यालय आने वाले विद्यार्थियों का स्वागत किया जाएगा, विद्यालय को गुब्बारों और फूलों से सजाकर, झंडी और रंगोली बनाकर उत्सव जैसा वातावरण बनाया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों में भी उत्साह रहे। उनका टीका लगाकर स्वागत किया जाएगा। पहले कुछ दिनों में विद्यार्थियों को सिर्फ पढ़ाने की जगह उनसे रचनात्मक काम कराए जाएंगे, जैसे मिट्टी के खिलौने बनाना आदि। साथ ही विद्यार्थियों के स्वजन के साथ बैठक कर विद्यार्थियों के विकास पर भी शिक्षक बात करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0788fcd03a4fbe09a59641c2c37b6b7f18f42a99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74957.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या है खासियत ।चिया सीडी की फसल रामदाना जैसी होती है जोकि 1500 से 1800 रुपये प्रति किलो की दर बिकती है। प्रति बीघा 75 हजार का खर्च आता है और शुद्ध मुनाफा डेढ़ से दो लाख रुपये तक होती है। चिया सीड अंतरराष्ट्रीय बाजार से सिर्फ ऑनलाइन ही मंगाया जा सकता है। इसकी खेती के लिए जलवायु हल्की ठंडी अनुकूल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74958.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74958.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cc33d3a27fbcc3448289179a71a3122965a0261 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74958.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जन-जन तक विज्ञान का प्रसार: विज्ञान को रुचिकर बनाने एवं उसमें बच्चों की दिलचस्पी जगाने के लिए नित नये प्रयोग किये जा रहे हैं। वैयक्तिक स्तर से लेकर स्कूलों में इनोवेटिव तरीके से बच्चों को साइंस की उपयोगिता के बारे में बताया जा रहा है। जैसे पटियाला के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल, शेखूपुरा में तैनात फिजिक्स के प्राध्यापक जसविंदर सिंह ने अपनी कार को ही साइंस मैथ्स लैब का रूप दे दिया है। इस कार में वह करीब 150 प्रैक्टिकल करवाते हैं और गांव-गांव जाकर बच्चों को ज्ञान देते हैं। उन्होंने अपनी चलती-फिरती प्रैक्टिकल लैब को ‘साइंस मैथमेटिक्स लैब ऑन व्हील्स’ का नाम दिया है। + +अब तक जसविंदर अपनी इस कार से पंजाब,हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली समेत आठ राज्यों में 950 प्रदर्शनियां लगा चुके हैं। वहीं, आप जब अवतार नगर, जालंधर के सरकारी मिडिल स्कूल के बरामदे में खड़े होकर खुले आसमान की तरफ देखेंगे, तो सौरमंडल का नजारा दिखाई देगा। दरअसल, यहां के साइंस शिक्षक सुमित गुप्ता ने फाइबर और सरिये की मदद से सौरमंडल का पूरा मॉडल तैयार किया है, जिसके जरिये वे छात्रों को पृथ्वी से सभी गृहों की दूरी,चक्र,गति आदि के बारे में दिखाकर समझाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5a64221b92334d71cffaaa77ee9211647072b7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7496.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +साल 2015 में जब फिल्म 'दम लगा के हइशा' से बॉलीवुड में डेब्यू किया। तब किसी ने नहीं सोचा था कि वो एक बड़ी एक्ट्रेस बन जाएंगी। फिल्म 'दम लगा के हइशा' में भूमि ने एक मोटी लड़की का किरदार निभाया था। जिसका सभी लोग मजाक उड़ाते रहते हैं। उसकी शादी जिससे तय होती है वो भी उसे पसंद नहीं करता। इस किरदार में भूमि एकदम फिट बैठी थीं। इस किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर के बेस्ट डेब्यू फीमेल अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। हालांकि इस फिल्म से भूमि की फैन फॉलोइंग कुछ खास नहीं बढ़ी थी। + +भूमि ने तहलका तो तब मचाया जब उन्होंने खुद का ट्रांसफॉर्मेशन किया। 'दम लगा के हइशा' की मोटी लड़की एकदम छरहरी हो गई थी जिसे पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। अपने इस दमदार ट्रांफॉर्मेशन के बाद भूमि ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने हुस्न के साथ- साथ अपने एक्टिंग स्किल्स से भी लोगों को इम्प्रेस किया। भूमि ने अपने अब तक के करियर में कई अलग- थलग किरदार निभाए। उनका हर किरदार पहले किरदार से अलग ही नजर आया। इतना ही नहीं महज 30 साल की उम्र में भूमि ने 60 साल की महिला का किरदार भी बखूबी निभाया। + +भूमि के अब तक के करियर ग्राफ को देखा जाए तो उन्होंने 'दम लगा के हइशा' से डेब्यू किया था। इसके बाद वो ट्रांसफॉर्मेशन कर दो साल बाद अक्षय कुमार के साथ 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' में नजर आईं। इसके बाद भूमि ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। भूमि 'दुर्गामति', 'पति पत्नी और वो', 'शुभ मंगल सावधान', 'बाला', 'सांड की आंख', 'लस्ट स्टोरीज', 'सोन चिड़िया' और 'डॉली किटी और चमकते सितारे' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc4b3bd8234b0c3d0c298163b3fa273d797bb203 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सऊदी नीत सैन्य गठबंधन की मानें तो ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों ने बैलेस्टिक मिसाइल के अलावा देश के जिजान प्रांत में तीन ड्रोन भी भेजे थे। ये ड्रोन विस्‍फोटक से भरे थे। एक अन्‍य ड्रोन को दक्षिण पश्चिमी शहर को निशाना बनाने के लिए लॉन्‍च किया गया था। हालांकि सऊदी अरब ने कहा है कि इन हमलों में किसी के हताहत होने की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। वहीं दूसरी तरफ अब तक इन हमलों के बारे में हुती विद्रोहियों की तरफ से भी कुछ नहीं कहा गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5705b97c408ee8ab481cc700159c803b59ec8242 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74961.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संवाद सूत्र, रामगढ़ (कैमूर)। स्थानीय सांसद सह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (Central Minister of Health and Family Welfare) अश्‍िवनी कुमार चौबे के क्षेत्र की आधी आबादी की सेहत भगवान भरोसे है। रामगढ़ में राममनोहर लोहिया रेफरल अस्पताल है। लेकिन कभी भी यह अस्पताल अपने नाम को सार्थक नहीं कर सका। इस क्षेत्र के ही इस विभाग से संबंधित केंद्रीय मंत्री हैं बावजूद यहां सुविधाएं नदारद है तो सवाल लाजमी है। एनबीएसयू से लेकर अल्ट्रासाउंड वर्षों से बंद है। एक्सरे नाम मात्र का रह गया है। पिक्चर एक्सरे का रिपोर्ट तय नहीं कर पाता। डिजिटल एक्सरे लाने की कवायद को अभी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। एएनएम के भरोसे आधी आबादी की सेहत सुधारी जा रही है। प्रसव पूर्व व प्रसव बाद सब जांच एएनएम करती हैं। इसके चलते सिजेरियन प्रसव निजी अस्‍पतालों में कराने की मजबूरी है। समान्य प्रसव के दौरान भी नवजात शिशुओं की हालत बिगड़ने पर एएनएम हाथ खड़ा कर लेती हैं। कई बार तो शिशु की जान भी चली जाती है। बावजूद इस राममनोहर लोहिया रेफरल अस्पताल को न तो महिला चिकित्सक मिले और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर। ।ऊंची दुकान फीकी पकवान वाली स्थिति ।रेफरल अस्पताल का सुंदर भवन, शानदार फुलवारी व चकाचक व्यवस्था देख एकबारगी आभास होता है कि यहां मरीजों के इलाज का समुचित प्रबंध है। हालांकि ऐसा सोचना खुद को धोखे में रखना है। यहां सौंदर्य के आवरण में सिस्टम की बदहाली छिपी हुई है।  महिला डॉक्टर नहीं है। शिशु रोग विशेषज्ञ भी नहीं है लिहाजा मदर- चाइल्ड हेल्थ विंग के तहत चाइल्ड बॉर्न यूनिट नवजात शिशुओं के इलाज के काम नहीं आ रहा। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की दरकार है। तीन डॉक्टर पोस्टेड तो हुए लेकिन वे यहां आना मुनासिब नहीं समझे। यह लाजिमी है सुविधाओं की बौछार की आकांक्षा लोगों के मन में पली लेकिन सुविधाओं का टोटा ही अस्पताल की पहचान है। + +वर्षों तक कागज में भटका अस्पताल, अब भटक रहे मरीज।रेफरल अस्पताल की दास्तां भी अजीबोगरीब है। रामगढ़ में रेफरल अस्पताल के भवन का उद्घाटन वर्ष 1994 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुधा श्रीवास्तव, व जल संसाधन मंत्री जगदानंद सिंह की मौजूदगी में हुआ। अस्पताल को रेफरल का दर्जा मिला वर्ष 2011 में। लेकिन अस्पताल 17 वर्षों तक फाइलों में गुम रहा। दरअसल कागज में यह कोचस में था, लेकिन भवन रामगढ़ में। तब कैसे रेफरल का दर्जा मिले। जब यहां लक्ष्य के सर्वे के लिए केंद्रीय टीम आई तो लगा कि सुविधाओं की बौछार होंगी। वर्ष 2019 में यहां स्वास्थ्य विभाग की केन्द्रीय टीम का दौरा हुआ तो चिकित्सा प्रभारी के दायित्व निर्वहन की सराहना करते हुए डॉक्टर समेत कई सुविधाएं बहाल करने का भरोसा दिया। हुआ कुछ नहीं। एक डेंटिस्ट डॉक्टर को उपकरण नहीं मिलने से वे भी फीजिशियन का कार्य कर रहे हैं। हां ब्लड संबंधित सभी जांच की सुविधा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..141e367855242020b5acce2512d92e2074c9c1ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74963.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। प्रवासी पक्षियों को उत्तर प्रदेश की आबोहवा अब रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि इस बार यहां के पक्षी विहारों में विदेशी मेहमान कम आए हैं। हरदोई के साण्डी व कन्नौज के लाख बहोसी पक्षी विहार में तो पिछले साल के मुकाबले करीब 60 से 70 फीसद तक कम प्रवासी पक्षी आए हैं। जीव विज्ञानी इसका प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन मान रहे हैं। ठंडे देशों से आने वाले इन पक्षियों को हिमालय से पहले ही अपनी मनचाही जलवायु मिल जा रही है, इसलिए वे यहां कम आ रहे हैं। + +जलवायु परिवर्तन भी है इसका प्रमुख कारण : जलवायु परिवर्तन को प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी का प्रमुख कारण मानने वाले डिप्टी चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अबु अरशद खान कहते हैं कि पिछले एक हफ्ते में ही मौसम में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। विख्यात पक्षी विज्ञानी डॉ.असद रहमानी कहते हैं कि प्रवासी पक्षियों के न आने के कई कारण होते हैं। यदि हम दीर्घकालिक कारणों की बात करें तो जलवायु परिवर्तन प्रमुख कारण है। डॉ.रहमानी के मुताबिक इस वर्ष उत्तर भारत में बारिश बहुत अच्छी हुई, इस कारण प्रवासी पक्षी चारों ओर फैल गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7609df0f2a2e3ad90da4b6e47b690317c0827e82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74965.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय को अगामी दिनों में रिसर्च हब के तौर पर विकसित करने की कवायद तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में शोध कार्यो को बढ़ावा दिया जा रहा है। बहुत जल्द डीयू इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस (आइओई) के तहत छह नए स्कूल भी खोलने जा रहा है। इससे गुणवत्तापूर्ण शोध और विदेशी संस्थानों संग संयुक्त शोध का भी मिलेगा। छात्र विदेशी संस्थानों में जाकर भी शोध कर सकेंगे। + +इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), दिल्ली समेत अन्य संस्थान शामिल हैं। साल 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय को इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस का दर्जा मिला। हाल में इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस की गवर्निग काउंसिल की बैठक भी हुई थी, जिसमें नए स्कूल खोलने की योजना को अमलीजामा पहनाने पर चर्चा हुई। बकौल कार्यवाहक कुलपति नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf251848d33ade8518c01d738d76a75818de1c82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। कभी उत्तर प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल यादव की की बेहद करीबी रहीं पंखुड़ी यादव एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से तकरीबन एक साल पहले सपा मुखिया अख‍िलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली-एनसीआर में समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने सपा के सभी पदों व सदस्यता से इस्तीफा दे द‍िया है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद इंटरनेट मीडिया अन‍िल यादव दी है। इस इस्तीफे की वजह अनिल यादव की पत्नी व कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक (Congress Leader Pankhuri Pathak) हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff45b109ce037d4edf758155073d1b888bdfa4be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74971.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों में से एक ले. जनरल योगेंद्र डिमरी चीन से सटी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले मध्य कमान के नए सेनाध्यक्ष होंगे। देश की सबसे बड़ी कमान के वह एक अप्रैल को आर्मी कमांडर बनेंगे। ले. जनरल योगेंद्र डिमरी इस समय पश्चिमी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ हैं। उनकी मध्य कमान सेनाध्यक्ष के रूप में तैनाती पर रक्षा मंत्रालय ने मुहर लगा दी है। वह ले. जनरल आइएस घुमन का स्थान लेंगे। ले. जनरल घुमन 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।  ।सात राज्यों तक फैला मध्य कमान उत्तराखंड सीमा से सटी चीन और नेपाल सीमा की सुरक्षा के साथ जवानों के प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाता है। मध्य कमान के अंतर्गत 18 बड़े रेजीमेंटल सेंटर हैं। इस कमान के अगले सेनाध्यक्ष ले. जनरल योगेंद्र डिमरी को इंजीनियरिंग कोर में वर्ष 1983 में कमीशन प्राप्त हुआ था। वह एनडीए खड़गवासला और आइएमए देहरादून के एल्यूमनाई रह चुके हैं। यहां आर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम आने पर ले. जनरल डिमरी को राष्ट्रपति मेडल प्रदान किया गया था। ।ले. जनरल डिमरी ने कांबैट के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाई है। उनको बेहतर सेवाओं के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया जा चुका है। वेलिंग्टन से डिफेंस सर्विस स्टाफ कोर्स, ढाका से डिफेंस सर्विस कमांड व स्टाफ कोर्स, महू से हायर कमांड कोर्स और दिल्ली से नेशनल डिफेंस कोर्स करने के अलावा ले. जनरल डिमरी की ऑपरेशन और प्रशासनिक कार्यों में महारथ है। वह पश्चिमी छोर पर रेगिस्तान से सटी सीमा के साथ जम्मू व कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल और आतंकी ऑपरेशनों में भी शामिल रहे हैं। वह रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड मुख्यालय में डीडीजी मिलिट्री ऑपरेशन भी रह चुके हैं। कंबोडिया में संयुक्त राष्ट्र की ट्रांसीसनल अथॉरिटी के मिलिट्री पर्यवेक्षक की भूमिका भी वह निभा चुके हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2dafb536d6e3954671b61e38e750c701f477e29 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74972.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंजुल मिश्रा, जबलपुर। जेल सजायाफ्ता के लिए महज प्रताड़ना गृह नहीं बल्कि सुधार गृह भी होता है, अगर उसे अच्छी राह पर चलने की प्रेरणा मिल सके। यह बात मध्य प्रदेश की जबलपुर केंद्रीय जेल के सिलसिले में सही साबित हो रही है। यहां शिक्षा के जरिये बंदियों के अंधेरे जीवन में उजाला लाने का प्रयास हुआ है। जेल में कैदियों ने उच्चशिक्षा प्राप्त की और अपने जीवन को बदला। जेल से छूटने के बाद अब वे नौकरियां कर रहे हैं। ।जेल में इस तरह हुआ प्रयास। एक दशक पहले वर्तमान जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) का केंद्र जेल में शुरू करवाया। इस केंद्र से अब तक 1953 बंदियों ने डिग्रियां अर्जित कीं और 88 कैदियों ने इस साल परीक्षा दी है। इनमें कई कैदी जेल से छूटने के बाद समाज की मुख्यधारा में शामिल होने में सफल रहे। ।डिग्री के लिए जेल में आई चिट्ठी। जबलपुर निवासी सुनील तिवारी को पत्नी की हत्या के जुर्म में सात साल की सजा हुई थी। 2010 में सुनील ने जेल में रहकर पुरोहित का प्रशिक्षण लेने के साथ एमबीए किया। रिजल्ट आता, उससे पहले ही सुनील की सजा पूरी हो गई और वे पुरोहित का काम करने हरिद्वार चले गए। वहां उनकी मुलाकात नोएडा के एक फैक्ट्री के मालिक से हुई। सुनील का व्यवहार उनको पसंद आया और वे उसे पुरोहिती के लिए अपने साथ ले गए। नोएडा में पुरोहिती के साथ सुनील उनकी फैक्ट्री का काम भी संभालने लगे। काम से प्रभावित होकर सुनील को फैक्ट्री में असिस्टेंट मैनेजर बनाने के लिए उन्होंने डिग्री देखना चाही। तब सुनील ने 2012 में जेल अधीक्षक ताम्रकार को पत्र लिखकर अपनी डिग्री मांगी। एमबीए की उसी डिग्री के आधार पर सुनील असिस्टेंट मैनेजर बने। + +निजी कंपनी में आइटी हेड बने रामजी ।बालाघाट निवासी रामजी ने हत्या के जुर्म में जबलपुर जेल में अपनी सजा पूरी की। जेल में रहते हुए रामजी कंप्यूटर साक्षरता कार्यक्रम में शामिल हुए और कंप्यूटर में निपुण हो गए। साफ्टवेयर, हार्डवेयर के बारे में भी समझने लगे। 2012 में उनकी सजा पूरी हो गई। इसके बाद वे नागपुर चले गए। बाद में उन्होंने जेल में फोन पर सूचना दी कि जेल में सीखे कंप्यूटर के आधार पर उनकी जिंदगी में एक बार फिर उजाला हो गया है। वे नागपुर के एक निजी कंपनी में आइटी हेड के पद पर कार्य कर रहे हैं। ।सिंकदर ने किया स्नातक। नरसिंहपुर निवासी सिंकदर भूरा हत्या की सजा काट रहे हैं। वे पिछले आठ साल से जबलपुर जेल में बंद हैं। इस दौरान उनके मन भी पढ़ाई की इच्छा जागृत हुई। डिप्लोमा कोर्स करने के बाद हाल ही में स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है। सिंकदर का कहना है कि जब तक जेल में हैं, तब तक पढ़ाई जारी रखेंगे ताकि बाहर निकलकर जीवन की नई राह मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d2473a9a663ee267fbdab1074c20a85436641168 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74973.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यहां दिखीं खूब प्रजातियां :।यमुना बायोडाइवर्सटिी पार्क : यूरोपीय पाइड अवोसेट, मार्श हैरियर और कैनरी सहित 101 प्रजातियां दिखीं। अरावली बायोडाइवर्सटिी पार्क : सफेद सिर वाले दुर्लभ बंटिंग सहित 46 प्रजातियां। तिलपथ वैली बायोडाइवर्सटिी पार्क: दुर्लभ प्रजाति पेट्रोनिया सहित 49 प्रजातियां देखी गईं। कमला नेहरू रिज: दुर्लभ बूटेड ईगल के साथ 60 प्रजातियां। हौज खास: 38 प्रजातियां। तुगलकाबाद: दुर्लभ पक्षी सरकीर मरकोहा सहित 51 प्रजातियां। कालिंदी बायोडाइवर्सटिी पार्क: दुर्लभ फेरोजीनस बतख सहित 80 पक्षियों की प्रजातियां देखी गईं। + +पंखों को फैला चलों उड़ चलें उन्मुक्त गगन में..ध्रुव कुमार।दुर्लभ पक्षियों से संवरे अभयारण्य: इस समय दिल्ली की फिजा में जो परिंदे अपने पर फैला रहे हैं उनमें मुख्य रूप से यूरेसियन स्पैरहाक, बाज, कामन केस्ट्रल, बूटेड ईगल, ग्रेटर स्पाटेड बाज, लंबे पैरों वाले बजार्ड, काले गिद्ध, मार्च हैरियर, शिकरा, पेरेगाइन के अलावा इस बार के बिग बर्ड डे में ओखला पक्षी अभयारण्य में दुर्लभ स्लेटी रंग की गर्दन सिर वाले फिश ईगल भी देखने को मिले हैं। अन्य दुर्लभ पक्षियों में भूरे हाक ईगल, प्रेस्ट वैगटेल, मार्गेंजर, बड़े कानों वाले उल्लू और बड़ी सफेद बतख भी बर्ड वाचर ने देखे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74974.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74974.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..447f162b87dfc52de0046a1abd7540ec5d973786 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74974.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आलोक मिश्र। Bihar Politics सदन की दीवारें सुराखदार होती हैं। न ठहाके रोकती हैं और न ही तल्खी। जो भीतर होता है, उसे बाहर कर देती हैं। इस समय सदन में बजट का मौसम है। सरकार आंकड़ों के साथ बैठी है और विपक्ष सवालों के साथ। लेकिन न हल्ला, न हंगामा। पक्ष-विपक्ष दोनों के अंदाज शायराना हैं। सदन को जानने वाले, सदन के इस बदले अंदाज पर हैरान हैं। उनके अनुसार ऐसा मौसम बहुत समय बाद आया है। दीवारों से छन कर बाहर आते ठहाके और चुटकियां सुन लोग मंसूबा बांधने लगे हैं कि अपना चिर-परिचित चोला (हंगामे वाला) छोड़ आगे भी सदन ऐसे ही चलेगा। + +सभी राज्यों में इस समय बजट का बोलबाला है। बिहार में भी सोमवार को दो लाख 18 हजार 303 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जो पिछली बार से लगभग सात हजार करोड़ रुपये अधिक है। बजट में रोजगार पर जोर है, तो कृषि का भी रोडमैप है। शहरों और गांवों की तस्वीर में और रंग भरने का मंसूबा है। महिलाओं की शिक्षा और रोजगार का खाका है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ है जो बजट में होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74978.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74978.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0af8c8de83a49b6235f59514d73cabd74a2cbade --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74978.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। Ram Janmabhoomi Ayodhya: रामनगरी में कई देशों के अतिथिगृह बनेंगे। इनमें नेपाल, श्रीलंका, सूरीनाम, फिजी, केन्या, कनाडा, इंडोनेशिया, मलेशिया, ट्रिनीडॉड टोबैगो, मॉरीशस, थाईलैंड आदि उन देशों के अतिथिगृह शामिल होंगे, जहां सांस्कृतिक विरासत के तौर पर अथवा प्रवासी भारतीयों के माध्यम से श्रीराम पूजित-प्रतिष्ठित हैं। ।गत 23 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आला अधिकारियों के साथ रामनगरी के समग्र विकास के लिए तैयार किए जा रहे विजन डाक्यूमेंट की समीक्षा करते हुए विभिन्न देशों के अतिथिगृह बनाए जाने पर पूरा जोर दिया। उन्होंने निर्देशित किया कि विभिन्न देशों के अतिथिगृह बनाए जाने के लिए भूमि आरक्षित की जाए, जिससे कि उन देशों के अनुरोध पर उन्हें अयोध्या में जमीन आवंटित की जा सके। + +अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने के लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार रामनगरी को विश्वस्तरीय सुविधाओं से आच्छादित करने और पौराणिक स्थलों को भव्यता देने के साथ उसे दुनिया के अधिकांश हिस्सों से जोडऩे का प्रयास कर रही है। इसके लिए अयोध्या में श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यातायात के अन्य अनेकानेक साधन विकसित करने के साथ अयोध्या में श्रीराम की विरासत से जुड़े देशों सहित भारत के सभी प्रांतों के अतिथिगृह बनाए जाने हैं। सरकार की यह योजना गत वर्ष नव्य अयोध्या विकसित किए जाने की चर्चा के साथ सामने आ गई थी, पर समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न देशों का अतिथिगृह बनाए जाने की ओर ध्यान दिलाकर इस योजना के प्रति गंभीरता का इजहार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74979.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74979.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..faa0e1c00452526c9f61ae06a6ad96b774f9ef97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74979.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +फतेहपुर सीकरी इलाके की रहने वाली 35 वर्षीय लक्ष्मी सिंह तीन बच्चों की मां है। लक्ष्मी सिंह ने बताया अभिषेक की पहली फिल्म रिफ्यूजी से उनकी प्रशंसक हैं। उनकी हर फिल्म को उन्हेांने कई-कई बार देखा है। अभिषेक की प्रशंसक होने का पता उनके पति और बच्चों को भी है। वह उनकी प्रशंसा में दस से ज्यादा गीत और कविताएं लिख चुकी हैं। वह यह गीत अभिषेक को सुनाना चाहती हैं। लक्ष्मी सिंह की तरह ही विनीता अग्रवाल भी अभिषेक की बड़ी प्रशंसक हैं। + +दोनों ने बताया कि गुरुवार की शाम को उन्हें पता चला कि उनके पसंदीदा अभिनेता अभिषेक बच्चन सेंट्रल जेल में फिल्म दसवीं की शूटिंग कर रहे हैं। दोनों ने गुरुवार की रात को ही सेंट्रल जेल पहुंचकर जूनियर बच्चन से मिलने का फैसला कर लिया। शुक्रवार की सुबह वह दोनों अपने घरों से अभिषेक के दीदार को निकल पड़ीं। दोपहर करीब 12 बजे वह सेंट्रल जेल पहुंच गईं। लक्ष्मी सिंह और विनीता अग्रवाल बंदियों से बार-बार अभिषेक के बाहर से निकलने के बारे में पूछती रहीं। करीब एक घंटे के इंतजार के बाद जेल का मुख्य द्वार खुलने पर अभिषेक को बाहर आता देख दोनों खुश हो गईं। + +शूटिंग टीम को ड्राई फ्रूट्स बेचने पहुंची महिला ।फेरी लगाकर ड्राई फ्रूट्स बेचने वाली महिला शुक्रवार को जेल पर पहुंची। शूटिंग टीम के सदस्यों और बड़ी संख्या में वाहनों को खड़ा देखकर उसे लगा कि मुलाकात शुरू हो गई है। शूटिंग टीम के सदस्यों को ड्राई फ्रूटस बेचने का प्रयास करने लगी। बंदी रक्षकों ने बताया कि वह मुलाकाती नहीं बल्कि फिल्म की शूटिंग करने वाले हैं। इसके बाद महिला वहां से गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0952f6b4bdc8afb0440ed6cc922fd71336f86bf1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74981.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [मनोज त्यागी]। मुझे आज भी याद है बचपन के वो दिन जब हम कुतुबमीनार पर चढ़कर दिल्ली को निहारा करते थे। तब दूर-दूर तक दिल्ली दिखाई देती थी, लेकिन अब तो सब कुछ बदल गया है। अब तो कुतुबमीनार पर चढ़ने की भी मनाही हो गई है। वह दौर कुछ और ही था। उस समय दिल्ली में दो मंजिला मकान ही हुआ करते थे। अब तो ऊंची-ऊंची इमारतें बन गईं हैं। लोगों में मेल-जोल ज्यादा होता था। आज जैसा सभय का अभाव नहीं रहता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c76aa33fa0aa3b3d280da6e29c8def0e18254b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। अक्सर कुछ तीखा और चटपटा खाने के बाद मीठा खाने का मन कर जाता है। अगर आप जाफराबाद की तरफ जाएं तो लाजवाब शाही टुकड़े का आनंद ले सकते हैं। इसके लिए बस आपको मरकजी चौक के पास बिस्मिल्लाह स्वीट प्वाइंट पर आना होगा। शाम को जब शाही टुकड़ा फ्राई होने के बाद, खोया व दूध से क्रीम तैयार करने के लिए गैस पर कढ़ाई चढ़ती है तो आसपास के वातावरण में भी मिठास घुल जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8039706c16b6e802098348cbe24ab874591436c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74985.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। छह साल पहले भारत के लाखों रेल यात्रियों की यात्र को सुगम बनाने के लिए मनीष राठी ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर ‘रेल यात्री डॉट इन’ नाम से एक ऐसा ट्रैवल मार्केट प्लेस लॉन्च किया था, जहां ट्रेन संबंधी सर्विस के अलावा बस, कैब एवं होटल की बुकिंग कराई जा सकती है। रेल यात्री के सीईओ एवं सह-संस्थापक मनीष मानते हैं कि अगर बिजनेस में सफलता चाहिए, तो अपने ग्राहकों की समस्याओं को जानना जरूरी है। उसको गहराई से जानने के बाद ही उसका समाधान निकाला जा सकता है। + +इसलिए कोविड-19 के दस्तक देने के बाद जब सुरक्षित यात्र पर जोर दिया जाने लगा, तो कंपनी की ‘इंटरसिटी स्मार्ट बस’ सेवा ग्राहकों का विश्वास जीतने में कामयाब रही। यह देश का पहला ‘इंटीग्रेटेड इंटरसिटी मोबिलिटी प्लेटफॉर्म’ है। इसके एप से बस की प्री-बुकिंग से लेकर उसे ट्रैक भी किया जा सकता है। इस समय कुल 6 हब से देश के 228 शहरों में इसकी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे प्रत्येक महीने 2.5 लाख से अधिक यात्रियों को फायदा मिला है। अगले तीन वर्षो में वह अपनी फ्लीट में दो हजार बसों को शामिल करने का इरादा रखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c31e07f8c9fb35e72a524bfff3775c09ad12537e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़,योगेश कौशिक। कहते हैैं आलू का घाटा आलू ही पूरा करता है। यही सच भी है। कभी आलू का कोई मोल नहीं होता तो कभी किसान को रंक से राजा बना देता है। आलू पिछले वर्ष सेब के भाव बिका। इस बार राजा ने किसान को झटका दिया है। मौसम की मार से पैदावार में कमी आई है तो वहीं मंडी में भाव नहीं मिल रहा। पिछले वर्ष खुदाई पर भाव 800 रुपये प्रति पैकिट (50किलो) था, इस बार 300 रुपये है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74988.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74988.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71b9427a12f6b3e0a81a832619755d71277f3d8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74988.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की आड़ में हुए दंगे को एक साल बीत गया है, लेकिन सरकारी व निजी संपत्तियों को हुए नुकसान के आकलन का काम पूरा नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दिल्ली में भी हर्जाना दंगाइयों से वसूलने के लिए दिल्ली पुलिस की मांग पर हाई कोर्ट ने पांच महीने पहले सेवानिवृत्त जज सुनील गौड़ को क्लेम कमिश्नर नियुक्त किया था। लेकिन सिर्फ पांच सर्वेयरों के कारण आवेदनों का आकलन नहीं किया जा सका है। शुक्रवार को क्लेम कमिश्नर ने दिल्ली सरकार के गृह सचिव को पत्र लिखकर 20 और सर्वेयर नियुक्ति करने का अनुरोध किया है। क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति छह महीने के लिए ही थी। यह अवधि 12 अप्रैल को पूरी हो रही है। माना जा रहा है कि उनका कार्यकाल और छह माह बढ़ाने के लिए जल्द उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा जाएगा। + +सुनील गौड़ का कहना है कि पांच सर्वेयर से आवेदनों का निपटारा करने में दो-तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा। इसलिए 20 और सर्वेयर नियुक्त किए जाने की मांग की गई है। फिलहाल पांच सर्वेयर 50 आवेदनों का आकलन कर रहे हैं। उम्मीद है कि एक महीने के अंदर 20 और सर्वेयर मिल जाएंगे। उसके बाद आकलन अगले छह माह से पहले कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी आवेदनों का आकलन करने के बाद वह पूरी रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट को सौंप देंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0deeb2fceccdc87d9c4b044359d1ad9f5196bdd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74990.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दरअसल हमारे नीति निर्माण में टिकल-डाउन सिद्धांत का वर्चस्व कायम हो गया लगता है और यह इस गलत धारणा के आसपास केंद्रित है कि असमानता तेज विकास का एक सह-उत्पाद है। यह अपने आप में एक गुमराह करने वाला तथ्य है कि शीर्ष पर रहने वालों का लाभ धीरे धीरे नीचे तक जाएगा। इसे टिकल-डाउन सिद्धांत के रूप में बताया जाता है। लेकिन वर्तमान में इसे पलटने की जरूरत है। इसका कारण यह है कि उठता हुआ ज्वार सभी नावों को उठा पाने में सक्षम नहीं होता है। + +यही समय है जब नीति निर्माताओं को यह समझना होगा कि वास्तव में आíथक विकास का एक वैकल्पिक सिद्धांत भी है। दशकों से नीति निर्माताओं ने दो सामाजिक समूहों पर ध्यान केंद्रित किया है, परिणामस्वरूप उच्च और निम्न आय वर्ग और आíथक विकास में मध्य वर्ग की सामाजिक व आíथक भूमिका की उपेक्षा हुई है। जबकि मध्य वर्ग न केवल देश के आíथक विकास में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि परोक्ष रूप से अन्य कई वर्गो का भार भी उठाता है। + +दरअसल हमारा मध्य वर्ग अर्थव्यवस्था में एक उपभोक्ता के रूप में निवेश करता है और इस प्रकार से वह सरकारी खजाने में योगदान देता है। वह न केवल गरीबों, बल्कि उन लोगों का भी बोझ उठाता है, जो सरकारी खजाने में योगदान नहीं करते हैं। समानांतर रूप में देखें तो परोक्ष करों पर सरकार की निर्भरता और बढ़ गई है। परोक्ष करों का हिस्सा अब सकल कर राजस्व का लगभग आधा है। लगभग एक दशक पहले यह 40 प्रतिशत से भी कम था। अर्थव्यवस्था के लिए यह सही स्थिति नहीं है। यह भी देखने में आया है कि गरीबों और मध्य वर्ग के लोगों से परोक्ष कर उनकी आय के अनुपात के रूप में अधिक प्राप्त होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe1d9b40753d707c594ee8ef909685cb257c35bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74991.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +साधना कुमारी शर्मा। हमारे समाज में महिलाओं द्वारा किए जाने वाले रोजमर्रा के घरेलू कार्यो को आर्थिक रूप से उपयोगी नहीं समझा जाता है। यह भी कहा जा सकता है कि घरेलू महिलाओं को आर्थिक उत्पादन की गणना में प्राथमिकता नहीं दी जाती है। अक्सर घर का कमाने वाला पुरुष सदस्य अपनी पत्नी से कहता है, घर में दिनभर करती क्या हो, टीवी देखने के अलावा तुम्हारे पास काम ही क्या है, तुम्हें क्या पता पैसा कैसे कमाया जाता है। ये कुछ वाक्य हैं, जो अधिकांशत: भारतीय घरों में सुने जाते हैं, जिनमें ओईसीडी यानी ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार पुरुषों के 52 मिनट की तुलना में महिलाएं 350 मिनट से अधिक घरेलू कार्यो में बिताती है, लेकिन इस कार्य को किसी आर्थिक गणना में शामिल नहीं किया जाता है। + +देखा जाए तो यह पहला मामला नहीं था, जब न्यायालय ने महिला के घरेलू कार्य का मूल्य तय किया। लंदन की प्रोफेसर प्रभा कोटिस्वरन ने वर्ष 1968 से 2020 तक के ऐसे लगभग 200 मामलों का अध्ययन किया है जिनमें भारतीय न्यायालयों ने दुर्घटना की क्षतिपूíत राशि देते समय महिला के घरेलू कार्य को अहमियत दी। लेकिन इस मामले में दुख की बात यह है कि उसके कार्यो को यह पहचान उसकी मृत्यु के बाद मिली। समय आ गया है जब इस बारे में समग्रता से विचार किया जाए, ताकि घरेलू महिलाओं के काम को भी सम्मान मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_74998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_74998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ccd684e2fc2fbc636f94b793a232cdd9f0388b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_74998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना ने विश्व को और गरीब बना दिया है। दुनियाभर में 11.5 करोड़ लोग अत्यंत गरीबी में जीने को विवश हैं। इनमें से ज्यादातर लोग दक्षिण एशिया के हैं। यह अहम तथ्य सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की सालाना रिपोर्ट स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट 2021 में। बृहस्पतिवार शाम जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2020 तक भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। यानी एक पूरी पीढ़ी ने सदी की सबसे लंबी महामारी के दौरान जन्म लिया, जब ये बच्चे बड़े होंगे तो इनकी याददाश्त में महामारी एक निर्णायक मिसाल के तौर पर होगी। इस महामारी के कारण मौजूदा पीढ़ी के 35 करोड़ से ज्यादा बच्चे इसके अलग-अलग तरह के असर को जीवन भर ढोएंगे। लॉकडाउन के कारण बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिलने वाला भोजन तक नहीं मिला। भारत में करीब 9.4 करोड़ बच्चे लॉकडाउन के कारण मिड-डे मील से वंचित रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक बच्चों में ठिगनापन (बौनापन) को 2.5) तक लाने का जो भारत का लक्ष्य था, वह भी कोविड के प्रभावित हुआ है। चार वर्ष तक के बच्चों में अभी यह फीसद 33.4 है, जबकि पांच साल तक के बच्चों में यह फीसद 34.7 है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7500.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7500.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b7b9e6b015ea125d4eeef6a1536adea905ffb66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7500.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता अक्षय कुमार अपनी शानदार एक्टिंग और फनी अंदाज के चलते सोशल मीडिया पर चर्चा में रहते हैं। एक्टर अक्सर अपनी फोटोज वीडियो फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं और अपनी आगामी फिल्मों को लेकर भी अपडेट शेयर करते रहते हैं। अब उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो घुटने के दर्द के चलते लड़खड़ा कर नीचे जमीन पर गिर जाते हैं और चिल्लाते नजर आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75008.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75008.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..683f060a0c95c81e6e931e1fc610153eabd5f7a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75008.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने के लिए संघर्ष विराम निश्चित तौर पर हो गया है लेकिन दोनों देशों के बीच राजनीतिक वार्ता शुरू होने की डगर अभी दूर है। आगे की राह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगी कि कश्मीर और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान क्या रवैया अपनाता है। भारत अपने इस पड़ोसी देश के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने की राह में धीरे-धीरे कदम बढ़ाने की रणनीति अपनाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f393a169dd3cbe827dfd9aa8232e06121d962509 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उनका भी मानना है कि इसके पीछे राजनीतिक हलकों में कहीं न कहीं कुछ बातचीत जरूर हुई है, जिसके बाद इसमें दोनों देशोंकी सेनाओं के डीजीएमओ को शामिल किया गया और सहमति की बात सामने आई। वहीं पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन ने अपनी एक खबर में यूसुफ के दो ट्वीट का इस्‍तेमाल किया है। इसमें यूसुफ ने कहा है कि उनके और डोभाल के बीच इस सहमति को लेकर पर्दे के पीछे किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्‍होंने अपने ट्वीट में ये भी कहा है कि ये दोनों सेनाओं के डीजीएमओ ने अपने स्‍तर पर किया है। उन्‍होंने इस सीजफायर के होने पर अपनी खुशी का इजहार किया है और कहा है कि इससे दोनों तरफ के लोग शांति से रह सकेंगे और जान-माल के नुकसान को रोका जा सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cbafdb9dc259f174b4d591279884005ca7e5389 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित है एम. पप्पम्माल।बता दें कि इसी साल 105 साल की एम. पप्पम्माल को पद्मश्री से सम्‍मानित किया गया है। जब उनको पद्मश्री अवॉर्ड मिला तो पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट किया कि उम्र केवल एक संख्या है। 105 साल की पप्पाम्मल ऑर्गेनिक खेती में लीजेंड हैं। वह थेकमपट्टी में अपने खेतों में काम करती हैं। वह बाजरा, दाल और सब्जियों को ढाई एकड़ खेत में उगाती हैं। वह प्रॉविजन स्टोर के साथ ईटरी भी चलाती हैं। उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। नमन।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3725d9216a1f2b30f8c4c31a1fccaa284d609b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75014.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस समझौते के तहत दोनों देश एक दूसरे को सíजकल उपकरणों, मेडिसिन और टेक्सटाइल उत्पादों आदि पर अपने अपने बाजारों तक पहुंच देंगे। इसके तहत मॉरीशस भारतीय बाजार तक 40 हजार टन चीनी के निर्यात के लिए पहुंच की सुविधा प्राप्त करेगा। इससे मॉरीशस को भारत से प्रतिरक्षा परिसंपत्तियों और उपकरणों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण समुद्री इकाई के रूप में उभर रहे मॉरीशस को ऐसी सुविधा प्राप्त करना औचित्यपूर्ण भी है। मॉरीशस की सुरक्षा भारत की सुरक्षा और मॉरीशस की संपन्नता भारत की संपन्नता है। भारत मॉरीशस को एक डोíनयर एयरक्राफ्ट और एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव प्राप्त करेगा जिससे उसकी सामुद्रिक सुरक्षा क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। + + मालदीव यात्रा के मायने : भारत के विदेश मंत्री की मालदीव यात्रा के दौरान मालदीव में खेल अवसंरचना को मजबूती देने के लिए उसे भारत की तरफ से चार करोड़ डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट देने की बात की गई है। इसके साथ ही भारत ने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद की संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के लिए अध्यक्ष बनने की संभावना जाहिर करते हुए भारत के मजबूत समर्थन की बात की। गौरतलब है कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों से मालदीव इंडियन ओसियन रिम एसोसिएशन का नया सदस्य बन चुका है और कॉमनवेल्थ संगठन में पुन: सदस्यता ले चुका है। + +भारत ने अपने -पड़ोसी प्रथम- की नीति के तहत क्षेत्रीय और वैश्विक फोरम में एक मजबूत मालदीव की उपस्थिति की नीति अपनाई है और बदले में मालदीव के वर्तमान नेतृत्व ने -इंडिया फ‌र्स्ट पॉलिसी- के तहत काम करना शुरू किया है। मालदीव और भारत के मध्य मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स कोस्ट गार्ड हार्बर को संयुक्त रूप से विकसित करने का समझौता हुआ है और यह एक ऐसे समय में होने के चलते महत्वपूर्ण है, जब हाल ही में श्रीलंका ने भारत और जापान से अपने हंबनटोटा बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर टíमनल को विकसित करने का अवसर वापस ले लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d15141904734fa656aa2d276b531ba6809d748a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75016.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्‍या कहती हैं सीएसई प्रमुख । सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि अब यह जांच करने का समय आ गया है कि कोरोना महामारी हमारे लिए दीर्घावधि में क्या छोड़ने वाली है। एक खोई हुई पीढ़ी, जो अस्वस्थता, कुपोषण, गरीबी और शैक्षणिक उपलब्धियों में दुर्बलता से घिरी हुई है। चुनौती यह भी है कि पर्यावरण का उपयोग सतत विकास के लिए किया जाए, ताकि जलवायु-जोखिम वाले समय में हम आजीविका, पोषण सुरक्षा में सुधार कर सकें। + +सतत विकास में भारत 192 में से 117वें नंबर पर । सतत विकास के मामले में भारत 192 देशों में से 117वें स्थान पर है। हैरत की बात यह कि अब भारत पाकिस्तान को छोड़ सभी दक्षिण एशियाई देशों से भी पीछे हो गया है। सतत विकास के लक्ष्यों को पूरा करने के मामले में देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन वाले पांच राज्य केरल, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं, जबकि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पांच राज्य बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और उत्तर प्रदेश हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9992944800eebf313dad74328a68be6c31edf0d4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहराल, बालाकोट एयरस्‍ट्राइक की पटकथा 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद लिखी गई थी। इस हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा की सड़क पर खून और जवानों के शरीर के क्षत-विक्षत शव नजर आ रहे थे। भारतीय जवानों का गुस्‍सा उबाल पर था। देश की आम जनता चाहती थी कि इस हमले को अंजाम देने वाले जैश ए मोहम्‍मद के आतंकियों पर इससे भी कहीं जबरदस्‍त हमला कर करारा जवाब दिया जाए। पाकिस्‍तान भी कहीं न कहीं इस बात को जान चुका था कि भारत इस हमले के बाद चुप नहीं बैठने वाला है। यही वजह थी कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टीवी पर प्रसारित एक संदेश में दुनिया को ये संदेश देने की कोशिश की कि इस हमले में पाकिस्‍ताना या पाकिस्‍तान में बैठे किसी भी इंसान का कोई हाथ नहीं है। इस प्रसारण में उन्‍होंने एक बार फिर से आतंकियों को शहीद बताते हुए भारत को भड़का दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28bed72c6ef3b2b2ef07df48290176376af6c510 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने पीएम से मांग की है कि शिक्षा मंत्रलय को निर्देश दें कि वह उस संशोधित दिशानिर्देश को तत्काल वापस ले, जिसमें राज्य सरकार से सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों को वैश्विक सम्मेलनों के आयोजन से पहले मंत्रलय की मंजूरी लेने को कहा गया है। मंत्रलय ने 15 जनवरी को कहा था कि सरकार द्वारा पोषित विश्वविद्यालय अगर राष्ट्रीय सुरक्षा या फिर प्रत्यक्ष तौर पर भारत के आंतरिक मामलों से जुड़े मुद्दों पर ऑनलाइन वैश्विक सम्मेलन आयोजित करना चाहते हैं तो उन्हें मंत्रलय से पहले इसकी मंजूरी लेनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75024.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75024.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e470e158187850eae32b48368d3f113fdbe1e7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75024.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चा पैदा होने पर वह फोन कर बेटी व बेटा पैदा होने की जानकारी लेती हैं। बेटी के जन्म लेने की सूचना मिलते ही अर्निमा त्यागी अपनी टीम के साथ जश्न मनाने के लिए निकल जाती हैं। वह पूरे गांव में ढोल व बाजा बजवाते हुए बेटी के घर पहुंचती हैं। ढोल-बाजे के साथ अर्निमा को देख ग्रामीण समझ जाते हैं कि गांव में बेटी ने जन्म लिया है। सभी ग्रामीण इस जश्न में शामिल होते हैं। बेटी के घर ढोल बजाया जाता है। ।ग्रामीण हो रहे जागरूक ।बेटी के पैदा होने पर अर्निमा त्यागी साथ में एक पौधा भी लेकर उनके घर जाती हैं। सरकारी विभाग द्वारा लगाए गए कुछ पौधे देख-रेख की कमी के कारण सूख जाते हैं। अर्निमा ने बताया कि एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। यदि लोगों को जागरूक नहीं किया गया तो आने वाले समय में यहां रहना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने जो पहल शुरू की है, इससे लोग जागरूक हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa87d2bb032060c3353b7469d6b5ec1834aa936a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सेफ सिटी प्रोजेक्ट ।- सेफ सिटी के तहत सिटी बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाए जाएंगे। संकट की स्थिति में महिला पैनिक बटन दबाएगी तो कंट्रोल रूम को सूचना मिल जाएगी। ये पैनिक बटन इस तरह के होंगे कि महिला बोलकर अपनी समस्या सुना भी सकेगी, इसे कंट्रोल रूम पर नोट किया जाएगा। बटन के पास ही कैमरा लगा, यह कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा। ।- शहर के ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए जाएंगे, जहां रात में महिलाओं का आवागमन होता है और वहां रोशनी कम हो। ऐसी जगहों पर रोशनी के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c70e5c563b7deac8b1dd0e0abe7a1ee86a7339f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75026.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का मनोरा और बगीचा तहसील, प्रदेश का सबसे बड़ा पहाड़ी कोरवा आवासीय क्षेत्र है। तीर धनुष इस जनजाति की विशेष पहचान है। जशपुर जिले में आठ ब्लॉक हैं। इन ब्लॉक के 94 गांवों में पहाड़ी कोरवा रहते हैं। वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार 94 गांव में 4110 पहाड़ी कोरवा निवासरत हैं। इनमें 7230 महिला और 7378 पुरुष हैं। हर ब्लॉक से 20-20 बच्चों व युवाओं को बुलाया गया है। परीक्षण के बाद इनमें से 10 युवाओं को चुना जाएगा। इन्हें तीरंदाजी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। 1978 में पहाड़ी कोरवा और बिरहोर विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई है। + +एक करोड़ की लागत से शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट।खनिज न्यास निधि के सहयोग से शहर के रणजीता स्टेडियम में विशेष तीरंदाजी केंद्र स्थापित किया जा रहा है। 30 सीटर इस खेल अकादमी में तीरंदाजी के साथ हॉकी और ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दो साल के इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए खनिज न्यास निधि से एक करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इस राशि के उपयोग से रणजीता स्टेडियम के उपेक्षित ड्रेसिंग रूम को आवासीय केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3261f4027eb91030496840ead4cfefcefaf455b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। जिला मुख्यालय से तकरीबन पचास किलोमीटर दूर बारा तहसील के जसरा विकास खंड के ग्राम चिल्ला-गौहानी में महान योद्धा आल्हा ऊदल की स्मृतियां बिखरी पड़ी हैं। इस गांव में एक बड़ा तालाब है जिसके बारे में कहा जाता है एक जमाने में यहां पर आल्हा-ऊदल और उनके परिवारीजन स्नान करने आते थे। ऐतिहासिक महत्व का यह तालाब वर्तमान में उपेक्षित पड़ा है। इसके तमाम भू-भाग पर कब्जा कर लिया गया है। खेती के अलावा इस पर सरकारी नलकूप तक लगा दिया गया है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी जीर्णोद्धार की प्रशासन को चिंता नहीं है। ।आल्हा-ऊदल ने बनवाया था यहां काफी बड़ा तालाब।यमुनापार के जसरा ब्लाक मुख्यालय से लगभग छह किलोमीटर पश्चिम दिशा में चिल्ला गौहानी गांव बसा है। इसी गांव में आल्हा-ऊदल से जुड़ा एक भवन है, जिसको ग्रामीण उनकी बैठक या कोर्ट बताते हैं। इस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। यहां से करीब चार सौ मीटर दूर पर तालाब है। ग्रामीणों की मानें तो इस तालाब को आल्हा ऊदल ने ही बनवाया था जिसके चलते ही इसका नाम उन्हीं दोनों के नाम पर पड़ गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b65c3c84af7a8e304145f9da872bb5f3ec9910db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, [सुजीत कुमार सुमन]। Top 10 Places to Visit in Jharkhand कहीं सैर पर जाना हो या परिवार संग छुट्टियां बितानी हो तो लोग खूबसूरत नजारों से भरे जगहों की तलाश करते हैं। आइए आज हम आपको झारखंड की सैर कराते हैं। पहाड़ों के शहर और यहां की खूबसूरत हसीन वादियों में आकर आप खुद को पूरी तरह से चिंतामुक्त और आनंद से भरपूर पाएंगे। झारखंड के प्राकृतिक स्थलों के करीब आकर आप नई ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे। यहां खूबसूरत प्राकृतिक स्थल के साथ धार्मिक जगह भी भरे पड़े हैं। पानी के झरने, टाटा स्टील, बैद्यनाथ धाम मंदिर, पारसनाथ पर्वत, नेतरहाट का सनसेट प्वाइंट आदि इस राज्य की शान हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75038.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75038.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91d0c0158f40a7e9a699cfacd7ff0bd0d2a6ebaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75038.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऋग्वेद छंद के रूप में है तो गुरु ग्रंथ साहिब रागों के रूप में। एक उस समय के ऋषियों के ज्ञान का संग्रह है तो दूसरा हाल के विचारकों का। यदि किसी को शास्त्र और वेदों का ज्ञान हो तो वह गुरु ग्रंथ साहिब को बेहतर ढंग से समझ सकता है। गुरु नानक जी ने जिस ‘इक ओंकार (ईश्वर एक है) के बारे में जागरूकता फैलाई, ऋग्वेद में उसे ‘एकम् सत विप्रा बहुधा वदंति’ कहा गया। गुरु नानक जी भक्ति मार्ग के कवि थे, जिन्होंने सरल भाषा और रागों में शिक्षित-अशिक्षित, उच्च-निम्न जाति के लोगों, सभी को साथ लाने का प्रयत्न किया। उन्होंने उपदेश दिया ‘एकस के हम बारिक’ (हम एक भगवान की संतान हैं)। उनके दर्शन में घृणा, द्वेष और भेदभाव के लिए कोई गुंजाइश नहीं। + +लाहौर के खत्री दुकानदार दयाराम भाई दया सिंह बने। वह 47 की उम्र में शहीद हुए। मेरठ के पास के ‘जट्ट’ किसान धरम दासिन भाई धर्म सिंह बने। उन्होंने 42 साल की उम्र में बलिदान दिया। जगन्नाथ पुरी के जलवाहक हिम्मत राय दीक्षा लेकर भाई हिम्मत सिंह बने। 1705 में शहादत के समय उनकी आयु 44 वर्ष थी। द्वारका में कपड़े की छपाई करने वाले मुखम चंद भाई मोहकम सिंह बने। वह 44 वर्ष की आयु में शहीद हुए। बीदर, कर्नाटक के नाई समुदाय के साहिब चंद भाई साहिब सिंह बने। 44 साल की उम्र में गुरु और खालसा का बचाव करते हुए उन्होंने बलिदान दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a768454f595f119430a4391a72afe8b1298a1b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75039.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। मौसम में बदलाव से एलर्र्जी और वायरल समस्याएं हो रही हैं। ऐसे वक्त में लोगों को बेहद सावधान रहना है। अपना खान-पान भी दुरुस्त रखना है। क्योंकि पेट में गड़बड़ी व तनाव आंतों के दुश्मन हैं। ऐसा होने पर पेट में बार-बार दर्द, अपच, कब्ज, दस्त, गैस, मतली, चिंता, भूख न लगना, ज्यादा मात्रा में गैस बनना, नींद का उचट जाना इत्यादि से परेशानी होने लगती है। इससे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम हो सकता है। गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में लोहिया संस्थान में मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅक्टर निखिल गुप्ता ने यह उपरोक्त बातें बताई। कहाकि इस मौसम में गुनगुना पानी पिएं व भाप लें। तनाव अधिक न पालें। कुछ पाठकाें के सवाल और उनके जवाब...।सवाल-मैं 54 साल का हूं। कमजोरी बनी रहती है। नींद व यूरिन कम आती है?-मुन्नालाल जायसवाल, जलालपुर अंबेडकर नगर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..726731a47538e1b8fdb24aaa68f76cc10be7eea5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7504.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तस्वीरों में विराट कोहल डांस भी करते दिख रहे हैं। तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर कर उन्होंने कैप्शन लिखा, शहर के चारों ओर बस लापरवाही से डांस कर रहा था और मैं अपने बालों में हाथ डाल रही थी। तभी मेरे एक फैन ने मुझे देखा और मुझे तस्वीर के लिए कहा। वह बेहद खुश लग रहा था। मेरे फैंस के लिए कुछ भी! साथ ही उन्होंने बताया कि तस्वीरों को एक अन्य फैंस द्वारा लिया गया है। वहीं उनके फैंस इस मस्ती भरे अंदाज को बेहद पसंद कर रहे हैं और कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6c3d6d33a6a4714f4ae24e364a276735377e39b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75040.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फिल्म दसवीं में सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट की भूमिका निभा रही हैं। इस भूमिका में परफेक्शन लाने के लिए यामी और फिल्म के निर्देशक ने जेल अधिकारियों से टिप्स लिया था। इसमें सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट की वर्दी में लगने वाले बैच, बेल्ट, कैप और शूज तक की छोटी से छोटी जानकारी शामिल थी। इससे कि उनका अधिकारी का रोल कहीं से भी बनावटी न लगे। इसके अलावा उन्होंने जेल में बंदियों को किस तरह से नियंत्रित किया जाता है। प्रभावशाली राजनीतिक बंदी को किस तरह से अनुशासन की डोर में धीरे-धीरे बांधा जाता है। इस सबके टिप्स लिए हैं। इससे कि उनके अभिनय में वास्तविकता का पुट हो। + +यह यामी की परफेक्शन का नतीजा था कि जब वह अपना शाट देने के लिए वर्दी में जेल की ओर बढ़ रही थीं। वहां बंदियों को सामान देने आए कुछ लोगों के हाथ उन्हें नमस्ते करने को उठ गए। बाहर से आए यह लोग यामी गौतम को जेल अधिकारी समझ रहे थे। कुछ ने बंदी रक्षकों से पूछ लिया कि नई अधिकारी क्या जेल का निरीक्षण करने आई हैं। बंदी रक्षकों ने उन्हें बताया कि वह अधिकारी नहीं, अभिनेत्री हैं। जेल में हो रही फिल्म की शूटिंग में अधिकारी का रोल कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75043.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c8a0e978e4be63c9ce6a4f4995ae4e6140e613f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75043.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। डीएम के सामने अपने शादी समारोह से पहले कन्यादान में गांव की सड़क दुरुस्तीकरण की मांग करने से चर्चाओं में आई नगला चूरा की युवती की शादी शनिवार को अलीगढ़ शहर में होनी है। स्वजन व ससुराल पक्ष ने सहमति के आाधार पर रामघाट रोड स्थित एक मैरिस होम को शादी के लिए बुक किया गया है। हालांकि, डीएम जरूर बिटिया से किए वादे पूरी तरह से खरे उतरे हैं। शादी से पहले ही युवती के घर तक जहां डेढ़ सौ मीटर की पक्की इंटरलाकिंग सड़क का निर्माण तो पूरा हुआ ही, वहीं गांव के मुख्य मार्ग पर जलभराव की समस्या भी खत्म हो गई है। इससे पूरा गांव खुश है। ।धूमधाम से घर से ही शादी हो सकेगी।इगलास तहसील के गांव चूरा नगला की रहने वाली 25 वर्षीय करिश्मा पुत्री विशंबर सिंह बीएड पास हैं। पिछले महीने यह डीएम चंद्रभूषण के सामने एक शिकायत लेकर आईं थी। इस दौरान इन्होंने बताया था कि उनका रिश्ता पिता ने रामघाट रोड पीएसी के पास रहने वाले युवक से तय किया है। शादी 27 फरवरी को होनी है। मगर, गांव की आधा किलो मीटर की लंबी सड़क 20 साल से बदहाल है। इस सड़क पर जलभराव है। सड़क किनारे एक पोखर है। इसका पानी सड़क पर भरा रहता है। इससे गांव वालों को परेशानी होती है। गांव के अधिकतर लोग गांव से बाहर जाकर शादी करते हैं, लेकिन उनके परिवार चाहता है कि बेटी की डोली घर की दहलीज से ही उठे। ऐसे में अगर शादी से पहले सड़क का निर्माण हो जाए तो फिर धूमधाम से घर से ही शादी हो सकेगी। ।डीएम ने लिया एक्शन।युवती की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने तत्काल ब्लाक के अफसरों को सड़क निर्माण के निर्देष दिए। डीएम के सख्त तेवरों को देखते हुए अगले ही दिन ब्लाक की टीम गांव में पहुंच गई। यहां पर बदहाल सड़क का निरीक्षण किया। युवती के घर तक करीब साढ़े तीन लाख से डेढ़ सौ मीटर लंबी सड़क पर इंटरलाकिंग निर्माण कार्य का प्रस्ताव बनाया गया। दो तीन दिन बाद ही यहां पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। अब यह सड़क पूरी हो चुकी है। वहीं, मुख्य मार्ग को मिट्टी डालकर जलभराव मुक्त कर दिया। बजट व अभाव समय के अभाव में इसका पूरा पक्का निर्माण होना संभव नहीं था, लेकिन पूरे मार्ग पर मरम्मतीकरण जरूर करा दिया गया। इससे वाहन निकलने में दिक्कत न हो। जिससे सभी ग्रामीण खुश हैं। ।शहर में शादी।भले ही डीएम ने वादे के मुताबिक सड़क बनवा दी हो, लेकिन स्वजन करिश्मा की शादी शहर में ही कर रहे हैं। यह उनका निजी फैसला है। करिश्मा के भाई महेश ने बताया कि दोनों पक्षों की सहमति से विवाह रामघाट रोड स्थित एक मैरिज होम में हो रहा है। हालांकि, परिवार की कोशिश है कि बहन की विदाई घर से ही हो। अगर सब कुछ सही रहा तो घर से ही विदाई करेंगे। वहीं, बीडीओ पंकज यादव ने बताया कि तय समय से सड़क पूरी बन चुकी है। अब कहीं भी जलभराव की समस्या नहीं है। वहीं, शादी करने का फैसला स्वजन का निजी फैसला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..647f0a9812f8047c68b65230b7a328670501f6ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 43 नई नियुक्तियों के बाद 384 पदों पर भर्ती के निकाले गये विज्ञापन के सभी पद भर चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि हस्तक्षेप करने वाले अर्जीकर्ताओं को विज्ञापन में निकाले गए पदों से ज्यादा पर नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं है। उनकी यह दलील ठीक नहीं है कि जब उनसे कम मेरिट वालों को नौकरी दी गई है तो उन्हें भी नियुक्ति दी जाए क्योंकि उनकी स्थिति में अंतर है। कोर्ट ने कहा कि दोबारा समायोजन का आदेश सिर्फ इस आधार पर दिया गया कि उन लोगों की पहले नियुक्ति हो चुकी थी और वे काफी समय तक नौकरी कर चुके थे। उनकी स्थित भिन्न थी। अर्जीकर्ता उनसे बराबरी का दावा नहीं कर सकते। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbceba98fac1b23123f759b712fb86c6b0ecb560 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस घटना ने वामपंथी और पंथक-किसान संगठनों में दरार पैदा कर दी है। पिछले कई दिनों से इंटरनेट मीडिया पर इस घटना को लेकर वामपंथी विचारधारा और सिख विचारधारा में टकराव वाली पोस्टें डाली जा रही हैं। इससे सिख बुद्धिजीवी चिंता में दिखाई दे रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा में वामपंथी लीडरशिप ज्यादा प्रभावी दिखाई पड़ रही है। वे अपना आदर्श भगत सिंह को मानते हैं। उनसे जुड़े हुए लोग भी भगत सिंह को ज्यादा महत्व देते हैं इसलिए धर्म, धाíमक प्रवृत्ति के लोग इनमें ज्यादा नहीं हैं, जबकि दूसरी ओर भाकियू राजेवाल, भाकियू लक्खोवाल, भाकियू डल्लेवाल, भाकियू कादियां जैसे संगठनों में धाíमक प्रवृत्ति के लोग हैं। इसके अलावा एक और कट्टर विचारधारा के लोग भी हैं, जिनका आदर्श जरनैल सिंह भिंडरांवाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c4ccadd40d95c535b2201ed9f6d53fa46e1efa6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार के ताजा आंकड़े । सरकारी आंकड़ों की मानें तो 25 फरवरी सुबह 8 बजे तक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि देश में एक्टिव मामलों की संख्‍या 151708 है जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्‍या 10738501 हो चुकी है। इसके अलावा कोरोना से हुई मौतों की बात करें तो ये 156705 तक पहुंच चुकी है। वहीं देश में अब तक 12671163 लोगों का वैक्‍सीनेशन किया जा चुका है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान 7,93,383 लोगों की टेस्टिंग की गई है। बीते 24 घंटोंं के दौरान देशभर में 16,738 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 89.57 फीसद मामले सात राज्‍यों में सामने आए हैं। ।इन राज्‍यों में बढ़े एक्टिव मामले । केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक जिन राज्‍यों में बीते 24 घंटों में एक्टिव मामले बढ़े हैं उनमें महाराष्‍ट्र (5955 मामले), पंजाब (303 मामले), दिल्‍ली (128 मामले), मध्‍य प्रदेश (119 मामले), तेलंगना (107 मामले) और गुजरात (83 मामले) शामिल है। केरल में जहां पर बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, वहां बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों में 1796 गिरावट आई है। महाराष्‍ट्र में बीते 24 घंटों में 80 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a8e06b6e1a42f3eaa8d26bd144668f62a77c64b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पाकिस्‍तान के ऊपर हुई मंत्रणा के बाद संगठन के अध्‍यक्ष की तरफ से दुनिया के सभी देशों की प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। पाकिस्‍तान मीडिया की मानें तो इसके आधार पर पाकिस्‍तान ने एफएटीएफ के 40 मानकों में से महज दो में ही कुछ सुधार किया है। मीडिया की खबरों में ये भी कहा गया है कि पाकिस्‍तान पर कोई फैसला एफएटीएफ के बताए 27 प्‍वाइंट एक्‍शन प्‍लान के आधार पर लिया जाएगा। + +इस मामले में द डॉन अखबार ने पाकिस्‍तानी राजनयिकों के हवाले से लिखा है कि चीन, तुर्की और मलेशिया की वजह से उन्‍हें काली सूची में नहीं डाला जा सकेगा। इसको रोकने के लिए ये तीनों देश पूरी ताकत झोंक देंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने देंगे। इन राजनयिकों का ये भी कहना है कि ये देश ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं करेंगे कि ये पाकिस्‍तान के मित्र राष्‍ट्र हैं बल्कि इसलिए भी करेंगे क्‍यों पाकिस्‍तान ने आतंकवाद की रोकथाम के लिए काम किया है। इनके मुताबिक पाकिस्‍तान ने एफएटीएफ के बताए 27 तय मानकों में से 21 पर काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0dae609e76e11e136d9d9cd726cf12f733f2ced5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या [रघुवरशरण]। यह अनोखा बैंक है। यहां रुपये का नहीं राम नाम का लेखा-जोखा होता है। बैंक का नाम है, सीताराम नाम बैंक। यह बैंक शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के उसी भव्य आगार में है, जिसकी श्वेत-संगमरमरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के सभी 24 हजार श्लोक उत्कीर्ण हैं। ...तो नाम बैंक की पूंजी भी कम नहीं हैं। बैंक में 15 हजार करोड़ सीताराम नाम जमा हो चुके हैं। छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपालदास की प्रेरणा से नाम बैंक की स्थापना सन 1970 के कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी को हुई। उसी समय से पुनीतरामदास नाम बैंक के मैनेजर की भूमिका में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed51f77657fdadffbcdde40a52d88e6c5dc74ec5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75060.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन )। निर्भया मामले में दोषियों की तरफ से पैरवी कर चुके सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ वकील एपी सिंह ने अपने एक बयान में शबनम को फांसी न दिए जाने की वकालत की है। उनका कहना है कि वो भारत से फांसी की सजा को खत्‍म करने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए वो अब तक जिन लोगों को फांसी की सजा दी जा चुकी हैं उनके आंकड़े जुटा रहे हैं। साथ ही उनके परिजनों से भी बात कर रहे हैं। उनका ये भी कहना है कि ये काफी लंबी प्रक्रिया है जिसमें कुछ समय और लग सकता है। उनके मुताबिक अमेरिका भी मौत की सजा को खत्‍म करने की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि वहां पर हाल ही में एक महिला को जघन्यय अपराध का दोषी पाए जाने के बाद जहरीला इंजेक्‍शन देकर मौत की सजा दी गई थी। ।इस बीच उत्तर प्रदेश की रामपुर जेल में बंद शबनम की फांसी फिलहाल टलती दिखाई दे रही है। इसकी वजह राज्‍यपाल के पास दायर एक दया याचिका है जो शबनम के बेटे की तरफ से दायर की गई है। शबनम पर अपने ही परिवार के सात लोगों की निम्रम हत्‍या करने का आरोप साबित हुआ था। इसके बाद निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक उसको मिली फांसी की सजा को सही पाया गया। राष्‍ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका को ठुकराकर उसकी सजा पर अंतिम मुहर लगा दी। अब उसकी फांसी की सजा को खत्‍मकर उसको उम्रकैद में बदलने की मांग उठ रही है। इसके लिए उसके मासूम बच्‍चे की दुहाई दी जा रही है। ऐसा चाहने वालों में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ वकील एपी सिंह भी हैं, जो निर्भया मामले में दोषियों की फांसी की सजा टालने के लिए अंतिम समय तक कोशिश करते दिखाई दिए थे। 14 अप्रैल 2008 की इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। + +एपी सिंह का कहना है कि वो न सिर्फ फांसी को भारत से खत्‍म करने के पक्ष में हैं बल्कि चूंकि शबनम एक महिला है और उसका एक बेटा भी है जिसका कोई अपराध नहीं है, इसलिए भी वो चाहते हैं कि उसको फांसी न हो। हालांकि वो ये भी मानते हैं कि शबनम ने जघनतम अपराध किया है। उनका मानना है कि भारतीय अदालतें जेलों को सुधार गृह बनाने का प्रयास करें न कि उन्‍हें फांसी घर में तब्‍दील कर दें। दैनिक जाग‍रण से बातचीत के दौरान उन्‍होंने कहा कि वर्षों से देश में फांसी की सजा दी जा रही है इसके बाद भी देश में जघन्‍य अपराधों का सिलसिला थमा नहीं है। इसका अर्थ है कि हमें बदलाव की दरकार है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया के सौ के करीब देशों में फांसी की सजा का प्रावधान खत्‍म कर दिया गया है। भारत को भी इस तरफ आगे बढ़ना चाहिए। अपराध के लिए फांसी की सजा दिया जाना कोई सही विकल्‍प नहीं है। अदालतों को चाहिए कि वो अपराध करने वालों सुधार के प्रति प्रेरित करें। ये पूछे जाने पर कि क्‍या वो इस मामले से जुड़ेंगे, तो उन्‍होंने कहा कि वो इस मामले में कानूनी सलाह मुहैया करवा रहे हैं। + +एपी सिंह का कहना है कि शबनम का मासूम बच्‍चा, जिसका पालन पोषण उसके दोस्‍त ने किया है, उसको भविष्‍य में अपनी मां का साया मिल सके तो इससे उसके मन में कानून के प्रति सम्‍मान बढ़ेगा। यदि कोर्ट और हमारा समाज मिलकर उसको एक बेहतर इंसान बना पाया तो ये ज्‍यादा अच्‍छा होगा। उनका कहना है कि उसको आजीवन जेल में ही रखा जाए तो गलत नहीं होगा। उनकी निगाह में सजा का मकसद सिर्फ सजा देना ही नहीं होना चाहिए बल्कि सुधारात्‍मक होना चाहिए। भारतीय संविधान का अनुच्‍छेद 72 ये अधिकार देता है कि किसी भी सजायाफ्ता व्‍यक्ति को जीने का अधिकार देता है, लिहाजा उसको जिंदा रहना चाहिए। उनका ये भी कहन है कि जो दया याचिका राज्‍यपाल के समक्ष लगाई गई है उसको सकारात्‍मक रवैये से देखना चाहिए और उसकी फांसी की सजा को रोक देना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d918def9b960e8f3d8d05b8557cec938f3b2912b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75062.txt @@ -0,0 +1,12 @@ +जिया कुलाबा के नेवी चिल्ड्रन स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसके पिता मदन राय नौसेना में अधिकारी हैं। उनका परिवार आजमगढ़ की सगड़ी तहसील स्थित गांव कटाई अलीमुद्दीनपुर का मूल निवासी है। 10 मई, 2008 को जन्मी जिया जब अपना दूसरा जन्मदिन मना रही थी, तो उनके माता-पिता ने महसूस किया कि वह अपने हमउम्र बच्चों के साथ खेलने के बजाय एकांत में खेल रही है। उन दिनों वह कोचीन में तैनात थे। व्यवहार में यह अनोखापन देख मदन राय अपनी बेटी को डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने प्रारंभिक जांच करके जो बताया उससे मदन राय एवं उनकी पत्नी रचना राय के पैरों तले की जमीन खिसक गई। + +डॉक्टर की बात सुन पैरों तले जमीन खिसक गई: दरअसल जिया ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसार्डर से पीड़ित थी। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों का बौद्धिक विकास धीमा होता है। डॉक्टर ने बताया ऐसे बच्चे ज्यादा बोल नहीं सकते लेकिन उनमें ऊर्जा अन्य बच्चों से अधिक होती है। इसलिए उनमें चंचलता अधिक दिखाई देती है। ये सारे लक्षण जिया में भी नजर आने लगे थे। वह दिन में जब तक एकडेढ़ घंटा दौड़कर थक न जाए, तब तक उसे रात में नींद ही नहीं आती थी। भागने के लिए जगह नहीं थी तो स्र्विंमग पुल में उतारा: संयोग से तब तक मदन राय का स्थानांतरण गोवा हो चुका था। वहां बरसात का मौसम था। सड़क पर दो साल की बच्ची को दौड़ाने से उसके गिर जाने का खतरा था। तब मदन राय उसे लेकर एक दिन नेवी के स्वीमिंग पूल में गए। वहां उसे तैराकी सिखाना शुरू किया। जिया ने तैराकी जल्दी सीख भी ली और उसे इसमें मजा भी आने लगा। रोज एकडेढ़ घंटे तैरने के कारण थककर उसे नींद भी अच्छी आने लगी। + +तैराकी देख कोच बोले- यह तो वीरेंद्र सहवाग स्टाइल में खेलना चाहती है: कुछ वर्ष बाद जब मदन राय का स्थानांतरण मुंबई हुआ, तो वह जिया को लेकर नेवी के स्वीमिंग पूल में गए। वहां के कोच उसे तकनीक के सहारे धीमे तैरने को कहते थे, लेकिन जिया लंबे हाथ-पांव चलाकर तेज तैरना चाहती थी। तभी एक स्वीमिंग कोच विद्याधर घरात ने जिया को तैरते हुए देखा। उन्होंने मदन राय से कहा कि आपकी बच्ची वीरेंद्र सहवाग स्टाइल में खेलना चाहती है। उसे राहुल द्रविण मत बनाओ। उसके बाद से घरात के दिशा-निर्देश में ही जिया की प्रैक्टिस शुरू हो गई। + +22 साल बड़े लड़कों को हराकर रिकॉर्ड बनाया: जिया को स्वीमिंग पूल के अलावा समुद्र में भी यदा-कदा तैराया जाने लगा। पिछले साल 15 फरवरी, 2020 को एलीफैंटा से गेटवे आफ इंडिया तक 3 घंटे 27 मिनट में तैरकर उसने अपना नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड एवं एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराया। इससे पहले स्वीडन मूल का एक आटिज्म पीड़ित लड़का 4 घंटे, 21 मिनट में पांच किलोमीटर की तैराकी कर चुका था। जिया का रिकॉर्ड उससे काफी बेहतर था। लॉक डाउन के बाद पिछले वर्ष पांच नवंबर 2020 से जब राष्ट्रीय एवं राज्य तैराकों की प्रैक्टिस के लिए महाराष्ट्र के स्वीमिंग पूल फिर से खुले तो अरब सागर में अर्नाला किला से वसई किला तक 22 किलोमीटर की तैराकी प्रतियोगिता में जिया ने चार लड़कों के साथ हिस्सा लिया। इन सभी लड़कों की उम्र 22 वर्ष से ऊपर थी। इस प्रतियोगिता में भी जिया 10 किलोमीटर तक अन्य लोगों से आगे रही। लेकिन प्रतियोगिता खत्म होने तक वह अपने उम्र में बड़े अनुभवी तैराकों से करीब 22 मिनट पीछे रह गई। + +लेकिन जब उसने 22 किलोमीटर की दूरी सात घंटे, चार मिनट में पूरी की, तो यह निश्चित हो गई कि 17 फरवरी को बांद्रा-वरली सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक 36 किलोमीटर की दूरी भी वह तय कर सकती है। बुधवार यही दूरी उसने आठ घंटे, 40 मिनट में पूरी कर एक नया रिकार्ड स्थापित किया। जिया की यह तैराकी बुधवार को तड़के 3.50 बजे शुरू हुई थी, और दोपहर 12.30 बजे खत्म हुई। समुद्र में इस प्रकार की तैराकी के दौरान 15 मीटर की दूरी पर दो नौकाएं समांतर चलती हैं, जिनके बीच तैराक को आगे बढ़ना होता है। इनमें से एक नाव पर अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार एक केसरिया झंडा लेकर पायलट बैठता है। जिया के इस सफर में भारतीय नौसेना भी काफी मदद कर रही है। करीब साढ़े आठ घंटे की पूरी तैराकी के दौरान नौसेना का एक चेतक हेलीकाप्टर जिया के ऊपर चलता रहा था। रात के अंधेरे में इस हेलीकाप्टर से नीचे फेंकी जा रही रोशनी जिया के लिए मददगार बनी। नौसेना का ही एक प्रकोष्ठ समुद्र में ज्वार- भाटा एवं तैराकी के लिए अनुकूल मौसम की जानकारी भी मुहैया कराता है। + +अब इंग्लिश, कैटलिना और जिब्राल्टर चैनल में इतिहास रचने को तैयार, कर रही है बुलावे का इंतजार: फिलहाल जिया 20 से 22 मार्च तक बेंगलूरु में होनेवाली नेशनल पैरा स्वीमिंग चैंपियनशिप की तैयारी में व्यस्त है। वहां वह यूथ एशिया एवं पैरा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। उसके पिता मदन राय कहते हैं कि इंग्लिश चैनल की 28 किलोमीटर की दूरी तय करने में भी जिया सक्षम है। क्योंकि उसने 36 किलोमीटर की दूरी अभी तय करके दिखाई है। लेकिन इंग्लिश चैनल स्वीमिंग फोरम 16 वर्ष के कम आयु के लोगों को इसकी अनुमति नहीं देता। वह कहते हैं कि यदि अनुमति मिले तो जिया न केवल इंग्लिश चैनल, बल्कि 34 किलोमीटर के कैटलीना चैनल एवं 16 किलोमीटर के स्टेट ऑफ जिब्राल्टर को भी पार कर भारत के लिए एक इतिहास रच सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb6562c06d0b2b83e704cee79a133a792b9f751e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में जननायकों का आना जाना हमेशा रहा है। आजादी के पहले और बाद में सभी बड़े नेता यहां जरूर आए थे। महात्मा गांधी वैसे 1896 मेंं पहली बार इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आए थे किंतु वह एक आकस्मिक घटना थी। उसके बाद उनकी ख्याति बढ़ी तो उन्हें विभिन्न स्थानों पर बुलाया जाने लगा। प्रयागराज में महात्मा गांधी ने 1916 में अपना पहला व्याख्यान दिया था। महामना मदन मोहन मालवीय के जार्जटाउन स्थित आवास से वे म्योर सेंट्रल कालेज तक पैदल ही नंगे पांव गए थे।  सभा का हुआ था प्रचारइतिहासकार प्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी को म्योर सेंट्रल कालेज की इकनामिक्स सोसाइटी ने आमंत्रित किया था। 22 दिसंबर 1916 को सोसाइटी की सभा को संबोधित करने का आमंत्रण महात्मा गांधी ने स्वीकार किया था। उस समय महात्मा गांधी के आने की बात काफी प्रचारित हुई थी। तब इकनामिक्स सोसाइटी ने जिस स्थान को चुना था वहां अधिक लोग नहीं बैठ सकते थे। सभा का इतना प्रचार हो गया था कि लोगों ने व्यक्तिगत रूप से आयोजकों से संपर्क करके महात्मा गांधी का भाषण सुनने की इच्छा व्यक्त की थी। ऐसे में म्योर सेंट्रल कालेज में सभा कराने का फैसला हुआ। कालेज के प्राचार्य ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अन्य कार्य सोसाइटी पर छोड़ दिया। महामना के आवास पर ठहरे थे महात्मा गांधीप्रो.तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी प्रयागराज आने पर महामना मदन मोहन मालवीय के जार्जटाउन आवास पर ठहरे थे। उनके साथ रामदास गांधी, डॉ.जीजे मेहता तथा मिस्टर पोलक थे। वे मालवीय के घर पर तीन दिन रुके थे। इसबीच उन्होंने नगर के तमाम गणमान्य नागरिकों तथा विभिन्न वर्गों के लोगों से बात की जिसमें छात्र शामिल थे। लिखित व्याख्यान दिया थाप्रो.योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि महात्मा गांधी ने इकनामिक्स सोसाइटी की सभा में लिखित व्याख्यान दिया था। वे मालवीय जी के घर से म्योर सेंट्रल कालेज तक पैदल ही गए थे। वे बहुत तेज चलते थे। उन्होंने छात्रों से बातचीत के दौरान ब्रह्मचर्य तथा संयम पर जोर दिया था। गांधी ने जो व्याख्यान पढ़ा था उसका शीर्षक था क्या आर्थिक प्रगति का आध्यात्मिक विकास से टकराव होता है। उसके बाद उन्होंने सभा में लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। सभा के दौरान उन्होंने व्याख्यान की लिखित कापी अमरनाथ झा को देते हुए कहा कि इसे सीवाई चिंतामणि को दे आइए और उनसे कहिएगा वे प्रूफ पढ़ने के लिए इसे मेरे पास भेज देंगे। जब लीडर प्रेस से प्रूफ और लेख की मूल प्रति आई तो अमरनाथ झा ने महात्मा गांधी से आग्रह करके मूल प्रति अपने पास रख ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99865b5a709c67ba8a64181472d016c2dfb32ba8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिलासपुर, अनंगपाल दीक्षित। डाक्टर साहब की भूमिका बदल गई है। अब वह विधायक हैं। लेकिन, उनका संकल्प नहीं बदला है। यही वजह है कि वह क्षेत्र के दौरे पर दवा लेकर निकलते हैं। सुदूर वनांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विधायक डा. प्रीतम राम यह बात अच्छी तरह जानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89e58f93260200c8fb7d6d49ecbd896d6f208378 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7507.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl अब सुहाना खान की इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर वायरल हो रही हैl इसमें उन्हें अपनी छह दोस्तों के साथ स्विमिंग पूल में मस्ती करते हुए देखा जा सकता हैl खास बात यह है कि सभी बिकिनी पहने नजर आ रही हैl।सुहाना खान ने इस अवसर पर ब्लैक कलर का चश्मा अपने सिर पर लगा रखा हैl सभी कैमरे की ओर देखकर पोज कर रही हैl सुहाना खान फोटो में काफी खूबसूरत लग रही हैl सुहाना खान शाहरुख खान की बेटी हैl वह फिल्म अभिनेत्री बनना चाहती हैंl इसके लिए वह अमेरिका में फिल्म मेकिंग का कोर्स भी कर रही हैंl अमेरिका में इन दिनों वह अक्सर अपने फ्रेंड्स के साथ मस्ती करती नजर आती हैंl हाल के दिनों में उनकी कई तस्वीरें वायरल हुई हैl इसमें उन्हें दोस्तों के साथ पार्टी करते हुए देखा जा सकता हैl।सुहाना खान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैl उनकी काफी बड़ी फैन फॉलोइंग हैl सुहाना खान की तस्वीरों को काफी लाइक किया जाता हैं और उसपर फैंस कमेंट भी करते हैंl इसके चलते सुहाना खान अपने फैंस से अपनी दिनचर्या से जुड़ी अपडेट शेयर करती हैंl सुहाना खान काफी ग्लैमरस और फैशन प्रधान मानी जाती हैl उनका फैशन सेंस भी काफी पसंद किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..beca546580d3d3be7f93e6a58dbd6bf9e88f64c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75070.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। नगर निगम की बंद इमारतों में करोड़ों रुपये के खरीदे गए संसाधन अब भी धूल फांक रहे हैं। जबकि, नए साल में नई व्यवस्थाएं करने के दावे किए गए थे। कूड़ा प्रबंधन के लिए जिन उपकरणों की खरीद बड़े पैमाने की हुई थी, उनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। मशीन, उपकरण और वाहनों का भी पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इनकी खरीद को लेकर आरोप लग चुके हैं, लेकिन अधिकारियों पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा। यहां तक आरोप लगे थे कि चहेते ठेकेदारों को टेंडर दिलाकर खेल किया गया है। ।लाखों खर्च, फिर भी शहर गंदा।शहर में प्रतिदिन निकलने वाले 450 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण के लिए निगम प्रतिमाह करीब तीन करोड़ रुपये खर्च करता है। यही नहीं, ई-टेंडर के जरिए समय-समय पर उपकरण भी खरीदे जाते हैं। बीते साल ही 2.25 करोड़ के कर्वड साइकिल रिक्शा, 75 लाख की हाथगाड़ी व अन्य उपकरणों की खरीद फरोख्त हुई थी। लेकिन पूरी तरह से इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। कुछ कवर्ड साइकिल रिक्शे कर्मचारियों को दिए गए थे। लेकिन इन रिक्शों का ऊपर का हिस्सा काटकर कबाड़ में बेच दिया गया। सवा करोड़ के खरीदे गए कूड़ेदान आधे ही लग सके हैं। सारसौल स्थित वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन भी सूना पड़ा है। यहां खड़ी सवा दो करोड़ की फिक्सड कांपैक्टर मशीन का कुछ खास उपयोग नहीं हो रहा। योजना थी कि मैटेरियल रिकवरी फेसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर मेें कूड़े की छंटाई कर गीला कूड़ा वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन भेजा जाए। यहां कांपैक्टर के जरिए बेहिसाब कूड़े को छोटे भाग में कर एटूजेड प्लांट ले जाने की योजना बनी थी। अभी तक तो एमअारएफ सेंटर पूरे नहीं बन सके हैं। यही नहीं, 107 आटो टिपर वाहनों में मात्र 50 ही संचालित हैं। पार्षद, विधायक भी इसकी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन इन वाहनों को सड़क पर नहीं निकाला जा सका। सवाल भी जब इनसे काम ही नहीं था तो खरीदे ही क्यों गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75071.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75071.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3e692bcc1850d64120bf054230e5391cd9ba9ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75071.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। State Of India Environment 2021 उद्योगों के रास्ते भी शहरों में तेजी से प्रदूषण फैल रहा है। न केवल हवा और पानी दूषित हो रहे है, बल्कि भूमि की उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। आलम यह है कि देश की राजधानी ही इस दृष्टि से सर्वाधिक प्रदूषित है। मथुरा, कानपुर, बुलंदशहर और तारापुर में भी तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है। 2009 से 2018 के मध्य तो यह स्थिति बहुत तेजी से बिगड़ी है। ये तथ्य सामने आए हैं सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की ‘स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट- 2021’ रिपोर्ट से। औपचारिक रूप से यह रिपोर्ट गुरुवार शाम देश के 65 स्थानों पर एक साथ जारी की जाएगी। + +88 औद्योगिक कलस्टर की स्थिति खराब।यह रिपोर्ट बताती है कि देश भर में 88 औद्योगिक कलस्टर हैं। प्रदूषण के लिहाज से इनकी स्थिति साल दर साल बिगड़ती जा रही है। खासकर 2009 से 2018 तक एक दशक में इन सभी कलस्टरों में वायु, जल एवं भूमि तीनों ही तरह के प्रदूषण में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ है। 88 में से 35 कलस्टर तो ऐसे हैं, जहां ओवरआल गिरावट आई है। दिल्ली का नजफगढ़ ड्रेन बेसिन हर दृष्टि से प्रदूषित हो रहा है। इन सभी के सीईपीआइ (काम्प्रीहेंसिव एन्वायरमेंट पल्यूशन इंडेक्स) स्कोर में बड़ी वृद्धि देखी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75072.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75072.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7c7afb6afefd05bf7cb9ff8cbefa6b35b403a88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75072.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाडन डेस्‍क। इन दिनों अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के समक्ष उनकी ही पार्टी डेमोक्रेटिक ने मुश्किल खड़ी कर दी है। यह सब त‍ब हो रहा है, जब बाइडन अमेरिकी राष्‍ट्रपति इतिहास रचने से महज एक कदम दूर हैं। बता दें कि अमेरिका के नव‍निर्वाचित राष्‍ट्रपति बाइडन ने नीरा टंडन को अपने बजट कार्यालय का जिम्‍मा संभालने के लिए नामित किया है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि बजट कार्यालय का जिम्‍मा किसी अश्‍वेत के पास है। अगर व्‍हाइट हाउस सीनेट में नीरा टंडन के नाम पर मोहर लगवाने में सफल हो जाता है तो बाइडन प्रशासन अमेरिका में एक नया इतिहास रचने में सफल हो सकता है, लेकिन इसके लिए राष्‍ट्रपति बाइडन को अपनी ही पार्टी में गतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। नीरा टंडन भारतीय मूल की हैं, इसलिए भारत भी उनके नाम को लेकर गदगद है। आखिर अपनी साख बचाने के लिए अब क्‍या करेंगे बाइडन। क्‍या है बड़ा गतिरोध। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d6c7a775600bf3026ed24cddd617565320332a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह शासन की नीति।शहर में सुनियोजित विकास की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण की है। इसी के हिसाब से प्राधिकरण नक्शा पास करता है। कई बार नक्शे के खिलाफ बने निर्माण को प्राधिकरण से वैध कर दिया गया है। इसके लिए भवन स्वामियों को संबंधित भवन का शमन कराना होता है। इसमें भी धनराशि जमा करनी होती है। पिछले साल जुलाई में शासन स्तर से नई शमन नीति 2020 को लागू किया था। इसमें आसानी से अवैध निर्माणों को वैध किया जा सकता था, लेकिन अक्टूबर में हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब नई शमन नीति की छह महीने की समय सीमा 20 जनवरी को खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब शासन स्तर से पुरानी शमन नीति को बहाल करने का फैसला लिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..502e24de861eccec4b213732cd9dae35dfe6f952 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोज पहुंच रहे प्रशंसक पुलिस के लिए बने सिरदर्द ।फिल्म की शूटिंग देखने के लिए रोज आ रहे प्रशंसकों की भीड़ पुलिस के सिरदर्द साबित हो रही है। पीएसी ने सेक्टर आठ की ओर खाली पड़े पड़े मैदान में कंटीले तार की बाड़ लगा दी है। इसके बावजूद शूटिंग देखने और अभिनेता से रूबरू होने की ललक लिए लोग वहां पहुंच जाते ह्रैं। वह तारों की बाड़ को हटाने का प्रयास करते हैं। जिन्हें कई बार लाठी फटकार करके तो कभी समझाकर लौटाना पड़ता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7509.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4997a9fbaa99511ee63808f356569746e260606e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जल्द आलिया भट्ट के साथ आएंगी नजर।हैप्पी बर्थडे मम्मीजी एक ऐसी कहानी है जिसमें समान परिस्थितियों से गुजर रही हज़ारों महिलाओं की दास्तान शामिल हैं। शेफाली द्वारा निर्देशित इस फिल्म की शूटिंग मुंबई में की गई है। 'समडे' के बाद यह शेफाली की दूसरी निर्देशित फिल्म है। पिछले दिनों शेफाली को फिल्म अजीब दास्तान में ओटीटी पर देखा गया था। अब वो जल्द ही आलिया भट्ट और विजय वर्मा के साथ डार्लिंग्स में नजर आने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c67d48dfbf433c9fd3a05187e8bc485c44203905 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75091.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सवाल : सर मेरे पास कई दिनों से एक फोन आ रहा है। वह व्यक्ति बताता है कि एलआइसी दिल्ली हेड ऑफिस से बोल रहा है। वह एलआइसी बोनस के नाम पर 25 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा है। उसका कहना है 25 हजार रुपये जमा करने के बाद आपके खाते में दो लाख रुपये का बोनस आ जाएगा क्या करें? लखन लाल, न्यू हैदराबाद कॉलोनी।जवाब : यह कॉल फर्जी है हमें कतई किसी भी खाते में रुपये न ट्रांसफर करें। बोनस के लिए कभी भी एलआइसी पहले रुपये नहीं जमा कराती है। आप अपनी एलआइसी की ब्रांच से भी जानकारी कर लें। अन्यथा इसकी एक शिकायत साइबर क्राइम सेल में दर्ज करा दें। + +सवाल : कई दिनों से एक फोन आ रहा है। वह एटीएम की अवधि समाप्त होने की बात कहकर खाते की डिटेल मांगता है क्या करें? विनोद पांडेय, ट्रांसपोर्ट नगर। जवाब : एक बात तो यह स्पष्ट जान लीजिए कि बैंक कभी भी आपसे फोन पर कोई जानकारी नहीं मांगता है। बैंक इस संबंध में आपको मैसेज भी करता रहता है। आप फोन पर किसी को अपने खाते से संबंधित जानकारी न दें। अगर ज्यादा फोन आ रहे हैं तो उसे ब्लाक कर दें और संबंधित बैंक से बात कर लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75095.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75095.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b3a043d4f17e18935a88469b3da9f27b96abf2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75095.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + कई संस्थाओं ने बिनाेद को किया सम्मानित।रक्तदान के प्रति बिनाेद के जुनून को देखते हुए सरकारी व सामाजिक संस्थाओं ने इन्हें सम्मानित किया। वर्ष 2014 में झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने इन्हें सम्मानित किया। इसी वर्ष झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच व वर्ष 2016 में मारवाड़ी यूथ बिग्रेड की ओर से बिनाेद को सम्मानित किया गया। रेडक्रास सोसाइटी व धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की ओर से भी बिनाेद को सम्मानित किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9bf400430e6acbb8a3b2e9a59636e0c41cdfa52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl मुंबई पुलिस ने भूषण कुमार के मामले में स्थानीय नेता मल्लिकार्जुन पुजारी और महिला मॉडल पर एक्सटॉर्शन का मामला दर्ज करते हुए एफआईआर दर्ज की हैl शुक्रवार को यह खबर आई थी कि फिल्म निर्माता और टी-सीरीज के अध्यक्ष मिस्टर भूषण कुमार के खिलाफ एक महिला मॉडल ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया हैl इसके बाद टी-सीरीज ने प्रतिक्रिया देते हुए एक वक्तव्य जारी कर इन आरोपों को आधारहीन बताया थाl उन्होंने एफआईआर को झूठा और धमकी देकर पैसे उगाहने की बात कहीl उन्होंने यह भी कहा कि इसके माध्यम से भूषण कुमार की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया हैl।अब खबरों के अनुसार मल्लिकार्जुन पुजारी नामक एक स्थानीय नेता ने एक महिला मॉडल के साथ मिलकर टी सीरीज के भूषण कुमार से पैसे उगाहने का प्रयास किया थाl मल्लिकार्जुन पुजारी ने भूषण कुमार को जून 2021 में पैसे देने के लिए धमकी दी थीl उन्होंने यह भी कहा था कि अगर वह पैसे नहीं देते तो उनके खिलाफ झूठा यौन उत्पीड़न का आरोप दर्ज किया जाएगाl।टी सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने मुंबई पुलिस की सहायता ली और मल्लिकार्जुन पुजारी के खिलाफ अंबोली पुलिस स्टेशन में 1 जुलाई 2021 को लिखित शिकायत दर्ज कराईl इसी समय मल्लिकार्जुन पुजारी लगातार कृष्णन कुमार को फोन कर पैसे के लिए धमकी दे रहा थाl मुंबई पुलिस ने इस बारे में बताते हुए कहा कि जैसे ही कृष्णन कुमार ने अंबोली पुलिस स्टेशन को मल्लिकार्जुन पुजारी की धमकी भरी ऑडियो क्लिप सुनाईl।मुंबई पुलिस ने इस सबूत के आधार पर मल्लिकार्जुन पुजारी और महिला के ऊपर 16 जुलाई 2021 को एफआईआर दर्ज की हैl इसमें दावा किया गया है कि महिला ने झूठी दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई है और वह पैसा निकालना चाहती थी। भूषण कुमार फिल्म और म्यूजिक जगत में एक बड़ा नाम हैl उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54ebde3b03659487dc016cdf84387ced9bf720c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75101.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। दिल्ली-एनसीआर की दमघोंटू हवा में इलेक्ट्रिक वाहन संजीवनी हैं। जहां एक ओर हवा में सर्वाधिक जहर पेट्रोल और डीजल वाहनों का धुआं ही घोलता है वहीं ई-वाहन पूर्णतया धुआं रहित होते हैं। इनसे कोई प्रदूषण नहीं होता। लिहाजा, अगर दिल्ली- एनसीआर में सभी श्रेणियों के वाहनों को धीरे-धीरे ई-वाहनों में तब्दील कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर वायु प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा। + + इसमें कोई संदेह नहीं कि दिल्ली- एनसीआर के प्रदूषण में एक बड़ा हिस्सा वाहनों से निकलने वाले धुएं का है। तमाम शोधपरक अध्ययन भी यह प्रमाणित कर चुके हैं। इसी वजह से यहां के प्रदूषण में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे मुख्य प्रदूषण तत्वों की मात्रा भी कहीं अधिक है। चूंकि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बहुत मजबूत नहीं है, लिहाजा निजी वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ।कहने को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी व्यावसायिक वाहन सीएनजी पर चल रहे हैं लेकिन आज की तारीख में वायु प्रदूषण फैलाने में सर्वाधिक भूमिका दोपहिया वाहनों, टैंपो और माल ढोने वाले तिपहिया वाहनों की है। ये सभी वाहन पेट्रोल और डीजल पर चल रहे हैं। इनको चरणबद्ध तरीके से ई-वाहनों में शिμट करना समय की मांग है। 10 बड़ी कंपनियां इसी साल इन सभी वाहनों के ई-वर्जन भी ला रही हैं। जब तक र्चांिजग स्टेशनों का।नेटवर्क नहीं बिछता, इन्हेंं एडप्टर से भी चलाया जा सकेगा। इतना ही नहीं, इनकी चार्जिंग घर पर भी हो सकेगी। + +नीति से ई-वाहन को प्रोत्साहन ।दिल्ली और हरियाणा ने अपनी ई-वाहन नीति अधिसूचित भी कर दी है। यहां ई-वाहनों की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है। दिल्ली सरकार ने तो ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए स्विच दिल्ली अभियान भी चलाया हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक अपनी ई-वाहन नीति अधिसूचित नहीं की है, लेकिन वहां भी इस पर काम चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c989e6a5d9bb4d2eaf46599fdc5eb107b6ce5049 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Farmers Protest: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के मंच से मिल रही प्रधानमंत्री मोदी को मारने की धमकी।बेटे ताज की याचिका पर भी बोले एपी सिंह, कहा 'उस बच्चे का क्या कसूर'।बता दें कि जेल में जन्में सलीम और शबनम के बेटे मुहम्मद ताज ने राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई है। बेटे ताज ने दया याचिका में लिखा है- 'राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दो।' इस पर निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि इसमें शबनम के बच्चे ताज का क्या कसूर है। उसका तो एक ही सहारा उसकी मां है। एपी सिंह का कहना है कि जब सलीम और शबनम को फांसी हो जाएगी तो वह बच्चा तो अनाथ हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db155b6c8ce185cabf11425e7975c7b814d1f617 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75106.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली सरकार ने किसी भी राज्य की तुलना में ई-वाहनों की खरीद पर सबसे अधिक प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया है। प्रोत्साहन राशि के लिए लाभार्थियों के पात्रता मानदंड को भी सरल बनाया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। मसलन उत्तर प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीद के लिए लोगों को प्रोत्साहन देती है, लेकिन यह प्रोत्साहन केवल उसी परिवार को मिलता है, जिसके परिवार में सिर्फ एक लड़की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f47e83c2c0bcf2a01545f630d3042dbf4c436e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75108.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +श्रीकृष्ण-सुदामा के गुरु थे संदीपन मुनि, किया था यहां चौमासा।कौशांबी शोध संस्थान के डा. रसराज बताते हैं कि वर्तमान कौशांबी जनपद में उत्तर दिशा में गंगा नदी के दक्षिणी तट पर संदीपन घाट की प्राचीन प्रतिष्ठा है। कहा जाता है कि कभी यहां संदीपन मुनि का पदार्पण हुआ था जो श्री कृष्ण और उनके सखा विप्र सुदामा के गुरु हुआ करते थे। वैसे तो इनका मुख्य गुरुकुल उज्जैन में माना जाता है किंतु कुछ समय तक कौशांबी के इस घाट पर रहे थे जिसके चलते इस संदीपन धाम अथवा आश्रम भी कहा जाता है। + +घाट के किनारे मंदिर में विराजमान हैं काफी प्राचीन शिवलिंग।संदीपन घाट पर पुराना शिव मंदिर है जिसमें शिवलिंग विराजमान हैं। लोगों का कहना है कि शिवलिंग तकरीबन दो ढाई सौ साल पुराना है। पास में ही एक चबूतरा बना हुआ है। ऐसी मान्यता है कि इसी चबूतरे पर बैठकर मुनि संदीपन शिष्यों को शिक्षा देते थे। गंगा नदी तक जाने के लिए यहां सीढिय़ां बनी हुई हैं। जीर्णशीर्ण हो चुकी सीढिय़ों का करीब दस साल पहले भरवारी के अमहा ग्राम प्रधान हरिशंकर विश्वकर्मा ने पत्नी की स्मृति में जीर्णोद्धार कराया था लेकिन देखरेख के अभाव में जगह-जगह टूट चुकी है। इस घाट तक जाने के लिए पक्की रोड भी बनी है। कुछ समय पूर्व चायल विधायक संजय गुप्ता के बाबा सरजूदास ने घाट के समीप एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। यहां एक धर्मशाला भी है। जहां पर दूर-दराज से आने वाले लोग ठहरते हैं। रविवार को यहां स्नानार्थियों की खासा भीड़ होती है। पर्वों पर मेले जैसा दृश्य रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1bf546c3d3d46f70c2fbcb82daf03dbdd8d30c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। E-Vehicle In Delhi-NCR दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा साफ और स्वच्छ हो। लोग खुल कर सांस ले सकें। तन और मन दोनों स्वस्थ रहें इसके लिए पेट्रोल और डीजल चालित वाहनों की जगह अब सरकारें ई-वाहन को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही हैं। दिल्ली हो या हरियाणा या फिर उत्तर प्रदेश सरकार सब ने ई-वाहन के प्रति ग्राहकों का रुझान बढ़ाने के लिए नई-नई नीतियां भी बनाई हैं। लोगों में प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति आकर्षण बढ़ भी रहा है। कितना होता है वाहनों के ईंधन से प्रदूषण, कितनी है वाहनों की संख्या और अब कितने लोग ई-वाहनों को दे रहे हैं तरजीह जानेंगे आंकड़ों की जुबानी :।सुविधा सहूलियत के लिए ही होती है। बात जब वाहन की होती है तो उसमें जरूरत और शौक, दोनों की भागीदारी होती है। होनी भी चाहिए, लेकिन वाहनों की बढ़ती संख्या ने चुनौतियां भी चिंताजनक तरीके से बढ़ा दी हैं। दिल्ली में तो ये चुनौतियां और गंभीर हैं। वाहनों का रेला प्राकृतिक माहौल के प्रतिकूल परिणाम देने लगा है, जो वायु प्रदूषण के विकराल रूप में हम सब के सामने है। वाहनों के जहरीले धुएं ने हर किसी की जिंदगी को प्रभावित किया है। इस चुनौती से कैसे निपटें, इसके लिए शोध हो रहे हैं और बचाव के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। एक रास्ते पर सहमति उभरती दिखी है कि सेहत की चिंता करनी है और स्वस्थ हवा में सांस लेना है तो अब बगैर समय व्यर्थ किए ई-वाहन के साथ आगे बढ़ना ही होगा। सरकार को अपने स्तर पर इसकी शुरुआत करनी होगी। यह काम शुरू भी हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3eedffd4d36a09c20d805ae56f24dbc63ab76dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार की कोशिश अब भी इनसे बात कर समाधान निकालने की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आगे बढ़कर कहा है कि आंदोलनरत किसानों से बातचीत के सरकार के दरवाजें हमेशा खुले हुए हैं और बातचीत से ही विवादों का हल निकल सकता है। ।तो, संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि आंदोलनरत किसानों की कुछ मांगें अव्यवहारिक और बेतुके हैं। इनका अड़ियल रवैया भी ठीक नहीं है। अगर इनके आगे सरकार झुक गई तो यह नये प्रकार की समस्या खड़ी करेगा। फिर यह चलन बढ़ जाएगा कि बॉर्डर घेरो और मांगे मनवा लो। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सरकार को अड़ियल कथित किसान नेताओं की परवाह किए बगैर आगे बढ़ना चाहिए। बाकि समाधान के बाद इन नेताओं से जनता जवाब लेगी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..22248fa081c00db46786837eee15511456328f3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश के जौलान जिले में खरा गांव के रहने वाले वीरेंद्र कुमार गौतम एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना में कार्य कर रही ऋत्विक कंपनी में फोरमैन के पद पर हैं। जल प्रलय के दिन को याद करते हुए वह बताते हैं कि आपदा के दिन सात फरवरी को वह अपने 11 अन्य साथियों के साथ सुरंग में 350 मीटर भीतर काम कर रहे थे। ठीक साढ़े दस बजे बिजली चली गई और कुछ शोर सुनाई दिया। इस पर दो श्रमिकों को बाहर भेजा गया कि देखो मामला क्या है। वह बताते हैं कि कुछ ही देर में दोनों चीखते हुए भीतर की तरफ दौड़ और बताया कि पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा सुरंग में आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75118.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75118.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7198c77efced5498e1154a3667739b8aa3b2d372 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75118.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि अब 40 लाख ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे । उन्होंने कहा कि सभी 40 लाख ट्रैक्टर 19 साल पुराने होंगे, क्योंकि केंद्र सरकार ने पुराने ट्रैक्टरों के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि नये ट्रैक्टर खरीदने को किसान को मजबूर करने के लिए रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में जातिवाद समीकरण बहुत गहरे हैं, इसलिए राजनीतिक और जातिवाद की बात नहीं की जाए, सिर्फ किसान की बात हो। किसान की कोई जाति नहीं होती। उन्होंने किसानों से कहा कि आप आंदोलन को जिंदा रखिए । उन्होंने कहा कि हल चलाने वाला अब हाथ नहीं जोड़ेगा। किसानों से कहा कि अब अगर किसी अधिकारी के पास जाओ तो यही नारा बोलना। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..571cdd63065f06a177a01c8a7e683fd01075bba9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। जिस तन लागे सो तन जाने, कोई न जाने पीर पराई तो सुना होगा आपने। यही सच है यहां, अफसरों को तो हमारी  लाचारी व बेबसी, सब दिखावा ही लगती है। यह कहते हुए 70 साल की बुजुर्ग प्रतिमा देवी नाम की महिला मंगलवार को कोल तहसील की सीढ़ियों के ऊपर चढ़ती है। ऊपर चढ़ने में इसकी सांसे फूल चुकी हैं, लेकिन करती भी क्या। दूसरी मंजिल पर चढ़ने के लिए कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं था। ऐसे में सैकड़ों लोग हर दिन कोल तहसील में इसी तरह का संघर्ष करके दूसरी मंजिल पर पहुंचते हैं। खास बात यह है कि यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बुजुर्गों की सुविधाओं के लिए अनेक योजनाएं चला रखीं, लेकिन अधिकारी जरा भी गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं। ।यह है समस्‍या।तहसील कार्यालय जनता से जुड़ा हुआ कार्यालय होता है। यहां पर हर दिन सैकड़ों फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं। अलीगढ़ की सदर तहसील भी दो मंजिल बनी हुई है। यहां पर कुछ अफसर कर्मचारी नीचे बैठते हैं तो कुछ ऊपर भी। यही हाल सब रजिस्टार कार्यालय का भी है। यह भी दो मंजिल है बना हुआ है। इन दोनों मंजिलों में अलग-अलग सब रजिस्टार बैठते हैं। ऐसे में यहां भी बैनामा कराने आने वाले लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन, दोनों में से किसी भी कार्यालय में लिफ्ट की व्यवस्था नहीं  है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को सीढ़ियों के सहारे ही दूसरी मंजिल पर चढ़ना होता है। सबसे अधिक दिक्कतें बड़े बुजुर्ग व दिव्यांगों को होती हैं। वह मुश्किल से ऊपर चढ़ पाते हैं। कई बार हाथों के सहारे ही दूसरी मंजिल पर पहुंचते हैं। ।कोल तहसील में लिफ्ट की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते दूसरी मंजिल पर पहुंचने वाले लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। वह भी यहां बैनामा कराने आई थी, लेकिन मुश्किल से ऊपर पहुंच सकी हैं। ।प्रतिमा देवी, बुजुर्ग महिला।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b30bab07cd7b73e85b98e83ed9ae576bd3bb4448 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75126.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनोज सिंह, जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम के दलमा व घाटशिला के जंगलों में दुर्लभ सिवेट कैट मिली है। कई खूबियों से भरी दुर्लभ सिवेट कैट श्रीलंका व अफ्रीका के अलावा दक्षिण भारत के जंगलों में पाई जाती है। झारखंड में हाल में दो सिवेट कैट मिलने से वन विभाग उत्साहित है। इसके मल से दुनिया की सबसे महंगी कॉफी बनती है। इसके मल से बनाई जाने वाली एक पौंड (453 ग्राम) कॉफी की कीमत 40 से 50 हजार रुपये तक होती है यानी प्रति किलो करीब एक लाख रुपये। + +ऐसे बनती है महंगी कॉफी : जंगल में मिलने वाली कॉफी व चेरी के फल को सिवेट कैट निगल जाती है। इसके गुदे को तो वह पचा लेती है, लेकिन मल के साथ बीज बाहर आ जाता है। मल से बीज को अलग कर प्रॉसेस किया जाता है। धोकर भूना जाता है। फिर इसे पीसकर कॉफी बनाई जाती है। सिवेट कॉफी की सऊदी अरब, दुबई, अमेरिका, यूरोप आदि देशों में काफी मांग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a727e424cce3981f1b90d3d4f153fb5c283c6b44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75127.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के गंभीर रोगियों को लगेगा सीरम ।कोविड एंटी सीरम कोरोना के उन रोगियों को लगेगा जो अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती होंगे। यह कोरोना वैक्सीन की तरह हर किसी को नहीं दिया जाएगा। कोविड एंटी सीरम बनाने के लिए सीआरआइ व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआइवी) पुणे के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75128.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75128.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bec0c7712ef9a40353b2741c945b2149411774d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75128.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिंक पुलिस और थाना पुलिस की सक्रियता से घटे मामले।राजधानी में पिंक पुलिस और थाना पुलिस की सक्रियता से महिला अपराध के मामले घटे हैं। मिशन शक्ति शुरू होने के बाद से लगातार शहरी इलाकों से लेकर ग्र्रामीण इलाकों की गलियों तक स्कूटी और कार सवार पिंक पुलिस की महिला पुलिस कर्मियों की गश्त बढ़ी है। यह सार्वजनिक स्थानों पर गश्त करती रहती हैं। जहां भी मनचलों और शोहदों को देखा तो तुरंत कार्यवाही करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6652899b3fc5273056d2a1aa6238211a40f0c82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75129.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म की शूटिंग सोमवार से यहां शुरू हुई है। अभिषेक बच्चन अधिकांश समय जेल के अंदर ही शूटिंग कर रहे हैं। वह दो बार ही बाहर निकले, लेकिन किसी को उनकी झलक नहीं मिल सकी। इससे उनके प्रशंसक काफी निराश थे। उन्हें पता चला कि जूनियर बच्चन शूटिंग टीम के साथ सुबह छह बजे ही जेल पहुंच जाएंगे। इस पर बुधवार की सुबह टहलने निकले दर्जनों प्रशंसक करीब छह बजे वहां जुट गए। अभिनेता की वैनिटी वैन केंद्रीय कारागार के मुख्य गेट के पास खड़ी हुई थी। वैन से बाहर निकलते समय लोग उनकी झलक पाने में सफल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75131.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75131.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8183318495a643efe81620abd6b2edefd338f51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75131.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटियाला, [दीपक मौदगिल]। ये 'फुल्लां वाले दार जी' हैं। यानी फूलों वाले सरदार जी। वैसे नाम है बहादुर सिंह। रहने वाले हैं पटियाला जिले के गांव खेड़ी मुसलमाना। खेतों में बहाए पसीने, बदलाव के लिए खुले दिमाग की सकारात्मक सोच और कुछ करने के लिए तत्परता ने इन्हें आज पहले से तीन गुणा आमदनी वाला प्रगतिशील किसान बना दिया है। गेहूं व धान के फसलीचक्र और एमएसपी के मोह में उलझे किसानों के लिए यह एक नजीर हैं। उन्‍होंने खेती बदली तो किस्‍मत बदल गई। बहादुर सिंह ने खेती बदली और फूल उगाए, फेर मेहनत का सुफल मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51d7b2cfdf7e3ad92a67f4f7defda274b9711c07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्‍लामाबाद, ऑनलाइड डेस्‍क। पाक‍िस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की श्रीलंका यात्रा के पूर्व इस पर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है। इस चर्चा में भारत का नाम भी शामिल है। दरअसल, इमरान खान की 22 फरवरी को श्रीलंका के दौर पर जाने वाले हैं। इस दौरे में वह श्रीलंका की संसद को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उनके इस कार्यक्रम को श्रीलंका की सरकार ने रद कर दिया। इसको लेकर श्रीलंका और पाक‍िस्‍तान की मीडिया में कई तरह की चर्चाएं जोरों पर है। इसमें भारत का नाम भी शामिल किया जा रहा है। इस यात्रा के दौरान इमरान खान की मुलकात श्रीलंकाई राष्‍ट्रपति गोटाभाया के अलावा उनके समकक्ष महिंदा राजपक्षे के साथ होगी। इमरान श्रीलंका में निवेशकों के एक सम्‍मेलन में भी शिरकत करेंगे। इसके अलावा वह श्रीलंका की संसद को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उनके इस कार्यक्रम को श्रीलंका की सरकार ने रद कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e0adfc51c33a953ab6dca1b0795cb6db9d49015 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75136.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को डीजीसीए ने लाइसेंस जारी कर दिया है। एयरपोर्ट देश का 87वां व उप्र का तीसरा लाइसेंस प्राप्त इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन गया है। इसके साथ ही इस एयरपोर्ट से देश-विदेश में उड़ान का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को नई दिल्ली में एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने डीजीसीए के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार से लाइसेंस प्राप्त किया। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) की आपत्तियां लाइसेंस में बाधक बन रही थी। जिसके चलते एयरलाइंस कम्पनियां उड़ान के लिए आने से कतरा रही थी। + +कई विमानन कंपनियों को भेजा गया न्‍योता। तीन माह पूर्व डीजीसीए की टीम ने एयरपोर्ट का दौरा किया। टीम ने 21 बिंदुओं पर खामियां पाई थी। टीम ने एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया (एएआइ) को नोटिस देकर आपत्तियां दूर करने की बात कही थी। एएआइ ने आपत्तियां दूर कर पुनः लाइसेंस के लिए प्रस्तुत किया। जांच के बाद डीजीसीए ने लाइसेंस जारी कर दिया। दूसरी तरफ एएआइ ने एयरलाइंस कंपनियों को उड़ान शुरू करने के लिए आमंत्रित कर दिया है। स्पाइस जेट, इंडिंगो, गो एयर, एयर इंडिया, थाई एयरवेज, मिहिर लंका समेत एक दर्जन से अधिक देसी- विदेशी कंपनियों को न्योता गया है। फोकस बौद्ध व खाड़ी देशों से जुड़ी एयरलाइंस कम्पनियों पर है। + +डोमेस्टिक व इंटरनेशनल दोनों प्रकार की उड़ानें होंगी। इस संबंध में एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि फोर सी कैटगरी में लाइसेंस मिला है। इस एयरपोर्ट से डोमेस्टिक व इंटरनेशनल दोनों प्रकार की उड़ान होगी। एयरलाइंस कंपनियां संपर्क में हैं। बातचीत चल रही है। सरकार तय करेगी उद्घाटन की तिथि: एयरपोर्ट के उद्घाटन की तिथि केंद्र व प्रदेश सरकार के स्तर पर लंबित है। पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों व श्रीलंका की फ्लाइट की लैंडिंग से उद्घाटन की रूपरेखा बनी थी, किंतु कोविड-19 संक्रमण के चलते मामला टल गया। एयरपोर्ट निदेशक ने उद्घाटन की तिथि सरकार के स्तर से आयेगी। हम कभी भी उड़ान के लिए तैयार हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75138.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75138.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b7b5efcdfbe2ec51ac0abbcd94d861ab211e931 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75138.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश के 16 जिलों में थ्री पी मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए बजट में 48 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अभी इन जिलों में सरकारी या प्राइवेट कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं है। यहां जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया जाएगा। इसमें रामपुर, बागपत, मैनपुरी, बलिया, संतकबीरनगर, भदोही, कासगंज, महाराजगंज, शामली, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, मऊ, श्रावस्ती, संभल व हाथरस शामिल हैं। आठ जिलों में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में जुलाई 2021 से नया सत्र शुरू करने के लिए 960 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं 13 जिलों में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में काम जल्द पूरा करने के लिए 1,950 करोड़ रुपये दिए गए हैं।  अमेठी और बलरामपुर में भी नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 175 करोड़ रुपये दिए गए हैं। लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e5070d04b993c7df7f99728e2d879cc8212d9cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75141.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +करनाल, [पवन शर्मा]। प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है कि श्रीकृष्ण की बांसुरी की धुन सुनते ही गायें मुग्ध हो जाती थीं। यहां राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआइ) में चल रहे अध्ययन में यह बखूबी प्रमाणित भी हो रहा है। यहां गायों को तनाव मुक्त रखने के लिए म्यूजिक थेरेपी दी जा रही है। इन्हेंं प्रतिदिन आठ घंटे बांसुरी का संगीत (रिकार्डेड) सुनाया जाता है और वह मुग्ध होकर, आंखें बंदकर सुनती हैैं। + +कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रोंं पर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव के आकलन एवं इसके निराकरण रणनीतियों के विकास के लिए एक राष्ट्रीय योजना 'जलवायु समुत्थानशील कृषि पर राष्ट्रीय पहल' (नेशनल इनिशिएटिव इन क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर) यानी निकरा के क्रियान्वयन को फरवरी, 2011 में स्वीकृति प्रदान की गई थी। इस स्टडी प्रोजेक्ट में आ रहे परिणाम से विज्ञानी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि यह न सिर्फ कृषि बल्कि दुधारू पशुओं के शारीरिक विकास उनके दुग्ध उत्पादन में वृद्धि व उनकी गुणवत्ता कायम रखने में भी प्रभावी होगा। + +संगीत बदलते ही हो जाती हैैं बेचैन।प्रोजेक्ट में देखा जा रहा है कि ये गाय किस प्रकार का संगीत सुनना पसंद करती हैं, जिससे उनके पोषण और उत्पादकता में वृद्धि संभव हो। फिलहाल उन्हेंं बांसुरी का मधुर संगीत सुनाया जा रहा है, जो उन्हेंं तनाव मुक्त रखता है। प्रयोग के तहत यदि संगीत बदलते हैं तो उनकी प्रतिक्रिया बेचैनी के रूप में सामने आती है। तबला, गिटार का संगीत भी उन्हेंं नहीं भा रहा है।  । यह हो रहा फायदा।डा. आशुतोष ने बताया कि प्रोजेक्ट से पता चला है कि इनकी चारा खाने की क्षमता बढ़ी है। संगीत सुनकर पशु आंख बंद करके शांत अवस्था में तनाव मुक्त होकर जुगाली करता है। पशुओं में प्रेम भाव व तालमेल बढ़ा है। सुबह जब इन्हेंं खोलते हैं तो कोई भी आपस में नहीं लड़ता। सबसे बढिय़ा बात यह है कि इनका वजन भी बढ़ रहा है।    ।प्रोजेक्ट से अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है। पशुओं को तनाव मुक्त रखने से ढेरों लाभ हैं। इनका अध्ययन किया जा रहा है। प्रोजेक्ट सफल रहने पर इसके निष्कर्ष से पशुओं की ग्रोथ, दुग्ध उत्पादन व प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।  ।डा. मनमोहन सिंह चौहान, निदेशक, एनडीआरआइ, करनाल।पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।यह भी पढ़ेंः दिल्‍ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर करनाल में हादसा, दो युवक की मौत।यह भी पढ़ेंः पानीपत में बाथरूम कर रहे युवक को मारी गोली, कार में सवार थे हमलावर।यह भी पढ़ेंः पानीपत में सास-बहू के झगड़े में मासूम की मौत, मां की गोद में तोड़ा दम।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d558053195a820eeab294a861e67a8b6e533fd0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75143.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +उसके बाद भारतीय टीम ने रहाणे ब्रांड सीमेंट से इमारत को मजबूत किया और वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से ऐतिहासिक सीरीज जीती। हालांकि, भारत आते ही उसे चेन्नई में पहले मुकाबले में 'सड़क जैसी पिच' पर अंग्रेजों के सामने हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद बीसीसीआइ ने अपना 'राम बाण' निकाला और सूखी, खुरदुरी व टूटी पिच के चक्रव्यूह में अंग्रेजों को फंसाकर मात दी। अब सीरीज 1-1 की बराबरी पर है। + +दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम की खूबसूरती सबके सामने आ चुकी है, लेकिन अब सब अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम की पिच को देखना चाहते हैं, क्योंकि भारत और इंग्लैंड की टीमें ही नहीं आयोजक और सीरीज भी ऐसे दोराहे पर हैं जहां एक ओर गुलाबी गेंद की चमक बरकरार रखने वाली घसियाली पिच है तो दूसरी ओर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के गुलाबी सपने संजोने वाली पिच। डे-नाइट टेस्ट में एसजी की गुलाबी गेंद का इस्तेमाल होगा। इसके निर्माता का मानना है कि अगर गेंद को ज्यादा देर तक चमकदार, ठोस रखना है और स्विंग हासिल करनी है तो पिच पर कम से कम छह-सात मिलीमीटर घास होनी चाहिए। + +एसजी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद का कहना है कि टर्निग ट्रैक अच्छी बात है, लेकिन गुलाबी गेंद को 80 ओवर तक चलाने और उसकी चमक बरकरार रखने के लिए पिच पर कुछ घास की जरूरत होगी। विश्व में हमने देखा है कि क्यूरेटर डे-नाइट टेस्ट में छह-सात मिलीमीटर घास रखते हैं, जिससे गुलाबी गेंद की चमक बरकरार रहे। हालांकि, भारत में घरेलू परिस्थितियों का फायदा लेने के लिए शायद ऐसा नहीं हो, लेकिन पिच पर दो-तीन मिमी घास तो छोड़नी ही होगी, जिससे गेंद का रंग नहीं छूटे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b361477ab22dc34e4a99c0344fbcd46ac9f918a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75144.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +ओटावा (रॉयटर्स)। चीन के शिनजियांग प्रांत में उगइर मुस्लिमों के साथ हो रही दुर्व्‍यवहार की गूंज अब विश्‍व स्‍तर पर सुनी जा रही है। कनाडा की संसद में चीन की सरकार की कारगुजारियों के खिलाफ एक प्रस्‍ताव पास कर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से अपील की गई की वो चीन के खिलाफ कार्रवाई करें। इस प्रस्‍ताव में चीन की सरकार के उइगर मुस्लिमों के प्रति रवैये को एक नरसंहार बताया गया है। इसको लेकर सोमवार को संसद में मतदान किया गया। इसके पक्ष में जहां 266 वोट पड़े वहीं विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। + +इस प्रस्ताव में पीएम ट्रूडो से अपील की गई है कि वो इसकी आधिकारिक घोषणा करें कि चीन का रवैया उइगरों के लिए नरसंहार जैसा है। इसमें ये भी कहा गया है कि यदि चीन का यही रवैया इस समुदाय के प्रति आगे भी जारी रहता है तो यहां पर वर्ष 2022 में होने वाले विंटर ओलंपिक का आयोजन किसी अन्‍य स्‍थान पर किया जाए। कनाडा के इस प्रस्‍ताव पर चीन ने अपनी कड़ी नाराजगी व्‍यक्‍त की है। चीन का कहना है कि इस तरह का प्रस्‍ताव बेहद दुर्भावनापूर्ण है। कनाडा स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस तरह का प्रस्‍ताव चीन के विकास को रोकने की सोची समझी साजिश है जो किसी भी सूरत से सफल नहीं हो सकेगी। इस बयान में कनाडा के सांसदों के खिलाफ बेहद कड़े शब्‍दों का प्रयोग किया गया है। + +आपको बता दें कि सोमवार को कनाडा की संसद से पारित इस प्रस्‍ताव से पहले शुक्रवार को कनाडा के पीएम ने कहा था कि चीन की सरकार द्वारा शिनजियांग के उगर समदुाय के खिलाफ द्वेषपूर्ण रवैया इख्तियार करने की खबरें आ रही हैं। उइगरों के लिए डिटेंशन कैंपों का बनाया जाया और जबरन उन्‍हें इन कैंपों में रखने, उनकी मस्जिदों को तोड़ने जैसी कई खबरें पहले भी चीन से आती रही हैं। मावाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक डिटेंशन कैंपों में दस लाख से अधिक लोगों को रखा गया है। इस समुदाय के खिलापु इस तरह के भेदभावपूर्ण रवैये को सही नहीं कहा जा सकता है। + +गौरतलब है कि उइगरों के खिलाफ चीन के रवैये को देखते हुए अमेरिका ने पिछले वर्ष एक कानून बनाया था। इसके मुताबिक अमेरिका को उन चीन के अधिकारियों के खिलापु कार्रवाई करने का अधिकार था जो इसमें लिप्‍त हैं। कानून लागू होने के बाद अमेरिका ने चीन के कई अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगाए थे। बदले में चीन ने भी अमेरिकी अधिकारियों को प्रतिबंधित करने का काम किया था। राष्‍ट्रपति बाइडन ने भी पिछले दिनों चीन के इस रवैये पर सख्‍त एतराज जताया था। उनका कहना था कि पूरी दुनिया इस बात से वाकिफ है कि चीन उइगरों के साथ कैसे पेश आता है। उन्‍होंने ये भी कहा था कि यदि उनके खिलाफ मानवाधिकार उल्‍लंघन के मामले चीन की तरफ से बंद नहीं होते हैं तो इसकी उसे बड़ी कीमत चुकानी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66cfd2c2979ec3a95d197d6279b2b79997f63661 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव प्रचार में सिर्फ सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि अन्य दलों द्वारा खेला हबे का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। उस्मान ने यह नारा एक सकारात्मक मुद्दे को लेकर दिया था। परंतु बंगाल में इसके संदर्भ और मायने ही बदल गए। वैसे तो बंगाल के चुनावी मौसम में खूब नए-नए नारे तैयार होते रहे हैं। बंगाल में इस समय- आर नोय तृणमूल (और तृणमूल नहीं), हय येबार नय नेभार (या तो इस बार, नहीं तो कभी नहीं), चुपचाप फूले छाप, जय श्रीराम, जय बांग्ला जैसे नारे सुनने को मिल रहे हैं, लेकिन जो नया नारा इस चुनाव से पहले ही हर तरफ गूंज रहा है, वह बिल्कुल अलग है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17eecc907d0acf6a02cbbbb050602232834d60e2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75151.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजीव कुमार, नई दिल्ली। सरकार यूरोप की वाइन और शराब पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटाने की तैयारी में है। हाल ही में इस सिलसिले में वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने अल्कोहल पेय निर्माता कंपनियों के साथ बैठक की है। सरकार यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ईयू-इंडो ट्रेड टिटी करने की तैयारी में है और इसके तहत ही ये कवायद चल रही है। ।सूत्रों के मुताबिक, ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने में वक्त लग सकता है, इसलिए सरकार फिलहाल सीमित वस्तुओं को लेकर ईयू-इंडो ट्रेड समझौता करना चाहती है। इससे जल्द से जल्द से ईयू के साथ व्यापारिक रिश्ते आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। ।अभी विदेशी अल्कोहल पेय पर 150 फीसद कस्टम ड्यूटी है। इसे 75 फीसद तक लाया जा सकता है। इससे भारत में विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी, लेकिन घरेलू अल्कोहल मैन्यूफैक्चर्स की परेशानी बढ़ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने घरेलू कंपनियों से पूछा है कि किस सीमा तक कस्टम ड्यूटी घटाने पर उनका कारोबार प्रभावित नहीं होगा। ।कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआइएबीसी) के महानिदेशक विनोद गिरी ने बताया कि यूरोप में अल्कोहल पेय उत्पादन की लागत भारत से 50 फीसद कम है। ऐसे में कस्टम ड्यूटी को एक सीमा से अधिक कम करने पर भारतीय कंपनियां मुकाबला नहीं कर पाएंगी। सीआइएबीसी के आंकड़ों के मुताबिक ईयू से भारत सालाना 1,850 करोड़ रुपये की शराब आयात करता है, जबकि यूरोप में सिर्फ 160 करोड़ की शराब का निर्यात करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91a485e3e1823682ef3b4ea49028896c1a9d4f63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थी भी अब कान्वेंट स्कूल जैसी आकर्षक बेंच और डेस्क पर बैठक पढ़ाई करेंगे। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 26729 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसे खरीदने के लिए शासन ने 488 करोड रुपए भी जारी कर दिए। योजना अंतर्गत जिले के 679 विद्यालयों को फर्नीचर मिल जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..506cb5cc02a6eab5b8ad92756c0ac6777c01405b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75154.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्लोबल वार्मिंग के चलते ऐसे प्राकृतिक घटनाओं की आशंका पहले भी जताई जा चुकी है, पर इसे लेकर चौकन्ना न रहने की गलती जब तक होती रहेगी, हादसे होते रहेंगे। ग्लोबल वाìमग को रोकने का फिलहाल बड़ा इलाज किसके पास है यह कह पाना मुश्किल है, मगर सावधान रहना हमारे बस की बात है। सुशासन एक समझ है, जो केवल आविष्कार या विकास पर बल नहीं देता, बल्कि संतुलन को भी उतना ही स्थान देता है। सुशासन का पर्यावरण और जलवायु से गहरा नाता है। प्राकृतिक संदर्भो में पारिस्थितिकी के सापेक्ष विकास और समृद्धि का ताना-बाना सुशासन है और यही लोक कल्याण के काम भी आता है। जब यही पर्यावरण के खिलाफ होता है तो तबाही के आलम के अलावा कुछ नहीं होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68a54fb6601747fff96113833bcef19735f15c5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौरव भारद्वाज, हापुड़। सिर्फ एक देसी गाय के गोबर और मूत्र से तैयार जैविक खाद के जरिये 35 बीघा यानी छह एकड़ जमीन पर आराम से खेती की जा सकती है। यह तकनीक विकसित की है हापुड़ के रसूलपुर गांव निवासी गुरमीत सिंह (35) ने। वह नए भारत के विकासशील युवा किसान हैं। 12वीं तक शिक्षित गुरमीत के सरल से फार्मूले ने उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार दिलाने की श्रेणी तक पहुंचा दिया। वह पांच साल से जैविक खाद से गन्ने की खेती कर रहे हैं। साथ ही गेहूं, धान सहित कई सब्जियों को बगैर किसी रासायनिक खाद और कीटनाशक के प्रचुर मात्र में पैदा कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75161.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75161.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..956bfb6ce360e3b062b14d6fe6bd88f898121754 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75161.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल सरकार ने अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे पहले मुल्क के एक करोड़ हेल्थवर्कर्स व दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाने के लिए रखा। लेकिन हकीकत यह है कि डॉक्टर, नर्स, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही टीका लगवाने के लिए उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं आ रहे तो तब क्या होगा, जब सरकार 50 साल से अधिक उम्र वाले व गंभीर बीमारियों से पीड़ित 27 करोड़ लोगों के लिए टीका लगवाने का अभियान अगले माह से शुरू करेगी। + +जहां तक इस टीके को लेकर दुष्प्रभावों की बात है, उस पर भारत सरकार की ओर से गठित समिति एडवर्स इफेक्‍ट इफॉलिंग इम्युनाइजेशन (एईएफआइ) के सदस्य डॉ. राजीवदास गुप्ता का कहना है कि एईएफआइ को लेकर विश्व में जो प्रक्रिया है, उसी प्रक्रिया का पालन भारत भी करता है। कोविड वैक्सीन के एईएफआइ को लेकर भारत सरकार विशेष रूप से सक्रिय है। यह टीका व्यस्क को दिया जा रहा है, लिहाजा इसकी निगरानी टीम में एडल्ट मेडिसिन एक्सपर्ट भी शामिल किए गए हैं। निगरानी तंत्र की सक्रियता के चलते ही अगर देशभर में कहीं भी कोई दुष्प्रभाव होता है तो उसकी जानकारी 24 घंटे के भीतर ही मिल जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0e7b650be9069b65543ddabac75d654cf91c864 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75166.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 के दौरान 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए। 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खेत मजदूरों ने अपनी जीवनलीला खत्म कर ली, जबकि नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आत्महत्या के मामलों में साफ तौर पर वृद्धि देखने को मिली। + +श्रमिकों की आत्महत्या के मामले बढ़े।रिचर्ड महापात्र (वरिष्ठ निदेशक, सीएसई) का कहना है कि किसानों और खेत मजदूरों की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ने का सीधा सा कारण खेतीबाड़ी का घाटे का सौदा साबित होना रहा है। हर किसान पर लगभग 74 हजार रुपये का कर्ज रहता है। फसल का उचित मूल्य उसे मिल ही नहीं पाता। परिवार को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए ही वह आत्महत्या जैसा कदम उठाता है। यह स्थिति वाकई चिंताजनक है और पिछले एक से डेढ़ दशक में तीन लाख से अधिक किसानों की जिंदगी लील चुकी है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de4c1eabde8a87a32d5fb8f06f6aa3bf3b43b1b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीन और तुर्की पर होगी पाकिस्‍तान की नजर ।FATF ने वर्ष 2018 में पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाला था। अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी ने उस पर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए थे। तब से FATF की हर बैठक में चीन के अलावा सऊदी अरब, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्‍तान का साथ दिया। हर बार इन देशों ने पाकिस्‍तान के साथ अपनी दोस्‍ती निभाई। इन देशों ने कहा था कि पाकिस्‍तान आतंकवाद को खत्‍म करने के लिए पर्याप्‍त कदम उठा रहा है। हालांकि, फरवरी, 2020 की FATF की बैठक में  चीन के रुख में थोड़ा बदलाव आया। चीन ने पाकिस्‍तान का साथ छोड़ दिया, लेकिन तुर्की ने उसका समर्थन किया। इस बार यह देखना दिलचस्‍प होगा कि चीन का क्‍या रुख रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75173.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75173.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1ae509c3104c0e60812908863fbcd028ac87aee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75173.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह अभिनव प्रयोग है। समृद्ध अतीत को साधने के साथ आधुनिक यूपी का उम्दा संयोजन करने की इसे मिसाल भी कह सकते हैं। बजट में जहां एक ओर गुरुकुल पद्धति से पढ़ाई कराने का प्रविधान किया गया है तो वहीं प्रतियोगी टैबलेट से भी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। सरकार उन्हें मुफ्त टैबलेट मुहैया कराएगी। गांव भी डिजिटल विलेज बनाए जाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतियोगी युवाओं को घर बैठे देश-दुनिया को जानने के लिए बेहतर कनेक्टिविटी मिले। ।पहले चर्चा समृद्ध अतीत की। प्रदेश में संस्कृत के विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की हालत किसी से छिपी नहीं है। देववाणी संस्कृत जो पढ़ना भी चाहते हैं, वे कालेजों की हालत देखकर आगे नहीं बढ़ते। योगी सरकार ने इसके लिए बड़ी पहल की है। उप्र संस्कृत शिक्षा निदेशालय के गठन और उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के कार्यालय भवन के लिए पांच करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। साथ ही संस्कृत विद्यालयों में पढऩे वाले निर्धन छात्रों को गुरुकुल पद्धति के अनुसार मुफ्त छात्रावास व भोजन की व्यवस्था की जाएगी। यानी अब संस्कृत पढऩे वालों की संख्या बढ़ेगी और उनका भविष्य भी बेहतर होगा। एडेड माध्यमिक स्कूलों और राजकीय संस्कृत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाएं भी बढ़ेंगी। ।सूबे में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने के लिए मुफ्त कोचिंग की 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' शुरू की गई है। इसे लेकर युवाओं में उत्साह को देखते हुए उन्हें अब टैबलेट भी दिए जाएंगे, ताकि वे डिजिटल लर्निंग के तहत पढ़ाई कर सकें। इसके लिए पात्र छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए पर्याप्त धन उपलब्ध रहेगा। ।ये भी कार्य ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75176.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4b0bfc14770e9e65495e1955b0abc77f4959c23 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75176.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ही वहां पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। चुनाव से पहले राज्‍य में शुरू हुई हिंसा और हमले की घटनाएं इस बात की तरफ इशारा कर रही है कि वहां पर चुनाव की राह आसान नहीं है। हालांकि, राजनीतिक विश्‍लेषकों की बात करें तो हिंसा की इन घटनाओं के पीछे वो राजनीतिक मकसद मानते हैं। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में स्‍थानीय स्‍तर से लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तरीय नेताओं के ऊपर हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पिछले वर्ष दिसंबर में कोलकाता दौर के वक्‍त हमला हुआ था। इसमें पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेता घायल हो गए थे। इसके बाद कुछ दिन पहले ही राज्‍य के मंत्री के ऊपर बम से हमला किया गया। इसके बाद दो दिन पहले पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्‍यक्ष के ऊपर भी हमला किया गया। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी खुद पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। + +शिवाजी और प्रदीप दोनों ही इस बात को लेकर एकराय रखते हैं कि ममता को सत्‍ता से हटाना भाजपा के लिए आसान नहीं है तो इतना मुश्किल भी नहीं होगा। लेकिन इस बारे में अभी कुछ कहना जल्‍दबाजी होगी। ये इस बात पर तय करेगा कि चुनाव में लोग कैसे वोट करते हैं। साथ ही मुस्लिम वोटों में जो बंटवारा होगा, ये काफी कुछ इस पर भी निर्भर करेगा। दोनों विशेषज्ञों की निगाह में ममता न सिर्फ राजनीति में बड़ा कद रखती हैं, बल्कि जमीन से जुड़ी हुई नेता है। इसके बावजूद सरकार के खिलाफ दस साल की पुरजोर होती आवाज और उनपर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोप अभी लोगों के जहन में ताजा हैं। इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b6735d08412b1f0a9a9a21975e6f1b53bcedcf6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75177.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। जोहानेंसबर्ग की एक नदी जुक्‍सकी (Jukskei river) जो लगभग मर चुकी थी और कूड़े का ढेर से लगातार दब रही थी, को दो महिलाओं ने दोबारा जिंदा कर दिया है। इन महिलाओं के हौसले की बदौलत आज ये नदी फिर से कल-कल कर बहने लगी है। इनके प्रयास की बदौलत लोगों में भी इनके प्रति जागरुकता का माहौल पैदा हुआ है और इसकी अहमियत को वो समझने लगे हैं। जिन दो महिलाओं ने इस खत्‍म होती नदी को नया जीवनदान दिया है उनका नाम रोमी स्‍टेंडर और हैनेली कोएत्‍जी है। रोमी एक पयार्वरण प्रेमी और वॉटर फॉर द फ्यूचर नाम की संस्थाक भी हैं, तो हैनेली एक आर्टिस्‍ट हैं। इन दोनों को उम्‍मीद है कि इनका ये मॉडल यदि अन्‍य नदियों पर भी आजमाया जाए तो खत्‍म हो चुकी नदियों को दोबारा जीवित किया जा सकता है। + +इन महिलाओं के लिए ये काम मुश्किल जरूर था लेकिन इसको इन्‍होंने अपनी मजबूती और दृढ संकल्‍प के जरिए आसान बना लिया। अन्‍य महिलाओं के सहयोग से इन्‍होंने यहां पर मौजूद गंदगी को दूर किया और इसमें फैली खरपतवार को निकाल फेंका। इसकी बदौलत इन महिलाओं ने महज ढाई माह में ही इस नदी को पहले की तरह साफ बना दिया है। इन्‍होंने नदी को लेकर अपनी मुहिम दिसंबर 2020 में छेड़ी थी। रोमी और हैनेली वो चाहती हैं पानी के नीचे कुदरती फिल्टर बिछाकर नदी को बचाया जा सकता है। रोमी का कहना है कि पानी किसी समाज का प्रतिबिंब होता है और यहां पर ये काफी गंदा और जहरीला है। + +रैंड वॉटर नाम की संस्था का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका में खनन, कृषि, शहरीकरण और प्रदूषण की वजह से पानी के स्रोतों की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि रोमी मानती हैं कि इन हालातों को बदला जा सकता है। साथ ही नदियों में फैले प्रदूषण को भी खत्म किया जा सकता है। उनके मुताबिक वो एक ग्रीन कॉरिडोर बनाना चाहती हैं। इसके अलावा वो नदियों को प्रदूषण मुक्‍त करने के लिए आर्थिक मदद दे रही कंपनी के साथ मिलकर कम्‍यूनिटी प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं। दक्षिणअफ्रीका में रोमी और हैनेली के किए काम की तुलना न्यूयार्क शहर के हाई लाइन पार्क से की जा रही है। + +उनकी नदी को साफ बनाने की मुहिम के बाद अब स्‍थानीय लोग भी इस बात को समझने लगे हैं कि इसकी उन्‍हें कितनी जरूरत है। यहां पर इको-ट्री-सीट भी बनाई गई हैं। पेड़ों के चारों तरफ पानी को रोकने के लिए गोलाकार ढांचे बनाए गए हैं। कोएत्‍जी और उनकी संस्‍था वाटर फॉर द फ्यूचर अब यहां पर कुछ नया करने के बारे में सोच रही है। उन्‍होंने बच्‍चों से इस बारे में अपनी राय लिखने को कहा है कि वो पहले और अब इस नदी के बारे में क्‍या सोचते हैं। वहीं स्टैंडर लगातार इस मुहिम में लोगों को उनकी भूमिका के बारे में बता रही हैं। वो उन लोगों से भी संपर्क में हैं जिनकी जमीन इस नदी के किनारे पर है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यहां पर हर कोई उनका पक्ष ही लेता है। कुछ ऐसे भी हैं जो लगातार उनकी आलोचना करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1317def8135b33a2d4978845f4f13216a713120 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75179.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में नगर विकास व आवास की ऐसी योजनाओं में अधिक धनराशि दी है जिससे न सिर्फ शहर चमकेंगे बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी सुधरेगा। नगर विकास विभाग को 20066.98 करोड़ रुपये का बजट दिया है। पिछले बजट से यह 1855.58 करोड़ रुपये अधिक है। सरकार ने जल जीवन मिशन (शहरी) योजना के तहत सभी नगरीय निकायों में घरेलू नल कनेक्शन देने के लिए दो हजार करोड़ रुपये दिए हैं। इसमें अमृत योजना में आने वाले 500 शहर भी शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87d720d81de1e1f19d0dfe6939437dd91e2cab26 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7518.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा, टीवी और थिएटर की दिग्गज अदाकारा सुरेखा सीकरी 16 जुलाई को यह दुनिया छोड़कर चली गयीं और अपने पीछे यादों का पिटारा छोड़ गयी हैं। सुरेखा ने जिन एक्टर्स के साथ काम किया, वो उनकी यादें सोशल मीडिया में साझा कर रहे हैं। आयुष्मान खुराना ने वेटरन एक्ट्रेस के साथ गुज़ारे पलों की एक ऐसी याद शेयर की है, जो झकझोर देती है। अपने अभिनय के लिए तारीफ़ें पाने वाली वेटरन एक्ट्रेस काम के लिए तरस रही थीं। ।आयुष्मान ने सुरेखा सीकरी के साथ 2018 की फ़िल्म बधाई हो में स्क्रीन स्पेस शेयर किया था। इस फ़िल्म में सुरेखा, आयुष्मान की दादी के किरदार में थीं। फ़िल्म में गजराज राव और नीना गुप्ता ने उनके बेटे और बहू के किरदार निभाये थे। बधाई बेहद सफल रही थी और सुरेखा को उनके अभिनय के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला था। + +सुरेखा को याद करते हुए आयुष्मान लिखते हैं- हर फ़िल्म के साथ हमारा एक परिवार बनता है और हम अपने वास्तविक परिवार के मुक़ाबले फ़िल्मी फैमिली के साथ अधिक वक़्त बिताते हैं। ऐसा ही एक ख़ूबसूरत परिवार बधाई हो में भी था। मेरी सभी फ़िल्मों में, यह सबसे मुकम्मल कास्ट के साथ सबसे मुकम्मल परिवार था। सुरेखा सीकरी हमारे परिवार की मुखिया थीं, जो पूरे परिवार में सबसे अधिक प्रगतिशील थीं। आपको पता है, वो असली ज़िंदगी में भी ऐसी ही थीं। पूरी तरह के आधुनिक और दिल से नौजवान। + +आयुष्मान आगे लिखते हैं- मुझे याद है, फ़िल्म की स्क्रीनिंग के बाद जब वो एक ऑटोरिक्शा ले रही थीं, तो ताहिरा और मैंने उन्हें घर के लिए लिफ़्ट दी थी। रास्ते में हमने कहा- मैम, हमारी फ़िल्म का आप असली स्टार हो। और उन्होंने जवाब दिया था- काश, मुझे और काम मिलता। ताहिरा और मैं नि:शब्द हो गये थे। हमने उस कमज़ोर आकृति को अपनी बिल्डिंग की ओर जाते देखा। मेरे लिए यही उनकी आख़िरी याद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75181.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75181.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ef2d50c656a099f9bda1192b74e1d2d8055d55a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75181.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जमसौत मुशहरी गांव की मुख्‍य सड़क (तस्‍वीर: जागरण)।जर्जर इंदिरा आवास में रहता है रानी का परिवार।अब 11 साल की हो चुकी रानी को याद नहीं कि बिल गेट्स ने उसे कैसे गोद में लिया था। उसे ताे यह भी नहीं पता कि बिल गेट्स कौन हैं। केवल इतना बता सकी कि वे कोई बड़े आदमी हैं। मां रुंती देवी बताती हैं कि उस दिन गेट्स ने रानी के साथ-साथ पूरे गांव के लिए भी बड़ी-बड़ी बातें कहीं थीं। लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। रानी के बीमार भाई के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। पिता साजन मांझी कहते हैं कि खाने को रोटी नहीं, इलाज कैसे कराएं? अपना एक कमरे का जर्जर मकान दिखाते हुए उन्‍होंने बताया कि इसमें पूरा परिवार किसी तरह गुजर करता है। पहले के कच्‍चे मकान के बदले इंदिरा आवास ताे मिला, लेकिन अब यह भी टूट चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2d0f0179ab8b64d82f8fbc4245cab54b1a24158 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशेषज्ञों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल के दाम में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी से महंगाई दर बढ़ेगी, जिससे अन्य वस्तुओं की मांग में कमी आएगी, जो रिकवरी के इस दौर में अच्छी बात नहीं है। महंगाई बढ़ने से मैन्यूफैक्च¨रग में तेजी लाने के प्रयास भी प्रभावित होंगे। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो ऐसा खतरनाक चक्र पैदा होगा, जिससे आरबीआइ को नीतिगत दरों में वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसके चौतरफा नकारात्मक असर को थामना बहुत आसान नहीं होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb421300f5ea3d07f98a41d2796b3841e8d93cd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75186.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, नीलू रंजन। पूर्ण राज्य का दर्जा दोबारा मिलने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में आइएएस और आइपीएस जैसे अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर की वापसी मुश्किल है। लंबे समय से आतंकवाद से ग्रस्त रहे जम्मू-कश्मीर में सरकार राज्य कैडर को केंद्र शासित कैडर (यूटी कैडर) में ही बनाए रखने पर विचार कर रही है। ध्यान देने की बात है कि केंद्र सरकार ने सात जनवरी को आइएएस, आइपीएस और आइएफएस के राज्य कैडर को यूटी कैडर में विलय का अध्यादेश जारी किया था और संसद इससे संबंधित विधेयक पर मुहर लगा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6e19e777def45a39bbe52dbae78644eba74fdfe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़े :UP Budget 2021: लखनऊ में बना राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल अटल की यादों को करेगा ताजा, बजट में मिला पचास करोड़ ।यह भी पढ़े : UP Budget 2021-22: देश के पहले यूपी सैनिक स्कूल में बनेगा नया बालिका छात्रावास, दोगुनी होगी क्षमता।एसजीपीजीआइ विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ उज्ज्वला घोषाल ने बताया कि इनफेक्शियस डिजीज एंड वैक्सीन रिसर्च के लिए प्रस्ताव सरकार को दिया था। अब इसे मंजूरी मिल गई है। यहां पर संक्रामक बीमारियों की जांच एवं उसके समाधान के लिए वैक्सीन डेवलपमेंट पर शोध किया जाएगा। मधुमेह लैब में शुगर की बीमारी को नियंत्रित करने व उसके समाधान संबंधी शोध किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3503aeeca3d83cd7af67b197e70bcf34635fb15 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह है खास बात।करीब तीन एकड़ में तालाब है। यह पांच हिस्सों में बंटा है। इसलिए इसको एकाधिक तालाब प्रणाली का नाम दिया गया है। इसको देखकर ऐसा लगता है मानों शहर का कोई बड़ा पार्क हो। आर-पार गलिया हैं। किनारों पर फूलदार, फलदार व छायादार पौधे हैं। गांव की निकासी का पानी इन तालाबों में आता है। अधिक पानी होने की स्थिति में इससे फसलों की सिंचाई भी की जाती है। सुबह-शाम ग्रामीण सैर करते हैं। आराम करने के लिए हट व बैंच की भी व्यवस्था है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01ea118f21394beb9694991b85be2427a80ccd09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेठी, जेएनएन। कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अब अमेठी में ही अपना अशियाना बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री सोमवार को दोपहर 12 बजे गौरीगंज तहसील के उप निबंधक कार्यालय में अपने आवास के लिए भूमि का बैनामा करवाया। स्‍मृति ईरानी ने कहा कि अब अमेठी का सांसद अब अमेठी वालों के साथ रहेगा, जल्‍द ही गांव वालों के साथ मिलकर भूमि पूजन करवाया जाएगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने रकबा 136 एयर, गौरीगंज मेदन मवई में फूलमती की जमीन ली है। इसकी कीमत 12 लाख छह हजार है स्‍मृति ईरानी ने 12 लाख 11 हजार रुपये रजिस्‍ट्री के लिए दिए हैं। गवाह के तौर पर फूलमती का बेटा गया प्रसाद पांडेय और जान सिंह मौजूद रहे। वहीं 50,800 रजिस्‍ट्री स्‍टांप लगे हैं। ।जिला मुख्यालय गौरीगंज के करीब ही सांसद के स्थाई आवास के लिए भूमि पसंंद की गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुकाबले अमेठी में जीत दर्ज करने वाली स्मृति वैसे तो यहां आम चुनाव 2014 में आने के बाद से लगातार सक्रिय रहीं। हार के बाद भी उन्होंने अमेठी से अपना नाता नहीं तोड़ा तो अमेठी ने भी उन्हें दीदी के रूप में स्वीकार किया और आम चुनाव 2019 में अपना सांसद चुना। इसके बाद तिलोई के एक कार्यक्रम में स्मृति ने मंच से ही अमेठी में अपने लिए आवास बनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि अब अमेठी का सांसद अपनों के साथ अपनों के बीच रहेगा। तब से लगातार आवास के लिए जमीन की तलाश हो रही है। कई जगह आवास के लिए जमीन देखी भी गई पर अब आवास के लिए उपयुक्त जमीन मिल गई है। सोमवार को स्‍मृत‍ि ईरानी अपनी इस घोषणा को पूरा करेंगी। भूमि का बैनामा होने के साथ ही आवास का निर्माण शुरू होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d7069367904be4499d52de0a5ca1e53a0c6e19a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, गौरव दुबे। डोपिंग के जाल से निशानेबाजों को बचाने के लिए नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) की ओर से कदम उठाया गया है। इसके तहत हर राज्य में ''एंटी डोपिंग पाठशाला'' का आयोजन अनिवार्य होगा। इसके लिए हर स्टेट में एंटी डोपिंग सेक्शन भी बनाए जाएंगे। इनमें नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के अधिकारी व प्रशिक्षक प्रतिबंधित ड्रग्स के बारे में शूटिंग आफिशियल्स व प्रशिक्षकों को जानकारी देंगे। फिर ये आफिशियल्स व प्रशिक्षक निशानेबाजों को जिलास्तर पर अनिवार्य रूप से इसकी जानकारी देने के लिए सेमिनार करेंगे। इस संबंध में एनआरएअाइ की ओर से पत्र भी जारी कर दिया गया है। कई बार निशानेबाज जानबूझकर प्रदर्शन सुधारने के लिए प्रतिबंधित ड्रग्स का सेवन करते हैं। वहीं कई बार जानकारी के अभाव में इसके शिकार हो जाते हैं। इनसे निशानेबाजों को बचाने के लिए ये पहल की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..447350130e9e75c705cf869879df9170d8fb5b06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75196.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ शेखर सी मांडे। कई बार जिद अच्छे नतीजे दे जाती है। कोविड महामारी को हराने के लिए भारत और भारतीय जिस तरीके से दिन-रात एक किए हुए हैं, वह दिन दूर नहीं जब हम इस पर विजय हासिल करेंगे। लंबे अर्से तक नियंत्रण के बाद एक बार फिर कुछ राज्यों में संक्रमण में बढ़ोतरी दिखी है, लेकिन तमाम एहतियाती उपायों और टीकाकरण के बूते हम इस महामारी के ताबूत में आखिरी कील ठोकेंगे। बीते साल के सितंबर में कोरोना के हर दिन करीब एक लाख नए मामले सामने आ रहे थे। अब देश में रोजाना संक्रमण का औसत 10 से 15 हजार हो चुका है। + +अपनी टीम के साथ कोविड-19 के माडल पर शोध करने भारत आए यूनिवर्सटिी आफ मिशिगन के महामारी विशेषज्ञ भ्रमर मुखर्जी मानते हैं कि मार्च के अंत तक नए मामलों में बहुत तेज गिरावट आ सकती है। सेंटर फार डिजीज डायनामिक्स एंड पालिसी के महामारी विशेषज्ञ रमणन लक्ष्मीनारायण का मानना है कि भारत में दूसरी लहर का अंदेशा नहीं है, अगर आती भी है तो वह बहुत सामान्य होगी। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून आने के दौरान नए संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि सामान्यतौर पर इस सीजन में फ्लू के मामले भी बढ़ जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ae50b347123b1e7ceffaecb8d56750539fea60d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75197.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रो ज्ञानेश्वर चौबे। Coronavirus Vaccine News केरल में इसलिए मामले बढ़ रहे हैं क्योंकि वहां लोग अति जागरूक हैं। अत्यधिक सावधानी के कारण रोजाना भाग-दौड़ करने वालों में अब तक हर्ड इम्युनिटी नहीं बन सकी है। जब तक लाकडाउन था, सब ठीक रहा। जनजीवन जैसे ही सामान्य हुआ, संक्रमण फिर से फैलने लगा। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) surveillance की हालिया रिपोर्ट को देखें तो अन्य राज्यों के मुकाबले केरल में कम इम्युनिटी पाई गई है। फिर भी केरल में कोरोना मृत्युदर भारत की औसत दर से चार गुना कम है और यह राहत की बात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b8169446cdd2b48e0eed40685ee88cca3ddba03 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75201.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कहां खड़े हैं हम। भारत में भले ही 34 दिनों में एक करोड़ टीकाकरण हो चुका हो, लेकिन भारत दुनिया में सर्वाधिक टीकाकरण वाली तालिका में हम पांचवें पायदान पर हैं। एक करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन प्रति सौ लोगों पर टीका लगाए गए लोगों की संख्या 0.76 ही है। इसी से आप अंदाज लगा सकते हैं कि सरकार के प्रयासों के साथ हम सबके निजी प्रयासों की भी जरूरत है। जैसे हम लोगों ने मतदाताओं को वोट डालने के लिए जागरूक किया, वैसे ही टीकाकरण के लिए भी जागरूक किए जाने की दरकार है। भारत में 0.7 फीसद आबादी को ही पहली खुराक मिल सकी है जबकि दोनों खुराक पाने वाली आबादी अभी 0.1 फीसद ही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4458c91a3e695cf6319d4224980bf3bfe5943c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब इस मामले में यदि इस नजरिये से विचार करें कि आखिर इस कानून की जरूरत क्यों पड़ी तो इसकी वजह स्पष्ट है। डिजिटल दुनिया एक विशाल अर्थतंत्र निíमत कर रही है, लेकिन इसका लाभ केवल चुनिंदा संस्थानों को ही हो रहा है। आंकड़ों के माध्यम से देखें तो कुल डिजिटल विज्ञापन का 53 फीसद हिस्सा गूगल और 28 फीसद फेसबुक के पास है। यह एक असंतुलित स्थिति को दर्शाता है। खासकर परंपरागत मीडिया प्रतिष्ठानों के लिए इस दौड़ में टिक पाना मुश्किल हो रहा है। दिलचस्प यह कि लाभ का इतना बड़ा हिस्सा इन कंपनियों को तब मिल रहा है, जब इनके पास अपना कोई कंटेंट नहीं है। यह जरूरी है कि एक संतुलित व्यवस्था बने। यह मीडिया संहिता ऐसी ही कोशिश करती दिखाई दे रही है। चूंकि यह कानून इन दिग्गज कंपनियों को लाभ साझा करने के लिए बाध्य कर रहा है तो स्वाभाविक तौर पर ये इसका विरोध कर रहे हैं। फेसबुक ने इसे स्वायत्तता की समाप्ति बताया है तथा गूगल इसे बाध्यकारी बनाने का विरोध कर रहा है। फेसबुक ने तो विरोधस्वरूप ऑस्ट्रेलिया में अपने प्लेटफॉर्म पर खबरों को प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि गूगल इस मामले में एक वैकल्पिक और स्वायत्त तरीके से ऐसे द्विपक्षीय समझौतों की ओर बढ़ रहा है, जहां मीडिया प्रतिष्ठानों को भुगतान किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fce1f2be6eb49593435bcab7803cf4c3746bc9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। एक कहावत है कि नया मुल्ला जोर की बांग देता है। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नए बने अध्यक्ष नाना पटोले अपनी पहचान जगजाहिर करने के लिए अमिताभ बच्चन एवं अक्षय कुमार को धमकियां देते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों पर कुछ न बोलने वाले इन कलाकारों की शूटिंग वह महाराष्ट्र में नहीं होने देंगे। नाना पटोले उसी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल है। इसके मुखिया उद्धव ठाकरे को बहुत बुरा लगता है, जब यूपी के मुख्यमंत्री ग्रेटर नोएडा में नई फिल्म सिटी बनाने की बात करते हैं। उन्हें लगता है कि अन्य प्रदेश का कोई नेता उनके प्रदेश का फिल्म सिटी उठाए लिए जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75205.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75205.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ccb45cbf843727c3384565c472489fde1ecdb2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75205.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, मनोज जादौन। योगी सरकार की यूपी समिट के सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। श्री तिरुपति ब्रास वेयर की तालानगरी स्थित हार्डवेयर फैक्ट्री जिले का पहला फुली आटोमेटिक कंप्यूटरराइज्ड प्लांट होगा। इसमें वर्टिक मिलिंग मशीन (बीएमसी), कंप्यूटरराइज्ड न्यूमेटिक सेंटर (सीएनसी), राउटर लेजर कङ्क्षटग, एंग्रेङ्विंग, फुली आटोमेटिक अल्ट्राक्लीनिंग, कनवेयरराइज्ड अल्ट्रा रेडियेशन ओवन जैसी आधुनिक तकनीक से लैस मशीनें हैं। जल्द ही पीबीडी प्रेसर बेपरर्स डिपोजीशन (पीबीडी) थ्रीडी मशीन लगने जा रही है। ।लॉकडाउन में भी चला काम।कंपनी के आकांक्षा नाम से लाक्स एंड हार्डवेयर प्रोडक्ट हैं। सीएमडी पवन खंडेलवाल ने फरवरी 2018 में लखनऊ में हुई योगी सरकार की पहली यूपी समिट में 25 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू साइन किया था, जिसमें आधुनिक लाक्स एंड हार्डवेयर की लेजर मशीनों के लगाने का प्रस्ताव दिया था। इसमें आधुनिक उपकरणों से संचालित विदेश व देशी मशीनों की खरीद का प्रस्ताव भी था। कंपनी के पास तालानगरी में सात हजार वर्गमीटर जमीन पहले से ही थी। जिस समय फैक्ट्री का निर्माण चल रहा था, उसी बीच देश में कोरोना संकट गहरा गया। निर्माण कार्य से जुड़े लोग बेरोजगार न हो, इसके लिए कंपनी प्रबंधन ने प्रशासन से अनुमति लेकर फैक्ट्री का निर्माण लाकडाउन में भी जारी रखा। । यह है खासियत।बीएमसी व सीएनसी से लैस यह फैक्ट्री प्रोडक्ट की गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार लाएगी। यह वायु व ध्वनि प्रदूषण रहित होगी। हैंडमेड मशीनों की जगह कोरिया सहित अन्य देशों से आयातित मशीनों का प्रयोग किया गया है। इसमें बीएमसी-सीएनसी मशीनें प्रोडक्ट का डिजाइन तैयार करेंगी। इन मशीनों से प्रोडक्ट के लिए डाई तैयार होगी। राउटर से हर तरह का डिजाइन मेटल पर किया जाएगा। लेजर कङ्क्षटग मशीन से हर तरह का डिजाइन मेटल शीट पर काटा जाएगा। लेजर थ्रीडी एंगे्रङ्क्षवग मशीन से कटोरीनुमा गहराई वाले मेटल प्रोडक्ट का डिजाइन थ्रीडी लेजर मशीन से तैयार होगा। ।निकिल प्लांट की जगह फुल आटोमेटिक ट्रांसपोर्टर प्लांट होगा। आटो क्‍लाीनिंग मशीन से अल्ट्रासोनिक क्‍लाीनिंग से ज्यादा कही ज्यादा सफाई दिखेगी। कनवेयरराइज्ड अल्ट्रारेडिएशन ओवन से मेटल प्रोडक्ट पर लेकर की कई गुना लाइफ बढ़ेगी। इन्फ्रारेड रेडिएशन ओवन से प्रोडक्ट की गुणवत्ता बढ़ती है। फिनिङ्क्षशग शानदार होगी। पीबीडी मशीन से लाइफ लांग फिनिशिंग होगी।    ।गुजरे जमाने की बात होगी हैंडमेड मशीन ।ताला-हार्डवेयर के निर्माण में पहले हैंडमेड मशीनों का प्रयोग होता था। 1925 में बाद चुनिंदा फैक्ट्रियों में ही बिजली से संचालिक पावर प्रेस का प्रयोग हुआ। इंगलैंड के एक जानसन नाम के इंजीनियर ने टाइगर लाक में इसका प्रयोग कराया था। अलीगढ़ के हुनरमंदों ने इस इलेक्ट्रोनिक पावर मशीन को अलीगढ़ में ही बना दिया। इसका निर्यात भी होता है। इस तकनीक के बाद सीएनसी व बीएमसी जैसी आधुनिक मशीन प्रयोग में हो रही हैं। पावर प्रैस की जगह राउटर लैजर कङ्क्षटग प्रयोग हो रही है। यह मोटी-से मोटी चादर को काट देती है। ।हमारे यहां 30 साल से मेटल हार्डवेयर व लाक्स का निर्माण होता है। अभी तक मैकेनिकल मशीन का प्रयोग होती थी। जिसमें पावर प्रेस व ड्रिल मशीन का प्रयोग होता था। डाई बीएमसी का फाइव एक्सिस वर्जन है। यह सबसे आधुनिक मशीन है। हमारी कंपनी में तैयार प्रोडक्ट की फिनिङ्क्षशग का कोई तोड़ नहीं होगा। थ्रीडी सबसे आधुनिक मशीन है। ।पवन खंडेलवाल, सीएमडी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75207.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75207.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f5183470444d9b2d989eb0aaf6bc21e6a313c46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75207.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कारागार में फिल्म दसवीं की शूटिंग के लिए अभिनेता अभिषेक बच्चन आगरा में हैं। वह फतेहाबाद रोड स्थित होटल गेटवे के सुइट में ठहरे हैं। अभिषेक बच्चन रविवार को होटल में ही रुके रहे, बाहर नहीं निकले। अपने सुइट में ही रहे। होटल में अभिनेता के इर्द गिर्द बाउंसर का सख्त घेरा रहा। बाउंसर ने किसी को उनके पास नहीं जाने दिया। फिल्म में अभिनेत्री यामी गौतम की प्रमुख भूमिका है। इसके अलावा निमरत कौर आदि कलाकार भी हैं। शूटिंग सोमवार सुबह से शुरू हो गई है। चूंकि शूटिंग जेल के अंदर हो रही है, इसलिए फैंस को निराशा का सामना करना पड़ रहा है। जेल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। जेल के बाहर लोग फिल्‍मी सितारों की झलक पाने को खड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75210.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adeb1ca8c0ebc47785b9624b153094530cdfc639 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75210.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुजुर्गो की समस्याओं के प्रति परिवार, समाज और सरकार की उदासीनता एक कड़वा सच है। बुजुर्ग लोगों का बड़ा प्रतिशत स्वयं को समाज से कटा हुआ और मानसिक रूप से दमित महसूस कर रहा है। यह असंवेदनशीलता बुजुर्गो के लिए काफी पीड़ादायी है। बुजुर्गो का उत्पीड़न उनके घर से ही शुरू होता है। बुजुर्गो के साथ भेदभाव होना आम बात है, लेकिन वे शायद ही कभी इसकी शिकायत कर पाते हैं और इसे सामाजिक परिपाटी मान लेते हैं। इस भेदभाव से सुरक्षा के बारे में वे बहुत कम जागरूक होते हैं। जब कभी कहीं बुजुर्गो के तिरस्कार की बात उठती है तो दो-चार शब्दों में वक्तव्य, टिप्पणियां, आलोचना और विवेचना के जरिये दुख व्यक्त कर लिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9197b5fd3f4e4c1d72da28ee76ecefddfbad4ad0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। आगरा में चर्चित धारावाहिक सास-बहू औेर साजिश की रील स्टोरी से इतर रियल स्टोरी सामने आई है। इसमें बहू के खिलाफ साजिश रचने वाली सास नहीं है। बल्कि समधन के खिलाफ पर्दे के पीछे से साजिश रचने वाली बहू की मां है। जो बेटी को सास और ससुर का उत्पीड़न करने के टिप्स देती है। पत्नी के मोबाइल से सास की साजिश की रिकार्डिंग सुनने के बाद प्रेम विवाह करने वाले पति को यकीन नहीं हुअा। उसने घर में सीसीटीची कैमरे लगवाए तो पत्नी का अपने सास-ससुर के प्रति रवैया देख यकीन करना पड़ा। पति रविवार को इन साक्ष्यों को लेकर पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंच गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5245d1aa1e56375a8dce0b0744b23c486454914a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह दर जमीन की रजिस्ट्री की दर (3.75 से पांच फीसद तक महिला-पुरुष के हिसाब से) से भी काफी उच्च है। ऐसे में प्लॉटिंग में जीएसटी वसूली के इस आदेश के बाद जमीन के दाम भी बढ़ सकते हैं। यह अपील अभिषेक दरक की ओर से अथॉरिटी में दायर की गई थी। उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अमृत असवाल ने तर्क दिया था कि प्लॉटिंग में उन पर जीएसटी नहीं बनता है। वहीं, स्टेट जीएसटी की उपायुक्त प्रीति मनराल ने जीएसटी लगाए जाने के पक्ष में गुजरात व कर्नाटक के विभिन्न मामलों में दी गई रूलिंग प्रस्तुत की। उन्होंने तर्क रखा कि जीएसटी एक्ट में प्लॉटिंग के समय भूमि में किए गए विभिन्न विकास कार्यों के चलते जीएसटी की वसूली का प्रविधान है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी प्लॉटिंग में संबंधित कारोबारी ने भूमि की लेवलिंग के साथ चहारदीवारी, सड़क, भूमिगत केबल, सीवरेज, पार्क, जल निकासी, वर्षा जल संग्रहण, ओवरहेड टैंक निर्माण आदि के कार्य किए हैैं। लिहाजा, प्लॉटिंग के इस तरह के मामलों में जीएसटी की वसूली की जानी चाहिए। प्रकरण की सुनवाई करते हुए एसजीएसटी सदस्य डॉ. अहमद इकबाल (आयुक्त स्टेट जीएसटी), सीजीएसटी सदस्य पीके गोयल (आयुक्त सीजीएसटी) ने विभाग के तर्क को उपयुक्त पाया। ।वसूली पर मुख्यालय हुआ सक्रिय।अपीलेट अथॉरिटी के आदेश के बाद स्टेट जीएसटी मुख्यालय प्लॉटिंग के प्रकरणों में जीएसटी वसूली को लेकर सक्रिय हो गया है। राज्य कर मुख्यालय के अपर आयुक्त विपिन चंद्र ने सभी कार्यालयों को पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि प्लॉटिंग के सभी प्रकरणों की पड़ताल कर उसकी जानकारी मुख्यालय को भेजी जाए। साथ ही वसूली को लेकर आवश्यक कदम भी उठाए जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a09f72e3ce6882ac4d8f663c860451e085cad7be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही सत्‍ता के लिए खूनी संघर्ष की शुरुआत होती हुई दिखाई दे रही है। एक सप्‍ताह के अंदर दो राजनीतिज्ञों के ऊपर हुआ हमला इस बात की तसदीक कर रहा है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बगाल के मंत्री पर बम से जानलेवा हमला हुआ था और अब राज्‍य के भाजपा अध्‍यक्ष के ऊपर भी हमला किया गया है। इन दोनों ही हमलों के बीच चुनाव के दौर में गरमा रही सियासत है। इस बात को पश्चिम बंगाल की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी मान रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c43cba635a4f9c2dad1011d250c138e96d6b6798 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75219.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांवों के जीवन को आसान की कोशिश ।सीएससी के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने बताया कि सरकार का उद्देश्य गांवों के जीवन को आसान बनाने के साथ गांवों में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि गांवों में सार्वजनिक वाहन भी दिनभर में एक-दो बार जाते हैं और गांव हाईवे से भी दूर होते हैं। गांव से पेट्रोल पंप की दूरी भी काफी अधिक होती है। इन सब वजहों से ग्रामीणों की मोबिलिटी शहरवासियों के मुकाबले कम होती है। यातायात के साधन के अभाव में ग्रामीण चाहकर भी कई बार आवागमन नहीं कर पाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ff2cb3391178f708248871ec9a7c86244b7adbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75224.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुमन सेमवाल, देहरादून। ऋषिगंगा कैचमेंट क्षेत्र से सात फरवरी को निकली जलप्रलय में उतना नुकसान पानी के तेज बहाव से नहीं हुआ, जितना उसके साथ बहकर या उखड़कर आए मलबे से हुआ। मलबे का स्तर रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी में इतना अधिक था कि उससे पानी में गाद (सिल्ट) की मात्रा में 16 गुना तक का इजाफा हो गया था। गाद की यह स्थिति केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों में पता चली। इसी तरह श्रीनगर में नदी में भी गाद का स्तर उच्चतम पाया गया। हालांकि, यहां तक आते-आते मलबा ऊपरी क्षेत्र में ही डंप होने लगा था। फिर भी यहां गाद का स्तर 12 गुना पाया गया। + +उच्च क्षेत्रों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएगा जल आयोग।ऋषिगंगा की आपदा के बाद तमाम सरकारी एजेंसियों को अर्ली वार्निंग सिस्टम की अहमियत समझ में आने लगी है। केंद्र सरकार ने भी इस आपदा को गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि केंद्रीय जल आयोग भी अब अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। ऋषिगंगा व तपोवन क्षेत्र से लौटे केंद्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने क संभावना तलाशी गई है। आपदाग्रस्त क्षेत्र में एसडीआरएफ भी अर्ली वार्निंग सिस्टम लगा रही है। आयोग ने भी तय किया है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों की नदियों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए जाएं। इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही योजना को धरातल पर उतारने का काम शुरू किया जाएगा। उच्च क्षेत्रों में ऐसे स्थल तलाश किए जा रहे हैं, जहां मोबाइल सिग्नल में मिल रहे हों। ताकि आपदा के समय रियल टाइम पर सूचना मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cdff1c806fe44503c1d716dce9691869f2d0ee66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75225.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें- चमोली आपदा के बाद अलकनंदा नदी में 16 गुना अधिक गाद पहुंची।वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार ईको क्लब का गठन लगभग सभी स्कूल-कालेजों में है। वन विभाग इन्हें अपने साथ जोड़कर जनसमुदाय को वनों के संरक्षण-संवद्र्धन के लिए प्रेरित करेगा। यही नहीं, बच्चों को पर्यावरण संरक्षण में वनों की भूमिका, पौधारोपण, नर्सरी आदि के बारे में भी उन्हें जानकारी देगा। साथ ही स्थलीय भ्रमण भी कराएगा। इसके अलावा पक्षियों और वन्यजीवों के संरक्षण के मद्देनजर जनजागरण में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से जहां बच्चे पर्यावरण के सजग प्रहरी बनेंगे, वहीं वे अन्य व्यक्तियों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db70102cc8027f2fa7ad84c519b52987402bc807 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चुनाव में हिंसा की आशंका ।पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक हिंसा की प्रबल आशंका जताई जा रही है। इस आशंका के पीछे बड़ी वजह बंगाल के अपराधियों से झारखंड के अवैध हथियारों के सौदागरों को मिले रहे बड़े ऑर्डर हैं। इसमें देसी कट्टा, नाइन एमएम पिस्टल, कारबाइन, सिक्सर व बम की डिमांड है। बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान की सप्लाई के लिए अलग से कई गिरोह सक्रिय हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि अपराधी डिमांड को पूरा करने में दिन रात लगे हुए हैं। हाल के दिनों में रांची और आसपास के इलाके में अवैध हथियारों के कारखानों पर पुलिस ने दबिश देकर थोक में हथियार बनाने के सामान की बरामदगी की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..831a820d746ea37c78364e0757cfeaa83e370837 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पैसेंजर ट्रेन में किराया की सूची (रुपये में)।कहां से कहां तक               पुराना किराया                   नया किराया।मुरादाबाद से अमरोहा         10,                                30।मुरादाबाद से गजरौला         15,                                35।मुरादाबाद से हापुड़              25,                                50।मुरादाबाद से गाजियाबाद      35,                               65।मुरादाबाद से दिल्ली             40,                                70।मुरादाबाद से नजीबाबाद       25,                                50।मुरादाबाद से चन्दौसी          10,                                30।ट्रेन आने-जाने का समय ॰।बरेली-चन्दौसी-मुरादाबाद-दिल्ली पैसेंजर मुरादाबाद से रात 11:25 बजे चलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b5d7053fe8631f12675a8220a77ad9bb7d4525f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेखा सीकरी आख़िरी बार 2020 में नेटफ्लिक्स पर आयी एंथोलॉजी फ़िल्म घोस्ट स्टोरीज़ की एक कहानी में नज़र आयी थीं। उन्होंने एक बीमार महिला का किरदार निभाया था, जिसकी सेवा में जाह्नवी का किरदार जुटा होता है। इस कहानी को ज़ोया अख़्तर ने निर्देशित किया था। जाह्नवी ने इंस्टा स्टोरी में सुरेखा सीकरी की तस्वीर पोस्ट करके लिखा- सुरेखा मैम। एक सच्ची लीजेंड। आरआईपी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f36adb0c88e3b189435d1436be7c2f78ed3c1987 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75230.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिस्‍सु में पहुंचे सैकड़ों पर्यटक ।रविवार सुबह से ही अटल टनल के नार्थ पोर्टल और सिस्सु में पर्यटकों ने दस्तक देना शुरू कर दी है। पर्यटन स्थल में पर्यटकों का मेला लग गया है। पर्यटक अटल टनल के दीदार कर शीत मरुस्थल लाहुल घाटी में घूमने का आनंद उठा रहे हैं। हालांकि लाहुल घाटी में 25 जनवरी से स्नो फेस्टिवल की धूम मची हुई है। लेकिन हालात सामान्य न होने का कारण पर्यटक स्नो फेस्टिवल का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75231.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75231.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f890f89623a86bb635fad72ed2259fb8d3043de0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75231.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूएन प्रमुख का कहना है कि अमेरिका के इस समझौते के बाहर आने के बाद पेरिस समझौते के तय लक्ष्‍यों को पाने से काफी दूर हो गई थी। इसकी वजह से ये मुहिम कमजोर पड़ रही थी।। अब यूएस की वापसी से इस मुहिम को दोबारा तेजी मिलेगी। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा कि भले ही पेरिस समझौता एक एतिहासिक उपलब्धि हो लेकिन इसमें जो भी संकल्‍प लिया गया है केवल उतना ही पर्याप्‍त नहीं होगा। जलवायु परिवर्तन के जो संकेत इस धरती पर दिखाई दे रहे हैं वो बेहद खतरनाक है। 2020 बीते पांच वर्षों में सबसे गर्म वर्ष रहा है। इस इस दौरान कार्बन डाई ऑक्साइड का रिकॉर्ड स्‍तर रहा। जंगलों की आग से दुनिया का हर कोना प्रभावित हुआ। यदि यही सिलसिला बरकरार रहा तो धरती के तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। ये बेहद विनाशकारी होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20416c633c408a7d654ac1d8aa885d258ed9bc42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75233.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नोएडा [पारुल रांझा]। शिक्षा और संस्कार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जीवन में शिक्षा की सार्थकता तभी पूर्ण होती है, जब वह हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व और आचरण से अभिव्यक्त हो। हमारे देश की मिट्टी के जो संस्कार हैं, वह इसकी अहमियत अच्छे से समझते है, जो वतन की मिट्टी से दूर है। तभी तो विदेश से लौटी शहर की एक बेटी ने आधुनिकता के दौर में भूलते जा रहे संस्कारों को बच्चों में फिर से जागृत करने का बीड़ा उठाया है। सेक्टर-45 निवासी साइकोलोजिस्ट काव्या भारद्वाज ने बच्चों को साक्षर बनाने से पहले संस्कारवान बनाने की पहल की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75234.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75234.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38689963893d25845260ff58382f181109adb681 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75234.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऋषिगंगा पर बनी करीब 300 मीटर लंबी और आठ से नौ मीटर गहरी झील से निरंतर रिसाव हो रहा है। ऐसे में फिलहाल उससे खतरे की संभावना नहीं के बराबर है, मगर भविष्य में यह मुहाना बंद हो गया तो दिक्कत बढ़ सकती है। इसे देखते हुए एसडीआरएफ वहां ऐसा सिस्टम स्थापित करने जा रहा है, जिससे खतरे की आहट का पहले ही पता चल जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75235.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75235.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b458971f2a395e1ae184b5697786fd1ce3896a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75235.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जॉन अब्राहम को देखने के लिए उमड़े दर्शक ।जान अब्राहम को देखने के लिए अलीगढ़ के अलावा भूढ़ा किशनगढ़ी, खानगढ़ी, इकरी, बोरना, बौनेर आदि गांवों से लोग आए थे। सारसौल से पहुंचे सनी राघव ने बताया कि वह जॉन अब्राहम के फैन हैं। उनके स्टंट को पसंद करते हैं। देवेंद्र, आशु, पंडित, राहुल कुमार, मनीष आदि शूङ्क्षटग देखने पहुंचे थे। यूनिट के साथ आए बाउंसरों हवाई पïट्टी के गेट पर लोगों की भीड़ को रोक दिया था। कई बार पुलिस ने भीड़ हटाई। हालांकि, प्रशंसक इसके बाद भी नहीं माने, वो गेहूं के खेतों से होते हुए हवाई पट्टी की चाहरदीवारी तक पहुंच गए। यहां से वह चाहरदीवारी के ऊपर चढ़कर शूङ्क्षटग देखने लगे। कुछ लोगों का कहना था कि कुछ देर शूटिंग देखने को मिल जाए, मगर किसी को अंदर जाने का मौका नहीं मिला। ।घायल होने के बाद फिर शूटिंग पर आए ।फिल्म अटैक की शूङ्क्षटग दिल्ली एनसीआर में शूङ्क्षटग थी। यहां स्टंट सीन में अब्राहम घायल हो गए थे। उन्हें हल्की चोट आई थी। इसके बाद फिर अलीगढ़ में शूङ्क्षटग में शुरू कर दी। ।पूरी यूनिट के साथ पहुंचे हैं ।फिल्म के निर्देशक लक्ष्य राज आनंद पूरी यूनिट के साथ धनीपुर हवाई पट्टी पर थे। छोटी से छोटी चीज यूनिट के पास है। यूनिट में 150 सदस्य हैं।  पांच ट्रकों में यूनिट का सामान आया है। एंबुलेंस, फायरब्रिगेड की गाड़ी आदि है। ।पहली बार इतने बड़े फिल्म की शूटिंग ।अलीगढ़ से तमाम बड़े अभिनेता, गीतकार और संगीतकार रहे। ब्रज भूमि समेत कई फिल्मों की शूङ्क्षटग भी यहां हुई। मगर, पहली बार  बड़े बजट की शूङ्क्षटग हो रही है। ।अंदर की कला जागी तो चला आया ।अलीगढ़ : भले ही उम्र ढल जाए, मगर कला कभी ढलती नहीं। वह हर उम्र में जिंदाा रहती है। बस एक कलाकार को मौका मिलने की जरूरत होती है। जॉन अब्राहम की शूङ्क्षटग देखने पहुंचे ज्ञान मिश्री के अंदर की भी कला वर्षों बाद जा उठी। वो, सारसौल से धनीपुर हवाई पट्टी पहुंच गए। गेट के पास ही बैठे पुरानी फिल्मों के गीत गुनगुना रहे थे। बातचीत में पता चला कि वह अलीगढ़ के रहे मशहूर अभिनेता शिवकुमार के साथ काम कर चुके हैं। ज्ञान मिश्री ब्रज भूमि और सत्ते पर सत्ता फिल्म में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि  बचपन से ही अभिनय का शौक था। इसलिए वह मुंबई पहुंच गए थे। अभिनेता शिवकुमार के फिल्मों से अलग होने के बाद वो भी सक्रिय नहीं रह पाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75236.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75236.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9373067a26857f353bb26ef6e3b646fb55087b96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75236.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद [ दीपक कुमार पाण्डेय ]। National Toy Fair 2021 देश का पहला वर्चुअल नेशनल टॉय फेयर  27 फरवरी से दो मार्च तक दिल्ली में होगा। इस एग्जीबिशन में धनबाद की बेटी प्रीति के अलावा राज्य के तीन और लोगों को चयनित किया गया है। देश के कई हिस्सों से खिलौना बनाने वाले कलाकार इसमें हिस्सा लेंगे। हर प्रतिभागी को न्यूनतम 50 प्रदर्श लाने होंगे। देश के खिलौना निर्माताओं को प्रोत्साहित करने और ग्लोबल मार्केट उपलब्ध कराने के मकसद से केंद्र सरकार ने यह पहल की है। एक वेबसाइट तैयार कर इच्छुक प्रतिभागियों को आयोजन में हिस्सा लेने का मौका दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a9319c10d6e44ee2cc4331e16aead8fadf7131c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। सलाद को जायकेदार बनाने में मूली का अहम रोल है, लेकिन गोरखपुर के अविनाश कुमार के खेत की लाल मूली सलाद को जायकेदार के साथ ही साथ सेहत का भी ख्याल रखती है। इस मूली के खाने से शरीर में एक तरफ कैंसर और हृदय रोग से लडऩे की क्षमता तो विकसित होती है तो दूसरी तरफ यह मूली इम्युनिटी बुस्टर का भी काम करती है। जो कोरोना के संक्रमण में मददगार होती है। इस सीजन में व्यवसायिक रूप से इसकी खेती कर मोटा मुनाफा कमाने के साथ ही अविनाश कुमार दूसरों को इसकी खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..313fd4e8d1c36ef10739953d5b1a578e8fdf16c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75238.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। दीनी तालीम (धार्मिक शिक्षा) का आधार बने मदरसे अब आधुनिक शिक्षा की मिसाल बनने जा रहे हैं। खास बात है कि यह प्रयास मुस्लिम धार्मिक संगठनों ने अपने स्तर पर किया है। मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े संगठनों में शुमार जमीयत उलेमा-ए-हिंद आगामी शैक्षणिक सत्र से ही इसकी शुरुआत करने जा रहा है। इसके तहत 200 मदरसों के छात्रों को दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा से जोड़कर मुख्य धारा में लाने की पहल होगी। इनमें महाराष्ट्र के 100, दिल्ली के 10 तथा उत्तर प्रदेश के 90 मदरसे हैं। यहां पढ़ाई कर रहे करीब चार हजार छात्रों को इस वर्ष राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) का फार्म भरवाकर उन्हें कक्षा 10वीं की परीक्षा में बैठाया जाएगा। + +शिक्षक हैं तैयार, जल्द होगी शुरुआत। उत्तर प्रदेश व दिल्ली के ऐसे 100 शिक्षकों को पुणो में एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके पहले चरण में महाराष्ट्र के 100 मदरसों के 100 अध्यापक प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं। महमूद मदनी के मुताबिक परियोजना के तहत पांच साल में 50 हजार बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ना लक्ष्य है। अभी तो 10वीं की ही परीक्षा एनआइओएस के माध्यम से देंगे आगे 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए भी तैयार किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e343ffcda06ee1e2a98e6c148ff33e2e4f83a237 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने बुमराह और शमी को 19 सदस्यीय टीम में जगह क्यों नहीं दी है? इस बारे में आधिकारिक बयान तो सामने नहीं आई है, लेकिन ये समझा सकता है कि जसप्रीत बुमराह को वर्कलोड के कारण टी20 टीम से बाहर रखा है। एक तरह से जसप्रीत बुमराह को पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए आराम दिया गया है, जबकि मोहम्मद शमी अभी पूरी तरह से फिट नहीं हैं। ऐसे में उनको अभी इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने में समय लगेगा। यही कारण है कि उनको अभी मौका नहीं दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afc87184eb7af213b596b2db54e99ba4e5674087 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि फरहान अख्तर स्टारर ये फिल्म 16 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज की गई है। फिल्म में फरहान अख्तर, मृणाल ठाकुर और परेश रावल अहम भूमिकाओं में हैं। साथ में सुप्रिया पाठक कपूर, हुसैन दलाल, डॉ. मोहन अगाशे, दर्शन कुमार और विजय राज भी अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं। फिल्म का निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया है। फरहान अख्तर और राकेश ओमप्रकाश मेहरा की साथ में यह दूसरी फिल्म है। इससे पहले राकेश ने फरहान को 'भाग मिल्खा भाग' में निर्देशित किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75241.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75241.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de3bd11dc4940838b810c2c78583d8628a184be0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75241.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : आने वाले दिनों में राज्य सरकार बजट की घोषणा करने वाली है। ऐसे में हर वर्ग बजट का इंतजार कर रहा है। शिक्षा जगत में भी बजट को लेकर काफी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन को लेकर भी बजट घोषणा काफी अहम मानी जा रही है। जिले के शिक्षाविदों का कहना है कि शिक्षा की बेहतरी व उत्कृष्ट शिक्षण माहौल बनाने के लिए शोध कार्य को बढ़ावा देने वाला बजट ही होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में जो नए प्रावधान किए गए हैं उनको सही से संचालित करने के लिए अच्छे बजट की बहुत जरूरत है। शिक्षाविदों ने बजट के बारे में क्या विचार रखे आप भी जानिए...। + +डिग्री कालेजों में जूनियर स्कूल हों ।एसवी कालेज से शिक्षाविद डा. वीपी पांडेय ने कहा कि प्रयोगशालाओं के अलावा थ्योरी के लिए भी इंटरनेट संबंधी सुविधाएं जरूरी हैं। इनको बढ़ाना चाहिए। टीचिंग एजुकेशन में चार साल के बीएड पाठ्यक्रम को चलाने के ढांचा चाहिए। इसके लिए सबसे जरूरी है कि डिग्री कालेजों में जूनियर के कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूल भी बनाए जाएं। जिससे वहां बीएड अभ्यर्थी अपना प्रैक्टिकल वर्क कर सके। हर कालेज में शैक्षणिक प्रयोगशाला हों। इन सबको ध्यान में रख बजट का प्रावधान होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69cbdf0b37cc6aeb9e305f1209a2f10b372913d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75242.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +भारत के मणिपुर, असम, त्रिपुरा के अलावा पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश एवं म्यांमार के कुछ भागों में बोली जाने वाली ‘बिष्णुप्रिया मणिपुरी’ भाषा को आर्य कुल की भाषा माना जाता है, जो मराठी, बंगाली, उड़िया, असमिया एवं वैदिक संस्कृत से मिलती-जुलती है। करीब दो सौ साल पहले मणिपुर में यह भाषा एक खास समुदाय के बीच अस्तित्व में थी, लेकिन बाद के वर्षों में उन लोगों की संख्या कम होने से यह विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई। ऐसे में ‘यंग इंडियन लैंग्वेज क्रूसेडर’ के रूप में त्रिपुरा की अलीना सिन्हा कहानियों के जरिये इस भाषा को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। + +अलीना कहती हैं, ‘मैं छोटी-सी कोशिश कर रही हूं। अच्छा लगता है जब मातृभाषा में अपने पैरेंट्स से बात करती हूं या दूसरों को कहानियां सुनाती हूं।’ तमिलनाडु की हर्शिता तमिल में, जबकि कोलकाता की नौ वर्षीय तीस्ता चौधरी भी अपनी मातृभाषा बंगाली में कहानियां सुना रही हैं। ऐसे दर्जनों बच्चों को ‘बिग बड्डी वर्ल्ड’ द्वारा हाल ही में आयोजित ‘भारतीय भाषा आर्ट, आर्किटेक्चर एवं कहानी’ (आइबीएके) प्रोजेक्ट के ‘यंग इंडियन लैंग्वेज क्रूसेडर’ अभियान के तहत अपनी मातृभाषा में कहानियां सुनाने का अवसर मिला। तीन महीने तक चले इस अभियान में हर महीने देश के करीब 24 बच्चों ने अपने-अपने प्रांतों के वीर पुरुषों, पर्व-त्योहार, स्थानीय संस्कृति, विरासत आदि से जुड़ी हुई कहानियां सुनाईं, वह भी अपनी मातृभाषा में। इस दौरान कुल 36 भाषाओं में 66 से अधिक कहानियां सुनाई गईं। + +मंदिरों के शहर की रोचक कहानियां: गुवाहाटी की कृष्णा नारायण को भी जब एक दिन उनकी मां ने मातृभाषा में होने वाली स्टोरीटेलिंग अभियान के बारे में बताया, तो उन्हें वह काफी पसंद आया। वह बताती हैं, ‘मैं मूल रूप से ओडिशा से हूं। उड़िया भाषा बहुत पसंद है। लेकिन गुवाहाटी में रहने के कारण अपनी बोली कम ही सुनने को मिलती है। घर में ही माता-पिता से थोड़ी बातचीत हो जाती है। मुझे कहानियां, किताबें पढ़ने का शौक रहा है। अपने राज्य के बारे में जानने की इच्छा रहती है। इसलिए जब मातृभाषा में स्टोरीटेलिंग का मौका मिला, तो मैंने उसके लिए हां कर दिया।’।कृष्णा के अनुसार, उन्हें हर महीने अलग-अलग थीम पर कहानियां सुनानी होती थीं, जिसके लिए पढ़ना एवं रिसर्च करना जरूरी था। वह कहती हैं, ‘जैसा कि सभी जानते हैं कि भुवनेश्वर को ‘मंदिरों का शहर’ कहा जाता है। वहां का ‘केदार गोरी’ मंदिर भी काफी लोकप्रिय है, जिसके बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं। मैंने उससे जुड़े रोचक तथ्यों को कहानी के रूप में उड़िया में रिकॉर्ड किया, जिसे काफी पसंद किया गया।’ सातवीं कक्षा की छात्रा कृष्णा मानती हैं कि मातृभाषा का दर्जा सबसे ऊपर होता है, क्योंकि वह कहीं बाहर से नहीं, बल्कि अपने परिवार, माता-पिता से ही सीखी जाती है। इसलिए उसमें कुछ समझना या समझाना भी अपेक्षाकृत आसान होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78df12c5deae03c6e0710ea5f054a74de5ad181a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: पटियाला में सीबीआइ रेड बता शिवरात्रि के लिए जमा किए पांच लाख रुपये लूट ले गए लुटेरे।इस सिस्टम में तीन पेरेंट्स होते हैं, जिनमें एक मेल स्टेराइल (ए लाइन), दूसरा मेंटेनर (बी लाइन) और तीसरा पोलिनाइजर (सी लाइन) होता है। ए पेरेंट्स को बी पेरेंट्स से क्रास पोलिनेशन करवा कर सीड पैदा किया जाता है। इसमें फूल आते हैंं। जब एबी लाइन बन जाती है फिर उसका सी लाइन के क्रास से हाइब्रिड बनता है। यह पीओएच वन किस्म होती है। इसमें फूल नहीं आते। एबी किस्म का इस्तेमाल केवल बीज के लिए किया जाता है, जबकि सी से क्रास करके बनी नई किस्म पीओएच का इस्तेमाल केवल व्यावसायिक यानी खाने के लिए किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd6f15466c05b0c1a69aab4206792d97daa9c2d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। अंतरिक्ष परी कल्‍पना चावला के बााद नासा और अंतरिक्ष में चंडीगढ़ की एक और बेटी छा गई हैं। अंतरिक्ष मिशन में देश का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला के बाद अब पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज (पेक) की दूसरी स्टूडेंट वंदना शर्मा ने कमाल कर दिखाया है। इस तरह पेक के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। पेक की स्टूडेंट रही डाॅ. वंदना वर्मा (वैंडी) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के सफलतापूर्वक लांच किए गए मार्स-2020 मिशन टीम का अहम हिस्सा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb970747b8802220ca4ceca20b5a626f322923ea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75245.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण के श्रेणीकरण को लेकर गठित रोहिणी आयोग राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। हालांकि इस दौरान आयोग ने जो आंकड़े जुटाए हैं वे चौंकाने वाले हैं। इसके तहत ओबीसी में शामिल एक हजार से ज्यादा ऐसी जातियां हैं, जिन्हें इस आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। आयोग अब इन्हीं तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर राज्यों के साथ निर्णायक चर्चा की तैयारी में है। + +11 राज्यों के साथ चर्चा करने की योजना ।आयोग ने अगले महीने से देश के उन 11 राज्यों के साथ चर्चा शुरू करने की योजना बनाई है, जो पहले से ही अपने यहां अलग-अलग आधार पर ओबीसी आरक्षण का बंटवारा कर चुके हैं। खास बात यह है कि इन राज्यों में आरक्षण कोटे का बंटवारा किसी एक तय फार्मूले पर नहीं बल्कि वोट बैंक के लिहाज से किया गया है। ऐसे में किसी राज्य में इसे दो श्रेणियों में बांटा गया है, तो किसी राज्य में तीन, चार और पांच श्रेणियों तक इसका बंटवारा किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75248.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75248.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bdbf0d047aa54569a3fa46054a783bda54de66ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75248.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। ट्रेनों में इस्तेमाल करने से पहले देश की सबसे किफायती और आधुनिक सुविधाओं वाली एसी थर्ड इकोनोमी बोगी कई कड़े इम्तिहान से गुजरेगी। इस बोगी का दक्षिण मध्य रेलवे के कई सेक्शनों के बाद राजस्थान में हाइस्पीड ट्रायल किया जाएगा। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के टेस्टिंग निदेशालय की टीम रेनीगुंटा पहुंच गई है। जहां बोगी में ट्रायल के सभी उपकरणों को लगा दिया गया है। अब पांच मार्च तक आरडीएसओ के विशेषज्ञ ट्रायल को पूरा कर अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0bb735ecf5fc37767bab047e27171d5a9c339ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75250.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रामा सेंटर को और प्रभावशाली बनाया जाएगा: एसीएस।अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि बहुत जल्द पूर्वांचल एक्सपे्रस-वे की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए ट्रामा सेंटर को प्रभावशाली बनाया जाना जरूरी है। दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों को सुधारा जाए जिससे हादसे और होने वाली मौतों में कमी लाई जा सके। उन्होंने गुड सेमेरिटन यानी अच्छे नागरिकों को सम्मानित करते हुए आह्वान किया कि सभी को यातायात नियमों का पालन करते हुए स्वयं गुड सेमेरिटन बनना चाहिए। प्रमुख सचिव राजेश कुमार  सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। इसके लिए हर व्यक्ति को जागरूक होना पड़ेगा। सड़क सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में है। इसके लिए सभी विभागों को सामंजस्य बनाते हुए एक साथ योजनाबद्ध तरीके से आगे बढऩा होगा। अपर पुलिस महानिदेशक यातायात अशोक कुमार सिंह ने यातायात नियमों के पालन के लिए सभी को सचेत होने का पाठ पढ़ाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33e42de3446cedef239f338d17cb734679518128 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75253.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जदयू कार्यालय में गुरुवार को आयोजित मिलन समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के सामने लोजपा के कई वरिष्ठ नेता जदयू में शामिल हुए। जागरण आर्काइव।मौके पर चोट करने वाले नीतीश ने लोजपा की चूल हिलाने से पहले चिराग को उनके संसदीय क्षेत्र जमुई में भी घेर दिया है। संसदीय क्षेत्र की चकाई विधानसभा सीट से निर्दलीय जीते चिराग के धुर विरोधी सुमित सिंह को मंत्री बना दिया। सुमित जमुई के प्रभावशाली नेता नरेंद्र सिंह के पुत्र हैं। अब मंत्री सुमित के जरिये जमुई का भला होगा और चिराग को कमजोर करने के लिए जतन किए जाएंगे। देखा जाए तो केवल जदयू ही नहीं, बाकी की भी नजरें चिराग के बंगले (लोजपा का चुनाव चिन्ह) पर है। कुछ दिन पहले कांग्रेस ने भी उसके कुछ नेता झटके थे। उसके बाद भाजपा से टिकट न पाने के कारण लोजपा से लड़े कद्दावर नेता रामेश्वर चौरसिया ने हारने के बाद साथ छोड़ा। राजद ने दल में तो सेंध नहीं मारी, लेकिन वह पूरी पार्टी पर ही निगाह लगाए है। राजद यह मान कर चल रहा है कि जितना कमजोर होंगे चिराग, उतना ही उनके करीब आएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75254.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75254.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4822ea96ef1a46ef99eaec46f4f866fe5b886c1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75254.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बक्‍सर, रंजीत कुमार पांडेय। एक मां के लिए इससे बड़ी टीस क्या होगी कि उसके ढाई साल के बच्चे को देखकर लोग हंसे, दूसरे बच्चे देख कर उसका मजाक उड़ाएं। बक्सर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सिकरौल के बेलहरी गांव की इन्दु देवी इसी दुख के साए में जी रही थी। तीन बच्चों में उसके सबसे छोटे बेटे दीपक को शारीरिक दोष था। उसके पेट से अतिरिक्त दो हाथ और दो पैर निकले थे। लोग उसे देखते तो गरीब पिता वीरेश और उसके परिवार को सांत्वना देते, लेकिन पीठ पीछे बच्चे पर हंसते थे। ।करीब 10 साल पहले, जब दीपक ढ़ाई साल का रहा होगा, जनहित पत्रकारिता के वाहक दैनिक जागरण की नजर उसपर पड़ी। जागरण ने परिवार के दर्द को उजागर करते हुए बच्चे की स्थिति पर खबर दी। उसे देखकर इंग्लैंड में भारतीय लोगों के लिए एनजीओ संचालित करने वाली एक संस्था सहयता के लिए आगे आई। इलाज के बाद साल 2012 में दीपक जब स्वस्थ्य होकर घर लौटा, तब उसके घर में दिवाली मनी। आज 13 साल का दीपक सातवीं कक्षा में पढ़ता है। वह पढ़-लिख कर अफसर बनना चाहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..655f73182a9fc37b61e274b42e6a3112cb9144cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75255.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +बाराबंकी, [प्रेम अवस्थी]। बचपन में गेहूं की नरई (स्ट्रा) से बहुत से लोगों ने खेल-खेल में शर्बत व पानी पिया होगा, लेकिन यह नहीं सोचा होगा कि यही गेहूं की नरई प्लास्टिक के स्ट्रा का विकल्प बन जाएगी। मौजूदा समय प्लास्टिक पर प्रतिबंध के चलते उसके विकल्प के रूप में गेहूं की नरई से बनी पाइप फ्रूटी, जूस व कोल्ड ड्रि‍ंंक पीने के काम में प्रयोग होने लगी है। + +बेंगलुरु निवासी सेवानिवृत्त मेजर जनरल जार्ज पिछले हफ्ते लखनऊ के अपने एक रिश्तेदार के साथ जिले में आए। उन्होंने उप कृषि निदेशक एके सागर के साथ वह हरख ब्लाक के ग्राम दौलतपुर के प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा से सहित कई अन्य बड़े किसानों से संपर्क किया। राम सरन वर्मा ने इस बार चार सौ बीघा गेहूं की फसल बो रखी है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में गेहूं की नरई का स्ट्रा (पाइप) जूस व कोल्ड ड्रि‍ंंक को पीने में इस्तेमाल की जा रही है। वहां की कंपनियों को इसकी जरूरत है। इसके लिए वह पद्मश्री के अलावा गेहूं की अच्छी नरई वाली फसल उत्पादन करने वाले जिले के अन्य किसानों से भी संपर्क कर रहे हैं। साथ ही लोकल स्तर पर इसके भंडारण की भी तैयारी कर रहे हैं। + +हाथ से कटाई ने खींचा ध्यान । पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में कंपाइन से गेहूं की कटाई की जाती है। जिले में सत्तर फीसद से अधिक किसान हाथ से गेहूं की फसल काटते हैं। गेहूं की स्ट्रा की दिल्ली, मुंबई व दक्षिण भारत के बंगलुरु जैसे शहरों में तेजी से इसकी मांग बढ़ी है। ऐसे में इस धंधे से जुड़े लोग उन किसानों के पास पहुंच रहे हैं, जो गेहूं की कटाई मशीन के बजाय हाथ से करते हैं। हाथ से गेहूं काटने पर नरई सुरक्षित रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d25f5d097a755ba5b902fe0c1540f917542fbc6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75256.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, जेएनएन। Lalu Prasad Yadav, Lalu Yadav: राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं मिली है। उनकी जमानत याचिका झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। लालू के वकील कपिल सिब्‍बल और सीबीआइ के बीच कोर्ट में सुनवाई के दौरान चार घंटे तक जोरदार बहस चली। अदालत में पूरी तैयारी के साथ पहुंचे केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआइ के वकील राजीव सिन्‍हा ने एक-एक कर लालू प्रसाद यादव के वकील सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता कपिल सिब्‍बल की सारी दलीलों का जवाब दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f10d6f06d4cb0c2f356bca6fdc4402b6dca842f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें- Haridwar Kumbh Mela 2021:कुंभ के उद्घाटन समारोह में पांच सौ ब्रह्मचारी करेंगे शंखनाद।मदरसों में भी इसके अनुरूप पढ़ाई भी हो शुरू हो गई है। इसी के साथ मदरसों को हाईटेक कर वहां स्मार्ट क्लास चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि मदरसा रहमानिया रुड़की को इस लिहाज से मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए स्मार्ट क्लास चलेंगी। उन्होंने बताया कि यह मॉडल तैयार होने के बाद प्रथम चरण में इसी तर्ज पर प्रदेश के अन्य मदरसों में स्मार्ट क्लास शुरू की जाएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51913b1d4720be6f68a93b5d5f5cfe73920739bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75259.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रीय स्तर पर कर चुके हैं नाम रोशन ।इस गांव में राष्ट्रीय स्तर के 16 कलाकार ग्राम खोला में हर किसी के अंदर प्रतिभा छुपी हुई है। यहां पर जय सतनाम पंथी एवं सांस्कृतिक समिति का विशेष वर्चस्व है। इस समिति के कुल 16 कलाकार हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर चुके हैं। इसमें पद्मश्री राधेश्याम बारले के अलावा देव सिंह भारती, अर्जुन महेश्वरी, पंचराम जांगड़े, जोन कोठारी, शिवनाथ बंजारे, महेंद्र चेलक, गणेश कोसरे, कृष्ण कोसरे, बालक राम कोसरे, बालाराम कोसरे, देवलाल जांगड़े, मिश्रीलाल बारले, टिकम बारले, सुरेश डाहरे, अमरदास कोसरे, सुरेश कुमार डाहरे, महंत सोनवानी हैं। इनके अलावा कई अनेक कलाकार भी हैं जो राज्य स्तर पर अपनी कला से लोगों को प्रभावित कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1e471e486748eff8c73c96a04088af997a8f744 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75261.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। वर्ष 1950 से 1953 के बीच उत्तर व दक्षिण कोरिया के बीच चले युद्ध पर विराम लगाने में तत्कालीन भारतीय सेना अध्यक्ष व पद्म भूषण से सम्मानित जनरल केएस थिमैया का एक महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति दूत की तरह काम किया था और उन्हीं की बदौलत जुलाई 1953 में दोनों देशों के बीच कोरियाई युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर हो पाया था। जनरल केएस थिमैया के इस सराहनीय योगदान के बाद ही भारत व दक्षिण कोरिया के बीच मैत्रेयी संबंध की शुरुआत हुई थी और दिल्ली छावनी के अंतर्गत थिमैया पार्क उसी मैत्रेयी संबंध की शुरुआत का प्रतीक है। ।अगले महीने होगा उद्घाटन।थिमैया मार्ग पर स्थित ये पार्क अब भारत कोरिया मैत्रेयी उद्यान के नाम से जाना जाएगा। असल में दिल्ली छावनी परिषद साढ़े चार एकड़ में फैले थिमैया पार्क को दोनों देशों की मैत्रेयी के प्रतीक के रूप में विकसित कर रही है। अच्छी बात ये है कि विकास कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है और उम्मीद है अगले माह इसका उद्घाटन किया जाएगा। + +कुछ ऐसे स्वागत करेगा भव्य स्टैच्यू।पार्क में प्रवेश के लिए दो द्वार है और दोनों द्वार दक्षिण कोरिया की संस्कृति व ऐतिहासिता को प्रदर्शित करते हुए नजर आते है। द्वार का आकार हूबहू दक्षिण कोरिया में स्थित सियोल के आठ गेट्स की तरह नजर आता है। पार्क में प्रवेश करते ही सामने एक हाथ मिलाता हुआ भव्य स्टैच्यू नजर आता है, जो भारत और दक्षिण कोरिया के मैत्रेयी का अहम प्रतीक है। इस भव्य स्टैच्यू के पीछे सैन्य वर्दी पहने और शान से खड़े जनरल केएस थिमैया का विशाल स्टैच्यू लगाया है। गैरी आट्र्स द्वारा तैयार किए गए इन तमाम स्टैच्यू को फाइबर युक्त सामान से तैयार किया गया है। स्टैच्यू के आसपास लगी लाइट्स दिन ढलने के बाद उद्यान की खूबसूरती में चार-चांद लगा देती है। छावनी परिषद को उम्मीद है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर दक्षिण कोरिया से आने वाले लोगों के लिए ये आकर्षण का केंद्र होगा। सामान्य पार्क की तरह इस पार्क दो ओपन जिम, बच्चों के लिए झूले, बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था, दौड़ने के लिए ट्रैक, स्वच्छ हवा के लिए पर्याप्त हरियाली व खूबसूरती में चार-चांद लगाने के लिए रंग-बिरंगे फूल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75263.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75263.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d4481e6d4643ba381902f90d635bf6ac03d8183 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75263.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फैक्ट ।− कोरोना के केस  10518।− कोरोना संदिग्धों की जांच 528294।− मौत 173।− पहला रोगी -तीन मार्च को खंदारी निवासी जूता कारोबारी और दोनों बेटों में कोरोना की पुष्टिसैंपल लिए गए,।संक्रमित, मौत।मार्च - 849,।12, एक भी नहीं।अप्रैल - 6080।441, एक की मौत।मई -8313 ।439, 41 की मौत।जून -9293। 380, 44 की मौत।जुलाई -29684।566, 13 की मौत।अगस्त- 64771।1145, आठ की मौत।सितंबर -7306।2818, 20 की मौत।अक्टूबर -77235।1528, 18 की मौत।नवंबर -84228।2004, 20 की मौत।दिसंबर -82123।1009, पांच की मौत।जनवरी -69830।143, दो की मौत।फरवरी - 22872 ।33, एक की मौत।कोरोना काल।मार्च -देश का पहला मुकदमा कोरोना महामारी अधिनियम में रेलवे अधिकारी पर दर्ज किया गया।मार्च -आगरा माडल से कोरोना की रोकथाम, मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना से ठीक होने पर कारोबारी से की बात।अगस्त- आक्सीजन की होने लगी कमी, आक्सीजन प्लांट को दी गई अनुमति।सितंबर- कोरोना के सक्रिय केस 900 से अधिक पहुंचे।दिसंबर - कोरोना के केस होने लगे कमफरवरी - एसएन से कोरोना का अंतिम मरीज तालियां बजाकर किया गया विदा।ये करें।मास्क लगाएं, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें, साबुन से हाथ धोएंशारीरिक दूरी का पालन करेंबुजुर्ग और बच्चे जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9729706b1d8808c1ea2d05f776718e9aae6f5d86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीएचडीसीआइएल के उप महाप्रबंधक (कारपोरेट संचार) डॉ. एएन त्रिपाठी ने बताया कि कंपनी ने कासरगॉड सौर पार्क में अपनी पहली 50 मेगावाट की सौर फोटोवोल्टिक पीवी विद्युत परियोजना का विकास करने के साथ केरल सरकार के 105 मेगावाट की क्षमता के सौर विद्युत कार्यक्रम में अहम योगदान दिया है। यह परियोजना, केरल राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के स्तर से उपलब्ध कराई गई 250 एकड़ भूमि पर विकसित की गई है। परियोजना में 165149 मल्टी क्रिस्टिलाइन सौर पीवी मॉडयूल हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा के रूप में 100.56 मिलियन यूनिट का उत्पादन कर रहे हैं। इससे 3.10 रुपये प्रति यूनिट की दर पर केरल राज्य की विद्युत आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। इसके लिए टीएचडीसीआइएल और केएसईबी के मध्य विद्युत क्रय करार पर हस्ताक्षर भी किए गए। ।यह भी पढ़ें-  कोरोना काल के सबक भूले, नहीं दिख रही एहतियात; कहीं महाराष्ट्र जैसे हालात न पैदा कर दे ये बेफिक्री।उन्होंने बताया कि केरल के राज्यपाल आरिफ मौहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विद्युत एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा आरके सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, बिजली मंत्री केरल सरकार एमएम मणि, सांसद शशि थरूर व सचिव (विद्युत) भारत सरकार आलोक कुमार वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb047525f641a09770a189e23fc36b9ad671c771 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75266.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +35 हजार कमाते थे, दे रहे बीस परिवारों को रोजगार : विकास भवन रोड निवासी चरन स‍िंह सेल्स टैक्स विभाग में पत्रवाहक थे। करीब 35 हजार रुपये प्रतिमाह कमाते थे। वह बताते हैं कि यूनिट स्थापित करने के बाद व्यक्तिगत आमदनी तो घटी है, पर बीस परिवारों की आजीविका संचालन में मददगार बनने की खुशी है। यूनिट में प्रतिदिन 15 से 20 हजार मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं। इससे माह में कई लाख का कारोबार हो जाता है। बताया, उनका मकसद पॉलीथिन के खिलाफ लड़ाई है। मिट्टी के बर्तन से गरीबों को रोजगार तो मिलने के साथ ही खाने और पीने में लोगों को प्राकृतिक स्वाद भी मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75268.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75268.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19b7858e3ee08ecb5a30ae39cdb6cf1854508d42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75268.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + बाधा मुक्त ट्रैक जरूरी।धनबाद कोडरमा गया हावड़ा-नई दिल्ली के बीच 160 की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए ट्रैक, सिग्नल समेत अन्य बदलाव किए जा रहे हैं। इसके लिए जहां एलएचबी कोच वाली रैक का इस्तेमाल होगा, वहीं ट्रैक की सुरक्षा के लिए जगह-जगह फेंसिंग की जाएगी। साथ ही रेलवे की कब्जे वाली भूमि को भी खाली कराया जाएगा। तेज गति वाली ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के लिए रेल लाइन का सुरक्षित होना जरूरी है। इससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। उपलब्धता के अनुसार ट्रेनों को एक-एक कर एलएचबी रैक में बदला जाएगा। साथ ही धनबाद डिवीजन में प्रधानखंता से मानपुर तक 40 रेल फाटकों को बंद कर रेल ओवरब्रिज और सब-वे का निर्माण होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7527.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7527.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f3add6c15fe8719d0d98f25df77c7375e0e0f19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7527.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मूल फिल्म से बेहतर बनाना चुनौती:।तेलुगु फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' का निर्देशन कर चुके संदीप रेड्डी वांगा ने उसकी हिंदी रीमेक 'कबीर सिंह' का भी निर्देशन किया था। वह कहते हैं कि जब आप फिल्मों को रीमेक करते हैं तो यह स्वाभाविक खयाल आता है कि लोग फिल्म एक बार देख चुके हैं, अब इसमें क्या नयापन लाऊं, लेकिन यह विचार प्री प्रोडक्शन तक ही रहते हैं। जैसे ही आप एक दूसरे कलाकार को कास्ट्यूम्स में उन इमोशंस को लाते हुए देखते हैं तो अपने आप ऊर्जा दोगुनी हो जाती है। मन में यही खयाल रहता है कि मूल फिल्म के स्तर तक रीमेक को पहुंचाना है या उससे भी ऊपर ले जाना है। वह पैरामीटर हमेशा दिमाग में चलता रहता है। + +हर भाषा में दर्शक चाहते हैं अपना कलाकार:।मलयालम में बनी फिल्म 'दृश्यम' को हिंदी, तेलुगु, तमिल, मंदारिन भाषा में रीमेक किया गया था। अलग-अलग भाषाओं में रीमेक की जरूरत को लेकर मूल फिल्म के अभिनेता मोहनलाल कहते हैं कि हर भाषा के दर्शक अपने हीरो को उस फिल्म में देखना चाहते हैं। मलयालम फिल्म में दर्शक मुझे देखना चाहेंगे, वैसे ही तमिल दर्शक 'दृश्यम 2' में कमल हासन को देखेंगे, तेलुगु दर्शक वेंकटेश को, कन्नड़ दर्शक रविचंद्रन और हिंदी के दर्शक अजय देवगन को ही देखना चाहेंगे। 'दृश्यम' के मुख्य किरदार को अलग भाषाओं में अलग कलाकारों ने निभाया है। उनके किरदारों के नाम भी अलग हैं। हर भाषा में इस फिल्म को सबने अपने स्टाइल से बनाया है। हिंदी कहानी में मैंने छोटे-छोटे बदलाव देखे थे, जो हिंदी भाषी दर्शकों के लिए सही थे। अजय देवगन की परफार्मेंस बहुत अच्छी थी। चाइनीज रीमेक में क्लाइमेक्स को बदल दिया गया है। वहां पर उन्होंने पुलिस के साथ खेलने की कोशिश नहीं की थी। महामारी के बाद भी वह फिल्म चीन में बड़ी कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल हुई थी। अब उन्होंने 'दृश्यम 2' के राइट्स मांगे हैं, जो हमारे लिए बड़ी बात है। कोरियन इसे अपनी भाषा में बनाना चाहते हैं। अगर फिल्म का विषय वैश्विक हो तो फिल्म की रीमेक बनाई जा सकती है। + +दूसरी संस्कृति में फिल्म लगती है नई:।मराठी फिल्म 'लपाछपी' और मलयालम फिल्म 'फारेंसिक' की हिंदी रीमेक का निर्देशन विशाल फुरिया कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जब किसी पुरानी फिल्म को उसी भाषा में रीमेक किया जाता है तो दौर का अंतर साफ नजर आता है, लेकिन जब किसी दूसरी भाषा की फिल्म को हिंदी में रीमेक किया जाता तो सीधे संस्कृति का अंतर हो जाता है। दूसरी भाषा में डबिंग का विकल्प हमेशा होता है, लेकिन जब कहानी को एक संस्कृति से निकालकर दूसरी संस्कृति में सेट किया जाता है तो उससे फिल्म नई दिखने लग जाती है। जैसे मैंने जब अमेरिकी शो 'क्रिमिनल जस्टिस' का रीमेक तैयार किया था तो उस कहानी को भारत में सेट करते ही वह अलग बन गई थी। 'फारेंसिक' और 'लपाछपी' की हिंदी रीमेक फिल्म 'छोरी' के साथ भी ऐसा ही होगा, जब वह फिल्म नए कल्चर में जाएगी तो अलग दिखेगी। रीमेक में जो सबसे जरूरी बात ध्यान में रखनी होती है, वह है कि फिल्म की आत्मा न बदल जाए। कई बार क्षेत्रीय भाषा वाली फिल्में सिर्फ एक ही राज्य तक बंधकर रह जाती हैं। जब फिल्मों को डब किया जाता है तो फिल्म का चार्म कम हो जाता है। अगर फिल्म को सही तरह से रीमेक किया जाए तो पैन इंडिया दर्शकों तक वह फिल्म पहुंचती है। हिंदी इंडस्ट्री की पहुंच ज्यादा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..228f852422b3d07797371c241e33dafbf86d813a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज म्युनिसिपैलिटी बोर्ड (अब नगर निगम) का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां की म्युनिसिपैलिटी में दो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू एवं लाल बहादुर शास्त्री अध्यक्ष रहे हैं। आजादी के पहले प्रयागराज के नगर निगम में कई जननायकों को बोर्ड का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य मिला था। इन्हीं एक थे कामता प्रसाद कक्कड़। उनका सबसे लंबा पांच साल का कार्यकाल रहा था। वे 1924 से 1936 तक अध्यक्ष रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75272.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75272.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87006ef4ba632e55d44402f82517566bbc4e4c91 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75272.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोधी गार्डन..वासंती मौसम में इन फूलों को देख ऐसा लगता है मानों प्रकृति ने नीले आसमान के नीचे सफेद फूलों की चादर बिछी हो। जागरण।वसंत की शोभा : वसंत ऋतु में दिल्ली की खूबसूरती यहां के फूलों से निखर आती है। खूबसूरत अमलताश, जारुल पेड़ पर गहरे गुलाबी रंग के सुंदर फूलों के अलावा इस समय दिल्ली में जगह-जगह कचनार के फूल दिख रहे हैं। पलाश (ढांक, और टेसू), तोता (इंडियन कोरल ट्री) के लाल रंग के फूलों से राहें महक रही हैं। ब्राजील के जकरांड्रा फूलों का बैगनी रंग, सीता-अशोक के फूल, सराय काले खां के रास्तों पर पीले टकोमा फूलों के छोटे पौधे हैं। सेमल बहुत दिलचस्प है। दिल्ली विश्वविद्यालय के पर्यावरण विद फैयाज खुदसर का कहना है कि वसंत में सेमल का अपना आनंद होता है। यह एक ऐसा पेड़ है जिसपर तरह-तरह के पक्षी ही नहीं पालिनेटर भी आकर्षित होते हैं। इसकी पत्तियां और फूल जानवरों के भोजन के काम आती हैं। इनकी कलियों की सब्जी बनाकर खाई जाती है। यह औषधीय गुणों से भरा हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06e56282068c50f0cda80fa714e06a9bd6f3ef68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। नगर निगम ने भले ही डीएबी इंटर कॉलेज के पास की जमीन पर बाउंड्री शुरू करा दी हो लेकिन इसमें अभी कई पेंच फंसे हुए हैं। नगर निगम को इस सम्पत्ति को वक्फ रजिस्टर से निरस्त कराना है। कुछ दिन पहले ही कुछ अराजक तत्वों ने हेर फेर करके इसे वक्फ रजिस्टर्ड में दर्ज कराया था। कुछ लोगों ने जालसाजी करके 1984 में इसे वक्फ संपति घेाषित करा दिया। 37 नंबर रजिस्टर में भी इसका नाम वक्फ संपत्ति हो गया, जबकि इस जमीन से सिया व सुन्नी बोर्ड का कोई भी लेना-देना नहीं है। इसी फर्जीवाड़े के आधार पर मुतवल्ली की तरफ से इसे किरायनामे के नाम पर अन्य लोगों को दे दिया। ।ऐसे हुआ खुलासा।डीएवी कॉलेज से सटी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत के बाद  मंडलायुक्त के आदेश पर एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह इसकी जांच की तो बड़ा खेल निकल कर आया । पता चला कि डीएवी कालेज की पास की जमीन में बड़ा पर्दाफाश हुआ है। यह जमीन नगर निगम की है। आजादी से पहले ही यह जमीन कागजों में  कब्रिस्तान के नाम दर्ज है। 1952 के जमींदारी उन्मूलन के बाद भी इसका कोई स्वरूप नहीं बदला। इसमें भी यह कब्रिस्तान के रूप में ही दर्ज रहीं, लेकिन कुछ लोगों ने जालसाजी करके 1984 में इसे वक्फ संपति घेाषित करा दिया। 37 नंबर रजिस्टर में भी इसका नाम वक्फ संपत्ति हो गया, जबकि इस जमीन से सिया व सुन्नी बोर्ड का कोई भी लेना-देना नहीं है। इसी फर्जीवाड़े के आधार पर मुतवल्ली की तरफ से इसे किरायनामे के नाम पर अन्य लोगों को दे दिया। हालांकि, राजस्व विभाग के गाटा संख्या 1995 में अब भी यह जमीन कब्रिस्तान में ही दर्ज है। इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। अब नगर निगम ने कब्जा लेना शुरू कर दिया है। हालंकि, अभी नगर निगम को इसे रजिस्टर से निरस्त कराना होगा। हालांकि, राजस्व कागजों में अब भी यह जमीन कब्रिस्तान में दर्ज है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2da62f6bf5368a73230166e305659467b630d76f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75276.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवंबर, 2004 से हुई थी दोबारा शुरुआत।नवंबर, 2004 में करीब 20 वर्षों के बाद ताजमहल को दोबारा रात में खोला गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्णिमा के अवसर पर माह में पांच दिन ताजमहल खोलने की व्यवस्था हुई। तब से माह में पांच दिन (पूर्णिमा, उससे दो दिन पूर्व और दो दिन बाद) रात में ताजमहल खोला जाने लगा। इसमें एक दिन में 50-50 पर्यटकों के आठ ग्रुप रात 8:30 से 12:30 बजे तक आधा-आधा घंटे तक वीडियो प्लेेटफार्म से ताज देखते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87dbc61aea36f67eb6e63825d9810de9572f76c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75278.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में बीते एक साल में अपराधों में कमी जरूरी आई, लेकिन इस दौरान पुलिस विभिन्न चुनौतियों से जूझती रही। वर्ष की शुरुआत में नागरिकता संशोधन काननू (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध, फिर इस वजह से भड़के दंगे और साल बीतते-बीतते तक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के बीच कानून-व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए पुलिस ने कड़ी मशक्कत की। साथ ही अपराध पर अंकुश लगाने के लिए भी जी-जान से जुटी रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75279.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75279.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be2698152a2b72df9e172362c2cffe2e3bf59b73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75279.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अदालत ने पुलिस की इस दलील को स्वीकार करते हुए दिशा को तीन दिन के लिए पुलिस रिमांड में रखने की मंजूरी दी। असल में दिशा की पांच दिन की रिमांड शुक्रवार को खत्म हो गई थी जिसकी वजह से उसे अदालत में पेश किया गया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान दिशा ने पूरी साजिश के लिए निकिता और शांतनु को जिम्मेदार ठहराया है, ऐसे में सभी आरोपितों को एक-दूसरे के सामने लाकर साथ पूछताछ करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा पुलिस की तरफ से अदालत को यह भी बताया गया कि दिशा रवि ने जमानत की अर्जी दी है, इस अर्जी पर 20 फरवरी को सुनवाई होनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..becc34ad833713fb355f9ac35024ed700c200b51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75280.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गर्मी के सीजन में ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को पानी की समस्याओं के जूझना पड़ता है। कोच में पानी नहीं होने से यात्री चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक देते हैं। प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन की सभी बोग‍ियों में पानी भरने में 15 मिनट का समय लगता है। रेलवे ने कम समय में ट्रेनों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर अधिकतम सात मिनट का स्टॉपेज कर दिया है। इसके कारण लंबी दूरी की ट्रेनों में पानी नहीं भर पाता है। पानी के कमी से कई ट्रेनों के यात्री सुबह फ्रेश तक नहीं हो पाते हैं। बजट मिलने के बाद रेलवे द्वारा जारी पिंक बुक में ट्रेनों में क्यू वाटरिंग सिस्टम लगाने की व्यवस्था की गई है। इसके ल‍िए उत्तर रेलवे के पांच स्टेशनों का चयन किया गया है। इसमें मुरादाबाद, नई दिल्ली, वाराणसी, हजरत निजामद्दीन और लुधियाना रेलवे स्टेशन शामिल हैंं। इसके लिए 33.28 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। क्यू वाटरिंग सिस्टम एयर प्रेशर से पानी भरने की व्यवस्था की गई है। इससे 24 कोच वाली ट्रेनों के सभी बोगी में पांच मिनट से कम समय में ही पानी भर जाएगा। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि ट्रेन में पानी भरने की समस्या के निदान के लिए पिंक बुक में 33.28 करोड़ रुपये का प्रावधान क‍िया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में काम को पूरा कर लिया जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1eabe67fd8c6757d99cc1edf9d0c1eeee3c156f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में मेरे साथ ठक-ठक गिरोह वाली घटना हुई। दो आदमियों ने मेरी गाड़ी को ठक-ठक किया। जब मैंने गाड़ी का शीशा नीचे किया तो उन लोगों ने कार में कळ्छ खराब होने की बात कही। कार रोककर जब मैं खराबी देखने के लिए नीचे उतरी तो इस दौरान गाड़ी की अगली सीट पर रखा मेरा बैग पार हो गया, जिसमें कुछ जरूरी कागजात, कुछ नकदी और गैजेट्स थे। पुलिस आज तक कोई सुराग नहीं ढूंढ़ पाई है, लेकिन रात में ड्राइविंग को लेकर मैं जरूर डर गई हूं। जब शहर में रहकर इस तरह की स्थितियां मैं झेल रही हूं तो ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए रात में काम करना कितना मुश्किल होता होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06ecfefb182b26a69d9b393ef178c4cb2bd76e04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75283.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्‍वात घाटी में जन्‍मी मलाला को अखर गया तालिबान का यह फरमान ।मलाला यूसुफजई का जन्‍म वर्ष 1997 में पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत की स्‍वात घाटी में हुआ था। उस वक्‍त स्‍वात घाटी में तालिबानियों का आतंक था। यह घाटी पूरी तरह उनके कब्‍जे में थी। कुछ सरकारी प्रतिष्‍ठानों को छोड़कर सब पर तालिबान का कब्‍जा था। 2008 में तालिबान ने यहां लड़कियों की पढ़ाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी। आतंकियों के डर से लड़कियों ने स्‍कूल जाना बंद कर दिया था। पूरी स्‍वात घाटी में तालिबान के भय से डांस और ब्‍यूटी पार्लर बंद कर दिए गए। उस वक्‍त मलाला आठवीं की छात्रा थी। बाल्‍यावस्‍था में यह बात मलाला को अखर गई। उनके संघर्ष की कहानी यहीं से शुरू होती है। ।एक भाषण और बीबीसी डायरी के चलते तालिबान की बनीं जानी दुश्‍मन ।तालिबान के इस फरमान के बाद मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई उनको पेशावर लेकर चले गए। 11 वर्ष की उम्र में मलाला ने नेशनल प्रेस के सामने एक जबरदस्‍त भाषण दिया। इस भाषण का शीर्षक था 'हाउ डेयर द तालिबान टेक अवे माय बेसिक राइट टू एजुकेशन।' इस भाषण के बाद मलाला तालिबान को खटकने लगीं।  वर्ष 2009 में मलाला ने अपने छद्म नाम गुल मकई नाम से बीबीसी के लिए एक डायरी लिखना शुरू किया। बीबीसी की डायरी लिखने के लिए तालिबान के डर के कारण मलाला का यह छद्म नाम पड़ा। दिसंबर, 2009 में उनके पिता जयाउद्दीन ने अपनी बेटी की पहचान को सार्वजनिक किया। अपनी इस डायरी में उन्‍होंने पाकिस्‍तान के बंद समाज से लेकर तालिबान के आतंक की पूरी कहानी लिखी। उन्‍होंने स्‍वात में तालिबान के दुष्‍कर्म का वर्णन‍ किया। इस डायरी के बाद वह दुनिया की नजरों में आईं और तालिबान की जानी दुश्‍मन बन गईं। ।2012 में तालिबान चरमपंथियों ने मलाला को मारी गोली ।इस तरह मलाला तालिबान की जानी दुश्‍मन बन गई। वर्ष 2012 में तालिबान चरमपंथियों उस बस पर सवार हो गए, जिस पर मलाला स्‍कूल जा रही थी। बस में सवार एक आतंकवादी ने मलाला के बारे में जानना चाहा, उसका इरादा उसे जान से मारने का था। उस वक्‍त बस में बैठै सभी बच्‍चे मलाला की ओर देखने लगे और उसकी पहचान हो गई। तभी उस आतंकवादी ने मलाला पर गोली चलाई, यह गोली उसके सिर पर लगी। इसके बाद मलाला इलाज के लिए ब्रिटेन चली गई। लंबे समय तक इलाज के बाद वह ठीक हुई और पाकिस्‍तान वापस लौटी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75284.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75284.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..877252468f00c4a4aef15018c0febf7742a3c121 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75284.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नित्यानंद दास। भारत में इंटरनेट मीडिया के बेलगाम होते दौर में इसके अनेक दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। समय आ गया है कि इस बारे में समग्रता से विचार किया जाए। दरअसल भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) एक्ट में वर्ष 2008 के बाद से कोई खास संशोधन नहीं हुआ है। अच्छी बात यह है कि अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के साथ चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार इंटरनेट मीडिया के विनियमन के संबंध में एक प्रारूप तैयार कर रही है। इस प्रारूप में इंटरनेट मीडिया के विभिन्न आयामों, स्ट्रीमिंग और ओटीटी प्लेटफॉर्म समेत समाचारों से संबंधित वेबसाइट्स के लिए नियम तय किए गए हैं। + +नए नियमों के अनुसार इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। यह अधिकारी 24 घंटे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निर्देशों का जवाब देगा। इसके अलावा, सरकार सूचना प्रौद्योगिकी/ आइटी अधिनियम की धारा 79 में संशोधन भी कर रही है। दरअसल केंद्र सरकार चाहती है कि इंटरनेट मीडिया कंपनियां घृणा, अफवाह और नफरत फैलाने वाले कंटेंट को हटाने के संबंध में अधिक संवेदनशील हों। ज्ञातव्य है कि भारत में इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पहले से ही सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) अधिनियम, 2008 के दायरे में आते हैं। + +सनद रहे इंटरनेट मीडिया के विनियमन के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करने का प्रयास कई बार किया गया कि ऑनलाइन निजता के अधिकार को बनाए रखने, घृणास्पद संदेशों को फैलने से रोकने तथा फेक न्यूज की उत्पत्ति का पता लगाने के संदर्भ में इंटरनेट मीडिया का विनियमन आवश्यक है। एक आंकड़े के मुताबिक आज देश में इंटरनेट मीडिया के करीब 70 करोड़ यूजर्स हैं। यानी यह अभिव्यक्ति का बड़ा मंच बन चुका है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हालिया कई विवादों को देखते हुए यह आभास होने लगा है कि बेलगाम होते इस प्लेटफॉर्म के लिए आइटी से जुड़े पुराने नियमों की समीक्षा कर नए नियम-कायदे बनाना जरूरी है। अगर आइटी नियमों को और अधिक मजबूत बनाया जाता है तो इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म भारतीय कानून के प्रति ज्यादा जवाबदेह होंगे। नए नियमों के आने से डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारतीय आचार संहिता का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0b428ef1f16b312f0650d45a85ca5acba4dbfd3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75285.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, मुन्नालाल शर्मा। कल-कल करती कालिंदी (यमुना) ने करवट ले जगह बदली तो आगरा जिले के तटवर्ती गांवों में आने वाले खेत अब फीरोजाबाद जिले की सीमा में पहुंच गए हैं। जिंदगी दांव पर लगा ट्यूब के सहारे नदी पार कर किसान अपने खेतों में जाते हैं। पांच दशक में लगातार नदी के कटान के चलते यह हालात पैदा हुए हैं। ग्रामीण कहते हैं कि यदि यमुना के किनारे पर जगह-जगह ठोकरें बन जाएं तो नदी का कटान थम जाएगा। ।फतेहाबाद के तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज और समोगर यमुना नदी से सटे गांव हैं, उस पार फीरोजाबाद है। ग्रामीण बताते हैं कि करीब 50 वर्ष पूर्व यमुना नदी गांव के किनारे बहती थी, लेकिन लगातार कटान से अब सदर तहसील क्षेत्र से होकर गुजर रही है। उनके खेत जो पहले सदर तहसील में थे, अब फीरोजाबाद की सीमा में पहुंच गए हैं। जिससे फसल की देखरेख में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। ग्रामीण कहते हैं कि यदि कटान न रोका गया तो तनौरा गांव यमुना नदी में समा जाएगा। + +हल नहीं हो पाते राजस्व से संबंधित मामले।गांव कबीस निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य बहादुर सिंह और नगला बिंदू निवासी जिला पंचायत सदस्य सकला सिंह ने बताया कि 50 वर्ष पूर्व यमुना नदी वर्तमान स्थान से करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूर अनवारे के पुल के पास बहती थी। धीरे-धीरे कटान के कारण ये तनौरा गांव तक पहुंच गई। इस वजह से इन गांवों में जमीन की पैमाइश भी नहीं हो पाती। गांवों के राजस्व से संबंधित मामले भी नहीं हल हो पाते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e65bc3a813e540289935107f4a21c3f1cb21b5f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75288.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेला हरिद्वार में ड्यूटी पर आने वाले रेल कर्मियों को कोरोना से बचाव का टीका लगाने की व्यवस्था की है। ड्यूटी पर आने वाले अधिकांश कर्मियों को टीका लगाया जा चुका है। मुरादाबाद रेल मंडल के मुख्यालय पर डीआरएम समेत अन्य अधिकार‍ियों के आफिस हैंं। अधिकांश अधिकारी कुंभ मेला में आने वाले भीड़ को देखकर निरीक्षण करने हरिद्वार जाते हैं। इन अधिकारियों को टीका लगाने के आदेश मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग को द‍िए गए हैं। इसके साथ ही मेला ड्यूटी पर जाने वाले आरपीएफ जवानों को भी टीका लगाया जाएगा। जिले के स्वास्थ्य विभाग ने 22 फरवरी को 250 आरपीएफ जवानों को टीका लगाने की व्यवस्था की है। आरपीएफ जवानों को रेलवे अस्पताल व जिला अस्पताल में टीका लगाना प्रस्तावित है। हरिद्वार निरीक्षण करने जाने वाले अधिकारी जिसमें डीआरएम, एडीआरएम समेत अधिकांश ब्रांच आफिसर शामिल हैंं, उनके टीकाकरण के ल‍िए पोर्टल पर नाम आदि फीड किया जा रहा है। माना जा रहा है कि 27 फरवरी तक टीका लग जाएगा। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि पोर्टल पर जैसे ही टीका लगाने का नाम आ जाए, तत्काल अस्पताल जाकर टीका लगवा लें। मंडल वाणिज्य प्रबंधक गौरव दीक्षित ने बताया कि कुंभ मेला की तैयारी का निरीक्षण करने जाने वाले अधिकारियों को आवश्यक रूप से टीका लगाने के आदेश म‍िले हैं। फरवरी में सभी अधिकारियों को टीका लग जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7246e07dc0601ea6f05d0353ae2aadd3dc2f52a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75290.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[अमित तिवारी], मेरठ। IPL Auction: क्रिकेट की चर्चा देश में जहां भी हो, उसमें मेरठ का नाम मजबूत दावेदारी के साथ रहता ही है। प्रवीण कुमार, भुवनेश्वर कुमार, कर्ण शर्मा जैसे अंतररासष्ट्रीय खिलाड़ियों के बाद प्रियंम गर्ग ने राष्ट्रीय फलक पर दमदार उपस्थित दर्ज करा दी है। पिछले आइपीएल सीजन की नीलामी में प्रियम गर्ग सनराइजर्स हैदराबाद टीम का हिस्सा बने। उसी तरह मेरठ के सौरभ कुमार ने रणजी ट्राफी में उत्तर प्रदेश की टीम से खेलते हुए अपने दमदार प्रदर्शन के बाद इस साल के आइपीएल आक्शन में किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा बन गए हैं। आल राउंड सौरभ कुमार के नाम फस्र्ट क्लास क्रिकेट में 44 मैचों में 192 विकेट दर्ज है जो उन्हें उनकी श्रेणी में विशेष स्थान दिलाता है। सौरभ वर्तमान में इंग्लैंड के खिलाफ खेल रही भारतीय क्रिकेट क्वाड में अतिरिक्त गेंदबाज के तौर पर शामिल हैं। वह टीम के साथ इन दिनों तीसरे टेस्ट मैच के लिए अहमदाबाद में हैं। + +रणजी में 44 मैच, 192 विकेट। मेरठ के कंकरखेड़ा में श्रद्धापुरी फेज-दो के निकट सैनिक विहार के रहने वाले सौरभ कुमार साल 2016 से उत्तर प्रदेश की रणजी ट्राफी टीम का हिस्सा हैं। सौरभ ने रणजी ट्राफी के 44 मैचों में 192 विकेट लिए हैं। पिछले सीजन में आठ मैचों में 55 विकेट चटकाने के बाद ही सौरभ का चयन भारतीय टीम के 22 के स्क्वाड में स्थान बनाने में सफल हुए और भारतीय टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ इंग्लैंड के खिलाफ चल रही सिरीज में शामिल हैं। लेफ्ट आर्म लेग स्पिन गेंदबाज और लेफ्ट हैंड बैट्समैन सौरभ आल राउंडर के तौर पर खेलते हैं। सौरभ के पसंदीदा क्रिकेट भी आलराउंडर रविंद्र जडेजा हैं। + +पुने टीम में भी हुए थे चयनित। इससे पहले सौरभ का चयन साल 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट टीम में हुआ था लेकिन वह एक भी मैच नहीं खेल सके थे और बाद में टीम भी रद कर दी गई थी। जुलाई 2018 में 2018-19 के दलीप ट्राफी के लिए इंडिया ब्लू में चयनित हुए। दिसंबर 2018 में 2018-19 रणजी ट्राफी के लिए चुने गए और हरियाणा के खिलाफ 65 रन देकर 14 विकेट झटकने के बाद अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करा दी थी। उत्तर प्रदेश टीम की ओर से रणजी ट्राफी में यह किसी गेंदबाज की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धी थी। उस साल सौरभ रणजी ट्राफी में सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने। सौरभ ने उस सीजन में 10 मैचों में 51 विकेट लिए थे। अगस्त 2019 में एक बार फिर 2019-20 दलीप ट्राफी के लिए इंडिया ब्लू में चुने गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6dccb552adf0aa91aeccfcf7813e5db3ef545144 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75291.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) ने गत वर्ष लाकडाउन के दौरान 4 से 10वें हफ्ते के बीच एक अध्ययन किया। जिसमें पाया गया कि योग करने वालों को तनाव, घबराहट, अवसाद और ¨चता नहीं थी। विकट परिस्थितियों में भी मानसिक रूप से शांत थे। इसके उलट योग नहीं करने वाले लोग तनाव, अवसाद और घबराहट के शिकार थे। हाल ही में यह अध्ययन एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में भी प्रकाशित हुआ है। अप्रैल से जून तक अध्ययनविज्ञानियों ने 26 अप्रैल से 6 जून तक 643 लोगों पर अध्ययन किया। इनमें योग करने वाले, योग ना करने वालों के साथ ही अन्य आध्यात्मिक क्रियाएं करने वाले लोग शामिल थे। सहुलियत के लिए योग करने वालों को भी तीन श्रेणियों में बांटा गया। पहला लंबे समय से योग करने वाले, दूसरा एक साल से कम समय से योग करने वाले एवं तीसरे वो जिन्होने लाकडाउन के दौरान योग शुरू किया। इनसे फोन पर बातचीत करके, ईमेल से सवाल-जवाबों के जरिए, गूगल डॉक के जरिए लाकडाउन के दौरान की जिंदगी की पड़ताल की गई। + +इन लोगों पर हुआ अध्ययन। 643 व्यक्तियों पर अध्ययन हुआ। जिसमें 42.7 फीसद यानी 416 पुरुष जबकि 34.7 फीसद (223) महिलाएं थी। इसमें छात्र, नौकरीपेशा, गृहणी भी शामिल थी। कुल प्रतिभागियों में से 53.2 स्नातकोत्तर जबकि 23.2 स्नातक थे। विज्ञानियों ने बताया कि 59.6 (384) योग करते थे। जबकि 40.4 (259) योग नहीं करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60960ea91811f0716f766c12f53269c308d8de3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75292.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2016 में साई सेंटर में मिला प्रवेश: शारदानंद ने वर्ष 2016 में साई सेंटर लखनऊ के लिए ट्रायल दिया। यहां इस युवा खिलाड़ी की तेजी और खेल को देखकर साई प्रबंधन प्रभावित हो गया और शारदानंद को प्रवेश मिल गया। 17 वर्षीय खिलाड़ी के करियर में यह अहम मोड़ साबित हुआ। यहां शानदार खेल की बदौलत महज तीन साल के भीतर ही शारदानंद को बड़ी कामयाबी मिली। पहले उन्हें जूनियर नेशनल के लिए उत्तर प्रदेश टीम में जगह मिली। इस चैैंपियनशिप में राज्य की टीम ने रजत पदक जीता। इसके अलावा उन्हें सीनियर नेशनल में भी यूपी टीम में चुना गया। हालांकि, इस टूर्नामेंट में उप्र की टीम कुछ कमाल नहीं कर सकी थी। वर्ष 2019 में मलेशिया में हुए सुल्तान जोहोर कप के लिए शारदानंद को जूनियर भारतीय टीम में जगह दी गई। यह टूर्नामेंट उनके लिए वरदान साबित हुआ। इस दिग्गज डिफेंडर ने यहां रजत पदक जीतकर खूब सुर्खियां बटोरी। यही नहीं, वर्ष 2020 में खेलो इंडिया में उत्तर प्रदेश के लिए गोल्ड जीतने में बड़ी कामयाबी हासिल की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bade8954cdaf2c5cf57dda9037c2fd53e63f430 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75293.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : प्रदेश सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए बड़ी तैयारी कर रही है। हर तहसील में एक गो संरक्षण केंद्र बनेगा। पशुपालन विभाग ने खैर, इगलास व कोल तहसील में गो संरक्षण केंद्र के लिए जमीन चिह्नित कर निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन में भेज दिया है। एक गो संरक्षण केंद्र पर 1.20 करोड रुपये खर्च होंगे। तीनों के लिए 3.60 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। एक केंद्र में करीब दो हजार गोवंश का संरक्षण हो सकेगा। जिले के अतरौली व गभाना तहसील में पहले से ही गोसंरक्षण केंद्र हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a79527cebdfd0ce141ce397d7161db0e4833e376 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75295.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2005 में हारे तो रेल मंत्री बने और छा गए । साल 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में जब नई सरकार का गठन हुआ तो लालू की करिश्माई राजनीति को थोड़े समय के लिए ग्रहण जरूर लगता दिखा, लेकिन तब लालू ने बिहार के बदले दिल्ली को अपना कार्यक्षेत्र बनाया और वहां भी रेल मंत्री के रूप में खासे चर्चित होने लगे। घाटे में चल रहे रेलवे का पहली बार मुनाफे का बजट बनाया और छा गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a16fd01a83321152c34d64339f5aba793f3f66ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75299.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। एक साल पहले जब कोरोना संक्रमण फैला था, तब से अब तक विभिन्न देशों में इसके लक्षण और प्रभावों को लेकर व्यापक स्तर पर अध्ययन जारी है। अक्सर ही नई जानकारियां सामने आती रहती हैं। अब तक यह साफ हो चुका है कि कोरोना संक्रमण में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द व खांसी जैसी समस्याएं होती हैं, लेकिन अब एक जटिल समस्या भी सामने आने लगी है। विशेषज्ञों ने इसे ब्रेन फॉग नाम दिया है। कोरोना संक्रमण के ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक चलने वाली यह बीमारी लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव छोड़ रही है। आइए, जानते हैं कि ब्रेन फॉग क्या है, यह खतरनाक क्यों है और इससे किस प्रकार निजात मिल सकती है..।केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर।यह एक गंभीर चिकित्सकीय अवस्था है, जिसमें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र सही तरीके से काम नहीं करता। चेतना बाधित होती है, जिसकी वजह से थकना व दुविधा की स्थितियां पैदा होती हैं। इसके अलावा ब्रेन फॉग ध्यान और याददाश्त को भी प्रभावित करती है। प्रभावित व्यक्ति उचित निर्णय नहीं ले पाता। + +बात रखने में भी होती है कठिनाई।अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका मेडरिक्सिव में प्रकाशित हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के करीब 58 फीसद मरीजों ने ब्रेन फॉग या मानसिक दुविधा के लक्षण दिखाई दिए। इस प्रकार कोविड-19 के अहम लक्षणों में ब्रेन फॉग भी शामिल हो गया। कोरोना मरीज बताते हैं कि उन्हें अपने विचारों को व्यक्त करने अथवा संदेश देने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि बोलने के दौरान प्रवाह भी बाधित होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa1c35b2cefc0181bfcdba02424e517f53c65351 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7530.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राखी सांवत ने लगाया शाहरुख पर किस करने का आरोप!।दरअसल, हुआ ये कि करण जौहर के शो पर शाहरुख खान के सामने थे रैपिड फायर राउंड। करण जौहर वैसे तो अपने इस शो में गेस्ट की बोलती बंद कर देते हैं पर शाहरुख के सामने करण की भी एक ना चली। करण ने शाहरुख खान से पूछा कि अगर राखी सावंत ने आप पर खुद को जबरदस्ती किस करने का आरोप लगाया तो आप क्या करेंगे? इसके बाद जो हुआ उसे सुनकर आपकी भी हंसी छूट जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81e0ef51a58097d582b8596e3845a08e1e777dc0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75300.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें- Haridwar Kumbh Mela 2021: कुंभ में अल्मोड़ा की गगरी में भेंट करेंगे गंगाजल।राज्मयंत्री आर्य के मुताबिक प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक बालिकाएं व महिलाएं 24 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं। ये आवेदन पत्र संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय से प्राप्त होंगे। 25 फरवरी तक आवेदन पत्र महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास निदेशालय पहुंचेंगे और 26 फरवरी को तीनों श्रेणियों के लिए लाटरी के माध्यम से प्रत्येक जिले से हर श्रेणी में दो-दो प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा।उन्होंने बताया कि आठ मार्च को देहरादून में धर्मपुर में यह प्रतियोगिता होगी, जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्य अतिथि होंगे। मुख्यमंत्री के हाथों ही विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता स्थल पर सेल्फी प्वाइंट भी स्थापित किए जाएगा। राज्यमंत्री ने बताया कि वह स्वयं भी प्रतियोगिता में गैर प्रतिभागी के रूप में भाग लेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75301.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75301.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b74fee5a18450d957071b68b13657ec6e2d693c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75301.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS) के गुरुजी यानी माधवराव सदाशिव गोलवलकर की आज ( 19 फरवरी) को जयंती है। उनका जन्म 19 फरवरी, 1906 को नागपुर के पास रामटेक में एक मराठी परिवार में जन्म हुआ था। वे आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के निधन के बाद 1940 में राष्ट्रीय स्यवंसेकव संघ के दूसरे सरसंघचालक बने। उनकी जंयती पर धनबाद और झारखंड के भाजपा नेता याद कर रहे हैं। लेकिन वे राजनीति वे हमेशा राजनीति से दूर रहने की सलाह देते थे। वे राजनीतिक को अच्छी चीज नहीं मानते थे। महाभारत के एक श्लोक में राजनीतिक को वेश्याओं का धर्म बताया गया है। यही लाइन गुरुजी की राजनीतिक के प्रति थी।  ।ऐसे बने गोलवलकर से गुरुजी  ।आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक जिनकी आज जयंती है, 1927 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से एमएससी की डिग्री हासिल की थी। वह राष्ट्रवादी नेता और विश्वविद्यालय के संस्थापक मदन मोहन मालवीय से बहुत प्रभावित थे। इसी कारण उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद बीएचयू में जंतु शास्त्र पढ़ाया। इसी दाैरान उन्होंने गुरुजी का उपनाम कमाया। बीएचयू के एक छात्र ने गुरुजी के बारे में आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को बताया। गोलवलकर ने 1932 में हेडगेवार से मुलाकात की और इसके बाद उन्हें बीएचयू में संघचालक नियुक्त किया गया। ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक, महान विचारक श्रद्धेय "श्री गुरुजी" माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम।@RSSorg pic.twitter.com/mln2PeT7FA।इस कारण आरएसएस और राजनीति के बीच खींची एक लकीर ।अब जब केंद्र और देश के ज्यादातर राज्यों में आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब भी आरएसएस और राजनीति के बीच एक लकीर साफ नजर आती है। आरएसए का सीधे ताैर राजनीति में हस्तक्षेप नहीं है। आरएसएस खुद को अपने को राजनीति से अलग ही बताता है। मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को सशक्त और संगठित करना ही है। यह लाइन गुरुजी ने ही तय की थी। महाभारत का एक श्लोक है जिसमें राजनीति को वेश्याओं का धर्म कहा गया है। इस श्लोक को माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर और उनके बाद के सरसंघचालक दोहराया करते थे। अपने सार्वजनिक भाषणों में कि राजनीति वेश्याओं का धर्म है। उन्होंने देश संघ को राजनीति से दूर रहने की सलाह की। इस लाइन पर आज भी संघ चलता है। हालांकि यह अलग बात है कि देश की राजनीति को संघ प्रभावित करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75302.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75302.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9dd19a68aaa66e707c592703595b336e7b12086 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75302.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बरी होने के लालच में उगल दी असलियत : शबनम के अधिवक्ता शमशेर अली सैफी ने बताया दोनों ने अपने बचाव में तमाम तर्क दिए थे। कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं था। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोप पत्र तैयार किया था। इसको ध्यान में रखते हुए तत्कालीन जिला जज सैयद आमिर अब्बास हुसैनी ने दोनों के अलग-अलग बयान दर्ज किए। यह तरकीब काम कर गई। खुद को बचाने के चक्कर में दोनों हकीकत बयां कर गए। सैफी बताते हैं कि सलीम ने अपने बयानों में शबनम पर कत्ल करने का आरोप लगाया था। वहीं शबनम ने सलीम पर सातों लोगों का कत्ल करने का आरोप लगाते हुए बयान दर्ज कराया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75303.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75303.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f582c39757572d65a17730f9311dfa5de9730fa8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75303.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्रा]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) ने दिल्ली की इमारतों के अंदर प्रदूषण की पड़ताल की तो नतीजे चिंताजनक मिले। आइआइटी ने पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 एवं पीएम 10 समेत कार्बन डाइआक्साइड और कुल वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (टीवीओसी) मापा। दिल्ली के सात जोन में 37 इमारतों में 24 घंटे प्रदूषण मापा गया। इनमें स्कूल, कालेज, शापिंग माल्स आफिस, अस्पताल और रेस्त्रां की संख्या प्रत्येक 6 जबकि एक सिनेमाहाल शामिल था। आइआइटी विज्ञानियों ने 15 अक्टूबर 2019 से 30 जनवरी 2020 तक प्रदूषण स्तर रिकार्ड किया। + +प्रदूषण में पढ़ाई। पीएम 2.5 एवं 10 का स्तर नेशनल एंबियंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड(एनएएक्यूएस) द्वारा तय मात्रा से 8 गुना अधिक पाया गया। यही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा बाहरी स्थलों के लिए निर्धारित पैमाने से 15 गुना अधिक मिला। आइआइटी विज्ञानियों ने इसके पीछे प्रमुख वजह कालेजों का मुख्य मार्गों के किनारे स्थित होना व कैंटीन को बताया। रात में कालेजों के दरवाजे, खिड़कियां बंद होने के चलते टीवीओसी की सांद्रता अत्यधिक पायी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55d53bdd36cf9de0ea9d7bb6daf2376940ce2616 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पूरे देश में जहां उत्सवी वातावरण है तो वहीं अब रामलला के श्रद्धालुओं की सेवा-सत्कार का सिलसिला भी जोर-शोर से शुरू हो गया है। हर कोई अपने आराध्य को अपनी आर्थिक शक्ति के हिसाब से कुछ न कुछ समर्पित कर रहा है। मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान भी चल रहा है। राम मंदिर के लिए अब तक 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का धन एकत्रित हो चुका है। इसी क्रम में श्रद्धालुओं ने वसंत पंचमी पर रामलला को विशेष किस्म का पीत परिधान धारण कराया है। रामलला के लिए सप्ताह के सात दिनों के लिहाज से हिंदू धर्म में प्रचलित सात रंगों के अलग-अलग अंगवस्त्र भी तैयार किए गए हैं। ये सभी परिधान खादी सिल्क के हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75306.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75306.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1fdcf8c76b042086b2c5696c8798aed08957a84e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75306.txt @@ -0,0 +1,6 @@ + वाराणसी [हिमांशु अस्‍थाना]। बीएचयू के दिव्यांग छात्र इंद्रजीत भोजपुरी और हरियाणवी गीतों को संस्कृत कलेवर देकर इन दिनों इंटरनेट मीडिया में चर्चा में बने हुए हैं। इंटरनेट मीडिया पर उनके गाने खूब वायरल हो रहे हैं। देववाणी संस्‍कृत का उच्चारण बेहद स्पष्ट और मधुर आवाज इस दिनों चर्चा में है। बीएचयू के बिड़ला छात्रावास में रहकर शिक्षा अर्जित करने वाले आंखों से दिव्यांग छात्र इंद्रजीत अपने संस्कृत गायन को लेकर इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। अयोध्या निवासी इंद्रजीत अब भोजपुरी और हरियाणवी गीतों का भी संस्कृत वर्जन का गायन कर रहे हैं। + +भोजपुरी में अमृत के धार केहू पियाई माई बिना और हरियाणवी तेरी आख्या का यो काजल जैसे गीतों को उन्होंने अपनी आवाज इस तरह दी कि वह अब इंटरनेट की दुनिया का जाना पहचाना चेहरा बन गए हैं। इंद्रजीत का संस्कृत उच्चारण बेहद स्पष्ट और मधुर वाणी के साथ इंटरनेट मीडिया में चर्चा पा रहा है। इंद्रजीत वर्तमान में राजस्थान की तीर्थयात्रा पर निकले हैं जहां संतों और संन्यासियों संग अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ।'त्व नेत्रा यो काजालम, माम् करोति कांते विद्धम, त्वं सहजम पादं रक्षे:, मम् ह्रदयस्पंद ते श्रोणि, मम पलम-पलम प्रति पलम स्मरणं ते त अयाति रे, हाय तव रूपम ह्रदयम विशयाग्निम ज्वालायते।' यह किसी धर्मग्रंथ का छंद नहीं बल्कि लोकप्रिय हरियाणवी गाना तेरी आख्या का यो काजल का संस्कृत वर्जन है, जो बीएचयू की सुनहरी वादियों में अक्सर सुनी जा सकती है। देवघर, झारखंड में संस्कृत पाठशाला के शोधार्थी व लोकप्रिय कलाकार पंकज झा द्वारा अनुवादित गाने को जब-जब बीएचयू के नेत्रहीन छात्र इंद्रजीत अंगुली बजाकर गाते हैं, तो उसने कैंपस में उनके आसपास काफी भीड़ जुटकर शांतिपूर्वक उसे सुनती है। वहीं ये वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर धमाल मचाते रहे हैं। धुर हरियाणवी जुबान के गाने को संस्कृत के शुद्ध उच्चारण के साथ इंद्रजीत ने ऐसा गाया कि जैसे लग रहा हो असली लिरिक्स संस्कृत में ही लिखी गई है। इंद्रजीत इसके अलावा एक भोजपुरी गाना अमृत धार केहू केतनो पिआई एगो माई बिना का भी संस्कृत वर्जन जल्द ही ला रहे हैं, जिसका अनुवाद उन्होंने खुद ही किया है। + +बांसूरी और माउथ आर्गन का नया प्रयोग।संस्कृत में गायन के साथ ही वह अब बांसूरी और माउथ आर्गन से विभिन्न आध्यात्मिक व भोजपुरी गानों का धुन बजा रहे हैं। नदिया के पार फिल्म का गाना जब तक होवे ना फेरे चार और झूठ बोले कौवा काटे जैसे गानों को बड़े मनमोहक अंदाज में वह प्रस्तुत करते हैं, जिसे सुन बीएचयू के छात्र अपनी यादों की दुनिया में खो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75311.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75311.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..80f33ef1b276394be3fe29c05b21c33ecc9c093d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75311.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुके रोवर परसिवरेंस के साथ जो एक और चीज वहां पर पहली बार गई है वो है उसका एक ड्रोन। इस ड्रोन का नाम है Ingenuity। ये नाम इसको किसी और ने नहीं बल्कि एक भारतीय मूल की युवती ने दिया है। जीहां! अमेरिका के अलबामा में पढ़ने वाली हाई स्‍कूल की छात्रा ने मार्स रोवर 2020 का नाम परसिवरेंस से पहले सुझाया था। नासा को अपने हेलीकॉप्‍टर ड्रोन के लिए ये नाम काफी सटीक लगा और इसे ये नाम दे दिया गया। + +आपको बता दें कि इस छोटे से दिखाई देने वाले हेलीकॉप्‍टर ड्रोन की बड़ी खूबी है। इसकी सबसे बड़ी खूबी इसका बेहद कम वजन और इसका आकार है जो इसको कम एनर्जी में तेजी से उड़ान भरने की ताकत देता है। आपको जानकर हैरत होगी कि इसका वजन दो किग्रा से भी कम है। इस ड्रोन के चीफ पायलट हावर्ड ग्रिप का कहना है कि राइट ब्रदर्स ने वर्षों पहले जिस मशीन को बनाकर दुनिया को चौंका दिया था अब वही मशीन काफी आगे बढ़ चुकी है। वर्षों पहले जो काम राइट ब्रदर्स ने करा था अब वहीं Ingenuityकी मदद से मंगल पर किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f949770937fc9498dc1d0aff445db8c7f42b8c5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज त्रेता युग से ही शिक्षा की नगरी रही है। उस समय गंगा-यमुना के तट पर गुरुकुल की परंपरा थी। ऋषि, मुनियों के आश्रम हुआ करते थे। इन गुरुकुल आश्रमों में छात्र पढऩे आते थे। यहां उस समय भरद्वाज मुनि का आश्रम हुआ करता था। यहां एक बहुत बड़ा गुरुकुल था। इस गुरुकुल में तब एक हजार से अधिक विद्यार्थी रहकर अध्ययन करते थे। भरद्वाज मुनि इस गुरुकुल के कुलपति थे। इसी गुरुकुल में भारद्वाज मुनि ने पुष्पक विमान बनाया था।  विदेशी यात्रियों ने भी प्रयागराज को माना था विद्या का केंद्रभारद्वाज शोध संस्थान के निदेशक डॉ. शालिग्राम गुप्ता बताते हैं कि रोम के इतिहासकार प्लीनी ने पाटलीपुत्र की राजसभा से लौटते हुए प्रयागराज में एक सप्ताह विश्राम किया था। उसने प्रयागराज को विद्या का केंद्र माना था। इसी प्रकार चीनी यात्री ह्वेनसांग तथा अश्वघोष नामक विद्वानों ने भी उल्लेख किया है कि प्रयाग में एक विशाल विश्वविद्यालय था। यहां विज्ञान तथा विश्व के अनेक विषयों की पढ़ाई होती थी। इस विश्वविद्यालय में तब एक हजार विद्यार्थी आवास करते थे। भरद्वाज इस विश्वविद्यालय के कुलपति थे। भरद्वाज प्रयागराज के पहले कुलपति थे। ऐसा जितने भी विदेशी यात्री यहां आए उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है।  विमानशास्त्री थे भरद्वाज मुनिडॉ. सालिग्राम बताते हैं कि भरद्वाज मुनि अद्भुत विलक्षण प्रतिभा से संपन्न थे। आयुर्वेद के ज्ञाता के साथ वे विमानशास्त्री भी थे। पुष्पक विमान का निर्माण उन्होंने ही प्रयागराज आश्रम में किया था। ऋषि भरद्वाज ने यंत्र सर्वस्वम नाम का एक वृहत ग्रंथ की रचना की थी। इस ग्रंथ में कुछ निम्न और उच्च स्तर वायुमंडल में विचरने वाले विमानों तथा विभिन्न धातुओं से निर्माण का उल्लेख है। भरद्वाज ऐसे विमान शास्त्रज्ञ थे, जिन्होंने ऋषि अगस्त के सामने विमानों को अभिवर्धित किया था। इसमें इस बात का भी उल्लेख है कि पक्षी की भांति उडऩे वाले वायुयान को अश्वनी कुमारों ने बनाया था। पुष्पक विमान को मुनि अगस्त के सहयोग से बनाया गया था। वे बताते हैं कि वेदों में विमान संबंधी उल्लेख अनेक स्थलों पर मिलते हैं। उस समय ऐसे निर्मित तीन पहियों के रथ का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। यह विमान अंतरिक्ष में भ्रमण करता है।  भरद्वाज ने विद्युत ज्ञान को विकसित किया थाडॉ. सालिग्राम बताते हैं कि भरद्वाज ऐसे पहले विमानशास्त्री थे, जिन्होंने मुनि अगस्त्य के समय विद्युत ज्ञान को विकसित किया था। उस समय उनकी संज्ञा विद्युत, सौदामिनी, हलालिनी आदि वर्गीकृत नामों से की जाने लगी। पुष्पक विमान मांत्रिक था। यह विमान मंत्रों के आधार पर चलता था। मंत्रों का तात्पर्य रिमोट पद्धति से चलता था। ऐसा भी माना जाता है कि पुष्पक विमान विद्युत शक्ति से चलता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df6fdc64d9208b04253d8177a5bce8e421b53b9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75313.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली/नोएडा, जागरण संवाददाता। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के दादरी में बिना अनुमति के कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में एक ही दिन में लोगों को टीके की दोनों डोज लगा दी गई। क्लीनिकल ट्रायल में टीका लगवाने वाले अधिवक्ता अभिषेक मैत्रेय ने बताया कि पैथोलाजी लैब संचालक ने वैक्सीन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। जब वह लैब पहुंचे तो उन्हें सिर्फ यह बताया गया कि यहां पर कोरोना का टीका लग रहा है। उसी वक्त उनके दोनों बाजू में टीके की दो डोज लगा दी गई। + +वैक्सीन लगवाने वाले 19 लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने की पहचान। क्लीनिकल ट्रायल में वैक्सीन लगवाने वाले 19 लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने पहचान कर ली है। इनमें चार महिलाएं और 15 पुरुष हैं। विभागीय अफसरों ने फोन पर दो लोगों से बातकर उनकी तबीयत का हाल जाना। फिलहाल दोनों स्वस्थ हैं, जबकि 17 लोग पुलिस के डर से भूमिगत हैं। भूमिगत लोगों को तलाशने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें ट्रेस करना भी शुरू कर दिया है। जिला स्तर पर प्रकरण की जांच औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने शुरू कर दी है। वह जल्द ही गाजियाबाद स्थित फ्लोरेस अस्पताल पहुंचकर भूमिगत लोगों की पूरी जानकारी लेंगे। बताया जा रहा है कि जिन 19 लोगों को क्लीनिकल ट्रायल के दौरान जायडस कैडिला कंपनी की जायकोव-डी वैक्सीन लगाई गई है। टीकाकरण के साथ-साथ उनका डाटा आनलाइन फ्लोरेस अस्पताल प्रबंधन को भेजा गया था। + +यह है मामला। मंगलवार को दादरी स्थित गोपाल पैथोलाजी लैब के बाहर नारी रक्षा दल के बैनर तले अवैध रूप से जायडस कैडिला कंपनी की क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रही जायकोव-डी का टीका आम जनमानस को निश्शुल्क लगाया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो यहां पांच लोग टीका लगाते मिले। इनमें से चार ने खुद को क्लीनिकल रिसर्च को-आर्डिनेटर व एक ने स्टाफ नर्स बताते हुए गाजियाबाद स्थित फ्लोरेस अस्पताल से साथ कंपनी का करार बताया। हालांकि वे करार संबंधी दस्तावेज नहीं दिखा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e44ec9f5a8cbde7b1234e76e108f0170b1729e1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75317.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शबनम को शायद उत्तर प्रदेश के मथुरा में बने उसी फांसीघर में ही फांसी दी जाएगी, जो बीते डेढ़ सौ वर्षो से अपने पहले मेहमान का इंतजार कर रहा है। अंग्रेजी हुकूमत ने वर्ष 1871 में मथुरा में पहला महिला फांसीघर बनाया था। आजादी की लड़ाई लड़ने वाली तब कई महिला क्रांतिकारियों को फांसी देना अंग्रेजों ने मुकर्रर किया था, लेकिन महात्मा गांधी और अन्य नेताओं के विरोध के कारण अंग्रेज किसी महिला क्रांतिकारी को फांसी नहीं दे पाए। अब उस फांसीघर का शायद पहली बार इस्तेमाल होगा। हालांकि शबनम को फांसी देने की अंतिम तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन तय है फांसी उसी घर में दी जाएगी। जेल प्रशासन की तैयारी पूरी है। बस इंतजार अंतिम डेथ वारंट का है। + +देश में एक समय था जब बड़े अपराधों में महिलाओं का बोलबाला हुआ करता था। आज अवैध धंधेबाजी, शादी-ब्याह के नाम पर ठगी, नशीले पदार्थ बेचने, सार्वजनिक स्थानों पर पॉकेटमारी करने में भी महिलाओं की सक्रियता ज्यादा आने लगी है। महिलाओं से जुड़े अपराधों की बात करें तो सोनू पंजाबन, शबाना मेमन, रेशमा मेमन, अंजलि माकन, शोभा अय्यर, समीरा जुमानी के नामों को भी शायद कोई भूल पाए। इनमें कई नाम ऐसे हैं, जिनका अपराध फांसी के लायक रहा है, लेकिन भारत के उदार न्याय तंत्र के कारण ये तब बच गईं या फिर इन्हें बचा लिया गया। शबाना और रेशमा मुंबई बम कांड की अभियुक्त हैं, जो दोनों क्रमश: अयूब मेमन एवं टाइगर मेमन की पत्नियां हैं। आज देशभर की अदालतों में करीब 42 हजार ऐसे मामले लंबित हैं जिनमें महिलाओं द्वारा किए जघन्य अपराध शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12bf53b267a0ddff55c35fe848bbe303cd9da50a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन काे नुमाइश में फूड कोर्ट की जगह देने पर इंटरनेट मीडिया पर विरोध शुरू हो गया है। सीएए के विरोध के दौरान फैजुल हसन के विवादित बयान को इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, जिसमें फैजुल ने कहा था कि हम उस कौम से हैं जो किसी भी देश को बर्बाद कर सकते हैं। इसके बाद फैजुल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट ।भाजपा के पूर्व प्रवक्ता डा. निशित शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि अब पराकाष्ठा पार हो गई है। नुमाइश में जिस प्रकार से फूड कोर्ट का डीएम ने उद्घाटन किया है, वो परिवर्तन की आवश्यकता को दर्शाता है। अलीगढ़ जनप्रतिनिधियों का मूकदर्शक बना रहना भविष्य के लिए हानिकारक साबित होगा। डा. निशित के इस ट्वीट के बाद से इंटरनेट मीडिया पर बहस छिड़ गई है। लोग कह रहे हैं कि कोई जनप्रतिनिधि नहीं बोल रहा है। ।डीएम दें सफाई।अलीगढ़ के इतिहास में यह सबसे खराब समय है। फैजुल हसन के साथ डीएम की फोटो को भी खूब शेयर किया जा रहा है। जिसमें लोग लिख रहे हैं कि जो देश को बर्बाद करने की धमकी देता है, उसके साथ डीएम साहब फोटो में दिखाई दे रहे हैं, उन्हें सफाई देनी चाहिए कि आखिर ऐसे छात्र के साथ क्यों हैं वो? डीएम चंद्रभूषण सिंह ने नुमाइश में फूड कोर्ट का शुभारंभ कराया है। इसमें एएमयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन समेत एएमयू के कई छात्र हैं। यहां पर आने वाले मेहमानों को लजीज व्यंजन मिल सकेगा। एएमयू छात्र इसका संचालन करेंगे। यह पूरी तरह से कैशलेस होगा। इसमें वीवीआईपी के लिए 300 रुपये और सामान्य के लिए 100 रुपये के कूपन की व्यवस्था की गई है। उद्घाटन में डीएम चंद्रभूषण सिंह के साथ, सीडीओ अनुनय झा समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। ।फैजुल ने दिया था गलत बयान।चर्चा है कि नुमाइश से एएमयू छात्रों का भी जुड़ाव हो इसलिए प्रशासन की तरफ से यह कदम उठाया गया है। मगर, सीएए के विरोध के समय फैजुल हसन के देश के खिलाफ दिए गए बयान ने मामले को तूल पकड़ लिया है। इंटरनेट मीडिया पर इसका लगातार विरोध चल रहा है। भाजपा के पूर्व प्रवक्ता डा. निशित शर्मा ने कहा कि ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि प्रशासन ने देश के खिलाफ बोलने वाले व्यक्ति को फूड कोर्ट में शामिल कर दिया। इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75319.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cccbb5e17acaff3a32b2e7970c86c9e7d9bc42c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75319.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रत्येक कक्ष के बाहर लगेगी ब्रेल की स्टील प्लेट। यहां पर अमानती घर, प्रतीक्षालय समेत प्रत्येक कक्ष के बायीं तरफ ब्रेल लिपि में उसका परिचय लिखी स्टील की प्लेट लगाने का काम शुरू करा दिया गया है। आरपीएफ व जीआरपी थाना, स्टेशन प्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों के दफ्तर के बाहर भी इस तरह की प्लेट लगाई जा रही हैं। जिससे काम पड़ने पर दृष्टिहीन यात्री मदद के लिए इन तक आसानी से पहुंच सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75320.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75320.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3342cf8abbed7d1887d4af998433ec942cedd4ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75320.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुमका में झारखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना का मामला हो या 80 हजार महिला रसोइया के मानदेय बढ़ाने का या लंबे समय से मांग कर रहे केवट, मल्लाह, निसाद और चांय जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का हो। इन सभी फैसलों के माध्यम से उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी सरकार जनता के दुख-दर्द को करीब से समझती है। इतना ही नहीं, निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं को देने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ गई है। वैसे भी हेमंत घोषणा कर चुके हैं कि वर्ष 2021 नौकरियों का साल होगा। सरकार इस दिशा में तेजी से बढ़ती दिख भी रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75322.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75322.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c97a652b0400252dc75603bf05d936803e330422 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75322.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में बम धमाके और गोलीबारी मानों आम घटनाएं हो गई हैं। ऐसा शायद ही कोई दिन हो, जब सूबे के किसी हिस्से से बम-गोली चलने की खबर न आती हो। मंगलवार रात कोलकाता में बम फटा था और बुधवार रात को मुर्शिदाबाद जिले में जो बमबाजी हुई, उसमें सूबे के श्रम राज्य मंत्री जाकिर हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना बताने को काफी है कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भले यह कह रही हों कि जिस धमाके में मंत्री जख्मी हुए हैं, वह रेलवे का इलाका है, लेकिन यहां सवाल यह उठ रहा है कि अभी पांच दिन पहले उत्तर 24 परगना जिले में बीच सड़क पर भाजपा नेता बाबू मास्टर की गाड़ी रोककर उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं और बम फेंके गए थे। इसमें बाबू मास्टर और उनके गाड़ी चालक गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इसे क्या कहा जाएगा?।गुरुवार को अपने मंत्री का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह हमला एक साजिश का हिस्सा था। कुछ लोग जाकिर हुसैन पर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे थे। ममता ने रेलवे पर भी निशाना साधते हुए सवाल किया था कि जब हमला रेलवे स्टेशन पर हुआ तो रेलवे सुरक्षा में चूक की अपनी जिम्मेदारी से कैसे इन्कार कर सकता है? हमले के समय स्टेशन पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। वहां बिजली भी नहीं थी, बिल्कुल अंधेरा था। रेलवे पुलिस आखिर क्या कर रही थी? ऐसे में यहां एक और सवाल उठ रहा है कि आखिर जाकिर हुसैन पर किसने और क्यों हमला किया या कराया? इसकी तह में जाने की जरूरत है। + +जानकारी सामने आ रही है कि हुसैन लगातार गो तस्करों और इलाके में अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते थे। इस बाबत उन्होंने चार वर्ष पहले थाने में अपनी जान को खतरा बताते हुए तहरीर दी थी। इसके बावजूद उन्हें राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? अभी कुछ वर्ष पहले नदिया के कृष्णगंज में तृणमूल के एक विधायक की सरस्वती पूजा पंडाल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बावजूद इसके एक मंत्री की सुरक्षा में लापरवाही क्यों बरती गई? यह सवाल हरेक की जेहन में उठ रहा है। आगामी कुछ दिनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में इस तरह के बम धमाके यह बताने को काफी हैं कि राज्य के हालात कैसे हैं? मुर्शिदाबाद में तो बम धमाके आतिशबाजी के समान हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75323.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaf57b2e029b046f5e91ca65924aa2a353572e75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75323.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जबलपुर, रामकृष्ण परमहंस पाण्डेय। हजारों साल पहले मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाया व खाया जाता था। पक्की ईंटों के मकान व पत्थरों में नक्काशी कर मंदिर बनाए जाते थे। इस बात की गवाही दे रहा है जिले का ऐतिहासिक तेवर क्षेत्र, जहां हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता के प्रमाण ढूंढने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने डेरा डाल दिया है। पुरातात्विक उत्खनन शिविर लगाकर जमीन की खोदाई की जा रही है। जहां सातवीं-आठवीं से 10वीं-11वीं शताब्दी में मनुष्यों की बसाहट के प्रमाण मिल रहे हैं। + +भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों का अनुमान है कि मध्य पाषाण काल से लेकर 12वीं व 14वीं शताब्दी तक की बसाहट के प्रमाण खोदाई में मिल सकते हैं। विभिन्न काल की संरचना का पता लगाने के लिए तेवर में दो जगह शिविर लगाए गए हैं। 20 किलोमीटर के दायरे में बसे 22 गांवों में सर्वे किया जा रहा है। शिविर प्रभारी महेंद्र पाल, रितेश सिंह की देखरेख में जमीन की खोदाई की जा रही है। अब तक किए गए सर्वे में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि तेवर क्षेत्र में अलग-अलग काल में राजाओं ने खूबसूरत शहर बसाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d530bf5fbfb5e2e9c3d2d9e48625ad7c3c7c8d79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75325.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आलम यह है कि स्थायी समिति से लेकर सदन की बैठक में इस मुद्दे को कई पार्षदों ने कई बार उठाया है लेकिन इसका समाधान नहीं हो रहा है। इसी तरह उत्तरी दिल्ली में भी बड़ी संख्या में आवेदन लंबित होने और खारिज होने के मामले हैं। माना जा रहा है आवेदन खारिज होने की बड़ी वजह ये नया पोर्टल है, जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2924995f039c51b22179ff4171504b8435bae2fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75329.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जेएनएन, नई दिल्ली। Puducherry crisis केंद्र शासित प्रदेश की पुडुचेरी सरकार पर संकट के बादल घिर आए हैं। कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के साथ ही यह अल्पमत में आ गई है। लगातार जनाधार खोती जा रही कांग्रेस के लिए अब दक्षिण में नई मुसीबत खड़ी हो गई। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कांग्रेस विधायकों के लगातार हो रहे इस्तीफे से संकट पैदा हो गया है। मंगलवार को विधायक ए जॉन कुमार के इस्तीफे से तो कांग्रेस लडखड़ा गई। सरकार के अल्पमत में आते ही विपक्ष ने कांग्रेस सरकार से इस्तीफा मांग लिया है। यह सब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के एक दिन पहले हुआ। ऐसे में कांग्रेस को झटका लगना लाजिमी है। + +भाजपा को फायदा।पुडुचेरी में पैदा हुए संकट का फायदा अगले चुनाव में भाजपा को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। बीते चार सालों में भाजपा ने यहां एक गठबंधन और सत्तारूढ़ गठबंधन पर नियंत्रण स्थापित किया है। कांग्रेस के दो विधायकों का भाजपा में शामिल होना इसका उदाहरण है। उपराज्यपाल किरण बेदी की गतिविधियों से भाजपा को सीधे तौर पर भले ही फायदा नहीं हुआ लेकिन कांग्रेस को हुए नुकसान से उसे फायदा मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..196e879217a20187782d627f9f63917fad117fda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7533.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड और टीवी इंडस्टी की जानी मानी एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी अब इस दुनिया में नहीं रहीं। टीवी शो 'बालिका वधु' से घर-घर में एक कड़क सास की छवि बनाने वाली सुरेखा का निधन 75 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ है। अचानक हुए उनके निधन की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। एक्ट्रेस के निधन की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर स्टार्स सहित फैंस उन्हें आखों से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इस बात पर कोई यकीन ही नहीं कर पा रहा है कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहीं। अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाने वाली सुरेखा सीकरी जिंदगी को खुलकर जीती थीं। वह हर पल को इस तरह जीती थीं मानों वो पल सिर्फ उनका हो। इस बात का गवाह है सुरेखा का ये वीडियो, जिसे देखकर आप भी उनकी जिंदादिली के कायल हो जाएंगे। यहां देखे वीडियो...।व्हील चेयर पर बैठकर किया डांस।सुरेखा सीकरी का वायरल हो रहा ये वीडियो आज का नहीं बल्कि थ्रोबैक है। इस वीडियो में आप देख सकते है कि वह अपनी लाइफ को कैसे एंजॉय करती थीं। 'दादी' यानी सुरेखा सीकरी हमेशा ही मस्त रहने वाली इंसान​ थी। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि सुरेखा सीकरी व्हील चेयर पर बैठकर फैंस को अपने डांस से एंटरटेन करती दिख रही हैं। सुरेखा का ये वीडियो आज का नहीं, बल्कि पुराना हैं। इस वीडियो में व्हील चेयर पर बैठे-बैठे डांस कर रही हैं। वहीं इस दौरान आप उनके एक्सप्रेशन देख सकते हैं काफी मजेदार हैं। वीडियो के बैकग्राउंड में पंजाबी सिंगर जस्सी गिल का गाना 'औकात...' बज रहा है। वहीं सुरेखा सीकरी इस गाने को एंजॉय करती और फैंस को फ्लाइंग किस देती नजरे आ रही हैं। फैंस उनके इस वीडियो को पसंद कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..657280a88dd2784d29525f017b061e461cfbec8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75335.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस तरह उपयोगी होगा शोध।बाजार में कई तरह की आयुर्वेदिक दवाएं आती हैं। कई इतनी महंगी होती हैं कि कुछ कंपनियां उसके घटकों (इनग्रेडिएंट्स) का उपयोग करने के बजाय उसकी समतुल्य औषधि का उपयोग करती हैं। इस तकनीक की मदद से न सिर्फ यह पता लगाया जा सकेगा कि जिस औषधीय घटक का दावा किसी दवा में किया जा रहा है, वह उसमें है या नहीं। + +उपभोक्ताओं के लिए भी किया जा रहा काम।जनेकृविवि के जैव प्रौद्योगिकी केंद्र की सहायक प्राध्यापक डा. कीर्ति तंतवाय का कहना है कि इस पर भी काम चल रहा है कि उपभोक्ता भी आसानी से औषधीय पौधों से तैयार दवा में सही घटकों को बारकोड के आधार पर पहचान सकें। पौधे के डीएनए से तैयार बारकोड को साफ्टवेयर की मदद से पढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस दवा के घटकों के डीएनए की जांच होगी और फिर विशेष साफ्टवेयर से बनने वाले बारकोड से उसकी पहचान सुनिश्चित कर ली जाएगी। यदि बारकोड में अलग जानकारी मिलती है तो पता चल जाएगा कि घटक सही है या उसमें कुछ मिलावट की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02a9890086493834724b49995924d0cc8f984de3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75339.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महेंद्र सिंह धोनी और इससे जुड़ी खबरों के बाद बनाई योजना।प्रभात बताते हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कुछ माह पूर्व ही इस विशेष प्रजाति के मुर्गे पालने की इच्छा जताई थी। मीडिया में इस तरह की खबर आई थी। फोटो भी देखी थी। उसी समय से उनके मन में भी यह विचार आया। तब अभी हाल ही में वे मध्यप्रदेश के झाबुआ गए। वहां से 30 मुर्गे खरीदकर लाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99327c8d7193be9ec7da779140e3bbc75a35bff4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75340.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +2020 में बनी थी कार्ययोजना ।सिटी फारेस्ट की कार्ययोजना 2020 में बनी थी। मंडल का यह पहला प्रोजेक्ट था, जिसके तहत असदपुर कयाम में सघन पौधरोपण कराया गया। यहां गाटा संख्या 177 में 17770 व गाटा संख्या 183 में 10600 वर्गमीटर, कुल 28370 वर्गमीटर भूमि खाली पड़ी थी। तत्कालीन नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल ने नगर निगम की इसी भूमि का चयन कर पौधरोपण कराया। सुरक्षा के लिहाज से तारबंदी व सिंचाई की व्यवस्था भी कराई गई। तब तालानगरी व घुड़ियाबाग में भी एक-एक प्राेजेक्ट लगाने की योजना बनी थी। अब इस योजना का विस्तार किया जा रहा है। नगर निगम की सीमा में 19 गांव शामिल हैं। इन गांवों में सैंकड़ों एकड़ भूमि खाली पड़ी है, जो अब नगर निगम की संपत्ति है। देखरेख न होने से कुछ पर कब्जे हो चुके हैं। ऐसे भूखंडों पर सिटी फारेस्ट प्रोजेक्ट के तहत जंगल विकसित कराए जाएंगे। + +जापानी तकनीक से विकसित होंगे जंगल।जंगल भी जापान की मियावाकी तकनीक से विकसित किए जाएंगे। जापान के वनस्पति वैज्ञानिक डी. अकीरा मियावाकी ने पौधरोपण की इस विधि को खोजा था। इस तकनीक में पौधों को दो से ढाई फुट की दूरी पर लगाया जाता है। इससे पौधे पास-पास उगते हैं और सूर्य की किरणें सीधे धरती तक नहीं पहुंच पाती। रोशनी न मिलने से पौधों के आसपास जंगली घास नहीं उगती और मिट्टी में नमी बनी रहती है। यह भी सुनिश्चित होता है कि पौधों के ऊपरी भाग को ही सूर्य की रोशनी मिले, जिससे कि ये ऊपर की दिशा में ही बढ़ते हैं। मियावाकी तकनीक से पौधे 10 गुना तेजी से बढ़ते हैं। सिर्फ दो साल में 20 फुट तक बढ़ जाते हैं। यही नहीं, कम जगह में अधिक से अधिक पौधे लग जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3370f8e80279ecef1a5bc45d433f1a63de23c8af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75342.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। नासा का मार्स रोवर परसिवरेंस 203 दिन की लंबी यात्रा के बाद मंगल ग्रह की सतह पर गुरुवार की रात 3:55 मिनट (अमेरिकी स्‍थानीय समयानुसार) सफलतापूर्वक उतर गया। इसके साथ ही नासा की जेट प्रपल्‍शन लैब तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंज उठी। हर चेहरे पर खुशी थी और हर कोई एक दूसरे को बधाई भी दे रहा था। कुछ की आंखों में खुशी के मारे आंसूं भी थे। अपने 203 दिनों में इस यान ने 293 मिलियन मील (472 मीलियन किमी) की यात्रा तय की है। आपको बता दें कि मार्स के लिए नासा ये मिशन 30 जुलाई को फ्लोरिडा से लॉन्‍च किया था। नासा के रोवर ने उतरने के साथ ही वहां की पहली तस्‍वीर भी ग्राउंड कंट्रोल को भेज दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75343.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe65f5d2d2b60d644719a065d9de655069d72ff1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75343.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में हर वर्ष संगम की रेती पर माघ मेले का आयोजन होता है। वहीं कुछ वर्षों के अंतराल पर कुंभ और महाकुंभ मेला भी लगता है। यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं और संगम स्‍नान कर पुण्‍य लाभ अर्जित करते हैं। मेले में एक बात गौर करने वाली होती है। वह यह कि अधिकांश तीर्थयात्री यहां अपने सिर के बालों का मुंडन जरूर कराते हैं। इसे लेकर कई लोगों में जिज्ञासा भी रहती है कि आखिर ऐसा क्‍यों किया जाता है, जबकि अन्य तीर्थों में ऐसा नहीं किया जाता। आपकी जिज्ञासा को हम इस खबर के माध्‍यम से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। आइए जानते हैं इसकी वजह। + +ज्‍योतिषाचार्य आशुतोष ने कहा-प्रयागराज में महिलाओं के भी मुंडन का है प्रावधान।ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्‍णेय का कहना है कि केवल कर्मयुक्त व्यक्तियों को ही नहीं अपितु विधवाओं एवं अन्य महिलाओं को भी प्रयागराज में मुंडन कराना चाहिए। सधवाओं को अपने बालों की वेणी बांधकर उसे कुमकुम आदि से सुसज्जित कर पहले पति की आज्ञा लेना चाहिए फिर गंगा-यमुना व सरस्वती के संगम में समस्त वेणी को काटकर विसर्जित कर देना चाहिए। इससे उनके पति की आयु लंबी होगी तथा घर-परिवार में सुख-सौभाग्य की वृद्धि होती है। उनका कहना है कि नारी के मुंडन का प्रावधान केवल तीर्थराज प्रयाग में ही है। किसी अन्य तीर्थ क्षेत्र में यह प्रावधान नहीं है। हालांकि इस नियम का पालन दक्षिण भारत की नारी ही करती हैं। बड़ी संख्या में दक्षिण के विभिन्न नगरों से महिलाएं व पुरुष यहां आते हैं और संगम तट पर मुंडन कराने के साथ महिलाएं वेणीदान करती हैं। वहीं उत्तर भारत में महिलाएं मुंडन नहीं कराती हैं। यह एक तरह से वर्जित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfc73ef02aca25532e494e894206eb04ca2bd68d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75344.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। चाइल्ड हेल्‍प लाइन को एत्माद्दौला के प्रकाश नगर में 16 फरवरी की रात को हैदराबाद से आई किशोरी की जबरन शादी होने की सूचना मिली। उसने मानव तस्करी निरोधक थाने को जानकारी दी। इसके बाद दोनो टीम मौके के लिए रवाना हो गईं। शादी के मंडप में दूल्हा-दुल्हन के वरमाला की रस्म चल रही थी। दूल्हा-दुल्हन वरमाला लेकर जैसे ही एक दूसरे के गले में डालने को हुए ठीक उसी वक्त पुलिस और चाइल्ड लाइन ने एंट्री ले ली। उसे देखते ही दुल्हन ने वरमाला डालने को बढ़ाए अपने हाथों को पीछे खींच लिया। उसका चेहरा खुशी से खिल उठा। वहीं, दूल्हे पुलिस से गुहार लगाई कि उसके फेरे हो जाने दो। पुलिस ने बताया कि दुल्हन नाबालिग है। उसकी शादी कानूनन जुर्म है। उसे जेल जाना पड़ सकता है तो वह बिना दुल्हन के खाली हाथ बरात लेकर लौट गया। दुल्हन बनी किशोरी खुश थी। वह अपने सपनों को साकार कर सकेगी। आगे पढ़ाई करके अपना कैरियर बना सकेगी। + +केस दो: शाहगंज क्षेत्र में पिछले वर्ष दिसंबर में चाइल्ड लाइन को किशोरी पर दबाव बनाकर जबरन शादी कराने की जानकारी मिली। टीम के सदस्य पुलिस को लेकर वहां पहुंचे। पता चला कि किशोरी की बड़ी बहन की शादी हो रही थी। स्वजन बड़ी बेटी के साथ 14 वर्षीय छोटी बेटी की भी जबरन शादी का करा रहे थे। वह अपना खर्चा बचाने को एक ही दावत में दोनों बेटियों की शादी करना चाहते थे। जबकि बेटी इसके लिए तैयार नहीं थी। वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती थी। उसकी एक सहेली को जबरन शादी कराने का पता चला तो उसने सामाजिक संस्था को जानकारी दी। संस्था ने मामले की छानबीन के बाद शिकायत को सही पाया। इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी। चाइल्ड लाइन और पुलिस टीम ने किशोरी के स्वजन को समझाया। शादी करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होने की जानकारी दी। इसके बाद स्वजन ने शादी को टाला। + +आगरा में नाबालिग बेटियों को दुल्हन बनने से बचाने में चाइल्ड हेल्पलाइन मददगार साबित हो रही है। चाइल्ड लाइन द्वारा जनवरी 2020 से 16 फरवरी 2021 के दौरान 23 नाबालिगों काे दुल्हन बनने से बचाया जा चुका है। चौंकाने वाली बात ये है कि नाबालिगों को दुल्हन बनाने की 60 फीसद मामले शहरी इलाकों के थे। आगरा चाइल्ड लाइन की समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया ग्रामीण इलाकों से 40 फीसद मामले ही आए। उन्होंने बताया कि नाबालिग बेटियों को दुल्हन बनने से बचाने के बाद कम से कम छह महीने तक नियमित निगरानी की जाती है। इससे कि स्वजन कहीं दोबारा उनका रिश्ता तय न कर दें। इसके अलावा बीच-बीच में उन्हें फोन करके जानकारी की जाती है। यह प्रक्रिया उनके बालिग होने तक जारी रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75345.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75345.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae7a7415eb102274f7cf3d8e97d06d149fc693ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75345.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गाजियाबाद [हसीन शाह]। अफसाना तालीम हासिल कर, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थीं। लेकिन बुर्के जैसी रुढ़िवादी परंपराओं ने उन्हें घर में कैद कर दिया था। लेकिन कहते हैं, चाह होती है तो देर सवेर राह भी निकल आती है। ऐसी ही राह अफसाना जैसी और भी कई मुस्लिम महिलाओं को बुर्के की बंदिश से बाहर निकालकर शिक्षा के सरोकार से जोड़ रही हैं। मुस्लिम महासभा के उत्तर प्रदेश प्रभारी हाजी नाजिम खान मुस्लिम महिलाओं व बच्चियों को बुर्के में कैद घर में बैठाने के बजाय उन्हें शिक्षा देकर आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हों, देश के लिए कुछ करें। हाजी नाजिम खान कहते हैं, पर्दा तो नजरों का होता है। इस्लाम कभी ऐसा नहीं कहता कि बुर्का पहनाकर घर बैठा लें, महिलाओं को शिक्षित नहीं करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75346.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75346.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cb7917bd69d38a321a7b587a1f13c32a04919b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75346.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइपीएल में अब तक सबसे महंगे बिकने वालों की लिस्ट में कुल 17 खिलाड़ियों का नाम शामिल है। आप सोच रहे होंगे कि ये 14वां सीजन है तो फिर सबसे महंगे बिकने वालों की लिस्ट में 17 खिलाड़ियों का नाम क्यों शुमार है तो इसके पीछे का कारण ये है कि तीन बार के ऑक्शन में ऐसा हुआ है तो दो-दो को एक जैसी रकम ऑक्शन में मिली है। इस तरह ये लिस्ट 17 खिलाड़ियों की है। हालांकि, इसमें युवराज सिंह और बेन स्टोक्स का नाम दो-दो बार शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5b1714cd02ecfcf9cc3280d350ffc60712fba98 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75348.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक कॉलेजों में वर्षों से तदर्थ (एडहॉक) रूप में तैनात शिक्षकों को विनियमित (रेगुलर) करने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (यूपीएसईएसएसबी) अधिनियम के तहत ये शिक्षक विनियमित नहीं हो पाए थे, अब अधिनियम में नई धारा जोड़ने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अमल होते ही सात अगस्त, 1993 से 30 दिसंबर, 2000 तक तदर्थ रूप से नियुक्त शिक्षकों के विनियमितीकरण का रास्ता साफ होगा। ।दरअसल, 22 मार्च 2016 को चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 33 छ को जोड़ा गया था। इससे एडेड कॉलेजों में अल्पकालिक रिक्ति के सापेक्ष प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक श्रेणी में सात अगस्त 1993 से 25 जनवरी 1999 तक के मध्य व मौलिक रिक्ति के सापेक्ष पदोन्नति व सीधी भर्ती द्वारा सात अगस्त 1993 से 30 दिसंबर 2000 तक के मध्य तैनात तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया गया था। + +तदर्थ नियुक्तियों में चयन बोर्ड जिम्मेदार : एडेड माध्यमिक कॉलेजों में शिक्षकों के चयन के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड स्थापित किया गया था। चयन बोर्ड ने समय पर रिक्त पदों के सापेक्ष अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया। वहीं, कालेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या तेजी से बढ़ी और शिक्षकों की संख्या बहुत कम हो गई। इस कठिनाई से उबरने के लिए कालेजों में तदर्थ शिक्षक नियुक्त हुए। + +बदलाव से खुल सकते और भी रास्ते : माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भले ही वर्ष 2000 तक के छूटे शिक्षकों को विनियमित करने की तैयारी है लेकिन, इससे शीर्ष कोर्ट में लंबित संजय सिंह प्रकरण में विनियमित होने की मांग कर रहे शिक्षकों के रास्ते खुल सकते हैं। वर्ष 2000 के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक एडेड कालेजों में तदर्थ रूप से नियुक्त हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75354.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5d16c923026697f9245a959d9674cc85f000575 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन। आरटीओ आफिस को माडल बनाने का काम तेजी से जारी है। अब यहां लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया बदली जा रही है और टोकन व शिफ्टिंग की व्यवस्था की गई है। इससे आवेदकों का न तो समय खराब होगा और न ही उन्हें बेवजह एक खिड़की से दूसरी खिड़की पर भागना होगा। लर्निंग,डीएल,रिन्यूअल व डुप्लीकेट लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए अलग-अलग टोकन मशीनें लगाई गई हैं। जहां से आवेदक अपना टोकन लेकर वेटिंग लाउंज में प्रतीक्षा करेंगे। जब टोकन नम्बर, सामने लगे डिस्प्ले सिस्टम पर प्रदर्शित होगा तो वे अपनी बारी से क्रम संख्या के अनुसार प्रपत्रों की स्क्रूटनी, बायोमैट्रिक व टेस्ट लिए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75356.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75356.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..151049297afdde6ed6cf10cd54678539b3882fde --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75356.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सबसे मजेदार बात यह है कि जाकिर खान ने कभी भी हवाई जहाज में सफर नहीं किया है। उन्‍होंने कहा कि भले ही मैंने कभी रियल लाइफ में हवाई जहाज में नहीं चढ़ा है, लेकि‍न जब मन करता है तब अपने इस हवाई जहाज में घुस जाता हूं। इस दौरान मुझे लगता है कि मैं फ्लाइट में चढ़ा हुआ हूं। जाकिर ने कहा कि वे बहुत जल्‍द ही हवाई जहाज पर चढ़ने वाले हैं। इनका कहना है कि मैंने अपने घर पर ही एक फ्लाइट बनाकर रखा है। बच्‍चे लोग इसे खूब इंज्वॉय कर रहे हैं। ।हवाई जहाज में तीन ओरिजिनल टायर लगाए गए हैं। इसमें स्‍टे‍यरिंग और सीट बनाना बाकी है। इसमें लाइट भी लगा हुआ है। इसके अंदर एसी लगाने का भी विचार जाकिर खान का है। इसमें एक तरफ चढ़ने का और दूसरी तरफ उतरने के लिए सीढ़ी बना हुआ है। + +अब इस गांव की पहचान इस हवाई जहाज घर से होने लगी है। जाकिर खान ने कहा कि शुरू में लोग मुझे इसे लेकर पागल कहने लगे थे। लोगों को यह समझ ही नहीं आ रहा था कि यह क्‍या बन रहा है। ढांचा बनने के बाद लोगों को पता चला कि यह हवाई जहाज बना है। दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं। इस घर के पास से गुजरने वाले लोग रुककर एक बार इस घर को जरूर देख लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75357.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75357.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..274d79864cf64240c462db6ac834b0740e8466e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75357.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। किसानों की माली हालत सुधारने के लिए शुरू की गई 'पीएम-किसान' योजना में भी सेंध लगा ही दी गई। राज्य सरकारों ने ऐसे 33 लाख लोगों की पहचान कर ली है, जो मापदंड के अनुसार इसका लाभ पाने के अयोग्य थे लेकिन उन्होंने सरकारी खजाने को तकरीबन ढाई हजार करोड़ रुपये की चपत लगाई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इन अयोग्य लोगों से तत्काल वसूली शुरू करने को कहा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कुल 18 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बाकी राज्यों में भी वसूली जल्द ही शुरू की जा सकती है। किसानों की पात्रता सत्यापित करने वाले लापरवाह अफसरों व कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7536.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7536.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ae70a3d7b5ae2c1e7f761ad0cf84f7d96e3175f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7536.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि सुरेखा इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों में से एक थीं। नई दिल्ली में जन्मीं सुरेखा ने उत्तर प्रदेश के अल्मोड़ा और उत्तराखंड के नैनीताल में अपनी जिंदगी गुज़ारी थी। एक्ट्रेस ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी और उसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग सीखी। एक्ट्रेस ने अपने करियर की शुरुआत 1978 में फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ से की थी। इसके बाद एक्ट्रेस ने कई फिल्मों और हिट सीरियल्स में काम किया। सुरेखा ने फेमस सीरियल 'बालिका वधु' में दादी का रोल निभाया था ये किरदार लोगों के बीच इतना फेमस हुआ कि सुरेखा को लोग 'दादी सा' के नाम से पहचानने लगे। आज तक लोग उन्हें दादी सा कहकर ही पुकारते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..020af2b741ceeac720471ead266f33f341f9bb27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75360.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रशासन ने नहीं ली दिलचस्पी।ताज महोत्सव के अायोजन को ताज महोत्सव आयोजन समिति बनी हुई है। तीन दशकों से समिति ही महोत्सव का आयोजन करती आ रही है। समिति में कमिश्नर पदेन अध्यक्ष, डीएम पदेन उपाध्यक्ष और उपनिदेशक पर्यटन पदेन सचिव हैं। अन्य संबंधित विभागों के अफसर भी समिति से जुड़े हुए हैं। इस बार अफसरों ने ताज महोत्सव के आयोजन में कोई दिलचस्पी नहीं ली, जिससे आयोजन नहीं हो सका। + +वर्ष 1992 में हुई थी शुरुआत।ताज महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1992 में शिल्पियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से की गई थी। इससे पूर्व यहां शरद महोत्सव का आयोजन होता था। शुरुआत में मिट्टी व गोबर से लिपाई कर शिल्पग्राम को देसी रंगत दी जाती थी। वर्ष 2000 के बाद महोत्सव का स्वरूप बदल गया। देसी रंग गायब होने से यह ग्लैमराइज हो उठा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88dfce10de56864de4725e6f72d3a4b723f5f694 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उनके मुताबिक ममता इससे वाकिफ थीं कि कांग्रेस में रहते हुए वो सीपीआई-एम से नहीं लड़ सकती हैं। इसलिए उन्‍होंने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई और लोगों को अपने साथ जोड़ा। इसी दौरान सीपीआई-एम के काफी लोग टीएमसी में जुड़े। सत्‍ता पाने के बाद के बाद जो चुनावी हिंसा सीपीआई-एम के दौर में हुआ करती थी वही टीएमसी के दौर में भी हुई। प्र‍दीप सिंह की मानें तो ममता ने इसको रोकने की कोशिश भी नहीं की, क्‍योंकि इससे उनकी सत्‍ता पर पकड़ में कहीं न कहीं मदद मिल रही थी। उनके मुताबिक इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिंसा के खत्‍म होने की बात नहीं की जा सकती है। लेकिन इसमें कमी जरूर आएगी। इसकी वजह वो मानते हैं कि चुनाव केंद्र की देखरेख में होगा और सुरक्षा की जिम्‍मेदारी भी वो खुद ही उठाएंगे। जहां तक वहां पर भाजपा की रैलियों और उनके नेताओं की सुरक्षा का सवाल है तो उन्‍हें भी वो अपनी सुरक्षा मुहैया करवाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75364.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75364.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70f010066241e7d917a239be597cb8c448429fbe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75364.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीजीपी मुख्यालय में पंचायत चुनाव सेल गठित : एडीजी कानून-व्यवस्था ने बताया कि डीजीपी मुख्यालय में पंचायत चुनाव सेल का गठन किया गया है। सेल में 23 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। सेल में दो पुलिस उपाधीक्षकों की भी तैनाती की गई है। एडीजी ने सभी जिलों में पंचायत चुनाव के दृष्टिगत शरारतीतत्वों पर कड़ी नजर रखे जाने के साथ ही अपराधियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई किए जाने के कड़े निर्देश दिए हैं। पंचायत चुनाव सेल के अधिकारियों को जिलों में अभियान के तहत रोजाना हो रही कार्रवाई का ब्योरा जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। सेल जिलों में हो रही कार्रवाई की मानटरिंग करने के साथ संवेदनशील स्थानों को भी चिन्हित करेगी। चुनाव नजदीक आने पर ऐसे स्थानों पर सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त की योजना है। खासकर पुरानी रंजिश व आपसी विवाद के मामलों को चिन्हित करने व समय रहते उनमें प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..334754716029336ab87951f77c105517731cb979 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गगरेट, अविनाश विद्रोही। मैरीगोल्ड एक फूल है जिसके बिना कोई खुशी पूरी नहीं होती, फिर चाहे वो मंदिर की पूजा हो या किसी की जीत का जश्‍न या फिर कोई शोक सभा। इस फूल की डिमांड हमेशा रहती है और मार्किट में यदि डिमांड भरपूर है तो उस कारोबार को बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। बस इस छोटे से फॉर्मूले के साथ ऊना नगर निवासी 31 वर्षीय पूजा सैनी ने आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाते हुए फूलों की खेती का विचार किया और 2016 में मैरीगोल्ड की खेती बिल्कुल छोटे स्तर पर शुरू की। धीरे-धीरे कारोबार जम गया और अब 20 कनाल में सिर्फ मैरीगोल्ड के फूलों की खेती से अच्छी कमाई कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46eec9a3dab69b91f2d184eb0930e6ecaf486112 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75366.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हजारीबाग, [अरविंद राणा]। Buddhist History in Sitagarha Hazaribagh हजारीबाग के सदर प्रखंड स्थित जुलजुल पहाड़‍ियों की श्रृंखला में बौद्ध इतिहास छिपा है, यह किसी को पता नहीं था। वर्ष 1998 में लोगों के आश्चर्य का ठिकाना उस वक्त नहीं रहा जब पहाड़ की तलहटी से गुजर कर आने वाले पानी में ग्रामीणों को मूर्तियां मिलीं और पास के तालाब के पास चांदी के सिक्के मिले। इस घटना ने पुरातत्वविदों का ध्यान खींचा। रांची से आए पुरातत्व विभाग के लोगों ने इस क्षेत्र का सर्वे किया। ।सर्वे में उन्हें पता चला कि यहां बौद्ध कालीन इतिहास छिपा है। 2019 -20 में जब इसकी खुदाई शुरू हुई तो यहां कई राज बाहर आए। यहां पाल काल के समय की मूर्तियां, बौद्धों के साधना स्थल, पूजन चक्र, ब्रह्म अष्ट दल कमल, बौद्धों की देवी मां तारा की मूर्तियां मिलीं। पहाड़‍ियों की श्रृंखला करीब आठ किलोमीटर में फैली है। जंगली जानवरों का यह शरणस्थली है। + +फिर शुरू हुई खुदाई ।बहोरनपुर गांव से सटी पहाड़ी की तलहटी में पुरातत्व विभाग ने कुछ दिनों तक खुदाई की। इसमें कई महत्वपूर्ण वस्तुएं मिलीं। 27 जनवरी 2020 को यह काम बंद हो गया। करीब एक साल बंद होने के बाद इसी वर्ष कुछ दिनों वहां फिर से खुदाई का काम शुरू हुआ है। सर्वे दल ने पहाड़ी के अन्य क्षेत्र और जंगल में आधा दर्जन से अधिक साधना स्थल होने का पता लगाया है। इतना हीं नहीं, एक कुआं जो अब क्षतिग्रस्त हो चुका है, इसकी भी खोज की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75367.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75367.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3dd7e889b9e6da4fc2af6a08717a50a83a590bd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75367.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खुद को बदलने का बल : जो हमें प्रेरित करते हैं, उन्हें कभी किसी पड़ाव पर रुकना पसंद नहीं होता। वे डरकर या घबराकर पीछे हट जाना नहीं जानते। वे खुद को इस तरह बना लेते हैं कि किसी प्रकार का भय उनकी राह नहीं रोक पाता। जिसे हम बहादुरी कहते हैं, आप उनमें बखूबी देख सकते हैं। वे यह अच्छी तरह समझते हैं कि यदि आप दुनिया में बदलाव लाना चाहते हैं तो पहले खुद को बदलना होगा। चुनौतियों और बाधाओं से कैसे निकलना है, इसमें वे माहिर होते हैं। वे अपने काम से एक ही संदेश देते रहते हैं कि डरना स्वाभाविक है, लेकिन यदि आप इस पर विजय पा सकें तो आपकी जीत तय है। + +भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं प्रेरित करने वाले लोग: महात्मा गांधी दूसरों को प्रेरित करने वाले एक आदर्श नेता थे। ऐसे सशक्त नेतृत्व का एक खास लाभ होता है। वे अनेक मजबूत नेतृत्व पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर मार्टिन लूथर किंग का नाम कौन नहीं जानता। अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन के वे एक प्रभावी नेता थे। लूथर गांधी के असहयोग और अहिंसा के सिद्धांतों से काफी प्रभावित थे। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला। 14 अक्टूबर, 1964 को दिया गया उनका भाषण आज भी उतना ही प्रभावशाली और प्रेरक लगता है। आपने देखा होगा कि जिन्हें हम सर्वोच्च आदर्श मानते हैं, वे भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत होते हैं। वे संवदेनशील तो होते हैं पर आत्मकेंद्रित नहीं होते। खुद के साथ वे औरों के प्रति भी उतने ही संवेदनशील होते हैं। उन्हें पता होता है कि कौन-सी बात हमें ठेस पहुंचा रही है? यही वजह है कि वे जन-जन के प्यारे नेता बन जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a480e2b7d7bd467d91e57138f99c7da927ab77f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में यमुना प्रदूषण के वार्षिक आैसत में कमी आई है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार ताजनगरी में वर्ष 2020 में यमुना में टोटल कालिफार्म (मानव व जीव अपशिष्ट) की मात्रा में कमी दर्ज की गई, लेकिन इसके बावजूद यमुना का पानी पीने लायक तो छोड़िए, नहाने के लायक भी नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75371.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75371.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ccad1b255a5d34d9645e21ff5c8022df4c469b8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75371.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौरी शंकर शर्मा, अलीगढ़ : पर्यावरण प्रदूषण न सिर्फ देश के लिए वरन पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बनता जा रहा है। पेड़, पौधे,पशु,पक्षी, मानव जीवन ही नहीं अपितु जमीन भी इसके कारण बंजर होती जा रही है, एवं दिन प्रतिदिन जमीन में पालीथिन की एक मोटी परत जमने के कारण जमीन का भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। जो आने वाले वर्षों में पानी की बहुत बड़ी किल्लत उपस्थित कर देगा, इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। आज बढ़ता हुआ प्रदूषण लगातार पर्यावरण पर आघात कर रहा है जिसमें सबसे बड़ा कारण देश में पालीथिन एवं प्लास्टिक का निरंतर बढ़ता  उपयोग है। जैसे जैसे हम पश्चिमी देशों की संस्कृति पर चलते जा रहे हैं जीवन के लिए पर्यावरण के क्षेत्र में वैसे ही जीवन का रास्ता दुर्गम होता चला जा रहा है।हम पर्यावरण का उपभोग तो कर रहे हैं लेकिन उसका संरक्षण नहीं कर रहे यह एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। + +आखिर कैसे बचाया जाए पर्यावरण को।अगर देश के पर्यावरण को बचाना है या उसे जीवित रखना है तो यह किसी एक आदमी का काम नहीं है वरन सभी का कर्तव्य है कि सबसे पहले पर्यावरण को बचाने के लिए पालीथिन वह प्लास्टिक रूपी दानव को खत्म करना होगा। इसके लिए हमें सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं मीडिया व सोशल मीडिया के लोगों से संपर्क कर न सिर्फ इसके उपयोग पर अंकुश लगाना है वरन इसका प्रचार प्रसार कर समाज को जागरूक कर एक नई दिशा देना है। लोगों को चाहिए कि वह पॉलिथीन के बैग प्रयोग न कर कपड़े के थैले लाने ले जाने की आदत डालें। जिससे हमें पालीथिन के बैगो की जरूरत ही ना पड़े। साथ ही आजकल दावत में अधिकांश प्लास्टिक क्रोकरी का प्रयोग होता है, उसका भी हमें बहिष्कार करना होगा आज अगर हमने यह सब नहीं किया तो हमारा आने वाला कल प्रदूषण रूपी दानव के चंगुल में फंसकर बर्बाद हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a242cd9bf5415c8b321bd682c505c2bc2fba7afd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, दीनानाथ साहनी। Bihar Politics इसे राजनीति की माया कह सकते हैं। कभी रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की बिहार की सियासत में तूती बोलती थी। उन्होंने वर्ष 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की स्थापना की और उसे दमदार तरीके से खड़ा किया। लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी डंवाडोल स्थिति में दिख रही है। उनके पुत्र चिराग पासवान (Chirag Paswan) कई राजनीतिक चुनौतियों से घिरे हैं। हालात यह है कि चिराग पासवान के लिए अब पार्टी का चुनाव चिह्न (party symbol) बंगला बचाने तक की चुनौती खड़ी हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75375.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75375.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17d956bca287b36ac69e9b0b6b6af867e281a5eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75375.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब बस नहर की संकरी पटरी पर पहुंची तो भयभीत यात्रियों ने ड्राइवर से रफ्तार कम करने की विनती की, पर ड्राइवर ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस बीच एक ट्रक को पास करने के प्रयास में बस का पहिया नहर की ओर फिसला और देखते ही देखते बस नहर में गिरकर गहरे पानी में डूब गई। आसपास के ग्रामीणों ने किसी तरह सात यात्रियों को बचाया, जबकि बाकी 51 यात्रियों की मौत हो गई। पूरे प्रदेश को शोक में डुबा देने वाले हादसे के बाद राजमार्ग पर चार दिन से खराब खड़ा ट्रक हटाने की कवायद शुरू हुई और रात तक उसे हटाकर जाम खुलवा दिया गया। इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार मानते हुए ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया। जाहिर है प्रशासन ने खुद को क्लीनचिट दे दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75376.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75376.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4b1c85ab0ca9253a724ef00fdcee1eabced912b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75376.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांगड़ा, नवनीत शर्मा। Himachal Panchayat Election 2021 अवसर और परिस्थितियां साल दर साल बदल रही हैं, पर एक बात जो नहीं बदलती, वह है युवाओं से अपेक्षाएं..उनसे उम्मीदें। युवाओं की भुजाओं और उनके जोश ने हमेशा से एक उम्मीद जगाई है। हिमाचल प्रदेश में संपन्न पंचायती राज चुनाव के परिणाम भी युवाओं से अपेक्षाओं के दस्तावेज बन रहे हैं। यही संदेश नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव परिणाम दे रहे हैं। अब प्रधान की छवि टोपी वाले किसी अधेड़ या वृद्ध की नहीं है। महामारी की छाया में संपन्न हुए चुनाव युवाओं पर भरोसे का परिणाम लेकर आए हैं। ।बहरहाल हिमाचल प्रदेश में 21 से 40 वर्ष के बीच के 72.2 फीसद लोग पंचायती राज संस्थाओं के लिए चुन कर आए हैं। जाहिर है, कुछ प्रधान हैं, कुछ उपप्रधान और बाकी हैं। 41 से 50 वर्ष आयु वर्ग के 19 प्रतिशत लोग चुने गए हैं। उधर शहरी निकायों में 41 फीसद लोग ऐसे चुने गए हैं, जो 21 से 40 वर्ष के बीच हैं। महिलाओं के लिए पचास फीसद आरक्षण होने के बावजूद 53 प्रतिशत को चुना गया है। दोनों तरफ 60 वर्ष से ऊपर के लोग डेढ़ प्रतिशत के आसपास हैं। एक पक्ष अवश्य बहुत हौसला बढ़ाने वाला नहीं है..वह यह है कि पंचायती राज संस्थाओं में करीब 71 प्रतिशत लोग ऐसे चुने गए हैं, जो दसवीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त हैं अथवा दसवीं कक्षा से कम स्तर तक पढ़े हैं। स्नातक अथवा स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त करने वाले केवल 11 प्रतिशत हैं। शहरी निकायों में स्नातक या स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त किए हुए प्रतिनिधि अवश्य ही 30 प्रतिशत हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75377.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75377.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc94bd3fa1998597cecca50920be4869d54a7b1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75377.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। अब तक जिन देशों के पास तेल और अमेरिकी डॉलर जैसी विदेश मुद्रा के बड़े भंडार होते थे, वे ही अमीर माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ अरसे से यह मिथक टूटता नजर आ रहा है। इसे असल में अब आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) से चुनौती मिल रही है, जो ‘क्रिप्टोमाइनिंग’ तकनीक से पूरे विश्व में फैलती जा रही है। इनमें भी सबसे ज्यादा चर्चा बिटकॉइन नामक वर्चुअल करेंसी की है। हालांकि अब दुनिया के चुनिंदा देशों और स्टारबक्स तथा माइक्रोसॉफ्ट जैसी कुछ कंपनियों में एक समानांतर मुद्रा के तौर पर बिटकॉइन एक स्वीकार्य करेंसी है, पर अभी भी कई देश अपने यहां चोरी-छिपे चल रहे इसके कारोबार को मान्यता नहीं देते। जैसे कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2018 में रिजर्व बैंक के उस सर्कुलर पर रोक लगा दी, जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी में डील करने या डील करने की सुविधा देने की बात थी। + +हाल में (10 फरवरी, 2021 को) राज्य सभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक हाई लेवल कमेटी ने उन सभी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का सुझाव दिया है, जिन्हें सरकार यानी रिजर्व बैंक जैसे सरकारी केंद्रीय बैंक जारी नहीं करते हैं। उनके अलावा वित्त राज्य मंत्री भी इस बात पर जोर दे चुके हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी के पास क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने का कोई तरीका नहीं है। इसलिए देश में इसके कारोबार को इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। दूसरी बड़ी वजह बिटकॉइन की कीमतों में होने वाली उठापटक है। भले ही हाल में इसकी कीमतें नई बुलंदियों पर पहुंची हैं, लेकिन किसी रोज यदि इसकी बिकवाली शुरू हुई तो इसमें भारी गिरावट से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। हालांकि हर तरह के निवेश में कोई जोखिम अवश्य होता है, ऐसे में पूंजी लगाने के इच्छुक लोग बिटकॉइन में निवेश का रास्ता देने का आग्रह सरकार से कर रहे हैं। उनका एक तर्क है कि ऐसी मुद्राओं पर कोई कानूनी फ्रेमवर्क बनने से पहले के निवेशों को छूट दी जाए। ऐसी व्यवस्था को वाणिज्य की भाषा में निवेश को ग्रांडफादर करना कहते हैं। यह एक कानूनन वैध विकल्प है, लेकिन इसका फैसला सरकार को लेना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75378.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75378.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b7e901e72ee46d03bc2b748e574e94e19d50e0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75378.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूरोस्‍टेट के आंकड़े बताते हैं कि पोलैंडस्लोवेनिया और बुल्गारिया में नवंबर 2020 में पिछले तीन वर्षों की तुलना में मृत्यु दर 90 फीसदी अधिक दर्ज की गई। इसी दौरान बेल्जियम में ये करीब 60 फीसदी, इटली और ऑस्ट्रिया में 50 फीसदी की तेजी आई थी। अपनी रिपोर्ट में यूरोस्‍टेट ने कहा है कि इस दौरान हुई मौतों की कौन-कौन सी वजह रही है इसका विश्‍लेषण अभी नहीं किया गया है। इसका अर्थ है कि इन आंकड़ों में हुई कुल मौतों की वजह केवल कोरोना महामारी नहीं रही है बल्कि इसके अन्‍य सभी कारण रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75379.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75379.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d3c56ab0a2e251d0d090e7f8baf85d8fc83716d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75379.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अप्रचलित ट्रेनों को छोड़कर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के पुराने कोच को बदलने के लिए लगातार आधुनिक कोच का निर्माण कराया जा रहा है। धीरे-धीरे पुराने कोच के स्थान पर नए कोच लगाए जा रहे हैंं। अप्रचलित ट्रेनों के नए कोच लगाने में पांच साल का समय लग सकता है, इसलिए पुराने कोच को तत्काल सुधार कर उन्‍हें आधुनिक कोच बनाया जा रहा है। कोच के सुधार करने का काम मंडल रेल प्रशासन को सौंपा गया है। सुधार करने पर रेलवे ने चार सौ करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की है। पुराने कोच को आधुनिक बनाने के लिए दो साल का समय निर्धारित किया गया है। उत्तर रेलवे में 640 कोचों में सुधार किया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75380.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75380.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..401320d9bfa08234ac161b8a5f29094c75ca6c89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75380.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। जिस देश में महिलाओं के सम्मान के लिए हुए संघर्ष पर रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ लिखे गए, वहां महिलाओं के साथ अपराध और हिंसा की घटनाएं होना शर्मनाक है। यह टिप्पणी करते हुए अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने प्रिया रमानी को मानहानि मामले से बरी कर दिया।आदेश सुनाते समय उन्होंने कहा 'वाल्मिकी रामायण में महिलाओं के सम्मान के प्रति उच्च मानकों को रेखांकित किया गया है। जब राजकुमार लक्ष्मण से राजकुमारी सीता के स्वरूप के बारे में पूछा गया तो, लक्ष्मण जवाब देते हैं कि उन्हें सिर्फ सीता के पैर ही याद हैं, क्योंकि उन्होंने इससे ऊपर कभी नहीं देखा।'' इसी तरह, रामचरितमानस के अरण्य कांड में महिलाओं की गरिमा की रक्षा और उनके सम्मान की उत्कृष्ट परंपरा का जिक्र है, जब जटायू ने रावण को सीता का अपहरण करते देखा तो उसने सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया।'वहीं, महाभारत के सभा पर्व में भी महिलाओं की गरिमा के संदर्भ में न्याय मांगने का उल्लेख है, जब रानी द्रौपदी ने कुरु राजसभा में दुशासन द्वारा उसे खींचने और उसके साथ किए दु‌र्व्यवहार के संबंध में न्याय की अपील की थी'। महत्वपूर्ण टिप्पणियां।यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए महिला का दंडित नहीं किया जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जीवन की गारंटी के रूप में जीवन के अधिकार और महिला की गरिमा की हर कीमत पर रक्षा करने का प्रविधान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..015c4c67abe923ed93899056527fd54ca82eb57f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75381.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिले में नियमित राशन वितरण चल रहा है। जिले में 7.18 लाख कार्ड धारक हैं, जिनको 1268 विक्रेता राशन उपलब्ध कराते हैं। इस बार राशन में पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट दो किलोग्राम गेहूं, दो किलोग्राम चावल और एक किलोग्राम मक्का वितरित किया जा रहा है। तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल, दो रुपये प्रति किलोग्राम गेहूं और एक रुपये प्रति किलोग्राम मक्का के मूल्य निर्धारित हैं। वहीं अंत्योदय कार्ड धारकों को 15 किलोग्राम गेहूं, 15 किलोग्राम चावल और पांच किलोग्राम मक्का प्रति कार्ड दिया जा रहा है। अभी तक 6.80 लाख कार्ड धारकों को राशन वितरित हो चुका है। ऐसे कार्ड धारक जिनके हाथों के निशान हल्के हो गए हैं उनको राशन के लिए आधार कार्ड दिखाना होगा। जिला आपूर्ति अधिकारी उमेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि प्राक्सी गुरुवार को होगी। वितरण सुनिश्चत कराने और गड़बड़ी रोकने के लिए मानीटिरिंग की जा रही है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75382.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75382.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2204e615ee6141aee012bd5e45d11a45188f6410 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75382.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंंह]। अपने धुआंधार प्रचार के लिए मशहूर रहे नवजोत सिंह सिद्धू के इस बार पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में एक जगह भी प्रचार के लिए नहीं गए। इसके बावजूद कांग्रेस ने राज्‍य 108 में 101 नगर काउंसिलों और आठ में से छह नगर निगमों में अप्रत्याशित जीत हासिल की है। इससे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी को यह संदेश देने में कामयाब हो गए हैं कि वह सिद्धू के प्रचार के बिना भी पार्टी को वह जीत दिला सकते हैं। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कांग्रेस की दुविधा और बढ़ गई है। इसमें सिद्धू की 'बड़ी' मांग भी आड़े आ रही है। बताया जा रहा है कि वह पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष का पद मांग रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75383.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75383.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd8cec37e79ea71e2747e6732d9962114a5877a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75383.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसटीएफ ने दोनों आरोपितों को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के सिपुर्द कर दिया है। एटीएस ने उन पर विधि विरुद्ध क्रियाकलप (निवारण) अधिनियम, आयु अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक षड्यंत्र व आपराधिक बल का प्रयोग कर आतंकित करने के षड्यंत्र की धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। एटीएस ने कड़ी सुरक्षा में दोनों को बुधवार दोपहर लखनऊ स्थित एडीजे कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया। एटीएस अधिकारियों के अनुसार कोर्ट ने दोनों आरोपितों की गुरुवार सुबह 10 बजे से सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। एटीएस व अन्य एजेंसियां अब उनसे नए सिरे से पूछताछ करेंगी। माना जा रहा है कि केरल से पकड़े गए सीएफआइ के राष्ट्रीय महासचिव रऊफ से उनका आमना-सामना भी कराया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75387.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75387.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a117bf54f8cbfdb7fc437bf7bc680884d2dbacb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75387.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैठक की जानकारी सभी को निकिता देती थी। 9 जनवरी को तय हुआ कि सभी मिलकर काम करेंगे। 11 जनवरी को एक ई-मेल आइडी बनाया गया और उसी दिन इनकी जूम पर मीटिंग हुई, जिसमें मो धालीवाल भी शामिल था। 17 जनवरी को हुई बैठक के लिए पुनीत ने 12 जनवरी को मेल से जानकारी दी थी। 11 से 20 जनवरी को टूलकिट तैयार करने के बाद ग्रुप के कुछ सदस्यों को उसे भेजा गया और 23 जनवरी को उसे अंतिम रूप देकर पीजेएफ को भेज दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75393.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75393.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c93053bf45f2c6c939e8633a02e5d36a0d61056d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75393.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि स्कूलों को अब बदले मानदंडों के अनुरूप ही चलना होगा। फिलहाल कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के लिए ही स्कूल खुले हैं। कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक एक कक्षा में मात्र 12-15 छात्रों को ही बैठने की अनुमति है। एक्शन कमेटी आफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल संस्था ने बीते साल जुलाई-अगस्त में इस संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिया था। + +इसमें सभी दिशा निर्देशों को जारी करने से पहले छात्रों की सुरक्षा से संबंधित पहलुओं को ध्यान में रखकर विचार विमर्श भी किया गया। दरअसल सुरक्षा का मतलब केवल कोरोना से बचाव मात्र ही नहीं है, इसमें शारीरिक और भावनात्मक सुरक्षा के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना आवश्यक है। बच्चे लंबे अंतराल से अपने मित्रों, अध्यापकों और विद्यालय से दूर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b421d35142542bb94718eab99a2647beccfa84b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। प्रभा खेतान फाउंडेशन ने ‘कलम’ (अपनी भाषा अपने लोग) कार्यक्रम के तहत मंगलवार को प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मभूषण राम वंजी सुतार के साथ उनकी बनाई गई मूर्तियों के बारे में चाय पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया। दैनिक जागरण, श्री सीमेंट व अहसास वूमन आफ एनसीआर के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में कथक नृत्यांगना शिंजिनी कुलकर्णी ने राम वंजी सुतार से उनके मूर्ति बनाने के सफर की शुरुआत से लेकर विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति स्टेच्यू आफ यूनिटी बनाने तक के सफर पर चर्चा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6019dd1ba3cec8bf45a42927abdb3b6daa984c9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75398.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले दिनों उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आयी भारी तबाही के बीच राहत अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस की बड़ी भूमिका देखी गयी। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले 20 सालों में प्राकृतिक आपदाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। इस मामले में  अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर है। हर साल इन आपदाओं में हो रही क्षति को देखते हुए आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित युवाओं की काफी जरूरत देखी जा रही है, जो मुश्किल परिस्थितियों से निपटने में कुशल होते हैं...।आपदा प्रबंधन की पढ़ाई के बाद सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के संस्थानों में ऐसे प्रोफेशनल्स को नौकरियों में काफी प्राथमिकता दी जा रही है। सरकारी क्षेत्रों में केंद्र सरकार की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के अलावा राज्य सरकारों के आपदा प्रबंधन विभाग, अग्निशमन विभाग के अलावा केमिकल, खनन व पेट्रोलियम जैसे रिस्क वाले जगहों पर अभी इनकी सबसे अधिक जरूरत देखी जा रही है, जहां कंसल्टेंट, सिक्युरिटी एडमिनिस्ट्रेटर, सिक्युरिटी एनालिस्ट, सिक्युरिटी सुपरवाइजर जैसे पदों पर नौकरी पायी जा सकती है। इसके अलावा, यूनिसेफ, रेडक्रास जैसी तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लेकर तमाम एनजीओज में इस पृष्ठभूमि के लोगों के लिए काफी मौके हैं। यहां आपदा प्रबंधन इंस्टीट्यूट में अध्यापन और सामाजिक कार्यकर्ता बनने का भी विकल्प है। + +आपदा प्रबंधन एक चुनौतीपूर्ण फील्ड है, जहां जरूरत पड़ने पर लोगों की जानमाल बचाते समय खतरों से भी खेलना पड़ता है। इसलिए आपदा प्रबंधन के प्रोफेशनल्स में साहसिक प्रवृत्ति के साथ-साथ उनमें समाजसेवी भावना होनी चाहिए, तभी इस फील्ड का आनंद उठा पाएंगे। अभी विश्वविद्यालयों व शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों में आपदा प्रबंधन में स्नातक, परास्नातक तथा पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स ऑफर किये जा रहे हैं, जिसके लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में स्नातक होना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75399.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75399.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0105ca3312fa8199b12cb5e9ac2b516a027a2631 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75399.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से दैनिक जागरण की विशेष बातचीत।वित्त विभाग मुख्यमंत्री के ही पास है। ऐसे में इन तमाम चुनौतियों के बीच प्रदेश को जन कल्याणकारी तथा विकासशील बजट देना उनके पहले एजेंडे में शामिल है। इसके लिए अलग-अलग वर्ग और अफसरों के साथ बैठकों का दौर जारी है। प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक मुद्दों पर दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से विशेष बातचीत की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश-।- कोरोना काल में प्रदेश के विकास की गति प्रभावित हुई। राजस्व पर भी इसका असर पड़ा। अब बजट आने वाला है। लोग किस तरह की उम्मीद कर सकते हैं?।- यह सही है कि कोरोना काल में विकास की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी, लेकिन हमारी सरकार ने बड़े ही अच्छे तरीके से सारी व्यवस्थाओं का संचालन किया। कोरोना काल में 12 हजार करोड़ रुपये का कम राजस्व आया। फिर भी हमने जन कल्याण के किसी काम पर कम बजट का असर नहीं पडऩे दिया। मार्च माह में आने वाला प्रदेश का बजट लोकहित में होगा। इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बजट राशि बढ़ाने की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..168674af44249024463d054e4c5f8258bcd80615 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुंगेर, प्रशांत कुमार। देशभर में जहां कहीं भी सस्ती पिस्टल की डिमांड होती है अपराधी बिहार के तस्करों से संपर्क करते हैं। उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान बिहार से हथियार सप्लाई होने की बात सामने आई थी। अब बंगाल चुनाव में गिरोह के सक्रिय होने की बात सामने आ रही है। एक तरह से यहां मिनी गन फैक्ट्रियां चल रही हैं, जहां सस्ते में पिस्तौल सप्लाई हो रही है। बिहार के मुंगेर से लेकर आसपास के इलाकों में अवैध हथियारों के कारोबार के फैले जाल पर एक रिपोर्ट:।वैध माल को रोकना सिरदर्द: मुंगेर में अवैध हथियार निर्माण अंग्रेजों से लड़ने के लिए शुरू किया गया था। लेकिन आज मुंगेर का अवैध हथियार निर्माण व बिक्री का धंधा देश के सभी राज्यों के लिए सिरदर्द बन गया है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अवैध हथियार बनाने के लिए जो कच्चा माल है वो वैध ढंग से आता है और फिर उससे हथियार तैयार कर अवैध कारोबार का साम्राज्य खड़ा किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75401.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75401.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64349ff17b3a6ed0bdf6018156d15a988db8eca3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75401.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, जासं। Real-Life Gharwali Baharwali झारखंड की राजधानी रांची से चौंकाने वाली खबर है। अजब-गजब के इस मामले में प्रेमिका और पत्‍नी ने मिलकर शादीशुदा मर्द का बटवारा कर लिया। समझौते के मुताबिक हर हफ्ते में 3-3 दिन पति उनके साथ रहेगा। एक दिन वह अपनी मर्जी से अपनी जिंदगी जी सकेगा। पहले से विवाहित रहे युवक को पहली पत्‍नी से एक बच्‍चा भी है। बाद में उसने अपनी प्रेमिका से कुंवारा होने का ढोंग रचकर शादी रचा ली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75404.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75404.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c82137d6470d08bc4cd3d3e75b90ed07dbf6616 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75404.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अहमदाबाद के रंजीत सिंह राठौड़ के इस घोड़े को खरीदने पहुंची सलमान की टीम।भैंसड़ा स्टड फार्म अहमदाबाद (गुजरात) से रंजीत सिंह राठौड़ अपने दो घोड़ों को हार्स ब्रीडर्स प्रतियोगिता में लेकर आए हैं। रंजीत ने बताया कि मारवाड़ी नस्ल का परमवीर का रंग काला है। इसकी ऊंचाई 65 इंच से ज्यादा है। पिछले वर्ष रिलांयस ग्र्रुप ने परमवीर की कीमत एक करोड़ रुपये लगाई थी।  सोमवार को यहां पहुंची अभिनेता सलमान खान की टीम ने भी परमवीर को खरीदने की इच्छा जताई, लेकिन उन्होंने बेचने से मना कर  दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..619a85b43edb3553ce8c4670d1bacb4f13005a09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऋषिगंगा कैचमेंट क्षेत्र में हैंगिंग ग्लेशियर के टूटने से हुई तबाही भी इसी का परिणाम है। बावजूद इसके आज तक भी ग्लेशियरों की मॉनीटरिंग का पुख्ता इंतजाम नहीं है। ग्लेशियरों की मॉनीटरिंग के लिए वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग जैसे गिने-चुने संस्थान ही हमारे पास हैं। ये संस्थान भी चुनिंदा ग्लेशियरों पर काम कर रहे हैं। विज्ञान जगत की बात करें तो तमाम विज्ञानी लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि ग्लेशियरों पर अध्ययन के लिए पृथक संस्थान की स्थापना आवश्यक है, क्योंकि विकास की चुनौतियों के बीच ग्लेशियरों से निकलने वाले खतरे भी बढ़ रहे हैं। यह सरकारों की समझ में आना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a65348816c1b232458921242b4e0a5b83db5a21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दक्षिणी दिल्ली निगम के नेता सदन नरेंद्र चावला ने बताया कि निगम राजधानी में अनधिकृत कालोनियों और झुग्गी बस्तियों में अब भी वाई-फाई नहीं हैं। ऐसे में यहां रहने वाले बच्चों को चाहे स्कूली शिक्षा या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इंटरनेट की सुविधा की सख्त जरूरत है। ऐसे में निगम ने पहले चरण में पीएम वाणी योजना के तहत स्थायी समिति ने प्रत्येक वार्ड में 20 वाई-फाई हॉट स्पॉट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे गरीबों को सस्ते और तेज गति वाले इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45b58ab896fafcfc1ce2a96b0cb795cf0712b26e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7541.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नहीं आता था पॉटी साफ करना।प्रेग्नेंसी बाइबल के साथ एक राइटर के रूप में शुरुआत कर रही हैं। करीना ने अपनी किताब में बताया कि कैसे शुरू-शुरू में उन्हें बेबी ड्यूटी से जूझना पड़ा। करीना ने लिखा कि तैमूर और जेह को पालने का उनका नियम सरल है - अपना बेस्ट परफॉर्म करना और आराम करना। उन्होंने लिखा, “मैं पहली बार सबसे परफेक्ट मॉम नहीं थी। उलझने में ही आनंद है। शुरुआत में मुझे तो ये तक नहीं पता था कि तैमूर की पॉटी कैसे साफ करनी है या उसका डायपर ठीक से कैसे पहनाया जाए। उसकी सूसू इतनी बार लीक हुई क्योंकि उसकी मां ने उसके डायपर को पूरी तरह से नहीं पहनाया किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6866e37d1b7e245e1bfcb37c17f014614f3b9be4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो रुपया प्रतिकिलो बढ़े चीनी के दाम।ब्रांडेड देशी घी की कीमतों में भी भारी वृद्धि हुई है। दीपावली पर 5800 रुपये प्रतिटिन था। अब 6200 रुपया प्रति टिन मिल रहा है। फुटकर बाजार में यह 380 रुपया प्रतिकिलो था।  यह चार रुपया प्रतिकिलो महंगा हुआ है। बाजार में देशी घी की कीमत 420 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति लीटर तक मिल रहा है। ब्रांडेड सरसाें के तेल की कीमत भी दीपावली से अबतक 150 रुपया प्रतिटिन बढ़ी है। चार माह पहले यह 1900 रुपया प्रतिटिन था। अब यह 2050 रुपये प्रतिटिन मिल रहा है। फुटकर बाजार में पिछले चार माह में 20 रुपये प्रतिलीटर पैसा बढ़े हैं। तब यह 118 रुपये प्रतिलीटर था। अब यह 130 से 135 रुपये प्रतिलीटर मिल रहा है। महंगाई का असर चाय की चुस्की पर भी है। फरवरी में फुटकर बाजार में चीनी के रेट  दो रुपए प्रतिकिलो बढ़ेे हैं।  थोक बाजार में चीनी 3380 रुपया प्रतिकुंतल थी, बाजार में यह अब 3460 रुपया प्रतिकुंतल हो गई है! गृहणी सीमा कुमारी का कहना है कि खाद्य तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। महंगाई ने घर की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। समझ में नहीं आ रहा क्या करें। कोरोना संकट के बाद रसोई उपयोगी हर खाद्य वस्तु महंगी हुई है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3e52b1eb26d0dbaf31eb1219c44cbb9585eccf5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75412.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर में राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में पैसा जुटाने का अभियान जारी है। इस बीच प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने विशेष तौर पर राममंदिर पर वृत्तचित्र भी तैयार किया है। वहीं रामायण व महाभारत जैसे कालजयी धारावाहिक के कलाकार भी लोगों से मंदिर निर्माण में सहयोग की अपील कर रहे हैं। इसमें राम का ऐतिहासिक किरदार जीने वाले अरुण गोविल, सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया, महाभारत में कृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज, भीष्म पितामह का किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना, युधिष्ठिर बने गजेंद्र चौहान समेत अन्य कलाकार भी राम के लिए अर्पण का आह्वान कर रहे हैं। प्रख्यात हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव व अभिनेता मनोज जोशी भी रामकाज में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अभिनेता अक्षय कुमार ने भी रामभक्तों से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में गिलहरी की तरह योगदान देने का आग्रह किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75417.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75417.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..072499453085fd1e2ca1fd4dc88c8c0a12a7923d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75417.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) का चेहरा देश के सामने बेनकाब हो गया है। लखनऊ में मंगलवार शाम गिरफ्तार पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन और केरल के ही निवासी फिरोज खान के खौफनाक मंसूबे जान सुरक्षा एजेंसिंयों के कान खड़े कर दिए हैं। आतंकी हमलों को अंजाम देने के साथ  इनके निशाने पर हिंदूवादी संगठनों के नेता थे, जिनकी हत्या कर देश में दहशत का माहौल बनाना था। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। आशंका है कि इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए विदेश से फंडिंग भी की गई है। ।उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा फैला चुके पीएफआइ के 123 सदस्यों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर उपद्रवियों ने यूपी में भी पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया था। लखनऊ में 23 दिसंबर 2019 को पुलिस ने हिंसा के मामले में पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc2982004d3f3efc8a68d9607ac384eb61126c50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75421.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह सही है कि एक समय आरक्षण की व्यवस्था हमारी सामाजिक जरूरत थी, लेकिन हमें इस परिप्रेक्ष्य में सोचना होगा कि आरक्षण बैसाखी है, पैर नहीं? याद रहे यदि शारीरिक अशक्तता में सुधार होने की दशा में चिकित्सक बैसाखी का उपयोग बंद करने की सलाह देते हैं और बैसाखी का उपयोगकर्ता भी यही चाहता है। किंतु राजनीतिक महत्वाकांक्षा है कि आरक्षण की बैसाखी से मुक्ति नहीं चाहती। शायद इसलिए आरक्षण भारतीय समाज में उत्तरोत्तर मजबूत हुआ है। वर्ष 1882 में नौकरियों में आरक्षण देने की शुरुआत हुई थी। तब ज्योतिबा फुले ने हंटर आयोग को ज्ञापन देकर मांग की थी कि सरकारी नौकरियों में कमजोर वर्गो को संख्या के अनुपात में आरक्षण मिले। + +एक दशक बाद इस आरक्षण को खत्म करने के बजाय इसे अब तक जीवनदान दिया जाता रहा है। फलत: पिछड़ी जातियां भी आरक्षण की मांग करने लग गईं। परिणामस्वरूप 1953 में पिछड़ी जातियों की पहचान के लिए आयोग का गठन किया गया। वर्ष 1978 में मंडल आयोग ने पिछड़ी जातियों के लिए 27 फीसद आरक्षण की मांग की। वर्ष 1990 में अपनी कुर्सी बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने इस आरक्षण को मंजूरी दे दी। इसके बाद वर्ष 1995 में संविधान में 77वां संशोधन कर पदोन्नति में भी आरक्षण का प्रविधान किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75423.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75423.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5cd1b12add063b58bdc0190ae1058b6ccc759c71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75423.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [विनय तिवारी]। किसानों की ट्रैक्टर रैली की आड़ में राजधानी के लालकिला और अन्य जगहों पर जो उपद्रव मचाया गया उसका धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है। स्पेशल सेल इसकी रणनीति तैयार करने वालों तक पहुंच रही है। स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट से इस पूरे मामले का खुलासा हो रहा है। ।हालांकि ग्रेटा ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था मगर तब तक उसके आधार पर रणनीति बना ली गई थी। देश में रहने वाली दिशा रवि ने इसमें कुछ चीजें और जोड़ी और फॉरवर्ड कर दिया। इसके बाद जूम मीटिंग हुई और 70 लोगों ने मिलकर इस पूरे हंगामे की रचना कर डाली। अब पुलिस इस हंगामे में शामिल रहे लोगों को पकड़कर उनके नाम उजागर कर रही है। ।पुलिस ने लालकिला में उपद्रव फैलाने वाले कुछ मुख्य लोगों को पहले ही पकड़ चुकी है। कुछ इनामी अभी भी फरार है। दीप सिद्धू, इकबाल सिंह जैसे लोग गिरफ्त में आ चुके हैं। हम आपको बताते हैं कि टूलकिट का मामला सामने आने के बाद अब तक इस मामले में कितने लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। + +पीटर फ्रेडरिक (Peter Fadrick)।पीटर फ्रेडरिक विदेश में रहता है, इसका नाम टूलकिट के रिसोर्स पर्सन के तौर पर सामने आया है। उसका संबंध खालिस्तानी आतंकी से है। वह बोलने और लेखन में कुशल है। लिहाजा वह खिलस्तानी संगठन का विशेष कार्यकर्ता बन गया। टूल किट मामले में पीटर का अहम रोल है। उसने ही तय किया था कि ट्वीट में हैशटैग क्या होगा, किसे फालोअप करना है और कब क्या ट्वीट करना है। इसकी तलाश में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां वर्ष 2006 से ही लगी हुई हैं।  ।अनिता लाल (Anita Lal) ।अब इस मामले में अनिता लाल का भी नाम सामने आया है। अनिता कनाडा में रहती है। वह पोएटिक जिस्टस फाउंडेशन की सह संस्थापक है। वह लंबे समय से धालीवाल के साथ रहकर गतिविधियां चला रही हैं। टूलकिट को पूरी तरह से तैयार करने में अनिता लाल भी शामिल हैं। + +भजन सिंह भिंडरवाल उर्फ इकबाल चौधरी (Bhajan Singh Bhindarwal)।भजन सिंह भिंडर का एक नाम इकबाल चौधरी भी है, वो आइएसआइ से जुड़ा हुआ है। उसका एक सहयोगी लाल सिंह है वो भी ISI के लिे काम करता है। स्पेशल सेल को अब तक जो सूचनाएं मिली है उसके आधार पर ये कहा जा रहा है कि लालकिला उपद्रव मामले में भजन सिंह भी कहीं न कहीं से जुड़ा हुआ है। इन लोगों ने उपद्रव फैलाने में भूमिका निभाई है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75424.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75424.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55c43d875d5b7556bffeeab41c45093d3aa55415 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75424.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। Railway Parcel Goods Supply Facility। कुंभ के कारण हरिद्वार और उसके आसपास के स्टेशन पर ट्रेन से पार्सल भेजने और मंगाने पर रोक लगा दी गई है। हरिद्वार या ऋषिकेश के व्यापारियों को अब देहरादून से माल मंगाना पड़ेगा। रेलवे ने मालगाड़ी में माल लोडिंग के ल‍िए पथरी स्टेशन खोल रखा है।कुंभ के कारण रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर कई उपाय किए हैं। इसमें हरिद्वार स्टेशन तक आने वाली ट्रेनों को आगे व पीछे इंजन लगाकर चलाया जा रहा है। प्लेटफार्म पर आते ही गाड़ी की सफाई कराने के बाद ट्रेन को वापस चलाने के लिए इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हरिद्वार तक चलने वाली ट्रेनों को योगनगरी न्यू ऋषिकेश तक चलाया जा रहा है। कुंभ मेला आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों को सामान की पूर्ति करने के लिए छोटे व्यापारी ट्रेन के पार्सल से माल मांगते हैंं। बाहर से आने वाली सब्जी ट्रेन के पार्सल बोगी से आती है। कुंभ मेला में ट्रेन से आने वाले यात्रियों को पार्सल से कोई परेशानी न हो, इसलिए रेलवे ने हरिद्वार, लक्सर, योगनगरी न्यू ऋषिकेश के अलावा मोतीचूर, रायवाला, ज्वालापुर से पार्सल से माल मंगाने पर 27 अप्रैल तक रोक लगा दी गई है। इस व्यवस्था के बाद छोटे व्यापारी को पार्सल के जर‍िए देहरादून से माल मंगाना पड़ेगा। व्यापारी छोटे वाहन द्वारा देहरादून से हरिद्वार माल लाएंगे। हरिद्वार के आसपास दवाई व ऑटो मोबाइल की उत्पादन इकाई है। यहां देश भर में कंपनियों के माल भेज जाते हैं। रेलवे ने इसके लिए पथरी स्टेशन पर मालगाड़ी से माल ढुलाई की व्यवस्था की है। बड़े व्यापारी ट्रक द्वारा पथरी स्टेशन तक माल लाकर मालगाड़ी से देश के विभिन्न कोने में भेज रहे हैं। इस व्यवस्था के बाद रेलवे की माल ढुलाई में कोई अंतर नहीं पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75425.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75425.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7135358f37161848c1706be7c42eeedbdd0a60a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75425.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिस्टर 360 डिग्री के नाम से फेमस एबी डिविलियर्स को पसंद किए जाने की एक वजह ये भी है कि वे आइपीएल में विराट कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं। विराट और डिविलियर्स की बॉन्डिंग इतनी अच्छी है कि वे किसी भारतीय क्रिकेटर के साथ भी आइपीएल के दौरान उतना समय नहीं बिताते होंगे, जितना वे डिविलयर्स के साथ बिताते हैं। इसके अलावा मैदान पर विराट कोहली और एबी डिविलियर्स दो सगे भाईयों की तरह खेलते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3c21b3a95a69c053e27ec1d77ba957dbb64f08a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। अंदाज बिल्कुल फिल्मी था। शादी के मंडप में दूल्हा-दुल्हन के वरमाला की रस्म चल रही थी। दुल्हन हाथों में वरमाला लेकर बार-बार दरवाजे की ओर देख रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी का बेसब्री से इंतजार कर रही है। दूल्हा-दुल्हन वरमाला लेकर जैसे ही एक दूसरे के गले में डालने को हुए ठीक उसी वक्त पुलिस ने एंट्री ली। उसे देखते ही दुल्हन ने वरमाला डालने को बढ़ाए अपने हाथों को पीछे खींच लिया। उसके चेहरा खुशी से खिल उठा। पुलिस ने दूल्हे काे वरमाला डालने से रोका तो वह रोने लगा। पुलिस से गुहार लगाई कि उसकी पहली बार शादी हो रही है। फेरे हो जाने दो। मगर, जब पुलिस ने बताया कि दुल्हन नाबालिग है। उसकी शादी कानूनन जुर्म है, इसके लिए उसे जेल तक जाना पड़ सकता है तो वह और बुरी तरह रोने लगा। बिना दुल्हन के खाली हाथ बरात लेकर लौट गया। वहीं, दुल्हन बनी किशोरी खुश थी। वह अपने सपनों को साकार कर सकेगी। आगे पढ़ाई करके अपना कैरियर बना सकेगी। हैदराबाद की किशोरी की स्वजन मंगलवार को जबरन अलीगढ़ के युवक से शादी करा रहे थे। मैरिज होम में घराती और बराती जुटे थे। दूल्हे के वरमाला डालने से पहले पुलिस पहुंच गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75430.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75430.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1831bfd1537db646ad1586ca42b57f44f22db2fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75430.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीजिंग/नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर खबरों में पैंगोंग झील, फ‍िंगर-4 क्षेत्र और एलएसी का जिक्र लगातार हो रहा है। हाल में कहा जा रहा है चीन ने फ‍िंगर-4 क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है। चीन ने यहां अपने निर्माण कार्य को भी ध्‍वस्‍त करना शुरू कर दिया है। इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। क्‍या आप जानते हैं कि यह फ‍िंगर क्‍या है। दोनों देशों के बीच संबंधों में फ‍िंगर-4 की क्‍या है भूमिका। आइए हम आपको बताते हैं सारे फ‍िंगर क्षेत्र के बारे में। इसके साथ ही एलएसी के बारे में भी जहां लेकर विवाद बना हुआ है।  ।भारत-चीन के रिश्‍ते में फ‍िंगर फैक्‍टर । आखिर क्या है एलएसी।एलएसी भारत-चीन के बीच वह रेखा है, जो दोनों देशों की सीमाओं को अलग-अलग करती है। दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर अपने-अपने क्षेत्र में लगातार गश्‍त करती है। भारत-चीन सीमा को विभक्‍त करने वाली एलएसी तीन सेक्‍टरों में बंटा हुआ है। पहला सेक्‍टर अरुणाचल प्रदेश से लेक‍र सिक्‍कम तक है। दूसरा सेक्‍टर हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड से सटा हुआ है। तीसरा सेक्‍टर लद्दाख है। पूर्वी लद्दाख एलएसी के पश्चिमी सेक्‍टर का निर्माण करता है, जो कि काराकोरम पास से लेकर लद्दाख तक आता है। दक्षिण में चुमार है, जो पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश से जुड़ा है। यह पैंगोंग झील, पूर्वी लद्दाख में 826 किलोमीटर के बॉर्डर के केंद्र के एकदम करीब है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f5c8801ac6a0f982397fb7f4f2c67e4471cfe40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75432.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। एक भारतीय महिला ने ब्रिटेन की विश्‍व विख्‍यात ऑक्‍सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र संघ में अध्‍यक्ष पद का चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया है। इस महिला का नाम रश्मि सामंत है। रश्मि इस पद पर काबिज होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। रश्मि का संबंध भारत के कर्नाटक के मनिपाल से है। उन्‍हें यहां पर हुए चुनवा में अपने अन्‍य तीनों प्रतिद्वंदियों से अधिक वोट हासिल हुए। रश्मि को इस चुनाव में पड़े कुल 3708 वोट में से 1966 वोट हासिल हुए। + +रश्मि ने एमआईटी में मनिपाल हैकथॉन की शुरुआत की थी। बतौर यूनिवर्सिटी की अध्‍यक्ष वो चाहती हैं कि वहां पर छात्रों की मैंटल हैल्‍‍थ के लिए अधिक से अधिक फंडिंग हो सके। साथ ही वो यूनिवर्सिटी में जीवाश्‍म ईंधन को बढ़ावा देना चाहती हैं। रश्मि ने अपनी चुनाव कैंपेन में होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया से लड़ने की बात कही थी। उन्‍होंने कहा कि लोगों के बीच LGBT समुदाय को लेकर जो मानसिकता है उसको बदलने की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b9e7435ef7f3be4ca23894447b155cd3bb3b205 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दैनिक जागरण से बात करते हुए नियाज ने कहा कि पीएम मोदी ने बतौर सांसद उनका पूरा सम्‍मान किया। जब भी उन्‍हें सदन में या व्‍यक्तिगततौर पर पीएम के समक्ष अपनी बात रखने का मौका मिला उन्‍होंने इसका पूरा फायदा उठाया। उन्‍होंने पीएम को बताया कि जम्‍मू कश्‍मीर आर्थिक रूप से बेहद गरीब राज्‍य है। उन्‍होंने वहां के लोगों की समस्‍याएं उनके सामने रखीं। इस बातचीत में उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू कश्‍मीर का विशेष राज्‍य का दर्जा खत्‍म करने, अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म करने और राज्‍य के विभाजन से वहां के लोग विकास की दौड़ में और पीछे हो गए हैं। इस फैसले का अब तक कोई फायदा सामने नहीं आया है और आएगा भी नहीं। ये सबसे बड़ा नुकसान वहां की जनता को हुआ है। इससे जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90480a81975d537eed0039423987e75061563c2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लॉकडाउन व एहतियात ने किया काम।विज्ञानियों के एक वर्ग को यह संदेह है कि भारत में वास्तव में कोरोना संक्रमण के कारण जितनी मौते हुई हैं, रिकॉर्ड में उनसे कम आ पाई हैं। हालांकि, इसका फायदा भी मिला। लोग दहशत में नहीं आए, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिली। हालांकि, मार्च में लॉकडाउन लागू किए जाने से भी कोरोना संक्रमण को काबू में करने में बड़ी मदद मिली। फेस मास्क के इस्तेमाल, शारीरिक दूरी और स्कूल-कॉलेजों का बंद रहना और घर से काम करने की प्रवृत्ति ने भी संक्रमण को फैलने से रोका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d56209477b5db93e87b8203f2c26d4b2e5a4bbea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + व्हेनसांग का तिलढक है आज का तिल्हाड़ा ।पुरातत्व निदेशालय ने नालंदा के तेल्हाड़ा गांव में खोदाई का जिम्मा बिहार विरासत विकास समिति के कार्यकारी निदेशक विजय कुमार चौधरी को दिया है। सातवीं शताब्दी में चीनी यात्री व्हेनसांग ने भी अपनी यात्रा वृतांत में का तिलढक (तेल्हाड़ा) का जिक्र किया है। विजय चौधरी बताते हैं कि तेल्हाड़ा में बड़े-बड़े ऐतिहासिक टीले शुरू से ही नोटिस में रहे। यहां ग्रामीणों को अकसर ऐतिहासिक मूॢतयां मिलती थीं। 1860 ई. के आसपास अंग्रेज अफसर ब्रॉडले तेल्हाड़ा गए। उन्होंने प्रतिमाओं और अन्य अवशेषों को देखकर अंदाजा लगाया कि हो न हो व्हेनसांग के वृतांत में जिस तिलढक का जिक्र है, वह यही जगह है। इसके कुछ साल बाद ही मशहूर इतिहासकार कनिंघम भी तेल्हाड़ा आए और उन्हेंं अभिलेख मिला जिस पर तिलढक लिखा था। हालांकि इसकी ढंग से खोदाई नहीं हो पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75437.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f8ad08246073af6245e047be0aaa5ef46095ec5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू यादव के जीवन पर फिल्म का निर्माण हो रहा है। 'लालटेन' नाम की फिल्म में ओबरा प्रखंड के विशुनपुरा निवासी राव रणविजय सिंह नजर आएंगे। रणविजय टीवी एवं फिल्म इंडस्ट्री में अपना खास मुकाम बनाया है। अब वे बिहार के औरंगाबाद जिले का नाम रोशन कर रहे हैं। फिल्म को लेकर रणविजय सिंह काफी उत्‍साहित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e0bb9baeee6a451984533a9e8af9f764f41bb88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75440.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तैयार कर लें सूची। इस बार दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसमें अभिभावकों को 18 फरवरी से पूरी तरह से दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से भरकर ऑनलाइन ही जमा कराना है। लेकिन फिर भी कई स्कूलों ने दाखिला फार्म तो ऑनलाइन उपलब्ध कराने को कहा है लेकिन अभिभावकों को उस फार्म को घर पर प्रिंट कर पेन से भरकर स्कूल में जमा करने को कहा है। ऐसे में जरूरी है कि अभिभावक सभी स्कूलों के दाखिला मानदंड अपलोड हो जाने के बाद दो अलग-अलग सूची तैयार कर लें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75445.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75445.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c6d1639cbf5e509821502b4a7d08f0aa171e76d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75445.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाराबंकी, [केके मिश्रा]। कहते हैं कि सबसे अच्छा सबक हालात सिखाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ हैदरगढ़ क्षेत्र के पूरेअजान का पुरवा मजरे रानीपुर गांव की 26 वर्षीय सीतापति के साथ। बच्चों ने होम वर्क कराने को कहा तो पढ़ी-लिखी न होने के कारण वह नहीं करा सकी। इस शर्मिंदगी से बचने के उन्होंने पढ़ाई करने का संकल्प लिया और उसी स्कूल में अपना दाखिला कराया, जहां उसके बच्चे पढ़ते थे। एक साल में ही न सिर्फ वह अक्षरों को भली-भांति पहचानने और पढ़ने लगी हैं, बल्कि बच्चों का होमवर्क कराने में भी मदद कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75446.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75446.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e869512c515c3962fbf1800fc0c7b8053116d432 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75446.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइआरसीटीसी अभी तक देश के विभिन्न स्थानों पर यात्रियों को ट्रेन मार्ग से ही पर्यटन कराने ले जाता था। इसमें न्यूनतम पांच दिन का समय लग रहा था। ऐसे यात्री जो समय के अभाव में पर्यटन को नहीं जा सकते हैं, उनके ल‍िए प्रयास होता है कि शनिवार व रविवार की छुुट्टी वाले दिन पर्यटन के लिए ले जाया जाए। आइआरसीटीसी ने ऐसे यात्रियों की सुविधा के लिए हवाई जहाज से पर्यटन कराने की योजना तैयार की है। मार्च के द्वितीय शनिवार 13 मार्च और रविवार 14 मार्च को शिरडी और शिंगनापुर दर्शन के लिए पर्यटकों को हवाई जहाज से ले जाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04c3843fb186c8805c14cb174e89620d525e0176 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ तथा मौलिक अधिकारों के भक्षण का रवैया: उद्धव ठाकरे। फाइल।इसके कई पहलू हैं। सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार, अजय देवगन आदि ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिनको डरा-धमका कर ट्वीट पर हस्ताक्षर करा लिया जाए। यह संभव है कि ग्रेटा, रिहाना, मिया खलीफा आदि के नरेंद्र मोदी और भारत विरोधी ट्वीट के कारण जो माहौल बन रहा था, उसका शमन करने के लिए भाजपा की ओर से नामचीन हस्तियों द्वारा जवाबी ट्वीट कराने की पहल की गई हो। ऐसा सामान्य तौर पर होता है। अनेक घटनाओं के समय ऐसा होता है। लेकिन भाजपा इतनी नासमझ पार्टी नहीं हो सकती कि वह ऐसे लोगों को धमकाए या दबाव डाले। ऐसा मानकर उद्धव सरकार इन सारे लोगों को दुर्बल चरित्र वाला व्यक्तित्व साबित कर रही है। यह इन सबका अपमान है। फिर ट्वीट में ऐसा है क्या जिससे समस्या होनी चाहिए? न इनमें कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे आंदोलन का विरोध किया गया है, न इसमें महाराष्ट्र सरकार या विपक्षी पार्टयिों के खिलाफ एक शब्द है और न केंद्र सरकार या भाजपा का समर्थन है। इसमें केवल एक अपील है कि विदेश के कुछ लोग ट्वीट करके हमारे बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं, इसलिए हम अपनी एकता बनाए रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75452.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75452.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07191fd90881f3ceb3a890bbcf6c802c5b9a995a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75452.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निजता का अधिकार है आधार: निजता का अधिकार यूरोपीयन कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स-1950 का हिस्सा है। इसके अनुसार, ‘सभी को अपने निजी और पारिवारिक जीवन, घर व संवाद के सम्मान का अधिकार है।’ इसी आधार पर यूरोपीय यूनियन ने कानून के जरिये इस अधिकार की सुरक्षा के लिए पहल की। प्रौद्योगिकी के विकास व इंटरनेट की खोज के बाद यूरोपीय यूनियन को आधुनिक सुरक्षा की जरूरत महसूस हुई। इसके बाद 1995 में ईयू ने यूरोपीयन डाटा प्रोटेक्शन डायरेक्टिव कानून पारित किया। इसमें न्यूनतम डाटा प्राइवेसी व सुरक्षा मानकों का प्रविधान किया गया था, जिसके आधार पर सदस्य अलग प्रभावी कानून बना सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75454.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75454.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eab3cfbc6af4004466841cdb0036712d883ed340 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75454.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +संग्राम सिंह, भदोही। अमेरिका के बाद भारतीय कालीन के सबसे बडे़ बाजार जर्मनी में लॉकडाउन की समयावधि बढ़ने से कालीन उद्योग को 250 करोड़ का झटका लगा है। इससे निर्यातकों के गोदामों में 150 करोड़ का माल डंप है। जर्मनी से व्यवसाय करने वाले निर्यातकों की परेशानी बढ़ गई है। संपूर्ण लॉकडाउन लगने के बाद वहां की सरकार ने तीसरी बार समयावधि बढ़ाई है। + +इन राज्यों में बनता हैं कालीन।उत्तर प्रदेश: भदोही, बनारस, मीरजापुर, आगरा।हरियाणा: पानीपत।राजस्थान: जयपुर।जम्मू-कश्मीर: जम्मू और कश्मीर दोनों जगह।दिल्ली: कई स्थानों पर बनते हैं।दो नवाचार: एक तैयार, एक की तैयारी।इको फ्रेंडली कालीन: ऐसे रंगों का इस्तेमाल करते हैं। इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। यह कुल बाजार का 10 फीसद है। + +जूट से कारपेट: भारत से जूट निर्मित हैंडमेड कारपेट निर्यात किया जा सकेगा। ऊन के मुकाबले जूट यार्न (सूत या धागा) की लागत 40 फीसद तक कम है, इसलिए यह आयातकों के लिए नया विकल्प बनेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ कारपेट टेक्नॉलॉजी ने जूट से देश का पहला टμटेड और पर्सिय कारपेट तैयार किया है। इंटरनेशनल ट्रायल में सफलता मिली है। कपड़ा मंत्रालय तकनीक को विस्तार दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75773741604b3b78777b1400c4cc1b8cad30aa56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उर्स के लिए खुले दक्षिणी गेट।शहंशाह शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी और उप्र अमन कमेटी की संयुक्त बैठक में उर्स के दौरान ताजमहल के दक्षिणी गेट को खोले जाने की मांग उठाई गई। सुरक्षा कारणों से इसे तीन वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया था। सैयद मुनव्वर अली ने कहा कि दक्षिणी गेट को खुलवाने के लिए हम प्रयास जारी रखेंगे, जिससे रमजान तक इस पर निर्णय लिया जा सके। इब्राहिम जैदी ने कहा कि उर्स का आयोजन सबके सहयोग से किया जाएगा। हाजी मिर्जा आसिम बेग, आरिफ तैमूरी, नईम चौधरी, हाफिज चीना गाजी, हाजी असलम कुरैशी, हाजी जमीलुद्दीन कुरैशी, मुन्ना कुरैशी, विलाल कुरैशी आदि बैठक में मौजूद रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75457.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75457.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9438a1c8ee0c1f15e1ea7c8bc90819ab3f23ca2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75457.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर इस नए सवेरे की भोर मकर संक्रांति है तो नए दिन की शुरुआत वसंत ऋतु है। माघ से शुरू हुआ यह भोर कालीन संक्रमण फाल्गुन और चैत्र के आते-आते एक नूतन दिवस के रूप में प्रकट हो जाता है। माघ संक्रमण का समय है अर्थात इस नूतन दिवस का ब्रrा मुहूर्त है। फाल्गुन भोर है सुबह होने का अहसास है। चैत्र सुबह-सुबह चेतना के जाग्रत होने का समय है। सुबह ज्ञान अजर्न की बेला होती है। इसलिए वसंत ज्ञान की पूजा है। इतना ही नहीं, उत्तर और पूर्वी भारत के बड़े हिस्से में ज्ञान की देवी मां सरस्वती का वंदन है वसंत। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afbc80645158fe8aea01c19ce81464bfa3653890 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार की तीसरी पारी का पहला साल कोरोना से जूझने में बीता-अकेले भी और केंद्र के साथ मिलकर भी। संक्रमण नियंत्रित हुआ तो अर्थव्यवस्था और विकास को पटरी पर लाने की दिशा में काम शुरू हुआ। दो फ्लाईओवरों और दो अस्पतालों का उद्घाटन किया गया और राशन की डोर स्टेप डिलीवरी व दिल्लीवासियों को हेल्थ कार्ड जारी करने की योजनाएं शुरू करने की घोषणाएं भी की गईं। ये महत्वाकांक्षी योजनाएं गहरा असर डाल सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cf1385ee4fb3bce3534061a0827f80568fe6fa47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्ट्रॉबेरी के साथ एक दर्जन सब्जियां भी ऑर्गेनिक तरीके से उगा रहे।अपनी इस नई पहल के बारे में सीए शंभु झा ने बताया कि सीजन की शुरुआत में करीब 20 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे से हमने दो एकड़ जमीन पर फार्मिंग शुरू की, जो क्रिसमस में बिकने के लिए तैयार हो गया। स्ट्रॉबेरी के साथ-साथ वो करीब एक दर्जन सब्जियां भी यहां ऑर्गेनिक तरीके से उगा रहे हैं। सीए झा ने कहा, 'जब फ्रूट्स तैयार हो गए, तब हमने कोलकाता मार्केट में संपर्क किया। उन्हें हमारा प्रोडक्ट पसंद आया। हम उन्हें प्रोडक्ट सप्लाई करने लगे। कई सुपर मार्केट में भी हम स्ट्रॉबेरी भेजते हैं।' सीए झा लोगों को स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में प्रोत्साहित भी कर रहे हैं और वो बोलपुर शांतिनिकेतन में अपने एग्रो-टूरिज्म को लेकर काफी उतसाहित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a2252563232a4cd39763d4f12e21bcc9c416539 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद [ बलवंत कुमार ]। भोजपुरी के प्रसिद्ध साहित्यकार भिखारी ठाकुर के नाटकों में स्त्री के किरदार पुरुषो के द्वारा किया जाना आम बात थी। स्त्रियों के कपड़े पहन मंच पर ठुमके लगाना, गीत गाना और अदाकारी दिखाना भिखारी ठाकुर के नाटकों में आम रहा है। ऐसे युवाओं को बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के कुछ इलाकों में लौंडा के नाम से जाना जाता है। अब ऐसे लौंडा यानी लड़कों के दर्द को बड़े पर्दे जल्द देखने को मिलेगा। फिल्म निर्देशक-लेखक अभिनव ठाकुर की होली पर आने वाली फिल्म लिपिस्टिक ब्वॉय में लौंडा नाच करने वालों की जिंदगी को दर्शाया गया है। ।बिहार के नवादा के कुमार उदय की जीवनी की कहानी ।फिल्म निर्देशक अभिनव ठाकुर ने बताया कि लिपिस्टिक ब्वॉय की कहानी बिहार के नालंदा जिला के रहने वाले कुमार उदय सिंह पर आधारित है। उदय सिंह लंबे समय से लौंडा नाच करते आ रहे हैं। पहले तो इस कला को कहीं सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन कला क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं ने उदय सिंह को सम्मानित कर इस कला को सम्मान दिया। एक निजी काम से धनबाद आए ठाकुर ने बताया कि यह फिल्म बायोपिक है। कुमार उदय सिंह की सच्ची कहानी पर आधारित है। ठाकुर के अनुसार उदय सिंह को लौंडा नाच करना पसंद है, लेकिन इस नाच को लेकर उन्हें जिंदगी में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। स्थितियां यह रही कि कई जगहों पर अपमानित भी होना पड़ा, लेकिन उदय सिंह ने कभी हार नहीं मानी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab15c26f0633fdf685f826e8513b8a76fbdc690f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + आगरा, संदीप शर्मा।  बेसिक शिक्षा विभाग ने एक मार्च से परिषदीय प्राथमिक विद्यालय खुलने के साथ ही विद्यार्थियों की क्षमताओं का आंकलन करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एक आंकलन-पत्र तैयार कराया गया है, इसके जरिए विद्यालय आने वाले विद्यार्थियों का आंकलन किया जाएगा। इस परीक्षण में पढ़ाई में कमजोर मिलने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजाना पहले 40 मिनट की रेमेडियल क्लास चलाई जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34f3ae6a392854fff862775ebed274c00447a8fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75471.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। हर शहर की अपनी भौगोलिक परिस्थिति होती है, ऐसे में मौसम और पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही नीति बनाकर उसे सभी पर एक समान तरीके से लागू करना प्रभावी नहीं होता। इसके मद्देनजर अब देश के हर शहर का अलग ‘क्लाइमेट एक्शन प्लान’ होगा। इसमें संबंधित शहर की जरूरतों के मद्देनजर एक पुख्ता कार्ययोजना दी जाएगी, जिसे राज्य सरकार को क्रियान्वित करना होगा। अगर कोई सरकार ऐसा नहीं करेगी तो संबद्ध परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार की विशेष आर्थिक मदद अटक सकती है। नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) अगले छह से सात माह में यह प्लान जारी कर देगा। बता दें, देश में ढांचागत विकास पर अगले पांच सालों में 111 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से 17 फीसद केवल शहरी क्षेत्रों के लिए रखा गया है। यह राशि किसी शहर को तभी मिलेगी, जब उसकी परियोजनाएं क्लाइमेट एक्शन प्लान के अनुरूप होंगी। + +बड़ी समस्या, बड़ा समाधान ।जलवायु परिवर्तन अब देश-दुनिया के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है। बाढ़, भूकंप, सूखा, अत्यधिक बारिश, वायु प्रदूषण, बादल फटना, ग्लेशियर पिघलना, इत्यादि आपदाएं अक्सर देश के विभिन्न हिस्सों को अपनी चपेट में ले रही हैं। इनसे बचाव के लिए आपदा प्रबंधन के साथ-साथ विभिन्न परियोजनाओं को लेकर कुछ नीतिगत परिवर्तन भी जरूरी हो गए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रलय के निर्देश पर एनआइयूए ने उक्त कसौटियों पर पहले चरण में दिल्ली सहित 126 शहरों का सर्वेक्षण किया है। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। + +अन्य शहर भी होंगे शामिल। रिपोर्ट के आधार पर ही शहरों की रैंकिंग की जाएगी, जो यह तय करेगी कि कोई शहर मौसम-पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में कितना सक्षम है और वहां ढांचागत-व्यवस्थागत स्तर पर कितना और क्या-क्या सुधार किया जाना है। क्लाइमेट एक्शन प्लान में किसी भी शहर के लिए इसी बदलाव और सुधारों की सिफारिशों का समावेश होगा। इसे तैयार करने में 50 से अधिक संगठनों की भूमिका रहेगी। + +अगले चरण में अन्य शहरों को भी शामिल किया जाएगा। यह एक्शन प्लान संबंधित राज्य सरकारों से साझा किया जाएगा, जिस पर उन्हें क्रियान्वयन करना है। इस कार्य में एनआइयूए की भूमिका समन्वयक की भी रहेगी और सहयोगी की भी। सभी 126 शहरों की सर्वेक्षण रिपोर्ट एवं रैंकिंग मार्च में आ जाएगी। इसके बाद छह से सात माह में क्लाइमेट एक्शन प्लान जारी कर दिया जाएगा। ।हितेश वैद्य (निदेशक, एनआइयूए) के मुताबिक, हर शहर की ढांचागत और भौगोलिक स्थिति अलग होती है। बहुत सी जगह मौसम, पर्यावरण व आपदा से जुड़ी चुनौतियों पर काम चल भी रहा है। यह क्लाइमेट एक्शन प्लान विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में समस्या का जड़ से समाधान करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4ae6765f2b879c48d967062372d9582d225e15c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75475.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। संयुक्‍त अरब अमीरात का पहला इंटरप्‍लेनेटरी मिशन होप प्रोब (Emirates Mars Mission Hope Probe) तेजी से अपने मिशन को पूरा करने की तरफ बढ़ रहा है। अरब देशों में शामिल संयुक्‍त अरब अमीरात ने इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक नया इतिहास लिख दिया है। यूएई का होप 12 फरवरी 2021 को मंगल के ऑर्बिट में प्रवेश कर गया था। इसके बाद हर सैकेंड के साथ इसकी मंगल से दूरी कम हो रही है। इस मिशन को 209 दिन हो चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2396d3e18e57c0b66f83df3ce94ed40aac85463 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75477.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। ग्लोबल वार्मिग के चलते दुनिया भर में तेजी से ग्लेशियर यानी हिमनद पिघल रहे हैं। इसके चलते मानवता के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। करोड़ों लोग बाढ़ की समस्या से घिर सकते हैं। सूखे की चपेट में आ सकते हैं। पेयजल की किल्लत हो सकती है। ।स्वच्छ जल के सबसे बड़े स्नोत। दुनिया भर के ग्लेशियरों को मिला दिया जाए तो इनका आकार दक्षिण अमेरिका महाद्वीप जितना होता है। ये आज स्वच्छ पानी के सबसे बड़े भंडार हैं। इनके पिघलने की शुरुआत 1850 के बाद शुरू हुई लेकिन हाल के दशकों में इस प्रक्रिया में अप्रत्याशित तेजी आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8d185d03524870cec3ec4ee2d178752ea5fc1f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकिस्‍तान के अखबार द डॉन के मुताबिक, रावलपिंडी में एक समारोह के दौरान उन्‍होंने कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों पर काफी कम संख्‍या में इनका इस्‍तेमाल किया गया, ज्‍यादा नहीं किया गया। अखबार की खबर के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों की ये रैली शनिवार को हुई थी जिसमें विरोध करने वाले लोगों को तितर-बितर करने के लिए उनके ऊपर करीब 1 हजार आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे। प्रदर्शनकारी सरकार से अपनी सैलरी में मंहगाई के मुताबिक,  इजाफा करने की मांग कर रहे थे। ये प्रदर्शन ऑल गवर्नमेंट इम्प्लॉइज ग्रांड एलायंस के नेतृत्‍व में किया गया था। उनका कहना था कि वो तब तक सचिवालय के बाहर बैठे रहेंगे, जब तक सरकार इस पर सही फैसला नहीं ले लेती है। इन प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प भी हुई। हालांकि बाद में सरकार ने इनकी मांगों को मान लिया। ।पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री राशिद, जो खुद भी उस कमेटी का हिस्‍सा थे, जिन्‍होंने इन प्रदर्शनकारियों की मांग को माना है, ने कहा कि असल में दिक्‍कत आंसू गैस के गोले छोड़े जाना नहीं था, बल्कि सैलरी में इजाफे की थी। ऐसे समय में जब देश के आर्थिक हालात खराब हैं और मंहगाई दर काफी अधिक तो सैलरी बढ़ाने से सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e8848d8eb6da09564f2c4b541a67df8a9bb54c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि होप प्रोब मंगल की कक्षा के चारों तरफ चक्‍कर काटते हुए वहां की सतह पर मौजूद वातावरण में होने वाले अंतर का पता लगाएगा। इसके अलावा ये वहां के मौसम में आने वाले अंतर और वहां पर मौजूद गैसों का भी पता लगाएगा। मंगल से इस यान की दूरी घटने और बढ़ने के अलावा इसकी स्‍पीड में आने वाले अंतर का भी जवाब इसी में छिपा है। दरअसल, किसी भी यान को लॉन्‍च करते समय इस बात का ध्‍यान रखा जाता है कि उसको जहां तक पहुंचना है उस ग्रह की पृथ्‍वी से दूरी सबसे कम कब होगी। इसी हिसाब से वैज्ञानिक अपने यान की स्‍पीड को भी नियंत्रित करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e73ce16d4e8d964c8c246e9d076f2a711d58aa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75480.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पाकिस्‍तान नहीं भारत की वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी का हिस्‍सा । बहरहाल, भारत की वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी की बात करें तो इसमें पाकिस्‍तान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देश शामिल हैं। पाकिस्‍तान को उसकी कारगुजारियों के चलते इसमें शामिल नहीं किया गया है। साथ ही पाकिस्‍तान की तरफ से भी भारतीय वैक्‍सीन को हासिल करने की कोई आधिकारिक पहल नहीं की गई है। इसके अलावा भारत ने अपनी वैक्‍सीन को अब तक नेपाल, श्रीलंका, म्‍यांमार, बांग्‍लादेश, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ब्राजील भेजी है। ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने तो वैक्‍सीन मिलने के बाद एक यादगार ट्वीट भी किया था जिसमें भगवान हनुमान को जड़ीबूटी लाते हुए दिखाया गया था। इसमें भारत को वैक्‍सीन भेजने के लिए धन्‍यवाद कहा गया था। आपको बता दें कि डब्‍ल्‍यूएचओ ने कोवैक्‍स को 145 देशों को भेजने की घोषणा की है। इनमें अधिकतर वो देश हैं जो आर्थिक रूप से गरीब हैं और जो वैक्‍सीन का खर्च अकले नहीं उठा सकते हैं। इनमें पाकिस्‍तान भी शामिल है। पाकिस्‍तान भी कोवैक्‍स के मिलने का इंतजार कर रहा है। + +भारत करता रहेगा आगे भी मदद  । गौरतलब है कि भारत ने 21 जनवरी को वैक्‍सीन मैत्री के तहत कोरोना महामारी की वैक्‍सीन अन्‍य देशों में पहुंचाने की पहल की थी। इनमें वो देश शामिल थे जो छोटे और गरीब थे, जैसे डोमनिक रिपब्लिक। भारत ने ऐसे देशों को ये मदद मुफ्त मुहैया करवाई थी। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से ये बात बेहद साफ कही गई है कि भारत आने वाले समय में भी पूरी दुनिया की मदद इस संबंध में करता रहेगा। भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक अन्‍य देशों को वैक्‍सीन की कुल खुराक में से करीब 60 लाख से अधिक (6.47 मिलियन) खुराक मदद के तौर पर जबकि 1 करोड़ 60 से कुछ अधिक (16.5 मिलियन) खुराक कमर्शियल तौर पर मुहैया करवाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60422158fc4347dad6a4edbc518aa321a617cde9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75481.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं दूसरी तरफ म्‍यांमार में दोबारा लोकतात्रिक व्‍यवस्‍था बहाल करने को लेकर लोग जगह-जगह एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनाकें रोकने के लिए भी सेना बल प्रयोग करने से नहीं चूक रही है। यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने सेना द्वारा लोगों पर की जा रही सख्‍ती पर न सिर्फ अपनी चिंता जाहिर की है बल्कि नाराजगी भी जताई है। + +उन्‍होंने कहा है कि लोगों को विरोध करने का अधिकार दिया गया है। ऐसे में सेना को इन निहत्‍थे लोगों पर बल प्रयोग नहीं करना चाहिए। म्‍यांमार से आ रही खबरों पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त करते हुए उन्‍होंने कहा कि वहां पर सड़कों पर बड़ी संख्‍या में सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है। इतना ही नहीं सड़कों पर बख्‍तरबंद गाडि़यों का जमावड़ा कुछ और ही कहानी बयां करता हुआ दिखाई देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75482.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98dbc7269de53eff2bcecaa3ac6115633b943287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75482.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर के पुलिस एनकाउंटर ने विकास दुबे की याद दिला दी। यूपी पुलिस ने गिरधारी को 13 फरवरी की सुबह 11 बजे तीन दिन की रिमांड पर लिया था। सोमवार तड़के तीन बजे पुलिस अभिरक्षा से पिस्टल छीन कर फरार होने की कोशिश की और मारा गया। यह पूरा घटनाक्रम ठीक वैसे ही हुआ जैसा कुख्यात विकास दुबे के एनकांउटर के वक्त घटित हुआ था। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद विकास दुबे ने भी पिस्टल छीन कर पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की और मारा गया था। ।राजधानी लखनऊ के चर्चित विभूतिखंड इलाके में मऊ के मोहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व जेष्ठ प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर सोमवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। शूटर गिरधारी को पुलिस हत्‍याकांड में इस्‍तेमाल असलहा बरामदगी के लिए ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में गिरधारी ने पुलिस की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की और फायरिंग करने लगा। पुलिस की जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। + +ऐसे हुआ था कुख्यात विकास दुबे का एनकाउंटर : बता दें कि कानपुर कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने 10 जुलाई, 2020 की सुबह एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास दुबे पर कानपुर के आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करने का आरोप था। उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था। नौ जुलाई की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे को पकड़ा गया था। इस दौरान वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे देर शाम यूपी एसटीएफ को सौंप दिया। कानपुर में पुलिस ने उस वक्त मुठभेड़ में विकास दुबे को मार गिराया जब वो गाड़ी पलटने के बाद ​पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था। इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7412a0581e052b3b5b4eb8d8a7308e155adba17a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75483.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोचिकित्सक डाॅ. एके नाग बताते हैं कि विभिन्न अध्ययनों से यह प्रमाणित हो चुका है कि कोरोना काल में लोगों के मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ा है। बच्चों से लेकर बड़ों तक में तनाव का स्तर काफी बढ़ा है। इसे कम करने के लिए हम लोगों को घर की छत, बालकनी या घर के अंदर इंडोर प्लांट लगाने की सलाह देते हैं। इन पौधों का मस्तिष्क पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे स्ट्रेस लेवल कम करने में मदद मिलती है। खासकर एंग्जाइटी से ग्रसित लोगों की चिकित्सा में इंडोर प्लांट काफी सहायता करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d36e79414c901547efb6a3897fc6b7fbd2abd00b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पट्टीकल्याणा में रहने वाले ससुर महेंद्र सिंह ने यहां तक कह दिया था कि बेटी को उनके घर नहीं भेजूंगा। तब उन्होंने स्वजनों से एक साल की मोहलत मांगी और वादा किया कि खेती में नुकसान हुआ तो इसे छोड़ देंगे। फिर से नौकरी कर लेंगे। मेहनत व लगन काम आई और एक एकड़ के पालीहाउस में नोहरा गांव में लाल-पीली शिमला मिर्च और खीरे की रासायनिक कीटनाशक रहित फसल उगाई। छह लाख रुपये की बचत हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75487.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75487.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c21427b54c3bbc4df426643043b883a10e6fcff6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75487.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Rakesh Tikait:  लोकप्रियता के लिहाज से अन्य किसान संगठनों के नेताओं से आगे निकल चुके भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों अपनी करोड़ों की संपत्ति को लेकर चर्चा में हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, राकेश टिकैत की देश के 4 राज्यों के 13 शहरों में राकेश टिकैत की संपत्तियां हैं। इन सारी संपत्तियों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है, वहीं राकेश टिकैत इन खुलासों से खासे नाराज हैं और उन्होंने कहा है कि गलत जानकारी पर वे ऐसा करने वालों पर मानहानि का केस भी करेंगे। बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत की उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 4 राज्यों में संपत्ति है। इनमें जमीनें भी हैं। दिल्ली के अलावा, मुजफ्फरनगर, ललितपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बदायूं, नोएडा, गाजियाबाद, देहरादून, रूड़की, हरिद्वार और मुंबई में संपत्तियां हैं। इनकी कीमत कई करोड़ रुपये है। राकेश टिकैत के पास खेती के जमीनों के साथ रिहायशी जमीन और पेट्रोल पंप, शोरूम, ईंट-भट्ठे और अन्य कारोबार भी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96cfaa4456581770858aabe98faa9c3ec90fdf83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75488.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। देश में होने वाले सड़क हादसों को लेकर विश्व बैंक व सेव लाइफ फाउंडेशन की तरफ से किए गए अध्ययन में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र व तमिलनाडु को शामिल किया गया। उत्तर प्रदेश व बिहार को कम क्षमता वाले प्रदेशों (एलसीएस) की श्रेणी में रखा गया, जबकि महाराष्ट्र व तमिलनाडु को उच्च क्षमता वाले प्रदेशों (एचसीएस) में। साफ है कि कम क्षमता वाले उत्तर प्रदेश व बिहार की जहां आबादी बड़ी है, वहीं स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाओं का अभाव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75494.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75494.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39e26054d6ed7e547613337a2f079fa2dd453b50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75494.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी में सिटी वाल का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा किया जाएगा। ग्वालियर दरवाजा से चांदपोल दरवाजा के बीच सिटी वाल टूटी हुई है। यहां दीवार बनाने के साथ पुरानी दीवार का संरक्षण भी किया जाएगा। इस कार्य पर करीब 23.76 लाख रुपये व्यय होंगे। + +मुगल शहंशाह अकबर ने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से बेटे सलीम (शहंशाह जहांगीर) का वर्ष 1569 में जन्म होने के बाद फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया था। करीब डेढ़ दशक तक फतेहपुर सीकरी मुगल सल्तनत की राजधानी रही। सुव्यवस्थित शहर के रूप में बसाई गई सीकरी के चारों ओर सुरक्षा दीवार (सिटी वाल) बनी हुई है। करीब आठ मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार काफी जगह टूटी हुई है। ग्वालियर दरवाजा से चांदपोल दरवाजा के बीच में भी यह दीवार टूटी हुई है। इसके संरक्षण को एएसआइ ने टेंडर कर निविदा आमंत्रित की है। यहां 40 मीटर लंबाई में तीन मीटर ऊंचाई तक दीवार बनाई जाएगी। दीवार पर और उसके आसपास उगी झाड़ियों को साफ किया जाएगा। प्वाइंटिंग का काम किया जाएगा। दीवार के निर्माण में 80 फीसद तक पुराने पत्थरों और 20 फीसद नए पत्थरों (सैंड स्टोन) का उपयोग किया जाएगा। यहां पड़े मलबे को हटाया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f57520ffe5d358fb162440a7146da753f8def9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [विनय तिवारी]। दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी समर्थन मिल रहा था। इन सबके पीछे देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करने की साजिश रची गई थी। किसानों के आंदोलन के माध्यम से छवि को खराब करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया, अब उसकी परतें धीरे-धीरे खुल रही है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल इस पर शुरू से काम कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75499.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75499.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1fb591c1aec1117fd16e305ea476d4209cd1815 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75499.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शकील शम्सी। गालिब के पत्रों की बहुत बड़ी खासियत है कि उन्हें पढ़ते-पढ़ते लगेगा कि आप उन मोहल्लों में ही घूम रहे हैं। कभी पुरानी दिल्ली की गलियां तो कभी राजघाट की सैर, कभी दरिया गंज तो कभी वह अपने पाठक को चांदनी चौक में ले जाते हैं। कभी बल्लीमारान की गलियों की खतों में सैर हो जाती है। गली कासिम जान में तो उनका घर ही था उसकी भी सैर कराते हैं और उस इलाके के रहने वालों से भी परिचय करवाते हैं। मिर्जा को दिल्ली से इतना प्रेम था कि अगर दिल्ली में तेज आंधी भी आती थी तो उसका जिक्र अपने किसी न किसी मित्र को पत्र लिखकर जरूर करते थे। + +15 फरवरी को गालिब के निधन को आज 152 साल हो जाएंगे। इतने वर्ष बाद भी गालिब पुरानी ही नहीं, नई पीढ़ी के बीच भी अपनी शायरी से जिंदा हैं। उनकी शायरी का दुनिया की सभी जुबानों में अनुवाद हुआ है। दुनिया के ना जाने कितने विश्वविद्यालय हैं जहां उन पर शोध हुए हैं। केवल उनकी शायरी पर ही लोग लिख रहे हों ऐसा नहीं है, उन्होंने जो पत्र अपने मित्रों और शागिर्दो को लिखे उन पर भी न जाने कितनी पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। उनके द्वारा लिखे गए पत्र आज उर्दू साहित्य का कीमती और बहुमूल्य संकलन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84001063590ad099530b892876e934f207d6963a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75504.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +ब्रजबिहारी। योशिरो मोरी बहुत पछता रहे होंगे। उस वक्त को कोस रहे होंगे, जब उनके मुंह से यह निकल गया कि औरतें बहुत बात करती हैं। इस पर उनके देश जापान के साथ पूरी दुनिया में इतना हंगामा मचा कि उन्हें टोक्यो ओलंपिक प्रमुख के पद से इस्तीफा देना पड़ गया। जापान के इस पूर्व प्रधानमंत्री के इस्तीफे से महिला अधिकारों को कितनी बड़ी जीत मिली है, इसका फैसला तो होता रहेगा, लेकिन फिलहाल यह सवाल है कि क्या उगते सूरज के इस देश में इस साल 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच निर्धारित ओलंपिक का सफल आयोजन हो पाएगा या नहीं। + +अमिताभ बच्चन भी आए थे निशाने पर : यह कहना उचित नहीं है कि जीवन के आठ दशक पूरे कर चुके मंजे हुए राजनेता योशिरो मोरी के अंदर महिलाओं के लिए सम्मान नहीं है। ठीक उसी तरह जिस तरह से हम यह नहीं कह सकते हैं कि अमिताभ बच्चन महिलाओं का अपमान करना चाहते थे, जब उन्होंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आइएमएफ की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ के बारे में कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम के मंच से यह कहा था कि वह इतनी खूबसूरत हैं कि अर्थशास्त्री नहीं लगती हैं। इसके बाद तो महिलाओं ने अमिताभ बच्चन की ऐसी की तैसी कर दी। इंटरनेट मीडिया के बढ़ते प्रभाव के इस दौर में जंगल की आग की तरह यह बात फैल गई कि अमिताभ बच्चन महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं। क्या इसे सौ फीसद सच कहा जा सकता है? बिल्कुल नहीं, क्योंकि अमिताभ बच्चन के व्यक्तित्व का इतना इकहरा विश्लेषण उनके साथ अन्याय होगा। यही वजह है कि सब कुछ जिस तेजी से उठा, उसी रफ्तार से शांत भी हो गया। + +जरा सोचिए, आप अपने बच्चे को डांटें और वह पुलिस को फोन कर दे और आपको जेल भेज दिया जाए। जीवन में डांट-डपट, नोक-झोंक और चुहलबाजी नहीं होगी तो कैसा जीवन होगा। अगर सबकुछ एकसमान रूप से चलता रहे तो जीवन में रस ही खत्म हो जाएगा। हां, इसमें कोई दोराय नहीं है कि हर चीज की एक सीमा होती है, जिसका उल्लंघन किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। सभी को हमेशा इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। कई बार बातों-बातों में मुंह से कुछ ऐसा निकल जाता है, जिसे कहने वाले का इरादा कुछ और होता है, लेकिन शब्दों के अर्थ के अनुसार उस बात पर एक वर्ग के तमाम लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगती हैं, जिसके बारे में वह कही गई होती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1bd28e81d8878d6e9088db77957b9f4140cc0b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75505.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सेदारी : राजनीतिक रूप से देखें तो अनिवासी भारतीय देश के नागरिक नहीं हैं, जबकि ये कामगार इस देश के नागरिक हैं। यानी राजनीतिक प्रक्रिया में भी ये सीधी दखल रखते हैं। योगदान और अधिकार दोनों ही मामलों में इन कामगारों की किसी से भी तुलना नहीं की जा सकती है। वैसे इस मामले में एक अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ वर्षो में इस स्थिति में थोड़ा परिवर्तन हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम एशिया के देशों की यात्र के दौरान भारतीय कामगारों के योगदान का जिक्र कई बार किया और उन्हें भारत व खाड़ी देशों के बीच का सेतु माना। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इन कामगारों से जुड़ी समस्याओं को लेकर काफी ध्यान दिया और कई बार विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में उनकी सराहनीय भूमिका रही है। + +विश्व के तकनीकी दिग्गज देश भी भारतीय मजदूरों की कुशलता का लोहा मान रहे हैं। भारत सरकार के साथ इन देशों द्वारा किए जाने वाले समझौतों से यह स्पष्ट हो रहा है। इससे हमारे श्रमिकों के लिए रोजगार के नए अवसर तो बनेंगे ही, साथ ही एक निश्चित अवधि के बाद जब ये श्रमिक वापस आएंगे तो अपने साथ नई तकनीकों से संबंधित अनुभव भी लाएंगे जिसका उपयोग यहां किया जा सकता है। इससे विदेशों से आने वाली रेमिटेंस की रकम में भी व्यापक इजाफा होगा। विदेश में काम करने के दौरान श्रमिकों को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता था जिन्हें द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से निपटाने में मदद मिल सकती है। इससे प्रवास को लेकर जो हिचक श्रमिकों में होती है, वो कम होगी और वे अपनी योग्यता और कुशलता के आधार पर स्वतंत्रता से इसका निर्णय कर पाएंगे कि उनके लिए कहां जाना ज्यादा बेहतर हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e95ea7ef055b4c86b0b279c3a690a5e73bcf7b5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। अब बुर्ज खलीफा और लंदन ब्रिज के साथ स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को देखने के लिए विदेश जाने और लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। इन सभी पर्यटन स्थलों का दीदार दिल्ली में हो सकेगा। हूबहू दिखने वाली कबाड़ से बनी इनकी कलाकृतियां मध्य दिल्ली के मशहूर अजमल खां पार्क में नजर आएंगी। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के निजामुद्दीन स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क की सफलता के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने भी अजलम खां पार्क में वर्ल्ड पार्क नाम से पार्क बनाने का फैसला लिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7fe46b344df5c0621fd6ded9a7b67f3915c7b81f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस नियमावली के तहत होटल, मोटल, रेस्ट हाउस, रिजोर्ट के अलावा एंडवेंचर टूरिज्म, एडवेंचर स्पोर्ट्स, बोट ऑपरेटर, मनोरंजन से संबंधित ईकाइयां, ट्रेवल एजेंट, टूरिस्ट ऑपरेटर, टूरिस्ट फोटोग्राफर आदि के लिए आवश्यक शर्तें निर्धारित कर दी गई हैं। इन सभी ईकाइयों के पास क्या आवश्यक संसाधन होने चाहिए यह भी तय कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75515.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75515.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68a4699c94b5f17cf7341e198959161bb74d9d64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75515.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनोज जादौन, अलीगढ़ : दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाने वाला अलीगढ़ का ताला व हार्डवेयर ताला अब पानी के जहाज के भाड़े में अटक गया है। इसमें करीब तीन से चार गुना वृद्धि हुई है, आर्डर पहले से तय निर्माण लागत के आधार पर ही हैैं। जबकि भाड़ा बढऩे से खर्चे बढ़ रहे हैैं। ऐसे में घाटा कोई कारोबारी पसंद नहीं करता। हाल यह है कि कुछ बड़े निर्यातकों ने घाटा होने पर भी बाजार बनाए रखने के लिए निर्यात किया है, लेकिन अन्य कारोबारियों के हाथ खींच लिए हैैं। इसके चलते निर्यात आधा रह गया है। पिछले साल तक 2500 करोड़ रुपये सालाना निर्यात था, जो कि अब 13 सौ करोड़ ही रह गया है। + +30 हजार करोड़ का सालाना कारोबार।कोरोना संकट से पहले मुंबई से अमेरिका के लिए एक कंटेनर का किराया एक हजार से 1200 डालर था, वह अब 3500 से चार हजार डालर हो गया है। जिले में ताला, हार्डवेयर, आर्टवेयर का करीब 30 हजार करोड़ सालाना कारोबार है। छोटी-बड़ी मिलाकर पांच हजार फैक्ट्रियां हैैं। जिले में 250 निर्यातक हैैं। इनकी चिंता नवंबर में ही बढऩे लगी थी। पानी के जहाज का भाड़ा तभी बढऩे लगा था। समुद्री रास्ते अलीगढ़ से करीब सौ से अधिक देशों में ताला-हार्डवेयर, आर्टवेयर उत्पादन निर्यात किया जाता है। निर्यात कम होने के चलते कंटेनर भी विदेशी बंदरगाहों पर फंसे हुए हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dedc86a883253258232c2fc79b1d8b30f72097f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: वेलेंटाइन डे पर जानिए शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की प्रेम कहानी, तब बिहारी बाबू को सास ने कहा था गुंडा व चाेर।यह भी पढ़ें: फिल्‍मी है पप्पू यादव की प्रेम कहानी : इश्‍क में करना चाहते थे सुसाइड, दुल्‍हनिया संग भटक गया था विमान।यह भी पढ़ें: बिहार में CM नीतीश के मंत्री से ऑफिशियल दुर्व्‍यवहार, सेवक से गुलदस्ता लेकर संभालना पड़ा पद।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6f478efc172066baa58828482c02d3aebc0cf07 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75517.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। बात बिहार के नेताओं के इश्‍क की हो और जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्‍यक्ष व पूर्व सांसद पप्‍पू यादव (Pappu Yadav) की चर्चा न हो, यह भला कैसे हो सकता है? एक मामले में जेल पहुंचे तो प्‍यार में गिरफ्तार होकर बाहर निकले। फिर लड़की काे तीन साल तक चुपचाप फॉलो करते रहे। प्रपोज करने पर इनकार मिला, लेकिन पप्‍पू भी कहां मानने वाले थे। 'लगे रहो मुन्‍ना भाई' की तर्ज पर लगे रहे। इस बीच एक बार हताशा में सुसाइड (Suicide) की भी कोशिश की। अंतत: पप्‍पू के प्‍यार को फरवरी 1994 में तब मुकाम मिला, जब शादी करने दुल्‍हिनया रंजीत कौर हेलीकॉप्‍टर से पहुंचीं। हां, इस बीच इस फिल्‍मी कहानी में तब एक और ट्विस्‍ट तब आया, जब हेलीकॉप्‍टर रास्‍ता भटक गया। पप्‍पू यादव ने बायोग्राफी 'द्रोहकाल' में अपनी यह लव स्‍टोरी (Love Story) बताई है। ।जेल में तस्‍वीर देख कर हो गए फिदा, छूटे तो करने लगे फॉलो ।बात साल 1991 की है। एक मामले में पप्पू यादव पटना की जेल में बंद थे। वे अक्सर जेल सुपरिटेडेंट के आवास से सटे मैदान में लड़कों को खेलते देखा करते थे। इन्हीं लड़कों में एक विक्‍की था। पप्‍पू की विक्की से नजदीकियां बढ़ गईं। फिर एक दिन पप्पू ने उसके फैमिली एलबम में रंजीत की टेनिस खेलती तस्‍वीर देखी। यह पहली नजर में प्‍यार था। इसके बाद जब जेल से छूटे तो रंजीत को देखने अक्सर वहां चले जाते थे, जहां वे टेनिस खेलतीं थीं। पप्‍पू ने पहली बार उन्‍हें पटना क्‍लब में देखा था। ।शुरू हुआ लड़की से मिलने व इंप्रेस करने की कोशिशों का दौर ।यह पप्‍पू के लड़की से मिलने और इंप्रेस करने के मौके तलाशने का दौर था। लेकिन रंजीत को यह पसंद नहीं था। उनकी बेरूखी कम होने का नाम नहीं ले रही थीं तो पप्पू भी अपनी कोशिश छोड़ने को तैयार नहीं थे। पटना के मगध महिला महाविद्यालय से पढ़ने के बाद रंजीत ने पंजाब विश्‍वविद्यालय में एडमिशन ले लिया और वहीं टेनिस की प्रैक्टिस करने लगीं। वे नेशनल व इंटरनेशनल टेनिस खेलतीं थी। पिता सेना से रिटायर होने के बाद गुरुद्वारे में ग्रंथी हो गए थे। ।दीवानगी का जानकारी होने पर रंजीत ने मना किया, नहीं माने ।अब पप्‍पू ने रंजीत को फॉलो करने के लिए पटना से पंजाब तक के चक्‍कर लगाने शुरू कर दिए थे। यह सिलसिला करीब तीन साल तक चलता रहा। दो साल तक तो रंजीत को इसका पता तक नहीं चला। जब इस दीवानगी का पता चला तो रंजीत ने कड़े शब्‍दों में मना किया, लेकिन पप्पू कहां मानने वाले थे। उनके नहीं मानने पर यह भी समझाया कि वे सिख हैं और पप्पू हिंदू, इसलिए परिवार वाले उनकी शादी के लिए राजी नहीं होंगे। ।लड़की के परिवार को मनाने की लगातार करते रहे कोशिश ।अब बात परिवार तक पहुंचने की बारी थी। रंजीता के माता-पिता इस शादी के खिलाफ थे, लेकिन पप्पू के आनंदमार्गी पिता चंद्र नारायण प्रसाद और माता शांति प्रिया अपने बेटे की खुशी के लिए राजी हो गए थे। पप्पू अब रंजीत के बहन-बहनोई को मनाने चंडीगढ़ जा पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी। इसी बीच राजनीति में मुकाम बना चुके पप्‍पू को पता चला कि कांग्रेस नेता एसएस अहलूवालिया की बात रंजीता का परिवार नहीं टाल सकता है। फिर क्‍या था, पप्पू ने दिल्ली जाकर अहलूवालिया से मदद की गुहार लगाई। उन्‍होंने मदद भी की। ।इस प्रेम कहानी में टर्निंग प्‍वाइंट बनी सुसाइड की कोशिश ।प्‍यार को पाने की इस कोशिश का क्‍लाइमेक्‍स तब आया जब हताशा में पप्‍पू ने नींद की ढेरों गोलियां खा लीं। हालत बिगड़ी तो इलाज के लिए उन्‍हें पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद उनके प्रति रंजीत का व्यवहार कुछ नरम हुआ। यह इस प्रेम कहानी का टर्निंग प्‍वाइंट था। ।रास्‍ता भटक गया था शादी के लिए आती दुल्‍हन का विमान ।रंजीत के पप्‍पू को लेकर सॉफ्ट होने के बाद उनके माता-पिता भी मान गए। फिर देानों की शादी पूर्णिया के गुरुद्वारे में होनी तय की गई। तय हुआ कि फिर शादी आनंद मार्ग पद्धति से होगी। लेकिन एक और गतिरोध का आना बाकी था। शादी के लिए दुल्‍हन रंजीत और उनके परिवार को लेकर आ रहा चार्टर्ड विमान रास्ते में ही भटक गया। इसके बाद तो हंगामा मच गया। अंतत: जब विमान पहुंचा तो सबों ने राहत की सांस ली। ।पूर्णिया में धूमधाम से हुई थी शादी, आए थे लालू यादव भी ।फरवरी 2094 में पप्‍पू व रंजीत की शादी के लिए पूर्णिया की सड़कों को सजाया गया था। सारे होटल और गेस्ट हाउस बुक कर दिए गए थे। इस शादी में चौधरी देवीलाल, लालू प्रसाद यादव, डीपी यादव और राज बब्बर सहित अनेक गणमान्‍य लोग शामिल हुए थे। आम लोगों के लिए भी खास व्यवस्था की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e51b5cb4a7e02ed481cca130443a3bcd9f6cd18f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार लंबे समय से लटका था। सदन के हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसमें अपनी संख्या के आधार पर भाजपा का दावा 22 का था। बड़े भाई की भूमिका में हमेशा रहने वाले नीतीश के कोटे में 12 ही आ रही थीं। जदयू बराबरी पर अड़ी थी। इसलिए मामला लटका था। लटकने का कारण नीतीश कुमार भाजपा के पाले में डाल रहे थे। लंबी बातचीत के बाद सहमति बनी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1435dcdb583a02dbf502a7cf5c79e1ba67f0d34a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75524.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सूत्रों का कहना है कि 22 मार्च या उसके बाद ही अधिसूचना होगी। इसके पीछे का कारण योगी सरकार का चार वर्ष का कार्यकाल 19 मार्च को पूरा होना बताया जा रहा है। चूंकि अभी पंचायत चुनाव और अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं, इसलिए सरकार अबकी चार वर्ष के कार्यकाल की तमाम उपलब्धियां बताने के लिए बड़े जश्न का आयोजन करने वाली है। ऐसे में वह नहीं चाहती कि तब तक चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू हो। उल्लेखनीय है कि आचार संहिता लागू होने पर सरकार न कोई नई घोषणा कर सकती है और ना ही कोई नया काम खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र में शुरू कर सकती है। ।मतगणना 27 अप्रैल तक : जानकारों का कहना है कि सभी पहलुओं को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग भी अब 22 से 26 मार्च के बीच अधिसूचना जारी करने पर विचार कर रहा है। विदित हो कि 27-28 मार्च को होली है। गौर करने की बात यह है कि 24 अप्रैल से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, इसलिए आयोग की पूरी कोशिश है कि उससे पहले ही मतदान की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। हालांकि, नतीजे 27 अप्रैल के आसपास ही आएंगे। चूंकि चुनाव कराने के लिए समय कम ही मिल रहा है, इसलिए आयोग, चारों पदों पर एक साथ तीन-चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। मतलब यह कि प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक ही साथ वोट डाले जाएंगे।  सुरक्षा व्यवस्था व तकरीबन 11.5 लाख कर्मियों की आवश्यकता को देखते हुए बस यह तय होना है कि किसी चरण में एक ही जिले को चार चरणों में बांटकर एक हिस्से के सभी पदों का चुनाव हो या हर एक चरण में 18 मंडलों के एक चौथाई जिलों के सभी पदों के चुनाव कराए जाएं। गौरतलब है कि वर्ष 2000 में आयोग 37 दिनों में पंचायत चुनाव करा चुका है। + +चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेगा आयोग : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग अगले सप्ताह वीडियो कान्फ्रेसिंग करेगा। शांतिपूर्ण व निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार, आयोग के अन्य अधिकारियों के साथ मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों से पहली बार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये तैयारियों की समीक्षा करेंगे। + +जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख का चुनाव मई में : अप्रैल अंत तक ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव कराने के ठीक बाद राज्य निर्वाचन आयोग जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद के चुनाव कराएगा। वैसे तो इन पदों के चुनाव के लिए 21 दिन चाहिए होते हैं, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक आयोग की कोशिश रहेगी कि 15 मई तक दोनों पदों के लिए चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल जहां 13 जनवरी को खत्म हो चुका है, वहीं ब्लाक प्रमुखों का कार्यकाल 17 मार्च को खत्म होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02de3e3d794681dc0cb46333003cfbdf5b3958a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75525.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। उत्तर प्रदेश में उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की गाड़ी को टक्कर मारने के मामले में सीबीआइ की तरफ से दायर आरोपपत्र पर तीस हजारी अदालत में बहस हो रही है। इस दौरान पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) की एक रिपोर्ट का जिक्र किया। असल में सीबीआइ ने सीएसआइआर से घटनास्थल की जांच कराई थी। साथ ही पूछा था कि हादसे के वक्त ट्रक चालक की मानसिक स्थिति क्या रही होगी। + +केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रक चालक की मानसिक स्थिति सामान्य नहीं थी। उसने ट्रक को अपनी लेन से कार वाली लेन में लाकर सड़क से नीचे कच्चे रास्ते पर करीब डेढ़ मीटर तक उतार दिया। इससे पीछे से आ रही पीड़िता की कार ट्रक से जा टकराई। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि चालक की मानसिक स्थिति सामान्य नहीं थी, लिहाजा, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि हादसे को जानबूझकर अंजाम दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75526.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75526.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4a5a748ae10b59d51cae0cc7e5982e08c2d20f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75526.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रविवार को दंपतियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। इत्तेफाक से वेलेंटाइन डे भी था। दोनों पतियों ने पत्नियों को मनाने के लिए गुलाब का फूल लेकर पहुंचे थे। काउंसलर नाजिया खान द्वारा दंपतियों की काउंसिलिंग की गई। इस दौरान पतियों ने पत्नियों से माफी मांगते हुए फूल देकर उनसे घर चलने की कहा। पतियों के इस अंदाज पर पत्नियां खुश हो गईं। पतियों से उनकी शिकायत दूर हो गई। वहीं पतियों ने भी भविष्य में उनके सम्मान को ठेस नहीं लगने का भराेसा दिलाया। इस पर पत्नी पुलिस लाइन से ही उनके साथ घर चली गईं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6499bfd64ab4d597d6b3c10a9ff9c6c04c719e69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75528.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [नीरज मिश्र]। भले ही स्क्रैप पॉलिसी अभी परिवहन विभाग तक नहीं पहुंच पाई है, लेकिन पुराने वाहनस्वामियों में इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। परेशानी इस बात को लेकर कि कहीं उनके वाहन पॉलिसी के दायरे में न आ जाएं। परिवहन अधिकारी कहते हैं कि इसी वित्तीय वर्ष के भीतर स्क्रैप पॉलिसी की गाइडलाइन आ जाएगी। उसके बाद नियम तय होंगे और पुराने वाहनों के भविष्य के संचालन को लेकर रूपरेखा पर मुहर लगेगी। + +पंजीकरण की अवधि से तय होगा भविष्य।स्क्रैप पॉलिसी में पहली जनवरी 2000 के बाद पंजीकृत हुए निजी यानी नॉन ट्रांसपोर्ट वाहन दायरे में आ सकते हैं। सबसे बड़ी संख्या इन्हीं वाहनों की है। वहीं सर्वाधित चलने वाले परिवहन वाहनों की उम्र की अवधि को घटाया गया है। कमर्शियल गाड़ियों का उपयोग ज्यादा होने के कारण पहली जनवरी 2005 के बाद पंजीकृत हुए वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी में लाया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e84f63963cf928a164a22ab7e92a88bae911bb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7553.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तैमूर के नाम पर हुआ था बवाल।बता दें कि साल 2016 में तैमूर के जन्म के बाद ही उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। शायद यहीं वजह है कि अबतक जेह की तस्वीर को मीडिया की नजरों से बचा कर रखा गया था। वहीं कुछ लोगों को तैमूर के नाम से भी आपत्ति थी कि सैफ और करीना ने एक निर्मम शासक के नाम पर अपने बेटे का नाम क्यों रखा?। करीना के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत।वहीं इस किताब को लेकर कुछ वर्ग में नाराजगी है। लोगों को करीना की किताब के नाम में बाइबल शब्द होने पर आपत्ति है। करीना कपूर की किताब के शीर्षक पर ईसाई धर्म के समूह का गुस्सा फूटा इसका नतीजा ये हुआ कि महाराष्ट्र के बीड शहर में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। 9 जुलाई को रिलीज हुए करीना की यह किताब काफी चर्चित हो रही है। साथ ही यह बेस्ट सेलर में भी शामिल होने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75530.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75530.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46fa1f3ae88e7f1a420882531deff231c128e05e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75530.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। Pulwama Terror Attack : दो साल पहले पुलवामा आतंकी हमले में बलिदान हुए सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल सुखजिंदर सिंह के ढाई साल के मासूम बेटे की तोतली बातें आंसू के साथ ही गर्व से भर देते हैं। ढा़ई साल गुरजाेत का मासूम खेल-खेल में रंगों में दौड़ रहे बहादुर पिता के खून का अहसास देता है। वह घर के आंगन में खिलाैने वाली पिस्‍तौल से खेलते हुए कहता है, 'मैं वी डैडी वांग देश दी सेवा करांगा। एह मेरी बंदूक दुश्मनां दा खात्मा करण लई ए। ( मैं भी डैडी की तरह देश की सेवा करुंगा। यह मेरी बंदू‍क दुश्‍मनाें का खात्‍मा करने के लिए है।)'।सुखजिंदर जब देश पर कुर्बान हुए थे तो गुरजोत करीब छह माह का था। पिता को उसने तस्‍वीरों से ही पहचाना है। पिता काे पास नहीं देखकर वह अपनी मां से उनके बारे में पूछता है। मां के यह कहने पर कि वह देश की सेवा और दुश्‍मनों का खात्‍मा करने गए हैं ताे नन्‍हा बालक अपनी खिलाैने वाली पिस्‍तौल ले आता है और खेलते हुए थी वीरता की झलक दिखा जाता है। + +मां का दर्द: शहादत पर लोगों ने आंसू बहाए, बाद में कोई सुध नहीं ली।बलिदानी सुखजिंदर सिंह की मां हरभजन कौर कहती हैं कि उनके पुत्र की शहादत पर सैकड़ों लोगों ने आंसू बहाए। सरकारी अधिकारी और सियासी नेता कई वादे करके गए, लेकिन बाद में किसी ने सुध नहीं ली। प्रशासन के पास इतनी समझ भी नहीं कि 26 जनवरी या 15 अगस्त के मौके पर शहीद बेटे के नाम पर कोई सम्मान ही दे दिया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75533.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75533.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..737b05c8a0f1d44723bfd9ed803ff99771faa191 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75533.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संदीप की भाभी अनिता देवी ने बताया कि घर में 20-22 बकरियां पाली हुई हैं। संदीप के पिता प्रीतम सिंह ने मां व बाप दोनों की भूमिका बड़ा संघर्ष करके निभाई है। करीब 24 साल पहले संदीप की मां ओमपति का निधन हो गया था । संदीप बहुत छोटा था और उस समय परिवार की आर्थिक हालत बहुत ही खराब थी ।पांच एकड़ जमीन थी पर ज्यादा उपजाऊ न होने की वजह से बकरियां पालकर गुजारा करना पड़ता था।वह आज भी बकरियां पालने का कार्य कर रहे हैं। बहुत ही मुश्किल से संदीप की पढ़ाई करवाई गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91f9d57568e17d077d3a9fd0ac9814c7cc2a4caa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75534.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्‍यूयॉक (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में बच्‍चों का इस्‍तेमाल गलत तरीके से युद्ध में इस्‍तेमाल करने के लिए किया जा सकता है। इस बारे में संयुक्‍त राष्‍ट्र ने गहरी चिंता व्‍यक्‍त की है। अधिकारियों ने इस बारे में अपनी चिंता व्‍य‍क्‍त करते हुआ कि कोरोना वारयस के प्रभाव के कारण बच्‍चों का इस्‍तेमाल सशस्त्र गुट और सशस्त्र बल अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इन अधिकारियों का मानना है कि ऐसी संकट की घड़ी में इसका जोखिम बढ़ गया है। योरोपीय संघ के प्रतिनिधि जोसेप बॉरेल और वर्जीनिया गाम्बा ने कहा कि ऐसे शसस्‍त्र बलों के चंगुल में फंसने वाले बच्‍चों को यदि छुड़वा भी लिया जाता है तो उनके लिए चलाए गई विभिन्‍न योजनाओं की सुविधा बेहद कम को ही मिल पाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc1bee995c59b8431cc6377cc38bb39e4c9029c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75541.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) विभिन्न भारतीय भाषाओं में कृतियां प्रकाशित करने के साथ-साथ अब नए लेखक भी गढ़ेगा। पहले उन्हें मेंटरशिप के जरिये प्रशिक्षित करेगा, फिर उन्हें पुस्तक लेखन के प्रति प्रोत्साहित करेगा। यही नहीं, श्रेष्ठ लेखन वाली पांडुलिपियों को प्रकाशन भी सुनिश्चित करेगा। नए वित्त वर्ष में इस योजना पर अमल शुरू कर दिए जाने की संभावना है। + +दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 जनवरी को प्रसारित मन की बात में युवा लेखकों के मेंटरशिप की बात भी कही थी। उन्होंने युवाओं से आहवान किया था कि वे स्वतंत्रता सेनानियों और आजादी से जुड़ी घटनाओं के बारे में लिखें। उनका कहना था कि 75 बरस के होने जा रहे स्वतंत्र भारत में सभी राज्यों और भाषाओं के युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए एक पहल की जा रही है। इससे न केवल उभरती प्रतिभाओं को मदद मिलेगी बल्कि देश को दिशा देने वाला एक चिंतक वर्ग भी तैयार होगा। प्रधानमंत्री ने युवाओं को इस पहल का हिस्सा बनने और अपने साहित्यिक कौशल का प्रदर्शन करने के लिए निमंत्रण भी दिया। + +केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, जो स्वयं एक लेखक हैं, ने भी प्रधानमंत्री की इस पहल एवं आहवान को लेकर टवीट किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन एनबीटी ने प्रधानमंत्री की इस इच्छा को साकार रूप देने की प्लानिंग कर ली है। जानकारी के मुताबिक एनबीटी ने इसे लेकर योजना का जो खाका तैयार किया है, उसके तहत युवा लेखकों के लिए छह से नौ माह का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। + +इस कार्यक्रम से नामी लेखकों को जोड़ा जाएगा जो युवाओं के कच्चे-पक्के लेखन को मांझने का काम करेंगे। यह लेखक युवा लेखकों को लेखन की बारीकियां, उसके आधारभूत तत्व, जनमानस के बीच पकड़ वाले अन्य विषयों की जानकारी देने के साथ-साथ पांडुलिपि तैयार करना भी सिखाएंगे। प्रशिक्षण के लिए चयनित युवा लेखकों को एक साल के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। + +राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के निदेशक कर्नल युवराज मलिक ने बताया कि युवा लेखकों के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर काम चल रहा है। किस- किस आयु वर्ग के युवाओं को लिया जाना है, प्रशिक्षण आनलाइन होगा या आफलाइन, कितने समूह बनाए जाएंगे और उनमें कितने-कितने युवा होंगे इत्यादि पर विचार चल रहा है। इतना अवश्य है कि अप्रैल तक यह योजना शुरू कर दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..354b9d1a850810dd23e9e1a21d7156d376868ed0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तराखंड सरकार 27 फरवरी से 27 अप्रैल तक कुंभ मेले की घोषणा करने जा रहा है। रेलवे का मानना है कि 27 फरवरी से ट्रेनों से जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। रेलवे यात्रियों की सुविधा व सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए कई व्यवस्था की गई है। मेला स्थल पर भी पूछताछ कक्ष व ट्रेन डिस्पेल बोर्ड तक लगाया गया है। इसके अलावा एप भी तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से ट्रेन से संबंधित जानकारी म‍िलेगी। स्टेशन पर सेंट्रल पूछताछ कक्ष बनाया गया है। जहां से हरिद्वार के अलावा दिल्ली, मुरादाबाद से चलने वाली ट्रेनों की जानकारी प्राप्त होगी। रेलवे श्रद्धालुओं को ट्रेन से सबंधित सूचना देने के लिए एसएमएस की व्यवस्था भी की है। हरिद्वार व योग नगरी न्यू ऋषिकेश से ट्रेन में सवार होने वाले यात्रियों को इस सुविधा का लाभ म‍िलेगा। ट्रेन आने से दो घंटे पहले एसएमएस पहुंचेगा, जिसमें ट्रेन कितने बजे हरिद्वार या योगनगरी पहुंचेगी और कितने बजे चलेगी, इसकी जानकारी होगी। इसके अलावा क‍िस प्लेटफार्म पर ट्रेन आएगी, इसकी भी जानकारी दी जाएगी। ट्रेन लेट होने की भी जानकारी एसएमएस द्वारा दी जाएगी। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि कुंभ में आने वाले यात्रियों को एसएमएस के द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। कुंभ मेला स्थल पर स्टेशन परिसर पर भी ट्रेन से संबंधित सूचनाएं देने की व्यवस्था की गई है। ।यह भी पढ़ें ।Moradabad Today Horoscope : कन्या राश‍ि के लोग हासिल करेंगे सफलता, जान‍िए कैसा रहेगा आज का द‍िन।आटा चक्की में चादर ओढ़कर कर कर रहा था गेहूं की प‍िसाई, पट्टे में फंस गई गर्दन, मौत ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75543.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dabddbeaf4a350fccc14a6f41a2f33901fabd54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15 दिन, तीन चैंपियनशिप, तीन स्वर्ण, तीन रिकार्ड। महज 15 दिनों के भीतर प्रदेश से राष्ट्रीय सतर तक की तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर किरन बालियान तीन स्वर्ण पदक के साथ तीन नया रिकार्ड भी बना चुकी हैं। यह कमाल उन्होंने साल 2017 में किया था। अक्टूबर महीने में किरन ने तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था। सबसे पहले छह-सात अक्टूबर को हुई प्रदेश सतरीय प्रतियोगिता में अंडर-20 वर्ग में किरन ने 14.50 मीटर शाटपुट फेक कर स्वर्ण पदक जीता और यह उनका नया रिकार्ड भी बना। इसके बाद उसी महीने 14-16 अक्टूबर तक पंजाब के तरन तारन में हुई नार्थ जोन एथलेटिक चैंपियनशिप में किरन ने 14.55 मीटर की दूरी नापी और स्वर्ण पदक के साथ अपने नाम नया रिकार्ड भी बनाया। यहां से आगे बढ़कर 16-20 अकटूबर तक आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुई नेशनल प्रतियोगिता में किरन ने एक बार फिर 14.54 मीटर की दूरी नाप कर स्वर्ण पदक जीता और नया मीट रिकार्ड भी अपने नाम किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75547.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75547.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fd2371dfa798189db3687bb41617525580c9ef4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75547.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर आपको नीचे बैठने में कोई मुश्किल नहीं तो फ्लोर पर भी एक सुंदर सी जगह बना सकती हैं। इस जगह को लाल गुलाब के फूलों से या पसंद के फूलों से सजा सकती हैं। अगर आप रात के खाने की योजना बना रही हैं तो छत या बालकनी पर कुछ पौधे रखिए और उन पर राइस लाइट्स लगाइए। इससे आपको घर में ही रेस्तरां और कैंडल लाइट डिनर का एहसास होगा। खाना बनाइए या ऑर्डर भी कर सकती हैं। कुछ नहीं है तो नूडल्स ही बनाइए। वैलेंटाइन डे पर माहौल खूबसूरत बनाना ज्यादा अहम होता है। अगर आपके पास बालकनी या छत पर बगीचा नहीं है तो आप घर के किसी कोने में भी यह सेटअप लगा सकती हैं। संगीत, खुशबूदार मोमबत्तियां, मनपसंद खाना और रोमांटिक माहौल वैलेंटाइन डे के लिए अहम है। घर पर ही एक खूबसूरत जगह बनाएं। आपको घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27fb2d9cfe9cda2a8e1ee9535a34e0f40d4f5a55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75549.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। देश की सरहद पर तैनात जवानों का जीवन कितना कठिन है, बयां कर पाना मुश्किल है। इससे कहीं ज्यादा मुश्किल होता है, उनके बिना उनके अपनों का जीवन। किसी जवान की शहादत के बाद परिवार की क्या स्थिति होती है, इसकी आम लोग कल्पना भी नहीं कर सकते। ऐसे में फख्र है, उन परिवारों पर जो इन परिस्थितियों में भी सशक्त होकर खड़े हुए और अपने जज्बे की मिसाल पेश की। ऐसा ही एक परिवार है, पुलवामा हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान मोहन लाल रतूड़ी का। कुछ सरकार ने मदद की और कुछ सीआरपीएफ ने संभाला। आज यह परिवार उस गम से उबरकर फिर उठ खड़ा हुआ है। + +मोहनलाल वर्ष 1988 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके परिवार में पत्नी सरिता, तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी शहादत की खबर आई तो परिवार बुरी तरह टूट गया था। लगा कि जैसे सब खत्म हो गया। जो भी कोई उनसे मिलने आता बस दिलासा देता। पर वक्त बदला और परिवार दृढ़ता के साथ आगे बढ़ा। शहीद की पत्नी का कहना है कि सरकार व समाज ने उन्हेंं पूरा सम्मान व सहयोग दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75552.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75552.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1340ec0b257b92f5b2592c23dee3f07cc3d7e686 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75552.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, (निशांत यादव)। शिया धर्म की धुरी बने दो शहरों भारत के लखनऊ और इराक के नजफ को सीधे जोडऩे के लिए शुरू हुई अमन की कोशिश को एक नापाक साजिश ने ब्रेक लगा रखा है। दो साल पहले प्रेम के प्रतीक वैलेंटाइन डे पर एक तरफ जहां लखनऊ से तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नजफ को सीधी उड़ान को रही झंडी दिखायी। वहीं कुछ देर बाद पुलवामा में आतंकी हमला हो गया। भारत ने इस आतंकी हमले का जवाब बालाकोट की एयर स्ट्राइक से दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को अपना आकाश मार्ग साझा करने पर ही रोक लगा दी। + +दरअसल वर्ष 2004 में लखनऊ के धर्म गुरुओं से नजफ में पहले इमाम हजरत अली के रौजे और सूफी अब्दुल कादिर जिलानी की मजार की जियारत के लिए लखनऊ से सीधी विमान सेवा शुरू करने की मांग तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को की दी। हालांकि इस पर बात नहीं बनी। जिस कारण शहरवासियों को नजफ के लिए दिल्ली होकर जाना पड़ता था। जिस कारण उनको दोनों तरफ का टिकट लेने पर यह 35 से 38 हजार रुपये के बीच पड़ता था। शिया धर्म के अनुयायियों ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (तब गृहमंत्री) से लखनऊ से नजफ की विमान सेवा शुरू करने की मांग की। उनके विशेष प्रयासों से लखनऊ से नजफ के लिए एयर इंडिया के ए-320 एयरबस की शुरुआत 14 फरवरी 2019 को लखनऊ से हो गई थी। पहले ही दिन 162 इकोनोमिकल सीटों वाले विमान में 136 जायरीन नजफ को रवाना हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75554.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75554.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfff859983f5dc0c061d148f6cf52057547a18b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75554.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इन लोगों को दो वर्ग में बांट कर अलग अलग मात्रा में वैक्सीन दिया गया। 18 से 55 आयु वर्ग के महिला और पुरूषों को वैक्सीन दिया गया। तो देखा गया कि इंजेक्शन देने के साइट पर 5 फीसदी लोगों को दर्द, सिर दर्द की परेशानी 3 फीसदी, थकान की परेशानी 2 फीसदी, उल्टी या मिचली की परेशानी दो फीसदी लोगों को हुई, लेकिन किसी में भी कोई गंभीर परेशानी नहीं हुई। ।वैज्ञानिकों ने देखा कि वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद 86 से 93 फीसदी लोगों में सीरो कनर्वजन रेट मिला। सीरो कनवर्ज रेट से साबित होता है कि कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में एंटी बाडी बनी है। शोध को  इंटरनेशन मेडिकल जर्नल ने लासेंट ने स्वीकार किया है। वैज्ञानिकों ने सेफ्टी एंड इम्यूनोजेनसिटी आफ एन इनएक्टीवेटेड सार्स को-2 वैक्सीन बीबीवी 152 ए डबल ब्लाइंड रैडमाइज्ड फेज वन ट्रायल विषय को लेकर शोध किया। ।कैसे हुआ शोध।आरटीपीसीआर कोरोना निगेटिव 375 लोगों को शोध में शामिल किया गया। इन्हे टीके के दो इंट्रामस्क्युलर खुराक दिन पहले दिन और  14 वें दिन दिया गया। टीकाकरण के बाद और पूरे अध्ययन अवधि के दौरान गंभीर प्रतिकूल प्रभाव सहित टीका देने के 2 घंटे और 7 दिनों के दौरान नजर रखा गया। + +शोध के आधार पर वैक्सीन को मिली हरी झंडी।इसी शोध के आधार पर दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की हरी झंडी स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर ने दी। तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ सहित  देश में फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर में टीका करण किया जा रहा है। क्लीनिकल इम्यूनोलाजिस्ट प्रो. विकास अग्रवाल कहते है कि लांसेट की रिपोर्ट से साबित हुआ कि वैक्सीन से शऱीर में एंडीबाडी बन रही है यह राहत भरी खबर है। टीका लगाने से कोई नुकसान भी नहीं है इस लिए लोगों को टीकारण के लिए आगे आना चाहिए। संस्थानों में सभी हेल्थ वर्कर टीकाकरण करा रहे हैं। संस्थानों के प्रमुखों ने सबसे पहला टीका लगवा कर लोगों को संदेश देने का काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f2bf02710ac6363d5eefdd006dd843136de333a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75555.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन।  मीडिया और आम जन मानस को रेडियो का महत्व समझाने के उद्देश्य से वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है। रेडियो प्रारंभ से ही सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा के प्रचार-प्रसार का माध्यम रहा है। रेडियो को लेकर युनेस्को ने मूल्यांकन, नवाचार और संयोजन इन तीन बिंदुओं पर विशेष बल दिया है। इन तीनों बिंदुओं को रेडियो पूर्ण करता है। युनेस्को का मानना है कि रेडियो ही ऐसा जन माध्यम है जिसके द्वारा कोई भी सन्देश असंख्य लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। यह बातें विश्व रेडियो दिवस की परिचर्चा के दौरान पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डीन एन्ड डायरेक्टर प्रो. शिवाजी सरकार ने कहीं। ।जीवन का अहम हिस्सा हुआ करता था रेडियो ।पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की अध्यक्ष मनीषा उपाध्याय ने कहा कि रेडियो जनसंचार का सबसे प्राचीन और प्रमुख माध्यम है। रेडियो हमारे जीवन का काफी अहम हिस्सा हुआ करता था। सूचना, संचार और गीतों के माध्यम से मनोरंजन के अहम माध्यम के तौर पर रेडियो का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन टेलिविजन और मोबाइल जैसी चीजें आने के बाद रेडियो का पहले जैसा इस्तेमाल नहीं हो रहा है। लेकिन अब भी इसका महत्व कम नहीं हुआ है। दुनिया में रेडियो के खोते महत्व को जगाने के लिए युनेस्को ने वर्ष 2011 में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मानाने का निर्णय लिया था। प्रवक्ता मयंक जैन ने कहा कि रेडियो संचार का ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से जानकारियां, शिक्षा, समाचार आदि तो प्राप्त हमें होती ही है और साथ ही घर बैठे अनेक तरह से हमारा मनोरंजन भी होता है। छात्रों को प्रशिक्षण देते हुए "रेडियो नारद" के आरजे कुंदन शर्मा ने बताया कि रेडियो केवल समाचारों के संचार तक ही सीमित नहीं है। बच्चों में रेडियो के प्रति रूचि बढ़े इसके लिए बच्चों को आरजे बनने का मौका दिया गया। इस अवसर पर छात्र प्रशांत कुमार, आशी चौधरी, ज्योति गौतम, आर्यन शर्मा, कौशिकी चौहान, रघुराज आदि मौजूद थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75556.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..29596699f2788f2b7a1c4837b2a356da95895b82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75556.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, गौरव भारद्वाज। वसंत ऋतु...हर मन को आकर्षित करने वाली ऋतु। सभी ऋतुओं के राजा वसंत पंचमी पर्व से जुड़ा प्राकृतिक लावण्यता के साथ अध्यात्म की गहराई से भी जुड़ा है। ा ज्ञानदायनी मां सरस्वती की जयंती है तो राधास्वामी मत के लिए इसका विशेष महत्व रखती है। इसी दिन राधास्वामी मत के सत्संग की शुरुआत हुई और इसी दिन दयालबाग की नींव रखी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c9be6cfb911680cd3901c27133d382901cb8d1a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के नरेश पारस ने बताया कि इस बार हरिद्वार कुंभ चाइल्ड फ्रैंडली होगा। कुंभ मेले में परिवार के साथ आने वाले बच्चे न खाेएं, इसके लिए योजना तैयार की गई है। जाे आने वाले हर बच्चे की जेब में डाली जाएगी। इसमें बच्चे का पूरा ब्यौरा होगा। इससे बच्चे के खोने या परिवार से बिछुड़ने की स्थिति में पर्ची की मदद से वालंटियर तत्काल उसके अभिभवाक को इस पर्ची की मदद से तत्काल खोज निकलेंगे। इसके साथ ही कुंभ मेले में बाल भिक्षावृत्ति पर पाबंदी लगाने का प्रयास किया जाएगा। बच्चों से भीख मांगवाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही बाल श्रम को रोका जाएगा। बच्चों के साथ होने वाले शोषण से भी निपटा जाएगा। बच्चों के मामलों के निपटारे के लिए बाल कल्याण समिति बनी है। बाल न्यायपीठ भी हर समय उपलब्ध रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8562ea33a1de2dc500b996eab38338d905e8c3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंशु सिंह। सूचना के आदान-प्रदान, लोगों को शिक्षित व जागरूक करने, उनका मनोरंजन करने से लेकर बच्चों, किशोरों एवं युवाओं को अपनी बात कहने का एक मंच दिया है एफएम रेडियो ने। कई बार यह उनका दोस्त, साथी एवं राजदार भी बन जाता है। यहां वे बेझिझक अपने मन एवं दिल की बातें रेडियो जॉकी (आरजे) से साझा कर लेते हैं। तभी तो फिल्मी सितारों की तरह रेडियो जॉकी भी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं माने जा रहे। वे युवाओं में जुनून एवं आत्मविश्वास भी भर रहे हैं। आज विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर मिलते हैं कुछ चुनिंदा एवं उभरते हुए आरजे से...।अपने पैशन एवं सपने को पूरा करने के लिए मुंगेर (बिहार) से जयपुर (राजस्थान) औऱ फिर अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश ) तक का सफर पूरा किया है आरजे स्वतंत्र ने। एक समय था जब वह शिक्षण के पेशे से जुड़े थे। वहां मन नहीं लगा, तो अच्छी सैलरी वाली वह नौकरी छोड़ निकल पड़े अपने सपने को जीने के लिए। इसके लिए परिवार में इनका विरोध भी हुआ। लेकिन उन्होंने तो ठान लिया था। ‘माई एफएम’ रेडियो में एक साल की इंटर्नशिप के बाद अगले दो साल ‘रेडियो नोएडा लोकमंच’ में काम किया। साथ ही, कॉमर्शियल रेडियो में नौकरी की कोशिशें जारी रहीं। लेकिन जब कोई मौका नहीं मिला, तो कुछ वर्ष टीवी इंडस्ट्री में बिताने के बाद फिर से कोशिश शुरू की। आखिरकार अलीगढ़ स्थित ‘रेडियो करेंट’में आरजे बनने का अवसर मिला। बीते दो वर्षों से यहां कार्यरत हैं। स्‍वतंत्र बताते हैं,‘ 2008 के आसपास जब आरजे को लेकर उतना क्रेज नहीं था, तब जयपुर में मैं आरजे कार्तिक, आरजे पुनीत, आरजे मोहित को सुना करता था। उन्हीं से मुझे प्रेरणा मिली। मैंने रेडियो जॉकी बनना तय किया। अब मेरा वह सपना पूरा हुआ है। रेडियो में एक बंद दरवाजे के भीतर अकेले बात करनी होती है, जिसका अपना मजा है। सुनने वाले को भी यह एहसास होता है कि उससे ही बात की जा रही है। वैसे, रेडियो में आने का अपना संघर्ष है। मेहनत से ही कुछ मिलता है यहां। अपनी आवाज पर काम करना होता है। उसमें स्पष्टता होनी चाहिए। इसके लिए मैं नियमित योग-प्राणायाम (भ्रामरी प्राणायाम, ऊं का उच्चारण) करता हूं।‘ स्वतंत्र बॉलीवुड से जुड़े शोज करते हैं। एक शो 1990 के दशक के गीतों पर आधारित है। इसमें गानों के ऊपर पूरी चर्चा होती है कि उन्हें किसने लिखा, किसने स्वरबद्ध किया। किस एक्टर पर फिल्माया गया...आदि आदि। इनकी मानें, तो काफी पढ़ना और रिसर्च करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f2c2a5dfe5b24b2314a5492359440838730349d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15386 वर्ग किमी तक होती है कवरेज।कानपुर आकाशवाणी से विविध भारती का कवरेज क्षेत्र 15386 वर्ग किमी है। वहीं, एफएम रेनबो का विस्तार 2826 वर्ग किलोमीटर तक है। कवरेज क्षेत्र नगर के साथ कानपुर देहात, उन्नाव, औरैया, उरई, जालौन, इटावा तक है। शहर स्थित आकाशवाणी का केंद्र, विज्ञापन सेवा का केंद्र है। केंद्राध्यक्ष व सहायक निदेशक भारतीय कार्यक्रम प्रसारण सेवा के सहायक निदेशक अनुपम पाठक का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से केंद्र का राजस्व बढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..14043c7d03953f5be737dd822299e03dc3de8727 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, राजीव शर्मा। दो बीघा पैतृक जमीन से होने वाली आमदनी से लकावली निवासी ऊषा राजपूत के घर की रसोई तो चल रही थी लेकिन बच्चों की पढ़ाई तथा अन्य खर्चे उठाना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में ऊषा ने पति के कंधे से कंधा मिलाकर चलने की ठानी। अक्टूबर 2019 में हरियाली नर्सरी उत्पादक समूह से जुड़ीं और समूह की दूसरी महिलाओं के साथ मिलकर नर्सरी विकसित की। अब हर महीने पांच हजार रुपये से अधिक की आमदनी हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75567.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75567.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ae1d345f572101efe71b7ef11e3c927cae0d495 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75567.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। कोरोना के टीकाकरण का अभियान शुरू हुए 28 दिन हो चुके हैं। शनिवार को दूसरी डोज लगाने का काम भी शुरू हो गया है। टीकाकरण की शुरुआत के पहले दिन एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल सहित कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने टीका लगवाया था, इसलिए  शनिवार को डॉ. गुलेरिया व वीके पॉल भी एम्स में टीके की दूसरी डोज लेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75568.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75568.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15389452ea6b461745b312827fa836b9a0942c96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75568.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [राधिका कपूर]। Bigg Boss14: एक्‍टर अभिनव शुक्‍ला ने टीवी रियलिटी शो बिग बाॅस (Bigg Boss14) से अपने इविक्‍शन पर बड़ी बात कही है। बिग बॉसं 14 (Bigg Boss 14) हाउस करीब साढ़े चार महीने बिताने के बाद वह मिड डे इविक्शन के जरिए बाहर हुए। पंजाब के लुधियाना के अभिनव शुक्ला ने कहा कि वह कहीं न कहीं 'खेल' का शिकार हुए हैं, लेकिन इस बात का अब उन्हें कोई गम नहीं है। अभिनव में एक खास बातचीत में राखी सावंत (Rakhi Sawant) और जैसमीन भसीन ( Jasmin Bhasin) के बारे में भी अपने दिल का दर्द बयां किया। इसके साथ ही उनको अपनी पत्‍नी रुबीना दिलैक (Rubina Dilaik) के बिग बॉस का खिताब जीतने की उम्‍मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de4ab9e915a85e116c8391cd7a874cc230f8a16c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। Bajrang Dal Activist Rinku Sharma Murder: पश्चिमी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बजरंग दल के कार्यकर्ता रिंकू शर्मा की 10 फरवरी की रात चाकू मारकर हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपित भी गिरफ्तार हो गया है। इस बीच जागरण की एक खबर इंटरनेट मीडिया में खूब वायरल हो रही है। इसमें बताया गया है कि किस तरह रिंकू शर्मा ने एक आरोपित इस्लाम की पत्नी खून देकर उसकी जान बचाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46ad2bc0191599839df538ebced4d30b476e1ae3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75570.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Mughal Garden अब मौसम की इस अंगड़ाई के साथ मुगल गार्डन छठा भी बदल गई। कली...फूलों से लदी डालियां आपको आकर्षित करने लगी हैं। दिल्ली का मुगल गार्डन अपनी बाहें फैलाए फूलों से स्वागत कर रहा है। दुनिया भर के फूलों की किस्म और खुशबू को समेटे मुगल गार्डन को देखें तो पता चलता है कि इसे यूं ही राष्ट्रपति भवन की आत्मा नहीं कहा जाता। + +हर्बल गार्डन का नजारा: कोरोना का प्रभाव मुगल गार्डन की खूबसूरती पर भी हल्का सा नजर आ रहा है। तभी इस बार यहां नीदरलैंड्स से लाए जाने वाले ट्यूलिप नहीं खिल सके हैं। जिसकी खूबसूरती हर वर्ष सबसे ज्यादा आकर्षित करती थी। खैर, ट्यूलिप नहीं है तो क्या हुआ हर्बल गार्डन की खूबसूरती का नजारा ले सकते हैं, पहले से भी समृद्ध और बेहतरीन औषधीय पौधों के गुण समेटे यह हिस्सा आकर्षण का केंद्र बनता है। पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम ने 2002 में इस गार्डन की शुरुआत की थी। यहां पर 33 औषधीय पौधे हैं। योग, आयुर्वेद, यूनानी, नेचुरौपैथी, होम्योपैथी में काम आने वाले इन पौधों को आयुष वेलनेस सेंटर की तरफ से भी सराहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..506c2fb7ba6b2f9258fd01ca37077dda68edda2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मैंने अपने सार्मथ्य के हिसाब से योगदान दिया और उनके साथ अपनी कालोनी में लोगों को जागरूक करने के लिए निकल पड़ा। उन्होंने कहा कि द्वारका सेक्टर तीन फेस तीन में काफी संख्या में मुसलमान परिवार रहते हैं। हम उनके घर जा रहे हैं और मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि काफी लोग इसके लिए आगे आए हैं। हमारी दिली ख्वाहिश है कि भव्य श्रीराम मंदिर बने और देश के नागरिक के तौर पर जो भी हमसे उम्मीद की जाएगी हम उसको पूरा करने में कभी पीछे नहीं हटेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52f2c683dd2252e17dd3dec83711c9d43458f80d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उस समय रेडियो एक परिवार से दूसरे परिवार को जोड़ने का जरिया बना हुआ था। रेडियो पर किसी कार्यक्रम में शरीक होना बड़ी बात मानी जाती थी। उन्होंने कहा कि मुझे शादी में रेडियो मिला था। उस दौरान इसकी चर्चा महीनों होती रही। द्वारका निवासी अनिल कुमार पाराशर बताते हैं कि, मेरे घर में सबसे पहला रेडियो 1963 में आया। हम लोग विनाका गीत माला हो या फिर विविध भारती कार्यक्रम, बड़े शौक से सुनते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75578.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75578.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91e126be5ae048b2ec3658970c3e47395ad4b3da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75578.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडल रेल प्रशासन ने कुंभ मेला में भीड़ बढ़ने पर 12 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना बनाई थी। स्पेशल ट्रेन हरिद्वार से मुरादाबाद, दिल्ली, हापुड़, लखनऊ आदि स्थानों के लिए चलाई जानी थी। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को पत्र भेजा है, जिसमें कहा था कि कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनें न चलाएं। अप्रैल में होने वाले शाही स्नान के दौरान वापसी भीड़ के लिए ही ट्रेनों का संचालन करें। रेल प्रशासन ने प्रमुख सचिव के पत्र के बाद योजना में बदलाव कर द‍िया है। कुंभ मेले में भीड़ होने पर स्टेशन पर भी भीड़ बढ़ेगी। हावड़ा-अमृतसर रेल मार्ग पर लक्सर रेलवे स्टेशन है। हरिद्वार से लक्सर की दूरी 27 किलोमीटर है। रेलवे भीड़ बढने पर उत्तराखंड सरकार की अनुमति लेकर हरिद्वार लक्सर के बीच स्पेशल ट्रेन चलाएगा। हरिद्वार स्टेशन की भीड़ को लक्सर तक पहुंचाएगा। हावड़ा-अमृतसर के बीच चलने वाली ट्रेनों में सवार होकर श्रद्धालु गंतव्य तक जा सकते हैं। रेलवे प्रशासन ने लक्सर स्‍टेशन को मेला स्टेशन घोषित करने के साथ श्रद्धालुओं के ठहरने और अन्य सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है। रात में रोशनी के लिए लाइट की विशेष व्यवस्था की गई है। स्टेशन के संपर्क मार्ग पर भी लाइट लगाई जा रही है। यहां भी अतिरिक्त बुकिंग काउंटर खोला जा रहा है। प्लेटफार्मों पर भी सुविधा का विस्तार किया जा रहा है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि लक्सर स्टेशन को मेला स्टेशन बनाया गया है और यहां यात्रियों की सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।  ।यह भी पढ़ें ।Moradabad Today Horoscope : मिथुन राश‍ि पर स‍ितारे रहेंगे मेहरबान, जान‍िए कैसा रहेगा आज का द‍िन ।Indian Railways : ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए 27 को चलेगी पर्यटन स्पेशल ट्रेन, गुजरात का भी भ्रमण कर सकेंगे यात्री ।मुरादाबाद के सांसद बोले-लद्दाख में यूनिवर्सिटी अच्छी पहल, लेकिन जौहर यूनिवर्सिटी को क्यों उजाड़ा जा रहा है ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40a368e02a6a3622082b92413f0e4ba2faa4c251 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75579.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ यूं घूमेगा एक्सप्रेस-वे।निजामुददीन, दिल्ली से यूपी गेट आकर डासना जाना होगा। डासना से मेरठ के लिए वाया परतापुर जाना होगा। मुख्य रूप से दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी 60 किलोमीटर है। तीसरे चरण में डासना से हापुड़ तक बनाए गए हिस्से को चार से छह लेन करते हुए इसी प्रोजेक्ट में जोड़ा गया है। इससे हापुड़ की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। एक्सप्रेस-वे के खुलते ही पहले दिन से पचास हजार और दो महीने बाद इस पर करीब एक लाख वाहनों का आवागमन होगा। डीएमई का टोल डासना में बनाया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75580.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac6f6d0265f9c50a410072aced0dd99a20f65f22 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : विश्व फलक पर अपनी हनक दिखाने वाला पाटरी उद्योग की हनक नुमाइश के उद्योग मंडप में चमक रहा है। क्राकरी को देख दर्शक बर्तन की चमक-दमक देख खो जाते हैं। पाटरी की चार दुकानों पर अब खरीदारों की भीड़ दिखने लगी है। कप- प्लेट, मर्तबान, सूप कप, सर्व करने के बर्तन व फ्लाअवर पाट भी दर्शक देख आकर्षक होते हैं। कोराेना संकट के चलते मैन्युफैक्वर्स ने प्रोडक्ट पर पैसा नहीं बढ़ाया है। लोकल फार वोकल को बढ़ावा देने के लिए इस बार चीन की क्राकरी दुकानों पर खोजे नहीं मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7de757277d34ad43155dc45346f5af20cfb6e895 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75585.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंजाब में मामले दर्ज हुए, फिर भी नहीं हुई गिरफ्तारी।कृषि कानूनों का विरोध करते हुए पंजाब में प्रदर्शनकारियों ने पिछले वर्ष 24 सितंबर से 24 नवंबर तक रेल परिचालन पूरी तरह से ठप कर दिया था, जिससे उत्तर रेलवे को 25 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं, दशहरा, दिवाली, छठ और नवरात्र के दिनों में लोग सफर नहीं कर सके। माल ढुलाई ठप होने से पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कारोबारियों व किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ा। तीनों राज्य रेल मार्ग से दिल्ली व अन्य शहरों से कट गए थे। रेलवे सुरक्षा बल ने पंजाब में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रेल परिचालन में बाधा डालने का केस दर्ज किया, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। किसी को नामजद भी नहीं किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06f6e9bb43688afe6c1f4977a4a3651a7af4bbdf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीन साल बाद एक बार फिर तेंदुओं की गणना कराने जा रही है। पहली बार तेंदुओं की गिनती जंगल से बाहर नदियों के किनारे और आसपास के टापुओं पर भी होगी। वन विभाग प्रदेश में इस तरह के प्राकृतवासों को चिन्हित कर रहा है। इन्हें और संरक्षित व सुरक्षित किया जाएगा। इस बार ऐसे हॉट स्पॉट तलाशे जाएंगे, जहां मानव-वन्य जीव संघर्ष होते हैं। इन स्थानों पर भी विशेष नजर रखी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75588.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75588.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a07963d711dc158bcc7a44e63d9224eb44dbbb09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75588.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस में युवा बनाम बुर्जुगों की लंबे समय से चल रही रस्साकशी के बीच पार्टी हाईकमान ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद के लिए एक बार फिर वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर भरोसा जताया है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के भरोसेमंद खड़गे राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद की जगह विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालेंगे। कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक को देखते हुए खड़गे को राज्यसभा में नेता विपक्ष बनाने में बेशक कांग्रेस हाईकमान को किसी तरह के सियासी प्रतिरोध से रूबरू नहीं होना पड़़ा है मगर देर-सबेर पार्टी के असंतुष्ट खेमे की ओर से बड़ी हलचल शुरू करने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा रहा है। खड़गे की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में हिंदी भाषी उत्तर के राज्यों के नेताओं की अनदेखी का नया विवाद भी गरमा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d67bf284fcf89c70c1ec507f79b47d9ae211e22e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7559.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फिल्म अक्सर 2 में जरीन खान के साथ अभिनेता गौतम रोडे और अभिनव शुक्ला मुख्य भूमिका में थे। गौतम रोडे ने हाल ही में आरजे (रेडियो जॉकी) सिद्धार्थ कन्नन से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अक्सर 2 को लेकर ढेर सारी बातें की। गौतम रोडे से अक्सर 2 की रिलीज और फिल्म में बोल्ड कंटेंट को लेकर सवाल किया गया, जिस पर उन्होंने कहा, 'कोई अश्लील सीन नहीं थे। मुझे अभी भी समझ में नहीं आया कि लोगों को किन अश्लील सीन से समस्या थी, कुछ भी नहीं था।'।गौतम रोडे ने आगे कहा, 'समस्या यह थी कि उस समय, जरीन खान की छवि बदलाव के दौर से गुजर रही थी। उन्होंने यह फिल्म इसलिए की क्योंकि वे (मेकर्स) अलग ढंग से उन्हें प्रस्तुत करने वाले थे। उसे और अभिनव के बीच केवल एक किसिंग सीन था। किसिंग एक अश्लील सीन का हिस्सा नहीं था, वह सिर्फ गाना था। गाना अश्लील नहीं था, यह एक रोमांटिक गाना था...। मैं किसी को दोष नहीं देता, लेकिन मैं फिल्म के प्रोमोशन को दोष देता जैसे किया गया था। यह एक सस्पेंस थ्रिलर थी जो बाद में एक इरोटिक थ्रिलर में बदल गई और मार्केटिंग में जरी खान की एक ही क्लिप को बार-बार चलाया गया। + +गौतम रोडे कहते हैं, 'सभी को लगा कि यह एक और हेट स्टोरी। वहीं दर्शकों को और ज्यादा निराशा हुई जब उन्होंने फिल्म देखी और महसूस किया कि इसमें कुछ भी नहीं है। जो इरोटिक सीन्स के लिए आए थे वे निराश हो गए, और जो इरोटिक फिल्म नहीं देखना चाहते थे, वह फिल्म देखने आए ही नहीं। मैं इसके बीच में फंस गया ... मैंने केवल फिल्म की क्योंकि यह एक सस्पेंस थ्रिलर थी, और मुझे वास्तव में मेरा किरदार मुझे पसंद आया। मैं अभी भी अपनी परफॉर्मेंस से खुश हूं, लेकिन यह एक फिल्म की नियति थी कि जरीन और निर्माता लड़ रहे थे, और इस वजह से फिल्म गलत कारणों से चर्चा में थी।' ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75593.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75593.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1368928b3ddc8caba33c7efd74f95c181f8b15cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75593.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हि‍ंंडन, काली व कृष्णी नदियों में प्रदूषण से निपटने में जिम्मेदार महकमों की लापरवाही से क्षुब्ध होकर मुख्य सचिव को निगरानी सौंप दी है। अपने आदेश में एनजीटी ने कहा है कि बार-बार आदेश देने से कोई हल नहीं निकलेगा, जब तक कि प्रशासन स्वयं आमजन के प्रति अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाने की जिम्मेदारी नहीं लेगा और उसके प्रति जवाबदेह नहीं होगा। अब मुुुुख्य सचिव को हि‍ंंडन में प्रदूषण से जुड़े गंभीर मामलों का स्वामित्व लेकर उनकी फिक्र करनी होगी, क्योंकि यह मुद्दा पर्यावरण के साथ जनस्वास्थ्य के लिए भी खतरा बना हुआ है। दो फरवरी को दोआबा पर्यावरण समिति की याचिका पर यह आदेश एनजीटी ने दिया। + +हि‍ंंडन व काली नदी का पानी बेहद जहरीला ।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट में हि‍ंंडन के तीनों मॉनिटरि‍ंंग स्थलों पर बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड 10 से 20 गुना यानी 30 से 58 मिग्रा प्रति लीटर दर्ज हुई, जबकि फीकल कॉलीफॉर्म 94000 से 11 लाख की खतरनाक संख्या में मिले हैं। तीनों ही स्थानों पर जल की गुणवत्ता 'ई' श्रेणी अर्थात बेहद खराब पाई गई। मेरठ में काली का बीओडी 54 मिलीग्राम तथा फीकल कॉलीफॉर्म 1.2 लाख मिले हैं। जल की गुणवत्ता ई- श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1126b11eb1a927aea4aa16dab6986481ed4a6a2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75599.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। लाल किला उपद्रव के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू की गर्लफ्रेंड के रूप में रीना राय का नाम बीते कई दिनों से चर्चा में बना हुआ है। पुलिस ने जब दीप सिद्धू को गिरफ्तार किया उसके बाद से रीना राय के बारे में जानने की उत्सुकता बनी हुई है। रीना राय ही दीप की वो गर्लफ्रेंड है जो विदेश में बैठकर सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी मदद कर रही थीं, वो रीना ही हैं जिसने दीप सिद्धू के कुछ वीडियोज को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और वो वायरल हो गए। इन वीडियोज में से एक में दीप सिद्धू ने कहा था कि अगर उसने मुंह खोल दिया तो कई लोगों के राज भी सामने आ जाएंगे। ।इन वीडियोज के सोशल मीडिया पर आने के बाद से पुलिस के सामने ये चुनौती भी आ गई थी कि दीप सिद्धू वीडियो पोस्ट कर रहा है और पुलिस की टीमें उसे पकड़ नहीं पा रही है। + +जानिए कौन है रीना राय? ।रीना राय फिल्मों में नहीं आना चाहती थीं मगर जब साल 2014 में उनका सेलेक्शन मिस साउथ एशिया यूएसए के लिए हुआ तो उनके अंदर आत्मविश्वास काफी बढ़ गया, उसके बाद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। वैसे रीना के पास फिजिशियन की डिग्री है। मगर उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया। इसके बाद रीना ने कई पंजाबी म्यूजिक वीडियो में काम किया। रीना की पहली पंजाबी फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई उसका नाम था रंग पंजाब। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cb8c00c52f2afaba045484c14a843711ee636d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान इन दिनों अपनी किबात 'प्रेग्नेंसी बाइबल' को लेकर काफी खुर्खियों में बनीं हुई है। करीना ने अपनी इस बुक को इसी महीने 9 जुलाई को लॉन्च किया है। करीना अपनी इस किबात के टाइटल को लेकर काफी कॉन्ट्रोवर्सी में है। वहीं सोशल मीडिया पर भी उन्हें काफी आलोचनाओं का समना करना पड़ रहा हैं। वहीं अब इसी बीच करीना की बुक 'प्रेग्नेंसी बाइबल' से उनके बेटे की तस्वीर लीक हुई हैं। करीना के फैन पेज पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें ये दावा किया गया है कि इस किबात में जो तस्वीरें हैं वो करीना के छोटे बेटे 'जेह' की है। 'जेह' की तस्वीरें करीना ने इस किबात में लिया है। बता दें कि करीना ने अभी तक अपने छेटे नवाब की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर​ नहीं की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87eb97f333c9757bcb5ea989e036eeffc13e3e21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शंभु सुमन। आज की तारीख में फांग (एफएएएनजी) एक गढ़ा हुआ नया शब्द पूरी दुनिया पर राज कर रहा है। अंग्रेजी के इस शब्द में एफ फेसबुक, ए एप्पल और दूसरा ए अमेजन तथा एन नेटफ्लिक्स और जी गूगल (अल्फाबेट का प्रोडक्ट) को दर्शाता है। इसे सीएनबीसी की मैड मनी के होस्ट जिम क्रैमरे ने साल 2013 में गढ़ते हुए वैश्विक शेयर बाजार के संदर्भ में एक भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि इन अमेरिकी टेक कंपनियों का दुनिया भर में प्रभाव तेजी से बढ़ेगा। अगस्त 2020 आते-आते ये स्टॉक वल्र्ड की बड़ी कंपनियां बन गईं। आज बाजार में इनकी पूंजी 56 खरब डॉलर से भी अधिक है और इनमें तेज बढ़ोतरी जारी है। भारत में भी इनकी पकड़ मजबूत हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..041b842d44269c7add39998930141bbcb7d60135 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंत्रियों को मुख्य रूप से तीन विषयों पर ध्यान देना चाहिए। योजनाओं को सही ढंग से लागू कराया जाए, निगरानी ऐसी हो कि भ्रष्टाचार का मौका नहीं मिले और राज्य के हर हिस्से पर समान ढंग से ध्यान दिया जाए। बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और बेहतर परिवेश बनाने की दिशा में अच्छा काम हुआ है। विकास की नई नींव तैयार है। मजबूत भवन बनाने पर पूरा ध्यान देना है। कृषि के क्षेत्र में रोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए जो योजनाएं चल रहीं, उनका सही और पूरा फायदा हर किसान को मिले, इसके लिए निगरानी को और ठीक करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए बाढ़ पीड़ित किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। मुआवजा वितरण के लिए सरकार की ओर से बेहतरीन व्यवस्था बनाई गई है, लेकिन कृषि समन्वयक स्तर पर लापरवाही महंगी पड़ रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75607.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75607.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e8ec9f1aab4e457bbfb76e1030d407743b0ea80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75607.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ । इस बारे में जवाहललाल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और सेंटर फॉर रशियन एंड सेंट्रल एशियन स्‍टडीज की प्रमुख अर्चना उपाध्‍याय का साफतौर पर कहना है कि पुतिन के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों को बाहरी देशों से हवा दी जा रही है। उन्‍हें इस बात की आशंका दिखाई देती है कि इन विरोध प्रदर्शनों को ये देश न सिर्फ हवा दे रहे हैं, बल्कि कहीं न कहीं इसकी फंडिंग भी ये कर रहे हैं। उनके मुताबिक, इसमें कहीं न कहीं अमेरिका भी शामिल हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्‍योंकि पुतिन को कहीं न कहीं ट्रंप समर्थक या प्रो-ट्रंप माना जाता था। 2016 के अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में कहा जाता है कि रूसी हैकर्स की उन्‍हें जिताने में एक अहम भूमिका रही थी। वहीं, अब डेमोक्रेट के आने के बाद माना जा रहा है कि रूस एक बार फिर से अमेरिका के लिए उसका दुश्‍मन नंबर वन बन कर उभर सकता है। इसलिए इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को हवा दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4560c45cb3c656fc6ef015a4b5db60c33fa76bd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75608.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शुभम कुमार सानू। भारत के एक हिस्से को दूसरे से जोड़ने, मानव विकास प्रक्रिया, संसाधनों के समेकित उपयोग व आíथक जीवन में परिवहन तंत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। परिवहन के विभिन्न प्रकारों में छोटी एवं मध्यम दूरी के लिए सड़क परिवहन अपनी विश्वसनीयता और घर के दरवाजे तक सेवा उपलब्ध कराने के कारण सबसे अधिक प्रयोग में आता है। वहीं यह देश की कुल जीडीपी में लगभग 3.14 प्रतिशत का योगदान करता है, जो कि अन्य सभी परिवहन के माध्यमों में सबसे ज्यादा है। इन अच्छाइयों के साथ इसका एक नकारात्मक पहलू भी है। वह है सड़क पर रोजाना होने वाली दुर्घटनाएं, जिनमें प्रत्येक वर्ष देश में लगभग डेढ़ लाख लोगों को जान गंवानी पड़ती है। + +भारत में 2019 में 4.67 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 4.7 लाख लोग जख्मी हुए। इसी कारण केंद्र सरकार ने इस वर्ष सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पूरा एक माह का यह अभियान चलाया है, जो 17 फरवरी तक जारी रहेगा। भारतीय सड़कों पर प्रतिदिन लगभग 1,280 दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग 415 लोगों की मौत होती है। अगर राज्यवार सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा दुर्घटना क्रमश: तमिलनाडु (13.7 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (11 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (नौ प्रतिशत) में होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4769b48be5f84633bad1404d4e00ade4a7734cdd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75609.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रोजाना होती है गंगा आरती।प्रयागवाल सभा से जुड़े तीर्थ पुरोहित मधु चकहा बताते हैं कि प्रयाग महात्म्य में घाटों की विशेषता का वर्णन है। एक प्रसिद्ध घाट राम घाट है। यहां रोज शाम को गंगा आरती भी होती है। महाराज इला ने प्रतिष्ठानपुर अब झूंसी में राज किया था। वे भगवान राम के पूर्वज थे। महाराज इला की संतान व चंद्रवंशीय राजा पुरूरवा और गंधर्व मिलकर इसी घाट के किनारे अग्निहोत्र किया करते थे। इसी वजह से इस घाट का नाम राम घाट पड़ गया। + + यमुना तट पर है किला घाट।संगम क्षेत्र का एक ऐतिहासिक घाट किला घाट है। अकबर द्वारा निर्मित किले के समीप यह घाट है। इस किले के प्राचीर से यमुना का जल स्पर्श करता है। यहीं पर संगम की ओर जाने वाली नावों का जमावड़ा रहता है। इसी से पांच सौ मीटर पश्चिम में किला जहां समाप्त होता है वहां सरस्वती घाट है। यहां से भी लोग नाव के माध्यम से संगम की ओर आते हैं। इस घाट का प्रयोग सेना भी करती है। ।शहर के उस पार यमुना में अरैल घाट।प्रयागराज का सबसे बड़ा घाट अरैल है। प्राकृतिक दृष्टिकोण से यह भव्य स्थान है। टहलने का यह अच्छा स्थान है। यहां से भी संगम को नाव मिलती है। मधु चकहा बताते हैं कि अरैल का ऐतिहासिक महत्व है। यहां कई आश्रम और मंदिर हैं। यह इलाका दर्शनीय है। यहां बोटिंग की भी सुविधा भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..023b5bf65b85d6ccee27936673d904eb239bae78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +...तो केंद्र से मिलेगी 100 करोड़ रुपये की मदद: केंद्र सरकार द्वारा चार राज्यों में बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें बड़े राज्यों ने आवेदन दिया है। उत्तर प्रदेश की तरफ से यमुना प्राधिकरण ने भी इसके लिए आवेदन किया है। अगर इसे योजना में चुन लिया जाता है तो मेडिकल पार्क को बनाने में केंद्र सरकार से करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0baa9d9fc35e4811e67efbd77b76a386fa6bc567 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75613.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद (मोहसिन पाशा)। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 4417 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली मध्य नहर बिजनौर बैराज से निकलकर चार जिलों के किसानों की फसलों की सिंचाई करके जीवन देगी। मध्य नहर का फायदा चार लाख 10 हजार किसानों को मिलेगा। नहर से पानी से सिंचाई करने पर किसानों की फसलों की लागत कम होगी। + +गंगा नदी से निकलेगी मध्य नहर।गंगा नदी के बिजनौर बैराज से 30 मीटर चौड़ी मुख्य नहर निकाली गई है। मुख्य नहर का पानी शाखाओं के जरिए चन्दौसी और बहजोई तक पहुंचना है। शासन से जमीन की धनराशि मिलने के बाद नहर की शाखाओं के निर्माण का काम तेज हो गया है। इस नहर का काम होते ही बिजनौर से लेकर सम्भल, अमरोहा और मुरादाबाद में नहरों का जाल बिछ जाएगा। किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए बड़ा लाभ मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f7d78a928c5c8c178fc25bd09fd59f93c73c5041 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75614.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना वायरस का एक और वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था जिसको B.1.351 का नाम दिया गया था। ये B.1.1.7 काफी अलग था। इसका पहली बार पता अक्‍टूबर 2020 में चला था। इस वायरस के बाद में और म्‍यूटेशन भी सामने आए थे जनवरी 2021 के अंत में इस वेरिएंट के मामले अमेरिका में भी पता चले थे। ।ब्राजील में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को P.1 का नाम दिया गया था। इसको पहली बार जनवरी 2021 में ब्राजील से जापान गए एक यात्री में पाया गया था। इस यात्री को जापान के एक एयरपोर्ट पर स्‍केनिंग के बाद रोक लिया गया था। बाद में जांच में इसमें ये वेरिएंट पाया गया। बाद में इसके भी म्‍यूटेशन सामने आए थे। शोध में पाया गया कि ये वेरिएंट शरीर में बनने वाली प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd17dc6a0307bf62fae155f480b593efed7e79e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75615.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रिपोर्टिंग टाइम 12.40 में वे एयरपोर्ट टर्मिनल के अंदर पहुंच गए। यहीं से शुरू हुई उनकी दुर्दशा। सुरक्षा जांच के नाम पर पहले तो उनका कृत्रिम हाथ निकलवाया गया। पूरी गहनता से जांच के बाद भी जब सुरक्षाकर्मियों का मन नहीं भरा तो कृत्रिम हाथ को नुकीली चीज से चुभो कर जांच की। उनकी अन्य तलाशी भी हुई। इस प्रक्रिया में इतना समय लग गया कि उनकी फ्लाइट छूट गई। उनका सामान पहले ही फ्लाइट में पहुंच गया था, किसी तरह उनका सामान उतरवाया गया। + +नहीं कम हुईं मुश्किलें । सतीश की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। फ्लाइट छूट गई तो इन्होंने इंडिगो के अधिकारियों से बात की। कहा कि मैं अब कैसे वाया दिल्ली चंडीगढ़ पहुंचूंगा। पहले तो इंडिगो के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इनको पहले बेंगलुरु, फिर दिल्ली और इसके बाद चंडीगढ़ लगभग 27 घंटे की यात्रा करने का विकल्प दिया। जब सतीश तैयार नहीं हुए तो इंडिगो की ही शाम 5.30 बजे की फ्लाइट जिसका टाइम रीशिड्यूल करके 6.30 बजे कर दिया, इसी से दिल्ली तक जाने का विकल्प दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75620.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75620.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0287b7e70df2da78b7ccfc840e219601d9defe75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75620.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- गुप्त नवरात्रि के दिनों में किसी पशु या जीव-जंतु को न मारें और ना ही उन्हें सताएं। साथ ही इस दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन ना करें, लहसुन-प्याज वाला भोजन खाने से बचें। ऐसा करने से से भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.।- गुप्त नवरात्रि के दौरान गुस्सा करने से बचें और ना किसी को अपशब्द न बोलें। घर में झगड़ा या क्लेश करने से भी बचें. कहते हैं ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ac99dc12db9d54a1be8095915e847237a078270 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीके शुक्ला, नई दिल्ली। इस माह के अंत तक देशवासियों को मां अन्नपूर्णा की 108 साल पूर्व चुराई गई मूर्ति के दर्शन हो सकते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने कनाडा से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मूर्ति वापस लाने के लिए एएसआइ ने फाइन आर्ट ट्रांसपोर्ट हैंडलिंग कंपनियों से कोटेशन मांगे हैं। मूर्ति को सत्यापित कर वाराणसी के उसी मंदिर में स्थापित किया जाएगा, जहां से यह 1913 में चुराई गई थी।  ।वाराणसी शहर में आज से लगभग 100 साल पहले चुराई गई अन्‍नपूर्णा देवी की प्रतिमा अब कनाडा वापस करने जा रहा है। यह मूर्ति करीब एक सदी पहले वाराणसी से चोरी हो गई मानी जा रही है। कनाडा के मैकेंजी आर्ट गैलरी में मौजूद यह मूर्ति यह यूनिवर्सिटी आफ रेजिना के संग्र‍ह का अब तक हिस्‍सा थी। ।गत 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में इस मूर्ति का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि मूर्ति कनाडा से वापस लाना काशी के लिए गर्व का पल होगा। बीते दिनों 5 से 25 नवंबर तक वर्ल्ड हेरिटेज वीक की शुरुआत होने के दौरान भारतीय मूूूल की एक आर्टिस्ट दिव्या मेहरा की नजर मूर्ति पर पड़ी और उन्होंने इसका मुद्दा उठाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85f21cc8f94486bb0d0bb6291999fbb8352740fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विद्यार्थी करेंगे रोजाना साफ सफाई।अब बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हर विद्यार्थी को 15 से 20 मिनट तक रोजाना सफाई करनी होगी। कक्षा एक से पांच तक के बच्चे इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए ये अनिवार्य होगा। नई शिक्षा नीति में बच्चों को उनके मौलिक अधिकार, स्वच्छता आदि के बारे में परिपक्व करने का प्रावधान किया गया है। उसी के तहत शासनस्तर से ये फैसला किया गया है। स्कूलों में मेरा विद्यालय-स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम चलाया जाएगा। नए सत्र से कक्षा छह से आठ तक के हर सरकार स्कूल में ये व्यवस्था लागू होगी। बच्चों के अलावा शिक्षक भी इस काम में जुटेंगे। वे न केवल विद्यार्थियों को साफ-सफाई का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करेंगे बल्कि उनका मार्गदर्शन कर खुद भी सफाई करेंगे। इसके लिए शिक्षकों की ओर से छात्र-छात्राओं का समूह भी तैयार किया जाएगा। स्कूल की समय सारिणी में भी ये शामिल किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75626.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75626.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45bffdc747bcfffcef71c04b711008d111de8246 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75626.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ट्रेन वापस करने के लिए दो बार पाकिस्तान को भेजे जा चुके हैं रिमाइंडर।भारतीय रेलवे की ओर से इन कोच को वापस लाने के लिए डेढ साल में दो बार पाकिस्‍तान रेलवे को रिमाइंडर भी दिए गए है, लेकिन उसके बाद भी इन कोचां की वापसी नहीं हो सकी। अटारी स्टेशन के सुपरिटेंडेंट अरविंद गुप्ता ने बताया कि ट्रेन रद होने के बाद से ही कोच पाकिस्तान में पड़े हुए हैं और वहीं पर प्रयोग हो रहे हैं।  उनकी तरफ विभाग को लिखकर भेजा जा चुका हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aeff1a4b66afa971f660e6ba6be337e35990368d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75627.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस बारे में संग्रहालय के महाप्रबंधक कुलदीप शर्मा ने कहा कि यह संग्रहालय दर्शकों को विशेष अनुभूति देता है, जो पहले नहीं हुआ होता है। इसमें 60 तरह की प्रदर्शनियां लगाए गए हैं, जिससे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को आकर्षित कर रहा है। यह पूरी तरह से वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है और हर प्रदर्शनी के बारे में इसकी जानकारी भी दी गई है कि देखने वालों को भ्रम और रोमांच का एहसास क्यों हो रहा है। यह एक प्रकार से शैक्षणिक संग्रहालय है, जो कलात्मक तरीके से पेश किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30e354bde9bd62d93e3e1b0d7e17c251aafbb1e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेज अफसरों को मिलने वाले तोहफे के लिए बनाया था तोषखाना।जय प्रकाश यादव बताते हैं कि क्षेत्रीय अभिलेखागार में रखे दस्तावेज इस बात का उल्लेख है कि नक्शा बनाते समय एक शहर के लिए क्या-क्या आवश्यक है, इसका विशेष ध्यान रखा गया था। राजधानी बनने के बाद वरिष्ठ अंग्रेज अफसरों को मिलने वाले तोहफे को रखने के लिए एक लाइब्रेरी और संग्रहालय बनाने की योजना भी बनाई गई थी। सरकारी तोषखाना को बाद में थार्नहिल मेमोनियल के नाम से जाना गया था। 1864-65 में माघमेला के बजट से 3600 रुपये तोषखाना की इमारत के लिए स्वीकृत हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75629.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75629.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..184dc603169263513218df560c6697fcb6374cec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75629.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand News, JPSC Civil Services Exam 2021 जेपीएससी ने वर्ष 2017, 2018, 2019 तथा 2020 के लिए एक साथ परीक्षा की घोषणा कर दी है। इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। विभिन्न सेवाओं में 252 पदों के लिए संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा से बहाली होगी। दो मई को प्रारंभिक परीक्षा और सितंबर के अंतिम सप्ताह से मुख्य परीक्षा संभावित रखी गई है। इसके साथ ही झारखंड लोक सेवा आयोग की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के लिए कई वर्षों से इंतजार कर रहे हजारों अभ्यर्थियों का इंतजार खत्‍म हो गया है। हालांकि इस बार परीक्षा में जेपीएससी के कुछ नियम-शर्ते अभ्‍यर्थियों पर भारी पड़ सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b4ea368b2457c748b5061d657ad4bf1ed51db5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75631.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसान आंदोलन को हवा देते हुए उत्तर प्रदेश में उनके बीच अपनी पैठ मजबूत करने के उद्देश्य से कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के सहारे 10 फरवरी से पश्चिम यूपी में 'जय जवान जय किसान' अभियान की शुरुआत की है। इसी क्रम में वह पहले दिन सहारनपुर पहुंचीं। सहारनपुर में प्रवेश करते ही मां शाकंभरी धाम में मत्था टेकते, बाबा भूरादेव के दरबार में हाजिरी लगाते, खानकाह में दुआ कराते, मंच पर भगवाधारी संतों के आगे सिर झुकाते और हाथों में हल लेकर ललकारते प्रियंका वाड्रा कैमरों में खूब कैद हुईं। प्रियंका की यह पंचायत विधानसभा चुनाव के श्रीगणेश के लिहाज से अहम मानी जा रही है। ।कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने गुरुवार को प्रयागराज पहुंचीं। वहां मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर पावन त्रिवेणी (संगम) में पवित्र डुबकी लगाई। फिर यमुना किनारे स्थित मनकामेश्वर मंदिर पहुंचकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। संगमनगरी में उनका यह प्रवास करीब पांच घंटे का रहा और अपने पीछे तमाम सियासी निहितार्थ छोड़ गया। प्रियंका ने लाल रंग की साड़ी, नारियल, दूध, फूल, मिठाई, फल और रुद्राक्ष की माला के साथ दक्षिणा तीर्थ पुरोहित को भेंट की। ।वापस लौटते समय प्रियंका बीच संगम नाविक से खुद ही नाव उस पार ले जाने की इच्छा जताई। नाविक ने फौरन हामी भर दी। कुछ देर उन्होंने केवल दाहिने हाथ से नाव खेई फिर दोनों हाथों से घाट के करीब तक खेवनहार बनकर आईं। पतवार छोड़कर वह बैठीं तो नाविक से कहा कि नाव चला लेते हैं। नजदीक ही दूसरी नाव से चल रहे प्रमोद तिवारी ने कहा कि जैसे कुशलता से संगम में नैया का खेवनहार बनी हैं, वैसे ही कांग्रेस की नाव की मांझी बन जाएं तो देश की नैया भी पार हो जाएगी। इस पर जमकर ठहाके लगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7cfed9acc7a217a82200edad3fea6852a068e83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75633.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। नौ महीने पहले पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पास चालबाज चीन जब मकड़जाल बुन रहा था, तब भारत के शूरवीरों ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं में तनाव पैदा हो गया। दोनों ही देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई वार्ताएं हुईं, लेकिन बात नहीं बनी। चीन यह भ्रम में रहा कि भारत दबाव में आ जाएगा और अपने पैर पीछे हटा लेगा। इधर, भारत ने सैनिकों को सीमा पर मुंहतोड़ जवाब देने की छूट दे दी और चीन की नापाक हरकतों को लगातार दुनिया के सामने रखा। नतीजतन 24 जनवरी को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की बैठक में चीन फिंगर चार से आठ तक की जगह को खाली करने पर राजी हो गया। भारतीय सेना भी फिंगर तीन पर लौटेगी। हालांकि, सीमा विवाद को पूरी तरह खत्म करने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन इसे भारतीय रणनीति की कामयाबी का पहला चरण माना जाएगा। आइए जानते हैं कि चीन के कदम वापस लेने के क्या मायने हैं और भारत की रणनीति कैसे कारगर साबित हो रही है..।क्यों अहम है यह इलाका?।पैंगोंग झील का उत्तरी और दक्षिणी किनारे बहुत ही संवेदनशील और महत्वपूर्ण हैं। खासकर पिछले साल मई में भारत व चीन के सैनिकों के आमने-सामने होने के बाद यह क्षेत्र ज्यादा अहम हो गया है। जब एलएसी का अतिक्रमण करते हुए चीनी सैनिक भारतीय सीमा में आठ किलोमीटर भीतर आ घुसे थे तब हमारे सैनिकों ने उनका प्रतिरोध किया था। दोनों देशों के सैनिकों में संघर्ष हुआ। चीन ने फिंगर चार व तीन पर सैनिकों की तैनाती कर दी थी, जबकि भारत का कहना है कि एलएसी की सीमा फिंगर आठ तक है। पैंगोंग झील के आसपास की चोटियों को फिंगर कहा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..063ca1a5ee63b4e6aee888ed7ddfabc97634c9b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। महिला दिवस पर इस साल भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) एक अनूठी सैर करायेगा। आईआरसीटीसी केवल महिलाओं को गोवा की सैर कराएगा। आइआरसीटीसी महिला पर्यटकों को महिला दिवस पर आठ मार्च को लखनऊ से सीधे गोवा ले जाएगा। इस पैकेज में महिला ही टूर मैनेजर होगी जबकि पर्यटक भी केवल महिला होंगी। इस पैकेज को आईआरसीटीसी लखनऊ में तैनात महिला कर्मचारी जया ने तैयार किया है। आइआरसीटीसी ने महिला दिवस स्पेशल गोवा एयर टूर पैकेज बनाया है। हालांकि इसकी औपचारिक लांचिंग  आइआरसीटीसी मुख्यालय गुरुवार को शुरू कर देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aad1c0da9eca6955d2ee6ec98c8e5838cf1e267d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75637.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लालू यादव को चारा घोटाले के पांचवें मामले में भी कैद- जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है। फिलहाल लालू चार मामलों में सजा काटने के लिए रांची के बिरसा मुंडा जेल भेजे गए हैं। जहां से तबीयत बिगड़ने के बाद रांची के रिम्‍स में उनका इलाज चल रहा है। कुछ दिन पहले ही लालू की हालत गंभीर होने के बाद उन्‍हें एम्‍स, दिल्‍ली बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है। ताजा मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार लालू की सेहत में सुधार बताया गया है। वे अब पहले के मुकाबले सहज हैं। उनका निमोनिया भी कुछ हद तक ठीक हो गया है। + +इधर राजद प्रमुख लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के RC 47/96 डोरंडा कोषागार मामले में बीते दिन रांची की अदालत में एक बार फिर से 10 महीने बाद सुनवाई शुरू हो गई है। सीबीआइ की विशेष अदालत में यह मामला हफ्ते में दो दिन सुनवाई के लिए लाया जा रहा है। 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में सीबीआइ की ओर से तमाम गवाही पूरी हो गई है। अब लालू समेत दूसरे आरोपितों की ओर से गवाही कराई जा रही है। इस मामले में लालू मुख्‍य आरोपित के तौर पर अपनी गवाही दर्ज करा चुके हैं। अब दो-तीन गवाहों को ही अपना बयान दर्ज कराना बाकी रह गया है। सीबीआइ ने 575 तो बचाव पक्ष ने भी 100 से अधिक गवाहियां दर्ज कराई हैं। इस मामले में अभी मंगलवार और शुक्रवार को सुनवाई होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75639.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75639.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cb8717b4a9e2df7bbd23ed30eda6f23a8bba6ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75639.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जम्मू, अंचल सिंह। जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध शिवखौड़ी धाम के नजदीक एक और शिव गुफा मिली है। करीब 50 मीटर लंबी इस शिव गुफा में भगवान भोले नाथ का आसन लगा हुआ है। इतना ही नहीं त्रिशूल, मां पर्वती और गणेश के भी दर्शन हो रहे हैं। गुफा में शंखनुमा आकृति भी दिख रही है। यहां का शिवलिंग श्री बाबा अमरनाथ जैसा दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6ed5aa48c3209d44d4d25f108c256a97bbd4fc9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7564.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। क्रिकेटर्स और फिल्म स्टार्स के बीच रोमांस की खबरें कोई नई बात नहीं है। अनुष्का-विराट, हार्दिक-नताशा, युवराज-हेजल, हरभजन-गीता जैसे कपल का उदाहरण पहले से मौजूद है। अब इसमें एक नाम और जुड़ने वाला है केएल राहुल और एक्ट्रेस अथिया शेट्टी का। अभी तक इस जोड़े ने डेटिंग की बात नहीं कुबूल की थी पर अब केएल ने इसे ऑफिशियली एक्सेप्ट किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e22b582315bd44c95ba11897cc1c748d7a1f650f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवरात्र में विशेष पूजा पर अभी भी गर्व गृह में नहीं जा पाएंगे श्रद्धालु।गुप्त नवरात्र के अवसर पर मंदिर में पूजा पाठ के विशेष आयोजन होंगे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा जारी एसओपी के तहत ही दर्शनों की सुविधा रहेगी। कोई भी श्रद्धालु माता के गर्व गृह जहां माता की  ज्योतियां विद्यमान हैं वहां तक नहीं पहुंच पाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75646.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75646.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a211c0a3a7af6ed4db4bacbfcb78dd82955030c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75646.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनाली, जसवंत ठाकुर। Anjani Mahadev, मनाली से 25 किलोमीटर दूर सोलंगनाला के पास अंजनी महादेव में साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना प्राकृतिक शिवलिंग इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। शिवलिंग को देखने के लिए सैलानियों के यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस शिवलिंग का आकार 30 फीट से अधिक ऊंचा हो गया है। अंजनी महादेव से गिरता झरना बर्फ बनकर शिवलिग का रूप धारण कर रहा है। शिवलिंग का आकार फरवरी के अंतिम सप्ताह तक बढ़ेगा। तापमान शून्य पर रहने से इसके आकार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शिवलिंग अप्रैल, मई व जून में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..56f2f97945b3543f92141bf19aff2c74d2a5f239 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75650.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि इसे लेकर कुछ कुछ राजनेताओं ने लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की। लगता है कि बंगाल में अब तक स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कई डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उस भ्रम के जाल में फंसे हुए हैं और टीकाकरण को लेकर उदासीनता दिखा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि अब केंद्र की ओर से बंगाल सरकार को साफ कह दिया गया है कि 20 फरवरी तक कोरोना का टीकाकरण कार्यक्रम पूरा करना होगा, क्योंकि यह तथ्य सामने आया है कि नौ फरवरी तक सूबे के महज 50 फीसद चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने ही टीका लगवाया है। अभी भी राज्य के तीन लाख से अधिक डॉक्टरों, नर्सो व स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। + +राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चक्रवर्ती का कहना है कि 679 जगहों पर एक दिन में 26,310 चिकित्सकों व स्वास्थ्यकमयों के लिए कोरोना का टीका लगवाने की व्यवस्था है। अब तक 3,82,006 डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लगाया गया है। टीका लगवाने को लेकर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बावजूद इसके उदासीनता बरती जा रही है। उन्हें समझाना होगा कि अगर वे 20 फरवरी तक टीका नहीं लगवाते हैं तो बचे हुए योद्धाओं के लिए अपने स्तर पर टीका लगवाना मुश्किल भरा हो सकता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75656.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75656.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..675d863a3ebbc7701348ae5b782d2bf0483ee9e6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75656.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जनवरी में लाइसेंस के आवेदन अथॉरिटी     लर्निग     स्थायी कंडक्टर।माल रोड           1,275                          3,002       51।राजौरी गार्डन    1,526                          3,724        14।रोहिणी            2,498                           5,928       164।वसंत विहार    1,844                            3,994       13।सूरजमल विहार 2,260                         5,544        65।आईपी स्टेट    551                             1,395         4।शेख सराय     3,645                           8,161      164।जनकपुरी       3,203                           6,215        72 ।लोनी रोड     3,340                            6,684         312 ।सराय काले खां    861                       1,916            9 ।मयूर विहार      1,599                      3,638           40 ।वजीरपुर          2,998                     6,838            86 ।द्वारका          3,132                       6,400           220।----------------------------------।                   28,732                     63,439          1,214।--------------------------------------।फरवरी में 1 से 8 फरवरी तक आवेदन।लर्निग लाइसेंस 8,033।ड्राइविंग लाइसेंस 18,462।कंडक्टर लाइसेंस 348।ड्राइविंग स्कूल 1 फरवरी में 1 से 8 तारीख तक टेस्ट 7,696 ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5a2cd044bcba04080c0cce2b5139e37103e1feff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75657.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि सरकार धरना दे रहे किसानों का पहले भी सम्मान करती थी और अब भी करती है। सरकार किसानों से लगातार वार्ता कर रही है और सम्मान के साथ कर रही है। वो इस मामले को निपटाना चाहती है। बातचीत होती रही है। पंजाब में जब आंदोलन चल रहा था तब भी बात हो रही थी। ।बातचीत में शंकाएं दूर करने का प्रयास किया गया। विषय को विस्तार से बताया गया, क्लोज बाइ क्लोज चर्चा की गई। अगर कानून में कोई कमी हो तो उसे सचमुच बदलने में कुछ नहीं जाता है। कानून देशवासियों के लिए है। हम इंतजार कर रहे हैं। वो हमें जो भी बता रहे हैं हम उसको करने के लिए तैयार है। इसलिए जब किसान पंजाब में थे तो भी बात की जा रही थी। अब जब वो वहां से दिल्ली की सीमा में आ गए तो भी कई दौर की बात की जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6a9bf9c00b210a65709396c1839e40ffa08b8cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75658.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राहुल सिंह]। दिल्ली के जिस स्कूल में बैठकर लोगों ने बचपन में पढ़ाई की थी। अब आने वाले समय में कालोनी के रहने वाले वही बुजुर्ग उसी स्कूल की भूमि पर बैठकर पढ़ाई करेंगे। दरअसल, पहाड़गंज स्थित घी चौक इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम 29 साल पहले बंद हुए प्राथमिक स्कूल के खंडहर को तोड़कर स्थानीय लोगों के लिए चौपाल बनाने का काम कर रहा है, जिसका निर्माण कार्य इन दिनों किया जा रहा है। खंडहर में आने वाले असामाजिक तत्वों से स्थानीय लोग परेशान थे, जिसकी शिकायत स्थानीय पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों से की थी, जिसके बाद निगम ने खंडहर के स्थान पर चौपाल स्थल बनाने का निर्णय लिया था। इससे बुजुर्गों को बैठने का निर्धारित स्थान मिल सकेगा। + +घी चौक इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके इलाके में वर्ष 1958 में एक प्राथमिक विद्यालय बनाकर तैयार किया गया था, जिसमें पहाड़गंज इलाके के रहने वाले बच्चे पढ़ने के लिए जाते थे। लेकिन समय बीतता गया और स्कूल का भवन धीरे-धीरे खंडहर हो गया। बाद में निगम ने उसके भवन को सुधारने की कोशिश भी की, लेकिन भवन का सुंदरीकरण नहीं हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75659.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75659.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6203f4c8a8a70dec984c4f72971496e45c21f5f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75659.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। अरहर दाल के दाम में पिछले एक सप्ताह में अप्रत्याशित तेजी आई है। थोक बाजार में दाल के दाम में आठ से 10 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो गई है। इससे फुटकर बाजार में एक किलाे दाल के दाम 100 रुपये का आंकड़ा पर कर गए हैं। दाम बढ़ने का कारण अरहर फसल और आवक कम होने बताया गया है। इसके चलते जमाखोरी भी शुरू हो गई है। पिछले काफी दिनों से अरहर के दाम थोक बाजार में 9000 रुपये कुंतल चल रहे थे, पिछले एक सप्ताह में दाल के दाम बढ़कर 9800 से 10,000 रुपये कुंतल हाे गए हैं। इससे प्रतिकिलो दाल के दाम में 10 रुपये तक का इजाफा हो गया है। फुटकर बाजार में दाल की कीमत 100 रुपये का आंकड़ा पार कर गई है। अरहर के साथ काबुली चना और मटर के दामों में भी तेजी अाई है। काबुली चना के दाम में छह रुपये प्रतिकिलो का इजाफा हुआ है। अब 64 रुपये वाला काबुली चना 70 रुपये किलो में मिल रहा है। इसी तरह मटर के दाम भी छह रुपये बढ़कर 80 रुपये से 86 रुपये प्रतिकिलो हो गए हैं। मोतीगंज खाद्य बाजार के थोक कारोबारी मोहित अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से दाल की आवक कम है। इसका असर अरहर के दाम पर पड़ा है। 10 रुपये किलो तक की तेजी आई है। वहीं, बेलनगंज बाजार स्थित दालों के फुटकर विक्रेता दीपक अग्रवाल का कहना है कि अरहर के दाम में 10 रुपये व मटर और काबुली चना के दाम में पांच से आठ रुपये का इजाफा पिछले छह दिनों में हुआ है। फुटकर बाजार में अरहर 102 से 105 रुपये तक में मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c94b4b5d6a94b391d8c1cfd562506bcef626b14e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75668.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़, जेएनएन : जिले के लिए अच्छी खबर है। वाहनों में सीएनजी किट (सिलेंडर) लगवाने के लिए अन्य जिलों में नहीं जाना होगा। यह काम अलीगढ़ के ही रिट्रो फिटमेंट सेंटर में होगा। इसकी स्थापना सारसौल चौराहे के पास की गई है। यह मंडल का पहला सेंटर है, जिसके लिए परिवहन विभाग ने मेसर्स फटाफट कार एंड फाइनेंस को लाइसेंस जारी किया है। संभागीय परिवहन प्राधिकरण अलीगढ़ के सचिव केडी सिंह गौर ने बुधवार को फर्म मालिक कुलदीप अग्रवाल को प्रपत्र सौंप दिए। पांच सौ वाहन किट लगे तैयार हैैं, जिन्हें सेंटर की ओर से प्रमाणित किया जाएगा। इसके बाद आरटीओ की मंजूरी मिलेगी।  ।पर्यावरण संरक्षण अभियान ।पीएम नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण को लेकर अभियान छेड़े हुए हैं। पेट्रोल-डीजल से संचालित वाहनों से ज्यादा वे सीएनजी व वायो ईधन पर जोर दे रहे हैं। पिछले साल जिले को तीन सीएनजी पंपों की सौगात मिल गई थीं। चुङ्क्षनदा कारोबारी सीएनजी किट तो लगाने लगे, मगर वे लाइसेंस न होने के चलते अपनी फर्म से आरटीओ विभाग से वाहन पास नहीं करा सकते थे। 500 से अधिक लोगों ने किट तो लगवाली मगर वे पास कराने में सफल नहीं हुए। लाइसेंस जारी करने से पहले परिवहन विभाग की टीम ने तय मानकों का निरीक्षण किया था। वर्कशाप से लेकर लाइसेंस लेने की कतार में लगे चुनिंदा कारोबारियों में यह फर्म मानकों पर खरी उतरी है। ।कारोबार संबंधी सूचना आरटीओ को देनी होगी।रेट्रो फिटमेंट सेंटर के संचालक को हर तीन माह बाद अपने कारोबार संबंधी सूचनाएं आरटीओ को देनी होगी। रेट्रो फिटमेंट का कार्य किसी सार्वजनिक स्थल पर वाहन खड़ा करके किया गया तो निरीक्षण के पहली बार तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाएगा।  दूसरी बार ऐसा हुआ तो लाइसेंस बर्खास्त कर दिया जाएगा। ।केडी सिंह गौर, सचिव, संभागीय परिवहन प्राधिकरण।आरटीओ विभाग की ओर से आज ही लाइसेंस जारी किया गया है। इससे पहले वर्कशाप का निरीक्षण किया गया। पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से जारी गाइड लाइन व मानक पूरे होने के बाद ही यह सफलता मिली है। लाइसेंस जारी करने में कड़ी शर्तों का पालन होगा। ।- कुलदीप अग्रवाल, मैसर्स फटाफट कार एंड फाइनेंस, जीटी रोड।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..afe010e911e92677e3a9661a3e0c696a753f57d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75671.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अपने फैसले में बाइडन ने म्‍यांमार को होने वाले निर्यात पर नियंत्रण लगाने के अलावा म्‍यांमार को मिलने वाले 1 बिलियन डॉलर की राशि को भी रोकने की बात कही है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नए प्रतिबंध जल्‍द ही सभी के सामने होंगे। इन प्रततिबंधों को लगाते समय बाइडन ने कहा कि अभी ये शुरुआती प्रतिबंध हैं बाद में एक्‍सपोर्ट पर भी नियंत्रण लगा दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि म्‍यांमार सरकार को मिलने वाली मदद को रोक दिया गया है। हालांकि उन्‍हें मिलने वाले स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में मदद को बंद नहीं किया गया है। + +म्‍यांमार के तख्‍तापलट की कार्रवाई का व्‍यापकतौर पर विरोध हो रहा है। लोग सड़कों पर उतरकर देश की लोकतांत्रिक सरकार को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सेना ने देश के कई हिस्‍सों में इंटरनेट समेत सोशल मीडिया पर रोक लगा दी है। विरोध प्रदर्शन करने वालों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है। बाइडन ने साफ कर दिया है कि म्‍यांमार में यदि हालात जल्‍द ही नहीं सुधरे तो वो अन्‍य देशों के साथ मिलकर और कड़े फैसले ले सकते हैं। साथ ही उन्‍होंने अन्‍य देशों से म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार पर दबाव बनाने की भी अपील की है। आपको बता दें कि ह्लेनिंग समेत दूसरे सैन्‍य सरकार के अधिकारियों पर पहले से ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। साथ ही ह्लेनिंग को ट्विटर और फेसबुक ने प्रतिबिंधित किया हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75672.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75672.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..440606e3dc8b57b570d4474da0c7a58611183883 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75672.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खत के जरिए उम्‍मीद, मेरी प्‍यारी बेटी  । ऐसी ही एक सोच आरिफा के खत में देखने को मिलती है। आरिफा उमीद, जो यूनिसेफ के लिए अफगानिस्‍तान में काम करती हैं, ने एक खुला खत अपनी उस अजन्‍मी बच्‍ची के नाम लिखा है कि जिसको वो सिर्फ अपने गर्भ में महसूस कर सकती हैं।  इसको उन्‍होंने अब तक देखा नहीं है न ही उन्‍हें इस बात का पता है कि उनके गर्भ में बेटी या बेटा पल रहा है। लेकिन वो दिल से चाहती हैं कि उन्‍हें एक बेटी हो। उनका लिखा ये खत जहां इस देश की लड़कियों के प्रति सोच को बताता है वहीं उनके उस प्‍यार को भी बताता है जो उनकी उम्‍मीदों में झलकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5352d288ba4207313adbe7c473f283c241df059 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौत को बेहद करीब से देखने वाले लखीमपुर-खीरी के कृष्णा राय कहते हैं, 'मुझे हमेशा अफसोस रहेगा कि मैं अपने साथियों की मदद के लिए प्रयास भी नहीं कर पाया।' राय के अनुसार उनकी टीम में 29 श्रमिक थे, जिनमें से 14 की जान बच गई और 15 सैलाब में बह गए। वे बैराज के पास 50 से अधिक श्रमिकों के दबे होने की बात कहते हैं। बैराज पर छपरा-बिहार के 35 श्रमिक भी काम कर रहे थे। इस टीम के सदस्य आरिफ खान कहते हैं, 'मेरी जान इसलिए बच पाई, क्योंकि मैंने सैलाब को आते देख लिया था।'।बताया कि उनकी टीम के 23 सदस्य बैराज के ऊपर और 12 निचले हिस्से में कार्य कर रहे थे। इसी टीम के सदस्य मोती लाल शाह कहते हैं, 'जो साथी मेरी आंखों के सामने मौत के मुंह में समा गए, वो सभी मेरे गांव व आसपास के रहने वाले थे। मैं भी अब घर वापस लौटना चाहता हूं। जीवन रहा तो रोटी का इंतजाम हो ही जाएगा।' एक अन्य श्रमिक सुदीप राय कहते हैं, 'सैलाब का वह मंजर अब भी आंखों को सूखने नहीं दे रहा। काश! मैं अपने साथियों के लिए कुछ कर पाता।'।यह भी पढ़ें- LIVE Uttarakhand Chamoli Glacier Burst: अब भी टनल में फंसे हैं 34 लोग, उनतक पहुंचने को दिन-रात चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन ।Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33e12259e7b688d8e3f6c19916d0eacbe0618b8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75677.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजनेता या एक्टर, क्या हैं आप?।मुझे एक्टर बनने का शौक था इसलिए मैंने एक्टिंग शुरू की। राजनीति भी साथ-साथ चली। यह अलग बात है कि एक्टिंग को ज्यादा समय नहीं दे पाई क्योंकि राजनीति में ज्यादा समय चला जाता था। एंकर के रूप में हरियाणा दूरदर्शन पर लगातार तीन साल एक कार्यक्रम किया। फिल्में भी की। हरियाणवी वेब सीरीज और शॉर्ट मूवीज भी की हैं। राजनीति में भी जब लोगों से मेरा जुड़ाव हुआ तो यह मेरा पैशन बन गया कि मुझे लोगों के लिए काम करना है। मैं चाहती हूं कि दोनों चीजें साथ-साथ चले। काम के ज्यादा ऑफर आ रहे हैं। तो अब एक्टिंग के काम को भी समय दूंगी। टिकटॉक तो मैंने वैसे ही शौकिया तौर पर शुरू किया था। दो साल किया काम। जब सरकार ने चीनी एप बंद किए तो मैंने भी इसे बंद कर दिया। अब मैं इंस्टाग्राम पर हूं। + +गांव की होने पर कैसी मुश्किलें आईं?।मैं गांव के माहौल से आई। मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी कि शहर के लोग कैसा बर्ताव करते हैं। शादी के बाद मुझे दिल्ली रहने का अवसर मिला। बारहवीं के बाद ही मेरी शादी हो गई थी। मुझे ससुराल के लोग बहुत पढ़े-लिखे और एडवांस मिले लेकिन कहीं न कहीं वे भी चाहते थे कि हमारी बहू बाहर न निकले और घर में ही रहे। मैंने अपनी पढ़ाई की इच्छा पहले ही बता दी थी। हमारे गांव में कोई स्कूल नहीं था। पिता ने कहा कि शादी तो तुम्हें करनी है, पढ़ाई के लिए तुम्हें अकेले बाहर नहीं भेज पाऊंगा। जब तुम्हारे ससुराल वाले कह रहे हैं कि वे तुम्हें पढ़ाएंगे तो तुम वहां पढ़ सकती हो। मैंने पढ़ाई के लालच में और परिवार व पति से मिलकर अच्छा लगने पर शादी के लिए हां कह दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73a4b215d4b369ace15f5e20ca5962839cd6abf4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75678.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। 26 जनवरी को लाल किले पर हुए उपद्रव के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया है मगर उससे अभी कई राज उगलवाने बाकी हैं। पुलिस ने सिद्धू को सात दिन की रिमांड पर भी ले लिया है। अब पुलिस को इन सात दिनों में सिद्धू से लाल किले पर उपद्रव करने की योजना बनाने में शामिल लोगों के बारे में जानकारी करने, वहां तक पहुंचने, मोबाइल में रिकॉर्ड किए गए वीडियो बरामद करने, उसको भगाने में मदद करने, छिपने के ठिकाने मुहैया कराने सहित कई अन्य जानकारियां हासिल करना बाकी है। ।लाल किले पर हुए उपद्रव मामले में पुलिस ने सिद्धू को ही मुख्य आरोपी बनाया था। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक लोगों को भी इसमें शामिल होना बताया गया था। पुलिस ने सिद्धू को पकड़ने या उसका सुराग देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा कर दी थी। दिल्ली पुलिस की कई टीमें उसे 6 राज्यों में तलाश कर रही थीं। इस मामले में अब तक कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को आखिर मंगलवार को उसे पकड़ने में कामयाबी मिली, उसे हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया गया। शुरुआती पूछताछ में सिद्धू ने बताया था कि 26 जनवरी के बाद वो सीधा पंजाब गया। वहां पहुंचने के बाद उसे पता चल गया कि उसका लाल किले से लाइव करना और भीड़ को लाल किले पर उपद्रव करने के लिए उकसाने का मुख्य आरोपी बनाया गया है, उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसे खोज रही है। सिद्धू लाल किले तक किस गाड़ी से पहुंचा था, उसके बाद वो यहां से किस गाड़ी से भगा, उसे भी पुलिस को बरामद करना है। ।इसी के बाद वो छिपने के ठिकाने तलाशने लगा। पंजाब के बाद वो यूपी, रांची, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व मुंबई में छिपता रहा। पुलिस उसको पकड़ने के लिए इन जगहों पर दबिश देती रही। मगर वो पकड़ में नहीं आया। आखिर में 12 दिनों की इस लुकाछिपी के बाद वो पुलिस के हत्थे चढ़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75681.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75681.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53f149a95d0f72791e866d912805a716d40515cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75681.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सोते समय साथ रहता है हनी।राजाजीपुरम निवासी स्वाति श्रीवास्तव को उनके जीजू ने टेडी उनके जन्मदिन पर गिफ्ट किया था। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से मैंने जन्मदिन मनाने की कोई योजना नहीं बनाई थी और मुझे उम्मीद भी नहीं थी कि मुझे उपहार मिलेगें। दीदी और जीजू ने मेरे लिए सरप्राइज प्लान कर रखा था, उसी में मुझे यह टेडी मिला। यह लंबाई में मुझसे भी बड़ा है और मैंने इसका नाम हनी रखा है क्योंकि यह बहुत प्यारा है। रात में सोते समय ये मेरे साथ ही रहता है। जब कभी किसी पर गुस्सा आता है तो मैं इसी की पिटाई भी कर देती हूं और जब खुश होती हूं तो इसे ही दुलारती भी हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f34b99593118cc97fe9097c344420b02508f719 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75689.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। भारत और अफगानिस्‍तान अपने रिश्‍तों को एक नया आयाम दे रहे हैं। शहतूत डैम दोनों देशों के बीच रिश्‍तों को एक नया आयाम देने का जरिया बनने वाला है। इस अहम प्रोजेक्‍ट के समझौते के बाबत दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष भारत-अफगानिस्‍तान सम्‍मेलन में बातचीत की है। आपको बता दें कि भारत ने अफगानिस्‍तान में इस प्रोजेक्‍ट के अलावा 80 लाख डॉलर की लागत के प्रोजेक्‍ट भी तैयार करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। आतंकवाद से जूझ रहे अफगानिस्‍तान के लिए भारत करीब 150 प्रोजेक्‍ट की घोषणा कर चुका है। + +काबुल रीवर बेसिन पर शहतूत डैम ।नवंबर 2020 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जिनेवा डोनर्स कांफ्रेंस में काबुल नदी पर शहतूत डैम बनाने की घोषणा की थी। ये शहतूत डैम भारत की मदद से काबुल नदी के बेसिन में बनाया जाएगा। ये बेसिन अफगानिस्‍तान के पांच में से एक है। अफगानिस्‍तान में बनने वाले इस डैम से काबुल के लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। इस प्रोजेक्‍ट की लागत करीब 300 मिलियन डॉलर से अधिक है। वर्ष 2012 में इस प्रोजेक्‍ट से पहले हुई स्‍टडी पर करीब 11 लाख डॉलर का खर्च आया था। इससे आने वाला रिटर्न करीब 20 लाख डॉलर होगा। ।डैम के बनने से होगा लोगों का फायदा । इस डैम का डिजाइन ईरान की एक कंपनी पोयाब ने तैयार किया है। अफगानिस्‍तान के जल और बिजली मंत्री का कहना है कि इस बांध के बन जाने से काबुल के 20 लाख लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा। इसके अलावा चारासायब और खैराबाद की करीब 4000 हैक्‍टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। इसकी बदौलत डेसब्‍ज के लोगों को भी पानी मिल सकेगा। इस डैम की एक बड़ी खासियत ये भी है कि इसकी वजह से न तो पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचेगा और न ही नदी के प्रवाह में कोई बदलाव आएगा। इस डैम से ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में भी मदद मिल सकेगी। अफगानिस्‍तान सरकार के मुताबिक ये प्रोजेक्‍ट देश में पर्यटन को भी बढ़ावा देने में सहायक साबित होगा। साथ ही इससे लोगों का जीवन भी सुधरेगा और उनके लिए नौकरियों का सृजन होगा। इसके अलावा ये यहां पर आने वाली बाढ़ को रोकने में भी सहायक साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59105fab0708e0ce27656fbb6755e2b43fb72f54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75690.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अंबुज उपाध्याय। पांच महीने में एलपीजी के दामों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 19 किलोग्राम के व्यावसायिक सिलिंडर के दामों में हो रहे लगातार इजाफे से जहां व्यापारियों को मुश्किल आ रही है, तो आम आदमी की जेब पर इसका भार पड़ रहा है। वहीं 14.2 किलोग्राम सिलिंडर के दामों में हो रही वृद्धि से रसोई का बजट बिगड़ रहा है। सितंबर में व्यावसायिक एलपीजी सिलिंडर के दाम 1173 रुपये थे। लगातार वृद्धि के बीच छह रुपये घटाने बाद भी व्यावसायिक सिलिंडर के दाम 1566 रुपये प्रति सिलिंडर है। वहीं 14.2 किलोग्राम के घरेलू सिलिंडर के दाम तीन महीने में 607 रुपये से 732 रुपये प्रति सिलिंडर हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75691.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75691.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c80e328509eda3d8af0b95c3f4f58984957db233 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75691.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टायरों से बने ये फर्नीचर यूनिक भी हैं और सस्ते भी। इसकी डिमांड भी है। कई होटल और रेस्त्रां में भी परिसर को अलग लुक देने के मकसद से लोग इन फर्नीचर को लगा रहे हैं। इतना ही नहीं पर्यावरण के लिए खतरनाक पुराने टायरों को रोशन ने इसी बहाने बहुत उपयोगी भी बना दिया है। ये फर्नीचर बाजार में तेजी से जगह बना रहे हैं। रोशन ने बताया कि उन्होंने आसनसोल से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली है। ।निश्‍चय किया था कि नौकरी की जगह कारोबार करूंगा, ताकि दूसरों को नौकरी दे सकूं, लेकिन ज्यादा पूंजी नहीं थी। लॉकडाउन में घर पर ही था। तब आसपास पड़े पुराने टायरों काे देखकर सोचा कि इनका सदुपयोग कैसे हो। इनको अक्‍सर लोग जला देते हैं। इससे प्रदूषण भी फैलता है। मन में विचार आया कि इनसे चेयर और टी-टेबल बन सकते हैं। ।इसी दिशा में काम आगे बढ़ाया और महज एक हजार रुपये से इसका व्यवसाय शुरू किया। कबाड़ी पट्टी और झरिया बाजार से पुराने टायर खरीदे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई काम आई और देखते ही देखते स्टार्टअप खड़ा हो गया। अपने साथ चार अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षण देकर फर्नीचर बनाना सिखाया है। हर माह 30 से 40 टी-टेबल व कुर्सियों के सेट बिक जाते हैं। अभी शुरुआत है फि‍र भी हमें करीब 20 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है, जो वक्‍त के साथ काफी बढ़ेगी, ऐसी उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75692.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75692.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9599533f74619d4f1d83a71f3ee2daeca3dc118c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75692.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुरादाबाद, जेएनएन। Unique Cricket Competition in Moradabad। युवा इंजीनियर एक अनूठे क्रिकेट का शुभारंभ करने जा रहे हैं। मुरादाबाद के छात्र अंकित शर्मा ने लाखों की नौकरी छोड़कर दो वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद ऑटोमेटिक गली क्रिकेट का फारमेट तैयार किया है। आनलाइन खेले जाने वाले इस क्रिकेट को पहली बार खेला जाएगा। यह क्रिकेट टूर्नामेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी पर आधारित होगा। + +इस वक्त विश्व के लगभग हर देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी पर काम कर रहे हैं। इस क्रिकेट में बॉलिंग करने वाले से लेकर बैटिंग करने वाले तक की एक्टिविटी को ऑटोमेशन से जोड़ा गया है। रामगंगा विहार में एक ग्राउंड में एक एरीना तैयार किया गया है जिसमें 10 कंप्यूटर और 50 से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डिजिटल कैमरे लगे हुए हैं। जो क‍ि बॉलिंग, बैटिंग और क्षेत्र रक्षण को कवर करेंगे एवं ऑटोमेटिक स्कोर बोर्ड चलता रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50104a444b87f16d359d1316fb8a657690616e6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75696.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों के लिए बेहतर है यह तकनीक: पारंपरिक रूप से की जाने वाली किडनी की सर्जरी में बड़े चीरे लगाए जाते हैं और अस्पताल में कईं दिनों तक रुकना भी पड़ता है। जबकि की-होल सर्जरी में पेट के निचले हिस्से की दीवार में छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं, जिनका आकार कुछ मिलीमीटर से बड़ा नहीं होता है। इन छेदों से एब्डामिनल कैविटी (पेट की गुहा) में र्सिजकल इंस्ट्रुमेंट्स और लैप्रोस्कोप डाला जाता है, जिसमें किडनी तक पहुंचने के लिए लाइट और कैमरा भी होता है। इसे लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी कहते हैं। बच्चों में ये सर्जरी किडनी स्टोन्स, यूरेट्रो पेल्विक जंक्शन ऑब्सट्रक्शन, नेफ्रोक्टोमी (सर्जरी के द्वारा किडनी निकालना) के लिए की जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9237d380a9dfe1eda6325752ae4a8545fac1b7af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75697.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पत्थलगडा (चतरा), [सुग्रीव दांगी]। पौराणिक मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में कौए दिवंगत परिजनों के हिस्से का खाना खाते हैं, तो पितरों को शांति मिलती है और उनकी तृप्ति होती है। उसी पौराणिक मान्यता को शुक्र प्रजापति सालों से आत्मसात कर रहे हैं। अपने पितरों को शांति के लिए वे हर दिन कौवों को दाना-पानी कराते हैं। अस्सी वर्षीय शुक्र प्रजापति चतरा जिले के पत्थलगडा प्रखंड के बरवाडीह गांव के रहने वाले हैं। कौओं से उन्हें खूब प्रेम है। ।अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं, वृद्धावस्था पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि से शुक्र कौवों के दाने-पानी का इंतजाम करते हैं। इस कार्य में घर के सदस्य उन्हें सहयोग करते हैं। शुक्र प्रजापति की दिनचर्या में कौओं के लिए सुबह-सबेरे दाना-पानी की व्यवस्था करना शामिल है। या यूं कहें कि उनकी दिनचर्या की शुरुआत इसी से होती है। यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है। सुबह होते घर के बाहर निकलते हैं और कौओं को दाना डालते हैं। सूर्य की किरण निकलते ही घर के बाहर कौए कांव-कांव की गुहार लगाना शुरू कर देते हैं। ।पूरी झुंड होती है, जिसमें कौए की कम से कम सौ से डेढ़ सौ की संख्या होती है। पितृ दूत से उनकी अनूठी दोस्ती की चर्चा गांव में सालों से है। मनुष्य से दूर भागने वाले ये कौए शुक्र के दोस्त बन गए हैं। वह बताते हैं कि जब तब वह सुबह को घर से बाहर नहीं निकलते हैं, तब कौए आस-पास मंडराते रहते हैं। घर के बाहर आते ही कौए झूम जाते हैं और चारों ओर उनकी आवाज गूंजने लगती है। कौओं को गेहूं, मक्का का दर्रा, चूड़ा आदि सूखा दाना खाने के लिए आसपास में छिटकर देते हैं। + +जब तक कौवों को शुक्र द्वारा दाना नहीं दिया जाता है, तब तक वे इसकी आस में बिजली की तार पर बैठे रहते हैं। शुक्र कहते हैं कि वृद्धावस्था पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि से वह उनके लिए खाद्य सामग्री का इंतजाम करते हैं। इससे उनके मन को शांति मिलती है। कौए पितृ दूत है। उसे भोजन कराना चाहिए। मुझे लगता है कि मेरा पितरों से सीधा संपर्क हो जाता है। आजकल कौओं की संख्या लगातार कम हो रही है। अगर उन्हें उपयुक्त वातावरण व इस तरह दाना-पानी मिलता रहेगा, तो उनकी संख्या भी बढ़ेगी, पूर्वजों के वाहक के रूप में प्रचलित ये कौए बने रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbe86eb7b263ad584eb0207d625a0c3c29b290f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनोज जादौन, अलीगढ़ : ताला व तालीम के शहर अलीगढ़ में निर्मित वर्दी की एसेसरीज दुनियाभर में चमकती है। फौजियों की वर्दी हो या फिर पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ जवानों की, इन पर लगे अधिकांश स्टार अलीगढ़ में ही बने हैैं। ये मेटल व सिल्वर के होते हैैं। यहां के एक दर्जन से अधिक कारोबारी वर्दी की एसेसरीज कई देशों तक सप्लाई कर रहे हैैं। करीब 45 साल पहले छोटे स्तर पर शुरू हुआ कारोबार अब करीब पांच करोड़ सालाना है। ।आधुनिकता से जुड़ रहा कारोबार ।कारोबार को अब आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है। पहले ढलाई से एसेसरीज तैयार की जाती थी। यह काम जयगंज लडिय़ा में होता था। अब यहां के अलावा अन्य इलाकों में भी हो रहा है। तरलीय मेटल को मिट्टी के सांचे में डाला जाता है, फिर उसकी रिताई की जाती है। इसके बाद केमिकल में डालकर पालिश की जाती है। इसके बाद गोल्ड व सिल्वर कलर पालिस की जाती है। यह काम अब मशीनों से भी होने लगा है। पांच उद्यमियों ने फैक्ट्रियों में सीएनसी व लेजर मशीन लगाई हैै। ।राज्यों के प्रतीक चिह्न होते हैं तैयार।देश के विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतीक चिह्न भी अलीगढ़ में बनते हैैं। ये पीतल के होते हैैं। अफसरों के कार्यालयों में तैनाती के बोर्ड पर लगने वाले पीतल के शब्द-अक्षर भी यहां तैयार किए जाते हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..141b007fa5dcfafc88ecc5d0a7ab50cf885963b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75699.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +10 रुपये के साथ चांदी के 100 और 50 रुपये मूल्य वर्ग के सिक्कों का होगा सेट। भारत सरकार की भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड के कोलकाता टकसाल में तैयार स्मारक सिक्कों के सेट में 100 रुपये अंकित सिक्का 35 ग्राम और 50 रुपये वाला 22.5 ग्राम वजन का होगा। सिक्कों में 50 फीसद चांदी होगी। दस रुपये का सिक्का वर्तमान में प्रचलित सिक्के की तरह द्विधात्विक (गिलट और पीतल) होगा। + +तीनों सिक्कों के एक तरफ स्वामी प्रणवानंद की तस्वीर, उसके ऊपरी घेरे में ङ्क्षहदी और निचले घेरे में अंग्रेजी में श्रीमत् स्वामी प्रणवानंदजी महाराज की 125वीं जयंती लिखा होगा। 100 व 50 रुपये के सिक्के कभी भी प्रचलन में नहीं आएंगे। वहीं बाजार में पहले से ही अलग-अलग डिजाइन और बहुतायत मात्रा को देखते हुए 10 रुपये के सिक्कों के भी प्रचलन में आने पर संशय है। सिक्को और करेंसी नोटों के संग्राहक सुधीर लूणावत बताते हैैं कि 12 साल बाद स्मारक सिक्के का सेट जारी किया है। वर्ष 2012 में मां वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड की रजत जयंती वर्ष पर 25 रुपये का स्मारक और 10 व पांच रुपये के प्रचलन योग्य सिक्कों का सेट जारी हुआ था। + +गुरु गंभीरनाथ से ली थी दीक्षा । गोरखपुर स्थित भारत सेवाश्रम संघ के प्रबंधक स्वामी नि:श्रेयसानंद बताते हैैं कि स्वामी प्रणवानंद अखंड भारत में बंगाल के बाजितपुर गांव में जन्मे। पिता विष्णुचरण दास एवं मां शारदा देवी ने विनोद नाम रखा था। क्रांति व संन्यास की बात करने पर ही उनके प्राचार्य संतोष दत्त ने उन्हें गोरखपुर भेजा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8598bf0be37328e6b576c6b024b52a17b87ca50 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75700.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हसरत मोहानी छात्रावासः वे साथ रखते थे मुरली  ।स्वतंत्रता आंदोलन में इंकलाब जिंदाबाद का नारे देने वाले मौलाना हसरत मोहानी एक स्वतंत्रता सेनानी, एक शायर, एक पत्रकार, संविधान सभा के सदस्य, और इंकलाब जिंदाबाद का नारा इजाद करने वाले थे। मूल से उन्नाव (कानपुर) के रहने वाले मौलाना हसरत मोहानी का काफी समय अलीगढ़ में बीता था। उन्होंने 1903 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से बीए किया। इसके बाद एलएलबी। छात्र राजनीति से ही वह स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। वह बाल गंगाधर तिलक और लाला लाजपत राय की विचारधारा मानते थे। एएमयू के हॉस्टल में तिलक की तस्वीर लगाने पर उन्हें निलंबित किया गया था। मौलाना मोहानी पूरी जिंदगी कृष्ण प्रेम से सराबोर थी। उनका अधिकांश समय मथुरा में बीता था। एएमयू 1894 में मिडल पास कर वह अलीगढ़ आए गए थे। अलीगढ़ में रहने के दौरान वह मथुरा आते-जाते रहे। वह मथुरा के पुराने और ऐतिहासिक मंदिरों में बैठकर कृष्ण लीला के प्रवचन सुनते थे। हसरत के बारे में ये बात काफी मशहूर है कि वे अपने पास सदा एक मुरली रखा करते थे और हर साल जन्माष्टमी आने पर वो मथुरा जाया करते थे, एक बार जेल में होने की वजह से हसरत मथुरा नहीं जा पाए तो इसका दुख उन्होंने ने अपनी एक कविता में की है। डा. राहत अबरार के अनुसार हसरत मोहानी एक बार लखनऊ से दिल्ली के सफर पर थे। वो कृष्ण भक्ति में एक नज्म गुनगुना रहे थे, रास्ते में किसी अजनबी शख्स ने उनसे पूछा कि मौलाना साहब देखने से तो आप मुसलमान लगते हैं, फिर कृष्ण के गीतों क्यों गा रहे हैं? आपका मजहब क्या है? इस सवाल पर हसरत को हंसी आई और उन्होंने कहा कविता पढ़कर समझाया कि 'मेरा मजहब फकीरी और इंकलाब है, मैं सूफी मोमिन हूं और साम्यवादी मुसलमान'। हसरत मोहानी के नाम पर हॉस्टल का निर्माण भी कराया गया। + +सर सैयद के सबसे करीबी मित्र थे राजा जयकिशन ।एएमयू संस्थापक सर सैयद के सबसे करीबी लोगों में राजा जयकिशन दास सबसे ऊपर थे। सर सैयद की राजा जयकिशन दास से गहरी दोस्ती थी। 1863 में राजा जयकिशन अलीगढ़ के डिप्टी कलक्टर थे और साइंटिफिक सोसायटी के संस्थापक सदस्य भी। तब उन्होंने सर सैयद को प्रतिमाएं भेंट की थीं। इनमें महावीर जैन का स्तूप अद्भुत है। स्तूप का वजन करीब एक टन है। स्तूप के चारों ओर आदिनाथ की 23 मूर्तियां हैं। सुनहरे पत्थर के बने पिलर में कंकरीट की सात देव प्रतिमाएं, शेष शैया पर लेटे भगवान विष्णु, कंकरीट के बने सूर्यदेव भी हैं। राजा के नाम पर ही सुलेमान हाल में राजा जयकिशन दास हॉस्टल है। जो यूनिवर्सिटी के सबसे पुराने हॉस्टलों में से एक है। ।पहले प्रो-चांसलर थे आगा खान।सर आगा खान एएमयू के पहले प्रो-चांसलर थे। वह एएमयू छात्र संघ के आजीवन सदस्य भी रहे। इनके अलावा खान अब्दुल गफ्फार खान, मो. अली जिन्ना (1938), पंडित जवाहर लाल नेहरू (1948), सी राजगोपालाचारी (1948), डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1951), डॉ. जाकिर हुसैन (1957), डॉ. जयप्रकाश नारायण (1968), राज नारायण, मदर टेरेसा (1983), जार्ज फर्नांडीस (1990), मुलायम सिंह यादव (1990), वीपी सिंह (1992), सैयद अहमद बुखारी, दलाई लामा, रामविलास पासवान समेत 35 को यह सदस्यता दी जा चुकी है। ।1802 में था पैरो हाउस।एएमयू के इतिहास के जानकार डा. राहत अबरार के अनुसार सुलेमान हाल कभी पैरो हाउस था। जो फ्रांसीसी नागरिक था। तिब्बिया कालेज की स्थापना इसी हाल में हुई थी। भोपाल हाउस का निर्माण एएमयू के दूसरे चांसलर रहे हमीद उल्लाह खान के नाम पर है। हमीद उल्लाह खान की मां बेगम सुल्तान जहां भी यूनिवर्सिटी की पहली चांसलर रहीं थीं। रफी अहमद किदवई एएमयू के छात्र रहे। नेहरू सरकार में मंत्री भी रहे। उनके नाम पर यह हॉस्टल है। बख्शी गुलाम मोहम्म्द कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने एएमयू से ही पढ़ाई की थी। छात्रावास निर्माण के लिए उन्होंने पैसा भी दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5928e53820b166de554d11cd086a7ba4ea640c6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75701.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कैलाश बिश्नोई। Delhi Politics केंद्र सरकार ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 में संशोधन को हाल में मंजूरी दी है। इससे यहां के उपराज्यपाल के अधिकारों में वृद्धि होगी। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्रशासन और विकास केजरीवाल बनाम मोदी और आम आदमी पार्टी बनाम भारतीय जनता पार्टी की नाक की लड़ाई में ऐसा उलझ गया है कि कोई ठोस कामकाज होने की बजाय हर दो चार महीने पर कोई नाटक खड़ा हो जाता है। इससे दिल्ली की जनता की भावनाओं का भी मजाक हो रहा है और संविधान का भी। + +गौरतलब है कि बजट सत्र में एनसीटी ऑफ दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2021 को सूचीबद्ध रखा गया है, संसद में अगर यह विधेयक पारित होता है तो इससे उपराज्यपाल और शक्तिशाली होंगे। इस विधेयक में प्रविधान किया गया है कि अब दिल्ली सरकार को विधायी प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव सात दिन पहले पहुंचाने होंगे। केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण दिल्ली के उपराज्यपाल को कई अधिकार मिले हुए हैं। हालांकि इन्हीं अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार तथा उपराज्यपाल बीच टकराव की स्थिति बन जाती है। पिछले कुछ वर्षो में ऐसा कई मौकों पर देखने को मिला है, फिर चाहे वह किसी के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मसला हो या किसी फाइल को रोकने की बात हो या फिर कोरोना संकट के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में बाहरी राज्यों के मरीजों के इलाज पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के फैसला का हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75705.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75705.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97c0ad3f63703267d9ae8f228e87f446886dd5cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75705.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोषियों पर उचित कार्रवाई।नहीं होने की वजह से बाल एवं सुधार गृहों में बच्चों के साथ शोषण की घटनाएं होती रहती हैं। दुव्र्यवहार के ज्यादातर मामलों में वहां के अधिकारी और कर्मचारी ही संलिप्त पाए जाते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए समस्या की जड़ तक पहुंचना जरूरी है। ।किशोर न्याय अधिनियम-2015 के मुताबिक बच्चों का उनके जुर्म, आयु, लिंग के आधार पर वर्गीकरण कर उन्हेंं अलग-अलग रखा जाना चाहिए, लेकिन इसका पालन बमुश्किल ही होता है। निरीक्षण समिति का गठन कर।सुधार गृहों पर निगरानी से ही सुधार संभव है ।(-रूप सुदेश विमल, सदस्य, बाल कल्याण समिति, दिल्ली।)।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75706.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75706.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18a86cdeb9d39e386339fbbd124dc7529ef96519 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75706.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा इन बाल सुधार केंद्रों का ढांचा, उसका स्वरूप बाल सुधार के अनुकूल तैयार किया गया है। लेकिन अक्सर जिन संस्थाओं द्वारा इनका संचालन होता है वे सामाजिक सरोकार की आड़ में बच्चों का गलत कामों में इस्तेमाल करती हैं, उन्हें अपराध की दलदल में धकेलती हैं। भटके हुए या किसी वजह से घर परिवार से बिछड़े बच्चों को, अपराध के दलदल में फंसे किशोरों को इन शिक्षा-दीक्षा व संस्कारों से पल्लवित करने, मानसिक विकास हेतु जिस मंशा के साथ सुधार गृह में रखा जाता है, वहां वैसा नहीं होता जैसा सोचा जाता है। उसके सिवाय बाकी सब होता है। अव्यवस्था अपने चरम पर रहती है। + +गौतमबुद्ध नगर के हालात तो ऐसे बदतर हैं कि यहां सुधार गृह की क्षमता 100 ही है लेकिन उससे दोगुनी संख्या में किशोर-किशोरियों को रखा गया है। सोचिये वहां उनके रखरखाव पर कितना बड़ा प्रश्नचिन्ह है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिन बाल गृहों में अनियमितता और अव्यवस्था की शिकायत मिलती है उन पर कठोर कार्रवाई क्यों नहीं होती? इसी की पड़ताल करना हमारा आज का मुद्दा है:।अव्यवस्थाओं के आश्रय स्थल: किशोर-किशोरियों को अपराध अथवा गुमनामी के दलदल से बाहर निकाल कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और बेहतर नागरिक बनाने के लिए बाल सुधार व बाल आश्रय गृहों में रखा जाता है। लेकिन यहां उन्हें बेहतर इंसान बनाने अथवा उनके जीवन स्तर पर में सुधार लाने के लिए जोप्रविधान बने हुए हैं उनका किस हद तक पालन होता है ये किशोर-किशोरियों के सुधार गृहों से भागने और उनके शोषण की खबरों से पता चलता है। दिल्ली-एनसीआर के सुधार गृहों में क्या हैं सुरक्षा के इंतजामात, स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर अन्य जरूरतों की पूर्ति के लिए कैसी है व्यवस्था, नियमों के पालन में कहां है खामी जानेंगे आंकड़ों की जुबानी :।सुरक्षा के प्रविधान।क्या है व्यवस्था।फिर कहां है खामी।सुधार गृहों में हुई घटनाएं।जनवरी 2021 : किंग्सवे कैंप स्थित बाल सुधार गृह में हाउस फादर और नशा मुक्ति केंद्र के केयर टेकर की पिटाई कर छह नाबालिग हुए फरार। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d716a21b9094ee25e1db9c3872bbc3eb8026bee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75708.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दरअसल, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत दर्शन का प्रमुख स्थान है। जिसकी डिमांड हर समय रहती है। आइआरसीटीसी की भारत दर्शन ट्रेन पिछले साल मार्च से बंद चल रही है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन पर रोक के कारण आइआरसीटीसी को उतने यात्री नहीं मिल रहे थे। अब आइआरसीटीसी ने मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद अपनी भारत दर्शन ट्रेन में मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का पैकेज भी शामिल कर लिया है। + +पैकेज में 10 दिन व रातों का सफर।अब आइआरसीटीसी की स्लीपर क्लास बोगियों वाली दक्षिण भारत दर्शन ट्रेन 22 फरवरी को रवाना होगी। यह ट्रेन नौ रात और 10 दिन की यात्रा पूरी कर तीन मार्च को वापस लखनऊ पहुंचेगी। इस ट्रेन से स्लीपर क्लास में यात्रा, स्थानीय भ्रमण, लॉज में ठहरने का प्रबंध और तीन समय के शाकाहारी भोजन की व्यवस्था आइआरसीटीसी करेगा। इस ट्रेन का पैकेज 9450 रुपये का होगा। ट्रेन में अाइआरसीटीसी की वेबसाइट से आनलाइन बुकिंग कराई जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cd463bb28435b8f004b68f47f41ca7fc9a29f46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75710.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 10 फरवरी, 1921 को डयूक ऑफ कनॉट ने इंडिया गेट की नींव रखी थी। इसको आर्किटेक्ट एडविन लुटियन ने तैयार किया था। 12 फरवरी, 1931 को यह बनकर तैयार हुआ था। प्रसिद्ध वास्तुकार एके जैन कहते हैं कि इंडिया गेट और पेरिस के आर्च ऑफ विक्ट्री में काफी समानताएं है। आर्च ऑफ विक्ट्री, इंडिया गेट से सौ साल पुराना है। लुटियन ने नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा की रूपरेखा तैयार की तो इसके पूर्व भाग में इंडिया गेट का खाका खींचा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75711.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75711.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..145a39e45c2a3be4fed7f709c615589403ad6e73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75711.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनकामेश्वर मंदिर के समीप था स्टेशन।इतिहासकार जयप्रकाश यादव ने हिंदुस्तानी एकेडेमी से प्रकाशित शालिग्राम श्रीवास्तव की पुस्तक प्रयाग प्रदीप के हवाले से बताया कि अकबर के किले के पश्चिम मनकामेश्वर के समीप एक टूटा फूटा पक्का घाट है। इस घाट पर एक विशालकाय पत्थर तिरछा पड़ा हुआ है। यही घाट जहाजी डाक का स्टेशन हुआ करता था। यह जलमार्ग यमुना में कलकत्ता से प्रयागराज तक था। इस जलमार्ग की लंबाई बरसात में भगरौटी नहर के द्वारा 808 मील और अन्य ऋतुओं में सुंदरवन होकर 985 मील थी। गर्मी और जाड़े में स्टीमर कलकत्ते से 25 दिन में यहां पहुंचता था। लौटने में 15 दिन लगता था। बारिश में यहां से कलकत्ता पहुंचने में नौ ही दिन लगते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7c0e561bfaeb70b08cc51ed6e1ecb52e73e1d11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75712.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुमित शर्मा, अलीगढ़ : गांधीपार्क थाना क्षेत्र में पिछले साल आज ही के दिन फाइनेंस कर्मी से साढ़े 11 लाख की लूट हुई थी। क्षेत्र में ताबड़तोड़ हुई इस चौथी लूट की गूंज शासन तक पहुंची थी। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी को निलंबित किया गया था। घटना को देवू गैंग ने अंजाम दिया था, जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा। गिरोह के सभी आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। मामला निचली अदालत से सेशन कोर्ट में पहुंच गया है। जल्द ही इसमें ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी।  ।10 फरवरी 2019 की घटना।10 फरवरी 2019 को धनीपुर मंडी के सामने एक फाइनेंस कंपनी के दफ्तर में तीन बदमाश किस्त जमा करने के बहाने घुसे थे। यहां कैशियर कृष्णकांत तिवारी निवासी आदमपुर शेरगढ़ (मथुरा) से बैग ले उड़े, जिसमें तीन दिन का कैश यानी 11.30 लाख रुपये रखे थे। बदमाशों ने कैशियर को गोली मारी थी। गांधीपार्क क्षेत्र में यह चौथी बड़ी लूट थी। इसे देखते हुए तत्कालीन एसएसपी आकाश कुलहरि ने तत्कालीन इंस्पेक्टर शंभूनाथ को निलंबित कर दिया था। जांच हुई तो सीसीटीवी में एक बदमाश चिह्नित हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9454434a22f9a534b031c70d9366ec57c677f85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75714.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मजबूरी यह कि निकाय चुनाव में मुद्दे विकास के होने चाहिए, शहरों-कस्बों में सुविधाएं मुहैया करवाने के होने चाहिए, बात बिजली-पानी, सड़क, सीवरेज की होनी चाहिए, लेकिन कोई भी पार्टी किसी और मुद्दे की बात नहीं कर पा रही। मुद्दे होते हुए भी पार्टियां धर्मसंकट में हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कोई भी मुद्दा अगर कृषि कानून विरोधी आंदोलन से बड़ा हुआ तो इससे किसान नाराज न हो जाएं। कहीं बैक फायर न हो जाए। जनता से जुड़े विषय ही नहीं, गैर कांग्रेसी उम्मीदवारों के नामांकन रद किए जाने, कई जगह हिंसा होने, यहां तक कि अकाली दल व भाजपा के नेताओं पर हमले तक होने के बावजूद पार्टियां इस पर भी सियासी तूफान खड़ा नहीं कर पा रहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f481d128bf3b0c7eb74486afe4b19499f2fb5a9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उपजाऊ बन रही जमीन।जनपद में 2855 हेक्टेयर बंजर भूमि को देशी तकनीक से उपजाऊ बनाया गया था। ये भूमि भोजपुर, आनंदपुर, सहारा, जारौठी, पैडरा, पहाड़ीपुर समेत 28 गांवों में चिह्नित की गई थी। कृषि अधिकारियों के मुताबिक ए, बी, सी तीन श्रेणियों में भूमि को बांटकर उपजाऊ करने की योजना बनाई गई।  पहले चरण में भूमि का समतल कर मेड़बंदी कराई गई। फिर इसमें पानी भरकर धान का पुआल बिछा दिया। इससे खाद बना और जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ने लगी। वहीं, मिट्टी में सोडियम की मात्रा कम होने लगी। गहरी जोताई कराकर शुरुआत में धान की फसल की। इसके बाद गेहूं व ढेंचा की बोआई कराई। अधिकारियों के मुताबिक ढेंचा वातावरण से नाइट्रोजन अवशोषित कर उर्वरा शक्ति बढ़ाता है। इस प्रक्रिया में कुछ साल तो लगे, लेकिन भूमि उपजाऊ हो गई। अब यहां फसलें लहलहा रही हैं। भूमि संरक्षण अधिकारी निधि राठौर बताती हैं कि बंजर, जल जमाव वाली भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए किसानों के आवेदन मिल रहे हैं। देशी तकनीक से ऐसी भूमि को उपजाऊ बनाया जाता है। किसानों को भी तकनीक की जानकारी दी जा रही है। 350 हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बनाने का नया लक्ष्य मिला है, इसके लिए तैयारियां चल रही हैं।  ।जैविक खेती से बंजर नहीं होगी भूमि।उप कृषि निदेशक (शोध) डा. वीके सचान बताते हैं कि किसान जैविक खेती करेें तो भूमि कभी बंजर नहीं होगी। जैविक खाद में मिट्टी को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे। खेतों में भारी-भरकम मशीनों का उपयोग कम करना होगा। इससे भूमि की सतह कड़ी हो जाती है, जिसमें वायू संचार रूक जाता है। मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता कम हो जाती है। इसके लिए अधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। सरकार ने कृषि फार्मों में जैविक खेती कर किसानों को इसकी जानकारी देने के दिशा-निर्देश दिए हैं। क्वार्सी फार्म समेत सभी कृषि फार्मों में जैविक विधि से विभिन्न फसलें लगाई गई हैं। समय-समय पर किसानों को बुलाकर प्रशिक्षण दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75717.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75717.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8b00e169063b160ddf8f6fb96647bfb8d57cdc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75717.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +300 रुपये प्रति किलो तक बिकता : प्रगतिशील किसान गया प्रसाद सिंह के मुताबिक, इस फल को सब्र का फल कह सकते हैं। जो किसान तुरंत मुनाफा चाहते हैं, वह इसकी सफल खेती नहीं कर पाते। दरअसल, शुरुआत में इसका बाग तैयार करना पड़ता है, जिसमें सीमेंट के पिलर भी खड़े करने होते हैं। लागत चार से पांच लाख रुपये प्रति एकड़ तक आती है। पेड़ पर फल उगने में 16-17 माह का वक्त लगता है और फिर पेड़ 40 वर्ष तक फल देता है। उन्होंने बताया कि फल 250-300 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75719.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75719.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4cc464cd132eb1e80d44c3d58c2d472bb61b530b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75719.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक दिए जाने की मुहिम में अब तेजी आने के आसार हैं। इसके अलावा जहां झुग्गी-वहां मकान नीति के तहत इन सीटू डेवलपमेंट का काम भी जोर पकड़ेगा। दरअसल, मंगलवार का दिन अनधिकृत कॉलोनियों व दिल्ली के लिहाज से खास रहा। राज्यसभा में दिल्ली से संबंधित तीन प्रस्ताव पािरत हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..959666fc6b3d030bc869269cc5a02e10166848a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7572.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि 2017 में आई फिल्म राब्ता में सुशांत और कृति ने साथ काम किया था। फिल्म के प्रमोशन के वक्त फिल्मा गलियारों में दोनों के अफेयर के चर्चे थे। हालांकि इन सबपर कभी कुछ भी सुशांत या कृति की तरफ से सामने नहीं आया। ।मीमी में आएंगी नजर।वर्कफ्रंट की बात करें तो कृति जल्द ही मिमी में दिखाई देंगी, जो 30 जुलाई को नेटफ्लिक्स और जियो सिनेमा पर रिलीज होने वाली है। लक्ष्मण उटेकर द्वारा निर्देशित फिल्म में कृति एक सरोगेट मा के रूप में दिखाई देंगी। मिमी समृद्धि पोरे द्वारा निर्देशित फीचर माला आई वैयच्य की रीमेक है, जिसने 2011 में मराठी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e0e1bc551bfa151c1a5c0f0ce7d3079f0569e89 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनके अलावा बलूच नेता और नेशनल पार्टी के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर अब्‍दुल मलिक बलूच ने इमरान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा समय में बलूचिस्‍तान और सिंध पर केंद्र पर सरकार ने कब्‍जा किया हुआ है। यहां से निकलने वाले 55 फीसद सैंडक पर चीन का कब्‍जा है और 48 फीसद पर केंद्र सरकार का कब्‍जा है, जबकि महज दो फीसद पर बलूच का कब्‍जा है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि ग्‍वादर पोर्ट के ड्रामे से बलूचिस्‍तान को कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्‍होंने कहा कि पीडीएम के नेतृत्‍व में आने वाली पार्टियां चाहती हैं कि देश को संविधान के मुताबिक लोकतांत्रिक परंपराओं के तहत चलाया जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f93ac6cfd0578aa98324eb77005467a0e6a8b029 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75724.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। मां दुर्गा के कई स्वरूप हैं, जिनके दर्शन-पूजन के लिए शक्तिपीठों में देवी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। देवी के इन मंदिरों में अपने विभिन्न रूपों में मां विद्यमान हैं। प्रत्येक मंदिर में मां के किसी न किसी अंग के गिरने की मूर्त निशानी मौजूद है, लेकिन संगम नगरी में मां सती का एक ऐसा शक्तिपीठ मौजूद है जहां न मां की कोई मूर्ति है और न ही किसी अंग का मूर्त रूप है। अलोपशंकरी देवी के नाम से विख्यात इस मंदिर में लाल चुनरी में लिपटे एक पालने का पूजन और दर्शन होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dba47009e808eb57821f86923c91e0df6483b8de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चमोली जिले में नीति-मलारी हाईवे पर रैणी पुल बहने के बाद रैणी, लाता, जुगजू जुआग्वाड़, पैंग मुरंडा, सूगी भलगांव समेत 13 गांवों के ग्रामीण अलग-थलग पड़े  हैं। इन गांवों में सेना की ओर से रसद, दवाएं और अन्य जरूरी सामग्री पहुंचाई जा रही है। लेकिन, कई प्रभावित गांव ऐसे हैं जो सड़क से छह किमी दूर हैं। जुगजू, जुआग्वाड़, पैंग, मुरंडा सड़क से छह किमी तक दूरी वाले गांव हैं। इन गांवों में रसद व अन्य जरूरी सामग्री पहुंचाने के लिए सेना व आइटीबीपी के जवान बीहड़ पैदल रास्तों, जंगलों, चट्टानी क्षेत्र से गुजरकर प्रभावित गांवों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। आपदा प्रभावित सूगी के ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला कहते हैं, आपदा की इस घड़ी में जिस प्रकार सेना और आइटीबीपी के जवान सुदूरवर्ती गांवों तक पैदल राहत सामग्री पहुंचा रही है, यह काबिलेतारीफ है। कहा कि पूरे क्षेत्र को सेना की जांबाजी पर गर्व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75730.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75730.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8aea3a0608601380e2b609d932103a42bf624d25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75730.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाखों यात्री करते थे सफर ।दिल्ली से अलग-अलग रूट पर ढाई सौ से ज्यादा लोकल ट्रेनें चलती थीं। इनमें इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू), मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू) और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों से अलीगढ़, मथुरा, कुरुक्षेत्र, करनाल, रोहतक सहित अन्य शहरों से लाखों लोग दिल्ली-एनसीआर में काम करने पहुंचते थें। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से पहले रोजाना पांच लाख से ज्यादा लोग लोकल ट्रेनों से सफर करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51ce0f91c05dd3e5e405f738ae766159d0f5757b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75732.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राममिलन साहू, धमतरी। छत्‍तीसगढ़ में कई जिलों में  हाथियों की दहशत है। यहां सुदूर वनांचल के कई गांवों में महुआ शराब बनाने के लिए न चूल्हों पर हंडी चढ़ रही है और न ही गलियों में महुआ शराब की महक आ रही है। गांव वालों ने हाथियों से परिवार और अपने मकानों को बचाने के लिए महुआ शराब से तौबा कर ली है। इन्हें डर है कि कहीं हाथी महुए की महक से गांवों में न धमक जाएं। इन दिनों हाथियों के दो दल धमतरी जिले के नगरी और धमतरी अनुविभाग (ब्लाक) में डेरा डाले हुए हैं। + +27 हाथियों का दल ब्लाक मुख्यालय नगरी से 30 किलोमीटर दूर चारगांव, भैंसामुड़ा, मटियाबाहरा, कुदुरपानी और खरका गांव के जंगल में घूम रहा है। यह दो महीने से यहां डटा है। अत्यंत पिछड़ी जनजाति में शामिल कमार भी यहां रहते हैं। ग्रामीणों में हाथियों की इतनी दहशत है कि वे अपने परिवार, मकान व फसल को बचाने के लिए महुए की शराब भी नहीं पी रहे हैं। गांव में कोई महुआ शराब बना भी नहीं रहा है। याद रहे छत्तीसगढ़ के आबकारी कानून में कमारों को स्वयं के उपयोग के लिए सीमित मात्रा में शराब बनाने की इजाजत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..361b3be03dcfcfda93130deba72018d820011605 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बड़े नेताओं में शुमार शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) बिहार से पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरा (BJP Muslim Face) भी हैं। पहली बार ही किशनगंज से लोकसभा चुनाव जीतकर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की सरकार में मंत्री बनाए गए शाहनवाज बिहार विधान परिषद ((Bihar Legislative Council) के लिए निर्वाचित होने के बाद अब वे नीतीश कैबिनेट में उद्योग मंत्री बनाए गए हैं। इसे पार्टी का बड़ा और दूरगामी दांव माना जा रहा है। शाहनवाज को लेकर बीजेपी की दूरगामी राजनीति तो अभी भविष्‍य की बात है, लेकिन फिलहाल उसने गत बिहार विधानसभा चनाव (Bihar Assembly Election 2020) में एक भी मुस्लिम प्रत्‍याशी नहीं देने के कारण मुस्लिम विरोधी होने के आरोपों को खारिज कर दिया है। साथ ही पार्टी ने बिहार में अपना बड़ा चेहरा (Big Face of BJP in Bihar) भी दिया है। ।संसदीय राजनीति के हाशिए पर थे शाहनवाज ।शाहनवाज हुसैन पहली बार बीजेपी के टिकट पर किशनगंज (Kishanganj) से लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) जीते थे। तत्‍कालीन बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्‍हें युवा मामलों का मंत्री बनाया गया। आगे 2001 में उन्‍हें कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला, फिर 2003 में टेक्सटाइल मंत्री बनाए गए। वे देश के सबसे युवा कैबिनेट मंत्री भी रहे। आगे साल 2004 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्‍होंने 2006 में भागलपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी वे जीते। इसके बाद शाहनवाज हुसैन की संसदीय राजनीति को ग्रहण लग गया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वे हार गए। आगे 2019 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर की उनकी सीट राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कोटे में चली गई। ।मुस्लिम नेता को मंत्री बनाना चाहती थी बीजेपी।साल 2014 से संसदीय राजनीति के हाशिए पर रहने के बावजूद शाहनवाज बीजेपी के बड़े मुस्लिम चेहरा बने रहे हैं। उन्‍हें बिहार में मंत्री बनाए जाने का निहितार्थ क्‍या हैं, इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है। चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम प्रत्‍याशी नहीं देने के कारण आलोचना का केंद्र बनी बीजेपी एक मुस्लिम नेता को मंत्रीमंडल में जगह देकर भरपाई करना चाहती थी।  ।बीजेपी ने नीतीश कुमार पर भी बढ़ा दिया दबाव ।शाहनवाज को पहले एमएलसी, फिर मंत्री बनाकर बीजेपी ने एनडीए के अपने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर भी दबाव बढ़ा दिया है। अल्‍पसंख्‍यक राजनीति करने वाले नीतीश कुमार के जेडीयू से कोई मुस्लिम प्रत्‍याशी विधानसभा नहीं पहुंच सका है। हां, नीतीश कुमार ने बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक जमा खान को अपने पाले में कर और मंत्री बनाकर काट करने की कोशिश की है, लेकिन शाहनवाज बड़े मुस्लिम चेहरे हैं। ।शाहनवाज के बहाने बीजेपी की दूरगामी रणनीति।फिर भी यह सवाल तो खड़ा ही है कि शाहनवाज हुसैन जैसे बड़े कद के राष्‍ट्रीय नेता को बिहार में एमएलसी व मंत्री बनाने के पीछे बीजेपी की क्‍या रणनीति है? शाहनवाज बीजेपी में लंबे सयम तक हाशिए पर रहे, लेकिन पार्टी के प्रति उनकी वफादारी कायम रही। बीते दिनों जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव में बतौर प्रभारी, उनके नेतृत्‍व में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। माना जा रहा है कि शाहनवाज हुसैन को बिहार की राजनीति में भेज कर इसका पुरस्कार देने की दूरगामी रणनीति बनाई गई है। ।मजबूती की दिशा में सधे कदमों से बढ़ रही बीजेपी ।शाहनवाज को सुशील मोदी के राज्‍यसभा जाने से खाली हुई सीट पर एमएलसी बनाया गया। एमएलसी बनने के बाद उनकी नीतीश कुमार के कैबिनेट में एंट्री भी हो चुकी है। बिहार बीजेपी में वे बीजेपी के चेहरा भी बनेंगे, यह तय लग रहा है। बीजेपी बिहार में मजबूती की दिशा में सधे कदमों से धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर पहले ही कह चुके हैं कि शाहनवाज हुसैन जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता के रहने से बिहार में पार्टी को मजबूती मिलेगी। बीजेपी के कई अन्‍य नेताओं ने इसे पार्टी की मुस्लिम विरोधी छवि से उबरने का भी कदम बताया है। ।नीतीश कुमार की वजह से मुस्लिम वोट मिले: जेडीयू ।शाहनवाज को लेकर एनडीए में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी समय-समय पर सधी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर मानते हैं कि शाहनवाज के आने से बिहार में एनडीए काे मजबूती मिलेगी। इससे मुस्लिम समुदाय में अच्‍छा संदेश भी जाएगा। हालांकि, वे यह कहना नहीं भूलते कि एनडीए को नीतीश कुमार की वजह से मुस्लिम वोट मिले थे। ।शाहनवाज की बिहार में सक्रिय एंट्री पर विपक्ष की भी नजर ।बिहार की राजनीति में शाहनवाज की सक्रिय एंट्री पर विपक्ष की भी नजर है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) व कांग्रेस (Congress) बीजेपी को मुस्लिम विरोधी बताते रहे हैं। आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव पहले ही कह चुके हैं कि बीजेपी को मुस्लिम समुदाय के लोग समझते हैं। वैसे भी शाहनवाज को केंद्र की राजनीति से बिहार में सीमित कर देना उनके कद को घटाना है। कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रेमचंद्र मिश्रा भी कह चुके हैं कि यह शाहनवाज के कद को घटना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c1c2b4f062c89953e2ab605c76002222ea485ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75738.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। दक्षिण अफ्रीका में पाया गया कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन बी.1.351 एक नई चुनौती पेश कर रहा है। हाल ही में भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार एस्ट्राजेनेका की दस लाख खुराक दक्षिण अफ्रीका भेजी गई थी। वहां टीकाकरण शुरू ही होने वाला था कि उससे तुरंत पहले आई परीक्षण रिपोर्ट में पता चला कि नए स्ट्रेन से संक्रमित लोगों में यह टीका असरदार नहीं है। + +फिलहाल टीकाकरण रोक दिया गया है। ब्रिटेन, अर्जेंटीना सहित दुनिया के तमाम हिस्सों में जिस तरह वायरस के नए और ज्यादा घातक स्ट्रेन सामने आ रहे हैं, उससे विशेषज्ञों को लगने लगा है कि अभी यह लड़ाई लंबी ¨खचने वाली है। इस मामले में भारत की स्वदेशी वैक्सीन कारगर साबित हो सकती है। भारत बायोटेक द्वारा परंपरागत तकनीक से विकसित कोवैक्सीन के बारे में विशेषज्ञ आश्वस्त हैं कि ये कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75741.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75741.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d120207fbfbcc48dccf4bfd2c67587df7a8aebe6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75741.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। Uttarakhand Glacier Burst चमोली जनपद के नीती घाटी में ग्लेशियर फटने से आई जल प्रलय की हकीकत और भविष्य की स्थिति को जानने के लिए नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) की मदद ली गई है। यह टीम एयरबोर्न हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे के माध्यम से ग्लेशियर की हकीकत का पता लगाएगी। नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) की टीन इन दिनों ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के लिए एयरबोर्न हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे का काम कर रही है। इसमें रेल परियोजना क्षेत्र में पड़ने वाल ऊंचे व दुर्गम पहाड़ों का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। ।एनजीआरई टीम ने तीन दिन पहले ही यह सर्वे शुरू किया था। मगर, इस बीच चमोली जनपद की नीती घाटी में आपदा आ गई। अभी तक सामने आए आपदा के कारणों में बड़ा कारण रैणी गांव के निकट ऋषि गंगा के मुहाने पर ग्लेशियर का फटना बताया जा रहा है। मगर, इस दिशा में अभी कोई वैज्ञानिक अध्ययन भी सामने नहीं आया है। राज्य सरकार ने इन कारणों का शीघ्र पता लगाने के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर रेल विकास निगम के लिए एयरबोर्न हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे कर रही एनजीआरआइ से संपर्क साधा है, जिसके बाद एनजीआरआइ टीम सोमवार को चमोली के लिए रवाना हो गई है। ।रेल विकास निगम के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि एनजीआरआइ के वैज्ञानिक जॉन लुइस बिल्थ इस सर्वे को अंजाम देंगे। उन्होंने बताया कि एयरबोर्न हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे के माध्यम से ग्लेशियर तथा इसके भीतर के भूगर्भ का गहन अध्ययन किया जाएगा। इस अध्ययन में यह पता लगाया जाएगा कि ग्लेशियर के भीतर कितनी बर्फ है। ग्लेशियर के भीतर की चट्टानें कितनी मजबूत हैं और क्या यहां कोई और झील है जो भविष्य में आपदा का करण बन सकती है। वरिष्ठ परियोजना निदेशक मालगुड़ी ने बताया कि फिलहाल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे के काम को रोक दिया गया है। + +ग्लेशियर से पहले टनल का अध्ययन करेगी टीम ।ऋषि गंगा में आए उफान से एनटीपीसी की विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचा है। परियोजना की एक सुरंग (टनल) भी मलबे से दब गई है, जिसमें 30 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है। करीब 800 मीटर लंबी इस सुरंग में यह लोग किस स्थिति में हैं, अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इसलिए सुरंग के भीतर की स्थिति जानने के लिए हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे की मदद ली जाएगी। ताकि पता चल सके कि सुरंग के भीतर कहां तक मलबा है, सुरंग में कहां तक पानी भरा है और कितना एयर गैप है। एनजीआरआइ के वैज्ञानिक मंगलवार को सबसे पहले इसी सर्वे को अंजाम देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75742.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75742.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..129591d8c047b0ebbf9f67af00934960d8bb1e31 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75742.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। रोज डे से शुरू हुए वैलेंटाइन वीक में इन दिनों बाजार में सुर्ख गुलाब छाया है। शहंशाह शाहजहां द्वारा मुमताज की याद में तामीर मोहब्बत की अनमोल निशानी ताजमहल भी कभी गुलाब की खुशबू से महकता था। उसकी क्यारियों में खिलने वाले गुलाब के फूल सैलानियों को लुभाते थे, मगर अब यह केवल स्मारक में हो रही पच्चीकारी में ही नजर आता है। ताजमहल को गुलाब की पौध देने वाली बगिया (बाग खान-ए-आलम) में भी गुलाब के पौधे बहुत कम रह गए हैं। + +ताजमहल की पश्चिमी दीवार से लगा हुआ बाग खान-ए-आलम है। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की उद्यान शाखा ने नर्सरी बना रखी है। इस नर्सरी में तैयार की जाने वाली गुलाब व अन्य फूलों की पौध ताजमहल में ढाई दशक पूर्व तक लगाई जाती थी। सीजनल फूलों के पौधे ताजमहल के उद्यान में अब भी लगाए जाते हैं, लेकिन गुलाब सिरे से गायब हो चुका है। ताजमहल के उद्यान में अब एक भी गुलाब का पौधा नहीं है। बाग खान-ए-आलम जहां गुलाब की पौध तैयार की जाती थी, वहां भी गुलाब की किस्में सिमटकर आधा दर्जन के आसपास ही सीमित रह गई हैं, जबकि कभी यहां दो दर्जन से भी अधिक किस्म के गुलाब खिला करते थे। इस बार यहां सफेद, लाल, पीला, गुलाबी और कुछ अन्य रंग के गुलाब के फूल खिले हैं। ताजमहल से गुलाब के गायब होने और बाग खान-ए-आलम में गुलाब की किस्में सीमित होने की वजह यमुना जल के प्रदूषित होने व उसमें केमिकल होने व भूगर्भ जल का पानी खारा होना है। इसकी वजह से गुलाब यहां पनप नहीं पा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75746.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75746.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20fd461e7444ad345045014afac06183be6cfe8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75746.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम। पिछला वर्ष जिस तरह से व्यापक परिवर्तनों का दौर साबित हुआ है उसमें लाइफस्टाइल का हर हिस्सा प्रभावित हुआ है। फैशन के क्षेत्र में देखें तो ऐसा बदलाव आया है कि एक साल पहले के फैशन से तुलना करें तो सोच भी नहीं सकते थे कि फैशन यह करवट लेगा। स्टाइलिश फिटिंग की सीमाओं से निकल कपड़े ओवरसाइज हो गए हैं। फिटिंग की जगह ढीले-ढाले पहनावे को पसंद किया जाने लगा है, स्टाइलिश हील्स और बूट्स की जगह आरामदायक कैजुअल चप्पलों ने ले ली है। ।लोगों की पहली पसंद।फैशन डिजाइनर अंजू मान के मुताबिक ओवरसाइज कपड़ों को न तो संभालने की जरूरत पड़ती है और न ही फिगर की खास चिंता होती है। बस पहनावा स्मार्ट लगता है और बिना किसी संकोच के कहीं भी कैसे भी पहना जा सकता है। ऐसे में पहनावे के अच्छे दिखने की खुशी ही होती है। जाने अनजाने में मिलने वाली यह खुशी न केवल तनाव से निकालती है बल्कि नई ऊर्जा भी देती है। ।क्या है डोपामीन फैशन।फैशन डिजाइनर सिल्की नंदा का कहना है कि वेस्टर्न, पारंपरिक और फ्यूजन सभी तरह के परिधानों में आरामदायक पैटर्न की मांग बढ़ गई है। उनके मुताबिक विभिन्न शोधों में पाया गया है कि पहनावा मानसिक दशा पर सीधा प्रभाव डालता है और डोपामीन खुशी देने वाले रसायन के तौर पर जाना जाता है। ऐसे में इस आरामदायक, सुकूनदायक और खुशी देने वाले इस फैशन को डोपामीन फैशन का नाम दिया जा रहा है। ।इस समय जो फैशन है वह चिंतामुक्त रखकर स्टाइल देने वाला है। तकरीबन तीन साल पहले से फैशन से प्रभावित नया ट्रेंड युवतियों को खूब भा रहा है। फैशन के साथ कंफर्ट मिलकर मन को खुशी देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dde10459deb6cae4019ea7c156a0df9b19a9735 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीके शुक्ला, नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने 18वीं शताब्दी के बौद्ध तीर्थस्थल रंगदुम मठ को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक का दर्जा दिया है। अक्टूबर 2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद रंगदुम मठ पहला स्मारक है जिसे एएसआइ ने लद्दाख में राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया है। एएसआइ ने इसके संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। ।बौद्ध धर्म के गेलुग्पा पंथ से संबंधित इस मठ के केंद्रीय कक्ष में बौद्ध धर्म से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत का एक संग्रहालय बना है। इसमें कई दुर्लभ वस्तुएं जैसे तिब्बती शंख और कई प्राचीन शास्त्र व कलाकृतियां सहेज कर रखी गई हैं। मठ में करीब 40 भिक्षुओं के आवास की व्यवस्था है। ।मठ में दो विशाल आंगन हैं। इनमें तिब्बती संस्कृति व प्राचीन बौद्ध परंपराओं के चित्र बने हैं। मठ की दीवारों पर जीवन का पहिया, रहस्यवादी मोनोग्राम, नमचू वांगडान के चित्र, ममीकृत मूर्तियां तमाम ऐसे आकर्षण हैं जो पर्यटकों को बेहतरीन अनुभव देते है। मठ में रखा भगवान बुद्ध का एक विशाल कैलेंडर वर्ष के छठे माह के पांचवें दिन एक बार फहराया जाता है। ।एएसआइ के मुताबिक सुरू घाटी में यह एकमात्र जीवंत स्मारक है, जहां लोग रहते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। यह इस धारणा की भी पुष्टि करता है कि बौद्ध लद्दाख के इस हिस्से में भी काफी सक्रिय रहे थे। मठ भौतिक रूप से भले ही सुरू घाटी में मौजूद है, लेकिन सांस्कृतिक तौर पर यह जंस्कार से जुड़ा है। फिलहाल इसकी देखरेख रंग्दुम गोंपा कल्चर एंड वेलफेयर सोसायटी, जंस्कार की तरफ से की जा रही है। ।राष्ट्रीय धरोहर होने से इस तरह होता है फायदा।राष्ट्रीय महत्व स्मारक घोषित किए जाने के बाद स्मारक का संरक्षण व रख-रखाव एएसआइ की तरफ से किया जाता है व इस पर होने वाला पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। अगर कोई जीवंत स्मारक है तो एएसआइ की अनुमति के बिना स्मारक के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। नजर रखने के लिए एएसआइ के कर्मचारी स्मारक में हमेशा मौजूद रहते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40bd2689810ac70ee0eee23c2f6ad83586262c36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना काल से बंद शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर छिड़ी चर्चा के बाद कुछ राज्यों में स्कूल खोलने के आदेश दे दिए गए हैं। कुछ अभिभावक अगले दो महीने में इस फैसले को लागू करने के पक्ष में हैं, तो कुछ ऐसे हैं जो सावधानी बरतते हुए इसके लिए जून या जुलाई का समय बेहतर मानते हैं। यह जानकारी लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए एक सर्वे में सामने आई है। इसके मुताबिक, सिर्फ 19 फीसद अभिभावक ही ऑनलाइन क्लास को बेहतर मानते हैं, शेष को परंपरागत शिक्षण तरीकों पर ही भरोसा है। 24 राज्यों में हुए इस सर्वे के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी बाधाएं सामने आई हैं। आइए जानते हैं इस सर्वे में क्या बातें सामने आई हैं? ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर लोगों का अनुभव कैसा रहा?   ।32 फीसद को जुलाई का इंतजार।बीते साल 24 मार्च से लगे देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से बच्चे ऑनलाइन क्लास के जरिए ही पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूलों को खोलने को लेकर तरह-तरह की चर्चा है, लेकिन ज्यादातर अभिभावक चाहते हैं कि अप्रैल से स्कूल खोल दिए जाएं। लोकल सर्कल्स द्वारा 24 राज्यों के 294 जिलों में किए सर्वे में सामने आया है कि 67 फीसद अभिभावक अगले दो महीनों में स्कूल खोलने के पक्ष में हैं जबकि 32 फीसद इस कदम को जून या जुलाई में उठाने के पक्षधर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77015d934673e3cfe7c3fd44b1b348ca98d2407c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75753.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्लेशियरों से निकलने वाला पानी झीलों का रूप ले सकता है। हिमाचल के चंबा व जम्मू-कश्मीर को कवर करने वाले पीरपंगाल ग्लेशियर भी सिकुड़ रहा है। अगर ऐसा ही होता रहा कि कुछ सालों में इन ग्लेशियरों के साथ लगने क्षेत्रों में झीलें बन जाएंगी और ये न केवल हिमाचल बल्कि जम्मू-कश्मीर के लिए भी खतरा हो सकती हैं। चंद्रभागा ग्लेशियर का वैसे तो क्षेत्रफल 7500 किलोमीटर है, लेकिन पिछले कई सालों से यह कम होता जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76838bdac7164612e5ba1b2ed6b3cc450f2bfaac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद [ मोहन गोप ]। कोरोना वायरस को धनबाद के कई लोगों ने मात दी। वे ठीक होकर घर भी चले गए। बावजूद कई की अब नींद उड़ गई है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना को परास्त करने वाले करीब 20 फीसद मरीज  नींद न आने की समस्या से ग्रस्त हैं। घबराहट, सिर में दर्द, गले में खराश, सीने में दर्द, कमजोरी, थकान, सांस लेने में परेशानी, भूख न लगना, मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण भी हैं। धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की कोरोना टास्क टीम की जांच में यह निष्कर्ष सामने आया है। टीम के सदस्य कोविड सेंटर के प्रभारी डॉ. यूके ओझा ने बताया कि ऐसे मरीजों का इलाज करा रहे हैं। दवाओं के अलावा मनोचिकित्सक की उनको सलाह दिलाई जाती है। साथ ही प्राणायाम व ध्यान करने की भी सलाह दी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..174e008ff55dc3c606718f99653ddca8fedb61fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75755.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, गौरव भारद्वाज। कोरोना संक्रमण काल में स्कूल बंद हैं तो पढ़ाई के लिए आनलाइन क्लास चल रही हैं। ऐसे में बच्चे इंटरनेट का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। अब बच्चे आनलाइन क्या कंटेंट देख रहे हैं, इसको लेकर भी अधिकांश अभिभावक चिंतित हैं। उन्हें डर सता रहा है कि बच्चों पर ध्यान नहीं दिया तो इंटरनेट की दुनिया में बच्चे भटक सकते हैं। पिछले कुछ साल में इंटरनेट पर बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी हुई है। इसको लेकर इंटरनेट सेफर डे पर विशेषज्ञों ने अभिाभवकों को बच्चों पर ध्यान देने की सलाह दी है। ।फरवरी माह के दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन हर साल इंटरनेट सेफर डे मनाया जाता है। इस बार नौ फरवरी को यह दिन मनाया जाएगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इंटरनेट का प्रयोग करने वाले यूजर्स को जागरूक करना है। इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। इस इंटरनेट सेफर डे पर विशेषज्ञ अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं। मानसिक आरोग्यशाला के अधीक्षक डा. दिनेश राठौर का कहना है कि बच्चों का मन काफी चंचल होता है। वो हमेशा कुछ न कुछ नई खोज में रहते हैं। पहले उनके पास किताबें थीं, लेकिन अब उनके हाथ में मोबाइल और इंटरनेट है। इंटरनेट के माध्यम से पूरी दुनिया उनकी मुट्ठी में है, वो चाहे जो देख सकते हैं। कई बार जाने-अनजाने गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। जब अभिभावकों को इस बारे में पता चलता है तो काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के दौरान थोड़ा समय देने की जरुरत है। इससे बच्चों की पढ़ाई में सहायता भी होगी । इसके अलावा जब बच्चा एकांत में मोबाइल लेकर बैठा हो तो अभिभावकों को मोबाइल चेक करना चाहिए कि बच्चा क्या देख रहा है। साथ ही उनसे पूछना चाहिए कि आज क्या पढ़ा। ।बच्चों पर रखे निगरानी ।आइटी एक्सपर्ट उपेंद्र अवस्थी का कहना है कि बच्चे इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी रखना बेहद जरूरी है। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे इंटरनेट पर किन लोगों के संपर्क में हैं। बच्चों द्वारा विजिट की गई वेबसाइट को भी समय-समय पर चेक करते रहें। अगर आपको कुछ अजीब लगे तो बच्चों को इस बारे में प्यार से समझाएं। इसके अलावा बच्चों को स्मार्टफोन देने से पहले बच्चों के पसंदीदा एप्स और वेबसाइट के बारे में रिसर्च कर लें। उनकी अानलाइन एक्टिविटी पर भी नजर रखें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b602d6ae9aa80f3a944a1c4dd6d7bdc823b42973 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बृजेश भट्ट, तपोवन (चमोली)। ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में आए सैलाब का खौफ रैणी निवासियों के दिलोदिमाग पर इस कदर हावी रहा कि रात उन्होंने जंगल व गोशालाओं में गुजारी। गांव के सभी 70 परिवार अब भी काफी सहमे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव के ठीक सामने बगोटधार का टीला सैलाब का रुख दूसरी ओर न मोड़ता तो रैणी का नामोनिशान मिट चुका होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75757.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75757.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36616eb5712faf738755dee77d9ce4a181259de7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75757.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +प्रो. मुकुल श्रीवास्तव। इंटरनेट साइट स्टेटिस्टा के अनुसार, देश में साल 2020 में इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या करीब 70 करोड़ रही, जिसकी साल 2025 तक 97.4 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बाजार है। यह अपने आप में बड़ा बदलाव है क्योंकि इतनी तो दुनिया के कई विकसित देशों की आबादी तक नहीं है। + +यह आंकड़ा भारत की डिजिटल साक्षरता का भी आंकड़ा है अर्थात इतने लोग कार्य, व्यापार व अन्य जरूरतों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। भारत के लिए यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मोबाइल हैंडसेट अकेला ऐसा माध्यम है जिससे देश की आबादी के एक बड़े हिस्से तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह अकेला ऐसा माध्यम है जो शहरों और कस्बों की सीमाएं लांघता हुआ तेजी से दूरदराज के गांवों तक भी पहुंच गया है। + +भ्रम फैला रहीं विदेशी संस्थाएं: भारत के इंटरनेट उपभोक्ता आज दुनिया की कई नामी-गिरामी कंपनियों की प्रगति का बड़ा कारण हैं। सोचें जरा, यदि ये कंपनियां भारतीय होतीं तो आज देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर कुछ और ही होती। इसी तरह इन कंपनियों के बाहरी होने के कारण कई बार राष्ट्र विरोधी तत्वों को सिर उठाने का मौका मिल जाता है, जहां वे फर्जी पहचान के सहारे ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सफल हो जाते हैं जिनसे देश के तंत्र को अस्थिर किया जा सके और लोगों में भ्रम फैलाया जा सके। + +हालिया किसान आंदोलन में हुई हिंसा के पश्चात दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया था कि हाल के दिनों में लगभग 300 इंटरनेट मीडिया हैंडल ऐसे पाए गए, जिनका इस्तेमाल घृणित और निंदनीय कंटेंट फैलाने के लिए किया जा रहा है, जिसमें कुछ विदेशी संस्थाएं भी शामिल हैं जो किसान आंदोलन के नाम पर भारत सरकार के खिलाफ गलत प्रचार कर रही हैं। ऐसे में इंटरनेट को सुरक्षित बनाए रखने की जिम्मेदारी एक उपभोक्ता के तौर पर हमारी भी है क्योंकि ऐसे दुष्प्रचार जिन भी इंटरनेट मीडिया साइट्स से किए जा रहे हैं, वे सभी विदेशी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d25d2396573b2a3e69cc469d740fc2ae399ba240 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका में कोविड-19 की चपेट में आने के बाद यूएस कांग्रेस के सांसद रॉन राइट का निधन हो गया है। वे ऐसे पहले सांसद हैं जिनका इस महामारी की वजह से निधन हुआ है। रॉन टेक्‍सास से रिपब्लिकन सांसद थे। उन्‍हें और उनकी पत्‍नी सुसान को पिछले माह ही कोविड-19 टेस्‍ट में पॉजीटिव पाया गया था। इसके बाद से ही दोनो का डलास के अस्‍पताल में इलाज चल रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95d41ae09a005d82db687187766d1fa3ff26fbf6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रयागराज के तीन मंदिरों को माना जाता है शक्तिपीठ।प्रयागराज में तीन मंदिरों को शक्तिपीठ माना जाता है, जिसमें ललितादेवी मंदिर, कल्याणीदेवी और अलोपीदेवी धाम हैं। हरिमोहन वर्मा के अनुसार ललितादेवी मंदिर का निर्माण श्रीयंत्र पर आधारित है। नवरात्र के अलावा माघ और कुंभ मेला के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। यह भी मान्यता है कि मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मां ललिता के चरण स्पर्श करते बहती हैं जिसके कारण संगम में स्नान के बाद इन शक्तिपीठों के दर्शन का महात्म है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..783de3bfbb44319aef9851a2af77ec0a5955af0b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75764.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +केदार दत्त, देहरादून। Uttarakhand Chamoli Glacier Burst हर आपदा कुछ न कुछ सबक जरूर सिखाती है। इस नजरिये से देखें तो सात साल पहले केदारनाथ त्रासदी में मिले जख्मों से खास और आम ने बड़ी सीख ली है। चमोली जिले में एक रोज पहले आई आपदा के बाद इससे निबटने के लिए सरकार व मशीनरी के साथ ही स्थानीय निवासियों में जो तत्परता, सजगता और संवेदनशीलता दिखी, वह यही बयां कर रही है। मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव व आला अधिकारी फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका में हैं तो केंद्र सरकार ने भी राज्य के प्रयासों को संबल देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। + +पीछे मुड़कर देखें तो केदारनाथ आपदा के बाद अगले दिन तक तो यही साफ नहीं हो पा रहा था कि वहां आखिर हुआ क्या। बचाव और राहत कार्य भी दो दिन बाद जाकर शुरू हो पाए थे। तब सरकार से लेकर सिस्टम तक में वह सक्रियता नजर नहीं आई थी, जो आपदा के बाद वक्त होनी चाहिए। वह तो शुक्र ये कि सेना के मोर्चा संभालने के बाद बचाव व राहत कार्यों में तेजी आ पाई। अब सात साल बाद केदारनाथ जैसी आपदा की पुनरावृत्ति चमोली जिले में हुई तो पिछली आपदा की सीख का असर साफ नजर आया। + +मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना के बाद घटनास्थल का दौरा कर बचाव कार्य में जुटी टीमों का हौसला बढ़ाया तो मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सचिवालय में मोर्चा संभाला। यही नहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार तपोवन में कैंप किए हुए हैं। यानी, सियासत और सरकारी मशीनरी से लेकर आमजन तक सभी हर मोर्चे पर सजग, तत्पर और संवेदनशीलता के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ef5dfbfe10b9a3f2ecdcdfc7b79e2f3adb5d816 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75765.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। देश की राजधानी दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमन को लेकर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कानूनों (विशेष प्रविधानों) के दूसरे अधिनियम, 2011 को फिर से बढ़ाने का फैसला किया है। इसे अब 2023 तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, इससे अनधिकृत कॉलोनियों के उन मकानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा, जो 2014 के बाद के बने हैं। क्योंकि, कानून में कट ऑफ डेट नहीं बढ़ाई गई है। इस मामले के जानकारों का कहना है कि जब कानून की मियाद तीन साल के लिए बढ़ाई जा रही है, तो कट ऑफ डेट भी बढ़ाई जानी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो दिल्ली में 50 हजार से अधिक मकानों पर तलवार लटकी रहेगी। + +केंद्र सरकार ने 2007 में अनधिकृत कॉलोनियों, झुग्गियों व पुरानी दिल्ली के वॉल सिटी एरिया को तोड़फोड़ से बचाने के लिए यह कानून पेश किया था। उस समय कट ऑफ डेट 2002 रखी गई थी। इसके बाद इस कानून को एक- एक साल के लिए बढ़ाया जाता रहा, लेकिन 2011 में इसे एक साल की जगह तीन तीन साल का विस्तार दिए जाने का प्रविधान किया गया। बाद में 2014 में जब मोदी सरकार आई तो इस कानून के तहत कट ऑफ डेट दिसंबर, 2014 कर दी गई यानी दिसंबर 2014 तक बने मकानों पर एक तरह से तोड़फोड़ पर रोक लगा दी गई। इसके बाद से तीन-तीन साल के लिए इस कानून को विस्तार दिया जा रहा है, लेकिन कट ऑफ डेट नहीं बढ़ाई गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb41edec89856742c190767f3c5de2d568b2dcae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जोकुलोप आइसलैंडिक शब्‍द है जिसको इंग्लिश भाषा से लिया गया है। इसकी शुरुआत Vatnajokull आइसलैंड (दुनिया का सबसे बड़ा आइसलैंड) से हुई थी, जो एक ज्‍वालामुखी के फटने से बना था। लेकिन बाद में इसको हर तरह के सब ग्‍लेशियर बर्स्‍ट से जोड़ दिया गया। ग्‍लेशियर लेक में पानी का स्‍तर हजारों क्‍यूबिक मीटर से लेकर लाखों क्‍यूबिक मीटर तक हो सकता है। टूटने पर इससे 15 हजार क्‍यूबिक मीटर प्रति सैकेंड की रफ्तार से पानी बह सकता है। ये वी आकार की घाटियों का निर्माण करता है, जो 50 मीटर तक गहरी हो सकती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1174b2486aa16e8c7f00af7d23c9482e623fdd33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां बच्चे गलती करते हैं तो सजा भी मिलती है, लेकिन सजा भी उन्हें सीख दे जाती है। उन्हें गलती करने पर सजा बतौर पौधा रोपना पड़ता है। इस पहल के परिणाम दिखाई देने लगे हैं। बच्चों को लगी बुरी आदतें अब छूटने लगी हैं। सागर के नरयावली नाके के पास झुग्गियों में रहने वाले बच्चे पहले जलती हुई चिताओं के पास खेलते रहते थे और शवयात्रा में फेंके जाने वाले सिक्के बीनकर गुजारा करते थे। इन बच्चों पर शहर के कुछ युवाओं की नजर पड़ी और उन्होंने श्मशानघाट में ही इन बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी और पर्यावरण पढ़ाना शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a3048b7c1800d68aa31445fe26e14fbd0ad9ffc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। देशभर में मौजूद प्रमुख हिंदू मंदिरों पर बढ़ते सरकारी नियंत्रण ने संत समाज की चिंता बढ़ाई है। संत समाज के मुताबिक यह परंपरा अंग्रेजों ने बढ़ाई और दुखद स्थिति यह है कि आजादी के बाद भी नौकरशाह और राजनेता अपने स्वार्थ लाभ के लिए इसे आगे बढ़ा रहे हैं। ।यह चिंता उत्तराखंड में चार धाम को कानून बनाकर राज्य सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में लेने से और बढ़ी है। अब संत समाज ने राज्य सरकारों के इन प्रयासों का मुखर तरीके से विरोध करने की तैयारी की है। इसे लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में राष्ट्रीय राजधानी में आचार्य महासभा की बैठक हुई। ।इस बैठक में देशभर से 200 से अधिक प्रमुख संत व धार्मिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल हुए। मंदिरों की प्रबंध व्यवस्था को लेकर इस तरह की यह पहली बैठक थी, जिसमें संत समाज ने देश के प्रमुख मंदिरों के प्रबंधन का काम सरकारों द्वारा अपने हाथ में लिए जाने पर चिंता जताई। बैठक में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाने का संकल्प लिया गया। इसके लिए केंद्र सरकार से मंदिरों का संचालन समाज के जरिये सुनिश्चित कराने के लिए कानून बनाने का अनुरोध करना भी शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..76dd3e691cb03dedb90e8a4a5721a0c908caaf78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सभी जिला मुख्यालयों पर बनेंगे मॉनिटरिंग स्टेशन : बचे सभी जिलों में मैनुअल मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन जिला मुख्यालयों पर बनेंगे। इनमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार पीएम-10, पीएम-2.5 के अलावा सल्फर डाइऑक्साइड व नाइट्रोजन डाइआक्साइड की जांच की जाएगी। यह जांच सप्ताह में दो दिन होगी। मैनुअल मॉनिटरिंग स्टेशन से वायु गुणवत्ता की जांच फिल्टर पेपर लगाकर की जाएगी। इसके बाद लैब में वायु गुणवत्ता के परिणाम आएंगे। सभी जिलों में नियमित जांच होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर तत्काल उसकी रोकथाम के उपाय किए जा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75779.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75779.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aca554d07162edf7ffbc4816f86fb01c8d2ec722 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75779.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, उत्तर प्रदेश में पिछले ढाई दशक के दौरान पांच बार पंचायत के चुनाव हुए हैं। पहली बार वर्ष 1995 में तो पंचायत का चुनाव मार्च-अप्रैल में हुआ, लेकिन उसके बाद के चार पंचायत चुनाव इन महीनों में नहीं हुए। राज्य निर्वाचन आयोग के रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2000 का पंचायत चुनाव मई-जून में, 2005 का जुलाई में शुरू होकर अक्टूबर तक चला। इसी तरह वर्ष 2010 में सितंबर-अक्टूबर में और पिछला यानी 2015 में पंचायत का चुनाव सितंबर से दिसंबर के दरमियान कराया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ff1217c8d9e7fe246035a554258b5210685aa97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75780.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे साइबर ठगी से बचें।एटीएम का पिन समय-समय पर बदलें। अनजान कॉल पर कोई एटीएम कोड की जानकारी न दें। मोबाइल पर आए पिन कोड की जानकारी किसी को न दें। गूगल पर कोई भी अनजान लिंक को सर्च न करें। एटीएम से पैसे निकालते समय किसी की मदद न मांगेंं। अनजान लोगों को किसी भी एप के माध्यम से पैसा न भेजेंं। एप को डाउनलोड करने से पहले उसकी जानकारी जरूर लें। किसी भी अनजान कॉल आने पर अकाउंट और आधार नंबर की जानकारी न दें। ।साइबर ठगी से जनता को बचाने के लिए नियमित रूप से चौकी स्तर पर साइबर जागरूकता गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही पेंपलेट बांटकर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आम लोगों जब जागरूक होंगे तभी साइबर ठगी से बचा जा सकता है। ।नरेशपाल सिंह, प्रभारी, साइबर थाना।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50c6307bca2b68afd2baca6d3a3cda1df241409c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75784.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हरीश तिवारी, ऋषिकेश। Uttarakhand Glacier Disaster उत्तराखंड में विकास परियोजनाओं, खासकर जल विद्युत परियोजनाओं और बांधों को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं, लेकिन टिहरी बांध ने जिस तरह दूसरी बार तबाही से लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाई उससे यह साबित हो गया कि पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखते हुए विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने में हर्ज नहीं है। + +वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान पानी रोककर टिहरी बांध ने मैदानी क्षेत्र में बड़ी तबाही टालने में अहम भूमिका निभाई थी। अब चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद एक बार फिर टिहरी बांध ने जान-माल की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभाई है। सूचना पर संज्ञान लेकर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड प्रबंधन ने न सिर्फ परियोजना में उत्पादन रोका, बल्कि बांध से छोड़े जाने वाले पानी को भी रोके रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9fdd686ccecf31322e02ac3f5662a8f7a38cff8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75787.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस समय बंगाल भाजपा के लिए एक प्रयोगशाला की तरह है जहां पार्टी पुराने फार्मूले पर चलते हुए कुछ नए प्रयोग करने में लगी है। वहीं इस मामले में तृणमूल भी पीछे नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ममता सरकार का चुनाव से महज कुछ माह पहले दुआरे (द्वार पर) सरकार और पाड़ा में समाधान (मोहल्ले में समाधान) अभियान है। वहीं भारतीय जनता पार्टी का और नहीं अन्याया, एक मुट्ठी चावल और अब परिवर्तन यात्र है। दोनों ही दलों की ओर से जनसंपर्क पर जोर दिया जा रहा है। + +ऐसे में आखिरी बाजी कौन जितेगा यह तो कुछ माह बाद पता चलेगा, लेकिन जा हालात इस समय बंगाल की सियासत में है उसमें ऐसा लग रहा है कि भाजपा और तृणमूल एक दूसरे को एक भी ईंच जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में चुनावी जंग में हिंसा की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि आक्रमकता में टकराव होना तय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5b07abbebee747d96bc448a066de0993aa99530 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75792.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उपद्रवियों को नोटिस देने पीलीभीत और शाहजहांपुर गई क्राइम ब्रांच की टीम।लाल किले में उपद्रव में शामिल चार ट्रैक्टरों के मालिकों को नोटिस देने शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम पीलीभीत व शाहजहांपुर गई। पुलिस के मुताबिक एक ट्रैक्टर पीलीभीत के पूरनपुर घुंघचाई क्षेत्र में रहने वाले ग्रंथी के नाम पर पंजीकृत पाया गया। ट्रैक्टर मालिक शहबाजपुर गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं। उनकी गैरमौजूदगी में वहां के एक सेवादार को पुलिस ने ग्रंथी के नाम का नोटिस सौंप दिया। उधर, शाहजहांपुर में भी तीन ट्रैक्टर मालिकों के घरों पर क्राइम ब्रांच ने नोटिस चस्पा दिए। पुलिस ने चमराबोझी गांव में अरशप्रीत सिंह, लक्ष्मीपुर में परमजीत सिंह, रामपुरकलां में जद¨वदर सिंह के घरों पर नोटिस चस्पा दिए। सभी को दस फरवरी तक जांच में शामिल होना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75793.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75793.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..306bafef9460408dde3499590f181df223cfae8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75793.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +याचिकाकर्ता नीता भारद्वाज ने 16 जनवरी, 2021 को साकेत कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। नीता भारद्वाज समेत अन्य ने दलील दी कि बतौर पुरुष कानूनी उत्तराधिकारी होने के कारण उन्हें पूजा सेवा करने की प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी जाए और वे प्रतिवादी कमलेश को उनका 1/6 शेयर दे देंगे। दलील दी कि महिला होने के कारण कमलेश को उनकी तरफ से पुजारी नियुक्त करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। + +पहली बार लागू हुआ महिला को मिला अधिकार। कमलेश के अधिवक्ता रोहित के नागपाल और दीपांशु गाबा ने बताया कि कालकाजी मंदिर मामले में पहली बार एक महिला का अधिकार लागू हुआ है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने इससे पहले यूएन भारद्वाज बनाम वाइएन भारद्वाज के मामले में वर्ष 2010 और वर्ष 2015 में भी आदेश दिया था, लेकिन दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के कारण लागू नहीं हो सका था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e9cc5b7754e4e36bc0b0b8f142571d8dae581e55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निहाल सिंह, नई दिल्ली। निगम की पांच सीटों पर चल रहे उप चुनाव के बीच भाजपा ने वर्ष 2022 में होने वाले निगम चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसको लेकर भाजपा के पार्षद आजकल रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में जुटे हुए हैं। वे न केवल वर्ष 2017 से लेकर किए गए कार्यो की जानकारी और तस्वीरें खंगालने पर लगे हैं। वहीं, निगम मुख्यालय से भी क्षेत्र में किए गए कार्यो की जानकारी निकलवा रहे हैं, ताकि एक वृहद रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जा सकें। ।दरअसल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने तीनों निगम (पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी) के भाजपा पार्षदों को अपने क्षेत्र का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सभी भाजपा पार्षदों को अपना रिपोर्ट कार्ड तैयार कर प्रदेश कार्यालय में उसकी प्रतियां तो जमा करानी भी होंगी। साथ ही क्षेत्र में कितने लोगों तक यह रिपोर्ट कार्ड पहुंचाया, यह जानकारी भी देनी होगी। भाजपा की कोशिश है कि पार्षद जनता के बीच अपने काम को बताएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75799.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75799.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbaf8be65dba57d10542d4ba27bcebc74c0e44a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75799.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों में किए गए प्रविधानों से कृषि विज्ञानी खासा उत्साहित हैं और खेती किसानी के आगे बढ़ने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण करार दे रहे हैं। साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिग को समय के हिसाब से उठाया गया एक उचित कदम बता रहे हैं। पिछले कुछ समय से कृषि कानून के हो रहे विरोध पर विज्ञानी का साफ कहना है कि यह कानून किसानों के हित में है, यदि कहीं संशोधन की आवश्यकता है तो उसके लिए भी सरकार तैयार है, ऐसे में शुरुआत में ही इसका विरोध अनुचित है। इन सभी मुद्दों पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान विज्ञानी डॉ. जेपीएस डबास से गौतम कुमार मिश्र ने बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश..। कृषि कानूनों से किसानों को कैसे लाभ मिलेगा?। -मोटे तौर पर कृषि कानूनों के तीन पहलू हैं। पहले में कांट्रैक्ट फॉर्मिंग की बात आती है। कांट्रेक्ट फॉर्मिंग हमारे देश के लिए कोई नई बात नहीं है। इस कानून में केवल इसे संगठित किया गया है। किसानों को यह अधिकार दिया गया है कि वे दिक्कत आने पर अब अधिकारियों के समक्ष दूसरे पक्ष की शिकायत कर सकेंगे। दूसरे पहलू में यह कानून किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी देता है। जहां किसान को अच्छी कीमत मिलेगी, अब वह वहां अपनी उपज बेचने को स्वतंत्र है। पहले यह आजादी नहीं थी। कानून का तीसरा पहलू किसानों को सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचाएगा। इसके अंतर्गत भंडारण को लेकर सीमा खत्म कर दी गई, लेकिन सवाल यह है कि व्यापारी जिस भी उपज का भंडारण करेगा, वह किसानों से ही तो खरीदेगा। कहीं न कहीं इसका लाभ किसानों को ही मिलेगा। आपको बता दें कि सरकार भी अपनी जरूरतों के लिए किसानों के साथ कांट्रेक्ट खेती का सहारा लेती है। उदाहरण के तौर पर राष्ट्रीय बीज निगम किसानों के साथ विभिन्न फसलों के बीज के लिए कांट्रेक्ट करता है। कांट्रेक्ट में बीज के लिए निर्धारित राशि बाजार भाव से अधिक होती है। देश के कई हिस्सों में किसान राष्ट्रीय बीज निगम के अलावा अपने-अपने राज्यों के बीज निगम के लिए भी उत्साह से कांट्रेक्ट फॉर्मिंग करते हैं। आप पता लगा लीजिए, इनमें से कितने किसानों की जमीनें गई हैं। यह केवल एक मनगढंत बात है। कांट्रेक्ट फॉर्मिंग का दायरा अब केवल सरकारी एजेंसी तक नहीं रहा। अब निजी क्षेत्र की कंपनियां भी इस क्षेत्र में आएंगी और इसका सीधा लाभ किसानों को ही मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8db0d8f1df478bf4a92db3f220b61c9b52eba28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। आलिया भट्ट और रणबीर कपूर ने परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में शादी कर ली। रणबीर के बांद्रा वाले घर वास्तु में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। आलिया भट्ट ने सोशल मीडिया पर शादी की तस्वीरें शेयर कर फैंस का इंतजार खत्म किया। जितना इंतजार लोगों को आलिया-रणबीर की कपल फोटो का था, उतनी ही बेकरार लड़किया, आलिया भट्ट के लहंगे को देखने के लिए थीं। पर आलिया ने सब्यासाची की डिजाइनर साड़ी पहनी थी। इस दौरान नो मेकअप लुक में एक्ट्रेस काफी प्यारी लग रहीं थीं। वहीं अब आलिया के इसी लुक को कंगना की कॉपी बताया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75803.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75803.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ac57ca6a4397c187c3fcae033c26e7cc6c33967 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75803.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साहिर की याद में होने वाले कार्यक्रम के लिए बनाना चाहते थे विशेष फंड।जगजीत ने फोन उठाया तो चमन ने सीधे सवाल किया कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कोई कार्यक्रम तो नहीं है? इस पर जगजीत भौंचक्के रह गए। उन्होंने कहा,'यार रात तीन बजे यह क्यों पूछ रहे हो और यह तो पीए से पूछ कर ही बता सकते हैं।' इस पर चमन ने फिर कहा कि अभी पीए को फोन पर पूछो और बताओ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23a131b523c9492ff58885cf582f31c7725fd574 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पश्चिम दिल्ली, गौतम कुमार मिश्र। Agriculture Reforms Bill 2020 नए कृषि कानूनों में किए गए प्रविधानों से कृषि विज्ञानी खासा उत्साहित हैं और खेती किसानी के आगे बढ़ने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण करार दे रहे हैं। साथ ही कांट्रेक्ट फार्मिग को समय के हिसाब से उठाया गया एक उचित कदम बता रहे हैं। पिछले कुछ समय से कृषि कानून के हो रहे विरोध पर विज्ञानी का साफ कहना है कि यह कानून किसानों के हित में है, यदि कहीं संशोधन की आवश्यकता है तो उसके लिए भी सरकार तैयार है, ऐसे में शुरुआत में ही इसका विरोध अनुचित है। इन सभी मुद्दों पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान विज्ञानी डॉ. जेपीएस डबास से बातचीत के मुख्य अंश..।कृषि कानूनों से किसानों को कैसे लाभ मिलेगा?।-मोटे तौर पर कृषि कानूनों के तीन पहलू हैं। पहले में कांट्रैक्ट फार्मिग की बात आती है। कांट्रेक्ट फार्मिग हमारे देश के लिए कोई नई बात नहीं है। इस कानून में केवल इसे संगठित किया गया है। किसानों को यह अधिकार दिया गया है कि वे दिक्कत आने पर अब अधिकारियों के समक्ष दूसरे पक्ष की शिकायत कर सकेंगे। दूसरे पहलू में यह कानून किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी देता है। जहां किसान को अच्छी कीमत मिलेगी, अब वह वहां अपनी उपज बेचने को स्वतंत्र है। पहले यह आजादी नहीं थी। कानून का तीसरा पहलू किसानों को सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचाएगा। इसके अंतर्गत भंडारण को लेकर सीमा खत्म कर दी गई, लेकिन सवाल यह है कि व्यापारी जिस भी उपज का भंडारण करेगा, वह किसानों से ही तो खरीदेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8edd82fcbf7bbc5ba3db793fa3f9985046a6f29a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75808.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजू मिश्र। Chauri Chaura Incident यह एक अकाट्य तथ्य है कि ब्रिटिश हुकूमत से भारत को आजादी न एक दिन में मिली और न किसी एक व्यक्ति ने दिलाई। न ही यह आजादी कुछ तारीखों की क्रोनोलॉजी है। न ही कुछ नेताओं के समूह के प्रयास का जादुई नतीजा। इनकी भी बड़ी भूमिका रही है, लेकिन आजादी के बाद केवल कुछ घटनाओं और कुछ व्यक्तियों को ही इस लड़ाई का सारा श्रेय देकर एक तरह से उस गौरवमयी आंदोलन को कम करके आंका गया, जिसमें न्यूनाधिक मात्र में प्रत्येक भारतीय ने अपने सपनों, संसाधनों और शरीर की समिधा दी। शताब्दी वर्ष मना रहा चौरी चौरा कांड भी एक ऐसी ही घटना है, जिसे कम करके आंका गया। यह सवाल है कि जानबूझकर या अनजाने में। लेकिन, यह पूर्ण सत्य है कि चौरी चौरा घटनाक्रम जन प्रतिरोध की प्रबल भावना की परिणति था। + +पिछले दिनों शताब्दी वर्ष के शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री ने सही कहा कि जन प्रतिरोध की इस घटना की जितनी चर्चा होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई। चौरी चौरा थाने में आग लगाने की घटना केवल आगजनी नहीं थी। यह लोगों के दिलों में लगी आग का प्रकट रूप था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सही कहा कि चौरी चौरा की घटना ने आजादी के आंदोलन की दिशा बदल दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5c865b3ba8190e6abe9426350470e4a25fcbd79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75810.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +राहुल लाल। नए विकास वित्त संस्था यानी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआइ) को सार्थक बैलेंस शीट तैयार करने में समय भी लगेगा। इस कारण डीएफआइ निर्माण प्रक्रिया में सरकार को सतर्कता बरतने के साथ देश में वित्त पोषण की समस्या को दूर करने के लिए दीर्घकालिक नीतिगत बाधाओं को भी दूर करना होगा। आज डीएफआइ के निर्माण का आकर्षण इस बात में है कि यह अल्पावधि में भी लाभदायक साबित हो सकती है। ऐसे में 20 हजार करोड़ रुपये मूल्य बैलेंस शीट वाला संस्थान बनाना मुश्किल नहीं है। असली चुनौती है इसके आकार को बड़ा करना। जब तक बैलेंस शीट कुछ लाख करोड़ रुपये की न हो, नया डीएफआइ अर्थव्यवस्था पर असर नहीं डाल पाएगा। + +हमारी अर्थव्यवस्था इस समय मंदी की चुनौती से जूझ रही है। ऐसे में व्यापक स्तर पर मांग में वृद्धि से ही अर्थव्यवस्था गतिशील होगी। डीएफआइ से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के हाथ में नकदी आएगी, लेकिन इसकी खुद धन जुटाने की क्षमता तय करेगी कि यह किस तरह का निवेश आकर्षित करने में सक्षम है। वास्तव में यह एनआइपी की तरह से परियोजना को धन उपलब्ध करा सका, तो देश में आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ अर्थव्यवस्था भी गतिशील होगी। + +अभी इस समय बैंक नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं, ऐसे में आधारभूत संरचना के लिए दीर्घकालिक धन डीएफआइ से आ सकता है। लेकिन जब तक डीएफआइ की पहुंच फंड के सस्ते अंतरराष्ट्रीय स्नोत तक नहीं होगी, तब तक इसके भविष्य पर सवाल उठते रहेंगे। इस कारण सरकार को नियमों में ढील देकर विदेशी दीर्घावधि पूंजी प्रदाताओं को आकर्षित करना होगा। विकासशील देशों में आधारभूत संरचना के वित्तपोषण के लिए विकास वित्त संस्थान के प्रयोग सफल और लोकप्रिय रहे हैं, मगर जब भारत में इसकी चर्चा होती है तो अतीत के कड़वे अनुभव स्मृति पटल पर उभरने लगते हैं। ।[आर्थिक मामलों के जानकार]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b13751a103844fd05c0ad0493e2b8933982c000c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा है कि सरकार की विशेष लक्ष्यों वाली नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन अर्थात एनआइपी को सरकार एवं वित्तीय क्षेत्र से वित्त पोषण बढ़ाने की जरूरत होगी। उन्होंने इसके समाधान के लिए संस्थागत ढांचा के सृजन, संपत्तियों के मुद्रीकरण और केंद्र एवं राज्य सरकार के बजट में पूंजीगत व्यय का हिस्सा बढ़ाकर इसका खाका तैयार किया है। इस तरह अवसंरचना विकास कार्यक्रम के लिए वर्ष 2025 तक अनुमानित 111 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय जरूरत को देखते हुए विकास वित्त संस्थान की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75812.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d3c89404f99ff4fd8f2d83cdb2cd52504bd8d04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पाकुड़ [ रोहित कुमार ]। लिट्टीपाड़ा की अनिता मुर्मू। कुछ माह पहले तक यह आदिवासी महिला खेतों में मजदूरी कर किसी प्रकार 100 से 200 रुपये के बीच कमाकर जीवन यापन कर रही थीं। बच्चों की पढ़ाई मुश्किल हो गई थी। वह स्नातक हैं। खाना बनाने में पारंगत भी। मन में आया कि होटल व्यवसाय शुरू किया जाए, लेकिन पूंजी नहीं थी। तब सरकार के स्टार्टअप ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम का सहारा लिया। बस, राह मिल गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..952e7d3a9820647537b520e0c7516e5b98f51dc8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75814.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, (अजय श्रीवास्तव)। दिनभर खेलकूद कर समय बिताने वाले मजदूरों के बच्चे अब सरस्वती वंदना कर सकेंगे। यह बच्चे नगर निगम के कान्हा उपवन में मजदूरी कर रहे अपने परिवार के साथ रहते हैं। इन 82 बच्चों की पढ़ाई का खर्च नगर निगम उठाएगा। खास बात यह है कि इन बच्चों को लाने ले जाने के लिए बस का भी इंतजाम होगा। यह बच्चे नगर निगम के महात्मा गांधी मार्ग पर बने चिल्‍ड्रेन पैलेस में पढ़ाई करेंगे। यहां प्ले स्कूल भी है। नर्र्सरी व केजी तक चलने वाले नगर निगम के इस स्कूल की अलग पहचान है। यहां बड़े परिवारों के बच्चे भी पढ़ते हैं। बड़े बच्चों को नगर निगम अपने अन्य स्कूलों में पढ़ाएगा। + +यह बच्चे अपने पिता के साथ ही कई वर्षों से कान्हा उपवन में रहकर मजदूरी कर रहे हैं। यह खुद से ही थोड़ा-बहुत पढ़ते हैं, लेकिन अब उन्हें अन्य बच्चों की तरह स्कूल में पढ़ाया जाएगा। उन्हें कान्हा उपवन से स्कूल लाने और ले जाने के लिए बस का भी इंतजाम किया जाएगा। कोशिश हो रही है कि उन्हें जल्द ही स्कूलों में दाखिल दिला दिया जाए। -अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc4d3c8e1474011760f3f062f2dd47347bb76d9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75816.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +गाना गाकर बढ़ाया साथियों का हौसला।रविवार सुबह रोजाना की तरह तपोवन जल विद्युत परियोजना में मजदूर और कर्मचारी काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक सैलाब आ गया। परियोजना की टनल में 12 मजदूर व कर्मचारी भी कार्य कर रहे थे। ये मजदूर व कर्मचारी साढ़े छह घंटे तक टनल के अंदर ही जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे। टनल के अंदर काम कर रहे बिहार निवासी नरेंद्र कुमार गौतम का इलाज भी आइटीबीपी के जोशीमठ स्थित अस्पताल में चल रहा है। + +साभार @ITBP_official pic.twitter.com/VQpU4EEkBH।आपबीती सुनाते हुए गौतम बताते हैं, टनल के अंदर काम करने के दौरान उन्हें ‘बाहर निकलो, बाहर निकलो’ की आवाज आई। इसी दौरान टनल में पानी के साथ मलबा भी आ गया। देखते ही देखते टनल में तीन मीटर ऊंचाई तक पानी व मलबा भर गया। हमने टनल के ऊपर लगी सरिया पकड़कर खुद को बचाया। नरेंद्र बताते हैं, टनल के अंदर फंसे सभी लोग काफी डर गए थे। इसके बाद मैंने गाना गाकर उनका मनोबल बढ़ाया। जब आइटीबीपी जवानों ने हमें टनल से बाहर निकाला तब जाकर हमने राहत की सांस ली। + +भगवान बनकर आए आइटीबीपी के जवान।वहीं टनल के अंदर से मौत को मात देकर निकलने वाले जोशीमठ के नृसिंह मंदिर निवासी राकेश भट्ट बताते हैं, वह टनल के अंदर काम कर रहे थे। धीरे-धीरे टनल में पानी बढ़ता गया और बाहर आने का रास्ता भी बंद हो गया। कुछ लोग टनल में काम में लगी मशीन के ऊपर चढ़ गए। एक कर्मचारी के पास मोबाइल था, उसकी टार्च भी टनल के अंदर सहारा बनी। वह आइटीबीपी के जवानों का शुक्रिया अदा करते हुए कहते हैं कि आइटीबीपी हमारे लिए भगवान से कम नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..201016448c345e563b1f337acaa93b84308275d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [धर्मेंद्र मिश्रा]। राजधानी में वैलेंटाइन डे का इंतजार न केवल प्रेमियों को है बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को भी है। 16 जनवरी से चलाए गए वैक्सीनेशन अभियान का पहला चरण लखनऊ में पूरा किया जा चुका है। अब कोरोना वायरस को हराने के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनने के लिए सभी को 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे का इंतजार है। जानिए क्‍या है पूरा मामला... ।प्रदेश भर में वैक्‍सीनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत भी हो चुकी है। पहले चरण में अब तक 51000 स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 32 हजार से अधिक को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 16 जनवरी को पहले दिन 12 सौ स्वास्थ्य कर्मियों के सापेक्ष 845 का टीकाकरण किया गया था। अब पहली डोज पा चुके इन सभी डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज पाने के लिए वैलेंटाइन डे का इंतजार है। इसके बाद शरीर में सर्वोत्कृष्ट(ऑप्टिमल) एंटीबॉडी का निर्माण हो सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में आंशिक एंटीबॉडी का निर्माण तो पहली डोज लगने के बाद से ही शुरू हो जाता है, लेकिन कोरोना वायरस से जंग के लिए सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी का मौजूद होना जरूरी है। इसलिए पहले डोज लगने के 28 वें दिन दूसरी डोज भी सभी को दी जा रही है। दूसरी डोज लगने के 14 दिनों बाद यानी पहली डोज के 42 वें दिन तक सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी शरीर में बन पाती है। इसलिए 16 जनवरी को पहली डोज लगवा चुके स्वास्थ्य कर्मियों को अब दूसरी डोज 28 दिन बाद वैलेंटाइन डे को यानी 14 फरवरी को लगाई जाएगी। उसके बाद सर्वोत्कृष्ट एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। ।लोहिया संस्थान में कोरोना के नोडल प्रभारी डॉक्टर पीके दास कहते हैं कि पहली डोज लगने के बाद ही आंशिक एंटीबॉडी शरीर में बनने लगती है, लेकिन हर वायरस के मामले में एंटीबॉडी की जरूरत भी अलग-अलग होती है। कोरोना के मामले में शरीर में ऑप्टिमल एंटीबॉडी का होना जरूरी है। इसलिए दूसरी डोज भी दी जा रही है। ताकि कोरोनावायरस से जंग के लिए शरीर में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त मात्रा में हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58f25628dca9c7bd8f80d19139d25b68b74a339e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ दर्द भरी कहानी।अपट्रॉन इंडिया लिमिटेड उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन की एक इकाई थी और इसका स्वामित्व राज्य सरकार के पास था और तब अपट्रान में करीब 22 सौ कर्मचारी कार्यरत थे,जिस स्पीड के साथ अपट्रान टीवी का शोर मचा था, उसी तरह से उनकी बंदी भी दर्द भरी रही थी। वर्ष 1990 के बाद अपट्रान टीवी कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होती गई। प्रदेश सरकार, यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन और अपट्रान प्रबंधन ने और 1994 में अपट्रान को बीमार घोषित कर दिया था। कंपनी को बोर्ड ऑफ इंडस्ट्रियल एंड फाइनेशियल रिकंस्ट्रक्शन (बीआईएफआर) को भेज दिया था। कंपनी के पास कार्यशील पूंजी और कर्मचारियों को भुगतान करने का वर्ष 1997 में आर्थिक संकट आ गया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कार्यशील पूंजी के लिए कंपनी को पांच करोड़ रुपये मदद को दिए थे लेकिन समय के साथ कर्मचारियों के सामने वेतन का संकट छा गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75821.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9463d0571479f23f0c1e42b9ce001f29549a634 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75821.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, पुष्पेंद्र कुमार। अगर किसी काम को करने के लिए जुनून हो तो कामयाबी मिल ही जाती है। इसे साबित किया है त्रिलोकपुरी निवासी दिव्यांग तीरंदाज 30 वर्षीय मुहम्मद मुकीम ने। उन्हें देखकर विश्वास नहीं होता कि वह इतने दर्द, तड़प, उलाहना सहकर आगे बढ़े होंगे। शारीरिक चुनौतियों का सामना करते हुए मुकीम ने तीरंदाज के तौर पर भविष्य को चुना, बल्कि अन्य दिव्यांग बच्चों की प्रेरणा भी बन रहे हैं। + +उन्होंने बताया कि परिवार में पिता जमील अहमद, माता मुखिदा बेगम के अलावा चार भाई व एक बहन हैं। माता-पिता अक्सर बीमार रहते थे। परिवार के पालन पोषण के चलते पढ़ाई के साथ तीरंदाजी का अभ्यास भी बीच सफर में ही छोड़ना पड़ा। इतने रुपये नहीं हुआ करते थे कि किसी तीरंदाजी सेंटर में जाकर अपनी तैयारी को बरकरार रखा जा सके। परिवार की आíथक स्थिति को देखकर महज 12 साल की उम्र से ही एक दर्जी की दुकान पर सिलाई का काम सीखा। फिर उसी दुकान पर तीन हजार रुपये प्रतिमाह पर काम भी किया। दिन-रात काम कर कुछ रुपये जुटाकर उन्होंने लकड़ी का साधारण सा रिकर्व धनुष खरीदा। उसी धनुष से तैयारी कर एक राष्ट्रीय तीरंदाज बने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d1c0c45659f941bbdb7f71e4bfca30f81445ed6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि किसी भी राशि में जब भी पांच ग्रह से या फिर उससे अधिक ग्रह एक साथ होते हैं तो इससे देश दुनिया में कई बदलाव देखने को मिलते है। साथ ही मौसम में भी बदलाव देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति में व्यापार से जुड़े लोगों को संघर्ष और आध्यात्म से जुड़े लोगों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस बदलाव से कभी-कभार अच्‍छे संकेत भी होते हैं तो कभी बूरा असर भी पड़ता है। लेकिन ज्‍योतिषाचार्यों का मानना है कि इस बार इसका बूरा असर देखा जा स‍कता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18119fc5e3248eef41c82d48b83d837ab3d91ce9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75824.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। चीन के यान तिआनवेन-1 ने दो दिन पहले मंगल ग्रह की पहली ब्‍लैक एंड व्‍हाइट तस्‍वीर भेजी थी। ये तस्‍वीर निश्चित तौर पर इस बात का भी सुबूत थी कि ये यान सफलतापूर्वक अपनी राह पर आगे बढ़ रहा है। जुलाई में छोड़ा गया ये यान इस माह मंगल के ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। इसके लिए वैज्ञानिक इसकी गति को धीमा करेंगे जिससे इसके आगे की राह आसान हो सके। आपको बता दें कि चीन के इस यान के पीछे यूएई का होप भी है। इसके भी इस माह तक मंगल के ऑर्बिट में पहुंचने की उम्‍मीद है। ये मिशन इसलिए बेहद खास है क्‍योंकि किसी भी अरब देश का ये पहला मंगल मिशन है। आपको बता दें कि मंगल ग्रह के लिए अब तक कुल 49 मिशन हुए हैं। इनमें से आधे या शायद उससे भी ज्‍यादा नाकाम हुए हैं। क्‍या आपको ये पता है कि जिस मंगल ग्रह को जानने के लिए इतने यान भेजे जा चुके हैं उसकी शुरुआत कब और किसने की थी। यदि नहीं तो हम आपको इसका जवाब आज देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03020ed7a696d14e7fb21e073628358541caef81 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोषक तत्वों से भरपूर है सहजन।बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विवि के वनस्पति विज्ञान विभाग विभागाध्यक्ष डा.अश्विनी दीक्षित का कहना है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिसर्च अभी जारी है। प्रारंभिक परीक्षण से पता चला है कि सहजन में सभी तरह के पोषक तत्व हैं। वनस्पति नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। इसमें मल्टीविटामिन, एंटी आक्सीडेंट, दर्द निवारण गुण और एमिनो एसिड पाए जाते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba6e4a5f184839fdf4a130ef1c390d04159fb3b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75828.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। ग्लोबल वर्मिंग की वजह से आर्कटिक इलाके में बर्फ का पिघलना लगातार जारी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस तरह से बर्फ पिघलती जा रही है उससे ये अपना रिकार्ड तोड़ देगी। नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के शोधकर्ताओं ने कहा कि 15 सितंबर को ये संभावना थी कि बर्फ सबसे अधिक पिघल जाएगी। रिसर्च में ये चीज देखने को मिली। अभी तक यहां 1.44 मिलियन वर्ग मील महासागर का इलाका बर्फ से ढंका था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7583.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7583.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4deb0c1a157db98da6a589ba6a50bb0a84866bff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7583.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl सुहाना खान ने एक और लड़की के साथ मिलकर एक विदेशी लड़के को किस करते हुए पोज दिया हैl उनकी यह तस्वीरें ऑनलाइन लीक हुईं है और बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैl इन तस्वीरों में उनके अलावा और भी कई लड़कियां नजर आ रही हैl सुहाना खान के अलावा एक और लड़की फोटो में किस करने के अंदाज में पोज दे रही हैl दोनों भी एक ही लड़के को किस करते हुए पोज दे रही हैl वहीं फोटो में दो अन्य लडकियां कैमरे में देख रही हैl।शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान इन दिनों अमेरिका में हैl वहां वह फिल्म मेकिंग की पढ़ाई कर रही हैl इसके अलावा वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl वहीं सुहाना खान की कई तस्वीरें इंटरनेट पर लीक भी होती हैं जो कि उनकी फ्रेंड्स द्वारा की जाती हैl इन तस्वीरों में सुहाना खान अलग-अलग अंदाज में नजर आती हैl इसके चलते उनकी यह तस्वीरें बड़ी तेजी से वायरल होती हैl अब सुहाना खान की एक नई तस्वीर लीक हुई हैl इसमें उन्हें अपने दोस्तों के साथ देर रात पार्टी करते हुए देखा जा सकता हैl।फोटो में सुहाना खान के अलावा तीन और लड़कियां नजर आ रही हैंl इनमें से उनके अलावा एक और लड़की को एक विदेशी लड़के को किस करते हुए पोज देते हुए देखा जा सकता हैl उनकी यह तस्वीर काफी पसंद की जा रही हैl फोटो में विदेशी लड़का हंस रहा हैl वहीं सुहाना खान किस करने का पोज दे रही हैl इसमें वह काफी ग्लैमरस लग रही हैंl उनके बाल खुले हुए हैंl उन्होंने ब्लैक कलर की ड्रेस पहन रखी हैl उन्होंने हल्का मेकअप भी कर रखा हैl उन्होंने गले में एक नेकलेस भी पहन रखा हैl वहीं शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान के अन्य दोस्त भी फोटो में नजर आ रहे हैंl।सुहाना खान की एक और तस्वीर वायरल हो रही हैl इसमें वह न्यूयॉर्क की सड़कों पर टैक्सी का इंतजार करती नजर आ रही हैंl सुहाना खान ने डिजाइनर हैंड बैग ले रखा है और वह कार का वेट कर रही हैl शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान बॉलीवुड के पसंदीदा स्टार किड्स में एक हैl वह एक्ट्रेस बनना चाहती हैंl इंस्टाग्राम पर उनके लाखों चाहने वाले हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75830.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75830.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ed65731e3b3a8ca84a3d65c3f1b9c23df01b4f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75830.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कांगड़ा , नवनीत शर्मा। यह होशवालों को बेखुदी का अर्थ समझाते हुए और अंत में ‘हम्म हा हा हा हा हा’ से रूहों को सींचते जगजीत सिंह के जन्मदिन (8 फरवरी) का मौसम है। यह बीकानेर और श्रीगंगानगर से निकली बात के दूर तलक जाने और बरकरार रहने की ऋतु है। यही मौसम है यह सोचने का कि अगर जगजीत होते तो शायद किसी लाइव कांसर्ट में ‘ठुकराओ अब के प्यार करो, मैं नशे में हूं’ सुनाते और फिर अपनी आदत के मुताबिक ‘मैं नशे में हूं’ के स्थान पर ‘मैं अस्सी का हूं’ गाते। सत्तर के हुए थे तो कुछ जगह गाया था, ‘मैं सत्तर का हूं।’।दरअसल मोह लेने और जीत लेने में बहुत अंतर होता है। मोह लेना कला है, जीत में युद्ध का तत्व रहता है। जगजीत सिंह भले ही जगमोहन से जगजीत हो गए थे, लेकिन सुनने वाले को मोह लेने का काम उन्होंने हर विधा में किया। गजल गायन जैसी विधा में इतना मोह भर दिया कि आम आदमी में भी गजल को छू लेने का जज्बा पैदा हो गया। मुंबई जैसे बड़े समंदर में खो न जाएं, इसलिए आरंभ में जिंगल्स पर निर्भर रहे। उसके बाद गजलें गाईं, कुछ फिल्मों में संगीत दिया और पाश्र्व गायन किया। जब गजल के बेताज बादशाह बन चुके थे तो तलत महमूद और मुकेश जैसे अपनी पसंद के गायकों और आदर्शो के गीत भी गाए और नाम दिया ‘क्लोज टू माई हार्ट।’।तस्वीर सौजन्य: मिड डे।इस पूरी यात्र में एक विधा और थी जिसमें उन्होंने खुद को समर्पित किया। वह थी- भजन गायन। बेशक उनके लिए यह क्षेत्र भी नया नहीं था क्योंकि उनकी कई गजलों में धार्मिक या समर्पण का रंग दिखता रहा। कभी वह ‘उम्र जलवों में बसर हो यह जरूरी तो नहीं’ गाते हुए अजान का प्रभाव देने लगते थे तो कभी ‘सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज दुआ से, इक रोज तुम्हें मांग के देखेंगे खुदा से’ गाते हुए भजन का रंग बिखेरते। इस गजल की स्वर रचना ही ऐसी है कि सुनने वाला भजन का आनंद लेता है। निदा फाजली के दोहे और ‘गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला’ या ‘दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है’ में भजन या प्रार्थना का तत्व भरपूर है। + +चूंकि जगजीत सारी तकनीक छोड़कर भावप्रधान गायन से सबके दिल में प्रवेश ही नहीं करते हैं, हमेशा के लिए आसीन भी हो जाते हैं। इसीलिए जगजीत कहीं नहीं गए हैं, वे यहीं हैं। कहते हैं न कि शरीर तो सराय का पथिक है, जो आया है तो सबका जाएगा.. पर उसके अलावा जहां भी, जो भी और जैसे भी जगजीत हैं, उन्हें कहीं जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे जगजीत सिंह की सांगीतिक स्मृति को नमन!।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75831.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75831.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5f4d533e4e956b4b481a502f15d5ef8708918bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75831.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशेषज्ञ की राय ।भू-गर्भ वैज्ञानिक डा. अबरीश महाजन का कहना है फरवरी में हाेने वाली बर्फबारी से पहाड़ों में इस तरह से हिमस्ख्लन का खतरा शुरू से ही रहता है। ऐसे कई उदाहरण है कि फरवरी में हुई बर्फबारी से हिमस्खलन हुआ हो। हिमाचल में भी कई ऐसे पास हैं, जहां हिमस्खलन हो सकता है। इसे रोकना तो संभव नहीं है, लेकिन ऐसे प्रयास किए जा सकते हैं कि इससे नुकसान कम किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75832.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75832.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a027640099739a749666631fabec4f62517a6fb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75832.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर अनिल कुंबले ने पाकिस्तान की पूरी पारी को आउट कर दिया। कुंबले ने अकेले दस विकेट हासिल किए। 7 फरवरी 1999 को ये इतिहास रचा गया। हालांकि, पूर्व भारतीय क्रिकेटर बताते हैं कि आखिरी विकेट से पहले उनके ऊपर दबाव था। भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान कमेंट्री पैनल में शामिल वीवीएस लक्ष्मण ने इस बात का खुलासा किया है कि भारतीय खिलाड़ी दबाव में थे। + +वीवीएस ने स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कहा कि मेरे पर, सौरव गांगुली पर और राहुल द्रविड़ पर दबाव था कि किसी अन्य गेंदबाज की गेंद पर कैच नहीं लेना है, क्योंकि अनिल कुंबले 9 विकेट चटका चुके थे। इसके अलावा ये भी दबाव था कि अनिल कुंबले की गेंद पर क्लोज फील्डर होने के नाते हमें कैच पकड़ना ही पकड़ना है। यही हुआ भी, लेकिन एक बार सदगोपन रमेश लगभग कैच पकड़ बैठे थे, लेकिन कुछ ही पलों के अंदर उन्होंने कैच ड्रॉप कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99902a73c25e7c2e57517020b08deec852544ad7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाटकेश्‍वर महादेव मंदिर का निर्माण आज से 125 साल पहले गुजरात से आए ब्राह्मणों ने कराया था। तब से यह मंदिर श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना है। हाटकेश्वर महादेव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम गुजरातियों के कुल देवता भी हैं, जिनका जिक्र पीएम मोदी ने अपने उद्बोधनों में कई बार करते भी हैं।  । शहर के जीरो रोड पर है 125 साल पुराना शिव मंदिर।शहर के जीरो रोड चौराहे के पास प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। हाटकेश्वर महादेव नाम के इस मंदिर की स्थापना 125 साल पहले 1895 में हुई थी। गुजरात से आए नागर ब्राह्मणों ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। मंदिर में नर्मदेश्वर महादेव लिंग स्थापित हैं। सावन मास व महाशिवरात्रि के रोज हाटकेश्वर महादेव का दर्शन व पूजन करने उत्तर प्रदेश ही नहीं गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उड़ीसा से भारी संख्या में शिवभक्त आते हैं। सावन महीने में प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का बहुरंगी पुष्पों से भव्य शृंगार करने के अलावा मंदिर परिसर में विविध धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..918726deb9836769c1336993cad5622f251f6536 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75835.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बारिश में खराब नहीं होंगे टर्न स्टाइल गेट।रेवती के बाड़े में लगे टर्न स्टाइल गेट पर बारिश के समय बौछार पहुंचती हैं, जिससे उनके खराब होने का अंदेशा रहता है। एएसआइ ने गेट के ऊपर शेड लगवा दिया है, जिससे अब बारिश का पानी टर्न स्टाइल गेट तक नहीं पहुंचेगा। यहां बने लाकर रूम के ऊपर भी पर्यटकों की सुविधा को शेड लगा दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab5534e1f918ea4bb3f1c49d8c931604f93ac638 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसीडी) स्विच दिल्ली अभियान के इंटरनेट मीडिया हैंडल का उपयोग कर दिल्लीवासियों को ईवी के पर्यावरण और वित्तीय लाभों के बारे में जागरूक करेगा। डीडीसीडी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह का कहना है कि इलेक्टिक वाहनों के बारे में लोगों के सवालों और गलत धारणाओं का जवाब भी इन प्लेटफार्म पर जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया इस अभियान को जन आंदोलन बनाने में एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली की इलेक्टिक वाहन नीति भारत में सबसे अधिक प्रगतिशील और विश्वस्तर पर सबसे अच्छी इलेक्टिक वाहन नीति है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71c18aab8e1f9375ae930322694011d9114cc29a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। समाज में बहुत से ऐसे लोग होते है, जो दूसरों के लिए जीने में विश्वास रखते है। कुछ ऐसे ही हैं मयूर विहार फेज तीन निवासी हिमांशु डेढा। उनका कहना है कि देशव्यापी महामारी कोरोना के चलते लाकडाउन में आम जनता के साथ असहाय लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हिमांशु ने कहा कि लाकडाउन में अधिकतर लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ घरों में आराम से रहे, वहीं ज्यादातर कालोनी में सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशु भोजन और पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने को मजबूर हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75843.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75843.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab8ca8a2490b3812537dcd5aa05001cef1037b37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75843.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोरोना की वैश्विक महामारी के बाद पेश पहले बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश को भविष्य में स्वास्थ्य आपदा से निपटने के लिए तैयार करने की रूपरेखा पेश की। 2020-21 के आर्थिक सर्वेक्षण की सिफारिश करते हुए बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 137 फीसद की बढ़ोतरी की गई। बढ़े हुए बजट से पूरे देश में प्राइमरी (प्राथमिक), सेकेंडरी (द्वितीयक) और टर्सियरी (तृतीयक) स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही महामारी की पहचान और जांच के लिए अत्याधुनिक ढांचा तैयार किया जाएगा। + +पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत के नाम से योजना का ऐलान।निर्मला सीतारमण के अनुसार सरकार की कोशिश सिर्फ बीमारियों के बेहतर इलाज का ढांचा तैयार करना नहीं है, बल्कि बीमारियों को होने के पहले से रोकने के उपायों पर समान रूप से जोर दिया जाएगा। वहीं, आम जनता के स्वस्थ्य सुखी जीवन के लिए 2018 में आयुष्मान भारत योजना के तहत खोले जा रहे हेल्थ और वेलनेस सेंटर के ढांचे को भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत ढांच के निर्माण के लिए 'पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ्य भारत' के नाम से नई योजना का ऐलान किया। अगले छह साल में इस योजना पर 64,180 करोड़ रुपये का व्यय आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75846.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75846.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a864e6399f810b0c1117e47200c4ecb2e03aff34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75846.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand News, Cyber Frauds in India, Jamtara Cyber Crime in Jharkhand अलग-अलग तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक  खातों से माल उड़ाने वाले शातिर साइबर ठगों की नजर अब सरकारी खजाने पर भी है। साइबर ठग अब क्लोन चेक के जरिये सरकारी खातों से करोड़ों रुपये उड़ा रहे हैं। झारखंड में एक-एक कर लगातार तीन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। पहला मामला गढ़वा में सामने आया, जहां  भू-अर्जन विभाग के बैंक खाते से साइबर ठगों ने 12 करोड़ 60 लाख रुपये की रकम उड़ा ली। जिले के खरौंधी थाना क्षेत्र में बनने वाले डोमनी बराज में जमीन अधिग्रहण के दौरान जिन रैयतों की जमीन ली गई थी, उन्हें बतौर मुआवजा यह रकम दी जानी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75848.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75848.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e0feab11cce1d526414bb03af09d620735aab93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75848.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजस्थान व हरियाणा से बाहर नहीं ले जा सकते ऊंट: रेंजर अनिल ने बताया कि ऊंट हरियाणा और राजस्थान में खरीदे बेचे जाते हैं। यहां यह वैध है, लेकिन इन्हें इन राज्यों से बाहर नहीं ले जाया जा सकता लेकिन बेधड़क तस्करी चल रही थी। गुरुवार को चालक, खलासी, श्रमिक व छह तस्करों पर पशु क्रूरता,आपराधिक षड्यंत्र कर ऊंटों की तस्करी, जानवरों के साथ मारपीट, ठगी का मामला दर्ज हुआ है। इसमें बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के चापाहाट और मालदा के भादो गांव के सात-आठ लोग शामिल हैं। सभी तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e88913073234a621790b2038732c331e2a5e6e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75849.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पुलिस ने रखा है एक लाख का इनाम।दिल्‍ली क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की कई टीमों को दीप सिद्धू की तलाश में लगाया गया है। इसी कड़ी में उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है। बता दें कि ट्रैक्‍टर रैली के दौरान हुई हिंसा में शामिल आरोपितों की तलाश के लिए पुलिस ने 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के इनाम की घोषणा की है। इन नामों में गुरजोत सिंह, जुगराज सिंह, दीप सिधू और गुरजंत सिंह पर एक लाख का इनाम का रखा गया है। वहीं, जगबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इकबाल सिंह पर 50 हजार रुपये का इनाम है। कोई भी शख्‍स अगर इन शख्‍स के बारे में जानकारी देता है तो उसे यह राशि मिलेगी। + +कौन है दीप सिद्धू।बता दें कि दीप सिद्धू एक पंजाबी एक्‍टर है बाद में  किसान आंदोलन से जुड़ कर किसानों से जुड़े मुद्दे उठाने लगा। वह सिंघु बॉर्डर पर पहुंच कर लगातार एक्‍टिव होकर किसानों से बात करने लगा। इसके कुछ समय बाद ही सिद्धू ने किसान नेताओं के फैसले पर सवाल उठाने लगा। किसान नेताओं ने उसे अलग कर दिया तब वह वहीं जिसके बाद उसे अलग कर दिया गया। किसान नेताओं ने उससे दूरी बना ली तब अलग मंच बना कर लोगों को जुटाने लगा। किसान जब ट्रैक्‍टर मार्च निकालने की बात कह रहे थे तब वह भी इसमें शामिल होने की बात कहा मगर यहां पर जब दिल्‍ली पुलिस के निर्धारित रूट पर परेड निकालने की बात हुई तो वह अगल सुर अलापने लगा। उसका कहना था कि वह आउटर रिंग रोड पर ही ट्रैक्‍टर परेड निकालेगा। इसके बाद 26 जनवरी को युवाओं को अपने भाषण से प्रभावित कर उन्‍हें दिल्‍ली में घुसने के लिए उकसा दिया। इसके बाद स्‍थिति बदलती चली गई और उग्र लोगों का जत्‍था लाल किले तक पहुंच गया। इसके बाद से ही दिल्‍ली पुलिस इसकी तलाश कर रही है। इधर किसान नेताओं ने यह कह दिया है कि वह इसके साथ नहीं हैं। + +मामला बढ़ने पर दीप सिद्धू ने दी सफाई।लाल किले की घटना के बाद जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो सिद्धू रात को फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बात रखने की कोशिश में जुट गया। उन्होंने कहा, "हमने कोई झंडा नहीं उतारा, बल्कि अपना निशान साहिब और किसान मजदूर एकता का झंडा वहां लहराया। यह पूरी संगत का गुस्सा था, ना कि मेरे अकेले की कार्यवाही। मैंने किसी को आगे नहीं बढ़ाया। यह सब जोश-जोश में हुआ। किसी को उकसाया नहीं गया।"।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75851.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75851.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b423b0d45a90c8e8c214c140685036d3ec368c6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75851.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा में पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में सिर्फ पत्नियां ही नहीं अपनी शिकायत लेकर पहुंच रही हैं। अब पति भी परिवार परामर्श केंद्र की शरण ले रहे हैं। अपनी शिकायतें लेकर आ रहे हैं। आगरा के पतियों को पत्नियों की सात बातें पसंद नहीं हैं। इसे लेकर अक्सर उनके बीच झगड़ा होता है। कभी यह झगड़ा परिवार के लोग आपस में बैठकर सुलझा देते हैं। कभी-कभी विवाद इतना बढ़ता है कि मामला पुलिस तक पहुंच जाता है। ऐसे मामलों में पीड़ित पति को पुलिस परिवार केंद्र भेज देती है। यहां पर काउंसलर उनके रिश्तों मे पड़ रही गांठ को खोलने का प्रयास करते हैं। शादी के समय पति के साथ सात फेरे लेने वाली पत्नियों को पुलिस और काउंसलर के सामने रिश्ते को बचाने और भरोसा कायम रखने के लिए आठवां वचन देना होता है। पिछले वर्ष 300 से ज्यादा मामले परिवार परामर्श केंद्र और महिला थाने पहुंचे। इनमें दस फीसद शिकायत करने वाले पति थे। कांउसिलिंग के दौरान पत्नी से झगड़े की सात बातें सामने आईं जो आगरा के पतियों को नहीं पसंद थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75852.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75852.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67b08d3a10922417bd4c905e933a18991fb055a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75852.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अविनाश निराला, रोह (नवादा)। रूपौ थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव निवासी शिक्षक राजेंद्र प्रसाद के पुत्र राहुल कुमार ने अपने घर की छत पर ग्रीन डिजायर हाइड्रोपोनिक प्लांट (Green Desire Hydroponic Plant) लगाकर प्रतिभा दिखाई है। इस विधि से औषधीय पौधे लगाए। शिक्षक पुत्र ने अपने घर के छत पर ग्रीन डिजायर हाइड्रोपोनिक प्लांट को खड़ा करके लेट्यूस(lettuce), पाकचॉय (Pak Choi), बैसिल(Basil), कैले जैसे कई पोष्टिक तत्वों से भरपूर औषधीय पौधे के अलावा हरी पत्तियों वाली सब्जियां उगाई। ।यूट्यूब देखकर मिली प्रेरणा ।राहुल ने बताया कि इसकी प्रेरणा यूट्यूब (Youtube) से मिली। इसके बाद  बीज भी ऑनलाइन (Online) मंगाया क्योंकि इन सब्जियों का बीज स्थानीय बाजारों में उपलब्ध नहीं है। इन हरी पत्तियों का इस्तेमाल महंगे होटलों के साथ-साथ देशी-विदेशी खाद्य पदार्थों में सलाद एवं साग सब्जी के रूप में शामिल करके आंत कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हर्ट डिजीज जैसे कई जानलेवा बीमारियों से बचाव होता है। इन्होंने महंगे बर्गर में डाले जाने वाला लेट्यूस का पौधा भी उगाया। स्वैच्छिक प्रोजेक्ट की परिकल्पना राहुल की प्रतिभा एवं कौशल विकास का साहसिक प्रमाण है। इन पत्तियों को बेचकर बीस से पच्चीस हजार रुपए मासिक तक आसानी से कमाई की जा सकती है। इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि पत्तियों को फिल्टर पानी पर ऑक्सीजन देकर जैविक विधियों से उगाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f3d7beb2bd46716ce46b5cb430935b4bd7115da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Red Fort Violence में बड़ा खुलासा, फरार Deep Sidhu का FB पोस्ट विदेशी महिला दोस्त कर रही अपडेट।यहां पर बता दें कि बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस ने टायर किलर को हटा कर दूसरी जगह लगाया था। इस पर तर्क दिया गया था कि टायर किलर अब बैरिकेड के पीछे लगा दिया जाएगा। इसके कुछ घंटों बाद दिल्ली पुलिस ने बैरिकेट के पीछे सड़क पर टायर किलर लगवा दिया। दरअसल, टायर किलर वह होता है, जिसमें कीलें लगी होती हैं और इसके संपर्क में आने पर टायर के पहिये पंचर हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65c09f954eb2fa2b2693822f74dba77957575a63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जसवंत ठाकुर, मनाली। बिहार के 'माउंटन मैन' कहे जाने वाले दशरथ मांझी को आप जरूर जानते होंगे, जिन्होंने एक छेनी-हथौड़े से 22 वर्षों में गहलौर पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया था। अब लद्दाख के ऐसे ही एक माउंटमैन चर्चा में हैं, जिन्होंने सबकुछ बेचकर हिमालयी क्षेत्र के दुर्गम पहाड़ों को काट, 38 किमी लंबी सड़क बना दी। उन्हें लद्दाख का दशरथ मांझी कहा जा रहा है। इसके लिए 70 वर्षीय लामा त्सुलटिम छोंजोर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लामा त्सुलटिम छोंजोर के इस कारनामे ने लोगों के जहन में दशरथ मांझी की यादें ताजा कर दी हैं। ।सामान्य सड़क के मुकाबले पहाड़ पर सड़क बनाना बेहद मुश्किल होता है। यह कारनामा करने वाले लामा त्सुलटिम छोंजोर लद्दाख की जंस्कार घाटी के स्तोंग्दे गांव के रहने वाले हैं। जंस्कार घाटी के लिए वह 'मेमे छोंजोर' हैं। इसका अर्थ है दादा छोंजोर। 38 किलोमीटर लंबी इस सड़क में केवल श्रमदान नहीं हुआ, बल्कि यह मार्ग लामा की चल-अचल संपत्ति से भी बना है। जब वह इस सड़क पर पहली बार जीप लेकर करग्या गांव पहुंचे थे, तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e763d48d55dbce191b1a9a721429da9081a07437 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75859.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या लड़कों से मिलोगी: आज की लड़कियां इन परिस्थितियों से जूझने का जज्बा रखती हैं और अपने सपने पूरे करने के लिए घर से बाहर निकलकर भीड़ में अपनी जगह बनाने की लगातार कोशिश करती हैं। मुंबई में अपने शुरुआती दिनों के संघर्ष के बारे में हाल ही में एक सेलिब्रिटी ने खुलकर बोलते हुए कहा कि उन्हेंं अकेली लड़की होने के कारण किराए का घर नहीं मिला, मकान मालिक पूछते कि क्या लड़कों से मिलोगी? इनकी तरह ही हजारों की तादाद में लड़कियां गांवों से शहर या छोटे शहर से मेट्रो शहरों में रहने आती हैं। मुश्किल हालात से गुजरती हैं वे, कड़वा रहता है उनका अनुभव, डरती हैं, लेकिन फिर भी हिम्मत दिखाती हैं वे। दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाने वाली और एनिमल एक्टिविस्ट गीता शेषमणि कहती हैं कि चाहे कोई लड़की कंपनी की मैनेजर बने, चाहे वह घर में अचार बनाकर बेचे, लेकिन उसका र्आिथक रूप से आत्मनिर्भर होना ही उसे सशक्त करता है। उसे तो हर दिन हिम्मत चाहिए। हक के लिए अपने पांव पर खड़ा होना है उसे। अपना आदर करवाना है। जब समाज उसका आदर करने लगेगा और अपने सोचने का तरीका बदल लेगा तभी वह सशक्त कहलाएगी। लड़कियों को तो रोजमर्रा की जिंदगी में बहादुर बनना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0dfc8a42bce5db8e3aa5256b83901e6f941126b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl यामी गौतम हाल ही में लंच पर स्पॉट की गईl इस मौके पर उन्होंने लाल और हरे रंग की साड़ी पहन रखी थीl इसमें वह काफी खूबसूरत लग रही थीl इसके अलावा उन्होंने मंगलसूत्र और चूड़ा भी पहन रखा थाl यामी गौतम को पपराजी का हाथ हिलाकर अभिवादन करते भी देखा गयाl यामी गौतम लंच के लिए निकली थीl यामी गौतम के पति आदित्य धर साथ नजर नहीं आएl।4 जून को यामी गौतम और आदित्य धर ने खुलासा किया कि दोनों ने शादी कर ली हैl उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात की घोषणा करते हुए लिखा था, 'हमने परिवार के आशीर्वाद से शादी कर ली हैl हां, यह बहुत ही कम लोगों की उपस्थिति में की गई हैl सभी लोग काफी खुश थेl हमारी दोस्ती और प्यार के साथ शुरुआत हो रही हैl हम सभी के आशीर्वाद की अपेक्षा करते हैंl'।यामी गौतम और आदित्य धर ने हिमाचल प्रदेश में शादी की हैl यामी गौतम की शादी उनके प्रशंसकों के लिए एक अच्छी खबर थीl यामी गौतम और आदित्य धर उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान एक-दूसरे से प्यार करने लगे थेl इस फिल्म का निर्देशन आदित्य धर ने ही किया थाl यामी गौतम हाल ही में मुंबई में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट द्वारा समन किए जाने को लेकर भी खबरों में थीl उन्हें फेमा के अंतर्गत बयान दर्ज करने के लिए कहा गया हैl।यामी गौतम जल्द फिल्म दसवीं में नजर आएंगीl इस फिल्म में वह एक आईपीएस ऑफिसर की भूमिका निभाती नजर आएंगीl इस फिल्म में उनके अलावा अभिषेक बच्चन की अहम भूमिका हैl वह सैफ अली खान, अर्जुन कपूर और जैकलिन फर्नांडिस के साथ फिल्म 'भूत पुलिस' में भी नजर आएंगीl यामी गौतम फिल्म अभिनेत्री हैl उन्होंने कई फिल्मों में काम किया हैl उनकी फिल्में काफी पसंद की गई है। यामी गौतम ने हिंदू परंपरा के अनुसार शादी की हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75860.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75860.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc2b073dbc80ba9f941713097936f0ba7d62aac4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75860.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोधियों के समर्थन में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की तस्वीर तब साफ हुई जब पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की ओर से इससे जुड़ा एक टूलकिट ट्वीट किया गया। इसके साथ ‘ग्लोबल फामर्स स्ट्राइक-फर्स्ट वेब’ शीर्षक से एक लेख का लिंक भी जुड़ा है। यह जाहिर हो रहा है कि भारत की छवि खराब करने के मकसद से यह टूलकिट तैयार की गई है। किसी को भी जानकर हैरानी हो सकती है कि इस टूलकिट में बताया गया है कि भले ही सरकार इन कानूनों को वापस ले ले, लेकिन हमें प्रदर्शन को खत्म नहीं करना है। इसे लंबे समय तक जारी रखना है। यही नहीं, देश के गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुए उपद्रव की भूमिका कई दिन पहले रची जाने के प्रमाण भी इस टूलकिट में मिलते हैं। पूरे विरोध प्रदर्शन को लंबे समय तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने और तमाम रणनीतियों को बताता यह टूलकिट भारत विरोध का एक पूरा दस्तावेज है। पेश है एक नजर:।टूलकिट के पीछे किसका हाथ।प्रारंभिक जांच में टूलकिट के पीछे खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल का नाम सामने आ रहा है। धालीवाल कनाडा के वैंकूवर स्थित डिजिटल ब्रां¨डग क्रिएटिव एजेंसी स्काईराकेट का निदेशक बताया जा रहा है। वह खालिस्तान समर्थक समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का सह-संस्थापक भी है। इस फाउंडेशन ने किसान आंदोलन में खुद को सबसे ज्यादा सक्रिय बताया है। इसका ‘आस्क इंडिया ह्वाई’ होम पेज भी राष्ट्र विरोधी सामग्री से भरा पड़ा है। इस पेज के साथ ऐसे लिंक हैं, जो खालिस्तान समर्थित पेजों से जुड़े हैं। इंटरनेट मीडिया पर धालीवाल की प्रोफाइल से पता चला कि वह यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेजर वैली से पढ़ा-लिखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75862.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75862.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81fbc722fb16c27ddecc2155040a180256ac1e3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75862.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सात दिनों का औसत: ब्लूमबर्ग का वैक्सीन ट्रैकर बताता है कि कुछ देश टीकाकरण के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। सर्वाधिक टीकाकरण की दर वाला इजरायल सिर्फ दो महीनों में ही 75 फीसद आबादी को टीके की खुराक देने के लक्ष्य के करीब है। अमेरिका में यह तस्वीर नए साल तक देखने को मिल सकती है। समृद्ध देशों में टीकाकरण की दर तेज है, लेकिन शेष विश्व को यह प्रतिरक्षा हासिल करने में करीब सात साल लग जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7be93e85d40bcdc75967cb8a8e6656e655f6ced9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75863.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। लम्ब्रेटा, विजय डीलक्स और विजय सुपर जैसे स्कूटर देकर देश में शान से रहने वाला मैं स्कूटर्स इंडिया हूं। मेरा नाम स्कूटर्स इंडिया 1972 में लखनऊ आने के बाद पड़ा। पहले लोग मुझे इन्नोसेंटी के नाम से जानते थे। मैं इटली के खूबसूरत शहर मिलान के नजदीक लैम्ब्रो नदी के पास लैम्ब्रेट में था। मैं फडनेंडो इन्नोसेंटी के प्रयासों से 1922 में वजूद में आया और उन्होंने मुझे अपना नाम इन्नोसेंटी दिया। मेरी अगली पीढ़ी के लम्ब्रेटा का नाम लैम्ब्रेट शहर के नाम पर पड़ा। लम्ब्रेटा दुनियाभर में मशहूर हुआ। लम्ब्रेटा मुझसे पहले भारत में आ गया था। ।दरअसल, आजादी के बाद भारत में निजी वाहनों का चलन बढ़ा। तब इस देश में आम लोगों के पास इतना पैसा नहीं था कि वह छोटी कार भी आसानी से खरीद सकें। यह मांग लम्ब्रेटा स्कूटर ने पूरी की। 50 के दशक में मुंबई स्थित एपीआइ (ऑटो प्रोडक्ट्स इंडिया) ने लम्ब्रेटा को यहां असेंबल करना शुरू किया तो भारत में लम्ब्रेटा मध्यवर्ग के घर-घर की पहचान बन गया। यही वजह रही कि 70 के दशक में जब इटली में घरेलू सहायकों (कर्मचारियों) ने आंदोलन शुरू किया और आर्थिक तंगी का दौर शुरू हुआ तो भारतीयों ने मुझे अपनाने में खास दिलचस्पी दिखाई। ।1971 की बात है। प्रदेश में मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा और भारत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार थी। मुझे मुंबई लम्ब्रेटा के घर (एपीआइ) जाना था, लेकिन बहुगुणा ने प्रधानमंत्री से मुझे लखनऊ में नया नाम देकर बसाने की सिफारिश की। सालभर बाद यानी 1972 में भारत ने इटली से मेरी प्लांट व मशीनरी, दस्तावेज और ट्रेडमार्क खरीद लिए और यहां मुझे नया नाम दिया गया- स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड। मुझे आबाद करने के लिए शहर की आबादी से करीब 16 किलोमीटर दूर कानपुर रोड के पास 147.49 एकड़ जमीन देखी गई और आठ अप्रैल 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मेरे नए आवास का शिलान्यास किया। यहां मुझे खासतौर पर तिपहिया विक्रम लैम्ब्रो बनाने के लिए लाया गया था, लेकिन शुरुआत स्कूटर से हुई। सालभर बाद ही मेरी यूनिट ने काम करना शुरू कर दिया और इसके अगले साल से घरेलू उपभोक्ताओं के नाम से विजय डीलक्स और एक्सपोर्ट के लिए लम्ब्रेटा नाम से ही व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75867.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75867.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec26a434abb17a387d95a1731bf44dfd91f4cca6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75867.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्योति रंजन पाठक। हमारे देश की राजनीति में रोजगार की समस्या विमर्श के केंद्र में नहीं दिखती है। अगर कहीं बेरोजगारी पर सार्वजनिक रूप से चर्चा भी होती है, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। अभी वर्तमान में भले ही इस मुद्दे को उतनी प्राथमिकता नहीं दी जा रही हो, परंतु भविष्य में पूरे देश में रोजगार की समस्या का मसला भयावह रूप धारण कर सकता है। हालांकि पूंजीवादी व्यवस्था का विकास निश्चित रूप से इस तरह के सामाजिक मुद्दे से बचने की भरपूर कोशिश करेगी, लेकिन हमारे संघीय ढांचे की व्यवस्था के कारण देश में अब तक सामाजिक मुद्दे को प्राथमिकता मिलती रही है। ।इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि कोरोना काल से पूर्व भी देश की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत नहीं थी। यह सर्वविदित तथ्य है कि अर्थव्यवस्था गिरने का सीधा प्रभाव सामाजिक स्तर पड़ता है। कोई भी क्षेत्र या समूह इसके प्रभाव से अछूता नहीं रहता है। ऐसे में युवाओं और रोजगार सृजन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। ।वास्तविकता तो यह है कि देश में कोरोना के असर के पहले से ही बेरोजगारी प्रतिशत बढ़ता जा रहा था। युवा इसे महसूस भी कर रहे थे, लेकिन देश के अधिकांश राजनीतिक दलों ने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकांश राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में भी रोजगार मुद्दे को खास महत्व नहीं दिया गया। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि रोजगार के लिए अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। देश में उदारीकरण के बाद अर्थव्यवस्था संभलती हुई जरूर दिखी। ।हालांकि वैश्वीकरण की प्रक्रियाओं से जुड़ने से रोजगार के नए अवसर अवश्य मिले, लेकिन यह टिकाऊ व्यवस्था बनती हुई नहीं दिख रही है। जिस विदेशी निवेश के सहारे अर्थव्यवस्था को संभालने और रोजगार पैदा करने की नीतियों को अपनाया गया था, उसका परिणाम अलग ही देखने को मिलने लगा। उदारीकरण की नीतियों से निजीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाने लगा और सार्वजनिक क्षेत्र के जो बड़े उपक्रम रोजगार सृजन करते थे, उनकी भागीदारी धीरे धीरे कम होने लगी। इस नीति ने न केवल विदेशी पूंजी का आयात किया, बल्कि घरेलू पूंजीपतियों को भी बढ़ावा दिया। लिहाजा पिछले दशकों से दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अनेक भारतीय पूंजीपतियों का नाम भी शामिल हो रहा है। ।निजी हाथों में पूंजी के संकेंद्रण ने राज्य के हाथों में रोजगार देने की क्षमता छीन ली। नौकरियों में स्थायित्व की जगह संविदा और ठेके की व्यवस्था होती जा रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी स्थायी नौकरी की जगह अस्थायी नौकरी की व्यवस्था कर दी गई है। इसमें कोई शक नहीं है कि देश के युवाओं के लिए रोजगार की राह आज मुश्किल दौर में है। ऐसे में समय आ गया है जब सरकार को रोजगार को लेकर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए और स्वरोजगार के लिए एक स्पष्ट खाका बनाना चाहिए। स्वरोजगार में भी पारदर्शिता के साथ युवाओं को अपनी क्षमता और योग्यता के हिसाब से विभिन्न सेक्टरों में अभिरुचि के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। ।देश में बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में असंतोष तो पैदा होता ही है, साथ में यह भी मांग करता है कि रोजगार के विषय पर देश में खुलकर बहस हो और राजनीतिक पार्टयिों के घोषणा पत्रों में इसे मुख्य एजेंडे के तौर पर शामिल किया जाए। साथ ही, इस पर अमल करते हुए यह बात सुनिश्चित हो कि देश में रोजगार के तमाम नए अवसर सृजित किए जाएंगे, ताकि युवाओं को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो। सभी को यह समझना होगा कि देश का युवा खुश एवं समृद्ध होगा, तब जाकर देश तरक्की के नए आयाम को हासिल कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..417d122d7b4c45cde15c9f35d4edd01fd4f1c5df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75868.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + [ज्योति रंजन पाठक]। हमारे देश की राजनीति में रोजगार की समस्या विमर्श के केंद्र में नहीं दिखती है। अगर कहीं बेरोजगारी पर सार्वजनिक रूप से चर्चा भी होती है, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। अभी वर्तमान में भले ही इस मुद्दे को उतनी प्राथमिकता नहीं दी जा रही हो, परंतु भविष्य में पूरे देश में रोजगार की समस्या का मसला भयावह रूप धारण कर सकता है। हालांकि, पूंजीवादी व्यवस्था का विकास निश्चित रूप से इस तरह के सामाजिक मुद्दे से बचने की भरपूर कोशिश करेगी, लेकिन हमारे संघीय ढांचे की व्यवस्था के कारण देश में अब तक सामाजिक मुद्दे को प्राथमिकता मिलती रही है। ।आने वाले समय में बेरोजगारी की समस्या बहुत ही भयावह होने वाली है, क्योंकि हमें यह ज्ञात है कि कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी नहीं है। परंतु इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि इससे पूर्व भी देश की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत नहीं थी। यह सर्वविदित तथ्य है कि अर्थव्यवस्था गिरने का सीधा प्रभाव सामाजिक स्तर पड़ता है। कोई भी क्षेत्र या समूह इसके प्रभाव से अछूता नहीं रहता है। ऐसे में युवाओं और रोजगार सृजन पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। ।देश में कोरोना के असर के पहले से ही बेरोजगारी प्रतिशत बढ़ता जा रहा था।वास्तविकता तो यह है कि देश में कोरोना के असर के पहले से ही बेरोजगारी प्रतिशत बढ़ता जा रहा था। युवा इसे महसूस भी कर रहे थे, लेकिन देश के अधिकांश राजनीतिक दलों ने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकांश राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में भी रोजगार मुद्दे को खास महत्व नहीं दिया गया। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि रोजगार के लिए अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। देश में उदारीकरण के बाद अर्थव्यवस्था संभलती हुई जरूर दिखी। हालांकि वैश्वीकरण की प्रक्रियाओं से जुड़ने से रोजगार के नए अवसर अवश्य मिले, लेकिन यह टिकाऊ व्यवस्था बनती हुई नहीं दिख रही है। जिस विदेशी निवेश के सहारे अर्थव्यवस्था को संभालने और रोजगार पैदा करने की नीतियों को अपनाया गया था, उसका परिणाम अलग ही देखने को मिलने लगा। ।निजी हाथों में पूंजी के संकेंद्रण ने राज्य के हाथों में रोजगार देने की क्षमता छीन ली।उदारीकरण की नीतियों से निजीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाने लगा और सार्वजनिक क्षेत्र के जो बड़े उपक्रम रोजगार सृजन करते थे, उनकी भागीदारी धीरे धीरे कम होने लगी। इस नीति ने न केवल विदेशी पूंजी का आयात किया, बल्कि घरेलू पूंजीपतियों को भी बढ़ावा दिया। लिहाजा पिछले दशकों से दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अनेक भारतीय पूंजीपतियों का नाम भी शामिल हो रहा है। निजी हाथों में पूंजी के संकेंद्रण ने राज्य के हाथों में रोजगार देने की क्षमता छीन ली। ।देश के युवाओं के लिए रोजगार की राह आज मुश्किल दौर में।नौकरियों में स्थायित्व की जगह संविदा और ठेके की व्यवस्था होती जा रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी स्थायी नौकरी की जगह अस्थायी नौकरी की व्यवस्था कर दी गई है। इसमें कोई शक नहीं है कि देश के युवाओं के लिए रोजगार की राह आज मुश्किल दौर में है। ऐसे में समय आ गया है जब सरकार को रोजगार को लेकर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए और स्वरोजगार के लिए एक स्पष्ट खाका बनाना चाहिए। स्वरोजगार में भी पारदर्शिता के साथ युवाओं को अपनी क्षमता और योग्यता के हिसाब से विभिन्न सेक्टरों में अभिरुचि के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए। ।युवा खुश एवं समृद्ध होगा, तब जाकर देश तरक्की के नए आयाम को हासिल कर सकेगा।देश में बढ़ती बेरोजगारी से युवाओं में असंतोष तो पैदा होता ही है, साथ में यह भी मांग करता है कि रोजगार के विषय पर देश में खुलकर बहस हो और राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्रों में इसे मुख्य एजेंडे के तौर पर शामिल किया जाए। साथ ही, इस पर अमल करते हुए यह बात सुनिश्चित हो कि देश में रोजगार के तमाम नए अवसर सृजित किए जाएंगे, ताकि युवाओं को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो। सभी को यह समझना होगा कि देश का युवा खुश एवं समृद्ध होगा, तब जाकर देश तरक्की के नए आयाम को हासिल कर सकेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39de03048409db3ff562e5e8c347b36cc70d2bfc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl कटरीना कैफ इन दिनों विकी कौशल को डेट कर रही हैंl इस बीच वह अक्सर अपनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं जो कि बड़ी तेजी से वायरल होती हैl कटरीना कैफ इंस्टाग्राम पर काफी सक्रिय हैंl इसके चलते उनके फैंस भी उत्साहित रहते हैंl उन्होंने बुधवार की सुबह इंस्टाग्राम पर एक दिलचस्प वीडियो शेयर किया हैl इसमें उन्हें पिंक कलर की ड्रेस पहने देखा जा सकता हैl इसमें वह काफी खुश नजर आ रही हैl।कटरीना कैफ ने वीडियो में गाने को भी ऐड किया हैl इसमें वह बहुत खूबसूरत लग रही हैंl कटरीना कैफ पिंक कलर की ड्रेस पहने नजर आ रही हैंl कटरीना कैफ के फैंस इस वीडियो को काफी पसंद कर रहे हैंl वीडियो शेयर करते हुए कटरीना कैफ ने लिखा है, 'कवर मी इन सनशाइन'।कटरीना कैफ को वीडियो में अलग-अलग अंदाज में पोज करते हुए देखा जा सकता हैl कटरीना कैफ ने जैसे ही वीडियो शेयर किया हैl उनके फैंस इसपर जमकर कमेंट कर रहे हैंl कटरीना कैफ की ट्रेनर यास्मिन कराचीवाला ने लिखा है, 'आप मेरी सनशाइन हैl' वहीं फोन बूथ के अभिनेता सिद्धांत चतुर्वेदी ने इसपर एक दिलचस्प इमोजी शेयर की हैl कटरीना कैफ जल्द सलमान खान के साथ फिल्म टाइगर 3 की शूटिंग मुंबई में शुरू करेंगीl इस फिल्म में उनके अलावा इमरान हाशमी की अहम भूमिका हैl कटरीना कैफ जल्द अक्षय कुमार के साथ फिल्म सूर्यवंशी में भी नजर आएंगीl इस फिल्म में उनके अलावा अजय देवगन और रणवीर सिंह की भी अहम भूमिका हैl।कटरीना कैफ इन दिनों विकी कौशल को डेट कर रही हैl दोनों को कई मौकों पर साथ स्पॉट किया गया हैl हालांकि दोनों ने अभी तक अपने अफेयर की पुष्टि नहीं की हैl हालांकि हाल ही में सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर ने दोनों के अफेयर की पुष्टि की हैl इसके चलते कटरीना कैफ नाराज भी हो गई थीl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5275900f7c9055b07d3cdf42d30f8ccef96b5fb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75870.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शराब केवल नशा ही नहीं चढ़ाती, बीच-बीच में विपक्ष को मुद्दा भी देती है। कोरोना के समय जब कई राज्यों में दाम बढ़ा कर बेची गई शराब तो बिहार में भी कहा जाने लगा कि इसकी बिक्री शुरू होनी चाहिए। चुनाव आए तो कांग्रेस और राजद के साथ ही राजग के सहयोगी हम के जीतनराम मांझी तक इसकी समीक्षा पर जोर देने लगे। चुनाव बाद भी कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने शराबबंदी खत्म करने की मांग की। तर्क यह कि शराब की बिक्री रुक भी नहीं रही और प्रदेश को राजस्व भी नहीं मिल रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..51645634645297dc14c19399d34e66da968a3308 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75872.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +दरअसल भारत-नेपाल संबंधों का एक दौर वसंत के खिलते फूलों की तरह रहा है, जो पिछले कुछ दशकों में मुरझा से गए हैं। मजबूत दोस्ती के दौर वाले वर्ष 1950 में भारत और नेपाल के बीच मैत्री संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और नेपाल की ओर से शासक वीरेंद्र विक्रम शाह ने दस्तखत किए गए। इसने हिमालय की गोद में बसे छोटे देश को चीन की साम्राज्यवादी नीति से सुरक्षा प्रदान की। + +नेपाल नरेश वीरेंद्र की मौत के बाद राजशाही की जड़ें कमजोर हो गईं। चीन ने वहां माओवादियों की मदद बढ़ाकर राजशाही के खिलाफ मुहिम तेज कर दी। जनता की ओर से भी लोकतंत्र की मांग तेजी से उठने लगी। भारतीय रणनीतिकार एक लोकतांत्रिक देश से ज्यादा मजबूत रिश्तों की सोचकर लोकतंत्र के समर्थन में आगे बढ़ गए। परंतु इससे भारतीय हितों की रक्षा नहीं हो सकी। + +लोकतांत्रिक चुनावों के बाद सत्ता कम्युनिस्टों के हाथ में पहुंच गई। नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल यानी प्रचंड के पहले ही कदम से उनका रुख भी जाहिर हो गया। पूर्व में जहां कोई भी नेपाली प्रधानमंत्री पहले भारत की यात्र करता था, वहीं प्रचंड पहले चीन गए। यह भारत के लिए एक झटका था। चीन के दबाव में प्रचंड भारतीय हितों की परवाह न कर उसके बड़े निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देते रहे। परंतु चीन मदद के दांव चलता है तो उसमें भी घात होता है। उसने श्रीलंका की तरह ही नेपाल को भी कर्ज के जाल में फंसाना शुरू कर दिया। उस दौर में भारत बहुत कुछ कर पाने में समर्थ नहीं था और यह स्थिति अब तक कायम है। ऐसे में भारत के लिए अब उम्मीद की किरण दिख रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bd04ea42f139fe5c6e32fb1c24ac9e49c3b9fd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रश्न : हाल ही में इजरायली दूतावास के बाहर हुए हमले की जांच की क्या प्रगति है? क्या दोनों देशों की एजेंसियां साथ-साथ इसकी जांच कर रही हैं?।उत्तर : अभी तक हमें यह पता है कि यह एक आतंकी घटना थी और इसके निशाने पर इजरायल दूतावास था। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमला किसने किया था और इसके जरिये वह क्या संदेश देना चाहता था। क्योंकि हो सकता है कि यह कोई सामान्य हमला नहीं हो। यह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता कि जिस दिन भारत और इजरायल के बीच पूर्ण कूटनीतिक संबंध बनने और दोनो देशों की बेहद सफल व मजबूत होती दोस्ती का जश्न मनाया जा रहा था, ठीक उसी दिन हमला किया गया। हमारी जांच एजेंसियां इन लोगों का पता लगाने की कोशिश में हैं। उम्मीद है कि हम उन्हें पकड़ेंगे और न्याय करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7373e34c9ba53a28a31779c69dfc698c5b2915d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है परियोजना।यदि दिल्ली सरकार परियोजना को मंजूरी देती है तो एनएसयूटी का मेडिकल कॉलेज द्वारका सेक्टर-10 में निर्माणाधीन इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल और डीटीयू पीतमपुरा स्थित भगवान महावीर अस्पताल से संबद्ध होगा। नेशनल मेडिकल कमिशन के दिशानिर्देशानुसार मेडिकल कॉलेज व संबद्ध अस्पताल के बीच की दूरी केवल 10 किलोमीटर या 30 मिनट की होनी चाहिए। एनएसयूटी व इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल के बीच केवल साढ़े तीन किलोमीटर है, जबकि डीटीयू व भगवान महावीर अस्पताल के बीच 10 किलोमीटर का फासला है। ।जानकारी के मुताबिक फिलहाल दोनों विश्वविद्यालय ने एमबीबीएस, दंत चिकित्सा व नर्सिंग विज्ञान में स्नातक कोर्स और कुछ स्किल डेवलपमेंट कोर्स को शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रत्येक कोर्स में 150-150 सीट निर्धारित की गई है। यदि परियोजना सफल रही तो भविष्य में यहां स्नातक, स्नातकोत्तर व डिप्लोमा डिग्री युक्त 44 कोर्स शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ हर साल एमबीबीएस कोर्स भी सीटों का इजाफा किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी दाखिला प्राप्त कर सके। ।जहां तक आधारिक ढांचे की बात है एनएसयूटी प्रशासन का कहना है कि इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल के पीछे 15 एकड़ की जमीन है, जो मेडिकल कॉलेज के लिए प्रस्तावित है। यदि दिल्ली सरकार जो जमीन विश्वविद्यालय को स्नानांतरित करती है तो वहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो विश्वविद्यालय परिसर में ही मेडिकल की पढ़ाई करवाई जाएगी, इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में पर्याप्त इंतजाम है। जहां तक लैब की बात है ज्ञात हो विश्वविद्यालय में पहले से बायोलाजिकल साइंसेस एंड इंजीनियरिंग स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स है। खास बात ये है कि परियोजना का प्रारूप अमेरिका स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय, मैरीलैंड स्थित जान्स हापकिन्स विश्वविद्यालय, इंग्लैंड स्थित आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन, किग्स कॉलेज ऑफ लंदन व न्यू हेवेन स्थित येल विश्वविद्यालय का अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5fb39ec09b3bde42db37e9b34793e2bfc1aadf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उस समय उसके हाथ में एक बड़ी सी तख्ती होती थी, जिस पर बड़े अक्षरों में लिखा होता था ‘स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट’। देखते ही देखते उसके अभियान में हजारों लोग शामिल हो गए। स्कूलों के बच्चे पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में ग्रेटा के साथ हो गए। उसके बोलने का लहजे और शब्दों के चयन ने उसे अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता बना दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7d5c14b17695218c6d745c8fcfeb6b549bb010f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मनीष शर्मा, दिल्ली/मुजफ्फरनगर। चौधरी बाबा महेंद्र सिंह टिकैत, जिन्होंने जीते जी खेती और खेतिहरों को हमेशा सिर-माथे रखा और सत्ता-सियासत को हमेशा ठोकर पर। किसी के लिए बाबा, तो किसी के लिए महात्मा रहे चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) को अराजनीतिक रखते हुए स्वयं को राज्यसभा भेजने तक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75883.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75883.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53151ca56dc7bd07cbff1e19ccc3d3e5567a17a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75883.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साराजेवो, ऑनलाइड डेस्‍क। बोस्निया के सबसे लोकप्र‍िय रॉक बैंड डबियोजा कोलेक्टिव (Dubioza Kolektiv) ने अपने बैंड में एक नई भर्ती की है। इसका नाम रॉबी है। रॉबी की खूबियों को सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। रॉबी (Robby Megabyte) को लेकर डुबोजा बैंड में काफी उत्‍साह है। रॉबी वाद्य यंत्र बजाने और गाने में माहिर है। आप सोच रहे होंगे तो इसमें अजरच की क्‍या बात है। जी हां, रॉबी की कहानी दिलचस्‍प है। दरअसल, रॉबी किसी गायक या डांसर का नाम नहीं है, बल्कि बोस्निया के मसहूर बैंड में शामिल एक रोबोट है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4d3da4374ee4c6b3c87e1a688af784271e6c32f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गया, कमल नयन। मैं न बुझूंगी, अमरदीप की ज्वाला हूं, बाला हूं, पलभर किसी कंठ से लगकर छिन्न हुई माला हूं ...। ये पंक्तियां महाकवि जानकी वल्लभ शास्त्री की कविता 'अवंतिका' में हैं। यह उनके स्वभाव पर फिट बैठती है। तभी तो उन्होंने पद्मश्री की उपाधि लेने से इनकार कर दिया था। आज ही के दिन साल 1916 में उनका जन्‍म हुआ था। मुजफ्फरपुर में रहते हुए भी उन्हें अपना गया जिले का पैतृक गांव मैगरा याद रहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्‍वरी दुबे से कहकर गांव में एक भवन का निर्माण कराया जिसे 'भारतीय कुटीर' का नाम दिया गया। इसे उन्होंने पुस्तकालय का रूप दिया। पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध कराई। दुर्भाग्य यह कि 2015 में भवन में थाना खोल दिया गया। छह वर्षों से पुस्तकालय पुलिस के कब्जे में है। किताबों के मंदिर में बंदूकें सजती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b20ca1dcd6b19c35331c36e804b036b267815b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75889.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राज्य निर्वाचन आयोग वर्ष 2000 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 37 दिनों में ही करा चुका है। वर्ष 2005 में दो राउंड में चुनाव कराए गए थे। पहला राउंड 41 दिन व दूसरा 33 दिनों का रहा था। इसी तरह वर्ष 2010 में 45 दिनों के एक ही राउंड में पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी की गई थी। वर्ष 2015 में दो राउंड में हुए चुनाव में पहला राउंड 42 दिनों का व दूसरा 37 दिनों का रहा था। + +चूंकि इस बार पूरी चुनाव प्रक्रिया 45 दिनों के अंदर ही पूरी की जानी है, इसलिए आयोग चारों पदों के लिए एक साथ चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। यानी प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक साथ वोट डाले जाएंगे। सुरक्षा व्यवस्था व कर्मियों की संख्या को देखते हुए बस तय यह किया जाना है कि किसी भी चरण में एक ही जिले को चार चरणों में बांटकर एक हिस्से के सभी पदों का चुनाव कराया जाए या फिर हर एक चरण में 18 मंडलों के एक चौथाई जिलों के सभी पदों के चुनाव कराए जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00a293f7f10c101202d1a49ace4fc34c31773d7c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विपक्ष पर साधा निशाना।बजट से पहले लोग कह रहे थे कि कोरोना संकट की वजह से सरकार को जनता पर बोझ डालना ही पड़ेगा। कर बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। ।पहले हमारे यहां बजट में यह होता था कि किसके नाम पर कितनी घोषणाएं की गईं। बजट को वोट-बैंक का बही-खाता बना दिया गया था। ।पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था, जो पूरी ही नहीं कर पाते थे। अब देश ने वह सोच बदल दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75893.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75893.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7af55801f3ec18353ffdbfede06b3bb676bb2a97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75893.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सचिन को किया शून्य पर आउट।आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय टीम के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सैकड़ों घरेलू मैच खेले हैं, लेकिन वे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सिर्फ एक बार शून्य पर आउट हुए हैं। सचिन जिस गेंदबाज के खिलाफ प्रथम श्रेणी मैच में शून्य पर आउट हुए हैं, वो कोई और नहीं, बल्कि भुवनेश्वर कुमार ही हैं, जिनके नाम ये रिकॉर्ड दर्ज है। भुवी अकेले ऐसे भारतीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सचिन को शून्य पर आउट किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75894.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75894.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..69ee4e50d794c86bd88d56372a954dc7fcd0a365 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75894.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सिटी फारेस्ट की तर्ज पर विकसित होंगे जंगल : यूपी की योगी सरकार का मानना है कि शहर ही सर्वाधिक प्रदूषण फैलाते हैं और इसका खामियाजा सभी भुगतते हैं, इसलिए सरकार सभी शहरों में इस बार पौधारोपण पर विशेष ध्यान दे रही है। हरियाली बढ़ने से शहरों में प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। पौधारोपण के लिए शहरों में उन स्थानों को चुनने के लिए कहा गया है, जहां कचरा फेंका जाता है। प्रत्येक शहर में सिटी फारेस्ट की तर्ज पर जंगल विकसित किए जाएंगे। + +नई बन रही सड़कों के दोनों ओर लगेंगे पौधे : वर्ष 2020-21 में नवनिर्मित सड़कों के दोनों ओर पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए वन विभाग ने लोक निर्माण विभाग से सड़क निर्माण कार्ययोजना में पौधारोपण को शमिल कर जरूरी बजट की व्यवस्था करने को कहा है। वन विभाग ने कहा कि प्रभागीय वनाधिकारी की मदद लेकर लोक निर्माण विभाग स्वयं भी पौधारोपण करा सकता है। यदि विभाग स्वयं नहीं कराना चाहता हैं तो वन विभाग सड़कों के किनारे पौधारोपण करा सकता है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को बजट वन विभाग को देना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3776a54aa03e3397d80ad87504aacf695f224b32 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75900.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कांड ही नहीं इतिहास के पन्नों में बदले जाएंगे 56 और शब्द ।स्वाधीनता संग्राम के इतिहास से जुड़ी किताबों और दस्तावेजों में सिर्फ कांड शब्द ही नहीं बदला जाएगा, बल्कि उसके साथ आइसीएचआर ने 56 ऐसे शब्दों की सूची बनाई है, जिन्हें बदला जाना है। यह सारे ही शब्द ऐसे हैं, जो ब्रिटिश गवर्नमेंट द्वारा इस्तेमाल किए गए और इतिहासकारों को किताबों में उन्हें हूबहू उसी तरह स्थान दे दिया, जो कि गलत था। क्योंकि स्वाधीनता सेनानियों और स्वाधीनता के लिए किए गए प्रयासों को लेकर ब्रिटिश गवर्नमेंट की दृष्टि उनके उनके हित में थी, हमारे हित में नहीं। जिन शब्दों के बदलाव की तैयारी है, उनमें स्वतंत्रता की जगह स्वाधीनता, उग्रवादी की जगह आग्रही, उग्रवाद की जगह क्रांति, विद्रोह की जगह प्रतिरोध, षडयंत्र की जगह योजना, हिंदुइज्म की जगह हिंदुत्‍व, इंडियन की जगह भारत जैसे शब्द शामिल हैं। + +भारतीय स्वाधीनता सेनानियों और उनके प्रयासों के लिए अबतक लिखी गई इतिहास की किताबों में वही शब्द दर्ज है, जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने इस्तेमाल किया था। यह देश की आजादी के लिए सेनानियों के प्रयास और उनके नाम की तौहीन है। ऐसे इन शब्दों को तत्काल प्रभाव से बदला जाना जरूरी है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।  - प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी, सदस्य, इंडियन काउंसिल आफ हिस्टोरिकल रिसर्च, पूर्व अध्यक्ष, इतिहास विभाग, दीदउ गोरखपुर विवि। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75901.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75901.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6adcc45d812d7e2c4d94bcecaeb7fbad133bf3f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75901.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। Chardham Yatra हिमालय के चारों धाम (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री) को रेल सर्किट से जोड़ने की योजना पर काम कर रहे भारतीय रेलवे ने श्रद्धालुओं को इन धामों की चौखट तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसके लिए चारधाम रेल परियोजना को केबल कार (रोपवे), रैक रेलवे अथवा फ्यूनिकुलर रेल के जरिए आगे बढ़ाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। रेल विकास निगम (आरवीएन) के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि तुर्की की युकसेल प्रोजे इंटरनेशनल कंपनी रेलवे की निगरानी में इसका सर्वे कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba8ab861938c036d92d1e2729a78f710fb88d1d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिरसा में लगा किन्‍नू का पेड़। ।क्लस्टर निर्माण के आधार पर यह एफपीओ बनाए जाएंगे। 15 एफपीओ के प्रोजेक्टों पर कार्य निरंतर जारी है। इन प्रोजेक्टों पर करीब 45.64 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा। इन एफपीओ से जुड़े बागवानी किसान अपनी फसल की अच्छी प्रकार से ग्रेडिंग, पैकिंग व मूल्य संवर्धन उपरांत दूसरे राज्यों में व्यापारियों को फसल बेचकर अपनी कमाई बढ़ा सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65b5bd8b508abbd8199cc8a54602f1cdbb8535eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75903.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डीएम राकेश कुमार सिंह को छह सदस्यीय चयन समिति का गठन करना है। चयन के समय कम से कम चार सदस्यों का होना आवश्यक होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपमा शांडिल्य ने बताया कि अपर मुख्य सचिव एस राधा चौहान का आदेश मिला है। उन्होंने बाल विकास परियोजना कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा सहायिकाओं की मानदेय के आधार नियुक्त करने को कहा है। हमने नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलाधिकारी के चयन समिति बनाते ही नियुक्ति आवेदन मांगे जाएंगे। नियुक्ति के लिए यह शर्त होगी क‍ि आवेदन करने वाली उसी ग्राम और वार्ड की रहने वाली हों, जहां के लिए न‍ियुक्ति चाहती हैंं। एक से अधिक आवेदकों से आने पर मेरिट के आधार पर न‍ियुक्ति होगी। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंकों पर विचार होगा। नियुक्ति के दौरान आरक्षण व्यवस्था का पूरी तरह से पालन होगा। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवेदकों का चयन प्रथम वरीयता के आधार पर होना है। इसके लिए सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र आवेदन करने वाली को देना होगा। 62 वर्ष की आयु पूरी होते ही सेवा समाप्त हो जाएगी। यदि किसी गांव या वार्ड में पात्र आवेदक नहीं मिले तो आसपास से मांगे जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75906.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75906.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f4ae43bd6426c42dbf6838e256ac2f4e24fad13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75906.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar Cabinet Expansion बिहार की राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के मंत्रिमंडल विस्‍तार (Cabinet Expansion) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो दो-तीन दिनों में यह हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कोटे के नाम तय किए जा चुके हैं। जनता दल यूनाइटेड (JDU) कोटे के नाम भी लगभग तय हैं। हालांकि, राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के एनडीए में शामिल होने या जेडीयू में विलय के बाद ही जेडीयू कोटे पर अंतिम मुहर लगेगी। संभावना है कि उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के जेडीयू के साथ आने के बाद उन्‍हें भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। इस बीच बीजेपी व जेडीयू से ऐसे कई नाम चर्चा में हैं, जिन्‍हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। ।बीजेपी की हाई लेवल बैठक में बनी मंत्रियों की लिस्‍ट ।बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सोमवार को नई दिल्ली में बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ हाई लेवल बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे के नए मंत्रियों के नामों पर चर्चा की गई। बैठक में चर्चा में आए नामों का खुलासा अभी तक नहीं किया गया है। इसपर अंतिम फैसला एक-दो दिनों में हो जाएगा। ।शाहनवाज का नाम सबसे आगे, और भी हैं कई चेहरे ।कैबिनेट विस्‍तार के लिए बीजेपी से शाहनवाज हुसैन का नाम सबसे आगे चल रहा है। उन्‍हें कोई महत्‍वपूर्ण विभाग दिया जाना तय है। शाहनवाज हुसैन को वित्‍त या पथ निर्माण विभाग दिया जा सकता है। उनके अलावा प्रमोद कुमार, प्रमोद चंद्रवंशी, नितिन नवीन, नीतीश मिश्रा, राणा रणधीर सिंह, नीरज कुमार बबलू, संजय सिंह, संजय सरावगी, संजीव चौरसिया, भागीरथी देवी, कृष्ण कुमार ऋषि, इंजीनियर शैलेंद्र तथा विधान पार्षद सम्राट चौधरी के नाम चर्चा में हैं। इंजीनियर शैलेंद्र अंग क्षेत्र के बिहपुर से विधायक हैं तो नितिन नवीन युवा चेहरा हैं। पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी मुंगेर के तो राणा रणधीर चंपारण के रहने वाले हैं। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के सुझाए कुछ नामों पर जेडीयू को आपत्ति है, जिस कारण अंतिम समय में कुछ फेरबदल भी हो सकता है। ।जेडीयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाए जा सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा।जेडीयू कोटे से उपेंद्र कुशवाहा का नाम सामने आया है। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी का या तो जेडीयू में विलय कर लेंगे या जीतन राम मांझी की तरह एनडीए में शामिल हो जाएंगे। इसके बाद कुशवाहा को जेडीयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। एनडीए की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री कृष्‍णनंदन वर्मा की तरह उपेंद्र कुशवाहा भी कुशवाहा समाज से हैं। विदित हो कि जेडीयू इन दिनों अपने 'लव-कुश' समीकरण पर फोकस कर रहा है। इसके तहत पहले ही कुशवाहा समाज के उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया है। ।जेडीयू से नीतीश कैबिनेट की रेस में और भी हैं कई नाम ।बहुजन समाज पार्टी से जेडीयू में आए जमां खान (Jama Khan) और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। नए लोगों में सुनील कुमार तो पुराने में श्रवण कुमार, महेश्वर हजारी बीमा भारती और संजय झा के नाम रेस में आगे चल रहे हैं। ।'हम' व 'वीआइपी' से भी बनाए जा सकते हैं एक-एक मंत्री ।नीतीश कैबिनेट के विस्‍तार को लेकर हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी एवं विकासशील इनसान पार्टी के अध्‍यक्ष व मंत्री मुकेश साहनी भी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में हैं। संभव है कि 'हम' व 'वीआइपी' से एक-एक और मंत्री बनाए जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18179523b4e82bacb9730dc061e1046e57a14208 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के एक ट्वीट ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन के बहाने देश को अस्थिर करने के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र को उजागर कर दिया है। उसने बुधवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को लेकर प्रदर्शन की एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया था और उसके कुछ घंटे बाद पहले ट्वीट से संबंधित ‘टूल किट'' (toolkit) भी उसने अपने ट्विटर एकाउंट से साझा कर दिया था, जिसमें आंदोलन के सहारे भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश के तहत ट्विटर हैशटैग, टैगिंग एकाउंट की लिस्ट, लिखने के लिए शब्द, आंदोलन से संबंधित वीडियो व फोटो समेत अन्य सामग्री मौजूद थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..090d91c590af7700a3258f171997ed27ae54820b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, जेएनएन। देश में कैंसर बढ़ रहा है। हर उम्र के लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस बीच तमाम लोग भ्रम के शिकार भी हो रहे हैं। शरीर में कहीं भी गांठ बनने पर वह कैंसर को लेकर घबरा जाते हैं। पुरुष हो या महिला कई दिनों तक तनाव में रहते हैं। हकीकत उलट है, सिर्फ 10 फीसद गांठ ही कैंसर की होती हैं। वहीं 90 फीसद गांठाें में कैंसर सेल्स नहीं पाए जाते हैं। इस गांठ के विभिन्न कारण हो सकते हैं। विश्व कैंसर दिवस पर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. आशीष सिंघल ने फोन पर पाठकों की बीमारी संबंधी आशंकाओं को दूर किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7591.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3f008c9874c771e507c213fae56dbf36d698f9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7591.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो बता रहे हैं कि घर पर किट के जरिए आसानी से कैसे टेस्ट कर सकते हैं। वीडियो में वो अपने एक दोस्त से वीडियो कॉल पर बात करते दिख रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि अभिनेता अपने दोस्त को कोविड सेल्फ किट के द्वारा घर पर ही कोरोना वायरस टेस्ट करने का तरीका समझा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a82ced8f9cb5ce7af185cff2a8605cbc029a3aab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75911.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूजा का विधान : ज्योतिषाचार्य विमल जैन के अनुसार इस दिन शुभ संयोग में गंगा स्नान के बाद दान पुण्य का फल मिलता है। इस दिन मौन रहकर स्नान करने की धार्मिक मान्यता है। मौन रहते हुए ही देव दर्शन व दान पुण्य करना शुभ फलदायी माना गया है। मौनी अमावस्या के दिन ब्राहमण को सात्विक भोजन करनाने की मान्यता है। यथा सामथ्र्य दान दक्षिणा के बाद आशीर्वाद लेने की परंपरा है। नवीन वस्त्र, आंवला, तिल व तिल का तेल और काले तिल व गुड़ के लड्डू को नए लाल कपड़े में बांधकर देने का विधान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75915.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75915.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60fc57fdeff965ecaaf903cc609798f638811bf2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75915.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रियाद (रॉयटर्स)।  सऊदी अरब ने अपने यहां पर कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से पाकिस्‍तान समेत 20 देशों से हवाई यातायात को फिलहाल स्‍थगित कर दिया है। अब केवल वही लोग सऊदी अरब में प्रवेश कर सकेंगे जो वहां के नागरिक हैं, डिप्‍लोमेट हैं और डॉक्‍टर या उनके परिजन हैं। ये आदेश 3 फरवरी से लागू कर दिया गया है। जिन देशों से आने वाले लोगों पर सऊदी अरब ने बैन लगाया है उनमें संयुक्‍त अरब अमीरात, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, मिस्र, लेबनान,  अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इटली, ब्राजील, पुर्तगाल, तुर्की, स्‍वीडन, स्विटजरलैंड, जापान और भारत और भारत का भी नाम शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fe4f3390c403e898b7d668e246260fe18d2d804 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75923.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किसी अंजान व्यक्ति ने भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर दिया है। इसका पता तब चला, जब भाकियू प्रेस प्रभारी शमशेर राणा के पास भी उक्त आइडी से मित्रता के लिए आमंत्रण आया। उन्होंने इसकी पड़ताल करना शुरू किया तो देखा कि लोकेशन पंजाब के लुधियाना की दिखाई जा रही है। + +वहीं, इस फेसबुक आइडी को बनाने वाले ने खुद को लुधियाना का दिखाया है। तीन फरवरी से लगातार उसकी लोकेशन भी लुधियाना की मिल रही है। इस मामले में उन्होंने भाकियू संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर चलाने वाले आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद के एडीएम सिटी, एसपी सिटी व सीओ कौशांबी को स्नैप शॉट भेजकर इसकी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने व आइडी को बंद कराने को कहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75927.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75927.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3632116e3b1abf13782fcdc1033df67d281fbea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75927.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोडरमा, [अनूप कुमार]। World Cancer Day 2021 पिछले करीब ढाई वर्षों से कैंसर की जंग लड़ते हुए झुमरीतिलैया निवासी शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी व बुद्धिजीवी अरुण मिश्रा ने 150 पन्नों की एक किताब ही लिख डाली। थैंक्यू कैंसर, नाम से लिखी इस किताब की पांडुलिपि तैयार हो चुकी है। अरुण मिश्रा बताते हैं कि अगले कुछ माह में इसका प्रकाशन हो जाएगा। कवरपेज का डिजाइन भी इन्होंने खुद ही किया है। किताब इनके जीवन पर आधारित है। ।इसमें इन्होंने चिकित्सीय जांच में अपने अंदर प्रोस्टेट कैंसर पाए जाने से लेकर इसके इलाज में हुई असहनीय पीड़ा को स्वजनों व इष्ट मित्रों के सहयोग से कैसे सहा, उस दौर क्या-क्या चुनौतियां सामने आई, इन चुनौतियों व बीमारी से मुकाबला के लिए खुद को कैसे तैयार किया, बीमारी के बावजूद बीमार नहीं दिखने और 8-10 घंटे अपना काम करने के लिए क्या-क्या जतन करने पड़े, बीमारी के दौरान दूसरे कैंसर पीड़ि‍तों के सहयोग के लिए कैसे आगे बढ़े, जैसे पलों को संजोया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75928.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa9208ad5b761455ffa3f1835e6540fb02ef727f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75928.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Maharashtra Politics हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा को आक्रामक होने का मौका दे दिया है, जबकि वह स्वयं इस मुद्दे पर मौन साधे दिख रही है। सत्ता में आने के बाद यह स्थिति पहली बार नहीं पैदा हुई है। लॉकडाउन के दौरान मुंबई के निकट पालघर जनपद में दो साधुओं समेत तीन लोगों की बर्बर हत्या से शुरू हुई यह कहानी अब शरजील उस्मानी तक आ चुकी है। सत्ता में बैठे शिवसेना के नेता चाहे जो दावा करें, लेकिन कल्पना नहीं की जा सकती कि यह बालासाहब ठाकरे वाली ही शिवसेना है। + +अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद 1992-93 की बात भूल भी जाएं तो 11 अगस्त, 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान कुछ हुड़दंगियों ने जब वहां बने अमर जवान स्मारक को तोड़कर महिला पुलिसकíमयों के साथ बदसलूकी की थी तो उसके कुछ दिन बाद ही पूरी मुंबई में बालासाहब ठाकरे की तस्वीर वाले बड़े-बड़े होìडग लगे दिखाई दिए थे, जिनपर लिखा था-एकटा टाइगर। यानी एक ही बाघ। ये होर्डिंग हुड़दंगियों के लिए एक संकेत मात्र थे। उसके बाद पूरी मुंबई शांत हो गई थी। यही नहीं, बालासाहब की गैरमौजूदगी में भी 31 दिसंबर, 2017 को पुणो के शनिवार वाड़ा के बाहर हुई एलगार परिषद एवं उसके अगले दिन से महाराष्ट्र में शुरू हुए जातीय दंगों के बाद शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। यह प्रतिक्रिया उसके उस स्वभाव से ही मेल खा रही थी, जिसका आदी आम शिवसैनिक रहा है। उन दिनों शिवसेना राज्य की सत्ता में भाजपा के साथ थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed21b11c96460ce4e1d88608fd61de3ecf5a0d83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75936.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दोबारा से टयूमर की वजह पता लगाने की जांच करवाई, तो पता लगा कि उन्हें हाईग्रेड यूरिनरी ब्लैडर कैंसर की पुष्टि हुई। जिसमें दोबारा से ट्यूमर होने की प्रबल संभावना रहती है। दोबारा से ट्यूमर न बने, इसके लिए स्थानीय चिकित्सकों ने मुंबई के टाटा मेडिकल सेंटर में इलाज करवाने की सलाह दी। वह वहां गए। जांच के बाद इंट्रा वेसीकल कीमो की छह डोज दी गई। जिससे ट्यूमर दोबारा नहीं आया। वे बताते हैं कि सितंबर 2013 में उन्हें पता लगा कि जीभ का कैंसर है। फिर विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार नवंबर में सर्जरी से कैंसर ग्रस्त चीभ के हिस्से को निकलवाया। तब से जीभ का कैंसर दोबारा नहीं हुआ और जीभ दोबारा से रिग्रो हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc6b7f27d3e69472d99c59ef5b2f58523914db6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75937.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। 26 जनवरी के दिन राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इस बीच जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही हैं, कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे  भी हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, लालकिला में 26 जनवरी के दिन उपद्रव करने के आरोप में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एसआइटी द्वारा गिरफ्तार धर्मेन्द्र सिंह हरमन दिल्ली दंगे के दौरान शाहीनबाग में हुए उपद्रव में भी काफी सक्रिय था। + +वहीं जांच के दौरान धर्मेन्द्र सिंह हरमन की कार के नम्बर के आधार पर इसका पता खंगाला गया तो पता चला कि यह दिल्ली के अर्जुन नगर इलाके का रहने वाला है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने जब और विस्तार से तफ़्तीश की तो पता चला कि यह शाहीनबाग में हुए विरोध प्रदर्शन के वक्त भी काफी सक्रिय था। बुधवार को इसे हिरासत में लेकर काफी देर तक पूछताछ करने के बाद इसे गिरफ्तार कर लिया गया। क्राइम ब्रांच के मुताबिक 26 जनवरी को हुई हिंसा मामले में यह दूसरी महत्वपूर्ण गिरफ्तारी है। ,इससे पूछताछ के आधार पर जल्द ही कुछ और आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72133b4983304527b5226339057a0185856be0dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75938.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। ‘गुल से लिपटी हुई तितली को गिराकर देखो..आंधियों तुमने दरख्तों को गिराया होगा’..कैफ ‘भोपाली’ की ये पंक्तियां सरलभाव में बह रही जिंदगी के बीच अचानक आई कैंसर रूपी बीमारी के पहाड़ को चुनौती देकर डटकर खड़े कासिम और उनकी पत्नी शमीम पर बखूबी उतरती हैं। कासिम के वैवाहिक जीवन की शुरुआत को सात-आठ माह ही बीते थे कि बहुत ही बुरी खबर आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bec52baae090765e3d610b5643fb4d86a1c97122 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75939.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वामी रामानंदाचार्य महाराज ने सवर्णों के अलावा अंत्यजों को भी दीक्षा प्रदान की। संत कबीर को काशी में कोई संत-महात्मा नाम दीक्षा देने के लिए तैयार नहीं था। अत: वह ब्रह्ममुहूर्त में पंचगंगा घाट की सीढिय़ों पर आकर लेट गए। रामानंदाचार्य जब तड़के गंगा स्नान हेतु जा रहे थे तो उनके पैर अंधेरे में संत कबीर पर पड़ गए। उन्होंने कबीर को उठाकर अपने गले से लगा लिया। संत कबीर ने रामानंदाचार्य महाराज से दीक्षा प्राप्त करने के बाद जाति-पांति, ऊंच-नीच, पाखंड और अंधविश्वासों का आजीवन पुरजोर विरोध किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75941.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75941.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..774db2e1904eac02351f3bbb8f0ebe01cce54d8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75941.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोलन, सुनील शर्मा। स्वरोजगार का सपना आंखों में हो तो मंजिल देर सवेर मिल ही जाती है। ऐसा ही कुछ सिरमौर जिला के सुभाष शर्मा ने कर दिखाया है। उनके दिल में अपना काम कारोबार करने की तमन्‍ना तो कई वर्षों से थी, लेकिन बस उन्‍हें इंतजार था तो केवल एक आंखों देखी ट्रेलर का। यह ट्रेलर उन्‍हें तब देखने को मिला जब उन्‍होंने एक दंपती को हंसी खुशी एक आसान स्वरोजगार चलाते देखा। दंपत्ती को देखकर उनके सपनों को नए पंख लग गए। सुभाष ने बताया कि जब वह थियेटर के काम से किसी दूसरे राज्‍य में गए हुए थे तो वहां एक परिवार गारमेंट का कारोबार करते देखा। पति पत्नी ही इस कारोबार को चला रहे थे और अच्‍छी आमदनी हासिल कर रहे थे। + +प्रेरित होकर उन्‍होंने उस दंपती से बातचीत की और अपने प्रदेश में भी कुछ इस तरह का कारोबार चलाने की सोच बना ली। इसके बाद उन्‍होंने इस सारे मामले की जानकारी जुटाना शुरू किया और पता चला कि खादी बोर्ड से ऐसे नए प्रोजेक्‍ट शुरू करने के लिए उचित दरों पर लोन मिल रहा है। अब सुभाष ने ट्रैक सूट व स्‍कूल यूनीफार्म बनाने का उद्योग लगाया है। वह जालंधर से कपड़ा व अन्‍य सामान लाकर यहां पर ट्रैक सूट व अन्‍य उत्‍पाद तैयार करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75942.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75942.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e39db349407f24abf41d8ff3fca2a7edde810be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75942.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह तय नहीं कि तृणमूल समेत अन्य दलों से जो भी नेता शामिल हो रहे हैं उन सभी को ही टिकट मिलेगा। इससे साफ हो जाता है कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व को भी पता है कि टिकट बंटवारे के दौरान असंतोष बढ़ सकता है, क्योंकि भाजपा के जो पुराने कार्यकर्ता व नेता हैं उनके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा है कि जिस तरह से तृणमूल नेताओं को शामिल किया जा रहा है उसमें उनकी अहमियत न समाप्त हो जाए। शायद यही वजह है कि सुवेंदु अधिकारी, राजीब बनर्जी, वैशाली डालमिया, प्रबीर घोषाल, सब्यसाची दत्त, अर्जुन सिंह जैसे तृणमूल नेताओं को भाजपा में शामिल करने के बाद अब इस पर भाजपा नेतृत्व ब्रेक लगाने की तैयारी में है। + +भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी ने अब तृणमूल नेताओं को दल में शामिल करना बंद कर दिया है। दरअसल तृणमूल के नेताओं की जांच किए बिना उन्हें धड़ल्ले से पार्टी में शामिल करने पर भाजपा के भीतर उपजे रोष के कारण यह निर्णय लिया गया। अब स्थानीय नेतृत्व के साथ बातचीत करने के बाद चुनिंदा नेताओं को ही पार्टी में लिया जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75943.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75943.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e5d853087919a33a9e026ed6009bec093331447 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75943.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सीमेंट के गमले हैं महंगे।सीमेंट और प्लास्टिक के गमलों की कीमतों में भी काफी अंतर है। इसी वजह से लोग अब प्लास्टिक के गमलों को ज्यादा पसंद कर रहे हैैं। सीमेंट के 12 इंच के गमले की कीमत 100 रुपये से ज्यादा है,वहीं प्लास्टिक का गमला 60 रुपये में मिल रहा है। साथ ही साथ सीमेंट के गमलों का रख-रखाव भी ज्यादा होता है। हल्की सी चोट में ही इनके टूटने का डर होता है,जबकि प्लास्टिक के गमले रफ-टफ होते हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..568d9293ce01bed8d22ede32cd0974f52a6a799b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75945.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेड वीमन फाउंडेशन की फाउंडर किरण कहती हैं, मुझे मई 2019 में जब तबियत खराब होने का एहसास हुआ तो हम ग्वालियर से दिल्ली गए। वहां सभी रिपोर्ट पॉजिटिव आईं और तय हो गया कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है। मेरा ऑपरेशन हुआ और फिर कीमोथेरेपी शुरू हो गई। यह काफी दर्दनाक होती है। जब यह सब प्रक्रिया चल रही थी तो मेरी पूरी कोशिश थी कि मैं हताश न महसूस करूं। यह एक लड़ाई है और मुझे पॉजिटिव रहकर इसे लड़ना है। पिछले 10 साल से पढ़ा रही हूं। सोशल वर्कर भी हूं। अपने फाउंडेशन के माध्यम से मैं ग्वालियर के आसपास के करीब 27 गांवों में उन महिलाओं और लड़कियों को अपनी सेवाएं दे रही हूं जिन्हें चिकित्सा की जरूरत होती है। मैं मेडिकल कैंप लगाती हूं और लड़कियों को चार महीने के लिए मुफ्त सेनेटरी पैड देती हूं। उनकी शिक्षा पर काम करती हूं। कैंसर होने के दौरान मेरे घर के लोग सदमे में आ गए थे, लेकिन मैं अपना काम करती रही। इससे बहुत सी महिलाओं को प्रेरणा मिली। मैंने एक दिन भी यह सोचकर बरबाद नहीं किया कि मेरी जिंदगी का क्या होगा...। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e1ee579416328a25a7e3361249dfbc8584ca48f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75946.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धूमपान से फेफड़े, स्तन का कैंसर, खैनी, सुर्ती, जरदा, दोहरा, गुटखा और पान से मुंह व गले का कैंसर, शराब से आहार नली और पेट का कैंसर, पाश्चात्य खानपान (जिसमें कार्बोहाइड्रेट तथा फैट की मात्रा अधिक होती है) से स्तन कैंसर हो सकता है। इसके अलावा, सुस्त व निष्क्रिय जीवन जीने वाले तथा वे लोग जिनको मोटापे की समस्या है, उन्हें भी कैंसर होने की आशंका अधिक रहती है। कुछ कैंसर जैसे महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर ह्यूमन पापिलोमा वायरस इंफेक्शन के कारण होता है, जो असुरक्षित यौन संबंधों के कारण होता है। लिवर का कैंसर हेपेटाइटिस वायरस (जो रक्त से फैलता है) से होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a9ba6fbdae7d040a6d4e5db18788f29278ba7ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75950.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +-अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली की कप्तानी में क्या अंतर है? दोनों के नजरिये में क्या अंतर है? क्या आप अलग-अलग प्रारूप में अलग-अलग कप्तान के पक्ष में हैं?।--प्रत्येक बल्लेबाज और प्रत्येक गेंदबाज के पास अपना एक नजरिया होता है जो एक-दूसरे से अलग हो सकता है, लेकिन उद्देश्य एक ही है, रन बनाना और विकेट लेना। इसलिए कप्तानी के साथ भी एक अलग तरीका हो सकता है, लेकिन उद्देश्य एक ही है और वह है मैच जीतना। + +-जो रूट पर बहुत चर्चा हो रही है। क्या वाकई में वह भारतीय स्पिनरों के खिलाफ खतरनाक साबित होंगे। भारतीय गेंदबाजों को किस योजना के साथ उनके खिलाफ जाना चाहिए?।--जो रूट ने श्रीलंका में शानदार बल्लेबाजी की और अब वह ऐसे विकेटों पर बल्लेबाजी करने जा रहे हैं जो किसी तोहफे से कम नहीं होंगे, तो ऐसे में अन्य खिलाड़ी भी रन बना सकते हैं। बुमराह और अश्विन के खिलाफ उनकी प्रतिस्पर्धा को देखना शानदार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..77cd8f290c48a374239d5549ea51e17f9c7ab573 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बप्पा श्रीनारायण वोकेशनल पीजी कालेज (केकेवी) : छात्रों के लिए यहां परास्नातक स्तर पर सेल्फ फाइनेंस मोड पर कई नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। कालेज के प्राचार्य प्रो. राकेश चंद्रा के मुताबिक नए कोर्स में एमए पालीटिकल साइंस, एमए संस्कृत, एमए अंग्रेजी और एमएससी फिजिक्स शुरू करने की तैयारी है। संबद्धता के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में आवेदन किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..435d11335bc6ef8718f08754c1d2fcab958c649d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2008 में पहली बार सुर्खियों में आए नवलनी ।बता दें कि रूस में नवलनी की पहचान रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के घोर विरोधी के रूप में रही है। वर्ष 2008 में नवलनी पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्‍होंने अपने एक ब्‍लॉग के जर‍िए सरकारी कंपनियों में व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार को उजागर किया। उनकी इस रिपोर्ट के बाद रूस सरकार में शामिल कई अधिकारियों को इस्‍तीफा देना पड़ा था। सरकार के खिलाफ ब्‍लॉग लिखने और रूस की संसद डूमा के बाहर सरकार विरोधी रैली का आयोजन करने के लिए नवलनी को 2011 में जेल जाना पड़ा। पहली बार उन्‍हें 15 दिन के लिए जेल जाना पड़ा। जेल से रिहा होने के बाद उन्‍होंने रूसी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75967.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75967.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f5397acd02d463fb44e333eee74ecce9fda8174 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75967.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मत्स्य व पशुपालन की दिशा में भी बढ़ाया कदम ।राजीव पोद्दार ने फार्म पर जैविक खेती के साथ मछली पालन और डेयरी प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू कर दिया है। इन दिनों यहां बड़े तालाब का निर्माण अंतिम चरण में है। साथ ही डेयरी फार्म और मशरूम उत्पादन के लिए कमरे भी तैयार हो रहे हैं। एक प्रयोग के तहत लगभग दो माह पहले छोटे आकार का तालाब बनाकर उसमें मछली का जीरा डाला गया। मछलियां सही रूप से बढ़ भी रही थीं। ।राजीव बताते हैं कि पूर्ण विकसित होने से पहले ही अज्ञात लोगों ने फार्म में किसी तरह प्रवेश कर मछलियों को निकाल लिया। कई मछलियां तालाब के आसपास भी गिरी पाई गईं। बताते हैं कि संभवत: रात में यह उपद्रव किया गया होगा। चूंकि फार्म बड़ा है और बिजली उपलब्ध नहीं होने से अंधेरा पसरा रहता है। फिलहाल बड़े तालाब के निर्माण के साथ सुरक्षा के लिए बेहतर बाड़ा बनाने का काम भी किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eb1a1e8d868334e3c7a48da90735dd2fbda5dc59 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75968.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोलार्ड ने कहा कि अहम बात ये है कि हमारे पास में वैक्‍सीन के बुजुर्गों पर नतीजे के कम आंकड़े मौजूद हैं। रॉयटर्स ने बीबीसी के हवाले से बताया है कि वैक्‍सीन के बुजुर्गों पर वही नतीजे देखने को मिले हैं जो किसी युवा में दिखाई देते हैं। इनका स्‍तर पर लगभग एक समान ही है। पोलार्ड ने ये भी कहा है कि फ्रांस के राष्‍ट्रपति के बयान और वहां पर स्‍वास्‍थ्‍य सेवा को लेकर बनी प्रमुख बॉडी के इस वैक्‍सीन को बुजुर्गों को न देने के आदेश के बाद विभिन्‍न देशों ने इस वैक्‍सीन को विभिन्‍न स्‍तर पर लगाने की मंजूरी दी है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि फ्रांस के इस फैसले के बावजूद यूरोपीय संघ ने इसको हर उम्र के लोगों को लगाने के लिए मंजूरी दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b19dabde9d96edb0a961ccbcccf9890b10014b1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75969.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कमजोर सूचना तंत्र का परिणाम।26 जनवरी के दिन आयोजित मुख्य परेड की सुरक्षा के मद्देनजर ज्यादातर पुलिसर्किमयों की ड्यूटी राजपथ व नई दिल्ली इलाके में लगी थी। बचे हुए बल को ट्रैक्टर परेड के लिए तय मार्ग पर लगाया गया था। इसी बीच, ट्रैक्टर परेड तय मार्ग छोड़कर दिल्ली में प्रवेश कर गई। ।ट्रैक्टर परेड को लाल किले की तरफ ले जाने की सूचना के बाद पुलिस को उन मार्गों पर लगाया गया। हालांकि पहले भी वहां सुरक्षा के पर्याप्त उपाए किए गए थे, लेकिन उपद्रवी ट्रैक्टर से बैरिकेड्स हटाकर आगे बढ़ने में सफल हो गए। लाल किले पर भी वे मनमानी करने में कामयाब रहे। + +यदि पुलिस का सूचना तंत्र पुख्ता होता तो तय स्थान से जैसे ही ट्रैक्टर परेड आगे बढ़ी, वैसे ही उसे रोका जा सकता था। घटना के बाद रास्ते में कटीले तार और बैरिकेड्स की जिस प्रकार की व्यवस्था पुलिस ने बार्डर पर अब की है यदि वह पहले की जाती तो गणतंत्र दिवस के दिन हुए हंगामे को रोका जा सकता था। ।कार्रवाई का हो डर।इस प्रकार के आंदोलन को थकाने वाली रणनीति से काबू में किया जा सकता था। इसके तहत पुलिस आंदोलनकारी को एक रास्ते से दूसरे रास्ते पर घुमाती रहती है। इस बीच, पुलिस रास्ते में बचाव का काम करती है और घूमते रहने से आंदोलन करने वाले थक जाते हैं। लिहाजा वे अपने मूल उद्देश्य में सफल नहीं हो पाते। ।अन्य उपाय के तहत कड़ी कार्रवाई का भय दिखाकर आंदोलनकारियों को काबू किया जाता है। मीडिया व अन्य माध्यम से उनसे शांति की अपील की जाती है। ।(बालकृष्ण शर्मा, पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त, दिल्ली।)।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75970.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75970.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bc852b84fb904ad6ac44eb344d1874701445ca1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75970.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जमा खान के बहाने अल्‍पसंख्‍यकों पर डोरे । बहुजन समाज पार्टी से जेडीयू में आए विधायक जमां खान के भी मंत्री बनने की चर्चा है। इसके पीछे यह एंगल है कि विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट पर किसी भी अल्पसंख्यक प्रत्याशी को सफलता नहीं मिली। विधान परिषद में जेडीयू के कई अल्पसंख्यक विधान पार्षद हैं। जेडीयू ने यह बताना उचित समझा है कि अल्पसंख्यकों का उसके लिए यह महत्व है कि वह बाहर से उस समाज के लोगों को लाकर मंत्री बना सकता है। बाहर के लोगों के लिए यह संदेश भी देने की कोशिश होगी कि जो आएंगे उनका स्वागत होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75980.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75980.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..219754b1aef06f1388c7d9be952c0c9998a507af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75980.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धीरेंद्र पाठक। एक फरवरी को पेश किये गये केंद्रीय आम बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 137 फीसद की बढ़ोत्तरी से हेल्थकेयर सेक्टर में काफी उत्साह है। इसके तहत अगले छह साल में आम आदमी की सेहत का खयाल रखने के लिए देशभर में 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र और क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल खुलेंगे। इससे टियर-२ और टियर-३ शहरों के हेल्थकेयर र्सिवसेज में बड़ी संख्या में पैरामेडिक्स जॉब्स की उम्मीद की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75981.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75981.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3964325561637e4247be09dc0db7f6ac26021d5c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75981.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनाली, जेएनएन। रोहतांग दर्रे सहित लाहुल स्पीति जिला में मौसम में एक बार फिर करवट बदली है। मनाली के पर्यटन स्थल रोहतांग दर्रे सहित अटल टनल के नाॅर्थ पोर्टल व सिस्सु में बर्फबारी का क्रम शुरू हो गया है। लाहुल घाटी के ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। मनाली के पर्यटन स्थल राहनीनाला और मढ़ी में भी बर्फ की हल्की सफेदी बिछी है व रुक-रुककर बर्फ के फाहे गिरने का क्रम जारी है। बर्फबारी को देखते हुए अटल टनल फिलहाल पर्यटकों के लिए बंद कर दी है। सैलानियों को सोलंगनाला तक ही जाने की अनुमति दी गई है। + +सुबह से ही लाहुल घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। फोर व्हील ड्राइव वाहन चल रहे हैं। लेकिन लाहुल स्पीति प्रशासन ने स्थानीय वाहन चालकों को भी परिस्थितियों के हिसाब से ही सफर करने की सलाह दी है। कुल्लू प्रशासन का भी कहना है कि अटल टनल पर पर्यटकों की आवाजाही मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर रहेगी। बर्फ के फाहे गिरते देख पर्यटकों को सोलंगनाला तक ही भेजा जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82c4ef8a2abd102fc0c8a2af9d40bdcc5eb383a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75982.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 32 मॉनीटरिंग स्टेशनों का सांख्यिकीय विश्लेषण बताता है कि वर्ष 2020 में 2019 के मुकाबले पीएम 2.5 में 43 जबकि नाइट्रोजन ऑक्साइड में 61 फीसद की कमी दर्ज हुई है। ये गिरावट दिल्ली के वायुमंडल में हवा की रफ्तार कम होने के बावजूद दर्ज की गई। हालांकि द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीटयूट (टेरी) की ओर से 45 दिनों की निगरानी अवधि के दौरान दिल्ली में लोधी रोड, पटेल नगर और लक्ष्मी नगर में अपने तीन मॉनीटरिंग स्टेशनों में किए गए अध्ययन में पता चला कि पीएम 2.5 और नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है, लेकिन वायुमंडल में पीएम 2.5 की मात्र इन तीनों स्टेशनों में अपने सामान्य स्तर 31-60 फीसद को पार करती रही। + +टेरी की ओर से मंगलवार को एक वेबिनार के दौरान ‘असेसमेंट ऑफ एयर क्वालिटी ड्यूरिंग लॉकडाउन इन दिल्ली’ रिपोर्ट जारी की गई। यह रिपोर्ट ब्लूमबर्ग फिलॉन्थ्रीपीज के सहयोग से तैयार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक पीएम 2.5 के सामान्य स्तर से अधिक रहने की मुख्य वजह बायोमास को जलाना बताया गया है। दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान उद्योगों से होने वाले क्षेत्रीय स्तर के प्रदूषण ने भी पीएम 2.5 के स्तर को बढ़ाने में मुख्य योगदान दिया। इसलिए वायु प्रदूषण की समस्या के हल के लिए एयरशेड आधारित दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता है। + +इस मौके पर टेरी के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने कहा, जब तक क्षेत्रीय स्नोतों के प्रदूषण को नहीं खत्म करेंगे तब तक दिल्ली में वायु गुणवत्ता के मानकों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अर्थ साइंस एंड क्लाइमेट चेंज डिवीजन के निदेशक डॉ. सुमित शर्मा ने कहा कि लाकडाउन और गर्मियों में हानिकारक प्रदूषकों के वायुमंडल में दूर-दूर फैले होने के बावजूद अधिकांश दिनों में प्रदूषण का स्तर निर्धारित मानक से कहीं अधिक था। इसलिए केवल शहर की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना पर्याप्त नहीं होगा, हमें देश में क्षेत्रीय स्तर की वायु गुणवत्ता प्रबंधन योजनाओं की तैयारी और क्रियान्वयन भी शुरू करना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75984.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75984.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8151016bc507e00edc597c9284f6cf3995ef8cb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75984.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पापा को देखकर सीए बनने की ठानी थी, पढ़ाई के बाद कुछ देर फेसबुक पर रहती।विराट नगर में रहती हैं जैसमीन। 481 अंक लेकर पानीपत में दूसरे स्थान पर आई है। पापा चिरंजीव सोढ़ी सीए हैं। मम्मी मनज्योति स्कूल में टीचर हैं। जैसमीन कहती हैं कि उसने पापा को देखकर सीए बनने की ठानी थी। पापा की खुद की प्रैक्टिस है। पर वह जाब करना चाहती है। छोटा भाई इंजीनियरिंग कर रहा है। सीए बनने के लिए कितना पढ़ना जरूरी, इस सवाल पर कहती हैं- ये जरूरी नहीं कि 24 घंटे पढ़ते ही रहें। रट्टा न लगाएं। सवालों को समझें। सीए की परीक्षा में समझ पर बहुत फोकस रहता है। वह जब काफी देर तक पढ़ लेती थी तो मूड हल्का करने के लिए फेसबुक खोल लेती थी। हां, बाहर घूमने नहीं गई। 12वीं में 96 फीसद अंक आए थी। भरोसा था कि सीए बन जाऊंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75986.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2cc846a513fc752ec6d75eeeb55e6befd7689eec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75986.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +म्‍यांमार में तख्‍तापलट की इस कार्रवाई को जहां संयुक्‍त राष्‍ट्र ने गलत बताते हुए इसकी निंदा की है वहीं अमेरिका इस कार्रवाई के खिलाफ म्‍यांमार पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। वहीं भारत इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। इसके अलावा संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को आपात बैठक बुलाई थी।आपको यहां पर ये भी बता दें कि कुछ समय पहले ही भारतीय विदेश सचिव और देश की थल सेना के जनरल नरवाने ने म्‍यांमार का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत हुइ थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e29c205e6eafc24a7403481020e8dd6819e873ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ विश्वविद्यालय के बायोकेमेस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष स‍िंह बताते हैं कि एचआइवी पीडि़त, शुगर, आग से जले हुए और कीमोथेरेपी कराने वाले मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। अस्पतालों में इन मरीजों को कैंडिडा एलबिकांस फंगस सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। बाजार में इस फंगस को रोकने के लिए बहुत सी दवाइयां हैं, लेकिन वे कम कारगर साबित हो रही हैं। दवाइयां ज्यादा लेने पर मरीजों को नुकसान पहुंचता है। इसलिए इस शोध में दवा के दूसरे विकल्प पर काम किया जाएगा। ऐसी दवाई या उसके मिश्रण (काम्बीनेशन) पर शोध करेंगे, जो सटीक तरीके से फंगस को खत्म कर सके। डॉ. समीर शर्मा के साथ मिलकर यह शोध तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50b2e531b1de009929408b9b7b6107e4d1d74c19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75990.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिकोहाबाद के पालीवाल डिग्री कालेज की बीएससी की छात्रा दीप्ति यादव का संघर्ष दो साल पहले शुरु हुआ था। दीप्ति ने अपनी अंकतालिकाओं को ठीक कराने के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने शुरू किए। पहले छात्रा को हाथ से बनी अंकतालिका दी गई, फिर बहुत परेशानियों के बाद कंप्यूटर वाली अंकतालिका मिली।अंकतालिका मिलने के बाद दीप्ति ने डिग्री के लिए आनलाइन आवेदन किया। दो साल बीतने के बाद भी डिग्री नहीं मिली तो दीप्ति फिर से विश्वविद्यालय पहुंची। जहां उसे बताया गया गया कि आवेदन बीएससी विभाग में वेरीफिकेशन के लिए रुका हुआ है। विभाग में पहुंची तो सबसे पहले उससे कालेज से उपस्थिति चार्ट मंगवावा गया। छात्रा ने चार्ट कालेज से लाकर विभाग में जमा करा दिया। उसके बाद उससे एफीडेविट मांगा गया। तीसरे दिन छात्रा एफीडेविट भी ले आई। इसके बाद उससे अन्य अभिलेख भी मांगे गए, वो भी छात्रा ने जमा करा दिए, पर डिग्री हाथ नहीं आई। परीक्षा नियंत्रक से मिलने की कोशिश की। कुलपति कार्यालय पहुंची, जहां कर्मचारियों ने उसे रोक दिया। छात्र दो दिन तक हर अधिकारी के कार्यालय में जाकर फूट-फूट कर रोई, पर डिग्री नहीं बनी। हार मानकर छात्रा ने अपना वीडियो बनाया। वीडियो विश्वविद्यालय के हर कर्मचारी तक पहुंचा। सहायक कुलसचिव पवन कुमार ने भी वीडियो देखा और छात्रा की डिग्री बनवा दी। छात्रा ने सहायक कुलसचिव को बताया कि उसके भाई की डिग्री भी अटकी हुई है, पर समाधान न ही हो रहा है। छात्रा को आश्वासन दिया गया कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ec5c346f495031ebeb44e0e0f12f879b2926d412 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75991.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चकमा देने में माहिर: यह स्टील्थ तकनीक (रडार या अन्य उपकरणों की पकड़ में न आने वाला) पर आधारित है। यह चकमा देने में माहिर है। ।दुर्गम स्थानों पर पहुंचा सकते हैैं कोरोना की वैक्सीन: हल्के हेलीकॉप्टर का ट्रायल पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। इस काम में सेना की मदद ली जाएगी। अगर यह सफल रहता है तो स्वास्थ्य विभाग को दिया जा सकता है। सेना के जवानों के लिए दवाएं और खाने-पीने की वस्तुएं पहुंचाने में उपयोग होगा। ।मोबाइल ने भी कर सकेंगे संचालित: हेलीकॉप्टर में कैमरे लगे हैं, जिनसे एक किमी दूर तक देखा जा सकता है। यह ऑनलाइन सिस्टम पर आधारित है, जिसको मोबाइल से संचालित किया जा सकता है। यह न सिर्फ वस्तुएं भेजने बल्कि मंगवाने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। ।न्यूक्लियर रेडिएशन की जांच: विभ्रम में कई सेंसर हैं, जिनकी मदद से न्यूक्लियर रेडिएशन की पहचान की जा सकती है। विशेषज्ञों ने दिल्ली के पास कृत्रिम क्षेत्र बनाकर इसका ट्रायल भी किया है। ।आइआइटी ने किया गलत ट्वीट: आइआइटी की ओर से विभ्रम के वजन को लेकर गलत ट्वीट किया गया। उन्होंने चार किग्रा बताया है, जबकि एंडयोर एयर के ब्रॉशर में इतने वजन पर हेलीकॉप्टर फेल होना बताया गया है। कंपनी के निदेशक ने भी इसे गलत कहा है। ।बेंगलुरु के एयर शो में भेजा पुराना वर्जन: बेंगलुरु में बुधवार से शुरू हो रहे एयर शो में विभ्रम का दो साल पुराना वर्जन भेजा गया है। इसका वजन साढ़े आठ किलो है। इसकी उडऩे की क्षमता नए लाइटवेट हेलीकॉप्टर से 30 फीसद कम है। ये नए हेलीकॉप्टर से 20 फीसद कम वजन उठा सकता है। इसमें पावर ड्रिस्ट्रिब्यूशन के लिए छह सौ ग्राम की बैट्री थी जबकि अब इंजन ही ये जरूरत पूरी करता है।  बेंगलुरु में एशिया के सबसे बड़े शो एयरो इंडिया 2021 की शुरुआत तीन फरवरी से होने जा रही है। इस दौरान आइआइटी कानपुर के स्टार्टअप इंड्योरएयर हेलीकॉप्टर भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। आइआइटी कानपुर ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि हल्का हेलीकॉप्टर विकसित किया गया है जो एयरो-इंडिया 2021 में भाग लेगा। हेलीकॉप्टर की डिजाइन सेना को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है। आइआइटी कानपुर के अनुसार इस हेलीकॉप्टर में मेडिकल किट बॉक्स के साथ सीबीआरएनई सेंसर, लिडार तकनीक के अलावा कई अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75992.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75992.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..125c46c92273bfdba2ec337a7548aea703fca897 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75992.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अंबाला, [दीपक बहल]। Rail Budget 2021:  रेल यात्रियों के लिए अच्‍छी खबर है। यात्रियों को ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट से छुटकारा मिलेगा और ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने खास योजना तैयार की है। इसके तहत बजट 2021-22 (Budget 2021-22) में नई रेल लाइनों पर विशेष फोकस किया गया है। इससे ट्रेनाें की संख्‍या बढ़ाई जा सकेगी। इसका लाभ हरियाण और पंजाब सहित पूरे देश के रेल यात्रियों को होगा। इसके साथ ही प्राइवेट ट्रेनें भी चलेंगी। हरियाणा और पंजाब सहित अन्‍य राज्‍यों में साल 2024 तक करीब 150 प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी। + +नई रेल लाइनों पर फोकस, बढ़ाया दो हजार करोड़ का बजट ।नई रेल लाइनें बिछाने के लिए पिछले बजट की तुलना में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की जाएगी। 109 रूटों पर हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में प्राइवेट कंपनियां डेढ़ सौ ट्रेनों को दौडाएंगी, जिसका लक्ष्य सन 2024 रखा गया है। ऐसे में नई पटरियों को बिछाने और पुरानी पटरियों को बदलने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिक बजट रखा है। + +यह भी पढ़ें: हरियाणा विधानसभा का Budget Session 26 फरवरी से, 3 या 4 मार्च को पेश होगा बजट। 2024 तक हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में प्राइवेट कंपनियां डेढ़ सौ ट्रेनें दौडाएंगी।वर्ष 2020-21 में जहां बजट 70250 करोड़ के करीब था, वहीं इस बार एक लाख 10 हजार 55 हजार करोड़ कर दिया गया है। दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि नई रेल लाइनों के लिए मंजूर की गई है, जबकि रेल लाइन दोहरीकरण के लिए भी पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। पीपीपी मोड पर रेल यात्रियों की सुविधाओं में कैसे इजाफा किया जा सकता है इस पर भी विशेष ध्यान रखा गया है। हालांकि रेल लाइनें किस-किस राज्य और कौन से मंडल में कितनी आई है, इसका जिक्र रेलवे की ¨पक बुक में किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_75998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_75998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28fad9e0aa9120f6653345d689e3fab3ce50b90c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_75998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, मैनपुरी:। तीन साल पहले तक जिस गांव में गंदगी फैली रहती थी वह आज सफाई की मिसाल बन गया है। महिलाएं अधिकारों के लेकर जागरूक हैं तो युवाओं ने पढ़ रखा है कर्तव्य का पाठ। यह सब 23 वर्ष के एक युवा के हौसले का परिणाम है। पीएम नरेंद्र मोदी के अभियान से प्रेरित होकर एक दिन उसने हाथ में झाड़ू उठाई और फिर गांव की तस्वीर बदल डाली। वे विवेकानंद अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4f0020c55cee3f85990992e02678b12ba1eb0cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एफपीओ के माध्यम से धान, आलू, टमाटर सहित अन्य उत्पाद को बाजार तक पहुंचाया। इसमें हजारीबाग के कृषि बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह ने काफी सहयोग किया। उनके माध्यम से ई-नाम पोर्टल पर जुड़ा और करीब 34 लाख रुपये का उत्पाद ऑनलाइन बेच दिया। वर्तमान में बिग बास्केट भी सब्जियां भेजी जा रही हैं। इसके अलावा मदर डेयरी से बातचीत अंतिम दौर में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8480bc7400efe911e053f5e66fef8c3280441cac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76001.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + डीआरडीई के बनाए मानकों को बीआइएस से मिली मान्यता ।डीआरडीई के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ मनीषा साठे की टीम द्वारा तीस सालों की मेहनत के बाद यह सफलता हासिल हुई है। डीआरडीई के विज्ञानी इसे रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का बड़ा कदम बता रहे हैं। डीआरडीई ने कठिन प्रयोगों, व्यापक परीक्षण और मूल्यांकन के बाद रासायनिक-जैविक खतरों का मुकाबला करने के लिए अनेक उत्पादों (सूट, मास्क, जूते, चश्मे) और तकनीक (बॉयो डाइजेस्टर) का विकास किया है। डीआरडीई द्वारा बनाए गये उपकरण सेना और बड़े विभागों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं। सबसे लेटेस्ट एनबीसी (न्यूक्लियर बॉयोलॉजिकल एंड केमिकल) सूट मार्क-फाइव उत्पाद है, जिसे सेनाओं द्वारा उपयोग किया जा रहा है। इन्हें तैयार करने वाले प्रोटोकॉल को ही राष्ट्रीय मानक माने जाने की मान्यता मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61f99255a44db52749c2f69accb14189ac161843 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76004.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (पीटीआई)। ऑक्‍सफॉर्ड ने अपने हिंदी के शब्‍दों में एक और नया शब्‍द जोड़ दिया है। ये है 'आत्‍मनिर्भरता'। इस शब्‍द का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को सार्वजनिक तौर पर उस वक्‍त किया था जब देश कोरोना महामारी की चपेट में था और वो इससे उबरने के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहे थे। इसके बाद ये शब्‍द काफी प्रचलित हुआ और चर्चा का विषय बना था। ।पीएम मोदी ने उस वक्‍त देश को हर क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता बनाने का जो जिक्र किया था वो भविष्‍य के लिए भारत को एक मजबूत आधार देने की कल्‍पना थी, जो अब साकार होती हुई दिखाई दे रही है। जब पीएम मोदी ने इसका पहली बार जिक्र किया था तब उन्‍होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया था, जो देश के जीडीपी का करीब दस फीसद था। उन्‍होंने आत्‍मनिर्भरता भारत के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के उत्‍थान के लिए 16 घोषणाएं की थीं। इनमें किसानों की आय को दोगुना करने की भी घोषणाएं शामिल थीं। + +आपको बता दें कि करीब एक वर्ष पहले जनवरी 2020 में ऑक्‍सफॉर्ड की डिक्‍शनरी के नए संस्कारण में 26 भारतीय हिंदी शब्दों को भी जगह दी गई थी। इनमें शादी, हड़ताल, आधार, चावल और डब्बा जैसे शब्द शामिल थे। इसके अलावा इसी श्रेणी में चैटबॉट और फेक न्यूज को भी ऑक्‍सफॉर्ड ने अपनी डिक्‍शनरी में शामिल किया गया था। इनमें से 22 शब्‍दों को इसके प्रिंट एडिशन में जबकि अन्‍य चार को इसके डिजिटल एडिशन में शामिल किया गया था। ये वो शब्‍द थे जिनका उपयोग आम भारतीय लोग अपनी बोलचाल में करते हैं। इन शब्‍दों को मिलाकर इस डिक्‍शनरी के दसवें संस्करण में 384 शब्‍द ऐसे शामिल हो चुके थे जो भारत में आम बोलचाल के लिए इस्‍तेमाल किए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76005.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c58e5e4e9fbb6cd66ac0a26f9b94d2454d90dab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस प्रेस रिलीज में उन मामलों का भी जिक्र किया गया है जो हाल ही में सामने आए हैं। इसके मुताबिक इसी तरह की जाली कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट पर सफर करने वाले एक पैसेंजर को पेरिस के एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया। इसके अलावा ब्रिटेन में एक व्‍यक्ति को ऐसी जाली रिपोर्ट को बेचते हुए पकड़ा गया जो 100 पाउंड में इसे ग्राहक को बेच रहा था। भारतीय करेंसी में इसकी कीमत करीब दस हजार रुपये हैं। इसी तरह से दिसंबर 2020 में स्‍पेनिश नेशनल पुलिस ने 40 यूरो (3500 रुपये) में एक फर्जी कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट बेचने वाले को पकड़ा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76007.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76007.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7e03f9a40ba3b8cb878121eac5a2d201bff59d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76007.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रियल एस्टेट सेक्टर में गति आने से रोजगार निकलने में मिलेगी मदद।सुपरटेक के चेयरमैन व नरेडको (उत्तर प्रदेश) के प्रेसिडेंट आर.के. अरोड़ा ने बताया कि डीएफआइ के माध्यम से रियल एस्टेट सेक्टर को भी कर्ज दिए जाएंगे। इसका लाभ यह मिलेगा कि रियल एस्टेट के ऐसे फंसे प्रोजेक्ट भी आसानी से पूरे हो सकेंगे जिनके लिए वित्तीय व्यवस्था नहीं हो पाई है। रियल एस्टेट सेक्टर में गति आने से रोजगार निकलने में मदद मिलेगी। + +फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के सीईओ एवं महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि वित्तीय इंतजाम के लिए सरकार निश्चित रूप से फ्रेट कॉरिडोर, एयरपोर्ट व वेयरहाउस के निजीकरण के जरिये पैसा उगाहने की योजना में है। बजट में नेशनल मोनेटाइा¨जग पाइपलाइन की मदद से इन्फ्रास्ट्क्चर की संपदा के माध्यम से फंड जुटाए जाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार की कोशिश यह होगी कि इन्फ्रा से जुड़ी चीजों में निजी क्षेत्र को हिस्सेदारी देकर पैसे जुटाए जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76009.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76009.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b231077b760344e5259935e0de0cfff798e85c6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76009.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहली प्रतियोगिता से पदक जीतना हुआ शुरू। बांधवी के अनुसार उन्होंने पहली प्रतियोगिता साल 2014 में ही खेली थी। समर इनविटेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता। इसके बाद करन ओपन इंटर डिस्ट्रिक्ट ताइक्वांडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लिया। दूसरे कैडेट और 33वें सब-जूनियर स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2015 में भी स्वर्ण पदक जीता और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद बांधवी ने यूपी स्टेट इंटर स्कूल ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2015 में स्वर्ण पदक, पांचवें उत्तराखंड स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2015 में स्वर्ण पदक, इंटर स्कूल ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2015 में स्वर्ण पदक, यूपी इंटर स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2015 में रजत पदक जीता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a9dd9bd1968b60bca26a0df83448e9a87916b385 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7601.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म की कहानी बहुत पुरानी है। समय-समय पर लोगों के बीच ये मुद्दा उठता रहता है और फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है। नेपोटिज़्म के नाम पर अक्सर स्टार किड्स को ट्रोल किया जाता है। इस मुद्दे पर कई स्टार्स के बयान भी सामने आ चुके हैं। कुछ इस बहस को बकवास बताते हैं तो कुछ फिल्म इंडस्ट्री इसके अस्तित्व पर खुलकर चर्चा करते हैं। अब हाल ही में अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा तनूजा की बेटी और बॉलीवुड एक्ट्रेस तनीषा मुखर्जी ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। कई और स्टार्स की तरह तनीष ने भी इस मुद्दे को बकवास बताया है। + +टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए तनीषा ने कहा, ‘नेपोटिज़्म एक बकवास बहस है। ये सिर्फ एक फैंसी शब्द है जिसका लोग समय-समय पर इस्तेमाल करते रहते हैं। आज अगर आप इंडस्ट्री में मेहनत के साथ काम नहीं करेंगे तो आप नहीं दिखाई देंगे। हर चीज़ के नुकसान और फायदे होते हैं। एक शख्स जो स्टार किड नहीं है इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाता है। वो बताते हैं कि उनके लिए पहला ब्रेक मिलना कितना मुश्किल था। लेकिन उन्हें इस सोच से निपटने की ज़रूरत नहीं होती जो पूरी दुनिया में एक स्टार किड के बारे में है। मसलन, ये तो धर्मेंद्र जी का बेटा है इसको तो धर्मेंद्र पाजी की तरह होना चाहिए ये तनूजा जी की बेटी है इस तनूजा जी जैसा होना चाहिए। नहीं वो लोग एक खाली स्लेट की तरह होते हैं उनके बारे में ये नहीं कहा जाता। लेकिन इसके बहुत सारे नुकसान भी हैं मैं इस बात से इनकार नहीं कर रही’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fb376d76c9f49a546a8eae08cf9390272db97235 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76013.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीजिंग, ऑनलाइन डेस्‍क। म्‍यांमार में तख्‍तापलट की घटना को लेकर चीन ने एक बार दिखा दिया है कि उसकी लोकतंत्र या लोकतांत्रिक मूल्‍यों में कतई आस्‍था नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने पूरी दुनिया के विपरीत इस मामले में क्‍या प्रतिक्रिया दी है। म्‍यांमार में संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ और अमेरिका समेत तमाम लोकतांत्रिक देशों ने लोकतंत्र के बहाली की बात कही है। सभी मुल्‍कों ने म्‍यांमार सेना की कठोर शब्‍दों में निंदा की वहीं चीन ने म्‍यांमार के संविधान का हवाला देकर पूरे मामले से पल्‍ला झाड़ लिया है। सवाल यह है कि चीन ने म्‍यांमार के संविधान का जिक्र क्‍यों किया। म्‍यांमार के स‍ंविधान में ऐसा क्‍या है, जो वहां के लोकतांत्रिक सरकार को रास नहीं आ रहा है, लेकिन चीन उसकी हिमायत कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9efb07748a058a63f4a7950c7fc03a0e05715589 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76014.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका की सत्‍ता पर काबिज होने के कुछ ही दिन बाद राष्‍ट्रपति जो बाइडन को एक बड़े अंतरराष्‍ट्रीय संकट से दो-चार होना पड़ रहा है। ये संकट म्‍यांमार में लोकतांत्रिक सरकार का सेना द्वारा तख्‍ता पलट करने के बाद खड़ा हुआ है। इसके बाद बाइडन न सिर्फ म्‍यांमार को मिलने वाली मदद को रोक सकते हैं बल्कि वहां के जनरल समेत अन्‍य लोगों प्रतिबंध भी लगा सकते हैं। इसके अलावा वो म्‍यांमार की उन कंपनियों पर भी दबाव बना सकते हैं जो लोकतंत्र बहाली के पक्ष में हैं। अब ये देखना काफी दिलचस्‍प होगा कि बाइडन इसको लेकर क्‍या रुख अपनाते हैं और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर क्‍या कदम उठाते हैं। बाइडन ने तख्‍तापलट करने वालों को लोकतंत्र बहाली करने या फिर प्रतिबंधों का सामना करने तक की धमकी दे दी है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि वो मौजूदा समय में वही कदम उठा सकते हैं जो करीब एक दशक पहले बराक ओबामा प्रशासन के समय उठाए गए थे। उस वक्‍त उठाए गए उन कदमों की ही वजह से सेना को हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करना पड़ा था। । + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76016.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76016.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..709fa0acf3dfc93adf89903ae846d935500400ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76016.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की शह पर बांग्लाभाषी मुस्लिमों पर प्रभाव रखने वाले फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) नामक पार्टी बनाने के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। ऐसे में ओवैसी-सिद्दीकी की जोड़ी से किसे नुकसान और किसे फायदा होगा, यह बड़ा सवाल है। यहां लड़ाई मुख्य रूप से तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है। यह काफी हद तक स्पष्ट है, पर कांग्रेस और वाम दलों ने गठबंधन कर लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश जरूर की है। + +फुरफुरा शरीफ दरगाह के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी भी बढ़ाएंगे दीदी की सिरदर्दी। फाइल।सूबे की 294 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस और वाममोर्चा के बीच 193 सीटों पर समझौता हो गया है। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस को थोड़ी उम्मीद बंधी है कि विरोधी वोट बंटेगा, जिसका फायदा उन्हें हो सकता है, लेकिन त्रिपक्षीय लड़ाई में छोटी पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। एक तरफ ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी मुस्लिम वोट पर नजर रखे हुए हैं तो दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) की नजर बंगाल के आदिवासियों की बहुलता वाले पुरुलिया, झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पूर्व व पश्चिम बर्धमान और वीरभूम जैसे जिलों पर है। इन जिलों के आदिवासी वोट कई सीटों को प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ-साथ झारखंड के राजनीतिक दलों की बंगाल में सक्रियता बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c7223160a453a032e27c5540f8ce8c85ab645cfc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76017.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, पवन कुमार मिश्रा। देश में कोरोना की एक नहीं दो-दो सुरक्षित व प्रभावी वैक्सीन तैयार हो चुकी हैं। टीकाकरण भी शुरू हो गया है। यह हमारी सजगता का ही परिणाम है कि ठंड और स्मॉग के कारण संक्रमितों की संख्या बढ़ने की आशंका भी निर्मूल साबित हुई है। कोरोना संक्रमण और मृत्युदर में लगातार कमी से लोग इस खतरे से बेपरवाह होने लगे हैं। वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी शारीरिक दूरी, मास्क, हाथों की सफाई जैसे बचाव के उपायों की अनदेखी कर रहे हैं। + +जब तक देश की 70 फीसद आबादी को कोरोना वैक्सीन की दो-दो डोज नहीं दे दी जाती तब तक ये लापरवाही कोरोना को न्योता देने जैसी है। कोरोना संक्रमण से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि समाज के हर व्यक्ति के सहयोग के बिना इससे नहीं जीता जा सकता है। वैक्सीन बन गई और संक्रमण भी काबू में है, लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाह होना घातक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55ebb673b8e160547970455bd46926afcefff6ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[विवेक राव] मेरठ। योग एक ऐसी विधा है, जिसे हर आयु वर्ग में किया जा सकता है। बच्चे, बड़े और बुर्जुग कोई भी अपनी शरीर की क्षमता के अनुसार योग का अभ्यास कर सकते हैं। कोविड जैसी वैश्विक महामारी ने लोगों के मन में इस धारणा को पूरी तरह से बैठा दिया है कि शरीर को अंदर से लेकर बाहर तक हमें मजबूत रखना ही होगा। वहीं योग एक करियर के तौर भी तेजी से उभरने लगा है। मेरठ में योग की शिक्षिका रितु अपनी फिटनेस के साथ लोगों को भी योग का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। उनके योग करने का तरीका जरा हटके है। रितु हठ योग करती हैं जो योग की एक कठोर अभ्यास की प्रक्रिया है। रितु योग और फिटनेस को लेकर स्टार्टअप फिटनेस ढाबा भी चलाकर लोगों को फिट रखने की ट्रेनिंग भी देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..efd0869a430318863e207d7190e2ef66d4f6976f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76022.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पारिस्थितिकी तंत्र (ईकोलोजी सिस्टम) का संतुलन किसी भी शहर के वातावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की राजधानी में भी इस संतुलन के आधार वेटलैंड की अनदेखी होती रही है। आलम यह है कि पिछले करीब दो दशक में 500 से अधिक वेटलैंड बेतरतीब विकास की भेंट चढ़ गए हैं। अब हालांकि सरकारी स्तर पर वेटलैंड संरक्षण के प्रयास शुरू हो गए हैं, लेकिन इसकी रफ्तार अभी काफी धीमी है। + +क्या होता है वेटलैंड।वेटलैंड यानी ऐसी जमीन जहां काफी नमी हो, भूजल का स्तर भी अच्छा हो। ऐसी जमीन आमतौर पर नदियों के किनारे मिलती है या फिर जहां वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था हो। दिल्ली में भी यमुना के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में ऐसे काफी क्षेत्र रहे हैं। ऐसी जमीन खेती ही नहीं, पारिस्थितिकी संतुलन की दृष्टि से भी अहम होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d3e3fb62dcf14aedfa55fe797641970c8faa8cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस समय देश को सबसे ज्यादा इस बात की जरूरत थी कि बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करके सरकार देश में उद्योगों के लिए बेहतर माहौल तैयार करे। लिहाजा इस दिशा में अनेक प्रविधान किए गए हैं। उद्योग का मतलब केवल कार, बाइक, एसी, फ्रिज जैसे उपभोग के सामान तैयार करना भर नहीं है। इसमें कृषि उद्योग और सेवा उद्योग को भी शामिल करके देखने की जरूरत है। इसीलिए वित्त मंत्री ने बताया कि बीते वर्ष आर्थिक पैकेज के जरिये 27 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम देने के बाद भी सरकार ने बुनियादी ढांचे को बेहतर करके कारोबार की गति तेज करने की नीति पर अमल किया है। इसमें केवल इतना भर नहीं है कि घरेलू उद्योग बेहतर करें और देश में आíथक विकास का पहिया तेजी से घूमे। इसी में यह भी छिपा है कि भारत की तरफ आशा की उम्मीद में देख रही दुनिया को निराश न होना पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0de4a19c9a8a156a52ccd72b7fc1e461c865b079 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76026.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस सवाल पर किंग्‍स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का साफतौर पर कहना है कि भारत की वैक्‍सीन डिप्‍लोमेसी में अंतर्गत जितने पड़ोसी देश आते थे उन सभी को वैक्‍सीन मुहैया करवा दी गई है। आगे भी इन्‍हें प्राथमिकता के आधार पर मदद दी जाएगी। लेकिन पाकिस्‍तान को निकट भविष्‍य में भारत वैक्‍सीन भेजेगा इसकी कोई उम्‍मीद नहीं है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि न तो पाकिस्‍तान ने भारत से इसकी कोई गुजारिश की है और न ही दोनों देशों के बीच इसको लेकर कोई बातचीत हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ea5a72b0ea2e0008a2d90fffd16875d874c6a80e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76028.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अगले चार वर्ष में माल ढुलाई से होने वाली आमदनी में चार गुना इजाफा करने का लक्ष्य रखा है। उत्तर रेलवे भी इस दिशा में काम कर रहा है। कई कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणाम भी सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में रिकॉर्ड माल ढुलाई की गई है और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का काम पूरा होने के बाद इसमें और तेजी आएगी। केंद्रीय बजट में जून, 2022 तक ईस्टर्न डीएफसी और वेस्टर्न डीएफसी का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह दोनों डीएफसी दिल्ली-एनसीआर से जुड़ रहे हैं। ईस्टर्न डीएफसी लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू हो रहा है, जो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से होकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होता है। इसका बड़ा हिस्सा उत्तर रेलवे से होकर गुजर रहा है। इसी तरह से दादरी को मुंबई में जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह से जोड़ने वाला वेस्टर्न डीएफसी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र को जोड़ेगा। इसका लाभ उत्तर रेलवे को भी मिलेगा और यहां से देश के अन्य हिस्से में अनाज व अन्य सामान की ढुलाई तेजी से हो सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76034.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76034.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..956919c4b2e12d579348bb92ece246aea2a5a22c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76034.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सरकार की ओर से बार बार संकेत दिया जा रहा था कि यह बजट एक सदी में आने वाला बजट जैसा होगा। अलग अलग मानकों पर यूं तो इसके पक्ष विपक्ष में बोलने वाले कई मिलेंगे लेकिन इसे नकारना मुश्किल है कि दशकों बाद एक ऐसा बजट जरूर आया है जो आम शहरी के जीवन में गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने का वादा करता है। राजनीति के तहत सामान्यतया नजरें गांव की ओर होती है लेकिन इस बार शहरों की स्वच्छता, पेय जल की आपूर्ति, पयार्वरण, शहरों में आकर बसने वाले मजदूरों के लिए आवास जैसी हर उस समस्या पर गई है जिससे अमीर गरीब सभी पस्त हैं। ।दिखी शहरों की दशा बदलने की सोच ।सही मायने में यह बजट ईज आफ लिविंग की दिशा में बड़ा कदम है। कोरोनाकाल में एक दृश्य बहुत डरावना था जब प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने अपने गांव की ओर चल दिए थे। लेकिन सच्चाई यह है कि गांव से शहरों की ओर बहुत तेज पलायन जारी है। ऐसे में पहली बार सरकार ने एक समग्र सोच के साथ शहरों की दशा बदलने की सोच दिखाई है। ।शहरों में जलापूर्ति के लिए कदम ।स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत के तहत एक तरफ जहां लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये की मदद से जल शोधन, कचरे के पृथ्ककरण, एकल उपयोग प्लासिटक में कमी, पयार्वरण की सुध ली जाएगी वहीं लगभग साढ़े चार हजार शहरी निकायों के लिए बीस हजार बसों का भी प्रबंध किया जाएगा। करीब तीन लाख करोड़ की मदद से शहरों में लगभग तीन करोड़ घरों को नल से जल पहुंचाया जाएगा। ।पेयजल और पयार्वरण बड़ी चिंता ।यह योजना पहले गांवों के लिए चलाई गई थी और देखा गया कि स्वच्छ पेयजल का जनता के स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ा है। बड़ी संख्या में कई शहरों में समृद्ध घरों तक भी नल के जरिए सप्लाई का पेयजल नहीं पहुंच पाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन बार बार पेयजल और पयार्वरण की गुणवत्ता को लेकर चेताता रहा है ताकि एक वैश्किव स्वास्थ्य मानक को हासिल किया जा सके। पहली बार इसे लेकर पहल दिखी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76035.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76035.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4786dd4bc0230e0e129bb787293015cd5b579633 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76035.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने कहा कि ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल ही पीपीपी (सार्वजनिक-निजीसाझेदारी) मोड में लिया जाएगा। 274.3 किलोमीटर के गोमो-दानकुईं खंड को भी जल्द ही पीपीपी मोड में लिया जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य में और भी कई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजनाएं शुरू करेगी। इसमें खड़गपुर से विजयवाड़ा तक ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर, भुसावल-खड़गपुर-दानकुईं तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और इटारसी से विजयवाड़ा तक नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर शामिल है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76036.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76036.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01f1416e6135fd8eb65b6603812f8f9b5e3e7928 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76036.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले दो-ढाई महीने से कुछ किसानों की आड़ में विपक्ष राजनीति करता रहा। यह बरगलाने की कोशिश होती रही कि सरकार किसानों की जमीन छीन रही है। सोमवार को फिर से साफ हो गया कि कांग्रेस काल में किसानों को कितनी मदद मिलती थी और आज के दिन उन्हें क्या दिया जा रहा है। एपीएमसी को लेकर विवाद खड़ा किया गया कि बाजार खत्म हो जाएंगे और फिर एमएसपी। सरकार ने बजट में उलटा इसे मजबूत करने की घोषणा कर दी। दरअसल विपक्षी कुछ उसी तरह का उपद्रव कर रहे हैं जिस तरह गणतंत्र दिवस के दिन कुछ कृषि कानून विरोधियों ने किया। तिरंगे का अपमान किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष जनमानस की भावना, किसानों की मासूमियत का अपमान कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33dd9159e7f99aea2ade14f142e3a570a8f6704b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76037.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना के दौर में अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने में सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके मद्देनजर सरकार ने इस बार चिकित्सा जगत की उम्मीदों के अनुसार स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बजट में भारी भरकम प्रावधान किए हैं। जिसमें से दिल्ली स्थिति एम्स सहित केंद्र के चार प्रमुख अस्पतालों के हिस्से में 7046.59 करोड़ की राशि आई है। बजट के इस भारी भरकम डोज से एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में सुविधाओं की सेहत सुधरेगी। + +पिछले बजट में एम्स सहित केंद्र के चार प्रमुख अस्पतालों को 6277.76 करोड़ बजट मिला था। पिछले बजट के मुकाबले इस बार इन चारों अस्पतालों को 768.83 करोड़ अधिक देने का प्रावधान किया गया है। सबसे अधिक एम्स को 3800 करोड़ रुपये का बजट देने का प्रावधान किया गया है। जो पिछले बार के मुकाबले 407.14 अधिक है। एम्स में 427 बेड की क्षमता का मातृ व शिशु ब्लॉक व 200 बेड का सर्जरी ब्लॉक बनकर तैयार है। इन दोनों नवनिर्मित सेंटरों में जल्द चिकित्सा सुविधाएं शुरू होंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1eb206886ebbe99239f438b7f1004223c785c553 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेड इन इंडिया के साथ किसानों की जेब, लोगों की सेहत और पढ़ाई का खास ख्याल।केंद्रीय वित्तमंत्री के इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के आम जन के तमाम हितों की चिंता साफ झलकती है। बजट में में विशेष तौर पर बच्चों व युवाओं की अच्छी शिक्षा, लोगों का उत्तम स्वास्थ्य, देश-प्रदेशों का ढांचागत विकास और जन-जन की सामाजिक सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है, ताकि सामान्य समाज को इसका पूरा लाभ मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76043.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76043.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9aaaca396b0c03b0183a158dd00fe8dc7e92f912 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76043.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑनलाइन होगी ट्रेडिंग : डॉ. रामकुमार ने बताया कि उनकी कंपनी का कैप्सूल बाजार में मौजूद अन्य ओमेगा कैप्सूल के मुकाबले आधे दाम पर मिलेगा। शुरुआत में प्रति कैप्सूल करीब चार रुपये लागत आएगी। 100 कैप्सूलों की पैकेजिंग पर 100 रुपये अतिरिक्त लगेंगे। बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा तो लागत घटकर दो से ढाई रुपये होगी। ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचने की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88530f3876e773f08dee9574f46355c545b78182 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कटरा से दिल्ली का सफर छह घंटे में ।कॉरिडोर बनने से कटरा से दिल्ली के सफर में साढ़े छह घंटे की कमी आएगी। यानि इसके बनने से छह घंटों में कटरा से दिल्ली पहुंचना संभव हो सकेगा। यह मार्ग बनने के बाद लोग विमान, रेलगाड़ी से सफर करने के बजाय सड़क मार्ग से सफर करने को प्राथमिकता भी देंगे। करीब 575 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट के साथ-साथ जम्मू-पठानकोट हाईवे को 4 लेन से 6 लेन करने का काम भी तेजी से किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc3c0ffdb800e223454a37d5712d549484f63969 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली-एक्सप्रेस-वे 6 राज्यों हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र और दिल्ली से होकर गुजरेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे बनने से जयपुर, कोटा, चितौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, अहमदाबाद और वडोदरा की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। ।जानिये- हाईवे-एक्सप्रेस वे में अंतर।एक्सप्रेस-वे और हाई-वे में एक बड़ा अंतर यह होता है कि हाईवे में चार लेन का होता है। हाई-वे पर वाहन की रफ्तार अधिकतम 70-80 किमी प्रति घंटे होती है। वहीां, एक्सप्रेस वे में 4 से ज्यादा लेन होती है। इसके साथ ही गाड़ी चलाने की स्पीड 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा होती है। प्रत्येक एक्सप्रेस-वे  पर अलग-अलग गति सीमा होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6fb93d2106963f84773114289a5321e3f9097fc7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76049.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। यह एक मां का जुनून था और एक कोच की लगन। विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने हार नहीं मानी। बेटी की राह में कोई बाधा नहीं आए इसलिए मां ने घरों व खेतों में काम किया। कोच ने आठ-नौ वर्षों तक कड़े प्रशिक्षण और अभ्यास से तपाकर उन्हें कुंदन बना दियाा। रविवार को महाराष्ट्र की नंदिनी ना केवल नेशनल चैंपियन बनीं, बल्कि उन्होंने दिखा दिया कि परिस्थियां कितनी भी विपरीत क्यों नहीं हों, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। + +ताजनगरी में हुई सीनियर महिला नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की निवासी नंदिनी ने 53 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में दिल्ली की ममता रानी को हराकर स्वर्ण पदक जीता। नंदिनी का यह स्वर्णिम सफर कांटों से भरा रहा है। कर्नाटक बार्डर पर स्थित कोल्हापुर के गांव मुरगुड़ की निवासी नंदिनी जब केवल सात वर्ष की थीं, तभी उनके पिता बाजीराव की मौत हो गई थी। वो खेतों में काम किया करते थे। विपरीत परिस्थितियों में उनकी मां सरिता ने बेटी के पहलवान बनने के सपने को पूरा करने को दूसरे लोगों के खेतों और घरों तक में काम किया। हमेशा नंदिनी को अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। नंदिनी पिछले आठ-नौ वर्षों से कोच डीएस लोके से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। + +पदक जीतने के बाद नंदिनी ने बताया कि चार वर्षों से वो नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले रही थीं। पहला पदक ही स्वर्ण पदक मिला है, जिससे काफी खुश महसूस कर रही हूं। उनका सपना देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतना है। नंदिनी ने कहा कि अब एशियन गेम्स के लिए लखनऊ में होने वाले कैंप में भाग लेंगी। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने कोच और मां को देते हुए कहा कि बचपन से मां ने उन्हें सपोर्ट किया। कैसी भी परिस्थिति रही हो, उन्होंने उनके मार्ग में कोई बाधा नहीं आने दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76051.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76051.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ec06f345aaca76524fd1e8af0112e5e67671959 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76051.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) व भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन (आइटीपीओ) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन प्रगति मैदान में हर साल जनवरी के पहले-दूसरे सप्ताह में किया जाता है। इस मेले में देश-दुनिया के सैंकड़ों प्रकाशक भाग लेते हैं और स्टालों की संख्या 1,300 से 1,500 तक चली जाती हैं। इस बार कोविड-19 संक्रमण के चलते पुराने स्वरूप में इसके आयोजन पर ग्रहण लग गया है। इस बार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनबीटी को मेले का आयोजन रद करने के बजाय इसे वर्चुअल रूप में करने की स्वीकृति दे दी है। ।थ्रीडी तकनीक से होगा विश्व पुस्तक मेले का दीदार ।मंत्रालय की स्वीकृति के बाद एनबीटी ने 29वें विश्व पुस्तक मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि इसे दिल्ली पुस्तक मेले की तरह औपचारिकता के लिए नहीं लगाया जाएगा। एनबीटी की नजर में वह तो एक डिजिटल पेज की तरह था, जबकि विश्व पुस्तक मेले को थ्रीडी तकनीक की सहायता से कुछ इस तरह लगाया जाएगा कि इससे जुड़ने पर बिल्कुल ऐसा लगे कि जैसे मेले में ही घूम रहे हों। ।मेले में भारतीय ही नहीं, विदेशी प्रकाशकों के भी स्टाल होंगे। मेले की थीम हालांकि अभी तय नहीं हो सकी है, लेकिन थीम मंडप भी बनाया जाएगा। वर्चुअल मेले के बेहतर आयोजन के लिए बाकायदा किसी आइ टी फर्म की सेवाएं ली जाएंगी, जिसके लिए जल्द ही टेंडर भी निकाला जाएगा। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdbc5eebb66bc2aa83dc9e086784df48ff8c37c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। म्‍यांमार में सत्‍ता सेना के हाथों में आने के बाद एक बार फिर देश में इतिहास को दोहराया जा रहा है। यहां के इतिहास पर नजर डालें तो कभी यहां पर भी अंग्रेजों का ही राज था। 1937 से पहले भारत की ब्रिटिश हुकूमत ने इसको भारत का ही एक राज्‍य घोषित किया था। लेकिन बाद में इसको भारत से अलग कर अपना उपनिवेश बना दिया था। 80 के दशक से पहले इसका नाम बर्मा हुआ करता था लेकिन बाद में इसका नाम म्‍यांमार कर दिया गया। ये 4 जनवरी 1948 को ब्रिटिश शासन से मुक्‍त हुआ था। 1962 तक यहां पर लोकतंत्र के तहत देश की जनता अपनी सरकार चुनती थी। लेकिन 2 मार्च, 1962 को सेना के जनरल ने विन ने सरकार का तख्‍तापलट करते हुए देश की सत्‍ता पर कब्‍जा कर लिया था। + +1988 में सेना की सरकार ने स्‍टेट लॉ एंड ऑर्डर रेस्‍टोरेशन काउंसिल को सस्‍पेंड कर दिया था। इसने 1993 कंस्टिटयूशन कंवेंशन का आह्वान किया था। 1996 में इसका ऑन्‍ग सान सू की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने बॉयकॉट किया। 2004 में कंस्टिटयूशन कंवेंशन का फिर आह्वान किया गया। 2008 तक म्‍यांमार में कोई संविधान नहीं था। 2008 में देश की सैन्‍य सरकार ने जिस संविधान का प्रस्‍ताव रखा उसपर देश में जनमत संग्रह किया गया और लोकतंत्र का रास्‍ता साफ हुआ। इसके बाद देश में लोकतंत्र बहाल हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28808c2d21a9307c95d2aef8365b5f40098e3995 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ह्लेनिंग पर लगातार ये आरोप लगते रहे हैं कि उनकी सेना के जवान उत्‍तरी म्‍यांमार में लगातार अल्‍पसंख्‍यकों के मानवाधिकार उल्‍लंघन में शामिल हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकार आयोग का कहना है कि रखाइन क्षेत्र में सेना इस तरह के कई मामलों में लिप्‍त हे। इसको लेकर यूएन ने कई बार चिंता भी जाहिर की है। यूएन का यहां तक आरोप है कि सेना यहां पर नरसंहार, युद्ध अपराध में भी शामिल रही है। इन आरोपों को उस वक्‍त हवा मिली जब सोशल मीडिया साइट फेसबुक ने उनके साथ देश के 19 दूसरे शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा रखा है। टिवटर ने भी ह्लेनिंग पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक जांच रिपोर्ट बताती है कि रोहिंग्‍या मुसलमानों के खिलाफ हुए अपराधों में देश के कई अधिकारी शामिल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c5d0802511bd671a2cad845f95692d8c5a2a625 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल अवैध निर्माणों से कराह रहा है। हर आठ दिन में स्मारक के पास हो रहे अवैध निर्माण को रुकवाने को एक तहरीर दी जा रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) अवैध निर्माण रुकवाने को केवल तहरीर दे सकता है, लेकिन जिम्मेदार पुलिस-प्रशासन द्वारा आंखें मूंदकर बैठे रहने और कार्रवाई न होने से अवैध निर्माण कराने वालों के हौसले बुलंद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4f06c5dbcec2f9f9d53763e08826d43ac05be628 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। श्रीराम जन्मभूमि में भव्य मंदिर निर्माण में अर्पण को लेकर दिल्लीवासियों की बेसब्री खत्म होने वाली है। राष्ट्रीय राजधानी में मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदूू परिषद (विहिप) के निधि अर्पण के 27 दिवसीय अभियान का शुभारंभ सोमवार से हो गया है। अभियान के अंतर्गत घर-घर संपर्क करने के लिए एक लाख से ज्यादा संख्या में रामभक्तों की टोली तैयार हो गई है, जिनका प्रयास राष्ट्रीय राजधानी के हर घर तक पहुंचने का होगा, ताकि कोई भी समर्पण से वंचित न रह जाए। यह अभियान 27 फरवरी तक चलेगा। विहिप ने इस अभियान के मद्देनजर समिति का गठन भी किया है, जिसमें धार्मिक, व्यापार व्यापारी, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद, कला व साहित्य, जाति-बिरादरी व खेल जगत समेत अन्य क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अध्यक्ष प्रसिद्ध समाजसेवी व उद्योगपति महेश भागचंदका हैं। समिति की पहली बैठक रविवार को आरामबाग स्थित उदासीन आश्रम में हुईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4a438587b096ddf8a4789222cb48e530df6dcaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेपीता, एजेंसी। Myanmar's Suu Kyi detained by army: म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट की आशंकाओं के बीच सेना ने देश में एक साल के लिए आपातकाल (Myanmar military  declares one year state of emergency) की घोषणा की है। इसके पूर्व म्‍यांमार की सेना ने देश की वास्‍तविक नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) हिरासत में लिया है। सू कीआंग सान की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता ने मायो नयुंट ने सोमवार को कहा कि म्यांमार की सेना ने देश के वास्तविक नेता आंग सान सू की को हिरासत में लिया है। प्रवक्ता मायो नयुंट ने कहा कि सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को राजधानी नैपीडॉ में नजरबंद कर दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि देश में जो हालात हैं, उससे यह साफ है कि सेना तख्‍तापटल कर रही है। म्‍यांमार के राजनीतिक संकट पर भारत की पैनी नजर है। हालांकि, भारत ने इस पर अपनी प्रति‍क्रिया नहीं दी है, लेकिन वह घटना पर नजर बनाए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76059.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76059.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cff8d1028e79e34655911d2c00a1beb6018aa394 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76059.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक एनएफएसयू की दोनों टीमें शनिवार रात दिल्ली पहुंच गई हैं। टीमें लाल किला व आइटीओ समेत सभी घटनास्थलों का मुआयना करने के साथ सभी डिजिटल सुबूतों की बारीकी से जांच करने में जुट गई हैं। यही नहीं जांच पूरी होने तक दोनों टीमें दिल्ली में ही रहेंगी। गुजरात की फारेंसिक टीमें न केवल क्राइम ब्रांच की एसआइटी में ट्रांसफर किए गए नौ प्रमुख मामले, बल्कि लाल किला, आइटीओ, नजफगढ़, नांगलोई, बाबा हरिदास नगर, गाजीपुर, पांडवनगर व समयपुर बादली में किए गए उपद्रव मामले के वीडियो, आडियो व सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेंगी। इसके अलावा स्थानीय थाना पुलिस द्वारा की जा रही जांच में भी सहयोग करेंगी। उपद्रव की विस्तृत साजिश रचे जाने की जांच कर रही स्पेशल सेल को भी फारेंसिक एक्सपर्ट की टीम सहयोग करेगी। उपद्रव मामले में इलेक्ट्रॉनिक सबूत जैसे सीसीटीवी फुटेज, कैमरे व मोबाइल से बनाए गए वीडियो व तस्वीरें ही सबसे अहम सबूत हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..490f0476a631b1f53df2e513d65da9b6d6509634 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7606.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री नीना गुप्ता की बेटी मसाबा गुप्ता जानी- मानी डिजाइनर हैं। मसाबा गुप्ता और नीना गुप्ता की बॉन्डिंग भी काफी अच्छी है। इसका अंदाजा उन दोनों के सोशल मीडिया को देखकर ही लगाया जा सकता है। दोनों ही अक्सर एक दूसरे की तस्वीरों पर कमेंट कर टांग खिंचाई करती रहती हैं। अब हाल ही में मसाबा ने अपनी एक तस्वीर शेयर की है जिस पर उनकी मां ने भी कमेंट किया है। + +इस तस्वीर को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए शेयर करते हुए मसाबा ने कैप्शन में लिखा है, 'मैं इस जिंदगी को मिस कर रही हूं जिसमें कमर दर्श नहीं रहता था। नहीं जानती थी कि रुक रुक कर उपवास रखना क्या होता है।' मसाबा की इस तस्वीर को उनके फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। पैंस के साथ ही साथ उनकी मां ने भी इस तस्वीर पर कमेंट किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4e497f28a697d247502207d7c2c7fb8b196576f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिंसा के बाद से लगने लगा है डर। पंजाब से आईं जसप्रीत ने बताया कि लाल किले में हुई घटना के बाद मेरे घरवाले डर गए हैं। बार-बार फोन कर रहे हैं कि घर वापस आ जाओ। आंदोलन स्थल पर माहौल बिगड़ गया है। घरवालों को तो किसी तरह समझाया है, लेकिन अब उन्हें भी डर लग रहा है। अगर इसी तरह के हालत उत्पन्न होते रहे तो घर जाना ही ठीक रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76062.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76062.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b91ea89f5faf29739f2407554d9e88f5e71ed35b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76062.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शनिवार को राकेश टिकैत समेत जिन नौ किसान नेताओं को पूछताछ में शामिल होने के लिए दोबारा नोटिस भेजा गया उन्हें सोमवार को क्राइम ब्रांच के अलग-अलग कार्यालयों में हाजिर होने को कहा गया है। 70 से अधिक ट्रैक्टर मालिकों को भी पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया है। इस हफ्ते उनसे भी पूछताछ की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76068.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76068.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c530307a90b18b410e12a9f2335a361312ce10a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76068.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्तमान में अग्निशमन विभाग की स्थिति।फायर इंजीनियरिंग और इसके समकक्ष का एक भी अधिकारी नहीं, 5 पद पर रहना अनिवार्य ।अग्निशमन विभाग में पांच पद पर तकनीकी रूप से दक्ष पदाधिकारियों का पद सृजित है। वर्तमान में ये पांच पद भी रिक्त पड़े हुए हैं। इस पद पर फायर इंजीनियरिंग और इसके समकक्ष योग्यता वाले को ही रखने का नियम है। आपात स्थिति में तकनीकी रूप से दक्ष पदाधिकारी का नहीं होना संकट उत्पन्न कर सकता है। ।राज्य अग्निशमन विभाग के डीजी हैं एमवी राव।राज्य अग्निशमन विभाग के डीजी एमवी राव हैं। एमवी राव के पास झारखंड पुलिस के डीजीपी का भी अतिरिक्त प्रभार है, जो एक महत्वपूर्ण पद है। ऐसी स्थिति में वे राज्य अग्निशमन मुख्यालय को सुदृढ़ करने की दिशा में अपना पूरा वक्त नहीं दे पाते हैं। यहां एक डीआइजी ही महत्वपूर्ण फाइलों को निपटाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83580398ce2ea068b4eaa1a954d187d94a5c75ff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76070.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉक्‍टर फैसल सुल्‍तान ने अपने बयान में कहा है कि कोवैक्‍स के माध्‍यम से पाकिस्‍तान को एस्‍ट्राजेनेका की बनाई वैक्‍सीन उपलब्‍ध होंगी। इस वर्ष इसकी करीब 1 करोड़ 70 लाख खुराक पाकिस्‍तान को मिलेंगी। इनमें से पहली 70 लाख खुराक मार्च तक और बाकी एक करोड़ खुराक वर्ष के अंत तक मुहैया करवा दी जाएंगी। उनके मुताबिक एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन को ड्रग रेगुलेटर ऑथरिटी ऑफ पाकिस्‍तान ने आपात सेवा के इस्‍तेमाल के लिए मंजूरी प्रदान की है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई है कि वैक्‍सीन मिलने के बाद पाकिस्‍तान में व्‍यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा सकेगा। + +पाकिस्‍तान के एक अन्‍य मंत्री असद उमर ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार को कोवैक्‍स से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि एस्‍ट्राजेनेका की 1 करोड़ 70 लाख खुराक जुलाई तक मिल जाएंगी। उनके मुताबिक इस बारे में पाकिस्‍तान ने आठ माह पहले समझौता किया था। कोवैक्‍स ने इसकी आपूर्ति करने के लिए सरकार को आश्‍वासन दिया है। आपको बता दें कि कोवैक्‍स एक इंटरनेशनल एलाइंस है जो कोरोना की करीब 20 फीसद वैक्‍सीन मुफ्त में मुहैया करवाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76073.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..273813fd7c011802a4b4193183363d876593d662 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76073.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्रिटेन में ठीक होने वालों की संख्‍या बेहद कम । कोरोना से हुई मौतों के मामले में पांचवें नंबर पर ब्रिटेन आता है। यहां पर अब तक 105,571 मरीजों की मौत हो चुकी है। यहां पर अब तक इसके 3796088 मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाद छठे नंबर पर इटली है जहां कोरोना की वजह से अब तक 88,279 मरीजों की जान जा चुकी है जबकि 1,990,152 मरीज ठीक भी हुए हैं। यहां पर कुल मामलों की संख्‍या 2,541,783 है। सातवें नंबर पर फ्रांस है यहां पर अब तक इसके कुल 3,177,879 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 75,862 मरीजों की मौत हो चुकी है। यहां पर 224,120 मरीज ठीक भी हुए हैं। आठवें नंबर पर रूस है, जहां अब तक 3,832,080 मामले सामने आ चुके हैं और 72,697 मरीजों की मौत भी हो चुकी है और 3,279,964 मरीज ठीक हुए हैं। नौवें नंबर पर इस लिस्‍ट में स्‍पेन का नाम है जहां पर अब तक इसकी वजह से 58,319 मौतें हो चुकी हैं और अब तक सामने आने वाले कुल मामलों की संख्‍या 2,743,119 तक जा पहुंची है और 150,376 मरीज ठीक हुए हैं। अंत में इस लिस्‍ट में ईरान का नाम है जहां पर अब तक सामने आए मामलों की संख्‍या 1,411,731 है और मौतों की संख्‍या 57,889 हो गई है। यहां पर 1,202,893 मरीज ठीक हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76075.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76075.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b477e8f787ab9f1d83f69da8ffa997fbf90d10c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76075.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो हजार वर्गमीटर पर ही बना सकेंगे फ्लैट : यूपी सरकार बिल्डरों को न्यूनतम दो हजार वर्गमीटर के भूखंड पर ही योजना के तहत फ्लैट बनाने की अनुमति देगी। 30 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया वाले ईडब्ल्यूएस के लिए 800, 40 वर्गमीटर तक के एलआईजी के लिए 650 तथा 41 से 90 वर्ग मीटर तक के फ्लैट के लिए 500 फ्लैट प्रति हेक्टेयर की अनुमति रहेगी। फ्लैट की न्यूनतम लागत रखने के लिए भूतल के साथ तीन मंजिला निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। तीन हजार वर्गमीटर की भूमि होने पर 150 वर्गमीटर तक के प्लाट की योजना भी शुरू की जा सकेगी। किफायती फ्लैट का निर्माण जल्द सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्री-फैब्रीकेटेड तकनीक को भी तव्वजो देगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68310072106714bc3470d5289e3bfe369df86064 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + बच्चों की पसंद का रखते हैं पूरा ध्यान।आरक्षक सुनील पाठक व जितेंद्र नाग ने बताया कि उन्होंने शहर के भैरव नगर सोसाइटी में श्री प्रयास शैक्षणिक संस्था की स्थापना की है। यहां 19 बेसहारा बच्चे रहते हैं। अन्य बच्चों में आसपास की बस्तियों के गरीब घरों के और घुमंतू बच्चे शामिल हैं। कई बेसहारा बच्चों के लिए बस्तियों के उन परिवारों के बीच ही रहने और भोजन की व्यवस्था करा दी गई है, जिनके बच्चों की शिक्षा का खर्च वे उठाते हैं। धनंजय गोस्वामी ने बताया कि उनके पास पहली से लेकर कक्षा 12वीं तक के बच्चे हैं। बच्चों को उनकी पसंद के मुताबिक कंप्यूटर, संगीत, खेल आदि की ट्रेनिंग भी देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76077.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76077.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1733c55d0ad0b57aa28cd9211ea6923954f5f602 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76077.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + जबलपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के चिचगांव की आदिवासी महिलाओं के कोरोना काल में आत्मनिर्भर बनने के लिए किए गए सामूहिक प्रयास की सराहना की है। उन्होंने इन महिलाओं द्वारा बंद पड़ी राइस मिल को खरीदकर उसके संचालन से आत्मनिर्भर बनने की कहानी को प्रेरणादायी बताया। योग्यता स्व-सहायता समूह की ये महिलाएं प्रधानमंत्री से सराहना पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76079.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76079.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67980eb8cfcdc8a791a764cfe9f891881a7add6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76079.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेशनल चैंपियनशिप में सभी की निगाहें रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक के प्रदर्शन पर लगी थीं। रेलवे की तरफ से खेल रहीं साक्षी ने प्री-क्वार्टर फाइनल में गुजरात की ज्योति को बाई फाउल हराया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने मध्य प्रदेश की पुष्पा को 4-0 से हराया। सेमीफाइनल में दिल्ली की अनीता को 10-0 के बड़े अंतर से हराया। फाइनल मैच में साक्षी मलिक और हरियाणा की सोनम के बीच बेहतर दाव-पेच देखने को मिले। साक्षी ने शुरू में बढ़त ली, लेकिन धीरे-धीरे मैच सोनम के पक्ष में मुड़ता चला गया। सोनम ने साक्षी को 7-4 से हरा दिया। सोनम ने कहा कि इससे पहले भी वो ट्रायल में साक्षी को हरा चुकी हैं। यह पल उनके लिए बेहद खुशी के हैं। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय माता-पिता और कोच को दिया। सोनम ने क्वार्टर फाइनल में हरियाणा की मनीषा को बाई फाउल हराया, जबकि सेमीफाइनल में महाराष्ट्र की भाग्यश्री को उन्होंने 11-0 से हराया। वर्ल्ड कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में जीत चुकी हैं स्वर्ण पदकसाक्षी मलिक को हराने वाली सोनम हरियाणा के गोहाना की निवासी हैं। वर्ष 2019 में 17 वर्ष की उम्र में बुल्गारिया में हुई वर्ल्ड कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने चीन की पहलवान को 7-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। वो वर्ल्ड कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं। 12 वर्ष की उम्र में कुश्ती खेलना शुरू करने वाली सोनम सुशील कुमार को अपना आदर्श मानती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a618b35b6ec89654bb8334f949eef4b856a94262 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76080.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लूटूथ के जरिए हैकिंग का खतरनाक तरीका है ब्लूबर्न।सबसे पहले सिक्योरिटी फर्म आर्मिस द्वारा वर्ष 2017 में इसका पता लगाया गया था। हैकिंग का यह तरीका कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह हवा के माध्यम से फैलता है (यानी एयरबोर्न) और ब्लूटूथ के माध्यम से डिवाइस को हैक करता है। इसे टारगेट डिवाइस के साथ पेयर बनाने की आवश्यकता नहीं होती है। इतना ही नहीं, डिवाइस का डिसकवरेबल होना भी जरूरी नहीं होता है। देखा जाए तो ब्लूटूथ तकनीक वाले सभी मोबाइल डिवाइस अतिसंवेदनशील  होते हैं। यह हैकर्स को डिवाइस का पूरा कंट्रोल देता है। इसका उपयोग कॉरपोरेट डाटा और नेटवर्क तक पहुंचने के लिए किया जा सकता है। आर्मिस रिपोर्ट के अनुसार, यह सुरक्षित एयर-गैप्ड नेटवर्क में प्रवेश कर सकता है और उन डिवाइसेज में मैलवेयर फैला सकता है, जो इसकी रेंज में हैं। ब्लूबर्न अटैक का इस्तेमाल साइबरस्पेस, डाटा ब्रीचेज, रैनसमवेयर कैंपेन आदि के लिए किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76083.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76083.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c59e7fa19d777b08950ea53d72849d97844e0dc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76083.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Sapna Choudhary Marriage Anniversary: देश के करोड़ों लोगों के दिलों की धड़कन सिंगर-डांसर सपना चौधरी की शादी को एक साल पूरे हो चुके हैं। सपना चौधरी ने 24 जनवरी को कलाकार वीर साहू (Veer Sahu) से शादी की थी, लेकिन इस शादी में ट्वीस्ट यह था कि इसकी जानकारी लोगों को काफी दिनों बाद हुई। अब तो सपना चौधरी और वीर साहू दो से तीन हो चुके हैं। अब सपना चौधरी-वीर साहू का एक बेटा भी है। हरियाणवी सिंगर सपना चौधरी के पति वीर साहू भी एक सिंगर हैं और वह हरियाणा में काफी मशहूर हैं। वीर साहू सिंगर होने के साथ-साथ एक एक्टर भी हैं। सपना चौधरी की तरह वह ज्यादा लोकप्रिय तो नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कई म्यूजिक वीडियो में अपनी आवाज देने के साथ-साथ एक्टर के तौर पर कुछ भूमिकाएं अदा की हैं। ।24 जनवरी को अपनी शादी की सालगिरह के दिन सपना चौधरी ने अपने पति वीर साहू के साथ गुरुग्राम की सड़कों पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल बांटे थे। इसकी तस्वीरें भी इंटरनेट पर काफी वायरल हुई थीं। ।एक-दूसरे के साथ खुश हैं सपना और वीर साहू।शादी के एक साल सपना चौधरी और वीर साहू दोनों बेहद खुश हैं। यह उनकी तस्वीरों से पता चलता है। पिछले महीने 18 दिसंबर को पति वीर साहू को जन्मदिन था। इस पर पत्नी सपना चौधरी ने अपने पति वीर साहू के लिए 18 दिसंबर का दिन बेहद खास बना दिया। दरअसल, शादी के बाद वीर साहू का पहला जन्मदिन था, इसलिए सपना और वीर ने इस जन्मदिन को परिवार के साथ मनाया। वीर साहू का जन्मदिन मनाने की तस्वीरें सपना चौधरी ने अपनी इंस्‍टा स्‍टोरी पर शेयर की थीं। तस्‍वीरें साफ-साफ बता रही हैं कि दोनों अपनी जिंदगी से बेहद खुश हैं। इन तस्वीरों में सपना चौधरी ने अपने बेटे की झलक भी फैंस को दिखाई थी। इस पर फैंस ने भी तीनों को खुलकर अपने कमेंट से अपना आशीर्वाद दिया था।  ।दरअसल, इंस्टा स्टोरी में सपना चौधरी ने 2 तस्वीरें शेयर की थीं। इसमें दूसरी तस्‍वीर में सपना चौधरी और वीर साहू के साथ दोनों का बेटा गोद में नजर आ रहा है। इस तस्वीर में वीर साहू के चेहरे पर केक लगा हुआ है और बगल में खड़ीं सपना ने बेहद खुश नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cad7cc5a2293ca1d3971aabed51bf01f7691e171 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि बहुचर्चित सारधा चिटफंड घोटाले मामले में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष भी आरोपित हैं। वह इस मामले में कई साल तक जेल की सजा भी काट चुके हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। गौरतलब है कि कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी पिछले महीने ही तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में 19 दिसंबर को मेदनीपुर में आयोजित सभा के दौरान भाजपा का दामन थामा था। उनके साथ तृणमूल के छह अन्य विधायकों व एक सांसद ने भी भाजपा का दामन थामा था। भाजपा में शामिल होने के बाद से तृणमूल कांग्रेस के नेता लगातार सुवेंदु के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76087.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76087.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d58f07438de217515c23108fb791f40b858954a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76087.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पांच साल बाद झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के माध्यम से नियुक्ति परीक्षा का आयोजन कराने की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ी है। रिक्तियों से संबंधित सूचनाएं विभिन्न स्तर से होते हुए काíमक विभाग और यहां से झारखंड लोक सेवा आयोग तक पहुंच गई है। काíमक विभाग ने 250 से अधिक अफसरों के लिए परीक्षा आयोजित कराने के लिए जेपीएससी को पत्र भी लिखा है। इसके अलावा नगर विकास विभाग, पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। तमाम सरकारी विभागों में रिक्तियों की जानकारी ली जा रही है। झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से परीक्षा के आयोजन की पूरी तैयारी की जा रही है। झारखंड उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक में चल रहे मुकदमों और पूर्व के मामलों से सीख लेते हुए ऐसी नियमावली बनाई जा रही है, जिससे रोजगार मुहैया कराने में कोई अड़चन पैदा न हो। नियमावली बन गई है और कैबिनेट ने इसे स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। झारखंड लोक सेवा आयोग कुछ दिनों के अंदर अफसरों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाल सकता है। + +इसके बाद दूसरे दर्जे की नौकरियों के लिए कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भी बहाली प्रक्रिया शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं। तमाम स्कूलों में तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर बहाली के लिए प्रारंभिक तैयारी शुरू हो चुकी है और रिक्तियों को लेकर जानकारी एकत्रित की जा रही है। इसके बाद कर्मचारी चयन आयोग से परीक्षा के लिए पत्रचार किया जा सकता है, लेकिन परीक्षा पूर्व बाधाओं को भी दूर कर लेना होगा। पहली और सबसे अहम बाधा आरक्षण को लेकर है। उच्च न्यायालय ने राज्य की नियोजन नीति को खारिज कर दिया है, जिसके बाद इसमें संशोधन करना अनिवार्य हो गया है। अधिसूचित क्षेत्रों में शत-प्रतिशत आरक्षण पर भी आपत्ति की गई है। इसके अलावा पूर्व में दर्ज कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में फैसला आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। राज्य सरकार इसके लिए भी उपाय तलाश रही है। इस मामले में कमेटी बनाकर सरकार ने रिपोर्ट तलब की है। ।[स्थानीय संपादक, झारखंड]।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76090.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76090.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3552d028f9649d90f191172a4708213805a80a39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76090.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सुवेंदु ने अपनी पुरानी पार्टी प्रमुख पर हमला बोलते हुए कहा बंगाल के लोग आज उनके धोखे को समझ गए हैं। इसलिए इस बार बंगाल की जनता बदलाव के लिए तैयार है। राज्य में कई घोटाले के लिए परियोजनाएं शुरू की गई हैं। अधिकारी ने कहा कि उनकी इन योजनाओं को देखकर ही उनके मन में इस तरह का पुरस्कार देने का विचार आया है। माननीया झूठ बोलकर बंगाल के लोगों को धोखा दिया है। + +सुवेंदु ने कहा कि कोयला और रेत सहित सभी जगहों से करोड़ों रुपये की उगाही करने के लिए ही वह तोलाबाज भाईपो कहकर संबोधित करते हैं। इससे वह (अभिषेक) बहुत नाराज होते हैं। बंगाल में जो सरकार चल रही है, उसे पीसी (बुआ) भाईपो प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी है। इसलिए मैंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि मैं राजनीति करने आया हूं। किसी कंपनी का मुलाजिम बनने नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1071b60d3a23c190ff10ae338249b749ac74a7c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76093.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पौधारोपण के अलावा आरव यमुना एवं हिंडन नदी की सफाई के अभियान से भी जुड़े हैं। उन्हें क्रोडेरा (वैश्विक ऑनलाइन फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म) द्वारा जीईसी यंग चेंजमेकर अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वे संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी गोल्स (2030) से भी जुड़े हैं। वह बताते हैं, ‘मुझे नीति आयोग, डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, सामाजिक न्याय मंत्रालय एवं एमएसएमई की संयुक्त पहल सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के लिए ‘बाल दूत’ बनने का अवसर मिला है। मैं मानता हूं कि आसपास के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए उन्हें सही तरीके से शिक्षित किया जाना जरूरी है। इसके लिए मैं ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करता हूं। साथ ही, अपने यूट्यूब चैनल (अन-अर्थ), ब्लॉग एवं पॉडकास्ट (रिंग द बेल) के माध्यम से भी अवेयरनेस लाने की कोशिश करता हूं। कंटेंट जेनरेट करने से पहले बाकायदा रिसर्च करता हूं।’ आरव ‘संडे फॉर सिक्योर फ्यूचर’ नाम से एक मूवमेंट चला रहे हैं, जिसमें वे लोगों को पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करते हैं। इसका देश-विदेश में अच्छा असर हो रहा है। अनेक बच्चे-किशोर इस अभियान से जुड़े हैं। इसमें चार वर्ष की एक बच्ची भी शामिल है, जो हर रविवार को पौधा लगाना नहीं भूलती। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76096.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76096.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c5fe9f41ece8a5cc09d26a591b514acf4f124fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76096.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इतिहासकार बताते हैं कि सन 1921 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी लखनऊ आए। उनके सामने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने खाने की कमी होने की बात कही, तब महात्मा गांधी ने महिलाओं से सिर्फ एक चुटकी आटा देने का आग्रह किया। आटा संग्रह के लिए जगह-जगह हांडी रखवाई गई। महिलाएं एक-एक चुटकी आटा इन हांडी में डालतीं, जिससे स्वतंत्रता सेनानियों का भोजन बनाया जाता था और जो आटा बच जाता था, उसे बेच दिया जाता था। इसी समय स्वतंत्रता सेनानी पंडित विश्वनाथ वाजपेयी ने महात्मा गांधी से बालिकाओं के लिए एक राष्ट्रीय पाठशाला खोलने की मांग की थी। + +महात्मा गांधी की अपील पर लखनऊ और आसपास के शहरों की महिलाएं स्कूल बनाने के लिए सहभागिता में जुट गईं। आटा बेचकर उस समय 64 रुपये चार आने मिले थे। इसी पैसे से आठ अगस्त 1921 को चुटकी भंडार बालिका स्कूल की नींव पड़ी। पहले बैच में यहां 19 लड़कियों ने दाखिला लिया। यह स्कूल 1924 में बंद हो गया। जब महात्मा गांधी 1925 में दोबारा लखनऊ आए तो उनको स्कूल बंद होने की जानकारी मिली। लखनऊ में महात्मा गांधी को एक चांदी की थाली भेंट की गई थी, जिसे उन्होंने नीलाम कर दिया और इससे प्राप्त 101 रुपये से दोबारा स्कूल शुरू किया गया। इस स्कूल में दो कक्ष बनवाए गए। सन 1924 में नगर पालिका ने 80 फीट लंबी और आठ फीट चौड़ी जमीन स्कूल के लिए पट्टे पर दे दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76099.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76099.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..13499aaa2d1e545e854f50049702df6ad32326ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76099.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राव बलबीर सिंह ने दान में दी थी जमीन।इन दिनों पिलानी में रह रहे स्व. पंडित प्यारेलाल के बेटे बंशीधर के पास इससे जुड़ी यादों का पूरा खजाना मौजूद है। वयोवृद्ध बंसीधर ने भी आश्रम में वर्षों तक सेवा की थी। इसके अलावा मीरा और महात्मा गांधी नामक पुस्तक में भी गांधी व मीरा बेन से संबंधित आश्रम से जुड़े प्रसंग मौजूद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र सिंह के पिता राव बलबीर सिंह की ओर से दान दी गई जमीन पर वर्ष 1918 में स्वामी परमानंद जी ने इस आश्रम की स्थापना की थी। स्वामी परमानंद की देखरेख में ही यह आश्रम गोसंरक्षण एवं गोसंवर्धन का बड़ा केंद्र बनकर उभरा। आश्रम से जुड़े विद्वानों ने मान लिया था कि छूआछूत व नारी शिक्षा के प्रति उदासीनता की मुख्य वजह शिक्षा का अभाव है। इसी कारण यहां बिना जाति भेद के आवासीय पाठशाला व कन्या पाठशाला भी शुरू की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59cbf7c7c8e0c358b01a93a48dccc4797017b6a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_761.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी मुंबई में रणबीर के आवास वास्तु में हो रही है। परिवार के सदस्य और करीबी दोस्त शादी में शामिल होने वास्तु पहुंच गये हैं। वहीं, सोशल मीडिया के जरिए दोनों को शादी की बधाई दी जा रही है। आलिया की मॉम सोनी राजदान की करीबी दोस्त और सह-कलाकार इला अरुण भी इस शादी को लेकर काफी उत्साहित हैं और सोशल मीडिया के जरिए अपनी दोस्त को बेटी की शादी करने पर बधाई दी है, वो भी बड़े अनोखे अंदाज में। ।गुरुवार को इला ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्म मंडी के स्टिल्स का इस्तेमाल किया है। श्याम बेनेगल निर्देशित मंडी में स्मिता पाटिल, शबाना आजमी और नीना गुप्ता के साथ सोनी राजदान और इला अरुण ने भी अहम किरदार निभाये थे। 1983 में आयी मंडी कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी के लिए जानी जाती है। इन फोटोज में ये सभी कलाकार नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में टेक्स्ट लिखा गया है- अपनी प्यारी दोस्त को उसकी बेटी की शादी पर बधाई। ।वहीं, इस वीडियो के कैप्शन में इला ने लिखा- प्रिय सोनी यहां हम सब भी जलसा मना रहे हैं। ढोलक बज रही है। बन्ना-बन्नी गा रहे हैं। नीना और मेरी तरफ से अपनी व पूरे परिवार को बधाई। इला अरुण बेहतरीन कलाकार होने के साथ गायिका भी रही हैं और बधाई देने के अंदाज में उनके सुरों की खनक भी झलक रही है। + + यहां बता दें कि रणबीर और आलिया की शादी को लेकर कपूर परिवार ने बेहद गोपनीयता बरती और प्री-वेडिंग फंक्शन शुरू होने तक रणबीर-आलिया की शादी की पुष्टि नहीं हुई थी। यह इला अरुण की पोस्ट ही थी, जिसे रणबीर और आलिया की शादी का पहला कन्फर्मेशन माना गया। इससे पहले तक जो भी खबरें आ रही थीं, वो सूत्रों के हवाले से ही सामने आयी थीं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94fd589af31b3c6c6e7c61ae10038d20eb755341 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76101.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लाहुल के हर गांव में उत्सव का अपना महत्व ।लाहुल में पटन, गाहर, चंद्रा, तोद, तिंदी व मायड़ घाटी प्रमुख है। इन घाटियों में अपने अपने रीति रिवाज से त्योहार मनाए जाते हैं। लाहुल में सर्दियों में ही त्योहारों की धूम रहती है। छः महीने बर्फ से ढकी रहने वाली घाटी के लोग सर्दियों को उत्सव की तरह धूमधाम के साथ मताते हैं। इस बार अटल टनल खुल गई है और घाटी में नया सवेरा हुआ है। जिला प्रशासन ने सरकार के सहयोग से इन सभी त्योहारों को वहां की संस्कृति के हिसाब से एक ही मंच में मनाने का निर्णय किया और 25 जनवरी को विधिवत तकनीकी शिक्षा मंत्री ने इन उत्सवों की शुरुआत की। + +देश विदेश में दिख रही उत्सव की झलक।मीडिया व इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के इस स्नो फेस्टिवल की झलक देश-विदेश में दिख रही है। यह उत्सव हर गांव में अपनी संस्कृति अनुसार मनाए जा रहे हैं। इससे पहले उत्सवों में अधिकतर प्रतियोगिताएं पुरूषों के लिए ही आयोजित होती थी लेकिन इस बार गांव में महिलाओं के लिए भी कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। + +छोटे-छोटे त्‍योहारों की रहेगी धूम ।इस बीच छोटे मोटे त्योहारों की धूम रहेगी। फरवरी में गाहर घाटी से फागली उत्सव की शुरुआत होगी। इसी महीने उडगोस, त्रिलोकनाथ व जोबरंग में योर उत्सव की धूम रहेगी। पुना उत्सव सहित दाछांग उत्सव भी इसी महीने मनाया जाएगा। गुंनछुद और योर उत्सव की भी धूम रहेगी, जबकि विंटर फेस्टिवल के अंतिम दिन मुस्कुन पर्व की धूम रहेगी। यह उत्सव तोद घाटी में 10 से 12 मार्च तक मनाया जाएगा। उत्सव के समापन में बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा इसमें हर घाटी के लोग शिरकत करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..325f14bbb5c473d59eaa61e99892b620bc5da7e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खुद को आजमाया और बढ़ाया अपना दायरा। महज चार महीनों के प्रशिक्षण में प्रदेश स्तर पर रजत पदक और राष्ट्रीय स्तर पर छठा स्थान पाकर प्रियांश को अपनी क्षमता का अंदाजा हो गया था। उसके बाद उन्होंने कोच के साथ जी जान लगाकर प्रशिक्षण शुरू किया। साल 2019 में पंचकूला में हुए पैरा नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। उसी साल प्रदेश स्तर पर प्रियांश ने रजत पदक से आगे निकलकर स्वर्ण पदक जीता था। प्रदेश स्तर की पहली प्रतियोगिता में प्रियांश बहुत ज्यादा लंबी दूरी तय नहीं कर पाए थे। पहले नेशनल में उन्होंने 12.5 मीटर की दूरी तय की थी। प्रदेश स्तर पर इस दूरी के साथ खेलें। 2019 में ही हुई दूसरी प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी क्षमता को बढ़ाया और 14 मीटर तक गोला फेंक कर अपने ही व्यक्तिगत रिकॉर्ड को पछाड़ने में कामयाब रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12cfa73f0362b8fda9173d04558826e5989c9bab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76104.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देश के इन प्रयासों को वैक्सीन डिप्लोमेसी के रूप में भी परिभाषित किया जा रहा है। नेपाल का नेतृत्व जो चीन के निकट दिख रहा था, अब वैक्सीन के लिए भारत पर निर्भर है। चूंकि भारतीय वैक्सीन की गुणवत्ता भी बेहतर सिद्ध हो रही है, लिहाजा विश्व के अन्य कई देश भी गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन की आपूíत की उम्मीद में भारत के निकट आ सकते हैं। इन अर्थो में वैक्सीन हमारे देश के लिए वैश्विक कूटनीति का एक उपकरण अवश्य सिद्ध हो सकती है। मगर यह बात इतने तक ही सीमित नहीं है। + +वास्तव में, भारतीय संस्कृति के मूल में ही विश्व-बंधुत्व की भावना भरी हुई है। इसी कारण दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के कारण जब खुद ही उसे वैक्सीन की बड़ी मात्र में आवश्यकता है, तब भी वह दुनिया के देशों को वैक्सीन की आपूíत करने को तत्पर है। सबके सुखी और सबके निरोग होने के विचार को धारण करने वाली हमारी संस्कृति में कूटनीति से भी बढ़कर विश्व-बंधुत्व की एक भावना है, इसी का संदेश वैक्सीन की 55 लाख मुफ्त खुराकें अपने पड़ोसी देशों को भेजकर भारत ने दिया है। साथ ही, कोरोना महामारी के प्रसार के दौरान विश्व के अनेक देशों को उनकी मांग पर भारत ने दवाइयां आदि भी उपलब्ध करवाई थीं। इसमें कूटनीति रही होगी, परंतु प्रधानता तो विश्व-बंधुत्व की भावना ही थी। वस्तुत: यह भावना हमारी सांस्कृतिक पहचान का है, जिसका संदेश इस आपदा काल में भी देश ने दुनिया को दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..09ef5752868723a654c75e30e67ef958dd1d87d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76105.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें-Mahatma Gandhi Death Anniversary 2021: बापू के डोनेशन ने बदल दी पंजाब के युवा के जीवन की धारा, जानें एक आटोग्राफ की राेचक कहानी।स्वतंत्रता सेनानी राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि वर्ष 1930 में दांडी मार्च के दौरान उन्होंने गांधी जी को करीब से देखा था। उस समय वे काफी छोटे थे, लेकिन गांधी जी को देखने की तमन्ना के साथ वह चौड़ा बाजार पहुंचे और उनके पीछे हो लिए थे। राधेश्याम कहते हैं वे दोस्तों के साथ नारेबाजी करते हुए गांधी जी के पीछे चल रहे थे। उस समय उन्हें दांडी मार्च के बारे उतनी जानकारी नहीं थी। एक दुबला पतला व्यक्ति हाथ में डंडा लेकर आगे-आगे चल रहा था। चौड़ा बाजार से गुजरते हुए मार्च गोशाला तक गया। उन्हें तो बाद में पता चला कि वे ऐतिहासिक मार्च में थे। उस वक्त उनके चरण स्पर्श से धन्य हुई शहर की धरती को पर आज भी लुधियानवियों को गर्व है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7658fb2f3324d58c8f1f6f8b3c2f4b635597479c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुत्र कर्नल सुधीर बहल व बहू डॉ शालिनी बहल के साथ डा. बैजनाथ बहल। (जागरण)।आर्मी की वर्दी को छोड़कर ताउम्र खादी धारण की और 1972 में ताम्र पत्र मिला।पिता की गांधी जी व देश को आजाद करवाने के आंदोलन के साथ जुड़ी यादों को दैनिक जागरण से साझा करते हुए उनके बेटे रिटायर्ड कर्नल सुधीर बहल ने बताया कि पिता जी चाहे 103 साल के हो गए हैं, लेकिन पूरी जिंदगी गांधीवादी विचारधारा से ही प्रभावित रहे हैं। 1941 में जब डा. बैजनाथ ने आर्मी यानी अंग्रेजों के किंग कमीशन की नौ माह की ट्रेनिंग ज्वाइन की तो आठ माह बाद उन्हें यह कहकर निकाल दिया गया कि उनकी सोच राष्ट्रवादी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76114.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76114.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c05c50b7a0d14403b0e1ea68e1f9c91e372df2b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76114.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ समय पहले तक स्मारक पर लगता था सर्वोदय मेला।फिल्लौर के ही सतीश चंद्र कहते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आखिरी इच्छा अनुसार उनकी चिता की राख हिमालय की पहाड़ियों और और अस्थियां देश की प्रमुख नदियों में जलप्रवाहित की गई। जहां अस्थियां जल प्रवाह की गई, वहां उनकी याद में स्मारक बनाए गए। इनमें कुछ अस्थियां फिल्लौर के नजदीक सतलुज नदी में जल प्रवाह की गई, वहां पर भी एक स्मारक बना हुआ है। कुछ साल पहले तक 12 फरवरी के दिन सर्वोदय मेला लगता था जिसमें प्रदेश के अलावा दिल्ली से भी मंत्री भाग लेने आते थे लेकिन धीरे-धीरे यह सब खत्म हो गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..665517d95a5ac94180b8db1a176ff8b6e1dd1213 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रादौर स्थित कस्‍तूरबा गांधी राष्‍ट्रीय स्‍मारक ट्रस्‍ट। ।तारा बहल अपने भाई स्वतंत्रता सेनानी डा. बैजनाथ के साथ महात्‍मा गांधी उनसे मिलने गई थीं। 103 वर्षीय बैजनाथ इन दिनों अमृतसर में रह रहे हैं। देश को आजाद कराने में हुए आंदोलनों में वह महात्मा गांधी के साथ रहे। मूलरूप से तारा बहल छत्तीसगढ़ के जिला बलोद के दुर्ग की रहनेवाली हैं। उन्‍होंने प्रारंभिक शिक्षा नागपुर में ग्रहण की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7af5fd11e2ff9cc6ced7aa0db7b1fd177b063d1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक सप्‍ताह में हो विज्ञापन हो जाएगा जारी । आइटी पार्क भवन बनकर तैयार है। इसमें अंदर सजावटी कार्य चल रहा है। इस कार्य के साथ-साथ भी विज्ञापन निकालकर कंपनियों को आमंत्रित किया जा सकता है। इसी को देखते हुए साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआइ) ने विज्ञापन जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में विज्ञापन जारी हो जाएगा। इस विज्ञापन के माध्यम से आइटी पार्क के बारे में बताया जाएगा। उसमें किस-किस तरह के कार्य के लिए कंपनियां अपना कार्यालय खोल सकती हैं। उन्हें किस तरह का कमरा किस दर में आवंटित किया जाएगा इस सब की पूरी जानकारी रहेगी। फरवरी में कंपनियों का चयन करके कमरे आवंटित कर दिए जाएंगे। इसके बाद कंपनियां अपनी प्रक्रिया शुरू करेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06853d277ee4800591bff8392ebfc9f5b8ab2345 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान के नाम पर उपद्रवियों ने पुलिस में तैनात किसान के बेटों को ही पीटा था। जबकि पुलिसकर्मियों का यह भरक प्रयास था कि उनकी वजह से कोई भी बेगुनाह घायल ना हो। हमले में घायल ज्यादातर पुलिसकरर्मी उन्हीं राज्यों से आते हैं जिस राज्यों के किसान कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस करने की मांग को लेकर उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड निकालने का आह्वान किया था। लेकिन परेड में शामिल उपद्रवियों ने भारी हिंसा मचाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41f521abf11d58f46485f1ff1f9555c6e4f65b6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददताा। गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुए उपद्रव में आइएसआइ-खालिस्तान गठजोड़ का पता चला है। दोनों मिलकर न केवल इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को बरगला रहे हैं। बल्कि उपद्रव करने वालों को फंडिंग भी कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुआ उपद्रव भी इसी का नतीजा था। लिहाजा दिल्ली पुलिस की कोशिश है कि आइएसआइ-खालिस्तान गठजोड़ मौके का फायदा न उठा सके। इसके लिए पुलिस की स्पेशल सेल तमाम संदिग्धों पर नजर रख रही है। सेल के पुलिस अधिकारी पंजाब और कश्मीर के पुलिस अधिकारी से संपर्क में हैं। संदिग्ध और गैंगस्टरों पर नजर रखी जा रही है। किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस को तीन सौ से ज्यादा ऐसे नए ट्विटर अकाउंट का पता चला था, जिनसे लगातार भड़काऊ पोस्ट किए जा रहे थे। इन सभी का संचालन फर्जी नाम व खाते के माध्यम से पकिस्तान से किया जा रहा था। जांच में यह भी बात सामने आई कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलकर साजिश रच रही थी। इसके बाद इन सभी खातों को बंद करा दिया गया था। बावजूद इसके स्पेशल सेल ने आनलाइन मीडिया पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76126.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76126.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b48ad2cc366c28985771a221d4120ea492cc89a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76126.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +महात्मा गांधी छूआछूत के विरोधी रहे। उन्हें यह बिलकुल पसंद नहीं था कि हरिजन या बाल्मीकी समाज के लोगों से कोई दूरी बनाए। चौधरी रघुवीर नारायण सिंह के महल में रात्रि विश्राम के दूसरे दिन 30 अक्टूबर को जब गांधी जी सुबह महल के बाहर टहल रहे थे, तो उन्होंने वहां एक सफाई कर्मचारी को झाड़ू लगाते हुए देखा। इस पर गांधी जी ने सफाई कर्मचारी से पूछा कि तुम कहां तक झाड़ू लगाते हो। सफाई कर्मचारी ने कहा कि वह मंदिर के बाहर और अंदर झाड़ू लगाता है। यह सुनकर महात्मा गांधी बहुत प्रसन्न हुए। उन्हें लगा कि जिस समाज का वह सपना देख रहे हैं वह पूरा होता नजर आ रहा है। + +गांधी जी ने कहा था कि मेरे पास भी एक राजा है: महात्मा गांधी पहली बार वर्ष 1930 में असौड़ा रियासत में आए थे। इस दौरान वह कुछ देर ही चौधरी रघुवीर नारायण सिंह के पास रुके थे। महात्मा गांधी चौधरी साहब को अपना मित्र मानते थे। महात्मा गांधी ने मुंबई की एक सभा में कहा था कि यदि अंग्रेजों के पास कई राजा हैं तो हमारे पास भी एक राजा है चौधरी रघुवीर नारायण सिंह। इस बात का उल्लेख मुंबई के अखबारों में मिलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27af0c95a63c80359ae3ac3b68052b991245e973 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76129.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। वाट्सएप की नीतियों में प्रस्तावित बदलाव का असर अभी से दिखने लगा है। इंटरनेट मीडिया लोकल सर्कल्स के नए सर्वे में पांच फीसद लोगों ने वाट्सएप को डिलीट करने की बात कही, जबकि 22 फीसद ने इसके इस्तेमाल को अत्यंत सीमित करने का दावा किया। 21 फीसद लोगों का कहना था कि वे पहले से ही वाट्सएप के विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि 75 फीसद ने बिजनेस चैट से परहेज करने की बात कही। 93 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे वाट्सएप की भुगतान सेवा का इस्तेमाल नहीं करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f2411110ca4cd7ada5391395baefb43a25da307 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। आइटीआइ में प्रवेश लेकर शुल्क प्रतिपूर्ति लेने वाले ऐसे विद्यार्थियों की खैर नहीं जिसने परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया है। समाज कल्याण विभाग की ओर से चल रही शुल्क् प्रतिपूर्ति घोटाले की जांच में ऐसे कई मामले प्रकाश मेें आए हैं। समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति में हुए घोटाले में इस नए अध्याय से संस्थानों के संचालकों में हड़कंप मच गया है। मामले की सही जानकारी के लिए अब एक नई जांच समिति बनाकर जांच के आदेश दिए गए हैं। सूबे की सभी 2941 निजी आइटीआइ की जांच होगी। ।जिले की सभी संस्थानों की जांच के लिए जिलाधिकारियों की ओर से तहसील के उपजिलाधिकारी नामित किए गए हैं जो संस्थानों दस्तावेजों की की जांच करेंगे। सभी संस्थान अपने जांचकर्ता अधिकारी से संपर्क करेंगे। इसके अलावा केवल उन्ही संस्थानों के छात्रों को इस वर्ष छात्रवृति योजना का लाभ मिलेगा जिनकी सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होगी। ।होगी शुल्क प्रतिपूर्ति की वसूूली।शुल्क प्रतिपूर्ति या छात्रवृत्ति लेने वाल ऐसे विद्यार्थी जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं उनसे शुल्क प्रतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। हालांकि प्राथमिक जांच में निजी आइटीआइ संस्थाओं ने फर्जी अभिलेखों से छात्र-छात्राओं का ब्योरा तैयार किया। अपने पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या कई गुना बढ़ाकर दिखाई, परीक्षा फार्म भी फर्जी ब्योरे से भरवाए गए। परीक्षा में ऐसे अनुपस्थित रहे। अपर निदेशक प्रशिक्षण नीरज कुमार ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के अलावा सेवायोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय भी जांच कर रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42f462a0be313212301b4d444f768684afb5911a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76134.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इंटरनेट मीडिया पर छाए हुए हैं। कोई उनके हक में बोल रहा है तो कोई उनके खिलाफ। दरअसल, पिछले 24 घंटे के दौरान घटनाक्रम ऐसे घटे कि किसान आंदोलन का केंद्र यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) हो गया है। इसी के साथ भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लाइम लाइट में आ गए हैं। आइये जानते हैं कि कौन हैं किसान नेता राकेश टिकेत, जिनकी एक आवाज पर किसान जीने-मरने पर उतारू हो जाते हैं। मुजफ्फरनगर जनपद के सिसौली गांव में 4 जून 1969 में जन्मे राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के मुखिया हैं। + +44 बार जा चुके हैं जेल।देश के जाने-माने किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत कई दशकों से किसानों के  हकों की लड़ाई के लिए सक्रिय हैं। वह लगातार विभिन्न मंचों पर किसानों के अधिकार की बातें उठा चुके हैं। बताया जाता है कि किसानों के अधिकार की लड़ाई के चलते राकेश टिकैत 44 बार जेल जा चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में भूमि अधिकरण कानून के खिलाफ हुए आंदोलन के चलते राकेश टिकैत को 39 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था। कुछ साल पहले दिल्ली में संसद भवन के बाहर किसानों के गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तो उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। दरअसल, राकेश टिकैत ने संसद भवन के बाहर गन्ना जला दिया था। ।लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं राकेश टिकैत।राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह ने वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से राकेश टिकैत को लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। यह अलग बात है कि उन्हें हार मिली। राकेश टिकैत ने मेरठ यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई करने के बाद एलएलबी भी किया है। + + छोड़ी है दिल्ली पुलिस की नौकरी। राकेश टिकैत वर्ष 1992 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नौकरी करते थे, लेकिन पिता महेंद्र सिंह टिकैत का प्रभाव उन पर खूब है। यही वजह है कि जबव 1993-1994 में दिल्ली के लाल किले पर पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन चल रहा था तो वह भी भावुक हो गए। राकेश टिकैत पर सरकार ने आंदोलन खत्म कराने का दबाव बनाया। साथ ही कहा कि वह अपने पिता और भाइयों को आंदोलन खत्म करने को कहें, जिसके बाद राकेश टिकैत पुलिस की नौकरी छोड़ किसानों के साथ खड़े हो गए थे। इसके बाद पिता महेंद्र सिंह टिकैत की कैंसर से मृत्यु के बाद राकेश टिकैत ने पूरी तरह भारतीय किसान यूनियन (BKU) की कमान संभाल ली। ।पिता से सीखा किसान आंदोलन।बालियान खाप से संबंध रखने वाले महेंद्र सिंह टिकैत की मौत के बाद उनके बड़े बेटे नरेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष बनाया गया। इसके पीछे वजह यह है कि बालियान खाप के नियमों के मुताबिक, बड़ा बेटा ही मुखिया हो सकता है। ऐसे में नरेश टिकैत अध्यक्ष हैं, लेकिन कहा जाता है कि भारतीय किसान यूनियन की कमान राकेश टिकैत के हाथ में है और सभी अहम फैसले राकेश टिकैत ही लेते हैं। यह कई बार झलका भी है। सच्चाई यही है कि नरेश टिकैत अध्यक्ष तो राकेश भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। बता दें कि भारतीय किसान यूनियन की नींव 1987 में रखी गई थी। इस संगठन ने बिजली के दाम को लेकर किसानों ने शामली जनपद के करमुखेड़ी में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन किया था। इस दौरान हुई हिंसा में किसान जयपाल और अकबर पुलिस की गोली मारे गए थे। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन का गठन हुआ और अध्यक्ष बने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c9a8f431a303b041373ed06d952bdbe84417a57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76135.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभिभावकों ने भी अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है।एक हालिया अध्ययन में यह भी सामने आया है कि स्कूल जाने वाले लगभग 30 प्रतिशत बच्चे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक अन्य अध्ययन से यह भी जानकारी सामने आई है कि करीब 34 प्रतिशत बच्चे अपनी ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में अपने माता-पिता से कभी कभार ही बात करते हैं। मां-बाप का अत्यधिक व्यस्त होना या फिर बच्चों में अभिभावकों का डर न होना भी इसके प्रमुख कारण हैं। इसका एक बड़ा कारण निजी स्कूलों का परिवेश भी है, जो अब एक पेड पैकेज के रूप में उभर रहे हैं। दरअसल आज की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था ने शिक्षा से लेकर बच्चों के मानसिक और नैतिक मूल्यों का समूचा दारोमदार इन स्कूलों के चमचमाते कंधों पर डाल दिया है। अभिभावकों ने भी अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। मशीनी कार्य संस्कृति का असर बच्चों के जीवन पर पड़ा है। वे एकाकी होते जा रहे है और अभिभावक भारी-भरकम स्कूलों की महंगी फीस भरने वाली मशीन। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ef02ffc2e224470ba8b51694f2eced1ff9c035e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76136.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। शमसाबाद निवासी विवाहिता को पति और ससुराल वाले दहेज के लिए मारपीट करते थे। उसे बात-बात पर ताना देते थे। परिवार की पंचायत में कई बार पति और ससुराल वालों को समझाया गया। राजीनामा करके बेटी को ससुराल भेजा। मगर, कुछ समय बाद पति और ससुराल वाले पुराने ढर्रे पर आ जाते थे। कोई रास्ता नहीं देख विवाहिता ने पुलिस की मदद ली। + +केस तीन: हरीपर्वत के बाग मुजफ्फर खां निवासी विवाहिता का पति उससे आए दिन शराब के नशे में मारपीट करता था। वह कई बार मायके चली आई, इस उम्मीद में पति की आदतों में सुधार हो जाए। वह उससे मारपीट करना छोड़ दे। पति के आश्वासन देने पर कई बार वह उसके साथ चली गई। मगर, पति एक-दो सप्ताह में ही अपना वादा तोड़ देता था। पत्नी को उसे रास्ते पर लाने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76137.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76137.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c2d3b3b6e7016f1d5c8a91cb7675acd61152a8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76137.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि सरकार की इस नीति के तार मुख्य रूप से मई, 2018 में मद्रास हाई कोर्ट के दिए गए फैसले से जुड़ते हैं। एम पुरुषोत्तमन बनाम भारत संघ मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में यह कह कर सरकार को फटकार लगाई थी कि बच्चे कोई वेटलिफ्टर नहीं हैं। अपने फैसले में कोर्ट ने बच्चों को पढ़ाए जाने वाले विषय, होमवर्क और स्कूली बस्ते पर दिशा-निर्देश दिए थे। हालांकि उस समय सरकारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन अब भारत सरकार ने एक नीति के तहत इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू करना अनिवार्य कर दिया है। + +इस चिंता की सबसे बड़ी वजह है कि शिक्षा में इस प्रकार की व्यवस्था का असर हमारे मानव विकास पर पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास के जो भी पैमाने हैं, उनमें शिक्षा का विकास भी एक है। हालिया मानव विकास सूचकांक में भारत को 131वें पायदान पर रखा गया है जो साफ तौर पर इशारा करता है कि इस मामले में हम दुनिया के 130 देशों से पीछे हैं। जानकारों का मानना है कि भारत में पढ़ाई के बीच में ही स्कूल छोड़ने के पीछे स्कूली बस्ते का बोझ और होमवर्क का लोड भी कारण हैं। भारत में औसतन 4.5 फीसद बच्चे बीच में ही स्कूल छोड़ देते हैं। इसके अलावा, छात्रों द्वारा आत्महत्या दर के मामले में भारत अव्वल है। एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक भारत में प्रति घंटे एक छात्र आत्महत्या करता है। शिक्षा के जानकार स्कूली बस्तों के बोझ और होमवर्क की बढ़ती परिपाटी को भी इसकी बड़ी वजह मानते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb8ad8323a0814205b4cba3cd64998e1738765b9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76141.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +AAP के विधानसभा स्तर पर तीनों चुनाव ऐतिहासिक रहे कापसहेड़ा के एक रिजार्ट में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में देशभर के सदस्यों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हमने विधानसभा स्तर पर तीन चुनाव लड़े हैं और हर चुनाव ऐतिहासिक रहा। पार्टी ने मात्र 49 दिनों में एक ऐसी सरकार चलाई कि अगली बार लोगों ने 70 में से 67 सीटें AAP को दीं। इस तरह दूसरा चुनाव भी अपने AAP में ऐतिहासिक था कि 70 में से 67 सीटें आई जो कि आज तक किसी भी पार्टी को इतना जबरदस्त बहुमत अपने देश में नहीं मिला है। + +AAP सरकार ने कोरोना के समय किया बेहतर काम।अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के पीक के समय सबसे ज्यादा कठिन परिस्थिति थी। 11 नवंबर को दिल्ली में 8.5 हजार केस एक दिन में आए। पूरी दुनिया के अंदर किसी भी शहर में इतने ज्यादा केस कभी नहीं आए। इस दौरान आप सरकार ने शानदार तरीके से सेवाओं का प्रबंधन किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4290fd51d676a28944d0ec763d9f3dc9e39aed9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स )। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमिरात से हुई हथियारों की डील को फिलहाल लंबित कर दिया है। इस रोक को लगाने के साथ उन्‍होंने कहा कि वो पहले इस समझौते की समीक्षा करेंगे उसके बाद इस पर कोई अंतिम फैसला लेंगे। आपको बता दें कि बाइडन ने जब से सत्‍ता संभाली है तब से ही वो ट्रंप के किए फैसलों को बदलने में लगे हुए हैं। जहां तक आर्म्‍स डील की बात है तो ट्रंप ने ये डील अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6031e9785198e8425ac2ab6388c0ee4339fbb648 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देशभर के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए इनवेस्ट इंडिया का गठन केंद्र सरकार ने कर रखा है, जिसका फोकस विशेष तौर पर मेक इन इंडिया पर है। इधर, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की। इसके जरिए प्रत्येक जिले से उत्पाद चिन्हित कर कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल विकास, आर्थिक सहयोग, बेहतर संसाधन मुहैया कराने जैसे बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76149.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76149.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1163e8fde5fa80639cf6195085272924bbefece --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76149.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जिस रोज देश की 130 करोड़ की आबादी 72वां गणतंत्र दिवस मना रही थी, उस दिन जुगराज नाम के शख्स ने लाल किला की प्राचीर पर तिरंगे के बगल में एक अन्य झंडा लगा कर शर्मसार कर दिया। बताया जा रहा है कि पंजाब के तरनतान जिले के रहने वाले 23 वर्षीय जुगराज ने इस शर्मनाक करतूत को अंजाम दिया है। बेहद साधारण परिवार के इस लड़के ने यह कृत्य अंजाम देने से पहले यह भी नहीं सोचा कि आखिर इससे उसे हासिल क्या होगा? और इसका अंजाम क्या होगा? जुगराज के इस कृत्य के बाद पंजाब और दिल्ली पुलिस दोनों को आरोपित जुगराज की तलाश है। फिलहाल जुगराज फरार है। + +लेबर का काम करता रहा है जुगराज।परिवार के मुताबिक, 23 साल का जुगराज पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था। ज्यादा पढ़ाई नहीं होने के चलते जुगराज को अच्छी नौकरी नहीं मिली तो वह लेबर का काम करने लगा। यह भी पता चला है कि गांव के कुछ दूसरे युवाओं के साथ साल के पिछले साल वह चेन्नई (तमिलनाडु) में एक फैक्टरी में काम किया करता था। फिलहाल वह तरनतारन अपने गांव आया था। 23-24 जनवरी को जुगराज अन्य युवाओं के साथ किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली-एनसीआर चला गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f757b63c446034e46f39f6231f33dfc1fc3901a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7615.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साउथ सिनेमा के मशहूर अभिनेता थलापति विजय इन दिनों नौ साल पुराने अपने एक मामले को लेकर मुश्किलों में आ गए हैं। उन पर मद्रास हाईकोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विजय पर आरोप है कि उन्होंने साल 2012 में अपनी एक लग्जरी कार को लंदन से मंगवाया था, उस कार का उन्होंने टैक्स अदा नहीं किया था, जिसके चलते हाईकोर्ट ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..266265e4a91bcecbfeeac969189a81c5a854a88b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76153.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मास्‍को (रॉयटर्स)। रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम की वर्चुअल बैठक में कहा है कि वो यूरोपीय संंघ के साथ संबंधों को बेहतर करने के इच्‍छुक हैं। साथ ही यूरापीय संंघ के साथ व्‍यापारिक साझेदारी को भी बढ़ाना चाहते हैं। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी सरकार के घोर विरोधी एलेक्‍सी नवलनी की गिरफ्तारी और इसके बाद उनके समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शनों पर बल प्रयोग करने के मुद्दे पर रूस को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बेरुखी का सामना करना पड़ा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7022277f88fb5b8b29880d4d4ccf6930a63c4f42 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि तालिबान की तरफ से आए इस समर्थन के कई अहम मायने हैं। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि तालिबान ने पूर्व में सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोलियो उन्‍मूलन के लिए घर-घर जाकर दवा पिलाने का न सिर्फ विरोध किया था बल्कि इसमें अवरोध भी पैदा किए थे। तालिबान का कहना था कि ऐसा करके सरकार उनके खिलाफ जासूसी कर रही है जिसका इस्‍तेमाल उनके ऊपर ड्रोन हमला कर उन्‍हें मारने के लिए किया जा रहा है। इसी वजह से 2018 से पहले इस अभियान में कमी आई थी, लेकिन बाद में इसमें तेजी आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76160.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eab4b2db17a00fd81b344aadf39ee88a487dd0f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76160.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ट्रेवल बैन करने के हक में नहीं है। इस बात की जानकी देश के गृहमंत्री होर्स्ट जेहोफर ने दी है। उनका कहना है कि चांसलर ट्रेवल बैन के हक में नहीं हैं। साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि मर्केल ने राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों से उन सभी उपायों पर गौर करने के लिए भी कहा है कि जिससे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाया जा सके। गौरतलब है कि यूरोपीय देशों में फैले कोरोना संक्रमण के मामले में जर्मनी छठे नंबर पर है। इससे ऊपर तुर्की, इटली, स्‍पेन, फ्रांस, ब्रिटेन का नाम है। आपको ये भी बता दें कि इजरायल ने कोरोना पर काबू पाने के लिए सभी तरह के एयर ट्रेवल पर बैन लगाया हुआ है। वहीं यूरोप के कुछ अन्‍य देशों ने भी इसी तरह के एहतियाती कदम अपने यहां पर उठाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67feaf1f3a933618e8a7b53b6e9e13853db960cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76166.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये लगाई गई हैं धाराएं। पुलिस के मुताबिक दर्ज मुकदमों में दंगा फैलाने, घातक हथियारों के साथ दंगा करने, सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट, उनके कामकाज में बाधा डालने, सरकारी आदेश का उल्लंघन करने, महामारी रोग अधिनियम, खतरनाक तरीके से ट्रैक्टर व अन्य वाहन चलाने, सुबूत मिटाने, सरकारी अधिकारियों के साथ ड्यूटी के दौरान मारपीट, हत्या के प्रयास, लूटपाट व डकैती आदि की धाराएं शामिल हैं। इन धाराओं के तहत न्यूनतम दस साल व अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रविधान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76167.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76167.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b8e214c560c4ba7aa275897a5993ee9975b403ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76167.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कृषि कानून को लेकर गत दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जनवरी के शुरुआत में पुलिस को पता चला कि वे दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने जा रहे हैं। जिसके बाद किसान नेताओं से संपर्क किया गया। नेताओं ने 26 जनवरी के दिन दिल्ली में परेड करने का आह्वान किया था। गणंतत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम के तहत सुरक्षा कारणों से पुलिस ने किसानों से 26 जनवरी की जगह कोई और तारीख में कार्यक्रम रखने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। यहां तक कि पुलिस ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर परेड निकालने पर सुरक्षा सहित अन्य सुविधा प्रदान करने का वादा भी किसानों से किया था, लेकिन किसान नेता अपनी बातों पर अड़े रहे। बाद में कई चरणों की वार्ता के बाद ट्रैक्टर परेड के लिए तीन अलग-अलग रूट तय हुए। वहीं, किसान नेताओं ने पुलिस की अन्य शर्तों को भी मानने का वादा किया। लेकिन, गणतंत्र दिवस के दिन उन्होंने पुलिस की सभी शर्तों को तोड़ दिया। दोपहर 12 बजे की जगह टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बार्डर से सुबह 8.30 बजे ही किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की ओर निकल गए थे। वहीं यह भी तय हुआ था कि परेड के साथ किसान नेता भी साथ चलेंगे और किसी के पास हथियार इत्यादि नहीं होगा, लेकिन इन शर्तों की भी अवहेलना की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8bb61128f8e88ca868c661c68550752b08722106 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, मध्य प्रदेश में उमा भारती अकेली राजनेता नहीं हैं जिन्होंने शराबबंदी की मांग की है। यदाकदा इसे लेकर आवाजें उठती रही हैं। कभी सामाजिक संगठनों की तरफ से मांग उठती है तो कभी राजनीतिक दलों के भीतर ही इसे लेकर बातें होती रहती हैं। शराबबंदी की मांग के बीच सरकार आज तक इस सवाल का जवाब नहीं खोज पाई कि यदि शराब को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया तो इससे मिलने वाले राजस्व की भरपाई कहां से होगी?।मध्य प्रदेश सरकार को शराब के कारोबार से साल भर में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये आय होती है। शराब सरकार की सुरक्षित आय का बड़ा जरिया है। यही कारण है कि लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक की शुरुआत हुई तो सबसे पहले शराब की दुकानें ही खोली गईं। वर्ष 2020-21 में नौ हजार करोड़ रुपये का बजट अनुमान रखा गया है। देसी और विदेशी शराब दुकानों की नीलामी से सरकार को निश्चित आय होती है। कमल नाथ सरकार के समय दुकानों की नीलामी 25 फीसद अधिक दर पर करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए जिले की समस्त दुकानों का एक समूह बनाकर ठेके दिए गए। इससे सरकार को शुल्क तो अधिक मिल गया, परंतु ठेकेदारों का एकाधिकार हो गया। शराब महंगी हुई तो अवैध कारोबार करने वालों को मौका मिल गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a325977c1f8d98d5dfe3dc7e76ba47bcaaa1be8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि उपद्रवियों के हमले से बचने के लिए जवान लाल किले की खाई में कूद रहे हैं। 20 से अधिक जवान इसमें कूदे। अगले दिन खाई का वह स्थान भयावहता की दास्तां बता रहा था। इसमें जवानों के जूते, हेलमेट व आइडी के साथ अन्य सामान बिखरे थे। यह खाई तकरीबन 20 फीट गहरी है। मौके पर मौजूद एक पुलिसकर्मी के मुताबिक, खाई दलदली है, इसलिए जान बचाने के लिए कूदे अधिकतर जवानों को ज्यादा चोटें नहीं आईं। वैसे, कुछ पुलिसकर्मियों की हालत इस खाई में कूदने से गंभीर बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76178.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76178.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..187294e93119f41fe7e3894cd247bdd5244a54ef --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76178.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सुवेंदु अधिकारी के गढ़ में जोरआजमाइश से पहले तृणमूल कांग्रेस वहां अपनी ताकत की जांच कर लेना चाहती है। इस बाबत वह नंदीग्राम में सर्वेक्षण करा रही है। इसकी जिम्मेदारी राज्य के पंचायत मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी को सौंपी गई है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुब्रत मुखर्जी आगामी एक फरवरी को नंदीग्राम जाएंगे और वहां तीन दिन ठहरेंगे। वे नंदीग्राम के ब्लाक-ब्लाक का दौरा करेंगे और वहां पार्टी के प्रत्येक नेता व कार्यकर्ता से बातचीत कर वहां के राजनीतिक हालात का जायजा लेंगे। नंदीग्राम पर सुब्रत की रिपोर्ट अगले विधानसभा चुनाव के लिहाज से पार्टी नेतृत्व के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76180.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76180.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c9a9370b7f5e328384eec387e01b4848b2755c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76180.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लंदन (रॉयटर्स)। बीते 30 वर्षों में धरती के बढ़ते तापमान का अंदाजा यहां पर टनों पिघल चुकी बर्फ से लगाया जा सकता है। लीड्स यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में पता चला है कि इन तीन दशकों के दौरान धरती से 28 ट्रिलियन बर्फ पिघल चुकी है। इतनी बर्फ से पूरे ब्रिटेन को 300 फीट मोटी चादर से ढका जा सकता था। यूनिवर्सिटी की टीम ने इस दौरान हुए बर्फ को हुए नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वे किया है। इस दौरान इस टीम ने सेटेलाइट से मिली तस्‍वीरों का भी गहन अध्‍ययन किया। + +इस टीम ने अपनी रिसर्च में पाया है कि बर्फ के पिघलने की वार्षिक दर वर्ष 1994 के बाद 65 फीसद तक बढ़ गई है। अध्‍ययन में पाया गया कि इन तीन दशकों के दौरान उत्‍तरी और दक्षिण ध्रुव से पिघली बर्फ ने इस नुकसान को काफी हद तक बढ़ा दिया है। सेटेलाइट से मिली तस्‍वीरों में इस बात की जानकारी काफी हद तक स्‍पष्‍ट हुई है कि इस अवधि के दौरान 28 ट्रिलियन बर्फ हम खो चुके हैं। इसकी वजह से समुद्र का जलस्‍तर तो बढ़ा ही है लेकिन साथ ही इंसानी बस्तियों के इसकी चपेट में आने से नुकसान भ्‍ज्ञी कुछ कम नहीं हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह से बर्फ का पिघलने और समुद्र के जलस्‍तर के बढ़ने से वन्‍यजीवों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76185.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76185.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bd3cb1b2e979015c6692cd25ab64b68ca657e8cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76185.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुलेरिया ने बीएसएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट 1987 में ज्वाइन किया था। उन्होंने बीएसएफ में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। कश्मीर तथा जम्मू में आतंकवाद के शुरुआती दौर में उन्होंने ड्यूटी की है तथा पंजाब, राजस्थान तथा बंगाल बॉर्डर पर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गुलेरिया ने बंगाल बॉर्डर पर पशु तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। वह अपनी इमानदारी व कुशल प्रशासक के तौर पर बीएसएफ में जाने जाते हैं। इधर, उनको तीसरी बार राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) अश्विनी कुमार सिंह सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने खुशी जाहिर करते हुए इसे फ्रंटियर के लिए गौरव का क्षण बताया है। बताया गया कि गुलेरिया ने संयुक्त राष्ट्र (युनाइटेड नेशन) की पुलिस में भी कोसबो में डेपुटेशन पर एक वर्ष की सेवा दे चुके हैं। गुलेरिया को एनडीआरएफ की कोलकाता बटालियन तथा पटना बटालियन को स्थापित करने का भी श्रेय प्राप्त है। उन्होंने विभिन्न आपदाओं में एनडीआरएफ की तरफ से भाग लिया है। ।2017 में जैश के आतंकियों से गुलेरिया ने लिया था लोहा।बताया गया कि 23 अक्टूबर 2017 को खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों ने श्रीनगर एयरपोर्ट के पास गोगोलैंड स्थित बीएसएफ कैंपस पर रात 3.45 बजे फिदाईन हमला कर दिया था। आतंकियों ने कैंपस की दीवार फांद कर कैंपस में स्थित एडमिन ब्लॉक, अधीनस्थ अधिकारी मेस तथा अधिकारी मेस में घुसने का प्रयास किया। इस प्रयास में आतंकी एडमिन ब्लॉक व अधीनस्थ अधिकारी मेस में घुसने में कामयाब हो गए तथा एक आतंकी ड्यूटी पर तैनात सीमा प्रहरी की गोलियों का शिकार हो गया। इसके बाद आतंकियों ने रात को ग्रेनेडों तथा गोलियों से कैंपस में अंधाधुंध फायरिंग की। आतंकियों के फिदाईन हमले को पुरजोर जवाब देने के लिए उस समय कश्मीर फ्रंटियर में डीआइजी (जी) सुरजीत सिंह गुलेरिया ने डीआइजी हरिलाल के साथ मिलकर अपने जवानों के साथ कैंपस में मौजूद आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्हें मार गिराया था। इस ऑपरेशन में एक अधीनस्थ अधिकारी वीर गति को प्राप्त हुए थे तथा दो जवान घायल हुए थे। ।हिमाचल में अपने गांव में ही हुई है गुलेरिया की प्रारंभिक शिक्षा, बेस्ट एथलीट भी रह चुके हैं ।गुलेरिया मूलत: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के देहरा तहसील अंतर्गत खैरिया गांव के निवासी हैं। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल खैरिया तथा हरिपुर में प्राप्त करने के बाद डीएवी कॉलेज कांगड़ा से बीएससी तथा गर्वंमेंट कॉलेज धर्मशाला से बीएड की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने बीएसएफ में सेवा देते हुए एमबीए (आपदा प्रबंधन) की डिग्री भी हासिल की। कॉलेज टाइम में गुलेरिया अपने कॉलेज (डीएवी, कांगड़ा) के बेस्ट एथलीट भी रहे हैं। इसके अलावा शॉटपुट तथा डिस्कस थ्रो में वह हिमाचल यूनिवर्सिटी, शिमला के तीन साल तक चैंपियन रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca7d7ada1c1d39a3a77699ecd88a806e0de3eba9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76186.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [धर्मेन्द्र पाण्डेय]। एथलेटिक्स में डिकेथलॉन के बाद सबसे कठिन स्पर्धा मानी जाने वाली स्टीपलचेज में अपना लोहा मनवाने वाली एथलीट सुधा सिंह प्रदेश की दूसरी ऐसी खिलाड़ी हैं, जिनको अर्जुन पुरस्कार के साथ ही पद्मश्री सम्मान भी मिला है। पद्मश्री के साथ अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह प्रदेश की दूसरी महिला खिलाड़ी भी हैं। अब तक प्रदेश के चार खिलाड़ियों को पद्मश्री सम्मान मिला है। वैसे तो उत्तर प्रदेश से खेल के क्षेत्र में सबसे अधिक योगदान देने के लिए सबसे बड़ा नागरिक सम्मान हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद सिंह को पद्मभूषण मिल चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76196.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76196.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7223e43ae2f6bc6e618f7148f891567833b12338 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76196.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1988 में किसानों के प्रदर्शन से पस्त हो गई थी दिल्ली।दरअसल, विभिन्न मांगों को लेकर 32 साल पहले दिल्ली में 1988 में एक विशाल किसान रैली का आयोजन हुआ था। इस रैली ने समूची दिल्ली को ठप कर दिया था। हुआ यूं कि दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों के हजारों किसानों ने राजधानी में एक बड़ा धरना प्रदर्शन किया था। उस दौरान किसान बैलगाड़ी से लेकर कार तक से आए थे। यह धरना-प्रदर्शन महीनों चला था। इसके चलते न केवल स्थानीय दिल्ली वाले, बल्कि प्रशासनिक अमला भी पस्त हो गया था। किसानों की मौजूदगी से इंडिया गेट, विजय चौक और बोट क्लब भर गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76197.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76197.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0debdddcd414498a5a657cd0163b48f0c5afa44 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76197.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस चुनौती से निपटने के लिए तृणमूल प्रमुख ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा कर बड़ा दांव खेला है, लेकिन जय श्रीराम का नारा एक बार फिर उनके पीछे पड़ गया है। शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में गूंजे जय श्रीराम नारे पर जिस तरह से ममता ने आपत्ति जताई, अब यह एक अहम सियासी मुद्दा बना गया है। ममता इससे कैसे निपटेंगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..adc315a37a2fa27fb56022c4fd05c62df9717e24 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक आपसी होड़, शक्ति प्रदर्शन और सियासत के चलते यह आंदोलन बेलगाम और हिंसक हो गया। इसकी पटकथा तभी लिख दी गई थी, जब 40 संगठनों के किसान नेताओं की जमात ने तीनों कानूनों को वापस लेने की जिद पकड़ ली थी। उन्हें मनाने की हर संभव कोशिशें हुई। सरकार ने उनकी हर शंका के समाधान की कोशिश की, पर ये सभी अड़े रहे। इन्हें भय था कि अगर एक ने भी सकारात्मक रुख दिखाने की कोशिश की तो उसे आंदोलन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। शुरू से ही यह कहा जा रहा था कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि असली किसान तो खेतों में काम कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76204.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76204.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0073fa80534588407ce137b94a95b5acec03e721 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76204.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले कुछ वर्षों से एक नया ट्रेंड देखा जा रहा है कि कंपनियां कोई भी नया बिजनेस या उत्पाद लाने से पहले उसका मार्केट सर्वे कराती हैं ताकि वे ग्राहकों के बदलते व्यवहार को समझकर खुद को आगे रख सकें। अपने ग्राहकों की मांगों को समझने, व्यापार के अधिक अवसरों का पता लगाने के साथ-साथ सही मार्केटिंग अभियान की योजना बनाने, नुकसान को कम करने और प्रतिस्र्पिधयों को ट्रैक करने में यह काफी हद तक मदद करता है। उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी अपना नया प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करना चाह रही है, तो वह यह जानना चाहती है कि उसके उत्पाद को कौन खरीदेगा? उसके आदर्श ग्राहक कौन हैं? वे कितनी बार उसे खरीदेंगे? उन्हें क्या चाहिए? वे इस प्रोडक्ट या र्सिवस से क्या उम्मीद करते हैं? मार्केट में उस प्रोडक्ट की मांग कैसे उत्पन्न की जाए और बढ़ाई जाए?।बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कंपनियों के लिए ऐसे सवालों के जवाब तलाशना जरूरी हो गया है। इस तरह के जितने अधिक जवाब उनके पास होंगे, ग्राहकों के व्यवहार को समझने में उन्हें उतनी ही आसानी होगी और वे प्रतिस्र्पिधयों से खुद को आगे रख पाएंगे। मार्केट रिसर्च की इसी जरूरत को देखते हुए बड़ी कंपनियों में क्वालिफाइड और अनुभवी मार्केट रिसर्चर्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इस फील्ड में आजकल डाटा एनालिसिस और सॉफ्टवेयर में कुशल युवाओं के लिए करियर के बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हैं। + +क्या है मार्केट रिसर्च?: मार्केट रिसर्च एक तरह की मार्केटिंग तकनीक है, जिसमें सर्वे, एनालिसिस और ग्राहकों से बातचीत के माध्यम से नये प्रोडक्ट/सेवा के बारे में अहम सूचनाएं हासिल की जाती हैं। मार्केट रिसर्चर्स और एनालिस्ट मुख्य रूप से किसी प्रोडक्ट या र्सिवस का फीडबैक जुटाने का काम करते हैं, ताकि लक्षित ग्राहकों तक पहुंच कर कंपनियां उनसे लाभ उठा सकें। इसके लिए ये प्रोफेशनल क्लाइंट कंपनियों के सेल्स का ब्यौरा जुटाने से लेकर प्रतिस्पर्धी कंपनियों के प्रोडक्ट और र्सिवसेज की पूरी जानकारी इकट्ठा करते हैं, जैसे संबंधित कंपनी के प्रोडक्ट की कीमत, बिक्री, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के तौर-तरीके इत्यादि। इस तरह का फीडबैक जुटाने के लिए ये रिसर्चर अपनी देखरेख में फील्ड सर्वे कराते हैं। इसके लिए रिसर्च डायरेक्टर, रिसर्च मैनेजर, रिसर्च एग्जीक्यूटिव, रिसर्च एनालिस्ट, फील्डवर्क मैनेजर/सुपरवाइजर तथा स्टेटिस्टिशियन/डाटा प्रोसेसिंग प्रोफेशनल की पूरी एक टीम होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a838fd51bd2cc4d7a405fd1d16f9e5cae6cf825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। डिजाइन से भरपूर बेडरूम, महंगा गद्दा और सौफा इनकी ख्वाहिश नहीं है। चार्ली थोड़ी सी पराली से बने गद्दे पर खराटें लेती और मुस्कान को हीटर लगे कमरे में सकून की नीद सोती है। साधारण परिवेश में गुजर-बसर करने वाली चार्ली को जितना सकून पराली पर मिलता है। उतना बाजार में बिकने वाले स्टाइलिश गद्दे पर नहीं मिलता। पराली बिछाते ही वह पल भर में सो जाती है। जबकि उसके अन्य साथियों को हीटर लगे कमरों में नीद आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed794701ed9df7808322d90e9abfb997cd393f7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76208.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ, जेएनएन। किसी छात्र या छात्रा के लिए असली सफलता क्या होती है। जिस स्कूल या कालेज से पढ़ कर वह निकलीं अगर वहीं उसे चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाय। जिस गुरुजनों ने उसे पढ़ाया, वही उसके स्वागत में पलके बिछाए। फिर उस स्टूडेंट को गर्व तो होगा ही। गणतंत्र दिवस पर अपने कॉलेज आरजी में पहुंची एयरफोर्स आफिसर रहीं एक्स स्कैवड्रन लीडर मीना अरोरा को अनुभव हुआ। कालेज में गणतंत्र दिवस की परेड में वह चीफ गेस्ट बन कर आईं थीं। कालेज में छात्राओं के साथ सभी शिक्षिकाओं ने उनका स्वागत तालिया बजा कर की। उस समय मीना अरोड़ा की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..467894ac93430af93c0c436f7a36956bce55ec60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पंकज बेरी टीवी और बॉलीवुड के मशहूर कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने कई टीवी सीरियल्स और फिल्मों में अभिनय कर दर्शकों के दिलों को जीता है। पंकज बेरी बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों के साथ काम कर चुके हैं। इन सबके बीच उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने संघर्ष के दिनों को याद किया है और बताया है कि उन्होंने कैसे मनोरंजन की दुनिया में अपनी जगह बनाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76210.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f828ebd19173492a2bdc7e742012f7759e738522 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76210.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत मेरे दिल के बेहद करीब : बोरिस जानसन।ब्रिटिश प्रधानमंत्री जानसन का वीडियो संदेश भी काफी भावनापूर्ण रहा है। उन्होंने भारतीय गणतंत्र और यहां के लोकतंत्र की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं अपने दिल के बेहद करीब रहने वाले देश भारत को उसके गणतंत्र दिवस पर बधाई देता हूं। मेरे दोस्त नरेंद्र मोदी ने मुझे इस महत्वपूर्ण दिवस पर वहां आमंत्रित किया था और मैं उसकी तैयारी में भी था। अफसोस, हमारे साझा शत्रु कोविड ने मुझे लंदन में ही रोक रखा है। भारत और ब्रिटेन साथ-साथ मिलकर कोविड वैक्सीन का उत्पादन कर रहे हैं, ताकि मानवता के लिए दुनिया को कोविड महामारी से दूर किया जा सके। मैं भारत के हर नागरिक और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों को गणतंत्र दिवस की बधाई देता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76211.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76211.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25848790035e4c48ecb7153ba717e6b666442695 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76211.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-14ए चिल्ला बार्डर पर पिछले 57 दिन से धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) गुट के किसानों ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकाली। तय रूट पर परेड नहीं निकालने पर किसानों की दिल्ली में मयूर विहार के पास पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। ।कुछ उपद्रवी किसान पुलिस बैरिकेड को तोड़ ट्रैक्टर से आगे निकल गए। पुलिस ने किसानों नेताओं से वार्ता कर उन्हें वापस नोएडा भेजा। वापस आने के बाद किसान बार्डर पर दिल्ली से नोएडा आने वाली सड़क को बंद कर धरने पर बैठ गए। इससे करीब तीन घंटे मार्ग बंद रहा। पुलिस के आश्वासन के बाद सड़क से उठे हैं। ।सुबह 11 बजे धरना स्थल पर झंडोत्तोलन के बाद राष्ट्रगान हुआ। दोपहर 12:5 बजे राष्ट्रीय महासचिव बेगराज गुर्जर व प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में ट्रैक्टर परेड का आगाज हुआ। परेड में करीब दो दर्जन ट्रैक्टर व इतने ही चार पहिया वाहनों के साथ 300 से अधिक किसान परेड के लिए निकले। नोएडा पुलिस कंट्रोल रूम के पास बने कट से लेफ्ट लेकर चिल्ला बार्डर से दिल्ली की ओर बढ़े। ।किसानों को मयूर विहार फेस-1 लाल बत्ती से लेफ्ट टर्न लेते होते हुए डीएनडी फ्लाई-वे की ओर जाना था। यहां से फिल्म सिटी फ्लाईओवर होते हुए अमिताभ पार्क होते हुए धरनास्थल आना था, लेकिन किसानों ने ऐसा नहीं किया। दोपहर 12:30 बजे मयूर विहार फेस-1 लाल बत्ती के पास पहुंचने पर किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया और अक्षरधाम तक जाने पर अड़े रहे। पुलिस ने आगे जाने से रोका लेकिन वह नहीं माने। परेड में शामिल कुछ उपद्रवी किसान पुलिस बैरिकेड तोड़ते हुए लालबत्ती से आगे निकल गए। नोएडा व दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने किसान नेताओं से वार्ता कर उनपर ट्रैक्टर परेड की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। वार्ता के बाद किसानों को वापस नोएडा भेजा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76214.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76214.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e584a913bfa03cb9f463fb74d3bdfbc581fa9432 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76214.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, संजय रुस्तगी। आप आगरा आएं तो तिरंगा चौक जरूर जाएं। यहां सुबह का नजारा देशभक्ति का जोश भरने वाला होता हैं। रोजाना ध्वजारोहण और हर रोज नए अतिथि। उत्साह किसी राष्ट्रीय पर्व जैसा ही होता है। राष्ट्रगान पर बाजार थम सा जाता है। जय हो की गूंज दूर तक सुनी जा सकती है। शहर के कभी अनजाने से क्षेत्र अजीत नगर में इस उत्सव को अब एक हजार दिन पूरे हो गए हैं। खास बात यह है कि तिरंगा चौक पर ध्वजारोहण करने के लिए वेटिंग लिस्ट बनती है। एक हजार दिन की अवधि में किसी अतिथि से दोबारा ध्वजारोहण नहीं कराया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76216.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76216.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f10dca9e58f637f88aa71027f42abfb18947d527 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76216.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आजादपुर  पास उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया, लेकिन पुलिस यहां सब्र से काम लेती लेती रही। यहां पहुंचे निहंग सिंखों ने पुलिस कर्मियों को दौड़ा दिया। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। किसान अपने नेताओं की बात नहीं सुन रहे हैं। उग्र किसान अब दिल्ली पुलिस के तय रूट पर ट्रैक्टर परेड निकालने को तैयार नहीं है व न ही वापस लौट को राजी हो रहे हैं। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अभी भी संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के पास हैं। उनका कहना है कि हम तय रूट पर ही आगे बढ़ेंगे। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..844862f3a3c5f80c176170c5790d35ce9fd44641 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. चंद्रकांत को दिया जाएगा पद्म श्री अवार्ड। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत संभाजी पांडव ने पद्म श्री अवार्ड से नवाज जाने की घोषणा पर खुशी जाहिर की है। वैसे तो लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिसमें से एक महत्वपूर्ण कार्य आयोडीन की कमी (डिफिशिएंसी) से भी जुड़ा है। उन्होंने देश के लोगों में आयोडीन की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाई। एक समय आयोडीन की कमी से घेघा रोग बहुत सामान्य था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0de1cf7dcf94fac265d3d04a0ff30fdefabd532a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें, 83 रिलीज़ के लिए तैयार है। फ़िल्म पिछले साल आने वाली थी, मगर कोरोना वायरस पैनडेमिक के बाद सिनेमाघर बंद हो गये और रिलीज़ स्थगित कर दी गयी। इसके बाद 2021 की शुरुआत में कोरोना वायरस के केस कुछ कम हुए तो फ़िल्म की रिलीज़ 4 जून को करने की घोषणा की गयी थी, मगर फिर हालात बिगड़ने पर सिनेमाघर बंद कर दिये गये, जिससे फ़िल्म रिलीज़ नहीं हो सकी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc3e9215ab3583e2947b63493a9713a7817a5b72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76220.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, राजीव सक्सेना। स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के साथ ही देश के लिए संविधान बनाने में भी कानपुर का अहम योगदान रहा। शहर के प्रतिष्ठित आठ लोग संविधान सभा के सदस्य थे, जिसका गठन भारतीय संविधान की रचना को लेकर हुआ था। सभी ने भारतीय संविधान बनाने को लेकर प्रस्ताव रखने के साथ ही समर्थन में अपनी बात भी कही थी। भारतीय संविधान बनने के बाद उस पर इनके हस्ताक्षर भी हुए थे। उस समय उत्तर प्रदेश नहीं था। सभी ने संयुक्त प्रांत की तरफ से प्रतिनिधित्व किया था। संविधान सभा के लिए समाज के सभी वर्गों से प्रतिनिधियों को लिया गया था, जिससे कोई भी क्षेत्र अछूता न रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..261c2e3aa366dec5ce2f8ef67f863b41aaefc4c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76221.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किस क्रांतिकारी को मिली क्या सजा। राम प्रसाद बिस्मिल, फांसी।अशफाक उल्लाह खां, फांसी।रोशन सिंह, फांसी।राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, फांसी।चंद्रशेखर आजाद, फरार घोषित।(अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद में पुलिस संघर्ष में बलिदान)।शचींद्र नाथ सान्याल, आजन्म कैद।योगेश चंद्र चटर्जी, आजन्म कैद।गोविंद चरण कर, आजन्म कैद।शचींद्र नाथ बक्शी, आजन्म कैद।मुकुंदी लाल गुप्त, आजन्म कैद।मन्मथ नाथ गुप्त, 14 वर्ष कैद।विष्णु शरण दुबलिश, 10 वर्ष।सुरेश चंद्र भट्टाचार्य, 10 दस।राम कृष्ण खत्री, 10 वर्ष।राजकुमार सिन्हा, 10 वर्ष।प्रेम कृष्णा खन्ना, पांच वर्ष।भूपेंद्र नाथ सान्याल, पांच वर्ष।राम दुलारे त्रिवेदी, पांच वर्ष।प्रणवेश कुमार चटर्जी, चार वर्ष।राम नाथ पांडे, तीन वर्ष।बनवारी लाल, दो वर्ष।दो चरणों में चला था क्रांतिकारियों पर मुकदमा। जब देश की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी ने मुंबई में अङ्क्षहसा के साथ अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शरुआत की, उसी दिन नौ अगस्त 1925 को लखनऊ से चंद किमी की दूरी पर अंग्रेजों के खिलाफ एक बड़ी ङ्क्षहसात्मक आंदोलन की नींव रखी गई। राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में कई क्रांतिकारियों ने मिलकर सरकारी खजाने से लदी ट्रेन को लूट लिया। जिसे बाद में काकोरी ट्रेन कांड का नाम दिया गया। खजाने लूटने से अंग्रेजी सरकार को बहुत बड़ा झटका लगा था। इसलिए सरकार ने उस कांड में शामिल क्रांतिकारियों को पकडऩे के लिए अपनी सारी शक्ति झोंक दी थी। कांड में शामिल चंद्र शेखर आजाद फरार हो चुके थे, लेकिन अन्य क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर उनपर मुकदमा चलाया गया। यह मुकदमा दिसंबर 1925 से अगस्त 1927 तक राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में कई क्रांतिकारियों ने मिलकर सरकारी खजाने से लदी ट्रेन को लूट लिया। दिसंबर 1925 से अगस्त 1927 तक लखनऊ के रोशनद्दौला कचहरी फिर बाद में ङ्क्षरक थियेटर में यह मुकदमा दो चरणों में चला। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..798787fd8bf7578b393447ff7721af7c4da9cb6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76225.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजय सलिल]। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन अब मोदी सरकार विरोधी राजनीतिक दलों के ध्रुवीकरण का केंद्र बन गया है, जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे वैसे राजनीतिक दलों का खेल भी सामने आता जा रहा है। कल तक जो राजनीतिक दल आंदोलन को पर्दे के पीछे रहकर हवा देने में जुटे थे। अब वे आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी निभाने लगे हैं। उनके सांसद, विधायक से लेकर नेता तक न केवल आंदोलन की अगुआई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर नजर आने लगे, बल्कि अपने भाषणों में मोदी सरकार के खिलाफ जमकर आग भी उगल रहे हैं। इससे यह साफ हो गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा के लिए राजनीतिक दल अब अछूत नहीं रह गए हैं। उनके दावों की भी कलई खुलने लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1dfbd843498fae25d3dcf84d454726e4ac38b130 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइ डेस्‍क। अमेरिका में निजाम बदलते ही राष्‍ट्रपति के ओवल दफ्तर की तस्‍वीर भी बदल गई। अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने दफ्तर में अपनी पसंद के अनुसार कुछ बदलाव किए हैं। इस बदलाव के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि जो बाइडन एक ऐसे दफ्तर में बैठें जो अमेरिका की सही तस्‍वीर को पेश करे। यह भी कहा जा रहा है कि  इस बदलाव के पीछे उनकी सोच व उनका पूरा व्‍यक्तित्‍व दिखता है। इस बदलाव में यह दिखता है कि वे कैसे राष्‍ट्रपति हैं। सवाल यह है कि राष्‍ट्रपति बाइडन ने ऐसा क्‍यों किया। आखिर ओवल दफ्तर में बदलाव के क्‍या हैं निहितार्थ। । ओवल दफ्तर में नए चित्रों ने ली जगा । यह बदलाव भी काफी अहम ।इसके अलावा ट्रंप के कार्यकाल के दौरान दफ्तर में लगे सुनहरे पर्दों की जगह गहरे रंग के पर्दे लगाए गए हैं। सुनहरों पर्दों को ट्रंप ने वर्ष 2017 में अपने कार्यकाल की शुरुआत में लगवाया था। बाइडन के कमरे में नीले रंग का कालीन लगाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76229.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76229.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c04e17d606104986bd8f4c5985442a568b2b2b54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76229.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राष्ट्रपति से मिलेगा पुरस्कार, आतंकियों के खिलाफ 22 ऑपरेशन में रहे शामिल।5 फीट 11 इंच लंबे-तगड़े सोनू आतंकवादियों पर शेर की तरह झपटते हैं। वह विभिन्‍न मुठभेड़ों में अपनी टीम के साथ अब तक 58 आतंकवादियों को ढेर कर चुके हैं। इस दौरान दो बार वह गंभीर घायल भी हुए, लेकिन हौसला नहीं टूटा और मौत से डरे बगैर मोर्चे पर डटे हैं। सोनू अहलावत अब तक आतंकियों के खिला। 22 ऑपरेशनों में शा‍मिल रहे हैं। केंद्र सरकार ने उनकी बहादुरी को सम्‍मान देते हुए वीरता पुरस्कार देने की घोषणा की है। उनको राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यह पुरस्कार देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7623.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7623.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..288ad1f39c73f5047690dc5d321ef89e2d79fb1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7623.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बीते दिनों हिंदी सिनेमा ने अपने दिग्गज और मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार को हमेशा के लिए खो दिया है। वह 98 साल के थे। दिलीप कुमार ने कई फिल्मों में अपना बेहतरीन और उम्दा अभिनय दिखाया। नए दौर के बहुत से कलाकार आज भी उन्हें अपने अभिनय के गुरू के रूप में देखते हैं। इन सबके बीच बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने दिलीप कुमार को ऐसा कलाकार बताया है जिन्होंने हिंदी सिनेमा के लिए कुछ नहीं किया। + +नसीरुद्दीन शाह ने दिलीप कुमार के अभिनय को लेकर कहा, 'नकली नाटकीयता, तीखी आवाज और लगातार हाथ हिलाना अभिनय के मानदंडों का पालन नहीं करते थे। दिलीप कुमार की स्टाइल ने इंडियन फिल्मों में एक मिसाल स्थापित किया। उनके अभिनय के तरीके को बाद के कलाकारों ने भी फॉलो करने की कोशिश की, लेकिन वह बेहद नकल जैसा ही दिखता था।'।नसीरुद्दीन शाह ने अपने लिखा में कहा है कि एक महान कलाकार होने के बावजूद दिलीप कुमार का सिनेमा के लिए बहुत कम योगदान दिया। उन्होंने लिखा, 'जिस जगह पर वह थे, उन्होंने अभिनय के अलावा कुछ नहीं किया और वह अपने दिल के करीब सामाजिक कामों में ज्यादा शामिल हुआ करते थे।' नसीरुद्दीन शाह ने दिलीप कुमार की आत्मकथा को पुराने इंटरव्यू का मिश्रण बताया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76230.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76230.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5a6ec8b66ac5625e60fcd9189bed389ae41f6f0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76230.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वीके शुक्ला, नई दिल्ली। राजधानी की बावलियां सूख रही हैं, जिनमें कुछ पानी बचा है। वह भी पिछले सालों में कम हो रहा है। इससे चिंतित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखा है। इसमें सूख चुकीं बावलियों में पानी लाने के साथ-साथ जिन बावलियों में पानी है। उसे बढ़ाने के बारे में सुझाव और मदद देने का अनुरोध किया गया है। + +कनाट प्लेस स्थित अग्रसेन की बावली आठ साल पहले सूख चुकी है। यह बावली मेट्रो की भूमिगत परियोजनाओं के निर्माण कार्य के दौरान सूख गई थी। इसके बाद इस बावली में पानी लाने के लिए 17 सीढ़ियों तक मिट्टी निकाली गई थी, मगर पानी का स्नोत नहीं मिला। इसके बाद इसी तरह भूमिगत मेट्रो के कार्य के दौरान लालकिला की बावली भी सूख गई थी। तुगलकाबाद स्थित दो बावलियां वर्षों से सूखी पड़ी हैं। ।आठ साल से सूखी पड़ी है अग्रसेन की बावली, एएसआइ ने जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखा पत्र।निजामुद्दीन दरगाह की बावली: धार्मिक आस्था की प्रतीक इस बावली में कुछ साल पहले तक गंदा पानी बहाया जाता था। मगर आगा खां ट्रस्ट ने मेहनत की और झुग्गियों को यहां से हटवाया, बावली का संरक्षण कराया। बावली का स्नोत खुल गया है। मगर अब इस बावली में बहुत पानी नहीं है। कहा जाता है कि इस बावली को निजामुद्दीन औलिया ने बनवाया था। ।इन बावलियों में है पानी।पीर की बावली।इस बावली को फिरोजशाह तुगलक के समय 1351-88 में बनवाया गया था। ऐसी मान्यता है कि यह बावली उस समय एक चमत्कारिक फकीर संत के लिए बनवाई गई थी। यह बावली हिन्दूराव अस्पताल परिसर के एक कोने में स्थित है। इस बावली में भी पानी सूख गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76233.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76233.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b16fa56afc706f33e6f38b11f87b183795aa921d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76233.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भरत झुनझुनवाला। कोरोना महामारी पर विजय के बेहद करीब हम पहुंच चुके हैं। अगर जंग में यह निरंतरता बनी रहती है तो दुनिया के हम पहले देश होंगे जिसकी अर्थव्यवस्था सबसे पहले पटरी पर लौट चुकी होगी। इस लिहाज से हम शीघ्र ही 5 टिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। यदि हम सही नीतियां अपनाएं तो जैसे लंबे समय से दबी स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा उसे छोड़ने के बाद तेज गतिज ऊर्जा में तब्दील हो जाती है, वैसे ही लंबे समय से सुस्ता रही भारतीय अर्थव्यवस्था और इसका श्रम विकास की कुलांचे भरा सकता है। पहला बिंदु नई तकनीकों में निवेश का है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15214e81be4b260c306f4a3ba7fceb689f51ea88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76238.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुग्राम (आदित्य राज)। किसान आंदोलन के साथ ही गणतंत्र दिवस को लेकर सीआइएसएफ ने मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। स्टेशनों से लेकर कोचों के भीतर जांच की जा रही है। जांच के दौरान सोमवार को एक व्यक्ति को काबू किया गया। वह कृषि कानूनों से संबंधित पर्चियां बांट रहा था। गुरुग्राम की मेट्रो थाना पुलिस ने भी अपने इलाके में सक्रियता बढ़ा दी है। समय-समय पर गुरुग्राम पुलिस एवं सीआइएसएफ के जवान संयुक्त रूप से भी जांच अभियान चला रहे हैं। ।गणतंत्र दिवस समारोह को देखते हुए मेट्रो स्टेशनों की सभी पार्किंग को सोमवार दोपहर दो बजे से खाली करा दिया गया। मंगलवार दोपहर दो बजे तक केवल मेट्रो के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के अलावा सीआइएसएफ के जवानों के वाहन ही पार्किंग का उपयोग कर सकेंगे। पार्किंग खाली कराने में मेट्रो थाना पुलिस ने भी भूमिका निभाई। ।सीआइएसएफ के जवानों की न केवल अगले आदेश तक छुट्टियां बंद कर दी गई हैं बल्कि ड्यटी आठ घंटे की बजाय 12 घंटे की कर दी गई है ताकि जहां मैन पावर की कमी न रहे वहीं सुरक्षा में किसी भी चूक न हो। स्टेशन के भीतर प्रवेश से पहले दो बार जांच की जा रही है। इस वजह से मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों का दबाव बना हुआ है। सुरक्षा को ध्यान में यात्री भी सहयोग कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76242.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76242.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..41f1a0483ad532264262008146c8247f9aa3cf8c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76242.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रात में चंद्रमा का पूजन।चंद्रोदय होने पर यथाविधि चन्द्रमा का पूजन कर छीरसागर आदि मंत्रों से अर्ध्यदान देते हुए नमस्कार करें। फिर ईश्वर का स्मरण करते हुए कहें कि वे आपके सभी संकटों को हर लें तथा अर्ध्य दान को स्वीकार करें। इसके पश्चात गणेश जी से प्रार्थना करें कि वे फूल और दक्षिणा समेत 5 लड्डुओं को मेरी आपत्तियां दूर करने के लिए स्वीकार करें। फिर कलश, दक्षिणा और गणेश जी की प्रतिमा पुरोहित को समर्पित करें और भोजन ग्रहण करें। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76243.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76243.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebc49f92f2b39e621a91a0fc16bb27c8f932fffd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76243.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली जेएनएन। Health Benefits of Green Vegetables विटामिंस, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे भोजन का अधिक मात्रा में सेवन जिनमें फाइबर की मात्रा कम होती है, मोटापे से लेकर कैंसर तक का प्रमुख कारण बनता है। सर्दियों में सभी तरह के साग भरपूर मात्रा में मिलते हैं। ये न केवल सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करते हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर संक्रमण की चपेट में आने से भी बचाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76244.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76244.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1157423f1bc2d0eddfe6efa2183f7d1b2353ad4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76244.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह ने 2008-2011 तक बीएचयू के कुलपति रहते हुए विश्वविद्यालय में औपचारिक पाठ्यक्रमों में भी मूल्य नीति की शुरुआत की थी। इसका आधार महामना की ऐसे विश्वविद्यालय की संकल्पना थी, जो न सिर्फ शैक्षिक विकास करे, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में भी भूमिका निभाए। इसी माह छह जनवरी को महामना की जयंती पर आयोजित वेबिनार में मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के समन्वयक प्रो. आशाराम त्रिपाठी ने बीएचयू को नोडल केंद्र बनाने का प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष ने मौखिक सहमति दी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a9f5ea9e0e34e4c57e62c39ba21f826129479d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76246.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कोरोना के अब तक कुल छह लाख 33 हजार 924 मामले आ चुके हैं। इसमें से छह लाख 21 हजार 375 मरीज ठीक हो चुके हैं। इससे मरीजों के ठीक होने की दर 98.02 फीसद हो गई है। वहीं मृतकों की संख्या 10,808 पहुंच गई। इस वजह से मृत्यु दर 1.70 फीसद है। मौजूदा समय में सक्रिय मरीजों की संख्या 1741 है। इसमें से 787 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8c1db36730d07c164557483567dc0fc08aa2d3a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आईए जानते हैं बीते 71 वर्षों में कछ महत्वपूर्ण संशोधनों के बारे में...।संविधान में पहला संशोधन।इसे संसद में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा 10 मई 1951 को पेश किया गया जिसे 18 जून 1951 को संसद में पास कर दिया गया। संविधान के पहले संशोधन के तहत मौलिक अधिकारों में कुछ परिवर्तन किए गए और भाषण तथा अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार आम आदमी को दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa2d664a63b0d05a2444a4560f6efc9fb56f2f53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बुंदेलखंड में रेल लाइन की शुरुआत बांदा-कानपुर रेलखंड के निर्माण के साथ 1885 में ब्रिटिश शासन में हुई थी। तब रेल लाइन बिछाने की मुख्य वजह इस रूट पर सामान पहुंचाने के लिए मालगाड़ी दौड़ाना था। कुछ साल बाद इसी रेल लाइन पर पैसेंजर ट्रेन भी दौड़ाई गई। यह वर्षो तक चलता रहा। बाद में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान क्रांतिकारियों ने रेलवे लाइन को उखाड़ दिया। हालांकि आजादी के बाद इसे फिर से ठीक कर शुरू कराया गया। कुछ पुराने स्टेशन खत्म हुए और नए बनाए गए। इस रेल लाइन पर मालगाड़ियों के साथ यात्री ट्रेनें बढ़ाई गईं। लेकिन क्षमता विस्तार नहीं किया गया। रेलवे लाइन सिंगल होने से यातायात प्रभावित हो रहा था। बांदा-कानपुर रेल खंड के दोहरीकरण की मांग होती रही। अब यह काम जमीन पर दिखाई दे रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7fcf0710f1b0066ca5d8e0d2ed90e3a51003f5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दर्शकों की संख्या में कटौती।इस बार कोरोना महामारी के कारण गणतंत्र दिवस समारोह में काफी कम लोगों को परेड देखने का मौका मिलेगा। इस बार सिर्फ 25 हजार लोगों को ही आने की अनुमति दी गई है जबकि पिछले साल करीब डेढ़ लाख दर्शक परेड देखने गए थे। केवल 4,000 आम लोगों को अनुमति दी जाएगी, बाकी दर्शक वीवीआईपी और वीआईपी मेहमान होंगे। इसके साथ ही 15 साल से कम उम्र के बच्चों को यहां प्रवेश नहीं मिलेगा। इसी तरह, मीडिया प्रतिनिधियों की संख्या को भी घटाकर 300 से 200 तक कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f868482877819f6e38ab4e1c553b619c10c9463 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76253.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल भी खूब।ताजनगरी में प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों की भी कमी नहीं है। यहां सूर सरोवर पक्षी विहार, चंबल सेंक्चुरी जैसे प्राकृतिक पर्यटन स्थल हैं, जहां प्रवासी पक्षियों के साथ स्थानीय प्रजातियों के पक्षी बड़ी संख्या में प्रतिवर्ष आते हैं। धार्मिक पर्यटन स्थलों में बटेश्वर, शौरीपुर, रेणुका धाम, शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, अबुल उल्लाह की दरगाह, गुरुद्वारा गुरु का ताल, गुरुद्वारा माईथाना, अकबरी चर्च आदि स्थल ऐसे हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc7c8294e806f553cf6414bdb719dda5f1c6001c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76255.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। हर वर्ष देश के मतदाताओं को जागरुक करने के मकसद से वर्ष 25 जनवरी 2011 को तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने इसका शुभारंभ किया था। इसी दिन देश के निर्वाचन आयोग ने अपने 61 वर्ष पूरे किए थे। इसका मकसद देश के मतदाताओं को जागरुक बनाना है। साथ ही एक मकसद ये भी था कि कोई मतदाता पीछे न छूट जाए और देश के विकास में उसकी पूरी भागीदारी साबित हो। इसकी शुरुआत के पीछे लगातार मतदान में कमी आना और मतदाताओं का इसके प्रति रूचि न दिखाना भी था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76256.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76256.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9520356a7bfe62cb860fc591bdcc08a3ad43eb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76256.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. विशेष गुप्ता। भारतीय मूल के लोगों को एक साझा मंच देने और उन्हें सम्मानित करने के लिए प्रत्येक वर्ष नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता रहा है। इस बार कोविड संक्रमण के चलते यह दिवस 16 जनवरी को आत्मनिर्भर भारत विषय के रूप में मनाया गया। आपको याद होगा पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ऑस्ट्रेलिया, फीजी, अमेरिका और जापान की यात्रा पर गए थे, तो वहां उनके स्वागत में भव्य समारोह आयोजित किया गया था। उस समय नरेंद्र मोदी ने भारतीय मूल के लोगों से जिस तरह संवाद स्थापित किया उससे विश्व में फैले भारतवंशियों में भारत के प्रति एक नई आशा का संचार हुआ था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत की कूटनीति को एक मानवीय चेहरा मिलने के साथ भारत की विदेश नीति में भी एक नया आयाम जुड़ा है। साथ ही विदेशों में बसे भारतवंशियों को एक नई पहचान मिली है। + +संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरी दुनिया में भारतवंशियों की संख्या लगभग दो करोड़ है। सबसे अधिक भारतवंशी अमेरिका, यूएई और सऊदी अरब में रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इन्हें सर्वाधिक विविधता और जीवंतता वाला समुदाय माना है। फिलहाल इनको तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है। एक तो वे है जो फीजी, मॉरीशस, त्रिनिदाद, टोबैगो, मलेशिया, ट्यूनीशिया व दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में बस गए हैं। भारत छोड़ते समय इनकी स्थिति काफी कमजोर थी। परंतु आज वे सभी बेहतर स्थिति में हैं। दूसरे वे लोग हैं जो नौकरी के सिलसिले में खाड़ी आदि देशों में आते-जाते रहते हैं। ये भारत के ही मूल नागरिक हैं। ये लोग बड़ी मात्रा में अपनी बचत को भारत भेजते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76257.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76257.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12c98dbab44114228f2a66662b1d409bb72afd51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76257.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दस साल पहले गंगा पर सरकार ने लगाया ध्यान ।सूबे के पर्यटन विभाग के निदेशक सिद्धार्थ त्रिपाठी वर्ष 2010 में साहिबगंज आए थे। तब राजमहल के गंगा तट व ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया था। उसी समय इनको दमकाने की कार्ययोजना बनाई थी। राजमहल की धरोहरों को शानदार बताया था। कहा था- इनका बेहतर संरक्षण हमें पर्यटन की ऊंचाई पर पहुंचाएगा। राजमहल के बारहद्वारी और मस्जिद के पास लाइट और साउंड सिस्टम विकसित करने की बात तय हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76259.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76259.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e97b90b1cc06edf7a38cad1d12e9228533140ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76259.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश ने 50 साल के सफर में कई उपलब्‍ध‍ियां हासिल की हैं। वीरभूमि हिमाचल ने सैनिक वीरता में बुलंदी हासिल की है। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता पालमपुर से मेजर सोमनाथ शर्मा रहे हैं। जिन्होंने सर्वोच्च सैन्य सम्मान पहला परमवीर चक्र भी हिमाचल के नाम हासिल किया। वर्तमान में 1.15 लाख युवा व अन्य सेना में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। 1.20 लाख भूतपूर्व सैनिक हैं और 30 हजार के करीब सैनिक विधवाएं हैं। + + महज एक विश्वविद्यालय ।हिमाचल में वर्ष 1971 में विश्वविद्यालय (सरकारी व निजी) की संख्या महज एक थी। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के अलावा कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, औद्यानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी, तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर, केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के अलावा इग्नू का क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र है। निजी क्षेत्र में 17 विश्वविद्यालय प्रदेश में हैं। + +इंजीनियरिंग कॉलेज ।हिमाचल में इंजीनियरिंग कॉलेज 1971 में एक भी नहीं था। मौजूदा समय में प्रदेश में 32 के करीब सरकारी और निजी क्षेत्र में इंजीनियरिंग और बहुतकनीकी संस्थान चल रहे हैं। इनमें कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान शामिल हैं। एनआइटी हमीरपुर, अटल बिहारी वाजपेयी इंजीनियरिंग एंड तकनीकी इंस्टीट्यूट प्रगतिनगर, यूआइआइटी, आइआइटी मंडी सहित कई अन्य संस्थान हैं।  प्रदेश में निजी क्षेत्र में भी 15 के करीब इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76261.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76261.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..920385483967436190d53c8d82ca8cda8ea6e96c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76261.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Cheteshwar Pujara: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को दीवार कहा जाता था, क्योंकि वे टेस्ट क्रिकेट में आसानी से अपना विकेट नहीं गंवाते थे। राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद कहा जाने लगा था कि उनकी भरपाई शायद ही भारतीय टीम कर पाएगी, लेकिन उन्हीं दिनों एक क्रिकेटर का उद्भव हो रहा था, जो टेस्ट क्रिकेट में भारत की नई दीवार का दर्जा प्राप्त करने वाला था। ये खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि चेतेश्वर पुजारा हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76262.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76262.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c2724b6b0448486785230d919bd25d40d29ba3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76262.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली।  करीब दस माह बाद दिल्ली विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष के छात्रों को परिसर में प्रवेश की इजाजत देगा। फिलहाल प्रायोगिक कार्यों के लिए सीमित छात्रों को परिसर में दाखिले की अनुमति होगी। हालांकि, छात्र संगठनों की तरफ से डीयू को सभी के लिए खोलने की मांग की जा रही है। डीयू में छात्रों के प्रवेश समेत विभिन्न मसलों पर कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी से संजीव कुमार मिश्र ने बातचीत की है। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश :।दस माह के बाद अंतिम वर्ष के छात्र परिसर में प्रवेश करेंगे। प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए कॉलेज कब खुलेगा?।अंतिम वर्ष के छात्रों को सिर्फ प्रायोगिक कार्य के लिए परिसर में प्रवेश की इजाजत दी गई है। कॉलेजों से कहा गया है कि सीमित संख्या में प्रयोगशाला में छात्रों को प्रवेश दें। थ्योरी तो ऑनलाइन पढ़ाई जा सकती है, लेकिन प्रायोगिक कार्यों के लिए तो प्रयोगशाला जरूरी है। यह भी पूरी तरह एच्छिक है। छात्रों पर आने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं होगा। परिसर में फिलहाल सभी छात्रों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोरोना संक्रमण की स्थिति के आधार पर आगे इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा। + +कोविड-19 की वजह से मार्च में लॉकडाउन लगा। सेमेस्टर के बीच में लॉकडाउन लगने से व्यवस्थाएं प्रभावित हुई। डीयू को तुरंत आनलाइन प्लेटफार्म पर शिफ्ट किया गया। आंतरिक मूल्यांकन और परीक्षाएं ऑनलाइन संचालित की गई। 2.9 लाख छात्र गत वर्ष अगस्त में आयोजित ओपन बुक परीक्षा में बैठे थे। पहली और दूसरी ओबीई में कई चुनौतियां आईं, लेकिन काफी कुछ सीखने को भी मिला। इसके बाद दिसंबर में आयोजित ओबीई में सौ प्रतिशत छात्रों की भागीदारी हुई। दाखिला भी पहली बार पूरी तरह ऑनलाइन हुआ। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए वन-डीयू प्रोग्राम शुरू किया गया। यह एक अनूठा प्रयास था जहां छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया गया। अब तो डीयू डिजिटल डिग्री और प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी आनलाइन मुहैया करा रहा हैं। अब तक 19, 281 डिजिटल डिग्री और 3885 प्रोविजिनल सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। 1.2 लाख डिजिटल डिग्री जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c3cbc96df435854ca145311b32565178467aa1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76265.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अंतरिक्ष की दुनिया में नाम कमाने वाली कंपनी स्‍पेस एक्‍स ने इस क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। कंपनी ने ये कारनामा अंतरिक्ष में एक साथ 143 स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च कर किया है। कंपनी के सीईओ एलन मस्‍क के मुताबिक इससे पहले कभी भी इस तरह का कारनामा नहीं किया गया है। रविवार को इसके तहत फ्लोरिडा के पूर्वी तट स्थित कैप कैनवरल स्‍पेस फोर्स स्‍टेशन के स्‍पेस लॉन्‍च कांप्‍लेक्‍स 40 से कंपनी का फालकन रॉकेट करीब 10 बजे सुबह रवाना हुआ। इसमें 133 कमर्शियल और 10 स्‍टारलिंक सेटेलाइट को अंतरिक्ष में एक साथ पहुंचाया। आपको बता दें कि ये कंपनी के स्‍मालसेट राइडशेयर प्रोग्राम का हिस्‍सा था। इसका मकसद अंतरिक्ष के दरवाजों को छोटे सेटेलाइट ऑपरेटर्स के लिए खोलना है। कंपनी के मुताबिक ये काफी सस्‍ता है। + +इस लॉन्‍च को हालांकि पहले एक दिन के लिए टालना पड़ा था। कंपनी ने ऐसा करने की वजह खराब मौसम बताया है। कंपनी के सीईओ और टेस्‍ला प्रमुख एलन मस्‍क ने 22 जनवरी को अपने ट्वीट में लिखा था कि कल एक बड़ी लॉन्चिंग होने वाली है जिसके तहत छोटे सेटेलाइट और छोटे कस्‍टमर को बड़ी ताकत दी जाएगी। उन्‍होंने कहा था कि वो इसके लिए काफी उत्‍साहित हैं क्‍योंकि कल अंतरिक्ष छोटी कंपनियों के लिए खुल जाएगा। आपको बता दें कि स्‍पेस एक्‍स इंटरनेट की क्षमता को बढ़ाने के मकसद से कई सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुका है। इस पर कंपनी ने करीब 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इससे कंपनी हर वर्ष 30 बिलियन डॉलर जेनेरेट करना चाहती है। स्‍टारशिप के मुताबिक मस्‍क के इंटरप्‍लेनेटरी रॉकेट प्रोग्राम के तहत इसमें काफी मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3cd8cae8c6c5f814ee71e2138bb94be220a54b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76266.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +उनके मुताबिक अमेरिका ने ये फैसला एहतियातन लिया है क्‍योंकि अमेरिका अपने देशवासियों को कोरोना के इस नए प्रभाव से बचाना चाहता है। इसके साथ ही वो अमेरिकियों को इस खतरे से दूर रखना चाहता है। गौरतलब है कि पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक आदेश के मुताबिक 18 जनवरी को ब्राजील और यूरोप के देशों के ऊपर लगे इस तरह के प्रतिबंध को हटा लिया था लेकिन राष्‍ट्रपति बाइडन ने इसको दोबारा लगा दिया है। आपको बता दें कि बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका की सत्‍ता संभालने के तुरंत बाद ही कोरोना वायरस के खिलाफ तेजी से काम करने का संकल्‍प लिया था। उनका कहना था कि उन्‍हें देश को इस महामारी से निकालने के लिए ही लोगों ने अपना वोट दिया है। लिहाजा ऐसा करना उनकी पहली प्राथमिकता है। + +आपको यह पर ये भी बता दें कि बीते कई माह से ही अमेरिका कोरोना वायरस के मामले में विश्‍व के देशों में सबसे ऊपर है। यहां पर हर रोज ही एक लाख से अधिक मामलों के सामने आने के बाद स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। रॉयटर्स के मुताबिक मौजूदा समय में अमेरिका में कोरोना वायरस के 24,869,975 मामले सामने आ चुके हैं जबकि इसकी वजह से 417,115 मरीजों की मौत तक हो चुकी है। वहीं 10,944,215 लोग ठीक भी हुए हैं। यहां पर ये भी जानना जरूरी है कि कोरोना वायरस के जिस नए स्‍ट्रेन की बात यहां पर की जा रही है उसका पता पहली बार ब्रिटेन में चला था। इसके बाद ये कई देशों में पाया गया है। + +इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इस वायरस को और अधिक घातक बताकर विशेषज्ञों में बहस छेड़ दी है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि वायरस का ये प्रकार पहले मिले प्रकारों से अधिक घातक है। हालांकि देश के विशेषज्ञ मानते हैं कि अब तक इस तरह का कोई सुबुत नहीं मिला है कि इस तरह की बात कही जाए। उनके मुताबिक साठ वर्ष की उम्र तक के प्रति 1000 व्‍यक्तियों पर दस दस मौते सामने आई हैं जबकि पुराने प्रकार में इनकी संख्‍या करीब 13 थीं। वहीं 40 वर्ष तक की आयु वाले मरीजों में इसकी संख्‍या प्रति एक हजार पर दो है जबकि पुराने प्रकारों में ये करीब ढाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2d1e7e4a5d8108082c70749424757527ad9222a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76271.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गांव में कोई एससी नहीं फिर भी आरक्षित।राजधानी से लगे गांवों में पंच और सरपंचों के पद आरक्षण के कारण खाली पड़े हुए हैं। अभनपुर विकासखंड के जौंदी ग्राम पंचायत में कार्यवाहक सरपंच के तौर पर काम कर रहे टोमन साहू बताते हैं कि गांव वालों के सहयोग से ही कुछ काम कर पाते हैं, बाकी गांव में कोई भी मतदाता एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग का नहीं है। गांव में 12 वार्ड और 1094 मतदाता हैं। यहां की आधी आबादी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5a49b6fcf9a704fdb718490422a82452dd9b418 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76278.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। प्रसिद्ध कार्टून डोरेमोन में शिजुका का वाइस ओवर देने वाली पारुल भटनागर भी कोरोना काल में वर्क फ्राम होम कर रही हैं। लेकिन इस वर्क फ्राम होम में वह अपने फैंस का खूब मनोरंजन कर रही हैं। दिल्ली निवासी पारुल वर्तमान में मुंबई में रह रही हैं और घर से ही अपनी आवाज का जादू चला रही हैं। पारुल भटनागर आजकल अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने फैंस का खूब मनोरंजन कर रही हैं। ।दरअसल, पारुल भटनागर की आवाज सुरीली है। उनकी वाइस ओवर की डिमांड जगह होती है। कोरोना महामारी की वजह से वह घर से ही काम कर रही हैं। ।वर्क फ्राम होम में अपने फैंस का कर रही मनोरंजन।पारुल अपने वर्क फ्राम होम को मनोरंजक बनाने के लिए शिजुका की आवाज के साथ खुद भी अपने फैंस के सामने आ रही हैं। अपने यू-ट्यूब चैनल पर वह शिजुका कार्टून कैरेक्टर की आवाज निकालकर रोचक वीडियो पोस्ट कर रही हैं। उनकी वीडियो को लोगों को ढेर सारा प्यार लाइक्स और कमेंट के रूप में मिल रहा है। पारुल ने बताया कि फैंस का यही प्यार उन्हें यू-ट्यूब पर ले आया है। उनके पास बहुत से लोगों की रिक्वेस्ट आती थी कि आप अपने चेहरे का साथ शिजुका की आवाज निकालें जिससे दूसरे लोग भी उन्हें पहचान सकें। + +कार्टून कैरेक्टर व टीवी सीरियल में वाइस ओवर देने के साथ गीत भी गाती हैं पारुल। पारुल बच्चों के सबसे पसंदीदा कार्टून शिनचैन में चार किरदारों को अपनी आवाज दे रही हैं। जिनमें कजामा, मसाओ, योशिनागा मैम, हिमवारी शिनचैन की बहन की आवाज भी वह खुद निकालती हैं। पारुल ने बताया कि उन्हें बचपन से गीत गाने का भी काफी शौक रहा है इसलिए उन्होंने कुछ एलबम में गाने भी गाए, जिनमें आंखे व आलिया एलबम के गीत शामिल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23ed5c92e74b03081dddf060ce456d11f159197b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पति में पसंद है ये क्वालिटी।इसी सवाल-जवाब सेशन में सपना चौधरी से एक फैन ने पूछा कि एक क्वालिटी जो आपको अपने पति में सबसे ज्यादा पंसद है। इस सवाल क जवाब में सपना ने बताया कि उनके पति 'एनिमल लवर' हैं। यही बात उनको अपने पति में सबसे ज्यादा पसंद है। वहीं सपना ने अपने उन सभी फैंस से सॉरी भी कहा जिनके सवाल के जवाब वो दे नहीं सकीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76280.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76280.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ab19912ffe0de1535c76adbeb4d8fd60081c994 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76280.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +Milgem Ada-class का ये जंगी जहाज 99 मीटर लंबा है। इसका वजन करीब 2400 टन है। ये 29 नॉटिकल मील की रफ्तार से चल सकता है। इसके अलावा इसकी सबसे बड़ी खासियत जो बताई गई है वो ये है कि एंटी सबमरीन कॉम्‍बेट फ्रीगेट है, जो दुश्‍मन के राडार से छिपा रह सकता है। तुर्की राष्‍ट्रपति ने कहा है कि इस जहाज के निर्माण से दोनों देशों के बीच रिश्‍ते और मजबूत होंगे। + +राष्‍ट्रपति इर्दोगन का कहना है कि पाकिस्‍तान और तुर्की दोनों ही काफी मुश्किल भरे भूस्‍थलीय क्षेत्र से है और दोनों को ही एक समान दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। उन्‍होंने ये भी कहा कि तुर्की अपने दोस्‍त पाकिस्‍तान को लगातार अपना सहयोग रक्षा समेत हर क्षेत्र में जारी रखता रहेगा। बीते वर्ष अपने पाकिस्‍तान के दौरे का जिक्र करते हुए उनका कहना था कि इसी दौरान दोनों के बीच जो समझौते हुए उनसे दोनों के बीच रिश्‍तों को नए पंख लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..772b2f44b469200911f95cf5636b7ea56f2a1bb9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76283.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बहराइच, [मुकेश पांडेय]। कम नहीं ये किसी से साबित कर दिखलाएंगी, खोल दो बंधन हर मंजिल पा जाएगीं। ये पंक्तियां जनजाति थारू समाज की बेटी 18 वर्षीय लक्ष्मी पर सटीक बैठ रही है। उसने चार वर्ष के संघर्ष में अपने गांव को न केवल बाल विवाह एवं बाल मजदूरी जैसी कुप्रथा से निजात दिलाई, बल्कि तरक्की के द्वार पर ला खड़ा किया। शहर से 110 किलोमीटर दूर मिहींपुरवा ब्लॉक का थारू जनजाति बाहुल्य लोहरा गांव कतर्नियाघाट के जंगलों में बसा है। यह गांव महज पांच वर्ष पहले तक बाल विवाह और बाल मजदूरी जैसी कुप्रथा के भंवर में जकड़ा था। बेटियों के लिए पांचवी तक की शिक्षा अंतिम दीवार बन गई थी। ऐसे में चुन्ना की 13 वर्षीय बेटी लक्ष्मी ने अपनी सहेलियों के साथ संघर्ष का बीड़ा उठाया। क्षेत्र में काम कर रही सामाजिक संस्था देहात से संपर्क किया। संस्था के मार्गदर्शन में बाल संसद का गठन किया व इसकी बाल प्रधानमंत्री बनी। + +गांव आ चुका अमेरिकी छात्रों का अध्ययन दल ।आदर्श गांव का खिताब पा चुके लोहरा गांव में सांस्कृतिक अध्ययन के लिए अमेरिकी छात्रों के कई दल दस्तक दे चुके हैं। देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी जितेंद्र चतुर्वेदी बताते हैं कि यहां तीन साल में अमेरिका के डेढ़ सौ छात्र-छात्राओं का दल अपने प्रोफेसरों के साथ आ चुका है। इसमें हार्वर्ड, कैलीफोर्निया, न्यूयार्क, टेक्सास विश्वविद्यालय शामिल रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ebbb5c240bc71740bc52adc448245511864e861 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76289.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। 26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस की खुशी में झूम रहा होगा। इसी दिन ही भारत ने अपने लिखित संविधान को अपनाकर इसको लागू किया था और भारत को एक गणतांत्रिक देश का दर्जा मिला था। लेकिन इससे दो दिन पहले मतलब 24 जनवरी को क्‍या हुआ था? क्‍या आप इसका जवाब जानते हैं? यदि हां तो अच्‍छी बात है लेकिन यदि नहीं तो इसका जवाब हम आज आपको यहां पर देंगे। दरअसल 24 जनवरी 1950 को ही 284 सदस्‍यों ने इसको अपनाने और लागू करने के समर्थन में अपने हस्‍ताक्षर किए थे। इसके अलावा आज के दिन ही संविधान सभा ने उॉक्‍टर राजेंद्र प्रसाद के तौर पर देश के पहले राष्‍ट्रपति का चुनाव किया था। इस लिहाज से आज का दिन काफी खास है। इतना ही नहीं आज ही के दिन संविधान सभा ने 1950 में भारत के राष्‍ट्रगान को अपनाने की मंजूरी दी थी। + +26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू होने के साथ ही संविधान सभा को भंग कर दिया गया था। 1952 में आज चुनाव कर वाए जाने के बाद पहली बार देश की संसद का गठन किया गया था। हालांकि इस दौरान भी संविधान सभा भंग होने के बावजूद अस्‍थायी तौर पर काम कर रही थी। 1952 और फिर 1957 में डॉक्‍टर राजेंद्र प्रसाद को दोबारा राष्‍ट्रपति के तौर पर चुना गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..816fc2f127091844aa9d564c4bbed5732b2d0d47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +न्‍यूयॉर्क (यूएन)। बेहतर जिंदगी की तलाश में एक बार फिर से 40 लोगों की जान भूमध्‍य सागर ने लील ली। इस वर्ष की ये पहली ऐसी घटना है जिसमें दूसरे देश में शरण लेने के मकसद से निकले लोगों का जहाज समुद्र में हादसे का शिकार होकर डूब गया। ये घटना उस वक्‍त हुई जब लीबियाई शहर से एक जहाज मंगलवार को सुबह कुछ लोगों को लेकर निकला था। लेकिन कुछ ही देर बाद बीच रास्‍ते में पहले इस जहाज के इंजन में खराबी आई और फिर ये टूट कर समुद्र की गहराई में समा गया। बचाव दल इसमें सवार केवल दस लोगों को ही बचा सके। संयुक्‍त राष्‍ट्र की खबर के मुताबिक जिन्‍हें बचाया गया है उनका संबंध घाना, जांबिया और आइवरी कोस्‍ट से है। खबर के मुताकबक इस हादसे में मारे गए सभी लोग पश्चिमी अफ्रीका से संबंध रखते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76291.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76291.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..326df32f9d98ab309ee0233003449f21b4ecb5c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76291.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, निखिल शर्मा। अजिंक्य रहाणे के अंदर युवा खिलाड़ियों के साथ एक कमजोर भारतीय टीम का नेतृत्व करने की क्षमता है, जिसके दम पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती है और अब उनके इस प्रदर्शन से नियमित कप्तान विराट कोहली पर फिर से खुद को कप्तान के रूप में सफल होने का दबाव बढ़ गया है। रहाणे अब तक अपनी कप्तानी में एक भी टेस्ट नहीं हारे हैं। रहाणे ने अब तक पांच टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की और चार टेस्ट में जीत दिलाई, जबकि एक टेस्ट ड्रॉ रहा। + +भारतीय टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए पहला टेस्ट खेलने के बाद स्वदेश लौट आए थे। उनके बाद रहाणे ने टीम की कमान संभाली थी और दूसरे टेस्ट में भारत को आठ विकेट से जीत दिलाई थी। इसके बाद सिडनी में मैच ड्रॉ रहा था और ब्रिसबेन में भारत ने तीन विकेट से ऐतिहासिक जीत के साथ सीरीज 2-1 से जीत ली थी। यहां तक कि पहले टेस्ट मैच में विराट कोहली की कप्तानी में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें भारतीय टीम 36 रन पर ढेर हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76292.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76292.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae6d32a1d08715192d2bb9de2b56393ca347bb5b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76292.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बच्चों को गणित के साथ कंप्यूटर की शिक्षा दे रहीं चांदनी । मीनाक्षीपुरम निवासी चांदनी विष्ट ने मेरठ कालेज से कंप्यूटर साइंस में एमएससी की है। 24 वर्षीय चांदनी पिछले तीन साल से अम्हेड़ा गांव के बच्चों को न सिर्फ हिंदी, अंग्रेजी और गणित की शिक्षा दे रही हैं। बल्कि कंप्यूटर क्लास भी दे रही हैं। इससे गांव के बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ता। चांदनी बताती हैं कि गांव में माता-पिता शिक्षा के लिए अधिक जागरूक नहीं हैं। ऐसे में बच्चों का भविष्य खराब होता है। इसीलिए वह गांव के बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76293.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76293.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0e56bf0b12f9c3acba2f2b90803c24d41a6d021 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76293.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, यशपाल चौहान। इसे पुलिस की लापरवाही या मनमानी। हत्या के मामले में निर्दोष दंपती को ही जेल भेज दिया था। जबकि वे चिल्ला-चिल्लाकर खुद को बेगुनाह बता रहे थे। बिना सुबूतों के पुलिस की कहानी अदालत में नहीं टिक सकी। दंपती को अदालत के आदेश पर अब रिहा कर दिया गया। अब वे बाहर तो आ गए, लेकिन उनके बच्चों का पांच वर्ष में बचपन छिन गया। दंपती के भी पांच वर्ष सलाखों के पीछे गुजर गए। अब उनके गुजरे पांच वर्ष कौन लौटाएगा यह बड़ा सवाल है? हालांकि कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मगर, वह भी अब रिटायर हो चुके हैं। ।बाह के जरार गांव में एक सितंबर 2015 को छह वर्षीय रंजीत की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रंजीत के पिता योगेंद्र ने पास में ही रहने वाले नरेंद्र और उनकी पत्नी नजमा के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। अब दोनों साक्ष्य के अभाव में अदालत से बरी हो गए हैं। हत्या के आरोप में पांच वर्ष तक जेल में रहने के बाद रिहा हुए नरेंद्र वर्मा ने जागरण को बताया कि उन्होंने नजमा से लव मैरिज की थी। दिन में पांचवीं तक के बच्चों को स्कूल में पढ़ाते थे। नजमा की चूड़ी की दुकान थी। उन्होंने कोतवाल धर्मशाला में किराए पर कमरा ले रखा था। रात में नजमा बच्चों के साथ इसमें रहती थी। नरेंद्र अपने घर चला जाता था। सब कुछ ठीक चल रहा था। दो सितंबर 2015 को बराबर के बंद घर की छत पर रंजीत का शव मिलने के बाद उनकी जिंदगी तबाह हो गई। नजमा खुद रंजीत के घर उसकी मां श्वेता को सूचना देने गई। मैं थाने से पुलिस को बुलाकर लाया। निर्दोष होते हुए भी हम पर हत्या का आरोप लगाया गया। लोगों ने जाम लगाकर हंगामा कर दिया था। इस दबाव में पुलिस ने आंख बंद कर ली। असली गुनहगारों को ढूंढ़ने के बजाय पुलिस ने हमें ही जेल भेज दिया। जेल में एक-एक पल मुश्किल से बीता। 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता भगवान दास पैरवी कर रहे थे। अधिवक्ता वंशो बाबू ने न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके बाद न्याय की लड़ाई लड़ी। मगर, जेल में सभी कहते थे कि तुम बाहर नहीं निकल पाओगे। हमें भी एक बार ऐसा ही लगा था। मगर, पिता की पैरवी से उम्मीद कायम थी। 21 जनवरी को जेल से रिहा हुए तो ऐसा लगा कि नया जन्म हुआ है। अब उनके आंसू नहीं थम रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चे अजीत और अंजू पांच वर्ष से बाहर भटक रहे हैं। चार वर्ष तक तो वे दादा भगवान दास के पास ही रहे। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण भगवान दास ने हाथ खड़े कर दिए। 22 अक्टूबर 2019 से उनके बच्चे आश्रय गृहों में भटक रहे हैं। पहले आगरा फिर फीरोजाबाद और अब दोनों कानपुर में आश्रय गृहों में हैं। गांव तक जाने में डर लग रहा है। इसलिए रिश्तेदारियों में रह रहे हैं। नरेंद्र और नगमा का कहना है कि असली हत्यारोपितों के पकड़े जाने पर ही वे गांव जाएंगे। क्योंकि अभी उनकी बात को गांव के लोग मानने को तैयार नहीं हैं। + +ऐसे पुलिस ने की आंख बंद कर विवेचना । - विपरीत समय एफआइआर: वादी ने कहा दो सितंबर 2015 को रात आठ बजे लिखाई। जबकि पुलिस ने दोपहर 12.30 बजे एफआइआर दर्ज करना बताया। ।- घटना का कोई चश्मदीद साक्षी नहीं है। वादी के अलावा एक दूसरा गवाह वाकल सिंह को बनाया। यह योगेंद्र के दोस्त हैं। केस डायरी में इनके बयान 24 दिन बाद दर्ज किए गए। उसके बयान भी अविश्वसनीय थे। बचाव पक्ष ने उनके बयानों को साक्ष्य के आधार पर गलत साबित कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76294.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76294.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0eb85615f0d7e0288fafa7dd4528d48b6c8865c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76294.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन जिलों में मिला फर्जीवाड़ा। लखनऊ, मथुरा, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ ,देवरिया, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, बलरामपुर, बहराइच, सुलतानपुर, प्रयागराज, चित्रकूट, फतेहपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, झांसी, हमीरपुर, औरैया ,इटावा, कन्नौज, मैनपुरी, आगरा, हाथरस, अलीगढ़, बिजनौर गाजियाबाद, शामली और सहारनपुर। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76300.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76300.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f965238f96a7271dd52ef7fc5af8da84d8c117f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76300.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राजेश वर्मा, उज्जैन। पूरे देश में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाएगा, लेकिन उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में भारतीय गणतंत्र का उत्सव 20 फरवरी को मनेगा। दरअसल इस मंदिर में राष्ट्रीय पर्व तारीख नहीं बल्कि तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि तारीख के अनुसार तीज, त्योहार, वर्षगांठ आदि मनाने की परंपरा अंग्रेजी है। भारतीय सनातन धर्म, परंपरा और ज्योतिष विज्ञान में पंचांगीय गणना से निर्धारित तिथि के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी 1950 को भारत में जब गणतंत्र की स्थापना हुई, उस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी। इसलिए प्रतिवर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 20 फरवरी को है, इसलिए इसी दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। + +इन तिथियों को मनाई जाते हैं राष्ट्रीय पर्व और महापुरुषों की जयंतियां।- स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त : श्रावण कृष्ण चतुर्दशी।- गणतंत्र दिवस 26 जनवरी : माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी।- महात्मा गांधी जयंती 2 अक्टूबर : अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया।- जवाहरलाल नेहरू जयंती 14 नवंबर : मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f0588cd566d2b007f0c5fa3080aede2c36a1cf0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76304.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। बर्रा आठ हाईवे किनारे बदहाल सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर कांग्रेसियों ने माल्यार्पण कर मौन प्रदर्शन किया उनकी मांग है कि प्रतिमा का कायाकल्प किया जाए। बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस ने शहर में मौजूद प्रत्येक राजनेता की मूर्ति की साफ सफाई का बीड़ा उठाया था। यद्यपि नेताजी किसी राजनीतिक दल से खास ताल्लुक नहीं रखते थे, लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं का ऐसा हाल अपने आप में स्थितियां स्पष्ट करता है कि स्वार्थ की राजनीति में नेतागण इतने चूर हो चुके हैं कि वे स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं का कायाकल्प करने की सुध लेना भी अनुचित समझते हैं। ।कांग्रेस सेवादल नगर ग्रामीण जिला अध्यक्ष सुशील सोनी अपनी कमेटी के साथ जयंती मनाने पहुंचे जहां पर देखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा की नाक टूटी हुई है व ढेर सारी गंदगी और कूड़े का अंबार था। कांग्रेसियों ने मूर्ति की जगह पर सफाई करके नेताजी को माल्यार्पण किया। दो मिनट का मौन रखकर जयंती मनाई एवं  नगर निगम के खिलाफ मौन प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी की दूसरी मूर्ति स्थापित की जाए और मूर्ति पर छतरी भी लगाई जाए। ।कांग्रेस सेवा दल यंग ब्रिगेड कानपुर नगर देहात के अध्यक्ष नरेश कटियार कहा कि कांग्रेस कमेटी मिलकर बड़ा आंदोलन करेगी।कार्यक्रम में मुख्य रूप सेवादल यंग ब्रिगेड प्रदेश अध्यक्ष संगीत तिवारी, बुंदेलखंड जोन के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण दीक्षित, जिलाध्यक्ष सुशील सोनी,प्रेम नारायण प्रजापति, प्रियांशु मिश्रा, राजू कश्यप,डॉ आर के सिंह, विनोद सोनी, देवकली सविता, मोहम्मद जावेद, मान सिंह यादव,लक्ष्मी तिवारी, रेनू सिंह, काफी संख्या में सेवादल के साथी मौजूद रहे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76308.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76308.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8f56bcd219e539bb8b5da64618a58d209afda11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76308.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [अंकित शुक्ला]। हाथोंं की उंगलियों के हुनर की ऐसी कारीगरी जिसे देखते ही शायद ही ऐसा कोई हो जिसके कदम स्टाॅल पर ठिठक ना जाएं। स्टाॅल पर कलाकारोंं ने अपनी अलग-अलग कलाकारी की पहचान के साथ सामान को सजा रखा है। किसी ने उंगलियों के हुनर की कलाकारी से नारियल के अंदर गणेश लक्ष्मी व भगवान महादेव की आकृति को खूबसूरती से उकेर रखा है तो कोई स्टाॅल पर लाख की चूड़ियों को बना रहा है। देश के कोने कोने से आएं हुए शिल्पकार हुनर हाॅट में अपनी खूबसूरत कलाकारी की खुशबू को बिखेर रहे है। शायद यही कारण है की यहांं हर शिल्पकार की अपनी एक अलग पहचान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76310.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76310.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9930156b66985eae2c172daab6601e29ee68de1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76310.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कला, संस्कति, संगीत और विरासत को अपने आंचल में समेटे यूपी दिवस के तहत आयोजित हुनर हाट में हुनर की प्रदर्शनी लगी है। शहीद पथ के अवध शिल्पग्राम में लगी प्रदर्शिनी में शिल्पकार अपनी उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। लखनऊवासियों संग दूसरे प्रदेशों के कलाप्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रह हैंं। ‘वोकल फॉर लोकल’ की थीम पर आयोजित होने वाले ‘हुनर हाट’ में 75 जिलों के बेहतरीन कारीगर और शिल्पकार अपने हुनर से सभी का दिल जीतने को तैयार हैं। बदलते उत्तर प्रदेश की झलक लिए इस हुनर हाट में 500 से अधिक कारीगर और शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76312.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76312.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6e12a437b8851da56d07d3ae3f9c6c6e02229da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76312.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एलोपैथी चिकित्सक इतना भी नहीं सोच पा रहे हैं कि आयुष की डिग्री में जो एस यानी बीएएमएस या बीयूएमएस जुड़ा होता है, उसका तात्पर्य सर्जरी ही होता है। आयुर्वेद चिकित्सकों को यहीं सर्जरी का अधिकार प्राप्त हो जाता है। यह अलग बात है कि आयुर्वेद संस्थानों ने अपने छात्रों को कुशल सर्जन बनाने का प्रयास नहीं किया है। जबकि सीसीआइएम की अनुमति से पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर सर्जरी विशेषज्ञता की एमएस की उपाधि वर्षो से दी जा रही है। इस उपाधि के साथ ही आयुर्वेद चिकित्सकों को शल्यकर्म की अनुमति स्वत: मिल जाती है। वर्तमान में इस आशय के शासनादेश की जरूरत क्यों पड़ी? यह संदेह होता है कि पाठ्यक्रम शुरू करते समय विधिक स्थिति स्पष्ट नहीं थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76313.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76313.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74ce61cde2dce28edb4eaa721594c3ab495cc626 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76313.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ, जेएनएन। दिनभर ऊर्जावान रहने के लिए लोग न जाने क्या क्या कर गुजरते हैं, लेकिन सुस्ती है कि जाने का नाम ही नहीं लेती। दिनभर की भागदौड़ और काम का तनाव किसी को भी थका सकता है। लेकिन खानपान में कुछ विशेष बदलाव किए जाए तो सुस्ती भगाकर आसानी से दिनभर ऊर्जावान रहा जा सकता है। खानपान विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि यदि खानपान में फिश, अंडे, बींस, अखरोट, हरी सब्जियां, डार्क चाकलेट, काफी ओर पानी की भरपूर मात्रा का सेवन किया जाए तो शरीर में कभी भी सुस्ती नहीं आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76314.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76314.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d1a844c5efb4c7db91c7d0fb15dcb78a440c4064 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76314.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली जेएनएन। ओवर द टॉप मीडिया र्सिवस यानी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण की बात तो लंबे समय से की जा रही है लेकिन समस्या का समधान नहीं हो पा रहा है। हाल ही में वेबसीरीज तांडव और मिर्जापुर के बहाने एक बार फिर यह मुद्दा देश में चर्चा में है। जागरण ने साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल से जानना चाहा कि आखिर ओटीटी को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?।क्या वजह है कि हम ओटीटी प्लेटफार्म पर वेब सीरीज और उसके कंटेंट नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं? क्या यह मुश्किल है?।-हमारे पास कड़े कानून नहीं है और अभी सरकार इस दिशा में पूरी सक्रियता के साथ नहीं सोच रही है। अब समय आ गया है जब सरकार को तत्काल इस पर कदम उठाना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76315.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76315.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5dd9dad510f67b456fce87946abd6f3bd281b64c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76315.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +4.64 लाख बुजुर्गों को मिलती पेंशन ।दिल्ली में कुल 4.64 लाख लोग वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे हैं, जबकि 1.41 लाख लड़कियों को लाडली स्कीम का लाभ मिल रहा है। ।शराब की खपत में कमी ।दिल्ली में एक साल में शराब की खपत कम हुई है। वर्ष 2018-19 में दिल्ली में 255.98 लाख केस शराब की बिक्री हुई, लेकिन यह खपत 2019-20 में घटकर 222.24 केस हो गई। ।61 लाख बिजली कनेक्शन ।वित्त वर्ष 2018-19 में बिजली के कुल 59.93 लाख कनेक्शन थे, जिसकी संख्या 2019-20 में बढ़कर 61.98 लाख पहुंच गई। राजधानी में 50.68 लाख घरेलू कनेक्शन हैं, जबकि 10.5 लाख कॉमर्शियल व 47,545 औद्योगिक कनेक्शन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76316.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eddcdfd67fee8dd994ee3045622d24daaedced09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76316.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्यों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी इसे फिर से दोहराना चाहती है और असम में इस साल चुनाव होने हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को यहां पहुंचे। उन्होंने शिवसागर में स्थित जेरेंगा पोथार में रैली की। जेरेंगा पोथार का एक अलग ही ऐताहासिक महत्व है। इसी मैदान में 17 वीं शताब्दी राजकुमारी जॉयमती ने अपने पति के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था। शिवसागर को पहले रंगपुर नाम से जाना जाता था। इसका संबंध शक्तिशाली अहोम वंश से है, जिसने छह शताब्दियों (1228-1826) तक असम पर शासन किया था। यह ऊपरी असम का हिस्सा है। ।शिवसागर शहर में जेरेंगा पोथार एक खुला मैदान है। यह चारों तरफ गांवों से घिरा हुआ है। दुर्लभ अवसरों पर इसका इस्तेमाल महत्वपूर्ण समारोहों के लिए किया जाता है। 17 वीं शताब्दी की अहोम राजकुमारी जॉयमती की वीरता के कारण लोकप्रिय है। अहोम राजाओं के साहस और बहादुरी के बारे में काफी कुछ लिखा पढ़ा गया, लेकिन राजकुमारी जॉयमती की कहानी को 19 वीं सदी के आधा बीत जाने तक नजरअंदाज किय गया। सन् 1671 से 1681 तक अहोम राजाओं का शासन काफी उथल-पुथल के दौर से गुजरा। अकुशल प्रधानसेवकों ने राजाओं की परेशानी बढ़ा दी थी। इसी दौरान लोरा राजा के नाम से जाना जाने वाले सुलिखपा और उनके प्रधानमंत्री लालुकास्‍ला बोरफूकन ने राज हासिल करने के लिए अपने कई उत्‍तराधिकारियों को मरवा दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7632.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7632.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01dddcfaef780e462abac93759ff994aacbc7e72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7632.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म कॉलर बॉम्ब 9 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। फिल्म में जिम्मी शेरगिल मनोज हेसी नाम के पुलिस अफसर के किरदार में हैं। फिल्म का निर्देशन ध्यानेश जोटिंग ने किया है। फिल्म में राजश्री देशपांडे भी एक अहम किरदार में हैं। कॉलर बॉम्ब की स्क्रिप्ट निखिल नायर ने लिखी है। फिल्म को दर्शकों के मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a7f5123249263f802d92335527f39794d62e746 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76321.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +छोटे नेताओं की चिड़िया ज्यादा अनमोल। इंटरनेट मीडिया नेताओं की लोकप्रियता का एक पैमाना हो गया है। यही कारण है कि नेता इन दिनों इस मंच का भरपूर उपयोग करते हैं। खासकर ट्विटर पर नेताओं की सक्रियता बढ़ी है। फालोवर की संख्या और ट्वीट पर मिलने वाले लाइक से उनकी सियासी हैसियत का पता चलता है। यदि ट्विटर अकाउंट के साथ नीला सत्यापित बैज लग जाए तो उनका रुतबा और बढ़ जाता है। इसे हासिल करने की कोशिश में नेता लगे रहते हैं, लेकिन कुछ ही कामयाब होते हैं। दिल्ली भाजपा में भी इसे लेकर खूब सियासत हो रही है। इसमें छोटे नेता दिग्गजों को मात देकर अपनी चिड़िया को सम्मानित कराने में कामयाब हो गए। लगभग दस प्रदेश पदाधिकारियों का अकाउंट सत्यापित हुआ है, जिसमें कई प्रवक्ता भी शामिल हैं, लेकिन प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, वीरेंद्र सचदेवा व महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह इसमें पिछड़ गए। पार्टी नेतृत्व के लिए शायद इनकी चिडि़या अनमोल नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76324.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76324.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..17f87b64f942d6f6cb2f3da918a478859f48e1c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76324.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी दिल्ली के किसानों के लिए सूरज तपिश अब आमदनी वाली होगी। इससे न केवल उनकी आय बढेगी बल्कि उन्हें मुफ्त बिजली भी मिलेगी। जल्द ही दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री किसान आय बढोत्तरी योजना की घोषणा करेगी। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इससे एक एकड़ जमीन के मालिक किसान को एक लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय होगी। यह आय कृषि उत्पादन और उसके बिक्री से अलग होगी। योजना के लिए 9 गांव के किसानों ने सरकार को समर्थन भी दे दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76326.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76326.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ce3e6fc52bc36d02011f647384dd7f6318daf381 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76326.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ, जेएनएन। देश पर मर मिटने का समय आ गया है। हमें दिल्ली पर फतह हासिल करनी है। यह शब्द नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हैं। जिन्होंने मेरठ में एक जनसभा के दौरान कहा था। जब वह जनसभा को संबोधित कर रहे थे। तो टाउनहाल के पास घंटाघर से सायरन बजा। उस समय नेताजी ने कहा था कि अंग्रेजों के अंत का समय आ गया है। इतिहासकार बताते हैं कि नेताजी का भाषण मेरठ में बहुत प्रभावशाली रहा था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज भी मेरठ की स्म़ृतियों में हैं उनकी कई दुर्लभ तस्वीरें आज भी राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में संरक्षित हैं। जिसमें एक मुस्कुराती हुई नेताजी की तस्वीर भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76330.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76330.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..412f2992e82df5fda95eef94239287de2f4c0237 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76330.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां पर पहली बार अयोध्या के श्रीराम मंदिर की कलाकृति के जरिये उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को दिखाया जाएगा। इसके साथ ही अयोध्या के जिस दीपोत्सव को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है उसे भी झांकी के माध्यम से राजपथ पर दिखाया जाएगा। झांकी के प्रथम भाग में जहां महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना करते हुए प्रदर्शित किया गया वहीं निचले हिस्से में भगवान राम का निषादराज को गले लगाना, शबरी के बेर खाना, संजीवनी बूटी लाना आदि दिखाया गया है। इसी प्रकार दिल्ली की झांकी में शाहजहांनाबाद पुनर्विकास के कार्य को दिखाया गया है। दिल्ली की झांकी के प्रथम भाग में लाल किले को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा जायकों के लिए मशहूर चांदनी चौक को गोलगप्पे के जरिये दर्शाने की कोशिश की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b4a59bb5ab3b3ca6a9b8f1f67acc58594360072 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76331.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आलोक मिश्र। गठबंधन में बंधन तो होता ही है। कोई भी फैसला सामने वाले की सहमति के बगैर तभी संभव है, जब अपनी गांठ मजबूत हो और सामने वाले की कमजोर। बिहार की एनडीए सरकार चार गांठों से बंधी है, लेकिन इसकी मजबूती जदयू-भाजपा दोनों पर निर्भर है। दोनों के बीच इस समय मंत्रिमंडल विस्तार और राज्यपाल कोटे की 12 एमएलसी सीटों को लेकर पेच फंसा है। पेच अपने-अपने कोटे को लेकर है। इस बार सदन में जदयू से भारी भाजपा का दबाव मंत्रिमंडल में ज्यादा हिस्सेदारी का है, जबकि जदयू बराबरी चाहता है। एमएलसी में भी यही स्थिति है। पसोपेश में भाजपा है, गांठ भी बचानी है और साख भी। इसलिए फैसला टलता रहा। हालांकि अब फॉर्मूला निकालने की बात हो रही है, जिसके बाद ही पता चलेगा कि कौन दबा, कौन बढ़ा?।बिहार में विधान परिषद की दो सीटें खाली थीं। एक का कार्यकाल डेढ़ साल और दूसरे का साढ़े तीन साल। सीटें दोनों भाजपा कोटे की थीं। कई नामों पर चर्चा चली, लेकिन अचानक नामांकन समाप्ति के एक दिन पहले सामने आया शाहनवाज हुसैन का नाम। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन दिल्ली की राजनीति के लिए जाने जाते हैं। प्रदेश की राजनीति से उनका कोई खास लेना-देना नहीं रहा। वर्ष 2014 में भागलपुर लोकसभा सीट हारने के बाद से उनका भाग्य सुस्त चल रहा था। उन्हें साढ़े तीन साल वाली सीट के लिए नामित कर दिया गया। डेढ़ साल वाली सीट एनडीए के सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को दे दी गई। मुकेश सहनी की पार्टी भाजपा कोटे से 11 सीटें लेकर चुनाव लड़ी थी, जिसमें उनकी पार्टी ने तो चार सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन वह स्वयं हार गए। सरकार बनने पर वे मंत्री बन गए इसलिए किसी सदन की सदस्यता उनके लिए जरूरी थी। भाजपा ने डेढ़ साल वाला ऑफर उन्हें दिया, जो उन्हें रास नहीं आया, लेकिन अमित शाह से फोन पर पता नहीं क्या बात हुई कि वे मान गए। + +भाजपा के नेता सूची लेकर दिल्ली गए, लेकिन बात नहीं बनी। अंदरखाने की बात है कि जदयू के नाम तो नीतीश के स्तर से फाइनल होने हैं, जिसमें कोई पेच नहीं है। दिक्कत भाजपा की तरफ से ही है, पुराने नेताओं को किनारे लगाने और क्षेत्रीय एवं जातीय संतुलन साध, नाम तय करने में उसे मशक्कत करनी पड़ रही है। इस चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित भाजपा अब अपना पुराना कलेवर बदल आगे की राह सुगम करना चाहती है। इसलिए वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं कर रही है, लेकिन इसका असर कामकाम पर पड़ रहा है। अभी कई-कई विभाग एक मंत्री के पास होने से वे कोई भी फैसला लेने में हिचक रहे हैं कि कहीं यह विभाग उनके पास से चला न जाए। उम्मीद है कि 26 जनवरी के बाद यह सब हो जाएगा और प्रदेश में नई सरकार पटरी पर दौड़ने लगेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ed0fec12053b64320572911ae73fca5e48625bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76332.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विशाल सेखड़ी, डलहौजी। ऐसे लोग अब डलहौजी में नहीं मिलते जिन्होंने नेताजी को तब देखा हो, जब वह डलहौजी आए थे। लेकिन सुभाषचंद्र बोस इस शहर की कहानी का ऐसा अध्याय है जो कभी बुझ नहीं सकता। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.... कहने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस का पर्यटन नगरी डलहौजी से गहरा नाता रहा है। देश के उस महान सपूत को जब क्षय रोग ने घेरा तो डलहौजी के जलवायु में उन्हें राहत के पल मिले। स्वास्थ्य लाभ के लिए नेताजी लगभग पांच माह डलहौजी में ठहरे थे। देश की आजादी के लिए कई योजनाएं भी नेताजी ने डलहौजी में ही बनाई थीं। नेताजी जैसी शख्सियत से जुड़े होने की वजह से डलहौजी काफी विख्यात है। डलहौजी प्रवास के दौरान नेताजी जिस होटल व कोठी में ठहरे थे, वे आज भी मौजूद हैं। उनके द्वारा उपयोग किए बेड, कुर्सी, टेबल व अन्य सामान भी रखा गया है। यह और हालांकि नेताजी जिस कमरे में ठहरे थे, वहां अब लोगों का जाना वर्जित है। + +कोई भी व्यक्ति इन जगह के फोटो नहीं ले सकता। ऐसे लोग अब नहीं हैं जिन्होंने नेताजी को देखा हो लेकिन लोगों ने अपने बुजुर्गों से नेताजी के डलहौजी प्रवास के कई किस्से सुन रखे हैं। उन किस्सों को डलहौजी निवासी बड़े गौरव के साथ सुनाते भी हैं।डलहौजी निवासी कवि एवं साहित्यकार बलदेव मोहन खोसला बताते हैं कि 1937 में अंग्रेजों की कैद में नेताजी को क्षय रोग (टीबी) के लक्षण पाए गए थे। नेताजी के बीमार होने पर अंग्रेजों ने उन्हें रिहा कर दिया, जिसके बाद मई,1937 में नेताजी डलहौजी आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76337.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76337.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e36cf3323310fcc1da670059f2c93cc9a154ffd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76337.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रायबरेली, जेएनएन। आजाद हिंद फौज का गठन करने वाले और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता सुभाष चंद्र बोस के पुण्य कदम रायबरेली की धरा पर भी पड़े थे। उनके आने की बात सुनकर लाखों की भीड़ सुदौली में उमड़ पड़ी थी। करीब एक से डेढ़ घंटे उन्होंने इस भीड़ को संबोधित किया था। अंग्रेजों और रियासतों का उत्पीड़न झेल रहे लोगों के दिलों में आजादी के दीप जलाए थे। यह बात करीब 82 साल पहले वर्ष 1938 की है। फीरोज गांधी डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. राम बहादुर वर्मा बताते हैं कि देश में अंग्रेजों का शासन था। उनके नीचे छोटी-छोटी रियासतों के राजा अपना राज चलाते थे। कहीं-कहीं किसानों और मजदूरों पर जुल्म ढाया जा रहा था। उस वक्त की सुदौली रियासत (अब बछरावां ब्लॉक का गांव) में हालात बद से बदतर थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76339.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76339.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cc1d28315496423c7b6295b755ff7bf08fb7d13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76339.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमृतसर से लाहौर और फिर अफगानिस्तान के रास्ते गए थे जापान।नेताजी सुभाषचंद्र बोस की इस यात्रा के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यहां से जाने के बाद ही उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। कामरेड सोहन सिंह जोश की किताबों के अनुसार अमृतसर के इस्लामाबाद कस्बे के बारह मकान गलियों में बहुत से क्रांतिकारी रहते थे। जब उन्हें नेता जी के अमृतसर पहुंचने की सूचना मिली तो उन्होंने उनसे संपर्क किया। बोस ने उनसे भारत को आजाद कराने के अपने मिशन पर चर्चा की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c2dab5e6c06cc1776331019ce3fdc57c1e2b58a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76341.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +करनाल, [पवन शर्मा]। Subhash Chandra Bose Jayant 2021 :  भारतीय क्रिकेट टीम की नई सनसनी के तौर पर सामने आए तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने हाल ही में समाप्‍त हुए आस्‍ट्रेलिया दौरे में गजब का जुझारुपन और जीवटता दिखाई। दरअसल यह जज्‍बा उन्‍हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के किस्‍सों से मिली। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जिस आजाद हिंद फौज के हम किस्से सुनते हैं, पढ़ते हैं, उसके नायकों में करनाल के कर्म सिंह सैनी भी शामिल थे। कर्म सिंह सैनी भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी के दादा हैं। + +आजाद हिंद फौज में नेताजी के साथ काम किया था नवदीप के दादा कर्म सिंह सैनी ने ।यही कारण है कि जुझारूपन नवदीप के डीएनए में है। आस्ट्रेलिया में घायल होने के बाद भी नवदीप खेलने उतरे। उनके दादा कर्मसिंह सैनी देश के उन गिने-चुने क्रांतिकारियों में से हैं, जो आज हमारे बीच हैं। वह नेताजी के साथ जापान गए और उनके अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे नेताजी को याद कर आज भी भावुक हो जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76342.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76342.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f965e9a33d7f94735ff093a0a758909d5077cb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76342.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का देश की एतिहासिक धरोहर लालकिला से भी एक रिश्ता है। दरअसल, उनकी फौज के तीन सैन्य अधिकारियों को लालकिला की बावली में कैद करके रखा गया था। ऐसे में अब जबकि 23 जनवरी को नेताजी की 123वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का भारत सरकार ने निर्णय लिया है, तो इस बावली का एतिहासिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) भी इस बावली को पर्यटकों के लिए खोलने पर विचार कर रहा है। इतिहास के जानकारों के मुताबिक अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर ब्रिटिश आर्मी से लड़ाई के दौरान बर्मा में जनरल शाहनवाज खान और उनके दल को ब्रिटिश आर्मी ने 1945 में बंदी बना लिया था। नवंबर 1946 में मेजर जनरल शाहनवाज खान, कर्नल प्रेम सहगल और कर्नल गुरुबक्श सिंह को इसी जेल में रखा गया था। इन पर अंग्रेजी हुकूमत ने मुकदमा चलाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76343.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76343.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3834946da8da17416100a6ef13e20ff984fa9a75 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76343.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]।  रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System) में कई अत्याधुनिक प्रणालियों का देश में पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा। देश में पहली बार आरआरटीएस में दुनिया की सबसे उन्नत सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक हाइब्रिड लेवल थ्री की स्थिति को अपनाने के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन के ढांचे पर आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल टू सिग्नलिंग को अपनाने के साथ ही आरआरटीएस दुनिया के सबसे उन्नत सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम अपनाने वाले ट्रांजिट सिस्टम में शामिल हो जाएगा। + +मिला अल्स्टॉम इंडिया अवॉर्ड।आरआरटीएस को अल्स्टॉम इंडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह मेंडेट भारत सरकार की तरफ से तय विभिन्न घटकों में स्थानीय सामग्री की विशिष्ट आवश्यकता को पूरा करने सहित मेक इन इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। यह भारत में 180 किमी प्रतिघंटे की गति के साथ परिचालन करने वाला पहला उन्नत रीजनल रेल नेटवर्क है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76344.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76344.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8fe0884802664b66989e8117ac9c7f79d9ba130 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76344.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिंगापुर में गढ़ा था आजादी का नारा ।वर्ष 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस सिंगापुर पहुंचे तो वहां सभागार में ही उन्होंने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा बुलंद कर कहा था कि अगर भारत की आजादी चाहिए तो भारतीय मूल के लोगों को बहुत सारा धन देने के साथ ही फौज में शामिल होना होगा। उन्होंने महिला टुकड़ी बनाने की बात कही तो सबने कहा कि महिलाएं भला इस फौज में कैसे आएंगी। इसके बाद उन्होंने कानपुर की डॉ. लक्ष्मी सहगल को रानी झांसी रेजीमेंट की कमान सौंपी थी। प्रशिक्षण के बाद मलेशिया, बर्मा, रंगून में महिलाओं को रेजीमेंट से जोड़ा गया। वर्ष 1945 में जापान अंग्रेजों से हारा तो नेता जी वहां से सहयोगी हबीबुर्रहमान के साथ विमान से ताईवान जा रहे थे, तभी उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला। हालांकि, आजादी की मशाल को भारतीय रणबांकुरों ने जलाए रखा और देश को आजादी का सवेरा देखने को मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fdeb1648da5a346cfbb577348be5d9219c25c53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76347.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, जेएनएन। KMP Express Way: यदि आप कुंडली मानेसर पलवल एक्‍सप्रेस वे (Kundli Manesar Palwal Express Way) से होकर सफर करने जा रहे हैं तो आने वाली दुश्‍वारियों से बाखबर हो जाएं। अन्‍यथा आप परेशानी में फंस सकते हैं। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने तथा प्रदूषण को कम करने के साथ ही अंतरराज्यीय परिवहन को सुविधाजनक बनाने के लक्ष्य के साथ कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे की परिकल्पना की गई थी। लेकिन इसके निर्माण के समय कई बातों और आवश्‍यक सुविधाओं का ध्‍यान नहीं रखा गया। इस वजह से एक्‍सप्रेस वे से सफर मुश्किल भरा हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76350.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76350.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..982bc3021e5d45aa9155d832a909462d77e2a9ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76350.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हरीश कोठारी, डोईवाला (देहरादून)। Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 आजाद हिंद फौज के सिपाही एवं द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा ले चुके बारूवाला (भानियावाला) निवासी साधु सिंह बिष्ट 102 वसंत देख चुके हैं, लेकिन देशभक्ति का जज्बा उनमें आज भी वैसा ही है, जैसा जवानी के दिनों में रहा होगा। स्वतंत्रता आंदोलन में कई बार जेल गए साधु सिंह को वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ताम्रपत्र प्रदान किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b0ebfafed48999c807e50dbee00fcd1bef019ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76352.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण संवाददाता, देहरादून। Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी के कई घटनाओं का साक्षी दून भी रहा है। लेकिन सबसे अहम उन्हें ब्रिटिश सेना की नजरबंदी से निकालने में मदद कर देश की सीमा पार पहुंचाना रहा। इसमें दून के तलवार परिवार के अग्रज भगत राम तलवार की अहम भूमिका रही। इसके कई साक्ष्य भी मिलते हैं। भारतीय जनता पार्टी के मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश प्रमुख राजीव तलवार ने बताया कि उनके बड़े दादा भगत राम तलवार तत्कालीन समय में किसान नेता होने के साथ पड़ोस के मुल्कों की बार्डर पर अच्छी पकड़ भी रखते थे। यही कारण था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नजरबंदी से बाहर निकालकर पेशावर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भगत राम तलवार ने निभाई थी। तलवार परिवार के ही कुछ लोग पेशावर एवं काबुल में रहते थे, जहां नेताजी वेश बदलकर पहुंचे थे। यहां करीब दो महीने बोस को गूंगे बनकर रहना पड़ा, क्योंकि उन्हें स्थानीय भाषा नहीं आती थी। यहीं से बोस एवं हिटलर के बीच संवाद हुआ, जिसके बाद बोस जर्मनी के लिए रवाना हो गए। + +आजाद हिंद फौज में करीब 60 लोग थे शामिल।नेताजी सुभाष चंद्र बोस सोसायटी के सचिव दिगंबर नेगी ने बताया कि आजाद हिंद फौज में उत्तराखंड से करीब 60 लोग शामिल थे। वह बताते हैं कि पेशावर कांड के नायक माने जाने वाले वीर सिंह गढ़वाली एवं राजा महेंद्र प्रताप को नेताजी की आजाद हिंद फौज की प्रेरणा माना जाता है। कुछ व्यक्तियों का यह भी मानना है कि वर्तमान समय में जहां नगर निगम परिसर है, वहां कभी मैदान हुआ करता था। जहां एक बार नेताजी ने जनता को संबोधित भी किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e32a4ea672c37ca3ea18eee37c758588ec5bf544 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नेताजी ने किया एक सभा को संबोधित। आधारशिला रखने के पश्चात उन्होंने पुराने सरकारी अस्पताल के पास आजादी के दीवानों की सभा को संबोधित करते हुए युवाओं का आजादी के आंदोलन में कूदने का आह्वान किया। यही कारण रहा कि भारत छोड़ो आंदोलन में यहां की युवाओं की भागीदारी रही। कहते हैं कि यहां नेता जी ने कहा था कि आजादी की लड़ाई सब मिलकर लड़ रहे हैं और उनकी प्रण है कि वे आजादी को महात्मा गांधी जी को सौगात स्वरूप भेंट करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e656edc86c9ef5fba286862b28084d0d0337957d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वी.के शुक्ला]। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 जनवरी को आ रही 125 जयंती को भारत सरकार ने पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। इस दिन देशभर में कार्यक्रम होंगे। हम बताने जा रहे हैं कि दिल्ली का लालकिला भी नेताजी से किसी न किसी न किसी रूप में जुड़ा रहा है। लालकिला वह स्मारक है जहां नेताजी की फौज के तीन सैन्य अधिकारी कैद रहे थे, इन्होंने अंग्रेजों से वगावत की थी। यहां कोर्ट लगी थी और यहां उन पर कोर्टमार्शल की कार्रवाई शुरू हुई थी। मगर उस समय के नामी वकील और बाद में देश के पहले प्रधानमंत्री बने पं. जवाहर लाल नेहरू जैसे लोगों ने इन तीनों सैन्य अधिकारियों की पैरवी की थी, तीनों सैन्य अधिकारियों को कोर्ट ने छोड़ दिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76362.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76362.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3768fbe08d6ddd7a86ab1289d98f8f44d356ef96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76362.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +हालांकि वर्ष 2005 में रामजन्मभूमि पर हुए आतंकी हमले के बाद से परिसर के ऊपर हेलीकाप्टरों का मंडराना न के बराबर हो गया है, जब भी परिसर पर कोई हेलीकाप्टर मंडराता है तो पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियों तक के कान खड़े हो जाते हैं। नींव खोदाई के साथ राममंदिर का निर्माण की शुरुआत हो गयी है, ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिगत इस प्रस्ताव को केंद्र से स्वीकृति मिलना तय माना जा रहा है। + +राममंदिर की सुरक्षा के लिए पहले से ही त्रिस्तरीय प्रबंध हैं। पुलिस, पीएसी व सीआरपीएफ रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में लगे हैं। रेडजोन में स्थित गृर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले है। प्रस्ताव में आया है कि त्रिस्तरीय सुरक्षा में बदलाव किए बिना सुरक्षा योजना को विस्तार दिया जाएगा। परिसर में नए मोर्चों के साथ स्थाई रूफटॉप ड्यूटियां भी लगाने का प्रस्ताव है। मंदिर निर्माण के दौरान सुरक्षा व निगरानी के अतिरिक्त इंतजाम होंगे। निर्माण कार्य गति पकड़ने के साथ श्रमिकों की संख्या भी बढ़ेगी ऐसे में उनका सत्यापन भी आवश्यक होगा। सुरक्षा से जुड़े कई बिंदुओं को अतिगोपनीय रखा गया है। मंदिर से सटे बाहरी क्षेत्र के लिए भी सुरक्षा व निगरानी को भी उच्चीकृत किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01cc1ef7b1219e669f31aca115397a4f41b76565 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टैंक का मिला आउटलेट और ओवरफ्लो। बारादरी के मुख्य द्वार के सामने उत्खनन में मिले प्राचीन टैंक का आउटलेट और ओवरफ्लो मिल गया है। टैंक का आउटलेट दक्षिण दिशा में, जबकि ओवरफ्लो पश्चिम दिशा में है। एएसआइ के अधिकारी अभी टैंक के सूखने का इंतजार कर रहे हैं। टैंक सूखने के बाद उसकी बाहरी दिशा में उत्खनन किया जाएगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76365.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76365.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67bf18886eb38c3a09dab9d6f6754c0feb64d558 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76365.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बंगाल में मुस्लिम मत एक बड़ा कारक है। राज्य में मुसलिम मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत के आसपास होने का अनुमान है। लेकिन इनकी आबादी प्रदेश में समान रूप से फैली हुई नहीं है। पहाड़ी और जंगलमहल क्षेत्रों में मुसलमानों की संख्या कम है। यहां भाजपा ने लोकसभा चुनाव में तृणमूल को काफी पीछे छोड़ दिया था। उत्तर, दक्षिण और मध्य बंगाल में इनकी संख्या काफी है। मुस्लिम मतों की दृष्टि से ओवैसी के प्रवेश की अनदेखी नहीं की जा सकती। बिहार के मुस्लिम प्रभाव वाले सीमांचल में 20 सीटों पर चुनाव लड़कर अगर वो पांच सीट पर विजय पा सकते हैं तथा शेष सीटों पर अन्य दलों का समीकरण गड़बड़ा सकते हैं तो बंगाल में वे बिल्कुल कुछ नहीं कर पाएंगे, ऐसा मानना उचित नहीं। जबकि अब्बास सिद्दीकी ममता बनर्जी के साथ थे। मुस्लिम मतों को ममता के साथ लाने में उनकी भी भूमिका थी। अब वे ममता विरोधी हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव का माहौल उस समय से ज्यादा संवेदनशील है। लिहाजा तृणमूल का गणित गड़बड़ा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96c974364a06add00ec9b4de637cd32b2f4cc034 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76366.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। कोरोना काल में जिस समय लोग टेस्टिंग के लिए परेशान थे उस दौरान कोविड टेस्टिंग किट सप्लाइ करने वाली एक नामी कंपनी पर मोटे मुनाफे के लिए खराब गुणवत्ता की किट सप्लाई करने का आरोप लगा है। खराब गुणवत्ता और वित्तीय लेनदेन को लेकर कंपनी के खिलाफ सरिता विहार और आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कंपनी ने दिल्ली की 15 से अधिक लैब में खराब गुणवत्ता की टेस्टिंग किट सप्लाई कर लाखों लोगों के स्वास्थ्य को संकट में डाला गया है। खराब गुणवत्ता को लेकर लैब्स की शिकायत पर भी आरोपित कंपनी ने ध्यान नहीं दिया। वहीं, जीन स्टोर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अनुभव अनुषा ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्हें खराब टेस्टिंग किट संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है। + +शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि कंपनी के अधिकारियों ने रिश्वत देकर दिल्ली-एनसीआर में बड़े स्तर पर घटिया स्तर की जांच किट सप्लाई कर दी। कंपनी के अधिकारियों ने सप्लाई करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह की भी अनदेखी की। शिकायतकर्ता ने 23 अक्टूबर को इस संबंध और वित्तीय बकायों को लेकर दिल्ली के सरिता विहार थाना और आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी तो कंपनी के अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं को शिकायत वापस लेने के लिए धमकी तक दी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को कोरोना जांच कर रही लैब्स की जानकारी दी है जिनमें कंपनी की टेस्टिंग किट सप्लाई की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e015f1444b5ca21619349b2be2bb36d8e5c1ce73 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। बाइडन युग की शुरुआत के साथ ही अमेरिकी जनता समेत पूरी दुनिया को आने वाले कल का इंतजार है। भारत भी इस नए निजाम के साथ अपने रुख-मिजाज का आकलन कर रहा है। दोनों देशों के संबंधों पर बारीक नजर रखने वाले विशेषज्ञों के के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध अधिक मजबूत हो सकते हैं। तमाम वैश्विक मंचों पर भारत के पक्ष में अमेरिकी मुहर लाभ दिला सकती है। चूंकि अब अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी देश बन चुका है, लिहाजा महामारी के इस दौर में यहां की फार्मा इंडस्ट्री को भी फायदा पहुंच सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3492cf70090703c2bb7002a83073c2a7de687911 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76373.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के सत्‍ता संभालने के बाद उनकी चीन और ईरान को लेकर कैसी पॉलिसी होगी इसको लेकर फिलहाल विशेषज्ञ कयास ही लगा रहे हैं। हालांकि, ये कयासबाजी भी बाइडन के पुराने बयानों को ध्‍यान में रखते हुए लगाई जा रही है। आपको बता दें कि ओबामा प्रशासन में बाइडन उपराष्‍ट्रपति के रूप में काम कर चुके हैं। चीन और ईरान दोनों ही पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका से तनाव की बड़ी वजह बनी थीं। इस दोनों देशों के बारे में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एके पाशा का मानना है कि अमेरिका चीन को साधने के लिए भारत को तवज्‍जो देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76374.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76374.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2bb4695a864c7945d9af6d787a5cb673ee34b9c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76374.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिकी राष्‍ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह की आपाथापी में यह बात दब गई कि शपथ ग्रहण समारोह के ठीक पहले एक समारोह में उनके आशुंओं का प्रवाह निकल पड़ा। बाइडन अपनी भवनाओं पर काबू नहीं पा सके और रो दिए। दरअसल, बाइडन अमेरिका के सबसे अधिक उम्र के राष्‍ट्रपति बनने वाले पहले व्‍यक्ति हैं। अमेरिकी सत्‍ता के शिखर पर पहुंचने की उनकी ललक ने उनके संघर्ष को काफी सघन किया। सत्‍ता के लिए उनका संघर्ष काफी लंबा चला। उन्‍होंने हार नहीं मानी और वह विजयी हुए। विजय भी ऐसी जो ऐतिहासिक रही। ।दो बार मिली विफलता ने पस्‍त नहीं हुए बाइडन, हौसले का लोहा ।जो बाइडन ने बुधवार को अमेरिकी के 46वें राष्‍ट्रपति पद के रूप में शपथ ली। देश के मुख्‍य न्‍यायाधीश जॉन राबर्ट्स ने उनको शपथ दिलाई। अमेरिकी राष्‍ट्रप‍ति चुनाव में वह सर्वाधिक रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए। इसके पूर्व वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में दो बार राष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वह विजयी नहीं हुए। पहली बार वर्ष 1988 में वह राष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े, लेकिन वह पराजित हुए। इसके बाद वर्ष 2008 में दूसरी बार उन्‍होंने राष्‍ट्रपति चुनाव में हिस्‍सा लिया, लेकिन वह इस बार भी जीत हासिल करने में विफल रहे। बाइडन ने हार नहीं मानी। वर्ष 2020 में तीसरी बार राष्‍ट्रपति चुनाव वह विजयी हुए। एक कड़े मुकाबले में उन्‍होंने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्‍ड ट्रंप को पराजित किया। ।बोले बाइडन, उनके दिल पर हरदम डेलावेयर का ही नाम लिखा होगा । बाइडन शपथ ग्रहण समारोह के लिए वाशिंगठन डीसी जाने से ठीक पहले अपनी कर्मभूमि डेलावेयर पहुंचे। उन्‍होंने वहां आमलोगों के बीच एक भावुक भाषण दिया। भाषण के दौरान वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा सके और कई बार उनके आंखों से आंसू बहने लगे। दरअसल, 34 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद जब कोई व्‍यक्ति अपने सपनों को साकार होता देखता है तो शायद उसका भावुक होना लाजमी है। बाइडन के साथ भी यही हुआ। एक बड़ी जीत के बाद जब वह अपने गृहजनपद पहुंचे तो अत्‍यधिक भावुक हो गए। उन्‍होंने कहा कि उनके जीवन में डेलावेयर का स्‍थान सदैव सर्वोपरि होगा। सबसे अलग होगा। उन्‍होंने भावुक होकर कहा कि जब उनका निधन होगा तब भी उनके दिल पर डेलावेयर का ही नाम लिखा होगा। उन्‍होंने डेलावेयर के लोगों के समक्ष अपनी सच्‍ची भावना का इजहार किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dad6b4711a7255419abf35dbbaa7a2e43d3232d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76384.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +कोरोना काल में हालात : सूक्ष्म वित्त संस्थाओं पर तीव्र नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार महामारी से एमएफआइ (सूक्ष्म वित्त संस्था) के बैलेंस शीट पर कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये का असर जरूर पड़ेगा। अगर ऐसा हुआ तो कई सूक्ष्म वित्त संस्थाएं दम तोड़ देंगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक जून 2020 को रेहड़ी-पटरी वालों के लिए स्ट्रीट-वेंडर आत्मनिर्भर कार्यक्रम का एलान किया था। आवास और शहरी विकास मंत्रलय के मुताबिक, इसके तहत 18 नवंबर तक ठेले और खोमचे वालों की ओर से कुल 27.33 लाख अर्जयिां मिलीं। इसमें 14.34 लाख अर्जयिों को मंजूरी मिली, जबकि 7.88 लाख कर्ज बांटे भी जा चुके हैं। इससे भी माइक्रो फाइनेंस क्षेत्र में थोड़ी हलचल उत्पन्न हुई। + +पूंजी वाले एमएफआइ के सामने फिलहाल दो ही रास्ते हैं- एक तो यह कि वे जल्द और ज्यादा कर्ज वापसी पक्की करें, दूसरी कंपनी की हिस्सेदारी बेचकर नई पूंजी जुटाएं, क्योंकि मौजूदा हालात में फंसी कंपनियों को आसानी से नया कर्ज नहीं मिलेगा। करीब आधी कंपनियां इस संकट से उबर जाएंगी, बाकी को कड़ी मशक्कत करनी होगी। यह संकट माइक्रो फाइनेंस क्षेत्र में कॉन्सोलिडेशन यानी छोटी कंपनियों के बड़ी में विलय की जमीन तैयार कर सकता है। ऐसे में हम लोग इस क्षेत्र में कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के विलय को देख सकते हैं। इन सबके अतिरिक्त माइक्रो फाइनेंस कंपनियां जहां पूंजी की समस्या से जूझ रही हैं, वहीं उन पर ब्याज दर घटाने का भी भारी दबाव है। + + असम और माइक्रो फाइनेंस : इस वर्ष असम में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी राजनीति के दौर में वहां हर तरफ माइक्रो फाइनेंस का मुद्दा छाया हुआ है। असम में माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं पर आरोप है कि उन्होंने उच्च ब्याज दर पर महिलाओं को करीब 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। असम सरकार के अनुसार अधिकांश महिलाओं को बिना कर्ज वापस करने की क्षमता का आकलन किए बिना ही कर्ज दिया गया है। असम में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एमएफआइ पर आरोप लगा रहे हैं कि उनके वसूली एजेंट कर्ज वसूली के लिए महिलाओं पर काफी दबाव बना रहे हैं। असम सरकार का कहना है कि इन्हीं स्थितियों के लिए वह एमएफआइ के लिए कानून लेकर आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..def16099752f49651fb68f0c9b2650f27e598f8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अलीगढ़,गौरव दुबे। कोरोना काल में लाकडाउन का दौर, जब हर कोई खुद को सुरक्षित रखने के लिए घरों में कैद हो गया था। ऐसे में बंदिशों की बेड़ियों को तोड़ शिक्षा की अलख जगाने ज्ञान की ''प्रतिभा'' घर-घर दौड़ रही थी। सरकारी स्कूल बंद हुए तो नौनिहालों की पढ़ाई अटक गई। इंटरनेट, डेटा व मोबाइल की अनुलपब्धता से आनलाइन शिक्षा भी कारगर नहीं हो रही थी। ऐसे में उच्च प्राथमिक स्कूल वीरपुर छबीलगढ़ी जवां की सहायक अध्यापिका (विज्ञान) प्रतिभा भारद्वाज ने संक्रमण के खतरे को भुलाकर बच्चों के घर जाकर पढ़ाने का जिम्मा उठाया। लाकडाउन में आने-जाने की दिक्कतें झेलते हुए एडीए कालोनी से करीब 25 किलोमीटर दूर जवां में जाकर बच्चों को पढ़ाया। शिक्षा का जुनून ऐसा कि खुद के खर्च पर छात्राओं को इंटरनेट डेटा उपलब्ध कराया तो छात्र मोहन को 5000 रुपये का नया एंड्रायड मोबाइल भी खरीदकर दिया। स्कूल के 102 बच्चों समेत क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकने दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76389.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76389.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0a0d162f2a10be6d1328457572cf63d1736f114 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76389.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अब भी जापान के मंदिर में रखी हैं अस्थियां।माना जाता है कि सुभाष चंद्र बोस की अस्थियां टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में संरक्षित हैं। ताइवान में हुई विमान दुर्घटना के बाद नेताजी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया और उनके अंतिम अवशेष टोक्यो पहुंचाया गया, जहां सितंबर 1945 से ही उनके अवशेष रेंकोजी मंदिर में रखे हुए हैं। + +डीएनए टेस्ट नहीं करवाने की शर्त?।जापान से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अस्थियों को अब तक भारत क्यों नहीं लाया गया है, इस पर अलग-अलग सरकारें अलग-अलग वजह गिनवाती हैं। कोई इसे राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी तो कोई जापान की साजिश तक बताता है। भाजपा सांसद और फायरब्रांड नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि जब वह पीएम चंद्रशेखर के मंत्रिमंडल में मंत्री बने थे तो उनके पास एक अजीब अनुरोध आया था। इस अनुरोध में जापान ने कहा था कि रिंकोजी मंदिर मे जो अस्थियां रखी हैं, उनको आप (भारत) ले लीजिए लेकिन एक शर्त पर कि आप इसका डीएनए टेस्ट नहीं कराएंगे। + +दूसरी तरफ उनका परिवार बार-बार अस्थियां लाकर डीएनए टेस्ट करवाने पर जोर देता रहा। पहले नेताजी की इकलौती बेटी अनीता बोस ने यह मांग की थी। बाद में नेताजी के पौत्र चंद्र कुमार बोस भी इसमें शामिल हो गए। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि भारत सरकार को कौन सी बात इससे रोक रही है कि इस अस्थियों के डीएनए का मिलान नेताजी के रिश्तेदारों से करें?।सरकारों में नहीं था इच्‍छाशक्ति का अभाव ।नेताजी पर आधारित पुस्‍तक ‘लेड टू रेस्ट: द कंट्रोवर्सी ओवर सुभास चंद्र बोस डेथ’ के लेखक आशीष रे के अनुसार, भारत में सुभाष चंद्र बोस के परिवार और विषय से अनभिज्ञ लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पीवी नरसिम्हा राव को ऐसा करने से रोका, जो कि बोस के अवशेषों को भारत वापस लाना चाहते थे। रे ने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा यह डर दिखाने के बाद कि इससे कोलकाता में दंगे हो सकते हैं। यह भी एक कारण रहा है कि देश की अब तक की सरकारें उनके अवशेषों को वापस लाने की हिम्मत नहीं कर पाई हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76391.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76391.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5eb7a947eb4b2b260b8b0e7407aea252a7cd4410 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76391.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर जिले में पार्टी संगठन तैयार करेंगे।गुरुवार को कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि हर जिले में हम पार्टी संगठन तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिलों में सभा व बैठकें कर पार्टी का नाम और सफेद, हरा और नीला रंग वाले इस झंडे से आम जनता को परिचत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थिति व वक्त समझने के बाद ब्रिगेड परेड मैदान में एक सभा आयोजित की जाएगी। यहां बताना आवश्यक है कि फुरफुरा शरीफ के एक और पीरजादा और अब्बास के चाचा तोहा सिद्दीकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल के समर्थन में खड़े हैं। उन्होंने ओवैसी के दौरे के बाद साफ कहा था कि यहां हम सभी लोग ममता बनर्जी के साथ हैं। ।अब्बास सिद्दीकी की मुस्लिम वोटों पर है नजर।अपनी नई पार्टी बनाने के साथ अब्बास सिद्दीकी की नजर बंगाल चुनाव में मुस्लिम वोटरों पर है। 30 फीसद वोट शेयर के साथ मुस्लिम वोटर यहां 'किंगमेकर' की भूमिका में रहते हैं। 2011 में ममता बनर्जी की धमाकेदार जीत के पीछे भी यही वोटबैंक था। राज्य की 294 सीटों में से 90 से ज्यादा सीटों पर इस वोटबैंक का सीधा प्रभाव है। सियासी जानकारों का मानना है कि फुरफुरा शरीफ दरगाह के चुनाव में उतरने से ममता के इस मजबूत वोट बैंक में सेंध लगने की पूरी संभावना है और ऐसा हुआ तो ममता का तीसरी बार भी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का सपना अधूरा रह सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23ab12af2f77524d3fa46103afee38f1d0eb6838 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑक्‍सीजन सिलिंडर की भी व्‍यवस्‍था की।किसी भी इंसान की जान ऑक्‍सीजन की कमी से नहीं जाए, इस सोच के तहत झरिया, कतरास व धनबाद के गुजराती समाज को एक-एक ऑक्‍सीजन सिलिंडर उपलब्‍ध कराया। बीमार लोगों की मदद के लिए समाज को एक-एक व्‍हील चेयर, वॉकर, बैसाखी, कमोड चेयर, बेडसोल किट भी गुजराती समाज को उपलब्‍ध कराई। लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में ही थे। ऐसे में ऑनलाइन गरबा व रंगोली का भी आयोजन किया। ताकि लोग लॉकडाउन के समय का सदुपयोग कर सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..685fb00fe7fd3b82be3e64f6450c6f885cae7bbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7640.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ की बहन कृष्णा श्रॉफ अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। कृष्णा श्रॉफ अपने बोल्ड अंदाज के लिए जानी जाती हैं। वो अक्सर अपनी कई हॉट और बोल्ड तस्वीरें फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। इसके अलावा कृष्णा श्रॉफ की अभिनेत्री दिशा पाटनी के साथ भी खास बॉन्डिंग है। अब हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कृष्णा श्रॉफ ने दिशा पाटनी के बारे में बात की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76402.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76402.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02b392627d9d64011fb9bc83a9b836e821d29acf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76402.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। राममंदिर की शोभा बढ़ाने वाले बंशीपहाड़पुर के पत्थर अयोध्या जंक्शन का भी स्वरूप निखारेंगे। मंदिर की तरह आकार ले रहे अयोध्या जंक्शन के मुख्य भवन में भी बंशीपहाड़पुर की शिलाओं का प्रयोग किया जाएगा। राजस्थान में भरतपुर स्थित बंशीपहाड़पुर के पत्थर अपनी मजबूती, सुंदरता और लंबी आयु के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण राममंदिर निर्माण में भी बंशीपहाड़पुर की शिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। अब रेलवे भी अयोध्या जंक्शन के पुनर्निमाण में इन शिलाओं का प्रयोग करने जा रहा है। कार्यदायी संस्था राइट्स के कर्मी शिलाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में लगे हैं। राइट्स के जिम्मेदार राजस्थान का दौरा भी कर चुके हैं। पत्थरों की मात्रा को लेकर उच्चाधिकारियों के बीच विमर्श चल रहा है। माना जा रहा है कि दस से 15 दिन के भीतर पत्थरों की खेप अयोध्या पहुंचनी शुरू हो जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76403.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..829d8d950e70606956a63252b5af108174423aa0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76403.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वायरस का टीकाकरण जारी है। फिलहाल प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को ही कोरोना वायरस का टीका लगाया जा रहा है। इसी चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लगाया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण में टीका लगाया जाएगा, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना वयारस टीकाकरण का दूसरा चरण इसी साल मार्च या फिर अप्रैल में प्रारंभ हो सकता है। बताया जा रहा है कि फिलहाल पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा रहा है। इसके बाद दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को टीका लगाया जाएगा। ।बताया जा रहा है कि पहला चरण खत्म होने के बाद अपनी बारी आने पर पीएम मोदी टीका लगवाएंगे। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में कहा था कि राजनेताओं को क्रम नहीं तोड़ना चाहिए और टीका तब ही लगवाना चाहिए जब उनकी बारी आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87f512177e6cb58f4a851cf2cfd7459871636849 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरु के सपने को सेवकों ने किया साकार।महादेव कोटला मंदिर के गद्दीनशीं स्वामी मंगलानंद जी ने वर्ष 2019 में समाजसेवी अश्वनी जैतक, दिनेश गौतम सहित राजीव से अपने मन की बात साझा करते हुए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में लंगर की सेवा शुरू करने की बात कही। गुरु के कहने पर अमल करते हुए इन सेवकों ने दो सितंबर, 2019 से लंगर की सेवा शुरू की और तब से लेकर यह सेवा निरंतर जारी है। इस सेवा में ट्रस्ट के चेयरमैन मंगलानंद महाराज, अध्यक्ष अश्वनी जैतक, उपप्रधान दिनेश गुप्ता, महासचिव राजीव सहित 11 सदस्य नि:स्वार्थ भाव से जुटे हैं। इसके अलावा बेटियों की शिक्षा के लिए भी सहायता प्रदान कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c09cbc10bc656845a0c7887afb2e11ae1a1fb75f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76407.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. चांदनी टग्नैत। 'आप जो आज कर सकते हैं, उसे यदि नहीं कर सके तो आज से बीस साल बाद आज के मुकाबले कहीं अधिक निराशा होगी। इसलिए आप जो करना चाहते हैं, वही करें।’ यह कथन है अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन का। गत वर्ष हुए उलटफेर के बाद यदि आप इस साल नयी शुरुआत कर रहे हैं तो मार्क ट्वेन का यह कथन आपकी राहों को आसान बना सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76414.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76414.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68a3c45298a8d6d2a6bd3c8011e98a82ddaed3b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76414.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। राजधानी में अमूमन हर साल लूटपाट, झपटमारी व वाहन चोरी जैसे मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जाती थी। लेकिन पिछले साल से पुलिसकर्मियों के कामकाज के तौर तरीके में बदलाव लाने से इसमें कमी आनी शुरू हो गई है। 2020 व 2021 के केवल जनवरी महीने के 15 दिनों की बात करें तो संगीन अपराधों में 29.72 फीसद की कमी दर्ज की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76415.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76415.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b8a64a9c10f1e8a2e3a03cac29c6a405deff613 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76415.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +टीकाकरण के बाद होने वाली सभी प्रकार की चिकित्सकीय परेशानियां वैक्सीन से जुड़ी नहीं होतीं। कुल पांच प्रकार के प्रतिकूल असर चिह्नित किए गए हैं, जिनमें दो उत्पादन या टीकाकरण अभियान के दौरान की कमियों की वजह से सामने आ सकते हैं। बाकी तीन प्रकार के प्रतिकूल असर टीकाकरण के दौरान मानवीय भूल या टीका लेने वाले व्यक्ति के तनाव से जुड़े हो सकते हैं। ये प्रतिकूल असर कई बार जानलेवा भी हो सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर हल्के असर ही सामने आते हैं। + +सफल व प्रचलित वैक्सीन भी करती हैं प्रतिकूल असर : डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आम प्रयोग में आने वाली सफल वैक्सीन भी कुछ लोगों पर कुछ प्रतिकूल असर छोड़ती हैं। खसरा, मम्प्स (कंठमाला) व रूबेला (एमएमआर) की वैक्सीन भी 10 फीसद लोगों को दर्द व सुई लेने के स्थान पर सूजन जैसे हल्के प्रतिकूल असर छोड़ती हैं। 5-15 फीसद लोगों को तो बुखार भी आ जाता है। यहां तक कि पिलाई जाने वाली पोलियो वैक्सीन से भी एक फीसद लोगों को बुखार हो सकता है। प्रयोग में आने वाली सामान्य वैक्सीन के भी गंभीर असर सामने आए हैं, लेकिन ऐसे मामले बेहद कम हैं। पिलाई जाने वाली पोलियो वैक्सीन के प्रतिकूल असर (वीएपीपी) से लकवा मार सकता है, लेकिन ऐसा 27 लाख में से किसी एक खुराक के बाद होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cb142331aeab8e458a94ca4c452e124735f5f8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7642.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती बीते एक साल से सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी हुई थी। रिया के बॉयफ्रेंड सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही अभिनेत्री को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने का सिलसिला शुरू हो गया था। जिसकी वजह से रिया ने इससे दूरी बना ली थी। हालांकि अब अभिनेता की मौत के एक साल पूरे होने पर रिया चक्रवर्ती ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर वापसी कर ली है। + +रिया चक्रवर्ती ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम की स्टोरी पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में रिया चक्रवर्ती गार्डन में घांस के ऊपर लेटी हुई हैं। तस्वीर में रिया का चेहरा नहीं दिख रहा, उन्होंने एक टोपी से अपना आधा चेहरा छुपाकर रखा है। इस टोपी के जरिए ही उन्होंने खास संदेश दिया है। रिया की इस टोपी पर लिखा है never Give Up यानी कि 'हार मत मानो'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76432.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76432.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3169ad4d8c164eed82c4fcbccc259657ca35e184 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76432.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाशिंगटन, एजेंसियां। पदभार संभालने के कुछ समय बाद राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे। इसमें पेरिस जलवायु समझौता, 100 दिनों तक अनिवार्य रूप से मास्क पहनना और मुस्लिमों पर प्रतिबंध खत्म करना भी शामिल है। ये आदेश एक तरह से पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को पलटने की कोशिश होगी। बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त होने वाली जेन साकी का कहना है कि पहले ही दिन बाइडन ऐतिहासिक फैसला लेने वाले हैं। इसकी तुलना बाइडन से पहले के चार राष्ट्रपतियों द्वारा पहले दिन लिए गए कदमों को मिलाकर की जा सकती है। + +पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने के साथ ही मुस्लिमों पर खत्म होंगे प्रतिबंध।जेन के मुताबिक राष्ट्रपति बनने के बाद अगले 10 दिनों के भीतर ही चार प्रमुख मुद्दों कोरोना महामारी से निपटने, आर्थिक राहत, जलवायु परिवर्तन से निपटने और नस्लीय समानता को बढ़ाने को लेकर कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे और निर्देश जारी करेंेगे। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन 100 दिनों तक मास्क अनिवार्य करने को लेकर फैसला लेंगे। मास्क पहनने और शारीरिक दूरी को लेकर कार्यकारी आदेश पारित किया जाएगा। ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अमेरिका को अलग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन अब बाइडन इस फैसले को खारिज करने के लिए कार्रवाई करेंगे। + +संक्रामक बीमारियों के शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंटोनी फाकी के नेतृत्व में बाइडन प्रशासन की एक टीम डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में शामिल होगी। डब्ल्यूएचओ के साथ रिश्ते सामान्य होने पर अमेरिका इसे मजबूत करने पर काम करेगा और कोरोना महामारी से लड़ाई में सहयोग करेगा। पेरिस समझौते से जुड़ने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इंस्ट्रूमेंट पर साइन करेंगे। इसे बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के पास जमा किया जाएगा और 30 दिनों के बाद अमेरिकी फिर से इस समझौते का हिस्सा हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76433.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76433.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ddce19cb5ce2a2295038859a361c5d191cc2b27f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76433.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चाहे बुजुर्गों के लिए दवा की व्यवस्था करनी हो या मास्क का वितरण करना हो। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए स्वयं से तैयार कर लोगों को काढ़ा पिलाना हो या बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था करना हो। घरों को सैनिटाइज करना हो या कोरोना संक्रमितों व उनके परिवार की मदद करनी हो। जहां जरूरत पड़ी, प्रशासन के लोगों की मदद करने में भी पीछे नहीं रहे। मदद के दौरान पंथ व संप्रदाय के बंधन से ऊपर उठकर स्वयंसेवकों ने लोगों की मदद की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89d502722d35f95fdd9db7b0b36ce812bd45224a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर वर्ष होती है गणना।अंतरराष्ट्रीय संस्था वेटलैंड इंटरनेशनल हर वर्ष वाटर बर्ड की गणना (एशियन वाटर बर्ड सेंसेक्स) करता है। जो जनवरी में विश्व के 27 देशों में होती है। जलीय जीवों की यह रिपोर्ट को इंटरनेशनल यूनियन फार कंजर्वेशन आफ नेचर (आइयूसीएन) में सम्मलित होती है। आइयूसीएन संस्था सभी देशों में पहुंचे पक्षियों के आंकड़े जारी करती है। कीठम झील में बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी और वन विभाग के साथ गणना की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6b726c198d008d31b0954a3a5d70e41b23fcd9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन क्षेत्रों में हालात भयावह।भूजल विशेषज्ञ आरएस सिन्हा के इस तकनीकी पत्र में कहा गया है कि जनपद में हर रोज करीब 122 करोड़ लीटर भूजल गहरे स्रोतों से निकाला जा रहा है। चि‍ंता की बात यह है कि जल संस्थान द्वारा हर रोज पेयजल आपूर्ति के लिए मात्र 39 करोड़ लीटर भूजल का दोहन किया जा रहा है। वहीं, सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों, बहुमंजिला इमारतों, कॉलोनियों, होटल, अस्पताल व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों, उद्योग एवं घरेलू सबमर्सिबल बोरि‍ंग से 82.5 करोड़ लीटर भूजल का दोहन हर रोज किया जा रहा है। नतीजा यह है कि शहर में घनी आबादी वाले क्षेत्र जैसे गोमती नगर, इंदिरा नगर, अलीगंज, महानगर, न्यू हैदराबाद, हजरतगंज, चौक, वृंदावन कॉलोनी व चारबाग आदि में जल स्तर 25 से 40 मीटर की गहराई तक पहुंच चुका है।  बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के नदी विशेषज्ञ प्रो. वेंकटेश दत्ता के मुताबिक गंगा के मैदानी क्षेत्र में जो रिचार्ज हो भी रहा है, वह गहरे एक्यूफर में नहीं जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76439.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76439.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac1e122f00c7d0bfed7d90e3f4fa167effc77e36 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76439.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + खुद के पाले में गोल दागने की तैयारी।देश के सबसे पुराने सियासी दल कांग्रेस का हाल मौजूदा समय में बेहाल हो चुका है। शीर्ष स्तर पर तो खींचतान चल ही रही है, निचले स्तर पर भी कम आक्रोश नहीं है। पार्टी के ब्लाक पर्यवेक्षक और अध्यक्ष भी खुद का ही गोल दागने में लग गए हैं। नवनियुक्त पर्यवेक्षक ब्लाक कार्यकर्ताओं की बैठक में अपनी धौंस जमाने से बाज नहीं आ रहे। ब्लाक अध्यक्ष सहित वहां से नगर निगम का चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को भी धमकाते रहते हैं कि जैसे वह चाहेंगे, वैसे ही पार्टी निर्णय करेगी। किसे ब्लाक का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए और किसको किस वार्ड से लड़ाना चाहिए, यह भी वह ही तय करेंगे। इस धौंस पर ब्लाक अध्यक्ष भी तैश में आए बिना नहीं रहते। दोनों की इस नोकझोंक में कार्यकर्ता भी यह कहने से नहीं चूकते कि इस पार्टी का तो भगवान ही मालिक है। + +किसानों का हितैषी दिखने की कोशिश। कृषि कानूनों के विरोध में करीब दो माह से चल रहे किसान आंदोलन में कांग्रेस भी अपनी रोटियां खूब सेंक रही है। किसानों के पक्ष में बयान जारी करने के साथ-साथ धरनास्थल पर जाकर उनकी मदद कर खुद को किसानों का हितैषी दर्शाने की भी होड़ लगी हुई है। इसी कड़ी में दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन ने टीकरी बार्डर पर महिला किसानों को शाल देकर सम्मानित किया। हर महिला को शाल दिया ही नहीं बल्कि एक एक के पास जाकर बाकायदा शाल ओढ़ाया भी। अमृता ने महिलाओं से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन हर दिन मजबूत होता जा रहा है। आंदोलन में महिलाओं की भूमिका और योगदान को अभूतपूर्व बताते हुए उसे सम्माननीय करार दिया। साथ ही महिला किसानों को धरती की बेटियां कहकर अन्नदाता के साथ खड़े होने और तीनों कृषि कानूनों को वापिस नहीं लिए जाने तक उन्हें अपना समर्थन दिए जाने का वायदा भी एक बार फिर दोहराया गया। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..572bf257b587502ef6c3c4924a1287cfa2487b2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76441.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अम्बुज उपाध्याय। बीहड़ में ढलान की भूमि बरसात के दौरान दरक जाती थी। घनघोर बारिश से ये दरकन चौड़ी होकर खाई का रूप लेती थी। ग्रामीण हादसे का शिकार होते थे। बरसात में लोग गांव से पलायन कर जाते थे। भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, छलेसर की टीम ने यहां पर बांस के पौधे रोपे। अब यहां पर जगह-जगह बांस के झुंड हैं। इससे भूमि का कटान रुक गया है। ग्रामीणों को इससे बहुत राहत मिली है। + +बरसात के दौरान सबसे ज्यादा मुसीबत बाह क्षेत्र के मानिकपुरा में होती थी। संस्थान की टीम ने वर्ष 2009 में यहां सर्वे कर बांस के पौधे रोपे। नियमित देखभाल के बाद वर्ष 2014 में ये पौधे बांस के पेड़ का रूप ले चुके थे। इससे मृदा का कटान रुक गया। संस्थान की टीम समय-समय पर गांव जाती है और ग्रामीणों को बांस रोपण के लिए प्रेरित करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76443.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76443.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6134396d616bbc984546ec6dc3693596ba196c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76443.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (Transit Oriented Development) का दायरा अब और विस्तृत होगा। इस पॉलिसी के तहत मेट्रो ही नहीं, रैपिड रेल और लाइट मेट्रो स्टेशन पर भी जल्द काम शुरू होगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस बाबत पालिसी में संशोधन करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है, जिसे उप राज्यपाल ने भी स्वीकृति दे दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76447.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76447.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4011c1824deaf84671cc1eaacf240833d45b7485 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76447.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। जो बाइडन आज अमेरिका के 46वें राष्‍ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में एक हजार लोगों के शामिल होने की उम्‍मीद है। इस दौरान सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। इस समारोह के दौरान पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन के साइड की कुर्सी रिक्‍त रह जाएगी। दरअसल, ये कुर्सी निवर्तमान राष्‍ट्रपति के लिए रिजर्व होती है। इस तरह से इस कुर्सी पर राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को बैठना होगा। लेकिन इस शपथ ग्रहण समारोह में वो हिस्‍सा नहीं ले रहे हैं। इस शपथ ग्रहण के दौरान ट्रंप फ्लोरिडा के पाम बीच पर होंगे। बुधवार दोपहर तक वो राष्‍ट्रपति हैं जबकि बाइडन के सत्‍ता संभालते ही उनके नाम के आगे पूर्व राष्‍ट्रपति लग जाएगा। उनके इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्‍सा न लेने की वजह से इस दौरान समारोह के अंत में होने वाला औपचारिक फोटो सेशन भी नहीं होगा। ।आपको बता दें कि अमेरिका के इतिहास की ये एक पुरानी परंपरा है जिसमें पूर्व राष्‍ट्रपति नए राष्‍ट्रपति के सत्‍ता संभालते समय उनके पीछे बैठते हैं। ये इस बात का भी सुबूत होता है कि नए राष्‍ट्रपति को सत्‍ता का हस्‍तांतहरण शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इस बार सत्‍ता को लेकर राष्‍ट्रपति ट्रंप की जो उठापठक सामने आई है उससे ये बात काफी हद तक स्‍पष्‍ट हो गई है कि इस बार का सत्‍ता हस्‍तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से नहीं हुआ है। मौजूदा राष्‍ट्रपति ट्रंप कहीं न कहीं इस सत्‍ता परिवर्तन से खुश भी नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a829a744ede7b1876fded357eb7452d9a1e098c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पहचानें खुद की योग्‍यता : जॉब सर्च के दौरान खुद से यह सवाल पूछें कि आप क्या काम कर सकते हैं, उसके लिए जो आवश्यक कौशल और योग्यता चाहिए, वह आपमें है या नहीं। अगर इस तरह से एक अनुशासन के साथ नौकरी के अवसर को तलाशने के लिए कदम बढ़ाएंगे, तो इस खोज का एक दृष्टिकोण विकसित होगा। इस दृष्टिकोण से ही किसी परीक्षा की तैयारी कैसे की जाए, किसी कठिन कार्य असाइनमेंट से कैसे निपटें, उसके लिए तभी खुद अपडेट भी कर पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ec5b78f8c2810063a9ec349df8f0c856fed605b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76449.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गौर हो कि क्रिसमस के दौरान एक ही दिन में 5500 से अधिक वाहनों ने सुरंग को पार किया था। नववर्ष का जश्‍न मनाने मनाली पहुंचे पर्यटकों ने अटल टनल खूब उत्‍पात मचाया था। इसके बाद पुलिस ने एक पर्यटक की धुनाई भी कर दी थी, जिस पर अधिकारियों ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है। अब उत्‍पात मचाने वाले पर्यटकों और पुलिस के व्‍यवहार को भी कैमरे में रिकॉर्ड किया जाएगा। बॉडी वियर कैमरों से पर्यटकों और पुलिस में होने वाली हर हरकत कैमरा में कैद होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76451.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76451.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d60c3680dd1ba80f782afef8387eed9c5ebf2d93 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76451.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हार से मिली 'जीत की सीख'।भारतीय टीम चार मैचों की टेस्ट सीरीज में हार से आगाज करना पड़ा था। पिंक बॉल से कभी भी टेस्ट मैच नहीं हारने वाली टीम ने फिर से एक बार अपना विजयी अभियान जारी रखा और भारत को 8 विकेट से हरा दिया था। पिंक बॉल टेस्ट मैच में भारत के लिए सबसे निराश पल था, जब टीम सिर्फ 36 रन पर ढेर हो गई थी। इसके बाद टीम ने सीरीज में जो वापसी की, उसके वजह से ये सीरीज भारतीय टीम के लिए महान जीत में शुमार हो गई, क्योंकि हारने के बाद जीत के साथ वापसी करना वाकई में मुश्किल होता है। खासकर जब आप पहले मैच में 36 रन पर ऑल आउट हो गए हों। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76452.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76452.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a4eae22d42f09222df74da2d1759a0c441e2ffb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76452.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विंध्य पर्वत के सुरम्य अंचल में बसी विंध्यनगरी देश को मानक समय देने के साथ ही फिजां में गंगा-जमुनी तहजीब की मिठास घोलती रही है। विंध्याचल के कंतित में ही प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र कंतित शरीफ दरगाह व चुनार में कासिम सुलेमानी की दरगाह है। अजमेर शरीफ न जा पाने वाले जायरीनों द्वारा इसी दरगाह पर चादर चढ़ाकर मन्नतें पूरी की जाती हैं। मां विंध्यवासिनी के लिए चुनरी मुस्लिम समाज के लोग बनाते हैं तो कंतित शरीफ की मजार पर पहली चादर हिंदू परिवार की ओर से चढ़ाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76455.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76455.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a65c6c7a2d8083fd21cbd5af703bd920a575dfd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76455.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विदित हो कि वायु सेना केएक स्क्वाड्रन में 16 से 18 विमान होते हैं। एचएएल से 83 तेजस मिल जाने के बाद वायुसेना के बेड़े में कम से कम चार स्क्वाड्रन की बढ़ोतरी होगी। वायुसेना में अभी तेजस की कुल दो स्क्वाड्रन हैं और 83 नए तेजस लड़ाकू विमान मिलने के बाद इनकी संख्या छह हो जाएगी। इन 123 जेट विमानों के अतिरिक्त भारत सरकार 170 तेजस मार्क-2 की खरीद को भी मंजूरी देने पर विचार कर रही है। तेजस मार्क-2 नवीन तकनीक एवं उन्नत इंजन से सुसज्जित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76456.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0a5e549736956b573ce7a390638cee8c1364088 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरु जी उसका हाथ पकड़कर पीछे तंबू में ले गए। थोड़ी देर बाद वापस आकर गुरु जी पुन: संगत को संबोधित करते हुए बोले-‘और शीश चाहिए।’ अब हस्तिनापुर का जाट धर्मदास शीश झुकाकर बोला ‘यह शीश आपका है।’ पुन: गुरु जी की वही पुकार, इस बार उनके आह्वान पर द्वारका (गुजरात) के छीपा समाज का मोहकम सिंह खड़ा हुआ, फिर बिदर (कर्नाटक) का नाई युवक साहिब चंद और सबसे अंत में जगन्नाथपुरी का झीवर हिम्मतसिंह खड़ा हुआ। संगत के हर्ष एवं आश्चर्य का उस समय कोई ठिकाना न रहा, जब गुरु जी पांचों को पूर्ण सिंह वेश शस्त्रधारी और सजे दस्तारों (पगड़ियों) के साथ बाहर लेकर आए और घोषणा की कि यही मेरे पंज प्यारे हैं। इनकी प्रतीकात्मक बलि लेकर गुरु जी ने एक नए खालसा पंथ की नींव रखी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76460.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76460.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6b6d3e7ad30e58dad0ded78d483b30f08e1c5c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76460.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दो सामान्य स्पेशल ट्रेनों के किराए की स्थिति (रुपये में)।01016 गोरखपुर- एलटीटी कुशीनगर एक्सप्रेस- स्लीपर का 670, एसी थर्ड का 1795 व टू एस (जनरल) का 415।02589 गोरखपुर- सिकंदराबाद एक्सप्रेस - स्लीपर का 745, एसी थर्ड का 1945 व टू एस (जनरल) का 455।दो पूजा स्पेशल ट्रेनों के किराए की स्थिति (रुपये में)।05018 गोरखपुर- एलटीटी दादर एक्सप्रेस- स्लीपर का 855, एसी थर्ड का 2180 व टू एस (जनरल) का 435।05023 गोरखपुर - सिकंदराबाद एक्सप्रेस- स्लीपर का 895, एसी थर्ड का 2295 व टू एस (जनरल) का 460।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d72a987ea13f56970b9dbe19be1bb230e80a67e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76462.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संयुक्‍त सदन की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ने भी उप-राष्‍ट्रपति माइक पेंस से ये मांग की थी कि वो राष्‍ट्रपति ट्रंप को पद से हटाने के लिए संविधान के 25वें संशोधन का सहारा लें और सत्‍ता अपने हाथों में ले लें। हालांकि माइक पेंस ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था। उन्‍होंने इस घटना के बाद चुनाव परिणामों का अंतिम एलान करते हुए जो बाइडन के नाम पर मुहर लगाई थी, जो बुधवार 20 जनवरी 2021 को राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेंगे। 6 जनवरी को घटी इस घटना के बाद राष्‍ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया था। + +इन सांसदों का ये भी कहना है कि इस घटना के लिए पूरी तरह से ट्रंप ही जिम्‍मेदार हैं। आपको बता दें कि अमेरिकी इतिहास में राष्‍ट्रपति ट्रंप पहले ऐसे राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं जिन्‍हें दूसरी बार महाभियोग का सामना करना पड़ रहा है। उनके खिलाफ जो प्रक्रिया चल रही है उसके आधार पर उन्‍हें 2024 में होने वाले चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f694c72e851f822ed3bb187fed8d98d0cf3d6eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप खुद को माफी देने के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं। इस बात की जानकारी उनके करीबी पारिवारिक सूत्रों से निकलकर सामने आई है। इस जानकारी के मुताबिक मंगलवार को उन्‍होंने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए 100 लोगों को माफी देने और उन्‍हें रिहा करने की सूची तैयार की है। व्‍हाइट हाउस के सलाहकार का कहना है कि उन्‍होंने इस बारे में निजीतौर पर सलाह ली थी कि क्‍या वे खुद को माफी दे सकते हैं या नहीं। लेकिन इस बारे में उनके प्रशासन के अधिकारियों ने उन्‍हें ऐसा न करने के लिए चेताया था। इन अधिकारियों का कहना था कि ऐसा करने से लगेगा कि वो खुद को दोषी मान रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ba416554537071a3f66fd18368dbe94af81b8bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76464.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +1792 में रखी गई थी आधारशिला । 1791 में अमेरिका के पहले राष्‍ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने पहली बार इसकी कल्‍पना को साकार करने के लिए इसकी जगह का चयन किया था। 1792 में इसकी आधारशिला रखी गई थी। इसका डिजाइन एक आइरिश मूल के आर्किटेक्‍ट जेम्‍स हॉबन ने तैयार किया था। 1800 में पहली बार इस इमारत में जॉन एडम अपनी पत्‍नी एबीगेल रहने के लिए आए थे। हालांकि उस वक्‍त तक इस इमारत के बनने का काम पूरा नहीं हुआ था। + +ट्रूमैन ने करवाई इमारत की मरम्‍मत । मरम्‍मत के 50 साल बाद ही ये इमारत कमजोर होती हुई दिखाई दी। जिसके बाद इसके दोबारा मरम्‍मत की जरूरत महसूस की जाने लगी थी। इस बार इस जिम्‍मेदारी को तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने आर्किटेक्‍ट लॉरेंजो विंस्‍लो को दी। उन्‍होंने इस इमारत को एक नई शक्‍ल दी। इसकी बाहरी दीवार को हटा दिया गया। रेनोवेशन का काम पूरा होने के बाद 1952 ट्रूमैन अपने परिवार के साथ इस इमारत में रहने वापस लौट आए। + +इसकी बाहरी दीवारों पर लगता है 2157 लीटर पेंट । इस इमारत की दीवारों पर जॉन एडम से अब तक के सभी राष्‍ट्रपतियों के चित्र लगे हुए हैं। इसके ग्राउंड फ्लोर पर सर्विस एरिया है। यहां पर दुनिया के नेताओं के मनोरंजन के लिए अलग जगह है। यहां पर अमेरिकी इतिहास की जानकारी देने के लिए एक म्‍यूजियम भी है। इस इमारत में 132 कमरे, 35 बाथरूम हैं। इसके अलावा यहां पर 412 गेट, 147 खिड़कियां, 28 फायरप्‍लेसेज, 8 स्‍टेयरकेस और तीन एलिवेटर्स हैं। यहां की रसोई में करीब 140 मेहमानों का खाना तैयार किया जा सकता है। इसकी बाहरी दीवारों के रंग-रोगन के लिए 2157 लीटर (570 गैलन) पेंट लगता है। आपको जानकर हैरान होगी कि अमेरिकी इतिहास में इसको कई बार प्रेजीडेंट्स पैलेस तो कई बार प्रेजीडेंट हाउस कहा गया है। इसके अलावा कई बार इसको एग्‍जीक्‍यूटिव मेंशन भी कहा गया है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9f8769886827343bc2d590c5f6dc8c07d302d3a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। एमएसपी यानी कुछ अनाज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर चर्चा छिड़ी है। इसे कानूनी गारंटी बनाने की मांग तेज हो गई है। इस पर राजनीतिक जंग भी छिड़ी है। यही वजह है कि इस पर बहस को कोई तैयार ही नहीं दिख रहा कि हर नियम, प्रविधान व कानून की तरह एमएसपी के तौर-तरीके और औचित्य में बदलाव होना चाहिए या नहीं। बहरहाल, 55 वर्ष पहले एमएसपी की शुरुआत का आधार बनाने वाली एलके झा कमेटी ने उसी वक्त कह दिया था- 'खाद्यान्न के अभाव को दूर करने के लिए एमएसपी भले ही वरदान साबित हो, लेकिन सरप्लस पैदावार के समय यही समर्थन मूल्य अभिशाप साबित होगा।' बताने की जरूरत नहीं कि वर्ष 1965 की कृषि और अर्थव्यवस्था मौजूदा परिस्थितियों से बिल्कुल भिन्न थी। देश इस समय सरप्लस खाद्यान्न वाला देश बन चुका है, यानी यह कई फसलें अपनी खपत जरूरत से अधिक उपजा रहा है। विशेषकर अनाज उत्पादन के मामले में भारत दुनिया के अव्वल देशों की सूची में शुमार हो गया है, लेकिन अभी भी देश दलहनी व तिलहनी फसलों की पैदावार के मामले में बहुत पीछे है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76467.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76467.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be1902897b9a41b4b49f520123a1376d5fdc54a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76467.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + विपिन अवस्थी, इंदौर। भले ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनिंदा किसान संगठन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हों, लेकिन देश के अन्य प्रदेशों में किसानों को नए कृषि कानूनों का लाभ मिलना शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में प्याज उगाने वाले किसानों से दक्षिण भारत के कर्नाटक की कंपनी ने अनुबंध किया है। इसके तहत 10 किसान अपनी 10 एकड़ जमीन पर कंपनी की मांग के अनुरूप प्याज उगाएंगे और फसल आने पर कंपनी को ही देंगे। कंपनी बदले में किसानों को 12 रुपये प्रति किलो का भाव देगी, फिर चाहे बाजार में प्याज की कीमत कितनी ही कम क्यों न हो। कंपनी इस प्याज को दक्षिण भारत के विशेष व्यंजन सांभर व डोसा में इस्तेमाल करने के लिए कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में सप्लाय करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79bdbe5f9a1ed4dd5ba39a626e4e49536e02bde7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्यकर्मियों से आगे आने की अपील।डॉ. पाल ने टीकों के सुरक्षित होने के बावजूद टीके लगवाने में स्वास्थ्यकर्मियों की हिचक को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की हिचक और डर को दूर करने की कोशिश की जाएगी। वैक्सीन लेने के लिए आगे आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चेन को तोड़ने का यही सबसे सही समय है और यह वैक्सीन लेने से ही संभव होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..389df6705edea649355da5d9ee477315fc3eaaec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76469.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, एजेंसियां। नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति चुनी गई कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं। उनकी मां चेन्नई की रहने वाली थीं। कमला हैरिस का जन्म 1964 में ऑकलैंड में हुआ था। कमला की मां का नाम श्यामला गोपालन हैरिस था जबकि उनके पिता जमैका के रहने वाले हैं। उनका नाम डोनाल्ड हैरिस है। वह स्टैनफोर्ड यूनिवíसटी में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर भी रहे। अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस के काबिज होने पर तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में स्थित तुलासेंतिरापुरम गांव और पेंगानाडु गांव में उत्सव का माहौल है। दरअसल, हैरिस के नाना पीवी गोपालन पूर्व राजनयिक तथा तुलासेंतिरापुरम गांव के निवासी थे। उनकी नानी राजम नजदीक के पेंगानाडु गांव से हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76473.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76473.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcc9f090165c8e92289a10f0200ad42906e703a2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76473.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फलदार व छायादार पेड़ों की रौनक ।पार्क में आम, अमरूद, पपीता जैसे कई फलदार वृक्षों की भरमार है। मौसम के अनुरूप इनमें फल आने पर ग्रामीण इसका लाभ मिलजुल कर लेते हैं। वहीं पीपल, बरगद, नीम, इमली जैसे छायादार वृक्षों से सजा यह क्षेत्र पर्यावरण को भरपूर संरक्षण प्रदान कर रहा है। भरपूर हरियाली की वजह से गांव की आबोहवा स्वच्छ और जीवनदायी बन गई है। इनका मोहक दृश्य हर किसी को आनंद की अनूभूति दे जाता है। पेड़ों की सिंचाई के लिए नहर व सरोवर के पानी का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त सिंचाई के लिए आधुनिक वाटर ड्रीपपिंग सिस्टम भी लगाया गया है। ।खेल के मैदान ।मंदिर में खेल के लिए हरा भरा घास का मैदान, क्रिकेट मैदान, वालीबाल और बैडमिंटन कोर्ट है। इसके अलावा कबड्डी मैदान, हैंडबाल कोर्ट, दौड़ लगाने के लिए चारों तरफ करीब चार सौ मीटर का आधुनिक लाइटों से लैस ट्रैक, व्यायाम के लिए आधुनिक व्यायामशाला, जैसी सुविधाएं मंदिर परिसर में उपलब्ध हैं। मंदिर कमेटी व ग्रामवासियों के सहयोग से मंदिर परिसर में बच्चों के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किड जोन की स्थापना की गई है जिससे यह परिसर पिकनिक स्पॉट बन गया है। आज यहां बड़ी संख्या में आस पास के गांवों के लोग आने लगे हैं। ।ऐतिहासिक विशेषता ।गांव में मौजूद दादा पौबार मंदिर वर्षों से लोगों की असीम श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। इसे लेकर ऐतिहासिक मान्यताएं भी खास हैं जिसके कारण दूर दूर से लोग मन्नतें व मुरादें लेकर यहां आते हैं। प्राचीन समय में यह स्थान खांडव वन के नाम से जाना जाता था जिसमें पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान कुछ समय बिताया था। प्राचीन महत्ता के कारण इस मंदिर में गांव व आसपास के क्षेत्र रहने वालों की असीम श्रद्धा है। उनका मानना है कि यहां आकर जो मन्नत मांगता है वह अवश्य पूरी होती है। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ea4bc5ad45843c1e8747231817794d1da3b146d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76474.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, आशीष लोधी। जिला आगरा शहर में एक स्थान ऐसा है जहां पर सबसे बड़ी पौधों की मंडी सजती है । सड़क के किनारे बनी दर्जनों यात्रियों पर हर दिन लाखों का कारोबार पेड़ पौधों को बेचकर होता है। ।रामबाग से एत्माद्दौला स्मारक पर जाने वाले मार्ग जिला शहर में सबसे अधिक पेड़ पौधों की बिक्री करने वाला स्थान है। इस मार्ग के दोनों तरफ करीब सत्तर नर्सरियां है। इस मार्ग से गुजरने वाले अधिकांश चार पहिया वाहन यहां रुक रुक कर तरह-तरह के रंग बिरंगे पेड़ पौधों को खरीदते हुए देखे जाते हैं। आगरा के हर कोने से यहां पर पेड़ पौधों की खरीद के लिए बड़े से बड़े उद्योगपतियों की लाइन लगती है। रोड के किनारे सजे रंग बिरंगे फूल गार्डन राहगीरों को मन को मोह लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76475.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76475.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12db83935e9072de3a2c65b53b0708d78c280bc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76475.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आइआरसीटीसी को सेवा शुरू करने की मिली अनुमति। आइआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड से सितंबर में ई-कैटरिंग शुरू करने की अनुमति मांगी थी। बोर्ड ने  12 जनवरी को इस सेवा को शुरू करने की अनुमति दे दी है। इसके बाद से आइआरसीटीसी ने उन रेलवे स्टेशनों की पहचान शुरू कर दी है जहां से ई-कैटरिंग सेवा शुरू की जा सकती है। डेढ़ सौ के करीब ब्रांड का खाना उपलब्ध होगा:-अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट शुरू होने से पहले लगभग डेढ सौ कंपनियों को ई कैटरिंग सेवा के तहत यात्रियों को भोजन व अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई थी। यात्री ऑनलाइन ऑर्डर देकर अपनी सीट पर जायकेदार भोजन मंगा सकते थे। अब फिर से यह सेवा उपलब्ध होगी। + +14 कंपनियां ट्रेन में उपलब्ध करा रही हैं तैयार खाना। कोरोना महामारी की वजह से खानपान सेवा बंद होने की वजह से यात्रियों को या तो घर से खाना लेकर सफर करना पड़ता है। कुछ ट्रेनों में उपलब्ध पहले से तैयार भोजन लेने का भी विकल्प भी यात्रियों के पास होता है। हल्दीराम, गिट्स फूड्स, नेस्ले, टाटा स्मार्ट फूड सहित 14 कंपनियां आइआरसीटीसी को तैयार भोजन उपलब्ध करा रही हैं। आइआरसीटीसी के कर्मचारी मांग के अनुरूप यात्रियों तक भोजन पहुंचाते हैं। अब इसके साथ ही ई-कैटरिंग सेवा भी शुरू हो जाएगी, लेकिन पेंट्री कार सेवा अभी अगले आदेश तक बंद रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76477.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76477.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f132c2c45ae1834a33eaeaa1eb6096b2db625ac1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76477.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पिता ने बढ़ाया, तो बढ़ती गई बिटिया। लीजा तोमर सिसौली गांव में ही द बेस इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा 9वी में पढ़ाई कर रही हैं। उनके पापा प्रद्युमन तोमर सेना में कार्यरत हैं। लंबे समय तक ड्यूटी के लिए गांव से निकलने पर अक्सर वह अलका तोमर को देखा करते थे। धीरे धीरे बढ़े सम्मान और उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्होंने बेटी लीजा को भी कुश्ती में आगे बढ़ने को प्रेरित किया। लीजा को पिता का प्रोत्साहन मिला तो उन्होंने कड़ी मेहनत से आगे बढ़ने की ठान ली। लीजा ने साल 2017 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुश्ती कोच डॉक्टर जबर सिंह सोम के मार्गदर्शन में कुश्ती का ककहरा सीखना शुरू किया। वर्तमान में वह अपनी प्रेरणा स्त्रोत अलका तोमर से भी बीच-बीच में कुश्ती के दांव पेच सीखती रहती हैं। अलका तोमर भी समय निकालकर अपने गुरु डॉक्टर जबर सिंह सोम के पास जाते हैं और वहां प्रशिक्षण ले रही बालिकाओं को अपने अनुभव से मार्गदर्शन करती हैं। + +पहचान दिलाना उद्देश्‍य । प्रदेश में पदक जीतने के बाद लीजा ने 21 जून से कोटा में हुई अंडर 15 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था। राजस्थान में 23 जून तक हुई इस प्रतियोगिता में भी लीजा ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीतकर लौटी। इसके बाद वह किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकीं। 2020 बिना प्रतियोगिताओं के ही निकल गया, लेकिन उनका प्रशिक्षण जारी रहा। लीजा स्वयं को ओलंपियन रेसलर के तौर पर पहचान दिलाना चाहती हैं। इसलिए पढ़ाई के साथ कुश्ती प्रशिक्षण में भी पूरा समय देती हैं। वर्तमान में उनका लक्ष्य इस साल की सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिता पर है जिसके लिए पहले प्रदेश स्तरीय सीढ़ी पार करनी है और उसके बाद नेशनल में पदक लेकर आगे की प्रतियोगिता में बढ़ने का लक्ष्य बना रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..349ec646fb61fdec0232f53f7e23b9475d99b9cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76478.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बहरहाल राजधानी की आबादी में छह वर्ष तक आयु के बच्चों में भी लगभग आधे बच्चों को आंगनवाड़ी में मिलने वाली सुविधा नसीब नहीं है। सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली की करीब पौने दो करोड़ आबादी में छह वर्ष तक उम्र के बच्चों की संख्या 11.4 प्रतिशत है। उनमें से भी महज 55.4 फीसद बच्चे ही आंगनवाड़ी में जा रहे हैं। इसी तरह 18 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं की कुल आबादी में बमुश्किल 47 प्रतिशत महिला ही आंगनवाड़ी केंद्रों की सुविधा उठा रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f57a0e2d8af57ded3ad49fe43830e3ee85655026 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन दोनों स्थानों पर महाभारत के समय के इतिहास की संभावनाओं को लेकर खोदाई होती रही है। हिंदू धार्मिक ग्रंथों में कौरवों व पांडवों के शासन और महाभारत काल को लेकर इतिहास है। भगवान श्रीकृष्ण से लेकर पांचों पांडव से लेकर तमाम पात्र हमारी श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं। मगर इसे लेकर हमारे पास साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। एएसआइ इन्हीं साक्ष्यों को ढूंढ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76482.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76482.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db0a1059b06c789681c10443aca8bbac187c53e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76482.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फेंस) द्वारा सितंबर, 2019 में 54 देशों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ताजनगरी में किया गया था। एक बार फिर मंच द्वारा ताजनगरी में 29 व 30 जनवरी को हाइब्रिड कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इसमें हिमालय व हिंद महासागर के आसपास बसे 54 देशों के राजदूत या प्रतिनिधि भाग लेंगे। कार्यशाला में इन देशों के सांस्कृतिक-व्यापारिक समूह बनाने की संभावनाओं पर मंथन होगा। मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार इसमें भाग लेंगे। वियतनाम, इंडोनेशिया, तंजानिया, मोजांबिक, तिब्बत, ईरान और श्रीलंका के राजदूत व प्रतिनिधि इसमें शामिल होने को सहमति प्रदान कर चुके हैं। + +यह देश हैं शामिल।भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाइलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, आरआइएयू आइलैंड, स्पार्टली आइलैंड, फिलीपींस, तिमोर-लेस्टे, पापुआ, क्रिसमस आइलैंड, कोको आइलैंड, तिब्बत, आस्ट्रेलिया, मारीशस, मैडागास्कर, दक्षिण अफ्रीका, मोजांबिक, तंजानिया, केन्या, सोमालिया, ग्लोरिसाे आइलैंड, सिशिल, मालदीव, सोकोट्रा आइलैंड, जिबोटी, इरीशिया, सूडान, इजिप्ट, सऊदी अरब, यमन, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत, इराक, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, किरगिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e82495e1ef36f06c6a2808f3d103b7c320afbf71 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76484.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली (प्रेट्र)। फाइबर ऑप्टिक्स.. यह शब्द सुनकर दिमाग में हाई-स्पीड इंटरनेट केबल का विचार आता है। विज्ञान की गहराइयों में जाकर समङों तो यह लचीले तंतुओं के माध्यम से प्रकाश को प्रसारित करने का विज्ञान है। कंप्यूटर से जुड़ी अधिकतर चीजों की खोज विदेश में हुई है, लेकिन कम ही लोगों को पता है कि फाइबर ऑप्टिक्स शब्द गढ़ने वाले नरिंदर सिंह भारत में पैदा हुए और यहीं पढ़े हैं। उनकी पिछले महीने अमेरिका में मृत्यु हो गई। वे एक ऐसे गुमनाम हीरो हैं, जिसने दुनियाभर के अरबों लोगों के जीवन में योगदान दिया। + +IRCTC E-Catering Service: ट्रेन यात्रा के दौरान खाने को मिलेगा पिज्जा समेत अन्य स्वादिष्ट खाना, ऐसे करें ऑर्डर।भारतीय भौतिक विज्ञानी शिवानंद कानवी उन कई विज्ञानियों में से एक हैं जो मानते हैं कि कपानी के योगदान पर रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। यह संस्था नोबेल पुरस्कार का चयन करती है। चीनी वैज्ञानिक चाल्र्स केकाओ को भौतिक विज्ञान के लिए वर्ष 2009 में नोबेल पुरस्कार मिला था। उन्हें यह सम्मान तंतुओं में प्रकाश के ऑप्टिकल संचरण से जुड़े शोध के लिए मिला। कानवी कहते हैं, कपानी ने पहली बार सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया था कि प्रकाश को कांच के फाइबर के माध्यम से परिवíतत किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76487.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76487.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..321f3edb3b2154afc14e05c8274de2dfb086bf88 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76487.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शरीर में ऐसे बढ़ती है एंटीबॉडी। वैक्सीन की दूसरी खुराक से प्रतिक्रिया के दूसरे भाग की शुरुआत होती है और मॉलिक्यूल रोगाणुओं के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं। एक बार जब कोई भी व्यक्ति वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवा लेता है तो मेमोरी टी सेल की उच्च आवृति होने लगती है, साथ ही मेमोरी बी सेल का आकार भी बढ़ने लग जाता है। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली एंटीबॉडी भी बनती है। एक ही वैक्सीन की दूसरी खुराक लगाने पर बी सेल तेजी से विभाजित होती है। इसके कारण एंटीबॉडी की मात्रा में वृद्धि होती है। दूसरी खुराक बी सेल की परिपक्वता की प्रक्रिया की शुरुआत करती है, जो रोगाणु को बांधने के लिए सबसे बेहतर रिसेप्टर्स का चयन करती है। यह अस्थि मज्जा में होने के वक्त होता है, जहां श्वेत रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है। इसके बाद तिल्ली में विकसित होते हैं। इसका अर्थ है कि बाद में बी सेल की संख्या न केवल बहुत ज्यादा होती है, बल्कि उसके द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी भी बेहतर लक्षित होती है। इस बीच, मेमोरी टी सेल भी तेजी से फैलती हैं। जिसने पहले ही बहुत से लोगों में गंभीर रूप से कोविड-19 महामारी विकसित होने से बचाया है। + +काफी नहीं एक खुराक।प्री-क्लीनिकल ट्रायल के दौरान यह सामने आया था कि एक खुराक से पर्याप्त प्रतिरक्षा हासिल नहीं हुई। जबकि तीसरे चरण के ट्रायल में पहली खुराक की तुलना में दूसरी खुराक के बाद ज्यादा एंटीबॉडी और टी सेल बने। कई विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी खुराक को छोड़ना बड़ी गलती होगी। । प्रतिरक्षा विकसित होने में लगेगा वक्त। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिरक्षा हासिल करने में समय लगता है। प्रतिरक्षा प्रणाली के एक हिस्से को हम जन्मजात प्रतिरक्षा कहते हैं, जो तुरंत प्रतिक्रिया देती है। हालांकि आमतौर पर यह बीमारी को अपने आप रोक नहीं सकती है और वैक्सीन से प्रभावित नहीं होती है। वैक्सीन को अधिक प्रतिरक्षा कोशिकाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिनमें से कुछ बदले में एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76490.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76490.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..63181583a2ab2aaeb8a5de3de7802474831bba3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76490.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेर‍िका में सत्‍ता परिवर्तन को कुछ घंटे ही शेष है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन अपना पदभार ग्रहण करेंगे। जी हां, बाइडन 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। उनके साथ कमला हैरिस उप राष्‍ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण करेंगी। वह देश की पहली अश्‍वेत महिला उप राष्‍ट्रपति के रूप में ग्रहण करेगी। आखिरकार बाइडन प्रशासन में खास क्‍या है। उनके प्रशासन में भारतीयों का क्‍या रोल है। ।अहम पदों पर 20 भारतीय अमेरिक‍ियों को नामित किया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह से पूर्व किसी राष्‍ट्रपति ने इतनी अधिक संख्‍या में भारतीय-अमेरिकियों को नामित किया है। हालांकि, बाइडन प्रशासन में अभी कई पद रिक्‍त हैं। बाइडन प्रशासन के अहम पदों पर 20 भारतीय अमेरिक‍ियों को नामित किया गया है। इनमें कम से कम 17 भारतीय शक्तिशाली व्‍हाइट हाउस में अहम पद संभालेंगे। बाइडन प्रशासन में अहम पदों पर 13 महिलाएं भी शामिल हैं। बता दें कि अमेरिका में अमेरिकी-भारतीयों की कुल आबादी का महज एक फीसद है। इस हिसाब से अमेरिकी-भारतीयों को खास जगह मिली है। यह भारत के लिए गौरव की बात है।  ।बाइडन प्रशासन में भारतीयों का दबदबा ।बाइडन प्रशासन में सबसे ऊपर नीरा टंडन और डॉ विवेक मूति का नाम है। बाइडन प्रशासन में इनकी अहम भूमिका होगी। जो बाइडन द्वारा सत्‍ता ग्रहण करने के बाद व्‍हाइट हाउस कार्यालय के प्रबंधन एवं बजट के निदेशक के तौर पर उनकी खास भूमिका रहेगी। इसके अलावा अमेरिकी सर्जन जनरल के तौर पर डॉ विवेक मूर्ति को नामित किया गया है। बाइडन ने शनिवार को विदेश सेवा की पूर्व अध‍िकारी उजरा जेया को अवर विदेश मंत्री के रूप में नियुक्‍त किया है। माडा अडिगा को होने वाली प्रथम महिला डॉ जिल बाइडन की नीति निदेशक के रूप में नियुक्‍त किया गया है। इसके अलावा बाइडन प्रशासन में गर‍िमा वर्मा और सबरीना सिंह को भी शामिल किया गया है। गरिम को प्रथम महिला कार्यालय की डिजिटल निदेशक के रूप में नियुक्‍त किया गया है। सबरीना सिंह को उप प्रेस मंत्री के रूप में नियुक्‍त किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76492.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76492.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30ee922b4835b9ccc85b38938cad58d7e6017840 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76492.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मैनपुरी के विकास खंड किशनी में समान पक्षी विहार जिले का सबसे विशाल वेटलैंड है, जो 5.25 वर्ग किमी में फैला हुआ है। रामसर साइट भी घोषित किया जा चुका है। सर्दियों में यहां हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में आने वाले ये देसी-विदेशी पक्षी फरवरी तक यहां रुकते हैं। परंतु, बीते तीन साल से प्रवासी पक्षियों की आमद घटने लगी है। एशियन वाटर व‌र्ल्ड सेंसस के लिए हर साल देश भर के वेटलैंड में परिदों की गणना की जाती है। । वेटलैंड इंटरनेशनल के को-आर्डिनेटर टीके राय द्वारा पिछले दिनों समान पक्षी विहार में ये गणना की गई थी। इसके निष्कर्ष चौंकाने वाले हैं। गणना के मुताबिक बीते साल समान पक्षी विहार में 44 प्रजातियों के 4800 पक्षी आए थे। इस बार 40 प्रजातियों के केवल 803 पक्षियों की ही आमद हुई है। इनमें बुली नेक्ड स्टॉर्क, सारस क्रेन, ब्लैकहेड इवीस आदि प्रजातियां शामिल हैं। विलुप्त श्रेणी के पक्षियों ने मोड़ा मुंह:। बीते वर्ष विलुप्त श्रेणी की सात प्रजातियों के पक्षियों ने समान पक्षी विहार में अपना ठिकाना बनाया था। इस बार ओरिएंटल डार्टर, पेंटेड स्टॉर्क, फेरुगिनस डक सहित छह प्रजातियां ही आई हैं। दक्षिण भारत, श्रीलंका और साइबेरिया के ग्रेटव्हाइट, पेलिकन, माईग्रेटरी डक व ब्लैक नेक स्टार्क प्रजाति का इस बार एक भी पक्षी नहीं आया है। परिदों की बेरुखी के ये हैं कारण:। टीके राय ने पक्षियों की कम संख्या पर चिता जताते हुए कई सुधारों की जरूरत बताई है। पक्षी विहार की सैकड़ों बीघा जमीन में झील का पानी ही नहीं पहुंचता है। इसके चलते उस जगह पर पक्षियों का आवागमन न के बराबर होता है। टीके राय की रिपोर्ट के मुताबिक परिदों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है। झील की बाउंड्री न होने से आसपास के ग्रामीणों का हस्तक्षेप रहता है। इससे पक्षियों के अनुरूप यहां माहौल नहीं बन पाता है। यही नहीं, पक्षी विहार की बहुत बड़े जमीन के हिस्से पर ग्रामीणों द्वारा अवैध तरीके से खेती भी की जाती है। इससे पक्षियों के अनुकूल वातावरण में लगातार कमी आती जा रही है और उनकी संख्या घट रही है। यह दिए हैं सुझाव:। गणना के बाद कई सुधारों का सुझाव दिया गया है। कहा गया है कि पक्षी विहार को उत्कृष्ट बनाने के लिए यहां पर इसकी बाउंड्री वाल का निर्माण अत्यावश्यक है। संपूर्ण झील में पर्याप्त पानी की उपलब्धता हो और शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए। सारस की प्रजाति को किया जाए संरक्षित:। टीके राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सारस प्रजाति का सर्वाधिक पक्षी समान में ही पाया जाता है। बीते कुछ वर्षों में इनकी संख्या में भी लगातार गिरावट आ रही है। इसका कारण इनके अंडों का नष्ट हो जाना है। वन्य जीव विभाग को अंडों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था बनानी चाहिए। बीते साल ही बना था रामसर साइट:। केंद्र सरकार ने बीते साल जनवरी में समान पक्षी विहार को रामसर साइट का दर्जा दिया था। माना जा रहा था कि इसके बाद समान पक्षी विहार में वेटलैंड संरक्षण के लिए केंद्र स्तर से बनने वाली सभी योजनाओं का सीधे लाभ मिल सकेगा। परंतु कोरोना संक्रमण के दौर में कोई कदम आगे नहीं बढ़ सका। यह है रामसर साइट । दो फरवरी 1971 को ईरान के रामसर शहर में वेटलैंड्स (आ‌र्द्रभूमि) को लेकर सम्मेलन हुआ था। यहां दुनिया भर की आद्रभूमि को सुरक्षित-संरक्षित करने के लिए रूपरेखा तैयार कर संधि की गई। रामसर सम्मेलन को किसी विशेष पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित अकेली वैश्विक वातावरण संधि माना जाता है। इसमें दुनिया के 170 से ज्यादा देश भागीदार हैं। 2100 से ज्यादा वेटलैंड इसकी सूची में हैं। इसकी सूची में शामिल वेटलैंड्स को ही रामसर साइट्स कहा जाता है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a070c3c4b85ec4e1ce1def51cd75db4d96c72c2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ये हैं दूसरी खुराक लेने के फायदे।दूसरी खुराक से प्रतिक्रिया के दूसरे भाग की शुरुआत होती है और मॉलिक्यूल रोगाणुओं के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं। एक बार जब आप वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवा लेते हैं तो मेमोरी टी सेल की उच्च आवृति होगी और वैसे ही मेमोरी बी सेल के पूल साइज में कुछ विस्तार होता है। साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली एंटीबॉडी भी बनेगी। एक ही वैक्सीन की दूसरी खुराक लगाने पर बी सेल तेजी से विभाजित होकर एक वंश बनाने में सक्षम हैं, जिससे एंटीबॉडी की मात्रा में दूसरी वृद्धि होती है। दूसरी खुराक बी सेल की परिपक्वता की प्रक्रिया की शुरुआत करती है, जो रोगाणु को बांधने के लिए सबसे बेहतर रिसेप्टर्स का चयन करती है। यह अस्थि मज्जा में होने के वक्त होता हैं और श्वेत रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है। इसके बाद विकसित होने के लिए वे तिल्ली में जाते हैं। इसका अर्थ है कि बाद में बी सेल न केवल बहुत ज्यादा है, बल्कि उसके द्वारा बनाई गई एंटीबॉडी भी बेहतर लक्षित होती है। इस बीच, मेमोरी टी सेल भी तेजी से फैलती हैं। जिसने पहले ही बहुत से लोगों में गंभीर रूप से कोविड-19 महामारी विकसित होने से बचाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76496.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76496.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7cb659daf15bb2d9127f5afbc84236fee92eda00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76496.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब तक क्‍या- क्‍या किया । कक्का जी होशंगाबाद जिले के बनखेड़ी के पास ग्राम मछेरा खुर्द में खेती करते हैं। उनका जन्म 28 मई 1952 को हुआ था। उन्होंने जबलपुर की रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। कक्का जी जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान भी कई बार जेल गए। उन्होंने 1981 में मध्य प्रदेश सरकार के विधि बोर्ड में सलाहकार के रूप में काम किया, लेकिन तत्कालीन मध्य प्रदेश के बस्तर में केंद्र सरकार के कानून 70 (ख) के तहत आदिवासियों की जमीन मुक्त करवाने के दौरान वे कई रसूखदारों के निशाने पर आ गए, जिसके बाद उनका तबादला भोपाल कर दिया गया। कुछ समय नौकरी करने के बाद वे किसान आंदोलन में कूद पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76497.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76497.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..387098b272c9f4d66814df0ff709c51682c61d21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76497.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओशो के प्रिय शिष्य स्वामी अगेह भारती ने कहा, 'जबलपुर ओशो की प्रारम्भिक कर्मभूमि के रूप में सदैव गौरव पाता रहेगा। उनके जैसा बुद्घ सदियों में एक आता है और वातावरण को सुरभित कर चला जाता है। जब भी उनकी याद आती है, आंसू बरबस ही निकल आते हैं। उनके जैसा सौंदर्य फिर दूभर हो गया। उनकी वाणी जैसा रस दुर्लभ है।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76498.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76498.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37eb5f3f6f5a17caa4a867e24cc7653b08640fa5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76498.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकास पांडेय, बिलासपुर। वाहन चालक की मनोदशा 78.4 फीसद सड़क हादसों में मुख्य कारण बनती है। ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति की गलती कई लोगों के लिए प्राणघातक बन जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए एमेटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के दो पूर्व छात्रों द्वारा किए जा रहे साइकोमेट्रिक टेस्ट (शोध) को राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार मिला है। उनके शोध में इस बात के संकेत है कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के पहले व्यक्ति के मनोविज्ञान का अध्ययन कर लिया जाए तो काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b86e6150bcbc300413729444003cbdfefcefead1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_765.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट शादी के बंधन में बंध चुके हैं। 14 अप्रैल 2022 को दोनों एक-दूसरे के हमसफर बनें। शादी के बाद दोनों की पहली तस्वीर का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है। हालांकि दोनों की शादी में सिक्योरिटी बहुत तगड़ी है और इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि इन दोनों की शादी और प्री-वेडिंग फंक्शन की कोई भी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल न हो। खैर रणबीर और आलिया की तो कोई तस्वीर सामने नहीं आई, लेकिन दोनों की शादी के बीच रणबीर की एक्स गर्लफ्रेंड दीपिका पादुकोण का एक रिएक्शन की सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। + +एक्स गर्लफ्रेंड दीपिका का रिएक्शन हुआ सोशल मीडिया पर वायरल।रणबीर-आलिया की जब से शादी की खबर करण जौहर और अयान मुखर्जी ने ऑफिशियल की है, तबसे सितारे दोनों को नई जिंदगी की बधाई देते हुए अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच दीपिका अपने एक रिएक्शन को लेकर खूब छाई हुई हैं। दरअसल कल ब्रह्मास्त्र के निर्देशक अयान मुखर्जी ने रणबीर-आलिया को नई जिंदगी की बधाई देते हुए एक वीडियो शेयर किया था, इस वीडियो को अब तक 10 लाख से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। सेलेब्स ने अपना रिएक्शन दिया है और इस लिस्ट में दीपिका पादुकोण का नाम भी शामिल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6820fb54274793f0235fcec768b0bffc7319f0aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी एशा देओल भी अब प्रोड्यूसर बन गयी हैं। एशा ने सोमवार को अपने बैनर की पहली फ़िल्म का एलान किया। साथ ही बताया कि उन्होंने प्रोड्यूसर बनने का फ़ैसला क्यों किया। एशा के प्रोडक्शन में उनके पति भरत तखतानी भी पार्टनर हैं। इसके साथ एशा ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी बतौर निर्माता अपनी पारी शुरू कर रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3647cd485c2096553a7c21b01aaf6becbb68d25e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76505.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उमेश चतुर्वेदी। इंटरनेट मीडिया के हस्तक्षेपी युग में राम मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रह का अभियान शुरू हो और इस पर टीका-टिप्पणी न हो, तभी हैरत होती। इस पर टीका-टिप्पणी करने वाला समूह यह काम करता रहेगा। लेकिन निधि संग्रह अभियान के बहाने राम मंदिर आंदोलन के प्रभावों का आकलन करना भी जरूरी है। राममंदिर आंदोलन को एक वर्ग द्वारा भारत की कथित सहिष्णु परंपरा को तोड़ने की बात अब अनजानी नहीं रही। इस विचार के बरक्स राष्ट्रवादी विचारधारा इस आंदोलन को राष्ट्र के गौरवबोध के जागरण से जोड़कर भी देखती है। विरोधी इसे हिंदुत्व का गौरवबोध बताते नहीं थकते, लेकिन हकीकत यह है कि लोक जागरण की यह भावना हिंदुत्व की बजाय राष्ट्रबोध को ज्यादा प्रतिबिंबित करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e30a8153efc66d9ad85504ec54e34d827af5c61 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76506.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पंडितों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा था। आतंकियों की गोली का शिकार बनने वालों की सूची लंबी होती जा रही थी। रोज नई कहानियां सुनने को मिलती हैं। युवा शिक्षिका संजना, भोली-भाली शीला और अपनी ही सहेली के हाथों छली गई सरला की दर्दभरी कहानियां उसे बेचैन कर देती हैं। ऐसा नहीं है कि बढ़ती आतंकी वारदातों की चपेट में सिर्फ अल्पसंख्यक हिंदू ही आ रहे थे। कई मुस्लिम परिवारों को भी इसकी भारी  ।कीमत चुकानी पड़ी थी, लेकिन पंडितों पर जुल्म के दौरान मूकदर्शक बने रहने के लिए वह राज्य और केंद्र सरकार के साथ मुस्लिमों को भी कसूरवार मानता है। अक्सर उसके जेहन में सवाल उठता है कि उसे अन्य कश्मीरियों की तरह अपने घर में रहने का हक क्यों नहीं है? इसी उधेड़बुन में उसका भी अंत हो जाता है। ।एक अज्ञात कश्मीरी की यह डायरी धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देने वाले सियासी दलों और नेताओं को भी कठघरे में खड़ा करती है। सूबे के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री गोल्फ खेलने में व्यस्त थे। केंद्र व राज्य सरकारों की गलत नीतियां समस्या को बढ़ा रही थीं। बिगड़ते हालात के बीच देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रूबिया के अपहरण की घटना ने सूबे में आतंकवाद को हवा दी। रूबिया की सुरक्षित वापसी के बदले आतंकियों ने जेल में बंद अपने पांच साथी रिहा करवा लिए। ।उपन्यास के नायक ने अपहरण की इस घटना के पीछे अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक का हाथ होने की आशंका जताई। यह आशंका गलत नहीं थी। हाल में स्थानीय अदालत में दाखिल आरोप-पत्र में यासीन मलिक को ही इसका मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। रूबिया के अपहरण की घटना से निपटने में राज्य व केंद्र सरकार के रवैये ने सुरक्षाबलों का मनोबल तोड़ दिया, जबकि आतंकियों के हौसले बुलंद कर दिए। वे मनमानी पर उतर आए थे। ।19 जनवरी को इस व्यथा के 31 साल पूरे ।वर्ष 1990 की 18-19 जनवरी की रात 12 बजे मस्जिदों के लाउड स्पीकर गरज उठे, ‘हम क्या चाहते, आजादी।’  ।इसके जरिये एक तरह से पंडितों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया कि घाटी में अब उनके दिन लद गए। डायरी शैली में लिखे गए इस उपन्यास में अपने ही मुल्क में शरणार्थी बने कश्मीरी पंडितों की बेबसी को सटीक और मार्मिक तरीके से व्यक्त किया गया है, जिस घटना के आगामी 19 जनवरी को 31 वर्ष पूरे हो जाएंगे। ।पुस्तक : आतंक की दहशत।लेखक : तेज एन. धर।प्रकाशक : साहित्य प्रकाशन ।मूल्य : 350 रुपये।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76507.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76507.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..61bda676f1966ee4e5a00d925a89731dd8f4e189 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76507.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, राजू मिश्र। मणिकर्णिका घाट के समीप बना वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर अक्सर चर्चा में रहता है। विशेषता यह है कि मंदिर साल में आठ-नौ माह तक पूरी तरह गंगा जल से स्वत: अभिषेक करता है। गर्भगृह ही नहीं, इसका शिखर तक डूब जाता है। दूसरी विशेषता यह है कि पीसा की मीनार की तरह यह एक तरफ नौ डिग्री कोण पर झुका हुआ है, जबकि पीसा की मीनार केवल चार डिग्री कोण पर ही झुकी है। हाल में यह मंदिर तब चर्चा में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्विटर चैलेंज में इस मंदिर को पहचानकर रीट्वीट किया। + +यह देश किंवदंतियों का देश है, जिसमें पूरा नहीं तो अर्धसत्य तो दिख ही जाता है। प्रदेश का यह अकेला मंदिर नहीं है, जिसका गर्भगृह नदी के जल में प्लावित है। कई शिव मंदिर हैं जो नदी से दूर हैं, लेकिन उनके गर्भगृह नदी के आंतरिक स्रोत से जलाभिषेक करते हैं। लेकिन काशी का यह मंदिर अपने अस्तित्व में आज भी प्रतिष्ठित है तो दो बातें स्पष्ट हैं। एक कि इस पर विज्ञानी और एतिहासिक शोध की आवश्यकता है और इस समृद्ध ज्ञान को दुनियाभर के आध्यात्मिक व जिज्ञासु पर्यटकों तक पहुंचाने की जरूरत है। इसे पर्यटन के विस्तार के रूप में भी देखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76508.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76508.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad65d05176ecf4f558cd2db5ec9cc0c563c33a52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76508.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। प्रकृति के नियमों से खिलवाड़ और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के जरिये मानव ने विकास के नाम पर आपदा मोल ले ली। अंधाधुंध औद्योगिकीकरण के नाम पर जल, जंगल, जमीन व आसमान सभी के साथ खिलवाड़ हुआ। जो नदी, तालाब व झील हमें जीवन अमृत प्रदान करतेथे, आज उनमें प्रदूषक तत्वों ने जहर पैदा कर दिया है। बेहिसाब कृत्रिम उर्वरकों के इस्तेमाल ने धरती की सेहत के साथ-साथ लोगों की सेहत पर भी बड़ा असर डाला है। यहां तक कि नुकसानदेह रसायन धरती का सीना चीरते हुए पाताल तक भी पहुंच चुके हैं। उद्योगों की चिमनियों, मोटर वाहनों व अन्य स्नोतों से निकलने वाला धुआं साफ हवा में समाता गया। जंगल और जैव विविधता भी हमारे पर्यावरण के नुकसान की भेंट चढ़ रहे हैं। ऐसे में बिना पर्यावरण को स्वस्थ और स्वच्छ किए हम सभी को कैसे शुद्ध पानी व हवा आदि मुहैया करा पाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7651.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7651.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3990016822765e79317f8f3f4449613ef9dfe37c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7651.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। करीना कपूर ख़ान बॉलवुड की उन एक्ट्रेसेज़ में शामिल हैं, जिन्होंने अपने प्रेग्नेंसी पीरियड को ख़ूब एंजॉय किया और इससे जुड़ी ज़रूरी बातों को शेयर भी किया। करीना ने अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान हुए अनुभव को एक किताब की सूरत में सबके बीच पेश किया है। इस किताब को उन्होंने Kareena Kapoor Khan's Pregnancy Bible नाम दिया है। ।इस किताब को प्रमोट करने के लिए करीना अपनी प्रेग्नेंसी की यादें सोशल मीडिया में शेयर कर रही हैं। रविवार को उन्होंने अपनी दो तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें बेबो बेबी बंप फ्लॉन्ट कर रही हैं। इन तस्वीरों के साथ लिखे कैप्शन से पता चलता है कि दूसरे बच्चे के जन्म से हफ़्ताभर पहले यह तस्वीरें खींची गयी थीं। तस्वीरें बता रही हैं कि बेबो अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी सहज और संतुलित थीं। ये तस्वीरें रोहन श्रेष्ठ ने खींची हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..40810e885fd7ba85e25d83e2b2e3f3c1773f2f5a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76510.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- राजित वर्मा, इंस्पेक्टर क्राइम, थाना हाईवे, मथुरा।बेटियों को परिवार से मिलाने को दीक्षित ने त्‍याग दिया अपना परिवार।कहते हैं इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है। बडोदरा के विमल नंदकिशोर दीक्षित ने इस धर्म को बखूबी निभाया भी। जिन बच्चियों से उनका कोई रिश्ता नहीं था, उनसे इंसानियत का नाता जोड़ा। अनजान रिश्तों में बंधी प्रीत की डोर ऐसी मजबूत है कि दोनों बच्चियों को उनके स्वजन तक पहुंचाने के लिए दो प्लाट बेच दिए। बच्चियों से ताल्लुक खत्म करने की शर्त नहीं मानी तो नवजात को लेकर पत्नी मायके चली गई। वे कहते हैं कि खुशबू के स्वजन तो मिल गए, अब कालिंदी को उसके घर पहुंचाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76512.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76512.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a09aa8d5cf290e845e527e98622f08a54c280559 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76512.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तालिबान के नेताओं के सुरक्षित ठिकानों में अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के इलाके शामिल हैं। ऐतिहासिक तौर पर भी देखें तो 1996 से पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा नहीं किया था, तब भी उसके नेताओं और लड़ाकों के लिए पाकिस्तान एक सुरक्षित ठिकाना था। वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में बैठे आतंकियों ने अमेरिका के वल्र्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। अमेरिका की कार्रवाई के बाद तालिबान के लड़ाकों और शीर्ष नेतृत्व ने पाकिस्तान में शरण ले ली और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76518.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76518.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ef3fb2494af4ffc9b85fa0d26a0b78dd049048d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76518.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में साफ पेयजल को मौलिक अधिकार माना गया है। इसके बावजूद वर्षो से गरीबों को स्वच्छ पेयजल व शौचालय से दूर रखा गया। लोगों और नागरिक संगठनों को समझने की जरूरत है कि भले ही स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता मौलिक अधिकार है और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए, लेकिन यह एक विशाल जिम्मेदारी है और इसमें देश के सभी लोगों की सक्रिय सहभागिता बहुत जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76520.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76520.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..07d8ced266ef0a7c1a7544ad80a7e46342ef6a5d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76520.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मथुरा शहर के बालाजीपुरम कालोनी में रहने वाले उदयवीर सिंह रिफाइनरी में तारकोल का ट्रक चलाते हैं। चार बेटी और एक बेटा है। 30 नवंबर 2010 को तीसरे नंबर की बेटी खुश्बू (4) का स्कूल से लौटते समय अपहरण हो गया। खलबल मच गई। शक होने पर पड़ोस के ही राजेंद्र सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। राजेंद्र जेल चला गया, लेकिन खुश्बू का पता नहीं चला। स्वजन से लेकर पुलिस तक जगह-जगह भटके, आखिर निराश हो गए और बेटी के मिलने की उम्मीद छोड़ दी। इसी दिन फीरोजाबाद के डबरई से भी अंशू (5) नाम की बेटी गायब हुई थी। अंशू और खुश्बू को अपहर्ता बड़ोदरा ले गए. यहां रिक्शा चालकों को दो बच्ची बेच दी गईं। 15 दिसंबर को बड़ोदरा के गोरखा थाने के पास रिक्शा चालक दोनों बच्चियों को लेकर आपस में झगड़ा करने लगे। तभी वहां रहने वाले विमल नंद किशोर दीक्षित की नजर पड़ी। उन्होंने पूछताछ की, तो रिक्शा चालक जवाब नहीं दे सके। विमल ने गोरखा थाने में सूचना दे दी। पुलिस देख रिक्शा चालक बच्चियों को छोड़ भाग निकले। बच्चियां थाने पहुंची, तो अपना सही से पता नहीं बता पाईं। इस पर पुलिस ने विमल के सिपुर्द दोनों बच्ची कर दीं। विमल बच्चियां घर लेकर पहुंचे तो दो सप्ताह बाद ही उन्हें लेकर पत्नी रश्मि से झगड़ा होने लगा। पत्नी ने बच्चियों को घर से हटाने की शर्त रखी। नहीं मानीं तो विमल को छोड़ कानपुर स्थित मायके चली गईं। मूलत: उत्तर प्रदेश के उन्नाव निवासी विमल बैटरी का काम करते हैं। दोनों बेटियों का दाखिला बड़ोदरा के ही श्रीकृष्ण हिंदी विद्यालय में करा दिया। स्कूल में नाम खुश्बू का तो वही रखा, लेकिन फीरोजाबाद की बच्ची सही नाम नहीं बता पाई, तो उसका नाम कालिंदी उर्फ अंशू रख दिया। विमल बताते हैं कि दोनों अपने को फीरोजाबाद और मथुरा के होने की जानकारी देतीं तो हर वर्ष वह दोनों को लेकर उनका घर ढूंढते। लेकिन निराशा हाथ लगती तो ठाकुर जी के दर्शन कर वापस चले जाते। विमल बताते हैं कि फीरोजाबाद के बच्ची ने उन्हें बताया था कि उसका पहले अपहरण किया गया और मथुरा में कार एजेंसी के पास रोककर खुश्बू का अपहरण किया गया और फिर अपहर्ता दोनों को ले गए. ऐसे में 14 जनवरी को दोनों बच्चियों को लेकर फिर विमल मथुरा आए। यहां बालाजीपुरम के पास मकान खोजा, तो जिस मकान में खुश्बू के पिता उदयवीर किराए पर रहते थे, उसके स्वामी धर्मवीर सिंह मिल गए. वह देखते ही बच्चों को पहचान गए. उदयवीर को फोन पर जानकारी दी। दस बरस बाद बेटी के मिलने की खुशी में स्वजन फूले नहीं समाए और खुश्बू को पहचान सीने से लगा लिया। उदयवीर अब शहर के लक्ष्मी नगर में रहते हैं। थाने से तस्दीक कराने के बाद विमल ने बेटी उदयवीर को सौंप दी। विमल बताते हैं कि कालिंदी ने फीरोजाबाद के डबरई से गायब होने की जानकारी दी थी, पिता का नाम प्रमोद बघेल बताया। वह वहां भी गए. एक प्रमोद बघेल मिले,उनकी बेटी गायब हुई थी, लेकिन न वह कालिंदी को पहचान पाए और न ही कालिंदी। ऐसे में विमल ने उन्हें बेटी नहीं सौंपी। दो दिन तक विमल खुश्बू के घर पर रुके। नेकदिल विमल को मुंह के कैंसर ने कब अपनी चपेट में ले लिया, पता नहीं चला। 18 जनवरी को बड़ोदरा में आपरेशन होना है। ऐसे में वह बड़ोदरा के लिए निकले, तो दोनों बेटियां भी उनके साथ तीमारदारी के लिए चली गईं। खुश्बू के भाई धर्मवीर बताते हैं कि खुश्बू वहां नौवीं में पढ़ रही है तो कालिंदी दसवीं की छात्रा है। आपरेशन के बाद फिर विमल दोनों बेटियों को लेकर आएंगे और कालिंदी के मां-बाप को ढूंढेंगे। ।अनजान रिश्तों की डोर थाम संकल्प पूरा करने में जुटे रहे विमल।कहते हैं इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इसी धर्म का विमल नंदकिशोर दीक्षित ने पालन किया। जिन बच्चियों से उनका कोई रिश्ता नहीं था, उनसे नाता जोड़ा। अनजान रिश्तों में बंधी प्रीत की डोर ऐसी मजबूत है कि बच्चियों का घर ढूंढने में अपने प्लाट बेच दिए। रुके तभी जब खुश्बू के आंगन में खुशियां बिखेर दीं। विमल नंदकिशोर दीक्षित बैटरी का साधारण काम करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa5b53a37a600ebe8b6c099fa335e3f937288181 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिलावल ने कहा है कि वो अराजकतावादी नहीं है। वो लोकतंत्र में विश्‍वास रखते हैं। इसलिए वो इमरान की हर करतूत के लिए कानूनी रूप से सही कदम आगे बढ़ाते हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वो इमरान के हर गलत कदम की बात सदन में उठाए। उनके मुताबिक वो इस मामले में पीडीएम के सभी दलों को एक साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्‍होंने इमरान खान पर तंज कसते हुए ये भी कहा कि देश की जनता सब कुछ भलीभांति जानती और समझती है। वो ये भी जानती है कि इमरान सरकार में बने रहने के लिए क्‍या कुछ कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fed7573ec3c9b946dd10075c38dddba03583d565 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। रूस की सरकार ने आलोचक एलेक्‍सी नवलनी को स्‍वदेश वापस आने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया है। इस बात का पहले से ही अंदेशा भी जताया जा रहा था। नवलनी लगभग छह माह के बाद स्‍वदेश वापस लौटे थे। बीते वर्ष 30 दिसंबर 2019 को ही उनके खिलाफ रूस की सरकार ने दबाव बनाते धोखाधड़ी के नए मामले दर्ज किए थे। उन पर आरोप है कि एंटी करप्‍शन फाउंडे समेत अन्‍य संस्‍थाओं के लिए अरबों डॉलर की फंडिंग में धांधली किए जाने का आरोप है। उनके स्‍वदेश पहुंचने से पहले ही रूसी जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी थी। इसके अलावा उनके ऊपर एक पुराने मामले में सजा के निलंबन की शर्तो का उल्लंघन किए जाने का भी आरोप लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76525.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76525.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9396ccc820f2ba7b7872522071c330fc702f42ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76525.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण हाल के दिनों में कम हुआ है। इसके बावजूद अब भी कोरोना से मौत हो रहीं हैं। टीकाकरण का अभियान भी शुरू हो गया है। इस बीच टीके को लेकर तरह-तरह के सवाल भी उठाए जा रहे हैं। शुरुआती चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा रहा है। दबी जुबान से कुछ डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी भी टीके को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इसके मद्देनजर टीके के ट्रायल का हिस्सा रहे एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पुनीत मिश्र से रणविजय सिंह ने बातचीत की। उन्होंने टीकाकरण के पहले दिन एम्स में खुद भी टीका लगवाया। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश:। टीका लगने के बाद आपको किसी तरह की कोई परेशानी महसूस हुई?।-16 जनवरी को सुबह करीब 11:30 बजे टीका लगा था। एक दिन बाद भी कोई परेशानी नहीं है। बिल्कुल ठीक और स्वस्थ हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76528.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76528.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5727b6de5f8547e08ce5798dcfa50beb046c71d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76528.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[अभिषेक कौशिक] मेरठ। सारे जहां से अच्छा हिंदोस्‍तां हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलिस्तां हमारा..। देशभक्ति की कुछ ऐसी ही धुन जल्द ही शहर के कोने-कोने में गूंजेंगी। इससे न सिर्फ बच्चों और युवाओं में देशसेवा का जज्बा पैदा होगा, बल्कि पर्यटकों को भी रिझाया जा सकेगा। इसकी रूपरेखा तैयार हो रही है। पूरे प्रदेश में इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। + +पुलिस और अन्य फोर्स में गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। शहरवासियों को भी देशभक्ति से सराबोर करने की तैयारी है। इसी क्रम में सप्ताह में एक दिन शहर के कोने-कोने में पुलिस और पीएसी के बैंड देशभक्ति से जुड़ी धुनों को बजाया करेंगे। गौरव गाथा से रूबरू करा शहर के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसका मकसद बच्चों और युवाओं में देशसेवा का जज्बा पैदा करना और पुलिस व आम जनता के बीच बढ़ती दूरी को कम करना है। 26 जनवरी से पहले शहर में देशभक्ति की धुनें सुनाई देने लगेंगी। + +ये हैं प्रस्तावित चिन्हित स्थल । शहीद स्मारक,  गांधी बाग, सूरजकुंड पार्क,  बच्चा पार्क,  फुटबाल चौराहा,  बेगमपुल चौराहा,  कमिश्नरी चौराहा, साकेत चौराहा,  हापुड़ अड्डा चौराहा,  तेजगढ़ी चौराहा, भैंसाली बस स्टैंड, सोहराब गेट बस स्टैंड, सिटी स्टेशन, रेलवे रोड चौराहा।शासन से इस संबंध में पत्र प्राप्त हो गया है। शहर के मुख्य स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है। पीएसी के अधिकारियों से भी वार्ता की जा रही है। जल्द ही शहर में पुलिस और पीएसी के बैंड की धुन सुनाई देने लगेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76529.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76529.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..372406e4af8c4f16c9ebe7dae158e2f3b62ebe4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76529.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद, जेएनएन। बर्ड फ्लू अब धनबाद भी पहुंच चुका है। केंद्रीय खनन व ईंधन अनुसंधान संस्थान परिसर (सीआइएमएफआर) में कौआ और अन्य चिड़ियां मर रहे हैं। सुबह की सैर काे सिंफर परिसर जाने वाले अधिवक्ता रामपुनीत चाैधरी ने रविवार की सुबह भी एक कौआ काे मृत पाया। एक कौआ तड़प रहा था। चाैधरी उस कौए काे अपने साथ अपने आवास ले आए। बाद में वे उसे इलाज कराने के लिए धनबाद के उपायुक्त उमाशंकर सिंह के आवास पहुंच गए। हालांकि उपायुक्त उस वक्त आवास में नहीं थे। वे जिम गए हुए थे। दूरभाष पर कर्मियाें ने बात कराई ताे उपायुक्त ने उनके पास जिला पशुपालन पदाधिकारी काे भेजने की बात कही। इसके बाद चाैधऱी काैए काे लेकर अपने आवास पहुंच गए। ।सिंफर ने नहीं ली पक्षियों की सुध ।चाैधरी के मुताबिक उन्हाेंने सिंफर परिसर में तकरीबन 30 नीम के पाैधे लगाए हैं। वे प्रत्येक दिन सिंफर परिसर सुबह की सैर काे जाते हैं और प्रत्येक रविवार काे पाैधाें में पानी देते हैं। पिछले एक-दाे दिन में उन्हाेंने कई चिड़ियां काे मृत पाया और इसकी सूचना सिंफर कर्मियाें काे दी। हालांकि काेई कार्रवाई नहीं हुई न ही यह जांच की गई कि वे बर्ड फ्लू से मर रहे हैं या किसी अन्य बीमारी से। पहले मृत चिड़िया नहीं मिलते थे। बर्ड फ्लू के दाैरान मृत हाेने से पक्षियाें में इसका असर हाेने की आशंका है। यही साेचकर रविवार काे वे एक तड़प रहे काैआ काे लेकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और इलाज की व्यवस्था कराने की बात कही। दरअसल उनके पास जिला पशुपालन पदाधिकारी का काेई संपर्क संख्या पता नहीं था। न ही वे पशुपालन अस्पताल कहां है यह जानते हैं। उपायुक्त के आश्वासन के बाद वे अपने आवास लाैट आए। हालांकि संक्रमित पक्षी काे उठाना खतरनाक हाे सकता है लेकिन जब तक जांच न हाे तब तक लाेग सजग भी नहीं हाे सकते। लिहाजा उन्हाेंने यह खतरा उठाने का फैसला लिया। ।उपायुक्त के आदेश पर पहुंचा कम्पाउण्डर ।उपायुक्त ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को फोन किया। इसके बाद जिला पशुलान पदाधिकारी ने अपने अस्पताल के एक कम्पाउण्डर को रवाना किया। वह अधिवक्ता रामपुनीत चाैधरी के घर पहुंचा। काैए की जांच की। फिर कम्पाउण्डर इलाज के लिए कौए को अपने साथ ले गया। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76534.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76534.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b4374150ede76f4fd51c89fdfc377574dbc34184 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76534.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +[अश्‍वनी त्रिपाठी] सहारनपुर। हैरान हो जाना स्‍वाभाविक है, जब जानकारी यह मिले कि एक किसान का गुड़ पांच हजार रुपये किलो भी बिकता है। सहारनपुर का एक गांव है मुबारकपुर, यहीं के किसान संजय सैनी दस एकड़ में न केवल जैविक विधि से गन्ने की खेती कर रहे हैं, वरन रसायनमुक्त गन्ने को चीनी मिल में बेचने की जगह अपने कोल्हू पर 77 प्रकार के गुड़ भी बना रहे हैं। इनकी कीमत 80 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये प्रति किलो तक है। गुड़ की ऐसी आसमानी कीमत सुनकर हर कोई हैरान हो जाता है। सबकी हैरानी दूर करते हुए संजय बताते हैं, -पांच हजार रुपये प्रति किलो वाला गुड़ च्यवनप्राश से भी ज्‍यादा खूबियों से समृद्ध है। च्यवनप्राश बनाने में जितने प्रकार की सामग्री (जड़ी-बूटी आदि) लगती है, इस गुड़ में उससे भी ज्‍यादा सामग्री मिलाई जाती है। संजय को अपना गुड़ बेचने कहीं जाना नहीं पड़ता, उनका पूरा गुड़ घर से ही बिक जाता है, इस गुड़ के खरीदार पूरे देश में हैं। + +ऐसे हुई शुरुआत।गन्‍ना मिलों पर बकाए को लेकर परेशान रहने वाले किसानों के लिए संजय सैनी ने एक रास्‍ता खोला है। संजय बताते हैं कि वर्ष 2000 में उन्‍होंने जैविक गन्ने की खेती की ओर रुख किया। फसल अच्‍छी हुई तो उसे मिल में बेचने की जगह स्‍वयं के कोल्हू पर ही जैविक गुड़ बनाने का सिलसिला शुरू कर दिया। गुड़ बनाते समय गन्‍ने के रस को साफ करने के लिए भी किसी केमिकल का प्रयोग करने की जगह सरसों के तेल, दूध और रेंड़ी के तेल का प्रयोग शुरू किया। धीरे-धीरे उनके जैविक गुड़ के कद्रदान बढ़ते गए। सराहना मिली तो हौसला भी बढ़ा, परिणाम अब सामने है। आज उनके कोल्‍हू पर आसपास के 10 लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है। संजय सैनी ने जड़ी-बूटियों से संबंधित कई पुस्तकों का अध्ययन किया था। जैविक गुड़ बनाने में उनका यह ज्ञान काम आया। किस गुड़ में किस सामग्री और जड़ी-बूटी को कितनी मात्रा में डालना है, यह अनुपात उन्‍हें पठन-पाठन और अपने अनुभव से मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5fdc1c21caa915ba96cfabb0d512f5008b4e29d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कफ को रोकने के लिए सोंठ, काली मिर्च और दालचीनी के मिश्रण से गुड़ तैयार किया जाता है। वहीं, मधुमेह के मरीजों के लिए अश्वगंधा, मेथी, अजवायन और लेमनग्रास मिश्रित गुड़ की खूब मांग है। संजय बताते हैं, यह मधुमेह रोकने में बेहद कारगर है। बुजुर्गो के लिए सतावर और सफेद मूसली मिला गुड़ बेहद लाभकारी है। ।अब गन्ना कुल्फी की तैयारी ।गुड़ के बाद संजय अब गन्ने के रस की कुल्फी और गन्ना जलेबी बनाने की तैयारी में हैं। संजय सैनी किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करते हैं, उन्हें प्रशिक्षण भी देते हैं। आज इनके द्वारा प्रेरित देश भर के 650 किसानों का समूह जैविक खेती पर काम कर रहे हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9f3732961725e21572a06c804067b2330d7203b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। इंटरनेट मीडिया पर इन दिनों कांग्रेस नेता अलका लांबा की एक फोटो खूब वायरल हो रही है। इसमें उनका हाथ खून से रंगा हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल, शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ किसानों के पक्ष में प्रदर्शन के दौरान उनके दाहिने हाथ की अंगुली में चोट लग गई थी। अंगुली से खून निकलने पर उन्होंने हाथ को इस कदर झटका कि खून के छींटे न सिर्फ कार्यकर्ताओं, बल्कि पुलिस और मीडियाकर्मियों के ऊपर पर भी गिर गए। इसके बाद विपक्षी दलों ने उनके इस तरह के व्यवहार को सियासत से जोड़ दिया है और आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया है, ताकि जनता की सहानुभूति मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76539.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76539.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3479c6ce018657e99eac6808f811310081c9b22b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76539.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हैदरपुर गांव के 500 से ज्यादा बच्चों को देती हैं तकनीक का ज्ञान ।सना कहती हैं कि शिक्षा ही एकमात्र ऐसी चीज जो जीवन बीमा बन सकती है और इसी से हमें सही-गलत का फर्क भी सीखने को मिलता है। उनके मुताबिक आज गरीब समाज के लोगों के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है लेकिन वह इसे प्राथमिकता में नहीं रखते हैं। इसलिए उन्होंने हैदरपुर गांव में रह रहे 500 से ज्यादा बच्चों को शिक्षित करने का ठाना। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले उन प्रवासियों का आधार कार्ड बनवाया जो बाहर के राज्यों से आकर दिल्ली में रह रहे थे। फिर पास के ही स्कूल में दाखिला दिलाने का कार्य किया। उनके मुताबिक वो अब तक करीब 50 बच्चों का दाखिला करा चुकी हैं। इसमें कुछ छात्र हैदरपुर गांव के पास स्थित सर्वोदय विद्यालय में पढ़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76540.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76540.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3242d4cc00323a78411de7c74ec4ef70c53ec949 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76540.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फिर नौकरी पर।मेघा के जब दूसरा बच्चा हुआ तो उन्हें आराम से नींद में दूसरी दुनिया के सपने देख रहे बच्चे को क्रेच में छोड़ना गवारा नहीं हुआ और उन्होंने अपनी मौजूदा सíवस से ब्रेक लेने की ठान ली। वह एक प्राइवेट संस्थान में काम करती थीं और सीनियर्स से बातकर उन्होंने छुट्टियां ले लीं। दो साल बच्चों के साथ रहने पर मेघा घर में रम गईं, उनका बिल्कुल भी मन नहीं रहा वह नौकरी करने का जिसमें नाम, पसंदीदा काम और पैसा सब कुछ था। एक दिन उनको संस्थान से मैसेज मिला फिर ज्वॉइन करने का, वह पसोपेश में पड़ गईं। बच्चों की देखभाल से समझौता करने का उनका कोई विचार नहीं था। + +होममेकर बने रहना उन्हें भा रहा था, लेकिन एक दिन पति के साथ बहस हो गई और वह गुस्से में बोल गए कि दिनभर क्या करती रहती हो? केवल सोती ही तो रहती हो? उसी समय मेघा को एहसास हुआ कि वह घर से बाहर जाकर काम करेंगी तभी उनके काम को सम्मान मिलेगा अन्यथा वह बेकार समझी जाती रहेंगी। तुरंत ही उन्होंने फिर से सíवस ज्वॉइन करने का फैसला कर लिया और कशमकश से निकल गईं। वह कहती हैं, गृहिणी को कमतर समझना लोगों के दिमाग में सेट हो गया है। वे इस मानसिकता से बाहर निकल ही नहीं सकते कि गृहिणियां दिनभर फालतू बैठकर सिर्फ गप्पें लड़ाती हैं या चादर तानकर सोती हैं या टीवी सीरियल्स देखती रहती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76541.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76541.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..616a1281c5733e328c4721b83df0f2b7c1f9cef4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76541.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, वीके शुक्ला। सर्दियों में हर साल राजधानी की हवा दमघोंटू हो जाती है। इससे जनता को बचाने के लिए दिल्ली सरकार से लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक सभी अपने-अपने स्तर पर प्रयास करते हैं। हालांकि, इस पर खास अंकुश अब तक नहीं लग सका है, लेकिन तमाम सर्वे और अध्ययन यह बताते हैं कि राजधानी में प्रदूषण की एक बड़ी वजह डीजल वाहनों का अधिक मात्र में होना है। + +ऐसे में इस साल डीजल वाहनों की बिक्री का जो आंकड़ा सामने आया है, वह काफी हद तक राहत देने वाला है। अन्य वाहनों की तुलना में इन वाहनों की बिक्री काफी कम हुई है। वहीं हाइब्रिड वाहनों की तरफ भी लोगों का रुझान बढ़ रहा है। हालांकि, 2020 में सिर्फ 32 डीजल हाइब्रिड वाहन बिके। वहीं पेट्रोल-हाइब्रिड वाहनों की बिक्री पांच हजार से ज्यादा हुई है। ।क्या होते हैं हाइब्रिड वाहन।जिन गाड़ियों को चलाने के लिए दो या दो से अधिक ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें हाइब्रिड वाहन की श्रेणी में रखा जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो इन वाहनों में दो तरह के इंजन होते हैं। यानी पेट्रोल या डीजल के साथ वाहन में एक इलेक्टिक इंजन भी होता है। दोनों इंजन वाहन को पावर सप्लाई करते हैं। ।प्रदूषण बढ़ाने में थी बड़ी भूमिका ।दरअसल राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ाने में इन डीजल वाहनों की बड़ी भूमिका थी, जिसको देखते हुए एनजीटी और अन्य महकमों की ओर से सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे। इसी कड़ी में लोगों को डीजल वाहनों से दूरी बनाने के लिए भी अपील की गई। इसका कुछ हद तक असर भी देखने को मिला है। ।इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर ।अब सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। वाहनों को चार्ज करने के लिए स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं। सरकार की ओर से ऐसे वाहन खरीदने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी देखने की भी घोषणा कर दी गई है। लोग उस ओर रूख कर रहे हैं। इससे राजधानी और आसपास के इलाके में प्रदूषण को कम करने की दिशा में मदद मिलेगी। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76544.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ee2d042bb92839ba123f6361e62b6fd8cf81736 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76544.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, सीमा झा। अवसाद तेजी से पांव पसार रहा है। कहते हैं कोरोना आपदा से आप अभी गुजर रहे हैं लेकिन अवसाद की आपदा पहले से ही मौजूद है जिससे दुनिया बीते सालों में बुरी तरह जूझ रही है। एक नये अध्ययन के मुताबिक, एंजायटी और मानसिक बीमारियों का एक बड़ा कारण आनुवंशिक होता है पर इसमें आपके जीवन की रोजमर्रा की वे बातें भी शामिल हैं जिन्हें आपने महज एक कड़वा अनुभव मानकर अपने भीतर कहीं दबा दिया है। ये अनुभव दरअसल आपके साथ होने वाला कोई भेदभाव या पक्षपातपूर्ण रवैये से उपजे हो सकते हैं। आप भले ही उन्हें एक सामान्य घटना मान लें पर संभव है वे भविष्य में आपकी मानसिक सेहत के लिए बड़ी चुनौती बन जाएं। + +दरअसल, कम या ज्‍यादा यह हर समाज में लोग सामाजिक भेदभाव के शिकार बनते रहते हैं। यह समाज की एक आम घटना है पर जब यह मानसिक सेहत के लिए चुनौती बनने लगे, तो हमें इस ओर सजग होना होगा। लैंगिक भेदभाव भी कारोना काल में घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों में खूब देखा गया है। आंकड़े डरावने हैं। इसी तरह, पिछले करीब एक साल में समाज के भेदभावपूर्ण रवैये का ताजा उदाहरण कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव के रूप में देखा जा रहा है। सवाल यह है कि क्या हम महामारी के इतने माह बाद भी इस बात पर आत्‍ममंथन करने को तैयार हैं कि हम किस तरह के समाज की ओर बढ़ रहे हैं! क्या ऐसा समाज हमारे हित में है?।कहीं खो न दें अपने लोग : इस बारे में अहमदाबाद के वरिष्‍ठ मनोचिकित्‍सक डॉक्‍टर स्‍पंदन ठाकुर कहते हैं, ‘हम अपनी असुरक्षाओं के कारण इस कदर कमजोर पड़ जाते हैं कि यह नहीं सोच पाते कि हमारा व्‍यवहार कैसा हो, क्‍या कहें, कैसे शब्‍दों का उपयोग करें। बस झट से अपनी कुंठा निकाल देते हैं।' डॉक्‍टर स्‍पंदन के अनुसार, यह थोड़ी देर के लिए राहत तो देता है, यह अपने तनाव से राहत पाने का एक तरह से ‘कोपिंग मैकेनिज्‍म’ हो सकता है पर सच तो यह है कि इससे सामाजिक जीवन या पारिवारिक जीवन में बड़ी दुर्घटना घट सकती है।’ स्‍पंदन ठाकुर यह भी बताते हैं कि कैसे कोरोना काल में लोगों ने अपने ही उन पड़ोसियों से दूरी बना ली, जिनके साथ कभी दिन रात उठना बैठना होता रहता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8335a7d2ca0fe255538431f62865385eb8fd57c5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76545.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुणों की खान हैं देसी श्वान : देसी नस्ल के श्वानों ने विदेश में भी अपनी दक्षता और लोकप्रियता का परचम लहराया है। ‘द बुक ऑफ इंडियन डॉग्स’ के लेखक और डॉग ब्रीडर तमिलनाडु के सुंदरराज थियोडोर भास्करन कहते हैं, ‘इतिहास गवाह है कि भारतीय नस्लों के कई श्वान बाहरी आक्रमणकारियों को इतने पसंद आए कि वे इन्हें अपने साथ ले गए और आज भी अमेरिका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में इन्हें बेहद पसंद किया जाता है। दरअसल, इनकी तेज बुद्धि, तत्परता, पहचानने की क्षमता और अनुकरण करने का गुण विदेशी श्वान की अपेक्षा कहीं अधिक होता है।’ देसी नस्लें अवहेलना का शिकार हो विलुप्ति के कगार पर पहुंच रही थीं, लेकिन एक बार फिर इनकी तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ और अब लोग देसी नस्लों को पालने में दिलचस्पी दिखाने लगे हैं। मुंबई के श्वान पालक और प्रशिक्षक दीपक शर्मा बताते हैं, ‘देसी नस्ल के श्वानों की उम्र विदेशी श्वानों की अपेक्षा अधिक होती है। कई नस्लों की तो लंबाई, क्षमता और शक्ति भी ज्यादा होती है और सबसे बड़ी बात ये बीमार भी कम होते हैं। ये देश की पारिस्थितिकी और खान-पान से परिचित होते हैं व हर तरह का भोजन पचाने की क्षमता भी रखते हैं।’ इन श्वानों की आभास करने व पहचानने की बेहतर क्षमता के कारण ही सीमा सुरक्षा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में भी भारतीय नस्ल के श्वानों को तरजीह दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9e230b28949f3fa3d8022385719e702ea758eb6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76546.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आगरा, राजेश मिश्रा। कोविड 19 ने पूरी दुनिया में हा-हाकार मचा रखा है। वायरस के बदलते स्ट्रेन से महामारी का आलम कायम है। कई देश अभी भी इसकी चपेट में हैं। आम हो या खास, हर कोई दहशतजदा है। भारत में कोरोना का वैक्सीनेशन जल्द शुरू होने वाला है। इस वैक्सीन के लिए देश-दुनिया के विज्ञानी दिनरात एक किए हुए थे। वायरस का नया स्‍ट्रेन कभी-कभी विज्ञानियों को चिंतित कर देता है। पेट्स यानी कुत्तों में कोरोना वायरस की पहचान कई दशक पहले हो गई थी। 18 सालों तक विज्ञानियों की निरंतर रिसर्च के बाद वैक्सीन तैयार हो पाई, मगर इस दौरान कोरोना वायरस ने सात बार स्ट्रेन बदले थे। ।कोरोना संक्रमण एक जेेनेटिक डिसीज है। ये स्तनधारी पशुओं से इंसान में फैलती है, मगर पेट्स में पाए जाने वाले कोरोना वायरस में ऐसा कभी नहीं पाया गया। पेट्स से पेट्स में ही ये बीमारी फैलती है। पशु चिकित्सा में इसे कोरोना वायरल डायरिया कहा जाता है। बुखार, उल्टी-दस्त इस बीमारी के लक्षण होते हैं। पशुधन प्रसार अधिकारी डा. सतीश शर्मा इस वायरस के इतिहास के बारे में बताते हैं कि पेट्स में कोरोना वायरस की पहचान सबसे पहले 1932 में हुई थी। इसके बाद से ही विज्ञानी वैक्सीन की तैयारी में जुट गए थे। मगर, वायरस के बार-बार बदलते स्ट्रेन ने विज्ञानियों को भ्रमित बनाए रखा। आखिर 1950 में इसकी वैक्सीन बाजार में आ गई थी। इस दौरान वायरस ने सात बार स्ट्रेन बदले थे। + +स्ट्रीट डॉग्स का भी वैक्सीनेशन कराते हैं डॉग्स लवर।गली के कुत्तों को लोग अभी भी हेय दृष्टि से देखते हैं, उन्हें भगाते हैं। गली के कुत्ते अक्सर काट लेते हैं। इससे रैबीज बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। समय पर प्रभावी इलाज न कराया जाए तो ये बीमारी जानलेवा भी साबित हो जाती है। इसके लिए आम लोग स्ट्रीट डॉग्स से दूर ही रहते हैं। मगर, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी गली-मुहल्ले के आवारा कुत्तों का ध्यान रखते हैं। डा. शर्मा बताते हैं कि समाज में डॉग्स लवर का ट्रेंड बढऩे लगा है। तमाम लोग स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन कराने लगे हैं। पश्चिमपुरी स्थित पशु सुरक्षा कवच संस्थान के सेवा प्रमुख डा. शर्मा कहते हैं कि ऐसे स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीन उनकी संस्था मुफ्त में करती है। + +कोविड 19 के बाद बढ़ गई जागरूकता।पेट्स के टीकाकरण के बारे में आम लोग ज्यादा जागरूक नहीं थे। उनकी जानकारी और ध्यान सिर्फ वैक्सीनेशन नाम तक ही सीमित था। मगर, कोविड 19 के प्रकोप के बाद लोगों में अपने पेट्स को भी कोरोना वैक्सीनेशन के बारे में जागरूकता बढ़ी है। इसीलिए पेट्स में कोरोना वैक्सीनेशन कराने का चलन बढ़ा है। बाजार में वैक्सीन की डिमांड भी बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fcf9592f832295abe973cab35261732ee98d79fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76548.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। सेना दिवस परेड में शुक्रवार को पहली बार ड्रोन की ताकत का प्रदर्शन किया गया। दुश्मन के ठिकानों पर कहर बनकर टूटने वाले ड्रोन सेना की शान हैं। हालिया दौर में ड्रोन हर सेना के अहम अंग बनते जा रहे हैं। हालांकि, सैन्य गतिविधियों के अलावा विभिन्न शोध गतिविधियों से लेकर फोटोग्राफी तक ड्रोन का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि आज कैसी है ड्रोन की स्थिति है और इसका भविष्य कैसा होगा...।अगले कुछ वर्षों में और बड़ा हो जाएगा ड्रोन का बाजार। साल 2019 में वैश्विक सैन्य ड्रोन बाजार 10.53 अरब डॉलर (770 अरब रुपये) का था। अनुमान है कि 2027 तक यह बाजार बढ़कर 23.78 (1,739 अरब रुपये)अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस दौरान 12.12 फीसद की कुल वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। इसके साथ ही 2020-2025 के मध्य ड्रोन का व्यावसायिक बाजार 22.5 अरब डॉलर (1,645 अरब रुपये) से 42.8 अरब डॉलर (3,129 अरब रुपये) होने का अनुमान लगाया गया है। इस दौरान 13.8 फीसद कुल वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान है। चीन स्थित डीजेआइ दुनिया में सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता कंपनी है। वैश्विक बाजार का 70 फीसद यहीं से आते हैं। + +ड्रोन प्रौद्योगिकी का इतिहास। ड्रोन को दो दशक से अधिक समय हो गया है, प्रथम विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और फ्रांस दोनों ने स्वचालित मानव रहित हवाई जहाज विकसित करने पर काम किया था। हालांकि ब्रिटेन ने 1917 में रेडियो से नियंत्रित होने वाले हवाई उड़ान का परीक्षण किया था। दुनिया भर में शौकीनों को लुभाने के साथ तकनीकी रूप से संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों तक ड्रोन पहुंच बनाने में कामयाब रहा है। पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन तकनीक विकसित और समृद्ध हुई है। + +कारगिल युद्ध में ड्रोन ने किया था कमाल।भारत ने पहली बार 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इजरायल द्वारा आइएआइ हेरोन भारत को दिए गए थे। उसके बाद से भारतीय सेना इजरायली ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। भारत का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) सैन्य जरूरतों के लिए कई तरह के ड्रोन विकसित करने में जुटा है। इनमें लक्ष्य, निशांत और रुस्तम शामिल हैं। फिक्की की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में ड्रोन का बाजार 88.57 करोड़ डॉलर (करीब 6,477 करोड़) रुपये का है। + +सैन्य ड्रोन है आज और कल की जरूरत। वैश्विक स्तर पर सुरक्षा कई देशों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। ऐसे में ड्रोन कई तरह से कारगर है। लक्ष्य का पता लगाने से हमला करने तक इसके कई इस्तेमाल हैं। हालिया दौर में कई अभियानों के दौरान ड्रोन की अहमियत सामने आई है। इससे चालक पर होने वाले करोड़ों के खर्च से बचा जा सकता है और मानव हानि के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba4cd77b9a1222c58bc9e9b5b1f2fb6ec9af93aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7655.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता अजय देवगन की फिल्म भुज- द प्राइड ऑफ इंडिया का ट्रेलर रिलीज हो गया है। यह एक पीरियड वॉर फिल्म है। सोमवार को रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर पर केआरके (कमाल आर खान) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। खुद को फिल्म क्रिटिक्स बताने वाले केआरके कई फिल्मों और सितारों के खिलाफ अक्सर बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने अजय देवगन की फिल्म भुज- द प्राइड ऑफ इंडिया का मजाक उड़ाया है। + +केआरके ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैंने आज तक किसी भी ट्रेलर की समीक्षा करने के लिए 6 पेज की स्क्रिप्ट नहीं लिखी। लेकिन मैंने ऐसा फिल्म भुज- द प्राइड ऑफ इंडिया की समीक्षा करने के लिए किया है, क्योंकि यह सबसे फनी ट्रेलर है, जिसे मैंने पिछले कुछ वर्षों में देखा है।' सोशल मीडिया पर केआरके का यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। कई फैंस और सोशल मीडिया यूजर्स उनके ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76551.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76551.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75caf1093fd85f82e1b1d9e9a7b9af497b43b63d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76551.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, गौरव भारद्वाज। कोरोना संक्रमण काल में आपदा को अवसर में बदलने वालों में ताजनगरी के युवा साफ्टवेयर इंजीनियर कुणाल पसरीचा का नाम भी जुड़ गया है। सरकार ने जब चाइनीज एप पर प्रतिबंध लगाया तो कुनाल को भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने का सही समय लगा। उन्होंने चीनी एप कैम स्कैनर की जगह भारत कैम स्कैनर एप बनाया। महज छह माह में उनके एप को साढे़ छह लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76553.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76553.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ebe52e083a47bba9762ba09bf4086269adb2dca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76553.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, संतोष कुमार सिंह। कड़ाके की इस सर्दी में भी दिल्लीवासियों के कंठ सूख रहे हैं। अमूमन इस मौसम में पानी की किल्लत नहीं होती है, लेकिन प्राणदायिनी यमुना इतनी मैली हो गई है कि इसका जल आधुनिक संयंत्रों में भी अब साफ नहीं हो रहा। पानी में अमोनिया का स्तर तय सीमा से कई गुना ज्यादा बढ़ गया है, जिससे जल शोधन संयंत्र बार-बार बंद करने पड़ रहे हैं। इस वजह से दिल्ली के कई इलाकों में जल आपूर्ति बाधित होती है। यमुना और दिल्लीवासियों का यह दर्द कोई नया नहीं है। सियासत व शासन, प्रशासन की उपेक्षा ने पवित्र नदी के जल को विष में बदल दिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने इसके लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नजरें सुनवाई पर टिकी हैं। शायद शीर्ष अदालत की दखल से इस नदी का वैभव लौट आए। इससे दिल्लीवासियों को शुद्ध जल भी नसीब हो सकेगा। + +समाधान वार्ता से ही निकलता है।विवाद चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, समाधान वार्ता से ही निकलता है। इस सच्चाई को स्वीकार करने में जितनी देर होती है, नुकसान उतना ज्यादा निश्चित है। नए कृषि कानूनों को लेकर भी यही स्थिति है। इन कानूनों के विरोध में किसान पिछले लगभग दो माह से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। कानून वापसी से कम कुछ भी इन्हें स्वीकार नहीं है, न तो सरकार की अपील का असर हो रहा है और न अदालत की पहल पर विश्वास। सुप्रीम कोर्ट ने विवाद सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, लेकिन किसान नेताओं को यह भी पसंद नहीं है। इसलिए कमेटी के सदस्यों को भी सरकार का पक्षधर बताकर इनके साथ वार्ता करने से इन्कार कर रहे हैं। इनका अड़ियल रवैया हानिकारक साबित हो रहा है। किसानों के जीवन को दांव पर लगाने के बजाय नेताओं को जनहित में फैसला लेना चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76556.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9eb29dfe046425d3175ee2fbb7c17173ea1e5e39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76556.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पीएसआरआइ अस्पताल के घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. गौरव प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि टीका लगने से संक्रमण की रोकथाम जल्द हो सकेगी। ट्रायल में दोनों टीकों का खास दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है। टीका संक्रमण से बचाव में हो सकता है कि 70 फीसद ही प्रभावी हो फिर भी टीका लेने से काफी फायदा मिलेगा, इसलिए टीका लेने का फैसला किया है। + +#WATCH | Manish Kumar, a sanitation worker, becomes the first person to receive COVID-19 vaccine jab at AIIMS, Delhi in presence of Union Health Minister Harsh Vardhan. pic.twitter.com/6GKqlQM07d।टीका लगने के बाद निडर होकर इलाज कर सकेंगे डॉक्टर। इंडियन स्पाइन इंजरी सेंटर के स्पाइन सर्जन डॉ. बी मोहपात्रा ने कहा कि यह जानकार खुशी हुई कि पहले दिन टीकाकरण के लिए उनका नाम आया है। मन में थोड़ा डर तो है, लेकिन टीकों के बारे में जितनी जानकारी है उसके अनुसार टीका लगने के बाद यदि संक्रमण होता भी है तो उसकी गंभीरता बहुत कम होगी। इसके अलावा टीका लगाने के बाद डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी निडर होकर इलाज कर सकेंगे। इसलिए पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका उपलब्ध करने का फैसला अच्छा है। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76557.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76557.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2aad4170429b88dde0a5f213f371f6184cb11802 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76557.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनीतिक टीकों को लेकर एक असमंजस है कि कौन किसे लगा रहा है, यह पता नहीं चलता। गत शनिवार और रविवार को पटना में जदयू (जनता दल यूनाइटेड) की राज्य परिषद की बैठक हुई। बैठक में कम सीट पाने की कसक उभरी, हारे हुए प्रत्याशियों के गुबार निकले और आरोप लगे कि हार के पीछे लोजपा से ज्यादा भाजपा जिम्मेदार है। कहने वालों ने और भी तरह-तरह के आरोप लगाए, जबकि जिम्मेदारों ने मौन साधे रखा। जदयू के इस टीके को राजद के लिए बेहतर और भाजपा के लिए नुकसानदायक समझा गया, लेकिन भाजपा तो भाजपा, बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने काट वाला टीका निकाला और राजद को यह कहकर लगाया कि खरमास बाद वह खुद को बचाकर दिखाए। टीका राजद को लगाया, लेकिन असर जदयू पर हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76558.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76558.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c60dcaa11520bc1f7085a9ca8553f022789ee1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76558.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[जहीर हसन] बागपत।  संकट को अवसर में बदलना कोई मोनिका से सीखें। वह सिलाई मशीन से बेरोजगारी के साथ कोरोना को मात देने में जुटी हैं। पीपीई किट की सिलाई कराकर 150 घरों के चूल्हे जलवाकर आत्मनिर्भर भारत की शानदार मिसाल कायम कर रही हैं। महिला स्वावलंबन की नजीर बनीं मोनिका को गर्व है कि उनकी किट पहनकर लोग हवाई जहाज में भी सफर करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76559.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76559.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65390ddb5c5ffd26fd98acf50b2bcf28658ac48c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76559.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन प्रजातियों के मिले पक्षी।जोधपुर झाल में बार हेडेड गूज, ब्लैक टेल्ड गेडविट, नार्दन शोवलर, टैमिनिक स्टिंट, कामन टील, काम्ब डक, रेड क्रिस्टिड पोचार्ड, व्हाइट टेल्ड लेपविंग, पाइड एवोसेट, वेगटेल, काॅमन रेडशेंक, रूफ, कामन स्नाइप, नोर्दन पिनटेल, गेडवाल, स्पोटिड ईगल, मार्श हैरियर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, कामन पिनटेल, कामन सेंडपाइपर, ग्रीन शेंक, रैड शेंक, बूली नेक्ड स्टार्क, पेंटेड स्टार्क, ब्लैक हेडेड आइबिश, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, ब्लैक बिग्ड स्टिल्ट, डार्टर, सारस क्रेन, ब्लैक नेक्ड स्टार्क रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d77a23318cbc7fb5aa5788355bd82ba3915068ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76560.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेल्जियम के कांच पर ही होती है सोने की कारीगरी।थेवा आर्ट मूलत: प्रतापगढ़ से निकली हुई कला है। पर अब इसके कारीगर मंदसौर में भी रहने लगे हैं और मप्र सरकार से पुरस्कार भी ले चुके हैं। इसमें रंग बिरंगे बेल्जियम कांच के ऊपर सोने से कारीगरी कर गहने बनाए जा रहे हैं। राष्ट्रपति व शिल्प गुरू पुरस्कार विजेता गिरीश राज सोनी कहते हैं कि कांच व सोने की जुगलबंदी से बनने वाले आभूषणों की तरफ अब लोगों का रुझान नहीं है। वहीं इसका प्रचार-प्रसार भी पहले जैसा नहीं रहा है। प्रतापगढ़ में लगभग 400 साल पहले महाराजा सावनसिंह के समय नाथुराजजी सोनी ने इस कला का अविष्कार किया था। तभी से उनकी पीढ़ियां इसे सहेजे हुए हैं। पर अब इनके सामने भी यह समस्या आ रही है कि समय ज्यादा लगने और दाम कम मिलने के चलते नई पीढ़ी इससे अलग हो रही है। एक आइटम तैयार करने में चार से पांच दिन लगते हैं। बहुत ही बारीकी से सारा काम हाथ से ही करना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76561.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76561.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..044df8a11478d300a2823daec65f7c7c187100d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76561.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अब अमेरिका, रूस या इजराइल नहीं, बल्कि हमारी नई पीढ़ी के बनाए स्वदेशी ड्रोन ही हमारी सीमाओं की निगरानी करेंगे। आइआइटी मुंबई के तीन युवाओं की कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी के साथ हाल ही में भारतीय सेना ने 130 करोड़ रुपये का करार किया है। सेना इनके बनाए ड्रोन खरीदेगी। इस कंपनी के 37 वर्षीय सीईओ अंकित मेहता बताते हैं कि वर्ष 2005-06 में आइआइटी मुंबई से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने से पहले ही उन्होंने ड्रोन बनाना शुरू कर दिया था। क्योंकि जुनून था कुछ नया करने का। इसलिए पढ़ाई के दौरान ही नई-नई चीजें बनाते रहते थे। + +अंकित मेहता (बीच में) के साथ राहुल सिंह, आशीष भट्ट और विपुल जोशी। सौ: अंकित।आइडियाफोर्ज 2010 से अपने उत्पाद बेचने की स्थिति में आ गई थी। तब से अब तक कई राज्यों की पुलिस फोर्स एवं अन्य सुरक्षा बल उनसे ड्रोन खरीद चुके हैं। उनका इस्तेमाल भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। आज ड्रोन बाजार में देश का 80 से 90 फीसद मार्केट शेयर आइडियाफोर्ज का है। उनकी सफलता को देखते हुए कई वेंचर कैपिटल कंपनियां भी उनके साथ जुड़ीं। + +हाल ही में जब गलवन घाटी में चीनी घुसपैठ के बाद भारतीय सेना को अपनी सीमाओं पर तकनीकी निगरानी बढ़ाने की जरूरत महसूस हुई एवं सेना को आपातकालीन खरीदी की अनुमति मिली तो उसने आइडियाफोर्ज के साथ 130 करोड़ रुपये के ड्रोन खरीदी का करार कर लिया। आइडियाफोर्ज के बनाए ये अनमैंड एरियल व्हीकल (यूएवी) फिक्स्ड विंग वीटीओएल (वर्टकिल टेक आफ एंड लैंडिंग) क्राफ्ट के नाम से जाने जाते हैं। यानी ये बिना दौड़े उड़ान भर सकते हैं और नीचे उतर सकते हैं। ये दिन और रात दोनों स्थितियों में काफी ऊंचाई पर रहते हुए सीमा की निगहबानी कर सकते हैं। विशेषकर ये ड्रोन सिर्फ सीमाओं की निगरानी में सहायक होंगे। वह मानते हैं कि यदि नई पीढ़ी के नए आइडियाज को समय पर आर्थिक मदद भी मिले तो भारत को बहुत कुछ नया मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76562.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76562.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..acd14bb6b68ffc476418a5b365d6df3ca08aea94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76562.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लॉकली: हर बच्चे-किशोर को गेम पसंद होता है। मगर यह एक ऐसा गेमिंग प्लेटफॉर्म है, जो बच्चों को भविष्य के प्रोग्रामर के तौर पर तैयार करने में मदद करता है। ब्लॉकली डॉट गेम्स प्लेटफॉर्म की थीम ही है-गेम्स फॉर टुमारो प्रोग्रामर्स यानी यह भविष्य की स्किल्स के लिए बच्चों को तैयार करता है। बच्चे अगर मोबाइल पर ज्यादा समय बिता रहे हैं तो फिर इस प्लेटफॉर्म के लिए उन्हें प्रेरित किया जा सकता है। इसमें कोडिंग्स पर आधारित पजल्स, मेज, बर्ड, टर्टल, मूवीज, म्यूजिक, पॉन्ड ट्यूटर जैसे एजुकेशनल गेम्स को शामिल किया गया है। इसे उन बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो पहले से कंप्यूटर साइंस के बारे में बिल्कुल नहीं जानते हैं। यहां गेम्स की मदद से प्रोग्रामिंग कॉन्सेप्ट जैसे कि फंक्शंस, लूप्स, कंडिशनल स्टेटमेंट्स, मैथमेटिकल इक्वेशंस, टेक्स्ट बेस्ड कोडिंग के बारे में सीख सकते हैं। इन गेम्स की मदद से इस एज ग्रुप में ही जावा स्क्रिप्ट के बेसिक्स के बारे में जान सकते हैं। इतना ही नहीं, ब्लॉकली गेम्स पर इस्तेमाल होने वाले कोड ओपन सोर्स हैं। इसका मतलब है कि यह फ्री और कस्टमाइजेबल भी है। अच्छी बात है कि इसे डाउनलोड करने के बाद ऑफलाइन भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f178a0279bfe534fe3bfb543807d673b5bf9de83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76564.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं, थोड़ी देर पहले ही  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोक नायक अस्पताल में वैक्सीन सेंटर का दौरा करने के के लिए पहुंचे हैं। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी हैं। इस दौरान वह उन लोगों से मिलेंगे जिन्हें वैक्सीन लगाई गई होगी। डॉक्टरों व स्टाफ से बात करेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को ही घोषणा की कि यदि केंद्र सरकार मुफ्त में वैक्सीन नहीं देगी तो वह अपने खर्च पर दिल्ली वालों को वैक्सीन लगवाएंगे। अरविंद केजरीवाल इससे पहले कई बार मांग कर चुके हैं कि देश भर में मुफ्त में वैक्सीन लगवाई जाए।  ।सरकारी व निजी क्षेत्र के 81 अस्पतालों में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। एक केंद्र पर अधिकतम 100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। इस लिहाज से एक दिन में 8,100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा सकेगा। पहले दिन टीकाकरण के लिए चयनित डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के मोबाइल एप पर को-विन एप से मैसेज भेजा जा चुका है। जिला कोल्ड स्टोरेज से सुबह सभी टीकाकरण केंद्रों पर आइस बॉक्स में टीका पहुंच जाएगा। टीकाकरण केंद्रों पर तीन कमरों की व्यवस्था की गई है। एक वेटिंग रूम है, जबकि दूसरे में टीका लगाया जाएगा और तीसरे में जिसको टीका लगेगा उसे आधे घंटे के लिए निगरानी में रखा जाएगा। ।टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव की स्थिति में एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, गंगराम सहित सभी अस्पतालों में टीकाकरण केंद्र के पास तीन से पांच बेड, वेंटिलेटर व हार्ट की जांच के लिए जरूरी उपकरण की व्यवस्था की गई है। निजी अस्पतालों ने दुष्प्रभाव होने की स्थिति में तुरंत इलाज उपलब्ध कराने के लिए डाक्टरों की टीम गठित की है। + +वहीं एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के कलावती शरण अस्पताल, ईएसआइ अस्पताल बसई दारापुर व ईएसआइ अस्पताल रोहिणी में कोवैक्सीन टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण केंद्र पर टीके का बॉक्स खुलने के चार घंटे के अंदर उसे लोगों को लगाना जरूरी है। टीकाकरण के लिए हर केंद्र पर पांच कर्मचारियों की टीम मौजूद रहेगी। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..813928938edad640953bf34cc5189edf51264f8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जाको प्रभु दारुण दुख दीन्हा, ताकी मति पहले हरि लीन्हा। गोस्वामी तुलसीदास रचित इस चौपाई के मर्म को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब चरितार्थ करते दिख रहे हैं। वैधानिक रूप से चुनाव हारने को खारिज करने वाले ट्रंप शायद पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे जिन पर अमेरिकी संसद पर अपने समर्थकों से हिंसा फैलाने का आरोप लगा। खुद को मिले असीमित अधिकार का इस्तेमाल खुद की माफी के लिए करने की सोच उनकी दोहरी शख्सियत की कलई खोल देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76566.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76566.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..535ebe085c9337b9f89292c23c3002b283c2b231 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76566.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [आलोक मिश्र]। उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 की जंग में अब कोरोना के वैक्सीनेशन की ओर पहला कदम बढ़ाने जा रही है। दूसरी ओर लॉकडाउन से लेकर अन्य मौकों पर चुनौतियों का सामना करनी वाली यूपी पुलिस ने अपनी कार्रवाई के कदम भी लगातार बढ़ाए हैं। दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आकर कोरोना की जंग की चुनौती को बढ़ाने वाले तब्लीगी जमातियों के विरुद्ध पुलिस ने कानूनी शिकंजा कसा है। यूपी पुलिस ने कुल 2254 तब्लीगी जमातियों को आरोपित बनाया है, जिनमेें 2238 आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3da2d1a493c8955d958c02c678c67216fd0fcf56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7657.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जैसे-तैसे देश उबरने की कोशिश कर रहा है ऐसे में लोगों ने फिर से लापरवाही करना शुरू कर दी है। सड़कों से लेकर टूरिस्ट प्लेस तक पर कोविड नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। लोग बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रही है। राज्य सरकारें लगातार लोगों से कोविड नियमों का पालन करने की अपील दे रहे हैं, लेकिन सड़कों पर नज़र आती भीड़ को देखकर लगता है मानो लोगों तक सरकारों की अपील पहुंच ही नहीं रही है। इसी बीच अब बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोनी ने भी लोगों से एक अपील की है और घर पर रहने की सलाह दी है। + +सनी लियोनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और आए दिन अपने मज़ेदार वीडियोज़ से फैंस का मनोरंजन करती रहती हैं। हाल ही में सनी लियोनी ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपना एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो एक इंडोर सेट पर शूटिंग करती नजर आ रही हैं। वीडियो में सनी के आसपास काफी लोग दिख रहे हैं और एक्ट्रेस भागती हुई दिख रही हैं। वीडियो में नज़र आ रहा है कि सनी तेज़ी से भागती हुई अंदर जाती हैं इस दौरान उनकी वीडियो पर लिखा होता है, ‘Mountains Are Calling (पहाड़ बुला रहे हैं)’ तभी बीच वीडियो में मनाली की वो तस्वीर नज़र आती है जो कुछ दिन पहले लॉकडाउन खुलने के सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हुई थी। उस फोटो में हज़ारों लोगों की भीड़ मनाली में नज़र आ रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44371354f9baa3f11945155af1732b54e31a1611 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Coronavirus Vaccine News कोविड-19 महामारी से करीब एक साल तक जूझने के बाद अब जाकर हमें वैक्सीन मिली है। भारत में टीकाकरण अभियान का आगाज आज से हो रहा है। वहीं वैश्विक स्तर पर करीब तीन करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी है और कई देश अपने प्राथमिक चरण को पूरा करने की ओर हैं। दुनिया के कई देशों ने अपने लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए कई तरह की रणनीति अपनाई है। आइए जानते हैं कि वैश्विक स्तर पर हो रहे टीकाकरण में कौन-सा देश किस रणनीति के साथ कोविड-19 महामारी के खिलाफ उतरा है और अब तक दुनिया में कितनी वैक्सीन लगाई जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76572.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76572.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2246f0ebabc924f76eb4aca1a6c711a1956ad159 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76572.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केस एक:।शाहगंज क्षेत्र निवासी प्रताप सिंह ने अपनी बीमा पालिसी भरने के लिए एक साल पहले गूगल पर कंपनी का हेल्पलाइन नंबर सर्च किया था। उन्हें शातिर द्वारा बनाया गया फर्जी कस्टमर केयर नंबर मिल गया। प्रताप सिंह के बात करने पर शातिर ने खुद को बीमा कंपनी का प्रतिनिधि बताया। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फांस 97 लाख रुपये जमा करा लिए। ठगी का पता चलने पर पीड़ित ने रेंज साइबर सेल में शिकायत की। छानबीन में पता चला कि उनसे नाइजीरियन गैंग ने ठगी की थी। रेंज साइबर सेल की टीम ने नाइजीरियन आरोपित समेत सात लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा। + +केस दो:।शहर के एक व्यापारी धर्मेंद्र सिंह ने दिसंबर 2020 में चीनी का थोक का काम शुरू किया।आनलाइन वेबसाइट से शुगर मिल का नंबर लिया। उक्त नंबर पर फोन किया तो दूसरी ओर से बात करने वाले ने बताया कि वह शुगर मिल का मैनेजर है। व्यापाारी को बताया कि माल बुक कराने पर 50 फीसद और बाकी रकम डिलीवरी के बाद देनी होगी।व्यापारी ने शातिर द्वारा बताए गए खाते में दो बार में 50 हजार रुपये जमा करा दिए। माल नहीं आने पर व्यापारी ने मैनेजर को फोन किया। शातिर ने व्यापारी को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया। मगर, खुद वहां नहीं आया, फोन स्विच कर लिया। व्यापारी ने शुगर मिल पहुंचकर जानकारी की। वहां पता चला कि वहां इस नाम का कोई मैनेजर नहीं है। तब व्यापारी काे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7aa9705caf709385bd14dc2de0d3a22dfe12de5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76573.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस के विरोध मार्च में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी औैर महासचिव प्रियंका वाड्रा भी शामिल हुए, लेकिन पार्टी की दिल्ली इकाई में चल रही गुटबाजी वह भी दूर नहीं कर पाए। यह शायद पहला अवसर रहा होगा जब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति तो रही लेकिन प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने इससे दूरी बनाए रखी। इन नेताओं में कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व सांसद और पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि यूं तो दिल्ली कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पद पर अनिल चौधरी के काबिज होने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। इनके साथ तालमेल न बैठ पाने के कारण ज्यादातर वरिष्ठ नेता घर बैठ गए हैं। छोटा या बड़ा, पार्टी का कैसा भी आयोजन हो, यह नेता सभी से दूर रहते हैं। + +बताया जा रहा है कि इन्हीं खामियों के चलते दिल्ली में पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है और बहुत से बड़े नेताओं के पार्टी को जल्द ही अलविदा कहने की चर्चाएं भी लगातार जोर पकड़ रही हैं। शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों के विरोध में पार्टी के देशव्यापी प्रदर्शन की श्रंखला में दिल्ली इकाई का शो भी यूं तो ठीकठाक रहा। भारतीय युवा कांग्रेस की मदद से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी जुटा लिए गए, लेकिन वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी तब भी दूर नहीं हो पाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76575.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76575.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fc097c6db7ea1a0d4437a9d9df3f6e7f7543352 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76575.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूपी में यहां होती है खेती।सीमैप के अनुसार यूपी के बदायूं, कासगंज, बरेली, सीतापुर, बाराबंकी आदि जनपदों में करीब 30 हेक्टेयर में जिरेनियम की खेती की जाने लगी है। इससे करीब 750 किलो जिरेनियम पैदा होता है। अगले तीन वर्षों में देशभर में जिरेनियम की खेती का रकबा 570 हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से अकेले यूपी में 200 हेक्टेयर तक में जिरेनियम उत्पादन किया जाएगा, ताकि पांच वर्षों में देश की निर्भरता चीन व अन्य देशों से खत्म हो सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..387cc62dd24822c765fb94a46efc50816e08d692 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7658.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट ने अपनी फिल्म 'दिल है के मानता नहीं' को याद किया है। यह फिल्म साल 1991 में आज ही के दिन सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में पूजा भट्ट के साथ दिग्गज अभिनेता आमिर खान मुख्य भूमिका में थे। फिल्म 'दिल है के मानता नहीं' के रिलीज के 30 साल पूरे होने पर अब पूजा भट्ट ने इस फिल्म से जुड़ी एक खास बात का खुलासा किया है। + +अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर 'दिल है के मानता नहीं' से जुड़ी अपनी थ्रोबैक तस्वीरों को साझा किया है। जिसमें वह फिल्म के कलाकार अनुपम खेर और आमिर खान के साथ दिखाई दे रही हैं। पूजा भट्ट सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह अपने फैंस के लिए खास तस्वीरें और वीडियो भी साझा करती रहती हैं। + +पूजा भट्ट ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर फिल्म 'दिल है के मानता नहीं' की थ्रोबैक तस्वीरों को साझा किया है। इन तस्वीरों के साथ उन्होंने बताया है कि उस समय इस फिल्म के निर्माता गुलशन कुमार को कहा था कि यह फिल्म उनके लिए काफी जोखिम भरी हो सकती है, क्योंकि फिल्म की कहानी ही कुछ ऐसी थी। हालांकि फिल्म 'दिल है के मानता नहीं' साल की हिट फिल्म साबित हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc6ad2d135513b62a97c2d7573b9fd93b8d9f823 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है कोविन एप (Co-WIN APP)।कोविन एप एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है, जिस पर टीकाकरण से जुड़ा सारा डेटा उपलब्ध है। ये वैक्सीन लगवाने वालों को ट्रैक करेगा और उन्हें वैक्सीन साइट्स की जानकारी, तारीख और समय बताएगा। टीकाकरण से पहले और बाद की प्रक्रियाओं की निगरानी भी करेगा। यहां भारत में लगाई जाने वाली टीका का पूरा डिजिटल डेटाबेस होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fea1f30c8fb17e7da4360620687ba6ef4c5c5721 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76582.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (आईएएनएस)। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा है कि पाकिस्‍तान में भारतीय सीमा के नजदीक बने आतंकियों के लॉन्चिंग पैड से करीब 300-400 आतंकी सीमा पार कर भारत में घुसने का इंतजार कर रहे हैं। इनका मकसद घाटी में शांति भंग करना और हमले करना है। आर्मी डे के मौके पर जवानों को संबोधित करते हुए जनरल ने उनसे सीमा पर और अधिक सतर्कता बरतने को कहा। साथ ही उन्‍होंने कहा कि सीमा पर डटे जवान दुश्‍मन को मुंह तोड़ जवाब देना बखूबी जानते हैं। उनके मुताबिक पाकिस्‍तान की तरफ से सीजफायर उल्‍लंघन के मामले करीब 44 फीसद तक बढ़े हैं। बीते 17 वर्षों में ये पहली बार देखने को मिला है कि पाकिस्‍तान ने इतना अधिक सीजफायर उल्‍लंघन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..67a42f5dc06d46eb066bacd5c054cfc40babde2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। हेमंत हैं तो हिम्मत है, हेमंत हैं तो हौसला है- जैसे नारों के साथ झारखंड में सत्ता में आई और अबुआ दिशुम, अबुआ राज (हमारा देश, हमारा राज्य) का नारा देने वाली हेमंत सरकार में बेटियों पर आफत सी टूट पड़ी है। हर दिन पांच से ज्यादा बेटियों, महिलाओं की अस्मत लुट रही है और सरकार कोई सख्त कदम उठाती नहीं दिख रही है। इससे अराजक तत्वों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने भी दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री को राजभवन बुलाकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है, ताकि राज्य की छवि न खराब हो। विपक्ष पहले से ही इस मुद्दे को लेकर गठबंधन सरकार पर हमलावर है। बावजूद इसके पुलिस की तंद्रा टूटती नहीं दिख रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fafdd6087eda0b6f3a511cafad696dc75a13a7af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76585.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वहीं यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के महानिदेशक पेटेरी टालस का कहना है कि अल निनिया के बावजूद ने 2020 में अभूतपूर्व गर्मी देखने को मिली है। ये बेहद चिंताजनक बात है कि 2020 में तापमान कमोबेश 2016 के ही स्‍तर के आसपास रहा हे। उस वक्‍त अल निनियो का प्रभाव था। ये स्‍पष्‍टतौर पर इस बात का इशारा है कि हमें जल्‍द से जल्‍द संभल जाना चाहिए। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा है कि मौजूदा वर्ष पर इसका क्‍या प्रभाव रहेगा इस बारे में अभी कुछ स्‍पष्‍ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है। + +मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक साइबेरिया में गर्मी का बढ़ना, दुनिया के कई जंगलों में लगी भीषण आग, आर्कटिक में समुद्री बर्फ की चट्टानों का निरंतर टूटना और अटलांटिक में आए जबरदस्‍त चक्रवाती तूफान बीते वर्ष की अहम घटनाओं में शामिल हैं। इसके अलावा समुद्री तापमान और समुद्री जलस्तर का बढ़ना, हिम आच्छादिता और अन्य चरम मौसम की घटनाओं के अलावा ग्रीनहाउस गैस सघनता भी इसके पीछे एक महत्‍वूपर्ण कारण रही हैं। एजेंसी इससे संबंधित एक अन्‍य रिपोर्ट को मार्च में जारी करेगी।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4390f3c3d706c0b11f8788d940ee196c3468740 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76587.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस रिपोर्ट में प्रकृति-आधारित समाधानों की भी जरूरत पर बल दिया गया है। इसमें चार विशेष बातों पर जोर दिया गया है। इसमें वैश्विक पर्यावरण सुविधा, हरित जलवायु कोष, अनुकूलन कोषऔर अन्तरराष्ट्रीय जलवायु पहल शामिल है। इनके जरिये क्‍लाइमेट चेंज और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिये करीब 94 अरब डॉलर के निवेश की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक केवल 12 अरब डॉलर ही प्रकृति-आधारित समाधानों पर खर्च किए गए हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन में कटौती के जरिए भी क्‍लाइमेट चेंज पर काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में 2020 में जारी एमिसन गैप रिपोर्ट में बताए गए उपायों को अपनाने पर भी जोर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76589.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76589.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..99d44ac227011a0b46551533fa07ce65eb9be712 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76589.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उत्तर प्रदेश की राजनीति में लम्बे समय से अपना परचम लहरा रहीं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े। बसपा सुप्रीमो मायावती का उत्तर प्रदेश की राजनीति में अच्छा खासा रसूख है। दिल्ली में एलएलबी की पढ़ाई करने के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटी एक साधारण सी लड़की चंद्रावती का रुझान राजनीति की तरफ ऐसा हुआ कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनीं। + +मुश्किलों भरा राजनीतिक सफर: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों कही जाने वाली मायावती का राजनीतिक सफर उतना आसान नहीं रहा है। प्रदेश के दलित समुदाय में अच्छी पैठ रखने वाली मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं हैं। बसपा मुखिया मायावती का राजनीतिक सफर काफी मुश्किलों भरा रहा। दिल्ली में नौकरी के दौरान मायावती का राजनीतिक सफर 1977 में शुरू हुआ। वह कांशीराम के सम्पर्क में आयीं। वहीं से उन्होंने एक दलित नेत्री बनने का निर्णय लिया। कांशीराम के संरक्षण में 1984 में बसपा की स्थापना के दौरान वह काशीराम की कोर टीम का हिस्सा रहीं। मायावती ने पहला चुनाव उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के कैराना लोकसभा सीट से लड़ा था। तीन जून 1995 को मायावती पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। और उन्होंने 18 अक्टूबर 1995 तक राज किया। बतौर मुख्यमंत्री दूसरा कार्यकाल 21 मार्च 1997 से 21 सितंबर 1997 तक, तीसरा कार्यकाल 3 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक और चौथी बार 13 मई 2007 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया। इस बार उन्होंने पूरे पांच साल तक राज किया, लेकिन 2012 में समाजवादी पार्टी से हार गयीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f2fa20f27d21c40633510bdd14a93b9af91ba96e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76590.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जम्मू, नवीन नवाज। झांसी की रानी जैसी वीरांगनाओं की एक और गुमनाम वीरगाथा है, कश्मीर की रानी दिद्दा की, जिसने मुट्ठी भर सैनिकों के दम पर कश्मीर पर धावा बोलने वाले महमूद गजनवी की 35 हजार सैनिकों को खदेड़ दिया था। अभिनेत्री कंगना रनोट की फिल्म 'द लीजेंड ऑफ दिद्दा' से रानी दिद्दा का गुमनाम शौर्य फिर जिंदा हो रहा है। कंगना रानी दिद्दा की भूमिका में दिखेंगी। इंटरनेट मीडिया में रानी दिद्दा पर आनी फिल्म की खूब चर्चा है। + +दिद्दा ने अपंग होने के बावजूद युद्धकला सीखी : दिद्दा जन्म के समय दिव्यांग थी। उसके माता-पिता ने उसका त्याग कर दिया था। उसे महल में काम करने वाली एक नौकरानी ने पाला। वह अत्यंत सुंदर भी थी। दिव्यांग होने के बावजूद युद्धकला सीखी। वह कुशल घुड़सवार थी। क्षेमेंद्र गुप्त शिकार के शौकीन थे। कहा जाता है कि शिकार पर निकले क्षेमेंद्र दिद्दा को देख उस पर मोहित हो गया। उसने दिद्दा की दिव्यांगता को नजर अंदाज कर उससे शादी की। क्षेमेंद्र का यह दूसरा विवाह था। विवाह के बाद दिद्दा ने राजकाज में रुचि लेना शुरू कर दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76591.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76591.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1313d1e221259eeeeea2296567956cbe9be56ac1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76591.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. संजय वर्मा। यह महामारी भी चीन से आई? कैसी विडंबनापूर्ण स्थिति है कि जिस चीन पर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस पहुंचाने की तोहमत है, लोन एप्स के गोरखधंधे की जुड़ती कड़ियां इस महामारी के पीछे भी चीनी वारदात का इशारा कर रही हैं। दावा किया गया है कि ऐसे तकरीबन 50 लोन एप्स चाइनीज हैं, जिन्होंने ऐसे धंधे की शुरुआत पहले-पहल चीन में ही की थी। + +भारत में इन कंपनियों के दफ्तर गुरुग्राम और हैदराबाद में बताए जा रहे हैं और दावा है कि इनका पूरा गोरखधंधा जकार्ता से संचालित हो रहा है। अगर पूछा जाए कि आखिर लोगों को इतनी कम राशि के कर्ज की जरूरत क्यों पड़ती है, तो इसके दो मुख्य जवाब हैं। एक तो यह है कि देश की 45 फीसद आबादी की आमदनी दस हजार रुपये मासिक से कम है, ऐसे में अगर किसी महीने आय में कुछ ऊंच-नीच हो जाए या बीमारी आदि में अचानक खर्च बढ़ जाए तो रिश्तेदारों-पड़ोसियों के आगे हाथ फैलाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचता। इधर कोरोना संकट के कारण रिश्तेदार व पड़ोसी भी अपनी कमाई सिकुड़ने से मदद करने की हैसियत में नहीं रहे और उन्होंने हाथ खींच लिए, तो बिना ज्यादा जांच किए लोन देने वाले एप्स की मांग बढ़ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76592.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..909e993ccd29186f42e970f4aa2d067870c63d87 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76592.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। केस एक: शाहगंज निवासी दंपती के बीच झगड़ा मामूली था। पति को इस बात की शिकायत थी कि पत्नी उसकी मां के पैर नहीं छूती। पत्नी सास के पैर छूने के लिए तैयार नहीं थी। दोनों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया। कोई झुकने को तैयार नहीं था। पत्नी गुस्सा होकर मायके चली गई। पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी।मामला काउंसलर के पास पहुंच गया। काउंसलर ने दोनों को बुलाकर बातचीत की। पति का कहना था कि वह पत्नी से सुलह चाहता है। मगर, यह भी चाहता है कि पत्नी उसकी बात मान रखे। वहीं पत्नी का कहना था कि वह भी पति से सुलह चाहती है, लेकिन पति उस पर किसी तरह का दबाव न बनाए। वह अंग्रेजी माध्यम से पढ़ी है। उच्च शिक्षित है, उसने घर में भी कभी बर्तन नहीं मांजे, इसलिए अादत नहीं है। उसे सामंजस्य बैठाने में थोड़ा वक्त लग रहा है। काउंसलर ने मध्यस्थ की भूमिका निभाकर दोनों को समझाया तो बात बन गई। + +वर्ष 2019 में महिला थाने में 250 महिलाओं ने पति और ससुराल वालों पर उत्पीड़न का केस दर्ज कराया। जबकि वर्ष 2020 में सिर्फ 50 लोगों ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। वहीं इस साल 14 जनवरी तक सिर्फ दो मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि मुकदमों की संख्या कम होने में कोरोना फैक्टर भी एक प्रमुख कारक रहा था। मगर, शिकायतों की संख्या 2019 की तरह ही बढ़ी हुई थी। दंपती काउंसिलिंग के दौरान एक दूसरे से अपनी शिकायतें कांउसलर को बताते हैं। मगर, कुछ तारीखों तक काउंसिलिंग के बाद वह सुलह कर लेते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76597.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76597.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f008fc40cceb3fa106193d211e6d131c83ab5c04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76597.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। जल्लीकट्टू दक्षिण भारत का प्राचीन खेल है, लेकिन इसे सिर्फ खेल शब्द तक सीमित नहीं रखा जा सकता। यह दक्षिण भारत की संस्कृति का हिस्सा होकर धाíमक महत्व रखता है। मगर पशुओं के हितों की रक्षा करने वाले संगठनों की याचिका पर सात मई 2014 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तमिलनाडु में फैसले के विरोध में हुए जनआंदोलनों के कारण स्थानीय सरकार द्वारा अध्यादेश जारी करते हुए तमिलनाडु की सांस्कृति विरासत को बचाने का प्रयास किया गया। इससे बैलों की स्थानीय नस्लों को भी बचाने में मदद मिली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e63fff7e8d15bbd2f3c988fc059052bd0a83990 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76598.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए तैयार की जा रही कई वैक्सीन जब परीक्षण के अंतिम दौर में पहुंचीं तभी कंपनियों ने उनकी खुराक का उत्पादन शुरू कर दिया। फिलहाल, फाइजर, मॉडर्ना व ऑक्सफोर्डस्ट्राजेनेका आदि की वैक्सीन को कई देशों में इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है। भारत ने स्वदेशी को वैक्सीनको भी आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दे दी है, जिसका फिलहाल तीसरे दौर का परीक्षण चल रहा है। हालांकि, नियामकों का कहना है कि कोवैक्सीन के पहले व दूसरे दौर के परीक्षण परिणाम प्रभावी रहे हैं। आइए जानते हैं कि मौजूदा साल के अंत तक कौन सा देश कोरोना वैक्सीन की कितनी खुराक का उत्पादन कर सकता है...।अमेरिका सबसे आगे। आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी एयरफाइनिटी के अनुसार, अमेरिका के पास वर्ष 2021 के अंत तक कोरोना वैक्सीन की 4.69 अरब खुराक के उत्पादन की क्षमता है। फाइजर व मॉडर्ना की वैक्सीन के परीक्षण के अंतिम दौर में पहले पहुंचने से अमेरिका में वैक्सीन उत्पादन को गति मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76599.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76599.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecf4cbb812140da5d260e58dba8bf8da47f4155f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76599.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमेरिकी पत्रिका ने उड़ाया था मजाक।भारत की स्वदेशी और स्वावलंबी बनने की आकांक्षा का दुनिया ने हर बार मजाक ही उड़ाया है। चाहे वह चंद्रयान अभियान हो या फिर लड़ाकू विमान तेजस बनाने की कल्पना। दिसंबर 2000 में एक अमेरिकी पत्रिका में प्रकाशित हुआ कि प्रौद्योगिकी जटिलता और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत अब कभी भी अपने स्वयं के हल्के लड़ाकू विमान को उड़ाने में सक्षम नहीं होगा। एक साल के बाद चार जनवरी, 2001 को डॉ. कोटा हरिनारायण की अध्यक्षता वाली एक टीम ने उनके एलसीए टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर की पहली उड़ान का सफल परीक्षण किया। ..और इस तरह शुरू हुई तेजस की उड़ान। + +1980 में की थी कल्पना।आजादी पाने के बाद भी पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन से युद्ध करते हुए यह महसूस होने लगा था कि देश को स्वदेशी लड़ाकू विमान की जरूरत है। लड़ाकू विमान मिग की पुरानी होती तकनीक और अपनी उम्र पूरी करने की स्थिति में विकल्प के तौर पर एक स्वदेशी विमान (आज का तेजस) की कल्पना ने जन्म लिया। वर्ष था 1980। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9ade772da79b2981e2ce2c739b97f3896a800d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एलआइसी ने देशभर में किए कोविड के 3892 क्लेम के सापेक्ष 137.22 करोड़ का भुगतान। उन्होंने बताया कि पूरे देश में कोविड के 3892 क्लेम आए हैं, जिसके सापेक्ष निगम ने 137.22 करोड़ का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पालिसी विक्रय में गोरखपुर मंडल देश में अव्वल रहा। मंडल के दो लाख 33 हजार लोगों ने इस वित्तीय वर्ष में पालिसी लेकर अपना भविष्य सुरक्षित किया है। मंडल के नौ जनपदों के लोगों ने जीवन बीमा में 457 करोड़ का निवेश किया। पचास हजार से अधिक बंद पालिसियां चालू हुईं, जिसमें 120 करोड़ का निवेश किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76602.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76602.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..599a7bfa5d26e2b17a931a0034bde1181255858c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76602.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (रायटर)। भड़काने के आरोप में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बुधवार को दोबारा महाभियोग लाया गया। इस बीच कुछ सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ आवाज उठाते हुए उन्हें भविष्य में किसी भी राजनीतिक पद के लिए अयोग्य ठहराए जाने की मांग की है। संसद का उच्च सदन यानी सीनेट अब ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने और भविष्य में किसी राजनीतिक पद हासिल करने से रोकने के मुद्दों पर विचार करेगी। ।दो तरीके से दी जा सकती है सजा । अमेरिकी संविधान के अनुसार महाभियोग का सामना कर रहे किसी अधिकारी को दो तरीके से सजा दी जा सकती है। उसे पद से मुक्त किया जा सकता है अथवा अमेरिका के भीतर किसी प्रतिष्ठा, विश्वास या लाभ के पद के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है। सदन ने संसद परिसर में हुई हिंसा के पहले ट्रंप द्वारा कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में महाभियोग को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि ट्रंप संविधान के प्रथम संशोधन के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए यह कह सकते हैं कि उन्होंने समर्थकों से लड़ाई के लिए कहा था, न कि हिंसा  के लिए। संविधान के अनुसार, ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76604.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76604.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39dbdc0e4849406ca3f5ad9219243266041b6554 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76604.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + लंदन, प्रेट्र। बेंगलुरु 2016 से 2020 के बीच दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला टेक हब रहा है। इसके बाद क्रमश: लंदन, म्यूनिख, बर्लिन और पेरिस का स्थान है। मुंबई इस मामले में छठे स्थान पर है। लंदन में जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। लंदन एंड पार्टनर्स की ओर से डीलरूम डॉट को के डाटा विश्लेषण से सामने आया कि बेंगलुरु में 2016 में निवेश 1.3 अरब डॉलर था, जो 2020 में 5.4 गुना होकर 7.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं इसी अवधि में मुंबई में निवेश 0.7 अरब डॉलर से बढ़कर 1.2 अरब डॉलर रहा। ।बेंगलुरु और लंदन निवेश के मामले में सबसे तेजी उभरे।लंदन में 2016 से 2020 के बीच निवेश 3.5 गुना रहा है। यहां निवेश 3.5 अरब डॉलर से बढ़कर 10.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया। लंदन एंड पार्टनर्स में भारत के चीफ रिप्रजेंटेटिव हेमिन भरूचा ने कहा, 'यह देखना सुखद है कि बेंगलुरु और लंदन निवेश के मामले में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ग्लोबल टेक हब के तौर पर उभरे हैं। भारत के विभिन्न शहरों के साथ व्यापार एवं निवेश के मामले में लंदन के मजबूत संबंध रहे हैं। इन आंकड़ों साझेदारी को लेकर भविष्य की संभावनाएं दिखाई हैं।' ।हालिया ब्रेक्जिट डील से लंदन में संभावना तलाश रही भारतीय कंपनियां।उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन सरकार की हालिया ब्रेक्जिट डील से लंदन में संभावना तलाश रही भारतीय कंपनियों एवं निवेशकों के लिए संभावनाएं बढ़ी हैं। दुनिया में टेक वेंचर कैपिटल इंवेस्टमेंट के मामले में बेंगलुरु छठे स्थान पर रहा है। इस सूची में पहले पांच स्थानों पर क्रमश: बीजिंग, सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, शंघाई और लंदन का नाम रहा। मुंबई को इस मामले में 21वें स्थान पर रखा गया। लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि लंदन यूरोप की ग्लोबल टेक राजधानी है। ब्रेक्जिट और कोरोना वायरस की चुनौतियों के बावजूद लंदन के टेक सेक्टर ने 2020 में मजबूती दिखाई है और शहर के आर्थिक सुधार में अहम भूमिका निभाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76605.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76605.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6ad4ad75048514d3f9dfd37f6534413f8c2d155 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76605.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमेरिका में एक दिन में 43 सौ मौतें ।इन दिनों अमेरिका में वैक्सीन लगाए जाने का काम शुरू हो गया है, लेकिन कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है। अमेरिका में कोरेाना से एक दिन में 43 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका में अब तक तीन लाख अस्सी हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण के कारण मारे गए हैं। वहीं अमेरिका ने नए निर्देश जारी करते हुए सभी हवाई यात्रियों के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी कर दी है। रिपोर्ट तीन दिन से पुरानी नहीं होनी चाहिए। यह निर्देश 26 जनवरी से अमल में आ जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76606.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76606.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7729c8f6519f741f7da126d5c5bfa712f6264dd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76606.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोगों को किया जा रहा जागरूक।ऐसे में रामभक्तों के साथ विहिप में इसकी चिंता देखी जा रही है। विहिप व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा अपनी वेबसाइट के साथ ही अधिकारिक फेसबुक, ट्विटर व यूट्यूब पेज के माध्यम से भी लाेगों को अभियान के बारे में नियमित तौर पर जागरूक कर रहा है। उनसे जरूरी सूचनाओं के साथ बैंक अकाउंट और निधि समर्पण के माध्यमों की जानकारी दी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76609.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76609.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89aca0adb56a68b064b4bf2b1bcd2e7608e97c4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76609.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए तैयार की जा रही कई वैक्सीन जब परीक्षण के अंतिम दौर में पहुंचीं तभी कंपनियों ने उनकी खुराक का उत्पादन शुरू कर दिया। फिलहाल, फाइजर, मॉडर्ना व ऑक्सफोर्ड-स्ट्राजेनेका आदि की वैक्सीन को कई देशों में इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है। भारत ने स्वदेशी कोवैक्सीन को भी आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दे दी है, जिसका फिलहाल तीसरे दौर का परीक्षण चल रहा है। हालांकि, नियामकों का कहना है कि कोवैक्सीन के पहले व दूसरे दौर के परीक्षण परिणाम प्रभावी रहे हैं। आइए जानते हैं कि मौजूदा साल के अंत तक कौन सा देश कोरोना वैक्सीन की कितनी खुराक का उत्पादन कर सकता है..।अमेरिका सबसे आगे।आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी एयरफाइनिटी के अनुसार, अमेरिका के पास वर्ष 2021 के अंत तक कोरोना वैक्सीन की 4.69 अरब खुराक के उत्पादन की क्षमता है। फाइजर व मॉडर्ना की वैक्सीन के परीक्षण के अंतिम दौर में पहले पहुंचने से अमेरिका में वैक्सीन उत्पादन को गति मिली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c8bacc890336d6d68f3067edabc6c84c58198f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76610.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तन-मन-धन, सब कुछ है तेरा,।तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा...।भगवान जगदीश्वर की यह आरती गुरु गोरक्षनाथ के मंदिर में गाई ही नहीं जाती, व्यावहारिक रूप में आत्मसात भी की जाती है। प्रति वर्ष मकर संक्रांति पर श्रद्धालु गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरखनाथ को हजारों क्विंटल खिचड़ी चढ़ाते हैैं और मंदिर के प्रबंधन से आस्था की यह खिचड़ी प्रति वर्ष साढ़े तीन लाख से अधिक जरूरतमंदों के लिए भोजन प्रसाद बन जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb82a89b8d1f4f4a148eacf2dadbc2ce8c8f2b51 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76611.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। लॉकडाउन और मौसम की मेहरबानी से 2020 में दिल्ली को साफ हवा वाले दिन पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा मिले। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था संस्था सफर इंडिया के मुताबिक वर्ष 2018 में सिर्फ 55 दिन ही ऐसे रहे थे जब हवा साफ-सुथरी थी। वर्ष 2020 में ऐसे दिनों की संख्या 166 पहुंच गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76612.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..943ef39c9799950f81a2a9379d50891e519d2387 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76612.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुहाई डिपो में ट्रेनों के उच्चस्तरीय रख-रखाव सहित निम्नलिखित सुविधाएं होंगी।मोदीपुरम में भी बनेगा डिपो। इस कॉरिडोर के कुछ ट्रेन सेट्स को आगामी मोदीपुरम डिपो, मेरठ में खड़ा करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली के जंगपुरा में एक स्टैब्लिंग यार्ड का निर्माण भी किया जा रहा है, जो आरआरटीएस के तीनों कॉरिडोर को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..031e029fec3248ba2796996866d67bfe6f03df0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76613.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, राजेश मिश्रा। चेहरे पर कश्मीरियत रंगत। बोली में घुली कश्मीरी सेव की मिठास। लफ्जों में जेहन के जज्बात। जिंदगी से अब तमाम शिकायतें हैं, मगर उस दौर का मंजर याद कर यकायक खामोशी। गन अब भले ही नजर नहीं आती, मगर खौफजदा इतने कि जिक्र करते भी डर लगता है। ज्यादा कुरेदा तो सहमते-हिचकते लबों ने भी जेहन से बगावत कर ही दी- गन के खौफ ने खिलने न दिया ये गुल। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..02de63af179ec8ed472a8217e67f54d04709f06c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76614.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नेपालियों के लिए भारत में कोरोना काल से पूर्व की तरह रोजगार व्यापार के अवसर हों, वहीं भारतीय बड़ी संख्या में पुन: तीर्थाटन, पर्यटन और व्यापार के लिए बिना रोकटोक नेपाल जा सकें, इसके लिए सीमा पर अघोषित बंदी का खुलना आवश्यक है। मार्च 2020 से पूर्णरूपेण बंद सीमा खोलने को लेकर भारत सरकार के पूर्व के दो प्रयासों को नेपाल की सरकार ठुकरा चुकी है। ऐसे में नेपाली विदेश मंत्री के साथ वार्ता में इस विषय की गंभीरता को रखते हुए सार्थक परिणाम निकाला जाए। अगर आने वाले वक्त में नेपाल की आर्थिक दशा और राजनीतिक स्थिरता को लेकर कुछ ठोस नहीं हुआ तो पड़ोसी भारत के लिए भी उसके परिणाम बुरे होंगे। + +दरअसल बढ़ती बेरोजगारी, भुखमरी, आसन्न राजनीतिक संकट के बीच लोकशाही और राजशाही समर्थकों का आपसी संघर्ष नेपाल के साथ साथ भारत के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है। नेपाल में कलह और क्लेश अगर ऐसे ही बढ़ता रहा तो संभव है लाखों नेपाली उत्पीड़न के भय से भयाक्रांत होकर अपने बेहतर भविष्य के लिए भारत की सीमा में प्रवेश करें। ऐसी स्थिति में यह भी हो सकता है कि नेपाल के अतीत को देखते हुए आंदोलन के समर्थक और सीमा पर लंबे समय से सक्रिय भारत विरोधी गतिविधियों के संचालक भी इसी आड़ में 1,850 किमी लंबी भारत नेपाल सीमा पर अनेक जगहों से भारत में दाखिल हो जाएं या फिर अपनी गतिविधियों को सीमा के दोनों ओर जोर-शोर से प्रारंभ कर दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..79724de8fbed4a80a1432c1139100ef969e0d274 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76615.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ह्यूमन राइट्स वाच के एशिया के डायरेक्‍टर ब्रेड एडम का कहना है कि पाकिस्‍तान की सरकार लगातार अपने विरोधियों की जुबान को खामोश करने का काम कर रही है। सरकार के खिलाफ बोलने वालों को खतरा बढ़ गया है। इमसें सरकार के विरोधी दलों के नेता, पत्रकार और हमेशा लोकतंत्र की बात करने वाले लोग शामिल हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पाकिस्‍तान में रहने वाले अहमदिया समुदाय के लोगों पर वर्ष 2020 में हमले काफी बढ़े हैं। इसमें कम से कम चार की हत्‍या ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए कर दी गई। सरकार इस तरह के मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुई है। अल्‍पसंख्‍यक समुदाय भी इसकी जद में रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76617.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76617.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2f6879a2b07b76271bd841f4e8595ae3d58e12c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76617.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वायरस के टीके: ये टीके कमजोर या निष्क्रिय वायरस के लिए बनाए जाते हैं। खसरा और पोलियो के लिए भी टीके इसी तरह से बनाए जाते हैं। कोरोना के लिए भी कमजोर अथवा निष्क्रिय वायरस के खिलाफ दो प्रकार के टीके विकसित किए जा रहे हैं। वायरल-वेक्टर टीके: इन टीकों के विकास में एक वायरस (जैसे एडेनो वायरस या खसरा), जिसे शरीर में कोरोना वायरस प्रोटीन का उत्पादन करने के लिए जेनेटिकली डाला जाता है, इससे वायरस कमजोर होता है, जो कि रोग पैदा नहीं कर सकता है। न्यूक्लिक-एसिड टीके: इन टीकों में, न्यूक्लिक एसिड (डीएनए या आरएनए) को मानव कोशिकाओं में डाला जाता है। ये मानव कोशिकाएं तब वायरस प्रोटीन की प्रतियां तैयार करती हैं, जो हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e78b226ade3ce3c7de7b9a44cd6e69b9ca9e4dee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76618.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत सुधारों और प्रोत्साहन के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत करना। अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, तंत्र और जनसांख्यिकीय और मांग को समझते हुए आधारित सुधार हमेशा शांति और खुशियां देती रहती हैं। सरकारें अपनी योजनाओं के माध्यम से मसलन प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा, किसान क्रेडिट कार्ड सहित आत्मनिर्भर पैकेज आदि के माध्यम से सुशासन की राह समतल करने के प्रयास में रहती हैं। गौरतलब है कि सुशासन एक लोक प्रवíधत अवधारणा है और यह तब तक पूरा नहीं होता जब तक जनता सशक्त नहीं होती। इसके अभाव में राज-काज तो संभव है, पर शांति और खुशहाली का अभाव रहता है। + +देश का आर्थिक विकास दर भी ऋणात्मक में चला गया। हालांकि इस बीच एक सुखद संदर्भ यह है कि दिसंबर 2020 में जीएसटी का संग्रह 1.15 लाख करोड़ से अधिक हुआ जो जुलाई 2017 में इसके लागू होने के बाद से किसी माह की तुलना में सर्वाधिक उगाही है। इससे यह भरोसा बढ़ता है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है, मगर जिस तरह से चीजों पर असर हुआ है उसे मैनेज करने के लिए यह नाकाफी है। अभी भी शिक्षा का ताना-बाना बिगड़ा है और आíथक अभाव में कइयों से शिक्षा दूर चली गयी है। करीब नौ करोड़ मिड डे मील सुविधाभोगी बच्चे किस हालत में हैं, कोई खोज खबर नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76621.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76621.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5e9f2d5d72aa828a00cf91c88f2a5b710cc7888 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76621.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की सियासत में अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे वाममोर्चा और कांग्रेस पर अचानक भाजपा और तृणमूल की निगाहें टिक गई हैं। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने वाम-कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील कर दी कि अपनी पार्टी के जुलूस-रैली में जाएं, लेकिन मतदान के दिन भाजपा को वोट अवश्य दें। फिर क्या था। इसके अगले ही दिन तृणमूल ने वाममोर्चा और कांग्रेस से भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने की अपील कर दी। राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95aa94c7bf21b33dd3434bdb78f87e4852cc6b72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अंग्रेजी उपन्यासकार मैरी शेले ने अचानक होने वाले बदलाव को मानव मस्तिष्क के लिए सबसे बड़ी पीड़ा माना है। उनके मुताबिक, मानवीय दिमाग आकस्मिक पीड़ा को सहन नहीं कर सकता। पर दूसरी तरफ ‘नो पेन नो गेन’ यानी पीड़ा नहीं तो कुछ हासिल नहीं, यह अंग्रेजी कहावत भी प्रचलित है। इसलिए आइए, आज से जीवन में बदलाव का आगाज कर दें। ऊर्जा को जगाने वाले इस पर्व पर जैसे सूरज भी हमें संदेश दे रहा है कि उठो, अब समय करवट ले रहा है!।सर्दी है, अंधेरा है तो है रोशनी भी : ‘हर इंसान के भीतर छिपी हुई एक पीड़ा होती है, जिस पर दुनिया की नजर नहीं पड़ती। इससे अलग, उसी इंसान को सर्द, सुस्त मान लिया जाता है, जबकि वह केवल उदास होता है।’ यह पंक्ति अमेरिका के प्रसिद्ध कवि हेनरी वर्डसवर्थ की है। ऐसा लगता है कि कवि ने आज के संकट काल में जूझते इंसानी मन का चित्रण बहुत पहले ही कर दिया हो। वह मन, जो अपनी छिपी पीड़ा के साथ रुका हुआ हतप्रभ-सा है, पर बाहर वह समय के साथ चलने को बाध्य है। अक्सर शोक, दुख-पीड़ा अंधकार को सर्द एहसास से जोड़ा जाता है, पर मौसम चाहे जितना सर्द हो, जितना अंधकार हो, उजाले की किरण का वजूद भी वहां हमेशा मौजूद रहता है और समय जरूर बदलता है। आज से हम उस विशेष समय में हैं, जब प्रकाश का समय ज्यादा यानी दिन बड़ा और रातें छोटी होंगी। पर क्या हम इस अवसर का लाभ लेने और समय के साथ सार्थक बदलाव के लिए तैयार हैं?।छोटी-छोटी बातों की है अहमियत बड़ी।प्रगति पथ पर हमें यह याद रखना होगा।मन-पतंग की डोर हमारे हाथ में हो : आज पतंगोत्सव भी है। इसउत्सव पर हम यह न भूलें कि पतंग की हस्ती और उमंग तब तक बनी रहती है, जब तक उसकी डोर उसके सूत्रधार के हाथ में होती है। सूत्रधार के हाथ से छूटी हुई पतंग कभी किसी डाली पर तो कभी किसी दूसरे छत या बिजली के तार पर यूं ही टंगी मिलती है। आइए प्रण करें कि हमारे मन रूपी पतंग की डोर हमारे हाथ में हो और यह अतीत के बोझ और भविष्य की चिंता का भार उतार कर आकाश में एक उन्मुक्त ऊंची उड़ान भर सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be783aedcf788fecc934cf80e394ac4eec99600c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रवक्‍ता का ये भी कहना है कि दक्षिण कोरिया के पास उत्‍तर कोरिया की मध्‍यम दूरी की मिसाइलों से बचाव की क्षमता मौजूद है। गौरतलब है कि उत्‍तर कोरिया में बीते पांच वर्षों में कांग्रेस की पहली बार बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में किम ने अधिकारियों को ऐसे छोटे, हल्‍के परमाणु हथियार बनाने का आदेश दिया है जिनकी मारक क्षमता अधिक हो। इसके अलावा उन्‍होंने न्‍यूक्लियर पावर सबमरीन के डेवलेपमेंट में भी तेजी लाने की बात कही है। किम ने कहा है कि ऐसी मिसाइल क्षमता विकसित की जानी चाहिए जो 15 हजार किमी दूर अमेरिका की मुख्‍य भूमि को निशाना बना सके। गौरतलब है कि उत्‍तर कोरिया प्रमुख की अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से तीन बार शिखर वार्ता हुई थी। हर बार ये शिखर वार्ता बेनतीजा ही रही। अब जबकि अमेरिका में सत्‍ता का हस्‍तांतरण होने जा रहा है तो किम के बयानों की आक्रामकता एक बार फिर कोरियाई प्रायद्वीप को खतरे में डालती दिखाई दे रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16c945844150a1911b117e7666e4017ce8db9663 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभियान की शुरूआत करती एक युवती। (सेल्‍फी विद डाटर फाउंडेशन द्वारा उपलब्‍ध कराई फोटो)।जागलान ने बताया कि मैरी कर्नर नाम की महिला ने पहली बार महिलाओं के लिए माहवारी के लिए सेनेटरी बेल्ट की खोज की थी। उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरूप यह अभियान उनको समर्पित किया है। जागलान के अनुसार पिछड़े इलाकों में महिलाओं को माहवारी के समय सेनेटरी नैपकिन भी नहीं मिल पाते। गांव की महिलाएं हों या फिर शहर की, सेनेटरी नैपकिन मंगवाने में झिझक महसूस करती हैं। माहवारी के समय तीन-चार दिन का रक्त स्त्राव नारी को कमजोर करता है। कई महिलाओं को इस समय हाथ-पैरों में सूजन, पेट-पैर में दर्द, कमर दर्द, बुखार, भूख न लगना, कब्ज जैसी अन्य समस्याएं भी होती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b4ecd768ff0e6643e190e20a0d1cf0e924c34c1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में सुहाना ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर फिर से अपनी एक सिज़लिंग फोटो शेयर की है जिसमें उनका कर्वी फिगर साफ नज़र आ रहा है। फोटो में सुहाना का चेहरा तो नहीं दिख रहा, लेकिन परफेक्ट फिगर साफ दिख रहा है। फोटो सुहाना अपनी एक दोस्त के साथ खड़ी दिख रही हैं और उनके पीछे सूरजनुमा एक इमेज नज़र आ रही है जिसके आगे दोनों लड़कियां पोज़ दे रही हैं। सुहाना की ये फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। आप भी देखें और पहचान इन दोनों में से सुहाना कौन हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76630.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76630.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b004246e102cb70ee98a258b9fff538ef43c815d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76630.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजय मिश्र। मध्य प्रदेश के बासमती धान और शरबती गेहूं को जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग (जीआइ टैग) मिलने की राह का रोडा हटाने की रजामंदी ने किसानों के सपनों को नया आकाश दिया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अपनी उस आपत्ति को वापस लेने का निर्णय लिया है जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि मध्य प्रदेश उस भौगोलिक क्षेत्र में नहीं आता है, जहां बासमती धान का उत्पादन होता है। इतना ही नहीं, देश और और दुनिया में प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को भी जीआइ टैग देने का प्रस्ताव प्राधिकरण ने पारित करके केंद्र सरकार को भेज दिया है। यह अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे राज्य के किसानों और शिवराज सरकार की बडी जीत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3725adcb16b72801904a8f299cbaa9893adad94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76631.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोचर जमीन को चर रहे माफिया।टुंडी प्रखंड है। उग्रवाद प्रभावित इलाका। यहां गोचर जमीन की भरमार है। यह जमीन किसानों को बेहद खास होती है। आपको बताएं कि इन दिनों इस पर कब्जा करने की साजिश चरम पर है। जगह-जगह जमीन हड़पी जा रही है। किसान परेशान हैं, लेकिन माफिया से लड़ नहीं सकते। प्रखंड में शिकायत करने पहुंचते हैं तो सीओ साहब नहीं मिलते। आखिर थक-हारकर लौट जाते हैं। धीरे-धीरे गोचर जमीन खत्म होती जा रही है। तोपचांची सीओ को ही टुंडी का प्रभार मिला है। उनके पास समय की कमी है, इस वजह से पूरा ध्यान नहीं दे पाते। जमीन कब्जाने वालों के लिए माहौल बिल्कुल मुफीद बैठ रहा है। उनके हौसले भी बुलंद हैं। कुछ होने का डर नहीं। मगर, समस्या तो बड़ी है। सभी पंचायतों में जमीन की भारी कमी हो गई है। आखिर गोवंश कहां चरें। किसान मन मसोस यह देखने को मजबूर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76633.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76633.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..006627cf16a41fce201df35616273c41c12e4d67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76633.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। पुलिस के होने के साथ ही बदमाश भी सतर्क हो गए हैं। इसलिए वे ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ते, जिससे पुलिस उन्हें सर्विलांस से ट्रैस कर ले। अब पुलिस के लिए सीसीटीवी कैमरे मुखबिर बन गए हैं। शहर में पिछले दिनों हुई हर सनसनीखेज घटना में सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुराग मिले। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों को दबोच लिया और मामले का पर्दाफाश हो गया। इसीलिए हर घटना के बाद अब पुलिस सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग ही खंगालती है। + +15 दिसंबर 2020 को सदर के रोहता में बदमाशों ने इंडियन ओवरसीज बैंक में बैंक मैनेजर और स्टाफ को बंधक बनाकर डकैती डाली थी। बदमाश बैंक से 54.96 लाख रुपये दो बैगों में भरकर ले गए थे। इस सनसनीखेज घटना में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग खंगाली। इसमें एक मैरिज होम के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में बदमाश बाइक से जाते हुए दिखे। एक कैमरे में बदमाश बाइक को पैदल खींचते दिख रहे थे। यहां बदमाशों के चेहरे साफ नहीं दिख रहे थे। पुलिस ने जगनेर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे और देखे। यहां एक बदमाश का चेहरा फुटेज में साफ दिख गया। इसकी पहचान संजू जाटव के रूप में आ गई। पुलिस ने इसके मोबाइल की काल डिटेल की स्टडी की तो मामला खुल गया। सरगना समेत 11 बदमाशों को पुलिस जेल भेज चुकी है। इसी तरह 19 दिसंबर 2020 को सदर के राजपुर चुंगी में प्रापर्टी डीलर हरेश पचौरी की हत्या के मामले में पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से सुराग मिले। जिस स्थान पर घटना हुई, उसके पास ही स्मार्ट सिटी के कैमरे लगे थे। इसमें हत्या की पूरी रिकार्डिंग हो गई। इसके बाद पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे से शूटर के साफ चेहरे वाला फुटेज भी मिल गया। इसके बाद शूटर की पहचान सचिन कंजा के रूप में हो गई। इसके बाद घटना का पर्दाफाश हुआ। न्यू आगरा के लायर्स कालेनी स्थित हिंदुस्तान लीवर के डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम में लूट की घटना भी आरोपितों के सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने से ही खुली थी। अब सिकंदरा के रुनकता में ट्रांसफार्मर कारखाना में चौकीदार की हत्या में भी सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिला है। इसमें दिखी एक मारुति ईको कार की पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने गैंग के सरगना औा सदस्यों की पहचान कर ली है। ये सभी घटनाएं ऐसी हैं, जिनमें पुलिस को सर्विलांस से कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। सीसीटीवी कैमरों से मिले सुराग को लेकर पुलिस आगे बढ़ी और मामलों का पर्दाफाश हो गया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे पुलिस के काफी मददगार साबित हो रहे हैं। पुलिस दिनों घटनाओं में सीसीटीवी कैमरों से सुराग मिले थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76635.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76635.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bf5dc77a08dc534203e2744de24ad9dc02a7a80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76635.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी द्वारा संचालित एक थिंक-टैंक ने सोमवार को एक टीवी समाचार कार्यक्रम के दौरान कहा कि वर्कर्स पार्टी की बैठक का उद्देश्‍य किम जोंग उन के नेतृत्‍व को मजबूत करना है। अगर किम यो जोंग पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य बन गई होती तो सभी की निगाहें उन पर होती। इससे पहले पोलित ब्‍यूरो में बाहरी लोगों के लिए बहुत कम जगह मिलती है। बता दें कि किम यो जोंग को सत्‍ता अपने पिता किम जोंग इल के बाद विरासत में मिली है।किम जोंग इल की वर्ष 2011 के अंत में मृत्यु हो गई थी। वर्तमान राष्ट्रपति और तानाशाह किम जोंग उन अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। उत्तर कोरिया की शासन पद्धति उनके दादा किम इल सुंग द्वारा 1948 में देश की स्थापना के बाद स्थापित एक व्यक्तित्व पंथ पर आधारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76636.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76636.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46a13870e14539cf2a76411303449c01b7edb77a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76636.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाट्सएप के एप इंस्टाल्स में आ चुकी है गिरावट। वाट्सएप द्वारा नई नीति की घोषणा किए जाने के तत्काल बाद उसके एप इंस्टाल्स में भारी गिरावट दर्ज की गई। किसी व्यक्ति द्वारा स्टोर से एप डाउनलोड किए जाने व उसका पहली बार इस्तेमाल करने को एप इंस्टाल कहा जाता है। 1-5 जनवरी के बीच वाट्सएप का एप इंस्टाल्स 20 लाख था जो 6-10 जनवरी के बीच 13 लाख रह गया। इस प्रकार एप इंस्टाल्स में 35 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तरफ, टेलीग्राम का इस अवधि में एप इंस्टाल्स 13 लाख था जो 6-10 जनवरी तक बढ़कर 15 लाख हो गया। सर्वे में इस बात का अनुमान लगाया गया है कि भारत में वाट्सएप के 40 करोड़ यूजर में से छह करोड़ इस मैर्सेंजग एप से किनारा कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76637.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76637.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b995e3868c0568a1f163f7194eeb32525b300f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76637.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाभियोग प्रस्ताव पर जरूरी है सीनेट की मुहर ।हालांकि, अमेरिकी संसद कांग्रेस के उच्च सदन सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने अभी तक ट्रंप के खिलाफ मतदान करने की बात नहीं कही है। पार्टी के सिर्फ दो सदस्यों ने उनसे पद छोड़ने की अपील की है। ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को पास करने के लिए जरूरी है कि सीनेट की उस पर मुहर लगे और इसके लिए 100 सदस्यीय सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के 17 सदस्यों को ट्रंप के खिलाफ मतदान करना होगा। ।शुक्रवार को बुलाई जा सकती है सीनेट की बैठक ।मौजूदा हालात में यह संभव नहीं लग रहा। सीनेट की अगली बैठक 19 जनवरी को होनी है जबकि 20 जनवरी को ट्रंप के कार्यकाल का आखिरी दिन होगा और जो बाइडन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। शुक्रवार को भी सीनेट की बैठक बुलाई जा सकती है। कुछ सदस्यों ने महाभियोग प्रस्ताव पर बहस के लिए सदन की बैठक पहले बुलाने की मांग भी की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76638.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76638.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..023e0da13cba39fb57283fc72dbf3c8569b2d01c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76638.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सेन्हा (लोहरदगा), [गफ्फार अंसारी]। यदि स्थानीय बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तरीके से किसान खेती करें तो यह कभी घाटे का सौदा साबित नहीं होगा। खेती से आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ हम गांव-घर की जीवन-शैली भी बदल सकते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के रामनगर गांव में रहने वाले किसान पिता-पुत्र ने। नाम है रामवृक्ष महतो और हेमंत महतो। + +पारंपरिक तरीके से मक्के की खेती करने वाले पिता-पुत्र अब स्वीट कॉर्न की खेती कर रहे हैं। इनकी जिंदगी में अब मिठास तैर रही है। इनके घर-परिवार की सूरत ही बदल गई है। अपने गांव के दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए हैं। दरवाजे पर हर दिन किसान और कारोबारी धमक पड़ते हैं। यह किसान जहां स्वीट कॉर्न की खेती का हुनर सीखना चाहते हैं, कारोबारी स्वीट कॉर्न का सौदा करते हैं। दरवाजे से ही इनका उत्पादन दूसरे शहरों में पहुंचने लगा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76640.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76640.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa09b0e39b6a3a57717abbf43dbaa11b1bd9693d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76640.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +राष्ट्रीय निगरानी केंद्र को इससे मिलेगी हर रसीद की रियल टाइम जानकारी।विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने बताया कि इस अभियान के तहत देश के कुल साढ़े छह लाख में से सवा पांच लाख गांवों के 13 करोड़ से अधिक परिवारों के 65 करोड़ लोगों से संपर्क किया जाएगा। इसमें दस लाख टोलियों में 40 लाख से अधिक कार्यकर्ता लगेंगे। एक टोली में पांच कार्यकर्ता होंगे तथा हर चार टोलियों पर एक जमाकर्ता होगा। हर जमाकर्ता द्वारा रोजाना पूर्व निर्धारित तीन बैंकों में जमा कराई गई राशि की जानकारी भी प्रतिदिन केंद्रीय समन्वय टीम को इस ऐप के माध्यम से मिलेगी। एकत्रित समर्पण निधि से राम मंदिर के साथ ही मंदिर परिसर में शोध के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की लाइब्रेरी, आडिटोरियम, रामलीला व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए आउटडोर स्टेडियम, धर्मशाला, भंडारा स्थल, खोदाई में मिले पुरातात्विक साक्ष्य प्रदर्शित करने के लिए संग्रहालय, राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों को याद करने के लिए स्मारक भी बनाई जाएगी। + +गोविंददेव गिरि के हस्ताक्षरयुक्त कूपन व रसीद।श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के जीर्णाद्धार को लेकर ऐच्छिक समर्पण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 10, 100 व 1000 रुपयों के कूपन जारी किए गए हैं। इसके ऊपर की राशि पर रसीद दी जाएगी। वहीं, 20 हजार से अधिक की राशि अकाउंट पेई चेक या बैंक ट्रांसफर द्वारा ही स्वीकार्य होगी। कूपन व रसीद पर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि के हस्ताक्षर हैं। इसमें प्रभु राम की एक हाथ में धनुष लिए और दूसरे हाथ से आशीर्वाद देती आदमकद तस्वीर, राम मंदिर का माडल व ट्रस्ट का लोगो भी छपा है। बिना रसीद या कूपन के कोई राशि नहीं ली जाएगी। इस अभियान के माध्यम से करोड़ों रामभक्तों का डाटा भी तैयार किया जाएगा। रसीद व कूपन देने के साथ समर्पणकर्ता का नाम, पता व मोबाइल नंबर संग्रहित किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76641.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76641.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3095cd7bbf4d8b7cc01c80d97d4172450f46b193 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76641.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मध्य प्रदेश के सिवनी के कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डॉ. एनके सिंह ने कहा कि सिवनी जिले में पहली बार किसानों ने अनुबंध के तहत आलू की खेती शुरू की है। खेतों में लगा आलू 50 दिनों का हो चुका है, जो देशी प्रजाति से काफी बड़े आकार का है। आलू की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76642.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76642.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ef4a754e5a7caeeaf8087e01c7db56a531aa268d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76642.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यटन नीति से सहयोग पाएंगे वेलनेस सेंटर। मेरठ जनपद में जल्द ही वेलनेस सेंटर, हेरिटेज सेंटर और पर्यटकों के लिए मुफीद होटल खुलेंगे। इसे लेकर प्रशासन योजना बना रहा है। जिले में वह जगह तलाशे जाएंगे जहां से पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन नीति 2018 के तहत निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावां सब्सिडी स्कीम के बारे में बताया जाएगा। जिससे इस क्षेत्र में निवेशकों को आ‍कर्षित किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76643.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76643.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..991e3fd2f94320ad30e642ec8aedfcf136143929 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76643.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुगोरक्षनाथ यहां से भिक्षाटन करते हुए हिमालय की तराई स्थित गोरखपुर पहुंचे। उस समय इस इलाके में घने जंगल थे। यहां उन्होंने राप्ती और रोहिणी नदी के संगम पर एक मनोरम जगह पर अपना अक्षय भिक्षापात्र रखा और साधना में लीन हो गए। इस बीच खिचड़ी का पर्व आया। एक तेजस्वी योगी को साधनारत देख लोग उसके भिक्षापात्र में चावल-दाल डालने लगे, पर वह अक्षयपात्र भरा नहीं। इसे सिद्ध योगी का चमत्कार मानकर लोग अभिभूत हो गए। उसी समय से गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा जारी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76645.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76645.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1f30cdd2ff40fe95535a19221add204addab98fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76645.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई सूची के अनुसार इसमें सर्वोच्च न्यायालय के नामित वरिष्ठ अधिवक्ता अथवा राज्य केंद्र सरकार के विधि अधिकारी यथा एएजी एएसजी को प्रति उपस्थिति पचास हजार रुपये देगा। वहीं सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवाद (अन्य खर्चे भी शामिल ) 80 हजार प्रतिवाद देगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में केस लड़ने व उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता को प्रतिवाद 20 हजार देगा। उच्च न्यायालय एवं सर्विस ट्रिब्यूनल के अधिवक्ता दस हजार प्रतिवाद, सिविल कोर्ट में सिविल वाद के लिए छह हजार प्रति वाद व क्रिमनल वार्ड के लिए चार हजार प्रतिवाद, पीपीएक्ट, आर्बीटेशन, एसडीएम कोर्ट एवं कमिश्नर कोर्ट, उपभोक्ता फोरम और रेरा में केस लड़ने के लिए चार हजार प्रतिवाद प्राधिकरण ने देने शुरू कर दिए हैं। राज्य उपभोक्ता फोरम में छह हजार प्रतिवाद और रिटेनशिप फीस हाई कोर्ट के लिए लविप्रा प्रति माह दस हजार देने शुरू किए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76647.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76647.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..263fb3d39144d86ddce0723f611de45f742f6305 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76647.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गौतम कुमार मिश्र, पश्चिमी दिल्ली। नीचे खेती और ऊपर बिजली उत्पादन को लेकर दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना शिलान्यास के करीब तीन महीने बाद अब मूर्त रूप लेने को तैयार है। सूरज की रोशनी की मदद से अन्नदाताओं की झोली भरने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनी मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोतरी सौर योजना का पहला प्रायोगिक संयंत्र उजवा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में अब बनकर तैयार है। संयंत्र में अब केवल बिजली के मीटर लगाने का कार्य शेष है। ।सबकुछ सही रहा तो आगामी सप्ताह में यहां सूरज की रोशनी से रातें जगमग होंगी। दिन में भी इस संयंत्र से हासिल होने वाली ऊर्जा से यहां सभी जरूरी कामकाज हो सकेंगे। यह योजना न सिर्फ दिल्ली, बल्कि देश में अपनी तरह की पहली योजना है। बिहार के पूसा व राजस्थान के जोधपुर में इस तरह की सीमित कोशिश हुई, लेकिन दिल्ली में जिस बड़े पैमाने पर यह योजना लागू होगी वह अपने आप में अलग है। ।दूर- दूर से पहुंच रहे किसान ।संयंत्र की पहली झलक देखने को दिल्ली देहात के विभिन्न गांवों से बड़ी तादाद में किसान उजवा पहुंच रहे हैं। यहां के विज्ञानियों का कहना है कि जब से इस योजना के बारे में किसानों को पता चला तब से ही उनके यहां रोजाना बड़ी संख्या में फोन आने लगे। फोन पर सभी किसानों को योजना के बारे में समझाया जाता था, लेकिन उनके कई सवाल ऐसे होते थे, जिन्हें आप तब तक नहीं समझा सकते जब तक कि वे संयंत्र को प्रत्यक्ष तौर पर नहीं देख लेते। अब जिन किसानों का फोन आता है, उन्हें विज्ञानी यहां आकर संयंत्र देखने की सलाह दे रहे हैं। ।विज्ञानियों का कहना है कि योजना के तहत यह दिल्ली में लगा पहला संयंत्र हैं। इसे यहां स्थापित करने का उद्देश्य किसानों को इसके बारे में पूरी जानकारी देना है ताकि वे इस योजना से खुद को जोड़ सकें। दिल्ली सरकार इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने की बात कह चुकी है। इस योजना को प्रमुख रूप से दिल्ली के ग्रीन बेल्ट वाले गांवों में लागू करने की बात कही गई है, लेकिन यह तभी संभव है जब किसान इस योजना से खुद को जोड़ें। + +तब आय हो जाएगी दोगुनी ।अभी एक एकड़ में किसान गेहूं या धान की खेती करते हैं तो उससे करीब 50 से 60 हजार रुपये की आय होती है। इसमें जोखिम भी रहता है। इस योजना में कोई जोखिम नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि ऊपर सोलर पैनल लगे होने के बावजूद किसान जमीन पर खेती कर सकेंगे। हां, धान या गेहूं जैसे पैदावार किसान भले ही न ले सकें, लेकिन वैज्ञानिक किसान को उन तकनीक के बारे में जानकारी व प्रशिक्षण देंगे जिससे वे छायादार जगहों पर बागवानी के सहारे खेतीबाड़ी कर सकेंगे। ।इससे मिलने वाली आय किसानों के लिए अतिरिक्त आय होगी। योजना के तहत किसानों की जमीन 25 वर्षों के लिए पट्टे पर ली जाएगी। खेत के ऊपरी हिस्से पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। एक एकड़ खेत में करीब 110 किलोवाट बिजली रोजाना पैदा होगी। बिजली कंपनी इस बिजली को खरीदेगी। किसानों से जो जमीन ली जाएगी उसके एवज में करीब 80 से 90 हजार रुपये प्रति वर्ष का भुगतान किसान को किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64dfb169bd616c6e7725d08145cfc99979c022a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसी सक्रियता की जरूरत।जुलाई, 2020 की बात है, फरीदाबाद में पार्षद दीपक चौधरी की शिकायत पर एक मामले की जांच में पता चला कि तिगांव रोड, बल्लभगढ़ स्थित स्वर्ग आश्रम परिसर में सीएनजी शव दाह गृह तथा हाल के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। जांच में ठेकेदार और नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आई। हालांकि एसडीओ और ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7884870da3bb79fd1a98ef90920faab6907989be --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76652.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली/ गाजियाबाद। नियमों का उल्लंघन और सरकारी एजेंसियों में भ्रष्टाचार के कारण हुए निर्माण कार्यो की वजह से अनेक दुर्घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में कई निदरेष लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। हर घटना के बाद दिखावे के तौर पर त्वरित कार्रवाई के आदेश तो दिए गए, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कभी भी प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई नजर नहीं आई। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए दोषियों के खिलाफ प्रतीकात्मक नहीं नजीर पेश करने वाली कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में दूसरा कोई अधिकारी या कर्मचारी इस तरह का काम करने की हिम्मत न जुटा सके और यह तब मुमकिन है जब चार्जशीट में सभी दोषियों के नाम शामिल हों और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76658.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76658.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eea0e4762a62bce04b017d2d46dd0ff32b274045 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76658.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। सरकारी नौकरी के लिए बेरोजगारों का नाम भेजने वाला विभाग अब निजी कंपनियों में नौकरी दिलाने का काम भी करेगा। इस वर्ष प्रदेश में 572 रोजगार मेला लगाने के साथ ही इस महीने के अंत तक सरकारी विभागों में 40 हजार रिक्तपद ऑनलाइन हो जाएंगे। विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीयन कराने वाले युवाओं को ही फायदा होगा। रोजगार की जानकारी देने के लिए विभाग की ओर से बनाए गए एकीकृत पोर्टल पर 18 हजार से अधिक कंपनियां रजिस्टर्ड हो गई हैं। ।सेवायोजन विभाग के उपनिदेशक पीके पुंडीर ने बताया कि संविदा भर्ती के साथी निजी कंपनियों की पूरी जानकारी अपलोड कर दी गई है। वेबसाइट पर जाकर बेरोजगार मनचाही नौकरी की जानकारी ले सकता है। सरकारी विभागों में संविदा भर्ती के लिए 18 से 45 वर्ष तक के बेरोजगारों के लिए अकेले सरकारी विभागों में करीब 40,000 भॢतयां होंगी। इनमें से एक हजार रिक्तियों की सूचना वेब पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है। सेवायोजन विभाग के वेबसाइट Sewayojan.up.nic पर कोई भी बेरोजगार एक क्लिक पर नौकरी की पूरी जानकारी ले सकता है। + +देश में नौ लाख कंपनियां ऑनलाइन। उप निदेशक सेवायोजन मनोज कुमार ने बताया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से नेशनल करियर सॢवस (एनसीएस) का भी गठन किया गया है। एनसीएस में नौकरी देने वाली नौ लाख कंपनियों को जोड़ा जाएगा। 52 सेक्टरों में 27,000 तरह के रोजगार देने वाली ये सरकारी व निजी कपंनियां प्रदेश के 92 के साथ ही देशभर 956 सेवायोजन कार्यालयों से जुड़ गईं हैं। पंजीकृत बेरोजगारों को सीधे एक क्लिक पर नौकरी पाने का अवसर मिलेगा।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca73facba0933439d44147182b0a2de3bc60b664 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76660.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैसे तो ऐसी कई रूढ़ियों को हमारे समाज ने हाल के समय में तोड़ा है और महिलाएं सेना के अग्रिम मोर्चो तक पर दुश्मन से सीधे लोहा लेने तक की हैसियत में आ गई हैं, पर अब भारतीय स्त्रियों ने कीíतमान रचने वाले उन साहसिक मोर्चो पर भी विजय पताका फहराने का मंसूबा पाला है, जहां उनके पहुंचने की कल्पना भी नहीं की जाती थी। एक ऐसी ही उपलब्धि एयर इंडिया की महिला पायलटों ने हाल में उत्तरी ध्रुव होते हुए दुनिया के सबसे लंबे और दुर्गम हवाई मार्ग से 16 हजार किलोमीटर की सीधी (नॉन-स्टॉप) उड़ान भरते हुए हासिल की है। उनकी यह उपलब्धि यह साबित करने के लिए काफी है कि अगर भारतीय स्त्रियों को मौके दिए जाएंगे तो कठिन और कई मायनों में असंभव माने जाने वाले मोर्चो को भी वे साध लेंगी और हर कसौटी पर पुरुषों के मुकाबले इक्कीस ही ठहरेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76665.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76665.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97dd846b158cf956450d5129abb78c63dd3e16d2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76665.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इमरान खान को इस्‍तीफा देने का अल्‍टीमेटम ।आपको यहां पर ये भी बता दें कि पाकिस्‍तान में फजलुर रहमान काफी समय से सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद किए हुए है। पीडीएम लगातार प्रधानमंत्री इमरान खान से भ्रष्‍टाचार के आरोपों के लिए इस्‍तीफा देने की मांग कर रहा है। इसके लिए पीडीएम ने इमरान को 31 जनवरी तक की मौहलत भी दी है। पीडीएम का कहना है कि इमरान खान की सरकार देश में जिया उल हक और जनरल परवेज मुशर्रफ की सरकार की ही तरह शासन कर रही है। फजलुर रहमान ने कहा कि जैसे इन लोगों के शासन के दौरान देश में डेमोक्रेसी जैसी कोई चीज नहीं बची थी, ठीक वैसे ही आज हो रहा हे। इमरान सरकार देश के संविधान के खिलाफ काम कर रही है और देश में मार्शल लॉ लगाना चा‍हती है। ये समय मुशर्रफ और जिया उल हक से भी ज्‍यादा खतरनाक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54886a6a42c5f57ec4fb3031b6793758d7c95e3c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। 6 जनवरी की तारीख अमेरिका की राजनीति में एक काले अध्‍याय के रूप में दर्ज हो चुका है। अमेरिका की राजनीति में पिछले 200 वर्षों के इतिहास में जो नहीं हुआ, वह राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में हुआ। अमेरिकी संसद के बाहर हुई हिंसा के लिए ट्रंप को कसुरवार को ठहराया गया। इसके चलते ट्रंप पर न सिर्फ महाभियोग की तलवार लटकी है, बल्कि इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का खतरा भी उत्‍पन्‍न हुआ है। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि अब ट्रंप का क्या होगा ? क्या व्हाइट हाउस के बाद उनका नया ठिकाना जेल होगा ? ट्रंप पर आपराधिक मामले के तहत कार्रवाई के संकेत हैं। उन पर महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में राष्‍ट्रप‍ति ट्रंप के पास बचने के क्‍या उपाय हो सकते हैं। आखिर क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ। ।खुद को माफ कर सकते हैं ट्रंप ? जानें क्‍या है इस अधिकार का सच ।प्रो. हर्ष पंत (आबसर्वर रिसर्च फाउंडेशन) का कहना है कि ट्रंप के पास अपने को माफ करने का अधिकार है। उनका कहना है कि अगर अमेरिकी राष्‍ट्रपति दूसरे का माफ कर सकता है तो वह अपने आप को भी माफ कर सकता है। हालांकि, प्रो पंत यह कहते हैं कि अमेरिका के इतिहास में कभी किसी राष्‍ट्रपति ने इस प्रकार के अध‍िकारों का इस्‍तेमाल नहीं किया है। इसलिए वह इस पर संशय प्रकट करते हैं। उन्‍होंने कहा कि अगर ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अहम होगा कि वह अमेरिकी राष्‍ट्रपति के इस फैसले को किस रूप में परिभाषित करता है। फ‍िलहाल वह इस रास्‍ते की ओर इशारा जरूर करते हैं। बता दें कि कैपिटल हिल में बवाल के बाद व्हाइट हाउस के कानूनी सलाहकार पैट सिपोलोन ने ट्रंप से कहा कि दंगा भड़काने को लेकर उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसके बाद यह बहस तेज हो गई है कि आखिर इस कार्रवाई से ट्रंप कैसे बच सकते हैं। ।महाभियोग की प्रक्रिया से बच सकते हैं ट्रंप ।प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप महाभियोग की प्रक्रिया से बच सकते हैं। इसके लिए उन्‍होंने तकनी‍की कारणों का हवाला दिया। प्रो पंत ने कहा कि राष्‍ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल महज एक सप्‍ताह है। कम समय होने के कारण यह कार्यवाही अप्रासंग‍िक हो सकती है। दूसरे, उन्‍होंने कहा कि सदन में गणित के गुणा-भाग से भी महाभियोग का खतरा टल सकता है। हालांकि, उन्‍होंने कहा पद से हटने के बाद उन पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। वे संसद पर हमले के लिए भीड़ को उकसाने के आरोप में महाभियोग की तैयारी कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..692909379ee16a85dbec787fb97e841cb5ed2838 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76668.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + अनिल मिश्रा, जगदलपुर। गोबर बेचकर हवाई चप्पल में हवाई जहाज का सफर। सुनने-पढ़ने पर सहज विश्वास नहीं होगा। लेकिन सच तो सच है। बीजापुर के मुन्ना पाल और उनके स्वजन का यथार्थ है। बच्चों द्वारा राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत अर्जित और संचित रपये मुश्किल समय में काम आए और प्रधानमंत्री की उड़ान योजना भी साकार हो गई जिसमें हवाई चप्पल में हवाई यात्रा की बात की गई थी। केंद्र व राज्य सरकारें योजनाएं शुरू करती हैं और परिकल्पनाएं सार्थक होने पर मिसाल बन जाती हैं। केंद्र सरकार की मंशा थी कि उड़ान योजना के तहत हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकें। राज्य सरकार की मंशा थी कि किसानों को उनके पशुधन के गोबर तक का मोल मिले। ।प्रदेश सरकार की योजना के तहत गोबर बेचा, जमा पैसे काम आए मजबूरी में।गोधन न्याय योजना के तहत भूपेश बघेल सरकार ने गोबर की खरीदी शुरू की है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कन्नौज निवासी मुन्ना पाल के लिए दोनों योजनाएं एक साथ सार्थक हो गई। वह बीजापुर के पुसनार में वनोपज खरीदकर बड़े व्यापारियों को बेचने का छोटा सा कारोबार करते हैं। उनके घर में एक भैंस भी है जिसका गोबर पत्नी और बच्चे सरकार को जुलाई महीने से बेचते आ रहे हैं। अधिक लाभ के लिए आसपास से भी गोबर एकत्र कर लेते हैं। + +हवाई चप्पल वालों के लिए केंद्र की उड़ान योजना की परिकल्पना भी हुई सार्थक।मुन्ना को 12 नवंबर को कन्नौज के छिबरामऊ तहसील के प्रेमपुर पोस्ट स्थित डालूपुर गांव में रह रही मां के देहावसान की सूचना मिली। अंतिम यात्रा में पहुंचना मुश्किल था परंतु तेरहवीं में शामिल होने के लिए भी ट्रेन टिकट उपलब्ध नहीं होने के कारण मुश्किलें बढ़ गई। परिवार ने हवाई जहाज से लखनऊ होते हुए गांव पहुंचने का निर्णय लिया। मुन्ना ने बताया कि उनके खाते में राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत बेचे गए गोबर के करीब साढ़े सत्रह हजार रुपये थे। परिवार रायपुर से दिल्ली होते हुए लखनऊ पहुंचा। वहां से उसने 250 किमी का सफर बस तय कर गांव पहुंचे और मां की तेरहवीं में शामिल हुए। स्वजनों को यात्रा का वृतांत सुनाया तो सभी रोमांचित हो गए। छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा दो रपये किलो गोबर खरीदे जाने की बात भी ग्रामीणों को आश्चर्यचकित करने वाली रही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d163ea978332e381202f694218ab1ce0daa823c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76669.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आम लोगों को कब लगेगी वैक्सीन?।स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद सरकार ने देश के करीब 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की रूपरेखा तैयार की है। हालांकि आम लोगों को वैक्सीन के लिए अभी कम से कम अगले छह महीने तक का इंतजार करना होगा। यह भी साफ हो गया है कि वैक्सीन को किसी निजी अस्पताल में लगाने की इजाजत फिलहाल नहीं दी जा रही है।सरकार वैक्सीन के काम को अपनी देखरेख में ही अंजाम देगी। आम लोगों के लिए जुलाई तक वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। + +दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स में सभी राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा संगठन, जेल कर्मचारियों, नगरपालिका के श्रमिकों और राजस्व अधिकारियों से जुड़े लगभग दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, कोरोना वायरस के नियंत्रण में लगे हुए हैं। इनके अलावा राज्य सरकार और रक्षा, गृह, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालयों से जुड़े श्रमिकों को भी इस चरण में सम्मिलित किया जाएगा। वहीं तीसरे चरण में इस श्रेणी में आने वाले लोगों को भी दो भागों में बांटा गया है। पहली श्रेणी 60 साल से ऊपर और दूसरी 50 से 60 साल के बीच की है। इन लोगों की पहचान लोकसभा और विधानसभा चुनाव की सबसे अपडेट लिस्ट से किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7667.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7667.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..68b9b8c2f1fb1d68a14db7e654e837125efc5613 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7667.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब मशहूर स्क्रीप्ट राइटर और निर्देशक रूमी जाफरी ने दिलीप कुमार से जुड़ी अपनी पहली मुलाकात को याद किया है। वह पहली बार दिलीप कुमार से मिलने मशहूर कॉमेडियन अभिनेता जॉनी वॉकर के साथ मिलने गए थे। इस मुलाकात में दिलीप कुमार ने शादी में शामिल होने के लिए मोटी फीस लेने वाले कलाकारों के लिए हैरानी जताई थी। साथ ही कहा था यह गलत बात है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76670.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76670.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04754565175e6722504ef9bdd1f0f37b91afe800 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76670.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऐसे हुई स्कूल की स्थापना।लालजी के नाम से प्रसिद्ध समाजसेवी लाला ईश्वर दास गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए कार्य करना चाहते थे। उन्होंने 22 नवंबर 1919 में सीताराम बाजार की एक छोटी सी ईमारत में इस स्कूल की स्थापना की थी। वहीं, इस स्कूल के संस्थापक और प्रधानाचार्य रहें। यहां पर कक्षा एक से दस तक के 150 छात्रों की कक्षा लगती थी। धीरे-धीरे 150 से बढ़कर तीन हजार छात्र इस स्कूल में पढ़ने लगे जिसके बाद स्कूल को दो पाली में लगाया जाने लगा। आगे चलकर एक सरकारी संस्था ने साल 1924 में स्कूल को दरियागंज में परमानेंट लीज पर दे दी। सीताराम बाजार से हटकर अब स्कूल दरियांगज में लगने लगा। स्कूल के वर्तमान प्रधानाचार्य रमाकांत तिवारी बताते हैं कि लालाजी का शिक्षा क्षेत्र में बहुत सम्मान था इसलिए दिल्ली के बहुत से धनी व्यापारियों एवं समाजसेवियों ने विद्यालय के भवन निर्माण में मुक्त हस्त दान दे कर सहयोग किया। 1954 में लाला ईश्वर दास सेवा निवृत हो गए। + +पहले सुब्रोतो कप फुटबाल टूर्नामेंट में मिली सफलता।स्कूल के दूसरे प्रधानाचार्य लाला राम दास ने जब इस विद्यालय की कमान संभाली तो विद्यालय के छात्र खेलकूद में भी बहुत पारंगत होने लगे। स्कूल ने साल 1960 में पहला सुब्रोतो कप फुटबाल टूर्नामेंट को स्कूल ने जीतकर इतिहास रच दिया। विद्यालय के प्रधानाचार्या रमाकांत तिवारी बताते हैं कि स्कूल की फुटबाल टीम यूनियन अकादमी और उस समय की बड़ी-बड़ी टीमों के दांत खट्टे कर दिया करती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19d1ac725395a23fda6897bd83515de6fe14fd10 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + अंजुल मिश्रा, जबलपुर। कोरोना काल के कारण घाटे में चल रहा रेलवे आय बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहा है। इसके तहत अब मंडल के सभी आठ ऑफिसर रेस्ट हाउस की जिम्मेदारी निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी चल रही है। इससे ऑफिसर रेस्ट हाउस के रखरखाव और हाउसकीपिं‍ग में खर्च होने वाले सालाना 20 लाख रुपये की बचत तो होगी ही, साथ ही वहां से निश्चित आमदनी भी होने लगेगी। जबलपुर मंडल ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है,जो निजी कंपनी रेलवे के ऑफिसर रेस्ट हाउस के संचालन का जिम्मा लेगी, वह रेस्ट हाउस के 40 फीसद हिस्सा का उपयोग आम आदमी को ठहरने के लिए कर सकेगी, जबकि 60 फीसद हिस्सा रेलवे के अधिकारियों के लिए आरक्षित रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3b0cc77d8fc6cc6392cc3e47fe443b5b2e8a956 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पश्चिम बंगाल में फ्री कोरोना टीकाकरण का एलान।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फी अपने राज्य के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन दिए जाने का एलान कर चुकी हैं। बंगाल में कोरोना के टीकाकरण को लेकर ममता बनर्जी ने कहा था कि हमारी सरकार राज्य के सभी जरूरतमंदो को कोरोना का टीका फ्री में लगवाएगी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए हमारी सरकार पूरी तरह से व्यवस्था कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bc8bb47687d67ddc6a63006148c52e0d6b86267f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76675.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मकर संक्रांति प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में 14 या 15 तारीख को मनाया जाता है। इस दिन देश भर में अलग अलग समुदायों के लोग अलग-अलग रूपों में तिल, चावल, उड़द की दाल एवं गुड़ का सेवन करते हैं। इन सभी सामग्रियों में सबसे ज्यादा महत्व तिल का दिया गया है। इस दिन कुछ अन्य चीज भले ही न खाएं किन्तु किसी न किसी रूप में तिल अवश्य खाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..285f9cc0d62c5199a321d21846143ab152c40a70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76679.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आपको बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर ही यूनए प्रमुख के तौर पर किसी की नियुक्ति की जाती है। ऐसा यूएच चार्टर के सेक्‍शन 97 के तहत किया जाता है। इसका एक मतलब ये भी है कि यदि सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍यों में से कोई चाहे तो वो नामित दावेदार को वीटो लगाकर रोक सकता है। गौरतलब है कि यूएन प्रमुख के तौर पर हर महासचिव के लिए दूसरे कार्यकाल का विकल्‍प भी मौजूद होता है। लेकिन इसके लिए सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों की मुहर लगनी भी जरूरी होती है। + +गौरतलब है कि वर्ष 2016 में एंटोनियो गुटारेश संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव घोषित हुए थे लेकिन उनका कार्यकाल जनवरी 2017 से शुरू हुआ था। उनके नाम पर मुहर लगने से पहले यूएन जनरल असेंबली में अनऑफिशियल डिबेट भी हुई थी। इसमें शामिल प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र के लिये न सिर्फ अपनी योजनाएं सामने रखी थीं बल्कि सवालों के जवाब भी दिए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f91d84caaf8882859e1642b589344a52b3e2537b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। म‍िल‍िट्री पुलिस में जाने का जज्बा यह है कि कई शहरों से बेटियां लखनऊ में जुटेंगी और अपनी मेधा का प्रदर्शन करेंगी। बड़ी संख्या में बेटियों के जुटने पर प्रशासन भी सतर्क हो गया और उनकी सुरक्षा का खास इंतजाम करने का खाका तैयार किया है। बेटियों के साथ आने वाले अभिभावकों को भी सुविधा देने की तैयारी है। महिला पुलिस भर्ती रैली लखनऊ में भी होनी है। 16 से 30 जनवरी तक विभिन्न चरणों में होने वाली इस भर्ती रैली में 14 हजार बेटियां कई शहरों से यहां आएंगी। ।लखनऊ में महिला म‍िल‍िट्री पुलिस भर्ती रैली के लिए 18, 19 और 20 जनवरी की तिथि तय की गई है। यह भर्ती रैली एएमसी सेंटर एंड कॉलेज में होगी। इसमें लखनऊ के अलावा अमेठी, आगरा, मेरठ, उत्तराखंड, बरेली और बनारस से करीब 14 हजार बेटियों के आने की संभावना है। इतनी ही संख्या में अभिभावक भी साथ में होंगे। 21 जनवरी को रैली में शामिल अभ्यर्थियों का चिकित्सकीय परीक्षण का कार्यक्रम रखा गया है। प्रशासन ने कोविड-19 के नियमों का पालन करने के साथ ही पेेयजल, यातायात, चिकित्सकीय और लाइटों का इंतजाम करने का खाका तैयार किया है। अभ्यर्थियों की संख्या के अनुसार बसों की व्यवस्था परिवहन विभाग को करना है। इसके साथ ही दो से तीन अतिरिक्त बसों का भी इंतजाम होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..687314a5cc425921dd7bbabe07a181ecce591742 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सर्वे के अनुसार इन चुनावों में धन का इस्तेमाल कर भी जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। 65.8 फीसद लोगों का मानना है कि पैसे के दम पर चुनाव जीतने की कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। महज 27.6 मतदाता ही मानते हैं कि कुछ अच्छे प्रत्याशियों का खर्च उनके समर्थक वहन करते हैं। ।रास्ते, नालियों पर होते हैं चुनाव।पंचायत चुनावों के दौरान राष्ट्रीय मुद्दों का कोई असर नहीं होता है। सर्वे के दौरान 63.2 लोगों ने माना कि गांव की जनता को राष्ट्रीय मुद्दों से कोई सरोकार नहीं रहता है। 66 फीसद लोगों ने कहा कि गांव के रास्ते, नालियों से लेकर अन्य मसलों पर ही ये चुनाव होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54fef1aef551e5e986d1d4e171282140ba894809 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76690.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यात्र के लिए चल रही तैयारियां : चमोली जिले के जिला पर्यटन विकास अधिकारी बृजेंद्र पांडेय के अनुसार, इनर लाइन से बाहर होने के बाद अब टिम्मरसैंण के लिए इनरलाइन परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी। मार्च से टिम्मरसैंण महादेव यात्र के मद्देनजर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से जोशीमठ-नीती सड़क खुली रखने का आग्रह किया गया है। वह बताते हैं कि नीती गांव के नजदीक से टिम्मरसैंण पहुंचने के लिए करीब दो किमी का पैदल ट्रैक है। क्षेत्र की विषम परिस्थितियों को देखते हुए यात्रियों की संख्या के निर्धारण को लेकर मंथन जारी है। साथ ही नीती और आसपास के गांवों में यात्रियों के ठहरने के मद्देनजर भी व्यवस्थाएं जुटाई जानी हैं, जिसकी रूपरेखा तैयार हो रही है। पांडेय के अनुसार, यात्र के लिए उन्हीं व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हों। + +तीर्थाटन के साथ साहसिक पर्यटन भी: उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चमोली जिले के मलारी, बांपा, गमशाली व नीती देश के सीमांत गांव हैं। शीतकाल में अत्यधिक बर्फबारी होने पर इन गांवों के निवासी जोशीमठ समेत निचले क्षेत्रों में आ जाते हैं। इसके बावजूद तीर्थाटन और साहसिक पर्यटन के दृष्टिकोण से यह पूरा क्षेत्र खासा महत्व वाला है। बर्फ से लकदक चोटियों के साथ ही बुग्यालों (उच्च हिमालय में घास के मैदान) का मनोरम नजारा हर किसी को मोहपाश में बांध लेता है तो टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी के दर्शन नए उत्साह का संचार करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..050f5cf1b4d353733770d3c2706c854cd414af6c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यानी हमारे देश में बुजुर्गो की संख्या निरंतर बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन घरों में बुजुर्ग हैं, उनके यहां का प्रति व्यक्ति खर्च भी इसी अस्वस्थता के कारण ज्यादा है। फिलहाल, देश में प्रत्येक 10 लोगों की आबादी में एक बुजुर्ग हैं। हर चौथे वृद्ध को अपने रोजमर्रा के काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, सस्ती स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में 90 प्रतिशत वृद्ध घर में ही अपना इलाज करते हैं, जबकि करीब 33 प्रतिशत बुजुर्ग दिल के मरीज हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76696.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76696.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6e714be8215e4b7a6d90a0d6f894b7cedb94018 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76696.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केस दो: सदर के राजपुर चुंगी निवासी आरती (25 साल) 11 जनवरी को फंदे पर लटकी मिली। घटना के पीछे ससुराल वालों का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न था। वहीं 10 जनवरी को सिकंदरा के गढ़ी बाईपुर निवासी प्रीति का फंदे पर शव लटका मिला। यहां भी जिंदगी के खत्म होने के पीछे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की कहानी थी। दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज हो गया। मगर, दो जिंदगी मौत के आगोश में जा चुकी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..521e608d1a262117b97c91f356827ba5414227dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। बुधवार को कैपिटल में हिंसा भड़काने में भूमिका के लिए डेमोक्रेट्स अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देंगे। हाउस की स्‍पीकर नैन्‍सी पेलोसी ने इसकी पुष्टि की है। डेमोक्रेट्स को लिखे पत्र में पेंस ने कहा कि अमेरिकी संव‍िधान और लोकतंत्र की रक्षा में हम तत्‍परता से काम करेंगे। उन्‍होंने आगे लिखा है कि ट्रंप का यह कृत्‍य अमेरिकी संविधान और लोकतंत्र दोनों के लिए एक आसन्‍न खतरे का प्रतिनिधित्‍व करता है। उन्‍होंने कहा कि इस पर कार्रवाई की तत्‍काल आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि बुधवार की हिंसा में यह प्रमाणित हो चुका है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को चुनाव परिणामों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि कांग्रेस नवंबर के वोट में बिडेन की जीत को प्रमाणित कर रही थी। महाभियोग की इस प्रक्रिया को लेकर निश्चित रूप से उनकी रिपब्लिकन पार्टी सांसत में होगी। ।ट्रंप के खिलाफ आरोपों का मसौदा तैयार।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जमीन तैयार हो गई है। ट्रंप के खिलाफ आरोपों का मसौदा तैयार हो चुका है। इस मसौदे पर 190 डेमोक्रेट सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के किसी सांसद ने अभी तक इसका समर्थन नहीं किया है। महाभियोग संबंधी प्रस्ताव सोमवार को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पेश किया जा सकता है। इस सदन में डेमोक्रेट बहुमत में हैं। प्रतिनिधि सभा के सदस्य टेड लियू ने ट्वीट के जरिये बताया कि सदन में पार्टी के सदस्य सोमवार को महाभियोग संबंधी प्रस्ताव पेश करेंगे। इस संबंध में तैयार किए गए मसौदे पर शनिवार रात तक 190 डेमोक्रेट सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए थे। इस पर अभी तक किसी रिपब्लिकन ने हस्ताक्षर नहीं किया है। ।महाभियोग को लेकर सांसत में रिपब्लिकन पार्टी ।डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा चलाए जा रहे महाभियोग को लेकर रिपब्लिकन पार्टी सांसत में है। कुछ रिपब्लिकन नेता कैप‍िटल हिंसा को लेकर ट्रंप से सख्‍त खिलाफ हैं। रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सीनेटर पैट टूमी ने संसद पर ट्रंप समर्थकों के हमले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ट्रंप ने महाभियोग चलाने योग्य अपराध किया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अगर सीनेट में प्रस्ताव आता है तो वह ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए मतदान करेंगे या नहीं। उधर, उप राष्‍ट्रपति माइक पेंस ने यह संकेत दिया है कि वह देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और नव-निर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। इससे यह साफ है कि वह इस मामले में डोनाल्‍ड ट्रंप के साथ नहीं है। बता दें कि ट्रंप ने 20 जनवरी के कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया था। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..def04f8127f92c8e13fb2963f83190f69e2ce09c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर (Delhi Varanasi High Speed Rail Corridor) से अयोध्या (फैजाबाद) भी जुड़ेगा। मिली जानकारी के मुताबिक, रेल कॉरिडोर के लिए रविवार से लाइट डिटेक्शन एवं रेंजिग सर्वे का काम शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना के लिए तीन से चार माह में सर्वे का सारा काम पूरा हो जाएगा। इससे एकत्र ब्योरे के आधार पर कॉरिडोर का एलाइनमेंट तय किया जाएगा। सर्वे के लिए एरियल लिडार एवं इमेजरी सेंसर से लैस हेलिकाप्टर में रविवार को ग्रेटर नोएडा में पहली उड़ान भरी। दिल्ली-वाराणसी के बीच आठ सौ किमी लंबे कॉरिडोर के एरियल सर्वे से एलाइनमेंट के लिए सटीक ब्योरा मिलेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76700.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76700.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9f06f1a5c6aad9dce4576a0a71b105619917f948 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76700.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महंगे हुए चिकन, मटन और मछली । दरियागंज के प्रसिद्ध तौफिक बिरयानी रेस्त्रां के संचालक साजिद ने बताया कि जब से गाजीपुर मुर्गा मंडी बंद हुआ है, चिकन का दाम काफी बढ़ गया है। क्योंकि बाजार में चिकन आ नहीं रहा है, जिसके पास स्टाक बचा है। वह अब मनमाने दाम पर इसे बेच रहा है। जिस चिकन को पहले वह 170 रुपये प्रतिकिलो में खरीद रहे थे। अब वह 250 रुपये में मिल रहा है। उसमें भी मांग के अनुरूप चिकन की उपलब्धता नहीं है। इसी तरह मटन और मछली की तरफ रूझान बढ़ने से इनके दाम में भी 20 से 50 रुपये प्रतिकिलो बढ़ गए हैं। मटन का पहले दाम 580 प्रतिकिलो था जो अब 620 से 650 के बीच है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76702.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76702.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b06128f5050e34c9f2ce7bfe256b8251689d79f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76702.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सोवियत पायलट ने पहली बार भरी थी उत्‍तरी ध्रुव के ऊपर से उड़ान ।उत्‍तरी धुव्र के ऊपर से उड़ान भरने की जहां तक बात है तो आपको बता दें कि सबसे पहले इस काम को 18-20 जून 1937 में सोवियत पायलट वेल्‍री पाव्‍लोविच चाकलॉव ने अंजाम दिया था। उन्‍होंने मास्‍को यूरोप से अमेरिकन पेसिफिक कॉस्‍ट वैंकोवर की दूरी इसी के ऊपर से उड़ान भरकर पूरी की थी। हालांकि उन्‍हें 8811 किमी लंबा सफर पूरा करने में 63 घंटों का समय लगा था। उन्‍होंने ये दूरी टॉपलेव एएनटी-25 के सिंगल इंजन विमान से पूरी की थी। उन्‍हें हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन का खिताब दिया गया था। वो सोवियत यूनियन के वोल्‍गा क्षेत्र के वेस्लियावो कस्‍बे से ताल्‍लुक रखते थे जिसको आज चाकलॉव के नाम से जाना जाता है। 15 दिसंबर 1938 को एक विमान हादसे में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद अक्‍टूबर 1946 में बी-29 विमान ने बिना रुके ओहू, हवाई से कायरो (मिस्र) की करीब 15163 किमी की दूरी इस बर्फीले क्षेत्र के ऊपर से ही पूरी की थी। इस दूरी को तय करने में विमान ने 40 घंटे लिए थे। + +सोवियत रूस ने मार गिराया था विमान । अमेरिका और रूस के बीच शुरू हुए शीत युद्ध के दौरान यहां से गुजरने वाले विमानों ने अपना रास्‍ता बदल लिया था। 1978 में इस क्षेत्र के ऊपर से गुजरते हुए कोरियाई विमान बोईंग 707 को सोवियत रूस ने मार गिराया था। जापान एयरलाइंस ने अप्रैल 1967 में प्रयोगात्‍मक सेवा के रूप में टोक्‍यो से मास्‍को के बीच अपनी विमान सेवा शुरू की थी। लेकिन इसको दो वर्ष बाद ही बंद कर दिया गया था। ये सेवा साइबेरिया के ऊपर से थी। 1983 में फिन एयर ने इस क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने वाली पहली नॉनस्‍टॉप सेवा शुरू की थी। ये सेवा टोक्‍यो से हैलेंस्‍की के बीच शुरू की गई थी। इससे पहले उत्‍तरी पोल के एंकरेज इंटरनेशनल एयरपोर्ट का इस्‍तेमाल रीफ्यूलिंग के लिए या तकनीकी रूप से किया जाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..865863d7917ea0e976710b434c3a1e34ec998b60 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76703.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गंगोह ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत फतेहपुरचन्द के प्रगतिशील किसान दीपक चौधरी की जैविक खेती में कई उपलब्धियां हैं। गन्ना बेल्ट में गन्ना किसानों के लिए उनका नया प्रयोग काफी कारगर रहा है। पांच साल पूर्व अपनी 60 बीघा जमीन में गेहूं, सब्जियों और सरसों की जैविक खेती की। अब 40 बीघा जमीन में गोमूत्र से गन्ने की जैविक खेती कर रहे हैं। + +दीपक का कहना है वह कुछ भी बाजार से नही खरीदते। देशी गाय के गोमूत्र से खाद व कीटनाशक तैयार करते हैं। महंगे पेस्टीसाइड व रासायनिक खादों का खर्चा इससे बचता है। जैविक खाद से तैयार फसल सामान्य के मुकाबले दोगुने दामों पर खेत पर ही बिक जाती है। उन्होंने पिछले साल जैविक गन्ने से गुड़ व शक्कर बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया। पहले दूसरों के कोल्हू में गुड़, शक्कर बनवाना पड़ता था, जो महंगा पड़ता था। इस बार कोल्हू भी अपना लगा दिया है। बताया कि वह अन्य किसानों की तरह गन्ना नही बेचते, बल्कि अपने गन्ने से बनी शक्कर 80 रुपये व गुड़ 75 रुपये किलो बेचते हैं। सामान्य गुड़, शक्कर 30-35 रुपये किलो ही बिकता है। स्वादिष्ट व गुणवत्तापूर्ण गुण के शौकीन नोएडा, दिल्ली, करनाल, यमुना नगर, गाजियाबाद आदि के लोग उनके कोल्हू से ही इसे खरीद ले जाते हैं। रोज 50 किलो से लेकर दो कुंतल गुड़ बिक जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa641023ba301dabba9f930448ccfec4ccff17b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +युवाओं को संदेश देती प्रतिमा । विवेकानंद का युवाओं पर प्रभाव है। इसे चौधरी चरण सिंह विवि परिसर में बनी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को देखकर लगता है। वर्ष 2018 में करीब 16 कुंतल तांबे से बनी 12 फीट उंची प्रतिमा का अनावरण तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने किया था। कुलपति प्रो. एनके तनेजा कहते हैं कि इस प्रतिमा से युवाओं के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76707.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76707.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ebfcbdea22de416ae490de971b9dded9105faba3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76707.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जितेंद्र यादव, इंदौर। किसान के लिए फसल ही सब कुछ है। उसकी देखभाल के लिए वह कुछ भी कर सकता है। इस समय ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के किसान कर रहे हैं। वे नीलगाय और जंगली सुअर जैसे जानवरों से फसल बचाने के लिए खेतों के आसपास साड़ि‍यों की बाड़ लगा रहे हैं। मेड़ पर लकड़ी गाड़कर उनके सहारे बांधी जाने वाली साड़ि‍यां वैसे हो मजबूती के नाम पर कुछ भी नहीं हैं, लेकिन उनके लहराने से मनुष्य की उपस्थिति का आभास और विविध रंगों की वजह से संभवत: नीलगाय उनसे दूरी बना रहे हैं। आड़ होने से फसल न दिखने से भी नीलगाय खेतों की तरफ नहीं आते हैं। इलाके में यह देसी तरीका कारगर भी साबित हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15660756741544f09cd44a94dfec429c84d2cf0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76708.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वामीजी का शुरुआती नाम विविदिषानंद था, अब राजा को यह नाम उच्‍चारण करने में दिक्‍कत होती थी तो उन्‍होंने शिकागो जाने से पूर्व स्‍वामी जी को कहा कि अब से आपका नाम स्‍वामी विवेकानंद होगा, साथ ही इस नाम को परिवर्तित नहीं करने का भी आग्रह किया। इतना ही नहीं जब स्‍वामी जी खेतड़ी से शिकागो के लिए गए तो राजा अजीत सिंह ने अपने मुंशी जगमोहन लाल व अन्य कर्मचारियों को मुंबई (तब बम्बई) तक स्वामी जी की यात्रा की व्यवस्था करने के लिए उनके साथ भेजा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76710.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76710.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..507abfb14ca8fefd1549f87da9017d5225ff9e5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76710.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्वामी जी ने ही अपने रोचक अंदाज में व अकाट्य तर्क शक्ति से अलवर के पांचवें राजा मंगल सिंह को मूर्ति पूजा का मर्म समझाया था। स्वामी विवेकानंद का जिक्र चलते ही अलवर निवासी 74 वर्षीय एडवोकेट हरिशंकर गोयल की आंखों में चमक आ जाती है। उन्होंने स्वामी जी से जुड़े हर विषय का गहराई से अध्ययन किया है। मत्स्य नगर के लाला गोविंद सहाय के पौत्र राजाराम वियजवर्गीय के पास आज भी धरोहर के रूप में स्वामी जी की शिकागो से भेजी पांती मौजूद है। शिकागो का भाषण दुनिया में चर्चित हुआ, मगर शिकागो से भेजी इस पांती के माध्यम से अलवर के लोगों को दिया गया स्वामी जी का संदेश भी कम प्रेरक नहीं है। वर्षों बाद भी उनकी वाणी अलवर के कण-कण में गुंजायमान है। अलवर में स्थापित विशाल पाषाण व छोटी कांस्य प्रतिमा और स्मारक अतीत का स्मरण कराते हैं। हरिशंकर गाेयल व कुछ अन्य लोगों से बातचीत के बाद अतीत से जुड़े कुछ ऐसे रोचक प्रसंग सामने आए, जिनकी अधिक लोगों को जानकारी नहीं। + +प्रस्तुत है लोगों की जुबानी तब की कहानी ।इस तरह हुई राजा से मुलाकात। अजमेर के सुप्रसिद्ध मेयो कालेज के प्रथम छात्र रहे राजा मंगल सिंह अलवर के पांचवे महाराज थे। सन्यास लेने के बाद 7 फरवरी 1891 को स्वामी विवेकानंद पहली बार अलवर आए थे। उन्होंने 31 मार्च 1891 तक यहां के अलग-अलग स्थानों पर प्रवास किया था। वर्तमान में जहां विवेकानंद चौक है, कभी वहां विशाल टीला था। स्वामी विवेकानंद इसी टीले पर बैठकर प्रवचन सुनाते थे। महाराज मंगल सिंह के दीवान कर्नल रामचंद्र भी यहां प्रवचन सुनने के लिए आया करते थे। ओजस्वी प्रवचनों की अहमियत दीवान के माध्यम से राजा तक पहुंची। इसके बाद राजा ने उन्हें शहर में आने के लिए आमंत्रित किया। मुलाकात के दौरान जब राजा ने स्वामी जी से मूर्ति पूजा में उनके विश्वास को लेकर सवाल किया तो, स्वामी जी ने झट से उनके ड्राइंग रूम में लगी मंगल सिंह के पिता राजा श्योदान सिंह की तस्वीर की और संकेत करके पूछा-क्या ये दिवंगत हो चुके हैं या जीवित हैं। जब दिवंगत होने का जवाब मिला तब स्वामी जी ने कहा कि फिर आपने यह तस्वीर क्यों लगा रखी है? क्या इस तस्वीर में आज भी आप राजा हो देखते हैं? संवाद आगे बढ़ा। निष्कर्ष यही निकला कि जब दिवंगत राजा की तस्वीर उनके होने का अहसास कराती है तो हमारे अराध्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी तो उनके होने का अहसास दिलाती है। इस तरह विवेकानंद ने अपनी तर्क शक्ति से राजा की जिज्ञासाएं शांत की। यहीं से अलवर के राज परिवार से स्वामी जी का रिश्ता प्रगाढ़ हुआ था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76714.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76714.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b5106815ee0166b6856da427f16b021b98b4bbd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76714.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मनु त्यागी, नई दिल्‍ली। महान परिव्राजक संत स्वामी विवेकानंद का राजस्थान के खेतड़ी जिला (झुंझुनू) के राजा अजीत सिंह से गहरा नाता था। दोनों ही मानवता के कल्याण के लिए कमर कसे हुए थे, लेकिन एक भारतवर्ष के पूर्वी किनारे पर और दूसरा पश्चिमी किनारे पर। ऐसा लगता है कि उन्नींसवी शताब्दी के महान संत स्वामी विवेकानंद जी का जीवन राजा अजीत सिंह के संयोग के बिना अधूरा होता, राजा अजीत सिंह उनके शिष्य और मित्र दोनों ही थे । + +लेकिन जैसे ही स्वामी जी ने नृत्यांगनाओं को आते देखा तो वो उठकर अपने कक्ष में चले गए यह देखकर एक नृत्यकी मायना बाई बहुत दुखी हुईं उसे लगा कि यह सब स्वामी जी को अच्छा नहीं लगता। फिर मायना बाई ने सूरदास का एक भजन गाया (प्रभु मेरे अवगुण चित न धरो, समदर्शी है नाम तिहारो चाहो तो पार करो ----) यह भजन स्वामी विवेकानंद के हृदय को छू गया और उन्होंने बोला कि आज उनकी आखों में एक नए ज्ञान का प्रकाश है और इस प्रकार स्वामी जी ने उस नृतकी को अपने आशीर्वाद दिये। स्वामी विवेकानंद ने अपने लेखन में अनेकों बार कहा है कि खेतड़ी से उन्होंने बहुत कुछ ग्रहण किया है।  ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76716.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76716.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9dd75a0c2f01a22333804d198b88c9a2b82d51ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76716.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जब-जब भारत को टेस्ट क्रिकेट में विकेट बचाने की जरूरत पड़ी है तो फिर ये काम भारत के लिए राहुल द्रविड़ ने बड़े ही अच्छे तरीके से किया है। उनका काम सिर्फ विकेट बचाने का ही नहीं रहा है, बल्कि मैच भी जिताने का रहा है। बतौर कप्तान कहें या फिर बतौर खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने दर्जनों मैच भारतीय टीम को जिताए हैं। जरूरत पड़ने पर हर समय वे क्रीज पर डटे रहे हैं और विपक्षी गेंदबाजों की नाक में दम करने का काम उन्होंने किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76720.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76720.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bd45c35ceea696b63a576e35ebfeb572a1fe889 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76720.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के एक अफसर के रूप में तमिलनाडु से अपना करियर शुरू करने वाले राघव कृष्णस्वामी राघवन (आरके राघवन) ने उन ऊंचाइयों को छुआ, जिसे हासिल करना हर अधिकारी का सपना होता है। तीन दशक लंबे करियर में वे कतिपय ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं के गवाह बने, जिनकी वजह से देशकाल पर गहरा और दीर्घकालिक असर पड़ा। वे 1991 में राजीव गांधी की हत्या के समय न सिर्फ उनके सुरक्षा अधिकारी के रूप में वहां उपस्थित थे, बल्कि उसकी जांच की अगुआई भी की। ।उन्होंने भारतीय राजनीति में भूचाल लाने वाले बोफोर्स घोटाले, खेल की दुनिया में तहलका मचाने वाले मैच फिक्सिंग मामले और 2002 के गुजरात दंगे की जांच की निगरानी की। बोफोर्स और मैच फिक्सिंग ने हमारे समय के कई नायकों को मटियामेट कर दिया, वहीं गुजरात दंगे और उसके बाद के घटनाक्रमों ने अप्रत्यक्ष रूप से देश के अब तक के और संभवत: भविष्य के सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री के आगमन का मार्ग प्रशस्त किया। अपनी आत्मकथा की प्रस्तावना में ही राघवन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्होंने अपने जीवन में घटी घटनाओं को कलमबद्ध नहीं किया तो भावी पीढ़ी उन्हें माफ नहीं करेगी। ।हालांकि इसे लिखने से पहले उनके अंदर थोड़ा संशय था कि क्या वे उन लोगों का ईमानदारी से बचाव कर पाएंगे, जिन्होंने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया या कहीं वे घटनाओं का ब्योरा पेश करते समय गोपनीयता कानून का उल्लंघन तो नहीं कर देंगे। हालांकि इसे पढ़ते समय पाठकों को यह बखूबी अनुभव होगा कि राघवन इन कसौटियों पर खरे उतरे हैं। पुस्तक की शुरुआत 1991 में हुई उस आतंकी घटना से है, जिसने हमसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को छीन लिया था। लेखक का मानना है कि सुरक्षा घेरे को नजरअंदाज कर आम लोगों से मिलने-जुलने की राजीव गांधी की आदत के कारण सुरक्षा अधिकारी परेशान रहते थे। दूसरे अध्याय से राघवन की जीवनी शुरू होती है। फिर क्रमानुसार जन्मस्थली से कर्मस्थली की यात्र, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल, सीबीआइ निदेशक के रूप में उपलब्धियों, साइप्रस में राजदूत के रूप में अनुभवों का ब्योरा दिया गया है। ।जीवन के 80वें वर्ष में प्रवेश के बाद भी उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे बहुत जल्द गुस्सा हो जाते हैं। खासकर जब किसी पुलिसवाले को जनता पर अत्याचार करते देखते हैं। उन्हें इसकी खुशी भी है कि ऊंचे पदों पर रहने के बाद भी वे विनम्रता व कृतज्ञता जैसे गुणों को कायम रख पाए हैं।यह कृति अपने समय के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी समेटे हुए हैं, जो आम पाठकों के अलावा राजनीति और प्रशासन के अध्येताओं के लिए भी उपयोगी है। पुलिस अधिकारियों को तो इसे जरूर पढ़ना चाहिए, ताकि वे व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित कर सकें व अपना मानवीय चेहरा बनाए रखने में सफल हो सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5575b43776cffbbfee5989b2fb0e8e17d2e0706 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76721.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शाहनवाज अली, साहिबाबाद। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से समाधान को तैयार हैं, लेकिन समिति के 40 लोगों में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो समाधान के बजाय मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे लोगों को समझाया जाएगा या बाहर किया जाएगा। किसान अपनी समस्या का समाधान चाहते हैं और सरकार उनकी बातों को सुन भी रही है उसके बाद भी कुछ लोगों में मतैक्य नहीं हो पा रहा है। ।यूपी गेट आंदोलन स्थल पर आयोजित अखिल भारतीय दंगल में वह बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इससे पहले उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि किसान समाधान चाहता है। उन्होंने इसके लिए 40 लोगों को सरकार से वार्ता के लिए चुना है। उन्हें पता लगा है कि इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं, जो मामले का हल नहीं चाहते ऐसे लोगों को चिन्हित कर या तो समझाया जाएगा या बाहर किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे हमें सभी 40 लोगों पर भरोसा है, लेकिन जब वार्ता होती है तो 38 हां करते हैं तो दो ना में गर्दन हिलाते हैं ऐसे समाधान मुमकिन नहीं है। ।हमारी ओर से दो कदम वाली बात है खत्म हो चुकी है। सरकार को दो कदम पीछे हटना होगा। कृषि कानूनों की वापसी के बिना किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। गणतंत्र दिवस परेड में एक लाख ट्रैक्टर के साथ शामिल होने के बयान पर उन्होंने कहा कि हम भारतीय किसान यूनियन या किसानों का नाम इतिहास में कलंकित नहीं करना चाहते। हम चाहते हैं कि सरकार हमारे चार ट्रैक्टरों को गणतंत्र दिवस की परेड में जाने की इजाजत दे। ताकि हम किसानों की झांकी के रूप में अपनी बात देश के सामने रख सकें। + +भाकियू की सोमवार को आपातकाल बैठक होगी, जिसमें सरकार से बातचीत से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों व आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक में दिल्ली का घेराव करने वाले किसान संगठनों के हर बॉर्डर से जिम्मेदारों को बुलाया जाएगा। इसके बाद ही अगला फैसला लिया जाएगा। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76723.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76723.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6b66702b3362dc96993638b42d938af439db74a0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76723.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि एक दशक से धीरे-धीरे झारखंड के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ रहा है। इसके कारण मौसम की प्रकृति में परिवर्तन हो रहा है। हालांकि, वर्तमान में हवा का रुख उत्तर पश्चिम है, जो जल्द बदलकर दक्षिण पश्चिम होने की संभावना है। हवा की दिशा में परिवर्तन होने के साथ ही फिर से न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी। ।ग्लोबल वार्मिंग के कारण बदल रहा मौसम ।अभिषेक आंनद ने बताया कि 1980 से 1999 तक जनवरी में एक भी दिन न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के ऊपर नहीं गया था, जबकि वर्ष 2000 से 2020 तक 14 बार ऐसा हुआ कि जनवरी में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गया है। वहीं, इस साल जनवरी में चार बार न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गया। ऐसा ग्लोबल वार्मिंग व मौसम परिवर्तन (जलवायु परिवर्तन) के कारण हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f55ecb17ba4d333b94da66e378421ec3df2c0f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76727.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +किन आंकड़ों को साझा कर सकता है वाट्सएप।वाट्सएप की सेवा शर्तो के अनुसार, 'हम आपकी जिन गतिविधियों के बारे में सूचनाएं जुटाते हैं, उनमें सेवा संबंधी, नैदानिक व प्रदर्शन संबंधी सूचनाएं शामिल हैं। इसमें वाट्सएप सर्विस सेटिंग, यूजर इंट्रैक्शन, टाइम, फ्रीक्वेंसी, गतिविधियों की अवधि. लॉग फाइल्स व नैदानिक लॉग आदि शामिल हैं। इसके अलावा हमारी सेवा में पंजीयन, इस्तेमाल की जाने वाली सेवाओं, प्रोफाइल फोटो, अबाउट (आपके बारे में जानकारी) आदि से संबंधित सूचनाएं अपने पास रखते हैं। आपकी डिवाइस व कनेक्शन, मॉडल, ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्रॉजर, आइपी एड्रेस, फोन नंबर व डिवाइस की पहचान से संबंधित डाटा भी इकट्ठा करते हैं। इनके अतिरिक्त नई सेवा शर्तो में बैट्री के स्तर, सिग्नल स्ट्रेंथ, एप वर्जन व फेसबुक के उत्पादों जैसे-ओनावो और क्राउडटैंगल आदि को निर्दिष्ट किया गया है। वाट्सएप एप कारोबार के दौरान भी यूजर की सूचनाएं साझा हो सकती हैं। बिजनेस अकाउंट के साथ साझा की गई सूचनाएं तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाता के पास पहुंच सकती हैं। + +लोगों की चिंता की ये हैं वजहें।अगर सभी एप का एकीकरण हो जाएगा और इन्हें अलग-अलग खांचे में नहीं बांटा जाएगा तो ढेर सारी सूचनाएं सार्वजनिक हो जाएंगी। भारतीयों के लिए सबसे चिंता का विषय तो यह है कि यहां स्कूल व आवासीय सोसायटियां वाट्सएप ग्रुप के जरिये सूचनाओं का आदान प्रदान करती हैं। ऐसे में फेसबुक नाबालिगों के निजी सूचनाओं को हासिल कर लेगा, मसलन वे कौन से स्कूल में पढ़ते हैं, फिलहाल वे कहां हैं और उनकी तस्वीर आदि। यानी, फेसबुक आपके बच्चे के स्कूल से लेकर सोसायटी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी सूचनाएं हासिल कर लेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b181c5c21f0875cb5dae10eafb2fe5daab671a34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76728.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बोकारो [ बीके पांडेय ]। झारखंड के बोकारो के कसमार प्रखंड की हिसिम व मुरूरहुलसुदी पंचायत के गांव महक रहे हैं। दरअसल यहां फूलों की खेती होती है। पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित ये गांव पहाडिय़ों व जंगलों से घिरे हैं। इन पंचायतों में 15 टोले हैं। आबादी करीब छह हजार से अधिक। एक समय था जब यह इलाका रेड कॉरिडोर का हिस्सा था। इसे लालगढ़ (नक्सिलयों के प्रभाव वाला इलाका) कहा जाता था। बारूद की गंध तब अक्सर हवाओं में बसी रहती थी। अब यहां की फिजा बदल गई है। ।15 से 20 हजार रुपये तक की कमाई करता एक परिवार ।बोकारो के कसमार प्रखंड की हिसिम व मुरूरहुलसुदी पंचायत में नक्सलियों का प्रभाव दिखता था। ऊपर से जंगली जानवर व हाथियों का आतंक। पहले यहां के लोग पत्ते व लकड़ी बेचकर गुजारा करते थे। मगर अब इनकी जिंदगी में बदलाव आया है, यहां लोगों ने फूलों की खेती शुरू कर दी है। कई ने लॉकडाउन के दौरान इसकी खेती प्रारंभ की। करीब सौ परिवार यह खेती कर रहे हैं। फूलों के इस कारोबार से हर माह 15 से 20 हजार रुपये हर परिवार कमाता है। जबकि पहले चार-पांच हजार की बमुश्किल कमाई से चूल्हा जलता था। ।अनलॉक में फिर से बही बयार ।कुछ गांवों में महिला समूह तो कुछ इलाकों में पुरुष फूलों की खेती में जुटे हैं। लॉकडाउन का जब समय आया उस समय बाहर से फूलों की आवक कम हुई थी। कई ग्रामीणों ने इसे अवसर माना और इसकी खेती शुरू कर दी। उनका कहना है कि फूल बेचने के लिए हमें कहीं दूर जाना नहीं पड़ता है। खरीदार खुद आते हैं और फूलों की बड़ी खेप रजरप्पा मंदिर चली जाती है। वहां फूलों की बहुत खपत है। कुछ हिस्सा बोकारो फूल मंडी भी जाता है। फूलों की खेती से यहां 50 डिसमिल में खेती करने वाला एक किसान करीब 15 से 20 हजार रुपये तक मासिक आय कर ही लेता है। हालांकि इसके लिए ये हाड़तोड़ मेहनत करते हैं। इनका पसीना फूलों को महका देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76729.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76729.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0faa9d71c3428d3228ace368e423e8207859c46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76729.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस्लामिक ताकतों की लामबंदी को तोड़ना जरूरी : सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को अब एहसास होने लगा है कि अधिक समय तक कतर का आíथक और राजनयिक बहिष्कार कतर को तुर्की और ईरान के ज्यादा नजदीक लाकर खड़ा कर देगा और हाल के समय में चीन व ईरान की बढ़ती नजदीकी के घेरे में भी कतर को लेने के प्रयास से खाड़ी क्षेत्र की प्रादेशिक अखंडता और इस्लामिक सोलिडेरिटी को गहरा झटका लगेगा। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और इजिप्ट आपस में सहयोगी हैं और इन्हें यह बात समझ में आ गई है कि इस्लामिक विश्व या अरब विश्व के दो सबसे बड़े प्रतिनिधियों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के इस्लामिक वर्चस्व को तोड़ने के लिए कई ताकतें लामबंद होनी शुरू हो गई हैं, जिसमें मुख्य रूप से ईरान, तुर्की और मलेशिया जैसे देश शामिल हैं, ऐसे में खाड़ी देश कतर का इस लामबंदी से जुड़ना खाड़ी क्षेत्र और खासकर सऊदी अरब की प्रतिष्ठा के लिहाज से ठीक नहीं होगा। यही कारण है कि जीसीसी समिट में उद्घोषणा करते हुए सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्न ने खाड़ी क्षेत्र के एकीकरण व अरब और इस्लामिक एकता के नाम पर चारों देशों ने कतर के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने का निर्णय किया। इसके साथ ही अब इन पांचों देशों में राजनयिक और आíथक संबंधों की पुनर्बहाली हो गई है। कुवैत और अमेरिका ने इस विवाद के समाधान में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d47217df611d5c1304b938dee15e90f557ffe194 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76732.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। कोरोना के टीके को लेकर लोगों के मन में कई सवाल चल रहे हैं। इसके मद्देनजर दैनिक जागरण के आइटीओ कार्यालय में हेलो जागरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डा. सुरनजीत चटर्जी ने लोगों के सवालों का सीधा जवाब दिया। अनेक लोगों ने दैनिक जागरण कार्यालय में फोन कर उनसे सवाल पूछे। पेश है उसके प्रमुख अंश:।इंद्रपुरी के रहने वाले ओम प्रकाश भैरवाल ने पूछा कि कोरोना के टीकाकरण के लिए तैयार प्रमुख सूची में आने वाले लोगों को क्या टीका लगवाना अनिवार्य है?।- टीका लगवाने के लिए किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है, इसलिए कोरोना का टीकाकरण भी स्वैच्छिक है। सरकार द्वारा तैयार प्रमुखता श्रेणी में आने वाले लोग अपनी इच्छा से टीका लगवा सकते हैं। यदि प्रमुखता श्रेणी में आने वाले लोग टीकाकरण का मौका मिलने के बाद भी टीका नहीं लगवाते हैं तो इसका मतलब है कि वे खुद की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं, इसलिए मौका मिले तो टीका जरूर लगवाएं। + +शालीमार बाग निवासी राजकुमार चौधरी ने पूछा कि उन्हें मधुमेह व ब्लड प्रेशर की बीमारी है, ऐसी स्थिति में क्या वह टीका ले सकते हैं?।- यदि मधुमेह व ब्लड प्रेशर की बीमारी एक साथ हो तो भी कोरोना का टीका जरूर लगवाना चाहिए। सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के बाद टीकाकरण के लिए प्रमुखता सूची में पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को रखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a449a7f4142cc3d7ac5a09cfa7600470c5ff5287 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76735.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सहायक आय के स्रोत के रूप में मातृत्व लाभ कोविड-19 के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाइ) के तहत लाभ की राशि को बढ़ाया जाना चाहिए। योजना के तहत प्रशासनिक आवश्यकताओं और शर्ताें को भी कम किया जाना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं लाभ उठा सकें। पिछले पांच सालों में बच्चों के लिए बजटीय आवंटन कुल केंद्रीय बजट का करीब तीन फीसद पर स्थिर है। 2016 में बच्चों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना में केंद्रीय बजट के स्तर को कम से कम पांच फीसद करने की मांग की गई थी, जबकि बच्चे महामारी से अपेक्षाकृत अप्रभावित रहे हैं। + +महिलाओं और बच्चों को सीधे तौर पर लक्षित करने वाली योजनाओं की सुरक्षा के अतिरिक्त बजट 2021-22 को रोजगार गारंटी, प्रत्यक्ष आय सहायता, राशन, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त राशि देने की जरूरत है। कोविड-19 से संबंधित व्यवधानों के कारण सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के तहत धन का उपयोग 2020-21 में सामान्य से कम हो सकता है। हालांकि, इससे आगामी बजट में कम आवंटन नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये योजनाएं कमजोर समूहों की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82639b7838c264ca73dad1a55729f317cad52c6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निवेश को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार को निवेश को बढ़ावा देना चाहिए और उपभोक्ताओं की जेब में पैसे डालने चाहिए। वित्त मंत्री को जीएसटी दर में कटौती के साथ-साथ मांग का सृजन करने वाले मध्यम वर्ग के हित में आयकर में कमी लाने की व्यवस्था करनी चाहिए। विकासशील बजट में खपत के विभिन्न चक्रों, मांग, नियोजन के अवसर, निवेश के साथ-साथ संपन्नता लाने की भी क्षमता होती है। विकास उपभोक्ताओं में आशा का संचार करता है, उद्यमियों में विश्वास पैदा करता है और निवेश को बढ़ावा देता है। वित्त मंत्री को आत्मनिर्भर भारत तक की सीमित नहीं रहना चाहिए। बजट दुनिया के लिए निवेश का रास्ता खोलने के साथ-साथ व्यावहारिक और तात्कालिकता पर केंद्रित होना चाहिए। वित्त मंत्री को वास्तविकता को स्वीकार करते हुए उसकी सराहना भी करनी चाहिए। मेक इन इंडिया पहल अवसरों का निमंत्रण तो देती है, साथ ही जटिल चुनौतियों को भी आमंत्रित करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b6dc29dd514520f846aec2127cfd80d8f17e7e85 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76737.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इन सबूतों का दिया हवाला ।आरोपों का मसौदा तैयार करने में मदद करने वाले लियू ने कहा, 'हमारे पास भाषण के वीडियो हैं, जिसमें ट्रंप भीड़ को भड़काते दिखाई दिए हैं। हमारे पास कैपिटल पर भीड़ के हिंसक हमले के वीडियो भी हैं।'।ट्रंप पर पहले भी चला महाभियोग।प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ पद के दुरुपयोग के आरोप में दिसंबर, 2019 में भी महाभियोग लाया गया था। लेकिन बाद में यह महाभियोग रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट में गिर गया था। + +शीर्ष रिपब्लिकन ने कहा, ट्रंप ने किए महाभियोग योग्य अपराध।रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सीनेटर पैट टूमी ने संसद पर ट्रंप समर्थकों के हमले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि ट्रंप ने महाभियोग चलाने योग्य अपराध किया है।' हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अगर सीनेट में प्रस्ताव आता है तो वह ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए मतदान करेंगे या नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7da6cb16783c696f65df365f361f1002a31585a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76738.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +एजेंट के यहां से टिकट बुक करने पर देना होगा अतिरिक्त शुल्‍क।हाल्ट स्टेशनों के यात्रियों की परेशानी बढ़ जाएगी। लोगों को वही दूरी तय करने के लिए 15 से 30 रुपये तक अधिक कराया देना होगा। एजेंट के यहां से टिकट बुक करने पर 50 से 60 रुपये अतिरिक्त लग जाएंगे। जानकारों के अनुसार सवारी गाड़ियों के साथ हाल्ट स्टेशनों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। फिलहाल रेलवे प्रशासन ने 55031-55050 नकहा जंगल- लखनऊ जंक्शन और 55119-55150 गोरखपुर-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन को भी एक्सप्रेस के रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने आठ जोड़ी सवारी गाड़ियों को एक्सप्रेस बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। बोर्ड ने प्रथम चरण में तीन ट्रेनों को एक्सप्रेस बनाने की संस्तुति प्रदान की है। + +खिचड़ी मेला में स्पेशल के रूप में चलाई जाएंगी एक्सप्रेस ट्रेनें।मकर संक्रांति पर्व पर बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है। सवारी गाड़ियों की मनाही के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने शुक्रवार को देर रात मेला स्पेशल के रूप एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने पर मुहर लगा दी। 13 से 15 जनवरी के बीच गोरखपुर से नौतनवा और गोरखपुर से बढ़नी रूट पर तीन फेरों में ट्रेनें चलाई जाएंगी। यह ट्रेनें रास्ते में पड़ने वाली सभी प्रमुख स्टेशनों पर रुकते हुए चलेंगी। इन ट्रेनों में भी सिर्फ आरक्षित कोच ही लगाए जाएंगे। कंफर्म आरक्षित टिकटों पर ही यात्रा की अनुमति होगी। कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य होगा। ।दरअसल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड ने जनरल टिकटों की बिक्री बंद होने की दशा में सिर्फ आरक्षित (एक्सप्रेस) ट्रेनों को ही चलाने की अनुमति दी है। बोर्ड ने अनारक्षित ट्रेनों (सवारी गाड़ियों) के संचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। फिलहाल, स्पेशल के रूप में एक्सप्रेस ट्रेनों को संचालित करने की अनुमति मिलने के बाद परिचालन, वाणिज्य और सुरक्षा विभाग सतर्क हो गया है। टिकटों की बुकिंग, यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें दी जाने वाली सहूलियतों की तैयारी शुरू हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a3c063f186fcbdf7b1bf3f8e20bee107c0c99d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। अनुष्का शर्मा और विराट कोहली की लाडली बेटी वामिका अब 6 महीने की हो गईं हैं। 11 जुलाई को अनुष्का और विराट ने मिलकर बेटी का मन्थ बर्थडे मनाया। इस मौके पर पार्क में दोनों पैरेंट्स ने वामिका के साथ खूब मस्ती की। बर्थडे की कुछ फोटोज अनुष्का ने शेयर ने की जिसमें उनका नन्ही परी की झलक नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e143abcd9d1d262454b26bcc61c1ad47b8e19a13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76743.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यू-ट्यबब चैनल पर डाले गए वीडियो से प्रभावित हुए कई लोग।खुशबू ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने जर्मन भाषा का एक छोटा सा वीडियो अपने यू-ट्यबब चैनल पर डाला था, जिसे देखकर उनकी एक सहेली का फोन आ गया। उसने कहा ‘मुझे तुम्हारी वीडियो काफी प्रभावित लगी, मैं तुमसे जर्मन सीखना चाहती हूं।’ उनकी सहेली आर्थिक अभाव में किसी संस्थान से जर्मन भाषा नहीं पढ़ सकती, इसलिए वह उन्हें जर्मन सिखएंगी। तब उन्हें अहसास हुआ कि इस तरह वह दूसरे जरूरतमंद लोगों को भी जर्मन सीखा सकती हैं। खुशबू ने बताया कि वह उन्हीं लोगों को पढ़ाना चाहती हैं जो असल में पढ़ना और सीखना चाहते हैं। इसलिए यू-ट्यूब, फेसबुक नहीं बल्कि गूगल मीट के माध्यम से सिर्फ जरूरतमंद लोगों को ही निश्शुल्क जर्मन भाषा पढ़ाएंगी। + +एचआइवी एड्स के प्रति किया जागरूक ।खुशबू ने बताया कि सोशल वर्क की छात्रा होने के नाते तीन वर्षों में उन्होंने कई सामाजिक कार्य किए हैं। उन्होंने सुंदर नगरी में गरीब व जरूरतमंद बच्चों को एक वर्ष तक निश्शुल्क शिक्षा दी। इसके साथ ही लीडर्स फार टूमोरो संस्था के साथ मिलकर उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ समय समय पर विभिन्न रोचक व रचनात्मक गतिविधियां भी कराई हैं। पिछले वर्ष ही सराय रोहिल्ला में बस्ती में यूथ फार सेवा संस्था के बच्चों को भी नुक्कड़ नाटक सिखाया। वहीं, मीत नगर 25 फुटा रोड में एलजीबीटीक्यू समुदाय को निश्शुल्क कांडम वितरित कर उन्हें एचआइवी एड्स के प्रति जागरूक किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76747.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76747.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..110b76282242dc9647e379b344b850ce35245d0a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76747.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोल्‍ट्री क्षेत्र से जुड़े लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत ।विशेषज्ञों की राय में बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को है जो मुर्गे या बत्‍तख जैसे पक्षियों के कारोबार से जुड़े होते हैं। हालांकि यदि ये लोग पूरी एहतियात बरतें तो इससे बचा जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बत्‍तख और हंस जैसे पक्षियों की कुछ प्रजातियों को इस वायरस के फैलाव का सबसे बड़ा माना गया है। अपने मल के जरिये ये पक्षी इस रोग का प्रसार करते हैं। विशेषज्ञों में मुताबिक पोल्‍ट्री फार्म से जुड़े लोगों को ऐसे में हाथों में दस्‍तानों का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा उस जगह पर साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। यदि ऐसा किया जाए तो बर्ड फ्लू के खतरे को टाला जा सकता है। विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि यदि किसी को अपने आसपास कोई जानवर या पक्षी मरा हुआ दिखाई दे तो उसकी सूचना तुरंत स्‍थानीय अधिकारियों को दें। गौरतलब है कि अमेरिकी बर्ड फ्लू से इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन ऐसा तभी होता है जब हवा में इस वायरस की मौजूदगी होती है। ऐसे में यदि इंसान सांस लेता है तो ये वायरस नाक, मुंह और आंख के माध्‍यम से इंसानी शरीर में प्रवेश कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76749.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76749.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..101fb65bdbd510e2f3ef469d1cf1971baf156b17 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76749.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में बने अस्तबल में इस समय 14 घोड़े हैं। इनमें से विलेज, ग्रेसी, मस्तमौला और बलवान खास घोड़े हैंं। विलेज एसएसपी का मनपसंद है। कुछ दिन पहले एसएसपी ने अस्तबल का निरीक्षण कर घोड़ों के लिए सर्दी से बचाव के इंतजाम करने को कहा था। अस्तबल प्रभारी एसआइएमपी दिलशाद अहमद का कहना है कि घोड़ों के लिए मौसम के हिसाब से हर बार इंतजाम किए जाते हैं। इस बार घोड़ों को सर्दी से बचाने के लिए चार ब्लोअर खरीदे गए हैंं। इनसे घोड़ों को गर्म हवा दी जाती है। गीजर के गर्म पानी घोड़ों के पैरों की सिकाई की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, जिससे सर्दी में उनके पैर अकड़ें नहीं। अस्तबल के पुराने पर्दों को हटवा कर नए लगवा दिए गए हैं, जिससे घोड़ों को सर्द हवा न लगे। अस्तबल में कई कोठरी खाली हैं। उनसे तेज हवा घोड़ों तक पहुंचती थी। एसएसपी के निर्देश पर खाली कोठरियों में घास भरवा दी गई है। शनिवार को एसएसपी बबलू कुमार ने अस्तबल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। उन्होंने अपने पसंदीदा घोड़ों को हाथ से गुड़ भी खिलाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76750.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76750.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c9099b3852cf7c2a9a6a83b4fc67201b57a9f96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76750.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आधु‍निक तकनीक से लैस था विमान । कंपनी ने बोईंग 737 के विभिन्‍न प्रकारों के विमानों में आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल किया था। इसकी वजह से उड़ान के दौरान तेल की खपत को कम किया जा सका। जहां तक बोईंग 737-500 विमान की बात है तो आपको बता दें कि ये साइज में करीब-करीब 737-200 के बराबर ही था और इसमें 110-132 यात्री सफर कर सकते थे। बाद में बोईंग ने बोईंग मैक्‍स और नेक्‍स जनरेशन के विमान भी बाजार में उतारे। ये विमान खासतौर पर लंबी दूरी की उड़ान के लिए तैयार किए गए थे। कम यात्रियों के साथ लंबी उड़ान पर जाने के लिहाज से ये विमान बोईंग के 737-300 से ज्‍यादा बेहतर थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76754.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76754.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b3e5bb2c2e4e4ea56c1fadd86452a09d3e3d485 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76754.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूं तो कामिल व फाजिल की डिग्रियों को यूजी व पीजी की मान्यता प्रदान करने की घोषणा अखिलेश की सपा सरकार में की गई थी। वर्ष 2014 में इसके लिए प्रस्ताव भी चला, लेकिन यह मूर्त रूप नहीं ले पाया। अब योगी सरकार ने मदरसा छात्रों के हितों को देखते हुए सरकारी मदरसा बोर्ड के कामिल व फाजिल पाठ्यक्रमों को उच्च शिक्षा से मान्यता दिलाने की तैयारी शुरू कर दी है। जिस प्रकार संस्कृत पाठशालाओं की परीक्षाएं व अन्य समस्त कार्य संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से संचालित किए जाते हैं, उसी तरह अरबी व फारसी भाषाओं की कामिल व फाजिल की परीक्षाएं व मान्यता लखनऊ के ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय से दिलाने की कवायद शुरू हो गई है। ।उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। इसमें कामिल को यूजी व फाजिल को पीजी की मान्यता देने की बात है। अभी कामिल व फाजिल की डिग्रियां केवल मदरसों में शिक्षक भर्ती के लिए ही काम आती हैं। उच्च शिक्षा से यूजी व पीजी की मान्यता न होने के कारण युवा सरकारी नौकरियों की भर्ती में इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ।हर साल 60 हजार से पास करते हैं कामिल-फाजिल।प्रदेश में करीब एक हजार उच्च आलिया स्तर के मदरसे हैं, जिनमें हर साल करीब 60 हजार युवा कामिल-फाजिल की परीक्षा पास करते हैं। इन्हें केवल मदरसों में अध्यापन का ही कार्य मिल पाता है। उच्च शिक्षा की मान्यता मिलने से इनकी डिग्रियां हर जगह मान्य हो जाएंगी। ।मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रमों की समतुल्यता।मौलवी (अरबी)-हाईस्कूल।मुंशी (फारसी)-हाईस्कूल।आलिम (अरबी/फारसी)-इंटरमीडिएट।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76756.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76756.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6907cd03ad667b019c52ebd65a4cf676852dfda1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76756.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 2840 करोड़ का राजस्व आया है। जो पिछले साल के राजस्व से अभी 860 करोड़ कम है। मगर विभाग का लक्ष्य इस बार भी 5 हजार करोड़ पार करने की है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि आयुक्त राहुल सिंह ने दो लक्ष्य दिए हैं एक तो नियमों का पूरी तरह पालन कराया जाए और दूसरा राजस्व को कैसे बढ़ाया जाए। दोनों को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76758.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76758.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87efa0f06967ca155a871d2951989adb24c52481 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76758.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + दिल्ली और आसपास के ऐतिहासिक स्थलों का किया दौरा।दिल्ली प्रवास के दौरान विवेकानंद ने दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया था। सिस्टर निवेदिता ने अपनी किताब 'द मास्टर ऐज आई सा हिम' में लिखा है कि पश्चिमी देशों की यात्रा के बाद स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1897 में भारत के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया था। इस दौरान वे दिल्ली में दूसरे प्रवास पर थे। इस बार वे अकेले थे और बतौर धर्म प्रवर्तक आए थे। निवेदिता ने एक जगह लिखा है कि तब विवेकानंद ने महसूस किया कि बिना दिल्ली देखे भारत की आत्मा को नहीं समझा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76759.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..529d145143d586ad005ef87794fe79f2cb1d7c1b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76759.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस कारण ट्रंप का अकाउंट बंद।ट्विटर ने अपने प्लेटफार्म पर ट्रंप के निजी अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया। कंपनी ने बताया कि हिंसा के लिए उकसावे के खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस प्लेटफार्म पर ट्रंप के आठ करोड़ 80 लाख से ज्यादा फालोवर हैं। ट्रंप के उस ट्वीट के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें उन्होंने कहा कि वह 20 जनवरी को बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। ट्विटर ने हिंसा वाले दिन भी ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए निलंबित कर दिया था और उनके एक वीडियो संदेश समेत तीन ट्वीट को ब्लाक कर दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cfbd885d6077df2a00abe1b9b23697022a3c13a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76760.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय संविधान के दायरे में करें काम ।पूर्व में इन कंपनियों के साथ बैठक में स्पष्ट किया जा चुका है कि इन्हें भारतीय संविधान के दायरे में काम करना होगा। अगर कोई इस प्लेटफार्म का गलत उपयोग करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आगे भी सरकार इस बात का ख्याल रखेगी और अपनी चौकसी बढ़ाएगी ताकि देश की लोकतांत्रिक व चुनावी प्रक्रियाओं में किसी विदेशी कंपनी के जरिए हस्तक्षेप नहीं किया जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bec5d9b623df7fc794cc4c4be18f6b25a111d4c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आइसोलेशन के दौरान पैदा हुई परेशानी।आइसोलेशन के दौरान ईटिंग डिसऑर्डर (असामान्य भोजन करना) का शिकार हो गए। अमेरिका के नेशनल ईटिंग डिसऑर्डर एसोसिएशन के कम्यूनिकेशन मैनेजर चेल्सी क्रोननगोल्ड के अनुसार, ईटिंग डिसऑर्डर के कारण तनाव, अकेलापन और अन्य मानसिक विकार पैदा हो सकते हैं। हालांकि यह सिर्फ आइसोलेशन के वक्त नहीं होता है, बल्कि भोजन से दूर होने की चिंता और अपराधबोध के कारण भी हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76762.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76762.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3606d7f0c81390d5a3114b473304c7b87fec8f19 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76762.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कटनी यार्ड में ही होती है सफाई व मरम्मत।कटनी जंक्शन से रवाना होने वाली मालगाड़ी देश में कहीं भी जाएं लौटकर इनकी साफ-सफाई और मरम्मत का काम कटनी यार्ड में ही होता है। कटनी जंक्शन से मालगाड़ि‍यां खासतौर से सीमेंट, कोयला और अनाज लेकर जाती हैं। सीमेंट सतना जिले के मैहर से और कोयला सिंगरौली, अनूपपुर तथा शहडोल के आसपास से भरा जाता है। खाली होने के बाद भी थोड़ा बहुत कोयला और झड़ी हुई सीमेंट वैगन में पड़ी रहती है। इनकी सफाई पर रेलवे को रुपये खर्च करना पड़ते थे और यार्ड व ट्रैक के आसपास यह कचरा भी एकत्र होता था। अब इससे मुक्ति मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..82fa0522f18f47969833a3d70d841cb8cabd6641 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली। कोरोना काल में दिल्ली विश्वविद्यालय कई महत्वपूर्ण बदलावों का गवाह बना। पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक आनलाइन आयोजित हो रही है। ऐसे में स्वाभाविक है कि वेबसाइट पर बोझ भी बढ़ा। लेकिन इसका भी समाधान डीयू ने निकाल लिया है। दिल्ली विवि की नई वेबसाइट बनकर तैयार हो चुकी है। नई वेबसाइट सिंगल विंडो की तर्ज पर काम करेगी। यानी छात्रों को डीयू से जुड़ी सभी सुविधाएं एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी। ।परीक्षा, दाखिला हो या फिर माइग्रेशन, शैक्षणिक दस्तावेज। सभी सुविधाएं नई वेबसाइट पर मिलेंगी। हर समस्या का समाधानडीन आफ कालेज डा. बलराम पाणि ने बताया कि हमारी कोशिश है कि छात्रों को डीयू संबंधी सूचनाओं के लिए अलग अलग वेबसाइट पर भटकना ना पड़े। इसमें नई वेबसाइट काफी मददगार साबित होगी। वेबसाइट पर छात्र बड़ी आसानी से किसी भी कालेज, विभाग के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे। कालेजों का अलग लिंक भी दिया गया है। अभी तक परीक्षा समेत दाखिले के लिए अलग अलग वेबसाइट होती थी। पहली बार परीक्षा, दाखिला, परिणाम, माइग्रेशन, डिग्री समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए यह वेबसाइट प्रयोग में लायी जाएगी। ।वेबसाइट से ही कर सकेंगे फोननई वेबसाइट में डीयू के पदाधिकारियों के आधिकारिक नंबर भी उपलब्ध होंगे। जैसे ही कोई छात्र इन टेलीफोन नंबरों पर क्लिक करेगा वेबसाइट पर दिख रहा नंबर एक संदेश के रूप में मोबाइल पर चला जाएगा। जिसके बाद छात्र अपने फोन से संबंधित अधिकारी को काल कर सकता है। हालांकि इसके लिए लागइन करना अनिवार्य होगा।जल्द जुड़ेगा चैट बॉक्सकंप्यूटर साइंस विभाग के निदेशक संजीव ¨सह ने बताया कि नई वेबसाइट ओपन सोर्स टेक्नोलाजी के इस्तेमाल से तैयार की गई है। ।हमनें वेबसाइट इनहाउस बनाया है। वेबसाइट लांच हो चुकी है। हम एक एक कर इसमें नए फीचर जोड़ते जा रहे हैं। बहुत जल्द इसमें चैट बाक्स भी जोड़ दिया जाएगा। जैसे ही कोई छात्र या विजिटए वेबसाइट खोलेगा, चैट बाक्स के जरिए मदद की जाएगी। बकौल संजीव सिंह पुरानी वेबसाइट अभी मौजूद रहेगी। हालांकि उस पर कोई नया अपडेट नहीं किया जाएगा। ।अभी नई वेबसाइट पर दाखिला, परीक्षा संबंधी आइकान क्लिक करने पर पुरानी वेबसाइट खुलेगी। क्यों कि अभी दाखिले, परीक्षा संबंधी बहुत ही प्रक्रियाएं, नोटिस इस पर उपलब्ध है। लेकिन धीरे धीरे पुरानी वेबसाइट का लिंक हटा लिया जाएगा। डीयू की पुरानी वेबसाइट सिर्फ अंग्रेजी में थी जबकि नई वेबसाइट को अंग्रेजी के साथ साथ ¨हदी में भी देखा जा सकता है।  ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7677.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7677.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c6df8f1bb79fd7cae579bfa310b9b7cd3ceb1052 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7677.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन तस्वीरों में अभिनेत्री उर्वशी रौतेला बेहद खूबसूरत दिख रही हैं। तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर कर उन्होंने लिखा, ‘इंस्पेक्टर अविनाश के सेट पर सुबह 4: 30 बजे शूट रिज्यूमे ये इसको इतना आकर्षक बनाता है कि आपको अपने सभी नियम तोड़ने पड़ते हैं।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘जितना अधिक संघर्ष मिलता है, प्रदर्शन उतना ही दिलचस्प होता है।’ आपको बात दें कि उर्वशी को कोरोना काल में किए गए सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें स्त्री शक्ति नेशनल अवार्ड-2021 से सम्मानित किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76772.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76772.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6173bfa98eb4f0ded42405a06357194b4e2bddeb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76772.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निदेशालय ने छात्रों को बस्ते की दोनों पट्टियों को कंधे पर टांगने को कहा है। वहीं, यह भी कहा है कि छात्र प्रार्थना सभा या स्कूल वाहन का इंतजार करने के समय बस्ते को कंधे से उतार कर नीचे रख दें ताकि कंधों पर हर समय भार न रहे। इसके अलावा स्कूल प्रशासन को स्कूल में ही छात्रों के लिए गुणवत्ता पूर्ण और पर्याप्त पानी की व्यवस्था भी करनी होगी ताकि छात्रों को घर से पानी की बोतल न लानी पड़े। किस कक्षा में कितना रहेगा।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf8f027ee539b13cc49bc04e9e32f619e9595051 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76774.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +'ईश्वर ने मुझे इस विशेष कार्य के लिए चुना है'।भारत को स्वीट्जरलैंड एवं यूरोप से जोड़ने की प्रेरणा आपको कहां से मिली और आपने स्विस इंडियन पार्लियामेंट्री ग्रुप कैसे बनाया?।- इसका श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है। उन्होंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि मैं उस देश के प्रति कृतज्ञ रहूं, जहां मेरा जन्म हुआ। मैंने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि इन दोनों देशों की सुंदर संस्कृति को एक-दूसरे के निकट लाया जाए। मुङो इस बात का आभास हो गया कि ईश्वर ने मुङो इस विशेष कार्य के लिए चुना है। सांसद बनने के बाद मैंने देखा कि सांसदों ने कई देशों को लेकर ऐसे संगठन बनाए हुए हैं। लेकिन भारत से जुड़ा ऐसा कोई भी संगठन नहीं था। इसी विचार से मैंने स्विस इंडियन पार्लियामेंट्री ग्रुप की शुरुआत की। जिसमें आज 50 से ज्यादा स्विस सांसद जुड़े हुए हैं। अब हम कह सकते हैं कि भारत की स्वीट्जरलैंड में एक मजबूत आवाज मौजूद है। + +- यहां रह रहे प्रवासी भारतीयों को जब भी कभी किसी प्रकार की सहायता की जरूरत होती है, तो मैं वहां उपस्थित रहता हूं। जैसे कि पिछले साल वल्र्ड इकॉनामिक फोरम की दावोस में हुई वार्षकि बैठक में कर्नाटक सरकार के लिए मैं सह-मेजबान की भूमिका में था। स्वीट्जरलैंड में जो भारतीय मूल के उद्यमियों को परामर्श देता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76775.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76775.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d592bbd97054b9faf9e614355ab62d43b854aa7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76775.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। पैराशूट्स की दुनिया में भारत की धमक और भी बढ़ने जा रही है। इंडिया के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। हथियारों के मामले में अब तक जहां देश, दूसरों पर निर्भर था। अब दुनिया के प्रमुख देश भारत की ओर देख रहे हैं। अभी तक हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) रूस के विमानों के लिए हैवी ड्रॉप सिस्टम विकसित कर रहा था। इस सिस्टम के तहत 16 और 10 टन के वजन के टैंक या फिर अन्य सामान को किसी भी दुर्गम क्षेत्र में जमीन पर आसानी से उतारा जा सकता है, अब अमेरिकी विमानों के लिए भी आगरा में ड्रॉप सिस्टम विकसित किए जाएंगे। ।एडीआरडीई आगरा के एक अधिकारी ने बताया कि एडीआरडीई अमेरिकी विमान हरक्युलिस और ग्लोब मास्टर के लिए हैवी ड्राप सिस्टम दस टन और 16 टन का बनाया जाएगा। इसकी खासियत यह होगी कि किसी भी दुर्गम क्षेत्र में टैंक या फिर अन्य वाहन को पैराशूट की मदद से जमीन पर उतारा जा सकेगा। दैवीय आपदा के दौरान बचाव कार्य में यह सिस्टम मददगार होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0b3aa709795351f9e4d47df4b2b90b3444f6194 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76784.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महिलाओं को बनाना चाहती हैं आत्मनिर्भर ।दमयंती ने बताया कि वह भारी मशीनरी वाहनों को चलाने में महिलाओं को पुरुषों की तरह ही दक्ष बनाना चाहती हैं। गांव की कई युवतियों को उन्होंने प्रारंभिक प्रशिक्षण भी दिया है। चार युवकों को भी जेसीबी आपरेट करना सिखा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि टाटा-हिताची कंपनी को ट्रेनिंग सेंटर खोलने पर नि:शुल्क प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव भी उन्होंने दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36e07d8412f861d1e078622e84144ffef23072f9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली दंगे के दौरान खजूरी खास इलाके में हुई हिंसा के मामले में दायर पूरक आरोपपत्र में इस तरह की कई बातें सामने आई हैं, जो आरोपितों के खतरनाक इरादों को जाहिर करती हैं। आरोपपत्र के मुताबिक ताहिर हुसैन और उमर खालिद ने आठ जनवरी, 2020 को ही शाहीन बाग में दंगे की प्रारंभिक भूमिका रची थी। इसके बाद 16-17 फरवरी को दोनों के बीच फिर से दंगा भड़काने को लेकर षड्यंत्र रचा गया। इसमें साजिश को अंतिम रूप दिया गया। उसी वक्त कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर पेट्रोल और तेजाब बम का प्रयोग किया जा सकता है। अलग-अलग जगहों पर साजो-सामान जुटा कर आंदोलन को उग्र रूप देने की तैयारी की जा रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75cb0aff38347041d2b7e5e9c32855fc43fff510 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हिमाचल के कांगड़ा जिले स्थित पौंग बांध के पास मृत मिले प्रवासी पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या बार हेडेड गूज की ही थी। जिसमें जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार बार हेडेड गूज सेंट्रल एशिया, पूर्व सोबियत संघ, चीन मंगोलिया, साइबेरिया सहित कई देशों से उत्तरी भारत में ठहरती है। जो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों के जलाशयों में रुकती है। इससे विशेषज्ञों ने बर्ड फ्लू उत्तरी भारत के सभी राज्यों मे फैलने की संभावना जताई है। इसी लिए वन विभाग ने भी बार हेडेड गूज पर निगरानी बढ़ा दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f07ce21913299550c432a46094a4e70a36395afc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl काजोल के साथ फिल्म में काम कर चुके कमल सदानाह की लीजा जॉन से शादी खत्म हो गई हैl कमल ने इस बात की पुष्टि की हैl उन्होंने कहा कि तलाक हो रहा हैl कमल और लीजा ने 21 साल पहले शादी की थी दोनों ने 1 जनवरी 2000 को शादी की थीl दोनों को दो बच्चे भी हैंl बेटे का नाम अंगद और बेटी का नाम लिया हैl।वर्तमान में कमल और लीजा अलग-अलग रह रहे हैंl लीजा जॉन एक मेकअप आर्टिस्ट हैl कमल मुंबई में रह रहे हैंl वहीं लीजा अपने माता-पिता के पास गोवा चली गई हैl खबरों में है कि दोनों के बीच तलाक आपसी सहमति से नहीं हो पा रहा हैl।कमल से जब बात करने की कोशिश की गई तब उन्होंने ई टाइम्स से कहा, 'दो लोग समझदार हो जाते हैं और अपने अपने रास्ते चले जाते हैंl ऐसा सब जगह होता हैl हम भी उनमें से एक हैl कमल सदानाह ने कई फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया हैl वह लोकप्रिय निर्माता बृज सदानाह और अभिनेत्री सईदा खान के बेटे हैंl अक्टूबर 1990 के बृज ने अपनी पत्नी और बेटी को गोली मारने के बाद खुद भी गोली मार ली थीl उसी दिन कमल का जन्मदिन भी थाl कमल ने काजोल के साथ फिल्म बेखुदी से डेब्यू किया थाl वह काजोल की भी डेब्यू फिल्म थीl इसके बाद उन्होंने रंग फिल्म में भी काम कियाl उन्होंने 10 फिल्में सुपरहिट दी हैl।कमल को आखिरी बार बतौर अभिनेता सुचित्रा पिल्लई के के साथ फिल्म कर्कश में देखा गया थाl कमल ने 2007 में विक्टोरिया नंबर 203 बनाई थी जो कि उनके पिता द्वारा बनाई गई फिल्म थीl कमल सदानाह अपने जमाने के लोकप्रिय कलाकार हैl उन्होंने कई एक्ट्रेस के साथ काम किया हैl हालांकि वह कई वर्षों से पर्दे से दूर हैl इसके बाजवूद वह फिल्मों के निर्माण और निर्देशन का काम कर रहे हैl कमल की शादी 21 वर्ष चली हैl हालांकि अब उनके रास्ते अलग हैl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8933b21f67b50c2d67f0c2aae8b43041fef147ee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76791.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाशिंगटन [द न्यूयॉर्क टाइम्स]। अमेरिकी संसद पर समर्थकों के धावा बोलने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह घिर गए हैं। उन पर महाभियोग चलने का खतरा मंडरा रहा है। डेमोक्रेट सांसदों ने इसके लिए उप राष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट पर दबाव बढ़ा दिया है। अल्टीमेटम दिया है कि अगर उन्होंने इस दिशा में कुछ नहीं किया तो वे इसके लिए कदम उठाएंगे। हालांकि ट्रंप के कार्यकाल में महज 12 दिन बचे हैं और उन्होंने समर्थकों के कृत्य पर अफसोस जाहिर करते हुए माफी मांगी है और यह कहा है कि वह 20 जनवरी को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण कर देंगे। + +बाइडन के शपथ ग्रहण में नहीं जाएंगे ट्रंप ।इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो बाइडन को सत्ता देने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन उन्‍होंने कहा है कि वह 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगे। उन्‍होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, जिन लोगों ने मुझसे इस बारे में सवाल किया है, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में नहीं जाऊंगा... ।सहयोगियों के साथ कर रहे मंत्रणा।'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप खुद को माफी देने के बारे में अपने समर्थकों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ मंत्रणा भी कर रहे हैं। दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र कहे जाने वाले अमेरिका में बुधवार को हजारों ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल कहे जाने वाले संसद परिसर पर धावा बोल दिया था। इसके लिए ट्रंप ने उकसाया था। करीब चार घंटे चले उपद्रव के दौरान लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था। + +संसद में लाया जाएगा महाभियोग ।संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि ट्रंप को तत्काल पद से हटाना समय की जरूरत है। उन्होंने उप राष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट से मांग की है कि वे संविधान के 25वें संशोधन के जरिये ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटा दें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो संसद में महाभियोग लाया जाएगा। ऊपरी सदन सीनेट में डेमोक्रेट नेता चक शुमर ने कहा कि ट्रंप खतरनाक हैं और उन्हें पद से तत्काल हटाए जाने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a47575612ae4ec4dc4308ca792df39c0a499838 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76792.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जीतगढ़ी गांव में पीने-पिलाने का सिलसिला रोज का है। लोग कड़ी मशक्कत के बाद दो जून रोटी जुटा पाते हैैं। लगभग पांच सौ आबादी वाले गांव में कच्चे मकानों की तादाद उनकी माली हालत बयां करती है। दिनभर कड़ी मेहनत के बाद लोग रात को शराब में डूब जाते थे। जिसकी आमदनी ज्यादा हुई उसने गांव से शराब ले ली, बाकी ने कच्ची पीकर काम चलाया। + +हर चेहरे पर दिखा खौफ ।गांव में शराब से पांच लोगों की मौत और 19 के बीमार होने की खबर से सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की आमद बढ़ी तो पुरुष पलायन कर गए। अधिकांश घरों में महिलाएं व बच्चे ही दिखे। दरवाजे अंदर से बंद थे। कुछ घर का ताला लगाकर चले गए। अधिकारियों ने जानकारी की तो किसी ने बताया अस्पताल गए है तो कुछ ने जानकारी नहीं होने की बात कही। + +एक झटके में छिन गईं परिवार की खुशियां ।कई परिवारों की खुशियां झटके के साथ छिन गई हैं। सरजीत के सात बच्चे हैं। बड़े बेटे शिव कुमार के अलावा तीन बेटी व तीन अन्य बेटे हैं। पिता की मौत के बाद अब शिव कुमार ही परिवार का जिम्मेदार बचा है। सुखपाल के चार बच्चे हैं, लेकिन सभी विवाहित हैं। सतीश के छह बच्चे हैं, इनमे चार बेटे दो बेटी हैं। कलुआ राजमिस्त्री था। पांच बच्चों का बामुश्किल पेट पालता था। उसकी मौत के बाद हर कोई व्यथित है। पन्ना लाल भी छह बच्चों के पिता थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bf04bf36970a20ecd3f5783305973e4780410e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76797.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अब जबकि पूरी दुनिया को कोरोना वायरस से लड़ते हुए एक वर्ष बीत चुका है तो इस बुरे समय को काटकर अपने घर पहुंचने वाले नाविक खुद को काफी खुशनसीब मान रहे हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र के इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक वर्ष 2020 के अंत तक हजारों जहाजों पर करीब चार लाख नाविक फंसे हुए थे। संगठन का कहना है कि छह माह पहले जब ये समस्‍या सामने आई थी तब उम्‍मीद की जा रही थी कि जल्‍द सबकुछ ठीक होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। समुद्र में फंसे जहाजों पर मौजूद नाविकों का हर दिन मुश्किल से कट रहा था। ये उन जहाजों पर रहने के लिए मजबूर हो रहे थे जहां पर इनके रहने की अवधि काफी समय पहले ही खत्‍म हो चुकी है। + +संगठन की तरफ से इन लोगों की तारीफ करते हुए ये भी कहा गया है कि इन नाविकों की बदौलत ही कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकी। इसके बाद भी इन लोगों के लिए दुनिया के देशों ने अपनी सीमाओं को बंद ही रखा। अपने घर जाने की बारी का इंतजार कर रहे इन नाविकों के लिए अपने परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया था। इस कारण इन नाविकों को कठिन मानसिक परिस्थिति से भी गुजरना पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85d8f0273f0514fd9598df3d4290169dbd95dca3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76798.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सीएम नीतीश के बेटे व चिराग के बाद होगी तेजस्‍वी की शादी ।बिहार विधानसभा की एक समिति की बैठक में गुरुवार को शामिल होने पहुंची राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राबड़ी देवी ने पहले बेटे तेजस्वी यादव की शादी के जुड़े मीडिया के सवाल को टाल दिया और कहा कि अभी ऐसी कोई तैयारी नहीं है। फिर, बाद में कहा कि जो बड़े हैं, पहले उन्हें सोचना चाहिए। तेजस्वी की अभी उम्र ही क्या है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार और एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान उनसे बड़े हैं। पहले वे शादी करें, फिर तेजस्‍वी की शादी होगी। यह सवाल उनसे भी पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने अभी तक शादी क्यों नहीं की है। + +मां राबड़ी देवी को चाहिए संस्‍कारी, सुंदर व सुशील बहू।विदित हो कि तेजस्‍वी यादव की शादी की चर्चा हमेशा होती रही है। महागठबंधन की सरकार में उपमुख्‍यमंत्री रहते समय तेजस्‍वी यादव के पास लड़कियों के शादी के प्रस्‍ताव की भरमार लग गई थी। उस वक्‍त यह मामला चर्चा में आया था। तब राबड़ी देवी ने कहा था कि बेटे की शादी के लिए उन्‍हें संस्‍कारी, सुंदर व सुशील बहू चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1a480dd5bc222d08e9e3e5e4402554023559a554 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76801.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका की केपिटल बिल्डिंग में बुधवार को जो कुछ हुआ उससे देश की छवि को काफी नुकसान हुआ है साथ ही इस पूरे घटनाक्रम ने मौजूदा राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के भविष्‍य में वापस लौटने की सभी उम्‍मीदों पर भी पानी फेर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर बात करते हुए अमेरिका में भारत की पूर्व राजदूत मीरा शंकर ने कहा कि इस घटना में राष्‍ट्रपति ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी को जबरदस्‍त नुकसान पहुंचा है। रिपब्लिकन पार्टी ट्रंप को ऐसा करने से रोक सकती थी, लेकिन उसमें वो नाकाम रही। अमेरिकी इतिहास की ये पहली घटना है जिसमें मौजूदा राष्‍ट्रपति ने चुनाव परिणामों को मानने से साफ इनकार कर दिया और अंत तक इसके खिलाफ उठ खड़े होने के लिए लोगों को उकसाते दिखाई दिए। मीरा खुद भी इसको लोकतंत्र पर हमला मानती हैं। उनका कहना है कि ये बेहद गंभीर विषय है। + +ट्रंप के लिए भविष्‍य की राजनीति के दरवाजे हुए बंद । पूर्व राजदूत का ये भी कहना है कि जिस तरह की घटना अमेरिका में घटी है उसके बाद ट्रंप के भविष्‍य की राजनीति में बने रहने के दरवाजे भी बंद हो गए हैं। ऐसा होने की दूसरी बड़ी वजह उनकी बढ़ती उम्र भी है। वहीं उनका कहना है कि इस घटना के बाद में ट्रंप का साथ उनके ही कई करीबी नेता छोड़ चुके हैं। सदन में जिन नेताओं ने चुनाव परिणामों के खिलाफ बोलने के लिए नोटिस दिया था उन्‍होंने भी खुद को पीछे कर लिया। ऐसे में ट्रंप यदि खुद माफी मांगते हुए अपने पद से इस्‍तीफा दे देते हैं तो वो कुछ हद तक अपना आत्‍म सम्‍मान बचा सकेंगे, नहीं तो उन्‍हें काफी मुश्किलें हो सकती हैं। आपको बता दें कि अमेरिकी इतिहास में राष्‍ट्रपति निक्‍सन को भी इसी तरह से माफी दी गई थी। उनके मुताबिक इस घटना से रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता भी आहत हुए हैं। यहीं वजह है कि उनके ही दबाव में ट्रंप को बयान देना पड़ा जो सत्‍ता हस्‍तांतरण से जुड़ा है। इस बयान को ट्रंप ने तभी दिया है जब उन्‍हें इस बात की धमकी दी गई होगी कि उनके ऊपर महाभियोग के अलावा 25वें संशोधन का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। + +25वें संशोधन के हक में कई नेता । गौरतलब है कि हाउस की स्‍पीकर नेंसी पेलोसी ने माइक पेंस से 25वें संशोधन को अमल में लाने की मांग की है। उनके अलावा भी कई सदस्‍य की मांग कर रहे है कि संविधान के 25वें संशोंधन के तहत ट्रंप को अयोगय करार देते हुए उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस ट्रंप को हटाकर खुद कार्यकारी राष्‍ट्रपति बनें। हालांकि इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी के साथ दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। उनके मुताबिक इस संशोधन में तीन मुख्‍य बिंदु हैं जिनके तहत उपराष्‍ट्रपति सत्‍ता अपने हाथों में ले सकते हैं। पूर्व राष्‍ट्रपति जॉर्ज डब्‍ल्‍यू बुश के अस्‍पताल में रहने के दौरान उन्‍होंने कुछ समय के लिए उपराष्‍ट्रपति को अपनी समस्‍त शक्ति का निर्वाहन करने का अधिकार इसी संशोधन के तहत ही दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76804.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76804.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a021ff022ebf39dd46077a3304107d6917687a99 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76804.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसआरडीसी के एक अधिकारी के मुताबिक, वाल सिटी का प्राधिकरण काफी हद तक नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की तरह काम करेगा, जिसके पास अपने अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के विकास का एकीकृत अधिकार होगा। मौजूदा समय में छह गेटों के भीतर बसे मुगलकालीन दिल्ली के विकास की जिम्मेदारी कई विभागों और उत्तरी निगम के पास है। सिविक एजेंसियों में तालमेल नहीं होने के कारण ही यह शहर धीरे-धीरे अपनी पहचान खोती जा रही है। चांदनी चौक के पुनर्विकास का काम भी हाई कोर्ट की निगरानी में हो रहा है, जिसके तहत लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक के मुख्य मार्ग को मोटर वाहन रहित सड़क (एनएमवी) बनाने के साथ फुटपाथों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। अब इसका दायरा बढ़ाकर चांदनी चौक के संपर्क मार्ग, एसपी मुखर्जी मार्ग और जामा मस्जिद क्षेत्र तक किया गया है। नवंबर 2018 में भी पुरानी दिल्ली के विकास के लिए इस तरह का प्रस्ताव आया था, लेकिन दिसंबर 2018 में चांदनी चौक के पुनर्विकास का काम प्रारंभ होने के साथ बात आगे नहीं बढ़ पाई थी। माना जा रहा है कि मौजूदा समय में पुनर्विकास का काम मार्च 2021 में पूरा हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e6bf27f39e8305201ba6c4b9eb8e784ced695ae5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जेएनएन। आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसे भी हो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लागू करने को सहमत हो गईं। इस सहमति के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने बंगाल के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है। बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ममता सरकार को पत्र लिखकर नोडल अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया है, ताकि किसानों को इस योजना के तहत धन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य के 20 लाख से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे। साथ ही, केंद्र सरकार इस योजना के सुचारु कार्यान्वयन के लिए नोडल अधिकारी के साथ समन्वय करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76806.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76806.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0cd19c99c53b7d70bf28ba2e8722a7c28dbcd9b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76806.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऊंट पर लकड़ी ले जाते वनकर्मी का वीडियो वायरल।बीते रविवार को चंबल से ऊंट पर लकड़ी ले जाते माफिया के साथ एक वनकर्मी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। इससे वन विभाग में खलबली मच गई। सूत्रों का कहना है कि वनकर्मी वीडियो वायरल करने वाले युवक के घर पहुंच गए और उसे धमकाया। पीडि़त ने इस संबंध में अभी थाने में शिकायत नहीं की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54ff112761794a0e5f055249e30f2a3e486da7c8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76807.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली/नोएडा [पारुल रांझा]। नोएडा में संचालिच और देश-विदेश में चर्चित 'दादी की रसोई' का नाम 20वीं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के लबों पर होगा। दरअसल, 'दादी की रसोई' के संचालक और नोएडा के समाजसेवी अनूप खन्ना शुक्रवार शाम को लोकप्रिय टीवी चैनल के कार्यक्रम 'कौन बनेगा करोड़पति' में अमिताभ बच्चन के साथ नजर आएंगे। 'दादी की रसोई' कर्मवीर एपिसोड के लिए चुना गया है। इस मौके पर अनूप खन्ना की मदद के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन भी मौजूद रहेंगीं। आइये जानते हैं 'दादी की रसोई' और इसके संचालक अनूप खन्ना के बारे में। ।सिर्फ 5 रुपये में मिलता है भरपेट खाना। दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में 'दादी की रसोई' चलती है। पिछले 5 साल से चल रही 'दादी की रसोई' में नोएडा के समाजसेवी अनूप खन्ना सिर्फ 5 रुपये में थाली उपलब्ध कराते हैं। खास बात यह है कि कोरोना संकट के बीच असामान्य हालात में किसी तरह गुजर-बसर कर रहे बहुत से परिवारों को रोटी व पेट की भूख मिटाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही थी। ऐसे विपरीत हालात में भी वे जरूरतमंदों को खाना खिलाने से पीछे नहीं हटे। वर्ष, 2012 में हुए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ चुके अनूप खन्ना फिलहाल पूरी तरह समाजसेवा में रमे हुए हैं। + +21 अगस्त 2015 को शुरू की 'दादी की रसोई'। दैनिक जागरण से बात करते हुए अनूप खन्ना ने बताया कि जब मां बहुत बीमार रहती थीं तो उन्हें खाने में हल्का भोजन यानी खिचड़ी-दलिया वगैरह ही देते थे। एक दिन उन्होंने खाते समय कहा कि तुम लोगों ने मेरे खाने में बहुत कटौती की है, इसलिए जितना बचाया है उसे जरूरतमंदों को खिलाना। उसी समय इसका नाम 'दादी की रसोई' दे दिया। 21 अगस्त 2015 को दादी की रसोई शुरू की थी। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से दादी की रसोई की खबर प्रकाशित होने के बाद यह पूरे देश में यह वायरल हुई थी। इसके बाद से 5 रुपये में ही भरपेट भोजन मुहैया कराना शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76808.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76808.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b55dadeb4b2e922976d7dc522dea1d529f70cbd5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76808.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सतीश सिंह। दिसंबर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई 2017 के बाद सर्वाधिक है। इसके पहले अप्रैल 2019 में 1.14 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ था। जीएसटी संग्रह में सुधार का सबसे बड़ा कारण अर्थव्यवस्था का पटरी पर लौटना है। इसके अलावा, दिसंबर 2019 के मुकाबले दिसंबर 2020 में राजस्व में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी का होना और आयात से होने वाले राजस्व में दिसंबर 2019 की तुलना में दिसंबर 2020 में 27 प्रतिशत की वृद्धि का भी होना है। आयात से राजस्व में बढ़ोतरी यह भी दर्शाता है कि औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आ रही है और विविध उत्पादों की मांगों में भी इजाफा हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76809.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76809.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4ce50b51ca30aa88d1a41147ae195cdcb3f9220 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76809.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रोहिंग्याओं को बांग्लादेश के भाषण चौर द्वीप में बसाने की योजना है। इंटरनेट मीडिया।1400 ईस्वी का इतिहास : रोहिंग्या मूल रूप से म्यांमार देश के रखाइन राज्य और बांग्लादेश के चटगांव इलाके में बसे थे। 1400 ईस्वी के आस-पास बर्मा (आज के म्यांमार) के ऐतिहासिक अराकान प्रांत (आज के रखाइन राज्य) में आकर रहने लगे थे। इनमें से बहुत से लोग 1430 में अराकान पर शासन करने वाले बौद्ध राजा नारामीखला के राज दरबार में नौकर थे। बढ़ती आबादी, अपराध व अन्य गतिविधियों में लिप्तता की वजह से 1982 में राष्ट्रीयता कानून पास करने के बाद इन्हें नागरिकता देने से इंकार कर दिया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76810.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76810.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e94254b57559d85801ebfd21870ed08562f626b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76810.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सप्लाई चेन अभी भी पूरी तरह बाधा मुक्त नहीं ।सप्लाई चेन अभी भी पूरी तरह बाधा मुक्त नहीं हुई है। ऐसे में किसानों का आंदोलन आग में घी का काम कर रहा है। एक अनुमान के अनुसार इसके कारण अब तक 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान किसानों को और देश को हो चुका है। महंगाई की दर 6.8 प्रतिशत है, जो छह प्रतिशत की सुरक्षा सीमा पार कर चुकी है, जिस कारण रिजर्व बैंक रेपो एवं रिजर्व रेपो रेट में परिवर्तन नहीं कर रहा है, क्योंकि यह मुद्रा स्फीति को बढ़ावा दे सकता है। इस कारण अर्थव्यवस्था में विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गई है। देशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर्ज सस्ता होना चाहिए, किंतु यह चलन में अधिक मुद्रा लाकर महंगाई को हवा दे सकता है। रिजर्व बैंक का मानना है कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की कमी नहीं है, किंतु आम आदमी ऐसा नहीं मानता, स्वदेशी निवेश में बढ़त न होना भी यही संकेत देता है। + +मैन्यूफैक्चरिंग विकास दर प्रशंसनीय।मैन्यूफैक्चरिंग विकास दर प्रशंसनीय है। पिछले तीन महीनों से इसमें रिकॉर्ड बढ़त जारी है। दिसंबर के शुरू में पीएमआइ 56.4 था। पिछले वर्ष दिसंबर में यह 53.3 था। उल्लेखनीय है कि 50 के ऊपर का पीएमआइ विकास का द्योतक होता है। मांग में वृद्धि के कारण कंपनियां स्टॉक में बढ़ोतरी कर रही हैं। अक्टूबर 2020 में दोपहिया गाड़ियों की बिक्री 2019 की इसी अवधि की अपेक्षा 18 प्रतिशत अधिक थी। त्योहारों का सीजन समाप्त होने पर कुछ वस्तुओं की मांग में थोड़ी कमी जरूर आई, जो स्वाभाविक है। । निर्यात में कमी आई।विश्वव्यापी मंदी के कारण निर्यात में कमी आई है। एक्जिम बैंक का अनुमान है कि अक्टूबर-दिसंबर में कच्चे तेल को छोड़कर निर्यात में 0.3 प्रतिशत की बढ़त संभावित है। एक सर्वे के अनुसार 50 प्रतिशत कंपनियों ने मांग ऑर्डर में वृद्धि की बात की, 40 प्रतिशत ने विदेशों से ऑर्डर में बढ़ोतरी माना। ऊर्जा की मांग कारखानों में काम शुरू होने से बढ़ी है। कुछ आधारभूत उद्योगों जैसे कोयला, कच्चा तेल, गैस, बिजली उत्पादन, फर्टलिाइजर, सीमेंट आदि के उत्पादन में कमी आई जो अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय रहा। ई-वे बिल जो 50 हजार से अधिक कीमत की वस्तुओं के यातायात पर अनिवार्य है उसकी संख्या जनवरी के 5.1 करोड़ से बढ़ कर अक्टूबर में 6.4 करोड़ हो गई थी। + +डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया तेज हुई।लॉकडाउन ने डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को तेज किया है। जीएसटी की उगाही अक्टूबर से लगातार एक लाख करोड़ रुपये के ऊपर जा रही है जो व्यापार में वृद्धि का स्पष्ट संकेत है। एफडीआइ में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जो यह दर्शाता है कि विश्वव्यापी मंदी में भी विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास बना रहा। विदेशी आयात में इस बीच कमी हुई और चालू खाते का घाटा समाप्त हुआ। आत्मनिर्भर भारत के अभियान से चीन से आने वाली बहुत सी अनावश्यक वस्तुओं पर भी पहली बार लगाम लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76811.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76811.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cb621f0ceae62f474ba971b62418efa1275e825 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76811.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coronavirus Vaccine Update: देश में कोरोना के टीकाकरण की तैयारियों के बीच उसके प्रभाव को लेकर डॉक्टरों के बीच चर्चा का दौर शुरू हो गया है। इस बीच यह बात सामने आई है कि संक्रमण रहित लोगों की तुलना में कोरोना से पहले संक्रमित हो चुके लोगों के लिए टीका ज्यादा असरदार साबित होगा। बताया जा रहा है कि संक्रमण के बाद टीके लगने पर शरीर में उत्पन्न एंटीबॉडी की गुणवत्ता बेहतर होती है, इसलिए उम्मीद है कि पहले कोरोना से पीड़ित हो चुके लोगों में टीका लगने के बाद संक्रमण से बचाव के लिए बेहतर प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो सकेगी। टीके के संदर्भ में एम्स के राष्ट्रीय ग्रैंड राउंड में डाक्टरों ने यह बात कही। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76813.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76813.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f1fc90a6ab88838337912b921725ae49efb1d38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76813.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने बिजली बिल भुगतान को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रलय और रिजर्व बैंक के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते से खुद को अलग कर लिया। इस फैसले के बाद बिजली बकाए के एवज में ऊर्जा विभाग को भुगतान करने के लिए अब सीधे आरबीआइ से राशि की कटौती नहीं की जा सकेगी। राज्य कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस फैसले के बाद सरकार पुरानी व्यवस्था में बिजली खरीदकर भुगतान करेगी। + +बेशक इस फैसले के पीछे बिजली बकाए को लेकर झारखंड व केंद्र सरकार के उपक्रम दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बीच वर्षो से चला आ रहा विवाद है, लेकिन इससे आने वाले समय में राज्य सरकार की चुनौतियां और बढ़ेंगी ही। बिजली बकाए को चुकाने के बजाए समझौते से ही अलग होना समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। यह समझना होगा कि यदि कोई कंपनी बिजली की आपूर्ति कर रही है तो उसका ससमय भुगतान सुनिश्चित हो। बिजली की चोरी करने वालों और बकाएदारों के प्रति अब लचीला रवैया अपनाना बंद करना ही होगा। डीवीसी झारखंड के सात प्रमुख जिलों में बिजली की आपूर्ति करती है। सामान्य दिनों में 600 मेगावाट की आपूíत होती है। बीते कुछ वर्षो में बिजली आपूर्ति का बकाया बढ़ता चला गया। पूर्ववर्ती सरकार ने इसका भुगतान नहीं किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9aef8859c3026057ba9496488b3828b29f0e00ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76814.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पोलियो के वायरस का पता 1908 में लगा और दुनिया को अपंग करने पर आमादा इस वायरस की काट 1955 में खोजी गई। तब करीब आधी सदी लग गई थी इस महामारी के टीके की खोज में। जनवरी, 2020 में बीमारी के शुरू होने के साथ ही चीन ने वायरस के जेनेटिक कोड की जानकारी वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कराई। दुनिया के विज्ञानी एकत्र हुए और शुरुआत से ही टीके के विकास पर काम शुरू हो गया। दरअसल कोविड-19 से पहले भी सार्स व मर्स कोरोना वायरस की महामारी चीन सहित कुछ देशों में आती रही है। इस वजह से उन वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने पर काम चल रहा था। फाइजर व मॉडर्ना द्वारा तैयार कोरोना का सबसे पहले जो टीका आया है वह मैसेंजर आरएनए तकनीक पर आधारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..751049a212f7a73d7b15e7811910d805d976780f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76816.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मलपठार जंगल में बसा वनग्राम है और इसकी आबादी महज 358 है, लेकिन नवाचार और आदर्श पेश करने के मामले में यह शहरों को भी सीख दे सकता है। ग्रामीण उदय सिंह केराम का कहना है कि गांव में प्रत्येक माह 27 व 28 तारीख को बैठक होती है। इसमें बुजुर्ग और युवा गांव के विकास पर चर्चा करते हैं। अगर कोई समस्या सुलझानी है या कोई विवाद हुआ है तो दोनों पक्षों को समझाकर मामले का हल निकाल लिया जाता है। जिस पक्ष की गलती सामने आती है, उससे मामूली जुर्माना (21 या 51 रुपये) लिया जाता है। यह भी गांव के विकास में उपयोग होता है। यदि किसी के पास जुर्माने का पैसा नहीं होता है तो प्रसाद खिलाकर विवाद सुलझा लिया जाता है। ग्रामीण कहते हैं यह हमारे गांव का न्यायालय है और यहां झगड़े आसानी से सुलझा लिए जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इन फैसलों के लिए कोई समिति आदि नहीं बनी है। बुजुर्गो की अगुआई में ही सभी फैसले लिए जाते हैं। हाल ही में जिला विधिक सहायता प्राधिकरण ने इसका चयन विवादहीन गांव के रूप में किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76818.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76818.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ebdb63c7836f4adad32c0ae87519ae732a1f7de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76818.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +20 जनवरी को शपथ लेंगे बाइडन ।आपको बता दें कि राष्‍ट्रपति ट्रंप चुनाव परिणामों के बाद से ही उन्‍हें नकारते रहे हैं और उनमें धांधली का आरोप लगाते रहे हैं। उनका यहां तक कहना है कि वो हार मानकर चुप नहीं बैठेंगे। कैपिटल बिल्डिंग में जो कुछ हुआ उसके बाद उनके रुख की निंदा हर तरफ हो रही है। ये सब कुछ ऐसे समय में हुआ है जब आगामी 20 जनवरी को जो बाइडन को राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेनी है। ताजा घटनाक्रम के बाद बार-बार अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन की बात भी सामने आ रही है। इसलिए इस संशोधन के बारे में जानना भी बेहद जरूरी हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76819.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76819.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32c59ba3fb2633916a4a7dfafa28ca1a79d8204f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76819.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। अगले वर्ष होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कवायद में जुट गई है। दिल्ली सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के साथ ही संगठन को धार देने की कोशिश हो रही है। इस कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास करेंगे। दोनों नेता पार्टी के पदाधिकारियों के साथ ही क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। पार्टी के पूर्व पदाधिकारियों व पुराने कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर उन्हें सक्रिय करने की कोशिश होगी। पार्टी के सामने नगर निगम में चौथी बार जीत दोहराने की चुनौती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f567588f1be9f6bdf3931ad803f61e9f3f8c67ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76824.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में बढ़ता वायु प्रदूषण न केवल बुजुर्गों के लिए एक बड़ा खतरा है, बल्कि यह गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद खतरनाक है। महिलाओं में गर्भपात का खतरा इससे सात फीसद तक बढ़ जाता है। गर्भपात का खतरा भारत और पाकिस्तान के उत्तर के मैदानी क्षेत्रों में ज्यादा है। शोधकर्ताओं ने प्रदूषण स्तर को घटाने के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा है। शोध पत्रिका 'लांसेट प्लानेटरी हेल्थ' में पहली बार प्रकाशित इस तरह के अध्ययन में इन खतरों के प्रति आगाह किया गया है। ।शोध पत्रिका 'लांसेट प्लानेटरी हेल्थ' के एक अध्ययन में दी गई जानकारी।शोध में कहा गया कि वायु प्रदूषण का सामना कर रहे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की गर्भवती महिलाओं में समय पूर्व प्रसव और गर्भपात का जोखिम बढ़ गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि दक्षिण एशिया में प्रति वर्ष लगभग 3,49,681 महिलाओं के गर्भपात का संबंध हवा में मौजूद अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 हैं। भारत में मानक वायु गुणवत्ता में पीएम 2.5 कण की मौजूदगी 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है। 2000-2016 के बीच इन देशों में कुल गर्भपात में इसकी हिस्सेदारी सात फीसद थी। इस अध्ययन में 34,197 महिलाओं को शामिल किया गया जिनमें 27,480 को गर्भपात हुआ जबकि 6,717 का समय पूर्व प्रसव हुआ। + +गर्भपात के 29 फीसद से ज्यादा मामलों के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार।वायु गुणवत्ता को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के तहत 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा होने पर यह गर्भपात के 29 फीसद से ज्यादा मामलों के लिए जिम्मेदार है। चीन स्थित पेकिंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन के लेखक ताओ झू ने कहा कि वैश्विक स्तर पर दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा गर्भपात की घटनाएं होती हैं और दुनिया में यह पीएम 2.5 से सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76825.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76825.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55618d729670e6c146042d8878273d747584a04d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76825.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। गंभीर चिंतन के कौशल को जेनुइन स्किल्स में शुमार किया जाता है। यह जीवन जीने और अच्छी शिक्षा हासिल करने की आधारशिला है। बच्चों में चीजों को देखकर, पढ़कर, अपने अनुभवों और बातचीत से जानकारी जुटाने की क्षमता पनपती है। इससे वह ज्ञान का विश्लेषण और तथ्यों का मूल्यांकन करने के काबिल बनते हैं, जिससे किसी मुद्दे पर उनकी स्पष्ट धारणा बनती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a5c17f412ae056b63a47ca254e8eff63df78c24b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताजनगरी के पर्यटन स्थल होने के चलते देश-विदेश के पर्यटक यहां पर आते हैं। ऐसे में एमजी रोड, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, फोर्ट और राजामंडी रेलवे स्टेशन, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल समेत अन्य प्रमुख चौराहों पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों से विदेशों में आगरा की छवि खराब होती है। एसएसपी बबलू कुमार ने एक महीने पहले सभी थानों के साथ बैठक करके उन्हें भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। दस दिसंबर से मानव तस्करी निरोधक थाना और चाइल्ड लाइन समेत अन्य सामाजिक संगठन भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चला रहा हैं। अब तक तीन दर्जन बच्चों को रेस्क्यू कर चुके हैं।  ।इन सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया था। समिति ने बच्चों को उनके अभिभावकों को हिदायत के बाद सौंपा। इन बच्चों की काउंसिलिंग में एक बात समान थी। भीख मांगने के लिए उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली पंच लाइन। इसके बारे में पूछने पर इन बच्चों का कहना था कि उन्हें अभिभावकों ने सिखाया। यह पंच लाइन सफल भी रहती है। इससे वह प्रतिदिन दो सौ रुपये से ज्यादा कमाते हैं। हालांकि यह बच्चे अब स्कूल जाना चाहते हैं। इससे कि पढ़ लिखकर बेतहर नागरिक बन सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76827.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76827.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..090e081ee3ed73f438414756754da2244c6e4e2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76827.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोलकाता, जेएनएन। बंगाल की आधी आबादी को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में होड़ लगी हुई है। इसकी वजह साफ है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल की महिला वोटरों का एक बड़ा समूह भाजपा के पक्ष में मतदान किया था जिसका नतीजा रहा कि पार्टी यहां 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही। इसी तरह बिहार चुनाव में भी भाजपा के खाते में महिलाओं का वोट अधिक गया। यही वजह है कि आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और तृणमूल कांग्रेस महिला वोटरों को साधने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं। समर्थन हासिल करने की कोशिश के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76828.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76828.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ae68e6dd035c382d61ade689521965069e613a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76828.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +निखिल शर्मा, नई दिल्ली। Cricketer Mohammed Siraj सपनों की उड़ान पूरी शिद्दत से मेहनत करके पाई जा सकती है। मुफलिसी और संघर्ष की ढेरों आफतें हैदराबाद के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के जीवन में भी थी। सिराज के सामने कोई उम्मीद थी तो वह सिर्फ एक क्रिकेट गेंद, जिससे उन्होंने अपने छोटे से घर को महल में तब्दील करने का सपना देखा था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न टेस्ट में किया गया उनका प्रदर्शन वाकई उनकी कड़ी मेहनत का साक्षी भी है प्रथम श्रेणी मैचों में अब तक 157 विकेट ले चुके हैं मोहम्मद सिराज। इस दौरान उनका 23.19 का औसत रहा और 3.09 का इकोनॉमी रहा रणजी ट्रॉफी मैचों में सिराज ने 41 विकेट थे। यह सिर्फ उनका दूसरा रणजी ट्रॉफी सत्र था। वह हैदराबाद की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। + +मुश्किलों भरा सफर : तीन साल पहले तक सिराज की जिंदगी भी बड़ी मुश्किलों से गुजर रही थी। उनके पिता हैदराबाद में ऑटो रिक्शा चालक थे। हर किसी युवा की तरह सिराज का सपना भी भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने का था। सिराज पर जब पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की निगाहें पड़ी, तो उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। पहले वह आइपीएल नीलामी में शामिल हुए। एक क्लब क्रिकेटर के तौर पर 500 रुपये कमाने वाले सिराज को सनराइजर्स हैदराबाद ने 2.6 करोड़ रुपये में खरीद लिया। यहीं से सिराज ने बुलंदियों पर पहुंचने का रास्ता तय कर लिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76833.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76833.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5b7bc472927a3a320ab4f8acabc1c96b2d294ed4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76833.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गरीब बेटियों के सामूहिक विवाह का खर्च उठाती है संस्था, गृहस्थी का समान भी देती है।हर वर्ष फरवरी और सितंबर महीने में सामूहिक आनंद-कारज समागम आयोजित किया जाता है। समारोह में शामिल होने वाले सभी लोगों के खाने का इंतजाम भी संस्था करती है। बाबा हरजीत सिंह यूके में अखंड पाठ व कीर्तन आदि से जो भी कमाते हैं, उसे इस पुण्य काम में लगा देते हैं। इसके अलावा कुछ समाजसेवी उन्हें इस पवित्र कार्य के लिए दान भी देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76836.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76836.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f46d7b4cb441e986272b71105d2872fa5871ec30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76836.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना के कारण नहीं हो रहा सत्संग ।जयराम की पुत्रवधू मुनेश ने बताया कि जयराम प्रत्येक रविवार को सत्संग में शामिल होने के लिए जाते थे, कोरोना के कारण इन दिनों सत्संग नहीं हो रहा है। जिस कारण जयराम दस माह से मुरादनगर में सत्संग के आयोजन स्थल पर नहीं गए थे। हालांकि वहां पर आने वाले लोगों से वह मोबाइल के जरिए लगातार संपर्क में थे। एक दूसरे का हालचाल लेते रहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76837.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76837.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..529479c60cdf8838d29233aca72c2b514a5ad962 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76837.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (एजेंसियां)। वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त हंगामा किया। काफी संख्‍या में ट्रंप समर्थक कैपिटल हिल बिल्डिंग में घुस गए और वहां पर जमकर तोड़फोड़ भी की। इन हिंसक हो रहे ट्रंप समर्थकों पर सुरक्षाबलों को काबू करने के लिए काफी मशक्‍कत करनी पड़ी। हालांकि दौरान पुलिस और समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक महिला समेत चार लोगों की मौत भी हो गई, जबकि तीन की हालत अभी गंभीर है। पुलिस ने अब तक 52 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। ये सभी कुछ उस वक्‍त हुआ जब कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी। इसके तहत बाइडन की जीत पर मुहर लगनी थी। इसी दौरान ट्रंप समर्थकों ने व हां पर धावा बोल दिया। ये समर्थक डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा राष्‍ट्रपति बनाने और वोटो की गिनती दोबारा कराने की मांग कर रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c3c519569ba424bcf1060e4288e3648f6fbe98b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76838.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। अंत्येष्टि स्थल में बनी गैलरी की छत में हादसे से पांच दिन पहले ही दरार आ गई थी। यह दावा अंत्येष्टि स्थल में रहने वाले पुजारी नरेश ने किया है। उनका कहना है कि दरार आने के बाद शिकायत भी की गई थी लेकिन उस पर कार्यवाही नहीं हुई है। छत की दरार छिपाने के लिए रंगाई-पुताई कराई जा रही थी। हादसे वाले दिन भी एक पेंटर पुताई कर रहा था, ब्रश खराब होने के कारण पांच मिनट पहले ही वह गैलरी से बाहर निकला था, जिस वजह से हादसे की चपेट में आने से बच गया। + +सलामत है चंदे से बनी पुरानी गैलरी, स्वाहा हुई भ्रष्टाचार की छत ।पुजारी नरेश ने बताया कि अंत्येष्टि स्थल में जिस जगह वह रहते हैं, उसके पास ही दूसरी गैलरी भी बनी है। जो कि 25 साल पहले स्थानीय निवासियों द्वारा चंदा देकर बनवाई गई है। आज तक वह दीवार और गैलरी की छत सलामत है। गेट छोटा होने के कारण श्मशान स्थल के बीच में दूसरा प्रवेश द्वारा पांच साल पहले बनाया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c66719f44dd1a2a01fdd415ecb223d6ce8042f8d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यद्यपि ऋण मंजूर करने से पूर्व बैंक आवेदनकर्ता के व्यवसाय के सफलता की संभावना और उसकी साख पर भी ध्यान देता है। फिर भी, मुख्य रूप से गिरवी रखे जाने वाली परिसंपत्ति के मूल्य के आधार पर ही ऋण स्वीकृत किया जाता है। ऋण राशि की सुरक्षा के लिए ऐसा करना आवश्यक भी है। अत: सामान्यतया बैंक गिरवी परिसंपत्ति के वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर ही ऋण स्वीकृत करते रहे हैं। साधारण शब्दों में किसी निश्चित समय पर परिसंपत्ति को पर्याप्त प्रचार-प्रसार के बाद बेचने पर जो मूल्य मिलता है, उसे बाजार मूल्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। ।रियलाइजेबल वैल्यू को ऋण राशि निर्धारित करने का आधार बना रहे हैं बैंक।फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ अन्य बैंक रियलाइजेबल वैल्यू को ऋण राशि निर्धारित करने का आधार बना रहे हैं और रियलाइजेबल वैल्यू को परिसंपत्ति के मौजूदा बाजार मूल्य से लगभग 15 प्रतिशत कम मान रहे हैं। जहां पहले 100 रुपये बाजार मूल्य के आधार पर 75 रुपये का ऋण देते थे, वहीं अब यह वैल्यू केवल 85 रुपये मान कर, उस रियलाइजेबल वैल्यू का 75 प्रतिशत राशि अर्थात केवल 63.75 रुपये ही ऋण के रूप में स्वीकृत कर रहे हैं। इस प्रकार ऋण आवेदनकर्ता को 100 रुपये मूल्य की संपत्ति के एवज में केवल 63.75 रुपये की ऋण राशि ही प्राप्त हो पा रही है, जबकि यह राशि 75 रुपये होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76849.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76849.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8dfc732ac46d4cde6fc6bf6871b83a64d86f301f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76849.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अटल भूजल योजना। संस्थागत संरचना को सुदृढ़ करने तथा सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में भूजल संसाधन प्रबंधन के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। इससे इन राज्यों के 78 जिलों को लाभ पहुंचेगा। वर्ष 2024-25 तक पूरी होने वाली इस परियोजना पर 6,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसका 50 प्रतिशत विश्व बैंक ऋण के रूप में प्रदान करेगा। भूजल संरक्षण व प्रंबधन की यह योजना नए साल में विस्तार लेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c868f901cbd793adabd4215ba3f3c17a0f23c14f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76850.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक तथ्य यह भी है कि इसी दौरान 300 पर्यटकों को पुलिस कर्मचारी सुरक्षित स्थानों के लिए निकाल रहे थे। बर्फ के बीच पुलिस के लिए यह एक दिन का काम नहीं है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई पर्यटक यहां आते हैं। रोहतांग सुरंग पर्यटक मंजिल बनी है, इस बात की पुष्टि यहीं से होती है कि गर्मी में यानी 15-16 जून को 1,400 वाहन आए थे तो लगा था कि यह पर्यटन सीजन यौवन पर है। लेकिन इस बार 31 दिसंबर को 5,400 से अधिक वाहन आए। सोचा जा सकता है मई-जून में क्या होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76853.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76853.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5c47e8b20441fbcd6779199f992eb7e7702aac06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76853.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद [ आशीष झा ]। नववर्ष की खुशियां मनाने थल सेना का जवान परिवार के साथ टुंडी की ओर से गुजर रहा था। वाहन जांच चल रही थी। फौजी ने थोड़ी चढ़ा भी ली थी। सो अकड़ गए। चेकिंग करनेवाले भी कहां दबनेवाले थे। आखिर वो भी तो वर्दीवाले ही थे। बस फिर क्या था, जुबानी जंग तेज होने लगी। पुलिस ने अपने साहब को जानकारी दी तो आदेश हुआ उठाकर ले आओ। इधर जवान में भी गर्मी कम नहीं थी। बुलेट उड़ाते हुए मनियाडीह निकल गए। वहां तक पीछा करते पुलिस पहुंच गई। खूब गुत्थमगुत्थी के बाद आखिरकार जवान पकड़ में आया। उन्हें एसएनएमएमसीएच लाया गया, शराब के नशे में होने की जांच कराने। वहां डॉक्टर साहब का इंतजार होने लगा। बस मौका पाकर जवान खिसक गया। हां, उसकी बुलेट जरूर पुलिस ने जब्त कर ली। फौजी छुड़ाने तक नहीं गया। वर्दी बनाम वर्दी का क्लाइमेक्स अभी बाकी है। ।अपना नंबर आएगा...।कोरोना का टीका लगाने की तैयारी पूरी हो गई है। जिला प्रशासन ड्राइ रन कर अपनी क्षमता की जांच कर चुका है। मकर संक्रांति के बाद शुभ काल आएगा तो टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। तय है कि पहले स्वास्थ्यकॢमयों को टीका लगेगा। उनके बाद किसका नंबर आएगा, इस पर संशय है। सब प्रशासन का मुंह ताक रहे हैं। वैसे, प्रशासन भी फिलहाल शासन की तरफ नजर टिकाए हुए हैं। सरकारी सेवक आश्वस्त है कि कभी न कभी उन्हें टीका जरुर लगेगा। ऐसे भी अनेक लोग हैं जो जुगाड़ में यकीन करते हैं। ऐसे लोग इसी जुगाड़ में है कि सरकारी लिस्ट में ही नाम आ जाए ताकि जेब ढीली नहीं करनी पड़े। आखिर कुछ लोगों को मुफ्त में टीका लगने की घोषणा हो चुकी है तो उसी में अपना काम बनाना कौन नहीं चाहेगा। प्राइवेट से लगना शुरू होगा तो इसके लिए राशि अदा करनी पड़ेगी। ।यहां तो उल्टी गंगा बह रही।कोयलांचल की सियासत भी अजीबोगरीब है। काला हीरा के लिए सालों से वर्तमान और पूर्व विधायक टकरा रहे हैं। कहने के लिए दोनों नेताओं की पार्टी रंगदारों के खिलाफ है। उन लोगों की बातें सुनिए तो लोकतांत्रिक मूल्यों के कसीदे सुनने को मिलेंगे। हालांकि, उनकी बातें आम जनता को कतई नहीं पच रही है। जनता लंबे समय से दोनों नेताओं को देख रही है। इसलिए दोनों की बयानबाजी का सिर्फ मजा ले रही है। लोग कहने लगे हैं कि हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊं बोल रही है। सदन में हम लोग भेजते रहे हैं और हमीं को बेवकूफ समझ रहे हैं। जिनकी रंगदारी की चर्चा पूरे राज्य में हो, कई केस चल रहे हों, उनकी इजाजत के बिना किसी का डीओ न लग पाए, वो दूसरों को रंगबाजी छोडऩे की सीख दे रहे हैं। दोनों नेताओं की राजनीति का राज अलग है, नीति अलग। ।इ पनिया जान माइर देतौ।कोयलांचल में पानी की समस्या तो आम रही है लेकिन भीषण ठंड में भी पानी के लिए लोगों को भटकना पड़े तो गुस्सा होना वाजिब है। झरिया में महीनों से पानी की समस्या है। एग्यारकुंड में भी कभी मोटर जलने तो कभी किसी और कारण से लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। गलफरबाड़ी में पानी के लिए परेशान एक आदमी ने तो यहां तक कह दिया कि इ पनिया जान माइर देतौ। पानी नाय पीबो ते प्यास से मरबौ... ठंड में पानी ले जैबो ते ठंड से मैर जेबो। कोनो सरकार, कोनो प्रशासन काम नाय ऐतो। इनका दर्द तो आम जनता ही समझ सकती है जो झरिया में पानी के महीनों से मारामारी कर रहे हैं। जो कहीं नहीं निकल सकते, वो खरीदकर पानी पी रहे हैं। पानी के लिए आधी रात में महिलाओं को पानी-पानी होते देखना है तो झरिया जरुर आइए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76856.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76856.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fde6dc788c9190c7928dbae76423684843116e06 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76856.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि अब पिलर ढालने का काम पूरा हो चुका है। करीब 250 मीटर के हिस्से पर वायाडक्ट, मेट्रो ट्रैक बिछाने व तकनीकी काम बाकी है। यह काम इस साल मई-जून तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद परिचालन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा ग्रे लाइन पर नजफगढ़ से ढांस बार्डर बस स्टैंड के बीच 1.18 किलोमीटर हिस्से पर सितंबर तक मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..724f307cc4c00ec453bcfe68a6604a47ef013bf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लंदन, ऑनलाइन डेस्‍क। क्‍या आप भी लंदन जाने का प्‍लान बना रहे हैं, तो ठ‍हरिए। यह खबर आपके लिए उपयोगी हो सकती है। आप अपनी यात्रा को निरस्‍त करिए, क्‍योंकि ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का खतरनाक नया संस्‍करण दुनिया में तेजी से पांव पसार रहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का दावा है कि यह अब तक दुनिया के 41 देशों में दस्‍तक दे चुका है। बता दें कि 14 दिसंबर को ब्रिटेन सरकार ने घोषणा की थी कि देश में एक नए कोरोना वायरस ने दस्‍तक दिया है। महज चार सप्‍ताह में इस वेरिएंट ने 41 देशों में अपना पांव पसार चुका है। इस खबर के बाद कई मुल्‍कों ने ब्रिटेन की यात्रा को स्‍थगित कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर ब्रिटेन ने इसके रोकथाम के लिए क्‍या कदम उठाए हैं। नए वेरिएंट को रोकने के लिए दुनिया के अन्‍य मुल्‍कों ने एहतियात के तौर पर क्‍या कदम उठाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4130049da37597a56c56c85113444dcbf7d169ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76858.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश की सबसे लंबी मालगाड़ी की तकनीक जानकर हुए प्रभावित।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के नागपुर डिवीजन से कोरबा के लिए शेषनाग ने पहली दौड़ लगाई थी। यह 251 वैगन वाली 2.8 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी थी। व्याख्यान में इसकी जानकारी से अमेरिका के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियर्स संस्थान न्यूयार्क(आइईईई), इंग्लैंड से इंटरनेशनल रेलवे एक्रूमेंट एक्जीविशन(आइआरईई, यूके) व भारत से इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग नासिक (आइआरआइईईएन) के इंजीनियरिंग विशेषज्ञ काफी प्रभावित हुए। जुलाई 2013 में पहली बार दो मालगाड़ि‍यों को जोड़कर एक ही पास व सिग्नल पर 118 वैगन वाली लांग हाल ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ था। ।इसमें सतत सुधार के साथ रैक की संख्या बढ़ती गई। इसका परिणाम दो जुलाई 2020 को देश की सबसे लंबी मालगाड़ी शेषनाग के रूप में सामने आया। इन मालगाड़ि‍यों को तीन या चार इंजन खींचते हैं। सभी का नियंत्रण आगे चल रहे इंजन में होता है। वायरलेस कंट्रोल सिस्टम से चलने वाले रिमोट इंजनों को खास सेंसर लगाकर बनाया गया है, जो लीड इंजन के कमांड का अनुसरण करते हैं। शेषनाग पर आधारित एक सवाल चर्चित शो कौन बनेगा करोड़पति में शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने भी अपने एक प्रतिभागी से पूछा था। ।समय, बिजली व मेनपावर की बचतक्षेत्रीय रेल प्रबंधक कोरबा मनीष अग्रवाल ने बताया कि तीन या चार रैक वाली इन सबसे लंबी मालगाड़ि‍यों से मैनपावर, बिजली व समय की बचत होती है। एक रैक में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड समेत तीन कर्मी होते हैं। चार ट्रेन में कुल 12 कर्मियों से काम लेना होता है। वहीं शेषनाग में तीन से ही हो जाता है। चार अलग मालगाड़ी के बजाय एक साथ गुजरने से नियंत्रण कक्ष से लेकर मैदानी व तकनीक व्यवस्थाओं के दोहराव से भी बचत होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76859.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76859.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95a6e039f508dd513afb2ca6608d103241e0fbea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76859.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शुरुआत में हिसार-चंडीगढ़, हिसार-देहरादून, हिसार-धर्मशाला की सर्विस शुरू होगी।2015 में शुरू हुए इस स्टार्ट-अप को अब रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत एयर टैक्सी चलाने की जिम्मेदारी भारत सरकार के सिविल एविएशन मंत्रालय ने दी है। सब कुछ फाइनल हो चुका है और हिसार से यह सेवा शुरू करने के लिए जल्‍द ही तारीख तय की जाएगी। बताया जाता है कि मकर संक्रांति पर पहली फ्लाइट शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ की एयर टैक्सी सेवा को लेकर वेबसाइट भी लांच किया जाएगा ताकि लोग आनलाइन बुकिंग करवा सकें। + +यह भी पढ़ें: Haryana Government Recruitment: हरियाणा में सरकारी नौकरियों में हाेगी बंपर भर्ती, कर्मचारियों काे भी मिलेगी पदोन्‍नति।देश के लोगों को लग्जरी महसूस कराने का है सपना।एयर टैक्सी स्टार्ट-अप के डायरेक्टर कैप्टन वरुण सुहाग ने बताया कि उन्होंने पायलट की ट्रेनिंग अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में ली है। वहां किसी के काम के लिए जाना होता था तो वह एयर टैक्सी लेकर चले जाते थे। भारत में वह इसकी कमी हमेशा देखते रहे हैं। ऐसे में उन्होंने व साथी डायरेक्टर कैप्टन पूनम गौर ने एक स्टार्ट-अप प्लान किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7686.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7686.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6d14caed9bf81c97f068d72b9ef653c480683bd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7686.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बात अगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्द ही फिल्म ‘थलाइवी’ में नजर आने वाली हैं। ये फिल्म अभिनेत्री से राजनेता बनी तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की बायोपिक है, जिसमें कंगना मुख्य जयललिता किरदार निभा रही हैं। इसके अलावा वो ‘तेजस’ में महिला पायलट का रोल प्ले कर रही हैं। साथ ही वो भारत की पूर्व पीएम इंद्रिरा गांधी पर आधारित फिल्म 'द इमरजेंसी' में इंदिरा गांधी का रोल निभाती हुई दिखाई देंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76863.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76863.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e92e37abdcd7f2495b9e7f21f24c854992f80f2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76863.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैसे फैलता है बर्ड फ्लू (How bird flu spreads)।बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है। ये एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया है। बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं लेकिन H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है। बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से प्राकृतिक रूप से फैलता है। ये पालतू मुर्गियों में आसानी से फैल जाता है। ये बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होती है। ।संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान इस वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है। इसके फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है। ।जानें- क्या है बर्ड फ्लू के लक्षण (What are the symptoms of bird flu)।बर्ड फ्लू होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर को दिखाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45d44371a17d502a9995a36dc5eee763603cd493 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्यों है हनुमान का सिंदूरी रंग।एक कथा के अनुसार एक बार हनुमान जी ने श्रीराम की याद में अपने पूरे शरीर पर सिंदूर भी लगाया था। यह इसलिए क्योंकि एक बार उन्होंने माता सीता को सिंदूर लगाते हुए देख लिया। जब उन्होंने सिंदूर लगाने का कारण पूछा तो सीता जी ने बताया कि यह उनका श्रीराम के प्रति प्रेम एवं सम्मान का प्रतीक है। लाल हनुमान बस यह जानने की देरी ही थी कि हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया, यह दर्शाने के लिए कि वे भी श्रीराम से अति प्रेम करते हैं। इस घटना के बाद हनुमान का ‘लाल हनुमान’ रूप भी काफी प्रचलित हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d608a4dffc3f184ebcf0dee25efa02c657743a09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैज्ञानिकों का कहना है 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकेंड कम था। इससे पहले सबसे छोटा दिन 2005 में दर्ज किया गया था। आपको बता दें कि धरती के घूमने की गति का आंकलन एटॉमिक क्‍लॉक पर ही लगाया जा सकता है। अब एक बड़ा सवाल है कि क्‍या इसका असर हमारे जीवन पर या किसी अन्‍य चीजों पर पड़ेगा। तो इसका जवाब है, नहीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae444fbc448ea8e9976d5cd83ba26ed8e0158bda --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76872.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वर्ल्‍ड बैंक का अनुमान ।इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वर्ष 2020 में दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था में 4.3 फीसद की कमी आई थी, लेकिन अब ये एक बार फिर से बढ़ोतरी की तरफ अग्रसर है। हालांकि कोविड-19 महामारी की वजह से लाखों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इस महामारी की वजह से गरीब लोग और अधिक गरीब हुए हैं। रोजगार पहले की अपेक्षा कम हुए हैं और बेरोजगारी में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। विश्‍व बैंक ने इस बात की भी आशंका जताई है कि विश्‍व की आर्थिक गतिविधियों पर ये असर आने वाले समय में भी जारी रह सकता है। + +करना होगा तेजी से काम ।मौजूदा महामारी संकट पर ध्‍यान आकर्षित करते हुए विश्‍व बैंक के विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना वायरस के फैलाव पर काबू पाने के लिए देशों को तेजी से काम करना होगा। साथ ही वैक्‍सीन को ही लोगों तक पहुंचाने में तेजी दिखानी होगी। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि आर्थिक पुनर्बहाली के देशों को पुनर्निवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा। लेकिन ये ऐसी होनी चाहिए जो टिकाऊ आर्थिक वृद्धि पर लक्षित हो। इसके अलावा इसकी सरकारी कर्ज पर भी निर्भरता कम होनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..936d5d6cf5b8520ed333dc27830748d2045a4f84 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76874.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस सत्र में शुरू होने वाले पाठ्यक्रमों में सबसे ज्यादा आईईटी में शुरू होने थे। इनमें बीवाक इन रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनर, बीवाक इन साफ्टवेयर डवलपमेंट, बीवाक इन प्रोडक्शन टेक्नोलाजी समेत चार डिप्लोमा शामिल थे। इसके अलावा यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर, दाऊदयाल, सेठ पदमचंद जैन इंस्टीट्यूट के भी कई पाठ्यक्रमों में शून्य प्रवेश हुए हैं। केएमआई में शुरू हुए पाठ्यक्रमों में धीरे-धीरे प्रवेश हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e09cf99ab0adecb5b9f04ec9bb0995ff6a024cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्रीराम-सीता पर अध्ययन से यह भाव जागा कि सीता विरह पर पुस्तक लिखना चाहिए। बस वहीं से वे भगवान श्रीराम और सीताजी से जुड़ गईं। शिरीन अब तक श्रीराम और रामायण पर आधारित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचलित 200 से अधिक लोकगीत व स्वरचित गीतों का संग्रह कर चुकी हैं। सरकारी स्कूल में शिक्षिका शिरीन कुरैशी नौकरी के बाद नियमित चार से पांच घंटे इसी काम को देती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76877.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76877.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0defbb893d6338b714df24475d6474690ba469c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76877.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर कर चुनौतियों का कर सकते हैं सामना : कोरोना जब देश में आया था तो हमारे पास इससे निपटने के उपाय नहीं थे, पर आज इसकी हर चाल का जवाब हमारे पास है। फिर भी अगर भविष्य में लाकडाउन जैसी स्थिति बन जाए तो हमें उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए। अब कंटेनमेंट जोन को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, क्योंकि अब हमें पता है कि कंटेनमेंट जोन में कितने दिनों तक कैसी मूलभूत चीजों की जरूरत होती है। ।[डा. अजीत जैन नोडल अधिकारी (कोरोना मामले), राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल]।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76879.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76879.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..505faaff08ac3adf97fb30a725fc0d86abd56089 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76879.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नलिन चौहान के भाई भरत चौहान भी यूरोप में पत्नी और चार साल के बच्चे को छोड़कर 21 दिनों से दिल्ली में भाई को ढूंढ़ने में लगे हुए हैं। स्वजन के अलावा पुलिस ने नलिन चौहान के बारे में सुराग बताने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की है। परिजनों ने जगह-जगह लापता होने के पोस्टर भी चस्पा किए हैं। पुलिस का कहना है कि लापता होने से कुछ दिन पहले नलिन ने राजस्थान के जिस साथी के बैंक खाते में 50 हजार रुपये भेजे थे, उनसे भी पूछताछ की जा चुकी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6233cec73391ec4d4f5bfe148957766090d1369c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76880.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोलकाता, जेएनएन। बंगाल में विधानसभा चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के भीतर उथल-पुथल मची है उसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नए वर्ष के पहले ही सप्ताह में तृणमूल कांग्रेस को दो बड़े झटके लग चुके हैं। पहले पार्टी के स्थापना दिवस एक जनवरी को पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी नगर पालिका के प्रशासक समेत 15 पूर्व पार्षद भाजपा में शामिल हो गए और अब मंगलवार को लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंत्री के साथ-साथ पार्टी के भी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। + +सवाल है कि पार्षद, विधायक, सांसद और मंत्री तृणमूल कांग्रेस क्यों छोड़ रहे हैं? इसकी वजह क्या है? वैसे तो इस नाराजगी की कई वजहें हैं, लेकिन इनमें से सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है तृणमूल संगठन के अंदर ममता के सांसद भतीजे एवं युवा कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की दखलंदाजी। यही नहीं तृणमूल में सांगठनिक स्तर पर अक्सर ही आपसी गुटबाजी तथा विवाद खुलकर सतह पर आते रहे हैं। यह भी एक बड़ी वजह है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76882.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76882.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a6b1b5996111f9b9febfa031910134f98b1d702 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76882.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरी सेंटर के भूमिगत तीन तलों में पार्किंग की सुविधा का मेहरम नगर गांव के लोगों को फायदा होगा। अभी मेहरम नगर में पार्किग एक बड़ी समस्या है। समय के साथ यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। इस गांव से न सिर्फ टर्मिनल वन, बल्कि कार्गों टर्मिनल भी एकदम नजदीक है। ऐसे में गांव के भीतर वाहनों की आवाजाही काफी रहती है। कई बार गांव की भीतरी सड़कों पर पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76884.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76884.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4522b77c3bf5d9c6af2f42af3a4bdee3eb65267 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76884.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे करें आवेदन। फ्लैट के लिए इच्छुक उपभोक्ता डीडीए की आधिकारिक वेबसाइट www.dda.org.in पर इस स्कीम के बारे में पूरी जानकारी लेने के साथ आवेदन भी कर सकते हैं। वेबसाइट पर ही आवास सॉफ्टवेयर से हाउसिंग स्कीम में आवेदन किया जा सकेगा। कोरोना के चलते इस तरह का इंतजाम किया गया है कि ड्रॉ के बाद सिर्फ एक बार डीडीए दफ्तर आने की जरूरत पड़ेगी। वह भी कन्वीयंस डीड की प्रक्रिया के लिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76885.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96cecdf335dc82b8209d22943eaa061002e6a006 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76885.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कब रुकेगी साइबर सेंधमारी।देश का बैंकिग सेक्टर भी साइबर ठगों के निशाने पर है। आज स्थिति यह है कि लगभग पूरे देश में रोजाना ही डेबिट कार्ड फ्रॉड की दर्जनों शिकायतें दर्ज कराई जाती हैं। कोई नहीं जानता कि एटीएम फ्रॉड, बीपीओ के जरिये देश-विदेश में ठगी, क्लोनिंग के जरिये क्रेडिट कार्ड से बिना जानकारी धन-निकासी और बड़ी कंपनियों के अकाउंट एवं वेबसाइट की हैकिंग और फिरौती वसूली की घटनाओं का यह सिलसिला कहां जाकर रुकेगा। हालांकि पहली नजर में ये मामले खुद ग्राहकों के डिजिटल अज्ञान की समस्या ज्यादा लगते हैं। दावा किया जाता है कि ऐसे मामलों में या तो ग्राहक खुद ही किसी फर्जी फोन कॉल पर अपनी डिजिटल पहचान (जैसे अपने एटीएम कार्ड से जुड़े विवरण) दे देता है, लेकिन सभी मामलों में ऐसा नहीं है। जालसाजी की बहुत-सी घटनाओं से साबित हुआ है कि उपभोक्ता ने सारी सावधानियां बरतीं, लेकिन हैकिंग अथवा एटीएम मशीनों में अपराधियों द्वारा लगाई गई स्कीमर जैसी डिवाइसों से उनके कार्ड की सूचनाएं (कार्ड नंबर, सीवीवी और पासवर्ड) पढ़ ली गईं, जिनका बाद में दुरुपयोग किया गया। यह भी उल्लेखनीय है कि बैंकिंग से जुड़े सुरक्षात्मक उपायों की साइबर अपराधियों ने हवा निकालकर रख दी है और वे डिजिटल उपाय करने वाले महारथियों से दो कदम आगे के जानकार साबित हो रहे हैं। इनके घोटाले के तौर-तरीकों को देखकर आज कोई इसे लेकर आश्वस्त नहीं हो सकता है कि जहां कहीं भी पैसे और सामान के लेनदेन का कोई डिजिटल उपाय काम में लाया जा रहा है, वह फूलप्रूफ है और उसमें धांधली की कोई गुंजाइश नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76887.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76887.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..19688eeaffb9e4f2c763711a45cf614cfe8a4f54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76887.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +90 फीसद विद्यालयों में नहीं है सुविधाएं। प्रयोगात्मक परीक्षा परीक्षा पास करने के महत्वपूर्ण है, लेकिन विद्यालयों में संसाधनों की भारी कमी है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि प्रयोगात्मक लैब व संसाधनों से समृद्ध विद्यालयों की संख्या महज 50 ही होगी, जबकि जिले में कुल 39 राजकीय, 109 सहायता प्राप्त समेत कुल 872 माध्यमिक विद्यालय हैं, लेकिन ज्यादातर विद्यालयों में या तो लैब नहीं है, जहां हैं, वहां आवश्यक संसाधन व शिक्षक नहीं। कई विद्यालय तो ऐसे हैं, जिनकी लैब का ताला ही सालभर में एक-दो प्रयोगात्मक परीक्षा कराने की औपचारिकता के लिए खुलता है। विद्यालय इसके लिए अलग से फंड न होने, संसाधनों की कमी और शिक्षकों की नियुक्ति न होने पर मढ़ देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ee8a10fc9bfe86f320a0b71b72a2833ef07271e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76889.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 'मिशन शक्ति' के जरिये आधी आबादी को सशक्त करने की कोशिश में जुटी है। इसके सार्थक परिणाम वर्ष 2021 में दिखाई देंगे। 16 अक्टूबर 2020 से शुरू हुआ यह अभियान लगातार छह महीने चलेगा। इसके तहत महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा के विरुद्ध सुरक्षा तंत्र विकसित कर महिलाओं को उनके अधिकार बताने के लिए सरकार ने पूरा अमला लगाया है। मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श भी दिए जा रहे हैैं। ।'मिशन शक्ति' अभियान के तहत सरकार ने प्रदेश के 1535 पुलिस थानों में एक अलग कमरे का प्रावधान किया है जिसमें पीड़ित महिलाएं, महिला पुलिसकर्मी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकती हैं। सरकार की इस पहल से अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सकेगी और उन्हें सजा दी जा सकेगी। + +बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ से भी बढ़ेगी जागरूकता : इस योजना के तहत मुजफ्फरनगर में शुरू किए गए ग्राम स्तरीय जन जागरूकता अभियान का ऐसा असर पड़ा कि 13 गांवों में घर के बाहर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगनी शुरू हो गई है। यानी यहां के लोग इस कोशिश में जुटे हैं कि उनका घर बेटियों के नाम से जाना जाए। प्रदेश सरकार इस योजना को 2021 में कई और जिलों में शुरू करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81748f630d931318eec964b08acc5b74aa406ec1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7689.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फिल्म कर्मा ने एक सीन है जिसमें दिलीप कुमार अनुपम खेर को गुस्से में थप्पड़ मारते हैं। अनुपम खरे ने इस सीन की शूटिंग के समय को याद किया। अनुपम खेर ने कहा,'कर्मा फिल्म में मेरा और दिलीप साहब का एक थप्पड़ वाला सीन है। जिसमें दिलीप साहब, मुझे थप्पड़ मारते हैं। मैं थिएटर से आया था, इसलिए सीन को रियल दिखान के लिए मैंने दिवंगत अभिनेता से कहा कि आप मुझे सच में थप्पड़ मार सकते हैं। इस पर दिलीप साहब ने मुस्कुराते हुए कहा,'यह पठान का हाथ है अगर मैं तुम्हें सच में थप्पड़ मारूंगा, तो तुम इसे पूरी जिंदगी भर भूल नहीं पाओगे, इसलिए सिर्फ एक्टिंग करो, मैं तुम्हें थप्पड़ नहीं मारूंगा।'।इसके अलावा अनुपम खेर ने दिलीप कुमार से जुड़े और भी कई किस्से साझा किए हैं। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि दी है। बुधवार 7 जुलाई को उनका मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में इंतकाल हो गया था। उनके इंतकाल से बॉलीवुड में शोक का माहौल है। फिल्मी सितारों से लेकर देश की कई बड़ी हस्तियों ने दिलीप कुमार के इंतकाल पर शोक व्यक्त किया। अब उनके दर्जी इब्राहिम खान ने अभिनेता से जुड़ी खास बातें बताई हैं। + +आपको बता दें कि दिलीप कुमार का बुधवार (7 जुलाई) सुबह 7.30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में इंतकाल हो गया था। शाम 5:00 बजे के करीब मुंबई के जुहू स्थित कब्रिस्तान में उनको सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मौके पर उनकी पत्नी सायरा बानो परिवार के लोग और बड़ी संख्या में प्रशंसक भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए थे। दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देने शाहरुख खान, धर्मेंद्र, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रणबीर कपूर जैसी कई हस्तियां पहुंची थी। शाहरुख खान सायरा बानो को संभालते भी नजर आएं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c38185723ca00f1657f46b35ab3ff7820775a9fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76897.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कोवैक्‍सीन शरीर में इम्‍यून सिस्‍टम को एंटीबॉडीज बनाने और SARS-CoV-2 कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मजबूत करती है। ये एंटीबॉडीज वायरल प्रोटीन से मिली होती हैं जिन्‍हें हम स्‍पाइक प्रोटीन कहते हैं जो इसकी सतह से चिपके होते हैं। शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस पर बीटा-प्रोपियोलेक्टोन नामक एक केमिकल का इस्‍तेमाल किया। इसके यौगिक ने अपने जीन के साथ मिलकर कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर दिया। + +कोवैक्‍सीन में जिस वायरस का इस्‍तेमाल किया गया वो मृत है। शरीर में जाने के बाद ये इनएक्टिव वायरस एंटीजन प्रजेंटिंग सेल को खा जाते हैं। शरीर में टी सेल्‍स बनने के बाद वो वायरस के खिलाफ शरीर इम्‍यून सिस्‍टम को लड़ने की मजबूती प्रदान करती है। इस काम में उसकी मदद बी सेल भी करती हैं। ये शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण करती हैं और एंटीबॉडीज स्‍पाइक प्रोटीन को टारगेट करता है। कोवैक्‍सीन की दो खुराक चार सप्‍ताह के अंदर देनी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76898.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76898.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f14781212d7825ab3e76d5f6b0cc6de6e245e81e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76898.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली,  ऑनलाइन डेस्क। देश में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण 12 से 14 दिनों में शुरू होने वाला है। इसके लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर व्यवस्था की है। इसके तहत कोविन ऐप लांच किया है। इसे करोड़ों लोगों को टीका लगाने के लिए विकसित किया गया है।  कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए इसके जरिए 12 भाषाओं में एसएमएस और आधार कार्ड के प्रमाणकरण के जरिए टीकाकरण की पुष्टिकरण होगी। महामारी के बीच बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान का मैनेजमेंट करने और स्केल करने के लिए छोटे पैमाने पर कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क विकसित करने कोविन ऐप का इस्तेमाल होगा और इसके इकोसिस्टम का उपयोग किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_769.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_769.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0c4e0ed9a24df74c9eb7f7915319bc24458b870 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_769.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरुणाचल प्रदेश के 50 साल पूरे होने पर संजय दत्त ने अवॉर्ड विनिंग फिल्ममेकर और अपने खास दोस्त राहुल मिश्रा से बात की, जहां उन्होंने नशा करने वाले युवा लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने जीवन मे इन सब काम को छोड़कर आगे बढ़े और उनसे यह आग्रह किया कि वह किसी भी तरीके के नशे नशे में ना फंसे। संजय दत्त ने कहा 'अगर मैं ड्रग्स जैसे नशे से बाहर आ सकता हूं तो फिर आप भी आ सकते हैंl।अपनी बातचीत को आगे बढ़ाते हुए संजय दत्त ने युवाओं से यह भी अपील की कि अगर वह किसी भी तरह के नशे में फंसे हुए हैं तो वह इस प्रॉब्लम के बारे में अपने परिवार और अपने दोस्तों से खुलकर बात करें। संजय दत्त ने सिर्फ युवाओं से नहीं बल्कि परिवार वालों से यह भी अपील की कि अगर उनके युवा बच्चे उनसे अपनी ड्रग्स डिजीज के बारे में बात करते हैं तो वह इसके ट्रीटमेंट पर ध्यान दें और इसे किसी भी तरीके का टाबू ना बनाए l संजय दत्त ने कहा, 'मैं हाल ही में कैंसर से बाहर निकला हूं और किसी भी चीज से बाहर निकलने के लिए परिवार और दोस्तों का सपोर्ट बहुत ज्यादा जरूरी हैl नशा भी एक डिजीज है जिसमें आपको प्रॉपर ट्रीटमेंट चाहिए होता है'l।अभिनेता संजय दत्त ने अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और विधानसभा अध्यक्ष पासंग दोरजी की अरुणाचल प्रदेश में किए गए विकास और बेटरमेंट के लिए उनकी तारीफ की और साथ ही कहा, 'अरुणाचल प्रदेश सिर्फ एक हिस्सा नहीं होना चाहिए, बल्कि टूरिज्म और शूटिंग के लिए यह भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए l मुझे यकीन है जो यहां के लीडर हैं उनके नेतृत्व में ये जरूर होगा'l संजय ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश राज्य अभियान के 50 साल पूरे किए, जिसका निर्माण राहुल मित्रा फिल्म्स ने किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76900.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76900.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b34cf1644c9bf76a36b170137a991f419dded225 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76900.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मेरठ, जेएनएन। सैय्यद मुश्ताक अली टी-20 ट्राफी के लिए उत्तर प्रदेश की सीनियर टीम के अंतिम 22 में मेरठ के पांच खिलाडिय़ों को मौका मिलने के बाद अब रणजी ट्राफी और विजय हजार ट्राफी के संभावित खिलाड़ियों में मेरठ के सात खिलाड़ी शामिल हैं। चर्चा है कि प्रियम गर्ग को ही इस टीम की कमान दी जा सकती है। वहीं भारतीय टीम के तेज गेंदबात भुवनेश्‍वर कुमार को टीम में जगह नहीं मिली है। उप्र क्रिकेट एसोसिएशन ने युवाओं पर ज्‍यादा भरोसा जताया है। + +टी-20 टीम की कमान युवा खिलाड़ी को दिए जाने के बाद अब रणजी ट्राफी और विजय हजार टीम की कमान भी मेरठ के प्रियम गर्ग को ही मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसी के साथ ही टीम में युवा खिलाड़ियों को भी अधिक से अधिक सथान दिया जा रहा है। युवा नेतृत्व के साथ ही युवा खिलाड़ियों की टीम को क्रिकेट के तीनों फार्मेट में साधने के लिए उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के चयनकर्ताओं ने खिलाड़ियों का चयन किया है। वहीं टी-20 में खेल रहे भुवनेश्वर कुमार का नाम रणजी व विजय हजार के संभावितों में नहीं हैं। + +इससे साफ है कि इन दोनों टूर्नामेंट में युवाओं को ही पूरा मौका दिया जा रहा है। हालांकि इसमें कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो रणजी व टी-20 के लिए आयोजित कैंप के पहले चरण के बाद बाहर हो गए थे, लेकिन उन्हें संभावित खिलाड़यिों में स्थान मिला है। वहीं टी-20 के कैंप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कुछ ऐसे खिलाड़ी भी थे जिन्हें न ही टी-20 टीम में स्थान मिला और न ही रणजी व विजय हजार के संभावितों में ही शामिल किया गया है।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76902.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76902.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7a6071cc57fa73236c37e61d14dec24beb646f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76902.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यूं बनी आंतरिक चुनाव की पृष्ठभूमि : हर परिवार से कोई न कोई सेना में होने की वजह से औरंध को फौजियों का गांव भी कहा जाता है। यह ग्राम पंचायत भी है, जिसमें कुल 10 गांव-मजरे हैं। कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 6300 है। ग्राम पंचायत के सबसे बड़े गांव औरंध में 1936 मतदाता हैैं। पंचायती राज लागू होने के बाद हर चुनाव में गांव औरंध का व्यक्ति ही प्रधान चुना जाता रहा। वर्ष 2010 में भनऊ गांव का प्रधान बना, वर्ष 2015 में भी ऐसा ही हुआ। बीते चुनाव में औरंध से ही छह प्रत्याशी मैदान में थे, वोट बंटने के साथ ही गांव में गुटबंदी पैदा हो गई। लिहाजा, इस बार गांव के बुजुर्गों ने आंतरिक चुनाव कर एक प्रत्याशी उतारने का फैसला किया। चुनाव के लिए सात लोगों की समिति बना दी गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76903.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76903.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..72044442ade2775470241e7837f5c27984b551eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76903.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कहीं, स्नानागार और शौचालय बनाए जा रहे हैं, तो कहीं लंगर हाल का निर्माण हो रहा है। सोमवार को भी सिंघु बार्डर पर कई जगह बड़े-बड़े लंगर हाल बनाए गए। बीच में बारिश और ठंड की वजह से बिखरा-बिखरा सा लग रहा प्रदर्शन अब फिर से मजबूती पकड़ने लगा है। जिस उत्साह के साथ किसान तैयारियों में जुटे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि वे जल्द मैदान छोड़ने वाले नहीं है। + +विरोधाभास के बीच जारी है आंदोलन।किसानों का आंदोलन कई तरह के विरोधाभास से भरा है, जिसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब भी किसान नेता सरकार के साथ बात करने जाते हैं और उम्मीद जताते हैं कि अब गतिरोध खत्म होगा और बात आगे बढ़ेगी, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पक्के निर्माण, लंगर हाल और प्रदर्शनकारियों के लिए सुविधाओं के इंतजामों का विस्तार होने लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76904.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76904.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..420f6b8676f97fe67ba52bff4052e09b23ca5da4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76904.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +भयावह तस्‍वीर सामने आई ।थर्ड जेंडर का जीवन यापन दया व इमदाद पर आश्रित है। रोजगार भी लोगों की खुशियों में छिपा है। जो मिल गया, उसे किस्मत मान लिया। अधिकांश किन्नर गुरुओं और साथियों के रहमोकरम पर जिंदा हैं। नाफरमानी पर सीधे सड़क पर आ जाते हैं। समाजसेवी रंजना अग्रवाल बताती हैं कि पांच साल की रिसर्च में किन्नरों की यह भयावह तस्वीर सामने आई। छत के अभाव में किन्नर शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं। + +पीड़ा ने किया इरादा मजबूत ।रंजना बताती हैं, उन्होंने तमाम किन्नरों से सवाल किया कि वे विरोध क्यों नहीं करते? इस पर उनका कहना था कि कहां जाएंगे? वृद्ध आश्रम, महिला आश्रम व बाल आश्रम तो हैं लेकिन हमारे लिए सरकार ने इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है। ऐसे में सड़क पर दुर्गति से अच्छा है, बस पड़े रहो। समाज में दूरी इतनी है कि कोई किराये पर मकान नहीं देता, रोजगार तो दूर की बात है। रंजना कहती हैं, इस पीड़ा ने ही किन्नर आश्रम की नींव रखने के इरादे को मजबूत किया है। जमीन खरीदकर आश्रम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b13e6004c639378d33408bdd9252fea237ef8cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजस्थान के जयपुर सहित सात जिलो में बर्ड फ्लू की दस्तक हो चुकी है और जयपुर की सांभर झील से भरतपुर घना पक्षि विहार में फ्लोमिंगो का आना जाना लगा रहता है। भरतपुर से आगरा में अन्य प्रवासी पक्षी भी आते हैं। जयपुर से आगरा की दूरी केवल 235 और भरतपुर से 55 किलोमीटर की है। फ्लाइवे के माध्यम से पक्षी इस दूरी को कभी भी तय कर सकते हैं। इससे आगरा में बर्ड फ्लू फैल सकता है। हालांकि अभी जयपुर में कौआ की मौत के आंकड़े ही सामने आए हैं। प्रवासी पक्षियों में एवियन एन्फ्लएंजा वायरस एच-5 एन- पुष्टी नहीं हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76911.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76911.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae2feb1713efb842d638422768b7b4375cf5defa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76911.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जा रहा है। शासन के आदेश पर मूल सुविधाओं के साथ-साथ तमाम कार्य कराए जा रहे हैं। इसमें पेयजल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, फर्नीचर, कक्षाओं में पंखे, रसोईघर, फर्श पर टाइल्स आदि कराए जा रहे हैं। जिले में कुल 2745 परिषदीय विद्यालय हैं। सितंबर अंत तक इनमें से 1747 विद्यालयों का कायाकल्प हो गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f231f4bcc88de63e9822244835da70c53987ef3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76919.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[अमरजीत कुमार] यह वास्तविकता है कि देश ऐसे कई उदाहरण देख चुका है, जब साधन और साध्य में उत्पन्न विरोधाभास ने कई नीतिगत फैसले को पंगु साबित कर दिया है। जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रारंभ में जिस तरह बाध्यकारी बनाया गया, इसे लोगों ने सहजता से स्वीकार नहीं किया, जबकि बाद के वर्षो में जनसंख्या नियंत्रण को मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य से जोड़कर बनाई गई नीति काफी प्रभावी साबित हो रही है। मदरसा शिक्षा में सुधार और असम निरसन विधेयक, 2020 के अगर विभिन्न पक्षों की बात करें, तो कहीं न कहीं यह सरकारी मदरसा में आधुनिक शिक्षा को लागू करता है जिसमें धर्म गुरुओं की भूमिका काफी अहम होगी। + +यहां यह महत्वपूर्ण है कि भारत में छह लाख से अधिक निजी मदरसे चलते हैं जिसका खर्च मुस्लिम समाज 2.5 फीसद जकात की रकम से निकालते हैं। प्राइवेट मदरसे में भी काफी संख्या में गरीब मुस्लिम बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है। ऐसे में यह ध्यान देना होगा कि अगर सरकार धाíमक पक्षकारों को साथ लाने में कामयाब हो जाती है तो गरीब मुस्लिम बच्चों को आधुनिक और कौशल युक्त शिक्षा में आधारभूत संरचना पर ज्यादा आíथक बोझ नहीं पड़ेगा। सबका साथ सबका विकास में यह काफी अहम है कि भारत की इस विभिन्नता को हमें एक सकारात्मक दिशा देने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए। गौरतलब है कि 56 साल बाद ऐसा पहला मौका था, जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह को बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस संबोधन में कई पक्षों पर चर्चा हुई, पर यहां सरोकार यह है कि ऐसे मौके ही विरोधाभास खत्म करने का अवसर प्रदान करते हैं। + +असम निरसन विधेयक, 2020 का सिर्फ धाíमक आधार पर विश्लेषण करना उचित नहीं, जैसा कि सत्ताधारी और विपक्षी कर रहे हैं। भारत में मदरसा शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर हाशिये पर खड़े मुस्लिम समाज को मुख्यधारा में जोड़ने में व्यापक मदद मिल सकती है। यह ध्यान देने योग्य प्रश्न है कि मुस्लिम शिक्षा में सुधार का विषय कोई नया नहीं है। देश की आजादी के पूर्व और उसके बाद भी यह विषय काफी महत्वपूर्ण रहा है। मदरसा शिक्षा में सुधार की बात देश के पहले शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद ने हमेशा से की थी। यह एक नकारात्मक पक्ष ही है कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के निधन के करीब 51 बरस बाद मदरसों की शिक्षा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की मुहिम की शुरुआत हो सकी। शिक्षा मंत्रलय ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग की वार्षकि बैठक में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर एक मदरसा बोर्ड बनाने की घोषणा कर दी, इस तर्क के साथ कि इस तरह से मदरसे की शिक्षा लेने वाले विद्यार्थी भी सरकारी नौकरी में लाए जा सकेंगे। अत: अब जरूरत है कि मदरसा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक ठोस रणनीति पर काम हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38cb7deb8e48dcb60356588a03a408d8a9b19a28 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76921.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खेतीबारी।वर्ष 2001 के बाद कृषि कार्यों में महिलाओं की सहभागिता तेजी से बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र की 80 फीसद से ज्यादा महिलाएं खेतों में काम करती हैं। इनमें 33 फीसद महिलाएं तो खेतिहर मजदूर हैं, जबकि 48 फीसद के पास अपना काम है। खेतीबारी के 18 फीसद काम महिलाएं ही करती हैं। महिलाओं की बढ़ती सहभागिता को देखते हुए केंद्र सरकारने देशभर के 668 कृषि विज्ञान केंद्रों में महिला विज्ञानी की नियुक्ति को अनिवार्य कर दिया है। प्रगतिशील महिला किसानों के सम्मान में 15 अक्टूबर को महिला किसान दिवस मनाया जाता है। इस साल सरकार महिला किसानों के हित में विशेष एलान कर सकती है। + +एमएसएमई।सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग यानी एमएसएमई में देश की महिलाओं की भागीदारी 28.37 फीसद है। 20.44 फीसद महिलाएं सूक्ष्म, 5.26 फीसद लघु व 2.67 प्रतिशत मध्यम उद्योगका संचालन करती हैं या किसी न किसी रूप में इनसे जुड़ी हैं। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार आने वाले वर्ष में इस क्षेत्र के बजट को बढ़ा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..322854aaabf1329e03a47f2fa11af4b641985fac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76923.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले की डीएसपी जेस्‍सी प्रसांती को उसके पिता सर्किल इंस्‍पेक्‍टर श्‍याम सुंदर का सैल्‍यूट करना लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इन दोनों की फोटो सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हो रही है और लोग जमकर अपनी खुशी का इजहार भी कर रहे हैं। गुंटूर की ये फोटो हर चेहरे पर मुस्‍कुराहट ला रही है। ऐसा होना भी चाहिए। आंध्र प्रदेश पुलिस ने इस फोटो को #APPolice1stDutyMeet brings a family together! लिखकर शेयर किया है। ये फोटो 3 जनवरी का क्लिक की गई थी, जिसको सोशल मीडिया पर आने के कुछ ही देर बार 7000 लाइक्‍स मिले थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b45214ac5c5265c661bce838b7cc0ec6b8b3077e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76924.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। रामनगरी में सरयू तट पर निर्मित हो रहे कोरियाई स्मारक का खास आकर्षण इसका मुख्य मंडप होगा। विशुद्ध कोरियाई शैली में बनाया जा रहा मंडप धीरे-धीरे आकार लेने लगा है। इसी मंडप के नीचे भगवान बुद्ध विराजेंगे। साथ ही कि‍ंग सूरो तथा क्वीन हो की प्रार्थना करती प्रतिमाएं भी रहेंगी। इन दिनों कोरियाई आर्किटेक्ट मंडप तैयार कर रहे हैं। इसका निर्माण कोरियाई टीक व चीड़ की लकड़ी से किया जा रहा है। इसकी आयु सौ वर्ष आंकी गई है। इस तरह का कोरियाई स्मारक भारत में सिर्फ अयोध्या में ही है। इसमें कील व कांटे का प्रयोग नाममात्र किया जा रहा है। इन लकडिय़ों को विशेष रूप से काटा गया है, जो एक दूसरे के भीतर ही फिट हो गई हैं। एक-एक लकड़ी की फिङ्क्षटग से आकर्षक मंडप तैयार हो रहा है। इसके शीर्ष पर मिट्टी डाल कर इस पर कोरियाई खपड़ा लगाया जा रहा है। इससे बारिश का पानी आसानी से मंडप से नीचे गिर जाएगा। ।इस पार्क में क्वीन हो व कि‍ंग सूरो का पवेलियन अलग से तैयार किया जाएगा। इसे स्थानीय विशेषज्ञ तैयार करेंगे। मंडप के समानांतर स्मारक का कार्य चल रहा है। कोरिया व अयोध्या के बीच दो हजार वर्ष पुराने रिश्तों को यह स्मारक जीवंत करेगा। कोरिया के राजा सूरो तथा अयोध्या की राजकुमारी हो का विवाह हुआ था, इस वजह से कोरिया के लोगों का अयोध्या से विशेष अलावा है। गत दिनों ही कोरियाई आर्किंटेक्ट मंडप निर्मित करने के लिए सामग्री लेकर अयोध्या पहुंचे थे। इसमें लकड़ी के अलावा पिलर, पैड, कोरियाई खपड़ा शामिल है। इसी को आपस में संयोजित कर मुख्य मंडप की छतरी तैयार की गई। इससे जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि लकड़ी से निर्मित हो रहे मंडप की आयु कम से कम सौ वर्ष होगी। ।निर्माण कार्य की समीक्षा फरवरी में । स्मारक में चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा फरवरी में होगी। इसमें कोरियाई प्रतिनिधि के अतिरिक्त कोरियन एंबेसी के अधिकारी शामिल होंगे। छतरीनुमा तैयार हो रहे मुख्य मंडप का कार्य अगले कुछ दिन में पूरा हो जाएगा। जैसे- जैसे यह स्मारक आकार ले रहा है, वैसे- वैसे लोगों में इसे देखने की उत्सुकता भी बढ़ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76925.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76925.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c3cd7ccda519ed1802f5b93f762b0946bc54493b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76925.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नवनीत शर्मा, धर्मशाला। पंजाब सरकार ने हाल में वर्ष 2021 का कैलेंडर जारी किया। हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर के 400 वें प्रकाशोत्सव का संदर्भ था, इसलिए नवें गुरु की कलाकृति का इस्तेमाल किया गया। यह कलाकृति सरदार सोभा सिंह की बनाई हुई है। कैलेंडर आने के बाद बवाल मचा हुआ है। कुछ समय पहले पंजाब के परिवार पर इंग्लैंड की एक मीडिया कंपनी ने दस्तावेजी फिल्म बनाई। शूटिंग के दौरान परिवार के ड्राइंग रूम की दीवार पर दो कलाकृतियां कैमरे में आ रही थीं। + +इसके विपरीत ताजा उदाहरण यह है कि सरदार सोभा सिंह की बनाई गुरु तेग बहादुर की कलाकृति को पंजाब सरकार ने इस्तेमाल किया लेकिन पूर्वानुमति नहीं ली। सवाल केवल पूर्वानुमति का नहीं है, पंजाब सरकार में किसी स्तर पर यह निर्णय भी ले लिया गया कि सोभा सिंह के हस्ताक्षरों को भी काट दिया जाए। संत कलाकार सोभा सिंह की बेटी बीबी गुरचरण कौर ने पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखी शिकायत में यह आशंका भी व्यक्त की है कि या तो यह लापरवाही है या फिर शरारत। दोनों ही स्थितियां कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के लिए ठीक नहीं हैं। उसकी वजह गुरचरण बताती हैं, कैप्टन अमरिंदर सिंह तो कलाप्रेमी हैं ही, उनके पिता राजा यादविंदर सिंह भी कलाप्रेमी थे। उनके पत्र दारजी (सोभा सिंह) को आते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d4f05be92dcc709f9f4b3c61d5d812ebb90eb52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महिला यात्री कर रही सुरक्षित महसूस।आरपीएफ की मेरी सहेली टीम ट्रेनों में जाकर फीड बैक ले रही है। सचखंड एक्सप्रेस में यात्रा कर रही अंजली ने बताया कि मथुरा में भी आरपीएफ की टीम ने उनसे फीड बैक लिया था और कैंट स्टेशन पर भी उनसे जानकारी ली गई। उन्हें महिला हेल्प लाइन नंबर के बारे में भी बताया गया। इसी तरह निधि पाठक ने बताया कि वो अकेली ग्वालियर जा रही हैं, उनको आरपीएफ की टीम ने कोई भी परेशानी होने पर हेल्प लाइन नंबर पर फोन करने की बात कही। यह अच्छी पहल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76928.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76928.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06d9e0129bb4af62759997cdb1af18f4ba1a68de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76928.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। वैश्विक स्तर पर साल 2020 कोविड-19 महामारी के लिए चर्चित रहा, लेकिन साल के बीतते-बीतते वैक्सीन के आने से महामारी की विदाई की उम्मीद बंधी। हालांकि 2021 की शुरुआत को अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि एक और खतरनाक बीमारी ‘डिजीज एक्स’ ने दुनिया को डराना शुरू कर दिया है। इबोला वायरस की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर जीन जैक्स मुयेम्बे तामफूम ने चेतावनी दी है कि आज हम ऐसी दुनिया में हैं, जहां रोज नए रोगाणु आ रहे हैं और ऐसी कोई बीमारी कोविड-19 से भी घातक हो सकती है। यदि हम आज भी प्रकृति के खिलाफ खड़े रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हमें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f1c9cc928eb0df1d0ec7e8a8f002580cc8e54265 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7693.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी अभिनेत्री आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी लंबे समय से सुर्खियों में हैं। हाल ही में इस फिल्म की शूटिंग पूरी हुई है। ऐसे में आलिया भट्ट के फैंस गंगूबाई काठियावाड़ी के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इन सबके बीच अब इस फिल्म की रिलीज को लेकर बड़ी खबर सामने आई हैं। + +अंग्रेजी वेबसाइट स्पॉटब्वॉय की खबर के अनुसार संजय लीला भंसाली ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म को बड़े पर्दे पर ही रिलीज किया जाएगा। निर्देशक के करीबी सूत्रों ने कहा, 'संजय लीला भंसाली गंगूबाई काठियावाड़ी को लेकर बेहद खुश है। उन्हें लगता है कि सीन और भावनाओं के पैमाने और आकार के मामले में गंगूबाई काठियावाड़ी उनकी अब तक की सबसे बड़ी और सर्वश्रेष्ठ फिल्म है। इसे किसी भी कीमत पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज नहीं किया जा सकता है। फिलहाल संजय लीला भंसाली कोरोना महामारी के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।'।हालांकि संजय लीला भंसाली की ओर से गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। आपको बता दें कि पिछले महीने फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की शूटिंग खत्म हो गई है। इस फिल्म की शूटिंग तब रुक गई थी, जब आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली को कोरोना हो गया था। हालांकि अब वह दोनों ठीक हो गए है। इसके बावजूद फिल्म शूट नहीं हो पा रही थी। फिल्म में आलिया भट्ट का छोटा सा काम और एक गाना बाकी रह गया था लेकिन अब संजय लीला भंसाली ने आलिया भट्ट के साथ मिलकर फिल्म पूरी कर ली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76930.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76930.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..915fc9c0d8afe0c1e485f89c05f0cdbbbf9f42e1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76930.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भोपाल में 1975 में मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष बने। आपातकाल का विरोध किया तो 1976-77 में भोपाल जेल में बंद किए गए। इसके बाद तो जनता की हर समस्या के लिए आंदोलन और जेल जाने की शुरुआत ही हो गई। जागृति के लिए लंबी पदयात्राएं अकेले ही शुरू कर देते, जिसमें बाद में हजारों लोग खुद जुड़ जाते। इसी के चलते सीहोर में उन्हें 'पांव-पांव वाले भैया' कहा जाने लगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a110da1e016d74c12f143ff5f6554db453b4f04b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अभी कौन बनेगा करोड़पति के प्रोमो में बिनोद से शो के होस्‍ट अमिताभ बच्‍चन सवाल पूछते दिख रहे हैं। बिग बी उनसे 12 लाख 50 हजार रुपये का सवाल पूछ रहे हैं। बिनोद ने इस शो में कुल कितनी रकम जीती है, यह चैनल पॉलिसी के तहत गोपनीय रखा गया है। एयरफोर्स के रिटायर्ड अधिकारी बिनोद कुमार केबीसी के साथ जुड़े अनुभवों का जिक्र करते हुए बताते हैं कि अमिताभ बच्‍चन असाधारण प्रतिभा के धनी हैं। उनके आभामंडल का तेज ही उन्‍हें औरों से अलग और विशिष्‍ट बनाता है। वे जितना पर्दे के सामने सहज और विनम्र हैं, उतने ही पर्दे के पीछे सरल भी हैं। केबीसी के इस एपिसोड में बिनोद कुमार के घर की क्लिपिंग भी दिखाई गई है। जिसे केबीसी टीम के सदस्‍यों ने शूट किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76932.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76932.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b414e12245c6fe296782fc81df3c586b78e2acc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76932.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1944 में प्रथम काव्य संग्रह ‘संघर्ष’ का प्रकाशन हुआ, जो अब ‘नदी किनारे’ शीर्षक से उनकी रचनावली में संग्रहीत है। 1946 में ‘अन्तर्ध्वनि’ (अब ‘लहर पुकारे’), 1951 में ‘विभावरी’ (अब 'बादर बरस गयो’), 1954 में ‘प्राणगीत’, 1956 में ‘दर्द दिया है’, 1958-59 में ‘दो गीत’, ‘आसावरी’, ‘नीरज की पाती’, 1960 में ‘मुक्तकी’, 1963 में ‘गीत अगीत’ का प्रकाशन और इसके बाद के वर्षों में उनकी रचनाओं के अनेकान के संकलनों का प्रकाशन जो 2015 तक जारी रहा। बीच में 1965-1972 तक हिन्दी सिनेमा के लिये गीतकार के रूप में सक्रियता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ff1aa90dca0cdadabbc9be353cdcc996d579638 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76936.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नगर निगम या नगरपालिका स्थानीय सरकार हैं और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी हैं। लेकिन यह दुखद है कि प्रदेश की लगभग हर नगरपालिका में अधिकारियों, ठेकेदारों का काकस अपने ढंग से काम करता है। इनके निर्माण कार्यो में घटिया सामग्री के उपयोग के सबसे अधिक आरोप लगते रहे हैं। प्रशासन भी सीधे तौर पर नगरपालिकाओं के कामकाज में दखल से परहेज ही करता है, जिसका फायदा यह काकस उठाता है और मनमानी करता है। मुरादनगर में श्मशान भवन के घटिया निर्माण की भी यही वजह रही। ।प्रतीकात्मक। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76938.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76938.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..237512f99889accb388fa228e961b0b1c6c1ffe8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76938.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीके को दुनिया के हर आदमी तक पहुंचाने और उसे लगाने की अलग चुनौती है। टीका लग भी गया तो यह तीन से छह महीने तक ही आदमी में प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने में सक्षम होगा यानी इस अंतराल के बाद वह फिर सामान्य इंसान की श्रेणी में आ जाएगा। तो क्या अब हमें इस वायरस के साथ ही शेष जीवन गुजारना होगा। मास्क, साफ-सफाई और शारीरिक दूरी जैसे मौजूदा एहतियात अब जीवनशैली, कार्यशैली के हिस्से बन जाएंगे। हां या न, दोनों ही परिस्थितियों में आदमियत अमर रहेगी। इंसान अपने अस्तित्व के खातिर हर बला का मुकाबला करने में सक्षम रहा है। इस बार भी रहेगा। ऐसे में नये साल में इस महामारी को लेकर नई उम्मीदों की पड़ताल आज हम सबके लिए बड़ा मुद्दा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76939.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76939.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5c3dbc445ac15e1f366bd7b2bf3aefe04b755f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76939.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश हैं, लेकिन युवा और कार्यकारी आबादी के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ हैं। अभी ही कई देशों के मूलभूत श्रम और प्रतिभा जरूरतों की पूर्ति भारतीय कर रहे हैं। अपनी मेधा और परिश्रम से उस देश के साथ अपने राष्ट्र का भी विकास कर रहे हैं। इसलिए ये बड़ी और कार्यशील आबादी हमारे लिए किसी संपत्ति सरीखी है। बस जरूरत इस आबादी को हुनरमंद बनाने की व हर हाथ को उसके लायक काम देने की है। इस दिशा में सरकारों की कई योजनाएं रंग ला रही हैं। देश में बढ़ती स्टार्टअप की संख्या इसकी बानगी है। आबादी के बड़े हिस्से को कुशल बनाने की कई उम्मीदें इस साल परवान चढ़ती दिख रही हैं। + +स्किल इंडिया।देश की श्रम शक्ति को हमेशा शिकायत रही है कि उसे उचित पारिश्रमिक नहीं मिलता। इसके विपरीत नियोक्ताओं को यह शिकायत रही है कि उन्हें कुशल श्रम शक्ति नहीं मिलती। इन शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने कौशल विकास योजना की शुरुआत की। योजना के तहत निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्राफ्ट, जेम्स एवं ज्वेलरी और लेदर टेक्नोलॉजी जैसे करीब 40 क्षेत्रों में इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत देशभर में 22,550 प्रशिक्षण केंद्र खोले जा चुके हैं। वर्ष 2016 से दिसंबर, 2020 तक 34.17 लाख से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीयन करवाया। 33.62 लाख से ज्यादा लोग प्रशिक्षित हुए। सरकार ने वर्ष 2022 तक 40 करोड़ से अधिक लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। इस दृष्टि से नया साल काफी अहम होगा। + +रोजगारोन्मुख शिक्षा।सरकार ने रोजगारोन्मुख शिक्षा की पहल की है। इसके तहत व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति के अमल में आने के बाद देश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव होंगे। वर्ष 2019 के आंकड़ों के अनुसार, देश में 16.3 फीसद स्नातक, 14.2 प्रतिशत स्नातकोत्तर, 11.3 फीसद सर्टिफिकेट धारक व 11.1 प्रतिशत डिप्लोमा धारकों के पास रोजगार नहीं था। नई शिक्षा नीति शिक्षित बेरोजगारों की संख्या को न्यूनतम करने में मददगार साबित होगी, क्योंकि इसमें व्यावसायिक व रोजगारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7694.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7694.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e2a9757f3e78fa0953ff1eeedc6dfeb0bd18c96e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7694.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बात आगर उनके वर्कफ्रंट की करें तो वो जल्दी ही फिल्म 'एक विलेन रिटर्न्स' में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में उनके साथ अभिनेता जॉन अब्राहम, अर्जुन कपूर और एक्ट्रेस तारा सुतारिया अहम किरदार में नजर आने वाली हैं। ये फिल्म साल 2014 में आई मोहित सूरी की एक्शन थ्रिलर मूवी 'एक विलेन' का सीक्वल है। फेमस डायरेक्ट एकता कपूर द्वारा निर्मित इस को मोहित सूरी निर्देशित कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76946.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76946.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b83a14807055b4cce3087824e5a77fc8fff33f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76946.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाराणसी, जेएनएन। जिस जीवनचर्या और खानपान में लापरवाही की शिकायत आमतौर पर रहती थी, वह गत वर्ष एक महामारी के खौफ के कारण काफी हद तक दुरुस्त हो गई। इस लापरवाही से संबंधित कई अन्य बीमारियों से भी छुटकारा मिलने लगा और जिस मास्क को यदा-कदा ही इस्तेमाल में लाया जाता था, जीवनशैली का हिस्सा बन गया। यही नहीं, पूरे वर्ष जड़ी-बूटियों से लेकर एलोपैथिक दवाइयों तक में इम्युनिटी बूस्टर (शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला) तत्वों की खोज की गई। हम सफल भी हुए और अब चाहकर भी घर के बाहर असमय आहार लेने से बच रहे हैं। हालांकि लोगों के मन में एक बड़ी दुविधा आन पड़ी है कि इन विधाओं से जो इम्युनिटी हमने अब तक र्अिजत कर ली है, क्या वह वायरस के सबसे घातक नए स्ट्रेन पर प्रभावी होगी। + +फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन वायरस के सभी स्पाइक को खत्म करने के लिए हमारे शरीर में जरूरी प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में पर्याप्त सक्षम है। वैक्सीन की डोज के बाद मानव शरीर भी प्राकृतिक तौर पर स्पाइक के कई हिस्सों पर हमला करना सीख जाता है। यही कारण है कि वैक्सीन इस स्ट्रेन के खिलाफ भी काम करेगी। हालांकि अब जल्द ही बड़े पैमाने पर होने वाला टीकाकरण वायरस पर एक अलग तरह का दबाव डालेगा। दरअसल, वायरस को अपना संक्रमण बढ़ाने के लिए अब उन लोगों पर हमला करना होगा, जो वैक्सीन लगवा चुके होंगे। इसके लिए वह भविष्य में म्यूटेट होकर और भी खतरनाक हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76948.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76948.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4044230fb48dd14a1a1e3a21ccb2538d746f21e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76948.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। Coronavirus Safety Tips मास्क, सुरक्षित शारीरिक दूरी, हाथ धोना और इम्यूनिटी बढ़ाना...यह अब हर किसी की जिंदगी का हिस्सा है। हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो खुद को सामाजिक परिस्थितियों के हिसाब से तैयार करते हैं। यानी बेहतर कपड़े और जूते-चप्पल पहनते हैं। यह पहनना नहीं भूलते हैं। इसी तरह अब मास्क को जिंदगी का हिस्सा और जरूरत दोनों बना लेना चाहिए। + +टीकाकरण अभियान का मॉकड्रिल शुरू हो गया है। फिर भी पूरे देश में टीका लगने में समय लगेगा। पहले डोज के बाद दूसरे डोज का इंतजार करना होगा। इसके साइड इफेक्ट्स या अच्छे-बुरे परिणाम सामने आने में लंबा वक्त लगेगा। इस दौरान तो एहतियात बरतनी ही होगी। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करना भी जरूरी होगा। अब आते है टीकाकरण के दौरान और बाद की स्थिति पर। दुनियाभर में हुए तमाम शोध के आधार पर यह साबित हुआ है कि महामारी को रोकने के लिए 80 फीसद आबादी का टीकाकरण जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7695.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7695.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01fa9d00ef9d2b5cec88047cee97f5d9cae2ba55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7695.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको बता दें कि कृष्णा श्रॉफ ने भी भाई की तरह स्क्रीन डेब्यू कर लिया है। हाल ही में उनका नया म्यूजिक वीडियो रिलीज हुआ है। कृष्णा श्रॉफ का पहला म्यूजिक वीडियो 'किन्नी किन्नी वारी' रिलीज हो गया है। उनके इस म्यूजिक वीडियो को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। वहीं इसे सोशल मीडिया पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। कृष्णा श्रॉफ के साथ जन्नत जुबैर, जैमी लीवर, नगमा मिराजकर, राज शूकर और तन्वी भी हैं। वहीं इस वीडियो में राशि सूद ने अपनी आवाज दी है। इसे दिलजोत मावी ने लिखा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38e7938adcced5fdd29c14bb32b2f5357ec95a16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76952.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सुरक्षित है कोवैक्सीन।तीसरे फेज के ट्रायल के बीच में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी का कारण स्पष्ट करते हुए डीसीजीआइ डॉ सोमानी ने कहा कि यह वैक्सीन भारत समेत पूरी दुनिया में सुरक्षा और असर को लेकर कारगर प्लेटफॉर्म पर तैयार की गई है। इसमें लाइव वायरस को कल्चर करने के बाद उसे निष्कि्रय कर वैक्सीन तैयार की जाती है। ऐसी वैक्सीन पूरे वायरस के खिलाफ लंबे समय तक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6262cb1eacbc6321f2a7685df62f4cb61b593fea --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टीका लगाने के लिए हुआ ड्राई रन।शनिवार को दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना का टीका लगाने के लिए ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) किया गया। दरियागंज स्थित स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लगाने की पूरी तैयारियों का पूर्वाभ्यास किया, जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर हर्षवर्धन और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन व स्वास्थ्य सचिव ने निरीक्षण किया। इसमें आशा वर्कर को भी शामिल किया गया, जिनसे मंत्रियों और अधिकारियों ने बातचीत की। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76959.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76959.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..921e92712f67627c6fb6b98d319d39d0aa05750c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76959.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, रायटर। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए टीकाकरण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को जुलाई 2021 तक वैक्सीन की दो-दो खुराक दी जानी है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिल गई है, लेकिन उसने जुलाई तक महज 30 करोड़ खुराक ही उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है। अब सवाल उठता है कि बाकी 30 करोड़ खुराक कहां से आएगी? सरकार इसकी व्यवस्था कहां से करेगी?।15 करोड़ लोगों के लिए कहां से आएगी वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक : सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को जुलाई 2021 तक कोविशील्ड की 30 करोड़ खुराक आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक दी जानी है, ऐसे में कोविशील्ड की आपूर्ति से सिर्फ 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो पाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर हर्शल आर साल्वे कहते हैं, ‘हमें दूसरी वैक्सीन को भी हरी झंडी देनी होगी, ताकि सामुदायिक टीकाकरण में उसे शामिल किया जा सके। लगता है कि टीकाकरण अभियान की सफलता कोवैक्सीन की सफलता पर निर्भर करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..414d707084ea389e9c48b88d0ede8b4f7695a0ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76960.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास/सत्‍येंद्र दुबे। प्यार किया तो डरना क्या, आगरा की एक दादी ने इस कहावत को फिर से साबित कर दिखाया। पति की मौत के बाद 50 वर्षीय महिला ने बच्चों की शादी करके उनकी गृहस्थी बसा दी। करीब पांच महीने पहले गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर वह तीर्थ स्थल बटेश्वर में आकर रहने लगीं। यहां पर एक महीने पहले उन्हें अपने से दस साल की उम्र के एक बाबा से प्यार हो गया। दादी ने सन्यासी जीवन त्यागने का फैसला किया। अपने 40 साल के प्रेमी के गले में वरमाला डालकर दोबारा गृहस्थ जीवन में प्रवेश करके एक नई जिंदगी की शुरूआत के सफर पर निकल पड़ीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76961.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76961.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..eacd5658be5f343c51053a42025d706b6c7739e9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76961.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला। सभी चाहते हैं कि सब कुछ शुरू से शुरू हो। बीता साल तमाम आशंकाओं और जीवन की धीमी रफ्तार के साथ गुजरा तो अब इस नए वर्ष की शुरुआत हम इच्छाओं के नए चबूतरे पर खड़े होकर करना चाहते हैं। हम भीतर ही भीतर यह भी चाहते हैं कि अतीत के सब शिलालेख मिटा दिए जाएं और हम अपने हाथों से नए भविष्य की ऐसी नींव रखें, जिस पर खुशियों का वह साम्राज्य हो, जिसमें सच का साथ देने वाले विजयी हों, झूठ और फरेब में उलङो हुए लोगों को पश्चाताप करना पड़े। हमें अपने लिए ऐसी परिस्थिति चाहिए, जिसमें भले ही कठोर तप हो, संघर्ष हो, लेकिन आनंद की वह माधुरी भी हो, जिसके साथ हमारा जीवन बहता चला जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..369cfae608b4a3ebdc23aa211355f0c164e6f824 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76962.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनुमान से यह पता चलता हैं कि भारत सालाना 70 मिलियन अमरीकी डालर से ज्यादा कीमत के साइकिल पार्ट्स का आयात करता है। हाल के सालों में भारत का साइकिल सेक्टर कंपोनेंट और हाईएंड पार्ट्स के इम्पोर्ट के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर था। कोविड महामारी ने व्यापार में स्थिरता और प्रभावी बैकएंड इंटीग्रेशन के महत्व पर प्रकाश डाला है। सप्लाई चेन में विविधता लाने और वर्तमान माहौल में साइकिल इंडस्ट्री के लिए एक मजबूत स्थानीयकृत कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर स्थापित करना एक सर्वोच्च प्राथमिकता है। -- भारतीय साइकिल इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर बनाने को सरकार करे सहयोग सरकार को देश में अपनी खुद की मजबूत मैन्युफैक्चरिंग क्षमता विकसित के प्रयास को शुरू करने के लिए इस सेक्टर को राजकोषीय और गैर-राजकोषीय उपायों के माध्यम से मदद करनी चाहिए।जितने भी मैन्युफैक्चारर्स हैं वे चीन के इम्पोर्ट पर से निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में भारत के इस सेक्टर के पास साइकिल और ई-साइकिल के लिए मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट उपलब्ध नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76963.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76963.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b6fdc3309938c6d7b04e2e086089bc7a1cb4e1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76963.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अमित दीक्षित। महात्मा गांधी (एमजी) रोड पर किसी भी आपातकाल में अब ग्रीन कॉरिडोर बन सकेगा। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक कंट्रोल के चलते एक बटन दबाने पर सभी प्रमुख चौराहों का सिग्नल ग्रीन हो जाएगा। इससे एक लाइन के ट्रैफिक को आसानी से गुजारा जा सकेगा। वहीं पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम की मदद से चौराहों पर खड़े सिपाहियों और लोगों को बेहतर तरीके से कमांड दिया जा सकेगा। + +आगरा स्मार्ट सिटी के तहत नगर निगम में 283 करोड रुपए की लागत से एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। तीन माह के लिए इस सेंटर का ट्रायल शुरू हो गया है। एक अप्रैल को विधिवत तरीके से इसे शुरू किया जाएगा। भगवान टॉकीज से लेकर प्रतापपुरा चौराहा तक एमजी रोड सात किलोमीटर लंबी है। इस रोड पर प्रमुख रूप से भगवान टॉकीज चौराहा, दीवानी, सूरसदन तिराहा, स्पीड कलर लैब चौराहा, सेंट जॉन्स चौराहा, राजा की मंडी, एसएन इमरजेंसी, नालबंद, कलेक्ट्रेट तिराहा, एसबीआई चौराहा, साईं का तकिया चौराहा और प्रतापपुरा शामिल हैं। यह शहर का व्यस्ततम रोड है। जिससे हर दिन हजारों की तादाद में दोपहिया और चार पहिया वाहन गुजरते हैं। ।आगरा स्मार्ट सिटी के सीईओ निखिल टीकाराम ने बताया कि सभी चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। साथ ही सिग्नल भी बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। ये एक क्लिक पर ग्रीन कॉरिडोर बन सकता है। कंट्रोल रूम से सिपाहियों को दिशा निर्देश जारी किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आपातकाल में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का प्रयोग भी किया जा सकता है। वर्तमान में इस पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27be3a3ce4cd8af34146cc0b7b7ef2cbbb667454 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76964.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह था इंस्टाग्राम पर लाइव साक्षात्कार! भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल ने सबसे पहले मनोरंजन के तौर पर इसकी शुरुआत की थी। वह खुद ही रिपोर्टर बन गए और मेजबान के तौर अपने साथी खिलाड़ियों से जुड़कर लॉकडाउन की कठिनाइयों, समय बिताने के तरीकों और क्रिकेट से जुड़े अनुभवों पर बात करने लगे। धीरे-धीरे टीम इंडिया के सभी क्रिकेटरों ने भी इसको आंतरिक खोज का जरिया बना लिया। इसमें सबसे चर्चित बातचीत भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के बीच थी, जिसमें दिल्ली की डीटीसी बस से लेकर छोले- भटूरे, दिल्ली की सर्दी से लेकर बचपन में पापा की गर्मी (गुस्सा) तक सब कुछ था। ऐसी ही एक बातचीत रोहित शर्मा और युवराज सिंह के बीच हुई, जिसमें युवी ने अपने दिनों की टीम इंडिया और रोहित के समय की टीम इंडिया के बीच अंतर को सबके सामने रखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76965.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76965.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..359093f85ffd596258f8c4987a0011ddf2186b8e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76965.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आएंगी 1300 इलेक्ट्रिक बसें।डीटीसी की 300 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद संबंधी निविदा की प्रक्रिया भी जारी है। इस प्रक्रिया को छह माह में पूरा कर लिया जाएगा। वहीं क्लस्टर सेवा के तहत भी एक हजार इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इसके लिए 2 मार्च 2019 को हुई कैबिनेट में एक हजार इलेक्ट्रिक बसें लाए जाने की अनुमति दे दी थी। इनके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। अगले छह माह में इलेक्ट्रिक बसें आने की उम्मीद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76968.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76968.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ce346c03d68716e9544d7893e042c49390f0f13 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76968.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जलवा सोशल मीडिया पर भी बरकरार है। शनिवार को एक बार फिर सीएम योगी का जलवा सोशल मीडिया पर देखने को मिला। शनिवार शाम से ही ट्विटर इंडिया पर हैश टैग #योगीजी_नंबर_01 टॉप-1 में ट्रेंड करता रहा। शाम तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थन में करीब 45 हजार से अधिक ट्वीट हो चुके थे। सोशल मीडिया पर यूजर्स बोले- सीएम योगी ने आमजन की धारणा को विकास, विश्वास और सुशासन में बदला, कभी बीमारू और पिछड़ा माना जाने वाला उत्तर प्रदेश योगी के राज में विकास के क्षितिज पर छाया हुआ है। आज न सिर्फ प्रदेश की छवि बदली है बल्कि पिछले 4 सालों में उत्तर प्रदेश ने विकास के अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए हैं। + +पीएम आवास योजना में यूपी को मिला है पहला स्‍थान।बात दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश में नई टेक्नोलॉजी पर आधारित 'लाइट हाउस प्रोजेक्ट' की आधारशिला रखी गई थी। कार्यक्रम के दौरान पीएम आवास योजना (शहरी) पुरस्कार- 2019 की घोषणा की गई, पीएम आवास योजना (शहरी) के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। ।इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर नगर पालिका को देश की सर्वश्रेष्ठ नगर पालिका का पुरस्कार भी दिया गया। मुख्यमंत्री योगी की इन उपलब्धियों को लेकर आज ट्विटर इंडिया पर उनकी जमकर तारीफ की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76969.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76969.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..982f5bbc00ebd74ea3a8fdf42f87e5fe5ebc3fd0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76969.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रितु राणा]। लक्ष्मी नगर में रहने वाले 14 वर्षीय जीवितेश छोटी उम्र के बड़े वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बन गए हैं। पांच वर्ष की आयु से ही जीवितेश हाथों में कैमरा थामकर प्रकृति की सुंदर तस्वीरों को कैद करने लगे थे, और अब तक वह फोटोग्राफी में कई पुरस्कार अपने नाम दर्ज कर चुके हैं। वहीं, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, जंगल, वन्य जीवों, पक्षियों व उनके आवासों को बचाने के लिए जीवितेश अपने द्वारा खींची गई तस्वीरों को स्कूल, कालेज व सरकारी विभागों में दान करने के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं। जीवितेश कहते हैं कि हम कैमरे से बोलते हैं, इसलिए उनकी तस्वीरें बहुत कुछ बयां करती हैं। जीवितेश को जंगल, वन्य जीव व पक्षियों की फोटो खींचने का बहुत शौक है और अब इस शौक को उन्होंने अपना प्रोफेशन बनाना चाहते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7697.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7697.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a28646b7776aa5b621b5e5bca467acd5f32370d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7697.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लॉग में किया ट्रेजडी किंग को याद। अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में उस समय को याद किया जब उन्हें सिनेमा हॉल में जाने की अनुमति नहीं थी। और बताया कि कैसे वो अक्सर दिलीप कुमार की जादुई कहानियों और स्क्रीन पर उनकी उपस्थिति को सुनते थे। अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार ने फिल्म ‘शक्ति’ में साथ में काम किया था। फिल्म में दिलीप कुमार ने पिता का किरदार निभाया और अमिताभ उनके बेटे बने थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a55a55325120505e76a2febeb31b94c438c1ce53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76971.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑनलाइन कक्षा 'पढ़ई तुंहर दुआर' पोर्टल का विदेशी भी उठा रहे हैं लाभ।राज्य सरकार की वेबसाइट (बयजबर्रन.कॉम) पर 'पढ़ई तुंहर दुआर' पोर्टल पर शिक्षक हिंदी और अंग्रेजी, दोनों ही माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। एससीईआरटी के संयुक्त संचालक डा. योगेश शिवहरे के मुताबिक 'पढ़ई तुंहर दुआर' कार्यक्रम के तहत ओपन फार आल ऑनलाइन कक्षाएं चल रहीं हैं। कक्षा में 17 अन्य देशों के लोग भी जुड़ गए हैं। 22 लाख से अधिक लोगों ने इन कक्षाओं में भागीदारी की है। ई—कंटेट का लाभ देश के अन्य राज्यों के साथ विदेश के छात्र भी जुड़ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76972.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76972.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a1d889af9ec7439a7b34be51ed70f948ab334e5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76972.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +15 करोड़ के लिए कहां से आएगी खुराक।सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को जुलाई 2021 तक कोविशील्ड की 30 करोड़ खुराक आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक दी जानी है, ऐसे में कोविशील्ड की आपूर्ति से सिर्फ 15 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो पाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के सामुदायिक चिकित्सा के असिस्टेंट प्रोफेसर हर्शल आर साल्वे कहते हैं, 'हमें दूसरी वैक्सीन को भी हरी झंडी देनी होगी, ताकि सामुदायिक टीकाकरण अभियान में उसे शामिल किया जा सके। ऐसे में लगता है कि भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता कोवैक्सीन की सफलता पर निर्भर करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76975.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76975.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ae41c5621fce3bb88c60b6f3387c942d9e16971 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76975.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भाजपा नेता उनके कार्यक्रमों में हमले को लेकर पुलिस पर भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल बीपी सिंह बदनौर से भी मुलाकात कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बिट्टू ने जिस तरह का बयान दिया है वह राज्य की शांति बहाली के लिए खतरा पैदा कर सकता है।  विवादित बयान के बावजूद बिट्टू के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है। ।यह भी पढ़ें-नहीं रहे दलितों के मसीहा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह का निधन, राहुल गांधी ने जताया शोक।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f6aca5307e935623b177f27a5521d440d41d879 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोहामंडी के राजनगर की रहने वाली 12 वर्षीय बालिका का शिक्षित होकर कुछ बनने का था। पिता की मौत के बाद मां ही उनका आसरा थी। मगर,टीबी की बीमारी के चलते तीन साल पहले मां की मौत ने उन्हें अनाथ कर दिया। तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी होने के चलते परिवार की जिम्मेदारी बालिका पर आ गई। स्कूल छोड़कर दूसरों के घरों में काम करना शुरू कर दिया। इससे कि छोटे भाई-बहनों को पाल सके। छोटे भाई को एक ठेल पर काम करने में लगा दिया। दोनों मिलकर परिवार को चला रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76978.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76978.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..150f4b0f91fdf0ec67783800015d9e6befe1e9a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76978.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1.2 किलोमीटर लंबी सुरंग सड़क का काम होगा पूरा। इंडिया गेट से रिंग रोड पर या फिर रिंग रोड से इंडिया गेट की तरफ आना जाना आसान हो जाएगा। यहां प्रगति मैदान के नीचे बन रही 1.2 किलोमीटर लंबी सुरंग सड़क का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। यह छह माह में शुरू हो जाएगी। इसके बन जाने से इंडिया गेट से रिंग रोड के बीच की दूरी का समय 4 से 5 मिनट का रह जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76982.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76982.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6f12b18f16bf1fcbcc3ffc8049839711ca035135 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76982.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +[राजेश माहेश्वरी]। कोरोना की मार से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कराह रही हैं। इन सबके बीच हमारे लिए अच्छी बात यह रही कि भारतीय रिजर्व बैंक इस दौरान बेहद मुस्तैद रहा है और आम लोगों के साथ उद्योग-धंधों को कई तरह से राहत देकर इस आर्थिक चुनौती से निपटने की कोशिश की है। उसका सुखद और सकारात्मक उपसंहार यह है कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस से पहले के दौर में लौटने लगी है। + +हालांकि, खुदरा महंगाई की ऊंची दर और कमजोर रुपया उसके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। रिजर्व बैंक को वर्ष 2021 में भी इस चुनौती से निपटना होगा। भारत के शेयर बाजार में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढ़ रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक उसे अपने पास समायोजित कर रहा है। एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि यदि आर्थिकगतिविधियों की गतिशीलता और बहाली यही बनी रहती है, तो अर्थव्यवस्था की विकास दर करीब दो फीसद बढ़ सकती है। यह बहुत बड़ा परिवर्तन होगा। + +आरबीआइ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार यदि अर्थव्यवस्था की बहाली और गति का स्तर ऐसा ही रहा, तो तीसरी तिमाही के बाद विकास दर सकारात्मक हो जानी चाहिए। यदि आर्थिक गतिशीलता ऐसे ही बरकरार रही, तो चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था एक ऊंची छलांग लगाते हुए, मौजूदा संकेतकों से भी बेहतर हो सकती है। अर्थव्यवस्था के सकारात्मक होने के आधार और संकेत भी स्पष्ट हैं। इस बीच उत्पादन और विनिर्माण गतिविधियों ने भी जोर पकड़ा है। सेवा क्षेत्र में भी उछाल तो आया है, लेकिन सघन संपर्क वाली सेवाओं के संकेत फिलहाल कोरोना से पहले के दौर से भी नीचे हैं। इनमें सुधार अपेक्षित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76983.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76983.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..94646701ff34e722af26158c4f1e0f383857f856 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76983.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना काल में ताजमहल पर लागू कैपिंग का लाभ लपके उठा रहे थे। वो अवैध रूप से टिकट बुक कराकर उसकी बिक्री पर्यटकों को कई गुना कीमत पर बेच रहे थे। 27 दिसंबर काे तो कैपिंग बढ़ाकर 15 हजार किए जाने के बावजूद सैकड़ों पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना पड़ा था, जबकि लपकों द्वारा बुक कराए गए 6200 टिकट खराब हुए थे। पर्यटकों के ताजमहल देखे बगैर लौटने से शहर की खराब होती छवि की चिंता पर्यटन उद्यमियों को सता रही थी। वो टिकट विंडो को खोलने की मांग कर रहे थे, जिससे कि लपकों पर कुछ लगाम लग सके। एएसआइ ने शुक्रवार काे ताजमहल सभी स्मारकों पर टिकट विंडो खोलने का निर्णय लिया। स्मारकों पर लागू कैपिंग के अनुसार सभी टिकटें आनलाइन बुक होते ही टिकट विंडो खोल दी जाएंगी। ताजमहल पर सुबह के स्लाट में पांच हजार और दोपहर के स्लाट में 10 हजार पर्यटकों की कैपिंग लागू है। इन टिकटों की आनलाइन बुकिंग के बाद ही आफलाइन टिकटों की बिक्री टिकट विंडो खोलकर की जाएगी। इससे सभी टिकट बुक होने की स्थिति में पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना नहीं पड़ेगा। नववर्ष के पहले दिन आगरा किला, फतेहपुर सीकरी और सिकंदरा में दोपहर के स्लाट के सभी टिकट आनलाइन बुक होने के बाद एएसआइ ने टिकट विंडो खोल दी थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45d9cf472dabd15f9bb8342ba6867d3b995ac541 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरुणाचल प्रदेश में उसने जमीन तैयार कर ही ली है। राष्ट्रीय बैठक में नीतीश ने इसका यह कहकर अहसास कराया था कि छह विधायक जाने के बाद भी एक खड़ा है और हमने पंचायत चुनाव में भी सफलता हासिल की है। यही हमारी ताकत है। हालांकि सरकार पर इसका कोई असर फिलहाल नहीं दिख रहा है। दोनों ही दल के नेता एक-दूसरे पर भरोसा जता रहे हैं, लेकिन उससे इतर राजद किसी भी अनहोनी पर अपनी रोटियां सेकने को आतुर दिख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76986.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba5d7ec212a7db1cdda9e177eb82bf7054c8eb46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76986.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत औपनिवेशिक शासकों के हाथों पीड़ित था तथा आर्थिक रूप से हाशिए पर था और पहली औद्योगिक क्रांति से हमें कोई फायदा नहीं मिला। स्वतंत्रता के बाद हमारे गलत नीतिगत ढांचे ने हमें पर्याप्त विकास से वंचित किया। इसी तरह हम सुधार के बाद के अवसर को भुनाने में असफल रहे और अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके। आर्थिक स्वतंत्रता के शुरुआती समय 1991 में किया गया वादा अभी तक एक परिपक्व बाजार अर्थव्यवस्था में विकसित नहीं हुआ है। हालांकि पिछला तीन दशक फिर भी फायदेमंद रहा है। हम क्रयशक्ति अनुरूपता में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था का आकार लगभग नौ गुना बढ़ गया है। दुनिया की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों में हमारी अर्थव्यवस्था का हिस्सा लगभग आठ प्रतिशत है। उच्च और स्थायी विकास ने लाखों लोगों को गरीबी से निकाला है। सामाजिक स्तर पर कई अन्य सकारात्मक चीजें भी हैं जो यह बताती हैं कि नीतिगत सुधार विकास के मुख्य कारक होते हैं जो गतिशीलता को बढ़ाते हैं और विकास के मल्टीप्लायर होते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f9b2b50ae2244d80d869b453aeb95d0fe6600e53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76990.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पटना, अरुण अशेष। हर नया साल नई उम्मीदें लेकर आता है। साल 2021 राज्य के लिए कुछ खास उम्मीदों वाला है। आम लोगों को उम्मीद है कि कोरोना का बुरा दौर खत्म होगा। उनसे कहीं अधिक उम्मीद राजनीतिक दलों को है। सत्तारूढ़ दल से जुड़े ढेर सारे विधायकों को नए साल में और खरमास खत्म होने के बाद मंत्री बनने की उम्मीद है। माना यही जा रहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट का विस्तार होगा। राज्य कैबिनेट में इस समय मुख्यमंत्री सहित 15 सदस्य हैं। 21 नए मंत्रियों की गुंजाइश बची हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76994.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76994.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3da173b266447bf5271f5eafd9089a13084d373c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76994.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस स्थान से माल ढुलाई और गधे पालने का संबंध मुगल काल से भी जुड़ता है। इतिहासकार राजकिशोर राजे अपनी पुस्तक तवारीख-ए-आगरा में लिखते हैं कि मुगलकाल में सड़क मार्ग के साथ ही यमुना में जलमार्ग से भी व्यापार होता था। नदी से एक कैनाल निकली थी। नावों के जरिए यमुना से माल लाया ले जाया जाता था। इसके लिए गधे पालने वाले लोग बड़ी संख्या में यहां रहते थे। धीरे-धीरे इस स्थान का नाम गधापाड़ा पड़ गया। 1868 में जब यहां मालगोदाम बनाया गया तो नाम हो गया मालगोदाम गधापाड़ा। मोहम्मद हुसैन आजाद की पुस्तक अकबरी दरबार में जिक्र है िक अकबर के समय यमुना नदी की चौड़ाई और गहराई बहुत अधिक थी। इससे जल परिवहन खूब होता था। ।गधापाड़ा के निवासी महावीर कहते हैं कि जब से पैदा हुए यही नाम सुनते आए हैं। पत्र व्यवहार भी इसी पते से होते हैं। बुजुर्ग रामकुमार का कहना है कि वह बाप-दादा से भी इसी नाम को सुनते आए हैं। कहते थे कि कभी यहां पहले बड़ी संख्या में गधे पालने वाले रहते थे। आज यह मुहल्‍ला प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है। यह व्यापारियों का गढ़ है। आसपास बेलनगंज, फ्रीगंज में आज भी बड़े-बड़े गोदाम हैं। गधापाड़ा में गधे तो नहीं रहते अलबत्ता मेहनतकशों की मौजूदगी है। यहां कई पीढ़ी से जाटव बिरादरी के लोग चेन-कुप्पी का काम करते हैं। ट्रकों से आने जाने वाले सामान की लोड़िंग-अनलोडिंग का काम भी यही लोग करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b099be33d55d76cd658514aade69de111449eb08 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्होंने स्वीकारा है कि कोविड से पैदा हुए विकट हालात में बीते एक साल में सरकार चाहकर भी बहुत कुछ नहीं कर सकी। हां, जनता के दुख-दर्द में उनके साथ सरकार हमेशा खड़ी रही है। राज्य का खजाना खाली था। वित्तीय संकट चरम पर रहा। नतीजन किसानों का ऋण माफ करने में एक साल लग गए। खैर, उनकी यह बात आशा का संचार करती है कि हमने राज्य की तरक्की का रोडमैप तैयार कर लिया है, अगर वह पांच साल तक सत्ता में बने रहे तो जनता को ऐसा आत्मनिर्भर झारखंड सौंपेगे, जिसे अपनी हर आवश्यकता के लिए केंद्र सरकार के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_76999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_76999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..97089e0b97c5fdec17c4f51fd525b1818119f124 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_76999.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत की विशेषता : भारतीय संस्कृति की आयु को लेकर एकराय नहीं है। कोई इसे पांच हजार साल पुरानी सभ्यता बताता है तो कोई लाखों वर्ष पुरानी। बहरहाल यह मानने में गुरेज नहीं है कि भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। जाहिर है कि अपनी इस विकास यात्र में उसने जो हासिल किया है, उसमें मनुष्य की श्रम केंद्रित जीजिविषा के साथ ही नियति के पत्थरों को बड़ा योगदान है। ऐसा नहीं कि अतीत में इस ज्ञान परंपरा पर हमले नहीं हुए। फिर भी अगर वह जिंदा बची हुई है तो जाहिर है कि उसमें कुछ तो खास है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_770.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_770.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..898a49482a4d939df6023331f3d1d816d9e5d992 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_770.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नीतू कपूर ने भी शेयर की इनसाइड तस्वीरें।रणबीर कपूर की मां नीतू कपूर ने भी बेटे की शादी के बाद सोशल मीडिया पर जमकर तस्वीरें पोस्ट की, जहां वह बेटी रिद्धिमा, ननद रीमा जैन के साथ हैप्पी पोज करती हुई दिखाई दीं। इसके अलावा उन्होंने रिद्धिमा और अपने जमाई के साथ भी तस्वीरें शेयर की। आलिया भट्ट का कपूर परिवार में स्वागत करती हुई नीतू कपूर के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही है। नीतू कपूर ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, 'सबसे अच्छे सेलिब्रेशन के साथ एक हंसता-खेलता ग्रुप'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3dc01fc91a31d79121d89ade9069c3829858042 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देशभर में लागू होगा डिजिटल स्वास्थ्य मिशन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत की घोषणा की थी। केंद्रशासित प्रदेश अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में पायलट प्रोजेक्ट का संचालन हो रहा है। नए साल के पहले महीने से ही योजना को देशभर में लागू किए जाने की संभावना है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा जो अकाउंट के रूप में काम करेगा। इसमें व्यक्ति की सेहत व इलाज से संबंधी जानकारियां दर्ज होंगी। मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध होने की स्थिति में डॉक्टरों को भी रोगी के सटीक इलाज में मदद मिलेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77001.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77001.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cb9303d5327cf8e577e9ec8285ebca37a7bdda1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77001.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के निर्देश के तहत 1 जनवरी 2021 को रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक सार्वजनिक स्थल पर लोगों की भीड़ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस दौरान खास कर इंडिया गेट, कनाट प्लेस पर लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे। सिर्फ उन प्रतिष्ठानों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है, जिन्हें लाइसेंस जारी किया गया है। जिन प्रतिष्ठानों को लाइसेंस जारी हुआ है, वहां भी कोरोना से बचाव के तहत शारीरिक दूरी बनाए रखना और मास्क लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। सभी स्थान पर आधी संख्या में लोगों के प्रवेश की इजाजत दी गई है। डॉ. ईश सिंघल (प्रवक्ता, दिल्ली पुलिस) का कहना है कि नए साल के पहले दिन भी कई इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी इसलिए लोगों से अपील है कि परेशानी से बचने के लिए जहां तक हो सके वे अपने घरों में रहकर नए वर्ष का स्वागत करें। बता दें कि डीडीएमए ने एक जनवरी को रात 11 बजे से  2 जनवरी की सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया हुआ है। + +वहीं, नए साल के दिन भी लोग शराब पीकर हुड़दंग न मचाएं, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। 31 दिसंबर की रात सबसे अधिक भीड़ कनाट प्लेस में रहती है। लिहाजा, यहां पर आउटर व इनर दोनों सर्किल में चप्पे-चप्पे पर पुलिस व पैरा मिलिट्री की तैनाती की गई थी। दिल्ली पुलिस के सभी अधिकारी रात दो बजे तक अपने-अपने इलाकों में गश्त करते रहे। शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए यातायात पुलिस ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से पुख्ता बंदोबस्त किए। + +शराब पीकर वाहन चलाने वालों को इन अस्पतालों में ले जाकर खून के नमूने लेकर जांच कराई गई। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत दस हजार का जुर्माना जाएगा। इसके साथ ही जिगजैग ड्राइविंग, बाइक से स्टंट करने, ओवर स्पीडिंग, लेन उल्लंघन और खतरनाक ड्राइविंग करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77002.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77002.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4a0b5161ea0c2983df06b2260e320204995fd6e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77002.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोविड-19 महामारी की वैक्सीन आ चुकी है, लेकिन वैक्सीन आने के बाद भी चुनौतियां कम नहीं हुई हैं। वैक्सीन की सीमित मात्रा के कारण विभिन्न देश अपने तरीके से इसका इस्तेमाल करने जा रहे हैं। ब्रिटेन की सरकार ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की दूसरी खुराक देने में देरी करने का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि इससे खुराक को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा। हालांकि इसे लेकर वैक्सीन के प्रभाव और खुराक के अंतराल पर बहस छिड़ गई है। आइए जानते हैं कि वैक्सीन की दूसरी खुराक देने में देरी का क्या असर हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77003.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77003.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da97226a2e2ed87bb7399591d1711cd52b764eec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77003.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एडीआरडीई एक साल से सहायक एनजी पैराशूट को विकसित कर रहा है। यह पैराशूट 300 किग्रा तक वजन उठा सकता है। पैराशूट का वजन पांच किग्रा है और इसमें अत्याधुनिक सेंसर और ट्रांसमीटर लगे हुए हैं। इससे यह सटीक जगह पर उतर सकता है। एडीआरडीई के निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. एके सक्सेना ने बताया कि आइएल-38 एसडी एयरक्राफ्ट से सहायक एनजी पैराशूट का अरब सागर में सफल ट्रायल किया गया। उस वक्त विमान की रफ्तार 380 किमी प्रति घंटा थी। इसे पांच सौ मीटर की ऊंचाई से नीचे ड्राप किया गया। इसे सेटेलाइट के माध्यम से कंट्रोल किया गया। उन्होंने बताया कि पैराशूट में उन्नत श्रेणी के नायलान सहित अन्य मैटेरियल का प्रयोग किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77005.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54a0b6e0e9985a73bdeea1684c0fc37e647a8450 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। ऊसर भूमि की जांच के लिए किसानों को अब वैज्ञानिकों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वह स्वयं अपने खेत की मिट्टी की जांच कर पोशक तत्वों की कमी की जानकारी ले सकेंगे। एक साल से अधिक समय तक वैज्ञानिक शोध के बाद राजधानी के पुरानी जेल रोड स्थित केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र की ओर से एक अनोखी किट बनाई गई है। रासायनिक तत्वों के साथ बनी जिपकिट नाम से विकसित की गई किट केवल किसानों को ऊसर जमीन में जिप्सम के प्रयोग की मात्रा के बारे में ही नहीं बताएगी बल्कि ऊसर जमीन में फसल उत्पादन में बढ़ाेतरी के साथ किसानों की आय भी दो गुनी होगी। नए साल से किसानों को यह किट मिलने लगेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3bd6b39ad72fa0f5d6701f189b45be396bb74b7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7701.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएनl आमिर खान बॉलीवुड के लोकप्रिय कलाकार हैl हालांकि एक बार आमिर खान को सौरव गांगुली के कोलकाता वाले घर पर से उनके बॉडीगार्ड ने बाहर निकाल दिया थाl जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा हैl 2009 में आमिर खान फिल्म '3 इडियट' का प्रचार करने कोलकाता गए थेl इस अवसर पर उन्होंने क्रिकेटर सौरव गांगुली के घर पर भेंट दी थीl।हालांकि वह सौरव गांगुली के फैन बनकर गए थे और उन्होंने अपना भेष बदल रखा था और वह घर में जबरन घुसकर सौरव गांगुली के साथ फोटो खिंचाना चाहते थेl बहुत प्रयास करने के बाद भी उन्हें घर में एंट्री नहीं दी गईl इसके बाद जब सौरव गांगुली को पता चला कि आमिर खान उनसे मिलने आए हैं, उन्होंने न सिर्फ आमिर को आमंत्रित किया बल्कि घर पर डिनर भी भी करायाl।आमिर खान के यह दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थेl इसके माध्यम से फिल्म का जमकर प्रचार किया गया थाl हाल ही में आमिर खान और किरण राव ने तलाक की घोषणा की हैl दोनों 15 वर्ष बाद अलग हो रहे हैंl आमिर खान और किरण राव हाल ही में लाल सिंह चड्ढा के सेट पर नजर आए हैंl इस फिल्म में उनके अलावा करीना कपूर की भी अहम भूमिका हैl यह फिल्म दिसंबर में रिलीज होगी। आमिर खान ने सोशल मीडिया से ब्रेक ले लिया हैl उन्होंने कहा कि अब वह सोशल मीडिया पर नहीं रहेंगेl हालांकि उनसे जुड़ी अपडेट उनके फिल्म के प्रोडक्शन के ट्विटर अकाउंट पर आती रहेंगीl।आमिर खान का यह दूसरी बार तलाक हो रहा है। इसके पहले उन्होंने रीना दत्ता नामक महिला से भी तलाक लिया थाl आमिर खान की फिल्में काफी पसंद की जाती हैl उन्होंने कई फिल्मों में अहम भूमिका निभाई हैl हालांकि उनकी पिछली फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थीl इस फिल्म में उनके अलावा कटरीना कैफ और अमिताभ बच्चन की भी अहम भूमिका थीl।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ea7c1ce70f121f81870cc3d3b5c426ebb8e947a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77011.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली ऐसा राज्य है जहां अवैध शराब के लिए उपयोग में लाए जाने वाले वाहन को जब्त करने का प्रावधान है। इन सब सख्त नियमों के बावजूद दिल्ली में शराब का अवैध कारोबार जारी है। मगर पिछले दो माह से आबकारी विभाग अब नए सिरे से अवैध कारोबार को रोकने के लिए तैयारी में जुटा है। वहीं विभाग ने इस बात की भी तैयारी शुरू कर दी है कि शराब की दुकानों पर मिलने वाली शराब भी लोगों को शुद्ध मिले। दिल्ली में कभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है कि जिसमें सामने आया हो कि शराब की किसी दुकान पर अवैध शराब मिली हो। मगर विभाग अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए शराब जांचने का अधिकार जनता को भी देने जा रही है। एक एप तैयार किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e20e776c973a89da8c2e23f33e0e058a8ae8dd72 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उदयपुर, सुभाष शर्मा। पर्यावरण के प्रति इसे जुनून ही कहा जाएगा। उदयपुर संभाग के प्रतापगढ़ शहर में एक सरकारी कर्मचारी ने अपने मकान की छत पर तीन सौ प्रकार के विविध पौधे लगा रखे हैं। इनमें कई पौधे दुर्लभ औषधीय तथा कई फुलवारी से संबंधित हैं। वह अपने पौधों की देखभाल परिवार के सदस्य के रूप में कर रहे हैं तथा लोगों को भी पर्यावरणीय सीख दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5620a48bbbeaacbb28d42393123f8fbb901313d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77013.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेरठ, जेएनएन। साल 2020 की शुरुआत में किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी कि कोरोना महामारी के प्रकोप से सारी दुनिया हिल जाएगी। ऐसे अनुभव होंगे जिन्हें शब्दों में बयां करना मुश्किल है। लाकडाउन के बाद भले ही स्थितियां सामान्य दिखाई दे हैं, लेकिन अभी भी लोग कोरोना वायरस के डरे हुए है। लोग जल्दी से 2020 के जाने और 2021 नए वर्ष के आगमन का बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। जिससे जीवन की गाड़ी फिर से वहीं पुरानी रफ्तार पकड़ सकें। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वर्ष 2021 को अंक ज्योतिष की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें दो चंद्र, एक ब्रम्हा और एक सूर्य का योग बन रहा है। यह योग एक प्रकार से अंधकार के बाद प्रकाश का योग भी है। इसे रात के बाद सवेरा होने का प्रतीक भी माना जा सकता है। नए साल में नए परिवर्तन और विकास की नई किरण होगी। इसके बावजूद लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए पूरी तरह स्वयं का बचाना होगा। इसमें कोई लापरवाही नहीं बरतनी होगी। तभी हम नए साल में ।नई दिशा की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। + +कुल योग चार ने बिगाड़ा साल का गणित।ज्योतिष वृहस्पति और ज्योतिष भास्कर उपाधि से सम्मानित मेरठ के डा. उमेश पुरी ज्ञानेश्वर ने बताया वर्ष 2020 में दो चंद्रमा और दो ब्रम्हा है, और दो-दो मिलकर ।चार का योग बनाते है। जो राहु का प्रतीक है। जिससे महामारी, महारोग और प्राकृतिक प्रकोप का होना स्पष्ट है। वहीं अंक ज्योतिष के अनुसार साल 2021 का कुल अंक पांच है। इसमें दो चंद्रमा, एक ब्रम्हा और एक सूर्य है। जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। इसलिए नए साल में नए परिवर्तन और नया विकास ।देखने को मिलेगा। वहीं 13 अप्रैल 2021 से नया संवत 2078 प्रारंभ हो रहा है, जो एक अप्रेल 2022 में समाप्त होगा। इस वर्ष का राजा और मंत्री दोनों ही मंगल होगा। संवत्सर का नाम राक्षस है। इसलिए समाज में अराजकता का महौल रहेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77014.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77014.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92b4bd37be1b009e096ae0c4e6d658c8a6bb20af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77014.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +क्या है चिटफंड? : चिटफंड स्कीम का मतलब होता है कि कोई शख्स या लोगों का समूह या पड़ोसी आपस में वित्तीय लेन देन के लिए एक समझौता करे। इस समझौते में एक निश्चित रकम या कोई चीज एक तय वक्त पर किश्तों में जमा की जाती है और परिपक्वता अवधि पूरी होने पर ब्याज सहित लौटा दी जाती है। चिटफंड को कई नामों जैसे चिट, चिट्टी, कुरी से भी जाना जाता है। इसके माध्यम से लोगों की छोटी-छोटी बचत को इकट्ठा किया जाता है। एक तरह से माइक्रोफाइनेंस है। + +बंगाल में तीन सालों में 24 हजार से अधिक फर्जी कंपनियों का पता चला : -गौरतलब है कि चिटफंड कंपनियों की तरह ही फर्जी कंपनियां भी सबसे ज्यादा बंगाल में हैं। बंगाल में हजारों करोड़ रुपए के सारधा, रोज वैली चिटफंड घोटालों की जांच के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को पिछले तीन सालों में 24 हजार से अधिक छद्म (शेल) कंपनियों का पता चला है जिन का वजूद सिर्फ कागज कलम पर है। इनका इस्तेमाल काली कमाई को सफेद करने के लिए किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77018.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77018.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ff7fda7d942291e87d2adc70486a153394a6cec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77018.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई संसद और अयोध्या श्रीराम मंदिर की आधारशिला : इसी दौरान सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं भोजन का संवैधानिक अधिकार देकर विधायी उपायों से लोगों को अशिक्षा एवं गरीबी से उबारने की अनूठी लोकतांत्रिक पहल की गई है। देश की जनता ने भी अहिंसक चुनावों में अपने विवेकानुसार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों सहित राज्यों और केंद्र में नए निजाम चुनकर अपनी लोकतांत्रिक परिपक्वता की धाक जमाई है। नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने। भारतीय जनता पार्टी ने देश में पहली बार बहुमत की सरकार बनाई। फिर उससे भी अधिक सीट 2019 के आम चुनाव में जीती और दोबारा सरकार बनाई। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में संसद के नए भवन और अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के लिए दो महत्वपूर्ण भूमिपूजन किए। जाहिर है कि यही दो इमारतें अगले दशक में देश की राजनीति की धुरी बनेंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77019.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77019.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c89490e76d41e8b3dfd158733f7c1340de29fa95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77019.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +3,538 लोगों पर हुआ अध्ययन : ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा से संबद्ध पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अध्ययन में 1,769 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित थे, जबकि इतनी ही संख्या में उन लोगों को भी शामिल किया गया जो पुराने स्ट्रेन से संक्रमित थे। अध्ययन में शामिल लोगों की उम्र, लिंग, आवासीय क्षेत्र व जांच के समय आदि का अनुपात भी बराबर रखा गया। 42 लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जिनमें 16 नए स्ट्रेन से संक्रमित थे, जबकि 26 पुराने से। मरने वाले 12 नए स्ट्रेन से संक्रमिक थे, जबकि 10 की मौत पुराने स्ट्रेन से हुई। + +दोबारा संक्रमित होने का खतरा : विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के पुराने व नए स्ट्रेन के प्रभावों की तुलना की गई। 28 दिनों के तुलनात्मक अध्ययन में पुराने व नए स्ट्रेन के कारण संक्रमित होने वालों के अस्पताल में भर्ती होने और मौतों के आंकड़ों में कुछ ज्यादा फर्क नहीं दिखा। हालांकि, अध्ययन में दावा किया गया है कि नए स्ट्रेन से दोबारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। साथ ही ये संपर्क में आने वाले लोगों को ज्यादा तेजी से संक्रमित करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fa97e653ece8579ad59d5198eaba9958631a8f43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा के चंबल का बीहड़ कभी हथियार उठाकर जंगलों कूदने वाले बागियों के लिए जाना जाता था। इन बागियों के चलते चंबल काे खौफ का पर्याय माना जाता था। मगर, 21वीं सदी में तकनीकी क्रांति के चलते हथियार की जगह लैपटाप ने ले ली। बंदूक के बल पर डकैती डालने वाले बदमाशों की जगह लैपटाप और इंटरनेट मीडिया के बल पर लूट करने वाले साइबर शातिरों ने चंबल के बीहड़ को अपना गढ़ बना लिया है। पुलिस और साइबर सेल एक साल के दौरान साइबर गैंग के 138 को गिरफ्तार करके जेल भेज चुके हैं । मगर, पुलिस एक गैंग को गिरफ्तार करती है, अगले ही दिन नया गैंग बनकर फिर से ठगी के खेल में जुट जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3091886ddf1463fe167a46f4976b3cf9003a26ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77023.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इससे पहले बीते दिन दुबई में क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी नई नवेली दुल्‍हन धनश्री वर्मा ने एमएस धोनी और साक्षी से मुलाकात की थी। नई जोड़ी ने धौनी और साक्षी के साथ खूब मस्‍ती की। चहल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो शेयर कर लिखा- बेहद खुश और धन्य। बता दें कि आइपीएल के बाद से ही महेंद्र सिंह धौनी परिवार के साथ दुबई में छुट्टियां मना रहे हैं। जबकि युजवेंद्र चहल अपनी शादी के बाद हनीमून के लिए दुबई पहुंचे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77026.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77026.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..348db6a94ff4dbce9ea9f94358cca174b9a92886 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77026.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चाईबासा, जासं। पर्यावरण सुरक्षा के साथ पौधों को बचाने का नायाब तरीका एक शिक्षक ने ईजाद किया है। मंझारी प्रखंड के राजाबासा गांव में एक शिक्षक ने बेकार हो चुके हजारों पानी की बोतलों को काट कर उसे टपक विधि से पौधों में पानी देने का एक तरीका खोज निकाला है। इससे पौधे को हर समय जरूरत के हिसाब से पानी मिलता रहता है। इसका फायदा भी दिखाई देने लगा है। लगातार पानी मिलने से पौधे तेजी से बढ़ भी रहे हैं। + +इस संबंध में शिक्षक तरुण गोराई ने कहा कि लोग पानी पीने के बाद बोतल फेंक देते हैं। जगह-जगह बोतल फेंका हुआ दिखाई देता है। प्लास्टिक का बोतल जल्दी गलता भी नहीं है, साथ ही यह जमीन को बेकार भी बना देता है। इस पर हमने एक प्‍लान बनाया। इसमें बेकार प्लास्टिक की बोतलों को जमा किए। उन बोतलों के पेंदा को काटकर थोड़ा छोड़ दिया। ।इसके बाद उसे उलटा कर ढ़क्कन को थोड़ा खोल दिए। इससे पानी बहुत कम मात्रा में लगातार टपक कर गिरती है। एक बोतल में पानी सुबह में डालने पर वह दिन भर एक-एक बूंद के हिसाब से गिरता रहता है। किसी पौधे के सामने एक लकड़ी गाड़ कर उसमें बोतल को बांध देते हैं। बोतल से पानी लगातार उस पौधा को दिन भर मिलता रहता है। साथ ही पानी की बर्बादी भी नहीं होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77027.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77027.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..839398978143963145d8616854145f0fe0ee3302 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77027.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेरठ, जेएनएन। नए साल से लोगों को खास उम्मीदें होती है, और वर्ष 2021 से तो लोगों को काफी उम्मीद और आस है। 2020 में कोरोना महामारी से लड़ रहे लोग बेसब्री से नए साल का इंतजार कर रहे हैं। जिससे नया साल उनके लिए नई खुशियां और उम्मीद लेकर आए और इस महामारी से हमेशा के लिए निजात मिल जाए। ज्योतिष के अनुसार नए साल में अलग अलग राशियों पर कई ग्रहों का गोचर होगा। इसकी शुरुआत पहले महीने यानी जनवरी से हो जाएगी। माघ मास में ग्रह नक्षत्रों का अद्भूत संयोग बन रहा है। प्रत्येक स्नान पर्व पर एक राशि में चार से छह ग्रह गोचर होने से यह दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ।नए साल की शुरुआत में 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन मकर राशि में सूर्य के अलावा चंद्रमा, शनि, बुध और गुरु ग्रह का संचरण होगा। चंद्र, गुरु और बुध को सुखकारी ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यह सभी ग्रह एक साथ होने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ff2407841c6b0eb5c9fbae50321af047c1e1297 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77028.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वैक्सीन के दुष्प्रभावों की होगी निगरानी ।जिम्स में एडवर्स ड्रग रिएक्शन (एडीआर) सेंटर खोला गया है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की ओर से एक शोध अधिकारी को नियुक्त किया गया है जिनकी देखरेख में कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर निगरानी रखी जाएगी। वैक्सीन लगने के लिए करीब तीन बूथ बनेंगे। वैक्सीन लगने के बाद शख्स को आधे घंटे के लिए निरीक्षण पर रखा जाएगा। इस दौरान ये देखा जाएगा कि कहीं वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46e6b39b884fa917249df3d1eb9ecd49e315a6f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77029.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। आज हम कहीं घूमने जाते हैं तो गूगल मैप का सहारा लेते हैं। ना केवल उससे रास्ता तलाशते हैं, बल्कि होटल, रेस्टोरेंट आदि भी उसके सहारे ढूंढ़ते हैं। मुगल काल में गूगल मैप का काम कोस मीनार किया करती थीं। यह ना केवल राहगीरों की राह प्रशस्त किया करती थीं, बल्कि उनके नजदीक सराय और कुआं होने से राहगीरों काे आश्रय भी मिल जाया करता था। सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी इनका इस्तेमाल होता था। + +शेरशाह सूरी ने वर्ष 1540-45 तक शासन किया था। उसने ग्रांड ट्रंक रोड के किनारे कोस मीनार और सराय बनवाई थीं। शेरशाह सूरी ने हर दो कोस की दूरी पर कोस मीनार का निर्माण कराया था। उसके बेटे इस्लाम शाह सूरी ने प्रत्येक कोस मीनाार के बीच में सराय बनवाई थीं। करीब 30 फुट ऊंची कोस मीनारों को लाखौरी ईंंटों और चूने से बनाया गया था। इनके ऊपर चूने का मोटा प्लास्टर किया गया था। इन्हीं मीनारों को देखकर सैनिक काफिले व राहगीर यात्रा करते थे। प्राचीन समय में डाक सिस्टम भी इन्हीं मीनारों की तर्ज पर चलता था। जहांगीर ने कोस मीनारों को पक्की ईंटों और पत्थरों से बनवाने का आदेश किया था। उसने लाहौर से आगरा तक मार्ग में पड़ने वाली नदियों, नहरों, जलाशयों के ऊपर पुल भी बनवाए थे। वर्ष 1830 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने वाणिज्यिक और प्रशासनिक दृष्टि से इसकी मरम्मत कराई थी। समय के साथ इन कोस मीनारों को भुला दिया गया। अधिकांश मीनारों का अस्तित्व ही मिट चुका है। आगरा में केवल आठ कोस मीनार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित हैं। इनमें से पांच आगरा-फतेहपुर सीकरी मार्ग और तीन आगरा-मथुरा मार्ग पर स्थित हैं। आगरा-मथुरा रोड पर मरियम टाम्ब से आगे स्थित कोस मीनार के पास प्राचीन सराय के अवशेष आज भी नजर आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7703.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7703.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..030875c115770ff87ae82cb793f31cb5fb326ed9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7703.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वो अक्सर अपनी कई तस्वीरें और वीडियो फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं। अब हाल ही में अनुपम खेर ने अपनी कुछ तस्वीरें और फैंस के साथ शेयर की हैं। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अनुपम खेर ने बताया है कि वो अपने दुख और उदासी को कैसे दूर करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77032.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77032.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..796f2d166f9c0438ceac7243e0e48ed7ed412a4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77032.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +[प्रमोद त्यागी], मेरठ। कुछ बच्चों की याददाश्त कमाल की होती है। एक बार उन्हें जो बता दो, वह सबक उनके दिमाग पर लिख सा जाता है। साढ़े चार साल की जकिया हयात भी ऐसी ही प्रतिभा की धनी है। उसका अभी स्कूल में दाखिला नहीं हुआ है, लेकिन देश-विदेश के सामान्य ज्ञान से जुड़ी तमाम चीजें उसे मुंह जुबानी याद हैं। खरखौदा ब्लाक क्षेत्र के अजराड़ा निवासी मशकूर हयात खरखौदा बीआरसी पर कार्यालय सहायक हैं। उर्दू से एमए मशकूर की दो बेटियां हैं। जकिया हयात साढ़े चार साल की और मायरा दो साल की है। मशकूर की पत्नी शबनम ने बीए किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..256281d24c277c9a5a17b9e23e3775a5c12dc562 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77037.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार की आम नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध कराना ई-गवर्नेस कहलाता है और इसी ई-गवर्नेस का उप-डोमेन मोबाइल गवर्नेस है जो सभी की जेब में आसानी से उपलब्ध है। स्पष्ट है कि इससे लोक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा, भ्रष्टाचार कम होगा और जन सामान्य के जीवन में सुधार आएगा। जीडीपी में वृद्धि होगी और सरकारी कार्यो को गति मिलेगी। पीडीओ के माध्यम से लोगों को रोजगार मिलेगा और कौशल विकास की दिशा में भी एक कदम उठेगा। आत्मनिर्भर भारत को भी फायदा देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..df2af8e641366f4e8479f23159d52c0e3eddb399 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77039.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भोपाल, जागरण स्पेशल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान इन दिनों खूब चर्चा में है। आमतौर पर प्यार-दुलार, मान-मनुहार के लिए पहचाने जाने वाले मामा के तेवर आखिर इतने सख्त क्यों हो गए? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए मध्य प्रदेश का पुराना रिकार्ड देखना पड़ेगा। चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस..दोनों के ही शासनकाल में यहां तरह-तरह के माफियाओं ने पैर जमाया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a294b73f533acae660a269935d7ab5a3315c1f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77040.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आज के वाणिज्य मंत्रलय में डॉ. मनमोहन सिंह को बिहार के दिग्गज कांग्रेसी नेता ललित नारायण मिश्र ने वर्ष 1970 के आसपास सलाहकार के तौर पर जोड़ा था। कहा जाता है कि ललित नारायण मिश्र और डॉ. मनमोहन सिंह की मुलाकात भारत से अमेरिका की उड़ान में हुई थी और इसी छोटी सी मुलाकात में ललित नारायण मिश्र, डॉ. मनमोहन सिंह के आर्थिक ज्ञान से बेहद प्रभावित हुए। उसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह लगातार कांग्रेस की सरकार में महत्वपूर्ण आर्थिक जिम्मेदारियां संभालते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77041.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77041.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06121cb58d81a12f0bc52eaaa28bd9593f8d6ff7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77041.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लालकिला में पर्यटक मीना बाजार में भी खरीदारी कर सकते हैं। किला के अंदर स्थित यह मार्केट भी नौ बजे तक खुल रही है। किला के अंदर रात में पर्यटक दीवान-ए-आम तक ही जा सकते हैं। सुरक्षा की ²ष्टि से अन्य क्षेत्रों को प्रतिबंधित रखा गया है। इसी तरह कुतुबमीनार और हुमायूं का मकबरा भी रात्रि दर्शन के लिए शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक खुलता है। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के बाद गत 22 मार्च से स्मारक बंद कर दिए गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77047.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77047.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f8e924cb85a0d3eac5b96b40f02d83c3891f8aaa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77047.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + माला दीक्षित, नई दिल्ली। कोरोना काल वैसे तो सभी क्षेत्रों और वर्गो के लिए चुनौती भरा रहा लेकिन न्यायपालिका के लिए यह कुछ ज्यादा ही चुनौतीपूर्ण था। शुरू में तकनीक अपनाने में संकोच दिखाने वाली भारतीय न्यायपालिका ने न्याय हर हाल में का सिद्धांत अपनाते हुए इस दौरान आनन फानन में तकनीक अपनाई और न्याय का पहिया रुकने नहीं दिया। कोरोना काल में तकनीक के सहारे न्याय का पहिया चलता रहा और न्याय की गुहार लेकर पहुंचे फरियादियों के मामले सुने जाते रहे। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने तो कोरोना महामारी के कठिन दौर में इलाज और बचाव के बारे में भी बहुत से आदेश जारी किए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77051.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77051.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7eac2c3a65e54db636131d46d1705c87de824d7f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77051.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +श्वेता सैनी बताती हैं कि एकत्रित विसर्जित पूजन सामग्री में शामिल सूखे फूलों को अलग कर टैगोर गार्डन स्थित कंपोस्टिंग यूनिट पर भेज दिया गया है, ताकि उससे खाद बनाकर निगम पार्कों को हरा-भरा रखने में मदद की जा सके। वहीं भगवान की तस्वीरों की बात करें तो उसमें लगे फ्रेम व शीशे को अलग कर लिया गया है और उसका प्रयोग संस्था से जुड़े बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग को फ्रेम करने में इस्तेमाल किया जा रहा है। श्वेता सैनी बताती हैं कि बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए संस्था का ये कार्य सराहनीय है। ।आने वाले दिनों में बच्चों की इस पेंटिग्स की प्रदर्शनी भी वार्ड में लगाई जाएगी, जिससे वे बेहतर करने के लिए प्रेरित हो। जहां तक विसर्जित सामग्री में शामिल मूर्तियों की बात है, उन्हें झंडेवालान मंदिर को देने का निश्चय किया गया है। मंदिर ट्रस्ट लंबे समय से मूर्तियों काे निष्पादित करने की दिशा में कार्य कर रही है। हालांकि पहले मूर्तियों को मिट्टी में दबाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इन मूर्तियाें को बनाने में प्लास्टर आफ पेरिस का प्रयोग होता है, जिसके कारण मिट्टी में भी इनका निष्पादन संभव नहीं है। दूसरा कई लोगों ने इसका विरोध भी किया गया कि देवी-देवताओं की मूर्तियों को मिट्टी में दबाना ठीक नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77053.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77053.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..507c73bf5ad360dc4609010fe61e447450b5da3b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77053.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जयकृष्ण वाजपेयी। वर्ष 2021 में संभावित विधानसभा चुनाव से चंद माह पहले एक बार फिर बंगाल के चुनावी संग्राम में सिंगुर और नंदीग्राम लौट आया है। वही सिंगुर जहां करीब 12 वर्ष पहले विपक्ष में रहते हुए ममता बनर्जी ने टाटा मोटर्स की लखटकिया कार (नैनो) फैक्ट्री नहीं लगने दी थी। उस समय रतन टाटा को अपनी नैनो फैक्ट्री समेट कर गुजरात के साणंद जाना पड़ा। अब उसी सिंगुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उद्योग लगाने की याद आई है। बीते सप्ताह ममता ने वहां कृषि-औद्योगिक हब बनाने की घोषणा की है। + +वर्ष 2006-08 में जिस सिंगुर और नंदीग्राम में उद्योग के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर वर्ष 2011 में 34 वर्षो के वामपंथी शासन का अंत किया और शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में सिंगुर के किसानों को जमीन लौटाने की घोषणा की, अब वहीं उद्योग लगाने की ममता ने घोषणा की है। आखिरकार इतने वर्षो बाद उन्होंने अचानक सिंगुर में उद्योग लगाने की घोषणा क्यों की? इसे ममता का यूटर्न क्यों नहीं माना जाए? इन सवालों के जवाब तलाशें तो उसमें सिर्फ उनका सियासी हित दिखाई देगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fb06bf0652e70e54deba3a6205e8827b161e88a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77054.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस: जिद, हट और पतन।देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के इतिहास में 2020 अनहोनियों और अचरजों के साथ इसके पतन की ओर अग्रसर होने के वर्ष के रूप में याद किया जाएगा। शायद ही कभी ऐसा सोचा गया हो कि कभी कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत और चुंबक रहे गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह जैसी गंभीर स्थिति पार्टी में पैदा होगी, लेकिन पार्टी को साम्राज्य की तरह चंद निकट दरबारी सिपहसालारों के सहारे चलाने की बीते दो दशक की संस्कृति ने कांग्रेस के संगठन को दीमक की तरह खोखला कर दिया। वह गांधी परिवार, जो एक समय में कांग्रेस की सबसे बड़ी पूंजी और चेहरा था उसकी सियासी पूंजी में कुछ बचा नहीं। कांग्रेस के नए अध्यक्ष की तलाश कर रही पार्टी के सामने मुसीबत यह है कि गांधी परिवार पार्टी पर अपनी पकड़ न छोड़ने की जिद पर अड़ा है। सोनिया गांधी पुत्रमोह में राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की बागडोर सौंपने की जिद पर अड़ी हैं तो राहुल भी पार्टी को पुराने नेताओं के बोझ से मुक्त कर नई कांग्रेस बनाने की हठ पर हैं। सियासी साम्राज्य बचाने की महत्वाकांक्षा के इस अंदरूनी संघर्ष में असंतुष्ट 23 नेताओं के समूह ने पत्र प्रकरण को गांधी परिवार पर प्रहार का अपना पहला हथियार बनाया। इसमें तीखे सवालों के तीर से साफ कर दिया कि पतन की ओर बढ़ रही कांग्रेस को बचाना है तो नया नेतृत्व सामने आना चाहिए। देखना दिलचस्प होगा कि इस अंदरूनी महासंग्राम और मंथन के बाद कांग्रेस के अंदर कोई अमृतघट निकलता है, जिससे देश की सबसे पुरानी पार्टी फिर से हरी-भरी हो पाएगी या फिर परिवार के साम्राज्य के साथ ही पार्टी का पतन होगा!।कृषि सुधार: अफवाहों से असमंजस में अन्‍नदाता ।किसानों की बेहतरी के लिए इस वर्ष संसद में बहुमत से पारित तीनों कृषि बिल हमारे अन्नदाताओं का भविष्य संवारने में बहुत बड़ा हथियार साबित होंगे। हमेशा से कृषिप्रधान रहा भारत भविष्य में कैसे और किस दिशा में आगे बढ़ेगा, यह कानून इसका रोडमैप पेश करते हैं। ऐसा नहीं कि पहले कोशिशें नहीं हुईं, लेकिन यह श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के खाते में गया या यूं कहें कि यह साहस भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही दिखाया। यूं तो अधिकांश किसान इनको लेकर स्वीकार्यता जाहिर कर चुके हैं मगर अफसोस कि चंद किसान मुद्दों से भटके बाहरी लोगों की बातों और अफवाहों में आकर बेवजह दिल्ली का दिल दुखा रहे हैं। वास्तव में इन कानूनों की सकारात्मकता को समझने की जरूरत है। सच्चाई यही है कि इस प्रयास से कृषि क्षेत्र में सरकारी निवेश के साथ निजी निवेश का रास्ता खुल जाने की संभावना बढ़ गई है। कृषि सुधार के इन कानूनों में कृषि उपज मंडी कानून में बदलाव कर खरीद-बिक्री का दायरा भी बढ़ाया गया है। अब कांट्रैक्ट खेती के प्रावधान से बड़ी उपभोक्ता कंपनियां, प्रोसेसर और निर्यातक बेहिचक सीधे किसानों से अपनी मर्जी की उपज की खेती पूर्व निर्धारित शर्तो और मूल्यों पर करा सकती हैं। इससे दोनों पक्षों को फायदा होना तय है। तो वहीं आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन में बड़े उपभोक्ताओं, प्रोसेसर्स और निर्यातकों को स्टॉक सीमा से मुक्त कर दिया गया है। सरकार तो बात करने को राजी ही है, अब आंदोलनकारियों को भी इन कानूनों के निरस्तीकरण का अड़ियल रवैया छोड़ इन्हेंस्वीकारने अथवा संशोधन की बात करनी चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..482bf14db657cbfdb358b764c81720c1e2772684 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डिजिटल शॉपिंग: सामान मंगवाने का सुचारु तंत्र  ।डिजिटल शॉपिंग को युवाओं से जोड़कर देखने के आदी इस देश में इस साल सभी उम्र के लोगों ने इससे साथ जोड़ा। तो वहीं ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को घर-घर तक पहुंचाने में इनके डिलिवरी बॉय की भी महती भूमिका रही। कोरोना महामारी से मुकाबला करने में स्वास्थ्य, पुलिस एवं प्रशासन कर्मियों और अधिकारियों के साथ डिलिवरी बॉय भी अग्रणी योद्धा के रूप में मोर्चे पर नजर आए। मेडिकल पेशेवरों ने जिंदगियां बचाने का काम किया और पुलिस व प्रशासन ने सामान्य हालात बनाए रखने में मदद की, जबकि डिलिवरी बॉय ने गृहस्थी चलाए रखने में अपना रोल अदा किया। डिजिटल शापिंग कंपनियों के ये डिलिवरी बॉय कोरोना संक्रमण से पहले भी मौजूद थे, लेकिन अब वे हमारी दिनचर्या और जीवनशैली का अभिन्न अंग बन चुके हैं। लॉकडाउन और उसके बाद डिजिटल शॉपिंग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी के चलते कम से कम शहरों में तो ऐसे बहुत कम ही घर होंगे जिनके दरवाजे पर किसी डिलिवरी बॉय ने दस्तक न दी हो। कपड़े, भोजन और किराना से लेकर दवाइयों तक को सही समय पर सही जगह पहुंचाने में इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। जब सारा देश लॉकडाउन में बंद था तब यही डिलिवरी बॉय गली-गली में एक नए किरदार के रूप में उभरकर सामने आए। हालांकि उन्हें अपने काम को अंजाम देने में कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें पुलिस की मार सहनी पड़ी तो कई कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। उनकी सेवा शर्ते भी अनुकूल नहीं हैं। ऐसे में तेजी से बढ़ते इस क्षेत्र के नियमन की सख्त जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..895a3de8b67f1c19177d96cd19dd608be5f79099 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले एक साल से वह जमशेदपुर के पॉश इलाके में नाम बदलकर रह रहा था। बदले हुए नाम पर उसने आधार कार्ड और पासपोर्ट भी बनवा लिया था। इससे पूर्व भी अलकायदा के आतंकी अब्दुल रहमान कटकी ने भी जमशेदपुर समेत झारखंड में कई जगह आतंकियों के स्लीपर सेल बनाए थे। जमशेदपुर में कई जगहों पर उसने अपना नेटवर्क फैला रखा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूरा मामला सामने आया। इसी तरह पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट के बाद हुई जांच के कारण राजधानी रांची के सिठियो, हिंदपीढ़ी इलाके से स्लीपर सेल के तौर पर आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे कई लोग धराए थे। ये सभी नाम बदलकर बतौर किराएदार रह रहे थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77058.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77058.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ecf00fcacdc705046f25f3a8f7fa0ccc6052e92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77058.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वीसी के जरिए होगी सालाना पत्रकारवार्ता !।कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी दिल्ली पुलिस की सलाना पत्रकारवार्ता हो पाना मुश्किल ही लग रहा है। पिछले साथ (नागरिकता संशोधन कानून) व एनआरसी के विरोध में शाहीनबाग में धरना प्रदर्शन होने व विधानससभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगे होने के बहाने तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने सालाना पत्रकारवार्ता को टाल दिया था। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सालाना पत्रकारवार्ता को टालने की पुलिस अधिकारियों के सामने जायज मजबूरी आ गई है। हालांकि नए मुख्यालय के आदर्श सभागार में पत्रकारवार्ता किए जाने की तैयारी तो कर ली गई है, लेकिन अधिकारी असमंजस में हैं कि पत्रकारवार्ता करना उचित होगा अथवा नहीं। इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ही पत्रकारवार्ता करना अधिक सुरक्षित रहेगा। मुख्यालय के सभागार में बैठकर पत्रकार आयुक्त व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वीसी से जुड़ेंगे अथवा अपने-अपने कार्यालय से। इसको लेकर विचार विमर्श जारी है। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77060.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77060.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..da0086a4cba59471b06ff056915f1320c3bb0cb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77060.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस्तीफा देकर भाजपा के पाले में गए उसके विधायकों की रिक्त सीटों पर जब उपचुनाव होंगे तो वह जीत का परचम फहरा देगी। जब उपचुनाव हुए तो यह खयाली पुलाव साबित हुआ। पार्टी में नेता तो बहुत हैं, लेकिन मोर्चे पर अकेले कमल नाथ लड़ते दिखे। इसका संदेश आम जन में यही गया कि उपचुनाव में भी कांग्रेस एकजुट नहीं है। आपसी लड़ाई और संवादहीनता के कारण जमीनी स्तर पर कांग्रेस इस तरह कमजोर हुई कि 28 में से उसे मात्र नौ सीटें ही मिल सकीं। इस तरह उसी की सीटों पर अपने विधायक जिताकर भाजपा ने सरकार पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। इसमें शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व कौशल की एक बार फिर परख हो गई। + +अपने ऊपर लग रहे आरोपों और हार की समीक्षा के दबाव के बीच कमल नाथ ने पिछले दिनों यह कहकर पार्टी में तहलका मचा दिया कि कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा से नहीं हारी, बल्कि उसे तो अपनों ने ही हराया। छिंदवाड़ा की सभा में कमल नाथ के बयान ने साफ कर दिया कि ऊपर से ठंडी दिख रही राज्य कांग्रेस के अंदर माहौल तनावपूर्ण है। वैसे तो लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार मिली थी, लेकिन तब इस तरह के आरोप नहीं लगे थे। ऐसा पहली बार है कि खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ही आरोप लगाया है कि पार्टी को भाजपा ने नहीं, अपनों ने हराया है। हालांकि उपचुनाव के दौरान ग्वालियर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा, भांडेर से फूल सिंह बरैया ने भी शिकायत की थी कि कांग्रेस के कई नेता ही उनका साथ नहीं दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb9847d54b691897c2b879afdd712afe96566183 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2020 लंबे समय तक धार्मिक आक्रमण की शिकार रही भगवान राम की जन्मस्थली में बहुप्रतीक्षित जीर्णोद्धार के प्रारंभ का साक्षी बना। करोड़ों रामभक्तों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अथक प्रयास से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम मन्दिर का शिलान्यास 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस पूरे साल हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को व्यापक और समग्र संदर्भो के साथ रखने का प्रयास किया। दूसरी तरफ भाजपा में हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने एतिहासिक जीत दर्ज की। इस दौरान योगी के तेवरों और उनके भाषणों का नया अंदाज देखने को मिला।  ।मोहन भागवत, हिंदुत्व के कुशल संवाहक ।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदुत्व और हिंदू जीवनशैली के बारे में जो सहज स्वीकार्य परिभाषा दी थी, उनके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छठे सरसंघचालक मोहन भागवत उसे अधिक परिमाजिर्त, समग्र और ग्राह्य रूप में प्रस्तुत करते आए हैं। दोनों के कालखंड अलग हैं, परंतु साम्य आश्चर्यजनक। दोनों केवल अपना प्रथम नाम ही साझा नहीं करते हैं, बल्कि व्यक्तित्व के रूप में दोनों ही मन, वचन, कर्म से समावेशी हिंदुत्व तथा वंचित-दरिद्र नारायण की सेवा को समर्पित-समर्थक हैं। हिंदुत्व के सार्थक दृष्टिकोण के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यो और विचारधारा को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्यंत कुशलतापूर्वक तथा उचित परिप्रेक्ष्य में रखने वाले मोहन भागवत ने इस पूरे साल संघ की मूलभूत अवधारणा यानी हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को व्यापक और समग्र संदर्भो के साथ रखने का प्रयास किया। यह सर्वमान्य तथ्य है कि उनकी सक्रियता, तर्क और सिद्धांत भारत के हिंदू राष्ट्र की स्वीकार्यता का दायरा बढ़ाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77063.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77063.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34ab8cb0b3a4a5a2d554aaffe0803fd49aafae4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77063.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Year Ender 2020, नया साल अब बस आने ही वाला है। बीता साल कई मायनों में कई हस्तियों के नाम रहा। कोरोना महामारी संकट के बीच इन हस्तियों ने दुनियाभर में नाम कमाया। इनमें भारतवंशियों की संख्या भी काफी अधिक रही। हिंदुस्तानियों ने इस साल दुनिया में अपना डंका बजाया। इनमें मुकेश अंबानी, कमला हैरिस, सुंदर पिचाई, सत्या नाडेला, निक्की हेली, इंदिरा नूई समेत कई हस्तियां रहे। भारतीयों के अलावा कई अन्य हस्तियों ने अपने नाम का डंका बजाया। + +जो बाइडन यूनाइटेड अमेरिका का वादा।अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत स्वाभाविक तो थी, लेकिन इसकी कल्पना नहीं थी कि वह इतनी नाटकीय परिस्थितियों में संयुक्त राज्य अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। कड़वाहट से भरे चुनावों में डेमोकेट्र बाइडन ने निवर्तमान डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले ऐसा विकल्प रखा जो अमेरिका के भटकाव को दूर करने की बात कर रहा था। वैचारिक विभाजन के इस युग में अमेरिका को ट्रंप के दावों के मुकाबले बाइडन के वादे अच्छे लगे। लेफ्ट-लिबरल माहौल में वादे अक्सर पसंद भी किए जाते हैं। बाइडन अगले चार साल तक कुछ निश्चित चुनौतियों से जूङोंगे। इनमें चीन की चुनौती, ईरान का दुस्साहस, कोरोना के बाद की दुनिया, पर्यावरण की चिंता, मंदी की मार प्रमुख हैं। ये चुनौतियां कठिन हैं-टेलीविजन वाली बहस से कहीं अधिक मुश्किल। विश्व के समीकरणों में रूस भी उनका इम्तिहान लेगा और अपने घर में बेरोजगारी जैसे मसलों का दबाव भी उन पर हावी होगा। बाइडन कहते हैं-अमेरिका का रुतबा अब वैसा नहीं रह गया है जैसा हुआ करता था। वह इसी रुतबे को वापस लाने का वादा कर रहे हैं। ।ऐसा ही दावा ट्रंप ने भी किया था, लेकिन वह अगर इसमें खरे उतरे होते तो अमेरिका को फिर से संवारने की बातें नहीं होतीं। बाइडन को कमला हैरिस के रूप में ऐसी सहयोगी मिली हैं जो खुद नई उम्मीदों वाली बात कर रही हैं। दोनों को टाइम ने भी ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ माना है। चुनाव की अलग दुनिया के बाद बाइडन जब व्हाइट हाउस के दफ्तर में फाइलों के सामने बैठेंगे तब उन्हें एक के बाद एक सही फैसले लेने होंगे, इन्हीं में घरेलू मोर्चे से इतर भारत से संबंधों की बुनियाद की भी बात होगी। भारत अब डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन की फांस से उबर चुका है। राष्ट्रपति किसी दल का हो, भारत को लेकर उनकी नीतियों पर बहुत फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि चुनाव के दौरान ही बाइडन पॉलिसी डॉक्यूमेंट जारी करके भारतीयों को लेकर मंशा स्पष्ट करने वाले पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार बने थे। जिसमें उन्होंने भारतीय पेशेवरों को लेकर एच-1 बी वीजा में सुधार और उसकी संख्या में वृद्धि के संकेत दिए थे। देश आधारित ग्रीन कार्डो की संख्या को खत्म करने की बात कही थी। ऐसे में दोनों देशों के पास रिश्तों को और मजबूत करने की जरूरत और अवसर दोनों होंगे। + +मुकेश अंबानी भारतीय उद्यमिता की अंतरराष्ट्रीय पहचान।इस साल मुकेश अंबानी ने भारतीय उद्यमिता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दी। दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के लिए बेहद मुश्किल दौर में भी उनके कुशल नेतृत्व में रिलायंस समूह ने ऊंची उड़ान भरी। इससे विश्व बाजार में उनकी ही नहीं, भारत की साख भी खूब बढ़ी। कोरोना काल में भी उन्होंने कई उपक्रमों के जरिए अंतरराष्ट्रीय बाजार से जिस तरह पैसा इकट्ठा किया, उससे उनकी उद्यमिता, कारोबारी कौशल और अपनी टीम के साथ तालमेल की पहचान होती है। एशिया के सबसे धनवान उद्यमी मुकेश अंबानी के लिए 2020 का साल मालामाल करने वाला साबित हुआ। ब्लूमबर्ग इंडेक्स और प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स के मुताबिक, वे दुनिया के दसवें सबसे धनवान व्यक्ति रहे। कोरोना काल में जब पूरी दुनिया के उद्योग और व्यापार गोता लगा रहे थे, तब मुकेश अंबानी रिलायंस के शेयरों को आसमान की ऊंचाइयों तक ले गए। अप्रैल के आसपास शेयर बाजार में रिलायंस की बढ़ती धाक ने दुनियाभर के निवेशकों का ध्यान खींचा। कई नामी-गिरामी कंपनियों ने मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली कंपनियों, खासकर जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारियां खरीदनी शुरू कीं। इनमें सबसे चर्चित निवेश फेसबुक और गूगल के हैं। + +जियो के अलावा मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस रिटेल में भी सिल्वर लेक जैसी बड़ी कंपनियों के निवेश ने सुर्खियां बटोरीं। इनके चलते साल के अंत तक रिलायंस के शेयरों में करीब डेढ़ सौ प्रतिशत की रिकॉर्डतोड़ वृद्धि दर्ज की गई और कंपनी से जुड़े निवेशक बाजार पर महामारी के प्रकोप के बावजूद मालामाल हो गए। यह मुकेश अंबानी की कुशल कारोबारी के तौर पर बढ़ती साख का प्रमाण है कि दूरसंचार के अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज का ऊर्जा, पेट्रो-रसायन, वस्त्र आदि क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर कारोबार स्थापित हो चुका है। रिलायंस फ्रेश और रिटेल के स्टोर भी अब अधिकांश शहरों में मिल जाएंगे। अभी कुछ दिन पहले ही मुकेश अंबानी ने साल 2021 के मध्य में भारत में जियो 5 जी लांच करने की घोषणा की है। वर्तमान में उनकी संपत्ति करीब 80 अरब डॉलर यानी 5,500 अरब रुपए के करीब आंकी गई है। माना जाता है कि अकेले उनकी संपत्ति से पूरे भारत का बीस दिन का खर्च चल सकता है। आइपीएल की चर्चित टीम मुंबई इंडियंस की मालकिन और मुकेश अंबानी की पत्नी नीता उन्हें प्यार से मुकु के नाम से बुलाती हैं। साल विदा होते-होते मुकेश अंबानी और नीता के घर एक और खुशखबरी आई। दोनों दादा-दादी बन गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77066.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77066.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..91759335f7863b5c77f05aabd453dc679d31772e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77066.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस वैक्सीन के विकास के लगभग 200 से भी अधिक प्रयास दुनिया में चल रहे हैं। बड़ी संख्या में अब वैक्सीन विभिन्न देशों में स्वीकृति के लिए भी लाई जा रही है। इस बीच ब्रिटेन ने फाईजर कंपनी की वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की अनुमति भी प्रदान कर दी है। भारत में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सीन कोवीशील्ड की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट और भारतीय कंपनी भारत बायोटेक द्वारा निíमत वैक्सीन ने भी आपातकालीन उपयोग की अनुमति मांगी है। एक ओर इससे लोगों में इस महामारी से निजात पाने में एक आशा की किरण तो जगी है, लेकिन साथ ही कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं, जिनका समाधान प्राप्त करना भी बहुत जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77074.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..655d528685ae7a781259116d81495385ff50f51e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77074.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। किसानों और व्यापारियों के बीच लोकप्रिय किसान रेल ने पांच महीने के भीतर ही अपना शतक पूरा कर लिया है। सोमवार को महाराष्ट्र के सांगोला से बंगाल के शालीमार के बीच 100वीं किसान रेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रेल महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक जाएगी। सांगोला से चली किसान रेल से अंगूर, संतरे और सीताफल के साथ कई अन्य तरह के फल 40 घंटे में दो हजार किमी से अधिक की दूरी तय करेंगे। वापसी में यही किसान रेल बंगाल से आलू, कटहल, गोभी और बैगन जैसी सब्जियां और फलों में आम, केला, लीची के साथ खारे व मीठे पानी की मछलियां लेकर आ सकेगी। पहले यहां की मछलियों के लिए मार्केट नहीं था। अब किसान रेल से इन्हें कहीं से कहीं पहुंचाया जा सकता है। + +किसान के साथ स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला विकल्प ।किसान रेल से किसानों को नया विकल्‍प मिल गया है। ये रेल किसानों को बाजार से जोड़ रही है। किसान रेल में चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। यानि इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं। ये विकल्प किसान के साथ स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77076.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77076.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c2d18e9f68d83546dbb8c213dbae7fdb9301dbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77076.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, खिड़की के पास होने के चलते अधिकतर यात्री साइड लोअर बर्थ पर ही यात्रा करना चाहते हैं। आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) टिकट की सीटें भी साइड लोअर बर्थ पर ही आवंटित होती हैं। बर्थ के बीच में ज्यादा गैप के चलते यात्रियों को सोने में परेशानी होती है। यात्रियों के पीठ में दर्द होने लगता है। दो यात्रियों के एक साथ यात्रा करने पर मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। वे न ठीक से बैठ पाते हैं और न ही ठीक से सो पाते हैं। ऐसे में यात्रियों की शिकायतें बढ़ गई थीं। शिकायतें बोर्ड तक पहुंची तो समस्या का समाधान हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ab53937fe8e4669790cd3374635d4f1733502e70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77081.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यावरण प्रदूषण धुआं, धुंध और धृष्टता।पराली जलाना, आतिशबाजी, गंभीर वायु प्रदूषण, सर्दी और कोरोना जैसी महामारी.. इन सबका घातक मेल हमारे कुछ विशेषज्ञ-सचेतक समझ रहे थे, तभी इनके मिलनकाल से पहले ही वे इसे रोकने में जुटे थे। जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी, उन्हीं दिनों पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े किसानों द्वारा खेत में ही फसल अवशेषों (पराली/पुआल) को धुआंधार जलाना जारी था। यह गलत परंपरा पिछले कई दशकों से जारी है। एक अध्ययन के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में हर साल 3.5 करोड़ टन पराली जलाई जाती है। इससे 14.90 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड, 90 लाख टन कार्बन मोनो ऑक्साइड, 2.5 लाख टन सल्फर ऑक्साइड और 12.8 लाख टन पार्टिकुलेट मैटर इस क्षेत्र की हवा में घुल जाते हैं। इससे दिल्ली-एनसीआर में सांस से जुड़े रोगों में पचास फीसद तक इजाफा हो चुका है। पंजाब और हरियाणा में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसका प्रतिकूल असर स्वास्थ्य पर तो पड़ ही रहा है, साथ ही खेतों की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है। उत्तर में पर्वतराज हिमालय के ग्लेशियर इस घटना से तेजी से पिघल रहे हैं जो एक बड़ी आबादी के जीवन के लिए अहम हैं। आज से पांच साल पहले 10 दिसंबर, 2015 को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में फसल अवशेष को जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था। वायु और प्रदूषण नियंत्रण कानून, 1981 में भी फसल अवशेष जलाना अपराध है, लेकिन तमाम कायदे-कानूनों के लचीले क्रियान्वयन से यह गलत परंपरा अभी तक धुंआ उगल रही है। ।टिड्डी दल का हमला फसलों पर छाया प्रकोप।2020 के मध्य में टिड्डियों के भीषण हमले ने सभी को हैरान-परेशान कर दिया। इससे पहले भारत में टिड्डियों का इस तरह का बड़ा हमला वर्ष 1993 में देखा गया था। दरअसल, टिड्डियों का पहला दल 2019 की शुरुआत में खाड़ी देशों में पहुंचा। फिर धीरे-धीरे वहां से पूरब का रुख किया। पाकिस्तान में तबाही के बाद पश्चिमी और मध्य भारत में अरबों की संख्या में दाखिल टिड्डियों ने करीब चार राज्यों में हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद कर दी। 2020 में भारत में टिड्डी दल का पहला हमला अप्रैल के आसपास राजस्थान में हुआ। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित इनका प्रकोप गुजरात और पंजाब के भी कुछ क्षेत्रों में रहा। भोपाल में विधानसभा भवन की दीवारों पर करोड़ों टिड्डियों के चिपके होने की तस्वीरें खूब वायरल हुईं। टिड्डियों के आक्रमण से निपटने के लिए कहीं कीटनाशकों का छिड़काव किया गया तो कहीं ड्रोन की मदद ली गई। किसानों ने पारंपरिक तरीके से ढोल-बर्तन आदि पीटकर भी इन्हें खदेड़ने का प्रयास किया। आखिरकार बरसात शुरू होने के बाद टिड्डी दल का प्रकोप कम होता गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77083.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77083.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..18b7404785d6bddf20d205564e7ecd581b1a0dca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77083.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण काल के चलते किसान परिवारों पर आए संकट के चलते रोजगार के नए विकल्‍प तलाशे गए। पारंपरिक खेती के अलावा अब किसान का ध्यान उसे हट कर दूसरी ओर भी आकर्षित हो रहा है। लॉकडाउन में नौकरी छूटने पर यूट्यूब पर वीडियो देखते हुए मन में ख्‍याल आया और एक किसान परिवार के बेटे ने मशरूम की खेती शुरू कर दी। उसके देखादेखी आगरा के इरादतनगर क्षेत्र में चार किसानों ने पारंपरिक खेती से हटकर मशरूम की खेती की और अब उसका लाभ ले रहे हैं। ।एक ओर जहां कोरोना ने लोगों से उनके रोजगार छीन लिए वहीं दूसरी और इस मुसीबत के दिनों में लोगों ने जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने के लिए नए-नए तरीके खोजे हैं। इनमें शामिल हैं इरादतनगर निवासी केशव शर्मा, सतीश शर्मा, बंटू और मनोज। केशव शर्मा ने बताया कि लाकडाउन के दौरान उनकी और उनके दोस्तों की नौकरी छूट गई थी। वहीं कोरोनाकाल की वजह से कहीं और काम भी नहीं मिल रहा था। तब उनके मन में मशरूम की खेती करने को विचार आया और सभी ने मिलकर मशरूम की खेती की। अब चारों इसका लाभ ले रहे है। बाजार में मशरूम के अच्छे दाम मिल रहे हैं। सतीश शर्मा ने बताया है कि दो कमरों में 2200 बैग मशरूम तैयार किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77085.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77085.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..432a8041c74a715c9587bf8f3202a21b00b93403 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77085.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ, [संदीप पांडेय]। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप मिला है। वायरस के नए स्ट्रेन से दुनियाभर में हड़कंप हैं। ऐसे में घातक वायरस को लेकर यूपी में भी अलर्ट है। लिहाजा, सरकार ने लैब को अपग्रेड करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में केजीएमयू में जनवरी अंत तक जीन सिक्वेंसिंग जांच शुरू हो जाएगी। केजीएमयू में यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब शुरू हुई। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल-थ्री लैब ने टेस्टि‍ंंग में रि‍कॉर्ड कायम किया है। अब तक नौ लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। मगर, अभी यहां पर कोरोना वायरस के मौजूदा स्वरूप की जांच की ही सुविधा है। + +ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने कोरोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर केजीएमयू ने कदम बढ़ा दिया है। वायरस के नए रूप की समयगत-सटीक पड़ताल करने के लिए जीन सिक्वेंसिंग करने का फैसला किया है। यह जनवरी अंत तक शुरू होगा। इसके साथ ही पीजीआइ में भी तैयारी चल रही है। यह टेस्ट मरीज में रेंडम होंगे। + +नए स्ट्रेन को लेकर जीन सिक्वेंसिंग अनिवार्य।ब्रिटेन से लौटे यात्रियों को लेकर केंद्र सरकार ने गाइड लाइन जारी की है। इसमें पहले यात्रियों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। वहीं कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें कोविड अस्पताल के अलग वार्ड में भर्ती किया जाए। इसके साथ ही पॉजिटिव मरीज में कोरोना वायरस का कौन सा रूप मौजूद है, इसके लिए जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट अनिवार्य किया गया है। यूपी में अभी जीन सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल पुणे भेजने का ही विकल्प है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77086.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77086.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1931d26585eaf2f0b1a32359ae53629592bf4008 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77086.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ओमप्रकाश तिवारी। Maharashtra Politics एक लोक कहावत है कि सौ-सौ चट्ठे खाव, तमाशा घुसकर देखो। महाराष्ट्र में यही दशा कांग्रेस की हो रही है। उसे साझे की सत्ता में रहना है। इसलिए उसे महाविकास आघाड़ी के अपने दोनों सहयोगियों शिवसेना एवं राकांपा की धौंस और घुड़कियां सहते रहना है। सत्ता की चाह में वह अपने ही दोनों सहयोगी दलों के बीच सैंडविच बनती दिखाई दे रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e62af34dc58293c7c59e057c9648ac78ac11aee --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली [ नदीपुत्र रमनकान्त त्यागी]। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति बढ़ती सरकार की सक्रियता और समाज की जागरूकता रंग ला रही है। इन संसाधनों के मामले में फिर धनी होने की ओर हम अग्रसर हैं। आने वाला नया साल इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस प्रकार से भारत के विभिन्न भागों में प्रति वर्ष पानी का संकट बढ़ता जा रहा है उसे देखते हुए समाज व सरकार दोनों स्तरों से सामूहिक पहल अति आवश्यक है। ।पानी की चिंता अगर सरकार ही करेगी तो यह संकट निरंतर गहराता ही जाएगा लेकिन अगर समाज भी सरकार के साथ तालमेल बैठाकर अपनी जिम्मेदारी को समझेगा तो भारत इस विकराल समस्या के मूल में पहुंचकर उसका समाधान कर सकने में सफल होगा। पानी की कमी को वर्षा जल का संरक्षण करके तथा उसके उपयोग में किफायत बरत कर किसी हद तक दूर किया जा सकता है लेकिन उसके प्रदूषण से पार पाना एक कठिन समस्या है। ऐसे हालात में साल 2021 हमारे सामने पानी के संबंध में चुनौतियों और संभावनाओं दोनों का वर्ष बन सकता है। ।हमारे सामने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘हर घर को नल से जल’ एक चुनौती के रूप में है। यह कठिन कार्य तब तक स्थाई समाधान का माध्यम नहीं बन सकता है जब तक कि हम समस्या के स्थान पर ही उसका समाधान नहीं करेंगे। आज अगर बुंदेलखंड या लातूर जैसे क्षेत्रों में पानी की कमी है तो हमें उसका समाधान वहीं खोजना होगा जोकि स्थायी भी होगा। पानी के संकट से उबरने के लिए हमें दो स्तरों से कार्य करना होगा। एक तो पानी का अधिकाधिक संरक्षण व दूसरा उसके उपयोग में कंजूसी बरतना। पानी की कमी व उसके प्रदूषण का सीधा व सरल समाधान हमें प्रतिवर्ष मिलने वाले बारिश के पानी में छुपा है। हमें इन वर्षा की बूंदों को सलीके से संजोकर या तो धरती के गर्भ में भेजना है या सूर्य की किरणों से बचाकर महफूज रखना है। ।वर्षा जल को संजोने के लिए भारत के प्रत्येक राज्य में प्राकृतिक संरचनाएं (तालाब, जोहड़, आहरपाइन, कुंडी जैसे स्रोत) पहले से मौजूद हैं। समय की मार ने इन संरचनाओं को जीर्ण-शीर्ण कर दिया है। हमें इन प्राकृतिक जलस्रोत को पुनर्जीवित करके वर्षाजल को इनमें भेजने का पुख्ता इंतजाम करना है। दैनिक उपयोग, उद्योग व कृषि में खपत कम करने के लिए हमें समाज की अपनी पुरातन परंपराओं और तरीकों पर फिर से जाना होगा। सरकार को भी इसमें सख्ती दिखाते हुए कानून बनाकर उनको अमल में लाना होगा। अगर हम पानी का सही संरक्षण व उसका मितव्ययी उपयोग सीख गए तो नया साल पानी के क्षेत्र में खुशियों की फुहार सरीखा साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77092.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77092.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..557153028ec8055c96c83fb712126ea81ae665a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77092.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन महाराष्ट्र के सांगोला से बंगाल के शालीमार के बीच चलेगी। पहली किसान रेल का संचालन सात अगस्त को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के लिए किया गया था। इसका उद्देश्य फलों व सब्जियों समेत जल्द खराब होने वाले उत्पादों को बाजार तक पहुंचाकर कर किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ आम लोगों को ताजी सब्जियां, फलों व अन्य उत्पादों को किफायती कीमत में उपलब्ध करना है। ।परिवहन शुल्क में 50 फीसद की सब्सिडी।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रलय की तरफ से अधिसूचित सब्जियों व फलों के परिवहन शुल्क में 50 फीसद की सब्सिडी दी जा रही है। सब्सिडी की व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है, जिससे इसका लाभ पात्र किसानों को ही मिल रहा है। + +पहली किसान रेल देवलाली से चलकर नासिक, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और बक्सर से होती हुई दानपुर पहुंचती थी। बाद में इसका विस्तार मुजफ्फरपुर तक कर दिया गया। मांग को देखते हुए इस साप्ताहिक ट्रेन का संचालन फिलहाल हफ्ते में तीन दिन होता है। किसान रेल में किसी भी मात्र में और रूट के किसी भी स्टेशन पर कृषि उत्पाद की लोडिंग-अनलोडिंग की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5eef37c6b05be249c4846c460c51d18ca9031cc5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77093.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काउंसिलिंग से सुलझ जाते हैं 80 फीसद विवाद ।दंपतियों के बीच होने वाले विवाद पुलिस के पास जाने पर उन्हें परिवार परामर्श केंद्र भेजा जाता है। यहां काउंसलर द्वारा पति और पत्नी की कांउसिलिंग की जाती है। मनमुटाव या छोटे-मोटे विवाद काउंसिलिंग के माध्यम से सुलझ जाते हैं। कांउसलर द्वारा दंपती के बीच की गलतफहमी दूर करने से 80 फीसद मामलों में सुलह हो जाती है। जबकि दस फीसद मामलों में मुकदमा दर्ज होता है। बाकी दस फीसद मामलों में दंपती कोर्ट में चले जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c155685dd70d6992f997a0807201ac42b545f4bd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश की पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility Card) की भी शुरुआत की है। इसी के साथ देश में पहली बार 23 किलोमीटर की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (नई दिल्ली से द्वारका 21) के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड शुरू हो गया। आइये क्या है नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड और किस तरह आप इसका कई तरीके से लाभ उठा सकते हैं। ।नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड दरअसल, वन नेशन वन कार्ड वाला एटीएम है। इस एक कार्ड से उपभोक्ता कई सुविधाओं का लाभ उठा सकता है। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इस कार्ड का इस्तेमाल करने के दौरान उपभोक्ता को अलग-अलग कार्ड रखने की परेशानी पूरी तरह से राहत मिल जाएगी। उपभोक्ता इस कॉन्टैक्टलेस एटीएम कार्ड की सहायता से पब्लिक ट्रांसपार्ट, मेट्रो, रिचार्ज, शॉपिंग जैसे कई तरह के कार्यों में सिर्फ एक कार्ड से ही भुगतान कर सकेंगे। ।डेबिट-क्रेडिट कार्ड की तरह करता है काम। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड एक ऐसा स्मार्ट कार्ड है, जो वन नेशन वन कार्ड होने के साथ-साथ भुगतान के लिए कई जगहों पर उपभोक्ता इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, यह डेबिट-क्रेडिट कार्ड की तरह ही काम करता है। निजी और सरकार दोनों तरह के बैंक अब ऐसे डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी कर रहे हैं, जिनमें नेशनल कॉमन मोबेलिटी कार्ड फीचर होता है। इस तरह का स्मार्ट कार्ड कई तरह के बैंक जारी भी करने लगे हैं। ।इन जगहों पर कर सकते हैं भुगतान के लिए इस्तेमाल। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड अपनी खूबियों के चलते उपभोक्ताओं को पंसद भी आ रहा है। बहुउपयोगी होने के कारण उपभोक्ता के लिए वॉलेट की तरह काम करेगा। जिसके जरिये लोग एक ही कार्ड के माध्यम से टोल, पार्किंग, बस और सब अर्बन ट्रेनों में भुगतान कर सकेंंगे। आने वाले समय में वन नेशन वन कार्ड की व्यवस्था के तहत लोग देशभर की मेट्रो ट्रेनों में लोग इसी कार्ड को इस्तेमाल करेंगे। जाहिर है लोगों को हर शहर में अलग-अलग स्मार्ट कार्ड लेकर चलने के झंझट से झुटकारा मिल जाएगा। ।इन जगहों पर इस्तेमाल कर सकेंगे नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड। इस तरह पाएं नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड ।नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड पाने के लिए उपभोक्ता को अपने बैंक से संपर्क करना होगा। बता दें कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड 25 बैंकों में उपलब्ध होने के साथ ही पीटीएम पेमेंट बैंक पर भी उपलब्ध है। इस कार्ड एक खूबी यह भी है कि एटीएम पर इस्तेमाल करने पर 5 पीसद का कैशबैक के मिलने के साथ-साथ विदेश यात्रा के दौरान मर्चेंट आउटलेट पर भुगतान करने पर 10 फीसद का कैशबैक मिलता है। मौसम के हिसाब से यह छूट घटना बढ़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_771.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_771.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..448408ff35be29246aef63cd9643e21db2dd5e49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_771.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मलाइका अरोड़ा अमृता सहित इन सितारों ने भी दी बधाई।मलाइका अरोड़ा ने रालिया को शादी की बधाई देते हुए लिखा, 'गॉड ब्लेस यू बोथ, मुबारक हो आलिया भट्ट एंड रणबीर कपूर, मिस्टर एंड मिसेज कपूर'। मुबारक हो रणबीर कपूर एंड आलिया भट्ट'। जाह्नवी कपूर ने कपल को बधाई देते हुए लिखा, 'फेयरीटेल वेडिंग। आप दोनों को बहुत-बहुत बधाई। आप दोनों को जिंदगी भर ऐसे ही खुशियां और रोशनी आप दोनों की जिंदगी में आए'। आप दोनों को ढेर सारा प्यार हमेशा आलिया भट्ट'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77103.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77103.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2088c36f46342ee58b4b9969d9a57cb87f3a94f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77103.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश में कृषि संकट के कारण : हमारे देश में खेती-किसानी का प्राथमिक संकट संकुचित होते खेतों के आकार में दिखाई देता है। खेतों का औसत क्षेत्र निरंतर सिकुड़ता जा रहा है। वर्ष 2011 की कृषि जनगणना के अनुसार, वर्ष 1970-71 के दौरान जहां एक किसान के पास औसतन 2.28 हेक्टेयर खेत हुआ करता था, वह सिमटकर 1.08 हेक्टेयर ही रह गया है। भारत में खेती-बाड़ी में लगी जनसंख्या में से अधिकांश छोटी जोत के किसान हैं। ये कुल कृषि भूमि का केवल 44 प्रतिशत ही जोतते हैं और कुल कृषि आउटपुट में इनका लगभग 50 प्रतिशत का योगदान है। भू-जोतों का आकार छोटा और आíथक दृष्टि से अधिक लाभप्रद नहीं होने से किसानों को इससे इतनी आय प्राप्त नहीं हो पाती है कि वह कृषि में भावी निवेश कर सके। जोतों का छोटा आकार एवं विखंडित स्वरूप होने के कारण इनमें आधुनिक कृषि मशीनों का इस्तेमाल कठिन हो जाता है। कृषि में यंत्रीकरण यानी मशीनीकरण का स्तर कम होने से कृषि उत्पादकता में कमी होती है। आíथक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार भारत में कृषि का मशीनीकरण लगभग 40 प्रतिशत है, जो कि ब्राजील के 75 प्रतिशत तथा अमेरिका के 95 प्रतिशत से काफी कम है। कृषि गतिविधियों में तेजी प्रदान करने और कृषि को बागवानी से जोड़ने तथा पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि के यंत्रीकरण से किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77104.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77104.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cc4d2b5fd7efdc0f842a7fbd3694f8a70cbf6a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77104.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आशुतोष शुक्ल। वैसे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में आयोजित यह महज एक काव्य समारोह था, परंतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण ने उसे विशिष्ट बना दिया। लगभग 20 मिनट के अपने संबोधन में योगी ने वह विषय उठाया जो कई दशकों से संस्कृति के विभिन्न विमर्शो में प्रमुखता पाता रहा है। उन्होंने जब कहा कि, मनुष्य का मजहब बदल सकता है, पूर्वज नहीं, तो उन्होंने हिंदू शब्द की भौगोलिक व्याख्या की। इंडोनेशिया की रामलीला का संदर्भ देकर उन्होंने कहा कि वहां मुस्लिम कलाकार रामलीलाओं में राम और सीता बनते हैं और स्वयं को राम का वंशज मानते हैं। + +योगी बोले, मजहब तो देश, काल-परिस्थिति के अनुसार बदल सकता है, लेकिन पुरखे तो सबके हमेशा एक ही रहेंगे। उनका अभिप्राय था कि भारत में रहने वाला चाहे जिस धर्म को मानता हो, उसे यह मानना चाहिए कि उसके पूर्वज हिंदू थे। योगी ने भगवान राम को अयोध्या में गत चार वर्षो से हो रहे दीपोत्सव के साथ इसे जोड़ा। इसके बाद उन्होंने कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट चिंतन को भी लपेटा। उन्होंने कहा कि इन्हीं दोनों वर्गो के कारण भारत में अनेक प्रकार की समस्याएं आईं। योगी का भाषण बौद्धिक चिंतन की सनातन धारा को समर्थन दे गया। विडंबना है कि जब-जब समस्त भारतीयों के एक पूर्वज होने की बात उठती है तो बुद्धिजीवियों का एक बड़ा वर्ग उसके विरुद्ध खड़ा हो जाता है। विज्ञान की कसौटी पर धर्म को कसने वालों की दृष्टि में डीएनए की ताíककता तब समाप्त हो जाती है। + +आइपीएस के पीछे पुलिस : पिछले हफ्ते एक और अनोखी घटना घटी। पशुपालन विभाग में पिछले साल टेंडर दिलाने के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ था। इसमें एक आइपीएस अरविंद सेन का नाम भी उछला। जांच के दौरान ही अरविंद सेन लापता हो गए। पहले उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया और शनिवार को उनके घर के बाहर डुगडुगी बजाई गई। मुख्यत: नव धनिकों की कालोनी गोमतीनगर में उनके घर के बाहर सरकारी कर्मचारियों ने बाजा बजाकर पहले तो आसपास वालों का ध्यान आकर्षति किया और फिर घोषणा की कि यदि निलंबित डीआइजी अरविंद सेन अदालत में हाजिर नहीं होते तो उनकी संपति कुर्क कर दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77105.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77105.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..174d6673ca711d1ce83693966e23838d4f0fa857 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77105.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लुधियाना, [राजेश भट्ट]। Halwara International Airport :  हलवारा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल बनाने के लिए पंजाब सरकार ने पूरी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। रायकोट रोड से एयरपोर्ट टर्मिनल तक बनने वाली अप्रोच रोड का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। रायकोट रोड से एतियाणा में बनने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल तक सड़क की चौड़ाई दोगुनी की जा रही है, ताकि वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सके। वहीं फिरोजपुर रोड से बनने वाली सड़क का काम दो साल बाद भी ठंडे बस्ते में है। ।पंजाब सरकार ने अप्रोच रोड बनाने का काम पंजाब मंडी बोर्ड को सौंपा है। इसके लिए ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (ग्लाडा) ने साढ़े आठ करोड़ रुपये मंडी बोर्ड को ट्रांसफर कर दिए हैं। वहीं फिरोजपुर रोड से एयरपोर्ट तक बनने वाली सड़क का प्रोजेक्ट फिलहाल फाइलों में ही दबा है। जनवरी 2019 के बाद इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्लाडा ने कोई काम नहीं किया है। + +एयरपोर्ट की अप्रोच रोड बनाने की जिम्मेदारी कंपनी की।पंजाब सरकार और एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने संयुक्त कंपनी लुधियाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड बनाई है। इसके तहत एयरपोर्ट निर्माण व एयरपोर्ट की अप्रोच रोड बनाने की जिम्मेदारी भी कंपनी की है। इस कंपनी में पंजाब सरकार ने ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी को शामिल किया है। अप्रोच रोड व चारदीवारी बनवाने की जिम्मेदारी ग्लाडा के पास है। ग्लाडा ने चारदीवारी का काम पीडब्ल्यूडी को सौंपा है और अप्रोच रोड पंजाब मंडी बोर्ड बनाएगा। मंडी बोर्ड ने रायकोट रोड से एयरपोर्ट टर्मिनल तक सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77106.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77106.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..64f1f906382461e415e396cfd4df37ffb1e6f217 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77106.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दिल्ली में आम आदमी पार्टी तीसरी बार दिल्ली की सत्ता में आ चुकी है। अब पार्टी विस्तार की आगे की रणनीति क्या है? ।-आम आदमी पार्टी आगामी 2022 में होने वाले चार राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। ये राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा हैं। सभी जगह पार्टी सक्रिय है, सभी राज्यों के स्तर पर संगठन मजबूत किया जा रहा है। पार्टी के केंद्रीय नेता भी इन राज्यों पर नजर गड़ाए हैं? ।चुनाव के लिए अभी डेढ़ साल का समय है। मगर अभी कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश को लेकर आप और भाजपा के बीच टकराव सामने आया? ।यह टकराव नहीं है, भाजपा की बेचैनी है। दरअसल पार्टी के मुखिया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की घोषणा क्या कर दी, भाजपा परेशान हो गई है। उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री सिद्धार्थनाथ सह ने हमें बहस की चुनौती तक दे डाली। मनीष सिसोदिया जी बहस के लिए 22 दिसंबर को लखनऊ पहुंचे तो उत्तर प्रदेश सरकार का कोई मंत्री नहीं आया। मनीष सिसोदिया जी जब उत्तर प्रदेश सरकार का स्कूल देखने गए तो उन्हें पुलिस फोर्स लगाकर रोक लिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार अपने स्कूल दिखाने से डर रही है। + +आम आदमी पार्टी का अगला टारगेट दिल्ली नगर निगम हैं। निगमों के चुनाव को लेकर आप की रणनीति क्या है?।-बिल्कुल हमारा अगला टारगेट दिल्ली में तीनों नगर निगमों में सत्ता हासिल करना है। इसके लिए पार्टी अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। अब जनता भी देख चुकी है कि आम आदमी पार्टी ही दिल्ली में विकास कार्य करा सकती है। तीनों नगर निगमों की बदहाल स्थिति को सुधार सकती है। भाजपा ने तीनों नगर निगमों को बदहाल कर दिया है। भाजपा ने तीनों नगर निगमों को भ्रष्टाचार का अच्छा बना दिया है। इसे हम मुद्दा बना रहे हैं। दिल्ली सरकार कर्मचारियों के वेतन के लिए जो पैसा देती है उसे निगमों में सत्तासीन लोग खा जाते हैं। कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d49ade720570057b7b7ae7ca5712a40179d94f9d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + मॉस्को, आइएएनएस। यह तो लगभग सभी जानते ही हैं कि महासागरों में भूस्खलन और भू-गर्भिक प्लेटों के खिसकने से अक्सर भूकंप आते हैं। अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि आर्कटिक क्षेत्र में लगातार बढ़ती गर्मी से भी विनाशकारी भूकंप आ सकते हैं। आर्कटिक के प्रेमाफ्रोस्ट और शेल्फ जोन से मीथेन गैस का रिसाव सबसे ज्यादा होता है। जलवायु का गर्म करने में इस गैस भूमिका सर्वाधिक रहती है। प्रेमाफ्रोस्ट ऐसे क्षेत्र को कहते हैं जो दो या उससे अधिक वर्षो तक बर्फ से ढका रहे और शेल्फ जोन से आशय ऐसे महाद्वीपीय इलाके से है जो जल के भीतर समुद्रतल से कम ऊंचाई पर स्थिति हो। ऐसे इलाकों में पानी की गहराई कम होती है। ।रूस के मकाऊ इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने जताई चिंता।जर्नल जियोसाइंसेस में प्रकाशित इस अध्ययन में इस क्षेत्र में अचानक तापमान में बदलाव के कारकों पर विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि ग्लोबल वाìमग को व्यापक रूप से मानव गतिविधि के कारण माना जाता है, जो वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को बढ़ाता है। हालांकि, यह दृष्टिकोण इस बात को स्पष्ट नहीं करता है कि तापमान कभी-कभी अचानक क्यों बढ़ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77110.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77110.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f08e142a801591612774e387e5a1695a7bd10b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77110.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पार्टी के वजूद पर मंडराते सवालों की बेचैनी ही है कि कांग्रेस के सियासी शिखर के साक्षी रहे कई पुराने दिग्गज नेता इस हालत को लेकर आज मुखर हैं और नेतृत्व की नजरों में उन्हें असंतुष्ट माना जा रहा है। मगर नेतृत्व इस सियासी हकीकत से नजरें नहीं चुरा सकता कि संप्रग की अगुआई करते हुए 2009 में लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने वाली कांग्रेस बीते दो आम चुनाव में लोकसभा में विपक्ष का आधिकारिक दर्जा हासिल करने लायक सीटें भी जीत पाने में नाकाम रही है। + +2019 में भी कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त।इससे बड़ी हास्यास्पद स्थिति क्या होगी कि तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों ने लोकसभा चुनाव की नाकामी के बाद इस्तीफा दिया। मगर नेतृत्व की दुविधा ऐसी रही कि बिहार विधानसभा और हैदराबाद नगर निगम के चुनाव तक उनके इस्तीफे मंजूर नहीं हुए। इसीलिए इन दोनों ने डेढ़ साल में दूसरी नाकामी के बाद दोबारा इस्तीफा दिया है। 2019 के आम चुनाव की शिकस्त और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से तो पार्टी संगठन का ढांचा ही लगभग ध्वस्त है। एआइसीसी का संचालन अधिकतर ऐसे नेताओं के हाथ में है, जिनके जमीनी आधार पर खुद पार्टी जनों को शायद ही भरोसा हो। कांग्रेस के संगठन महासचिव पद पर बैठे केसी वेणुगोपाल केरल की राजनीति में चाहे प्रासंगिक हों, मगर उनके लिए उत्तर, पश्चिम और पूर्वी भारत के नेताओं से प्रभावी संवाद तो दूर सहज मेल-मुलाकात भी दुरूह कार्य है। ऐसे में संगठन के मौजूदा हालात को तत्काल नहीं बदला गया तो कांग्रेस के सामने वजूद बचाने का संघर्ष वाकई बहुत बड़ा होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..673ef9159fa2759d5cc3700b2fad1ef8d221a93c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77115.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अगर मेरे मित्रों की कही गई बातों का ध्यान से विश्लेषण करें तो इससे बच्चों के दिमाग में एक ऐसी संस्कृति की छाप पड़ रही है जो भारतीय नहीं है। बालमन पर पड़ने वाले इस प्रभाव का दूरगामी असर हो सकता है। बच्चे अपनी भारतीय संस्कृति से दूर हो सकते हैं। इस बात पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि क्या इन वीडियोज से हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का और अधिक क्षरण होगा। इस समय संचार माध्यमों का उपयोग अपने हितों का विस्तार देने के औजार के तौर पर किया जा रहा है. इस पर ध्यान रखना अपेक्षित है। तकनीक के हथियार से सांस्कृतिक और धार्मिक उपनिवेशवाद को मजबूत किया जा सकता है। ।पेपा पिग के माध्यम से जो बातें हमारे देश के बच्चे सीख रहे हैं वो तो कम से कम इस ओर ही इशारा कर रही है। बाल मनोविज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि बच्चे जब इस तरह के वीडियोज देखते हैं तो वो अपने आसपास की दुनिया को भी वैसा ही समझने लगते हैं। इसका असर बच्चों के बौद्धिक स्तर पर भले न पड़ता हो लेकिन उसका सामाजिक जीवन प्रभावित होता है। जब सामाजिक जीवन प्रभावित होता है तो संस्कृति भी प्रभावित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65594a1a14b8d5d2c4ca275045e6a117cc772503 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77116.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नाम पर बस, बदनसीबी।नाई की मंडी में मिर्जा गालिब के नाम पर छोटा और बड़ा गालिबपुरा है। नाई की मंडी के पूर्व पार्षद मो. सुहैल कुरैशी ने बताया कि वर्ष 2008-09 में नगर निगम में उन्होंने नाई की मंडी चौराहा का नाम गालिब के नाम पर करने का प्रस्ताव रखा था, पास हुआ, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते बाद में कुछ नहीं हो पाया। + +पार्क का नाम भी बदला गया।छावनी क्षेत्र में 509 के पास चिल्ड्न पार्क का नाम करीब आठ साल पहले गालिब के नाम पर कर दिया गया था। वहां गालिब द्वारा बच्चों के लिए लिखे शेर बोर्ड पर लिख कर जगह-जगह लगाए गए थे। साहित्यसेवी अरुण डंग ने बताया कि यह प्रयास 509 के बिग्रेडियर मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने किया था। डंग के अनुसार तत्कालीन जिलाधिकारी दुर्गाशंकर मिश्र ने छह लाख रुपये गालिब की आदमकद प्रतिमा के लिए स्वीकृत कराए थे, लेकिन वह भी नहीं लग सकी। ताजमहोत्सव में जरूर एक मुशायरा उनके नाम से हो रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77118.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77118.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a50d9a357d46a752ae80c71955c4e19c810452d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77118.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मिर्जा गालिब रिसर्च अकादमी के निदेशक डाक्टर इख्तियार जाफरी कहते हैं असद उल्लाह बेग खां यानी गालिब 18 वीं सदी की शुरूआत में ही दिल्ली चले गए थे। उनका निकाह हरियाणा के पानीपत के पास लुहारू रियासत के नवाब इलाही बख्श खां मारूफ की बेटी उमराव बेगम से हुआ था। नवाब इलाही बख्श दिल्ली में रहने लगे थे। मिर्जा गालिब के आगरा में दस करीबी दोस्त थे। इनमें मुंशी शिव नारायण आराम, आगरा लेफ्टीनेंट गर्वनर के चीफ सेक्रेटरी मौलवी गुलाम गौस खां बेखबर, मौलवी गुलाम इमाम शहीद और मुंशी हर प्यारे लाल के नाम मुख्य हैं। आगरा में उनके 18 शागिर्द थे। इनमें मौलवी आजम अली आजम, गोविंद सहाय निषात और गुलाम अली मेहर का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। मौलवी आजम अली आजम आगरा कालेज में फारसी के प्रोफेसर थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77121.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77121.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..813019a0dacba0ef17fb6a52d77ee843bfc61828 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77121.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोविड-19 संक्रमण के चलते मार्च में शुरू हुआ लाकडाउन जून तक चलता रहा। इंसान जहां घर में ‘कैद’ होकर रह गया वहीं दिल्ली एनसीआर ही नहीं, देश भर की तमाम गतिविधियां भी ठप हो गईं। इससे जो एक ऐतिहासिक फायदा हुआ, वह हवा से प्रदूषण गायब होने का रहा। आइटीओ से अक्षरधाम मंदिर तक साफ दिखाई देने लगा। साफ हवा का सकारात्मक असर यह भी रहा कि सांस के रोगी भी खुद को स्वस्थ महसूस करने लगे। धीरे धीरे अनलाक हुआ तो भी वायु प्रदूषण काफी हद तक नियंत्रण में रहा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77122.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77122.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9fe6e19ebe19dbc5ca1a8e88dcda30d7a019472a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77122.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसानों के मंच पर आ चुके हैं विवादित लोग।तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब की विभिन्न किसान यूनियनों ने दिल्ली चलो का नारा दिया था। इसके तहत किसानों का जत्था 27 नवंबर की सुबह कुंडली बार्डर पर पहुंचा और पुलिस से संघर्ष के बाद जीटी रोड को जाम कर वहीं बैठ गया। शुरुआत में यहां केवल पंजाब के किसानों का जमावड़ा था, लेकिन बाद में हरियाणा, दिल्ली और आसपास के कुछ किसान नेता व संगठन भी इसमें शामिल हो गए। शाहीन बाग प्रदर्शन के कर्ता-धर्ता भी इसमें शिरकत करने पहुंच गए। विभिन्न वामपंथी संगठनों के सदस्य, छात्र संगठनों का भी यहां जमावड़ा लगना शुरू हो गया और यह कथित आंदोलन पूरी तरह से सरकार विरोधी हो गया। हालांकि बाद में किसान नेताओं ने किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा करने से इन्कार कर दिया, लेकिन मौके पर रोजाना बाहरी लोगों का जमावड़ा कुछ और ही कहानी कहता है। कुछ दिन पूर्व टिकरी बार्डर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले शाहीन बाग के आरोपितों के पक्ष में पोस्टर-बैनर ल।कसान, आमजन, व्यापरी सब परेशान।एक महीने से चल रही इस घेरेबंदी से सब परेशान हैं। क्षेत्र की औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो चुकी है। कुंडली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिक परेशानियों के चलते पलायन को मजबूर हैं। एसोचैम के अनुसार, आंदोलन के कारण 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। रोजाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान केवल कुंडली और नाथूपुर औद्योगिक क्षेत्र को ही हो रहा है। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के दूसरे शहरों से आने-जाने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। व्यापार प्रभावित हो रहा है। छोटे व्यापारियों और कामगारों के समक्ष रोजी-रोटी के लाले पड़ने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77123.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77123.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50dfb3f2a3f98eac917aa575211b296e5741c6bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77123.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बिस्‍फी के भाजपा विधायक ने किया समर्थन।भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने अबतक आधिकारिक तौर पर संघ की इस मांग का समर्थन नहीं किया है। लेकिन, पार्टी के विधायकों के बीच इसकी चर्चा होने लगी है। मधुबनी जिला के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा-यह बेहद जरूरी मांग है। बिहार सरकार जल्द से जल्द लव जिहाद रोकने के लिए कानून बनाए। हम नेतृत्व से मांग करते हैं कि वह इसके लिए राज्य सरकार से बातचीत करे। ठाकुर ने एक कदम आगे बढ़ कर कहा कि लव जिहाद (Love Jihad) रोकने के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण (Population Cantrol Act) के लिए भी कानून बने। ये दोनों कानून नहीं बने तो अगले 30 वर्षों में देश में हिंदू ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77127.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77127.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9e1edcb24d3ccb22f3bf5db5612ce447c3cd2d2a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77127.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, राहुल सिंह। चांदनी चौक के जायकों का अपना अलग ही मजा है। ना केवल दिल्ली से आकर लोग यहां स्वाद चखते हैं, बल्कि पूरे देश से आए लोगों को चांदनी चौक की खुशबू अपनी ओर खींचे लाती है। पुरानी दिल्ली के पराठे, चाट, समोसे, जलेबी, दही भल्ले, जलेबी और छोटे-भटूरे लोगों को खूब भाते हैं। नए साल के अवसर पर लोग पुरानी दिल्ली में पहुंचने लगे हैं। ।चाट पकौड़ी व मीठे व्यंजनों के शौकीनों का इन दिनों बाजार में पहुंचना शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण के बावजूद दुकानों पर चहल-पहल देखने को मिल रही है। दुकानदार भी कोविड-19 से बचाने के लिए डिस्पोजल प्लेट व गलास का इस्तेमाल कर रहे हैं। ।इसके अलावा दुकानों के अंदर भी दूरी के साथ बैठाने की व्यवस्था करने में जुटे हैं। मिठाई की दुकान करने वाले संजीव उपाध्याय का कहना है कि स्वाद के मामले में यहां की जलेबी देशभर में पहचानी जाती है, जो देसी घी से तैयार की जाती है। यह जलेबी मोटी होती है, जिसके चलते इसमें भरपूर चासनी भरी जाती है। वहीं, लोग पुरानी दिल्ली में आकर पराठे खाने के लिए जरूर पहुंचते हैं। + +दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक।कोरोना के टीका लगवाने के लिए पंजीकरण कराने के नाम पर आ रहे फोन तो हो जाएं खबरदार।CBSE Board Exam Date: लाखों छात्रों और पेरेंट्स के लिए राहत भरी खबर, 31 दिसंबर को होगी बोर्ड परीक्षा के तारीख की घोषणा।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77130.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77130.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98b4ddf64c97133124bea32269f79eda937c9ca9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77130.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +किसान, आमजन, व्यापरी सब परेशान।एक महीने से चल रही इस घेराबंदी से सब परेशान हैं। क्षेत्र की औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो चुकी हैं। कुंडली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिक परेशानियों के चलते पलायन को मजबूर हैं। एसोचैम के अनुसार, आंदोलन के कारण 35 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। रोजाना 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान केवल कुंडली और नाथूपुर औद्योगिक क्षेत्र को ही हो रहा है। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के दूसरे शहरों से आनेजाने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसके कारण छोटे व्यापारियों और कामगारों के समक्ष रोजी-रोटी के लाले पड़ने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3faa8e8d2dedc456917c3e8ee6b366e850b0b9ec --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77134.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बिहार में इस बार सत्ता के समीकरण में भाजपा का पलड़ा भारी है। मुख्यमंत्री भले ही नीतीश कुमार हों, लेकिन मंत्रियों की संख्या भाजपा की ही ज्यादा रहने वाली है। संख्या को लेकर अभी तक पेंच फंसा है और इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सका है। इसी बीच क्रिसमस के दिन यह खबर आई कि अरुणाचल प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रहे जदयू के सात में से छह विधायक भाजपा ने तोड़ लिए। अरुणाचल प्रदेश में दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और साठ के सदन में 41 भाजपा के पास तथा सात जदयू के खाते में थे। वहां पंचायत चुनाव होने हैं, इसलिए राजनीतिक नफा-नुकसान के तहत यह घटनाक्रम हो गया। वैसे तो इसे सामान्य माना जाता, लेकिन यह ऐसे समय में हुआ जब बिहार में 26 तथा 27 को जदयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति और राष्ट्रीय कार्यपरिषद की बैठक होने वाली है। + +जदयू इसे लेकर खफा है और इसे गलत ठहरा रहा है, जबकि भाजपा अभी तक चुप्पी साधे है। विपक्ष को तो बोलने का मौका चाहिए, सो उसे मिल गया। कोई इसे क्रिसमस गिफ्ट बता रहा है तो कोई ऊंट पहाड़ के नीचे कहकर खिल्ली उड़ा रहा है। भाजपा के दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर सिन्हा और रेणु देवी बुधवार तथा गुरुवार को दिल्ली में डेरा डाले थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई वरिष्ठों से उन्होंने मुलाकात की। भले ही यह सामान्य शिष्टाचार हो, लेकिन अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारे में इस मुलाकात को लेकर बिहार की भावी राजनीति पर भी अटकलें लगने लगी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e886b0a2986ab8b60b6a7494784b4cb47fe381d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77135.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पति को समझ आए पत्नी के काम।दिनभर तुम करती ही क्या हो? बस सोती रहती हो या घूमती रहती हो। ऐसा कहने वाले पुरुषों को कोरोनाकाल में घर पर रहने के दौरान घर की महिलाओं के काम का पता चला है। पानीपत में रहने वाली होममेकर संगीता सचदेवा कहती हैं, इस दौरान घर में सबको पता लगा कि कौन कितना काम करता है। पहले पुरुषों को लगता था कि हम ऑफिस चले गए तो पीछे से क्या किया? अब वे खुद ही देख रहे हैं कि कितना काम होता है घर पर। महिलाएं अपनी जिंदगी का पूरा समय बच्चों और पति के लिए खर्च कर देती हैं। ।थोड़ा सा केयरिंग एटीट्यूड बना है। महिलाओं के इस अवैतनिक काम को पहले पुरुष समझ नहीं पाते थे। आंकड़े कहते हैं कि दुनियाभर में महिलाएं पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा अनपेड वर्क यानी ऐसा काम करती हैं जिसके लिए उन्हें कोई आर्थिक भुगतान नहीं किया जाता। भारत में जहां पुरुष रोजाना औसतन 52 मिनट ही ऐसा कोई काम करते हैं, वहीं महिलाओं के मामले में यह आंकड़ा औसतन 352 मिनट यानी लगभग छह घंटे है। आंकड़े यह भी कहते हैं कि महिलाएं जितना काम घरों में करती हैं, वह भारत की जीडीपी के 3.1 फीसद के बराबर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b280c046c2e1d3f0d0b32c092cb2fbde4aaea56 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77136.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +छह माह पहले सबसे कम बोली लगाने के कारण चीन की शंघाई टनल इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड (एसटीईसी) को टेंडर मिला है। लद्दाख की गलवन घाटी में भारत-चीन के बीच छिड़े सीमा विवाद के चलते एनसीआरटीसी ने उस समय यह कहते हुए टेंडर प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया था कि बोली का मूल्यांकन किया जा रहा है। 1,126 करोड़ रुपये में एसटीईसी सुरंग खोद कर इस हिस्से का निर्माण करेगी। इस दौड़ में पांच कंपनियां थीं। + +आनंद विहार स्टेशन भी भूमिगत होगा: ।इस भूमिगत हिस्से में ही आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के सामने रोड के नीचे रैपिड रेल का आनंद विहार स्टेशन बनेगा। इसे आनंद विहार रेलवे टर्मिनल, बस अड्डा, मेट्रो और कौशांबी बस अड्डा से जोड़ा जाएगा। ।रीजनल रैपिड रेल से जुड़े तथ्य।भूमिगत कारिडोर बनाने के लिए चार टनल बोरिंग मशीन का होगा आयात, खिचड़ीपुर के पास से रैपिड रेल का एलिवेटेड कारिडोर डाउन होकर भूमि के नीचे जाएगा। ।ये है चयन की वजह।- यह प्रोजेक्ट एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित है, उसकी शर्तो को मानना बाध्यता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5252053ac0a93dd6ced7b0853cdd4d83cdecd7ba --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77141.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बेटिकट यात्रियों से वसूला का खाता शून्य, घर बैठे टिकट चेकिंग स्टाफ को वेतन देने में छूटे पसीने।चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ दस लाख रुपये ही वसूले जा सके हैं। ऐसे में करीब 529 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। नए साल के बाद रेल संचालन सामान्य होने की उम्मीद बंधी है, जिसके बाद नुकसान की भरपाई कुछ हद तक हो पाएगी। रेलवे में टिकट चेकिंग का अधिकार महज चेकिंग स्टाफ ही नहीं बल्कि संबंधित राज्य के स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट, रेलवे विजिलेंस और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को भी हैं। + +कोरोना काल में महज 20 फीसद ट्रेनें पटरी पर, कन्फर्म टिकट पर यात्रा की इजाजत के कारण खजाने पर असर।रेलवे के आंकड़ों पर गौर करें, तो मुफ्त में रेल यात्रा करने वालों की संख्या में हर साल इजाफा होता रहा है। सन् 2016-17 की बात करें तो मुफ्त में यात्रा करने वालों से 405.30 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूल किया गया, जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा बढ़कर 441.62 करोड़ तक पहुंच गया। इसी तरह 2018-19 में यह आंकड़ा 530 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जबकि 2019-20 में 561.73 करोड़ रुपये जुर्माना वसूल किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77143.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77143.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b950022e653b95f9d2cad0eec8c45ac83dacef62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77143.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, जेएनएन। बुधवार को गुरु नानक नगर में दाई के घर पर चल रहे भ्रूण लिंग जांच के अड्डे पर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की रेड देख भागने वाला रिंकल बीआरएस नगर के एक निजी अस्पताल में काम करने वाला पीआरओ निकला। मामले की जांच कर रहे एएसआइ गुरदयाल सिंह ने बताया कि रिंकल के अन्य कई अस्पतालों में संपर्क हैं। वह वहां से भी गर्भवतियों से तालमेल कर भ्रूण लिंग जांच के लिए लाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77144.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77144.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..475e74041df43ef60770d50594080cb041b6e24b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77144.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवेक ओझा। हिंद महासागर के द्वीपीय देशों तक भारत की पहुंच के प्रयासों के पीछे कई सामरिक उद्देश्य काम कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की हालिया श्रीलंका व सेशेल्स की यात्र इसी सोच का एक हिस्सा रही है और इस रूप में द्वीपीय कूटनीति (आइलैंड डिप्लोमेसी) को भारतीय विदेश नीति के स्तंभ के रूप में विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सेशेल्स के एजम्पसन द्वीप में भारत अपने सैन्य अड्डे की स्थापना के अवसर खोज रहा है। साथ ही अन्य द्वीपीय देशों में अपनी आíथक कूटनीतिक संलग्नता को भी बढ़ा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f4e3abecb9781bc87947f502dcc6854b17e21fb4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अटलजी के साथ बिताए पलों को याद करते हुए किरण कहती हैं कि यादों का एक स्वभाव होता है। एक बार कोई खिड़की या रोशनदान खुला नहीं कि यादों का हुजूम उमड़ पड़ता है। अटल जी से जुड़ी कई स्मृतियां आज भी जेहन में बादलों की तरह उमड़ती-घुमड़ती रहती हैं। संगठन और सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी वे हमेशा साधारण से साधारण कार्यकर्ताओं के लिए बस अटलजी ही बने रहे। ।पकवानों में मालपुआ देखकर प्रसन्न हो गए थे अटलजी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के घर पर एक बार अटलजी के साथ भोजन करने संबंधित वाकये का जिक्र करते हुए किरण घई यादों में खो जाती हैं। वे कहती हैं कि भोजन पर मुझे भी आमंत्रित किया गया था। आज भी याद है खाने की मेज पर तरह-तरह के व्यंजन देखकर उनके चेहरे पर आनंद का भाव देखने लायक था। अटलजी तमाम पकवान में मालपुआ देखकर प्रसन्न हो गए थे। बोल पड़े ओ... मालपुआ भी है। विमला भाभी (रविशंकर प्रसाद की मां) बनाई होंगी। अब तो इसके साथ न्याय करना ही पड़ेगा। कहते-कहते दो-तीन मालपुए उठाकर अपनी प्लेट में रख लिए। अटलजी सुस्वादु भोजन की प्रशंसा दिल से करते थे। यही नहीं, भोजन कराने वाले को संतुष्ट करने में भी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46aae066fd3eea71336395f692a041683d506010 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। पिछले कुछ दिनों से एक नई तरह की ठगी का मामला सामने आया है। देश के कई बड़े शहरों में लोन एप (Loan App) के जरिए ठगी की जा रही है। आज के इस दौर में हर किसी को लोन की जरूरत पड़ती ही है। इसी का फायदा उठाते हुए कई कंपनियां लोगों को घर बैठे एप के माध्यम से लोन दे रही हैं। इन लोन एप के माध्यम से छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी रकम आपके बैंक खाते में आसानी से ट्रांसफर की जाती है। एप के माध्यम से जितना ही ये लोन लेने में आसान है उससे कहीं ज्यादा लोग इसमें ठगी का शिकार हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f46da83c8868f793340f699f4ad1e3a0c88d330f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वारेन हेस्टिंग्स ने बताया नायाब तोहफा।बिना हेस्टिंग्स के प्रयासों के गीता का यह पहला अनुवाद संभव नहीं हो पाता। अक्टूबर 1784 में विलकिंस ने हेस्टिंग्स को अनुवाद प्रदान किया था। अपनी पत्नी को लिखे पत्र में एक स्थान पर हेस्टिंग्स ने लिखा था कि आज मेरे मित्र विलकिंस ने मुझे नायाब तोहफा दिया है। इसे मैं जल्द ही जनता को समॢपत करने वाला हूं। 1784 के दिसंबर माह में हेस्टिंग्स ने इस अनुवाद को ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड के सामने पेश किया और पूरा जोर लगाया कि कंपनी इसका प्रकाशन करे। उन्हीं के प्रयासों के बाद 1785 में यह कृति छपकर आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77151.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77151.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..53fd963d0ffdc3a06b45daf1549b3f8b5a6a88f5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77151.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसा लगता है कि मथुरा-वृंदावन की पवित्र भूमि पर इन प्रवासी पक्षियों ने धूनी रमा रखी हो। यमुना नदी का पानी और नदी किनारे के हेविटाट आवासीय पक्षियों के साथ साथ प्रवासी पक्षियों को भी रास आ रहे हैं। पक्षियों की प्रजातियों एवं संख्या के आधार पर मथुरा-वृंदावन ईको टूरिज्म का बहुत बड़ा केंद्र बनाया जा सकता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के प्रतिदिन आगमन का लाभ ईको टूरिज्म को मिल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77152.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77152.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f5da320f98a60237a1378ec79f11b2e1dd47e2b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77152.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जालंधर [प्रियंका सिंह]। शहर के माई हीरां गेट मार्केट ने दुनिया भर में अलग पहचान बनाई है। वजह है यहां बड़ी संख्या में लगने वाली किताबों की दुकानें। कहते हैं कि जो किताब कहीं नहीं मिलती वह माई हीरां गेट में मिल जाती है। चार सौ दुकानों वाली यह बुक मार्केट एशिया में सबसे बड़ी मानी जाती है। इसी कारण लोग दूर-दूर से यहां किताबें खरीदने आते हैं। यह मार्केट सिटी रेलवे स्टेशन के पास ही है। एक किमी से से ज्यादा दूरी नहीं है। स्टेशन से पैदल भी यहां पहुंचा जा सकता है। अलग-अलग जोनर की किताबों से भरपूर यह मार्केट खुद में रोचक इतिहास समेटे है। विदेश में रह रहे लोग भी यहां से किताबें लेकर जाते हैं। अगर आपका भी कभी जालंधर आना हो तो इस मार्केट में जाना ना भूलें। + +डेढ़ सौ साल पुरानी है यह मार्केट ।इतिहासकारों के अनुसार माई हीरां गेट में किताबों का बाजार आजादी से पहले का है। पहले यहां पर बहुत कम किताबों की दुकानें होती थी। पुरानी दुकानें आज भी उसी तरह कायम हैं। अंग्रेजों के जमाने से प्रचलित यह पुस्तक बाजार आज बड़े एरिया में फैल चुका है। यहां पर हर कक्षा से संबंधित विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें आसानी से मिल जाती हैं। ऐसा कोई लेखक या साहित्य की विधा नहीं, जिसकी किताबें यहां पर ना मिलती हों। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77153.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77153.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..274d4828eaae73d6cc3a026fa243e58f231f3249 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77153.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +स्पाइक में हुआ एक अन्य बदलाव लोगों की एंटीबॉडी को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले ठीक हो चुके हों या जिन्होंने कोरोना की वैक्सीन ले रखी है। दक्षिण अफ्रीका वाले कोरोना स्ट्रेन में भी कई बदलाव हुए हैं, जिनमें एन501वाई म्युटेशन सबसे उल्लेखनीय है। ।क्यों तेजी से फैल रहा नया स्ट्रेन।विज्ञानी इस बात पर बल दे रहे हैं कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन पहले वाले से ज्यादा संक्रामक हैं। विशेषज्ञ केंट व ब्रिटेन के अन्य इलाकों में नवंबर में हुए लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ने वाले कोरोना संक्रमण का हवाला देते हैं। विज्ञानी कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान कोरोना का नया स्ट्रेन तेजी से फैला, जबकि पुराने वायरस में गिरावट दर्ज की गई। अगर उनका दावा सही है तो वायरस के दोनों नए स्ट्रेन हवा के जरिये तेजी से फैल सकते हैं और ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। + +56 फीसद ज्यादा संक्रामक : रिपोर्ट।लंदन स्थित सेंटर फॉर मैथेमेटिकल मॉडलिंग ऑफ इंफेक्शस डिजिज के अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन 56 फीसद ज्यादा संक्रामक हो सकते हैं। हालांकि, इसका अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है कि यह ज्यादा घातक भी होगा। इससे पहले ब्रिटेन सरकार भी यह कह चुकी है कि नया स्ट्रेन 70 फीसद तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। ऐसे में नए स्ट्रेन के प्रसार के बाद ज्यादा अस्पतालों और क्वारंटाइन सुविधाओं की जरूरत पड़ सकती है। ।नए स्ट्रेन के लक्षण ।कोरोना वैक्सीन की सफलता ने जहां लोगों में उम्मीद भर दी थी, वहीं वायरस के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद उनकी चिंता बढ़ गई है। खासकर जब विज्ञानी यह दावा कर रहे हैं कि नए स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक हैं और ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ने की प्रमुख वजह भी हो सकते हैं। हालांकि, विज्ञानी और विशेषज्ञ नए स्ट्रेन के रहस्यों को सुलझाने और उसकी काट ढूंढ़ने में लगे हुए हैं। इस बीच एनएचएस ने नए स्ट्रेन के कारण होने वाले संक्रमण के तीन सामान्य लक्षणों के अलावा सात नए लक्षणों की पहचान की है। तीन सामान्य लक्षण हैं-बुखार, सूखी खांसी व गंध व स्वाद महसूस नहीं कर पाना। अन्य सात लक्षण हैं-थकान, भूख न लगना, सिर दर्द, डायरिया, भ्रम की स्थिति, मांसपेशियों में दर्द व त्वचा पर चकत्ते बनना। ।एहतियाती उपायों के प्रति रहें गंभीर।कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ब्रिटेन से होते हुए दुनिया के कई देशों तक फैल चुके हैं। ऐसे में इसके तेजी से प्रसार की आशंका बनी रहेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक हैं तो हमें एहतियाती उपायों के प्रति अधिक गंभीर होना होगा। हमें शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। हाथों तथा शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान देना होगा। यही नहीं अपने घरों में हवा के आवागमन यानी वेंटीलेशन की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। बहुत जरूरी हो तभी घरों से निकलें और खानपान पर समुचित ध्यान दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cde7c4777f01eb1bf587bbba83c2d0f4809d0ac6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77154.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +करनाल, [पवन शर्मा]। मृदुभाषी भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मीठे के ही शौकीन थे। उन्हें बंगाली रसगुल्ला और खीर बहुत पसंद थी। पसंद भी ऐसी की खीर में भी रसगुल्ला डलवाते थे। ये यादें ताजा कर रहे हैं हरियाणा के वरिष्ठ चित्रकार वीपी वर्मा। वे कहते हैं कि वह अकसर स्वाद बढ़ाने के लिए वह देसी घी या रसगुल्ला डलवाते और करीबियों को भी खिलाते। उनके साथ रहने से ऐसा अनुभव हासिल हुआ। + +हरियाणा के वरिष्ठ चित्रकार वीपी वर्मा को मिला था कई साल तक सानिध्य।1970 का दशक था, जब अटल जी उस दौर में जनसंघ सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का विलय करके बनी जनता पार्टी के वरिष्ठ और सक्रिय नेता के रूप में लोकप्रिय हुए। मूल रूप से सोनीपत के रहने वाले वीपी वर्मा तब बतौर चित्रकार और कार्टूनिस्ट के तौर पर पहचान बनाने के लिए प्रयासरत थे। इसी सिलसिले में अक्सर दिल्ली जाते तो स्वामी इंद्रवेश और स्वामी अग्निवेश से उनका मिलना होता। उनके कई शिष्य नियमित योगाभ्यास करते, जिनके लिए अक्सर खीर बनती थी। यही खीर अक्सर अटल जी खाते तो उन्हें भी इसका स्वाद चखने का अवसर मिल जाता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77155.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77155.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..de7962d2153f62cfeb5233a0f542be6def6f95b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77155.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डायसिस के प्रमुख गिरजाघर।सेंट पाल्स चर्च, सेंट जार्जेज चर्च, सेंट जोंस चर्च सिकंदरा और फव्वारा स्थित सेंट जोंस चर्च।आपदा में दिया था रोजगार।खंदारी स्थित सेंट पाल्स चर्च की नींव 1840 में रखी गई थी, 1855 में यह चर्च बनकर तैयार हुआ।1852 में आपदा के समय इस गिरजाघर ने लोगों को रोजगार दिया था।इस गिरजाघर के लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने भूखंड प्रदान किया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77156.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77156.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4438fa7fc1e9ff00b65a1572123938a16545b32e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77156.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने पंजाब में 2007 में अपना आखिरी भाषण भी अमृतसर में ही दिया। उपचुनाव में पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के पक्ष में मतदान की अपील करने पहुंचे वाजपेयी जी ने मंच से कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने पंजाब में आतंकवाद का हौवा खड़ा करने की कोशिश की है। आतंकवाद की चर्चा करना यह दिखाता है कि वोट के लिए कहां तक गिरा जा सकता है, लेकिन हमें मिलकर पंजाब और देश को बचाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9823e2af35023133d254ad95ed74ef68efdc2972 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। मुंबई में बैठे-बैठे ही फिल्मों निर्देशक गोरखपुर में फिल्मों की शूटिंग की अनुमति ले सकेंगे। इस दिशा में जिला प्रशासन की ओर से काफी पहले से तैयारी की जा रही थी। अब वेबसाइट तैयार कर ली गई है और आने वाले दो से तीन दिनों में इसे आनलाइन कर दिया जाएगा। इसके बाद इच्छुक लोग शूटिंग के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9d918111249b8fe091242fb88cd8dff895fe6acd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77162.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पारुल रांझा, नोएडा। सबके चहेते और विरोधियों का दिल जीत लेने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनीतिक जीवन में जितने सौम्य थे, जीवन में उतने ही सरल थे। वह बच्चों में बच्चे थे और गंभीर विषयों पर सटीक राय रखने वाले विचारक। उनका बच्चों और युवाओं के प्रति खास लगाव था। देश के हर युवा को अपनी संतान की तरह मानते थे। यही कारण है कि वे बच्चों और युवाओं के दिल में खास जगह बनाते थे। उनमें इतनी आत्मीयता थी कि चेहरे पर मुस्कान के साथ बच्चों को समझदारी का पाठ पढ़ा देते थे। + +अटल बिहारी वाजपेयी ने मंद मुस्कान के साथ मेरे पिता संग पूरी पूजा संपन्न की। कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्होंने मुझे अपने पास बुलाकर पूछा कि युवा किशोर तुम्हारा नाम क्या है? मैंने उनके पैर छुए और अपना नाम बताया। उन्होंने बगल में बिठाकर मुझसे पढ़ाई व भविष्य के बारे में पूछा। एक गुलाब जामुन की प्लेट स्वयं उठाकर मुझे दी। गुलाब जामुन खाने के बाद वह स्नेह के साथ फिर बोले की एक और खाओ। अभी तुम युवा हो, जितना भी खाओगे, वह तुम्हें आगे काम आएगा। एक उम्र के बाद खाने-पीने से परहेज तो करना पड़ेगा। उन्हें जान कर लगा कि विचारधारा से प्रतिबद्धता के साथ सार्वजनिक जीवन की वास्तविकता में मेल बिठाना ही उनका व्यक्तित्व था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad106dbc6a98f7314720f2755eb5599aa5c5bc04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुजफ्फरनगर, जेएनएन। तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित गंगा किनारे चल रही श्रीराम कथा के छठे दिन गुरुवार को विश्वविख्यात कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि बड़ा आदमी बनने पर उसे वायु, पानी, अग्नि व भूमि का खनन कभी नहीं करना चाहिए यदि उसने ऐसा किया तो वह हमेशा परेेेेेेशान रहेेेगा। बापू ने कहा कि भागवत कथा मुक्ति देती है। भागवत पोषण करती है भागवत किसी को शोषण नही करती। भागवत निर्वाण की कथा है। भागवत आश्रय देती है। परमात्मा की शुद्ध कथा का श्रवण करें। काम, क्रोध व मोह मनुष्य के नरक का मार्ग है। जीव के लिए थोड़ा लोभ जरूरी है लेकिन अत्यंत लोभ बुरा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2954c032ad7362202f933bc91724f323ed2f0bbd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77168.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का ताजनगरी से गहरा लगाव रहा है। इसकी वजह उनका पैतृक गांव इसी जिले में होने के साथ ही यहां के कई पुराने भाजपा नेताओं से उनकी घनिष्ठता थी। उनकी कई सभाओं का संचालन कर चुके उत्तर विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल बताते हैं कि आगरा आने पर अटलजी के दिन की शुरुआत यहां की बेड़ई और जलेबी के नाश्ते के साथ होती थी। उनके यहां के समोसे और आलू के पराठे भी बहुत पंसद थे। + +25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी का जन्मदिन है। पुरुषोत्तम खंडेलवाल बताते हैं कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, जिस तरह से हर चुनाव को गंभीरता लेते हैं, उसी तरह से अटलजी भी हर चुनाव को गंभीरता से लेते थे। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वर्ष 1988 के नगर महापालिका के चुनाव में वह रामलीला मैदान चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे। उनके कहने पर पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने यहां पांच दिन का कैंप किया था। पुरुषोत्तम खंडेलवाल का कहना है कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उन लोगों में एक हूं, जिसने आगरा में सबसे ज्यादा उनकी जनसभाओं का संचालन किया। वर्ष 1987 से लेकर 2000 तक महानगर महामंत्री से लेकर महानगर अध्यक्ष पद रहते हुए, अटलजी की जनसभाओं का संचालन करने का मौका मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77169.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77169.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65a3fdcf53d94bd154512d55352068e6a2d2e1c0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77169.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, जेएनएन। मेडिकल साइंस में हो रहे नित नए प्रयोगों से मोतियाबिंद का आपरेशन बहुत सुरक्षित हो गया है। कृत्रिम लेंस का प्रत्यारोपण कर मोतियाबिंद से ग्रसित बुजुर्ग भी युवाओं जैसी साफ व स्पष्ट रोशनी पा सकते हैं। यदि इसका आपरेशन करा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि प्रत्यारोपण करने वाला चिकित्सक अनुभवी हो तथा आपकी आंख के पर्दे की स्थिति क्या है और किस तरह का लेंस आंखों के लिए उचित रहेगा। आंखों में लेंस प्रत्यारोपण के लिए फेको विधि सबसे अच्छी रहती है। फिर भी आपरेशन के बाद किसी-किसी को साफ न दिखने की शिकायत होती है। इसका प्रमुख कारण सही लेंस का चयन न होना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77171.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77171.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6152d9d1acc080bfe0fdfd30bd5498344e0e9d35 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77171.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फोटो नई, चेहरे वही।प्रदेश कांग्रेस की तरह दिल्ली महिला कांग्रेस भी जनाधार बढ़ाने की बजाय सियासी विरोध की रस्म अदायगी में जुट गई है। प्रदेश कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन में जिस तरह वही गिने चुने लोग नजर आते हैं, कमोबेश वही स्थिति महिला कांग्रेस की हो गई है। गतिविधि चाहे कोई हो, लेकिन चेहरे वही रहते हैं। यहां तक कि फोटो में कुछ नेत्रियों की तो पोजिशन भी एक जैसी रहती है। बदली होती है तो केवल उनकी पोशाक और हाथों की तख्तियां। विडंबना यह है कि अमृता धवन के अध्यक्ष पद पर काबिज होने के बाद शुरुआत में तो महिला कांग्रेस ने भी प्रदेश कांग्रेस के साथ कदमताल की, लेकिन अब शायद इनकी राहें जुदा हो गई हैं। इसलिए महिला कांग्रेस गतिविधियों को अलग से अंजाम दे रही है। हालांकि, इसमें कोई बुराई भी नहीं, जरूरी है कि महिलाओं को जोड़ा भी जाए। + +पांव जमेनहीं और जाने की चर्चा शुरू। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के पांव अभी दिल्ली में जमे भी नहीं हैं कि उनके जाने की चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा होते ही यह चर्चा जोरों पर है कि गोहिल को गुजरात का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। दिल्ली का प्रभार उनके स्थान पर पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला को दिया जा सकता है। इस चर्चा के साथ ही कुछ के चेहरे लटक गए हैं तो बहुतों के चेहरे पर चमक आ गई है। चेहरे लटक इसलिए गए हैं कि सुरजेवाला ने अगर दिल्ली संभाली तो फिर दिल्ली कांग्रेस का चेहरा वही होंगे, अध्यक्ष बेमानी हो जाएंगे। दूसरे वह प्रदेश इकाई के मौजूदा ढांचे में भी बदलाव करना चाहेंगे। चेहरे खिल इसलिए गए हैं, क्योंकि रणदीप के पांव जमाने से उन नेताओं को भी तवज्जो मिलने लगेगी, जो अभी पार्टी में उपेक्षा के शिकार हैं और घर बैठे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2272ca354cec5f4892a8c616a09471e0b0c71930 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, गौरव भारद्वाज। क्रिसमस की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। वाट्सएप पर क्रिसमस के बधाई संदेश आने लगे हैं। वाट्स एप के इस दौर में बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जो शार्ट मैसेज सर्विस (एसएमएस) के जरिए क्रिसमस की बधाई संदेश भेज रहे हैं। मगर, कम लोगों को ही पता होगा कि दुनिया काे एसएमएस का तोहफा क्रिसमस की खुशियों के बीच ही मिला था। दुनिया का पहला एसएमएस मैरी क्रिसमस था। ।कोई भी त्योहार हो या कोई शुभ अवसर बधाई देने के लिए मोबाइल पर शुभकामना संदेश भेजे जाते हैं। 28 साल पहले बधाई देने के लिए बधाई कार्ड या चिट्ठी का प्रयोग किया जाता था। मगर, तीन दिसंबर 1992 को लंदन के इंजीनियर नील पापवर्थ ने दुनिया को नया तोहफा दिया। 22 वर्षीय इंजीनियर नील ने अपने कंप्यूटर से अपने दोस्त रिचर्ड जार्विस के मोबाइल फोन पर मैरी क्रिसमस का बधाई संदेश एसएमएस के जरिए भेजा था। उस समय उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि कुछ साल में बधाई देने के लिए एसएमएस का ही सबसे ज्यादा प्रयोग होगा। हुआ भी ऐसा ही कुछ ही साल में एसएमएस दुनिया में छा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2288d00d6a1122769301a70b09d7ddcb1eb7a220 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +1968 में पहली बार आए थे मनाली।अटल जी1968 में पहली बार मनाली आए थे। वाजपेयी मनाली की वादियों से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने मनाली को ही अपना दूसरा घर बना लिया। जीवनभर राजनीति में सक्रिय रहने वाले अटल 1992 के बाद मनाली के हक गए और तब से उनका मनाली आना-जाना लगा रहा। प्रधानमंत्री बनने पर हर साल जून महीने में एक सप्ताह तक मनाली से ही देश का संचालन किया। मनाली के प्रीणी निवासियों ने उन्हें मुखिया की उपाधि दी। ग्रामीणों के वे प्रिय चाचू व बच्चों के प्रिय मामू बन गए। वाजपेयी जब भी मनाली रहने आते थे तो ग्रामीण उन्हें सब्जियां और स्थानीय पकवान पहुंचाते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6de5f819054ceb461432b39171c6aea1bd9fd3fe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनिल बैजल की अध्यक्षता में नई आवासीय योजना को मिली मंजूरी।डीडीए बोर्ड की बैठक उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई जिसमें नई आवासीय योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना में शामिल अधिकतर फ्लैट उच्च आय समूह (एचआइजी) और मध्य आय समूह (एम आई जी) के नए फ्लैट हैं। बैठक में डेवलपर की तर्ज पर फ्लैट बेचने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। हालांकि, ट्रांजिट ओरिऐंटेड डेवलपमेंट कॉरिडोर (टीओडी) के तहत त्रिलोकपुरी में नए आवास बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। जल्द ही नए नियमों को लेकर लोगों से सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d134ac37af426b6650dd59898f1f9178530f9dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Job In Ludhiana:  कोविड संकट के बाद एक फिर पंजाब की इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर बढ़ने लगे हैं। कुशल लोगों की मांग से जूझ रही कंपनियों ने अब दोबारा भर्ती अभियान (recruitment drive) आरंभ कर दिया है। बात लुधियाना उद्याेग की करें,तो इस समय इंडस्ट्री को स्किलड़ लोगों की भारी डिमांड है। ऐसे में कोविड (covid)के चलते नौकरी गंवा चुके कर्मचारियों के लिेए राहत की खबर है कि उनके लिए दोबारा इंडस्ट्री में अवसर पैदा हो गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1cc539504001635b69151070b9c458c5f2b27f0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77187.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वायरस के नए रूप यानी स्ट्रेन ने विज्ञानियों की चुनौतियां बढ़ा दी है। हालांकि, दुनिया को भरोसा है कि इसका भी समाधान वैज्ञानिक जरूर ढूंढ लेंगे। अब तक कोरोना वायरस के 8-10 लक्षणों के बारे में चर्चा होती रही है, लेकिन ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्लीनिकल एक्सीलेंस यानी एनआइसीई ने हाल ही में कोरोना संक्रमण के 28 लक्षणों की पहचान कर उन्हें सार्वजनिक किया है। एनआइसीई ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है।  ।छोड़ रहा अलग-अलग प्रभाव। विज्ञानियों ने कोरोना वायरस के व्यापक शोध के बाद उसे खत्म करने के लिए वैक्सीन का विकास किया। हालांकि, कोरोना वायरस के प्रभाव व लक्षणों के बारे में अब भी नई जानकारियां सामने आ रही हैं। मुश्किल यह है कि कोरोना वायरस लोगों पर अलग-अलग प्रभाव छोड़ रहा है। किसी को सिर्फ बुखार आ रहा है तो किसी को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ अन्य समस्याएं भी हो रही हैं। एनआइसीई ने 18 दिसंबर को कोविड-19 के 28 लक्षणों की सूची सार्वजनिक की है। हालांकि, उसका कहना है कि कोरोना संक्रमण के लक्षण इससे अधिक हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44c3bb456fa503e42492c691958c77c1e04ea7c4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77188.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजीव सिंह बताते हैं कि आलमगीरनामा से हमें एक कुंजी मिली, इस जानकारी को लेकर 40 से अधिक बार हुमायूं के मकबरे में गए। मकबरे के तहखाने में 150 के करीब कब्र हैं। वहां खोज की। चू¨क इस बात की जानकारी की पुष्टि आलमगीरनामा से हो चुकी थी दारा की कब्र गुंबद के नीचे है। इससे काम थोड़ा आसान हो गया। गुंबद के मध्य में हुमायूं की कब्र है। इसके चारों ओर बने पांच कमरों में 11 कब्रे हैं। जिसमें से एक कमरे में तीन कब्रें मिलीं। जिसमें से दो कब्रें अकबर के समय की थीे। ये दोनों मुराद और डानियाल की हैं। इसमें से एक कब्र ऐसी थी जो शाहजहां के समय की थी। इस कब्र के रूप में दारा शिकोह की कब्र के बारे में पहचान हुई है। यहां के पांच कमरों में कुल मिलाकर 11 कब्रें हैं। जिनमें से 10 कब्रें अकबर के समय की हैं। मुझे खुशी है कि पुरातत्वविद् मेरी मेहनत से सहमत हैं।  ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6176c6988f585f0b4bf3f0d5a8f736be8bbb1b7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77189.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे बोर्ड के हाथ खींचेने से पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ियां) के संचालन पर असमंजस की स्थिति बढ़ती जा रही है। सामान्य पैसेंजर ट्रेनों की कौन कहे गोरखपुर रूट पर चलने वाली खिचड़ी और प्रयागराज रूट पर चलने वाली माघ मेला स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों के संचालन पर भी संशय बना हुआ है। रेलवे के अलावा खिचड़ी पर्व पर बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने व मौनी अमावस्या पर्व पर प्रयाग के संगम तट पर पुण्य की डुबकी लगाने वाले लाखों श्रद्धालुओं में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77190.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77190.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..279e8104ff8e568a80e379a2f683dabc04f704cf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77190.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। तपती धूप हो गया ठिठुरती ठंड में घना कोहरा। रेलवे स्टेशन का यार्ड परिसर हो या खुली रेल लाइनें। कहीं भी, कभी भी, किसी भी दशा में अगर एक पटरी पर दो ट्रेनें आ गईं तो आटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। इसके लिए ट्रेनों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस की तर्ज पर ट्रेन कोलिजेन अवाइडेंस सिस्टम (टी कैश) लगाया जाएगा, जिससे रेल दुर्घटनाओं में कमी आएगी। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) में सफल परीक्षण के बाद डिवाइस को इंजनों में लगाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने रेलवे बोर्ड को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भेज दी है। बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही इंजन में डिवाइस को इंस्‍टाल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। + +रेल दुर्घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी डिवाइस, हरी झंडी का इंतजार। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बाकी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुट गया है। डिवाइस लगाने से पहले रेलवे स्टेशनों और लाइनों किनारे जगह-जगह टावर लगाए जाएंगे, जिसके लिए स्थलों का चयन किया जा रहा है। यह सिस्टम अल्ट्रा हाई फ्रिक्वेंसी के आधार पर कार्य करता है। यह फ्रिक्वेंसी 24 घंटे स्टेशनों और लाइनों पर चलने वाली ट्रेनों को संचार माध्‍यम से संदेश देते रहेंगे। इससे अगर दो ट्रेन एक रेल लाइन पर आ गईं या आटोमेटिक ब्लाक सिस्टम के तहत दो स्टेशनों के बीच एक के पीछे एक ट्रेन चल रही है तो भी टक्कर नहीं होगी। निश्चित दूरी पर आते ही ट्रेनों में ब्रेक लग जाएगा। यही नहीं दो स्टेशनों के बीच एक ब्लाक सेक्शन में निर्धारित से अधिक रफ्तार होने पर भी यह सिस्टम लोको पायलटों को अलर्ट करेगा। लोको पायलटों के ध्यान नहीं देने पर आटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77191.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77191.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e5de0533e1ff21c745b8b4b4847b21062035ef97 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77191.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (एजेंसियां)। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्‍ट्रेन के बाद जहां कई देशों ने ब्रिटेन के लिए अपनी हवाई और जमीनी सीमा को बंद करने का फैसला किया है वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का कहना है कि ये स्‍ट्रेन बेकाबू नहीं है इसको रोका जा सकता है। डब्‍ल्‍यूएचओ की तरफ से इस बयान को खुद संगठन के महानिदेशक ने दिया है। उनका कहना है कि अब तक इस बात के भी कोई सुबूत नहीं मिले हैं कि कोविड-19 की वैक्‍सीन इसको खत्‍म करने में असफल साबित होगी। इसको लेकर विश्‍व के कई वैज्ञानिकों के बीच भी सहमति बनती दिखाई दे रही है कि इस नए स्‍ट्रेन पर वैक्‍सीन बेअसर साबित नहीं होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77193.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77193.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ddb28ec7e1911f9dfb62d47438009068354cc47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77193.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेंगलुरु, एएनआइ। टीसीएस वर्क की दस किलोमीटर की दौड़ में पांच माह की गर्भवती अंकिता गौर ने भाग लेकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने रविवार को इस दौड़ को महज 62 मिनट में पूरा कर लिया। दौड़ पूरी करने के बाद उन्होंने कहा कि मैं लगभग नौ वर्षो से इस प्रतियोगिता में भाग ले रही हूं। दौड़ लगाना मेरे लिए सांस लेने की तरह है। ऐसा मैं स्वाभाविक रूप से कर पाती हूं। पेशे से इंजीनियर अंकिता टीसीएस वर्क की 10 किलोमीटर की दौड़ में 2013 से ही भाग ले रही हैं। वह बर्लिन (तीन बार), बोस्टन और न्यूयॉर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय मैराथन में भाग ले चुकी हैं। इसके लिए तैयारियों के बाबत पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने प्रतिदिन धीरे-धीरे पांच से आठ किलोमीटर की दौड़ लगाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77195.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77195.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0bb247644c734e9755340a685eae7faa7cdd5132 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77195.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + 25 जुलाई 1986 को मुक्तसर से लुधियाना जा रही बस में आतंकियों ने कर दी थी 14 हिंदुओं की हत्या।25 जुलाई 1986 की सुबह पांच बजे मुक्तसर से लुधियाना जा रही बस को सरकारी कालेज के पास से आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था। आतंकी बस को गांव लुबानियांवाली की ओर ले गए और वहां 14 हिंदुओं की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कुछ लोग भाग्यशाली थे जो बस से कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे थे। इस दर्दनाक घटना के चार से पांच दिन बाद अटल बिहारी वाजपेयी पीडि़त परिवारों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने खुद श्री मुक्तसर साहिब पहुंच गए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5a9ad4296527428a68128eea48d4b54e9a1410a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77199.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सहारनपुर, जेएनएन। यूपी के सहारनपुर के इस बुजुर्ग की दास्‍तां सुन आप भावुक हो जाएंगे। बुर्जुग उम्र के अब आखिरी पड़ाव पर हैं लेकिन रोजी रोटी के लिए कभी अपने स्‍वाभिमान को नहीं बेचा और न ही किसी से मदद ली। उन्‍होंने वजन तौलने की मशीन को रोजी-रोटी का माध्‍यम बनाया है। गोपाल नगर, नुमाइश कैंप निवासी बलदेव राज अहूजा की उम्र 83 वर्ष है। गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद वे हर रोज वजन तौलने की मशीन लेकर बैंक के सामने बैठकर लोगों का इंतजार करते हैं। लंबे इंतजार के बाद शायद ही कोई वजन कराने आता है। कभी-कभी तो बलदेव को खाली हाथ लौटना पड़ता है। ।एक हाथ में लाठी तो दूसरे हाथ में मशीन । बलदेव राज आहुजा हर दिन सहारनपुर के गोपाल नगर, नुमाइश कैंप से माधव नगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक पहुंचते हैं। एक हाथ में लाठी तो दूसरे हाथ में वजन तौलने की मशीन इनके साथ रहता है। यहां पर स्थित बाइकों के बीच बैठकर बलदेव ग्राहकों का इंतजार करते हैं। गंभीर रूप से बिमार बुजुर्ग बतातें हैं किस सैकड़ों की संख्‍या में यहां लोग आते हैं। इनमें से बहुत कम की ही नजर इनपर पडती है। जो आते हैं, वे अपने इच्‍छा से वजन कर पैसे दे देते हैं। बुजुर्ग बतातें हैं कि इसके लिए कोई निर्धारित मुल्‍य नहीं है। + +कभी-कभी लौटना पड़ता है खाली हाथ । बदलेव बतातें हैं कि कभी-कभी ऐसा होता है कि दिन भर में एक भी रुपया भी नहीं आता है। इस वजह से खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। बलदेव बताते हैं कि दिनभर में कभी 20 या 50 रुपये तक मिल जाता है। इसी पैसे से खर्च चल जाता है। वे कहते हैं कि अगर कोई मदद करेगा तो उसे कभी तो लौटाना ही पड़ता है। चाहे इस जन्‍म में या अगले जन्‍म में। इसी कारण से ये किसी से मदद नहीं लेते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77201.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77201.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d25f27226c6360b2c12b28befa1bc598e75f88d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77201.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नवादा, कुमार गोपी कृष्ण। आपने कई पहाड़ों को देखा होगा, लेकिन क्‍या बोलते हुए पहाड़ को देखा है? अगर यकीन नहीं हो तो बिहार आइए। हम बात कर रहे हैं नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड के तरौन गांव स्थित बोलता पहाड़ की। यह जिला मुख्यालय तकरीबन 41 किलोमीटर दूर है। इस इलाके की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। जंगलों के बीच मनोरम वादियों में स्थित इस पहाड़ के नीचे एक स्थान से कुछ बोलने के बाद वही आवाज लौटकर वापस आती है। इसीलिए ग्रामीण इसे बोलता पहाड़ कहते हैं। आसपास के जिलों के लोग अक्सर यहां की इस खूबी को देखने के लिए पहुंचते हैं। + +पहाड़ पर दुर्लभ जड़ी-बूटियां उपलब्‍ध । तरौन में जंगली इलाके के बीच बड़े-बड़े काले चट्टानों से यह पहाड़ सरीखा बना है। चट्टान एक दूसरे पर इस कदर रखे हुए हैं, मानों हाथ लगाओ तो गिर जाएं। हालांकि, ये चट्टान कभी नहीं गिरते हैं। पहाड़ी पर दुर्लभ जंगली जड़ी-बूटी भी मिलती है। आयुर्वेद के जानकार लोग यहां से जड़ी-बूटी ले जाते हैं। + +जल्‍द शुरू होगा सौंदर्यीकरण कार्य । नवादा के कौआकोल के प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार यहां कराए गए विकास कार्यों की बाबत जानकारी देते हैं। कहते हैं कि बोलता पहाड़ तक पहुंचने के लिए रास्ता का निर्माण कराया गया है। यहां सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्य के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी गई है। जल्‍दी ही यह कार्य आरंभ हो जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e1f434d589208e63b543a29c7caef61c55389f82 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्किनर स्टेट के नाम से प्रसिद्ध है रियासत।यहां ब्रिटिश हुक्मरान की स्किनर स्टेट के नाम से एक प्रसिद्ध रियासत थी। इस रियासत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली के 999 गांव को शामिल किया गया था। इस किले में अदालतें लगती थीं। क्षेत्रीय लोग से लगान वसूलने के लिए अंग्रेजी शासन द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति इसी किले में की जाती थी। इसके अलावा लगान ना भरने वाले लोग को सजा का फैसला भी यहीं सुनाया जाता था। यह किला करीब 600 बीघे जमीन में फैला हुआ था। मगर वर्तमान समय में यहां करीब 400 बीघा जमीन में खेती की जा रही है। इससे किले का परिसर काफी कम रह गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..32400257eb470b6c85b3d8058150824efb2fd604 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77208.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, [निशांत यादव]। छावनी में रक्षा मंत्रालय की 4.88 एकड़ जमीन बना बंगला सेना को करीब 144 वर्ष बाद वापस मिल गया। यह बंगला पहले जहां ब्रिटिश प्रबंधन वाले बैंक के पास गिरवी रखा गया। वहीं, बाद में मुंशी प्राग नारायण ने इसकी सेल डीड कराई। रक्षा मंत्रालय ने पिछले 52 वर्ष से बंगले की लड़ाई लड़ी और आखिर सेना को उसका मालिकाना हक मिल गया। ।मध्य कमान मुख्यालय के ठीक बगल में खंडहर बन चुके इस ओल्ड ग्रांड श्रेणी के बंगले को 12 सितंबर 1836 में बने जीजीओ एक्ट की धारा 179 के तहत कोयलास चंद्र मुखर्जी को 1876 में दिया गया था। हालांकि तब जीजीओ एक्ट की उपधारा 6 (1) में यह भी लिखा गया था कि सेना को जरूरत पडऩे पर वह एक माह की नोटिस जारी करने के भीतर बंगले की जमीन को वापस ले सकती है। रक्षा मंत्रालय की बी-3 श्रेणी की भूमि वाला यह बंगला नंबर चार नेहरू रोड मध्य कमान मुख्यालय के ठीक बगल में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34540f0e4cc96704ceceb7533f235399b2466ccb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77209.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, वीके शुक्ला। दिल्ली-एनसीआर में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) व रंगीन स्टीकर लगाने की जो प्रक्रिया शुरू की गई है। यह एक बेहतर व्यवस्था है। इससे वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसमें कई तकनीकी खूबियां हैं। इसलिए जनता के लिए यह अच्छी चीज है, लेकिन इसे लगाने का जो तरीका अपनाया गया है, वह ठीक नहीं है। करीब एक साल से एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर लगाने का काम चल रहा है। इसके लिए किसी भी स्तर पर लोगों को जागरूक नहीं किया गया, जिससे वे इसकी अहमियत को समझ सकते और इसे लगवाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7721.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7721.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16e5f1a6cb10c4891961037425e3ee98c852b06a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7721.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तस्वीर पर नव्या नवेली नंदा, महीप कपूर, शनाया कपूर सहित कई सेलेब्स ने कमेंट कर उनकी तारीफ की है। फैंस के भी उनकी तस्वीर पर जमकर रिएक्शंस देखे जा सकते हैं। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब सुहाना की कोई तस्वीर आते ही चर्चा में आई हो। इससे पहले भी उनकी हर तरस्वीर और वीडियो को फैंस ने ऐसे ही प्यार दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..58bb5de4cf33d33c46e964a26c0bf3cc16a31e58 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिसंबर के पहले हफ्ते में कोरोना जांच में संक्रमित होने की पुष्टि होने पर पहले उन्हें घर में ही क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई थी। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह कुछ दिनों तक आइसीयू में रहे थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और घर में ही क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1954f29793ed444fa8d571c130192b69ab17d84a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रीसेल टेक्निकल मैनेजर/एग्जीक्यूटिव: साइबर सिक्युरिटी फील्ड में यह सेल्स से जुड़ा पद है। इस प्रोफाइल की आवश्यकता उन कंपनियों में हैं, जो साइबर सिक्युरिटी बिजनेस में हैं या इससे संबंधित कोई प्रोडक्ट बेचते हैं। ऐसी कंपनियां अपने प्रोडक्ट के बारे में डिस्ट्रीब्यूटर्स, चैनल पार्टनर्स या कस्टमर्स को समझाने के लिए इन प्रोफाइल्स की मदद लेती हैं, जो साइबर सिक्युरिटी की समझ रखते हैं और प्रोडक्ट के एक-एक पार्ट की बारीकियों को समझाने में भी काफी कुशल होते हैं। इस फील्ड में सिर्फ बीटेक करके भी आप आ सकते हैं। अगर कंप्यूटर क्षेत्र की पृष्ठभूमि रही है, तब भी इस फील्ड में एंट्री पा सकते हैं। इस पद का शुरुआती पैकेज १० लाख रुपये तक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77221.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77221.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..57677e1623eb3368e72eb139d927d4542cf8af18 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77221.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +विजय गुप्ता। National Farmers Day 2020 आज किसान दिवस है। इस मौके पर पंजाब के किसान की दो तस्वीरें सामने हैं। कड़ाके की ठंड में एक किसान वह है जो केंद्र के कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने की हठधर्मी मांग पर 28 दिनों से दिल्ली को बंधक बनाए हुए है। यह कोलतार की सड़क पर जुनून बीजता किसान है, जबकि वहां कुछ नहीं उगता। दूसरा किसान वह है जो इस ठिठुरन में भी नंगे पैर अपने खेत, अपनी मिट्टी में उसी तरह काम कर रहा है जैसे पहले करता था। दरअसल इस दूसरे किसान को आंदोलन से इसलिए मतलब नहीं, क्योंकि उसने श्रम व खुली सोच से अपनी नियति बदलने की ठानी है। उसे यह भ्रम नहीं है कि नए कानूनों से उसका क्या होगा, क्योंकि वह तो पिछले कई साल से गेहूं व धान के चक्र से निकलकर और फसलें उगा रहा है, कांट्रैक्ट फाìमग जैसे नए प्रयोगों को बेहतर मान चुका है। उसने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आश्रित रहने की सोच को पीछे छोड़ दिया है। उसे अपनी मिट्टी पर यकीन है, अपनी सोच पर भरोसा है, वह भ्रमित नहीं है। + +सियासी स्वार्थ के लिए किसानों के आंदोलन को हवा दे रहे शिरोमणि अकाली दल व कांग्रेस इस दूसरी तस्वीर पर पर्दा कैसे डाल सकते हैं? वह भी तब जब इन दोनों ही दलों के शासनकाल में कांट्रैक्ट फार्मिंग होती रही है, कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए कॉरपोरेट को लेकर भी ये आए हैं। आज पंजाब में अनेक बड़ी कंपनियों के प्लांट हजारों किसानों को अपने साथ जोड़े हुए हैं। खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह के कृषि मंत्री रहते अगर 1989 में संगरूर के पेप्सिको प्लांट की स्थापना हुई। वर्ष 2014 में अकाली दल के समय में कपूरथला की आइटीसी फैक्ट्री के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली। अब उनके बदले हुए रवैये से स्पष्ट है कि वे किसानों को भ्रमित कर उन्हीं का नुकसान कर रहे हैं। दोनों ही सरकारें इन्वेस्ट पंजाब जैसे बहुप्रचारित कार्यक्रम करके निवेश के लिए बड़ी कंपनियों को न्योता देती रही हैं तो क्या अब किसानों को इस तरह बरगलाया जाना चाहिए कि वे कुछ भी सुनने और बातचीत के लिए तैयार ही न हों?।केंद्रीय मंत्रियों से कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब अगर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से करबद्ध आग्रह कर रहे हैं कि वे भ्रमित न हों तो इसके मायने स्पष्ट हैं। यह ठीक है कि कांट्रैक्ट फाìमग या एमएसपी को लेकर किसानों के आशंकाएं हैं, पर सर्वसम्मति से संसद में पारित कानूनों के विरोध की प्रवृत्ति को त्याग शंकाएं दूर करने के लिए सकारात्मक बातचीत ही रास्ता है। पंजाब में मंडी प्रणाली मजबूत है और एमएसपी पर यहां का किसान कितना आश्रित है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देश के जो कुल छह फीसद किसान एमएसपी का फायदा उठा रहे हैं, उनमें से 60 से 70 प्रतिशत तक पंजाब के हैं। एमएसपी व आढ़तियों के सहारे हो गए किसान कृषि सुधारों का विरोध तो कर रहे हैं, लेकिन पहले से चली आ रही व्यवस्था भी हितकारी नहीं है। अगर होती तो क्या 2000 से 2019 तक पंजाब में 3,300 किसान खुदकुशी करते? कृषि कानूनों के बारे में पहली घोषणा के बाद से अब तक भी पंजाब में 65 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। यह आंकड़ा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और राज्यसभा में सरकार की ओर से ही दिया गया है। जबकि कृषि संगठनों के मुताबिक इस साल अब तक 288 किसान व कृषि मजदूर जान दे चुके हैं। + +आज नए कानूनों को लेकर सियासी दल एमएसपी व कांट्रैक्ट फार्मिंग की बाबत किसानों में भ्रांतियां ही पैदा कर रहे हैं। जबकि जरूरत फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों पर जोर देने की है। दुर्भाग्य से पंजाब में अब तक किसी भी सरकार ने इस ओर गंभीरता ही नहीं दिखाई। नतीजा यह है कि यहां के किसानों ने दालें व तिलहन उगाना ही बंद कर दिया और धान व गेहूं के लगातार उत्पादन से भूजल का अत्यधिक दोहन हो चुका है। ट्यूबवेलों पर खर्च होने वाली बिजली पर किसानों को सब्सिडी देने के लिए सरकार को हर साल 6,500 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं? अगर भूजल के मामले में डार्क जोन घोषित हो चुके 142 ब्लॉकों में यह सब्सिडी बंद कर वहां अन्य फसलों खासकर दालों व तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए यह पैसा खर्च किया जाए तो पंजाब अपनी ही नहीं, पड़ोसी राज्यों हिमाचल व जम्मू कश्मीर की मांग भी पूरी कर सकता है। भूजल का स्तर तो ठीक होगा ही। ऐसा किसान व राज्य के दूरगामी हित में होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77223.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77223.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..607c6afb69757ecabb98c64b22550782c14fe285 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77223.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +24 दिसंबर को होने वाली कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा होगी। अगर बैठक में निरीक्षण करने पर सहमति बनती है तो हुमायूं के मकबरे में जाकर देखा जाएगा। वहीं पुरातत्वविद पद्मश्री आर एस बिष्ट ने कहा कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे, मगर अध्ययन के बाद इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाए तो यह अच्छी बात होगी। पुरातत्वविद् पद्मश्री के के मुहम्मद व एन दीक्षित भी डॉ बीआर मणि की बात से सहमत हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77224.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77224.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..413654c6bfef29a70aeaf5cdb953c4463f7b1e16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77224.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी का कहना है कि ममता बनर्जी ने जिस तरह से कांग्रेस को तोड़कर तृणमूल बनाई और इसके बाद भी पिछले एक दशक में कांग्रेसी गढ़ मुर्शीदाबाद व मालदा जैसे जिले में उनके पार्टी नेताओं, विधायकों व सांसद को लालच और डर दिखाकर तृणमूल में शामिल होने को मजबूर किया, आज उसी तरह उन्हें जवाब मिल रहा है। इतिहास खुद को दोहरा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77225.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77225.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a045d72860cbf320e55d7c4861846f3564fcadc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77225.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान ने इन आठ प्रजातियाें को है लगाया। युवराज ने बताया केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कुफरी ने उनके यहां आठ प्रजातियों को लगाया है। इससे कि यहां मौसम के अनुकूल काैन सी प्रजाति सर्वोत्तम है। इस पर शोध करके परिणाम हासिल किया जा सके। युवराज के।मुताबिक संस्थान द्वारा उनके खेत में । कुफरी मोहन, कुफरी गंगा, कुफरी संगम, कुफरी चिप्सोना-3, कुफरी चिप्सोना-4, कुफरी फ्राइसोना और कुफरी बहार आलू की प्रजाति लगाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77226.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77226.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a28f067d4cffe9aa024ac63d77f633aa63e04d38 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77226.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। किसानों और केंद्र सरकार के बीच जारी गतिरोध थमता नहीं दिख रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद समाधान की उम्मीद दिखी है, लेकिन अभी भी कोई पक्ष अपनी बात से पीछे हटता नहीं दिखता है। केंद्र सरकार का मानना है कि इन तीनों कृषि सुधार कानूनों से बिचौलिए खत्म होंगे और किसानों की आय में इजाफा होगा। किसान इस बात पर अड़े हैं कि सरकार इनके जरिये कृषि को दी जा रही मदद सेड पिंड छुड़ाना चाह रही है। इससे बिचौलियों की जगह ज्यादा ताकतवर कारपोरेट घराने के आने का भी खतरा है। यह तो तय है कि इन तीनों कृषि सुधार कानूनों से बाजार की ताकतों और निजी क्षेत्र की भूमिका कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी, क्योंकि इससे कांट्रैक्ट खेती को मिलेगी, खाद्य सामग्री को कहीं भी बेचने या भंडारण करने की भी इसमें सहूलियत दी गई है। ऐसे में कुछ अहम बिंदु इन कानूनों की अहमियत पर प्रकाश डालते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77227.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77227.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..84d943411bdbc23c1aff594bf43cd433e47bff53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77227.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Memories of Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दूर से देखने वाले आम लोगों या फिर उनके साथ राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले राजनेताओं हों उनको लेकर यादें अविस्मरणीय हैं। अटल जी को दूर से सुनने व देखने वाले उनके व्यक्तित्व तो राजनेता उनकी राजनीतिक सूझबूझ के अभी भी कायल हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए बताते हैं कि वह सियासत में तल्‍खी को चंद क्षणों में खत्‍म कर देते थे और समन्‍वय की राह दिखाते थे। इस संबंध में वह 1999 में भाजपा-इनेलो में लोकसभा चुनाव में सीटाें के बंटवारे को लेकर पैदा तल्‍खी को दूर करने के वाक्‍ये को याद करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77228.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77228.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf991afa65aed03ff9986a989a8e6f8c66d7b502 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77228.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनी दुकान पर राजीव कुमार। (जागरण)।राजीव बताते हैं, कचौड़ी में उनके परदादा कभी लहसुन व प्याज नहीं मिलाते थे। ठीक उसी तरह आज भी दुकान में वैसी ही कचौड़ी बनाई जाती है। ग्राहकों को आलू-छोले की सब्जी के साथ मेथी की चटनी भी देते हैं। यह बहुत हद तक राजस्थानी कचौड़ी से मिलती जुलती है। मगर राजस्थान की कचौड़ी की तरह मेदे से नहीं, बल्कि आटे से बनती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77237.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77237.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..60821be7f904ff657c08b13dde0deb20aa3089ed --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77237.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + संदीप तिवारी, रायपुर। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने 1990 से ही तय कर लिया था कि छत्तीसगढ़ राज्य बनाना है। वे यहां की आदिवासी संस्कृति और वन संपदा से बेहद लगाव रखते थे। मध्य प्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ राज्य के सपने को उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री साकार किया। अटल जी की वो हुंकार यादगार तारीख बन गई, जब वर्ष 1998 में उन्होंने रायपुर के सप्रे शाला मैदान में एक सभा में कहा था कि आप मुझे 11 सांसद दो, मैं आपको छत्तीसगढ़ दूंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77238.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77238.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f21ce1f51f83d5752a93b9240d02ab771d9c38d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77238.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पश्चिमी दिल्ली [मनीषा गर्ग]। New Coronavirus Strain: कोरोना वायरस के नए रूप (स्ट्रेन) के इंग्लैंड में प्रसार की घटना को मद्देनजर रखते हुए बीते 14 दिनों में वहां से भारत लौटे सभी लोगों की पहचान कर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें होम आइसोलेशन में रहने का आर्डर जारी किया है। ताकि स्वस्थ लोग संक्रमण के चपेट में न आए। अगर दक्षिण-पश्चिमी जिले की बात करें तो यहां बीते 14 दिनों में 85 और पश्चिमी जिले में 68 लोग इंग्लैंड से भारत आए है। दोनों जिलों में प्रशासनिक अधिकारी इन लोगों से संपर्क साधने का प्रयास कर रहे है। पर अधिकारियों के मुताबिक कुछ ऐसे भी लोग है, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। उपलब्ध कराया गया मोबाइल नंबर या तो स्विच ऑफ आ रहा है, या पता आधा अधूरा है। पुलिस प्रशासन की भी इस काम में मदद ली गई है, लेकिन प्रशासन को सफलता नहीं मिल पा रही है। जिन लोगों की पहचान हो चुकी है, उनकी आरटी-पीसीआर जांच किट से कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे है। + +दक्षिण-पश्चिमी जिले के कपासहेड़ा सब-डिवीजन की बात करें तो यहां 21 लोग हैं, जो ब्रिटेन से आए है। पर इनमें से तीन लोग ऐसे है, जिनका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आ रहा है और पता आधा-अधूरा है। वहीं एक व्यक्ति ऐसा है जो बिहार की तरफ पलायन कर गया है। बिहार में वह व्यक्ति कहां गया उनका पता खोजने में प्रशासनिक टीम जुटी हुई है। शेष 17 लोगों में फिलहाल किसी तरह का कोई लक्षण नहीं है, पर सभी को 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी कोरोना जांच के लिए सैंपल एकत्रित कर रही हैं। + +वहीं नजफगढ़ सब-डिवीजन में ऐसा एक ही व्यक्ति है, पर अभी तक उसकी भी पहचान नहीं हो पाई है। अधिकारियों के मुताबिक उपलब्ध कराया गया पता आधा अधूरा है और फोन लगातार स्विच आफ आ रहा है। जिसके कारण अधिकारियों को डर है कि कहीं वह व्यक्ति स्वस्थ लोगों को अपनी चपेट में न ले ले। द्वारका सब-डिवीजन में ऐसे 63 लोग है, कुछ की पहचान सुनिश्चित हो चुकी है और कुछ की जारी है। हालांकि राहत की बात ये है कि अब तक जितने भी लोगों की पहचान हुई है, उनमें से किसी में भी संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है। पश्चिमी जिले में राजौरी गार्डन सब-डिवीजन की बात करें तो यहां एक महिला है जो इंग्लैंड से आई हैं और उनकी कोरोना जांच के लिए सैंपल ले लिए गए है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77239.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77239.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d68fc3c06c8301e458dd56b85cfb29f176b4a34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77239.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस तिलकुट में गुड़ का भूरा, अश्वगंधा का पाउडर, मुलेठी, काली मिर्च, लौंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। रांची में पहली बार इस तरह का तिलकुट बनाया जा रहा है। तिलकुट के अलावा काले तिल के लड्डू में भी इम्युनिटी बढ़ाने वाले आइटम डाले जा रहे हैं। कारीगर व व्यवसायी रोहित बरनवाल बताते हैं कि वो दिसबंर के मध्य में अपर बाजार में करीब 20 वर्षों से तिलकुट बनाने के लिए आते हैं। इसके बाद फरवरी में वापस चले जाते हैं। इस वर्ष उन्होंने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए आयुष मंत्रालय के द्वारा बताए गए औषधीय तत्वों का इस्तेमाल तिलकुट बनाने में किया है। जो लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।   ।संतुलित मात्रा में लौंग व काली मिर्च।रोहित बताते हैं कि तिल और गुड़ शरीर के लिए वैसे भी काफी फायदेमंद हैं, लेकिन तिलकुट में मुलेठी और अश्वगंधा के इस्तेमाल से यह और अधिक फायदेमंद हो जाता है। इससे स्वाद में भी बहुत फर्क नहीं पड़ता। वहीं, लौंग और कालीमिर्च का भी संतुलित मात्रा में इस्तेमाल तिलकुट के गुणों को बढ़ा रहा। ।इम्युनिटी तिलकुट के गुण।किसी भी आयुर्वेदिक औषधि को किसी भी तरह से सीमित मात्रा में लेने से शरीर को उसका लाभ मिलता है। तिल और गुड़ अपने आप में काफी गुणकारी औषधि है। डा भरत कुमार अग्रवाल, आयुर्वेदाचार्य। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f31f3b9d51e036dd2f18c0b3acffef2123a9e2b3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7724.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। टीएससी सासंद और बंगाली फिल्मों की एक्ट्रेस नुसरत जहां आज कल सोशल मीडिया सेसेशन बनी हुई हैं। नुसरत के फैन्स को उनके हर पल का अपडेट चाहिए और बंगाली बाला उनका दिल तोड़े बिना सोशल मीडिया पर अपनी फोटो पोस्ट करती रहती हैं। हालांकि नुसरत को अपनी हर पोस्ट पर ट्रोल्स का सामना भी करना पड़ता है। इस बार फोटो नुसरत की दोस्त तनुश्री ने शेयर किया। फोटो में नुसरत दोस्तों संग मस्ती करती नजर आ रही हैं। + +हर फोटो पर ट्रोल होती हैं नुसरत।आपको बता दें कि नुसरत के लिए इस तरह के आरोप कोई नई बात नहीं हैं। जब से पति निखिल जैन से अलगाव और एक्ट्रेस की प्रेग्नेंसी की खबर लोगों तक पहुंची है वो नुसरत से तरह तरह के सवाल पूछते हैं। लगभग हर फोटो पर नुसरत को ट्रोल किया जाता है पर एक्ट्रेस बिना कोई जवाब दिए दूसरी फोटो पोस्ट कर देती हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77245.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77245.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d71c6c7e06e8738c4b8be425b1acd77f29f45e6d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77245.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +आगरा, संदीप शर्मा। आपके आयकर रिफंड की औपचारिकता पूरी हो गई है, पैसा भुगतान को तैयार है। कृपया कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए लिंक पर क्लिक कर जानकारी भरें और जल्द से जल्द भुगतान प्राप्त करें। आजकल इस तरह के मैसेज आयकर दाताओं को खूब भेजे जा रहे हैं, लेकिन इन पर क्लिक मत कीजिएगा, नहीं तो साइबर ठग आपको अपना शिकार बना सकते हैं। इसको लेकर आयकर विभाग ने भी लोगों को चेतावनी जारी कर अलर्ट किया है। + +न आए झांसे में। सीए प्रार्थना जालान ने बताया कि इन मैसेज और ई-मेल पर क्लिक करते ही साइबर ठग आपसे आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांग रहे हैं। इसके साथ ही वायरस से आपका पर्सनल डिवाइस भी प्रभावित होने की आशंका है, लिहाजा लगातार सामने आ रहे इस तरह साइबर ठगी के मामले रोकने के लिए आयकर विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि किसी भी तरह के रिफंड आदि के भुगतान संबंधित चालबाजों के झांसे में न आएं। न ही किसी से अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करें। + +यह है अलर्ट। आयकर विभाग ने सभी करदाताओं को अलर्ट जारी किया की विभाग रिफंड आदि भुगतान की जानकारी बिना आधिकारिक मैसेज या ई-मेल भेजकर नहीं जुटाता। इसलिए यदि कोई आपसे रिफंड के बदले में आनलाइन जानकारी देने के लिए फोन, मैसेज या ई-मेल आ रहे हैं, तो उन्हें जानकारी न दें। उससे जुड़े किसी भी अटैचमेंट या लिंक को ओपन न करें। कोई भी लिंक या जानकारी वहां से कट या पेस्ट न करें। अपने सिस्टम में मजबूत एंटी वायरस का प्रयोग करें। + +मुश्किल में उठाएं यह कदम। यदि आपके पास ऐसा कोई मैसेज, ई-मेल या फोन आया है, तो उसका लिंक बेवमैनेजर एट इनकमटैक्स डाट जीओवी डाट इन पर भेज दें। साथ में इनसिडेंट एट सीईआरटी-इन-ओआरजी डाट इन पर भी फारवर्ड कर दें। ऐसा ई-मेल प्राप्त होने पर उसका हैडर देखें। वहां उससे जुड़ी अतिरिक्त जानकारी आपको मिल जाएगी कि यह मेल सही है या साइबर फ्राड। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77246.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77246.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39495e1a7156063ef1f22de6c7f957accc52cce6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77246.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जगराओं, (लुधियाना) [बिंदु उप्पल]। लुधियाना का गांव चक्कर भले ही आधुनिक सुविधाओं से वंचित है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज तैयार करने में पीछे नहीं है। इसी गांव की बेटी सिमरनजीत कौर ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर जता दिया कि सुविधाएं मिले तो पंजाब के गांव की लड़कियां भी विदेशी मुक्केबाजों को मात दे सकती हैं। गांव की ही जिस चक्कर स्पोर्ट्स अकादमी से सिमरनदीप ने अंतरराष्ट्रीय रिंग में तहलका मचाया, वह डा. बलवंत सिंह संधू ने तैयार की है। ।शुरू से ही खेलों के प्रति प्रेम होने के कारण डा. संधू पीएचडी कर कमालपुर कालेज के प्रिंसिपल बने, लेकिन खेल प्रेम के कारण उन्होंने अकादमी बनाने का फैसला किया। आज उन्हें गर्व है कि गांव की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी में पदक जीत उनके प्रयासों को नई ताकत दी है। पिछले 15 सालों में छह अंतरराष्ट्रीय व 30 राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज तैयार करने वाले डा. संधू कहते हैं कि गांव चक्कर के लोग स्वभाव से बहुत गुस्सैल व लड़ाकू थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77247.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77247.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..48d04828aa4531c528bc8989b82855d7b9a85c37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77247.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +देश की पहली सेंट्रल यूनिवर्सटिी..कभी इस इदारे (परिसर) में लड़कियां परदे के पीछे पढ़तीं थी, अब घोड़े दौड़ाती हैं। यह है अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय। जिसने हजारों शख्सियत पैदा की हैं। देश के तीसरे राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन व उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी यहीं की देन हैं। यहां से 19 राज्यपाल, 17 मुख्यमंत्री और 12 देशों के राष्ट्राध्यक्ष निकल चुके हैं। सर सैयद के इस चमन ने इस साल एक दिसंबर को सौ साल का सफर पूरा किया है। इस मौके पर मंगलवार को आयोजित समारोह में एएमयू बिरादरी ही नहीं, दुनियाभर के मुस्लिम देशों की भी नजर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77249.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77249.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bb29ef124c690ae06410e4cbfd5c03565f51f62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77249.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैट एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) दोनों संयुक्त रूप से माल की आवाजाही पर नियमित निगाह रखे हुए हैं और पूरा प्रयत्न कर रहे हैं कि दिल्ली अथवा अन्य किसी राज्य में किसी भी वस्तु की कोई कमी न हो। बीसी भरतिया और प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि मुख्य रूप से अन्य राज्यों से एफएमसीजी उत्पाद, लोगों द्वारा रोजमर्रा के उपयोग का सामान, खाद्यान, फल व सब्जी, किराने का सामान, सूखे मेवे, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान, दवाइयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा-स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाइवुड व रेडीमेड वस्त्र आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं। ।यह सभी सामान प्रायः दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मथुरा, आगरा एक्सप्रेस वे, दिल्ली- गाजियाबाद हाई वे, दिल्ली-चंडीगढ़ हाई-वे आदि रास्तों से मुख्य रूप से आते हैं, क्योंकि यहीं हाई वे दिल्ली को देश के सभी राज्यों से जोड़ते हैं और इन हाई-वे पर आंदोलन के कारण या तो रास्ते बंद है अथवा लंबे जाम लगे होने के कारण ट्रकों को काफी लंबा घूम कर दिल्ली आना पड़ रहा है, जिसके कारण अपूर्ति में देरी से आ रही है अथवा बाधित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77250.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77250.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..20dd22e322242440e6a0a31415f839eb01717fe1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77250.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थलों व अवशेषों के संरक्षण को बनी पालिसी के अनुसार के स्मारकों का संरक्षण किया जाता है। इसके अनुसार स्मारक के स्वरूप में किसी तरह का परिवर्तन नहीं कर सकते हैं। स्मारकों के निर्माण में प्रयुक्त हुई निर्माण सामग्री का उपयोग ही संरक्षण में कर सकते हैं। इसलिए आज भी चूने के मसाले का उपयोग स्मारकों के संरक्षण में किया जाता है। मशीनों के बजाय पुश्तैनी कला में पारंगत मजदूरों से संरक्षण कराया जाता है। पच्चीकारी के संरक्षण के काम में आज भी हाथ से घिसे पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि हमारी कंजर्वेशन पालिसी के सिद्धांतों में परंपरागत ज्ञान, परंपरागत तकनीक, पुश्तैनी कला के कारीगरों को संरक्षण और मूल स्वरूप को संरक्षित करने के स्पष्ट निर्देश हैं। विदेशों में पुराने को तोड़कर नया निर्माण कर दिया जाता है, हम ऐसा नहीं कर सकते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77251.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77251.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..38b90ec09761c5ff49b2b4451e2ffe8b45bb4101 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77251.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ताजमहल को गायब करने का सीन फिल्माया जा रहा था। इसके लिए वीडियो प्लेटफार्म पर अक्षय कुमार और सारा अली खान के डायलाग होने थे। पहले अमृता बनी सारा अली खान ने अपने डायलाग बोले...ताज शाहजहां ने बनवाया लेकिन इसे गायब करेंगे सज्जाद अली...यह ऐसे गायब होगा जैसे गधे के सिर से सींग। इसके तुरंत बाद ही इसी सीन में अक्षय कुमार अपना डायलाग बोलते हैं...एक शहंशाह ने उड़ाया है हम गरीबों की मोहब्बत का मजाक...मैंने नहीं अमृता वाले शायर ने कहा था। इस ताजमहल को आपकी आंखों के सामने गायब कर देंगे और फिर वापस ले आएंगे...आर की न पार की...जय कन्हैया लाल की। इस सीन को फिल्माते समय दो बार अक्षय के हाथ से तलवार छूटी, दो बार वह अपने डायलाग भूल गए, बाकी तीन बार निर्देशक संतुष्ट नहीं हुए। पालकी में बैठकर आने का सीन भी कई बार रीटेक के बाद आेके हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77253.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77253.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b74fc14c359768fb797bd2c44be0382bc4c5b353 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77253.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शशांक द्विवेदी। आज पूरे विश्व में जब भी गणित की या गणित में योगदान की बात की जाती है तब भारत के श्रीनिवास रामानुजन का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। विश्व स्तर पर गणित के क्षेत्र में उनका योगदान अनुकरणीय है। प्राचीन समय से ही भारत गणितज्ञों की सरजमीं रही है। यहां आर्यभट्ट, भास्कर, भास्कर-द्वितीय और माधव सहित कई मशहूर गणितज्ञ पैदा हुए। + +फलस्वरूप 12वीं की परीक्षा में गणित को छोड़कर वह अन्य सभी विषयों में फेल हो गए। दिसंबर 1906 में उन्होंने स्वतंत्र परीक्षार्थी के रूप में 12वीं की परीक्षा पास करने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब न हो सके। इसके बाद रामानुजन ने पढ़ाई छोड़ दी। अपने अध्ययन के बल पर रामानुजन कभी भी डिग्री प्राप्त नहीं कर सके, लेकिन उनके कार्यो और योग्यता को देखते हुए ब्रिटेन ने उन्हें बीए की मानद उपाधि दी और बाद में उन्हें पीएचडी की भी उपाधि दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77255.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77255.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2d9ce77ff940930b3efcb577e318ea02a9d4e880 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77255.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, अंशु सिंह। National Mathematics Day 2020 हैदराबाद के नीलकंठ भानु प्रकाश को मैथ्स इतना पसंद है कि वे कैलकुलेटर से भी तेज गति से सवालों के जवाब बता देते हैं। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज के इस छात्र को अपनी इस स्पीड एवं एक्यूरेसी के लिए लंदन में आयोजित ‘मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप’ में गोल्ड मेडल मिल चुका है। इसके अलावा, उनके नाम 50 लिम्का रिकॉर्ड्स भी हैं। + +खेल-खेल में सिखाएं मैथ्स : हैदराबाद के एक्सप्लोरिंग इंफिनिटीज के संस्थापक नीकलंकठ भानुप्रकाश ने बताया कि स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले मैथ्स और बाहरी दुनिया में उसके होने वाले उपयोग के बीच कोई संबंध नहीं है। बच्चे इसे एक बोरिंग विषय मानते हैं। उन्हें नहीं बताया जाता कि लैंग्वेज की तरह मैथ्स भी अहम विषय होता है। मैं न्यूमरेसी एवं लिटरेसी को बच्चों के विकास की नींव मानता हूं। लेकिन भारत में साक्षरता पर अधिक जोर दिया जाता है, न्यूमरेसी पर नहीं। इसे बदलने की जरूरत है। जहां तक बच्चों में मैथ्स के डर को दूर करने का सवाल है, तो मैं एक्सप्लोरिंग इंफिनिटीज (expinfi.com/india) के जरिए स्कूलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम करता हूं। बच्चों को बताता हूं कि कैसे मजे-मजे में गणित की पढ़ाई की जा सकती है। जैसे, मैं उनसे पूछता हूं कि क्या वे मैथ्स गेम खेलना पसंद करेंगे? उनका तत्काल जवाब आता है, क्यों नहीं? मैंने कुछ गेम्स भी क्रिएट किए हैं। अब तक हमने एक लाख से अधिक बच्चों के मैथ्स के डर को दूर करने में सफलता पायी है। + +कान्सेप्ट क्लियर होने पर नहीं लगेगा डर : ठाणे की रतनबाई-वालबाई जूनियर कॉलेज की 11वीं की स्टूडेंट सनाया गांधी ने बताया कि मुझे स्कूल के मैथ्स लेक्चर्स में खास दिलचस्पी नहीं होती थी,क्योंकि वहां एक ही ढर्रे से पढ़ाया जाता है। फार्मूला बता दिया। आप उसके आधार पर प्राब्लम को साल्व कर लें। आपको परीक्षा में इतने नंबर आ जाएंगे। लेकिन कभी कान्सेप्ट नहीं बताया जाता है कि आखिर वह फार्मूला तैयार या विकसित कैसे हुआ? किसने उसके बारे में सोचा? यानी तार्किक रूप से सोचने या सवाल करने की आजादी नहीं दी जाती और न ही प्रोत्साहित किया जाता है। जबकि वर्कशॉप्स में हमें खुद से एक्सप्लोर करने की पूरी छूट मिलती है। जैसे स्कूल में जब प्राइम नंबर के बारे में सिखाया जाता है, तो बच्चे उसे सिर्फ याद कर लेते हैं। लेकिन जब हमारा कॉन्सेप्ट क्लियर होता है, तो हम खुद से नए पैटर्न्स डेवलप कर पाते हैं। मैथ्स एक एब्सट्रैक्ट सब्जेक्ट है जिससे बच्चों को एक समय के बाद इससे डर लगने लगता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7726.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7726.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8d175042f17d59923623c8741a7e021d00f5df0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7726.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। ऋतिक रोशन पहली बार दीपिका पादुकोण के साथ पर्दे पर नज़र आने वाले हैं। सिद्धार्थ आनंद निर्देशित फाइटर में दीपिका और ऋतिक की जोड़ी दिखायी देगी। सिद्धार्थ इससे पहले ऋतिक को लेकर बेहद कामयाब फ़िल्म वॉर बना चुके हैं, जिसमें वाणी कपूर फीमेल लीड थीं, जबकि टाइगर श्रॉफ ने पैरेलल लीड रोल निभाया था। ऋतिक ने फाइटर के शुरू करने के संकेत सोशल मीडिया में तस्वीरें पोस्ट करके दिये। ।शूटिंग से प्रतिबंध हटने के बाद से फ़िल्म इंडस्ट्री फिर से रफ़्तार पकड़ने लगी है और बॉलीवुड स्टार्स रुकी हुई फ़िल्मों को आगे बढ़ाने में जुट गये हैं। शुक्रवार को ऋतिक रोशन ने फाइटर के शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया में दीपिका और सिद्धार्थ के साथ तस्वीरें पोस्ट करके लिखा- गैंग उड़ान भरने के लिए तैयार है। ।The gang is ready for takeoff. #Fighter pic.twitter.com/E0zkfQpUVs। फाइटर पहली हवाई एक्शन फ़िल्म होगी। बीटी से फ़िल्म के बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ आनंद ने कहा था कि यह उनकी सबसे महत्वाकांक्षी फ़िल्म है। इस फ़िल्म के ज़रिए भारतीय फ़िल्मों के एक्शन को विश्व पटल पर ले जाने की ख़्वाहिश है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77264.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77264.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c25cceb30a796d353e786d7809c32c94a442630 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77264.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ध्यातव्य है कि भारत सरकार सतत विकास लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2022 तक 1,75,000 मेगावॉट से बढ़ाकर 2030 तक 4,50,000 मेगावॉट करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। पिछले दिनों गुजरात के कच्छ में धारणीय विकास के लिए अनेक बड़े प्रयास किए गए। उनमें में विलवणीकरण संयंत्र और एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा पार्क शामिल हैं। + +पूर्व में ऐसे कई उदाहरण मिल सकते हैं, जब इसे अपनाने के बारे में प्रोत्साहित किया गया था। वर्ष 1908 में गांधीजी ने हमें धारणीय विकास का मार्ग दिखाया था। अपने हंिदू स्वराज में उन्होंने भौतिक वस्तुओं और सेवाओं के लिए हमारी खोज को देखते हुए मानव के भविष्य के लिए खतरे को रेखांकित भी किया था। उन्होंने कहा था कि प्रकृति हमें अपनी आवश्यकता की पूíत के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराती है, लेकिन लालच को पूरा करने के लिए नहीं। लेकिन आज मनुष्य का लालच धारणीय विकास को विकृत करता जा रहा है और जीवनशैली से धारणीयता पृथक होती जा रही है। आज मनुष्य के जीवन में उपभोक्तावाद का जहर इतना घुल चुका है कि वह प्रकृति के संसाधनों को पूरी सीमा तक उपयोग करना चाहता है, भले इसका परिणाम समूची मानवता को भुगतना पड़े। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77265.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77265.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6a9bd7c44b6c894e90a004578d7422e840340b7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77265.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coronavirus New Strains:  इंग्लैंड में कोरोना वायरस संक्रमण में म्यूटेशन की सूचना ने डॉक्टरों और लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इंग्लैंड में कोरोना वायरस में म्यूटेशन के बाद जो नया वैरिएंट पाया गया वह अभी देश में नहीं है, लेकिन वह देश में आ सकता है। इसलिए पहले की तुलना में अधिक सर्तक रहने और सख्ती से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना होगा। सतर्कता में लापरवाही से नए स्ट्रेन का संक्रमण यहां भी फैल सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77266.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77266.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca0dc160b1c7cf8ef6a861890d2a908c07540c16 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77266.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में दूरसंचार विभाग के सार्वजनिक वाई-फाई सुविधा केंद्रों के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत देशभर में वाई-फाई हॉटस्पॉट का एक नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जिसे पब्लिक डाटा ऑफिस (पीडीओ) के रूप में जाना जाएगा। यह पूर्व में संचालित पब्लिक कॉल ऑफिस यानी पीसीओ की तरह होगा। मोबाइल फोन आने से पहले दूरसंचार विभाग की लैंडलाइन वाली पीसीओ योजना काफी लोकप्रिय थी। + + पीडीओ की जरूरत। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में इंटरनेट सेवा के विस्तार के लिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क को बढ़ाने की जरूरत है। पीडीओ का लक्ष्य देश के कोने-कोने तक इंटरनेट सेवा का विस्तार करना है। ये पीडीओ वास्तव में छोटे कारोबार अथवा खुदरा दुकानों की तरह होंगे। दूरसंचार मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में जहां इंटरनेट की उपलब्धता अच्छी है, वहां आगामी दिनों में मोबाइल इंटरनेट की कीमतों में इजाफा लगभग तय है। ऐसे में पीडीओ का भविष्य शहरों में भी बेहतर है। + + ऐसे होगा काम। पीडीओ प्राथमिक इकाई होगा, जो वाई-फाई केंद्र के संचालन के साथ उनकी देखरेख भी करेगा। पीडीओ एग्रीगेटर सेवाओं की अनुमति प्रदान करने के साथ-साथ उनकी जवाबदेही भी तय करेगा। एप प्रदाता ग्राहकों के लिए एप का विकास करेगा, जिसके जरिये वे नेटवर्क पर पंजीकरण के साथ-साथ भुगतान भी कर सकेंगे। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स इन सभी का हिसाब-किताब रखेगा। + +क्या हैं सीमाएं। दूरसंचार मामलों के जानकार बताते हैं कि देश में दुकान, लाइब्रेरी, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, होटल, विश्वविद्यालय आदि जगहों पर सुविधापूर्वक सार्वजनिक वाई-फाई सेवा प्रदान की जा रही है। हालांकि, अक्सर सेवा सुरक्षित नहीं होने की बातें सामने आती रहती हैं। ऐसे में सार्वजनिक वाई-फाई के जरिये कोई गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान व र्हैंकग भी कर सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77267.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77267.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f3e8f8ce37cead79a2ddd6551ba1a845ffe0eb70 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77267.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + क्‍या होता है वायरस म्यूटेशन । वायरस म्यूटेशन यानी बदलाव का अर्थ है वायरस की आनुवांशिक शृंखला में परिवर्तन। सार्स सीओवी-2 सिंगल आरएनए वायरस है। म्यूटेशन का अर्थ उस क्रम में बदलाव से है, जिसमें मॉलीक्यूल की क्रम से व्यवस्था होती है। आरएनए वायरस में म्यूटेशन अक्सर तब होता है जब वायरस अपनी कॉपी बनाने में गलती करता है। + + निष्प्रभावी नहीं होगी वैक्सीन। बहुत सी कोरोना वायरस वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन को लक्ष्य में रखते हुए एंटीबॉडी बनाती हैं। लेकिन वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के कई क्षेत्रों को लक्षित करती है, जबकि म्यूटेशन सिर्फ एक बिंदु  परपरिवर्तित होता है। इसलिए यदि एक म्यूटेशन है तो इसका अर्थ यह नहीं हैकि वैक्सीन काम नहीं करेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77269.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77269.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..75934bef10d2df7dba1c5de6d3aade42391965fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77269.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यह गंभीर चेतावनी ।सिएटल के फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के बायोलाजिस्ट डा. जेसी ब्लूम ने कहा कि यह गंभीर चेतावनी है जिस पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इन म्यूटेशन का फैलाव होगा। विज्ञानियों को इन म्यूटेशन पर नजर रखनी होगी और इसका पता करना होगा कि कौन कितना प्रभावकारी है। ब्रिटेन के वैरिएंट के करीब 20 म्यूटेशन हैं। मानव कोशिकाओं को यह किस तरह संक्रमित कर रहे हैं यह भी एक रिपोर्ट में बताया गया है। + +मानव व्यवहार ज्‍यादा जिम्‍मेदार ।दक्षिण अफ्रीका के विज्ञानियों का मानना है कि मानव व्यवहार संक्रमण फैलाने के लिए ज्यादा जिम्मेदार है। म्यूटेशन की इसमें कितनी भूमिका है इसका आकलन होना बाकी है। डॉ. ब्लूम का कहना है कि लोगों को इस बात को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए कि वायरस का कोई ऐसा म्यूटेशन भी हो सकता है जो इम्यूनिटी और एंटीबाडीज को पूरी तरह नाकाम कर सके। इस तरह म्यूटेशन को विकसित होने में बरसों लग जाते हैं। यह प्रक्रिया स्विच के आन आफ जैसी नहीं है। + +बढ़ सकते हैं म्यूटेशन के मामले ।लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी की महामारी विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति गुरदासानी ने बताया कि पहले यह माना गया कि कोरोना के वायरस में बदलाव संभव नहीं है और यह किसी वैक्सीन से होने वाली इम्यूनिटी से बच नहीं सकता। लेकिन पिछले कुछ महीनों के शोध से यह साफ हो गया है कि इसका म्यूटेशन हो सकता है। एक बार बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन होने के बाद म्यूटेशन के मामले और बढ़ सकते हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77270.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77270.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca2acdb8f82f4c83760a9b4b57ca8826a0123e4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77270.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव मुढ़ाला निवासी तसलीम ने सोमवार को एसपी को दिए प्रार्थनापत्र में आरोप लगाया कि 17 दिसंबर को गांव के उम्मेद के खेत में मिट्टी उठाई जा रही थी। फावड़े से मिट्टी उठाई तो हीरे की आकृति की एक वस्तु निकली। उसमें चमक थी। कुछ देर बाद गांव के कुछ लोग आए और उन्होंने उस हीरा को ले लिया। बदले में पैसे और पट्टा देने का लालच दिया। तसलीम का कहना है कि पीडि़त को न पैसे दिए और न ही पट्टा दिया। हीरा वापस मांगा तो उसे एक नकली हीरा लाकर दे दिया। उसने असली हीरा देने को कहा तो उन्होंने गाली-गलौज की। तस्लीम को जान से मारने की धमकी दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77271.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77271.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..01699addbe9453dae64b770dc97835604b75fc27 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77271.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रायपुर, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति के कद्दवार नेता मोती लाल वोरा 'बाबूजी' का 93 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे वोरा ने ओखला (दिल्ली) स्थित फोर्टिस एस्कार्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर छत्तीसगढ़ में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को दुर्ग (छत्तीसगढ़) में किया जाएगा। उनके निधन पर कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल अनुसुईया उईके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह समेत देश और प्रदेश के अनेक नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। + +अक्टूबर में उड़ी थी निधन की अफवाह।वोरा दो महीने पहले अक्टूबर में कोरोना पाजिटिव हो गए थे। इस दौरान उनके निधन की अफवाह भी उड़ गई थी। उस समय कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने ट्वीट करके उनके निधन की जानकारी दी थी। बाद में परिवार वालों ने स्पष्ट किया था कि वह कोरोना के इलाज के लिए दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77273.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77273.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..28e65f05c14e7703a8e820880447c0b9bf35886a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77273.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोतीलाल बोरा से जब अंतरिम अध्यक्ष के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में मुझसे किसी ने बात नहीं की। पार्टी नेतृ्त्व की जिम्मेदारी के लिए और भी लोगों के नाम चल रहे हैं, अशोक गहलोत के बारे में चर्चा हो रही है। अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने का तो फैसला कांग्रेस कार्यसमिति को करना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77275.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77275.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2609d9b57d6d53dc8255db4d5358d4d90abd0bf3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77275.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +प्रदीप द्विवेदी, बांदा। विलुप्तप्राय गिद्धों के संरक्षण और सतत निगरानी के लिए अब रेडियो टैगिंग की प्रक्रिया शुरू हुई है। इस अनूठे और अहम प्रयोग का मकसद पर्यावरण के इन सफाईकर्मियों के रिहायश, प्रवास के मार्ग एवं पन्ना लैंडस्केप में मौजूदगी की सटीक सूचना, उपस्थिति आदि की जानकारी जुटाना है। पन्ना टाइगर रिजर्व ने इनके संरक्षण और संख्या वृद्धि के लिए केंद्र सरकार की इजाजत के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के सहयोग से पहले चरण में 25 गिद्धों को रेडियो टैगिंग कर जीपीएस टैग से लैस कर छोड़ा है। अब इनकी लोकेशन आसानी से पता चलेगी और सुरक्षा भी की जा सकेगी। + +बांदा जिले की सीमा से सटे मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व न सिर्फ बाघों, बल्कि गिद्धों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा पन्ना व करतल क्षेत्र में गिद्धों की बहुतायत है। पर्यावरण के सफाई कर्मी कहलाने वाले गिद्धों की यहां सात प्रजातियां पाई जाती हैं। चार प्रजातियां पन्ना टाइगर रिजर्व की हैं। शेष तीन प्रजातियां प्रवासी हैं। इनकी संख्या करीब 600 होने का अनुमान है, लेकिन संख्या तेजी से कमी देखते हुए संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने गिद्धों की रेडियो टैगिंग के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की मदद ली। विशेषज्ञ डॉ. के रमेश व सहायक विशेषज्ञ डॉ. सुप्रेतम की टीम ने 15 दिन तक गिद्धों को पकड़कर ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस किया। पहले चरण में रेडियो टैगिंग पूरी कर ली गई है। आगे दूसरे गिद्धों की भी टैगिंग की जाएगी। + +ये है रेडियो टैगिंग: डब्ल्यूआइआइ के विशेषज्ञ दक्षिण अफ्रीका और बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) भारत की विधि के तहत घास के मैदान में 15 वर्गमीटर आकार पिंजरा बनाया गया है। कमरानुमा पिंजरे में ताजे मांस के टुकड़े डालते हैं, जिन्हें खाने के लिए गुद्ध पिंजरे के भीतर आ जाते हैं, लेकिन बाहर नहीं निकल पाते। पिंजरे में कैद गिद्ध को रेडियो टैगिंग की जाती है। इसमें गिद्धों के सिर के पास मोबाइल चिप की तरह छोटा जीपीएस उपकरण फिट कर दिया जाता है। फिर सात दिन बाद उड़ान भरने के लिए खुला छोड़ दिया जाता है। + +ये हैं सात प्रजातियां स्थानीय।प्रवासी प्रजाति (ये माइग्रेट होती हैं)।यह होगा फायदा।पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि पहले चरण में फिलहाल 25 गिद्धों की रेडियो टैगिंग हुई है। इन्हें जीपीएस से लैस कर छोड़ा गया है। इसके जरिए इनकी मॉनीटरिंग की जा सकेगी। इसके बाद इनकी प्रजातियों की वृद्धि के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77276.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77276.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..310e49c10b8248a55d2094e7899e791e01dede34 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77276.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा की दक्षिण-पश्चिम दिशा में करीब 50 किमी दूर पहाड़ी पर जगनेर का किला, ग्वाल बाबा मंदिर और बाबली एएसआइ द्वारा संरक्षित हैं। इसकी दूरी खेरागढ़ से 21 किमी है। यह किला खंडहर हालत में है। एएसआइ के मोबाइल एप पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार किले का निर्माण जगवल राव द्वारा कराया गया था। वर्ष 1572 में वो एक सरदार थे। किले का निर्माण स्थानीय पत्थरों से किया गया था। किले की उत्तर दिशा में स्थित मुख्य प्रवेश द्वार आयताकार बाड़े की ओर जाता है। इसके प्रत्येक किनारे पर बुर्ज बना हुआ है। किले के अंदर के सभी परिसर प्रवेश द्वार के द्वारा जुड़े हुए हैं। यहां दीवान-ए-आम कांप्लेक्स संरक्षित स्थिति में है। एक आवासीय परिसर के अवशेष भी यहां हैं। इस परिसर में स्थित रानी पैलेस कभी सात मंजिला हुआ करता था, जो कि अब केवल एक मंजिला बचा हुआ है। किले के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में ग्वाल बाबा का मंदिर स्थित है, जिसमें एक कमरा बना हुआ है। इस मंदिर की काफी मान्यता है और यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। एएसआइ द्वारा कई वर्षों से जगनेर के किले में संरक्षण कार्य नहीं कराया गया है, जिससे इसकी स्थिति जीर्ण-शीर्ण है। + +जगन सिंह के नाम पर है जगनेर, अलग-अलग हैं मत।13वीं सदी के शासक जगन सिंह के नाम पर क्षेत्र का नाम जगनेर पड़ा है। आगरा गजेटियर के अनुसार जगनेर को पहले ऊंचाखेड़ा कहते थे। कर्नल टाड के अनुसार 'नेर' का अर्थ चारों ओर से प्राचीर से घिरा नगर होता हैै। किले में लगे शिलालेख के अनुसार इसे राजा जगन पंवार ने बनवाया था। कनिंघम की पुस्तक पूर्वी राजस्थान के यात्रावृत्त से भी इसकी तस्दीक होती है। स्थापत्य कला के हिसाब से इसे महोबा नरेश आल्हा-ऊदल के मामा राजा राव जयपाल द्वारा बनवाने की बात सामने आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77278.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77278.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b1e1005727f669e5c44dd1e8dd1b11802e955039 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77278.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मिश्रित आबादी वाले गांव की आबादी लगभग 11000 है। बड़ी हिस्सेदारी जाट समाज की है। दूसरे नंबर पर ब्राह्मण हैं। इनके अलावा दलित और मुस्लिम समुदाय के लोग भी भाईचारे से रहते हैं। साफ-सुथरे ढंग से जीवन यापन कर रहे इस गांव के लोग खेती-किसानी पर ही आश्रित हैं। कुछ लोग सरकारी नौकरियों में हैं जबकि रोजाना लगभग हजार लोग बड़ौत और आसपास के कस्बों में दिहाड़ी मजदूरी, अथवा नौकरी के लिए जाते हैं। + +डिस्कवरी प्लस पर सिनौली का इतिहास। सिनौली उत्खनन से निकले इतिहास को डिस्कवरी प्लस चैनल पर वेब सीरीज 'सीक्रेट्स आफ सिनौली- डिस्कवरी आफ द सेंचुरी में दिखाया जाएगा। अभिनेता मनोज वाजपेयी इसकी कहानी प्रस्तुत करेंगे। पुष्टि करते हुए एएसआइ के निदेशक डा. संजय मंजुल बताते हैं कि डिस्कवरी प्लस चैनल ने सिनौली में कई दृश्य शूट किए हैं। इसे दिखाने की तिथि जल्द ही सामने आएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77281.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77281.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4ffbfd48dce28124243fb127313a102785178d1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77281.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अपनाएं सुरक्षा के सारे उपाय : कई ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं, जिनमें कोरोना का संक्रमण दोबारा हो गया। इसलिए इससे उबरने के बाद लापरवाही बिल्कळ्ल नहीं करनी चाहिए। सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों जैसे शारीरिक दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग, सैनिटाइजर का प्रयोग और अन्य आवश्यक नियमों का पालन करना पहले भी जरूरी था और बाद में भी जरूरी है। सजगता ही इस संक्रमण से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा उपाय है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77283.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77283.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2f98e2aabd12ba6b5b4570c089d10e9395571ebd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77283.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बृहस्‍पति की कुछ अनोखी बातें । हम सभी जानते हैं कि बृहस्पति जिसको इंग्लिश में Jupiter कहते हैं सूर्य से 5वां ग्रह है। यह हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह भी है। इस ग्रह को रात में नंगी आंखों से देखा जा सकता है। ये ग्रह मुख्‍य रूप से हीलियम और हाइड्रोजन गैस से मिलकर बना है। आपको बता दें कि ब्रह्मांड में चांद ओर शुक्र के बाद सबसे चमकीला ग्रह यदि कोई है तो वो बृहस्‍पति ही है। बृहस्‍पति ग्रह अपने ऊपर पड़ी रंग बिरंगी पट्टियों के लिए भी जाना जाता है, जो इसपर मौजूद अलग-अलग वातावरण को दर्शाती हैं। + +छोटा सा काला धब्‍बा ।वर्ष 2007 में इस ग्रह की तस्‍वीरें नासा के यान न्‍यू होराइजन ने उतारी थीं। इससे पहले पायोनियन, वॉयजर और गैलिलियो यान ने भी इसकी जानकारी दी थी। इस ग्रह पर एक छोटा सा काला धब्‍बा दिखाई देता है। ये धब्‍बा दरअसल, इसका एक चंद्रमा है जिसका नाम यूरोपा है। ये हमेशा से ही वैज्ञानिकों के लिए कौतुहल का विषय बना रहा है। बृहस्‍पति पर हाइड्रोजन और हीलियम की अधिकता की वजह से वहां पर तूफानों का आना काफी आम बात माना जाता है। इस पर सफेद और भूरे रंग के कई धब्‍बे मौजूद हैं जो यहां के बादलों से मिलकर बनें है। ये ठंडे और और गर्म बादलों को दर्शाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77285.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77285.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f0480895319c814c6b630b75fe3444559ef8ede5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77285.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली को 1200 एमजीडी पानी की करता है आपूर्ति।सामान्य तौर पर जल बोर्ड करीब 935 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी आपूर्ति करता है। जबकि 1200 एमजीडी पानी की जरूरत होती है। लिहाजा, दिल्ली में 265 एमजीडी पानी की कमी है। वहीं, दूसरी तरफ सीवरेज शोधन से करीब 500 एमजीडी पानी उपलब्ध होता है। इसमें से 90 एमजीडी पानी का इस्तेमाल गैर घरेलू कार्यों में हो पाता। शेष पानी बहा दिया जाता है। इसके मद्देनजर जल बोर्ड ने उत्तर प्रदेश से पेयजल के लिए अतिरिक्त पानी देने और बदले में सिंचाई के लिए उपचारित पानी देने का प्रस्ताव दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77287.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77287.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..edafd326eb5498218e07eb804389294de2d93eff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77287.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली  [संजीव गुप्ता]। लंबे समय तक चली रस्साकशी के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई। इस बैठक में यूं तो 14-15 नेता शामिल हुए, लेकिन दिल्ली से केवल पूर्व अध्यक्ष अजय माकन शामिल रहे। ऐसे में दिल्ली के कांग्रेसियों की बेचैनी भी बढ़ गई है। उन्हें एक परेशानी तो यह है कि अजय माकन को इतनी तवज्जो क्यों और दूसरी परेशानी यह कि अजय माकन कहीं उनके लिए मुसीबत न बन जाएं। जगजाहिर है कि इस समय दिल्ली कांग्रेस को जो गुट संभाल रहा है, वह अजय माकन का विरोधी है और उनसे ही नहीं, उनके करीबियों से भी दूरी बनाकर चलता है। ऐसे में माकन को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़त मिलने से इस गुट के पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। वैसे अजय माकन ही नहीं, इस गुट के अन्य लोगों मसलन अरविंदर  सिंह लवली और देवेंद्र यादव को भी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी तवज्जो मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77288.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77288.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c9caa9a6381d5b2bb993f693c21298b1544c5d86 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77288.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली [निहाल सिंह]। बकाया फंड की मांग को लेकर महापौर के धरने से दिल्ली सरकार को घेरने के रोज नए-नए तरह के प्रयोग हो रहे थे। इसके तहत धरना स्थल पर हवन करने की योजना बनाई गई, लेकिन धरना स्थल पर पहुंचने से पहले ही पंडित जी को पुलिस थाने ले गई। नगर निगम के नेताओं के आग्रह पर पंडित जी जब हवन सामग्री लेकर धरना स्थल पर पहुंचे ही थे कि पुलिस ने उनके पास तामझाम देखकर पूछ लिया कि पंडित जी किसके घर में जा रहे हो। पंडित जी ने भी निगम के नेताओं की धाक जमाते हुए कह दिया कि किसी घर में नहीं, बल्कि धरना स्थल पर हवन करने जा रहे हैं। पुलिस पंडित को दूसरे रास्ते से ले जाने के बहाने अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई। मामले से पर्दा तब उठा जब पंडित जी ने थाने से फोन किया। + +कौन सच्चा और कौन झूठा।राजधानी दिल्ली में निगम चुनाव डेढ़ वर्ष बाद होने हैं, लेकिन सियासी गर्मी इतनी हो गई है कि आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी से ही शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) और भाजपा में निगमों को लेकर जमकर खींचतान चल रही है। जहां महापौर 13 हजार करोड़ रुपये का बकाया दिल्ली सरकार पर होने का दावा कर रहे थे तो वहीं बजट प्रस्तावों का हवाला देकर आप ने भी निगम में 2500 करोड़ के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा दिया। अब दिल्ली की जनता इस भ्रम में है कि वह किसकी बात को सही माने, क्योंकि दोनों पार्टियां अपने-अपने समर्थकों की तादाद बढ़ाने के लिए अपने-अपने दावे कर रही हैं। जनता पर किसके दावे का प्रभाव पड़ रहा है यह तो वर्ष 2022 में होने वाले निगम चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगा। जो जीतेगा प्रभाव उसी का ही माना जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77289.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77289.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cf92dbe477b7094dc08d3985683fbedd37f18c3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77289.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कभी भारत के साथ सीमा विवाद और चीन से करीबी तो कभी आंतरिक नीतियों के कारण अपने ही पार्टी नेताओं का विरोध, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का कार्यकाल हमेशा विवादों में घिरा रहा। वह अपनी नीतियों से न तो देश की जनता को संतुष्ट कर सके, न ही पार्टी और मित्र राष्ट्रों को। अब जबकि नेपाल की संसद भंग हो चुकी है, उनकी ही पार्टी के दिग्गज नेता इसे असंवैधानिक करार दे रहे हैं। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ही संसद भंग किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कह रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77290.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77290.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..428e3d6aeddf1f225522dd5eae50f33017125dab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77290.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिल्म अतरंगी रे की शूटिंग के लिए ताजमहल में शूटिंग यूनिट ने स्मारक खुलने के साथ ही सामान पहुंचाना शुरू कर दिया था। रायल गेट पर वीडियो प्लेटफार्म से आगे शूटिंग नहीं हो सकती है, इसलिए वीडियो प्लेटफार्म पर सभी उपकरण सेट किए गए। अक्षय कुमार सुबह करीब नौ बजे ताजमहल पहुंचे। पूर्वी गेट से उन्होंने स्मारक में प्रवेश किया। स्मारक में प्रवेश के बाद उन्होंने सीआइएसएफ जवानों से मुलाकात की और उनके साथ फोटो खिंचवाया। इसके बाद वो शूटिंग की तैयारियां देखने लगे। अक्षय कुमार का क्रेज ताजमहल देखने आए पर्यटकों में भी दिखाई दिया, लेकिन बाउंसर व सुरक्षाकर्मियों ने उन्हेंं किसी के नजदीक नहीं जाने दिया। ताजमहल में अक्षय कुमार और सारा अली खान पर कई दृश्य फिल्माए जाने हैं। अक्षय कुमार रविवार रात आगरा पहुंचे थे, जबकि सारा अली खान रविवार शाम ही आगरा आ गई थीं। इससे पूर्व अक्षय कुमार ने मुंबई में मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77295.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77295.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..955d9f35a43411e2bfc05c291598465b21175a9f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77295.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दक्षिणावर्ती शंख ।पुराणों के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख को स्वयं भगवान विष्णु धारण करते हैं। इस शंख को दाएं हाथ से बजाया जाता है। इस शंख को सबसे अधिक शुभ माना जाता है। दक्षिणावर्ती शंख को घर में बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा आती है। इस शंख का पूजन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और सुख-सम्पत्ति बढ़ती है। + +वामवर्ती शंख ।वामवर्ती शंख को बाएं हाथ से बजाय जाता है। यह शंख आसानी से मिल जाता है इसलिए इसका प्रयोग सबसे अधिक होता है। इस शंख को बजाने के लिए एक छिद्र होता है। इस शंख की आवाज़ से नकारात्मक शक्तियां घर से बाहर निकलती हैं और घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। घर में वामवर्ती शंख रखने से सुख-शांति बनी रहती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77297.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77297.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1582dc80be9566fa4058defcdc52d4baec7ca61d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77297.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वर्ष 2014 के लोकसभा और 2016 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले 2019 के संसदीय चुनाव में बंगाल में काफी हद तक मतदाता भयमुक्त रहे। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने उपद्रवियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप था कि केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवान उनके समर्थकों को डराते-धमकाते हैं। पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वी मिदनापुर स्थित नंदीग्राम जाने का अवसर मिला था। वहां सियासी रंजिश का आलम यह था कि पूरे अंचल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के अलावा दूसरे किसी भी दलों का कोई पोस्टर नहीं था। अप्रैल 2019 में बारह वर्षो के बाद नंदीग्राम में सीपीएम का दफ्तर खोला गया। लेकिन अगले दिन तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय को काले झंडों से पाट दिया। बंगाल में हिंसा की जो राजनीति वामदलों ने शुरू की थी, उसी र्ढे पर तृणमूल कांग्रेस है। नंदीग्राम व सिंगुर में जिस प्रकार खौफ का माहौल है, वैसी ही दहशत कम्युनिस्ट सरकार के समय थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77299.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77299.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..888e3ad724f897de2625d5d37688ba426b164137 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77299.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, जेएनएन। यदि आप स्वास्थ्य लाभ के लिए इस समय भी मार्निंग वाक पर जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि सुबह की हवा मार्निंग वाक के फायदों को नुकसान में बदल रही है। एलर्जी व अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए तो यह खतरनाक है ही सामान्य लोगों को भी दिक्कत हो सकती है। इस समय पूरे शहर में सुबह की हवा में धूल के कणों की मात्रा गंभीर से भी अधिक खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि स्वस्थ रहना है तो इस मार्निंग वाक को भूलकर घर पर रहें और योग और एक्सरसाइज के जरिए शरीर को स्वस्थ रखें। + +ऐसे खतरनाक है पीएम।हवा में धूल के कण यानी पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)।सांस के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं तो काफी खतरनाक स्थिति होती है। आमतौर पर ये वातावरण में बने रहते हैं लेकिन ठंड के समय वातावरण में मौजूद ओस की बूंदों के साथ चिपककर नीचे आ जाते हैं, इसीलिए अधिक खतरनाक हो जाते हैं। उनके आकार के अनुसार पीएम 1, पीएम 2.5 व पीएम 10 के रूप में वर्गीकरण किया गया है। पीएम 1 काफी छोटे कण होते हैं।दिनभर का प्रदूषण सुबह के समय वाटर कंटेंट के साथ चिपककर सुबह के समय नीचे आ जाते हैं। इसे संघनन की स्थिति कहते हैं। साथ ही शहर में हो रहे निर्माण कार्यों, सड़कों की सफाई के कारण भी धूल के कण वातावरण में बढ़ जा रहे हैं। पीएम बढ़ना स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी खतरनाक है। लोगों को मार्निंग वाक से परहेज करना चाहिए। यदि तापमान 20 डिग्री से नीचे आए तो 50 से अधिक उम्र वालों को घर पर ही एक्सरसाइज करना चाहिए। - प्रो. डीके सिंह, पर्यावरणविद।ठंड के समय धूल के कण नीचे रह जाते हैं। कोहरे के साथ मिलकर यही स्माग कहलाते हैं। सुबह अगर बाहर निकले हैं तो यह स्थिति काफी खतरनाक हो जाती है। एलर्जी या अस्थमा की दिक्कत है तो इस हवा में टहलने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। स्टोक पड़ सकता है। अधिक उम्र वाले लोगों, सांस के रोगियों को ठंड अधिक होने पर टहलने से परहेज करना चाहिए। तापमान बढ़क तो निकल सकते हैं। यदि सामान्य व्यक्ति भी इस तरह की हवा में लगातार रहेगा तो उसे भी परेशानी हो सकती है। मास्क लगाने से हवा के प्रदूषण से भी बचा जा सकता है। - डा. वीएन अग्रवाल, छाती रोग विशेषज्ञ। ।हृदय रोगियों को ठंड के समय टहलने से मना किया जाता है। कम तापमान में निकलना खतरनाक रहता है। ऐसे में यदि हवा प्रदूषित है तो और सावधानी बरतने की जरूरत है। इससे सांस से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ जाएंगी और स्थिति खतरनाक हो जाएगी। इसलिए टहलना है तो तब टहलें जब धूप निकली हो। धूप न निकले तो घर में ही एक्सरसाइज करने पर जोर दें। - डा. आशिफ शकील, हृदय रोग विशेषज्ञ। ।अलग-अलग दिनों में वायु प्रदूषण की स्थिति।दिनांक समय पीएम 10 पीएम 2.5 पीएम 1।19/12/2020 12 बजे      382.61            327.82 136.61।19/12/2020 15 बजे      628.08            533.51 221.42।18/12/2020 05 बजे      462.80             357.16 152.02।18/12/2020 07 बजे      742.47            673.02 335.36।17/12/2020 07 बजे      396.15            310.58 122.75।17/12/2020 09 बजे      682.49            607.94 227.79।17/12/2020 11 बजे      494.48            345.38 118.09।16/12/2020 07 बजे      852.76             781.76 309.41।16/12/2020 09 बजे      855.96             791.82 313.39।16/12/2020 11 बजे      739.34             703.73 274.65।16/12/2020 13 बजे      121.33             83.88  26.66।15/12/2020 08 बजे      337.45             269.14 105.75।15/12/2020 10 बजे      799.21             658.26 244.37।15/12/2020 14 बजे      95.53             65.78 20.86।01/12/2020 07 बजे      575.24             413.14 207.68।01/12/2020 09 बजे      845.28             671.84  360.35।01/12/2020 11 बजे      210.81             153.36 49.29।नोट : पीएम 10 250 के ऊपर जाने पर खराब माना जाता है। 430 के ऊपर इसे गंभीर मानते हैं। पीएम 2.5 90 से ऊपर खराब जबकि 250 पहुंचने पर गंभीर माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77304.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77304.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6653afde19104468f848515240264f13e36c84a6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77304.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में ठिठुरन भरी ठंड के बावजूद हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर करीब 25 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार उनकी हर आपत्ति का समाधान करने को तैयार है, कानूनों में संशोधन भी किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं किसानों से विनम्र शब्दों में अपना आंदोलन वापस लेने की अपील कर चुके हैं, लेकिन किसान इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। ऐसे में इन कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर संजीव गुप्ता ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) के निदेशक डॉ. एके सिंह से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश : ।कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग पर अड़े किसानों और उनके आंदोलन को आप किस नजरिए से देखते हैं?।- मेरा मानना है कि किसानों को नए कृषि कानूनों के विषय में अधिक जानकारी दिए जाने की जरूरत है। उनके इस आंदोलन की नींव ही गलतफहमी और अधूरी जानकारी पर पड़ी है। सच्चाई इसके विपरीत है। कड़वा सच यह है कि आंदोलन कर रहे किसानों ने इन कानूनों को ठीक से पढ़ा और समझा ही नहीं। अपना उल्लू सीधा करने के लिए राजनीतिज्ञों और आढ़ती-बिचौलियों ने उन्हें जैसा समझा दिया, वे उसे ही सच मानकर बैठ गए। अगर किसान पुराने कानूनों से इनकी तुलना करेंगे तो उन्हें तुरंत फर्क समझ आ जाएगा। + +किसानों का कहना है कि नए कृषि कानून मंडियों को खत्म कर देंगे। सच क्या है?।- ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सच तो यह है कि अब किसानों को मंडी से बाहर भी फसल बेचने की छूट मिल गई है जो उनके लिए वरदान से कम नहीं है। अब वे आढ़तियों के चंगुल से बचकर जहां बेहतर दाम मिले, वहां पर अपनी फसल बेच सकेंगे। मसलन, बासमती चावल की पैदावार पर भारत का एकाधिकार है। अंतराष्ट्रीय बाजार में लोग बासमती के ऊंचे दाम तक देने को तैयार हैं। लेकिन, किसानों को ऊंचा दाम इसलिए नहीं मिलता क्योंकि उनसे सस्ते में फसल लेकर यह मुनाफा आढ़ती और बिचौलिये ले जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77316.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77316.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..10be2f249599ffed34455f2610d26245906c0823 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77316.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, विनय तिवारी। देश के इंजीनियर शीशे का पारदर्शी पुल बनाकर एक नई तकनीकी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, ये पुल न सिर्फ देखने में आकर्षक लगते हैं बल्कि इन पर चलने में एक अजीब से रोमांच का भी अहसास होता है। अपने पैरों के नीचे दुनिया नजर आती है। चीन ने अपने यहां कई जगहों पर इस तरह के पुल बनाए हैं जो उनके यहां पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। अब भारत के भी कुछ राज्यों में ऐसे पुल देखने को मिल रहे हैं। इन पुलों को देखने और उन पर चलने के बाद लोगों को अजीब से रोमांच का अहसास हो रहा है। कुछ पुल बनकर तैयार हो गए हैं तो आने वाले कुछ सालों में ऐसे और भी पुल देखने को मिलेंगे। ।उत्तराखंड ।उत्तराखंड सरकार ने देश में अपनी तरह के पहले ग्लास फ्लोर सस्पेंशन ब्रिज के डिजाइन को मंजूरी दे दी है। ये सख्त और आर-पार देखे जाने वाले ग्लास से बनाया जाएगा। यह पुल ऋषिकेश में गंगा नदी पर बनाया जाएगा। इस पुल को 94 साल पुराने लक्ष्मण झूले के विकल्प के तौर पर बनाया जाएगा। दरअसल सुरक्षा कारणों के चलते साल 2019 में लक्ष्मण झूले को बंद कर दिया गया था, इसी पुल के बराबर में ये शीशे का सस्पेंशन ब्रिज बनाया जाना है। पुल का डिजाइन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा तैयार किया गया है। ।बिहार ।उधर शनिवार को बिहार शरीफ जिले के राजगीर में पहाड़ि‍यों के बीच बन रहे शीशे के पुल को देखने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पहुंचे। इस पुल पर उन्होंने चहदकदमी भी की। उन्होंने कहा कि पुल पर आकर लोग नेचर सफारी का आनंद ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि यहां सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो नए साल में मार्च तक नालंदा जिले के राजगीर में बन रहे नेचर सफारी में सारे निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे और इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। 85 फीट लंबा व 5 फीट चौड़ा यह ब्रिज 200 फीट की ऊंचाई पर बन रहा है। + +इस ग्लास स्काईवॉक को बनाने का काम साल 2018 में शुरू किया गया था। इस तीर्थ स्थल पर दुनिया की सबसे ऊंची चेन्जिग प्रतिमा और साथ में ग्लास स्काईवॉक, एक कैफे और एक गैलरी मौजूद है। स्काईवॉक को पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को प्रतिमा का मनोरम दृश्य दिखाने के इरादे से बनाया गया था, जो कि सीढ़ियों तक जाती है। ग्लास स्काईवॉक कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है क्योंकि जब पर्यटक इस पर चलते हैं तो उनको नीचे का नजारा दिखाई देता है। कमजोर दिल वालों के लिए ये एक सदमे सा हो सकता है। ।आंध्र प्रदेश के काकीनाडा ।उधर आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में भी ग्लास डेक ब्रिज बनाया गया है। इसको लंबे अरसे से ब्रिज बना रही कंपनी 'एपिकॉन' ने बनाया है। ये आंध्रप्रदेश में पहला ग्लास डेक ब्रिज है। विजयवाड़ा से करीब 400 किमी दूर स्थित काकीनाडा को आंध्र सरकार टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर रही है। यहीं पर समुद्री कटाव के क्षेत्र में भरे पानी को पार करने की परेशानी से बचने के लिए देश का पहला पेडेस्ट्रियन ग्लास डेक ब्रिज बनाया गया है। कंपनी ने इसे 7 महीने में 45 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा और 8 मीटर ऊंचा पुल तैयार कर दिया। इसके निर्माण पर करीब 2.5 करोड़ रु. की लागत आई है। यह पुल 500 किलो प्रति वर्गमीटर का वजन बर्दाश्त कर सकता है। इसमें उपयोग किए गए टफन ग्लास की मोटाई करीब 25 मिमी है। इसके लिए 12-12 मिमी के दो ग्लासों को बीच में एक मिमी की लेमिनेटेड फिल्म रखकर साथ जोड़ा गया है। ।भोपाल में तैयारी ।अब इसी तरह का ब्रिज भोपाल में बनाए जाने की तैयारी है। ये भोपाल के रोहित नगर इलाके में बनाया जा रहा है। इसका उद्घाटन नए साल में जाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र में चीन के जिंग जियाज में बने दुनिया के सबसे लंबे ग्लास डेक ब्रिज से भी लंबा ब्रिज बनाए जाने का प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। ये अपने आप में न केवल इंदौर बल्कि देश के नाम पर भी एक बड़ा रिकॉर्ड होगा। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77317.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77317.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52c15c5cf93b08343596330fdb428cc2416f0ec5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77317.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नागली पूना गांव निवासी अमित राणा वर्षों से अनुबंध के तहत खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नए कानूनों से किसान अपनी उपज को मंडी के साथ-साथ बाहर बेच सकता है। वे करीब एक एकड़ के खेत में अनुबंध के तहत जैविक खेती कर रहे हैं। अनुबंध के तहत खेती करने से उन्हें मंडी की ओर नहीं देखना पड़ा है। क्योंकि मंडी के भाव से करीब 30 फीसद अधिक भाव उन्हें कंपनी दे रही है। उन्होंने बताया कि अब खेती करने के पुराने तौर तरीकों से छुटकारा पाने का समय है। + +किसान हानिकारक रसायनयुक्त कीटनाशक और खाद का प्रयोग खेती में कर रहे हैं, लेकिन अब जैविक खेती करने का समय आ गया। बड़ी-बड़ी कंपनियां आज जैविक खेती करने में किसानों की सहायता कर रही हैं। तीनों कृषि कानून किसान और उपभोक्ता, दोनों के हित के लिए ही लाए गए हैं। हालांकि अमित का यह भी कहना है कि भंडारण को असीमित करने से इसका गलत इस्तेमाल होने की आशंका है। इसलिए इसमें उचित निगरानी की जरूरत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77318.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77318.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4de7240082fbc26f1415ed73f260dcb535605af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77318.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल की पूर्वी दिशा में यमुना किनारे पर बने तीन मंजिला बुर्ज से यमुना संग ताजमहल का दिलकश नजारा सैलानियों का मनमोह लेता है। यह बुर्ज ताजमहल के मुतवल्ली और आगरा के फौजदार रहे आगा खां की हवेली के अवशेषों में से एक है। यह मुमताज की सेवा में तैनात ख्वाजासरा की हवेली हुआ करती थी। उसकी मौत वर्ष 1657 में हो गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77319.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77319.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a318760b55610d903461b6b9a6e78d6a253989ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77319.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दिल्ली उन राज्यों में शामिल है जहां शराब को सुरक्षित बनाए रखने पर अधिक ध्यान दिया जाता है। मगर पड़ोसी राज्यों में खासकर हरियाणा में शराब सस्ती होने के कारण माफिया वहां से दिल्ली में शराब लाकर बेचने का प्रयास करते हैं। इसके लिए वे तरह तरह के हथकंडे अपनाते हैं। नकली शराब की बोतल पर लेवल भी नकली लगे होते हैं। मगर उन्हें असली शराब की बोतल की तरह प्रस्तुत किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77321.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77321.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd55a2102b82b5664fa8a5b7ae13c424a272e3b6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77321.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दोनों नियम के उल्लघंन पर लगेगा 5500 का ही चालान।दिल्ली परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त केके दहिया ने कहा है कि अभी चालान काटने का अभियान बहुत सीमित स्तर पर चल रहा है। यह केवल लोगों को जागरूक करने के लिए है। लोग जल्द से जल्द अपने वाहन में एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर लगवा लें। एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर दोनों ना होने की सूरत में 5500-5500 के चालान कटते हैं लेकिन यहां कार मालिक को राहत दी जा रही है। अगर एक ही कार में एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर दोनों नहीं हैं तो उन मामले में एक ही चालान 5500 रुपए का कटेगा। वीकेंड पर 35000 लोगों ने किए आवेदन एचएसआरपी के लिए अभी तक परिवहन विभाग के पास करीब पौने दो लाख आवेदन आ चुके हैं। + +परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वीकेंड के दिन शनिवार को करीब 35000 वाहन मालिकों ने आवेदन किए हैं। आवेदन करने वाले लोगों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की तारीख भी साथ ही दी जा रही है।उपभोक्ताओं को जिस दिन की तारीख नंबर प्लेट और स्टीकर लगाने के लिए दी गई है। उनके लिए उस तारीख से 15 दिन आगे तक छूट रहेगी। इस बीच रसीद दिखाने पर उनका चालान नहीं किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77323.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77323.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d226d53398ffd3ea260638e0e72cc34c2b8fbe96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77323.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देवघर [ कंचन सौरभ मिश्रा ]। Jharkhand Cyber Criminals सारठ के किशन चौधरी। किशन मूल रूप से बिहार के मुंगेर के घोंघा गांव निवासी हैं। पांच दशक पहले किशन के पिता मधु चौधरी सारठ आए थे। एक झोपड़ी बनाई और ताड़ी बेचने लगे। आज भी वे ताड़ी बेच रहे हैं। बचपन से गरीबी की छांव में पला बढ़ा उनके बेटे अजीत को ईमानदारी की जिंदगी रास नहीं आई थी। देवघर और जामताड़ा में साइबर अपराध से चुटकियों में लाखों कमा लेने वाले अपराधी उसके रोल मॉडल बन गए। बस क्या था, अपने साथी राजीव के साथ वह भी इसी राह पर चल पड़ा। अपराध की दुनिया में कदम रखते ही काली कमाई आने लगी। हाल में पुलिस ने अजीत और उसके तीन अन्य साथियों के घर जब छापेमारी की तो अधिकारियों के भी होश फाख्ता थे। इन अपराधियों ने साइबर अपराध से लाखों की संपत्ति अॢजत की। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अजीत ने अपने घर का स्नानागार बनाने में दो लाख की रकम खर्च कर दी है। + +पिता बेचते मिट्टी के बर्तन, बेटे के पास हाइवा ।कुछ ऐसा ही हाल रंजीत पंडित का है। रंजीत कभी बेहद गरीब था। आज भी उसके परिवार का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है। पिता जादू पंडित मनरेगा मजदूर हैं। उनके पांच बेटे हैं। खेती के लिए पुश्तैनी जमीन मात्र 12 कट्ठा  है। गांव में मिट्टी के बर्तन बेच परिवार का गुजारा होता है। रंजीत ने साइबर अपराध में क्या कदम रखा कि घर का नक्शा ही बदल गया। अब रंजीत के पास हाइवा है, कार है, कई जगहों पर घर व जमीन है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77325.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77325.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cc49c2f06f1c62ec377d19a0d49ab810a5ed488 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77325.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, चन्नो (संगरूर)। जून 1989 में जिला संगरूर के गांव चन्नो में लगाया गया पेप्सीको का प्लांट फसल विविधीकरण का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। उस समय इस प्लांट को लगाने के लिए पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ा। जानकार बताते हैं कि कांग्रेस ने तब इस प्लांट की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से करते हुए कहा था कि कैप्टन हमें (पंजाब को) अंग्रेजों का गुलाम बना देंगे। + +13 साल से कर रहा हूं कांट्रैक्ट फार्मिग।चन्नो से दस किलोमीटर दूर गांव बालद कलां के किसान परजा सिंह ने कहा कि वह पिछले 13 वर्षो से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं और 12 एकड़ रकबे में कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत आलू लगाते हैं। कंपनी उनसे सवा नौ रुपये प्रति किलो की दर से आलू खरीदती है। कई बार बाजार में आलू की कीमत कांट्रैक्ट से ज्यादा होने के बावजूद वह विश्वास बनाए रखने के लिए कंपनी को ही आलू देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77327.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77327.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3c3302678c1195827e561381bd06ebfb9618391 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77327.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + पीएमओ व स्टील मंत्री से मुलाकात भी करेगी इंडस्ट्री ।इसको लेकर इंडस्ट्री ने सरकार से मांग की है कि जब तक स्टील की उपलब्धता पर्याप्त नहीं होती, तब तक एक्सपोर्ट पर रोक लगा देनी चाहिए। इसको लेकर उद्यमियों का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र पीएमओ और स्टील मंत्री से मुलाकात भी करेगा। इसके लिए उनसे समय मांगा गया है। अगर समस्या का हल न हुआ, तो पचास प्रतिशत उद्योग प्रोडक्शन कम और बंद कर सकते हैं। स्टील इस समय 12 साल के आल टाइम हाई पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77329.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77329.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed873f6911377a22e5c27f2713c54f161de7fef8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77329.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गंगोरा खेड़ा के विनोद कुमार शर्मा खेती के क्षेत्र में नए फसलों की ओर रूख करते नजर आ रहे है। उनके खेत में इन दिनों बैंगन और हरी मिर्च की फसल लहलहा रही है। खेती के उत्पादन से किसान उत्साहित है। वैसे तो इस गांव के किसान पारंपरिक खेती को ही प्राथमिकता देते रहे हैं। जिसमें सरसों, आलू, गेहूं आदि शामिल है, लेकिन अब किसान इनके अलावा बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती से जुडऩे लगे हैं। विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि चार बीघा जमीन में बैंगन और एक बीघा में हरी मिर्च की फसल खड़ी है। उन्होंने बताया कि इसे उनकी आय में भी बढोत्तरी हुई है। पारंपरिक खेती की अपेक्षा उन्हें इस खेती से अधिक लाभ हुआ है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77331.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77331.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..473326c9e5b8f17577cfaa4672258750a20d92f4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77331.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अरविंद केजरीवाल का स्पष्ट कहना है कि उन्होंने तो उत्तर प्रदेशवासियों की राय पर ही यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उनका नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों का सपना है कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार हो। उन्हें उम्मीद है कि न केवल विधानसभा चुनाव, बल्कि राज्य के पंचायत चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। उत्तर प्रदेश की दुर्दशा पर दुख जताते हुए केजरीवाल ने कहा कि 70 वर्षों के दौरान यहां सत्ता में रहने वाली पार्टियों की नीयत खराब थी। वह लोग अपने घर ही भरते रहे, जिससे उत्तर प्रदेश पिछड़ता गया। राज्य में न युवाओं के लिए रोजगार के अवसर हैं और न ही बेहतर बुनियादी सुविधाएं। अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि आम आदमी पार्टी छोटी हो सकती है, लेकिन उसकी नीयत साफ है। अच्छी नीयत से सरकार चलाकर हमने दिल्ली में बहुत कुछ बेहतर करके दिखाया है। उत्तर प्रदेश में भी अच्छा करके दिखाएंगे। प्रस्तुत हैं- एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के प्रमुख अंश -।पंचायत चुनाव के माहौल के बीच अचानक विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा?।- दिल्ली में तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही उत्तर प्रदेश के आम लोगों के अलावा कई सारे संगठन और नेता मुझसे कहने लगे कि दिल्ली की तरह बिजली, पानी, सड़क, नाली, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए उत्तर प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी को चुनाव लड़ना चाहिए। जब मैंने उन लोगों से ही पूछ लिया कि आम आदमी पार्टी तो एक छोटी सी पार्टी है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में चुनाव कैसे लड़ेंगे, पैसा कहां से आएगा, तब उन लोगों का ही जवाब था कि जैसे दिल्ली की जनता ने आप का साथ दिया, वैसे ही उत्तर प्रदेश की जनता भी आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव लड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77332.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77332.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c34e2f14a01b97c58a6b62bc056f0f56fe282be3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77332.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वी.के.शुक्ला, नई दिल्ली। फिरोजशाह कोटला में पिरामिड के आकार में बनी जिस तीन मंजिला इमारत के ऊपर करीब साढ़े 7 सौ साल से अशोक स्तंभ लगा हुआ है। इस को मजबूती दी जाएगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इसे मजबूती देने का फैसला लिया है। इस गोलाकार इमारत के भूतल सहित सभी मंजिलों पर हो चुकी टूटफूट ठीक की जाएगी। टूट चुकी दरारें दूर की जाएंगी। दीवारों पर झड़ चुका प्लास्टर फिर से किया जाएगा। ।एएसआइ इस बात का भी अध्ययन कराएगा कि इमारत कमजोर तो नहीं हो रही है। क्योंकि इसकी तीसरी मंजिल के ऊपर अशोक स्तंभ लगा है। जिसका भी काफी वजन है। इस इमारत की प्रत्येक मंजिल पर चौड़ाई कम होती चली गई है। किले के अंदर जामे मस्जिद के उत्तर में यह इमारत स्थित है। इमारत में मेहराबयुक्त प्रवेश द्वारों सहित कक्ष हैं। यहां जो अशोक स्तंभ है इसे अंबाला के टोपरा से लाया गया था। जिसे फिरोजशाह ने यहां लगवाया था। इस स्तंभ पर अंकित राजाज्ञाओं को सबसे पहले 1837 में जेम्स ¨प्रसेज ने पढ़ा था। ।बता दें कि फिरोजशाह तुगलक द्वारा अंबाला और मेरठ से 1351 से 1366 के बीच दिल्ली दो स्तंभ लाए गए थे। इन स्तंभों का महत्व ऐतिहासिक है। संस्कृति और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी ये स्तंभ महत्वपूर्ण हैं। इनमें से एक स्तंभ उत्तरी दिल्ली में हिन्दूराव अस्पताल के पास है और दूसरा स्तंभ फिरोजशाह कोटला किले में है। इस स्तंभ पर अशोक के सातों अभिलेख अंकित हैं। ।यह स्तंभ किले के अंदर एक गुंबदनुमा तीन मंजिला इमारत के ऊपर लगा हुआ है। दोनों स्तंभ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं यानी इनके रखरखाव और संरक्षण की जिम्मेदारी इसी पर है। फिरोजशाह कोटला को लेकर जो इतिहास में वर्णित है उसके अनुसार दिल्ली दिल्ली के पांचवें शहर फिरोजाबाद का निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने कराया था। जो हौजखास से लेकर उत्तर में पीर गायब तक था। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77335.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77335.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..688f679124eff01d18ea4641f78edee70d3bee9e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77335.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह समझा जा रहा था कि खरमास (16 दिसंबर से प्रारंभ) से पहले मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। एनडीए के अंदरखाने से ऐसी खबरें आ रही थीं कि मंत्रियों की संख्या को लेकर जिच है। विधानसभा में संख्याबल के आधार पर भाजपा का पलड़ा भारी है। उसके 21 व जदयू के 12 मंत्री बन सकते हैं। जदयू बराबर-बराबर की मांग कर रहा है। संभावना थी कि खरमास शुरू होने से पहले ही विस्तार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हआ। इस पर नीतीश कुमार ने मंगलवार को यह कहकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया कि भाजपा से अभी तक उन्हें कोई प्रस्ताव ही नहीं मिला है। नीतीश के इस बयान पर भाजपा की तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई। भाजपा की खामोशी के सियासी मायने निकाले जाने लगे। सभी को भाजपा के जवाब का इंतजार था। दूसरे दिन प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह कह इस मुद्दे को टाल दिया कि अभी हमारा जोर संगठन पर है, जब समय आएगा बता दिया जाएगा। मामला ठंडा हो गया और उन्हें भी ठंडा कर गया, जो लालबत्ती पर निगाहें टिकाए थे व जो इस पर खेलने का मन बनाए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77338.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77338.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21a4c4d27653abe134e50ab49a90b34df05f5cf8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77338.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूर्व में भी अधिकारियों पर रार : केंद्र और बंगाल सरकार के मध्य अधिकारियों को लेकर पहले भी ठन चुकी है। फरवरी 2019 में सारधा चिटफंड मामले में सीबीआइ की टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए पहुंची थी। उस वक्त पुलिस ने सीबीआइ के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद धरने पर बैठ गई थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77340.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77340.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b75846d03b878246c70d45b78d21e2c80f1f3429 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77340.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [राजेश भट्ट]। भारत को स्पेस टेक्नाेलाजी की दुनिया में नए आयाम तक पहुंचाने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन रहे सतीश चंद्र धवन (Satish Chandra Dhawan) का नाम पूरी दुनिया में विख्यात हैं। देश में सेटेलाइट लांचिंग तकनीक को विकसित करने में भी सतीश चंद्र धवन की अहम भूमिका रही और 1972 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चेयरमैन बने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77341.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77341.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c552f5adc86877de3555a66c95d984ba0e11997 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77341.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जहां तक हेल्थकेयर पर नीति निर्धारण में मरीजों की सहभागिता का सवाल है, तो वह नीति निर्धारकों की स्वाभाविक पसंद होनी चाहिए। यह स्वाभाविक है, क्योंकि जो लोग किसी विशिष्ट बीमारी से प्रभावित होते हैं, उनको इस बीमारी के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी होती है। इसलिए फैसले लेने में उनकी भागीदारी पर गौर किया जाना चाहिए, लेकिन अभी इस संदर्भ में भी लंबा सफर तय करना बाकी है और यह सफर मरीज समुदाय और नीति निर्धारकों द्वारा तय किया जाना चाहिए। दरअसल थैलेसीमिया खून के विकार का वंशानुगत प्रकार है, जिससे आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्र सामान्य से कम हो जाती है। + +थैलेसीमिया पेशंट्स एडवोकेसी ग्रुप के सदस्यों ने इन चुनौतियों से निपटने का फैसला किया। हम लाभार्थी की भूमिका से सहभागिता की भूमिका की ओर बढ़ने लगे जब हमने थैलेसीमिक्स इंडिया के तत्वावधान में 2017 में टीपीएजी की स्थापना करने का फैसला लिया। हमारा उद्देश्य भारत में थैलेसीमिक मरीजों के संपूर्ण हितों की रक्षा और थैलेसीमिया की रोकथाम करना है। हमने कभी खुद या मरीजों की और लाभार्थियों के कार्यकर्ता के रूप में नहीं देखा, बल्कि एक पीड़ित पेशेवर के रूप में देखा, जो थैलेसीमिया जैसी स्थिति को समझते हैं और जो सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल जैसे सरकार के उद्देश्य के साथ हमारे लक्ष्यों को रेखांकित करने के लिए उत्सुक हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77347.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77347.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f7c718436a55a3a18c0e307a1600cb6c086c76f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77347.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पत्नी तनुश्री भी खेती से जुड़ी, कंपनी बनाई, कांट्रेक्ट फार्मिंग की ओर बढ़े कदम।फिलहाल खेती आरंभ करने के पीछे लाभ की मंशा कम और महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए मिश्रण तैयार करना ज्यादा है। अंशुमान कालरा बताते हैं कि हम पति-पत्‍नी दो साल से मशरूम की खेती कर रहे हैं। यह मशरूम और आयुर्वेद की कुछ बूटियां इतनी फायदेमंद हैं कि बच्चियों व महिलाओं की ओबेरी की सिस्ट, थकावट, त्वचा रोग, वजन में बढ़ोतरी, असंतुलित प्रतिरोध, बालों की गिरावट, हारमोंस असंतुलन और मासिक धर्म में अनियमितता दूर करने में काफी मददगार साबित हो रही हैं। अब मशरूम की इस खेती का दायरा बढ़ाने की योजना है। साथ ही कंपनी ने अपनी रिसर्च के आधार पर केंद्र से आइएसओ 9001 और आइएसओ 2000 के अलावा एचएसीसीपी तथा जीएमपी सर्टिफिकेट हासिल कर लिया है। + +सुपर मशरूम और आयुर्वेद के मिश्रण से तैयार कर रहे महिलाओं के लिए संजीवनी।तनुश्री गुप्ता का कहना है कि गांव में आज महिलाओं की उनकी जैसी समस्‍या सबसे ज्यादा हो रही है। लड़कियां और महिलाएं अपनी परेशानियों पर बात नहीं करना चाहतीं। मशरूम की खेती के पीछे हमारी योजना लाभ कमाने की नहीं बल्कि लोगों खासकर महिलाओं को जागरूक करने की है। इसके जरिये हमारी कोशिश होगी कि गांव दर गांव लोगों को इस खास किस्म की मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि उसके सेवन से लोग खासकर महिलाएं स्वस्थ रहें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77348.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77348.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e52c1b7380098bfbe6bebf1fa4ceedb57c2b2c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77348.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में सूखा, बाढ़ और ऐसी ही दूसरी जलवायु के कारण होने वाली आपदाओं से 2050 तक 4.5 करोड़ से ज्यादा लोग पलायन के लिए मजबूर होंगे। ‘जलवायु की निष्क्रियता की लागत: विस्थापन और संकट प्रवास’ रिपोर्ट में दक्षिण एशिया के पांच देशों की स्थिति का आकलन किया गया है। सिर्फ दक्षिण एशिया से 2050 तक करीब 6 करोड़ लोग पलायन कर जाएंगे। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एक्शनएड इंटरनेशनल और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया द्वारा किए गए अध्ययन पर आधारित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77352.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77352.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4c926f66f340f99efb4b2c8e2540d10cd462504c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77352.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अलीगढ़ गौरव दुबे। अलीगढ़ प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन रहा है जहां बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बास्केटबॉल का प्रशिक्षण नौनिहालों को मिलना तय हो गया है। यह व्यवस्था शासन के आदेश से नहीं बल्कि जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी व पीटीआइ के प्रयासों से बनाई गई है। बास्केटबॉल खेल की व्यवस्था के लिए पोल भी ऐसे मंगाए जा रहे हैं जो शायद ही जिले के किसी स्कूल में हों। बच्चों को सिखाने के लिए फाइबर के मूवेबल पोल खरीदे जा रहे हैं। एक बास्केटबॉल कोर्ट पर करीब 50 हजार रुपये की लागत से दो फाइबर पोल आमने-सामने लगाए जाएंगे। 2021 के नए सत्र से विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाना शुरू हो जाएगा। पूर्व माध्यमिक विद्यालय मईनाथ व पूर्व माध्यमिक विद्यालय बीठना में बास्केटबॉल कोर्ट बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। इन कोर्ट के संचालन के बाद हर ब्लॉक के दो-दो विद्यालयों में बास्केटबॉल कोर्ट बनाने की योजना भी अधिकारियों ने की है। अभी बजट की व्यवस्था स्कूल, अफसरों व लोगों के सहयोग से की गई है। + +छात्रों के हिसाब से होंगे सेट।फाइबर के बास्केटबॉल पोल मेें खासियत होगी कि उनको छात्र-छात्राओं की लंबाई के हिसाब से ऊंचा-नीचा किया जा सकता है। अंडर-14 वर्ग तक के विद्यार्थी इन बास्केटबॉल कोर्ट में प्रशिक्षण ले सकते हैं। इसीलिए इन पाेल की कीमत ज्यादा है। अब सरकारी स्कूलों से भी स्टेट बास्केटबॉल प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ी तैयार होंगे। + +एक घंटे मिलेगा प्रशिक्षण।विद्यालय खुलने पर खेल के पीरियड में बच्चे बास्केटबॉल खेलेंगे। मगर ट्रायल में जो बच्चे बास्केटबॉल में उत्कृषट प्रदर्शन करेंगे उनको चिह्नित कर अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा। पढ़ाई के बाद एक घंटे अलग से इन विद्यार्थियों को बास्केटबॉल का प्रशिक्षण मिलेगा। जिससे वे मंडल व राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77353.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77353.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bf7802c60fb853bfb64acc70f68cc3ce7543bd6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77353.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वीरभान सिंह, मैनपुरी: सर्द हवा, गलन। खुले में रात गुजारने वालों के लिए तो ये मौसम का सितम जैसा है। कोई फटी-पुरानी मोटी चादर को लपेटता तो कोई छेद-छेद से खुद को ढककर बयार से बचने की कोशिश करता, मगर ठंड है कि मानती ही नहीं। दफ्तर में बैठे-बैठे सिस्टम ने रात की सर्दी का कागजी अहसास कर अलाव के नाम पर चंद लकड़ियों के टुकड़े तो फिंकवा दिए, मगर इनकी आंच आधी रात में ही ठंडी होती रही। बयार रोकने को चाकचौबंद आवासों के रूम में ब्लोअर की गरमाहट लेकर चैन की नींद ले रहे सिस्टम को शायद ये सपना भी नहीं आता कि शहर में तमाम लोग कूड़ा-करकट में आग लगाकर ठंड से पिंड छुड़ाने का नाकाम प्रयास कर रहे होंगे। भांवत चौराहे पर तो ऐसे असहाय मिले जिन्हें आधी तक मदद की दरकार रहती है और बाकी रात सुबह होने का इंतजार करते हैं। गलन भरी रात में कैसे और कहां-कहां ठिठुर रहे थे असहाय, कितनी देर तक आंच देते हैं सरकारी अलाव, दैनिक जागरण ने शहर का भ्रमण कर सिस्टम के इन्हीं इंतजामों की गरमाहट की हकीकत देखी। । दृश्य एक : बीएसएनएल कार्यालय, रात 10:15 बजे। कचहरी रोड पर स्थित बीएसएनएल कार्यालय के बाहर कूड़ेदान में पड़ा कचरा सुलग रहा था। सूखा कचरा सुलगते-सुलगते कभी-कभार लपटें उठाने की हिम्मत भी करता, मगर गीलापन पल भर बाद ही उसे बुझा देता। सर्दी में ठिठुर रहे लोग इसी कूड़ेदान के आसपास बैठ इसी धुंआ और धधक से गरमाहट का आभास कर राहत पा रहे थे। । दृश्य दो : कोतवाली के पास, रात 10:20 बजे। कोतवाली के बाहर रैन बसेरा है। यहां खाक हो चुकीं लकड़ियां साफ इशारा कर रही थीं कि ये सरकारी अलाव है। चार-छह लकड़ियों के गठ्ठर की आंच ठंडी पड़ने लगी थी। मगर, गलन भरी रात गहराने से राहगीर की आस बढ़ रही थी। राहगीर कहने लगे कि जब तक गरमाहट मिलेगी, यहीं बैठे रहेंगे। + + इन प्वाइंट पर अलाव का दावा। जिला अस्पताल में इमरजेंसी के बाहर, रोडवेज बस स्टैंड के पास, क्रिश्चियन तिराहा, तांगा स्टैंड, घंटाघर, बड़ा चौराहा, संता-बसंता चौराहा, गोपीनाथ अड्डा, जिला जज आवास, जज कंपाउंड, आफीसर कालोनी, भांवत चौराहा, सावित्री धर्मशाला इन प्वाइंट पर अलाव की जरूरत । देवी रोड बाइपास तिराहा, शीतला माता मंदिर, जिला महिला चिकित्सालय, 100 शैय्या मेटरनिटी विग, जिला अस्पताल के बाहर प्रवेश द्वार के नजदीक, आगरा रोड खानकाह के पास, सीओ सिटी कार्यालय के बाहर, क्रिश्चियन तिराहा से भांवत चौराहा के बीच स्टेशन रोड पर, ईशन नदी तिराहा । सुरक्षा कारणों की वजह से तांगा स्टैंड के रैन बसेरे को हटवाकर नगर पालिका परिसर में करा दिया गया है। अलाव की संख्या कम है। जरूरत के अनुसार प्वाइंटों की संख्या बढ़वाई जाएगी। लालचंद भारती, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77354.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77354.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8065b1a1ea8312f32e1850ced11bbadf06feaa55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77354.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +साहिबगंज [ डॉ. प्रणेश ]। Sahibganj Mobile Thief Gang झारखंड के साहिबगंज जिले में है बाबूपुर, महाराजपुर व महादेववरण गांव। ये गांव क्रमश: तीनपहाड़, तालझारी व मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र में हैं। यहां के मोबाइल चोर देश भर में फैले हुए हैं। हाल में ही तीनपहाड़ से चोरी के 122 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। सभी ब्रांडेड कंपनी के महंगे मोबाइल थे। ये झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल आदि राज्यों में चुराए गए थे। इन मोबाइल को पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजने की योजना थी लेकिन आरपीएफ के पदाधिकारियों को भनक लग गई। पकड़ाए आरोपितों में बिजली विभाग में तीनपहाड़ पर अनुबंध पर कार्यरत एक कर्मी भी था। एक अन्य युवक एमए का छात्र था। पुलिस जांच में हैरान करने वाली कहानी सामने आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77355.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77355.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d4f727c292c5a90b1ea88553ec48a87053828b0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77355.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मेडिकल आफिसर एवं पब्लिक हेल्थ स्पेशिलिस्ट डॉ. श्रीतेश मिश्रा बताते हैं कि डिपरेशन की स्थिति तब होती है, जब लोग नाकारात्मक रूप से सोचना शुरू हो जाते हैं। अवसाद एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को उदासी, अकेलापन, निराशा, कम आत्मसम्मन और आत्मप्रतारणा महसूस होती है। इसके लक्षण मानसमिति संबंधी मंदता, समाज से कटना, कम भूख लगना और कम नींद आना है। इस दौरान व्यक्ति को लगता है कि उसकी जिंदगी में कुछ भी बदलने वाला नहीं है और वह हार मानने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन नाकारात्मक विचारों से मुक्ति पाना बेहद आसान है। ।खुद को कार्यों में रखे व्यस्त । खुद को घरेलू कार्यों में व्यस्त या परिवार को समय देने से अवसाद से पीड़ित व्यक्ति का उसकी समस्या से ध्यान हटता है। परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने पर उसे शांति मिलती है। इससे सोच में बदलाव के साथ ही शरीर में नई ऊर्जा का संचार होना तय है। इस बीच यह जानने का भी प्रयास किया जाना चाहिए कि अवसाद का कारण क्या है। उसका हल क्या हो सकता है। ।भविष्य की टेंशन न लें । कल क्या होगा, परेशानियों को बढ़ावा देता है। इसलिए हमेशा आज में भी जीना चाहिए। आज बेहतर होने से भविष्य भी बेहतर होता है। हमारा हर दिन और हर पल हमें कुछ न कुछ सिखाता है, जिंदगी में हमेशा सीखते रहना चाहिए। तनाव या दबाव को दूर करने के लिए  गाना सुनसकते हैं। गाने सुनने से तनाव में कमी आती है और तरोताजा होते हैं। ।भावनओं को बाहर निकालना । रोजमर्रा की जिंदगी में व्यक्ति छोटी से छोटी परेशानी पर तनाव में आ सकता है। ऐसे में अपने सिर से समस्याओं को बोझ कम करने के लिए अपने विचार दोस्त, भाई, बहन, माता पिता के साथ साझा करें। इससे मन में पैदा हुई भावनाएं निकल जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77358.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77358.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46ca2b3c5d67202ebc3258b1ecc5ff4317423df8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77358.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। अयोध्या में सैकड़ाें सालों के इंतजार के बाद ऐतिहासिक राममंदिर के निर्माण में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) मंदिर आंदोलन के धुर विरोधियों से भी सहयोग लेगा। विहिप के नेतृत्व में रामभक्तों की टोली उन सभी के दरवाजे जाएगी और उनसे आर्थिक सहयोग की अरज लगाएगी। मंदिर के लिए धन संग्रह के जरिए अब तक का सबसे बड़ा जन अभियान चलाने जा रही विहिप ने हर तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर सबके दरवाजे जाने तथा रामकाज में सहयोग लेने का निर्णय किया है। इसके तहत राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के साथ मंदिर आंदोलन के अगुवाई करने वाली भाजपा से जुड़े नेताओं से आर्थिक सहायता लेने रामभक्त पहुंचेंगे तो कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी व समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव सरीखे उन राजनेताओं से भी खुले दिल से मिलेंगे, जिन्होंने पूर्व में मंदिर आंदोलन तथा मंदिर निर्माण को रूकवाने की हर संभव कोशिशें की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7336d1480a7dcae0f1b9d852bd894c4231d56e55 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7736.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केआरके ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए ट्वीट करते हुए लिखा, 'सुबह दिलीप कुमार साहब का इंतकाल हुआ। शाम को तकरीबन पांच बजे वो दफनाए गए और रात को 9 बजे बॉलीवुड ने नीतू कपूर जी के जन्मदिन की पार्टी का लुत्फ लिया। मैं ये नहीं कह रहा कि नीतू जी गलत हैं या उन्हें अपना जन्मदिन नहीं मनाना चाहिए था, लेकिन अगर दिलीप साहब की इज्जत नहीं कर सकते तो फिर किसकी करेंगे'। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77360.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77360.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..949ae890fb1d9a283d441ed6df3abf31db61b1ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77360.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्रिसमस की खुशियों में केक की मिठास तो शामिल होती ही है। अब लोग क्रीम और चीनी जैसी चीजों से दूरी बढ़ा रहे हैं, इसलिए बेकरियों पर खास केक बनाए जा रहे हैं। अब लोग चाहते हैं कि केक का स्वाद भी मिल जाए और कैलोरी भी शरीर में ज्यादा न जाए।रम,प्लम, वालनट के अलावा इस बार क्रिसमस पर आटे और गुड़ से भी केक बनाए जा रहे हैं, जो फिटनेस प्रेमियों को खासे पसंद आ रहे हैं। रागी और बादाम के पाउडर का केक भी मांग पर तैयार किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77363.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77363.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..93af3da510aa980808ee000273354d31a8a5f731 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77363.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा मुख्यालय से करीब 23 किमी दूर आगरा-फीरोजाबाद हाईवे पर एत्मादपुर में बुढ़िया का ताल बना हुआ है। यह एक विशाल ताल है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के माेबाइल एप पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इसका निर्माण इतिमाद खान ने वर्ष 1592 में कराया था। इतिमाद खान मुगल शहंशाह अकबर का एक अधिकारी था। उसने इस्लाम शाह सूर की भी सेवा की थी। ताल के मध्य में दो मंजिला मंडप बना हुआ है। यह अष्टकोणीय है और उसके ऊपर गुंबद बना हुआ है। इसमें कई मेहराब हैं। यह लाखौरी ईंटों आैर चूने का बना हुआ है। रेड सैंड स्टोन का इस्तेमाल छज्जों में किया गया है। ताल के पूर्वी किनारे से मंडप तक जाने को लंबा पुल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आज भी बना हुआ है। ताल के उत्तर-पूर्व में इतिमाद खान की कब्र है। यह एक मंजिला इमारत है, लेकिन मंडप के समान आकर्षक बनी हुई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77366.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77366.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4a3a38b7c32d610096f2c1150994f20dfaa3648 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77366.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट बेंडर के लिए पीएनबी खैर में आवेदन किया है। अभी तक लाभ नहीं मिला ?- भगवान सिंह, खैर ।स्वनिधि योजना के लाभ के लिए नगर पालिका, नगर पंचायत व नगर निगम बेंडर का प्रमाणपत्र व परिचय पत्र जारी करते हैं। इन प्रमाण पत्रों के अभाव में औपचारिकता पूरी नहीं होती। फिर भी हम पताकर लोन दिलाएंगे। । केसीसी के लोन को अगर एक साल के अंतराल की अविधि में जमा नहीं करते तो क्या ब्याज कितनी देनी होगी। अगर किसी ने दो माह लेट कर दिया तो ब्याज दर और बढ़कर देय होगी ?- अनिल वाष्र्णेय, सिकंदराराऊा, हाथरस ।केसीसी पर लिए गए लोन को निश्चित अविधि में जमा करने पर तीन फीसद की सब्सिडी मिलेगी। इस अविधि के बाद लोन चुकिता करने पर पूरा ब्याज देना होगा। ।दिल्ली में नौकरी करता था। कोरोना संकट में यह चली गई। बेरोजगार हूं। स्वरोजगार के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की क्षेत्रीय शाखा में लोन के लिए आवेदन किया था। शाखा प्रबंधक सुनते ही नहीं। एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया की सिफारिश भी नहीं मानी। क्या करें ?- मुख्तियार सिंह, भमोला बुजुर्ग, छर्रा ।अगर जिला उद्योग ने प्रपोजल पास कर दिया है, फिर भी लोन नहीं दिया जा रहा, तो गंभीर बात है। रेलवे रोड स्थित लीड बैंक कार्यालय फाइल लेकर आए। जांच करेंगे। + +नौकरी करता था, कोरोना संकट में फैक्ट्री खाली कराई गई। अबतक बुलाया नहीं। जमा पूंजी से परचून की दुकान खोली।अच्छी चल रही है, मगर इसे बढ़ाने के लिए मुद्रा लोन के लिए आर्यावर्त बैंक की क्षेत्रीय शाखा में आवेदन किया। मैनेजर सुनते ही नहीं। क्या करें ?- यादराम कुशवाह, रूस्तमपुर, खैर ।आप परेशान न हों, अगर फाइल में कमी नहीं है, तो हम संबंधित शाखा प्रबंधक से बात कर अपको लोन दिलाएंगे। । केसीसी के लिए ऑन लाइन करें आवेदन।किसानों को अब फसली लोन के लिए बार बार बैंक के चक्कर नहीं लगाने होंगे। योगी सरकार ने पिछले सप्ताह पोर्टल लांच किया है। इस पर किसान लोन के लिए आवेदन करेगा। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीकल्चर डॉट कॉम पर लोन का आवेदन फारमेट दिया गया है। किसान का जिस बैंक में बचत खाता होगा, यह आवेदन उस बैंक की शाखा के लिए स्वतह ही पहुंच जाएगा। एक सप्ताह में लोन मंजूर हो जाएगा। आवेदन निरस्त करने की कड़ी शर्त होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77368.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77368.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a7c8ba3a95960876d2cc59508addbcca4c29d188 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77368.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे बढ़े भारत में मामले ।10 जुलाई 10 लाख ।6 अगस्‍त 20 लाख ।22 अगस्‍त 30 लाख ।4 सितंबर 40 लाख ।15 सितंबर 50 लाख ।27 सितंबर 60 लाख ।10 अक्‍टूबर 70 लाख ।28 अक्‍टूबर 80 लाख ।19 नवंबर 90 लाख ।एक नजर विश्‍व के दूसरे देशों पर । बेल्जियम में बीते 24 घंटों के दौरान 3146 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद इनकी संख्‍या बढ़कर 618,204, हो गई है। वहीं 24 घंटों के दौरान इसकी वजह से 93 मरीजों की जान गई है। इसके बाद इस वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की कुल संख्‍या 18,371 हो गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7737.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7737.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fee5423461943a60a3947b96dffa927e9188c40a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7737.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी बॉलीवुड की सबसे स्टाइलिश की अभिनेत्रियों में से एक हैं। शिल्पा के स्टाइल और उनके फैशन सेंस को उनके फैंस भी फॉलो करते हैं। अब हाल ही में शिल्पा ने सीक्विन पैंट में अपनी स्टाइलिश तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों को देखकर शिल्पा के फैंस भी काफी एक्साइटेड हो रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77370.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77370.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0fdda46e5a2e90a4d2e2ebf7f20e5f0fdc57c0f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77370.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आप शिक्षिका रही हैं। शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए क्या खास करने को सोचती हैं?।-एमएससी और एमएड (गोल्ड मेडलिस्ट) करने के साथ मैं बालिका कालेज की शिक्षिका तो रही ही हूं। प्राथमिक, माध्यमिक, वयस्क, उच्च, तकनीकी शिक्षा आदि की मंत्री भी रही हूं। नई शिक्षा नीति के तहत राज्य की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं। अब शिक्षकों को भी मेहनत करनी होगी। अपना पुराना रवैया बदलना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77373.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77373.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5eafbd285824b68907418299935e812afc66ee14 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77373.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Driverless Metro Train दिल्ली में इसी माह चालक रहित मेट्रो की शुरुआत होने की उम्मीद बढ़ गई है। यह देश में मेट्रो के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट ने परिचालन के ढांचे और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं की विस्तृत समीक्षा कर रिपोर्ट सौंप दी है। + +हालांकि, समय-समय पर इसे तकनीकी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है, जिसके कारण यात्रियों को परेशानी भी हुई है। इसके बावजूद मेट्रो सार्वजनिक परिवहन के मामले में दिल्ली के लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। मेट्रो प्रबंधन को परिचालन ढांचे को तकनीकी रूप से उन्नत करने के साथ ही इसके रखरखाव के भी उचित प्रबंध करने चाहिए, ताकि तकनीकी समस्याओं से यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। चालक रहित मेट्रो का परिचालन शुरू होना निश्चित तौर पर दिल्ली मेट्रो के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e61efdf2c75a8a6c875963ee73746569deea2c2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7738.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Saira ne jab kaha. “ Dharam , dekho Sahab ne paplak jhapki hai “ Dosto , jaan nikal gai meri. Maalik mere pyaare bhai ko jannat naseeb kare🙏 pic.twitter.com/yrPP6rYJqX।जब सायरा ने कहा- धरम, देखो साहब ने पलक झपकायी है।धर्मेंद्र ने जो लिखा है, उससे लगता है कि सायरा बानो को आख़िरी वक़्त तक यह लगता रहा कि उनके साहब अभी उठ बैठेंगे। धर्मेंद्र ने लिखा- सायरा ने जब कहा, 'धरम, देखो साहब ने पलक झपकायी है', दोस्तों जान निकल गयी मेरी। मालिक़ मेरे प्यारे भाई को जन्नत नसीब करे। धर्मेंद्र आगे लिखते हैं- दोस्तों, मुझे दिखावा नहीं आता, लेकिन मैं अपने जज़्बात पर काबू भी नहीं रख पाता। अपना समझ के कह जाता हूं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77381.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77381.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4b240ccbb6b9367b70894a3c9aed98504b83442b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77381.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +यह शोध विश्वभर के 199 मरीजों पर किया गया है। इसमें करीब 45 फीसद यानी 90 मरीजों की एमआरआइ जांच में दिल की मांसपेशियों में दाग नजर आया। यह दाग कुछ हद तक दिल को कमजोर कर सकता है। पांच फीसद मरीजों के दिल पर दबाव होने का पता चला है। इस दबाव की वजह से हृदयरोगी होने का खतरा रहता है। इसके साथ तीन फीसद मरीजों के दिल के संक्रमित होने की बात सामने आई है। + +इस शोध में शामिल रहे एम्स के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय ने बताया कि अभी इसमें और भी शोध की जरूरत है। शुरुआत में यही आशंका थी कि कोरोना फेफड़ों पर असर करता है। लेकिन संक्रमण फैलने के साथ यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि यह शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि दिल के रोगियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि किसी भी तरह का संक्रमण हृदयाघात का कारण बन सकता है। अभी जो शोध हुआ है उसमें भविष्य में किस-किस तरह की दिक्कतें आएंगी, यह कहना मुश्किल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77384.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77384.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..278fede67bf548a2bacf89579ee8aa17b81b4489 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77384.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरोपित के वकील ने आरोपपत्र को महाभारत के बाद सबसे बड़ा दस्तावेज करार दिया।तीन घंटे तक चली जिरह में विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपित के वकील ने आरोपपत्र को महाभारत के बाद सबसे बड़ा दस्तावेज करार दिया है। यह भी बताया कि महाभारत 22 हजार पन्ने की है और आरोपपत्र 17 हजार पन्ने में है। उन्होंने कहा कि मैं यह बताना चाहूंगा कि महाभारत एक षडयंत्र की कहानी थी और संयोग से यह मामला भी एक षडयंत्र का है। ।दंगे के षडयंत्र में ‘धृतराष्ट्र’ की पहचान होनी बाकी।महाभारत में ‘संजय’ ही था जो सब कुछ देख सकता था। दंगे के षडयंत्र में वाट्सएप पर बना दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (डीपीएसजी) ‘संजय’ की तरह था, जो ‘धृतराष्ट्र’ को सब कुछ बताता रहा। दंगे के षडयंत्र में ‘धृतराष्ट्र’ की पहचान होनी बाकी है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि डीपीएसजी के जरिये कथित रूप से सभी विरोध स्थलों का नियंत्रण और निगरानी की गई। विरोध प्रदर्शन उसकी मंशा नहीं थी, बल्कि ‘चक्का जाम’ कराकर हिंसा को भड़काना उद्देश्य था। आरोपित नताशा नरवाल के वकील ने कहा कि जमानत अर्जी पर पिछली आठ सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने ‘चक्रव्यूह’ तैयार किया है। जिसे आरोपित महाभारत के ‘अभिमन्यु’ की तरह भेदने का प्रयास करती रहेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77388.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77388.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1ed494ce64d86967b4e17a975d87f7c0ab75268a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77388.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, (धर्मेंद्र मिश्रा)। संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (एसजीपीजीआइ) की माइक्रोबायोलॉजी लैब में प्रदेश के विभिन्न शहरों से लिए गए सीवेज के नमूनों में कोरोनावायरस की मौजूदगी नहीं मिली है। जबकि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों के सीवेज वाटर में कोरोनावायरस पाए जा चुके हैं। यूपी के सीवेज में अब तक कोरोनावायरस नहीं मिलने से बड़ी राहत महसूस की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार सीवेज के यह नमूने कोरोना के लिए नहीं, बल्कि पोलियो वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए संकलित किए गए थे।लिहाजा पोलियो और कोरोनावायरस दोनों की ही जांच की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77392.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77392.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3e49a3932b84e130da680a67e9b5e00b723c732 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77392.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बालक अंकित और स्वान डैनी की दोस्ती की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. विशेष गुप्ता ने जिला प्रोबेशन अधिकारी मोम्मद मुशफेकीन से बातचीत की। बालक के स्वास्थ्य, शिक्षा और रहने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रशासन ने बालक का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया है। ।यह है मामला। करीब 10 साल का अनाथ बालक अंकित और स्वान डैनी शहर में एक साथ रहते हैं। अंकित के पिता जेल में है, जबकि माता के बारे में बालक को कुछ नहीं पता है। बालक दिन में गुब्बारे बेचकर व चाय के स्टाल पर काम कर जो कमाता है उससे अपना व उैनी का पेट भरता है। दोनों एक ही चादर में अक्सर रात में खले आसमान के नीचे सो जाते हैं। ‘दैनिक जागरण’ ने बालक और स्वान के एक चादर में सर्द रात में सोते हुए फोटो प्रकाशित किया तब जाकर पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया। एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देश के शहर कोतवाल अनिल कपरवान ने बालक को तलाश किया। बाल कल्याण समिति के समक्ष बालक की मंगलवार को काउंसलिंग हुई। बुधवार को बाल कल्याण समिति के बालक का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया। प्राथमिक रिपोर्ट में बालक मानसिक और शारीरिक रूप से फिट है। + +इन्‍होंने बताया...। बालक का मेडिकल कराया गया है। मानसिक और शारीरिक रूप से बालक ठीक है। आयु के बारे में अभी रिपोर्ट नहीं आई है। बाल अधिकार संरक्षण आयेाग के अध्यक्ष को पूरी जानकारी से अवगत कराया गया है। बालक की मदद के लिए कुछ समाजसेवी संगठन और अधिकारी आगे आए हैं। फिलहाल बालक बाल संरक्षण समिति की निगरानी में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77395.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77395.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad1d07e36f02bafca243b55bcc35cb91db1a69ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77395.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। किसान आंदोलन ने सरकार के साथ ही दिल्ली पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवानों की परेशानी बढ़ा दी है। बार्डर पर डटे किसानों के लिए टेंट आदि की सुविधाएं हैं। इसके अलावा वे ट्राली आदि में रजाई ओढ़कर रात बिता ले रहे हैं, लेकिन इस भीषण सर्दी में जवानों को खुले आसमान के नीचे ठिठुरते हुए रातभर ड्यूटी देनी पड़ रही है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इन दिनों दिल्ली की सभी सीमाओं पर 100 कंपनी से अधिक अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई है। दिल्ली पुलिस की ड्यूटी भी अभी वहीं लग रही है। कांस्टेबल से लेकर डीसीपी स्तर के अधिकारी की 12-12 घंटे की ड्यूटी लगाई जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77396.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77396.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4494a236376793b118657f4109d5fe04fc40786 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77396.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पूरी दुनिया के लिए 17 दिसंबर का दिन बेहद खास है। वर्ष 1903 में इसी दिन राइड बंधुओं ने पहली बार अपने विमान को उड़ाने में सफलता हासिल की थी। इस विमान का नाम द फ्लायर था। ये उड़ान यूं तो महज 12 सेकेंड की थी लेकिन इस दौरान विमान ने 120 फीट की दूरी तय की थी। इस उड़ान ने उनकी वर्षों की मेहनत को वसूल कर दिखाया था। इसके बाद ही आसमान में विमानों का उड़ना संभव हो पाया था। राइट ब्रदर्स का पूरा नाम ऑरविल राइट और विल्‍बर राइट था। इन्‍होंने ही दुनिया को विमानन युग आने की राह दिखाई थी। आज उनके ही आधार पर बनाए गए विमानों की बदौलत इंसान न सिर्फ दुनिया के किसी भी कोने में जाने में सक्षम है बल्कि अंतरिक्ष के पार जाने वाले रॉकेट भी इसको ही आधार मानते हुए इजाद किए गए। इनकी ही बदौलत आज हम चांद और मंगल तक जाने की कल्‍पना कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77397.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77397.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..059591883d3207e5a7a16e8a4734d7a1c0ed71d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77397.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक ही फसल की खेती से नुकसान : किसी भूमि पर एक ही फसल की लगातार खेती करते रहने से फसलों में कीट लगने व बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। अगर उस भूमि पर अलग-अलग प्रकार की फसलें लगाई जाएं तो कीट व बीमारियों का खतरा कम हो जाता है, क्योंकि फसलों की प्रतिरोधी क्षमता अलग-अलग होती है। दलहनी फसलों की जड़ों में राइजोबियम बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो उनके साथ सहजीवी संबंध बनाकर वायुमंडलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण कर देते हैं। इस प्रकार मिट्टी की उर्वरा क्षमता में विकास होता है। लेकिन, धान व गेहूं ऐसा नहीं करतीं। इसलिए, दलहन की फसलों के उत्पादन से कृत्रिम उर्वरकों की जरूरत भी कम पड़ती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77398.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77398.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ccc698944f68bed73da52af9e1c7b01640900f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77398.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, जासं। Firing in Wedding Ceremony शादी के दौरान में बैंड बाजे पर बरातियों का थिरकना, नाच एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाना कोई बुरी बात तो नहीं है, लेकिन इस यादगार क्षण में खलल डालना, मातम में बदल देना कहीं से ठीक नहीं है। दिखावे के लिए ऐसे मौकों पर फायरिंग तो बेहद अशोभनीय है। झारखंड के कई जिलों में चंद रोज के भीतर ऐसी अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो समाज को सोचने पर मजबूर करती हैं। + +गुमला में शुक्रवार की शाम शादी समारोह के दौरान फायरिंग कर दी गई। तीन बरातियों के पैर में गोली लग गई। एक की हालत इतनी गंभीर है कि इस वक्त रांची रिम्स में इलाजरत है। रंग में भंग पड़ गया। आरोपी और आरोपित के स्वजन अब थाने और कचहरी का चक्कर काट रहे हैं। यह कोई इकलौती घटना नहीं है। इससे कुछ ही दिन पहले गढ़वा में भी बरात में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान गोल चलाई गई थी। इसमें रांची के रहने वाले बजाज शोरूम के संचालक और ठेकेदार अरविंद सिंह की मौत हो गई थी। देखते ही देखते शादी का जश्न मातम में बदल गया था। मामला थाने तक पहुंच गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7740.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7740.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b80313c337d7998f3326a07d4b06ce67b13846ce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7740.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत भले ही सीधे तौर पर फिल्म इंडस्ट्री से ताल्लुक़ न रखती हों, लेकिन फिर भी उनकी फैन फॉलोइंग किसी एक्ट्रेस से कम नहीं है। मीरा के पोस्ट आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं जिसकी वजह से वो चर्चा में रहती हैं। अब हाल ही में मीरा का एक पोस्ट इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें वो अपने साथ हुई ऑनलाइन ठगी के बारे में बता रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77400.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77400.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f13c41fce84fddfc5bbb1968ea4eae1827dc8b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77400.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑनलाइन शिक्षा के जरिये बेशक बच्चों की पढ़ाई पटरी पर लाने की बात जोर-शोर से की जा रही हो, लेकिन इसकी राह की अड़चनें बताती हैं कि समग्र डिजिटलीकरण की राह आसान नहीं। एक गैर सरकारी संस्था चाइल्ड रिलीफ एंड यू (क्राइ) के सर्वे लर्निंग ब्लॉक्स के मुताबिक, भारत के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल एक शिक्षण संस्थान की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाते। देश के 44 प्रतिशत और पूर्वी भारत के करीब 74 प्रतिशत स्कूलों में बिना बिजली के पढ़ाई हो रही है। ऐसे में बच्चों को कंप्यूटर के जरिये शिक्षा देने की संभावना कम हो जाती है। आंकड़े बताते हैं कि देशभर में करीब डेढ़ लाख सरकारी एवं निजी स्कूल हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77403.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77403.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..03b34419611f0aea028a54d436c17d1451a780bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77403.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट ने नियमों और मानकों से समझौता न करने का निर्देश दिया है, वहीं दूसरी ओर देश भर में नियमों को ताक पर रखने वाले कई शिक्षण संस्थान छात्रों के भविष्य के साथ खेलते नजर आ रहे हैं। अभी पिछले दिनों ही पता चला कि सूचना और जानकारी के तमाम स्नोत उपलब्ध होने के बावजूद फर्जी विश्वविद्यालयों के फलने-फूलने का खेल जारी है। यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी एक हालिया सूची इस बात की तस्दीक करती हुई दिख रही है। आयोग ने बताया है कि मौजूदा वक्त में देश भर में 24 ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जो गैर-मान्यता प्राप्त हैं और यूजीसी अधिनियम, 1956 की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो देश के कई राज्यों में फर्जी विश्वविद्यालयों का खुला खेल चल रहा है और तमाम छात्र इन संस्थानों की गिरफ्त में आ रहे हैं। इन 24 संस्थानों में सबसे ज्यादा (आठ) उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि सात फर्जी विश्वविद्यालयों के साथ दिल्ली दूसरे पायदान पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77406.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77406.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b3fdeb994353c6874722ea0cb4862d4994c531a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77406.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर नेता अपने भाषण में कृषि कानूनों की बात तो कम करता है, प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र ही ज्यादा करता है। हर नेता के भाषण में मोदी और अंबानी-अडानी के संबंधों की चर्चा भी शामिल रहती है। इस बॉर्डर पर चूंकि आंदोलन का दायरा काफी लंबा हो गया है तो दिन भर छोटे छोटे समूहों में बुजुर्ग किसान, युवा, महिलाएं और संगठन के लोग हाथों में झंडे लेकर नारे लगाते हुए रैलियां निकालते रहते हैं। इनके नारे भी किसानों की समस्याओं को लेकर नहीं बल्कि मादी को लेकर ज्यादा रहते हैं। फिर वह चाहे उनके मुर्दाबाद से जुड़े नारे हों या उनके चुनाव हारने की आकांक्षा वाले। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77407.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77407.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0b76e4c8392b693479ec2b4032dc8d6111f01b9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77407.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, सीमा झा। विलियम जेम्स अमेरिका के मशहूर दार्शनिक थे। 19वीं सदी के महान चिंतकों में से एक। उन्होंने कहा था कि यह संभव है कि आपको कोई काम पसंद न आए। आप उसे करते रहें पर बोझिलता के साथ। उस कार्य का जो या जैसा आपने सोच रखा है वैसा परिणाम न मिले। पर आपको यह याद रखना होगा कि खुशी यूं ही आपको कभी नहीं मिलेगी। इसके लिए सक्रिय प्रयास करना ही होगा। यह बात अलग है कि बेहतर बनने या पाने की इच्छाएं इंसान का स्वभाव हैं। सपना देखना वह नहीं छोड़ता पर सपने देखना और उसे हासिल करने के दौरान ही हम समझ पाते हैं कि अंत:प्रेरणा क्या चीज है। वही अंत:प्रेरणा जो आपको अंधेरे में भी उजाले की खोज के लिए ऊर्जा देती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77408.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77408.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbac8f5bb6eccf329d78b6fa07df82209a4bf1a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77408.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शारदाआनंद गौतम, पालमपुर। सर्दियों में मीठा खाने को मिल जाए तो मुंह अधिक ही चलता है। जी हां! अगर मीठे को खाने से आयरन और जिंक जैसे खनिज तत्व भी मिलें तो स्वास्थ्य के लिए यह फायदेमंद होगा। हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर ने ऐसी ही गज्जक (मीठा) तैयार की है और नाम दिया है चिक्की। गज्जक में मूंगफली, गुड़, चना, शहद और दलिया जैसे पौष्टिक वस्तुओं के साथ आयरन और ¨जक जैसे खनिज तत्व भी हैं। चिक्की बाजार में मिलने वाली आम गज्जक का ही एक रूप है मगर इसमें शैवाल मिलाई गई है। इस कारण यह स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिकता से भी भरपूर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77410.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77410.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0ca9d92ff35ff0f17ecbf22020f603183170b948 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77410.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज लाला अमरनाथ ने आज से ठीक 87 साल पहले वो कमाल करके दिखाया था, जो महीनों तक किसी भी बल्लेबाज से नहीं हुआ था। जी हां, भारतीय टीम के लिए लाला अमरनाथ ने वो कमाल किया था जो उनसे पहले कोई भी भारतीय बल्लेबाज नहीं कर सका था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई के मैदान पर भारत की ओर से पहला टेस्ट शतक ठोका था। ये उनका डेब्यू मैच था। हालांकि, भारत की टीम ने कुछ ही समय पहले टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया था, लेकिन उस समय भारत अखंड भारत के नाम से जाना जाता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77411.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77411.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..411aab3eef4970fc1a5cb1640540e71633a3d5e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77411.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विवाह पंचमी का महत्व।मिथिला के राजा जनक अपनी प्रिय पुत्री सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन करते हैं। सूचना पर भगवान श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण और गुरु के साथ उसमें शामिल होते हैं। एक—एक करके अनेक योद्धा शिव धनुष को तोड़ने का प्रयास करते हैं, लेकिन विफल हो जाते हैं। तब भगवान राम उस शिव धनुष को तोड़ते हैं और सीता जी उनके गले में वरमाला पहनाकर उनको अपना वर चुनती हैं। फिर मिथिला से यह शुभ समाचार अयोध्या पहुंचाया जाता है, तो वहां हर्षोल्लास का वातावरण बन जाता है। दशरथ जी भरत और शत्रुघ्न को साथ लेकर बारात के साथ जनकपुर पहुंचते हैं। फिर मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को श्रीराम और सीता का विवाह होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77412.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77412.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..47195cca855d86490ccab428039f1f9063865faa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77412.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। एक जनवरी 2021 से प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग (Printing & Packaging)में आपको बीस प्रतिशत अधिक खर्च करने पड़ेंगे। कोविड काल से लगातार पेपर कास्ट में लगातार उछाल आ रहा है। ऐसे में तीस प्रतिशत तक की हुई बढ़ोतरी को अब कारोबारियों ने ग्राहकों को पासओन करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत एक जनवरी से प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के दामों में बीस प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जाएगी। इसके साथ ही अगर इसी तरह दाम बढ़ते रहे, जनवरी के बाद एक बार फिर रिव्यू कर आगे के दाम तय किए जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77413.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77413.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..45554d63f292b5227aaf9043034b3b8420ee91df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77413.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जमशेदपुर, [मनोज सिंह]। झारखंड के जमशेदपुर जिले के सर्किट हाउस में स्थित ला ग्रेविटी दुकान में 150 प्रकार की चाय मिलती है। यहां जापान के विश्व प्रसिद्ध जापानी माचा, जापानी फेंचा से लेकर दुनिया में नामी आसाम व दार्जिलिंग की प्रसिद्ध चाय मिलती है। इस चाय की दुकान में यदि आप पहुंच गए तो यहां चाय के साथ ही चाय की अनोखी कप, एक से बढ़कर एक पॉट देखने व समझने के लिए मिल जाएगा। यह दुकान एक प्रकार से चाय पर शोध करने वालों के लिए एक प्रयोगशाला से कम नहीं है। चाय के शौकिन ऐसे हैं कि टाटा स्टील के बड़े अधिकारी, बड़े व्यापारी से लेकर दूर-दराज से लोग यहां चाय की चुस्की लेने आते हैं। इसके साथ ही शहर के चाय के शौकिनों का तांता सुबह से शाम तक यहां लगा रहता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77418.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77418.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86748ce269b965789106ba15a0665a36bb111a9b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77418.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। पाकिस्‍तान के पेशावर में 16 दिसंबर, 2014 की तारीख याद आते ही आज भी कई आंखें नम हो जाती है। पाक‍िस्‍तान के इतिहास में यह तारीख मासूम स्‍कूली बच्‍चों पर हुए आतंकी हमले की दुखद घटना के साथ दर्ज है। पेशावर के एक स्‍कूल में आतंकवादिों ने 150 मासूम बच्‍चों को मौत के घाट उतार दिया था। तालिबान की पाकिस्‍तानी इकाई तहरीक-ए-तालिबान ने इस हमले की जिम्‍मेदारी ली थी। मानवाता पर लगा यह दाग वर्षों तक लोगों को सालता रहेगा। उस वक्‍त पाकिस्‍तान में नवाज शरीफ की निर्वाचित सरकार थी। नवाज ने इस आतंकी घटना के बाद तहरीक ए तालिबान के खिलाफ आर-पार की जंग का ऐलान कर दिया।याद रहे यह वही तालिबान है, जिसको कभी पाकिस्‍तान के हाथों की कठपुतली कहा जाता था। भारत में आतंकवाद के जरिए खूनी खेल खेलने वाला पाकिस्‍तान खुद अपने ही जाल में फंस गया। पाकिस्‍तान को शायद इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि आतंकियों को पनाह देने वाला देश खुद एक दिन इसका शिकार बन जाएगा। ।ऐसे वजूद में आया तहरीक-ए-तालिबान।इस हमले के बाद तहरीक-ए-तालिबान दुनिया की नजरों में आ गया। इस हमले की पूरी दुनिया में घोर निंदा हुई। उसके बाद से यह सवाल उठने लगा कि आखिर तहरीक-ए-तालिबान कौन है ? इस आतंकवादी संगठन का मकसद क्‍या है ? इस आतंकवादी संगठन की जड़ कहां है ? एक साथ तमाम सवाल खड़े होने लगे। दरअसल, तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) उत्तरी वजीरिस्‍तान में फैले आतंकवादियों को एक गुट है। इसे आमतौर पर पाकिस्‍तानी तालिबान भी कहा जाता है। अमेरिका के 9/11 हमले के बाद अमेरिकी सेना ने जब अल कायदा के खिलाफ कार्रवाई के लिए सैन्‍य अभियान चलाया तो कई आतंकवादी गुट अफगानिस्‍तान से भागकर पाकिस्‍तान के कबायनी इलाकों में छिप गए। इन आतंक‍ियों के ख‍िलाफ जब पाकिस्‍तान ने कार्रवाई करनी चाही तो स्‍वात घाटी में पाक सेना का विरोध शुरू हो गया। तहरीक-ए-तालिबान अफगानिस्‍तान से भाग कर पाकिस्‍तान आए आतंकवादी संगठनों में से एक था।  ।आतंकवादी गुटों से जूझ रहा है पाकिस्‍तान।जून, 2014 में कराची हवाई अड्डे पर तालिबान के आतंकियों ने हमला किया तब पाकिस्‍तान सन्‍न रह गया। इस हमले के बाद उत्‍तरी वजीरिस्‍तान के कबायली इलाके में सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जर्ब-ए-अब्‍ज शुरू किया। पाकिस्‍तान का दावा है कि इस अभियान में उसने अब तक एक हजार से ज्‍यादा आतंकियों को ढेर किया है। पाक‍िस्‍तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने कराची एयरपोर्ट हमले के मामले में तहरीक-ए-तालिबान के प्रमुख मुल्‍ला फजलुल्‍ला समेत नौ अन्‍य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। ।पाक ने लगाया तहरीक-ए-तालिबान पर प्रतिबंध।पाकिस्‍तान यह दावा करता रहा है  कि उसने तहरीक-ए-तालिबान पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद सात आतंकवादी संगठन इसका हिस्‍सा बन चुके हैं। अमेरिका ने 1 सितंबर 2010 को इस संगठन को खतरनाक आतंकी गुटों की सूची में शामिल किया। ब्रिटेन ने 18 जनवरी 2011 को इसे प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाला। कनाडा ने 5 जुलाई 2011 को काली सूची में डाला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77421.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77421.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..338bafceda1a94e30ae130e76d77db22542dd7f8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77421.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। यह 16 दिसंबर 1971 का ऐतिहासिक दिन था, जब भारतीय सैनिकों की जांबाजी के आगे पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पड़े और पाकिस्तानी जनरल एके नियाजी ने 93,000 सैनिकों और नागरिकों के साथ भारतीय जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उन ऐतिहासिक पलों के गवाह भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त वारंट अफसर महेंद्र सिंह ने बताया कि जब जनरल नियाजी आत्मसमर्पण पत्र पर हस्ताक्षर कर रहे थे, ‌तब उनकी आंखों में आंसू निकल आए। इस पर उनके पीछे खड़े पाकिस्तानी सेना के जवान गुलाम मोहम्मद ने कहा कि जनरल साहब आंसुओं के पानी से सरसों के खेत हरे नहीं हुआ करते। उनके इन शब्दों को सुनकर जनरल अरोड़ा ने सराहना की और पाकिस्तानी अफसरों से गुलाम मोहम्मद को सितारा-जुरत (स्टार आफ करेज) से नवाजने की सिफारिश की। + +सेवानिवृत्त कर्नल पीके सूद ने रोमांचक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि बमबारी हो रही थी, मेरे साथी मदनलाल को गोली लगी और वीरगति को प्राप्त हुए। मैं भी गोली लगने पर घायल हो गया और सैन्य अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल हुआ, पर हमारी सैन्य टुकड़ी आगे बढ़ती रही और अंतत: हमारी जांबाज भारतीय सेना के आगे पाकिस्तानियों ने घुटने टेक दिए। हमारी विजय हुई। कर्नल सूद ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वो उस भारतीय सेना का अंग रहे हैं, जिसने 16 दिसंबर 1971 को खत्म हुए युद्ध में विजय पाई और बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का उदय हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77422.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77422.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9c4c78fc6c2a107202a9fab7f5fba984b8ece7a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77422.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आनलाइन भी मिल रही मिट्टी। नर्सरी के अलावा अब आनलाइन ई-कामर्स वेबसाइट पर भी खाद मिली मिट्टी मिल रही है। जो लोग नर्सरी तक नहीं जा पाते हैं वो घर बैठे ही आनलाइन खाद वाली मिट्टी मंगवाते हैं। हालांकि आनलाइन इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा है। इसके अलावा नर्सरी पर केंचुआ वाली जैविक खाद भी मिल रही है। एक किलो का पैकेट की कीमत 50 रुपये है। इस खाद की भी अच्छी बिक्री है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77426.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77426.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fe47d79013d1ef7f67070767ab661220c62a3595 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77426.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कुरुक्षेत्र, [जगमहेंद्र सरोहा]। Geeta Jayanti Festival 2020: हरियाणा की धर्मनगरी और श्रीमद्भगवत गीता की जन्‍मस्‍थली कुरुक्षेत्र के एक मुस्लिम युवक गीता के अपने ज्ञान से सबको हैरान कर देते हैं। अथर अली। अली नाम आते ही आपके सामने मुस्लिम समुदाय या कुरान सामने आने लगा होगा, लेकिन कुरुक्षेत्र के अथर अली इससे अलग हैं। उनको कुरान के साथ गीता का भी पूरा ज्ञान है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 2020 (International Geeta Jayanti Festival 2020) में ऑनलाइन गीता क्विज प्रतियोगिता को जीतकर यह सब को सुखद आश्‍चर्य से भर दिया। + +मुस्लिम समुदाय के अथर अली ने अर्जित किया पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान।अथर अली ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में पिछले दो साल पहले पवित्र गीता को जानने की जिज्ञासा हुई। इस महोत्सव के दौरान ऑनलाइन प्रणाली से पूछे जाने वाले प्रश्‍नों को देखा और उन प्रश्‍नों का जवाब जानने के लिए गूगल (Google) का सहारा लिया। इसके साथ ही कुछ अन्य सामग्री को भी देखा। ग्रंथ के श्‍लोकों को जब पढ़ा तो मन को अच्छा लगा और इसके बाद गीता का ज्ञान हासिल करना शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने क्विज में रोजाना जवाब देने शुरू किए। हालांकि पिछले साल पूछे गए प्रश्‍नो का ज्यादा जवाब नहीं दे पाए, लेकिन 2020 के ऑनलाइन क्विज में अधिकतर सवालों का जवाब दिया। उनको पुरस्कार भी मिला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77427.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77427.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2e716590f42e2c5ea3e69ebc2f017b8da24c9d25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77427.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक साल के लिए बढ़े समयसीमा: संजय सम्राट। वाहनों में एचएसआरपी और रंगीन स्टिकर पर परिवहन विभाग की कार्रवाई पर राजनीतिक और ट्रांसपोर्टर्स संगठन ने रियायत की मांग की है। उनका कहना है कि इस कार्रवाई को कोरोना को देखते हुए एक साल के लिए स्थगित किया जाए। इस संबंध में दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन व दिल्ली भाजपा ने उपराज्यपाल समेत राज्य के परिवहन मंत्री को पत्र भी लिखा है। ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा कि अगर यह समयसीमा एक वर्ष के लिए नहीं बढ़ाई गई तो किसानों के साथ चक्का जाम किया जा सकता है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि कोरोना के समय में यह उचित नहीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77428.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77428.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d070ac2c5e7edb66df8beeadf97a64957197d460 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77428.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय तीसरे व पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की ओपन बुक परीक्षा आयोजित करा रहा है। यह तीसरी ओपन बुक परीक्षा है। पहले ओबीई के मुकाबले इस बार काफी बदलाव किए गए हैं। दरअसल बदलाव में ही सफलता का मंत्र छिपा हुआ है। चाहे पढ़ाई हो या परीक्षा, खुले दिल से छात्रों की समस्याओं का समाधान करके ही आगे बढ़ा जा सकता है। हमने पहले ओबीई के अनुभवों से काफी कुछ सीखा है। डीयू की परीक्षा पेपर कोड और यूनिक कोड से होती है। इन दोनों में थोड़ी सी भी असमानता हुई तो परीक्षा में व्यवधान आ सकता है, लेकिन हमारी तकनीकी टीम ने इस तरह की समस्याओं को बड़ी संजीदगी से हल किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7743.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7743.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..42525af2d97a0db2371a322dbc3a02a965850987 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7743.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हाल ही में एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर योगा करते हुए एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो शीर्षासन करती नज़र आ रही हैं। एक्ट्रेस का ये वीडियो थोड़ा पुराना है, लेकिन सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पूजा एक गार्डन एरिया में ग्रीन कलर के योगा आउटफिट में नज़र आ रहीं हैं। एक्ट्रेस ने अपने चेहरे को कैमरे के दूसरी तरफ कर रखा  है और वो शीर्षासन वाली मुद्रा में नज़र आ रही हैं। पूजा की फिटनेस देखकर फैंस भी हैरान हो गए हैं और वीडियो पर कमेंट कर उनकी तारीफ कर रहे हैं। एक्ट्रेस के पति नवाब शाह ने भी पूजा के वीडियो पर कमेंट  किया और उन्हें 'अमेजिंग' बताया है। देखें वीडियो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77431.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77431.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c0d0070c366b7db68485ac35aead3850da72741 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77431.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शामली जिले के तितरवाड़ा गांव निवासी वीरेंद्र का परिवार नगर में औरंगाबाद मोहल्ला के नानू मार्ग स्थित मकान में रहता है। वीरेंद्र के दो पुत्र विक्की व सागर तथा एक पुत्री रेणुका पंवार हैं। रेणुका एमएम डिग्री कालेज से बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। रेणुका बताती हैं कि इंडियन आइडल को देखकर गायकी का शौक हुआ। 2013 में नगर के जैन कालेज के मैदान पर स्टार प्लस का सेट लगा था। वहां पर मात्र 13 साल की उम्र में पहली बार स्टेज पर गाना गया था। इसके बाद 2017 में खुदा की इनायत.. गाना गाया, जो टिकटाक पर खूब वायरल हुआ। इसे यू-ट्यूब पर भी लोगों ने खूब सराहा। + +अमेरिका व आस्ट्रेलिया में पसंद कर रहे लोग गाना ।रेणुका बताती हैं कि उनके भाई विक्की के दोस्त प्रदीप सोनू (पार्थ म्यूजिक) ने टीआर म्यूजिक कंपनी से बात कराई। यहां उनकी आवाज को आगे बढ़ने का मौका मिला। 2017 में पहली बार हरियाणवी गाना ऊंची हवेली गाया। उनका हरियाणवी गाना 52 गज का दामन लोकप्रिय हो रहा है। इसके गीतकार मुकेश जाजी व संगीतकार अमन जाजी हैं। अमेरिका व आस्ट्रेलिया में भी लोग गाने को पसंद कर रहे हैं। इस गाने को 16 करोड़ से अधिक व्यूअर यू-ट्यूब पर मिल चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77434.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77434.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..402aa52ddc22aade38ddb5615ede09c12ef5de62 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77434.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह भी पढ़ें: Farmers Protest: कांग्रेस MP रवनी‍त बिट्टू की बड़ी टिप्‍पणी, कहा- किसान नेता होटलों में, पंजाब का युवा ठंड में ।यह भी पढ़ें: CoronaVirus: हरियाणा के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज की खास सोच आई सामने, जानें क्‍यों मेदांता में नहीं हुए भर्ती ।यह भी पढ़ें: सपनों ने दी हिम्मत, चंडीगढ़ के सिक्योरिटी गार्ड का बेटा बना लेफ्टिनेंट, जानें संघर्ष की अनोखी कहानी ।पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77435.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77435.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ae9d1cf988315acda54bf2324211af85e93b1ae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77435.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +26 लाख से अधिक वाहनों पर ये नंबर प्लेट लगाई जानी थी, लेकिन लोगों की उदासीनता के चलते सिर्फ 50 हजार वाहनों पर ही लगाई जा सकीं। जबकि इसके लिए आनलाइन आवेदन कर घर में इसे मंगवाकर लगवाया जा सकता है। इस कार्य में और अधिक देरी स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। परिवहन विभाग को भी लोगों को जागरूक करने के साथ ही थोड़ी सख्ती भी करनी चाहिए, ताकि लापरवाह लोगों को सबक मिल सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77436.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77436.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..23b248fe452643ba10923f31c33ac28e14fdfe69 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77436.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंटरनेट पर बढ़ती निर्भरता:। उल्लेखनीय यह है कि वक्त के साथ-साथ इंटरनेट पर हमारी बढ़ती निर्भरता ने इस मामले में हालात को पेचीदा कर दिया है। आशय यह है कि आज से 20 साल पहले इंटरनेट के अचानक रुक जाने से शायद उतना बड़ा संकट पैदा नहीं हुआ होता जितना कि आज हो सकता है। इसका एक उदाहरण वर्ष 2000 में कोपेनहेगन यूनिर्विसटी के शोधकर्ता स्टीन लोमबोर्ग के अध्ययन से मिला था। लोमबोर्ग और उनके सहयोगियों ने 20 बड़ी कंपनियों की वित्तीय तिमाही रिपोर्ट को खंगाला और जानने की कोशिश की कि इंटरनेट के चार दिनों तक बाधित रहने से उनकी बिक्री और कमाई पर क्या असर पड़ा? पता चला कि इंटरनेट की इस रुकावट का उस दौरान कंपनियों की र्आिथक सेहत पर मामूली असर ही पड़ा था। यानी वर्ष 2000 में कुछ दिनों के लिए इंटरनेट कनेक्शन के बाधित होने से दुनिया की चाल ज्यादा नहीं बिगड़ती थी, लेकिन इसी अध्ययन में यह नोटिस भी किया गया कि जिन कंपनियों या कर्मचारियों के ज्यादातर कामकाज इंटरनेट पर निर्भर थे, उनकी सूरत बिगड़ गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77437.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77437.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..177a9fcb63c7dc6e24c346445492f374507b875e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77437.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कुछ इस तरह से रोमांचक संस्मरण दैनिक जागरण संग साझा किए सेवानिवृत्त कर्नल पीके सूद ने विजय दिवस की पूर्व संध्या पर। अब सेक्टर-16 में रह रहे और हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी कर्नल पीके सूद ने बताया कि उस समय सेना में कैप्टन थे और उनकी तैनाती जसोर में थी। हमारी यूनिट 14 फील्ड रेजीमेंट मेजर उंबजी के नेतृत्व में मोर्चे पर आगे बढ़ रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77439.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77439.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..835e6eea8dadd4204345936e05ee6e7f21cd8ab0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77439.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुनाव के बाद सामने आए इलेक्‍टोरल कॉलेज के परिणाम डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडन के हक में गए हैं। इसके बाद उन्‍हें आधिकारिकतौर पर विजयी घोषित कर दिया गया है। अब वो 20 जनवरी को राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेंगे। उनके साथ इसी दिन भारतीय मूल की कमला हैरिस भी उप राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेंगी। अमेरिकी इतिहास में ये पहली बार है जब वहां की उपराष्‍ट्रपति पद पर कोई भारतीय मूल की महिला काबिज होगी। + +राष्‍ट्रपति ट्रंप को ईरान से हुई परमाणु संधि न तोड़ने के लिए जिस देश ने सबसे ज्‍यादा कोशिश की थी उसका नाम था जर्मनी। लेकिन इस कोशिश ने अमेरिका और जर्मनी के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया था। ट्रंप इसके बाद जर्मनी को लेकर काफी आक्रामक दिखाई दिए थे। रक्षा बजट के दौरान भी उनकी ये आक्रामकता दिखाई दी थी। इसके अलावा नॉर्थस्‍ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन पर भी उन्‍होंने तंज कसा था। दोनों देशों के बीच व्‍यापार को लेकर ट्रंप का रुख काफी सख्‍त रहा था। उन्‍होंने जर्मनी की कारों पर शुल्‍क बढ़ाने की धमकी दी थी। बाइडन ने पद भार संभालने से पहले अन्‍य देशों से संबंधो को मधुर करने की कवायद शुरू करने की बात कहकर ट्रंप की नीतियों को आगे न बढ़ाने की मंशा को काफी हद तक साफ कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77440.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77440.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59111c91f938fa3e25bcf2416a17ba480ed90c47 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77440.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा सेंट्रल जेल में बंदियों के द्वारा बनाया गया फर्नीचर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अदालतों की शान बढ़़ा रहा है। कभी हथियार उठाकर दूसरों का खून बहाने और अपराध को उद्योग मानने वाले बंदियों ने जेल की चहारदीवारी में रहने के दौरान लकड़ी को तराशा तो उसे फर्नीचर की शक्ल दे दी। जेल के अंदर फर्नीचर उद्योग खड़ा कर दिया। जिन हाथों को हथियार उठाने के लिए जाना जाता था। वही हाथ अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा जिलों की अदालतों में अपने हुनर से पहचान बना चुके हैं। बंदियों द्वारा चलाए जा रहे फर्नीचर उद्योग से केंद्रीय कारागार ने करीब दो साल के दौरान डेढ़ करोड़ रुपये का फर्नीचर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों को सप्लाई किया जा चुका है।  ।केंद्रीय कारागार में इस समय दो दर्जन से ज्यादा बंदी फर्नीचर उद्योग से जुड़े हैं। जेल प्रशासन ने बंदियों के पुर्नवास की योजना के तहत फर्नीचर उद्योग शुरू किया था। इसका मकसद बंदियों के सजा काटकर बाहर निकलने के बाद उन्हें पुर्नस्थापित करना है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते जब सारे उद्योग मंदी की मार से जूझ रहे हैं। जून में अनलाक होने के बाद अक्टूबर के दौरान सेंट्रल जेल के बंदियों को 53 लाख रुपये से ज्यादा का फर्नीचर बनाने का आर्डर मिला। उन्होंने इसे बनाकर झांसी, ललितपुर, गौतमबुद्ध नगर, हाथरस की अदालतों को भेजा।  वहीं वर्ष 2019 में फर्नीचर उद्योग को एक करोड़ रुपये से ज्यादा के आर्डर मिले थे। उन्होंने इतनी बड़े आर्डर को निर्धारित समय में तैयार करके संबंधित जिलों की अदालतों को भेजा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77441.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77441.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..65056e6735f6014d44535cd5acf13bf5e6eb39ad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77441.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अतुल्य गंगा जनांदोलन यात्र में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी को भी शामिल करते हुए उत्तराखंड में इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यात्र का हिस्सा बनने जा रहे निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट बताते हैं कि परिक्रमा यात्र के हर पड़ाव पर वहां के पूर्व सैनिकों व छात्रों को गंगा प्रहरी भी बनाया जाना है। जो गंगा की स्वच्छता को लेकर निगरानी रखेंगे और हर तीन माह में गंगा जल, भू-जल और मिट्टी की सैंपलिंग करेंगे। इसके लिए उन्हें बाकायदा प्रशिक्षण दिया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77442.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77442.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f521d7b69c524fd713d2abaf8f3ac2f74958f33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77442.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या ये सभी बातें मीडिया में आ रही हैं या इन पर कोई किसान आंदोलन चल रहा या इन पर कोई चर्चा हो रही है? मीडिया में भाईचारा, एक साल का राशन, नारे जयकारे ही सुनाई दे रहे हैं, जो कि स्वस्थ आंदोलन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिहाज से सही नहीं कहे जाएंगे। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पंजाब में खेती उद्योग की तरह की जाती है। बड़े-बड़े भूस्वामी खेत में पूंजी और प्रवासी श्रमिकों के सहारे खेती करते हैं। इन श्रमिकों की स्थित बहुत दयनीय है। ये बाड़े में रहते हैं और बारह से सोलह घंटे काम करते हैं। पंजाब के असली अन्नदाता यही प्रवासी श्रमिक हैं, जिनके शोषण, रहन-सहन के मुद्दे इस किसान आंदोलन से गायब हैं। केवल बड़े भूस्वामियों के हित की बात ही किसान की बात नहीं है। बिजली, पानी, मृदा, बीज संरक्षण, भंडारण और वितरण जैसी समस्याएं कृषि समस्याओं के मूल में हैं। यदि यह किसान आंदोलन सच्चा होता तो सरकार से इन मुद्दों पर किसान प्रतिनिधि चर्चा अवश्य करते। किसी भी आंदोलन का फैशन और सेल्फी पॉइंट बनना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77443.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77443.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9ea4003e617802731faa693c285f1fd3d57b92d7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77443.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शाहजहां के पहलवान का मकबरा देवरी रोड पर है। इसे पहलवान के मकबरे के नाम से ही जाना जाता है। पहलवान कौन था, उसके नाम का जिक्र नहीं मिलता। एएसआइ के रिकार्ड के अनुसार पहलवान बीजापुर का मूल निवासी था। शहंशाह जहांगीर के अनुरोध पर बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह ने उसे मुगल दरबार में वर्ष 1617 में भेजा था। इसके बाद वो शाहजहां के दरबार में रहा। पहलवान के मकबरे का निर्माण मुगलकालीन चारबाग पद्धति पर किया गया था। आज बाग का नामोनिशान मिट चुका है और केवल मकबरा ही बचा हुआ है। उससे सटकर अवैध निर्माण हो चुके हैं। यह मकबरा ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है और वर्गाकार है। मध्य में कब्र वाला कक्ष है, जिसके चारों ओर आर्च बने हुए हैंं। कब्र वाले कक्ष में कब्र का पत्थर गायब है। इसके ऊपर गुंबद बना हुआ है और उसके कोनों पर छोटी बुर्जियां बनी हुई हैं।यह मकबरा बंद रहता है और इसके गेट पर ताला लगा रहता है। कोई पर्यटक यहां नहीं आता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77444.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77444.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ff6de211e2da3d6eb6e3529c561f828b94eeec1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77444.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। मौसम बदलने के साथ ही मौसमी बीमारियों के प्रसार में भी तेजी आ जाती है। इन दिनों कोरोना संक्रमण के साथ ही बुखार, खांसी और जुकाम से काफी संख्या में लोग पीड़ित हो रहे हैं। बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्हें पिछले कळ्छ समय में बुखार न आया हो। बुखार आना हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे सामान्य समस्याओं में से एक है, लेकिन पिछले दस महीनों से कोविड-19 महामारी ने लोगों को इतना डरा दिया है कि बुखार का नाम आते ही वे घबरा जाते हैं कि कहीं उन्हें कोराना संक्रमण तो नहीं हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77448.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77448.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85ff905dd973da93a77fb6aec77e7781039babb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77448.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। रूस की एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति गरमा गई है। एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने को लेकर खफा अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने भारत समेत उन देशों को भी आगाह किया है, जो एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के इच्‍छुक हैं। अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए तुर्की के रक्षा उद्योगों और उसके अध्‍यक्ष समेत तीन अन्‍य अधिकारियों पर सोमवार को प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका के वित्‍त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी साझा किया है। मंत्रालय ने कहा है कि मुस्‍तफा डेनिज, सेरहाट गेनकोग्‍लू और फारुक यिजिट रक्षा उद्योग के अध्‍यक्ष पद से संबंधित है और इन सभी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आखिर क्‍या है रूस की एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली। भारत से क्‍या है इसका संबंध। भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की क्‍यों है जरूरत। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77449.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77449.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9c9e1754312ac81b07b46fe83e26488c386e481f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77449.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मॉस्‍को, ऑनलाइन डेस्‍क। इलेक्‍टोरल कॉलेज वोटों में जीत के बाद रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव की जीत पर जो बाइडन को बधाई दी। बता दें कि बाइडन ने मगंलवार को राज्‍य-दर-राज्‍य इलेक्‍टोरल कॉलेज वोट जीतने के बाद आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति पद पर अपनी जीत सुनिश्चित की है। उनकी यह बधाई इसलिए खास है, क्‍योंकि 3 नवंबर को अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव संपन्‍न होने के बाद पुतिन ने बाइडन को बधाई नहीं दी थी, जिसको लेकर भी वह सुर्खियों में थे। आखिर 3 नवंबर के अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव संपन्‍न होने के बाद किन देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने बाइडन को नहीं दी बधाई। इसके पीछे क्‍या है उनका तर्क। + + पुतिन ने बाइडन को बधाई देने से किया था परहेज ।क्रेमलिन ने बाइडन को बधाई देने से परहेज किया था। क्रेमलिन ने कहा था कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के आधिकरिक परिणामों की प्रतीक्षा करेगा, जबकि कई मुल्‍कों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने 3 नवंबर के बाद बाइडन को जीत की बधाई दे चुके हैं। राष्‍ट्रपति प‍ुतिन ने उनकी सफलता की कामना की है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका के ऊपर वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता की बड़ी जिम्‍मेदारी है। पुतिन ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच तमाम विरोध के बावजूद कई वैश्विक समस्‍याओं एवं चुनातियों को एक साथ हल करने को तैयार हैं। क्रे‍मलिन की ओर जारी बयान में पुतिन ने कहा है, 'मैं आपके साथ वार्ता और संपर्क करने के लिए तैयार हूं।' ।इलेक्‍टोरल कॉलेज वोट की अहमियत।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77456.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77456.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..52c89d04d65ea912d9921e19402fcfb06082212e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77456.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चयन की चुनौती। टीकाकरण कार्यक्रम में वैक्सीन का चुनाव साधारण मामला नहीं है। वैक्सीन बहुत अलग तकनीकों पर आधारित हैं- मैसेंजर आरएनए, एडेनोवायरस और निष्क्रिय वायरस के प्रयोग वाला परंपरागत दृष्टिकोण। प्रत्येक वैक्सीन सह-रुग्णता की उपस्थिति के आधार पर विभिन्न आयु समूह पर प्रभाव, साइड इफेक्ट्स और एक दूसरे से प्रभावशीलता में भिन्न होगी। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार भारत उन तीन देशों में शुमार हैं, जिसने एक अरब से ज्यादा खुराक हासिल करना पक्का कर चुका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77458.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77458.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f5939ae12690f49251ee9c63bf72b8c1aabf4d43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77458.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। राजधानी दिल्ली की सीमा पर इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन ने पुलिस महकमे की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, आंदोलन में किसानों की भीड़ और कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए अधिकारी अब ऐसे पुलिसकर्मियों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए चना, गुड़ और च्यवनप्राश खाने की सलाह दे रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस आयुक्त खुद इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं एक बार फिर खाकी में कोरोना का वायरस दौड़ गया तो मुसीबत और बढ़ जाएगी। दिल्ली पुलिस के अब तक 7500 पुलिसकर्मी व आइपीएस कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें 30 कर्मियों की जान भी जा चुकी है। 6800 कर्मी व आइपीएस ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौट चुके हैं। बाकी जवानों का अभी इलाज चल रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77459.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77459.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8b547489823a8943ccc9b02c1e485ade5f153662 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77459.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खालसा एंड इंडिया के निदेशक अमरप्रीत सिंह ने बताया कि हजारों किसान सर्दी में भी संघर्ष कर रहे हैं, इसीलिए उनकी सुख-सुविधा से जुड़ा हर सामान यहां उपलब्ध कराया गया है। इसी कड़ी में उनके कपड़े धोने के लिए अब धरनास्थल पर कई जगहों पर कई कई वॉशिंग मशीनें लगा दी गई हैं तो उन्हें ठंडे पानी से न नहाना पड़े, इसके लिए गीजरों तक की व्यवस्था भी कर दी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77461.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77461.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ac3f8fb36a8ad3cff6e85d6e7940fa92ce89150 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77461.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। देश के लिए कुछ भी कर गुजरने का जुनून और अदम्य साहस के बूते 81 वर्षीय सूबेदार सांवल सिंह की बाजुएं आज भी दुश्मनों का सीना छलनी करने के लिए फड़क उठती हैं। वर्ष 1971 में बांगलादेश से युद्ध में भूख-प्यास भूलकर उन्होंने अकेले ही सेल्फ लोडिंग रायफल (एसएलआर) से दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे। विजय दिवस पर शहीद साथियों को याद करके सांवल सिंह का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वह कहते है सभी ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया और देश को विजय दिलाई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77462.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77462.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c22dc712ac56919b461f7551110b5e2b784e1da --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77462.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एएसआइ के विशेषज्ञों का कहना है यह कार्य चुनौतीपूर्ण जरूर है, मगर पुराने फोटो देखकर इसे ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस गेट काे उसी रूप में लाए जाने की योजना है जैसा यह बनाए जाने के समय रहा होगा। इसमें कुछ छोटे छोटे कंगूरे भी हैं। जिन्हें फिर से बनाया जाएगा। इस स्मारक में जाे संरक्षण का काम कराया गया था। उसके तहत इसकी दीवारें और ऊपरी मंजिल में जाने वाली जर्जर सीढ़ियां भी नई बनाई गई थीं। लाल पत्थर लगाकर इन्हें ठीक किया गया था। गेट के अंदर के भाग में भी संरक्षण का कार्य कराया गया था। बताया जाता है कि उस समय यह गेट इतना ऊंचा था कि इस गेट के अंदर से बेगम हाथी पर बैठ कर निकल जाती थी, इसलिए इसका नाम हाथी वाला गेट पड़ा। उस समय यह भव्य गेट हुआ करता था। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77463.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77463.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4318b3ee08be748cbf879e22b5b45f8e91400f92 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77463.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जिलाधिकारी आवास के पीछे कुतलूपुर में शाही ईदगाह बना हुआ है। लाखौरी ईंटों और चूने से बने ईदगाह में रेड सैंड स्टोन का काम हो रहा है। इसमें सात मेहराब हैं, जिनमें से बीच वाला मेहराब किनारों पर बने मेहराबों की अपेक्षा अधिक ऊंचा है। इसके चारों कोनों पर छोटी बुर्जियां बनी हुई हैं। इसके चारों ओर दीवारों से परकोटा बनाया गया है, जिसके किनारों पर बुर्ज बने हुए हैं। एएसआइ द्वारा संरक्षित स्मारक वर्षभर बंद रहता है और केवल ईद पर नमाज के लिए खोला जाता है। इसके निर्माण के सही समय की जानकारी नहीं मिलती। माना जाता है कि शहंशाह शाहजहां ने वर्ष 1628-1656 के बीच इसका निर्माण कराया था। इसमें लगे हुए फारसी भाषा के शिलालेख के अनुसार वर्ष 1876 में ईदगाह का जीर्णोद्धार कराया गया था। वर्ष में केवल दो बार ही खोले जाने के चलते यहां कोई पर्यटक नहीं पहुंचता है। अगर कोई पहुंच भी जाए तो उसे बाहर से ही लाैटना पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77464.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77464.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..354c4fa2875b6198f2eebc41fdf96f32a7b2fa76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77464.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस रहस्‍यमय बीमारी की खबर के बाद पूरे देश का ध्‍यान इस छोटे से इलाके पर लगा हुआ था। मेडिकल एक्‍सपर्ट का भी ध्‍यान इस तरफ गया था। यहां पर बीमारी का पता लगाने के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्‍यूट्रीशन के एक्‍सपर्ट भी आए थे। इनके अलावा सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीकुलर बायोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्‍नालॉजी, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और एम्‍स के डॉक्‍टर भी इस बीमारी का पता लगाने यहां पर आए थे। इन सभी ने यहां की नहरों का भी निरीक्षण किया था, जिसका पानी काफी प्रदुषित था। इस दौरान जांच में तमिलइलूरू और दूसरी नहरों का पानी भी काफी खराब हालत में मिला था। यहां पर पानी में प्रदूषण का स्‍तर काफी अधिक पाया गया था। एक्‍सपर्ट के मुताबिक ये पानी सिंचाई के लिहाज से बिल्‍कुल भी सही नहीं था। + +यहां पर वर्तमान में तैनात डिस्ट्रिक कलेक्‍टर रेवू एम राजू भी वर्ष 2007 के यूपीएससी टॉपर हैं। इलूरू को इतिहास में हेलापुरी के नाम से जाना जाता था। 700 और 1200 ईपूर्व यहां पर चालुक्‍य शासन था। बाद में ये 1471 तक यहां पर कलिंगा का शासन रहा था। इलुरू गजपति से कृष्‍णदेवराय के हाथों में गया। इसके बाद गोलकुंडा के सुल्‍तान के हाथों में आया। 1925 में अंग्रेजों के शासन में यहां पर जिला मुख्‍यालय बनाया गया। इलूरू कालीन के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर इसको बनाने के लिए मिडिल ईस्‍ट से कारीगर आए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77465.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77465.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fbde4852c03c5be191204b2acd5356149c756616 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77465.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +समाजसेवी सरदार ।सरदार के केवल एक नेता ही नहीं थे बल्कि समाज सेवी भी थे। जिस क्‍त गुजरात के खेड़ा में प्‍लेग की महामारी फैली थी उस वक्‍त उन्‍होंने इन लोगों की मदद के लिए राहत कार्य चलाया था। बाद में उन्‍होंने अपने वकील के पेशे को पूरी तरह से छोड़ दिया और देश सेवा में जुट गए थे। वो देश की आजादी के लिए छेड़ी गई जंग में आगे की कतार में मौजूद लोगों में शामिल थे। उन्‍होंने ही गुजरात सत्‍याग्रह की शुरुआत की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77466.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77466.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..85af1068a28f3ddcfa469dae51c328b85f1e8c52 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77466.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्यपाल के हाथों सम्मानित हो चुका है यमुना।ताइक्वांडो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग ताइक्वांडो खिलाड़ी यमुना को वर्ष 2019 में रांची में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु ने सम्मानित कर चुकी है। यमुना ने कहा कि ताइक्वांडो के खिलाड़ियों को सरकारी मदद मिले  ताकी आगे बढ़ सके और ताइक्वांडो खिलाड़ियों को खेल कोटा से राज्य सरकार नौकरी दें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77468.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77468.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e52dcb7019969f964b5361cbe6832f06a9cc59f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77468.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इधर, माउंट एवरेस्ट की चर्चा छिड़ने की एक खास वजह यह है कि नेपाल-चीन के संयुक्त अभियान में इस पर्वत शिखर को फिर से नापने का नतीजा यह निकला है कि इसकी ऊंचाई पहले के मुकाबले करीब एक मीटर (86 सेंटीमीटर) बढ़ गई है। एवरेस्ट की यह नई ऊंचाई (8,848.86 मीटर) इस मायने में उल्लेखनीय कही जाएगी कि वर्ष 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में इस शिखर की ऊंचाई घट जाने का अनुमान लगाया गया था। इसकी एक वजह और है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77469.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77469.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96c61aa82a3a448e7e93701a9ec694aa5a8a2799 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77469.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +आखिर इन तीखे शब्दों का अर्थ क्या है? भाजपा का कहना है कि ममता को हार की आहट लग गई है जिसके चलते वह बौखलाहट में हैं। आखिर इस बौखलाहट की वजह क्या है? यह एक बड़ा ही गंभीर सवाल है। राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप, तर्क-वितर्क, आलोचना- समालोचना होती रहती है, लेकिन अशोभनीय भाषा को प्रयोग और संघर्ष तथा हमले यूं ही नहीं होते। इसकी जद में कई ऐसी चीजें होती हैं, जो अशोभनीय भाषा के इस्तेमाल से लेकर हिंसा का कारक होती है। + +दरअसल, पिछले 10 वर्षो के बंगाल की सियासत पर नजर डालते हैं तो 34 साल के वामपंथी शासन को उखाड़ फेंकने वाली तृणमूल प्रमुख लगातार दो बार बड़े अंतर से चुनाव जीतकर सीएम बनीं। 2017 तक ममता के सामने बंगाल में एक भी ऐसी पार्टी नहीं थी जो उनकी सत्ता को चुनौती दे सके। 2011 में वाम शासन का अंत करने के लिए उन्होंने दो दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और तृणमूल गठबंधन को 48.4 फीसद मत व 227 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें तृणमूल-184, कांग्रेस-42 और सोशलिस्ट यूनिट सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआइ) को एक सीट शामिल थी। वहीं 2016 में ममता ने अकेले दम पर चुनाव लड़ा और 44.9 फीसद वोट प्राप्त कर 211 सीटें जीती। इसके बाद ममता को लगने लगा कि अब उन्हें बंगाल में कोई हरा नहीं सकता। वह खुद को अजेय मानने लगीं। परंतु 2018 के पंचायत चुनाव से खेल बदल गया और पिछले लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीत कर भगवा दल ने ममता का भ्रम तोड़ दिया। + +इधर, ममता की परेशानी और बेचैनी तृणमूल के अंदर जारी आंतरिक कलह के कारण भी है। शुभेंदु अधिकारी, राजीव बनर्जी, नियामत शेख, शीलभद्र दत्त जैसे पार्टी के कई कद्दावर नेता बगावती तेवर दिखा रहे हैं। पार्टी में भरोसेमंद चेहरों की कमी भी दिख रही है। मुकुल रॉय जैसे नेता के भाजपा में शामिल होने के बाद अब उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के बढ़ते कद और प्रशांत किशोर की पार्टी में बढ़ती दखलंदाजी से कई वरिष्ठ नेता क्षुब्ध हैं। ऐसे में ममता के लिए बड़ी चुनौती सभी भरोसेमंद साथियों को साथ बनाए रखने की भी है। एक साथ कई मोर्चा खुल जाने से बौखलाहट बढ़ना स्वाभाविक है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77471.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77471.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3df31b43b6f5986d8a98f15d2c0e1424c963c2d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77471.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नारनौंद ( हिसार), सुनील मान। हरियाणा के राखीगढ़ी में हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता की खोदाई में प्राचीन भारत के कई राज सामने आ रहे हैं और उस समय के लोगों के रहन-सहन के बारे में पता चल रहा है। राखीगढ़ी में मिले उपकरणाें पर मिले शोध से खुलासा हुआ है कि विश्‍व की सबसे पुरानी एवं बड़ी सिंधु घाटी सभ्यता के अधिकतर लोग मांसाहारी थे। इसके साथ ही वे दूध का भी सेवन करते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77474.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77474.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1688ba39c03969dc182d5e3e4316c8db95487ec2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77474.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। History of Vaccines : 'आवश्‍यकता आविष्‍कार की जननी है' यह कहावत दुनिया में फैली महामारियों और उसके वैक्‍सीन पर एकदम सटीक बैठती है। जब-जब दुनिया में किसी महामारी ने पैर पसारा है, तब-तब किसी वैक्‍सीन का आविष्‍कार हुआ है। महामारी और वैक्‍सीन का एक लंबा इतिहास है। कोरोना महामारी की वैक्‍सीन को लेकर पूरी दुनिया में हल्‍ला है। दुनिया के लिए खतरा बन चुके कोरोना वायरस से बचाव का अब स‍िर्फ वैक्‍सीन ही सहारा है। ऐसे में पूरी दुनिया की नजर कोरोना वैक्‍सीन पर टिकी है। ऐसे में यह जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर इस वैक्‍सीन का इतिहास क्‍या है। दुनिया ने पहली बार किस रोग के लिए वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल किया गया। ।संक्रामक बीमारियों से रू-ब-रू हो चुकी है दुनिया ।कोरोना के पूर्व दुनिया में प्‍लेग, चेचक, हैजा, टाइफाइड, टिटनेस, रेबीज, टीबी, पोलियो जैसी कई महामारियों से रू-ब-रू हो चुकी है। दुनिया कई दफा संक्रामक बीमारी के प्रकोप से जूझ चुकी है। इन संक्रामक बीमारी के चलते लाखों-करोड़ों लोगों की जानें जा चुकी है। सदियों से किए जा रहे अध्ययन और शोध बताते हैं कि इन महामारी से निजात दिलाने के लिए शोधकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों ने वैक्‍सीन की खोज की और संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाया। ।1- 1796 में दुनिया में आई पहली वैक्‍सीन । दुनिया में कई दशकों तक चेचक का प्रकोप जारी रहा था। इसकी वजह से कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। चेचक दुनिया की पहली बीमारी थी, जिसके टीके की खोज हुई। 1796 में अंग्रेज चिकित्‍सक एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीके का आविष्‍कार किया। इस आविष्‍कार से आज करोड़ों लोग चेचक जैसी घातक बीमारी से ठीक हो चुके हैं। चेचक का टीका दुनिया के लिए एक चमत्‍कार से कम नहीं था। अमेरिका में पहली बार वैक्सीन को लेकर कानून तैयार किया गया। अमेरिका में स्मॉलपॉक्स वैक्सीन सभी को देना अनिवार्य किया गया। 1898 में कानून को अपडेट भी किया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77476.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77476.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43679b23953bf62937a18e06e5420ca505ff505e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77476.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उसके मुताबिक, सबसे पहले विलियम बेंटिंक ने एक ‘टी कमेटी’ बनाई। उन्हें महसूस होता था कि भारत के कई स्थानों की जलवायु कुछ चीनी प्रांतों की जलवायु की तरह है, इसलिए यहां चाय का उत्पादन संभव है। कुछ पौधे चीन से मंगवाए गए और कुछ असम में तैयार किए गए। जैसे ही प्रयोग सफल हुए 1862 में 1,61,219 एकड़ जमीन चाय के लिए दे दी गई, जबकि असल में चाय उगाई गई 28,061 एकड़ में। अंग्रेज उत्साहित हुए, क्योंकि लोगों ने निजी तौर पर भी चाय उगाना शुरू कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77478.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77478.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..030cac5a168860b82c5303a99daa7f1cca49167a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77478.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इसे भी पढ़ें : क्या सक्रिय राजनीति से संन्यास लेंगे या फिर अध्यक्ष पद छोड़ेंगे MP के पूर्व CM कमलनाथ, कहा-अब आराम करना चाहता हूं ।नौ बार चुने गए सांसद ।दरअसल, उस दौरान पहली बार कमलनाथ चुनाव लड़ रहे थे। इंदिरा गांधी उनके लिए प्रचार करने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा पहुंची थीं। कमलनाथ उसके बाद छिंदवाड़ा से पहली बार सांसद बने, तबसे लगातार 2018 तक नौवीं बार छिंदवाड़ा से ही सांसद बनते रहे। जब तक इंदिरा गांधी जीवित रहीं, उन्हें 'मां' ही कहते रहे।  इंदिरा के बाद संजय गांधी और राजीव गांधी के साथ और उसके बाद सोनिया गांधी व राहुल गांधी विश्वासपात्र बने रहे। ।संजय गांधी और कमलनाथ की करीबी  ।कमलनाथ तब दून कॉलेज में पढ़ते थे, जब उनकी दोस्ती इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से हुई थी। राजनीति में आने से पहले उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से ग्रेजुएशन किया। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में संजय गांधी से उनकी दोस्ती खूब मशहूर रही। आपातकाल के दौरान वे गांधी परिवार के साये के रूप में बने रहे। इस दौरान यह नारे भी लगे कि इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ। 14 दिसंबर, 1946 को पैदा हुए संजय गांधी का आज जन्मदिन है। कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें आज भी संजय गांधी की कमी खलती है। संजय गांधी की मौत के कई साल बाद भी कमलनाथ के ड्रॉइंग रूम में उनकी तस्वीर लगी हुई है। इसके बारे में कमलनाथ ने एक बार कहा था कि इंदिराजी मेरी प्रधानमंत्री हैं, लेकिन संजय गांधी मेरे नेता थे और हमेशा रहेंगे। उनकी मौत के 40 साल बाद भी कमलनाथ की निष्ठा में कोई कमी नहीं आई है। + +संजय गांधी के लिए जेल गए कमल नाथ!।कमल नाथ के बारे में एक किस्सा मशहूर है, जब वे संजय के लिए जानबूझकर जेल चले गए। 1979 में सरकार में संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया। इस दौरान इंदिरा संजय की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं। माना जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़ गए। उनके ऊपर कागज का गोला बना कर फेंका। जज ने उन्हें इस मामले में कोर्ट की अवमानना के चलते सात दिन के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया, जहां वे इस दौरान संजय के साथ रहे। इसके साथ ही कमलनाथ इंदिरा गांधी के और विश्वासपात्र हो गए।  ।1993 में एमपी के सीएम बनते- बनते रह गए ।1993 में कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन ऐन मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया और कमलनाथ सीएम बनने से रह गए। 1996 में कमलनाथ पर हवाला कांड के आरोप भी लगे थे। उसके बाद उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। उस वक्त कांग्रेस ने उनकी पत्नी अल्का नाथ को टिकट दिया, वे छिंदवाड़ा से चुनाव जीत तो गईं लेकिन अगले साल उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 1997 के उपचुनाव में कमलनाथ फिर चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा ने उन्हें हरा दिया था। यही एक चुनाव था, जब कमलनाथ हारे थे। + +केंद्र सरकार में कई बार मंत्री रहे। कमलनाथ पहली बार 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री बने। 1991 से 1994 तक वह केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे। 1995 से 1996 कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक मनमोहन सिंह की सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, 2012 से शहरी विकास मंत्री और 2014 तक संसदीय कार्य मंत्री रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77479.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77479.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..98d3903de2acf91215456cd6a4a60623c4138c57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77479.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पर्यावरण के लिहाज से भी ये उपयोगी है, इसलिए इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए गंभीरता से काम करने की जरूरत है। यह सही है कि राजधानी की सड़कों पर वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे यातायात जाम सहित कई तरह की समस्या हो रही है। वायु प्रदूषण के लिए भी यह स्थिति जिम्मेदार है, इसलिए पिछले कई वर्षों से वाहनों की संख्या कम करने, पर्यावरणनुकूल वाहन को प्रोत्साहित करने की बात हो रही है। इस दिशा में दिल्ली सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00d91e7fe01a50c4c57dc730bfde8de17830c892 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7748.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ब्लू ड्रेस में मरमेड लग रही हैं सुहाना।सुहाना ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उनका चेहरा साफ नहीं दिख रहा। ब्लू कलर की बॉडीकॉन ऑफ शोल्डर ड्रेस में सुहाना कमाल लग रही हैं। सुहाना का ये मरमेड लुक फैन्स को काफी पसंद आ रहा है। इस फोटो में शाहरुख की लाडली की टोंड बॉडी भी साफ नजर आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77480.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77480.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..74b6dc72934f18d345d61e21a7fd2150d0dabe1f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77480.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ, डॉ राकेश दुबे। कोरोना काल की दुखद यादों के बीच वैक्सीन के आने का सुखद समाचार किसी वरदान से कम नहीं। वैज्ञानिकों के अथक प्रयास के बाद अब सरकारी मशीनरी की बारी है। कई माह तक ज़िंदगी को ठहरा देने वाली इस महामारी का ठिठकना ही हमारी जीत नहीं। देश में एक भी केस रहने तक यह लड़ाई रुकने वाली नहीं। इसी सोच के साथ पूरे देश में अब कोरोना से लड़ाई के बीच वैक्सीन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सबसे अहम है सुदूर इलाकों में इसकी कोल्ड चेन बनाए रखना और इसके व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। जाहिर है कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश पर सबकी निगाहें होंगी। + +प्रदेश में मार्च के बाद गर्मी बढ़ती है, ऐसे में कोल्ड चेन बनाए रखने की चुनौतियों से मुकाबला करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। अभी प्रदेश में 80 हजार लीटर वैक्सीन रखने की व्यवस्था है। अब इसे बढ़ाकर 2.03 लाख लीटर कर दिया गया है। दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर वैक्सीन रखी जाएगी। मैं यह कह सकता हूं कि जो तैयारियां हैं, उससे कोल्ड चेन टूटने की तनिक भी गुंजायश नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से काफी मदद मिली है। आठ वॉक इन कूलर व चार वाक इन फ्रीजर मंगाए गए हैं। 1,610 आइएलआर, 1,430 डीप फ्रीजर, 26,800 वैक्सीन कैरियर और 1950 कोल्ड बॉक्स भी मिले हैं। वैक्सीन के भंडारण के लिए 22 जिलों में 500 वर्ग फीट के कमरे बनवाए गए हैं। 27 जिलों में कमरों की बड़े पैमाने पर मरम्मत की गई है। वहीं 26 जिलों में जरूरत के अनुसार छिटपुट मरम्मत कार्य हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77481.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77481.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..054e83d759a6138fd0864702e9274d99848f828b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77481.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल देखने का प्लान बना रहे हैं, तो एडवांस टिकट बुक करा लें। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े से जनवरी के पहले पखवाड़े में ताजमहल देखने अधिक संख्या में पर्यटक आते हैं। इस स्थिति में टिकट नहीं मिलने पर आगरा आकर भी जीवनभर ताजमहल नहीं देख पाने का मलाल आपको रहेगा। सोमवार को दोपहर दो बजे ही सभी टिकट बुक हो गए। इसके बाद एडवांस टिकट बुक कराए बगैर आए पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77483.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77483.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..16a2616b675e7e064bb250dad84959e559a90e7e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77483.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस बाग में हिंदू पंचांग की दो ऋतुओं के नाम पर सावन और भादों दो मंडप बनवाए गए थे ये दोनों मंडप बाग के दोनों छोर पर हैं। दोनों मंडप संगमरमर के हैं। इनकी खूबसूरती अभी भी देखते बनती है। पत्थर पर चित्रकारी की गई है, जिसमें फूल पौधे बनाए गए हैं जो साढ़े तीन सौ साल बाद भी देखने में ऐसे लगते हैं मानों आज कल में बनाए गए हैं। इन्हीं दोनों मंडप के बीच वाटर चैनल है। दोनाें मंडप में आले बने हैं। जिनमें रोशनी की जाती थी। मंडप के ऊपर बने वाटर चैनल से जब पानी नीचे गिरता हुआ आगे निकल जाता था तो पानी का रंग भी बदलता था और यह नजारा बहुत ही दिलकश होता थ। वाटर चैनल में उस समय जगह जगह फव्वारे लगे होते थे। ठीक उसी तरह अब फिर से फव्वारे लगाए जा रहे हैं। यहां पर पानी लाने के लिए पाइपलाइन डाली जा रही है। फव्वारों को प्रतिदिन चलाए जाने की योजना है, ताकि इस बाग की सुंदरता बढ़ाई जा सके। + +वाटर चैनल के दाेनों ओर रंग बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाए गए हैं। खिल रहे फूल बाग की सुंदरता बढ़ा रहे हैँ। एएसआइ की योजना इस बाग में सुगंध देने वाले फूल वाले पौधे लगाने की भी है। जिससे इस बाग को और भी खूबसूरत बनाया जा सके। इसके लिए एएसआइ अध्ययन करा रहा है कि जिस समय बाग को तैयार किया गया था तो उस समय किस किस किस्म के पौधे लगाए गए थे। उसी आधार पर यहां पौधे लगाए जाने की योजना है। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77484.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77484.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..70b14dace90a027bd5ffe8d54a9ae77d44987a04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77484.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लुधियाना के माडल टाउन में अपने घर की रसोई में केक बनाते हुए अग्रिम। ।रोजाना मिल रहे ऑर्डर।अग्रिम ने बताया कि अभी उसे रोजाना 10 के ज्यादा ऑर्डर आते हैं। वह पढ़ाई खत्म करने के बाद लोगों को केक बनाकर सप्लाई करवाते हैं। इस काम में मुझे मेरी मां का पूरा सहयोग मिलता है। अभी मेरे फ्रेंड सर्कल में ज्यादा आर्डर आ रहे हैं। इसके अलावा बेंगलुरु से भी केक बनाने के ऑर्डर मिले हैं। इन्हें भी जल्द सप्लाई कर दिया जाएगा। अग्रिम ने बताया कि एक बनाने में 40 मिनट लग जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77485.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77485.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b2595fb84885cbb9cb2147bd886353e0625d16b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77485.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस मकबरे से सटकर निर्माण हो चुके हैं। एएसआइ के रिकार्ड के अनुसार मकबरे की 250 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा है, जिसे खाली नहीं कराया जा सका है। शहीद नगर में हुए निर्माणों के बीच यह मकबरा छुप गया है। गलियों में होकर यहां तक पहुंचना सहज नहीं है। यही वजह है कि इस मकबरे को देखने के लिए कोई नहीं पहुंचता। एएसआइ ने भी इसके दरवाजे पर ताला लगा रखा है। यहां कोई कर्मचारी भी तैनात नहीं किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77487.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77487.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a0d0c204e6fb2bfb6a2ccde9693a206c094863c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77487.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत को सचेत रहने की जरूरत। क्लाउड सीडिंग तकनीक में चीन व अमेरिका के अलावा कई और देशों ने भी निवेश किया है। इसके प्रति चीन का अति उत्साह भारत जैसे देशों को सचेत करता है, जहां खेतीबारी बहुत हद तक मानसून पर निर्भर है। जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून भी प्रभावित हुआ है और उसका पूर्वानुमान पहले से ज्यादा कठिन हो गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77488.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77488.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6316a38b232e50cd41f64970143353d2386c8884 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77488.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार इस योजना को जल्द से जल्द सड़कों पर उतारने की कोशिश में है। इसके लिए नीति तैयार की जा रही है जिसे ई-वाहन नीति में जोड़ा जाएगा। इसे लेकर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत 4 दिसंबर को साइकिलें बनाने वाली कंपनियों के अधिकारियों की बैठक कर चुके हैं। जिसमें साइकिल के करीब 15 मॉडलों पर चर्चा हुई है। कंपनियां साइकिलें उपलब्ध कराने को तैयार हैं और सरकार सब्सिडी देने का फैसला ले चुकी है। अब केवल इतना समय ही इस मामले में लगेगा कि जितना समय कागजी कार्रवाई पूरी करने का होगा। दिल्ली सरकार ने री-डिजाइन योजना के तहत अपने अधिकार क्षेत्र वाली सड़कों पर साइकिल ट्रैक बनाने के आदेश भी दिए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77489.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77489.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9548faf4cda45f7cabd997bd8884307a212d195a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77489.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इसलिए एहतियात जरूरी । आपको यहांं पर ये भी बता दें कि इन दोनों कंपनियों द्वारा विकसित की गई वैक्‍सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखना जरूरी होगा। इसके अलावा इन्‍हें लगाने के लिए जब इन कंटेनर से निकाला जाएगा तब भी समय का खास ध्‍यान रखना होगा। फाइजर कंपनी का फेसेलिटी सेंटर कलामजू, मिशीगन में मौजूद है। फेडएक्‍स कंपनी के विमान ग्रांड रेपिड और लांसिंग में तैयार खड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77495.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77495.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30dce508c140f181e5b211bb590cdd2d7a840911 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77495.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मुनाफे की गुंजायश। बड़ी कंपनियां वैक्सीन परियोजनाओं में निवेश नहीं करतीं। आपातकालीन स्थितियों में वैक्सीन पर काम करना पहले से ही मुनाफे का सौदा नहीं रहा है। वैक्सीन के विकास में समय लगता है और यह भी निश्चित नहीं रहता है कि सफलता मिलेगी ही। गरीब देशों को भारी मात्रा में वैक्सीन की जरूरत होती है, लेकिन वे अधिक कीमत का भुगतान नहीं कर सकते। इसके अलावा वैक्सीन को एक से दो बार लगाने की जरूरत होती है, जिसके लिए काफी धन की आवश्यकता पड़ती है। जीका व सार्स वायरस के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां नुकसान झेल चुकी हैं। हालांकि, फ्लू के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों का मानना है कि अगर कोरोना वायरस भी फ्लू की तरह रहा और उसके लिए हर साल वैक्सीन की जरूरत पड़ी तब यह सौदा मुनाफे का हो सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77501.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77501.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..038562c188cfc788f4f000bc01c04c28e4f0d128 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77501.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ट्वीट कर दावा किया है कि चीन 740 करोड़ डॉलर के अमेरिकी रक्षा बिल का सबसे बड़ा विजेता होगा, इस पर वो अपनी वीटो पावर का इस्‍तेमाल करेंगे। हालांकि राष्‍ट्रपति ने अपने इस ट्वीट में इस बारे में और कुछ खुलासा नहीं किया हे। वहीं रोड आइसलैंड के सीनेटेर जैक रीड ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप न तो बिल को सही तरह से पढ़ा है और न ही उसको समझ पाए हैं कि आखिर उसमें क्‍या है। उन्‍होंने कहा है कि इस बिल में कई द्विदलीय प्रावधान मौजूद हैं जो चीन पर ट्रंप प्रशासन से अधिक सख्‍त होंगे। उनका ये भी कहना है कि इससे पहले कभी किसी ने भी चीन पर इतनी सख्‍ती नहीं दिखाई है। ।वाशिंगटन पोस्‍ट के मुताबिक सालाना रक्षा बिल में अमेरिका की भारतीय प्रशांत क्षेत्र में सैन्‍य क्षमता को बढ़ाने, अतिरिक्‍त सबमरीन के फंड मुहैया कराने और चीन के खिलाफ अधिक मजबूत करने के लिए मेरिटाइम फोर्स बनाने का प्रावधान किया गया है। ।सदन ने साइबर सिक्‍योरिटी प्रोग्राम के लिए नए निदेशक के पद का सृजन भी किया है। इस पद पर मौजूद व्‍यक्ति की जिम्‍मेदारी होगी कि वो चीन पर आत्‍मनिर्भरता को कम करने की राह तैयार करे। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका को मजबूती प्रदान करे। ।स्‍पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्‍ट (एनडीएए) ने नॉर्ड स्‍ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन और तुर्की को एस 400 एयर डिफेंस सिस्‍टम बेचे जाने पर मुहर लगा दी है। इस प्रस्‍ताव को बहुमत से पारित कर दिया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77503.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77503.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..55fd69c2628410b5b5fa722bdda3879408b283ab --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77503.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार इसे लेकर गंभीरता जताते रहे हैं। लेकिन राज्‍य में करीब 15 फीसद लोग आज भी शराब पी रहे हैं। यहां तक कि नाबालिग भी शराब पी रहे हैं। यह विपक्ष का आरोप नहीं, केंद्र सरकार का खुलासा है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे 5 (NFHS-5) के पहले फेज की साल 2019-20 की रिपोर्ट तो यही कहती है। राज्‍य के 48 फीसद पुरुष तो 5 फीसद महिलाएं तंबाकू का सेवन करतीं हैं। देश के 22 प्रदेशों में 35834 घरों के सर्वे के आधार पर बनाई गई इस रिपोर्ट में तैयार में बिहार के विकास को दर्शातीं बेहतर आंकड़े भी शामिल हैं। ।शहरों में 14 फीसद तो गांवों में 15.8 फीसद लोग पी रहे शराब।एनएफएसएस की रिपोर्ट बताती है कि बिहार के शहरों में 14 फीसद तो गांवों में 15.8 फीसद लोग शराब पी रहे हैं। पूरे राज्‍य के औसत की बात करें तो यहां करीब 15 फीसद लोग आज भी शराब पी रहे हैं। आंकड़ो पर भरोसा करें तो शहरी इलाकों की अपेक्षा गांवों में शराब अधिक पी जा रही है। इसका कारण शहरी इलाकों में अधिक जागरूकता व पुलिस सक्रियता को जाता है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में पुलिस सक्रियता की कमी होती है। इसका असर शराबबंदी कानून के पालन पर भी पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग भी शराब पी रहे हैं। + +बिहार में लगभग हर दूसरा आदमी कर रहा तंबाकू का सेवन।बिहार में लगभग हर दूसरा आदमी तंबाकू का सेवन कर रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में 15 साल से अधिक आयु के करीब 50.7 फीसद लोग तंबाकू का किसी ना किसी रूप में सेवन करते हैं। शहरों में यह तादाद 40.3 फीसद है। कुल मिलाकर तंबाकू सेवन करने वाले पुरुषों का आंकड़ा 48.8 फीसद आता है। ।महिलाएं भी तंबाकू-शराब का करती हैं सेवन।सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं जिनकी आयु 15 वर्ष से अधिक है वे भी तंबाकू का सेवन करने में पीछे नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी में से तकरीबन 5.3 फीसद महिलाएं किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती हैें तो शहरों में 3.6 फीसद महिलाएं ऐसा कर रही हैं। हालांकि शराब के सेवन में महिलाएं पीछे हैं। सर्वे के आंकड़ों की मानें तो ग्रामीण क्षेत्रों में 15 से अधिक आयु की 0.4 फीसद और शहरी क्षेत्र में 0.5 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। ।महिलाएं भी घरों के फैसलों में बन रही भागीदार।सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि क्षेत्र ग्रामीण हो या फिर शहरी, महिलाएं अब घरों के फैसले लेने में सहभागी बन रही हैं। सर्वे के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 87 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 84 फीसद शादी-शुदा महिलाएं घर में फैसले लेने में मददगार बन रही हैं। ।40.8 फीसद महिलाओं की शादी 18 से कम आयु में।सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर अब भी तकरीबन 40.8 फीसद बच्चियों की शादी 18 से कम आयु में कर दी गई। ग्रामीण क्षेत्रों में 43.4 फीसद और शहरी क्षेत्र में 27.9 फीसद महिलाओं का विवाह 18 से कम आयु में किया गया। यह सर्वे 20-24 आयु वर्ग की महिलाओं के बीच किए गए। ।नवजात शिशु मृत्युदर में कमी आई।एनएफएचएस-5 के सर्वे आंकड़ों की मानें तो बिहार में पूर्व की अपेक्षा नवजात शिशु मृत्युदर में कमी आई है। 2015-16 में नवजात मृत्युदर  36.7 फीसद थी जो 2019-20 में घटकर 34.5 फीसद हो गई है। शहरी क्षेत्र में जहां यह मृत्युदर 29.5 फीसद है तो ग्रामीण क्षेत्रों में थोड़ी अधिक 35.2 फीसद के करीब है। ।11 फीसद महिलाएं 19 वर्ष से पहले बनीं मां।सर्वे के आंकड़ों की मानें तो बिहार में 11 फीसद महिलाएं ऐसी हैं जो 15 से 19 वर्ष के बीच मां बनी। इसमें 11.6 फीसद ग्रामीण जबकि 7.4 फीसद शहरी महिलाएं शामिल हैं। हालांकि 2015-16 की अपेक्षा इसमें 1.2 फीसद की कमी आई है। ।परिवार नियोजन का असर, प्रजनन दर में आई कमी।बिहार में परिवार नियोजन का असर भी सर्वे रिपोर्ट में देखने को मिला है। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार 2015-16 की अपेक्षा 2019-20 में प्रजनन दर में कमी दर्ज की गई है। 2015-16 में जहां प्रजनन दर प्रति महिला 3.4 थी वह 2019-20 में घटकर ग्रामीण क्षेत्रों में 3.1 तो शहरी क्षेत्र में 2.4 हो गई। ।ग्रामीण से ज्यादा शहरी क्षेत्रों प्रताड़ना की शिकार पत्नियां।नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे- 5 के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 18-49 आयु वर्ग की 40 फीसद महिलाएं पतियों की प्रताडऩा का शिकार हुई हैं। हालांकि 2015-16 में ऐसे मामलों की संख्या 43.7 फीसद के करीब थी। सर्वे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 18-49 आयु वर्ग की 39.9 फीसद तो शहरी क्षेत्र में 40.6 फीसद महिलाएं पतियों की प्रताड़ना का शिकार हुईं हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77504.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77504.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d5cb6efad580659faf54702b8333b354f43e89d9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77504.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, मनीषा गर्ग। दिल्‍ली में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हर किसी को अपनी चिंता है कि इस अनलॉक जिंदगी में कैसे खुद को सेफ रखें। अगर किसी कारणवश कोरोना संक्रमित हो भी जाते हैं तो इस बीमारी से कैसे कम पैसे में लड़ें। आइए जानते हैं उस अस्‍पताल के बारे में जहां कोरोना का इलाज काफी अच्‍छे तरीके से मिल रहा है। ।खेरा डाबर स्थित चौ. ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में अब तक दो हजार से अधिक काेरोना संक्रमितों का इलाज हो चुका है, जिसमें एक माह के बच्चे से लेकर 106 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं। अच्छी बात ये है कि यहां अभी तक किसी भी कोरोना संक्रमित की मौत नहीं हुई है। फिलहाल यहां कोरोना संक्रमितों के लिए 170 बेड आरक्षित हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77505.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77505.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2782fb0426e4d8cc302e847570362a2916a876d6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77505.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चीन भी नेपाल में चलाना चाहता है अपनी ट्रेन।नेपाल सरकार के संबंधित अधिकारियों ने रेल लाइन बिछाने के लिए भारत को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए भी अनुमति प्रदान कर दी है। कोंकण रेलवे को सर्वे और रेल लाइन बिछाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल, चीन नेपाल में रेल लाइनों का जाल बिछाना चाह रहा था। इसके लिए वह नेपाल सरकार पर लगातार दबाव बनाता रहा है। लेकिन भारत सरकार ने उसकी कोशिशों को कम करते हुए नेपाल से रिश्तों को और प्रगाढ़ करने की नींव तैयार कर दी है। जानकारों का कहना है कि चीन की रेल लाइन तकनीकी भारतीय रेलवे को नेपाल में ट्रेन चलाने का रास्ता खोल दिया है। चीन की रेल लाइन की चौड़ाई 1435 एमएम होती है। जबकि भारतीय रेल लाइन की चौड़ाई 1676 एमएम होती है। जो पहाड़ी क्षेत्रों में चीन के मुकाबले काफी मजबूत और सुरक्षित साबित होगी। फिलहाल, रक्सौल से काठमांडू के बीच ट्रेन चलाने के पहले सरकार ने जयनगर से नेपाल के जनकपुर के बीच डेमू ट्रेन चलाने की योजना तैयार कर ली है। रेल मंत्रालय ने एक डेमू ट्रेन नेपाल सरकार को सौंप दी है। + +सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाईं सोनौली, भैरहवा व नेपालगंज रेल लाइन योजना।भारत सरकार सत्तर के दशक से ही नेपाल को रेल लाइन से जोड़ने की योजना बना रहा है। लेकिन योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल पा रहीं। अप्रैल 1978 में नौतनवा से सोनौली और सोनौली से भैरहवा तक रेल लाइन बिछाने की घोषणा की। योजना सर्वे से आगे नहीं बढ़ पाई। सरकार ने वर्ष 2006 में फिर से भारत और नेपाल में स्थित नेपालगंज को जोड़ने के लिए 12 किमी रेल लाइन तथा नौतनवा से भैरहवा तक 15 किमी रेल लाइन बिछाने की योजना तैयार की। बजट भी स्वीकृत कर दी गई। लेकिन यह योजना भी सर्वे तक ही सिमट कर रह गई। जानकारों के अनुसार यह योजना रेट आफ रिटर्न्स (आरओओ) में फंसकर रह गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77506.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77506.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78ba0c72466698671997a0e45f4c67bcbdbe3eaf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77506.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में बच्चों की सेहत को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 22 राज्यों में किए गए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) के मुताबिक, 20 राज्यों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है। 2015-16 में किए गए एनएफएचएस-4 की तुलना में एनएफएचएस-5 में स्थिति ज्यादा तेजी से बिगड़ी है। महाराष्ट्र, गुजरात, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मोटापे की समस्या विकराल होती दिख रही है। इस दौरान केवल गोवा, दादर एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में मोटापे के शिकार पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या कम हुई है। + +22 राज्यों में कराए गए सर्वेक्षण में सामने आए चिंताजनक आंकड़े। लद्दाख में सबसे ज्यादा करीब 13.4 फीसद बच्चे मोटापे का शिकार पाए गए। लक्षद्वीप में 10.5 फीसद, मिजोरम में 10 फीसद तथा जम्मू-कश्मीर और सिक्किम में 9.6 फीसद बच्चों में मोटापा देखा गया।मोटापे के मामले में वयस्कों की हालत भी बहुत बेहतर नहीं है। 16 राज्यों में महिलाओं में और 19 राज्यों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सर्वाधिक 38 फीसद महिलाएं मोटापे का शिकार पाई गई। महिलाओं एवं पुरुषों में मोटापे का आकलन उनके बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) के आधार पर और बच्चों में लंबाई और वजन के अनुपात के आधार पर किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77509.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77509.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b0f71ee51171ca048d02a8ca2d321cbdded2bff1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77509.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरु को देते हैं सम्मान : बात करें नटराजन के करियर की तो वे 20 साल की उम्र तक टेनिस बॉल से खेलते रहे, उसके बाद उन्हें उनके गुरू जयप्रकाश की वजह से 2011 में टीएनसीए से चौथे डिवीजन क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने गुरू के सम्मान में आइपीएल में अपनी जर्सी पर जेपी नट्टू लिखवाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77510.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77510.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b3ff96525c5948a89dc73ab48c312ad37bbfb27a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77510.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लुधियाना, जेएनएन। Farmers Protest: पंजाब से किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में चल रहे आंदोलन की ओर रवाना हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ खन्ना के गांव इकोलाही के किसान गुरप्रीत सिंह अपनी गोभी की फसल पर  ट्रैक्टर चला रहे थे। गुरप्रीत जैसे कई किसान निराशा और गुस्‍से में अपनी सब्‍जी की फसलों को बर्बाद कर रहे हैंं। उनकी पीड़ा है हरियाणा-दिल्‍ली बार्डर पर किसानों के आंदोलन के कारण उनकी सब्जियों की सप्‍लाई दिल्‍ली सहित अन्‍य जगहों पर नहीं हो पा रही है। इससे उनको अपनी सब्जियों के कौडि़यों के भाव मिल रहे हैं। ।दरअसल किसान आंदोलन सब्जियों की खेती करने वाले कृषकों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है और वे घाटा सहने को मजबूर हैं। बिचौलिए व रिटेलर मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन किसान घाटे में हैं। नए कृषि कानूनों में किसानों की इन्हीं परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। + +पंजाब के खन्‍ना में अपने खेत में ट्रैक्‍टर चलाकर गोभी की फसल को बर्बाद करता किसान। ।बिचौलिए कमा रहे मुनाफा।-15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है गोभी रिटेल बाजार में।-2 से 3 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत मिल रही है मंडी में किसानों को।-12 से 17 रुपये का मुनाफा कमा रहे बिचौलिए व रिटेलर।---।दिल्ली नहीं पहुंच पा रहा माल।आंदोलन के कारण किसानों की उपज दिल्ली मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है। किसान गुरप्रीत सिंह भी अपनी गोभी लेकर लुधियाना की मंडी पहुंचे थे, लेकिन उन्‍हें यहां गोभी का भाव एक रुपये प्रति किलोग्राम मिला, जबकि बाजार में यह 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रही है। + +पंजाब में अपनी गोभी की फसल पर ट्रैक्‍टर चलाता किसान। ।इसलिए बढ़ी परेशानी।दिल्ली तक सब्जी न पहुंचने से पंजाब की मंडियों में आमद बढ़ गई है। इसलिए भाव गिर रहे हैं। लुधियाना दाना मंडी में आढ़त का काम करने वाले गुलशन का कहना है कि मंडी में स्थानीय सब्जियों की आमद ज्यादा होने से कीमतें गिरना स्वाभाविक है। किसान आंदोलन इसी तरह रहा तो स्थिति और बिगड़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77511.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77511.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..54b16ced68cf352abed09d78ef7a3cfa9232207e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77511.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनाथालय-शेल्टर होम के बच्चों के बने मसीहा।15 अगस्त, 2006 को जब ‘भूमि’ की स्थापना हुई थी, तो प्रह्लाथन व उनके सभी साथी युवा थे। उनका मुख्य उद्देश्य था बच्चों को शिक्षित करना, जिनके पास इसे हासिल करने के साधन नहीं थे। उन्होंने कई प्रकार की असफलताएं देखीं। लेकिन उनके साथ वॉलंटियर्स का जो छोटा समूह जुड़ा था, उससे देश के अन्य युवाओं को सार्थक बदलाव करने की प्रेरणा मिली। ‘भूमि’ के संस्थापक डॉ. प्रह्लाथन के अनुसार, गरीब बस्तियों एवं अनाथालयों के बच्चों को शिक्षित करने में तमाम तरह की चुनौतियां आयीं, लेकिन उनसे कुछ न कुछ सीखते हुए आगे बढ़े। वह कहते हैं, ‘हम मदद करना चाहते थे, जबकि संसाधन पर्याप्त नहीं थे। बड़े समूह तक पहुंचने में दिक्कतें थीं। हमने कॉलेज ड्राइव करने शुरू किए। हर दिन कुछ नया सीखा। जब दूसरे शहरों में पहुंचे, तो अन्य प्रकार की चुनौतियां आईं। शेल्टर होम्स तक पहुंचना एवं उन्हें अपने काम को लेकर आश्वस्त करने में संघर्ष करना पड़ा। समय लगा, लेकिन हमें व्यक्तिगत एवं कॉरपोरेट जगत से सहयोग मिले। फंड्स मिले।‘ आज कई वॉलंटियर्स भी फंड रेज करने में मदद करते हैं। वे आगे कहते हैं, ‘हमारा एक विजन है कि जिन बच्चों के साथ हम काम करते हैं, वे एक दिन हमारे साथ वॉलंटियर के रूप में जुड़ें और अपने जैसे अन्य बच्चों की मदद करें। सुखद यह है कि इसकी शुरुआत हो चुकी है। ऐसे युवा हैं, जो आज उन्हें शेल्टर होम के बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, जहां वे कभी खुद रहा करते थे।‘।शिक्षा से लेकर अन्य सामाजिक कार्य।आज ‘भूमि’ द्वारा चलाए जा रहे आरटीई वॉलंटियरिंग प्रोजेक्ट से गरीब तबके के अभिभावकों को उनके बच्चों का दाखिला सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों में कराने में मदद की जाती है। 2019-20 में इन्होंने 33 हजार वॉलंटियर्स की मदद से देश के 30 से अधिक लोकेशंस पर काम किया। कॉलेजों एवं कॉरपोरेट में भूमि क्लब शुरू कराया। वॉलंटियर्स ने शेल्टर होम्स, शहरी झुग्गी-बस्तियों एवं अन्य छोटे स्कूलों के करीब 25 हजार से अधिक बच्चों को शिक्षित किया। शिक्षा के अलावा, इन्होंने सीडबॉल मेकिंग, पौधारोपण, आरटीई के प्रति जागरूकता लाने, दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो बुक रिकॉर्ड करने का काम भी किया। कोविड के दौरान 14 हजार से अधिक दिहाड़ी मजदूरों को कैश, राशन उपलब्ध कराए गए। इस समय शेल्टर होम्स के 6000 से अधिक बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा, कई बच्चों को स्कॉलरशिप भी प्रदान की जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77516.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77516.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9487d15451b05e8214e0e9c845895ee64ffa0c74 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77516.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मामला न्यू आगरा थाना क्षेत्र के गांव खासपुरा की नीलकंठ बसेरा रेजीडेंसी का है। यहां रहने वाले राकेश कुमार गुप्ता (65 वर्ष) परचूनी की दुकान करते हैं। बेटे अनुज ने बताया कि पिता 12 नवंबर को रोज की तरह शाम को मंदिर पर दीपक जलाने गए थे। काफी देर तक नहीं लौटे तो स्वजन को लगा कि वो किसी दोस्त के पास चले गए होंगे। देर रात तक वह नहीं लौटे तो स्वजन अनहोनी की आशंका से परेशान हो गए। उन्हेांने थाने जाकर राकेश कुमार गुप्ता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। दोनों बेटे आसपास के शहरों में उनकी तलाश में जाते रहे। इस बीच बच्चों ने पिता को खोजने के लिए पारंपरिक लेकिन कारगर तरीका अपनाने का फैसला किया।स्वजन ने बताया कि पिता के कई हजार पंफलेट छपवाए। इन पंफलेट को उन्होंने रेलवे स्टेशन, जैसे राजामंडी, कैंट, फोर्ट और।ईदगाह स्थानों पर नियमित रूप से जाना शुरू किया। पिता की गुमशुदगी के पंफलेट बस स्टेशनों के अलावा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल आइएसबीटी, ईदगाह बस स्टैंड, बिजलीघर और फोर्ट बस स्टैंड पर जाकर बसों में चस्पा करने शुरू किए। अब तक वह उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों की बसों में पंफलेट लगा चुके हैं, जिससे कि पिता का सुराग लगाया जा सके। बेटे अनुज ने बताया कि अब तक एक हजार से ज्यादा बसों पर वह पंफलेट लगा चुके है। इससे उम्मीद है कि पिता का सुराग मिलने में मदद मिलेगी। इंस्पेक्टर न्यू आगरा विजय सिंह ने बताया कि लापता बुजुर्ग का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77517.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77517.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9a0329e20583f3d2f9d8ecdfdf049512e3c4890d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77517.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जवाब- रोकते हुए.. देखिए मोदी सरकार किसानों के हित में कोई देरी करना नहीं चाहती है। अध्यादेश कानून ही होता है। वह लाए और फिर संसद में घंटों चर्चा कराई। विपक्ष की मंशा इन कानूनों को लंबित कराने तक ही सीमित थी, वरना उन्हें क्या ऐतराज है। कृषि सुधार के ये सारे प्रावधान विपक्षी कांग्रेस के वर्ष 2019 के चुनाव घोषणापत्र में स्पष्टता से दर्ज हैं। घोषणापत्र में मंडी कानून में संशोधन करने और कांट्रैक्ट खेती को लागू करने का वायदा किया गया है। वर्ष 2013 में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राहुल गांधी की बुलाई बैठक में फल और सब्जियों को मंडी कानून के दायरे से बाहर करने का फैसला किया गया था। तत्कालीन संप्रग सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले तत्कालीन योजना आयोग की सिफारिश में भी यही सब कहा गया। राजनीतिक दलों का विरोध केवल विरोध के लिए है और वही किसानों को भी भड़का रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77519.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77519.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d7a5b16e4ab4a265407f55f8f03a4019258b612d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77519.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबसे अधिक परेशानी नाबालिक बच्चों व क्षत-विक्षत अवस्था में मिलने वाले शवों पहचान करने में होती है। लेकिन, अब विभाग ने इस समस्या को जड़ से खत्म करने की कवायद शुरू कर दी है। एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि लखनऊ मुख्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र में जनपद के अधिकारियों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) के यूएनआईएफवाई एप को सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन में डाउनलोड कराने के निर्देश मिले है। थानावार टीम का गठन कर एप डाउनलोड कराने का कार्य प्रारंभ करा दिया गया था। इस एप के जरिए आसानी से अज्ञात शवों से लेकर लापता लोगों के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77521.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77521.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aaff922814d2b73232dd74e658f5460c58b08750 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77521.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +...इसलिए ली जाएगी चुनाव मशीनरी की मदद। देश में चुनाव का दौर जारी रहता है। निर्वाचन आयोग ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव करवाता है। इसके लिए आयोग के पास खास व्यवस्था है। बूथ स्तर के अधिकारियों की एक ऐसी शृंखला है जो हर गांव से जुड़ी है। बूथ प्राथमिक इकाई होती है। इसके बाद पीठासीन अधिकारी, मजिस्ट्रेट,रिटर्निंग ऑफिसर आदि की एक ऐसी सुनियोजित व्यवस्था होती है जो 1.30 अरब से ज्यादा आबादी वाले अपने देश में महजकुछ चरणों में सफलतापूर्वक चुनाव करवाती है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77523.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77523.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ac64c2f7ac2d98a93e10e659f5685cb680eac05 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77523.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जल्द शुरू होगा परीक्षण। रूसी एजेंसी आरडीआइएफ ने बताया कि मौजूदा वर्ष के अंत तक परीक्षण की शुरुआत हो जाएगी। दोनों वैक्सीन को मिलाकर नए प्रकार की वैक्सीन तैयार करने की कोशिश की जा रही है। उम्मीद है कि तीसरी वैक्सीन स्पुतनिक-5 व कोविशील्ड से ज्यादा प्रभावी होगी। एस्ट्राजेनेका ने भी शुक्रवार को मिश्रित खुराक के परीक्षण की घोषणा की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77524.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77524.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..649aa902422777423bdcb8aed73e456bc6919e83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77524.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंडी/कांगड़ा, जेएनएन। Himachal Bichu buti, सड़कों, गलियों व पहाड़ों आदि पर उगी बिच्छु बूटी यानी कूगस कोरोना संक्रमण से बचाव में मददगार है। साथ ही इसे बेचकर लोग अपनी जेब भी भर सकते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर इस बूटी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह वजन घटाने, पत्थरी व खून साफ करती है। वल्लभ महाविद्यालय मंडी की बॉटनी की प्रोफेसर तारा सेन ठाकुर बताती हैं कि बिच्छु बूटी यानी कूगस को हम अनदेखा कर देते हैं। कूगस, कूगसी और बिच्‍छू बूटी नाम के तीन पौधे हैं। वैज्ञानिक तौर पर तीनों अलग-अलग वनस्पति नामों अर्टिका डिओइका, उर्विका परविफ्लोरा और गिरार्डियाना डायीवेर्सिफोलिया से पहचाने जाते हैं। इनमें से अर्टिका डिओइका और अर्टिका परविफ्लोरा को कुछ स्थानों पर खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8cfc1c5d375d246a06250b5013cb88b38090312b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7753.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक घटना उन्होंने साझा की कि वो गैंगस्टर का किरदार निभाना चाहते थे और जब इसके लिए स्क्रिप्ट्स का चयन कर रहे थे, उन्होंने गॉडफादर में मारलन ब्रैंडो को देखा और फिर इरादा छोड़ दिया। कहा- यह तो हो चुका है। नवाज़ ने इसके साथ Real Origin Of Method Acting In India हैशटैग भी लिखा है यानी भारत में मेथड एक्टिंग की असली शुरुआत, जिसके लिए दिलीप साहब जाने जाते थे। ।दिलीप कुमार के अभिनय की एक और ख़ूबी थी- पॉज़। इसका ज़िक्र नवाज़ ने दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए दूसरी पोस्ट में किया- सिनेमा की दुनिया में महानतम। एक संस्थान, एक प्रेरणा और वो पॉज़। थेस्पियन, मेरे पिता और मैं उनके बहुत बड़े प्रशंसक थे और उनकी सभी फ़िल्में देखीं। उनकी कला को सर्फ़ महसूस किया जा सकता है, उसे बताने के लिए शब्द नहीं हैं।  ।बता दें, 98 साल के दिलीप कुमार बुधवार सुबह लगभग 7.30 बजे हमेशा के लिए अलविदा कह गये। लगभग एक हफ़्ते से वो मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सांस की तकलीफ़ होने पर भर्ती करवाया गया था। लगभग एक महीने के अंतराल में यह दूसरी बार था, जब दिलीप साहब को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से अस्पताल ले जाया गया था। हालांकि, इस बार भी उम्मीद यही थी कि हमेशा की तरह वो ठीक होकर वापस आएंगे। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77531.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77531.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e61b4d1fa1fc8fc5a593d671477d0fdaf30e8da2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77531.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में आधार कार्ड बनवाने या उसे अपडेट कराने के लिए आनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना पड़ रहा है। बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं है, ऐसे में उन्हें परेशान होना पड़ता है। कई लोगों को आन लाइन अप्वाइंटमेंट लेने का तरीका नहीं पता है। आनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना बहुत आसान है। इसे कोई भी अपने मोबाइल से कर सकता है। घर बैठे आसानी से आनलाइन अप्वाइंटमेंट आप ले सकते हैं, इसके लिए बस ये काम करना होगा। + +ऐसे लें आनलाइन अप्वाइंटमेंट। आगरा में संजय प्लेस स्थित आधार सेवा केंद्र पर जाने से पहले आनलाइन अप्वाइंटमेंट ले लें, जिससे वहां जाकर परेशान न होना पडे़। इसके लिए सबसे पहले यूआइडीएआइ की वेबसाइट uidai.gov.in पर विजिट करें। यहां पर होम पेज खुलेगा। इसमें पहला सेक्शन माई आधार का हाेगा। इस पर माउस का कर्जर रखते ही बुक एन अप्वाइंटमेंट का विकल्प आएगा। इस पर क्लिक करेंं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77532.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77532.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9378bcc3d0690d3e6df3db2e6d84acb6b766dd4b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77532.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुग्राम (आदित्य राज)। दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करने की चेतावनी के मद्देनजर गुरुग्राम पुलिस शनिवार दिन भर अलर्ट रही। कार में सवार होकर पांच किसान खेड़कीदौला टोल प्लाजा तक जैसे ही पहुंचे उन्हें पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। बाद में उन्हें समझा-बुझाकर छोड़ दिया गया। हालांकि किसानों ने कहा कि हजारों किसानों का जत्था रविवार सुबह राजस्थान के शाहजहांपुर बार्डर से दिल्ली के लिए कूच करेगा। जहां पर पुलिस रोकने का प्रयास करेगी वहीं पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। इसे देखते हुए गुरुग्राम पुलिस ने रविवार के लिए भी विशेष तैयारी कर ली है। ।कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए किसानों ने अब दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करने का मन बना रखा है। बताया जाता है कि पंजाब सहित कई अन्य राज्यों से हजारों किसानों का जत्था हाईवे जाम करने को निकल चुका है। 700 ट्रैक्टर ट्राली पंजाब से जबकि 300 से अधिक ट्रैक्टर ट्राली राजस्थान के विभिन्न इलाकों से दिल्ली के लिए कूच कर चुकी है। किसानों का प्लान रविवार दोपहर तक सिरहौल बार्डर के नजदीक पहुंचने का है। शनिवार को ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा तक कई जत्थों को पहुंचना था लेकिन जगह-जगह नाके लगाए जाने की वजह से सभी टोल प्लाजा तक पहुंचने में कामयाब नहीं हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77537.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77537.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3cc6dae492e01829eb6fe17fe28b33e4abeab665 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77537.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के तीनों महापौर पिछले 5 दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर  धरने पर बैठे हैं। तीनों महापौर की मांग है कि जब तक दिल्ली नगर निगम को उसके अधिकार की रकम नहीं मिल जाती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। लगातार 5 दिन से चल रहे धरने के चलते स्थानीय लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। तीनों महापौरों की मांग है तीनों निगम का बकाया 13 हजार फंड दिया जाए। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77538.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77538.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..863e779c3f9a04e69437c0be892c1445e3e09a1e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77538.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है भूली भटियारी के महल का इतिहास।भूली भटियारी का महल तुगलक वंश के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने 14वीं शाताब्दी में बनवाया था। फिरोज शाह तुगलक (1351-1388) ने दिल्ली में यमुना के पास अपनी नई राजधानी बसाई थी और वहां एक किले का निर्माण करवाया था, जो किला अब फिरोज शाह कोटला के नाम से जाना जाता है। इस तरह की बातें कही जाती रही हैं इस महल में अजीबोगरीब घटनाएं होती रही हैं। कहते हैं इस महल में नकारात्मक शक्तियों का कब्जा है। यहां एक रानी की आत्मा भटकती है, जिसने यहां दम तोड़ा था, मगर दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग के अधिकारी इसे अफवाह बताते हैं। वह कहते हैं कि करीब चार साल पहले इसका संरक्षण कराया गया है। इससे पहले इसके अंदर जंगल था। घास उग गई थी। झाड़ियां थीं। अंदर पहुंच पाना ही मुश्किल था। लोग पहुंच नहीं पाते थे। अब महल का संरक्षण का दिया गया है। घास हटाई गई है। झाड़ियां अब नहीं हैं। एक सुरक्षा कर्मी लगाया गया है जो दिन के समय तैनात रहता है। वह कहते हैं कि यह तहल जंगल में है। इसलिए रात में तो वहां कोई नहीं रुक सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77542.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77542.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a67f59ea204ff8de2c32c3658c08a10faf45ee54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77542.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. जेपीएस डबास (प्रधान कृषि विज्ञानी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्था, दिल्ली) का कहना है कि तीनों कृषि कानून किसानों की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रतिस्पर्धा, निजी क्षेत्र का निवेश और तकनीकों के प्रयोग से खेती का स्वरूप ही नहीं, किसानों की आय में भी इजाफा होगा। लेकिन ऐसा लगता है कि आंदोलनकारी किसान आढ़तियों, बिचौलियों और कुछ राजनीतिज्ञों द्वारा फैलाई जा रही गलतफहमी का शिकार हो रहे हैं। अगर पुराने कानून ही अच्छे होते तो आज किसानों की हालत वैसी न होती, जैसी है। इसलिए तर्कसंगत सुझाव यही है कि आंदोलनकारी किसानों को यह सभी कानून विस्तार से समझाए जाएं। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77543.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77543.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a299e2497b60bb0edb85ed8e1dc8b2dd8652fcd6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77543.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +                                                                              - नरेंद्र सिंह,प्रगतिशील किसान, सोहना, हरियाणा। ।-------------------।यह भी पढ़ें: हरियाणा किसान आयोग के पूर्व प्रधान परोदा बोले- किसानों के लिए MSP से जरूरी खरीदार होना, मार्केट से जुड़ें।'हमने तो खुद ही ढूंढा बाजार'।'' हमारे दो चाचा दिल्ली बागवानी विभाग में कार्यरत थे। रोजाना फरीदाबाद के गांव फतेहपुर बिल्लोच से दिल्ली साइकिल से काम पर जाया करते थे। दोनों चाचा जब यह देखते कि दिल्ली में फूल बहुत महंगे बिकते हैं तो उन्होंने अपने खेतों में सब्जियों की परंपरागत खेती छोड़कर फूल उगाने शुरू कर दिए। कुछ फूल विक्रेताओं से फूल खरीदने की बात भी इस दौरान कर ली थी। सुबह दिल्ली जल्दी पहुंचकर पहले फूल विक्रेताओं को फूल देते, फिर अपने काम पर निकल जाते। शाम को फूल विक्रेताओं से अपने फूल की कीमत ले लेते और अगले दिन का आर्डर ले लेते। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77544.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77544.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ddb16d8260b71c458d508b79c5ccf601049feb0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77544.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शनिवार से बढ़ सकती है ठंड। मौसम विज्ञानियों के अलावा सर्दी में गर्मी की एक वजह यह भी है चक्रवात बनते ही हवा का रूख पुरवैया हो जा रहा है। इससे भी तापमान में इजाफा होता है। इसके अलाावा इस बार सर्दियों में बारिश भी 92 फीसद चल रही है। पिछले कई दिनों से जो तापमान बढ़ा हुआ है, उसकी वजह भी कमोबेश यही है,लेकिन नए पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से भी शुक्रवार को कई राज्यों में अच्छी बारिश हुई है और शनिवार को भी होने की संभावना है। दिल्ली में भी कई जगह बूंदाबांदी देखने को मिली। शनिवार को भी हो सकती है। इससे परिणामस्वरूप रविवार से दिल्ली एनसीआर में फिर ठंड बढ़ने लगेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77545.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77545.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..079b62fcf1c9445f5ff1133013d5ffb797ac0a8a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77545.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रलय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षो के दौरान देश में हाथ से मैला ढोने के कारण 376 लोगों की मृत्यु हुई है। वर्ष 2018 में इस कारण से होने वाली मौतों के 68 मामले सामने आए, जबकि वर्ष 2019 में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 110 तक पहुंच गई। यह संख्या निश्चित रूप से और अधिक होगी, क्योंकि ऐसे अनेक मामले दर्ज नहीं हो पाते हैं। ऐसे में सीवर में सफाई कर्मियों की हो रही मौतें कानून में संशोधन की एक अनिवार्य आवश्यकता थी। + +समाधान के पूर्व प्रयास : इस समस्या पर चर्चा का एक लंबा इतिहास रहा है। इसके समाधान हेतु पूर्व में भी अनेक प्रयास किए जा चुके हैं। वर्ष 1955 के नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के द्वारा अस्पृश्यता पर आधारित मैला ढुलाई जैसी कुप्रथाओं के उन्मूलन का प्रयास किया गया था। वर्ष 1956 में काका कालेलकर आयोग ने शौचालयों की सफाई में मशीनीकरण की आवश्यकता को रेखांकित किया था। जिस मशीनीकरण का संशोधन आज के कानून में किया जा रहा है, उसकी कल्पना आज से छह दशक पूर्व की जा चुकी है, किंतु कल्पना को वास्तविकता तक आने में इतना समय लग गया। वर्ष 1957 में मलकानी समिति तथा वर्ष 1968 में पंड्या समिति द्वारा भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग की सेवा शर्तो को विनियमित किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77546.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77546.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b178b541d93c661489f37a87e55a964046a51b00 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77546.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले राव ने तेलुगु देशम पार्टी की हवा चलने पर उसमें सत्ता भोगी। चंद्रबाबू नायडू ने जब किनारे किया तो उन्होंने अलग तेलंगाना राज्य आंदोलन को हवा देकर अपना उल्लू सीधा किया। इसके लिए फिर से कांग्रेस से हाथ मिलाकर यूपीए-1 के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे और फिर 2009 के बाद उसी की राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन, मगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से राबता रखकर तेलंगाना राज्य बनवा लिया। + +पृथक राज्य के लिए आंदोलन और यूपीए-2 से उसे मंजूरी दिलवाने तक राव ने सोनिया गांधी को नए राज्य में टीआरएस एवं कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनाने का आश्वासन दिए रखा। तेलंगाना अलग राज्य बना तो राव ने दिल्ली आकर सोनिया गांधी का धन्यवाद किया, मगर नए राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करके कांग्रेस के पांवों तले जमीन खींच ली। वर्ष 2014 के चुनाव में टीआरएस को राज्य विधानसभा में अपने बूते बहुमत मिल गया। तेलंगाना राज्य के पहले मुख्यमंत्री राव बने। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77548.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77548.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9292faf30b60a2934d0aa04957b63c3f4ad34241 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77548.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कुछ वर्ष पहले ही पुलिस की वर्दी पहनकर समाज की सेवा का संकल्प लिया था। नौकरी के दौरान अच्छाइयां और बुराइयां भी सामने आ गईं। असीमित ड्यूटी का समय। परिवार संभालने को भी समय नहीं था। ऐसे में कई पढ़े लिखे पुलिसकर्मियों का वर्दी से मोह भंग हो गया। बीएड तो पहले से ही कर रखी थी। ड्यूटी में रहते हुए उन्होंने तैयारी की और अब वर्दी उतारकर शिक्षक बन गए। अब वे देश का भविष्य निर्माण करने में सहयोग करेंगे। आगरा से 11 पुलिसकर्मियों ने पुलिस विभाग से इस्तीफा देकर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर ज्वाइन किया है। वे इसे अपने लिए बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77549.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77549.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f2abb6b9c9dbcf6a75627abe2cd926f1a8d0fe9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77549.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Sharad Pawar Birthday: संसद भवन पर आतंकी हमले के ठीक एक दिन पहले 12 दिसंबर, 2001 को मुंबई के रेसकोर्स में एक भव्य समारोह के बीच शरद पवार ने अपना 61वां जन्मदिन मनाते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने बड़ी बेबाकी से स्वीकार किया था कि वह भी देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। इस पद के लिए आवश्यक सारी योग्यताओं के बावजूद अब तक तो वह प्रधानमंत्री नहीं बन सके। लेकिन उन्होंने हार भी नहीं मानी है। देश के अखबारों और समाचार चैनलों में दो दिन से ये खबरें चल रही हैं कि शरद पवार को संप्रग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि स्वयं उन्होंने और उनकी पार्टी ने इन शिगूफों का खंडन किया है। लेकिन उन्हीं के लोगों की तरफ से इस बात को हवा भी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि यह प्रस्ताव कांग्रेस के ही एक वर्ग की ओर से आया है। यह संभव भी है। क्योंकि कांग्रेस में नेतृत्वविहीनता की स्थिति बहुत पहले से महसूस की जा रही है। संभवतः उस ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ में लोग यह महसूस करने लगे हैं कि पार्टी में तो बदलाव हो नहीं सकता, तो संप्रग में ही बदलाव करके विपक्ष को कुछ धार दी जाए। + +मैं नहीं थका हूंः शरद पवार। करीब साल भर पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने एक बयान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कांग्रेस में विलय का प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि भले ही कांग्रेस और राकांपा दो अलग-अलग पार्टियां हैं। लेकिन भविष्य में हम दोनों एक-दूसरे के करीब आएंगे, क्योंकि अब शरद पवार भी थक गए हैं, और हम भी थक गए हैं। लेकिन शिंदे के इस बयान का खंडन शरद पवार ने अगले ही दिन यह कहकर कर दिया था कि शिंदे के बारे में तो मैं नहीं जानता। लेकिन मैं नहीं थका हूं। राकांपा एक अलग पार्टी है, और उसका पृथक अस्तित्व कायम रहेगा। और उसी विधानसभा चुनाव में पवार ने अपने कथन को सिद्ध भी कर दिखाया। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें नोटिस भेजा जाना तब बहुत मजबूत दिख रही भाजपा को ऐसा भारी पड़ा कि ‘मैं पुनः आऊंगा’ का नारा बुलंद करने वाले देवेंद्र फड़णवीस सत्ता से ही बाहर हो गए। + +पवार ने पांव में चोट के बावजूद की सभाएं। पवार ने पांव में चोट के बावजूद विधानसभा चुनाव में धुआंधार दौरे और सभाएं करके भाजपा की नाक में दम कर दिया। सातारा में घनघोर बरसात के बीच रैली को संबोधित कर छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयन राजे भोसले को लोकसभा के उपचुनाव में पटखनी दे दी। भोसले के राकांपा छोड़कर भाजपा में जाने से ही वहां उपचुनाव हुआ था। चुनाव बाद भी वह हुआ, जिसकी तनिक भी उम्मीद भाजपा को नहीं थी। यह शरद पवार का ही प्रताप था कि भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी शिवसेना ने चुनाव बाद कांग्रेस-राकांपा के साथ आकर सरकार बना ली। भाजपा के लिए यह अप्रत्याशित झटका था। तब से प्रदेश भाजपा के नेता लगातार यह कहते आ रहे हैं कि यह सरकार अपने अंतर्विरोधों से गिर जाएगी। लेकिन वह भूल जाते हैं कि इस सरकार के शिल्पकार वही शरद पवार हैं, 1999 में कांग्रेस के साथ मिलकर बनाई गई जिनकी सरकार पूरे 15 साल चली थी। जबकि 1999 में ही सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग होकर राकांपा का गठन किए तब ज्यादा दिन नहीं हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77550.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77550.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ae7af26910cb833895624f697d27e55244a534bf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77550.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऐसे जानिए पेरिस समझौते को : पेरिस समझौते का उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना है, जिससे सदी के अंत तक तापमान वृद्धि को पूर्वऔद्योगिक स्तर के 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सके। यह समझौता पांच साल के चक्र पर काम करता है। विकसित देश अल्प विकसित और विकासशील देशों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराते हैं। किसी देश की सरकार अकेले बूते इन उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सकती है, इसलिए समझौते में विभिन्न संस्थानों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77555.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77555.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5edfb9bc4c8a3908ceb6f38c31b04938d9203a96 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77555.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, एजेंसियां/जेएनएन। केंद्र सरकार ने कोविड टीकाकरण के लिए राज्‍यों से तैयारियां करने को कहा है। पंजाब के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव हुसैन लाल ने भी आज अपने राज्य टीकाकरण से जुड़ी तैयारियों के बारे में बताया। टीकाकरण के लिए डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्‍ला ने होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस और फायर सर्विस के डायरेक्‍टर जनरलों से कोविड टीकाकरण से संबंधित कार्यों को लेकर बल के कर्मियों का डेटा तैयार करने को कहा है। + +कैसी होनी चाहिए तैयारियां ।कोरोना वैक्‍सीन के लिए सबसे पहले जरूरत रेफ्रीजरेशन और कोल्‍ड चेन स्‍थापित करने को लेकर होती है। वैक्सीन को बेहद कम तापमान पर रखना जरूरी होता है अन्‍यथा यह खराब हो जाती है। खासकर फाइजर की वैक्‍सीन के लिए -70 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर अल्ट्रा डीप फ्रीजर में रखना जरूरी होता है। भारत जैसे बड़े देश में टीकाकरण को लेकर रेफ्रीजरेशन यानी कूलिंग एक बड़ी समस्‍या भी है। हालांकि पोलियो उन्‍मूलन अभियान में भारत ने टीकाकरण की तैयारियों ने ऐसी समस्‍याओं पर विजय पाई है। + +यह होगी टीकाकरण की प्रक्रिया ।गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी की मानें तो कोरोना वैक्सीन लगाने का न्यूनतम समय कम से कम 30 मिनट रखा जाएगा। पहली प्रक्रिया में व्यक्ति की पहचान की होगी जिसमें उसे पहचान पत्र दिखाना होगा। दूसरी प्रक्रिया में वैक्सीन लगाई जाएगी। तीसरी प्रक्रिया के तहत वैक्सीन के साइड इफेक्‍ट की निगरानी होगी। इसमें टीका लगवाने वाले शख्‍स का लगभग आधे घंटे तक अवलोकन किया जाएगा।  ।हवाई अड्डे भी तैयार ।हाल ही में पीएम मोदी ने कहा था कि कुछ ही हफ्तों में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण के लिए तैयार हो सकती है। इसे देखते हुए राज्‍यों के साथ साथ हवाई अड्डों ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। खासकर दिल्ली और हैदराबाद के हवाई अड्डे भी इसकी ढुलाई में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। दिल्ली हवाई अड्डे पर दो विश्वस्तरीय कार्गो टर्मिनल हैं जहां -20 डिग्री से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में रखने के लिए विशेष चैंबर बने हुए हैं। यानी दिल्‍ली हवाई अड्डा वैक्सीन वितरण में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77556.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77556.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..beef3c1e934db036a453a2eec3939e15c1c96efe --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77556.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डेढ़ से दो टन होता है गैंडे का वजन : भारतीय गैंडों की औसत लंबाई 12 फीट और ऊंचाई पांच से छह फीट तक होती है। मादा गैंडे का वजन डेढ़ टन व नर गैंडे का वजन लगभग दो टन के आसपास होता है। यह शाकाहारी होते हैं। यूं तो गैंडा धीमी चाल चलता है, लेकिन वह सरपट दौड़ भी सकता है। मादा गैंडा एक बार में एक बच्चे को जन्म देती है। जन्म के समय गैंडे के बच्चे का सींग नहीं होता है। जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ती जाती है, सींग भी बड़ा होता जाता है। भारतीय गैंडे की औसत आयु लगभग 100 साल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77560.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77560.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6e17959eab8970b033fc09d4e4a720caf26011df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77560.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रयागराज, जेएनएन। जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति। पूर्वजों की तृप्ति व मोक्ष की प्राप्ति। इसी संकल्पना साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तीरे माहभर का अखंड तप कल्पवास मकर संक्रांति 14 जनवरी से आरंभ हो जाएगा। भजन, पूजन व अनुष्ठान का सिलसिला 11 मार्च महाशिवरात्रि तक चलेगा। संगत तट पर कल्पवास का दो कालखंड तय हैं। मकर संक्रांति से माघ शुक्लपक्ष की संक्रांति तथा पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक कल्पवास करने की परंपरा है। + +चार सेक्टर में बसेगा मेला, रहेगी बंदिश : कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने अबकी मेला को ज्यादा विस्तार नहीं दिया है। मेला क्षेत्र को चार सेक्टर में बसाया जाएगा। हर सेक्टर में संत व कल्पवासी रहेंगे। क्षेत्र में अबकी तमाम बंदिश भी रहेगी। न प्रवचन का पंडाल सजेगा, न ही रामलीला व रासलीला की अनुमति होगी। मेला क्षेत्र के अंदर दुकानों की संख्या भी कम रहेगी। बाहरी लोगों का प्रवेश भी रोका जाएगा। लेकिन, मेला में अबकी कल्पवास का वास्तविक स्वरूप नजर आएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77563.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77563.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc7bc46d1933ffe42c41dde8d65c8e00cbc41db4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77563.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + हृदय की बीमारियों में इजाफा । सभी कारणों से होने वाली मौतों में 16 फीसद हिस्सेदारी सिर्फ हृदय की बीमारियों की है। दिल की बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 2000 के बाद से बीस लाख से बढ़कर 2019 में करीब 90 लाख हो गई है। डिमेंशिया से होने वाली मौतों में 65 फीसद महिलाएं हैं। 2000 से 2019 के मध्य डायबिटीज से होने वाली मौतें 70 फीसद बढ़ी हैं, वहीं पुरुषों में यह आंकड़ा 80 फीसद है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77564.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77564.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6cba2e6d7d8d2e1050cf768bcc361ad2a46b5066 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77564.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इन्द्रप्रीत सिंह, झंझेड़ी (मोहाली)। आए दिन सरकारी नीतियों को लेकर किसान धरने देने की बजाए नए-नए आइडियापर काम करते तो आज उनकी यह स्थिति न होती। यह कहना है पंजाब के मोहाली जिले के झंझेड़ी के प्रगतिशील किसान गुरप्रकाश का। वह कहते हैं, किसान बेवजह आंदोलन करने के बजाय खेती के नए तरीके अपनाएं और कृषि कानूनों का लाभ उठाएं। + +अपने खेत में गुड़ बनाने के लिए गन्ने को साफ करवाते हुए गुरप्रकाश ने नए कृषि कानूनों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, हमें ये भी सोचना चाहिए कि सरकार नए कानून क्यों लेकर आई है। मैंने पता किया तो पता चला कि गोदाम अनाज से पटे हुए हैं और हर साल तीन से चार सौ लाख टन अनाज और आ जाता है आखिर इतने अनाज का करना क्या है। + +यह भी पढ़ें: Punjab Education: महंगी फीस के कारण मेडिकल शिक्षा से दूरी, विद्यार्थी कर रहे एमबीबीएस सीटें सरेंडर।वह कहत हैं, हालत यह हैं कि हम 70 हजार करोड़ की दालें बाहर से मंगवाते हैं और 75 हजार करोड़ का लोगों को बीमार करने वाला पॉम ऑयल बाहर से मंगवाते हैँ । क्या ये चीजें हम खुद नहीं उगा सकते। अगर धरने ही देने हैं तो सरकार को इन चीजों पर सहायता देने के लिए धरने दो ताकि हम खुद भी आत्म निर्भर बन सकें और देश को भी बनाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77565.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77565.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..212b08cb4a45b11feded115e5a9d27fadddeba54 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77565.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राज्य में 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू होनी थी। सरकार ने इसे बढ़-चढ़ कर प्रचारित किया था। केंद्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। राज्य सरकार ने इस पर 182 रुपये बोनस का प्रावधान किया है। इस तरह राज्य में 2,050 रुपये प्रति क्विंटल पर धान की खरीद होनी है। कोरोना जनित कारणों से बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों के कारण इस बार धान की खेती का रकबा काफी बढ़ा है और मानसून की मेहरबानी से फसल भी बंपर हुई, लेकिन अब जब किसान की आमदनी का समय आया है तो वह खून के आंसू रो रहा है। इस बीच राज्य के वित्त मंत्री ने घोषणा कर दी कि किसानों का गीला धान नहीं खरीदा जाए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77569.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77569.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be463561510334ec52d4a3f3483a00ef2d98c3de --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77569.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन पर चुप्पी तोड़ते हुए अपने राजनीतिक विरोधियों पर खुलकर हमला बोला है। अभी तक जननायक जनता पार्टी (जजपा) अध्यक्ष डा. अजय चौटाला और उनके छोटे बेटे इनसो अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ही किसानों के मुद्दे पर अपनी पार्टी का पक्ष किसानों के सामने रख रहे थे। कांग्रेस व इनेलो नेताओं के हमले बढ़ते देख डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खुद सामने आए हैं। उन्‍होंने कहा, अगर किसानों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) नहीं दिला सकता तो इस्‍तीफा दे दूंगा और सरकार से भी अलग हो जाऊंगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77570.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77570.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ceb375e4094731046a5df120d4531d0c97f49856 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77570.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आरोग्य सेतु को अप्रैल में लांच किया गया था, लेकिन मार्च में ही सरकार ने स्मार्टफोन एप्लीकेशन कोविन-20 पर काम शुरू कर दिया था। इस परियोजना ने आरोग्य सेतु का आकार ले लिया। अब जब सरकार कोविड-19 के वैक्सीन कार्यक्रम की ओर बढ़ रही है, वक्त कोविन-20 का है। आइए जानते हैं कि क्या है कोविन-20 एप और यह कैसे काम करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77573.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77573.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..457cc5b086f9b262c099b704419ada2237b84b4d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77573.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाजार में प्रचलित स्क्रू को ऑपरेशन के वक्त लगाना बड़ा जोखिम भरा था। इसमें न सिर्फ ऑपरेशन में वक्त समय ज्यादा लग रहा था, बल्कि हड्डी को मूल स्थान पर वापस लाने के लिए खींचना पड़ता। मरीज के ब्रेन को जाने वाली रक्त की नसों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता। लिहाजा, ऑपरेशन के अनुभव के आधार पर एक नए प्रकार के स्क्रू को डिजाइन किया। ऑपरेशन में जहां पहले चार से साढ़े चार घंटे लगते थे। वहीं अब दो घंटे लग रहे हैं। मरीजों के ऑपरेशन में स्क्रू का रिस्पांस बेहतर आने पर अब इसे पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। इसका नाम लेट्रल मास रिडक्शन स्क्रू दिया है। ।मैनुअल काम खत्म, देश में बढ़ा प्रयोग । डॉ. दीपक सि‍ंह के मुताबिक नया स्क्रू संस्थान में 100 मरीजों को फिक्स किया गया। इसमें ऑपरेशन के वक्त हड्डी हाथ से खिसकाने का झंझट नहीं रह गया है। रॉड संग ज्यों-ज्यों स्क्रू कसा जाता है, हड्डी स्वत: मूल स्थान पर आ जाती है। एम्स दिल्ली, राजस्थान, अहमदाबाद समेत कई बड़े शहरों के न्यूरो सर्जन मरीज के ऑपरेशन में इस स्क्रू का प्रयोग कर रहे हैं। कंपनी एक स्क्रू का करीब चार हजार रुपये लेती है। एक मरीज में चार स्क्रू लगते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77574.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77574.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ca05eb4d7452c34944547d383263914cfaa81cc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77574.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लोकेश चौहान, नोएडा। लॉकडाउन में सभी प्रकार की गतिविधियां बंद होने के कारण नोएडा प्राधिकरण ने विज्ञापनकर्ताओं को भी भारी छूट दे दी है। प्राधिकरण की तरफ से करीब एक करोड़ 40 लाख रुपये माफ कर दिए हैं। इसका लाभ करीब 100 विज्ञापनकर्ताओं को मिलेगा। माफ की गई धनराशि में एक करोड़ रुपये मूल भुगतान और 40 लाख रुपये इस पर लगा ब्याज था। इस छूट का लाभ लेने के लिए विज्ञापनकर्ताओं को 31 जनवरी 2021 तक की बकाया धनराशि जमा करनी होगी। ।शहर में विभिन्न स्थानों पर विज्ञापन लगाने वाली कंपनियों ने नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखकर मांग की थी कि लाइसेंस फीस में लॉकडाउन की अवधि का चार्ज न लिया जाए। कंपनियों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। उन्हें अभी भी संभलने का मौका नहीं मिला है, ऐसे में उन्हें लॉकडाउन की अवधि के समय की लाइसेंस फीस और इस पर लगे ब्याज में छूट दी जाए। प्राधिकरण अधिकारियों ने इस मांग को मानते हुए करीब 100 विज्ञापनकर्ता कंपनियों को 1 करोड़ 40 लाख रुपये की छूट दी है। यह छूट उन विज्ञापनकर्ताओं को मिलेगी, जिन्होंने 2019-20 में प्राधिकरण से विज्ञापन के लिए स्थान लिया था। ।प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि मांगों के मद्देनजर, प्राधिकरण ने अपनी कुल लाइसेंस फीस में से 22 मार्च से 30 जून 2020 के बीच की अवधि के लिए लागू फीस न जमा करने का फैसला किया है। बता दें वर्तमान में शहर में कुल 133 लाइसेंस प्राप्त यूनिपोल ऑपरेटर हैं। इनमें से 115 सार्वजनिक शौचालयों पर लगाए गए हैं, जबकि अन्य 18 डिजिटल होर्डिंग्स और रैप्स पूरे शहर में 18 फुट से अधिक चौड़ाई वाले पुलों पर लगाए गए हैं। 133 यूनिपोल को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के अनुसार दिया गया था और लाइसेंस शुल्क को पिछली बार अप्रैल 2018 में संशोधित किया गया था।  ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77576.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77576.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cba7d070c9952e5f6d2e16015a21a9262e676baf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77576.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शहर से सटे टापाकला गांव के रहने वाले अमिताभ बच्चन के खिलाफ 2008 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद जेल आया तो फिर जमानत तक नहीं हुई। अदालत ने 2009 में आजीवन कारावास की सजा सुना दी। पिछले तीन साल से अचानक अमिताभ के स्वभाव में तेजी से परिवर्तन आया और सामाजिक हो गया। कोरोना काल में जेल में कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान में सक्रिय भागेदारी निभाई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77577.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77577.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2fcafd4e5d89ed309b6d0276efb531371458957 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77577.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- आने वाले कल में काफी कुछ है, जो बदलने वाला है। इसमें सबसे प्रमुख है हमारी सेहत। इसलिए अपनी दिनचर्या को इस तरह बनाएं कि खुद का खयाल रखने का समय जरूर हो। अपनी भावनात्मक सेहत के खयाल की भी अनदेखी न करें। इसे प्राथमिकता में रखें। ।- इन दिनों हमने देखा कि सामुदायिक कार्यों में लोगों ने खूब रुचि ली है। वालंटियर बनने की खुशी अलग दिखी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77579.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77579.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bccf17fd57d106cac12a662273afaa1cd931ece2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77579.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई संसद वायु और ध्‍वनि प्रदूषण से होगी मुक्‍त।नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने कई कदम उठाए गए हैं। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे। उनके कार्यालयों को पेपरलेस ऑफिस बनाने के लिए नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस किया जाएगा। नई इमारत में एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77580.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77580.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8f3fe0814f0dcb1041aa81e3fdc6919eb163bff9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77580.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब थाने से मुहर लगाकर नहीं दी जाती।थाना पीजीआइ : संवाददाता निशांत यादव बुधवार शाम करीब चार बजे पीजीआइ थाने में पर्स गिरने की शिकायत करने पहुंचे। पहरे पर मौजूद सिपाही ने समस्या पूछने के बाद जीडी ऑफिस की ओर जाने का इशारा किया। ऑफिस में तैनात महिला पुलिसकर्मी ने मामले की जानकारी ली। रिपोर्टर ने बताया कि पर्स गिर गया है। महिला सिपाही ने पूछा कि पर्स किस जगह गिरा था? संवाददाता बताते हैं कि कल्ली पश्चिम साहू कालोनी में पर्स कहीं गिर गया। इसके बाद महिला सिपाही उन्हें साइबर सेल में बैठे मनोज के पास जाने को कहती हैं। मनोज संवाददाता से पूछताछ करते हैं। संवाददाता उन्हें बताते हैं कि पर्स में 480 रुपये और कुछ जरूरी कागजात थे। इसपर सिपाही मनोज उन्हें एक पंपलेट दिखाते हैं और कहते हैं कि सामान खोने की एफआइआर ऑनलाइन दर्ज कर लो। अब थाने से मुहर लगाकर नहीं दी जाती है। संवाददाता बताते हैं कि उनके पास स्मार्ट फोन नहीं है, जिसपर सिपाही उन्हें किसी पड़ोसी का फोन इस्तेमाल करने की सलाह देकर वापस भेज देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77581.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77581.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b178770c4a33ea7ba7c5ae97ffe826fefa82636 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77581.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एक बिलियन स्ट्रीट लाइट का टेंडर जारी करेगा आइएसए : आइएसए जल्द ही पूरी दुनिया के लिए एक बिलियन स्ट्रीट लाइट का टेंडर जारी करेगा। इस दिशा में कार्यवाही शुरू हो चुकी है। पूरी दुनिया में स्ट्रीट लाइट के ऊपर आने वाले समय में बढ़-चढ़कर काम होने वाला है। भारत के भीतर भी गांव-गांव में स्ट्रीट लाइट की सुविधा विकसित करने की योजना है। इससे सौर ऊर्जा की मांग बढ़ेगा। मांग बढ़ने पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए कंपनियां बढ़-चढ़कर आगे आएंगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77582.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77582.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad8a58fa5301cab345c41ff5bdbc24252d6296e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77582.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कोरोना काल में समझा अन्‍न का महत्‍व।आगरा की शादियां तो वैसे ही मशहूर हैं। खाने-पीने और मेहमाननवाजी में लोग कसर नहीं छोड़ते। दरअसल पहले शादियों में भोजन की बहुत बर्बादी होती थी। कोरोना वायरस संक्रमण काल के दौरान लगे लॉकडाउन में दिल्‍ली से पैदल चलकर अपने घरों की ओर लौट पड़े लाखों अप्रवासी मजदूरों का हाल देख लोगों की आंखें खुलीं। यहां उस समय काफी भंडारे आयोजित किए गए। लोगों का अन्‍न का महत्‍व समझ आया। इस दौरान हाथ पर हाथ धरे बैठे लोगों की भी मदद की गई। यह अहसास होने लगा कि खाने की फिजूल बर्बादी रोक ली जाए तो कितने लोगों को पेट भर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77584.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77584.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f6dd9ad2d3bda881cfd26d4b54a314ee6d532f0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77584.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बंद होने से पहले बढ़ते घाटे के कारण जेट अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहा था। जेट का जेटलाइट में विलय नहीं होने से भी इसकी वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के कारण आयकर विभाग द्वारा कंपनी के मुंबई और दिल्ली दफ्तर पर छापे डालने से भी इसकी साख को धक्का लगा। इसके अलावा जेट एयरवेज इंडिगो की तुलना में ईंधन की लागत को छोड़कर अन्य खर्चों पर एक रुपये ज्यादा खर्च कर रहा था, जिससे वर्ष 2015 के अंत में जेट को इंडिगो की तुलना में हर सीट पर प्रति किमी 50 पैसे ज्यादा कमाई हो रही थी। जेट को पीछे छोड़ने के लिए इंडिगो ने टिकट को सस्ता किया, लेकिन जेट ने ऐसा नहीं किया, जिस कारण उसे नुकसान हुआ, जिसकी वह बाद में भरपाई नहीं कर सका। जेट को सबसे ज्यादा नुकसान वर्ष 2017 में हुआ, जब ईंधन की कीमतें बढ़ने लगीं। पहले से कर्ज में डूबे होने के कारण उसकी उसकी स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77585.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77585.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21e99c9f31e0b2afdc09ae77d9e2d79e8bcb835e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77585.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जानकारी के मुताबिक सिंघु ही नहीं, टीकरी बॉर्डर पर भी जो किसान बैठे हैं, उनमें काफी संख्या आढ़तियों और उन बिचौलियों की है, जिनका धंधा नए कृषि कानूनों से खत्म होने के कगार पर आ गया है। परदे के पीछे से यही लोग इस आंदोलन को बढ़ावा दे रहे हैं। किसानों के खाने-पीने के अलावा उन्हें लाने- ले जाने का किराया भी ये लोग वहन कर रहे हैं। धरने पर भीड़ बढ़ाने के लिए ये आढ़ती और बिचौलिए उन सभी युवाओं और बूढ़ों को भी गांव-कस्बों से ले आए हैं, जो किसानी करते ही नहीं। बहुतों को तो दिल्ली घुमाने का लालच तक दिया गया है। किसानों की एक मजबूरी यह भी है कि वे इन आढ़तियों से जब-तब कर्जा लेते रहते हैं। ऐसे में वे उन्हें मना भी नहीं कर पा रहे। + +सीआइडी के अधिकारी बताते हैं कि नए कृषि कानून लागू होने से आढ़तियों और बिचौलियों की दुकानें बंद हो रही हैं। इसीलिए वे साम, दाम, दंड, भेद की सभी नीतियां अपना रहे हैं। अपना डूबता कारोबार बचाने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं और इसके लिए हर तरह की तैयारी भी कर रहे हैं। लिहाजा, सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हैं और हर गतिविधि पर निगाह रखे हुए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77586.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77586.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86dc99fe648f7909d5fcfd3128225e400d57f9cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77586.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो.संजय सिंह ने बताया कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विवि परिसर को हरा भरा बनाने में भी विद्यार्थियों और शिक्षकों को जोड़ने का अभियान चला जा रहा है। पर्यावरण विभाग की ओर से परिसर हरियाली को बनाए रखने के लिए ग्रीन कोर कमेटी काम कर रही है। मीडिया सेंटर के प्रयास से फिल्म का निर्माण कर युवाओं को जोड़ने की पहल चल रही है। आने वाले समय में अन्य विषयों का भी समावेश फिल्मों में किया जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77587.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77587.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4b00973a59f64f2df137c8e38acdf1d92c484f3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77587.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +खोदाई स्थल के संरक्षण का कार्य नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (National Building Construction Corporation) को दिया गया है। एनबीसीसी अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) की अनुमति और दिशा-निर्देशन में काम करेगा। योजना के तहत खोदाई के गड्ढों को ढंकने के लिए एक शेड लगाया जाएगा, जिसकी लंबाई 150 मीटर के करीब होगी और चौड़ाई 50 मीटर के तकरीबन होगी। यह शेड इस तरह का बनाया जाएगा, ताकि तेज आंधी या तूफान में इसे नुकसान नहीं पहुंचे। पर्यटकों के बैठने के लिए यहां बेंच भी लगाई गई हैं। + +जानिये- कब कब हुई खोदाई।गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व विभाग पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ के साक्ष्य को जुटाने के लिए 1955 और 1969 से लेकर 1973 तक खोदाई का काम हुआ है। वहीं, तीसरी बार खोदाई 9 जनवरी 2014 से 30 जून 2014 तक चली। हालांकि, अब भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि यही वह स्थल पर जो पांडवों की राजधानी थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77590.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77590.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b7317cfab4c044f1997f6b4242ffa4e6b24dccfd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77590.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तदोपरांत नूरपुर के राजा ने अपने दरबार-ए-खास को मंदिर का रूप देकर इन मूर्तियों को वहां पर स्थापित कर दिया। राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी श्रीकृष्ण व अष्टधातु से बनी मीरा की मूर्ति आज भी नूरपुर के इस ऐतिहासिक श्री बृजराज स्वामी मंदिर में शोभायमान है। मंदिर की भित्तिकाओं पर कृष्ण लीलाओं का चित्रण दर्शनीय है। इस स्थान पर हर साल जन्माष्टमी का उत्सव हर साल बढ़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77592.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77592.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..04708f82770ac40bca827d30a680766d3fb8d6bb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77592.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेशक पहली चेतना समाज के स्तर पर ही आनी चाहिए। आदर्शों का अकाल नहीं है। अनुकरणीय दृष्टांत अब भी बहुत हैं। जिनके विवेक जगे हैं, उन्हें साधुवाद। जिनके नहीं जगे हैं, उनके लिए शासन को इतना सख्त और सतर्क होना चाहिए कि दीवारों के भीतरी अंधेरे में किसी मशीन को यह पता लगाने की इजाजत न हो कि संसार में क्या आने वाला है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77595.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77595.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2a9ffe7b7738ec5f59880a7c69caf998963fe43a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77595.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इतिहास गवाह है कि कोई भी आंदोलन तब तक मुकाम पर नहीं पहुंचा, जब तक उसे जनसमर्थन नहीं मिला। इसे विडंबना ही कहेंगे कि दो सप्ताह से देश के व्यस्ततम हाईवे (सिंघु बॉर्डर) पर कब्जा जमाए बैठे किसानों के प्रति कहीं कोई समर्थन या सहानुभूति देखने को नहीं मिल रही। यहां तक कि धरनास्थल के आसपास रहने वाले और बॉर्डर क्रॉस करने वाले लोग भी न केवल सड़क पर बैठे इन किसानों को कोस रहे हैं बल्कि इनकी हठधर्मिता से हर रोज परेशानी और नुकसान भी उठा रहे हैं। इन किसानों ने बुधवार को जिस तरह से आंदोलन और तेज करने की घोषणा की है, उससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है। अनहोनी की आशंका से लोग इन किसानों को कोस रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77596.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77596.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d3eed68820ecaaa5f33f4761de4cd50a3e1b63cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77596.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अब भूपेश सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर फिर चंदखुरी में कार्यक्रम रखा गया है। इसके तहत प्रदेश में उत्तर और दक्षिण की ओर से राम वनगमन पथ पर बाइक रैली निकाली जाएगी। इसका समापन चंदखुरी में होगा। इस दौरान पूरे रास्ते रामधुन भी बजेगा। प्रथमद्रष्टया यह सब भाजपा का कार्यक्रम प्रतीत होता है। दरअसल इन आयोजनों के माध्यम से भूपेश शायद यह संदेश देना चाहते हैं कि कम से कम छत्तीसगढ़ में राम पर वह भाजपा को राजनीतिक बढ़त नहीं लेने देंगे। इस दृष्टि से राम वनगमन पथ पर बाइक रैली या चंदखुरी का कार्यक्रम सुविचारित फैसला प्रतीत होता है। मुख्यमंत्री ने इससे पहले भी राम वनगमन पथ के कायाकल्प का संकल्प प्रदर्शित कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि उन्हें राम की सुध किसी अन्य से कहीं ज्यादा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77598.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77598.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3ff783569c25262580379acd1a43436f65851561 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77598.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Farmers Protest : किसानों केे आंदोलन और हजारों की संख्‍या में दिल्‍ली-हरियाणा बार्डर पर जमे रहने के कारण राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली और एनसीआर में दूध-सब्जियों की सप्‍लाई की चेन टूट गई है। इससे दूध और स‍ब्‍जी उत्‍पादक किसान बेहद मुश्किल में हैं। इसका असर दिल्‍ली के साथ ही हरियाणा व उत्‍तर प्रदेश पर पड़ रहा है। इस तरह किसानों के दर्द को किसान ही नहीं समझ नहीं रहे हैं। + +यह एक चेन बनी हुई है, जिसमें किसान व मजदूर से लेकर दिल्ली का हर वीआइपी व जरूरतमंद उपभोक्ता जुड़ा हुआ है, मगर किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह से दिल्ली की चारों तरफ से घेराबंदी की गई है, उससे न तो हरियाणा के दूध व सब्जी उत्पादकों का माल दिल्ली जा रहा है और न ही दिल्ली के लोगों की दूध व सब्जियों की जरूरत पूरी हो पा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a4fcf5fd290492b8ab463e123ffe1dc6d9a27f66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के खूबसूरत कपल आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी का प्रोग्राम जारी है। वैन्यू पर दोनों के करीबी दोस्त और रिश्तेदारों का आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शाही शादी में बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया है। रणबीर कपूर के घर वास्तु पर मीडियो और फैंस की भीड़ भी देखने को मिल रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77600.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77600.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c5650e8af9a0c5151dd4dbf6148c270d176c389 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77600.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केजरीवाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि दिल्ली ने भारत में स्टार्ट-अप स्थान के रूप में नेतृत्व करने की स्थिति प्राप्त कर ली है। दिल्ली में 7000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। दिल्ली, देश में सबसे अधिक सक्रिय स्टार्ट-अप वाला शहर है, जिसका अनुमानित मूल्यांकन करीब 50 बिलियन डॉलर है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में नए हाइटेक औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के साथ पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगों को बिना कंवर्जन शुल्क का भुगतान किए नए क्षेत्रों में स्थानांतरित करने का विकल्प होगा, जो साफ-सुथरी और ग्रीन दिल्ली बनाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77601.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77601.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..395e5ebd05c778b464bc3e65f115fdc8945a35aa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77601.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एसजीपीजीआइ में माइक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल कहती हैं कि कई बार सीवेज का पानी लीकेज के जरिये सप्लाई के पानी व नल के पानी में मिल जाता है जो जिससे संक्रमण का खतरा हो सकता है। सभी जगह के पानी में इसका खतरा नहीं है, लेकिन यह कहां के पानी में हो सकता है, इस बारे में बिना जांच के कुछ कहना संभव नहीं है। इसलिए लोगों को सावधान रहना जरूरी है। पानी का क्लोरीनीकरण करके वायरस को नष्ट किया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77608.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77608.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..12a79a110b3711bb4f5490896178474a4cb2a798 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77608.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अनाज से भरी ट्रेन लुटवाई थी। 24 जनवरी 1941 को एक वर्ष की कैद का आदेश देकर फतेहगढ़ जेल में राम सिंह चौहान को भेज दिया गया। इसी बीच उनके ताऊ हकीम ज्ञान सिंह का निधन हो गया। राम सिंह चौहान ने उल्फत सिंह चौहान के नेतृत्व में 14 अगस्त 1942 को बरहन रेलवे स्टेशन पर धावा बोलकर स्टेशन को जला दिया, और अनाज से भरी टे्रन को जनता द्वारा लुटवा दिया था। बरहन कांड के बाद अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानियों पर गोलियां चलवाई, जिसमें बाईसी के चार सपूत शहीद हो गए थे। ।सात साल की हुई थी सजा। 1931 में लगान बंदी का आंदोलन में अंगे्रजों की क्रूरता देख श्रीराम सिंह के मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा जाग गई। सन 1932 में आंदोलनकारियों ने एक गोदाम में डकैती डाली। जिसमें एक अंग्रेज मार गिराया। इस घटना के बाद सभी आंदोलनकारियों पर मुकदमा चलाया गया। जिसमें श्रीराम सिंह सिंह को सात वर्ष की सजा हुई। सन 1940 में श्रीराम सिंह महात्मा गांधी सत्याग्रह में शामिल हो गए। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7761.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7761.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5ee6416c31289419722c68c83969c91679038fb1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7761.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +Saira ne jab kaha. “ Dharam , dekho Sahab ne paplak jhapki hai “ Dosto , jaan nikal gai meri. Maalik mere pyaare bhai ko jannat naseeb kare🙏 pic.twitter.com/yrPP6rYJqX।धर्मेंद्र, दिलीप कुमार को लेकर काफ़ी भावुक रहे हैं। अक्सर इंटरव्यूज़ में उन्हें अपनी प्रेरणा बताते रहे हैं। अगर धर्मेंद्र के सोशल मीडिया एकाउंट्स को खंगाला जाए तो दिलीप कुमार के साथ उनकी कई तस्वीरें मिल जाएंगी, जिनके साथ धर्मेंद्र ने इमोशल कैप्शन लिखे हैं। ।धर्मेंद्र, दिलीप कुमार को अपना आदर्श मानते थे और उनकी फ़िल्म शहीद देखने के बाद धर्मेंद्र को हीरो बनने की चाहत पहली बार हुई थी। इसके बाद धर्मेंद्र ने सिनेमा को अपना मक़सद बना लिया था। धर्मेंद्र को यह कसक भी रही कि अपने आदर्श के साथ कभी काम नहीं कर सके। ।Anokha Milan.......milap chand lamhon ka.....phir...... zindagi bhar .....kisi film 🎥 main.....mauqa na mila ......Happy Birthday Dalip Sahab .......love respect 🙏 pic.twitter.com/IuBgxSfgDl।धर्मेंद्र और दिलीप कुमार ने पहली बार एक बंगाली फ़िल्म पारी में काम किया था, जिसे बाद में आख़िरी मिलन नाम से हिंदी में बनाया गया था। मगर, इस फ़िल्म में धर्मेंद्र और दिलीप कुमार ने बहुत कम देर के लिए स्क्रीन स्पेस शेयर किया था। 2019 में धर्मेंद्र ने दिलीप साहब के जन्मदिन पर ट्वीट करके अपनी इस कसक के बारे में बताया था। उन्होंने लिखा था- अनोखा मिलन। मिलाप चंद लम्हों का। फिर ज़िंदगी भर किसी फ़िल्म में मौक़ा नहीं मिला। ।यह भी पढ़ें: धर्मेंद्र ने एक अवॉर्ड शो में इमोशनल होकर दिलीप कुमार के बारे में कहा था- 'हम एक मां की कोख से क्यों पैदा नहीं हुए'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77610.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77610.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c7034c90c325fe1a7a1b76d0945b88792bc26dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77610.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्किल डेवलपमेंट से करियर को रफ्तार ।स्टार्ट अप सिंपली लोकल के सीईओ निखिल बापना की मानें, तो एक सक्षम लीडर में निर्णय लेने की बेहतर क्षमता होती है। इसलिए आज लीडरशिप डेवलपमेंट के तहत डिसिजन मेकिंग स्किल्स भी सिखाए जाते हैं। लीडरशिप सीखना कितना अहम हो चुका है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश के शीर्ष संस्थान इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट में जब स्टूडेंट दाखिला लेते हैं, तो उन्हें तीन दिन का लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम (लीड) कराया जाता है, ताकि स्टूडेंट्स को अपनी शक्ति, क्षमता एवं कमियों का एहसास हो सके और वे उसमें आवश्यकतानुसार सुधार लाकर एक सशक्त लीडर बन सकें। ।अगर आप प्रोफेशनल हैं, तो लीडरशिप संबंधी ऑनलाइन कोर्स का फायदा उठा सकते हैं। पुणे स्थित प्रगति लीडरशिप एक ऐसी संस्था (https://pragatileadership.com/) है, जो प्रत्येक संस्थान की जरूरत के अनुसार, शॉर्ट टर्म कोर्स कराती है। अलग-अलग इंडस्ट्री के एक्सपर्ट मेंटर की भूमिका निभाते हैं। इन दिनों जूम, वेबएक्स, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसे प्लेटफॉर्म से भी वर्चुअल क्लासेज करायी जा रही हैं। ।लीडरशिप ट्रेनिंग की बढ़ी आवश्यकता।किसी भी देश के लिए अगली पीढ़ी के नेतृत्व को सींचना, उसे प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी होता है। विदेशों में युवा लीडरशिप की कई मिसालें देखी जा रही हैं। भारत में भी हर स्तर पर लीडरशिप की मांग बढ़ रही है। देश का युवा आम जन की जरूरतों व उनकी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। ।उसमें दिलचस्पी ले रहा है। लेकिन हमारे यहां ऐसे कोर्सेज की कमी है, जिनसे उनकी क्षमता का और विकास किया जा सके। इसके अलावा, भारत के आध्यात्मिक ज्ञान से भी आधुनिक समस्याओं का निपटारा संभव है। इन सबके लिए हमें भविष्य के इन लीडर्स को प्रशिक्षित करना होगा। मास्टर ऑफ आर्ट्स इन पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम की शुरुआत इसी उद्देश्य के तहत की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77611.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77611.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..044c760baa03eb8af5e22c9b1658185cb5125126 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77611.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चंडीगढ़़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में भाजपा (BJP) से नाता तोड़ने वाले शिरोमणि अकाली दल (SAD) अब नई सियासी राह अपनाने की तैयारी में है। इसके लिए उसने अपनी जड़ें देशभर में फैलाने को खास रणनीति तैयार की  है। शिअद ने इसके तहत देश में संघवाद के कमजोर होने का हवाला देते हुए देशव्यापी मुहिम शुरू कर दी है। वह अपने इस अभियान में अन्य राज्‍यों के क्षेत्रीय दलों को जोड़ने में जुट गया है। + +देश के अन्‍य राज्‍यों की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मंच बनाने कोशिश में जुटा शिअद।शिअद (SAD) के पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा इस लेकर विभिन्न क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि कहीं शिरोमणि अकाली दल उसी राह पर नहीं तो नहीं चल पड़ा जिस राह पर उससे अलग होकर अलग मोर्चे बनाने वाले नेता चलते रहे हैं। दिलचस्प बात है कि शिरोमणि अकाली दल जब भाजपा के साथ था तो पार्टी से छिटककर दूर जाने वाले नेता अलग गुट बनाकर शिअद को सत्ता में आने से रोकने के प्रयास करते रहे। + +पंजाब में बेअदबी कांड के बाद शिरोमणि अकाली दल को 2017 के विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिली। इस स्थिति से बाहर आने के लिए पिछले साढ़े तीन वर्ष से पार्टी लगातार प्रयास कर रही है। कृषि कानूनों को लेकर पार्टी लगातार इसका समर्थन करती आई परंतु किसानों के विरोध के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कृषि बिल संसद में पेश न किए जाने की अपील की थी। संसद में भी बिलों पर बहस के दौरान विरोध किया और बाद में इसके पास हो जाने के बाद भाजपा से नाता तोड़कर हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77612.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77612.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c80e174fc792f75035eab085451ce74551f89dd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77612.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली। भारत लोकतांत्रिक देश है। यहां हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन तरीका ऐसा होना चाहिए जिससे किसी और को तकलीफ ना हो। कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर दिल्ली को बीते कुछ दिनों से जिस तरह बंधक बनाया गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। वह भी तब जब इन कृषि कानूनों से दिल्ली की जनता को फायदा मिलने वाला है। दिल्ली में इन दिनों प्याज 60 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि गांव देहात में किसान पांच रुपये किलो प्याज बेचने को मजबूर हैं। नया कानून किसानों को यह अधिकार देता है कि वो प्याज किसी भी मंडी में जाकर बेच सकते हैं। अभी तक किसानों की मजबूरी यह थी कि वे मंडियों में आढ़तियों को कृषि उत्पाद बेचते थे। लेकिन अब वे खुद फसल बेचने में सक्षम होंगे। यहां तक कि वे दिल्ली आकर अपना उत्पाद बेच सकते हैं इससे तो किसान और दिल्ली की जनता दोनों को लाभ होगा। + +दिल्ली के लोग इसके पहले सीएए, एनआरसी के दौरान भी बंधक बनाए गए थे। उस समय तो चलिए दिल्ली के एक हिस्से में सड़क बंद की गई थी लेकिन इस बार तो प्रमुख हाइवे को ही बंद कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में दिल्ली के लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। बाजारों में खरीदार घट गए हैं। दिल्ली जाम से जूझ रही है। कोई भी प्रदर्शन के नाम पर दिल्ली को बंधक नहीं बना सकता। दिल्ली रोजगार का केंद्र है। पूरे देश के लोग यहां आकर रोजगार करते हैं। लेकिन जब प्रदर्शन के नाम पर लोगों को परेशान किया जाता है तो क्या कहा जाए। + +अधिकारों का हो सही उपयोग। किसानों का मांग पत्र देखिए। उसमें एक मांग है कि किसानों को पूर्व की भांति पराली जलाने दिया जाए। वर्तमान में पराली जलाने पर प्रतिबंध है। अब ये दिल्ली का हर शख्स जानता है कि पराली जलाने पर क्यों पाबंदी लगाई गई है। दिल्ली में डेढ़ करोड़ आबादी प्रदूषण की मार झेल रही है। प्रदूषण में पराली का बड़ा योगदान है। अब जब किसान पराली जलाए जाने की मांग कर रहे हैं तो वो दिल्ली के साथ कितना न्याय कर रहे हैं?।दिल्ली के लोगों का कितना ध्यान रख रहे हैं? प्रदर्शन कोई भी हो नियम कायदे में ही होनेचाहिए ताकि उससे किसी अन्य को कोई नुकसान या तकलीफ ना पहुंचे। सरकार को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रदर्शन के नाम पर अधिकारों का गलत इस्तेमाल ना हो। दिल्ली देश की राजधानी है, यहां रोजमर्रा के काम काज ठप होने से राजस्व का बड़ा नुकसान होता है। कोरोना काल में वैसे ही उद्योग धंधे मुश्किल दौर में हैं प्रदर्शन के चलते हालत और खस्ता होती जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77613.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77613.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..819b273c8e7834168059ab3e72aa55ba1984c5fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77613.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +संयुक्‍त राष्‍ट्र। संयुक्‍त राष्‍ट्र की शांति सेना में विश्‍व में यदि किसी देश का सबसे बड़ा योगदान है तो वो है भारत। इसका लोहा पूरी दुनिया मानती है। भारत की तरफ से भेजी गई इस शांति रक्षक सेना में चाहे में पुरुष हों या महिलाएं सभी की भूमिका काफी अहम होती है। महिलाओं के लिये इसका हिस्‍सा बनना कोई सामान्‍य बात भी नहीं है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की अगुआई में ये शांति सेना दुनिया के सबसे मुश्किल जगहों पर और मुश्किल हालातों में आम लोगों की मदद करने में सबसे आगे होती है। यही बात मालाकाल में तैनात शान्तिरक्षकों पर भी पूरी तरह से खरी उतरती हुई दिखाई देती है। यहां पर तैनात 800 से अधिक सैनिकों को उनकी सेवाओं के लिए पदक से सम्मानित किया गया है। इनमें भारत के वीर जवान भी शामिल हैं। + +इनमें से एक हैं भारतीय सेना की मेजर चेतना। सूडान में तैनात भारतीय सेना की इंजीनियरिंग विंग में वे एकमात्र महिला अधिकारी हैं। उनकी इस टुकड़ी में 21 शांति रक्षक हैं। उनकी टीम इस बात को सुनिश्चित करती है कि यहां पर तैनात सभी जवानों के पास बिजली की निबार्ध आपूर्ति हो सके। इसके अलावा जवानों की जरूरत का दूसरा सामान भी उनतक पहुंच सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77614.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77614.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c228351fe0c326e5c5225eec7d9f0d58022c5614 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77614.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (पीटीआई)। भारत में कोरोना की तीन वैक्‍सीन पर विचार किया जा रहा है। इन तीनों ने ही बीते चार दिनों में भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अपनी-अपनी वैक्‍सीन के इमरजेंसी सेवा के तौर पर इस्‍तेमाल करने की इजाजत मांगी है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, इन वैक्‍सीन को भारत बायोटेक, फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77615.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77615.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e32d2650286246b4f0dcc3ef47ae58c439e47a48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77615.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उसके बाद जतरा खूंटा के चारों ओर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ महिलाएं व पुरुष नाचते-गाते हैं। राजा-महाराजा से संबंधित गीत गाया जाता है, ताकि लोग गीत के माध्यम से अपने इतिहास को जान सकें। जतरा का आरंभ मुडमा जतरा के पश्चात क्रमश: अलग-अलग गांवों में होता है। सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला बताती हैं कि आदिवासी सामाज दुख में भी गाते-नाचते हैं। ।यही जीवंत संस्कृति आदिवासी सामाजिक एकता व सामूहिकता की ताकत है। यह सच है कि जब तक आदिवासी समाज नाचता-गाता रहेगा, उनकी सामुदायिक ताकत को कोई तोड़ नहीं सकता। लेकिन विकास के बवंडर ने आदिवासी समाज की इस सांस्कृतिक विरासत को झकझोर कर रख दिया है। आज हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत कमजोर लगने लगी है। पश्चिमी सभ्यता-संस्कृति हमें ताकतवर महसूस होने लगी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77618.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77618.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..06f4da8958756e53c2c7d0ed5e5369f1128e6348 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77618.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में कभी किसान और उनके कई संगठन आढ़ती सिस्‍टम को खत्‍म करने की मांं करते थे और इसके लिए उन्‍होंने मुहिम भी चलाई थी। लेकिन, वे आज इसके लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। 2008 जब पंजाब में अचानक किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी तो भारतीय किसान यूनियन (मान) ने मंडियों में से आढ़ती सिस्टम को खत्म करने की मांग की। इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन (मान) के प्रधान भूपेंद्र सिंह मान ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को पत्र भी लिखा था, जिस पर पासवान ने पंजाब सरकार को किसानों की समस्या खत्म करने को लेकर पत्र लिखा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77619.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77619.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d89eac076d8b51c9f6b269b321f9774a9c3365eb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77619.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। दिसंबर का महीना भारत और बांग्‍लादेश के लिए काफी मायने रखता है। भारत की बदौलत ही पाकिस्‍तान से मुक्‍त होकर बांग्‍लादेश आज एक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र है। पाकिस्‍तान ने बांग्‍लादेश में चलने वाले मुक्ति अभियान को कुचलने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। इसका नतीजा था कि बांग्‍लादेश में हर रोज पाकिस्‍तान की सेना हजारों बेगुनाहों को मौत के घाट उतार रही थी। ऐसे में दिल्‍ली में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77622.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77622.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..33e644637486e220e24780566aaa4141d1905ae8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77622.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, जेएनएन। चेहरे पर मास्क और सिर पर भारी थैले का बोझ, थके हारे कदमों से गंतव्य तक पहुंचने की जद्दोजहद...तो दूसरी तरफ वाहनों की लंबी कतारों से होकर दफ्तर पहुंचने की आपाधापी। देश के अन्नदाता अपने अधिकारों की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर कब्जा जमाए बैठे हैं तो दिल्ली-एनसीआर की जनता सड़कों पर भटकने को मजबूर है। दिल्ली बेशक देश की राजधानी है, लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि कभी कृषि कानूनों में बदलाव की मांग को लेकर तो कभी कर्ज माफी, नौकरियों में आरक्षण और सीएए व एनआरसी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन के माध्यम से इसे बंधक बना दिया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77624.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77624.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e4ffefc5fb7446d9d5bf52179fa59a3e25639fc1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77624.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अागरा किला के दीवान-ए-आम में मारा गया था सलाबत खां।राव अमर सिंह राठौड़, जोधपुर के राजा गज सिंह राठौड़ के पुत्र और राजा जसवंत सिंह के बड़े भाई थे। अमर सिंह राठौड़, शाहजहां के दरबार में थे। एएसआइ के रिकार्ड के अनुसार शाहजहां के मीर बख्शी सलाबत खां ने अमर सिंह पर टिप्पणी कर दी थी। इस पर अमर सिंह राठौड़ ने आगरा किला के दीवान-ए-आम में शाहजहां के दरबार में ही सलाबत खां को मौत के घाट उतार दिया था। मुगल सैनिक उन पर टूट पड़े थे, मगर अमर सिंह उन्हें परास्त कर किले से निकलने में सफल रहे थे। उन्होंने घोड़े पर सवार होकर आगरा किला की दीवार से छलांग लगा दी थी। बाद में षड्यंत्र रचकर उनकी हत्या आगरा किला के गेट के पास कर दी गई थी। यह गेट आज अमर सिंह गेट कहलाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77627.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77627.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be3073841dc6131d453352a56f7237a0689f3ca5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77627.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +देहरादून, कुशल कोठियाल। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से चुनावी धार देने में लगा है। धार भी ऐसी कि कोई कसर कहीं रह न जाए। इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ दिनों से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद पार्टी के छोटी-बड़ी इकाइयों को मथ रहे हैं। प्रदेश में सवा साल बाद 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है। सरकार के सामने पार्टी की पिछली चुनावी सफलता ही पहाड़ बनी खड़ी है। 70 सदस्यीय विधानसभा में 56 भाजपाई (भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से एक सीट अभी रिक्त है) सदस्यों की उपस्थिति को दोहराना प्रदेश सरकार और संगठन के लिए बड़ी चुनौती है। + +जेपी नड्डा ने इस चुनौती को भांपा और समय रहते स्वीकारा भी। हरिद्वार से संतों का आशीर्वाद लेकर वह देहरादून में सुबह से शाम तक संगठन की सभी इकाइयों का नाप-जोख करते रहे। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षों के दौरे पहले भी होते रहे हैं, लेकिन नड्डा का दौरा जिस बात को लेकर चर्चा में है, उसकी अहमियत भाजपा ही नहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता भी दबी जुबान स्वीकार कर रहे हैं। सामान्य तौर पर पार्टी के बड़े नेता पहली जमात के नेताओं तक ही संवाद कायम करते रहे हैं, लेकित जेपी नड्डा ने मंडल और बूथ स्तर के नेताओं के साथ भी पूरी शिद्दत के साथ मंच साझा किया। इस पहल से कार्यकर्ता उत्साहित हैं। कुछ तो इस बहाने अपनी ही पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं को भी आईना दिखा रहे हैं। राजनीति की इस व्यावहारिक गणित को समझने और उस पर काम करने की चर्चा कांग्रेसी कैंप में भी हो रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77628.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77628.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d45235327b694a1dfeb39bb6b824632a53d5101 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77628.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्बास। आगरा विजिलेंस आठ जिलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने की तैयारी कर रही है।इसके तहत इन जिलों में सभी सरकारी विभागों के मुख्य प्रवेश द्वार पर पंफलेट चस्पा किए जाएंगे। इससे कि सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा काम के बदले में रिश्वत मांगने पर पीड़ित उनके खिलाफ सीधे शिकायत कर सकें। आरोपितों को रंगे हाथों पकड़वा सकें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77631.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77631.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..34db55ba01f18eec73c8763ac5d504e6c674d002 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77631.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हरियाणा में हैफेड के बिक्री केंद्रों पर एफपीओ के 27 उत्पादों की बिक्री का खाका तैयार।हरियाणा सरकार 486 एफपीओ तैयार भी कर चुकी है, जिनके साथ करीब 75 हजार किसान जुड़ गए हैं। कम से कम एक लाख और किसानों को एफपीओ से जोड़ा जाने वाला है। केंद्र व राज्य सरकार का मानना है कि परंपरागत खेती का मोह छोड़कर एफपीओ से जुड़ने वाले किसान अपनी आय में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी कर सकेंगे। + +देश में 10 हजार और हरियाणा में एक हजार एफपीओ बनेंगे, 486 का हो चुका काम पूरा।हरियाणा सरकार ने एफपीओ के तमाम उत्पादों की बिक्री के लिए राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन प्रसंघ लिमिटेड (हैफेड) के बिक्री केंद्र उपलब्ध कराने का बड़ा निर्णय किया है। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल की मौजूदगी में मंगलवार को हैफेड और दो किसान उत्पादक संगठनों अतुल्य बीमास्टर प्रोड्यूसर कंपनी जींद व एकता हनी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी जंडली कलां (फतेहाबाद) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किए गए। + +कम जोत में खेती करने वाले किसानों की आय डबल करने का जरिया बन रहे एफपीओ।हरियाणा में फिलहाल हैफेड के 29 बिक्री केंद्र हैं। प्रदेश सरकार भविष्य में हैफेड बाजार के नाम से कम से कम 50 नए आउटलेट खोलने जा रहा है। यह काम अगले साल जनवरी माह के अंत तक पूरा कर लिए जाने की योजना है। पहले चरण में सभी जिला मुख्यालयों पर यह आउटलेट खुलेंगे। उसके बाद ब्लाक स्तर पर इन्हें खोलने की योजना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77634.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77634.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6ef16a613925203f8e35e303f7b57e9ca0505b80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77634.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ, (दुर्गा शर्मा)। यूपी में फिल्म सिटी के निर्माण के प्रयासों के बीच बॉलीवुड सितारे लखनऊ में खूब चमक बिखेर रहे। ऐसा लग रहा मानो लखनऊ में मिनी मायानगरी बसती जा रही। लखनऊ भी अपनी ऐतिहासिकता, भव्यता और आधुनिकता के साथ हर किसी को आकर्षित कर रहा। इन दिनों में लखनऊ में कुछ फिल्मों के साथ ही वेब सीरीज की भी शूटिंग चल रही। नैसर्गिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धता के कारण लखनऊ अलग से पहचाना जाता है। यही पहचान फिल्मों के साथ लखनऊ का रिश्ता और गहरा करती गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77650.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77650.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c05274ff26c945712761bad9f0abdaf89f9a4d3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77650.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उन्‍होंने ये भी कहा है कि डब्‍ल्‍यूएचओ चाहता है कि वैक्‍सीन के जरिए लोगों को इसके पीछे की साइंस के बारे में भी जानकारी हासिल हो। ऐसा इसलिए भी है, क्‍योंकि इससे लोगों को भरोसा दिलाने में मदद मिलेगी कि वैक्‍सीन सुरक्षित है। इस काम में कंपनियां, डॉक्‍टर, नर्स बखूबी कर सकते हैं। इसके अलावा स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं से जुड़े लोग भी इसमें मदद कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77652.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77652.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..704ea62a5731952f4bf3af56292bd889e358e93d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77652.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +कहां से आती है यह ऊर्जा? कौन इस उम्र में भी सींचता है उन्हें? आखिर वह कौन सी खाद है, जो उन्हें हरा रखती है? एक, धर्मेंद्र खेतों को नहीं भूले, दूसरे, वह अपनी बोली नहीं भूले। परदे की जिंदगी जीना सिखाने वाली मुंबई न उनका जाटपना छीन सकी और न उनकी भाषा पर कोई और कलई चढ़ा सकी। तीसरी बात, उस बेपनाह मोहब्बत की है, जो हमेशा उन्हें लोगों से मिली। चौथा, उनमें रोमांस या इश्क का पहलू है। उनके लिए इश्क के कई रूप हैं, प्रेमी-प्रेमिका वाला ही नहीं, देशप्रेम या पिता-पुत्र वाला भी। इसीलिए यह पेड़ अब भी हरा दिखता है। धर्मेंद्र उर्दू जानते हैं सो, उच्चारण भी नफीस है, अंग्रेजी अच्छी-खासी आती है, हिंदी की उन्होंने रोटी खाई है और सम्मान पाया है, लेकिन मां के दूध के साथ मिली पंजाबी को उन्होंने अब भी ऐसे संभालकर रखा है जैसे कोई दीवाली पर पिता से मिले बीस या पचास रुपए के नोट को रखता है, जैसे कोई गरीब अपनी जोड़ी हुई रकम को गिनकर सीने के साथ लगाए रहता है। + +धर्मेंद्र के पिता केवल कृष्ण सिंह देओल शिक्षक थे। उनका तबादला साहनेवाल प्राइमरी स्कूल में हुआ तो पूरा परिवार साहनेवाल चला गया। त्रिवेणी चौक के साथ पुराने बाजार में उनका घर था। किराए का यह मकान धर्मेंद्र के जाने के बाद दो-तीन बार बिका। वर्तमान में न्यू मॉडल स्कूल साहनेवाल के संचालक के नाम है। चूंकि धर्मेंद्र काफी समय यहां रहे, इसलिए लोग साहनेवाल को ही उनका जन्म स्थान मानते हैं, लेकिन हकीकत में वह अपने ननिहाल में पैदा हुए थे, जो लुधियाना में ही पायल के पास गांव नसराली है। पिता शिक्षक थे तो उनका स्थानांतरण होता रहा और वह परिवार के साथ लुधियाना के ललतो और रायकोट में भी रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77655.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77655.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a2e315997f14249eac1763e2d33fa4a1ac62f77f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77655.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पवन चौरसिया। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले और एशिया का हृदय कहे जाने वाले अफगानिस्तान को इतिहासकारों ने साम्राज्यों के कब्रगाह की संज्ञा दी है। चाहे 19वीं सदी में ब्रिटिश राज हो, 20वीं सदी में सोवियत संघ हो या 21वीं सदी में अमेरिका, किसी भी विदेशी महाशक्ति को आज तक अफगानिस्तान में उस तरह की राजनीतिक सफलता नहीं मिल पाई, जिसकी मंशा से वो अपनी सैन्य शक्ति के साथ अफगानिस्तान में घुसे थे। गौरतलब है कि तालिबान और अल-कायदा को खत्म करने के लिए लगभग दो दशकों से अफगानिस्तान में चला आ रहा संघर्ष अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबा सैन्य संघर्ष है, जिसमें हजारों अफगान नागरिकों के साथ-साथ ढाई हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक भी मारे जा चुके हैं, लेकिन फिर भी उसे कोई निर्णायक विजय नहीं मिल सकी है। + +आतंकवाद पर अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध के बावजूद अफगानिस्तान के पड़ोसी देश पाकिस्तान से मिले समर्थन और रणनीतिक सहयोग के कारण तालिबान आज तक बचा हुआ है। हाल ही में संपन्न हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जो बाइडन को मिली जीत से अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय पर क्या असर पड़ेगा, बाइडन के किसी आधिकारिक बयान के अभाव में इसको लेकर अभी महज कयास ही लगाए जा सकते हैं। वैचारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो जो बाइडन जिस उदार अंतरराष्ट्रीयवाद की विचारधारा के समर्थक हैं, वो संप्रभु देश में अपनी सेना को वहां रखने को अपने मूल सिद्धांतों के विरुद्ध मानती है। इस अनिश्चितता का एक दूसरा कारण यह भी है कि पिछले कुछ चुनावों से उलट इस बार के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार और डिबेट में अफगानिस्तान मुद्दा लगभग गायब रहा। + +लगभग 11 वर्ष पहले जब ओबामा प्रशासन के कई लोग राष्ट्रपति से अफगानिस्तान में सेना बढ़ाने का आग्रह कर रहे थे, तब उप-राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन इसके विरोध में खड़े थे। उन्होंने यह सलाह दी थी कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना को घटाते हुए उसे सिर्फ आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए सीमित कर दिया जाना चाहिए। साल की शुरुआत में एक पत्रिका में बाइडन ने लिखा था कि वह अमेरिका के सदा से चले आ रहे युद्धों को समाप्त करना चाहते हैं, लेकिन वह अफगानिस्तान से सेना की पूर्ण वापसी के बजाय अमेरिकी सेना को अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट को हराने के लिए प्रतिबद्ध करना चाहते हैं। वैसे अफगानिस्तान को लेकर उनकी अंतिम नीति क्या होगी, यह कुछ हद तक इस बात पर भी निर्भर करेगा कि अमेरिका के विदेश मंत्री, सेना प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में आधिकारिक रूप से वह किसे नियुक्त करते हैं। यह भी संभव है कि यदि बाइडन के सैन्य सलाहकार उन्हें यह सलाह देते हैं कि अफगानिस्तान से सेना को कम करने से वहां बाकी बचे हुए सैनिकों के लिए खतरा बढ़ सकता है, तो शायद वो अफगानिस्तान में सेना घटाने के बजाय वहां और सैनिक भेजने का निर्णय लेने पर विवश हो जाएं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77657.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77657.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..054055c687422e9f76eb1e45a4834968e76b069f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77657.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जागरण टीम, नई दिल्ली। जू में डाइटिंग के सहारे शेर.., कल प्रकाशित इस रिपोर्ट के माध्यम से हमने एक गंभीर विषय को उठाया है। दरअसल नेशनल जू पॉलिसी जू या चिड़ियाघरों की उपयोगिता के पक्ष में जो तर्क प्रस्तुत करती है, व्यावहारिक स्तर पर इनमें वैसा कुछ हो नहीं रहा है। नेशनल जू पॉलिसी कहती है कि लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण-प्रजनन-पुनर्वसन जू का प्रमुख ध्येय है। लुप्तप्राय प्रजातियों से आशय उनसे है जो जंगल में अपने बूते अस्तित्व बचाए रखने में सक्षम न हों। जू की उपयोगिता पर इसमें कुछ और भी तर्क दिए गए हैं। + +हर साल ऐसे करीब 250 विद्यार्थी आते हैं। चित्रकला प्रतियोगिता सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बाघों पर दो रिसर्च पेपर भी तैयार किय गए हैं।इंदौर चिड़ियाघर का वार्षकि बजट छह से 10 करोड़ रुपये का है। पिछले वर्ष 10 करोड़ रुपये खर्च हुए। कमाई भी होती है। नुमाइश से तीन करोड़ 60 लाख रुपये की आमदनी हुई। भारतीय दर्शकों के लिए प्रवेश शुल्क 20 रुपये और विदेशी के लिए 100 रुपये निर्धारित है। स्टिल कैमरा ले जाने के लिए 50 रुपये और वीडियो कैमरे के लिए 100 रुपये फीस ली जाती है। बहरहाल, शेर नुमाइश की चीज नहीं है। शेर को पालतू कुत्ते की तरह पाला भी नहीं जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77660.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77660.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfe5e25d6be379f327862b28f82c8458dcc06b8f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77660.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Terrorists Arrested In Delhi: किसान आंदोलन के बीच दिल्ली में 5 आतंकियों की गिरफ्तारी ने खुफिया एजेंसियों की भी चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच आतंकियों की मौजूदगी चिंताजनक है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पांच आतंकियों को सोमवार सुबह मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है, जो दर्शाता है कि आतंकी संगठन किसान आंदोलन के मौके का फायदा अपनी नापाक हरकतों के लिए उठाने की फिराक में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77661.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77661.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1421a6b47aa1c25254a5fb7de805fc48bd2c89cd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77661.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +जानिए... कोरेाना से स्वस्थ हुए लोगों में क्या आ रही समस्याएं -।केस -1।हिसार के आजाद नगर निवासी 35 वर्षीय युवक कृष्ण ने बताया कि उन्हें कोरोना से स्वस्थ हुए एक महीना हो चुका है। लेकिन अभी उन्हें लगातार खांसी और सिर का गर्म रहना, शरीर में कमजोरी महसूस होने जैसे लक्षण है। वह इनके लिए दवा भी खा चुके है, लेकिन काेई खास फायदा नहीं हुआ है। + +केस -2।हिसार के चंद्रलेन कालोनी निवासी 45 वर्षीय चमनलाल का कहना है कि उन्हें कोरोना से स्वस्थ हुए करीब दो महीने हो चुके हैं, लेकिन उनकी याददाश्त में कमी आ गई है। राेजमर्रा के कार्यो जैसे किसी से लेन-देन का हिसाब, किसी काम के लिए घर से निकले, वह काम ही भूल जाना आदि समस्‍याएं सामने आ रही है। इससे दैनिक कार्यो पर असर पड़ता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77663.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77663.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e361404b726cea0b2e52373ab09c2842aa01e95 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77663.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विकसित देशों के विरोध का आधार। गत वर्ष कनाडा ने भारत से किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर 25 सवाल किए थे। इसके साथ ही उसने आशंका जताई थी कि अगर भारत अपने किसानों को ज्यादा सब्सिडी देगा तो इसका असर वैश्विक कृषि कारोबार पर पड़ेगा। दरअसल, वर्ष 2015 से कनाडा और दूसरे विकसित देश ऐसे कदम उठाते आ रहे हैं। गत वर्ष ही अमेरिकाऔर कनाडा ने डब्ल्यूटीओ में चना, उड़द, मटर व अन्य फसलों के लिएसरकार की तरफ से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आपत्ति जताई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा के पीएम ट्रूडो की भारत के किसान आंदोलन संबंधी चिंता उनके देश की राजनीति से भी प्रेरित है, जहां भारतीय समुदाय का दबदबा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77666.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77666.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..561fa15271081f4590d4331af58083ddbd08ede4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77666.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अंटार्कटिका के नजदीक स्थित ब्रिटिश टापू पर संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह बना है दुनिया का सबसे बड़ा हिमपर्वत या आइसबर्ग। ये आइसबर्ग 1 ट्रिलियन टन वजनी है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ईएसए) के मुताबिक 12 जुलाई 2017 को ये अंटार्कटिका के विशाल लार्सन सी आईसशैल से अलग हुआ था। इसके बाद पिछले माह के मध्‍य में ये साउथ एटलांटिक में साउथ ऑर्कने के पास दिखाई दिया था। एजेंसी के मुताबिक अपनी जगह से अलग होकर ये आइसबर्ग अब तक 1050 किमी से अधिक का सफर तय कर चुका है। इस दौरान इसके कई और टुकड़े भी अलग होकर दूसरी जगह पर बिखर गए, लेकिन इसका आकार और वजन अब भी विशाल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77668.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77668.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..168fc0bd11697b81880ff5feea8da444741bbccb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77668.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +बहराइच, [संतोष श्रीवास्तव]। वन्यजीव प्रेमियों के लिए खबर अच्छी है। अगर वे कतर्निया घूमने आएंगे तो उन्हें यहां नेपाली हाथियों के झुंड व गैंडे भी नजर आएंगे। नेपाल की ऊंची पहाडिय़ों और सुरम्य घाटियों के बीच स्थित खूबसूरत जंगलों को छोड़कर आए हाथियों के झुंड अब कतर्निया वन्यजीव विहार का आकर्षण बढ़ा रहे हैं। यहां नेपाली हाथियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वन विभाग के अधिकारी इसे शुभ संकेत मान रहे हैं। + +551 वर्ग किमी में फैले कतर्निया वन्यजीव प्रभाग का क्षेत्र नेपाल के बर्दिया नेशनल पार्क से मिला हुआ है। दोनों जंगलों को अगर कुछ अलग करता है तो जंगलों के बीच नो मेंस लैंड की सीमा रेखा बर्दिया नेशनल पार्क कतर्नियाघाट के जंगलों से कई गुना बड़ा है, लेकिन ऊबड़-खाबड़ और पहाडिय़ों पर स्थित होने के कारण यहां के वन्यजीवों को वह आहार नहीं मिल पाता, जो कतर्नियाघाट में उपलब्ध है। खासतौर से शाकाहारी जानवरों के लिए। यही कारण है कि नेपाल के हाथियों का झुंड अक्सर कतर्नियाघाट के जंगल की ओर चल पड़ता है। 35-45 की संख्या में इनके झुंड होते हैं। नेपाल के बर्दिया नेशनल पार्क से आए गैंडे आज भी गेरुआ नदी के आसपास विचरण करते देखे जा सकते हैं। + +लालसर पक्षी के मेहमान नवाजी को तैयार है कतर्नियाघाट।कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग को चार चांद लगाने के लिए लालसर व अन्य रंगे-बिरंगे पक्षियों का झुंड गेरुआ नदी के तट पर पहुंच रहा है। तापमान गिरने के साथ ही पक्षियों की आमद जंगल की शोभा बढ़ रही है तो पर्यटक भी पक्षियों को देखकर रोमांचित हो रहे हैं। वन विभाग भी पक्षियों के बसेरे को पर्यावरण के लिहाज से सुखद मान रहा है। + +दिसंबर माह शुरू होते ही तराई में तापमान गिरने लगता है। ठंड बढऩे के साथ लालसर पक्षी कतर्निया की ओर रुख करने लगे हैं। इस समय भी बड़ी संख्या में गेरुआ व कौडिय़ाला नदी के तट पर सुबह-शाम पक्षियों का जमावड़ा देखा जा सकता हे। पक्षियों के प्रवास को देखकर भ्रमण के लिए पहुंच रहे पर्यटक भी रोमांचित हो रहे हैं। वन विभाग का कहना है कि लालसर पक्षी के लिए नदी का तट बेहद मुफीद है। यह पक्षी जनवरी माह के अंत तक कतर्निया में ही प्रवास करते हैं। पक्षियों को शिकारियों से बचाने के लिए वन विभाग की टीम निगरानी के लिए तैनात की गई है। वन क्षेत्राधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष टीम गश्त कर पक्षियों की सुरक्षा में मुस्तैद है। वन निगम प्रबंधक डेविड सि‍ंंह ने बताया कि दूरदराज से आने वाले पर्यटक लालसर पक्षी के बारे में जरूर पूछते हैं। ।नेपाली हाथियों व गैंडों को कतर्नियाघाट का दलदली इलाका रास आ रहा है। यहां पर भोजन आसानी से मिल जाता है, इसलिए नेपाली हाथियों को यहां की आबोहवा भा रही है।  -यशवंत सि‍ंंह , प्रभारी डीएफओ कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77669.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77669.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21d4adfb589a0b561f038c01d5432c003f04490d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77669.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। अगर आप ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं, अथवा खरीदारी करने के बाद कोई सामान पसंद न आने या फिर किसी प्रकार की शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं। जाहिर सी बात है आप ऑनलाइन कंपनी के कस्टमर केयर का मोबाइल नंबर खोजेंगे। लेकिन इसके लिए आपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि साइबर जालसाजों का एक बड़ा मकड़जाल सोशल मीडिया पर फैला हुआ है जो ऑनलाइन ब्रांडेड कंपनियों की फेक (गलत वेबसाइट) बनाकर आपके बैंक खाते में सेंध करके आपको चूना लगा रहा है। + +वास्तविक वेबसाइट की आइडी की स्पेलिंग में एक दो अक्षर बदलकर करते हैं भ्रमित।यह जालसाज ब्रांडेड कंपनियों की वास्तविक आइडी की स्पेलिंग में एक-दो अक्षर बदलकर उससे मिलती जुलती वेबसाइड बनाते हैं। वास्तविक कंपनी के जैसा ही इनकी वेबसाइट का पेज और लोगो भी होता है। वेबसाइट पर यह लोग अपना मोबाइल नंबर डालते हैं। जब ग्राहक ऑनलाइन कंपनी में शिकायत दर्ज कराने के लिए वास्तविक वेबसाइट सर्च करते हैं तो इनकी वेबसाइट खुल जाती है। स्पेलिंग में जरा सा मिस्टेक होने के कारण ग्राहक खुद नहीं जान पाते हैं कि वह सही वेबसाइट पर क्लिक कर रहे हैं अथवा गलत। ग्राहकों से गलत वेबसाइट खुल जाती है। बस इतने में ही ग्राहक इन साइबर जालसाजों के फंदे में फंस जाते हैं। ग्राहक जल्दबाजी में वेबसाइट पर पड़ा मोबाइल नंबर देखते हैं और उस पर कॉल करते हैं। कॉल रिसीव होते ही वह व्यक्ति खुद को वास्तविक कंपनी का कर्मचारी बताते हुए बात करता है। वह पूरी शिकायत नोट करता है। इसके बाद आपके बैंक खाते की डिटेल लेता है अथवा आपको एक लिंक भेजकर क्लिक करने को कहता है। जब आप बैंक खाते की डिटेल देते हो अथवा उसके द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक करते हैं तो कुछ ही देर में आपके खाते से रुपये निकल जाते हैं। वह साइबर जालसाजों के खाते में चले जाते हैं। + +वेबसाइट लॉगइन करने के समय ग्राहक इन बातों का रखें विशेष ध्यान।डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विवि के प्रो. एवं साइबर एक्सपर्ट डॉ. अमनदीप सिंह बताते हैं कि हमेंशा httpsः// वाली वेबसाइट ही लॉगइन करें। यह सिक्योर साइट होती हैं। इसके अलावा वेबसाइट टाइप करते समय स्पेलिंग का विशेष ध्यान रखें। उसे चेक कई बार चेक कर लें उसके बाद ही लॉगइन करें। ऑनलाइन खरीदारी के समय सिक्योर वेबसाइट का ही प्रयोग करें। लॉगइन के समय जल्दबाजी कतई न करें। वास्तविक वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट पर कतई लॉगइन न करें। नहीं तो आप साइबर जालसाजों के फेरे में फंस जाएंगे। कोरोना कॉल में लॉकडाउन के दौरान इस तरह की जालसाजी बहुत अधिक बढ़ी है। इस लिए विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77671.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77671.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..05865600ced77ef78dd4f31b9167a9a4ab53814b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77671.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सात माह में हुए 82 प्रसव ।बेला परसुवा निघासन की क्रांति थारू उप केंद्र परसिया में बतौर एएनएम के पद पर तैनात हैं। प्रकाश की सुविधा होने से 7 माह में इस केंद्र पर 82 प्रसव हुए हैं। एएनएम क्रांति घर घर जाकर महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण करती हैं। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने ग्रामीण उनके पास आया करते हैं। एक सीएचसी व एक पीएचसी भी सौर ऊर्जा से जगमग हो रही है। स्वास्थ्य विभाग व अक्षय ऊर्जा की तरफ से इन स्वास्थ्य केंद्रों पर सोलर पैनल लगवाए गए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77674.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77674.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e35441f0a54a913001992bf5c83c90086ba8dae7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77674.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +MSP कानून बना तो गायब होंगे निजी खरीदार, फसल खरीद को हरियाणा में पड़ेगी 10 लाख करोड़ की जरूरत।आश्चर्य की बात यह है कि प्रगतिशील किसान फसल विविधिकरण अपनाते हुए जिन फलों, सब्जियों, मसालों या फूलों की खेती करते हैं, उनके एमएसपी तय नहीं होते। कांट्रेक्ट फार्मिंग और खुला बाजार ही उनकी आय में बढ़ोतरी का बड़ा जरिया है। यह किसान मार्केट की जरूरत और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (फूड प्रोसेसिंग यूनिट) की डिमांड के हिसाब से फसलों की खेती करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77675.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77675.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4653659b48daa364b274f649d946f5ec0e3fd829 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77675.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +जब मंजू मलकानी जोशी कक्षा चार में पढ़ रही थीं। तब अल्मोड़ा में भातखंडे विद्यापीठ की नई शाखा खुली थी, उन्होंने दाखिला ले लिया। धीरे-धीरे नृत्य का ये शौक बढ़ता गया। नृत्य में आगे की तालीम के लिए अपना शहर छोड़ना पड़ा। पिता बेटी के सुरक्षित भविष्य के लिए फिक्रमंद थे, इसलिए बैंक की नौकरी की तैयारी के लिए कहते थे, पर बेटी का दिल तो घुंघरुओं ने चुरा लिया था। परिवारवालों ने बहुत समझाया, रोका पर कथक की दुनिया का बड़ा नाम बनने का ख्वाब संजोए मंजू मलकानी जोशी 2005 में लखनऊ आ गईं। + +भातखंडे में बीपीए और पारंगत में दाखिला लिया। पांच साल हॉस्टल में रहकर कथक में ही एमपीए पूरा किया। उसके बाद कथक केंद्र में गुरु शिष्य परंपरा के तहत सीखना शुरू हुआ। गुरु सुरेंद्र सैकिया जी का कुशल मार्गदर्शन मिला। मंजू कहती हैं, सिर्फ नृत्य के लिए घर-परिवार से दूर रहना पड़ा। बच्चों को डांस प्रशिक्षण देकर अपना खर्चा भी चलाया। मेहनत करती गई और फिर वो सौभाग्यशाली दिन आया जब जहां मैं नृत्य सीख रही थी, वही शिक्षिका हो गई। भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय में 2015 में कथक टीचर बनी। + +आज भी याद है वह प्रस्तुति।मंजू बताती हैं, 26 जनवरी 2015 की वह प्रस्तुति यादगार जब राजपथ पर प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा के सामने उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत करने का मौका मिला। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भवन पर प्रस्तुतियां भी हमेशा याद आती हैं। मैं हर नृत्य प्रेमी को बस यही संदेश देना चाहूंगी कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं। सपने देखो और जब तक वह पूरे न हों, मेहनत करते रहो। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77676.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77676.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..258f2ff4bd6d728ba4b5b0eb4df756b37b7ff4a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77676.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +रांची, जासं। क्रिसमस का त्योहार केक के बिना अधूरा है। क्रिसमस के दिन केवल ईसाई समुदाय के लोग ही नहीं, बल्कि समाज के अन्य लोग भी केक काटकर इस त्योहार को मनाते हैं। पारंपरिक रूप से क्रिसमस के दिन पल्म केक खाया जाता है। क्योंकि इसमें डाली गई सामग्री से शरीर को गर्मी मिलती है। मगर जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया, वैसे-वैसे केक के रूप और इसके स्वाद में अंतर आता गया। + +केक स्वादिष्ट तो हुए हैं, मगर इसके अधिक सेवन से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ने लगा। मगर अब केक खाने से पहले इतनी चिंता करने की जरूर नहीं है। क्‍योंकि अब केक केवल स्वाद ही नहीं देगा, बल्कि इससे शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ेगी। बाजार में अब मडुआ से बना केक उपलब्‍ध है। यह केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहक की दृष्टि से फायदेमंद भी है। हाल के दिनों में इस केक की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है। + +पोषक तत्वों से भरपूर है यह केक।मडुआ पोषक तत्व खासकर आयरन और कैल्सियम की खान है। इसके साथ बड़ी बात यह है कि मड़ुआ से बना केक ग्लूटन फ्री भी है। यह शरीर में टाक्सिक तत्वों को खत्म करने में मदद करता है। इस केक के आर्गेनिक और वेज होने के कारण पिछले कुछ दिनों से इसकी डिमांड बढ़ी है। यह केक रांची के कई बड़े केक दुकानों में उपलब्ध है। ।विदेशों से भी भारत के बड़े शहरों में इसके लिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं। रांची के एक बेकरी संचालक अतुल पप्नेजा बताते हैं कि इस केक को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। हालांकि जो एक बार लेकर जाते हैं वे दूसरी बार भी इसी केक का इस्तेमाल करते हैं। इस केक का बेस काफी मुलायम और स्वादिष्ट होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77678.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77678.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..419553c503b9d01a7d57bc3cd8fa32e06fed14fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77678.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मेट्रो ट्रेन शुरू होने से अकबर टाम्ब अब सीधे ताजमहल से जुड़े सकेगा। एमजी रोड, मदिया कटरा, दिल्ली गेट, भगवान टाकीज, खंदारी पर जाम की वजह से जो पर्यटक सिकंदरा स्थित अकबर टाम्ब जाने से कतराते थे, वह अब बिना किसी रूकावट के सीधे स्मारक के पास पहुंच सकेंगे। इसके आसपास के दूसरे स्मारक (जैसे मरियम टाम्ब, कांच महल) भी उनकी पहुंच में होंगे। दूसरा कारीडोर शुरू होने के बाद उपेक्षा का दंश झेल रहे रामबाग पर भी चहल-पहल बढ़ेगी। एत्मादद्?दौला नजदीक होने के कारण यहां भी पर्यटकों का ग्राफ बढ़ेगा। हाथीघाट, यमुनापार में जाम होने के कारण अधिकांश गाइड पर्यटकों को इन स्मारकों तक नहीं ले जाते। + +पहला कारीडोर: सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट कारीडोर पर एएसआई संरक्षित नौ स्मारक पड़ेंगे। इनमें ताजमहल, आगरा किला, अकबर टाम्ब, पत्थर का घोड़ा, गुरू का ताल, सलावत खां का मकबरा, सादिक खां का मकबरा, दिल्ली गेट, जामा मस्जिद हैं। इनमें से छह स्मारकों के पास मेट्रो स्टेशन होंगे सिकंदरा, गुरू का ताल, ताज पूर्वी गेट मेट्रो स्टेशन एलिवेटिड होंगे। ताजमहल, आगरा किला और जामा मस्जिद स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77679.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77679.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..805dce299a50b35aef59190ac3d29f29bd49d0b4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77679.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कह सकते हैं कि भाजपा नेता सत्ता के नशे में कोरोना को नजरअंदाज कर रहे, पर कांग्रेस नेताओं को क्या हुआ? उनके पास उनकी जिंदगी के अलावा क्या बचा है? कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह तक अक्सर भीड़भाड़ में बिना मास्क दिख जाते हैं। विधानसभा उपचुनाव में तो नेताओं ने हद कर दी थी। कोर्ट की रोक के बावजूद सभी दलों के नेताओं ने न सिर्फ खुद कोरोना के प्रति बेपरवाही दिखाई, बल्कि शक्ति प्रदर्शन करने के लिए तमाम रैलियां करके प्रदेशवासियों की भी जान खतरे में डाली। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77689.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77689.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95475433656d218b4a0cdd43610a787eccdfd6a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77689.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, रणविजय सिंह। वैश्विक महामारी कोविड-19 से जंग निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। दुनिया के कई देशों में इसका टीका बन चुका है। वह भी एक साल के अंदर। भारत भी कोरोना का टीका विकसित करने में पीछे नहीं है। देश में चार टीके तीसरे चरण के ट्रायल में हैं। इनमें दो देश में ही विकसित किए गए हैं। यह मानव जाति की सुरक्षा के लिए चिकित्सा जगत की बहुत बड़ी कामयाबी है। यह दुनिया भर के विज्ञानियों के आपसी सहयोग से संभव हो सका है। भले ही कुछ देशों ने कोरोना का टीका थोड़ा पहले बना लिया लेकिन इस वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में दीर्घकालिक रूप से भारतीय टीका ही दुनिया के कई देशों के लिए तारणहार साबित होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77690.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77690.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3138364c39426e40c88488525b6badf1faf67de9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77690.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन के आने की उम्मीद के साथ ही यह भरोसा भी पूरी मानव सभ्यता के मन में पैदा हो गया है कि आखिरकार जीत हमारी ही होगी, एक खतरनाक वायरस की नहीं। पर कुछ मुश्किलें हैं जो इस उम्मीद के रास्ते में अड़चनें डालती प्रतीत हो रही हैं, बल्कि अंदेशा यह भी है कि उन समस्याओं को लेकर हमारा रवैया पहले जैसा ही रहा, तो कोविड-19 के बाद कोई दूसरी महामारी दुनिया की कठिनाई बढ़ाने के लिए पैदा हो जाएगी। यह समस्या चिकित्सकीय कचरे (मेडिकल वेस्ट) की है। यह समस्या हमारे देश में पहले से मौजूद थी, पर कोरोना के दौर में यह और ज्यादा बढ़ती नजर आई है। + +हाल में दिल्ली तक में जगह-जगह कूड़े के ढेर में कोरोना से बचाव की किटों और अन्य चिकित्सकीय वस्तुओं की कचरे के ढेर में मौजूदगी की सूचनाएं मिली हैं। इनके मद्देनजर डॉक्टरों ने भी यह अंदेशा जताया है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के तेज प्रसार की एक बड़ी वजह कोविड मरीजों के बायोमेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण नहीं होना भी हो सकता है, लेकिन समस्या अकेले कोविड से जुड़े कचरे की नहीं है। इस मामले में वर्षो से शिकायतें की जाती रही है कि निजी पैथोलॉजी लैब्स और बड़े-बड़े अस्पतालों तक में बायोमेडिकल कचरे का सही ढंग से निस्तारण नहीं किया जाता है, जिससे जानवर और इंसान भी संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77693.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77693.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a863195ed4e0069329f0b768760aa98e49f3774f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77693.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सम्मान प्रकट करने का दिन।सैनिकों के शौर्य की बहुरंगी कथा को सुखांत देने के उद्देश्य से 1949 में तत्कालीन रक्षामंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई और प्रत्येक वर्ष सात दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण एवं पुनर्वसन तथा युद्ध में वीरगति प्राप्त योद्धाओं के कल्याण हेतु आयोजित इस झंडा दिवस पर पूरे देश से ‘परोपकारी निधि’ में दान प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। केंद्रीय स्तर पर यह कार्य रक्षा मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सैनिक बोर्ड करता है। राज्य स्तर पर 32 राज्य सैनिक बोर्ड तथा जिला स्तर पर 392 जिला सैनिक बोर्ड इस कार्य को करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77698.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77698.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e05241a0ea329e6c5726033034e78891dc8aa5e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77698.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +माला दीक्षित, नई दिल्ली। ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब दिल्ली में सीएए कानून के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर शाहीन बाग में सड़क महीनों बंद रखी गयी थी। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि असहमति और विरोध प्रदशर्न व्यक्ति का अधिकार है लेकिन उसके नाम पर अनिश्चित काल के लिए सड़क बंद नहीं की जा सकती है। अब एक बार फिर सीएए की तरह ही किसानों ने कृषि कानून के विरोध में सड़कें बंद कर दी हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कानून और नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। ।विरोध प्रदशर्न के दौरान सड़कों को बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज से ठीक दो महीने पहले सात अक्टूबर को आया था। उस फैसले मे कोर्ट ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क बंद करने को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अनिश्चितकाल के लिए सड़क बंद नहीं की जा सकती। प्रदर्शन एक निश्चित चिन्हित जगह पर होना चाहिए। प्रशासन को सड़क से अतिक्रमण और बाधाओं को हटाना चाहिए। कोर्ट ने पुलिस प्रशासन को परिस्थिति के मुताबिक उचित कार्रवाई की छूट दी थी। ।सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई इस व्यवस्था को अभी दो ही महीने बीते हैं कि एक बार फिर दिल्ली के बार्डर जाम हैं और इस बार कारण कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन है। उस फैसले मे कोर्ट ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए। प्रदर्शन बताई गई कानूनी स्थिति के मुताबिक होना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि उनके साथ कुछ साहनुभूति और संवाद होना चाहिए लेकिन इन्हें बेकाबू नहीं होने दिया जा सकता। ।यानी कोर्ट ने उस फैसले में साफ कर दिया था कि पुलिस प्रशासन को ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए यह भी बता दिया था कि अगर शांतिपूर्ण प्रदशर्न करना मौलिक अधिकार है तो सड़क पर बिना बाधा आना जाना भी मौलिक अधिकार है और यह अधिकार बाधित नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के वकील डीके गर्ग कहते हैं कि सावर्जनिक जगह और सड़क पर आना जाना नागरिकों को अनुच्छेद 21 के तहत  मिले जीवन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार में आता है। सड़क बंद होने से बीमार व्यक्ति का जीवन का अधिकार भी बाधित होता है, जिसे अस्पताल पहुंचने के लिए एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है। ।आजकल कोरोना महामारी फैली है ऐसे में सड़क बाधित करना या भीड़ एकत्र करना और भी घातक है। वह कहते हैं कि प्रदशर्न करना मौलिक अधिकार है लेकिन यह अधिकार अबाधित नहीं है यह अधिकार कुछ नियंत्रणों के अधीन है। अमित साहनी के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिकार तर्कसंगत नियंत्रणों जैसे भारत की संप्रभुता और अखंडता तथा पब्लिक आर्डर के अधीन है। वे कहते हैं कि पुलिस प्रशासन को सड़कों से धरना हटाना चाहिए। सभी प्रदशर्नकारियों को बसों मे बैठाकर प्रदर्शन के लिए चिन्हित  स्थान पर भेजना चाहिए। ।सड़कों पर इस तरह अराजकता की स्थिति नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट के वकील एमएल लाहौती भी कहते है कि किसानों ने विरोध प्रदशर्न के नाम पर सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर कब्जा करके यातायात को बाधित कर रखा है जो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक पूरी तरह से गलत है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होना चाहिए और सड़कें खुलवाई जानी चाहिए। किसानों के प्रदर्शन के कारण सड़कें जाम हुए एक सप्ताह से ज्यादा बीत चुका है। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जिस पर सुनवाई होनी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77699.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77699.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15e8aae0d1d2d80957be3f4ab2a1bdec441b666c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77699.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हालांकि रोहिंग्या से खचाखच भरे रहनेवाले ये अवैध शिविर 2018 के अंत तक धीरे-धीरे खाली हो गए। बड़ा सवाल उठता है कि रोहिंग्या अवैध तरीके से यहां आए, यहां उन्हें शरण भी मिली और फिर चुपके से जम्मू सहित देश के अन्य हिस्सों में पहुंच गए, पर ना तो राज्य सरकार और ना ही प्रशासन ने कोई सुध ली। इधर, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के बड़े इलाके में अभी भी बाड़ नहीं लगी है। न ही वहां बिजली है। कई जगहों पर सीमा के दोनों ओर आबादी बसी है। साथ ही बड़ा इलाका पानी से घिरा है। संभव है कि में इक्का-दुक्का रोहिंग्या घुसपैठ करने में सफल हो गए होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_777.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_777.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b0c22baa29161b087c9bc8fc3320f3c2cb4b625 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_777.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दूसरी ओर, आलिया की कुल संपत्ति की बात करें तो अपने 9 साल के लंबे करियर में काफी फिल्मों और एड में काम किया है। रिपोर्ट्स की माने तो आलिया की कुल संपत्ति लगभग 74 करोड़ रुपए आंकी गई है। अभिनेत्री के पास बांद्रा में एक महंगा फ्लैट है जो उसी अपार्टमेंट परिसर में है जहां उनके बॉयफ्रेंड रणबीर रहते हैं। घर की अनुमानित कीमत 32 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, आलिया के पास एक वैनिटी वैन भी है जिसे गौरी खान ने डिजाइन किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77701.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77701.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7a854b78adece9a1912d7353a47b0bbf61f8941f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77701.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +प्रकृति की गोद में बसे झारखंड में केवल आसपास के लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से भी सैलानी घूमने के लिए आते हैं। हालांकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण थोड़े कम लोग दूसरे राज्यों से यहां पहुंच रहे हैं। यहां पर्यटक केवल झरने देखने के लिए ही नहीं बल्कि आसपास के स्थानों पर पूरी मस्ती भी करते हैं। झारखंड में कई ऐसे जगह हैं, जहां आप पूरे परिवार के साथ वन भोज का आनंद उठा सकते हैं। हालांकि इस बार लोग कोरोना संक्रमण के सुरक्षा मानकों की अवहेलना भी करते दिख रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77704.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77704.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..451dbe940a5ea4689ce600bbba10ebf2743802c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77704.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सिओल (एजेंसी)। एक तरफ पूरी दुनिया जहां पर कोरोना महामारी से लगातार दस माह से जंग लड़ रही है। वहीं कुछ देशों ने अपने यहां पर बढ़ते मामलों को देखते हुए नए साल का जश्‍न न मनाने का फैसला किया है। दक्षिण कोरिया ने अपने ताजे फैसले में नए साल के मौके पर किसी भी तरह के सार्वजनिक जश्‍न करने पर पाबंदी लगा दी है। दक्षिण कोरिया की यॉनहॉप समाचार एजेंसी के मुताबिक यहां पर एक दूसरे से दूरी के नियम के तहत इसका दायरा बढ़ा ढाई गज कर दिया गया है।आपको बता दें कि भारत समेत कई देशों में इसके लिए दो गज का नियम बनाया गया है। हालांकि कई देशों में बढ़ते मामलों की सबसे बड़ी वजह इसका कड़ाई से पालन न करना रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77708.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77708.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2784f43d0a9fe494403dcb5c40167bf705d2c75f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77708.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव संपन्‍न होने के बाद एक बार फ‍िर अमेरिका और चीन के संबंध काफी तल्‍ख हो गए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बार फ‍िर चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अमेरिकी स्‍टॉक एक्‍सचेंज में उल्लिखित 80 चीनी कंपनियों को सूचीबद्ध किया है। मंत्रालय का कहना है कि अनजाने में इन चीनी कंपनियों में अमेरिकी नागरिक धड़ल्‍ले से निवेश कर रहे हैं। सूची में शामिल कई कंपनियां चीन की सैन्‍य गतिविधियों में शामिल है। यह सूची अमेरिका और चीन के बीच संबंधों के बिगड़ने के बीच आई है। + + CCP और चीन की सैन्‍य गतिविधियों में शामिल हैं कंपनियां ।अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है चिन्हित की गई कंपनियों का संबंध चीन की सैन्‍य गतिविधियों से है। अधिकतर का संबंध चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी से है। कई कंपनियां चीन की रक्षा विभाग में भी लिस्‍टेड है। विदेश विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि MSCI और FTSE जैसे सूचकांक प्रदाताओं द्वारा विकसित कई प्रमुख स्टॉक और बॉन्ड सूचकांकों में पीपल्स रिपब्लिक शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि इनमें से कुछ कंपनियां नागरिकों की निगरानी और मानवाधिकारों के दमन के लिए प्रौद्योगिकी का उत्‍पादन करती हैं। इन कंपनियों का संबंधदमनकारी अपराधों से हैं। खासकर चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के दमन से ये ताल्‍लुक रखती हैं। ।अमेरिका ने चीन के सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों पर लगाया ब्रेक ।बता दें कि शुक्रवार को अमेरिका ने चीन के साथ सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान के रूप में प्रच्‍छन्‍न पांच कार्यक्रमों पर रोक लगा दिया था। अमेरिका का कहना है कि ये कार्यक्रम पूरी तरह से चीन कम्‍युनिस्‍ट पार्टी द्वारा वित्‍त पोषित थे। 3 दिसंबर को अमेरिकी सरकार ने चीन के शिलजियांग से कपास के आयात पर भी रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के हनन के कारण यह कदम उठाया गया है। ।अमेरिका ने चीनी अधिकारियों पर लगाया प्रतिबंध ।अमेरिका ने शुक्रवार को चीन के अधिकारियों और विदेशी प्रभाव संचालन में लगे व्‍यक्तियों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि प्रतिबंध चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के अधिकारियों या संयुक्‍त मोर्चा विभाग से जुड़े प्रचार अभियान में हिस्‍सा लेने वाले व्‍यक्ति पर लागू होगा। पोम्पिओ ने सख्‍त लहजे में कहा कि अमेरिका इस तरह के वीजा प्रतिबंधों को लागू करना जारी रखेगा। उन्‍होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का उल्‍लंघन करने वाले लोगों का अमेरिका में स्‍वागत नहीं किया जा सकता। उन पर इस तरह के प्रतिबंध लागू रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77709.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77709.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6287cdd7753dc523f16a30d1109b451217ef73e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77709.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, मुकुल व्यास। कोविड महामारी से निपटने के लिए केवल वैक्सीन के भरोसे ही नहीं रहा जा सकता। हमें दूसरे विकल्प भी तलाशने होंगे। इसी सिलसिले में कुछ ऐसे रासायनिक यौगिकों की पहचान हुई है, जिनका उपयोग कोविड के उपचार में किया जा सकता है। ये यौगिक कोशिकाओं के भीतर कोरोना फैलाने वाले प्रोटीनों को अस्त-व्यस्त करते हैं। ।इस खोज से ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटी वायरल दवाएं बनाने में मदद मिलेगी। ये कई रोगों के इलाज में काम आने वाली दवाएं होती हैं। इससे जुड़े शोध में जिन मानव प्रोटीनों के समूह का पता लगाया है, उन्हें-एसकेआइ कॉम्प्लेक्स कहा जाता है। प्रोटीनों का यह समूह कोशिका की सामान्य क्रिया प्रणाली के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करता है। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं को एक खास बात यह पता चली कि ये प्रोटीन वायरस को कोशिका के अंदर अपनी आनुवंशिक सामग्री (आरएनए) के विस्तार में भी मदद करते हैं। ।इस अध्ययन से जुड़े एक शोधकर्ता मैथ्यू फ्राइमैन ने बताया कि प्रयोग के दौरान एक बात स्पष्ट हो गई कि यदि एसकेआइ कॉम्प्लेक्स को अस्त-व्यस्त कर दिया जाए तो वायरस अपनी दूसरी कॉपी नहीं बना पाएगा। उन्होंने कहा कि हमने उन रासायनिक यौगिकों को खोज लिया है जो एसकेआइ कॉम्प्लेक्स को निशाना बनाते हैं और कोरोना वायरसों सहित दूसरे वायरसों को अवरुद्ध कर देते हैं जिनमें इन्फ्लुएंजा और इबोला के वायरस शामिल हैं। शोधकर्ता अब इन रासायनिक यौगिकों की सेफ्टी और उनके प्रभाव को देखने के लिए जानवरों पर इनका परीक्षण करेंगे। ।अमेरिकी दवा नियामक एफडीए ने अभी इन यौगिकों को अनुमति नहीं दी है। एक अन्य अध्ययन में शोधकर्ता दूसरी बीमारियों के लिए मंजूर की गई सैकड़ों दवाओं की रैपिड टेस्टिंग कर रहे हैं। वे ये देखना चाहते हैं कि क्या ये दवाएं कोविड की रोकथाम में भी काम आ सकती हैं। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मुर्गी के अंडों से निकाली गईं एंटीबॉडीज से तैयार बूंदों को नाक के अंदर लगाकर कोविड के खिलाफ तात्कालिक इम्युनिटी हासिल की जा सकती है। मुर्गियां मनुष्य की तरह ही कोरोना संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाती हैं और ये एंटीबॉडीज उनके अंडों में भी मौजूद होती हैं। ।शोधकर्ता वायरस के खिलाफ तेजी से एंटीबॉडीज बनाने के लिए मुíगयों का प्रयोग कर रहे हैं। शोधकर्ताओं का खयाल है कि चार-चार घंटे बाद एंटीबॉडीज से तैयार बूंदों के प्रयोग से अत्यधिक जोखिम वाली जगहों पर स्वास्थ्यकíमयों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने, फ्लाइट पकड़ने या ड्यूटी पर जाने से पहले इन बूंदों को नाक में लगाने से अस्थायी इम्युनिटी मिल सकती है। हालांकि अभी यह साबित नहीं हो पाया है कि मुíगयों से निकाली गई एंटीबॉडीज मनुष्यों को भी सुरक्षा प्रदान करेंगी। (लेखक विज्ञान के जानकार हैं) ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77712.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77712.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c504422ddc1287112d2b5613f8a68be4c5675583 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77712.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +स्वतंत्रता के 73 वर्षो बाद अब जाकर भारतीय भाषा के विश्वविद्यालय पर काम शुरू हो रहा है तो यह भी संविधान के अनुच्छेद 351 की मूल भावना के अनुरूप नहीं है। मैसूर में भारतीय भाषा संस्थान की स्थापना 1969 में हुई थी। अब उसका नाम और उद्देश्यों का दायरा बढ़ाकर भारतीय भाषा विश्वविद्यालय बनाने की कोशिश हो रही है। इस देश में द इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सटिी की स्थापना हो सकती है, लेकिन हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं का विश्वविद्यालय बनाने में हिचक हो रही है। वर्ष 2018 में आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान के तत्कालीन निदेशक प्रोफेसर नंदकिशोर पांडे ने 28 मई 2018 को हिंदी और अन्य भारतीय भाषा विश्वविद्यालय का एक प्रस्ताव सरकार को भेजा था। तब यह बात कही गई थी कि भारतीय भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिए गंभीर प्रयास नहीं हुए। ।अलग अलग भाषाओं और उससे संबद्ध बोलियों में बिखरी हुई वाचिक परंपरा की सामग्री का संग्रह कर लिपिबद्ध करना, भारतीयता के तत्वों के साथ ही ज्ञान-विज्ञान की वाचिक परंपरा का अन्वेषण करना और भारतीय ज्ञान परंपरा को नई तकनीक से जोड़कर संरक्षित करना इसका उद्देश्य होगा। डेढ़ साल तक इस पर मंथन होता रहा, प्रस्ताव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से होकर मंत्रलय पहुंचा। लेकिन 2019 में आम चुनाव की घोषणा के साथ हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं के विश्वविद्यालय का प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया। फिर विभागीय मंत्री व सचिव बदल गए। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के विश्वविद्यालय का नाम भी बदल गया। अब यह भारतीय भाषा विश्वविद्यालय के रूप में सामने आया है। ।इस प्रस्तावित विश्वविद्यालय के नाम से हिंदी क्यों हटा, इसका कारण ज्ञात नहीं हो सका है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 351 में साफ तौर से इस बात का निर्देश है कि हिंदी को अन्य भारतीय भाषाओं के साहचर्य से समृद्ध करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कहीं हिंदी का उल्लेख नहीं है, क्या प्रस्तावित विश्वविद्यालय से भी हिंदी का नाम इस वजह से हटा दिया गया है? या फिर राजनीति के दबाव में विश्वविद्यालय के नाम से हिंदी को हटाया गया?।दूसरी बात यह कि मैसूर के भारतीय भाषा संस्थान का नाम बदलकर भारतीय भाषा विश्वविद्यालय करने से बहुत सकारात्मक परिणाम की उम्मीद भी नहीं की जानी चाहिए। भारतीय भाषा संस्थान का उद्देश्य अलग है, वहां भाषा के शब्दों की उत्पत्ति पर अनुसंधान किया जाता है। उसे किसी विश्वविद्यालय के एक विभाग में बदल देने से उसकी व्यापकता संकुचित होगी। होना तो यह चाहिए था कि भारतीय भाषा संस्थान को मजबूत किया जाता और अलग से एक हिंदी और अन्य भारतीय भाषा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाती। यह विश्वविद्यालय किसी हिंदी भाषी प्रदेश में स्थापित किया जाता, ताकि गैर हिंदी भाषी प्रदेश के लोग वहां आकर हिंदी प्रदेशों के लोगों की मानसिकता भी समझ सकते और जब हिंदी को लेकर राजनीति होती तो उसका निषेध करते। ।दरअसल हिंदी और अन्य भारतीय भाषा विश्वविद्यालय की आवश्यकता इस वजह से भी है कि हिंदी और उसकी उपभाषाओं या बोलियों में बहुत काम करने की आवश्यकता है। इसको मशहूर पुस्तक लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया के लेखक जॉर्ज ग्रियर्सन के इस निष्कर्ष से समझा जा सकता है, जिन बोलियों से हिंदी की उत्पत्ति हुई है, उनमें ऐसी विलक्षण शक्ति है कि वे किसी भी विचार को पूरी सफाई के साथ अभिव्यक्त कर सकती हैं। हिंदी के पास देसी शब्दों का अपार भंडार है और सूक्ष्म से सूक्ष्म विचारों को सम्यक रूप से अभिव्यक्त करने के उसके साधन भी अपार हैं। हिंदी शब्द भंडार इतना विशाल और उसकी अभिव्यंजना शक्ति ऐसी है जो अंग्रेजी से शायद ही हीन कही जा सके। ।केंद्र में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी तो हिंदी को लेकर सकारात्मक माहौल बना था, क्या एक बार फिर हिंदी राजनीति का शिकार हो जाएगी? वर्ष 2014 में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि अब हिंदी को उसका उचित मान-सम्मान और दर्जा मिलेगा। ऐसा लगा भी कि इस दिशा में जल्द किसी ठोस पहल को अंजाम दिया जा सकता है, लेकिन हाल ही में जिस तरह से शिक्षा मंत्रलय द्वारा मैसूर स्थित भारतीय भाषा संस्थान को विश्वविद्यालय में परिवर्तित किए जाने की कवायद शुरू की गई है, उसे देखते हुए ऐसा लगता नहीं कि हिंदी की समृद्धि को लेकर शिक्षा मंत्रालय ज्यादा गंभीर है।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77713.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77713.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e045235dbe3cf2a3afa424b57b51f149958d703 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77713.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दुखों के कांटों में लिपटी मजबूर करती यह कहानी ट्रांसयमुना निवासी हर्षिता (बदला नाम) की है। उस हर्षिता की, जिसने 25 वर्ष के सफर में हर्ष का एक पल भी महसूस नहीं किया। परिजनों ने आर्थिक तंगी का हवाला देकर सातवीं में पढने वाली हर्षिता की शादी उसकी बहन के साथ बाल अवस्था में ही कर दी। 13 वर्ष की उम्र में वह आगरा कैंट के पास सोहल्ला में ससुराल पहुंच गई। बचपन के सुख भूली हर्षिता को शादी के कुछ समय बाद ही बदकिस्मती ने दूसरी ठोकर दी। पति कल्लू (बदला नाम) उसे रोजाना पीटने लगा। हर्षिता ने किसी तरह चार वर्ष गुजारे तो पति ने जुल्म का दायरा और बढ़ा दिया। हर्षिता ने उसे तलाक देकर दूसरी शादी कर ली। दूसरे पति सतीश (बदला नाम) ने उसे नए सिरे से जिंदगी शुरू करने का हौसला दिया। उसके दामन से लिपटी मुसीबतों को धौने की बात कही। उसे भी लगा कि अब किस्मत करवट बदलेगी, लेकिन ये सब बाते भी उसकी कहानी का पत्र बनने तक ही सीमित थीं। सतीश ने भी जुल्म ढाने शुरू कर दिए। शादी के एक वर्ष बाद बेटी को जन्म दिया तो उम्मीद जागी कि शायद इस किलकारी के साथ खुशियां लौट आएं पर यह भी भ्रम निकला। हर्षिता ने बताया कि बेटी सालभर की नहीं हुई थी। सतीश के जुल्मों की रफ्तार बढ़ने लगी। उसने मुसीबतों के बीच एक बेटी व एक बेटा को और जन्म दिया। इसके बाद भी पति का आतंक बढ़ता गया तो हर्षिता ने बच्चे के सहारे अकेले रहने की ठान ली। उसने कोठियों में साफ- सफाई व बर्तन पौंछा करके और मां-बाप के साथ ट्रांसयमुना मायके में जाकर रहना शुरू कर दिया। सात सौ रुपये प्रति घर से मिलने वाली रकम से ही वह बच्चों को पालने लगी। यहां तक भी अच्छी-खासी गुजर बसर होने लगी, लेकिन आचनक से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हुआ लाकडाउन उनकी कमाई पर ग्रहण बन गया पर हर्षिता ने हिम्मत नहीं हारी और किराए पर ठेल लेकर गली-गली सब्जी बेचनी शुरू कर दी। वह रोजाना सुबह तीन बजे उठकर बसई सब्जी मंडी से सब्जी खरीदती हैं। फिर पूरे ट्रांसयमुना इलाके में उसे बेचती हैं। इसके बाद शाम को नुनिहाई सब्जी मंडी में ठेल लगाती हैं। इससे उनकी जिंदगी का पहिया सही घूमने लगा है। अब वह बच्चों को पढ़ाने की जुगत में लगीं हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77724.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77724.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ced9f5e767ea430dcfbc7391c3f33d79fd1b3532 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77724.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +1921 में रखी गई थी मौजूदा भवन की नींव ।वहीं मौजूदा संसद भवन का संरक्षण किया जाएगा क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है। मौजूदा इमारत ब्रिटिश युग की इमारत है, जिसे एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था, जो नई दिल्ली की योजना और निर्माण के लिए जिम्मेदार थे। मौजूदा संसद भवन का नींव का पत्थर 12 फरवरी, 1921 को रखा गया था। इसके निर्माण में छह साल लगे थे। उस समय संसद भवन की लागत 83 लाख रुपये आई थी। उद्घाटन समारोह 18 जनवरी, 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था। + +काफी कुछ पुराने जैसी होगी नई संसद भवन की इमारत  ।लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नई इमारत का स्‍वरूप मौजूदा संसद के समान होगा। उन्होंने कहा कि नई इमारत में एक तहखाना, भूतल, पहली और दूसरी मंजिलें होंगी और इसकी ऊंचाई भी पुरानी इमारत जैसी ही होगी, ताकि दोनों समरूपता में हों। ओम बिरला ने कहा कि निमंत्रण सभी राजनीतिक दलों को दिया जाएगा। कुछ लोग शारीरिक रूप से भाग लेंगे और अन्य लोग वर्चुअल उपस्थित होंगे। बिरला ने कहा कि 10 दिसंबर को सभी कोविड संबंधी दिशा- निर्देशों का पालन करते दोपहर 1 बजे शिलान्‍यास का कार्यक्रम होगा। नियमों के अनुसार, संसद के निचले सदन का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक भी होता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77727.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77727.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6c2f8f5d4f61e3434f3a9a5ba1d94697c41eecff --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77727.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विशेषज्ञों के मुताबिक अब इसे जानकारी का अभाव कहे या लापरवाही कि घर-घर से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट जैसे मास्क, दस्ताने, फेस शिल्ड, दवाओं के पैकेट आम कचरे के साथ मिलकर डलाव घरों पर पहुंच रहे है। सड़क पर आते-जाते लोग कहीं भी मास्क व दस्तानों को फेंक चलते बनते है। ये रवैया बिल्कुल गलत है। उस मास्क व दस्ताने पर संक्रमण के अंश होते है और उनके संपर्क में आकर सफाई कर्मचारी व बेसहारा पशु भी संक्रमण की चपेट में आ सकते है। ।इसके अलावा हाेम आइसोलेशन खत्म होने के बाद निगम की जिम्मेदारी है कि वह उस व्यक्ति के घर से मेडिकल वेस्ट को एकत्रित कर उसका उचित प्रबंधन करें। लेकिन संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण निगम अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह ठीक ढंग से नहीं कर रहा है। जिसके कारण वो मेडिकल वेस्ट भी आम कचरे के साथ मिलकर डलाव घरों व लैंडफिल साइटों पर पहुंच रहा है। कोरोना महामारी से अलग हटके बात करें तो अधिकांश घरों में लोग बीमार है और उनका इलाज चल रहा है। वे भी मेडिकल वेस्ट को अलग रखने के बजाय आम कूड़े में डालकर कर्मचारी को सौंप देते है। लैंडफिल साइट पर पहुंचकर वहां कूड़े को खाद में तब्दील कर पेड़-पौधों में इस्तेमाल किया जा रहा है। ।इसके अलावा सफाई कर्मचारी व बेसहारा पशु सीधे इस मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आ रहे है। जिसका उनके स्वास्थ्य पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कूड़े का कुछ अंश नालों में जा रहा है और नाले का वही पानी शोधित होकर लोगों के घरों व खेतों की सिंचाई में इस्तेमाल हो रहा है। कूड़े व पानी में मिलकर ये बायो मेडिकल वेस्ट संक्रमण को बढ़ावा दे रहे है, जिससे एचआईवी, हेपेटाइटस जैसी घातक बीमारी के मामले भविष्य में बढ़ सकते है और सर्वव्यापी महामारी बन सकती है। बायो मेडिकल वेस्ट का उचित प्रबंधन न करना कानून अपराध है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ लोगों को इसके प्रबंधन के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।  ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77728.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77728.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..92a772b32fa6b7c23e392868d91760909622b2bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77728.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र की शिवसेनानीत सरकार में शामिल दलों के नेताओं के बयान देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे मुंबई के 521 एकड़ में बनी दादा साहब फाल्के चित्र नगरी यानी फिल्म सिटी को कोई यहां से उठाकर कहीं और स्थापित करने की योजना बना रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मुंबई दौरे के दौरान यह कहकर इसका ताíकक जवाब दे चुके हैं कि यह प्रतिस्पर्धा का युग है, जो राज्य सुविधाएं देगा, माहौल देगा, वह निवेशकों को आकर्षति करने में सफल रहेगा। लेकिन शिवसेना एवं शिवसेनानीत सरकार के अन्य दलों से यह सवाल तो बनता ही है कि अपने लंबे कार्यकाल में आपने मुंबई की फिल्म सिटी के लिए क्या किया?।मुंबई महानगर के गोरेगांव उपनगर में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के सघन वनक्षेत्र से सटी है मुंबई की फिल्म सिटी। इसे 1977 में फिल्मकार वी शांताराम के निर्देशन में तैयार किया गया। आजादी के बाद के तीन दशकों में दिलीप कुमार, राजेंद्र कुमार और राजेश खन्ना की न जाने कितनी सुपरहिट फिल्में आ चुकी थीं। वह भी हिंदी भाषा में। जाहिर है इन फिल्मों की शूटिंग तब मुंबई शहर में स्थित फिल्मिस्तान, राजकमल, महबूब एवं कमाल अमरोही जैसे स्टूडियो में ही हुई होगी। इतनी लोकप्रिय फिल्में देखने के बाद महाराष्ट्र जैसे उन्नत राज्य को मुंबई में फिल्म सिटी बनाने की सुधि आई। यह दिग्गज फिल्म निर्माता वी शांताराम की दृष्टि का ही कमाल था कि गोरेगांव के हरेभरे वनक्षेत्र में फिल्म सिटी बनाने के लिए पहाड़ों, झरनों, नदी और दो-दो झीलों के किनारे की प्राकृतिक जगह चुनी गई, जहां मंदिर, जेल, कोर्ट, गांव, सुंदर पार्क, हेलीपैड, पिकनिक स्पॉट इत्यादि बनाकर उसे फिल्म सिटी का रूप दिया गया। + +बाद में यहां अलग-अलग आकार के करीब 16 स्टूडियो भी बनाए गए, जहां अंदर ही सेट तैयार कर शूटिंग की जा सके। 1977 के बाद के कुछ वर्षो में तैयार इस फिल्म सिटी की इसके बाद महाराष्ट्र की किसी सरकार को याद नहीं आई। न तो कांग्रेस की सरकारों को, न चार बार मुख्यमंत्री रहे शरद पवार को, न ही 1995 में भाजपा के साथ बनी शिवसेनानीत सरकार को। इन सरकारों को यह याद भी नहीं आया कि बॉलीवुड लाखों लोगों को रोजगार भी देता है, जबकि 1977 के बाद के 40 वर्षो में फिल्म निर्माण तकनीक कहां से कहां पहुंच चुकी है। न जाने कितने वर्ष बीत चुके हैं फिल्म सिटी को अपने विशाल परिसर में एक साथ तीन-चार बड़ी फिल्मों के सेट लगे देखे हुए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77731.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77731.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9680b6f616565ec716130e3f031deb0c768f7a9a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77731.txt @@ -0,0 +1,12 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। भारत ब्रह्मपुत्र नदी पर देश का सबसे लंबा पुल बना रहा है। ये उसकी छह प्रस्तावित पुल परियोजनाओं में से एक है। इससे भूटान, पूर्वोत्तर भारत तथा वियतनाम आपस में जुड़ जाएंगे। यह न सिर्फ भारत और जापान के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक होगा, बल्कि क्षेत्र में चीन की बढ़ती पैठ को भी संतुलित करेगा। + +आसियान के कई देशों को लाभ: इस पुल के निर्माण से आशियान यानी दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के सदस्यों को लाभ होगा। इनमें म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया व लाओस शामिल हैं। 19 किलोमीटर लंबा धुबरी-फुलबारी पुल असम के धुबरी और मेघालय के फुलबारी को जोड़ेगा। इसका आखिरी किनारा भूटान में होगा। वर्ष 2018 में पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए भारत व जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के बीच हुए करार के बाद पुल के निर्माण की सरगर्मी तेज हुई थी। + +जुड़ेंगे दो अंतरराष्ट्रीय कॉरिडोर: दो कॉरिडोर को जोड़ने का प्रयास है। इनमें भारत की तरफ से शुरू किए गए भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय हाईवे और ईस्ट-वेस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर शामिल हैं। ईस्ट-वेस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर की पहल जापान ने थाईलैंड, लाओस व वियतनाम के साथ मिलकर की है। यह भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और जापान की मुक्त व खुला हिंद प्रशांत रणनीति का हिस्सा है। + +मणिपुर से होगी शुरुआत: भारत की तरफ से बात करें तो इस त्रिपक्षीय हाईवे की शुरुआत मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह से होगी। म्यांमार में प्रवेश करने के बाद मांडलया की तरफ जाएगा जो ऐतिहासिक शहर है। यह इर्रावड्डी नदी के तट पर स्थित है और 471 किलोमीटर दूर है। इसके बाद सड़क थाईलैंड की सीमा की तरफ बढ़ जाएगी। इस क्रम में म्यांमार का आखिरी शहर म्यावड्डी होगी। + +अहम होगा म्यावड्डी: म्यावड्डी दोनों हाईवे परियोजनाओं का जंक्शन होगा। यह ईस्ट वेस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर (ईडब्ल्यूईसी) का प्रारंभ बिंदु होगा जो वियतनाम के डा नांग तक जाएगा। डा नांग दक्षिण चीन सागर का तटवर्ती शहर है। आज डा नांग अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा दुनिया का व्यस्ततम विमान हब बन गया है, क्योंकि यहीं से अमेरिकी वायुसेना के विमान बमबारी के लिए उड़ान भरते हैं। + +लाओस का गेटवे होगा मुखंडन: 1450 किलोमीटर लंबा ईडब्ल्यूईसी थाईलैंड के मुखंडन प्रांत से गुजरेगा जो लाओस का गेटवे होगा। यह 1.6 किलोमीटर लंबा थाई-लाओ फ्रेंडशिप ब्रिज से जुड़ेगा, जिसका निर्माण जापानी सहयोग से मेकांग नदी पर किया जा रहा है। लाओस के सवन्नाखेत के बाद यह 486 किलोमीटर दूर डा नांग तक जाएगा। रास्ते में जापान के लोग 6.28 किलोमीटर लंबी हाई वान सुरंग बनाएंगे। यह दक्षिणपूर्व एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। इसके जरिये मध्य वियतनाम का हुए शहर डा नांग के साथ जुड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77732.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77732.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc727b85925cb79d55603c8feb0c98f87f6d6906 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77732.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ऑफिस हो या कोई अन्य संस्थान, फिंगरप्रिंट या आइडी स्कैनर्स का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इन दिनों टच आधारित फिंगर प्रिंट अटेंडेंट सिस्टम सुरक्षित नहीं माना जा रहा। लॉकडाउन के दौरान जब कार्तिकेय के पिता ने भी अपने दफ्तर की इस समस्या की ओर उनका ध्यान दिलाया और पूछा कि क्या इसका कोई समाधान हो सकता है? उसके बाद ही कार्तिकेय ने इसके ऊपर विचार करना शुरू किया। उन्हें एक ऐसा एप विकसित करने का आइडिया आया जिससे बिना टच किए अटेंडेंस लगाया जा सकता है। कुछ महीनों में उन्होंने तीन इंटर्न की मदद से एक प्रोटोटाइप तैयार किया और आखिरकार वे चक्षु फेस अटेंडेंस नामक एप विकसित करने में कामयाब रहे। इस एप को उनके पिता के दफ्तर में इंस्टॉल किया जा चुका है। ।इसके अलावा, जयपुर के डीएफसीसीआइएल एवं सहारनपुर के स्किल्ड ग्लोबिजेन्स स्कूल में इसका प्रयोग किया जा रहा है। कार्तिकेय बताते हैं कि चक्षु एप की मदद से कोई भी कंपनी या संस्थान एंड्रॉयड डिवाइस (फोन या टैबलेट) के माध्यम से अपने कर्मचारियों का अंटेंडेंस रजिस्टर कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इसमें लगे स्पूफसेंस की मदद से बड्डी पंचिंग की समस्या से भी निजात मिल जाती है। इस एप में पाइटॉर्च (पावरफुल मशीन लर्निंग फ्रेमवर्क) का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कर्मचारियों की फोटो, आइडी, शिफ्ट टाइमिंग, डिपार्टमेंट की विस्तृत जानकारी दर्ज की जा सकती है। यह एक विश्वसनीय फेस अटेंडेंस सिस्टम है। एप पूरी तरह सिक्योर एवं सक्षम है। इसे आगे और भी विकसित किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल ऑफिस, होटल, अस्पताल एवं तमाम अन्य क्षेत्रों में संभव है। ।कार्तिकेय के अनुसार, यूनिवर्सिटी में इनोवेशन करने का उत्साहवर्धक माहौल दिया जाता है। यहां के स्तरीय लैब्स में स्टूडेंट्स को लाइव प्रोजेक्ट्स पर काम करने का मौका मिलता है। खासकर सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप ऐंड इनोवेशन स्टार्ट अप को विकसित होने का अवसर देता है। यहां हम सभी रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करते हैं। कार्तिकेय को हमेशा से टेक्नोलॉजी आकर्षित करती थी। वे मजे-मजे में कोडिंग भी किया करते हैं। आने वाले समय में वह और भी एप विकसित करना चाहते हैं, जिससे लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों का हल निकाला जा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77734.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77734.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00b068294a6a31002ddd64e2bb0cddc90373362c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77734.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आंकड़ों का क्रम सर्वाधिक मौतों के आधार पर।मौसम -हादसे -मौत -घायल -प्रतिशत।हेल- स्लीट यानी ओलों और हिमपात का मौसम  ।-1,715 -906 -1,288 - 4.0।कुल: 42,572 -22,655 -28,932।लेकिन हादसों और मौतों में टॉप पर साफ मौसम।साफ मौसम में जान गंवाने वालों की संख्या न केवल हादसों में टॉप पर है बल्कि इस मौसम में लापरवाही सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में सर्वाधिक मौत इसी मौसम के नाम दर्ज हैं। इस मौसम में कुल दुर्घटनाएं 17,703 हुईं। इनमें कुल मौतों का एक बड़ा आंकडा 9,327 लोगों की जान जाना है। वहीं गंभीर रूप से चोटिल 11,821 ऐसे लोग जो जिंदगी भर इस दंश का सामना करने को मजबूर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77735.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77735.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..022c4232cd98d74e28b2f4847299e69109af5e40 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77735.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनीति के लिए ट्रैक्टर का सहारा ।आम आदमी पार्टी का पूरा ध्यान इस बात पर है कि किसान आंदोलन में शामिल होने आए लोगों को असुविधा न हो। पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री, सांसद तक इसी कार्य में लगे हैं। सभी अपने अपने तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और किसानों को अहसास करा रहे हैं कि वे उनके साथ हैं। इसी अहसास कराने की प्रक्रिया में पार्टी से राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता अपने तरीके से आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। किसानों की तरह कपड़े पहन रहे हैं। ट्रैक्टर चलाकर हरियाणा बार्डर पर आंदोलनकारियों के बीच पहुंच रहे हैं। यह सर्वविदित है कि गुप्ता जी ऑडी व बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारों के शौकीन हैं। ट्रैक्टर चलाकर प्रदर्शनकारियों में पहुंचने को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गुप्ता जी पार्टी की ओर से हरियाणा के सह-प्रभारी हैं। इसलिए उनका खासकर हरियाणा पंजाब के किसानों पर फोकस है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77736.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77736.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0a7d847fdd794580726e17e8575353b28c4393b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77736.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। अंबाला से दिल्ली जाते हुए जीटी रोड पर रास्ते में एक कस्बा पड़ता है तरावड़ी। वैसे तो यहां नगरपालिका है, लेकिन जीटी रोड से सटा होने के कारण खेती भी खूब होती है। पृथ्वी राज चौहान के किले और बासमती चावलों से तरावड़ी की पहचान न केवल भारत बल्कि विदेश में भी है। तरावड़ी का चावल बिक्री के लिए आधा दर्जन देशों में जाता है। यहां के 40 वर्षीय प्रगतिशील किसान हैं विकास चौधरी। बीए तक पढ़े-लिखे विकास ने दसवीं के बाद ही अपने पिता के साथ खेती शुरू कर दी थी। उनके पास 35 एकड़ जमीन है। + +उम्र 40 साल, जमीन 35 बीघा, खेती का शौक 10वीं से, प्रगतिशील किसानी के लिए मिले 40 अवार्ड।केंद्र सरकार ने करीब नौ साल पहले 2011 में विकास चौधरी के खेत में क्लाइमेट स्मार्ट फार्मिंग का एक प्रोजेक्ट लगाया था, जिसमें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के चार और जापान के एक छात्र ने पीएचडी भी की। खेती के नए-नए आइडिया लेकर ये स्टूडेंट्स यहां से निकले। उनकी पीएचडी 2019 में पूरी हुई है। बहरहाल, आज पूरे देश में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर बहस छिड़ी हुई है। अधिकतर प्रगतिशील किसान इन बिलों के हक में हैं और इनका विरोध करने वालों की समझ पर सवाल उठा रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77738.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77738.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..311ef2ba584c033c981c6b7316f735d235d9676e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77738.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ रेसकोर्स क्लब की सालाना घुड़दौड़ से लेकर इसके रखरखाव का प्रबंधन अभी एक स्टीवर्ड कमेटी करती है। कमेटी में सेना के अधिकारी और शहर की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल होती हैं। मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लखनऊ रेसकोर्स क्लब के पदेन अध्यक्ष होते हैं, जिनके अधीन क्लब के सचिव की तैनाती की जाती है। सचिव ही कमेटी के आदेशों को लागू करते हैं। पिछले महीने स्टीवर्ड कमेटी की बैठक में लखनऊ रेसकोर्स क्लब के रखरखाव, घोड़ों की दौड़ से लेकर इससे जुड़े सभी कामों के लिए बाईलाज बनाने की सहमति बनी है। जीओसी मेजर जनरल राजीव शर्मा ने लखनऊ रेसकोर्स क्लब को भी देश के प्रतिष्ठित क्लबों की तरह नियम तय करने के आदेश दिए, जिसके बाद कमेटी ने उन क्लब के बाईलाज को मंगाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77745.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77745.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..31d08fe1ab8c2b1874a7474e36da8bcdc82f842b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77745.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केंद्रीय कारागार में बंदियों के पुनर्वास के लिए कई उद्योग संचालित हैं। इससे कि बंदी यहां से सजा काटकर बाहर निकलने के बाद दोबारा अपराध के रास्ते पर जाने की जगह अपने पैरों पर खड़े हो सकें। अपने और परिवार के लिए आजीविका कमा सकें। इसके लिए केंद्रीय कारागार में ही इन बंदियों को विभिन्न उद्योगों में प्रशिक्षित किया जाता है । इनमें से एक फिनायल और साबुन उद्योग भी है। जिसमें दो दर्जन से ज्यादा बंदी काम कर रहे हैं। + +केंद्रीय कारागार को मुख्यालय द्वारा कच्चा माल उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जेलों द्वारा डिमांड के आधार पर फिनायल और साबुन तैयार करके भेजा जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 30 जेल आगरा केंद्रीय कारागार में बंदियों द्वारा बनाए जाने वाले फिनायल और साबुन की नियमित ग्राहक हैं। यह फिनायल जेलों में साफ-सफाई के काम आता है। जबकि साबुन बंदियों को उनके दैनिक कार्यो के लिए दिया जाता है। केंद्रीय कारागार को इससे हर साल लाखों रुपये की कमाई भी होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77748.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77748.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2dafeb3fc82bdb166f88208edaf9f4f4a5be2157 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77748.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। यह समस्या आम है जिसका सामना अक्सर आपको भी करना पड़ता होगा, जब बैंक कैशियर या एटीएम से गंदे नोट आपके हाथों में पहुंचते होंगे। आप कैशियर से स्वायल्ड नोट (सड़े-गले, कटे-फटे, गंदे नोट) बदलने के लिये भी कहते होंगे, मगर कैश काउंटर पर यह कहकर टरका दिया जाता है कि सब चलता है या फिर और नोट है नहीं। + +एटीएम से निकले नोट लेने के लिए आप मजबूर रहते हैं। मगर आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि बैंको द्वारा आपको (ग्राहक) सड़े, गले, गंदे, कटे ,फटे नोट देना ही नहीं चाहिए। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशोंनुसार, स्वायल्ड नोट बैंको द्वारा ग्राहक को नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसा करने पर बैंकों पर दंड का भी प्रावधान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77751.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77751.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7e7355ba96644ae03a6329cb543c94f31a7ca0dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77751.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संगीत के लिए छोड़ी इंजीनियरिंग।इंजीनियरिंग छोड़ी, तो परिवारवाले खुश नहीं थे, पर मैं अपनी राह चुन चुका था। मुंबई में ही रहकर साउंड इंजीनियरिंग की, ताकि अपने संगीत को और बेहतर कर सकूं। उसी दौरान मेरी मुलाकात विकास भल्ला, सोफिया चौधरी, अरुण डागा से हुई। कंपोजर के तौर पर तीन नॉन फिल्मी एल्बम रिलीज हुए। कंपोजर के तौर पर पहला नॉन फिल्मी हिट सॉन्ग दर्शन रावल का बारिश लेते आना...था। फिर होली गीत होलिया में उड़े रंग लाल-लाल रे...ने खूब धूम मचाई। भिंडी बाजार से पहला फिल्मी ब्रेक मिला। सारे गाने मुझे ही मिले थे। उस फिल्म में एक गाना गाया भी, यहां से राह थोड़ी आसान हुई। उसके बाद ब्लू मॉन्टेन फिल्म मिली। तीन साल पहले दिलफिरे फिल्म का दिल बेपवाह गाना...किया, जो खूब पसंद किया गया। जल्द ही दो फिल्में और वेब सीरिज रिलीज होने वाली है। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77752.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77752.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..49b59cc9486bc43f24ed979d8e20a3ce78fc3af1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77752.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मध्य प्रदेश के खंडवा से असलहों की सप्लाई बढ़ी : बीते दिनों पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि बिहार से लाकर असलहे सप्लाई करने वाले कई लोगों के पकड़े जाने के बाद अब मध्य प्रदेश के खंडवा से असलहों की सप्लाई बढ़ी है। मध्य प्रदेश के बुरहान जिले से भी बड़ी संख्या में अवैध असलहों की सप्लाई होती है। इसके अलावा राजस्थान, हरियाणा व महाराष्ट्र से भी इसकी सप्लाई की जाती है। एसटीएफ ने बीते दिनों मध्य प्रदेश से असलहों की सप्लाई करने वाले सात से अधिक गिरोह पकड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77753.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77753.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6840fc9be5ca34aeeb2e04451c2183a93122d725 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77753.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आठ दिसंबर को मंदिर के मूल ढांचे पर लगेगी अंतिम मुहर : सात और आठ दिसंबर को श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक होगी, जिसमें मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर निर्णायक चर्चा होगी। मूल ढांचे के निर्माण पर भी मुहर लगेगी। इसमें निर्माण समिति सहित एलएंडटी व टाटा के कंसल्टेंट इंजीनियर और आइआइटी, चेन्नई समेत देश भर के कई अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र दिल्ली से बैठक में शामिल होने आएंगे। वे दो दिनी प्रवास के दौरान ट्रस्ट के सदस्यों के साथ बैठक भी कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77755.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77755.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbf4bad811db12c9260b7f3b72c128d6f1e7f096 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77755.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्‍क )। भोपाल गैस कांड और इससे जुड़ी एक तस्‍वीर को भारत और यहां के लोग कभी नहीं भूल सकेंगे। ये तस्‍वीर 4 दिसंबर 1984 को फोटोग्राफर रघु राय ने खींची थी। उस वक्‍त ये ब्‍लैक एंड व्‍हाइट थी। इसके बाद इस तस्‍वीर को पाब्‍लो बार्थोलमियो ने कलर इमेज के साथ नया रूप दे दिया था। पाब्‍लो एक स्‍वतंत्र फोटो जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम करते थे। ये फोटो यूं तो भापोल गैस हादसे के दो दिन बाद खींची गई थी, लेकिन इस फोटो ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तहलका मचाया था। ये फोटो आज भी इस हादसे की कहानी बयां करती है। इस हादसे में एक ही रात में दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इसमें मारे गए कुल लोगों की संख्‍या करीब 16 हजार तक थी। + +नहीं मिला इंसाफ खत्‍म हो गए कई अहम लोग । 36 वर्षों के बाद भी इस हादसे के पीडि़तों को पूरा न्‍याय नहीं मिल सका है। आज भी कोर्ट के अंदर इसके मुआवजे का मामला लंबित है। इस बीच इस हादसे के मुख्‍य आरोपी और फैक्ट्री के संचालक वॉरेन एंडरसन की 29 सितंबर 2014 को उसकी मौत हो गई। इसके अलावा भोपाल गैस त्रासदी को लेकर आवाज उठाने वाले और पीडि़तों को न्‍याय दिलाने की लड़ाई लड़ने वाले अब्‍दुल जब्‍बार का भी 14 नवंबर 2019 को निधन हो गया। उन्‍हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्‍मानित किया था। वे भोपाल गैस पीड़िता महिला उद्योग संगठन के संयोजक थे। आपको बता दें कि भोपाल गैस हादसा दुनिया के कुछ बड़े औधोगिक हादसों में शामिल किया जाता है। इस गैस हादसे उन्‍होंने भी अपने माता-पिता और भाई को भी खोया था। + +इस हादसे की वजह से 2-3 दिसंबर की रात की गिनती देश के इतिहास में काला दिन के तौर पर होती है। इस हादसे की वजह यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने में हुआ जहरीली गैस का रिसाव था। ये ऐसे समय में हुआ था जब लोग अपने घरों में सो रहे थे। रिसाव शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही इसकी गिरफ्त में भोपाल का बड़ा हिस्‍सा आ चुका था। धीरे-धीरे लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्‍कत हो गई थी। किसी को ये नहीं समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये सब कुछ क्‍यों हो रहा है। रातों-रात लोगों को उलटी शुरू हो गई और सड़कों पर पड़ी लाशों की गिनती बढ़ने लगी थी। मध्‍य प्रदेश की तत्‍कालीन सरकार ने इस हादसे में 3787 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी। इस हादसे की चपेट में पांच लाख लोग आए थे। जिस गैस की वजह से भोपाल के लोगों की हालत खराब हुई थी उसका नाम मिथाइल आइसो साइनाइट (Methyl Isocyanate Gas) था। इसका उपयोग कीटनाशक के तौर पर किया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77759.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77759.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed03de69e6558c9ca25366f6ee39b3c0cc0c2502 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77759.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा जिस तरह से ऐतिहासिक जीत की तरफ आगे बढ़ रही है वहीं कांग्रेस लगातार अपना वजूद खोती जा रही है। एक दशक के दौरान उसका ये हाल हुआ है। इसके पीछे कई वजह हैं। जिनमें से एक सबसे बड़ी वजह पार्टी का नेतृत्‍व है। जानकार मानते हैं कि पार्टी में नेतृत्‍व या परिवार के प्रति आस्‍था रखने वालों को आगे बढ़ाने की नीति ने पार्टी से उनकी राजनीतिक विरासत छीन ली है। इसके अलावा वह लगातार अपनी राजनीतिक जमीन भी खोती जा रही है। इस संस्‍कृति में जनाधार वाले नेता हाशिए पर जाते रहे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77760.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77760.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ed0937ec710619b1259d6e0f7bdddfa310e3082 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77760.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +डॉ. अंबरीश मित्तल। सर्दियों का आगमन हो चुका है और इसके साथ ही घटता हुआ तापमान और बढ़ता हुआ प्रदूषण कोरोना संक्रमण की दर को निश्चित रूप से बढ़ा सकता है। यह चुनौती और भी बढ़ सकती है यदि कोई व्यक्ति पहले से अन्य बीमारियों जैसे डायबिटीज, सांस संबंधी संक्रमण या उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो। दरअसल, तापमान में यह परिवर्तन हमारे लिए कई बदलाव लेकर आता है, विशेष रूप से यह हमारी दिनचर्या और खानपान की आदतों को बहुत प्रभावित करता है। सर्दियों में हमारी सुबह की सैर और बाकी व्यायाम बहुत ही अनियमित हो जाते हैं साथ ही हमारे खाने में गरिष्ठ भोज्य पदार्थों का समावेश होने लगता है। + + विटामिन-डी की न हो कमी: अधिकतर व्यक्ति विटामिन-डी की कमी से किसी न किसी स्तर से जूझ रहे होते हैं और सर्दियों में यह समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि इन दिनों हमें पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं मिल पाती है। वर्तमान में कोरोना वायरस एवं प्रदूषण की वजह से घर में या बंद दरवाजों में ही रहने की मजबूरी ने सूर्य की किरणों को हम तक पहुंचने के रास्ते को और मुश्किल बना दिया है। इस मुश्किल भरी स्थिति से अपने को बचाए रखने के लिए, अपने डॉक्टर की सलाह से विटामिन-डी की अतिरिक्त खुराक अवश्य लें। जब भी संभव हो धूप का सेवन करें। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77764.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77764.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2c9ccb6a48400eef993e68bda8fff3c4ba421e7d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77764.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मंत्रालय की स्वीकृति के बाद एनबीटी ने 29वें विश्व पुस्तक मेले की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि इसे दिल्ली पुस्तक मेले की तरह औपचारिकता के लिए नहीं लगाया जाएगा। एनबीटी की नजर में वह तो एक डिजिटल पेज की तरह था, जबकि विश्व पुस्तक मेले को थ्रीडी तकनीक की सहायता से कुछ इस तरह लगाया जाएगा कि इससे जुड़ने पर बिल्कुल ऐसा लगे कि जैसे मेले में ही घूम रहे हों। मेले में भारतीय ही नहीं, विदेशी प्रकाशकों के भी स्टाल होंगे। मेले की थीम हालांकि अभी तय नहीं हो सकी है, लेकिन थीम मंडप भी बनाया जाएगा। वर्चुअल मेले के बेहतर आयोजन के लिए बाकायदा किसी आइ टी फर्म की सेवाएं ली जाएंगी, जिसके लिए जल्द ही टेंडर भी निकाला जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77765.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77765.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..90df4c6304522cfbef1a83656e4ccb1e4e68839a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77765.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, निर्लोष कुमार। सन 1971 में पाक से युद्ध के दौरान ताजमहल ने भी अपना हक अदा कर दिया था। इस स्मारक को केंद्र बिंदु मानकर दुश्मन के रडार पर कहीं खेरिया एयरबेस न आ जाए, इसके लिए ताजमहल को 15 दिन हरे रंग की टाट-तिरपाल से ढक दिया गया था। स्मारक के आसपास टहनियों और झाडियों को ऐसा रखा गया था कि ये जंगल जैसा नजर आए। ये उपाय कारगर साबित भी हुआ। ।तीन दिसंबर, 1971 की शाम खेरिया रनवे के पास और कीठम पर पाक के विमानों ने बम बरसाए थे। रनवे के पास गहरा गड्ढा हो गया था। दुश्मन फिर से ये हरकत न कर सके, इसके लिए ताजमहल को ढकने के आदेश दिए गए। इसके पीछे आशय ये था कि ताजमहल की इमारत इतनी ऊंची है कि रडार पर आ जाती है और यहां से दूरी का अनुमान कर खेरिया एयरबेस दुश्मन के निशाने पर आ सकता था। स्मारक ही रडार पर नजर न आए, इसलिए इसके स्वरूप को बदलने के लिए ढकने का उपाय खोजा गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77766.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77766.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..736c81fe96cc744d1202c3d3cb29326529df65bc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77766.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हर्षित ने मेरठ के एनआइजेटी (नेशनल इंस्टीट््यूट आफ ज्वैलरी टेक्नोलाजी) और फिर सूरत के आइएसजीजे (इंटरनेशनल स्कूल आफ जेम्स एंड ज्वैलरी) से डायमंड डिजाइङ्क्षनग और ग्रेङ्क्षडग का कोर्स किया है। उन्होंने सूरत में प्रशिक्षण के बाद वहां हीरे तराशने वाली कंपनियों में काम भी किया। डेढ़ वर्ष पहले उन्होंने ज्वैलरी शोरूम खोला था। उनके पिता अनिल बंसल का इलेक्ट्रिकल आइटम का व्यापार है। 25 वर्षीय हर्षित ने बताया कि शुरू से ज्वैलरी व्यवसाय में कुछ करने का सपना था। पिता ने उन्हें प्रोत्साहित किया। जिस समय वह सूरत में प्रशिक्षण कर रहे थे उसी दौरान उन्हें इस प्रकार की अंगूठी डिजाइन करने का विचार कौंधा था। अंगूठी कोरोना काल के पूर्व तैयार हो गई थी। पर इसकी लांङ्क्षचग और गिनीज बुक की टीम द्वारा कई महीने चली जांच के बाद 30 नवंबर को प्रमाण पत्र मिला। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77768.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77768.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59b2f30e945e929ac4d222b4206cb8bfdc48a6f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77768.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बता दें कि दिल्ली के विषय में यह भी पाया गया कि वर्ष भर सामान्य प्रदूषण स्तर जाड़े में काफी ज्यादा बढ़ जाता है। जाड़े में पीएम 2.5 का स्तर, जो अत्यंत सूक्ष्म धूलकण हैं एवं फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है, इस वर्ष नवंबर में दीवाली के आसपास बहुत ज्यादा बढ़ गया। पीएम 2.5 व पीएम 10 के स्तर में पूरे वर्ष की तुलना में नवंबर में 70 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77770.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77770.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0f5e8716fc874fea1db87b08dc3071ff3424c813 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77770.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। पंजाब व हरियाणा में मंडियां प्रभावी हैं। इसका लाभ जितना किसानों को होता है, उससे कहीं ज्यादा कमीशन एजेंट (आढ़तियों) को। नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के 70वें दौर के सर्वे में यह बात सामने आई थी कि केवल पंजाब में आढ़ती हर साल किसानों से 1,500 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं। यह कमाई उन भूपतियों से होती है जो देश के छह फीसद बड़े किसानों में शामिल हैं। नए कानून से इन आढ़तियों को अपनी आमदनी खत्म होने का भय सता रहा है। लेकिन, यह दौर तो देश में दूसरी क्रांति लाने का है। दुनिया के कई देशों में किसान प्रति हेक्टयेर हमारे किसानों से दोगुना तक उत्पादन हासिल करते हैं। देश में प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी है। सरकार ने कृषि सुधारों के तहत इस दिशा में कदम बढ़ा भी दिए हैं...।फायदा तभी जब उत्पादकता बढ़े: वर्ष 1950-51 में हमारे देश में 308 लाख हेक्टेयर भूमि में खेती होती थी और 206 लाख टन अनाज का उत्पादन होता था। तब प्रति हेक्टेयर हमारे देश की औसत उत्पादकता 668 किलोग्राम थी। फिर हरित क्रांति आई। खेती में विज्ञान व तकनीक का प्रवेश हुआ। उत्पादन, उत्पादकता और किसानों की आमदनी तीनों में वृद्धि हुई। वर्ष 2018-19 में करीब 438 लाख हेक्टेयर में खेती हुई और 1,164 लाख टन अनाज का उत्पादन हुआ। उत्पादकता बढ़कर 2,659 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई। उत्पादकता के मामले में हमने छलांग तो लगाई, लेकिन यह दुनिया के औसत के साथसाथ कई देशों के मुकाबले अब भी काफी कम है। निश्चित तौर पर किसानों की आमदनी बढ़ानी है तो कृषि उत्पादकता को बढ़ाना ही होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77773.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77773.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..83591ec655e9b716905137e261350b77f6d3322c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77773.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +माता-पिता व बेटे से भी रहीं दूर : देर तक प्रयोगशाला में रहने के कारण एम्मा अपने 12 वर्षीय बेटे एलेक्स को भी समय नहीं दे पा रही थीं। नाराजगी दूर करने के लिए एम्मा को बेटे से सॉरी कहना पड़ा और बतौर उपहार इलेक्ट्रिक स्कूटर भेंट करना पड़ा। वह क्रिसमस के बाद वेल्स में रह रहे माता पिता व बहन से भी नहीं मिल पाईं। वे वीडियो मीटिंग एप भी नहीं चला पाते। + +प्रो गिल्बर्ट का फॉर्मूला। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्थित जेनर इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के पास वैक्सीन के विकास का 30 साल का अनुभव है। प्रो ग्रीन की टीम ने सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य को कर दिखाया। वैक्सीन का फॉर्मूला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सीनोलॉजी की 58 वर्षीय प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने तैयार किया है। वही मुख्य शोधकर्ता भी हैं। उन्होंने मेर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम), लासा फीवर व इबोला की वैक्सीन पर भी काम किया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77774.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77774.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..126f670540161a8173885b52e23105e4a48bf794 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77774.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है।इस पर काम भी चल रहा है। हालांकि, मार्ग में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। वर्ष 2017 में नाबार्ड की तरफ से जारी एक रिपोर्ट यह बताती है कि वर्ष 2012-13 के मुकाबले किसान परिवारों की आय में 39 फीसद की वृद्धि हुई है। इस समय जबकि कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन जारी है, एक बार फिर समझते हैं कि किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए सरकार ने कैसा रोडमैप तैयार किया है और काम कहां तक पहुंच पाया है...।25 लाख करोड़ के निवेश की योजना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार हर हाल में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है। इस क्रम में कृषि क्षेत्र में 25 लाख करोड़ रुपये के भारी भरकम निवेश की योजना भी तैयार की गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77776.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77776.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..752713605c5e7d7d484f6dbf25aba6ca6fec88f1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77776.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +2015 में हम उम्र लाल कृष्ण आडवाणी के साथ लिया था पद्म विभूषण ।किसानों के बढ़ते दबाव के कारण अकाली दल ने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया। शिरोमणि अकाली दल ने केंद्रीय कैबिनेट से हरसिमरत कौर बादल का भी इस्तीफा तो दिलवा दिया, इसके बावजूद किसानों का अकाली दल के प्रति पुनः झुकाव नहीं हुआ। किसानों में लगातार गिरती साख को बचाने के लिए एक बार फिर वयोवृद्ध नेता प्रकाश सिंह बादल ने जिम्मेदारी उठाई। बादल ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर पद्मविभूषण को वापस करने की घोषणा कर दी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77785.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77785.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbe1cb57987d87ccedc79119426eb3cb76ce9e33 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77785.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रांची, [संजय कुमार]। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) इस बार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में धन संग्रह के माध्यम से इतिहास रचने जा रही है। 44 दिनों में 55 करोड़ रामभक्तों से संपर्क करने की योजना बनाई गई है। यह अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा जन जागरण अभियान होगा। देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों के सहयोग से अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। अगले वर्ष 15 जनवरी को अभियान की शुरुआत होगी और 27 फरवरी को इसका समापन होगा। ।विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यह राष्ट्र मंदिर कश्मीर से कन्याकुमारी और अटक से कटक तक राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा। इससे पहले 1989 में राम मंदिर शिला पूजन के माध्यम से देश के 2.75 लाख गांवों तक विश्व हिंदू परिषद पहुंची थी। उस दौरान साढ़े छह करोड़ परिवारों तक संपर्क किया गया था। ।पिछले बार की तरह इस बार भी अभियान में संघ एवं सभी अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता सहयोग करेंगे। इस अभियान की तैयारी को लेकर शुक्रवार को पटना के केशव सरस्वती विद्या मंदिर में झारखंड-बिहार (उत्तर-पूर्व क्षेत्र) की बैठक होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77786.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77786.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..be85a6bb77e5575ce9ffcf6166c1aadf6b839db7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77786.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अच्छा लगता है पिता के साथ पढऩा।एमए-बीएड कर चुके विकास बताते हैं कि पिताजी ने इस उम्र में एलएलबी करने की इच्छा जताई तो मैैंने भी पढ़ाई का निर्णय लिया। जिन्होंने मुझे अंगुली पकड़कर चलना सिखाया, उनके सात बैठकर पढऩा अच्छा लगता है। बड़े भाई विनय पांडेय महराजगंज दीवानी न्यायालय में अधिवक्ता हैं। वह पढ़ाई में दोनों का सहयोग करते हैैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77787.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77787.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..277031ba16cad08c7c98892e98f73211ea2fe81a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77787.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Benefits of Agriculture Laws: सोनीपत जिले का गांव अटेरना। यहां के किसान कंवल सिंह चौहान कई सालों से 80 एकड़ जमीन में खेती करते आ रहे हैं। 20 एकड़ खुद की जमीन है। 60 एकड़ जमीन ठेके पर लेते हैं। कंवल सिंह ने बेबीकार्न (मक्का) और मशरूम की खेती करने के साथ ही इनकी प्रोसेसिंग (प्रसंस्करण) यूनिट भी लगा रखी है। केंद्र सरकार ने इन्हें पिछले साल ही खेती में बढि़या काम करने के लिए पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया था। कंवल सिंह की गिनती हरियाणा के प्रगतिशील किसानों में होती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77790.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77790.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ad6230a4e3e191eb68b5c53de211480fa08fee04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77790.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धर्मशाला, मुनीष गारिया। एक दौर था जब घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। कभी मेहनत मजदूरी तो कभी इधर-उधर छोटे मोटे काम कर अपना गुजारा चलता था। पहाड़ी क्षेत्र में रहते थे तो पहाड़ों का अनुभव भी था। इस कारण लोगों के साथ गाइड बनकर त्रियुंड व आसपास क्षेत्रों में ट्रैकिंग के लिए जाकर कुछ पैसे आ जाते थे और बहाने से आउटिंग भी हो जाती थी। ऐसे ही लोगों के साथ संपर्क बन रहे थे। जहन में आया कि जब लोगों के साथ दिहाड़ी लगाने के नाम पर ट्रैकिंग के लिए जा सकते हैं तो क्यों न इसे ही अपना व्यवसाय बना लिया जाए। शुरुआत मुश्किल थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। धीरे धीरे व्यवसाय बढ़ने लगा और आज एक ट्रैकिंग कंपनी के मालिक हैं, जो न केवल प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत में ट्रैकिंग का काम करते हैं। यह काम करके खुद को आत्मनिर्भर बनाया ही, साथ ही 10-12 लोगों को भी अपने साथ जोड़कर उन्हें कमाने का अवसर दे रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ae95f0774e8c5f35acd7b8dbedea45645f79fac --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कृषि कानून लागू होने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही कई राज्यों में उपचुनाव हुए हैं। इन सभी राज्यों में भाजपा को जीत मिली है, जिससे स्पष्ट है कि देशभर में किसान कृषि कानूनों के समर्थन में हैं। वहीं, नागरिकता संशोधन कानून, राफेल, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर दुष्प्रचार करने वाली राजनीतिक पार्टियां कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई माह से देश में भ्रम फैलाने में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, वह अपने कार्यकर्ताओं को दिल्ली भेज रही है। इसी तरह से आप व अकाली के कार्यकर्ता भी यहां आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b13510e19624a45a64f49c088f44434f4773e1b8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77792.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Mithali Raj: भारतीय महिला क्रिकेट वनडे टीम की कप्तान मिताली राज आज यानी 3 दिसंबर 2020 को अपना 38वां जन्मदिन मना रही हैं। लंबे समय तक भारतीय टीम की कप्तान रहने वालीं मिताली राज को अगर महिला क्रिकेट का सचिन तेंदुलकर कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि उनके आंकड़े लाजबाव हैं। ऐसे आंकड़े महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम भी दर्ज हैं। दोनों में एक समानता ये भी कि इन दोनों ही भारतीय दिग्गजों ने दो दशक से ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना दमखम दिखाया है। + +तमिल परिवार से ताल्लुक रखने वालीं मिताली राज ने जैसे क्रिकेट की दुनिया में देश की सेवा की है। वैसे ही उनके पिता ने देश की सेवा एयर फोर्स में रहकर की है। बचपन में मिताली बहुत ही आलसी थीं और यही उनके क्रिकेट खेलने का कारण रहा, क्योंकि उनके पिता ने उनको क्रिकेट खेलने के लिए काफी प्रेरित किया था और बचपन में ही नाजुक से हाथों में बल्ला थमा दिया था। महज दस साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था। दस साल की उम्र से ही उन्होंने क्रिकेट की बारियों को सीखना शुरू कर दिया था और फिर करीब 6 साल के बाद उनको देश के लिए खेलने का मौका मिला। + +मिताली राज दुनिया की पहली ऐसी महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 200 से ज्यादा वनडे इंटरनेशनल मैच अपने देश के लिए खेले हैं। मिताली राज ने 209 मैचों की 189 पारियों में 50.64 के औसत से 6888 रन बनाए हैं, जिसमें सात शतक और 53 अर्धशतक शामिल हैं। नवंबर 2019 से उन्होंने एक भी वनडे मैच नहीं खेला है। यहां तक कि भारत ने भी वनडे क्रिकेट में पिछले साल से हिस्सा नहीं लिया है। महिला वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में मिताली राज के अर्धशतकों की संख्या अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इतने अर्धशतक अभी तक किसी महिला प्लेयर ने वनडे क्रिकेट में नहीं जड़े हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77794.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77794.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..594da783035e31d292acc40bcd738d0530a20cce --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77794.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सीरीज में पांड्या का प्रदर्शन।तीन मैचों की वनडे सीरीज में हार्दिक पांड्या भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने 3 पारियों में 105 के औसत और 114.75 के स्ट्राइकरेट से 210 रन बनाए, जिसमें 15 चौके और 6 छक्के शामिल थे। पांड्या आरोन फिंच (249) और स्टीव स्मिथ (216) के बाद सीरीज के तीसरे सबसे बड़े रन स्कोरर थे। एक मैच में 4 ओवर गेंदबाजी करते हुए पांड्या ने 24 रन दिए और 1 सफलता हासिल की। इससे उनकी जिम्मेदारी भी सिद्ध हो गई। + +भारतीय टीम को मिलेगी मदद।कई बार देखा जाता है कि जब टॉप ऑर्डर फ्लॉप हो जाता रहा है तो निचला क्रम भी बल्लेबाजी करने में असफल रहता है। अगर हार्दिक पांड्या ऐसे ही जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करते रहे और मैच फिनिश करते रहे तो फिर भारतीय टीम के लिए ये अच्छी बात होगी, क्योंकि लगातार तीन साल भारतीय टीम को तीन वर्ल्ड कप खेलने हैं, जिसमें 2021 और 22 का टी20 वर्ल्ड कप और 2023 का वनडे वर्ल्ड कप का शामिल हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77795.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77795.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c43fdbee74b1955a13fad5467b30a8b70d25639 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77795.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मधुमेह के कारण पहले से ही कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में कोरोना संक्रमण घातक स्थिति में पहुंच जाता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे जितना कोरोना संक्रमण के प्रति गंभीर हैं, उन्हें उतनी ही सावधानी इस बात की भी अपनानी है कि हर हाल में उनका शुगर लेवल नियंत्रण में रहे। यदि नियंत्रित शुगर के दौरान वे कोरोना संक्रमण की चपेट में आते हैं तो काफी संभावना है कि मधुमेह होने के बाद भी उन्हें उपचार लेने और क्वारंटाइन होेने के दौरान अधिक खराब स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77796.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77796.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cc97b7b3e85b617d08a1a754caba70bac93e14e3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77796.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अमनप्रीत कौर और डा. धर्मबीर अग्निहोत्री। (फाइल फोटो)।स्पेशल बच्चों के लिए 'समर्पण' स्कूल चला रहे सुखजीतपाल व उनकी पत्‍नी अमनप्रीत कौर।ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर चुकीं अमनप्रीत कौर चाहतीं तो कोई अच्छी नौकरी कर सकती थी, लेकिन उन्होंने अपने बच्‍चे को शिक्षा का आलोक देकर जीवन के कठिन संघर्ष के लिए तैयार करने का फैसला किया। उन्‍होंने पति सुखजीतपाल सिंह के साथ मिलकर छह वर्ष पहले एक ऐसा स्कूल खोला जहां पर सुप्रीत फतेह सिंह जैसे चार और बच्चों को दाखिला दिया गया। यह स्पेशल बच्चे भी ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित थे। अब इस स्कूल में 26 स्पेशल बच्चे पढ़ाई करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c1cd133a2c86739866d376ba7896f902594becc3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पिछले एक माह में मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र पहुंचे अधिकांश बच्चों में काउंसिलिंग के दौरान मनोविकार, व्यक्तित्व विकार व दूसरों को परेशान करने जैसी प्रवृत्ति भी मिली है। यदि इनकी सही काउंसिलिंग नहीं हुई तो यह आगे चलकर यह परिवार व समाज के लिए घातक हो सकते हैं। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में मनोवैज्ञानिक बच्चों से सवाल के जरिये उनके अंदर की प्रवृत्ति की जानकारी कर लेते हैं. इसके लिए वह बाकायदे उनसे सवाल पूछते हैं. पिछले एक माह में एक दर्जन से अधिक मामले आ चुके हैं. केंद्र के विशेषज्ञों की मानें तो समय पर बच्चों की काउंसिलिंग कराकर तमाम परेशानियों से बचा जा सकता है। नहीं तो आगे चलकर ऐसे बच्चे माता-पिता के लिए बड़ी समस्या बन सकते हैं.।क्या है चिड़चिड़ेपन का कारण। बच्चों में बढ़ते चिड़चिड़ेपन के कारणों पर नजर डालें तो पारिवारिक कलह, गलत मित्रता, बचपन से मानसिक रूप से कमजोर होना, माता-पिता का बच्चे के ऊपर ध्यान न देना, बचपन में ही उन पर पढ़ाई का अधिक बोझ तथा उनके गलत परवरिश देना आदि इसके प्रमुख कारण हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77798.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77798.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3b2a769250b51432dabc17a55bf0c0a695a0da1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77798.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +दरअसल, भारतीय कप्तान विराट कोहली ने जब से वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया है, तब से लेकर अब तक अगर उन्होंने किसी भी साल 6 या इससे ज्यादा वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं तो उन्होंने कम से कम एक शतक जरूर जड़ा है, लेकिन साल 2020 में वे ऐसा कुछ नहीं कर पाए हैं। विराट कोहली के करियर के अब तक सिर्फ दो ही साल ऐसे गुजरे हैं जब वे वनडे क्रिकेट में एक भी शतक नहीं ठोक पाए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77800.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77800.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8af3da5f66565983211ef524e0cea2a39702db46 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77800.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अस्पताल में इलाज पाकर वर्षों तक चहलकदमी से दर्शकों का मनोरंजन करने वाले कई वन्यजीव चिकित्सकों के जेहन से उतरते ही नहीं हैं। डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि 1993 में चिडिय़ाघर से जुड़ा समझने का जो अनुभ्रव मिला वह शायद ही कही मिलता।  डॉ. रामकृष्ण दास के निर्देशन में मैने काम किया और उनके अनुभव के समाहित करने का प्रयास करता रहा। वन्यजीवों के साथ कैसा व्यवहार करना और कैसे उन्हें संभालना है, यह सबकुछ उन्ही से सीखा। 2016-17 में सफेद बाघिन के बच्चे हुए तो वन्यजीवों के अंदर के मातृत्व की एक नई दास्तां नजर आई। बाघिन दिए गए गोश्त को बच्चे के लिए छिपा देती थी। एक बार तो इलाज के दौरान सफेद बाघ के बाड़े की सलाखों में मेरा हाथ फंस गया था। पशु-पक्षियों की सेवा करते हुए 27 साल बीत गए, लेकिन अभी भी वन्यजीवों का इलाज करने का जज्बा कम नहीं है। 15 मार्च 1995 को चिडिय़ाघर के वरिष्ठ चिकित्सक डा.रामकृष्ण दास गेंडा लोहित के हमले का शिकार बने और उनकी जान चली गई, लेकिन उसे दुर्घटना मानकर वन्यजीवों का इलाज किया जाता है। + +नए अस्पताल में घायल गिद्ध हुआ भर्ती।नए अस्पताल का उद् घाटन हुआ और यहां घायल गिद्ध को भर्ती किया गया। भर्ती के दौरान उसके इलाज की चुनौती भी कम नहीं थी। डॉ.उत्कर्ष शुक्ला के साथ डा.अशोक कश्यप कीपर की मदद से इलाज में जुटे रहे। करीब छह महीने के बाद वह ठीक हो पाया। बहराइच से लाए गए तेंदुए के सिर पर चोट लगी थी, उसका इलाज करना बड़ी चुनौती थी, लेकिन कुछ महीनों में ही अस्पताल में इलाज कर उसे ठीक कर दिया गया। + +अल्ट्रासाउंड से लेकर पैथोलॉजी तक।इंसान की तरह वन्यजीवों की जांच की जाती है, इसके बाद ही इलाज होता है। अल्ट्रा साउंड से लेकर पैथोलॉजी लैब भी अस्पताल में मौजूद है। छोट आपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर है तो एमरजेंसी वार्ड और एक्सरे की व्यवस्था भी है। डा.अशोक कश्यप ने बताया कि चिड़ियाघर में मौजूद करीब एक हजार वन्यजीवों पर हम लोगों की नजर रहती है। कीपरों को भी वन्यजीवों को देखकर उनकी बीमारी का अंदाजा हो जाता है। अनुभव के चलते  हम लोग वन्य जीवों  का इलाज भी करते हैं। चिड़ियाघर के साथ ही अन्य जिलों से घायल वन्यजीव यहां भर्ती किए जाते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77812.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77812.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2585bf69df2ee0e81c19884a1b25143c11a2fbe0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77812.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिरंगियों की सैरगाह के रूप में प्रचलित होने के साथ ही बनारसी बाग का नाम बदलकर प्रि‍ंंस ऑफ वेल्स जूलोजिकल गार्डन ट्रस्ट कर दिया गया, लेकिन अंग्रेजों ने बारादरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। नवाबी कला के रंग को अपने आंचल में समेटे संगमरमर से बनी बारादरी में अभी भी दर्शक पिकनिक मनाने के लिए बैठते हैं। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77814.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77814.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..120f08ca74f24f8a5ed95b7b5f7ed9e7372ad810 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77814.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +अकबर ने बनवाया था।आगरा किला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा लगाए गए सांस्कृतिक नोटिस बोर्ड के अनुसार मुसम्मन बुर्ज को शाह बुर्ज या झरोखा भी कहा जाता था। इसका निर्माण शहंशाह अकबर ने झरोखा दर्शन के लिए रेड सैंड स्टोन से कराया था। वो यहीं से सूर्योदय के समय सूर्योपासना किया करता था। जहांगीर भी इसका इस्तेमाल झरोखे के रूप में करता था। वर्ष 1632-40 के दौरान शाहजहां ने इसका निर्माण करवाया था। यह भवन खास महल, दीवान-ए-खास, शीश महल व अन्य भवनों से जुड़ा हुआ है। औरंगजेब की कैद में वर्ष 1658 से 1666 तक शाहजहां यहीं रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77815.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77815.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..21d17f97044c15f8d66507d33388ea78360e0a67 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77815.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कैलाश बिश्नोई। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पुन: लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ संपन्न कराने की बात दोहराई। विगत में विभिन्न अवसरों पर एक राष्ट्र, एक चुनाव का यह मुद्दा चर्चा का विषय बनता रहा है। वैसे इस पर चुनाव आयोग, नीति आयोग और संविधान समीक्षा आयोग भी विचार कर चुके हैं। विधि आयोग ने भी अपनी 170वीं रिपोर्ट में इसका समर्थन किया था। भारत एक बड़ा देश है, जहां कभी आम चुनाव तो कभी किसी विधानसभा के चुनाव वर्ष भर चलते रहते हैं। ऐसे में एक बड़े तबके द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की मांग की जाती रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77816.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77816.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..745c9a1657a4e1234ae4633289ce6db991052987 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77816.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +पटना, जागरण टीम। Bihar Rajya Sabha Election लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्‍थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन से खाली हुई राज्‍यसभा सीट (Rajya Sabha Seat) के लिए नामांकन (Nomination) की अंतिम तारीख तीन दिसंबर है। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता व पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी (Ex Dy.CM Sushil Modi) का नाम फाइनल कर दिया है। ।महागठबंधन (Mahagathbandhan) ने भी किसी दलित नेता को मैदान में उतारने का फैसला किया है। इसके लिए राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) ने राम विलास पासवान की पत्‍नी रीना पासवान (Reena Paswan) को मैदान में उतारने का ऑफर दिया, जिसे एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने खारिज कर दिया है। इसके बावजूद आरजेडी अभी भी चिराग को मनाने में जुटी है। ऐसे में सवाल यह है कि क्‍या खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का हुनमान (Hanuman) कहने वाले चिराग पासवान बीजेपी के खिलाफ जंग लड़ने के लिए तैयार हो जाएंगे? अगर नहीं (जैसा कि एलजेपी ने स्‍पष्‍ट कर दिया है) तो आरजेडी का अगला कदम क्‍या होगा? । महागठबंधन के प्रस्‍ताव को मानने से चिराग ने किया इनकार ।एलजेपी ने आरजेडी की ओर से रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। एलजेपी के मीडिया प्रभारी कृष्ण सिंह कल्लू ने इसे स्‍वीकार करते हुए कहा है कि महागठबंधन के कुछ नेताओं ने ऐसा प्रस्ताव दिया था, लेकिन चिराग पासवान ने उसे मानने से इनकार कर दिया। ।चिराग के लिए अंत समय तक दरवाजे खोल कर रखेगा आरजेडी ।विदित हो कि एनडीए ने वैश्य समाज से आने वाले सुशील मोदी को राज्‍यसभा सीट के लिए उम्‍मीदवार बनाया है, जो बुधवार को नामांकन दाखिल करेंगे। उधर, आरजेडी चाहता है कि दलित नेता के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए किसी दलित को ही मौका दिया जाए। लिस्‍ट में श्‍याम रजक जैसे कई नाम हैं, लेकिन आरजेडी ने राम विलास पासवान की पत्‍नी रीना पासवान के नाम का ऑफर देकर एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश की। इसे चिराग पासवान ने नकार दिया है। हालांकि, आरजेडी को अभी भी उम्‍मीद है कि चिराग पासवान ऑफर को स्वीकार कर लेंगे। पार्टी चिराग के लिए अपने दरवाजे अंतिम समय तक खोल कर रखेगी। + + बीजेपी केंद्रीय नेतृत्‍व से संबंध नहीं बिगाड़ना चाहती एलजेपी ।रामविलास पासवान बतौर एनडीए उम्‍मीदवार पिछले वर्ष राज्‍यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। उन्‍हें बीजेपी के अलावा जनता दल यूनाइटेड (JDU) का भी समर्थन मिला था। लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधान सभा चुनाव में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्‍होंने चुनाव के दौरान बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया, लेकिन जेडीयू उम्‍मीदवारों के खिलाफ अपने उम्‍मीदवार खड़े कर उनके वोट काटने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे एनडीए को नुकसान हुआ। लेकिन गठबंधन में जेडीयू की सीटें कम करने के अपने मकसद में चिराग कामयाब रहे। ।विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए में जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोले रहे चिराग पासवान ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का हनुमान बताते हुए बीजेपी का खुला समर्थन भी किया। खास बात यह भी है कि इस बगावत के लिए एनडीए में चिराग पासवान पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनकी पार्टी अभी भी केंद्र में एनडीए का हिस्‍सा है। इससे जेडीयू में नाराजगी दिखती रही है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि बिहार चुनाव में एनडीए से कटुता के बाद एलजेपी अब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से संबंध नहीं बिगड़ना चाहती है। ।सुशील मोदी के बहाने एनडीए में डैमेज कंट्रोल की कोशिश । बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के निकट सहयोगी रहे सुशील मोदी को बीजेपी ने नई सरकार में फिर उपमुख्‍यमंत्री (Dy CM) नहीं बनाया है। बीजेपी ने उन्‍हें मैदान में उतार कर केंद्र की राजनीति में अहम जिम्मेदारी देने का संकेत भी दिया है। जेडीयू की नाराजगी के बीच बीजेपी ने एलजेपी से उम्‍मीदवार नहीं देकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश भी की है। इससे चिराग पासवान की उम्‍मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। + +पासवान की पत्‍नी को उम्‍मीदवार बनाने का दिया ऑफर । यहीं पर इस मामले में राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी आरेजडी सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) यादव की एंट्री होती है। आरजेडी इस सीट पर कियी दलित नेता को मैदान में उतारने की योजना पर काम कर रहा है। उसने चिराग पासवान को अपनी मां रीना पासवान को मैदान में उतारने का ऑफर दिया। ऐसा होने पर एनडीए के खिलाफ महागठबंधन की गोलबंदी रीना पासवान के पक्ष में तय है। हालांकि, चिराग ने इसे ठुकरा दिया है, लेकिन महागठबंधन के कुछ नेता अभी भी चिराग को मनाने में लगे हैं। वैसे, चिराग के रूख को देखते हुए विकल्‍पों पर भी विचार किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa85adc5447609d9b6f01712d23880254004a700 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वहीं, राज्यों में राजस्थान पहली पसंद है। इसके साथ ही उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केरल व गोवा भी दिल्ली वालों के पसंदीदा पर्यटन स्थल बने हुए हैं।  लॉकडाउन के कारण गर्मी की छुट्टियों में कहीं घूमने नहीं जा पाए थे। अब जबकि धीरे-धीरे दूसरे राज्य पर्यटकों की आवाजाही के लिए खुलने लगे हैं तो दिल्ली के पर्यटक भी निकलने लगे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77821.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77821.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a6adbd1b6119b66eaf03f3d23c00291b74aae714 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77821.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बाइडन के चुनावी कैंपेन में अहम भूमिका निभाई । वर्गीज ने बाइडन के चुनावी कैंपेन में महत्‍वपूर्ण और सफल भूमिका निभाई है। चुनाव के दौरान वह बाइडन के वरिष्‍ठ सलाहकार की भूमिका में रहे। बाइडन के चुनावी कैंपेन में उन्‍होंने राष्‍ट्रव्‍यापी स्‍तर पर कई मिलियन डॉलर के रसद की आपूर्ति की। इस दौरान उन्‍होंने देश भर में हजारों कार्यकर्ताओं को इस अभियान से जोड़ा। ।वर्गीज पुर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबाम के विशेष सहायक रहे।इस कार्य के लिए हजारों स्‍वयंसवकों को जुटाया। वर्गीज पूर्व में भी व्‍हाइट हाउस में अपने ज्ञान एवं क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं। पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन में वर्गीज विशेष सहायक की भूमिका का निर्वाह कर चुके हैं। खासकर उनकी विदेश यात्रा के प्र‍बंधन में उनकी खास भूमिका रहती थी। ।बाइडन प्रशासन में भारतीयों ने पाई जगह ।बाइडन की टीम में अन्‍य भारतीयों ने भी महत्‍वपूर्ण स्‍थान पाया है। अमेरिका के होने वाले राष्‍ट्रपति बाइडन ने अन्‍य कई महत्‍वपूर्ण पदों पर भारतीय अमेरिकी की नियुक्‍त की है। वर्गीज के पूर्व सर्जन जनरल व‍िवेक मूर्ति भी बाइडन की टीम में शामिल हो चुके हैं। पिछले महीने जब मीडिया ने बाइडन को राष्‍ट्रपति पद के लिए निर्वाचित घोषित किया था, तब उन्‍होंने विवेक को कोविड-19 टास्‍क फोर्स का सह अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया था। इसके अलावा दो अन्‍य भारतीयों को बाइडन प्रशासन में समितियों के प्रमुख के रूप में नामित किया गया है। अरुण मजूमदार को ऊर्जा विभाग की जिम्‍मेदारी दी गई है। इसके अलावा किरण आहूजा को कार्मिक प्रबंधन की जिम्‍मेदारी दी गई है। इसके अलावा अतुल गावंडे और सेलिन गाउंडर को कोविड-19 टास्‍क फोर्स में शामिल किया गया है। इसके अलावा भी 19 अन्‍य भारतीयों को कुछ जिम्‍मेदारियां दी गईं हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26e2b6720d212c4337bbe4380d4075ea8916331c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका में एक 78 वर्षीय सीरियल किलर सैमुअल लिटिल की चर्चा जोरों पर है। अमेरिकी अदालत ने बुजुर्ग सीरियर किलर को तीन साल की सजा सुनाई है। अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआइ का कहना है कि दोषी शख्‍स ने हाल ही में 1970 से 2005 के बीच 90 लोगों की हत्‍या करने का जुर्म भी कबूला है। यदि इनकी पुष्टि हो जाती है तो सैमुअल लिटिल अमेरिका के इतिहास का सबसे खूंखार सीरयिर किलर होगा। यहां यह सवाल अहम है कि दुनिया की सबसे मजबू खुफ‍िया एजेंसी के रहते हुए अमेरिका में खुंखार सीरियल किलर कैसे इतने दिनों तक खुली हवा में सांस लेते रहे। इसके अलावा अन्‍य सीरियल किलर की कहानी। ।35 साल में 90 हत्‍याओं का जुर्म खुद कबूला।सैमुअल ने 35 साल में 90 हत्‍याओं का जुर्म खुद कबूला है। इसमें से 34 की पहले ही पुष्टि हो चुकी है। सैमुअल को सितंबर 2012 में केंटकी से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे कैलिफोर्निया ले जाया गया था। लॉस एंजेलिस में प्रशासन ने उसके डीएनए को 1987 और 1989 के बीच तीन महिलाओं की हत्‍या के दौरान मिले डीएनए से मिलान हो गया है। इन महिलाओं को पहले पीटा गया। इसके बाद उनका गला घोंट कर उनके शव को गाड़ दिया गया। सैमुअल को इन तीन हत्‍याओं के जुर्म में सजा सुनाई गई, लेकिन पुलिस उनके डीएनए को एफबीआइ के साथ शेयर करना चाहती है। इसका मकसद यह है कि उसके सभी मामलों की भी जांच हो सके। खास बात यह है कि सैमुअल ने जिन लोगों की हत्‍याएं की हैं, उसे सब याद है। इतना ही नहीं सैमुअल को उनके चेहरे भी याद है। ।एक ही तरीके से करता था कत्‍ल ।सैमुअल ने 90 से ज्‍यादा महिलाओं को मौत के घाट उतारा है। उसको तीन बार ताउम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। पूछताछ के दौरान उसने अपने गुनाहों की खौफनाक कहानियां सुनाई हैं। 1980 के दशक में उसने अकेले लॉस ऐंजिलिस में ही कई महिलाओं को मौत की नींद सुला दिया था। चौंकाने वाली बात यह है वह एक-एक कर कत्‍ल करता रहा और अमेरिकी पुलिस और एफबीआइ को इसकी भनक तक नहीं लगी। उसने सभी कत्‍ल एक ही तरीके से किया। इसलिए पुलिस को इसका अंदाजा था कि कातिल को एक ही शख्‍स है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77824.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77824.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6267a2620b3c9d81bef9eec33b39e256b1838f7b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77824.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मंडियों के खत्म होने की आशंका है किसान आंदोलन का आधार। किसानों को लगता है कि नए कृषि कानूनों के तहत मंडियों के बाहर फसल की खरीद-बिक्री होगी और उस पर टैक्स नहीं लगेगा। मंडियों में फिलहाल तीन फीसद आरडीएफ, तीन फीसद मंडी फीस, ढाई फीसद आढ़त लगती है। जीएसटी लागू होने से पहले चार फीसद परचेज टैक्स भी था, जो अब खत्म हो गया है। साढ़े आठ फीसद टैक्स को बचाने के लिए जब निजी क्षेत्र बाहर खरीद करेगा तो मंडियां कर संग्रह के अभाव में खत्म हो जाएंगी। बेशक एमएसपी को पहले कानूनी जामा नहीं पहनाया गया, लेकिन नए कानून के प्रावधानों नेकिसानों के मन में संदेह पैदा करदिया है कि सरकार धीरे-धीरे गेहूं व धान की खरीद भी बंद कर देगी। + +राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की बात हो तो हरियाणा पहले पायदान पर खड़ा नजर आताहै। प्रदेश सरकार की ओर से मेरी फसल-मेरा ब्योरा वेब पोर्टल बनाया गया है जिस पर पंजीकृत किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाता है। प्रदेश में कुल छह फसलें गेहूं, धान, बाजरा, सरसों, मूंग और कपास एमएसपी पर खरीदी जा रही है। हालांकि प्रदेश सरकार मंडियों में उन्हीं किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदती है, जिन्होंने पोर्टल पर जमीन और फसल की मात्रा का पंजीयन कराया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77826.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77826.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..37dd644299bbf8a87b4edb781e12c0749bfbd777 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77826.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पेशे से बैरिस्‍टर हैं औवेसी । असदुद्दीन औवेसी ने हैदराबाद के निजाम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। बेहद कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि असदुद्दीन औवेसी जहां कानून के जानकार हैं वहीं क्रिकेट के भी मैदान पर एक धुरंधर गेंदबाज हैं। जी हां 1994 में उन्‍होंने दक्षिण क्षेत्र-विश्‍वविद्यालय के बीच खेले गए अंडर-25 विज्‍जी ट्रॉफी टूर्नामेंट में तेज गेंदबाज की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वो साऊथ जोन की यूनिवर्सिटी टीम में शामिल हुए थे। उन्‍होंने लंदन के लिंकन इन कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है। असदुद्दीन को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं में शामिल किया गया है। उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी तेलंगाना विधान सभा के सदस्य हैं। अकबरुद्दीन कई बार विवादित बयान देने की वजह से चर्चा में रहते आए हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77835.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77835.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..46b56dbdd9e1c03454316a712cb764f22f634949 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77835.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है,न ही उसकी वैक्सीन ही अभी आई है।इसके बाद भी लोगों ने इसे बहुत हल्के में लेना शुरू कर दिया है।मास्क, सैनिटाइजर और शारीरिक दूरी को भूल रहे हैं।जिंदगी को वापस पटरी पर लौटना ही है, लेकिन इस वायरस से लड़ने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना भी बेहद जरूरी है। तो आइए आज, आपको एक बार फिर से सारे नियमों को याद दिला देते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77838.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77838.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7c648fc439c2aae60e25a0f4c92aa900a010674c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77838.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक डा.उत्तीय भट्टाचार्य के मुताबिक जंबो सिलिंडर उद्योग जगत के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है। दर्जनों सिलिंडर की बजाए बस एक सिलिंडर से ही काम चल जा रहा है। फिलहाल कानपुर में इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। जल्द ही दूसरे शहरों में भी जंबो सिलिंडर ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7784.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7784.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dc6132f47aabbcae7b408ae492ff9316876dce0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7784.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इस अवॉर्ड को स्वीकार करते हुए धर्मेंद्र बेहद भावुक हो गये। 37 सालों तक इंडस्ट्री में बेहतरीन किरदार और फ़िल्में करने के बावजूह उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला था। लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड मिला तो यह तल्ख़ी जज़्बात के रूप में जुबां पर आ गयी। वहां, मौजूद दिलीप कुमार ने तब धर्मेंद्र को अपने छोटे भाई की तरह संभाला और पुचकारा था। + +दिलीप कुमार को लेकर धर्मेंद्र हमेशा से बेहद जज़्बाती रहे हैं। इस अवॉर्ड फंक्शन में उन्होंने दिलीप साहब को अपना भाई बताते हुए कहा था- इन्हें मैं बहुत प्यार करता हूं। मुझे हमेशा ऐसा लगता है कि हम एक ही मां की कोख से पैदा क्यों नहीं हुए। वहीं, दिलीप कुमार ने धर्मेंद्र को दुलारते हुए उनके बारे में कहा था- जब मैंने पहली बार धरम को देखा था और देखते ही मेरे दिल में उमंग पैदा हुई, अल्लाह मुझे ऐसा ही बनाया होता तो क्या जाता। + +धर्मेंद्र सोशल मीडिया में अक्सर दिलीप कुमार के साथ अपनी यादें शेयर करते रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर में धर्मेंद्र ने लिखा था- यादें, जो दर्द दे जाती हैं। इस फोटो में धर्मेंद्र दिलीप कुमार से बेहद दोस्ताना अंदाज़ में मिल रहे हैं। सायरा बानो पास में बैठी मुस्कुरा रही हैं। यश चोपड़ा भी दिख रहे हैं। फरीदा जलाल, अंजू महेंद्रू, हेलन और गोविंदा को इस तस्वीर में देखा जा सकता है। फोटो किसी पार्टी के मौक़े की लग रही है। ।यादें.........जो ...... दर्द दे जाती हैं !!! pic.twitter.com/RrWKuS3Po4।धर्मेंद्र दिलीप कुमार को हमेशा से अपना आदर्श मानते रहे हैं। इंटरव्यूज़ में उन्होंने अक्सर यह बात कही है कि दिलीप कुमार ने ही उन्हें फ़िल्मों में आने के लिए प्रेरित किया था। उनकी फ़िल्म शहीद देखकर धर्मेंद्र को हीरो बनने का चस्का लगा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77840.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77840.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fdad9ac8c0dcd8d7d47fe5f1dce0e26f68bbbc0d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77840.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उल्लेखनीय है कि जैसे जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे उसकी धमनियों का सख्त होना और प्लाक का जमना संभावित है। लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं, जिनमें व्यवहार, अवस्थाएं या आदतें शामिल हैं, उनसे सीएडी के विकसित होने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। ऐसी दशा में अच्छी गुणवत्ता का स्टेंट जान बचा सकता है। इसलिए भारतीय रोगियों और उच्च गुणवत्ता के स्टेंट्स के बीच अंतर को दूर करना महत्वपूर्ण है, ताकि रोगी की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। घरेलू विनिर्माताओं को विश्व में बनने वाले इन स्टेंट्स को मापदंड के तौर पर उपयोग में लाना चाहिए, ताकि गुणवत्तापूर्ण यंत्र बनाए जा सकें और इससे सही मायनों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दिया जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77842.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77842.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5bcc4354de7e772178d24fce7e7165c8bcc839c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77842.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। गरीब सवर्णो को 10 फीसद आरक्षण देने की प्राविधिक शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया और इसके एवज में संस्थावार 10 फीसद सीटें बढ़ा दी गईं। सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी में आरक्षण देने के लिए भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने भी सीटें बढ़ाने की हरी झंडी भी दे दी। उन्हें क्या पता था कि पहले से मौजूद सीटों को भरने की चुनौती होगी। नौ चरण पूरे होने के बावजूद अभी भी आरक्षण की सीटें खाली हैं। कोरोना संक्रमण का असर ऐसा रहा कि निजी संस्थानों में अंतिम चरण तक एक लाख से अधिक सीटों पर प्रवेश का इंतजार है। सरकारी संस्थानों में भी दो हजार से अधिक सीटों पर अभी प्रवेश होने हैं। पांच दिसंबर तक प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो रही है। ऐसे में सीटों का भर पाना परिषद के सामने बड़ी चुनौती है। + +आठवें चरण के बाद रिक्त सीटों पर एक नजर।संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एसके वैश्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते कुछ नए निर्णय लिए गए इसके बावजूद सीटें खाली हैं। पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया का भी असर रहा है। संस्थान मनमाना प्रवेश नहीं ले सकें हैं। अभी एक चरण बाकी है, आशा है कि काफी सीटें भर जाएंगी। रही बात सवर्ण आरक्षण की तो प्रमाण पत्र न बन पाने के कारण भी इसमे प्रवेश नहीं हो सके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77844.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77844.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..81ef74916fa4ad74e174a4d820cad15520da424a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77844.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। बिग कैट के बाद अब दुधवा नेशनल पार्क में स्मॉल कैट (छोटी बिल्ली) का भी संरक्षण किया जाएगा। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी (जीइएफ) के तहत स्मॉल कैट संरक्षण के लिए भारत में जिन तीन स्थानों का चयन किया गया है, उनमें एक दुधवा नेशनल पार्क भी है। इसके तहत लेपर्ड कैट, जंगल कैट, फिशिंग कैट और सीवेट कैट का संरक्षण किया जाएगा। यह पहला मौका है, जब संरक्षित क्षेत्र में स्मॉल कैट का संरक्षण किया जा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77845.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77845.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9210949acc7e3820a1c46f12ebf1e1d19f532601 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77845.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Shehla Rashid: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार विवाद उनके घर से ही पैदा हुआ है और वह कई संगीन आरोपों से घिर गई हैं। दरअसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला राशिद के पिता ने ही उन पर देशद्रोह समेत कई गंभीर और संगीन आरोप लगाए हैं। यहां तक कि शेहला राशिद के पिता अब्दुल राशिद शौरा ने गंभीर आरोपों के बाबत पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जांच की मांग तक कर डाली है। आइये जानते हैं कौन हैं शेहला राशिद और कब-कब रहा है इनका विवादों से नाता। + +जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष रही हैं शेहला।फरवरी, 2016 में जब जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगे थे, तब शेहला राशिद जेएनयू की उपाध्यक्ष थीं और कन्हैया कुमार अध्यक्ष थे। देश विरोधी नारों के आरोप में घिरे कन्हैया को जेल तक जाना पड़ा था, लेकिन शेहला राशिद बची रहीं। वहीं, कन्हैया कुमार समेत विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों पर आरोप लगने के बाद वह मुखर रहीं थीं। उन्होंने कई मंचों पर कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों का खंडन करने के साथ विरोध गुट के छात्र संगठन को कटघरे में खड़ा किया था। इसकी जांच अब भी जारी है। ।सियासत में भी हाथ आजमा चुकी हैं शेहला राशिद। शेहला राशिद ने मझी हुई राजनीतिज्ञ की तरह सियासत में भी हाथ आजमाया है, लेकिन आशातीत सफलता नहीं मिली। शुरुआत में वह जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस में भी शामिल हुई थीं। इसके बाद यहां से मोहभंग हुआ तो वह प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए शाह फैसल की पार्टी JKPM को ज्वाइन किया था। इस पार्टी से टिकट पर शेहला ने चुनाव भी लड़ा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली तो राजनीति से ही तौबा कर ली और आखिरकार संन्यास तक ले लिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77847.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77847.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e65085f931399865521d1e7dce280059a60e08db --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77847.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मौसम विभाग के अनुसार, इस बार नवंबर में औसत न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस रहा। चार दिन (3, 20, 23 व 24 नवंबर) ऐसे थे जब शीतलहर चली। इससे 23 नवंबर को न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इससे पहले 2003 में न्यूनतम तापमान नवंबर में 6.1 डिग्री सेल्सियस रहा था। इस तरह देखें तो न्यूनतम तापमान के लिहाज से 71 साल का इस बार रिकॉर्ड टूटा है, लेकिन यदि नवंबर के औसत न्यूनतम तापमान की बात करें तो इस बार औसत न्यूनतम तामपान पिछले सात दशक में सबसे कम रहा। वर्ष 1949 में भी औसतन न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस था। इसके बाद से यह रिकॉर्ड नहीं टूटा। दिल्ली में नवंबर में सबसे ज्यादा ठंड वर्ष 1930 में पड़ी थी। तब औसत न्यूनतम तामपान 8.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। सामान्य तौर पर नवंबर में सामान्य न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस बार औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा है। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77850.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77850.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b899e737a062fbc33e94581cf6c9d74bd727e5b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77850.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +क्‍या है वजह । भूकंप की वजह दरअसल, धरती के अंदर मौजूद वो प्‍लेटें होती हैं जो करीब 80-100 किमी की गहराई में होती हैं। हालांकि ये प्‍लेंटे हर समय खिसकती रहती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये प्‍लेटें हर वर्ष करीब 10-40 मिलीमीटर तक खिसकती हैं। इनके खिसकने की रफ्तार भूकंप की वजह बनती है। जब भी इन प्‍लेटों के खिसकने की रिफ्तार तेज हो जाती है तो ये घटना भूकंप को जन्‍म देती है, जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में प्‍लेट टेक्‍टॉनिक कहते हैं। वैज्ञानिक भाषा में जब भी धरती के लिथोस्‍फीयर से एनर्जी रिलीज होकर ऊपर की तरफ आती है तो वो भूकंप पैदा करती है। + +रिक्‍टर स्‍केल पर मापन ।धरती के नीचे और ऊपर होने वाली इस हलचल को रिक्‍टर स्‍केल पर नापा जाता है। इसके लिए 1 से 9 तक के क्रम निर्धारित हैं। रिक्‍टर स्‍केल पर 3-4 तक के भूकंप को कम हानिकारक माना जाता है जबकि 7 या इससे अधिक के भूकंप को बेहद खतरनाक माना जाता है। भारत के भुज में 26 जनवरी 2001 को रिक्‍टर स्‍केल पर 7.7 की तीव्रता का भूकंप आया था। इससे बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि हुई थी। इस घटना के बाद भुज का नक्‍शा ही बदल गया था। इसमें 30 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी जबकि लाखों के करीब लोग घायल हुए थे। इसमें कई एतिहासिक धरोहरें भी जमींदोज हो गई थीं। + +सबसे अधिक भूकंप वाली जगह । पूरी दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जो लगातार भूकंप के साए में जीते हैं। इनमें जापान, न्‍यूजीलैंड, अलास्‍का, उत्‍तर अमेरिका, ताइवान, इंडोनेशिया का नाम प्रमुख है। जापान की ही बात करें तो वैज्ञानिक मानते हैं कि जिस टेक्‍टॉनिक प्‍लेट्स पर ये स्थित है वो बेहद अशांत है। यहां पर हर साल हजारों बार भूकंप आता है। वर्ष 2011 में यहां पर आए 9की तीव्रता वाले भूकंप ने सुनामी को जन्‍म दिया था। इस भूकंप की वजह से रेल की पटरियां मुड़ गई थीं। समुद्र में उफान जोरों पर था जिसने बड़े से बड़े जहाज को भी लील लिया था। इसकी वजह से जापान के परमाणु संयंत्र में भी धमाके हुए थे जिसके बाद इसको बंद करना पड़ा था। इस भूकंप के बाद भी यहां पर काफी समय तक आफ्टर शॉक आते रहे थे। + +सामान्‍य से अधिक भूकंप ।ताइवान की बात करें तो ये पेसिफिक प्लेट, फिलिपींस प्लेट और अमरीकी प्लेट के ऊपर स्थित है। इस पर भी रिंग ऑफ फायर का असर दिखाई देता है। इसके अलावा रूस, अमेरिका, कनाडा, पापुआ न्यू गिनी, पेरू जैसे कुछ दूसरे देश भी इसी की जद में आते हैं। इसी तरह से न्‍यूजीलैंड समेत कई दूसरी जगह भी हैं। ये सभी जगह अधिकतर रिंग ऑफ फायर की जद में आती हैं। इसी वजह से यहां पर सामान्‍य से अधिक भूकंप रिकॉर्ड किए जाते हैं। ।रिंग ऑफ फायर।रिंग ऑफ फायर दरअसल प्रशांत महासागर के चारों तरफ फैली ज्वालामुखीय और भूकंपीय श्रृंखला है। ये कई टेक्‍टॉनिक प्‍लेट्स के किनारे दूर तक फैली हुई है। इस क्षेत्र में सैकड़ों सक्रिय ज्‍वालामुखी हैं, जो भूकंप की वजह बनते हैं। इसकी एक जीती जागती मिसाल इंडोनेशिया है, जहां पर 129 सक्रिय ज्‍वालामुखी हैं। यहां पर हर वर्ष ही किसी न किसी ज्‍वालामुखी के फटने की घटना सामने आती है। दो दिन पहले ही पूर्वी इंडोनेशिया में स्थित माउंट इली लेवोटोलोक ज्‍वालामुखी फट गया था। इसकी वजह से 4 हजार मीटर तक ऊंची राख ने सूरज को भी ढक लिया था। सरकार और स्‍थानीय प्रशासन ने एहतियातन यहां के 28 गांवों से करीब 2,800 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77854.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77854.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d0674db41342fc04e8a75b8c4fdd2d3b848b9f53 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77854.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Lunar Eclipse 2020:  साल 2020 का अंतिम चंद्र ग्रहण सोमवार को दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से शाम 5 बजकर 22 मिनट तक रहा। यह चंद्र ग्रहण 4 घंटे 18 मिनट और 11 सेकंड तक रहा, लेकिन यह दुनिया के कुछ ही देशों में देखा गया। भारत समेत कई देश इस खगोलीय घटना के साक्षी नहीं बन पाए। वहीं, साल के इस अंतिम चंद्र ग्रहण की इस खगोलीय घटना के साक्षी अमेरिका के साथ प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया के करोड़ों लोग रहे। यूरोप के कई देशों में भी चंद्र ग्रहण की यह खगोलीय घटना देखी गई। दावा किया जा रहा है कि यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण रहा, यह 4 घंटे 18 मिनट और 11 सेकंड तक रहा। इससे पहले सदी के सबसे लंबा चंद्रग्रहण 28 जुलाई, 2018 को देश और दुनियाभर में देखा गया था। अपने विभिन्न चरणों के दौरान इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 55 मिनट रही थी।वहीं, खगोलशास्त्रियों का कहना है कि ऐसे चंद्रग्रहण को देखने के लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती है। यह दुनिया के अधिकांश हिस्सों में इसे बिना टेलीस्कोप से देखा गया। वहीं, मौसम खराब होने की वजह से कई देशों के आसमान पर बादलों की वजह से लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को नहीं देख सके। वैज्ञानिकों का मानना है कि अब अगला बड़ा चंद्र ग्रहण 2 साल बाद 9 जून, 2123 में दिखाई देगा। + +अमेरिका एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) ने भी साल के अंतिम चंद्र ग्रहण की तस्वीरें पूरी दूनिया से साझा की है। नासा ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें चांद घूमता नजर आ रहा है। इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। ।In the wee hours of the morning on Nov. 30, our favorite celestial neighbor will be shining bright for you! ।🌝 This full Moon, known as the Beaver Moon, will reach its peak at 4:30am ET. ।Before looking up, get to know the surface you’re looking at: https://t.co/QI0YS5MTzF" rel="nofollow pic.twitter.com/zZ3NFCFOgn।हॉलीवुड एक्ट्रेस विक्टोरिया टेलर ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से चंद्र ग्रहण की तस्वीरे साझा की हैं। यह तस्वीर अमेरिका के लॉस एंजिल्स राज्य की है। अमेरिका, युरोप और अन्य देशों की प्रमुख हस्तियों के साथ आम लोगों ने भी ट्वीटर और फेसबुक पर चंद्र ग्रहण की फोटो वायरल कीं। ।चंद्र ग्रहण एशिया के कुछ देशों के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में भी दिखाई दिया। वैज्ञानियों के साथ बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं ने चंद्र ग्रहण को देखने में रुचि दिखाई। वहीं, चंद्र ग्रहण सोमवार को भारत से नहीं दिखाई दिया क्योंकि चंद्रमा क्षितिज से नीचे था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77857.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77857.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3e62990cbb7695d65e5d90cf16383e96c8039b0e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77857.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कृषि के क्षेत्र में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने किसानों को मुनाफे वाली खेती के उदाहरण भी दिए। उन्‍होंने कहा कि सरकार के प्रयासों और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है... इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल यानी ब्लैक राइस है। यह चावल किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है। आइए जानते हैं क्‍या है काला चावल और कितना मुनाफा दे रही है इसकी खेती...।विशेष प्रकार के तत्व एथेसायनिन के कारण काले चावल का रंग काला होता है। स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो इसमें एंटीआक्सीडेंट ज्यादा होता है। यही नहीं इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। मोटापा दूर करने में यह काफी लाभकारी माना जाता है। यह हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल, आर्थराइटिस, एलर्जी से जूझ रहे मरीजों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। इसमें फाइटो केमिकल की मौजूदगी कालेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। इसके सेवन से हार्ट अटैक की स्थिति कम हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77858.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77858.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e7e76d72e8375a4fc0b46cb9af6478cac5a0d24a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77858.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत वर्षों से अशांत है। इसकी अशांति का एकमात्र कारण पाकिस्‍तान की सरकार और सेना के संयुक्‍त अभियान के तहत यहां पर वर्षों से चल रहा दमनचक्र है। बलूचिस्‍तान के लोग वर्षों से इसका विरोध करते आए हैं। कुछ वर्षों से यहां पर चल रहे फ्री बलूचिस्‍तान कैंपेन को पाकिस्‍तान समेत दूसरे देशों में रहे बलूचों का भी समर्थन मिलने लगा है। आपको बता दें कि बलूचिस्‍तान प्राकृतिक संसाधन बहुल इलाका है। इसके बाद भी यहां के लोग गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी से ग्रस्‍त है। ऐसा भी नहीं है कि इन संसाधनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। लेकिन सच्‍चाई ये है कि इन संसाधनों का उपयोग राजनेता अपने-अपने स्‍तर पर और चीन अपने मनमाफिक करता रहा है। यही वजह है कि बलूचिस्‍तान के लोग लगातार इस अत्‍याचार के खिलाफ अपनी आवाज को उठाते रहे हैं। + +आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि यहां के 1944 से ही पाकिस्‍तान से अपनी आजादी की मुहीम चला रहे हैं। इनका कहना है कि इस क्षेत्र पर पाकिस्‍तान का अवैध कब्‍जा है। पाकिस्‍तान की सरकार और सेना के क्रूर दमनचक्र का ही नतीजा था कि 70 के दशक में यहां पर बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी सामने आई। वर्ष 2006 में इस संगठन को पाकिस्‍तान की सरकार ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन करार दिया था। वर्ष 2006 में यहां के सबसे बड़े नेता नवाब अकबर बुगती की हत्‍या के बाद पाकिस्‍तान की सरकार के खिलाफ यहां के लोग हजारों की संख्‍या में सड़कों पर उतर आए थे। इस हत्‍या को कथिततौर पर तत्‍कालीन सैन्‍य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के इशारे पर अंजाम दिया गया था। इस हत्‍या के खिलाफ बीएलए भी मैदान में उतर आई थी। + +2017 में यूरोपीय देशों में फ्री बलूचिस्‍तान की कैंपेन चलाते हुए अपनी आवाज को बुलंद करने का नायाब तरीका तलाशा था। 13 नवंबर को कई देशों में बलूचों ने सड़कों पर उतरकर पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और बलूच शहीद दिवस मनाया। इस तरह का प्रदर्शन नार्वे, स्वीडन, जर्मनी, ब्रिटेन समेत दूसरे देशों में भी हुआ था। इस मौके पर टैक्सियों और बसों पर फ्री बलूच के बैनर लगाए गए। इस तरह के प्रदर्शनों से पाकिस्‍तान बुरी तरह से बौखला गया था और उसने इसको लेकर अपनी नाराजगी भी जताई थी। इसके जवाब में विश्व बलूच संगठन के नेता नूरदीन मेंगल ने कहा था कि पाकिस्‍तान वर्षों से बलूचों के साथ अत्‍याचार करता आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77865.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77865.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ecfbc4ec28f0a00908dc1a75a847fff6cf289272 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77865.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पर्यावरण प्रेमी रिद्धिमा का कहना है कि पर्यावरण को बचाना है तो इसके लिए आमजन से पहले सरकारों को जागरूक होना होगा। जब तक शासन-प्रशासन पर्यावरण को विभिन्न माध्यमों से प्रदूषित करने वालों के खिलाफ सख्त रुख नहीं अपनाएंगे, तब तक इस पर रोक लगा पाना संभव नहीं। उत्तरी हरिद्वार स्थित बीएम डीएवी पब्लिक स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्र रिद्धिमा वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा के दृश्यों को देख पर्यावरण की प्रहरी बनीं। तब रिद्धिमा की उम्र महज पांच साल थी। उस दौरान मीडिया में आ रही केदारघाटी की खौफनाक तस्वीरों ने इस छोटी-सी बच्ची के मन में पर्यावरण संरक्षण को लेकर ऐसी अलख जगाई कि वह दुनियाभर में पहचानी जाने लगी। + +पर्यावरण कार्यकर्ता रिद्धिमा ने महज नौ साल की उम्र में जलवायु परिवर्तन को लेकर कारगर कदम न उठाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में वाद दायर किया था। उनके इस कदम को न केवल देश, बल्कि दुनियाभर में सराहा गया। यहीं से उसे प्रसिद्धि मिलनी शुरू हुई। इतना ही नहीं, महज 11 साल की उम्र में रिद्धिमा को ऐसी पहली लड़की बनने का गौरव हासिल हुआ, जिसने संयुक्त राष्ट्र संघ में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जोरदार भाषण दिया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77866.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77866.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dfc92fd6ab842e867964b9e98d0ca45beb23938e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77866.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भारत ने रोहित शर्मा के बिना न्यूजीलैंड में पहले तीन मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 से हार का सामना किया और फिर दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से भारतीय टीम का सूपड़ा साफ हो गया। साउथ अफ्रीका के खिलाफ मार्च में कोरोना की वजह से वनडे सीरीज हो नहीं पाई और फिर नवंबर के आखिरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया बिना रोहित शर्मा के मैदान पर उतरी तो फिर से लगातार दो मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77868.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77868.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4afa0da1953e4d086f485c7403807f52a4851e43 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77868.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। रिंग रोड पर आश्रम से मूलचंद तक बन रहे अत्याधुनिक साइकिल ट्रैक का 400 मीटर का सैंपल तैयार हो गया है। मंगलवार यानि पहली दिसंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल साइकिल ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक के श्रीनिवासपुरी से नेहरू नगर तक के इस 400 मीटर के हिस्से को सैंपल के रूप में इसलिए विकसित किया गया है ताकि इसकी डिजाइन आदि को परखा जा सके। उन्होंने बताया कि सीएम निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों के साथ इस पर चर्चा करेंगे कि इसमें कोई फेरबदल करने की जरूरत है या नहीं। सीएम व विशेषज्ञ टीम के परामर्श पर इसमें सुधार भी किया जा सकता है। सैंपल में फुटपाथ, साइकिल ट्रैक, मल्टी व्हीकल जोन (एमयूजेड) भी बनाया गया है। यहां पर विज्ञापन होर्डिंग, रोड साइनेज आदि लगाने की जगह छोड़ी गई है। इसके अलावा लोगों के बैठने के लिए पत्थर की आकर्षक बेंच, डिजाइनर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। आकर्षक सजावटी पौधे भी लगाए गए हैं जो बड़े होकर छांव भी देंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77869.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77869.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8428c97d69698b43d8f9f30e085f2cda0efec63 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77869.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (एजेंसी)। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका आने वाले विदेशियों के लिए कुछ नए नियमों को अस्‍थायी तौर पर पेश किया है। ये अमेरिका के वीजा बॉण्‍ड प्रोजेक्‍ट के तहत आए उन आवेदनों पर लागू है जिनमें यात्रियों ने व्‍यापार और पयर्टक के तौर पर अमेरिका के वीजा को एप्‍लाई किया है। इसके मुताबिक यहां पर आने वाले इन यात्रियों को इसके लिए एक लाख से अधिक रुपयों (15 हजार डॉलर) का भुगतान करना होगा। हालांकि बी1/बी2 वीजा पाने वाले भारतीय पर्यटकों पर ये लागू नहीं होगा। भारतीयों को इस पायलट प्रोग्राम से अलग रखा गया है। ।आंकड़ों की मानें तो 30 सितंबर 2019 को खत्‍म हुए वित्‍तीय वर्ष के दौरान 12 लाख से अधिक भारतीयों ने इन्‍हीं वीजा के जरिए अमेरिका की यात्रा की थी। इसका अर्थ ये भी है कि इनकी वीजा अवधि अब खत्‍म हो रही है। 13 हजार से अधिक लोग अमेरिका में ही रुक गए। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि भारत में ओवरस्‍टे की दर अमेरिका के मुकाबले बेहद कम हैं। भारत में ये दर जहां लगभग दो फीसद है वहीं अमेरिका में ये दर दस फीसद तक है। ।आपको बता दें कि इसके बारे में नए नियम 24 नवंबर को प्र‍काशित किए गए हैं। हालांकि इसकी शुरुआत दिसंबर के अंत तक होगी। बढ़ी हुई दरों का भार अफगानिस्‍तान, ईरान, सीरिया, यमन और कई अफ्रीकी देशों पर पड़ेगा। नई प्रकिया का मकसद यही है कि जो भी अमेरिका आता है वो तय समय तक वहां से चला जाए। ये पायलट प्रोजेक्‍ट 24 जून 2021 तक चलेगा। इस दौरान आने वाली वीजा एप्‍लीकेशन पर 5-15 हजार तक का बॉण्‍ड भरना होगा। इसका निर्धारण काउंसलर ऑफिसर करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77870.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77870.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8b9ad31376b6bbf74c50255c1671971482f1d09 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77870.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, प्रभजोत कौर। लाॅॅकडाउन में अधिकतर कंपनियों ने वर्क फ्राॅॅम होम की व्यवस्था शुरू कर दी। शुरुआत में तो कहीं से भी बैठकर लोगों ने काम किया, सोफा, कुर्सी, जमीन पर बिछा गद्दा। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, लोगों ने अपने घरों में ही पूरी तरह से अपने आफिस का सेटअप लगा लिया। अपने टेबल को सजाने के लिए इंडोर टेबल टाप पौधों को भी खरीदने लगे, जिससे घर के अंदर भी हरियाली सुकून दे। अब नर्सरियों में टेबल टाप पौधों की मांग काफी बढ़ गई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77871.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77871.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e8c328aa475aa8f8fba3e797894ffe40bd30d2c9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77871.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इतिहास। माना जाता है कि आयुर्वेद का जन्म ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में हुआ। इसकी आधारशिर्ला हिंदू दार्शनिक विद्यालय वैशेषिक और तर्क विद्यालय न्याय में रखी गई। यह अभिव्यक्ति की रूपरेखा से भी जुड़ी है, जिसे समाख्या के नाम से जाना जाता है। समाख्या की स्थापना भी उसी समय हुई थी जब वैशेषिक और न्याय विद्यालयों का बोलबाला था। वैशेषिक विद्यालयों में रोगों की स्थिति की पढ़ाई होती थी, जबकि न्याय विद्यालयों में इलाज शुरू करने से पहले मरीज और रोग की स्थिति के बारे में पढ़ाया जाता था। वैशेषिक विद्यालय किसी तत्व को छह प्रकार में विभक्त करते हैं-द्रव्य, विशेष, कर्म, सामान्य, समाव्यय और गुण। बाद में वैशेषिक और न्याय विद्यालयों का विलय हो गया और उन्हें न्याय-वैशेषिक विद्यालय के नाम से जाना जाने लगा। न्याय-वैशेषिक विद्यालयों ने ही प्राचीन ज्ञान को विस्तार दिया और आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में बड़ी भूमिका निभाई। इन स्कूलों की स्थापना से पहले और आज भी आयुर्वेद का जनक पृथ्वी की रचना करने वाले भगवान ब्रह्मा को माना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77872.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77872.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b37b55f6342bd6898acc89a254680a1bdb1dfd4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77872.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूरे विश्व में लगभग 50 प्रतिशत लोगों को ही आवश्यक चिकित्सा प्राप्त हो रही है। भारत में एलोपैथी चिकित्सा जो लगभग 250 वर्ष पुरानी है, केवल चालीस प्रतिशत लोगों को ही प्राप्त हो पा रही है। सरकारों के सभी प्रयास के बाद भी सबको चिकित्सा उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण विषय है। सरकार ने आयुष के लगभग सात लाख प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों के सहयोग से सबको चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो जाए, इस दृष्टिकोण से कार्य करना शुरू किया।आज लगभग 450 आयुष कॉलेजों के द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षण प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है। जिनका नियमन संसद द्वारा 1970 में पारित तथा 1971 में स्थापित इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल के द्वारा किया जाता है। 24 अप्रैल 2020 को इसे नेशनल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन के रूप में स्थापित कर भारत सरकार ने इसे नया स्वरूप दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77873.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77873.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0e015107b1f2fc6ce02acaeb91b9c5f6051aafbd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77873.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ग्यारह सीढ़ी। यमुना पार मेहताब बाग जाने वाले मार्ग पर ही दाईं ओर यमुना किनारे पर ग्यारह सीढ़ी स्थित है। यह एएसआइ द्वारा संरक्षित है, लेकिन यहां प्रवेश शुल्क लागू नहीं है। यहां से ताजमहल की खूबसूरती को निहार सकते हैं। इसके बराबर में ही एडीए द्वारा ग्यारह सीढ़ी पार्क विकसित किया गया है। जहां आप निर्धारित शुल्क देकर योग आदि के लिए बुकिंग भी करा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77874.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77874.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5a1d3bd6168053c67255e781ccfe6c5e0e6448c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77874.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +तेलंगाना राष्ट्र समिति: टीआरएस को शहर में कराए गए विकास कार्यो का भरोसा है। पार्टी का दावा है कि पिछले छह साल में शहर में 67,140 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए गए हैं। उसके पास 100 सभासद और छह लाख पार्टी सदस्य हैं। उसका मानना है कि उसके 40 पूर्व सभासद भी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम का मेयर पद पर कब्जाने में उसकी मदद करेंगे। + +बेरोजगारी से युवा खफा : बेरोजगार युवक व छात्र दोनों ही नए अवसर सृजित किए जाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ टीआरएस से खफा हैं। हाल ही में शहर में पैदा हुई बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर भी लोग पार्टी से नाराज हैं। विपक्षी पार्टियां चुनाव प्रचार के दौरान लैंड रेगुलराइजेशन स्कीम और धारिणी वेबसाइट मुद्दे को भी उछाल रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77875.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77875.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..081c72e4efd54ef5f27f4f39ba2c6ade25fc6b8b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77875.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉक्‍ट्रेट की उपाधि । 10 सितंबर 1970 को अमेरिका के मैसेचुसेट्स राज्‍य के बेडफॉर्ड में जन्‍मीं नीरा के माता पिता के बीच उस वक्‍त तलाक हो गया था जब वो केवल पांच वर्ष की थीं। उनकी मां को उनके पालन पोषण के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। केलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने के बाद उन्‍होंने 1996 में येल यूनिवर्सिटी से 1996 में डॉक्‍ट्रेट की उपाधि हासिल की। इसके बाद वो येल लॉ एंड पॉलिसी रिव्‍यू की एडिटर भी रहीं। केलिफॉर्निया में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात बेंजामिन एडवार्ड से हुई। इन दोनों ने मिलकर 1988 के अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रत्‍याशी बने मिशेल डुकिस का समर्थन किया और प्रचार अभियान में भी हिस्‍सा लिया। हालांकि इसमें उनकी हार हुई थी। येल से पढ़ाई पूरी करने के बाद नीरा ने वाशिंगटन का रुख किया। यहां पर उन्‍होंने आंतरिक नीतियों के एक थिंक टैंक के साथ काम शुरू किया। उन्‍होंने भारतीय-अमेरिकी मूल के लोगों के मामलों को भी नई आवाज दी। इस बारे में उन्‍होंने काफी कुछ लिखा भी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77876.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77876.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8fa9b4c448c818e5a8c0752360536aaa41633674 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77876.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्‍ली (जेएनएन)। हिंद महासागर के बीच चीन ने मालदीव में 2.1 किमी लंबे चीन-मालदीव मैत्री पुल का निर्माण किया है। चीन द्वारा वित्त पोषित पुल का निर्माण 20 करोड़ डॉलर (14.79 अरब रुपये) से हुआ है और यह मालदीव की राजधानी माले को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जोड़ता है। भारत हमेशा मालदीव को अपना सहयोगी मानता रहा है। ऐसे में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत ने अगस्त में 50 करोड़ डॉलर (36.98 अरब रुपये) के पैकेज की घोषणा की है। 6.7 किमी लंबा पुल माले को तीन द्वीपों से जोड़ेगा। यह मालदीव में सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना होगी, जो चीन के बढ़ते प्रभुत्व की काट है। चीन से परेशान मालदीव अब भारत की ओर देख रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77878.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77878.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dab0ad37eb38e0735732b4b48fdcf8f1142de511 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77878.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों का केवल एक मकसद ।आपको बता दें कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसकी कारगर वैक्‍सीन खोजने में लगे हैं। वहीं कुछ को इसमें काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। बावजूद इसके अभी किसी भी वैक्‍सीन को बाजार में उतारने और आधिकारिक तौर पर इसको आम लोगों को लगाने की इजाजत नहीं मिली है। हालांकि कुछ कंपनियों ने अपनी वैक्‍सीन के आपात सेवा के तौर पर इस्‍तेमाल करने की इजाजत जरूर मांगी है। भारत की ही बात करें तो स्‍वदेशी कोवैक्‍सीन का ट्रायल तीसरे चरण में है। भारत इस संबंध में पूरी एहतियात बरत रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद देश और विदेश में विकसित होने वाली वैक्‍सीन पर नजर रखे हुए हैं। उन्‍होंने साफ कर दिया है कि भारतीयों को बेहद कारगर वैक्‍सीन ही मिलेगी। इसको लेकर वैज्ञानिकों से भी बातचीत की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77880.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77880.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0fca3852b8ae865c0bec95189fbc9653e8a29bbf --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77880.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +इसी को लेकर यूपी बॉर्डर पर रविवार को किसान उग्र हो गए और बैरिकेड तोड़ दिए। आगे की रणनीति को लेकर भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल की अध्यक्षता में रविवार को 30 किसान जत्थेबंदियों की सोनीपत में बैठक हुई। बैठक में उन्होंने सरकार की ओर से शर्त के साथ मीटिंग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। + +बैठक के बाद शाम में सिंंघु बॉर्डर पर आयोजि प्रेस वार्ता में सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि वह बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में जाने को तैयार नहीं हैं। वह दिल्ली को चारों तरफ से घेरकर सरकार को उनकी मांग को पूरा करने को विवश कर देंगे। उनका कहना था कि टीकरी व सिंघु बॉर्डर को तो घेर लिया गया है। इसके बाद यूपी बॉर्डर व फिर जयपुर हाईवे का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह चार महीने का राशन साथ लेकर आए हैं। जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, वह धरना देते रहेगे। ।किसान नेताओं ने संयुक्त रूप से यह भी कहा कि वह संत निरंकारी मैदान नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पता लगा है कि सरकार की ओर से मैदान को ओपन जेल बना दिया गया है। वह ओपन जेल जाने की बजाय दिल्ली की चारों तरफ से घेराबंदी करेंगे और वहां के किसानों को वापस लाया जाएगा। हालांकि देर रात तक कोई भी किसान मैदान से वापस नहीं आया था। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अगर सरकार बिना किसी शर्त के उनसे मिलना चाहती है तो वह बात करने को तैयार हैं। + +सुरजीत सिंह ने कहा कि उन्होने फैसला किया है कि किसानों के मंच से किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। चाहे वह नेता कांग्रेस का हो या किसी अन्य पार्टी का। इसके अलावा कुछ किसानों की ओर से प्रदर्शन के दौरान मीडिया से दुर्व्यवहार किया गया। उनके मोबाइल फोन छीन लिए गए। इसके लिए सुरजीत सिंह ने सभी मीडिया कर्मियों से माफी मांगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77885.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77885.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2fb81355e959d8675e17b709fec9ca1038a35787 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77885.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। सड़क दुर्घटनाओं में 59 फीसद लोगों की मृत्यु का कारण तीन लापरवाहियां हैं। इनमें तेज गति से वाहन चलाना, शराब पीकर वाहन चलाना और मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए वाहन चलाना है। महानगरों के कुछ चिह्नित स्थानों को छोड़ दिया जाए तो उत्तर प्रदेश में ज्यादातर स्थानों में लोग यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते मिल जाएंगे। ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक हेलमेट तभी लगाते हैं जब उन्हें किसी ऐसे चौराहे से गुजरना होता है जहां चालान होने का खतरा है। कार चालकों का भी सीट बेल्ट को लेकर यही हाल है। यह लापरवाही इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि यातायात नियमों का पालन कराने के लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग दोनों के पास भी संसाधनों की बेहद कमी है। + +परिवहन विभाग की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में एआरटीओ जैसे अहम पद 28 फीसद खाली हैं, जबकि संभागीय निरीक्षक (आरआइ) के करीब 35 फीसद पद रिक्त हैं। यात्री कर अधिकारी के भी 27 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। एआरटीओ व आरआइ जैसे पद रिक्त होने के कारण ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों की फिटनेस से लेकर प्रवर्तन कार्य तक प्रभावित हो रहा है। परिवहन विभाग में सिपाहियों की तो लंबे समय से भर्तियां ही नहीं हुई हैं। विभाग होमगार्डों से किसी तरह काम चला रहा है। इन सबका असर सड़कों पर नजर आ रहा है। खटारा वाहन व ड्राइवरों की लापरवाही आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का सबब बन रही है। ।परिवहन विभाग के पास मात्र छह इंटरसेप्टर वाहन : इतने बड़े प्रदेश में वाहनों की जांच के लिए परिवहन विभाग के पास मात्र छह इंटरसेप्टर वाहन हैं। इसके जरिए ओवर स्पीडिंग व शराब पीकर वाहन चलाने सहित विभिन्न अपराधों में कार्रवाई की जाती है। यह संसाधन ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। प्रदूषण की जांच के लिए 19 संयंत्र हैं। 75 जिलों में 19 संयंत्र से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहर उगलते वाहनों की जांच केवल कागजों पर खानापूर्ति के लिए हो रही है। यातायात पुलिस में भी करीब आधे पद रिक्त चल रहे हैं। इतने विशाल प्रदेश की यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने का जिम्मा मात्र पांच हजार यातायात पुलिस कर्मियों के कंधे पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77889.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77889.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95c84b65bf70395b72ff4f961d3b82dd16075824 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77889.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। सिटी ब्युटीफुल चंडीगढ़ के लोग बड़े खतरे की जद में हैं। शहर में यह खतरा जानलेवा रोग कैंसर से है। शहर में नौ में से एक पुरुष को कैंसर का रिस्‍क है तो आठ में से एक महिला को कैंसर का खतरा है। पीजीआइ चंडीगढ़ और मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। चंडीगढ़ में पुरुषों में सर्वाधिक फेफड़े और प्रोस्‍टेट कैंसर का खतरा है। + +पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को है सबसे ज्यादा कैंसर की बीमारी।पीजीआइ चंडीगढ़ और मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर ने अपनी नई रिपोर्ट वर्ष (2013-2016) में कई चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं। चंडीगढ़ पीजीआइ की ओर से कैंसर की मौजूदा स्थिति पर नई रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें यह बताया गया कि चंडीगढ़ में पुरुषों में सर्वाधिक फेफड़ों (लंग्स) और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा पाया गया है। महिलाओं में स्तन (ब्रेस्ट) और गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) कैंसर का खतरा बढ़ गया है। + +चंडीगढ़ पीजीआइ और मुंबई टाटा मेमोरियल सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक चंडीगढ़ में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा कैंसर से ग्रस्त पाई गई हैं। चंडीगढ़ में एक लाख लोगों की आबादी पर 96 पुरुष और 100 महिलाएं कैंसर से ग्रस्त पाई गईं। इसी तरह पंजाब के मोहाली में एक लाख लोगों की आबादी पर 8 पुरुष और 96 महिलाएं कैंसर से ग्रस्त पाई गईं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7789.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7789.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a37ad268f8e771faddd54be137702f25673f2660 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7789.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ फैंस उन्होंने अपने खास अंदाज में श्रद्धांजलि दे रही हैं। इस वायरल वीडियो को पैपराजी फोटोग्राफर विरल भयानी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर शेयर किया हैं, जिसमें महिलाओं का एक ग्रुप दिलीप कुमार की फिल्म कर्मा का सॉन्ग दिल दिया है जान भी देंगे गाकर अपने खास अंदाज में श्रद्धांजलि दे रहे हैं। + +आपको बता दें कि लंबे वक्त से दिलीप कुमार बीमार चल रहे थे। कुछ ही दिनों में उन्हें कई बार मुंबई के हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया था। अब बुधवार को बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग ने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से उनके चाहने वालों और फैंस की आंखे नम है। जानकारी के अनुसार दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार को आज शाम राजकीय सम्मान के साथ मुंबई स्थित जुहू कब्रस्तान में दफनाया जाएगा गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77891.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77891.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..507b9e4cc3fd564fbbe295835df73f7ae3ea649f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77891.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +क्या है इतिहास।दिल्ली करनाल रोड से सब्जी मंडी को जोड़ने वाली सड़क पर एक सराय थी, जो गुड़ की सराय कहलाती थी। इसे मुगल काल में बनवाया गया था। यह ज्यादातर ईटों से निर्मित है। इन द्वारों पर लिखे अभिलेख से पता चलता है कि इन्हें नाजिर महलदार खां द्वारा 1728-29 में बनवाया गया था। मुहम्मद शाह के कार्यकाल में वह वजीर था। त्रिपोलिया गेट दिल्ली के सात ऐतिहासिक द्वारों में से एक है। इससे सटे क्षतिग्रस्त स्मारक को सैनिकों व घोड़ों के विश्राम के लिए बनवाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77895.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77895.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..95ea437c0ae4c228abebb8306f1f17fe69e20896 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77895.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली। Delhi Chalo March: 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत दर्जन भर राज्यों के किसानों का आंदोलन जारी है। पिछले 3 दिनों से हजारों की संख्या में किसान टीकरी बॉर्डर के साथ सिंघु बॉर्डर पर जमा हैं। छिटपुट किसानों को मिलाकर इनकी संख्या 1 लाख के आसपास बताई जा रही है। इस बीच शनिवार को उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी मोर्चा खोल दिया है और यूपी गेट पर जमा होने लगे हैं। यूपी के किसान भी दिल्ली में एंट्री कर कृषि कानूनों के खिलाफ अपना दमखम दिखाना चाहते हैं। इस बीच हरियाणा के बॉर्डर पर जमा किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में प्रदर्शन की इजाजत शुक्रवार को ही मिल गई थी, लेकिन ज्यादातर किसान टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर जमा हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम मैदान में धरना-प्रदर्शन की इजाजत मिल गई है, तो वे क्यों नहीं आ रहे हैं? हालांकि, कुछ किसान बुराड़ी के मैदान में है, लेकिन उनकी संख्या नहीं के बराबर है। आइये यहां हम बताते हैं कि दिल्ली में किसानों के आने का मामला कहां पर अटका है?।जंतर मंतर या रामलीला में प्रदर्शन की इजाजत चाहते हैं किसान। बताया जा रहा है कि पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर या फिर रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन करना चाहते हैं। इस बाबत किसानों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के नाम पत्र लिखकर इसकी इजाजत भी मांगी थी, लेकिन पुलिस ने कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के मद्देनजर अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77897.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77897.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78923106a73e63efa8a6b39a5a17f81cd94adef2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77897.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। वैश्विक दबाव के कारण पाकिस्तान की जेल से रिहा किए गए बाबा जान गुलाम कश्मीर के आम आदमी की दमदार आवाज हैं। बाबा जान की दमदार शख्सियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी रिहाई के लिए वर्ष 2017 में दुनिया के नौ देशों के 18 सांसदों ने आवाज उठाई थी। ऐसी ही एक अपील पर 49 देशों की 426 हस्तियों ने हस्ताक्षर किए थे। संयुक्त राष्ट्र में भीउनकी गिरफ्तारी का मुद्दा उठा था। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी लगातार पाकिस्तान को चेता रहा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77905.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77905.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff3e1886c14cde463540c3ddd538d7501ab75ae0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77905.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +तेलंगाना से ही थे भाजपा के पहले सांसद।यहां याद कर लेना जरूरी है कि तेलंगाना की धरती ने भाजपा का साथ तब दिया था, जब इंदिरा लहर में भाजपा को कहीं समर्थन नहीं मिला था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए आम चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में ऐसी जन सहानुभूति की बयार बही कि भाजपा का तकरीबन सफाया ही हो गया था। पार्टी के कई दिग्गज नेता भी उस चुनाव में हार गए। लेकिन उस कांग्रेस लहर में भी भाजपा पर दो जगह की जनता ने भरोसा जताया था। एक सीट थी गुजरात की मेहसाणा, जहां से एके पटेल ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरी तेलंगाना की हनमकोंडा सीट थी, जहां से चंदूपाटला जंगा रेड्डी ने जीत हासिल की थी। दरअसल जंगा रेड्डी पहले अध्यापक हुआ करते थे। फिर सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हुए थे, इसके बाद राजनीति में आ गए। रेड्डी शुरूआत से ही तेलंगाना सत्याग्रह आंदोलनों में भाग लेते रहे। यहां तक कि भाजपा की ओर से केरल तक के आंदोलनों में जाकर विरोध प्रदर्शनों में शामिल होते रहे। रेड्डी ने 1970 में बांग्लादेश को अलग देश बनाने के समर्थन में दिल्ली में हुए आंदोलन में हिस्सा लिया था, जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77907.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77907.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2b8167174c583bee8ae28eed91b02f9f61023890 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77907.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बैंकिग में ये हाेगा बदलाव।रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने पिछले दिनों रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) की व्यवस्था में बदलाव की घोषणा की है। अब नेफ्ट की तरह आरटीजीएस भी सप्ताह में सात दिन और 24 घंटे उपलब्ध रहेगा। यह व्यवस्था एक दिसंबर से लागू होने जारही है। इसके तहत किसी भी समय आरटीजीएस से रुपये ट्रांसफर किए जा सकेंगे। अभी माह के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर सप्ताह में काम काजी दिनों में सुबह सात से शाम छह बजे तक ये सुविधा उपलब्ध है। इससे पहले पिछले साल सप्ताह में सात दिन नेफ्ट की सुविधा प्रदान की गई थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77909.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77909.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c96711fb237209ce09d3f73168d5353b3c8d5c2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77909.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रंग-रूप और गंध में होता है एक सा।विशेषज्ञों के अनुसार शराब में इथाइल अल्कोहल का मिश्रण होता है। जिसके कारण शराब में नशा होता है। वहीं, मिथाइल केमिकल का प्रयोग सूबे में स्थित पेंट, टॉयलेट क्लीनर, थिनर और अन्य केमिकल इंडस्ट्रियल प्रॉडक्ट बनाने में प्रयोग किया जाता है। मिथाइल की डिस्टलरी (बनाने की फैक्ट्री) हरियाणा, पंजाब और असोम हैं। उत्तर प्रदेश में एक भी नहीं है। मिथाइल और इथाइल दोनों रंग रूप और गंध में एक जैसे होते हैं। इनके टैंकर चालक जब ढाबों पर रुकते हैं तो वह चंद रुपयों के लालच में इथाइल बताकर इसकी बिक्री करके चले जाते हैं। इसके बाद ढाबों से अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोग इसकी खरीदारी करके ले जाते हैं। शराब बनाते समय अथवा दुकानों से ली हुई शराब में इसका मिश्रण करते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7791.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7791.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a54f34efa0b19cf3f417b3ef7a6595b05413ed21 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7791.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार और ट्रेजिडी किंग के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले दिलीप कुमार के निधन ने सबको हिलाकर रख दिया। दिलीप कुमार ने आज यानी बुधवार को सुबह साढ़े सात बजे मुंबई के अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली हैं। 98 साल के दिलीप साहब को बीते काफी वक्त से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसकी वजह से उन्हें 30 जून को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इन मुश्किल घड़ी में सायरा हमेशा ही दिलीप कुमार के साथ ​मजबूती से खड़ी रहीं। ले​किन क्या आप जातने हैं जब बॉलीवुड किंग शाहरुख खान, दिलीप कुमार और सायरा बनो के काफी करीब थे। कुछ सालों पहले जब दिलीप साहब की तबीयत खराब हुई थी, तो उस वक्त उनके सबसे बड़े फैन और बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान बेटी सुहाना खान के साथ उनसे मिलने पहुंचे थे। शाहरुख के उनके घर पहुंचे की जानकारी खुद सायरा बनो ने मीडियो को दी थी। लेकिन क्या आप ये जानते हें कि दिलीप कुमार और सायरा बानो शाहरुख को अपने बेटे जैसा मानते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77910.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77910.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..aa3c42d5d0572fa38ab3712b4620f5ba7d47d176 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77910.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सरकार के खिलाफ उठाई आवाज । बाबा जान ने सरकार और सेना की मिलीभगत से गिलगिट-बाल्टिस्‍तान के लोगों पर हो रहे अत्‍याचारों के खिलाफ पूरी दुनिया का ध्‍यान खींचा था। उनका कहना था कि सरकार सेना के साथ मिलकर यहां पर उनके खिलाफ उठने वाली हर आवाज को कुचल रही है। युवाओं और महिलाओं समेत बुजुर्गों को भी अवैध रूप से जेलों में ठूंसा जा रहा है और उन्‍हें यातनाएं दी जा रही हैं। गौरतलब है कि बाबा आवामी वर्कर्स पार्टी की फेडरल कमेटी के सदस्‍य होने के साथ-साथ इसके पूर्व उपाध्‍यक्ष भी रह चुके हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77913.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77913.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a40ea0c478e673cad27c346e9df6637f4f0d9bb8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77913.txt @@ -0,0 +1,8 @@ +लेखन के बीज।दोस्तों, अभी जब कोरोना की वजह से आपका स्कूल जाना बंद है, तो ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ आप कहानियों की किताब जैसे कि हैरी पॉटर भी अवश्य पढ़ते होंगे। क्या आप जानते हैं कि लेखिका जे.के. रॉलिंग ने हैरी पॉटर का खाका सबसे पहले अपनी डायरी में ही खींचा था। एक दिन ट्रेन में जब वे अपनी डायरी उलट-पुलट रही थीं, तो उन्हें हैरी पॉटर जैसे पात्र की रचना करने का ख्याल आया और उसे उन्होंने तुरंत डायरी में नोट कर लिया। प्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति को बचपन में उनकी मां हर दिन की घटनाओं को एक डायरी में नोट करने को कहतीं।  ।सुधा मूर्ति बताती हैं कि उनमें लेखन के बीज वहीं से पड़े। डायरी लेखन से ही उनमें कहानियां लिखने की आदत विकसित हुई। आपको भी दिन भर हजारों अच्छे-बुरे ख्याल आते होंगे। यदि आपको अब तक उन्हें डायरी में नोट करने की आदत नहीं है, तो आज से ही इसकी शुरुआत कर दें। यदि किसी दोस्त से हुई लड़ाई या किसी बड़े से मिली डांट से आप परेशान हैं, तो उसे भी नोट करने की आदत डालें। ।आप देखेंगे कि लिखने के साथ ही आप तनावमुक्त महसूस कर रहे हैं। साथ ही अगर क्लास, घर या किसी अन्य स्थान पर आपकी किसी ने तारीफ की है या अपने आसपास कोई महत्वपूर्ण घटना घटते हुए देख रहे हैं, तो उसे नोट करना भी न भूलें। प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन के बारे में यह प्रचलित है कि वे हर अच्छी-बुरी घटना को डायरी में नोट करते जाते थे। बाद में उन्हें ही आधार बनाकर उन्होंने कई महत्वपूर्ण किताबें तैयार कीं। + +इनोवेटिव आइडियाज के स्रोत।अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थान दिलाने वाले महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि जो भी व्यक्ति उनके संपर्क में आता, उनके साथ महत्वपूर्ण बातचीत करता, वे उन्हें न सिर्फ याद रखते, बल्कि डायरी में नोट भी करते थे। उनकी तरह ही रमन इफेक्ट रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले महान वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन भी महत्वपूर्ण बातों को डायरी में लिखते जाते। ।फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कुछ समय पहले सोशल साइट पर यह बात शेयर की कि फेसबुक की अवधारणा पहले उन्होंने डायरी के पन्नों पर ही तैयार की थी। प्रसिद्ध लेखक और बिजनेसमैन अश्विन सांघी कहते हैं, 'कई इनोवेटिव आइिडयाज का जरिया हमारी डायरी बनती है। जो कुछ हमारे दिमाग में आता है, उसे हम नोट करते जाते हैं। जरूरी नहीं कि आप उस समय क्रिएटिव मूड में रहें ही। बाद में जब आप उन आइडियाज को पढ़ते हैं, तो उस पर आगे काम करने के आपको उपाय सूझते हैं। अभी मेरे दिमाग में तीन कहानियों के प्लॉट हैं, जिन्हें मैंने डायरी में नोट कर लिया है। इन पर मैं बाद में लिखूंगा। ।जगाती है देशप्रेम की भावना।प्रसिद्ध कंपनी पीरामल के ग्रुप डायरेक्टर व बेस्टसेलर राइटर हरिंदर सिक्का 1999 में जंग छिड़ने पर आर्मी की परमिशन लेकर कारगिल गए थे और उन्होंने वहां का अवलोकन व अनुसंधान कर डायरी में नोट किया था। इस नोट के आधार पर जब उन्होंने किताब 'कॉलिंग सहमत' तैयार कर ली, तो वे देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे। हरिंदर कहते हैं, ' जब भी मैं अपने नोट्स को पढ़ता, तो मुझमें देशप्रेम की भावना भरती जाती। मैंने तभी तय किया कि आगे मैं सिर्फ देश का गौरव बढ़ाने वाली व सच्चाई पेश करने वाली कहानियां ही लिखूंगा। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान जब महान वीर भगत सिंह जेल में कैद थे, तो वे रोज डायरी लिखा करते थे। ।आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फांसी पर चढ़ने वाले दिन भी उन्होंने डायरी लिखी थी। उनकी डायरी में अंकित देशभक्ति के भाव जगाने वाली उनकी पंक्तियों ने लाखों नवयुवकों में देश के प्रति प्रेम पैदा किया। इतिहास के रिटायर्ड प्रोफेसर व साहित्यकार शरद पगारे कहते हैं,'गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, नेल्सन मंडेला आदि जैसे महान लोगों की लिखी डायरियां न सिर्फ देशप्रेम की भावना जगाती हैं, बल्कि विस्तृत अध्ययन करने के लिए भी प्रेरित करती हैं। + +मिलता है सुकून।लोकप्रिय मोटीवेशनल स्पीकर, आईएएस ऑफिसर व लेखक निशांत जैन पिछले कई सालों से रोज दस-पंद्रह मिनट डायरी लिखते आ रहे हैं। रोजाना जो वे कुछ खास करते या महसूस करते हैं, उन्हें वे नोट कर लेते हैं। आजकल तो ऑनलाइन डायरियां भी उपलब्ध हैं। समयाभाव के कारण निशांत अपनी डायरी मोबाइल में ही लिख लेते हैं। जब वे आइएएस की तैयारी कर रहे थे, तब से उन्होंने लिखना शुरू किया था। वे कहते हैं, ' डायरी लिखने से आपको सुकून मिलता है। मन में जो विचार आपको बहुत परेशान कर रहे होते हैं या ऐसे विचार जो आपके मन पर हावी हो जाते हैं, यदि आप उन्हें डायरी में शब्द दे देंगे, तो आप बहुत रिलैक्स महसूस करते हैं।' वे कभी-कभार खराब अनुभवों को भी नोट कर लेते हैं। ।उनके अनुसार, खराब अनुभवों से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। निशांत किशोरों को संदेश देते हैं, ' डायरी लिखने के लिए अलग से समय निकालने की कोई जरूरत नहीं है। जब भी समय मिले डायरी लिख लें।' वे खुद ऑफिस से घर जाने के समय गाड़ी में खाली बैठे रहने पर डायरी लिख लेते हैं। टीनएजर रायटर तुषार ऋषि जब कैंसर जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित हो गए, तो वे हॉस्पिटल में रोज अपने अनुभवों को डायरी में नोट करते जाते। इससे उन्हें न सिर्फ रोग से लड़ने में आत्मबल मिलता, बल्कि समय भी अच्छी तरह से कट जाता। रोगमुक्त होने के बाद जब वे अस्पताल से घर आए, तो डायरी में दर्ज किए गए अनुभवों के आधार पर किताब लिखी 'पेशंट पेशंट '। यह किताब पाठकों के बीच खूब पसंद की गई। ।लेखक बनने की पहली सीढ़ी।मैं अपने पास हमेशा एक छोटी डायरी या नोटबुक और पेंसिल रखता हूं। जब भी कोई विचार आते हैं, तो मैं उन्हें नोट कर लेता हूं। लेखक बनने की पहली सीढ़ी है डायरी लेखन। यदि आप विचारों को तुरंत नोट करने की आदत नहीं डालेंगे, तो बाद में उस विषय के भूल जाने की आशंका बनी रहती है। + +मालती जोशी, उपन्यासकार व बाल साहित्यकार ।तनाव से मुक्त होने का साधन।विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है डायरी। यदि आप अपनी बातों को किसी दूसरे व्यक्ति से शेयर नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें डायरी में लिख लेने से आप हल्का महसूस करते हैं। जब कभी किसी समस्या के कारण आप परेशान हों, तो बीते समय की सुखद यादों, घटनाओं को डायरी में नोट करें। इससे आप तनावमुक्त महसूस करेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77916.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77916.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4f84a48273a86a3d1440b983725bb51f56f31b1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77916.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जानकारी के मुताबिक 25 साल बाद 21वीं शताब्दी में यह पहला नागार्जुन वेश है। ऐसे में इस वेश को लेकर श्रद्धालुओं में भी उत्सुकता का माहौल है। हालांकि इस साल कोरोना प्रतिबंध के कारण प्रभु के इस दुर्लभ वेश का भक्त दर्शन नहीं कर पाएंगे। नागार्जुन वेश के इतिहास पर यदि नजर डालें तो यह वेश काफी पुराना होने का अनुमान किया जा रहा है। इससे पहले 1993 एवं 1994 में महाप्रभु का नागार्जुन वेश हुआ था। 25 साल बाद 2020 में पुन: यह वेश हो रहा है। ।नागार्जुन वेश में महाप्रभु श्री जगन्नाथ एवं श्रीविग्रहों के लिए विशेष सामग्री का प्रयोग किया जाता है। विशेष रूप से अलंकार के साथ विभिन्न अस्त्र-शस्त्र से सज्जित किया जाता है। श्रीभुज, श्रीपयर, नाकूआसी, कान का कुंडल, ओलमाल, बाघनखी माली, हरिड़ा माली, पद्ममाली, घागड़ा माली से सजाया जाता है। महाप्रभु जगन्नाथ एवं बलभद्र के मुंह में मूंछ एवं दाढ़ी लगाई जाती है। बाघ की छाल वाले वस्त्र दोनों भाई को पहनाया जाता है। इन वस्त्रों को सोल, कना, जरी से बनाया जाता है। बेत से अस्त्र बनाए जाते हैं। महाप्रभु की सेवा में लगे पुजारी ही विशेष रूप से इसे तैयार करते हैं। पुजारियों के अनुसार हर नागाजरुन वेश में एक जैसे ही वस्त्र पहनाए जाते हैं। ।नागार्जुन वेश को श्रीक्षेत्र लोक संस्कृति की प्रतिछवि माना जाता है। कोरोना संक्रमण के कारण आयोजन सामान्य रहा, हालांकि पंरपराएं पूरी निभाई गई। जिस साल पंचुक छह दिनों का होता है, उसी साल होता है महाप्रभु का यह विरल वेश देखने को मिलता है। ।इन सोलह चीजों से होता है श्रृंगार ।- नागाताटी।- नागाफुल।- डेणु।- हांडिया।- बज्र घंटी।- एरा घर।- नाकूआसी।- शंख चक्र।- दाढ़ी।- हरिड़ा माली।-  कटुरी।- ओलमाली।- बाघनख माली।- ढाल।- खंडा।- हस्तपाद ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77919.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77919.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5459c21f3064b5ee7f2c4b93250a1e63b6e01d11 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77919.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां घड़ी नहीं घंटे से चलती है जिंदगी।जेल के अंदर अधीक्षक और जेलर के कक्ष में घड़ी होती है। कैदियों की सुरक्षा के मद्देनजर बैरक में घड़ी नहीं रखी जाती है। कई बार कैदियों ने झगड़े के दौरान घड़ी को तोड़कर उसका गलत उपयोग किया है। राजधानी की जेल में खूंखार अपराधी और आतंकी समेत करीब 3500 बंदी हैं। राजधानी समेत सूबे की हर एक जेल में समय बताने के लिए हर घंटे में घंटा बजाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7792.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7792.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..59f683622b96b3404866bb80d8135c405205d67d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7792.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करना हिंदी सिनेमा के किसी भी कलाकार के लिए किसी एचीवमेंट से कम नहीं होता था। फिर अनिल कपूर ने तो अपने करियर के शुरुआती दौर में ही दिलीब साहब के साथ एक ही फ्रेम शेयर किया था। पहले यश चोपड़ा की फ़िल्म शक्ति में अनिल ने दिलीप कुमार के पोते का रोल निभाया। फिर मशाल और कर्मा में उनके साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया। यह तीनों ही फ़िल्में अनिल कपूर के करियर की आइकॉनिक फ़िल्में मानी जाती हैं। दिलीप कुमार के निधन पर अनिल कपूर ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। ।अनिल ने ट्विटर पर दिलीप कुमार के साथ अपनी फ़िल्मों की तस्वीरें शेयर करके एक इमोशनल नोट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा- आज हमारी दुनिया की चमक कुछ कम हो गयी है, क्योंकि सबसे चमकीला सितारा चला गया है। दिलीप साहब मेरे पिता के काफ़ी क़रीब थे और मुझे उनके साथ अपनी तीन सबसे यादगार फ़िल्मों में काम करने का सम्मान मिला। इस इंडस्ट्री और मेरे लिए दिलीप कुमार सबसे महान और बेहतरीन एक्टर रहेंगे। उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। श्रद्धांजलि दिलीप साहब। आप हमारे दिलों और यादों में हमेशा रहेंगे। + +🙏🏻 pic.twitter.com/KumAjvG03r।वहीं, जैकी श्रॉफ ने कर्मा में दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था। उन्होंने दिलीप कुमार के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करके लिखा- उनकी आत्मा की शांति और परिवार को दुख सहने की शक्ति के लिए दुआएं। ।कर्मा 1986 में रिलीज़ हुई थी। इस फ़िल्म में अनिल, जैकी और नसीरुद्दीन शाह ने तीन क़ैदियों की भूमिकाएं निभायी थीं, जिन्हें दिलीप कुमार का किरदार राणा विश्व प्रताप सिंह डॉ. डेंग को ख़त्म करने के लिए ट्रेन करता है। फ़िल्म का निर्माण निर्देशन सुभाष घई ने किया था। कर्मा बॉक्स ऑफ़िस पर सफल रही थी। यह फ़िल्म दिलीप कुमार और अनुपम खेर के बेहतरीन अभिनय के लिए भी जानी जाती है। अनुपम खेर ने डॉ. डेंग का किरदार निभाया था। वहीं शक्ति 1982 और मशाल 1983 में रिलीज़ हुई थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77921.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77921.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1d0fb4a6385eb8b4d5e7db4c6b3d818686170d6f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77921.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सैद्धांतिक रूप से भी मुफीद : भाजपा के लिए जीएचएमसी का चुनाव सिर्फ एक चुनाव नहीं है, यह उसके लिए सैद्धांतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। भाजपा हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर रखना चाहती है। ऐसी स्थिति में हैदराबाद का संदेश देश भर में गौर से सुना जाएगा। दूसरी ओर, ओवैसी को भाजपा की बी टीम बताने वालों को भी पार्टी नेताओं के आक्रामक बयानों ने साफ संदेश दे दिया है। हिंदुत्व से जुड़े संगठनों के लिए हैदराबाद महज एक शहर नहीं है बल्कि वे उसे मुस्लिमों के अधिकार वाली एक सभ्यता के रूप में देखते हैं, जो मराठों से ब्रिटिश शासन तक अस्तित्व बचाने में कामयाब रही। + +वर्चस्व टूटा, राजनीति चलती रही : आजादी मिलने और हैदराबाद रियासत के भारत में विलय के बाद हैदराबाद को लेकर यह सोच जरूर क्षीण हुई मगर चालीस साल पहले फिर से एआइएमआइएम ने प्रभुत्व जमाना शुरू किया। अब ओवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी अच्छा किया है। ऐसे में ओवैसी को रोकने के लिए उनके घर से बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती है। जहां पिछड़ने का मतलब उनके घटते प्रभाव के रूप में देखा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77922.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77922.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a28258c9e9448ab16432a44b99cac12a9b6f3cb --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77922.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, मुन्ना लाल शर्मा। जज्बे का उम्र से कोई वास्ता नहीं होता। ऐसे तमाम उदाहरण देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है प्रधान अवध पाल सिंह ने। उन्होंने 60 साल की उम्र में एक ऐसी वाटिका खड़ी की है, जो नजीर बन गई है। दुर्लभ प्रजातियों के पौधों के साथ आंवला, नींबू आदि के वृक्ष इस वाटिका की शोभा बढ़ाते हैं। इस वाटिका में दूर-दूर तक फैली हरियाली के चलते ही यहां पक्षियों ने भी डेरा जमाना शुरू कर दिया है। प्रधान, दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे भी हरियाली को बढ़ावा देने में सहयोग करें। परंपरागत खेती से हटकर किया गया ये प्रयोग, दूसरे किसानों को भी पसंद आ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77923.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77923.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d4c000f06a596f092f3c3a8873d37704d0949648 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77923.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। राजधानी दिल्ली में इन दिनों कोरोना से ज्यादा मास्क को लेकर सियासत हो रही है। दरअसल, घर से बाहर बिना मास्क के पकड़े जाने पर दो हजार रुपये का जुर्माना है। इससे आम आदमी भी दहशत में है। उन्हें कोरोना से ज्यादा डर दो हजार रुपये जुर्माने का है, इसलिए वह किसी तरह से मुंह ढंकने की आदत डाल रहे हैं। इसके साथ ही मास्क पर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है। विपक्ष मास्क को लेकर सरकार को घेरने में जुटा हुआ है। ऐसे में कई नेता जासूस की भूमिका में दिख रहे हैं। उन्हें मंत्रियों की जासूसी का काम दिया गया है। कौन मंत्री किस कार्यक्रम में जा रहा है, वहां भीड़ कितनी है, मंत्री और अन्य मास्क लगाए हैं या नहीं? इन बातों की पूरी जानकारी हासिल कर रहे हैं। मौके की फोटो भी मंगा रहे हैं, जिससे कि सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा सके। + +कब तक बने रहेंगे रक्षात्मक। आम आदमी पार्टी (आप) इन दिनों भाजपा शासित नगर निगमों को घेरने में लगी है। आप नेता रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निगमों में भ्रष्टाचार का कोई न कोई मुद्दा उठा देते हैं। इससे प्रदेश भाजपा नेतृत्व परेशान है। उसे इस सियासी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने का माकूल तरीका समझ नहीं आ रहा है। फिलहाल लग रहे आरोपों के खंडन की रस्म अदायगी हो रही है। इससे आम कार्यकर्ताओं और पार्षदों में बेचैनी है। उनका कहना है कि समय रहते यदि कारगर रणनीति नहीं बनाई गई तो चुनाव में नुकसान उठाना होगा। आरोपों का खंडन करने या रक्षात्मक होने के बजाय पार्टी को आक्रामक रुख अख्तियार करना होगा। निगम की उपलब्धियों को प्रचारित करने के साथ ही उन मुद्दों को उठाना होगा, जिसका जवाब देने के लिए दिल्ली सरकार और आप नेता मजबूर हो सकें। इस काम के लिए पार्टी नेतृत्व शायद योग्य नेताओं की खोज कर रहा है। + +चुनाव से पहले अस्तित्व पर प्रश्न। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। गुरुद्वारा निदेशालय के साथ ही चुनाव लड़ने वाली पार्टियां भी अपने स्तर पर तैयारी कर रही हैं। इसी बीच शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के अस्तित्व को लेकर भी लड़ाई हो रही है। धार्मिक पार्टी के तौर पर इसकी मान्यता का मामला तूल पकड़ रहा है। वर्ष 2017 में भी इसकी मान्यता रद करने की मांग उठी थी। अब फिर से अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है। आम अकाली दल नामक पार्टी की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। खास बात यह है कि शिअद बादल के खिलाफ एचएस फूलका पैरवी कर रहे हैं। इससे नए चुनावी समीकरण के भी कयास लगने लगे हैं। वहीं, चुनाव से कुछ माह पहले इस कानूनी लड़ाई से अकाली नेताओं की ¨चता बढ़ना लाजिमी है। फिलहाल उन्हें अदालत के फैसले का इंतजार है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77924.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77924.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..15e15d30b2f0b3c615d1a6f52c89d3b24f25d836 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77924.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल में लगे फुव्वारे कभी यमुना के पानी से चला करते थे। रहट से यमुना का पानी लिफ्ट किया जाता था। ऊपर से तेजी के साथ जब पानी नीचे आता था तो फुव्वारे एक साथ चल उठते थे। आज भले ही फुव्वारे भूगर्भ जल से चलते हों, लेकिन प्राचीन जल प्रणाली बाग खान-ए-आलम और ताजमहल की पश्चिमी दीवार के मध्य में अब भी है। खान-ए-आलम जहांगीर का दरबारी था, जिसे मौत के बाद उसके लगवाए बाग में ही दफन कर दिया गया था। + +ताजमहल के पश्चिमी गेट से यमुना किनारा की तरफ बसई घाट तक एक मार्ग जाता है। यहां करीब छह दशक पूर्व तक घाट अस्तित्व में था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा ताजमहल की दीवार से टकराते यमुना के पानी को रोकने के लिए पत्थरों का रोका लगाए जाने से घाट दब गया। बाग खान-ए-आलम में एएसआइ की उद्यान शाखा ने नर्सरी बना रखी है। बाग अौर ताजमहल की पश्चिमी दीवार के बीच में ताजमहल की प्राचीन जल प्रणाली है, जो यमुना किनारा से शुरू होकर ताजमहल की पश्चिमी दीवार से जुड़ी है। मुगल काल में रहट से यमुना का पानी लिफ्ट कर वाटर चैनल में पहुंचाया जाता था। वाटर चैनल से होता हुआ पानी ओवरहैड टैंक तक पहुंचता था। टैंक से जब यह पानी छोड़ा जाता था तो उसके दबाव से ताजमहल में लगे हुए सभी फुव्वारे चलने लगते थे। ताजमहल के फुव्वारे वर्षों से यमुना के पानी से नहीं चल रहे हैं। अब टंकी में सबमर्सिबल से पानी भरा जाता है और उसी से फुव्वारे चलते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77926.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77926.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..11d093a2ada20734004a4004e5cf1a6d14be2839 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77926.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +करनाल में हुई भिलाई के युवा की निशुल्क सर्जरी,  टीम सोनू सूद ने फिर पेश की मानवता की मिसाल।इसके बाद अमन को लगा, मानो नया जन्म मिल गया। उसने इसके लिए सोनू सूद को फोन के जरिए शुक्रिया भी कहा। भिलाई निवासी अमन को 2008 से यह तकलीफ है। काफी कोशिश की, जगह-जगह दिखाया लेकिन समस्या यथावत रही। 2014 में पता चला कि क्रेनियल वर्टिब्रल जंक्शन में समस्या है तो ऑपरेशन कराया लेकिन यह सफल नहीं हुआ। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77931.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77931.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db0ded9f66e5d74e9fd570f04c03d4d112887085 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77931.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन,  ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिकी राष्‍ट्रप‍ति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्‍याशी जो बाइडन चुनाव जीत चुके हैं। वह जीत के लिए निर्धारित इलेक्ट्रॉल कालेज के 270 मतों का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इतना ही नहीं वह अपनी नई कैबिनेट के नामों का ऐलान भी कर चुके हैं, लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी राष्‍ट्रपति ट्रंप अभी किसी सूरत में हार मानने को राजी नहीं है। उम्‍मीद है कि 20 जनवरी तक बाइडन अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। इसके बावजूद राष्‍ट्रपति ट्रंप अभी भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। गुरुवार को दिए अपने एक नए बयान के कारण सुर्खियों में है। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉल कालेज बाइडन को विजेता घोषित करता है तो वह व्‍हाइट हाउस छोड़ने को राजी होंगे। उनके इस बयान के बाद राष्‍ट्रपति चुनाव में हार-जीत का मामला अब अदालत से निकल कर इलेक्ट्रॉल कालेज के पास पहुंच गया है। इसके पूर्व भी हार-जीत को लेकर अपने अटपटे बयानों के कारण ट्रंप सुर्खियों में रह चुके है। आइए जानते हैं कि इसके पूर्व उन्‍होंने क्‍या दिए बयान। आखिर उन बयानों के क्‍या है राजनीतिक निहितार्थ। ।अटपटे बोल-1 ।बाइडन अगर राष्‍ट्रपति बने तो निर्वाचक मंडल की होगी बड़ी भूल ।अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉल कालेज बाइडन को विजेता घोषित करता है तो वह व्‍हाइट हाउस छोड़ने को राजी होंगे। उन्‍होंने कहा कि 20 जनवरी बहुत दूर है। ट्रंप ने कहा कि तब तक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव आएंगे। राष्‍ट्रपति चुनावों में हुई धोखाधड़ी तब तक उजागर हो जाएगी। ट्रंप ने कहा कि हम चुनावों में हार-जीत के लिए किसी तीसरी दुनिया की तरह कंप्‍यूटर उपकरणों को हैक करने की रणनीति अपना रहे हैं। उन्‍होंने मीडिया के समक्ष कहा कि वह व्‍हाइड हाउस छोड़ देंगे अगर इलेक्ट्रॉल कालेज बाइडन को राष्‍ट्रपति के रूप में प्रमाणित करता है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि यदि निर्वाचक मंडल ने बाइडन को राष्‍ट्रपति निर्वाचित किया तो यह इतिहास की एक बहुत बड़ी भूल होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77933.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77933.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..73a6b86683983cc6f1a3aba6c22e1d8a1d916c83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77933.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Indian Railway News: त्योहार के दिनों में यात्रियों को घर पहुंचने में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए कई विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई थी। इनमें से कुछ ट्रेनों का परिचालन आगे भी जारी रखने का फैसला किया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कई रूट पर प्रतीक्षा सूची की संख्या को ध्यान में रखकर विशेष ट्रेनों को विस्तार दिया जा रहा है। कुछ ट्रेनों का परिचालन दिसंबर तक होगा। वहीं, कई ट्रेनें अगले आदेश तक चलती रहेंगी। + +यहां होगा ठहराव।मार्ग में यह आसनसोल, चित्तरंजन, मधुपुर, जसीडीह, झाझा, जमुई, क्यूल, मोकामा, बख्तियारपुर, पटना साहिब, पटना, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, वाराणसी, जौनपुर सिटी, सुलतानपुर, निहालगढ़, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, यमुनानगर, जगाधरी, अंबाला छावनी, लुधियाना, फगवाड़ा, जालंधर छावनी, पठानकोट छावनी तथा कठुआ स्टेशनों पर ठहरेगी। + +2-हावड़ा-बाड़़मेर (02323/02324):- दनकुनी के रास्ते यह विशेष ट्रेन 04 से 25 दिसंबर तक प्रत्येक शुक्रवार को हावड़ा से शाम 06.50 बजे प्रस्थान करके तीसरे दिन सुबह 07.05 बजे बाड़मेर पहुंचेगी। वापसी में 09 से 30 दिसंबर तक प्रत्येक बुधवार को बाड़मेर से शाम 03.55 बजे प्रस्था न करके तीसरे दिन सुबह 05.50 बजे हावड़ा पहुंचेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77935.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77935.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..733889fa87e769fb34f6857e00c30508644d2341 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77935.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कन्‍हैया कुमार।जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ (JNUSU) की राजनीति से मुख्‍यधारा की राजनीति में आए कन्‍हैया कुमार वामपंथी राजनीति (Left Politics) के स्‍थापित चेहरा बन चुके हैं। सीपीआइ नेता कन्‍हैया बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी व अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के खिलाफ खड़े थे। बिहार के बेगूसराय के रहने वाले कन्‍हैया भी युवा कुंवारे राजनेताओं की लिस्‍ट के प्रमुख चेहरे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77936.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77936.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4d52f3174c9e5f378f3b5b22107b41d49e05ddbc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77936.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +उत्तर प्रदेश में होने वाली दुर्घटनाओं में 71 फीसद हादसों की वजह इंसान की गलती के रूप में सामने आती है, जबकि 29 फीसद हादसों के लिए रोड इंजीनियरिंग से लेकर वाहन की फिटनेस व अन्य अव्यवस्थाएं हैं। यह हमें सावधान भी करता है। हम खुद थोड़ा संयम और सावधानी बरत कर अपनी, अपने परिवार व दूसरों की जान को खतरे में डालने से बचा सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77937.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77937.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..962e77f88ca07b184a430e86bf931a4e5cb6ee48 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77937.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +राजनीतिक विरासत में इंद्रजीत भारी : रामपुरा रियासत का सफेद महल ही रामपुरा हाउस के रूप में प्रसिद्ध है। पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का घर और राजनीतिक ठिकाना यही था। इस महल का राजनीतिक रुतबा लगभग एक दशक पूर्व तब घट गया था, जब रामपुरा हाउस से मात्र 500 मीटर दूर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपना नया हाउस बना लिया था। परिवारिक बंटवारे के बाद अस्तित्व में आया यह इंद्रजीत हाउस ही आज सत्ता का असली केंद्र है, जबकि रामपुरा हाउस की खोई शक्ति वापस पाने के लिए राव इंद्रजीत के छोटे भाई राव अजीत सिंह व उनके बेटे राव अर्जुन सिंह एक दशक से संघर्षरत हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77944.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77944.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1371ff08830db7464f104d706640647d59a3a691 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77944.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +काठमांडू (पीटीआई)। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्‍ट की ऊंचाई वर्तमान में कितनी है इसका पता जल्‍द ही चल जाएगा। यदि आप इस बात को जानकर हैरान हैं तो आपको बता दें कि ऐसा होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, कुछ समय से ये बात लगातार कही जा रही है कि नेपाल में आए भूकंप और दूसरे भौगोलिक कारणों की वजह से एवरेस्‍ट की ऊंचाई में कुछ बदलाव आया है। इसमें ये भी कहा गया है कि नेपाल में वर्ष 2015 में आए भूकंप की वजह से इसको काफी नुकसान पहुंचा था, जिसकी वजह से इसमें अंतर आया है। अब नेपाल और चीन दुनिया की इस सबसे ऊंची चोटी में आए बदलाव और इसकी ऊंचाई की घोषणा संयुक्‍त रूप से करेंगे। एजेंसी ने नेपाली मीडिया के हवाले से बताया है कि जल्‍द ही चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग रविवार को नेपाल की यात्रा पर आने वाले हैं। इसी दौरान इसकी घोषणा भी की जाएगा। की आगामी नेपाल यात्रा के दौरान की जा सकती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77945.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77945.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e0bef15e578ba6cadc14b9fc91dd120c6f37607b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77945.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। Lucknow Zoo 99 Years: गाड़ियों के शोर और भीड़भाड़ के बीच शहर का एक हिस्सा ऐसा है, जहां सुकून की हरियाली बिछी हुई है। यहां पक्षियों का कलरव है, वानरों की धमाचौकड़ी और हिरणों की अठखेलियां भी। इंसानों के जंगल के ठीक बीचोबीच बसी वन्यजीवों की यह नगरी एक अलग ही संसार है। हमारा अपना चिडिय़ाघर। तीन किमी. की परिधि का यह टुकड़ा खुशियां बांटता है और ऐसा करते हुए इसे 99 साल हो चुके हैं। इस 29 नवंबर को यह अपने 100वें साल में प्रवेश करेगा। 29 नवंबर 1921 को बनारसीबाग से शुरू हुई यह यात्रा अपने आंचल में ऐसी कई स्मृतियां समेटे हुए है, जिससे इसकी एक अलग पहचान बनती है। + + 18वीं शताब्दी में लखनऊ के नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने बाग के रूप में न केवल स्थापना की, बल्कि बारादरी का निर्माण कर नवाबी कला के रंग को इसके परिसर में समाहित कर दिया। फिरंगियों की सैरगाह के रूप में यह प्रचलित हो गया। कुछ दिन बाद ही नाम बनारसी बाग से बदलकर ङ्क्षप्रस ऑफ वेल्स जूलोजिकल गार्डन ट्रस्ट हो गया। 2001 में जूलोजिकल पार्क और फिर लखनऊ चिडिय़ाघर। 2015 में इसका नाम नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान हो गया। यह सूबे का सबसे पुराना चिडिय़ाघर है। सरकार के अधीन होने के बावजूद सरकारी होने का तमगा नहीं लग सका है। दर्शकों के टिकट और समाजसेवियों के वन्यजीवों को गोद लेने की दिलचस्पी के चलते चिडिय़ाघर में लगातार बदलाव आ रहा है। 1925 में सबसे पहले राजा बलरामपुर ने बब्बर शेर के बाड़े का निर्माण कराया था। 1935 में रानी राम कुमार भार्गव ने तोता लेन का निर्माण कराया। आज फिर भालू, टाइगर बाड़ों के साथ अंदर करीब 100 बाड़े हैं जहां एक हजार से अधिक वन्यजीव अपनी जिंदगी जीने के साथ आने वाले दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। 2006-08 में हाथी सुमित और जयमाला के जंगल में भेजने के बाद हाथी नहीं आया। न्यायालय के आदेश के चलते ऐसा किया गया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77949.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77949.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..872ac09045a4db82e2b0c0b8e4a617588ab4d080 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77949.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सूत न कपास और जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा।दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की महत्वाकांक्षी परियोजना लैंड पूलिंग पॉलिसी कई सालों से मझधार में लटकी है और मूर्त रूप नहीं ले पा रही है, जबकि दक्षिणी नगर निगम ने इसके राजस्व में 50 फीसद हिस्से की मांग की है। इसके पीछे निगम अधिकारियों की दलील है कि इस पॉलिसी के तहत जो सेक्टर विकसित किए जाएंगे, उनकी साफ-सफाई और नालियों की व्यवस्था का जिम्मा अंतत: नगर निगम को ही संभालना पड़ेगा। इसके लिए राजस्व की जरूरत होगी। दूसरी तरफ डीडीए अधिकारियों का कहना है कि अभी तो किसानों का समूह ही नहीं बन पा रहा है, ऐसे में पॉलिसी पर काम आगे बढ़ पाना संभव ही नहीं है। बिल्डर भी फिलहाल इस पॉलिसी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में जब हमें ही राजस्व नहीं मिल रहा तो निगम को क्या दें। अब यह तो वही कहावत हो गई कि सूत न कपास और जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77950.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77950.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..43ba24ce2b0060bfcd5c6e4d84d5ec7d4fb9dd1d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77950.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। सभी चुनाव साथ कराए जाने की मांग का मूल मर्म समय और धन की बचत है। भाजपा ने समय-समय पर इस मांग को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बनाया। 1951 से 1967 तक केंद्र और राज्यों के चुनाव साथ कराने की व्यवस्था थी। इस समयावधि के दौरान राज्यों के चुनाव पूर्ण या आंशिक रूप से लोकसभा चुनावों के साथ होते रहे हैं। 1951-52 में तो सभी राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ हुए, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और सरकारों की बर्खास्तगी के चलते धीरे-धीरे यह क्रम बिगड़ता गया। 1957 में लोकसभा चुनाव के साथ 76 फीसद राज्यों के ही चुनाव हुए जबकि 1962 और 1967 में यह आंकड़ा 67 फीसद तक पहुंच गया। 1970 आते आते साथ-साथ चुनाव कराने की परंपरा पूरी तरह से खत्म हो गई। + +पीएम मोदी की खास रुचि।जनवरी, 2017 में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव के संभाव्यता अध्ययन कराए जाने की बात कही। तीन महीने बाद नीति आयोग के साथ राज्य के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इस जरूरत को दोहराया। इससे पहले दिसंबर 2015 में राज्यसभा के सदस्य ईएम सुदर्शन नचियप्पन की अध्यक्षता में गठित संसदीय समिति ने भी इस चुनाव प्रणाली को लागू किए जाने पर जोर दिया था। + +नीति आयोग का नोट।नीति आयोग द्वारा एक देश एक चुनाव विषय पर तैयार किए गए एक नोट में कहा गया है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को 2021 तक दो चरणों में कराया जा सकता है। अक्टूबर 2017 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने के लिए आयोग तैयार है, लेकिन  निर्णय राजनीतिक स्तर पर लिया जाना है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77951.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77951.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b80620f5652836136452c63f674aab1a95ba0d01 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77951.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +ऑस्ट्रेलियाई टीम के 26 वर्षीय क्रिकेटर फिलिप ह्यूज के निधन से करोड़ों फैंस भावुक हो गए थे। यहां तक कि कंगारू टीम के खिलाड़ी भी उस समय भावुक नजर आए। इतना ही नहीं, फिलिप ह्यूज को जिस गेंदबाज का बाउंसर लगा था, उस गेंदबाज को कई साल तक इस बात का अफसोस था और उन्हें इससे उबरने में समय भी लगा। आज ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए उस मनहूस दिन को 6 साल बीत गए हैं। ऐसे में उस दर्दनाक घटना के बारे में आपका जानना जरूरी है। + +25 नवंबर 2014 को ऑस्ट्रेलिया में शेफील्ड शील्ड टूर्नामेंट खेला जा रहा था। फिलिप ह्यूज साउथ ऑस्ट्रेलिया की तरफ से न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ खेल रहे थे। 25 नवंबर 2014 को ये मैच शुरू हुआ था। उस दिन ह्यूज काफी अच्छी लय में नजर आ रहे थे, लेकिन जब वह 63 रन के स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो सीन एबॉट की एक बाउंसर उनके सिर पर जा लगी और गेंद लगते ही फिलिप ह्यूज जमीन पर लेट गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77952.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77952.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1c9845091e097c96fb8c1012974fba367aff83f6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77952.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रांची, प्रदीप शुक्ला। चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव के बिहार भाजपा के विधायक को फोन करने के कथित ऑडियो मामले के तूल पकड़ने के साथ एक बार फिर रांची प्रशासन पर सवाल उठने खड़े हो गए हैं कि आखिर एक कैदी पर इतनी मेहरबानी क्यों हो रही है? क्या लालू यादव के लिए जेल मैनुअल के कोई मायने नहीं हैं? क्या कोई अन्य सामान्य कैदी भी उपचार के दौरान इसी तरह की सुविधाएं ले सकता है? जेल प्रशासन के तमाम निर्देशों की अवहेलना किसके इशारे पर हो रही है? क्या अब ऑडियो वायरल होने के बाद फिर कुछ सख्ती बढ़ेगी अथवा सबकुछ पूर्व की भांति ही चलता रहेगा?।बिहार की राजनीति में पिछले दो दिनों से भूचाल की वजह बना ऑडियो बेशक नया है, लेकिन लालू पर सरकार की मेहरबानी नई नहीं है। जेल से लेकर स्थानीय प्रशासन में हर खुलासे के बाद कुछ हलचल दिखती है, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात होता है, क्योंकि राज्य सरकार इस पर मौन साधे है। हां, हंगामा बढ़ने के बाद इतना जरूर हुआ है कि लालू को केली बंगले से रिम्स के पेईंग वार्ड में दोबारा शिफ्ट कर दिया गया है। + +बिरसा मुंडा जेल प्रशासन की ओर से लालू को तीन सेवादार दिए गए हैं। इनमें से एक इरफान अंसारी हैं, जो लालू की जरूरत का सामान बाहर से अंदर लाते हैं। इरफान अंसारी राजद के झारखंड के प्रदेश महासचिव भी हैं। दूसरा, लक्ष्मण है जो उनके भोजन की व्यवस्था देखता है और तीसरा सेवादार लालू की शारीरिक देखभाल करता है। भाजपा नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने लालू पर जेल से राजग सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए जो नंबर (जिस पर लालू बात करते हैं) जारी किया था, वह इरफान अंसारी का है। वैसे लालू यादव तीनों सेवादारों के नंबर से बात करते रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77953.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77953.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..557c9e123c95e0f38f52f763b675013cfa96e9a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77953.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, सुबान खान। सुबह के छह बजे कोहरे से धुंधली हरियाली के बीच चांदी सी चमकती पानी की लहरें और उन पर अठखेलियां करते पक्षी। झील के किनारों पर पहरा देती कार्मोरेंट और पानी के ऊपर सुनाई देता बार हेडेड गूज का कलरव। ।यह नजारा कहीं और का नहीं, बल्कि शुक्रवार की सुबह रामसर साइट घोषित कीठम स्थिति सूर सरोवर पक्षी विहार का था। हरियाली की लताओं के आंचल में कीठम झील के किनारों पर सैकड़ों प्रवासी मेहमानों को पर्यटकों का इंतजार नजर आया। झील के टापुओं पर बार हेडेड गूज और कार्मोरेंट के झूंड बैठे थे और इक्का दुक्का पेलिकन अपने भोजन की तलाश में चोंच से पानी गोता लगा रही थी। शरद ऋतु में यह मेहमान दूर देश से सूर सरोवर पक्षी विहार में भोजन की आस लेकर आए हैं। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, चीन, डेनमार्क और थाइलैंड, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से हजारों मील का सफर तय करके प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। हालांकि हर वर्ष की भांती प्रवासी पक्षियों की संख्या कम है। वन क्षेत्राधिकारी योगेश सिंह ने बताया कि बार हेडेड गूज, फ्लेमिंगो, नार्दन पिनटेल, कामन सैंडपाइपर, ग्रेट कार्मोरेंट, कामन टील, ग्रेट वाइट पेलिकन, नार्दन शावलर ठीक-ठाक तादाद में हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77954.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77954.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0908ed34c98807c440b1413dbbb39206be595198 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77954.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +ज्यादातर रीढ़ की हड्डी की तकलीफ जैसे-ऑस्टियो अर्थराइटिस, स्पाइनल स्टेनोसिस या पीठ की कोई गहरी चोट आदि फैसेट ज्वाइंट में दर्द का मुख्य कारण होती हैं। आमतौर पर इनके प्राथमिक उपचार में मरीज के दर्द के हिसाब से फिजियोथेरेपी, दर्द निवारक दवा या पारंपरिक सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि अब रेडियो फ्रीक्वेंसी न्यूरोटॉमी जैसी अत्याधुनिक तकनीक की मदद से लंबे समय से हो रहे दर्द में राहत देने के लिए रीढ़ की हड्डी का उपचार संभव है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77955.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77955.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cfd881eab8b863692cd82fd60cc5137032747770 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77955.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +उस समय भाजपा और अकाली दल का गठबंधन तो नहीं टूटा लेकिन सिद्धू ने पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया, जबकि भाजपा में रहते हुए सिद्धू ने चुनावी रैलियों में कांग्रेस को मुन्नी से भी ज्यादा बदनाम बताते थे। वह राहुल गांधी को 'पप्पू' और डा. मनमोहन सिंह को 'मौनी बाबा' का कह कर संबोधित करते थे। कांग्रेस को वह अक्‍सर 'गुडिया कांग्रेस' करार देते थे। सिद्धू जिस समय इस तरह के जोशीले भाषण देते थे, तब उन्होंने कभी इस बात की कल्पना नहीं की कि वह कभी कांग्रेस में भी जाएंगे। सिद्धू कांग्रेस में तो आ गए लेकिन अपने पीछे अपना शायद 'सुनहरा भविष्य' भी छोड़ कर आ गए। + +भाजपा में सबसे बड़ा चेहरा बन सकते थे।सिद्धू ने जब भाजपा छोड़ी तक किसी ने कल्पना नहीं की थी कि भाजपा और अकाली दल का गठबंधन भी कभी टूट सकता है। लेकिन समय का पहिया घूमा और 2020 के तमाम उठापटक में यह गठबंधन भी टूट गया। गठबंधन टूटने के बाद भाजपा में सबसे बड़ी कमी सिख चेहरे को लेकर उभरी। ऐसे में यह भी चर्चा का विषय बनी कि अगर सिद्धू भाजपा में होते तो वह सबसे बड़ा चेहरा बन सकते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77956.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77956.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1109423f85293272ee3c02b0d76f671d2da1e69f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77956.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मॉडर्ना। परीक्षण के दौरान कंपनी की वैक्सीन 94.5 फीसद कारगर पाई गई है। कंपनी ने एमआरएनए को ‘कोशिकाओं का सॉफ्टेयर’ करार दिया है। मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन में एमआरएनए की सुरक्षा के लिए अलग प्रकार के लिपिड नैनोपार्टिकल्स का इस्तेमाल किया है। हालांकि, उसने इसकी प्रौद्योगिकी को सार्वजनिक नहीं किया है। कंपनी का कहना है कि यह तकनीक बेहतर है और उसकी वैक्सीन का परिवहन माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर किया जा सकता है। यही नहीं 2-8 डिग्री सेल्यिस तापमान पर उसे 30 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77957.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77957.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db9f7fa9d31c87e8fa31fa00ec8d1dcdb50117cc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77957.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसी वर्ष सितंबर में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन की अध्यक्षता में संयुक्त सलाहकार आयोग की छठी बैठक संपन्न हुई थी। इस बैठक में आपसी द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर सहमति व्यक्त की गई थी। बैठक में भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक, सीमा सुरक्षा, नागरिक सुविधाओं अन्य विवादित मुद्दों को सुलझाने समेत भारत द्वारा बांग्लादेश को कोविड वैक्सीन की आपूर्ति संबंधी विषयों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नेबरहुड फर्स्‍ट भारत की प्राथमिकता में है। प्रधानमंत्री मोदी भी कई मौकों पर पड़ोस पहले की नीति को अपनी प्रतिबद्धता दोहरा चुके हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मुद्दा भी शीघ्र सुलझ जाने की उम्मीद है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार में दोनों देशों के आपसी संबंधों में काफी मजबूती आई है, जबकि बेगम खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के साथ भारत के रिश्ते उतने प्रभावी कभी नहीं रहे। + +अब तक के चुनावों में जमात-ए-इस्लामी बीएनपी की सबसे बड़ी मददगार रही है, लेकिन चुनाव से पहले जमात को प्रतिबंधित किए जाने से बीएनपी की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा था। वैसे तो अवामी लीग की सरकार में अल्पसंख्यक हिंदू स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं, लेकिन वेस्टेड प्रॉपर्टी एक्ट वहां रहने वाले हिंदुओं के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है। बीएनपी और जमात के शासन में अल्पसंख्यकों की जमीनों पर कब्जे हुए। वर्ष 1996 में अवामी लीग के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 2001 में इस कानून में बदलाव कर इसका नाम वेस्टेड प्रॉपर्टी रिटर्न एक्ट कर दिया, ताकि बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों को उनकी अचल संपत्तियों का लाभ मिले। कानून के तहत अल्पसंख्यकों की जब्त की गई जमीनों को 180 दिनों के भीतर वापस करने की मियाद तय की गई थी, लेकिन 2001 में बीएनपी की सरकार में अल्पसंख्यकों पर जुल्म और बढ़ गए। वर्ष 2008 में अवामी लीग सत्ता में आई और उसने इसे प्रभावी बनाने का फैसला किया, लेकिन सरकार के उस फैसले का लाभ अभी तक वहां के अल्पसंख्यकों को नहीं मिल सका है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77960.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77960.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a37111e61c2fcf7e3ff71832bbb862caa62da9fc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77960.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +हांगकांग मीडिया की मानें तो फिलहाल यहां पर आई चौथी लहर के सोर्स के बारे में पता नहीं चल सका है। हालांकि सरकार को शक है कि इसके पीछे हांगकांग में खुले डांस स्‍कूल हो सकते हैं। इसके लिए सरकार ने 14 ऐसे डांस स्‍कूलों को भी चिंहित किया है जिनपर उसे शक है। सरकार की तरफ से अपील की गई है कि इस माह इनमें आने वाले इसकी जानकारी को सार्वजनिक जरूर करें। इसके बाद में इन सभी का टेस्‍ट करवाया जाएगा और मुमकिन है कि इन पर जुर्माना भी लगाया जाए। हांगकांग में कोविड-19 की रोकथाम के लिए बनाए गए नए नियमों में यदि कोई इसका टेस्‍ट सरकार के कहने के बाद भी नहीं कराता है तो उस पर 19 हजार रुपये से अधिक (2000 हांगकांग डॉलर) का जुर्माना किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें छह माह जेल की सजा का भी प्रावधान है। इसके अलावा सरकार कुछ समुदायों की कोविड-19 की जांच को जरूरी करने पर भी विचार कर रही है। इसमें टेक्‍सी ड्राइवर, होम केयर वर्कर शामिल हैं। + +हांगकांग में कोविड-19 की चौथी लहर को देखते हुए सरकार एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के नियम को और सख्‍त बना रही है। इसके तहत रेस्‍तरां में ग्रुप में आने वाले लोगों की संख्‍या को छह से घटाकर चार कर दिया गया है। लाइव म्‍यूजिक और डांस को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस तरह की सभी जगह को रात 2 बजे तक बंद करने के आदेश भी दिए गए हैं। होटल के कमरे में भी चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। + +हांगकांग की मास ट्रांजिट रेलवे कॉर्पोरेशन के प्रवक्‍ता (पब्लिक ट्रांसपोर्ट रिसर्च टीम) क्‍वेंटिन चेंग हिनकी की मानें तो हाल के दिनों में मेट्रो में सफर करने वालों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। वहीं कई तरह की बंदिशों को भी खत्‍म किया गया है। उनके मुताबिक दिसंबर कोरोना वायरस की चौथी लहर की वजह से इसमें कमी आ सकती है। उनका ये भी कहना हे कि आने वाले दो सप्‍ताह में कोविड-19 और खतरनाक हो जाएगा, जिसके चलते वापस प्रतिबंधों को सख्‍त करने की जरूरत होगी। उनके मुताबिक वो नहीं मानते हैं कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोई क्रिसमस मनाने के लिए कहीं बाहर जाना पसंद करेगा। इसके उलट लोग घरों में ही रहना ज्‍यादा पसंद करेंगे। आपको यहां पर ये भी बता दें कि कोविड-19 महामारी की वजह से हवाई सफर करने वालों की संख्‍या में वैश्विक स्‍तर पर करीब 81 फीसद तक की कमी आई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77962.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77962.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fe47491225a06daf81f26f03d819b3027c6a171 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77962.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। देश दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार दिल्ली के पांच इलाके ऐसे भी हैं जहां की आबोहवा अपेक्षाकृत काफी स्वच्छ है। यहां के लोग साल भर बेहतर हवा में सांस लेते हैं। हैरानी की बात यह कि जब समूचा दिल्ली-एनसीआर की हवा गंभीर श्रेणी का प्रदूषण झेल रहा होता है, तब भी यहां की हवा अधिकतम खराब श्रेणी तक ही रहती है। ।गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में लगभग 40 एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन लगे हुए हैं। यह सभी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), मौसम विभाग और आइआइटीएम पुणे द्वारा संचालित किए जाते हैं। इनसे रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स तो मिलता ही है, पीएम 2.5 और पीएम 10 सहित अन्य प्रदूषक तत्वों व जहरीली गैसों की जानकारी भी उपलब्ध हो जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77964.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77964.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ed2631b41b749e69e06bf07826dc7d6acf2656f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77964.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इस वर्ष 26 दिन ही हो पाए विवाह।कोरोना वायरस की चुनौतियों के साथ इस वर्ष जनवरी से मार्च तक होली से पहले कुल 19 दिन मुहूर्त थे। फिर 15 मार्च से खरमास शुरू हो गया और लॉकडाउन में अप्रैल से जून तक कुल 23 मुहूर्त यूं ही निकल गए। फिर चातुर्मास के दौरान जुलाई से 24 नवंबर तक विवाह नहीं हो सके। अब देवउठनी एकादशी से 11 दिसंबर तक कुल सात दिन ही हिंदू परंपरा में विवाह के मुहूर्त शेष हैं। + +वर्ष 2021 में 50 मुहूर्त ।वर्ष 2021 में विवाह के लिए 50 दिन मिल रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र  ने जागरण को बताया कि बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह की तिथि नहीं है। मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु अस्त का मान रहेगा। इसके बाद 16 फरवरी से शुक्र 17 अप्रैल तक अस्त रहेगा। इस कारण विवाह का पहला मुहूर्त 22 अप्रैल को पड़ेगा। इसके बाद देवशयन से पूर्व 15 जुलाई तक 37 दिन ही विवाह के मुहूर्त बचे हैंं। 15 नवंबर 2021 को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 13 दिन और मिलेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77966.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77966.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..27b6729f59d71b10dee6b2763dd91bd11ca0ccb3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77966.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नरीमन हाउस में एक आतंकियों के दूसरे गुट ने हमला किया था। यहां पर उन्‍होंने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसी चाबड़ हाउस में मोशे तजवी होल्त्जबर्ग को घर में काम करने वाली एक सहायक ने बचा लिया था। बाद में इस बच्‍चे को इसके परिजनों के पास इजरायल पहुंचा दिया था। इजरायल की यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बच्‍चे से मुलाकात भी की थी। मुंबई हमले के समय उसकी उम्र महज दो वर्ष की थी। पिछले वर्ष 26/11 की बरसी पर पीएम मोदी ने उसको एक पत्र भी लिखा था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77967.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77967.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bb83821b69118cb9cbd2ed9711b2eddf866b19e4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77967.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कानपुर, [जागरण स्पेशल]। बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने ग्राहकों पर तमाम नए शुल्क लगाने की तैयारी कर ली है। नव वर्ष में बैंक ऑफ इंडिया के नए नियमों से ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। शुल्क बढ़ाए जाने वाले नियम पहली जनवरी 2021 से बैंक शाखाओं में लागू कर दिए जाएंगे। हालांकि ग्राहकों को जानकारी देने के लिए बैंक की शाखाओं पर एक दिसंबर 2020 से ऑन स्क्रीन या फिर पोस्टरों के माध्यम से बताया और दिखाया जाना शुरू हो जाएगा। ग्राहक यदि सौ रुपये से कम वाले नोट यदि एक हजार संख्या से ज्यादा जमा करेंगे तो प्रति सौ नोट पर दस रुपये का शुल्क देना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7797.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7797.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ed0885e6cd0c63a5cc4577996ea62672b6f27b3e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7797.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेत्री कियारा आडवाणी के एक-दूसरे को डेट की खबरों के चलते सोशल मीडिया पर चर्चा में रहते हैं। दोनों को अक्सर साथ में घूमते हुए और पार्टी करते हुए स्पॉट किया जाता है। अब उन्होंने बुधवार को अपने रूमर्ड व्बॉयफ्रेंड सिद्धार्थ मल्होत्रा के घर के बाहर स्पॉट किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77971.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77971.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c012cc57a22b5b673b9a479414d20f5d27529676 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77971.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +दूसरा दृश्य यकीनन किसी राजनीतिक सभा का है। बिना मास्क पहने एक भीड़ हाथों में यथायोग्य पुष्प, पुष्पगुच्छ या हार लेकर चैतन्य अवस्था में खड़ी है। नेता जी आते हैं, सभा क्षेत्र, जनता और विरोधियों के लिए कुछ ओजपूर्ण शब्द कहे जाते हैं और अंत में कोरोना के खिलाफ जंग लडऩे की बात कह कर सभा समाप्त हो जाती है। शाम को कोरोना का बुलेटिन बताता है कि हिमाचल प्रदेश में इतनी मौतें हो गई हैं, इतने एक्टिव केस हैं, इतने स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं आदि। कुछ और भीतर उतरें तो पाते हैं कि देश की एक्टिव केस दर से कहीं ऊपर हिमाचल प्रदेश पहुंच गया है। + +न्यू नार्मल को केवल नार्मल समझ लिया गया। दोषी सब हैं। इसलिए दोषी हैं क्योंकि वैक्सीन की आहट बेशक सुनाई दे रही है, लेकिन आई नहीं है। इसके बावजूद, गैर जरूरी चीजों को जरूरी समझा गया। जब कोई विवाह समारोह कम लोगों की मौजूदगी में हो सकता था, उसके लिए तामझाम क्यों बढ़ाए जाएं? जो कुछ भी किया जा सकता था, वही नहीं किया गया। न शारीरिक दूरी, न मास्क और न हाथों के लिए बनाए प्रोटोकाल का पालन हुआ। शादियों में गले मिलते हुए दिखे हैं लोग। सियासी लोगों में जो पक्ष ने किया, वही विपक्ष ने भी किया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77973.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77973.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4fef0829ca9d9abb766c796ac0e6fe03be0f9a57 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77973.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ समय-समय पर जबरदस्‍त आंदोलन भी देखने को मिले हैं। इनमें 1974 में चलाया गया जेपी आंदोलन प्रमुख है। इसके बाद 1989 में बोफोर्स मामले के खिलाफ वीपी सिंह का आंदोलन, 2011 में विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिए चलाया गया बाबा रामदेव का आंदोलन, इस दौरान भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिए जनलोकपाल विधेयक को लेकर किया गया अन्‍ना हजारे का आंदोलन शामिल है। वहीं, मोदी सरकार के कार्यकाल में भी भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए गए। इनमें से एक नोटबंदी भी था। इसके अलावा कई फर्जी कंपनियों को बंद करना भी इसी श्रेणी में शामिल था। ।भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिए उन्‍होंने प्‍लास्टिक मनी या डिजिटल मनी को बढ़ावा दिया। इसके तहत कई सरकारी विंडो को ऑनलाइन किया गया। इसकी मदद से भ्रष्‍टाचार पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकी। इतना ही नहीं आम जनता को विभिन्‍न मदों के माध्‍यम से दी जाने वाली सब्सिडी को भी सीधे उनके खाते में पहुंचाकर सरकार ने भ्रष्‍टाचार पर सबसे बड़ा वार किया था। भ्रष्‍टाचार को रोकने के लिए सूचना का अधिकार, लोकसेवा अधिकार कानून, भ्रष्टाचार-निरोधक कानून, भारतीय दण्ड संहिता समेत कई दूसरे कानून भी भारत में मौजूद हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77976.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77976.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..155debf58adaa9708472891bf25e95c846eb5fe4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77976.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फिटनेस जांच : ।कुछ प्रदेशों में नए वाहनों के लिए आठ साल तक हर दो साल पर फिटनेस जांच अनिवार्य है। इसके बाद हर साल फिटनेस प्रमाण पत्र लेना होगा। हालांकि, अलग-अलग राज्यों में इस नियम में अंतर हो सकता है। बड़ी संख्या में वाहन बिना फिटनेस जांच के ही फर्राटा भर रहे होते हैं। जानकारों के अनुसार, इसके दो कारण हैं- एक तो फिटनेस जांच की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है और दूसरा वाहन मालिक इसे अनावश्यक बोझ समझते हैं। ऐसे में वे वाहन भी सड़कों पर फर्राटा भर रहे होते हैं, जो फिटनेस जांच की प्रक्रिया में फेल हो जाएं। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77985.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77985.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c10012f34ba55c7c9e8945454f63e50d20dbd103 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77985.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्ली, आइएएनएस। मुंबई में हुए आतंकी हमले की गुरुवार को 12वीं बरसी है। 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हिंसा और रक्तपात का ऐसा खूनी खेल खेला था कि पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी। इस हमले के बाद बहुत कुछ बदल गया। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सबसे खराब स्तर पर पहुंच गए। भारत ने इस हमले से सबक लेते हुए अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर किया गया और उनके बीच मजबूत संवाद तंत्र स्थापित किया गया। इसके चलते भारत कई आतंकी हमलों को विफल करने में सफल भी रहा। मुंबई हमले के लिए खुफिया एजेंसियों की नाकामी को जिम्मेदार बताया गया था। हालांकि, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत का कहना है कि कोई खुफिया नाकामी नहीं हुई थी। हमले की खुफिया जानकारी मिली थी और उसे सुरक्षा से जुड़े संबंधित विभागों तक पहुंचा भी दिया गया था। उस घटना के बाद भारत सरकार ने सभी एजेंसियों के बीच मजबूत सूचना तंत्र स्थापित किया। ।हमले में मारे गए थे 166 लोग।ट्राइडेंट होटल, सायन अस्पताल, वीटी रेलवे स्टेशन और यहूदी पूजा स्थल पर लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों के हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी। करीब 60 घंटों तक आतंकवादियों ने होटल और कई दूसरे स्थानों को बंधक बनाकर रखा था। इस हमले में तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे। नौ आतंकी भी मारे गए थे और एक को जिंदा पकड़ लिया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77986.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77986.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..513e827a2b658e62c60358ad05ef586edf0e9685 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77986.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +भावनात्मक लब्धि, बुद्धि लब्धि के बाद मिले धरातल पर बने रहने के लिए उपयोगी होती है। बुद्धि लब्धि की सर्वप्रथम व्याख्या 1912 में विलियम स्टर्न ने की। यह मानसिक आयु को कालानुक्रमिक आयु के साथ विभाजित करके और परिणाम को 100 से गुणा करके प्राप्त किया जाता है। भावनात्मक लब्धि शब्द का सबसे पहले प्रयोग जॉन डी मेयर ने 1990 में किया, जबकि आध्यात्मिक लब्धि की चर्चा पहली बार जोहर ने 1997 में की। कहते हैं कि आइंस्टीन की बुद्धि लब्धि सबसे ज्यादा थी, पर वह गांधी के समर्थक थे। भावनात्मक लब्धि अमूमन सभी बड़े राजनेताओं, बड़े उद्योगपतियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व ख्यातिप्राप्त नौकरशाहों में होती है। इसे अभ्यास से सुधारा भी जा सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77987.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77987.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1bb09e38b8731318b416e19a77e192b976422af0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77987.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जहांगीर का दरबारी था इतिबारी खां। इतिबारी खां जहांगीर का दरबारी था। उसने सूफी संत ख्वाजा काफूर के लिए मस्जिद, कुछ कमरे व कुआं बनवाया था। वर्ष 1622 में इतिबारी खां आगरा का गर्वनर रहा था। किला व टकसाल की सुरक्षा का जिम्मा उस पर था। वर्ष 1623 में शाहजहां ने जब आगरा को अपने अधिकार में करने की कोशिश की थी, तब इतिबारी खां ने उसे हराया था। इसके बाद जहांगीर ने उसे मुमताज खां की उपाधि और छह हजार का मनसब प्रदान किया था। वर्ष 1623 में ही उसकी मृत्यु हो गई थी। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77989.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77989.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e781f45d9562cbee1e82c4e09220dc6a8ded78a9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77989.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बता दें 2018 में नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में उमर पर किसी शख्स ने गोली चलाई थी, जिसके बाद पुलिस की ओर से उसे एक सुरक्षाकर्मी मिला था। आरोप पत्र में इस बात का जिक्र है कि उमर ने चांद बाग, सीलमपुर समेत अन्य जगहों पर अपने साथियों के साथ दंगे की साजिश रचने के लिए गुप्त बैठकें की थी, उन बैठकों में वह अपने सुरक्षाकर्मी को लेकर नहीं जाता, उसके बाद सुरक्षाकर्मी को साथ रखता था। खालिद वाम की विचारधारा रखता है। + +उमर ने बनाया था दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप।उमर खालिद ने जेएनयू के मुस्लिम छात्रों का एक संगठन बनाया, इसके बाद जामिया समन्वय समिति का गठन किया गया। इसके बाद वाट्सएप पर दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप बनाया और अपने मनसूबों को अंजाम तक पहुंचाया। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77990.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77990.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9012ec51d5e6f6e6e0f90cfd5706a47e79d1a466 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77990.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह कहानी है सहकारिता आंदोलन की, संगठन में शक्ति की। व्यापारियों के प्रभाव से डरे पशुपालक जब दूध सहकारी सभा को बेचने में अनिच्छा प्रकट करते हैं, तब कहानी का एक पात्र भोला जो एक दलित युवक है, आक्रोश में आह्वान करता है, यह सोसाइटी हमारी अपनी है। यही निचोड़ है सहकारिता के सिद्धांतों पर आधारित श्वेत क्रांति का और दूध बना प्रतीक इस आंदोलन का। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77991.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77991.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..08d274df9286302b1334b331f830422f5a000e80 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77991.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +खाना बीच में छोड़कर निकल गए थे जाखड़।जिस समय आपरेशन के लिए एनएसजी को जिम्मेदारी दिए जाने की सूचना मानेसर ट्रेनिंग में पहुंची थी उस समय कैप्टन अनिल जाखड़ पालम विहार इलाके में अपने घर पर थे। मानेसर ट्रेनिंग सेंटर में पोस्टिंग के दौरान वह समय-समय पर माता-पिता से मिलने पहुंच जाते थे। जिस समय उन्हें मुंबई जाने के लिए सूचना मिली थी उस समय वह खाना खा रहे थे। सूचना मिलते ही वह खाने पर से उठ गए थे। माता-पिता को यह कहते हुए कुछ ही मिनट में घर से निकल गए थे कि देश के बहुत बड़ा करने का समय आ गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77994.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77994.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1b747e1282036b24dcb00c99d45d6826b3253313 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77994.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कांग्रेस में जुड़ाव की टूट गई आखिरी कड़ी।सियासत की दुनिया में अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को किनारे रखते हुए पार्टी के हित को सर्वोपरि रखने वाले अहमद पटेल निर्विवाद रूप से बीते दो दशक से कांगेस के चाणक्य थे। सहज, हंसमुख और मिलनसार व्यक्तित्व के साथ अद्भुत राजनीतिक कौशल उनकी इस भूमिका की सबसे बड़ी ताकत थी। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष की दूसरी बार भूमिका निभा रहे अहमद पटेल के अचानक अवसान से पार्टी के सामने दो सबसे बड़ी तात्कालिक चुनौती खड़ी हो गई है। पहली बड़ी चुनौती यह है कि कांग्रेस के 23 नेताओं के समूह की ओर से उठाए जा रहे अंदरूनी विद्रोह को थामने वाला उनके अलावा केाई दूसरा शख्स नहीं है। बिहार की हार के बाद शुरू हुए घमासान के बाद पार्टी नेतृत्व ही नहीं, असंतुष्ट नेता भी यह उम्मीद कर रहे थे कि पटेल इस नाजुक संकट का भी कोई न कोई हल निकाल पार्टी को फूट से बचा लेंगे। वहीं दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि पार्टी में उनके जैसा राजनीतिक और वित्तीय कनेक्शन के साथ प्रभाव रखने वाला दूसरा चेहरा आस-पास भी नहीं है। कांग्रेस के अंदर यह मानने से शायद ही कोई इनकार करेगा उनकी शख्सियत में पार्टी का पॉलिटिकल, कारपोरेट और सामाजिक कनेक्शन सबकुछ संस्थागत रुप से समाहित था। ।'अब कांग्रेस को दूसरा अहमद पटेल नहीं मिलेगा' ।वरिष्ठ कांग्रेस नेता जर्नादन द्विवेदी के इन शब्दों की गहराई उनकी संस्थागत शख्सियत को सहज ही रेखांकित करती हैं। गुजरात के भरूच जिले के तालुका पंचायत से राजनीति शुरू कर गांधी परिवार के बाद कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेता के अपने सफर के दौरान अहमद पटेल ने पार्टी के बीते 45 साल के उतार-चढाव के सभी दौर देखे। तीन बार लोकसभा और पांच बार लगातार राज्यसभा सांसद रहे अहमद पटेल के अहमद भाई बनने का उनका सफर 1998 में सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ शुरू हुआ। तब पटेल पार्टी के कोषाध्यक्ष के रुप में प्रभावशाली थे और सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने में उनकी अग्रणी भूमिका रही। राजनीति में पर्दापण करने वाली सोनिया ने तब अहमद पटेल को कांग्रेस अध्यक्ष का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया। । शरद पवार की पार्टी से गठबंधन के लिए राजी किया।यह कांग्रेस के संक्रमण का दौर था और शरद पवार जैसे नेता ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर 1999 में पार्टी में विद्रोह कर अलग पार्टी बना ली। एनडीए की 13 महीने पुरानी वाजपेयी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस तीन चुनाव हार गई थी और कई नेता पार्टी छोड़ने लगे थे। जितेंद्र प्रसाद, राजेश पायलट जैसे दिग्गज नेतृत्व को चुनौती दे रहे थे। इस दौर में अहमद पटेल ने पार्टी के सभी नेताओं को जोड़ने और हाईकमान के बीच सेतु बनने की सबसे अहम भूमिका निभाई। यह अहमद पटेल ही थे कि कांग्रेस से अलग होने के छह महीने बाद ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शरद पवार की पार्टी से 1999 में गठबंधन के लिए राजी किया और कांग्रेस-एनसीपी का यह गठबंधन आज भी अटूट है। ।शिवसेना से गठबंधन के लिए पटेल ने सोनिया गांधी को राजी किया ।यह भी कम दिलचस्प नहीं कि आज जब कांग्रेस का राजनीतिक फलक बेहद सीमित हो गया है तब इसी महाराष्ट्र में शिवसेना जैसे विपरीत विचाराधारा वाले दल के साथ सरकार बनाने के लिए एके एंटनी जैसे दिग्गज नेता के विरोध के बावजूद पटेल ने ही सोनिया गांधी को राजी कर लिया।राजनीतिक सलाहकार के रुप में पटेल की ताकत 2004 के यूपीए वन के सत्ता में आने के बाद कहीं ज्यादा बढ़ गई। सरकार में बनाए जाने वाले मंत्रियों से लेकर अहम राजनीतिक फैसलों के रास्ते अहमद पटेल से होकर ही जाते थे। उनकी सबसे बड़ी खूबी थी कि वे तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं की बात सुनते थे और हर देर सबेर समाधान का भरोसा देते थे। ।मौजूदा दौर में ऐसे बहुत विरले ही बचे ।मौजूदा दौर में ऐसे बहुत विरले ही बचे हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा कहती हैं कि किसी नेता या कार्यकर्ता को अगर मौका नहीं मिल पाता था तो पटेल उसे मिल या फोन कर खुद सॉरी कहते थे और अगली बार का भरोसा देते थे। वे कहती हैं कि ऐसी शख्सियत राजनीति के मौजूदा दौर में बहुत विरले ही बचे हैं। गठबंधन राजनीति के दौर में तमाम दूसरे दलों के नेताओं के लिए अहमद पटेल से ज्यादा सुलझा हुआ कांग्रेसी नेता शायद कोई दूसरा नहीं था। गरम मिजाज की ममता बनर्जी और जयललिता से लेकर करुणानिधि, मायावती, लालू प्रसाद, मुलायम सिंह, हरकिशन सुरजीत, सीताराम येचुरी ही नहीं मौजूदा समय में तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन शायद ही कोई नेता हो, जिसने अहमद पटेल के आग्रह या प्रस्ताव को नकारा हो। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77996.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77996.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5d45a4cbc96795a4931975c1d562225601123591 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77996.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पार्किंग के उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि शहर में बढ़ते वाहनों की संख्या को देखते हुए आधुनिक पार्किंग की जरुरत हैं। ऐसे में समय की मांग को देखते हुए स्वचलित टॉवर पार्किंग बनाने के लिए निगम बधाई का पात्र हैं। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि इस तरह की टॉवर पार्किंग घनी आबादी क्षेत्र में उपयोगी साबित होगी। क्योंकि आम तौर पर सामान्य पार्किंग में एक वाहन के लिए 30 वर्ग मीटर स्थान की जरुरत होती है जबकि यह टॉवर पार्किंग एक वाहन के लिए 1.50 वर्ग मीटर ही स्थान चाहिए। साथ ही यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77998.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77998.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e92795b32b949f14f220371a56b5d8685e050655 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77998.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आकृति ने बताया कि उनके पिता सीए अरुण गुप्ता कैंसर मरीज रह चुके हैं और उन स्वजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उन सब परेशानियों को परिकल्पना करते हुए कैंसर मरीजों की मदद के लिए विन ओवर कैंसर की स्थापना की गई थी और विद्यालय शिक्षा पूरी करने के बाद से कैंसर पीड़ितों की मदद, लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं। उस समय आकृति 17 वर्ष की थी। उन्होंने बताया कि कैंसर का नाम सुनकर लोग सिर्फ मौत की कल्पना करते हैं। बीमारी को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां है। इन्हें दूर करने की आवश्यकता है, जो सिर्फ जागरुकता कार्यक्रम से आती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_77999.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_77999.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8dec95f5963d3a74efb385f46b0b8f06c046be49 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_77999.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गोरखपुर, काशिफ अली। रोग प्रतिरोधक क्षमता के बेहद मुफीद स्रोत हल्दी के दाम में गिरावट जारी है। वजह, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हुई इसकी भरपूर पैदावार है। जबकि स्थानीय कारोबारियों के पास पहले से ही भरपूर स्टाक मौजूद है। नई फसल आने के बाद इम्युनिटी बूस्टर के रूप में मशहूर हो चुकी हल्दी के तेवर ज्यादा ढीले हो जाएंगे। फिलहाल किराना दुकानों पर खड़ी हल्दी 160 और पिसी हुई 200 से 220 रुपये किलो तक बिक रही है। + +इस वर्ष 18-20 फीसद उत्‍पादन बढ़ने का अनुमान। इस वर्ष हल्दी का उत्पादन करीब 18-20 फीसद बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में इसका भाव लुढ़कना तय है। थोक कारोबारी पंकज गुप्ता के मुताबिक महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हल्दी का सबसे बड़ा बाजार है। वहीं से हल्दी की आपूर्ति देश के सभी हिस्सों के अलावा पचास से ज्यादा देशों में होती है। अगले सप्ताह से नई फसल की कटाई शुरू हो जाएगी। नई फसल के आने से पहले ही कीमत काफी हद तक कम हो गई है। सिधारीपुर के किराना कारोबारी मो. जावेद ने बताया कि बीते छह माह से मसालों में हल्दी की बिक्री सबसे ज्यादा है। जिस घर में हर माह ढाई सौ ग्राम हल्दी की खपत थी अब वहां पांच सौ ग्राम जाता है। कई महीने बाद हल्दी के भाव में गिरावट देखी जा रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..433f2b6b01937b0ebc2d3af6e7700e743de2cb1c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड की पंगा क्वीन, कंगना रनोट अक्सर ही फिल्म इंडस्ट्री में किसी ना किसी से भिड़ती नजर आती हैं। पर हाल ही में इनके अंदाज कुछ बदले-बदले नजर आए। फिलहाल कंगना अपनी आने वाली फिल्म 'धाकड़' के प्रमोशन में बिजी हैं, वो लोगों को ये बताने का कोई मौका नहीं छोड़ रही कि उनकी फिल्म सबसे खास है और इसे जरूर देंखे। धाकड़ का दूसरा ट्रेलर भी गुरुवार को रिलीज हो गया, जिसे फैन्स के साथ ही साथ सेलेब्स भी सपोर्ट कर रहे हैं। जी हां अब तो सलमान खान भी कंगना के सपोर्ट में आ गए हैं और उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज पर 'धाकड़' का नया ट्रेलर शेयर किया है। कंगना ने उन्हें सोने के दिल वाला शख्स बताया है और शुक्रिया कहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_780.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_780.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e61302ae9fbfafac2ddc513a26e559c9903bacd8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_780.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी में अंबानी के सुरक्षा अधिकारी लगातार वैन्यू की तलाशी ले रहे हैं। सुरक्षा को काफी कड़ा रखा गया है। गौरतलब है कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट कुछ ही देरे में सात फेरे लेने वाले हैं। दोनों की शादी में मेहमानों के आने का सिलसिला जारी है। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आ रहे हैं। + +इसके अलावा फास्ट फूड में विगन बर्गर और सुशी डिशेज भी हैं। शादी में पुरानी दिल्ली के स्पेशल चाट का भी एक स्टॉल होगा। साथ ही खाने में बिरयानी, चिकन, मटन, दाल मखनी सहित काफी लजीज पकवान होंगे। खबरों की मानें तो रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी में 40-50 लोगों के शामिल होने की खबर है। इसमें परिवार के सदस्यों के साथ 20 लोग रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के करीबी दोस्त रहेंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78000.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78000.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6771a6254544c6d478c742c85b027180b33a436a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78000.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +शिक्षा, फार्मेसी व औद्योगिक क्षेत्र में साथ काम करने को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन गुरुवार की सुबह फ्रांसीसी राजदूत से मिलने जाएंगे। इस मुलाकात में गोरखपुर में भी निवेश करने को लेकर चर्चा हो सकती है। गोरखपुर की खूबियों के बारे में जिलाधिकारी बताएंगे। शिक्षा, फार्मेसी व औद्योगिक क्षेत्र में साथ काम करने को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है। गोरखपुर में बनने वाले औद्योगिक गलियारे की जानकारी देते हुए यहां फ्रांसीसी कंपनियों के निवेश को लेकर बात हो सकती है। जिलाधिकारी ने बताया कि फ्रांसीसी राजदूत के आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। उनसे मिलकर विभिन्न मुद्दों पर बात की जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78004.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78004.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d86ed1c32206cc3954adfba75f623f56a9276974 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78004.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +श्रुति ने कहा कि उन्होंने भारत वापस आने के बाद दिल्ली, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में सामाजिक संस्थाओं और एनजीओ की मदद से गरीब युवतियों को मेकअप करने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि देश की युवतियां और महिलाएं भी मेकअप की विशेषताओं को जाने और इस अपना करियर समझकर काम करें। + +उन्होंने बताया कि दिल्ली में उनका अपना इंस्टिट्यूट भी हैं, जहां वह महिलाओं को ट्रेनिंग भी देती हैं। इसके साथ ही स्पेन के बार्सिलोना, रोम, यूरोपीय देशों में वह विदेशी दुल्हन को इंडियन और वेस्टर्न स्टाइल में तैयार कर चुकी हैं। वहीं देश में भी एनजीओ और सामाजिक संस्थाओं की ओर से आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह में वह 50 से अधिक गरीब कन्याओं का खुद और अपनी टीम के साथ मेकअप कर चुकी हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78005.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78005.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8ad228f532977519532315dfd56a9469dae29e94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78005.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +निवार से पहले भारत में एम्‍फन, निसर्ग और फणि को भी भारत ने देखा है। इनके नाम रखने की भी एक दिलचस्‍प प्रक्रिया है, जिसको यहां पर जानना जरूरी हो जाता है। जैसे निवार चक्रवात का नामकरण ईरान ने किया है। निवार का अर्थ है रोकथाम करना। इससे पहले निसर्ग जिसका अर्थ प्रकृति था, का नामकरण बांग्‍लादेश ने किया था। फणि का नाम भी बांग्‍लादेश द्वारा ही सुझाया गया था। नवंबर 2017 में आए ओखी चक्रवात का नाम भी बांग्‍लादेश ने ही किया था। इसका अर्थ आंख होता है। इसके बाद सागर का नाम भारत ने सुझाया था। तीन दिन पहले (22 नवंबर को) सोमालिया में जो चक्रवाती तूफान आया था, उसे भारत ने नाम दिया था। इसे 'गति' नाम दिया गया था। ।वर्ष 2000 में एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) के आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) और विश्व मौसम संगठन (डब्लूएमओ) ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने चक्रवातों को नाम देने की पद्धति शुरू की। 2018 में इन देशों के पैनल में सऊदी अरब, ईरान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और यमन का नाम भी जुड़ा। इस पैनल का काम चक्रवातों के नाम तय करना है। ।वर्ष अप्रैल 2020 में विभिन्‍न देशों द्वारा सुझाए और तय किए गए चक्रवातों के नाम में से तीसरा है। इस सूची में कुल 169 नाम सुझाए गए थे जो भारत, बांग्‍लादेश, मलदीव,म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, श्रीलंका और थाईलैंड ने सुझाए थे। इन सभी ने 13-13 नाम दिए थे। निवार के बाद आने वाले चक्रवातों में गति, जिसका नाम भारत ने सुझाया है होगा। इसके अलावा बुरेवी- मालदीव का सुझाया हुआ, तोक्‍ती- म्‍यांमार , यास-ओमान और गुलाब-पाकिस्‍तान द्वारा सुझाया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78006.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78006.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3b7d3b02dae53e865cfb08e68a28d94dff51e2d0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78006.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, अली अब्बास। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने की मुहिम अक्टूबर में शुरू हुई थी। इसके साथ ही पुलिस ने महिलाओं और बालिकाओं की आबरू पर हाथ डालने वालों के खिलाफ भी निरोधात्मक कार्रवाई का अभियान छेड़ रखा है। महिला अपराध संबंधी मामलों में आरोपित 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ पुलिस ने गुंडा एक्ट और गैंगस्टर की कार्रवाई की है । + +आगरा में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मिशन शक्ति अभियान का शुभारंभ किया गया था। इसका मकसद महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। जिले में 28 एंटी राेमियो स्क्वायड की गाड़ी चल रही हैं। इसमें एक दारोगा और दो महिला सिपाही तैनात हैं। इसके साथ ही 42 थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। इसका मकसद महिलाओं के खिलाफ हाेने वाली हिंसा और अपराध को रोकना है। पुलिस ने महिलाओं और बालिकाओं से छेड़छाड़, लूटपाट और उनकी हत्या करने के आरोपितों को पुलिस चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7801.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7801.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..89bab48d9733ad5bce3e7f4376a3bca5b2112d66 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7801.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के लेजेंडरी अभिनेता दिलीप कुमार का आज निधन हो गया। आज सुबह करीब 7:30 बजे दिलीप साहब ने मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में आखिरी सांस ली और इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। दिलीप साहब के चले जाने के साथ ही देश में मानो शोक की एक लहर दौड़ गई है। राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड के तमाम दिग्गज कलाकारों तक ने दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि दी है और उनके जाने पर शोक व्यक्त किया है। वहीं इन सबके बीच पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी एक कलाकार ने दिलीप कुमार को याद करते अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया है और लेजेंड अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है। + +पाकिस्तान के फेमस एक्टर इमरान अब्बास ने दिलीप कुमार के जाने पर दुख व्यक्त किया है और उनसे जुड़ी यादें अपने फैंस के साथ शेयर की हैं। इमरान ने अपने इंस्टग्राम पर दिलीप कुमार और सायरा बानो के साथ दो फोटोज़ शेयर कर उन्हें याद किया है। इमरान ने लिखा, ‘मुझे आज भी वो दिन याद है जब मुंबई से आपने मुझसे और मेरे माता पिता से फोन पर बात की थी और हमें अपने घर बुलाया था। मैंने आपके साथ ईद मनाई थी। मैं आपकी उपस्थिति से पूरी तरह हैरान और मंत्रमुग्ध हो गया था। एक संस्था, एक लेजेंड, स्टारडम के प्रतीक लेकिन दयालु और निसंदेह सबसे बड़ा सितारा जो दोबारा कभी जन्म ले सकता है.. को खोने की भावना मैं समझा नहीं सकता। एक ऐसा सितारा जिसने तीन पीढ़ियों पर राज किया हो। ख़ुदा निगाहेंबान हो तुम्हारा। Inna Lillahe Wa Ina Elehe Rajeoon. RIP Dilip Sahab!’। + + लेजेंड अभिनेता के निधन पर पाकिस्तान के पीएम ने भी शोक व्यक्त किया है। उनकी उदारता और दरियादिली का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया है, ‘दिलीप कुमार के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। मैं कभी नहीं भूल सकता किस तरह उन्होंने SKMTH परियोजना के लिए धन जुटाने में मदद करने के लिए अपना समय दिया था। इस कठिन समय में 10% फंड जुटाना भी मुश्किल है। लेकिन पाक और लंदन में उनकी उपस्थिति ने बड़ी रकम जुटाने में मदद की। इसके अलावा दिलीप कुमार हमारी पढ़ी के सबसे उम्दा और वर्सेटाइल अभिनेता थे’। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78010.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78010.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f58ba9b71d93baf9639d03aab5c949c3780423ca --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78010.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। 25 नवंबर का दिन हर वर्ष पूरी दुनिया में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। लेकिन संयुक्‍त राष्‍ट्र के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस ओर हमारे समाज और देशों की सरकारों ने कोई खास वृद्धि नहीं की है। यूएन के आंकड़े इस बात की तस्‍दीक कर रहे हैं कि दुनिया के कई देशों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में काफी तेजी आई है। इन आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया में जहां दुष्‍कर्म के मामलेां में तेजी आई है वहीं पेरू में लापता होने वाली महिलाओं की संख्‍या में तेजी देखी गई है। यूएन वूमेन एग्‍‍‍‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर फूमजिले म्‍लेंबो नगुका ने दुनिया के सभी देशों से इस दिशा में काम करने की अपील की है। उन्‍होंने महामारी के दौरान बढ़ते मामलों पर भी चिंता जाहिर की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78011.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78011.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ba0f514a5f5d912df9de958baa6400ec31d38696 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78011.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +सीसीटीवी कैमरे से प्रत्येक विद्यार्थी पर नजर रखी जा सकेगी। खास बात ये है कि सभी 11 कक्षाएं करीब-करीब तैयार हो चुकी है। उम्मीद है कि अगले सत्र में विद्यार्थी इसका लाभ ले सकेंगे। लाइब्रेरी वाली इमारत की दूसरी मंजिल पर तीन करोड़ 20 लाख रुपये में कंप्यूटर सेंटर तैयार किया गया है। जिसमें 750 कंप्यूटर लगाए गए है। मॉडयूलर फर्नीचर युक्त इस कंप्यूटर सेंटर में एलइडी लाइटिंग, एयर-कंडिशन आदि अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है। + +इसके अलावा इलेक्ट्रोनिक्स एंड कॉम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के लिए वैरिएबल रेफ्रिजरेंट फ्लो एयर कंडिशन युक्त 15 प्रयोगशाला को तैयार किया जा रहा है। साथ ही एक आर्ट स्टूडियो तैयार किया जाएगा, जिसमें प्रोफेसर के लेक्चर, सेमिनार, साक्षात्कार व वाद-विवाद को रिकॉर्ड कर उसे एनएसयूटी के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाएगा, ताकि जरूरतमंद विद्यार्थी भी उसका लाभ ले सके। + +विदेशी छात्रों के लिए छात्रावास : ।विश्वविद्यालय में फिलहाल 1500 छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा है। जिसमें फिलहाल 300 लड़कियां व 1200 लड़कों रह रहे है। पर छात्रावास का ढांचा काफी पुराना है। इनमें एयर-कंडिशन की व्यवस्था नहीं है। भविष्य में देश-विदेश से छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आएंगे। ऐसे में उनके समक्ष विश्वविद्यालय की बेहतरीन व अत्याधुनिक छवि प्रस्तुत हो इसके लिए विदेशी छात्र व छात्राओं के लिए अलग से छात्रावास के निर्माण की योजना तैयार की गई है। जिसके तहत 50-50 छात्रों के रहने की व्यवस्था की जाएंगी। फिलहाल छात्रावास के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78012.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78012.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7ab8dc75f77a50376ff368ed11c0814171419ed0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78012.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आउटिंग के लिए पश्चिम दिल्ली में एक नया एडवेंचर्स एडवेंचर पार्क बनाया गया है। नजफगढ़ के इलाके कांगनहेड़ी में दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) ने हरीतिमा नाम से एडवेंचर पार्क बनाया है। इसके अलावा 2.77 एकड़ का एडवेंचर पार्क छावला में बनाया गया है। जिसमें से फिलहाल हरीतिमा एडवेंचर पार्क में जल्द ही नाइट टूरिज्म शुरू करने की योजना है। इसके लिए तैयारी की जा रही है। दिल्ली सरकार इसे ऐसी किसी कंपनी को देने की तैयारी में जो इसका संचालन करे। इसके लिए डीटीटीडीसी टेंडर जारी करने की तैयारी में है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78013.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78013.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44815b89abacf17764c35c06c86655c85e210ca6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78013.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +खूंटी, [दिलीप कुमार]। इस समय झारखंड का हर कोना बांदना पर्व पर थिरक रहा है। गांव गुलजार हैं। पशुधन के साथ-साथ हर गांव में किसान कृषि यंत्रों की पूजा कर रहे हैं। इस लोक पर्व से गांव की सोंधी माटी महक उठी है। झारखंडी आदिवासी समाज का यह विशेष पर्व आदिकाल से चला आ रहा है। प्रकृति प्रेमी झारखंडी लोगों के सभी पर्व प्रकृति व कृषि से जुड़ाव रखते हैं। कृषि कार्य शुरू करने से धान काटने तक हर कदम पर अलग-अलग पर्व मनाने की परंपरा रही है। ।इन्हीं पर्वों में एक है कार्तिक अमावस्या को मनाया जाने वाला बांदना पर्व। यहां इसे सोहराय के नाम से भी लोग पुकारते हैं। धान काटने के बाद खलिहान में सुरक्षित रखने के बाद मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान पशुधन से किसी भी तरह का कोई काम नहीं लिया जाता है, और ना ही कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान इनकी विशेष देखभाल, सत्कार और पूजन-बंदन किया जाता है। + +यह झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम के आदिवासी बहुल इलाकों में भी मनाया जाता है। काली पूजा व दीपावली के साथ ही झारखंड में इस पर्व की धूम मच जाती है। इस अवसर पर झारखंडी समाज के लोग बैलों की पूजा करते हैं। बांदना पर ग्रामीण अपने घर-आंगन की साफ सफाई कर रंग-बिरंगी मिट्टी और प्राकृतिक रंगों से रंगाई करते हैं। + +बांदना में गरइआ पूजा का है विशेष महत्व।गरइआ पूजा बांधना परब का अभिन्न हिस्सा है। इस दिन घर का एक पुरुष व एक महिला उपवास रहते हैं। घर-आंगन की साफ-सफाई के बाद महिलाएं चावल का गुड़ी कुटती हैं। फिर अलग से चूल्हा बनाकर उसे गाय के दूध से मिलाकर का पीठा छांकती हैं। किसान घर के खेती-बाड़ी में प्रयोग होने वाले औजारों की पूजा घर के बाहर तुलसी ढीपा में की जाती है। ।इसके बाद गोहाल यानी गोशाला में गोरया पूजा की जाती है। इस दौरान मुर्गा की बलि दी जाती है। इसके बाद चावल के गुड़ी को घोल कर चौक पूरा जाता है। इसमें सबसे पहले चौक के शीर्ष भाग में गोबर रखा जाता है। उसके ऊपर एक सोहराय घास देकर सिंदूर का टीका दिया जाता है। इसके बाद एक बछिया से उसे लंघवाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78017.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78017.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f68e89e61e275dc8da5b5f73ae1420e01ce86aad --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78017.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +केंद्र किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दो फसलों के बीच के समय में क्या बोया जाए इसकी भी जानकारी देगा। किसानों को पौधशाला लगाने व उससे आय बढ़ाने के लिए भी तकनीकी जानकारी केंद्र में दी जाएगी। उच्च गुणवत्ता के बीजों का वैज्ञानिक तरीके से एकत्रीकरण भी यहां किया जाएगा। प्रदेश की जलवायु के अनुसार कौन से पौधे कहां लगाए जाएं, इसकी भी जानकारी यहां दी जाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7802.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7802.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2747282f996e8cdea7d8590143dc41f41a417428 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7802.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। दिलीप कुमार ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी थीं। उन्होंने अपने शानदार अभिनय से बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी थी। हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में दिलीप कुमार किसी सार्वजनिक आयोजनों में नजर नहीं आते थे, लेकिन वह सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस से रूबरू होते रहते थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78021.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78021.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7f2e7c3173160e874dc6825f85835bce6b646e3d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78021.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लाल आलू की खूबियां ।आलू की दूसरी किस्मों के मुकाबले इसका छिलका पतला होता है। इसे छिलके के साथ खाया जाता है। छिलके में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को मजबूत करता है। वसा व कार्बोहाइड्रेट फ्री होने के साथ कम मात्रा में सोडियम होने से हृदय रोगी भी लाल आलू का सेवन कर सकते हैं। इसमें बड़ी मात्रा में विटामिन सी होती है जोकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती है। विटामिन बी6, कॉपर, पोटाशियम व मैग्निशियम भी पाया जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78022.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78022.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..572c46f6a627f37e5f38fbf21d31aba605e81593 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78022.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इसमें अस्वीकार और आरोपण नहीं, स्वीकार और नवीन रोपण के भाव निहित हैं, बल्कि राष्ट्र के साथ वाद जैसा शब्द जोड़ना ही पश्चिमी चलन है। यूरोपीय राष्ट्रवाद का प्रतिपादक जॉन गॉटफ्रेड हर्डर को माना जाता है, जिन्होंने 18वीं सदी में पहली बार इस शब्द का प्रयोग करके जर्मन राष्ट्रवाद की नींव डाली थी। तब यह सिद्धांत दिया गया कि राष्ट्र केवल समान भाषा, नस्ल, धर्म या क्षेत्र से बनता है। उसे आधार बनाकर ही कुछ लोग भारत के अतीत और मूल प्रकृति को जाने-समङो बिना उग्र या आक्रामक राष्ट्रवाद का रोना रोते रहते हैं। + +वस्तुत: भारत के मर्म और मन को पहचान पाने में असमर्थ विचारधाराओं ने ही सार्वजनिक विमर्श में हिंदू, हिंदुत्व, राष्ट्रीय, राष्ट्रीयत्व जैसे विचारों एवं शब्दों को नितांत वर्जति और अस्पृश्य माना है। जो चिंतक-विचारक-राजनेता या सर्वसाधारण लोग भारत को भारत की दृष्टि से देखते, समझते और जानते रहे हैं उन्हें न तो इन शब्दों से कोई आपत्ति है, न इनके कथित उभार से, बल्कि हिंदू-दर्शन, हिंदू-चिंतन, हिंदू जीवन सबके लिए आश्वस्तकारी हैं। यहां सब प्रकार की कट्टरता और आक्रामकता का पूर्णत: निषेध है। यहां सामूहिक मतों-मान्यताओं-विश्वासों के साथ-साथ व्यक्ति-स्वातंत्र्य एवं सर्वथा भिन्न-मौलिक-अनुभूत सत्य के लिए भी पर्याप्त स्थान है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78023.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78023.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7bf5b051f9f0f52457e3eccf4cccf8acfc9c8f77 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78023.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में भी जंगल राख हो रहे हैं। प्रदेश में फॉरेस्ट मेन्युअल 2018 के अनुसार जंगलों में आग से नुकसान का आकलन करने के लिए फार्मूला विकसित किया गया है। इसके तहत अगर एक साल के पौधों में आग लगती है तो एक पौधे की औसतन कीमत 54 रुपये निकलती है। इसके बाद दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष के पौधे का नुकसान होने पर रखरखाव लागत अलग से जुड़ती है। + +वनों से आग से नुकसान की आकलन रिपोर्ट रेंजर तैयार करते हैं। पांच हेक्टेयर तक के क्षेत्र में हुए नुकसान को संबंधित डीएफओ चेक करते हैं। दस हेक्टेयर तक की रिपोर्ट अरण्यपाल चेक करते हैं। आग की घटना की रिपोर्ट संबंधित बीट के वनरक्षक करते हैं। प्रदेश में हर साल 80 लाख से एक करोड़ पौधे रोपे जाते हैं। इनकी औसतन जीवित प्रतिशतता 50 फीसद आंकी जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78025.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78025.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b2e1a5e314ce5d28461a99cfe0125bbe8adf409b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78025.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉक्टर भी हैं बेरोजगार।अस्पतालों में कोरोना के इलाज में एमबीबीएस के छात्रों को लगाने का आदेश डॉक्टरों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि उन्हें यह फैसला रास नहीं आ रहा है। इसलिए कई डॉक्टर ट्विटर व फेसबुक पर पोस्ट कर इस दावे को झुठला रहे हैं कि दिल्ली में डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टर कहते हैं कि दरअसल डॉक्टरों की कमी नहीं है। अस्पतालों में स्थायी डॉक्टर नियुक्त नहीं किए जाते। युवा डॉक्टर बेरोजगार हैं। स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति के बजाय अस्पताल कम पैसे में अस्थायी डॉक्टर नियुक्त कर काम निकालते हैं। एम्स के सहायक प्रोफेसर डॉ. विजय गुर्जर ने अपने पोस्ट में कहा कि महामारी के दौर में भी कुछ महीने काम निकालने के लिए ही भर्ती की बात हो रही है। सरकार पता नहीं क्यों स्वास्थ्य कर्मियों की स्थायी नियुक्ति नहीं करती? स्थायी नियुक्ति ही समस्या का हल है। भर्ती होने के लिए तो बहुत युवा डॉक्टर हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78028.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78028.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..450a53d3d32a905e93a7b005506bba111f614072 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78028.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के सीनियर फेलो सुरिंदर पाल सिंह ने बताया कि यातायात नियमों का पालन करना हमारे व्यवहार में नहीं है। अधिकतर लोग आज भी रेड लाइट के समय जेब्रा क्रॉसिंग पर ही गाड़ी रोकते हैं और सिग्नल ग्रीन होते ही तेजी से भागते हैं। लोगों की यह लापरवाही भी दुर्घटना का कारण बनती है। कोहरे के समय हादसों की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। इस दौरान गाड़ी की फॉग लाइट जलाकर रखनी चाहिए। कोहरे के समय वाहन की गति को भी कम ही रखना चाहिए। वहीं, यातायात पुलिस को चालान काटने से ज्यादा जोर वाहन चालकों को जागरूक पर करना चाहिए। साल में एक बार सिर्फ यातायात सप्ताह के दौरान ही कुछ जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इससे समस्या के समाधान में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। + +कहीं डिवाइडर टूटा तो कहीं सड़क पर खड़े रहते वाहन : मोती नगर फ्लाईओवर पर खड़े गार्डर लदे हुए ट्रॉले में कार टकराने से कुछ दिन पहले ही तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसका कारण ट्रॉले में रिफ्लेक्टर न लगे होना और तेज रफ्तार था। इसी तरह अन्य कई जगहों पर भी भारी वाहन सड़कों पर खड़े रहते हैं। इसके साथ ही दक्षिणी दिल्ली में मोदी मिल के पास बीच में डिवाइडर पर रेलिंग न लगी होने के कारण लोग यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से सड़क पार करते हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। इसी इलाके में सावित्री कॉलेज के पास अधूरा बना डिवाइडर भी हादसे का कारण बन सकता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78029.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78029.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e704e9e69f17f8594a0afd1ad9f9ca6f987a8492 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78029.txt @@ -0,0 +1,10 @@ +अभिषेक कुमार सिंह। ऐसे वक्त में जबकि पूरी दुनिया में कोरोना की सबसे तीखी लहर उठने के संकेत हैं, राहत की एक खबर इस महामारी के टीके यानी वैक्सीन को लेकर मिली है। भारत के सीरम इंस्टीट्यूट की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के अलावा कई अन्य टीकों के कारगर होने के दावे किए जा रहे हैं। सबसे उल्लेखनीय यह है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 नवंबर, 2020 को कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर इसकी एक सुनिश्चित व्यवस्था बनाने पर जोर दिया है कि देश के नागरिकों को यह टीका जल्द से जल्द मिल सके। यह सही है कि दुनिया में कोरोना को लेकर भयावहता का जो अभूतपूर्व और ऐतिहासिक दौर बन गया है, वह हमारी स्मृतियों से शायद ही कभी निकल सके, पर यदि एक कारगर वैक्सीन लोगों को जल्दी ही मिल सके और पूरी दुनिया अपने सामान्य र्ढे पर लौट सके तो यह उम्मीद ही अपने आप में काफी दिलासा देने वाली होगी। हालांकि वैक्सीन के निर्माण के बाद उसके भंडारण और वितरण का काम सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। यही असली कसौटी है जिस पर वैक्सीन को खरा उतरना है। + +यूं तो दवाओं के साइड इफेक्ट के बारे में बाद में विचार किया जा सकता है। हो सकता है कि ये कंपनियां और सरकारें ठीक दिशा में सोच रही हैं, लेकिन इस आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता कि कहीं टीकों की वजह से लेने के देने न पड़ जाएं। हालांकि कोरोना के खतरों के मद्देनजर साइड इफेक्ट की आशंकाओं को दरकिनार कर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों ने फाइजर कंपनी के टीके की एडवांस बुकिंग कर ली है और भारत सरकार की ओर से भी ऐसी ही बुकिंग की उम्मीद यह कंपनी कर रही है, लेकिन भारत में एक अन्य समस्या इसकी राह रोके खड़ी है। + + भंडारण और वितरण की चुनौती : हमारे देश में इन टीकों का सुरक्षित भंडारण एक बड़ी चुनौती है। उल्लेखनीय है कि इन वैक्सीन को असरदार बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें बेहद न्यूनतम तापमान पर स्टोर किया जाए। जैसे फाइजर की वैक्सीन को -70 डिग्री तापमान पर स्टोर करने की आवश्यकता है, जो भारत और कई अन्य गरीब एवं विकासशील देशों के लिए चुनौतीपूर्ण है। ध्यान रखना होगा कि -70 से -80 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले मेडिकल फ्रीजर्स तो अमेरिकी और यूरोपीय अस्पतालों में भी मुश्किल से ही मिलते हैं। ऐसे में भारत जैसे विकासशील और गर्म देशों में ये टीके ज्यादा असरदार साबित होंगे, इसमें भरपूर संदेह है। केंद्र सरकार के एक अधिकारी के अनुसार 16 हजार से ज्यादा कोल्ड चेन स्टोरेज की जरूरत पड़ेगी। + +आज भी देश की 50-60 फीसद आबादी गांवों में रहती है और वहां गर्मियों में लू चलने के अलावा बिजली भी खूब जाती है और चिकित्सा का आधारभूत ढांचा भी बेहद लचर है। हालांकि फाइजर ने एलान किया है कि वह वैक्सीन के साथ एक आइस कंटेनर भी देगी, जो दस दिन तक -70 का तापमान बनाए रख सकता है। बहरहाल फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया गया है कि उसकी वैक्सीन सामान्य रेफ्रीजरेटर में सुरक्षित रखी जा सकती है। भारत के अपेक्षाकृत गर्म माहौल को देखते हुए सामान्य रेफ्रीजरेटर में लंबे समय तक सुरक्षित रहने वाली वैक्सीन ही ज्यादा कारगर मानी जा सकती है। वैसे चुनौतियों कुछ और भी हैं। जैसे वैक्सीन को कंपनी से डिस्पैच के छह महीनों के अंदर देश की कम से कम 18 फीसद आबादी तक पहुंचाना होगा। + +कहने को तो हमारे स्वास्थ्य मंत्रालय ने जुलाई 2021 तक 25-30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना बना ली है, लेकिन टीकाकरण के अन्य अभियानों और इन्हें लेकर देश में मौजूद जागरूकता के अभावों के मद्देजर कहा जा सकता है कि कोविड-19 पर अगले साल के अंत तक काबू पाना भी आसान नहीं होगा। हालांकि दुनिया के अन्य देशों से तुलना करने पर पता चलता है कि टीकाकरण में भारत एक अव्वल मुल्क है और हर साल 40 करोड़ विभिन्न टीके यहां की आबादी को लगाए जाते हैं। ऐसे में इस उम्मीद को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कोरोना की सफल वैक्सीन बना जाने पर महामारी पर अंकुश लगाने वाले टीकाकरण अभियान की मुश्किलों से भी हमारा देश पार पा लेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78030.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78030.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..88a5604928dcd759096061b2a0f58f19a2694db4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78030.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +मुख्यमंत्री जो लविवि से जुड़े रहे।राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान, कनार्टक के रामकृष्ण हेगड़े, पंजाब के सुरजीत सिंह बरनाला और असम के हितेश्वर सैकिया, ये सब 1950 के दशक में लखनऊ विश्वविद्यालय में विधि की पढ़ाई इसलिए करने आए थे क्योंकि देश में ये अकेला ऐसा विश्वविद्यालय था, जहां से उस वक्त दो साल का विधि और एमए का पाठ्यक्रम एक साथ किया जा सकता था। यही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री एनकेपी साल्वे भी इसी परिसर से एलएलबी करके निकले और बाद में बड़े नेता और क्रिकेट प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई। वर्तमान में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह इस विश्वविद्यालय के अध्यापक रहे हैं। 1948 के आजादी के बाद हुए पहले दीक्षांत समारोह में यहां तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी आए थे। बाद में वे कई बार आए। अब इन्हीं यादों को संजोने की तैयारी है। + +आरपी सिंह और सुरेश रैना भी रहे इस कालेज के छात्र।भारतीय क्रिकेट टीम के सितारे रहे रुद्र प्रताप सिंह और सुरेश रैना भी लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े रहे हैं। दोनों ने यहां से बीए की पढ़ाई की थी। सुरेश रैना ने तो हाल ही में विश्वविद्यालय के एक वीडियो को ट्विटर पर शेयर कर बधाई भी दी थी। 1952 में भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मैच यूनिवर्सिटी के मैदान पर ही खेला गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78033.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78033.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c5249259078544d273d752f0edbe850b592e2f76 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78033.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका के होने वाले राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने अपनी पहली कैबिनेट का ऐलान कर दिया है। बाइडन कैबिनेट में एंटनी ब्लिंकन को विदेश मंत्री बनाया गया है। हालांकि, ब्लिंकन पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के कार्यालय में उप विदेश मंत्री रहे। ऐसे में एक जिज्ञासा होती है कि ब्लिंकन के विदेश मंत्री रहते हुए भारत के साथ कैसे रिश्‍ते होंगे। ब्लिंकन का भारत के प्रति क्‍या नजरिया है। भारत-अमेरिका के संबंधों पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा। क्‍या राष्‍ट्रपति ट्रंप की तरह भारत और अमेरिका के संबंध बेहतर होंगे। ।ब्लिंकन का क्‍या है भारत के प्रति नजरिया।ब्लिंकन के भारत के प्रति न‍जरिए को समझने के लिए उनके इस संदेश को जानना जरूरी है। ब्लिंकन ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनावी कैंपेने के दौरान भारत के स्‍वतंत्रता दिवस पर कहा था कि जो बाइडन भारत के साथ मजबूत संबंध के हिमायती हैं। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2002 में मैंने उनके साथ सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्‍य के रूप में काम किया है। बाइडन भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के पक्षधर हैं। ब्लिंकन ने कहा था कि यदि आप 15 वर्ष पहले जाएं तो बाइडन के पास भविष्‍य के लिए अमेरिका-भारत संबंधों की एक अच्‍छी यादें हैं। एक बेहतरीन तस्‍वीर है। उन्‍होंने 2006 में कहा था कि मेरा सपना है कि 2020 में दुनिया में दो सबसे करीबी रिश्‍तों वाले देश भारत और अमेरिका होंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78037.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78037.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8df4a5cf10f3b5a794960456b31935592c597f0c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78037.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्‍ली, एजेंसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना वायरस से सबसे ज्‍यादा प्रभावित आठ राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ वचुर्अल बैठक की। इस दौरान देश में कोरेाना से बचाव के उपाय और संभावित कोरोना वैक्‍सीन के वितरण की रूपरेखा पर चर्चा की। बैठक में 10 प्‍वाइंट्स में जाने बैठक में किन बातों पर चर्चा हुई।  ।लोगों को लगने लगा वायरस कमजोर हो गया ।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास कोरोना अब पर्याप्त आंकड़ा है, ऐसे में तैयारी पूरी करनी होगी। शुरुआत में कोरोना वायरस के प्रति लोगों में खौफ था, तब लोग डर में आत्महत्या भी कर रहे थे। उसके बाद लोगों में एक-दूसरे के प्रति संदेह हो रहा था। अब लोग कोरोना को लेकर गंभीर होने लगे हैं, लेकिन कुछ हद तक लोगों को लगने लगा है कि ये वायरस कमजोर हो गया है। ।कोरेाना को लेकर राज्यों को बरतनी होगी सतर्कता ।उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग अब लापरवाही बरतने लगे हैं, ऐसे में जागरूक करना जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि अब हम आपदा के गहरे समंदर से किनारे की ओर बढ़ रहे हैं। जिन देशों में कोरोना कम हो रहा था वहां भी अब केस बढ़ने लगे हैं। ऐसे में हर किसी को अधिक सतर्क होना होगा। प्रधानमंत्री ने चेताते हुए कहा कि कोरेाना को लेकर राज्यों को सतर्कता बरतनी होगी, वरना कहीं ऐसी स्थिति पैदा ना हो जाए कि कहना पड़े मेरी कश्ती भी डूबी वहां, जहां पानी कम था। ।राज्‍य आरटी-पीसीआर टेस्टिंग बढ़ाएं  ।पीएम मोदी ने राज्यों को खासतौर पर आरटी-पीसीआर टेस्टिंग बढ़ाने को कहा कि ताकि समय रहते कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज और उनके संपर्क में आने वालों का टेस्ट किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्यों को किसी भी स्तर पर पॉजिटिविटी  नुपात को पांच फीसदी से आगे नहीं बढ़ने देना है। इसी तरह उन्होंने राज्यों को मृत्युदर को एक फीसद से कम रखने का लक्ष्य देते हुए इसके लिए होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की निगरानी दुरूस्त करने को कहा। फिलहाल पॉजिटिविटी का राष्ट्रीय दर 6 फीसद से अधिक है और मृत्यु दर लगभग 1.47 फीसद। + +देश में लगाए जा रहे 160 नए आक्सीजन संयंत्र ।आक्सीजन की कमी को लेकर उठते रहे सवालों के बीच प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा है और इसके लिए 160 नए आक्सीजन संयंत्र लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की तैयारी देश से सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अपना स्वतंत्र आक्सीजन यूनिट स्थापित करने की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों के अनुरोध पर पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। + +वैक्‍सीन की कीमत अभी तय नहीं।प्रधानमंत्री ने कहा कि कौन सी वैक्‍सीन कितनी कीमत में आएगी, यह भी तय नहीं है। भारतीय मूल की दो वैक्‍सीन बनाने की रेस में आगे हैं लेकिन बाहर के साथ मिलकर के हमारे लोग काम कर रहे हैं। दुनिया में भी जो वैक्‍सीन बन रही हैं, वे भी उत्‍पादन के लिए भारतीय कंपनियों से बात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अभी ये तय नहीं है कि वैक्‍सीन की एक डोज होगी, दो डोज होगी या तीन डोज होगी।  अभी भी इन सारे सवालों के जवाब हमारे पास नहीं हैं। कंपनियों में प्रतियोगिता है, दुनिया के देशों के अपने-अपने कुटनीतिक रणनीति हो सकती है। डब्‍ल्‍यूएचओ (WHO) से भी हमें इंतजार करना पड़ता है। हमें इन चीजों को वैश्विक संदर्भ में देखना पड़ेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78039.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78039.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3d861495e81179c8c53fe32e2172608e190163e0 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78039.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, सुबान खान। ताजनगरी के धार्मिक स्थलों में प्रेम और भाईचारे की बुनियाद इतनी गहरी है कि एक तरफ मंदिर में पूजा तो दूसरी ओर दरगाह में सजदा किया जाता है। मंदिर में जल चढ़ाने वाला हर शख्स दरगाह में मन्नत के फूल चढ़ाना नहीं भूलता। सुलहकुल की नगरी में ऐसे कई स्थान हैं जहां सर्वधर्म समाज पहुंचता है। हिंदू रमजान में रोजा रखते हैं और मुस्लिम होली, दीपावली के इंतजामों में सहयोग करते हैं। कौमी एकता सप्ताह में एकता और अखंडता का संदेश देने वाले धार्मिक स्थलों के बारे में बताती रिपोर्ट। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78040.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78040.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4e25f18a66e593464fa24c807f804c0116f4d2e5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78040.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +विकास कुमार, हजारीबाग। देशभर में लाकडाउन लगा था, लेकिन झारखंड के हजारीबाग स्थित दैहर के लिए मानो यह वक्त किस्मत की चाबी थमाने आया था। लोग घर लौट रहे थे तो गांव का एक युवा इंजीनियर भी लौट आया। आते ही खबर मिली कि पड़ोस में रहने वाली महिला की कुएं में गिरने से मौत हो गई। कुएं में सुरक्षा के लिए दीवार नहीं बनी थी। ऐसी ही कई छोटी- छोटी परेशानियां। कंपनियों से संपर्क करना शुरू किया। अब आधा दर्जन कंपनियां सीएसआर फंड से यहां 1000 करोड़ का काम कर रही हैं। गांव में काम शुरू हुआ तो पहला वाटर टैंक उसी महिला के घर के सामने बनवाया, जिसकी कुएं में डूबने से मौत हो गई थी। + +किसी समय उग्रवाद की वजह से चर्चा में रहने वाला दैहर को अब लोग अमितेश का गांव नाम से पहचाना जाने लगा है। इस गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, पुल और अन्य साधन-सुविधाओं की ढेरों दुश्वारियां हैं। अब तक यहां अन्य पिछड़े गांवों जैसी ही थी। खास बात यह है कि पिछले कुछ महीनों से इस गांव की किस्मत ने करवट ली है। यहां के रहने वाले एक नौजवान सपूत ने गांव में बदलाव की ऐसी बयार बहाई कि इसके झोंके में पूरा देश आनंद के हिलोरे लेने लगा। इस गांव के रहनेवाले इंजीनियर बेटे अमितेश ने कुछ कंपनियों की मदद से अब इस गांव की सूरत बदलने की मुहिम शुरू कर दी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78042.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78042.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..143ad3dbed23dfd4f7d566bb07f41b34d6603401 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78042.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +गुरुद्वारों में पड़े हैं गुरुओं के चरण। आगरा जिले में 34 गुरुद्वारे हैं, जिनमें से चार गुरुद्वारों में सिख धर्म के गुरु आए हैं। गुरुद्वारा लोहामंडी में पहले गुरु गुरु नानक देव आए थे। गुरुद्वारा दमदमा साहिब में छठें गुरु हरगोविंद साहिब, गुरुद्वारा माईथान में माता जस्सी ने नवें गुरु तेगबहादुर को कपड़े का थान दिया था,गुरुद्वारा गुरु का ताल में मंजी साहिब से गुरु तेग बहादुर साहिब ने गिरफ्तारी दी थी। हाथीघाट गुरुद्वारा में दसवें गुरु गोविंद सिंह आए थे। + +गुरुद्वारा गुरु का ताल में पिछले साल आई थी डेढ़ लाख संगत। वैसे तो शहर के हर गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जयंती पर सजावट होती है, लंगर होता है और कीर्तन दरबार सजता है, लेकिन गुरुद्वारा गुरु का ताल में हर साल सबसे बड़ा कार्यक्रम होता है।दूसरे शहरों से भी रागी जत्थे आते हैं। सुबह से लेकर रात तक कीर्तन और लंगर चलता है। रात में भव्य आतिशबाजी होती है।पिछले साल गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए डेढ़ लाख संगत पहुंची थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78044.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78044.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..71f9b608acb858245c31adda2393e7f42d4f6dae --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78044.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लॉकडाउन के दौरान भले ही इसमें कुछ कमी देखी गई थी लेकिन दीर्घकाल में ये कमी कोई मायने नहीं रखती है। इसके लिए निरंतर प्रयास करने जरूरी है। रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया है लॉकडाउन के दौरान कार्बन उत्‍सर्जन जारी रहा और इस दौरान कुल उर्जा खपत में भी कोई खास कमी नजर नहीं आई। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान इस प्रक्रिया में जो कमी आई है वो बेहद मामूली है, जिससे खुश होने की जरूरत नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78045.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78045.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f963b00d754f02535f62637a2a32c525c6bf4960 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78045.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यह दर्द सिर्फ सुधा जी का ही नहीं है, बल्कि तमाम बुजुर्ग परेशान हैं, जिन्हें 31 दिसंबर तक खुद को जीवित साबित कर प्रमाण पत्र लेना है और ऐसा न करने पर एक जनवरी से पेंशन बंद हो जाएगी। कोषागार कार्यालय में हर दिन ऐसे फोन आ रहे हैं कि वह क्या करें। कोषागार विभाग भी कर्मचारियों की उपलब्धता के अनुसार ही घर भेजकर जीवित होने का प्रमाण पत्र जारी कर रहा है लेकिन प्रदेश में 12 लाख और लखनऊ में 80 हजार पेंशनधारकों के घर पर कर्मचारियों को भेजना संभव नहीं हो पा रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78048.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78048.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fd5a9acc25bf93c5d74b6c3327bf7c1b65e4990d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78048.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इन ऊंचाइयों से यह मिसाइल 150 किमी की दूरी तक स्थित लक्ष्यों पर अभेद्य निशाना लगाने में सक्षम है। यह मिसाइल शत्रु को आसमान में ही मात देने की आक्रामक क्षमता रखती है। इस मिसाइल से दुश्मन के सíवलांस राडार, ट्रैकिंग और कम्युनिकेशन सिस्टम को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। इस मिसाइल की रेंज को अलग-अलग परिस्थितियों में बदला जा सकता है। इस तरह यह मिसाइल दुश्मन के हवाई ठिकानों को पलक झपकते ही पूरी तरह से तबाह करने की क्षमता रखती है। भविष्य में इसे मिराज-2000, जगुआर और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकेगा। इन पर सवार होकर रुद्रम दुश्मनों का काल बनेगी। सीमा क्षेत्रों से दागने पर यह मिसाइल चीन व पाकिस्तान के सामरिक एवं अन्य महत्वपूर्ण इलाकों को भारी नुकसान पहुंचाएगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78049.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78049.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..87d9612eae34ecef0f5e2474ecf5186bef2cb639 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78049.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +कितनी सुरक्षित। ब्रिटेन, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका में अप्रैल से चल रहे हैं परीक्षणों में शामिल 24 हजार स्वयंसेवकों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। विज्ञानियों का दावा है कि परीक्षण के दौरान वैक्सीन का कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आया। हालांकि, गले में खराश व थकान जैसे मामूली प्रतिकूल प्रभाव के आंकड़ों को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7805.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7805.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a24407271ef6e484a21d3a7f25e43b783c3850f2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7805.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। सोशल मीडिया से लेकर सबकी ज़ुबान तक आज सिर्फ दिलीप कुमार का नाम छाया हुआ है। दिलीप कुमार के निधन के साथ ही लोग इसे एक युग का अंत बता रहे हैं और सोशल मीडिया पर दिवंगत लेजेंड अभिनेता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। बॉलीवुड के ‘ट्रेजिडी किंग’ दिलीप कुमार ने मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में सुबह 7:30 बजे आखिरी सांस ली। दिलीप साहब लंबे समय से बीमार चल रहे थे, पिछले एक महीने के अंदर ये दूसरी बार था जब दिलीप साहब को एडमिट करवाया गया था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78054.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78054.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..39c3715fe203f086eee47f937ba56ee5d45bd6a1 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78054.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +केदार दत्त, देहरादून। पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में इस बार सर्दियों से ही जंगल सुलगने लगे हैं। एक अक्टूबर से नौ नवंबर तक का आंकड़ा देखें तो राज्य में आग की 92 घटनाओं में 133.55 हेक्टेयर जंगल झुलस चुका है। लेकिन क्षति के आकलन से आप चौंक जाएंगे। महज 3.54 लाख रुपये की क्षति आंकी गई है। यह उपेक्षा पर्यावरण के प्रति बेहद लापरवाह दृष्टिकोण को उजागर करती है। क्योंकि जंगल में आग लगने से केवल घास-फूस, झाड़ियां या पौधे ही भस्म नहीं होते हैं, वरन समूचे पर्यावरण तंत्र को अपूरणीय क्षति पहुंचती है। + +जंगलों में हर साल लगने वाली आग से बड़े दायरे में धुएं-धुंध के पसरे रहने के साथ ही वायुमंडल में घुलने वाली कार्बन की मात्रा पर्यावरण को सीधे चुनौती देती है। तस्वीर से साफ है कि क्षति के मानकों में पर्यावरण को खास तवज्जो नहीं दी गई है।यह कैसे संभव है कि नर्सरी में जिस पौधे की लागत 20 रुपये आती है, रोपे जाने के बाद एक साल तक जीवित रहने पर भी उसकी कीमत 20 रुपये ही रहेगी। इसी तरह की खामी साल के वनों को पहुंचने वाली क्षति के आकलन की भी है। आग से इन वनों में प्राकृतिक पुनरोत्पादन सबसे अधिक प्रभावित होता है। फिर भी वहां क्षति का मानक महज दो हजार रुपये प्रति हेक्टेयर रखा गया है। यही नहीं, जमीन पर रहने वाले जो सूक्ष्म जीव जैवविविधता को बचाते हैं, उनके नुकसान की भरपाई कैसे होगी, सवाल अनुत्तरित है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78055.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78055.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e3fd0fbbe2d6b6fb42355d454ff58e5d41fc75a8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78055.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ. केसलर से बेहद प्रभावित हैं बाइडन ।न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन विशेषज्ञों के साथ अपन बातचीत में अक्‍सर डॉ केसलर का जिक्र करते हैं। डॉ. मूर्ति और डॉ केसलर दो प्रमुख च‍िकित्‍सीय व्‍यक्ति हैं, जिनकी सलाह बाइडन ने सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य संकट के दौरान मांगी है। एक रिपोर्ट में केसलर के हवाले से कहा गया है कि महामारी के शुरुआती दिनों में वह और मूर्ति हर दिन बाइडन को जानकारी मुहैया कराते थे। केसलर ने कहा कि प्रत्‍येक दिन 80-90 पेज के दस्‍तावेज भेजते थे। उन्‍होंने बताया कि व्‍यापक रोग विज्ञान, चिकित्‍सा विज्ञान, वैक्‍सीन और कोरोना परीक्षण से जुड़ी जानकारी बाइडन को मुहैया कराई जाती थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78056.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78056.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b9e51a096cc37be8c0fba82eef50d3c475579dc9 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78056.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +फ्लैट खरीदारों के हित में है एग्रीमेंट टू सबलीज।एग्रीमेंट टू सबलीज की क़ानूनी तरीके से फाइनल रजिस्ट्री के बराबर ही मान्यता है, क्योंकि खरीदार सरकार को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क दोनों ही अदा करता है। कुल मिलाकर प्राधिकरण और बिल्डर के बीच फंसे घर खरीदारों को बचाने के लिए प्रशासन एग्रीमेंट टू सबलीज की सुविधा लेकर आया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78061.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78061.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..96df20fd7f332b6d292307ddacd58608d0705f2e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78061.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गोरखपुर, काशिफ अली। प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने शिया और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की बिक्री, खरीद और ट्रांसफर में कथित अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है। गोरखपुर में भी बड़ी संख्या में वक्फ की संपत्तियां हैं और उसे ट्रांसफर करने या बेचने के दौरान नियमों की अनदेखी की गई है। कई वक्फ संपत्तियों पर मुतवल्लियों ने बहुमंजिली इमारतों का निर्माण कराकर अपने रिश्तेदारों को 99 साल के लीज पर दे दिया है। शिकायतों के बावजूद ऐसा करने वालों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह माना जा रहा है कि जांच का दायरा बढ़ा तो उसके जद में गोरखपुर के भी कई लोग आएंगे। अनुमान के मुताबिक गोरखपुर एवं आसपास के जिलों में वक्फ की दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। दो वर्ष पूर्व सेंट्रल वक्फ कौंसिल, नई दिल्ली के सदस्स सैयद एजाज अब्बास ने भी जून 2017 मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गोरखपुर में वक्फ संपत्तियों की सीबीाआइ से जांच कराने की मांग की थी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78064.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78064.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..50908591f135bb9e8c50e9f4d5e04415a813209b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78064.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बीजिंग, ऑललाइन डेस्‍क। चीन ने उन अटकलों को खारिज कर दिया है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच अच्‍छे रिश्‍ते बनने जा रहे हैं। एक चीनी सलाहकार ने कहा है कि चीन को यह भ्रम छोड़ देना चाहिए। सलाहकार ने कहा कि बाइडन प्रशासन में दोनों देशों के बीच संबंधों में कोई सुधार होने वाला नहीं है। बीजिंग को एक कठिन दौर के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध और तल्‍ख होंगे। चीनी सलाहकार का यह बयान काफी अहम है। चीनी सलाहकार ने अपने इस बयान से यह संकेत दे दिया है क‍ि अमेरिका और चीन के बीच मनमुटाव दो नेताओं के बीच का मामला नहीं है, बल्कि यह मतभेद वैश्विक चुनौतियों एवं प्रभाव को लेकर है। चीन के सलाहकार के इस बयान के आखिर क्‍या निहितार्थ है? वे कौन-से कारण हैं, जो बाइडन प्रशासन में भी यूं ही चलते रहेंगे। ।बाेला चीन- बाइडन अमेरिका के सबसे कमजोर राष्‍ट्रप‍ति ।चीनी सलाहकार झेंग योंगशिय ने कहा कि निश्चित रूप से जो बाइडन अमेरिका के सबसे कमजोर राष्‍ट्रप‍ति हैं। उनके समक्ष घरेलू और राजनयिक मोर्चे पर अनेक चुनौतियां विकराल रूप से खड़ी हैं। उन्‍होंने कहा कि बाइडन व्‍हाइट हाउस में प्रवेश करने के बाद घरेलू समस्‍याओं के निस्‍तारण के बजाए अमेरिकी जनता का ध्‍यान अन्‍य समस्‍याओं की ओर खीचेंगे। ऐसे में बाइडन चीन के प्रति अमेरिकी जनता की नाराजगी का फायदा उठा सकते हैं। झेंग ने कहा कि अमेरिकी समाज बिखर रहा, बाइडन इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते। बाइडन के पास अमेरिका की इस आंतरिक समस्‍या का कोई समाधान नहीं है। वह इस समस्‍या से ध्‍यान भटकाने के लिए चीन की ओर उन्‍मुख हो सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7807.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7807.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..25023dd62dbc030a66a19967933b67c7c8b33a78 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7807.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शगुफ्ता को इस वक्त पैसों की सख्त जरूरते है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में शगुफ्ता ने बताया कि CINTTA ने उन्हें मदद की पेशकश की थी, लेकिन एक्ट्रेस ने उनकी मदद लेने से इनकार कर दिया क्योंकि वो लोग मदद के लिए काफी कम पैसे दे रहे थे। एक्ट्रेस ने कहा, ‘मुझे अब तक किसी की मदद नहीं मिली है। CINTAA ने मदद करने के लिए मुझसे कॉन्टेक्ट किया था, लेकिन मैं उनकी मदद नहीं ले सकी क्योंकि वो बहुत कम पैसे दे रहे थे। मैं CINTAA की सदस्य रह चुकी हूं मुझे पता है केवल थोड़े ही पैसों की मदद कर सकते हैं और मेरे लिए काफी नहीं होगी। इसलिए मैंने उनकी मदद नहीं ली। मैं सोनू सूद से भी कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे कि मदद नहीं करते वो सिर्फ सर्विस देते हैं’। + +आपको बता दें कि हाल ही में न्यूज वेबसाइट स्पॉटबॉय के साथ बातचीत के दौरान शगुफ्ता ने बताया था, 'डायबिटीज के कारण मेरा पैर बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। मेरा पैर सुन्न हो जाता और बहुत ज्यादा दर्द होता था। स्ट्रेस के कारण मेरा शुगर लेवल भी बढ़ गया है। इसने मेरे आंख को भी प्रभावित किया है। इस कारण मुझे ट्रीटमेंट करवाना पड़ा था। मैंने अपनी कार, गहने बेच दिए हैं। मैं ऑटो रिक्शे से डॉक्टर के पास जा रही हूं। मुझे तुरंत जीने के लिए आर्थिक मदद चाहिए। मैंने लोगों से लोन लिए है। इसके अलावा मुझे घर की ईएमआई, मेडिकल बिल भरने है।' ।अपनी बीमार मां और भतीजी के साथ रह रहीं शगुफ्ता ने बताया, 'मेरे पिता और छोटे भाई का निधन हो गया है, जिससे मेरी शादी होने वाली थी उसका आठ साल पहले निधन हो गया। मैं 20 साल की थी तो मुझे तीसरी स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। मेरी कीमोथेरेपी और सर्जरी हुई। सर्जरी के 17वें दिन मैं दुबई शो के लिए गई थीं। उस वक्त मेरी छाती में कुशन लगा था।'।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78070.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78070.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7b3d6ab031bcbaf8901532b245dadab1f47bbb25 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78070.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अयोध्या, [रघुवरशरण]। आधी रात की गहन स्तब्धता अचानक टूटती है। घड़ी की सुइयां मध्य रात्रि का अतिक्रमण करती हुईं 2:13 बजे का संकेत करती हैं। ...और अगले पल रामनगरी की 14 कोस की परिधि श्रद्धालुओं से आप्लावित हो उठती है। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण को ध्यान में रख कर प्रशासन ने बाहर से आने वाले परिक्रमार्थियों की राह रोक रखी है। इसके बावजूद परिक्रमा मार्ग पर आस्था का प्रवाह विसर्जित होता है। + +अगले जत्थे में शामिल परिक्रमार्थी 42 किलोमीटर की तय दूरी का तिहाई सफर पूरा कर रहे हैं पर उनका उत्साह ठंडा नहीं पड़ा है। वे जोश, दृढ़ता और कोई चिर साध पूरी होने की खुशी में निर्बाध आगे बढ़े जा रहे हैं। बीच-बीच में श्रद्धालुओं के ऐसे झुंड गुजरते हैं, जिनके हाथों में धर्म के परिचायक ध्वज दिखाई पड़ते हैं। इक्का-दुक्का जत्था राष्ट्रीय ध्वज और भाजपा का झंडा लिए भी दिखा। जो भव्य-दिव्य राम मंदिर निर्माण के प्रति कहीं अधिक मुखर हैं पर जो मौन हो गुजर रहे हैं, वे भी जरा सा छेडऩे पर दिल की बात जुबां पर ले आते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78073.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78073.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..30693dc0c1dce244a8998d8bd2e3c738dc1f15d5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78073.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जामताड़ा [ प्रमोद चौधरी ]। Jamtara Hotbed of Cyber Crime देश में जामताड़ा का नाम साइबर ठगी के लिए कुख्‍यात हो चुका है। रोज  ठगी के नये नये तरीके यहां के अपराधी ईजाद कर लेते हैं। अब इन ठगों ने बच्‍चों को हथियार बनाया है। पुलिस से बचने के लिए ये बच्‍चों को ठगी में ट्रेंड कर इस दलदल में धकेल रहे हैं। सोच यह कि बच्‍चे पकड़े जाएंगे तो बाल सुधार गृह जाएंगे। कुछ महीनों में ही मुक्त हो जाएंगे। यह खुलासा तब हुआ जब इसी माह 11 नवंबर को नारायणपुर से  एक किशोर को पुलिस ने साइबर ठगी के आरोप में गिरफ़तार किया। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि ऐसे और भी बच्‍चे हैं जो ठगी को अंजाम दे रहे हैं। हैरतअंगेज बात ये कि बच्‍चों के माता पिता को भी इसकी जानकारी है, बावजूद वे पैसे के लालच में अपने घर के चिराग को इस काम से मना नहीं करते। बच्‍चों को ठगी का करीब 40 फीसद हिस्‍सा ठग बतौर मेहनताना मुहैया कराते हैं। ।ऐसे हुआ खुलासा।जामताड़ा का नारायणपुर व करमाटांड़ साइबर अपराध प्रमुख गढ़ के रूप में शुमार है। नारायणपुर थाने का प्रभारी प्रशिक्षु आइपीएस शुभांशु जैन व करमाटांड़ का हरविंद सिंह के पास है। हाल में ही नारायणपुर में बच्चों द्वारा साइबर ठगी करने की सूचना आइपीएस शुभांशु को मिली थी। उन्होंने पुलिस अधिकारी अजीत कुमार व पंकज कुमार के साथ छापेमारी कर नारायणपुर के एक गांव से एक 15 वर्षीय किशोर को पकड़ा। पुलिस को उसने बताया कि गिरोह का सरगना उड़ाई गई राशि में चालीस  प्रतिशत हिस्‍सा उसे देता है। वह मोबाइल से खाताधारक को झांसा देकर फंसाता है। उसके अकाउंट से रकम उड़ाकर उसे बताए गए एक ई-वॉलेट में डाल देता है। इस काम में अब वह दक्ष हो चुका है। किशोर के पास से जब्त मोबाइल में जनवरी से अब तक 1500 कॉल विभिन्न राज्यों में किए जाने का साक्ष्य भी पुलिस को मिला है। ।सूरत से लौटकर ठगी में रम गया।पकड़े गए किशोर ने बताया कि वह सूरत में काम करता था। लॉकडाउन के कुछ महीने पहले घर आया था। अब तक चालीस हजार रुपये से अधिक की ठगी की है। अभी उसने छोटी - छोटी राशि ही उड़ाई है। ताकि काम में महारत हासिल हो सके। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे दुमका बाल सुधार गृह भेज दिया। पुलिस उस सरगना की तलाश में है जो उसे इस धंधे में लाया। पुलिस को उम्‍मीद है कि उसके पकड़ में आने पर ऐसे कई और बच्‍चों की जानकारी मिलेगी। ।कई बच्चे कर रहे साइबर ठगी।पुलिस को इस बच्‍चे ने अपने सरगना समेत कई अन्य बच्चों की भी जानकारी दी है। जो साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चों को उनके पिता भी साइबर ठगी में धकेल रहे हैं। हाल में मोहनपुर के एक साइबर अपराधी को दबोचने पुलिस गई और अपराधी को उसका सहयोगी बनकर फोन से बुलाया। जब वह सामने आया तो पुलिस उसके साथ नाबालिग को देखकर चौंक पड़ी। वह अपने बच्चे को बाइक में लाया था। इस मामले में पिता को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया। हालांकि उसके बच्‍चे को कम उम्र देखकर मुक्त कर दिया था। उस बच्चे ने खुलासा किया था कि वह लड़की की आवाज में खाताधारक को फोन कर आसानी से विश्वास में लेता है। फि‍र खाते के गोपनीय नंबर लेकर ठगी में मदद करता है। ।गिरोह के अपराधी अब बच्चों का ऑनलाइन ठगी में उपयोग कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा सेफ जोन की रहती है। क्‍योंकि बच्चों को ज्यादा सजा नहीं मिलेगी और वे खुद अपराध करवाकर बचे रहेंगे। उनकी  यह मंशा पूरी नहीं होगी। कानून का गलत फायदा उठाने वाले तत्वों का ठगी का साम्राज्य देर तक नहीं टिकेगा। सारे बच्चे व बड़े जल्‍द पकड़े जाएंगे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78074.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78074.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e82a5dfc6393782bc80657e1df4eb99f6ec5b2d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78074.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आंकड़े बताते हैं कि कोहरे के चलते होने वाले हादसों में हुई मौतें पिछले चार साल में सौ फीसद से ज्यादा बढ़ गई है। 2014 में कोहरे के चलते हुए हादसों में कुल 5886 लोग मारे गए जबकि 2017 और 2018 में ये आंकड़ा क्रमश: 11090 व 12678 रहा। ।चार 'E' होंगे मददगार :। सड़क परिवहन मंत्रालय चार E (इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी रिस्पांस) पर काम कर रही है। इंजीनियरिंग के तहत देश में अधिक दुर्घटना वाले जगहों की ब्लैक स्पॉट के रूप में पहचान कर उन्हें दुरूस्त किया जा रहा है और अब तक लगभग 900 ब्लैक स्पॉट को ठीक किया जा चुका है। साथ ही सभी नई गाड़ियों के लिए ड्राइवर के साथ वाली सीट पर एयरबैग और स्पीड गवर्नर को अनिवार्य बनाया गया है। ट्रक के नीचे घुसने से कार सवारों की होने वाली मौतों को रोकने के लिए ट्रक के नीचे एक रॉड लगाना अनिवार्य किया गया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78080.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78080.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..4a870f1e8e6a47edfc78c1fbc3cd515ca43cf6fd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78080.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +शिप्रा सुमन, बाहरी दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम द्वारा दिल्ली के किसानों से खरीफ फसलों की खरीदारी बहुत कम होती है। इसे प्रमाणित करता है पिछले पांच वर्षों का ब्योरा जिसमें स्पष्ट तौर पर यह उल्लेख किया गया है कि पांच वर्षों में केवल दो बार ही यह खरीदारी हुई है जिसका नुकसान किसानों को झेलना पड़ रहा है। ।सूचना का अधिकार के अंतर्गत फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली के किसानों से सिर्फ दो बार गेहूं खरीदा है और खरीफ की फसल (धान) एक बार भी नहीं खरीदी गई है। इसलिए इन हालातों में दिल्ली के किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी कम दामों पर बेचने को मजबूर हैं। वर्षों से दिल्ली के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग करते आए हैं। हाल ही में दिल्ली के मुंडका गांव में दिल्ली देहात संगठन के बैनर तले किसानों व ग्रामीणों ने विभिन्न मुद्दे को लेकर बैठक की थी। इसमें दिल्ली के किसानों समेत देशभर के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिले, इस पर चर्चा हुई। ।आरटीआई से जानकारी जुटाने वाले कंझावला के आरटीआई कार्यकर्ता संजय डबास ने बताया कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने बताया कि 2015 से 2020 तक भारतीय खाद्य निगम दिल्ली क्षेत्र में कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की खरीद नहीं हुई है। जबकि 2015 से 2020 तक रबी विपणन वर्ष के दौरान भारतीय खाद्य निगम दिल्ली क्षेत्र में गेहूं की खरीदारी दो बार की गई। संजय के मुताबिक आज भी दिल्ली के 360 गांवों में से करीब 150 गांवों में किसान खेती करते हैं। वह कृषि पर ही निर्भर हैं लेकिन उन्हें सब्सिटी और दूसरी सुविधाएं नहीं मिलती। ।जौंति गांव के संत राम बताते हैं कि दी गई सूचना से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली के किसानों को अपनी फसल गेहूं व चावल की एमएसपी से कम दामों पर मजबूरी में बेचनी पड़ रही है। + +पांच वर्षों की खरीदारी का ब्योरा : ।रबी विपणन वर्ष              खरीद ।2015-16                  1787 मैट्रिक टन।2016-17                  शून्य ।2017-18                  शून्य ।2018-19                  शून्य ।2019-20                  शून्य ।2020-21                  27.6 मैट्रिक टन ।-------------- ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78081.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78081.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b75ca2f847c4a8e6b584fd8d3b2a33488ff3c6a7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78081.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रमण शुक्ला। बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं वैश्य समाज से आने वाले तारकिशोर प्रसाद को उपमुख्यमंत्री बनाने के कई मायने हैं। पार्टी के प्रति समर्पण के लिए पुरस्कार तो है ही, भाजपा के लिए सबसे अहम सीमांचल में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश भी है। बिहार विधानसभा के तीन चरणों में हुए चुनाव के नतीजे बताते हैं कि राजग को सत्ता सीमांचल ने ही दिलाई है। + +बिहार भाजपा के बड़े नेता सुशील मोदी के विकल्प के तौर पर उभारे गए तारकिशोर व्यवहार कुशल तो हैं ही, आरएसएस से भी उनके गहरे संबंध हैं। राजनीति में आने के पहले वह बाल स्वयंसेवक रह चुके हैं। सीमांचल में प्रखर हिंदूवादी नेता की उनकी पहचान है। उन्हें पहली बार उभार धर्मातरण और लव जिहाद जैसे प्रमुख सामाजिक जागरूकता मुहिम से मिली। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले तारकिशोर को पार्टी में संगठनात्मक पाठ पढ़ाने में प्रदेश सह संगठन महामंत्री शिवनारायण महतो की बड़ी भूमिका रही है। शिवनारायण भी कटिहार जिले से आते हैं। संघ पृष्ठभूमि वाले परिवार में पले-बढ़े तारकिशोर ने चार दशक के सियासी सफर के बाद यह मुकाम पाया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78084.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78084.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..653ff8a244214cd9db5e869ffd686bb97400495d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78084.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +डॉ रोहित बालुजा। अध्ययन बताते हैं कि कोहरे के कारण हर साल होने वाले हादसे तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि जो आंकड़े सामने आए हैं, उनकी वास्तविक तस्वीर कहीं अधिक स्याह हो सकती है। कोहरे के चलते औसतन हर साल 9,500 गंभीर हादसे होते हैं, लेकिन अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा 50 हजार से अधिक हो सकता है। मामूली चोट या संपत्ति के नुकसान संबंधी हादसों की संख्या लाख में हो सकती है। हवा में पानी की बूंदों के कारण धुंध पैदा होती है। इसके कारण दृश्यता कम हो जाती है। यानी, कम दूरी में भी चीजें स्पष्ट दिखाई नहीं देतीं। लेकिन, सबसे चिंता का विषय स्मॉग है, जो पूरे वातावरण को खतरनाक बना देता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78091.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78091.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..62b459da1bcad24ed9aa77c9af13c1e0d4f8a985 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78091.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चीट डे लंबा खिंच गया। डाइटीशियन रेणुका डंग ने बताया कि आमतौर पर डाइटिंग करने वाले लोग हफ्ते में एक दिन चीट डे यानी अपने रोज के खाने में थोड़ी सी ढील देते हैं। पर त्योहारों में यह चीट डे लंबा खिंच गया। एक हफ्ते से दस दिन तक लोगों ने खूब तला-भुना खाया। मिठाई का सेवन किया। इससे वजन बढ़ने की शिकायत के साथ ही पाचन संबंधी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। अब लोग हमारे पास डिटाक्स होने के तरीके पूछ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78093.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78093.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b9269cf7af9f2cff389872a725d51eb981e1c2c --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78093.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बीते दो दशकों में बारिश के आंकड़े देखें तो यह साफ हो जाता है कि भूजल के बेलगाम दोहन से जूझ रहे खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिले तो लगातार हो रही कम बारिश के चलते संतृप्त नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 20 सालों में मात्र चार सालों को छोड़ दें तो प्रदेश में सामान्य के मुकाबले 20 फीसद से कम बारिश हुई है। बागपत, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, संभल, अमरोहा, शामली, मेरठ, रामपुर के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के कौशांबी में बारिश लगातार काफी कम रिकॉर्ड की गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक विशेष रूप से वर्षा ऋतु में होने वाली बारिश भूजल भंडारों में होने वाले कुल वार्षिक रिचार्ज के लगभग 65 से 70 फीसद हिस्से के लिए जिम्मेदार होती है। + +वहीं बुंदेलखंड-व‍िंंध्य क्षेत्र के बांदा, महोबा, ललितपुर, झांसी, मीरजापुर व सोनभद्र के अलावा मध्य उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर नगर में भी बारिश सामान्य के मुकाबले काफी कम रही, जिसका असर सूखते भूजल भंडारों पर पड़ना तय है। साथ ही, बीते दो दशकों में वर्षा जल संचयन व भूजल रीचार्ज के लिए चलाई गई तमाम भारी भरकम योजनाओं से लगभग डेढ़ लाख तालाबों का जीर्णोद्धार व नए तालाब का निर्माण करने के साथ करीब आठ हजार चेक डैम बनाए गए, लेकिन बारिश की भारी कमी के चलते इन तालाबों व चेक डैम में वर्षा जल का पर्याप्त संग्रहण नहीं हो सका, जिससे सीधे भूजल रीचार्ज प्रभावित हुआ। जो आंकड़ों में साफ दिखाई भी पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78094.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78094.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3225b4d6ef3c124a1fdfbeb575abdb61d7eacf4e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78094.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +सबसे बड़े 1.19 लाख कैडेटों वाली यूपी एनसीसी में इसी साल अगस्त से 11980 की संख्या को बढ़ाया गया है। यूपी के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जिलों में एनसीसी का विस्तार किया जाएगा। इसके बावजूद लखनऊ सहित यूपी के करीब 12 हजार युवा एनसीसी ट्रेनिंग के लिए वेटिंग में हैं। एनसीसी के 11 ग्रुप मुख्यालयों में  किसी के पास भी कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए शूटिंग रेंज जैसी सुविधा नहीं है। राज्य सरकार के पास पिछले 10 साल से एनसीसी नगर की स्थापना का प्रताव लंबित है। एनसीसी नगर के लिए पांच एकड़ जमीन की जरूरत होगी। जिसमें कैडेटों के ठहरने के लिए हास्टल, फायरिंग रेंज, डिल के लिए मैदान, हैरतअंगेज प्रदर्शन के लिए ढांचे का विकास किया जाना है। लेकिन आलम यह है कि एनसीसी ग्रुप लखनऊ के कैडेट कई साल तक छावनी के बूचड़ी मैदान में कैंप करते रहे। यहां ही गणतंत्र दिवस दिल्ली की परेड के लिए कैडेटो का चयन किया जाता था। सेना ही फायरिंग रेंज में इनको ट्रेनिंग देती थी। यहां सूर्या खेल परिसर बनने के बाद कैडेटों को कुछ माह आनंद नगर में कारागार प्र िशक्षण संस्थान में ठहरने और ट्रेनिंग की सुविधा दी गई। अब इन कैडेटों को कैंप के लिए बाराबंकी जाना पड़ता है। लखनऊ की जगह गाजियाबाद में एनसीसी कैडेटो को एकत्र कर वहां से आरडीसी दिल्ली भेजा जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78098.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78098.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5e403edb046547031d294bf33285d13fb572e7c7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78098.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुग्राम (आदित्य राज)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हरियाणा इकाई के प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने कहा कि बुजुर्ग बोझ नहीं बल्कि अमूल्य धरोहर हैं। पश्चिम सभ्यता-संस्कृति से प्रभावित होकर कुछ लोग बुजुर्गों को बोझ समझने लगे हैं। माता-पिता के प्रति सम्मान में कमी करने लगे हैं। यह अच्छा संकेत नहीं। समाज को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा। यह मानकर चलना चाहिए कि परिवार ही ताकत है। परिवार की मजबूती के लिए माता-पिता का सम्मान आवश्यक है। उनका सम्मान करके ही हम न केवल ऊंचाई को प्राप्त कर सकते हैं बल्कि असली सुख की अनुभूति कर सकते हैं। ।प्रांत प्रचारक विजय कुमार रविवार को हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान (एचएसएसएफ) की हरियाणा इकाई द्वारा आयोजित मातृ-पितृ वंदन कार्यक्रम काे रोहतक कार्यालय से आनलाइन संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का संचालन गुरुग्राम जिले के गांव बंधवाड़ी में अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन द्वारा संचालित आश्रम से किया गया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत की पहचान बुजुर्गों व माता-पिता के सम्मान को लेकर भी है। अतिथि देवो भव की परंपरा अपनी संस्कृति है। पश्चिम सभ्यता-संस्कृति के प्रभाव में आकर अपनी सभ्यता-संस्कृति को भूलना आनेवाले समय में घातक साबित होगा। ।राष्ट्र की मजबूती के लिए अपनी सभ्यता व संस्कृति को मजबूती पर जोर देना होगा। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक गुणवंत सिंह कोठारी ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष रवि कालरा शामिल हुए। कार्यक्रम के संयोजक भूमिका शिक्षाविद् डा. अशोक दिवाकर ने निभाई। ।कार्यक्रम में प्रदेश के 2500 परिवारों के लगभग 12000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। मंच संचालन हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान की हरियाणा इकाई के सचिव प्रदीप शर्मा ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में प्रो. लोकेश शर्मा, कर्नल (रिटा.) जेके सिंह, सुजाता गुण, नरोत्तम वर्ष, संदीप शर्मा आदि ने भी विशेष भूमिका निभाई। इस मौके पर आश्रम के 30 बुजुर्गों का सम्मान भी किया गया। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78101.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78101.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c27d2c83f4c4d62c3742d7b66c5c1f8b37f0a391 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78101.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +संयुक्‍त राष्‍ट्र। इस वर्ष के शुरुआती 9 माह के दौरान पुनर्वासितों की संख्‍या में जबरदस्‍त गिरावट दर्ज की गई है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) की एक ताजा रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई है। यूएनएचसीआर के मुताबिक वर्ष 2019 के शुरुआती नौ माह में जहां 50 से अधिक शरणार्थियों को पुनर्वासित किया गया था वहीं इस बार ये संख्‍या महज 15425 है। एजेंसी में इस काम का जिम्‍मा संभाल रही असिसटेंट हाई कमिश्‍नर गिलियन ट्रिग्‍गस का कहना है कि मौजूदा आंकड़े दो दशकों में सबसे कम हैं। ये संगठन के उन प्रयासों को जबरदस्‍त झटका है जो शरणार्थियों के तौर पर जीने वाले और जोखिमों का सामना करने वालों का जीवन बचाने में जुटा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78107.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78107.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9b46fd00c7f503c24400f6881e2c88c37c288af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78107.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली की रहने वाली मेघा की ओर से शुक्रवार को बाल यौन शोषण जैसे गंभीर विषय पर रिलीज की गई शॉर्ट फिल्म लोगों को खूब पसंद आ रही है। बाल यौन शोषण पर बच्चों को जागरूक करने के लिए बनाई गई 'हमारे सुपर बड्डिस, हमारे रक्षक' नाम की शॉर्ट फिल्म को दिल्ली से लेकर लंदन तक पसंद किया जा रहा है और लोग इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। लोग कह रहे है कि इस गंभीर विषय पर लोगों को खुलकर बात करनी चाहिए, जिससे समाज में बच्चों के साथ होने वाले अपराध पर रोक लग सकती है। यह फिल्म उसी तरह के अपराध को आईना दिखाने का काम कर रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78108.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78108.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f32a378572b155d8d14774821bc59041717ea8fa --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78108.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +पीसी चाको के सिपहसालार पहुंचे चौधरी के द्वार। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रभारी पीसी चाको के काफी करीबी रहे पूर्व प्रदेश महासचिव ओमप्रकाश विधूड़ी की प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी से मुलाकात सियासी गलियारों में खासी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस मुलाकात की तस्वीर भी न केवल पार्टी के वाट्सएप ग्रुप बल्कि फेसबुक पर भी वायरल हो रही है और लोग इस पर खूब कमेंट भी कर रहे हैं। दरअसल पेच यह है कि चाको ने अनिल चौधरी को कभी तवज्जो नहीं दी। दूसरी तरफ विधूड़ी की कोई भी गतिविधि चाको की सहमति से जोड़कर देखी जाती रही है। ऐसे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। किसी का कुछ कहना है तो किसी का कुछ मानना है। हालांकि विधूड़ी का कहना है कि चौधरी दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनके निर्देशों का पालन करना उनका कर्तव्य है। यह सुनकर बहुत हैरानी होती है कि अपने अध्यक्ष से मिलना भी चर्चा में आ जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78109.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78109.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ceb50b49b54f590f6bc1b50b3c8523b2d89c36d8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78109.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। शहंशाह शाहजहां ने जिस मुमताज की याद में दुनिया का सबसे सुंदर मकबरा ताजमहल बनवाया था, उस मुमताज की मां का मकबरा ताजगंज के बिल्लोचुपरा में उपेक्षित है। मुमताज के मकबरे के दीदार को तो दुनियाभर से सैलानी आते हैं, लेकिन उसकी मां के मकबरे पर स्थानीय लोग भी नहीं जाते। यहां पहुंचने को सही रास्ता भी उपलब्ध नहीं है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78111.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78111.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..26bf9f2f8b2b1439afeef2f2c749d1a8602b70b2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78111.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +अमृतसर, [हरदीप रंधावा]। ड्रग्स मामले में गुरु नगरी में पैदा हुईं और यहीं से कामेडी का सफर शुरू करने वाली कामेडियन भारती सिंह (Comedian Bharti Singh) की गिरफ्तारी से यहां के रंगमंच व फिल्म जगत से जुड़े लोग हैरान हैं। भारती सिंह (Bharti Singh) ने अभिनय का सफर प्रसिद्ध नाटककार जगदीश सिंह सचदेवा के निर्देशन में शुरू किया था। उनका पहला नाटक 'हमीदा बाई की कोठी' था। नाटक में भारती को मुख्य भूमिका निभानी थी। उस दिन कालेज में उनकी परीक्षा थी। टाइम कम होने की वजह से उनका मेकअप पहले ही करवा दिया गया था। भारती सिंह (Bharti Singh) ने दाढ़ी लगाकर परीक्षा दी और फिर नाटक में अभिनय किया। + +साथ काम करने वालों ने कहा- भारती के ड्रग्स लेने की बात हैरान करने वाली।प्रसिद्ध नाटककार व विरसा विहार के अध्यक्ष केवल धालीवाल का कहना है कि भारती सिंह (Bharati Singh) जमीन से जुड़ी हुई कलाकार हैं। मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल करने वाली भारती सिंह (Bharati Singh) के ड्रग्स लेने की बात हैरान कर देने वाली है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78112.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78112.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0c5d1d9ac5b167cf433a489e1750b24a9665cf12 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78112.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी या आंवला नवमी कहा जाता है। इस वर्ष अक्षय नवमी या आंवला नवमी 23 नवंबर को है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा की तिथि तक आंवले के पेड़ पर निवास करते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के अतिरिक्त भगवान विष्णु की भी विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन स्नान, पूजा, तर्पण तथा अन्नादि के दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अक्षय नवमी को धात्री नवमी और कूष्माण्ड नवमी के नाम से भी जाना जाता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78113.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78113.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..1e25774d1d35cfdda55b9ae755dac61ea46b5a37 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78113.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इस दौरान वे लगभग 10 करोड़ लोगों को सौर ऊर्जा के उपयोग का प्रशिक्षण भी देंगे। आइआइटी मुंबई में प्रोफेसर रहे डॉ. सोलंकी ने इस काम के लिए नौकरी छोड़ दी है। वे कई सालों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत हैं और 30 देशों की यात्रएं कर चुके हैं। उनकी एक संस्था एनर्जी स्वराज फाउंडेशन भी है। डॉ. सोलंकी ने बताया कि हमें अभी से ही ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्रोतों की उपयोगिता बढ़ानी होगी। वर्ष 2035 तक यदि हम नहीं बदले तो इसके परिणाम भयानक होंगे। हमें ऊर्जा पैदा करने के तरीकों के बारे में दोबारा सोचने की जरूरत है। इसके लिए आर्थिक हितों की कुर्बानी भी देनी होगी, वरना इसका खामियाजा पीढ़ियों तक भुगतना होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78115.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78115.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5f99274f3afa581aa3c5ddff7709b9d942112160 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78115.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +पटना, आलोक मिश्र। Bihar Politics बिहार में कांटे की लड़ाई के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने सत्ता संभाल ली है और नीतीश कुमार सातवीं बार मुख्यमंत्री बन गए हैं, लेकिन इस बार सरकार की सूरत बदली-बदली सी है। भारतीय जनता पार्टी के बढ़े कद का प्रभाव अभी से दिखने लगा है। सुशील कुमार मोदी की जगह उप मुख्यमंत्री पद पर दो नए चेहरों का आना और जदयू के बजाय विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा की झोली में जाना इसकी बानगी है। वहीं जदयू कोटे से मंत्री बने मेवालाल चौधरी का तीन दिन के भीतर इस्तीफा भी नीतीश सरकार के लिए एक झटके से कम नहीं है, जिसने विपक्ष के हौसले भी बुलंद कर दिए हैं। + +सोमवार को नीतीश कुमार सहित 15 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें दो उप मुख्यमंत्री समेत सात भाजपा कोटे से, नीतीश सहित छह जदयू कोटे से व एक-एक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा व विकासशील इंसान पार्टी से शामिल थे। लेकिन शपथ लेते ही बुरी बीती मेवालाल चौधरी पर। विपक्ष उनकी पुरानी फाइल खोलकर हमलावर हो गया। जब वे सबौर कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति थे, तो उस समय 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ था। नियुक्ति में पात्रता और प्रावधानों की अवहेलना हुई थी। इस पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। नीतीश कुमार ने जदयू कोटे से उन्हें मंत्री पद की शपथ दिला दी। बस, हार से तिलमिलाए विपक्ष को मुद्दा मिल गया। उसने हल्ला मचाना शुरू कर दिया। पहले तो उसे नजरअंदाज किया गया और मेवालाल को शिक्षा विभाग दे दिया गया, लेकिन जब लगा कि मामला गंभीर है तो नीतीश कुमार ने उन्हें बुलाकर बात की, जिसका परिणाम यह निकला कि कार्यभार ग्रहण करने के घंटे भर बाद ही उनका इस्तीफा आ गया। अब बैकफुट पर आया जदयू इसे नैतिकता बता रहा है, शुचिता के उच्च मापदंड का पालन ठहरा रहा है। जबकि विपक्ष इसे अपनी जीत समझ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78116.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78116.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3f2c6bb83386651f875404fa147750fe763a14dd --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78116.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन की टीम में पहली भारतीय अमेरिकी मह‍िला ने अपनी जगह बनाई है। बाइडन ने शुक्रवार को माला अडिगा को अपनी पत्‍नी और अमेरिका की फर्स्‍ट लेडी जिल बाइडन की नीति निदेशक के रूप में नियुक्‍त किया है। माला पहली भारतीय अमेरिकी मह‍िला हैं, जो बाइडन की टीम का हिस्‍सा बनेंगी। हालांक‍ि, बाइडन प्रशासन में शामिल होने के लिए अभी कई भारतीय प्रतिक्षा सूची में हैं। ये वह भारतीय-अमेरिकी हैं, जो बाइडन के चुनावी कैंपन में दिन-रात जुटे रहे। इनकी तारीफ खुद बाइडन कर चुके हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं कि माला अडिगा कौन हैं क्‍या हैं उनकी खूबियां, और कितने भारतीय हैं जिनको मिल सकती है बाइडन प्रशासन में खास जगह। ।भारतीय अमेरिकी माला की क्‍या है खासियत ।1. माला ने अमेरिका की फर्स्‍ट लेडी जिल बाइडन के एक वरिष्‍ठ सलाहकार और जो बाइडन के चुनावी कैंपेन में एक वरिष्‍ठ नीति सलाहकार के रूप में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसके पूर्व माला बाइडन फाउंडेशन में उच्च शिक्षा और सैन्य परिवारों के लिए निदेशक थीं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78117.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78117.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..35b6e6cb71110221a83f4e453363cf90d92f1ede --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78117.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइल डेस्‍क। ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी चरम पर है। संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका में भले ही सत्‍ता परिवर्तन को लेकर सियासी संकट चल रहा हो, लेकिन चीन को लेकर उसकी धारणा साफ है। अमेरिका ने हाल ही में चीन की वायु रक्षा क्षेत्र में बमवर्षक विमान भेज कर उसे सावधान किया था। अमेरिका का यह कदम चीन को खुली चेतावनी थी। अमेरिका ने साफ संदेश दिया कि चीन अपनी हरकतों से बाज आए नहीं तो अमेरिकी सेना की क्षमता उसके घर के अंदर जाकर मारने की क्षमता रखती हैं।  खास बात यह है कि अमेरिकी विमान ऐसे वक्‍त चीन की हवाई सीमा में प्रवेश किए जब चीन एक नौसना अभ्‍यास कर रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव इस कदर है कि एक नए शीत युद्ध को जन्‍म दे सकता है। आइए हम आपको बताते हैं ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच क्‍या है फसाद की जड़। ताइवान के ऊपर चीन के प्रभुत्‍व में कितना है दम। ।क्‍या है ताइवान के प्रति चीनी दृष्टिकोण ।चीन ने हमेशा से ताइवान को अपने एक प्रांत के रूप में देखा है, जो उससे अलग हो गया है। हालांकि, बीजिंग का पक्‍का विश्‍वास है कि भविष्‍य में ताइवान चीनी का हिस्‍सा बनेगा। उधर, ताइवान की एक बड़ी जनसंख्‍या अपने आपको एक अलग देश के रूप में मानती रही है। चीन और ताइवान के बीच संघर्ष का मूल कारण यही है। वर्ष 2000 में ताइवान की सत्‍ता चेन बियान के हाथों में आई। चेन ताइवान के राष्‍ट्रपति चुने गए। वह ताइवान की स्‍वतंत्रता के बड़े हिमायती थे। चीन को ताइवान की स्‍वतंत्रता की बात खटक गई। तब से ताइवान और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण है। हालांकि, समय-समय पर ताइवान ने चीन के साथ व्‍यापारिक संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयास किए हैं। ।अमेरिका का सातवां बेड़ा ताइवान की पहरेदारी के लिए तैनात ।वर्ष 1949 में चीन में चल रहे गृहयुद्ध के अंत में पीपुल्‍स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्‍थापक माओत्‍से तुंग ने पूरे चीन पर अपना अधिकार कर लिया। उस वक्‍त राष्‍ट्रवादी विरोधी नेताओ और उनके समर्थक ताइवान की ओर रुख कर गए। माओ के डर से ताइवान अमेरिका के संरक्षण में चला गया। 1950 में अमेरिका ने जंगी जहाज का सातवां बेड़ा ताइवान और चीन के बीच पहरेदारी करने के लिए भेजा। 1954 में तत्‍कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति आइजन हावर ने ताइवान के साथ रक्षा संधि पर दस्‍तखत किए। ।चीन-ताइवान के बीच अमेरिका फैक्‍टर ।वर्ष 2000 के चुनाव में स्‍वतंत्र ताइवान समर्थकों की विजय हुई। इस जीत के बाद चीन ने ताइवान की धमकी दी। स्‍वतंत्र ताइवान के शासन काल में कई बार ऐसे मौके आए, जब चीन और ताइवान के बीच युद्ध जैसे हालात उत्‍पन्‍न हुए। चीन ने अपनी सैकड़ों मिसाइलों ताइवान को लक्षित करके तान रखी है। उधर, ताइवान ने चीन के जवाब में अपनी सेनाएं तैनात कर रखी है। हालांकि, 2008 में चीन और ताइवान के बीच तनाव थोड़ा कम हुआ। चीन और ताइवान के रिश्‍ते में अमेरिका एक बड़ा फैक्‍टर रहा। जब चीन और अमेरिका के रिश्‍ते सामान्‍य होते हैं तब चीन और ताइवान के बीच तनाव कम होता है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और चीनी रिश्‍तों में दरार पैदा होने के साथ चीन और ताइवान के रिश्‍ते भी तल्‍ख हुए हैं।   ।ये है ताइवान का इतिहास ।वर्ष 1662 से 1661 तक ताइवान नीदरलैंड की कॉलीनी था। इसके बाद चीन में चिंग राजवंश का शासन रहा। वर्ष 1683 से 1895 तक इस वंश का शासन रहा। 1895 में जापान के हाथों चीन की हार के बाद वह जापान का हिस्‍सा बन गया। दूसरे विश्‍व युद्ध में जापान की हार के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने तय किया कि ताइवान को चीन के शासक चैंग कोई शेक को सौंप देना चाहिए। उस वक्‍त चीन के बड़े हिस्‍से में चैंग का कब्‍जा था। चैंग और चीन की कम्‍युनिस्‍ट सेना के बीच हुए सत्‍ता संघर्ष में हार का सामना करना पड़ा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78119.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78119.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0792c16453112d5bddff275c4220b38a282b2ef3 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78119.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि आंवला भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। आंवला में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है इसके सेवन से निरोगी काया बनी रहती है। आयुर्वेद में आंवले को त्रिदोषहर कहा गया है। यानि वात, पित्त व कफ इन तीनों को नियंत्रित रखता है। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता व सुख -सौभाग्य की कामना की जाती है। इस दिन किया गया तप, जप व दान व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिवजी का निवास होता है। मान्यता है कि इस दिन इस वृक्ष के नीचे बैठने और भोजन करने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78120.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78120.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dbef0fac1af681f025f6bc07e3fc1d404434528d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78120.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बेहतर हैं मोटे अनाज : हालांकि मुख्य खाद्य फसलों और सहायक खाद्य फसलों को व्यक्ति के विकास के लिए पोषक और बेहतर माना जाता रहा है, फिर भी दुनियाभर में खाद्य और कृषि नीतियां तीन मुख्य खाद्यान्न-चावल, गेहूं और मक्का तक ही सीमित हैं। इनकी उपज में वृद्धि से कैलोरी संबंधी जरूरतें तो पूरी हुईं लेकिन अन्य पोषक तत्वों की कमी का बोझ बढ़ गया। चावल और गेहूं की तुलना में ज्वार, बाजरा और दलहन जैसी फसलों के लिए न केवल कम पानी की जरूरत होती है बल्कि इनमें प्रोटीन व अन्य पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। कई पारंपरिक खाद्यान्न पोषक तत्वों की कमी को दूर करने का प्राकृतिक जरिया बन सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78125.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78125.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8a25deb005a9e5b7914fdac56288adba8394f1dc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78125.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आदित्य राज, गुरुग्राम। कोरोना संकट से आइटी एवं बीपीओ सेक्टर में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हो चुका है। यही नहीं हजारों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। यदि जल्द संकट नहीं टला तो दोनों सेक्टर को इतना नुकसान हो जाएगा कि भरपाई करने में ही कई साल लग जाएंगे। वर्क फ्राम होम से अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। ।यह जानकारी आइटी एवं टेलीकाम सेक्टर की कंपनियों के संगठन हाइटेक इंडिया के प्रेसिडेंट प्रदीप यादव ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान गुरुग्राम के आइटी एवं बीपीओ सेक्टर ने 36 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया था। कोरोना संकट के बाद कारोबार 50 फीसद रह गया है। पिछले आठ महीने से संकट बना हुआ है। ।इस हिसाब से आठ महीने के दौरान 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हो चुका है। गुरुग्राम में लगभग तीन हजार बीपीओ हैं। आइटी एवं आइटी इनेबल्ड सेक्टर की पांच हजार से अधिक कंपनियां हैं। अधिकतर कंपनियां अमेरिका के लिए काम करती हैं। कोरोना संकट की वजह से अमेरिका में भी कारोबार काफी प्रभावित है। इसका सीधा असर गुरुग्राम की कंपनियों के ऊपर पड़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78129.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78129.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..44c7493a4204d014ee319d8264096f6e66e62f2f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78129.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +हल्दी।प्राचीनकाल से हल्दी को एक चमत्कारिक पदार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त है। औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, वरर्विणनी, गौरी, हरदल आदि नाम दिए गए हैं। आयुर्वेद में हल्दी को एक महत्वपूर्ण औषधि कहा गया है। भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। र्धािमक रूप से भी इसको बहुत शुभ माना जाता है। यही नहीं जब कभी हमें चोट लगती है या हम सर्दी-जळ्काम से पीड़ित हो जाते हैं तो हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हल्दी हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाकर हमें जल्दी ठीक होने में मदद करती है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78131.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78131.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bb09f2032a44c7e1b3da3cec5e3c4090e016f04 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78131.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +नई दिल्‍ली, अमित निधि। एक दौर था, जब बच्चे दादी-नानी से कहानियां सुनकर ही सोते थे, लेकिन तकनीक के दौर में अब इसकी जगह पॉडकास्ट लेता जा रहा है। देखने की बजाय सुनना ज्यादा सुकून देता है। यही वजह है कि अमेरिका सहित अन्‍य तमाम देशों में लोग पॉडकास्ट सुनना खूब पसंद करते हैं, लेकिन अब भारत भी इस मामले में पीछे नहीं है। सुनो कहानी, बालगाथा जैसे पॉडकास्ट बच्चों को खूब पसंद आते हैं। वैसे, आपको बता दें कि यहां पर केवल किस्से-कहानियां ही नहीं हैं, बल्कि नॉलेज और एजुकेशन से जुड़े पॉ़डकास्ट भी खूब हैं। ऑनलाइन क्लासेज और सिलेबस के हटकर कुछ नई चीजें सीखना या सुनना पसंद है, तो इस माध्यम की मदद भी ली जा सकती है। + +https://thepastandthecurious.com।स्टोरी नोरी : किस्से-कहानियों को बच्चे बड़े चाव से सुनते हैं। यह भी एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है। यहां बच्चों से जुड़ी 600 से अधिक मुफ्त ऑडियो कहानियां मौजूद हैं। वैसे, यह प्लेटफॉर्म अपनी कल्पनाशील और ओरिजनल स्टोरी कंटेंट के लिए जाना जाता है। यहां पर उपलब्ध कंटेंट काफी लोकप्रिय हैं। यहां पर ट्रेंड एक्टर्स इन कहानियों को नाटकीय और रोचक तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जो आपको बांधे रखते हैं। यहां पर ओरिजनल कहानियों के अलावा, क्लासिकल रायटर चार्ल्स डिकेंस, रुडयार्ड किपलिंग, ऑस्कर वाइल्ड जैसे लेखकों की कहानियों का संग्रह मौजूद हैं। इसके साथ ही यहां पर फेयरीटेल्स, मिथस ऐंड वर्ल्ड, एजुकेशनल और पोएम ऐंड म्यूजिक के अलग-अलग सेक्शंस भी दिए गए हैं। अगर कहानियों में दिलचस्पी है, तो यह प्लेटफॉर्म आपको निराश नहीं करेगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78134.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78134.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bb1386c98a585d0d26631d44a795c1c9fd60f30 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78134.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +महाराष्ट्र की शायद ही कोई बड़ी जेल होगी, जिसमें छोटा राजन गिरोह के लोग बंद न हों, या उनकी पहुंच वहां तक न हो। माना जाता है कि जेल की सलाखों के पीछे पहुंचकर अपराधी अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित रहते हैं। लेकिन छोटा राजन गैंग के एक सदस्य डीके राव ने 2002 में इसी गैंग के एक सदस्य ओ.पी.सिंह को नासिक जेल में मार डाला था। ओ.पी.सिंह एक समय छोटा राजन का बहुत भरोसेमंद साथी था। मुंबई में छोटा राजन के पैसों का हिसाब-किताब ओ.पी.सिंह ही रखता था। जब ओ.पी.सिंह ने अपने पैर जमाना शुरू किया तो राजन ने उसे जेल के अंदर ही खत्म करवा दिया। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78135.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78135.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7209ad6ccff611687c8ab151fdc9a379e6062b4a --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78135.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +माहिता कहती हैं, मार्च में जब यूरोप में केस होने लगे थे तब हमारे स्कूल के वाट्सग्रुप के कुछ दोस्त बाहर थे। उसी दौरान डब्लूूएचओ ने बुजुर्ग लोगों के बाहर निकलने में काफी खतरा बताया। मेरे उन दोस्तों ने अपने माता-पिता को सामान पहुंचाने के लिए मुझसे कहा। मैंने ऐसा किया। फिर मैंने इसे फेसबुक पर डाला तो मेरे पास काफी रिक्वेस्ट्स आने लगीं और हम इन्हें पूरा करने लगे। माहिता कहती हैं कि अब हमेशा बुजुर्गों की मदद करती रहूंगी। हम घर में हैं तो भी ऑनलाइन कम्युनिटी के साथ मदद कर सकते हैं। जहां भी मदद की जरूरत होगी वहां हम रहेंगे। पहले माहिता सेल्फ एंप्लॉयड थीं और डिजिटल मार्केटिंग कर रही थीं। इस अनूठे अभियान के लिए माहिता को फोब्र्स इंडिया के कवर पेज पर भी स्थान मिला है। + +मास्क और बैग्स बने कमाई का जरिया : जूट के थैले बनाने वाली लखनऊ की एंटरप्रेन्योर अंजलि सिंह ने मास्क बनाने के काम में कई महिलाओं को जोड़ा और कहा कि इस मुश्किल समय में हमने एक-दूसरे को सपोर्ट किया है। अंजलि कहती हैं, शहर की करीब सौ महिलाएं इस समय हमसे जुड़ी हुई हैं। हमने इन्हें मास्क सिलने के काम पर लगाया और इसका काफी प्रोडक्शन चल रहा है। हमारी डिजाइनर, सैंपलर सेंटर से ही कटिंग कर उन्हें मास्क सिलने के लिए देती हैं और महिलाएं अपने घर से इन्हें सिलकर भेज रही हैं। हमने मशीनें उनको घर पर ही दे दी हैं। एक मास्क के उन्हें पांच रुपये तक मिल जाते हैं अगर एक दिन में 50 बना लिए तो उनकी 250 रुपये की कमाई हो जाती है। हमें कई संस्थानों से स्थानीय स्तर पर मास्क के ऑर्डर मिल रहे हैं। हम ऑर्डर ले रहे हैं और जरूरतमंद महिलाओं को काम दे रहे हैं। अब हमने जूट के थैले बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78136.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78136.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9b9726eb41028f8edb7167d09f47ce477737f432 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78136.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नवंबर महीने में ठंड तोड़ रही है रिकॉर्ड। इस महीने के 20 दिनों में ही ऐसी कई सुबह दर्ज हो चुकी हैं, जो 2010 के बाद से सबसे ठंडी रहीं। इसी कड़ी में शुक्रवार को नवंबर में न्यूनतम तापमान ने 14 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुबह ही नहीं, दिन में भी लोग खासी ठंडक का एहसास करते रहे। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 7.5 डिग्री सेल्सियस रहा। 2007 से लेकर अभी तक नवंबर का यह सबसे कम न्यूनतम तापमान है। इस माह में इतना कम न्यूनतम तापमान अमूमन नहीं जाता। इससे पूर्व वर्ष 2006 में 29 नवंबर के दिन न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस बार सर्दी का आलम यह हो गया है कि पहले जो ठंड दिसंबर में पड़ा करती थी, इस साल दिल्ली वाले नवंबर में ही महसूस कर रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78139.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78139.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..138cb13ca84a3271944629f12f41b6dc67a2801e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78139.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, जेनएनएन। कोविड-19 महामारी के लिए तैयार किए जा रहे वैक्सीन के दावों-वादों के बीच चिकित्सा विज्ञान जगत की एक अंदरुनी खबर काफी उत्साह जगाने वाली है। वैज्ञानिकों ने 1961 यानी 59 साल पहले जिस एमआरएनए (मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड) की खोज की थी, वो कम अवधि में वैक्सीन बनाने में मददगार साबित हो रही है। मॉडर्ना(Moderna) ने 63 दिनों मानव शरीर पर होने वाला ट्रायल के प्रमुख चरणों को पार कर लिया है। पहली रिपोर्ट में अच्छे परिणामों का दावा किया जा रहा है। + +हालांकि इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। अभी यह क्लिनिकल फेज है, इसलिए थर्ड फेज के नतीजों का इंतजार करना जरूरी है। डा. दिग्पाल धारकर, मानद सचिव, कैंसर केयर फाउंडेशन, इंदौर किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए तैयार की जाने वाली वैक्सीन उस खास बीमारी के लिए ही कारगर होती है। जैसे पोलियो का टीका उसी बीमारी के लिए ही कारगर है। वैसे ही यह वैक्सीन कोविड-19 के लिए तैयार की जा रही है। कोविड और कैंसर दोनों को अलग-अलग रखकर ही टीका तैयार करना होगा। + +डा. नागराज हुइलगौड़, चीफ ऑफ रेडिएशन आंकोलॉजी, नानावटी अस्पताल, मुंबई 1961 में खोजी गई लेकिन 21वीं सदी की देन एमआरएनए वैक्सीन एक तरह की न्यूक्लिक एसिड वैक्सीन है। वैसे तो एमआरएनए की खोज 1961 में हुई थी लेकिन एमआरएनए आधारित वैक्सान 21वीं सदी में ही सामने आई। वैक्सीन का फॉर्मूला ।सार्स-सीओवी-2 वायरस मामले में विज्ञानियों ने शुरूआत में इस बात की खोज की कि कोरोना वायरस के बाहरी सतह पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन इंसान की स्वस्थ्य कोशिकाओं में प्रवेश करने में अहम भूमिका निभाता है।विज्ञानियों ने उन तरीकों की खोज की जिससे वे इसे ब्लॉक कर सकते हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78141.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78141.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8e910f3ce2e800f6e0ee8b7b596ce25f2f19d770 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78141.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- विराट एक ही टेस्ट खेलेंगे, फिर वह निजी कारणों से वापस आ जाएंगे, तो ऑस्ट्रेलिया के पास बड़ा मौका है? भारत घर से बाहर डे-नाइट टेस्ट नहीं खेला है। यह भी दबाव बढ़ाएगा। क्या हम टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले ही 0-1 से शुरुआत करेंगे?।- देखिए, भारतीय टीम की गेंदबाजी पिछले तीन से चार सालों में जिस तरह की हुई है तो हम किसी भी टीम को जल्दी आउट कर सकते हैं। हमारे पास इशांत शर्मा हैं, मुहम्मद शमी हैं। यह दिग्गज गेंदबाज हैं। गुलाबी गेंद का इस्तेमाल तो हमारे गेंदबाजों ने कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ शानदार ढंग से किया था तो ऐसा ही कुछ हम वहां कर सकते हैं। हां, गुलाबी गेंद के टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की हैं, लेकिन कभी वह हार भी सकते हैं। मैं नहीं मानता हूं कि गुलाबी गेंद की वजह से टीम के लिए हालात मुश्किल हो जाएंगे, हां थोड़ी कठिनाई जरूर होगी। भारतीय टीम के पास काबिलियत है कि वह इन मुश्किल हालात से सामजस्य बैठा सके। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78145.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78145.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..746b52e5ccbdc692cf5418de14d41761941aae83 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78145.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +एलजेपी विजन डाक्यूमेंट बनाने में रही बड़ी भूमिका। चुनाव से पहले एलेजपी के बिहार फर्स्‍ट बिहारी फर्स्‍ट विजन डाक्यूमेंट को तैयार कराने में भी सौरभ की बड़ी भूमिका रही है। इस बारे में लोजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विजन डाक्यूमेंट को कैसे तैयार कराया गया, इसके बारे में सौरभ पाण्डेय और अशरफ अंसारी के अलावा चिराग पासवान के चंद करीबियों को ही जानकारी थी। चिराग की राजनीति की पूरी स्क्रिप्ट सौरभ ही तैयार करते रहे हैैं। मंच पर भाषण देना हो या पत्रकार सम्मेलन, सौरभ पाण्डेय ही चिराग पासवान को 'गाइड' करते हैं। एलजेपी के ही एक नेता ने बताया कि सौरभ ने चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट वितरण में भी बड़ी भूमिका निभाई है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78147.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78147.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..836fc3050091c75075c9a8e921beb62f7a86ca64 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78147.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। अप्रैल में जब भारत में लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा था, तब ऐसी बातें चर्चा में थीं कि जालंधर व सहारनपुर से भी हिमालय पर्वतमालाएं दिखाई देने लगी हैं। नासा के अध्ययन में पता चला है कि फरवरी के बाद से लॉकडाउन रहने तक वैश्विक तौर पर वायुमंडल में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में 20-25 फीसद तक गिरावट आई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78148.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78148.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..fc7a8283ec268c059d032f274992a7e03b0da988 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78148.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दस माह बीत जाने के बाद अब इसकी वैक्‍सीन को लेकर उम्‍मीदें बढ़ गई हैं। फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और स्‍पुतनिक की वैक्‍सीन के सफल परीक्षण के बाद माना जा रहा है आने वाले कुछ माह में लोगों को इसकी उपलब्‍धता हासिल हो जाएगी। फाइजर कंपनी की वैक्‍सीन ने तीसरे चरण का ट्रायल सफल होने का एलान किया है। एक तरफ जहां पर भारत की नजर पूरी दुनिया में इसकी रोकथाम के लिए बन रही वैक्‍सीन पर है तो वहीं सभी वैक्‍सीन निर्माताओं की नजरें भारत पर टिकी हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कोई भी वैक्‍सीन यदि सभी चरणों को पूरा कर अंतिम पड़ाव को पार कर जाती है तो उसका सबसे बड़ा ग्राहक भारत ही होगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78150.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78150.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2917698d0f5a669dc21a88e339f44df9493f317f --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78150.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का शोध ।इस बहस पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के गाइडलाइंस पैनल ने रेमडेसिविर दवा को लेकर सलाह दी है कि इसका कोई सुबूत नहीं मिला है कि ये इसमें कारगर है और इसके उपयोग के बाद सांस लेने के लिए किसी तरह की कत्रिम मशीन का उपयोग नहीं करना पड़ेगा। लेकिन वही अमेरिका और दूसरे देशों ने संगठन की इस बात से इत्‍तफाक नहीं रखते हैं। इनका कहना है कि ये दवा इस वायरस की रोकथाम में कारगर साबित हुई है और उम्‍मीदों पर खरी उतरी है। इसके उपयोग के बाद अस्‍पताल में मौजूद मरीजों में जल्‍दी रिकवरी देखी गई है। इसके उपयोग के बाद औसतन पांच दिनों में मरीज को फायदा पहुंचा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78154.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78154.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c8a2168597c6770d33afb4bd02f394d3fb3ea072 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78154.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अभिषेक। दिल्ली में विगत कई वर्षो से ठंड के दिनों में सबसे बड़ी खबर प्रदूषण की होती है। यह एक नियम सा हो गया है कि जैसे ही ओस की शुरुआत होती है, हवा की रफ्तार मंद पड़ती है और दिल्ली धुएं व धुंध के मिश्रण स्मॉग के चादर में लिपट जाती है। इस वायु प्रदूषण के पीछे दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को मुख्य वजह बताती रही है जो काफी हद तक सही भी है। मगर यह भी समझना होगा कि पराली का जलाया जाना रुक जाए, यह तुरंत संभव नहीं है। यह विगत कई दशकों में कृषि में हुए बदलाव का नतीजा है। दूसरी बात भी है। क्या सिर्फ पराली के जलाने के रुकने से दिल्ली की हवा साफ हो जाएगी? आखिर दिल्ली के भीतर जो प्रदूषणकारी गतिविधियां हैं, उनका रुकना या कम होना जरूरी नहीं है?।दिल्ली सरकार ने इस बार एक बड़ा निर्णय लिया कि दिल्ली के अंदर नए औद्योगिक क्षेत्रों में सेवा और हाई-टेक उद्योग ही खुलेंगे। अभी तक दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्रो में सिर्फ विनिर्माण से संबंधित उद्योगों की ही मंजूरी थी। सेवा से जुड़े उद्योग धंधे मास्टर प्लान में कार्यालय की श्रेणी में आते थे और इसलिए सिर्फ व्यावसायिक क्षेत्रो में खुल सकते थे जो सामान्यत: महंगे पड़ते थे। ऐसे में दिल्ली सरकार का मानना है कि इस निर्णय से सेवा से जुड़े व्यवसायों का दिल्ली से बाहर नजदीकी शहरों जैसे नोएडा, गुरुग्राम या गाजियाबाद जाने पर विराम लगेगा और चूंकि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता, लिहाजा उस पर नियंत्रण रहेगा ही। + +ऐसे में इसका प्रभाव दिल्ली तक सीमित न रह कर अन्य राज्यों विशेषकर निकटवर्ती राज्यों पर भी होगा। इस परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रभाव दो कारणों से उत्तर प्रदेश पर होगा। पहला, ऐसा देखा गया है कि कभी भी कोई छोटे या मझोले स्तर का उद्यमी अपना उद्योग अपने निवास से बहुत ज्यादा दूर नहीं करना चाहता है, तो ये स्थानांतरित होने वाले उद्योग बहुत दूर के राज्यों में नहीं जाएंगे। चूंकि हरियाणा में स्थानीय मजदूरों को नौकरियों में आरक्षण का मामला चल रहा है तो ऐसे में इन विनिर्माण उद्योगों के लिए सबसे मुफीद उत्तर प्रदेश के शहर होंगे। दूसरा, प्रवासी मजदूरों को केंद्र में रख कर देखें तो दिल्ली में बगल के राज्यों से आने वाले कई सारे मजदूर इन विनिर्माण के उद्योगों में ही आते रहे हैं। तो जब ये उद्योग बंद होंगे तो ये मजदूर भी अपने राज्यों की ओर ही पलायन करेंगे, लिहाजा उद्योगों की स्थापना भी वहीं बेहतर होगी। + +जैसाकि बिहार चुनावों के परिणाम से यह अब स्पष्ट है कि रोजगार और मजदूरों के मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। रोजगार के बदलते परिदृश्य के अंतर्गत राजनीतिक प्राथमिकताओं में परिवर्तन केवल चुनावी मुद्दों से इतर एक व्यापक नीतिगत व्यवस्था की ओर ध्यान इंगित कर रहे हैं, जहां महानगरों से स्थानांतरित मजदूर न केवल एक वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आधार तैयार करते दिखाई देते हैं, बल्कि हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए बदलते परिवेश में उद्योग धंधों के लिए स्थानांतरित मजदूर रोजगार, विकास और राजस्व के बढ़ते स्रोतों की समानांतर व्यवस्था स्थापित करने के लक्ष्य में कारगर सिद्ध होते दिखाई देते हैं। विकास की इन संभावनाओं को समझना और उसके अनुसार नीतिगत व्यवस्था का विकास करना राजधानी दिल्ली के निकटवर्ती राज्यों के लिए समान रूप से अवसर और चुनौती है। ।[शोधार्थी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय]।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78157.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78157.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3fe9513ece5a1daf8f4e655320a8d54f32e32ccc --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78157.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा, अली अब्‍बास। शमसाबाद क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय किशोरी को अपने पिता द्वारा बात-बात पर आंख दिखाना बुरा लग गया। पिता उसकी अनदेखी करते, बात पर ध्यान नहीं देते थे। कुछ कहती तो पिता दिमाग खराब हो गया है, कहकर उसे डांट देते। इसे लेकर एतराज करती तो पिता तेज आवाज में डांटने लगते। इससे बेटी के मन में पिता के खिलाफ आक्रोश भर गया। उसने चाइल्ड हेल्पलाइन में शिकायत कर दी। काउंसलर ने किशोरी और उसके पिता से बातचीत की। कांउसलर ने पिता को अपने व्यवहार में बदलाव लाने की कहा। वहीं, बेटी की एक महीने से काउंसिलिंग की जा रही है। इससे पिता और बेटी के व्यवहार में बदलाव आया है।  ।केस दो: मलपुरा क्षेत्र निवासी 13 वर्षीय किशोरी दो सप्ताह पहले खेत पर गयी थी। वहां  गांव के कुछ युवकों ने उसकी अपने मोबाइल से मजाक में वीडियाे बना ली। किशोरी ने वीडियाे डिलीट करने की कहा तो युवकों ने उसे डांट दिया। उसने मामले में पुलिस से शिकायत करने के साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर फाेन कर दिया। चाइल्ड लाइन टीम के सदस्यों ने गांव जाकर किशोरी से बात की। उधर, पुलिस ने भी वीडियो बनाने वाले युवकों को बुला लिया। किशोरी ने अपने सामने वीडियो डिलीट कराई, युवकों को भी माफी मांगनी पड़ी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78159.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78159.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..bbaea91f6dbc68ca3180a10c1cdeefd4f28c92e8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78159.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +गुरुग्राम [प्रियंका मेहता दुबे]। Wedding Season 2020:  अब विवाह आयोजनों में लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है। ऐसे में लोग कम स्थान पर अपेक्षाकृत कम लागत के साथ फंक्शन आयोजित कर रहे हैं। इसी के तहत लोग कार्यक्रमों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट रहे हैं और विभिन्न अवसरों पर बेहतरीन परिधान पहनने की चाह में थीम रख रहे हैं। इन दिनों सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला थीम है- पीला रंग। शादी के आयोजनों को प्रमुख हिस्सा इनदिनों मेहंदी, हल्दी व संगीत कार्यक्रमों के तौर पर मनाया जा रहा है। इसके लिए लोग पीले रंग के परिधान व मैचिंग ज्वेलरी पसंद कर रहे हैं। शादियों से ज्यादा इस समय हल्दी फंक्शन के लिए फैशन बाजार में तैयारियां हो रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78160.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78160.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..0d8e90f28eaf7b083a5ed391a350a8f0c60b2275 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78160.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में बंगाल में 200 से अधिक सीट हासिल करने का लक्ष्य दिया है। इसे हासिल करने के लिए भाजपा ने चुनावी मंथन शुरू कर दिया है। चुनाव के दौरान कम से कम 50 केंद्रीय स्तर के नेता बंगाल आएंगे। ये वे नेता होंगे, जिन्होंने विभिन्न राज्यों में सत्ता को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई हैं। सूत्रों के अनुसार, उन सभी जिलों में जहां अधिक सीटें जीतने की संभावना है, जिम्मेदारी एक केंद्रीय नेता के हाथों में होगी। भाजपा क्षेत्र आधारित जीत की रणनीति बनाने के लिए पिछली सफलताओं से अपने अनुभव का उपयोग करना चाहती है। + +बंगाल फतह के लिए भाजपा के ट्रंप कार्ड हैं सुनील देवधर।भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर बंगाल फतह के लिए भाजपा के ट्रंप कार्ड हैं। वह बंगाल के लिए अहम साबित हो सकते हैं। त्रिपुरा में भाजपा की अप्रत्याशित जीत का सेहरा इन्हीं के सिर बंधा था। भाजपा के जल-हवा से वनस्पति बने देवधर मराठी होने के बावजूद फर्राटेदार बांग्ला बोलते हैं। वह बांग्ला भाषियों के साथ तुरंत घुलमिल जाने वाले शख्स हैं। हालांकि वह बंगाल के लिए नए नहीं हैं। त्रिपुरा में पर्यवेक्षक के रूप में काम करते हुए उन्होंने कोलकाता से पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान काम किया था। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में सुनील देवधर वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रमुख सिपहासलार थे। सुनील देवधर को हावड़ा-हुगली व मेदिनीपुर जोन का प्रभार मिला है। उन्हें ही आंध्र प्रदेश का पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने बंगाल के लिए खास रणनीति तैयार की है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78162.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78162.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3a515206bc96e6ff34ab3c558024c0e4f32594c6 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78162.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। यदि आपको लिवर संबंधी दिक्‍कत है तो सावधान हो जाएं और पूरी ऐहतियात बरतें। लिवर की समस्‍या से प्रभावित लोगों को कोराेना वायरस से गंभीर खतरा है। चंडीगढ़ पीजीआइ ने कोरोना और इससे संक्रमित मरीजों पर बड़ी स्‍टडी की है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों में अधिकतर के लिवर खराब थे। कई कोरोना संक्रमित मरीजों का पहले से ही लिवर इंजरी का इलाज चल रहा था। स्टडी में कहा गया है लिवर के सही से काम न करने की वजह से भी लोग आसानी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78164.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78164.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..7d869d56887e853ff0199b1ed0c420b130b0c37e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78164.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +आगरा किला का शीश महल, मुगलकालीन हमाम है। इसका निर्माण मुगल शहंशाह शाहजहां ने वर्ष 1637 में अपने परिवार के सदस्यों के लिए तुर्की हमाम के रूप में कराया था। इसका उपयोग महिलाओं द्वारा हमाम एवं परिधान कक्ष के रूप में किया जाता था। शाहजहां ने इसकी तामीर को सीरिया से कांच मंगाया था। इसकी दीवार, मेहराब व छत में छोटे-छोटे शीशे जड़े हुए हैं। दो कमरों वाले शीश महल में गर्म व ठंडे पानी के टैंक और फुव्वारे इसे हर मौसम के लिए विशेष बनाते हैं। शीश महल में दर्पणों की श्रृंखला के बीच हल्की रोशनी की किरण में ही पूरा कक्ष धीरे-धीरे रोशन हो जाता है। प्रत्येक दर्पण में देखने वाले का अक्स नजर आता है। शीशमहल को सैलानियों ने ही ऐसे जख्म दिए कि उन्हें भरा नहीं जा सका। वर्ष 2003 से पूर्व शीश महल खुला हुआ था। उसको खास बनाने वाले दर्पणों को सैलानियों ने ही खरोंच दिया। हाथ की ऊंचाई तक के कई दर्पण निकल चुके हैं। इसके चलते भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने इसे सैलानियों के लिए वर्ष 2003 में बंद कर दिया था। इसके बाद इसे दोबारा जाली लगाकर खोला गया, लेकिन 2014 में दोबारा बंद कर दिया गया। इसके करीब एक मीटर चौड़े द्वार पर एएसआइ ने शीशे का फ्रेम लगा रखा है, जिससे सैलानी इसे झांककर देख सकते हैं। शीशे के फ्रेम से शीश महल देखने में वो मजा नहीं आता, जो इस स्मारक को अंदर से देखने पर आता था। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78165.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78165.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d9a905f01a75a2cd5f33927d0c631ba16699797e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78165.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + 8 साल के बच्चे की मां है सुनीता।सुनीता दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल तो हैं, लेकिन साथ ही बेहद भावुक इंसान भी है। कहा जाता है कि पुलिस काफी सख्त होती है, लेकिन सीमा को देखकर ऐसा नहीं लगता।  8 साल के बच्चे की मां सीमा की मानें तो जब भी बच्चों की गुमशुदुगी की बात आती थी तो गुस्सा आता था। यही वजह है कि पुलिस टीम के साथ बैठक में उन्होंने खुद गुमशुदा बच्चों को तलाशने वाली सेल में काम करने की इच्छा जाहिर की थी। अधिकारियों ने भी सीमा ढाका की कमिटमेंट पर भरोसा किया और नतीजा सामने है। अब महकमा अपनी हेड कांस्टेबल सीमा ढाका पर गर्व कर रहा है। ।पश्चिम बंगाल से नाबालिग को छुड़ाया था।सीमा की मानें तो उन्होंने पिछले महीने ही पश्चिम बंगाल से एक नाबालिग को छुड़ाया था। इस दौरान काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ा। इसके लिए पुलिस दल ने नावों में यात्रा की और बच्चे को तलाशने के लिए बाढ़ के दौरान 2-2 नदियों को पार करने की नौबत आई थी। वो बताती हैं कि आखिरकार हम बच्चे तलाशने और उसकी जिंदगी में मुस्कान लाने में कामयाब हुए। + +सीमा ढाका को मिला ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन।दिल्ली के समयपुर बादली पुलिस थाने में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन (out-of-turn promotion) देने की घोषणा की गई है। खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर एनएन श्रीवास्तव ने सीमा ढाका को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की है। इसके तहत सीमा ढाका को इन्सेंटिव स्कीम के तहत प्रमोशन दिया गया है। इस स्कीम के तहत सीमा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाली दिल्ली पुलिस की पहली कर्मचारी बन गई हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78166.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78166.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a842d9b2cd6b9ce4738c9519784a57ba076108df --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78166.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +रैचिट ऑब्लिगेशन का नाम रैचिट नामक एक उपकरण के कारण पड़ा है जिसमें केवल एकतरफा मूवमेंट होता है। यह उपकरण एक दिशा में जितना घूम जाता है, वहीं अटक जाता है और चाहकर भी इसे पीछे नहीं किया जा सकता। आरसेप में भारत रैचिट ऑब्लिगेशन से खुद को दूर रखना चाहता था। आरसेप में उसकेचलते यह शर्त भी रखी गई कि समझौते पर हस्ताक्षर करने बाद कोई देश एक बार अपने टैरिफ कम कर देगा तो उसे वह फिर नहीं बढ़ा सकता। जबकि भारत चाहता था कि यदि देश में अत्यधिक आयात हो जाए और घरेलू बाजार में कीमतें गिरने लगें, तो भारत सरकार टैरिफ बढ़ाकर कीमतें नियंत्रित कर सके। लेकिन इस शर्त को नहीं हटाए जाने से भारत की चिंता बढ़ी और उसने आरसेप से दूरी बनाना ही बेहतर समझा। + +रूल ऑफ ऑरिजिन यानी मूल देश का नियम: भारत चाहता है कि उन सदस्य देशों, जिन पर शुल्क कम हो या लगता ही न हो, उसके माध्यम से चीन की वस्तुएं देश में आने से रोकने हेतु मूल देश के अपने सख्त नियम हों। चीनी वस्त्र दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता एवं शुल्क मुक्त मार्ग के माध्यम से बांग्लादेश के जरिये भारत आ रहे हैं। इस तरह भारत को आशंका है कि आरसेप समझौते पर हस्ताक्षर के बाद भारतीय बाजार ऐसे तीसरे देश से आयातित सस्ती वस्तुओं से भर जाएंगे, जो आरसेप के सदस्य नहीं हैं, लेकिन आरसेप सदस्यों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर कर रखे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78168.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78168.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..219f975c7b47255782dbf728020f12ecd68d6dc2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78168.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +जी-20 का रिपोर्ट कार्ड । जी-20 के इस रिपोर्ट कार्ड में भारत अमेरिका के बाद तीसरे नंबर पर है। इसके बाद चीन को होने वाला नुकसान 26 लाख करोड़ से अधिक है। वहीं चौथे नंबर पर मौजूद आस्‍ट्रेलिया को 18 लाख करोड़ से अधिक, मैक्सिको को 22 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान बताया गया है। वहीं अमेरिका की बात करें तो ये नुकसान 38 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है, जो उसकी कुल जीडीपी का करीब .35 फीसद है। 1999-2018 के बीच में बढ़ते तापमान की वजह भारत में प्रति दस लाख लोगों पर सालाना औसत मृत्‍यु दर 2925 रही है। जबकि इसी दौरान रूस में ये 2939, फ्रांस में 1122, इटली में 997 और जर्मनी में 537 रही है। इस रिपोर्ट की मानें तो इस वर्ष पूरी दुनिया कार्बन उत्‍सर्जन में काफी कमी आई है। इसकी वजह वैश्विक महामारी कोविड-19 के तहत लागू किया गया लॉकडाउन रही है। इसकी वजह से पूरी दुनिया के देशों की अर्थ व्‍यवस्‍था में आई गिरावट को उबारने के लिए कई देशों ने विभिन्‍न घोषणाएं की है। इसको देखते हुए कार्बन उत्‍सर्जन में आई कमी अगली बार भी कायम रह पाएगी ये कहना काफी मुश्किल है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7817.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7817.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c4cdf304c565151db1344caf519d4d23fe03881d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7817.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव ने आपसी सहमति से एक दूसरे से तलाक लेने का फैसला किया है। आमिर और किरण के तलाक की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया है। बीते दिनों आमिर और किरण ने सोशल मीडिया पर एक ज्वॉइंट स्टेटमेंट जारी कर अपने फैंस को इस फैसले के बारे में बताया था। हलांकि उनका ये फैसला फैंस के लिए काफी शॉकिंग था। आमिर और किरण के तलाक के फैसले से उनकी बेटी आयरा खान के एक पोस्ट ने सभी को हैरानी में डाल दिया था। इसके बाद उनका एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह चीजकेक खाती हुई नजर आ रही हैं। वहीं अब आयरा का एक नया वीडियो सुर्खियों में बना हुआ है। इस वीडियो में वह अपने ब्यॉयफ्रेंड नजर आ रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78170.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78170.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6318b5afbd0837b91490ac101127a8818a2531af --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78170.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वायरस के खिलाफ अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना व फाइजर-बायोएनटेक की सफलता भारत के लिए बेहद मददगार साबित हो सकती है। फाइजर की वैक्सीन 95 फीसद कारगर साबित हुई है और उसने तीसरे चरण के परीक्षण को भी बंद कर दिया है, जो सफल रहा है। खास बात यह है कि एमआरएनए आधारित ये वैक्सीन जलवायु, भौगोलिक स्थितियों, रख-रखाव व उपयोग की दृष्टि से भारत के लिए भी अनुकूल होंगी। ।दौड़ में आगे ।भले ही मॉडर्ना व फाइजर-बायोएनटेक ने वैक्सीन के तीसरे चरण के अध्ययन में मिली सफलता के अंतरिम परिणामों की घोषणा कर दी हो, लेकिन 10 और ऐसी वैक्सीन हैं, जिनके तीसरे चरण का परीक्षण जारी है। फाइजर की वैक्सीन 95 व मॉडर्ना की 94.5 फीसद प्रभावी पाई गई। अगर विस्तृत अध्ययन में परिणाम 90 फीसद से ज्यादा रहता है तो ये वैक्सीन उतनी ही प्रभावी मानी जाएंगी, जितनी खसरा वैक्सीन। इस प्रकार ये वैक्सीन यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के 50 प्रतिशत प्रभाव वाले मानक को पार कर जाएंगी। चूंकि अब तक के परीक्षण में इन वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखे गए हैं, इसलिए दोनों कंपनियां आगामी सप्ताह में आपातकालीन प्रयोग के लिए आवेदन कर सकती हैं। अमेरिका ने दोनों वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक का ऑर्डर दे दिया है। फाइजर तो कनाडा, ब्रिटेन व जापान से इतर यूरोपीय यूनियन को भी 30 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने पर सहमत है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78172.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78172.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..f56189879bbde92781128c463a5d06a9d0d58d6b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78172.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [निशांत यादव]। भारतीय सेना में भर्ती होने वाले पुरुष उम्मीदवारों को बड़ी राहत प्रदान की गई है। सैनिक पद पर भर्ती होने वाले पुरुष उम्मीदवारों का वजन अब उनकी लंबाई के अनुपात में तय होगा। अभी ये नियम सेना में भर्ती होने वाले अधिकारियों के लिए था। अब इसे सैनिक पद पर होने वाली भर्तियों के लिए भी लागू कर दिया गया है। अभी तक सेना में सैनिक पद पर भर्ती के लिए पुरुष उम्मीदवारों के न्यूनतम वजन की सीमा 50 किलो और अधिकतम 62 किलो तय थी। अब नए नियम में लंबाई के साथ अधिकतम वजन की सीमा भी बढ़ेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78174.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78174.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c0a89c8ceccd7e95779f366126dfeba5f719d4a4 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78174.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +लखनऊ [ऋषि मिश्र]। लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वें स्थापना दिवस समारोह का आगाज हुआ। यहां मौजूद पूर्व विद्यार्थियों और अध्यापकों की आंखों के सामने पुराने मंजर घूमने लगे वे कभी मुस्कुराते तो कभी खट्टी मीठी यादों में खो जाते। सजे धजे परिसर में भी एक अनूठी ताजगी हर ओर नजर आ रही थी। 100 साल पुराना विश्वविद्यालय मानो उस बल्लेबाज की तरह चहक रहा हो जिसने अपना शतक पूरा किया हो। वह चाहें छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष दयाशंकर सिंह हों या वरिष्ठ प्रोफेसर निशी पांडेय सभी लोग कुछ इसी तरह की स्मृतियों में डूबे रहे। केवल विश्वविद्यालय परिसर ही नहीं सोशल मीडिया पर भी पूर्व विद्यार्थी इस बात पर गर्व करते रहे और अनेक पोस्ट इस तरह की वायरल रहीं।कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि ये विशेष अवसर है। मैं खुशनसीब हूं जो इस वक्त कुलपति हूं। जो भी कभी न कभी इस परिसर से जुड़े रहे हैं उनको यहां आकर इस अवसर का भागीदार बनना ही चाहिए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78176.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78176.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ac67687c11d72ba08aebc18265228674d64842a5 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78176.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +व्यस्तम रूट के लिए बनाया गया ताकि यात्रियों को सीटों का इंतजार न करना पड़े।डबल डेकर होने के बावजूद सामान रखने के लिए खुला ओवरहेड रैक भी कोच में है। यात्री प्रवेश के लिए स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे व प्रत्येक कोच में मिनी पेंट्री की व्यवस्था है। कोच में 160 केएन के एयर स्प्रिंग्स के साथ फीयट बोगी के रूप में अत्याधुनिक सस्पेंशन सिस्टम है जो सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है। + +डबल डेकर कोच बनाने वाली एकमात्र उत्पादन इकाई।भारतीय रेलवे में डबल डेकर कोच के उत्पादन के लिए आरसीएफ पहली और एकमात्र उत्पादन इकाई है। पहले इसने पारंपरिक प्लेटफार्म पर नान-एसी डबल डेकर का निर्माण किया था। मार्च 2010 में 130 किमी प्रति घंटे की क्षमता वाले एसी डबल डेकर का निर्माण भी कर चुका है। इसके बाद मार्च 2019 में अतिरिक्त सुविधाओं के साथ उदय डबल डेकर कोचों को तैयार किया गया। 160 किमी प्रति घंटा की गति क्षमता वाला डबल डेकर कोच बुधवार को रवाना किया गया। कोच को आगे के परीक्षणों के लिए अनुसंधान एवं डिजाइन मानक संगठन (आरडीएस लखनऊ) भेजा जाएगा। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78177.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78177.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cbd288ba35c8476bd6545bda9f3150a88bff4713 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78177.txt @@ -0,0 +1,4 @@ + पति की बिगड़ती तबीयत को लेकर छठ माता से लगाई थी गुहार ।दयालपुर में निवासी शशिकला पांडेय ने बताया 1989 में छठ पर्व पर खरना वाले दिन अचानक उनके पति बृंद पांडेय की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें तुरंत हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी बिगड़ती हालत के आगे डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। उसी दिन छठी मईयां से पति के जल्द ठीक होने की कामना करते हुए संकल्प लिया कि अगर उनके पति का स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा तो, वह हर वर्ष छठ पर व्रत रखेंगी। कुछ ही दिन में उनके पति का स्वास्थ्य एकदम ठीक हो गया, फिर 1990 से अब तक वह व्रत रखती आ रही हैं। उन्होंने बताया कि 2010 में उनके पति की एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई लेकिन उन्होंने व्रत नहीं छोड़ा और अब वह अपने बच्चों के लिए व्रत रख रही हैं। + +पोते के लिए दादी रख रही 35 वर्षों से छठी मईयां का व्रत।झिलमिल में रहने वाली 86 वर्षीय सीता देवी पिछले 35 वर्षों से अपने पोते की के लिए छठी मईयां का व्रत रख रही हैं। शीतल देवी ने बताया कि उनकी दो पोती हो गई थी। इसके बाद उन्हें एक पोते की कमी खल रही थी। तीसरी बार जब बहु गर्भवती हुई तो उन्होंने पोते की प्राप्ति के लिए छठी मईया का व्रत रखा। पोता होने के बाद से वह आज तक छठी मईया का व्रत रखती आ रही हैं। इस उम्र में भी वह पूरी श्रद्धा व खुशी के साथ यह व्रत रख रही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78179.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78179.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..affcf944b7b35a0785206005bd8c410a76afdf2d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78179.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यूपी में भी हैं दो डिप्टी सीएम। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में भी दो उपमुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ का नाम तय किया। वहीं उनकी कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री के तौर पर दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य को जगह मिली। अभी तक यूपी में दो डिप्टी सीएम का फार्मूला कामयाब रहा है। + +16 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में हैं उप मुख्यमंत्री। वर्तमान में देश के 15 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में ही डिप्टी सीएम हैं। इनमें से आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा 5 डिप्टी सीएस हैं। ये डिप्टी सीएम की अब तक की सर्वाधिक संख्या है। कर्नाटक में फिलहाल तीन डिप्टी सीएम हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा गोवा में भी वर्तमान में दो उप मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में एक-एक डिप्टी सीएम ही हैं। + +उप मुख्यमंत्री व उप प्रधानमंत्री की संवैधानिक जिम्मेदारी। उप मुख्यमंत्री अथवा उप प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक नहीं है। इस पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री की संवैधानिक शक्तियां प्राप्त नहीं होती हैं। इन पदों पर तैनात व्यक्ति मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी में मंत्रिमंडल की अगुआई नहीं कर सकता है। इन पदों पर नियुक्त नेताओं को अतिरिक्त भत्ता या अतिरिक्त वेतन नहीं मिलता है। दरअसल ये पद संवैधानिक जरूरतों को पूरा करने के लिये नहीं, बल्कि राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए होता है। सत्ताधारी पार्टी राजनीतिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उप मुख्यमंत्री अथवा उप प्रधानमंत्री पद पर किसी को नियुक्त करती है। उप मुख्यमंत्री अथवा उप प्रधानमंत्री भी कैबिनेट के अन्य मंत्रियों की तरह ही शपथ लेते हैं। यही वजह है कि बहुत सी सरकार में उप मुख्यमंत्री अथवा उप प्रधानमंत्री का कोई पद नहीं रहा है। 15 अगस्त 1947 से 15 दिसंबर 1950 तक (3 साल 122 दिन) वल्लभ भाई पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री रहे हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78182.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78182.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..db904180f03fd90fc7444976ab22822b543d8016 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78182.txt @@ -0,0 +1,2 @@ + नई दिल्‍ली, एजेंसी। मशहूर उद्योगपति रतन टाटा को जानवरों से प्रेम के लिए जाना जाता है। उनका जानवरों के प्रति इस कदर लगाव है कि कि टाटा ग्रुप के वैश्विक हेडक्वार्टर यानि बॉम्बे हाउस का कुछ हिस्सा स्ट्रीट डॉग्स के लिए बना है। वहीं दूसरी ओर बता दें कि रतन टाटा ने लगभग एक साल पहले इंस्टाग्राम पर अपना अकाउंट बनाया था। वे अक्सर इंस्टाग्राम पर दिलचस्‍प फोटो शेयर करते रहते हैं। उन्होंने सिर्फ टाटा ट्रस्ट नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट को फॉलो किया हुआ है, वही उनके तीन मिलियन से भी अधिक फॉलोअर्स हैं। ।गोवा है सबसे पसंदीदा कुत्‍ता।उनके कुत्तों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय कुत्‍ते का नाम गोवा है और उसका रंग ब्लैक एंड व्हाइट है। आम तौर पर माना जाता है कि गोवा रतन टाटा का सबसे पसंदीदा कुत्‍ता है। रतन टाटा ने बताया था कि वे गोवा से ऑफिस में मिलने के लिए आमतौर पर उत्सुक रहते हैं। ।आखिर कैसे पड़ा कुत्‍ते का नाम गोवा ।82 साल के रतन टाटा ने इससे पहले दीवाली के मौके पर इस्‍टाग्राम पर एक तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें वे गोवा के साथ अन्‍य कुत्‍तों के साथ भी नजर आ रहे थे। उन्होंने इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में बताया कि आखिर कैसे इस कुत्‍ते का नाम गोवा क्यों पड़ा?   ।टाटा से एक फैन ने पूछा कि इस कुत्‍ते का नाम आखिर गोवा कैसे पड़ा? इस बात का जवाब देते हुए मशहूर उद्योगपति ने बताया कि वो एक छोटा सा पिल्ला था, जो गोवा शहर में इधर-उधर घूम रहा था। इसके बाद वो मेरे सहयोगी की गाड़ी में आकर बैठ गया और सीधा हमारे साथ ही बॉम्बे हाउस में आकर रुका। गोवा से लाया गया था तो इसका नाम भी गोवा पड़ गया। आगे चलकर वह  रतन टाटा का सबसे पसंदीदा कुत्‍ता बन गया। वह आमतौर पर रतन टाटा के करीब रहता है।   ।इससे पहले रतन टाटा ने इंस्‍टाग्राम पर अपने पसंदीदा कुत्‍ते टिटो को उसके 14 वें जन्‍मदिन पर याद किया था, जिसकी मौत हो चुकी है। उस दौरान उन्‍होंने लोगों से स्‍ट्रीट डॉग्‍स को बचाने के लिए कहा।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78183.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78183.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d73d29a87c80d4596fb7021fc85f1d98078c9753 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78183.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +बोले थे पीएम नरेंद्र मोदी ।अरविंद के घर शौचालय की बुनियाद रखने के बाद पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि - 'मैं शाहंशाहपुर में शौचालय की नींव रखने गया था। वहां मैंने देखा कि उन्होंने शौचालय का नाम 'इज्जतघर' दिया। मुझे बहुत अच्छा लगा। जिसे भी अपनी इज्जत की चिंता है, वह जरूर इज्जतघर बनाएगा। ।आज वाराणसी से शौचालय को मिला इज्‍जतघर का नाम जन जन की जुबान की पहचान बन गया है। इसके लिए वाराणसी के सांसद पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयास को जितना महत्‍व मिलना चाहिए उससे अधिक अरविंद की भी पहचान इस शब्‍द को देने की वजह से बनी हुई है। ।पीएम ने पूछा था-  कैसा लगा तोहफा?।पीएम नरेंद्र मोदी ने मजदूरी करने वाले अरविंद काे शौचालय का तोहफा देकर पूछा था कि - अब कैसा लग रहा है शौचालय का गिफ्ट पाकर? तो अरविंद ने जवाब दिया था, "बस, आपको देखकर सबकुछ मिल गया।" इसके बाद पीएम ने उनसे कहा कि स्वच्छता अब तुम्हारी भी जिम्मेदारी है। उस समय पास खड़ी एक और महिला से पीएम ने पूछा था "बाहर शौचालय जाने में खराब लगता है न, अब बाहर मत जाना।'' इस पर महिला ने जवाब दिया था  "साहब! बहुत बड़ा काम आपने किया है, इतनी इज्जत देकर। आप हमारे लिए भगवान हैं, हमारे पास अब कोई घर नहीं है।' इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया था कि, "जल्दी ही हो जाएगा। स्वच्छता रखोगी तो बीमार नहीं पड़ोगी, बच्चे सुरक्षित-स्वस्थ रहेंगे।"।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78184.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78184.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..8917249576e6c8023591b40c4614de0739fc1c39 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78184.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- शिव नगर निवासी किरण देवी ने मार्च 2017 में शौचालय बनवाने के लिए नगर निगम में आवेदन किया। किरण देवी बताती हैं कि अगर दोपहर में पेट खराब हो तो भगवान मालिक था। शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी। शौचालय को लेकर स्वजनों से कई बार झगड़ा भी हुआ। तब जाकर स्वजन राजी हुए। नगर निगम कार्यालय में तीन बार जाना पड़ा। तब जाकर चार अप्रैल 2018 को शौचालय का निर्माण हो सका। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78186.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78186.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..a731126bcc93211ac49b8ace688c77eecd55151e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78186.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +इनकी दीपावली बन गई।दीपावली में पटाखा छुड़ाने पर पाबंदी लगने से तहसील और थाने में दीपावली जैसा नजारा दिखने लगा। अभी तक दीपावली में थोड़े से पटाखे पाने तक सीमित रहने वाले तहसील और थाने के दारोगा को लक्ष्मी ने भी भरपूर दर्शन दिए। कहा जाए तो वायु प्रदूषण के डर ने उनका खजाना ही भर दिया। नारा था कि पटाखा बेचना है तो हमारी दीपावली पहले मनाओ। पीछे से धंधा कराने के एवज में तहसील और पुलिस का भी धंधा खूब चला। अब दुकानदार परेशान थे कि माल फंसा तो उसे कहां खपाएं। ऐसे में अपने नेताओं की शरण में जाने के बजाय उन्होंने अफसरों को ही खुश करने का रास्ता चुन लिया और नेताओं को एक फुलझड़ी तक नहीं दी। अफसरों से मिलने का असर यह दिखा कि दीपावली की रात आसमान पटाखों से जगमग हो उठा, जो यह बता रहा था कि पैसा ही बोलता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78187.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78187.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..3c5f766ccd54321950e6eb3352f04b8092662575 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78187.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +यदि आप सचमुच जुनूनी हैं। अपने सपने को सच करने का भरपूर हौसला है तो जरूर आप उस असंभव प्रतीत होने वाले काम को संभव बना सकते हैं। इसलिए किसी को यह अवसर न दें कि उनकी बातें आपके जज्‍बे को कमजोर करे। यहां कुछ बिंदुओं पर एकाग्र करें, जो आपको एक दिशा दे सकती हैं, मन में जगा सकती हैं कार्य सिद्धि का संकल्‍प :।अपने मिशन को समझें।किसी भी चीज या मिशन अथवा कार्य की स्‍पष्‍टता उसे पूरा करने का सबसे बड़ी ताकत होती है। यही ऊर्जा आपको प्रेरित रखने के लिए काफी है कि आपका सपना वास्‍तव में है क्‍या। इसलिए क्‍या और क्‍यों पर फोकस करें यानी आप क्‍या कर रहे हैं और वह क्‍यों कर रहे हैं। + +एकांत पर फोकस करें।आप खुद कितने समय तक एकांत का समय निकाल पाते हैं। वह समय जब आपकी पूरी ऊर्जा खुद आप पर केंद्रित हो। आइंस्‍टीन कहा करते थे-एकांत आपकी रचनात्‍मक ऊर्जा को बढ़ाने और पोषण देने का काम करता है। यदि कोई आप पर यकीन नहीं करता तो यह आप पर है कि आप आंतरिक ऊर्जा को कितना बढ़ाते हैं। यह तभी संभव है जब आप खुद के लिए वक्‍त निकालें और उसका सदुपयोग करें। सदुपयोग यानी ध्‍यान, लेखन या वह काम जो सुकून दे और तरोताजा कर दे। एकांत में आप प्रेरणा देने वाले वीडियो या किताबें पढ़ सकते हैं। + +महान लोगों के पथ का अनुसरण।यदि आप सूरज पर कदम रखने की कोशिश कर रहे हैं तो संभव है कि कुछ और ने ऐसा किया हो या कम से कम ऐसी इच्‍छा रखते हों। यह आपको प्रेरणा देगा। खुद से प्रयास करना तो ठीक है पर ऐसे लोगों की कहानियां आपको आगे बढ़ने की राह दिखाएंगी। ऊर्जा भरने का काम करेंगी। ऐसे लोगों को तलाशें, उनकी बातों को सुनें, किताबों को पढ़ें। यदि संभव हो तो ऐसे लोगों का संपर्क तलाश कर उनसे मिलने की कोशिश भी करें। आप खुद हैरान रह जाएंगे कि ऐसा करने के बाद आपके भीतर महान ऊर्जा का संचार हो रहा है। उनके बारे में जानने के बाद आप खुद को भी उनकी पंक्ति में खड़ा पाएंगे। ऐसा व्‍यक्ति जो स्‍वयं के प्रयासों पर यकीन रखता है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78188.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78188.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d8aae44f21c73fe78ba049baf090165b7946cc68 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78188.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा गुरुवार से विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जा रहा है। विश्व धरोहर सप्ताह मनाने वाला एएसआइ विश्व धरोहरों और अन्य स्मारकों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। विश्व धरोहर स्थल फतेहपुर सीकरी समेत राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों अौर उनकी जगह पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। फतेहपुर सीकरी में खताईखाना का ताे अस्तित्व ही मिट गया है। + +यहां हो चुके हैं अवैध कब्जे।-फतेहपुर सीकरी में लाल दरवाजा के निकट 4840 वर्ग मीटर जगह।-फतेहपुर सीकरी में खानकाह की 2835 वर्ग मीटर जगह।-फतेहपुर सीकरी में खताईखाना की 884 वर्ग मीटर जगह।-जगनेर के किले की 5875 वर्ग मीटर जगह।-महाबत खान की बेटी के मकबरे पर 250 मीटर जगह।-जामा मस्जिद की दो हजार वर्ग मीटर जगह।-जाजऊ की सराय में मस्जिद व दो गेटवे।-एत्मादपुर में बुढ़िया का ताल।-एत्मादपुर में जामा मस्जिद।-मथुरा में कंकाली टीला।-मथुरा में कोटा माउंड ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78189.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78189.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..6bde9be3f519254dd7a55e4ded9e891f096b5e94 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78189.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। यूं तो राजधानी दिल्ली में बहुत कुछ देखने के लिए है, मगर सफदरंज का मकबरा भी किसी मायने में अन्य स्मारकों से कम नहीं है। यहां खासियत यह है कि इस मकबरे में कई मंडप हैं, जिन्हें अलग अलग नामों से जाना जाता है। इनमें तीन प्रमुख हैं। एक जंगल महल (पैलेस ऑफ वुड्स) है दूसरा मोती महल (पर्ल पैलेस) और तीसरा बादशाह पसंद (किंग्स फेवॅरिट) है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत राष्ट्रीय स्मारक है। + +इस स्मारक का संरक्षण का कार्य ताे लंबे समय से हुआ ही नहीं, देख रेख का भी अभाव रहा। इस बीच अब इस हालात बदल रहे हैं। कुछ समय पहले ही यहां लाइटिंग की व्यवस्था शुरू की गई है। अब आप इसे रात में भी 9 बजे तक देख सकते हैं। लगाई गईं लाइटों में यह स्मारक देखते ही बनता है। अब इनके फव्वारे भी चलाए जाएंगे। मकबरे के चारों ओर चार फव्वारे बने हैं, मगर सालों से बंद पड़े हैं। जिन्हें अब ठीक कराकर चलाया जाएगा। जिसमें सबसे पहले प्रवेश द्वार के सामने वाले फव्वारे को ठीक कराने के बाद चालू कराया भी गया है। इसके बाद तीन अन्य फव्वारे भी चालू किए जाएंगे। + +सफदरजंग का मकबरा उसकी स्मृति में 1754 में अवध के नवाब शुजाउद्दौला खां ने बनवाया था। वह सफदरजंग के बेटा था। इसमें सफदरजंग और उसकी बेगम की कब्र बनी हुई है। ये मकबरा एक सफेद समाधि है जो मुगल वास्तुकला का सुंदर नमूना है। यह भले ही और मकबरों की तरह भव्य नहीं है। लेकिन यहां दूर दूर तक फैली हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है। मकबरे का मुख्य द्वार मकबरे का मुख्य द्वार करीब दो मंजिला है। जिस पर अरबी शिलालेख को देखा जा सकता है। एएसआइ के दस्तावेजों में यह जानकारी मिलती है कि बनाए जाने के समय इस मकबरे के लिए जब पत्थरों की कमी पड़ी तो निजामुद्दीन स्थित अब्दुर्रहीम खानखाना के मकबरे से पत्थर निकाल कर इस मकबरे में लगा दिए गए। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78199.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78199.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..b56f60985659c3fae203c4ee9b66d9da1acfc135 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78199.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +- 21 अक्टूबर को सिभावली के गांव शरीफपुर के जंगल में चल रही थी शस्त्र फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने हथियार तस्कर गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा था। फैक्ट्री से 21 तमंचे, 6 अद्धबने तमंचे, 8 कारतूस, गैस सिलेंडर, ड्रिल मशीन, वेल्डिग मशीन, लोहे के पिन व नाल समेत हथियार बनाने में प्रयुक्त उपकरण बरामद हुए थे। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_782.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_782.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..5281a068fc7ff68bb52285c0c6ff1c7a39c79159 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_782.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे की खबर के अनुसार स्टार कपल की शादी में पनीर टिक्का, दाल मखनी, चावल और रोटी बन रही है। इसके अलावा नॉन वेज डिशेज में मटन, चिकन और तंदूरी नॉन वेज डिशेज हैं। इसके अलावा फास्ट फूड में विगन बर्गर और सुशी डिशेज भी हैं। शादी में पुरानी दिल्ली के स्पेशल चाट का भी एक स्टॉल होगा। साथ ही खाने में बिरयानी, चिकन, मटन, दाल मखनी सहित काफी लजीज पकवान होंगे। + +बात करें रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की शादी की तो अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार रणबीर कपूर और आलिया भट्ट आज दोपहर 2-3 बजे करीब सात फेरे लेंगे। वहीं उनकी शादी में 40-50 लोगों के शामिल होने की खबर है। इसमें परिवार के सदस्यों के साथ 20 लोग रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के करीबी दोस्त रहेंगे। अब तक रणबीर कपूर के परिवार को बारात ले जाने की अनुमति नहीं ली है। + +गौरतलब है कि आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान और बहन शाहीन भट्ट आलिया-रणबीर की हल्दी और चुड़ा सेरेमनी में शामिल होने के लिए पहुंच चुकीं गई हैं। ऐसे में दोनों की शादी की तैयारियों तेज हो गई हैं। बुधवार को वास्तु में आलिया भट्ट की मेहंदी सेरेमनी हुई। इस सेरेमनी में बॉलीवुड के कई सितारों ने हिस्सा लिया था। कल शाम को रणबीर कपूर की मां नीतू और बहन रिद्धिमा कपूर ने आलिया-रणबीर की शादी तारीख का खुद से खुलासा किया था। वह दोनों मीडिया के सामने आईं और शादी को लेकर जानकारी दी कि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट गुरूवार यानी 14 अप्रैल को शादी करने वाले हैं। इसके बाद से दोनों के फैंस काफी एक्साइडेट हैं।  ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78202.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78202.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..ff8dd95f9614856a835acaeb50ebc2409c979484 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78202.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, स्वदेश कुमार। लाकडाउन के समय धीरे-धीरे जब अनलाक की प्रक्रिया हो रही थी तो सब कुछ ठीक था। त्योहारों में हमने लापरवाही की और नतीजा आज सबके सामने है। आज राजधानी में कोरोना संक्रमण बेकाबू है। प्रतिदिन डराने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इस पर सतर्कता और सख्ती के जरिये ही अंकुश लगने की उम्मीद है। इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। बाजारों में समय निश्चित करने के साथ-साथ कुछ बंदिश भी लगानी होंगी। सभी तरह के समारोहों पर अंकुश लगाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा कोरोना के मामले वहीं से सामने आ रहे हैं जहां शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। लोग मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए शुरू से ही मास्क, शारीरिक दूरी और हाथों की नियमित सफाई जैसे नियम लागू किए गए थे। ।खुद जोखिम में डाल रहे जान : त्योहार पर बाजार बढ़ा, व्यापार फला फूला तो व्यापारियों को ऊर्जा मिली। जो मारल डाउन हो चुका था उसे थोड़ा दम मिला। सब ठीक है जरूरी भी था लेकिन क्या नियमों को तोड़कर ही यह सब संभव था? हम कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए भी तो सब कुछ व्यवस्थित तरीके से कर सकते थे। कुछ प्रदूषण के बिगड़े हालात में कोरोना को बल मिला और बाकी रही सही कसर उत्साह में नियमों को तोड़ने वालों ने पूरी की। परिणाम सभी के सामने है आज दिल्ली-एनसीआर में पूरे देश में सर्वाधिक मामले हो गए हैं कोरोना संक्रमण के। कैसी रही पखवाड़े भर में स्थिति जानिये आंकड़ों की जुबानी :।इन नियमों को सख्ती से लागू करने की जरूरत।समिति करे निगरानी : सरकार को ऐसे डाक्टरों की समिति बनानी चाहिए जो सीधे तौर पर कोरोना के इलाज से जुड़े हैं। यह समिति सभी अस्पतालों की निगरानी करे। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं कैसे मिलें, इस पर अपने सुझाव पेश करें। अगर किसी अस्पताल में कोरोना का अच्छा इलाज हो रहा है तो दूसरे अस्पतालों को उस अस्पताल से मार्गदर्शन दिलाना चाहिए। कोरोना से मौतों को रोकने के लिए जरूरी है कि मरीज की जल्दी पहचान हो और उसे तुरंत इलाज मिलना शुरू हो जाए। अगर इस पर सही तरीके से काम हो जाता है तो मरीजों को वेंटिलेटर तक पहुंचने से भी रोका जा सकता है। देखा जा रहा है कि कुछ लोग आयुर्वेद के नाम पर कई तरह की दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं, जो नुकसानदेह साबित होता है। लोगों को इससे बचना चाहिए। सरकार को भी इस तरह की दवाओं पर रोक लगानी होगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78203.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78203.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..dac067af6ec0a102999865e85780e2224cdd1934 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78203.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क।  अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की पुस्‍तक ए प्रॉमिस्‍ड लैंड (A Promised Land) सुर्खियों में है। इसके चलते ओबामा कुछ दिनों से अपनी किताब को लेकर काफी चर्चा में हैं। राष्‍ट्रपति पद से हटने के बाद ये पहला मौका है जब इस कदर पूरी दुनिया की मीडिया की सुर्खियां बने हुए हैं। उधर, उप राष्‍ट्रपति पद के लिए निर्वाचित भारतीय मूल की कमला हैरिस भी अपनी 'ट्रुथ्स वी होल्ड: एन अमेरिकन जर्नी' (The Truths We Hold: An American Journey) पुस्‍तक के चलते भी सुर्खियों में हैं। दरअसल, इस क‍िताब में उन्‍होंने अपने जीवन के अनछुए पहलुओं का जिक्र किया है। इस पुस्‍तक में उन्‍होंने अपने भारतीय कनेक्‍शन का लंबा जिक्र किया है। आइए जानते हैं कि उस पुस्‍तक के मार्मिक पहलू। । कमला की जिंदगी पर मां की गहरी छाप । अमेरिका की होने वाली उपराष्‍ट्रपति कमला की जिंदगी में उनकी दिवंगत मां की गहरी छाप है। उन्‍होंने अपनी पुस्‍तक में यह स्‍वीकार किया है कि मां के पूरे व्‍यक्तित्‍व की हम पर गहरी छाप है। मैं उनसे काफी प्रभावित हुं। कमला की मां श्‍यामला गोपालन का जन्‍म चेन्‍नई में हुआ था। मां-बाप की चार संतानों में वह सबसे बड़ी थीं। कमला की मां ने 19 साल की उम्र में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से स्‍नातक की शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्‍होंने उच्‍च शिक्षा के लिए बर्कल विश्‍वविद्यालय के लिए आवेदन किया। उन्‍होंने लिखा है कि मां ने एक ऐसे विश्‍वविद्यालय का चयन किया जिसे उन्‍होंने कभी नहीं देखा था। यह एक ऐसे देश में थी, जहां वह कभी नहीं गईं थी। 1958 में न्‍यूट्रीशियन और एंडोक्रनॉलोजी में पीएचडी करने के लिए वह इंडिया से निकल पड़ी। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह ब्रेस्‍ट कैंसर के फ‍िल्‍ड में रिसर्चर बन गईं। ।मां ने नहीं मानी नाना और नानी की बात  ।कमला अपनी पुस्‍तक में लिखती हैं कि मेरे लिए यह कल्‍पना करना बेहद कठिन है कि नाना और नानी के लिए मेरी मां को भारत से बाहर जाने देने का फैसला कितना मुश्किल भरा रहा होगा। उस वक्‍त कॉमर्शियल उड़ाने शुरू ही हुई थीं। संचार के सीमित माध्‍यम थे। ऐसे में मेरी मां ने जब अमेरिका जाने की इजाजत मांगी तो नाना-नानी ने उनके आग्रह को इन्‍कार नहीं किया। कमला ने लिखा है कि नाना और नानी को यह उम्‍मीद थी कि विदेश में पढ़ाई करके मां वतन लौट जाएगी। इसके बाद मां-बाप की पसंद की शादी करके घर बसाएंगी, लेकिन किस्‍मत को कुछ और ही मंजूर था। उन्‍होंने पु‍स्‍तक में लिखा है कि मां और पिता की मुलाकात बर्कल में हुई थी। दोनों मानवाधिकार आंदोलनों से जुड़े थे। यही दोनों को एक दूसरे से प्‍यार हो गया। कमला लिखती हैं कि मेरी मां ने अपने प्रेमी से शादी करने के बाद अमेरिका में रहने का फैसला लिया। यह प्रेम की पराकाष्‍ठा थी। यह मां का आत्‍मनिर्णय था।   ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78206.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78206.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..520fdab7e0ebbf1bef316d2a2aba89ffc3b22f79 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78206.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +धनबाद [ रोहित कर्ण ]। झारखंड की राजनीति इन दिनों सरना कोड पर गर्म है। चर्च समर्थित एक वर्ग आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की मांग करता है, लेकिन जमीनी तौर पर कभी भी इस मांग को व्यापक समर्थन नहीं मिला है। काली पूजा के मौके पर भी झारखंड में सनातन धर्मी और आदिवासी साथ-साथ धूम-धाम से मां काली की पूजा करते नजर आए। खास बात यह है कि झामुमो ने जिस जमीन से अलग राज्य और सरना कोड की मांग शुरू की, वहीं के आदिवासियों का सनातन धर्म से गहरा लगाव आस्था की इस डोर को और भी मजबूत करता है। उनके पूजा-पाठ का तरीका एक है और देवी-देवता भी एक ही हैं। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78208.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78208.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..86b6758418fd081b1cefb5d3d420d95b795b7804 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78208.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +मोहम्मद बिलाल, नोएडा। जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग अब सब्जी, दूध, फल विक्रेताओं को टारगेट ग्रुप में रखकर इनकी कोरोना जांच करएगा। जिससे संक्रमण पर रोकथाम लगाई जा सकें। इसी तरह दूसरे छोटे कामगारों को टारगेट ग्रुप में रखकर दूसरे चरण में कोरोना जांच की जाएगी। ।इसके लिए जिला प्रशासन अब कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाएगा। प्रतिदिन 4,000 हजार नियमित कोरोना जांच होंगी। जबकि 500 लोगों को ग्रुप में शामिल करके कोरोना की जांच होगी। संक्रमण रोकने के लिए दूध, सब्जी, फल बेचने वाले व घरों में काम करने वाले कर्मचारियों को पहले टारगेट पर रखा जाएगा। घनी आबादी व प्रोजेक्ट पर काम करने वाले श्रमिकों की भी सैंपलिंग होगी। शासन के निर्देश पर जांच शुरू की जाएगी। टेंपो-टैक्सी, तिपहिया चालकों, बस चालको, रिक्शा चालकों, ब्यूटी पार्लर संचालक, अखबार विक्रेता, डिलीवरी ब्वाय, जनरल स्टोर दुकानदार, मेहंदी लगाने वालों की कोविड जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम खासतौर पर उन जगहों पर कैंप लगाएगी। जहां ऐसे लोगों की संख्या अधिक होगी। जिससे कैंप में एक साथ कई समूह के लोगों की जांच की जा सकें। ।जांच में पॉजिटिव मिले व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। जिले में टारगेट ग्रुप की जांच के लिए पांच मोबाइल टीमों को लगाया जाएगा। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को बैठक में यह आदेश दिए है। टारगेट ग्रुप टेस्टिंग में एंटीजन रैपिड किट से जांच की जाएगी, लेकिन अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध मिलता और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उसके आरटी पीसीआर जांच को भी सैंपल लिए जाएंगे। ऐसे व्यक्ति को रिपोर्ट आने तक होम क्वारंटाइन रहना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि टारगेट टेस्टिंग शुरू होने से कुछ हद तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सकेगी। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78209.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78209.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..00d4ad45086bdec930e06f4585395816a2639ce2 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78209.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +प्रकृति से प्राप्त सामग्री को प्रकृति-माता को अर्पित करना कितना तृप्तिदायक अनुभव है, यह तो केवल समर्पित मन ही जान सकता है! अहंकारियों के भाग्य में यह सुख कहां! तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा का यह भाव अद्भुत है। प्रकृति की ओर लौटें, प्रकृति के साथ चलें! यह भाव पूरब वालों के लिए केवल नारा नहीं, जीवन-शैली का अभिन्न हिस्सा है। + +समृद्धि के शिखर पर आरूढ़ सत्ता के समक्ष तो सभी नतमस्तक होते हैं, वैशिष्ट्य तो इसमें है कि जो ढलान पर है, संघर्षरत है, यात्र में है, बुझता-टिमटिमाता, डूबता-उतराता है, उसका भी मानवोचित स्नेह-सत्कार-सम्मान हो। हर अस्त का उदय होता है। जो आज डूब रहा है, वह कल उगेगा। निश्चित उगेगा, पूरी आभा, ऊर्जा और प्रखरता के साथ उगेगा। इसकी प्रतीति और विश्वास का अनूठा-अनुपम-अद्वितीय पर्व है छठ। ।(लेखक शिक्षक हैं)।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78210.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78210.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..9cfe8848e46d8cef7835dcdc7ccd5fe25ae3caa8 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78210.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +नई दिल्ली, रणविजय सिंह। दिल्ली एक बार फिर कोरोना संक्रमण के भयावह दौर से गुजर रही है। जुलाई व अगस्त में स्थिति बहुत हद तक नियंत्रण में थी। ऐसा लग रहा था अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन मौसम बदलते ही प्रदूषण बढ़ने पर हालात एक बार फिर बिगड़ गए हैं। अब कोरोना का संक्रमण समुदाय में बढ़ चुका है। इससे एनसीआर भी अछूता नहीं है। संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण, भीड़ व लोगों की लापरवाही है। हालांकि यह सही है कि प्रदूषण सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं है। + +नियमों की अनदेखी : अभी समस्या यह है कि लोगों ने बचाव के कायदे कानून ताक पर रख दिए हैं। यह जानते हुए भी कि कोरोना का संक्रमण चरम पर है लोगों ने दीवाली पर पटाखे जलाए। यह जानबूझकर अपनी जिंदगी को खतरे में डालने जैसा है। प्रदूषण होने पर वायरस प्रदूषक कणों के साथ चिपक कर बहुत दूर तक जा सकता है। ठंड का मौसम भी है इस वजह से वायरस भी जल्दी मरता नहीं है। कह सकते हैं कि मौजूदा समय वायरस के लिए ज्यादा अनुकूल है। अगले तीन से चार हफ्ते बहुत मुश्किल भरा समय है। इस दौरान बहुत निगरानी रखनी होगी। + +गुणवत्तापूर्ण हो मास्क : यह बात समझने की जरूरत है कि अधिक जांच होने से बीमारी पकड़ में आएगी, लेकिन इससे संक्रमण दूर नहीं होगा। संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। ज्यादातर लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। जो मास्क पहन भी रहे हैं, वे बोलते वक्त हटा लेते हैं। जबकि घर से बाहर रहने के दौरान मास्क नहीं हटाना है। संक्रमण रोकने के लिए ट्र्रेंसग बहुत जरूरी है। खासकर यदि किसी इलाके से अधिक मामले आ रहे हैं तो पीड़ित लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच बेहद जरूरी है। इसके लिए घर-घर सर्वे अहम है। इन सब के बावजूद जो बात सबसे जरूरी है वह मास्क है। वह भी अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनना जरूरी है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78212.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78212.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..78ee9beab4e0bc8b44e973169cdfcc4dad52e81b --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78212.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्ली, जेएनएन। Career in Digital Banking कोरोना संकट के बीच देश की डिजिटल बैंकिंग में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। पिछले सात-आठ महीने में डिजिटल पेमेंट्स के मामले में कई सारे नए रिकॉर्ड बन गए हैं। नोटों से संक्रमण न फैले, इसलिए लोग इसे ही अधिक तरजीह दे रहे हैं। छोटे-छोटे कारोबारी तक डिजिटल पेमेंट लेने लगे हैं। यह काफी आसान भी है। इसके लिए आपको बैंक या एटीएम की लाइन में लगने की जरूरत नहीं होती। घर बैठे ही सारी बैंकिंग हो जाती है। साथ में शारीरिक दूरी भी बनी रहती है। इसके अलावा, डिजिटल भुगतान करने पर मिलने वाली छूट और कैशबैक ने इसे और आकर्षक बनाया है, जिससे डिजिटल पेमेंट्स का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78213.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78213.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..2ee81e1468b7dfc03a5f83517c85b0e7d5708696 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78213.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +रिसर्च एवं तैयारी के बाद उतरे बिजनेस में : करण ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित वारविक बिजनेस स्कूल से बिजनेस एनालिटिक्स में मास्टर्स किया है। जब उन्होंने अपना कारोबार शुरू करने का फैसला लिया, तो परिजनों ने ऐसा न करने के लिए काफी समझाया। लेकिन वे निर्णय ले चुके थे। उन्होंने कारोबार में जाने से पहले फूलों को लेकर पूरा रिसर्च किया कि उनसे कैसे कंपोस्ट व अन्य सामग्री तैयार की जा सकती है। उन्होंने विभिन्न शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एवं मंदिर समितियों से विचार-विमर्श किया। आखिरकार, उन्हें केंचुए से वर्मीकंपोस्ट तैयार करने की विधि मिल गई। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे नहीं देखा। ।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78217.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78217.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..36813c7672113de1bc3d0dc496f87fd9a4ec42f7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78217.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +यहां डीटीओ के पद एचसीएस कैडर अधिकारियों के हैं, लेकिन सरकार ने आधा दर्जन एचपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इसकी मूल वजह यह है कि सरकार जानती है कि भ्रष्टाचार पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। खासतौर से परिवहन विभाग में पुलिस को भ्रष्टाचार का मुख्य कारण माना जाता है। बहरहाल हरियाणा में शुरू हुआ अधिकारियों के बीच शुरू हुए टकराव का अंत क्या होगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन सरकार को इस विवाद पर अपने फैसले से पीछे हटने का मूड बनाना पड़ेगा, इसकी संभावना कतई नजर नहीं आ रही है। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78218.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78218.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..cea235663ac5a684a30f7576fdf064faf1462596 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78218.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +नई दिल्‍ली (एएनआई)। भारत और अमेरिका आने वाले समय में और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं। ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद सामने आई है। इस बातचीत में दोनों ही नेताओं ने अपनी भविष्‍य की प्राथमिकताओं के बारे में विस्‍तार से चर्चा की। साथ ही इस दौरान दोनों देशों के बीच कॉप्रिहेंसिव ग्‍लोबल स्‍ट्रेटेजिक पार्टनरशिप और भारतीय-प्रशांत क्षेत्र में फैली वैश्विक कोविड़-19 महामारी पर भी विस्तार से चर्चा हुई। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78219.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78219.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..c59ad77fc82a3f2f964b20d7af4230cb6b21a49d --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78219.txt @@ -0,0 +1,6 @@ +वाशिंगटन (रॉयटर) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक सप्ताह पहले ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करना चाहते थे। उन्होंने इन ठिकानों को नष्ट करने के विकल्पों पर भी विचार किया था। बैठक में सलाहकारों ने इस कदम को न उठाने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने अपने कदम वापस खींच लिए। खबरों के मुताबिक ट्रंप ने ओवल ऑफिस में एक सप्ताह पहले एक बैठक बुलाई थी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ ही उपराष्ट्रपति माइक पेंस, विदेश मंत्री माइक पोंपियो और कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर व अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में हमले के बारे में विचार बुधवार को अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी की उस रिपोर्ट के बाद किया गया, जिसमें बताया गया था ईरान अपने यूरेनियम भंडार तेजी से बढ़ा रहा है। ये भंडार 2015 में किए गए समझौते का उल्लंघन हैं। बैठक में सभी परिस्थितियों पर विचार किया गया और बाद में इस निर्णय को विवाद बढ़ने की आशंका में रोक दिया गया। + +समझौते से 12 गुणा अधिक भंडारण ।आईएईए की रिपोर्ट में यहां तक कहा गया था कि ईरान में जेसीपीओए (संयुक्त व्यापक कार्य योजना) के तहत जो अनुमति मिली थी उससे भी 12 गुणा अधिक भंडारण हो रहा हे। हालांकि इसके बाद भी ट्रंप के विशेषज्ञों ने राष्‍ट्रपति को हमला न करने की सलाह दी थी। इनका कहना था कि इससे हालात खराब हो सकते हैं। इस ताजा रिपोर्ट पर व्‍हाइट हाउस ने किसी भी तरह की कोई टिप्‍पणी करने से इनकार कर दिया है। वहीं नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन की टीम की तरफ से भी इस पर कुछ नहीं कहा गया है। वहीं यूएन में ईरान की तरफ से कहा गया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और मानवता के मकसद की पूर्ति के लिए चलाया जा रहा है। + +ईरानी जनरल की हत्‍या के बाद तनाव ।ज्ञात हो कि जनवरी में ट्रंप ने एक ड्रोन हमले का आदेश दिया था। जिसमें ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को बगदाद एयरपोर्ट पर मार डाला गया था। माना जा रहा है कि दो माह बाद ऑफिस छोड़ने वाले ट्रंप की सलाह पर यदि हमला कर दिया जाता तो यह निर्णय आने वाले राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए मुसीबत बढ़ाने वाला होता। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_7822.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_7822.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..d6478ba36c4c161311cd08dbe8c563116bab4ad7 --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_7822.txt @@ -0,0 +1,2 @@ +टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में पिंकी ने कहा कि मैं फ़िल्म की टीम की शुक्रगुज़ार हूं, जिन्होंने मेरे बारे में सोचा। कुछ समय से मैं फील्ड से दूर थी और अब लोगों से जुड़ने का यह बेहतरीन मौक़ा है। मैं हमेशा चाहती थी कि लोग मेरे संघर्ष को जानें। मुझे पता है कि कई लोग इसके लिए उत्सुक होंगे। मैं चाहूंगी कि इस फ़िल्म के ज़रिए लोगों को कठिनाइयों से लड़ने की हिम्मत मिले। ।। + diff --git a/Jagran/Part4/jagran_7_78220.txt b/Jagran/Part4/jagran_7_78220.txt new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..e544b440c13fc1c7c5157006204a560c868bd38e --- /dev/null +++ b/Jagran/Part4/jagran_7_78220.txt @@ -0,0 +1,4 @@ +सूर्य को अर्घ्य अर्थात् अपनी ऊर्जा का प्रज्ज्वलन। अपनी श्रद्धा का परम निवेदन। चढ़ते व उतरते सूर्य के प्रति समान भाव। अर्थात जीवन की समानुपातिक समग्रता। एकनिष्ठ जीवन की विराटता का आवाहन। जल में खड़े रहकर सूर्य को अघ्र्य देते हैं। जल की पवित्रता अंतरमन में उतरती है। जल, जीवन और प्रगति के बारे में एक आख्या है। पानी से अधिक कुछ भी नरम या लचीला नहीं है। पानी की एक बूंद, अगर यह अपना इतिहास लिख सके तो ब्रह्मांड की व्याख्या करेगी। गिरते हुए पानी के गिरने से पत्थर भी टूट जाते हैं। पानी की आवाज जीवन की आवाज है। हमारे होने की आवाज है। जब कुआं सूख जाता है, तो हम पानी की कीमत जानते हैं। यह जीवन एक तरणताल की तरह है। आप पानी में डुबकी लगाते हैं, लेकिन आप यह नहीं देख सकते कि यह कितना गहरा है। जीवन को देखना, पानी को देखना है। उससे एक आदमी बहुत-सी चीजें सीख सकता है। जब जीवन आपके रास्ते में पत्थर रखे तो पानी बनो। पानी की एक सतत बूंद भी सबसे कठिन पत्थर को अनुकूलित कर लेगी। + +हमेशा पानी की तरह रहें। पानी नरम और विनम्र है, लेकिन यह सबसे शक्तिशाली और सबसे अधिक टिकाऊ भी है। हमें मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक महासागर है। अगर समुद्र की कुछ बूंदें गंदी हैं तो भी समुद्र गंदा नहीं होता। इसीलिए जल में खड़े होकर हम सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं। यह हमारे जीवन के चक्रों व पारिस्थितिकी को दर्शाता है। तरलता को भी। छठ स्वच्छता की सोच की महासृष्टि है। उसको लोक में ढाल दिया गया है। पर्यावरणीय चिंता के इस युग में व्यक्तियों को अपने परिवेश के स्वास्थ्य में रुचि होती है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ती है, हम वैश्विक संचार, वाणिज्य और परिवहन के माध्यम से अपने पर्यावरण और एक-दूसरे के साथ अधिक जुड़ते जाते हैं। स्वच्छ वातावरण के लिए हमारी इच्छा भविष्य के लिए भाग्य और आशा की एक शक्तिशाली भावना का प्रतिनिधित्व करती है। छठ इसका प्रतिबिंबन है। +